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नकारा मक तं -मं को वो लोग अपनाते ह जोिक दसू र क सफलता से ई या करते ह।

इस तरह के यि य के अंदर नकारा मकता, ई या, लालच, िनराशा, कुं ठा इस तरह से


घर कर जाती है िक वे दसू र क सफलता, उ ित, समृि को वीकार नह कर पाते ह
तथा वे उस यि से ितशोध लेने के िलए काले जाद ू के ारा उसके िलए परेशािनयां
पैदा कर आनंद का अनुभव करते ह। काले जाद ू का योग दसू रे यि को हािन पहंचाने
या चोट पहंचाने के िलए कुछ िवशेष तरह क ि याओं के ारा स प िकया जाता है। इस
था का भाव हजार मील दरू बैठे यि पर भी देखा जा सकता है।

धम शा म काले जाद ू को अिभचार के नाम से भी जाना जाता है अथात ऐसा तं -मं


िजससे नकारा मक शि य को जागृत िकया जाता है। काले जाद ू अथात नकारा मक
तं -मं का मु य उ श
े िकसी यि को उस थान से भगाना, उसे परे शान करना या उसे
अपने वश म करके उसका इ तेमाल करना या उसे बबाद करना होता है।

काले जाद ू अथात नकारा मक तं -मं से िसत यि के कु छ साधारण ल ण ह जैसे


मानिसक अवरोध, ांस म भारीपन तथा तेज चलना, गले म िखंचाव, जांघ पर नीले रंग
के िनशान िबना िकसी चोट के , घर म िबना िकसी िवशेष कारण के कलह या लड़ाई-
झगड़ा, घर के िकसी सद य क अ ाकृ ितक मृ यु, यवसाय म अचानक हािन का होना
आिद। कु छ और ल ण भी ह जैसे िक दय म भारीपन महसूस होना, िन ा पया न
आना, िकसी क मौजूदगी का म होना, कलह आिद साधारणतया देखने म आते ह।
यि अशांत सा रहता है तथा उसको िकसी भी तरह से शांित नह िमलती। िनराशा,
कुं ठा तथा उ साह क कमी भी इसी का प रणाम है। यिद काले जाद ू का समय रहते उपाय
न िकया जाए तो यह अ यंत िवनाशकारी, भयानक तथा घातक हो सकता है िजसके
प रणाम व प जातक क िजंदगी तबाह तथा बबाद हो सकती है या िफर उसे कोई
भयानक बीमारी अपने अिधन कर सकती है।

काले जाद ू के योितषीय योग: कुं डली म ह के िवशेष

संयोग से यि काले जाद ू के भाव म आता ह। यिद कुं डली म सूय, चं , शिन, मंगल
ह िवशेष भाव म राह-के तु से पीिड़त होते ह तभी नकारा मक तं -मं यि पर असर
डालते ह। िजस यि का ल व सूय कमजोर होते ह उन पर काला जाद ू अिधक भाव
डालता है। यिद कुं डली म हण योग है या राह बहत अिन कारी ि थित म है या शिन क
टेढ़ी ि है या मंगल-शिन का संयोग है या चं -शिन का संयोग हो तो भी जातक
ऋणा मक शि य के भाव म आता है। बाधके श क कुं डली म ि थित भी मह वपूण है।
यिद इस समय छठे भाव व षटेश से संबंिधत दशा चल रही हो व दशमेश ल , स म,
ादष भाव म ि थत हो व मंगल का संबंध ल से हो साथ ही के तु क ि थित चतुथ,
थम व दशम भाव म हो। यिद बुध गुिलका से संबंिधत ह तथा मंगल बाधक थान म हो
व दोन का ि संबधं बने तो भी यि काले जाद ू के भाव म आता है। ऐसे संयोग होने
पर काले जाद ू के भाव म आता है।

कुं डली म अगर ल म चं के साथ राह हो और पांचवे और नौव भाव म ू र ह ि थत


ह । इस योग म यि अिभचार कम से पीिड़त होता है। यिद गोचर म भी यही ि थित हो
तो अव य ऊपरी बाधाएं तंग करती ह। यिद कुं डली म शिन, राह, के तु या मंगल म से
कोई भी ह स म भाव म हो तो ऐसे लोग भी ऊपरी बाधा से परे शान रहते ह। यिद कुं डली
म शिन-मंगल-राह क युित हो तो उसे भी ेत बाधा तंग करती है। उ योग म दशा-
अ तदशा म भी ये ह आते ह और गोचर म भी इन योग क उपि थित हो तो समझ ल
िक जातक या जाितका इस क से अव य परेशान ह। राह क महादशा म चं क
अंतदशा हो और चं दशापित राह से भाव 6, 8 या 12 म बलहीन हो, तो यि
अिभचार से िसत होता है।

