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Baal Vikash 2
Baal Vikash 2
com
यहाँ िदए गए Question - Answer CTET, UPTET, MP Samvida Teacher, HTET, REET जैसी
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m
12. गभाधान काल क अव था नह ं है – शैशवाव था
co
13. बुर आदत को सुधारा जा सकता है – अनुबंधन वारा
u.
14. गभ म संतान सवा धक भा वत होती है – माँ के पोषण से
15.
ur
‘मानव जीवन क मनोभौ तक एकता’ कहलाती है – मन तथा शर र का वकास
pG
18.
in
शैशवाव था
.H
21.
m
34. बालक-बा लकाओं को सवा धक समायोजन करना पड़ता है – वय: सं धकाल
co
35. सीखने क थम अव था म सीखने क ग त होती है – धीमी
u.
36. बालक क िज ासा को कया जाना चा हए – शा त
सीखना है , एक ज टल – मान सक या
ur
pG
37.
म
.H
42.
w
m
56. बालक के वकास म मह व है – वंश म का एवं वातावरण का
co
57. दवा व न म वचरण करने क कामना अ य त बल होती है – कशोराव था म
u.
58. सज
ृ नशील बालक का ल ण है – िज ासा
ोध संवेग के कारण उ प न
ur
विृ त है – युयु सा
pG
59.
करते ह, कस अव था म – कशोराव था म
H
di
तकनीक
w
w
m
बा याव था
co
75. बालक के सामािजक वकास म सबसे मह वपूण कारक कौनसा है – वातावरण
u.
76. लड़ कय के बा य प रवतन कस अव था म होने लगते ह – कशोराव था म
77. भाषा वकास के म म अं तम
ur
म (सोपान) है – भाषा वकास क पण
ू ाव था
pG
79.
in
83.
m
97. “a dictionary of Psycholigy” पु तक लखी है – जे स व
े र ने
co
98. वंशानु म का मुख वाहक है – प येक (Jeanse)
u.
99. मानव यवहार क येक वशेषता है – वंशानु म व वातावरण का गण
ु नफल
100. एक ब चे क व ृ
ur
और वकास के अ ययन क सवा धक अ छ व ध कौन
pG
सी है – वकासीय व ध
el
101. ”हम जो कुछ भी ह उसके 9/10 भाग ज मजात (वंशानु म) है तथा केवल
H
103. बा याव था म वकास को ”छ प रप वाव था” कसने कहा – जे. एस. रॉस
w
m
117. कसने च र को ‘आदत का पुंज’ कहा है – सेमअ
ु ल
co
118. 20वीं शता द को ”बालक क शता द ” कसने कहा – ो ए ड ो
u.
119. समायोजन द ू षत होता है – कु ठा, संघष
120. छा पर ोध का सदप
ur
ु योग कया जा सकता है – आल य को भगाने म, ढ़ त ा
pG
ताव कया
क नै तक ता ककता वकासा मक है ।
127. चार-पांच श द के सरल वा य बोलने क लगभग अवसथा
् है – 3 वष
128. मान सक वकास के ि टकोण से जीवन का सबसे मह वपण
ू काल – शैशवकाल
129. गभ थ शशु म सांस लेने क या कस स ताह से शु होती है – 16 स ताह
130. ानेि य के व ाम क अव था मानी गई है – ज म के 2 माह
131. ववेचना र हत वचार क अव था मानी गई है – 4-7 वष
132. बा याव था त व वा मक समाजीकरण है , कथन कहा है – कलपै क
m
138.
co
139. बाल वकास को सवा धक भा वत करने वाला कारक है – खेलकूद का मैदान
u.
140. 6-10 वष के आयु वग के बालक क वशेषता है – बालक वाभा वक एवं स य
अ धगमकता होते ह। ur
pG
141. न न ल खत कथन म से कौन-सा वाइगो क के वारा ता वत वकास
el
142.
143.
w
अ भव ृ क ंथ
w
m
155. तक, िज ासा तथा नर ण शि त का वकास होता है ………… क आयु
co
पर – 11 वष
u.
