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PT 365 Updation Material Hindi
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1.14. राजमागों के ककनारे शराब पर प्रवतबन्ध ________ 12 2.19. यूरेवशयाइ अर्थथक संघ ____________________ 27
3.6. IndAS में रांवजशन _______________________ 33 3.34. ED ने 300 शेल (छद्म) फमों पर कड़ी कायगिाही की 49
3.7. स्िैवछछक बेरोजगारी _______________________ 33 3.35. विदेशी फमों के साथ विलय के वनयम सरल ककए गए 49
3.8. फ्री क्रेवडट ररपोटग _________________________ 34 3.36. नइ कमगचारी पेंशन योजना _________________ 50
3.9. त्िररत सुधारात्मक कारग िाइ__________________ 34 3.37. यात्रा एिं पयगटन प्रवतस्पधागत्मक सूचकांक _______ 50
3.10. जॉआं ट लेंडर फोरम के वलए RBI ने वनयम सख्त ककये 35 3.38. रेड आं फ्रास्रक्चर फॉर एक्सपोटग स्कीम __________ 50
3.11. ककसान ईत्पादक संगठन (FPOs) ____________ 35 3.39. लेस कै श टाईनवशप _______________________ 51
3.12. कृ वष ईत्पादों में व्यापार- िेयरहाईस ररसीट्स ____ 35 3.40. प्रौद्योवगकी एिं निाचार सहायता के न्द्रों की स्थापना 51
3.13. कृ वष विपणन पर मॉडल कानून का मसौदा ______ 36 3.41. स्रेटेवजक पाटगनरवशप मॉडल ________________ 51
3.17. राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य पालन नीवत 2017________ 38 4.1. नदी संरक्षण _____________________________ 53
4.1.1. गंगा और यमुना को जीवित व्यवक्त का दजाग ____ 53
3.18. सम्पदा योजना _________________________ 39
4.1.2. गंगा की सफाइ _______________________ 53
3.19. राष्ट्रीय कृ वष विकास योजना (RKVY) के ऄंतगगत
4.1.3. ड्राफ्ट गंगा मॉडल लॉ ___________________ 54
सृवजत पररसंपवत्तयों की वजयो-टैहगग _______________ 39
4.1.4. WWF द्वारा की जाएगी गंगा डॉवर्लफन की गणना 54
3.20. कृ वष कमगण पुरस्कार _____________________ 40 4.1.5. नमगदा सेिा वमशन _____________________ 55
4.1.6. राष्ट्रीय जलविज्ञान पररयोजना _____________ 55
3.21. पाम ऑयल के ईत्पादन में िृवद् करना__________ 40
4.2. प्रदुषण ________________________________ 55
3.22. भारत के हाआड्रोकाबगन ईद्योग में बाधाएं: ________ 40
4.2.1. भूजल दोहन _________________________ 56
3.23. गत्यात्मक ईंधन मूर्लय वनधागरण_______________ 41 4.2.2. शैिाल प्रस्फु टन _______________________ 56
3.24. स्िदेशी नावभकीय ईजाग ____________________ 41 4.2.3. कृ वष क्षेत्रों पर ऄमोवनया हॉटस्पॉट्स ________ 57
4.2.4. भारत ईत्सजगन मानक __________________ 57
3.25. जल विकास मागग पररयोजना ________________ 43
4.2.5. फ्लू गैस टेक्नोलॉजी _____________________ 58
3.26. रे लिे क्षेत्रक में विकास ____________________ 43 4.2.6. पराली दहन पर रोक लगाने हेतु नीवत में पररितगन59
3.26.1. रे लिे विकास प्रावधकरण _______________ 43 4.2.7. गैर-प्रदूषणकारी औद्योवगक पररयोजनाओं की
3.26.2. भारतीय रे लिे की पयगटन नीवत का मसौदा __ 44 मंजूरी के वलए वनयमों को सरल बनाना ____________ 59
3.27. पॉिरटैक्स आं वडया _______________________ 44 4.2.8. सीमेंट ईद्योग ________________________ 59
4.2.9. प्रकाश प्रदूषण ________________________ 60
3.28. कॉयर ईद्योग ___________________________ 45
4.3. जैि-विविधता संरक्षण ______________________ 60
3.29. तकनीकी िस्त्र __________________________ 46
4.3.1.पविमी घाट का संरक्षण _________________ 60
3.30.ऄिसंरचना संबंधी वनधीयन _________________ 46 4.3.2. एलीफैं ट सेन्सस _______________________ 61
3.30.1. दीघागिवधक वित्त बैंक _________________ 46 4.3.3. बारहहसगा का संरक्षण _________________ 61
3.30.2. राज्यों को विदेशी ऊण के वलए ऄनुमवत ____ 47 4.3.4. गौरै या संरक्षण _______________________ 62
3.31. स्टाटग-ऄप्स बौवद्क सम्पदा सरं क्षण योजना ______ 47 4.3.5. शाहतूश व्यापार ______________________ 62
4.3.6. बस्टडग प्रजनन कें द्र _____________________ 62
3.32. रेड माकग वनयम _________________________ 48
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4.3.7.भारतीय जंगली कु त्ते (ढोल) _______________ 63 5.6. न्युरीनो प्रोजेक्ट __________________________ 76
4.3.8.ललैक नेक्ड क्रेन _______________________ 64
5.7. हाआपरलूप टे क्नोलॉजी ______________________ 76
4.3.9.आं वडयन स्टार टॉरटोआज _________________ 64
5.8. साईथ एवशया सेटेलाआट ____________________ 76
4.3.10. ऄमूर फार्लकन _______________________ 64
4.3.11. खराइ उंट _________________________ 65 5.9. आसरो प्रोजेक्ट्स का िावणज्यीकरण _____________ 77
4.3.12.िन ऄवधकारों के विरुद् NTCA का अदेश ___ 65
5.10. कोर्लड एटम लैबोरे टरी _____________________ 77
4.3.13. वहहटले पुरस्कार _____________________ 66
4.3.14. िृक्षिासी के कड़े की प्रजावत ______________ 66 5.11. शवन का छोटा चन्द्रमा जीिन को पोवषत कर सकता
4.3.16. विवशष्ट महुअ िृक्ष ___________________ 67 5.12. नासा का नया फ़्रंरटयर प्रोग्राम _______________ 78
4.3.17. एक्सेस एंड बेवनकफट शेयररग एप्लीके शन्स की
5.13. सुपर प्रेशर बैलून टेक्नालजी: _________________ 79
ऑनलाआन फाआहलग _________________________ 67
4.3.18. पौधों और बीज के क्षेत्र में व्यापार को सुरवक्षत 5.14. ऄंतररक्ष मलबे को नष्ट करने के वलए प्रयास ______ 79
करने हेतु नए िैवश्वक मानक को ऄपनाया गया _______ 67 5.15. एक्सोप्लेनेट: GJ 1132B __________________ 80
4.6. बॉन क्लाआमेट मीट ________________________ 69 5.18. साआं स वसटीज स्कीम ______________________ 81
4.7.िर्लडग एनिायरमेंट एजुकेशन कांग्रेस _____________ 69 5.19. लाइ-फाइ (Light Fidelity) ________________ 82
4.8. निीकरणीय उजाग: हाल में हुए विकास __________ 69 5.20. एक्सप्रेस Wi-Fi _________________________ 82
4.8.1. 2016-17 में 5,400 मेगािाट ररकॉडग पिन उजाग
5.21. नइ Wi-Fi व्यिस्था से तीव्र कनेवक्टविटी ________ 82
का ईत्पादन_______________________________ 70
4.8.2. पिन, सौर संसाधन: ऄिवस्थवत ___________ 70 5.22. डेटा आक्सक्लुवसविटी ______________________ 83
4.9. दवक्षण भारत में सूखा ______________________ 70 5.23. बायो -फामागस्यूरटकर्लस को विकवसत करने के वलए
फामाग वमशन ________________________________ 83
4.10. ररिाआज्ड वबहर्लडग कोड ___________________ 71
5.24. FOVEA _____________________________ 83
4.11. वसटी कम्पोस्ट पॉवलसी ____________________ 71
5.25. डेर्लटारे रोिायरस _________________________ 84
4.12. मेसोपेलेवजक मैहपग ______________________ 71
5.26. प्रीकसगर मोवलक्युर्लस ______________________ 84
4.13. ग्रीन नोबल प्राआज _______________________ 72
5.27. H1N1 _______________________________ 85
4.14. टू वपट सोर्लयूशन_________________________ 72
5.28. नैसोकफर्लटर : ___________________________ 85
4.15. विविध तथ्य ___________________________ 73
5.29. मोबाआल टॉिर रे वडएशन की जानकारी के वलए तरं ग
5. विज्ञान एिं प्रोद्योवगकी ________________________ 74
संचार पोटगल ________________________________ 85
5.1. वबटकॉआन ______________________________ 74
5.30. कैं सर के आलाज हेतु नया मॉवलक्यूल - वडसऐररब ___ 86
5.2. हाइ नाआरोजन स्टील ______________________ 74
5.31. ड्रग रे वजस्टेंस को ररिसग करना संभि ___________ 86
5.3. हाआड्रोजन फ्यूल हहीकल ____________________ 74
5.32. िाआर्लडलाआफ DNA बैंक ___________________ 86
5.3.1. उजाग के ऄन्य ईभरते स्त्रोत _______________ 75
5.33. SREP _______________________________ 86
5.4. ग्रैटजेल सेल _____________________________ 75
6.6. प्रवतसूक्ष्मजीिी प्रवतरोध पर राष्ट्रीय कायग योजना ___ 99 7.7. विमेंस आं वडयन एसोवसएशन _________________ 112
6.7. भारत ने दृवष्टहीनता की पररभाषा में पररितगन ककया _ 99 7.8. जनजावतयााँ ____________________________ 113
7.8.1. कु रुख जनजातीय भाषा ________________ 113
6.8. नेग्लेक्टे ड रॉवपकल वडजीज _________________ 100
7.8.2. मांकवडया जनजावत ___________________ 113
6.9. वमशन आं द्रधनुष _________________________ 100
7.9. ऄसम की प्राचीन स्याही (माही) ______________ 113
6.10. विजन जीरो कांफ्रेंस: व्यािसावयक, सुरक्षा और
7.10. हसधी भाषा ___________________________ 114
स्िास्थ्य __________________________________ 101
मध्य प्रदेश, 2000 मध्यप्रदेश नगरपावलका वनगम ऄवधवनयम, 1956 की धारा 24 एिं मध्य प्रदेश नगर पावलका ऄवधवनयम, 1961
की धारा 47
छत्तीसगढ़, 2011 छत्तीसगढ़ नगर पावलका ऄवधवनयम 1961 की धारा 47 (ऄध्यक्ष को िापस बुलाना
राजस्थान, 2011 राजस्थान नगर पावलका ऄवधवनयम, 2009 की धारा 53 को 2011 में राजस्थान नगर पावलका (संशोधन)
विधेयक, 2011 के रूप में संशोधन ककया गया था।
(Electoral Reforms)
(CIRDAP Centre)
कै वबनेट ने हैदराबाद वस्थत,राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एिं पंचायती राज संस्थान (NIRD&PR) में एवशया और प्रशांत क्षेत्र एकीकृ त
ग्रामीण विकास कें द्र (Centre on Integrated Rural Development for Asia and the Pacific:CIRDAP) की स्थापना को
मंजूरी प्रदान कर दी है।
(Municipal Bonds)
सुर्थखयों में क्यों?
हाल ही में, 14 राज्यों के 94 शहरों
को म्युवनवसपल बांड जारी करने के
वलए ईनकी तैयारी के अधार पर
कक्रवसल (CRISIL) जैसी एजेंवसयों ने
क्रेवडट रे रटग प्रदान की।
आस एजेंवसयों द्वारा स्माटग वसटी वमशन
और AMRUT वमशन के ऄंतगगत अने
िाले शहरों का मूर्लयांकन ककया गया।
पृष्ठभूवम
सेबी द्वारा 2016 में म्युवनवसपल बांड
संबंधी विवनयम जारी ककए गए।
यकद म्युवनवसपल बांड कु छ वनवित
वनयमों के ऄनुरूप हों तथा ईनकी
लयाज दरें बाजार अधाररत हों तो
भारत में म्युवनवसपल बांड को कर-
मुक्त कर कदया जाना चावहए।
नगर वनगमों को आन्िेस्टमेंट ग्रेड क्रेवडट
रे रटग बनाए रखने की अिश्यकता है
तथा ईन्हें पररयोजना लागत का कम
से कम 20 प्रवतशत योगदान करना
होगा।
नगर वनगम वपछले एक िषग में प्राि
ककसी भी ऊण के संबंध में वडफार्लटर
की वस्थवत में नह होनी चावहए।
नगर वनगमों को ऊण के मूलधन की
िापसी सुवनवित करने हेतु ऊण को
पूणग पररसंपवत्त किर (फु ल एसेट
किर) प्रदान करना होगा। आन बांड्स
को वजस पररयोजना के वलए जारी ककया गया है, ईस पररयोजना के माध्यम से प्राि धन को एक ऄलग एस्क्रौ ऄकाईं ट में रखना
होगा। बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा आस ऄकाईं ट की वनयवमत रूप से वनगरानी की जाएगी।
2017 में नीवत अयोग द्वारा प्रस्तावित वत्रिषीय कायगिाही एजेंडा में म्युवनवसपल बांड मार्दकट के ईपयोग करने की बात भी की गइ
है।
चुनौवतयां
बॉन्ड वनिेशक शहरों में पैसा तब तक वनिेश नह करें गे, जब तक कक िे नगर वनगमो की राजकोषीय क्षमता के सम्बन्ध में अश्वस्त न
हो जाए।
(Important Bills)
2016 का विधेयक एग्रीगेटसग को वडवजटल वबचौवलयों या बाजार स्थलों के रूप में पररभावषत करता है वजन्हें यावत्रयों द्वारा पररिहन के
प्रयोजन से िाहन चालकों से संपकग स्थावपत करने के वलए ईपयोग ककया जा सकता है (टैक्सी सेिाएं)।
सड़क सुरक्षा के वलए एजेंसी – 2017 का विधेयक के न्द्र सरकार द्वारा ऄवधसूवचत राष्रीय सड़क सुरक्षा बोडग का प्रािधान करता है (सुंदर
सवमवत द्वारा की गइ ऄनुशंसा के ऄनुसार)।
सड़क वडज़ाआन एिं ऄवभयांवत्रकी– 2017 का विधेयक यह प्रािधान करता है कक सड़कों की वडज़ाआन, वनमागण, या रखरखाि हेतु
वजम्मेदार ककसी भी ठे केदार या परामशगदाता को राज्य/के न्द्र सरकार द्वारा वनर्ददष्ट मानकों का ऄनुपालन करना होगा और सड़क
दुघगटनाओं के वलए बुरे चालकों के स्थान पर ईसे भी वजम्मेदार माना जाएगा और ऄथगदण्ड लगाया जाएगा।
कठोर ऄथगदण्ड: शराब पीकर िाहन चालन, खतरनाक िाहन चालन, चालकों द्वारा सुरक्षा मानदण्डों (जैसे हेलमेट पहनना आत्याकद) के
गैर-ऄनुपालन हेतु कठोर ऄथगदंड का प्रािधान ककया गया है। आस विधेयक ने िाहन चलाते समय पकड़े गए ऄर्लपियस्कों के माता-वपता
के वलए तीन िषग का कारािास एिं साथ ही पीवड़त हयवक्त को 10 गुना क्षवतपूर्थत प्रदान करना प्रस्तावित ककया है।
अधार: ड्राआहिग लाआसेंस हेतु अिेदन करने के वलए आस संख्या की अिश्यकता है।
2.1. भारत-चीन
(India-China)
सुर्थख़यों में क्यों?
चीन दलाइ लामा की ऄरुणाचल प्रदेश और विशेष रूप से तिांग की यात्रा का विरोध करता है क्योंकक िह तिांग को वतलबत का
दवक्षणी भाग मानता है।
चीन ने पहली बार ऄरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के वलए "मानकीकृ त" (standardised) अवधकाररक नामों की घोषणा की है।
चीन के नागररक मामलों के मंत्रालय ने 14 ऄप्रैल को घोषणा की कक आसने 'दवक्षण वतलबत’ में चीनी िणों (Chinese characters),
वतलबती और रोमन िणगमाला में छह स्थानों के नामों को मानकीकृ त ककया है। चीन 'ऄरुणाचल प्रदेश' को 'दवक्षण वतलबत’ कहता है।
रोमन िणगमाला का ईपयोग करके छह स्थानों के अवधकाररक नाम िोगनीहलग, वमला री, क् ओओआडएन्गबोरी, मेनक्वाका, लयूमो ला
और नमकापुब री (Wo’gyainling, Mila Ri, QoidêngarboRi, Mainquka, Bümo La and Namkapub Ri) हैं।
भारत की प्रवतकक्रया
भारत ने आस कायगिाही को ऄस्िीकृ त कर कदया। भारत का कहना है कक ऄपने पड़ोसी देश के कस्बों को नए नाम देना ऄिैध प्रादेवशक
दािों को िैध नह बनाता।
चीन-भारत सीमा को सामान्यतः तीन क्षेत्रों में बांटा गया है: (i) पविमी क्षेत्र, (ii) मध्य क्षेत्र, और (iii) पूिी क्षेत्र।
पविमी क्षेत्र
पविमी क्षेत्र में चीन के साथ 2152 ककमी लंबी भारतीय सीमा है। यह सीमा जम्मू और कश्मीर तथा चीन के हझवजयांग (वसक्यांग) प्रांत के
बीच है।
ऄक्साइ वचन
ऄक्साइ वचन पर क्षेत्रीय वििाद की जड़ें वब्ररटश साम्राज्य की ऄपने भारतीय ईपवनिेश और चीन के बीच कानूनी सीमा की स्पष्ट
व्याख्या न करने की विफलता में वनवहत हैं।
वब्ररटश राज के दौरान भारत और चीन के बीच दो सीमाएं प्रस्तावित की गइ थ - जॉनसन लाआन (Johnson’s Line) और
मैकडॉनार्लड लाआन (McDonald Line)
जॉनसन लाआन, ऄक्साइ वचन को भारतीय वनयंत्रण में प्रदर्थशत करती है जबकक मैकडॉनार्लड लाआन आसे चीन के वनयंत्रण में प्रदर्थशत
करती है।
भारत चीन के साथ ऄंतरागष्ट्रीय सीमा के रूप में जॉनसन लाआन को सही मानता है जबकक दूसरी ओर, चीन मैकडॉनर्लड लाआन को
भारत-चीन के मध्य ऄंतरागष्ट्रीय सीमा रे खा मानता है।
भारतीय-प्रशावसत क्षेत्रों को ऄक्साइ वचन से ऄलग करने िाली रे खा को िास्तविक वनयंत्रण रे खा (लाआन ऑफ़ एक्चुऄल कं रोल: LAC)
के रूप में जाना जाता है और यह रे खा चीन द्वारा दािा की जाने िाली ऄक्साइ वचन सीमा रे खा के साथ समिती है।
मध्य क्षेत्र
मध्य क्षेत्र में लगभग 625 ककलोमीटर लंबी सीमा रे खा लद्दाख से नेपाल तक जलविभाजक (िाटरशेड) के साथ-साथ चलती है। आस
सीमा रे खा पर भारत के वहमाचल प्रदेश और ईत्तराखंड राज्य, वतलबत (चीन) के साथ लगते हैं।
पूिी क्षेत्र
पूिी क्षेत्र में सीमा रे खा 1,140 ककमी लंबी है तथा यह भूटान की पूिी सीमा से लेकर भारत, वतलबत और म्यांमार के वमलन हबदु,
तालू दराग के पास तक विस्तृत है। आस सीमा रे खा को मैकमोहन रे खा (हेनरी मैकमोहन के नाम पर) कहते हैं। हेनरी मैकमोहन एक
वब्ररटश प्रवतवनवध थे वजन्होंने 1913-14 के वशमला कन्िेंशन पर हस्ताक्षर ककए थे।
2.3. भारत-पाककस्तान
(India-Pakistan)
संयुक्त राष्ट्र संघ संयुक्त राष्ट्र का अवधकाररक न्यायालय, वजसे सामान्यतः "विश्व स्ितंत्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद से मामलों
से सम्बन्ध के रे फरल प्राि कर सकता हैं। संयुक्त राष्ट्र की
न्यायालय" कहा जाता है।
कारग िाइ या रे फरल के वबना ऄवभयोजन शुरू
कर सकता हैं।
विषय िस्तु संप्रभुता, सीमा वििाद, समुद्री वििाद, व्यापार, प्राकृ वतक संसाधन, नरसंहार, मानिता के विरुद् ऄपराध, युद्
मानिावधकार, संवध के ईर्ललंघन, संवध व्याख्या तथा ऄनेक ऄन्य ऄपराध, अक्रामकता के ऄपराध
मामले।
प्रावधकृ त करने ऄनुछछेद 93 के तहत, जो राज्य UN चाटगर का समथगन करते हैं ICJ रोम संविवध (भारत ने रोम संविवध पर
िाली विवधक हस्ताक्षर नह ककया है)
संविवध के भागीदार बन जाते हैं।
प्रकक्रया
गैर-संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य भी ICJ संविवध का समथगन करके ICJ
में भागीदार बन सकते हैं।
प्रत्येक राज्य को सुवनवित समझौते, घोषणा या संवध ईपबंध के
ऄनुसार ककसी भी वििादास्पद मामले को सहमवत प्रदान करनी होगी।
(India-Sri Lanka)
सुर्थख़यों में क्यों?
