Professional Documents
Culture Documents
सन अस्सी (Sam Assee)
सन अस्सी (Sam Assee)
सन अस्सी (Sam Assee)
सन ् अस्सी
सन ् 1980-90 के दयम्मान एक छोटे से औद्मोगगक शहय ‘जभशेदऩयु ’
भें मव
ु ा होते फचऩन की कहानी
भद्र
ु क
ऻानज्मोतत एजक
ु े शनर एॊड रयसचा पाउन्डेशन(ट्रस्ट) प्रेस जभशेदऩयु , झायखण्ड-831005 द्वाया
भुद्रद्रत एवॊ ववतरयत.
©Author
Edition: 2
Volume: 1
Pages: 130
Reprint: 2018
ISBN: 978-93-5267-586-9
रेखक: डॉO मभगथरेश कुभाय चौफे, 62, ब्रॉक-3, शास्रीनगय, कदभा, जभशेदऩुय, झायखण्ड, वऩन-831005 ई
भेर:drmithileshkumar@gmail.com
सन ् अस्सी
वषा : 2017
© रेखक
सवाागधकाय सुयक्षऺत है. इस ऩुस्तक के ककसी बी अॊश को रेखक की मरखखत अनुभतत मरए बफना ककसी बी रूऩ भें (चक्र भुद्रण)
द्वाया मा अन्मथा ऩुन: प्रस्तुत कयने की अनुभतत नह ीँ है
ऻानज्मोतत एजुकेशनर एवॊ रयसचा पाउॊ डेशन प्रेस, ब्रॉक-3, शास्रीनगय, कदभा, जभशेदऩुय, झायखण्ड, वऩन-831005 द्वाया
प्रकामशत एवॊ भुद्रद्रत
सन ् अस्सी
(सन ् 1980-90 के दयम्मान जभशेदऩुय शहय भें मुवा होते फचऩन की कहानी)
रेखक
प्रस्तावना
सन ् अस्सी के शरू
ु आती ऩन्नों भें एक अजीफ सा सकून बया ठहयाव
है , रेककन,जकदी ही इस ककताफ की असभान्म गतत औय घटनाओॊ का
िक्रव्मह
ू आऩको अशबबत
ू कय दे ता है . कपय, सन ् अस्सी, ‘सि’ मा
‘फ़साना’ आऩ इसे जो बी कहें , ऩाठक को आखयी ऩन्ने तक ठहयने
नहीॊ दे ती.
याहुर दे व
12-11-2018
वे भहसस
ू कयते हैं कक यघन
ु ाथऩयु ये रवे स्टे शन के आस-ऩास का ऺेत्र
अफ ऩयू ी तयह फदर िक
ु ा है . ये रवे स्टे शन ऩय अफ टभटभ वारे
रगबग नहीॊ के फयाफय हैं. उनकी जगह अफ ऑटोरयक्शा वारों ने रे
री है . साभने नाश्ते की दक
ु ानें हैं, रेककन, उन दक
ु ानों भें अफ वऩआव,
गाजा, सोन-ऩाऩड़ी, रकठो, ऩटौया आहद जैसे खाशरस दे शी खाने-ऩीने की
िीजें नही हैं. जगह-जगह िाइनीज पूड की छोटी–छोटी दक
ु ानें खुर
गई हैं. चिप्स के यॊ गबफयॊ गे ऩॉरीऩैक दक
ु ानों भें रटक यहे हैं.
ऩान की दक
ु ानों भें दजषनों प्रकाय के गट
ु खे औय तम्फाकू के छोटे -छोटे
ऩैकेट रटके ऩड़े हैं. ऑटोरयक्शावारों से रेकय सड़क ऩय भोटयसामककर
िरा यहे ककशोयों तक के भॉह
ु तम्फाकू औय गट ु खे से बये हुए हैं.
दक
ु ानों के साभने औय सड़क के दोनों ककनायों ऩय गट ु खों की हजायों
खारी ऩल्न्नमाॉ बफखयी ऩड़ी हैं. ककसी से कुछ ऩतू छए तो वह कुछ
फोरने की फजाम इशायों भें जवाफ दे ता है . औय, अगय फोरना जरूयी
हो तो वह अऩने भॉह
ु को ऊऩय की तयप उठा कय फेहद अनभने बाव
से दो-िाय वाक्म फोर दे ता है .
तनशशकाॊत, यघन
ु ाथऩयु ये रवे स्टे शन से ऩैदर ही अऩने गॊतव्म की तयप
फढ़ते हैं.
अफ यघन
ु ाथऩयु स्टे शन को ब्रह्भऩयु से जोड़ने वारी सड़क के दोनों
ककनायों के खेतों भें सैकड़ों रयहाइसी भकान फन गए हैं. रगता है ,
आज से िारीस-ऩिास सार ऩहरे जो रोग गाॉवों से शहयों भें
नौकरयमाॉ कयने गए थे वे मा तो वाऩस रौट आए हैं, मा कपय, आस-
ऩास के ग्राभीणों ने गाॉवों से फाहय तनकर कय भख्
ु म सड़क के दोनों
ककनायों के खेतों भें अऩने घय फना शरमे हैं. दयू कहीॊ सयू ज डूफ यहा है .
इक्के-दक्
ु के ऩऺी अऩने फसेयों की तयप रौट यहे हैं. शाभ तो योज होती
है , रेककन शहयों की गगनिुम्फी इभायतों के फीि ऩता ही नहीॊ िरता
कक शाभ कफ ढर गई. अजीफ फात है , अफ गाॊवों भें बी शाभ को
फसेयों की तयप रौटने वारे ऩक्षऺमों के झण्
ु ड नहीॊ दीखते.
तनशशकाॊत सोिते हैं, ”गाॉव का कस्फे भें, कस्फे का शहय भें औय शहय
का भहानगय भें फदरना ववकास की आधुतनक अवधायणा के अनस
ु ाय
एक सहज औय साभान्म प्रकक्रमा है . रेककन, गाॉव के खेतों का भकानों
औय दक
ु ानों भें फदरना भन को डयाता है . गाॉव का ककसान, भजदयू
फने मा ककयाने की दक
ु ान खोरे, ज्मादा अॊतय नहीॊ. हहॊदस्
ु तान के
गाॊवों भें ककसान आत्भहत्मा कयते हैं, ककन्तु शहयों भें भजदयू धीये –धीये
भयते हैं. गाॉव भें ककसान बख
ू से भयता है औय शहय भें भजदयू फनकय
कुऩोषण, फीभायी औय तनाव से. ककसान जभीन का भाशरक है , इसशरए
उसभें ठसक ज्मादा होती है. वह अऩभान की ल्जन्दगी नहीॊ जी ऩाता,
***
तफ सफ
ु ह आठ फजे फक्सय से एक रोकर ट्रे न खुरती थी, जो ठीक
तीस शभनट फाद यघन ु ाथऩयु ये रवे स्टे शन ऩहुॉिती थी. मह रोकर ट्रे न
महाॉ दो शभनट रूकती.
सफ
ु ह ऩाॊि फजे जफ तनशशकाॊत की नीॊद खुरी तो ये रगाड़ी गॊगा के हये -
बये भैदानी ऺेत्र से तनकर कय दक्षऺण बफहाय के रार शभट्टी वारे ऩठाय
भें प्रवेश कय िुकी थी. तनशशकाॊत को िाॊडडर ये रवे स्टे शन के दोनों
ओय खड़े कारे ववशार ऩहाड़ ककसी गस्
ु सैर ऩहये दाय की तयह रगे.
***
जभशेदऩुय:1980
ॊ े
खयकई तट ऩय गॊगा तट के फामशद
उत्तय बफहाय से आमे रोगों ने आयम्ब भें अऩनी गॊगा ककनाये वारी
खेततहय सॊस्कृतत को फिाने की ऩयू ी कोशशश की.
कपय शरू
ु होती घाटों की सफ़ाई औय फारू के भड
ुॊ ये फना कय घाटों का
फॊटवाया.
नवम्फय के ऩहरे सप्ताह भें शहय भें सदी की हरकी थऩकी गारों ऩय
ऩड़ने रगती.
इस सैकड़ों वषष ऩयु ाने रोकगीत भें ‘फेटी’ औय ‘शशऺा’ के प्रतत प्रािीन
बायतीम रोकजीवन के रगाव का फोध होता है . मव
ु ा भाताएॉ अऩने
नवजात शशशओ
ु ॊ को गर
ु ाफी कम्फर भें रऩेट कय घाट ऩय आतीॊ औय
उन्हें भाता फनने का सौबाग्म दे ने के शरए छठ-भैमा का धन्मवाद
कयती एवॊ अऩने शशशु के चियॊ जीवी होने का आशीष भाॊगतीॊ. यातबय
योने वारे शशशु बी नदीघाट ऩय िुऩ हो जाते औय टुकुय–टुकुय आस-
ऩास के भाहौर को तनहायते. ल्जनकी नई-नई शादी हुई होती वे शादी
का सट
ू ऩहन कय घाट ऩय आते. छठ घाट, ऩज ू ा-ऩाठ के अरावा शहयी
पैशन हदखाने का एक आधाय फनता.
ल्जन मव
ु ा रड़ककमों की शाहदमाॉ तम हो यही होती थीॊ, छठ-घाट ऩय
रड़के वारों द्वाया उनको तछऩ कय दे खे जाने की सॊबावना फनी यहती
थी. अत: शादी मोग्म रडककमाॊ फेहतयीन-से-फेहतयीन कऩड़े ऩहनकय
औय ऩयू ी तयह सज-धज कय छठ-घाट ऩय जातीॊ. हाराॉकक, नमी नवेरी
दक
ु हने, घघ
ुॊ ट की ओट से ही छठ-घाट की भमाषदा फनामे यखतीॊ.
