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Child Development and Pedagogy


बाल िवकास एवं श ाशा

Selected Question And Answer Part – 1


By – www.HindiHelpGuru.com

यहाँ िदए गए Question - Answer CTET, UPTET, MP Samvida Teacher, HTET, REET जैसी

Education Related परी ा के लए है , और िपछली परी ाओ म कह न कह पूंछा गया है .

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हंद भाषा म नवीनतम करट अफेयस, सामा य ान सवाल - जवाब पढ़ने के लए


यहाँ ि लक करे .

Pratiyogita Guru current affairs

1. ‘त परता का नयम’ कसने दया है – थानडाइक


2. सु तान नामक च पजी पर पर ण करने वाले वै ा नक ह – कोहलर
3. पठन संबंधी वकास कससे संबं धत है – ड लेि सया
4. कस मनोवै ा नक ने अपने साढे तीन वष य पु पर अ ययन कया – पे टोलॉजी

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5. न न म से वकास क वशेषता है – गण
ु ा मकता
6. ब च के बौ क वकास के चार सु प ट तर को पहचाना गया था – पयाजे
वारा
7. बालक का वकास होता है – सर से पैर क ओर
8. अ धगम का शा ीय अनुबंधन स ा त से स बि धत है – पॉवलाव
9. बालक म सं कार का वकास ार भ कहाँ से होता है – प रवार
10. वकास के संदभ म गलत कथन है – व श ट से सामा य क ओर
11. खेल के मैदान म कौन सा वकास होता है – शार रक वकास, मान सक वकास,
सामािजक वकास

m
12. गभाधान काल क अव था नह ं है – शैशवाव था

co
13. बुर आदत को सुधारा जा सकता है – अनुबंधन वारा

u.
14. गभ म संतान सवा धक भा वत होती है – माँ के पोषण से
15.
ur
‘मानव जीवन क मनोभौ तक एकता’ कहलाती है – मन तथा शर र का वकास
pG

16. 2-5 वष तक क आयु कहलाती है – शैशवाव था


el

17. गभ म सव थम नमाण होता है – सर


H

बालक के सर एवं मि त क का सवा धक वकास कस अव था म होता है –


di

18.
in

शैशवाव था
.H

19. ज म के समय शशु के शर र म ह डयाँ होती है – 270


w

20. बीजाव था कहा गया है – 0-2 स ताह


w

यवहार का करना- प म आता है – सीखने क ग तक े


w

21.

22. बालक अपनी माँ को पहचानना ार भ कर दे ता है – 3 माह


23. बालक जमीन पर से अपनी पसंद क व तु को उठा लेता है , आपके अनस
ु ार उस
बालक क आयु होगी – 8-9 माह
24. बालक के ज म के समय शशु के मि त क का भार होता है – 350 ाम
25. सीखने का आदश काल माना गया है – शैशवाव था
26. जब पूव का अ धगम नई ि थ तय के सीखने का ब कुल भा वतनह ं करता,
तो यह ……… कहलाता है – अ धगम का शु य थाना तरण

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27. क पना जगत म वचरण होता है – शैशवाव था व कशोराव था
28. बालक मु य मु य रं ग क पहचान कर लेता है – 5 वष
29. म या प रप वता का काल कहा जाता है – बा याव था
30. छोटे -छोटे वा य को बोलना व तीन प हय क साइ कल चलाना यह काय कस
अव था म होता है – शैशवाव था
31. काल सी. गैर सन ने कस व ध का अ ययन कया था – ल बा मक व ध का
32. यवहारवाद वचारक ह – वॉटसन
33. न न म से कस घटना क ओर बालक सव थम आक षत होना ार भ करता
है – काश

m
34. बालक-बा लकाओं को सवा धक समायोजन करना पड़ता है – वय: सं धकाल

co
35. सीखने क थम अव था म सीखने क ग त होती है – धीमी

u.
36. बालक क िज ासा को कया जाना चा हए – शा त
सीखना है , एक ज टल – मान सक या
ur
pG
37.

38.भारत म बाल वकास क शु आत कब हुई – 1930 म


el

39. वकास ार भ होता है – गभाव था म


H
di

40. बा लकाओं क ल बाई कस अव था म बालक से अ धक होती है – बा याव था


in


.H

41. दवा व न एवं भाषा के कूटकरण क अव था है – कशोराव था


w

वकास के स ब ध म सह कथन है – वकास स पूण प म होने वाला प रवतन।


w

42.
w

43. वकास केवल एक ओर न होकर चार ओर से होता है । यह स ा त बताता


है – वतलाकार

44. ज म के समय नवजात शशु रोता है – वातावरण म प रवतन के कारण
45. शैशवाव था के अंत म कस ं थ के भाव के कारण बा लकाएँ अपने पता के
त ा भाव रखती है – इले ा
46. लाकऔर बीच ने नर च पांजी के शर र म – ी हाम न वेश कराये।
47. बालक का वकास वंशानु म व वातावरण का है – गण
ु नफल
48. जीवन का सबसे क ठन काल है – कशोराव था

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49. बालक के अ थाई दाँत क सं या है – 20
50. म हलाओं के जनन कोश म अथात ् अंडाणु (OVUM) म न नां कत म से पाया
जाता है – केवल X गण
ु सू
51. आनव
ु ां शकता से ता पय न नां कत म से कनसे होता है – गण
ु सू तथा जी स
52. पु ष म सामा य यौन गण
ु सू होता है – XY गण
ु सू
53. ज म के समय बालक का भार होता है – 6-8 पौ ड
54. ”अनुभव वारा यवहार म प रवतन होना ह अ धगम है ।” अ धगम क यह
प रभाषा कसने द है – गे स व अ य
55. आनुवां शकता के वा त वक नधारक होते ह – गण
ु सू

m
56. बालक के वकास म मह व है – वंश म का एवं वातावरण का

co
57. दवा व न म वचरण करने क कामना अ य त बल होती है – कशोराव था म

u.
58. सज
ृ नशील बालक का ल ण है – िज ासा
ोध संवेग के कारण उ प न
ur
विृ त है – युयु सा
pG
59.

60. बालक-बा लकाएँ अपने जीवन म कसी अ य को आदश के प म वीकार


el

करते ह, कस अव था म – कशोराव था म
H
di

61. समान आयु तर के बालक-बा लकाओं का बौ क तर भ न भ न होता है ,


in

यह कथन कसका है – हरलॉक


.H

62. बालक का समािजकृत नि न ल खत तकनीक से नधा रत होता है – समाज म त


w

तकनीक
w
w

63. बालक म सौ दयानभ


ु ू त वक सत करने का आधारभत
ू साधन है – कृ त
अवलोकन
64. कशोराव था क मख
ु वशेषता नह ं है – सं ह क विृ त
65. सीखने के यासएवं ु ट व ध का स ब ध है – थानडाइक
66. ज म के समय बालक क मरण-शि त होती है – बहुत कम
67. कस वै ा नक ने माना है क उ चत वातावरण से बु लि ध म व ृ होती
है – ट फ स
68. आ मगौरव क भावना सवा धक पायी जाती है – 13-19 वष

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69. चर नमाण म न नां कत कारक सहायक नह ं है – नदश
70. बालक का शार रक, मान सक, सामािजक और संवेगा मक वकास कस अव था
म पण
ू ता को ा त होता है – कशोराव था
71. कस आयु के बालक म समय दन, दनांक एवं े फल संबं धत अवबोध का
वकास हो जाता है – 9 वष
72. उ तर बा यकाल का समय कब होता है – 6 से 12 वष तक
73. िजस आयु म बालक क मान सक यो यता का लगभगपूण वकास हो जाता है ,
वह है – 14 वष
74. न नां कत अव था म ाय: बालक का आकषण सम लंगी के त होता है –

m
बा याव था

co
75. बालक के सामािजक वकास म सबसे मह वपूण कारक कौनसा है – वातावरण

u.
76. लड़ कय के बा य प रवतन कस अव था म होने लगते ह – कशोराव था म
77. भाषा वकास के म म अं तम
ur
म (सोपान) है – भाषा वकास क पण
ू ाव था
pG

78. भाषा वकास के व भ न अंग कौन से ह – अ र ान, सन


ु कर भाषा समझना, व न
el

उ प न करके भाषा बोलना


H

वकासा मक बाल मनो व ान का जनक कसे माना जाता है – जीन पयाजे को


di

79.
in

80. संवेगा मक ि थरता का ल ण है – समायोिजत


.H

81. लैमाक ने अ ययन कया था – वंशानु म


w

82. ‘संवेग’ श द का शाि दक अथ है – उ तेजनाया भाव म उथल पुथल


w

बालक के समाजीकरण का ाथ मक घटक है – प रवार


w

83.

84. इनम से कौन-सा बाल वकास का एक स ा त है – वकास प रप वन तथा अनुभव


के बीच अ यो य या क वजह से घ टत होता है ।
85. न नां कत म से अवांछनीय संवेग है – दगा
86. ाकृ तक चयन के स ा त का संबंधहै – डा वन से
87. अब श ा हो गई है – बाल केि त
88. पैतक
ृ गण
ु के ह तांतरण के स ा त को प ट कया था – मै डल ने
89. ”बालक क अ भव ृ जैवक य नयम के अनुसार होती है ।” यह कथन है –
ोगमैन का

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90. न न म से जो मनोवै ा नक नह ं है , वह ह – सक
ु रात
91. न न म से जो मानव को सबसे अ धक भा वत करता है , वह है – वंश पर परा
तथा वातावरण
92. न न ं थ के दोषपण
ू काय करने पर यि त का ल कग वकास उ चत प से
नह ं हो पाता है – पी नयल ंथ
93. न नां कत म से खेल पर आधा रत व ध है – क डर गाटन व ध
94. अ त र त शि त के स ा त का संबंध है – खेल से
95. न न म से कौन मनोवै ा नक नह ं है – जॉन डीवी
96. “Psychology from the standpoint of behaviourist” कसक रचना है – वाटसन क

m
97. “a dictionary of Psycholigy” पु तक लखी है – जे स व
े र ने

co
98. वंशानु म का मुख वाहक है – प येक (Jeanse)

u.
99. मानव यवहार क येक वशेषता है – वंशानु म व वातावरण का गण
ु नफल
100. एक ब चे क व ृ
ur
और वकास के अ ययन क सवा धक अ छ व ध कौन
pG

सी है – वकासीय व ध
el

101. ”हम जो कुछ भी ह उसके 9/10 भाग ज मजात (वंशानु म) है तथा केवल
H

1/10 भाग क अिजत होता है ।” यह कथन है – जैव वै ा नक पाकर


di
in

102. अ भव ृ श द का योग कया जाता है – शार रक वकास के लए


.H

103. बा याव था म वकास को ”छ प रप वाव था” कसने कहा – जे. एस. रॉस
w

104. ” कशोराव था को जीवन का सबसे क ठन काल” कसने कहा – कलपै क ने


w
w

105. शार रक वकास क ग त कस अव था म बहुत कम हो जाती है – बा याव था म


106. कशोराव था क अव ध है – 12-18 वष
107. कृ त-पालन-पोषण’ वाद- ववाद के संदभ म न न ल खत कथन म से कौन सा
आपको उपयु त तीत होता है – वंशानु म तथा प रवेश अ भ न प से एक-दस
ू रे से
गथ
ंु े हुए ह और दोन वकास को भा वत करते ह।
108. एक अ या पका यह सु नि चत करना चाहती है क उसके व याथ आंत रक
प से े रत ह। इस संदभ म वह करगी – अं तम प रणाम पर यान दे ने के बजाय
यि तगत प से ब च क अ धगम क याओं पर यान दे ना।

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109. बाल वकास का अथ है – बालक का गण
ु ा मक व प रमाणा मक प रवतन
110. अ धगम का पुनराविृ त का स ा त दया है – पै क पावलव ने
111. मान सक वकास के प ह – संवेदना, बु तथा भाषा
112. बाल वकास क कृ त कैसी मानी जाती है – व ानमयी
113. बाल अ ययन का पता कौन है – टे नले हॉल
114. बाल वकास क उपयो गता है – बाल नदशन म, बालक के वभाव को समझने म,
बालक के श ण म
115. कसके अनुसार सीखने का आदश शैशवाव था है – वेल टाइन
116. कौन सा संवेग है – ेम, ोध, आ चय

m
117. कसने च र को ‘आदत का पुंज’ कहा है – सेमअ
ु ल

co
118. 20वीं शता द को ”बालक क शता द ” कसने कहा – ो ए ड ो

u.
119. समायोजन द ू षत होता है – कु ठा, संघष
120. छा पर ोध का सदप
ur
ु योग कया जा सकता है – आल य को भगाने म, ढ़ त ा
pG

करने म, बाधाओं को पार करने म


el

121. बाल ं गया है – 4


वकास को कतने भाग म बॉटा
H

122. बा याव था म यि त व होता है – ब हमखी



di
in

123. पूव बा याव था क वशेषता या है – िज ासा, खलौन म च, नवीन प तयॉ ं


.H

124. कस अव था म काम विृ त न न तर पर होती है – बा याव था


w

125. कशोराव था को शैशवाव था का पुनवतन कसने कहा है – जॉ स ने


w

126. को लबग के स ांत क एक मुख आलोचना या है – को लबग ने


w

ताव कया
क नै तक ता ककता वकासा मक है ।
127. चार-पांच श द के सरल वा य बोलने क लगभग अवसथा
् है – 3 वष
128. मान सक वकास के ि टकोण से जीवन का सबसे मह वपण
ू काल – शैशवकाल
129. गभ थ शशु म सांस लेने क या कस स ताह से शु होती है – 16 स ताह
130. ानेि य के व ाम क अव था मानी गई है – ज म के 2 माह
131. ववेचना र हत वचार क अव था मानी गई है – 4-7 वष
132. बा याव था त व वा मक समाजीकरण है , कथन कहा है – कलपै क

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133. ाय: बालक चलना कस वष क अव था म सीख लेता है – 112 वष
134. एक बालक कसी को दे खकर वचार करता है , क मने इसे कह ं दे खा है - वह
कौन सी अव था है – अ चेतन
135. बालक े ठ आचरण से बरु ाइय क ओर लौटाता है - बालक पर मन के कस
भाग का भाव है – इदम ्
136. ”बालक म सव थम भय, ोध तथा ेम के संवेग वक सत होते है ।” कथन है –
वाटसन
137. उ तर बा याव था क वशेषता है – आ म नभर होना, म म डल या समहू नमाण,
वतं होना।
शै क ि ट से बाल वकास क अव थाएँ ह – कशोराव था, बा याव था, शैशवाव था

m
138.

co
139. बाल वकास को सवा धक भा वत करने वाला कारक है – खेलकूद का मैदान

u.
140. 6-10 वष के आयु वग के बालक क वशेषता है – बालक वाभा वक एवं स य
अ धगमकता होते ह। ur
pG
141. न न ल खत कथन म से कौन-सा वाइगो क के वारा ता वत वकास
el

तथा अ धगम के बीच संबंध का सव े ठ प म सार तत


ु करता है – वकास-
H

या अ धगम- या से पीछे रह जाती है ।


di

थम बाल नदशन के कसके वारा खोला गया – व लयम हल


in

142.

