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जन्म तिथि और स्वभाव - Astrobhadauria
जन्म तिथि और स्वभाव - Astrobhadauria
जन्म तिथि और स्वभाव - Astrobhadauria
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6/14/2018 ज के समय का योग और भाव - Astrobhadauria
लगते है । जातक की तेरह साल की उ के बाद जातक को भटकाव
िमलता है लेिकन वह भटकाव जातक को पढने से अिधक करने से िश ा
का दे ने वाला होता है उसकी िच बिहन बुआ के पास रहने की अिधक
िमलती है वह अपने िपता से दू र ही रहता है साथ ही माता का साथ
आजीवन रहता है लेिकन वह माता के ित आ होने के कारण माता
को समझ नही पाता है माता के मरने के बाद भी माता का आशीवाद
उसके साथ हमेशा रहता है जातक के स ान की कमी मानी जाती है
लेिकन अ स ान होने के कारण तथा स ान का हर बात मे अनुगामी
होने के कारण जातक को जीवन पय धन यश स ान और पा रवा रक
जीवन मे िद त नही आती है जातक को बुरे लोगो के ारा तािणत
ज र िकया जाता है लेिकन कोई भी श ु की चाल जातक के िलये
सफ़ल नही हो पाती है जातक का पतन तभी शु होता जब जातक के
अ र बुरी भावनाये भर जाती है जातक तामसी कारणो मे चला जाता है
या जीवन साथी के ारा अिधक लोभ के कारण जातक को बुरे रा े पर
भेजने के िलये दे खा जाता है । अगर जातक के मन मे िभचार नही भरे
तो जातक अपनी पूरी उ को जीता है और अपने कुटु के हाथ ही
मो को ा होता है
जातक की छिव अतुलनीय होती है िजसके सामने भी जाता है जातक के
ित सभी को मोह होता है माता के ित भी जातक का अिधक लगाव
रहता है उसे प ी या पित की तरफ़ से भी भौितक सुख अिधक िमलते है
लेिकन धन स ि के अलावा मानिसक प से जातक को क िमलने
की बात अिधक िमलती है जातक की स ान अिधक भोग मे जाने के
शोभन शु कारण और तकनीकी प से मन को नही योग करने के कारण एक
कार से अयो ही मानी जाती है जातक के ित सजावटी कामो के
करने के िलये साथ ही लोगो के अ र अिधक िस होने और िवरोधी
यौन स ो के कारण जातक के शरीर मे कोई आ रक रोग हमेशा के
िलये लग जाता है जो जातक के जीवन को तबाह करने के िलये माना
जाता है
जातक के ज लेने के बाद ही सातवे िदन सातवे मिहने सातवी साल
तक िपता के िलये क का समय माना जाता है अगर िपता बच जाता है
तो जातक के ित भी अ ताली कारण बने रहते है िजस िदन से जातक
पैदा होता है प रवार पर आफ़तो का पहाड ही िकसी न िकसी प मे
टू टता रहता है जातक की बीमारी या िपता का काय आिद से मु होना
अथवा मामा प रवार के ित अ मात ही आफ़ते आना भी माना जाता
है ,जातक को पेट के रोग अिधक होते है अ मात ही आं तो की खराबी
चमडी के रोग ऊंचे थान से नीचे िगरने के कारण लोगो के ारा पहले
सामािजक प से बढावा दे ने और बाद मे अ मात ही अपमान करने
अितगंड केतु से जातक को मान हािन की आशंका बनी रहती है अ र जातक का
धन िकसी न िकसी कार से चोर डकैत आिद लोगो से लूटा जाता है या
उसके साथ बडी ठगी के िलये भी कई कारण बनते है जातक के िसर के
आगे के बाद जवानी मे ही उडने लगते है और जातक के पैर के अंगूठे
के साथ वाली गां ठ अ र उभरने लगती है िजससे पैरो की बनावट बे दी
हो जाती है ,जातक का ान बाहरी लोगो की तरफ़ अिधक होता है