प्रधानमंत्री नरें द्र मोदी ने कोलंबो में होने िाले UN िेसाक डे (UN Vesak day) समारोह में भाग लेने के वलए श्रीलंका का दौरा ककया।
आस यात्रा की मुख्य विशेषताएं
प्रधानमंत्री ने कहा कक िेसाक डे की थीम “सोशल जवस्टस एंड सस्टेनब
े ल िर्लडग पीस” बुद् की वशक्षाओं से गहराइ से सम्बद् हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत की सहायता से बने वडकोया हॉवस्पटल का ईद्घाटन ककया।
ईन्होंने श्रीलंका में भारतीय मूल के तवमलों की भािना का स्िागत करते हुए अतंररक क्षेत्रों में 10,000 ऄवतररक्त घरों के वनमागण तथा
आमरजेंसी एम्बुलेंस सर्थिस का विस्तार करने की घोषणा की।
िेसाक क्या है?
िेसाक (हसहली), िेसाखा (पाली), िैसाखा (संस्कृ त) श्रीलंका के पारं पररक चंद्र कै लेंडर (लूनर कै लेंडर) में दूसरे महीने के वलए आस्तेमाल
ककया जाने िाले नाम है। यह ग्रेगोरीयन कै लेंडर (सोलर कै लेंडर) के मइ महीने के ऄनुरूप है।
िेसाक महीने में पूर्थणमा के कदन राजकु मार वसद्ाथग का जन्म हुअ, िे बुद् हुए और कफर ईन्होंने महापररवनिागण प्राि ककया।
िेसाक बौद् आवतहास के तीन महत्िपूणग स्थानों से सम्बद् है; ये स्थान हैं- राजकु मार वसद्ाथग का जन्मस्थान नेपाल में लुवम्बनी; भारत
के वबहार में वस्थत बोधगया (बुद् गया), जहााँ बुद् ने एक बोवध िृक्ष के नीचे ज्ञान प्राि ककया और भारत के ही ईत्तर प्रदेश में
कु शीनगर (कु सीनारा) है, जहां बुद् ने महापररवनिागण प्राि ककया।
यूनाआटे ड नेशन्स आं टरनेशनल डे ऑफ़ िेसाक
आं टरनेशनल डे ऑफ़ िेसाक, UN द्वारा िषग 1999 में घोवषत ककया गया एक राष्ट्रीय ऄिकाश है। आस हेतु प्रस्ताि श्रीलंका द्वारा पेश ककया
गया था। िषग 2017 में, यूनाआटेड नेशन्स आं टरनेशनल डे ऑफ़ िेसाक का अयोजन श्रीलंका ने ककया। आसका विषय (थीम) "बुवद्स्ट टीहचग्स
फॉर सोशल जवस्टस एंड सस्टेनब
े ल िर्लडग पीस” (Buddhist Teachings for Social Justice and Sustainable World Peace)
था।
(India-Turkey)
सुर्थख़यों में क्यों?
तुकी के राष्ट्रपवत रे सेप तवययप एरदोगन ने भारत की राजकीय यात्रा की। तुकी के राष्ट्रपवत के रूप में यह एरदोगन की पहली यात्रा थी।
यात्रा के प्रमुख वबन्दु
प्रधानमंत्री मोदी और तुकी के राष्ट्रपवत की ऄध्यक्षता में संपन्न प्रवतवनवधमंडल-स्तरीय िाताग के ईपरांत भारत और तुकी ने 3 समझौतों पर
हस्ताक्षर ककए।
िषग 2017-2020 के वलए सांस्कृ वतक विवनमय (cultural exchange) कायगक्रम संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर ककए गए।
फॉरे न सर्थिस आं स्टीट्डूट ऑफ़ आवण्डया एिं वडप्लोमेसी ऄके डोमी ऑफ़ तुकी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ककए गए।
सूचना और संचार प्रौद्योवगकी के क्षेत्र में सहयोग के सन्दभग में एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ककये गए I
दोनों देश वद्वपक्षीय व्यापार को ितगमान के 6.5 वबवलयन डॉलर से बढ़ाकर 2020 तक 10 वबवलयन डॉलर करने के वलए सहमत हो
गए हैं। दोनों पक्ष सूचना प्रौद्योवगकी, औषध (फामागस्यूरटकर्लस), स्िास्थ्य और पयगटन के क्षेत्रों में सहयोग पर भी सहमत हुए हैं।
वद्वपक्षीय संबध
ं
भारत-तुकी का संबंध कइ शतावलदयों पुराना है: मुगल शासकों एिं तुकग साम्राज्य के सुर्लतानों द्वारा कू टनीवतक वमशनों का अदान-प्रदान
ककया गया। यहााँ के प्रवसद् कवि रूमी एिं सूफी अंदोलन ने भवक्त और सूफ़ी अंदोलन के वप्रत सरल सहकक्रयता का प्रदशगन ककया है। 20ि
शतालदी में भारत के स्ितंत्रता सेनावनयों ने तुकी के स्ितंत्रता अंदोलन का समथगन ककया था।
दोनों देशों के बीच लगभग 6.5 वबवलयन डॉलर का व्यापार होता है, लेककन यह भारत के पक्ष में ऄवधक है।
तुकी की कम्पवनयों ने लगभग 212 वमवलयन यू.एस.डॉलर का वनिेश ककया है जबकक तुकी में भारतीय वनिेश लगभग 100 वमवलयन
यू.एस.डॉलर है।
2.5.1. तु की का जनमत सं ग्र ह
(Turkey Referendum)
सुर्थख़यों में क्यों?
तुकी के संविधान में प्रस्तावित संशोधन स्िीकार ककया जाना चावहए या नह आस पर ऄप्रैल में तुकी में संिैधावनक जनमत संग्रह कराया
गया।
तुकी के राष्ट्रपवत की शवक्तयों में िृवद् करने िाला प्रारूप संविधान मात्र 51% से कु छ ऄवधक मतों के कम ऄंतर से स्िीकृ त हुअ।
संविधान में ककए गए महत्िपूणग पररितगन
जनमत संग्रह से पहले संविधान जनमत संग्रह के बाद संविधान
संसदीय शासन प्रणाली ऄध्यक्षात्मक शासन प्रणाली
राष्ट्रपवत के पास प्रतीकात्मक शवक्तयां हैं।प्रधान मंत्री गणराज्य का राष्ट्रपवत राज्य का प्रमुख होगा। कायगकारी शवक्त का ईपयोग
और सरकार सकक्रय वनिागहक//वनष्पादक हैं राष्रपवत द्वारा ककया जाएगा। िह ईपराष्रपवतयों और मंवत्रयों को वनयुक्त और
पदमुक्त करे गा।
राष्ट्रपवत ककसी भी राजनीवतक दल से सम्बद् नह होता राष्ट्रपवत राजनीवतक दल का सदस्य हो सकता है
है और ककसी भी पाटी का नेता नह हो सकता है
तुकी की ग्रैंड नेशनल ऄसेंबली के चुनाि हर चार साल नेशनल ऄसेंबली और राष्ट्रपवत पद के चुनाि हर पांच साल पर और एक साथ
पर अयोवजत ककए जाते हैं। अयोवजत ककए जाएंगे।
2.6. भारत-साआप्रस
(India-Cyprus)
साआप्रस गणराज्य के राष्ट्रपवत, वनकोस ऄनास्तासीड्स ने 25-29 ऄप्रैल,
2017 के बीच भारत की अवधकाररक यात्रा की।
साआप्रस के बारे में
यह पूिी भूमध्य सागर क्षेत्र में एक द्वीपीय देश है एिं भूमध्य सागर
में तीसरा सबसे बड़ा और तीसरा सिागवधक जनसंख्या िाला द्वीप
है।
यह 1974 के बाद से विभावजत रहा है जब द्वीप पर एथेंस सरकार
द्वारा समर्थथत सैन्य तख्तापलट की प्रवतकक्रया में तुकी ने ईत्तरी
भाग पर अक्रमण ककया।
यह द्वीप प्रभािी रूप से दो भागों में विभावजत हो गया था, वजसके
(India-Australia)
सुर्थख़यों में क्यों?
ऑस्रेवलयाइ प्रधानमंत्री मैर्लकम टनगबुल ने भारत की अवधकाररक यात्रा की।
वद्वपक्षीय संबध
ं
कॉम्प्रीहेवन्सि आकॉनोवमक कोऑपरे शन एग्रीमेंट (CECA)
व्यापार और वनिेश संबंधों को बढ़ाने के वलए CECA के कायागन्ियन को तीव्र करने के प्रयास में भारत और ऑस्रेवलया ने शीघ्र ही आस
पर िातागओं के ऄगले दौर के अयोजन का वनणगय ककया है।
प्रस्तावित भारत-ऑस्रेवलया कॉम्प्रीहेवन्सि आकॉनोवमक कोऑपरे शन एग्रीमेंट पर िातागएं मइ 2011 में अरम्भ हुईंI आनका ईद्देश्य
वद्वपक्षीय वनिेश एिं िस्तुओं और सेिाओं में व्यापार का मागग प्रशस्त करना था। ऄब तक िाताग के नौ दौर अयोवजत ककए गए हैं
वजनमें से ऄंवतम दौर वसतंबर 2015 में अयोवजत ककया गया था।
भारत-ऑस्रेवलया परमाणु समझौता
भारत और ऑस्रेवलया ने वसतंबर 2014 में नागररक परमाणु समझौते (civil nuclear deal) पर हस्ताक्षर ककए थे
ऑस्रेवलयाइ संसद ने भारत के वलए यूरेवनयम की अपूर्थत हेतु कानून को 2016 में ऄनुमवत प्रदान कर दी थी और ऄब आसके वलए
''िावणवज्यक िातागएं'' जारी हैं।
विश्व के यूरेवनयम भंडारों का लगभग 40 प्रवतशत ऑस्रेवलया में है एिं यह िार्थषक रूप से लगभग 7,000 टन येलो के क (yellow
cake) का वनयागत करता है।
आस यात्रा के प्रमुख वबन्दु
भारत और ऑस्रेवलया ने 6 समझौतों पर हस्ताक्षर ककए
ऄंतरराष्ट्रीय अतंकिाद एिं ऄंतरराष्ट्रीय संगरठत ऄपराध का सामना।
नागररक ईड्डयन सुरक्षा में सहयोग।
पयागिरण, जलिायु और िन्य जीिन।
खेलों के क्षेत्र में सहयोग।
भू-प्रेक्षण और सैटेलाआट नेविगेशन में सहयोग पर आसरो (ISRO) और वजयोसांआस ऑस्रेवलया के बीच कायागन्ियन व्यिस्था।
(India-Palestine)
सुर्थख़यों में क्यों?
कफवलस्तीनी राष्ट्रपवत महमूद ऄलबास ने हाल ही में भारत का दौरा
ककया।
आस यात्रा की मुख्य विशेषताएं
कफवलस्तीन के वलए "राजनीवतक समथगन":
भारत ने कफवलस्तीन के मुद्दे के राजनीवतक समाधान के वलए
ऄपने समथगन की पुवष्ट की।
प्रधानमंत्री ने कहा कक भारत एक सािगभौम, स्ितंत्र, एकीकृ त और
सक्षम कफवलस्तीन की ईम्मीद करता है, जो आज़राआल के साथ
शांवतपूिगक रहे।
(INDIA-EU)
सुर्थख़यों में क्यों?
यूरोपीय संघ के विदेश नीवत के प्रमुख फे डेररका मोघेररनी ने भारत की अवधकाररक यात्रा की।
आस यात्रा के मुख्य वबन्दु
23 www.visionias.in ©Vision IAS
यूरोपीय संघ (EU) और भारत ने समुद्री सुरक्षा, व्यापार, उजाग और पयागिरण जैसे कइ क्षेत्रों में सहयोग के प्रवत सहमवत हयक्त करते
हुए अतंक विरोधी सहयोग को और ऄवधक बढ़ाने का संकर्लप ककया।
वद्वपक्षीय वनिेश समझौते:
कइ यूरोपीय देशों के साथ भारत के वद्वपक्षीय वनिेश समझौतों की ऄिवध समाप्त हो रही है और आसे ई्धृत करते हुए, यूरोपीय संघ
द्वारा EU-आं वडया ब्रॉड-बेस्ड रेड एंड आन्िेस्टमेंट एग्रीमेंट (BTIA) नामक मुक्त व्यापार समझौते की कदशा में बढ़ने के वलए जोर दे रहा
है।
यूरोपीय संघ आस तकग के अधार पर समाप्त हो रहे वनिेश समझौतों को छह महीने तक और विस्ताररत करने हेतु भी भारत पर जोर
देता रहा है कक संवधयों का ऄभाि व्यापार संबंधों और मुक्त व्यापार समझौते की िातागओं पर प्रवतकू ल प्रभाि डाल सकता है।
भारत वद्वपक्षीय वनिेश संवध (BIT) के नए मसौदे के अधार पर आन समझौतों पर पुन: िाताग करना चाहता है।
वद्वपक्षीय वनिेश संवध (BIT) मॉडल में सिागवधक वििादास्पद मुद्दा आन्िेस्टर-स्टेट वडस्प्यूट सेटलमेंट मैकेवनज्म है ,क्योंकक यह कं पवनयों
को सभी घरे लू विकर्लप समाि होने पर ही ऄंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता हेतु प्रयास करने की ऄनुमवत देता है।
कराधान (taxation) को वद्वपक्षीय वनिेश संवध (BIT) की पररवध से हटाने की भी विदेशी भागीदारों द्वारा अलोचना की जा रही है।
EU-आं वडया ब्रॉड-बेस्ड रे ड एंड आन्िेस्टमेंट एग्रीमेंट (BTIA)
जून 2007 में शुरू की गइ आन समझौता-िातागओं ने कइ बाधाओं का सामना ककया है क्योंकक दोनों पक्षों में महत्िपूणग मुद्दों पर मतभेद
हैं। BTIA िातागएं मइ 2013 के बाद से स्थवगत हैं।
दोनों पक्षों को ऄभी भी टैररफ एिं प्रोफे शनर्लस के अिागमन संबंधी मुद्दों पर मतभेदों को समाप्त करना बाकी है।
ऑटोमोबाआल क्षेत्र में शुर्लक में पयागि कटौती की मांग के ऄवतररक्त EU ,शराब, वस्पररट और डेयरी ईत्पादों में करों में कमी तथा
मजबूत बौवद्क संपदा व्यिस्था चाहता है।
दूसरी ओर, भारत EU द्वारा 'डेटा वसक्योर नेशन' का दजाग प्रदान करने की मांग कर रहा है।
यह मामला महत्िपूणग है, क्योंकक बाजार ईपललधता प्राप्त करने हेतु आछछु क भारतीय सूचना प्रौद्योवगकी कम्पवनयों पर आसका प्रभाि
पड़ेगा।
2.11. आं वडयन ओशन ररम एसोवसएशन
(ITI-DKD-Y Corridor)
सुर्थख़यों में क्यों?
आं वडयन रे लिे ढाका से आस्तांबुल तक एक पार-महाद्वीपीय मालगाड़ी (रांस-कॉवन्टनेंटल कं टेनर रेन) हेतु रे लिे रैक वबछाने की योजना बना
रहा है। यह रेन बांग्लादेश, भारत, पाककस्तान, इरान से होते हुए तुकी तक पहुंचेगी तथा 6,000 ककलोमीटर की दूरी तय करते हुए हजारों
टन माल की सप्लाइ करे गी।
भारत की बांग्लादेश और पाककस्तान के साथ रे ल कनेवक्टविटी पहले से ही विद्यमान है। लेककन आस हलके ज को आस्तांबुल (तुकी) तक
बढ़ाने का प्रस्ताि है।
प्रस्तावित "रांस-एवशयन रे लिे (TAR)" या "ITI-DKD" (आस्तांबुल-तेहरान-आस्लामाबाद, कदर्लली-कोलकाता-ढाका) कॉररडोर 6,000
ककलोमीटर लंबा होगा। आस कॉररडोर में ढाका-कोलकाता-कदर्लली-ऄमृतसर-लाहौर- आस्लामाबाद-ज़ाहेदान-तेहरान-आस्तांबुल शावमल
होंगे।
आस कॉररडोर को यांगून (म्यांमार) तक बढ़ाने का भी एक प्रस्ताि प्रस्तुत ककया गया है। आस प्रकार, "ITI-DKD-Y" कॉररडोर विश्व के
प्रमुख आं टरनेशनल रे ल कॉररडोसग में से एक बन सकता है।
आन देशों की राजधावनयों को जोड़ने िाले सामररक मागग के संभाव्यता ऄध्ययन यूनाआटेड नेशन्स आकॉनोवमक एंड सोशल कमीशन फॉर
एवशया एंड द पैवसकफ़क (UNESCAP) द्वारा ककये गए। ये ऄध्ययन सम्पूणग यूरोप और एवशया में आं टीग्रेटेड फ्रेट नेटिकग हेतु रांस-
एवशयन रे लिे (TAR) प्रोजेक्ट के एक भाग के रूप में ककये गए है।
(TIR Convention)
TIR कानेट्स (TIR कन्िेंशन) के तहत कस्टम्स कन्िेंशन ऑन आं टरनेशनल रांसपोटग ऑफ़ गुड्स (Customs Convention on
International Transport of Goods) में भारत के प्रिेश तथा ऄनुसमथगन हेतु अिश्यक प्रकक्रयाएं पूरी करने के वलए कें द्रीय मंवत्रमंडल
ने ऄपनी मंजूरी दे दी है।
TIR के बारे में
यूनाआटेड नेशंस आकोनॉवमक कमीशन फॉर यूरोप के तत्िािधान में TIR कानेट्स (TIR कन्िेंशन) के तहत कस्टम्स कन्िेंशन ऑन
आं टरनेशनल रांसपोटग ऑफ़ गुड्स एक आं टरनेशनल रांवजट वसस्टम है। आसके ऄंतगगत कन्िेंशन के पक्षकार देशों के मध्य िस्तुओं के वनबागध
अिागमन की सुविधा प्रदान की गयी है।
भारत आस आं टरनेशनल रांवजट वसस्टम का 71िां हस्ताक्षरकताग देश होगा।
भारत से पहले TIR पर हस्ताक्षर करने िाले दो देश पाककस्तान (2015) और चीन (2016) हैं।
TIR कन्िेंशन, आं टरनेशनल "नाथग-साईथ" रांसपोटग कॉररडोर (International "North-South" Transport (INSTC) Corridor)
के समानांतर िस्तुओं के अिागमन का एक माध्यम हो सकता है I यह इरान के बंदरगाहों विशेषकर चाबहार बन्दरगाह का ईपयोग
(UN-Habitat)
सुर्थख़यों में क्यों?
