Professional Documents
Culture Documents
Cbse X Hindi
Cbse X Hindi
Cbse X Hindi
C.B.S.E Board
कक्षा : 10
ह द
िं ी A – 2018
सिंकलित परीक्षा II
[Summative Assessment II]
समय : 3 घिंटे पर्
ू ाांक : 80
निदे श
1
X | HINDI
8
पपत-ृ भजतत के कारण अपने पपता के दोषों को सहन करता है । मैं उस प्रेम की
चचाय नहीं कर रहा हूूँ। मैं तो उस प्रेम की बात कर रहा हूूँ, िो पववेकर्त
ु त है
और िो बपु द्धर्त
ु त है और िो एक भी गिती की ओर से आूँख बंद नहीं करता
है । र्ह सध
ु ारने वािा प्रेम है।
(क) गांधीिी बरु ाई करने वािों को ककस प्रकार सध
ु ारना चाहते हैं?
(ख) बरु ाई को कैसे समाप्त ककर्ा िा सकता है ?
(ग) ‘प्रेम’ के बारे में गांधीिी के पवचार स्पष्ट कीजिए।
(घ) असहर्ोग से तर्ा तात्पर्य है ?
(ङ) उपर्त
ुय त गदर्ांश के लिए उपर्त
ु त शीषयक दीजिए।
(क) बच्चे माता-पपता की उदासी में उिािा भर दे ते हैं – र्ह भाव ककन
पंजततर्ों में आर्ा है?
2
X | HINDI
8
3. ननदे शानस
ु ार उत्तर लिखखए।
(क) बािगोपवन िानते हैं कक अब बढ़
ु ापा आ गर्ा। (आश्रश्रत उपवातर् छाूँटकर
भेद भी लिखखए)
(ख) मॉरीशस की स्वच्छता दे खकर मन प्रसन्न हो गर्ा (लमश्र वातर् में
बदलिए)
(ग) गुरुदे व आराम कुसी पर िेटे हुए थे और प्राकृनतक सौंदर्य का आनंद िे रहे
थे। (सरि वातर् में बदलिए)
4. ननदे शानस
ु ार वातर् बदलिए।
(क) मई महीने में शीिा अग्रवाि को कॉिेि वािों ने नोदटस थमा ददर्ा।
(कमयवाच्र् में )
(ख) दे शभततों की शहादत को आि भी र्ाद ककर्ा िाता है । (कतव
य ृ ाच्र् में )
(ग) खबर सन
ु कर वह चि भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्र् में )
(घ) जिस आदमी ने पहिे-पहि आग का आपवष्कार ककर्ा होगा, वह ककतना
बड़ा आपवष्कताय होगा। (कतव
य ृ ाच्र् में )
6.
(क) ‘रनत’ ककस रस का स्थार्ी भाव है ?
(ख) ‘करुण’ रस का स्थार्ी भाव तर्ा है ?
(ग) ‘हास्र्’ रस का एक उदहारण लिखखए।
(घ) ननम्नलिखखत पंजततर्ों में रस पहचान क्र लिखखए :
3
X | HINDI
8
4
X | HINDI
8
11. "आि आपकी ररपोटय छाप दूँ ू तो कि ही अखवार बंद हो िाए" – स्वतंत्रता
संग्राम के दौर में समाचार-पत्रों के इस रवैर्े पर ‘एही ठै र्ाूँ झि
ु नी हे रानी हो
रामा’ के आधार पर िीवन-मक
ू र्ों की दृष्टी से िगभग 150 शब्दों में चचाय
कीजिए।
अथवा
‘मैं तर्ों लिखता हूूँ', पाठ के आधार पर बताइए की पवज्ञान के दरू
ु पर्ोग से
ककन मानवीर् मक ू र्ों की िनत होती है? इसके लिए हम तर्ा कर सकते हैं?
5
X | HINDI
8
13. आपके िेत्र के पाकय को कूड़ेदान बना ददर्ा गर्ा था। अब पलु िस की पहि और
मदद से पन
ु : बच्चों के लिए खेि का मैदान बन गर्ा है । अतः आप पलु िस
आर्त
ु त को धन्र्वाद पत्र लिखखए।
अथवा
पटाखों से होने वािे प्रदष
ु ण के प्रनत ध्र्ान आकपषयत करते हुए अपने लमत्र को
पत्र लिखखए।
14. पर्ायवरण के प्रनत िागरूकता बढ़ाने के लिए िगभग 50 शब्दों में एक पवज्ञापन
लिखखए।
अथवा
6
X | HINDI
8
7
X | HINDI
8
C.B.S.E Board
कक्षा : 10
ह द
िं ी A – 2018
सिंकलित परीक्षा II
[Summative Assessment II]
समय : 3 घिंटे पर्
ू ाांक : 80
निदे श
1
X | HINDI
8
पपत-ृ भजतत के कारण अपने पपता के दोषों को सहन करता है । मैं उस प्रेम की
चचाय नहीं कर रहा हूूँ। मैं तो उस प्रेम की बात कर रहा हूूँ, िो पववेकर्त
ु त है
और िो बपु द्धर्त
ु त है और िो एक भी गिती की ओर से आूँख बंद नहीं करता
है । र्ह सध
ु ारने वािा प्रेम है।
(क) गांधीिी बरु ाई करने वािों को ककस प्रकार सध
ु ारना चाहते हैं?
उत्तर : गांधीिी बरु ाई करने वािों को प्रेम, धैर्य तथा नम्रता के साथ
समझाकर सध
ु ारना चाहते हैं।
(ङ) उपर्त
ुय त गदर्ांश के लिए उपर्त
ु त शीषयक दीजिए।
उत्तर : शीषयक – 1. प्रेम और अदहंसा का अथय
2. प्रेम और अदहंसा की पररभाषा
2
X | HINDI
8
3
X | HINDI
8
3. ननदे शानस
ु ार उत्तर लिखखए।
(क) बािगोपवन िानते हैं कक अब बढ़
ु ापा आ गर्ा। (आधश्रत उपवातर् छाूँटकर
भेद भी लिखखए)
उत्तर : अब बढ़
ु ापा आ गर्ा। (संज्ञा उपवातर्)
(ग) गुरुदे व आराम कुसी पर िेटे हुए थे और प्राकृनतक सौंदर्य का आनंद िे रहे
थे। (सरि वातर् में बदलिए)
4
X | HINDI
8
4. ननदे शानस
ु ार वातर् बदलिए।
(क) मई महीने में शीिा अग्रवाि को कॉिेि वािों ने नोदटस थमा ददर्ा।
(कमयवाच्र् में )
उत्तर : मई महीने में शीिा अग्रवाि को कॉिेि दवारा नोदटस थमा ददर्ा
गर्ा।
(ग) खबर सन
ु कर वह चि भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्र् में )
उत्तर : खबर सन
ु कर उसके दवारा चिा भी नहीं िा रहा था।
5
X | HINDI
8
6.
(क) ‘रनत’ ककस रस का स्थार्ी भाव है ?
उत्तर : श्रग
ं ृ ार रस
6
X | HINDI
8
(ख) ‘दे शभजतत भी आिकि मज़ाक की चीज़ होती िा रही है ।' – इस पंजतत में
दे श और िोगों की ककन जस्थनतर्ों की ओर संकेत ककर्ा गर्ा है ?
उत्तर : दे शभततों ने दे श को आज़ादी ददिाने के लिए अपना सवयस्व दे श
के प्रनत समपपयत कर ददर्ा। आि िो हम स्वत्रंत दे श में आज़ादी
की साूँस िे रहे है र्ह उन्हीं के कारण संभव हो पार्ा है , उन्हीं
के कारण आज़ाद हुआ है। परन्तु र्दद ककसी के मन में ऐसे
दे शभततों के लिए सम्मान की भावना नहीं है , उनके ददखाए हुए
रास्तों पर नहीं चिते। तो र्ह बड़े ही द:ु ख की बात है। र्ह
दे शभजतत का मज़ाक ही तो है ।
(ग) दस
ू री बार मनू तय दे खने पर हािदार साहब को उसमें तर्ा पररवतयन ददखाई
ददर्ा?
उत्तर : दस
ू री बार मनू तय दे खने पर हािदार साहब को उसमें कुछ पररवतयन
ददखाई ददर्ा। ध्र्ान से दे खने पर पता चिा कक मनू तय का चश्मा
बदिा हुआ था। पहिे मोटे फ्रेमवािा चौकोर चश्मा था, अब तार
के फ्रेमवािा गोि चश्मा है ।
7
X | HINDI
8
(ख) महावीर प्रसाद ददववेदी लशिा-प्रणािी में संशोधन की बात तर्ों करते हैं?
उत्तर : महावीर प्रसाद दपववेदी के अनस
ु ार र्दद हम चाहते हैं कक लशिा
जस्त्रर्ों का अनथय करती है , तो हम उसमें कुछ संशोधन कर जस्त्रर्ों
की लशिा प्राप्त करने के मागय को प्रशस्त कर सकते हैं। हम
लमिकर र्े तर् कर सकते हैं कक जस्त्रर्ों को तर्ा पढ़ना चादहए,
ककतना पढ़ना चादहए, ककस तरह का पढ़ना चादहए और कहाूँ
लशिा प्राप्त करनी चादहए। इससे सबका पवरोध समाप्त हो
िाएगा।
8
X | HINDI
8
(घ) वतयमान समाि को 'संस्कृत' कहा िा सकता है र्ा 'सभ्र्'? तकय सदहत
उत्तर दीजिए।
उत्तर : वतयमान समाि को 'सभ्र्' कहा िा सकता है। इसके पीछे कारण
है कक िो मनष्ु र् अपनी बपु द्ध तथा पववेक के दवारा नए तथ्र्ों की
खोि व दशयन करता है , वह संस्कृत कहिाता है । भत
ू काि में
जितने भी आपवष्कार हुए थे उन्हें संस्कृत कहा गर्ा है और आि
के समर् में हम चाहे उसमें ककतने ही सध ु ार कर िे हम संस्कृत
नहीं कहिा सकते हमें सभ्र् की उपाधध दी िाएगी तर्ोंकक हमें
र्ह तथ्र् व दशयन अपनी पहिे की पीढ़ी से लमिा है ।
(ख) 'नतनदहं िै सौंपौ' में ककसकी ओर तर्ा संकेत ककर्ा गर्ा है?