कसक याशीलता का संबंध मनु य क पाचन या से भी होता है –


.H

143.
w

अ भव ृ क ंथ
w

144. श द INDENTICAL ELEMENTS (समान त व) न न से संबंध रखता है –


w

अ धगम थाना तरण


145. बालक वारा पूछे गए एक न का उ तर श क त काल नह ं दे सकता है ,
श क क त या या होनी चा हए – श क वारा इस न का सह उ तर बाद
म समझकर दे ना चा हए।
146. छोटा शशु खलौन तथा अ य व तुओं को फककर उसके भाग को अलग-
अलग करके कस भाव को दशाता है – िज ासा विृ त
147. ‘ फू त अव था’ कहा जाता है – बा याव था को

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148. त ब ब, अवधारणा, तीक एवं संकेत, भाषा, शार रक या और मान सक
या अंत न हत है – वचारा मक या
149. संरचना मक अ धगम स ा त जोर दे ता है – व या थय के वारा नवीन ान क
संरचना पर
150. ”वातावरण वह बाहर शि त है , जो हम भा वत करती है ” कसने कहा था – रॉस
151. बु पर ण नमाण के ज मदाता है – अ े ड बने
152. ‘संवेदना ान क पहल सीढ़ है ।’ यह कथन – मान सक वकास है ।
153. जेज के अनुसार उ तेजना भाग है – संवेगा मक वकास का
154. मानव वकास के स ब ध म कौन-सा कथन गलत है – वकास रे खीय होता है ।

m
155. तक, िज ासा तथा नर ण शि त का वकास होता है ………… क आयु

co
पर – 11 वष

u.
156. शार रक वकास का े है – नायम
ु डल, माँसपे शय क व ृ , एंडो ाइन लै स
157. इस अव था म बालक म नयी खोज करने क और घम
ur
ू ने क विृ तबहुत
pG

अ धक बढ़ जाती है – उ तर बा यकाल
el

158. न न म से कौन सा वंशानु म का नयम नह ं है – अ भ ेरणा


H

159. बालक के खेल के वकास को भा वत करते ह – शार रक वा य, वातावरण एवं


di
in

खाल समय
.H

160. खेल क वशेषताएँ ह – नवीन खेल के इ छुक, वे छानुसार खेल, एवं वकासशील खेल
w

161. शैशवाव था के तीन वष म बालक का शार रक वकास होता है – ती


w

वष क अव था तक पहुँचते-पहुँचते बालक का कौन सा वकास लगभग पूरा


w

162. 13

हो जाता है – बौ क वकास
163. बाल वकास को सवा धक े रत करने वाला मख
ु घटक – खेल का मैदान
164. कस स ा त के अंतगत बालक के शार रक, मान सक, संवेगा मक आ द
पहलुओं का अ ययन करते ह – पर पर संबध
ं का स ा त
165. बाइगो क के अनुसार, समीप थ वकास का े है – ब चे के वारा वतं प से
कए जा सकने वाले तथा सहायताके साथ करने वाले काय के बीच अंतर।

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166. ………….. क अव था तक बालक क ि ट एवं वण इि याँ पूण वक सत
हो चुकती है – 8 अथवा 9 वष
167. ’20वी शता द को बालक क शता द कहा जाता है ।’ यह प रभाषा द है – ो व

168. गामक वकास से हमारा ता पय माँसपे शय के वकास से तथा पैर के उ चत
उपयोग – शि त और ग त
169. इस अव था को म या-प वता का समय भी कहा जाता है – बा याव था
170. मनु य जीवन का आर भ मूलत: घ टत है – केवल एक कोष
171. शैशवाव था क वशेषता नह ं है – नै तकता का होना

m
172. एक अ यापक क ि ट म कौन सा कथन सव तम है – येक ब चा सीख सकता

co
है ।

u.
173. नचल क ाओं म श ण क खेल प त मूल प से आधा रत है – वकास एवं
वृ के मनोवै ा नक स ा त पर ur
pG
174. न न ल खत म से कौन सा कथन वकास के बारे म स य नह ं है – वकास
el

व श ट से सामा य क ओर होता है ।
H

175. बालक ◌ाक वकास प रणाम है – वंशानु म तथा वातावरण क अंत: या का


di

व या थय म सामािजक वकास वक सत करने हे त,ु एक अ यापक को चा हए


in

176.

क वह जाने – व या थय के सभी प
.H

का
w

177. शर र के आकार म व ृ होती है , य क – शार रक और ग या मक वकास


w

178. मान सक वकास को भा वत करने वाले कारक ह – वंशानु म, प रवार का वातावरण


w

तथा प रवार क सामािजक ि थ त


179. सीखने क ोजे ट व ध कस अव था के लए उपयोगी है – बा याव था, पूव
वा याव था, कशोराव था
180. शार रक वकास का े है – नायुम डल
181. बा य अव था होती है – बारह वष तक
182. वकास म व ृ से ता पय है – आकार, सोच, समझ, कौशल म व ृ
183. नि न ल खत म से कौन सी कशोराव था क मु य सम याएँ ह – संवेगा मक
सम याएँ, शार रक प रवतन क सम याएँ, समायोजन क सम याएँ

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184. वकास का एक अ ध नयम है , क वकास तमान के व भ न काल म खश
ु ी
भ न भ न होती है । इस अ ध नयम के अनुसार – जीवन का थम वष सबसे
अ धक खुशी एवं वय सं ध काल सबसे अ धक द:ु खी काल होता है ।
185. बाल वकास का सह म है – बा याव था- कशोराव था- ौढ़ाव था
186. वकास शु होता है – पव
ू -बा याव था से
187. बा याव था म सामािजक वकास के प म मु य है – बालक व बा लकाओं म एक
साथ रहनेक विृ त
188. व ृ एवं वकास म या स ब ध है – एक-दस
ू रे के पूरक ह।
189. प रप वता का स ब ध है – वकास
न न ल खत म से वंश म स ब धी नयम है – समानता का नयम

m
190.

co
191. व ृ एवं वकास का मु य स ा त है – वैयि तक अ तर का स ा त

u.
192. कशोराव था क अव ध है – 12 से 19 वष
193. वकास कैसा प रवतन है – गण
ु ा मक
ur
pG

194. व ृ का स ब ध कससे है – आकार व भार से


el

195. न न ल खत म से कौन सा वकास का स ा त है – सभी क वकास दर समान


H

नह ं होती है ।
di

196. मानव वकास को े म वभािजत कया जाता है , जो है – शार रक, सं ाना मक,
in
.H

संवेगा मक और सामािजक
w

197. को लबग के अनुसार श क ब च म नै तक मू य का वकास कर सकता है –


w

नै तक मु पर आधा रत चचाओं म उ ह शा मल करके।


w

198. श ण-अ धगम या म यि तगत प से यान दे ना मह तवपूण है ,


य क – ब च क वकास दर भ न होती है और वह भ न तर क से सीख सकते ह।
199. न न ल खत म से कौन सी सम या समाधान क वै ा नक प त का पहला
चरण है – सम या के त जाग कता
200. कस आयुकाल म मान सक वकास अपनी उ चतम सीमा पर पहुँच जाता है –
15-20 वष
201. कशोराव था म सामािजक वकासपर िजसका भाव नह ं पड़ता है , वह न न म
से कौन-सी है – असरु ा

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202. मै डूगल के अनुसार, मूल विृ त िज ासा का स ब ध संवेग कौन सा है –
आ चय
203. शैशवाव था क मु य वशेषता या नह ं है – चंतन या
204. कस मनोवै ा नक के अनस
ु ार, ” वकास एक सतत ् और धीमी-धीमी या
है ।” – हरलॉक
205. लारस कोहलबग वकास के े म शोध के लए जाने जाते ह – नै तक
206. बालक के शार रक व या मक वकास क दशा होती है – सर से पैर तथा शर र
के म य से बाहर क ओर
207. बग व हे ट ……….. क वशेषताओं को सव तम प से य त करने वाला
एक श द है ‘प रवतन’। प रवतन शार रक, सामािजक और मनोवै ा नक होता

m
co
है – कशोरावसथा

u.
208. यि तगत श ाथ एक दस
ू रे से …….. म भ न होते ह – वकास क दर
209. मानव
ur
वकास कुछ वशेष स ा त पर आधा रत है , न न ल खत म से कौन
pG

सा मानव वकास का स ा त नह ं है – तवत


el

210. वकास कभी न समा त होने वाल या है , यह वचार कससे स बि धत है –


H

नरं तरता का स ा त
di

कशोर म संवेग के नयं ण का सबसे अ छा उपाय न न ल खत म से कौन-


in

211.
.H

सा है – ेपण
w

212. कशोर अव था म च र नमाण से जो अव था संबं धत है , वह न न म से


w

है – आधारह न आ म चेतना अव था
w

213. कशोर अव था क मु य वशेषता न न म से है – आ म गौरव


214. वकास यि त म नवीन वशेषताएँ और यो यताएँ फु टत करता है , यह
कथन है – हरलॉक
215. िजस या से यि त मानव के लए पर पर नभर होकर यवहार करना
सीखता है , वह या है – समाजीकरण
216. कशोराव था एक नया ज म है , इसम उ चतर और े ठतर मानव वशेषताओं
का ज म होता है , यह कथन दे ने वाले ह – टे नल हॉल

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217. कशोर क ज टल अव था के कारण कशोर के अ ययन का वषय होना
चा हए – शर र तथा मन संबंधी
218. ” कशोराव था आदश क अव था है , स ा त के नमाण क अव था है , साथ
ह जीवन का सामा य समायोजन है ”, यह प रभाषा दे ने वाले ह – जीन पयाजे
219. एक श क श ाथ के मान सक वकास का ान ा त करकेिजसक योजना
नह ं बना सकता, वह है – शार रक वकास
220. मान सक वकास का संबंध नह ं है – श ाथ का वजन एवं ऊँचाई
221. कशोर को नह ं दया जाना चा हए – लालच
222. मनु य के शर म ह डय क सं या कम होती है – ौढ़ाव था म

m
223. कसको श ण वारा यवहार म संशोधन क या माना गया है – अ धगम

co
224. एक बालक सामािजक प से पण
ू त: वक सत माना जायेगा य द वह – व भ न

u.
कार के यि तय के साथ यवहार करना जानता है ।
225. कशोराव था क मख
ु सम या है – समायोजन क
ur
pG

226. ‘संवेदना ान क पहल सीढ़ है ।’ यह – मान सक वकास है ।


el

227. ‘ कशोराव था बड़े संघष, तनाव, तूफान और वरोध क अव था है ’ यह कथन है –


H

ई. ए. कलपै क का
di
in

228. न न म से शैशवाव था क वशेषता नह ं है – नै तकता का होना।


.H

229. न न ल खत म से कौन सा वकास का एक सामा य नयम नह ं है – वकास


w

एक नि चत उ के बाद क जाता है ।
w

230. जीन पयाजे के अनुसार सं ाना मक वकास क अव थाएँ है – 4


w

231. कौन से आयु समूह के लए ए र सन ने वकास क आठ अव थाएँ ता वत


क – ज म से म ृ यु तक
232. ए र सन के अनस
ु ार कौन सी अव था म बालक अ धक पहल करता है ,ले कन
बहुत सश त भी हो सकता है , जो दोष भावनाओं क ओर ले जा सकता है – 3 से
6 वष तक पहल बनाम दोष अव था
233. न न ल खत म से कौन सी सं ाना मक या है – चंतन
234. मान सक वकास को भा वत करने वाला कारक नह ं है – धा मक वातावरण
235. बालक के भाषा वकास म मु य योगदान दे ने वाल सं था है – प रवार

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236. नै तक तक का अव था स ा त कसने प ट कया – कोहलबग ने
237. कोहलबग के स ा त के अनुसार कौन सी अव था पर एक यि त का नणय
दस
ू र के अनम
ु ोदन, पा रवा रक आकां ाओं,पारं प रक मू य एवं समाज के
नयम पर आधा रत है – पार प रक
238. वंशानु म से संबं धत योग चूह पर कसने कया – मे डल ने
239. न न ल खत म से कौन सा भाषा के वकास को भा वत नह ं करता है –
ल बाई तथा वजन
240. कौन सा ऊजावान म वत ् बालक का ल ण नह ं है – आसानी से चढ़न वाला।
241. बालक के न न म से कौन सा सामािजक स पक का ोत सबसे ारि भक

m
और सबसे अ धक चलने वाला है – प रवार

co
242. कशोराव था आर भ होती है – 12 वष क आयु से

u.
243. एक ब चा सदै व दस
ू र के त सहानभ
ु ू त दखाता है । यह आदत कहलाती है –
भावना संबंधी आदत
ur
pG

244. ‘पण
ू त: कायशील यि त का स यय’ कसने दया – काल रोजस
el

245. कसने ‘मूलभत


ू व वास बनाम अ व वास, को वकास क थम अव था के प
H

म ता वत कया है ।’ – ए र सन
di
in

246. न न म से कसने ब च म व तु थैतय के वकास को समझने म सहायता


.H

क है – पयाजे
w

247. ब चे का कस कार का वकास व यालय और श क वारा भा वत होता


w

है – मान सक, सामािजक एवं संवेगा मक


w

248. ‘सूय ब चे के साथ-साथ चलता है , उसके मुड़ने का अनुकरणकरता है और ब चे


क बात सन
ु ता है ।’ यह कथन बालक क कस ल ण क ओर इं गत करता है –
सजीव चंतन
249. न न म से कसका संबंध मल
ू द:ु च ता एवं मल
ू श त
ु ा के स यय से है –
केरे न हान
250. कसने यह दावा कया क सभी भाषाओं म होने वाले कुछ सावभौ मक गण

ज मजात होते ह – नॉम चॉ क

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251. क ा 4का एक ब चा सदै व चि तत और कुि ठत रहता है , आप – वयं
परामशदाता क भू मका का नवाह करगे।
252. एक पूव व यालय बालक कहता है ‘सूय आज उदास है ’ बालक न न ल खत म
से कस स यय क अ भ यि त कर रहा है – सजीव च तन
253. ॉयड के अनस
ु ार न न म से कौन सी वकास अव था म ब चे का यान
जननांग क तरफ जाता है – ल गक
254. ॉयड के अनुसार कस अव था म कामे छाएँ सापे प से नि य रहती
है – सिु त
255. कसने यह मत दया क भाषा वचार क अंत:व तु का नधारण करती है –

m
हाफ

co
256. जब ब चे के पैर के तलवे को ठोका जाता है , तो पैर क अंगु लयाँ ऊपर क

u.
ओर जाती है और फर आगे क ओर मुड़ जाती है । यह नवजात म हो रह
कस कार क
ur
तवत का उदाहरण है – बेबी क
pG

257. न न म से कौन सा ब च हे तव
ु े लर बु मापनी क एक न पादन मापनी
el

है – च पू त
H

258. मूत सं या मक अव था है – 2 से 7 वष
di
in

259. बाल मनो व ान का …………. स ा त ार भ के 4-5 वष के अनुभव पर


.H

आधा रत होता है – मनो व लेषणा मक


w

260. भाषा-अवबोधन से संबं वकार है – भाषाघात (aspeechxia)


w

261. हॉन के अनस


ु ार मौ लक दिु च ता के सं यय का वकास होता है – बा याव था
w


262. बालक वकास का जीन पयाजे के स ा त का आधार है – सं ाना मक वकास
263. ‘जीव म वकास तथा वधन का परू ाहोना प रप वता कहलाता है ’ प रभा षत
कया – सारटे न ने
264. ………….. ने बाल के ाकृ तक वकास पर बल दया – मा टे सर
265. माता क आवाज का नवजात के यवहार पर भाव का योग कसने कया –
टरमन

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266. पयाजे के अनुसार 4 से 8 माह म कौन सा सं ाना मक वकास होता है – आँख-
हाथ संबंधन
267. ाथ मक आव यकताओं को ………… आव यकता से भी जाना जाता है – दै हक
268. ‘बाल अ ययन के पता’ कसे कहा जाता है – टे नले हॉल को
269. कौन से स ा त म बा यकाल के अनभ
ु व के वकासा मक आयाम पर बल
दया गया है – मनो व लेषणवाद
270. नवजात के वा य को जाँचने के लए योग म ल जाने वाल मापनी केल
है – ड य.ू आई. एस. सी. केल
271. पयाजे के अनुसार एक आठ वष का बालक कर सकता है – संर णा मक सम याय

m
सीखना।

co
272. शर र के शीष भाग से ार भ होकर नीचे क दशा म होने वाल शार रक व ृ

u.
को जाना जाता है – सर-पदा भमख
ु अनु म
273. कौन सी व ध उपागम म समान
ur
यो य का मापन उनके वकास क वभ न
pG