156. शार रक वकास का े है – नायम
ु डल, माँसपे शय क व ृ , एंडो ाइन लै स
157. इस अव था म बालक म नयी खोज करने क और घम
ur
ू ने क विृ तबहुत
pG
अ धक बढ़ जाती है – उ तर बा यकाल
el
खाल समय
.H
160. खेल क वशेषताएँ ह – नवीन खेल के इ छुक, वे छानुसार खेल, एवं वकासशील खेल
w
162. 13
हो जाता है – बौ क वकास
163. बाल वकास को सवा धक े रत करने वाला मख
ु घटक – खेल का मैदान
164. कस स ा त के अंतगत बालक के शार रक, मान सक, संवेगा मक आ द
पहलुओं का अ ययन करते ह – पर पर संबध
ं का स ा त
165. बाइगो क के अनुसार, समीप थ वकास का े है – ब चे के वारा वतं प से
कए जा सकने वाले तथा सहायताके साथ करने वाले काय के बीच अंतर।
m
172. एक अ यापक क ि ट म कौन सा कथन सव तम है – येक ब चा सीख सकता
co
है ।
u.
173. नचल क ाओं म श ण क खेल प त मूल प से आधा रत है – वकास एवं
वृ के मनोवै ा नक स ा त पर ur
pG
174. न न ल खत म से कौन सा कथन वकास के बारे म स य नह ं है – वकास
el
व श ट से सामा य क ओर होता है ।
H
176.
क वह जाने – व या थय के सभी प
.H
का
w
m
190.
co
191. व ृ एवं वकास का मु य स ा त है – वैयि तक अ तर का स ा त
u.
192. कशोराव था क अव ध है – 12 से 19 वष
193. वकास कैसा प रवतन है – गण
ु ा मक
ur
pG
नह ं होती है ।
di
196. मानव वकास को े म वभािजत कया जाता है , जो है – शार रक, सं ाना मक,
in
.H
संवेगा मक और सामािजक
w
m
co
है – कशोरावसथा
्
u.
208. यि तगत श ाथ एक दस
ू रे से …….. म भ न होते ह – वकास क दर
209. मानव
ur
वकास कुछ वशेष स ा त पर आधा रत है , न न ल खत म से कौन
pG
नरं तरता का स ा त
di
211.
.H
सा है – ेपण
w
है – आधारह न आ म चेतना अव था
w
m
223. कसको श ण वारा यवहार म संशोधन क या माना गया है – अ धगम
co
224. एक बालक सामािजक प से पण
ू त: वक सत माना जायेगा य द वह – व भ न
u.
कार के यि तय के साथ यवहार करना जानता है ।
225. कशोराव था क मख
ु सम या है – समायोजन क
ur
pG
ई. ए. कलपै क का
di
in
एक नि चत उ के बाद क जाता है ।
w
m
और सबसे अ धक चलने वाला है – प रवार
co
242. कशोराव था आर भ होती है – 12 वष क आयु से
u.
243. एक ब चा सदै व दस
ू र के त सहानभ
ु ू त दखाता है । यह आदत कहलाती है –
भावना संबंधी आदत
ur
pG
244. ‘पण
ू त: कायशील यि त का स यय’ कसने दया – काल रोजस
el
म ता वत कया है ।’ – ए र सन
di
in
क है – पयाजे
w
m
हाफ
co
256. जब ब चे के पैर के तलवे को ठोका जाता है , तो पैर क अंगु लयाँ ऊपर क
u.
ओर जाती है और फर आगे क ओर मुड़ जाती है । यह नवजात म हो रह
कस कार क
ur
तवत का उदाहरण है – बेबी क
pG
257. न न म से कौन सा ब च हे तव
ु े लर बु मापनी क एक न पादन मापनी
el
है – च पू त
H
258. मूत सं या मक अव था है – 2 से 7 वष
di
in
म
262. बालक वकास का जीन पयाजे के स ा त का आधार है – सं ाना मक वकास
263. ‘जीव म वकास तथा वधन का परू ाहोना प रप वता कहलाता है ’ प रभा षत
कया – सारटे न ने
264. ………….. ने बाल के ाकृ तक वकास पर बल दया – मा टे सर
265. माता क आवाज का नवजात के यवहार पर भाव का योग कसने कया –
टरमन
m
सीखना।
co
272. शर र के शीष भाग से ार भ होकर नीचे क दशा म होने वाल शार रक व ृ
u.