उत्तर : 'नतनदहं िै सौंपौ' में गोपपर्ाूँ उन िोगों की ओर संकेत करती हैं
जिनका मन श्रीकृष्ण के प्रेम और भजतत में अनरु तत नहीं है
उनका मन एकाग्र नहीं बजकक र्हाूँ-वहाूँ भटकता रहता है। उन्हीं
9
X | HINDI
8
10
X | HINDI
8
का सत्र
ू धार मानता है। 'गरिना' पवद्रोह का प्रतीक है। कपव बादिों
से पौरुष ददखाने की कामना करता है । कपव ने बादि के गरिने
के माध्र्म से कपवता में नत
ू न पवद्रोह का आह्वान ककर्ा है।
11. "आि आपकी ररपोटय छाप दूँ ू तो कि ही अखवार बंद हो िाए" – स्वतंत्रता
संग्राम के दौर में समाचार-पत्रों के इस रवैर्े पर ‘एही ठै र्ाूँ झि
ु नी हे रानी हो
रामा’ के आधार पर िीवन-मक
ू र्ों की दृष्टी से िगभग 150 शब्दों में चचाय
कीजिए।
अथवा
11
X | HINDI
8
12
X | HINDI
8
महानगर से तात्पर्य ऐसे नगर से है , जिसमें िाखों की संख्र्ा में िोग रहते हैं।
महानगर र्ानन ऊूँची-ऊूँची इमारतों, बड़े-बड़े कि-कारखानों, दक
ु ानों तथा दौड़ते
वाहनों आदद से परू रत घनी आबादी वािा शहर। पवश्व के प्रार्: सभी दे शों में
महानगर हैं। न्र्र् ं टन, िंदन, टोतर्ो, पेररस आदद पवश्व के कुछ
ू ाकय, वालशग
प्रमख
ु महानगर हैं। भारत में ददकिी, मंब
ु ई, कोिकाता और चेन्नई महानगरों
की श्रेणी में आते हैं।
13
X | HINDI
8
14
X | HINDI
8
13. आपके िेत्र के पाकय को कूड़ेदान बना ददर्ा गर्ा था। अब पलु िस की पहि और
मदद से पन
ु : बच्चों के लिए खेि का मैदान बन गर्ा है । अतः आप पलु िस
आर्त
ु त को धन्र्वाद पत्र लिखखए।
अथवा
पटाखों से होने वािे प्रदष
ु ण के प्रनत ध्र्ान आकपषयत करते हुए अपने लमत्र को
पत्र लिखखए।
उत्तर :
सेवा में,
पलु िस आर्त
ु त अधधकारी,
अपना बाग, पजश्चम पवहार,
नई ददकिी – ११००२७
15
X | HINDI
8
मान्र्वर,
मैं अपने पत्र के माध्र्म से आपका धन्र्वाद करता हूूँ। मैं आपके सेवा िेत्र
अपना बाग में रहता हूूँ। कुछ समर् पहिे हमारे र्हाूँ के कमिा पवहार पाकय में
िोगों ने कूड़ा फ़ेकना शरू
ु कर ददर्ा था। जिससे वातावरण प्रदपू षत हो रहा था
और बच्चों को खेिने के लिए पर्ायप्त स्थान नहीं लमि रहा था। इस कारण
हमें बहुत असपु वधा हो रही थी। आपने इस समस्र्ा को दरू करने में हमारी
सहार्ता की और आवश्र्क कार्यवाही की। अब िोग पररसर स्वच्छ रखते है
और बच्चों को भी खेिने के लिए पर्ायप्त स्थान लमिता है । आपके इस
सराहनीर् प्रर्ास के लिए हमारी ओर से आपको धन्र्वाद।
भवदीर्,
अमर व्र्ास
१०२, अपना बाग
पजश्चम पवहार,
नई ददकिी – ११००२७
अथवा
पता : .........
ददनाूँक : ......
पप्रर् लमत्र,
ददवािी समीप आने वािी है । पटाखों का शोर भी सन
ु ाई दे ने िगा है । पटाखे
तो िैसे उत्सव के अलभन्न अंग बन गए हैं, िेककन इससे पर्ायवरण पर भी
प्रनतकूि प्रभाव पड़ता है । पटाखों से ध्वनन और वार्ु प्रदष
ु ण होता है । थोड़ी दे र
की खुशी पर्ायवरण को भारी नक
ु सान पहुूँचाती है । इस बार मैंने प्रर्ास ककर्ा है
कक हम हररत ददवािी मनाएूँगे। मैंने पटाखे नहीं ििाने का ननश्चर् ककर्ा है ।
दीपाविी दीपों का पवय है , पटाखों का नहीं। हम दीपक ििाकर, घर पर
लमठाइर्ाूँ बनाकर, रं गारं ग कार्यक्रम का आर्ोिन कर दीपाविी का आनंद उठा
सकेंगे।
16
X | HINDI
8
तुम्हारा लमत्र
राहुि शमाय
14. पर्ायवरण के प्रनत िागरूकता बढ़ाने के लिए िगभग 50 शब्दों में एक पवज्ञापन
लिखखए।
अथवा
पवदर्ािर् के वापषयकोत्सव के अवसर पर पवदर्ाधथयर्ों दवारा ननलमयत-हस्तकिा
की वस्तओ
ु ं की प्रदशयनी के प्रचार हे तु िगभग 50 शब्दों में एक पवज्ञापन
लिखखए।
पर्ायवरण िागरूकता
पर्ायवरण की शद्ध
ु ता हमारे लिए उतनी ही िरूरी है , जितना कक भोिन
स्वस्थ पर्ायवरण ही हमारी और आनेवािी पीढ़ी की िीवन रे खा है तो –
िन िन में चेतना िाओ।
पर्ायवरण का अिख िगाओ।
17
CBSE - X | HINDI
संकलऱत परीक्षा – II
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
समय : 3 घंटे पर्
ू ाांक : 90
सामान्य निदे श :
1. इस प्रश्न-ऩत्र के चाय खॊड हैं - क, ख, ग, औय घ।
2. चायों खॊडों के प्रश्नों के उत्तय दे ना अननवामय है ।
3. मथासॊबव प्रत्मेक खॊड के उत्तय क्रभश: दीजजए।
खॊड – क
प्र.1. ननम्नलरखखत गदमाॊश को ध्मानऩव
ू क
य ऩढ़कय ऩछ
ू े गए प्रश्नों के लरए सही
उत्तय वारे ववकल्ऩ चन
ु कय लरखखए : 1 x 5 = 5
रोकतॊत्र के भर
ु बत
ु तत्व को सभझा नहीॊ गमा हे औय इसलरए रोग सभझते
हैं कक सफ कुछ सयकाय कय दे गी, हभायी कोई जजम्भेदायी नहीॊ हैं। रोगो भें
अऩनी ऩहर से जजम्भेदायी उठाने औय ननबाने का सॊस्काय ववकलसत नहीॊ हो
ऩामा हैं। परस्वरूऩ दे श कक ववशार भानव-शजतत अबी खयायटें रेती ऩड़ी है
औय दे श कक ऩॉज
ू ी उऩमोगी फनाने के फदरे आज फोझरूऩ फन फैठी हैं। रेककन
उसे नीॊद से झकझोय कय जाग्रत कयना हैं। ककसी बी दे श को भहान फनाते हैं
उसभे यहने वारे रोग। रेककन अबी हभाये दे श के नागरयक अऩनी जिम्भेदायी
से फचते यहे हैं। चाहे सड़क ऩय चरने कक फात अथवा साप-सपाई कक फात
हो, जहाॉ-तहाॉ हभ रोगों को गॊदगी पैराते औय फेतयतीफ ढॊ ग से वहाॊ दे ख
सकते हैं। कपय चाहते हैं कक सफ कुछ सयकाय ठीक कय दे।
सयकायने फहुत साये कामय ककए हैं, इसे अस्वीकाय नहीॊ ककमा जा सकता हैं।
वैऻाननक प्रमोगशाराएॉ खोरी हैं, ववशार फाॉध फनवाए हैं, फ़ौराद के कायखाने
खोरे हैं आदद-आदद फहुत साये काभ सयकाय के दवाया हुए हैं। ऩय अबी
कयोडों रोगों को कामय भें प्रेरयत नहीॊ ककमा जा सका है।
1
CBSE - X | HINDI
(iii) सयकाय के काभों के फाये भें क़ौन-सा कथन सही नहीॊ है?
(क) वैऻाननक प्रमोगशाराएॉ फनवाई हैं
(ख) ववशार फाॉध फनवाए हैं
(ग) वाहन-चारक को सध
ु ाया है
(घ) फ़ौराद के कायखाने खोरे हैं
(iv) सयकायी व्मवस्था भें ककस कभी की ओय रेखक ने सॊकेत ककमा है?
(क) गाॉव से जुड़ी सभस्माओॊ के ननदान भें ग्राभीणों की बलू भका को
नकायना
(ख) मोजनाएॉ ठीक से न फनाना
2
CBSE - X | HINDI
3
CBSE - X | HINDI
(iv) ऩयु ातत्व-ववशेषऻ याखीगढ़ी भें ववशेष रूर्च रे यहे हैं तमोंकक
(क) काफी प्राचीन औय फड़ी सभ्मता हो सकती है
4
CBSE - X | HINDI
(v) उऩमत
ु त शीषयक होगा
(क) याखीगढ़ी : एक सभ्मता की सॊबावना
(ख) लसॊध-ु घाटी सभ्मता
(ग) ववरप्ु त सयस्वती की तराश
(घ) एक ववस्तत
ृ शहय याखीगढ़ी
5
CBSE - X | HINDI
सफ की सन
ु ऩाई है,
जड़ भस
ु कयाई है!
(ii) डालरमों ने तने के अहॊ काय को तमा कहकय चयू -चयू कय ददमा?
(क) जड़ नीचे है तो मह ऊऩय है
(ख) मों ही तना यहता है
(ग) उसका भोटाऩा हास्मास्ऩद है
(घ) प्रगनत के ऩथ ऩय एक कदभ बी नहीॊ फढ़ा
6
CBSE - X | HINDI
(v) जड़ तमों भस
ु कयाई?
(क) सफने अऩने अहॊ काय भें उसे बर
ु ा ददमा
(ख) पूरों ने ऩजत्तमों को बर
ु ा ददमा
(ग) ऩजत्तमों ने डालरमों को बर
ु ा ददमा
(घ) डालरमों ने तने को बर
ु ा ददमा
7
CBSE - X | HINDI
भाधना एक मग
ु -मग
ु अॊतय भें ठनी यहे
मह बलू भ फद्ध
ु -फाऩ-ू से सत
ु की जनी यहे;
प्राथयना एक मग
ु -मग
ु ऩथ्
ृ वी ऩय फनी यहे
मह जानत
मोर्गमों, सॊतों
औय शहीदों की।
8
CBSE - X | HINDI
खॊड - ख
प्र. 5. ननदे शानस
ु ाय उत्तय दीजजए : 1 x 3 = 3
(क) वे उन सफ रोगों से लभरे, जो भझ
ु े जानते थे।
(सयर वातम भें फदलरए)
(ख) ऩॊख वारे चीटे मा दीभक वषाय के ददनों भें ननकरते हैं।
(वातम का बेद फताइए)
(ग) आषाढ़ की एक सफ
ु ह एक भोय ने भल्हाय के लभमाऊ को सयु ददमा था।
(सॊमत
ु त वातम भें फदलरए)
9
CBSE - X | HINDI
10
CBSE - X | HINDI
खॊड - ग
प्र. 9. ननम्नलरखखत गदमाॊश के आधाय ऩय ऩछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तय लरखखए :
2+2+1 = 5
ऩयु ाने जभाने भें जस्त्रमों के लरए कोई ववश्वववदमारम न था। कपय ननमभफद्ध
प्रणारी का उल्रेख आदद ऩयु ाणों भें न लभरे तो तमा आश्चमय? औय, उल्रेख
उसका कही यहा हो, ऩय नटट हो गमा हो तो? ऩयु ाने जभाने भें ववभान
उड़ाते थे। फताइए उनके फनाने की ववधा लसखने वारा कोई शास्त्र ! फड़े –फड़े
जहािों ऩय सवाय होकय रोग दववऩाॊतयों को जाते थे। ददखाइए जहाज फनाने
की ननमभफद्ध प्रणारी के दशयक ग्रॊथ ! ऩयु ाणादद भें ववभानों औय जहािों
दवाया की गई मात्राओॊ के हवारे दे खकय उनका अजस्तत्व तो हभ फड़े गवय से
स्वीकाय कयते हैं, ऩयॊ तु ऩयु ाने ग्रॊथों भें अनके प्रगल्ब ऩॊडडताओॊ के नाभोल्रेख
दे खकय बी कुछ रोग बायत की तत्कारीन जस्त्रमों को भख
ू य, अऩढ़ औय
गॊवाय फताते हैं।
(क) ऩयु ाणों भें ननमभफद्ध लशऺा-प्रणारी न लभरने ऩय रेखक आश्चमय तमों
नहीॊ भानता?
(ख) जहाज फनाने के लरए कोई ग्रॊथ न होने मा न लभरने ऩय रेखक तमा
फताना चाहता है?
(ग) लशऺा की ननमभावरी का न लभरना, जस्त्रमों की अऩढ़ता का सफत
ू तमों
नहीॊ है?