अव थाओं पर लया जाता है – द घकाल न अ ययन व ध


el

274. पयाजे के स ा त के अनस


ु ार कौन सी अव था म ब च म उस चंतन का
H

वकास होता है , िजसमअनु मणीयता होती है – ाक सं यातमक



di
in

275. न न म से कसने ब च म व तु थैतय के वकास को समझने म सहायता


.H

क – पयाजे
w

276. नज व व तुओं को सजीव गण


ु दे ने वाल कृ त को पयाजे ने या नाम दया
w

है – सजीव चंतन
w

277. इनम से कौन सा त य मान सक वकास को सबसे अ धक मनोवै ा नक प


से य त करता है – यह शि त बालक का नवीन प रि थ तय से समाधान करती है ।
278. बालक का सवा धक उ चत काल कौन सा होता है जब वे ‘ व फोट और तनाव’
म होते ह – कशोराव था
279. बालक के सवतो मुखी वकास हे तु सवा धक उ चत व यालय है – खेल का मैदान

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280. ग तशील श ा के संदभ म न न ल खत म से कौन सा कथन जॉन यूबी
के अनुसार समु चत है – व या थय को वयं ह सामािजक सम याओं को सल
ु झाने म
स म होना चा हए।
281. छा का वह सोपान जब क यह सवा धक प से संवेग से घरा रहता है –
कशोराव था
282. बालक के वकास म यादा मह वपण
ू या है – वंशा म और वातावरण दोन
283. मनो व ान म सामािजक वकास से या अ भ ाय है – दस
ू र के साथ अ छे संबंध
का वकास।
284. ‘भाषा क सापे ता ाक पना’ कसने तपा दत क – हाफ
बायो ाफ कल केच ऑफ इनफे ट’ कसने लखी है – डा वन

m
285. ‘ए

co
286. कसे ‘ कशोर मनो व ान के पता’ के नाम से जाना जाता है – टे नल हॉल
287. मानक कृत पर ण का अथ – व वसनीयता, वै यता, मानक

u.
288. ाक् -सं या मक अव था है – 2 से 7 वष ur
pG
289. न न ल खत म से कौन सा आलोचना मक ि टकोण ‘बहु-बु स ा त’
el

(Theory of Multiple Intelligences) से संबं नह ं है – तभाशाल व याथ ाय: एक


H

े म ह अपनी व श टता द शत करते ह।


di

290. औपचा रक सं या मक अव था है – 11 वष के बाद


in

या ा मक व संवगीक ग तक गामक द ता पर ण हे तु आर भ म कसने


.H

291.
w

व ध का नमाण कया – मो टे सर
w

वकास क ि ट से सह म है – आ मीकरण,समायोजन, अनुकूलन


w

292.

293. बालक म सं ान वकास क भ नता होती है , य क – उनम अंतरं ग यो यताएँ


भ न- भ न होती है ।
294. पयाजे के सं ाना मक वकास चरण म से कौन एक सह नह ं है – पूव ान
295. बालक म तक क मता वक सत करने के लए आप या करगे – संदभ बदलते
हुए न पछ
ू गे।
296. मैडम मो टे सर ने अ धगम प रवेश म सवा धक बल कस पर दया है –
ानेि य के उपयोग पर

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297. मानव बु एवं वकास क समझ श क को ………. के यो य बनाती है –
व वध श ा थय के श ण के बारे म प टता
298. न न ल खत म से कौन सा स य है – खेलना सं ान और सामािजक द ता के लए
साथक है ।
299. 14 वष यदे वका अपने आप म पथ
ृ क, व नयं त यि त क भावना को
वक सत करने का यास कर रह है , वह वक सत कर रह है – वाय तता
300. समाजीकरण है – समाज के मानद ड के साथ अनुकूलन
301. श ा के स दभ म, समाजीकरण से ता पय है – सामािजक वातावरण म अनुकूल और
समायोजन
302. रा य तर क एकल-गायन तयो गता के लए व या थय को तैयार करते

m
co
समय एक व यालय लड़ कय को वर यता दे ता है , यह दशाता है – ल गक पूवा ह
303. बाइगो क ब च के सीखने म न न ल खत म से कस कारक क मह वपूण

u.
भू मका पर बल दे ते ह – सामािजक ur
pG
304. वकास के कस काल को ‘अ य धक दबाव और तनाव का काल’ कहा गया है –
el

कशोराव था
H

305. इनम से कौन सा स ा त यह मत प ट करता है ब चे अपनी व ृ व वकास


di

हे तु कठोर अ ययन करते ह – मै लो


in

306. मानव वकास के स ब ध म कौन सा कथन गलत है – यह प रप वता तक चलता


.H
w

है ।
w

307. याजे के अ धगम के सं ाना मक स ा त के अनुसार वह या िजसके


w

वारा सं ाना मक संरचना को संशो धत कया जाता है , कहलाती है – क मा


308. एक कशोर के शार रक वकास का मू यांकन कया जाता है – उसके वारा
कयेगये शार रक काय के वारा
309. कशोराव था म सं ाना मक वकास क वशेषता है – तक के साथ सम याओं के
समाधान क यो यता म व ृ
310. एक कशोर क अ भ चत को भा वत करने वाला कारक है – आनुवां शक एवं
वातावरण दोन

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311. कसी यि त म वकासका तमान न न ल खत म से कस म का
अनुसरण करता है – शीषपद य (आपाद य)
312. बालक के शार रक व ृ व वकास को भा वत करते ह – वंशानु म व वातावरण
दोन
313. आ म स मान क भावना का ल ण …… कट करती है – कशोराव था
314. ‘Adolescence’ पु तक के लेखक है – टे नले हॉल
315. न न म से कौन सा कथन सह नह ं है – व ृ के साथ वकास भी होता है ।
316. एक दग मत का पथ- दशन कया जा सकता है – उसके अ छे यवहार क
शंसा करके
कस आयुकाल म मान सक वकास अपनी उ चतम सीमा पर पहुँच जाता है –

m
317.

co
15-20 वष
बालक म समान मान सक यो यताएं नह ं होती है ’ उ त कथन कस

u.
318. ‘दो

मनोवै ा नक का है – हॉरलॉक ur
pG
319. कशोर अव था म सामािजक वकास पर िजसका भाव नह ं पड़ता,वह न न
el

म से कौन सी है – असरु ा
H

कशोर अव था म च र नमाण यासे जो अव था संबं धत है , वह न न म


di

320.

से है – आधारह न आ मचेतना अव था
in
.H

321. कशोर अव था क मु य वशेषता न न म से है – आ म गौरव


w

322. कशोरावसथा
् के आकि मक वकास का स ा त कब कसने कया – 1904 म
w

टे नले हॉल ने
w

323. ‘सामािजक एवं संवेगा मक वकास साथ-साथ चलते ह। यह कथन है – हॉल का


324. ‘ कशोर ौढ़ो को माग म बाधा समझता है , जो उसे अपनी वतं ता का ल य
ा त करने से रोकते ह।’ यह कथन कसका है – कॉलस नक
325. ‘म कसी क परवाह नह ं करता’ ऐसी अ भविृ त वाले ब च के यवहार को
या कहते ह – अ वीकरण
326. नै तक मू य का वकास कया जा सकता है , य द अ यापक – वयं उन पर
आचरण कर।

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327. बी. एफ. क नर के अनुसार ब च म भाषा का वकास नमन
् ल खत का
प रणाम है – अनुकरण तथा पुनबलन
328. ब च क शार रक व ृ क दर अ धकतम होती है – पव
ू बचपन म उ तर बचपन
क बजाय
329. कौन-सा अवसर कशोर क आव यकता है – वाद- ववाद, तक तथा चचा
330. कस अव था म व-स मान क भावना सबसे अ धक पायी जाती है –
कशोराव था
331. अ भव ृ श द का योग कया जाता है – बालक के सामािजक वकास के लए
332. यि तगत श ण म न न ल खत व ध नह ं आती है – सामू हक श ण
न न म से यि तगत व भ नता के कार है – शार रक व भ नता, मान सक

m
333.

co
व भ नता एवं संवेगा मक व भ नता
यि तगत व भ नता का आधारभूत कारण है – बंशानु म

u.
334.

335. ”ए सव ऑफ द एजक
ु े शन ऑफ ग टे ड च ur न” पु तक के लेखक है –
pG
है वगह ट
336. मनोशार रक असमानताओं को कहा जाता है – यि तगत व भ नता
el
H

337. ”मापन कया जाने वाला यि त व का येक पहलू वैयि तक भ नता का


di

अंश है ।” उपयु त प रभाषा द है – ि कनर ने


in

338. शार रक प से यि त के म य जो भ नता दखाई दे ती है , वह कहलाती है –


.H
w

बाहर भ नता
w

339. बा य प से दो यि त एक समान ह ले कन वे अ य यो यताओं क ि ट से


w

सम प नह ं है , ऐसी यि तगत व भ नता कहलाती है – आ त रक व भ नता


340. न न ल खत म से कथन सह है – दो यि त समान नह ं होते ह। वैयि तक
भ नताओं का मापन स भव है । बैयि तक भ नता सावभौ मक होती है ।
341. लड़के मारपीट, झगड़ा, खेलकूद अ धक पस द करते ह, जब क लड़ कयां व
पहनने, गु डया
़ खेलने तथा घर म काम म यान लगाती है , यह वभेद कहलाता
है – च स ब धी भेद

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342. एक बहु-सां कृ तक क ा-क म एक अ या पका सु नि चत करे गी क आकलन
म न न ल खत म सि म लत हो – अपने व या थय क सामािजक-सां कृ तक
प ृ ठभू म
343. यि तगत भ नता होती है – बौ क, शार रक, चा र क
344. यि तगत व भ नताओं के आधार पर श क को सहायता मलती है – शै क
व यावसा यक नदशन म, छा के वग करण म, श ण व ध के चयन म
345. क ा म ऊँचा सन
ु ने वाले तथा कमजोर नजर के छा को बैठाना चा हए – आगे
क पंि त म
346. आप क ा-8 के ग णत वषय के अ यापक हो। एक बालक आपके वषय म
अनु तीण हो जाता है , आप उसे उ तीण करवाने हे तु या करोगे – यि तगत

m
co
नदशन एवं परामश
347. समावेशी श ा के पीछे मूलाधार यह है क – समाज म व भ नता है और व यालय

u.
को व भ नता के ur
तसंवेदनशील होने के लए समावेशी होने क आव यकता है ।
pG
348. एक बालक अपने वचार एवं भावनाओं को कट नह ं करता है , वह कस े णी
म रखा जाएगा– द मत
el
H

349. ” व थ शर र म ह व य मि त क का नमाण ह श ा है ” कथन है – अर तु


di

350. आ ामक बालक क आ ामकता को कम करने हे तु आप व यालय तर पर


in

सव ि चत उपाय करगे – शि त का सदपु योग


.H

न नां कत प त यि तगत भेद को यान म नह ं रखकर श ण म यु त


w

351.
w

क जाती है – या यान प त
w

352. इस पर अ य धक वाद- ववाद होता है क या लड़क एवं लड़ कय म


यो यताओं का व श ट समूह उनके आनुवं शक घटक के कारण होता है । इस
संदभ म न न ल खत म से आप सबसे अ धक कससे सहमत ह – लड़ कय को
सेवाभाव के लए सामािजक प से तैयार कया जाता है जब क लड़क को रोने जैसा संवेग
द शत करने के लए हतो सा हत कया जाता है ।
353. एक उ च ाथ मक व यालय के संरचना मक क ा-क म अपने वयं के
आंकलन म व या थय क भू मका न न ल खत म से या दे खा जाएगा –
व याथ अ यापक के साथ आंकलन के लए योजना बनाएँगे।

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354. यि तगत भेद पाये जाते ह – बु तर म, अ भविृ त म, ग तवाह यो यता म
355. यि तगत भेद म हम पाते ह – वचलनशीलता, तमानता
356. कौन सा यि तगत भ नताओं का कारण नह ं है – नदशन
357. बालक म भावी अ धगम हे तु न न ल खत म से कौन सा वक प सबसे कम
मह तव रखता है – अ धगम का दाश नक आधार
358. न:श त ब च के लए समे कत श ा क के य ायोिजत योजना का उ े य
…………. म न:श त ब च को शै क अवसर कराना – नय मत व यालय
359. वशेष प से ज रतमंद ब च क श ा का बंध होना चा हए – दस
ू रे सामा य
ब च के साथ।

m
360. न न म से कौन सा वक प उपलि ध म यि तगत भ नता का तीक नह ं

co
है – लंग म व भ नता

u.
361. श ा मनो व ान म िजन बालक के यवहार का अ ययन कया जाता है , वे
ur
ह – सम या मक बालक, कम ग त से सीखने वाले बालक, मंद बु बालक
pG

362. गलफोड ने अ भसार च तन (Converfent Thinking) पद का योग कससे


el

समान अथ म कया है – बु
H

न:श त बालक (Disdoilities) क श ा के लए ावधान कया जा सकता है –


di

363.
in

समावे शत श ा वारा
.H

364. यि तगत व भ नताओं को यान म रखते हुए व या थय के श ण के लये


w

ायोजना प त के नमाता थे – कलपै क


w

365. वैयि तक व भ नताओं के आधारपर पाकह ट ने बालक के लए श ा प त


w

द – डा टन लान
366. सीमा हर पाठ को बहुत ज द सीख लेती है , जब क ल ना उसे सीखने म यादा
समय लेती है , यह वकास ………… स ा त को दशाता है – वैयि तक भ नता
367. एक अ यापक कसी भी समूह म समुदाय आधा रत यि तगत व भ नताओं
को समझ सकता है – भाषा एवं अ भ यि त के आधार पर
368. ADHD है – अवधान वकृ त

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369. न न म से कौन सा कारक सम या समाधान म बाधक हो सकता है – मान सक
विृ त
370. आधु नक श ा म मनो व ान का अनु योग आधा रत है – यि तगत व भ नताअ
पर
371. वह या िजसके वारा व तओ
ु ं तथा व तु न ठ त य को ानेि य वारा
जाना जाता है – य ीकरण
372. यि तक भ नता पर सव थम मह तवपण
ू काय करने वाले यि त – ांसीसी
गा टन
373. छा म सीखने क यो यता नभर करती है – यि तगत भ नता पर
न न ल खत म से कौन सी वशेषता बालक के संवेग क वशेषता है – ये

m
374.

co
णक होते ह।
न न ल खत म से कौन सा चोर का कारण नह ं हो सकता – अ भभावक का

u.
375.

