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लललल ललललल

पपपपपपपप पपपपपपपपपप
पपपपपप पपपपपपप पपपपप पप पप पपपप
पपपपपपप पप पपपपप पप पपपप पपपपपपप
पप पप पपपपप पपपपपपपप पप पपपप पप
पपपप पप पपपपपप पप पपप पपप पपपप
पपपपपपपप पपपपप पपप पपपप पपपपप पप
पप पप पपपपपपपप पप पपप पप, पप
पपपपपप पप पपप पपपपपपपप पपप पपपप
पपपप पप पपप पपप
पप पपपपपपपप, पपपपप पप पपपपपप पपपप
पपपपपपपपप पप पपपपपपपप पप पपप,
पपपपपप पपपप पप पपपपपपप पपप पपपप
पपपप पप पपप पपपपप पप पपपप
पपप 1931 पपप 'पपपपपप पपपपप' पपप पपपप
पपपपप पपपपपप पप पपप पपपप पप पपप
पप पपपप पपपप पप पप पपपपपपप पपपप
पपप, पप पपपपपपपपपप पपपपपप पपपप
पपपप पपपपपपप पपपपप पपपपप पप पपपप
पप पप पपपपपपपपप पप पपपपप 'पपपपप
पपपपप' पपपपप पप पपप पपपपपपप पपप,
पपपपप पपप पप पपपपपपपपप पप पपपपप
पप पपपप पपपप पपप पपपपपपप पप पपपपप
पप पपप पपपपपपपप पपपपपपप पपपप पप
पपपी पप पप पप पपपपप पपप,
पप पपपपपपप पपप पपपपपप पप पप पपप
पप
पपपप पपपपप, पपपपपपप, पपपप, पपपपपप,
पपपपपपप, पपप पपपपपपप पपप पपपपपप
पपप पपपपपप पपपपपपप पपपपप पप
पपपपपप 'पपपपप पपपपप' पपपप पपपपप
पप पपपपपप पप पपपप पपपप पपप पपप
'पपपपपपपपपपपपपप' पप पपपपपप
पपपप पपपपपपप पपपपपप पपपपपपपप
पपपपपप पपपपपपप पपप, पपपपप 'पपपपप
पपपपप' पप पपपपपपप पपप पपपप पप पपप
पप पपपपप पपपपपप पप पपप
पपपपप पपपप पपपप
पपपपपप पपपपपपप पप पप पपपप
पपपप पपपप 'पपपपप पप पपप' पपपप
पप पपपपप पपप पप पपपप पपपपप पप पपप
पप पपपपपपप पप पपपप पपपप पपपपपपप
पपपपपपप पप पप पपपप पप पप पपपप
पपपपपप पपप पपपपप पपपपपप पप पपप
पप पप पपपपपप प पपप पप
पपपपपपप 1955 पपप पपपपपपपप पपप
पपपपपपपपपपपपप पपपपपपप पप पपप,
पपपप पपपपपपपप 1957 पप पपपप पपपपपप
पपपपपप पप पपपप पपपप पपप पप पप
पपपपपपपपप पपप पप, पप पपपपपपपपपप
पपप पपप पपपपपपपपपपप पप
पपपपपपपपपपप पपपपपपपप 'पपपपपपपप'
पप पपपपप पपपप पपपप पपपपप पप पपप
पपपपपप पपपपपपप पप पपपपपपपप,
पपपपपपपप, पपपप-पपपपपपपपप पपप
पपपपपपप पपपपपप पपपपपप पी पपपपप
पपपपपपपपप पपप पपपपपपपप पपपपपपपप
पपपप पपप-पपपपप पप पपपप पपपपपपपप
पपपप पपपप पपपपपपपप पपपपपपपपपप
पपपपपपपपपप पपपपपपप पपपपपपप पप
पपप पपप पपपपपपप पप पपपपप पपप
पपपपप पपप पपप
पपपपपपप
पपपपपप पपपपपपप पप पप पपपपपप
पपपपपपप पपपपपपपपपप पपप
1. ललललल लललललल - 'पपपपपप पप पपप',
'पपपप पप पप पपप पपप पप', 'पपपप
पपप', 'पपपपपप', 'पपप पप पपपप', 'पप
पपपपप पप पपपप', 'पपपपप पपपपप',
'पपप पपपप पपप पपपप', 'पपपपप पप
पपपपपपपप', 'पपप पप पपपप', 'पपपप
पपपपप'प
2. ललल ललल लललललल - 'पपपपपपपप',
'पपपपपपप पपप पप पपपपपपप', 'पपपप
पप पप', 'पप पपपपप', 'पपपप पपपपप',
'पपपप पप पपपपप'प
3. ललललललल - 'पपपप पपप', 'पपपपपपपपप',
'पपपपपपपपपपपपपप', 'पपपप पप पप
पपप पपप पप', 'पपप पप पपपप', 'पपपप',
'पपप पप', 'पपपपपपपपप', 'पप पप पपपप',
'पपपपपपपप पप पपपपप'प
4. ललललललल - 'पपपपपपपप' पप 'पपपपपप'
पपप पप पपपप पपपपपपप 3 पपपपप पपप
पपपपपप पपपपपपप पप पपपपपपपप पप
पपपप पपप 'पप पपपप पपप पपप',
'पपपपप पपप पपप'प
5. लललल - 'पपपपप पप पप-पपप', 'पपपपप
पप पपप', 'पपपपपपपप', 'पपपपपप',
'पपपपपप पप पपपपपपपप', 'पपपप
पपपपपप', पप पप पपप, पपपपपप
पपपपपप, पपपपपपप पप पपपपपपपप पप
'पपपप'
6. ललललल - 'पपपपप पपपपप', 'पपप पपपप
पपप पपपप'प
7. लललललल लललललललल - 'पपपपपपपपपपप
पपपपपप', 'पपपपप पपपप पप पपपप
पपप', 'पपपपप पपपपपप पपपपप
पपपपप'प

पप

पप
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पप
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महादे वीवमाा

महादे वीवमाा ‘आजकल’ केमुखपृष्ठसे


२६मार्ा, १९०७
जन्म:
फ़र्राखाबाद, उत्तरप्रदे श, भारत
११ससतंबर, १९८७
मृत्यु:
इलाहाबाद, उत्तरप्रदे श, भारत
कार्ाक्षेत्र: अध्यापक, लेखक
राष्ट्रीर्ता: भारतीय
भाषा: सहन्दी
काल: आधुसनककाल
सवधा: गद्यऔरपद्य
ववषर्: गीत, रे खासर्त्र, संस्मरणवसनबंध
सासहत्यिक छायावादव
आन्दोलन: रहस्यवाद
प्रमुखकृवत(र्ााँ): यामाकसवतासंग्रह
हस्ताक्षर:

