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ाचीन भारत का इितहास


ाचीन भारतीय इितहास
भारत म िसंधु घाटी स ता
भारत म ाचीन स ताएँ
 िसंधु घाटी स ता एक ाचीन स ता है यह िसंधु नदी और घ र-हकरा नदी के िकनारे फलीफूली थी, जो

m
अब पािक ान और उ र पि म भारत है ।
• रे िडयो काबन डे िटं ग के अनुसार, िसंधु घाटी स ता का काल 2500 – 1750 ई.पू. तक माना जाता है ।
• आर.बी. दयाराम साहनी ने 1921 म पहली बार हड़ ा (रावी पर) की खोज थी। आर.डी बनज ने 1922
म मोहनजोदड़ो या ‘मृतको का टीला’ (िसंधु पर) खोज की थी। सर जॉन माशल ने इन दोनों खोजों म एक

co
मह पू ण भूिमका िनभाई।
• हड़ ा स ता भारत के आ इितहास के भागों के पों म है और यह कां युग अंतगत आता है ।
• इस स ता के लोग तां बा, पीतल, चां दी, सोने के बारे म जानते थे, लेिकन इ लोहे का ान नहीं था।
• िसंधु-घाटी लोग ‘कपास’ और ‘ऊन’ दोनों के उपयोग से अ ी तरह से प रिचत थे।

जानवरों को पालतू बनाया:


• पशु पालन िसंधु सं ृ ित म मह पू ण था। इसके आलावा भे ड़ और बकरी, कु े, कुबड़े वाली भस और



n.
हाथी िनि त प से पालतू थे। ऊंट दु लभ था और घोड़े के बारे म कोई जानकारी नहीं थी।
िसंधु घाटी स ता नगर िनयोजन:
िव ृत शहर की योजना थी। इसम ि ड णाली का पालन िकया गया था। सड़क अ ी तरह से काटी
गई थी। नगर एक बड़े आयत या वग के ख ों म िवभािजत थे।
ya
• िनमाण साम ी के प म अ ी गु णव ा की पकी ई ईंटों का इ े माल िकया गया था। समकालीन िव
मअ िम ी की ईंटों का इ ेमाल िकया जाता था।
• मोहनजोदड़ो म, एक बढ़ा ानागार (िवशाल) पाया गया, िजसकी माप 12मी एवं गहराई 2.4 मी थी।
सतह के दोनों छोरों पर सीिडयां थीं िजसके साथ व बदलने के कमरे थे। साथ कमरे से बदल रहा है । यह
संभवतः धािमक ान से संबंिधत हो सकता है ।
g

मुख शहर और उनकी िवशेषताएं :


• मोहनजोदड़ो(िसंध) िसंधु नदी के दािहने िकनारे पर अव थत था।
• च दारो िसंधु नदी के बाएँ िकनारे पर थत था, जो मोहनजोदड़ो के दि ण म 130 िकमी. की दु री पर था।
sc

• कालीबंगा (राज थान) म घ र नदी के िकनारे थत था, जो सिदयों पहले सूख चुकी है ।
• लोथल, खंभात की खाड़ी पर है ।
• बनावाली (ह रयाणा) अब िवलु हो चुकी सर ती नदी के तट पर थत था।
• सुरकोटड़ा (गु जरात) क के रण के मुहाने पर है ।
• धोलावीरा (गु जरात) क िजले म खुदाई के दौरान खोजा गया।
S

ाचीन भारत म ापर एवं वािण :


• िकसी भी धातु की मु ा का चलन नहीं था और ापार, व ु िविनमय णाली के मा म से होता था।
• वज़न और मापने म सटीकता के उपाय हड़ ा सं ृ ित (लोथल म पाया गया) म ही अ थे। वजन आम
तौर पर चूना प र, साबु न के प र आिद के थे और ये घनीय आकार म आ करते थे।
• 16 माप की इकाई (16, 64,160, 320) थी।

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• लोथल म एक जहाज बनाने का थान(पोतगाह) की खोज की गई। रं गपुर, सोमनाथ और बालाकोट बं दरगाहों
के प म काय करते थे। Sutkagendor & Sutkakoh functioned as outlets.

िसंधु घाटी स ता िलिप:


• िलिप वणना क नहीं थी, लेिकन िच िलिप थी (लगभग 600 अपिठत िच िलिप)।
• िलिप को अभी तक नहीं पढ़ा जा सका है । लेिकन िव ेषण करने से यह पता चला है िक यह पहली पं म
दाएँ से बाएँ िलखी गई है और दू सरी पं म यह बाएँ से दाएँ िलखी गई है । इस शैली को सपलेखन शैली कहते

m
ह।
भारत म बौ धम
•बु का ज नेपाल म (किपलव ु के िनकट) लु नी म वैशाख पू िणमा के िदन 563 ईसा पू व म आ था।
• उनके िपता सु ोदन ‘शक’ शासक थे।

co
• उनकी माँ (महामाया, कोशल वंश की) का, उनके ज के 7 िदन बाद ही िनधन हो गया। उनकी सौतेली माँ
गौतमी ने उनका लालन-पालन िकया।
• 16 वष की आयु म यशोधरा से इनका िववाह आ। इ ोने 13 वष तक िववािहत जीवन िजया और इनका
एक पु था िजसका नाम रा ल था।
• 29 वष की आयु म स की खोज(महाभीिन मण या महान ाग भी कहा जाता है ) के िलए इ ोंने ह
ाग िकया( च ा सारिथ और अपने पसं दीदा घोड़े कंतक के साथ) और 6 वष तक भटकते रहे ।
• बु ने 35 वष की आयु म मगध (िबहार) “गया” म पीपल वृ के नीचे 'िनवाण' या ान ा िकया।

या कानून का धूमता आ च कहा जाता है ।


n.
• सारनाथ म पहला धम पदे श िदया जहाँ उनके पां च िश बने। उनके पहले धम पदे श को ‘धमच प रवतन’

• म गणरा म 483 ईसा पू व म, कुशीनगर म 80 वष की आयु म महाप रिनवाण ा िकया (उ र दे श


के दे व रया िजले म किसया गां व म)।
ya
बौद् सिगितयाँ :
• िभ ु , बु की मृ ु के बाद चार बार इक े ए और इन घटनाओं का भाव, बौ धम पर पड़ा।
• थम संिगित: राजगृह म, मेहक प की अ ता म (राजा अजातश ु था)। बु की िश ाओं को दो िपटकों
म िवभािजत िकया गया अथात िवनय िपटक और सु िपटक। उपाली ने िवनय िपटक और आनंद ने सु
िपटक सुनाई।
• ि तीय संिगित: वैशाली म, 383 ईसा पू व म, सबकामी की अ ता म (कलाशोक राजा था) आयोिजत की
g

गई। इनके अनुयायी दो भागों म बी बंट गए अथात अ थािवरपादी और महासं िघका।


• तृतीय संिगित: पाटिलपु म, 250 ईसा पू व म मोगालीपु तीसा की अ ता म (स ाट अशोक था)
आयोिजत की गई। इन संिगित म ि िपटक का तीसरा भाग पाली भाषा म कोिडत िकया गया था।
sc

• चौथी संिगित: क ीर (कु न) म,वासु िम की अ ता म, 72 ईसवी म (राजा किन था) आयोिजत


की गई। बौ धम महायान और हीनयान स दायों म िवभािजत हो गया।
बौ सािह :
• बौ ंथ पाली म ह जो सामा तः ि िपटक म भे जा जाता है अथात ‘तीन टोकरी' के प म।.
• िवनय िपटक : बौ मठों म अनुशासन के िनयम।
• सु िपटक : सबसे बड़ा, बु के उपदे श का सं ह है ।
S

• अिभध िपटक: बौ धम के दाशिनक िस ां तों की ा ा।


भारत म जैन धम
• रषभनाथ ारा थािपत।
• 24 तीथकर ए, सभी ि य थे।
• पहले रषभ नाथ ( ितक – बै ल)

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• 23 व तीथकर पा नाथ ( ितक-सां प) बनारस के राजा अ सेन के पु थे। उनकी मु िश ाएं थी िहं सा न
करना, झूट न बोलता, चोरी न करना और अिधकार या क ा न करना।
• 24 व और आ खरी तीथकर वधमान महावीर (शेर : तीक) थे।
वधमान महावीर इितहास:
• वह 599 ई.पू . म कु ाम ( िबहार म मुज़फरनगर िजले म) म पैदा ए थे।
• उनके िपता िस ाथ ाि का कबीले के मुख थे। उसकी माँ ि शला, वैशाली, (िल वी) के राजकुमार चे तक
की बहन थी।

m
• महावीर िब सार से संबंिधत था।
• यशोदा से िववािहत थे, इनकी पु ी का नाम ि यदशना था, िजसका पित जमाली उनका पहला िश बन गया
था।
•30 वष की आयु म, उनके माता-िपता की मृ ु के बाद, वह स ासी बन गया।

co
• अपने स ास के 13 व वष (वैशाख के 10 व िदन) ज क ाम शहर उ परम ान (कैव ) की ा
ई।
• उ जैन, िजते और महावीर कहा जाता था और उनके अनुयािययों को जै न नािमत िकया गया। इसके
अलावा, उ अ रहं त की उपािध दी गई अथात यो ।
• 72 वष की आयु म, 527 ईसा पू व म, पटना के पास पावा म मृ ु को ा हो गए।
नोट: जैन धम म, तीन र (ि र ) िदए ए ह और उ िनवाण के िलए रा ा कहा जाता है । वे सही िव ास,
सही ान और सही आचरण ह।
जैन संिगितयों का इितहास: n.
• पहली संिगित: तीसरी शता ी ईसा पू व की शु आत म सथु लभा ा ारा पाटिलपु म आयोिजत की गई। यह
12 अंग के संकलन के प रणाम प 14 पव को बदलने के िलए थी ।
•दू सरी संिगित: यह दे व रधगनी के नेतृ म पां चवीं शता ी ई ी म, व भी (गु जरात) म आयोिजत की गई
ya
थी।

मगध सा ा
• मगध सा ा की अविध: 6 वी ं सदी - 4 शता ी ई.पू. थी।
• मगध सा ा का िव ार: मगध को पटना के पू व िजलों, गया और शाहाबाद के कुछ िह ों को िमलाने से
उस समय के मुख रा होने की वृ ई।
g

• हयक वंश: मूलतः 566 ईसा पू व िब सार के दादा ारा, थािपत िकया गया था लेिकन वा व म िव सार
ारा इसकी नींव रखी गई।
मगध के राजा िब सार (544 ईसा पू व - 492 ईसा पू व):
sc

• बु के समकालीन।
• उसकी राजधानी राजगीर (िग रवराज) थी।
• उनकी राजधानी पाँ च पहािड़यों से िघरी थी जो सभी िदशाओं से प रों की दीवारों से ढका था, इसी
को राजगीर बनाया।
अजातश ु का इितहास (492 ईसा पू व - 460 ई.पू .):
• िब सार का पु , अपने िपता को मारने के बाद, िसं हासन पर क ा िकया।
S

• इसके शासनकाल के दौरान बु की मृ ु हो गई; इसने पहले बौ प रषद की व था की।


• उदयन का इितहास (460-444 ईसा पू व) का इितहास: इसने पाटिलपु म नई राजधानी की थापना की,
जो गं गा और सन के संगम पर थत थी।

िशशुनाग वंश:

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 एक मं ी िशशुनागा ारा थािपत िकया गया। वह कालासाओका (ि तीय बौ प रषद) का उ रािधकारी


बना।
 राजवंश केवल दो पीिढ़यों तक चला।
 सबसे बड़ी उपल अवंती की श का िवनाश था।
नंद राजवंश:
 सं थापक महाप नंदा थे।
 अले डर ने अपने शासनकाल म भारत पर हमला िकया। उस व धन नंदा वहां थे।

m
 अले डर का भारत पर आ मण
 अले डर (356 ईसा पू व - 323 ईसा पू व) मै िसडोिनया ( ीस) के िफिलप का पु था िजसने 326 ईसा
पू व म भारत पर आ मण िकया था।
 उस समय एनड ू इं िडया कई छोटे तं रा ों म त ील हो गया जैसे त शीला, पं जाब (पोरस

co
रा ), गां धार आिद।
 पोरस को छोड़कर िजसने अले डर के साथ हाइड ेश (झेलम के तट पर) की िस लड़ाई लड़ी,
अ सभी राजाओं ने न प से अधीनता ीकार कर ली।
 जब अले डर ास पर प ंचे, तो उसके सैिनकों ने आगे जाने से मना कर िदया, इसिलए उसे पीछे हटने
के िलए मजबूर होना पड़ा।
 अपनी अ नेता को िचि त करने के िलए, उसने ास के उ री तट पर 12 िवशाल प र की वेिदयां
खड़ी की।

च गु मौय का इितहास (322 – 297 BC)


n.
19 महीनों के िलए भारत म बना रहा और बे बीलोन म 323 ईसा पू व म उसकी मृ ु हो गई।

मौय राजवंश
ya
 चाण की सहायता से , िजसे कौिट या िव ु गु के प म जाना जाता है , उ ोंने नं दों को उखाड़
िदया और मौय वंश के शासन की थापना की।
 एक िवशाल सा ा का िनमाण, िजसम न केवल िबहार और बं गाल के अ े भाग शािमल थे ब
पि मी और उ र पि मी भारत और द न भी शािमल थे।
 यह जानकारी मेगा थनीज़ (एक ीक राजदू त िजसे से ूकस ारा चं गु मौय के दरबार मेम भेजा गया
था) ारा रिचत पु क इं िडका म िमलती है । हम कौिट के अथशा से भी िववरण ा हो सकता है ।
g

 चं गु ने जैन धम को अपनाया और भ बा के साथ वणबे लागोला (मै सूर के पास) के पास गए, जहां
धीरे -धीरे भूख के कारण उनकी मृ ु हो गई।
िब दु सार का इितहास (297 – 273 BC):
sc

 च गु मौय का उ रािधकारी 297 ईसा पू व उनका पु िब दु सारा बना।


 कहा जाता है िक उसने '2 समु ों के बीच की भूिम', अथात् अरब सागर और बं गाल की खाड़ी पर क ा
कर िलया।.
अशोक का इितहास (269 – 232 BC):
 अशोक को त िशला और उ ैन के वाइसराय उनके िपता, िबंदुसारा ारा िनयु िकया गया था।
 अशोक उपगु के तहत बौ बना।
S

किलंग यु इितहास:
 (261 ईसा पू व, जो ते रहवी ं रॉक िफ ी म विणत है ): इअने जीवन के ित उनके ि कोण को बदल
िदया िजसके के बाद अशोक ने बौ धम ीकार िकया।
मौय सा ा के पतन के कारण:

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 कहा जाता है िक अशोक का बौ धम और उनके बिल- वहार के कारण ा णों की आय भािवत


ई। इसिलए उ ोंने अशोक के खलाफ ितप िवकिसत िकया।
 कृिष े से राज इतने बड़े सा ा को बनाए रखने के िलए पया नहीं था ोंिक यु से लू ट नग
थी।
 अशोक के उ रािधकारी इतने बड़े क ीकृत सा ा को एकजुट रखने के िलए ब त कमजोर थे।
नोट: 185 ईसा पू व म पु िम शुंग (सेना ) ने अंितम मौय शासक बृ हधृत की ह ा कर दी, िजससे मगध म
शुंग राजवंश का उदय आ।

m
भारत म संगम युग
चोलों का इितहास

co
 इस राजवंश को चोलमानंदलम या कोरोमंडल कहा जाता था। मु क ऊ रयू र था, जो कपास के ापार
के िलए िस था। पूं जी कवेरीप णम/ पु हड़ थी।
 एलारा नामक एक चोल राजा ने ीलंका पर िवजय ा की और 50 वष तक शासन िकया।
 क रकला उनके िस शासक थे।
 धन का मु ोत सूती कपड़े का ापार था। उ ोंने एक कुशल नौसे ना बनाए रखी थी।

गु

सा ा भारत का ण युग
n. गु राजवंश

कुशान सा ा के खंडहर पर एक नया सा ा उभर कर आया, िजसने कुशानों और सतावहन दोनों


के पू व स ा के अ े भागों पर अपना माग बनाया। राजवंश के पहले दो राजा ीगु और घाटोक थे।
ya
च गु I (AD 319 – 335):
 गु राजवंश के पहले मह पू ण शासक थे।
 319-320 ई ी म गु यु ग आर िकया।
 उसने नेपाल के ल ी कबीले की राजकुमारी कुमार दे वी से िववाह करके अपनी श और ित ा को
बढ़ाया।
g

 उसने महाराजिधराज का खताब अिजत िकया।


 ल वी रा के िस ों म अपना और अपनी रानी का संयु नाम अंिकत कराया, इसके ारा अपने
िववाह के गठबंधन की ीकृित को दशाया।
sc

समु ् ग का इितहास (AD 335 – 375):


 चं गु के पु और उ रािधकारी समु गु ने गु सा ा का ापक प से िव ार िकया।
 समु गु यु और िवजय की नीित म िव ास करता था और उनकी बहादु री और जनश के कारण
उ भारत के 'नेपोिलयन' (इितहासकार वी.ए. थ ारा) कहा जाता है ।

च गु – II का इितहास (AD 380 – 413):


S

 समु गु का उ रािधकारी रामगु था लेिकन चं गु ि तीय ने उनकी ह ा कर दी और उनकी रानी


ु वदे वी से िववाह कर िलया कर ली।
 वह चां दी के िस े जारी करने वाला पहला शासक था, इसके अलावा उसने तां बे के िस ों को भी जारी
िकया।
 उसका दरबार कालीदास, अमरिसंह, वरहिमिहर और धनवं सिहत नौर ों से सु स त था।

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 चीनी तीथया ी फेिहयन इस समय भारत आया था।

कुमारगु – I का इितहास (AD 413 – 455):


 उ ोंने मह िद का शीषक हण िकया।
 नालंदा िव िव ालय ( ाचीन भारत का एक िस िव िव ालय) की थापना की
 वह भगवान काितकेय (भगवान िशव के पु ) का भ था।
 उसके शासनकाल के अंितम वष म, तु क आ मणों के कारण सा ा की शां ित और समृ म बाधा

m
उ ई।
 मंगोल जनजाित, नस के साथ यु के दौरान कुमारगु का िनधन हो गया।

ं दगु का इितहास (AD 455 – 467):

co
 कुमारगु -I का उ रािधकारी ं दगु था।
 सुदशन झील पु न: थािपत की।
 उनकी मृ ु के बाद, गु के महान िदन समा हो गए। सा ा जारी रहा लेिकन क ीय िनयं ण
कमजोर हो गया और थानीय रा पाल उ रािधकारी अिधकारों के साथ सामंती शासक बन गए।

भारत म गु सािह :
 कािलदास, महान सं ृ त नाटककार, इस अविध के थे। उनकी कृितयाँ ह: अिभ ानशुक म, (िव म
n.
सबसे अ ी सािह क रचनाओं म से एक के प म माना जाता है और यू रोपीय भाषा म अनुिदत होने
वाले सबसे पहले भारतीय सािह म से एक, बाद इसके भगव ीता का अनुवाद आ)ऋतुस ारा,
मेघदू तुम, कुमारसंघवम, मालिवकगिनिम म, रघु वंश, िव मोवशी आिद। इनम से , ऋतु स ारा, मेघदू त,
रघुवंश महाका ह और शेष नाटक ह।
ya
 िवशाखद ने मु ा स और दे िवचं गु की रचना की।
 िव ु शमा ने पंचतं और िहतोपदे श की रचना की।
 गु अविध म पािणनी और पतंजिल पर आधा रत सं ृ त ाकरण का िवकास भी दे खा गया।
 रामायण और महाभारत लगभग चौथी शता ी ई ी ारा लगभग पू रा हो गए थे।
अ राजवंश और शासक (7वी ं शता ी –12 वी शता ीAD)
हषवधन का इितहास (AD 606 – 647)
g

 पु भूित प रवार और भाकर वधन के पु से सं बंिधत


 मूल प से थाने र का था लेिकन क ौज म थानां त रत हो गया (हष की मृ ु के बाद क ौज को हष
की उ रािधका रयों से ितहारों ारा जीता गया)।
sc

 चीनी तीथया ी, हे न ां ग (राजकुमार या ी) ने इसके शासनकाल के दौरान मण िकया।


 हष ने यं तीन नाटकों - ि यदिशका, र ावली और नागानंद की रचना की।
 647 म हष की मृ ु के बाद सा ा एक बार िफर छोटे रा ों म िवभािजत हो गया।
 इ ंग, एक अ चीनी तीथया ी ने 670 ई ी म मण िकया।
S

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म कालीन भारत
750-1200 ई ी के म भारत
इस काल को भारतीय इितहास म पू व म काल के नाम से जाना जाता है .
प रचय
इस काल को िन दो िह ों म बांटते ह :-

m
(a) 750-1000 ई ी; (b) 1000-1200 ई ी

थम चरण को भारत म तीन मह पू ण श यों के उदय के प म जान जाता है . ये थीं – उ र भारत म


गु जर ितहार, पु व भारत म पाल और दि ण भारत म रा कूट. ये श यां उ र भारत के ‘गं गा के े ’ पर
अपने आिधप के िलए आपस म लगातार संघष करती रहती थीं. इन तीन महाश यों का संघष “ि प ीय

co
संघष” के नाम से जान गया.

ि तीय चरण (1000-1200 ई.) म हम तीन श यों के िबखराव और पतन को दे खते ह. फल प, पू रे दे श


म िविभ छोटे सा ा ों का ज आ. ये वे रा थे िज ोंने 11वी ं और 12वी ं शता ी म उ र-पि म म
महमूद गजनवी और मोह द गोरी के नेतृ वाले तु क आ मण को रोका और संघष िकया, ले िकन
आ मणका रयों के खलाफ कोई संयु मोचा न बना पाने के कारण अंततः वे असफल ए.

प व वंश
n.
1) दि ण भारत म प व वंश का उदय उस समय आ जब सातवाहन वंश अपने पतन की ओर था.
2) िशव ं दवमन को प व वंश का सं थापक माना जाता है .
ya
3) प व शासकों ने अपने शासनकाल म कांची को अपनी राजधानी बनाया.
4) इस काल के मुख शासक थे : िसंघवमा थम, िशव ं दवमन थम, वीरकुच, शा वमा ि तीय, कुमािव ु
थम, िसंघवमा ि तीय, और िव ुगोप.
िव ुगोप के बारे म खा जाता है िक वह समु गु से यु म परािजत हो गया था िजसके बाद प व कमजोर
पड़ गए.
5) िसंह वमा ि तीय के पु , िसंह िव ु ने 575 ई. म चोलों/काल की स ा को कुचलकर अपने सा ा की
g

पु न थापना की.
6) 670 म, परमे र वमा थम ग ी पर बै ठा. उसने चालु रजा िव मािद थम को आगे बढ़ने से रोका.
हालाँ िक चालु ों ने प वों के एक अ िस श ु पां राजा अ रकेसरी मारवमा से हाथ िमला िलया और
sc

परमे र वमा थम को परािजत कर िदया.


7) 695 ई. म परमे र वमा थम की मृ ु हो गई और एक शांिति य शासक नरिसंह वमा ि तीय उसका
उ रािधकारी बना. उसे कांची म िस कैलाशनाथ मंिदर बनवाने के िलए जाना जाता है . 722 ई. म अपने
बड़े बेटे की अचानक मृ ु के दु ःख म उसकी मृ ु हो गई.
8) 722 ई. म उसका छोटा पु परमे र वमा ि तीय ग ी पर बै ठा. वह 730 ई. म िबना की वा रस के ही मृ ु
को ा हो गया िजससे प व रा म एक अ व था ा हो गई.
S

9) सा ा के कुछ अिधकारीयों और र ेदारों के साथ घरे लु यु के बाद नं दी वमा ि तीय ग ी पर बै ठा.


उसने रा कूट राजकुमारी रीतादे वी से िववाह िकया और प व रा को पु नः थािपत िकया.
10) उसका उ रािधकारी दं तीवमा (796-846) बना िजसने 54 वष तक शासन िकया. दं तीवमा पहले रा कूट
शासक दं तीदु ग ारा और िफर पां शासकोण ारा परािजत आ. 846 म नंदीवमा तृ तीय उसका
उ रािधकारी बना.

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11) नंदीवमा तृ तीय का उ रािधकारी नृपतुंगवमा था िजसके दो भाई अपरािजतवमा और कंपवमा थे.
चोल राजा ने अपरािजतवमा को प व रा म गृ हयु छे ड़ने के िलए भड़काया. बाद म अपरािजत वमा
िसंहासन पर बै ठा.

चालु
कनाटक शासक, चालु ों के इितहास को तीन कालों म बां टा जा सकता है :
1) ारं िभक पि म काल (छठी – 8वी ं शता ी) बादामी (वातापी) के चालु ;

m
2) प ात् पि म काल (7वी ं – 12वी ं शता ी) क ाणी के चालु ;
3) पू व चालु काल (7वी ं – 12वी ं शता ी) वगी के चालु
1. पुलकेिशन थम (543-566) बादामी चालु वंश का थम शासक था िजसकी राजधानी बीजापु र म
वातापी थी.

co
2. कीितवमा थम (566-596) उसका उ रािधकारी था. जब इसकी मृ ु ई तब राजकुमार पु लकेिशन
ि तीय ब ा था इसिलए िसंहासन खाली रहा और राजा के भाई मं गलेश (597-610), को संर क शासक
के प म िनयु िकया गया. कई वष तक उसने राजकुमार की ह ा के कई असफल यास िकए िक ु
अंततः राजकुमार और उसक िम ों ारा यं की ह ा करवा ली.
3. पु लकेिशन थम का पु , पुलकेिशन ि तीय (610-642), हषवधन का समकालीन था और चालु का
सबसे िस रजा आ. उसका शासनकाल कनाटक के इितहास का सव े समय माना जाता है . उसने
नमदा के तट पर हषवधन को परािजत िकया.

वंश (वगी) की थापना ई.


5. 631 तक चालु
n.
4. कोसल और किलंग पर आिधप के प ात्, पुलकेिशन ि तीय के भाई कु िव ु वधन ारा पू व चालु

सा ा का िव ार इस समु से उस समु तक हो चु का था. हालाँ िक 642 म प व


शासक नरिसंहवमा थम ने चालु राजधानी बादामी पर आ मण कर िदया और पु लकेिशन ि तीय को
ya
परा कर उसकी ह ा कर दी.
6. चालु ों का उभार एक बार पु नः आ जब िव मािद थम (655-681), ने अपने समकालीन
पां ,प व, चोल और केरल के शासकों को परा कर उस े म चालु ों की सव ता थािपत की.
7. िव मािद ि तीय (733-745) ने प व सा ा के एक बड़े े पर अपना अिधकार जमाने के िलए
प व राजा नंदीवमा ि तीय को पर िकया.
8. िव मािद ि तीय का पु , कीितवमा ि तीय (745), रा कूट वंश के सं थापक दं तीदु ग ारा हर िदया
g

गया.

