Tipu Sultan in Hindi

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TIPU SULTAN IN HINDI

टीपू सल्
ु तान

यह अध्याय ही टीपू सल्


ु तान, मैसरू के बाघ की मौत दृश्य वर्णन
किया गया है . यह उसकी दस
ू री बड़ी सफलताओं और वह ब्रिटिश
साम्राज्य के खिलाफ बहादरु ी से लड़े जो युद्ध जीत को कवर नहीं
करता है . Srirangapatnam में उनकी कब्र पर उसकी कब्र पर
लाल झंडा, हर एक है कि एक मिनट के शेर के जीवन 1000 वर्षों के
सियार के जीवन से बेहतर है याद दिलाती है . भविष्य पीढ़ियों मर
कभी नहीं और हमेशा जिंदा रहने को शहीद के रूप

में , जो आज भी लोगों के दिलों में रह रही है और उनके दिल में


हमेशा रहे गा इस महान शहीद, याद रखेंगे. ऐसा लगता है कि वहाँ
एक दै वीय सहायता और खाद्य उनके लिए उपलब्ध है , कहा जाता
है . ऐसी महानता और शहादत, लोगों की दै निक बड़ी संख्या के
कारण और उनके आँसू बहाने के लिए सम्मान और दनि
ु या के
इतिहास के इस महान योद्धा को श्रद्धांजलि का भग
ु तान करने के
लिए अपने शानदार कब्र का दौरा कर रहे हैं.

टीपू सुल्तान उसके अंगरक्षक और सैनिकों 4 मई 1799 को चौथे


मैसूर युद्ध के लिए के साथ किले Srirangapatnam के दरवाजे पर
पहुंच गया. अपनी उपस्थिति वहाँ के कारण एक महान प्रोत्साहन
था जो अंदर उत्तर फाटक और किले की दीवारों के बाहर से लड़ रहे
थे उनके सैनिकों के लिए. वे दश्ु मन की सेना पर महान शक्ति के
साथ पर हमला किया. सल्
ु तान अपने घोड़े से उतर गया और सैन्य
समह
ू की पहली पंक्ति में शामिल हो गए. इसके
तत्काल बाद उसने कई Mysorean सैन्य समह
ू ों, सरु क्षित और
संरक्षित के बीच में था. सैनिकों की परवाह किए बिना अपने जीवन
से लड़ रहे थे. ब्रिटिश सेना ने किले की दीवारों पर अपना रुख कब्जा
था इस समय तक. ऊपरी ओर से गोलीबारी सुल्तान का जो जमीन
पर लड़ रहे थे सैनिकों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा था. जो द्रऋही
गए अधिकारियों कि मोर्चे पर ड्यूटी से अनुपस्थित थे, लेकिन
क्योंकि उनके सम्मान के नेता

और स्वतंत्रता उनके साथ था इस सुल्तान के सैनिकों के लिए एक


समस्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि दश्ु मन को कम से कम संभव
समय में सप्ताहों और महीनों की अपनी यात्रा समाप्त की थी और
वे Srirangapatnam बेवफ़ा के कुकर्मों के कारण प्रवेश किया था
भल
ू गया था. इसलिए, यह यद्ध
ु नहीं था, लेकिन इसे भारत की है जो
भारत में औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ जब सब स्थानीय
शासकों उनका समर्थन किया था खड़ा बहादरु

स्तंभ, के खिलाफ एक द्रऋह था. सुल्तान के सैनिकों ने कहा कि उन


पर गोलियों की बरसात था और वे भी अच्छी तरह पता है कि जो
उन्हें स्वतंत्रता और सम्मान के लिए अपने जीवन में महान रास्ता
दिखाया अपने महान नेता को मौत के द्वार पर पता था कि भल

गया. सुल्तान पथ
ृ क रूप घायल हो गया था. सुल्तान के घायल
सैनिकों खुश उनके चेस्ट पर उनके घावों से महसूस कर रहे थे. वे
मौत के बहादरु चेहरा दे ख रहे थे.