महादे वीवमाा (२६मार्ा१९०७ — ११ससतंबर१९८७)


सहन्दीकीसवाा सधकप्रसतभावानकवसयसत्रयोंमेंसेहैं।वेसहन्दीसासहि
मेंछायावादीयुगकेर्ारप्रमुखस्तंभोंमेंसेएकमानीजातीहैं ।आधुसन
कसहन्दीकीसबसेसशक्तकवसयसत्रयोंमेंसेएकहोनेकेकारणउन्हें
आधुसनकमीराकेनामसेभीजानाजाताहै ।कसवसनरालानेउन्हें
“सहन्दीकेसवशालमत्यन्दरकीसरस्वती”भीकहाहै ।महादे वीनेस्वतंत्र
ताकेपहलेकाभारतभीदे खाऔरउसकेबादकाभी।वेउनकसवयों
मेंसेएकहैं सजन्होंनेव्यापकसमाजमेंकामकरतेहुएभारतकेभीतर
सवद्यमानहाहाकार, र्रदनकोदे खा,
परखाऔरकर्रणहोकरअन्धकारकोदू रकरनेवालीदृसिदे नेकीको
सशशकी।नकेवलउनकाकाव्यबत्यिउनकेसामाजसुधारकेकाया
औरमसहलाओंकेप्रसतर्ेतनाभावनाभीइसदृसिसेप्रभासवतरहे ।उ
न्होंनेमनकीपीडाकोइतनेस्नेहऔरशंगारसेसजायासकदीपसशखा
मेंवहजन-
जनकीपीडाकेरूपमेंस्थासपतहुईऔरउसनेकेवलपाठकोंकोहीन
ही ंसमीक्षकोंकोभीगहराईतकप्रभासवतसकया।

उन्होंनेखडीबोलीसहन्दीकीकसवतामेंउसकोमलशब्दावलीकासव
काससकयाजोअभीतककेवलबृजभाषामेंहीसंभवमानीजातीथी।
इसकेसलएउन्होंनेअपनेसमयकेअनुकूलसंस्कृतऔरबां ग्लाकेको
मलशब्दोंकोर्ुनकरसहन्दीकाजामापहनाया।संगीतकीजानकार
होनेकेकारणउनकेगीतोंकानाद-
सद ं याऔरपैनीउत्यक्तयोंकीव्यंजनाशैलीअन्यत्रदु लाभहै ।उन्होंनेअ
ध्यापनसेअपनेकायाजीवनकीशुरूआतकीऔरअंसतमसमयतक
वेप्रयागमसहलासवद्यापीठकीप्रधानार्ायाा बनीरहीं।उनकाबाल-
सववाहहुआपरं तुउन्होंनेअसववासहतकीभां सतजीवन-
यापनसकया।प्रसतभावानकवसयत्रीऔरगद्यलेत्यखकामहादे वीवमाा
सासहिऔरसंगीतमेंसनपुणहोनेकेसाथ-साथ

\कुशलसर्त्रकारऔरसृजनात्मकअनुवादकभीथीं।उन्हें सहन्दीसा
सहिकेसभीमहत्त्वपूणापुरस्कारप्राप्तकरनेकाग रवप्राप्तहै ।भार
तकेसासहिआकाशमेंमहादे वीवमाा कानामध्रुवतारे कीभां सतप्रका
शमानहै ।गतशताब्दीकीसवाा सधकलोकसप्रयमसहलासासहिकार
केरूपमेंवेजीवनभरपूजनीयबनीरही ं।वषा २००७उनकीजन्मशता
ब्दीकेरूपमेंमनायागया।

जीवनी

मुख्यलेख : महादे वीवमाा काजीवनपररर्य


जन्मऔरपररवार

महादे वीकाजन्म२६मार्ा१९०७कोप्रातः८बजे फ़र्राखाबादउत्तरप्र


दे श,
भारतमेंहुआ।उनकेपररवारमेंलगभग२००वषोंयासातपीस़ियोंके
बादपहलीबारपुत्रीकाजन्महुआथा।अतःबाबाबाबू बााँ केसवहारीजी
हषासेझमू उठे औरइन्हें घरकीदे वी —
महादे वीमानतेहुएपुत्रीकानाममहादे वीरखा।उनकेसपताश्रीगोसवं
दप्रसादवमाा भागलपुरकेएककॉलेजमेंप्राध्यापकथे।उनकीमाता
कानामहे मरानीदे वीथा।हे मरानीदे वीबडीधमापरायण, कमासनष्ठ,
भावुकएवंशाकाहारीमसहलाथीं।सववाहकेसमयअपनेसाथससंहा
सनासीनभगवानकीमूसताभीलायीथींवेप्रसतसदनकईघंटेपूजा-
पाठतथारामायण,
गीताएवंसवनयपसत्रकाकापारायणकरतीथींऔरसंगीतमेंभीउन
कीअिसधकर्रसर्थी।इसकेसबिुलसवपरीतउनकेसपतागोसवन्द
प्रसादवमाा सुन्दर, सवद्वान, संगीतप्रेमी, नात्यस्तक,
सशकारकरनेएवंघूमनेकेश कीन,
मां साहारीतथाहाँ समुखव्यत्यक्तथे।महादे वीवमाा केमानसबंधुओम
ं ें
सुसमत्रानंदनपंतएवंसनरालाकानामसलयाजासकताहै ,
जोउनसेजीवनपयान्तराखीथी,
उनकीपुिकलाइयोंमेंमहादे वीजीलगभगर्ालीसवषोंतकराखी
बााँ धतीरहीं।

विक्षा

महादे वीजीकीसशक्षाइं द रमेंसमशनस्कूलसेप्रारम्भहुईसाथहीसं


स्कृत, अंग्रेजी,
संगीततथासर्त्रकलाकीसशक्षाअध्यापकोंद्वाराघरपरहीदीजातीर
ही।बीर्मेंसववाहजैसीबाधापडजानेकेकारणकुछसदनसशक्षास्थ
सगतरही।सववाहोपरान्तमहादे वीजीने१९१९मेंक्रास्थवेटकॉलेजइ
लाहाबादमेंप्रवेशसलयाऔरकॉलेजकेछात्रावासमेंरहनेलगीं।१९२
१मेंमहादे वीजीनेआठवींकक्षामेंप्रान्तभरमेंप्रथमस्थानप्राप्तसकया
।यही ंपरउन्होंनेअपनेकाव्यजीवनकीशुर्रआतकी।वेसातवषाकी
अवस्थासेहीकसवतासलखनेलगीथींऔर१९२५तकजबउन्होंनेमैसटि
ककीपरीक्षाउत्तीणाकी,
वेएकसफलकवसयत्रीकेरूपमेंप्रससद्धहोर्ुकीथीं।सवसभन्नपत्र-
पसत्रकाओंमेंआपकीकसवताओंकाप्रकाशनहोनेलगाथा।कालेज
मेंसुभद्राकुमारीर् हानकेसाथउनकीघसनष्ठसमत्रताहोगई।सुभद्रा
कुमारीर् हानमहादे वीजीकाहाथपकडकरसत्यखयोंकेबीर्मेंले
जातीऔरकहतीं ― “सुनो,
येकसवताभीसलखतीहैं ”।१९३२मेंजबउन्होंनेइलाहाबादसवश्वसवद्या
लयसेसंस्कृतमेंएम॰ए॰पाससकयातबतकउनकेदोकसवतासंग्रह
नीहारतथारत्यिप्रकासशतहोर्ुकेथे।