उसकी माता से कभी नही बनती है वह माता को तािणत करना जानता
है िपता से केवल ाथ तक ही साथ रहता है जातक के नाना नानी की
मौत ब त ही बुरी बीमारी मे होती है जातक के मामा आिद के अ र
कोई न कोई अपंगता ज र िमलती है
जातक का लगाव राजनीित और सामािजक कामो की तरफ़ अिधक होता
है जातक घर बाहर दे श रा आिद के बारे मे राजनीित करना जानता है
अ र सरकारी सेवा मे जाना होता है तकनीकी कामो को जानने के
कारण जातक का नाम और यश भी होता है अ ा इं जीिनयर या
वा ुिवद भी होना माना जाता है जातक का चेहरा चौकोर होता है जातक
धन आिद के बारे मे कमाने और खच करने मे मािहर होता है जातक को
कभी भी धन की कमी महसूस नही होती है जब भी धन की कमी होती है
सुकमा सूय ई रीय कृपा जातक को धन और सुख को दान करने वाली होती है
लोग उसके ारा बताये गये साधनो से ही काम लेने वाले होते है कभी
कभी जातक के सामने अजीब से ित ं दी सामने आते है लेिकन जातक
अपनी तकनीकी सूझ बूझ और काय की चतुरता से िकसी भी िद त
का सामना आराम से कर लेता है जातक के हाथो की उं गिलया पतली
और कलाकारी से पूण होती है जातक को भूख अिधक लगती है साथ ही
जातक िवरोधी यौन स ो की तरफ़ भी अिधक आकिषत होता है
जातक अपने जीवन साथी को िकसी भी मामले मे स ु रखना जानता है
धृित शिन जातक के ज के बाद ही सद आिद की बीमा रयां परे शान करती रहती
है नाक का बहना सां स मे आवाज आना शरीर का पतला होना सूखा जैसे
रोगो से पीिडत होना आिद भी माना जाता है जातक अपनी उ के दू सरे
भाग मे काय के िलये परे शान होता है दू सरो की सेवा करने के बाद ही
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उसे जीिवका का साधन िमल पाता है और ब त मेहनत करने के बाद ही
उसे जीिवका से जीवन चलाने मे माना जाता है जातक का जीवन साथी
ब त तेज बोलने वाला और ोध करने वाला होता है जातक का प रवार
मेहनत वाले कामो मे ही संल रहता है जातक की माता को भी तरह
तरह की बीमा रया होती है और जातक की माता की मृ ु ल ी बीमारी
या गिठया जैसे रोगो से होनी मानी जाती है जातक की घूमने की ब त
इ ा होती है लेिकन कभी कभी जातक के िदमाग मे एक दौरा सा
पडता है और जातक सभी काम ध े छोड कर बैठ जाता है जातक को
भी पेट की बीमारी और झूठ बोलने की आदत भी होती है जातक को
नीच संगित मे बैठने का कारण होता है अ र नीचे लोगो की संगित के
कारण जातक को तामसी चीजे खाने पीने का शौक भी होता है ,जातक
को काला रं ग पस होता है जातक के रहने वाले थान का िनमाण
अिधकतर िपता के ारा ही करवाया जाता है नही होने पर जातक को
िकराये आिद के मकान मे ही संकुिचत जगह मे रहने का ही फ़ल िमलता
है
जातक का शरीर दु बला पतला होता है माथा चौडा और थोडी पतली
होती है जातक शु से ही माता के िलये क का कारक होता है िपता के
ारा पैदा होने के बाद तामसी कारणो मे जाने से तथा निनहाल खानदान
के ारा िपता और िपता प रवार के िलये बुरा सोचने के कारण अ र
पा रवा रक ेश का कारण बना रहना होता है । जातक के प रवार वाले
शु मे तो पास मे रहते है लेिकन माता की हठधम के कारण िपता एक
साथ जातक को दू र जाकर अभाव मे रहना पडता है । जातक के दादा
शूल रा और िपता मे आपसी सामज िपता की आदतो से नही बैठ पाता है