नयं ण व अनश
ु ासन ur
pG
376. थ टन क अ भविृ त मापनी कहलाती है – सम अंतराल मापनी
377. आदत , ानतथा अ भविृ तय का अजन है – अ धगम
el
H

378. सामू हक अचेतन का स यय कसने तपा दत कया – युंग


di

379. यि तगत व भ नता के आधार पर श ा दे ने हे तु न न म से कौन सा


in

वक प उपयु त है – बु के तर पर आधार पर बालक का क ा वभाजन


.H

380. बालक म यि तगत वभेद के मु य कारण है – मान सक गण


w


w

381. शाि दक यवहार-कौशल का मह तव है – स यय नमाण म


w

382. व यालय को कसके लए वैयि तक भ नताओं को पूरा करना चा हए – यह


समझने के लए क य श ाथ सीखने के यो य या अयो य है ।
383. श ा थय म वैयि तक भ नताओं को स बो धत करने के लए व यालय
कस कार का सहयोग उपल ध करवा सकता है – बाल-केि त पा यचचा का पालन
करना और श ा थय को सीखने के अनेक अवसर उपल ध करना।
384. ब च म सीखने और सुनने के लए अ धगमयो य वातावरण के लए
न न ल खत म से कौन उपयु त है – श ा थय को कुद यह छूट दे ना क या
सीखना है और कैसेसीखना है ।

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385. श ाथ वैयि तक भ नता द शत करते ह, अत- श क को – सीखने के व वध
अनुभव को उपल ध कराना चा हए।
386. ‘ तभाशाल बालक वह है , जो अपने उ पादन क मा ा, दर तथा गण
ु व ता म
व श ट होता है ।’ यह कथन दया गया है – आर ड यू टे लर वारा
387. अ यापन के समय अ यापक को न न ल खत म से कसका सवा धक यान
रखना चा हए – वैयि तक भ नता
388. न पि त पर ण का सबसे अ धक उपयोग है – छा वग करण म
389. क ा म भावी अनुशासन के लए अ यापक को चा हए – छा को कुछ सम याएँ
हल करने को द।
यि तगत भ नता का ान अ यापक को मदद करता है – श ण अ धगम

m
390.

co
याओं क योजना बनाने म
391. क ाम व या थय के वैयि तक वभेद – लाभकार ह, य क ये व या थय क

u.
सं ाना मक संरचनाओं को खोजने म अ यापक को ur व ृ त करते ह।
pG
392. यि तगत व भ नताओं का े है – लंग भेद, शार रक संरचना, मान सक यो यताएँ
393. अ छे मान सक वा य का संकेतक है – संवेग पर नयं ण रखना।
el
H

394. मान सक वा य के स यय क पण
ू जानकार एक श क को यो य
di

बनाती है – व या थय के अवां छत यवहार म गहन सझ


ू वक सत करने म।
in

यि तगत भ नता के कारक होते ह – वंशानुगत एवं वातावरणीय


.H

395.
w

396. कुसमायोिजत यि त कहलाते ह, जो – अ धकतर अनु चत ढं ग से वं वा मक ि थ त


w

का सामना करते ह। समाज वरोधी ग त व ध म सहभा गता रखते ह। व व को दरू करने


w

म असमथ होते ह।
397. छा को मान सक प से व य एवं व छ बने रहने के लए व यालय
शासन को कौन सा तर का अपनाना चा हए – नय मत वा य पर ण
398. एक ब चा सदै व दस
ू र के त सहानुभू त दखाता है । यह आदत कहलाती है –
भावना संबंधी आदत
399. अ छ मृ त क वशेषताएं है – शी पुन: मरण, शी पहचान, अ छ धारणा
400. अ ययन क ि ट से यि तगत व भ नताओं का मह व है – व या थय का
सम प समूह म वग करण।

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401. वभेदकार पर ण अंतर करता है – कमजोर व या थय म, सामा य व या थय म,
तभाशाल व या थय म।
402. तभाशाल श ा थय के लए – श क को अनुकूलन करना चा हए, जैसे श ाथ म
बदलाव आता है ।
403. वं चत समूह के व या थय को सामा य व या थय के साथ-साथ
् पढ़ाना
चा हए, इसका अ भ ाय है – समावेशी श ा
404. एक ब चे को अकेलापन और एकांत पसंद है । यह वभाव िजससे संबं धत है –
सामािजक भ नता
405. एक ब चे म बेईमानी और चोर क आदत वक सत हो जाती है , ब चा अ य
ब च से िजस ि टकोण से भ न है , वह है – नै तकता

m
co
406. अ तमुखी यि त व वाले यि त च रखते ह – वयं अपने म
यि त व एवं यि तगत व भ नताओं को भा वत करने वाले त व ह –

u.
407.

वंशानु म तथा वातावरण ur


pG
408. ायड ने यि त व का वग करण कस आधार पर कया है – काम विृ त के
आधार पर
el
H

409. ब हमुखी बालक क वशेषता है – काय करने क ढ़ इ छा


di

410. जो यि त भोजन य, आराम पसंद एवं सामािजक होते ह – गोलाकृ त


in

411. वतमान म सव तम माना जाने वाला यि त व के कार का वग करण


.H

कसक दे न है – जग
ंु क
w
w

412. यि त व मापन के लए यि त क स पूण सूचनाएँ ा त करने क व ध है –


w

यि त इ तहास व ध
413. न न म से शे डन ने यि त व का कार नह ं बताया है – Pimpy
414. यि त व श द का अं ेजी पा तरण पसने लट श द मूलत: कस भाषा के
श द से बना है – ले टन
415. परसोना श द का लै टन भाषा म अथ होता है – बाहर परं ग या नकल चेहरा
416. यि त व के नमाण का मह वपूण साधन है – अनुकरण
417. ‘संग ठत यि त व’ कहते ह िजसम न नां कत प का वकास हुआ हो –
सामािजक प , मान सक प , संवेगा मक प

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418. संग ठत यि त व क वशेषता नह ं है – असामािजकता
419. सामािजक आधार पर यि त व का वग करण कस मनोवै ा नक ने तैयार
कया – े गर
420. यह वह शि त है , िजसके वारा यि त अपने बारे म जानता है क वह या है
तथा दस
ू रे यि त उसके बारे म या सोचते है – इस शि त का नाम या है –
आ म चेतना
421. अंतमुखी बालक होता है – एका त म व वास रखने वाला
422. यि त व को मनोवै ा नक ि टकोण से कस मनोवै ा नक ने वग कृत
कया – युंग

m
423. न न म से जो घटक यि त व के वकास को भा वत करने वाला है – बु ,

co
वा य, ल गक भ नता

u.
424. जब कसी यि त का अवलोकन नि चत प रि थ तय म कया जाता है तो
वह कहलाता है – नयं त अवलोकन
ur
pG

425. जग
ंु ने यि त व का स ांत दया है – व लेषा मक स ांत
el

426. वे बालक / बा लकाएँ जो प रि थ त के आधार पर यवहार कट करते ह –


H

उभयमख
ु ी
di

427. जग
ुं ने यि त व का वभाजन िजस पु तक म कया वह है – Type of men
in
.H

428. अ य धक वाचाल, स न चत रहने वाले तथा सामािजक विृ त के धनी यि त


w

का यि त व होता है – ब हमखी

w

429. भारतीय ि टकोण से जो बालक काम विृ त के तथा दस


ू र का अ हत करने
w

वाले होते है , उ ह कस वग म रखा गया है – ताम सक


430. अचेतन मन का अ ययन कया जाता है – मनो व लेषण व धय वारा
431. न न म से यि त व मापन क व ध नह ं है – एक त व पर ण
432. समाज मत वारा अ ययन करने से बालक के कस गण
ु का पता चलता है –
सामािजकता का
433. समाज म त से सामा यत: िजन त य का पता चलता है , वह है – तट थता,
नायकगण
ु , तर कृत

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434. न न म से यि त व पर ण मापन क ेपी व ध नह ं है – मनो व लेषण
वध
435. न न म से जो यि त व पर ण क व ध नह ं है , वह है – मण
436. यम
ू ैन तथा टन ने यि त व को कन भाग म वग कृत कया है –
व लेषणातमक
् व सं लेषणा मक
437. एक संग ठत यि त व म जो वशेषता नह ं पाई जाती है , वह है – झगड़ना
438. पसने लट श द क
यु पि त लै टन भाषा के कस श द से हुई – परसोना
439. ” यि त व, यि त म उन मनोशार रक अव थाओं का ग तशील संगठन है , जो

उसके पयावरण के साथ उनका अ वतीय सामंज य नधा रत करता है ।” कथन


है – आलपोट का

m
co
440. ना स स म का स ब ध है – आ म ेम से

u.
441. न न म से कौनसी यि त व मापन ेपी व धयाँ ह – रोशा याह ध बा
पर ण, ासं गक अंतब ध पर ण, बाल सं ur
यन पर ण
pG
442. चोर करना पाप है , अनै नतक है , यह कौन कहता है – सप
ु र ईगो (परम अहम)
el

443. शर र रचना पर आधा रत यि त व के कार कसने बताए – े चमर व शै डन ने


H

444. यँग
ु या जँ ग
ु ने यि त व के कौन से कार बताए – अंतमखी
ु , ब हमखी
ु व उभयमख
ु ी
di

ॉयड ने सबसे अ धक बल कस विृ त पर दया है – काम विृ त


in

445.
.H

446. यि त व को समझने के लए यि त व के शील गण


ु का अ ययन कस
w

मनोवै ा नक ने कया– आलपॉट


w

ह पो े स ने कस आधार पर यि त व का वग करण कया – कफ, प त पर


w

447.

आधा रत
448. डफे स मैके न म (र ा मक त ) का स ब ध कससे होता है – अहम ्
449. वंशानु म से ा त न न ल खत कारक यि त व पर भाव डालते ह – गल
ं थ, पयूष ं थ,यौन ंथ
450. यि त व मापन क नर ेपण व धयाँ बताइए – आ मकथा लेखन, नावल , जीवन
वृ त व ध
451. उभयमख
ु ी यि त व वाले यि त होते ह – अंतमखी
ु , व ब हमखी

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452. यि त व मापन क कस व ध म कसी समूह के यि तय म से पहल पसंद
का यि त चुनने के लए कहा जाता है – समाज मती
453. यि त के अंत वं व के समाधान म मख
ु थान है – उदा तीकरण
454. हमारे मि त क का चेतन भाग होता है – 1/10
455. औपचा रक व अनौपचा रक कसक व धयाँ ह – सा ा कार
456. िजस सा ा कार के मा यम से छा से घर तथा आसपास के वातावरण से
स बि धत सूचनाएँ ा त क जाती है , वह है – नदाना मक सा ा कार
457. यि त व का नमाण ारं भ हो जाता है – 0-5 वष म
458. न न ल खत म से कौन सा े जर के वारा कया गया यि त व का

m
वग करण नह ं है – सडु ौलकाय

co
459. ासं गक अ तब ध पर ण कसके वारा दया गया – मॉगन एवं मरु

u.
460. यि त व का अ तमुखता तथा ब हमखता
ु के प म वग करण दया गया – यंग

ur
न न म से कौन-सा यि त व का जै वक नधारक है – आनुवां शक भाव
pG
461.

462. यि त व का पहला कारा मक वग करण तुत कया – ह पो े स न


el

463. कैटल वारा व ले षत कये गये यि त व शीलगण


ु क सं या कतनी ह – 16
H
di

464. मुर ने एक पर ण क रचना करके इ तहास रच दया, वह या है – वषय


in

आ मबोधन पर ण
.H

465. न न म से नावल यि त व पर ण क कौन सी व ध है – यि त न ठ


w

न न म से कस मनोवै ा नक का कथन है क स पूण यि तय को उनके


w

466.
w

यि त व के आधार पर दो म से ेणी अ तमख


ु अथवा ब हमखी
ु म रख
सकते ह – यंग

467. यि त मापन क व तु न ठ व धय म से कौन सी व ध नह ं मानी जाती है –
अ भ पक नावल
468. अ तमुखी यि त व क वशेषता है – इसम सामािजक के गण
ु कम पाए जाते ह।
469. यि त व श द क उ पि त ले टन भाषा के कस श द से हुई है – परसोना
470. कशोराव था क अव ध है – 12 से 19 वष
471. ‘पसने लट ‘ श द कस भाषा के मूल से लया गया है – लै टन

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472. ‘रोशा याह ध बा पर ण‘ का कौन सा कार है – ेपी
473. अ तमुखी यि त व क वशेषताएँ ह – संदेह , शंकालू तथा एका त य रहने वाले
474. ‘ कशोराव था बड़े संघष, तनाव व तफ
ू ान क अव था है ।‘ यह कथन कसने कहा
है – टे नल हॉल
475. ले टन भाषा म ‘परसोना‘ का अथ है – मख
ु ौटा
476. ट .ए.ट . ( यि त व ) पर ण क कौन सी व ध का कार है – ेपी
477. ‘ ेल ल प‘ से कसको पढ़ाना चा हए – अंधे
478. सी.ए.ट . यि त व पर ण क कौन सी व ध है – ेपी
479. अ धगम को भा वत करने वाला यि तगत कारक है – प रप वता एवं आयु

m
480. यि त व एवं बु म वंशानु म क – मह वपूण भू मका है ।

co
481. बालक संग बोध पर ण 3 वष से 10 वष क आयु के बालक के लए बनाया

u.
गया है । इस पर ण म काड म त था पत कये गये ह – लोग के थान पर
जानवर का
ur
pG

482. कस मनोवै ा नक ने यि त व क संरचना के अ तगत ग या मकता एवं


el

थलाकृ त प का अ ययन कया – ले वन व ायड


H

यि त व थायी समायोजन है – पयावरण के साथ, जीवन के साथ, कृ त के साथ


di

483.
in

484. वां छत यि त व होता है – संवेगीय ि थर


.H

485. बालक के यि त व को भा वत करने वाला कारक है – वंशानु म तथा वातावरण


w

न न म से कौन सा कारण बालक के व थ भावा मक वकास म सहायक


w

486.
w

नह ं है – प रवार एवं वघालय म संवेग का दमन


487. ” यि त व मनोदै हक यव थाओं का वह ग या मक संगठन है जो वातावरण
के साथ अपव
ू समायोजन का नधारण करता है ।” इन श द म यि त व क
प रभाषा द है – आलपोट
488. छा के असामा य यवहार के अ ययन के लए न नां कत म से कस
णाल का उपयोग सह है – यि त इ तहास णाल
489. यि त व के मापन के लए न न म से कौन सा यि त न ठ पर ण है –
जीवन कथा पर ण

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490. ब च का वकासशील यि त व कसके वारा भा वत होता है – ं थय , प रवार
और व यालय म ा त अनुभव वारा
491. ब हमुख यि त व होता है – बल यि त जो सरलता से परे शान हो जाने वाला नह ं
हो।
492. कसी यि त व के यि त व के मापन के लए यि त व व ध है – जीवन कथा
या यि त व व ध या आ मकथा व ध
493. र ातं
बहुत सहायता करता है – दबाव से नपटने म
494. ब हमख
ु ी व याथ , अ तमखी
ु व याथ से कस वशेषता के आधार पर भ न
होता है – मन ह मन परे शान होने क अपे ा अपनी भावनाओं को अ भ य त करता है ।
यि त व को अ तमुखी एवं ब हमुखी वग म सबसे पहले वग करण कसने

m
495.

co
कया – युंग
496. एका त म व वास रखने वाला वयि त कहलाता है – अ तमखी

u.

