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Oral Dropsविरुद्ध आहार वाग्भट्ट
Oral Dropsविरुद्ध आहार वाग्भट्ट
Liver toxins – blood impure by liver toxins , oily food sour food, baingan no, bhindi , arbi kachalu,
kathal, never take icecream after dinner lunch . good intake of water
2 Copper water
Almonds
1 Black chana
ghia
विरुद्ध आहार िाग्भट्ट: अनेक रोगोों का मूल कारण
कभी कभी हमलोग अनजाने में खाने पीने की चीजोों को लेकर कुछ ऐसी गलती कर बै ठते है जो बाद में जाकर हमारी
सेहत के वलए नुकसानदायक सावबत हो सकती है ,इसवलए अगर आप खाना खाने के शौक़ीन है तो आपको कुछ चीजोों
का ध्यान रखना ज़रूरी है ,खाने पीने की कुछ चीजे ऐसी होती है वजनको एक साथ खाना सेहत को नुकसान पहोंचा सकता
है . आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजोों के बारे में बताने जा रहे है वजनको एक साथ खाने से सेहत को नुकसान हो
सकता है .
1-अगर आप दू ध पीने के साथ या बाद में या दही के साथ प्याज खाते है तो इससे आपको दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा,
सोराईवसस, त्वचा और पेट से सोंबवधत बीमाररयोों के होने का खतरा बढ़ जाता है . इसके साथ ही अगर आप दू ध के साथ
खट्टे फलो का सेिन करते है तो इससे आपको एवसविटी की समस्या हो सकती है .
2-दही एक ठों िी तासीर िाला भोजन होता है ,इसवलए कभी भी दही के साथ गमम चीजोों को नहीों खाना चावहए,इसके
अलािा दही के साथ पराठे , मछली और उड़द की दाल का सेिन भी नहीों करना चावहए,इन चीजोों को एक साथ खाने से
आपको वदल से जु िी बीमाररयोों के होने का खतरा बढ़ जाता है .
3-कई लोग खाना खाने के फ़ौरन बाद फलो का सेिन करते है ,पर हम आपको बता दे की ऐसा करना हमारी सेहत के
वलए बहत हावनकारक होता है . अगर आप खाने के तु रोंत बाद नीबू , सोंतरा, अनानास आवद का सेिन करते है तो इससे
आपके काबोहाइिरेट या स्टाचम की पाचन विया धीमी हो जाती है . वजसकेकारण कब्ज, िायररया या अपच की वशकायत
हो सकती है .
इस पृष्ठ में विरुद्ध आहार की सूवच दी गयी है | एिों उसके सेिन से शरीर में क्या बदलाि होते है उसकी जानकारी
दी गयी है |
3. नमक और दू ध (सेंधा नमक छोड़कर) दू ध और सभी प्रकार की खटाइयाों , दू ध और मूूँ गफली, दू ध और मछली,
एक साथ प्रयोग ना करें ।
4. दही गमम करके नहीों खाना चावहये हावन पहूँ चती है , कढ़ी बनाकर खा सकते हैं ।
8. तेज धूप में चलकर आने के बाद थोड़ा आराम करके ही पानी वपयें, व्यायाम या शारीररक पररश्रम के तुरन्त बाद
पानी ना वपयें या थोड़ी दे र बाद पानी वपयें और भोजन के प्रारम्भ में पानी पीना िवजम त है ।
10. शाम को खाने के बाद थोड़ी दे र चलना आिश्यक है , खाना खाकर तुरन्त सो जाना हावनकारक है ।
11. रावि में दही का सेिन वनषेध है , भोजन के तुरन्त बाद जल का सेिन वनषे ध है। वदन में भोजन के बाद मठ्ठा और