भारत को सिगसम्मवत से UN-हैवबटेट के ऄध्यक्ष के रूप में चुना गया है। UN-हैवबटेट संयुक्त राष्ट्र का एक ऄंग है। यह समग्र विश्व में स्थायी
मानिीय बवस्तयों के वनमागण को बढ़ािा दे रहा है।
भारत की ओर से, अिास और शहरी गरीबी ईन्मूलन मंत्री ऄगले दो िषों के वलए UN-हैवबटेट के गिर्ननग काईं वसल (GC) की बैठकों
की ऄध्यक्षता करें गे। UN-हैवबटेट की गिर्ननग काईं वसल के सदस्यों की संख्या 58 है।
िषग 1978 में UN-हैवबटेट की स्थापना की गइ। िषग 1988 और िषग 2007 के बाद यह तीसरा मौक़ा है जब भारत को आस संगठन का
नेतृत्ि करने के वलए चुना गया है।
UN-हैवबटेट के बारे में:
द यूनाआटेड नेशन्स ह्यूमन सेटलमेंटस प्रोग्राम (UN-हेवबटेट) मानि बवस्तयों और सतत शहरी विकास के वलए UN एजेंसी है।
आसकी स्थापना िषग 1976 में कनाडा के िैंकूिर में ह्यूमन सेटलमेंट एंड सस्टेनब
े ल ऄबगन डेिलपमेंट (हैवबटैट -I) पर अयोवजत हुए
पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पररणामस्िरुप की गइ थी।
UN-हैवबटेट का मुख्यालय नैरोबी, के न्या में संयुक्त राष्ट्र के कायागलय में ही वस्थत है।
आसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सभी के वलए पयागि अिास ईपललध कराने के लक्ष्य के साथ-साथ सामावजक और पयागिरण की दृवष्ट
से स्थावयत्िपूणग कस्बो और शहरों को बढ़ािा देने के वलए ऄवधदेश (मेंडेट) प्रदान ककया गया है।
यह यूनाआटेड नेशन डेिलपमेंट ग्रुप का सदस्य है।
UN-हैवबटेट को ऄवधदेश (मेंडेट) िषग 1996 में आस्तांबुल, टकी में हुए यूनाआटे ड नेशन्स कांफ्रेंस ऑन ह्यूमन सेटलमेंट (हैवबटैट II) द्वारा
ऄपनाए गए हेवबटेट एजेंडा से प्राि होता है।
2.23. NATO की सदस्यता हे तु मोंटे ने ग्रो का प्रयास
(Belmont forum)
भारत सरकार ने बेर्लमोंट फोरम सेकक्रटेरीएट को समथगन करने हेतु ऄपनी मंजूरी दे दी है ।
बेर्लमोंट फोरम के सम्बन्ध में:
2009 में ग्लोबल एनिायरन्मेंटल चेंज ररसचग तथा आं टरनेशनल साआं स काईं वसर्लस के प्रमुख और ईभरते वित्त पोषकों (Funders) के
एक ईच्च स्तरीय समूह के रूप में आसे स्थावपत ककया गया था।
(Miscellaneous Titbits)
एल सर्लिाडोर, पयागिरण संरक्षण के वलए धातुओं के खनन (ऄन्िेषण, दोहन, वनष्कषगण तथा प्रसंस्करण) पर प्रवतबंध लगाने िाला
पहला देश बन गया है।
हाल ही में रूस ने ऄफगावनस्तान में ग्लोबल पीस कांफ्रेंस की मेजबानी की। आस कांफ्रेंस में ऄफगावनस्तान में संघषग समाि करने एिं
स्थाइ शांवत स्थावपत करने के तरीकों पर चचाग की गइ। आस में भाग लेने हेतु रूस ने इरान, पाककस्तान, भारत, चीन और पांच मध्य
एवशयाइ देशों को अमंवत्रत ककया। संयुक्त राज्य ऄमेररका आस कांफ्रेंस का वहस्सा नह है I
फ्री सीररयन अमी (FSA) विद्रोवहयों का समथगन करने, ISIL लड़ाकु ओं को ऄपनी सीमा से दूर रखने और कु र्ददश वमवलवशया
लड़ाकु ओं की ऄगुिाइ को रोकने के वलए टकी द्वारा ऑपरे शन युफ्रेट्स शीर्लड शुरू ककया गया।
हाल ही में, नेपाल और चीन द्वारा नेपाल के महाराजगंज में पहला सैन्य ऄभ्यास सागरमाथा फ्रेंडवशप - 2017 के नाम से अयोवजत
ककया गया।
राष्ट्रमंडल द्वारा सदस्य देशों में घरे लू हहसा से ऄसमान रूप से प्रभावित मवहलाओं की समस्या से वनपटने के वलए पीस आन द होम
प्रोग्राम की शुरुअत की गइ।
शाहपुर कं डी बांध : पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने रुकी हुइ शाहपुर कं डी बांध पररयोजना पर पुनः कायग शुरू करने पर सहमवत जताइ
है। यह बााँध रािी नदी पर बनाया जाएगा। यह ईच्च गुरुत्ि िाला बााँध पंजाब और जम्मू -कश्मीर को विद्युत ईत्पादन के ऄवतररक्त
हसचाइ सुविधा प्रदान करने में मदद करे गा। आसके साथ ही यह हसधु जल संवध के ऄंतगगत भारत को आस बेवसन की पूिी नकदयों पर
ऄपने ऄवधकारों का प्रयोग करने में भी सहायता प्रदान करे गा।
ररपोटगसग विदाईट बॉडगसग (RWB) एक ऄंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी संगठन है। यह प्रेस की स्ितंत्रता और सूचना की
स्ितंत्रता को बढ़ािा देता है। आस संगठन द्वारा प्रत्येक िषग िर्लडग प्रेस फ्रीडम आं डेक्स प्रकावशत की जाती है। यह आं डेक्स कु ल 180 देशों
को ईनके यहााँ पत्रकारों को ईपललध स्ितंत्रता के अधार पर रैं क प्रदान करता है। िषग 2017 में िर्लडग प्रेस फ्रीडम आं डेक्स में भारत की
रैं ककग तीन स्थान नीचे वखसक कर 136िें पायदान पर पहुाँच गइ है।
GAAR के ऄियि
GAAR वनयमों / रूपरे खाओं का एक ऐसा समुच्चय है जो राजस्ि
ऄवधकाररयों की यह वनधागररत करने में सहायता करता है:
कक क्या ककसी विशेष लेनदेन में िावणवज्यक सामग्री है या नह
िास्तविक लेनदेन से जुड़ा कर दावयत्ि।
यह सरकार को स्थानीय पररसंपवत्तयों से संबंवधत विदेश में हुए सौदों
पर कर लगाने की ऄनुमवत देता है।
GAAR के प्रािधान ईन लोगों पर लागू होंगे जो 3 करोड़ रुपये से
ऄवधक के कर लाभ का दािा करते हैं।
छू टें:
यकद वलवमट्स ऑफ़ बेवनकफट (LOB) क्लॉज़ पयागि रूप से कर
पररहार को ऄपने में शावमल करती है, तो GAAR का प्रािधान लागू
नह होगा।
न्यायालय द्वारा स्िीकृ त व्यिस्था GAAR से बाहर रखी जाएगी।
यकद प्रावधकरण द्वारा ऄवग्रम वनयमों के वलए व्यिस्था की ऄनुमवत दी जाती है, तो GAAR लागू नह होगा।
चुनौवतयां
GAAR के संबंध में राजस्ि ऄवधकाररयों की शवक्तयां और ईत्तरदावयत्ि ऄभी भी ऄपररभावषत हैं और आससे िैध कर वनयोजन का
ईत्पीड़न हो सकता है।
कर शमन और कर पररहार पद्वतयों के बीच ऄंतर करने में व्यवक्तपरकता है।
3.3. अधार पे
(Aadhaar Pay)
सुर्थख़यों में क्यों?
सरकार ने सभी PSBs से ऄनुरोध ककया है कक िे अधार पे (व्यापाररयों के वलए एक वडवजटल भुगतान मंच) के साथ लाआि जुड़
जाएं।
(Government e-Marketplace)
सरकार ने एक स्पेशल पपगस िीआकल वजसे गिनगमटें इ- माके टप्लेस (GeM SPV) भी कहा जाता है, को नेशनल पवललक प्रोक्योरमेंट
पोटगल के रूप में स्थावपत ककए जाने की स्िीकृ वत प्रदान की है। आसे कं पनी ऄवधवनयम, 2013 के तहत " गैर-लाभकारी कं पनी" के रूप
में पंजीकृ त ककया गया है।
यह के न्द्र और राज्य सरकार के संगठनों को अिश्यक िस्तुओं और सेिाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करे गा।
सप्लाय एंड वडस्पोजल के डायरे क्टोरे ट जनरल को GeM द्वारा प्रवतस्थावपत ककया जाएगा।
(Voluntary Unemployment)
सुर्थख़यों में क्यों?
हाल ही में, नीवत अयोग के सदस्य वबबेक देबरॉय ने पूरे देश में स्िैवछछक बेरोजगारी में एक नाटकीय िृवद् का संकेत कदया है।
स्िैवछछक रोजगार
NSSO वनम्नवलवखत तीन व्यापक एवक्टविटी स्टेटस को पररभावषत करता है -
कायगरत / वनयोवजत (एक अर्थथक गवतविवध में संलग्न)
कायग की तलाश या कायग के वलए ईपललध ऄथागत 'बेरोजगार'
न तो कायग की तलाश करना न कायग के वलए ईपललध होना।
पृष्ठभूवम
परम्परागत रूप से तरलता (liquidity), गुणित्ता परीक्षण (testing) और वडलीिरी के अश्वासन की कमी ने छोटे ककसानों और
संस्थागत व्यापाररयों को कमोवडटी बाज़ार से दूर रखा हैI
CDSL तथा NCDEX को ररपोवजटरी लाआसेंस की ऄनुमवत प्रदान करना और कमोवडटी ऑप्शन की सुविधा ईपललध कराने के संबध
ं
में SEBI के प्रस्ताि आस सन्दभग में सकारात्मक लक्षण हैंI
ितगमान में एक ककसान ऄपने ईत्पाद को पहले एक प्रमावणत िेयरहाईस में ले जाता है और ईसके ईपरांत िह एक विवशष्ट पहचान
(ISIN) िाली एक विवनमेय (negotiable) िेयरहाईस ररसीप्ट (रसीद) प्राि करता हैI
(Commercialisation of GM Mustard)
सुर्थख़यों में क्यों ?
जेनेरटक आं जीवनयररग ऄप्रेज़ल कवमटी (Genetic Engineering Appraisal Committee: GEAC) ने कु छ शतों के ऄधीन 4 िषों
के वलए GM सरसों के िावणवज्यक आस्तेमाल के वलए एक सकारात्मक ऄनुशंसा दे दी है।
भारत ने ऄब तक के िल एक गैर खाद्य फसल GM कपास, को ऄनुमवत दी है। नीवत अयोग ने हाल ही में , ऄपने तीन िषीय मसौदा
कायग योजना (three-year draft action plan) में GM खाद्य फसलों का भी समथगन ककया है।
भारत अयावतत खाद्य तेल पर लगभग 12 वबवलयन डॉलर का व्यय करता हैI जनसंख्या एिं प्रवत व्यवक्त अय के बढ़ने के साथ आस
व्यय में भी िृवद् होगी ।
2010 में, GEAC ने बीटी बैंगन के िावणज्यीकरण की भी मंजूरी दी थी। हालांकक, ईसके बाद व्यापक विरोध के चलते पयागिरण
मंत्री ने आस प्रस्ताि पर हस्ताक्षर करने से आं कार कर कदया। ितगमान में सिोच्च न्यायालय के समक्ष आस सन्दभग में एक मामला लंवबत है।
3.15. नीली क्रां वत
(Blue Revolution)
सुर्थख़यों में क्यों ?
सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में भारत की क्षमता के दोहन के वलए एकीकृ त दृवष्टकोण अधाररत 'नीली क्रांवत' नाम के एक कायगक्रम की
पररकर्लपना की है।
नीली क्रांवत
तकनीकी ऄथग में नीली क्रांवत का ऄथग मत्स्य पालन के एकीकृ त विकास और प्रबंधन से है।
व्यापक ऄथग में, नीली क्रांवत के ऄंतगगत ऄब ऄिसंरचना विकास और तटीय समुदायों के वलए अजीविका सृजन को भी सवम्मवलत
ककया जाता है।
3.19. राष्ट्रीय कृ वष विकास योजना (RKVY) के ऄं त गग त सृ वजत पररसं प वत्तयों की वजयो -टै हगग
फ्यूल युरेवनयम डाआ युरेवनयम डाआ UO2 या मेटल प्लुटोवनयम डाआ अक्साआड ओर UO2
अक्साआड अक्साआड (UO2) ऄलग कम्बीनेशन के साथ
IRCTC
यह एक सािगजवनक क्षेत्रक ईपक्रम (PSE) है वजसे 1999 में प्रारं भ ककया गया था।
यह वमनी रत्न श्रेणी 1 का PSE है।
आसके कायों में सवम्मवलत हैं::
स्टेशन पर, रे लगावड़यों में और ऄन्य स्थानों पर खान-पान और अवतथ्य सेिाओं का ईन्नयन और प्रबंधन।
बजट होटल, विशेष टू र पैकेज, सूचना और व्यािसावयक प्रचार और िैवश्वक अरक्षण प्रणाली का विकास।
रे ल यावत्रयों के वलए बोतलबंद पेयजल का विवनमागण।
(Coir Industry)
सुर्थख़यों में क्यों?
तवमलनाडु , के रल और कनागटक में नाररयल के खेतों में जल की व्यापक कमी के कारण आन भागों में कॉयर ईद्योग की ईपज में कमी
अइ है।
पृष्ठभूवम
कॉयर और कॉयर ईत्पादों के िैवश्वक ईत्पादन का लगभग 66% वहस्सा भारत का है।
भारत में के रल कॉयर ईद्योग के सन्दभग में सबसे बड़ा राज्य हैI कॉयर ईद्योग का भौगोवलक (geographical location) स्थान कच्चे
माल की ईपललधता (नाररयल) पर वनभगर करता है जो कनागटक, के रल, तवमलनाडु , अंध्र प्रदेश और ओवडशा जैसे राज्यों में ईपललध
है।
सरकार की पहल
कॉयर ईद्यमी योजना - पुनरुद्ार, अधुवनकीकरण और प्रौद्योवगकी ईन्नयन का नाम बदल कर कॉयर ईद्यमी योजना कर कदया गया है।
यह एक क्रेवडट हलक्ड सवलसडी योजना है जो 10 लाख तक की पररयोजना लागत के कॉयर यूवनट की स्थापना के वलए 40% सरकारी
सवलसडी, 55% बैंक लोन और 5 लाभाथी ऄंशदान प्रदान करती है। ककसी भी कोलेटरल वसक्यूररटी/थडग पाटी गारं टी की अिश्यकता
नह होती और आसमें अय की कोइ उपरी सीमा भी नह है।
यह सहायता व्यवक्तयों, कं पवनयों, स्ियं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों, सोसायटीज रवजस्रेशन एक्ट ,1860 के तहत गरठत
संस्थानों, सहकारी सवमवतयों, संयुक्त देयता समूहों और धमागथग रस्ट्स के तहत पंजीकृ त संस्थाओं को ईपललध है।
कॉयर बोडग
यह कॉयर ईद्योग ऄवधवनयम 1953 (Coir Industry Act 1953)के तहत विकवसत एक सांविवधक वनकाय है।
यह पंजीकरण और लाआसेंस के माध्यम से कॉयर के ईत्पादन और वितरण को वनयंवत्रत करता है।
यह ईद्योग के वलए मानकों को भी वनधागररत करता है।
यह कॉयर ईत्पादों के ईत्पादन के वलए सरकार का एक सलाहकार वनकाय है।
यह MSME मंत्रालय के ऄधीन कायग करता है।
(Technical Textiles)
सुर्थख़यों में क्यों?
टेक्नो-टेक्स 2017 का हाल ही में मुम्बइ में शुभारम्भ ककया गया वजसका मूल विषय था “टेकक्नकल टेक्सटाआर्लस : टू िाड्सग फ्यूचर”।
आसका अयोजन िस्त्र मंत्रालय और FICCI द्वारा ककया गया था
तकनीकी/ कायागत्मक िस्त्र
िस्त्रों का एक ऐसा समूह है, वजसका ईपयोग सौन्दयागत्मक ईद्देश्यों के वलए नह ऄवपतु ईसके व्यिहाररक या प्रयोजनमूलक गुणों के
वलए ककया जाता है।
ये बुने हुए या बुनाइ रवहत हो सकते हैं।
ईदहारण के वलए वजओ (Geo) िस्त्र पारगम्य िस्त्र होते हैं वजनका ईपयोग वमट्टी के साथ ककया जाता है और ईनमें पृथक्करण और
वनथारने की क्षमता होती है।
पृष्ठभूवम:
सरकार ने तकनीकी िस्त्रों के विकास और प्रगवत के वलए योजना (SGDTT) अरम्भ की थी (2007-2010), आसके तीन घटक थे:
तकनीकी िस्त्र ईद्योग का डाटाबेस बनाने के वलए अधाररक सिेक्षण।
अधारभूत ढांचा सहयोग के वलए ईत्कृ ष्टता के न्द्रों की स्थापना जैसे वजओ-िस्त्रों के वलए BTRA, कृ वष िस्त्रों के वलए SASMIRA,
सुरक्षात्मक िस्त्रों के वलए NITRA और वचककत्सा िस्त्रों के वलए SITRA
ईद्यवमयों के बीच जागरूकता ईत्पन्न करना।
आसके ईपरांत, तकनीकी िस्त्र ईद्योग पर ऄंकुश लगाने के वलए सरकार ने तकनीकी िस्त्रों पर तकनीकी वमशन (Technology
Mission on Technical Textiles) (2010-2014) का शुभारम्भ ककया। आसके दो वमनी वमशन हैं:
वमनी वमशन–I: मानकीकरण के वलए, सामान्य परीक्षण सुविधाएं बनाना, प्रोटोटाइप से स्िदेशी विकास और IT अधाररत संसाधन
कें द्र।
वमनी वमशन–II: यह घरे लू और वनयागत बाजार के विकास के वलए स्टाटग ऄप्स को सहायता, ऄनुबंध ऄनुसन्धान और ऄंतरागष्ट्रीय
प्रदशगवनयों में भाग लेने पर के वन्द्रत है।
सभी तकनीकी िस्त्र अधाररत मशीनरी को प्रौद्योवगकी ईन्नयन वनवध योजना के ऄंतगगत लाया गया है।
महत्त्ि:
तकनीकी िस्त्रों के ऄनेक लाभ हैं, जैसे:
कृ वष िस्त्रों का ईपयोग छाया करने एिं घास ि कीट वनयन्त्रण के वलए ककया जाता है।
पयागिरण सरं क्षण– वजओ िस्त्र जैसे बुनाइ रवहत थैलों में रे त भर कर भू-क्षरण को रोकने के वलए ईपयोग ककया जाता है।
मेवडटेक ईत्पादों के ईपयोगों में स्िछछता, व्यवक्तगत देखभाल और शर्लयवचककत्सा ऄनुप्रयोग सवम्मवलत हैं, ईदहारण के वलए डायपर
अकद।
