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अध्ययन 2

झारखं ड के पररचय

झारखं ड भारत का राज्य है रां ची इसकी राजधानी है झारखंड की सीमाएं उत्तर में बिहार पबिम में उत्तर प्रदे श एवं
छत्तीसगढ़ दबिण में उडीसा और पूवव में पबिम िंगाल को छूती है लगभग संपूणव प्रदे श छोटा नागपुर के पठार पर स्थित
है संपूणव भारत में वनों के अनु पात में प्रदे श एक अग्रणी राज्य माना जाता है झारखं ड एक जनजातीय राज्य है 14 नवंिर
2000 को यह प्रदे श भारत वर्व का 26 वां राज्य िना झारखं ड का सामान्य अिव है झाडोंका प्रदे श िुकानन के अनु सार
काशी से ले कर िीरभूम तक समस्त पठारी िे त्र झारखं ड कहलाता िा ग्रामीण के बलए फफूंद नाम से वबणवत है
जनजातीय िे त्रों के बलए झारखंड शब्द का प्रयोग पहली िार तीसरी सदी के 1 नाम पत्र में हुआ िा महाभारत काल में
इस िे त्र का वणवन ठाकुर ररबडक दे श के नाम से हुआ है जिबक मध्यकालीन मु सलमान इबतहासकारों ने इस िे त्र का
उल्ले ख झारखंड के नाम से बकया है भारत में बिहार दबिण में उडीसा पूवव में पबिम िंगाल और पबिम में छत्तीसगढ़
उत्तर प्रदे श झारखंड का सीमां कन करते हैं पूवव से पबिम इस प्रदे श की लं िाई 450 बकलोमीटर तिा उत्तर से दबिण
इसकी चौडाई लगभग 320 बकलोमीटर है |

क पि बचत्र

ख रां ची पठार एवं उच्च हजारीिाग पठार

ग नींद हजारीिाग पठार का िायो पठार

राजमहल उच्च भू बम अप रे बडत मै दानी भू भाग

एवं घाबटयों का िेत्र झारखं ड के नदी के नाम असुर िेगा िंजारा िाघरी िेबदया

िबझया बिहरो बिरबजया भूबमज चेरो

झारखं ड राज्य बजलों का नाम

झारखं ड राज्य का बनमाव ण बिहार के दबिण बजलों को बमलाकर बकया गया है वतवमान समय में झारखंड में 22 बजले हैं
उन बजलों का नाम इस प्रकार है पहला धनिाद दू सरा िोकारो तीसरा साहे ि अंगल चौिा पूवी बसंहभू म पां चवा पबिमी
बसंहभू म छठा सरायकेला सातवा गोड्डा आठवां दे वघर नवा पाकुड दसवा बगररडीह 11 कोडरमा 12 हजारीिाग 13
रां ची 14 दु मका 15 जामताडा 16 गढ़वा सेवेंटीन लोहरदगा 18 पलामू 19 लातेहार 20 चतरा 21 गुमला 22 बसमडे गा

झारखं ड का इबतहास

प्राचीन काल

झारखं ड के हजारीिाग बजले में लगभग 5000 साल पुराना गुफा बचत्र बमला है इस राज्य में ईशा पूवव 14 साल के लोहे के
औजार और बमट्टी के ितवन के अवशे र् बमले हैं 325 ईसा पूवव मैं झारखंड मगध से उत्पन्न मौयव साम्राज्य का बहस्सा हुआ
करता िा|
मध्यकाल

मध्यकाल में पल मु िेत्र में चेहरे राजाओं का शासन िा बजनमें मे बदनी राय प्रमुख िे चेहरे राज्य वंश के कमजोर होने के
साि ईस्ट इं बडया कंपनी का इस िे त्र में दखल हुआ बिबटश ईस्ट इं बडया कंपनी ने चेरो के पलामू बकले पर कब्जा कर
बलया

आधुबनक काल

1765 के िाद यहां बिबटश ईस्ट इं बडया कंपनी का प्रभाव पडा अंगल मारवाड युद्ध के िाद छोटा नागपुर पठार के कई
राज्य बिबटश ईस्ट इं बडया कंपनी के अधीन हो गए उनमें नागवंश ररयासत रामगढ़ ररयासत गंगपुर खर सुआ
सरायकेला जसपुर सरगुजा आबद शाबमल िे |

झारखं ड के मु ख्य बमट्टी के नाम

बमट्टी के वगीकरण के अनु सार प्रदे श की ज्यादातर भूबम चट्टानों एवं पत्थरों की अपरदन से िनी है बजन्हें इस प्रकार उप
बवभाबजत बकया जा सकता है

1 . लाल बमट्टी जो ज्यादातर दामोदर यर घाटी एवं राजमहल िे त्रों में पाई जाती है

2. माइका युक्त बमट्टी जो कोडरमा झुमरी तलै या िडकागां व एवं मं दार पववत आसपास के िेत्रों में पाई जाती है

3. िालु ई बमट्टी ज्यादातर धनिाद िे त्रों की भू बम में पाई जाती है

4. काली बमट्टी राजमहल िे त्र में

5. ले टराइट बमट्टी जो रां ची के पबिमी बहस्से पलामू संिाल परगना के कुछ िे त्र एवं पबिमी एवं पूवव बसंहभू म में पाई जाती
है

झारखं ड के कुछ प्रमुख त्योहार इस प्रकार है

1. करमा 2. दीपावली 3. होली 4. िां दना परि 5. टु सु परि 6. भागे वदे

झारखं ड के लोक नृ त्य

झूमइर ,डां कच, पाइका, छऊ, जपुर, नाचनी, नटु आ, अगबन, चोकारा , जामदा, घटवारी, मतहा,

