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श पीठ

परम् श के तीक

ह धम के अनुसार जहां सती दे वी के शरीर के अंग गरे, वहां वहां श पीठ


बन ग । ये अ यंय पावन तीथ कहलाये। ये तीथ पूरे भारतीय उपमहा प पर फैले
ए ह।

पौरा णक स दभ
पुराण के अनुसार[1] सती के शव के व भ अंग से बावन श पीठ का नमाण
आ था। इसके पीछे यह अंतकथा है क द जाप त ने कनखल (ह र ार) म
'बृह प त सव' नामक य रचाया। उस य म ा, व णु, इं और अ य दे वी-
दे वता को आमं त कया गया, ले कन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान
शंकर को नह बुलाया। शंकरजी क प नी और द क पु ी सती पता ारा न
बुलाए जाने पर और शंकरजी के रोकने पर भी य म भाग लेने ग । य - थल पर
सती ने अपने पता द से शंकर जी को आमं त न करने का कारण पूछा और
पता से उ वरोध कट कया। इस पर द जाप त ने भगवान शंकर को
अपश द कहे। इस अपमान से पी ड़त ई सती ने य -अ न कुंड म कूदकर
अपनी ाणा त दे द । भगवान शंकर को जब इस घटना का पता चला तो ोध
से उनका तीसरा ने खुल गया। भगवान शंकर के आदे श पर उनके गण के उ
कोप से भयभीत सारे दे वता ऋ षगण य थल से भाग गये। भगवान शंकर ने
य कुंड से सती के पा थव शरीर को नकाल कंधे पर उठा लया और ःखी ए
इधर-उधर घूमने लगे। तदनंतर स पूण व को लय
से बचाने के लए जगत के पालनक ा भगवान व णु ह धम
ने च से सती के शरीर को काट दया। तदनंतर वे पर एक ेणी का भाग
टु कड़े 52 जगह पर गरे। वे ५२ थान श पीठ
कहलाए। सती ने सरे ज म म हमालयपु ी पावती के
प म शंकर जी से ववाह कया।
इ तहास · दे वता

तं चूडाम ण अनुसार स दाय · आगम

पुराण ंथ , तं सा ह य एवं तं चूड़ाम ण म जन आ था और दशनशा

बावन श पीठ का वणन मलता है, वे न नां कत ह। पुनज म · मो


न न ल खत सूची 'तं चूड़ाम ण' म व णत इ यावन कम · पूजा · माया
श पीठ क है। बावनवाँ श पीठ अ य ंथ के दशन · धम
आधार पर है। इन बावन श पीठ के अ त र वेदा त ·योग
अनेकानेक मं दर दे श- वदे श म व मान ह। हमाचल-
शाकाहार  · आयुवद
दे श म नयना दे वी का पीठ (पंचकूला) भी व यात
युग · सं कार
है। गुफा म तमा थत है। कहा जाता है क यह भी
श पीठ है और सती का एक नयन यहाँ गरा था। भ {{ ह दशन}}
इसी कार उ राखंड के पयटन थल मसूरी के पास

[1] सुरकंडा]] दे वी का मं दर (धनौ ट म) है। यह भी
वेदसं हता · वेदांग
श पीठ है। कहा जाता है क यहाँ पर सती का सर
ा ण थ · आर यक
धड़ से अलग होकर गरा था। माता सती के अंग भू म
उप नषद् · ीम गव ता
पर गरने का कारण भगवान ी व णु ारा सुदशन
रामायण · महाभारत
च से सती माता के सम तांग वछे दत करना था।
सू  · पुराण
इ यावन श पीठ श ाप ी · वचनामृत
स ब धत वषय

श पीठ क सं या इ यावन कही गई है। ये दै वी धम ·

भारतीय उपमहा प म व तृत ह। यहां पूरी व म ह धम


श पीठ क सूची द गई है। गु  · म दर दे व थान

य  · म
1. "श " अथात दे वी गा, ज ह दा ायनी या
पावती प म भी पूजा जाता है। श दकोष · ह पव

