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Homeopathy 1
Homeopathy 1
Homeopathy 1
असिक दबाव, पेट की गड़बड़ी, सिर पर च ट लगने तथा कभी कभी स्वास्थ्य के िामान्य रूप िे क्षीण ह जाने के कारण
ह ता है ।
● सिर में रक्त िोंचय , चेहरा तमतमाया हुआ, ददद अचानक शु रू ह और अचानक ही खत्म ह - (बेलाड ना 30, हर 2 -
3 घोंटे पर)
● सिर में दासहनी तरफ ददद - (िैंगुनेररया 30, सदन में 3 बार)
● सिर में ददद , सिर क लपटने िे आराम, ठों ड िे र ग बढ़े - (िाइलीसशया 30, सदन में 3 बार)
● सिर में बाईों ओर ददद , र शनी और श र बदाद श्त न ह - (स्पाइसजसलया 30, सदन में 3 बार)
● जब सिर ददद के िाथ खट्टी या सपत्तवाली उल्टी ह , सिर ददद के कारण बुरा हाल ह - (आइररि वी 30, सदन में 3 बार)
● स्कूल में पढ़ने वाले बच् ों का सिर ददद । जब बच्ा कमज र ह - (कैल्केररया फॉि 6X, सदन में 3-4 बार)
● िूप में व प्रातः 10-11 बजे सिर ददद असिक ह , र गी क नमक खाने की ज्यादा इच्छा ह - (नै टरम म्यू र 6X या 30, सदन
में 3-4 बार)
● सिर ददद ज जरा िा भी सहलने - डु लने ि3 बढ़े व प्याि असिक ह । कब्ज ह - (ब्राय सनया 30, सदन में 4 बार)
● सिर ददद ह ने के बाद सपत्त की उल्टी ह और सिर ददद कम ह जाये - (सचय नै न्थि Q, 5-10 बूोंद, सदन मे 3 बार)
● सिर ददद में लगे जै िे क ई सिर में कील ठ क रहा है; िुोंए िे व मानसिक तनाव िे र ग बढ़े - (इग्नेसशया 30 या 200,
सदन में 3 बार)
● र गी ददद के मारे बेह श तक ह जाए; र गी सचड़सचड़ा तथा ठों डी तािीर वाला ह । पेट ठीक न रहता ह - (नक्स
व समका 30, सदन में 3 बार)
● गुस्से िे सिर ददद बढ़ता ह । र गी ददद के प्रसत असत िोंवेदनशील ह - (कैम समला 30 या 200, सदन में 3 बार)
● िूप व लू लगने िे सिर ददद , िूरज की िूप में ददद का बढ़ना, गमी बदाद श्त न ह - (ग्ल नॉइन 6 या 30, सदन में 3 बार)
● शरीर िे बहुत खू न बह जाने या असिक वीयदपात की वजह िे बहुत कमज री व सिर ददद - (चाइना 6 या 30, सदन में 3
बार)
● तेल, घी आसद िे बनी गररष्ट चीजें खाने की वजह िे सिर ददद ; प्याि न के बराबर जबसक गला िूखा रहे - (पल्सासटला
30, सदन में 3 बार)
Cold
कारण : वर्ाद में भीगना, ओि या िदी लगना, दे र तक भीगे कपड़े पहने रहना, एकाएक पिीना
बोंद ह जाना, बदहजमी, आसद l लक्षण : शरीर में िुिी, बदन में अोंगड़ाई, जम्हाई आना, सिर में
ददद या भारीपन, आों खे लाल, छीकें आना, आों ख िे पानी आना, खाों िी बुखार, भू ख कम ह जाना
आसद l
● जब िुखी ठों डी हवा लग कर र ग आया ह , ठों डक महिूि ह ना, सिर ददद , आँ ख ों िे पानी,
छीकें आना, िूखी खाों िी, बार – बार बेचैनी तथा भय , खु ली हवा में अच्छा लगता है – (
एक नाइट 30, 3 – 4 खुराक सदन भर में दें )
● सचडसचडापन , तेज िर ददद के िाथ नजला जु काम , नाक िे बहुत पानी बहने के िाथ ह ठ
िुखा ह ना – (ब्राय सनया 30, सदन में 3-4 बार)
● हरा पीला स्राव , स्वाद न रहना , प्याि न ह – ( पल्सासटला 30 , सदन में 3-4 बार )
● िदी के कारण लगातार छीकें आती है , गमद कमरे में जाने िे बढ़ती है , नाक िे बहुत ज्यादा
पानी की तरह का जलनयुक्त स्राव , सिरददद , खाों िी तथा आवाज बैठी हुई , आँ ख ों में पानी – (
एसलयम िीपा 30 , 2 -3 घोंटे के अोंतर पर )
● गले में व सिर में ददद , चेहरा तमतमाया हुआ , नीोंद गायब , खाों िी-जुकाम – ( बेलाड ना 30
, सदन में 3 - 4 बार )
● जब नाक िे गाढ़ा पीला या हरा , सचपसचपा बलगम सनकले – ( कासल बाई 30 , सदन में 3 -
4 बार )
खाों िी द तरह की ह ती है – एक िुखी तथा दू िरी बलगम वाली l खाों िी अगर ज्यादा सदन ों तक रहे
त अन्य अने क र ग ों क उत्पन्न कर दे ती है l खाों िी के र गी क तेल, खटाई, गुड़, लालसमचद का
िेवन एवों िूम्रपान नहीों करना चासहये l
● नई िुखी खाों िी, खािकर रात में बढ़ जाना , गले के भीतर खरखराहट , ठों डा पानी पीने की
इच्छा – (एक नाइट 30, 2 -3 घोंटे के अोंतर पर)
● िुखी या बलगम वाली खािी , िदी लगने िे बढने वाली, पुरानी खाों िी ,सदन में कफ असिक
सनकलना – (सहपर िल्फर 30 , सदन में 3 बार)
● िीने में बलगम जमा ह ने पर भी न सनकलना िाँ ि ले ने में कष्ट , खािते खाों िते उल्टी जै िा
ह ना , हाथ पाव अकड़ जाना , हाफने लगना – (इपेकाक 30 और एों टीम टाटद 30 सदन में 3- 4
बार)
● खािते हुए छाती में ददद , हाथ िे दबाने िे आराम , प्याि ज्यादा , ह ठ और जीभ िुखा ,
खू न समला कफ सनकलना , खाना खाने के बाद खािी ह ना – (ब्राय सनया 30 , सदन में 3-4 बार)
● खािी के िाथ मुों ह या नाक िे पीला सचपसचपा बलगम सनकलना , गाढ़ा तार स्तखोंचने जै िा –
(काली बाई 30 और पल्सासटला 30, सदन में 4 बार)
● सबलकुल िुखी खाों िी, गले में िुरिुराहट , खािी की आवाज िीटी बजने जै िा ह – (स्प सों जया
30, सदन में 3 -4 बार)
● अच्छे भले स्वस्थ, प्रिन्नसचत व्यस्तक्तय ों में अचानक िूखी ठों ड लगने के कारण बेचैनी के िाथ ठों ड,
तेज बुखार, नाड़ी तेज व डर - ( एक नाइट 30, हर 3 घोंटे बाद)