को जाना जाता है – सर-पदा भमख
ु अनु म
273. कौन सी व ध उपागम म समान
ur
यो य का मापन उनके वकास क वभ न
pG
क – पयाजे
w
है – सजीव चंतन
w
m
285. ‘ए
co
286. कसे ‘ कशोर मनो व ान के पता’ के नाम से जाना जाता है – टे नल हॉल
287. मानक कृत पर ण का अथ – व वसनीयता, वै यता, मानक
u.
288. ाक् -सं या मक अव था है – 2 से 7 वष ur
pG
289. न न ल खत म से कौन सा आलोचना मक ि टकोण ‘बहु-बु स ा त’
el
291.
w
व ध का नमाण कया – मो टे सर
w
292.
m
co
समय एक व यालय लड़ कय को वर यता दे ता है , यह दशाता है – ल गक पूवा ह
303. बाइगो क ब च के सीखने म न न ल खत म से कस कारक क मह वपूण
u.
भू मका पर बल दे ते ह – सामािजक ur
pG
304. वकास के कस काल को ‘अ य धक दबाव और तनाव का काल’ कहा गया है –
el
कशोराव था
H
है ।
w
m
317.
co
15-20 वष
बालक म समान मान सक यो यताएं नह ं होती है ’ उ त कथन कस
u.
318. ‘दो
मनोवै ा नक का है – हॉरलॉक ur
pG
319. कशोर अव था म सामािजक वकास पर िजसका भाव नह ं पड़ता,वह न न
el
म से कौन सी है – असरु ा
H
320.
से है – आधारह न आ मचेतना अव था
in
.H
322. कशोरावसथा
् के आकि मक वकास का स ा त कब कसने कया – 1904 म
w
टे नले हॉल ने
w
m
333.
co
व भ नता एवं संवेगा मक व भ नता
यि तगत व भ नता का आधारभूत कारण है – बंशानु म
u.
334.
335. ”ए सव ऑफ द एजक
ु े शन ऑफ ग टे ड च ur न” पु तक के लेखक है –
pG
है वगह ट
336. मनोशार रक असमानताओं को कहा जाता है – यि तगत व भ नता
el
H
बाहर भ नता
w
m
co
नदशन एवं परामश
347. समावेशी श ा के पीछे मूलाधार यह है क – समाज म व भ नता है और व यालय
u.
को व भ नता के ur
तसंवेदनशील होने के लए समावेशी होने क आव यकता है ।
pG
348. एक बालक अपने वचार एवं भावनाओं को कट नह ं करता है , वह कस े णी
म रखा जाएगा– द मत
el
H
351.
w
क जाती है – या यान प त
w
m
360. न न म से कौन सा वक प उपलि ध म यि तगत भ नता का तीक नह ं
co
है – लंग म व भ नता
u.
361. श ा मनो व ान म िजन बालक के यवहार का अ ययन कया जाता है , वे
ur
ह – सम या मक बालक, कम ग त से सीखने वाले बालक, मंद बु बालक
pG
समान अथ म कया है – बु
H
363.
in
समावे शत श ा वारा
.H
द – डा टन लान
366. सीमा हर पाठ को बहुत ज द सीख लेती है , जब क ल ना उसे सीखने म यादा
समय लेती है , यह वकास ………… स ा त को दशाता है – वैयि तक भ नता
367. एक अ यापक कसी भी समूह म समुदाय आधा रत यि तगत व भ नताओं
को समझ सकता है – भाषा एवं अ भ यि त के आधार पर
368. ADHD है – अवधान वकृ त
m
374.
co
णक होते ह।
न न ल खत म से कौन सा चोर का कारण नह ं हो सकता – अ भभावक का
u.
375.
