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बाबा बालकनाथ का मन्त्र Vadicjagat
बाबा बालकनाथ का मन्त्र Vadicjagat
बाबा बालकनाथ का मन्त्र Vadicjagat
बाबा बालकनाथ का म
बाबा बालकनाथ का म
म ः- (१) “ ीराम महा-राम, जग ाथ वामी । इक-इक नागा, इक-इक नवाणी । उदासी बैरागी, क पड़ाए
। मु ाँ पाईयाँ, कलकाँ लाईयाँ । इक घर मँगेया, आ घर मँगेआ, तीजे घर पहाई । ल गाँ-लाईचीयाँ द धूनी
लाई । गुफा ते रया द पक बले, च कु ठाँ चाणन होए ।।”
(२) “ओम नाथ नाथे र बाबा बालकाय नम: ।।”
व ध – उपयु म क स हेतु वट अथात् बड़ वृ के नीचे अरने (उपले) क आग म मीठा रोट पकाए । उपल क
आग पर ल ग-इलायची और गाय के घी से न मत धूप-साम ी र खे । ४१ दन तक ‘जप’ करने पर बाबा जी स
होकर ‘वर’ दान करते ह । फर दोन म से ल ग, इलायची, वभू त या ग डा बना कर दे ने से सभी कार क
बाधा से र ा होती है ।
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