दलित चेतना और भंगी समुदाय

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दिि त चे तना और भं गी समुदाय

• संजीव खुदशाह
भारत के दिितो मे सफाई कामगारो की बह

त बड| संFया ह|ने के बावज¸द ये जाित
दिित चेतना से दर¸ रह|ं1 यह बात H¹बेsकर वाÍदयो के िि7 Íजतनी दखु दाई ह 3ससे कह|ं 7यादा
Íव1मयकारक भी Íक HÍखर 4य¸ ये जाितयां sा. H¹बेsकर के H1ü? यता Hंद|िन और Íवचार ºारा
से नह| जुड सकीं1 यह ü÷ ग¹भीरता से मनन करने के िि7 बाºय करता ह की HÍखर 4या कारÞ
ह Íक ये जाितयां दिित Hंद|िनो से िगभग HU¸ ती रह|ं ? çसके Hºययन क| िन¹न तीन Íब=दHु ं
मे बांòा जा सकता-
 sा. H¹बेsकर के बारे मे Hिमत जानकार|
 सामं=तवाÍदयो से çनकी नजद|Íकयां
 H=य संHात दिित जाितयो ¯दारा ÞÞ ा1
सामा=यत: çस समुदाय के बुͺदजीवी 7वं नेताHं से बात करने üर (ज| üर¹üरावाद|
Íवचार ºारा के ह ) यह िशकायत िमिती ह Íक sा. H¹बेsकर ने हमारे िि7 4या Íकया1 3=ह|ने त|
सारा कु U महारो और चमारो के िि7 Íकया1 ü¤म 7Pया दे खे त| यह बात सच üितत ह|ती ह 1
Íक=तु sा. H¹बेsकर के काय और संº¤ का Hºययन करे त| üाते ह Íक sा. H¹बेsकर ने सफाई
कामगारो के िि7 ह| नह| बिन1üत सभी दिितो के िि7 çतना काम Íकया ह Íजतना Hज तक
Íकसी ने भी नह| Íकया ह|गा1 यÍद 3नके ¯दारा सफाई कामगारो के िि7 Íकये गये काय की बात
करे त| üाते ह की 3नका य|गदान सराहनीय 7वं Hम¸~य रहा1
बाबा साहब sा. H¹बेsकर की ç¯Uा ¤ी की सफाई कामगारो की 7क शÍñशािी दे श
¯याüी सं1¤ा कायम की जाय ज| न के वि सफाई कामगारो की हाित सुºारने का काय करे बÍ~क
3नमे िशHा का üसार, सामाÍजक सुºार शराब, त¹बाकु िसगरे ò, बीड| और नशो से Uु òकारा व Íफज¸ि
खच H¤वा कज से िनजात के िि7 कु U काम कर सके 1 çसी तारत¹य मे बाबा साहब ने राजा राम
भ|िे और ÷ी üी.ò|. ब|रािे क| सम¸चे भारत मे सफाई कामगारो की सम1याHं, कÍòनाçयो त¤ा
जFरतो का Hºययन करने और Íरü|ò üेश करने का काम स|üा1 çसी 3£े ?य से 3=ह|ने दे श का
HमÞ Íकया1 s ·ा.üी.ò|. ब|रािे बाद मे िसºदा¤ कािेज से बत|र Íüंिसüि Íरòायर ह

7 और साçम|न
बंबई मे रहते ह 1 ÷ी भ|िे हाई क|ò मे जज रहे बाद मे वे ि|कसभा के सद1य ¤े çनका दे हांत ह|
चकु ा ह 1 बाबा साहे ब sा. Hं¹बेsकर ने ÷ी भ|िे क| \°×¬ मे Hंतरा¶ीय मजदर¸ कांTेस मे सफाई
कमच ाÍरयो का üितनीिº बनाकर भेजा ¤ा1 ताÍक वे Hंतरा¶ीय मंच मे सफाई कामगारो की सम1या
क| 3òा सके 1
बाबा साहे ब sा. H¹बेsकर ने भंगीयो के िि7 7क बह

त ह| H¯Uा काम यह Íकया Íक
3=ह|ने 7से कान¸ न ज| भंगीयो के श|¤Þ के िि7 बनाये गये ¤े 3=हे समाB करवा Íदया1 जसे बह


