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-हे लो...िनशा!
-हाय िे व !
-कया हम चेट कर सकते है !
-यस...शयोर
-िनशा..कयूट नेम
-थेकस
-िनशा तुम कहां से
-ििलली
-ओर तुम
-मुमबइ
-कया करती हो
-मोडिलंग एजंसी मे कसटमर केयर संभालती हू...
-ओर तुम
-कुछ नही....जसट बाप के पैसे पर एश .....हाहाहा.
-कमआन सच बोलो...
-ओके पापा की गारमेटस फेकटी है उसे संभालता हू
-गुड.....मुझे तुमसे जलन है ...काश मेरा भी एसा बाप
होता...
2
-वो तो मे हू...
-िरयली...!
-सच िे व
-ओह िनशा...
-आर यू होट सवीट
-यस आइ एम होट...2 होट
-कया गमाट-गमट मसती की बाते अचछी लगती है !
-ओह मेने बोला तो.... यस िे व
-तुमहारा िफगर!
3
-38/24/36 5-10
-ठीक समझा...:)
-38/32......5-11
-कयो सवीट
-मेरी नाभी मेरा पेट सबसे सेकसी है ......एंड यू
नो...मे नेवाल िरं ग भी पहनती हू...
-ओह िनशा सच तुम तो मुझे पागल बना रही हो
-....कया अकेली हो अभी.
-नहीं आिफस मे हू...कयो
5
- सोचा तुमहे कुछ गमट िकया जाय ....पयार की
गमाग
ट म ट मसती भरी बांते...तुमहे मसती से पागल
बनाने को ििल कर रहा है .....
-पयासी!
-(((((((((((िनशा)))))))))))
-((((((((((िे व)))))))))))))))
-सच िनशा...
-िनशा ...लेटस चेट अबाउट सेकसुअल फेटे सी!
-इसससससममूऊचचचच.....
-केसी लगी....
-मजा आया....
िनशा और लीना
िनशा िकतनी बिल गयी है . मुझे तो यकीन ही नही हो
पा रह है , उसे इतने माडट न आउटिफट मे िे खूंगी. कहां
हम िोनो मेरठ मे रहने वाली सीधी सािी लड़िकयां कहां
आज का सटाइल.
बात-बात मे "ओह फक" कहने वाली अब की िनशा.
कपडे भी कया पहनती है .
िमनी- माइिो!
छोटा सकटट िजसमे से उसकी जानघे उपर तक िीखती.
सामने वाले को पेटी के िशन
ट करने मे शायि ही कोई
तकलीफ हो. साथ ही टॉप ऐसा की उसके िोनो बूबस
पूरी गोलाइयो के साथ छलकते...उनके बीच की घाटी िरू
तक जाती हूई ििखायी पड़ती. सामने वाला आिमी तो
भोचंका हुये उपर से नीचे तक िे खता रहे . डे स का
मतलब ही जलवा ििखाना...िक िे खने वाले की आंखे फटी
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की फटी रह जाए.
िे व के लीना से मुलाकात
मैने लपक कर िरवाजा खोला वो सामने खङी है .
सलवार कुते मे गोरा बिन. धूप मे हो गए गुलाबी
चहरे के साथ वो सामने खडी है . सािगी मे सुिंरता
िे खता ही रह गया. कोई इतना सुिंर भी हो सकता
है . चेहरे पर मासुिमयत पर आंखो मे शरारत भरी
शोखी िकसी को भी िोवाना बना िे . मे पहली नजर
मे ििल िे बठा.
73
"तुम िे व हो"
मै जेसे सपने से जगा!
“ हां मे िे व...मे िे व हू”-मेने हाथ उसके हाथ मे िे ते
हुए कहा.
"मै लीना ...िनशा की िोसत और अब तुमहारी भी".
"िे व तुमहारे िलए मुझे कालेज बंक करना पडा"
"ओह..िरयली िे न थेकस फोर टे िकंग माये केयर!"