497. न न म से कौन सी तकनीक ur
ेपण तकनीक नह ं है – यि तगत अ ययन
pG
498. यि त व मापन क एक ‘ ेपी‘ पर ण व ध नीचे द गई है , पहचा नये – श द
el

साहचय पर ण
H

499. एक स तु लत यि त व वह है िजसम – इदम ् एवं परम ् अहम ् के बीच स तल


ु न
di

था पत कया जाता है ।
in

500. अ तमखी
ु बालक क मु य वशेषता होती है – एका त म रहकर कम बातचीत करने
.H

वाला होता है ।
w
w

501. मानव यि त व प रणाम है – आनव


ु ं शकता और वातावरण क अंत या का
w

502. कुछ मनोवै ा नक के अनुसार यि त िजस प म यवहार करता है , वह


उसका – यि त व है ।
503. यि त व मापन क यि ति न ठ व ध है – यि त इ तहास
504. CAT मापता है – यि त व
505. ॉयड ने यि त व को बाँटा है – इदम,् अहम ् तथा परम ् अहम ् के प म।
506. मान सक आरो य- व ान से ता पय है – संतु लत एवं यव था पत यि त व का
नमाण करना।

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507. ईमानदार के मू यांकन के लए एक अ यापक कृ मवातावरण सिृ जत करता
है , जहाँ बालक पैसा चुरा सकता है । यह एक उदाहरण है – प रि थ त पर ण का
508. भ नाशा एवं मान सक व व के कारण है – जै वक य एवं भौ तक कारक, संवेगा मक
कारक,सामािजक कारक
509. वचार , भावनाओं तथा अ भविृ तय का संयु त जो यि त उनके वयं के बारे
म रखते ह,कहलाता है – व- तयय
510. अवचेतन से यु त यूह रचना जो अहम को द:ु च ता से बचाती है , कहलाती
है – र ा युि त
511. अंत: ावी ं थयाँ यि त व को भा वत करने वाल कैसी कारक है –

m
आनुवां शक

co
512. मनो- व लेषणवाद के स ा त का तपादन कसने कया – स म ड ॉयड

u.
513. नि न ल खत म से कसने यि त व वकास म सामािजक अ धगम पर बल
दया है – ब डुरा ने
ur
pG

514. रोशा याह ध बा पर ण का योग कया जाता है – यि त व मापन के लए


el

515. मनो व लेषणवा दय के अनस


ु ार मानव यवहार का संचालनहोता है – अचेतन मन
H

वारा
di

लयोपो ड बैलक ने न न म से कस पर ण को वक सत कया है – CAT


in

516.
.H

517. ेपण व ध वारा कसका अ ययन कया जाता है – अचेतन मन का


w

518. यि त व को उसको सामािजक यवहार के आधार पर अंतमुखी, ब हमुखी वग


w

म वभािजत करने वाला मनोवै ा नक है – युंग


w

519. अचेतन मन का अ ययन कया जाता है – ेपी व धय वारा


520. ट .ए.ट .पर ण म काड क सं या है – 30
521. मानव म गण
ु सू के कतने यु म होते ह – 23
522. न न म से कस वकास को ाइसोम-21 के नाम से जाना जाता है – डाउन
स ॉम
523. ‘सामू हक अचेतन का स यय‘ कसने तपा दत कया – युंग
524. न न म से कौनसी व ध ेपी पर ण है – ट .ए.ट .
525. अंतमुखी यि त व के लोग च रखते ह – वयं म

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526. एक बालक त दन क ा से भाग जाता है , वह बालक है – कुसमायोिजत
527. CAT कसके लये तैयार कया गया है – 3-11 वष क आयु वग के लए
528. मान सक वा य को अ छा रखने के लये न न म से कौन सा तर का सह
नह ंहै – अपनी सम याएं अपने तक रख।
529. पलायन क मूल विृ त से नि नल खत म से कौन सा संवेग संबं धत है – भय
530. ासं गत अंतबोध पर ण म न न ल खत म से कौन सी साम ी का उपयोग
कया जाता है – च
531. नि न ल खत म से कौन सा हमारे इि य सुख क इ छाओं का भ डार गह

है – इदम ्

m
532. अहम का काय है – इदम ् व वा त वकता के बीच सम वय क भू मका नभाना।

co
533. मनो व लेषणवाद स ा त के ज मदाता है – ॉयड

u.
534. 16 पी.एफ. नावल ……….. वारा बनाई गई – कैटल
535. अ
ur
य धक वाचाल, स न चत और सामािजक विृ त के यि त के यि त व को
pG

युंग ने नाम दया– ब हमख


ु ी
el

यि त व क ेपण व ध कौन सी है – रोशा याह ध बा पर ण


H

536.
di

537. आलपोट के अनुसार, यि त व है – अपूव समायोजन, ग या मक संगठन, संग ठत मनो-


in

दै हक तं
.H

538. बाल अंतब ध (एपरसे शन) पर ण का नमाण कसने कया – बेलोक


w

539. मादायु मक या अ डाणु म न नां कत म से या पाया जाता है – केवल X गण


ु सू
w
w

540. शै डन ने यि त व को कस आधार पर वग कृत कया – शार रक संरचना


541. े चमर के अनस
ु ार थल
ू काय कार के यि त वभाव से होते ह – स न च त
542. न न ल खत म से कौन सा ब चे के सामािजक वकास म सबसे
मह तवपूणभू मका नभाता है – खेल
543. परामश सा ा कार म सबसे मुख अमौ खक संचार मा यम है – हावभाव
544. सामािजक दरू मापनी कसने बनायी – बोगाडस ने
545. नि न ल खत म से कौन सा यि त व आकलन क ेपण व ध से संबं धत
है – कहानी रचना

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546. ब चे के यि त व के एक सू ीय वकास के लए माँ-बाप को चा हए क वे –
घर म अनक
ु ू ल वातावरण ा त करवाय।
547. यि त व का कौन सा भाग समाज के नै तक मू य और आदश के आधार पर
वक सत होता है – परमअहम ्
548. न न म से कौन यवहारवाद नह ं है – सगम ड ॉयड
549. न न म से कसका कोई जै वक य आधार नह ं है – संबंधन
550. न न म से कौन सा यि त व का भाग ता कक प से नयं त है , जो क
वा त वकता के अनयम पर आधा रत है – अहम ्
551. ॉयड ने ऊजा का वतरण यि त व वकास के िजन थल पर कया है , उनके

m
नाम है – इदम,् अहम ् व पराहम ्

co
552. कसी छा के यि त व के मू यांकन म आप कसको आधार बनायगे – उसके

u.
शार रक गठन को, उसके मान सक तर को एवं उसके भावा मक वकास को
553. बालक
ur
के यि त व वकास म व यालय कब बाधक बन सकता है – जब
pG

व यालय शासन आ धका रक हो।


el

554. 16-PF का योग कसके मान हे तु कया जाता है – यि त व


H

555. थॉनडाइक के यि त व के वग करण का आधार है – चंतन और क पना


di

यि त जब दस
ू रे यि त को कुछ काय करते दे खकर वह काय करना सीखता
in

556.
.H

है , तो यह कहलाता है – अवलोकन वारा सीखना


w

557. भाषा वकास म सहयोग करने का कौन सा तर का गलत है – उसक अपनी भाषा
w

के योग को अमा य करना।


w

558. अंतमुखी यि त व का कार है – मनोवै ा नक कार


559. न न म से कौन सी वशेषता यि त व को सीधे भा वत करती है – शार रक
गठन एवं सामािजक यवहार, मान सक एवं आ याि मक यो यता, संवेगा मक आयाम तथा
अनुभव
560. न न म से कौन यि त व के बुरे ब धन के लए िज मेदार है – ई
561. न न ल खत म से कौन सा द तकाय तभाशाल व याथ के अलए
उपयु त है – व भ न वषय को यान मे रखते हुए व ान क एक नई आदशा मक
पु तक का नमाण करना।

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562. न न म से कौन सा कथन ब चे के वकास म प रवेश क भू मका का समथन
करता है – कुद व याथ सच
ू नाओं का ज द मण करते ह जब क उसी क ाकेअ य
व याथ ऐसा नह ं कर पाते।
563. बाल वकास का अ ययन े है – बाल वकास क व भ न अव थाओं का
अ ययन,वातावरण का बाल वकास पर पड़ने वाले भाव का अ ययन, वैयि तक
व भ नताओं का अ ययन।
564. अपने ऊजाबल को बाहर क ओर अ भ य त करने वाले यि त का कार होता
है – ब हमखी
ु यि त व
565. भावी और थायी श ा हण करने के लए व याथ के पास होना चा हए –
यो यता और अ भ ेरणा का वां छत तर

m
566. गाडनर के बहु-बु के स ा त के अनुसार, वह कारक जो यि त के ‘आ म-

co
बोध‘ हे तु सवा धक योगदान दे गा, वह हो सकता है – अ त:वैयि तक

u.
567. आपक ur
क ा म कुछ ब चे ह जो गल तयाँ करते ह। इस प रि थ त का आपके
pG
व लेषण के अनुसार इनम से कौन सा कथन सवा धक उपयु त है – ब च ने
अभी तक संक पना मक प टता ा त नह ं क है तथा आपको अपनी श ण व ध पर
el
H

च तन करने क आव यकता है ।
di

568. बहुताि वक स ा त कसने दया – थॉनडाइक


in

569. वे बालक जो अपनी आयु से एक दजा नीचे के बालक के लए बनाए गए काय


.H

को अ छ तरह स प न नह ं कर पाते ह, उन बालक को कस ेणी म रखा


w
w

जाएगा – पछड़े बालक


w

570. वे बालक िज ह अ यापक के यास एवं अ भ ेरणा के मा यम से सामा य


बालक क ेणी म लाया जा सकता है – पछड़े
571. कसने कहा क बु सीखने क यो यता है – ब कंघम
572. गैरेट ने बु के कतने कार माने – तीन
573. न न म से बु के कौन से स ा त है – एक ख ड का स ा त, दो ख ड का
स ा त, तीन ख ड का स ा त
574. व तुओं के सं हण का काल है – 7-11 वष
575. बालक म अमत
ू चंतन का वकास हो जाता है – 11-15 वष

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576. बु के तदश स ा त का तपादक है – थॉमसन
577. अशाि दक सामू हक पर ण है – आम बीटा पर ण
578. एक बालक क बु लि ध 85 है तो वह बालक है – मंद बु
579. बु का पदानु मक स ा त का नमाण कसने कया – बट व बनन
580. बु क - वमीय संरचना कस मनोवै ा नक ने तपा दत क – ग फड
581. न न म से ग फड क संरचना म सि म लत वमा नह ं है – मू यांकन
582. बु लि ध ( I.Q.) श द का उपयोग सव थम कया – टरमन
583. बु का बहुकारक / बहुत व कसने तपा दत कया – थॉनडाइक
584. अ े ड बने कस दे श के नवासी थे – ांस

m
585. बु पर ण का ज मदाता कहा जाता है – बने

co
586. कस मनोवै ा नक ने बु को असं य त व से न मत बताया है – थॉनडाइक

u.
587. कस मनोवै ा नक ने पीयरमैन के सामा य कारक का ख डन कया है –
थॉनडाइक
ur
pG

588. बु के त व स ा त म पीयरमैन ने तीसरा त व (जो उ ह ने अपने


el

वत व स ा त म नह ं बताया था) जोड़ा – समहू त व


H

589. बु का वभाजन कन वै ा नक ने कया – थानडाइक व गैरेट


di
in

590. यि त अनोखे काय करता है , िजससे समाज म उसक पहचान बनती है , यह


.H

बु का कौन सा कारक है – व श ट
w

591. इंजी नयर अपने कायालय म बैठकर कसी मकान का ा प बनाता है , बु के


w
w

कस कार के मा यम से – अमत

592. ”अमत
ू वचार के वषय म सोचने क यो यता ह बु है ”, यह कथन है – टरमन
593. अमत
ू बु म कनका योग अ धक कया जाता है – श द का, अंको का, तीक का
594. ”बु अमूत वचार के बारे म सोचने क यो यता है ।” यह कथन है – टरमन
595. गलफॉड का बु संबंधी स ा त है – आयामी स ा त
596. ”ह र के लए हम खद
ु ायी करते है व वण को शु करते है क तु तभा का
हम नाश कर रहे है ।” यह कथन है – के. एन. द त.

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597. एक 5 वषाय बालक क बु पर ा के आधार पर मान सक आयु 8 वष स
हुई, तो वह बालक कस वग म आयेगा – अ त खर बु
598. बालक राम को बगीचे म ले जाकर ह रयाल से प र चत करवाया जाता है , राम

को व यालय म ह रयाल पर नबंध लखने को कहा जाता है , यहॉ ं बु का


कौन सा कार काय करे गा – अमत

599. बु के कौन से कार को मद
ृ ल
ु बु कहा जाता है – शाि दक
600. सू म सम याओं को चंतन-मनन वारा हल करने का काय कस बु का है –
अमत
ू बु
601. मूत बु को इस नाप से भी जानते ह – ग या मक, यां क बु

m
602. यि त के नणय लेने, तक करने तथा उपयोगी-अनुपयोगी का चयन करने क

co
यो यता है – बु

u.
603. न न म से बु क वशेषता नह ं है – लंग के आधार पर बु म भेद होता है ।
604. 12
ur
वष य वघाथ सोहन क बु -लि ध 75 है । उसक मान सक आयु वष म
pG

या होगी – 9
el

605. टरमन के अनुसार अ यु कृ ट रखते ह – 120-125 बु लि ध


H

606. बु कर वकारक स ांत कसके वारा दया गया – पीयरमैन


di
in

607. न न ल खत म से कौन-सा गलफड के वमीय बु स ांत के ‘ वषय-व तु


.H

आयाम‘ का घटक नह ं है – णाल


w

608. मान सक आयु क अवधारणा को वक सत कया था – बने


w
w

609. न न म से कौन-सा संवेगा मक बु का त व नह ं है – उ यमी साम यता


610. बु -लि ध स यय वक सत कया – टमन ने
611. सामानय
् तथा व श ट कारक स ा त का तपादन कया था – पीयरमैन ने
612. िजन बालक क बु -लि ध है , साधारणत: उ ह मान सक यूनता सत क
ेणी म रखते है – 70 से कम
613. यावहा रक बु को कहा जाता है – मत
ू बु
614. बु के आयामी स ांत के अनुसार बु के कारक क सं या है – 120

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615. न न म से गलफोड ने कौन सा बु का स ांत का तपा दत कया – बु -
संरचना स ा त
616. न न म से बु का बहुखंड स ांत तपा दत कया – थानडाइक
617. थानडाइक का बु स ब धी स ांत है – बहुत व स ा त
618. बु के समह
ू -कारक (त व) स ांत के णेता ( वतक) ह – थ टन
619. ‘पु ष ि य क अपे ा यादा बु मान होते ह।‘ यह कथन – ल गक पूवा ह
620. एक बालक क आयु 12 वष है । बने का बु पर ण करने पर वह 15 वष के
सामा य बालक के समान अंक ा त कर सका, उसका सह बु लि ध कस
वक प म द गई है – 125

m
621. एक बालक िजसक बु लि ध 105 है उसे वग कृत कया जाएगा – सामा य बु

co
622. अशाि दक बु पर ण का योग कया जा सकता है – अ श त के लए

u.
623. आप दे खते ह क एक छा बु मान है , आप – वह जैसे अ धक ग त कर सके उस
अनु े रत करगे।
ur
pG

624. सामा य बालक का बु -लि ध तर या होता है – 91-110


el

625. बु लि ध मापन के ज मदाता ह – टरमन


H

626. जड़ बु वाले बालक क बु लि ध कतनी होती है – 70 से कम


di
in

627. न न ल खत म से कौन सा कथन स य है – बु का लंग के साथ स ब ध


.H

नह ं है
w

628. एक 11 वष य बालक, िजसक मान सक आयु 10 वष है , कस ेणी म आएगा –


w

औसत बु
w

629. एक 16 वष य कशोर क मान सक आयु 15 वष है , वह कस ेणी म आएगा –


औसत
630. अ धकांश यि तय क बु औसत होती है , बहुत कम लोग तभा स प न
होते ह और बहुत कम यि त मंद बु के होते ह, यह कथन के त था पत
स ा त पर आधा रत है – बु के वतरण
631. ई. य.ू एवं आई. य.ू उदाहरण ह – मानक द त
632. एक 12 वष य बालक क मान सक आयु 10 वष है , वह कस ेणी म आएगा –
मंद बु

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633. 0 से 25 बु लि ध को कहते ह – जड़ बालक
634. गलफोड के बु स ब धी मॉडल ् म न न म से कौन सा आयाम नह ं है –
वश ट त व
635. बु के बहुकारक स ा त के तपादक ह – थानडाइक
636. पछड़े बालक क बु लि ध होती है – 80 से 90 के बीच
637. जड़ बालक क बु लि ध होती है – 25 से कम
638. गलफोड के बु स ब धी स ा त है – आयामी स ा त
639. अवधारणाओं का वकास मु य प से स बि धत है – बौ क वकास से
640. मान सक प से वकलांग से न न ल खत म से कौन स बि धत नह ं है –

m
असामािजक काय

co
641. बु के व-कारक स ा त का तपादन कसने कया – ि पयरमैन

u.
642. बु मता का स ब ध कससे है – के य च तन से, बहुआयामी चंतन
से, सज
ृ ना मकता से
ur
pG
643. व श ट बालक का स ब ध होता है – बु से
el