औद्योवगक िस्त्रों का ईपयोग औद्योवगक ईत्पादों जैसे कफर्लटर, हप्रटेड सर्दकट बोडग (circuit boards) अकद।
तकनीकी िस्त्र वनयागत राजस्ि का एक सम्भावित स्रोत्र हो सकता है।
3.30.ऄिसं र चना सं बं धी वनधीयन
(Infrastructure Funding)
3.30.1. दीघाग ि वधक वित्त बैं क
(Long Term Finance Banks)
वनयम :
रेडमाकग दावखल करने में असानी (Ease of filing Trademarks)
रेड माकग फॉमग की संख्या 74 से कम करके 8 कर कदया गया है।
पंजीकरण अिेदन के ऄविलवम्बत प्रोसेहसग को पंजीकरण चरण तक बढ़ा कदया गया है। यह ऄभी तक के िल परीक्षा चरण तक मौजूद
था।
रेड माकग रवजस्री में दस्तािेजों की सर्थिहसग को असान बना कदया गया है।
रे डमाकग शुर्लक -
रेडमाकग से संबंवधत सभी फीस को तकग संगत ककया गया है।
रेडमाकग की इ-फाआहलग को बढ़ािा देने हेतु, ऑनलाआन फाइहलग करने की फीस को कफवजकल फाआहलग फीस से 10% कम कर कदया
गया है।
व्यवक्तयों (individuals) , स्टाटग-ऄप्स और लघु ईद्यमों के वलए शुर्लक को 4,500 रुपये तक घटा कदया गया है।
पहली बार प्रवसद् रेडमाकग (well-known trademarks) वनधागररत करने के वलए फ्रेमिकग शुरू ककये गए हैं।
िीवडयो कॉन्फ्रेंहसग के माध्यम से वििादों की सुनिाइ शुरू की गइ है।
पेंडेंसी को रोकने हेतु रे डमाकग कदए जाने के विपक्ष में होने िाली कायगिावहयों (Adjournments in opposition proceeding) को
ऄवधकतम दो बार तक सीवमत कर कदया गया है।
3.33. वबजने स ररफामग ऐक्शन प्लान 2017
एक ''नए कमगचारी'' को ऐसे कमगचारी के रूप में पररभावषत ककया जाता है वजसने कमगचारी भविष्य वनवध संगठन में पंजीकृ त ककसी भी
प्रवतष्ठान में कायग नह ककया हो ऄथिा वजसके पास पहले से ऄथागत 1 ऄप्रैल 2006 से पूिग सािगभौवमक खाता संख्या हो।
WIPO
WIPO बौवद्क संपदा सेिाओं, नीवत, सूचना और सहयोग के वलए एक िैवश्वक मंच है।
यह संयक्त
ु राष्ट्र की एक स्ि-वित्तपोवषत एजेंसी है। आसके 189 सदस्य देश हैं।
आसे 1967 में स्थावपत ककया गया और आसका मुख्यालय वजनेिा, वस्िट्जरलैंड में है।
CIPAM
CIPAM DIPP (औद्योवगक नीवत और संिधगन विभाग) के तहत बनाया गया एक पेशेिर वनकाय है।
आसे राष्ट्रीय बौवद्क संपदा ऄवधकार नीवत 2016 के कायागन्ियन का कायग सौंपा गया है।
आसका ईद्देश्य IPR (बौवद्क संपदा ऄवधकार) के बारे में जागरुकता फै लाना, सहजता से IPR दावखल करने को प्रोत्सावहत करना,
ऄन्िेषकों को IP पररसंपवत्तयों के व्यिसायीकरण के वलए एक मंच प्रदान करना है।
(Miscellaneous Titbits)
िर्लडग आकॉनोवमक वसचुएशंस एंड प्रोस्पेक्ट्स,संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गयी एक ररपोटग हैI हाल ही में आसके द्वारा यह ऄनुमान लगाया
गया है कक िषग 2017 में भारत की िृवद् दर 7.3% तथा िषग 2018 में 7.9% हो जाएगी। यह ररपोटग वनम्नवलवखत विभागों/संस्थानों
के संयुक्त प्रयास से तैयार की गयी है-
यूनाआटेड नेशन्स वडपाटगमेंट ऑफ़ आकॉनोवमक एंड सोशल ऄफे यसग (UN/DESA)
यूनाआटेड नेशन्स कांफ्रेंस ऑन रेड एंड डेिलपमेंट (UNCTAD)
फाआि यूनाआटेड नेशन्स रीजनल कवमशंस, आकॉनोवमक कवमशंस फॉर ऄफ्रीका,यूरोप,लैरटन ऄमेररका एंड द कै रे वबयन, एवशया एंड द
पेवसकफक (ESCAP) तथा पविमी एवशया I
जापान ने अवधकाररक रूप से जापान के बैंककग ऄवधवनयम में संशोधन करके वबटकॉआन जैसी कक्रप्टो (crypto) मुद्राओं को लीगल
टेंडर के रूप में मान्यता दी है।
एक्सेंचर के सहयोग से द ग्लोबल एनजी अर्दकटे क्चर परफॉरमेंस आं डेक्स तैयार ककया गया है।यह िर्लडग आकॉनोवमक फोरम की प्रणाली
का उजाग के भविष्य को अकार देने की एक पहल हैI आस आं डेक्स में भारत का 87 िां स्थान है।
भारत के वसटी वसस्टम्स का िार्थषक सिेक्षण जनाग्रह सेंटर फॉर वसटीज़ेनवशप एंड डेमोक्रेसी (एक गैर -लाभकारी संगठन) द्वारा
अयोवजत शहरों की एक स्ितंत्र बेंचमार्ककग है। आस सिेक्षण में वथरुिनंथपुरम प्रथम स्थान पर और चंडीगढ़ ऄंवतम स्थान पर रहा।
मध्य प्रदेश ऄपने बजट के वित्तीय िषग को जनिरी-कदसंबर वित्तीय िषग में स्थानांतररत करने िाला पहला राज्य बन गया है।
NHAI (नेशनल हाइिेज़ ऑथोररटी ऑफ़ आं वडया) द्वारा लंदन स्टॉक एक्सचेंज में मसाला बॉन्ड को पेश ककया गया है।
आसरो के स्पेस एवप्लके शन सेंटर (SAC) ने सौर उजाग क्षमता की गणना के वलए एक ऐसे सोलर कै लकु लेटर ऐप को लांच ककया है जो
सौर फोटोिोर्लटेआक (PV) थमगल पािर प्लांटों के वलए स्थानों के चयन हेतु महत्तिपूणग हैI
हाल ही में सरकार ने सेलुलर मोबाआल हैंडसेट के घरे लू विवनमागण की िृवद् को बढ़ािा देने के वलए आलेक्रॉवनक्स और सूचना
प्रौद्योवगकी मंत्रालय (MieTY) के ऄंतगगत फे ज्ड मैन्युफैक्चररग प्रोग्राम (PMP) को ऄवधसूवचत ककया है।
हथक20 टास्क फ़ोसग की स्थापना G20 “वडवजटल वमवनस्टसग” के सम्मलेन के पररणामस्िरूप हुइ थीI आसमें हथक टैंक और ऄके डेवमया
(आस फ़ोसग में भारत का ऑलजिगर ररसचग फाईं डेशन) शावमल है। जो वडवजटल ऄथगव्य िस्थाओं को मजबूत करने और पारं पररक क्षेत्रों के
"वडवजटलीकरण" को प्रबंवधत करने के वलए वसफाररशें पेश करें गे।
ओवडशा, SHGs के माध्यम से ऐसे क्षेत्रों जहााँ बैंक नह है िहााँ वित्तीय समािेशन और बैंककग सेिाएं देने िाला पहला राज्य बन गया
है। आस संबंध में स्टेट बैंक, भारत सरकार को सहयोग प्रदान करे गा। यह ओवडशा के अजीविका वमशन से संसाधनों का लाभ ईठाएगा
वजसके ऄंतगगत SHG संचावलत होता है।
भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग (9.2 ककलोमीटर) चनैनी-नाशरी सुरंग (वजसे पाटनीटॉप टनल के नाम से भी जाना जाता है) , जो
जम्मू-श्रीनगर राजमागग (NH-44) पर ईधमपुर से रामबन तक है, का ईद्घाटन ककया गया है।
(River Conservation)
संरक्षण कायग
गंगा डॉवर्लफन आसके विस्तार िाले सभी राज्यों में विवधक रूप से संरवक्षत है तथा यह कइ राष्ट्रीय ईद्यानों और ऄन्य नावमत क्षेत्रों में
पाइ जाती है।
गंगा नदी की मुख्य धारा में विक्रमवशला गंगा डॉवर्लफन ऄभयारण्य (वबहार) को डॉवर्लफन हेतु संरवक्षत क्षेत्र के रूप में नावमत ककया
गया था।
आसकी प्रजावतयां कन्िेंशन ऑन आं टरनेशनल रेड आन आन्डैन्जडग स्पीशीज ऑफ़ िाआर्लड फौना एंड फ्लोरा (CITES) की पररवशष्ट I के
तहत सूचीबद् हैं।
4.1.5. नमग दा से िा वमशन
(Narmada Seva Mission)
नमगदा सेिा वमशन मध्य प्रदेश में नमगदा नदी के संरक्षण के वलए ईठाये जाने िाले कदमों के वलए एक रोड मैप है।
नमगदा को रे िा भी कहा जाता है। यह देश की पूिग से पविम कदशा में बहने िाली कु ल तीन प्रमुख नकदयों में से एक है। ऄन्य दो नकदयां
तापी और माही हैं।
नमगदा नदी के बारे में
यह पविम की ओर बहने िाली भारतीय प्रायद्वीप की विशालतम नदी है I यह देश की पांचि सबसे बड़ी है और साथ ही गुजरात की
विशालतम नदी है।
मध्य प्रदेश की पहावड़यों में ऄमरकं टक श्रृंखला (मैकाल श्रृंखला) के समीप आसका ईद्भि होता है।
यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर बहती है और ऄंत में खम्भात की खाड़ी में से जा वमलती है I
नमगदा नदी की प्रमुख सहायक नकदयां हॉलन नदी, बंजार नदी, बरना नदी और तिा नदी (सतपुड़ा पिगतमाला में नमगदा की सबसे लंबी
सहायक नदी) हैं।
4.1.6. राष्ट्रीय जलविज्ञान पररयोजना
(National Hydrology Project)
हाल ही में, विश्व बैंक ने भारत की राष्ट्रीय जलविज्ञान पररयोजना के वलए 175 वमवलयन डॉलर की मंजूरी दी है।
यह एक कें द्र प्रायोवजत योजना होगी। यह योजना जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत एक स्ितंत्र संगठन के
रूप में राष्ट्रीय जल सूचना कें द्र (National Water Informatics Centre-NWIC) का गठन करे गी।
आस पररयोजना को 2023-24 तक पूणग कर वलया जाएगाI विश्व बैंक आस पररयोजना की कु ल लागत के लगभग 50% हेतु वित्तीय
सहायता प्रदान करे गाI
राष्ट्रीय जलविज्ञान पररयोजना का वनमागण भारत की पूिगिती सफल पररयोजनाओं-जलविज्ञान पररयोजना- I और जलविज्ञान
पररयोजना -II के ऄनुरूप ही ककया जायेगा। ये योजनायें ररयल टाआम अंकड़ो के अधार पर कृ ष्णा एिं सतलज-व्यास जैसी दो नदी
तंत्रों के वलए तैयार की गइ थीI ये योजनायें बाढ़ पूिागनम
ु ान वनर्थमत की गयी थीI
4.2. प्रदु ष ण
(Pollution)
ईत्सजगन में कमी लाने हेतु िाहनों में आस्तेमाल होने िाले तकनीक:
1. डीजल पार्टटकु लेट कफर्लटर (DPF):
यह आं जन के कम्पाटगमेंट में ईध्िग रूप में रखा एक वसलेंडर है।
आसका ईपयोग BS-V ईत्सजगन मानक के वलए ककया जाता है।
यह डीजल वनकास (exhaust) से पार्टटक्यूलेट मेटर/कावलख(soot) वनकालता है।
आसे कायग करने हेतु 600 वडग्री सेवर्लसयस तापमान की अिश्यकता है, जो भारतीय पररवस्थवतयों में मुवश्कल है।
2. सेलवे क्टि के टेवलटीक ररडक्शन टे क्नॉलोजी (SCR):
यह ऄमोवनया युक्त जलीय घोल(aqueous solution) के प्रयोग(injecting) द्वारा नाआरोजन अक्साआड के ईत्सजगन को कम करता है।
आसे BS-VI ईत्सजगन मानक के रूप में प्रयोग ककया जाता है।
आसे आं जन के वनकास(exhaust) में स्थावपत(fixed) ककया जाता है।
चुनौवतयां
सीधे BS-VI में स्थानांतरण के वलए महत्िपूणग टेक्नोलॉवजकल ऄपग्रेड्स की अिश्यकता होगी वजसके वलए िाहन कं पवनयों को भारी
वनिेश करना पड़ सकता है।
भारत की ऄपेक्षाकृ त छोटी बोनट कारों में DPF लग सकने की सम्भािना ऄत्यंत कम है।
आससे कारों और ऄन्य िाहनों के मूर्लयों में िृवद् हो सकती है।
सीधे यूरो मानदंडों को ऄपनाना समस्याग्रस्त है, क्योंकक भारत में ड्राआहिग पररवस्थवतयााँ यूरोप से वभन्न हैं।
4.2.5. फ्लू गै स टे क्नोलॉजी
(Flue Gas Technology)
सुर्थख़यों में क्यों?
पयागिरण िन और जलिायु पररितगन मंत्रालय (MoEFCC) ने नइ पयागिरण ऄवधसूचना के ऄनुसार तापीय विद्युत संयंत्रों से ईत्सजगन
को कम करने के वलए फ्लू गैस डीसर्लफराआजेशन प्रकक्रया का ईपयोग करने का वनणगय वलया है।
फ्लू-गैस डीसर्लफराआजेशन (FGD) टे क्नोलॉजी
फ्लू गैस वडसर्लफराआजेशन (FGD) जीिाश्म ईंधन अधाररत विद्युत् संयंत्रों तथा ऄन्य सर्लफर ऑक्साआड ईत्सजगन प्रकक्रयाओं से
वनकलने िाली सर्लफर डाआऑक्साआड (SO2) जैसी फ्लू गैसों को पृथक करने हेतु ईपयोग में ली जाने िाली प्रौद्योवगककयों का एक
समूह है।
SO2 को पृथक करने की सामान्य विवधयााँ हैं: िेट स्क्रहबग विवध, स्प्रे-ड्राइ स्क्रहबग विवध, िेट एंड ड्राइ लाआम स्क्रहबग विवध, SNOX
विवध, ड्राइ सोबेंट आं जेक्शन विवध अकद I
फ्लू गैस
यह गैसों का वमश्रण है जो विद्युत् स्टेशनों और विवभन्न औद्योवगक संयंत्रों में ईंधन और ऄन्य सामवग्रयों के दहन द्वारा ईत्पन्न होती है
तथा फ्लू (नवलकाओं) के माध्यम से िायुमंडल में मुक्त होती है।
आसमें मुख्यतः िायु के दहन से ईत्पन्न नाआरोजन के ऑक्साआड्स, काबगन डाआऑक्साआड, काबगन मोनोऑक्साआड, जल िाष्प, ऄवतररक्त
ऑक्सीजन, सर्लफर ऑक्साआड तथा पार्टटकु लेट मेटर (particulate matter) जैसे सूट पार्टटकल आत्याकद होते हैं।
आलेक्रोस्टैरटक प्रेवसवपटेटसग: यह एक वनस्यन्दन ईपकरण (filtration device) है जो आलेक्रोस्टेरटक बल के माध्यम से प्रिावहत होती गैस में
से पार्टटकु लेट मेटर जैसे सूक्ष्म कणों को अयनीकृ त कर पृथक कर देता है ।
पृष्ठभूवम
2011 में िेस्टनग घाट आकोलॉजी पैनल / माधि गाडवगल सवमवत की ऄनुशंसाओं के पिात् पविमी घाट के संरक्षण का मुद्दा चचाग में
अया। ( बॉक्स देखें)
2012 में, K. कस्तूरीरं गन सवमवत ने ऄनुशंसा की थी कक के िल लगभग 60,000 िगग ककमी (पविमी घाटों का लगभग 37%) को
ESZ के रूप में घोवषत ककया जाएगा। आस सवमवत ने यहााँ जलविद्युत पररयोजनाओं पर प्रवतबंध लगाने की भी ऄनुशंसा की।
नेचर फॉरएिर सोसाआटी ऑफ आं वडया (NFSI) द्वारा ग्रेट स्पैरो काईन्ट पहल प्रारं भ की गयी है।
आसका ईद्देश्य विश्व भर में पाए जाने िाले गौरै या (स्पैरो) की 24 विवभन्न प्रजावतयों की अबादी और वितरण को प्रलेवखत
करना है।
NFSI एक गैर-लाभकारी संगठन है जो घरे लु गौरै या को संरवक्षत करने के वलए स्थावपत ककया गया है।
2010 से प्रवत िषग 20 माचग को विश्व के 50 देशों में िर्लडग स्पैरो डे मनाया जाता है।
CTH की तरह, CWLH की पहचान िैज्ञावनक और िस्तुवनष्ठ मानदंडों के अधार पर की जाती है।
िनिावसयों के ऄवधकारों को प्रभावित ककए वबना बाघ संरक्षण ईद्देश्य हेतु CTH क्षेत्रों को ऄक्षत रूप या आन्िायोलेट क्षेत्र (inviolate)
रूप में बनाए रखने की अिश्यकता है। िन्य जीिों के संरक्षण के मामले में यही वस्थवत CWLH के क्षेत्रों के सन्दभग में भी है, ककन्तु
CWLH में िन ऄवधकारों के मामलों का वनपटारा ऄवनिायग रूप से FRA के तहत ककया जाना अिश्यक है।
‘आन्िायोलेट (Inviolate) एक सामान्य शलद है जो मानि बवस्तयों और कक्रयाकलापों की ऄनुपवस्थवत को आं वगत करने के ऄथग में प्रयुक्त होता
हैI CTHs को आन्िायोलेट (Inviolate) क्षेत्र के रूप में स्थावपत करने के वलए ईस क्षेत्र के लोगो को ऄवनिायग रूप से विस्थावपत करना
पड़ेगाI
कदशावनदेशों की अलोचना
आस अदेश का कोइ विवधक अधार नह है क्योंकक िनिावसयों के ऄवधकार NTCA के क्षेत्रावधकार के तहत नह अते हैं।
अकदिावसयों के ऄवधकारों से समझौता तभी ककया जा सकता है जब आस बात के साक्ष्य मौजूद हों कक ऐसे क्षेत्र में ईनकी ईपवस्थवत से
ईस क्षेत्र की पाररवस्थवतकी को ऄपूरणीय क्षवत पहुंचेगी।
NBA जैविक विविधता ऄवधवनयम के प्रािधानों के तहत स्थावपत एक सांविवधक वनकाय है।
यह संरक्षण, जैविक संसाधनों का दीघगकावलक ईपयोग तथा आन संसाधनों के ईपयोग से प्राि लाभों के ईवचत एिं न्यायसंगत
वितरण से सम्बद् मामलों पर कें द्र सरकार हेतु सुविधाजनक एिं सलाहकारी कायग करता है
4.3.18. पौधों और बीज के क्षे त्र में व्यापार को सु र वक्षत करने हे तु नए िै वश्वक मानक को ऄपनाया गया
(New Global Standard Adopted for Making Trade in Plants and Seeds Safer)
सुर्थख़यों में क्यों?