11
CBSE - X | HINDI
प्र. 13. 'आऩ चैन कक नीॊद सो सके इसीलरए तो हभ महाॉ ऩहया दें यहा है' - एक
प़ौजी के इस कथन ऩय जीवन-भल्
ू मों कक दृजटट से चचाय कीजजए। 5
12
CBSE - X | HINDI
खॊड – घ
ख) भ्रटटाचाय भत
ु त सभाज
भ्रटटाचाय तमा है
साभाजजक व्मवस्था भें भ्रटटाचाय
कायण औय ननवायण
प्र. 15. अऩनी दादी की र्चत्र-प्रदशयनी ऩय अऩनी प्रनतकक्रमा लरखते हुए उन्हें फधाई
ऩत्र लरखखए। 5
अथवा
13
CBSE - X | HINDI
प्र. 16. ननम्नलरखखत गद्दमाॊश का शीषयक लरखकय एक-नतहाई शब्दों भें साय
लरखखए : 5
ऐसा कोई ददन आ सकता है, जफकक भनटु म के नाखूनों का फढ़ना फॊद हो
जाएगा। प्राखणशाजस्त्रमों का ऐसा अनभ
ु ान है की भनटु म का मह अनावश्मक
अॊग उसी प्रकाय झाड़ जाएगा, जजस प्रकाय उसकी ऩॉछ
ू झड़ गई है। उस
ददन भनटु म की ऩशत
ु ा बी रप्ु त हो जाएगी। शामद उस ददन वह भयणास्त्रों
का प्रमोग बी फॊद कय दे गा। तफ तक इस फात से छोटे फच्चों को ऩरयर्चत
कया दे ना वाॊछनीम जान ऩड़ता है की नाख़न
ू का फढ़ना भनटु म के बीतय
की ऩशत
ु ा की ननशानी है औय उसे नहीॊ फढ़ने दे ना भनटु म की अऩनी इच्छा
है , अऩना आदशय है। फेहतय जीवन भें अस्त्र-शास्त्रों को फढ़ने दे ना भनटु म
की ऩशत
ु ा की ननशानी है औय उनकी फाढ़ को योकना भनटु मत्व का
तकािा। भनटु म भें जो घण
ृ ा हैं, जो अनामास बफना लसखाए आ जाती हे,
वह ऩशत्ु व का घोतक हैं औय अऩने को सॊमत यखना, दस
ू यों के भनोबावों
का आदय कयना भनटु म का स्वधभय हैं। फच्चे मह जाने तो अच्छा हो की
अभ्मास औय टऩ से प्राप्त वस्तए
ु ॉ भनटु म को भदहभा को सर्ू चत कयाती हैं।
14
CBSE - X | HINDI
संकलऱत परीक्षा – II
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
समय: 3 घंटे पर्
ू ाांक : 90
सामान्य निदे श :
1. इस प्रश्न-ऩत्र के चाय खॊड हैं - क, ख, ग, औय घ।
2. चायों खॊडों के प्रश्नों के उत्तय दे ना अननवामय है ।
3. मथासॊबव प्रत्मेक खॊड के उत्तय क्रभश: दीजजए।
खॊड – क
प्र.1. ननम्नलरखखत गदमाॊश को ध्मानऩव
ू क
य ऩढ़कय ऩछ
ू े गए प्रश्नों के लरए सही
उत्तय वारे ववकल्ऩ चन
ु कय लरखखए : 1 x 5 = 5
रोकतॊत्र के भर
ु बत
ु तत्व को सभझा नहीॊ गमा हे औय इसलरए रोग सभझते
हैं कक सफ कुछ सयकाय कय दे गी, हभायी कोई जजम्भेदायी नहीॊ हैं। रोगो भें
अऩनी ऩहर से जजम्भेदायी उठाने औय ननबाने का सॊस्काय ववकलसत नहीॊ हो
ऩामा हैं। परस्वरूऩ दे श कक ववशार भानव-शजतत अबी खयायटें रेती ऩड़ी है
औय दे श कक ऩॉज
ू ी उऩमोगी फनाने के फदरे आज फोझरूऩ फन फैठी हैं। रेककन
उसे नीॊद से झकझोय कय जाग्रत कयना हैं। ककसी बी दे श को भहान फनाते हैं
उसभे यहने वारे रोग। रेककन अबी हभाये दे श के नागरयक अऩनी जिम्भेदायी
से फचते यहे हैं। चाहे सड़क ऩय चरने कक फात अथवा साप-सपाई कक फात
हो, जहाॉ-तहाॉ हभ रोगों को गॊदगी पैराते औय फेतयतीफ ढॊ ग से वहाॊ दे ख
सकते हैं। कपय चाहते हैं कक सफ कुछ सयकाय ठीक कय दे।
सयकायने फहुत साये कामय ककए हैं, इसे अस्वीकाय नहीॊ ककमा जा सकता हैं।
वैऻाननक प्रमोगशाराएॉ खोरी हैं, ववशार फाॉध फनवाए हैं, फ़ौराद के कायखाने
खोरे हैं आदद-आदद फहुत साये काभ सयकाय के दवाया हुए हैं। ऩय अबी
कयोडों रोगों को कामय भें प्रेरयत नहीॊ ककमा जा सका है।
1
CBSE - X | HINDI
(iii) सयकाय के काभों के फाये भें क़ौन-सा कथन सही नहीॊ है?
(क) वैऻाननक प्रमोगशाराएॉ फनवाई हैं
(ख) ववशार फाॉध फनवाए हैं
(ग) वाहन-चारक को सध
ु ाया है
(घ) फ़ौराद के कायखाने खोरे हैं
(iv) सयकायी व्मवस्था भें ककस कभी की ओय रेखक ने सॊकेत ककमा है?
(क) गाॉव से जुड़ी सभस्माओॊ के ननदान भें ग्राभीणों की बलू भका को
नकायना
(ख) मोजनाएॉ ठीक से न फनाना
CBSE - X | HINDI
(iv) ऩयु ातत्व-ववशेषऻ याखीगढ़ी भें ववशेष रूर्च रे यहे हैं तमोंकक
(क) काफी प्राचीन औय फड़ी सभ्मता हो सकती है
CBSE - X | HINDI
(v) उऩमत
ु त शीषयक होगा
(क) याखीगढ़ी : एक सभ्मता की सॊबावना
(ख) लसॊध-ु घाटी सभ्मता
(ग) ववरप्ु त सयस्वती की तराश
(घ) एक ववस्तत
ृ शहय याखीगढ़ी
सफ की सन
ु ऩाई है,
जड़ भस
ु कयाई है!
(ii) डालरमों ने तने के अहॊ काय को तमा कहकय चयू -चयू कय ददमा?
(क) जड़ नीचे है तो मह ऊऩय है
(ख) मों ही तना यहता है
(ग) उसका भोटाऩा हास्मास्ऩद है
(घ) प्रगनत के ऩथ ऩय एक कदभ बी नहीॊ फढ़ा
CBSE - X | HINDI
(v) जड़ तमों भस
ु कयाई?
(क) सफने अऩने अहॊ काय भें उसे बर
ु ा ददमा
(ख) पूरों ने ऩजत्तमों को बर
ु ा ददमा
(ग) ऩजत्तमों ने डालरमों को बर
ु ा ददमा
(घ) डालरमों ने तने को बर
ु ा ददमा
भाधना एक मग
ु -मग
ु अॊतय भें ठनी यहे
मह बलू भ फद्ध
ु -फाऩ-ू से सत
ु की जनी यहे;
प्राथयना एक मग
ु -मग
ु ऩथ्
ृ वी ऩय फनी यहे
मह जानत
मोर्गमों, सॊतों
औय शहीदों की।
खॊड - ख
प्र. 5. ननदे शानस
ु ाय उत्तय दीजजए : 1 x 3 = 3
(क) वे उन सफ रोगों से लभरे, जो भझ
ु े जानते थे। (सयर वातम भें
फदलरए)
उत्तय : वे भेये साये ऩरयर्चतों से लभरे।
(ख) ऩॊख वारे चीटे मा दीभक वषाय के ददनों भें ननकरते हैं।
(वातम का बेद फताइए)
उत्तय : सयर वातम
CBSE - X | HINDI
(ग) आषाढ़ की एक सफ
ु ह एक भोय ने भल्हाय के लभमाऊ को सयु ददमा था।
(सॊमत
ु त वातम भें फदलरए)
उत्तय : आषाढ़ की एक सफ
ु ह थी औय भोय ने भल्हाय के लभमाऊ को
सयु ददमा था।
2. वह आता –
तो टूक करेजे के कयता ऩछताता
ऩथ ऩय आता
ऩेट ऩीठ दोनों लभरकय हैं एक
चर यहा रकुदटमा टे क
उत्तय : करुण यस
(ख)
1. श्ॊग
ृ ाय यस का स्थामी बाव लरखखए। 1
उत्तय : यनत
खॊड - ग
प्र. 9. ननम्नलरखखत गदमाॊश के आधाय ऩय ऩछ
ू े गए प्रश्नों के उत्तय लरखखए :
2+2+1 = 5
ऩयु ाने जभाने भें जस्त्रमों के लरए कोई ववश्वववदमारम न था। कपय ननमभफद्ध
प्रणारी का उल्रेख आदद ऩयु ाणों भें न लभरे तो तमा आश्चमय? औय, उल्रेख
उसका कही यहा हो, ऩय नटट हो गमा हो तो? ऩयु ाने जभाने भें ववभान
उड़ाते थे। फताइए उनके फनाने की ववधा लसखने वारा कोई शास्त्र ! फड़े –फड़े
जहािों ऩय सवाय होकय रोग दववऩाॊतयों को जाते थे। ददखाइए जहाज फनाने
की ननमभफद्ध प्रणारी के दशयक ग्रॊथ ! ऩयु ाणादद भें ववभानों औय जहािों
दवाया की गई मात्राओॊ के हवारे दे खकय उनका अजस्तत्व तो हभ फड़े गवय से
स्वीकाय कयते हैं, ऩयॊ तु ऩयु ाने ग्रॊथों भें अनके प्रगल्ब ऩॊडडताओॊ के नाभोल्रेख
दे खकय बी कुछ रोग बायत की तत्कारीन जस्त्रमों को भख
ू य, अऩढ़ औय
गॊवाय फताते हैं।
(क) ऩयु ाणों भें ननमभफद्ध लशऺा-प्रणारी न लभरने ऩय रेखक आश्चमय तमों
नहीॊ भानता?
उत्तर : ऩयु ाणों भें ननमभफद्ध लशऺा-प्रणारी न लभरने ऩय रेखक
आश्चमय नहीॊ भानता तमोंकक आयॊ ब से ही जस्त्रमों को दफामा
गमा हैं। उन्हें लशऺा के अर्धकाय से जान-फझ
ू कय अरग यखा
गमा है।
(ख) जहाज फनाने के लरए कोई ग्रॊथ न होने मा न लभरने ऩय रेखक तमा
फताना चाहता है?
उत्तर : जहाज फनाने के लरए कोई ग्रॊथ न होने मा न लभरने ऩय
रेखक फताना चाहता है कक बायत भें ववलबन्न प्रकाय की
कराओॊ का अजस्तत्व नटट हो गमा तमोंकक महाॉ के रोगों ने
उन्हें दनु नमा से नछऩाने का प्रमास ककमा। इस कायण नटट हो
गए। अतः वह इसके भाध्मभ से फताना चाहता है कक मदद मे
CBSE - X | HINDI
भहत्त्वऩण
ू य जानकारयमाॉ हभाये ग्रॊथों भें नहीॊ है, तो स्त्री लशऺा
होने वारी फात लभरना तो असॊबव है।
(ख) अॊनतभ ददनों भें भन्नू बॊडायी के वऩता का स्वबाव शतकी हो गमा था,
रेखखका ने इसके तमा कायण ददए?
