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सुभाषित
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सुभाषित
छोटीछोटी वसतूएÐ एकत करनेसे बडे काम भी हो सकते है| घास से बनायी हुर्इ डोरी से मत
हाथी बाÐधा जा सकता है|
मनुषय , िजस पकारके लोगोके साथ रहता है , िजस पकारके लोगोकी सेवा करता है , िजनके
जैसा बनने की इचछा करता है , वैसा वह होता है |
सवसथादेवाबमानेिप देिहनसवदरं रज
जो पैरोसे कुचलने पर भी उपर उठता है ऐसा िमटी का कण अपमान िकए जाने पर भी चुप
बैठनेवाले वयिकत से शेष है |
िजस पकार आकाश से िगरा जल िविवध नदीयो के माधयम से अंितमत: सागर से जा िमलता है
उसी पकार सभी देवताओं को िकया हुवा नमन एक ही परमेशर को पापत होता है |
6.कलहानतिन हमरयािण कुवाकयाना च सौ)दम् कुराजानतािन राषटािण कुकमानतम् यशो नॄणाम्
झगडोसे पिरवार टू ट जाते है| गलत शबदपयोग करनेसे दोसत टू टते है| बुरे शासकोके कारण
राषटका नाश होता है| बुरे काम करनेसे यश दरू भागता है|
वैसेही जीवनभर ऐसा काम करो िजससे मॄतयूपशात सुख िमले हअथात सदगती पापत हो
सदाचार की मनुषयने पयनतपूवर रका करनी चािहए , िवत तो आता जाता रहता है |
धनसे कीण मनुषय वसतुत: कीण नही , बिलक सदतरनहीन मनुषय हीन है
9. शैले शैले न मािणकयं मौिकतकं न गजे गजे साधवो न िह सवरत चनदनं न वने वने िहतोपदेश
हर एक पवरतपर मािणक नही होते, , हर एक हाथी मे हउसके गंडसथलमे ) मोती नही िमलते |