Snake Repellent Mantra

You might also like

Download as docx, pdf, or txt
Download as docx, pdf, or txt
You are on page 1of 1

“ॐ नम: शिवाय”

" मुशन राजम आस्तिकम नमः"


नममदायै नमः प्रातः नममदायै नमो शनशि ।
नमोऽिु नममदे तुभ्यं त्राशि मां शवषसर्मदः ।।

सर्ामर्सर्म भद्रं त गच्छ सर्म मिाशवष।


जनमेजयस्य यज्ञान्ते आिीकवचं स्मर।।

आस्तिक्य-वचनं स्मृत्वा, य:सर्ोन शनवतामते।


शभद्दते सप्तधा मुशिमन, शिंि-वृक्ष फलं यथा।।

जरत्कावोजमरत्कवाां समुत्पन्न मिायिाः ।


अिीक सत्यसन्धो मां र्न्नगेभ्यो अशभरक्षतु ।।

यो जरुत्कारुज यातो, जरुत-कन्या मिा यिा:।


तस्य सर्मख भद्रं ते दु रं गच्छमिा- शवषय।।

दुिाई राजा जन्मेजय ! दुिाई अस्तिक मुशन की !


दुिाई जरुत्कार की ! दुिाई मनसा दे वी की !
श्री आस्तिक मुनि एवं माता मिसा दे वी की दु हाई है नक कोई भी नवषैला जीव

जंतु परिसि में प्रवेश िा किे |

नोट-यनद परिसि में कोई नवषैला जीव जंतु मौजूद हो तो शीघ्र बहाि निकल जावे |

You might also like