मदु रई के पा (छठी से 14वी ं शता ी)


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1) दि ण भारत म शासन करने वाले सबसे पु राने वंशों म से एक पा भी थे. इनका वणन कौिट के
अथशा और मेग थनीज के इं िडका म भी िमलता है .
2) इनका सबसे िस शासक नडूजेिलयन था िजसने मदु रई को अपनी राजधानी बनाया.
3) पा शासकों ने मदु रई म एक तिमल सािह क अकादमी की थापना की िजसे सं गम कहा जाता है .
उ ोंने ाग के वैिदक धम को अपनाया और ा ण पुजा रयों का सं र ण िकया. उनकी श एक जनजाित
‘काल ’ के आ मण से घटती चली गई.
S

4) छठी सदी के अंत म एक बार पु नः पां ों का उदय आ. उनका थम मह पू ण शासक दु दुं गन (590-
620) था िजसने काल ों को पर कर पां ों के गौरव की थापना की.
5) अंितम पां राजा परा मदे व था जो दि ण म िव ार की ि या म उसफ़ खान (मु ह्हमद-िबन-तु गलक़
का वायसराय) ारा परािजत िकया गया.
चोल (9वी ं – 13वी ं शता ी)

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1) चोल वंश दि ण भारत के सबसे िस वंशों म से एक है िजसने तं जौर को अपनी राजधानी बनाकर
तिमलनाडु और कनाटक के कुछ िह ों पर शासन िकया.
2) आरं िभक चोल शासक का रकाल चोल थे िज ोंने दू सरी शता दी म शासन िकया.
3) 850 म पा -प व यु के दौरान िवजयालय ने तं जौर पर अपना आिधप जमा िलया. अपने
रा ािभषेक को सफल बनाने के िलए इसने तं जौर म एक मं िदर बनवाया. इस दौरान वणबेलगोला म
गोमाते र की एक िवशाल ितमा भी थािपत कराई गई.
4) िवजयालय का पु आिद थम (871-901)उसका उ रािधकारी बना.

m
5) राजराज थम (985-1014) के शासन के दौरान चोल अपने शीष पर थे. उसने रा कूटों से अपना े
वापस छीन िलया और चोल शासकों म सवािधक श शाली बन गया. उसने तं जावुर (तिमलनाडु ) म भगवान
िशव का एक सु र बनवाया. यह उसके नाम से राजराजे र कहलाया.
6) राजराज थम का पु , राज चोल (1014-1044), इस वंश का एक अ मह पू ण शासक था िजसने

co
उड़ीसा, बं गाल, बमा और अंडमान एवं िनकोबार ीप पर अपना आिधप थािपत कर िलया. इसके
शासनकाल के दौरान भी चोल वंश की िस चरम पर थी.
इसने ी लंका पर भी अपना क ा िकया था.
7) कुलो ुंग थम (1070-1122) एक अ मह पू ण चोल शासक था. कुलो ुंग थम ने दो सा ा ों वगी के
पू व चालु और तं जावुर के चोल सा ा को जोड़ िदया. आिद सदी के ल े शासन के बाद 1122
ई.कुलो ुंग थम की मृ ु हो गई और उसका पु िव म चोल, िजसे ागसमु भी कहते थे, उसका
उ रािधकारी बना.
n.
8) चोल वंश का अंितम शासक राज तृ तीय (1246-79) था. वह एक कमजोर शासक था िजसने पां ों के
सम समपण कर िदया. बाद म मािलक काफूर ने 1310 म इस तिमल रा पर आ मण कर िदया और चोल
सा ा समा हो गया.
ya
रा कूट
1) दं तीदु ग (735-756) ने इस सा ा की थापना की. रा कूटों ने चालु ों को उखड फका और 973 ई.
तक शासन िकया.
2) दं तीदु ग का उ रािधकारी कृ थम (756-774) बना. कृ थम ने िवड़ शैली के एलोरा के िस
कैलाशनाथ मंिदर का िनमाण करवाया.
3) इस वंश के अ शासक थे गोिव ि तीय (774- 780), ुव (780-790), गोिव तृतीय (793-814) और
g

अमोघवष नृपतुं ग थम (814-887).


4) अमोघवष इस वंश का महान शासक था. वह गोिव तृ तीय का पु था. अमोघवष के सा ा के िव ार
के िवषय म अरबी या ी ‘सुलेमान’ से जानकारी िमलती है जो 851 ई. म उसके दरबार म आया था और
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अपनी पु क म िलखा है िक ”उसका सा ा उस समय के दु िनया के चार बड़े सा ा ों म से एक था”.


5) इस दौरान भारत म आये अरबी या ी, अल-मा दी ने रा कूट राजा को, ‘भारत का महानतम राजा’ कहा है .
क ाणी का चालु वंश की थापना ते ल थम ारा 974-75 म रा कूटों के पराभव के बाद ई थी.
6) उसके ारा थािपत राजवंश, िजसकी राजधानी क ाणी (कनाटक) थी, बाद के क ाणी के चालु
कहलाये ( ारं िभक चालु बादामी के चालु थे). तैलप ने 23 वष (974-997) तक शासन िकया.
S

ितहार (8वी ं से 10वी ं शता ी)


a) ितहारों को गु जर ितहार भी कहा जाता था. ऐसा शायद इसिलए था ोंिक ये मूलतः गु जरात या दि ण-
पि म राज थान से थे.
b) नागभ थम, ने िसंध से राज थान म घुसपै ठ करने वाले अरबी आ मणका रयों से पि म भारत की र ा
की.

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c) नागभ थम, के बाद ितहारों को लगातार हार का सामना करना पड़ा िजसम इ सवािधक रा कूट
शासकों ने परािजत िकया.
d) ितहार श , िमिहरभोज, जो भोज के नाम से िस था, की सफलता के बाद अपना खोया गौरव पु नः पा
सकी.
e) उसके िव ात शासन ने अरबी या ी सुलेमान को आकिषत िकया था.
f) िमिहरभोज का उ रािधकारी महे पाल थम था िजसकी मु ख उपल मगध और उ री बं गाल पर
अपना आिधप था. उसके दरबार का िस ले खक राजशे खर था िजसने अनेक सािह क रचनाएँ िलखी -

m
1) कपू रमंजरी, 2) बालरामायण, 3) बाला और भरता, 4) का मीमां सा
g) महे पाल की मृ ु के साथ ही िसंहासन के िलए संघष शु हो गया. भोज ि तीय ने ग ी क ा ली लेिकन
ज ही, सौतेले भाई मिहपाल थम ने खुद को िसंहासन वा रस घोिषत कर िदया.
रा कूट शासक इ तृतीय के द न वापसी से मिहपाल को उसके आ मण से लगे घातक झटके से सँ भलने

co
का मौका िमला. मिहपाल का पु और उ रािधकारी, महे पाल थम अपने सा ा को बनाये रखने म
कामयाब रहा.

पाल (8वी ं से 11वी ं शता ी)


1) नौंवी शता ी म भारत आये अरबी ापारी सुलेमान ने पाल सा ा को ‘ मी’ कहा है .
2) पाल सा ा की थापना 750 ई. म गोपाल ने की थी. गोपाल एक उ ट बौ था.
3) उसने ओदं तपुरी (िबहारशरीफ़ िजला, िबहार) म बौ िबहार की थापना की.

के िलए
n.
4) गोपाल का उ रािधकारी धमपाल बना िजसने पाल रा को महानता पर प ँ चाया. उसके नेतृ म रा
का िव ार आ और लगभग समपूण बं गाल एवं िबहार उसका िह ा बन गए.
5) 32 वष के शासन के बाद धमपाल की मृ ु हो ओ गई और वो अपना िव ृ त सा ा अपने पु दे वपाल
छोड़ गया.
ya
6) दे वपाल 810 म ग ी पर बै ठा और 40 वष तक शासन िकया. उसने ाग ोितषपु र (असम), उड़ीसा के
े ों और आधुिनक नेपाल के े ों पर अपना िनयं ण थािपत िकया.
7) उसने िस बौ लेखक ह रभ को सं र ण िदया. बौ किव और लोके रशतक के लेखक व द ,
दे वपाल के राजदरबार म िवभू िषत होते थे.

सेन (11वी ं से 12वी ं शता ी)


g

1) सेन वंश ने पालों के बाद बं गाल बं गाल पर शासन िकया.


2) इसका सं थापक सामंतसेन था जो ‘ ि य’ कहलाया.
3) सामंतसेन के बाद उसका पु हेमंतसेन ग ी पर बै ठा. इसने बं गाल की अ थर राजनीितक थित का लाभ
sc

उठाकर एक तं रयासत के प म खुद को मुखता से थािपत िकया.


4) हे मंतसेन का पु िवजयसेन ( िस राजा) लगभग स ू ण बं गाल पर िनयं ण थािपत कर अपने प रवार को
काश म लाया. िवजयसेन ने अनेक उपािधयाँ ली जै से – परमे र, परमभ ारक और महाराजािधराज.
5) िस किव ीहष ने उसकी शंसा म िवजय श की रचना की.
6) िवजयसेन का उ रािधकारी उसका पु ब ालसे न बना. वह एक िस िव ान था.
7) ल णसेन के शासन के दौरान ये सा पतन की ओर आ गया था.
S

दे विगरी के यादव (12वी ं से 13वी ं शता ी)


a) इस वंश का थम सद ीध हर था. हालाँ िक ीध हर का पु ोंनच थम वह पहला था
िजसने अपने प रवार के िलए रा कूटों से जागीरदार का पद ा िकया.
b) िभ म ने यादव सा ा की नींव रखी जो एक शता ी तक कायम रहा.

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c) िसहं न इस प रवार का सबसे श शाली शासक था.


d) दि ण म अपनी सफलता से उ ेिजत होकर िसंहन ने अपने वंशगत श ु , उ र म परमार और गु जरात म
चालु ों से यु छे ड़ा.
e) उसने परमार राजा अजुनवमन को परािजत कर उसकी ह ा कर दी. इस तरह िसंहन के शासन म यादव
रा अपने गौरव के चरम पर प ं चा.
f) संगीत पर एक मुख रचना ‘संगीतर ाकर’ इसके दरबार म िलखी गई. अनंतदे व और चां गदे व, दो िस
खगोलशा ी इसके दरबार म िवभू िषत होते थे.

m
g) संभवतः रामचं अंितम यादव शासक था.
मािलक काफूर ने आसानी से कंकरदे व को परा कर ह ा कर दी और यादव रा को अपने क े म ले
िलया.

co
गजनवी के आ मणकारी

महमूद गजनवी (997-1030)


a) वह बुत-िशकन (मूितयों को तोड़ने वाला) के नाम से भी जाना जाता है ोंिक उसने 1000 ई. से 1027 ई.
के बीच भारत म स ह लूट अिभयान चलाए.
b) अपने पू व ा के प म पंजाब पर क ा कर उसने दावा िकया िक वह दो उ े ों से भारत म आया है ,
एक भारत म इ ाम का सार और दू सरा भारत से धन संपि लू टकर यं को अमीर बनाना.
n.
c) 1025 ई. म उसने िह दु ओं के िव ात मंिदर गु जरात के सोमनाथ मं िदर पर आ मण िकया.
d) अलब नी िजसने िकताब-उल-िहं द (तहकीक-ए-िहं द) िलखी, िफरदौसी िजसने शाहनामा िलखा, ये महमू द
गजनवी के दरबारी इितहासकार थे. 1010 से 1026, तक आ मणकारी मं िदरों के शहरों थाने र, मथुरा और
क ौज की और बढ़ते रहे और अंततः सोमनाथ पर आ मण िकया.
ya
मुह द गोरी (शहाबु ीन मुह द)
1173 ई. म शहाबु ीन मुह द (1173–1206 ई.), िजसे मु ह द गोरी भी कहते थे, गजनी की ग ी पर बै ठा.
गोरी इतना श शाली नहीं था िक वह ा रज़मी सा ा की बढ़ती श का सामना कर पाता इसिलए उसे
एहसास आ िक म ऐसा म उसके ा करने के िलए कुछ नहीं है .
g

पंजाब और िसंध पर क ा
a) मुह द गोरी ने अपना पहला अिभयान 1175 ई. म शु िकया. वह मु ान की ओर बढ़ा और मु ान पर
अिधकार कर िलया. इसी समय उसने भाित राजपू तों से उ छीन िलया.
sc

b) 3 वष बाद 1178 ई. म वह पु नः गुजरात क ाने के िलए बढ़ा लेिकन गुजरात के चालु शासक भीम
ि तीय ने उसे अिहलवाड़ा के यु म बु री तरह परािजत िकया. ले िकन 1190 ई. म इसने मु ान, पं जाब और
िसंह को सुरि त कर गं गा के दोआब म एक जोरदार हमले के िलए माग श िकया.

िद ीस नत की थापना और िव ार
S

तराइन का थम यु (1191ई.)
1191ई. म तराइन म लड़े गए थम यु म गोरी की से ना बु री तरह परा ई और वह मरते मरते बचा.
पृ ीराज ने भिटं डा पर अिधकार तो जमा िलया िक ु उसने िकले म से ना की पया व था नही ं की. इसने
गोरी को, अपनी सेना को पु नः इक ा कर भारत पर एक और आ मण का मौका दे िदया.

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तराइन का ि तीय यु (1192ई.)


यह यु भारतीय इितहास म एक िनणायक मोड़ सािबत आ. मु ह द गोरी इस यु के िलए पू री तै यारी के
साथ आया था. तु क और राजपूत श यां एक बार िफर तराइन के मैदान म आमने सामने थीं. राजपूत
सैिनक, तुक सैिनकों से अिधक सं ा म थे िक ु तु क सैिनकों के पास पू णतः व थत त र घुड़सवार से ना
थी. भारतीय श यों का तुक घुड़सवार से ना से कोई मेल नहीं था. तु क घु ड़सवार दो तकनीकों का योग कर
रहे थे. पहली थी घोड़ों के जूते जो उनके खुरों की र ा कर रही थी और दू सरी तकनीक, लोके के रकाबों का
योग थी जो घुड़सवारों को अ ी पकड़ श दे रही थी और यु म बे हतर हार श दे रही थी. बड़ी

m
सं ा म भारतीय यो ा मारे गए.पृ ीराज ने भागने का यास िकया िक ु सरसुती के िनकट पकड़ा गया.
तु क सेना ने हां सी, सरसुती और समाना के िकले अपने क े म ले िलए. िफर वे िद ी और अजमेर की और
बढ़े . तराइन के बाद गोरी गजनी लौट गया और भारत का शासन अपने िव सनीय दस् क़ुतुबु ीन एबक को
सौंप गया.

co
1194 ई. म मुह द गोरी पुनः भारत लौटा. उसने 50,000 घुड़सवारों के साथ यमुना पार की और क ौज की
और बढ़ा. उसने क ौज के शासक जयचंद को च ावर को परािजत िकया.
इस कार, तराइन और च ावर के यु ों ने उ री भारत म तु क शासन की नींव रखी. 1206 ई. म गोरी की
मृ ु हो गई लेिकन इसका यह अथ कतई नहीं था िक भारत म तु क शासन समा हो गया था, वह अपने पीछे
अपने गुलाम सेनापित कुतुबु ीन ऐबक को छोड़ गया था जो िद ी स नत का पहला सुलतान बना.

िद ी स नत
n.
मुह द गोरी की ह ा के बाद, िद ी का िनयं ण क़ुतुबु ीन ऐबक के हाथों म आ गया.
इस काल को पां च अलग-अलग कालों म बां टा जा सकता है . ये ह:-
1. गु लाम वंश (1206-90)
2. खलजी वंश (1290-1320)
ya
3. तु गलक़ वंश (1320-1414)
4. सैयद वंश (1414-51)
5. लोदी वंश (1451-1526).

गुलाम वंश
g

क़ुतु बु ीन ऐबक (1206-10)


• यह मूलतः एक तु क गु लाम था, िजसे मुह द गोरी ने ख़रीदा था और बाद म अपना गवनर बना िदया था.
• गोरी की मृ ु के बाद, ऐबक िद ी स नत का ामी बना और 1206 ई. म गु लाम वंश की नींव रखी.
sc

• इसके शासन काल म राजधानी िद ी नहीं ब लाहौर थी.


• इसकी दानशीलता के कारण, इसे लाख ब स की उपािध िमली.
• यह 1210 म चौगन या पोलो खेलते ए मर गया.
• इसने दो म द, िद ी म कु त-उल-इ ाम और अजमे र म अढ़ाई िदन का झोपड़ा बनवाई.
• उसने िस सूफी संत ाज़ा कुितबु ीन ब यार काकी की याद म क़ुतुब मीनार का िनमाण शु
करवाया.
S

• ऐबक सीखने म िव ास करता था. उसने ‘ताज-उल-म र’ के लेखक हसन-उन-िनजामी और ‘ता रख-ए-
मुबारक शाही’ के लेखक फख ीन का संर ण िकया.

आराम शाह (1210)


• यह ऐबक का पु था जो जुद के यु मइ ुतिमश ारा परािजत कर िदया गया.

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शमशु ीन इ ुतिमश (1210-36)


• यह ऐबक का एक गुलाम था और ममलूक जनजाित का था. इसने 1211 ई. म िद ी म ग ी पर क ा कर
िलया.
• इ ुतिमश ने सर-ए-जहां दार के प म शु आत की थी िजसका अथ होता था शाही र क.
• वह एक स म शासक था और ‘िद ी स नत का वा िवक सं थापक’ माना जाता है .
• उसने लाहौर की बजाय िद ी को अपनी राजधानी बनाया.

m
• उसने ार शाह को शरण दे ने से इनकार कर, मं गोल शासक चं गेज़ खान से िद ी स नत की र ा
की, जो ा र का पीछा कर रहा था.
• उसने चांदी का िस ा (टं का) और तां बे का िस ा (जीतल) चलाया.
• उसने इकता णाली की शु आत की और नाग रक शासन एवं से ना म सुधार िकए िजनका वेतन भुगतान

co
और भत अब के ीय र से की जाने लगी थी.
• उसने गु लामों के एक अिधका रक गुट गठन िकया िजसे चहलगानी/चालीसा (40 लोगों का समूह) कहा जाता
था.
• उसने ऐबक ारा शु कराए गए क़ुतुब मीनार के िनमाण को पूरा करवाया.
• उसने ‘तबाक़त-ए-नािसरी’ के लेखक ‘िमनाज-उस-िसरज’ को संर ण िदया.

कनु ीन : 1236

गया था.
n.
• वह इ ुतिमश का बे टा था और अपनी माँ , शाह तुकान ारा, इ

• वह इ ुतिमश की बे टी रिजया ारा अपद थ कर िदया गया.


ुतिमश की मृ ु के बाद ग ी पर बै ठाया
ya
रिज़या सुलताना: (1236 – 40)
• इ ुतिमश ने अपनी बेटी रिज़या को अपना उ रािधकारी घोिषत िकया था िक ु कूच लोगों ने कनु ीन
िफ़रोज़ को ग ी पर बै ठा िदया.
• वह ‘पहली और एकमा मु म ी’ थी िजसने अब तक भारत पर शासन िकया.
• उसने िबना परदे के शासन िकया.
• उसने अबीसीिनयाई गु लाम मािलक याकूत को उ पद दे कर अमीरों को नाराज कर िदया.
g

• इ ुतिमश के वज़ीर जुनैदी ने उसके खलाफ िव ोह कर िदया ले िकन वह परा आ.


• भिटं डा म एक गं भीर िव ोह आ. भिटं डा के गवनर अ ुिनया ने रिज़या का आिधप मानने से इनकार कर
िदया. रिज़या याकूत के साथ अ ुिनया के खलाफ लड़ने िनकल पड़ी. हालाँ िक ने याकूत की ह ा कर दी और
sc

रिज़या को बंदी बना िलया.


• बाद म, रिज़या ने अ ुिनया से शादी कर ली और दोनों ने िद ी की और माच िकया. इधर िद ी म अमीरों
ने इ ुतिमश के तीसरे बे टे बहराम शाह को ग ी पर बै ठा िदया.
• 1240 ई. म रिज़या एक षड़यं का िशकार बनी और कैथल (हरयाणा) के िनकट उसकी ह ा कर दी गई.

बहराम शाह (1240-42)


S

• इ ुतिमश का तीसरा बेटा बहराम शाह, श शाली तुक अमीरों के गु ट चालीसा ारा ग ी पर िबठाया गया.
• बाद म वह तु क अमीरों ारा मार िदया गया.

अलाउ ीन मसूद शाह: 1242-46

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• यह कनु ीन िफ़रोज़ का बे टा था.


• यह बलबन और नािस ीन महमूद की माँ, म का-ए-जहाँ के षड़यं के बाद अपद थ कर िदया गया और
नािस ीन महमूद नया सु ान बना.

नािस ीन महमूद 1246-66


• यह इ ुतिमश का बड़ा बेटा था.
• िमनाज-उस-िसरज ने अपनी पु क, तबाक़त-ए-नािसरी इसे समिपत की है .

m
गयासु ीन बलबन : 1266-87
• नािस ीन के मौत के बाद; 1266 म बलबन ग ी पर बै ठा.
• इसने चालीसा की श समा कर दी और ताज की ित ा को पु न थािपत िकया. इसने इसने शासन बंध

co
को बे हतर बनाया.
• बलबन की शासन व था पारी दरबार मॉडल से भािवत थी. उसने िजल-ए-इलाही (ई र की छाया) की
उपािध ली.
• उसने िसजदा(स ाट को सा ांग णाम) और पैबोस (स ाट के पैर चूमना) था शु करवाई.
• खुद को िजल-ए-इलाही (ई र की छाया) कहके राजा के अिधकारों को दै वी अिधकार बताया.
• उसने ाय और कानून व था बनाने पर अ िधक बल िदया.
• उसने सै िवभाग दीवान-ए-अज़ बनाया.
n.
• अपने अंितम िदनों म, अपने बड़े और सबसे ि य पु , मुह द की मौत के कारण वह स नत के काय की
अनदे खी करने लगा. उसके नजदीकी और ि य गु लाम तु ग रल के िव ोह ने भी उसे परे शान कर िदया.
मुह द, मंगोलों के खलाफ लड़ते ए 1285 म मारा गया और तु ग रल को पकड़ कर मौत की सजा दे दी गई.
ya
कैकुबाद : 1287-90
• यह बलबन का पोता था और िद ी के कोतवाल फख ीन ारा ग ी पर बै ठाया गया था.
• लेिकन कैकुबाद की ह ा अमीर कैमूर ने कर दी.
• कैकुबाद का छोटा बेटा ग ी पर 3 वष म बै ठा.
• वह अंितम इलबरी शासक था.
• खलजी अमीरों ने इसके खलाफ ां ित कर दी इसे तीन महीने म मार िदया.
g

खलजी वंश (1290-1320ई.)


sc

जलालु ीन खलजी
• इसने खलजी वंश की थापना की.
• यह एक उदार शासक था और धािमक सिह ुता की नीित अपनाई.
• उसका दामाद और भतीजा अलाउ ीन खलजी था.

अलाउ ीन खलजी
S

• यह िद ी का पहला तुक सुलतान था िजसने राजनीित से धम को अलग िकया. इसने घोषणा की िक,
‘शासन कोई र ेदारी नही ं जानता’
• जलालु ीन खलजी के शासन म यह कड़ा का गवनर या सू बेदार था.
• इसने िसकंदर-ए-सैनी या दू सरा िसकंदर की उपािध धारण की.

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• अलाउ ीन ने गु जरात (1298), रणथंभोर (1301), मेवाड़ (1303), मालवा (1305) और जालोर (1311) को
अपने अिधकार म कर िलया.
• द न म, मिलक काफूर के नेतृ म अलाउ ीन की से ना ने, रामच यादव (दे विगरी का यादव शासक),
ताप दे व (वारं गल का काकतीय शासक), वीर ब ाल तृतीय ( ासमु का होयसल शासक) और वीर
पा (मदु रई का पा शासक) को परािजत िकया.
• मिलक काफूर को मिलक नैयब के िख़ताब के नवाजा गया.

m
शासिनक और बाजार सुधार
• अमीरों ारा उ सम ाओं से बचने के िलए अ ाउदीन ने 4 अ ादे श जारी िकये. ये थे-
1. धिन यों की संपि छीनने का आदे श (इसका उ े धािमक िनिध और मु भूिम का अनुदान की
ज ी था).

co
2. गु चर िवभाग का गठन िकया गया.
3. शराब पर ितब लगाया गया.
4. अमीरों के मेल-िमलाप व आपसी वैवािहक संबंधों पर सुलतान की अनुमित अिनवाय कर दी गई.
• इसने दाग (घोड़ों को दागने) और चेहरा (सैिनकों का िलया रखने) की था ारं भ की.
• अलाउ ीन ने स ूण भूिम की पैमाइश का आदे श िदया और िफर उसम से रा का िह ा तय िकया.
• राज उगाही म सुधार के िलए दीवान-ए-मु खराज पद बनाया.
• उसने सभी व ु ओं की कीमत तय करने का यास िकया.
n.
• सभी व ुएं बे चने के िलए खुले बाजार म लायी जाती थीं िजसे सराय-अल-अदल कहते थे.
• उसने अनेक िकले बनवाए िजसम अलाई का िकला सबसे मह पू ण है . उसने क़ुतुब मीनार का वेश ार,
अलाई का दरवाजा भी बनवाया. इसने िद ी म हजार ख ों वाला महल हजार सुतून बनवाया.
• वह कला और िव ानों का संर क था. किव-सं गीतकार अमीर खु सरो उसके िस दरबारी किव थे.
ya
• 1316 ई. म अलाउ ीन की मृ ु के बाद मिलक काफूर ने ग ी क ा ली.
• अपनी मौत से पहले मिलक काफूर ने िशहाबु ीन (अलाउ ीन का छः साल का बे टा) को राजा िनयु िकया
और सबसे बड़े राजकुमार मुबारक खान को जेल म डाल िदया.
• काफूर अलाउ ीन के शाही प रवार के वफादारों ारा मार िदया गया.

िशआबु ीन उमर (1316)


g

• यह िजताईपाली, िजसे अलाउ ीन की मौत के बाद ग ी पर चढ़ाया गया था, का छोटा बे टा था.
• यह दरबारी षड़यं का िशकार बना और बाद म अँ धा कर िदया गया.
sc

मुबारक खलजी (1316-20)


• इसने 18 हजार कैिदयों को मु कर िदया.
• इसने अलाउ ीन खलजी के सभी शासिनक और बाजारी सुधारों को बदल िदया.
• इसके समय म दे विगरी पर अिधकार िकया गया.
S

तुगलक़ वंश

गयासु ीन तुगलक़
• कुराना जनजाित के गाजी मिलक या गयासु ीन तु गलक़ ने तु गलक़ वंश की थापना की.
• सु ान बनने से पहले वह दीपालपुर का सूबेदार था.

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• िद ी के पास िवजय मंडप के िगरने से उसकी मृ ु हो गई.

मोह द-िबन-तुगलक़ (1325-51)


• 1325 ई. म गयासु ीन तुगलक़ का पु , राजकुमार जौना खां ग ी पर बै ठा.
• इसने उलुघ खां की उपािध धारण की. यह िद ी स नत के सभी सु ानों म सबसे पढ़ा िलखा सु लतान था.
• इसने कृिष के िवकास के िलए दीवान-ए-अमीरकोही नमक िवभाग की थापना की.
• इसने सोनधार अथात बंजर भूिम पर कृिष के िवकास के िलए अि म उधार, िवत रत करवाया.

m
• इसने अनाज के थान पर नगदी फसलों को ो ाहन िदया.

जलालु ीन एहसान शाह


1336: ह रहर और बु ा ारा िवजयनगर सा ा की थापना की थापना; और क ै या के नेतृ म वारं गल

co
तं हो गया.

पांच योग

• दोआब म भू -राज /कर : सु ान ने गं गा और यमु ना के दोआब म एक गलत िव ीय योग िकया.उसने न


केवल राज म वृ की ब कई अ अबवाब या उपकार भी लगा िदए.
सुलतान ने नया कृिष िवभाग दीवान-ए-कोही बनाया. इसका मु उ े िकसान को सीधे मदद दे कर
खेतीयो भूिम म बढ़ोतरी करना था. n.
• राजधानी प रवतन : सु ान बनने के बाद मुह द-िबन-तु गलक़ का सबसे िववािदत कदम िद ी से
दे विगरी राजधानी प रवतन था. इसने लोगों को िद ी से दे विगरी जाने का आदे श दे िदया. दि ण भारत म
ya
तु क शासन के िव ार का आधार दे विगरी बन गया था. ऐसा तीत होता है िक सु ान दे विगरी को दू सरी
राजधानी बनाना चाहता था तािक वह दि ण भारत पर बे हतर िनयं ण थािपत कर सके. तब दे विगरी का नाम
बदल कर दौलताबाद रखा गया.
• सां केितक मु ा का चलन: मुह द-िबन-तु गलक़ ने पीतल के िस े चलाने का फैसला िकया.िजसकी
कीमत चां दी के िस ों के बराबर थी. संभवतः वह सफल भी हो जाता अगर लोगों ने अपने घरों म िस े
बनाने न शु िकये होते. वह ऐसा करने म सफल नहीं हो सका और बाजार म इन िस ों का भारी अवमू न
g

हो गया. अंततः मुह द-िबन-तु गलक़ को ये िस े वापस लेने पड़े . उसने पीतल के िस ों के बदले चांदी दे ने
का वादा िकया.
sc

• ािवत खुरासान अिभयान: सु ान ने िव िवजय का ल रखा. उसने खु रासान और इराक़ पर िवजय


का फैसला िकया और इस हेतु एक िवशाल से ना तै यार की. उसे उन खु रासानी अमीरों से उ ाह िमला िज ोंने
उसके दरबार म शरण ली थी. द् थ ही खु रासान म अलोकि य शासक अबू सै यद के कारण अ थरता थी.
खुरासान म राजनीितक थित म प रवतन के कारण यह योजना थिगत करनी पड़ी.