644. न न म से कसका न चय केवल आनुवं शकता के आधार पर होता है – बु


H

645. भावा मक बु का पा रभा षक श द दे ने वाले व वान ह – डे नयल गोलमेन


di

646. भावा मक बु का मुख संग है – अपने वयं क भावनाओं को जानना, अपने भाव
in
.H

को यवि थत करना, दस
ू रे क भावनाओं को पहचानना।
w

647. एक श ाथ क बु लि ध का ान एक श क के लए उपयोगी है , य क –
w

श ण काय को सफल एवं भावी बनाने म


w

648. बु -ल धांक के आधार पर व भ न समूह म व या थय का वग करण उनक


व-ग रमा को……… है और उनके शै णक न पादन को ……. है – बढ़ाता; बढ़ाता
649. शार रक-ग तक बु रखने वाले ब चे क अं तम अव था न न ल खत म से
कौनसी हो सकती है – श य च क सक
650. बहु वध बु स ांत के अनुसार सभी कार के पशुओं, ख नज और पेड़-पौध
को पहचानने और वग कृत करने क यो यता …….. कहलाती है – ाकृ तक बु
651. गलफोड के बु स ब धी मॉडल म कुल को ठ (खाने) ह – 120

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652. ……………… के अ त र त बु के न न ल खत प को टनबगके तं
स ा त म संबो धत कया गया है – सामािजक
653. हावड गाडनर का बु का स ा त ………. पर बल दे ता है – येक यि त क
वल ण यो यताओं
654. कसी 10 वष य बालक क मान सक आयु 14 वष है , वह कहलाएगा – तभाशाल
655. जो बु स ा त बु म सि म लत मान सक याओं (जैसे परा-घटक) और
बु वारा लए जा सकने वाले व वध प (जैसे सज
ृ ना मक बु ) को
शा मल करता है , वह है – टनबग का बु मता का तं स ा त
656. ‘बु वह त व है , जो सब मान सक यो यताओं म सामा य प से सि म लत

m
रहता है । प रभाषा इस शता द क सबसे मह वपूण मनोवै ा नक खेज का

co
त ठापन करती है ।‘ यह कथन कसका है – रे स व नाइट

u.
657. अ तवैयि त क बु से ता पय है – व भ न यि तय को समझने का कौशल
658. बु लि ध के संबंध म
ur
या स य है – कालानु मक आयु से यु मी संबं धत
pG

659. बु का तरल मोज़ेक मॉडल कसने दया था – कैटे ल


el

660. चेस तथा काड के न न म से कस म वग कृत कया जा सकता है – बौ क


H

खेल
di
in

661. न न ल खत म से कौन सा या न पादन कार के बु पर ण का


.H

उदाहरण नह ं है – सरल ग णत सम याएँ हल करना।


w

662. एक बालक िजसक बु लि ध 125 है , कस वग म आएगा – उ च खर


w

663. एक यि त जो व भ न संवेग क पहचान तथा महसूस करने और संवेग पर


w

नयं ण क उ च यो यता रखता है , उ च होगा – EQ पर


664. एक बालक िजसक य संसार का शु ता से य ीत करने क मता अ धक
है वह उ च होगा – था नक बु पर
665. बु के या मक पर ण उपयोगी है – बालक के लए, गँग
ू े और बहर के
लए, नर र के लए
666. एक दस वष के बालक जो उन पद पर सफल रहा है िजन पर अ धकांश 6
वष य बालक सफल होते ह, क मान सक आयु मानी जायेगी – 6

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667. न न ल खत म से कौन सा बु का स ा त सं ाना मक या पर
आधा रत है – ग फड आयामी स ा त
668. बु के सच
ू ना म ( ोसे संग) उपागम का वणन कसने कया – टनबग
669. पीयरमेन के अनस
ु ार, सभ सं ाना मक काय म शा मल मान सक ऊजा या
मता को या नाम दया – जी-कारक
670. गाडनर के अनुसार, अ य यि तय क मनोदशा, वभाव , अ भ ेरणाओं और
इ छाओं को समझकर उसम वभेदन करने क यो यता कहलाती है –
अंतवैयि तक बु
671. बु का कौन सा कार गाडनर वारा नह ं सुझाया गया – सां कृ तक

m
672. अमूत बु कसी यि त क मदद करती है – सम याएँ सल
ु झाने म

co
673. एक सफल इि टर यर डजाइनर म कस तरह क बु क बलशीलता होती

u.
है – अमत
ू बु क
674. बु का आयामी मॉडल का
ur
तपादन कसने कया है – गलफोड ने
pG

675. गाडनर ने बु के कतने कार बताये ह – 9


el

676. पास एलांग टे ट का वकास कसने कया है – ड यू पी. एलै जे डर ने


H

677. ‘बु क गण
ु व ता नायु तंतुओं क मा ा पर नभर रहती है ।‘ बु के मा ा
di
in

स ा त से संबं धत यह कथन कसका है – थॉनडाइक


.H

678. ब च हे तु वे लर बु मापनी के कस पर ण म सं याओं को बढ़ते म म


w

तुत कर बालक को भी उसी म म या उ टे म म सं याओं को दोहराने


w
w

हे तु कहा जाता है – अंक व तार


679. गलफोड के अनस
ु ार न न म से बु का आयाम नह ं है – सं ान
680. बु का वै ा नक मापन सव थम कसने ारं भ कया – बने
681. गाडनर के बहु-बु के स ा त के अनुसार, वह कारक जो यि त के ‘आ म-
बोध‘ हे तु सवा धक योगदान दे गा, वह हो सकता है – अंत:वैयि तक
682. न न ल खत म से कौन सा सामू हक अशाि दक बु पर ण है – आम बीटा
टै ट

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683. हम सभी अपनी बु , ेरणा, अ भ च, आ द के संदभ भ न होते ह। यह
स ा त संबं धत है – वैयि तक भ नता से
684. इनम से कौन सा तं ीय स ा त म यावहा रक बु का अ भ ाय नह ं है –
केवल अपने वषय म यावहा रक प से वचार करना।
685. नरथक श द नमाण सव थम कसने कया – ए बंगहास
686. बु का/के ोत है – आनुवां शक, अ धगम का प रणाम, व तथा वातावरण क अंत या
687. पीयरमैन के अनुसार, बु का बढ़ना कस आयु म आकर क जाता है – 16 वष
688. बु के अंतगत सामा य यो यता का कारक कौन से मनोवै ा नक ने बताया –
पीयरमैन ने
689. सामा य यि त क बु लि ध होती है – 100

m
co
690. गोलमेन संबं धत है – सांवे गक बु से

u.
691. ‘बहु-बु स ा त‘ को वैध नह ं माना जा सकता, य क – व भ न पर ण के
ur
अभाव म भ न बु य (different intelligences) का मापन स भव नह ं है ।
pG
692. एक बालक क मान सक आयु 14 व वा त वक आयु 11 वष है , तो उसक
el

बु लि ध या होगी– 127
H

693. क ा 6 के ब चे का औसत आई यू होगा – 100


di

694. बु का आयामी स ा त है – गलफोड का


in
.H

695. बु - तर के मापक को सह प म नमाण कया है – टरमन


w

696. बु के वषय म आधु नक अवधारणा है – नवीन प रि थ तय के तसमायोजन का


w

गण
ु ।
w

697. बैटर न पादन पर ण रचे गए है – भा टया


698. बहुवाद बु ान को अनेक प तय से दान कर एक से अ धक कौशल को
कट करती है । यह वचार है – गाडनर
699. आप ारं भक क ा के व या थय के बु पर ण के लए या उपयु त
समझते ह – या मक बु पर ण
700. एक अ यापक के लए बु पर ण क या उपयो गता है – अ यापन एवं वषय
पर ण म इसे आधार बनाया जा सकता है ।

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41
701. बु के स ब ध म न न म से कौन सा कथन सह नह ं है – बु क ल बवत ्
बु जीवन पय त होती है ।
702. क पना का श ा म या थान है – सज
ृ ना मकता म सहायक
703. वभ न ेणीके मं दत बालक को दशायी गई सह औसत बु का चयन
क िजए – पछड़ा बालक – 80 से 99
704. ‘संवेगा मक बु : बु लि ध से अ धक मह वपूण य ‘, पु तक के लेखक ह –
डे नयल गोलमेन
705. एक बालक िजसक मान सक आयु 12 वष तथा कालानु मक आयु 10 वष
है , उसक बु लि ध होगी – 120
न न म से कन मनोवै ा नक ने संवेगा मक बु पर काम कया – हावड

m
706.

co
गाडनर, डे नयल गोलमेन, जॉन डी मेयर व पीटर सालवे
707. ‘बु इन चार श द म न हतहै – ान, आ व कार, नदश, आलोचना।‘ यह कथन

u.
कस मनोवै ा नक का है – अल े ड बने ur
pG
708. संवेगा मक बु को लोक य बनाने का ेय कसको जाता है – डे नयल गोलमैन
el

709. कसी समुदाय म आसानी से संबंध बनाने व समायोिजत होने क


H

मताकहलाती है – सांवे गक बु
di

710. प रवार ब चे को न न कार से श ा दे ता है – अनौपचा रक प से


in
.H

711. गलफोड वारा तपा दत बौ कता रचना मॉडल म कतने त व को


w

सि म लत कया गया है – 120


w

712. भूख एक चालक है और भोजन एक – उ ीपक


w

713. अ भ ेरणा दान करने म कौन मह तवपूण भू मका नभाता है – श क


714. सं ेषण से आशय है – वचार का आदन- दान
715. श क बालक के यवहार म कस तरह प रवतन कर सकता है – परु कार, संशा,
भ सना वारा
716. श ा म अ भ ेरणा का मह व दशाने वाला ब द ु नह ं है – खेलकूद
717. अ भ ेरणा का न न म से कौनसा स ा त नह ं है – उ ीपन अनु या का स ा त
718. कसे ‘ ान क थम सीढ़ ’ माना जाता है – संवेदना

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42
719. ले वन के अनुसार यवहार, यि त तथा वातावरण काय ह। इ होन कस
स ा त म इस बात को मह तव दया है । – े ीय स ा त
720. म पु तक पढ़ना पसंद करता हूँ य क – न न म से आंत रक अ भ ेरणा का
कथन है – पु तक पढ़ने से मझ
ु े आनंद मलता है ।
721. ेरक के वग करण म न न ल खत म से कौनसा सह नह ं है – यावहा रक
722. अ भ ेरणा से स बि धत यवहार का ल ण है – उ सक
ु ता
723. वधारणा अ भ ेरक है – चेतावनीपूण आ त रक धारणा
724. वाभा वक ेर क है – अनुकरण
725. अ भ ेरणा को भा वत करने वाले कारक है – आव यकताएँ, आकां ा तर एवं च,

m
संवेगा मक ि थ त

co
726. वह कारक जो यि त को काय करने के लए उ साह बढ़ाता या घटाता है , उसे

u.
कहते ह – अ भ ेरणा
727. ऐसे
ur
ेरक जो यि त ज म के साथ ह लेकर आता है , वह है – ज मजात ेरक
pG

728. अिजत ेरक के अ तगत आते ह – जीवन ल य व मनोविृ तयाँ, मद- यसन, आदत क
el

ववशता
H

729. कौन सा ेरक अिजत ेरक नह ं है – ोध


di
in

730. व यालय म पुर कार के लाभ है – आन द ाि त, मनोबल क व ृ , उ साहव क


.H

731. ‘अ भ ेरणा अ धगम का सव कृ ठ राजमाग है ’ अ भ ेरणा के बारे म यह कथन


w

है –ि कनर का
w

न न म से जो अ भ ेरणा का ल ण नह ं है , वह है – चंता
w

732.

733. यास एक तरह क – च य आव यकता है ।


734. न न म से कौन से म का उपयोग एक अ छा अ यापक नह ं करे गा –
लोभन
735. मैि ललड का योगदान न नां कत म से कस े म सबसे मख
ु है – उपलि ध
अ भ े रक
736. ‘मल
ू विृ त अ भ ेरणा स ा त’ के वतक कौन कहलाते ह – उपलि ध अ भ ेरक
737. ”मोटोवेशन” श द क उ पि त कस भाषा के श द से हुई है – ले टन

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738. ऐसा कौन सा अ भ ेरणाका स ा त है जो क संक प शि त पर बल दे ता है –
ऐि छक स ा त
739. न न म से अ भ ेरणा का कौनसा ोत है – आव यकता,चालक, उ ीपन
740. कस व वान के अनस
ु ार ेरक का वग करण ”ज मजात व अिजत” है – मै लो
741. मै लो के अ त र त कन व वान ने ेरक का वग करण कया – मैरेट व
थामसन ने
742. द ड एवं त पधा के मा यम से उ प न अ भ ेरणा का कार है – बा य
743. ोध एवं भय ेरक है – मनोवै ा नक
744. ”अ धगम आधा रत या म अ भ ेरणा, या तथा पुनबलन न हत है ”, कथन
है – सोरे सन

m
co
745. ेरक यवहार को – दशा दान करते ह।

u.
746. दशाएँ जो काय करने को े रत करती ह, उसे कहते ह – अ भ ेरणा
747. कस अ भ ेरणा को ‘बा य
ur
ेरणा’ भी कहते ह – नकारा मक ेरणा
pG

748. ाथ मक क ा के व या थय को अ भ ेरणा दान करने हे तु उ तम उपाय है –


el

पुर कार
H

749. कौन सा अ भ ेरणा का भाव अ धगम को भावी बनाता है – अ भ ेरक हमारे


di

यवहार को नद शत करते ह। व या थय के सीखने म गण


ु ा मकता बढ़ाती है । छा के
in

सीखने क ग त ती होती है ।
.H

750. कौन सा अ भ ेरणा का घटक नह ं है – रट त म ृ त


w
w

751. न न म से कौन सा उदाहरण अिजत ेरक का है – च


w

752. अ भ ेरणा व णत होती है – भावा मक जाग ृ त वारा


753. सश त अ भ ेरणा सीखने का भावशाल घटक है – शी सीखता है ।
754. कौन सा जै वक आव यकता कम ज र है – यौन
755. अ धगम तक पहुँचाने के राजमाग को कहते ह – अ भ ेरणा
756. ‘ नेह ा त करने क इ छा’ अ भ ेरणा संदभ म या है – वाभा वक अ भ ेरक
757. या को आरं भ करने, जार रखने तथा नयं त रखने क या है – अ भ ेरणा
758. न न ल खत म से अ धगम को अ भ े रत करने का कौन सा तर का कम-से-
कम काम म लाना चा हए – पुर कार

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759. मने एक ब चे को एक अवधारणा समझाने का यास कया, पर वह इसे नह ं
समझ पाया, पर तु कुछ वष बाद जब उसी ब चे को इस अवधारणा को
समझाने का यास कया तो ब चा तरु त समझ गया। ऐसा होने का कारण
है – प रप वता
760. न न म से उपल अ भ ेरणा पर कन लोग ने काम कया – मैि ललड एवं
एट क सन
761. श ा क या म ेरणा का मह व है । इस बात को यान म रख तो
अ यापक को न न म से कौन सा काय नह ं करना चा हए – इनाम का लोभन
दे कर बालाक म त वं वता पैदा करना।
न न म से कौन सा त व अ भ ेरणा के ोत से संबं धत नह ं है – मल

m
762. ू विृ त

co
763. अ भ ेरणा के संदभ म ‘ यास’ है – अ तन द

u.
764. कसको अ भ े रत श ण का संकेतक माना जाता है – व या थय वारा न
पूछने ur
pG
765. अ भ ेरणा क या या ज मजात मूल विृ तय के आधार पर क जा सकती
el

है , कसने कहा है – मै डूगल ने


H

न न ल खत म से कौन सा ज मजता ेरक नह ं है – आदत


di

766.

