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भारत स्वाभभमान शंखनाद (२० cd Set) में भदए गए भाई राजीव दीभित जी के व्याख्यान ं के भवषय: -

1. ऐभतहाभिक भूलें (भहं दुस्तान पाभकस्तान का बंटवारा क्ूूँ हुआ ?, चीन िे युद्ध में हारा भारत
क्ूूँ ?, जम्मू कश्मीर की िमस्या कैिे बनी ?, पाभकस्तान िे हुए द न ं युद्ध क्ूूँ ?, भारत के
दू िरे प्रधानमंत्री की मौत का राज़ क्ा ?, रुपया की कीमत डॉलर और पाउं ड के बराबर िे
इतनी कैिे भगरी ?, भारत का िंभवधान क बनाने वाले आं बेडकर जी क्ूूँ फाड़ना चाहते थे
इि िंभवधान क ? भारत अंग्रेज का गुलाम कैिे बना ? क्ा कारण था ?, १८५७ की क्ांभत
क्ूूँ भवफल हुई ? भकतनी गलभतयाूँ या भूलें हमिे हुई, इन िबका भववरण स्वगीय भाई राजीव
दीभित जी के द्वारा.

2. मौत का व्यापार (कैंिर स्पेशल टर े न भभटं डा िे बीकानेर क्ूूँ चलती है ?, हररत क्ांभत िे
फायदे ज्यादा हुआ या नुक्सान, खेती में ज रिायभनक कीटनाशक डाले जा रहे हैं उििे दे श
की जमीन खराब , ल ग ं का स्वास्थ्य भबगाडना, भकिान ं की आत्महत्याएं जैिे दु ष्पररणाम आ
रहे हैं, जबभक हम जैभवक खेती िे इन िब दु ष्पररणाम ं िे बच िकते है , कीटनाशक दवाओ
और रिायभनक खेती का व्यापार, शराब का व्यापार, तम्बाकू, गुटखा आभद बेचने िे दे श का
नुक्सान ही ह ता है भफर भी हमारी िरकारे इनक बेचती हैं क्ूूँ ? क्ूंभक उनकी कमाई इन्ही
चीज ं िे ह ती है . माने व चाहती हैं की आप गलत चीजे खाएं भपयें , बीमार पड़े , मरे ,
लेभकन उनकी कमाई नही ं रुकनी चाभहए, रिायभनक खेती भी उिी का एक भहस्सा है).

3. अन्तराा ष्ट्रीय िंभधय ं के मकड़जाल में फंिा भारत (कैिे अंग्रेज ने बेवकूफ बनाया भारत के
राजाओ क और की उन िबके िाथ ऐिी िंभधयां भजनिे भारत गुलाम ह ना शुरू हुआ,
अंग्रेज की िंिद ने पाररत भकया Indian Independence Act त अगर व आज भी इि भबल क
कैंिल करे त क्ा ह गा ?, Transfer of power Agreement कैिी िंभध है ?, CWG त याद ही
ह गा (कामन वेे़ ल्थ खेल) ये क्ा है और कौन कौन दे श इिमें क्ूूँ खेलते हैं ?, भवश्व बैंक
और इं टरनेशनल म नेटरी फंड िे कैिे हमारा रुपया भगराया जाता है ?, भवश्व बैंक पर भकि
दे श का कब्ज़ा है और क्ूूँ ?.

4. भवदे शी कंपभनय ं की लूट और उिका भवकल्प स्वदे शी (हर दे श अपनी स्वदे शी कम्पभनय क
बढ़ावा दे ता है भजििे दे श में र ज़गार बढ़ता है, उन्नभत ह ती है , तकनीकीकरण बढ़ता है ,
गुणवत्ता बढती है . िरकार ज तका दे ती है, आइये उिका भवश्लेषण करे आकड ं के आधार
पर, चीन जैिा दे श स्वदे शी का पालन करके आज महाशक्ति बना हुआ है . हमारे दे श में
ऐिा क्ूूँ नही ं भकया जाता क्ूंभक इििे कुछ खाि ल ग ं {ज चारा खाते है , क यला च री
करते हैं, दे श का खून चूिते हैं } क नुक्सान ह गा )

