Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 4

www.jharnet.

com
झारखण्ड सामान्य ज्ञान ➔ Click Here
Jharkhand G.K. ➔ Click Here
झारखण्ड का इतिहास

नामकरण :-
• झारखण्ड राज्य दे श का सर्ाा धिक जं गली क्षे त्र र्ाला राज्य है और इसी जं गल के कारण इस राज्य नाम झारखंड रखा गया
है जहााँ झार अथर्ा झाड़ जं गल को दशाा ता है र्हीाँ खं ड याधन टु कड़ा हैं , यह राज्य अपने नाम के अनु सार ही मू ल रूप से
एक र्न क्षे त्र है धजसकी स्थापना ''झारखण्ड आन्दोलन'' के पररणामस्वरूप हुई |इस राज्य में प्रचुर मात्रा में खधनज होने के
कारण इसे ''भारत का रुर'' भी कहा जाता हैं , रुर एक खधनज प्रदे श है जो यूरोप महादीप के जमा नी राज्य में स्स्थत हैं |

वैतिक काल में झारखंड :-


• झारखं ड का र्णान र्ैधदक पुस्तकों में भी धमलता हैं र्ायु पुराण में झारखण्ड को मु रणड कहा गया है और धर्ष्णु पुराण में
इसे मुं ड नाम से जाना गया है | महा भारत काल में छोटा नागपुर क्षे त्र को पुंडररक नाम से जाना जाता था | कुछ बौि ग्रंथो
में चीनी यात्री फाह्यान के 399 इसा में भारत आने का र्णान धमलता है फाह्यान ने अपने पुस्तक में छोटा नागपुर को
कुक्कुटलाड कहा हैं | तथा पूर्ा मध्यकालीन संस्कृत साधहत्य में छोटा नागपुर को कधलन्द दे श कहा गया हैं | झारखण्ड का
र्णान चीनी यात्री युर्ान चर्ां ग ईरानी यात्री अब्दु ल लतीफ़ तथा ईरानी िमा आचाया मु ल्ला बहबहानी ने भी धकया हैं |

इतिहास:-
• झारखण्ड राज्य का इधतहास लगभग 100 र्र्ा से भी पुराना हैं , भारतीय हॉकी के स्खलाडी तथा ओलस्िक खेलो में
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जयधसंह मुं डा ने र्र्ा 1939 ईसर्ीं में र्तामान धबहार राज्य के कुछ दधक्षणी धजलों को धमला
कर एक नया राज्य बनाने का धर्चार रखा था| हालााँ धक जयधसंह मुं डा का यह सपना 2 अक्टू म्बर 2000 को साकार हुआ
जब संसद में झारखण्ड को अलग राज्य का दजाा दे ने का धबल पास हुआ और धफर उसी साल 15 नर्म्बर को झारखण्ड
भारत का 28र्ां राज्य बना|
• इधतहासकारों का मानना हैं धक इस क्षे त्र को मगि साम्राज्य से पहले भी एक इकाई के रूप में धचस्ित धकया जाता था
क्ोंधक इस क्षे त्र की भू -सरं चना, सां स्कृधतक पहचान अलग ही थी| झारखण्ड राज्य को आधदर्ासी समु दाय का नै सधगाक
स्थान माना जाता है , धजिें भारतीय सधर्िान में अनु सूधचत जनजाधत का दजाा धदया गया हैं | धजनमे खधड़या, संताल, मुंडा,
हो, उरां र्, असुर, धबरधजया, पहाधड़या आधद जाधतयां प्रमुख हैं | झारखण्ड के जं गलो को साफ कर खे ती लायक बनाने तथा
मनु ष्य के रहने योग्य बनाने का श्रे य इिी आधदर्ाधसयों को धदया जाता हैं

