Chakras in The Body

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कबबीर ससागर ममें अध्यसाय ‘‘कबबीर बसानबी ‘‘ पपृष्ठ 111 पर शरबीर कक कमललों ककी यथसाथर्थ जसानकसारबी हहै जजो

इस प्रकसार हहैह -
1) प्रथम ममूल कमल हहै, दकव गणकश हहै। चसार पपंखखड़बी कसा कमल हहै।
2) दमू स रसा स्वसाद कमल हहै, दकवतसा ब्रहसा-ससाववतसाबी हहैं। छह पपंखखड़बी कसा कमल हहै।
3) तबीसरसा नसावभि कमल हहै, लक्ष्मबी-ववष्णख दकवतसा हहैं। आठ पपंखखड़बी कसा कमल हहै।
4) चहैथ सा हृदय कमल हहै, पसावर्थतबी-वशव दकवतसा हहैं। 12 पपंखखड़बी कसा कमल हहै।
5) पसापाँच वसापं कपंठ कमल हहै, अववदसा (दखगसार्थ) दकवतसा हहै। 16 पपंखखड़बी कसा कमल हहै।

कबबीर ससागर ममें भिवतसारण बजोध ममें पपृष्ठ 57 पर वलखसा हहै वक:-
षट्कमल पपंखख ड़ बी हहै तबीनबी। सरस्वतबी वसास पखन ह तहसापाँ वकन्हबी।।
सप्तमम् कमल वतकख टबी तबीरसा। दजोय दल मसापंह बी बसहै दजोई बबीरसा (शमूर वबीर )।।

6) यह छठसा सपंगम कमल वतकख टबी सक पहलक हहै जजो सखष्मणसा कक दमूसरक अपंत वसालक दसार पर बनसा हहै। इसककी तबीन पपंखवख ड़यसापाँ हहै। इसममें सरस्वतबी कसा वनवसास हहै। वसास्तव ममें दखगसार्थ जबी हबी अन्य रूप
ममें यहसापाँ रहतबी हहै। इसकक ससाथ 72 करजोड़ सखन्दर दकववयसापाँ रहतबी हहैं। इसककी तबीन पपंखखवड़यसापाँ हहैं। इन तबीनलों ममें सक एक ममें परमकश्वर कसा वनवसास हहै जजो अन्य रूप ममें रहतक हहैं। एक पपंख खड़बी ममें
सरस्वतबी तथसा 72 करजोड़ दकववयसापाँ जजो ऊपर जसानक वसालक भिकलों कजो आकवषर्थत करकक उनकजो अपनक जसाल ममें फपाँ ससातबी हहैं। दमूसरबी पपंखखड़बी ममें कसाल अन्य रूप ममें रहतसा हहै। मन रूप ममें कसाल कसा
वनवसास हहै तथसा करजोड़लों यखवसा दकव रहतक हहैं जजो भिकमवतयलों कजो आकवषर्थत करकक कसाल कक जसाल ममें फपाँ ससातक हहैं। तबीसरबी पपंखखड़बी ममें परमकश्वर जबी हहैं जजो अपनक भिकलों कजो सतकर्थ करतक हहैं वजससक
सतगखरू कक भिक उन सखन्दर पररयलों कक मजोह ममें नहहीं फपाँ सतक।

7) ससातवसापं वतकख टबी कमल हहै वजसककी कसालबी तथसा सफक द दजो पपंखखवड़यसापाँ हहैं। कसालबी ममें कसाल कसा सतगखरू रूप ममें वनवसास हहै तथसा सफक द ममें सत्य पखरूष कसा सतगखरू रूप ममें वनवसास हहै।

8) आठवसापाँ कमल (अष्ट कमल) यक दजो हहैं। एक तजो उसक कहसा हहै जजो सपंह स्र कमल कहसा हहै वजसममें कसाल नक एक हजसार ज्यजोवत जगसाई हहैं जजो ब्रहलजोक ममें हहै। इसकजो सपंहस्र कमल कहतक हहैं।
इसककी हजसार पपंखखड़बी हहैं। यह वसर ममें जजो चजोटबी स्थसान (सवर्वोपरर) हहै, उसकजो ब्रहसाण्ड कहसा जसातसा हहै। जहैसक कई ऋवषयलों ककी लबीलसा ममें वलखसा हहै वक वक ब्रहसाण्ड फजोड़कर वनकल गए। इनकक
वसर ममें तसालख कक ऊपर और चजोटबी स्थसान कक बबीच ममें वनशसान बन जसातसा हहै। शरबीर त्यसाग जसातक हहैं। वक शखन्य ममें भ्रमण करतक रहतक हहैं। वक ओमम् (Om) अक्षर कसा जसाप तथसा हठ यजोग करकक यह
गवत प्रसाप्त करतक हहैं। महसाप्रलय ममें नष्ट हजो जसातक हहैं। वफर जबीव रूप जन्मतक हहैं। इस वसर कक ऊपर कक भिसाग कजो ब्रहसाण्ड कहतक हहैं। यह आठवसापं कमल ब्रहसाण्ड ममें इस प्रकसार कहसा हहै।
इस कमल ममें कसाल वनरपंजन नक धजोखसा कर रखसा हहै। कक वल ज्यजोवत वदखसाई दकतबी हहै जजो प्रत्यकक पपंखखड़बी ममें जगमगसातबी हहै। उस कमल ममें परमसात्मसा कबबीर जबी भिबी गखप्त रूप ममें वनवसास करतक हहैं।
इसकक ससाथ-ससाथ परमसात्मसा जबी प्रत्यकक कमल ममें अपनबी शवक कसा प्रवकश रखतक हहैं।

अन्य अष्ट कमल वह जजो सत्यलजोक ममें जसानक वसालक रसास्तक ममें हहै। उसककी दश (10) पपंखखवड़यसापाँ हहैं जजो ब्रह कक ससाधक हहैं। उनकक वलए आठवसापं कमल सपंहस्र कमल हहै जजो हजसार पपंखखवड़यलों वसालसा
हहै। इसममें वनरपंजन कसा वनवसास हहै। भिवतसारण बजोध पपृष्ठ 57 पर वसाणबी हहै:-
अष्टम कमल ब्रहण्ड कक मसापंह बी। तहसापाँ वनरपंज न दमू स र नसापंह बी।।

फर दमूसरसा अष्टम कमल मबीनबी सतलजोक ममें जसानक वसालक मसागर्थ ममें हहै।

9) ननौं व सापं कमल मबीनबी सतलजोक ममें हहै। तबीसरसा अष्टम कमल अक्षर पखरूष कक लजोक ममें हहै। उसकसा यहसापाँ वणर्थन नहहीं करनसा हहै। वह वपण्ड (शरबीर) सक बसाहर समूक्ष्म शरबीर ममें हहै। शब्द ‘‘कर नहैंनजो
दबीदसार महल ममें प्यसारसा हहै‘‘ ममें सबकजो वभिन-वभिन बतसायसा हहै

कबबीर ससागर ममें कबबीर बसानबी अध्यसाय कक पपृष्ठ 111(957) पर ननौंवक कमल कसा वणर्थन हहै। ननौममें कमल ककी शपंख पपंखखड़बी हहैं। पमूणर्थ ब्रह कसा वनवसास हहै।

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