● कमज र व्यस्तक्तय ों में जब तेज बुखार ह - ( फेरम फॉि 6x, 4-4 ग सलयाों सदन में 4 बार)
● आों खें लाल, चेहरा लाल तमतमाया हुआ, और तेज बुखार के िाथ बेह शी जै िा - ( बेलाड ना
30,सदन में 4 बार)
● प्याि असिक, बुखार तेज, मुों ह िुखा, हों िने िे छाती व सिर में ददद जै िे सक सिर फट जाएगा
ज सहलने डु लने िे बढ़ता है , इिसलए र गी चुपचाप ले टा रहता है - ( ब्राय सनया 30, सदन में 3-4
बार)
● जब बुखार तेज ह , पिीना खू ब आए, परों तु आराम न समले , मुों ह लार िे तर, दु गंि, जीभ पर
दात ों के सनशान व जीभ म टी- ( मकद ि ल 30, सदन में 3 बार)
● मौिम बदलते िमय र ग; जब सदन में गमी व रात में ठों ड ह - (डल्कामारा 30, 3-4 खु राक
हर 3 घोंटे बाद)
माथे , गाल व नाक की हसिय ों के अोंदर के भाग में िूजन व श्लेष्मा जमा ह ना। जु काम सबगड़ जाने
पर इि स्थान में बलगम या म्यू कि जमा ह जाता है सजििे इन हसिय ों में ददद ह ता है , इिी क
िाइनि का ददद कहते हैं ।
● र गी ठों डी हवा के प्रसत िोंवेदनशील ह , सिर क ढक कर रखना चाहे , नाक व आों ख ों के ऊपर
ददद ह - ( िाइलीसशया 1M िप्ताह में एक बार)
एक तरह के जीवाणु इि बीमारी के खाि कारण माने जाते हैं । यह एक तरह की छूत और फैलने
वाली, िदी की बीमारी है ।
लक्षण: िदी, शरीर में टू टन, गले में ददद , सिर में ददद , बार बार ठों ड लगना, छीकें आना, बुखार
जै िा महिूि ह ना आसद।
● जब र गी क काफी ठों ड महिूि ह और कपकपी आती ह - ( नक्स व समका 30, हर 2 घोंटे
बाद)
● शरीर में ददद , खाों िी जु काम, चुपचाप ले टे रहने की इच्छा ह , प्याि न ह - ( जे ल्सीसमयम 30,
हर 2 घोंटे बाद)
● हसिय ों तथा माों िपेसशय ों में ददद , बेचैनी व बुखार - ( यूपेट ररयम पफद 30, सदन में चार बार)
● जब सहलने डु लने िे र ग बढ़े , यहाों तक की खाँ िने तक िे भी सिर में ददद ह जाए, प्याि
असिक ह - ( ब्राय सनया 30, सदन में 4 बार)
● जब थ ड़ी प्याि के िाथ सहलने डु लने िे र गी क अच्छा लगे - (रि टॉक्स 30, सदन में 4
बार)
● जब चेहरा लाल ह व बुखार ह , रक्त का जमाव शरीर के ऊपरी भाग में ह - ( बेलाड ना
30, सदन में 4 बार)
सिर ददद ज्यादातर बहुत िी नई और पुरानी बीमाररय ों का एक लक्षण ही ह ता है । सिर ददद , बुखार,
मस्तिष्क में खून का असिक दबाव, पेट की गड़बड़ी, सिर पर च ट लगने तथा कभी कभी स्वास्थ्य के
िामान्य रूप िे क्षीण ह जाने के कारण ह ता है ।
● सिर में रक्त िोंचय , चेहरा तमतमाया हुआ, ददद अचानक शु रू ह और अचानक ही खत्म ह -
(बेलाड ना 30, हर 2 -3 घोंटे पर)
● सिर में दासहनी तरफ ददद - (िैंगुनेररया 30, सदन में 3 बार)
● सिर में ददद , सिर क लपटने िे आराम, ठों ड िे र ग बढ़े - (िाइलीसशया 30, सदन में 3 बार)
● सिर में बाईों ओर ददद , र शनी और श र बदाद श्त न ह - (स्पाइसजसलया 30, सदन में 3 बार)
● जब सिर ददद के िाथ खट्टी या सपत्तवाली उल्टी ह , सिर ददद के कारण बुरा हाल ह - (आइररि
वी 30, सदन में 3 बार)
● स्कूल में पढ़ने वाले बच् ों का सिर ददद । जब बच्ा कमज र ह - (कैल्केररया फॉि 6X, सदन में
3-4 बार)
● िूप में व प्रातः 10-11 बजे सिर ददद असिक ह , र गी क नमक खाने की ज्यादा इच्छा ह -
(नै टरम म्यू र 6X या 30, सदन में 3-4 बार)
● सिर ददद ज जरा िा भी सहलने - डु लने ि3 बढ़े व प्याि असिक ह । कब्ज ह - (ब्राय सनया
30, सदन में 4 बार)
● सिर ददद ह ने के बाद सपत्त की उल्टी ह और सिर ददद कम ह जाये - (सचय नै न्थि Q, 5-10
बूोंद, सदन मे 3 बार)
● सिर ददद में लगे जै िे क ई सिर में कील ठ क रहा है ; िुोंए िे व मानसिक तनाव िे र ग बढ़े -
(इग्नेसशया 30 या 200, सदन में 3 बार)
● र गी ददद के मारे बेह श तक ह जाए; र गी सचड़सचड़ा तथा ठों डी तािीर वाला ह । पेट ठीक न
रहता ह - (नक्स व समका 30, सदन में 3 बार)
● गुस्से िे सिर ददद बढ़ता ह । र गी ददद के प्रसत असत िोंवेदनशील ह - (कैम समला 30 या 200,
सदन में 3 बार)
● िूप व लू लगने िे सिर ददद , िूरज की िूप में ददद का बढ़ना, गमी बदाद श्त न ह - (ग्ल नॉइन
6 या 30, सदन में 3 बार)
● शरीर िे बहुत खू न बह जाने या असिक वीयदपात की वजह िे बहुत कमज री व सिर ददद -
(चाइना 6 या 30, सदन में 3 बार)
● तेल, घी आसद िे बनी गररष्ट चीजें खाने की वजह िे सिर ददद ; प्याि न के बराबर जबसक
गला िूखा रहे - (पल्सासटला 30, सदन में 3 बार)
सिर के सकिी एक तरफ ह ने वाला भयोंकर ददद ज आमतौर पर उल्टी ह ने के बाद शाों त ह आिा
िीिी का ददद कहलाता है । र गी ददद के कारण तड़पता है , चुपचाप ले टे रहना चाहता है ।
● िूप लगने , गैि या सबजली की र शनी में काम करने िे र ग बढ़े । सिर में अत्यसिक गमी महिूि
ह - (ग्ल नॉइन 30, सदन में 4 बार)
● सिर ददद खाि कर बाईों ओर ि ने िे बढ़े , उल्टी लगने या मासिक स्राव के बाद थ ड़ा आराम
समले - (लै केसिि 30 या 200)
Asthma
फेफड़े में हवा ले जाने वाली नासलय ों (Bronchi) तथा फेफड़ ों (Lungs)में जब श्लेष्मा (Mucous)जमा ह
जाता है , सनकाले नहीों सनकलता, िाों ि मु स्तिल िे आता है , छाती िे िाों य िाों य की आवाज आती