मेने उसकी आंखो मे झांकते हुए कहा
"या ... िनशा मुझे तुमहारे हवाले करके िस
ू रा पसंि
करने चली गई....", मेने मुसकरा जबाब ििया
"मै बुकस रखकर अभी आई.", ओर मुडकर अपने
कमरे मे चली गई...मै उसे पीछे से केटावाक करते उसे
िे खने लगा. गोल चोडे िथरकते िनतमब...... टाइट
पीले कुताट ओर हरे रं ग की सलवार मे वो बला की
हसीन लग रही है . िनशा से भी जयािा...रग रग मे
सेकस अपील. गजब का डे स सेस. हरी चुनरी को उपर
उठाते बूबस.. उभर कर जैसे िचलला रहे हो िक हम यहां
है हमे आजाि कराओ। उसका सांचे मे ढला गठीला
बिन बड़े बड़े बूबस... पतली कमर...छरछरी काया.
रसीले होठ.... िचकने मुलायम गाल ...गोल गुिगुिे
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िनतमब. वो गजब की हसीन ओर सेकसी लग रही
है . िनशा गलत नही बोली...ये लडकी तो सेकस बमब
है .
मेरा मन लीना के िलए बैचेन होने लगा. िनशा की तरह
यह भी मसालेिार है . यानी एक के साथ एक फी ...थेकस
िनशा ...मेने मन ही मन कहा.
वो कमरे से वापस बाहर आ गई.
सेकसी, मसत, शानिार, मसालेिार....लीना एक बार िफर
मेरे सामने आ गई ओर मे गोर से उसे िे खने लगा.
मुझमे मसती छाने लगी. पर मै सावधान हू, मै बनती
बात िबगाड़ना नहीं चाहता । मै तो उसके बूबस के साथ
खेलने उसके कोमल अधरो को चूमने नमट जांघो को
सहलाने। उसकी पैटी मे घुसने के िलये बहुत ततपर हू
परनतु मैने िनशय िकया िक हर काम आिहसता होना
चािहये। वैसे भी मै इस बात मे िवशास रखता हूं िक सैकस
और इशक की पूती तभी होती है जब िोनो भागीिार
बराबरी से शरीक हो। मै चाहता हू िक लीना पयार के
बुखार मे बहुत गमट हो।
िे व...
मेरी िवचार तनदा टू टी...मै जेसे नींि से जागा...लगा जसे
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उसने मेरी चोरी पकड ली
“िे व आर यू ओके....”
या..यू आर सो बयूटीफुल....तमहारी सुिंर बिन से आंखे
नही हटती, तुमहारी ये आंखे तुमहारे 3 ये होठ...!!
“आते हे फलटट , ए िमसटर तुम िनशा के िोसत हो, उससे
िमलने आए हो ओर आते हे मुझसे फलटट करने लगे.तुम
केसे िनशा के िोसत हो” उसने मुझे घूरते हुये कहा
मेरी िसटटीिपटटी गुम हो गई.....उसने मेरी बोलती बंि
कर िी...! िे व तेरी िाल नहीं गलने वाली....पतली गली से
िनकल ले.
“सारी मेरा यह मतलब नही था......सुिंर को सुिंर नही
बोलू तो कया बोलू. “
“बोिलए, ओर अब मै कया बोलू!”
“ओके इफ िे टस ि कैस िे न थेकस फोर कमपलींमवटस!”
मेरी सांस मे सांस आई...मेने जोर से राहत की सांस
ली....थेकस गोड!
"कयो कया हुआ."
"मुझे लगा मेने तुमहे नाराज कर ििया एक अचछा िोसत
बनते-बनते रह गया...!"
“अब इसमे इतना सीिरयस होने की कोइ बात नही.”
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लीना....िे व
सच िे व को िे खकर मे पागल हो गइ. गीक के िे वता
की मूितट सा, आंखो मे शरारत, . मिट का भरा पूरा
शरीर.. डे िनम जीन ओर टी-शटट मे समाटट नजर आ
रहा है . इसका साथ कोन नही चाहे गा मुझे िे व को
इमपेस करना है . उसने िबना घबराये िजस तरह से
मेरी तारीफ की. मै उसकी ििवानी होने लगी..मै
अपनी फेवरे ट गुलाबी साडी ओर उससे मेच करता
गहरे गले का बलाउज, गुलाबी चुडीया, गुलाबी
िलिपिसटक.....मे उपर से नीचे तक गुलाबी हो गइ.
मेने अपने को सीसे मे िे खा ......मे िे व पर िबजली
िगराने को तेयार थी.
