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और िचिकत्सा
एक तीसरे प्रकार का भी मिस्तष्क का अस्थाई दौरा होता है िजसमे Stroke के लक्षण कुछ
िमनटों से लेकर कुछ घंटो तक ही रहते है और बाद में ठीक हो जाते है। इसे Transient
Ischemic Attack या TIA कहा जाता है। यह इस बात की चेतावनी देता है की आपको
कोई समस्या है और इसका इलाज न कराने पर िनकट भिवष्य में आपको Stroke पड़ सकता
है।
1) Ischemic Stroke - अरक्तता मिस्तष्क का दौरा
Stroke होने का यह सबसे आम कारण है। लगभग 80 से 85 % लोगो में मिस्तष्क का दौरे
कारण यही होता है। यह मिस्तष्क के िकसी रक्तवािहनी के संकीणर् होने या अवरोध िनमार्ण होने
के कारण होता है। इसके प्रमुख 2 कारण है :
Thrombotic Stroke - इस प्रकार के मिस्तष्क के दौर में मिस्तष्क के रक्त वािहनी में खून
के जम जाने के कारण या थक्के / clot के कारण अवरोध िनमार्ण हो जाता है। िजन रोिगयों में
खून के अंदर Cholesterol का प्रमाण ज्यादा होता है, ऐसे रोिगयो के रक्तवािहनी में भीतरी
स्तर पर Fats जमा हो जाता ही िजसे plaque कहते है। इस जमा हुए plaque पर खून का
थक्का जमा हो जाने पर धीरे-धीरे पूरी रक्तवािहनी में अवरोध िनमार्ण हो जाता है
और मिस्तष्क के उस िहस्से को रक्त न िमलने पर Thrombotic stroke पड़ जाता है।
मिस्तष्क के िकसी रक्तवािहनी में रक्तस्त्राव होने के कारन होने वाले इस मिस्तष्क के दौरे बेहद
गंभीर होते है। उच्च रक्तचाप, रक्त वािहनी की जन्मजात िवकृित या रक्त वािहनी में फुलाव
(Aneursyms) के कारण मिस्तष्क में रक्तस्त्राव हो सकता है।
मिस्तष्क का दौरा / Stroke के क्या लक्षण है ?
Stroke के लक्षण मिस्तष्क के में यह िकस जगह पड़ा है और िकतनी क्षित हुई है इस बात पर
िनभर्र करता है। मिस्तष्क के दौरे में लक्षण अचानक होते है और इनमे िनम्न लक्षण शािमल है :
शरीर के एक ही तरफ के चेहरे, हाथ या टांग में सुन्नपन, चीिटया दौड़ना या कमजोरी सा महसूस
होना।
भ्रम की िस्तिथ।
F - Face (Facial Weakness) : रोगी को हँ सने के िलए कहे। उसका चेहरा, होठ और
आँ ख एक तरफ लटक जाए तो यह मिस्तष्क के दौरे का लक्षण है।
A - Arms (Arm Weakness) : रोगी को हाथ उठाने और सामने फ़ैलाने के िलए कहे।
अगर रोगी का एक हाथ उठ न पाए और उठ पाने पर जल्द िनचे झुक जाए तो यह मिस्तष्क के
दौरे का लक्षण है।
S - Speech (Speech Difficulty) : रोगी से कुछ सवाल पूछे। अगर वो ठीक से बोल न
पाए और उसकी आवाज लड़खड़ाए, छोटे वाक्य भी मुिश्कल से बोले तो यह मिस्तष्क के दौरे का
लक्षण है।
T - Time (Time to Act) : ऐसी िस्तिथ में रोगी को तुरत
ं डॉक्टर के पास अस्पताल में
पहुचाना चािहए। पहले 3 घंटे के golden period में रोगी को उपचार प्राप्त होने पर मिस्तष्क
के दौरे से होने वाले क्षित से बचाया जा सकता है।
मिस्तष्क का दौरा / Stroke िकसे हो सकता है ?
तनाव से दू र रहे।
अगर आप मोटापे के िशकार है तो अपना वजन िनयंित्रत रखे। पढ़े Weight Loss
अगर आपको बार-बार सरददर् की परेशानी होती है तो िचिकत्सक से इसकी जाँच कराना
चािहए। िचिकत्सक के सलाह अनुसार CT Scan या MRI द्वारा जाँच हो सकती है।
अगर आपको कोई तकलीफ नहीं है िफर भी 30 वषर् के होने के पश्च्यात साल में एक बार
डॉक्टर से अपनी शारीरक जाँच करा लेना चािहए।
िवश्व में हर 40 से 45 िमिनट में िकसी न िकसी को मिस्तष्क का दौरा / Stroke आता है। हर 3
िमिनट में मिस्तष्क का दौरा / Stroke के वजह से िकसी व्यिक्त की मृत्यु हो जाती है। ह्रदय
रोग और Cancer के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा जानलेवा रोग है। अगर हम सब थोड़ी से
सावधानी बरते, FAST के िनयम को याद रखे और लोगो तक इस सन्देश को पहुचाए, तो इस
रोग से मिस्तष्क में होने वाली क्षित और दुष्प्रभावो को काफी हद तक रोका जा सकता है।