है , िीसटयाों िी बजती हैं , र गी हवा के सलए तरिता है , अक्सर रात में कष्ट बढ़ता है l
कारण : मानसिक उत्ते जना, कब्ज, वात,िूल, या िुएों भरे वातावरण में रहना l ज्यादा मात्रा में
ख़राब भ जन करना l यह र ग वोंशानु गत भी ह िकता है l
● जब रात के 12 बजे र ग बढ़े , बेचैंनी व प्याि असिक ह - (आिेसनक एल्ब 6 या 30, सदन में
4 बार)
● समतली, कलेजे में िोंकुचन, दम घुटे, जीभ िाफ़ ह - (इसपकैक 6 या 30, 2-2 घोंटे के बाद)
● ि ने िे तकलीफ बढ़े , श्लेष्मा सनकलने िे आराम आए l प्रौढ़ स्तिय ों में रजःस्राव बोंद ह ने के
िमय दमा - (लै केसिि 30, 3-3 घोंटे के बाद)
● थ ड़ी दे र ि ने के बाद तकलीफ बढ़े - (अरे सलया रे सिम िा Q या 30, सदन में 3 बार)
● जब इओसिन सफल्स की मात्रा बढ़ जाए l िाों ि फूलने लगे - (थायर एसडन 200 या 1M व
लै केसिि 30)
● वाहन ों के िुोंए या इों डस्तररयल पॉल्यू शन िे र ग ह या बढ़ता ह - (एसिड िल्फ्यू र िम 30, सदन
में 3 बार)
● िूती कपड़ा बुनने व रुई िुनने वाले मजदू र ों में - (गौसिसपयम 30, सदन में 3-4 बार)
● पत्थर त ड़ने वाले मजदू र ों में - (िाइसलसशया 30, सदन में 3-4 बार)
● फूल ों की खुश्बू िे - (ऐले न्थि जी. 30, सदन में 3-4 बार)
● मल्लाह ों का दमा, जहाज पर िमु द्र में रहने िे ठीक रहे और िमु द्र तट पर आने िे उभर आए
- (ब्र समयम 30, सदन में 3 बार)
● बाय कैसमक दवा - (मै ग्नीसशया फॉि 6X व काली फ़ॉि 6X अदल-बदल कर 3-3 घोंटे के बाद)
Pneumonia
लक्षण : पहली या आरों सभक अवस्था में ठण्ड लगने के कारण फेफड़े में िूजन ह जाती है और
िाों ि ले ने में कष्ट ह ता है l तेज बुखार, बेचैंनी, प्याि आसद लक्षण ह ते हैं l दू िरी अवस्था में बलगम
बनकर िारे फेफड़े में फ़ैल जाता है ; इि अवस्था में बलगम में खून भी आने लगता है और
फेफड़ा कड़ा ह जाता है l यह अवस्था 4-18 सदन तक रह िकती है l तीिरी अवस्था: आराम ह ने
की ओर बढ़ने वाली अवस्था l इिमें स्राव जज्ब (Absorb)ह ने लगता है तथा फेफड़ा पुनः काम करने
लगता है l अगर स्राव जज्ब न ह त र गी मर भी िकता है l आरों सभक अवस्था में दवा दे कर य ग्य
डॉक्टर िे िलाह लेनी चासहए l
● बीमारी की शु रू की हालत में जब कोंपकोंपी तेज ह l तेज बुखार, बेचैंनी, प्याि, डर व खु ि
खाों िी ह - (एक नाइट 30, हर आिे घन्टे पर)
● जब र ग रात में 12 बजे के बाद बढ़े , र गी िुि ह , बेचैंनी महिूि करे व थ ड़ा-थ ड़ा पानी
थ ड़ी-थ ड़ी दे र के अोंतर िे सपये - (आिेसनक एल्ब 30, हर 2 घोंटे पर)
● तेज बुखार के िाथ बेह शी, चेहरा तमतमाया लाल, ढके हुए अोंग ों पर पिीना; और खू न का
मस्तिष्क व छाती में जमाव ह - (बेलाड ना 30, हर 2 घोंटे पर)
● जब बेचैंनी ख़त्म ह ने पर र गी चुपचाप पड़ा रहे, सहलने -डु लने िे र ग बढ़े , छाती में ददद व
दबाव महिूि ह , खािने िे छाती व माथे में ददद - (ब्राय सनया 30, सदन में 4 बार)
● जब खू ब पिीना आये मगर आराम न समले , र ग रात में बढ़े - (मकद िौल 30, सदन में 3-4
बार)
● िुखी खाों िी, छाती में ददद , खू न समला बलगम, ठों डा पीने की इच्छा l आस्तखरी अवस्था में -
(फ़ॉिफ रि 30, सदन में 3-4 बार)
● छाती में बलगम घड़घड़ाये मगर सफर भी न सनकले ; जीभ िफ़ेद - (एों टीम टाटद 30 या 200,
2-3 खु राक)
● आस्तखरी अवस्था में जब र गी ठों डा ह ने लगे, ठों डा पिीना आए - (सवरे टर म एल्ब 30, 15-20
समनट पर)
श्वाितोंत्र, स्वरतोंत्र की िूजन और िाथ ही स्वरनली में अकड़न ह और और खाों िी आए त उिे काली
खाों िी कहते हैं l
लक्षण: शुरू में हल्का िा बुखार, छीक ों े , जु काम, व आों ख िे पानी; बाद में खाों िी के दौरे पड़ने
लगते हैं l खाों िते खाों िते िाों ि रुक जाता है , चेहरा लाल या नीला l आों खे लगता है की सनकल पड़े गी,
निें फूल जाती है और थ ड़े िमय के अन्दर ही खाों िी प्राणघातक रूप िारण कर ले ती है l यह बच् ों
की जानलेवा बीमारी है l
● चेहरा लाल ह , सिर ददद ह l शरीर की उपरी भाग में रक्त का जमाव ह - (बेलाड ना 30, 2-
3 घोंटे पर)
● जब ठण्ड लगने के कारण खाों िी ह , गले में मछली का काों टा फोंिने जै िा आभाि ह - (सहपर
िल्फ्फ़ 30, सदन में 4 बार)
● जब बलगम गाढ़ा व तार की तरह स्तखोंचने वाला ह ; िुबह के िमय ज्यादा ह - (काली बाई
30, सदन में 4 बार)
● जब नीोंद में या नीोंद के बाद र ग बढ़ता ह l गले के पाि कपड़ा तक न िुहाए - (लै केसिि
30, सदन में 3 बार)
● जब गले के अन्दर आरी चलने जै िी आवाज ह और कुत्ता खाों िी ह - (स्प सों जया 6 या 30, सदन
में 3 बार)
Ear pain
िदी लगने , कान में िूजन ह जाने , च ट लगने , कान में असिक मै ल ह जाने, या कान में फुन्सी
ह जाने की वजह िे कान में ददद ह ता है l
● जब अचानक ठण्ड लग जाने िे कान ददद शरू हुआ ह – (एक नाइट 30, हर 2 घोंटे पर)
● अिहनीय ददद ज गमद िेक िे बढे – (कैम समला 30, हर 2 घोंटे पर)
● कान में फुन्सी ह , कान िे स्राव आए सजिमे खट्टी बदबू आए – (सहपर िल्फर 30, सदन में 3
बार)
Kaan ka dard
● जब स्राव बहुत सचपसचपा सनकले – (काली बाई 30, सदन में 3 बार)