वो फटी आंखो से मुझे िे खता रह गया. मुझे मालुम
है जब भी मै गुलाबी साडी पहनती हू तो लोगो की
सांसे थम जाती है . उस पर लो-कट गले का बलाउज,
कमर पर नाभी से 6 इं च नीचे बांधी साडी. मेरी
जवानी को िे खकर वो कया...कोई भी सकते मे आ
जाता . उसकी तो जेसे सांसे रक गई. उसकी िनगाहे
मुझ पर िटक गई. साडी का पललू से बलाउज ढका
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होने पर भी टांसपरे ट साडी से वो मेरे छलकते
बूबस ओर सपाट पेट पर गहरी नाभी को िे ख पा रहा
है . सूखते होटो पर जबान फेरे ते हुए वो मुितट सा बना
खडा रह गया. उसका मुझे इस तरह िे खना मेरे अिं र
मसती भर गया.
मुझे बात बनती नजर आने लगी. उस पर मेरा ििल
आगया. मुझे अब उअसका साथ चािहये. िे व को अब
मसती से गमट करिे ना था. उसको मुझे अपना ििवाना
बनाना था. उसकी बाते से मुझे समझ मे आ गया
था िक वो मेरी सुिंरता का ििवाना बन गया है ”
”िे व ...िे व वी आर गेटींग लेट.”
वो जेसे नींि से जागा-“लीना ......तुम साडी मे
गजब ढा रही हो!”
मै मुसकाराई....मुझे मालुम है उसके होठ मेरे बूबस
को चूमने को बैचेन है उसके हाथ उनहे मसलने को
बेकरार है . मुझे इमपेस करने की उसकी कोिशश मुझे
अचछी लगी. िनशा का यह िोसत बडा भोला, बडा
सेसीबल ओर पयारा सा लगा. बलेक टी शटट ओर
डे िनम जीनस मे कामिे व सा नजर आ रहा है ...मेरा
ििल उसके िलये बैचेन होने लगा..
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. कहीं मै िपकचर जाने का पोगाम बनाकर इन
खास लमहो को बरबाि तो नही कर रही.... िनशा के
आ जाने के बाि पता नही वो मुझे िे खागा भी या
नही.....उसकी बाते बडी रमानी लगी, बस वो बोलता
रहे ओर मे सुनती रहू, उसका मेरी तारीफ करना मेरे
बारे मे एसी खुिबयां बताना िजनके बारे मे मुझे भी नही
मालुम था बडा अचछ लगा.
मै कया करं केसे कहू िक मे उसके साथ मसती
करना चाहती हू. मे कोई एसा बहाना सोचने लगी
िक मेरा इमपेशन भी बना रहे ओर मेरी बात भी बन
जाये..... मोका भी हाथ से ना जाये.... अचानक मेरे
ििमाग मे एक िटक आ गई..... एसी िटक जो फेल
नही हो सकती.... िफलमो मे िहरोइन हीरो को पटाने
के िलये करती है ...िरवाजे से िनकलते ही मेने
झटके के साथ पेर मोढ ििया...
ओह िे व सभांलो.....उउउउउईईई....पेरे मोच
गया.....
उसने मुझे पीछे से कमर से पकड िलया.....ओर
िगरने से संभाल िलया ... मेने जान बूझकर अपना
सारा बोझ उसके उपर डाल ििया......वो मुझे लेकर
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अपने को सभांल नही पाया ओर िगर पडा... मै
उसके उपर कुछ इस तरह िगरी िक मेरे बूबस ठीक
उसके चहरे से टकराए..मेरे बालो ने उसके चेहरे को
ढक िलया..मै कुछ सेकंड उसके उपर इसी तरह
पडी रही...उसने मुझे सहारा ििया....मैने ििट का
बहाना बनाकर सारा बोझ उस पर डाल ििया. मेरी
एक बांह को अपनी गिट न के पीछे से लेकर हाथ से
थामा ओर एक हाथ से मेरी कमर को सहारा िे ते हुए
मुझे कमरे के अिं र लेकर आया...मेरी नंगी कमर
पर उसके हाथ..... मै ििट का बहाना बनाकर उस
पर ओर झुक गई...उसने हाथ मेरे सपाट पेट पर
फेला ििये...उसके हाथ की छुअन मेरे अिं र मसती
भरी सनसनी पैिा करने लगी. मुझे मालुम है मेरी
इस अिा का असर उस पर भी जरर हुआ होगा.पर
यह तो मेरी चाल की शुरआत भर है ... वो मुझे घर
के अिं र लेकर आ गया. उसने मुझे मेरे बेड पर
िलटा ििया....