1980 के दशक भें शहय के हय खेर के भैदान भें ककशोय रड़के आऩस
भें िॊदा कयके गणेश ऩज
ू ा औय सयस्वती-ऩज
ू ा कयते. िॊदा काटने से
रेकय भतू तष ववसजषन तक एक फेहद हदरिस्ऩ साभहू हकता का भाहौर
फनता. इस प्रकक्रमा भें भख्
ु म रूऩ से साभद
ु ातमकता के ऩाॊि अरग-
अरग ियण थे- िॊदा काटना, ऩॊडार फनाना, भतू तष औय प्रसाद खयीदना,
राउडस्ऩीकय ऩय कफ़कभी गाने फजाना औय भतू तष का ववसजषन कयना.
इसभें छोटे स्तय ऩय फड़े भजे थे. एक सीक्रेट ग्रऩ
ु बी होता था जो
ऩज
ू ा का िॊदा नहीॊ दे ने वारों औय राउडस्ऩीकय की तेज आवाज को
रेकय आमोजन भॊडरी के फच्िों को धभकाने वारों के खखराप यात के
वक्त गभरे तोड़ने औय बफजरी के फकफ पोड़ने की कायष वाई कयता.
आमोजन भॊडरी भें अक्सय एक सदस्म ऐसा बी होता, जो शशकाय की
फेटी से एकतयपा प्रेभ कयता. वह अक्सय सफकी तनगाहें फिा कय
रड़की के फाऩ के साभने सीक्रेट ग्रऩ
ु के सदस्मों का नाभ प्रगट कय
दे ता था. उसके फाद तो सीक्रेट ग्रऩ
ु के सदस्मों की दश्ु भन दे श के
गप्ु तियों से बी ज्मादा दग
ु तष त होती थी. ककसी ककशोय रड़की के फाऩ
की नई-नवेरी भारुतत भारुतत 800 को फैक कयाने के शरए पोसरा ग्रऩ
ु
के 10-12 सदस्म मूॉ ही आ जाते. ‘अॊकर आने दो, आने दो ... थोड़ा
सा औय आने दो’ की कई आवाजों से अॊकर अक्सय कॊफ्मज
ू हो कय
काय को ऩास की ककसी नारी भें घस
ु ा दे त.े औय कपय, अॊकर की
पटकाय के डय से पोसरा ग्रऩ
ु िऩ
ु िाऩ वहाॊ से खखसक रेता.
सयस्वती ऩज
ू ा के अवसय ऩय तनशशकाॊत अक्सय मजभान फनते, औय
उऩवास के नाभ ऩय सफ
ु ह भें ही दो केरे, दो अभरूद, दो सेफ औय एक
चगरास दध
ू ऩेट के अॊदय बेज कय अगरे याउॊ ड का इॊतजाय कयते.
तफ ‘इश्क’ भजाक नहीॊ था. इसकी फतु नमादी औऩिारयकतामें थीॊ. इश्क
के शरू
ु आती दौय भें औऩिारयकता फहुत भामने यखती थी. प्रेभऩत्र
शरखने का एक स्ऩेशर पाभेट होता था. मह एक फेहद गॊबीय ऩयीऺा
थी. मह एक ऐसे आग का दरयमा था, ल्जसभे डूफ कय ही ऩाय उतया
जा सकता था. तफ इश्क कयने के अऩने तनमभ थे औय अऩनी
यवामते थीॊ.धभषवीय बायती के ‘गन
ु ाहों के दे वता’ के ‘सध
ु ा’ औय ‘िॊदय’
वारे हारात बरे न हों रेककन ‘दे व डी’ के इश्क का नमा नजरयमा
‘तू नहीॊ तो कोई औय सही’ का वक्त आने भें अबी 25 सार फाकी थे.
पोसरा ग्रऩ
ु के भेम्फसष भें एक फाद कॉभन थी. औय, वह मह थी कक
इनकी एक फाय मा कई फाय सावषजतनक तौय ऩय धुनाई ज़रूय हुई होती
थी. इस ग्रऩ
ु के रीडय अरुण बईमा थे.
“बत
ू र ऩय दृस्टट द्रटकामे, तम्
ु हाया वो तनकर जाना,
सच कहो, कहाॉ से सीखा है , जख्भों ऩय नभक रगाना.”
कपय करुण स्वय भें फोरी, “तीन रूऩईमा के शरए हभाया जान रे
रील्जमेगा का ?”
ऩतत की फात सन
ु कय शैरजा की भाॉ असभॊजस से फोरी, “रब रेटय?
कईसन रब रेटय जी?....... अये ... हभ तो अऩने जीजाजी को शैरजा
के शरए रड़का दे खने के शरए चिट्ठी शरखे थे. जया रेटयवा हदखाईमे
तो...” जवाफ भें शैरजा के फाफज
ू ी ने तभतभाते हुए चिट्ठी शैरजा की
भाॉ की तयप पेंक दी.
इधय झगड़े के फीि भें अऩना नाभ आते दे ख शैरजा घफया गई.
तनशशकाॊत, प्रततहदन सफ
ु ह नौ फजे स्कूर के शरए तनकर ऩड़ते औय
फाभल्ु श्कर दस शभनट भें तम होने वारे स्कूर के सपय को एक घन्टे
भें ऩयू ा कयते. इस दौयान कबी वह हटस्को क्वाटष य भें रगे अभरूद,
औय आभ के ऩेड़ों ऩय िाॊदभायी कयते तो कबी सड़कों के ककनाये फने
ऩशु रमा ऩय फैठ कय स्कूर जाने वारी रड़ककमों को ताकते.
तबी ऩता नहीॊ ककधय से तनशशकाॊत का सहऩाठी सयु े शवा बी वहाॊ ऩहुॉि
गमा. वह चिकरा कय फोरा, “हभहू हैं िािी, हभ बी नाश्ता कयें ग!े ”
उनकी फात सन
ु कय सयु े शवा धीये से गयु ाषमा, “अये सारे, तोया न खाए के
हऊ त भत खा.... सभान काहे रौटा यहा है फे? शादी-बफमाह का घय
है . जो जफ शभर जामे ऩेट भें डार रेना िाहहए.” वह आगे फोरा,
तनशशकाॊत ने आश्िमष से ऩछ
ू ा: “द ू ठो?”
***
कदभा गणेशऩज
ू ा भेरे से खयीदे गए नकरी सोने के फड़े-फड़े झुभके,
नेकरेस औय भाॊगहटक्का आहद का भोहकरे के शादी-ब्माह के भौकों ऩय
खूफ इस्तेभार होता था.
यहे . रार आरता से यॊ गे हुए ऩैयों भें ऩामर औय ऊॉिी हीर वारी
सैंडर. गरु ाफी यॊ ग की फेरफाटभ औय उसके ऊऩय कभय तक कुयता.
होठों ऩय रार-रार शरवऩल्स्टक, कानों भें कदभा गणेशऩज
ू ा भेरे से
ऽयीदे हुए फड़े-फड़े झुभके औय हाथों भें शसॊदयू ी यॊ गों के दो–दो फारे.
तबी रूऩा धीये से उनके नजदीक आकय फोरी, “कैसी रग यहे हैं हभ?”
जवाफ भें रूऩा इठराते हुए फोरी, “ हभ तो ‘डैडी’ कहें ग,े सभझे?” कपय
वह भस्
ु कुयाते हुए छत ऩय बाग गई.
दस
ू यी तयप ऩॊगत भें फैठे रोगों की भानशसकता कुछ औय ही होती थी.
वे एकफाय भें ही अऩने ऩत्तर भें ज्मादा से ज्मादा िीजें बय रेना
िाहते थे, इस आशॊका भें कक ऩता नहीॊ कफ बोज का साभान घट
जाए.
***
ककन्त,ु फनजी सय बी िऩ
ु यहने के भड
ू भें नहीॊ थे. उन्होंने हे डभास्टय
साहे फ से एक अप्रत्माशशत सा सवार ककमा, “क्मा आऩ अऩना फेटी का
शादी अऩने से छोटा जात भें कयें गे?” फनजी सय का सवार सन
ु कय
हे डभास्टय साहे फ तो एक ऩर के शरए हतप्रब यह गए. आज क्रास के
सत्तय छात्र-छात्राओॊ के साभने उनकी ऩयीऺा की घड़ी थी. वे फहुत
सॊबर कय फोरे, “दे खखमे ई पैसरा हभायी फेटी का होगा कक वह
ककससे ब्माह कये . अगय वह अन्तजाषतीम ब्माह कये गी तो हभ फाधक
नहीॊ फनेंगे. रेककन ककसी के कहने ऩय सभाजसेवी कहराने शरए फेटी
की भजी के खखराप दस
ू ये जात भें उसका ब्माह बी नहीॊ कयें गे.
आखखय उसकी ल्जन्दगी है , पैसरा वह खुद कये . हय काभ भें रड़की
को ही फशर का फकया फनाना जरूयी है क्मा?” उधय दोनों शशऺक
सभाज-सध
ु ाय के भद्द
ु े ऩय अऩने-अऩने सय रड़ा यहे थे, इधय सयु े शवा
औय तनशशकाॊत एक अरग प्रकाय की ििाष भें भशगर
ु थे.
सयु े शवा भज़ाककमा रहज़े भें तनशशकाॊत को छे ड़ यहा था, “क्मा फे, तेयी
रूऩा भैडभ तेये को ‘पराइॊग ककस’ दे ती है कक नहीॊ?” तनशशकाॊत ने
शेखी फघायते हुए उत्तय हदमा, “दे ती है फे. सफसे भजा तो तफ आता है
जफ ऊ अऩने शरवऩल्स्टक से राशरमामे हुए दन्ु नो ओठ को आऩस भें
जोय से सटा कय ऩच्
ु ि का आवाज तनकारती है .”
सयु े शवा उनका भजाक उड़ाते हुए फोरा, “अफे अइसने आवाज तो
हभायी फड़की भौसी बी तनकारती है . रेककन ऊ पराइॊग ककस नहीॊ
इसके फाद सयु े शवा गॊबीय स्वय भें फोरा, “अफे गऊ ऩॊडडत, रूऩा को
कपशरभ-ओशरभ हदखा, उसको जुफरी ऩाकष घभ
ु ा. शाकाहायी प्रेभ कयके
क्मा फोइआभ भें कटहर का अिाय डारेगा?”