5. भारत की भवश्व क दे न (
6. भारत का स्वभणाम अतीत (भवदे शी इभतहािकार ं द्वारा भारत पर भलखी गयी पुस्तक ं िे भलए
गए वणान, ज दशााते हैं की कैिा था भारत अंग्रेज के आने िे पहले और उनके वि के
दौरान)
7. भारत में गुलामी की भनशाभनयाूँ ( आज़ादी के बाद भी भारत मन और आत्मा िे गुलाम है
भवदे भशय ं का, क्ूंभक हमारी िरकार उन्ही के बनाये हुए कानून ,
ं तन्त्र, भाषा क जि का
ति चला रही है , जैिा की अंग्रेज चलाते थे, फका भिफा इतना है की व भवदे शी लुटेरे थे और
ये दे िी लुटेरे हैं )
8. भवष मुि कृभष (खेती में ज रिायभनक कीटनाशक डाले जा रहे हैं उििे दे श की जमीन
खराब , ल ग ं का स्वास्थ्य भबगाडना, भकिान ं की आत्महत्याएं जैिे दु ष्पररणाम आ रहे हैं ,
जबभक हम जैभवक खेती िे इन िब दु ष्पररणाम ं िे बच िकते है. हम ऐिा क्ूूँ नही ं करते
क्ूंभक इििे कुछ खाि ल ग ं {ज चारा खाते है, क यला च री करते हैं , दे श का खून चूिते
हैं} क नुक्सान ह गा )
9.
10. स्वदे शी िे स्वावलंबी भारत (
11.
12.
13.
14. अंग्रेजी भाषा की गुलामी (बहुभाषीय ह ना अच्छा है लेभकन, अपनी मातृभाषा क भूलना िबिे
बड़ी भूल है . हमारे दे श में भिफा १-२% ल ग ही अंग्रेजी जानते हैं , लेभकन िरकार के िारे
काम अंग्रेजी में ह ते हैं , हर जगह प्रांतीय भाषा का इस्तेमाल ह , राज्य ं में राज्य का िारा
काम राज्य की राजभाषा में ह , दे श में िरकार का िारा काम दे श की मातृभाषा (भहंदी) में
ह . इििे हमारी िारी भाषाएूँ जीभवत रहेगी, भहंदी दे श के िभी ल ग ं क ज ड़े गी, और िभी
ल ग ं क दे श में ह ने वाली हर बात का ज्ञान रहेगा व िमझ िकेंगे ).
15. िंस्कृत भाषा की वैज्ञाभनकता (भजि भाषा िे दु भनया की ज्यादातर भाषाय ं का जन्म हुआ, हम
उिी भाषा क भुला रहे हैं जबभक िंस्कृत क दु भनया भिख रही है , जमानी, फ्ांि जैिे दे श
में िंस्कृत भवश्वभवद्यालय खुल रहे हैं, िंस्कृत भाषा में कंप्यूटर का भनमााण ह रहा है. वेद ं के
छु पे हुए ज्ञान क पढ़ने के भलए इि भाषा क िीखेंगे त आपक वेद ं िे ज ज्ञान की प्राक्ति
ह गी उििे हम न भिफा अपना बक्ति दे श का और दु भनया का भला कर िकते हैं ).
16. मांिाहार िे हाभनयाूँ (मांि खाने िे खाने की कमी, पानी की कमी, ग्ल बल वाभमिंग का
बढ़ना, भहंिक प्रवती , भहंिा और दू िरे दु ष्पररणाम बढते है कृपया शाकाहारी बनें).

स्वदे शी पीथम टर स्ट के द्वारा जारी cd के व्याख्यान :-

26. अथाव्यवस्था क िुधरने के उपाय :-


हमें पूरा भवश्वाि है की जब आप ल ग इन िभी व्याख्यान क िुनेंगे तब आपक बहुत ही महत्वपूणा
और उपय गी जानकारी भमलेगी. आप इन व्याख्यान ं क अपने िभी भमलने वाल चाहे व आपका
भमत्र, पड िी, जानकार, िब्जी वाला, दु कान वाला , ऑभफि में , अध्यापक, प्रधानाचाया िभी क
दे . आपक ज्ञान भमला, और क भमलेगा तभी हम िब भमलकर इि िुंदर भारत दे श का भफर िे
पुनभनामााण कर पायेंगे. जय भारत जय भहंद.

धन्यवाद

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