**************
िे व ने रात भारत लीना को चोिा
मेने कमरे मे सेटेड केडल लाइट जला िीं ताजे लाये
हुये गुलाब के फूल उसके चारो ओर सजा ििये. कमरे
की लाइट आफ कर िी. केिडल की रोशनी और
चा6ि की रोशनी मे माहोल रोमांिटक हो गया. आज
मुझे रात भर उसे पयार करना है . एसी पयार जो उसे
और मुझे लमब समय तक याि रहे . मसती से भरी
लीना का मे पूरा आनंि लेना चाहता था. वो भी
मुझसे खुश थी. और इस मसती के िलये पूरी तरह
तैयार थी.
मेने वाइन िगलासो मे डाली और उसका इितंजार
करने लगा.
“िे व मे केसी लग रही हू”
मै उसे िे खता ही रह गया. नया ..परपल रे शमी शाटट
गाउन उसके िनतमबो को आधा ढक पा रहा था.
गहरे गले मे से झाकते उसके गोल मुलायम बूबस.
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केिडल की रोशनी मे िमकता चेहरा. िखडकी से
आती चांि की रोशनी... चेहरे पर मसती भरी
मुसकान.
मै उसे इस तरह घूरकर िे खने लगा जेसे पहली बार
उसे िे ख रहा हू.
केटवाक करती हुई वो मेरे पास आने लगी. उसकी
चाल मे मसती है ....उसके चलने से उसके बूबस पर
उठती हलकी सी लहर....िचकनी चमकती चूत ओह
लीना तुम मुझे पागल बना रही हो
िखडकी से आती चांि की रोशनी. उसके चेहरे पर
पडती चांि की रोशनी ओर केिडल की सुनहरी िकरणे
उसे बेहि खूबसूरत बना रही है . लीना इन केिडलो के
बुझने तक मसती करनी है ....मेने उसे उपर से नीचे
तक उसकी मसती का जायजा लेते हुये कहा ...
नाइस अरे ज मेट...िे व
” िे व तुमहारी यही अिा ...मेरे अिं र मसती को
खतम नेही होने िे रहा...वो बढती ही जा रही है इ
यार...अब मै कया कर”
थोडा घूमो...मेने उसे घुमाते हुये कहा...तेरे गोल
िनतमबो को जी भर कर िे खने िे ...चांि की रोशनी
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मे इनहे मे पयार करना चाहता हू...
वो घूमी...मेने उसे तेबोल पर झुका ििया...उसके
िनतमब िखडकी से आती चांिनी मे कहा उठे ...मेरे
मेरे गीले होठो का चुबंन पाते ही वो िसहर उठी...मै
ििवानो की तरह उसके िनतमबो के साथ खेलने
लगा...गूल चोडे िनतमब...पतली कमर....मेने उसकी
तंगे चोडी करने का इशारा िकया ओर जीभ को
उसकी िचकनी मुलायम जांघे के बीच ले गया..
िे ...व म...जा...आ.र...हा...है िे अव इसई तरह करते
रहो....आआआअह िे व थोडा ओर अिं र...थोडा ओर
िे व मजा आ रहा है ...
मेने िे खा मसती मे उसकी टं गे कमजोर होने
लगी..... मेने खीच कर उसे अपनी बाहो मे भर कर
उसके माथे को चूम िलया. “इस परपल गाउन मे
सुिंर लग रही हो..मै अपने आप को रोक नही पाया
जान .”.मेने गुलाब का फूल उसके होठो से लगाते
हुये कहा
ििनभर की चुिाइ के वाबजूि...अब िफर से पयार को
तरसती वो मेरे सामने खडी है .
मालुम हे कयो....कयोकी इसमे तुमहारी पूरी मसती को
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िे ख पा रहा हूं
“...... ओर यह गुलाब हमारी िोसती के िलये. उसके
होठो को चूमते हुए कहा”
मेने टे बल से अगूठी उठाकर उसकी तजन
ट ी उगली मे
उसे पहना ििया.....वो अचरज से मुझे िे खने लगी....