वैवावहकजीवन

सन्१९१६मेंउनकेबाबाश्रीबााँ केसवहारीनेइनकासववाहबरे लीकेपा


सनबावगंजकस्बेकेसनवासीश्रीस्वरूपनारायणवमाासेकरसदया,
जोउससमयदसवींकक्षाकेसवद्याथीथे।श्रीवमाा इण्टरकरकेलखन
ऊमेसिकलकॉलेजमेंबोसििं गहाउसमेंरहनेलगे।महादे वीजीउसस
मयक्रास्थवेटकॉलेजइलाहाबादकेछात्रावासमेंथीं।श्रीमतीमहादे
वीवमाा कोसववासहतजीवनसेसवरत्यक्तथी।कारणकुछभीरहाहोपर
श्रीस्वरूपनारायणवमाा सेकोईवैमनस्यनहींथा।सामान्यस्त्री-
पुर्रषकेरूपमेंउनकेसम्बंधमधुरहीरहे ।दोनोंमेंकभी-
कभीपत्रार्ारभीहोताथा।यदा-
कदाश्रीवमाा इलाहाबादमेंउनसेसमलनेभीआतेथे।श्रीवमाा नेमहादे
वीजीकेकहनेपरभीदू सरासववाहनहींसकया।महादे वीजीकाजीवन
तोएकसंन्याससनीकाजीवनथाही।उन्होंनेजीवनभरश्वेतवस्त्रपहना
,
तख्तपरसोईंऔरकभीशीशानहींदे खा।सन्१९६६मेंपसतकीमृिु
केबादवेस्थाईरूपसेइलाहाबादमेंरहनेलगीं।

महादे वीकाकायाक्षेत्रलेखन,
संपादनऔरअध्यापनरहा।उन्होंनेइलाहाबादमेंप्रयागमसहलासव
द्यापीठकेसवकासमेंमहत्वपूणायोगदानसकया।यहकायाअपनेसम
यमेंमसहला-
सशक्षाकेक्षेत्रमेंक्रांसतकारीकदमथा।इसकीवेप्रधानार्ायाएवंकुलप
सतभीरहीं।१९३२मेंउन्होंनेमसहलाओंकीप्रमुखपसत्रका
‘र्ााँ द’काकायाभारसंभाला।१९३०मेंनीहार, १९३२मेंरत्यि,
१९३४मेंनीरजा,
तथा१९३६मेंसां ध्यगीतनामकउनकेर्ारकसवतासंग्रहप्रकासशतहु
ए।१९३९मेंइनर्ारोंकाव्यसंग्रहोंकोउनकीकलाकृसतयोंकेसाथवृ
हदाकारमेंयामाशीषाकसेप्रकासशतसकयागया।उन्होंनेगद्य,
काव्य,
सशक्षाऔरसर्त्रकलासभीक्षेत्रोंमेंनएआयामस्थासपतसकये।इसके
असतररक्तउनकी 18 काव्यऔरगद्यकृसतयां हैंसजनमेंमेरापररवार,
स्मृसतकीरे खाएं , पथकेसाथी,
शंखलाकीकसडयााँ औरअतीतकेर्लसर्त्रप्रमुखहैं ।सन१९५५मेंम
हादे वीजीनेइलाहाबादमेंसासहिकारसंसदकीस्थापनाकीऔरपं
इलार्ंद्रजोशीकेसहयोगसेसासहिकारकासंपादनसंभाला।यहइ
ससंस्थाकामुखपत्रथा।उन्होंनेभारतमेंमसहलाकसवसम्मेलनोंकी
नीवरखी।इसप्रकारकापहलाअत्यखलभारतवषीयकसवसम्मेलन१
५अप्रैल१९३३कोसुभद्राकुमारीर् हानकीअध्यक्षतामेंप्रयागमसह
लासवद्यापीठमेंसंपन्नहुआ।वेसहं दीसासहिमेंरहस्यवादकीप्रवसता
काभीमानीजातीहैं ।महादे वीब द्धधमासेबहुतप्रभासवतथीं।महात्मा
गां धीकेप्रभावसेउन्होंनेजनसेवाकाव्रतलेकरझूसीमेंकाया सकयाऔ
रभारतीयस्वतंत्रतासंग्राममेंभीसहस्सासलया।१९३६मेंनैनीतालसे २
५सकलोमीटरदू ररामग़िकसबेकेउमाग़िनामकगााँ वमेंमहादे वी
वमाा नेएकबाँगलाबनवायाथा।सजसकानामउन्होंनेमीरामंसदररखा
था।सजतनेसदनवेयहााँ रही ंइसछोटे सेगााँ वकीसशक्षाऔरसवकासके
सलएकामकरतीरहीं।सवशेषरूपसेमसहलाओंकीसशक्षाऔरउन
कीआसथाकआत्मसनभारताकेसलएउन्होंनेबहुतकामसकया।आजक
लइसबंगलेकोमहादे वीसासहिसंग्रहालयकेनामसेजानाजाताहै ।
शंखलाकीकसडयााँ मेंत्यस्त्रयोंकीमुत्यक्तऔरसवकासकेसलएउन्होंनेसज
ससाहसवदृ़ितासेआवाजउठाईहैं औरसजसप्रकारसामासजकरू
स़ियोंकीसनंदाकीहै उससेउन्हें मसहलामुत्यक्तवादीभीकहागया।म
सहलाओंवसशक्षाकेसवकासकेकायोंऔरजनसेवाकेकारणउन्हें स
माज-
सुधारकभीकहागयाहै ।उनकेसंपूणागद्यसासहिमेंपीडायावेदना
केकही ंदशाननही ंहोतेबत्यिअदम्यरर्नात्मकरोषसमाजमेंबद
लावकीअदम्यआकां क्षाऔरसवकासकेप्रसतसहजलगावपररलसक्ष
तहोताहै ।

