Phir

You might also like

Download as rtf, pdf, or txt
Download as rtf, pdf, or txt
You are on page 1of 1

फफिर ममेरमे कररीब आकर कहह"आप जजैसमे ललोग

हरी इन फभिखहररयय कलो फसर चढहतमे हजै"ममैंनमे ममुस्करहतमे हहए


कहह आपकलो ममंफदिर कमे अमंदिर इमंसहन कमे व्दिहरह बनहई ममूफतर मम ईश्वर नजर आतह हजै, लमेफकन ईश्वर दहरहबनहए इमंसहन कमे अमंदिर भिगवहनन नजर नहह
आतह हजै....

You might also like