• करािचल अिभयान: यह अिभयान िहमालयी े कुमाऊँ की पहािड़यों म चीनी आ मण के जवाब म िकया


S

गया था. ऐसा भी कहते ह िक अिभयान कुमाऊँ-गढ़वाल े की कुछ घुमंतू जनजाितयों के खलाफ था तािक
उ िद ी स नत के अंतगत लाया जा सके. पहला हमला तो सफल रहा िक ु वषा का मौसम ारं भ होने
के बाद आ मणकारी हमलावर हो गए.
• वह थ ा (िसंध) म अपने तुक गुलाम तग का पीछा करते ए मृ ु को ा आ.

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िफरोज शाह तुगलक़ (1351-88)


• वह मोह द-िबन-तु गलक़ का चचेरा भाई था.
• उसने अमीरों, सेना और उलेमाओं के तु ि करण की नीित अपनाई.
• राज की नई व था कुरान के अनुसार थी. कुरान ारा 4 तरह के कर बताये गए ह. ये ह – खराज,
ज़कात, जिज़या और ख . खराज भूिम कर था जो भूिम से उ ादन का 1/10 िह ा था. ज़कात 2% संपि
कर था (जो केवल मुसलमानों पर य िकया जाता था), जिज़या गै र-मुसलमानों पर लगाया गया कर था और
ख यु े के दौरान लूट के माल पर 1/5 िह ा लगने वाला कर था.

m
• िफ़रोज़ ने क रपं थी उलेमाओं ारा गैर इ ािमक बताये गए सभी थाओं को बंद कराने का यास िकया.
इसीिलए उसने संतों के क ों पर, मिहलाओं को ाथना करने पर ितबं ध लगा िदया और महल से सब
िच कारी िमटा दी गई.
• िफ़रोज़ के समय म ही जिज़या एक अलग कर था.

co
• कृिष को बढ़ावा दे ने के िलए सुलतान िसंचाई पर ब त ान दे ता था. िफ़रोज़ ने नहरों की मर त करवाई
और हक-ए-शब नमक िसंचाई कर लगाया.
• वह एक अ ा भवन िनमाता भी था. उसने फते हाबाद, िहसार, जौनपुर और िफ़रोज़ाबाद शहर बसाये .
• अशोक के दो ंभ, एक टोपरा (हरयाणा) से और दू सरा मे रठ (उ र दे श) से िद ी मं गवाए.
• सुलतान ने िद ी म एक अ ताल, दार-उल-िशफ़ा की थापना की.
• गरीब लड़िकयों के िववाह के िलए एक नए िवभाग दीवान-ए-खैरात की थापना ई.
• तथािप उसका शासनकाल शां ित का माना जाता है और इसका ी उसके धानमं ी खान-ए-जहाँ मकबूल को
जाता है .
• 1388 ई. म इसकी मृ ु हो गई.

सैयद वंश
n.
ya
• ख खां (1414-21)
• मुबारक शाह (1421-34)
• मुह द शाह (1434-43)
• आलम शाह (1443-51)—यह अंितम सैयद शासक था िजसने िद ी पर बहलोल लोदी का दावा ीकार
कर स ा उसे सौंप दी और लोदी वंश की नींव पड़ी.
लोदी वंश
g

बहलोल लोदी : 1451-88


• बहलोल लोदी एक अफ़ग़ान सरदार था िजसने तै मूर के आ मण के बाद खु द को पं जाब म थािपत कर
sc

िलया था.
• इसने लोदी वंश की थापना की.
• इसके शासन म जौनपुर िद ी स नत म िमला िलया गया.

िसकंदर लोदी : 1489-1517


• िसकंदर लोदी, बहलोल लोदी का बे टा था िजसने िबहार और पि म बं गाल पर अिधकार थािपत िकया.
S

• आगरा शहर की थापना इसी ने की थी.


• िसकंदर एक क र मुसलमान था. उसने नगर कोट म ालामुखी मंिदर की पिव मूितयों को न कर डाला
और मथुरा के मंिदर को करने का आदे श िदया.
• इसने गै र मु मों पर पु नः जिज़या कर लगा िदया.
• यह गु ल खी उपनाम से किवताये ँ िलखता था.

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• इसने कृिष के िवकास म काफी िच िदखाई. इसने उपज भू िम को मापने के िलए 32 अंकों वाले गज-ए-
िसकंदरी (िसकंदर का गज) नाम से नए माप की शु आत की.

इ ािहम लोदी : 1517-26


• यह लोदी वंश का अंितम राजा और िद ी स नत का अंितम सुलतान था.
• यह िसकंदर लोदी का बेटा था.
• पं जाब के सूबेदार दौलत खां लोदी ने इ ािहम लोदी को उखाड़ फकने के िलए बाबर को आमं ि त िकया.

m
• बाबर ने सौदा मंजूर कर िलया और 1526 ई. म पानीपत के थम यु म लोिदयों को बु री तरह परा कर
िदया.
• यह यु थल म मारा जाने वाला िद ी स नत का एकमा सुलतान था.

co
2.2 स नतकालीन शासन
• स नत शासन म चार िवभाग मुख थे :-
दीवान-ए-िवजारत या िव िवभाग
दीवान-ए- रसालत या धािमक मामलों और अपीलों का िवभाग
दीवान-ए-अज़ या सै िवभाग
दीवान-ए-इं शा या शाही प वहार िवभाग

2.3 िद ी स नत के अंतगत कला एवं थाप n.


• तु क िवजेताओं ारा लायी गई नई िवशेषताएं थीं :
गु द
बु लंद इमारत
ya
िबना बीम के सहारे की मेहराब
मेहराब
• ऐबक ने जमी म द और कु त-उल-इ ाम म द का िनमाण करवाया. उसने क़ुतुब मीनार का िनमाण
भी ारं भ करवाया.
• ऐबक ने अजमेर म सफ़ेद संगमरमर की एक न ाशीदार मे हराब से यु एक खूबसूरत ाथना सभा,
अढ़ाई िदन का झोपड़ा भी बनवाया.
g

• मेहराबों का सव थम योग महरौली (िद ी) म गयासु ीन बलबन के मकबरे म दे खने को िमलता है .


• अलाउ ीन खलजी ने क़ुतुब मीनार की बराबरी म अलाई मीनार का िनमाण ारं भ करवाया लेिकन उसकी
मृ ु के कारण यह काम पू रा न हो सका.
sc

• तु गलक़ की कुछ मुख इमारत ह; तु गलकाबाद का िकला, गयासु ीन तु गलक़ की क जो एक नई शै ली


इं डो-इ ािमक शैली का नमूना है .

मुग़ल काल
S

बाबर
• भारत मुग़ल शासन की थापना बाबर ने 1526 ई. म रखी.
• वह िपतृ प से तै मूर का वंशज और मातृ प से चंगेज़ खां का वंशज था.
• वह इ ािहम लोदी के खलाफ, दौलत खां लोदी और आलम लोदी ारा भारत बु लाया गया था.

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• उसने 21 अ ैल, 1526 ई. म इ ािहम लोदी को पानीपत के थम यु म हराकर मुग़ल वंश की थापना की.
• 1527 म उसने खानवा म मेवाड़ के राणा सां गा को हराया.
• 1528 म उसने चंदेरी के शासक मेिदनी राय को चंदेरी के यु म परा िकया.
• 1529 म उसने मुह द लोदी (इ ािहम लोदी का चाचा) को घाघरा के यु म परा िकया.
• 1530 ई. म आगरा म उसकी मृ ु हो गई. उसकी क लाहौर म है . केवल दो मु ग़ल बादशाहों, बाबर और

m
बहादु र शाह ज़फ़र की क वतमान भारत के बाहर है .
• वह भारत म बा द और तोपों का योग करने वाला पहला था.
• दो िस बंदूकची मु फा और उ ाद अली उसकी से ना म थे.

co
• उसने अपनी आ कथा ‘तुजुक-ए-बाबरी’ तुक म िलखी है .
• तु जुक-ए-बाबरी का, बाबरनामा नाम से पारसी भाषा म अ ु र रहीम खान-ए-खाना और अं ेजी म मदान
बे ि ज ने अनुवाद िकया गया है .
• उसने दो का सं ह, तु क भाषा म ‘दीवान’ और पारसी म ‘मुबइयान’ को कलमब िकया. उसने रसल-ए-
उसज़ या ख़त-ए-बाबरी की भीरचना की.

मायूँ (1530 ई. से 1555-56)


n.
• यह बाबर का पु था और 1530ई. म ग ी पर बै ठा. उसे अपने भाई कामरान, िहं दाल और अ री ारा
ya
अफ़गानों से चुनौती िमली.
• 1532 म उसने आगरा म तबल-ए-अद् ल की थापना की.
• उसने शेरशाह से चौसा (1539) और क ौज/िबल ाम (1540) म दो यु लादे और दोनों म परा आ.
• वह ईरान भाग गया जहाँ उसने अपने जीवन के 12 वष िनवासन म िबताये .
• शेर शाह की मृ ु के बाद उसने 1555 म भारत पर आ मण िकया और उसके अफ़गान भाइयों को हरा कर
g

एक बार िफर भारत म शासक बना.


• 1556 म पु कालय (िदन पनाह) की सीिढ़यों से िगरकार उसकी मृ ु हो गई और उसे िद ी म दफ़नाया
sc

गया.
• अबुल फज़ल ने उसे इं सान-ए-कािमल कहा है .
• उसकी बहन, गु लबदन बे गम ने उसकी जीवनी मायु नामा की रचना की.
• उसने िद ी म दीन पनाह को अपनी दू सरी राजधानी बनाया था.
S

सूरवंश (ि तीय अफगान सा ा ) (1540-55)

शेरशाह सूरी: 1540-45

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• यह सासाराम के जागीरदार, हसन खान का बे टा था.


• 1539 म इसने चौसा के यु म मायु को हराया और बादशाह के प म शेरशाह की उपािध धारण की.
• एक बादशाह के प म, इसने मालवा (1542), रणथंभोर (1542), रायसीन (1543), राजपु ताना के मारवाड़
(1542), िच ोड़ (1544) और किलंजर (1545) तक अपना सा ा िव ार िकया.
• पु राना िकला इसके शासनकाल म ही बनवाया गया.

m
• इसके 5 वष के छोटे शासनकाल म आिथक हालात को सु ढ़ करने के िलए इसने एक बे हतर शासन, भू -
राज नीित और कुछ अ मानक थािपत िकये.
• इसने पया नाम से िस े चलाये िजनका पु रे सा ा म समान मानक के मानदं ड था.

co
• उसने सुचा संचार व था के िलए कई सड़क बनवाएँ . उसने ांड टं क रोड (जी.टी.रोड) का िनमाण
कराया जो कलक ा से पे शावर तक जाती थी. उसके शासन म बनवाई गईं अ सड़क थीं :
आगरा से मांडू
आगरा से जोधपुर और िच ोड़
लाहौर से मु ान
• उसने सा ा
जाते थे.
के िविभ िह

• अबुल फज़ल के अनुसार शेर शाह का सा ा


n.
ों म सैिनक छाविनयां बनवाईं और े क छावनी म बड़ी सं

63 सरकार या िजलों म िवभािजत था.


ा म सैिनक रखे
ya
• भूिम मापने की इकाई ‘बीघा’ होती थी.
• अलाउ ीन खलजी की तरह इसने भी दाग और सेना म चे हरा था का स ी से पालन िकया.
• ज़मींदारों को हटा िदया गया और करों की वसूली सीधे तौर पर की जाने लगी.
• इसे सासाराम म दफ़नाया गया.
g

अकबर
sc

• मायूँ का बड़ा बेटा अकबर, जलालु ीन मुह द अकबर बादशाह गाजी की उपािध के साथ 14 वष की उ
म ग ी पर बै ठा.
• उसका राजितलक कलनौर म आ.
• पानीपत का दू सरा यु (5 नव र 1556 ई.) हे मू (मुह द आिदल शाह का िह दू से नापित) और बै रम खां
(अकबर का संर क) के बीच आ. इसम हे मू की पराजय ई और बैरम खां ारा उसकी ह ा कर दी गई.
S

• अपने शासन के ारं िभक वष म अकबर अपने सं र क बै रम खां और िफर अपनी माँ माहम अंगा के भाव
म रहा.
• अकबर पर माहम अंगा के भाव काल; 1560-62 को पे टीकोट सरकार का काल कहा जाता है .

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• अकबर ने िविभ राजपूत रा ों जैसे अ े र बीकानेर, जैसलमे र और जोधपुर से वैवािहक संबंध थािपत
िकए.
• अकबर ारा िकये गए कुछ मुख सुधार थे :लड़कों और लड़िकयों के िववाह के िलए ूनतम आयु सीमा
बढाकर मशः 16 और 14 वष कर दी गई.

m
सती था पर ितबंध
• 24 वष की आयु म अकबर ने रा ारा भूिम कर इक ा करने के िलए दशाला णाली की शु आत की.
• अकबर के शासनकाल म मनसबदारी व था के तहत मनसबदारों को 66 वग म बाँ ट िदया गया. इस

co
व था ने िन िल खत सेवा शत िनधा रत की :

पद और थान
वेतन
घुड़सवारों की सं ा
• मु ा-मौलिवयों की धािमक क रता और n. िढ़वािदता के खलाफ़ िव ोह करते ए 1851 म अकबर ने एक
नए धम, दीं-ए-इलाही की घोषणा की. बीरबल इकलौता िह दू था िजसने इस धम को अपनाया.
• हालाँिक िदन-ए-इलाही लोकि य नही ं हो सका.
ya
• अकबर ने फतेहपुर सीकरी, आगरा का िकला, लाहौर का िकला, इलाहाबाद का िकला और िद ी म मायूँ
के मकबरे का िनमाण करवाया.
आगरा ए िनकट थत फतेहपुर सीकरी के बारे म कहा जाता है िक- ल े समय तक अकबर के कोई पु नहीं
था. एक सूफी संत शेख सलीम िच ी के आशीवाद से अकबर को एक बे टा आ िजसका नाम सलीम/शे खो
बाबा (जहाँगीर) रखा गया. सलीम िच ी के स ान म, अकबर ने अपना दरबार िद ी से थानां त रत कर
g

फतेहपुर सीकरी म थािपत कर िलया.


• तु लसीदास (रामच रतमानस के लेखक) अकबर के समकालीन थे.
sc

• जब अकबर की मृ ु ई तो उसे आगरा म िसकंदरा म दफ़नाया गया.


• यु सुफजई जनजाित के साथ यु (1586) म बीरबल की ह ा कर दी गई.
• अबुल फज़ल की ह ा (1610) वीर िसंह बुंदेला ने की थी.
• अकबर ने मुग़ल भारत को एक अिधका रक भाषा दी (पारसी).
S

जहाँगीर (1605-27)
• 1605 म अकबर की मृ ु के बाद उसका पु सलीम ग ी पर बै ठा.
• उसने शाही ाय के िलए आगरा के िकले म ज़ंजीर-ए-अदल ( ाय की ज़ंजीर) लगवाई.

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• 1611 म उसने, बं गाल के अिभयान पर भेजे गए एक पारसी अमीर, शेर अफ़गान की िवधवा मे हर-उन-िनसा
से िववाह कर िलया. बाद म उसने उसे नूरजहाँ की उपािध दी.
• नूरजहाँ का रा के मामलों म अ िधक भाव था. उसे अिधका रक पादशाह बे गम बनाया गया.
• जहाँ गीर ने अपने और नूरजहाँ के नाम के संयु िस े जारी िकये.
• जहाँ गीर ने मारवाड़ की जोधाबाई से भी िववाह िकया था.

m
• 1608 म ई इं िडया कंपनी का ितिनिध जॉन हािक जहाँ गीर के दरबार म आया. 1615 म इं ड के
िकंग जे थम का राजदू त सर थॉमस रो भी उसके दरबार म आया. उसने सू रत म अं े जों का एक
ापा रक बंदरगाह खोलने की अनुमित ा की.

co
• इसका शासनकाल अनेक िव ोहों के िलए जाना जाता है . इसके बे टे खु सरो ने, िजसके बारे म कहा जाता है
िक उसे , पां चव िसख गु ‘गु अजु न दे व’ का आशीवाद ा था, ने 1605 म िव ोह कर िदया. बाद म गु
अजु न दे व को िव ोही राजकुमार को आशीवाद दे ने के िलए फां सी (1606) दे दी गई.
• उसके अंितम वष म उसके बे टे खुरम (शाहजहाँ ) ने (1622-25) और उसके सेनापित महावत खां ने (1626-
27) भी बगावत कर दी.
n.
• उसने पारसी भाषा म अपनी आ कथा तु जुक-ए-जहां िगरी िलखी.
• उसे लाहौर म दफ़नाया गया.
ya
शाह जहाँ
• इसका वा िवक नाम खुरम था. यह जोधाबाई (राजा जगत िसं ह) की पु ी के गभ से पै दा आ था.
• अपने िपता की मृ ु के बाद 1628 म शाहजहाँ ग ी पर बै ठा.
• ग ीनशीं होने के तीन वष के बाद उसकी ि य प ी मुमताज महल (वा िवक नाम अज़ु मंद बानो) की 1631
म मृ ु हो गई. उसकी यादों को थायी बनाने के िलए इसने 1632-53 म आगरा म ताजमहल का िनमाण
g

करवाया.
• इसने दरबार म चार-त ीम की शु आत की.
sc

• जहाँ गीर के सा ा का िव ार करते ए, शाहजहाँ ने अहमदनगर की िनज़ाम शाही को मुग़ल िनयं ण म


लाने म (1633) सफलता हािसल की.
• शाहजहाँ के शासन का वणन ां िससी या ी बिनयर और टै विनयर तथा इटली के या ी िनकोली मनूची ारा
िकया गया है . पीटर मुंडी ने शाहजहाँ के समय ए उ रािधकार के यु ों का वणन िकया है .
• लाल िकला, जामा म द और ताज महल इसके शासन काल म बनी मुख इमारत ह.
S

• 1657 म शाहजहाँ के अचानक ब त बीमार पड़ने से उसके चार बे टों के बीच उ रािधकार के िलए यु
ारं भ हो गया.

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• इस संघष म औरं गजेब िवजेता बनकर उभरा और जुलाई, 1658 म उसने अपना रा ािभषेक करवाया.
औरं गजेब ने शाहजहाँ को आगरा के िकले म जेल म दाल िदया जहाँ 1666 म कारावास म ही उसकी मृ ु हो
गई.

औरं गजेब

m
• शाहजहाँ के शासन के अंितम वष म उ रािधकार के िलए संहष आ.
• उसके चार बे टे दारािशकोह, औरं गजेब, शाह शु जा और मु राद थे जो ग ी के िलए सं घषरत थे.
• स ा के िलए इस खींचतान म उसकी बे िटयां भी िकसी न िकसी भाई के साथ थी. जहाँ आरा डरा के समथन म

co
थी. रोशन औरं गजेब के समथन म थी और गु हारा मु राद का समथन कर रही थी.
• औरं गजेब ऐसा इकलौता मुग़ल स ाट था िजसका दो बार रा अिभषेक िकया गया.
• िवदे शी या ी बिनयर ने दे वराई के यु म दारा की हार के बाद उसका सावजिनक अपमान दे खा था.
• अपने शासन के ारं िभक 23 वष (1658-81) तक औरं गजेब का ान उ र भारत पर के त रहा. इस
दौरान िशवाजी के नेतृ म मराठा एक बड़ी श बनकर उभरे िज औरं गजेब को बराबर की मा ता दे नी
पड़ी.

• औरं गजेब ने िसखों के नौंव गु , गु


n.
• इसके शासन म मुग़लों की सेवा म सवािधक िह दू मनसबदार थे.
ते गबहादु र को 1675 म िगर ार कर िलया और उनके इ ाम न
ya
ीकार करने पर उ क़ कर िदया.
• गु ते ग बहादु र के पु और दसव एवं अंितम िसख गु , ी गु गोिव िसंह ने अपने अनुयािययों को सै
श के प म संगिठत िकया िजसे खालसा कहा गया.
• हालाँ िक 1708 म द न म एक अफ़गान ारा गु गोिव िसं ह की ह ा कर दी गई. ले िकन गु गोिव
िसंह के सैिनक िश बं दा बहादु र ने मुघलों के खलाफ़ यु जारी रखा.
g

औरं गजेब की धािमक नीित


sc

• वो खुद को िज़ ापीर या िजंदा संत कहता था.


• िविभ िवषयों म नैितक िनयमों के पालन के िलए उसने मुहतिसब िनयु िकये थे.
• उसने दरबार म गायन आर ितबंध लगा िदया लेिकन संगीत की अनुमित दी. वह यं वीणा बजाता था.
• उसने अकबर ारा शु िकये गए झरोखा दशन को समा करवा िदया.
• उसने आदे श पा रत िकया िक कोई भी नया िह दू मं िदर नही ं बनवाया जाएगा.पु राने मंिदरों के मर त की
S

अनुमित थी.
• उसने काशी का िव नाथ मंिदर और मथुरा म वीर िसं ह बुं देला का केशव मंिदर न करवा िदया.
• 1679 म उसने जिज़या कर पु नः लागू कर िदया.

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मराठों से संघष
• िशवाजी सवािधक श शाली मराठा राजा थे और औरं गजेब के सबसे बड़े श ु थे.
• जब औरं गजेब उ परािजत करने म असफल रहा तब उसने िशवाजी को परािजत करने के िलए 1665 म
अ ेर के राजपूत, राजा जयिसंह के साथ िमलकर षड़यं रचा.

m
• जयिसंह के आ ासन पर िशवाजी औरं गजेब के दरबार म आये . िशवाजी को धोखे से बं दी बना िलया गया
लेिकन वे भाग िनकलने म सफल रहे और 1674 म यं को एक तं राजा घोिषत कर िदया.
• 1680 म िशवाजी की मृ ु के बाद उनका पु संभाजी िसं हासन पर बै ठा िजसकी औरं गजेब ने 1689 म ह ा

co
कर दी. संभाजी के बाद उनके भाई राजाराम ने शासन सं भाला और उनकी मृ ु के बाद उनकी िवधवा
ताराबाई ने आ ोलन िकया.

मुग़ल शासन
मनसबदारी व था:

• जहाँ गीर ने दु -अ
की सं
ाह और िसह-अ
ा दु गुनी कर दी गई.
n.
ेक मुग़ल अिधकारी को एक मनसब (पद) िदया गया था. कुल 66 तरह के मनसबदार थे.
ाह णाली की शु आत की िजससे िवशे ष अमीरों के पास घु ड़सवारों
ya
क ीय शासन:
वकील: ये ारं भ म धानमं ी होता था लेिकन बाद म इसे केवल राज सलाहकार बना िदया गया.
मीर ब ी: यह सै िवभाग का मुख होता था.
g

ांतीय शासन :
• सा ा को ा ों या सूबों म बां टा गया था.
sc

• 1580 म अकबर ने सा ा को 12 ा ों म बाँ ट िदया था. इसके शासन समा होने तक इन सू बों की
सं ा बढ़कर 15 हो गई थी.
• जहाँ गीर के शासनकाल म सूबे बढ़कर 17 हो गए और िफर आगे औरं गजेब के समय म इनकी सं ा 21 हो
गई.
• नािज़म या सूबेदार, ा का मुख होता था.
S

थानीय शासन :
• ा ों को सरकारों/िजलों म बां टा गया था. िजलों को कई परगना और िफर परगना ाम म िवभािजत था.

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मुग़ल सं ृ ित
• जहाँ गीर के शासनकाल म मुग़ल िच कला अपने चरम पर थी जबिक शाहजहाँ के समय म वा ुकला अपने
सव थान पर थी.
• बाबर ने दो म द, एक पानीपत के काबुलीबाग म और दू सरी रोिहलखंड के सं भल म बनवाई.

m
• मायूँ का मकबरा उसकी िवधवा हाजी बानू बे गम ने बनवाया था.
• सीकरी म बने ए म रयम पै लेस, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास भारतीय शैली म िनिमत ह.
• बु लंद दरवाज़ा (गु जरात िवय के बाद बनवाया गया), फते हपु र सीकरी का मु वेश ार बना.

co
• सलीम िच ी का मक़बरा (जहाँ गीर ारा सं गमरमर से पु नः बनवाना) पू री तरह सं गमरमर म बनी पहली
मुग़ल ईमारत है . बीरबल का महल और तानसे न का महल भी फतेहपु र सीकरी म ही है .
• अकबर ने िसकंदरा म अपने मकबरे का िनमाण खुद शु करवाया था िजसे बाद म जहाँ गीर ने पू रा िकया.
• फतेहपुर सीकरी की वा ुकला ‘लाल बलुआ प र म महाका ’ के प म जानी जाती है .
• नूरजहाँ ने ए ातउ दौला या िमज़ा गयास बे ग का सं गमरमर का मकबरा आगरा म बनवाया िजसे थम बार
पे टा

• शाहजहाँ
n.
ूरा (अ कीमती प रों का बना आ फूलों की न
• जहाँ गीर ने लाहौर म मोती म
ाशी) के योग के िलए जाना जाता है .
द और शाहदरा (लाहौर) म अपनी समािध बनवाई.
ारा आगरा म बनवाई गई मु ख इमारत ह – मोती म द (सं गमरमर की इकलौती म द),
ya
ख़ास महल, मु म बु ज़ (चमे ली का महल जहाँ उसने अपना कारावास के अंितम वष गु जारे ) आिद.
• इसने 1637 म शाहजहानाबाद की नींव रखी जहाँ इसने लाल िकला और त -ए-ताउस (मोर का िसं हासन)
बनवाया.
• लाल िकला म औरं गजेब ारा बनवाई गई एकमा ईमारत मोती म द है .
• औरं गजेब से स ंिधत एकमा ारक बीबी का मकबरा है जो उसकी बीवी रािबया-उड़-दौरा का मकबरा
g

है .
• औरं गजेब ने लाहौर म बादशाही म द भी बनवाई.
sc

• मायूँ ने अपनी सेवा म दो िच कार मीर सैयद अली और अ ु स समद को रखा था.
• दसवंत और बासवान अकबर के दरबार म दो िस िच कार थे.
• अ ु ल हसन, उ ाद मंसूर और िबशनदास जहाँ गीर के दरबार म तीन िस िच कार थे.