रावि में भोजन के बाद दू ध लेना लाभदायक होता है । िात के रोगोों में ब्लि एवसविटी, कफ िृग्जद्ध या सोंवधिात में दही
ना खायें।
12. शौच विया के बाद, भोजन से पहले , सदी-जु काम होने पर, दाों तोों में पीि आने पर और पसीना आने की दशा में
पान का सेिन नहीों करना चावहए।
13. वसर पर अवधक गमम पानी िालकर स्नान करने से नेिोों की ज्योवत कम होती है जरूरत पड़ने पर गुनगुने पानी से
स्नान कर सकते हैं ।
14. सोते समय वसर पर कपड़ा बाों धकर सोना, पैरोों में मोजे पहनकर सोना, अवधक चुस्त कपड़े पहनकर सोना
हावनकारक है ।
15. शहद कभी भी गमम करके ना खायें, छोटी मधुमक्खी का शहद सिोत्तम होता है ।
16. तेज ज्वर आने पर तेज हिा, वदन में अवधक दे र तक सोना, अवधक पररश्रम, स्नान, िोध आवद से बचना चावहये।
17. नीोंद लेने से वपत्त घटता है , मावलश से िात कम होता है और उल्टी करने से कफ कम होता है एिों उपिास
करने से ज्वर शाों त होता है ।
आयुिेद के अनु सार विरुद्ध आहार ------
आयुिेद एक सम्पू णम वचवकत्सा विज्ञानों है आयुिेद में भोजन का भी एक विवशष्ट दशम न है ...आयुिेद के अनु सार यवद
विरुद्ध आहार बहत सी वबमाररयोों का कारण है ...आज हम दे खते है की वकतनी ही नयी बीमाररया लोगोों को कष्ट दे
रही हैं वजनके कारण आधुवनक वचवकत्सा विज्ञानों नहीों जान पाया है ..ऐसी वबमाररयोों के मूल में कहीों न कहीों विरुद्ध
आहार भी है
विरोधी आहार के सेिन से बल, बुग्जद्ध, िीयम ि आयु का नाश, नपुोंसकता, अोंधत्व, पागलपन, भगोंदर, त्वचाविकार,
पेट के रोग, सूजन, बिासीर, अम्लवपत्त (एसीविटी), सफेद दाग, ज्ञाने ग्जियोों में विकृवत ि अष्टौमहागद अथाम त् आठ
प्रकार की असाध्य व्यावधयाूँ उत्पन्न होती हैं । विरुद्ध अन्न का सेिन मृ त्यु का भी कारण हो सकता है ।
जो पदाथम रस-रक्तादी धातुओों के विरुद्ध गुणधमम िाले ि िात-वपत्त-कफ इन विदोषोों को प्रकुवपत करने िाले हैं ,
उनके सेिन से रोगोों की उत्पवत्त होती है | इन पदाथों में कुछ परस्पर गुणविरुद्ध, कुछ सोंयोगविरुद्ध, कुछ
सोंस्कारविरुद्ध और कुछ दे श, काल, मािा, स्वभाि आवद से विरुद्ध होते हैं
दू ध के साथ मूूँ ग, उड़द, चना आवद सभी दालें , सभी प्रकार के खट्टे ि मीठे फल, गाजर, शककोंद, आलू , मूली जै से
कोंदमू ल, तेल, गुड़, शहद, दही, नाररयल, लहसुन, कमलनाल, सभी नमकयुक्त ि अम्लीय प्रदाथम सोंयोगविरुध हैं |
दू ध ि इनका सेिन एक साथ नहीों करना चावहए | इनके बीच कम-से-कम २ घोंटे का अोंतर अिश्य रखें |
दू ध और दही दोनोों की तासीर अलग होती है । दही एक खमीर िाली चीज है । दोनोों को वमक्स करने से वबना खमीर
िाला खाना (दू ध) खराब हो जाता है । साथ ही, एवसविटी बढ़ती है और गैस, अपच ि उलटी हो सकती है ।
इसी तरह दू ध के साथ अगर सोंतरे का जू स लें गे तो भी पेट में खमीर बने गा। अगर दोनोों को खाना ही है तो दोनोों के
बीच घोंटे-िे ढ़ घोंटे का फकम होना चावहए
ऐसे ही दही के साथ उड़द, गुड़, काली वमचम, केला ि शहद; शहद के साथ गुड़; घी के साथ तेल नहीों खाना चावहए |