767. बा य अ भ ेरणा म समावे शत कया जाएगा – शंसा व दोषारोपण, त व वता,


in
.H

पुर कार एवं द ड, प रणाम का ान


w

768. न न ल खत म से कौन सा कथन सह नह ं है – आव यकतावंचना क शार रक


w

अव था नह ं है ।
w

769. नि न ल खत म से कौन सा ेरणा का ोत नह ं है – तुि ट


770. न न ल खत म से कौन सी वशेषता आंत रक प से अ भ े रत ब च के लए
सह नह ं है – वे हमशा सफल होते ह।
771. पुर कार एवं द ड है – कृ म ेरक
772. न न ल खत म से कौन सा एक अ भ े रत श ण का संकेत होता है – ब च
वारा न पूछना।
773. मल
ू विृ तयाँ कैसी होती है – ज मजात
774. न न ल खतम से ज मजात अ भ ेरक कौन सा है – न ा

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775. न न म से कौन से ेरक का वग करणगैरेट वारा कया गया – दै हक,
मनोवै ा नक एवं सामािजक
776. अ भ ेरणा पर कस कारकका भाव नह ं पड़ता है – भौ तक संरचना
777. गलफोड के अनस
ु ार संवेग का कार नह ं है – नवीन
778. न न ल खत म से ज मजात अ भ ेरक नह ं है – च
779. एक अ या पका यह सु नि चत करना चाहती है क उसके व याथ आंत रक
प से े रत है । इस संदभ म वह करे गी – अं तम प रणाम पर यान दे ने के बजाय
यि तगत प से ब च क अ धगम क याओं पर यान दे ना।
780. कसी यि त को सामािजक ि ट से वीकृत कायकरने हे तु कौन सी ेरक
ेरणा दे ता है – वीकृ त ेरक

m
co
781. ेरक ाणी म व यमान शार रक एवं मनोवै ा नक दशाएँ ह जो उसे नि चत

u.
व धय के अनुसार काय करने के लए उ तेिजत करती है । ेरक क इस
प रभाषा को दे ने वाले ह – गे स एवं अ य
ur
pG

782. न न ल खत म से कौन सी ेरणा क व ध नह ं है – यवहार म प रवतन करना।


el

783. न न म से कौन सी ज मजात या आंत रक अ भ ेरणा नह ं है – उपलि ध क


H

आव यकता
di

784. अ भ ेरणा से स बि धत सह म इं गत क िजए – आव यकता- णोद- ो साहन


in
.H

785. कशोराव था म ह डय म अ धक व ृ होती है – भुजाओं और टाँग क


w

786. ेरक का वग करण अनेक व वान ने कया मै ल वारा कया गया


w

वग करण सह ढं ग से न न म से कस वक प म दया गया है – ज मजात एवं


w

अिजत
787. अ भ ेरणा के संदभ म ‘भूख’ है – अ तन द
788. सीखने क या म अ भ ेरणा – ब च म सीखने के त च का वकास करती है ।
789. न न म से कौन सा उदाहरण अ भ ेरणा का प रणाम नह ं है – जगन ने वास
लेने क या म च दखानी ार भ कर द ।
790. ेरणा का ोत न न ल खत म से कौन सा नह ं है – आदत
791. एक अ यापक को न न म से कस कथन से सहमत होना चा हए – बा य
अ भ ेरणा तब होती है , जब अ धगमकता बा य पुर कार ा त करने के लए काय करते ह।

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792. न न म से कौन सा उदाहरण बा डुरा के अवलोकन आधा रत अ धगम का नह ं
है – कूल क घंट बजने पर अपने ब ते बंद कर लेना।
793. ‘अ भ ेरणा सामा य या-कलाप का भाव है , जो ाणी के यवहार को इं गत
और नद शत करता है ।’ यह प रभाषाद – जॉनसन
794. एक व याथ मे डकल कॉलेज म दा खला लेने के लए क ठन प र म करता है
ता क वह वेश पर ा म उ तीण हो सके। यह व याथ …… से अ भ ेत है –
आंत रक
795. आंत रक प से अ भ े रत व याथ – के लए बा य पुर कार उसक अ भ ेरणा को
बनाए रखने के लए पया त नह ं है ।
796. उपलि ध अ भ ेरणा है – चुनौतीपूण काय करने म डटे रहने क

m
विृ त

co
797. नि न ल खत म से कौन सा मान सक प से व य यि त का ल ण है –

u.
सहनशीलता, आ म व वास, संवेगा मक प रप वता
798. जब पूव का अ धगम नई ि थ तय के सीखने को ब कुल ur भा वत नह ं करता,
pG
तो यह ……… कहलाता है – अ धगम का शू य थानांतरण
el

799. काया मक तवब ता स ांत त या म मु य कारक न न म से कौन सा


H

है – पन
ु बलन
di

ेरणा सीखने के लए सव े ठ है , कसने कहा – क नर


in

800.
.H

801. अ भ ेरणा अ धगम का सव कृ ट राजमाग है – क नर


w

802. अ भ ेरणा को अ धगम का आधार कहा है – सोरे सन


w

803. ”एक म हला ने भोजन ा त करने के लए अपने ब चे को बेच दया” इस


w

खबर को …….. के आधार पर अ छ तरह समझा जा सकता है – पदानु मक


आव यकताओं का स ा त
804. छा क न प त नभर करती है – व- यय, बु , अ भ च, अ भ ेरणा
805. नि न ल खत म से कौन सा ाकृ तक अ भ ेरणा का उदाहरण नह ं है – त ठा
806. न न म से कसका कोई जै वक य आधार नह ं है – संबंधन
807. न न के अभाव म ेरणा क या ार भ नह ं हो सकती – आव यकता
808. क ा म अ भ ेरणा मक स ा त का योग कया जा सकता है – उपलि ध ेरणा
वृ हे त,ु उ च तर य पधा टालने हे त,ु तनाव कम करने हे त।ु

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809. कौन सा ाथ मक अ भ ेरक है – यास, भख
ू , काम
810. आंत रक अ भ ेरण का उदाहरण है – काय म च
811. अ भ ेरणा का मांग स ांत कसने तत
ु कया – मॉ लो ने
812. ‘अ भ ेरणा से ता पय छा क आंत रक शि त को जागत
ृ करना है ’ यह कथन
है – गलफोड
813. अ यापक क भावशीलता नभर करती है , इस बात पर क वह – छा को
मान सक प से कतना स य करता है ।
814. अ भ ेरणा का अ धगम म या मह तव है – इससे अ धगम अ धगमाथ सीखने के
लए त पर हो जाता है ।
815. अंतन द और अ भ ेरणा म या संबंध है – अ भ ेरणा का संबंध ल य से है । अंतन द

m
co
उस ओर बढ़ने से ग त दे ता है ।
816. पुर कार और द ड का अनु चत योग अ धगम को बनाता है – भावह न

u.
817. ‘भूख’ और ‘ यास’ है – ज मजात ेरक ur
pG
818. अ भ ेरणाके ोत कौन कौन से ह – आव यकता, चालक, ेरक
el

819. मै लो के अ भ ेरणा स ांत को कहा जाता है – आव यकता पदानु म का स ांत


H

ेरणा का वह संबंध उपलि ध से है , जो अ धगम का ……….. से है – बोध


di

820.

821. पुर कार एवं द ड ………. का एक कार है – बा य ेरणा


in
.H

822. उपलि ध आव यकता कस कार का अ भ ेरक है – सामािजक


w

823. क ा म अ भ ेरणा मक स ांत का योग कया जा सकता है – उपलि ध ेरणा


w

वृ हे त,ु उ च तर य पधा टालने हे त,ु तनाव कम करने हे त।ु


w

824. व या थय म अ भ ेरणा वक सत करने के लए एक श क को या करना


चा हए – नई तकनीक व नई व धय का योग करना।
825. राजेश ग णत क सम या को हल करने के लए पूर तरह से संघष कर रहा
है । उसका आंत रक बल जो, उसे उस सम या को परू तरह से हल करने के
लए ववश करता है , ………….. के प म जाना जाता है – ेरक
826. ाथ मक आव यकताओं को ………….. आव यकता से भी जाना जाता है –
दै हक
827. ेपण व ध वारा कसका अ ययन कया जाता है – अचेतन मन का

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828. ‘मूल विृ तयाँ स पूण मानव यवहार क चालक है ।’ यह कथन कस
मनोवै ा नक का है – मै डूगल
829. एक छा बोड पर ा के लए क ठन प र म कर रहा है । उसके पता ने उसे
अ छे अंक आने पर मोटर साइकल दे ने का वादा कया है । इसका अथ है – बा य
ेरणा
830. कशोराव था म बालक को सहयोग दे ने के लए आव यक है – अ भ ेरणा
831. एक आ त रक मान सक दशा जो कसी यवहार को आर भ करने तथा बनाए
रखने को व ृ त करती है , कहलाती है – अ भ ेरणा
832. संवेग पर नयं ण पाने के लए बालक को अ यास कराना चा हए – आ म

m
नयं ण का

co
833. न न म से कौन अ भ ेरणा का प नह ं है – दबाव

u.
834. न न म से कौनसा काय बा य ेरक है – क वतापाठ एवं दौड़ म भाग लेना।
835. सीखने
ur
के लए आकलन – अ भ ेरणा को बढ़ावा दे ता है ।
pG

836. न न म से कौन सी श दावल ाय: अ भ ेरणा के साथ अंत: बदलाव के साथ


el

इ तेमाल क जाती है – आव यकता


H

837. अ भ ेरणा का वग करण होता है – ज मजात तथा अिजत


di
in

838. न न ल खत कथन म से आप कससे सहमत है – अ धगम एक सामािजक-


.H

सां कृ तक प रवेश म घ टत होता है ।


w

839. जीन पयाजे का बाल वकास वग करण कस स ा त पर आधा रत है –


w

सं ाना मक वकास स ा त
w

840. एक श ाथ -केि त क ा-क म अ या पका करे गी – इस कार क प तय को


नयोिजत करना िजसम श ाथ अपने वयं के अ धगम के लए पहल करने म ो सा हत
ह।
841. सीखी गई या का अ य प रि थ तय म उपयोग कया जाना कहलाता है –
अ धगम थाना तरण
842. वाइगो क तथा पयाजे के प र े य म एक मुख व भ नता है – भाषा एवं
च तन के बारे म उनके ि टकोण।
843. “an introduction to Social Psychology” के रच यता थे – व लयम

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844. पुनबलन के स ा त का तपादन कया – हल
845. यि त वारा जब कसी व तु को दे खकर या पश कर ान ा त कया
जाता है , तो वह सीखना कहलाता है – य ा मक सीखना।
846. ”सीखने क या क एक मख
ु वशेषता पठार है ये उस अव ध को य त
करते ह जब सीखने क या म कोई उ न त नह ं होती है ” यह कथन है – रॉस
847. अनुबंध के गोचर क शु आत ………. के वारा क गई थी – पावलाव
848. लघु पद के स ा त का संबंध है – रे खीय अ भ मत
849. काया मक तब ता स ा त या म मु य कारक कौन सा है – पुनबलन
850. मोहन 7A म पढ़ता है , उसे 7B म बठाकर पढ़ाया जाता है – अ धगम का कौन

m
सा अंतरण है – ै तज

co
851. समाजीकरण एक या है – मू य , व वास तथा अपे ाओं को अिजत करने क ।

u.
852. पयाजे अनम
ु ोदन करते ह क पव
ू -सं या मक ब चे याद रखने म असमथ
ur
होते ह। नि न ल खत कारक म से कसको उ होन इस असमथता के लए
pG

िज मेदार ठहराया है – वचार क अनु मणीयता (पलट न सके)


el

पयाजे के स ा त के अनुसार, ब चे न न म से कसके वारा सीखते ह –


H

853.
di

उपयु त परु कार दए जाने पर अपने यवहार म प रवतन करना।


in

854. जब पूव ा त अनुभव नवीन सम या को हल करने म सहायक होता है , वह


.H

है – धना मक थाना तरण


w

व या थय को REET क तैयार करवाकर NET क पर ा ल जाती है –


w

855.
w

ऊ वअ तरण
856. क ा-क अ धगम के लए कौन-सी व ध का योग कया जा सकता है – वाद-
ववाद व ध, य न व ु ट व ध, अवलोकन व ध
857. कोहलर का अ धगम- स ा त न न ल खत नाम से जाना जाता है – अ त ि ट का
स ा त
858. थानडाइक मनोवै ा नक थे – अमे रका के
859. र ना क ा 2 क छा ा है , उसे अ या पका ने ड डे से पीटा। अगले दन वह
अ या पका के हाथ म ड डा दे खकर रोना ार भ कर दे ती है , अ धगम का
अंतरण है – व-पाि वक

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860. न न म से जो सीखने अथवा अ धगम का नयम नह ं है – पढ़ने का
861. ‘अनुभव के वारा यवहारगत प रवतन’ है – अ धगम
862. त परता के नयम का स ब ध है – अ धगम से
863. पण
ू ाकारवाद के नयम है – सम पता, समीपता, संरचना मक
864. सुरेश को अं ेजी भाषा बोलना सखाया जाता है , वह अं ेजी तो अ छ बोल
लेता है , परं तु अब ह द शु नह ं बोल पाता है , अ धगम का थानांतरण है –
नकारा मक
865. अ धगम को भा वत करने वाले घटक है – उ चत वातावरण, ेरणा, प रप वता
866. पावलॉव था – शर र या वै ा नक

m
867. अनुब ध योग म अनुबं धत अनु याय का वलोपन कस कारण होता है –

co
पुनबलन क अनुपि थ त

u.
868. ‘अनुभव एवं श ण वारा यवहार प रवतन को अ धगम कहते ह।’ अ धगम
क यह प रभाषा द गई – गे स ने
ur
pG

869. एक बालक का हाथ आग से जल जाता है , भ व य म वह आग को दे खकर ह


el

जलन महसस
ू कर लेता है , अ धगम का थानांतरण है – व-पाि वक
H

यास के आधार पर अ धगम क मा ा म समान प से व ृ होती है – रे खीय


di

870.
in

वरण व
.H

871. न नां कत म से कस प रि थ त म ाणी म नि यता सबसे अ धक पायी


w

जाती है – अिजत न:सहायता


w

872. गे टा ट का अथ है – सम के प म
w

873. धना मक अंतरण का त व न नां कत म कौन-सा है – सीखने का अ धगम


874. या मक अनुब धन का स ा त कसक दे न माना जाता है – ि कनर क
875. क ा-7 का रोहन ारि भक पाठ को तो ती ग त से सीखता है पर तु धीरे -
धीरे उसके सीखने क ग त कम हो जाती है , एक समय ऐसा आता है क
कतने भी यास करने पर भी वह अ धक नह ं सीख पाता है , यह या है –
अ धगम पठार
876. सीखने के मु य नयम के अ त र त एक अ य नयम भी है , जो मु य
नयम को व तार दे ते ह। यह अ य नयम है – नकटता का नयम

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51
877. पावलव ने अ धगम का जो स ा त तपा दत कया था, वह है – अनुकू लत
अनु या
878. नयमै तक अनुबंध के स ा त का तपादक है – क नर
879. न न म से पण
ू कारक वाद के नयम से जो संबं धत नह ं है , वह है – व पता
880. य द ग णत का अ धगम भौ तक के अ धगम म सहायक हो, तो यह –
सकारा मक थाना तरण
881. व या थय को अगले काय के लए तैयार करने हे तु थम प रि थ त म दान
कया पुनबलन अ भ ेरण का काय करता है , यह अ धगम का स ा त है – या
सत
ू अनब
ु ंध
882. अ त ि ट क पुि ट करने के लए कोहलर ने िजस चंपांजी पर योग कया,

m
co
उसका नाम था – सु तान
883. उ तेजना यि त को सहायता दान करती है – उ े य ाि त म

u.
884. एक वकलांग बालक अ य धक प र म करके क ा मur थम आने का यास
pG
करता है । इसे कस तर क णाल म रखगे – तपू त
el

