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नीलू रं जन, नई ििलली यिि आप ििममत जुटाकर केद के िकसी अििकारी के भषाचार के

कारनामो के बारे मे सूचना िे ते िै तो उस अििकारी के ििलाफ कारर वाई की उममीि छोड


िीिजए। िो सकता िै िक आपकी सूचना को ठं डे बसते मे डाल ििया जाए और वि
अििकारी िनभीक िोकर अपने भष कारनामो को अंजाम िे ता रिे । िकीकत कुछ ऐसी िी
िै । इतना िी निीं, ऐसी सूचनाओं पर कारर वाई के िलए सीवीसी को नोडल एजेसी बनाने के
बाि भी िसिित मे कोई सुिार निीं िुआ िै । अब नाराज सीवीसी ने सभी मंतालयो और
िवभागो से जवाब-तलब िकया िै । िरअसल भषाचार की ििकायतो पर कोई कारर वाई निीं
करने की मंतालयो की बीमारी पुरानी िै । यिी कारण िै िक इन ििकायतो पर कारर वाई
सुिनिित कराने के िलए केद ने 2004 केदीय सतकरता आयोग को नोडल एजेसी बना ििया
िा। इसके तित सभी िवभागो और मंतालयो को ऐसी ििकायतो की सूचना ततकाल
सीवीसी को िे ना अिनवायर कर ििया गया। साि िी िनयम बनाया गया िक ऐसी ििकायत
िमलने के एक मिीने के भीतर उसकी जांच िरपोटर सीवीसी को भेज िी जाए, तािक
सीवीसी आगे की कारर वाई तय कर सके। लेिकन इसके बाि भी मंतालयो का रवैया निीं
बिला और इन ििकायतो पर वे आंि मूि
ं े बैठे रिे । पांच साल बाि सीवीसी की नींि िुली
और उसने पाया िक ििकायतो पर कोई कारर वाई िी निीं िो रिी िै । अब सीवीसी ने सभी
मंतालयो और केद के िवभागो के मुखय िवजलेस अििकािरयो को फरमान जारी िकया िै ।
इसमे उनसे जवाब िे ने को किा गया िै िक भषाचार की ऐसी ििकायतो पर एक मिीने के
भीतर जांच कयो निीं िुई और उसकी िरपोटर सीवीसी तक कयो निीं पिुंची। साि िी जांच
मे िे री का कारण बताने को किा गया िै ।

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