शहद, घी, तेल ि पानी इन चार द्रव्योों में से दो अथिा तीन द्रव्योों को समभाग वमलाकर खाना हावनकारक हैं |
रासायवनक खाद ि इों जेकशन द्वारा उगाये गये आनाज ि सग्जब्जयाूँ तथा रसायनोों द्वारा पकाये गये फल भी
स्वभािविरुद्ध हैं |
हे मोंत ि वशवशर इन शीत ऋतुओों में ठों िे , रुखे -सूखे, िातिधमक पदाथों का सेिन, अल्प आहार तथा िसोंत-ग्रीष्म-
शरद इन ऊष्ण ऋतुओों में ऊष्ण पदाथं ि दही का सेिन कालविरुद्ध है |
- मरुभू वम में रुक्ष, उषण, तीक्षण पदाथों (अवधक वमचम, गमम मसाले आवद) ि समु द्रतटीय प्रदे शोों में वचकने -ठों िे
पदाथों का सेिन, क्षारयुक्त भू वम के जल का सेिन दे शविरुद्ध है |
- अवधक पररश्रम करने िाले व्यग्जक्तयोों के वलए रुखे -सूखे, िातिधमक पदाथम ि कम भोजन तथा बैठे-बैठे काम
करने िाले व्यग्जक्तयोों के वलए वचकने , मीठे , कफिधमक पदाथम ि अवधक भोजन अिस्थाविरुद्ध है | - अधकच्चा,
अवधक पका हआ, जला हआ, बार-बार गमम वकया गया, उच्च तापमान पर पकाया गया (जै से-ओिन में बना ि
फास्टफूि), अवत शीत तापमान में रखा गया (जै से-वफजम में रखे पदाथम ) भोजन पाकविरुद्ध है |
- मल, मू ि का त्याग वकये वबना, भू ख के वबना अथिा बहत अवधक भू ख लगने पर भोजन करना िमविरुद्ध है |
- जो आहार मनोनु कूल न हो िह ह्रदयविरुद्ध है क्योोंवक अवि प्रदीप्त होने पर भी आहार मनोनु कूल न हो तो सम्यक
पाचन नहीों होता |
- इस प्रकार दे श, काल, उम्र, प्रकृवत, सोंस्कार, मािा आवद का विचार तथा पथ्य-अपथ्य का वििेक करके वनत्य
पथ्यकर पदाथों का ही सेिन करें | अज्ञानिश विरुद्ध आहार के सेिन से हावन हो गयी हो तो िमन-विरे चनादी
पोंचकमम से शारीर की शुद्धी एों ि अन्य शास्त्रोक्त उपचार करने चावहए | आपरे शन ि अोंग्रेजी दिाएूँ रोगोों को जड़-
मू ल से नहीों वनकालते | अपना सोंयम और वन:सिाथम एों ि जानकार िैध की दे ख-रे ख में वकया गया पोंचकमम विशे ष
लाभ दे ता है | इससे रोग तो वमटते ही हैं , 10-15 िषम आयुष्य भी बढ़ सकता है |
- नासमझी के कारण कुछ लोग दू ध में सोिा या कोल्डविरोंक िालकर पीते हैं | यह स्वाद की गुलामी आगे चलकर
उन्हें वकतनी भारी पड़ती है , इसका िणमन करके विस्तार करने की जगह यहाूँ नहीों है | विरुद्ध आहार वकतनी
वबमाररयोों का जनक है , उन्हें पता नहीों | खीर के साथ नमकिाला भोजन, ग्जखचड़ी के साथ आइसिीम, वमल्कशे क
- ये सब विरुद्ध आहार हैं | इनसे पाशचात्य जगत के बाल, युिा, िृद्ध सभी बहत सारी वबमाररयोों के वशकार बन रहे
हैं | अत: हे बुग्जद्धमानो ! खट्टे -खारे के साथ भू लकर भी दू ध की चीज न खायें- न ग्जखलायें |
अक्सर हम स्वाद के चक्कर में खाना पकाने में िैवदक और आयुिेवदक वसद्धाों तोों की पूरी तरह से अिहे लना कर दे ते
हैं , वजसकी िजह से आज स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएूँ आ रही है .
दू ध के साथ तला-भु ना और नमकीन खाएों या नहीों?
