Professional Documents
Culture Documents
शक्ति पीठ - विकिपीडिया
शक्ति पीठ - विकिपीडिया
परम् श के तीक
पौरा णक स दभ
पुराण के अनुसार[1] सती के शव के व भ अंग से बावन श पीठ का नमाण
आ था। इसके पीछे यह अंतकथा है क द जाप त ने कनखल (ह र ार) म
'बृह प त सव' नामक य रचाया। उस य म ा, व णु, इं और अ य दे वी-
दे वता को आमं त कया गया, ले कन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान
शंकर को नह बुलाया। शंकरजी क प नी और द क पु ी सती पता ारा न
बुलाए जाने पर और शंकरजी के रोकने पर भी य म भाग लेने ग । य - थल पर
सती ने अपने पता द से शंकर जी को आमं त न करने का कारण पूछा और
पता से उ वरोध कट कया। इस पर द जाप त ने भगवान शंकर को
अपश द कहे। इस अपमान से पी ड़त ई सती ने य -अ न कुंड म कूदकर
अपनी ाणा त दे द । भगवान शंकर को जब इस घटना का पता चला तो ोध
से उनका तीसरा ने खुल गया। भगवान शंकर के आदे श पर उनके गण के उ
कोप से भयभीत सारे दे वता ऋ षगण य थल से भाग गये। भगवान शंकर ने
य कुंड से सती के पा थव शरीर को नकाल कंधे पर उठा लया और ःखी ए
इधर-उधर घूमने लगे। तदनंतर स पूण व को लय
से बचाने के लए जगत के पालनक ा भगवान व णु ह धम
ने च से सती के शरीर को काट दया। तदनंतर वे पर एक ेणी का भाग
टु कड़े 52 जगह पर गरे। वे ५२ थान श पीठ
कहलाए। सती ने सरे ज म म हमालयपु ी पावती के
प म शंकर जी से ववाह कया।
इ तहास · दे वता
य · म
1. "श " अथात दे वी गा, ज ह दा ायनी या
पावती प म भी पूजा जाता है। श दकोष · ह पव
व ह
2. "भैरव" अथात शव के अवतार, जो दे वी के वांगी
ह। वेश ार: ह धम
स दभ
1. http://www.hindimilap.com/articles/602/1/aaaa-
aaaaaaaa/Page1.html
बाहरी क ड़याँ
महानगर टाइ स पर ( ह द म)
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=श _पीठ&oldid=3994398" से
लया गया