सल्
ु तान का खन
ू Srirangapatnam की भमि
ू पर गिर गया था.
जब दस
ू री गोली सुल्तान वहाँ मारा मैसूर के शेर के चेहरे पर
कमज़ोरी थी, लेकिन वह अभी भी बहादरु ी से लड़ रहा था और उसके
सैनिकों के कई भी उसके साथ अपनी जान की परवाह किए बिना
लड़ रहे थे. खाई वहाँ अंदर दश्ु मन के मत
ृ शरीर के बड़ी संख्या में थे.
ब्रिटिश, जो व्यक्तिगत रूप से घायल थे हजारों, मर रहे थे. किले की
दीवारों पर दोनों पक्षों की ओर से

गोलीबारी बहुत गंभीर थी. , मत्ृ यु की संख्या में Mysorean


सैनिकों के बारे में पार कर हजारों. जब सल्
ु तान की हालत बहुत घाव
के कारण है , तो अपने अंगरक्षक के सल्
ु तान को बताया, "महाराज
गंभीर हो गई, अब कोई और रास्ता नहीं सिवाय दश्ु मन के लिए खुद
को आत्मसमर्पण करने के लिए है ?"

सुल्तान, "नहीं, मुझे एक के शेर के जीवन मिनट के लिए वर्ष 1000


के सियार के जीवन से बेहतर है ने कहा."

कुछ समय के बाद, सुल्तान और उनके अधिकारियों ने अपने घोड़े


पर सवार इस Mysorean सैनिकों उनका पीछा किया. लेकिन जब
वे वे कहते हैं कि कुछ पदों के ब्रिटिश दश्ु मनों के नियंत्रण में थे दे खा
किले के उत्तरी द्वार पर पहुंच गया. सैनिक, बच्चों, बढ़
ू े व्यक्ति
और महिलाओं की एक बड़ी संख्या में मश्कि
ु ल के किले से बाहर
जाने के लिए, पर कोशिश कर रहे थे अंग्रेजों ने किले के अंदर अपनी
बंदक
ू से उन्हें

प्रेरित कर रहे थे और इस किले के पीछे जाने के लिए उन्हें मजबरू


कर रहे थे. जब वे Mysorean सेना के फाटक की ओर आते दे खा,
तो वे उन्हें फायरिंग शुरू कर दिया. इस गोलीबारी में भी किले की
दीवारों से शुरू हुआ और एक गोली के सुल्तान का घोड़ा मारा. वह
मौके पर ही मत्ृ यु हो गई. सुल्तान भूमि और उनकी पगड़ी पर भी
उसके पास जमीन पर गिर गये. लेकिन सुल्तान बहुत बहादरु था,
उसने कोशिश की है और बड़ी मश्कि
ु ल वह

खुद जब अचानक एक गोली उसके सीने में मारा खड़े कर रहा था के


साथ. वह जमीन पर फिर से गिर गया. एक ब्रिटिश सैनिक लेकिन
सल्
ु तान अभी भी जिंदा थी अपनी तलवार की बेल्ट को खोलने के
लिए और वह सिपाही तलवार बाहर ले जाने की अनम
ु ति नहीं किया
था की कोशिश की. यह सल्
ु तान का अपमान किया गया. वह
बहादरु ी से लड़े और अपनी तलवार के साथ अपनी पूरी ताकत के
साथ सैनिक मारा, लेकिन सिपाही उसकी बंदक
ू के साथ

विरोध किया. सल्


ु तान की तलवार बंदक
ू मारा और इसे दो टुकड़ों में
टूट गया. वह सैनिक है तो, उसकी बंदक
ू को उठाया उसका सिर की
दिशा में यह बताया और आग बना दिया. मैसूर, जो मैसूर के लोगों
के लिए आजादी की सुंदर चरण दिखाई थी की रवि., सेट किया था.
सूरज के तीन घंटे के बाद ब्रिटिश सेना Srirangapatnam और
उसके किले के नगर पर कब्जा किया. है दराबाद की सेना तो मीर
आलम के आदे श के तहत शहर में प्रवेश किया. Mysorean सेना