से नगर िनगमो, ¹युिन1üि कारü|रे शन मे सफाई काम से मना करने üर दÞs का üावºान ¤ा1 ये
दÞs Hि¤क 7वं शार|Íरक द|न| ह| सकता ¤ा1 सा¤ ह| सा¤ ºारा \î¬ के तहत 3üर Hüीि करने
की भी गु=जाईश नह| ¤ी1 7क कान¸न 7सा ¤ा Íजसमे तीन Íदन गर हाÍजर हाने üर \¬ Íदनो तक
जेि की सजा ह| सकती ¤ी1 जब sा. H¹बेsकर कान¸न मं³ी ¤े 3=ह|ने सम¸चे भारत के नगर िनगमो
HÍद से 7से कान¸ न समाB करने के िि7 कदम 3òाया ¤ा1 Íजससे सफाई कामगारो का श|¤Þ खcम
ह| जाये1 Hज भी कई नगर िनगमो, क =ò| मे , ब|s| HÍद मे 7से कान¸ न ह Íजनमे सफाई कामगारो
क| कड| से कड| सजा दे ने के üावºान ह 1 üर=तु व|ò की राजनीित 3=हे 7से कान¸न का üय|ग करने
से र|कती ह 1 Hनु¯Uे द \² मे sा. H¹बेsकर ¯दारा यह üावºान Íकया गया की ज| कान¸ न नये
संÍवºान मे Íदये गये Hिºकारो के ÍवFºद ह वह वº नह| माने जायेगे1

3स समय Íजतने भी बुͺदजीवी ज| सफाई कामगारो से ता~िुख रखते ¤े त¤ा sा.
H¹बेsकर साहब के मुÍहम के सम¤क ¤े ने 3नके सा¤ \°¬î क| ब|ººम TहÞ कर ििया त¤ा
Íह=द ¸ ºम का cयाग कर Íदया1 7 संFया महार त¤ा H=य HU¸ त जाित के विन1üत कम ¤ी 4य|Íक
3स वñ दिित Hंद|िन भंगी बÍ1तयो मे नह| üह

च üाया ¤ा1 खुद नागü¸र (जहां द|Hा िी गई) के
सफाई कामगार Íजनकी यहां बह

त बड| संFया ह çस Hंद|िन से HU¸ ते रहे 1
1वतं³ता Hंद|िन के द|रान कु U सामंतवाÍदयो की 7ÍP çस समाज üर üड| 1
गांºीजी ने ç=हे हÍरजन का नाम Íदया त¤ा सहानुभ¸िम Íदखाई1 सहानुभ¸ित भी 7सी ¤ी Íक ç=हे çस
üु?तनी कामो के िि7 ह| üेÍरत करती, वे कहते ''यह üुF¤ा¤ का काम ह çसे मत U|ड| 1 यÍद तुम
çस ज=म मे Hüनी जाित का काम ò|क तरह से सेवा भावना से करते ह| त| तु¹हारा Hगिा ज=म
3·ची जाित मे ह| सकता ह 1`` 3नका 7सा कहने के üीUे 4या 3£े ?य ¤ा, ये 7क Hिग Íव¤य ह
Íक=तु 3नके çस क¤न का यह Hसर ह

H की यह समुदाय कभी çस गंदे üेशे से िनजात üाने के
बारे मे नह| स|च सका1 त¤ा मानव मि क| िसर üर õ|ना ह| Hüनी िनयती (ºम) सम$ने िगा1
दस¸ र| Hर çस बारे मे sा. H¹बेsकर ने कहा ''7क üा¹हÞ या Íकसी भी H=य जाित का ¯यÍñ भ¸खो
मरते भी भंगी का काम नह| करता1 çस गंदे काम क| U|ड दे ने मे ह| ç7जत ह 1`` 3=ह|ने Hगे कहा
''Íह=द ¸ कहते ह यह गं दे üेशे üु F¤ा¤ के काम ह 1 म कहता ह
¸
हमने बह