उन्होंनेअपनेजीवनकाअसधकां शसमयउत्तरप्रदे शकेइलाहाबाद


नगरमेंसबताया।११ससतंबर१९८७कोइलाहाबादमेंरात९बजकर३
०समनटपरउनकादे हां तहोगया।

कववतासंग्रह
५. दीपसशखा (१९४२)
१. नीहार (१९३०)
६. सप्तपणाा (अनूसदत-१९५९)
२. रत्यि (१९३२)
३. नीरजा (१९३४) ७. प्रथमआयाम (१९७४)
४. सां ध्यगीत (१९३६)
८. असिरे खा (१९९०)

श्रीमतीमहादे वीवमाा केअन्यअनेककाव्यसंकलनभीप्रकासशतहैं ,


सजनमेंउपयुाक्तरर्नाओंमेंसेर्ुनेहुएगीतसंकसलतसकयेगयेहैं,
जैसेआत्यत्मका, पररक्रमा, सत्यन्धनी (१९६५), यामा (१९३६),
गीतपवा, दीपगीत, स्माररका,
नीलां बराऔरआधुसनककसवमहादे वीआसद।

महादे वीवमााकागद्यसावहत्य

 रे खावित्र:अतीतकेर्लसर्त्र (१९४१) औरस्मृसतकीरे खाएं


(१९४३),
 संस्मरण:पथकेसाथी (१९५६) औरमेरापररवार
(१९७२औरसंस्मरण (१९८३))
 िुनेहुएभाषण क ं ासंकलन:संभाषण (१९७४)
 वनबंध:शंखलाकीकसडयााँ (१९४२), सववेर्नात्मकगद्य
(१९४२), सासहिकारकीआस्थातथाअन्यसनबंध (१९६२),
संकत्यिता (१९६९)
 लवलतवनबंध:क्षणदा (१९५६)
 कहावनर्ााँ:सगल्लू
 संस्मरण, रे खावित्रऔरवनबंध क ं ासंग्रह:सहमालय
(१९६३),
अन्यसनबंधमेंसंकत्यितातथासवसवधसंकलनोंमेंस्माररका,
स्मृसतसर्त्र, संभाषण, संर्यन,
दृसिबोधउल्लेखनीयहैं ।वेअपनेसमयकीलोकसप्रयपसत्रका ‘र्ााँ द’
तथा ‘सासहिकार’ माससककीभीसंपादकरही ं।सहन्दीकेप्रर्ार-
प्रसारकेसलएउन्होंनेप्रयागमें ‘सासहिकारसंसद’
औररं गवाणीनाट्यसंस्थाकीभीस्थापनाकी।

महादे वीवमााकाबालसावहत्य

महादे वीवमाा कीबालकसवताओंकेदोसंकलनछपेहैं।

 ठाकुरजीभोलेहैं
 आजखरीदें गेहमज्वाला

पुरस्कारवसम्मान

िाकसटकट

उन्हें प्रशाससनक,
अधाप्रशाससनकऔरव्यत्यक्तगतसभीसंस्थाओाँसेपुरस्कारवसम्मा
नसमले।

 १९४३मेंउन्हें ‘मंगलाप्रसादपाररतोसषक’एवं
‘भारतभारती’पुरस्कारसेसम्मासनतसकयागया।स्वाधीनताप्रा
त्यप्तकेबाद१९५२मेंवेउत्तरप्रदे शसवधानपररषदकीसदस्याम
नोनीतकीगयीं।१९५६मेंभारतसरकारनेउनकीसासहत्यिक
सेवाकेसलये
‘पद्मभूषण’कीउपासधदी।१९७९मेंसासहिअकादमीकीसद
स्यताग्रहणकरनेवालीवेपहलीमसहलाथीं।[19] 1988
मेंउन्हें मरणोपरां तभारतसरकारकीपद्मसवभूषणउपासधसेस
म्मासनतसकयागया।
 सन१९६९मेंसवक्रमसवश्वसवद्यालय,
१९७७मेंकुमाऊंसवश्वसवद्यालय, नैनीताल,
१९८०मेंसदल्लीसवश्वसवद्यालयतथा१९८४मेंबनारससहं दूसवश्वसव
द्यालय,
वाराणसीनेउन्हें िी.सलटकीउपासधसेसम्मासनतसकया।
 इससेपूवामहादे वीवमाा को ‘नीरजा’ केसलये १९३४में
‘सक्सेररयापुरस्कार’, १९४२में ‘स्मृसतकीरे खाएाँ ’ केसलये
‘सद्ववेदीपदक’प्राप्तहुए।
‘यामा’नामककाव्यसंकलनकेसलयेउन्हें भारतकासवोच्चसा
सहत्यिकसम्मान
‘ज्ञानपीठपुरस्कार’प्राप्तहुआ।वेभारतकी५०सबसेयशस्वी
मसहलाओंमेंभीशासमलहैं ।

 १९६८मेंसुप्रससद्धभारतीयसफ़ल्मकारमृणालसेननेउनकेसं
स्मरण ‘वहर्ीनीभाई’
परएकबां ग्लासफ़ल्मकासनमाा णसकयाथासजसकानामथानील
आकाशेरनीर्े ।

 १६ससतंबर१९९१कोभारतसरकारकेिाकतारसवभागनेजय
शंकरप्रसादकेसाथउनकेसम्मानमें२र्रपएकाएकयुगलसट
कटभीजारीसकयाहै ।

