RA2

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१॰ लह्यान (खारिज)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा किे गा, वास्तदवक

प्रेम नही ीं।


२॰ कब्जुल (िाखखल)-जीवनसाथी बहुत प्याि किे गा।
३॰ कब्जुल (खारिज़)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा किे गा,
वास्तदवक प्रेम नही ीं।
४॰ जमात (सादबत)-पिे शादनय ीं एवीं दिक्कत ीं के बाि िाम्पत्य सुख
दमलेगा।
५॰ फिहा (मुींकदलब)-िाम्पत्य जीवन उताि-चढावपू र्ण ह गा।
६॰ उक़ला (मुींकदलब)-िाम्पत्य जीवन उताि-चढावपू र्ण ह गा।
७॰ अींकीस (िाखखल)-जीवनसाथी बहुत प्याि किे गा।
८॰ हुमिा (सादबत)-दववाह के काफी समय बाि सुख दमले गा।
स्थादयत्व है ।
९॰ बयाज (सादबत)-दववाह के काफी समय बाि सुख दमले गा।
स्थादयत्व है ।
१०॰ नस्त्रुल (खारिज़)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा किे गा,
वास्तदवक प्रेम नही ीं।
११॰ नस्त्रुल (िाखखल)-जीवनसाथी बहुत प्याि किे गा।
१२॰ अतवे (खारिज)-जीवनसाथी प्रेम का दिखावा किे गा, वास्तदवक
प्रेम नही ीं।
१३॰ नकी (मुींकदलब)-िाम्पत्य जीवन उताि-चढावपू र्ण ह गा।
१४॰ अवते (िाखखल)-जीवनसाथी बहुत प्याि किे गा।
१५॰ इज्जतमा (सादबत)-दववाह के काफी समय बाि सुख दमलेगा।

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