जवाफ भें सयु े शवा फोरा, “फेटा, अफ ऊ साधायण रड़की नहीॊ है , फल्कक
इल्स्कमाई हुई रड़की है . उसभें तभु से दस गनु ा ज्मादा हहम्भत है .
अगय थोड़ा कोशशश कयोगे तो तम् ु हाये साथ घय से बाग बी जामेगी.
वह आगे फोरा “ई उभय भें कोई रड़की ऩरयवाय फसाने के शरए इसक
नही कयती है ये गऊ ऩॊडडत.”
जवाफ भें सयु े शवा आॉखें तये यते हुए फोरा, “हाॉ ऐसा!?”
तो दे खा सयु े शवा उनका ऩहरे से इन्तजाय कय यहा था. रूऩा सयु े शवा
को वहाॊ दे खकय घफया गई औय अऩना भॉह
ु दस
ू यी तयप कय शरमा.
अफ तनशशकाॊत भनह
ु ाय कयते हुए फोरे, “िर भेयी अम्भा, अगय हार
की राईट जर गई तो सफ गड ु -गोफय हो जाएगा. भोहकरे का कोई
आदभी अगय हभरोग को महाॉ स्कूर ड्रेस भें दे ख रेगा तो उसके फाद
हभदोनों की घय भें बयु कुस वऩटाई होगी.”
जवाफ भें तनशशकाॊत धीये से सयु े शवा से फोरे, “अफे, हभको तो योने का
भन कय यहा है ”
“नहीॊ फे, हभको डय है कक एतना फारयश भें कहीॊ तेये िािा का ऩयु ाना
रन
ू ा भोऩेड का कायफोये टय भें ऩानी िरा गमा होगा तो भोऩेडवा स्टाटष
बी नहीॊ होगा,” तनशशकाॊत ने आशॊका जताई. ककन्त,ु सयु े शवा उनको
हहम्भत फॊधाते हुए फोरा, “िर ना फे, हभ हैं ना, ‘रन
ू ा’ क्मा उसका
फाऩ बी स्टाटष होगा.”
तीन फजे के आस-ऩास जुफरी ऩाकष भें बीड़ कभ थी. शसपष कुछ
भजदयू घास काटने का काभ कय यहे थे. दोनों कुछ दे य तक जुफरी
ऩाकष भें ऩेड़ों के फीि इधय-उधय घभ
ू ते यहे .
तनशशकाॊत ने झारभढ़
ू ी वारे को ऩास फर
ु ा कय दो व्मल्क्तमों के शरए
झारभढ़
ू ी फनाने को कहा. इधय, झारभढ़
ू ी वारा िऩ
ु िाऩ अऩने डब्फे भें
झारभढ़
ू ी फना यहा था औय उधय, रूऩा औय तनशशकाॊत जुफरी ऩाकष के
ऩेड़ों के ऩीछे तछऩ कय फैठे प्रेभी-जोड़ों को दे ख-दे ख योभाॊचित हो यहे थे.
झारभढ़
ू ी वारा बावहीन स्वय भें फोरा, “िाय रूऩईमा!”
अफ, झारभढ़
ू ी वारा ढीठता से फोरा, “हाॉ, “िाय रूऩईमा!”
झारभढ़
ू ी खाते-खाते रगबग साढ़े -तीन फज गए थे. दोनों वाऩस आने
के शरए टाटा साहे फ की भतू तष के ऩास यखी रन
ू ा भोऩेड के ऩास ऩहुॉिे.
सौबाग्म से इसफाय रन
ू ा भोऩेड आसानी से स्टाटष हो गई. इसके फाद
भोऩेड ऩय फैठ कय दोनों ऩाकष से फाहय तनकर गए. ककन्त,ु अबी वे
थोड़ी ही दयू गए होंगे कक रन ू ा भोऩेड बड़ु बड़
ु ाते हुए अिानक फॊद हो
गई. है यान-ऩये शान तनशशकाॊत ने रन ू ा भोऩेड की सीट ऩय फैठ कय
ऩिासों फाय ऩैडर भायी, ककन्तु भोऩेड दफ
ु ाया स्टाटष नहीॊ हुई.
यहे थे औय उनके ऩीछे -ऩीछे रूऩा, स्कूर ड्रेस ऩहने, ऩीठ ऩय खाकी यॊ ग
का फस्ता रटकाए, धीये -धीये िर यही थी.
***
ठीक एक हदन फाद रूऩा ने बी भस्ु कुयाते हुए उनके प्रेभ-ऩत्र का जवाफ
कॉऩी भें बय कय ठीक उन्ही के अॊदाज भें हदमा औय कहना नहीॊ बर ू ी
कक शामरयमा यात-बय जागकय तम्
ु हाये शरए खद्द
ु े शरखे हैं. तभ
ु को फहुते
अच्छा रगेगा.
उनकी फात सन
ु कय रूऩा गस्
ु से से अऩना ऩैय ऩटकती हुई वहाॊ से िरी
गई.
‘गाशरफ’ वारी घटना अबी दो हदन ऩहरे ही घटी थी. सयु े शवा की
जफान ऩय अबी बी ‘ााशरफ’ का नाभ िढ़ा हुआ था. सयु े शवा, फनजी
सय का शेय सन
ु कय वह जोश से बय उठा औय जोय-जोय से तारी
ऩीटते हुए फोरा, “अये फनजी सय, आऩ तो एकदभ ‘शभिाष ााशरफ’ जैसा
शामयी फोरते हैं!”
दो-तीन रात खाने के फाद सयु े शवा उनकी ऩकड़ से तनकर कय कुत्ते
के फच्िे की तयह कें.... कें....... कयता हुआ क्रास से फाहय बागा.
इधय हे डभास्टय साहे फ गस्
ु से से बफपयते हुए कऺा भें िीखे, “ई िोट्टा
ऩहरे स्टूडेंट सफ को गारी दे ता था, रेककन अफ इसका हहम्भत इतना
फढ़ गमा है कक टीिय रोग के साथ बी गारीगरौज कयता है .”
इसके फाद हे डभास्टय साहे फ हाथ झाड़ते हुए टीिसष-रूभ भें वाऩस रौटे
औय फनजी सय को सॊफोचधत कयते हुए फोरे, ”आज सयु े शवा को भन-
बय रततमामे हैं , रेककन रगता है , इसी िक्कय भें भेया दामे ऩैय
अॊगठ
ू ा भि
ु क गमा है . गस्
ु सा भें एक-दो रात फेंि ऩय बी रग गमा
था”.
इसी फीि वऩॊकूरार हे डभास्टय साहे फ की टूटी हुई घड़ी रेकय स्टाप-रूभ
भें दाखखर हुआ औय उसे हे डभास्टय साहे फ को थभाते हुए धीये से
फोरा फोरा, “सय, जफ आऩ सयु े श को ऩीट यहे थे न, तबी मह टूट कय
नीिे चगय गमा था. हभने िुऩिाऩ इसको उठा कय यख शरमा था.”
हे डभास्टय साहे फ ने अऩनी ऩत्नी के ववकयार रूऩ का स्भयण कयते हुए
जकदी से अऩनी ससयु ार वारी घड़ी को उरट–ऩर ु ट कय दे खा औय
याहत की साॊस रेते हुए वऩॊकूरार से फोरे, “शाफास वऩॊकूरार! तभु ने
फहुत हीॊ सभझदायी औय ईभानदायी का ऩरयिम हदमा है . हभ तभ ु को
गणतॊत्र हदवस ऩय ऩयु स्काय दें गे.” उनकी फात सन
ु कय वऩॊकूरार िहकता
हुआ वाऩस क्रास की ओय वाऩस दौड़ ऩड़ा. इधय फनजी सय ने
ल्जऻासावश हे डभास्टय साहे फ से सवार ककमा, “सोये श कपय कोई
फोदभाशी ककमा था क्मा?”
उनकी फात सनु कय हे डभास्टय साहे फ झेंऩते हुए फोरे, “सयु े शवा फेकाय
भें ही वऩट गमा. हभसे बायी शभस्टे क हो गमा.” कपय अिानक
हे डभास्टय साहे फ का भड
ू औय ऽयाफ हो गमा औय फनजी सय ऩय
बड़कते हुए फोरे, “फनजी सय, आऩ बी क्रास भें शेयो-शामयी थोड़ा
कभ ककमा कील्जमे, इससे फच्िे बफगड़ जाते हैं.”
उनकी फात सन
ु कय सयु े शवा गस्
ु से से फोरा, “अफे ऩॊडडत, ज्मादा शसमाना
भत फन, िर वहीॊ ऩय ऩेसाफ कय रेना.” अफ,तनशशकाॊत की हहम्भत
नहीॊ हुई कक सयु े शवा से दफ
ु ाया कुछ कहें . वह िऩ
ु िाऩ ककसी हरार
होने वारे फकये की तयह सयु े शवा के ऩीछे –ऩीछे िर ऩड़े. वे भन ही
भन उस हदन को कोस यहे थे, जफ उन्होंने इस कभीने से दोस्ती की
थी.
सयु े शवा हॉसते हुए फोरा, “िर तनकार! सफ ऩता है . सारे, अगय
ऩाककट िेक कयवाएगा तो शसगये ट बी तनकरेगा.”
दयअसर, ‘फगषय-फच्िा’ नाभ भीनू टीिय का हदमा हुआ था. हुआ कुछ
मूॉ कक जभशेदऩयु के हाईस्कूरों के कुछ ववद्माथी सयकायी खिष ऩय
भीनू टीिय के नेतत्ृ व भें ऩटना के सॊजम गाॉधी जैववक उद्मान घभ
ू ने
गए. तनशशकाॊत के क्रास का वऩॊकूरार बी इस टूय भें शाशभर था.