त üु F¤ा¤ का काम कर ििया
हम U|डे दे ते ह Hब तुम üुF¤ा¤ कमा ि|1``
Hजाद| के बाद गांºी जी कु U Íदनो Íद~िी के 7क भंगी मुह~िे मे रहे , िेÍकन
भंिगयो का Íदया कु U भी नह| खाते ¤े1 भ|जन त| दर¸ वे दº¸ फि वगरह भी नह| 1वीकारते ¤े1 वे
सा¤ मे 7क बकर| भी रखते ¤े त¤ा भंगी Hनु याईयो से कहते -'' ये फि दº¸ çस बकर| क| दे द|
çससे ज| दº¸ बनेगा म 3से üी ि¸गां1`` çस üासंग मे ü¸ रा का ü¸ रा दिित समाज H गया और
महाcमाजी क| िसर Hंख| üर Íबòाने िगा, 3=हे िगा की 3नकी मुÍñ 7से ह| ह|गी1 Íक=तु बाद मे
üÍरÍ1¤ित जस की तस रह| त¤ा 3ची जाितयो ¯दारा श|¤Þ बõता ह| गया, कह| वा~मीÍक बÍ1तयां
जिाई जाने िगी, कह| ç=हे जाित के नाम üर üताÍडत Íकया जाने िगा, ग|हना, $7जर, चकवाडा
काÞs से Hब वे üÍरिचत ह| गये1 तब कह| जाकर çन कामगारो का $ु काव दिित चेतना की Hर
जाने िगा1
Hजाद| के ü¸व सफाई कामगारो ने बड| भार| मा³ा çसाई ºम 1वीकार Íकया त¤ा
3चे-3चे üदो üर जाने िगे1 सा¤ ह| गं दे कामो क| करने से भी çनकार कर Íदया त| साम=तवाÍदयो
के कान खडे ह| गये 3=ह|ने मेहdर क| मेहdर बना7 रखने के िि7ं बड| म?4कत की 3=ह|ने üचार
Íकया तुम Íह=द ु ह| ये काम तु¹हारा ºम ह तु¹हे 7 काम नह| U|डना चाÍह71 3=ह|ने हÍरयाÞ-üंजाब
के िािबेगीयो (सफाई कामगारो का 7क वग) क| ग|मांस न खाने के िि7 राजी Íकया1 त¤ा Hüने
खच से िाि बेग के ब|ºद 1त¸üो की तरह õाई ईò से बने ''¤ान|`` की जगह मंÍदर बनाये जाने िगे1
çनके बीच मु9त मे रामायÞ Íवतर|त Íक जाने िगी 7वं िनयिमत üाò की üेरÞा Íद जाने िगी1
ह|िशयार üुर के 7क üा¹हÞ ¯दारा ििखी Hरती 'Hम जय जगद|श हरे ` गाई जाने िगी1 çसी
Íह=दक¸ रÞ क| मजब¸ती दे ने के िि7 üंजाब के ÷ी Hमीचंद शमा ने 7क üु1तक 'वा~मीÍक üकाश`
ििखी Íजसमे çस बात üर ज|र Íदया गया Íक भंगी या चह¸ डा वा~मीÍक वंशज नह| Hनु यायी ह 1
üु1तक क| çन ि|गो के बीच बांòा गया1 çस काम मे गांºी जी का ü¸ रा Hश|वाद िमिा1
çसी तज मे 3dर भारत, मºयभारत महारा¶ त¤ा बंगाि के सफाई कामगार| ने भी
Hüने Hüने संत ख|ज िनकािे 3नके çस कामो मे सामंतवाद|यो ने ü¸रा सा¤ Íदया1 çस üकार
मांतग #ͤ के नाम üर मांतग समाज, सुदशन #ͤ के नाम üर सुदशन समाज, चरक #ͤ के नाम
üर चरक समाज, ºानुक मुिन के नाम üर ºानुक समाज, दे वक s|म के नाम üर दे वक समाज का
िनमाÞ ह|ता गया यह üÍHया Hभी भी जार| ह 1 वा~मीÍकयो की तरह ये भी Hüने -Hüने चयिनत
संत की जयंती बडे ºम¸ ºाम से मनाते ह , और ख¸ब ºन और समय खच करते ह 1 ज| शÍñयां ç=हे
Hüने िशHा-द|Hा त¤ा सामाÍजक बुराई क| दर¸ करने मे खच करनी चाÍह7 ¤ी ये ि|ग ¯य¤ कम
काÞs| मे खच कर रहे ह 1
च͸ क भारत मे ücयेक जाित दस¸ र| जाित के üित HU¸ त सा ¯यवहार करती ह 1
स¹भवत: 7से गु Þ| सुस7जीत H¹बेsकरवाद| कु U Hगड| HU¸ त जाितयो ने भी भंगी क| 3सी
सामंतवाद| नजÍरये से दे खा1 जहां वे 7क Hर सवÞ| üर समानता का दबाव बना रहे ¤े वह| दस¸ र|
Hर वे भंगीय| से वह| Fखा ¯यवहार करने मे क|ई ग¸ रे ज नह| कर रहे ¤े1 çसका üÍरÞाम यह ह