नयं ण व अनश
ु ासन ur
pG
376. थ टन क अ भविृ त मापनी कहलाती है – सम अंतराल मापनी
377. आदत , ानतथा अ भविृ तय का अजन है – अ धगम
el
H
ु
w
m
390.
co
याओं क योजना बनाने म
391. क ाम व या थय के वैयि तक वभेद – लाभकार ह, य क ये व या थय क
u.
सं ाना मक संरचनाओं को खोजने म अ यापक को ur व ृ त करते ह।
pG
392. यि तगत व भ नताओं का े है – लंग भेद, शार रक संरचना, मान सक यो यताएँ
393. अ छे मान सक वा य का संकेतक है – संवेग पर नयं ण रखना।
el
H
394. मान सक वा य के स यय क पण
ू जानकार एक श क को यो य
di
395.
w
म असमथ होते ह।
397. छा को मान सक प से व य एवं व छ बने रहने के लए व यालय
शासन को कौन सा तर का अपनाना चा हए – नय मत वा य पर ण
398. एक ब चा सदै व दस
ू र के त सहानुभू त दखाता है । यह आदत कहलाती है –
भावना संबंधी आदत
399. अ छ मृ त क वशेषताएं है – शी पुन: मरण, शी पहचान, अ छ धारणा
400. अ ययन क ि ट से यि तगत व भ नताओं का मह व है – व या थय का
सम प समूह म वग करण।
m
co
406. अ तमुखी यि त व वाले यि त च रखते ह – वयं अपने म
यि त व एवं यि तगत व भ नताओं को भा वत करने वाले त व ह –
u.
407.
कसक दे न है – जग
ंु क
w
w
यि त इ तहास व ध
413. न न म से शे डन ने यि त व का कार नह ं बताया है – Pimpy
414. यि त व श द का अं ेजी पा तरण पसने लट श द मूलत: कस भाषा के
श द से बना है – ले टन
415. परसोना श द का लै टन भाषा म अथ होता है – बाहर परं ग या नकल चेहरा
416. यि त व के नमाण का मह वपूण साधन है – अनुकरण
417. ‘संग ठत यि त व’ कहते ह िजसम न नां कत प का वकास हुआ हो –
सामािजक प , मान सक प , संवेगा मक प
m
423. न न म से जो घटक यि त व के वकास को भा वत करने वाला है – बु ,
co
वा य, ल गक भ नता
u.
424. जब कसी यि त का अवलोकन नि चत प रि थ तय म कया जाता है तो
वह कहलाता है – नयं त अवलोकन
ur
pG
425. जग
ंु ने यि त व का स ांत दया है – व लेषा मक स ांत
el
उभयमख
ु ी
di
427. जग
ुं ने यि त व का वभाजन िजस पु तक म कया वह है – Type of men
in
.H
का यि त व होता है – ब हमखी
ु
w
m
co
440. ना स स म का स ब ध है – आ म ेम से
u.
441. न न म से कौनसी यि त व मापन ेपी व धयाँ ह – रोशा याह ध बा
पर ण, ासं गक अंतब ध पर ण, बाल सं ur
यन पर ण
pG
442. चोर करना पाप है , अनै नतक है , यह कौन कहता है – सप
ु र ईगो (परम अहम)
el
444. यँग
ु या जँ ग
ु ने यि त व के कौन से कार बताए – अंतमखी
ु , ब हमखी
ु व उभयमख
ु ी
di
445.
.H
447.
आधा रत
448. डफे स मैके न म (र ा मक त ) का स ब ध कससे होता है – अहम ्
449. वंशानु म से ा त न न ल खत कारक यि त व पर भाव डालते ह – गल
ं थ, पयूष ं थ,यौन ंथ
450. यि त व मापन क नर ेपण व धयाँ बताइए – आ मकथा लेखन, नावल , जीवन
वृ त व ध
451. उभयमख
ु ी यि त व वाले यि त होते ह – अंतमखी
ु , व ब हमखी
ु
m
वग करण नह ं है – सडु ौलकाय
co
459. ासं गक अ तब ध पर ण कसके वारा दया गया – मॉगन एवं मरु
u.