दू ध में वमनरल और विटावमों स के अलािा लै क्टोस शु गर और प्रोटीन होते हैं । दू ध एक एवनमल प्रोटीन है और उसके
साथ ज्यादा वमग्जक्सोंग करें गे तो ररएक्शन हो सकते हैं। वफर नमक वमलने से वमल्क प्रोटीोंस जम जाते हैं और पोषण
कम हो जाता है । अगर लों बे समय तक ऐसा वकया जाए तो ग्जस्कन की बीमाररयाों हो सकती हैं । आयुिेद के मु तावबक
उलटे गुणोों और वमजाज के खाने लों बे िक्त तक ज्यादा मािा में साथ खाए जाएों तो नु कसान पहों चा सकते हैं । ले वकन
मॉिनम मे विकल साइों स ऐसा नहीों मानती।
आयुिेद के मु तावबक नीोंद शरीर के कफ दोष से प्रभावित होती है । दू ध अपने भारीपन, वमठास और ठों िे वमजाज
के कारण कफ प्रिृवत्त को बढ़ाकर नीोंद लाने में सहायक होता है । मॉिनम साइों स में भी माना जाता है वक दू ध नीोंद
लाने में मददगार होता है । इससे सेरोटोवनन हॉमोन भी वनकलता है , जो वदमाग को शाों त करने में मदद करता है ।
िैसे, दू ध अपने आप में पूरा आहार है , वजसमें काबोहाइिरेट, प्रोटीन और कैग्जशशयम होते हैं । इसे अकेले पीना ही
बेहतर है । साथ में वबग्जस्कट, रस्क, बादाम या ब्रेि ले सकते हैं , ले वकन भारी खाना खाने से दू ध के गुण शरीर में समा
नहीों पाते।
दू ध में पत्ती या अदरक आवद वमलाने से वसफम स्वाद बढ़ता है , उसका वमजाज नहीों बदलता। िैसे, टोोंि दू ध को
उबालकर पीना, खीर बनाकर या दवलया में वमलाकर ले ना और भी फायदे मोंद है । बहत ठों िे या गमम दू ध की बजाय
गुनगुना या कमरे के तापमान के बराबर दू ध पीना बेहतर है ।
नोट : अक्सर लोग मानते हैं वक सजम री या टाों के आवद के बाद दू ध नहीों लेना चावहए क्योोंवक इससे पस पड़ सकती है ,
यह गलतफहमी है । दू ध में मौजू द प्रोटीन शरीर की टू ट-फूट को जल्दी भरने में मदद करते हैं । दू ध वदन भर में
कभी भी ले सकते हैं । सोने से कम-से-कम एक घोंटे पहले लें। दू ध और विनर में भी एक घोंटे का अोंतर रखें।
छाछ बेहतरीन विरोंक या ऐविशनल िाइट है । खाने के साथ इसे ले ने से खाने का पाचन भी अच्छा होता है और शरीर
को पोषण भी ज्यादा वमलता है। यह खु द भी आसानी से पच जाती है । इसमें अगर एक चुटकी काली वमचम, जीरा
और सेंधा नमक वमला वलया जाए तो और अच्छा है। इसमें अच्छे बैक्टीररया भी होते हैं , जो शरीर के वलए फायदे मोंद
होते हैं । मीठी लस्सी पीने से फालतू कैलरी वमलती हैं , इसवलए उससे बचना चावहए। छाछ खाने के साथ लेना या
बाद में लेना बेहतर है । पहले लेने से जू स िाइल्यू ट हो जाएों गे।
फलोों में अलग एों जाइम होते हैं और दही में अलग। इस कारण िे पच नहीों पाते, इसवलए दोनोों को साथ ले ने की
सलाह नहीों दी जाती। फ्रूट रायता कभी-कभार ले सकते हैं , लेवकन बार-बार इसे खाने से बचना चावहए।
दू ध के साथ फल खाने चावहए या नहीों?
दू ध के साथ फल ले ते हैं तो दू ध के अोंदर का कैग्जशशयम फलोों के कई एों जाइम्स को एि् जॉबम (खु द में समे ट ले ता है
और उनका पोषण शरीर को नहीों वमल पाता) कर ले ता है । सोंतरा और अनन्नास जै से खट्टे फल तो दू ध के साथ
वबल्कुल नहीों ले ने चावहए। व्रत िगैरह में बहत से लोग केला और दू ध साथ ले ते हैं , जोवक सही नहीों है । केला कफ
बढ़ाता है और दू ध भी कफ बढ़ाता है । दोनोों को साथ खाने से कफ बढ़ता है और पाचन पर भी असर पड़ता है ।
इसी तरह चाय, कॉफी या कोल्ड विरोंक के रूप में खाने के साथ अगर बहत सारा कैफीन वलया जाए तो भी शरीर
को पूरे पोषक तत्व नहीों वमल पाते।
दही की तासीर ठों िी है । उसे वकसी भी गमम चीज के साथ नहीों ले ना चावहए। मछली की तासीर काफी गमम होती है ,
इसवलए उसे दही के साथ नहीों खाना चावहए। इससे गैस, एलजी और ग्जस्कन की बीमारी हो सकती है । दही के
अलािा शहद को भी गमम चीजोों के साथ नहीों खाना चावहए।
फल खाने के फौरन बाद पानी पी सकते हैं , खासकर तरबूज खाने के बाद?