के बारे में 12 हजार सैनिकों के शहर अंदर, वहाँ थे लाशें, लेकिन


और निजाम की सेना अधूरा था, ब्रिटिश क्योंकि वे महान टीपू
सुल्तान की लाश नहीं मिल सकी की सफलता. वे हर कोने और
महल की जगह तलाश की. की मदद से बेवफ़ा वे वफादार सैनिकों
और सल्
ु तान के दोस्तों के घरों की तलाशी ली. यव
ु ा राजकुमार डर
गया था. घायलों और असहाय व्यक्तियों के सल्
ु तान के बारे में कहा
गया था. सल्
ु तान का जो अलग अलग

मोर्चों पर गए सैनिकों को भी सुल्तान के शरीर के बारे में कहा गया


था लेकिन वे इस मामले में जवाब नहीं कर सका. जो अपने सल्
ु तान
जमीन पर घोड़े से सही ढं ग से हालांकि वे पैसे और धन की पेशकश
की थी उन्हें उत्तर नहीं सका गिरने दे खा था सैनिकों. कुछ सल्
ु तान
के सैनिक की है कि सुल्तान जिंदा थी और सोचा था कि शवों के ढे र
के नीचे था. वे इसे से सुल्तान बाहर ले करने के लिए उचित समय
के लिए

प्रतीक्षा की. दस
ू रों कि वह मर गया था लेकिन वे इतने दश्ु मन
उसकी लाश नहीं मिल सकता था उसकी लाश बताया नहीं था. वहाँ
अफवाहें हैं कि सुल्तान और मर गया था अपने डरवैयों उसकी लाश
दरू ले गया था रहे थे. कुछ लोग कहते हैं कि सुल्तान मरा नहीं था,
लेकिन माना वह घायल था और गायब हो गया और वापस
again.He आएगा ब्रिटिश और है दराबाद सेना के सैनिकों के बीच
पहले हमले के बाद Srirangapatnam छोड़ दिया था फतेह है दर

राजकुमार पहुँचा था. वह saraya या चीतल दर्ग


ु में और उनके सिर
तिमाही कर दे गा वहाँ से अपने हमले जारी रखेंगे. ये खबर ही जो
अपने विदे शी यहोवा से जमीन और संपत्ति के वादे के लिए मैसूर के
स्वतंत्रता बेचा था विश्वासघाती को ब्रिटिश और है दराबाद बल्कि
सेना के सैनिकों के बीच भ्रम पैदा नहीं. वे बहुत ज्यादा अपने
भविष्य के बारे में जब वे मीर सादिक और Moin के भाग्य दे खा था
चिंतित थे उद-दीन.

, मीर Qamar-उद-दीन, Pornia, और Badar-Uz-zaman


सुल्तान का महल के सामने बैठे हुए थे और अंग्रेजी सेना के
अधिकारियों के साथ बात कर रहे थे कि आधी रात में . कुछ सैनिकों
को उनके आसपास थे और उनके हाथों में मशाल थामे थे. उस
समय मीर नदीम पर आया और चिल्लाया, "अब मुझे लगता है कि
उसके मत
ृ शरीर वहाँ के किले के उत्तरी गेट के सामने अन्य शवों के
ढे र के नीचे है टीपू सल्
ु तान के बारे में सही जानकारी मिल गया. तो
मझ
ु े

