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जय शशिवशिशंकर, जय गशंगगाधर, करुणगा-कर करतगार हरर , जय ककैलगाशिश, जय अववनगाशिश, ससखरगाशशि, ससख-सगार हरर
जय शिशशि-शिरखर, जय डमर-धर जय-जय परमगागगार हरर , जय तत्रिपरस गारर, जय मदहगारर, अशमत अनन्त अपगार हरर ,
ननगण
सर्गु जय जय, सगण
स अनगामय, ननरगाकगार सगाकगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
जय रगामरश्वर, जय नगागरश्वर वकैद्यनगाथ, करदगार हरर , मलललकगाजन
सर्गु , सभमनगाथ, जय, महगाकगाल ओशंकगार हरर ,
त्र्यम्बकरश्वर, जय घसश्मरश्वर भशमरश्वर जगतगार हरर , कगाशिश-पनत, शश ववश्वनगाथ जय मशंगलमय अघहगार हरर ,
नशल-कण्ठ जय, भभतनगाथ जय, मत्म यसशंजय अववकगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
जय महर शि जय जय भवरशि, जय आहददर व महगादर व ववभभ, ककस मसख सर हर गसरगातशत पभस! तव अपगार गसण वणर्गुन
हभ,
जय भवकगार, तगारक, हगारक पगातक-दगारक शशिव शिम्भभ, दरन ददुःस ख हर सवर्गु सख
स गाकर, परम सध
स गाधर दयगा करभ,
पगार लगगा दभ भव सगागर सर, बनकर कणगार्गुधगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
जय मन भगावन, जय अनत पगावन, शिभक नशिगावन,f’ko 'kEHkks
ववपद ववदगारन, अधम उबगारन, सत्य सनगातन शशिव शिम्भभ,
सहज वचन हर जलज नयनवर धवल-वरन-तन शशिव शिम्भभ,
मदन-कदन-कर पगाप हरन-हर, चरन-मनन, धन शशिव शिम्भभ,
वववसन, ववश्वरप, पलयशंकर, जग कर मल
भ गाधगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
भभलगानगाथ कमपगालस दयगामय, औढरदगानश शशिव यभगश, सरल हृदय,अनतकरुणगा सगागर, अकथ-कहगानश शशिव यभगश,
ननशमष मम दर तर हह,नवननधध मन मगानश शशिव यभगश, भक्तत पर सवर्गुस्व लसटगाकर, बनर मसगानशशशिव यभगश,
स्वयम म अककशं चन,जनमनरशं जन पर शशिव परम उदगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
आशिसतभष! इस मभह-मयश ननदगा सर मसझर जगगा दर नगा, ववषम-वरदनगा, सर ववषयत कक मगायगाधशशि छड़गा दर नगा,
रप ससधगा कक एक बबद
भ सर जशवन मसक्त बनगा दर नगा, हदव्य-जगान- भशंडगार-यसगल-चरणत कभ लगन लगगा दर नगा,
एक बगार इस मन मशंहदर मम ककजर पद-सशंचगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
दगानश हभ, दभ शभकगा मम अपनश अनपगायनन भलक्त पभभ, शिलक्तमगान हभ, दभ अववचल ननष्कगाम परम कक शिलक्त
पभभ,
त्यगागश हभ, दभ इस असगार-सशंसगार सर पभणर्गु ववरलक्त पभभ, परमवपतगा हभ, दभ तसम अपनर चरणत मम अनसरलक्त पभभ,
स्वगामश हभ ननज सरवक कक ससन लरनगा करुणगा पसकगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥
तसम तबन ‘बरकल’ हभब पगाणरश्वर, आ जगाओ भगवन्त हरर , चरण शिरण कक बगाबह गहभ, हर उमगारमण वपयकन्त हरर ,
ववरह व्यधथत हभब दरन ददुःस खश हभब दरन दयगालस अनन्त हरर , आओ तम
स मररर हभ जगाओ, आ जगाओ शशमशंत हरर ,
मररर इस दयनशय दशिगा पर कसछ तभ करभ ववचगार हरर । पगावर्गुतश पनत हर-हर शिम्भभ, पगाहह पगाहह दगातगार हरर ॥

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