उत्तर : रेखखका के वऩता एक सभाज-सेवक थे। उन्होंने आजीवन
रोगों की भदद की, फहुत से गयीफ फच्चों को ऩढ़ा-लरखाकय
काबफर फनामा ऩयॊ तु जफ उनका फयु ा वतत आमा तो सफने
उनको धोखा ददमा। इसलरए भन्नू बॊडायी के वऩता का स्वबाव
शतकी हो गमा था।
CBSE - X | HINDI
(ख) भख्
ु म गामक को ढाढस क़ौन फॉधाता है औय तमों?
उत्तय : तायसप्तक भें गामन कयते सभम भख् ु म गामक का स्वय फहुत
ऊॉचाई तक ऩहुॉच जाता है । जजसके कायण स्वय के टूटने का
आबास होने रगता है औय इसी कायण वह अऩने कॊठ से
ध्वनन का ववस्ताय कयने भें कभिोय हो जाता है । तफ
सॊगतकाय उसके ऩीछे भख्
ु म धन
ु को दोहयाता चरता है वह
अऩनी आवाि से उसके बफखयाव को सॉबार रेता है । इस
प्रकाय सॊगतकाय भख्
ु म गामक को ढाढस फॊधता है।
(घ) 'धनष
ु को तोड़ने वारा कोई तुम्हाया दास होगा'- के आधाय ऩय याभ के
स्वाबाव ऩय दटप्ऩणी कीजजए।
उत्तर : याभ स्वबाव से कोभर औय ववनमी हैं। ऩयशयु ाभ जी क्रोधी
स्वबाव के थे। ऩयशयु ाभ के क्रोध कयने ऩय श्ी याभ ने धीयज
से काभ लरमा। उन्होंने स्वमॊ को उनका दास कहकय ऩयशयु ाभ
के क्रोध को शाॊत कयने का प्रमास ककमा एवॊ उनसे अऩने
लरए आऻा कयने का ननवेदन ककमा।
CBSE - X | HINDI
प्र. 13. 'आऩ चैन कक नीॊद सो सके इसीलरए तो हभ महाॉ ऩहया दें यहा है' - एक
प़ौजी के इस कथन ऩय जीवन-भल्
ू मों कक दृजटट से चचाय कीजजए। 5
उत्तय : प़ौजी का जीवन फड़ा ही कदठन होता है। प़ौजी कदठन से कदठन
ऩरयजस्तर्थ भें अऩने कतयव्मों का ऩारन कयते हैं। इस कतयव्म
ऩारन भें कबी-कबी उन्हें अऩनी जान बी कुफायन कयनी ऩड़ती है
ऩयॊ तु वे ऩीछे नहीॊ हटते तमोंकक एक प़ौजी के जीवन भल्
ू म अऩने
दे श की यऺा औय नागरयकों की सयु ऺा ही होती है।
खॊड – घ
ख) भ्रटटाचाय भत
ु त सभाज
भ्रटटाचाय तमा है
साभाजजक व्मवस्था भें भ्रटटाचाय
कायण औय ननवायण
भ्रटटाचाय अथायत ् भ्रटट + आचाय। भ्रटट मानी फयु ा मा बफगड़ा हुआ तथा
आचाय का भतरफ है आचयण। अथायत ् भ्रटटाचाय का शाजब्दक अथय है
भ्रटट ककसी बी प्रकाय से अनैनतक औय अनर्ु चत हो। आज बायत भें
ऐसे कई व्मजतत भ़ौजूद हैं जो भ्रटटाचायी है ।
आज हभ अऩने चायों ओय भ्रटटाचाय के अनेक रुऩ दे ख सकते हैं जैसे
रयश्वत, कारा-फाजायी, जान-फझ
ू कय दाभ फढ़ाना, ऩैसा रेकय काभ
कयना, सस्ता साभान राकय भहॉ गा फेचना आदद।
‘बटराचाय की रगी अगन है,
जजसने कय ददमा भल्
ू मों का दहन है ।’
भ्रटटाचाय ने बमानक योग की तयह हभाये सभाज को खोखरा कय
ददमा है । आज के आधनु नक मग
ु भें व्मजतत का जीवन अऩने स्वाथय
तक सीलभत होकय यह गमा है । प्रत्मेक कामय के ऩीछे स्वाथय प्रभख
ु हो
गमा है । असभानता, आर्थयक, साभाजजक मा सम्भान, ऩद-प्रनतटठा के
कायण बी व्मजतत अऩने आऩको भ्रटट फना रेता है । बायत के अॊदय
तो भ्रटटाचाय का पैराव ददन-बय-ददन फढ़ यहा है ।
बटराचाय को तीन प्रभख
ु वगो भें ववबतत कय सकते हैं : याजनीनतक,
प्रशासननक औय व्मावहारयक। आज सयकायी व गैयसयकायी ववबाग से
रेकय लशऺा के भॊददय भाने जाने वारे स्कूर व कॉरेज बी इस
भ्रटटाचाय से अछूते नहीॊ है । भ्रटटाचाय हभाये नैनतक जीवन भल्
ू मों ऩय
सफसे फड़ा प्रहाय है ।
भ्रटटाचाय के कायण बायतीम सॊस्कृनत का ऩतन हो यहा है । भ्रटटाचाय
दयू कयने के लरए हभें लशऺण दवाया व्मककत के भनोफर को उॉ चा
उठाना होगा। सफके लरए उर्चत योिगाय की तक उऩरब्ध कयानी
होगी। सभाज भें ववलबन्न स्तयों ऩय पैरे भ्रटटाचाय को योकने के लरए
CBSE - X | HINDI
2016 भें लसल्वय ऩदक जीतने वारी ऩहरी बायतीम भदहरा खखराड़ी
फन गई हैं। बायत को इन ऩय नाज है।
प्र. 15. अऩनी दादी की र्चत्र-प्रदशयनी ऩय अऩनी प्रनतकक्रमा लरखते हुए उन्हें फधाई
ऩत्र लरखखए। 5
याभजस बवन ,
रोकभान्म ववदमारम,
याजीव नगय ,
उत्तयाखॊड,
ददनाॉक - 10. 3. 2017
आदयणीम दादीजी,
सादय चयण स्ऩशय।
आशा कयता हूॉ कक आऩ स्वस्थ एवॊ प्रसन्न र्चत्त होंगी। भैं बी ईश्वय-कृऩा
से सकुशर हूॉ। गत शननवाय अऩने छात्रावास की तयप से भैं र्चत्र प्रदशयनी
दे खने गमा वहाॉ ऩहुॊचकय ऻात हुआ कक मे तो भेयी दादाजी की र्चत्रों की ही
प्रदशयनी है भन एकदभ बाव-ववबोय हो उठा। आऩके फनाए र्चत्र इतने
सजीव रग यहे थे जैसे अबी फोर उठे गें। आऩके र्चत्र भानवीम बावनाओॊ
को हुफहू र्चबत्रत कय यहे थे। उनभें ववदमभान प्रत्मेक यॊ ग औय आकृनत र्चत्र
की खूबफमों को फड़ी ही सयरता से फमान कय यहे थे। उसभें सादगी औय
मथाथय का र्चत्रण दे खने को लभरता है। र्चत्र फहुत ही रृदम स्ऩशी तथा
बाव स्ऩशी थे।
आऩकी इस सपरता के लरए भेयी औय से इसके लरए फधाई स्वीकाय कयें।
सच भें दादाजी भझ
ु े आऩ ऩय गवय भहसस
ू हो यहा है। इस उम्र भें बी
आऩके इस जज्फे को र्चत्र प्रदशयनी भें आमा प्रत्मेक व्मजतत तायीफ कय यहा
था। स्तॊब है। आऩ हभ सफ ऩरयवाय वारों के लरए प्रेयणा अफ ऩत्र सभाप्त
कयता हूॉ। घय भें भाॉ-फाऩज
ू ी तथा दादाजी को भेया प्रणाभ कदहमएगा।
आऩका ऩोता
याकेश अवस्थी
CBSE - X | HINDI
अथवा
प्र. 16. ननम्नलरखखत गद्दमाॊश का शीषयक लरखकय एक-नतहाई शब्दों भें साय
लरखखए : 5
ऐसा कोई ददन आ सकता है, जफकक भनटु म के नाखूनों का फढ़ना फॊद हो
जाएगा। प्राखणशाजस्त्रमों का ऐसा अनभ
ु ान है की भनटु म का मह अनावश्मक
अॊग उसी प्रकाय झाड़ जाएगा, जजस प्रकाय उसकी ऩॉछ
ू झड़ गई है। उस
ददन भनटु म की ऩशत
ु ा बी रप्ु त हो जाएगी। शामद उस ददन वह भयणास्त्रों
का प्रमोग बी फॊद कय दे गा। तफ तक इस फात से छोटे फच्चों को ऩरयर्चत
कया दे ना वाॊछनीम जान ऩड़ता है की नाख़न
ू का फढ़ना भनटु म के बीतय
की ऩशत
ु ा की ननशानी है औय उसे नहीॊ फढ़ने दे ना भनटु म की अऩनी इच्छा
है , अऩना आदशय है। फेहतय जीवन भें अस्त्र-शास्त्रों को फढ़ने दे ना भनटु म
की ऩशत
ु ा की ननशानी है औय उनकी फाढ़ को योकना भनटु मत्व का
तकािा। भनटु म भें जो घण
ृ ा हैं, जो अनामास बफना लसखाए आ जाती हे,
वह ऩशत्ु व का घोतक हैं औय अऩने को सॊमत यखना, दस
ू यों के भनोबावों
का आदय कयना भनटु म का स्वधभय हैं। फच्चे मह जाने तो अच्छा हो की
अभ्मास औय टऩ से प्राप्त वस्तए
ु ॉ भनटु म को भदहभा को सर्ू चत कयाती हैं।
भनटु म औय ऩशत
ु ा
भनटु म भें नाखूनों का फढ़ना औय अस्त्र-शस्त्रों का फढ़ना दोनों ही उसके ऩशु
फनने की ननशानी है। इसलरए इन्हें योकना भनटु मत्व का तकाजा है।
भनटु म का स्वधभय है कक वह अऩने को सॊमत औय दस
ू यों के भनोबावों का
आदय कयें । फच्चे बी मह ऻान प्राप्त कय रें कक अभ्मास औय तऩ से प्राप्त
वस्तुएॉ ही भनटु म की भदहभा फताती है।
CBSE - X | HINDI
संकलित परीक्षा – II
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
समय: 3 घंटे पूर्ाांक : 90
निदे श :
खंड-क
1
CBSE - X | HINDI
2
CBSE - X | HINDI
(iii) सर ू से बागमदी दक
प्र.2. तन दानों मैं वपने छात्रों को आनु्ंलशक पढ़ा ा करदा था। तस सम मैं
मांसपेलश ों की कमिोरर ों पर भी कुछ प्र ोग कर रहा था। इन प्र ोगों से
ही ‘एवपिेनेदटक्स’ की व्धा ानकि कर आई थी। मैं मूि कोलशकाओं के
प्रादरूप द ार करदा था। े मूि कोलशका की एकाम ठीक नकि होदे थे।
इन प्रादरूपी कोलशकाओं को मैं एक-एक कर के विग करदा और तन्हें
विग-विग ्ादा्रण में रखदा, विग-विग बदहैनों में ।
इस संस्कार में रखी कोलशकाओं हर 10-12 घंटे में व्भाजिद होदी हैं, एक
से ाो हो िादी हैं। किर वगिे 10-12 घंटे में ाो से चार, और किर चार से
आठ। इसी दरह ाो हफ्दे में हिारों कोलशकाएाँ द ार होदीं। किर मैंने दीन
लभन्न ्ादा्रण में कोलशकाओं की दीन लभन्न बजस्द ााँ द ार कीं। इन