460. यि त व का अ तमुखता तथा ब हमखता
ु के प म वग करण दया गया – यंग
ु
ur
न न म से कौन-सा यि त व का जै वक नधारक है – आनुवां शक भाव
pG
461.
आ मबोधन पर ण
.H
466.
w
m
480. यि त व एवं बु म वंशानु म क – मह वपूण भू मका है ।
co
481. बालक संग बोध पर ण 3 वष से 10 वष क आयु के बालक के लए बनाया
u.
गया है । इस पर ण म काड म त था पत कये गये ह – लोग के थान पर
जानवर का
ur
pG
483.
in
486.
w
m
495.
co
कया – युंग
496. एका त म व वास रखने वाला वयि त कहलाता है – अ तमखी
u.
ु
497. न न म से कौन सी तकनीक ur
ेपण तकनीक नह ं है – यि तगत अ ययन
pG
498. यि त व मापन क एक ‘ ेपी‘ पर ण व ध नीचे द गई है , पहचा नये – श द
el
साहचय पर ण
H
था पत कया जाता है ।
in
500. अ तमखी
ु बालक क मु य वशेषता होती है – एका त म रहकर कम बातचीत करने
.H
वाला होता है ।
w
w
m
आनुवां शक
co
512. मनो- व लेषणवाद के स ा त का तपादन कसने कया – स म ड ॉयड
u.
513. नि न ल खत म से कसने यि त व वकास म सामािजक अ धगम पर बल
दया है – ब डुरा ने
ur
pG
वारा
di
516.
.H
m
532. अहम का काय है – इदम ् व वा त वकता के बीच सम वय क भू मका नभाना।
co
533. मनो व लेषणवाद स ा त के ज मदाता है – ॉयड
u.
534. 16 पी.एफ. नावल ……….. वारा बनाई गई – कैटल
535. अ
ur
य धक वाचाल, स न चत और सामािजक विृ त के यि त के यि त व को
pG
536.
di
दै हक तं
.H
m
नाम है – इदम,् अहम ् व पराहम ्
co
552. कसी छा के यि त व के मू यांकन म आप कसको आधार बनायगे – उसके
u.
शार रक गठन को, उसके मान सक तर को एवं उसके भावा मक वकास को
553. बालक
ur
के यि त व वकास म व यालय कब बाधक बन सकता है – जब
pG
यि त जब दस
ू रे यि त को कुछ काय करते दे खकर वह काय करना सीखता
in
556.
.H
557. भाषा वकास म सहयोग करने का कौन सा तर का गलत है – उसक अपनी भाषा
w
m
566. गाडनर के बहु-बु के स ा त के अनुसार, वह कारक जो यि त के ‘आ म-
co
बोध‘ हे तु सवा धक योगदान दे गा, वह हो सकता है – अ त:वैयि तक
u.
567. आपक ur
क ा म कुछ ब चे ह जो गल तयाँ करते ह। इस प रि थ त का आपके
pG
व लेषण के अनुसार इनम से कौन सा कथन सवा धक उपयु त है – ब च ने
अभी तक संक पना मक प टता ा त नह ं क है तथा आपको अपनी श ण व ध पर
el
H
च तन करने क आव यकता है ।
di
m
585. बु पर ण का ज मदाता कहा जाता है – बने
co
586. कस मनोवै ा नक ने बु को असं य त व से न मत बताया है – थॉनडाइक
u.
587. कस मनोवै ा नक ने पीयरमैन के सामा य कारक का ख डन कया है –
थॉनडाइक
ur
pG
बु का कौन सा कारक है – व श ट
w
कस कार के मा यम से – अमत
ू
592. ”अमत
ू वचार के वषय म सोचने क यो यता ह बु है ”, यह कथन है – टरमन
593. अमत
ू बु म कनका योग अ धक कया जाता है – श द का, अंको का, तीक का
594. ”बु अमूत वचार के बारे म सोचने क यो यता है ।” यह कथन है – टरमन
595. गलफॉड का बु संबंधी स ा त है – आयामी स ा त
596. ”ह र के लए हम खद
ु ायी करते है व वण को शु करते है क तु तभा का
हम नाश कर रहे है ।” यह कथन है – के. एन. द त.
m
602. यि त के नणय लेने, तक करने तथा उपयोगी-अनुपयोगी का चयन करने क
co
यो यता है – बु
u.