फल खाने के फौरन बाद पानी पी सकते हैं , हालाों वक दू सरे तरल पदाथों से बचना चावहए। असल में फलोों में काफी
फाइबर होता है और कैलरी काफी कम होती है। अगर ज्यादा फाइबर के साथ अच्छा मॉइश्चर यानी पानी भी वमल
जाए तो शरीर में सफाई अच्छी तरह हो जाती है। लेवकन तरबूज या खरबूज के मामले में यह थ्योरी सही नहीों बैठती
क्योोंवक ये काफी फाइबर िाले फल हैं । तरबूज को अकेले और खाली पेट खाना ही बेहतर है। इसमें पानी काफी
ज्यादा होता है , जो पाचन रसोों को िाइल्यू ट कर दे ता है । अगर कोई और चीज इसके साथ या फौरन बाद/पहले
खाई जाए तो उसे पचाना मु ग्जिल होता है। इसी तरह, तरबूज के साथ पानी पीने से लू ज-मोशन हो सकते हैं । िैसे
तरबूज अपने आप में काफी अच्छा फल है । यह िजन घटाने के इच्छु क लोगोों के अलािा शुगर और वदल के मरीजोों
के वलए भी अच्छा है ।
काबोहाइिरेट और प्रोटीोंस के पाचन का वमकैवनज्म अलग होता है । काबोहाइिरेट को पचाने िाला स्लाइिा एों जाइम
एल्कलाइन मीवियम में काम करता है , जबवक नीबू, सोंतरा, अनन्नास आवद खट्टे फल एवसविक होते हैं । दोनोों को
साथ खाया जाए तो काबोहाइिरेट या स्टाचम की पाचन प्रविया धीमी हो जाती है । इससे कब्ज, िायररया या अपच हो
सकती है । िैसे भी फलोों के पाचन में वसफम दो घोंटे लगते हैं , जबवक खाने को पचने में चार-पाों च घोंटे लगते हैं । मॉिनम
मे विकल साइों स की राय कुछ और है । उसके मु तावबक, फ्रूट बाहर एवसविक होते हैं ले वकन पेट में जाते ही
एल्कलाइन हो जाते हैं । िैसे भी शरीर में जाकर सभी चीजें काबोहाइिरेट, फैट, प्रोटीन आवद में बदल जाती हैं ,
इसवलए मॉिनम मेविकल साइों स तरह-तरह के फलोों को वमलाकर खाने की सलाह दे ता है ।
मीठे फल और खट्टे फल एक साथ न खाएों
आयुिेद के मु तावबक, सोंतरा और केला एक साथ नहीों खाना चावहए क्योोंवक खट्टे फल मीठे फलोों से वनकलनेिाली
शु गर में रुकािट पैदा करते हैं , वजससे पाचन में वदक्कत हो सकती है । साथ ही, फलोों की पौवष्टकता भी कम हो
सकती है । मॉिनम मेविकल साइों स इससे इत्तफाक नहीों रखती।
पानी बेहतरीन पेय है , ले वकन खाने के साथ पानी पीने से बचना चावहए। अगर पीना ही है तो थोड़ा वपएों और गुनगुना
या नॉममल पानी वपएों । बहत ठों िा पानी पीने से बचना चावहए। पानी में अजिाइन या जीरा िालकर उबाल लें । यह
खाना पचाने में मदद करता है। खाने से आधा घोंटा पहले या एक घोंटा बाद वगलास भर पानी पीना अच्छा है ।
लहसुन और प्याज को रोजाना के खाने में शावमल वकया जाना चावहए। लहसुन फैट कम करता है और बैि
कॉले स्टरॉल (एलिीएल) घटाकर गुि कॉले स्टरॉल (एचिीएल) बढ़ाता है । इसमें एों टी-बॉिीज और एों टी-ऑग्जक्सिें ट गुण
होते हैं । प्याज से भू ख बढ़ती है और यह खू न की नवलयोों के आसपास फैट जमा होने से रोकता है । लों बे समय तक
इसके इस्ते माल से सदी-जु काम और साों स सोंबोंधी एलजी का मु काबला अच्छे से वकया जा सकता है । लहसुन और
प्याज कच्चा या भू नकर, दोनोों तरह से खा सकते हैं। लेवकन लहसुन कच्चा खाना बेहतर है । कच्चे लहसुन को वनगलें
नहीों, चबाकर खाएों क्योोंवक कच्चा लहसुन कई बार पच नहीों पाता। साथ ही, उसमें कई ऐसे तेल होते हैं , जो चबाने