‘बजस्द ों’ का रासा ानक ्ादा्रण एकाम विग-विग था। ठीक कुछ ्से
ही िसे हर व् जक्द के शरीर का ्ादा्रण विग हटा ह और एक ही शरीर
के भीदर भी कई दरह के ्ादा्रण होदे हैं । विग-विग ्ादा्रण में भी
रखी गई इन कोलशकाओं का ‘डी.एन.ए.’ दो एकाम समान था। तनका
3
CBSE - X | HINDI
(ख) संस्कार में रखी कोलशकाएाँ हर 10-12 घंटे में व्भाजिद होकर ककदनी हो
िादी हैं
(i) चौगुनी
(ii) ादगुनी
(iii) ाग
ु ुनी
(iii) मि
ू कोलशकाओं की नकिें
5
CBSE - X | HINDI
(ख) िब दि्ारें िूिों पर िोर आ माने िगें िब मासूम आाँखों में खौफ़
न र आने-िगे का दार प है ह :
(i) िब मासूमों पर वर ाचार होने िगे
(ii) मान् वपने स््ाथहै के लिए तद ान तिाड़ने िगे
(iii) िब मासूम बच्चों को भ के बबना रहना पड़े
(iv) िब मासूम आपस में िड़ने िगें
(ग) कव् के वनुसार बहुद गिद कब ह
(i) िब ओस दि्ार की नोक पर चगरे
(ii) िब मासूम सहम िाएाँ
(iii) िब बचपन समाजतद की कगार पर हो
(iv) िब ककिकारर ों की गाँूि खामोश हो िाए
6
CBSE - X | HINDI
(i) सोच-व्चार का
(ii) ाख
ु मनाने का
(iii) तर स् मनाने का
(iv) मासूमों का
प्र. 4. ानम्नलिखखद काव् ांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही व्कल्प चुनकर
लिखखए : 1 x 5 = 5
थोड़े से बच्चों के लिए
एक बगीचा ह
तनके पााँ् ाब
ू पर पड़ रहे हैं
वसंख् बच्चों के लिए
कीचड़, धूि और गंागी से पटी
गलि ााँ हैं जिनमें ्े
वपना भव्ष् बीन रहे हैं।
कव्दा में आगे ाो दृश् और आदे हैं -
एक मे ह
लसफ़है छह बच्चों के लिए
और तनके सामने
तदने ही वंडे और सेब हैं
एक कटोराान ह सौ बच्चों के बीच
और ह ारों बच्चे
7
CBSE - X | HINDI
(क) ाब
ू पर पड़ने ्ािे पााँ् ककन बच्चों के हो सकदे हैं
(i) िो वभी बहुद छोटे हैं
(ii) िो समद्ध
ृ परर्ार से हैं
(iii) िो लशक्षक्षद परर्ार से हैं
(iv) िो गरीब परर्ार से हैं
(ख) ‘्े वपना भव्ष् बीन रहे हैं’ का दार प है ह :
(i) कूड़ा बीन कर गरीब बच्चे िी्न चिादे हैं
(ii) ्े कूड़े में रहदे हैं
(iii) वसंख् बच्चे सुख नहीं पादे
(iv) गलि ों में बच्चे वपना भव्ष् बनादे हैं
8
CBSE - X | HINDI
9
CBSE - X | HINDI
खंड–‘ख’
प्र. 5. ानाे शानुसार ाीजिए : 1 x 3 = 3
10
CBSE - X | HINDI
खण्ड ग
शहनाई और डुमरााँ् एक – ास
ू रे के लिए तप ोगी हैं। शहनाई बिाने के लिए
रीड का प्र ोग होदा ह। ररस वंार से पोिी शहनाई होदी ह जिसके सहारे
शहनाई को िाँू का िादा ह। रीड, नरकट (एक प्रकार की घास) से बनाई िादी
ह िो डुमरााँ् में मख्
ु दः सोन नाी के ककनारों पर पाई िादी ह। इदनी ही
महर दा ह इस सम डुमरााँ् की जिसके कारण शहनाई िसा ्ाद बिदा
ह। किर वमीरुद्दीन िो हम सबके वप्र हैं, वपने तस्दाा बबजस्मल्िा खााँ
साहब हैं। तनका िन्म – स्थान भी डुमरााँ् ही ह। इनके पराााा तस्दाा
सिार हुसन खााँ डुमरााँ् ान्ासी थे। बबजस्मल्िा खााँ तस्दाा पगंबरबख्श खााँ
और लमट्ठन के छोटे साहबिााे हैं।
(क) शहनाई और डुमरााँ् एक – ास
ू रे के पूरक हैं , कसे?
छा ा मद छूना,
मन, होगा ाख
ु ान
ू ा।
िी्न में हैं , सुरंग सुचध ााँ सुहा्नी
छव् ों की चचत्र-गंध ििी मनभा्नी,
दन-सुगन्धग शेष रही, बीद गई ालमनी,
कुंदि के िूिों की ाा बनी चााँानी।
भि
ू ी-सी एक छुवन बनदा हर िीव्द क्षण-
छा ा मद छना
मन, होगा ाख
ु ान
ू ा।
(क) ‘छा ा मद छूना’ – कव् ने ऐसा क् ों कहा?
(ख) ‘छव् ों की चचत्र-गंध ििी मनभा्नी’ का क् ा दार प है ह?
(ग)‘कुंदि के िूिों की ाा बनी चााँानीं’ में कव् को कौन सी ााें
कचोटदी हैं?
12
CBSE - X | HINDI
मन की एकाग्रदा क् ा और क् ों
सििदा की कुंिी
सदद वभ् ास
पजश्चम की चमक-धमक
आकषहैण के कारण
बचा्
इंटरनट-क् ा ह
मान् मन पर प्रभा्
साप
ु ोग
प्र.15. तिाजस्टक की चीिों से हो रही हाान के बारे में ककसी समाचार पत्र के
संपााक को पत्र के संपााक को पत्र लिखकर वपने सुझा् ाीजिए। 5
वथ्ा
13
CBSE - X | HINDI
देिजस््न आपका लमत्र ह और तसने नेशनि स्दर पर ऊाँिी कूा में स््णहै
पाक प्रातद कर ाे श का नाम रोशन कक ा ह, तसे बधाई ाे दे हुए पत्र
लिखखए।
प्र. 16. ानम्नलिखखद गद ांश का शीषहैक लिखकर एक-ादहाई शब्ाों में सार
लिखखए : 5
14
CBSE - X | HINDI
संकलऱत परीक्षा – II
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
समय: 3 घंटे पर्
ू ाांक : 90
निदे श :
खॊड-क
1
CBSE - X | HINDI
(iv) सौहार्द्य ऩण
ू य व्मवहाय
(i) भर
ू कोलशकाओॊ के प्रनतरूऩ तैमाय कय लबन्न-लबन्न वातावयण भें
यखना
(ख) सॊस्काय भें यखी कोलशकाएॉ हय 10-12 घॊटे भें ववबाजजत होकय ककतनी हो
जाती हैं?
(i) चौगुनी
(ii) नतगुनी
(iii) दग
ु न
ु ी
(i) भर
ू कोलशकाएॉ
(ii) नई भासॊऩेलशमाॉ
(iii) भर
ू कोलशकाओॊ की नकरें
जफ फचऩन तम्
ु हायी गोद भें
आने से कतयाने रगे,
जफ भाॉ की कोख से झाॉकती ज ॊदगी
फाहय आने से घफयाने रगे,
सभझो कुछ गरत है ।
जफ तरवायें पूरों ऩय,
जोय आ भाने रगें
जफ भासभ
ू आॉखों भें
खौफ़ न य आने रगे
5
CBSE - X | HINDI
6
CBSE - X | HINDI
(ii) जफ भासभ
ू सहभ जाएॉ
(iii) जफ फचऩन सभाजतत की कगाय ऩय हो
(iv) जफ ककरकारयमों की गज
ॉू खाभोश हो जाए
(i) सोच-ववचाय का
(ii) दख
ु भनाने का
(iii) उत्सव भनाने का
(iv) भासभ
ू ों का
(क) दफ
ू ऩय ऩड़ने वारे ऩाॉव ककन फच्चों के हो सकते हैं?
(i) जो अबी फहुत छोटे हैं
(ii) जो सभद्ध
ृ ऩरयवाय से हैं
(iii) जो लशक्षऺत ऩरयवाय से हैं
(iv) जो गयीफ ऩरयवाय से हैं
8
CBSE - X | HINDI
9
CBSE - X | HINDI
खॊड–‘ख’
प्र. 5. ननदे शानस
ु ाय दीजजए : 1 x 3 = 3
(क) एक तभ
ु ने ही इस जाद ू ऩय ववजम प्रातत की है। (वाक्म-बेद लरखखए)
उत्तय : सयर वाक्म
(ख) एक भोटयकाय उनकी दक
ु ान के साभने आकय रुकी। (सॊमक्
ु त वाक्म भें
फदलरए)
उत्तय : एक भोटय आई औय उनकी दक
ु ान के साभने आकय रुकी।
(ग) सबी ववदमाथी कवव-सम्भेरन भें सभम से ऩहुॉचे औय शाॊनत से फैठे
यहे । (लभचश्रत वाक्म भें फदलरए)
उत्तय : जैसे ही ववदमाथी कवव-सम्भेरन भें सभम से ऩहुॉच,े वैसे ही
शाॊनत से फैठ गए।
10
CBSE - X | HINDI
खण्ड ग
शहनाई औय डुभयाॉव एक – दस
ू ये के लरए उऩमोगी हैं। शहनाई फजाने के लरए
यीड का प्रमोग होता है। रयस अॊदय से ऩोरी शहनाई होती है जजसके सहाये
शहनाई को पॉू का जाता है। यीड, नयकट (एक प्रकाय की घास) से फनाई जाती
है जो डुभयाॉव भें भख्
ु मत् सोन नदी के ककनायों ऩय ऩाई जाती है। इतनी ही
भहत्ता है इस सभम डुभयाॉव की जजसके कायण शहनाई जैसा वादम फजता
है । कपय अभीरुद्दीन जो हभ सफके वप्रम हैं, अऩने उस्ताद बफजस्भल्रा खाॉ
साहफ हैं। उनका जन्भ – स्थान बी डुभयाॉव ही है। इनके ऩयदादा उस्ताद
सराय हुसन
ै खाॉ डुभयाॉव ननवासी थे। बफजस्भल्रा खाॉ उस्ताद ऩैगॊफयफख्श खाॉ
औय लभट्ठन के छोटे साहफजादे हैं।
11
CBSE - X | HINDI
12
CBSE - X | HINDI
13
CBSE - X | HINDI
छामा भत छूना,
भन, होगा दख
ु दन
ू ा।
जीवन भें हैं, सयु ॊ ग सचु धमाॉ सह
ु ावनी
छववमों की चचत्र-गॊध पैरी भनबावनी,
तन-सग
ु न्धतशेष यही, फीत गई मालभनी,
कॊु तर के पूरों की माद फनी चाॉदनी।
बर
ू ी-सी एक छुअन फनता हय जीववत ऺण-
छामा भत छना
भन, होगा दख
ु दन
ू ा।
(क) ‘छामा भत छूना’ – कवव ने ऐसा क्मों कहा?
उत्तय : छामा भत छूना’ कववता भें छामा शब्द का प्रमोग सख
ु द
अनब
ु नू त के लरए ककमा है । कवव ने भानव की काभनाओॊ-
रारसाओॊ के ऩीछे बागने की प्रवजृ त्त को दख
ु दामी भाना है ।
हभ ववगत स्भनृ तमों के सहाये नहीॊ जी सकते, हभें वतयभान
14
CBSE - X | HINDI
(क) ‘गाचधसन
ू ’ु ककसे कहा गमा है? वे भनु न की ककस फात ऩय भन ही भन
भस्
ु कया यहे थे?