वहाँ तक का पालन करें कृपया. "सभी ने उसका पीछा किया, और वे


उस जगह पहुँचे जहाँ कई लाशें थे. ब्रिटिश अधिकारियों के आदे श
पर, सभी मत
ृ शरीर एक से एक की जाँच की गई. जब वे ऐसा है , तो
एक अंग्रेजी सैनिक और एक लाश के हाथ जब उसके हाथ कुछ
कठिन धातु के साथ मारा छुआ लाश सिर से पगड़ी नीचे गिर पड़ा
कर रहे थे. काले लंबे बाल चेहरा खुला शामिल थे. इस अंग्रेजी
सैनिक अपने अधिकारी का ब्यौरा समझाया. जब वे

करीब मशालों लाया, वे जो अपने हाथ में सोने का कंगन पहने हुए
थी एक महिला की लाश मिली. वे जो बुरी तरह कई गोलियों से
घायल हो गया था और एक महिला की लाश, मिल गया है . Pornia
सिपाही से, ध्यान से दे खा मशाल ले लिया है कि महिला और उसकी
मान्यता दी. इस अंग्रेजी अधिकारियों उनसे पछ
ू ा, "तुम उसे पहचान
करने में सक्षम?" Pornia, "हाँ, वह एक अनाथ हिंद ू लड़की और
उसके पिता पिछले यद्ध
ु में मर गया है रहे हैं. सल्
ु तान

अपनी बेटी के रूप में उसे गोद लिया था. "" और जो दस


ू री औरत
है ? ", अंग्रेजी अधिकारियों से पूछा. "मैं उसके बारे में पता नहीं है .
हो सकता है कि वह शाही परिवार से संबंध रखता है . ", Pornia ने
उत्तर दिया. सभी लाशों की जाँच की थी कुछ समय के बाद. जब वे
टीपू सल्
ु तान के वे चप
ु रहे शरीर को दे खा था. सल्
ु तान के कपड़े खन

की, लेकिन उसका चेहरा भव्यता और अनग्र
ु ह से भरा था भरा गया
था. उसके हाथ में अपने टूट

तलवार की और उसके कपड़े संभाल रहा था उसकी सेना के अन्य


अधिकारियों की तरह लेकिन अपनी पगड़ी दस
ू रों से अलग था वही
था. सल्
ु तान की पगड़ी नीचे उसकी लाश से गिर गया. Badar-uz-
Zaman कि पगड़ी लिया था. एक अंग्रेजी अधिकारी, "यह टीपू
सुल्तान?" मीर Qamar-उद-दीन है उससे पूछा कम आवाज में
कहा, "हाँ, इस जीत के लिए बधाई." एक अंग्रेजी सैनिक रोया,
ज़िंदा "वह है ." कुछ व्यक्तियों को अपनी बंदक
ू उठाई तो टीपू
सुल्तान के

शरीर की ओर. एक अंग्रेजी अधिकारी आगे, आया सुल्तान की नब्ज


जाँच, सुल्तान की छाती पर हाथ रखा और कहा, "वह मर चुका है ."
Badar-uz-Zaman सुल्तान की पगड़ी पर, उसकी आँखों में महान
सम्मान के साथ उसे छुआ दे खा और, "हम उनकी हत्या और नहीं
तम
ु सब के हैं. हम सम्मान के बारे में उनकी कब्र पर फूल डाल दे गा
उसे और हमारी आने वाली पीढ़ी की हत्या की थी. "अंग्रेजी के
अधिकारी हैं कि वे उसे करने के लिए आभारी हैं और

व्यवस्था करने के लिए उस से पूछा महल में palki में लाश भेजने
के लिए-उद-दीन Qamar बताया. वह जनरल है रिस बताया. कुछ
समय वहाँ के बाद जीत के नारे के किले के सभी कोनों और बड़ी
खश
ु ी और खश
ु ी में अंग्रेजी सैनिकों के साथ से plundering थे और
लूट के लिए Mysorean लोगों के घरों में चला गया. ब्रिटिश सेना
के जो सुल्तान खोज कर रहे थे, अन्य समूहों, भी लूटने में उनका
पीछा किया और लोगों की संपत्तियों plundering और निर्दोष