व ह
2. "भैरव" अथात शव के अवतार, जो दे वी के वांगी
ह। वेश ार: ह धम

3. "अंग या आभूषण" अथात, सती के शरीर का कोई


अंग या आभूषण, जो ी व णु ारा सुदशन च से
ह मापन णाली
काटे जाने पर पृ वी के व भ थान पर गरा, आज
वह थान पू य है और श पीठ कहलाता है।
म अंग या
थान श भैरव
सं० आभूषण
हगुल या हगलाज, कराची, रं ( सर
1 पा क तान से लगभग 125 क॰मी॰ का ऊपरी को री भीमलोचन
उ र-पूव म भाग)
शकररे, कराची पा क तान के सु कर
टे शन के नकट, इसके अलावा
2 आँख म हष म दनी ोधीश
नैनादे वी मं दर, बलासपुर, ह. . भी
बताया जाता है।
सुगंध, बां लादे श म शकारपुर,
3 ब रसल से 20 क॰मी॰ र स ध नद ना सका सुनंदा यंबक
तीरे
4 अमरनाथ, पहलगाँव, का मीर गला महामाया सं ये र
स धदा उम
5 वाला जी, कांगड़ा, हमाचल दे श जीभ
(अं बका) भैरव
जालंधर, पंजाब म छावनी टे शन
6 बांया व पुरमा लनी भीषण
नकट दे वी तलाब
बटु क
7 अ बाजी मं दर, गुजरात दय अ बाजी
भैरव
गुजये री मं दर, नेपाल, नकट
8 दोन घुटने महा शरा कपाली
पशुप तनाथ मं दर
मानस, कैलाश पवत, मानसरोवर,
9 दायां हाथ दा ायनी अमर
त त के नकट एक पाषाण शला
10 बराज, उ कल, उड़ीसा ना भ वमला जग ाथ
11 गंडक नद के तट पर, पोखरा, नेपाल म तक गंडक चंडी च पा ण
म मु नाथ मं दर
बा ल, अजेय नद तट, केतु ाम,
12 कटु आ, वधमान जला, प म बंगाल बायां हाथ दे वी बा ला भी क
से 8 क॰मी॰
उ ज न, गु कुर टे शन से वधमान मंगल
13 दाय कलाई क पलांबर
जला, प म बंगाल 16 क॰मी॰ चं का
माताबाढ़ पवत शखर, नकट
14 दायां पैर पुर सुंदरी पुरेश
राधा कशोरपुर गाँव, उदरपुर, पुरा
छ ाल, चं नाथ पवत शखर, नकट
15 सीताकु ड टे शन, च ाग ग जला, दांयी भुजा भवानी चं शेखर
बां लादे श
ोत, सालबाढ़ गाँव, बोडा मंडल,
16 बायां पैर ामरी अंबर
जलपाइगुड़ी जला, प म बंगाल
काम ग र, कामा या, नीलांचल पवत,
17 यो न कामा या उमानंद
गुवाहाट , असम
जुगा या, खीर ाम, वधमान जला, दाय पैर का ीर
18 जुगा ा
प म बंगाल बड़ा अंगठ
ू ा खंडक
दाय पैर का
19 कालीपीठ, कालीघाट, कोलकाता का लका नकुलीश
अंगठ
ू ा
हाथ क
20 याग, संगम, इलाहाबाद, उ र दे श ल लता भव
अंगल
ु ी
21 जयंती, कालाजोर भोरभोग गांव, बाय जंघा जयंती माद र
खासी पवत, जयं तया परगना,
स हैट जला, बां लादे श
करीट, करीटकोण ाम, लालबाग
22 कोट रोड टे शन, मुश दाबाद जला, मुकुट वमला सांवत
प म बंगाल से 3 क॰मी॰ र
वशाला ी
म णक णका घाट, काशी, वाराणसी,
23 म णक णका एवं काल भैरव
उ र दे श
म णकण
क या म, भ काली मं दर, कुमारी
24 पीठ वणी न मष
मं दर, त मल नाडु
25 कु े , ह रयाणा एड़ी सा व ी थनु
म णबंध, गाय ी पवत, नकट पु कर,
26 दो प ं चयां गाय ी सवानंद
अजमेर, राज थान
ी शैल, जैनपुर गाँव, 3 क॰मी॰
27 गला महाल मी शंभरानंद
उ र-पूव स हैट टाउन, बां लादे श
कांची, कोपई नद तट पर, 4 क॰मी॰
28 उ र-पूव बोलापुर टे शन, बीरभुम अ थ दे वगभ
जला, प म बंगाल