पर ही वनकलते हैं और उनका फायदा शरीर को वमलता है।
आयुिेद के मु तावबक पराों ठे या पूरी आवद तली-भु नी चीजोों के साथ दही नहीों खाना चावहए क्योोंवक दही फैट के
पाचन में रुकािट पैदा करता है । इससे फैट् स से वमलने िाली एनजीर् शरीर को नहीों वमल पाती। दही खाना ही है तो
उसमें काली वमचम, सेंधा नमक या आों िला पाउिर वमला लें । हालाों वक रोटी के साथ दही खाने में कोई परहे ज नहीों
है । मॉिनम साइों स कहता है वक दही में गुि बैक्टीररया होते हैं , जोवक खाना पचाने में मदद करते हैं इसवलए दही
जरूर खाना चावहए।
दू ध को अकेले लेना ही बेहतर है । तब शरीर को इसका फायदा ज्यादा होता है । आयुिेद के मु तावबक प्रोटीन,
काबोहाइिरेट और फैट की ज्यादा मािा एक साथ नहीों ले नी चावहए क्योोंवक तीनोों एक-दू सरे के पचने में रुकािट
पैदा कर सकते हैं और पेट में भारीपन हो सकता है । मॉिनम साइों स इसे सही नहीों मानता। उसके मु तावबक यह
सबसे अच्छे नाश्ोों में से है क्योोंवक यह अपने आप में पूरा है।
एक बार के खाने में बहत ज्यादा िैरायटी नहीों होनी चावहए। एक ही थाली में सब्जी, नॉन-िेज, मीठा, चािल, अचार
आवद सभी कुछ खा ले ने से पेट में खलबली मचती है। रोज के वलए फुल िैरायटी की थाली िाला कॉन्से प्ट अच्छा
नहीों है । कभी-कभार ऐसा चल जाता है ।
मीठा अगर खाने से पहले खाया जाए तो बेहतर है क्योोंवक तब न वसफम यह आसानी से पचता है , बग्जल्क शरीर को
फायदा भी ज्यादा होता है । खाने के बाद में मीठा खाने से प्रोटीन और फैट का पाचन मों दा होता है । शरीर में शु गर
सबसे पहले पचता है , प्रोटीन उसके बाद और फैट सबसे बाद में ।
खाने के बाद चाय पीने से कई फायदा नहीों है । यह गलत धारणा है वक खाने के बाद चाय पीने से पाचन बढ़ता है ।
हालाों वक ग्रीन टी, िाइजे ग्जस्टि टी, कहिा या सौोंफ, दालचीनी, अदरक आवद की वबना दू ध की चाय पी सकते हैं ।
कोल्ड विरोंक में मौजू द एवसि की मािा और ज्यादा शु गर फास्ट फूि (वपज्जा, बगमर, फ्रेंच फ्राइस आवद) में मौजू द
फैट के साथ अच्छा नहीों माना जाता। तला-भु ना खाना एवसविक होता है और शु गर भी एवसविक होती है । ऐसे में
दोनोों को एक साथ ले ना सही नहीों है । साथ ही बहत गमम और ठों िा एक साथ नहीों खाना चावहए। गमाम गमम भठूरे या
बगमर के साथ ठों िा कोल्ड विरोंक पीना शरीर के तापमान को खराब करता है । स्नैक्स में मौजू द फैटी एवसि् स शु गर
का पाचन भी खराब करते हैं । फास्ट फूि या तली-भु नी चीजोों के साथ कोल्ड विरोंक के बजाय जू स, नीबू-पानी या
छाछ ले सकते हैं । जू स में मौजूद विटावमन-सी खाने को पचाने में मदद करता है ।
भारी काबोहाम इिरेट्स के साथ भारी प्रोटीन खाएों या नहीों?
मीट, अोंिे, पनीर, नट् स जै से प्रोटीन ब्रेि, दाल, आलू जै से भारी काबोहाइिरेट्स के साथ न खाएों । दरअसल, हाई
प्रोटीन को पचाने के वलए जो एों जाइम चावहए, अगर िे एग्जक्टिेट होते हैं तो िे हाई काबो को पचाने िाले एों जाइम को
रोक दे ते हैं । ऐसे में दोनोों का पाचन एक साथ नहीों हो पाता। अगर लगातार इन्हें साथ खाएों तो कब्ज की वशकायत
हो सकती है ।
अगर कोई ऐसी वबमारी है जो िषों से ठीक नहीों हो रही तो खाने में ये आजमा कर दे खे .