जातक को ऊंचे थान से कूदने पेडो पर चढने या ऊंचे थान पर जाने
तथा रोमां च आिद के काम करने से शरीर हािन की आशंका भी रहती है
जहां पर जातक रहता है उसके ित लोग आशंिकत ही रहते है वह
प रवार मे रहता है तो प रवार वाले और काय थान मे रहता है तो काय
थान वाले लोग उससे डरते ही रहते है कब कैसे और ा कर बैठे
िकसी को पता नही होता है ।झूठी बात सोचने या कहने के पहले जातक
को नाक या कान सहलाने की आदत से भी परखा जा सकता है ।
जातक के पैदा होने के बाद प रवार कुल स दा और नाम धन आिद की
बढो री होने लगती है िपता और प रवार िदन दू ना रात चौगुना बढने
लगता है ,जातक का पालन बिहन या बुआ के ारा शु मे होता है और
जातक घर की बिहन बुआ बेटी का दु लारा होता है ,जातक के अ र शु
से ही ापा रक और लोगो से स क बनाने के गुण होते है जातक के
अ र मीठा बोलने की आदत भी होती है और सेवा भावना भी होती है ।
जातक के पैदा होने के बाद िपता को राजयोग जैसी बात िमलती है माता
को सुखी रहने के िलये भूिम भवन और स ि की ा होती रहती है
वृ बुध माता का आकषण अिधकतर गहनो और धन को इक ा करने के ित
होता है साथ ही माता कंजूस कृित की भी होती है जातक िश ा मे
अपने को आगे बढाता जाता है और धन तथा बक आिद की िश ा मे
िनपुण होता है अ र जातक के पैदा होने के बाद जातक की कोई बुआ
या बिहन अपने प रवार से िवमु हो जाती है ,जातक का जीवन साथी
ककश भाव का होता है लेिकन उसके इस भाव से प रवार मे सुर ा
की सीमा बढ जाती है जातक के प रवार के साथ जातक के रहने के
समय मे कोई अपघात नही होती है जातक अपनी बु से सभी आफ़तो
को एक िकनारे करता रहता है
जातक पैदा होने के बाद साम दाम द भेद आिद की नीितयों वाली
िश ा मे िनपुण होता है वह अपने नाम के आगे धन को मह ा नही दे ता
है जातक के िपता के ित संदेह िकया जाता है लेिकन माता को बचपन
से ही अभावो मे जीने की आदत होती है और वह बु से ब त चतुर
होती है साथ ही धन की मह ा माता के अ र भी नही होती है वह अपने
ुव सूय प रवार को कम साधनो मे भी चलाने की िह त रखती है माता को
कपडो जेवरो और धन स ि से कोई लगाव अिधक नही होता है वह
संतोषी भाव की होती है िपता के अ र अिधक चतुरता के कारण या
तो दू सरी माता का होना होता है या िपता का लगाव जातक के ित कम
ही होता है जातक अपने यासो से आगे बढने वाला होता है जातक
अपने शौय से अपने काम और नाम को उ ित दे ने वाला होता है
ाघात मंगल जातक का भाव खरा होता है वह िकसी भी बात को कटु प मे
कहने वाला होता है उसके कई कार के दु न बन जाते है और जातक
के ित मानिसक दु नी पालने लगते है जातक का शु का जीवन
अभावो मे ही बीतता है उसे किठन प र थित मे शु का जीवन
िनकालना होता है लेिकन जवानी मे उसे सुख िमलने शु हो जाते है वह
अपने को इतना कठोर बना लेता है िक िकसी भी हालत मे अपने को रख
सकता है उसे सुख की िच ा नही रहती है जंगल पहाड दु गम थान
खतरो से खेलने के िलये वह अपने को अ कर लेता है ,अ र
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उसकी कमजोरी का फ़ायदा उठाकर उसके अपने ही लोग उसके साथ
घात करते है और जीवन को समा करने की कोिशश करते है लेिकन