झारखं ड मबहलाओं में बशिा का अभाव

2001 की जनगणना के अनु सार जनजाबतयों की कुल जनसंख्या का 70% से अबधक भाग बनरिर है जनजातीय
अंधबवश्वास व पूवव गृह अत्यबधक गरीिी कुछ बशिकों व अन्य सुबवधाओं की कमी आबद ऐसे कारक है जो जनजातीय
िे त्रों में बशिा के बवस्तार को िाबधत करते हैं ।
मबहलाओं की स्थिबत

मु ख्य तौर पर जनजाबतयों मबहलाएं की स्थिबत कृबर् तिा बदनचयाव कायों पर ही सीबमत है तिा झारखं ड सरकार की
योजना के दौरान मबहलाओं को उत्थान हे तु मबहला मंडल की समू ह से जोडना तिा मबहला समू ह को ब्याज पर लोन
मु हैया कराना तिा व्यास के पैसों से मबहला समू ह चलाना

जनजातीय रहन सहन

मैं ने जाना बक रां ची नगर बनगम के

अध्ययन िे त्र का पररचय

बकसी भी सवेिण िे त्र में कायव के बलए अबधक िे त्र का बनधाव रण करना आवश्यक है सवेिण कायव के बलए सीबमत िेत्र
का चुनाव बकया जाना चाबहए ताबक अध्ययन कायव में बकसी प्रकार की समस्या नहीं हो

इसबलए मैं ने अपने सवेिण कायव के बलए सीबमत िे त्र का चुनाव बकया है अपने सवेिण बवर्य झारखं ड की जनजाबत
मबहलाओं सामाबजक आबिव क स्थिबत का समाजशास्त्रीय बवश्लेर्ण के बलए मैं ने कचहरी चौक को अपने अध्ययन का
िे त्र चयन की हं

सवेिण कायव हे तु 25 उत्तर दाताओं का चुनाव हमारे द्वारा बकया गया है रां ची नगर बनगम के वाडव नं िर 18 की कुल
जनसंख्या लगभग 7578 है बजसमें पुरुर् की जनसंख्या 4038 53% और मबहला की जनसंख्या 3540 47% है 2011 की
जनगणना के अनु सार वाडव 18 में प्रबत 100 पुरुर् पर 877 मबहलाएं हैं यह रां ची नगर बनगम का एक छोटा सा भाग है
यहां का कुल सािरता दर 614 है बजसमें पुरुर् सािरता दर 3341 93% तिा मबहला सािरता दर 2807 90% है वाडव
नं िर 18 नवटोली कचहरी रोड रां ची में लगभग 1387 घर है बजनमें 94% सामान्य जाबत है 2% अनु सूबचत जाबत है तिा
3% अनु सूबचत जनजाबत है इस के समीप में सदर अस्पताल कचहरी िर अखाडा कंटें ट लोहरा कूचा जेल रोड
जगतपाल स्टर ीट जे पी एससी उत्तर सकुवलर रोड में काली िािू स्टर ीट से प्रिोध टावर तक दबिण में सजना चौक से
पुबलया रोड में बमशन चौक तक पूवव सकुवलर रोड प्रभात टावर से लालपुर चौक िारपखना होते हुए बमशन चौक पुबलया
रोड में बमशन चौक तक वाडव नं िर 18 कचहरी में कई तरह का बशिण संथिाएं भी है जहां भी बशिा ग्रहण करने जाते हैं
िच्चे जै से छोटा नागपुर स्कूल संत अन्ना स्कूल ऑनलाइन कान्वें ट प्लस टू इन बवद्यालयों में हर िे त्र में छात्र-छात्राएं बशिा
प्राप्त करने आते हैं यहां पर एक रे स्टोरें ट भी है बजसका नाम बवनायक कल होटल भी बनवास है जहां िाहर के लोग आते
हैं और यहां काफी मं बदर हनुमान मं बदर दु गाव िाडी बत्रकोण हवन कुंड और मं बदर इत्याबद पूजा थिल भी है जहां लोग
सभी बमल जुल कर पूजा आराधना करने जाते हैं और कई तरह की भी िाजार की भी थिापना की गई है अलग-अलग
जगहों पर सामान का बवतरण बकया जाता है जहां लोगों को आसानी से सभी चीजों का आवश्यक पूरा हो जाता है |

उद्दे श्य

यह बवर्य झारखं ड की जनजाबतय मबहलाओं की सामाबजक आबिव क स्थिबत का मु ख्य उद्दे श्य है रां ची नगर बनगम बजले
के रां ची प्रखंड के रां ची नगर बनगम कचहरी चौक रां ची रोड में मबहलाओं की समस्याओं को दू र करने के उद्दे श्य से
समस्याओं के बनवारण के बलए उपायों को जानने के बलए उन्हें दू र करने के बलए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं से
लोगों को जागरूक करना
i. समाजशास्त्र में जनजाबतय मबहलाओं की सामाबजक आबिव क स्थिबत के अध्ययन के बलए

ii. मबहलाओं के सामाबजक आबिव क स्थिबत को जानने के बलए

iii. मबहलाओं की वास्तबवक समस्याओं को जानने के बलए

iv. सरकार द्वारा चलाई गई मबहलाओं पर योजनाओं को जानने के बलए

v. मबहलाओं को जागरूक कराने के बलए

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