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368933989 नकारात मक तंत र काले जादू के ज योतिषीय योग PDF
368933989 नकारात मक तंत र काले जादू के ज योतिषीय योग PDF
संयोग से यि काले जाद ू के भाव म आता ह। यिद कुं डली म सूय, चं , शिन, मंगल
ह िवशेष भाव म राह-के तु से पीिड़त होते ह तभी नकारा मक तं -मं यि पर असर
डालते ह। िजस यि का ल व सूय कमजोर होते ह उन पर काला जाद ू अिधक भाव
डालता है। यिद कुं डली म हण योग है या राह बहत अिन कारी ि थित म है या शिन क
टेढ़ी ि है या मंगल-शिन का संयोग है या चं -शिन का संयोग हो तो भी जातक
ऋणा मक शि य के भाव म आता है। बाधके श क कुं डली म ि थित भी मह वपूण है।
यिद इस समय छठे भाव व षटेश से संबंिधत दशा चल रही हो व दशमेश ल , स म,
ादष भाव म ि थत हो व मंगल का संबंध ल से हो साथ ही के तु क ि थित चतुथ,
थम व दशम भाव म हो। यिद बुध गुिलका से संबंिधत ह तथा मंगल बाधक थान म हो
व दोन का ि संबधं बने तो भी यि काले जाद ू के भाव म आता है। ऐसे संयोग होने
पर काले जाद ू के भाव म आता है।
जैसा क पहले चचा कर चूके ह क कु डली म भाव सबसे मह वपूण कारक म से एक होता है .
सामा यत: कु डली के भाव ज म कु डली क ह भांित होते ह और इनका अ ययन भी ज म कु डली के
भाव क भांित ह कया जाता है . इनम भी ह क और थित के अनु प फलकथन होता है . परं तु
यहां पर ता जक क का अलग ह भाव होता है य क यह पराशर से िभ न होती है जो
कु डली के भाव को सु मता के साथ समझने म मददगार िस होती है .
कु डली का पहला भाव कता क सामा य अिभ य को दशाने वाला होता है यह उसक खुशी के
बारे , उसक इ छाओं, वतमान थित, िस , उसके शर र, वा य, श , आ द और सभी उप म म सफलता
और िस का संकेत दे ता है .
दस
ू रा भाव | Second House
कु डली का दस
ू रा भाव घर प रवार, धन संपदा, वाणी, भाषण, दा हनी आंख और कता के ान अ य
सभी चीज के बारे म जो जनम कुंडली म दे खी जाती ह उन सभी के वषय म जानकार दे ता है . इस भाव को
बारहव भाव से मजबूत होना चा हए परं तु ल न से अिधक नह ं होना चा हए. अगर यह यारहव भाव के साथ
संबंध बना रहा हो तो कता क मजबूत व ीय थित को दशाता है .
कुंडली का तीसरा भाव कता के यास उसके साहस, श साम य, उसक जीवन श , बुराई, हठ, गु
काम के भाव, िश ा के े म उसक सफलता इ या द को इं िगत करता है .
कु डली का चौथा भाव माँ क थित को इं िगत करता है , इसके साथ ह यह सामा य प म समृ , भू-
संप , वाहन, खान और पृ वी के अ य संसाधन के साथ ह उसक खुिशय को भी दशाता है .
यह भाव कता क माता का थान होता है , जातक के ज म समय माता क थित ओर उसक स नता
को अिभ य करने वाला होता है तथा उस समय आसपास क थितय को इं िगत करता है .
कता क लोक यता, सावजिनक छ व और उसके सामा य भाव को भी कुंडली के इस घर से आंका जाता
है .के थान होने के साथ ह यिस यह भाव मजबूत भी हो तो सब अ छा होता परं तु य द ऎसा न हो तो
परे शािनय को दशाता है .
कोण भाव होने और पूवज म का भाव होने से यह भाव बहुत मह वपूण होता है और कता के वतमान
जीवन को दशाता है . इसिलए इस भाव क श ओर संबध
ं ारा जातक क प र थितय के बरे म जाना
सकता है .
कुंडली का छठा भाव कता क क ठनाइय , संघष, अपनी थित को बनाए रखने क ज ोजहद, रकाम म
आने वाली बाधाओं, मानिसक और शार रक िचंता, रोग,श ओ
ु ,ं नौकर आ द क थित को इं िगत करता है .
यह भाव के थान होता है इसिलए इसक ताकत भी मह वपूण होती है . य द कु डली म यह भाव
कमजोर है तो जातक को इस भाव से जुड़ सम याओं का सामना करना पड़ सकता है .
कु डली का आठवां भाव खतर , अपयश, ल बी यािधय , मृ यु और सभी व तुओं के वनाश का तीक
होता है . यह गोपनीयता, िछपाव, गुढ़ ान, काला जाद ू द क तरह मौत का घर है और इस घर को के िलए
अित र सावधानी क ज रत होती है . यह भाव ाय म से एक है और इसिलए इसका मजबूत होना ज र
है परंतु ल न से अिधक नह ं होना चा हए य क इससे फिलत नह ं हो पाता और उसका फल नह ं
िमलता.
कु डली का यह भाव बडे ़ भाई, बाएं कान और आिथक लाभ को इं िगत करता है . यह कता के लाभ का
घर होता है . यह ाय भाव म से एक होता है और भौितकवाद लाभ के िलए यह अ छा माना जाता है कंतु
जीवंतता के िलए अनुकूल नह ं होता है इसिलए, इस भाव का अ ययन अ यंत सावधानी से करना चा हए.
कु डली के बारहव हाव से पाप कम , कारावास, अ पताल म भत , शार रक चोट, लाभ क हानी, खच,
संबंध का टू टना, िगरावट आना, थित या पेशे म नुकसान का होना इताया द बात इस भाव से दे खी जाती है .
इसिलए अ छे और बुरे सभी भाव को यान से दे खने क आव यकता होती है . वशेष भाव को भा वत
करने वाले ह का पर ण करके ह भाव को िनधा रत कया जाना चा हए. पाप ह भाव बल पर िनभर
करते ह इ ह कुछ विश भाव म बैठकर भाव बल िमलता है और शुभ ह क तुलना म यह पाप ह
अिधक भाव बल पर िनभर होते ह. अत: इन बात को यान म रखते हुए अ ययन करना चा हए.
माग के आधार पर ल न को राजा माना जाता है यहां ल न से आरं भ होने पर बारहवां भाव उसका शर र,
खजाना, सेना, वाहन, कूटनीित, द ु मन, संचार, राजा का मन, द घायु, इं िगत करता है यापार और वा ण य तथा
आय और यय.का ितिनिध व करता है .
जब सवाल रा या रा य के साथ संबंिधत हो तो यह बहुत उपयोगी थित होती है . इसके भाव राजशाह के
साथ जुड़े हुए होते ह, ले कन इसके बावजूद भी यह लोकतं म इ तेमाल कया जा सकता है . स ब धत दे श
या रा य म स ा ढ़ सरकार क कृ ित के अनुसार उ ह पुनप रभा षत कया जा सकता है यह ा राजनीित
संबंिधत म उपयोगी हो सकते ह.