आं टरनेशनल प्लांट प्रोटेक्शन कन्िेंशन (IPPC) के प्रशासक वनकाय - दी कमीशन ऑन फाआटोसेनेटरी मेज़सग (CPM) ने पौधों और बीजों को
सुरवक्षत रखने हेतु एक नया िैवश्वक मानक ऄपनाया है।
नए मानकों की अिश्यकता
बीजों का ऄंतरागष्ट्रीय स्तर पर कइ प्रयोजनों जैसे भोजन, जैि ईंधन, फाआबर और औषधीय ईपयोगों के वलए पररिहन होता है। आसके
साथ ही आनका ऄन्य कायों जैसे ऄनुसंधान, प्रजनन और बीज गुणन (seed multiplication) हेतु भी ईपयोग ककया जाता है।
बीजों को जब नए िातािरण में ईपयोग में लाया जाता है तो यह बीज कीटों के प्रवत जोवखम दशाग सकते है। आनमें शावमल हैं:
खराब भंडारण वस्थवतयों के कारण फसल कटाइ से पहले और बाद के स्तरों पर बीजों का एन्थ्रोपोड्स से प्रभावित होना।
किकीय संक्रमण।
67 www.visionias.in ©Vision IAS
जीिाणु और िायरस जो बीज भ्रूणों को प्रभावित करते हैं।
ऄक्सर, बीज के ईत्पादन और ऄंवतम गन्तव्य तक ईसके वनयागत के मध्य काफी समय लग जाता है।
नए मानक
कीटनाशक के जोवखम का मूर्लयांकन तथा फाआटोसेनेटरी ईपायों का वनधागरण करते समय, राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन (National
Plant Protection Organisations; NPPOs) को बीज का लवक्षत ईपयोग करने पर विचार करना चावहए ऄथागत यह स्पष्ट होना
चावहए कक आसका ईपयोग ऄनुसंधान के वलए ककया जाएगा ऄथिा बीजों का रोपण प्रवतबंवधत शतों के तहत या प्राकृ वतक
पररवस्थवतयों में ककया जाएगा।
यह वनधागररत करने के वलए कक क्या बीज कीटनाशकों के प्रिेश और प्रसार को ऄनुमवत देते हैं, एक पेस्ट ररस्क ऄस्सेस्मेंट (PRA)
ककया जाना चावहए।
रोपण से पूिग, फसल के तैयार होने के दौरान एिं फसल कटाइ के बाद ऄपनाये जाने हेतु विवशष्ट फाइटोसेनेटरी ईपायों को ऄनुमवत दी
गइ है।
एक अयात विवनयामक तंत्र के वलए कदशावनदेश जारी ककए गए हैं तथा लकड़ी की पैकेहजग सामवग्रयों में कीटों को प्रिेश करने से
रोकने एिं फ्रूट फ्लाइ के हमले से वसरस फ्रूट्स के बचाि के वलए पयागि प्रबंध ककये गए हैं।
ऄंतरागष्ट्रीय पादप संरक्षण ऄवभसमय (International Plant Protection Convention: IPPC)
यह 1951 की एक बहुपक्षीय संवध है वजसका पयगिेक्षण खाद्य और कृ वष संगठन (FAO) द्वारा ककया जाता है।
आसका ईद्देश्य पादप तथा पादप ईत्पादों में कीटों के प्रसार को रोकने और वनयंवत्रत करने के वलए समवन्ित, प्रभािी कारग िाइ को
सुवनवित करना है।
कन्िेंशन प्राकृ वतक पादपों एिं पादप ईत्पादों की सुरक्षा से लेकर कर्लटीिेटेड प्लांट्स की सुरक्षा से परे भी विस्तृत है।
यह कीटों द्वारा प्रत्यक्ष और ऄप्रत्यक्ष हावन को ध्यान में रखता है, आसवलए आसमें खर-पतिार भी शावमल हैं।
कन्िेंशन ने विवभन्न पक्षों को वमलाकर एक शासी वनकाय बनाया है, वजसे कमीशन ऑन फाआटोसेनेटरी मेज़सग (CPM) के रूप में जाना
जाता है।
कन्िेन्शन को िर्लडग रेड अगेनाआजेशन्स के ऄग्रीमेंट ऑन एप्लीके शन ऑफ़ सेनेटरी एंड फाआटोसैनटरी मेज़सग (SPS ऄग्रीमेंट) के द्वारा
पादप स्िास्थ्य के एकमात्र ऄंतरागष्ट्रीय मानक वनधागरक वनकाय के रूप में मान्यता प्राि है I
4.5. IRENA
(IRENA)
(Mesopelagic Mapping)
मेसोपेलवे जक जोन
यह महासागर की एक जलीय परत है जो सतह से लगभग 200 मीटर से 1000 मीटर की गहराइ तक पायी जाती है तथा यहााँ पर
सूयग का प्रकाश बहुत कम प्रिेश कर पाता है, फलत: शैिाल का विकास नह हो पाता।
यहााँ सबसे ज्यादा संख्या में कशेरुकी प्राणी पाए जाते हैं, यहााँ पर ब्रस्टलेमाईथ्स, ड्रैगनकफश, स्क्वीड और सोडग कफश अकद वमलती हैं।
(Miscellaneous Titbits)
बेंगलुरू, होसूर रोड पर भारत का पहला िटीकल गाडगन बनाने िाला शहर बन गया है। यह पहल ‘से रीज’ (say trees) नामक
NGO द्वारा की गइ है। िटीकल गाडगन से शहरी तापन (heating) में कमी, धूल और प्रदूषकों की सफाइ, साईं ड प्रूकफग तथा जैि
विविधता में सुधार जैसे लाभ प्राि हो सकते हैं।
हाल ही में, सरकार ने िैशाली में बनाना ररसचग सेंटर (banana research centre) की स्थापना की है। आसका संचालन राजेंद्र
प्रसाद के न्द्रीय कृ वष विश्वविद्यालय (pusa) के तहत ककया जाएगाI
(a) वतरुवचरापर्लली (तवमलनाडु ) के बाद यह दूसरा ऐसा कें द्र होगा।
(b) विश्व में के ला ईत्पादन के क्षेत्र में भारत का पहला स्थान है। महाराष्ट्र के ले का सबसे बड़ा ईत्पादक है, दूसरा स्थान तवमलनाडु का हैI
(c) वबहार की के ला ईत्पादकता राष्ट्रीय औसत से कम है।
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शहरों के वलए जून 2017 से स्िदेशी तौर पर विकवसत मापदंडों के अधार पर एक वलिेवबवलटी आं डेक्स
शुरू ककया जा रहा है। यह सूचकांक मुख्यतः चार श्रेवणयों के ऄंतगगत शहर की प्रगवत की रूपरे खा तय करे गा; जो आस प्रकार हैं- भौवतक
(उजाग, ऄपवशष्ट जल, अिास अकद), संस्थागत /शासन, सामावजक (स्िास्थ्य, वशक्षा, संस्कृ वत अकद) और अर्थथक श्रेणी।
घवड़याल, कछु ए, गंगा में पाइ जाने िाली लुिप्राय डॉवर्लफन अकद तथा ऄन्य जलीय जीिों की संख्या की पुवष्ट करने हेतु पहली बार
गंगा में नदी सिेक्षण ककया जाएगा। आसमें WII तथा 8 NGOs, ईत्तराखंड, ईत्तर प्रदेश, वबहार, झारखंड और पविम बंगाल के िन
विभागों के साथ समन्िय करें गे।
हाल ही में ग्रीन क्लाआमेट फं ड (GCF) ने ओवडशा में राष्ट्रीय कृ वष और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा प्रस्तावित एक
पररयोजना को मंजूरी दी है। जल संरक्षण को सुवनवित करने के वलए एक ठोस ऄनुकूलन ईपाय के रूप में भूजल पुनभगरण
(groundwater recharge) प्रणाली का वनमागण आस पररयोजना की संकर्लपना में वनवहत हैI
5.1. वबटकॉआन
(Bitcoin)
यह एक आलेक्रॉवनक या वडवजटल मुद्रा है जो वपयर टू वपयर प्रणाली के अधार पर काम करती है। यह विके न्द्रीकृ त है तथा ककसी भी
कें द्रीय प्रावधकरण का आस पर वनयंत्रण नह है।
वबटकॉआन को विश्व में कह भी ऐसे ककसी भी व्यवक्त को वडवजटल रूप से भेजा जा सकता है वजसके पास एक वबटकॉआन एड्रेस
ईपललध हो। विवभन्न ईद्देश्यों जैसे - वनजी, व्यिसावयक अकद हेतु एक ही व्यवक्त के एक से ऄवधक एड्रेस हो सकते हैंI
वबटकॉआन मुकद्रत नह होती है, ककन्तु आससे होने िाले प्रत्येक लेनदेन का एक ऐसा ररकॉडग होता है वजसका खंडन नह (नॉन-
ररप्युडीएबल ररकॉडग) ककया जा सकता है। ये सभी लेनदेन एक बड़े लेजर (बही खाता) का ऄंग हैं वजसे ललॉकचेन कहते हैं।
यह वबटकॉआन एक्सचेंजों में ईपललध रहता है। आसे ऄन्य ईपयोगकतागओं से खरीदा जा सकता है। एक वबटकॉआन जेनरे ट करने के वलए
ककसी आकाइ (यह आकाइ या तो कोइ व्यवक्त या एक व्यिसायी हो सकता है) को सॉफ़्टिेयर शवक्त का प्रयोग कर गवणतीय पहेली को
हल करना होता है, यह पद्वत ललॉकचेन को और ऄवधक सुरवक्षत बनाती है। समस्या को सुलझाने का करठनाइ स्तर काफी ईच्च होता
है ताकक आसे हल करने में समय लगे।
के न्द्र ने वबटकॉआन जैसी अभासी मुद्राओं से वनपटने के वलए एक कायग योजना की वसफाररश करने हेतु एक ऄंतर-विषयक सवमवत की
स्थापना की है। अर्थथक मामलों के विभाग में विशेष सवचि कदनेश शमाग आस सवमवत की ऄध्यक्षता कर रहे हैं ।
5.4. ग्रै ट जे ल से ल
(Gratzel cells)
ग्रैटजेल सेर्लस या डाइ सेंवसटाआज़र सोलर सेल (DSSCs) वथन कफर्लम सोलर सेर्लस हैं। यह कफर्लम टाआटेवनयम डाआऑक्साआड (TiO2)
लेवपत फोटोएनोड की एक वछकद्रल परत, सूयग के प्रकाश को ऄिशोवषत करने िाली डाइ (Dye) ऄणुओं की एक परत, डाइ को
रीजेनरे ट करने हेतु एक आलेक्रोलाआट, और कै थोड से वमलकर बनी होती है।
हाल ही में, भारतीय प्रौद्योवगकी संस्थान (IIT) रूड़की के िैज्ञावनकों ने सस्ती और ऄवधक कु शल सोलर सेर्लस को बनाने के वलए जामुन
का आस्तेमाल ककया है। जामुन में प्राकृ वतक रूप से पाए जाने िाले एक िणगक(वपगमेंट) को ग्रैटजेल सेल के वलए एक कम कीमत िाले
फोटो-सेंवसटाआज़र के रूप में आस्तेमाल ककया गया।
5.5. ने श नल लाजग सोलर टे वलस्कोप
(Hyperloop Technology)
हाल ही में दो कं पवनयां, हाआपरलूप रांसपोटेशन टेक्नोलॉजीज (HTT) और हाआपरलूप िन (HO) ने 2021 तक भारत में हाआपरलूप
टेक्नोलॉजी विकवसत करने में रुवच कदखाइ है।
ितगमान में ऐसी व्यिस्था ऄबू धाबी और दुबइ के बीच विकवसत की जा रही है।
चुनौवतयां:
आसके वलए भारी वनिेश की अिश्यकता होगी।
यह पररिहन का गैर-समािेशी तरीका सावबत हो सकता है क्योंकक अर्थथक रूप से कमजोर िगग आसके यात्रा-खचग को िहन नह कर
पाएगा।
ईच्च-वबजली खपत, दुघगटनाएं और तकनीकी चुनौवतयों ने आसकी प्रगवत को ऄिरुद् कर रखा है।
हाआपरलूप
यह एक ईद्यमी, एलोन मस्क का एक विचार था।
यह मैग्नेरटकली लेविटेरटग कै प्सूर्लस की प्रणाली है। आन कै प्सूर्लस को वनम्न दाब िाले ट्डूलस के माध्यम से ईच्च गवत पर भेजा जाता है।
आसकी गवतयां िावणवज्यक ईड़ानों की तुलना में ऄवधक हो सकती हैं।
आसमें आं डक्शन मोटसग का आस्तेमाल ककया जाता है। ये मोटसग आसकी गवत वनयंवत्रत करती हैं।
एंररक्स कॉपोरे शन
यह भारत सरकार की पूणग स्िावमत्ि िाली कं पनी है वजसे 'वमनी रत्न' का दजाग कदया गया है।
यह ऄंतररक्ष विभाग के प्रशासवनक वनयंत्रण के ऄधीन है।
एंररक्स की ितगमान व्यािसावयक गवतविवधयों में शावमल हैं --
विवभन्न ईपभोक्ताओं के वलए कम्युवनके शन सेटेलाइट रांसपोंडर का प्रािधान करना।
ग्राहक के ईपग्रहों के वलए प्रक्षेपण की सेिाएं प्रदान करना।
भारतीय और विदेशी ररमोट सेंहसग सैटेलाआट से प्राि डेटा का विपणन।
ईपग्रहों और ईसके ईप-प्रणावलयों का वनमागण और विपणन।
ऄंतररक्ष ऄनुप्रयोगों(applications) के वलए अधार ऄिसंरचना स्थावपत करना।
ईपग्रहों के वलए-वमशन समथगन सेिाएं।
आस प्रयोग की ईपयोवगता:
आन ऄवत-ठं डे (hyper-cold) परमाणुओं के ऄध्ययन से डाकग मैटर और गुरुत्िाकषगण के संबंध में नइ जानकाररयां प्राि हो सकें गी।
सुपरफ्लुआड्स की बेहतर समझ उजाग रूपांतरण ऄवधक कु शलता से करने में मदद कर सकती है।
यह संभावित रूप से ऄंतररक्षयान नेविगेशन में प्रयोग हेतु बेहतर सेंसर, क्वांटम कं प्यूटर और परमाणु घवड़यों के वनमागण में मदद कर
सकता है।
5.11. शवन का छोटा चन्द्रमा जीिन को पोवषत कर सकता है : नासा
(Exoplanet: GJ 1132B)
सुर्थख़यों में क्यों?
हाल ही में, खगोलविदों ने पृथ्िी जैसे एक ग्रह GJ 1132b के चारों ओर एक िातािरण (atmosphere) का पता लगाया। यह ग्रह
अकार में पृथ्िी से 1.4 गुना बड़ा है तथा पृथ्िी से 39 प्रकाश-िषग दूर है।
GJ 1132b दवक्षणी तारा मंडल िेला (Vela) में रे ड ड्िाफग स्टार GJ 1132 की पररक्रमा करता है। यह पेरेंट स्टार GJ 1132
हमारे सूयग की तुलना में बहुत छोटा, ठं डा और धुंधला है।
खगोलविदों के ऄनुसार, यह सुपर-ऄथग गैसों की एक मोटी परत से ढकी है जो या तो जल या मीथेन या दोनों का वमश्रण हैं और
टाआडली लॉक्ड (tidally locked: िह ऄिस्था जब ककसी हपड की कक्षीय ऄिवध आसके घूणन
ग ऄिवध के बराबर होती है ) है वजससे
कक आसका एक भाग हमेशा ऄपने मूल तारे (parent star) की ओर ही रहता है। आस टाआडल लॉक को ग्रेिीटेशनल लॉककग या कै प्चडग
रोटेशन के रूप में भी जाना जाता है।
यह ऄपने मूल तारे (parent star) का काफी तीव्र गवत से चक्कर लगाता है, लगभग 1.6 पृथ्िी कदिसों में एक "िषग" पूरा करता है।
यह पहली बार है कक पृथ्िी के सामान के ककसी ग्रह के चारों ओर िातािरण का पता लगाया गया है।
यह परीक्षण वचली वस्थत यूरोपीय दवक्षणी िेधशाला (European Southern Observatory) के टेवलस्कोप द्वारा ककया गया है।
5.16. यू एं गोंग -1
(Yuegong-1)
यह चीन की एक पररयोजना है वजसके तहत चंद्रमा के समान अभासी िातािरण का वनमागण ककया जाएगा। आसके ऄंतगगत एक िषग
तक, एक जीिन-रक्षक प्रणाली का परीक्षण ककया जाएगा, जो भविष्य में ऄंतररक्ष यात्री को ऄंतररक्ष में और ऄवधक समय व्यतीत
करने में सहायता प्रदान करे गी।
िषग 2014 में 105 कदिसीय सफल परीक्षण के बाद, आस प्रयोग द्वारा यह जानने का एक प्रयास ककया जायेगा कक चंद्रमा की तरह
अभासी िातािरण में बायोररजेनरे रटि लाआफ सपोटग वसस्टम (Bioregenerative Life Support System: BLSS) ककस तरह
कायग करता है।
BLSS एक ऐसी प्रणाली है जहां पशु , पौधे और सूक्ष्मजीि सहजीिी होते हैं। आस प्रणाली के तहत जल तथा भोजन का पुनचगक्रण
(recycled) करके पृथ्िी के समान िातािरण बनाया जा सकता है।
5.17. सिे ऑफ़ आं वडया
(Survey of India)
सुर्थख़यों में क्यों?
सिे ऑफ़ आं वडया ने हाल ही में ऄपनी 250 ि िषगगांठ पर 'नक्शे' नामक एक नए िेब पोटगल की शुरुअत की है I
अिश्यकता क्यों:
ितगमान में, विवशष्ट नक्शा (मैप) चाहने िाले संगठनो और लोगों को फॉमग भरने की अिश्यकता पड़ती हैऔर कभी-कभी सिे ऑफ़
आं वडया का भी दौरा करना पड़ता है। कइ बार, मंत्रालयों को भी कु छ नक्शे प्राि करने के वलए भुगतान करना पड़ता है।
नक्शे पोटगल के सम्बन्ध में:
स्थलाकृ वतक मानवचत्र (Topographic maps) या ओपन सीरीज़ मैप्स (OSM) 'नक्शे' पोटगल पर मुफ्त डाईनलोड के वलए ईपललध
होंगे।
अधार अधाररत यूजर ऑथेवन्टकफके शन प्रकक्रया के माध्यम से 1: 50000 पैमाने के मानवचत्र PDF प्रारूप में ईपललध होंगे। अधार
यह सुवनवित करने के वलए है कक के िल भारतीय ही ईन नक्शों तक पहुंच सकें ।
यह सरकार के वडवजटल आं वडया कायगक्रम के ऄनुरूप है।
राष्ट्रीय मानवचत्र नीवत:
नइ नीवत में मैप्स के दो ऄनुक्रम हैं - वडफें स सीरीज़ मैप्स (DSM) और ओपन सीरीज़ मैप्स (OSM)।
DSM, रक्षा बलों और ऄवधकृ त सरकारी विभागों के विशेष ईपयोग के वलए है I आस संबंध में नीवत रक्षा मंत्रालय द्वारा वनधागररत की
जाएगी।
OSM पर नीवत बनाने की वजम्मेदारी सिे ऑफ़ आं वडया / विज्ञान और प्रौद्योवगकी विभाग पर होगी।
OSM को विवशष्ट ईपयोग हेतु एक समझौते के द्वारा सिे ऑफ आं वडया द्वारा प्रसाररत ककया जा सकता है। ईपयोगकताग आन मैप्स में
िैर्लयू एडीशन कर सकता है और सिे ऑफ आं वडया से ऄनुमवत प्राि करने के बाद जानकारी साझा कर सकता है।
(Li-Fi)
लाइ-फाइ क्या है ?
लाइ-फाइ या लाआट कफडेवलटी (Light Fidelity) को विवजबल
लाआट कम्युवनके शन (VLC) के रूप में भी जाना जाता है। यह
िाइ-फाइ का एक सुपर-कक्वक (super-quick) विकर्लप है।
लाइ-फाइ िायु के माध्यम से डेटा रांसवमशन के वलए रे वडयो
तरं गों के स्थान पर दृश्य प्रकाश का ईपयोग करती है।
5.20. एक्सप्रे स Wi-Fi
(Express Wi-Fi)
हाल ही में फे सबुक द्वारा भारत में आं टरनेट कनेवक्टविटी से
सम्बंवधत समस्या को हल करने हेतु एक्सप्रेस Wi-Fi को लॉन्च
ककया गया।
यह सािगजवनक Wi-Fi का एक मॉडल होगा ताकक लोग ऄपने फोन, कं प्यूटर और ऄन्य स्माटग ईपकरणों को आं टरनेट से कनेक्ट कर सकें ।
Internet.org के विपरीत फे सबुक की Express Wi-Fi आं टरनेट सुविधा मुफ्त तो नह होगी ककन्तु यह सस्ती ऄिश्य होगी। वडवजटल
िाईचर के माध्यम से ग्राहक डाटा पैक खरीदने में सक्षम होंगे।
फ्री बेवसक्स
आं टरनेट कनेवक्टविटी के वलए फे सबुक की प्रथम पहल Internet.org थी (ररलायंस आं डस्रीज के साथ साझेदारी में) वजसमें मोबाआल
डेटा के माध्यम से भारत में आं टरनेट एक्सेस की समस्या को हल करने का प्रयास ककया ककया था।
आसे बाद में फ्री बेवसक्स नाम कदया गया I
(Data Exclusivity)
यह क्या है?
यह बाजार ऄनुज्ञा(authorisation) प्राि करने के वलए कं पवनयों द्वारा दिा विवनयामक प्रावधकरणों को दिा परीक्षण के अंकड़ों के
संबंध में प्रदान ककये गए विवशष्ट ऄवधकारों से सम्बंवधत है। आसका तात्पयग यह है कक औषवध की सुरक्षा और प्रभािकाररता से
संबंवधत जानकारी को पांच या दस िषग की ऄिवध के वलए गोपनीय रखा जायेगा I
यह औषवध हेतु पेटेंट सुरक्षा के ऄवतररक्त कानूनी एकावधकार संरक्षण का एक रूप है। स्पष्ट रूप से यह संरक्षण क्लीवनकल रायल के
दौरान ककए गए वनिेश की प्रवतपूर्थत हेतु कदया गया है। आसका ऄथग यह है कक वनयामक ऄगले पांच िषों के वलए समान डेटा िाली आसी
तरह की औषवध को मंजूरी नह दे सकते।
ररप्स प्लस ईपाय:
आसका ऄथग है ररप्स प्रािधानों से परे जाना। विकवसत और विकासशील देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौतों के एक वहस्से के रूप में ररप्स
प्लस प्रािधानों को प्रायः प्रस्तुत ककया जाता है। ऐसे कु छ प्रािधान वनम्नवलवखत हैं:
डेटा एक्सक्लूवसविटी - RECP िाताग में सबसे ज्यादा हचताजनक मांगों में से एक
पेटेंट अिेदनों की प्रोसेहसग में देरी हेतु कं पनी को क्षवतपूर्थत के वलए पेटेंट टमग एक्सटेंशन प्रदान ककया जाता है। पेटेंट टमग एक्सटेंशन
प्रितगक कं पनी को पांच िषग का ऄवतररक्त एकावधकार देगा।
यहााँ तक कक कइ विकवसत देशों ने भी एंटी-काईं टरफीरटग रेड एग्रीमेंट(ACTA) पर हस्ताक्षर ककए हैं जो WTO और WIPO के बाहर
IPR प्रितगन हेतु ऄंतरराष्ट्रीय मानकों को स्थावपत करता है।
5.23. बायो -फामाग स्यू रटकर्लस को विकवसत करने के वलए फामाग वमशन
बायो-फामागस्युरटकल
यह एक बायोलॉवजकल मैक्रोमॉवलक्यूल या सेलुलर कं पोनेंट है जैसे ललड प्रोडक्ट। आसका ईपयोग औषवध के रूप में ककया जाता है।
यह प्रोटीन (एंटीबॉडी सवहत), न्यूवक्लक एवसड (DNA, RNA) हो सकता है, वजसका ईपयोग वचककत्सकीय या वििो डायग्नोवस्टक
प्रयोजनों के वलए ककया जाता है।
ऄवधकांश बायो-फामागस्युरटकल ईत्पाद िे औषवधयां (फामागस्यूरटकर्लस) होती हैं जो जीिों से प्राि होती हैं।
BIRAC
यह एक गैर-लाभकारी कं पनी है।
यह एक आं डस्री-एके डीवमया आं टरफ़े स एजेंसी (industry-academia interface agency) के रूप में कायग करती है। आसका ईद्देश्य
ईभरते हुए बायोटेक ईद्यम को मजबूत और सशक्त बनाना है वजससे कक राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंवगक ईत्पाद विकास अिश्यकताओं को
संबोवधत करने िाले सामररक ऄनुसंधान और निाचार ककये जा सके । सभी BIRAC कमगचारी कें द्र सरकार द्वारा संविदा के अधार पर
वनयुक्त ककये गए हैं।
5.24. FOVEA
(FOVEA)
सुर्थख़यों में क्यों?