603. न न म से बु क वशेषता नह ं है – लंग के आधार पर बु म भेद होता है ।
604. 12
ur
वष य वघाथ सोहन क बु -लि ध 75 है । उसक मान सक आयु वष म
pG
या होगी – 9
el
m
621. एक बालक िजसक बु लि ध 105 है उसे वग कृत कया जाएगा – सामा य बु
co
622. अशाि दक बु पर ण का योग कया जा सकता है – अ श त के लए
u.
623. आप दे खते ह क एक छा बु मान है , आप – वह जैसे अ धक ग त कर सके उस
अनु े रत करगे।
ur
pG
नह ं है
w
औसत बु
w
m
असामािजक काय
co
641. बु के व-कारक स ा त का तपादन कसने कया – ि पयरमैन
u.
642. बु मता का स ब ध कससे है – के य च तन से, बहुआयामी चंतन
से, सज
ृ ना मकता से
ur
pG
643. व श ट बालक का स ब ध होता है – बु से
el
646. भावा मक बु का मुख संग है – अपने वयं क भावनाओं को जानना, अपने भाव
in
.H
को यवि थत करना, दस
ू रे क भावनाओं को पहचानना।
w
647. एक श ाथ क बु लि ध का ान एक श क के लए उपयोगी है , य क –
w
m
रहता है । प रभाषा इस शता द क सबसे मह वपूण मनोवै ा नक खेज का
co
त ठापन करती है ।‘ यह कथन कसका है – रे स व नाइट
u.
657. अ तवैयि त क बु से ता पय है – व भ न यि तय को समझने का कौशल
658. बु लि ध के संबंध म
ur
या स य है – कालानु मक आयु से यु मी संबं धत
pG
खेल
di
in
m
672. अमूत बु कसी यि त क मदद करती है – सम याएँ सल
ु झाने म
co
673. एक सफल इि टर यर डजाइनर म कस तरह क बु क बलशीलता होती
u.
है – अमत
ू बु क
674. बु का आयामी मॉडल का
ur
तपादन कसने कया है – गलफोड ने
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677. ‘बु क गण
ु व ता नायु तंतुओं क मा ा पर नभर रहती है ।‘ बु के मा ा
di
in
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co
690. गोलमेन संबं धत है – सांवे गक बु से
u.
691. ‘बहु-बु स ा त‘ को वैध नह ं माना जा सकता, य क – व भ न पर ण के
ur
अभाव म भ न बु य (different intelligences) का मापन स भव नह ं है ।
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692. एक बालक क मान सक आयु 14 व वा त वक आयु 11 वष है , तो उसक
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बु लि ध या होगी– 127
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गण
ु ।
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m
706.
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गाडनर, डे नयल गोलमेन, जॉन डी मेयर व पीटर सालवे
707. ‘बु इन चार श द म न हतहै – ान, आ व कार, नदश, आलोचना।‘ यह कथन
u.
कस मनोवै ा नक का है – अल े ड बने ur
pG
708. संवेगा मक बु को लोक य बनाने का ेय कसको जाता है – डे नयल गोलमैन
el
मताकहलाती है – सांवे गक बु
di
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संवेगा मक ि थ त
co
726. वह कारक जो यि त को काय करने के लए उ साह बढ़ाता या घटाता है , उसे
u.
कहते ह – अ भ ेरणा
727. ऐसे
ur
ेरक जो यि त ज म के साथ ह लेकर आता है , वह है – ज मजात ेरक
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728. अिजत ेरक के अ तगत आते ह – जीवन ल य व मनोविृ तयाँ, मद- यसन, आदत क
el
ववशता
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है –ि कनर का
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न न म से जो अ भ ेरणा का ल ण नह ं है , वह है – चंता
w
732.
m
co
745. ेरक यवहार को – दशा दान करते ह।
u.