मुस्िम शासकों तथा अंग्रेजी हुकूमत से पहले यहााँ की व्यर्स्था आधदर्ाधसयों ने ही संभाली थी इन आधदर्ाधसयों की
मुंडा प्रथा में गााँ र् में एक मुस्खया धनयुक्त धकया जाता था धजसे मुंडा कहा जाता था तथा

Cleck Here >> झारखण्ड सामान्य ज्ञान – Jharkhand GK


गााँ र् के सं देशर्ाहक को डकुर्ा कहा जाता था| बाद में मुग़ल सल्न्न्त के दौरान इस प्रदे श को कुकरा प्रदे श के नाम से
जाना जाने लगा| र्र्ा 1765 के बाद यह क्षे त्र धिधटश साम्राज्य के अिीन हो गया था| धिधटश साम्राज्य की अिीनता के
दौरान यहााँ के आधदर्ाधसयों कर बहुत अत्याचार हुए और बाहर से आने र्ाले लोगों का दबदबा बढ़ता गया| धदन
प्रधतधदन बढ़ते अत्याचारों के कारण आधदर्ाधसयों द्वारा कई धर्द्रोह भी धकये गए धजनमे से कुछ धनम्नधलस्खत हैं |

तवद्रोह एवं आन्दोलन :-


पहातिया तवद्रोह(1772-1780) :-

• पहाधड़या आन्दोलन की शु रुआत झारखं ड राज्य के आधदर्ाधसयों द्वारा उन पर बढ़ रहे धिधटश अत्याचारों के स्खलाफ की
गयी थी जो र्र्ा 1772 इसर्ी से 1780 तक चला था |

मांझी तवद्रोह(1780-1785) :-

• इस धर्द्रोह की शु रुआत धतलका मां झी उफ़ा जबरा मां झी ने की थी | धतलका मां झी धिधटश हुकूमत के अत्याचारों के
स्खलाफ आर्ाज़ उठाने र्ाले आधदर्ासी योिा थे | धतलका मां झी का जन्म 11 फ़रर्री 1750 को हुआ था, धतलका ने र्र्ा
1772 से 1784 तक धिधटश सत्ता के स्खलाफ धबना धकसी समपाण के अपना धर्द्रोह जारी रखा| मां झी ने धिधटश साम्राज्य
के अत्याचारों के स्खलाफ एक धर्द्रोह की शु रुआत की धजसे मां झी धर्द्रोह का नाम धदया गया यह धर्द्रोह 1780 से
1785तक चला था |

िमाि तवद्रोह (1795-1800) :-

• इस धर्द्रोह का ने त्रत्व दु खान मानकी ने धकया था और यह धर्द्रोह 1795 से 1800 इसर्ी तक चला था|

मंडा तवद्रोह( 1795-1800):-

• इस धर्द्रोह का ने त्रत्व धर्ष्णु मानकी ने धकया था और यह धर्द्रोह भी तमाड़ धर्द्रोह की तरह 1795 से 1800 इसर्ी तक
चला था|

िखान मानकी के नेतित्व में मंडा तवद्रोह (1800-1802):-

• मुं डा जनजाधत ने झारखण्ड राज्य में धिधटश साम्राज्य के अत्याचारों के स्खलाफ समय समय पर आन्दोलन धकये हैं इसी
क्रम में दु खन मानकी द्वारा एक धर्द्रोह धकया गया जो 1800 से 1802 इसर्ी तक चला था|

मंडा तवद्रोह (1819-1820) :-

• यह धर्द्रोह भी सभी धर्द्रोहों की तरह अंग्रेजी हुकूमत के स्खलाफ हुआ था इसकी शु रुआत पलामू के भू कन धसंह ने की
थी|

Cleck Here >> झारखण्ड सामान्य ज्ञान – Jharkhand GK


खेवर तवद्रोह( 1832-1833) :-

• खे र्र धर्द्रोह की शु रुआत दु बाई गौसाई, पटे ल धसंह और भागीरथ के ने तृत्व में 1832 में की गई थी और यह धर्द्रोह 1833
तक चला|