अकबर के शासन म घटी मुख घटनाएं


S

1562 अजमेर का पहली बार दौरा िकया


1562 यु -बं िदयों को ताक़त के दम पर गुलाम बनाना
1563 तीथया ा कर की समा
1564 जिज़या कर की समा
1571 फतेहपुर सीकरी की थापना

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1574 मनसबदारी था की शु आत
1575 इबादतखाना बनाया गया
1578 इबादतखाना म िविभ धम की प रषद्
1579 मज़हर की घोषणा (फैजी ारा िल खत)
1580 दह्शाला बदोब की शु आत
1582 दीं-ए-इलाही/तौहीद-ए-इलाही
1584 इलाही संवत यािन पं चां ग/कैलडर

m
1587 इलाही गज

मुग़ल सािह
 अकबर नाम – अबुल फज़ल

co
 तोबकात–ए-अकबरी – ाज़ा िनजामु ीन अहमद ब
 इकबालनामा-ए-जहां िगरी – मुह द खां
 आइन-ए-अकबरी – अबुल फज़ल
 पादशाह नामा –अ ु ल हािमद लाहोरी
 शाहजहाँ नामा – मुह द सालेह
 िसर-ए-अकबर – दारा िशकोह
 सफीनत-उल-औिलया –दारा िशकोह


मजमा-उल-बहरीन – दारा िशकोह
र क़त-ए-आलमिगरी –औरं गजेब
n.
1. िकस मुग़ल बादशाह को भारतीय इितहास म शाह-ए-बे खबर कहा जाता है ?
ya
उ र. बहादु र शाह
2. िकस मुग़ल शासक के समय म बंदा बहादु र के ने तृ म पं जाब म िसख श का उदय आ ?
उ र. बहादु र शाह
3. औरं गजेब ारा पु नः लगाये गए जिज़या कर को िकसने समा कर िदया ?
g

उ र. जहांदार शाह
4. अहमद शाह अ ाली कौन था ?
sc

उ र. वाह नािदर शाह का र ा मं ी था.


5. पानीपत का तीसरा यु कब और िकसके बीच लड़ा गया ?
उ र. 1761 ई. म अहमदशाह अ ाली और मराठों के बीच म.
6. िकस मुग़ल शासक ने 1764 म, बं गाल के नवाब मीर कािसम और अवध के नवाब िसरज-उद-दौला के प
म और ि िटश शासन के खलाफ ब र के यु म भाग िलया था ?
S

उ र. शाह आलम ि तीय.


7. िकस मुग़ल शासक ने ब र के यु के बाद बं गाल, िबहार और उड़ीसा की दीवानी अं े जों को दे दी थी ?
उ र. शाह आलम ि तीय

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8. मुग़ल वंश का अंितम शासक कौन था ?


उ र. बहादु र शाह ज़फ़र
9. बहादु र शाह ज़फ़र को िद ी से कहाँ िनवािसत िकया गया ?
उ र. रं गून
10. बहादु र शाह ज़फ़र की मृ ु कहाँ ई ?

m
उ र. रं गू न म
11. ताजमहल का वा ुकार कौन था ?
उ रr: उ ताद इज़ा

co
12. लालिकले का ार िकस नाम से जाना जाता है ?
उ र: लाहौर गेट
13. भारत म सबसे बड़ी म द कौन सी है ?
उ र : िद ी की जामा म द

बहादु र शाह थम (1707-12)


n.
 1707 म औरं गज़ेब की मृ ु के बाद, मुअ ज़म उसका उ रािधकारी बना.
 इसने बहादु र शाह की उपािध धारण की.
 हालाँ िक यह काफी वृ (65 वष) था और उसका शासन ब त छोटा था िफर भी उसकी अनेक उपल
थीं.
ya
 इसने औरं गज़ेब की संकीण और क रपं थी नीितयों को बदल िदया.
 राजपूत रा ों के साथ समझौते िकये.
 मराठों को सरदे शमु खी वसूलने की छूट दी ले िकन चौथ की नहीं.
 संभाजी के पु सा जी, िजसने बाद म ताराबाई से यु िकया को, जे ल से रहा कर िदया
 गु गोिबंद िसंह को एक बड़ा मनसब दे कर उनके साथ मे ल-िमलाप बनाया.
 गु जी की मृ ु के बाद, िसखों ने पु नः बंदा बहादु र के ने तृ म यु आराम कर िदया िजससे िसखों के साथ
g

दीघकालीन संघष ारं भ हो गया.


 जाट नेता चूड़ामन और बुंदेला नेता छ साल के साथ भी शां ित थािपत की.
 रा की िव व था बेहद ख़राब हो गई.
sc

जहांदार शाह (1712-13)


 बहादु र शाह की मृ ु ने सा ा को गृ ह यु की ओर धकेल िदया.
 इस काल के दौरान अमीर/सरदार बे हद भावी हो गए.
 बहादु र शाह का पु जहांदार शाह, ज़ु फ़कार खां की सहायता से 1712 म िग ी पर बै ठा.
 यह सुख सुिवधाओं म डूबा रहे ने वाला अयो व कमजोर शासक था.
S

 इसका वजीर, ज़ु फ़कार खां वा िवक शासक बन बै ठा था.


 ज़ु फ़कार खां ने जिज़या समा कर िदया.
 राजपूतों के साथ शां ित थािपत की; अ े र के जयिसंह को मालवा का और मारवाड़ के अिजत िसंह को
गु जरात का सूबेदार िनयु िकया गया.

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 द न की चौथ और सरदे शमु खी मराठों को इस शत पर दे दी गई िक इसकी वसूली मुग़ल अिधकारी करगे


और िफर मराठों को सौंप दगे .
 िसखों और बं दा बहादु र के दमन की नीित जारी रखी.
 इजारा : भू -राज की वसूली को ठे के पर दे िदया गया िजसके तहत िबचौिलए को एक िनि त रकम
सरकार को दे नी होती थी जबिक वह िकसानों ने अपने मनमािफ़क वसूली करने के िलए तं था.
 जहां दार शाह जनवरी 1713 म अपने भतीजे फ ख िसयार ारा आगरा म हराकर मार िदया गया.

m
फ िसयर (1713-19)
 सैयद बं धुओ ं सैन अली खां बराहा और अ ु ा खां की मदद से िवजयी आ.
 इसने अ ु ा खां को वज़ीर और सै न अली को मीर ब ी का पद िदया.
 फ खिसयर एक अयो शासक था. सैयद बं धू वा िवक शासक बन गए थे.

co
 सैयद बंधू
1. भारतीय इितहास म िकंगमेकर के नाम से जाने जाते ह.
2. धािमक सिह ुता की नीित अपनाई. पु नः जिज़या को समा कर िदया.
3. अनेक थानों से तीथया ा कर समा कर िदया गया.
4. मराठा : शा जी को रा िदया और द न के 6 ा ों से चौथ और सरदे शमु खी वसूल करने का
अिधकार िदया.
n.
5. ये िव ोिहयों को समािव करने और दबाने म असफल रहे
लड़ाई झगड़े और दरबारी ष ं ों का सामना करना पड़ा.
6. िनज़ाम-उल-मु
िकये ..
ोंिक इ लगातार राजनीितक ित ं िदता,

और मुह द अमीन खां के नेतृ म अमीरों ने इनके खलाफ षड़यं रचने शु


ya
7. सैयद बंधुओ ं ने फ खिसयर को अपद थ कर ह ा कर दी थी. 1719 म सैयद बं धू मार िदए गए.
8. इससे पहले दो यु वा राजकुमारों को एक के बाद एक स ा पर बै ठाया गया िजनकी बीमारी से मृ ु हो
गई.
9. स ाटों की ह ा ने सैयद बं धुओं के खलाफ़ िव ोह की लहर पैदा कर दी.
10. उ ‘नमक हराम’ की तरह दे खा जाने लगा.
11. अब उ ोंने 18 वष के मुह द शाह को िहं दो ान का बादशाह बनाया.
g

12. 1720 म अमीरों ने सैयद बं धुओं म छोटे , सैन अली खां की ह ा कर दी.
13. अ ु ा खां भी आगरा म परािजत आ.
sc

मुह द शाह ‘रं गीला’ (1719-1748)


 यह कमजोर िदमाग वाला, तु , अ िधक शौक़ीन और सु िवधाभोगी था.
 शासन के ित लापरवाह था.
 अपने मंि यों के खलाफ ही सािजश रचता था.
 इसका वज़ीर, िनज़ाम-उल-मु (िचनिकिलच खां ) अपना पद छोड़ 1724 म है दराबाद रा की थापना
की.
S

 “उसका जाना सा ा से वफादारी और सदाचारों के उड़ जाने का तीक था”


 बं गाल, है दराबाद, अवध और पं जाब म अनुवां िशक नवाबों की उ ि ई.
 मराठों ने मालवा, गु जरात और बुं देलखंड पर अिधकार कर िलया.

1738 : नािदर शाह का आ मण

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 लगातार िकए गए अिभयानों ने पिशया को िदवािलया बना िदया था. नािदरशाह भारत की अकूत धन दौलत
से आकिषत होकर यहाँ आया था.
 मुग़ल सा ा भी कमजोर हो चला था.
 उ र-पि मी सीमा ल े समय तक ान ण िदए जाने के कारण असुरि त हो गई थी और िकसी िवरोध
की स ावना नहीं थी.
 दोनों सेनाएं 13 फरवरी 1739 ई. को कनल म िभड़ी.ं मु ग़ल सेना पूरी तरह परा हो गई और
मुह दशाह को बं दी बना िलया गया.

m
 नािदर शाह ने िद ी म 57 िदनों तक लू ट-पाट ह ा की
 लगभग 70 करोड़ पये की लूट ई साथ ही मयूर िसंहासन (त -ए-ताउस) और कोिहनूर हीरा अपने
साथ ले गया.
 मुह द शाह ने उसे िस ु नदी के पि म के सभी ा दे िदए.

co
 मह : नािदर शाह के आ मण ने मराठा सरदारों और िवदे शी ापा रक कंपिनयों के िलए मु ग़ल
सा ा की छु पी ई कमजोरी से पदा हटा िदया.

अहमद शाह अ ाली


 नािदर शाह का एक सेनापित
 भारत म िद ी और मथुरा के िनकट 1748 और 1761 के म बार-बार आ मण िकया और लूटपाट
मचाई. इसने भारत पर पां च बार आ मण िकया.
n.
 1761 : पानीपत का तीसरा यु , मराठों की हार
 नािदर शाह और अहमद शाह अ ाली के आ मणों के फल प मुग़ल सा ा , अ खल भारतीय
सा ा नहीं रह गया. 1761 तक यह केवल िद ी तक िसमट कर गया.
ya
शाह आलम ि तीय (1759)
 अहमद बहादु र (1748-54), मुह द शाह का उ रािधकारी बना.
 अहमद बहादु र का उ रािधकारी आलमगीर ि तीय (1754-59) था.
 1756 : अ ाली ने मथुरा को लूटा
 अलमगीर ि तीय का उ रािधकारी शाहजहाँ तृतीय बना.
 1759 म शाहजहाँ तृतीय का उ रािधकारी शाह आलम ि तीय बना.
g

 अपने वज़ीरों से भय के कारण शाह आलम ने अपने ारं िभक कई वष भटकते ए िबताये.
 1764 म इसने बं गाल के नवाब मीर कािसम और अवध के नवाब िसरज-उड़-दौला के साथ अं े जों के
खलाफ ब र का यु म भाग िलया.
sc

 इलाहबाद म पशनया ा
 1772 म मराठों के संर ण म िद ी वापस लौटा.

मुग़ल सा ा का पतन
 1759 के बाद मुग़ल सा ा एक सै श के प म समा हो गया.
 1759 से 1857 तक दे श पर इसका िनयं ण केवल इसिलए बना रहा ोंिक भारतीय जनमानस पर, दे श
S

की राजनीितक एकता के प म मुग़ल वंश की सश छिव बनी ई थी.


 1803 म िद ी पर ि िटशों ने क ा कर िलया.
 1803 से 1857 तक, मुग़ल स ाट अं ेजों का राजनीितक चेहरा मा बनकर रह गया था.

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मुग़ल सा ा के पतन का सबसे मह पू ण प रणाम रहा िक इ ोने ि िटश शासकों के िलए भारत पर शासन
करने का माग श िकया ोंिक कोई अ भारतीय श , भारत को एक कर उस पर िनयं ण करने के
िलए श शाली नही ं थी.

मराठा

m
2.1 िशवाजी (1627-80)
• िशवाजी, शाहजी और िजजाबाई के पु थे िजनका ज िशवनेर के िकले म आ था.
• िशवाजी को 1637 म अपने िपता से पू ना की जागीर ा ई.

co
• इनके गु , गु रामदास समथ थे.
• 16४७ ई. म अपने अिभभावक दादाजी कोंडदे व की मृ ु के बाद िशवाजी ने अपनी जागीर का शासन पू री
तरह संभाला.
• इ ोने अनेक िकलों पर अपना अिधकार थािपत िकया जैसे :-
1. िसंह गढ़/कोंडाना (1643)
2.
3.
4.
रोिहं ड और चाकन (1644-45)
तोरण (1646)
पु रंदर (1648)
n.
ya
5. राजगढ़/रायगढ़ (1656)
6. सूप (1656)
7. प ाला (1659).
• 1657 म िशवाजी अहमदनगर और जु ार पर आ मण के समय इनका पहली बार मुगलों से सामना आ.
• 1659-60 म, बीजापुर की आिदलशाही ारा अफज़ल खान को िशवाजी को द त करने हेतु िनयु िकया
g

गया िक ु िशवाजी ने अफज़ल खान का वध कर िदया. िस ‘बघनखा’ की घटना अफज़ल खान के वध से ही


स ंिधत है .
sc

• 1660 म औरं गजेब ारा द न का सूबेदार शाइ ा खान मराठों को संभालने के िलए िनयु िकया गया.
िशवाजी ने 1663 म शाइ ा खा पर एक बड़े आ मण और सूरत की लूट से पहले पू ना, क ाण और चाकन
खो िदया और कुछ जगह हार का भी सामना िकया.
• तब अ ेर के राजा जय िसंह और िदलेर खान, 1665 म औरं गजेब ारा िशवाजी की बढ़ती श को
कुचलने के िलए िनयु िकये गए.
S

• जय िसंह ने पु रंदर के िलए म िशवाजी से घेरने म सफलता ा की. फल प पु रंदर की सं िध की गई


िजसके अनुसार मुग़लोन को कुछ िकले सौंपगे और एक बार िद ी म मुग़ल दरबार म हािजर होंगे.
• 1666 म िशवाजी आगरा गए िक ु वहां उनका अपमान िकया गया.

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• 1670 ई. म िशवाजी ने पु रंदर की संिध के तहत िदए गए सारे िकले पु नः जीत िलए.
• 1674 ई. म राजधानी रायगढ़ म िशवाजी का रा ािभषेक आ और उ ोंने है व धरमो ारक (िहं दु के
र क) की उपािध धारण की.
• उसके बाद िशवाजी ने मुग़लों और िसि यों (जंजीरा) के साथ सतत संघष िकया. उ ोंने 16७७-80 के दौरान
कनाटक पर आिधप थािपत कर िलया.

m
• उनका अंितम अिभयान िजंजी और वे ोर के खलाफ था.

िशवाजी का शासन

co
• रा तः मराठों के िनयं ण म था.
• चौथा और सरदे शमु खी मराठों ारा िलए जाने वाले कर थे.
• मराठा आ मण से बचने के िलए चौथ िदया जाता था.
• सरदे शमुखी 10% का एक अ कर था जो महारा की उस भूिम पर लगता था िजस पर पारं प रक और
अनुवां िशक प से मराथे अपना दावा करते थे लेिकन जो मु ग़लों के िनयं ण म थी.
• मराठी अिधका रक भाषा थी.
• िशवाजी ने अपने सा ा
सरसूबेदार था.
( रा
ां त, महालों म िवभ
n.
) के े को तीन भागों म िवभािजत िकया था और
था और महाल परगना या तफ म िवभ था.
े क म एक
ya
• िशवाजी की सहायता के िलए एक अ धान थी जो एक मं ि प रषद जैसी थी, िक ु इसकी कोई सामूिहक
जवाबदे ही नही ं थी ब ेक सीधे िशवाजी के ित उ रदायी था.

िशवाजी के अ धान
1. पेशवा (मु धान): िव और सामा शासन, बाद म यह धानमं ी बन गए और अ ंत मह पूण पद
g

हो गया.
2. सर-ए-नौबत (सेनापित) : सै मुख. यह एक मानद पद था िक ु कोई वा िवक सै श यां नहीं थीं.
sc

• बाद म िशवाजी के एक उ रािधकारी राजाराम ारा, ‘ ितिनिध’ नाम से नौंव मं ी का पद बनाया गया.
• िशवाजी के अिधकतर शासिनक सुधार मिलक अ र (अहमदनगर) के सु धारों पर आधा रत थे.
2.2 िशवाजी के उ रािधकारी
श ाजी: 1680-1689
• िशवाजी के बड़े पु संभाजी ने िशवाजी के छोटे पु राजाराम को उ रािधकार के यु म परािजत िकया.
S

• इसने औरं गजेब के िव ोही पु अकबर ि तीय को सुर ा और समथन दान िकया.
• इसने एक मुग़ल अमीर को परािजत कर सं गमे र पर अिधकार कर िलए और उसकी ह ा कर दी.
राजाराम : 1689-1700

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• इसने राजगढ़ के मंि यों की सहायता से िसंहासन पर क ा िकया.


• संभाजी की प ी और पु सा जी के साथ मुग़लों ारा राजगढ़ पर आ मण और क े से यह 1689 म
राजगढ़ से िजंजी भाग गया.
• 1698 म िजंजी पर मुग़लों के क े के बाद सतारा मराठों की राजधानी बनी. यहीं पर राजाराम की मृ ु हो
गई.

m
• राजाराम ने ितिनिध नाम से एक नया पद सृिजत िकया. फलतः मंि यों की कुल सं ा 9
(अ धान+ ितिनिध) हो गई.
ताराबाई: 1700-1707

co
• राजाराम का सबसे छोटा पु िशवाजी ि तीय अपनी माँ ताराबाई के संर ण म उ रािधकारी बना.
• ताराबाई ने मुग़लों से संघष जारी रखा.
शा : 1707-1749
• मुग़ल स ाट बहादु र शाह ने सा को मु कर िदया.
• खेड़ के यु (1700) म ताराबाई की सेना सा ारा परािजत कर दी गई और सा ने सतारा को हड़प िलया.

म प रवतन, दे खने को िमलता है .


n.
• सा के शासनकाल म, पेशवाओं का उदय और मराठा रा का संघ के िस ां त पर आधा रत एक सा ा
ya
बालाजी िव नाथ (1714-20): थम पेशवा
• इसने अपना जीवन एक छोटे से राज अिधकारी के प म की थी और 1708 म साह ने से नाकत (सेना म
गणना करने वाला) का पद िदया था.
• यह 1713 म पेशवा बना था और इस पद को सवािधक मह पू ण एवं श शाली बना िदया इसके साथ ही
यह पद पैतृक बना िदया.
g

• इसने सैयद बं धुओ-ं िकंग मेकर (1719) से एक संिध की िजसके ारा मुग़ल स ाट फ खिसयर ने सा जी को
रा का राजा की मा ता दान की.
sc

बाजीराव थम: 1720-40


• बालाजी िव नाथ का बड़ा पु , बाजीराव 20 वष की आयु म उसका उ रािधकारी, पे शवा बना.
• िशवाजी के बाद यह गु र ा प ित का सबसे बड़ा ितपादक माना जाता है . इसके अंतगत मराठा श
अपने चरम पर प ँच गई थी.
S

• इसके अंतगत अनेक मराठा प रवार िति त बनकर यं को भारत के िविभ भागों म थािपत िकया.
• इसने पु तगािलयों से बसीन और सालसेट छीन िलया (1739)

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• इसने िनज़ाम-उल-मु को भोपाल के िनकट परािजत िकया और दु रई-सराय की संिध की िजससे बाद म
(1738) िनज़ाम ने स ूण मालवा और बुं देलखंड मराठों को सौंप दी.
• इसने मुग़लों के बारे म कहा था, “हम इस जजर वृ के तने पर आ मण करना चािहए, शाखाएं तो यं ही
िगर जाएँ गी.”

m
बालाजी बाजीराव: 1740-61
• नाना साहे ब के नाम से लोकि य यह 20 वष की आयु म अपने िपता बाजीराव थम का उ रािधकारी बना.
• सा की मृ ु (1749) के बाद सभी राजकीय कामकाज यही संभालता था.

co
• मुग़ल बादशाह अहमद शाह अ ाली के साथ ई एक सं िध (1752) के तहत, चौथ के बदले पे शवा मुग़ल
सा ा की आ रक एवं बा श ुओं (अहमद शाह अ ाली जै से) से र ा करगे..
• अहमद अ ाली ारा पानीपत के तीसरे यु (जन. 14, 1761) म मराठों की पराजय ई और िव ास राव
एवं सदािशव राव भू मारे गए. इससे पे शवा बालाजी बाजीराव को ब त आघात प ं चा और छह महीने बाद
उसकी भी मृ ु हो गई. इस यु ने मराठा श को समा कर िदया.

1. मराठों को संगिठत करने वाला पहला


n. कौन था ?
ya
उ र. िशवाजी
2. मराठा सा ा का सं थापक कौन था?
उ र. िशवाजी
3. िशवाजी का ा था ?
उ र. एक िवशाल मराठा सा ा थािपत करना और िवदे िशयों को दे श से बाहर खदे ड़ना
g

4. िशवाजी िक े सवािधक भािवत थे ?


उ र. उनकी माता जीजा बाई
sc

5. िशवाजी की पहली सै उपल कौन सी थी ?


उ र. उनकी पली सै उपल 1446 ई. म बीजापुर के तोरणा का िकला पर िवजय थी ?
6. िशवाजी कब और कहाँ अपनी राजधानी बनाई ?
उ र. 1665 ई. म राजगढ़
8. िशवाजी ने बीजापुर रा के साथ यु कब लड़ा ?
S

उ र. 1659 ई. म, इस यु म बीजापुर का अफज़ल खान मारा गया और िशवाजी को बड़ी मा ा म धन ा


आ.
8. औरं गजेब ने िशवाजी के खलाफ यु के िलए िकसे भेजा ?

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उ र. शाई ा खान को लेिकन वह यु के मैदान से भाग िनकला.


9. िशवाजी ने गुजरात के िकस शहर को और कब लू टा ?
उ र. 1664 ई. म सूरत को.
10. औरं गजेब ने अ ेर के राजा जय िसंह को िकसे मारने के िलए भे जा था ? उ र. िशवाजी. रजा जयिसं ह ने
ब त से मराठा िकलों पर क ा िकया और उ समझौते के िलए मजबू र कर िदया.

m
11. पु रंदर की संिध िकस िकसके बीच ई थी ?
उ र. िशवाजी और औरं गजेब
12. िशवाजी कब औरं गजेब म दरबार म गए ?

co
उ र. 1666 ई. म
13. िशवाजी कब औरं गजेब के दरबार म कैद कर िलए गए ?
उ र. 1666 ई. म
14. िशवाजी ने पु नः सूरत की लूट कब की ?
उ र. 1670 ई. म
14. िशवाजी ने अपना रा
उ र. 1674 ई.. म
n.
ािभषेक कब करवाया ?

15. िशवाजी ने अपने िकस बे टे को औरं गजेब की से वा म भे जा ?


ya
उ र. श ाजी
16. िशवाजी की सहायता के िलए उनके िकतने मं ी थे ?
उ र. आठ मं ी
17. िशवाजी के आठ मंि यों के समूह को िकस नाम से जाना जाता था ?
उ र. अ धान
g

18. िशवाजी के प रषद् म सबसे मह पू ण पद कौन सा था ?


उ र. पे शवा ( धानमं ी)
sc

19. िशवाजी के प रषद् म दू सरा सबसे मह पू ण पद कौन सा था ?


उ र. आमा (िव मं ी)
21. िशवाजी की कर णाली ा थी ?
उ र. भूिम कर कुल उ ादन का 2/5 िह ा िनधा रत था. चौथ और सरदे शमुखी भी रा की आय का मु
ोत थे.
S

22. चौथ ा था ?

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उ र. िशवाजी पड़ोसी रा ों और छोटे रयासतों पर चढ़ाई करते रहते थे . वे हमेशा िशवाजी के आ मण के


भय म रहते थे. उ ोंने िशवाजी से एक समझौता िकया और िशवाजी ने चौथ कर के बदले उन पर आ मण न
करने का आ ासन िदया. चौथ मानक राज का ¼ भाग था.
23. सरदे शमुखी ा था?
उ र. सरदे शमुखी भी रा ों और े ों ारा एक कार का कर था िजसके बदले िशवाजी उन े ों की अ

m
आ मणका रयों से र ा म सहायता करते थे. सरदे शमु खी मानक राज का ¼ होता था.
24. औरं गजेब िकसे पहाड़ी चूहा कहता था ?
उ र. िशवाजी

co
25. िकस यु कला म मराठा अ ंत िनपुण थे ?
उ र. गु र ा यु
26. िशवाजी ने कौन सी उपािध धारण की और ा णों की र ा का संक िलया ?
उ र. िह दू पादशाही और धम का र क
27. िशवाजी की मृ ु कब ई ?
उ र. 1680 ई. म

भारत म लड़े गए मुख यु


n.
हयदा ीस का यु (326 ई ी पू व) – पौरव राजा पोरस, िसकंदर ारा परािजत आ. ले िकन पोरस की
ya
वीरता से भािवत होकर िसकंदर ने उसका रा उसे लौटा िदया.
किलंगा का यु (261 ई ी पू व) – अशोक महान ने किलं ग के राजा को परािजत िकया. इस यु के बाद
अशोक ने बौ पं थ अपनाया और आजीवन उसी का चार िकया.
तराइन का थम यु (1191 ई.)- यह यु थाने र के िनकट तराइन म लड़ा गया. चौहान वंश के पृ ीराज
g

चौहान ने मोह द गोरी को हराया.


तराइन का ि तीय यु (1192)- यह मोह द गोरी ारा पृ ीराज चौहान के िव लदा गया िजसम
पृ ीराज चौहान परािजत आ.
sc

चंदवार का यु (1194)- मोह द गोरी ने क ौज के जयचं द को परािजत िकया.


पानीपत का थम यु (1526) – बाबर (मु ग़ल वंश) ने इ ािहम लोदी को हराया.
खानवा का यु (17-March-1527) – मे वाड़ के राणा, राणा सांगा को बाबर ने परािजत िकया. यु भू िम म
राणा सां गा बु री तरह घायल हो गए थे.
S

चौसा का यु (7-June-1539) – शेर शाह ने मु ग़लों को परािजत िकया ले िकन राजा मायूँ नदी पार कर
भाग गया.
क ौज या िबल ाम का यु (17-May-1540) –शे र शाह पु नः मायूँ के खलाफ जीता. आगरा शहर पर
क ा

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पानीपत का ि तीय यु (5-November-1556) – हे मच िव मािद (हे मू), अकबर ारा परािजत.


तालीकोट का यु (1564 - 65) – सै न िनज़ाम शाह के नेतृ म बीजापु र, बीदर, अहमदनगर और
गोलकुंडा के बीच गठबंधन और िवजयनगर सा ा के राम राजा की हार
ह ीघाटी का यु (1576) – यह यु अकबर एवं मेवाड़ के राणा ताप के बीच शु आ था. हालाँ िक
मुग़ल जीते थे लेिकन राणा ने कभी भी मुग़लों की अधीनता ीकार नहीं की.

m
थम कनाटक यु (1745–48) - यह यु ि िटश और च सेनाओं के बीच लड़ा गया. ां सीिसयों ने
म ास पर क ा कर िलया, बाद म अं ेजों को लौटा िदया.
ि तीय कनाटक यु (1749–54) – डु े के नेतृ म ां िससी अं ेजों से लड़े िक ु अं े ज िवजयी रहे .

co
1755 म उ ोंने एक अ थायी संिध की.
तृतीय कनाटक यु (1756–63) - 1758 म ां सीिसयों ने फोट सट डे िवड पर क ा कर िलया लेिकन
1760 म वंडीवाश खो बै ठे. अं ेज जीते.
ासी का यु (June-1757) – रोबट ाइव के ने तृ म ि िटश सेनाओं ने बं गाल के नवाब िसराज-उड़-
दौला से यु िकया और िवजयी ए. मीर जाफ़र को नया नवाब बनाया गया और िसरज-उड़-दौला को फां सी दे
दी गई.
ब र का यु
n.
(1764) – मेजर मानरी के नेतृ
के नवाब शुजा-उद-दौला और मुग़ल बादशाह शाह आलम की संयु
म ि िटश से ना ने बं गाल के नवाब मीर कािसम और अवध
से ना को परािजत िकया.
ya
थम आं -मैसूर यु (1767–1769) – मै सूर स नत और ई इं िडया कंपनी के बीच. अं ेज हारे .
थम आं -मराठा यु (1775–1782) – भारत म मराठा सा ा और ई इं िडया कंपनी के बीच लड़ा
गया. अं ेजों की हार और सालबाई की संिध ई. पु रंदर की संिध के बाद अं े जों ारा क ाए गए सभी े
मराठों को वापस िदए गए.
ि तीय आं -मराठा यु (1803-1805) – अं ेज और मराठा के बीच लड़ा गया. मराठों की हार ई और
g

अं ेजों का िव ार तं जोर, सूरत और कनाटक तक आ.