● कान बहने की पुरानी बीमारी में – (िाइसलसिया 12X या 30, सदन में 3 बार)
● जब कान बहने के िाथ िाथ ददद भी ह – (सहपर िल्फर 30, सदन में 3 बार)
Awaaz baithna
आवाज सनकालने के सलए गले मे स्वरयोंत्र (Vocal chords) हैं , इनमें िदी लगना, ऊँची आवाज में
ज्यादा ब लना, आब -हवा बदलना , आसद के कारण गले मे ददद , श्वाि कष्ट, आसद इि र ग के
लक्षण ह िकते हैं ।
● पूरी तरह आवाज बैठ जाने पर - (अजें मैट 30, सदन में 3 बार)
● ठों डी हवा िे आवाज बैठना - (ऑरम सटर फाइलम 30, सदन में 3 बार)
● अचानक खु ि ठों डी हवा लगने िे - (एक नाइट 30, सदन में 3 बार)
● ठों ड लगने िे या ठों डी चीज खाने िे र ग - (सहपर िल्फ 30, सदन में 3 बार)
● जब आँ ख ों में नेत्र श थ(Conjunctivitis) ह जाये - (एक नाइट 30, सदन में 3-4 बार)
● सनकट दृसष्ट द र्(Myopia) यासन की सनकट की विु सदखे परन्तु दू र की विु ठीक िे न सदखे त
- (फाइि स्तरगमा 3X या 6, सदन में 3 बार)
● रतौोंिी, यासन की रात के अोंिेरे में ठीक िे न दे ख पाना - (फाइि स्तरगमा 3X या 6, सदन में 3
बार)
● सदनौोंिी, यासन की सदन में ठीक िे न दे ख पाना - (ब थरौप्स 30, सदन में 3 बार और
फ़ॉिफ रि 200, िफ्ताह में 1 बार)
● म सतयासबोंद - (फ़ॉिफ रि 200, िफ्ताह में 1 बार तथा कल्केररया फ्ल र 6 या 12X सदन में 3
बार)
Itching
इि र ग में शरीर में खु जली, त्वचा का लाल ह जाना, खु जलाते – खुजलाते खू न सनकल आना, गमी
लगना आसद लक्षण ह ते हैं l इि र ग में बाहरी मलहम लगा दे ने पर र ग दब जाता है और शरीर के
दु िरे अोंग में ह जाता है l इिसलए इि र ग क दबाना नहीों चासहये l इिे खाने की दवा िे ही ठीक
करना चासहये l र ग की उरता कम करने के सलए िल्फर या बैस्तजजल बैंज एट ल शन इिे माल सकया
जा िकता है l र गी के कपड़े 2 – 3 सदन पर गमद पानी में ि ने चासहये l
● जब रात में खुजली बहुत ज्यादा ह – (मकद िौल 30, सदन में 3 बार)
● जननें सद्रय की खु जली में – (ऐम्बरा सरसजया 30, सदन में 3 बार)
● जब खु जली का कारण छ टे छ टे मवाद भरी फुोंसियाों ह – (सहपर िल्फर 30, सदन में 3 बार)
● खु जली इतनी ह की खु जलाते खु जलाते खून सनकल आये – (मे जेररयम 30, सदन में 3 बार)
Boils
● जब दाने लाल ह , ददद व जलन ह – (बेलाड ना 30, सदन में 3-4 बार)
● जब फ ड़े या फुोंसिय ों में मवाद बनना शु रू ह जाये – (मकद िौल 30, सदन में 3-4 बार)
● छ टे छ टे बहुत िारे दाने , घनी फिल के जै िे – (आसनद का 30, सदन में 3 बार)
सबना मुों ह का फ ड़ा
यह फ ड़ा अक्सर मिुमेह (Diabetes) के मरीज ों क हुआ करता है । यह गदद न, पीठ, कोंिे, कूल्हे ,
कहीों भी ह िकता है । इिकी जड़ें शरीर के भीतर नासड़य तक फैल जाती हैं । जब यह फटता है त
कई जगह िे मवाद ररिने लगता है इिमें बहुत जलन व ददद ह ता है ।
● जब फ ड़ा बहुत िीरे िीरे बढ़े उिमें िे मवाद आने लगे - (िाइसलसशया 12x)
Pimple
चेहरे पर जवानी के सदन ों में छ टे छ टे दाने ह जाते हैं l इनमे अक्सर मवाद भर जाती है या कील
बन जाती है l
● मु ख्य दवा (चेहरे पर बड़े बड़े कील वाले मु हािे ज माहवारी के िमय या कॉफ़ी, माों ि आसद
खाने िे बढे ) – (ि राइनम 200 या 1M, िफ्ताह में एक बार)
● जवानी आने के िमय मु हािे की दवा – (ऐरे ररयाि रूबेन्स 30, सदन में 4 बार)
● यसद ऐरे ररयाि रूबेन्स िे फायदा न ह – (काली ब्र म 30 और कल्केररया सपक्रेटा 30 , सदन में
4 बार)
● जब मु हािे िसदद य ों में एवों अोंडा खाने िे बढे – (रर े प्ट कॉस्तक्सन 200, सदन में 2-3 बार)
● जब मु हाि ों में मवाद ह एवों ददद ह – (सहपर िल्फ्फ़ 30, सदन में 3 बार)
● मु हाि ों व त्वचा िाफ़ करने के सलए – (बबेररि एस्तिफ सलयम Q, सदन में 3 बार)
● जब उपर क्त दवाय ों िे फायदा न ह ,र गी गन्दा रहना पिोंद करता ह –(िल्फर 1M, िफ्ताह में
1 बार)
● जवानी के सदन ों में , जब पेट में गैि भी बनती ह – (काबो वेज 30, या 200, सदन में 2 बार)
Ringworm
दाद के सलए बाजार में बहुत िारी क्रीम उपलब्ध है ले सकन उनिे एक बार अच्छा ह ने के बाद सफर
िे ह जाता है l लक्षण के अनु िार ह समय पैथी दवा लेने िे दाद हमे शा के सलए ठीक ह जाता है l
● अोंगूठी की तरह ग ल आकार वाले दाद के सलए – (िीसपया 30, सदन में 3 बार)
● दाद, सजिमे अत्यसिक खु जली ह (खािकर चेहरे पर नाई के यहाों के उिरे के इिे माल की
वजह िे) – (टे ल्युररयम 30, सदन में 3 बार)
● जननें सद्रय या अोंडक र् के पाि दाद ज िसदद य ों में बढ़े – (सहपर िल्फ्फ़ 30, सदन में 3 बार)
● जब एसिसडटी रहता ह , भू ख न लगता ह एवों उपर क्त दवाय ों िे फायदा न ह – (िल्फर 30,
सदन में 3 बार)
सपत्ती
इिमें शरीर मे जगह जगह दद ड़े ह कर फूल उठते हैं , उनमें खुजली व जलन ह ती है । इिमें कभी-
कभी अपने आप आराम आ जाता है । कभी-कभी र गी का कष्ट अत्योंत बढ़ जाता है ।
● मु ख्य और्सि। चकत्त ों में डों क चुभने जै िा आभाि; जलन व खु जली। िूजन असिक, प्याि कम
या सबल्कुल न ह - (एसपि मे ल 6 या 30, सदन में 4 बार)