“यह अगूठी िे व...पर कयो!
”
“िे व यह कया....इसे तुमने कब िलया....इतनी मंहगी
अंगठ
ू ी....”
“लीना तुम मेरे िलये अनमोल हो....यह तुमहे हमारे
पयार की याि ििलाइगी.”
वो मेरे से भाव-िवभोर होकर िलपट गई.
“सच िे व तुमहारे पयार का अिांज गजब का है . तुम
सब से अलग हो िे व...”
”लीना तुम भी तो िकसी से कम नहीं! आया था
िनशा से िमलने ओर अब मे इस समय तुमहारे साथ
हू...हमे िनशा को थेकस कहना चािहये िक उसने हमे
िमलाया”
ओर मुझे मालुम है तुम उसे थेकस केसे िोगे...
उसने शरारत से मुझे िे खते हुये कहा...
124
"कया सोच रहे हो....िे व?"
“यही िक सुबह मै तुमहारे तेवर िे खकर मै तो घबरा
गया....चोिने की बात तो िरू...तुमहे छूने की
िहममत नही हो रही था.
.
ओर वो मुसकरा िी.
.
पर उसके िलये तेरा गमट होना जररी है ...
“तो िफर िे र ् िकस बात की मुझे गरम करो ना...”
लीना ने मचलते हुये कहा
लीना िे व
िनशा से िमलन
"मममममममफफ"
"चाटते रहो।
मुझे कुछ हो रहा है । एक तूफान पैिा हो रहा है ।
मै आई।.... मै आई।
हाय रबबो िकतना मजा आ रहा है ।
मेरा िनकल रहा है । चाटो। पुसी को चूसो। चूसते रहो।
मेरी चूत मे आग रग रही है । इसे बुझओ।
ओह िे व
172
अपनी अंगुिलयां और तेज चलाओ।
िस
ू रे हाथ से मेरे िनतमबो िबाओ।
उउउह ।
और। और।"
िनशा के शरीर ने एक जबरिसत झटका िलया और वह
िनढाल हो गयी। उसकी चूत ने ढे र सारा जूस उगल ििया.
मै उसकी चूत चाटता रहा और उसके सवाििशट रसो को
पीता रहा। वह धीरे धीरे झटके लेती रही और मेरे नाम को
पुकारती रही। इतने समय उसकी लातो ने मेरे िसर को
अपनी कैि मे रखा और मेरा मूंह उसकी चूत के साथ
िचपका रहा। जब उसे वािपस होश आया तो बोली
"िे व मेरे जानू। तुमने तो मेरी जान ही िनकाल िी। मुझे
पता है िक तुम चूसते ही नहीं चोिते भी बहुत अचछी तरह
से।"
मेरा लनड फुनकारे मार रहा था। िजस शहि भरी िरार को
मै इतने पयार से चाट रहा था अब वह उसमे घुसना चाहता
था। मैने कहा
"यह तो केवल शुरआत है ।"
"कया तुम अपना गमट गमट लोड़ा मेरी पुसी मे डालोगे। मेरी
पुसी तुमहारे िलये जूस से भरी हुयी है ।
173
या बेब आइ नौ िे ट
िे व गायब
मेरी नींि खुली िप
ु हर होने को आई लीना गहरी नीि मे
थी. िे व िबसतर पर नही था. शायि बाथरम मे होगा.
मे बेड रे सट के साथ िटक कर अभी तक के एपीसोड के
बारे मे सोचने लगी.
घर पर मै लडके को रीजेक़ट कर के यहा सीधे वापस आ
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गई थी. थीसम मेरा पहला एकसपलोडींग
एकसपीरीयंस था. लीना ओर मेरे बीच मे लेसबीयन
सबंध बनाया गया था.
अब लीना मेरी मसत सेकस पाटट नर बन गई.
....मेरी सवीट लीना. ...मुझे उस पर पयार आने लगा....पर
यह िे व कहा है ....शायि बाथरम मे होगा
मेने लीना को िे खा...उसके चेहरे पर मासूम
मुसकराहट थी...मुझे उस पर पयार आने लगा.