तृतीय आं -मराठा यु (1817–1818) – अं ेज (गवनर जनरल हे ं ) और मराठों के बीच लड़ा गया.
sc

अं ेजों ने मराठों को हराया, अंततः मराठा सा ा का अंत.


ि तीय आं -मैसूर यु (1780) –हैदर अली, िनज़ाम और मराठा के बीच सं यु मोच का गठन. अं ेजों को
हराया. है दर अली कनाटक का ामी बन गया.
तृतीय आं -मैसूर यु (1790-92) – अं ेज और टीपू सु ान (है दर अली का पु ) के बीच यु . टीपू
सुलतान को ीरं गप नम की संिध पर ह ा र करने को मजबू र िकया गया.
S

चौथा आं -मैसूर यु (1799) – ि िटश सेनाओं की (आथर वेलेजली के नेतृ म) िवजय ई और इप


सुलतान की ह ा कर दी गई.
थम आं -बमा यु (1824–1826) – ई इं िडया कंपनी और बमा के बीच लड़ा गया. कंपनी की िवजय.

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थम आं -अफ़गान यु (1839-42) – अं ेजों ने अफ़गान शासक दो मोह द को हराया.


चेिलयांवाला का यु (1849) – लाड हग ग़ाफके नेतृ म ई इं िडया कंपनी और शेर िसंह के ने तृ म
लड़ा गया. िसखों की पराजय.

m
co
n.
g ya
sc
S

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ाचीन भारत का इितहास


ाचीन भारतीय इितहास
भारत म िसंधु घाटी स ता
भारत म ाचीन स ताएँ
 िसंधु घाटी स ता एक ाचीन स ता है यह िसंधु नदी और घ र-हकरा नदी के िकनारे फलीफूली थी, जो

m
अब पािक ान और उ र पि म भारत है ।
• रे िडयो काबन डे िटं ग के अनुसार, िसंधु घाटी स ता का काल 2500 – 1750 ई.पू. तक माना जाता है ।
• आर.बी. दयाराम साहनी ने 1921 म पहली बार हड़ ा (रावी पर) की खोज थी। आर.डी बनज ने 1922
म मोहनजोदड़ो या ‘मृतको का टीला’ (िसंधु पर) खोज की थी। सर जॉन माशल ने इन दोनों खोजों म एक

co
मह पू ण भूिमका िनभाई।
• हड़ ा स ता भारत के आ इितहास के भागों के पों म है और यह कां युग अंतगत आता है ।
• इस स ता के लोग तां बा, पीतल, चां दी, सोने के बारे म जानते थे, लेिकन इ लोहे का ान नहीं था।
• िसंधु-घाटी लोग ‘कपास’ और ‘ऊन’ दोनों के उपयोग से अ ी तरह से प रिचत थे।

जानवरों को पालतू बनाया:


• पशु पालन िसंधु सं ृ ित म मह पू ण था। इसके आलावा भे ड़ और बकरी, कु े, कुबड़े वाली भस और



n.
हाथी िनि त प से पालतू थे। ऊंट दु लभ था और घोड़े के बारे म कोई जानकारी नहीं थी।
िसंधु घाटी स ता नगर िनयोजन:
िव ृत शहर की योजना थी। इसम ि ड णाली का पालन िकया गया था। सड़क अ ी तरह से काटी
गई थी। नगर एक बड़े आयत या वग के ख ों म िवभािजत थे।
ya
• िनमाण साम ी के प म अ ी गु णव ा की पकी ई ईंटों का इ े माल िकया गया था। समकालीन िव
मअ िम ी की ईंटों का इ ेमाल िकया जाता था।
• मोहनजोदड़ो म, एक बढ़ा ानागार (िवशाल) पाया गया, िजसकी माप 12मी एवं गहराई 2.4 मी थी।
सतह के दोनों छोरों पर सीिडयां थीं िजसके साथ व बदलने के कमरे थे। साथ कमरे से बदल रहा है । यह
संभवतः धािमक ान से संबंिधत हो सकता है ।
g

मुख शहर और उनकी िवशेषताएं :


• मोहनजोदड़ो(िसंध) िसंधु नदी के दािहने िकनारे पर अव थत था।
• च दारो िसंधु नदी के बाएँ िकनारे पर थत था, जो मोहनजोदड़ो के दि ण म 130 िकमी. की दु री पर था।
sc

• कालीबंगा (राज थान) म घ र नदी के िकनारे थत था, जो सिदयों पहले सूख चुकी है ।
• लोथल, खंभात की खाड़ी पर है ।
• बनावाली (ह रयाणा) अब िवलु हो चुकी सर ती नदी के तट पर थत था।
• सुरकोटड़ा (गु जरात) क के रण के मुहाने पर है ।
• धोलावीरा (गु जरात) क िजले म खुदाई के दौरान खोजा गया।
S

ाचीन भारत म ापर एवं वािण :


• िकसी भी धातु की मु ा का चलन नहीं था और ापार, व ु िविनमय णाली के मा म से होता था।
• वज़न और मापने म सटीकता के उपाय हड़ ा सं ृ ित (लोथल म पाया गया) म ही अ थे। वजन आम
तौर पर चूना प र, साबु न के प र आिद के थे और ये घनीय आकार म आ करते थे।
• 16 माप की इकाई (16, 64,160, 320) थी।

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आधुिनक भारत
यूरोिपयों का आगमन
पुतगाली
1) नए समु ी माग की खोज के दौरान, वा ो डी गामा ने यूरोप से भारत के िलए नए समु ी माग, केप
माग, की खोज की. वह 17 मई, 1498 को कालीकट के बं दरगाह पर प ं चा और कालीकट के िह दू

m
शासक (ज़मो रन की उपािध से लोकि य) ने उसका ागत िकया. इसके बाद कालीकट, कोचीन और
क ूर म ापा रक क थािपत िकए. भारत म, ारं भ म कोचीन पुतगािलयों की राजधानी थी ले िकन बाद
म यह गोवा थानां त रत कर दी गई.
2) अ फ़ा ो-डी-अ ुकक 1503 ई. म भारत आया था और 1509 म इसे पुतगािलयों का गवनर ( थम

co
गवनर 1503-09 के बीच ांिस ो-डी-अ े डा था) िनयु कर िदया गया. इसने 1510 म बीजापुर से
गोवा छीन िलया.
अ गवनर
नीनो-डी-कु ा (1529-38) – इसने अपनी राजधानी कोचीन से गोवा (1530) ह ां त रत की और गु जरात के
बहादु र शाह से दीव और बसीन अपने अिधकार म ले िलए.
मािटन अ फ़ा ो-डी-सूजा (1542-45) – िस जुसुइट संत ां िस ो जेिवयर इसके साथ भारत आया था.
इसके बाद पु तगाल शासन का पतन ारं भ हो गया और अं त म केवल गोवा, दमन और दीव 1961 तक इनके
पास रहा.

डच
n.
1) माच, 1602 ई. म डच संसद के एक आदे श ारा डच ई इं िडया कंपनी की थापना ई. इस कंपनी
ya
को 21 वष के िलए पू व दे शों के साथ ापार करने, संिधयाँ करने, आ मण करने और िवजय करने का
अिधकार ा आ.
फै यों की थापना
2) डचों ने मसुलीप नम (1605), पुलीकट (1610), सूरत (1616), िवमलीप नम (1641), क रकल
(1645), िचनसुरा (1653), कािसमबाजार, बाड़ानागोर, बालासोर, पटना, ने गाप नम (1658) और कोचीन
(1653) म कारखाने/फै यां थािपत की.
g

3) भारत सिहत पू व के साथ यू रोपीय ापार की सबसे मुख श पु तगािलयों की जगह डचों ने ले ली.
4) 1690 तक इनका मु क पु लीकट रहा िजसकी जगह बाद म ने गाप नम ने ली.
5) बे दार के यु (1759) म अं ेजों से डचों की हार से डचों ने भारत म अं ेजों की धानता मान ली.
sc

अं ेज
भारत म ि िटश ई इं िडया कंपनी के ापार थापना से पू व,
1) भारतीय ापा रयों से ापार के उ े से थल माग से 1599 ई. म जॉन िम े नहाल भारत आने वाला
पहला अं ेज था.
2) ‘इं श ई इं िडया कंपनी’ के नाम से िव ात इस कंपनी की थापना ‘मचट एडवचस’ नाम के
S

ापा रयों के समूह ने 1599 म की थी और 1600 ई. म रानी एिलज़ाबे थ थम ारा इसे पू व दे शों म
ापार के अिधकार िदए.
सूरत म फै ी खोलने का िनणय

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3) सूरत म फै ी खोलने के िनणय (1608) की पू ित के िलए, कै न हािकंस जहाँ गीर की अनुमित ा


करने के िलए उसके दरबार म प ं चा (1609 ई.). जहाँ गीर ने सूरत म फै री बनाने का फरमान जारी कर
िदया (1613 ई.)
4) सर टॉमस रो, मुग़ल सा ा के िविभ े ों म फै यां खोलने और ापार करने के िलए अनुमित
ा करने हे तु, 1615 ई. म जे थम के राजदू त के प म जहाँ गीर के दरबार म प ं चा.

डे िनश

m
एक ई इं िडया कंपनी की थापना कर 1616 ई. म डे न भारत म आये , उ ोंने कोबर (तिमलनाडु ) म 1620
म और सेरामपु र (बं गाल) म 1676 ई. मे ापा रक क थािपत िकए.
1854 ई. म जोर जबरद ी के कारण उ ोंने सभी फै यां अं ेजों को बे च दी.
ांसीसी

co
1) 1664 ई. म कॉलबट ारा च ई इं िडया कंपनी की थापना की गई. थम च फै ी ां िसस कैरन
ारा 1664 म सूरत म थािपत ई.मसुलीप म म 1669 म फै ी लगाई गई.
2) भारत म च श को 1720 से 1742 के बीच, ले नोइर और डु मास (गवनर) के ने तृ म मजबूती
िमली. उ ोंने मालाबार म माहे , कोरोमंडल के यनम और तिमलनाडु के क रकल (1739) पर अिधकार
कर िलया.
3) 1742 म भारत म ांसीसी गवनर के प म डु े के आगमन से आं - च सं घष (कनाटक यु )
दे खने को िमला िजसका प रणाम भारत म ां सीिसयों की हार थी.

ई इं िडया कंपनी ारा फै


n.
यों की थापना
ई इं िडया कंपनी ने चा ि तीय से , बं बई को लीज/प े पर ले िलया. 1669 से 1677 तक गे रा औंिगएर
इसका पहला गवनर था. पहली फै ी सूरत म (1605) बनाई गई. बाद म 1697 म पि मी तट पर सूरत की
ya
जगह बं बई, कंपनी का मु ालय बना. 1639 म ां िसस डे ने चं िगरी के राजा से म ास प े पर लेकर वहां
एक फै ी बनाने की अनुमित ली िजसे फोट सट जॉज नाम िदया गया. बाद म कोरोमंडल तट पर
मसुलीप नम कंपनी का मु ालय बना.
1690 म जॉब चारनाक ने तीन गां वों सुतानुती, किलकाता और गोिवंदपुर की जमींदारी ा की और सुतानुती
म फै ी थािपत की. बाद म इन गाँ वो का कलक ा शहर के प म िवकास आ. सुतानुती की फै ी को
1696 म सु ढ़ िकया गया और 1700 म फोट िविलयम नाम िदया गया.
g

1694 म ि िटश संसद ने पूव म सभी ापा रयों को ापार करने का समान अिधकार दे ने का ाव पास
िकया. एक नई कंपनी ‘इं श कंपनी ऑफ़ मचट् स टे िडं ग टू दी ई इं डीज’ (1698) बनाई गई. 1708 म
कंपनी का अंितम एकीकरण आ और इसका नाम ‘दी यू नाइटे ड कंपनी ऑफ मचट् स ऑफ इं ड टे िडं ग तो
sc

दी ई इं डीज़’ रखा गया िजसने 1858 तक भारत म काय िकया.

मुख यु
थम आं -िसख यु (1845-1846)
अं ेजों और िसखों के बीच थम यु मुडकी म 18िदस र, 1845 को लड़ा गया. इसम िसख हारे . 21
S

िदस र को िफरोजपुर म पुनः अं ेज जीते. हालाँ िक 1846 म रणजीत िसंह मजीिठया के नेतृ म बु द ाल म
अं ेजों को िसखों ने परािजत िकया. लेिकन अलीवाल म पु नः िसख हारे . िनणायक यु म सोबराअ म 1846 म
आ िजसम िसखों की बु री तरह पराजय ई. तब अं ेजों ने सतलज पार करके राजधानी लाहौर पर क ा कर
िलया.

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यु का अंत 1846 म की गई लाहौर की सं िध से आ. इस सं िध ने अं ेजों के खलाफ संघष करने के िलए


िसखों को श शाली नहीं छोड़ा. 1846 म ही एक अ संिध ई िजसे लाहौर की दू सरी सं िध या भैरोंवाल की
संिध के नाम से जाना जाता है .

m
ि तीय आं -िसख यु (1848-1849)
िसखों के िलए पहले िसख यु म उनकी हार के साथ उनका अ िधक अपमान आ था. रणजीत िसं ह के
समय म वे जीत के अ थे और इस हार ने उनके गौरव अ िधक छाित प ंचाई थी. वे अपने समा होते
रा को पु नः थािपत करना चाहते थे. ि िटश कमां डर लाड ग़फ पं जाब की एक िवशाल सेना के साथ लाहौर

co
प ं चा. 1849 म मु ान ने समपण कर िदया और कुछ स ाह बाद िचिलयां वाला के यु म िसखों को पराजय
का मुं ह दे खना पड़ा. अंितम और िनणायक यु गु जरात म अं ेजों ने जीता और पूरे पंजाब ने समपण कर िदया.
फल प 1849 म लाड डलहौजी ारा पंजाब रा को हड़प िलया गया और राजकुमार िदलीप िसंह को
पशनया ा बनाकर उनकी माँ रानी िजंदान के साथ इं ड भेज िदया गया. पं जाब का शासन एक ‘बोड
ऑफ किम स’ को सौंप िदया गया. पंजाब के िमलाए जाने से भारत म ि िटश े का िव ार उ र-पि म म
भारत की ाकृितक सीमा तक हो गई. िसख श
अं ेजों की सुर ा के िलए खतरा बन सके.
n. के पतन के बाद ऐसी कोई श नहीं बची जो भारत म
ya
थम आं -मैसूर यु (1767-69)
इस यु का मु कारण अं ेजों को कनाटक से बाहर और िफर भारत से बाहर खदे ड़ने की है दर की इ ा
और अं ेजों को इस बात का आभास होना था िक है दर उनके िलए एक बड़ा खतरा बन सकता है . है दर के
खलाफ़ अं ेजों, िनज़ाम और मराठों की एक ि प ीय सं िध ई. हैदर इस सं िध को तोड़ने म कामयाब रहा और
अं ेजों के खलाफ़ यु की घोषणा कर दी.
g

यु की समा अं ेजों की हार से ई. आतंिकत म ास सरकार ने 1769 म ितर ारपू ण ‘म ास की सं िध’


इस आधार पर की, िक दोनों ही एक दू सरे के े ों को लौटा दग. साथ ही दोनों के बीच एक र ा समझौता
sc

आ िक हैदर अली पर िकसी अ श के आ मण के समय अं े ज सरकार है दर अली की सहायता


करे गी.

म ास की संिध
यह संिध है दर अली और कंपनी एवं उसके सहायकों तंजोर के राजा तथा मालाबार के शासक के म ई.
S

इसके अनुसार क र और उसके िजलों को मैसूर शासक के अंतगत छोड़कर शे ष सभी िविजत े एक दु सरे
को वापस कर िदए गए. भिव म िकसी भी एक पर िकसी अ श ारा आ मण के समय दू सरा उसकी
सहायता करने को बा होगा. है दर अली ारा म ास सरकार के पकडे गए सभी कमचारी छोड़ िदए गए.

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ि तीय आं -मैसूर यु (1780-1784)


है दर अली और अं ेज कंपनी के म 1769 की सं िध, अपनी कृित से संघष िवराम अिधक सािबत ई और
1771 म जब मराठों ने है दर अली पर आ मण िकया तो अं े जों ने उसकी सहायता करने से इनकार कर संिध
कर पालन नहीं िकया. है दर ने ां स को अं ेजों से अिधक सहायता दे ने वाला पाया. बाद म 1778 म अं े जों ने
माहे समेत ां स के कुछ े ों पर क ा कर िलया, जो एक बं दरगाह था और आपूित के वेश के िलहाज से
है दर अली के िलए ब त मह पू ण था. है दर अली ने माहे बं दरगाह पर क ा करने का िनरथक यास िकया.
उसने समान श ु अं ेजों के खलाफ़ मराठों और िनज़ाम का संयु मोचा बनाया. यु 1780 से 1784 तक

m
चला. लेिकन 1782 म उसकी मृ ु हो गई और उसका पु टीपू सुलतान उ रािधकारी बना.
टीपू ने यु जारी रखा िक ु पू ण सकलता िकसी को भी नहीं िमली. यु से थक जाने से दोनों प ों ने मं गलोर
की शां ित संिध की. इस संिध के अनुसार यह तय आ िक अं े ज टीपू को ीरं गप नम लौटा दगे और टीपू
अं ेजों को बदनूर का िकला अं ेजों को सौंप दे गा.

co
मंगलोर की संिध
संिध के अनुसार:
 दोनों प एक दू सरे के श ु की या अ सहायता नहीं करगे और एक दू सरे के सहायकों पर
आ मण नहीं करगे .
 1770 म है दर अली ारा कंपनी को िदए गए ापार िवशे षािधकार पु न थािपत िकये जायगे हालाँ िक उससे
कोई अ लाभ नही ं होने वाला था.
n.
 दोनों प एक दू सरे के क ाए गए े ों को वापस दे ने पर राजी हो गए (अ ू रगढ़ और सतगढ़ िकलों को
छोड़कर) और भिव म कनाटक पर कोई दावा नहीं करे गा.
 टीपू सभी यु बं िदयों को छोड़ने पर राजी हो गया.
 टीपू को फै ी पु न थािपत करनी पड़ी और 1779 तक कालीकट म कंपनी को ापार िवशेषािधकार दे ना
ya
पड़ा.

ीरं गप नम की संिध
यह संिध टीपू और अं ेजों एवं उसके सहायकों (िनज़ाम और मराठा पे शवा) के बीच ई. संिध से तय आ िक :
 अं ेजों और मैसूर के बीच पू व की संिधयाँ थायी रहगी.
 टीपू को लगभग अपना आधा रा दे ना पड़ा जो अलग-अलग जगह तीनों म बंटा.
g

 टीपू को कुल यु हजाने (3.6 करोड़) म से 1.6 करोड़ तु रंत दे ना था जबिक शेष 2 करोड़ तीन िक ों म
दे ना था.
 टीपू को सभी यु बं िदयों को छोड़ दे ने को कहा गया.
sc

 इन शत के पूरी होने तक उसके दो बेटे अं े जों के पास बं धक के प म रहगे .


े ों के संबंध म, िनज़ाम ने सबसे बड़ा िह ा िलया जबिक मराठों ने भी अपनी सीमा तुं गभ ा और कृ ा नदी
तक कर ली. अं ेजों ने सुर ा के िलहाज से बाहरी े ों को अपने िह े म िलया और मालाबार तट पर उ र
म क ूर से लेकर कुग के साथ पो ानी नदी के दि ण तक का े सु रि त कर िलया. इसम वृ करते ए
उ ोंने िडं डीगुल और बड़ामहल िजले पर अिधकार कर िलया.
S

चतुथ आं -मैसूर यु (1799)


तीसरे आं -मैसूर यु म अपनी हार से टीपू बदले की आग म जल रहा था. वह अपने े ों को वापस पाना
चाहता था और काबुल के ज़मान शाह और ां सीिसयों के साथ की गई सं िधयों म कहे गए अपने उ े ों को
पू रा करना चाहता था. टीपू अं ेजों को िन ािसत करने के िलए सहयोगी चाहता था. लाड वेलेजली ने िनज़ाम
के साथ सहायक गठबंधन बनाने के बाद टीपू को भी उसम शािमल होने के िलए कहा था िक ु उसने मना कर

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िदया. मैसूर पर दोतरफा हमला आ. जनरल है रस के नेतृ म मु से ना ने, आथर वेलेजली के नेतृ वाली
िनजाम की सहायक सेना के साथ मैसूर पर पू व िदशा से आ मण िकया जबिक अ से ना बं बई से आगे बढ़ी.
टीपू पहले तो बं बई की सेना से हारा और बाद म म ाव ी म जनरल है रस ने उसे हराया. टीपू वीरतापूवक
लड़ते ए मारा गया. उसके प रवार के सद ों को वे ोर म नज़रबंद कर िदया गया. मैसूर के पू व शाही
प रवार के एक लड़के को मैसूर के एक छोटे से िह े के शासक के प म ग ी पर िबठा िदया गया और एक
सहायक संिध लागू कर दी गई. इस कार 33 वष पू व है दर अली ने िजस मैसूर रा पर शासन ारं भ िकया
था, चतुथ मैसूर यु ने उस मैसूर रा को न कर िदया.

m
थम आं -मराठा यु (1775-82)
मराठों की आ रक सम ाएं और अं ेजों की मह कां ा आं -मराठा सं घष का कारण बनी. थम यु का
कारण अं ेजों ारा बंबई म मराठों के आं त रक मामलों म ह ेप था. 1772 म पे शवा माधव राव की मृ ु हो

co
चुकी थी और उनके छोटे भाई नारायण राव उ रािधकारी बने. उनके चाचा राघोबा पेशवा बनना चाहते थे और
इसिलए उ ोंने उसकी ह ा करवा दी. इसके बाद नारायण राव के पु माधव नारायण राव को पे शवा बनाया
गया. राघोबा ने अं ेजों से सहायता मां गी और ि िटश सै िनकों की सहायता से ग ी िमलने की आशा म सूरत की
संिध की. इस संिध म उसने यह भी वादा िकया िक वह सालसे ट और बसीन का े अं े जों को दे दे हगा और
साथ ही अं ेजों के श ुओं के साथ कोई संिध नहीं करे गा.
इस यु म िकसी को भी कोई सफलता नहीं िमली, दोनों प ों ने यु की िनरथता समझकरसालबाई की संिध
(1782) से उसे समा िकया. सालबाई की सं िध के बाद, थित जस की तस बनी रही िजससे अं ेजों और
n.
मराठों के बीच 20 वष तक शां ित बनी रही. इस संिध ने अं ेजों को, है दर अली से उनके े वापस लेने के िलए
मराठों की सहायता से दबाव बनाने म भी स म बनाया.

ि तीय आं -मराठा यु (1803-1806)


ya
ि तीय मराठा यु वेलेजली के समय म आ जो चाहता था की मराठे सहायक सं िध ीकार कर ल. मराठों ने
इसे ीकारने से मना कर िदया लेिकन आपसी मतभे दों के कारण वेलेजली उ बरगलाने म कामयाब रहा.
बे सीन की संिध ने मराठों के साथ संघष को अप रहाय बना िदया. संिध की मु ख बात थीं – पे शवा के पू ना पर
दावे को मा ता दे ना, बाजीराव ि तीय ारा सहायक सं िध म शािमल होना और सू रत के सभी अिधकार कंपनी
को सौंपना.
मराठों के िलए बे सीन की संिध अपमानजनक थी. होलकर और िसं िधया ने लड़ना रोक िदया. िसंिधया और
g

भोंसले एक हो गए लेिकन होलकर और गायकवाड़ अलग बने रहे . अं ेजों ने िसंिधया और भोंसले से अपनी
नमदा के उ र को पीछे लौटाने के संबंध म पु छा लेिकन इ ोने मना कर िदया िजससे यु आ. िसं िधया और
भोंसले दोनों ने अं ेजी भुस ा ीकार की. अब अं ेजों ने अपना ान हो र की ओर िकया ले िकन यशवंत
sc

राव हो र अं ेजों से एक मैच से ादा सािबत ए. वेलेजली को भारत से वापस बुला िलया गया और बाद म
कंपनी ने 1806 म राजपुरघाट संिध ारा े का ब त बड़ा िह ा वापस दे कर हो र के साथ शां ित थािपत
कर ली.

तृतीय आं -मराठा यु (1817-1818)


1817 म मराठों ने अपनी तं ता और ित ा को पाने का अंितम िक ु िनराशाजनक यास िकया. मराठा
S

सरदारों का एक संयु मोचा बना िजसका नेतृ पे शवा कर रहे थे जो ि िटश रे िजडट के कड़े िनयं ण म
अ ंत ाकुल थे. य िप एक बार पु नः मराठे कोई काय योजना बनाने म असफल रहे . पे शवा ने 1817 म पू ना
म ि िटश रे जीडसी पर आ मण िकया, नागपु र के अ ा साहेब ने नागपु र रे जीडसी पर आ मण िकया और
माधव राव हो र ने यु की तै यारी की.

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मराठा संघ पू री तरह समा हो चुका था, इसके अनेक सद ों के े ले िलए थे और वे अं ेजों के खलाफ
कुछ भी करने के िलए श शाली नहीं बचे थे. लाड हे ं ने 1818 म शे ष काय भी पू रा कर िदया. अब
भारत म अं ेज सव श बन गए थे.

मुश द कुली खां


मुश द कुली खां औरं गज़ेब ारा बंगाल का दीवान के प म नायब सूबेदार और िफर बाद म फ ख िसयर ने

m
1717 म सूबेदार िनयु िकया गया था. उसे बादशाह फ ख िसयर ारा 1719 म उड़ीसा की सूबेदारी भी दी
गई थी. उसने ढका की जगह मुिशदाबाद म राजधानी बनाई. वह धीरे धीरे तं होता जा रहा था हालाँिक
उसने मुग़ल बादशाह के ित िन ां जताते ए उ वािषक कर और नजराना दे ना जारी रखा था.
उसने जागीर भूिम के बड़े िह े को खालीसा भूिम म प रवितत कर िव व था को पु नगिठत िकया. उसने

co
कर कृिष था की शु आत की.
उसने िकसानों के िनजी योग के िलए और अकाल के समय कर चुकाने के िलए त वी ऋण िदया. उसने
मु मों और िह दु ओं को राजगार म बराबर अवसर दे ने के िलए शासन की पु नरचना की. थानीय िह दू
ज़मींदार और सा कार िनयु करने की उसकी नीित से बं गाल म एक नए भूिम अिभजा वग का ज और
िवकास आ.
उसने भारतीय और िवदे शी
िनजी ापार की जांच से उ
n.
ापा रयों को सड़क और निदयों म सु र ा उपल
ो ाहन िदया िजससे वािण एवं
कराकर, अिधकारीयों ारा
ापार को बढ़ावा िमला.
उसने िवदे शी ापा रक कंपिनयों की गितिविधयों पर श िनयं ण लगाया; 1691 और 1717 म मु ग़ल ारा
ya
कंपनी को िदए गए िवशेषािधकारों के कंपनी के कमचा रयों ारा दु पयोग को रोका. उसने िव ोही ज़मींदारों
को दबाकर सूबे म कानून एवं व था थािपत की.