परु
ु षों और महिलाओं की हत्या. उस रात के मैसरू शहर के
निवासियों के लिए एक काला रात में बदल गया. वहाँ थे हजार इस
राष्ट्र की बेटियों में से रोता है , लेकिन वहाँ के लिए कोई जवाब नहीं
था. मीर सादिक और अन्य सभी ऐसी बातें हुआ की दष्ु कर्म के
कारण. जो मीर सादिक को विश्वासघाती, को भी शर्म आ रही थी
उसे दध
ू के साथ nourished था माँ. Srirangapatnam का कोई
घर खुद को सुरक्षित और अंग्रेजी सेना की बर्बरता से था. इस

है , जो मीर सादिक, Pornia, Qamar-उद-दीन और Moin मदद


की थी द्रऋही तो है कि वे केवल बल्कि उन्हें सम्मान और अपनी
बेटियों और महिलाओं के मल्
ू य बेचा था मैसरू की स्वतंत्रता दरू नहीं
बेचा था सोच उद-दीन थे . सुल्तान का सिपाही मीर सादिक और
मीर Moin मारा-उद-दीन से पहले वे अपने विदे शी यहोवा से कपट
के अपने पुरस्कार प्राप्त किया. उनकी आत्मा ब्रिटिश सेना के
दष्ु कर्म गलत जिसके लिए वे Srirangapatnam के शहर में

प्रवेश का रास्ता बनाया था उनके घर में क्या कर रही दे ख रहे होंगे.


अपनी बेटियों और महिलाओं संकट हालत में शराबी सिपाहियों के
कुकर्मों के कारण में थे. उन महिलाओं रोया और इस प्रकार की
अपील की.

मैं मीर सादिक की पत्नी हूँ. मैं उसकी बहन हूँ. मैं उसकी बेटी हूँ. यह
मीर Moin का घर है उद-दीन और वह भगवान Welsly का दोस्त
था. जनरल है रिस उसे बहुत अच्छी तरह से जानता था, और तम

दस
ू रे कमरे में उसकी लाश दे ख सकते हैं. क्योंकि वह ब्रिटिश सेना
के एक दोस्त था जो लोगों को है , इसलिए तुम विश्वासयोग्य
व्यक्तियों के परिवारों को ईस्ट इंडिया कंपनी को नक
ु सान नहीं
करना चाहिए और बेटियों और दे श की

महिलाओं के लिए उसे मार डाला था. मैं मीर Moin का बेटा हूँ-उद-
दीन और ये मेरी बहनें हैं और यह मेरी पत्नी है , जनरल है रिस के
लिए मुझे ले कृपया है . लेकिन वहाँ उनकी हं सी और क्रूर दष्ु कर्म के
अलावा सैनिकों से कोई जवाब नहीं था. सल्
ु तान की सेना का जो
यद्ध
ु के परिणाम से निराश थे सिपाही, जो नशे में थे ने ब्रिटिश
सैनिकों के क्रूर कारनामों के खिलाफ उनके घरों की सुरक्षा और
बहुत लूटने और plundering के

बरु े कामों में व्यस्त थे शरू


ु कर दिया. वहां सड़कों और शहर के
बाजार में रक्त का प्रवाह किया गया.

अगले दिन, पर के बारे में चार बजे, सुल्तान के अंतिम संस्कार की


बारात और शुरू राजकुमार, अधिकारियों और ब्रिटिश सेना के चार
कंपनियों द्वारा किया गया. सुल्तान और अन्य व्यक्तियों के
वफादार घायल सैनिकों आगे थे और उनके कंधों पर सुल्तान जोत
रहे थे. वहां भय और आतंक की बहुत शहर लूट और जो पिछली रात
में हुई plundering के कारण में था. सड़कों और बाजार खाली पड़े
थे. जब अंतिम संस्कार की बारात के

किले सभी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के सभी समुदायों से भारी