746. दशाएँ जो काय करने को े रत करती ह, उसे कहते ह – अ भ ेरणा
747. कस अ भ ेरणा को ‘बा य
ur
ेरणा’ भी कहते ह – नकारा मक ेरणा
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पुर कार
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सीखने क ग त ती होती है ।
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762. ू विृ त
co
763. अ भ ेरणा के संदभ म ‘ यास’ है – अ तन द
u.
764. कसको अ भ े रत श ण का संकेतक माना जाता है – व या थय वारा न
पूछने ur
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765. अ भ ेरणा क या या ज मजात मूल विृ तय के आधार पर क जा सकती
el
766.
अव था नह ं है ।
w
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781. ेरक ाणी म व यमान शार रक एवं मनोवै ा नक दशाएँ ह जो उसे नि चत
u.
व धय के अनुसार काय करने के लए उ तेिजत करती है । ेरक क इस
प रभाषा को दे ने वाले ह – गे स एवं अ य
ur
pG
आव यकता
di
अिजत
787. अ भ ेरणा के संदभ म ‘भूख’ है – अ तन द
788. सीखने क या म अ भ ेरणा – ब च म सीखने के त च का वकास करती है ।
789. न न म से कौन सा उदाहरण अ भ ेरणा का प रणाम नह ं है – जगन ने वास
लेने क या म च दखानी ार भ कर द ।
790. ेरणा का ोत न न ल खत म से कौन सा नह ं है – आदत
791. एक अ यापक को न न म से कस कथन से सहमत होना चा हए – बा य
अ भ ेरणा तब होती है , जब अ धगमकता बा य पुर कार ा त करने के लए काय करते ह।
m
विृ त
co
797. नि न ल खत म से कौन सा मान सक प से व य यि त का ल ण है –
u.
सहनशीलता, आ म व वास, संवेगा मक प रप वता
798. जब पूव का अ धगम नई ि थ तय के सीखने को ब कुल ur भा वत नह ं करता,
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तो यह ……… कहलाता है – अ धगम का शू य थानांतरण
el
है – पन
ु बलन
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800.
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उस ओर बढ़ने से ग त दे ता है ।
816. पुर कार और द ड का अनु चत योग अ धगम को बनाता है – भावह न
u.
817. ‘भूख’ और ‘ यास’ है – ज मजात ेरक ur
pG
818. अ भ ेरणाके ोत कौन कौन से ह – आव यकता, चालक, ेरक
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820.
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नयं ण का
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833. न न म से कौन अ भ ेरणा का प नह ं है – दबाव
u.
834. न न म से कौनसा काय बा य ेरक है – क वतापाठ एवं दौड़ म भाग लेना।
835. सीखने
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के लए आकलन – अ भ ेरणा को बढ़ावा दे ता है ।
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सं ाना मक वकास स ा त
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सा अंतरण है – ै तज
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851. समाजीकरण एक या है – मू य , व वास तथा अपे ाओं को अिजत करने क ।
u.
852. पयाजे अनम
ु ोदन करते ह क पव
ू -सं या मक ब चे याद रखने म असमथ
ur
होते ह। नि न ल खत कारक म से कसको उ होन इस असमथता के लए
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853.
di
855.
w
ऊ वअ तरण
856. क ा-क अ धगम के लए कौन-सी व ध का योग कया जा सकता है – वाद-
ववाद व ध, य न व ु ट व ध, अवलोकन व ध
857. कोहलर का अ धगम- स ा त न न ल खत नाम से जाना जाता है – अ त ि ट का
स ा त
858. थानडाइक मनोवै ा नक थे – अमे रका के
859. र ना क ा 2 क छा ा है , उसे अ या पका ने ड डे से पीटा। अगले दन वह
अ या पका के हाथ म ड डा दे खकर रोना ार भ कर दे ती है , अ धगम का
अंतरण है – व-पाि वक
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867. अनुब ध योग म अनुबं धत अनु याय का वलोपन कस कारण होता है –
co
पुनबलन क अनुपि थ त
u.