महादे वीवमााकार् गदान


महादे वीसेजुडेसवसशिस्थल

सासहिमेंमहादे वीवमाा काआसवभाा वउससमयहुआजबखडीबो


लीकाआकारपररष्कृतहोरहाथा।उन्होंनेसहन्दीकसवताकोबृजभा
षाकीकोमलतादी,
छं दोंकेनयेद रकोगीतोंकाभंिारसदयाऔरभारतीयदशानकोवेद
नाकीहासदा कस्वीकृसतदी।इसप्रकारउन्होंनेभाषासासहिऔरदशा
नतीनोंक्षेत्रोंमेंऐसामहत्त्वपूणाकामसकयासजसनेआनेवालीएकपूरी
पी़िीकोप्रभासवतसकया।शर्ीरानीगुटूानेभीउनकीकसवताकोसुस
त्यितभाषाकाअनुपमउदाहरणमानाहै ।उन्होंनेअपनेगीतोंकीरर्
नाशैलीऔरभाषामेंअनोखीलयऔरसरलताभरीहै ,
साथहीप्रतीकोंऔरसबंबोंकाऐसासुंदरऔरस्वाभासवकप्रयोगसकया
है जोपाठककेमनमेंसर्त्रसाखींर्दे ताहै ।छायावादीकाव्यकीसमृ
त्यद्धमेंउनकायोगदानअिंतमहत्त्वपूणाहै।छायावादीकाव्यकोज
हााँ प्रसादनेप्रकृसततत्त्वसदया,
सनरालानेउसमेंमुक्तछं दकीअवतारणाकीऔरपंतनेउसेसुकोम
लकलाप्रदानकीवहााँ छायावादकेकलेवरमेंप्राण-
प्रसतष्ठाकरनेकाग रवमहादे वीजीकोहीप्राप्तहै ।भावात्मकताएवं
अनुभूसतकीगहनताउनकेकाव्यकीसवाा सधकप्रमुखसवशेषताहै ।हृ
दयकीसूक्ष्मासतसूक्ष्मभाव-
सहलोरोंकाऐसासजीवऔरमूताअसभव्यंजनहीछायावादीकसवयोंमें
उन्हें ‘महादे वी’
बनाताहै ।वेसहन्दीबोलनेवालोंमेंअपनेभाषणोंकेसलएसम्मानकेसा
थयादकीजातीहैं ।उनकेभाषणजनसामान्यकेप्रसतसंवेदनाऔरस
च्चाईकेप्रसतदृ़ितासेपररपूणाहोतेथे।वेसदल्लीमें १९८३मेंआयोसजत
तीसरे सवश्वसहन्दीसम्मेलनकेसमापनसमारोहकीमुख्यअसतसथथीं।
इसअवसरपरसदयेगयेउनकेभाषणमेंउनकेइसगुणकोदे खाजास
कताहै

यद्यसपमहादे वीनेकोईउपन्यास,
कहानीयानाटकनही ंसलखातोभीउनकेलेख, सनबंध, रे खासर्त्र,
संस्मरण,
भूसमकाओंऔरलसलतसनबंधोंमेंजोगद्यसलखाहै वहश्रेष्ठतमगद्यका
उत्कृिउदाहरणहै ।उसमेंजीवनकासंपूणावैसवध्यसमायाहै ।सबना
किनाऔरकाव्यरूपोंकासहारासलएकोईरर्नाकारगद्यमेंसकत
नाकुछअसजातकरसकताहै ,
यहमहादे वीकोप़िकरहीजानाजासकताहै ।उनकेगद्यमेंवैर्ाररक
पररपक्वताइतनीहै सकवहआजभीप्रासंसगकहै ।समाजसुधारऔर
नारीस्वतंत्रतासेसंबंसधतउनकेसवर्ारोंमेंदृ़िताऔरसवकासकाअनु
पमसामंजस्यसमलताहै ।सामासजकजीवनकीगहरीपरतोंकोछूने
वालीइतनीतीव्रदृसि,
नारीजीवनकेवैषम्यऔरशोषणकोतीखेपनसेआंकनेवालीइतनी
जागरूकप्रसतभाऔरसनम्नवगाकेसनरीह,
साधनहीनप्रासणयोंकेअनूठेसर्त्रउन्होंनेहीपहलीबारसहं दीसासहि
कोसदये।

म सलकरर्नाकारकेअलावाउनकाएकरूपसृजनात्मकअनुवाद
ककाभीहै सजसकेदशानउनकीअनुवाद-कृत ‘सप्तपणाा ’ (१९६०)
मेंहोतेहैं।अपनीसां स्कृसतकर्ेतनाकेसहारे उन्होंनेवेद, रामायण,
थेरगाथातथाअश्वघोष, कासलदास,
भवभूसतएवंजयदे वकीकृसतयोंसेतादात्म्यस्थासपतकरके३९र्यसन
तमहत्वपूणाअंशोंकासहन्दीकाव्यानुवादइसकृसतमेंप्रस्तुतसकयाहै ।
आरं भमें६१पृष्ठीय ‘अपनीबात’
मेंउन्होंनेभारतीयमनीषाऔरसासहिकीइसअमूल्यधरोहरकेसंबं
धमेंगहनशोधपूणासवमषासकयाहै जोकेवलस्त्री-
लेखनकोहीनहींसहं दीकेसमग्रसर्ंतनपरकऔरलसलतलेखनकोस
मृद्धकरताहै ।

भभभभभ भभभभभभ भभभभभ(जजजज: जज


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सबीरभासटया
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
सबीरभाविर्ा (पंजाबी: ਸਬੀਰਭਾਟਿਯਾ सहन्दी:
सबीरभासटया (जन्म 30 सदसम्बर 1968)
एकभारतीयअमेररकी उद्यमी हैं जोहॉटमेलईमेलसेवाकेसह-
स्थापकहैं ।भासटयाकेपास 200
समसलयनअमरीकीिालरकीसंपसत्तहै ।

 1जीवनी
 2हॉटमेलकेसंस्थापक

 3अन्यउपक्रम

 4व्यत्यक्तगत

 5पुरस्कार

जीवनी

सबीरभासटयाकाजन्म र्ंिीग़ि, भारत के सहं दू पंजाबी पररवार


मेंहुआथा।उनकेसपता,
बलदे वभासटया, भारतीयसेना मेंऑसफसरकेरूपमेंकायारतथेऔ
रबादमेंवहभारतीयरक्षामंत्रालयमेंशासमलहोगए,
जबसकउनकीमां , दमनभासटया,
सेंटिलबैंकऑफइं सियामेंएकवररष्ठअसधकारीकेपदपरथीं।[2] भा
सटयाने बेंगलोर केसेंटजोसफबॉयजहाईस्कूलमेंअध्ययनसकया।
1986
मेंउन्होंनेसपलानीके सबडलाप्र द्योसगकीएवंसवज्ञानसंस्थान (BITS
)
मेंपूवास्नातककीप़िाईशुरूकीऔरदोवषाकेबाद कैसलफोसनायाइं
त्यिट्यूटऑफटे क्नोलॉजी (Caltech)
मेंतबादलालेसलया।कैलटे कसेस्नातकहोनेकेबाद, 1989
मेंसबीरइलेकसटि कलइं जीनीयररं गमें एमएस करनेकेसलएिै न
फोिा सवश्वसवद्यालयगए।िै नफोिा में,
उन्होंनेअल्ट्ि ालोपावरवीएलएसआईसिजाइनपरकामसकया।
िै नफोिा में,
वह िीवजॉब्स औरस्कॉटमैकनेलीजैसेउद्यसमयोंसेप्रेररतहुएऔ
रउनकीतरहबननेकाफैसलासकया।मािसाकेबाद पीएर्.िी. क
रनेकेबजाय, उन्होंने एप्पल मेंशासमलहोनेकाफैसलासकया।

