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La Lit A Tri SH A Ti
La Lit A Tri SH A Ti
ी लिलतािशतीों
अ ीलिळतािशतीोमहाम
्
भगवान हयीव ऋिषः अनप ्
ु ु छः ु ु
ीलिळतािपरसरी देवता।
ानं
ु
अितमधरचापहां
अपिरिमतामोदबाणसौभायां
अणामितशयकणां
ु ु
अिभनवकलसर वे
हयीव उवाच
ु
ककारपा काणी काणगणशािलनी।
काणशैलिनलया कमनीया कलावती॥ १॥
कपिवा कप जनकापा वीणा।
ॐ
ू
कपरवीटी ु
सौर कोिलत ककटा॥ ३॥
एकारपा च ैकायकानक ृ
े ाराकितः।
ृ
एतिदिनदया च ैकान िचदाकितः॥ ५॥
एविमागमाबोा च ैकभि मदिचता।
च ैषणा रिहताता॥ ६॥
एकािच िनाता
एलासगं ु च ैनः कट
ु िधिचकरा ू िवनािशनी।
ू
एकातप साा दा च ैकापिजता।
एधमानभा च ैजदनक
े जगदीरी॥ ८॥
्
ईहािवरिहता चेश शि रीषत ितानना।
लकारपा लिलता ली वाणी िनषेिवता॥ १३॥
ु
ललामराजदिलका लिमालताि ता।
ू लाा लयविजता॥
लोदर सला १६॥
ु
कारजप सीता ू
मती िवभषणा।
ू कार पीिठका।
कारवाा कार पा
कारवेा कारिचा शरीिरणी॥ १९॥
ृ ू
हकारपा हलधिजता हिरणेणा।
हरिया हराराा हिरे विता॥ २०॥
ध समिचता।
हयाढा स ेिवतांिहयमे
हयवाहना हंसवाहना हतदानवा॥ २१॥
हिराकं ु कमा
ु िदधा हयामरािचता।
सवशी सवमला।
सकारपा सवा
सवक
सवभ
सवही सनातना॥ २४॥
ु
सवानवा सवा सरी
सवसािणी।
सवािका
सवसौ
दाी सविवमोिहनी॥ २५॥
सवाधारा
सवगता ु
सवावगणविजता।
ॐ
सवाणा
सवमाता ू भिषता॥
सवभषण ू २६॥
ककाराथा कालही कामेशी कािमताथदा।
ु कचिजतादा।
करभोः कलानाथ मखी ु
ू जपाविलः।
काय िवहा काा कािधत
ु
कलालापा कं बकठी करिनिजत पवा॥ २९॥
ु करी
कवी समभजा ू ितलकािता।
हकाराथा हंसगितहाटकाभरणोला॥ ३०॥
ु
हारहािर कचाभोगा
हािकनी हविजता।
ु
हिरित समाराा हठाार हतासरा॥ ३१॥
ु हिषणी
हानोपादान िनमा हिरसोदरी।
ु
हवीन दया हिरकोपाणांशका।
ु री॥ ३४॥
ू लयिवे
लकाराा लतापा
ु लाभालाभ िवविजता।
ला दशन सा
लणाज पिजता।
लाारस सवणाभा ू
ु
लेतरा ल भि सलभा ु
लालायधा॥ ३६॥
ु
लमाना लरसा ल संपमितः।
कािरणी कराा मा िशखामिणः॥ ३८॥
ु
कारकडाि िशखा कार शिशचिका।
कार भारिचकारांभोद चला॥ ३९॥
ु
सकाराा समरसा सकलागम संता।
दा तायभिमः
सववे ू सदसदाया॥ ४३॥
ृ
सकलािधान पा सपा समाकितः।
सवप समनािधक विजता॥
िनमाी ४५॥
ु संगहीना सगणा
सवा ु सकलेदा।
वािता।
लकािरणी लपा लधील
लपाप मनोरा लाहंकार गमा॥ ५१॥
ु
देहा ल ैय समितः।
लशिल
ृ लीला लयौवन शािलनी॥ ५२॥
ल विल
ु ल हषािभपिरता।
ल भोगा ल सखा ू
ू
कार मितकार सौधग
ं कपोितका॥ ५४॥
ु कार कमलेिरा।
कार धाि सधा
कारमिण दीपािचकार तशािरका॥ ५५॥
ु
कार शिका ु
मामिणकार बोिधता।
कारमय सौवण िवम ु
ु पिका॥ ५७॥