भूतमज तवद्रोह (1833-1834) :-

• इस धर्द्रोह का ने तृत्व संत गंगानारायण ने धकया था| इस धर्द्रोह को संत गंगानारायण ने र्तामान बंगाल के धमदनापुर धजले
के डालभु म और जं गल महल के आधदर्ाधसयों की मदद से धकया|

सांथालों का तवद्रोह(1855):-

• संथाल जनजाधत जो मु ख्यतः झारखण्ड, पधशचम बंगाल, उड़ीसा तथा असाम में पाई जाती हैं , इस जनजाधत में बंगाल के
गर्ानर लॉडा काना र्ाधलस के स्खलाफ धर्द्रोह छे ड़ा| इस धर्द्रोह को संथालो का धर्द्रोह कहा गया|

संथालों का तवद्रोह(1855-1860) :-
• सां थालों का दू सरा धर्द्रोह धसिु कान्हू के ने तृत्व में धकया गया था यह धर्द्रोह 1855 में शुरू हुआ और 1860 तक चला|

तसपाही तवद्रोह( 1856-1857) :-

• यह धर्द्रोह धिधटश साम्राज्य के स्खलाफ पहला सशस्त्र धर्द्रोह था धजसे शहीदलाल, धर्श्वनाथ सहदे र्, शे ख धभखारी,
गनपतराय एर्ं बुिु बीर के ने तृत्व के धकया गया| इस धर्द्रोह की शु रुआत आगजनी तथा छार्धनयों में तोड़-फोड़ से की
गई ले धकन आगे जाकर इस धर्द्रोह ने धर्शाल रूप धलया| और इस धर्द्रोह के ख़त्म होते-होते ईस्ट इं धडया कंपनी का
शासन ख़त्म हो चूका था और धिधटश ताज का प्रत्यक्ष शासन शु रू हुआ|

खेरवार आन्दोलन( 1874) :-

• खे रर्ार आन्दोलन की शु रुआत भागीरथ मां झी के ने तृत्व में 1874 में की गई| भागीरथ मां झी धतलका मां झी के पुत्र थे
धिधटश साम्राज्य के स्खलाफ धर्द्रोह छे ड़ने पर धतलका मां झी को फां सी दे दी गयी, इसके बाद भागीरथ मां झी ने खे रर्ार
आन्दोलन का ने तृत्व धकया|

खतडया तवद्रोह(1880) :-

• खधड़या धर्द्रोह की शु रुआत तेलंगा खधड़या ने की थी, तेंलगा खधड़या का जन्म 9 फरर्री 1806 को झारखण्ड के गुमला
धजले के मु रगु गााँ र् में हुआ था|

मंडा तवद्रोह(1895-1900) :-

• ये धर्द्रोह भी मुं डा धर्द्रोह का धहस्सा था जो मुंडा जनजाधत ने 18 र्ीं सदी से 20 र्ीं सदी तक तक चलाया था| इस धर्द्रोह
का ने तृत्व धबरसा मुंडा ने धकया था , धबरसा का जन्म झारखण्ड के उलीहातू नामक स्थान पर हुआ

Cleck Here >> झारखण्ड सामान्य ज्ञान – Jharkhand GK


था| धबरसा के ने तृत्व में झारखण्ड में उलगुलान नामक महान आन्दोलन धकया गया था, मुंडा जनजाधत के लोग आज भी
धबरसा को भगर्ान् के रूप में पूजते हैं |

इस सभी धर्द्रोहों के अलार्ा और भी कई धर्द्रोह धिधटश साम्राज्य के स्खलाफ धकये गए लेधकन इिें भारतीय धिधटश
सेना द्वारा धनष्फल करर्ा धदया गया था इन धर्द्रोहों के बाद र्र्ा 1914 इसर्ी में धर्द्रोह धकया गया धजसका नेतृत्व ताना
भगत ने धकया था | इस धर्द्रोह में ताना भगत ने 26 हजार आधदर्ाधसयों के सहयोग से धकया धजससे धिधटश साम्राज्य को
भारी नुकसान हुआ था| और इस आन्दोलन से प्रभाधर्त होने के बाद महात्मा गााँ िी ने सधर्नय अर्ज्ञा आन्दोलन की
शुरुआत की |