उत्तय : ‘गाचधसन
ू ’ु महाॉ ऩय ववश्वालभत्र को कहा गमा है। ववश्वालभत्र
रृदम भें भस्
ु कुयाते हुए ऩयशयु ाभ की फवु द्ध ऩय तयस खाते हुए
भन ही भन कहते हैं कक ऩयशयु ाभ जी को चायों ओय हया ही
हया ददखाई दे यहा है। जजन्हें मे गन्ने की खाॉड़ सभझ यहे हैं
वे तो रोहे से फनी तरवाय (खड़ग) की बाॉनत हैं। इस सभम
ऩयशयु ाभ की जस्थनत सावन के अॊधे की बाॉनत हो गई है ।
जजन्हें चायों ओय हया ही हया ददखाई दे यहा है अथायत ् उनकी
सभझ अबी क्रोध व अहॊ काय के वश भें है ।
15
CBSE - X | HINDI
(ग) ‘फेटी, अबी समानी नहीॊ थीॊ’ – भें भाॉ की चचॊता क्मा है? ‘ कन्मादान’
कववता के आधाय ऩय लरखखए।
उत्तय : महाॉ ऩय भाॉ की चचॊता फेटी के समानी अथायत ् सभझदाय न
होने को रेकय है। फेटी अबी समानी नहीॊ थी, उसकी उम्र बी
कभ थी औय वह सभाज भें व्मातत फयु ाईमों से अॊजान थी।
भाॉ की चचॊता मह बी है कक बोरी औय सयर होने के कायण
वह ससयु ार भें कैसे यहे गी औय कहीॊ उसकी की फेटी का
जीवन चल्
ू हा-चौकी तक ही न लसभट जाए।
(घ) सॊगतकाय भें त्माग की उत्कट बावना बयी है – ऩजु ष्ट कीजजए।
उत्तय : ककसी बी ऺेत्र भें सॊगतकाय की ऩॊजक्त वारे रोग प्रनतबावान
होते हुए बी भख्
ु म मा शीषय स्थान ऩय नहीॊ ऩहुॉच ऩाते क्मोंकक
सॊगतकाय जफ भख् ु म गामक के ऩीछे -ऩीछे गाता है, वह अऩनी
16
CBSE - X | HINDI
आवा को भख्
ु म गामक की आवा से अचधक ऊॉचें स्वय भें
नहीॊ जाने दे ते ताकक भख्
ु म गामक की भहत्ता कभ न हो
जाए। मही दहचक (सॊकोच) उसके गामन भें झरक जाती है ।
वह ककतना बी उत्तभ हो ऩयन्तु स्वमॊ को भख्
ु म गामक से
कभ ही यखता है । मह उसकी असपरता का प्रभाण नहीॊ
अवऩतु उसकी भनष्ु मता का प्रभाण है कक वह शजक्त औय
प्रनतबा के यहते हुए स्वमॊ को ऊॉचा नहीॊ उठाता, फजल्क अऩने
गरुु औय स्वाभी को भहत्त्व दे ने की कोलशश कयता है ।
17
CBSE - X | HINDI
खण्ड घ
सपरता की कॊु जी
सतत अभ्मास
अॊधकाय भें खो जाते हैं। अब्राहभ लरॊकन के फाये भें कौन नहीॊ जानता उम्र
के 52 वषय भें वे अभेरयका के याष्रऩनत चन
ु े गए। क्मा वे चन
ु ाव हायने के
फाद ननयाश नहीॊ हुए होंगे? क्मा उन्हें अवसाद मा ननयाशा न घेया होगा?
जरुय उन्होंने ने बी इन सफ का साभना ककमा होगा ऩयॊ तु दहम्भत,
सहनशीरता औय आत्भववश्वास के कायण ही अॊत भें वे सपर हुए।
भनष्ु म ने जजस ऺण स्वमॊ को कभ ोय, राचाय औय ननफयर भहसस
ू कयना
शरू
ु कय ददमा सभझो उसी ऺण उसकी हाय ननजश्चत हो जाती है । भानव
को दो ववकल्ऩों के फीच सदै व चन
ु ाव कयना ऩड़ता है औय मह उसका
भानलसक स्तय, उसका वववेक है कक वह क्मा चन
ु ता है । भानलसक रूऩ से
सफर औय सचेत व्मजक्त सदै व आगे फढ़ने की फात कयता है उसके लरए
बाग्म जैसी फातें लसपय शब्द होते है उसे अऩने ऩरु
ु षाथय ऩय ववश्वास होता
है । वह ननयाशा भें बी आशा की ककयण खोज रेते है उनके लरए हय वक़्त
शरु
ु आत का वक़्त होता है ।
ऩजश्चभ की चभक-धभक
आकषयण के कायण
फचाव
19
CBSE - X | HINDI
से रेकय फज
ु ुगों तक भें पैशन के प्रनत सजगता दे ख सकते हैं।
जजस तीव्रता से पैशन के प्रनत रोगों भें आकषयण फढ़ा है औय हय
फात को पैशन के नाभ ऩय सहजता से रेने का प्रमास होता वह
ननजश्चत रूऩ से शब
ु सॊकेत तो कतई नहीॊ है । पैशन को फढ़ावा
दे ने के अनेकों कायण हो सकते हैं। ऩयॊ तु हभाये दे श भें ऩजश्चभी
सभ्मता के कुछ ज्मादा ही प्रबाव है। हभ ऩजश्चभ की दे खा दे खी भें
अऩने वास्तववक ऩरयधानों औय वेशबष
ू ा को बर
ू ते जा यहे हैं। हभाये
ऩयु ाने औय ऩायॊ ऩरयक वस्त्र तो जैसे गामफ ही हो गए हैं।
आज हभायी खासकय मव
ु ा ऩीढ़ी पैशन की इस अॊधी होड़ भें अऩने
सॊस्काय, सभ्मता व सॊस्कृनत को शने-शने बर
ू ती जा यही।
शारीनता औय सादगी से उन्हें ऩयहे ज होता जा यहा है। अफ तो
हद मह हो गई है कक ऩरयधानों से आऩ रड़का औय रड़की भें
अॊतय बी नहीॊ कय ऩाते। आज तो रड़के बी कान नछदवाने औय
रॊफे फार यखने रगे हैं। रड़ककमाॉ बी रड़कों के सभान ही वेशबष
ू ा
धायण कयने रगी है। बायतीम ऩरयधानों को आउट डेटेट कहकय
नकाय दे ते हैं।
20
CBSE - X | HINDI
इॊटयनैट-क्मा है
भानव भन ऩय प्रबाव
सदऩ
ु मोग
ववऻान के अद्भत
ू चभत्कायों भें से एक कॊतमटू य औय इॊटयनेट की सवु वधा है ।
इस मगु की यीढ़ की हड्डी है इॊटयनेट। इॊटयनेट की सवु वधा ने ऻान के ऺेत्र
भें अद्भत
ू क्राॊनत रा दी है । हय ववषम ऩय जानकायी प्रातत कयना आसान हो
गमा है । आज इॊटयनेट ने दनु नमा को जोड़ने का कामय ककमा है । रोग भेर
के भाध्मभ से अऩने याज्म मा दे श से अन्म याज्म मा दे श भें जस्थत
कामायरम से सॊऩकय स्थावऩत कय सकते हैं। इससे आने जाने भें सभम नष्ट
नहीॊ होता औय कामय सच
ु ारू रूऩ से चरता यहता है । आज इॊटयनेट ऩय दे श-
ववदे श की जानकायी, खेर, भौसभ, कपल्भ, वववाह कयवाने, नौकयी कयने,
दटकट फकु कॊग, खयीदायी सफकुछ फड़ी सहजता से सॊबव हो जाता है । फैंकों,
बफर, सच
ू ना सॊफॊधी आवश्मकताओॊ के लरए रोगों को रॊफी कताय भें खड़े
होने की आवश्मकता नहीॊ यही है । सफ कॊतमट
ू य के भाध्मभ से ककमा जा
सकता है । ववऻान की तयह इॊटयनेट वयदान बी है औय अलबशाऩ बी।
इसका दरु
ु ऩमोग बी होता है - वाइयस, अश्रीर तस्वीयें बेजना, फेंक भें से
ऩैसे ननकार रेना आदद। सबी को इॊटयनेट के साथ-साथ उसका उचचत
उऩमोग कयने के लरए प्रेरयत कयना चादहए। इसकी अननवामयता औय भहत्ता
को दे खते हुए आज सबी के लरए इसकी जानकायी प्रातत कयना तथा इसका
21
CBSE - X | HINDI
प्र.15. तराजस्टक की चीजों से हो यही हानन के फाये भें ककसी सभाचाय ऩत्र के
सॊऩादक को ऩत्र के सॊऩादक को ऩत्र लरखकय अऩने सझाव
ु दीजजए। 5
अथवा
तेजजस्वन आऩका लभत्र है औय उसने नेशनर स्तय ऩय ऊॉजी कूद भें स्वणय
ऩदक प्रातत कय दे श का नाभ योशन ककमा है, उसे फधाई दे ते हुए ऩत्र
लरखखए।
याभरोदहमा बवन
याभ रोदहमा भागय
जफरऩयु
ददनाॉक – 2 जनवयी 2016
सेवा भें ,
सॊऩादक भहोदम,
नवबायत टाईम्स
भॊफ
ु ई
ववषम : तराजस्टक वस्तुओॊ से होने वारी हाननमों से अवगत कयाने हे तु ऩत्र।
भहोदम
अत: आऩसे भेया ननवेदन है कक इस रेख को आऩ अऩने ऩत्र भें स्थान दें
जजससे हभ अऩनी ओय से आने वारे बववष्म के प्रनत कुछ जजम्भेदायी ननबा
सकें।
बवदीम
बष
ू ण ऩाॊडे
अथवा
नेहरू छात्रावास
ददल्री ऩजब्रक स्कूर
नई ददल्री
ददनाॉक-30 भाचय 2016
वप्रम तेजजस्वन
भधयु स्नेह
23
CBSE - X | HINDI
प्र. 16. ननम्नलरखखत गदमाॊश का शीषयक लरखकय एक-नतहाई शब्दों भें साय
लरखखए : 5
24
CBSE - X | HINDI
25
CBSE - X | HINDI
संकलऱत परीक्षा – I I
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
लिदे श :
खॊड-क
1
CBSE - X | HINDI
2
CBSE - X | HINDI
3
CBSE - X | HINDI
प्र.2. ननम्ननरजखत गद्ाॊश को ध्मान से ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के सही उत्तय वारे
ववकल्ऩ चुनकय नरजखए - 1 x 5 = 5
(i) गाॊधीजी फड़े वकीरों को हरुवा फनाना औय नसर ऩय भसारा वऩसना क्मों
नसखाना चाहते थे?
4
CBSE - X | HINDI
(ख) कोई बी काभ छोर्टा मा फड़ा नहीॊ , सबी ऩेशे एक-सभान हैं
(क) आत्भननबययता को
(ग) अहहॊ सा को
5
CBSE - X | HINDI
(क) दे शबवक्त का
(ख) आध्माजत्भकता का
(ग) फहादयु ी का
(घ) सभझदायी का
6
CBSE - X | HINDI
7
CBSE - X | HINDI
8
CBSE - X | HINDI
घय के वऩॊजये का तोता
वह हपय वऩॊजये भें आना चाहता है
भहभूदा भेयी फहन
इसी ऩानी भें फह यही है तेयी राडरी गऊ
इसका फछड़ा ऩता नहीॊ कहाॉ है
तेयी गऊ के दध
ू बये थन
अकड़ कय रोहा हो गए हैं
जभ गमा है दध
ू
सफ तयप ऩानी ही ऩानी
ऩूया शहय डर झीर हो गमा है
भहभूदा, भेयी भहभूदा
भैं तेये साथ खड़ी हूॉ
भुझे मकीन है छत ऩय जरुय
कोई ऩानी की फोतर नगये गी
कोई खाने का साभान मा दध
ू की थैरी
भें कुयफान उन फच्चों की भाॉओॊ ऩय
जो फाढ़ भें से ननकरकय
फच्चों की तयह ऩीहड़तों को
सुयजऺत स्थान ऩय ऩहुॉचा यही है
भहभूदा हभ दोनों हपय खड़े होंगे
भें तुम्हायी कभनरनी अऩनी धयती ऩय .....