हॉटमेलकेसंस्थापक

सबीरभासटयानेफायरपावरससिम्सआईएनसीनामककंपनीसे
शुरूआतकी, जहां उन्होंनेदोवषासबताए. 1994 में,
सबीरनेइंटरनेटकेसलएनएसवर्ारोंपरकामकरनाशुरूकरसदया
औरवहएप्पलकम्प्यूटर,
आईएनसीकेअपनेएकसहयोगीजैकत्यस्मथकेसाथसमलकरकाम
करनेलगे।

दोनोंजावासॉफ्टएकवेबआधाररतिे टाबेसकीअवधारणाकेसाथ
आगेआए।जबसकइससवर्ारपरअनुसरणकरनेकेबाद,
उन्होंनेवेबआधाररत ई-
मेल ससिमकीक्षमताकोससद्धसकयाऔरउसकेबादएकहॉटमेल
बनानेकाफैसलासकया (ऊपरकेअक्षरोंकीवतानी HTML थी -
वहभाषासजसकाप्रयोगवेबपेजकेआधारकोसलखनेकेसलएसकयाग
या). ध्यानआकसषातकरनेकेसलए,
ईमेलसेवाकोमुफ़्तप्रदानसकयागयाऔरराजस्ववेबसाइटपरसवज्ञा
पनकेमाध्यमसेप्राप्तसकयाजानेलगा।ििेपरसफशरवेंर्सानेइसपरर
योजनापर 300,000 िॉलरकासनवेशसकयाऔरयहसेवा 4 जुलाई
1996 कोशुरूकरदीगई।

छहमहीनोंकेअन्दरही,
वेबसाइटनेदसलाखसेअसधकग्राहकोंकोआकसषातसकया।जैसेही
वेब-आधाररतईमेलप्रदाताकीसंख्यामेंवृत्यद्धहोनेलगी,
पररणामस्वरूप माइक्रोसॉफ्ट नेइसपरग रसकयाऔर 30
सदसम्बर 1997 को (भासटयाके 29 वेंजन्मसदनपर), हॉटमेलको
400
समसलयनिॉलरकीकसथतरासशपर माइक्रोसॉफ्ट कोबेर्सदयाग
या।उन्होंनेइसकाश्रेयसंयुक्तराज्यअमेररकामेंउद्यमशीलताकेप
याा वरणकीसुसवधाकोसदया।एकसाक्षात्कारमें,
उन्होंनेभारतीयसरकारकीआलोर्नाकरतेहुएकहासक
"वहअभीतकभारतमेंहॉटमेलनही ंकरपाएहैं ".

अन्यउपक्रम

हॉटमेलबेर्नेकेबाद, भासटयानेंअप्रैल 1999


मेंमाइक्रोसॉफ्टमेंएकसालतककामसकया,
उन्होंनेइसकंपनीकोछोडतेहुएएकअन्यवेबसाइटआरजूइंक.
कोशुरूसकया, जोिॉट-कॉमबुलबुलेकेफटनेकेबादबंदहोगई।
2010
में, आरजू कोउन्होंनेएकयात्रापोटा लकेरूपमेंसफरसेशुरूसकया।

उन्होंनेएकवेबसाइटब्लॉगएवरीवेयर (BlogEverywhere)
कीशुरूआतकी (सह-
संस्थापकसशराजकां गाऔरसवराफजैककेसाथ),
एकवेबसाइटसजसनेउभरतेहुए ब्लॉगॉससफयर कोभुनानेकाप्रया
ससकया।

2006 में, वहएकनेटवकासुरक्षासवक्रेताऔरएसएसएलवीपीएन-


प्लसकेसनमाा ता, सनओऐक्सेलकेएं जलसनवेशकबनगए।

नवंबर 2007 में,


उन्होंनेमाइक्रोसॉफ्टऑसफसका लाइविोक्युमेंट्स नामकएक
ऑनलाइनवैकत्यिकऑसफसजारीसकया।यहअनुप्रयोगउपयोग
कताा ओक
ं ोअपनेदस्तावेजोंकोऑफ़लाइनऔरऑनलाइनदोनोंप्र
कारसेउपयोगकरने, संपासदतकरने, अन्यलोगोंकेसाथररयल-
टाइममेंदस्तावेजसहयोगऔरसाझाकरनेकीऔरसवसभन्नकंयूटर
औरउपयोगकतााओक
ं े बीर्दस्तावेजोंकेससंक्रनाइजेशनकीअनु
मसतदे ताहै ।उपयोगकताा माइक्रोसॉफ्टऑसफसप्लग-
इनकोिाउनलोिभीकरसकतेहैंजोउन्हें सवाश्रेष्ठऑफ़लाइनऔर
ऑनलाइनऑसफससूट्सकेसाथऑसफसदस्तावेजस्वरूपोंकेसल
एपूणासंगतताकीअनुमसतभीदे ताहै ।
उन्होंनेभारतीयघरोंमें केबलटीवी केमाध्यमसेइंटरनेटकेउपयोग
कीसुसवधाकोउपलब्धकरानेकेसलएभीबहुतजोरसदया।

जनवरी 2008 में,


सबीरनेअपनेनवीनतमउद्यम (सबसेबोलो.कॉम)
केलॉन्चकीघोषणाकी, जोएकमुफ्तवेब-
आधाररतटे लीकन्फरे नससंगप्रणालीहै । 14 जून 2009,
सबीरभासटयाकेसबसेबोलोनेजैक्सटरएकइं टरनेटटे लीफोनसेवा
िाटा अपकोगुप्तरासशमेंअसजातकरसलया।जैक्सटरअपनेब्ां िके
नामकेसाथहीकामकरे गाऔरसबसेबोलोकेसवशालयूजरबेसकी
मददकरे गा।

उनकीभसवष्यमेंभारतमें नैनोससटी नामकेएकनएशहरकेसवका


सकरनेकीयोजनाहै ।नैनोससटीकाउद्दे श्यहै सक सससलकनवैली में
पाईजानेवालीपयाा वरणप्रणालीमेंजीवंतताऔरनवीनताकीप्रसतकृ
सतकोदोहराना.

