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Bharat Swabhimaan Shankhnaad Rajiv Dixit
Bharat Swabhimaan Shankhnaad Rajiv Dixit
1. ऐभतहाभिक भूलें (भहं दुस्तान पाभकस्तान का बंटवारा क्ूूँ हुआ ?, चीन िे युद्ध में हारा भारत
क्ूूँ ?, जम्मू कश्मीर की िमस्या कैिे बनी ?, पाभकस्तान िे हुए द न ं युद्ध क्ूूँ ?, भारत के
दू िरे प्रधानमंत्री की मौत का राज़ क्ा ?, रुपया की कीमत डॉलर और पाउं ड के बराबर िे
इतनी कैिे भगरी ?, भारत का िंभवधान क बनाने वाले आं बेडकर जी क्ूूँ फाड़ना चाहते थे
इि िंभवधान क ? भारत अंग्रेज का गुलाम कैिे बना ? क्ा कारण था ?, १८५७ की क्ांभत
क्ूूँ भवफल हुई ? भकतनी गलभतयाूँ या भूलें हमिे हुई, इन िबका भववरण स्वगीय भाई राजीव
दीभित जी के द्वारा.
2. मौत का व्यापार (कैंिर स्पेशल टर े न भभटं डा िे बीकानेर क्ूूँ चलती है ?, हररत क्ांभत िे
फायदे ज्यादा हुआ या नुक्सान, खेती में ज रिायभनक कीटनाशक डाले जा रहे हैं उििे दे श
की जमीन खराब , ल ग ं का स्वास्थ्य भबगाडना, भकिान ं की आत्महत्याएं जैिे दु ष्पररणाम आ
रहे हैं, जबभक हम जैभवक खेती िे इन िब दु ष्पररणाम ं िे बच िकते है , कीटनाशक दवाओ
और रिायभनक खेती का व्यापार, शराब का व्यापार, तम्बाकू, गुटखा आभद बेचने िे दे श का
नुक्सान ही ह ता है भफर भी हमारी िरकारे इनक बेचती हैं क्ूूँ ? क्ूंभक उनकी कमाई इन्ही
चीज ं िे ह ती है . माने व चाहती हैं की आप गलत चीजे खाएं भपयें , बीमार पड़े , मरे ,
लेभकन उनकी कमाई नही ं रुकनी चाभहए, रिायभनक खेती भी उिी का एक भहस्सा है).
3. अन्तराा ष्ट्रीय िंभधय ं के मकड़जाल में फंिा भारत (कैिे अंग्रेज ने बेवकूफ बनाया भारत के
राजाओ क और की उन िबके िाथ ऐिी िंभधयां भजनिे भारत गुलाम ह ना शुरू हुआ,
अंग्रेज की िंिद ने पाररत भकया Indian Independence Act त अगर व आज भी इि भबल क
कैंिल करे त क्ा ह गा ?, Transfer of power Agreement कैिी िंभध है ?, CWG त याद ही
ह गा (कामन वेे़ ल्थ खेल) ये क्ा है और कौन कौन दे श इिमें क्ूूँ खेलते हैं ?, भवश्व बैंक
और इं टरनेशनल म नेटरी फंड िे कैिे हमारा रुपया भगराया जाता है ?, भवश्व बैंक पर भकि
दे श का कब्ज़ा है और क्ूूँ ?.
4. भवदे शी कंपभनय ं की लूट और उिका भवकल्प स्वदे शी (हर दे श अपनी स्वदे शी कम्पभनय क
बढ़ावा दे ता है भजििे दे श में र ज़गार बढ़ता है, उन्नभत ह ती है , तकनीकीकरण बढ़ता है ,
गुणवत्ता बढती है . िरकार ज तका दे ती है, आइये उिका भवश्लेषण करे आकड ं के आधार
पर, चीन जैिा दे श स्वदे शी का पालन करके आज महाशक्ति बना हुआ है . हमारे दे श में
ऐिा क्ूूँ नही ं भकया जाता क्ूंभक इििे कुछ खाि ल ग ं {ज चारा खाते है , क यला च री
करते हैं, दे श का खून चूिते हैं } क नुक्सान ह गा )
5. भारत की भवश्व क दे न (
6. भारत का स्वभणाम अतीत (भवदे शी इभतहािकार ं द्वारा भारत पर भलखी गयी पुस्तक ं िे भलए
गए वणान, ज दशााते हैं की कैिा था भारत अंग्रेज के आने िे पहले और उनके वि के
दौरान)
7. भारत में गुलामी की भनशाभनयाूँ ( आज़ादी के बाद भी भारत मन और आत्मा िे गुलाम है
भवदे भशय ं का, क्ूंभक हमारी िरकार उन्ही के बनाये हुए कानून ,
ं तन्त्र, भाषा क जि का
ति चला रही है , जैिा की अंग्रेज चलाते थे, फका भिफा इतना है की व भवदे शी लुटेरे थे और
ये दे िी लुटेरे हैं )
8. भवष मुि कृभष (खेती में ज रिायभनक कीटनाशक डाले जा रहे हैं उििे दे श की जमीन
खराब , ल ग ं का स्वास्थ्य भबगाडना, भकिान ं की आत्महत्याएं जैिे दु ष्पररणाम आ रहे हैं ,
जबभक हम जैभवक खेती िे इन िब दु ष्पररणाम ं िे बच िकते है. हम ऐिा क्ूूँ नही ं करते
क्ूंभक इििे कुछ खाि ल ग ं {ज चारा खाते है, क यला च री करते हैं , दे श का खून चूिते
हैं} क नुक्सान ह गा )
9.
10. स्वदे शी िे स्वावलंबी भारत (
11.
12.
13.
14. अंग्रेजी भाषा की गुलामी (बहुभाषीय ह ना अच्छा है लेभकन, अपनी मातृभाषा क भूलना िबिे
बड़ी भूल है . हमारे दे श में भिफा १-२% ल ग ही अंग्रेजी जानते हैं , लेभकन िरकार के िारे
काम अंग्रेजी में ह ते हैं , हर जगह प्रांतीय भाषा का इस्तेमाल ह , राज्य ं में राज्य का िारा
काम राज्य की राजभाषा में ह , दे श में िरकार का िारा काम दे श की मातृभाषा (भहंदी) में
ह . इििे हमारी िारी भाषाएूँ जीभवत रहेगी, भहंदी दे श के िभी ल ग ं क ज ड़े गी, और िभी
ल ग ं क दे श में ह ने वाली हर बात का ज्ञान रहेगा व िमझ िकेंगे ).
15. िंस्कृत भाषा की वैज्ञाभनकता (भजि भाषा िे दु भनया की ज्यादातर भाषाय ं का जन्म हुआ, हम
उिी भाषा क भुला रहे हैं जबभक िंस्कृत क दु भनया भिख रही है , जमानी, फ्ांि जैिे दे श
में िंस्कृत भवश्वभवद्यालय खुल रहे हैं, िंस्कृत भाषा में कंप्यूटर का भनमााण ह रहा है. वेद ं के
छु पे हुए ज्ञान क पढ़ने के भलए इि भाषा क िीखेंगे त आपक वेद ं िे ज ज्ञान की प्राक्ति
ह गी उििे हम न भिफा अपना बक्ति दे श का और दु भनया का भला कर िकते हैं ).
16. मांिाहार िे हाभनयाूँ (मांि खाने िे खाने की कमी, पानी की कमी, ग्ल बल वाभमिंग का
बढ़ना, भहंिक प्रवती , भहंिा और दू िरे दु ष्पररणाम बढते है कृपया शाकाहारी बनें).
धन्यवाद