झुककर उसके होठो को छुआ...वो कुनमुनाई अभी
भी गहरी नींि मे थी....बेचारी....उसके बालो को
सहलाया...तभी मेरी नजर बालो के नीचे िबे िलफाफे
पर पडी उस पर मेरा ओर लीना का नाम िलखा हुआ
था. मेने धडकते ििल से उसे खोला...
अरे यह तो िे व ने िलखा है ..मे उसे पढने लगी
माइ सवीट िनशा/ लीना
जब तुम यह पत पढ रही होगी तो मे तुमसे िरू वापस जा
रहा हू. एक पत तुमने िलखा था. अब मेरी बारी है . िनशा
अब तुम सबसे पयारी िोसत हो, लीना के रप मे तुमने
मुझे एक हसीन सपना ििया.. मेरा वापस जाना जररी
था. इसिलए जा रहा हू. जाते वक मे तुम लोगो को फेस
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नही कर सकता था. इसिलए िबन बताए जा रहा हू.
तुमसे बिला भी जो लेना था. :)
सच मुझे बुरा लगा था जब तुम मुझे छोडकर चली गई
थी. वो तो भला हो लीना का.
एंड थेकस फोर िगिवंग मी लीना
वेसे भी मै कया कारण .. अपनी नई -नई िोसत लीना को
बताता.
तुमहे केसे समझाता. ओर केसे अपने को समझाता.
आइ कांट बेबी ..आइ कांट फेस!
मे तुम िोनो को इस तरह छोडकर चला आया िजससे तुम
िोनो यह फेसला ले सको िक इस अनाम िरशते को यो ही
जारी रखना है या इस सपने को यही खतम हो जाने िे ना
है ...या िफर यह िोसती एसे ही कायम रहे . फेसला तुमहे
ओर लीना को लेना है . फेसला अपनी मजी से ले सको.
इसिलए इस तरह छोडकर जा रहा हू. उममीि है तुम मेरे
बात समझ पा रही हो.
तुम समझ पा रही हो ना िक इस तरह तुमहे छोडकर
जाना िकतना किठन रहा होगा
अब सब कुछ तुमहारे उपर है . तुमहारे ना कहते ही हम
िफर कभी नही िमलेगे, तुम िसफट मेरे सपनो मेरी यािो
198
का िहससा रहोगी. पर मुझे तुम िोनो की हां सुनकर
खुशी होगी. लीना को बताना िक मे इतना बुरा भी नही.
अब तुम हां कहो या ना....तुम िोनो अब मेरे यािो का एक
हसीन िहससा हो.
हे अब नाराज नही होना. मे तुमसे भागा नही हू बस
तुमहारी हां का इितंजार है .....िे व
***************************************
******************************************************
िनशा ओर लीना को छोडना मेरे िलए आसान नही . लगा
जेसे आतमा शरीर से अलग होती है . जेसे मे अपने सपने
से िरू हो रहा हू. लीना मेरा पहला पयार . ओर िनशा मेरी
पयारी िोसत. उन िोनो ने मेरी हर इचछा पूरी की. इन चार
िोनो मे जेसे चार सििया गुजर गई. सेकस को मे आखरी
िलिमट तक ले गया. उन िोनो ने मेरा पूरा साथ ििया
मेरी हर उलटी सीधी हरकत पर पयार िकया.
मेरी हर फेटे सी को पूरा करने मे मिि की. मुझे लगता है
मै सेकस का सही अथट उन िोनो के साथ ही समझ पाया.
ओर शायि उनहे भी समझा पाया. सेकस सच मे एक
आनंि है एक उतसव है , उनहोने ही समझाया. ओर समझ
मे आया सेकस एक िजममेिारी भी है . सेकस का सही अथट
मुझे समझ मे आ गया. मेरी िोनो िोसतो को भी समझ
मे आ गया.
257
इस ििुनया मे िनशा ओर लीना जैसी िकतनी है . ओर
िकतने िे व है जो उनका इितंजार रहे है . सभी तो डरे ,
सहमे,गलानी से भरे हुए है . सेकस को पाप समझते है
जीवन िे ने वाली शिक उनके िलए पाप बना िी गई. िस
ू रे
के पाप िगनकर सोचते है उनके पाप कम हो गये. मै भी
तो कुछ एसा ही था पर अब नही.
***************समाप***********