H
भंगी HU¸ तो मे HU¸ त ह| गये1 कई भंगी समुदाय के बुºदजीवी दिित Hंद|िन मे शािमि ह

7 Íक=तु
H=य Hगडे HU¸ त जाितयो के जाितगत ü÷ üर 3=हे भी बगिे $ांकने के िि7 मजब¸र ह|ना üडता,
çस तरह वे भी 7यादा समय तक Hंद|िन की मु Fयºारा मे नह| òहर üाये1 Hम कामगारो की बात
4या करे 1
çस मामिे मे दिित|c¤ान के के =5 कहे जाने वािे नागü¸ र का ÍजH करना üासंिगक
ह 1 यहां दिित Hंद|िन मे महार जाित के ि|ग| ने Hüार सफिता HÍजत की ह 1 यह| üर
sा.H¹बेsकर ने काम Íकया ह त¤ा ºम üÍरवत न जसा बडा Hंद|िन यह| Uे डा ¤ा1 बावज¸द çसके
नागü¸र के कितüय भंगी जाित के ि|गो क| नजरHंदाज कर दे त| çन भंगी जाित के ि|गो मे
H¹बेsकर के H=द|िन का ज¸ं तक नह| रे गता 3~òे वे यदा कदा यह कहते दे खे जाते ह Íक, वे त|
महार ¤े 3=ह|ने महारो के िि7 Íकया हमारे िि7 4या Íकया1 Íक=तु çसका दखु द üहिु यह ह Íक
यह समाज sा.H¹बेsकर के ¯दारा üदd सुÍवºा जसे समानता का Hिºकार त¤ा HरHÞ का
Hिºकार का भरü¸र 3üय|ग करता ह 1 çससे भी 7यादा स|चनीय त°य यह ह Íक 7सा िसफ Hनüõ
ि|ग ह| नह| करते बÍ~क üõे ििखे त¤ा 3ची üद| मे Hने वािे ि|ग भी 7सा ह| करते üाये जाते
ह 1
çस H=द|िन मे Fकावò sािने वािी वे ताकते बीच-बीच मे सÍHय ह| जाित ह ज|
ç=हे सं1क ित के नाम üर, HंºÍव+ास के नाम üर, दस¸ रे ज=म के नाम üर गु मराह करती रहती ह 1
सा¤ ह| ç=हे Hüने बारे मे, भÍव*य के बारे मे त¤ा Hüने HÍ1तcव के बारे मे स|चने के संबº· ं·ा मे
कमज|र ह| बनाती ह 1 िन°य ह| çसका कारÞ çन जाितयो मे चेतना की कमी से ह 1 वे Hभी भी
श|¤क 7वं 3@ारक मे फक नह| कर üा रहे ह 1 çसके िि7 çस समुदाय के ¯यÍñयो मे Hºययन की
üवÍ d ü दा हे ·ानी जFर| ह 4य|Íक Íबना Hºययन के 7ान Hना संभव नह| ह और Hºययन के बाद
ह| Hüने HÍ1तcव के üित चेतनाशीि ह

H जा सकता ह , वसे भी Íबना 7ान के Íकसी Hांितकार|
üÍरवत न की Hशा नह| की जा सकती1 दिित Hं=द|िन क| 3नके Þरो तक िे जाने की Hव?यकता
ह çस मामिे मे çस H=द|िन क| कु U सफिता िमिी ह 1 कु U दिित संगòन|, Íज=ह|ने çस समाज
के कई दिित Íवचारºारा वािे कायक ाताH ं का ह
¸
ज¸म त यार Íकया ह 1 ज| çस समाज की जागि त के
िि7 काम कर रहे ह 1 Hब çस समाज के चेतनाशीि दिित यु वको की यह Íज¹मेदार| ह की वे Hüने
समुदाय क| दिित Hंद|िन की मुFय ºारा मे िायं·े त¤ा çस üाचीन भारत की üाचीन स¹यता की
'िसर üर मिा õ|ने ' वािी सं1क ित से 3=हे िनजात Íदिाये त¤ा दिित चेतना की çस मुह|म मे ç=हे
शािमि करे 1 तभी दिित Hंद|िन के çितहास मे सफाई कामगारो के Íवकास की ये मुह|म रे खाÍकत
की जा सके गी1
सं जीव ख ुदशा ह
²°/²¬º गÞेश नगर,
भवानी òे =ò हा3स के üास,
Íबिासüुर Íüन ×°¬ºº×
Udीसगõ
म|. º°c×U×°U\U²

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