● चकत्त ों में जलन व खुजली, अत्यसिक बेचैनी। थ ड़ा-थ ड़ा पानी बार-बार पीने की इच्छा -
(आिेसनक एल्ब 6 या 30, सदन में 3 बार)
● चकत्त ों में जलन व खुजली, ठों ड िे र ग बढ़े - (रि टॉक्स 30, सदन में 3 बार)
● शराब पीने के कारण सपत्ती - (नक्स व समका 30, सदन में 3 बार)
● गररष्ठ या असिक सचकनाई युक्त भ जन करने के कारण सपत्ती। प्याि कम, खु ली ठों डी हवा में
अच्छा लगे - (पल्सासटला 30, सदन में 3 बार)
● जब र ग पुराना ह और चकत्त ों में खु जली रात क सबिर की गमी िे बढ़े - (िल्फर 30, सदन
में 2 बार)
● पुराने र ग में जब उपर क्त दवाओों िे फायदा न ह - (एरे कि फ्ले वि 30, सदन में 3 बार)
एस्तिमा
खु जली, जलन एवों ददद के िाथ त्वचा के ऊपर ह ने वाले दान ों क एग्जीमा कहते हैं l यह शरीर के
सकिी भी सहस्से में ह िकता है l कान, शरीर के ज ड़ व माथे , या कान के पीछे यह र ग ज्यादा
ह ता है l यह िुखा भी ह िकता है या सचपसचपा स्राव सनकलने वाला भी ह िकता है l
● त्वचा खुि, व सछछड़े दार(Scaly) l र गी के आँ ख की पलकें, कान, नाक के अगले सहस्से लाल
ह – (िल्फर 30, सदन में 2-3 बार)
● त्वचा खु ि व सछछड़े दार(Scaly), खािकर चेहरे व सिर में , बदबूदार स्राव भी सनकले – (ि राइनम
200, सदन में 2-3 बार)
● त्वचा पर दाने व फुोंसिय के कारण अत्यसिक खु जली ह – (रि टाक्स 30, सदन में 3 बार)
● पतला पानी बहना और जहा पानी लगता है वहा भी घाव जै िा ह जाना - (टे लुररयम 30 ,
सदन में 3 बार)
● एग्जीमा की बाय कैसमक दवा – (कैल्केररया िल्फ्फ़ 6X, सदन में 4 बार)
मस्से
● अगर मस्से छूने िे दु खे – (नै टरम काबद और िल्फर 30, सदन में 3 बार)
● हठ
ों पर के मस्स ों के सलए – (नाइसटर क एसिड 30 या 200, सदन में 2-3 बार)
● जनने स्तिय की आगे की त्वचा पर मस्से या शरीर पर बड़े -बड़े काले मस्से – (िीसपया 30 या
200)
● मस्स ों की बाय केसमक दवा – (िाइसलसशया 12X, सदन में 3-4 बार)
Beauty
कई बार मस्से, त्वचा का ज्यादा खु रदरापन, या सचकनाहट, अनचाहे बाल, बाल ों का अिमय िफेद
ह ना, त्वचा पर िब्बे, कील, मुँ हािे, आों ख ों का अोंदर क िोंिे ह ना, आसद के कारण व्यस्तक्त कुरूप
नजर आने लगता है । मगर ह म्य पैसथक सचसकत्सा द्वारा इि कुरूपता क िुोंदरता में काफी हद तक
बदला जा िकता है ।
● औरत ों में आों ख ों के चार ों ओर काले िब्बे जब सकिी पुराने दु ःख के कारण ह - (रे सफिेसगररया
30 या 200)
● जब आों ख ों के चार ों ओर काले िब्बे अत्यसिक स्राव (discharge) के कारण ह । चेहरा पीला व
आों खें अोंदर क िोंिी हुई ह - (चाइना 30)
● चेहरे का रों ग मु दे के िमान पीला व आों ख ों के चार ों ओर नीले रों ग की पट्टी िी - (सबस्मथ 30)
● चेहरे पर चेचक के दाग - (वैररओसलनम 200, िारासिसनया 30, थाय सिनै समनम 2X)
सबवाइयाों
● सबवाइय ों में िुई चुभने जै िा ददद , ज शाम क बढ़ता है व ठण्डी हवा िे आराम समलता है -
(पल्सासटला 30, सदन में 4 बार)
● जब सबवाइय ों में खु जली, जलन व तेज ददद ह - (कैम समला 30, सदन में 3 बार)
● सबवाइयाों ज नम व गहरी ह ,
ों खु जली व जलन ह - (पेटर सलयम 30, सदन में 3 बार)
● जब र ग भीगने (नहाने , ि ने ) िे बढ़े व िसदद य ों में ज्यादा ह - (रि टॉक्स 30, सदन में 3
बार)
● खु ि सबवाइय ों की मुख्य दवा। र गी गन्दा िा सदखे या गन्दा रहना चाहे - (िल्फर 30, सदन में
2 बार)
नकिीर
नाक िे खू न बहना। च ट लगने , क्र ि, अथवा सकिी और बीमारी की जसटलता के रूप में यह र ग
ह िकता है ।
● जब लड़सकय ों क मासिक स्राव की बजाय नाक िे खू न आए - (पल्सासटला 30, सदन में 3 बार)
● जब बच्ा नाक छीलकर खू न सनकाल ले ता ह - (ऑरम सटर फाइलम 30, सदन में 3 बार)
● जब नाक िे खू न रात में आए और नाक में ही जमा ह जाए - (मकद िौल 30, सदन में 3
बार)
● जब नाक िे खू न रात में आए और नाक में ही जमा ह जाए - (मकद िौल 30, सदन में 3
बार)
● काली खाों िी, स्कारले सटना, समयादी बुखार, सडफ्थीररया के दौरान नाक िे गाढ़ा खू न आए -
(एसिड म्यू र 30, सदन में 3 बार)
● गमी या िूप में रहने िे नाक िे खू न आए - (लैकेसिि 30, सदन में 3 बार)
Nails र ग
● नाखू न ों पर िफेद रों ग के दाग ह जाए - (एसिड नाइसटर क 30 या 200, सदन में 3 बार)
● नाखू न म टे व कड़े ह जाएों , सकनारे िे खाल छूट जाती है और िहज में ही चूर चूर ह जाते हैं ।
नाखू न की जड़ में िूजन - (रेफाइसटि 30 या 200, सदन में 3 बार)
● नाखू न िे माों ि का झड़ना व मवाद पड़ जाना। द अोंगुसलय ों के बीच की जगह में घाव ह जाए -
(इयुसजसनया 30 या 200, सदन में 3 बार)
● नाखू न की जड़ की जगह पर िूजन व पत्थर की तरह कड़ापन। मवाद में पररवसतदत न ह कर कड़ा
ह जाने िे यह दवा सवशेर् लाभदायक है - (कैल्केररया फ्ल र 12X या 30, सदन में 3 बार)
छालें
● मुों ह में छाले , सजनमे बहुत ददद ह – (सहपर िल्फ्फ़ 30, सदन में 3 बार)
● बहुत लार आना, जीभ म टी ह जाना – (मकद िौल 30, सदन में 3 बार)
● जीभ में छाले – (नाइसटर क एसिड 3 या सहपर िल्फ्फ़ 30, सदन में 3-4 बार)