अलीवद खां
g

अलीवद खां 1740 म िसंहासन के उ रािधकारी की ह ा कर ग ी पर बै ठा. उसने 2 करोड़ पये मु ग़ल


बादशाह मुह द शाह को को भट कर यं को कानूनी प से मा करवा िलया. उसके शासनकाल म
बं गाल म लगातार मराठों का हमला होता रहा. उसने बं गाल म शां ित के बदले चौथ के प म 12 लाख पये
sc

सालाना और उड़ीसा का राज दे ने की बात मान ली.


उसने अं ेजों को अपने िवशेषािधकारों के दु पयोग से रोका और उ एवं ां स को कलक ा और चंदननगर
म अपनी फै यों की िकलेबंदी से रोका.
उसने 1746 म मां ग आने पर मुग़ल बादशाह को नजराना दे ने से इनकार कर िदया.
S

िसराज-उद-दौला

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यह 1756 म स ा म आया. िसराज-उद-दौला ने कलक ा का नाम बदलकर अलीनगर रख िदया इसने ई


इं िडया कंपनी की गितिविधयों को िनयंि त करने की कोिशश की. उसने कलक ा के गवनर को, अ िधक
िकलेबंदी को िगराने और उसके खलाफ़ गै रकानूनी गितिविधयों को रोकने के िलए प िलखा.
अं ेजों ने उसकी आ ा मानने से इनकार कर िदया तब उसने कािसमबाजार और िफर कलक ा की अं ेजों
की फैकरी पर क ा कर िलया. 1757 म रोबट ाइव के ने तृ म अं ेजों ने उसके सै िनकों पर हमला िकया.

m
इसके कारण नवाब को अं ेजों से संिध कर शां ित थािपत करनी पड़ी.

अलीनगर की संिध (1757)


संिध म ये इन बातों पर सहमित बनी :

co
 कंपनी ारा मां गों की एक सूची रखी गई
 पू व की थित थािपत करने के िलए एक समझौता
 नवाब ारा अनेक फरमान और द क जारी िकये गए
 जब तक नवाब इन समझौतों का पालन करता रहेगा तब तक अं ेज उसका समथन करते रहगे.
कंपनी म पू व म ा सभी िवशाशािधकार यथावत बने रहे . साथ ही सं भािवत च आ मण से अपनी सुर ा

ासी का यु (23 जून 1757)


n.
के िलए कलक ा को दु ग कृत करने और अपने िस े ढालने के िलए अं ेज अिधकृत कर िदए गए.

अं ेजों ने 1757 म च ननगर पर क ा कर संिध का उ ंघन िकया. िसराज-उद-दौला ने ां सीिसयों को


ya
सुर ा दे कर इसका िवरोध िकया. अं ेजों ने उसे षड़यं से अपद थ करने का िनणय िलया. ासी का यु 23
जून, 1757 को आ. इस यु म मीर जाफर एवं राय दु लभ की ग ारी, छोटी श की वीरता और नवाब की
सेना का खोखलापन दे खने को िमला. मीर जाफर के पु ने िसराज-उद-दौला को िगर ार कर उसकी ह ा
कर दी.
g

मीर जाफर (1757-60)


मीर जाफर ने 17.7 िमिलयन यु हजाने के साथ अं ेजों को बं गाल म मु ापार एवं उड़ीसा, िबहार और
sc

24 परगना की ज़मींदारी दे दी. उसके काल को भारत से ि टे न म धन के िन ासन के प म दे खा जाता है .


उसने अं ेजों को हटाकर डचों को लाने का यास िकया लेिकन 1759 म बे दारा के यु म डच, अं ेजों से
परािजत हो गए.

मीर कािसम (1760-63)


S

मीर कािसम ने बदमान, िमदनापुर और िच गाँ व की ज़मींदारी अं े ज अिधका रयों को दे दी. उसने उ 2.9
िमिलयन पये भी अदा िकये. उसने अपनी थित सु ढ़ करने के िलए कुछ कर सं बंधी और सै सुधार िकये.
इसके काल को नवाब और ि िटश शासन के बीच भुस ा के िलए सं घष के प म दे खा जाता है . इसने

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अपनी राजधानी मुिशदाबाद से मुंगेर थानां त रत कर दी. इसने कंपनी को िदए गए द कों ( ी पास) के
दु पयोग पर रोक लगा दी और आं त रक ापार पर सभी कर समा कर िदए.

ब र का यु
मीर कािसम अपने सहयोिगयों अवध के शुजा-उद-दौला और शाह आलम ि तीय के साथ अं ेजों से लड़ा. इस
यु म मेजर हे र मुनरो के नेतृ म अं ेजों ारा इ परा कर िदया गया.

m
1857 का िव ोह
1857 का िव ोह भारतीय इितहास की एक मुख घटना है . अं ेज इितहासकारों के अनुसार यह एक “िसपाही
िव ोह” था, यह “ थम तं ता सं ाम” था.

co
िव ोह के कारण
राजनीितक – लाड डलहौजी के दौरान यह सम ा उ ई. उसे अनेक रा ों को हड़प िलया और
भारतीय रा ों को हड़पने म ‘ पगत का िस ांत’ उसका सबसे श शाली हिथयार था. पगत के िस ां त
के अनुसार, यिद िकसी रा के शासक के पास सगा उ रािधकारी नही ं है तो वह रा ि िटश रा म िमला
िलया जाएगा.

n.
आिथक – ि िटश राज की आिथक नीित ने भारतीय अथ व था को पू री तरह कर िदया था. िकसानों से
उ ऋण दर, भारत म जमीनी हकीकत को समझे िबना नई भू िम कर व था लागू करना, बलपू वक
िन ासन और कर वसूलने के ू र तरीके से कृिष धान अथ व था हो गई.
ya
सामािजक-धािमक – अं ेजों ारा भारितयों से न ीय भे दभाव, बलपूवक ईसाई बनाना और सामािजक
सुधार जैसे 1829 म सती था की समा ; 1856 म िवधवा िववाह को कानूनी मा ता आिद से भारतीय
समाज के िढ़वादी त ों ने अपमािनत महसू स िकया.

सै – अं ेजों ने भारतीय सैिनकों से भेदभाव करते थे और सेवा शत एवं पदो ित म इनके बिह ार की नीित
अपनाई िजससे उ और मुख पद यू रोिपयों के िलए आरि त हो गए थे.
g

ता ािलक कारण : एनफी रायफल का योग िजसके कारतूस के खोल म गाय और सु अर की चब योग
ई थी, िव ोह को भड़काने वाला कारण बना. इसने िह दू और मुसलमान िसपािहयों दोनों को नाराज कर िदया
sc

िजससे तु रंत िव ोह को ज िदया.

1.2 घटना म
• 29 माच, 1857 को 34 नेिटव इ टी के एक भारतीय िसपाही मंगल पा े य ने दो ि िटश अिधकारीयों –
वाघ तथा मेजर साजट ह्यु न को परे ड के दौरान बै रकपुर (कलक ा) म गोली मार दी.
• वा व म िव ोह तीसरी नेिटव इ ै ी ारा 10 मई, 1857 को मे रठ से शु आ. चब वाले कारतू सों के
S

योग से मना करने पर कुछ िसपािहयों को सजा सुनाई गई थी िजससे नाराज इन िसपािहयों ने िव ोह कर
िदया. िसपाही, नाग रकों के अ समूहों के साथ ‘मारो िफरं िगयों को’ कहते ए आगे बढ़े . उ ोंने जे लों को
तोड़ िदया, यू रोिपयों की ह ा कर दी और उनके घरों म आग लगा दी और सूय दय के बाद िद ी की ओर
कूच कर िदया.

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• अगली सुबह (11 मई) िद ी म माच करते आते ए िसपािहयों का िदखना िद ी के थानीय िसपािहयों के
िलए एक संकेत था, उ ोंने भी िव ोह कर िदया, शहर अपर अपना िनयं ण थािपत कर िलया और 82 वष के
वृ बहादु र शाह ‘ज़फ़र’ को, शहं शाह-ए-िह दु ान (भारत का स ाट) घोिषत कर िदया.
• िव ोह के दौरान अं ेजों के सहायकों म िसं िधया, है दराबाद का िनज़ाम और भोपाल की बे गम शािमल थीं.

1857 के िव ोह के भाव
1. िव ोह का सबसे बड़ा भाव भारत म ई इं िडया कंपनी के शासन की समा थी. भारत सरकार

m
अिधिनयम, 1858 ारा, ि िटश सरकार ने भारत का शासन अपने हाथों म ले िलया. ि िटश सरकार का एक
मं ी, िजसे ‘भारत रा सिचव’ कहा जाता था, को भारत म शासन के िलए िज ेदार बनाया गया.
2. भारत म ि िटश गवनर-जनरल को अब वायसराय कहा जाने लगा.

co
भारत म 1857 के िव ोह के मुख नेता

मंगल पा े य - मंगल पा े य 1849 म 22 वष की आयु म ई इं िडया कंपनी की सेना म भत आ था. वह


34वी ं बं गाल नेिटव इ टी म था और मु प से 29 माच 1857 को बै रकपु र म अपने ि िटश अिधकारी पर
आ मण करने के िलए जाना जाता है . इस घटना को 1857 के िसपाही िव ोह या थम तं ता यु की
शु आत है .

नाना साहेब – कानपूर म िव ोह का नेतृ


n.
पे शवा बाजीराव ि तीय के द क पु नाना साहे ब ने िकया.
ya
रानी ल ीबाई - रानी ल ीबाई (मिणकिणका) का िववाह झाँ सी के राजा गं गाधर राव नेवालकर से 1842 म
आ था और वह झाँ सी की रानी बनी.ं अपने िववाह के बाद उ ोंने 1851 म एक पु दामोदर राव को ज
िदया.

ता ा टोपे – ता ा टोपे नाना साहे ब के करीबी सहायक और सेनापित थे. 1857 म कानपुर की घेराबंदी के
g

दौरान नाना साहेब की सेनाओं ने ि िटश मोच पर जून 1857 म आ मण कर िदया.


sc

वीर कंु वर िसंह – ये जगदीशपुर (वतमान म भोजपुर िजला, िबहार का िह ा) के राजा थे और इस िव ोह के


एक मुख भारतीय नेता थे.

शाह मल – शाह मल उ र दे श के बडौत परगना के एक बड़े गाँ व म रहता था . इसने चौरासी दे स के धानों
S

और िकसानों को इक ा कर, रात म गाँ व से गाँ व तक जा जाकर, अं ेजों के खलाफ िव ोह करने के िलए
लोगों को समझाया.

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मौलवी अहमदु ाह शाह – यह उन मौलिवयों म से एक था िज ोंने 1857 के िव ोह म मुख भू िमका


िनभाई थी. है दराबाद म िशि त, वह यु वाव था म ही मु म धम पदे शक बना. 1856 म, इसने गाँ व-गाँ व
घूमकर अं ेजों के खलाफ़ िजहाद (धािमक यु ) का उपदे श िदया और िव ोह करने को कहा. 1856 म जब
यह लखनऊ प ंचा तो इसे पुिलस ारा शहर म उपदे श दे ने से रोक िदया गया. बाद म 1857 म, इसे फैजाबाद
म जेल म डाल िदया गया.

m
िद ी – मुग़ल बादशाह, बहादु र शाह, लेिकन वा िवक नेतृ ब खान (सेना की बरे ली इकाई से था) के
हाथ म था.
कानपुर – नाने साहे ब (तां ा टोपे और अिज़मु ाह खां के साथ)
लखनऊ – अवध की बेगम हज़रत महल (अपने पु को अवध का नावाब घोिषत िकया)

co
बरे ली – खान बहादु र
िबहार (आरा) – जगदीश के ज़मींदार, राजा कुंवर िसं ह
झांसी – रानी ल ी बाई
इलाहबाद – िलयाक़त अली

भारत के मुख गवनर जनरल


रोबट ाइव (1757-60 और 1765-67):-
1. इस दौरान बं गाल का गवनर रहा.
n.
2. भारत म 1765 म ै ध शासन की शु आत की.
3. यह बं गाल म ई इं िडया कंपनी की से ना और राजनीितक सव ता थािपत करने वाला ि िटश अफसर
था.
ya
4. ऐसा कहा जाता है िक भारत म ि िटश सा ा का सं थापक रोबट ाइव था. उसके शं सक उसे
“भारत का िवजेता” कहते ह.
5. ाइव ने 1757 के िस ासी के यु म बं गाल के नवाब िसराज-उद-दौला को परािजत िकया था.
6. ाइव 1743 म भारत म ई इं िडया कंपनी के एक िसिवल सेवक के प म भारत आया था; बाद म
वह कंपनी की सै सेवा थानां त रत कर िदया गया और 1753 म इं ड वापस लौट गया.
g

7. 22 नव र 1774 को 49 वष की आयु म ाइव ने ल न के अपने बकले ायर थत घर म


आ ह ा कर ली.

विसटाट (1760-65)
sc

1. 23 अ ू बर 1764 का, ब र का िस यु हे र मुनरो के ने तृ वाली ई इं िडया कंपनी और


बं गाल के नवाब मीर कािसम, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला और मुग़ल बादशाह शाह आलम ि तीय की
संयु मु म सेना के म वसीटाट के समय म ही लड़ा गया.

वारे न हे ं (1772-74)
1. रोबट ाइव ारा 1765 म ारं भ िकए गए ै ध शासन की घोषणा की.
S

2. 1772 म भूिम कर बं दोब की उ म व था लागू की.


3. कले र और राज अिधकारी की िनयु की.
4. िह दू और मु म कानून संिहताब िकये.
5. 1775 म न कुमार पर टायल चलाकर उसकी ाियक ह ा कर दी.

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6. िविलयम जोंस की सहायता से 1784 म एिशयािटक सोसाइटी ऑफ़ बं गाल की अ थापना की.


7. 1785 म उसके इं ड लौटने के बाद, हाउस ऑफ लाड म उसके खलाफ महािभयोग चलाया गया.
8. बं गाल का पहला गवनर जनरल वारे न हे ं था.
9. िजला र पर दीवानी और फौजदारी अदालतों की शु आत की.
10. 1774 म रोिह ा यु , थम आं -मराठा यु (1776-82) और ि तीय आगल-मराठा यु (1780-84)
ए.

m
लाड कानवािलस (1786-93)
1. 1793 म कानूनों को संिहताब करने वाला पहला . इस संिहता ने राज शासन को ाय
शासन से अलग िकया. िजला जज का पद सृिजत िकया.
2. 1793 म थायी बं दोब व था लाया.

co
3. कानवािलस को “भारत म िसिवल सेवा का जनक” माना जाता है .
4. इसने तीसरे आं -मैसूर यु म अं ेज सेनाओं का नेतृ िकया और मैसूर के शासक टीपू सु ान को
परािजत िकया.
5. 1793 म माकस की उपािध धारण करने के िलए यह इं ड लौट गया और ि वी कौंिसल म पद िमला.
1805 म इसकी मृ ु हो गई.

लाड वेलेजली (1793-1798)


1.
2. सहायक संिध को ारं भ िकया.
n.
यं को “बंगाल टाइगर” कहता था.

3. इसके काल म म ास ेिसडसी बनाई गई.


4. सबसे पहले 1798 म है दराबाद संिध म शािमल आ और बाद म मै सूर, तंजोर, अवध, पे शवा, भोंसले ,
ya
िसंिधया, जयपुर, बूं दी, भरतपुर इसम शािमल ए.
5. बे सीन की संिध पर ह ा र िकये और दू सरा आं -मराठा यु लड़ा.
6. 1842 म मृ ु हो गई.

लाड िम ो- थम (1807-1813 )
1. 1809 म रणजीत िसंह और अंगेजों के म अमृ तसर की संिध की.
g

लाड हे ं (1813-1823)
गवनर थॉमस मुनरो ारा 1820 म म ास ेसीडसी म रै यतवाड़ी ब ोब की शु आत की.
sc

1. ह ेप और यु की नीित अपनाई.
2. जे थॉमसण ारा उ र पि म ा म भूिम कर की महालवाड़ी ( ामीण समु दाय) णाली शु की
गई.

लाड िविलयम बिटक (1828-1835)


1. भारत सरकार अिधिनयम 1833 के अनुसार भारत का थम गवनर जनरल था.
S

2. “उदार गवनर जनरल” के प म जाना जाता है .


3. भारत का सबसे उदार और बु गवनर जनरल था और “भारत म आधुिनक पि मी िश ा का जनक” के
प म जाना जाता है .
4. 1829 म सती था और क ा ूण ह ा को ितबंिधत िकया.
5. 1834 म आगरा को ांत बनाया.

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6. इसने उ ायालयों म अं ेजी को अदालत की भाषा बनाई ले िकन िनचली अदालतों म पारसी ही जारी
रही.
7. कानवािलस दारा थािपत अपील कोट और सिकट था को समा कर िदया.
8. सर चा मेटका (1835-36) को े स का मु दाता के प म जाना जाता है .

लाड डलहौजी (1849-1856)


1. लाड डलहौजी ने पगत का िस ां त अपनाया िजससे 1848 म सतारा को, 1849 म जयपु र और

m
संभलपुर को 1850 म बघाट को, 1852 म उदयपु र , 1853 म झाँ सी और 1854 म नागपु र को हड़प
िलया.
2. चा वुड के वुड िड ैच, िजसे अं ेजी िश ा का ‘मै ाकाटा’ माना जाता है , को पा रत िकया. इसम
ाथिमक िश ा से लेकर िव िव ालय र तक की िश ा की ापक योजना बनाई गई.

co
3. इसने 1853 म बंबई से ठाणे तक पहली रे ल लाइन िबछाई और कलक ा से रानीगं ज तक दू सरी लाइन
िबछाई.
4. डाक एवं तार सेवा को अ िधक ो ाहन िदया. तार लाइन पहली बार कलक ा से आगरा तक िबछाई
गईं.
5. 1856 म िह दू िववाह अिधिनयम पा रत आ.
6. 1854 म डाक कायालय अिधिनयम पा रत आ. डाक िटकटों का चलन पहली बार आ.
7. वह भारत का सबसे कम आयु का गवनर जनरल था. उसने 36 वष की आयु म कायभार संभाल िलया था.
n.
ड़की म एक इं जीिनय रं ग कॉलेज की थािपत िकया गया. पहली बार एक पृ थक लोक काय िवभाग
बनाया गया, िजसने ां ड टं क रोड़ पर काय ारं भ िकया और कराची, बं बई और एवं कलक ा म बंदरगाह
िवकिसत िकया.
ya
लाड केिनंग (1856-62)
यह भारत का अंितम गवनर जनरल एवं थम वायसराय था.
1. 1857 का िव ोह,
2. रानी िव ो रया की घोषणा और भारत प रषद् अिधिनयम, 1858 का पा रत होना.
3. लाड डलहौजी ारा ारं भ ‘ पगत के िस ांत’ को 1859 म वापस िलया गया.
4. कलक ा, बंबई और म ास म 1857 म िव िव ालय की नींव रखी गई.
g

5. 1859-60 म बं गाल म नील िव ोह


6. बहादु र शाह को रं गून भेजा गया.
7. आईपीसी और सीआर.पीसी को अिधिनयिमत िकया गया.
sc

8. 1858 म पहली बार आयकर की व था की गई.


9. भारतीय उ ायालय अिधिनयम 1861 अिदिनयािमत िकया गया.

1885 के बाद आधुिनक इितहास


भारतीय रा ीय कां ेस
 एक अं ेज और सेवािनवृ िसिवल सेवक ए. ओ. ह्यूम ारा 1885 म गठन.
S

 1885 म बं बई म ड ू . सी. बनज की अ ता म पहला अिधवेशन (72 ितिनिधयों ने भाग िलया)


 थम दो दशकों (1885 – 1905) म, यह काफी नरम नीितयों वाली थी.
 लेिकन अं ेजों के दमनकारी उपायों के कारण कां ेस म गरम िवचारों वाले ने ताओं जैसे िबिपन च पल,
बाल गं गाधर ितलक, लाला लाजपत राय (लाल, बाल, पाल) का उदय

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बंगाल का िवभाजन :
 लाड कज़न ारा 16 अ ू बर, 1905 को एक शाही घोषणा ारा िकया गया, पु राने बं गाल ां त को पू व
बं गाल और शेष बं गाल बनाकर उसका आकर घटा िदया गया.
 इसका उ े िह दू और मुसलमानों म एक सां दाियक खाईं का िनमाण था.
दे शी आं दोलन (1905):लाल, बाल, पाल और अरिव घोष ने मह पू ण भूिमका िनभाई.
 कां ेस ने जी. के. गोखले की अ ता म 1905 के बनारस के अिधवेशन म पहली बार दे शी का
आ ान िकया. जगह-जगह िवदे शी व ुओ ं की होली जलाई गई.

m
मु म लीग की थापना (1906)
आगा खां , ढाका के नवाब सलीमु ाह, नवाब मोहिसन-उल-मु के ने तृ म िदस र 1906 म आल इं िडया
मु म लीग की थापना की गई. लीग ने बं गाल िवभाजन का समथन और दे शी आं दोलन का िवरोध िकया

co
और अपने समुदाय के िलए िवशेष सुर ा एवं एक पृ थक िनवाचन े की मां ग की.

कां ेस का कलक ा अिधवेशन (1906)


िदस र 1906 म दादाभाई नौरोजी के नेतृ म कलक ा अिधवेशन म कां े स ने भारतीय लोगों के िलए
‘ राज’ के ल को अपनाया. अपने अ ीय भाषण म नौरोजी ने यह घोिषत िकया िक कां ेस का ल
“यू नाइटे ड िकंगडम की तरह राज का शासन” है .

सूरत िवभाजन (1907) n.


1907 के सूरत अिधवेशन म कां ेस का दो दलों, गरम दल और नरम दल, म िवभाजन हो गया. गरम दल का
नेतृ ितलक, लाजपत राय और िबिपन च पाल कर रहे थे जबिक नरम दल के नेता जी. के. गोखले थे.
ya
अलीपुर बम केस (1908)
1908 म मुज रपु र के मु ेिसडसी जज डी. एच. िक फोड की ह ा का एक ां ितकारी षड़यं रचा
गया. यह काय खुदीराम बोस और फु ा चाकी को करना था. उ ोंने 30अ ै ल 1908 को मिज े ट के घर से
िनकले एक वाहन पर बम फका.

माल-िम ो सुधार (1909)


g

माल-िम ो सुधार 1909 म लाये गए जब लाड िम ो भारत का वायसराय था और माल भारत रा सिचव था.
इन सुधारों ने पृ थक िनवाचन मंडल को लाकर बां टो एवं राज करो नीित के तहत सा दाियकता को सं थागत
बनाने की नींव रखी. सुधारों के ावधानों के अनुसार मु म केवल मु म उ ीदवार के िलए वोट कर
sc

सकता था.

लाड हािडग का आगमन (1910)


1910 से 1916 तक लाड हािडग भारत का वायसराय रहा. इसके शासन की मह पू ण घटना 1911 का
िद ी दरबार थी.
S

िद ी दरबार (1911)
1910 म इं ड म िकंग जॉज पं चम रा ािभषेक आ. 1911 म वो भारत वास पर आये. िकंग जॉज पं चम
और ीन मैरी की भारत के स ाट और सा ा ी के प म रा ािभषेक के िलए दरबार का आयोजन िकया
गया था. इस दरबार म, राजा ने भारत की राजधानी कलक ा से िद ी थानां त रत करने की घोषणा की. इसी
दरबार म बं गाल िवभाजन के र करने की घोषणा भी की गई.

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िद ी षड़यं केस (1912)


ऐसा कहा जाता है िक िद ी षड़यं रासिबहारी बोस ारा रचा गया था लेिकन यह कभी िस नही ं हो पाया.
23 िदस र, 1922 को वायसराय लाड हािडग पर उस समय बम फका गया था जब चां दनी चौक से उनकी
शोभाया ा िनकल रही थी.

m
ग़दर पाट (1913):
लाला हरदयाल, तारकनाथ दास और सोहन िसंह भाखना ारा इसका गठन िकया. इसका मु ालय सान
ां िस ो था.

होम ल आं दोलन (1915-16)

co
बाल गं गाधर ितलक 1914 म मां डले जेल से मु िकये गए. 1915 म उ ोंने पुनः कां ेस म वेश िकया.
ितलक ने 28 अ ैल, 1916 को पु णे म इं िडयन होम ल लीग की शु आत की. एनी बे सट ने आय रश
िव ोिहयों से ेरणा लेकर िसत र 1916 म होम ल आं दोलन की शु आत की थी. उ ोंने दो समाचारप ों
यं ग इं िडया और कामनिवल की शु आत की थी. लीग ने स ा ह और सिवनय अव ा का समथन िकया.

लाड चे फोड का आगमन 1916


n.
4 अ ैल, 1916 को लाड चे फोड ने भारत के वायसराय का कायभार सं भाला.

लखनऊ समझौता या कां ेस-लीग समझौता (1916)


िह दू -मु म एकता को ा करने म लखनऊ समझौता एक मह पू ण कदम था. ि टे न और तु क के बीच
ya
यु के कारण मुसलमानों म अं ेजों के खलाफ भावनाएं उभर रहीं थीं िजससे कां े स और मु म लीग एकता
का माग श आ. दोनों ने 1916 म लखनऊ म अपने अिधवेशन िकये और िस लखनऊ समझौता आ.
कां ेस ने पृ थक िनवाचन को ीकार कर िलया और दोनों संगठनों ने संयु प से दे श के िलए “डोिमिनयन
े टस”/उ रदायी शासन की मां ग की.

मोंटे ू घोषणा (1917 की अग घोषणा)


g

1917 म मोंटे ू ने एक बयान िदया जो भारत म शासन के संबंध म मील का प र सािबत आ. उसने कहा
िक भारत सरकार पर धीरे धीरे भारतीय लोगों को िनय ण ह ांत रत िकया जाएगा. यह लखनऊ समझौते से
ए िह दू -मु म एकता का प रणाम था.
sc

चंपारण स ा ह (1917)
यह महा ा गाँ धी का पहला स ा ह था. चंपारण और खे ड़ा स ा ह वो घटनाएँ थीं िज ोंने बाद म गाँ धी को
भारतीय रा ीय तं ता आं दोलन का सबसे मु ख नेता बना िदया और स ा ह को एक मह पू ण उपकरण
बना िदया.

खेड़ा स ा ह (1918)
S

1918 म, स ूण गु जरात भीषण ेग का िशकार आ और अकेले खेड़ा म लगभग 17000 लोगों ने अपने
ाण गं वाए. आगे , कालरा ने भी थानीय लोगों को तोड़कर रख िदया. यह िव ोह का ता ािलक कारण था.
िव ोह करों के िव था. सरकार ने कहा िक यिद कर नहीं िदए गए तो संपि ज कर ली जाएगी. इस

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िव ोह ने भारत को एक सु ढ़ नेता सरदार व भभाई पटे ल िदया.सरदार पटे ल और उनके सािथयों ने एक


वृहत कर िव ोह िकया िजसने े के सभी जाितयों और पं थों के लोगों को इक ा िकया.

रौलेट ए (माच 18, 1919)


इसने सरकार को िबना टायल के ही, संिद को िगर ार कर दो साल तक कैद म रखने की असीिमत
श दी.

m
जिलयांवाला बाग़ जनसंहार (अ ैल 13, 1919):
 9अ ैल, 1919 को डॉ िकचलू और डॉ स पाल की िगर ारी के िवरोध म लोग दशन कर रहे थे.
जनरल ओ डायर ने अमृतसर के जिलयां वाला बाग़ म इक ा ए लोगों पर गोिलयां चलवा दी.
 फल प सैकड़ों पु ष, मिहलाएं और ब े मारे गए और हजारों घायल ए.

co
 इसके िवरोध म रिब नाथ ठाकुर ने अपनी नाइट ड की उपािध लौटा दी. सर शंकरण नायर ने इसके
बाद वायसराय की प रषद् से इ ीफ़ा दे िदया.
 हं टर आयोग को इसकी जां च के िलए िनयु िकया गया.
 माच 13, 1940 को सरदार उधम िसं ह ने ल न के कै टन हॉल म एक सभा को संबोिधत करते ए
ओ डायर की ह ा कर जिलयां वाला जनसं हार का बदला िलया.