व्यत्यक्तगत

2008 में, उन्होंने बैद्यनाथग्रुप कीउत्तरासधकाररणी,


नागपुरकीतासनयाशमाा केसाथशादीकरली।वेदोस्तकेरूपमेंआ
ठसालसेएकदू सरे कोजानतेथे।उन्होंने लैंगकॉवी, मलेसशया मेंए
कसनजीसमारोहमेंशादीकी।

पुरस्कार
 "वषाकेउद्यमी," उद्यमपूंजीफमाििेपरसफशरजुरवेत्सन
(1998) द्वारासम्मासनतसकयागया

 नईअथाव्यवस्थापसत्रकाकेशीषाटिेंिसेटरकीसूर्ीमें "एसलट
100," केसलएनामां सकत

 TR100 पुरस्कारप्राप्तकताा ,
एमआईटीद्वाराप्रदानसकएगएअगलेकुछवषोंके 100
युवानवीनआसवष्कारकमेंसेएकसजन्होंनेप्र द्योसगकीपरबहुत
बडाप्रभाविालाथा।

 सैनजोसमकारीसमार्ारऔरपीओवीपसत्रकाद्वारार्यसनतद
सअसधकां शसफलउद्यसमयोंकेरूपमें (1998)

 टाइम द्वारानामां सकत "पीपलटू वॉर्"


अंतरराििीयव्यवसायमेंसेएक (2002)

होमीजहां गीरभाभा

ललललललललललललललल
पपपपपपपपपपपपपपप (पपपप-पपपप)

लललल 30 पपपपपपप 1909


पपपपप, पपपप

लललललल 24 पपपपप 1966


पपपपपपपपपप, पपपपपप

लललल पपपप

ललललललललल
पपपपपप
लल

ललललललल पपपपप

ललललललल पपपपपप पपपपपपपपप

ललललललल Cavendish Laboratories


पपपपपपपपपपपपपपपपप
पपप
पपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपप
(पपपप)
लललललल पपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपप

लललललललल पपपपपपपप
लललललल पपपपपपपपपपपप

ललललललललल
पपपपपपपपपपपपप
ललल

ललललललललल पपपपपपपपपपपपपप

ह मीजहांगीरभाभा (30 अक्टू बर, 1909 - 24


जनवरी, 1966) भारत केएकप्रमुखवैज्ञासनकऔरस्वप्नदृिाथेसज
न्होंनेभारतके परमाणुऊजाा कायाक्रमकीकिनाकीथी।उन्होने
मुट्ठीभरवैज्ञासनकोंकीसहायतासेमार्ा 1944 मेंनासभकीयउजाा पर
अनुसन्धानआरम्भसकया।उन्होंनेनासभकीयसवज्ञानमेंतबकायाआर
म्भसकयाजब असवसछन्नशंखलाअसभसक्रया काज्ञाननहींकेबराबर
थाऔरनासभकीयउजाा से सवद् युत उत्पादनकीकिनाकोकोईमा
ननेकोतैयारनहींथा।उन्हें
'आसकाटे क्टऑफइं सियनएटॉसमकएनजीप्रोग्राम'
भीकहाजाताहै ।भाभाकाजन्म मुम्बई केएकसभ्ांत पारसी परर
वारमेंहुआथा। [1] उनकीकीसतासारे संसारमेंफैली।भारतवापस
आनेपरउन्होंनेअपनेअनुसंधानकोआगेब़िाया।भारतकोपरमाणु
शत्यक्तबनानेकेसमशनमेंप्रथमपगकेत रपरउन्होंने 1945 मेंमूलभू
तसवज्ञानमेंउत्कृिताकेकेंद्रटाटाइं िीट्यूटऑफफंिामेंटलररसर्ा
(टीआइएफआर) कीस्थापनाकी।िा.
भाभाएककुशलवैज्ञासनकऔरप्रसतबद्धइं जीसनयरहोनेकेसाथ-
साथएकसमसपातवास्तुसशिी, सतकासनयोजक,
एवंसनपुणकायाकारीथे।वेलसलतकलावसंगीतकेउत्कृिप्रेमीतथा
लोकोपकारीथे। 1947 मेंभारतसरकारद्वारागसठत परमाणुऊजाा
आयोग केप्रथमअध्यक्षसनयुक्तहुए। १९५३ में जेनेवा मेंअनुसष्ठत
सवश्वपरमाणुसवकवैज्ञासनकोंकेमहासम्मेलनमेंउन्होंनेसभापसतत्व
सकया।भारतीयपरमाणुऊजाा कायाक्रमकेजनक[3] का २४जनव
री सन १९६६ कोएक सवमानदु घाटना मेंसनधनहोगयाथा।

अनुक्रम

 1सशक्षा

 2उपलत्यब्धयां

 3टीकासटप्पणी

 4इन्हेंभीदे खें

सशक्षा

उन्होंनेमुंबईसेकैथििलऔरजॉनकेननस्कूलसेप़िाईकी।सफरए
त्यििनकॉलेजमुंबईऔररोयालइं िीट्यूटऑफसाइं ससेबीएस
सीपाससकया।मुंबईसेप़िाईपूरीकरनेकेबादभाभावषा 1927
मेंइंग्लैंिकेकैअसकॉलेज,
कैंसब्जइं जीसनयररं गकीप़िाईकरनेगए।कैत्यिजसवश्वसवद्यालयमेंर
हकरसन् 1930
मेंस्नातकउपासधअसजातकी।सन् 1934 में कैत्यिजसवश्वसवद्यालय
सेउन्होंनेिाक्टरे टकीउपासधप्राप्तकी।जमानीमेंउन्होंनेकात्यस्मक
सकरणोंपरअध्ययनऔरप्रयोगसकए।हालां सकइं जीसनयररं गप़िने
कासनणायउनकानहींथा।यहपररवारकीख्वासहशथीसकवेएकहोन
हारइं जीसनयरबनें।होमीनेसबकीबातोंकाध्यानरखतेहुए,
इं जीसनयररं गकीप़िाईजरूरकी,
लेसकनअपनेसप्रयसवषयसफसजक्ससेभीखुदकोजोडे रखा।न्यूत्यिय
रसफसजक्सकेप्रसतउनकालगावजुनूनीस्तरतकथा।उन्होंनेकैंसब्ज
सेहीसपताकोपत्रसलखकरअपनेइरादे बतासदएथेसकसफसजक्सहीउ
नकाअंसतमलक्ष्यहै ।

उपलत्यब्धया

जेनेवा में 'परमाणुऊजाा केशात्यन्तपूणाउपयोग'


परअन्तरराििीयसंगोष्ठीमेंिॉभाभा (२०अगस्त१९५५)