गवमम योों में हरी वमचम और सवदम योों में लाल वमचम का सेिन करे .
सुबह ठों िी तासीर की और शाम के बाद गमम तासीर के खाने का सेिन करे .
फलोों को सुबह नाश्े के पहले खाए . वकसी अन्य खाने के साथ वमलाकर ना ले .कच्चा सलाद भी खाने के पहले खा
ले .
खाने के साथ पानी नहीों ज़्यादा पानी िाला छाछ या ज्यू स या सूप वपयें .
बघार लगाने में खू ब वहों ग , जीरा , सौोंफ , मेथीदाना , धवनया पाििर , अजिाइन आवद का प्रयोग करें .
जो अन्न वद्वदलीय है (दो भागोों में टू टा हआ) के साथ दही का प्रयोग िवजम त है . उससे नु कसान होगा. अगर खाना ही
है तो उससे मेथी, और अजिायन से बघार लें .
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4 February 2017 ·
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क्या है विरुद्धाहार ?
आयुिेद के अनु सार वजस प्रकार पथ्य या वहतकारी आहार के सेिन से स्वास्थ्य की रक्षा होती है और िात, वपत्त ि
कफ --ये तीनोों दोष सम अिस्था में बने रहते हैं , उसी प्रकार अपथ्य या अवहतकारी आहार के सेिन से स्वास्थ्य का
नाश और दोषोों का प्रकोप होता है ।
यह आहार भी अने क प्रकार का हो सकता है । कुछ खाद्य-पदाथम तो प्रकृवत से ही दोषोों का प्रकोप करने िाले ,
रोगकारक , भारी आवद होने से अपथ्य होते हैं , परन्तु कुछ प्राकृवतक रूप से और अकेले तो बहत गुणकारी और
स्वास्थ्य-िधमक होते हैं , ले वकन जब इन्हीों पदाथों को वकसी अन्य खाद्य-पदाथम के साथ वलया जाए अथिा वकसी विशे ष
समय या वकसी विशे ष िस्तु में पका कर सेिन वकया जाए, तो ये लाभ के स्थान पर हावन पहूँ चाते हैं और अने क
प्रकार के रोग के कारण बनते हैं । इन्हें विरुद्धाहार कहते हैं ।
क्योोंवक ये रस, रक्त आवद धातुओों को दू वषत करते हैं , दोषोों को प्रकुवपत करते हैं तथा मलोों को शरीर से बाहर नहीों
वनकालते हैं ।
कुछ विरुद्धाहारोों की सूची हम यहाूँ प्रस्तु त कर रहे हैं । कृपया अपने वचवकत्सक से परामशम अिश्य कर लें , तभी
उपभोग करें ---
(१.) दू ध के साथः---दही, नमक, मू ली, मूली के पत्ते , अन्य कच्चे सलाद, सवहजन, इमली, खरबूजा, बेलफल,
नाररयल, आमिा, नीोंबू, बिहल, करौोंदा, कमरख, जामु न, कैथ, अम्ल फल, अनार, आूँ िला, गलगल, तोरी, गुि,
वतलकुट, कुलथी, उिद, मोठ, वनष्पाि, कोंगु, बनक, सत्तू , तेल तथा अन्य खट्टे फल या खटाई, मछली आवद का
सेिन न करें ।
(२.) दही के साथः---खीर, दू ध, पनीर, गमम पदाथम , ि गमम भोजन, खीरा, खरबूजा, ताि फल आवद विरुद्धाहार है ।
(३.) खीर के साथःः----कटहल, खटाई (दही, नीोंबू आवद), सत्तू , शराब आवद विरुद्धाहार है ।
(४.) शहद के साथः--- मकोय (काकमाची), घी (समान मािा में पुराना घी), िषाम का जल, तेल, िसा, अोंगूर, कमल
का बीज, मूली, ज्यादा गमम जल, गमम दू ध या अन्य गमम पदाथम , कुसुम्भ का साग, शकमरा से बना शरबत, खजू र से बनी
मवदरा, आवद का सेिन हावनकारक है । शहद को गमम करके भू लकर भी न लें ।
(५.) शीतल जल के साथः---घी, तेल, तलबूज, अमरूद, खीरा, ककिी, मूूँ गफली, वचलगोजा आवद विरुद्धाहार है ।