उसे चूभ रेंगे अऩने सूखे होठों से
ऩानी की इस तफाही से हपय ननकर आएगा
भेया चाॉद जैसा जम्भू
भेया पूर जैसा कश्भीय।
9
CBSE - X | HINDI
10
CBSE - X | HINDI
खॊड–‘ख’
प्र. 5. ननदे शानुसाय उत्तय दीजजए : 1 x 3 = 3
(ख) एक नचहड़मा हभायी जखड़की ऩय डयी-डयी फैठी थी। (नभश्र वाक्म भें
फदनरए)
(ग) झूयी के दोनों फैरों को गमा के घय भजफूयन जाना ऩड़ा। (सॊमक्त
ु वाक्म
भें फदनरए)
11
CBSE - X | HINDI
खण्ड ग
प्र.9. ननम्ननरजखत गद्ाॊश को ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के सही उत्तय वारे ववकल्ऩ
चुनकय नरजखए : 2+2+1 = 5
अथवा
12
CBSE - X | HINDI
(क) रेखक नार्टकों भें जस्त्रमों की बाषा प्राकृ त होने को उनकी अनशऺा का
प्रभाण नहीॊ भानता। इसके नरए वह क्मा तकय दे ता है ?
(ग) वफजस्भल्रा खाॉ जीवन बय ईश्वय से क्मा भाॉगते यहे , औय क्मों? इससे
उनकी हकस ववशेषता का ऩता चरता है ?
(घ) काशी भें हो यहे कौन-से ऩरयवतयन वफजस्भल्रा खाॉ को व्मनथत कयते
थे?
13
CBSE - X | HINDI
नरजखए : 2+2+1=5
अथवा
14
CBSE - X | HINDI
(क) ‘भृगतृष्णा’ हकसे कहते हैं ? ‘छामा भत छूना’ कववता भें इसका प्रमोग
हकस अथय भें हुआ है ?
(ख) क्मा हुआ जो जखरा पूर यस फसॊत जाने ऩय?–का क्मा बाव है?
(ग) ‘कन्मादान’ कववता भें हकसे दख
ु वाॉचना नहीॊ आता था औय क्मों?
(घ) ‘कन्मादान’ कववता की भाॉ ऩयॊ ऩयागत भाॉ से कैसे नबन्न है ?
(ङ) भाॉ की सीख भें सभाज की कौन-सी कुयीनतमों की ओय सॊकेत हकमा
गमा है ?
खण्ड घ
(क) प्रदष
ू ण : सभस्मा औय सभाधान
प्रदष
ू ण के प्रकाय
कायण औय प्रबाव
उऩाम
खेरकूद का भहत्त्व
ववद्धानों के ववचाय
15
CBSE - X | HINDI
फढ़ता भ्रष्टाचाय
भुवक्त के उऩाम
प्र.15. अऩने वप्रम नभत्र को ऩत्र नरखकय धन्मवाद दीजजए की आड़े वक्त भें उसने
हकस तयह आऩका साथ हदमा था। 5
प्र. 16. ननम्ननरजखत गद्ाॊश का शीषयक नरखकय एक-नतहाई शब्दों भें साय नरजखए
: 5
भधुय वचन सुनकय हकसका रृदम प्रसन्न नहीॊ हो जाता। भधुय वचन भीठी
औषनध के सभान रगते हैं तो कड़वे वचन तीय के सभान चुबते हैं। भधुय
वचन वास्तव भें औषनध के सभान दख
ु ी भन का उऩचाय कयते हैं। भधुय
वचन न केवर सुननेवारे अवऩतु फोरनेवारे को बी आजत्भक शाॊनत प्रदान
कयते हैं । जो व्मवक्त भधुय वचन नहीॊ फोरते, वे अऩनी ही वाणी का
दरू
ु ऩमोग कयते हैं। ऐसे व्मवक्त सॊसाय भें अऩनी साभाजजक प्रनतिा खो
फैठते हैं तथा अऩने जीवन को कष्टकायी फना रेते हैं। कड़वे वचनों से
उनके फनते कभ वफगड़ जाते है तथा वे प्रनतऩर अऩने ववयोनधमों व शत्रुओॊ
को जन्भ दे ते हैं। भुसीफत के सभम रोग उनसे भुॉह पेय रेते हैं। भधुय
वचन से कोभरता, नम्रता तथा सहहष्णुता की बावना का जन्भ होता है।
इन गुणों से व्मवक्त का व्मवक्तत्व ननखय उठता है। शाॊत व्मवक्त ही भधुय
वचन फोर ऩता है जफहक क्रोधी सदा दव
ु च
य न ही फोरता है। दव
ु च
य न सभाज
भें ईष्माय, द्वे ष, रड़ाई, वैभनस्म, ननदा आहद दग
ु ण
ुय ों को जन्भ दे ते हैं।
भधुय वचन ननजित रूऩ से सॊसाय भें प्रेभ, बाईचाया तथा सुखों का सॊचाय
कयते हैं । भानव को सॊसाय की सुख-शाॊनत के नरए वाणी को ननमॊत्रण भें
यखकय सदा ही उसका सदऩ
ु मोग कयना चाहहए।
16
CBSE - X | HINDI
संकलऱत परीक्षा – I I
SUMMATIVE ASSESSMENT – II
हिन्दी
HINDI
(पाठ्यक्रम अ)
(Course - A)
लिदे श :
खॊड-क
1
CBSE - X | HINDI
2
CBSE - X | HINDI
3
CBSE - X | HINDI
प्र.2. ननम्ननरजखत गद्ाॊश को ध्मान से ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के सही उत्तय वारे
ववकल्ऩ चुनकय नरजखए - 1 x 5 = 5
(i) गाॊधीजी फड़े वकीरों को हरुवा फनाना औय नसर ऩय भसारा वऩसना क्मों
नसखाना चाहते थे?
4
CBSE - X | HINDI
(ख) कोई बी काभ छोर्टा मा फड़ा नहीॊ , सबी ऩेशे एक-सभान हैं
(क) आत्भननबययता को
(ग) अहहॊ सा को
5
CBSE - X | HINDI
(क) दे शबवक्त का
(ख) आध्माजत्भकता का
(ग) फहादयु ी का
(घ) सभझदायी का
6
CBSE - X | HINDI
7
CBSE - X | HINDI
8
CBSE - X | HINDI
घय के वऩॊजये का तोता
वह हपय वऩॊजये भें आना चाहता है
भहभूदा भेयी फहन
इसी ऩानी भें फह यही है तेयी राडरी गऊ
इसका फछड़ा ऩता नहीॊ कहाॉ है
तेयी गऊ के दध
ू बये थन
अकड़ कय रोहा हो गए हैं
जभ गमा है दध
ू
सफ तयप ऩानी ही ऩानी
ऩूया शहय डर झीर हो गमा है
भहभूदा, भेयी भहभूदा
भैं तेये साथ खड़ी हूॉ
भुझे मकीन है छत ऩय जरुय
कोई ऩानी की फोतर नगये गी
कोई खाने का साभान मा दध
ू की थैरी
भें कुयफान उन फच्चों की भाॉओॊ ऩय
जो फाढ़ भें से ननकरकय
फच्चों की तयह ऩीहड़तों को
सुयजऺत स्थान ऩय ऩहुॉचा यही है
भहभूदा हभ दोनों हपय खड़े होंगे
भें तुम्हायी कभनरनी अऩनी धयती ऩय .....
उसे चूभ रेंगे अऩने सूखे होठों से
ऩानी की इस तफाही से हपय ननकर आएगा
भेया चाॉद जैसा जम्भू
भेया पूर जैसा कश्भीय।
9
CBSE - X | HINDI
10
CBSE - X | HINDI
खॊड–‘ख’
प्र. 5. ननदे शानुसाय उत्तय दीजजए : 1 x 3 = 3
उत्तय:नभश्र वाक्म
(ख) एक नचहड़मा हभायी जखड़की ऩय डयी-डयी फैठी थी। (नभश्र वाक्म भें
फदनरए)
उत्तय:एक नचहड़मा हभायी जखड़की ऩय फैठी थी जो हक डयी-डयी थी।
(ग) झूयी के दोनों फैरों को गमा के घय भजफूयन जाना ऩड़ा। (सॊमक्त
ु वाक्म
भें फदनरए)
उत्तय:झूयी के दोनों फैरों को गमा के घय नहीॊ जाना था, उन्हें भजफूयन
जाना ऩड़ा।
11
CBSE - X | HINDI
12
CBSE - X | HINDI
खण्ड ग
प्र.9. ननम्ननरजखत गद्ाॊश को ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के सही उत्तय वारे ववकल्ऩ
चुनकय नरजखए : 2+2+1 = 5
13
CBSE - X | HINDI
14
CBSE - X | HINDI
(क) रेखक नार्टकों भें जस्त्रमों की बाषा प्राकृ त होने को उनकी अनशऺा का
प्रभाण नहीॊ भानता। इसके नरए वह क्मा तकय दे ता है ?
उत्तय: ऩुयाने ज़भाने की जस्त्रमों द्वाया प्राकृ त भें फोरना उनके अऩढ़ होने
का प्रभाण नहीॊ है,क्मोंहक फोरचार की बाषा प्राकृ त ही थी जजसे
सुनशजऺतों द्वाया बी फोरा जाता था। जजस तयह आज हहॊ दी जन
साधायण की बाषा है ।
15
CBSE - X | HINDI
(ग) वफजस्भल्रा खाॉ जीवन बय ईश्वय से क्मा भाॉगते यहे , औय क्मों? इससे
उनकी हकस ववशेषता का ऩता चरता है ?
(घ) काशी भें हो यहे कौन-से ऩरयवतयन वफजस्भल्रा खाॉ को व्मनथत कयते
थे?
उत्तय: काशी की अनेकों ऩयम्ऩयाएॉ धीये -धीये रुप्त होती जा यही है।ऩहरे
काशी खानऩान की चीज़ों के नरए ववख्मात हुआ कयता था। ऩयन्तु अफ
वह फात नहीॊ यह गई है।कुरसुभ की छन्न कयती सॊगीतात्भक कचौड़ी
औय दे शी घी की जरेफी आज नहीॊ यही है ।सॊगीत, साहहत्म औय अदफ
की ऩयॊ ऩया भें बी धीये -धीये कभी आ गई है । अफ ऩहरे जैसा प्माय औय
बाईचाया हहन्दओ
ु ॊ औय भुसरभानों के फीच दे खने को नहीॊ
नभरता।गामक कराकायों के भन भें बी सॊगत कयने वारे कराकायों के
प्रनत फहुत अनधक सम्भान नहीॊ फचा है ।काशी की इन सबी रुप्त होती
ऩयॊ ऩयाओॊ के कायण वफजस्भल्रा खाॉ द:ु खी थे।
16
CBSE - X | HINDI
नरजखए : 2+2+1=5
17
CBSE - X | HINDI
अथवा
तायसप्तक भें जफ फैठने रगता है उसका गरा
प्रेयणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से याख जैसा कुछ नगयता हुआ
तबी भुख्म गामक को ढाॉढ़स फॉधाता
कहीॊ से चरा आता है सॊगतकाय का स्वय।
(क) ‘याख जैसा’ हकसे कहा गमा है औय क्मों?