ब त ही ह थित कमजोर होने पर ही उसके साथ घात हो सकती है
अ था उसके अ र चीते जैसी फ़ुत होने के कारण वह िकसी भी घात
से बच जाता है जातक के अ र दया भाव की कमी होती है और वह
िहं सक प से अिधक िस होता है
जातक का काम संचार के साधनो मे अिधक होता है वह चुगली करने का
कारक भी होता है मीिडया या इसी कार के े मे उसे सफ़लता
िमलती है रोजाना के कामो मे संचार टे लीफ़ोन या मीिडया आिद के कामो
मे वह अपने को रखता है ,धागे का काम भी जातक के िलये फ़ल
दायी होता है माता के प रवार से ेम होता है नाना के सं ार उसके
अ र होते है वह आदे श का पालन करने वाला होता है लोगो की
सहायता के काम करने की आदत होती है अपने को जनता के कामो मे
अ णी रखता है और राजनीित मे जाने के बाद लोगो की सहायता भी
हषण केतु संचार के साधनो से करता है कद छोटा होता है लेिकन बु मे ब त
तेज होता है खुद कोई बुरा काम नही करने के बाद दू सरो से ित धा मे
ित ं दी को पछाडने की आदत होती है ,भीड के साथ रहना और एक
साथ हमला करने की भी आदत होती है हिथयार आिद चलाने की िवशेष
यो ता होती है शु का जीवन िकसी बडे आदमी की सहायता मे बीतता
है िजससे लोगो मे उठने बैठने और बात करने का लहजा भी आजाता है
धन के मामले मे अिनि तता रहती है कभी ब त होता है और कभी
िबलकुल नही होता है तं मं और इसी कार के कामो मे ब त लगाव
होता है जादु ई बाते और उन पर अमल करना भी दे खा जाता है
जातक शरीर से बलवान होता है कु ी शरीर से िकये जाने वाले काम
िस ो रटी वाले काम लडाई झगडा मे शरीर को योग करने वाले काम
रीकवरी आिद के काम करने तथा लोगो से शरीर बल से जूझने की कला
होती है अ र इस योग मे पैदा होने वाले जातक अपने शरीर की आ ित
लोगो के िलये दे ते है और सुर ा आिद के कारको मे अपनी जान गंवाते
दे खे जाते है ,इस योग मे ज लेने वाले जातक अ र अपने से ब त ही
ब मंगल
कम उ के लोगो के साथ जैसे पु ष ी के िलये और ी पु ष के
िलये अपनी कामे ा को जािहर करते दे खे जाते है अ ाकृितक प से
मैथुन करना और मैथुन मे शरीर को तािणत करना भी दे खा जाता है
अ र इस योग मे पैदा होने वाले जातक दू िषत िवचारधारा के अ र
फ़ंस जाते है साथ ही अपनी घरे लू मान मयादा को भूल कर दू सरे लोगो
की संगित मे आकर बडे से बडे कुकम भी कर बैठते है
जातक के अ र ज से ही एक कार की ई रीय श यों का िनवास
होना माना जाता है जातक वेद पुराण ान बैरा की तरफ़ बढता जाता
है अिधक भाषाओ की जानकारी जातक को हो जाती है वह िकसी भी
कार की सभा आिद मे अपने वचनो से िस होता है लेिकन धन की
कमी अिधकतर खुद के िलये दे खी जाती है लेिकन भोजन व और रहने
के थान की कमी नही होती है जातक की स ान आगे जाकर धन और
लाभ के ित अ सर होती है अ र ि पित या ि प ी योग दे खा जाता
िस गणेश
है ,लेिकन सामज िबठाने मे जातक को कोई किठनाई नही होती
है ,लोगो के ारा पू भी होता है और ऊंची िश ा को ा करने मे
तथा बडे लोगो की संगित मे भी जाने से जातक को आशीतीत फ़ायदा
होता दे खा जाता है अ र इस योग मे पैदा होने वाले जातक सलाहकार
की सेवा मे अिधक काम करते है और जीवन भर लोगो को सलाह दे ने
की बात करते है ,यही सलाह दे ने के काम से ही उ े आजीिवका की
ा होती है