(६.) गमम जल या गमम पेय के साथः---शहद, कुल्फी, आइसिीम ि अन्य शीतल पदारथ का सेिन कभी नहीों करना
चावहए ।
(७.) घी के साथः----समान मािा में शहद तथआ ठण्ढे जल का सेिन स्वास्थ्य के वलए हावनकारक है ।
(८.) खरबूज के साथः---लहसून, दही, दू ध, मूली के पत्ते , पानी आवद का सेिन न करें ।
(१२.) नमकः--अवधक मािा में न खाएूँ । आजकल वचप्स और नमकीन आवद में नमक अवधक मािा में ंों पाया जाता
है । इसे न खाएूँ ।
(१३.) अोंकुररत धान्य, चने आवद के साथः---कमलनाल का सेिन विरुद्धाहार है । कच्चे अोंकुररत धान्य के साथ पके
भोजन का सेिन न करें ।
(१४.) मकोय के साथः---वपप्पली, काली वमचम, गुि ि शहद का सेिन हावनकारक है । वजस बतमन में मछली पकाई
हो, उसमें रातभर रखे हए मकोय शाक का सेिन न करें ।
(१७.) घी---काूँ से के बतमन में दस वदन या अवधक समय तक रखा हआ घी विषाक्त हो जाता है । अवधक अच्छा ये है
वक काूँ से के बतमन में घी रखे ही न ।
(१८.) दू ध, सुरा, ग्जखचिीः---इन तीनोों को वमलाकर कभी नहीों खाना चावहए, इससे भयोंकर बीमारी होती है ।
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इस मौसम में जौ, चना, ज्वार, गेहूँ, चािल, मूूँ ग, अरहर, मसूर की दाल, बैंगन, मू ली, बथु आ, परिल, करे ला, तोरई,
अदरक, सग्जब्जयाूँ , केला, खीरा, सोंतरा, शहतूत, हीोंग, मे थी, जीरा, हल्दी आूँ िला आवद कफनाशक पदाथों का सेिन
करें ।
गन्ना, आलू , भैं स का दू ध, उड़द, वसोंघाड़ा, ग्जखचड़ी ि बहत ठों िे पदाथम , खट्टे , मीठे , वचकने , पदाथों का सेिन
हावनकारक है । ये कफ में िृग्जद्ध करते हैं ।
पुराना गेहूँ, जौ, सत्तू , भात, खीर, दू ध ठों िे पदाथम , कच्चे आम का पना, बथु आ, करे ला, परिल, ककड़ी, तरबूज
आवद का सेिन िाूँ छनीय है ।
पुराने चािल, पुराना गेहूँ, खीर, दही, ग्जखचड़ी, ि हल्के पदाथों का सेिन करना चावहए। बरसात में पाचन शग्जक्त
कमजोर रहती है अतः कम मािा में भोजन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।
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शीत ऋतु में जठरावि प्रबल होती है , खाया हआ आसानी से पच जाता है , गररष्ठ भोजन भी पचकर शरीर को शग्जक्त
प्रदान करते हैं ।
गमम दू ध, घी, गुड़, वमश्री, चीनी, खीर, जले बी, आूँ िला, नीबू, जामु न, अनार, नाररयल, मु नक्का, गोभी तथा शग्जक्त
प्रदान करने िाले पदाथों का सेिन करें ।
मौसम के अनु सार भोजन में पररितमन कर आहार ले ने िाले लोग सिमथा स्वस्थ और प्रसन्नवचत्त रहते हैं , उन्हें बीमार
होने का भय नहीों रहता। हम आपकी जानकारी के वलए यहाूँ ऋतु अनु सार भोजन बता रहे हैं , साथ ही यह भी वक
वकस ऋतु में क्या खाएूँ ि क्या न खाएूँ -
वशवशर ऋतु (जनिरी से माचम)इस मौसम में घी, सेंधा नमक, मूूँ ग की दाल की ग्जखचड़ी, अदरक ि कुछ गरम प्रकृवत
का भोजन करना चावहए। कड़िे, वतक्त, चटपटे , ठों िी प्रकृवत के ि बादीकारक भोजन से परहे ज रखें।बसोंत ऋतु
(माचम से मई)