हंटर आयोग रपोट


n.
जिलयां वाला बाग़ जनसंहार की जां च के िलए “कॉलेज ऑफ़ ज
ता म सरकार ने एक गै र-सरकारी जाँ च सिमित बनाई.

खलाफ़त आं दोलन (1919-20):


स ऑफ़ ॉटलड” के सीनेटर लाड हं टर की
ya
 थम िव यु के बाद ई संिध म िजस कार तुक से वहार िकया गया उससे मुसलमान अं ेजों से
ु थे.
 दो भाइयों, मोह द अली और शौकत अली ने यह आं दोलन शु िकया.

असहयोग आं दोलन (1920-22)


गाँ धी के नेतृ म ारं भ िकया गया यह पहला जन आं दोलन था.
g

असहयोग म िन िल खत काय म शािमल थे :


1. उपािधयों को वापस लौटना
2. सरकारी िश ा सं थाओं का बिह ार
sc

3. अदालतों का बिह ार
4. िवदे शी व ों का बिह ार
5. करों की अदायगी न करना

चौरी-चौरा का (1922)
5 फरवरी, 1922 को उ र दे श के गोरखपुर िजले के चौरी चौरा म एक दु खद दु घटना के कारण गाँ धी जी
S

ारा असहयोग आं दोलन वापस ले िलया गया. इस घटना म असहयोग आं दोलन और खलाफ़त आं दोलन म
भाग ले रही भीड़ का जुलूस पु िलस के साथ िहं सक हो गया. फल प भीड़ ने एक पु िलस थाना म आग लगा
दी िजसम 22 पु िलसकम मारे गए.

राज पाट (1922)

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इस दौरान औपिनवेिशक शासन के खलाफ़ संघष को बढ़ावा दे ने के िलए सी आर दास और मोतीलाल ने ह ने


एक नई राजनीितक रणनीित की वकालत की. इ ोने कां ेस के गया अिधवेशन (1922) म रणनीित म बदलाव
की बात रखी. वहां कां ेस के नेता व भभाई पटे ल, राज साद और सी. राजगोपालाचारी ने प रषद् म वेश
के इस बदलाव का िवरोध िकया. सी आर दास और मोतीलाल ने ह ने ओं े स से इ ीफ़ा दे िदया और राज
पाट बनाई.

साइमन कमीशन (1927):

m
 भारत म राजनीितक थित की समी ा के और आगामी सु धारों एवं संसदीय लोकतं के िव ार के िलए
जॉन साइमन के अगुवाई म बनाया गया.
 भारतीय नेताओं ने इसका िवरोध िकया ोंिक इसम कोई भी भारतीय नहीं था.
 लाहौर म लाला लाजपत राय को एक लाठी चाज म अिधक पीता गया िजससे 1928 म उनकी मृ ु हो

co
गई.

नेह रपोट (1928)


कंजविटव लाड बिकनहे ड जो रा सिचव था, उसने यह चुनौती दी िक भारतीय इतने स म नहीं ह िक वे
संवैधािनक सुधारों की एक ठोस योजना बना सक जो राजनीितक दलों के बड़े तबका का समथन रखता हो.
उसका मत था िक एक राजनीितक दल ारा बनाई गई संवैधािनक िवकास की कोई योजना का अ दल
िवरोध करगे और भारतीय राजनीितक दल ऍम सहमित बनाने की मता नहीं रखते . इस चु नौती से िनपटने के

मोतीलाल नेह इसके मु वा ुकार थे.

िज ा के 14 सू ी मांग (माच 9, 1929)


n.
िलए 1928 म सवदलीय स लेन आ. एक योजना बनाई गई िजसे “नेह रपोट” कहा जाता है ोंिक
ya
मु म लीग के नेता िज ा ने नेह रपोट ीकार नहीं की. इसके बाद उसने मां गों की एक सू ची रखी िज
“िज ा की 14 सू ी मां गे” के नाम से जाना जाता है .

लाहौर अिधवेशन (1929)


जवाहरलाल नेह की अ ता म िदस र 1929 म ए अपने वािषक अिधवेशन म कां ेस ने एक ाव
पा रत कर रा ीय आं दोलन के िलए “पू ण राज” को अपना ल घोिषत िकया. 31 िदस र, 1929 को नया
g

अपनाया गया ितरं गा ज फहराया गया और 26 जनवरी को तं ता िदवस के प म िनधा रत िकया गया
िजसे ितवष मनाया जाएगा और लोगों ने ि िटश शासन के अंतगत नही ं रहने की शपथ ली.
सिवनय अव ा आं दोलन
sc

सिवनय अव ा आं दोलन का थम चरण


1929 के लाहौर अिधवेशन म कां ेस ने पू ण राज को अपना ल घोिषत िकया था. 31 जनवरी 1930 को
गाँ धी जी ने लाड इरिवन को अपनी 11 सू ी मां गे मानने के िलए समय दे ते ए चेतावनी दी. गाँ धी ने इरिवन को
कहा िक या उनकी मां गों को ीकार कीिजये अ था कां े स सिवनय अव ा आं दोलन ारं भ करे गी. ि िटश
सरकार ने गाँ धी जी की उपे ा की. अतः गाँधी ने सिवनय अव ा आं दोलन ारं भ कर िदया. गाँ धी ने इसकी
शु आत दांडी माच से की. यह माच साबरमती से दां डी तक था. गाँ धी जी ने अपने 78 अनुयािययों के साथ
S

नमक कानून तोडा.

थम गोलमेज स लेन (1930):


 यह अं ेजों और भारतीयों के बीच बराबरी के र पर थम स लेन था. यह नव र 1930 म ल न म
साइमन कमीशन से बातचीत के िलए िकया गया था.

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 कां ेस ने इसका बिह ार िकया जबिक मु म लीग, िह दू महासभा, उदारवादी और कुछ अ


ितिनिध वहां उप थत थे.

गाँधी इरिवन समझौता (1931):


 दोनों (सरकार के ितिनिध इरिवन और कां ेस के ितिनिध गां धीजी) ने 5 माच 1931 को एक समझौते
पर ह ा र िकया. इसके अनुसार कां े स ने सिवनय अव ा आं दोलन वापस ले िलया और दु सरे गोलमे ज
स लेन म शािमल होने पर राजी हो गई. सरकार ने राजनीितक बं िदयों को रहा िकया और तट के साथ के

m
गां वों को अपने उपभोग के िलए नमक बनाने का अिधकार िदया.

दू सरा गोलमे ज स लेन (1931):


 गाँ धी जी कां ेस ितिनिध के प म ि िटश पीएम रै मजे मै डोना से िमलने ल न गए. हालाँ िक ज

co
ही स लेन अ सं क मु े पर अटक गया और इस बार मु मों के साथ-साथ दिलत वग , भारतीय
ईसाईयों और आं -भारतीयों ारा भी पृ थक िनवाचन े की मां ग की गई.

सिवनय अव ा आं दोलन का दू सरा चरण


दू सरे गोलमेज स लेन की असफलता के बाद, कां ेस की कायसिमित ने सिवनय अव ा आं दोलन को दु बारा
शु करने का फैसला िकया.




ुनल अवाड (अग 16,1932):
रै मजे मै डोना
n.
ारा घोिषत िकये गए. यह अं ेजों की बांटो और राज करो की नीित दशाता है .
मु म, िसख, भारतीय ईसाई आं -भारतीय मिहलाएं और िपछड़े वग के ितिनिध पर िवचार िकया
गया.
ya
 गाँ धी जी जो उस समय ये रवदा जेल म थे, उ ोंने इसके खलाफ आमरण अनशन शु कर िदया.
 पू ना समझौता (िसत र 25, 1932)
 क ुनल अवाड की घोषणा के बाद और िफर गाँ धी जी की भू ख हड़ताल से हर जगह जनसभाएं होने
लगी.ं
 राजनीितक नेता जैसे मदन मोहन मालवीय, भीम राव अ ेडकर और एम् .सी.राजा सि य ए.
 अंत म पू ना समझौता आ और गाँ धी जी ने छठे िदन अपना अनशन तोडा.
g

 इसम दिलत वग के िलए पृ थक िनवाचन े को समा कर िदया गया ले िकन ां तीय िवधाियकाओं म
उनके िलए आरि त सीटों म बढ़ोतरी की गई.
sc

तीसरा गोलमेज स लेन (1932):


 यह भी िनरथक सािबत आ ोंिक अिधकतर रा ीय नेता कारागार म थे. यहाँ की चच के बाद भारत
सरकार अिधिनयम, 1935 पा रत आ.

भारत सरकार अिधिनयम, 1935


साइमन कमीशन ारा 1930 म सौंपी गई रपोट भारत सरकार अिधिनयम, 1935 के िनमाण का आधार बनी.
S

नए भारत सरकार अिधिनयम को 4 अग 19935 को शाही मंजूरी िमली. पु राने संवैधािनक सुधारों की
वतमान िवशेषताओं को जारी रखा और िव ार िदया गया.
लेिकन कुछ िनि त नए िस ां त भी जोड़े गए. इसने एक संघा क कार की सरकार दान की. अं ततः
अिधिनयम है :
1. ां तीय ाय ा को लाया गया

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2. ा ों म ि शासन को समा कर िदया

पािक ान ाव /लाहौर ाव (24 माच, 1940)


ाव को पास कर िदया गया और संघीय योजना को अ ीकार कर िदया.

अग ाव (1940)
भारत म जनता की नजरों म जीत हािसल करने के म म िलनिलथगो ने ि तीय िव यु म रा वािदयों का

m
समथन पाने के िलए एक ाव रखा.
इसकी मुख बात थीं -
 एक अिनिद भिव म डोिमिनयन े टस का वादा
 यु के बाद एक संिवधान िनमाती सभा बनाई जाएगी, हालाँ िक यह ि िटश संसद की अनुमित के बाद ही

co
होगा.
 वायसराय की कायकारी प रषद् म त ाल वृ
 एक यु परामशदा ी प रषद् का गठन.

गत स ा ह
अग ाव ने रा वािदयों को चौंका िदया और कां े स ने गत स ा ह शु िकया. िवनोबा भावे पहले
स ा ही थे जबिक नेह दू सरे .

ि

िमशन – 1942:
n.
िदस र 1941 म जापान ि तीय िव यु म शािमल आ और भारतीय सीमा तक बढ़ आया. 7 माच
1942 को रं गून हार गया और पू रे दि ण पू व एिशया पर जापान का क ा हो गया.
ya
• ि िटश सरकार ने भारतीयों से सहयोग ा के िलए, भारतीय नेताओं से शत तय करने के िलए हाउस
ऑफ़ कॉमन के नेता सर ै फ़ोड ि को भेजा.
• उ ोंने एक ा प का ाव िदया िजसम यु के बाद डोिमिनयन े टस दे ने का सुझाव था.
• इसे कां ेस ख़ा रज कर िदया ोंिक भिव के वादों पर िव ास नही ं िकया जा सकता था.
• गाँधी जी ने इसे “पो डे टेड चेक” करार िदया.
g

भारत छोड़ो आं दोलन


sc

भारत छोड़ो आं दोलन ारं भ करने के मु कारण थे :


• ि िमशन की असफलता रा वािदयों की आँ ख खोलने वाला था.
• िव यु म िम रा ों का पीछे हटना और दि ण-पू व एिशया से ि टे न का पीछे हटना एवं बमा के
िनवािसयों को जापािनयों की रहम पर छोड़ दे ना.

घटना म
S

• भारत छोड़ो ाव 8 अग , 1942 को बं बई म पास आ.


• कां ेस ने वृहत र पर अिहं सा क जनसंघष ारं भ िकया.
• यह हो गया था िक यिद कां ेस के ने ताओं को िगर ार कर िलया जाएगा तो “ ेक भारतीय जो
तं ता की इ ा रखता है और इसके िलए यासरत है वह यं का नेतृ करे गा.”
• गाँधी और कां ेस कायसिमित के अ सभी सद 9अग , 1942 की सुबह ही िगर ार कर िलए गए.

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• भारत के े िलन ाद, अहमदाबाद म 3 महीने की हड़ताल रही.


• उषा मेहता एक गै रकानूनी रे िडयो े शन चला रहीं थीं.
• राजगोपालाचारी और वामपंिथयों ने भारत छोड़ो आं दोलन का िवरोध िकया.
• तीन समानां तर सरकार बनाई गईं : 1. िच ू पा े य के ने तृ म बिलया म, 2. सतीश सामंत की तमकुल-
जिटया सरकार, 3. नाना पािटल के नेतृ म सतारा- ित सरकार

गाँधी जी का उपवास (10 फरवरी – 7 माच, 1943)

m
गाँ धी जी ने जेल म 21 िदन का उपवास रखा. 13 िदन बाद उनकी हालत अ ंत नाजुक हो चली थी और उनके
जीिवत बचने की सभी संभावनाएं ख़ हो चु की थी. ले िकन उनकी नैितक बल और अ ा क श के सहारे
वे जीिवत भी रहे और 21 िदन का उपवास भी पूरा िकया. यह उस सरकार के िलए उनका जवाब था जो
लगातार उ भारत छोड़ो आं दोलन म लोगों की िहं सा की िनंदा करने के िलए राजी करने का यास कर रही

co
थी.

सी. आर. फामूला (1944)


1944 म, च वत राजगोपालाचारी (सी. आर.) ने उ र-पि म और पू व के िजलों को पृ थक करने के िलए, जहाँ
मुसलमानों की सं ा अिधक थी, एक आयोग िनयु करने का ाव रखा. कुछ े ों म िवभाजन के मु े पर
वय मतािधकार ारा मतदान होना था. िकसी सं भु रा म शािमल होने के िलए वे तं थे. िवभाजन को
ीकारने पर, ितर ा, वािण और संचार की सुर ा के िलए एक सं यु समझौता होना था.
n.
मु म लीग ने कां ेस की आज़ादी की मां ग का समथन िकया और अ थायी सरकार बनाने म सहयोग िकया.
िज ा ने आपि की ोंिक वो चाहता था की कां ेस ि रा का िस ां त ीकार कर ले और वह चाहता था िक
उ र-पि म एवं पू व के केवल मुसलमान मतदान कर. वी. डी. सावरकर के नेतृ म िह दू नेताओं ने इस
योजना की िनंदा की.
ya
वेवेल योजना और िशमला स लेन (14 जून – 14 जुलाई, 1945)
भारतीय सम ापर ि िटश सरकार के चचा के बाद भारत के वायसराय लाड वेवेल ने एक िववरण जारी िकया
िजसे वेवेल योजना के नाम से जाना जाता है . इस योजना म, जो मु तः वायसराय की कायकारी प रषद् से
स ंिधत था, प रषद् की संरचना म कुछ बदलाव ािवत थे. एक मु ाव यह था िक प रषद् का
संतुिलत प से इस कार गठन िकया जाए तािक िह दू और मु मों सिहत सभी समुदायों को समान
g

ितिनिध िमल सके. वेवेल योजना के बाद शी ही कां ेस कायसिमित के नेता जेल से रहा कर िदए गए.
वेवेल योजना पर चचा के िलए 22 मुख भारतीय ने ताओं का िशमला म एक स ले न आयोिजत िकया गया, जो
िकसी िनणय पर नहीं प ं चा. स लेन िज ा की इस िजद के कारण िवफल हो गया िक कायकारी प रषद् म
sc

मु म लीग ारा अनुमोिदत मु म ही शािमल होना चािहए. इस कार पु नः सं दायवाद एक बड़ी बाधा
बना. तथािप, अं ेजों के िलए, कां ेस और मु म लीग के बीच कलह ख़ुशी का एक ोत था.

इं िडयन नेशनल आम /आज़ाद िहंद फ़ौज:


 कै ेन मोहन िसंह के साथ रासिबहारी बोस ारा थापना
 1941 म सुभाष च बोस िछपकर भारत से िनकल गए और बिलन प ंचे. जुलाई 1943 म वे िसं गापूर म
S

आईएनए म शािमल हो गए. वहां , रासिबहारी बोस ने नेतृ उनके हाथों म सौंप िदया.
 अिधकतर सैिनक ि िटश सेना के उन भारतीय सैिनकों म से िलए गए थे िज जापान दि ण पू व एिशया
पर अिधकार करने के दौरान बं दी बना िलया था.
 आईएनए के दो मु ालय, रं गून और िसंगापु र था.

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 आईएनए की तीन यु क टु किडयां थीं िजनके नाम गाँ धी जी, आज़ाद और ने ह थे. रानी झाँ सी टु कड़ी
एकमा मिहला टु कड़ी थी.

आईएनए टायल
• आईएनए बं िदयों का पहला टायल लाल िकले म आ.
• पी.के. सहगल, शाह नवाज़ और गु रब िसंह िढ ों को अिभयु बनाया गया.
• इनके बचाव के िलए वकीलों म भूलाभाई दे साई, ते ज बहादु र स ू जवाहरलाल नेह और आसफ अली

m
थे.
• य िप सै ायालय ने आईएनए बं िदयों को दोषी करार िदया, ले िकन सरकार ने उ मु करने म ही
अपना लाभ दे खा.
• उनका दोषी होने का मु ा नहीं था ब ि टे न सरकार यह चाहती थी की यह हो िक यह ि टे न

co
सरकार का अिधकार है िक भारतीयों से स ं िधत िवषय पर िनणय ले .

रॉयल इं िडयन नेवी का िव ोह (आरआईएन)


• फरवरी 1946 म, रॉयल इं िडयन नेवी के गै र-कमीशं ड अिधकारीयों एवं सै िनकों िज रे िट कहा जाता
था, उ ोंने एचएमआईएस तलवार पर अं ेजों के के खलाफ िव ोह करते ए हड़ताल कर दी.
• न ीय भेदभाव और ख़राब भोजन िव ोह का ता ािलक कारण था.
• बी. सी. द ा ने जहाजों पर भारत छोड़ो िलख िदया था.


n.
कराची म भी एचएमआईएस िह दु ान ने िव ोह कर िदया.
फरवरी के अंत तक दे श के सभी नौसै िनक अ ों तक यह िव ोह फ़ैल गया िजसम लगभग 20000
रे िट ने भाग िलया.
ya
कैिबनेट िमशन योजना (1946):
 वष 1945-46 म तं ता के िलए संघष अपने िनणायक चरण म आ गया था. नए धानमं ी लाड एटली,
जो लेबर पाट के थे, ने 15माच 1946 को एक िनणय िलया िक ि िटश कैिबनेट िमशन (िजसम लाड
पै िथक लॉरस अ के प म, सर ै फ़ोड ि और ए. वी. एलेकजडर शािमल थे) भारत का दौरा
करे गा.
 िमशन कां ेस और मु म लीग से उनके लाने वाले ावों पर ीकृित के िलए चचा हेतु आया था.
g

 16 मई, 1946 को िमशन ने अपना ाव रखा. इसम पृ थक पािक ान की मां ग अ ीकार कर दी गई


थी और एक भारतीय संघ बनाने का सुझाव िदया गया था िजसम ि िटश भारत और भारतीय रयासत
शािमल होंगी.
sc

 कां ेस और मु म लीग दोनों ने इसे ीकार कर िलया.

सीधी कायवाही (16 अग , 1946):


कां ेस की सफलता से उ ेिजत होकर (संिवधान सभा के िलए मतदान के िलए), मु म लीग ने 16 अग ,
1946 को सीधी कायवाही मनाने का िन य िकया िजसके फल प दे श भर म भीषण सां दाियक दं गे ए.
S

अंत रम सरकार (2 िसत र, 1946):


2 िसत र, 1946 को एक अंत रम सरकार का गठन िकया गया. पं िडत जवाहरलाल नेह के नेतृ म कां ेस
इसम शािमल ई लेिकन मु म लीग इसम नहीं शािमल ई ोंिक इसने कैिबनेट िमशन की अपनी पू व की
ीकृित को वापस ले िलया था.

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संिवधान सभा का गठन (9 िदस र, 1946):


इस संिवधान सभा की पहली बै ठक 9 िदस र 1946 को ई और डॉ राज साद इसके अ चु ने गए.
मु म लीग ने संिवधान सभा म भाग नही ं िलया.

एटली की घोषणा (20 फरवरी, 1947): 20 फरवरी 1947 कि िटश धानमं ी ीमट एटलीने घोषणा की
िक अं ेज, 30 जून 1948 तक भारत छोड़ दगे और लाड वेवेल की जगह लाड माउं टबे टन को भेजा गया.

m
माउं टबेटन योजना (3 जून, 1947):
 3 जून, 1947 को लाड माउं टबेटन ने अपनी योजना रखी िजसने भारतीय राजनीितक सम ा के समाधान
की परे खा िनधा रत की.
योजना की मु बात थीं :

co
 भारत का िवभाजन भारत और पािक ान म होगा.
 बं गाल और पंजाब िवभािजत होंगे और उ र-पि म सीमा ा एवं असम के िसलहट िजले म जनमत
सं ह कराया जाएगा.
 पािक ान के संिवधान के िलए एक पृ थक संिवधान सभा बनेगी.
 दे सी रयासत भारत या पािक ान म शािमल होने या अपनी तं ता बनाये रखने के िलए तं थीं.
 15 अग 1947 की ितिथ भारत एवं पािक ान को स ा ह ां तरण के िलए िनधा रत की गई.
 ि िटश सरकार ने जुलाई 1947 म भारत तं ता अिधिनयम 1947 पा रत िकया िजसम माउं टबेटन
योजना ारा रखे गए मु

िवभाजन और तं ता (अग 1947):


ावधान थे.n.
सभी राजनीितक दलों ने माउं टबेटन योजना को ीकार कर िलया.
ya
 तं ता के समय भारत म 562 छोटी बड़ी दे सी रयासत थीं.
 पहले गृह मं ी सरदार व भभाई पटे ल ने इस सं बंध म कठोर नीित अपनाई.
15 अग , 1947 तक कुछ अपवादों जैसे क ीर, है दराबाद और जूनागढ़ को छोड़कर शेष सभी रा ों ने
िवलय प पर ह ा र कर िदए. गोवा पुतगािलयों और पां िडचेरी ां सीिसयों के क े म था.

ांितकारी गितिविधयाँ :
g

 1908 म, खुदीराम बोस और फु चाकी ने मुज रपु र के अलोकि य जज िकंगफोड की ब ी पर


एक बम फका. खुदीराम बोस, क ै यालाल द और स े नाथ बोस को फां सी की सजा दी गई. (अलीपु र
केस)
sc

 1912 म, रासिबहारी बोस और सिच नाथ सा ाल ने िद ी म लाड हािडग पर एक बम फका (िद ी


षड़यं केस)
 अ ू बर 1924 म, कानपूर म भारत के सभी िह ों के ां ितका रयों की एक बै ठक बुलाई गई. उ ोंने
िहं दु ान रप क एसोिसएशन का गठन िकया.
 उ ोंने 9 अग 1925 को सहारनपुर-लखनऊ रे लवे लाइन पर काकोरी म एक टे न डकैती की योजना
बनाई.
S

 भगत िसंह ने अपने सािथयों के साथ 17 िदस र 1928 को सां डस (लाहौर का सहायक पु िलस अधी क
िजसने लाला लाजपत राय पर लाठी चाज का आदे श िदया था) की गोली मारकर ह ा कर दी.
 िफर भगत िसंह और बटु के र द ने 8 अ ैल, 1929 को के ीय सभा म बम फका. इस तरह भगत
िसंह, राजगु और सुखदे व को 23 माच 1931 को लाहौर जे ल म फां सी दे दी गई. (लाहौर षड़यं केस)

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 1929 म जितन दास ने लाहौर जेल म घृिणत प र थितयों के खलाफ़ 63 िदनों की भूख हड़ताल के बाद
अपने ाण ाग िदए.
 बं गाल के ां ितकारी सूयसेन ने बं गाल म इं िडयन रप क आम का गठन िकया. 1930 म उ ोंने
िच गाँ व श ागार पर धावा बोलने की योजना बनाई. उ 1933 म फां सी दी गई.
 1931 म चं शेखर आज़ाद ने इलाहबाद के अ े ड पाक म खुद को गोली मार ली.

m
भारत के अं ेज वायसराय
1) लाड केिनंग (1856 – 1862) :
a. अंितम गवनर-जनरल और पहले वायसराय
b. 1857 का िव ोह इनके समय म आ.

co
c. नव र 1858 म शासन ि िटश ाउन को सौंप िदया गया.
d. पगत का िस ां त (लाड डलहौजी ारा शु ) वापस िलया
e. कलक ा, बं बई और म ास के िव िव ालयों की 1857 म थापना.
f. 1861 म भारत प रषद् अिधिनयम पा रत आ.
2) लाड ए न (1862 – 1863)

3. लाड लॉरे (1864 – 1869) :


a) यू रोप के साथ तार संचार ारं भ आ.
n.
ya
b) कलक ा, मंबई और म ास म उ ायालय थािपत िकये गए.
c) नहरों और रे लवे के काय को बढाया गया.
d) भारतीय वन िवभाग का िनमाण
g

4.लाड मेयो (1869 – 1872) :


a) भारत म िव ीय िवक ीकरण की ि या शु की.
b) भारतीय राजकुमारों के िलए कािठयावाड़ म राजकोट कॉलेज और अजमे र म मे यो कॉलेज की थापना की.
sc

c) भारतीय इितहास म पहली बार 1871 म जनगणना की गई.


d) भारतीय सां की सव ण का आयोजन
e) एकमा ऐसे वायसराय िजनकी ह ा उनके कायालय म ई. 1872 म एक पठान अपराधी ने अंडमान म
ह ा कर दी.
S

5.लाड नाथ ुक (1872 – 1876) :


6.लाड िलटन (1876 – 1880) :
a) अलग च र का वायसराय के प म जाना जाता था

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b) रानी िव ो रया को कैसर-ए-िहं द की उपािध से स ािनत करने के िलए 1877 म िवशाल ‘िद ी दरबार’
का आयोजन
c) श अिधिनयम (1878) – भारतीयों के िलए श रखने के िलए लाइसस अिनवाय बना िदया.
d) अलोकि य वना ु लर े स ए (1878) पा रत िकया.

m
7.लाड रपन (1880 – 1884) :
a) उदार िज भारितयों के साथ सहानुभूित थी.
b) वना ु लर े स ए (1882) को दोहराया

co
c) थानीय शासन अिधिनयम पा रत िकया (1882)
d) ाथिमक और मा िमक िश ा म सुधार के िलए कदम उठाये (िविलयम हं टर आयोग की िसफा रशों पर).
e) बाल मजदू री को ितबंिधत करने के उ े थम कारखाना अिधिनयम (1881) पा रत आ.
f) इ ट िबल पा रत आ (1883) िजससे भारतीय ायाधीशों को यू रोपीय आरोिपयों पर टायल का अिधकार
िमला लेिकन बाद म यह वापस ले िलया गया.
n.
8. लाड डफ रन (1884 – 1888) : भारतीय रा ीय कां ेस की थापना इसके कायकाल म ई.
ya
9. लाड लसडाउन (1888 – 1894) :
a) ि तीय कारखाना अिधिनयम (1891) पा रत आ िजसम एक सा ािहक अवकाश ीकार िदया गया और
ब ों एवं मिहलाओं के िलए काय के घंटे िनधा रत िकये गए. हालाँ िक यह इस कार की िचंताओं को दू र करने
म िवफल रहा जैसे पु षों के िलए काय के घंटे िनधा रत करना.
b) िसिवल सेवाओं को इ ी रयल, ांतीय और सहयोगी म ेणीब िकया गया.
g

c) भारत प रषद् अिधिनयम 1892 पा रत आ.


d) ि िटश भारत और अफगािन ान के बीच सीमा रे खा के िनधारण हे तु डूरं ड आयोग की िनयु .
sc

10. लाड ए न ि तीय (1894 – 1899) : 1896 – 1897 का भयंकर अकाल. अकालों के संबंध म जांच के
िलए ‘लायल आयोग’ की िनयु .