868. ‘अनुभव एवं श ण वारा यवहार प रवतन को अ धगम कहते ह।’ अ धगम
क यह प रभाषा द गई – गे स ने
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जलन महसस
ू कर लेता है , अ धगम का थानांतरण है – व-पाि वक
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870.
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वरण व
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872. गे टा ट का अथ है – सम के प म
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उसका नाम था – सु तान
883. उ तेजना यि त को सहायता दान करती है – उ े य ाि त म
u.
884. एक वकलांग बालक अ य धक प र म करके क ा मur थम आने का यास
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करता है । इसे कस तर क णाल म रखगे – तपू त
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मा यम से– ग या मक
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सकारा मक
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897. यवि थत यवहार के स ा त के वतक है – हल
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898. एक व याथ दो व तओ
ु ं के म य भेद समझ चक
ु ा है , वह कस शै क उ े य
u.
काि त तक पहुँच चक ु ा है – अवबोध
899. अ धगम या नह ं है – केवल पढ़ाई
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900. ंख
ृ ला अ भ मत अनुदेशन सीखने के िजस स ा त पर आधा रत है – या
el
सत
ू न स ा त
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901.
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अनुबंधन का स ा त
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904. ”सीखना ो
905. अ धगम क सफलता का मु य आधार माना जाता है – ल य ाि त क उ कृ ट
इ छा
906. श क वारा बालक म कस कार पा य वषय के त आकषण उ प न
कया जाए – यान केि त करके
907. उ ीपन तथा अनु या के म य संबंध थापना का काय पुनबलन नह ं करता है
संबंध थापनाका काय उ ीपक व उसके वारा क गई अनु या के मा य
समीपता करती है यह कस मनोवै ा नक का वचार है – गुथर
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916. श ा म श ण मशीन और क यूटर नद शत व धय को उपयोगी बनाने म
co
कस स ा त क दे न है – या सत
ू अनब
ु ंधन
u.
917. छोटे ब चे को खरगोश के खलौने क चीख क आवाज के मा यम से भय से
संबंध कस मनोवै ा नक ने
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था पत कया – वॉटसन
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श ा एक मख
ु ी या है ।” कथन है – जॉन डीवी
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921. ”
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ोत – मा यम – ाह –
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प ृ ठ पोषण
936. मान सक रो गय के नदाना मक श ण म सवा धक उपयोगी स ा त कसने
u.
तपा दत कया – ि कनर ur
pG
937. ‘टाई क गांठ बांधना’ कसके स ा त के अनुसार यि त सीखते ह – कोहलर
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डसलेि सया
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उ ीपक
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न न म से कौन सीखने के सह उ तर ह – त य, सच
ू ना, बोध, ान ा त करना, बोध,
w
940.
w
ान
w
m
co
952. वाटसन के अनुसार शैशवाव था म सीखने क सीमा और ती ता वकास क
u.
ओर कसी भी अव था क तुलना म अ धक होती है , इस कथन को यान म
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रखकर शैशवाव था म श ा के आयोजन हे तु न न म कौन सी या नषेध
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होना चा हए – मल
ू विृ तय का दमन
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954.
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थाना तरण
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करता है ।
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967. एक श क होने के नाते आप सीखने के कस नयम को नह ं अपनायगे –
u.
लोभन का नयम
968. सीखने क ur
या म अ भ ेरणा – श ा थय म सीखने के त च का वकास करती
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है ।
969. अ धगम नय यता (Learning Disability) का ल ण है – अवधान संबंधी
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बाधा/ वकार
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श ण अ तरण
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981. ‘ यास व ु ट’ म सबसे मह वपूण या है – अ यास
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982. य द आपक क ा का ब चा ‘C’ को ‘D’ व ‘D’ को ‘C’ लखे/पढ़े तो वह कौन
u.
से रोग से पी डत
़ है – डसलेि सया
983. पयाजे के मतानस
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ु ार बालक म व तु ि थरता उ प न होती है – पव
ू स य
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अव था म
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985.
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