भारतीय िैज्ञावनकों के ऄनुसार मनुष्यों कक अंख की रे रटना में छोटा सा गड्डा (small depression) पाया जाता है वजसे Fovea
कहा जाता है । यह मनुष्य के पढाइ करने , चेहरे को पहचानने, रं गों का अनंद लेने, कं प्यूटर स्क्रीन पर ध्यान देने अकद में महत्िपूणग
भूवमका वनभाता है।
83 www.visionias.in ©Vision IAS
Fovea के संबंध में :
FOVEA एक विशेष क्षेत्र है। यह अधे से ऄवधक आनपुट को अाँख
से विज़ुऄल कोटेक्स ऑफ़ ब्रेन को पंहुचा कर, हमारी दृश्य
धारणा (visual perception) को डोवमनेट करता है।
यह ऑवप्टक निग के पास वस्थत है तथा सूक्ष्म कायग जैसे कक पढ़ने के
वलए सिोत्तम ऄनुकूल है ।
हालांकक पेररफे रल रे रटना में वस्थत कोन-फोटोररसेप्टर (cone-
photoreceptors) की तुलना में आसके कोन -फोटोररसेप्टर की
धीमी प्रवतकक्रया होती है। आसकी िजह से Fovea तेजी से बदलते
दृश्य संकेतों को प्रोसेस करने में ऄसमथग है। आस ऄक्षमता के कारण मनुष्य को कफर्लमें / वफ्लपबुक्स में लगातार गवत (continuous
motion) कदखाइ देती है। (कोन-फोटोररसेप्टर, विज़ुऄल वसस्टम के ऄवग्रम (frontline) न्यूरॉन्स है)।
Fovea के काम करने की प्रकक्रया की समझ, सेंरल विज़न लॉस, जैसे मैक्यूलर डीजेनेरेशन (macular degeneration) को सुधारने
और विज़ुऄल प्रोस्थेरटक्स (बायोवनक अइ: Bionic eye) का वडजाआन करने में मदद करे गा।
स्तनधाररयों में, के िल आं सानों और ऄन्य प्राआमेट्स में Fovea पाया जाता है। कु छ वशकारी पक्षी जैसे ईर्ललू और कु छ सरीसृपों में भी
समान संरचनाएाँ पाइ जाती हैं।
Note- “ बायोवनक अइ” एक आम्प्लांटेड रे रटना है जो चश्मे पर पहने हुए एक लघु िीवडयो कै मरा द्वारा प्राि ककये गए वचत्रों को आन्टरप्रेट
(interpret) करता है। यह गंभीर दृवष्ट हावन (vision loss) िाले लोगों की दृवष्ट को बहाल करने के वलए रे रटना के कायग की प्रवतकृ वत
(mimic) करता है।
(Deltaretrovirus)
बैट जीनोम में डेर्लटारे रोिायरस के DNA के वनशान को खोज कर िैज्ञावनकों ने रे रोिायरस के जीिाश्म ररकॉडग से संबंवधत बहुत बड़ी
कमी को दूर कर वलया है ।
डेर्लटारे रोिायरस, रे रोिायरस के प्रकार हैं जो ह्यूमन-B या एडर्लट T-सेल र्लयूकेवमया/ वलम्फोमा, और बोिाआन र्लयूकेवमया रोग को
ईत्पन्न करता है।
रे रोिायरस: रे रोिायरस िायरस का एक प्रकार है वजसका जीन DNA के बजाय RNA में कू टवलवखत (एन्कोड) होता है।
रे रोिायरस जीनोम को सामान्य तरीके से कॉपी ककये जाने से पहले ररिसग रांवस्क्रप्टेज़(reverse transcriptase) नामक एक एंजाआम
द्वारा DNA में ररिसग-रांवस्क्रबड ककये जाने की अिश्यकता होती है।
रे रोिायरस "रे रो" हैं क्योंकक िे सामान्य जीन प्रवतवलवप प्रकक्रया(normal gene copying process) की कदशा को बदल देते हैं।
ऄवधकांश िायरस में कोवशकाएं DNA को RNA में पररिर्थतत कर देती हैं जो बाद में प्रोटीन में बदल जाता है।
लेककन रे रोिायरस में पहले, िायरल RNA, DNA में पररिर्थतत होता है और कफर आसकी कोवशका DNA की प्रवतवलवप बनाता है या
आसे िायरल प्रोटीन प्रवतकृ वत(replication) के वलए RNA में िापस स्थानांतररत कर देता है।
आस खोज से डेर्लटारे टब्रो िायरस (deltaretbro viruses) के संरचना (biology) तथा ऄन्य संबंवधत पहलुओं से सम्बंवधत जानकारी
प्राि करने में मदद वमलेगी।
5.26. प्रीकसग र मोवलक्यु र्लस
(Precursor Molecules)
भारतीय शोधकतागओं ने एक निीन प्रौद्योवगकी का ईपयोग करते हुए, गेहं की ईत्पादकता में 20% िृवद् करने करने के साथ ही साथ
आसे सूखे की वस्थवत जैसे पयागिरणीय संकट के प्रवत भी ऄवधक लचीला (resilient) बनाने में भी सफलता प्राि की है।
यह तकनीक प्रीकसगर कं पाईं ड्स (precursor compounds) का प्रयोग कर मुख्य सुगर संकेतक (sugar signaling) परमाणु
रेहालोस -6-फॉस्फे ट (Trehalose-6-phosphate: T6P) के ईत्पादन को बढाता है। रेहालोस -6-फॉस्फे ट (Trehalose-6-
phosphate: T6P) स्टाचग संश्लेषण को ईत्प्रेररत (stimulate) कर ईपज (yield) को बढ़ता है।
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शोधकतागओं ने पाया कक प्रीकसगर कं पाईं ड्स (precursor compounds) से ईपचाररत पौधे ऄनुपचाररत पौधों के मुकाबले T6P
परमाणु के ईत्पादन में 100 गुना ऄवधक िृवद् प्राि करने में सक्षम हैं। अनुिंवशक तरीकों से T6P परमाणु के ईत्पादन में के िल 2-3
गुना िृवद् प्राि हुइ है।
चूंकक T6P ऄणु का पाथिे (pathway) ऄन्य पौधों में भी समान है, आसवलए ईपयुक्त प्रीकसगर का प्रयोग ऄन्य पौधों में भी कर ईपज
को बढ़ाया जा सकता है।
5.27. H1N1
( H1N1)
सुर्थख़यों में क्यों?
जनिरी 2017 के बाद से स्िाआन फ्लू के कारण महाराष्ट्र में 100 से ऄवधक लोगों की मृत्यु हुइ है।
जलिायु में पररितगन और राज्य में ऄवधकतम और न्यूनतम तापमान में ऄंतर को िायरस के फै लने का कारण माना गया है। िातािरण
में अया यह पररितगन िायरस की िृवद् के ऄनुकूल है।
H1N1 (स्िाआन फ्लू) के बारे में
यह स्िाआन आन्फ्लुएंजा िायरस के टाआप A स्रेंस से ईत्पन्न एक संक्रामक श्वसन रोग है। यह िायरस युक्त ड्रावप्लट (droplets) के सांस
द्वारा ऄंदर लेने या दूवषत सतह के अाँख, नाक या मुंह के संपकग में अने से शरीर में प्रिेश करता है।
आस िायरस का प्रसार तापमान पर वनभगर है।
आसे स्िाआन फ्लू कहा जाता है क्योंकक पूिग में जो लोग आस बीमारी से प्रभावित हुए थे िे सुऄरों के साथ सीधे संपकग में थे।
फै लने का कारण/साधन: जब आस िायरस से प्रभावित लोग खांसते या छ कते हैं, तो िे िायरस युक्त छोटे ड्रावप्लट को िायु में स्प्रे करते
हैं। ऄगर कोइ आन ड्रावप्लट या दूवषत सतह से संपकग में अ जाता है, तो िह H1N1 स्िाआन फ्लू से ग्रवसत हो सकता है।
लक्षण: आसके लक्षण भी ऄवधकांशत: आन्फ्लूएंजा संक्रमणों के समान ही हैं, जैसे- गले में ददग, खााँसी, बुखार और ठं ड लगना, शरीर में
ददग, वसरददग, ईर्लटी, नाक का बहना, थकान और तीव्र जठरांत्र (gastrointestinal) संबंधी लक्षण जैसे डायररया।
जोवखम से ऄवधक प्रभावित लोग: बुजुगग; छोटे बच्चे; गभगिती माताएं; कमजोर प्रवतरक्षा प्रणाली िाले लोग।
वनिारक ईपाय: स्िछछता का ध्यान रखना, सूऄर का मांस और ईसके ईत्पादों को खाने से बचना, खाने से पहले हाथ धोना, भीड़-
भाड़ िाले स्थानों और बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपकग बनाने से बचना अकद।
ईपचार: मौसमी फ्लू का आलाज करने के वलए ईपयोग की जाने िाली एंटीिायरल दिाएं जैसे ओसेर्लटावमविर (टैमीफ्लू) , पेरावमविर
(रै वपिैब), जेनावमविर (ररलेन्ज़ा) स्िाआन फ्लू के वलए भी काम करती हैं। लेककन आन्हें मेवडकल पयगिेक्षण के तहत ही वलया जाना
चावहए।
5.28. नै सोकफर्लटर :
(Nasofilter)
िायु प्रदूषण से बचाने और श्वसन रोगों के जोवखमों को कम करने के वलए नइ और भरोसेमंद प्रोद्योवगकी विकवसत करने िाली IIT
कदर्लली के शोधकतागओं की एक टीम को प्रौद्योवगकी विकास बोडग द्वारा स्टाटगऄप्स नेशनल ऄिाडग 2017 से सम्मावनत ककया गया है।
'नैसोकफर्लटर' जो एक नैनो-श्वसन कफर्लटर है, िायु में मौजूद ऄत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक कणों से भी रक्षा कर सकते हैं (कणों को 95% तक
साफ कर सकता है)।
यह 10 रूपए में ही ईपललध सबसे सस्ता नाक का कफर्लटर है जो शीघ्र ही बाज़ार में व्यािसावयक रूप से ईपललध होगा।
DNA वसक्वेंहसग
DNA वसक्वेंहसग से तात्पयग ईन चार रासायवनक वबहर्लडग ललॉक्स के विन्यास वनधागरण से है -जो "बेसेस (bases)" कहलाते हैं -
आन्ही से DNA ऄणु का वनमागण होता है। वसक्वेंस, िैज्ञावनकों को एक विशेष DNA सेगमेंट में समावहत अनुिंवशक जानकारी प्रदान
करता है।
5.33. SREP
(SREP)
CSIR नेशनल आं स्टीट्डूट ऑफ़ ओशनोग्राफी (CSIR-NIO) (गोिा) ने सीबेड रे वज़डेंट आिेंट प्रोफाआलर (SREP) नामक एक रोबोट
प्लेटफामग विकवसत ककया है।
SREP को समुद्रीय प्रकक्रयाओं को रैक करने के वलए वडज़ाआन ककया गया है, जैसे कक भारत के पविमी तट पर मॉनसून के दौरान
वनयवमत रूप से होने िाली ऄपिेहलग जो पाररवस्थवतकी तंत्र के संपोषण और मछली पालन के वलए महत्िपूणग है।
ऄपिेहलग
ऄपिेहलग मॉनसून से जुडी हुइ एक ऐसी घटना है , वजसके दौरान गहरे समुद्र में न्यूनतम ऑक्सीजन िाले क्षेत्र (Oxygen Minimum
Zone:OMZ) से जल, लगभग 30 मीटर तक की गहराइ िाले तटीय आलाकों की ओर अता है। आस प्रकक्रया द्वारा पोषक तत्िों से भरपूर
जल सतह पर अता है तथा आस क्षेत्र में जैविक ईत्पादकता में िृवद् करता है।
5.34. XFEL (विश्व का सबसे बड़ा एक्स-रे ले ज र) ने प्रथम ए क्स-रे ले ज र लाआट ईत्पन्न की
(XFEL (World's Biggest X-Ray Laser) Generates First X-Ray Laser Light)
सुर्थख़यों में क्यों?
विश्व के सबसे बड़े एक्स-रे लेजर, यूरोवपयन XFEL ने प्रकाश की पहली बीम ईत्पन्न की है।
एक्स-रे लेजर लाआट एक आलेवक्रक बीम से एक सुपरकं डहक्टग लीवनयर ऐक्सेलरे टर द्वारा ईत्पन्न की गइ थी। 2.1 ककमी. लंबी
एक्सेलरे टर टनल में आलेक्रॉन पर्लस को ऄत्यवधक त्िररत ककया गया, वजसके पररणामस्िरूप एक्स-रे लेजर लाआट ईत्पन्न हुइ।
XFEL के सम्बन्ध में
यूरोपीय XFEL विश्व के पांच एक्स-रे लेजरों में सबसे बड़ी और सबसे शवक्तशाली है, वजसमें हाडग एक्स-रे लाइट की छोटी पर्लसेस को
ईत्पन्न करने की क्षमता है।
यह 3.4 ककलोमीटर लंबी है और आसमें से ऄवधकांश ऄंडरग्राईं ड टनल के रूप में जमगनी में वस्थत है।
एक्स-रे लाइट की तरं गदैध्यग 0.8 नैनोमीटर है- जोकक दृश्य प्रकाश की तुलना में लगभग 500 गुना कम है।
संभावित लाभ:
प्राि लेजर लाआट की तरं गदैध्यग एक परमाणु के अकार के समान है , आसका ऄथग है कक एक्स-रे का ईपयोग एटॉवमक ररज़ॉर्लयूशन (जैसे
कक बायोमॉवलक्यूल) पर नैनोकोस्मोस (nanocosmos) की तस्िीरें और कफर्लम बनाने के वलए ककया जा सकता है , वजससे बीमाररयों
के कारण की बेहतर समझ विकवसत हो सकती है या ईपचारों के नए तरीकों को विकवसत ककया जा सकता है।
यह सुविधा रासायवनक प्रकक्रयाओं और ईत्प्रेरक तकनीकों में ऄनुसंधान को सक्षम करे गी। आसका लक्ष्य रासायवनक प्रकक्रयाओं और
ईत्प्रेरक तकनीकों क्षमता में सुधार करना या ईन्हें और ऄवधक पयागिरण ऄनुकूल बनाना है। आससे मैटेररयल ररसचग तथा ग्रहों के
अंतररक क्षेत्रों के समरूप वस्थवतयों के ऄनुसंधान में सहायता प्राि होगी।
5.35. CERN द्वारा नइ भौवतकी के "सं के त"
मेसोन (Meson)
पार्टटकल कफवजक्स में, मेसोन एक हेड्रोवनक सब एटावमक कण है जो एक क्वाकग और एक एंटी क्वाकग से बना होता है I क्वाकग तथा एंटी क्वाकग
एक मजबूत ऄंतःकक्रया (interaction) द्वारा परस्पर संबद् रहते हैं।
म्यूऑन (Muon)
एक प्राथवमक कण है जो आलेक्रॉन के समान है, वजसका आलेवक्रक चाजग -1 e और 1/2 वस्पन होता है, लेककन आसका द्रव्यमान आलेक्रान की
तुलना में काफी ऄवधक होता है।
मानक मॉडल के ऄनुसार, चूंकक म्यूऑन और आलेक्रॉन दोनों द्रव्यमान के ऄवतररक्त ऄन्य सभी गुणों में एक समान हैं आसवलए आन दोनों
ऄवभकक्रयाओं की दर समान होनी चावहए। हालांकक, सािधानीपूिगक ककए गए प्रयोगों के पररणाम से पता चलता है कक यह दर काफी
ऄलग हैं।
5.35.1. पां च नए सब-एटोवमक कण
(Five New Sub-Atomic Particles)
सुर्थख़यों में क्यों ?
माचग 2017 में, CERN (यूरोवपयन ऑगगनाआजेशन फॉर न्यूवक्लयर ररसचग) वस्थत लाजग हेड्रोन कोलाआडर (LHC) एक्सीलेटर के
िैज्ञावनकों ने पांच नए सब-एटॉवमक कणों की खोज की।
(BELLE II PROJECT)
सुर्थखयों में क्यों?
हाल ही में, हाइ एनजी ऐक्सेलरे टर ररसचग ऑगगनाइजेशन (KEK) ने सुपर KEKB एक्सीलेरेटर के साथ 1400 टन के Belle II
वडटे क्टर के एकीकरण को सफलतापूिगक पूणग ककया।
यह प्रयोग जापान के आबाराकी प्रान्त के Tsukuba में वस्थत KEK में ककया जा रहा है।
Belle II प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में:
यह प्रयोग ईच्च उजाग युक्त आलेक्रॉन-पॉवज़रॉन के टकराि (collisions) से ईत्पन्न विवभन्न प्राथवमक कणों का ऄिलोकन कर ब्रह्मांड की
शुरुअत के रहस्यों की खोज करता है।
Belle II वडटेक्टर, ऄपग्रेड सुपर KEKB त्िरक के द्वारा ईत्पन्न कृ वत्रम रूप से वनर्थमत प्राथवमक कणों की ऄंतःकक्रया (interactions)
का सटीकता से अकलन करता है। यह आन नि वनर्थमत कणों की कदशा और अिेग का माप भी प्रदान करे गा।
प्रयोग का मुख्य ईद्देश्य पार्टटकल कफवजक्स के मानक मॉडल से "महत्िपूणग विचलन (deviation)" को खोजना है, और आस तरह
वनधागररत ककया जा सकता है कक कइ प्रस्तावित नए वसद्ांतों में से कौन सा प्राथवमक कणों के सम्बन्ध में सबसे सटीक िणगन प्रस्तुत
करता है।
आसमें महत्िपूणग भारतीय भागीदारी सवहत 23 देशों के 700 िैज्ञावनकों की व्यापक सहभावगता है।
5.38. ब्रॉबो रोबोट
(Brabo Robot)
सुर्थखयों में क्यों?
टाटा मोटसग वलवमटेड की सहायक कं पनी, TAL मैन्युफैक्चररग सॉर्लयूशंस वलवमटेड ने भारत के पहले औद्योवगक रोबोट ‘BRABO’
का ईद्घाटन ककया है। यह नामकरण 'Bravo Robot' के संवक्षि रूप ‘BRABO’ के अधार पर ककया गया है।
(Chemical Weapons)
सुर्थख़यों में क्यों?
सीररया के आडलीब प्रांत में सरीन गैस हमले में 80 से ऄवधक लोग मारे गए थे, वजनमें कइ बच्चे भी सवम्मवलत थे।
रासायवनक हवथयार क्या हैं?