योज साफ़ होते औय उसके नाऽून बी कटे होते. वऩॊकूरार, क्रास भें
सफसे अगरी फेंि ऩय फैठता. हय टीिय को गड
ु भातनषग कहता, हय
क्रास खत्भ होने के फाद ब्रैकफोडष साफ़ कयता, टीिय की यल्जस्टय
ढोता औय भौका दे ख कय क्रास की भख
ु बफयी बी कयता. वह िेहये से
ही एक ऐसे हटवऩकर रक
ु भें यहता कक हय टीिय को मही रगता कक
काश! कऺा के सबी छात्र उसकी तयह ही होते.
ककन्त,ु अन्म छात्रों की ल्स्थतत बफरकुर उरट होती. जाड़े के हदनों भें
उन्हें जफयदस्ती ऩकड़ कय नहराना ऩड़ता. सय भें तेर तो दयू , कॊघी
बी कबी-कबी रगती. शटष के फटन मा तो आधे होते मा यॊ ग बफयॊ गे
होते. स्कूर ड्रेस की रगबग भटभैरी हो िक
ु ी इकरौती सफ़ेद शटष मा
तो यवववाय को दअ
ु न्नी साफन
ु से धोमी जाती मा मूॉ ही ऩानी भें
खॊगार कय धूऩ भें सख
ु ा दी जाती.
इस सभह
ू भें सफ़ेद फश
ु टष ऩहने साफ़-सथ
ु या वऩॊकूरार एकदभ सफ़ेद
फत्तख की तयह रगता.
सॊतोष ऩाॊडे
दयअसर ऩाॊडज
े ी को साकिी के एक कान्वेंट स्कूर भें ऩढ़ने वारी एक
तशभर रड़की से एकतयपा इश्क गमा था. इश्क इतना तेज कक एक
हदन उन्होंने उसे यास्ते भें योक कय ‘आई रव म’ू फोर हदमा.
रड़की स्भाटष थी, उसने फड़ी ववनम्रता से उनसे सवार ककमा, “ इट्स
भाम प्रेजय, फट हू आय म?ू ” ऩाॊडज
े ी ठहये जज्फाती आदभी, वो जवाफ
दे ना िाहते थे, रेककन शभष के भाये इसशरमे िुऩ यह गए, क्मोंकक उन्हें
ठीक से अॊग्रेजी फोरनी नहीॊ आती थी. उस हदन उन्होंने अऩने गाॉव
वारे फयहभ फाफा की कसभ खाई कक जफ तक अॊग्रज
े ी फोरना नहीॊ
सीख रॉ ग
ू ा तफ तक इसको जवाफ नहीॊ दॊ ग
ू ा कक भै कौन हूॉ?
एक फाय नन्हकू ऩाॊडे अऩने वप्रम शभत्र शभश्राजी के फेटे की फायात भें
दयबॊगा गए. शाभ को जफ फायात दयवाजे ऩय रगी औय द्वायऩज
ू ा की
यस्भ शरू
ु हुई तो नन्हकू ऩाॊडे ने अऩने स्वबाव के अनस
ु ाय दक
ु हे के
ठीक फगर भें अऩनी जगह फनामी. जगह कभ थी, इसशरए नन्हकू
ऩाॊडे ‘िुक्का-भक्
ु की’ होकय फैठ गए. उधय कन्मा ऩऺ के ऩॊडडतजी ने
जैसे ही एक श्रोक का उच्िायण आयम्ब ककमा, नन्हकू ऩाॊडे ने अऩने
ु ाय उन्हें फीि भें हीॊ टोक हदमा, “ऩॊडीजी, यऊआ ई
स्वबाव के अनस
श्रोक ठीक से नइखी फोरत.”
“गरु
ु ई शभचथराॊिर है, महाॉ श्राद्ध भें बी भछरी िरता है ,” सयु े शवा
हॉसते हुए फोरा.
सफ
ु ह ऩाॊि फजे जफ नन्हकू ऩाॊडे की नीॊद खुरी तो रोटा रेकय िुऩिाऩ
खेतों की ओय तनकर गए. एक घॊटे फाद जफ वह स्नान-ध्मान कय
िक
ु े तो उन्हें िाम– नाश्ते
की जरूयत भहससू हुई. अफ, वे धीये से
उठ कय रड़के के वऩता शभश्रा जी के ऩास गए, औय फोरे, “शभशसयजी
तनशशकाॊत को शरू
ु से ही ववऻान की कऺाएॉ फेहद फोरयॊग रगती थीॊ.
यसामनशास्त्र भें यस नाभ का कोई आमन नहीॊ था. यसामनशास्त्र की
रेब्रोटयी भें हाइड्रोजन सकपाइड की फदफू पैरी यहती थी. वनस्ऩतत
शास्त्र ऩढ़ने वारी रड़ककमाॉ पूरों भें खुशफू खोजने की फजाम उनकी
ऩॊखुडड़माॉ तोड़ कय ‘ऩक
ुॊ े सय’ औय ‘स्त्रीकेशय’ तनकरतीॊ औय कपय उन्हें
फेशसन भें फहा दे तीॊ. जॊतश
ु ास्त्र की रेफोये ट्री भें भये हुए तेरिट्टों औय
भेढकों को छूने भें बी तनशशकाॊत को तघन आती.
इधय, सयु े शवा, क्रास भें ऩीछे फैठ कय प्रोफ़ेसय का रेक्िय योज की
तर
ु ना भें आज कुछ ज्मादा ही गौय से सन
ु यहा था. अिानक, वह
धीये से तनशशकाॊत के कान भें फोरा, “अफे गरू
ु जी जी तो नशा कयने के
शरए कह यहे हैं!”
तनशशकाॊत खीझते हुए फोरे, “ऩगरा गमा है क्मा फे? फाऊजी ऩीठ का
हड्डी तोड़ दें गे. हभ तो नहीॊ ऩीमेंगे. तझ
ु े वऩए के है त ऩी.”
सयु े शवा कयीफ आधे-घॊटे फाद रौटा तो उसके ऩास अखफाय भें शरऩटी
हुई फीमय की एक फोतर थी. इसके फाद, दोनों कॉरेज से सटे जुफरी
ऩाकष भें ऩहुॊिे.
उत्तय भें तनशशकाॊत फोरे, “नहीॊ फे, घय भें फाउजी को ऩता िर गमा
तो भाय के िभड़ी उधेड़ दें ग.े ”
को आऩये हटव कॉरेज के कैं टीन भें फैठ कय िाम के साथ ‘आरि
ू ाऩ’
औय ‘सभोसे’ के भजे रेत.े उनकी रट्डभाय अॊग्रेजी से िाम-सभोसे का
भजा कई गन
ु ा फढ़ जाता.
आहदर सय के महाॉ ट्रे तनॊग का असय ककतना था इसका ऩता इसी फात
से रगामा जा सकता था कक सॊतोष ऩाॊडे अफ बी सहटष कपकेट को
‘साटीपीटीक’ औय पुटऩाथ को ‘पुतपात’ कहते. उनके शरए ‘कॉरेज
क्वीन’ अबी बी ‘कॉरेज क्मन
ॉू ’ थी.
अॊग्रेजी कपकभ भें फेहद उत्तेजक सेक्स सीन थे. रगता था, जैसे
शसनेभाहार वारे ने जानफझ
ू कय कपकभ के फीि भें ककसी ब्रू कपकभ
***
अगरे हदन जफ शभत्र-भण्डरी कॉरेज के कैं टीन भें फैठी तो सॊतोष ऩाॊडे
नदायद थे. भमॊक ने सभोसे के आडषय हदए.
उन्हें दे ख कय भमॊक उसका भजाक उड़ाता हुआ फोरा, “क्मा फे, फाऩ
के साथ ब्रू कपकभ दे ख कय भजा आमा न? भेये को भारभ ू था तेया
पादय हय शतनवाय को नन
ू शो भें एडकट कपकभ दे खने भेये घय के ऩास
वारे शसनेभाहार भें आता है.
तनशशकाॊत ने गॊबीयता से ऩछ
ू ा, “क्मों क्मा हुआ फे?” इसके फाद भमॊक
ने भजाककमा अॊदाज भें यस रे-रे कय ऩयू ी कहानी सन ु ा दी.
अफ तनशशकाॊत ने गस्
ु से से चिकराते हुए ऩछ
ू ा, “सारे, क्मा तू अऩने
फाऩ के साथ-साथ उसभें हगने जाता है ?”
उसका सवार सन
ु कय भमॊक गस्
ु से से बय उठा. उसने ऩास ऩड़ा एक
रोहे का चिभटा उठा शरमा औय तनशशकाॊत ऩय हभरे के शरए झऩटा.
रेककन, तबी सयु े शवा ने बफजरी की पुती से अऩनी कभय भें खोंसी
दे सी वऩस्तौर तनकारी औय भमॊक ऩय पामय कय हदमा. इस फाय गोरी
असरी थी.
तनशशकाॊत अवाक् होकय सयु े शवा की तयप दे खते यहे . सयु े शवा सदष रहजे
भें फोरा, “अफे ऩॊडडत, अफ मे भत फोरना कक थोड़ा ज्मादा हो गमा.
ज्मादा तो तफ होता जफ भै इसकी खोऩड़ी उड़ा दे ता.”
अस्सी के दशक के अॊततभ सारों भें इन्हीॊ छोटे चगयोहों ने फड़े ठीकेदायों
की जगह रे री औय अफ, सीधे तौय ऩय इन अऩयाधी चगयोहों के फीि
सयकायी ठे के, कॊऩनी के स्क्रैऩ, नदी के फारू औय सयकायी जभीन ऩय
कब्जे के शरए गैंगवाय तछड़ गई.
िाहते थे. उनकी भॊशा अऩयाध की दतु नमा के फड़े नाभों के साथ खद
ु
को जोड़ कय तयक्की के यास्ते ऩय यफ़्ताय ऩकड़ने की होती थी.