तितिश साम्राज्य के िौरान झारखण्ड :-


र्र्ा 1765 में यह क्षे त्र धिधटश साम्राज्य के अिीन हो गया था, ईस्ट इं धडया कंपनी ने यह झारखण्ड क्षेत्र के लोगों को
गुलाम बना कर उन पर जु ल्म करने शुरू कर धदए धजसके पररणाम स्वरूप यहााँ के लोगो में धिधटश साम्राज्य के
स्खलाफ धर्द्रोह की भार्ना पैदा हो गयी| 1857 में अंग्रेजो के स्खलाफ धर्द्रोह उग्र हुआ लेधकन यहााँ के आधदर्ाधसयों ने
लगभग 100 साल पहले ही अंग्रेजों के स्खलाफ धर्द्रोह की मुहीम छे ड़ दी थी| आधदर्ाधसयों ने झारखण्ड की जमीन की
रक्षा के धलए धिधटश साम्राज्य से कई धर्द्रोह धकये |धतलका मां झी ने सबसे पहले धिधटश साम्राज्य के स्खलाफ धर्द्रोह के
स्खलाफ धर्द्रोह की मुहीम छे ड़ी, 1796 में एक आधदर्ासी नेता संत लाल ने जमीदारों तथा धिधटश सरकार से अपनी
जमीने छु ड़ाने तथा पूर्ाजों की जमीन पुनः स्थाधपत करने का प्रण धलया| धिधटश सरकार ने अपने सैधनकों को भे ज
धतलका मां झी के धर्द्रोह को कुचल धदया

सन 1797 में अन्य जनजाधतयों ने भी धिधटश हुकूमत के स्खलाफ धर्द्रोह छे ड़ दी| इसके बाद पलामू में चेरो जनजाधत के
लोगों ने 1800 ईसर्ी ं में धिधटश साम्राज्य के धर्रुद्ध धर्द्रोह शुरू धकया| इस धर्द्रोह के सात साल बाद 1807 ईसर्ी ं में
बैरर्े में ओरें स ने गुमला के पधशचम में श्रीनगर के अपने बड़े माधलक की हत्या कर दी| यह बात शीघ्र ही गुमला तथा
आसपास के इलाकों में फ़ैल गयी| आसपास के मुंडा जनजाधत के लोगों तथा तमार इलाकों में फैले हुए लोगो ने भी
धिधटश राज का धर्द्रोह धकया| 1813 के धर्द्रोह में गुलाब धसंह भूम बैचेन हो रहे थे लेधकन धफर 1820 में खुल कर
जमीदारों तथा अंग्रेजों के स्खलाफ धर्द्रोह करने लगे | इसे लाका कोल ररधसंग्स 1820 -1821 के नाम से जाना गया| धफर
महान कोल ररइधसंग आया और यह धर्द्रोह 1832 में धकया गया था| यह धर्द्रोह झारखण्ड की जनजाधतयों द्वारा धकया
गया एक बड़ा धर्द्रोह था इस धर्द्रोह ने धिधटश साम्राज्य को काफी परे शान धकया था| 1855 में संथाल तथा कन्नू के दो
भाइयों के नेतृत्व में संथाल धर्द्रोह शुरू हुआ| इन धर्द्रोधहयों ने अंग्रेजी हुकूमत को बेहद परे शान धकया, लेधकन धफर बाद
में धिधटश सरकार ने इिें भी कुचल धदया|