जातक का भाव सेना मे जाने पुिलस मे जाने या जासूसी े मे जाने
का होता है वह र ा वाले कारको मे सबसे आगे दे खा जाता है बुराइयों
को समा करने मे उसे ह ा जैसे काम करने से भी परहे ज नही होता है
कानूनी कामो मे उसे िवशेष सफ़लता िमलती है राजनीित मे जाने और
राजनीित मे फ़ैली कुरीितयों को समा करने मे वह अपने शरीर का भी
तीपात यम ाल नही रखता है जीव िहं सा केवल मारक जीवो के िलये ही दे खी
जाती है जातक कभी भी मां स मिदरा आिद का सेवन नही करता है और
िकसी कार की संगित मे करने लगता है तो फ़ौरन उसके शरीर मे कोई
बीमारी या आफ़त होनी शु हो जाती है िपता के भाव से िवपरीत
भाव होता है िबजली के काम करना श से पूण काम करना आिद
धन की आवक के मु ो होते है
वरीयान शु इस योग मे पैदा होने वाला जातक अ र िश ा के े को चुनता है
और िकसी भी कार की िश ा को दे ने और उसके ारा लोगो के जीवन
को सुधारने का कारण उसके पास होता है भले ही वह गरीब प रवार मे
पैदा आ हो लेिकन उसके पास िश ा के ारा लोगो को धनी बनाने की
कला होती है वह कारणो को अपने िलये योग नही कर सकता है
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लेिकन दू सरो के िलये साधना का प बताना उसकी आदत मे होता है ।
रोजाना जी िज गी ब त ही समय से चलने वाली होती है समय से जगना
समय से सोना और सभी शरीर प रवार और समाज के कामो को समय
से करने की आद् त होती है रोजाना जी िज गी से जातक की पिहचान
की जाती है जातक न तो अिधक बोलता है और न ही अिधक हं सता है
केवल मनोधारणा से जातक की पिहचान होती है वही बात करता है जो
बात लोगो के िलये क ाणकारी होती है ।
इस योग मे पैदा होने वाला जातक शु से मनमज का अिधकारी होता है
उसे शरीर की कोई िच ा नही होती है अघोरी बातो मे उसे अिधक दे खा
जाता है वह सभी कार के भोजन करने नशे वाले कारक योग करने
जहरीले जीव ज ुओं की पालना करने खुद के अ र अपने को म
शंकर रखने तथा लोगो के िलये क ाणकारी कारक पैदा करने के िलये माना
िशव
जी जाता है । जातक को समय कब अ ा है कब बुरा है का कोई पता नही
होता है कपडो रहने के थान तथा पा रवा रक प जातक के िलये कोई
मायना नही रखता है अ र इस योग मे पैदा होने वाले जातक जवानी के
बाद या तो साधु संतो की ेणी मे आजाते है या अ ात जीवन जीना शु
कर दे ते है ।
जातक धनी प रवार मे ज लेता है और अपने समय मे धन की वृ का
कारण बनता है स ान से हमेशा दु खी रहता है माता िपता के अनुसार
सुवृ ल ी चलने मे जीवन साथी से अनबन रहती है ,धन ही मु सोच होती है
रोजाना की िज गी के अ र केवल वही कारण दे खे जाते है जो धन से
स त होते है ।
इस योग मे पैदा होने वाला जातक ऊंची िश ाओं के ित समिपत रहता
है ,कई कार की िड ी िड ोमा आिद लेकर बडे पद पर आसीन होता
है उसे िकसी कार के धन आिध का लोभ नही होता है वह केवल जगत
क ाण वाले काम करने के िलये अपनी यो ता को ुत करता है
कभी कभी झूठे लोगो के च र मे अपमान सहना पडता है और इस
सा सर ती अपमान के कारण अ र जातक के शरीर मे कई कार की बीमा रया
भी लग जाती है जातक जहां भी रहता है वहां के माहौल मे उसकी
पिहचान मानी जाती है अ र इस योग मे पैदा होने वाले जातक
अिववािहत ही रहते है अगर शादी िकसी कार से हो भी जाती है तो