दस
ू यी तयप, तनशशकाॊत, सयकायी व्मवस्था भें मकीन कय इस उम्भीद
के सहाये ऩढ़ाई- शरखाई कय यहे थे कक भेहनत कयने ऩय दे य-सफेय कहीॊ
न कहीॊ सयकायी नौकयी जरूय शभर जाएगी. ककन्तु दो फाय भेडडकर
की प्रवेश ऩयीऺा भें पेर होने के फाद तनशशकाॊत की हहम्भत धीये –धीये
टूट बी यही थी. सयकायी नौकयी शभरना अफ सॊबव नहीॊ रग यहा था.
बोजऩयु ी के एक ऩॉऩर
ु य गीत के फोर उनके जेहन भें फाय-फाय कौध
जाता था:
एक हदन सयु े शवा अऩने फड़के फहनोई के साथ कोआऩये हटव कॉरेज
आमा. सयु े शवा का फहनोई ऩटना के ककसी तनजी कॉरेज भें अवैततनक
सयु े शवा के फहनोई ने उत्तय हदमा, “डेढ़ राख भें पाइनर होगा.
ऩिीस हजाय तभ
ु रोग का हहस्सा यहे गा. एक्जाभ से एक हदन ऩहरे
यात भें क्वेश्िन ऩेऩय शभर जाएगा. अगय क्वेश्िन ऩेऩय नहीॊ शभरा तो
ऩैसा वाऩस! रेककन,ऩयू ा ऩैसा ऩहरे दे ना होगा.”
तनशशकाॊत ने आशॊका जाहहय की, “अगय साभने वारा ऩैसा रेकय बाग
गमा तो?”
सयु े शवा का फहनोई फोरा, “बाई भेये, कपफ्टी ऩयसेंट कैं डडडेट तो भॊत्री
औय फड़का अपसय रोग का रयजयफ होता है .”अफ, सयु े शवा ने सवार
ककमा, “जफ सफ सेहटॊगे है , त स्टूडेंट रोग इ कोचिॊग-कोचिॊग काहे खेर
यहे हैं ?” इस फात ऩय उसके फहनोई नें गॊबीय शब्दों भें जवाफ हदमा,
“तोया खेरे के है त तू बी खेर. कोचिॊग सेंटय भें बी फहुते भार है .
सयु े स फाफ,ू आज फाजाय का बाव नहीॊ है फल्कक बाव का फाजाय है .
सफके अऩने रड़का सफ को डाक्टय इॊजीतनमय फनावे के है , औय जफ
तक भाॉ-फाऩ के भन भें ई बाव फनर यहे गा, तफ तक कोचिॊग का धॊधा
सोना उगरता यहे गा.”
***
वऩता की फात ऩय तनशशकाॊत को अऩने गाॉव के हये –बये ऩश्ु तैनी खेत
माद आमे. वे रोग माद आमे, ल्जन्होंने अऩने ऩश्ु तैनी खेतों की यऺा
के शरए अऩनी जानें दे दी थीॊ. उन्होंने भन भें सोिा, “भेडडकर की
ऩढ़ाई जामे बाड़ भें ! घस
ू दे ने के शरए फाऩ-दादा का खेत नहीॊ बफकेगा.
खद
ु को कटी ऩतॊग फनने से योकना होगा. कपय, उन्होंने खद
ु को
बयोसा हदरामा, “कबी तो गाॉव के हारात फदरेंग,े कबी तो हभाये खेत
हये –बये होंगे. अगय हभ नहीॊ खेती कयें गे तो हभायी आद-औरादें इन
खेतों भें पसरें उगामेंगी. िरो, न कयें खेती, ककन्तु कभ से कभ उनके
ऩास इस सवार का जवाफ तो होगा कक वे ककस गाॉव की हैं?”
वैसे तनशशकाॊत न तो सयु े शवा के तथाकचथत नागा बाई के फाये भें कुछ
ज्मादा जानते थे औय न ही टें डय–वें डय के फाये भें उन्हें ज्मादा कुछ
ऩता था. रेककन, उन्होंने सयु े शवा के करेजा भजफत
ू होने वारे जुभरे
का जवाफ दे ते हुए ताव से कहा, “आया ल्जरा घय फा त कौन फात के
डय फा?”
ऩीडब्कमड
ू ी आकपस ऩहुॉिने के फाद सयु े शवा कुछ दे य तक गेट के फाहय
ही खड़ा यहा. इसी दौयान सयु े शवा के तथाकचथत नागा बाई बी अऩने
सभथषकों के साथ ऩीडब्कमड
ू ी आकपस ऩहुॉि गए. सयु े शवा ने आगे फढ़
कय उनका ियण स्ऩशष ककमा. जवाफ भें नागा बाई ने उसकी ऩीठ
ठोंकते हुए ऩछ
ू ा, “कॉरेज भें कौनो हदक्कत नहीॊ है न?” सयु े शवा ने बी
ववनम्र रहजे भें उत्तय हदमा, “नागा बाई, जफ आऩ हईमे हैं त का
प्रोब्रभ!”
अिानक गग
ु े की नजय तनशशकाॊत ऩय ऩड़ी, ऩछ
ू ा, “ई कौन है ?”
ठीक है, “बईमा इसको बी फोरे हैं, शाभ को भटन ऩाटी भें आने के
शरए,” औय वह आगे फढ़ गमा.
इधय नागा बाई के िभिे दहशत पैराने के शरए हवा भें पामरयॊग
कयने रगे.
इधय सयु े शवा ददष से कयाहते हुए फोरा, “बाई, घफया भत, िोक रेकय
ककक भाय भोटयसामककर स्टाटष हो जाएगी.”
“अफे, सयकायी अस्ऩतार भें सही इराज नहीॊ होगा. टाटा अस्ऩतार रे
िरते हैं ” तनशशकाॊत ने ववयोध ककमा.
“अफे ऩॊडडत, ल्जतना फोर यहे हैं, उतने कय!” सयु े शवा ददष से कयाहते
हुए िीखा.
तनशशकाॊत इभजेंन्सी वाडष भें जैसे ही ऩहुॊि,े सयु े शवा ने उनको इशाया
कयके अऩने ऩास फर ु ामा औय धीये से फोरा, “ऩॊडडत, तेये को महाॉ कोई
नहीॊ ऩहिानता. तू तनकर महाॉ से. ककसी को बी अऩना नाभ, ऩता
भत फताना. अऩनी भोटय सामककर बी धुरवा रेना.”
फगर भें यखे झोरे भें सौ-सौ के दस फण्डर है ,” सयु े शवा पुसपुसाते हुए
फोरा. कपय उसे अिानक कुछ माद आमा. वह फोरा, “अफे ऩरट कय
दे ख, फगर वारी फेड ऩय कौन रेटा है !
जवाफ भें सयु े शवा फोरा, “अफे, राइप भें फहुत टें सन है . जवान फेटा
नेताचगयी कयते हुए फेयोजगाय घभ ू यहा है . फेटी ब्माहने को है . फेिायी
कर महीॊ फैठ कय द्ु ख के भाये करऩ यही थी कक ऩाऩा के ऑऩये शन
का ऩैसा कहाॉ से आएगा. इधय हे डभास्टय साहे फ को चिॊता है कक वे
भय गए तो फेटी का ब्माह कैसे होगा.”
“तू एक काभ कय, हे डभास्टय साहे फ की फेटी थोड़ी दे य भें उनसे शभरने
आएगी. तू उसको इस फण्डर भें से ऩिास हजाय रुऩमा थभा दे ना,”
सयु े शवा आगे फोरा.
“कपय ऩिास हजाय भें इनका काभ कैसे होगा?” तनशशकाॊत फोरे.
“घफया भत फे, भोहॊ ती का सारा औय एक राख रेकय आता ही होगा,”
सयु े शवा ने राऩयवाही से उत्तय हदमा.
“वो तो ठीक है बाई, रेककन असर भें तेये ऩय गोरी ककसने िरवाई
थी?” तनशशकाॊत ने ववषम फदरते हुए कपय से प्रश्न ककमा.
सयु े शवा गॊबीयता से फोरा, “धॊधा भें कोई बी ‘कभीना’ मा ‘शयीप’ नहीॊ
होता. सफकी अऩनी–अऩनी िारें हैं, अऩने अऩने दाॊव-ऩें ि हैं. जफ
शतयॊ ज खेरते है तो साभने वारे को िार िरने से तो नहीॊ योक
सकते न? नागा बाई ने अऩनी िार िरी, हभने अऩनी. अगय भेया
करेजा छोटा होता तो उनके कहे ऩय िरते औय ल्जन्दगी बय भग
ु ाष-
दारू के फदरे उनके शरए गोरी खाते. भेया करेजा फड़ा है , इसशरए
उनको िुनौती दे हदए.” तनशशकाॊत स्तब्ध होकय उसकी फात सन
ु ते यहे .
सयु े शवा आगे फोरा, “भेये फेड के नीिे यखा हुआ एक राख रुऩमा
बत्रऩाठी का हदमा हुआ है . ऊ नागा बाई का िार सभझ गमा था,
इसीशरए बफना कुछ कहे ऩयसों यात भें ही भार ऩहुॉिवा हदमा. कर
सफ
ु ह-सफ
ु ह भख्
ु म अशबमॊता का सारा बी खद्द
ु े आमा था, कह यहा था, “
भेया नाभ ऩशु रस एपआईआय से हटवा दो, जीजा से फोर कय तेया
ऩीडब्रड
ू ी ववबाग भें यल्जस्ट्रे शन कयवा दॊ ग
ू ा.”
“तो तभ
ु ने क्मा कहा?” तनशशकाॊत ने ऩछ
ू ा.
सयु े शवा ने जवाफ हदमा, “हभ फोरे, द ू राख रूऩमा बी िाहहए. इराज
के शरए ऊ द ू राख रूऩमा दे ने को बी तैमाय हो गमा.”
“रेककन बाई, भहॊ ती का सारा बफना गोरी िरवाए तीन राख रुऩमा
दे ने को क्मों तैमाय हो गमा?” तनशशकाॊत ने है यत से ऩछ
ू ा.