रासायवनक हवथयार िे विशेष युद् सामवग्रयां हैं जो ऐसे रसायन िातािरण में मुक्त करते हैं वजनसे होने िाली रासायवनक कक्रयाओं से
मनुष्यों की मृत्यु तक हो जाती है या कफर ईन्हें गहरी चोट पहुंचती है।
मस्टडग गैस, क्लोरीन, निग एजेंट सरीन ि VX अकद सामान्यतः प्रयोग में लाए जाने िाले कु छ रासायवनक हवथयार हैं।
ितगमान दृष्टान्त
सरीनः विद्रोवहयों के वनयंत्रण िाले दवमश्क ईपनगर में सैकड़ों लोगों की मौत के पीछे कारण के रूप में संयुक्त राष्ट्र ने सरीन गैस के प्रयोग
ककए जाने की पुवष्ट की थी।
VX : आस िषग फरिरी में ईत्तर कोररयाइ नेता ककम जोंग-ईन के सौतेले भाइ ककम जोंग-नाम की हत्या में कवथत तौर पर आसी स्नायु कारक
का प्रयोग ककया गया था।
रासायवनक हवथयार के ईपयोग के विरुद् ऄंतरराष्ट्रीय कन्िेंशन एिं फोरम
1925 का वजनेिा प्रोटोकॉलः यह कन्िेंशन आन रसायनों के ईत्पादन, भंडारण और हस्तांतरण पर मौन है।
1993 का रासायवनक हवथयार कन्िेंशन (CWC) – आस कन्िेंशन ने ईपयुगक्त कवमयों को दूर ककया। आसने ईत्पादन के साथ-साथ
रासायवनक हवथयारों के संचय पर पाबंदी लगाइ। 192 देश आसे मानने हेतु सहमत हुए हैं- UN के 4 सदस्य राष्ट्र आस कन्िेंशन में
सवम्मवलत नह हैं: आज़रायल, वमस्र, ईत्तर कोररया और दवक्षण सूडान।
CWC, OPCW (ओगगनाआजेशन फॉऱ प्रोवहवबशन ऑफ के वमकल विपन्स) संगठन द्वारा प्रशावसत होता है। आस संगठन को 2013 में
शांवत का नोबेल पुरस्कार वमला था।
ऑस्रेवलयाइ समूह (AG) विवभन्न देशों का एक ऄनौपचाररक फोरम है। वनयागत वनयंत्रण में तालमेल द्वारा आसका ईद्देश्य यह सुवनवित
करना है कक वनयागत से रासायवनक या जैविक हवथयारों का विकास न हो।
5.43. मै वसि ऑडग नें स एयर ललास्ट बम
5.44.5. CCTNS:
वशमला, वहमाचल प्रदेश में वस्थत संजौली पुवलस थाना क्राआम एंड कक्रमनल रैककग नेटिकग एंड वसस्टम (CCTNS) से जुड़ने िाली देश
का पहला पुवलस पोस्ट बन गया है।
CCTNS के सम्बन्ध में:
CCTNS को 26/11 के हमले के बाद 2009 में अरम्भ ककया गया था।
आसका लक्ष्य भारत के 15000 पुवलस थानों के बीच वनबागध संपकग स्थावपत करना है।
CCTNS राष्ट्रीय इ-शासन योजना के ऄंतगगत एक वमशन मोड पररयोजना है।
आससे ऑनलाआन / ऑफ़लाआन वशकायतों को दजग करने, नौकरी के अिेदकों, ककरायेदारों के पुवलस सत्यापन, चररत्र सत्यापन और
प्रिासी श्रवमक पंजीकरण दजग करने में लोगों को सुविधा होगी।
यह डाटा पुवलस वजला मुख्यालय या राज्य मुख्यालय, IB, CBI और कें द्रीय पुवलस संगठन जैसे संस्थानों के वलए ईपललध होगा ।
(Miscellaneous Titbits)
भारत की पहली जैि-ररफाआनरी (विवभन्न प्रकार के बायोमास जैसे चािल और गेहं का भूसा अकद से आथेनॉल का ईत्पादन) का हाल
ही में पुणे में शुभारम्भ ककया गया। यह दूसरी पीढ़ी का जैि ईंधन संयंत्र होगा। आसमें जैि ईिगरकों और जैि कीटनाशकों का भी
ईत्पादन ककया जाएगा ।
हैदराबाद भारत का पहला गीगावबट (Gigabit) िाला शहर बन गया है (1 गीगा वबट ब्रॉडबैंड स्पीड से भी ऄवधक स्पीड के आन्टरनेट
का शहर )।
हाल ही में ईबर (Uber) द्वारा ग्रेवबल का ईपयोग सुर्थख़यों में रहा I यह ईन शहरों में कानून प्रितगन ऄवधकाररयों को व्यिवस्थत रूप से
धोखा देने के वलए प्रयोग ककया जाने िाला एक ईपकरण था जहााँ ईबर सेिा वनयमों का ईर्ललंघन करती थी। आसने ईबर को ऄपने ऐप
पर "घोस्ट (ghost)" ईबर कारों की छवि या कार की ऄनुपललधता कदखाने की क्षमता प्रदान की।
कें द्र सरकार ईच्च वशक्षा संस्थानों के छात्रों के वलए देश की समस्याओं को हल करने हेतु एक ऄवभनि, मूल और व्यािहाररक समाधान
प्रस्तुत करने हेतु एक करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान करने के वलए एक योजना IDEAS या आनोिेशन फॉर डेिलपमेंट ऑफ़
एकफवशएंट एंड ऄफोडेबल वसस्टम अरम्भ करने जा रही है।
जमगनी के जुवलच में वस्थत वसनलाइट एक्सपेररमेंट के तहत 149 कफर्लम प्रोजेक्टर स्पॉटलाआट्स के माध्यम से पृथ्िी पर प्राकृ वतक सूयग
की रोशनी की तीव्रता से लगभग 10,000 गुना ज्यादा तेज़ रोशनी ईत्पन्न की गइ है। आसे "विश्व के विशालतम कृ वत्रम सूयग" के रूप में
विकवसत ककया जा रहा है I ईम्मीद की जा रही है कक आससे तीव्र प्रकाश स्रोतों को जलिायु के ऄनुकूल ईंधन ईत्पन्न करने के वलए
आस्तेमाल ककया जा सकता है।
चाआनीज़ एके डमी ऑफ साआं सेज के िैज्ञावनकों ने पाककस्तान में एस्परवजलस टयूहबजेंवसस (Aspergillus tubingensis) नामक एक
मृदा किक (fungus) की खोज की है जो प्लावस्टक खाता है, यह प्लावस्टक की सतह पर एंजाआमों का स्राि करता है तथा आस प्रकार
यह प्लावस्टक ऄणुओं या पॉवलमर के मध्य रासायवनक बंध को तोड़ देता हैं।
बोस्टन यूवनिर्थसटी स्कू ल ऑफ मेवडसीन के शोधकतागओं ने PorB नामक एक प्रोटीन का पररशोधन ककया है ताकक टीकाकरण का
बेहतर पररणाम प्राि हो सके । यह जीिाणु (नीसेररया मेहनवगवडस: neisseria meningidis) के बाहरी भाग पर पाया जाता है।
कृ वत्रम गभग / बायोबैग : आसे कक्ररटकल वप्रमेछयोर वशशुओं को सहायता देने के वलए पहली बार जानिरों (मेमने) में सफलतापूिगक प्रयुक्त
ककया गया है। यह समय से पहले जन्मे ईन वशशुओं के सन्दभग में पररणामों में अिश्यक रूप से सुधार कर सकता है जो वचककत्सा
सहायता के वबना श्वास और भोजन नह ले सकते या संक्रमण से नह लड़ सकते हैं।
भारतीय रे लिे लोकोमोरटि चालक और रेन के ऄंवतम िैगन के बीच संचार स्थावपत करने के वलए शीघ्र ही एंड ऑफ़ रेन टे लीमेरी
(EoTT) ईपकरण का आस्तेमाल करे गी। आससे यह सुवनवित ककया जा सके गा कक रेन के सभी कोच पूणगतः एक साथ एक समग्र आकाइ
के रूप में चल रहे है।
2002 की वपछली राष्ट्रीय स्िास्थ्य नीवत (NHP) के बाद के सामावजक-अर्थथक पररिगतन और महामारी के मामले में ितगमान और ईभरती
हुइ चुनौवतयों के समाधान के वलए मंवत्रमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय स्िास्थ्य नीवत (NHP) 2017 को ऄनुमोकदत ककया है।
वनयंवत्रत करने में राज्य द्वारा कदम ईठाए जाने की अिश्यकता की बात कही है। आस प्रकार यह नीवत प्री-स्क्रीहनग की सलाह देती है
और िषग 2025 तक NCDs के कारण होने िाली समयपूिग मृत्यु को 25 प्रवतशत तक कम करने का लक्ष्य वनधागररत करती है।
वनजी क्षेत्र के साथ सहयोग और ईसका विवनयमनः 2002 के बाद से वनजी क्षेत्र का व्यापक विकास हुअ है, ितगमान में दो वतहाइ से
भी ऄवधक सेिाएं वनजी क्षेत्र द्वारा प्रदान की जा रही हैं। हालांकक यह नीवत रोगी-कें कद्रत प्रतीत होती है, क्योंकक आसमें वनम्न के संबंध में
आसके वलए,
यह नीवत स्िास्थ बजट के दो वतहाइ भाग या आससे ऄवधक को प्राथवमक स्िास्थ्य सेिाओं पर व्यय करने का समथगन करती है।
हेर्लथ एंड िेलनेस सेंटर के माध्यम से व्यापक प्राथवमक स्िास्थ्य देखभाल का अश्वासन।
MoEf, MoHWS, MoA, MoUD, MoHRD, MoWCD अकद विवभन्न मंत्रालयों को सवम्मवलत करते हुए ऄन्तक्षेत्रक दृवष्टकोण।
शहरी स्िास्थ मामलेः गरीब अबादी पर विशेष ध्यान देते हुए और िायु प्रदूषण, िेक्टर कं रोल, हहसा ि शहरी तनाि में कमी समेत
स्िास्थ्य के व्यापक वनधागरकों के बीच ऄवभसरण कर शहरी अबादी की प्राथवमक वचककत्सा अिश्यकताओं को संबोवधत ककए जाने को
प्राथवमकता।
िषग 2020 तक मातृ मृत्यु ऄनुपात (MMR) को ितगमान स्तर से घटा कर 100 पर लाना।
िषग 2025 तक निजात मृत्यु दर को कम करके 16 और मृत जन्म दर को कम करके "आकाइ ऄंक" में लाना।
िषग 2025 तक सािगजवनक स्िास्थ्य पर व्यय को खचग में िृवद् होगी जो हाल के ईच्चतर स्तर के फं ड का ईपयोग
िषों में लगभग वस्थर है। करने की क्षमता का ऄभाि।
ितगमान में GDP के 1.15% से बढ़ाकर 2.5%
स्िास्थ्य पर खचग ऄभी भी ऄन्य
करके सािगजवनक क्षेत्र की भूवमका को सुदढ़ृ
विकासशील देशों की तुलना में भी
बनाना।
बहुत कम है।
राज्यों को िषग 2020 तक ऄपने बजट का 8 के न्द्रीय बजट को भी िार्थषक रूप
प्रवतशत या और ऄवधक स्िास्थ्य पर खचग करना से वस्थर िृवद् प्रवतहबवबत करनी
चावहए। चावहए।
वनम्नवलवखत के माध्यम से सभी के वलए िहनीय और भारत में बीमारी का बोझ कम ऄवधक मानि संसाधन और धन
गुणित्तपूणग स्िास्थ्य देखभाल: करना (ितगमान में विश्व के कु ल की अिश्यकता होगी।
दिाओं और वनदान, अपातकालीन और अिश्यक बोझ का 1/5िां भाग) ऄवधक प्रवशवक्षत डॉक्टरों और
स्िास्थ्य सेिाओं तक सािगभौवमक पहुंच। ये प्रािधान बहु-विषयक नसों की अिश्यकता है। ये
PHC सेिाओं के वलए हर पररिार को स्िास्थ्य दृवष्टकोण की अिश्यकता को प्रािधान ईपललध डॉक्टरों में से
काडग प्रदान करना। स्िीकार करते हुए वभन्न-वभन्न अधे फजी डॉक्टरों (WHO
सािगजवनक ऄस्पतालों के संयोजन के माध्यम से पेशेिर पृष्ठभूवम के लोगों को ररपोटग) की समस्या का समाधान
वद्वतीयक एिं तृतीयक देखभाल सेिाएं तथा साथ लाएंगे। नह करते।
स्िास्थ्य़ देखभाल की कमी िाले क्षेत्रों में मान्यता राज्य के विवशष्ट स्िास्थ्य खतरों वजला ऄस्पतालों को सुदढ़ृ बनाने
प्राि गैरसरकारी स्िास्थ्य देखभाल सेिा प्रदाताओं का पता लगाने और ईनके फै लने की अिश्यकता है और ईप-वजला
से रणनीवतक खरीद। से पहले ईन्हें रोकने में मदद ऄस्पतालों को ऄपग्रेड करने की
सभी राज्यों में सािगजवनक स्िास्थ्य प्रबंधन कै डर वमलेगी। अिश्यकता है।
स्थावपत करना।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मेवडवसन की बहुलिाद पर ध्यान कें कद्रत करते कफर भी एलोपैवथक प्रोफे शनर्लस से
प्रणावलयों में क्रॉस रे फरल, को-लोके शन और हुए पारं पररक वचककत्सा के कम महत्ि कदया जाता है।
आन्टीग्रेरटि प्रैवक्टसेज को शावमल करके वत्र- दािों को समथगन देने और
अयामी एकीकरण द्वारा अयुष प्रणावलयों को मेवडवसन की विविध प्रणावलयों
मुख्यधारा में लाना৷ पर ध्यान देने की अिश्यकता
पर जोर कदया गया है।
6.2. मानवसक स्िास्थ्य दे ख भाल विधे य क
आस में विधेयक "मानवसक बीमारी" को हचतन, मनोदशा, धारणा, प्राथवमकता या स्मृवत के एक महत्िपूणग विकार के रूप में पररभावषत ककया
गया है। यह विकार व्यिहार, समझ, जीिन की साधारण मांगों को पूरा करने की क्षमता या िास्तविकता को पहचानने की क्षमता, शराब
और ड्रग्स के दुरुपयोग से सम्बद् मानवसक पररवस्थवतयों को ऄत्यवधक विकृ त कर देता है।
(Mission Inderdhanush)
सुर्थख़यों में क्यों?
PMO (प्रधानमंत्री कायागलय) के द्वारा वमशन आं द्रधनुष की समय सीमा 2018 से बढ़ाकर 2020 तक कर दी गयी है।
PMO मर्लटी-मॉडल प्लेटफामग, प्रगवत (प्रो-एवक्टि गिनेंस एंड टाआमली आम्प्लीमेंटेशन:PRAGATI) प्लेटफामग के माध्यम से आस
वमशन की समीक्षा करे गा।
प्रगवत (प्रो-एवक्टि गिनेंस एंड टाआमली आम्प्लीमेंटेशन) क्या है?
यह एकीकृ त संिादमूलक (interactive) प्लेटफॉमग है। आसका ईद्देश्य अम जन की वशकायतों का समाधान करना तथा साथ-साथ
भारत सरकार के महत्िपूणग कायगक्रम एिं पररयोजनाओं की वनगरानी और समीक्षा करना है।
आसमें वडवजटल डेटा मैनेजमेंट, िीवडयो-कॉन्फ्रेंहसग और भू-स्थावनक प्रौद्योवगकी का ईपयोग ककया जाता है।
यह एक तीन स्तरीय प्रणाली है (PMO, भारत सरकार के सवचि और राज्यों के मुख्य सवचि)।
वमशन आं द्रधनुष
यह यूवनिसगल आम्यूनाआजेशन प्रोग्राम 1985 के तहत ककया जाने िाला एक रणनीवतक प्रयास है।
आसका लक्ष्य दो िषग से कम ईम्र के ईन सभी बच्चों को किर करना है जो टीकाकरण से िंवचत रह गए हैं या वजनका टीकाकरण अंवशक
रूप से ककया गया है। साथ ही कायगक्रम का लक्ष्य सभी गभगिती मवहलाओं का टीकाकरण करना है।
िैक्सीन वनरोध्य (preventable) सात रोगों से सुरक्षा करने हेतु टीकाकरण; ये रोग वडप्थीररया, परट्डूवसस, रटटनस, चाआर्लडहुड
ट्डूबरकु लोवसस, पोवलयो, हेपेटाआरटस बी और खसरा (मीजर्लस) हैं।
आसके ऄवतररक्त, चयवनत राज्यों में जापानी आन्सेफेलाआरटस, हेमोकफलस आन्फ्लुएंजा टाआप B, आनैवक्टिेटेड पोवलयो िैक्सीन,
रोटािायरस िैक्सीन और मीजर्लस रूबेला िैक्सीन के वलए भी िैक्सीन ईपललध कराए जा रहे हैं।
WHO, यूवनसेफ, रोटरी आं टरनेशनल और ऄन्य दाता भागीदारों द्वारा आस वमशन को तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
पृष्ठभूवम
प्रथम मानि विकास ररपोटग 1990 में प्रकावशत हुइ थी।
यह दृवष्टकोण ऄथगशास्त्री महबूब ईल हक और नोबेल पुरस्कार विजेता
ऄमत्यगसने द्वारा विकवसत ककया गया था।
आसने ह्यूमन डेिलपमेंट ऄप्रोच नाम से एक नए दृवष्टकोण की शुरुअत की,
जो ऄथगव्यिस्था (जी.डी.पी.) की समृवद् के बजाय मानि जीिन की समृवद्
के विस्तार (स्िास्थ्य, वशक्षा अकद पर ध्यान कें कद्रत करने) के विषय में
विचार करता है।
मानि विकास के तीन अयाम
प्रथम अयाम सम्माननीय या शालीन जीिन स्तर है, आसकी गणना प्रवत
व्यवक्त सकल राष्ट्रीय अय के माध्यम से की जाती है।
• वद्वतीय अयाम दीघग और स्िस्थ जीिन है, आसकी गणना जन्म के समय
जीिन प्रत्याशा के अधार पर की जाती है।
तृतीय अयाम ज्ञान तक पहुंच है, आसकी गणना प्रौढ़ जनसंख्या के वशक्षा के औसत िषों और बच्चों के वलए स्कू ली वशक्षा के ऄपेवक्षत
िषों के द्वारा की जाती है।
HDR ररपोटग में चार ऄन्य सूचकांक भी सवम्मवलत हैं-
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ऄसमानता समायोवजत HDI: यह ऄसमानता के वलए मानि विकास सूचकांक (HDI) को समायोवजत करता है।
लैंवगक विकास सूचकांक: मानि विकास के तीनों अयामों- स्िास्थ्य, ज्ञान और जीिन स्तर में मवहलाओं और पुरुषों के बीच लैंवगक
ऄंतर की ऄसमानताओं की जााँच करता है।
लैंवगक ऄसमानता सूचकांक: यह 2010 में अरं भ ककया गया था। यह वनम्नवलवखत तीन अयामों का ईपयोग करते हुए लैंवगक विभेद
की माप के वलए सूचकांक है:
मवहलाओं का प्रजनन स्िास्थ्य: यह मातृ मृत्यु दर और ककशोर जन्म दर (ऐडोलेसन्ट बथग रे ट) का ईपयोग करता है।
सशवक्तकरण: आसके वलए मवहलाओं द्वारा भरी गयी संसदीय सीटों का ऄनुपात तथा 25 िषग या ईससे ऄवधक की ईन ियस्क
मवहलाओं और पुरुषों के ऄनुपात का ईपयोग ककया जाता है वजन्होंने कु छ माध्यवमक वशक्षा प्राि की हो।
अर्थथक वस्थवत: आसे 15 िषग या ईससे ऄवधक की मवहला और पुरुष जनसंख्या के श्रम बल भागीदारी दर से मापा जाता है।
बहुअयामी वनधगनता सूचकांक: यह HDI के वलए ईपयोग ककए गए तीन अयामों स्िास्थ्य, ज्ञान और जीिन स्तर में वगरािट को
मापता है।
भारत संबवं धत तथ्य
HDI: 0.624 के HDI मूर्लय के साथ, भारत 188 देशों में 131िें स्थान पर है। 1990 में भारत का HDI मूर्लय 0.428 था (25 िषों में
45.8% की िृवद्)। आसप्रकार सुधार के मामले में भारत, चीन के बाद (48% सुधार) वब्रक्स देशों में दूसरे स्थान पर है। वपछले िषग आस
सूचकांक में भारत 130 िें पायदान पर था।
आसे कांगो, नामीवबया, पाककस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, के न्या अकद देशों के साथ "मध्यम मानि विकास" श्रेणी में रखा गया है।
साकग देशों में भारत, श्रीलंका (73िां स्थान) और मालदीि (105िां स्थान) के पीछे है, ये दोनों देश "ईच्च मानि विकास" श्रेणी में
सवम्मवलत हैं।
ऄसमानता: जब भारत के HDI को ऄसमानता के वलए समायोवजत ककया जाता है, तो आसका मूर्लय 0.624 से 27% वगरकर 0.454
तक हो जाता है।
स्िास्थ्य: भारत में जन्म के समय जीिन प्रत्याशा 68.3 िषग है। प्रत्येक ऄत्यवधक ईच्च मानि विकास श्रेणी िाले देश के वलए जन्म के
समय औसत जीिन प्रत्याशा 79.4 िषग है।
PVTGs
1973 में, ढेबर अयोग ने अकदिासी समूहों में से कम विकवसत अकदम जनजातीय समूहों (PTG) को एक ऄलग श्रेणी के रूप में वचवन्हत
ककया। बाद में आसे PVTG नाम कदया गया।
PVTGs की पहचान के वलए राज्य/UTs कें द्रीय जनजातीय कर्लयाण मंत्रालय को प्रस्ताि भेजते हैं।
PVTGs की कु छ मूलभूत विशेषताएं:
ऄवधकतर समरूपता।
एक छोटी अबादी।
ऄपेक्षाकृ त भौवतक रूप से पृथक।
अकदम सामावजक संस्थाएं।
वलवखत भाषा का ऄभाि।
ऄपेक्षाकृ त सरल तकनीक और पररितगन की धीमी गवत।
ईनकी अजीविका भोजन एकत्र करने, गैर रटम्बर िन ईत्पाद, वशकार, पशुपालन, झूम खेती और कारीगरी के कामों पर वनभगर करती है।
वप्रवमरटि िलनेरेलल राआबल ग्रुप के विकास के वलए योजना (2008)
यह ऄनुसूवचत जनजावतयों में सबसे कमजोर 75 PVTGs की पहचान करती है।
प्रत्येक PVTG के वलए पांच िषों के वलए एक दीघगकावलक संरक्षण-सह-विकास योजना को राज्यों द्वारा स्थावपत ककया जाएगा। यह
योजना पूणगतः कें द्र सरकार द्वारा वित्त पोवषत है।
ररपोटग के वनष्कषग
राज्य सरकारों को PVTGs के जनसांवख्यकीय और सामावजक-अर्थथक वस्थवत संबंधी अंकड़े प्राप्त करने एिं अंकड़ों में पुनरािृवत्त एिं
ओिरलैप समाप्त करने के वलए ऐसे सिेक्षण अयोवजत करने चावहए।
ईदाहरण के वलए ओवडशा में मनककवडया (Mankidia) और वबरहोर (Birhor) एक ही समूह से संबवं धत हैं ककन्तु आनका दो बार
ऄलग-ऄलग ईर्ललेख ककया गया है।
कु छ PVTGs एक से ऄवधक राज्य में वितररत हैं और ईन्हें एक से ऄवधक बार मान्यता प्रदान की गइ है जैसे वबरहोर 4 राज्यों में फै ले
हुए हैं।
PVTGs की सिागवधक संख्या ओवडशा (13) में पाइ जाती है, आसके बाद अंध्र प्रदेश (12) का स्थान अता है।
ऄंडमान में पाए जाने िाले सभी चार जनजातीय समूह एिं वनकोबार द्वीप समूह का एक जनजातीय समूह PVTGs हैं।
PVTGs हेतु कर्लयाण योजनाओं में, क्षेत्रीय एिं राज्य-विवशष्ट वभन्नताएं हैं-
जबकक ओवड़शा में PVTGs हेतु विवशष्ट माआक्रो-पररयोजनाएं संचावलत हैं, गुजरात में PVTGs हेतु ऐसी कोइ भी पररयोजना नह
संचावलत है।
अिश्यकता
संविधान, ऄनुछछेद 19 (1) (a) के ऄनुसार भारत के नागररकों को सूचना का ऄवधकार प्रदान करता है। सामुदावयक रे वडयो आसी
ऄवधकार के संिद्गन का साधन है।
सरकार के जागरूकता कायगक्रमों के वलए ऄंवतम स्तर तक कनेवक्टविटी को प्रोत्सावहत करने की अिश्यकता और ऄवधक संख्या में
सामुदावयक रे वडयो स्टेशनों की स्थापना की ओर आशारा करती है।
सामुदावयक रे वडयो स्टे शन के विषय में भारतीय दूरसंचार विवनयामक प्रावधकरण (TRAI) की ऄनुशंसा (2013-14)
विषयिस्तु:
ऑल आं वडया रे वडयो (अकाशिाणी) से समाचारों के पुनप्रगसारण की ऄनुमवत प्रदान की जाए।
विषयिस्तु को विकृ त ककए वबना स्थानीय भाषाओं में समाचारों के ऄनुिाद की ऄनुमवत प्रदान की जाए।
लाआसेंस का निीनीकरण:
कायगरत स्टेशनों के लाआसेंस का 5 िषग के वलए निीनीकरण ककया जा सकता है।
लाआसेंस का और ऄवधक विस्तार स्ि-मूर्लयांकन ररपोटों के ऄधीन होगा।
वनयमन: जरटल एिं नौकरशाही प्रकक्रयाओं से छु टकारा प्राि करने हेतु अिेदकों के वलए इ-शासन सक्षम हसगल हिडो प्रणाली।
महत्ि
सामुदावयक रे वडयो स्टेशनों का सिागवधक महत्िपूणग लाभ यह है कक आनका संचालन स्थानीय समुदायों द्वारा स्थानीय भाषाओं में ककया
जाता है। आससे नागररकों को बेहतर रूप से सूवचत करने में सहायता प्राि होती है।
सामुदावयक रे वडयो मुख्य रूप से वनम्न अय िगग के श्रोताओं हेतु प्रसारण करते हैं और ईनकी विषयिस्तु विकासोन्मुख होती है। यह
सामावजक-अर्थथक रूप से वपछड़े िगग के सशवक्तकरण के साधन के रूप में कायग करता है।
6.16. प्रिास पर पाथग मु खोपाध्याय की ऄध्यक्षता में कायग समू ह
(Partha Mukhopadhyay Working Group on Migration)
सुर्थख़यों में क्यों?