वैध व जैसे योग दे खने पडते है या पित या प ी से आजीवन िकसी न
िकसी बात पर अनबन का कारण ही बना रहता है
जातक का मन हमेशा अ े और ाय के काय मे लगता है उसके ारा
िकसी भी कार के अनैितक काम मे जाने का योग नही बनता है माता
खानदान धनी होता है तथा नाना खानदान के ारा जातक को सहायता
िमलती रहती िपता का जगत क ाणकारी होने के कारण समय कम
शुभ र िमल पाता है और िपता की तरफ़ जातक को उपे ा ही िमलती है ।
रोजाना की िज गी उसके सभी कार के साधन होने के बावजूद भी वह
लोगो के िलये अपने शरीर को क दे ने के िलये अपने समय को योग मे
लेता है रसायन शा और गिणत ोितष आिद मे उसकी अ ी
जानकारी होती है
शु योग मे ज ा जीवन की ऊंचाइयो को सहज ही ा कर
लेता है उसके ज के बाद िपता से और माता से आपसी मतभेद पैदा हो
जाते है माता के ारा ही जातक का पालन पोषण िकया जाता है माता के
ारा क मय जीवन जीने के कारण जातक की ब त सी इ ाये पूरी नही
हो पाती है ,शादी के बाद जातक अपने जीवन साथी के साथ जीवन की
सभी अपूण इ ाओ की पूित चाहता है अ र इसी कारण से जातक का
शु च मा
जीवन साथी के प रवार से तनाव हो जाता है और यही तनाव आजीवन
बना रहने से जातक की भी अपनी माता की तरह से हालत हो जाती है
अगर जातक पु ष जातक है तो जातक आजीवन संघष से िघरा रहने के
बावजूद भी अपनी इ ाओ की पूित नही कर पाता है ,जातक के िलये
बुरा समय जीवन के शु आत से ही शु होना माना जाता है लेिकन उ
की अधेड अव था से जातक के िलये अ ा समय शु हो जाता है .
इस योग मे पैदा होने वाला जातक सभी कार की िव ाओ मे वीण हो
जाता है शु मे िपता के ारा पालन पोषण िकया जाता है माता का कम
साथ िमलता है बडे होने पर उसकी परव रस उसके पु ो के ारा की
जाती है प ी का या पित का साथ कम िमलता है क ा स ान की
हम ा
अिधकता हो जाती है और जातक इ ी कारणो से या तो ब त ही िमत
रहता है या िफ़र िकसी कार से पू नीय होकर जीवन को जीता है ।
िश ा का े लोगो के िलये उपदे श दे ने का े धम गु का े आिद
े ो मे जातक िस लेता है
ए इ इस योग मे पैदा होने वाला जातक सभी सुख सुिवधाओ से यु होता है
और राजनीित आिद मे जाकर ऐ य का जीवन जीता है ,सवारी रहन सहन
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आिद की सुिवधा जातक को ज से ही िमल जाती है जनता की सेवा
करने का अवसर भी खूब ा होता है अ र लोगो के िलये अपने
काय से गणमा यों मे िगना जाता है
इस योग मे पैदा होने वाला जातक अ र िपता से हीन होकर ही पैदा
होता है इसका कारण या तो जातक का िपता ग िसधार गया होता है
या माता िपता से िवलग होकर रहती है .अगर नही तो जातक जीवन मे
जब भी शादी करता है वह अपने जीवन मे वैवािहक सुख को ा नही
कर पाता है । जातक को जीभ की बीमा रया होती है जातक अस वचनो
वैधृित धूमावती
के ित अिधक अ सर रहता है ,जब भी कोई बाधा जीवन को परे शान
करती है जातक घर ार छोड कर दू र चला जाता है या एका वास
करने लगता है ,जातक के जीवन मे धन का हमेशा अभाव रहता है ज ी
से धन कमाने के साधनो की तरफ़ जाने से कजाई होना भी दे खा जाता है
कोई न कोई असा बीमारी जीवन के अ मे लग जाती है
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