सयु े शवा फोरा, “ऩैसे वारे अपसय रोग ऩशु रस औय थाना से फहुत डयते
हैं. भख्ु म अशबमॊता भनोज भहॊ ती के ऩास दो नम्फय फहुत भार है .
भहॊ ती का सारा उसका ऩैसा ठीकेदायी भें इन्वेस्ट कयता है . अगय
ऩशु रस इन्क्वामयी होगी तो भनोज भहॊ ती नऩेगा. कपय दो राख की
डीर दस राख भें होगी.”
बाई का उत्तय सन
ु कय हे डभास्टय साहे फ की फेटी का िेहया रटक
गमा.
कभये भें ऩहुॉि कय उन्होंने ऩैसे वारे झोरे को अऩनी ककताफों के ऩीछे
तछऩा हदमा.
उन्होंने खद
ु को चिकोटी काटी. वे जाग यहे थे. अफ उनका करेजा
हरक तक आ गमा था. वे कभये से फाहय बागे.
“का फात है , काहे चिकरा यहे हो?” ऩीछे से याभधनी ततवायी ने गभछे
से हाथ ऩोंछते हुए ऩछ
ू ा.
“फाफज
ू ी भेये कभये भें एक ठो झोरा था उसभें ककसी दस
ू ये का रूऩमा
था. रगता है , िोयी हो गमा,” तनशशकाॊत रगबग योते हुए फोरे.
फाफज
ू ी ने गॊबीयता से ऩछ
ू ा, “ककतना ऩैसा था?”
फाफज
ू ी ने सवार ककमा, “इतना रुऩमा कहाॉ से रामा ये ? फैंक भें डकैती
ककमा है क्मा?”
डकैती की फात सन
ु कय अम्भा डय कय योने रगी.
फाफज
ू ी गॊबीय शब्दों भें फोरे, “रुऩमा िोयी नहीॊ हुआ है . हभये ऩास है .
हभ जानते हैं, ई रुऩमा द ू नम्फय का है . इसशरए साया रुऩमा हभने
कही तछऩा हदमा है . ऩशु रस भेये से कतनो भाय–ऩीट कयके बी ऩैसा
फयाभद नहीॊ कया ऩाएगी. रेककन, तम्
ु हाया औय तम्
ु हायी अम्भा का
करेजा फहुत कभजोय है . ऩशु रस का एक्को डॊडा नहीॊ झेर ऩाओगे. सफ
फक दोगे. उसके फाद हभ सफके कभय भें ऩशु रस का यस्सा रग
जामेगा.” कपय फोरे, “जैसे ही सयु े शवा अस्ऩतार से रौटे , हभसे रेकय
उसका साया ऩैसा वाऩस कय दे ना औय दफ
ु ाया इ गरती भत कयना.”
तनशशकाॊत बावक
ु होकय कय फोरे, “सयु े शवा ऐसा नहीॊ है . ऩक्का दोस्त
है भेया. वह भझ
ु े कबी धोखा नहीॊ दे गा.” उत्तय भें याभधनी ततवायी
हॉसते हुए फोरे, “जफ जान ऩय आएगी तो वह तभ
ु को क्मा अऩने फाऩ
को बी अऩना भोहया फनाएगा.”
***
उन्हें फाहय आमा दे ख सयु े शवा बफना ककसी बशू भका के फोरा, “िर फे
ऩॊडडत, जग
ु सराई से घभ
ू कय आते हैं.”
अगरे हदन सफ
ु ह जफ तनशशकाॊत से शभरने के शरए फाफज
ू ी अस्ऩतार
आए तो फेहद सहभे हुए हदख यहे थे. उन्होंने फगैय ककसी बशू भका के
तनशशकाॊत से सवार ककमा, “शभश्राजी का रड़का तभु रोग के साथ क्मा
कय यहा था?” जवाफ भें तनशशकाॊत ने शभश्रा के भारुतत वैन भें फैठने
की ऩयू ी याभ-कहानी फाफज
ू ी को सन
ु ा दी.
सप्तशती का ऩाठ कयते हैं औय उसके फाद उनके कऩाय ऩय कारी भाई
सवाय हो जाती हैं.”
फाफजू ी खखशसमाते हुए फोरे, “अये सयु े शवा का क्मा होगा. फामाॉ कन्धा
भें गोरी रगा था, तनकर गमा है . दो िाय हदन भें अस्ऩतार से छुट्टी
हो जाएगा. रेककन फेिाये शभश्राजी का रड़का भया गमा. द ू भहीने फाद
उसकी शादी होने वारी थी.”
तनशशकाॊत ने ‘नहीॊ’ की भर
ु ा भें सय हहरामा.
कपय उन्होंने ऩछ
ू ा, “ककसी ऩय शक है ?”
तनशशकाॊत ने ऩछ
ू ा, “क्मा तभ
ु को ऩता था कक तभ
ु ऩय हभरा हो सकता
है ?” सयु े शवा राऩयवाही के साथ फोरा, “अॊदेशा तो था. इसीशरए तो
वैन ऽयीदे थे ”
तनशशकाॊत ने ऩछ
ू ा, “मे कौन थे?”
सयु े शवा ने उत्तय हदमा, “जो बी थे, रोकर नहीॊ थे, हभको ठीक से
ऩहिानते नहीॊ थे, वयना शभश्रा की जगह हभ अस्ऩतार के भोगष भें
फपष खा यहे होते.”
सयु े शवा ने उत्तय हदमा, “भेये को नहीॊ ऩता. हो सकता है , नागा बाई
को रऩेटने के शरए उसका एॊटी ऩाटी का काभ हो. वैसे बी अफ शहय
तनशशकाॊत ने ऩछ
ू ा, “तभ
ु ऩशु रस के साभने ककसका नाभ शरए हो?”
जवाफ भें सयु े शवा कुछ नहीॊ फोरा फल्कक कुछ दे य तक इधय-उधय की
फातें कयने के फाद वहाॉ से रुखसत हो गमा.
तनशशकाॊत को फाफज
ू ी की मह फात उचित नहीॊ रगी कक सयु े शवा खद
ु
को फिाने के शरए उनका ढार की तयह इस्तेभार कये गा, रेककन
उनकी मह फात कुछ हद तक ठीक थी कक सयु े शवा कक्रशभनर भाइॊडड
े
आदभी था. उनकी नजय भें बी वह ऩैसा कभाने के शरए आऩयाचधक
तयीके के खतये उठा यहा था, औय दे य-सफेय उनऩय बी इसका असय
ऩड़ना तम था. इसशरए उनका उससे थोड़ी दयू ी फना कय िरना जरूयी
हो गमा था.
दस
ू यी तयप, इन दो सारों भें सयु े शवा ने जफयदस्त तयक्की की थी.
उसने भोहकरे के नए रड़कों को अऩने साथ जोड़ कय अऩना एक
छोटा-सा चगयोह बी फना शरमा था, जो उसका सयु ऺा घेया फन कय
िरते थे. सयु े शवा अऩने चगयोह के इन रड़कों को अऩनी कॊऩनी भें
छोटी-भोटी नौकरयमाॊ दे दे ता मा ऩेटी-काॊट्रेक्टय फना कय अऩने साथ
जोड़े यखता.
जहाॉ फड़े ठीकेदाय बी जाने से कतयाते थे. उसे इसके दो पामदे थे.
ऩहरा मे कक नक्सरी इराकों भें सड़क तनभाषण भें रयस्क होने कायण
प्रततमोचगता कभ थी औय दस
ू या मह कक नक्सर प्रबाववत इराकों भें
फनी सड़कों की गण
ु वत्ता की सयकायी जाॉि बी रगबग नहीॊ के फयाफय
होती थी.
***
सयु े शवा भजाककमा रहजे भें फोरा, “दे ख, तनशशकाॊत बाई, अफ तम्
ु हाये
साभने तीन ठो यास्ता है . पुटऩाथ ऩय ऩकौड़ी-आरि
ू ाऩ का ठे रा
रगाओ, फगषय रार की तयह तीन हजाय रूऩमे भें कॊऩनी भें ठे का
भजदयू ी कयो मा कपय सॊतोष ऩाॊडे की तयह, वऩता की जगह कॊऩनी
फहादयु के महाॉ अस्थाई भजदयू फन जाओ, इस उम्भीद भें कक
रयटामयभें ट तक तम्
ु हायी नौकयी ऩक्की ज़रुय हो जाएगी.”
उसने अऩना फोरना जायी यखा, “आज अगय सयकाय का तनमभ फदर
जाए औय खदान का रीज भहॊ गा हो जाए तो कॊऩनी का टाईवारा
साहे फ रोग का बफजनेस भैनेजभें ट अन्दय घस
ु जामेगा. बाई भेये, भेया
भन कह यहा है , टाइभ फदरेगा. ऩठाय भें कॊऩनी का कॊऩटीटय जरूय
आएगा. कॊऩनी फहादयु का भोनोऩोरी जरूय टूटे गा. हभ रोग को शसपष
ककसी फड़ा ऩाटी को सभझा-फझ
ु ा कय ऩैसा रगाने के शरए ऩठाय भें
राना होगा, उसको कायखाना रगाने के शरए जभीन हदराना होना.”
जवाफ भें तनशशकाॊत दृढ़ता के साथ फोरे, “हभसे नहीॊ होगा गयीफ
आहदवासी सफ का जभीन का दरारी का काभ.”
कपय वे अचधकाय बये स्वय भें फोरे, “अफे, तेयी दोनों कायें बी फायात भें
जाएॉगी.”
थोड़ी दे य फाद एक भहहरा साड़ी ऩहने हुए फयाभदे भें दाखखर हुई.
उसने हाथ जोड़ कय तनशशकाॊत प्रणाभ ककमा.
सयु े शवा हॉसते हुए फोरा, “ऩयसों ही कोटष भैयेज ककमे हैं, हभ रोग!