11. लाड कज़न (1899 – 1905) :


S

a) भारतीय िव िव ालय अिधिनयम (1904) पा रत िजसम िव िव ालयों म अिधका रक िनयं ण बढाया गया.
b) बं गाल का िवभाजन (16 अ ू बर, 1905) दो ा ों, बं गाल (मु ) और पू व बं गाल एवं असम म िकया गया.

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c) ेक ा के पु िलस शासन की जां च पड़ताल के िलए सर एं डयू े ज़र की अ ता म एक पु िलस


आयोग िनयु िकया गया.
d) 1897 – 98 म सीमाई जनजाितयों के उभार के कारण उ र पि म सीमा ा बनाया.
e) भारत की सां ृ ितक िवरासत के पु न थापना के िलए ाचीन ारक संर ण अिधिनयम (1904) पा रत
आ. इस तरह भारतीय पु राता क सव ण की थापना ई.

m
f) भारतीय िस ा और कागज मु ा अिधिनयम (1899) पा रत आ और भारत म भी ण मानक बनाया
गया.
g) रे लवे का अ िधक िवकास िकया.

co
12. लाड िम ो का इितहास (1905 – 1910) :
इस समय भारत म राजनीितक अशां ित थी. ां ितकारी गितिविधयों को कुचलने के िलए अनेक अिधिनयम
पा रत िकये गए. लाला लाजपत राय और अजीत िसंह (मई, 1907 म) और बाल गंगाधर ितलक (जुलाई, 1908
म) जैसे अितवािदयों को बमा म मां डले जेल म भे ज िदया गया. भारत प रषद् अिधिनयम 1909 या माल-िम ो
सुधार पा रत िकया गया.

13. लाड हािडग (1910 – 1916) :


n.
ya
a) िकंग जॉज पं चम के रा ािभषेक को मनाने के िलए िदस र, 1911 म िद ी दरबार का आयोजन िकया
गया.
b) बं गाल िवभाजन र िकया गया. (1911)
c) राजधानी को कलक ा से िद ीह ां त रत िकया गया.(1912).
लाड हािडग पर एक बम फका गया लेिकन वह घायल होकर बाख गया. (23 िदस र, 1912).
g

d) गाँ धी जी दि ण अ ीका से भारत वापस लौटे . (1915).


e) एनी बे सट ने होम ल आं दोलन की घोषणा की.
sc

14. लाड चे फोड (1916 – 1921) :


a) 1917 की अग घोषणा िजसम भारतीय सरकार का िनयं ण चरणब तरीके से भारतीय लोगों को सौंपे
जाने की बात की गई थी.
b) 1919 म भारत सरकार अिधिनयम (मोंटे ू चे फोड सु धार) पा रत आ.
S

c) 1919 का रॉलेट ए ; जिलयां वाला बाग़ जनसंहार (13 अ ैल, 1919).


d) असहयोग आं दोलन
e) एक भारतीय सर एस. पी िस ा को बं गाल का गवनर िनयु िकया गया.

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f) 1916 म पू ना म एक मिहला िव िव ालय की थापना


g) 1917 िश ा नीित पर सैडलर आयोग की िनयु .

15. लाड रीिडं ग (1921 – 1926) :


a) 1910 के ेस ए के साथ रॉलेट ए को जारी रखा गया.

m
b) असहयोग आं दोलन को दबाया गया.
c) ि ऑफ वे ने नव र 1921 म भारत का दौरा िकया.
d) केरल म मोपला िव ोह (1921)

co
e) 1921 का अहमदाबाद अिधवेशन
f) राज पाट की थापना
g) 1922 म िव भारती िव िव ालय ने काय करना ारं भ िकया.
h) 1921 म एम. एन. रॉय ारा क ुिन पाट की थापना.
i) 9 अग , 1925 को काकोरी रे ल लूटी गई.
j) 1923 का सां दाियक दं गा, 1925 म मु
के लोकि य नेता ामी
n. ान, िद ी अमृतसर आिद म. िस
ानंद की सां दाियक अितरे क म ह ा
रा वादी और आय समाज
ya
16. लाड इरिवन (1926 – 1931) :
a) साइमन आयोग भारत म 1928 म आया.
b) कां े स ने 1929 म भारत ाव पा रत िकया.
c) दां डी या ा (12 माच, 1930).
d) सिवनय अव ा आं दोलन (1930).
g

e) थम गोलमेज स लेन 1930 म इं ड म ई.


f) गाँ धी-इरिवन समझौते (5 माच, 1931) पर ह ा र
sc

g) सिवनय अव ा आं दोलन वापस िलया गया


h) 64 िदन की भूख हड़ताल के बाद जितन दास की शहादत (1929).

17. लाड िविलं डन (1931 – 1936) :


a) ि तीय गोलमेज स लेन 1931 म इं ड म ई.
S

यहाँ से लौटकर गाँ धी जी िगर ार कर िलए गए और जनवरी 1932 म उ ोंने सिवनय अव ा आं दोलन दोबारा
शु िकया.

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b) िविभ स दायों के िलए थानों के आर ण के िलए क ु नल अवाड की घोषणा (16 अग , 1932) इस


िवभाजन के िवरोध म गां धीजी अिनि तकालीन उपवास पर चले गए.
पू ना समझौते पर ह ा र.
c) तीसरा गोलमेज स लेन 1932 म आ.
d) भारत सरकार अिधिनयम (1935) पा रत

m
18. लाड िलनिलथगो (1936 – 1944) :
a) भारत सरकार अिधिनयम ा ों म लागू.

co
b) 11 म से 8 ा ों म कां ेस के मं ालय गिठत िकये गए. वे अ ू बर 1939 तक 2 वष तक स ा म रहे
लेिकन ि तीय िव यु म भारत को खींचने पर/शािमल करने पर ागप दे िदया. मु म लीग ने इसे मु
िदवस के प म मनाया. (22 December)
c) चिचल मई, 1940 म ि टे न के धानमं ी बने. उसने िनणय िकया िक अटलां िटक चाटर (यू के और यूएस
ारा संयु प से जारी, िजसम यह कहा गया था िक उनम से िज जबरद ी वंिचत िकया गया है वे
सं भुता ा
d) 1939 म ि तीय िव यु
e) 1942 म ि िमशन.
का कोप
n.
करने के अिधकारी होंगे) भारत पर लागू नही ं होगा.
ya
f) भारत छोड़ो आं दोलन (8 अग , 1942).

19. लाड वेवेल (1944 – 1947) :


a) 25 जून, 1945 को कां ेस और मु म लीग के नेताओं के साथ िशमला स लेन का आयोजन असफल हो
गया.
g

b) कैिबनेट िमशन योजना (16 मई, 1946).


c) संिवधान सभा के िलए चुनाव ए और नेह के नेतृ म एक अंत रम सरकार की िनयु .
sc

20. लाड माउं टबेटन (माच 1947 – अग 1947) :


a) ि िटश भारत के अंितम वायसराय और तं भारत के पहले गवनर जनरल
b) 3 जून की योजना से भारत का िवभाजन िनि त आ,
c) ि िटश संसद ारा भारतीय ाधीनता अिधिनयम, 1947 पा रत िजसके ारा 15, अग 1947 को भारत
S

तं आ.
d) सी. राजगोपालाचारी ( तं भारत का थम एवं अंितम गवनर जनरल) को पदभार सौंपकर जून, 1948 म
सेवािनवृ आ.

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अं ेजों ारा संवैधािनक िवकास


मह पूण अिधिनयम
रे ुलेिटं ग ए , 1773
 ि िटश संसद ारा कंपनी मामलों के िनयं ण के िलए पहला यास.
 ि शासन की समा
 भारत म कंपनी के े ों के िलए शासन का के ीयकरण.
 बं गाल का गवनर भारत म सभी ि िटश े ों के िलए गवनर जनरल बनाया गया.

m
 गवनर जनरल और 4 सद ों की प रषद् बं गाल के िलए िनयु की गई.
 बं बई और म ास ेसीडसी को बं गाल े सीडसी के अंतगत लाया गया.
 कलक ा म सु ीम कोट थािपत िकया गया.

co
िप स इं िडया ए , 1784
 इस ए ने कंपनी मामलों एवं भारत म उसके े ों पर ि िटश सरकार का सव िनयं ण थािपत कर
िदया.
 शासन की ै ध णाली थािपत की गई. िव ीय काय को दे खने के िलए 24 सद ों वाली कोट ऑफ़
डायरे स की िनयु ई.
 6 संसदीय किम रों वाले एक बोड ऑफ़ क ोल को िनयु िकया गया जो भारत म िसिवल, सै और
राज मामलों को दे खता था.


िदया गया.
n.
गवनर जनरल को श शाली बनाते ए उसकी प रषद म सं ा घटाकर 3 कर दी गई.
यु , कूटनीित और राज के सभी मामलों म बंबई एवं म ास े सीडसी को बं गाल के अधीन थ कर

ई इं िडया कंपनी पर भावी िनयं ण का पहला ित थापन.


ya
1793 का चाटर ए
 कंपनी को 20 और वष का ापर एकािधकार िदया गया.
 बोड ऑफ़ क ोल के खच और वेतन भारतीय राज से िदया जाने लगा.
 गवनर जनरल अपनी प रषद र कर सकते थे.
g

1813 का चाटर ए
 चाय एवं चीन के साथ ापर के अित र कंपनी का भारत म ापर एकािधकार वापस ले िलया गया.
 सभी अं ेज कुछ शत के साथ भारत के साथ ापर कर सकते थे.
sc

 भारत के राज के योग के िलए िनयम एवं ि या बनाई गई.


 िश ा के िलए 1 लाख की रािश िनधा रत की गई.

1833 का चाटर ए
 चाय एवं चीन के ापर म भी कंपनी के एकािधकार को समा िकया गया.
 कंपनी को, िजतना ज ी हो सके अपना ापर बं द करने के िलए कहा गया.
S

 बं गाल का गवनर जनरल, भारत का गवनर जनरल हो गया. (भारत के थम गवनर जनरल लाड िविलयम
बिटक थे.)
 बं बई एवं म ास की सरकार वैधािनक श यों से वंिचत कर दी गईं.
 गवनर-प रषद म कानूनी सद के प म चौथे सद को जोड़ा गया.
 सरकारी सेवाएं भारत के लोगों के िलए भी खोल दी गईं.

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 सभी िनयम गवनर जनरल की प रषद ारा बनाए जाने लगे और अब इ िनयम या िविनयमन नहीं
ब अिधिनयम कहा जाने लगा.

1853 का चाटर ए
 अिनि त काल तक के िलए कंपनी को काय करने का मौका िदया गया.
 पहली बार 12 सद ों वाली िवधान प रषद् बनाकर, पृ थक वैधािनक तं खड़ा िकया गया.
 गवनर-जनरल की कायकारी प रषद के कानूनी सद को पू ण सद बनाया गया.

m
 िसिवल सेवाओं म भत , एक खुली वािषक ितयोगी परी ा से होने लगी. (भारतीयों सिहत)
भारत सरकार अिधिनयम, 1858
 भारत म कंपनी के शासन की समा और ाउन का शासन ारं भ.
 ि शासन णाली की समा . कोट ऑफ़ डायरे स और बोड ऑफ़ डायरे स को समा कर िदया

co
गया.
 भारत के िलए रा सिचव (ि िटश कैिबनेट का एक सद ) का पद सृ िजत िकया गया. उसकी सहायता
के िलए 15 सद ों वाली एक प रषद् बनाई गई (भारत प रषद् ). वह ाउन की श यों का योग करता
था.
 रा सिचव,. गवनर जनरल के मा म से भारत पर शासन करता था. गवनर जनरल को वायसराय कहा
जाने लगा और वह भारत म ाउन का ितिनिध था.
 एक एका क और अ िधक क ीकृत शासिनक ढां चा बनाया गया.

भारत प रषद अिधिनयम, 1861




n.
भारतीयों को कानून िनमाण की ि या म शािमल िकया जाने लगा.
वायसराय की कायकारी प रषद म जज के प म एक पां चवा सद जोड़ा गया.
ya
 आपात समय म वायसराय अ ादे श जारी कर सकता था.
 िवधान बनाने के िलए कायकारी प रषद को 6 से बढाकर 12 सद ों वाली िकया गया िजसम आधे
गै रसरकारी सद होंगे. इस तरह भारतीय िवधाियका की नींव पड़ी.
 1833 म ेसीड़सी सरकारों की समा की गई वैधािनक श यां वापस कर दी गईं.
भारत प रषद अिधिनयम, 1892
 य िप सरकारी सद ों के ब मत को बरक़रार रखा गया लेिकन भारतीय िवधान प रषद के गै र सरकारी
g

सद , बंगाल चै र ऑफ़ कॉमस ारा नािमत िकये जाने लगे और ां तीय िवधानप रषदों के सद कुछ
िनि त थानीय िनकायों जैसे िव िव ालय, िजला बोड और नगरपािलकाओं ारा नािमत िकये जाने लगे .
भारत म ितिनिध णाली की शु आत.
sc

 प रषद को बजट पर चचा की श दी गई और कायपािलका से करने की श दी गई.



भारत प रषद अिधिनयम, 1909 (माल-िम ो अिधिनयम)
 माल रा सिचव था जबिक िम ो भारत का वायसराय था.
 के ीय िवधान सभा म सद ों की सं ा 60 तक बढ़ा दी गई.
 िवधान प रषद के िलए पहली बार अ चुनाव कराए गए.
S

 मुसलमानों के िलए पृ थक िनवाचन मंडल लाया गया.


 गै र-सरकारी थान चुनाव ारा भरे जाने लगे. वे इस कार िवभािजत थे :
  ां तीय िवधान प रषदों के गै र-सरकारी सद ों ारा
 6 ा ों के भूिम मािलकों ारा
 5 ा ों के मुसलमानों ारा

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 बारी बारी से यू पी/बं गाल के मु म भूिम मािलकों ारा और बं बई एवं कलक ा के चै स ऑफ कॉमस
ारा.
मु म पृ थक िनवाचन से चुने जाते थे.
 बजट से पू व ाव लाए जा सकते थे और उ अंितम ा प म शािमल िकया जा सकता था.
 पू रक पूछे जा सकते थे.

भारत सरकार अिधिनयम, 1919

m
 मोंटे ू (रा सिचव) – चे फोड (वायसराय) सुधारों के नाम से जाना जाता है .
 “उ रदायी सरकार” के िवचार पर जोर िदया गया.
 ह ां तरण िनयम :
 शासन के िवषयों को दो वग म बांटा गया – “के ीय” और “ ां तीय”

co
o अ खल भारतीय मह के िवषयों (जैसे रे लवे और िव ) के ीय वग म रखे गए,
o जबिक ा ों के शासन से स ंिधत िवषय ांतीय वग म रखे गए.
 ा ों म ै ध शासन की शु आत की गई. शासन के ां तीय िवषयों को दो वग म बां टा गया – ‘आरि त’
एवं ‘ह ां तरणीय’ िवषय.
 ह ां तरणीय िवषयों पर िवधान प रषद् के ित उ रदायी मंि यों की सहायता से गवनर शासन करता
था. गवनर और उसकी कायकारी प रषद आरि त िवषयों (रे ल, डाक, तार, िव , कानून एवं व था




n.
आिद) पर शासन करती थी जो िवधाियका के ित िकसी भी तरह उ रदायी नहीं थी.
ल न म भारतीय उ ायु का एक कायालय खोला गया.
पहली बार भारतीय िवधाियका “ि सदनीय” ई.
सां दाियक ितिनिध बढाकर िसखों को भी िदया गया.
 अब ‘भारत के िलए रा सिचव’ को ि िटश राजकोष से वेतन िदया जाने लगा.
ya
भारत सरकार अिधिनयम, 1935:
 एक संघ बनाने का यास
 वैधािनक श यों का ि रीय िवभाजन – जै से तीन सूिचयाँ – संघीय, ांतीय और समवत सू ची.
g

 अविश श यां गवनर जनरल म िनिहत थीं


 क म ै ध शासन लाया गया
 ां तीय र पर ै ध शासन की जगह ाय ा ने ले ली.
sc

 एक संघीय ायालय की थापना



भारत तं ता अिधिनयम, 1947
 इस ए म भारत म शासन के संबंध म कोई ावधान नहीं था.
 भारत का िवभाजन और दो रा ों भारत एवं पािक ान की थापना.
S

 दोनों रा ों की संिवधान सभा को अपने अनुसार अपना िकसी भी कार का सं िवधान बनाने और उसे
अपनाने की असीिमत श दी गई.
 भारतीय रा ों पर ाउन के शासन को समा कर िदया गया.
 भारत के िलए रा सिचव के पद को समा कर िदया गया.

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आधुिनक भारत म सामािजक सुधार


आ ीय सभा
 1815-1828
 कलक ा
 राजा राम मोहन रॉय
 िह दू समाज म सुधार के िलए
वहाबी आं दोलन

m
 1820-1828
 हेलखंड
 रायबरे ली के सैयद अहमद
 वलीउ ाह के संदेशों का चार, धम म गत अं तरा ा की भूिमका पर जोर िदया.

co
समाज
 रजा राममोहन रॉय, केशव च सेन, दे वे नाथ टै गोर
 मानव की े ता पर जोर िदया और सती जैसी सामािजक कु थाओं की आलोचना की.
 1828
 कलक ा
यंग बंगाल (1826-1832)
 कलक ा


हे नरी िविवयन डे रोिज़यो n.
Opposed vices in the society; believed in truth, freedom, & reason; social reform
धम सभा
1830-कलक ा-राधा का दे व
ya
 समाज आं दोलन के िवरोध के िलए थािपत और
 सती सिहत उदार और िढ़वादी सुधारों के खलाफ़
कूका/नामधारी आं दोलन
 1841-1871
 उ र पि म सीमा ा और लुिधयाना
 भाई बालक िसंह और बाबा राम िसंह
g

 िसख मत की स ी भावना का चार और सभी जाितगत भेदभाव का िवरोध.


ाथना समाज
 1867
sc

 बं बई
 डॉ आ ाराम पां डुरं ग
 िह दू धािमक िवचारों म सुधार और आधु िनक ान के अनुसार थाए
भारतीय सुधार संघ
 1870
 कलक ा
S

 केशब च सेन
 बाल िववाह के खलाफ जनमत खड़ा करना और िववाह के प को क़ानूनी मा ता िदलाना
 िव ानों और समाज सेवा का ो ाहन
आय समाज
 1875

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 बं बई
 ामी दयानंद सर ती
 उ र भारत म िह दू धम म सुधार
िथयोसोिफकल सोसाइटी
 1875
 ूयॉक
 मैडम एचपी ावा की और कनल एच.एस. आलकट

m
 ाचीन धम का पु न ार और सश करण
 िहं दु , द न का जर ु और बौ
डे न एजुकेशन सोसाइटी
 1884

co
 पु णे
 महादे व गोिव रानाडे .
 पि मी भारत म िश ा और संकृित के िलए योगदान
सेवा सदन
 1885
 बं बई
 बे हरामजी और एम. मालाबारी

रामकृ


िमशन
1887, कलक ा
ामी िववेकानंद
n.
बाल िववाह और जबरन िवधवापन के खलाफ चार और सामािजक शोिषत मिहलाओं की संभाल
ya
 सामािजक काय और मानवतवाद को बढ़ावा दे ना
भारतीय रा ीय सामािजक स लेन (भारतीय रा ीय कां ेस का समाज सु धार को )
 1887
 बं बई
 एम. जी. रानाडे और रघुनाथ राव
 समाज सुधार से जुड़े मु ों पर ान के त करना.
g

दे व समाज
 1887
 लाहौर
sc

 िशव नारायण अि हो ी
 समाज के नजदीकी िवचार. इ ोने अपने अनुयािययों को नैितकता और सामािजक िनयमों का पालन
करने को कहा जैसेिक हे ज न लेना, जुआ नहीं खेलना आिद.
भारत धम महामंडल
 1902
 वाराणसी
S

 पं िडत मदन मोहन मालवीय


 िढ़वादी िह दु ओं का संगठन, सनातनधम के प म भी जाने जाते थे, आय समाज की िश ाओं के
िवरोध के िलए
िद सव ् स ऑफ इं िडयन सोसाइटी
 1905

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 बं बई
 गोपाल कृ गोखले
 समाज सुधार के काय करना और “भारत की से वा के िलए रा ीय िमशन रयों को तै यार करना”
पूना सेवा सदन
 1909
 पु णे
 जी. के. दे वधर और

m
 रमाबाई रानाडे
 आिथक उ ान के िलए सं थाओं की थापना और मिहलाओं के िलए रोजगार
भारत ी मंडल
 1910

co
 कलक ा
 सरलाबाला दे वी चौधरानी
 मिहला िश ा के िलए काय करने वाली पहली अ खल भारतीय सं था
इं िडया िवमस एसोिसएशन
 1917
 म ास
 एनी बे सट

मु
िलए”

म समाज सुधार/संगठन
n.
भारतीय मिहलाओं के उ ान के िलए काय और “उनके िलए एक तं लं बा जीवन सुिनि तत करने के
ya
खुदाई खदमतगार आं दोलन
 1929.
 उ र-पि म सीमा ा
 खान अ ु ल ग ार खां
 सीमा के लोगों का उ यन और उ तं ता के िलए तै यार करना.
दे वबंद आं दोलन
g

(उ र दे श के सहारनपुर म थत इ ािमक उपदे शों वाला एक िव ालय)


 1867
 दे वबंद
sc

 मोह द. कािसम ननौतवी और रािशद अहमद गगोही


 भारतीय मु मों की नैितक और आ ा क थित म सु धार
अलीगढ आं दोलन
 1875
 अलीगढ
 सर सैयद अहमद खां
S

 भारतीय इ ाम को उदार बनाना और धािमक पु न ा ा ारा भारतीय मु मों का आधुिनकीकरण,


समाज सुधार और आधुिनक िश ा
अहमिदया आं दोलन
 1889-90
 फरीदकोट

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 िमज़ा गु लाम अहमद


 स ूण मानवता का वैि क धम, इ ािमक क रता का िवरोध और भारतीय मुसलमानों म पि मी उदार
िश ा का चार
वंिचत वग के आं दोलन
स शोधक समाज
 1873
 महारा

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 ोितबा फुले
 छु आछूत, ा णवाद का िवरोध, सामािजक समानता म िव ास और िश ा ारा िन /दिलत जाितयों का
उ यन
अरिव ुरम आं दोलन

co
 1888
 अरिव ुरम, केरल
 ी नारायण गु
 िन जाितयों के खलाफ सामािजक अ मताओं/भेदभाव का िवरोध, सामािजक समानता म िव ास,
ा णवाद पर आ मण और िन जाितयों को िशि त करके उनका उ यन.िन जाितयों के लोगों के
मंिदरों म वेश की मां ग

िद िड े ड



1906
बं बई
ासेज िमशन

वी. आर. िशंदे


n.
ya
 िन वग के िलए िश ा सुिवधाएँ उपल कराने के िलए ाथना समाज ारा शु िकया गया एक तं
संगठन
ब जन समाज
 1910
 सतारा, महारा
 मुकुंदराव पािटल
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 उ जाित के लोगों ारा िन जाित के लोगों के शोषण का िवरोध. ा ण, जमींदार, ापारी और


सा कारों का िवरोध.
िड े ड ासेज सोसाइटी
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 1924
 बं बई
 डॉ भीमराव अ ेडकर
 िह दू जाित और अ ृ के बीच सामािजक समानता का स े श चा रत करना. दिलत वग के िलए
संवैधािनक सुर ा की मां ग.
आ -स ान आं दोलन
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 1925
 म ास (तिमलनाडु )
 ई. वी. रामा ामी
 ा ण-िवरोधी और िह दू िढ़वािदता सुधार आं दोलन, िबना पु जारी के शादी का समथन, मंिदरों म
जबरन वेश, िह दू सामािजक िनयमों की पू णतः अव ा करना

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ह रजन सेवक संघ


 1932
 पु णे
 महा ा गाँधी
 अ ृ एवं अ िन जाितयों के खलाफ भे दभाव और छु आछूत हटाने के िलए सं गठन. अ ृ लोगों

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को िचिक ा, िश ा और तकनीकी सुिवधाएँ मुहैया कराना

तं सेनानी
लोकमा ितलक
1856-1920

co
गणेश चतुथ और िशवाजी रा ािभषेक िदवस उ वों को ारं भ िकया. 1916 म होल ल आं दोलन म भाग
िलया. अं ेजों ारा “सबसे बड़ा दे श ोही” और “भारतीय असं तोष का जनक” कहा जाता था.

शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय


राज ोहा क आरोपों के साथ मां डले जेल भे जे गए.

ी अरिव घोष n.
रा ीय िश ा के िवकास और ब े मातरम के संपादन (िबिपन च पाल ारा शु िकया गया) के उनके काय
ने बं गाल िवभाजन आं दोलन को अ िधक गित दी. कलक ा के नेशनल कॉले ज म काय करने के िलए बड़ौदा
की अपनी अ ी नौकरी छोड़ी.
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चापेकरबंधू – दामोदर चापेकर और बालकृ चापे कर ने दो अं ेज अफसरों रड और आिट की ह ा कर
दी.

सावरकर बंधू
गणेश सावरकर, िवनायक दामोदर सावरकर और नारायण सावरकर. वी. दी. सावरकर ने ल न म ू इं िडया
एसोिसएशन का गठन िकया. ामजी कृ वमा ारा थािपत इं िडया हाउस म भाषणों का आयोजन करते थे.
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औरं गाबाद म जै न की ह ा से उनका जोड़ा गया. 1911-24 तक अंडमान म कैद की सजा दी गई. बाद म
दो उ कैद की सजा और काला पानी.
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ामजी कृ वमा
इं िडया हाउस िवनायक दामोदर सावरकर, सरदार िसंह रना, मैडम भीकाजी कामा और मदनलाल धींगरा का
क आ करता था. मैडम कामा ने जमनी के ु ट ाद म ए अंतरा ीय स ले न म भारत का ितिनिध
िकया था.

मदन लाल धी ंगरा


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इ ोने भारत रा सिचव कज़न वायली के सहायक की गोली मारकर ह ा कर दी थी. गोपाल कृ गोखले ने
इसे भारत का नाम ख़राब करने वाला एक घृ िणत काय बताया था.

चं शेखर आज़ाद

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भगत िसंह, राजगु के साथ सां डस (िजस लाठी चाज म लाला लाजपत राय की मृ ु ई उसकी आ ा दे ने
वाला अफसर) ह ा म शािमल. इ ोने उस टे न को उड़ाने की योजना बनाई थी िजसम वायसराय लाड इरिवन
या ा कर रहे थे. इलाहबाद के अ े ड पाक म एक पु िलस एनकाउं टर म ये शहीद हो गए.

हरिकशन तलवार
पं जाब के गवनर को गोली मारी लेिकन बाद म केवल घायल होने पर भाग गए. बाद म इ फां सी पर चढ़ा
िदया गया.

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भगत िसंह: छािबल दास और यशपाल के साथ पं जाब नौजवान भारत सभा की थापना की.

रानी गाइिदन ु : इ ोने नागा िव ोह का ने तृ िकया. यदु गंगा एक अ नेता थे.

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सुभाष च बोस: 1920 म िसिवल सेवा परी ा पास की लेिकन दे श के काय को ाथिमकता दी. 1923 म
आप कलक ा के महापौर िनवािचत ए लेिकन शी ही िगर ार कर मां डले जेल भेज िदए गए. 1938 म
कां ेस के ह रपु रा अिधवेशन म अ िनयु िकये गए. वे अपने िम भगत राम के साथ काबुल चले गए और
िफर वहां से िहटलर से िमलने जमनी चले गए. उ पहली बार जमनी म नेताजी संबोिधत िकया गया था.

उधम िसं ह: 1940 म इं ड म रहते ए, उधम िसं ह ने पं जाब के पू व गवनर माइकल ओ डायर को गोली मार
दी. n.
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