● जीभ व मुों ह के छाले का बाय केसमक दवा – (ने टरम म्यू र 6X, 4 ग ली सदन में 3 बार)
जीभ के सवकार
● जीभ म टी व थु लथु ली ह एवों उि पर दाों त के सनशान पड़े ह ,
ों लार आए, िफेद मै ल जमी
ह - (मकद िॉल 30, सदन में 3 बार)
● मुों ह में व जीभ पर घाव; खू न बहता रहे । मुों ह िे दु गंि आए- (एसिड िल्फ 30 या 200, सदन
में 3 बार)
● जीभ बहुत लों बी मालूम दे जै िे दात ों में लग रही है । गले में घाव, मुों ह बहुत िुखा, सनगलने में
परे शानी ह - (एथ्यू जा 30 या 200, सदन में 3 बार)
● जीभ पर घाव ह ज िीरे -िीरे गले में फैल जाए, जीभ बीच मे फटी हुई ह । लगातार खू न समला
लार टपके। मुों ह िे बदबू आए- (एसिड नाइसटर क 30 या 200, सदन में 3 बार)
● जीभ नक्शे की तरह सचसत्रत ह एवों ऐिा लगे जैिे सक जीभ पर बाल पड़ा है - (नै टरम म्यू र 30
या 200, सदन में 2 बार)
● ऐिा लगे जै िे जीभ जली हुई है टपकन का िा ददद महिूि ह - (बेलाड ना 30 या 200, सदन
में 3 बार)
● जीभ की न क सत्रभु जाकार लाल रों ग की ह - (रि टॉक्स 30 या 200, सदन में 3 बार)
Tonsils
● प्रथम अवस्था मे जब िूखी ठों ड लगने िे टॉस्तन्सल िूज जाए। तेज बुखार, बेचैनी व घबराहट ह
- (एक नाइट 30, सदन में 3 बार)
● टॉस्तन्सल चमकीले लाल रों ग के, फुले हुए(उनमें जख्म भी ह िकता है ), जलन व डों क लगने
जै िा ददद ; टॉस्तन्सल खुि महिूि ह पर प्याि न ह - (एसपि मे ल 30, सदन में 3 बार)
● गला व टॉस्तन्सल लाल, िूजे हुए, सनगलने में ददद , बुखार - (बेलाड ना 30, सदन में 3 बार)
● जब टॉस्तन्सल पकने के कारण अिह्य ददद ह , गला छूने तक िे डर लगे, र गी ठों डी प्रकृसत का
ह - (सहपर िल्फ 30, सदन में 3 बार)
● टॉस्तन्सल पर जख्म, िाों ि बदबूदार, खू ब लार बहे , रात में ददद व बुखार बढ़े - (मकद िॉल 30,
सदन में 3 बार)
● जब टॉस्तन्सल बार बार परे शान करे - (बैसिसलनम 1M या ट्यूरबरकुलाइनम 1M, की 1 खुराक 2-
3 िफ्ताह के अोंतर िे दें )
● जब गले मे रर े प्ट क काई इों फेक्शन (Streptococci infection) ह - (रर े प्ट क कि 200, 2-3
खु राक)
● जब गले मे रे फाइल क काई इों फेक्शन (Staphylococci infection) ह - (रे फाइल क कि 200,
2-3 खु राक)
गले का ददद
गले मे ददद स्वरयोंत्र (larynx) या टॉस्तन्सल (tonsil) में िूजन आ जाने के कारण ह ता है ।
कारण : िदी लगना, च ट लगना, ज्यादा तेज ब लना, आब हवा बदलना आसद।
लक्षण : गला में ददद , बुखार, आवाज बैठना, सनगलने मे ददद या कष्टआसद।
● अचानक िूखी ठों ड लगने के कारण गले मे ददद , तेज बुखार, बेचैनी - (एक नाइट 30, सदन
में 3 बार)
● गला लाल, िूजा हुआ, सनगलने में परे शानी, गले मे िुई गड़ने जै िा ददद - (बेलाड ना 30, सदन
में 3 बार)
● गला िूजा हुआ, िूजी हुई जगह चमकीली, लाल; प्याि न ह , गले मे डों क मारने जै िा ददद -
(एसपि मे ल 30, सदन में 3 बार)
● गला पकने िे मवाद ह जाए और ददद ह - (सहपर िल्फ 30, सदन में 3 बार)
● गले मे ददद ; बहुत लार आए, मवाद बनने की पहली अवस्था में - (मकद िॉल 30, सदन में 3
बार)
● गले मे ददद , ज ठों डी चीजें पीने िे घटे - (फाइट लक्का 30, सदन में 3 बार)
● मिूड़ ों िे खू न आना, ठों डा और गमद पानी का लगना (Sensitivity) – (मकद िौल 30, सदन में 3
बार)
● मिूड़ ों में लाल रों ग के फ ड़े जै िे ह जाना सजनमे ददद ह – (बेलाड ना 30, सदन में 3 बार)
● पाय ररया के लक्षण (मिूड़ ों िे खून और बदबू आए, या केवल खू न आए) – (काबो वेज 3X या
30, सदन में 3 बार)
● मिूड़ ों िे मवाद आए, और ठों डा पेय पीने िे ददद बढे – (सहपर िल्फ्फ़ 30, सदन में 3 बार)
● जब मिूड़ ों िे मवाद आने की बीमारी बहुत पुरानी ह – (िाइसलसशया 30, सदन में 4 बार)
पाइररया
दाों त िाफ़ न रखना, मिूड़ ों के पुराने घाव, भ जन में सवटासमन िी की कमी व पेट की गड़बसड़य ों
के कारण पाय ररया ह ता है l इि र ग में मिूड़ ों िे खू न आता रहता है व ददद और िूजन भी रहता
है तथा मुों ह िे बदबू आती है l
● मु ख्य दवा – (काबो वेज और कैलें डुला 30, सदन में 3 बार)
● जब मुों ह िे बहुत बदबू आए व दाों त ढीले ह जाए – (काली काबद 30 या हे क्ला लावा 6X, सदन
में 3 बार)
● दाों त ों में िडन, बदबू तथा गन्दा खून आए – (सक्रय ज ट 30, सदन में 3 बार)
● मिूड़े काले या लाल ह , बदबू आए, बहुत लार आए, मिूड़ ों िे खू न आए – (बैसप्टसशया 30,
सदन में 3 बार)
Tooth pain
दाों त गोंदे रहना, दाों त ों में जख्म ह ना, कीड़े लगना, च ट लग जाना आसद कारण ों िे दाों त ददद ह ता
है l
● मु ख्य दवा – (प्ाों टेग 30, सदन में 3 बार तथा प्ाों टेग Q दाों त पर लगाएों )
● जब ठण्ड या ठों डा पानी पीने िे ददद बढे – (िाइसलसशया 30, सदन में 3 बार)
● मिूड़ ों में फ ड़ा, जबड़े में िूजन व ददद ह – (हे क्ला लावा 3X या 6X, सदन में 3 बार)
● जब गमद चीज खाने िे ददद बढ़े – (मै ग्नीसशया फ़ॉि 6X सदन में 4 बार)
● मिूड़ ों की जड़ ों में लाल रों ग के फ ड़े ह ने िे ददद – (बेलाड ना 30, सदन में 3 बार)
● कैस्तल्सयम की कमी, दाों त पीले व दाों त ों पर मै ल, दाों त कमज र ह ों – (कैल्केररया फ्ल र 6X, सदन में