इनके फड़के बैमा इनका वववाह कोनो थडष क्रास रड़का से 2 राख
रुऩमा भें तम ककमे थे. मे हभको खोजती हुई एक भहीना ऩहरे महाॉ
आई थीॊ. तफ से महीॊ ऩय हैं. ल्जस हदन मे हभाये महाॉ ऩधायी थीॊ, उसी
हदन शाभ को हे डभास्टय साहे फ बी महाॉ ऩधाये थे. जफ हभने उनके
साभने, अरकनॊदा से शादी का प्रस्ताव यखा तो वे सहजता से भान
गए.”
“रेककन तभ
ु दोनों का कास्ट तो अरग है फे. हे डभास्टय साहे फ कैसे
भान गए?” तनशशकाॊत ने िौंकते हुए ऩछ ू ा. “ई त भैडभजी ही फतामें
तो ठीक यहे गा,” सयु े शवा हॉसते हुए फोरा.
वह धीये से फोरी, “कयें गे क्मा? सोि यहे होंगे, िरो, फरा टरी!”
***
वह नशे भें झूभता हुआ फोरा, “ऩॊडडत, तू भय जाएगा, तेये जैसे शयीप
औय ईभानदाय आदभी को रोग ल्जन्दा नहीॊ छोड़ेंगे.” वह आगे फोरा,
“ऩॊडडत, भेये बाई, भेये माय, भेये साथ आ जा. शभर कय रट
ू ें गे ऩठाय को.
बाई भेया सऩना है ऩठाय का सफसे फड़ा बफजनेसभैन फनने का. इसभें
रयस्क तो है रेककन पामदा बी फहुत है . तू ल्जतना फोरेगा उतनी
सैरयी दॊ ग
ू ा. तेये को ऩठाय का िप्ऩा-िप्ऩा का ऩता है . तू ऩठाय को
सभझता है . तू गाॉववारा सफको सभझा पैक्ट्री के शरए वे अऩनी
जभीन फेि दें . जभीन का दरारी भें कयोड़ों रुऩमा है .”
तबी सयु े शवा की ऩत्नी फयाभदे भें आ गई. उसकी गोद भें रगबग एक
सार की प्मायी सी फच्िी थी. वह सयु े शवा की तयप इशाया कयते हुए
तनशशकाॊत से फोरी, “ ई ऩगरा गए हैं. न जाने ककतना ऩैसा िाहहए
इनको? सोते जागते हय वक्त दतु नमा भट्ठ
ु ी भें कयने की यट रगामे
यहते हैं. हय सभम फेिैन यहते है . न यात बय ठीक से खद
ु सोते हैं
औय न दस
ू यों को.”
रेककन सयु े शवा होश भें कहाॉ था जो उसकी फात सभझ सके.
रेककन वास्तव भें कॊऩनी भें काभ कयने वारे भजदयू ों की सॊख्मा कभ
नहीॊ हो यही थी, अरफत्ता उसके स्थामी भजदयू ों की जगह ठे का भजदयू
जरूय रे यहे थे.
****
उनकी NGO ने 1996 भें अऩना ऩहरा अॊग्रेजी स्कूर जभशेदऩयु भें
खोरा. कपय तो शसरशसरा िर ऩड़ा. वे ऽाभोशी से अऩना काभ कयते
यहे . वे शहय के ककसी एक इराके भें स्कूर खोरते औय उसे दो तीन
सारों भें ववकशसत कयते औय कपय वहीीँ के शशक्षऺत, ल्जम्भेदाय, औय
अनब
ु वी मव
ु ाओॊ को उसका प्रफॊधन सौऩ कय ककसी अन्म इराके भें
स्कूर खोरने के शरए तनकर ऩड़ते.
वऩछरे ऩच्िीस सारों भें उन्होंने याज्म के अरग-अरग शहयों भें फीस
से ज्मादा फेहतयीन स्कूर खोरे. रगबग दो दशकों के उनके कहठन
ऩरयश्रभ का ऩरयणाभ मह था कक अफ रोग तनशशकाॊत को एक
सम्भातनत साभाल्जक कामषकताष के रूऩ भें जानने रगे थे. अफ उनके
ऩास सख
ु -सवु वधा के तभाभ साधन थे. उन्होंने अफ अऩना ऩयु ाना घय
फेि कय शहय के सफसे भहॊ गे आवासीम ऩरयसय भें 2000 स्क्वामय
पीट का नमा फ्रैट बी रे शरमा था. इसी फ्रैट के गह
ृ प्रवेश के शरए
वे अऩने फढ़
ू े दादा याभसनेही ततवायी को शरवाने के शरए अऩने ऩश्ु तैनी
गाॉव ऩहुॊिे थे.
वमोवद्ध
ृ ऩॊडडत याभसनेही ततवायी अऩने ऩोते तनशशकाॊत के नए फ्रैट के
गह
ृ प्रवेश के अवसय ऩय जभशेदऩयु ऩधाये हैं. कभय झुक गई है, दाढ़ी
के नीिे ऩावबय भाॊस रटक गमा है , रेककन आॉखों भें ऩयु ानी िभक
अफ बी फय़याय है .
घॊटे बय तक ऩज
ू ा िरती यही. इस दौयान ऩज
ू ा भें शाशभर ऩरयवाय के
रोग ऊफते यहे . कपय तनशशकाॊत की ऩत्नी धीये से तनशशकाॊत को
ऊॊगशरमों से कोंिते हुए फोरी, “रगता है , फाफाजी आज अऩना ऩयू ा
ऩॊडडताई हदखाईए के भानेंग?
े ”
ब्मट
ू ी को घॊटेबय भें भोफाइर पोन ऩय तीसयी फाय सेकपी रेकय सोशर
भीडडमा ऩय ऩोस्ट कयते दे ख कय ऩहरे से ही खखशसमामे ऩॊडडतजी से
यहा न गमा. बफना ककसी बशू भका के ब्मट
ू ी को सॊफोचधत कयते हुए
फोरे, “ फेटी, एक ठो था कैसानोवा. मन
ू ान का यहे वारा था. एक हदन
ऩोखय भें स्नान कयने गमा तो ऩोखय के ऩानी भें अऩना भॉह
ु दे ख कय
खुद्दे ऩय रट्टू हो गमा. उसके फाद यात-हदन फस ऩोखया के ककनाये ऩड़ा
यहता औय अऩना भॉह ु ऩोखया के ऩानी भें तनहायता यहता. कपय एक
हदन अऩनी अम्भा से फोरा, “ अम्भा हभ शादी-ब्माह नहीॊ कयें गे औय
हभायी सन्
ु दयता ऩय शसपष हभाया हक यहे गा.”
याभसनेही ततवायी हॉसते हुए फोरे “ बफमट ु ी फेटी, तभु अॊग्रेजी इस्कूर भें
ऩढ़ी हो इसशरए मन ू ान का कहानी सन ु ामा हूॉ. एक ठो एकदभे खाशरस
हहन्दस्
ु तानी कहानी बी है . फानयभॉह
ु नायद का. सन ु ामे का?”
***
नवम्फय भें गह
ृ प्रवेश की ऩज
ू ा ऽत्भ होने के फाद ब्मट
ू ी ने याभसनेही
ततवायी से अनन
ु म कयके उन्हें दो-तीन भहीने के शरए जभशेदऩयु भें ही
योक शरमा.
***
दो भािष की सफ
ु ह तनशशकाॊत को अखफाय दे खकय अिानक माद आमा
कक कर इस औद्मोचगक नगय के सॊस्थाऩक का जन्भहदन है . साया
शहय यॊ गीन फकफों से सजामा जाएगा. अत: उन्होंने ब्मट
ू ी से कहा,
“फेटा, कर दादाजी को जफ
ु री ऩाकष जरूय घभ
ु ा दे ना. कर वहाॉ यॊ गीन
फकफों से शानदाय सजावट होगी.” जवाफ भें ब्मट
ू ी ने अऩनी
स्वीकायोल्क्त दे दी.
वे आगे फोरे, “फताइए, छोटका सॊस्थाऩक फाफा शहय भें इतना ऩेड़-
ऩौधा औय पूर-ऩत्ती रगवाकय, शहय के फीि भें ऩाकष फनवा कय,
फड़का फाफा का भतू तष रगवाए औय आऩरोग ऩेड़ कटवा-कटवा कय,
स्कूर- कॉरेज सफ तोड़वा कय कम्ऩनी का एक्सटें शन कयवा यहे हैं.”
कपय उन्होंने प्रश्न ककमा, “फोशरए, फड़का सॊस्थाऩक फाफा ऐसे भाहौर
भें कैसे यहें गे बरा?”
याभसनेही ततवायी गॊबीय होते हुए फोरे, “’हभरोग’ भने ‘आभ आदभी’.
अगय आभ आदभी इतना जागरूक होता तो शहय का ई हारे न होता.
आऩरोग ने सफकुछ ‘कॊऩनी’ औय ‘सयकाय’ ऩय छोड़ हदमा है .”
अफ ब्मट
ू ी ने सवार ककमा, “दादाजी, तो क्मा कये सयकाय? सबी
कम्ऩतनमों को फॊद कयवा दे ? क्मा इससे राखों रोगों की योजी–योटी का
आधाय खत्भ नहीॊ हो जाएगा?
***
दयअसर ब्मट
ू ी िाय हदन ऩहरे ही खड़गऩयु गई थी. वहाॉ उसका
सेरेक्शन दे श के एक श्रेष्ठ तकनीकी शशऺण सॊस्थान भें ‘ऩीएिडी’
कोसष के शरए हुआ था.
ऩाटशरऩत्र
ु , ववजमनगय सबी नागयी सभ्मताएॉ सभम के साथ धूर भें
शभर गईं. ककन्त,ु दे श की ग्राम्म-सॊस्कृतत अनवयत दे श की सॊस्कृतत
की ववयासत को सॊजोती यही औय इसे एक ऩीढ़ी से दस
ू यी ऩीढ़ी तक
हस्ताॊतरयत कयती यही. शहय की सॊस्कृतत ऺणबॊगयु है औय गाॉव की
‘शाश्वत’, ‘सनातन’ औय ‘तनयॊ तय’!”