वा तुशा के अनुसार पूवा भा पद, उ रा भा पद, ये ा, अनुराधा, वाित या भरणी


न म शिन के ि थत होने पर शिनवार को गृह-िनमाण आरंभ नह करना चािहए,
अ यथा वह घर रा स , भूत और िपशाच से त हो जाएगा।
कु डली म भाव के कारक त व | Elements in
Houses of Prashna Kundali
Astrobix | 0 Comment(s) | 2854 times read

जैसा क पहले चचा कर चूके ह क कु डली म भाव सबसे मह वपूण कारक म से एक होता है .
सामा यत: कु डली के भाव ज म कु डली क ह भांित होते ह और इनका अ ययन भी ज म कु डली के
भाव क भांित ह कया जाता है . इनम भी ह क और थित के अनु प फलकथन होता है . परं तु
यहां पर ता जक क का अलग ह भाव होता है य क यह पराशर से िभ न होती है जो
कु डली के भाव को सु मता के साथ समझने म मददगार िस होती है .

पहला भाव | First House

कु डली का पहला भाव कता क सामा य अिभ य को दशाने वाला होता है यह उसक खुशी के
बारे , उसक इ छाओं, वतमान थित, िस , उसके शर र, वा य, श , आ द और सभी उप म म सफलता
और िस का संकेत दे ता है .

यद कता अपने अतीत, वतमान और भ व य के बारे म जानना चाहता है तो ल न क ताकत है और


चं मा क मजबूती के साथ कु डली का अ ययन कया जाता है और य द लगन मजबूत है और चं मा भी
अ छ थित म बैठा है तो अ छे प रणाम िमल सकते ह परं तु य द ऎसा नह ं है तो सम या उ प न हो
सकती है .

दस
ू रा भाव | Second House

कु डली का दस
ू रा भाव घर प रवार, धन संपदा, वाणी, भाषण, दा हनी आंख और कता के ान अ य
सभी चीज के बारे म जो जनम कुंडली म दे खी जाती ह उन सभी के वषय म जानकार दे ता है . इस भाव को
बारहव भाव से मजबूत होना चा हए परं तु ल न से अिधक नह ं होना चा हए. अगर यह यारहव भाव के साथ
संबंध बना रहा हो तो कता क मजबूत व ीय थित को दशाता है .

तीसरा भाव | Third House

कुंडली का तीसरा भाव कता के यास उसके साहस, श साम य, उसक जीवन श , बुराई, हठ, गु
काम के भाव, िश ा के े म उसक सफलता इ या द को इं िगत करता है .

संबंध के आधार पर कु डली के इस घर से भा य, जीवन साथी का आ या मक झुकाव, उसक


क ठनाइयां, उसके पता और छोटे भाई के साथ उसके संबध
ं और उसक थित इ या द बात दे खी जाती ह.

चौथा भाव | Fourth House

कु डली का चौथा भाव माँ क थित को इं िगत करता है , इसके साथ ह यह सामा य प म समृ , भू-
संप , वाहन, खान और पृ वी के अ य संसाधन के साथ ह उसक खुिशय को भी दशाता है .
यह भाव कता क माता का थान होता है , जातक के ज म समय माता क थित ओर उसक स नता
को अिभ य करने वाला होता है तथा उस समय आसपास क थितय को इं िगत करता है .

कता क लोक यता, सावजिनक छ व और उसके सामा य भाव को भी कुंडली के इस घर से आंका जाता
है .के थान होने के साथ ह यिस यह भाव मजबूत भी हो तो सब अ छा होता परं तु य द ऎसा न हो तो
परे शािनय को दशाता है .

पांचवां भाव | Fifth House

कु डली के पांचव भाव से जातक क बु , ववेक, मृित, सह -गलत को समझने क श , पूवज म के


कम, सलाह दे ने क मता, संतान ओर मन: थित आ द बात का पता चलता है .

कोण भाव होने और पूवज म का भाव होने से यह भाव बहुत मह वपूण होता है और कता के वतमान
जीवन को दशाता है . इसिलए इस भाव क श ओर संबध
ं ारा जातक क प र थितय के बरे म जाना
सकता है .

छठा भाव | Sixth House

कुंडली का छठा भाव कता क क ठनाइय , संघष, अपनी थित को बनाए रखने क ज ोजहद, रकाम म
आने वाली बाधाओं, मानिसक और शार रक िचंता, रोग,श ओ
ु ,ं नौकर आ द क थित को इं िगत करता है .

