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ब्राह्मणों का नंगा सच
ब्राह्मणों का नंगा सच
इस पोस्ट को जरुर पढ़े िेर्क डॉ. िीरािाि यादव पीएचडी; इलििास ; बधाई
के पात्र िैं ।
जबहक भारि पर सबसे पििे िमिा मुस्स्िम शासक मीर काशीम ने 712ई.
हकया!
4- 1813 में त्तब्रहटश सरकार ने कानून बनाकर लशक्षा ग्रिण करने का सभी
जालियों और धमों के िोगों को अलधकार हदया |
6- 1817 में समान नागररक संहििा कानून बनाया (1817 के पििे सजा का
प्रावधान वणख के आधार
9- 1833 अलधलनयम 87 द्वारा सरकारी सेवा में भेद भाव पर रोक अिाखि
योग्यिा िी सेवा का आधार स्वीकार हकया गया ििा कम्पनी के अधीन
हकसी भारिीय नागररक को जन्म स्िान, धमख, जालि या रं ग के आधार पर
पद से वंलचि निी रर्ा जा सकिा िै ।
10-1834 में पििा भारिीय त्तवलध आयोग का गठन िुआ। कानून बनाने की
व्यवस्िा जालि, वणख, धमख और क्षेत्र की भावना से ऊपर उठकर करना
आयोग का प्रमुर् उद्दे श्य िा।
12- 7 माचख 1835 को िाडख मैकािे ने लशक्षा नीलि राज्य का त्तवर्षय बनाया
और उच्च लशक्षा को अंग्रेजी भार्षा का माध्यम बनाया गया।
सेवा के लिए दान दे िे िे। मस्न्दर के पुजारी उनका शारीररक शोर्षण करिे
िे। बच्चा पैदा िोने पर उसे िेंक दे िे िे।और उस बच्चे को िररजन नाम
दे िे िे। 1921 को जालिवार जनगणना के आंकड़े के अनुसार अकेिे मद्रास
में कुि जनसंख्या 4 करोड़ 23 िार् िी स्जसमें 2 िार् दे वदालसयां मस्न्दरों
में पड़ी िी। यि प्रिा अभी भी दस्क्षण भारि के मस्न्दरो में चि रिी िै ।
18- 1854 में अंग्रेजों ने3 त्तवश्वत्तवद्यािय किकिा मद्रास और बॉम्बे में
स्िात्तपि हकये। 1902 मे त्तवश्वत्तवद्यािय आयोग लनयुक्त हकया गया।
भारि में जालि, वणख और धमख के त्तबना एक समान हक्लमनि िॉ िागु कर हदया |
20- 1863 अंग्रेजों ने कानून बनाकर चरक पूजा पर रोक िगा हदया
मान्यिा िी की भवन
और पुि ज्यादा हदनों िक हटकाऊ रिे गें।
22- 1871 में अंग्रेजों ने भारि में जालिवार गणना प्रारम्भ की। यि
जनगणना 1941 िक िुई । 1948 में पस्डडि नेिरू ने कानून बनाकर
जालिवार गणना पर रोक िगा दी।
23- 1872 में लसत्तवि मैररज एक्ट द्वारा 14 वर्षख से कम आयु की कन्याओं
एवम ् 18 वर्षख से कम आयु के िड़को का त्तववाि वस्जखि करके
भिी हकया िेहकन 1892 में ब्राह्मणों के दबाव के कारण सेना में अछूिों की
भिी बन्द िो गयी।
मनु स्मृलि में शूद्रों और महििाओं को गुिाम ििा भोग की वस्िु समझा
जािा िा एक पुरूर्ष को अनलगनि शाहदयां करने का धालमखक अलधकार िै
महििा अलधकार त्तविीन ििा दासी की स्स्िलि में िी। एक - एक औरि के
अनलगनि सौिने िुआ करिी िी औरिो- शूद्रों को लसिख और लसिख गुिामी
लिर्ा िै स्जसको राक्षस मनु ने धमख का नाम हदया िै ।
32- नवम्बर 1927 में साइमन कमीशन की लनयुत्तक्त की। जो 1928 में भारि
के अछूि िोगों की स्स्िलि की सवे करने और उनको अलिररक्त अलधकार
दे ने के लिए आया। भारि के िोगों को अंग्रेज अलधकार न दे सके इसलिए
इस कमीशन के भारि पिुाँचिे िी गांधी और िािा िाजपि राॅय ने इस
कमीशनके त्तवरोध में बिुि बड़ा आंदोिन चिाया। स्जस कारण साइमन
कमीशन अधूरी ररपोटख िेकर वापस चिा गया। इस पर अंलिम िैसिे के
लिए अंग्रेजों ने भारिीय प्रलिलनलधयों को 12 नवम्बर 1930 को िन्दन
गोिमेज सम्मेिन में बुिाया।
त्तवधान पररर्षद में आवाज उठाई। स्जसके बाद अंग्रेजों ने इस प्रिा को समाप्त
कर हदया।
37-- 1942 में अंग्रेजों िजार िे क्टे यर भूलम को अछूिों एवम ् त्तपछङो में