कमलाधव, शोन नद तट पर एक
29 बायां नतंब काली अ सतांग
गुफा म, अमरकंटक, म य दे श
शो दे श, अमरकंटक, नमदा के उ म
30 दायां नतंब नमदा भ सेन
पर, म य दे श
राम ग र, च कूट, झांसी-मा णकपुर
31 दायां व शवानी चंदा
रेलवे लाइन पर, उ र दे श
32 वृंदावन, भूते र महादे व मं दर, नकट केश गु छ/ उमा भूतेश
मथुरा, उ र दे श चूड़ाम ण
शु च, शु चतीथम शव मं दर, 11
33 क॰मी॰ क याकुमारी- त वनंतपुरम ऊपरी दाड़ नारायणी संहार
माग, त मल नाडु
34 पंचसागर, अ ात नचला दाड़ वाराही महा
करतोयतत, भवानीपुर गांव, 28
35 क॰मी॰ शेरपुर से, बागुरा टे शन, बायां पायल अपण वामन
बां लादे श
ी पवत, ल ाख, क मीर, अ य
36 मा यता: ीशैलम, कुनूल जला आं दायां पायल ी सुंदरी सुंदरानंद
दे श
वभाष, तामलुक, पूव मे दनीपुर कपा लनी
37 बाय एड़ी शवानंद
जला, प म बंगाल (भीम प)
भास, 4 क॰मी॰ वेरावल टे शन,
38 नकट सोमनाथ मं दर, जूनागढ़ आमाशय चं भागा व तुंड
जला, गुजरात
भैरवपवत, भैरव पवत, ा नद तट,
39 ऊपरी ओ अवं त लंबकण
उ ज यनी, म य दे श
जन थान, गोदावरी नद घाट ,
40 ठोड़ी ामरी वकृता
ना सक, महारा
सवशैल/गोदावरीतीर, को ट लगे र
रा कनी/ व सनाभ/
41 मं दर, गोदावरी नद तीरे, राजमह , गाल
व े री दं डपा ण
आं दे श
42 बरात, नकट भरतपुर, राज थान बाय पैर क अं बका अमृते र
अंगल
ु ी
र नावली, र नाकर नद तीरे,
43 खानाकुल-कृ णानगर, गली जला दायां कंध कुमारी शवा
प म बंगाल
म थला, जनकपुर रेलवे टे शन के
44 बायां कंध उमा महोदर
नकट, भारत-नेपाल सीमा पर
नलहाट , नलहा ट टे शन के नकट,
45 पैर क ह ी क लका दे वी योगेश
बीरभूम जला, प म बंगाल
46 कनाट, अ ात दोन कान जय गा अभ
व े र, पापहर नद तीरे, 7 क॰मी॰
47 बराजपुर टे शन, बीरभूम जला, ूम य म हषम दनी व नाथ
प म बंगाल
यशोर, ई रीपुर, खुलना जला,
48 हाथ एवं पैर यशोरे री चंदा
बां लादे श
अ हास, 2 क॰मी॰ लाभपुर टे शन,
49 ओ फु लरा व ेश
बीरभूम जला, प म बंगाल
नंद पुर, चारद वारी म बरगद वृ ,
50 स थया रेलवे टे शन, बीरभूम जला, गले का हार नं दनी नं दके र
प म बंगाल
लंका, थान अ ात, (एक मतानुसार,
मं दर कोमाली म है, पर पुतगली
51 बमबारी म व त हो चुका है। एक पायल इं ी रा से र
तंभ शेष है। यह स कोणे र
मं दर के नकट है)
अ य मं दर
कुछ और श पीठ मं दर कहे जाते ह:-

व यवा सनी मं दर, मज़ापुर, उ र दे श


महामाया मं दर, अं बकापुर, अं बकापुर, छ ीसगढ़
योगमाया मं दर, द ली, महरौली, द ली
दं ते री मं दर,दं तेवाड़ा,दं तेवाड़ा,छ ीसगढ़

स दभ
1. http://www.hindimilap.com/articles/602/1/aaaa-
aaaaaaaa/Page1.html

बाहरी क ड़याँ
महानगर टाइ स पर ( ह द म)

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Last edited 19 days ago by संजीव कुमार

साम ी CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उ लेख ना कया गया हो।

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