885. एक छा का अ धगम न न म से कस पर नभर नह ं करता – आ थक ि थ त


H

886. बालक शर र के अंग का संचालन करना सीखता है – कस कार के अ धगम के


di

मा यम से– ग या मक
in
.H

887. एक बा लका को साई कल चलाना आता है , वह कूट खर दती है , तो आसानी से


w

कूट चलाना सीख जाती है , यहाँ अ धगम का कौन सा थानांतरण है –


w

सकारा मक
w

888. चंचल ात: ज द उठने के लए सुबह 4 बजे का अलाम भरती है , बजने पर


उठ जाती है , 3-4 दन करने पर अलाम बजने से पहले ह उसक नींद खल

जाती है , यहाँ अ धगम का कौन सा स ा त है – शा ीय अनब
ु ंधन
889. सीखना – स पण
ू जीवन चलता है । नया काय करना। और यि तगत व सामािजक दोन ।
890. यवहार के S-R स ययन को अ वीकार कर S-O-R स यय कसने
ता वत कया – वुडवथ

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52
891. पूजा II Grade क तैयार कर रह है , उसी दौरान उसके REET का प रणाम आ
जाता है तथा वह असफल हो जाती है , वह द:ु खी होकर तैयार बंद कर दे ती
है , लाक हल के अनुसार उसे आव यकता है – पन
ु बलन क
892. पन
ु बलन के स ा त का तपादन कया – हल ने

893. 3H (हे ड-हट-है ड) का स दाय चलाया – पे टालॉजी


894. थॉनडाइक के सीखने का मु य नयम है – भाव का नयम
895. इमल का नाम लेने से मँह
ु म पानी आ जाने के कारण को न न ल खत म से
कौन-से स ा त से जानगे – उ ीपक त या
896. अ धगम का मु य चालक कहलाता है – अ भ ेरणा

m
897. यवि थत यवहार के स ा त के वतक है – हल

co
898. एक व याथ दो व तओ
ु ं के म य भेद समझ चक
ु ा है , वह कस शै क उ े य

u.
काि त तक पहुँच चक ु ा है – अवबोध
899. अ धगम या नह ं है – केवल पढ़ाई
ur
pG

900. ंख
ृ ला अ भ मत अनुदेशन सीखने के िजस स ा त पर आधा रत है – या
el

सत
ू न स ा त
H

वषय-व तु अ धक होने पर श ण भावी होगा – अंशो म श ण के मा यम से


di

901.
in

902. पुनराविृ त का स ा त दया – पावलाव ने


.H

903. एक बालक एक बार म आग म जलने के बाद अि न से दरू रहता है – शा ीय


w

अनुबंधन का स ा त
w

आदत , ान व अ भविृ तय का अजन है ।” कथन है – ो ए ड


w

904. ”सीखना ो
905. अ धगम क सफलता का मु य आधार माना जाता है – ल य ाि त क उ कृ ट
इ छा
906. श क वारा बालक म कस कार पा य वषय के त आकषण उ प न
कया जाए – यान केि त करके
907. उ ीपन तथा अनु या के म य संबंध थापना का काय पुनबलन नह ं करता है
संबंध थापनाका काय उ ीपक व उसके वारा क गई अनु या के मा य
समीपता करती है यह कस मनोवै ा नक का वचार है – गुथर

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908. अ धगम के मानवतावाद स ा त के तपादक है – कालरोजस
909. अ धगम थाना तरण का सबसे पुराना स ा त है – मान सक शि त का स ा त
910. ले वन के अनस
ु ार यवहार, यि त तथा वातावरण काय ह। इ होन कस
स ा त म इस बात को मह व दया है – े ीय स ा त
911. सं ेषण से आशय है – वचार का आदान- दान
912. बालक को सीखने के लए सवा धक उ तम मनो व ान अ ययन व ध – नर ण
913. वा म व अ धगम व ध का तपादन कया – लम

914. बालक के चा र क वकास के तर है – पुर कार व द ड, सामािजकता एवं मूल विृ त
915. न न म से अ धगम को भा वत करने वाला कारक नह ं है – लंग

m
916. श ा म श ण मशीन और क यूटर नद शत व धय को उपयोगी बनाने म

co
कस स ा त क दे न है – या सत
ू अनब
ु ंधन

u.
917. छोटे ब चे को खरगोश के खलौने क चीख क आवाज के मा यम से भय से
संबंध कस मनोवै ा नक ने
ur
था पत कया – वॉटसन
pG

918. ” यवहार के कारण यवहार म प रवतन ह अ धगम है ।” कथन है – गलफोड


el

919. जब शर र के एक प के अंगो को दया गया श ण दस


ू रे अंग म चला
H
di

जाता है तो उसे कहते है – वप ीय अंतरण


in

920. एक बा लका अपने माता- पता को बड़ के चरण पश करता दे खकर बड़ के


.H

चरण पश करना सीखती है , अ धगम का कौन सा स ांत है – अनुकरण


w

श ा एक मख
ु ी या है ।” कथन है – जॉन डीवी
w

921. ”
w

922. मनो व ान व वास करता है , क बालक-बा लकाएँ सवा धक सीखते ह – अ भ ेरणा


से
923. बने टका योजना व ध है – यि तगत श ण
924. श क बालक के यवहार म कस सतह प रवतन कर सकता है – पुर कार वारा,
शंसा वारा, भ ृ सना वारा
925. अ धगम को अ य त भावशाल बनाने का उ तम तर का है – व ेरणा
926. संभावना स ांत के तपादक कौन ह – टालमैन
927. तल प स ा त के तपादक कौन है – ले वन

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928. सीखने के लए वषय साम ी का व प होना चा हए – सरल से क ठन
929. अ धगम का सूचना याकरण स ांत कसने दया – मलर
930. श ण के थाना तरण म समान त य के स ांत के तपादक कौन ह –
थानडाइक
931. सीखने का सू म स ांत कसने तपादक कया – कोहलर ने
932. मंदबु ब च के लए कौन सा अ धगम स ा त उपयोगी रहे गा – उ ीपक
अनु या
933. व ान व ग णत के सीखने के लए उपयोगी स ांत है – गे टा ट
934. कोहलर ने न न ल खत म से कौन सा स ांत नह ं दया – संबंधवाद
935. स ेषण / सूचना या करण का सह म है – ेषक –

m
ोत – मा यम – ाह –

co
प ृ ठ पोषण
936. मान सक रो गय के नदाना मक श ण म सवा धक उपयोगी स ा त कसने

u.
तपा दत कया – ि कनर ur
pG
937. ‘टाई क गांठ बांधना’ कसके स ा त के अनुसार यि त सीखते ह – कोहलर
el

938. …………. मि त क क संरचना तथा कृ य म वभेद का प रणाम होता है –


H

डसलेि सया
di

939. प रवेश क व तु िजसे ाणी ा त करने का यास करता है कह जाती है –


in

उ ीपक
.H

न न म से कौन सीखने के सह उ तर ह – त य, सच
ू ना, बोध, ान ा त करना, बोध,
w

940.
w

ान
w

941. प रप वता इ या द से यवहार म उ प न प रवतन को भी अ धगम कहा जाता


है – नह ं
942. अ बट ब डूरा वारा दए गए अ धगम स ांत को ………….. से भी जाना
जाता है –अवलोकना मक अ धगम स ांत
943. ‘सीखना वकास क या है ’, कथन कसके वारा कहा गया – वुडवथ
944. ‘अ त ि ट या सूझ वारा सीखना’ स ांत कसने दया है – कोहलर
945. जब पव
ू का अ धगम, नयी ि थ तय म सीखने पर कसी भी कार से कोई
भाव नह ं डालता है , तो यह कहलाता है – अ धगम का शू य थाना तरण

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946. क नर वारा तपा दत अ धगम स ांत है – या सत
ू अनुब धन
947. अ धगम अ तरण का थॉनइाइक स ांत कहा जाता है – अनु प त व का स ांत
948. सम या के अचानक समाधान क वकालत करने वाले स ांत का नाम है – सझ

का स ांत
949. न न ल खत म से कौन S-R अ धगम स ांत से संबं नह ं है – ि कनर
950. अ धगम का स ब त या स ा त न न म से कसने तपा दत कया –
आई.पी.पॉवलाव
951. आप अपने जत
ू े एक रै क पर रखते ह। उस रै क को उस थान से हटा दया है
फर भी आप जत
ू े रखने उसी थान पर जाते ह जहाँ पर पहले रै क रखी थी।
ऐसा होने का कारण है – अनुबंधन

m
co
952. वाटसन के अनुसार शैशवाव था म सीखने क सीमा और ती ता वकास क

u.
ओर कसी भी अव था क तुलना म अ धक होती है , इस कथन को यान म
ur
रखकर शैशवाव था म श ा के आयोजन हे तु न न म कौन सी या नषेध
pG

होना चा हए – मल
ू विृ तय का दमन
el

953. अ धगम सव तम होगा जब – अ भ ेरणा होगी


H

न न म से कौन सा कथन अ धगम क या को उ चत ढं ग से तुत


di

954.
in

करता है – यवहार म प रवतन


.H

955. साइ कल चलाने वाला कूटर चलाना शी ह सीख लेता है , यह है – धना मक


w

थाना तरण
w

956. हल स ा त कस या से स बि धत है – सीखने क या या के सबल करण से


w

957. कोहलर ने अ धगम संबंधी योग कए – चंपाजी पर


958. गे टा ट का अथ है – पूणाकार
959. सीखने का अ त ि ट स ा त कसक दे न है – गे टा टवा दय
960. गेसटा
् टवाद के तपादक ह – वद मर
961. सीखने क या म व याथ वारा क गई ु टय के स ब ध म आपक
ि ट म न न ल खत म से कौन सा कथन सव तम है – ु टयाँ अ धगम या
का भाग है ।

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962. टना अपनी क ा को े मण पर ले जाती है और वापस आने पर अपने
व या थय के साथ मण पर चचा करती है , यह ……….. क ओर संकेत
करता है – सीखने का आंकलन
963. कम ग त से सीखने वाले ब च के लए अ यापक को या करना चा हए –
टोल - श ण, अ त र त यान व श ण, ो साहन
964. श ण-अ धगम या को ार भ करने से पहले एक कुशल अ यापक को
या करना चा हए – अ धगम प रि थयाँ उ प न करनी चा हए।
965. वैचा रक या अव था होती है – 7 से 12 वष तक
966. अ धगम के म म अ ेरणा – नए सीखने वाल म अ धगम के लए च का सज
ृ न

m
करता है ।

co
967. एक श क होने के नाते आप सीखने के कस नयम को नह ं अपनायगे –

u.
लोभन का नयम
968. सीखने क ur
या म अ भ ेरणा – श ा थय म सीखने के त च का वकास करती
pG
है ।
969. अ धगम नय यता (Learning Disability) का ल ण है – अवधान संबंधी
el
H

बाधा/ वकार
di

970. एक केट खलाड़ी अपनी गदबाजी के कौशल को वका सत कर लेता है पर


in

यह उसका ब लेबाजी के कौशल को भा वत नह ं करता, इसे कहते ह – शु य


.H
w

श ण अ तरण
w

971. अ धगम म व ृ क जा सकती है – ो साहन दे कर


w

972. न न म से कौन से कथन को सीखने क या क वशेषता नह ं मानना


चा हए – शै क सं थान ह एकमा थान है जहाँ अ धगम ा त होता।
973. अनुबंधन के गोचर क शु आत ………. के वारा क गई थी – पावलॉव
974. िजस या म यि त दस
ू र के यवहार को दे खकर सीखता है , न क य
अनुभव को, कहा जाता है – सामािजक अ धगम
975. पाँच वष का राजू अपनी खड़क के बाहर तफ
ू ान को दे खता है , बजल चमकती
है और कड़कने क आवाज आती है , राजू शोर सन
ु कर उछलता है बार-बार यह
घटना होती है फर कुछ दे र बाद शां त के प चात- बजल कड़कती है , राजू

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बजल क गजना सुनकर उछलता है , राजू का उछलना सीखने के कस
स ा त का उदाहरण है – शा ीय अनुबंधन
976. कौन सा सीखना थायी होता है – समझकर
977. संकेत अ धगम के अ तगत न न ल खत सीखा जाता है – पार प रक अनक
ु ू लन
978. क ा थम का व याथ एक श क से मार खाने के उपरा त सभी श क से
डरने लगता है , यह उदाहरण है – अनुबं धत स ा त का
979. अ धगम को भा वत करने वाला यि तगत कारक है – प रप वता एवं आयु
980. मनोवै ा नक थानडाइक ने यि त व को कस आधार पर बाँटा गया है – च तन
व क पना शि त के आधार पर

m
981. ‘ यास व ु ट’ म सबसे मह वपूण या है – अ यास

co
982. य द आपक क ा का ब चा ‘C’ को ‘D’ व ‘D’ को ‘C’ लखे/पढ़े तो वह कौन

u.
से रोग से पी डत
़ है – डसलेि सया
983. पयाजे के मतानस
ur
ु ार बालक म व तु ि थरता उ प न होती है – पव
ू स य
pG

अव था म
el

984. अ धगम को भा वत नह ं करने वाला कारक है – खोज


H

पयाजे का स ा त कसके अवलोकन पर आधा रत है – अपने बालक


di

985.
in

986. पयाजे के सं ाना मक वकास के चरण के अनुसार इं य गामक (संवेद


.H

ेरक) अव था कसके साथ स बि धत है – अनुकरण, म ृ त और मान सक न पपण


w

987. चंतन अ नवाय प से है एक – सं ाना मक ग त व ध


w

988. अ धगम का शा ीय अनुबंधन स ा त से स बि धत है – पॉवलाव


w

989. सीखने का ‘ ला सकल कंडीश नंग’ स ा त तपा दत कया था – पॉवलाव


990. पॉवलाव के अ धगम का कौन सा स ा त तपा दत कया – अनक
ु ू लत अनु या
991. ायड, पयाजे एवं अ य मनोवै ा नक ने यि त व वकास क वभ न
अव थाओं के संदभ म या या क है , पर तु पयाजे ने – व भ न अव थाओं को
समझाने के लए सं ाना मक बदलाव के बारे म कहा।
992. सीखने से स बि धत त य न न ल खत म से नह ं है – सीखना केवल व यालय म
होता है ।

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993. कौन सा स ा त य त करता है क मानव मि त क एक बफ क बड़ी च ान
के समान है जो क अ धकांशत: छपी रहती है एवं उसम चेतन के तीन तर
है – मनो व लेषणा मक स ा त
994. िजन इ छाओं क पू त नह ं होती, उनका भ डार गह
ृ न न ल खत म से कौन
सा है – इदम (ID)
995. अनत:
् ि ट स ा त के तपादक कौन थे – कोहलर
996. ”दो बालक म समान मान सक यो यताएँ नह ं होती ह” उ त कथन कस
मनोवै ा नक का है – हरलॉक
997. वाटसन वारा ल खत एवं वष 1925 म का शत लोक य पु तक है –
यवहारवाद
998. ”अ धगम, आदत, ान एवं अ भविृ तय को अिजत करना है ।” उ तानुसार
अ धगम को कसने प रभा षत कया है – ो एंड ो ने
999. न न ल खत म से कौन-सी अव था स यय के स पण
ू वकास क अव था
है ? ” पयाजे” के अनस
ु ार न न है – अमत
ू सं या मक अव था
1000. सु तान नामक च पजी पर पर ण करने वाले वै ा नक ह – कोहलर

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