य द यह भाव कमजोर थित म है और पाप ह से हो तो यह कता क प र थित को बताता है .


हालां क पाप ह वशेष प से मंगल के इस भाव म बैठने से यह जातक को सफलता दलाने म सहायक
बनता है . यह क भाव कहलाता है इस भाव को सामा य प से मजबूत होना चा हए ले कन ल न से अिधक
नह .ं

सातवां भाव | Seventh House

कु डली का सातवां भाव कता के वैवा हक जीवन, यौन वृ , यौन संबध


ं को दशाता है इसी के साथ
यह भाव साझेदार के यापार, जनता म आपक छ व और भाव, पित- प ी के वा य आ द को बताता है .

यह भाव के थान होता है इसिलए इसक ताकत भी मह वपूण होती है . य द कु डली म यह भाव
कमजोर है तो जातक को इस भाव से जुड़ सम याओं का सामना करना पड़ सकता है .

आठवां भाव | Eight House

कु डली का आठवां भाव खतर , अपयश, ल बी यािधय , मृ यु और सभी व तुओं के वनाश का तीक
होता है . यह गोपनीयता, िछपाव, गुढ़ ान, काला जाद ू द क तरह मौत का घर है और इस घर को के िलए
अित र सावधानी क ज रत होती है . यह भाव ाय म से एक है और इसिलए इसका मजबूत होना ज र
है परंतु ल न से अिधक नह ं होना चा हए य क इससे फिलत नह ं हो पाता और उसका फल नह ं
िमलता.

नवम भाव | Ninth House


कु डली का नवम भाव क मत या भा य को इं िगत करता है , धम, दया, यो यता, आ या मकता, दान,
साधना, अ छे आचरण या सं कृ ित, कता का पता, पोते पोितय और गु को दशाता है . यह एक कोण
भाव है , अपनी ताकत और अ छ थित से यह के सकारा मक प को इं िगत करता है .

दशम भाव | Tenth House

कु डली का दसवां भाव कता के कम े का ितिनिध व करता है . उसके अ छे या बुरे कम को यह ं


से समझा जा सकता है . यह भाव कत के पेशे या यवसाय, काम घर, काम के माहौल को और उसके पेशे
से संबिं धत अ य बात का बताता है . यह घर के भाव म से एक होता है और कता क सफलता को
पहचानने म मह वपूण भूिमका िनभाता है .

यारहवां भाव | Eleventh House

कु डली का यह भाव बडे ़ भाई, बाएं कान और आिथक लाभ को इं िगत करता है . यह कता के लाभ का
घर होता है . यह ाय भाव म से एक होता है और भौितकवाद लाभ के िलए यह अ छा माना जाता है कंतु
जीवंतता के िलए अनुकूल नह ं होता है इसिलए, इस भाव का अ ययन अ यंत सावधानी से करना चा हए.

बारहवां भाव | Twelfth House

कु डली के बारहव हाव से पाप कम , कारावास, अ पताल म भत , शार रक चोट, लाभ क हानी, खच,
संबंध का टू टना, िगरावट आना, थित या पेशे म नुकसान का होना इताया द बात इस भाव से दे खी जाती है .

इसिलए अ छे और बुरे सभी भाव को यान से दे खने क आव यकता होती है . वशेष भाव को भा वत
करने वाले ह का पर ण करके ह भाव को िनधा रत कया जाना चा हए. पाप ह भाव बल पर िनभर
करते ह इ ह कुछ विश भाव म बैठकर भाव बल िमलता है और शुभ ह क तुलना म यह पाप ह
अिधक भाव बल पर िनभर होते ह. अत: इन बात को यान म रखते हुए अ ययन करना चा हए.

कु डली भाव के अ य अथ | Other Meaning of Houses in Prashna Kundli

माग के आधार पर ल न को राजा माना जाता है यहां ल न से आरं भ होने पर बारहवां भाव उसका शर र,
खजाना, सेना, वाहन, कूटनीित, द ु मन, संचार, राजा का मन, द घायु, इं िगत करता है यापार और वा ण य तथा
आय और यय.का ितिनिध व करता है .

जब सवाल रा या रा य के साथ संबंिधत हो तो यह बहुत उपयोगी थित होती है . इसके भाव राजशाह के
साथ जुड़े हुए होते ह, ले कन इसके बावजूद भी यह लोकतं म इ तेमाल कया जा सकता है . स ब धत दे श
या रा य म स ा ढ़ सरकार क कृ ित के अनुसार उ ह पुनप रभा षत कया जा सकता है यह ा राजनीित
संबंिधत म उपयोगी हो सकते ह.

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