दे शआजादहुआतोहोमीजहां गीरभाभानेदुसनयाभरमेंकामकररहे
भारतीयवैज्ञासनकोंसेअपीलकीसकवेभारतल टआएं ।उनकीअपी
लकाअसरहुआऔरकुछवैज्ञासनकभारतल टे भी।इन्हींमेंएकथेमै
नर्ेिरकीइं पीररयलकैसमकलकंपनीमेंकामकरनेवालेहोमीन शे
रवां जीसेठना।अमेररकाकीसमसशगनयूसनवससाटीसेपोिग्रेजुएशन
करनेवालेसेठनामेंभाभाकोकाफीसंभावनाएं सदखाईदी ं।येदोनोंवै
ज्ञासनकभारतकोपरमाणुशत्यक्तसंपन्नबनानेकेअपनेकायाक्रममेंजु
टगए।यहकायाक्रममूलरूपसेिॉ॰भाभाकीहीदे नथा,
लेसकनयहसेठनाहीथे,
सजनकीवजहसेिॉ॰भाभाकेसनधनकेबावजूदनतोयहकायाक्रमर्र
काऔरनहीइसमेंकोईबाधाआई।

उनकीइसीलगनकानतीजाथासक 1974
मेंसेठनानेतत्कालीनप्रधानमंत्रीइं सदरागां धीकोबतायासकउन्होंने
शां सतपूणापरमाणुसवस्फोटकीतैयाररयां पूरीकरलीहै ।यहभीपूछा
सकक्यावेइसससिमकोशुरूकरसकतेहैं?
इसकेसाथहीउन्होंनेयहभीबतासदयासकएकबारससिमशुरूहोने
केबादइसेरोकनासंभवनहींहोगा,
ऐसेमेंअगरवेमनाकरदें गीतोउसेनही ंसुनाजासकेगाक्योंसकतबसव
स्फोटहोकरहीरहे गा।इं सदरागां धीकीहरीझंिीसमलतेहीतैयाररयां
शुरूहोगई।अगलेहीसदन, 18
मईकोसेठनानेकोिविा मेंइंसदरागां धीकोसंदेशभेजा-
बुद्धमुस्कराए।भारतकायहपरमाणुसवस्फोटइतनागोपनीयथासक
अमेररकाकेसंवेदनशीलउपग्रहतकउसकीथाहनहींपासकेथे।इ
ससवस्फोटसेकुछमहाशत्यक्तयां औरपडोसीदे शजरूरबैर्ेनहुए।
लेसकनिॉॉ़सेठनाकीसोर्सबिुलस्पिथीसकहमारादे शपरमाणुश
त्यक्तसंपंन्नहो।वेनही ंर्ाहतेथेसकभारतअपनेआगेब़िनेकीराहसम
झ तोंसेबनाए।

िॉॉ़होमीभाभानेिॉॉ़सेठनाकोभारतल टनेकेबादबहुतसोर्-
समझकरकेरलकेअलवाएत्यस्थतइं सियनरे यरअर्थसासलसमटे िकाप्र
मुखबनायाथा,
जहां उन्हानेमोनोजाइटरे तसेदुलाभनासभकीयपदाथोकेअंशसनका
ले।उसद रानवेकनािा-भारतररएक्टर (सायरस)
केप्रॉजेक्टमैनेजरभीरहे ।इसकेबादिॉॉ़सेठनाने 1959
मेंटिां बेत्यस्थतपरमाणुऊजाा प्रसतष्ठानमेंप्रमुखवैज्ञासनकअसधकारीप
दकाकायाभारसंभाला।यहप्रसतष्ठानआगेर्लकरभाभापरमाणुअ
नुसंधानकेंद्रबना।वहां उन्हानेनासभकीयग्रेिकायूरेसनयमतैयारक
रनेकेसलएथोररयमसंयंत्रकासनमाा णकराया।उनकेअथकप्रयास
औरकुशलनेतृत्वसे 1959
मेंभाभापरमाणुअनुसंधानकेंद्रमेंप्लूटोसनयमपृथककरनेकेप्रथम
संयंत्रकासनमाा णसंभवहोसका।इसकेसिजाइनऔरसनमाा णकापू
राकामभारतीयवैज्ञासनकोंऔरइं जीसनयरोंनेहीसकया।उल्लेखनीय
है सकआगेर्लकरइसीसंयंत्रमेंपृथकसकएगएप्लूटोसनयमसेवहपर
माणुयुत्यक्ततैयारकीगईसजसकेसवस्फोटसे 18 मई 1974
कोपोखरणमें ‘बुद्घमुस्कराए’।िॉॉ़सेठनाकेमागादशानमेंही
1967 मेंजादू गुडा (झारखंि)
सेयूरेसनयमहाससलकरनेकासंयंत्रलगा।िॉॉ़सेठनानेतारापुरकेपर
माणुररऐक्टरोंकेसलएयूरेसनयमईंधनकेसवकिकेरूपमेंसमश्र-
ऑक्साइिईंधनकाभीसवकाससकया।पोखरणमेंपरमाणुसवस्फोट
केबादअमेररकानेयूरेसनयमकीआपूसतापररोकलगादीथी,
हालां सकयेररऐक्टरअमेररकासनसमातहीथे।वहतोभलाहोफ्ां सका
सकउसनेआडे समयपरयूरेसनयमदे करहमारीमददकरदीअन्यथा
िॉॉ़सेठनातोसमश्र-
ऑक्साइिसेतारापुरकेपरमाणुररऐक्टरकोर्लानेकीतैयारीकर
र्ुकेथे।िॉॉ़सेठनास्वावलंबनमेंसवश्वासरखतेथेऔरसकसीभीकाम
कोपूराकरनेकेसलएसकसीकेअहसानकीजरूरतमहसूसनही ंकर
तेथे।वैज्ञासनककाममेंउन्हें राजनैसतकदखलकतईपसंदनहींथी।

पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपप
पपपपपपपपपप
पपपपपपपप: पपपपपपप, पपपप
पपपप: पपपपपपप, पपपप
पपपपपपपपप
पपपपपपपपप: पपपपप, पपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपप (पपपपपपप, पपपप - पपपपपपप,
पपपप)
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपप (en:Suzanne Briere)
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपप, पपपपपपपपपपप, पपपपप,
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपप

पपपपपपप [पपपपपप]
1 पपपपपपपपपपपपप
2 पपपपपपपपपपपपपपपप
3 पपपप
4 पपपपपपपप
5 पपपपपपप
6 पपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपप[पपपपपपपपपपप]

पपपपपप, पपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप [2]
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपप,
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपप
,पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपप, पपपपपपपपपपप, पपपपप,
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपप $ पपपपपपपपपपपपपप 5
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपप 14
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
,पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपप,पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपप)
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपप

पपपपपपपपपपपपपपपपपपप ,पपप 1932


पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपप ,
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
(पपपपपपपप,
1936),पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप(
पपपपपपपप, 1945),
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप,पपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपप

पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
'पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप'
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपप , पप:
पपपपपपपपपपपपपपपपपपप,
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपप

पपपपपपपपपपपपपपपप[पपपपपपपपपपप]
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपप:
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
,पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
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पपपप[पपपपपपपपपपप]
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप
पपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपपप

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