2015 में अिास और शहरी गरीबी ईपशमन मंत्रालय द्वारा प्रिास पर पाथग मुखोपाध्याय की ऄध्यक्षता में गरठत कायग समूह ने
सरकार को ऄपनी ररपोटग सौंप दी है। आसमें प्रिावसयों के विकास के वलए सामावजक कर्लयाणकारी ईपायों और प्रशासवनक कारग िाआयों
के वलए विवभन्न नीवतगत विषयों की ऄनुशंसा की गइ है।
(Sodhganga)
सुर्थख़यों में क्यों?
10 माचग, 2017 को विश्वविद्यालय ऄनुदान अयोग (UGC) ने यह ऄवनिायग कर कदया कक सम्बवन्धत संस्थान एम.कफल वडसटेशन
(शोध-वनबन्ध)/पीएच.डी. थीवसस की एक आलेक्रॉवनक प्रवतवलवप आनफामेशन एंड लाआब्रेरी नेटिकग (INFLIBNET) को प्रस्तुत करें गे।
शोधगंगा क्या है?
यह भारत के विवभन्न विश्वविद्यालयों के थीवसस और वडसटेशन की नेशनल ररपॉवजटरी विकवसत करने की योजना है।
आसमें ईच्च वशक्षा के वलए वडवजटल ऄध्ययन सामग्री की पररकर्लपना की गयी है।
आनफामेशन एंड लाआब्रेरी नेटिकग (INFLIBNET)
INFLIBNET सेंटर, गांधीनगर (गुजरात) वस्थत UGC का स्िायत्त आं टर-यूवनिर्थसटी सेंटर है।
INFLIBNET भारत में विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों के अधुवनकीकरण के कायग और साथ ही यह पुस्तकालयों एिं देश में वस्थत
सूचना के न्द्रों को देशव्यापी ईच्च गवत डाटा नेटिकग से जोड़ने के कायग में भी संलग्न है।
वशक्षा के वलए कु छ ऄन्य वडवजटल मंच:
SWAYAM (स्ियं)
एक िेब पोटगल है जहााँ सभी प्रकार के विषयों पर मैवसि ओपेन ऑन-लाआन कोसेस (MOOCs) ईपललध होंगे।
इ-पाठशाला:
यह NCERT द्वारा विकवसत पाठ्यपुस्तकों और ऄन्य संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है।
SARANSH (सारांश)
विद्यालयों और माता-वपता को विवभन्न विषयों में छात्र के प्रदशगन की समीक्षा करने के वलए बनाया गया है।
ShaGun (शगुन)
UN िीमेन
यह 2010 में UNGA द्वारा गरठत ककया गया था। आसका मुख्यालय न्यूयॉकग में है।
यह यूएन प्रणाली में पहले से विद्यमान चार ऄलग ऄलग भागों को परस्पर जोड़ कर बनाया गया है जो विशेष रूप से लैंवगक
समानता और मवहला सशवक्तकरण पर कें कद्रत थे :
वडिीज़न फॉर द एडिांसमेंट ऑफ़ िीमेन (DAW)
आं टरनेशनल ररसचग एंड रेहनग आं वस्टट्डूट फॉर द एडिांसमेंट ऑफ़ िीमेन (INTRAW)
ऑकफस ऑफ़ द स्पेशल ऐडिाआज़र ऑन जेंडर आश्यूज एंड एडिांसमेंट ऑफ़ िीमेन (OSAGI)
यूनाआटेड नेशंस डेिलपमेंट फण्ड फॉर िीमेन(UNIFEM)
कमीशन में, समतापूणग भौगोवलक वितरण के अधार पर अर्थथक और सामावजक पररषद द्वारा चुने गए 45 सदस्य देशों के
प्रवतवनवध शावमल हैं ;
ऄफ्रीका से 13 सदस्य
एवशया से 11
लैरटन ऄमेररका और कै रे वबयाइ देशों से 9
8 पविमी यूरोप और ऄन्य राज्यों से
4 पूिी यूरोप से
आं टर-पार्थलयामेंरी यूवनयन
यह 1889 में स्थावपत ककया गया था।
यह विवभन्न देशों की संसदों का एक ऄंतरराष्ट्रीय संगठन है।
यह विश्वव्यापी संसदीय संिाद के वलए एक मंच के रूप में कायग करता है और लोगों के बीच शांवत और सहयोग के वलए तथा
प्रवतवनवध लोकतंत्र की स्थापना के वलए काम करता है।
आसका मुख्यालय वजनेिा में है।
भारत भी आसका सदस्य है।
(Transgender Athletics)
के रल एक राज्य स्तरीय रांसजेन्डर एथलेरटक्स का अयोजन करने िाला पहला राज्य बन गया है। यह के रल के वतरुिनंतपुरम वजले में
अयोवजत की जायेगी।
आसमें छह ऄलग-ऄलग स्पधागएं शावमल की गयी थ - 100, 200 और 400 मीटर दौड़ और 4x100 मीटर ररले, शॉट पुट और लॉन्ग
जम्प।
रांसजेंडरों के सन्दभग में के रल सरकार द्वारा ईठाये गये ऄन्य कदम
के रल ऐसा पहला राज्य है वजसने रांसजेंडरों के प्रवत भेदभािपूणग व्यिहार को समाि करने और ईन्हें मुख्य धारा में लाने के ईद्देश्य से
एक रांसजेंडर नीवत तैयार की थी।
के रल ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण फॉमग में आं टरसेक्स नामक एक ऄलग कॉलम भी अरम्भ ककया है।
के रल में सभी सरकारी भिनों के वलए थडग सेक्स हेतु पृथक शौचालयों की व्यिस्था को ऄवनिायग कर कदया गया है।
6.21. विविध तथ्य
(Miscellaneous Titbits)
गुणोत्सि कायगक्रम ऄसम सरकार का एक ऐसा प्रयास है वजसका ईद्देश्य प्राथवमक स्तर पर प्रत्येक बच्चे के प्रदशगन पर नजर रखने, ईनके
व्यवक्तगत लर्ननग गैप का अकलन करने तथा ईनके सीखने की पद्ववत में सुधार के वलए ऄपनाये जाने िाले ईपायों को विकवसत करना
है।
अआसलैंड की संसद ने एक वबल प्रस्तुत ककया है वजसके ऄंतगगत सािगजवनक और वनजी व्यिसायों को यह सावबत करने की अिश्यकता
होगी कक िे ऄपने कमगचाररयों को (पुरुष और मवहला दोनों को) समानिेतन प्रदान करते हैं । िैवश्वक स्तर पर यह आस तरह का पहला
प्रस्तावित वबल होगा। पहले से ही अआसलैंड ग्लोबल जेंडर गैप आं डेक्स में पहले स्थान पर है।
हाल ही में भुिनेश्वर में फु ट एंड माईथ रोग के एक ऄंतरराष्ट्रीय कें द्र का ईद्घाटन ककया गया। यह साकग देशों के वलए एक शोध कें द्र के
रूप में भी कायग करे गा।
नेशनल आं स्टीट्डूट ऑफ आम्यूनोलॉजी ने कु ष्ठ रोवगयों के वलए मायकोबैक्टीररयम आं वडकस प्रानी (MIP) नामक एक स्िदेशी टीका
विकवसत ककया है।
आलेक्रॉवनक िैक्सीन आं टेवलजेंस नेटिकग (eVIN) पररयोजना, स्िास्थ्य और पररिार कर्लयाण मंत्रालय की भारत में विकवसत की गइ
एक स्िदेशी तकनीक प्रणाली है। यह िैक्सीन स्टॉक का वडवजटलीकरण करती है तथा स्माटगफोन एवप्लके शन के जररए कोर्लड चेन के
तापमान पर नज़र रखती है। यह तकनीकी निाचार संयुक्त राष्ट्र विकास कायगक्रम (UNDP) द्वारा लागू ककया गया है।
सेंटर ऑफ़ आकक्वटी स्टडीज द्वारा जारी की गइ आं वडया एक्सक्लूजन ररपोटग 2016, चार सािगजवनक िस्तुओं के संबंध में बवहष्कार की
समीक्षा करती है। जैसे:बुजुगों के वलए पेंशन, वडवजटल एक्सेस, कृ वष भूवम, और ऄंडररायल के वलए कानूनी न्याय।
(Architecture)
7.2.1. चे न्नाके शि मं कदर
(Channakeshava Temple)
सुर्थखयों में क्यों?
कनागटक के हासन वजले के बेर्ललूर में वस्थत
चेन्नाके शि मंकदर ने ऄपनी स्थापना के
900 िषग पूणग ककए। आस मवन्दर को
विजयनारायण मंकदर के नाम से भी जाना
जाता है।
आस मंकदर का वनमागण 1106-1117 AD
के मध्य होयसल िंश के राजा विष्णुिधगन
द्वारा करिाया गया था।
होयसल िास्तुकला शैली
होयसल िास्तुवशर्लप शैली को आं डो-अयगन
और द्रविवड़यन िास्तुवशर्लप शैली के मध्य
की योजक कड़ी माना जाता है।
यह शैली पविमी चालुक्यों की िास्तुकला
से प्रभावित थी।
कु छ विवशष्टताएाँ वनम्न हैं:
मंकदर का मुख्य भाग उाँचे प्लेटफोमग पर स्थावपत है तथा आसका अधार तारानुमा अकृ वत का है।
गभग गृह (sanctum sanctorum) के के न्द्रीय भाग में एक पीठ (pedestal) पर मूर्थत की स्थापना की गइ है।
एक कें द्रीय स्तम्भ युक्त हॉल के असपास संरवचत तीन पूजास्थलों (देिालयों) की स्थापना की गइ है वजनमे से प्रत्येक में एक स्तंभ
स्थावपत है।
मंकदर के स्तम्भ में एक यांवत्रक प्रकक्रया द्वारा क्षैवतज ढलाइ का कायग संपन्न ककया गया है।
जरटल जालीदार वखड़ककयां हैं वजन पर ऄनेक प्रवतमाओं को ईभारा गया है।
ईत्तर भारतीय शैली (परिलवयक) के विपरीत वशखरों का वनमागण पररपक्व क्षैवतज स्तरों (कइ परतों में) द्वारा वनर्थमत है। वशखर तथा
गभगगृह संयुक्त रूप से मंकदर के विमान का वनमागण करते हैं।
मंकदर के अंगन (प्रकारम) में कइ छोटे मंकदर और भिन वनर्थमत हैं।
विशाल गोपुरम (विशाल प्रिेश द्वार) के माध्यम से मवन्दर में प्रिेश ककया जा सकता है, वजन्हें प्रत्येक द्वार पर वनर्थमत ककया गया है।
मंकदरों को लगभग पूरी तरह से जरटल प्रवतमा ऄंकन के द्वारा ऄलंकृत ककया गया है। यह मुख्य रूप से सूक्ष्म दानेदार नमग संरचना िाले
सोप स्टोन (क्लोराआरटक वशस्ट) की ईपललधता के कारण संभि हो पाया।
आन शैवलयों के ऄन्य प्रमुख मंकदरों में: कनागटक के हलेवबड में वस्थत होयसलेश्वर मंकदर और मैसरू के सोमनाथपुरा में वस्थत के शि मंकदर
सवम्मवलत हैं।
7.2.2. एवलफै न्टा गु फाएं
(Elephanata Caves)
(Banganapalle Mango)
सुर्थखयों में क्यों?
रवजस्रार ऑफ़ ज्योग्राकफकल आं वडके शन्स रवजस्री (RGIR) द्वारा अंध्र प्रदेश के बंगनापर्लली अम तथा बन्दर लड्डू दोनों को ही
भौगोवलक संकेतक (GI) का टैग प्रदान ककया गया।
GI टै ग क्या है?
GI टैग एक संकेत है जो विवशष्ट भौगोवलक क्षेत्र को वनर्ददष्ट करता है। आसका ईपयोग विशेष गुणित्ता और प्रवतष्ठा प्राि कृ वष संबंधी,
प्राकृ वतक और विवनर्थमत िस्तुओं को पहचान और संरक्षण प्रदान करने के वलए ककया जाता है।
GI टैग प्राि करने के वलए ककसी ईत्पाद का ईस क्षेत्र में ही ईत्पाकदत, प्रसंस्कृ त या ऄंवतम रूप से तैयार होना अिश्यक है।
GI टैग को ज्योग्राकफकल आं वडके शन्स ऑफ़ गुड्स (रवजस्रेशन एंड प्रोटेक्शन) एक्ट, 1999 द्वारा वनयंवत्रत ककया जाता है।
आस ऄवधवनयम के प्रािधानों का कक्रयान्ियन कं रोलर जनरल ऑफ़ पेटेंट्स, वडजाआन्स और रेड माक्सग (Controller General of
Patents, Designs and Trade Marks) द्वारा ककया जाता है। दृष्टव्य है कक कं रोलर जनरल ऑफ़ पेटेंट, वडजाआन और रे ड माक्सग,
GI के रवजस्रार भी हैं।
GI का पंजीकरण 10 िषों के वलए िैध होता है, वजसके बाद आसे निीनीकृ त करने की अिश्यकता होती है।
(Champaran Satyagraha)
सुर्थखयों में क्यों?
वबहार सरकार ने महात्मा गांधी द्वारा ककए गए चंपारण सत्याग्रह के एक शतालदी पूणग होने के ईपलक्ष्य में िषगभर चलने िाले विवभन्न
कायगक्रमों का शुभारं भ ककया।
पृष्ठभूवम
1917 में चंपारण सत्याग्रह भारत में महात्मा गांधी का प्रथम सत्याग्रह था।
1916 में लखनउ में अयोवजत कांग्रेस की प्रथम बैठक के दौरान विवभन्न नेताओं ने गांधी जी से चंपारण में ककसानों पर हो रहे
ऄत्याचार के विरुद् अंदोलन प्रारं भ करने का ऄनुरोध ककया।
गांधी जी के चंपारण अगमन के बाद ईन्हें वजला मवजस्रेट डलर्लयू बी हेकॉक (W B Heycock) द्वारा चले जाने का अदेश कदया गया।
गांधी जी ने अदेश का पालन करने से मना कर कदया और ऄपने रुख पर ऄड़े रहे। साथ ही ईन्होंने सत्याग्रह करने का फै सला ककया।
सत्याग्रह का कारण
चंपारण और ईत्तरी वबहार तथा ऄन्य क्षेत्रों में ककसान वतनकरठया पद्वत के ऄन्तगगत नील की खेती करते थे। आस पद्वत के तहत ककसान
ऄपनी कृ वष भूवम के 3/20 भाग में नील की खेती करने के वलए बाध्य थे।
ककसानों का खुकी व्यिस्था द्वारा भी दमन ककया गया। खुकी व्यिस्था के ऄंतगगत वब्ररटश बागान मावलकों द्वारा ककसानों (रै यत) को कु छ धन
देकर ईनकी जमीन और मकान को वगरिी रख वलया जाता था और आनके द्वारा ककसानों को नील की खेती करने के वलए बाध्य ककया जाता
था।
शतालदी िषग समारोह
गांधी जी के चम्पारण में प्रथम अगमन को वचवन्हत करने के वलए गााँधी स्मृवत यात्रा का अरं भ मोवतहारी से ककया जाएगा।
7.8. जनजावतयााँ
(Tribes)
7.8.1. कु रुख जनजातीय भाषा
(Kurukh Tribal Language)
हाल ही में, कु रुख भाषा को पविम बंगाल में अवधकाररक भाषा का दजाग कदया गया।
यह एक संकटग्रस्त (endangered) जनजातीय भाषा है। आसकी वलवप तोलोंग सीकी है।
यह ईत्तरी बंगाल के दुअर में रहने िाली ईरांि जनजावत द्वारा बोली जाती है।
राज्य में ऄवधकांश जनजातीय भाषाओं का अस्रो-एवशयारटक (संथाली, मुंडा और हो) और वतलबती-बमगन (लेपचा, तमांग और
भूरटया) पररिारों से ईद्भि हुअ है। कु रुख का मूल द्रविड़ पररिार से है। द्रविड़ पररिार में मूल रूप से ईत्पन्न होने िाली दूसरी
अकदिासी भाषा मार्लटो (झारखंड के राजमहल पहावड़यों में बोलीजाने िाली ) है।
झारखंड ने कु रुख को एक भाषा के रूप में मान्यता दी हैI यहााँ के छात्र ऄपने स्कू ल की ऄंवतम परीक्षा में भी आसकी वलवप का प्रयोग कर
सकते हैं।
बक्खुही (Bakkhuhi) एक पवत्रका है वजसका हाल ही में कु रुख भाषा में प्रकाशन ककया गया।
7.8.2. मां क वडया जनजावत
(Mankidia Tribe)
सुर्थख़यों में क्यों?
ओवडशा, िन एिं पयागिरण विभाग ने ऄपने कर्थमयों को मांकवडया जनजावत से बन्दरों को पकड़ने के कु छ तरीके सीखने को कहा है ताकक
िह आनसे होने िाले खतरों को समाि कर सके ।
मांकवडया जनजावत
ओवडशा में आन्हें पर्टटकु लली िर्लनरे बल राआबल ग्रुप्स (PVTGs) के रूप में िगीकृ त ककया गया है।
ये ऄधग-खानाबदोश होते हैं तथा मांस के वलए बंदर का वशकार ककया करते थे।