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Aarti Kunj Bihari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki
कनकमय मोर मक
ु ु ट बलसे, दे वता दशन को तरसे,
गगन स सम
ु न रसी बरसे।
बजे मरु चंग, मधुर मरदं ग, वा लन संग
अतल
ु र त गोप कुमार क , ी ग रधर कृ णमरु ार क ॥ आरती..