इन सब के बाद धबरसा मुंडा का धर्द्रोह शुरू हुआ इस धर्द्रोह में मुंडा जनजाधत के लोगों ने खुंटी, तामार, सरर्ाड़ा और
बाडगोंर् आधद बेल्ट में धर्द्रोह धकया| मुंडा धर्द्रोह झारखंड का सबसे बड़ा तथा सबसे लम्बा चलने र्ाला जनजातीय
धर्द्रोह था|

Cleck Here >> झारखण्ड सामान्य ज्ञान – Jharkhand GK


छोटा नागपुर धडधर्जन में धिधटश सरकार ने बहुत से धर्द्रोहों का सामना धकया धिधटश सरकार के धर्रोिी जहााँ भी
अस्स्तत्व में थे सरकार ने र्हां धडर्ाइड एं ड रूल की पाधलसी अपनाई| धिधटश सरकार ने आधदर्ाधसयों को दबाए रखने
तथा राज करने की पूरी कोधशश की लेधकन आधदर्ाधसयों ने भी इसका भरपूर धर्रोि धकया और अपनी मातुभूाधम की
रक्षा की|

अपनी भूधम की रक्षा के धलए छोटानागपुर टे नेंसी अधिधनयम 1908 के बाद आधदर्ाधसयों ने लोगों के सामाधजक तथा
आधथाक धर्कास करने की सोची और 1920 में महात्मा गााँ िी के सत्याग्रह आन्दोलन में शाधमल हो गए और सरकार को
भूधम दे ने से रोक धलया | 1928 में साइमन आयोग पटना आया तब आधदर्ाधसयों ने अलग झारखण्ड राज्य की मां ग की
लेधकन इनकी मां ग को ठु करा धदया गया| इसके पच्शात थैबल ओरोन ने 1931 में धकसान सभा का आयोजन धकया
और धफर 1935 में चौटालागपुर में उन्नधत समाज और धकसान सभा को राजधनधतक सत्ता हाधसल करने के धलए धर्लय
कर धलया गया था|

वितमान झारखण्ड :-
• र्तामान झारखण्ड का गठन 15 नर्म्बर 2000 को आधदर्ासी नायक धबरसा मुं डा के जन्मधदन पर धकया गया था झारखण्ड
भारत का 28 र्ां राज्य हैं | झारखं ड की राजिानी रां ची हैं तथा जमशे दपुर, िनबाद र्् बोकारो इसके बड़े शहरों में शाधमल
हैं | झारखण्ड की सीमाएं र्ेस्ट बंगाल, ओधड़सा, धबहार, छत्तीसगढ और उत्तरप्रदे श से लगती हैं |
धहं दी,बंगाली,हो,खधड़या,खोरठा,कुरमाली,कुडु ख,मुं डारी,नागपुरी,ओधडया,संथाली उदू ा आधद यहााँ बोली जाने र्ाली मु ख्य
बोधलयााँ हैं | यहााँ की मु ख्य नधदयों में कोयल, दामोदर, खड़कई और सुर्णारेखा प्रमु ख हैं | यह राज्य र्न्य जीर् सरं क्षण में
अग्रणी हैं |

झारखण्ड की जनसाँख्या 3,29,88,134 हैं तथा इस राज्य का क्षेत्रफल 79,714 र्गा धक.मी. हैं | इस राज्य में 24 धजले है |
दे र्घर र्ैिनाथ मंधदर,हुं डरू जलप्रपात,दलमा अभयारण्य, बेतला राष्ट्रीय उद्यान,श्री समेद धशखरजी जैन तीथास्थल
(पारसनाथ), पतरातू डै म, पतरातू , गौतम िारा, जोिा,धछनमस्स्तके मंधदर, रजरप्पा, पंचघाघ जलप्रपात,दशम
जलप्रपात,हजारीबाग राष्ट्रीय अभयारण्य आधद यहााँ के पयाटक स्थल है |

For More Detal Like Facebook Page ➔ Click Here

Downloaded From ➔ www.jharnet.com

You might also like