उत्तय:याख जैसा भुख्म गामक के गरे फैठने को कहा गमा है।महाॉ ऩय
कहने का तात्ऩमय मह है हक ऊॉचें स्वय भें गाते यहने के कायण जफ
भुख्म गामक का गरा फैठने रगता है तो उसकी आवाज डू फती सी
प्रतीत होती है।
(ख) ‘तायसप्तक भें जफ फैठने रगता है उसका गरा
प्रेयणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’ – का बाव स्ऩष्ट
कीजजए।
उत्तय:इन ऩॊवक्तमों का बाव मह है हक तायसप्तक भें गाने के कायण कई
फाय कवव का गरा फैठने रगता है ,गाने की इच्छा सभाप्त होने रगती
है ,उसका उत्साह भॊद औय आवाज डू फने रगती है ।
(ग) ‘उसका गरा’ भें ‘उसका’ हकसके नरए प्रमुक्त हुआ है ?
उत्तय: ‘उसका गरा’ भें ‘उसका’ भुख्म गामक नरए प्रमुक्त हुआ है।
(क) ‘भृगतृष्णा’ हकसे कहते हैं ? ‘छामा भत छूना’ कववता भें इसका
प्रमोग हकस अथय भें हुआ है ?
उत्तय: भृगतृष्णा दो शब्दों से नभरकय फना है भृग व तृष्णा। इसका
अथय है आॉखों का भ्रभ अथायत ् जफ कोई चीज़ वास्तव भें न होकय भ्रभ
की जस्थनत फनाए, उसे भृगतृष्णा कहते हैं । इसका प्रमोग कववता भें
प्रबुता की खोज भें बर्टकने के सॊदबय भें हुआ है । इस तृष्णा भें पॉसकय
भनुष्म हहयन की बाॉनत भ्रभ भें ऩड़ा हुआ बर्टकता यहता है ।
18
CBSE - X | HINDI
(ख) क्मा हुआ जो जखरा पूर यस फसॊत जाने ऩय?–का क्मा बाव है?
उत्तय: ‘क्मा हुआ जो जखरा पूर यस फसॊत जाने ऩय ऩॊवक्त का बाव
फीती फातों को बुराकय आगे फढ़ने से है।कवव के कहने का तात्ऩमय
महाॉ मह है हक भन भें फसी मादों औय कल्ऩनाओॊ भें न जीकय हभें
वतयभान को स्वीकाय कयके आगे का जीवन जीना चाहहए।
(ग) ‘कन्मादान’ कववता भें हकसे दख
ु वाॉचना नहीॊ आता था औय क्मों?
उत्तय:’कन्मादान’ कववता भें फेर्टी को द्ु ख फाॉचना नहीॊ आता है।फेर्टी
अबी सयर औय बोरी है।वह वैवाहहक जीवन के कष्टों औय दख
ु ों को
नहीॊ जानती है।
(घ)‘कन्मादान’ कववता की भाॉ ऩयॊ ऩयागत भाॉ से कैसे नबन्न है ?
उत्तय:’कन्मादान’ कववता की भाॉ ऩयॊ ऩयागत भाॉ से नबन्न इसनरए है
क्मोंहक वह अऩनी फेर्टी को ऩुयानी भान्मताओॊ के अनुसाय केवर एक
फेर्टी फनने की अथायत ् अत्माचाय सहने की सीख नहीॊ दे ती है फजल्क
अऩनी फेर्टी को सभाज की वस्तु जस्थनत से ऩरयनचत कयवा कय उसे
सचेत औय सावधान कयती है जजससे कोई उसका अनुनचत राब न
उठाएॉ ।
(ङ) भाॉ की सीख भें सभाज की कौन-सी कुयीनतमों की ओय सॊकेत हकमा
गमा है ?
उत्तय:भाॉ की सीख हभाये सभाज भें व्माप्त स्त्री-ऩुरुष
असभानता,भहहराओॊ का शोषण,अत्माचाय, दहे ज़ प्रथा आहद कुयीनतमों
की ओय सॊकेत कयती है।
फेहर्टमाॉ अऩने घय भें तो असभानता झेरती ही है ऩयन्तु ससुयार भें बी
उसके साथ दम
ु भ व्मवहाय ही हकमा जाता है।वे घय गृहस्थी सॊबारती
है , इसके फावजूद उस ऩय कई प्रकाय के अत्माचाय हकए जाते हैं ।कई
फाय तो उसे आग से जरा हदमा जाता है मा आत्भहत्मा कयने के नरए
भजफूय हकमा जाता जाता है।
19
CBSE - X | HINDI
20
CBSE - X | HINDI
खण्ड घ
(क) प्रदष
ू ण : सभस्मा औय सभाधान
प्रदष
ू ण के प्रकाय
कायण औय प्रबाव
उऩाम
21
CBSE - X | HINDI
ध्वनन प्रदष
ू ण को योकने के नरए घय भें र्टी.वी., सॊगीत सॊसाधनों की
आवाज धीभी यखें,काय का हानय अनावश्मक न फजामें,राउड स्ऩीकय का
प्रमोग न कयें ,शादी वववाह भें फैंड-फाजे-ऩर्टाखे आहद व्मवहाय भें न
राऐॊ।
वामु प्रदष
ू ण से फचने के नरए-घय, पैक्री, वाहन के धुॉए को सीभा भें
यखें,ऩर्टाखों का इस्तेभार न कयें,कूड़ा-कचया जराऐॊ नहीॊ, ननमत स्थान
ऩय डारें,जरूयी हो तो थूकने के नरए फहती नानरमों मा थूकदान का
इस्तेभार कयें ।
जर प्रदष
ू ण से फचने के नरए-नारों-कुओॊ-ताराफों-नहदमों भें गन्दगी
न,सावयजननक जर ववतयण के साथ छे ड़छाड़ न कयें,ववसजयन ननमत
स्थान ऩय ही कयें ,ऩानी की एक बी फूॉद फफायद न कयें ।
यासामननक प्रदष
ू ण से फचने के नरए-यासामननक की जगह जैववक
खाद, प्राजस्र्टक की जगह कागज, ऩोनरस्र्टय की जगह सूती कऩड़े मा
जूर्ट आहद का इस्तेभार कयें,प्राजस्र्टक की थैनरमाॉ आहद यास्ते भें न
पेंकें,ज्मादा से ज्मादा ऩेड़-ऩौधे, हरयमारी रगाए।
अत:हभ सफको नभरकय प्रदष
ू ण को फढ़ने से योकना होगा अन्मथा
आनेवारे वषो भें हभाया जीवन दब
ू य हो जाएगा।
खेरकूद का भहत्त्व
ववद्धानों के ववचाय
22
CBSE - X | HINDI
खेर कई तयह के होते हैं - हक्रकेर्ट , हॉकी, रॉन र्टे ननस, पुर्टफॉर जैसे
खेरों के नरए फड़े भैदान की ज़रुयत होती है । खो-खो , कफड्डी,र्टे फर-
र्टे ननस जैसे खेर छोर्टे भैदान भें बी खेरे जा सकते हैं ।महद हभ
ननमनभत रूऩ से खेरते यहते हैं ,तो हभाया स्वास््म ठीक यहता है ।हभ
चुस्त-दरू
ु स्त फने यहते हैं । इससे फीभारयमाॉ बी दयू यहती हैं साथ ही
डॉक्र्टय औय दवाईमों भें आने वारा खचाय बी कभ हो जाता है ।
ववद्ानथयमों के नरए तो खेर उत्तभ औषनध के सभान है । ऩढ़ाई कयने के
फाद खेरने से भन को नई शवक्त प्रदान होती है । खेरने से ववद्ानथयमों
भें उऩजा तनाव कभ होता है ।
आज हय दे श भें खेरों को आवश्मक औय भहत्वऩूणय स्थान हदमा जाता
है । स्कूरों भें फच्चों के सॊऩण
ू य ववकास के नरए अनेक प्रकाय के खेरों
की व्मवस्था होती है , इसनरए भाता-वऩता बी अऩने फच्चो को उसी
स्कूर भें डारना चाहते हैं जहाॉ खेरों को ज्मादा भहत्व हदमा जाता
है ।खेरों से सहमोग ,उदायता,सहनशीरता,अनुशासन बाईचाये आहद की
बावना तथा भेर जोर की आहद जैसे गुण ववकनसत होते है । खेरों
को व्मवसाम के रूऩ भें अऩनाने से जखराड़ी दे श-ववदे श भें मश औय
धन दोनों कभा यहे हैं । इन सफ फातों को दे खते हुए हभ खेरों के
भहत्व को नकाय नहीॊ सकते हैं । कई याष्ट्रीम औय फहुयाष्ट्रीम कॊऩननमा
खेर-क्रफों औय प्रनतबाशारी जखराहडमों को आनथयक सहामता दे यही है
23
CBSE - X | HINDI
फढ़ता भ्रष्टाचाय
भुवक्त के उऩाम
भ्रष्टाचाय अथायत ् भ्रष्ट + आचाय। भ्रष्ट मानी फुया मा वफगड़ा हुआ तथा
आचाय का भतरफ है आचयण। अथायत ् भ्रष्टाचाय का शाजब्दक अथय है
भ्रष्ट हकसी बी प्रकाय से अनैनतक औय अनुनचत हो। आज बायत भें
ऐसे कई व्मवक्त भौजूद हैं जो भ्रष्टाचायी है ।
प्र.15. अऩने वप्रम नभत्र को ऩत्र नरखकय धन्मवाद दीजजए की आड़े वक्त भें उसने
हकस तयह आऩका साथ हदमा था। 5
नेहरू छात्रावास
हदल्री ऩजब्रक स्कूर
नई हदल्री
हदनाॉक-30 भाचय 20XX
वप्रम याजीव
सप्रेभ नभस्ते
ऩत्र दे य से नरखने के नरए ऺभा चाहता ह।ॉू तुभ तो जानते ही हो हक भेयी
वावषयक ऩयीऺा चर यही थी।जजसके कायण भें तुम्हें ऩत्र नहीॊ नरख ऩामा। मह
ऩत्र भैंने तुम्हें धन्मवाद दे ने के नरए नरखा है।तुम्हें माद होगा ही हक
छात्रावास रौर्टने के ऩहरे भें तुम्हाये घय तुभसे नभरने आमा था, ऩयन्तु तुभ
नहीॊ नभरे औय उसी दौयान भेया ऩाठ्मक्रभ से सम्फॊनधत अनत भहत्त्वऩूणय
25
CBSE - X | HINDI
प्र. 16. ननम्ननरजखत गद्ाॊश का शीषयक नरखकय एक-नतहाई शब्दों भें साय नरजखए
: 5
भधुय वचन सुनकय हकसका रृदम प्रसन्न नहीॊ हो जाता। भधुय वचन भीठी
औषनध के सभान रगते हैं तो कड़वे वचन तीय के सभान चुबते हैं। भधुय
वचन वास्तव भें औषनध के सभान दख
ु ी भन का उऩचाय कयते हैं। भधुय
वचन न केवर सुननेवारे अवऩतु फोरनेवारे को बी आजत्भक शाॊनत प्रदान
कयते हैं । जो व्मवक्त भधुय वचन नहीॊ फोरते, वे अऩनी ही वाणी का
दरू
ु ऩमोग कयते हैं। ऐसे व्मवक्त सॊसाय भें अऩनी साभाजजक प्रनतिा खो
फैठते हैं तथा अऩने जीवन को कष्टकायी फना रेते हैं। कड़वे वचनों से
उनके फनते कभ वफगड़ जाते है तथा वे प्रनतऩर अऩने ववयोनधमों व शत्रुओॊ
को जन्भ दे ते हैं। भुसीफत के सभम रोग उनसे भुॉह पेय रेते हैं। भधुय
वचन से कोभरता, नम्रता तथा सहहष्णुता की बावना का जन्भ होता है।
इन गुणों से व्मवक्त का व्मवक्तत्व ननखय उठता है। शाॊत व्मवक्त ही भधुय
वचन फोर ऩता है जफहक क्रोधी सदा दव
ु च
य न ही फोरता है। दव
ु च
य न सभाज
26
CBSE - X | HINDI
27