3 बार)
● दाँ त में जल्द कीड़ा लगे और दाँ त काले पड़ जाए - (रे फीिेसगररया 30 व 200, सदन में 3
बार)
● दू ि के दाँ त ों में ही कीड़ा लग जाए। दाँ त पहले पीला व बाद में काला ह जाए - (सक्रय ज ट
30 या 200, सदन में 3 बार)
● कीड़ा लगकर दाँ त में घाव ह जाए मिूड़ ों में घाव व फ ड़े ह जाए - (हेक्ला लावा 30 या
200, सदन में 3 बार)
● हर प्रकार के दों तशू ल में लाभदायक - (प्ाों टेग 30 या 200, सदन में 3 बार)
● दाँ त ददद ; जरा िे स्पशद िे लगे सक जान सनकल जाएगी पर दाँ त पर दाँ त रख कर ज र िे दबाने
पर आराम आए - (चाइना 30 या 200, सदन में 3 बार)
● दाँ त का ददद , ठों डा पानी मुँ ह में रखने िे घट जाए - (कॉसफया 30 या 200, सदन में 3 बार)
● गमद चीजें पीने िे दाँ त का ददद बढ़े - (कैम समला 30 या 200, सदन में 3 बार)
● दाँ त की जड़ में फ ड़े , गरम िेक िे आराम समले , ठों डी हवा िहन न ह । काफी िमय िे चले
आ रहे नािूर ज ठीक ह ने में न आते ह ों - (िाइसलसशया 6X या 30, सदन में 3 बार)
● दाँ त सहले व जरा िा कुछ लगते हीों अिहनीय ददद ह - (कैल्केररया फ्ल र 6X या 30, सदन में
3 बार)
Jaundice
लीवर में गड़बड़ी ह ने के कारण सपत्त (Bile) िीिा रक्त में समल जाता है सजििे र गी का रक्त पीला
ह ने लगता है सजििे र गी की त्वचा, पेशाब का रों ग, आँ ख और नाख़ू न आसद पीले सदखने लगते हैं l
मु ख में कड़वापन, बुखार, दु बदलता व िुिी आ जाती है l
● इलाज शु रू करने के पहले दें – (िल्फर 30, की 3 खु राक 2-2 घोंटे पर)
● जब उबकाई आए, उल्टी लगे, बेचैनी व प्याि जल्दी – जल्दी लगे – (इसपकैक 30 और
आिेसनक एल्ब 30, सदन में 3 बार)
● जब उल्टी आसन बोंद ह चुकी ह , शरीर में पीलापन नजर आने लगे – (कारडूअि Q या 6,
सदन में 3 बार)
● जब सजगर (Liver) बढ़ जाये, आों खे पीली व पेशाब पीला – (चेलीड सनयम Q या 6, सदन में 3
बार)
● कालमेघ Q, चेसलड सनयम Q, केररका पपाया Q, माइररका Q इन िब क बराबर मात्रा में समला लें
और दि – दि बूोंद पानी में समलाकर सदन में 3-4 बार लें l
पेट ददद
पेट ददद कई कारण ों िे ह िकता है l गररष्ठ खाना, गैि, डकार का न आना, पेट में कीड़े , असिक
मीठा खाना, कब्ज आसद l पेट ददद का मू ल कारण पाचन सक्रया का गड़बड़ है l
● जब अिहनीय ददद ह , पेट क दबाने िे आराम समले – (क ल सिोंथ 30, हर 2 घोंटे पर)
● जब असिक सचकनाई युक्त, माों िाहारी भ जन आसद खाने के बाद पेट ददद ह – (पल्सासटला 30,
हर 2 घोंटे पर)
● असिक व मिाले दार, गररष्ठ भ जन के बाद या अपच व बदहजमी के कारण पेट ददद – (नक्स
व समका 30, 2-3 घोंटे पर)
● पेट में अफारा के कारण ददद – (लाइक प सडयम 30, सदन में 3 बार)
● पेट फूलना, सपत्त की उल्टी व मर ड़ के िाथ ददद – (आइररि विी 30, 2-3 घोंटे पर)
Gastroentritis
● यसद उल्टी और दि लगातार ह , बोंद ह ने का नाम न ले , िारा शरीर ठों डा व नीला पड़ जाए,
ठों डा पानी पीने की इच्छा ह - (सवरे टर म एल्ब 30, सदन में 3-4 बार)
● अत्यसिक उल्टी व दि के बाद जब र गी ठों डा पड़ने लगे और हमे शा पोंखा करवाना चाहे -
(काबो वेज 30, सदन में 3-4 बार)
अफरा
● असिक मात्रा में या दे र िे हजम ह ने वाला भ जन करने के कारण असिक गैि बने ; कब्ज रहे ,
बार-बार पाखाना आए - (नक्स व समका 30, सदन में तीन बार)
● गैि बनने की प्रवृसत्त र कने के सलए मु ख्य दवा - (ि राइनम 30, एक खु राक)
● गररष्ठ भ जन करने के बाद असिक गैि बने ; अनपचा भ जन पेट में पड़ा रहे । प्याि न ह या
बहुत कम ह । जीभ पर गाढ़ी मै ल की परत जमी ह - (पल्सासटला 30, सदन में तीन बार)
● असिक गैि के कारण अफारा। िारा पेट ढ ल की तरह फूल जाए। गैि सनकलने िे भी आराम
न समले। फल खाने िे र ग बढ़े - (चाइना 30, सदन में 3 बार)
● पेट में वायु के कारण अफारा आए। खािकर पेट का ऊपरी सहस्सा फूल जाए। डकार आने या
गैि सनकलने िे आराम आए - (काबो वेज 30, सदन में तीन बार)
● कब्ज या कड़े मल के िाथ अफारा। खािकर पेट का सनचला सहस्सा फूल जाए, खािकर शाम
क 5 िे 8 बजे तक ज्यादा ह - (लाइक प सडयम 30, सदन में तीन बार)
● पेट में असिक वायु इकट्ठे ह ने के कारण अफारा। पेट में तरल पदाथद गढ़गढ़ ब ले -
(अिाफ एसटडा 30, सदन में तीन बार)
● जब वायु ऊपर या नीचे कहीों िे भी न सनकले , बहुत परे शानी ह । गमद डकार आए - (रै फेनि
िैटाइवा 30, सदन में तीन बार)
● पेट में गैि के कारण खट्टी डकार आए। खाना बनते िमय की खु शबू िे उल्टी िी आए -
(रै नम मे ट 30, सदन में तीन बार)
● वायु इकट्ठा ह ने के कारण पेट में ददद ह । खाने की खु शबू िे समतली आए। िाथ में ज ड़ ों में
ददद ह - (कॉलसचकम 30, सदन में तीन बार)
● जब जीभ िाफ़ ह , लगातार समचली व उल्टी ह – (इसपकैक 30, सदन में 3 बार)
● प्याि जब थ ड़े – थ ड़े पानी के सलए जल्दी जल्दी लगे, बेचैनी ह – (आिेसनक 30, सदन में 3
बार)
● जब उल्टी काफी मात्रा में ह , ठों डा पानी पीने की इच्छा ह , र गी ठों डा ह ने लगे – (सवरे टर म
एल्ब 30, सदन में 3 बार)