कपय वह ब्मट
ू ी से प्रश्न कयते हैं, ग्राभववहीन आधतु नक बायत कैसा
होगा बरा?”
ब्मट
ू ी हॉसते हुए कहती है , “अगय फड़के फाफा होते तो कहते, “वैसे ही
जैसे फाफा ववश्वनाथ के बफना काशी”. तनशशकाॊत हॉसते हुए फोरे, “अफ
तो तभ ु बी अऩने फड़के फाफा की बाषा भें फोरने रगी हो.”
उन्हें इॊस्ऩेक्टय शक
ु ु र फाफा माद आते हैं, ल्जनसे वह आऽयी फाय सन ्
1995 भें सयु े श के भडषय केस के दौयान शभरे थे. तफ वऩतऩ
ृ ऺ िर यहा
था, कपय बी इॊस्ऩेक्टय शक
ु ु र फाफा के सय ऩय फड़े-फड़े फार थे. जाहहय
तौय ऩय वे इस फाय वऩॊडदान कयने ‘गमा’ नहीॊ गए थे.
शक
ु ु र फाफा आगे फोरे थे, “तम्
ु हाया दोस्त कभाने की जकदी भें था.
उसे इस ऩठायी प्रदे श के गाॊवों, ऩहाड़ों, जॊगरों औय खेतों को फेिने की
जकदी थी. रेककन रगता है, वह शामद ताराफ के गॊदरे ऩानी भें ऩहरे
से ही घात रगा कय फैठे अऩने से फड़े घडड़मारों को बाॊऩ नहीॊ ऩामा
था. तनल्श्ित तौय ऩय सयु े श इनभें से ही ककसी एक का शशकाय फना.”
“रेककन क्मा सयु े शवा को भायने वारा घडड़मार कबी ऩकड़ा जाएगा?”
तनशशकाॊत ने ल्जऻासा प्रगट की थी.
तफ, शक
ु ु र फाफा िेतावनी बये शब्दों भें तनशशकाॊत से फोरे थे, “एक
को ऩकड़ कय क्मा होगा? इनसे ऩयू ा का ऩयू ा ताराफ बया ऩड़ा है .
आहदवासी, गैय-आहदवासी सफको शभरकय इनके खखराप एक सॊगहठत
अशबमान िराना होगा, वयना कर अगय मे सबी घडड़मार आऩस भें
शभर कय अऩना शसॊडडकेट फना रें, औय कपय, ऩैसे औय आतॊक के दभ
ऩय प्रशासन औय सयकाय को तनमॊबत्रत कय रें तो ऩयू ा का ऩयू ा ऩठाय
फीस-तीस सार के अॊदय कॊगार हो जाएगा. जॊगर, खेत, नदी, ऩहाड़
सफ खत्भ हो जामेंगे. मह ऩयू ा ऺेत्र तफाह हो जाएगा.”
इसी क्रभ भें उन्हें तनशशकाॊत को सयु े शवा की ऩत्नी अरकनॊदा की माद
आती है . उसकी ऩत्नी अरकनॊदा ने दफ
ु ाया शादी नहीॊ की थी. आज
वह अऩने वमोवद्ध
ृ वऩता हे डभास्टय साहे फ के साथ शभरकय अऩने घय
भें फच्िों का एक स्कूर िराती है . सयु े शवा की फेटी ल्स्नग्धा अफ फड़ी
हो गई है . अरकनॊदा ने अऩनी फेटी को अच्छे सॊस्काय हदए थे. वह
टाटा इॊल्स्टट्मट
ू से सोशर साइॊस की ऩढ़ाई कयने के फाद झायखण्ड के
आहदवासी इराके भें एक एनजीओ िराती है .
फदरते हारात भें रोगों को ल्जन्दा यखने के शरए कोई नशा जरूयी था.
1980 औय 1990 के दशक भें टे रीववजन ने इस जरूयत को ऩयू ा ककमा
औय 21वीॊ सदी भें स्भाटष पोन मही कय यहा है , ल्जसके प्रबाव भें आज
ऩयू ी की ऩयू ी मव
ु ा ऩीढ़ी फेसध
ु हो कय दतु नमा को अऩनी भट्ठ
ु ी भें कैद
कयने के सऩने दे ख यही है . वे आज के तथाकचथत प्रफॊधन गरु
ु ओॊ की
सराह के फाये भें सोिते हैं, ‘फड़े सऩने दे खो, अथक प्रमास कयो औय
दतु नमा को अऩनी भट्ठ
ु ी भें कय रो.’ उन्हें हॉसी आ जाती है . फड़े सऩने,
इतने व्मल्क्तगत! इतने आत्भकेंहरत!
अॊत भें वे खद
ु ऩय केल्न्रत होते हैं. वे अऩनी वऩछरी 20 सार की
उऩरल्ब्धमों का रेखा-जोखा कयते हैं-याज्म के शहयी इराकों भें फीस से
ज्मादा अॊग्रेजी भाध्मभ के स्कूर! उनका भन सवार कयता है , मे
स्कूर तो ऩठाय के सद
ु यू गाॉवों भें बी खोरे जा सकते थे, रेककन
उन्होंने ऐसा क्मों नहीॊ ककमा? क्मा अच्छी शशऺा की जरूयत शसपष
शहयी फच्िों को थी? उत्तय सोि कय उनका भन आत्भग्रातन से बय
उठता है .
“तम्
ु हें क्मों रगता है कक भै तम्
ु हें कोई यास्ता हदखा सकता हूॉ?”,
प्रोपेसय गॊबीयता से प्रश्न कयते हैं.
“अगय गरु
ु हूॉ तो गरु
ु का आदे श सभझ कय अभत
ृ ऩान कयो,” कहते हुए
वह फीमय का बया हुआ एक भग तनशशकाॊत की तयप फढ़ाते हैं.”
“ऐसा तो तभ
ु ही सोिते हो, वयना भेये ऩास नहीॊ आते. दयअसर
तम्
ु हाया सफसे फड़ा गरु
ु , तम्
ु हाया अन्तभषन ् है . वही तम्
ु हें महाॉ रेकय
आमा है . वही तम्
ु हें आगे बी रे जाएगा. तम्
ु हें िें ज की नहीॊ फल्कक
साथषक फदराव की तराश है . जफतक तभ
ु इस ारतफ़हभी से फाहय
नहीॊ तनकरोगे कक तभ
ु एकयसता से ऊफे हुए व्मल्क्त हो, तभ
ु नएऩन
की तराश भें एक भॊल्जर से दस
ू यी भॊल्जर तक बागते कपयोगे औय
कपय एक हदन तम्
ु हाया अतप्ृ त भन तम्
ु हें रीर जाएगा. बफना उचित
रक्ष्म के मात्रा फेकाय है ,” प्रोपेसय अभत
ृ गॊबीयता के साथ उनके सवार
का उत्तय दे ते हैं.अॊत भें वे तनशशकाॊत को सभझाते हुए कहते हैं, “अफ
सभाजसेवी होने का ढोंग त्मागो औय फाकी फिी ल्जन्दगी भें कुछ
सकायात्भक औय ठोस काभ कयो.”
तनशशकाॊत वाऩस घय रौटते हैं. वह आॊगन भें आकय खारी ऩड़ी हुई
कुसी ऩय फैठ जाते हैं औय ऩास ऩड़ा हुआ अखफाय उठा कय उसऩय
नजयें गड़ा दे ते हैं. रेककन, अिानक उनकी नजय दादा याभसनेही
ततवायी ऩय ऩड़ती है . याभसनेही ततवायी घय के आॊगन के एक कोने भें
आभ का ऩौधा योऩ यहे हैं. तनशशकाॊत हॉसते हुए कहते हैं, “फाफा, कर
तो ई घय छोडड़मे दे ना है, अफ ई सफ का कौनो पामदा नहीॊ.”
याभसनेही ततवायी उनकी ओय दे खे फगैय जवाफ दे ते हैं, “तू अऩनी
सराह अऩने ऩास यख, हभको अऩना काभ कयने दे .”
***
तनशशकाॊत के भोहकरे वारे घय का साया साभान ट्रकों भें रादा जा
िुका है . घय से फाहय तनकरते हुए तनशशकाॊत अऩने ऩयु ाने घय को
डफडफाई आॉखों से तनहायते हैं. कपय घय की दे हयी की शभट्टी को उठा
कय भाथे ऩय रगाते हैं. इसके फाद वे अऩनी काय की ड्राईवय वारी
सीट ऩय फैठ कय फेकट फाॊधने रगते हैं. उनकी फगर वारी सीट ऩय
उनके वऩता याभधनी ततवायी फैठे हैं. वऩछरी सीट ऩय दादा याभसनेही
ततवायी, तनशशकाॊत की अम्भा औय तनशशकाॊत की ऩत्नी फैठी हैं.
तनशशकाॊत की फात सन
ु कय याभसनेही ततवायी धीय-गॊबीय स्वय भें कहते
हैं, “करजुग भें कौनो एक बगीयथ के प्रमास से गॊगा स्वच्छ थोड़े
होगी. सफको बगीयथ फनना ऩड़ेगा.......रेककन, शसपष गॊगा ही काहे ,
दे श की हय एक नदी को भाॉ गॊगा जैसा सम्भान दे कय उसकी ऩयु ानी
अल्स्भता को वाऩस रौटाना होगा. ऋग्वेद के हहयण्मगबष स्तोत्रभ ् के
अनस
ु ाय नीय से ही नय औय नायामण का अल्स्तत्व है. कपय, वे आगे
कहते हैं, “नदी हभाये जीवन, सॊस्कृतत औय अथषव्मवस्था का आधाय है .
महद नदी नहीॊ तो नगय बी नहीॊ औय गाॉव बी नहीॊ!”
(इतत)