मन से इसे शामिल हुए छोड़ दिया. रास्ते में लोगों की संख्या में वद्धि

हुई है और उनके डर और आतंक धीरे धीरे कमी हुई. वे सबसे
बदकिस्मत लोगों के रूप में है और खद
ु पर विचार कर रहे थे कि
सल्
ु तान की लाश उनके गार्ड है सोच रहे थे. Srirangapatnam के
पुरुषों और महिलाओं जोर से रोने लगा सुल्तान की मौत के शोक में
अपने braids खुला. जब अंतिम

संस्कार की बारात के किले छोड़ा, हवा बहुत उस समय और धीमी


थी वहाँ के माहौल में बहुत अधिक नमी थी. लोग क्षितिज पर एक
खतरनाक तफ ू ान दे ख रहे थे. एक काला तूफान सारा आकाश
शामिल कुछ समय के बाद. जब बारात और लाल बाग पहुँच के
काजी अंतिम संस्कार प्रार्थना समाप्त की लाश सम्मान की कब्र में
रखा गया था. उस समय आकाश में गंभीर गरजनदार था. लोग
बहुत डरते थे. ब्रिटिश सेना ने बंदक
ू सलामी के लिए, लेकिन

आदे श दिया था कि बंदक


ू की आवाज स्पष्ट रूप से बादलों के
गरजनदार के कारण के बारे में सन
ु ा नहीं था. ऐसा लगता है कि
आकाश '' महान टीपू सल्
ु तान की आत्मा का स्वागत करने के लिए
व्यवस्था कर रहा था लग रहा था.

वातावरण में अंधेरा और की अत्यधिक वद्धि


ृ हुई है और बिजली की
वजह से यह घरों और दरवाजे शहर में कंपन शुरू कर दिया. जनरल
Meadows, मेजर Beatson और एलेन जिसमें वे कहते हैं कि
बिजली की Srirangapatnam शहर के कुछ हिस्सों पर भी पर
बंबई के ब्रिटिश सेना शिविर में दो सैनिकों और एक बड़ी संख्या में
मर गए गिर पड़ा लिखा था अपनी डायरी में यह काला तफ
ू ान
descried था सैनिकों की व्यक्तिगत रूप से घायल हो गए थे. इस
है , जो इस

जुलूस में ब्रिटिश सैनिकों की हिरासत में थे, बहुत ही इस बात का


डर गए द्रऋही. के तरु ं त बाद अंतिम संस्कार और सड़कों को भारी
बारिश शरू
ु हो और Srirangapatnam का बाजार पानी से भरे थे.
कुछ अधिकारियों और Mysorean सेना के सैनिकों को नदी
Kaveri में बाढ़ का ध्यान कुछ समय के बाद. एक पुरानी सेना
अधिकारी जोर से रोने लगा और कहा, "मैं पहले हफ्ते में मई के
अपने जीवन में कभी Kaveri नदी में ऐसी बाढ़ नहीं दे खी है . ओह!
के

रूप में भगवान हमारी मदद करने को तैयार था, लेकिन आपको
लगता है कि मौका खो दिया है मैसरू के द्रऋही, तम्
ु हें एक और दिन
के लिए इंतजार करना चाहिए था. उस दिन अगर आप
Srirangapatnam के दरवाजे तो हम अपनी ही गोली बर्बाद किए
बिना दश्ु मन को हरा सकता था खोला नहीं था. "वह फिर," ओह
कहा! मेरे दोस्त, सुल्तान की प्रतीक्षा कर रहा था इस दिन के लिए.
हम कैसे है कि जो हमारी सफलता दे खी जाती बादलों, वे हमारे
हराया
सैनिकों के आँसू धो रहे हैं दर्भा
ु ग्यपर्ण
ू ."

************************

संदर्भ से:

Nasim Hijazi के उर्दू उपन्यास 'और तलवार हार्न Gai'.

द्वारा अनव
ु ादित:

Muhammed ए हफीज़, B. COM.

ई मेल: hafeezanwar@yahoo.com

है दराबाद-36, (भारत).

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