● असिक या मिाले दार, गररष्ठ भ जन करने िे हुआ र ग – (नक्स व समका 30, सदन मे 3 बार)
● यात्रा के दौरान तकलीफ – (क कुलि इों सडका 30, सदन में 3 बार)
● गभाद वस्था में उल्टी ह ना – (सिम्फ ररकि रे सि 30, सदन में 3 बार)
Worms
(1) छ टे िूत की तरह (Small thread worms) : ये इकट्ठी मलद्वार के पाि रहते हैं , कभी मू त्र नली
या य सन में भी चले जाते हैं और वहाँ खु जली ह ने लगती है , जलन भी ह ती है ।
लक्षण : िाों ि में बदबू, पाखाने के िमय तकलीफ, नाक में खु जली, नीोंद में दाँ त सकटसकटाना,
गुदा में बराबर खु जली रहने िे नीोंद भी नहीों आती।
(2) ग ल कृसम (Round worm) : ये केचुए की तरह, िफेद ह ते हैं , छ टी आों त में रहते हैं । कभी
उल्टी के िाथ, कभी पाखाने के िाथ सनकलते हैं ।
लक्षण : पेट फूलना, पेट ददद , दाँ त सकटसकटाना, नीोंद में चीखना, नाक खुजाना, चेहरा पीला,
शरीर दु बला, भू ख असिक, या खाने में अरुसच आसद।
(3) फीता कृसम (Tape worm) : िफेद चपटे , यह कृसम छ टी आों त में रहता है ।
● कृसम र ग की मुख्य दवा। यह हर तरह के कृसम के सलए इिे माल ह ती है ; बच् ों में
सचड़सचड़ापन, हमे शा खाते रहना चाहे - (सिना 30, सदन में 3 बार)
● ग ल कृसम की मु ख्य दवा - (िैंट सनन 1X या 3X िाथ मे मकद डल 1X सदन में 4 बार)
● फीता कृसम की मुख्य दवा - (क्युप्रम ऑस्तक्सडे टम नाइरम 1X या 3X, सदन में 4 बार, िाथ मे
नक्स व समका Q, 5-5 बूोंद सदन में 3 बार)
● बाय कैसमक और्सि - (नै टरम फॉि 6X, सदन में 4 बार)
भू ख न लगना
लक्षण: खाना हजम न ह ना, कभी दि, कभी कब्ज, मुों ह में पानी आना आसद l
● मु ख्य दवा; जब क ई खाि कारण पता न चले – (लै सिसथन 3X, सदन में 3 बार)
● मिाले दार या गररष्ठ भ जन असिक मात्रा में खा ले ने के बाद – (नक्स व समका 30, सदन में 3
बार)
● भू ख न लगना, परन्तु खाना शु रू करने पर भू ख का लौट आना – (चाइना 30, सदन में 3
बार)
● थ ड़ा िा खाने िे हीों पेट भर जाए, गमद खाना – पीना अच्छा लगे, मीठा खाने की इच्छा, पेट
में गैि भरी रहती ह – (लाइक प सडयम 30, सदन में 3 बार)
● मुों ह िे वायु सनकलना; डकारें , हाथ – पैर ठन्डे , छाती में ददद – (काबो वेज 30, सदन में 3
बार, भ जन िे आिे घोंटे पहले )
● सकिी बीमारी के बाद भू ख न लगना – (जै स्तजशयाना ल्युसटया Q, 5 बूोंद पानी में 3 बार)
दि
बार – बार बहुत ज्यादा या कम मात्रा में पतला पाखाना आने क दि कहते हैं कारण – ज्यादा
मात्रा में खराब भ जन खाने िे , बहुत गमी िे , िदी लगने िे , पिीना रुकने िे , पाचन सक्रया
में गड़बड़ी ह ने िे दि ह ने लगते ह लक्षण – कभी सबना ददद के या कभी पेट ददद के िाथ बार -
बार आना , कभी सबल्कुल पतला , कभी सबल्कुल पानी के तरह , कभी आों व के िाथ |
● गररस्ठ , मिाले दार या ज्यादा भ जन खा ले ने के बाद बार बार पाखाना जाने की इच्छा ह ,
दू ि िहन न ह ता ह – (नक्स व समका 30, सदन में 3 बार)
● दि के िाथ बहुत असिक कमज री , सबना ददद के पानी जै िा पतला दि , बहुत प्याि ,
िारे शरीर में पिीना – (चाइना 30, सदन में 3 बार)
● गन्दा पानी पीने के कारण दि , हल्के पीले रों ग का, बहुत असिक पररमाण में , बदबूदार ,
बड़े वेग के िाथ आये – (प ड फाईलम 30, सदन में 3 बार )
● वायु सनकलते िमय अनजाने में दि ह जाना , पाखाना जाने की इच्छा ह ने पर वेग िम्भाला
नहीों जाता – (एल ि क 30, सदन में 3 बार )
● पेट ददद के िाथ गहरे पीले रों ग का दि , कभी कभी पतला हल्के रों ग का दि , पररमाण में
थ डा , खाने पीने के बाद दि ों का बढ़ जाना – (क ल सिोंथ 30, सदन में 3 बार )
● खराब या रखा हुआ , बािी खाना खाने के कारण , खराब फल या पानी पीने की वजह िे
दि , थ डा – थ डा पानी पीने की इच्छा – (आिेसनक 30, सदन में 3 बार )
● अत्यसिक खट्टी बदबू वाले दि , बच्े के शरीर िे भी खट्टी गोंि आये – (ररयुम 30, सदन में 3
बार )
● बच् ों क दू ि पीने के बाद दि – (मै ग्नेसशया काबद 30, सदन में 3 बार )
● जब दि काफी वेग िे सनकले और जरा िा भी खाने पीने िे बढे , पीले पतले दि , गमद पानी
िे आराम लगे – (क्र टन सटग 30, सदन में 3 बार )
● पुराने दि , िुबह के िमय ज्यादा , र गी क सबिर िे उठते ही शौच के सलए भागना पड़े –
(िल्फर 30, सदन में 3 बार)
● सचडसचडे स्वभाव वाले बच् ों में दाों त सनकलने िमय दि ह ना , शौच िे पहले शरीर में ऐोंठन –
(कैम समला 30, सदन में 3 बार )
बड़ी आों त में घाव ह कर मर ड़ के िाथ खू न एवों आों व समले व थ ड़े -थ ड़े दि आने क पेसचश कहते
हैं ।
● दि में खू न की अपेक्षा आों व की मात्रा बहुत ज्यादा ह - (मकद िॉल 30, सदन में 3 बार)
● नमी वाली जगह पर रहने िे या बरिात में र ग वृस्ति - (रि टॉक्स 30, सदन में 4 बार)
कब्ज
● िािारण कब्ज में – (नक्स व समका 30, र ज ि ते िमय एवों िल्फर 30, र ज िुबह)
● जब मल बहुत कड़ा बकरी की में गनी की तरह का ह – (एलु समना 30, सदन में 3 बार)
● मल बहुत कड़ा व बड़े बड़े लैंड के रूप में सनकलता ह और आों व सलपटा हुआ ह –
(रेफाइसटि 30, सदन में 3 बार)
● बार – बार पाखाना जाने की इच्छा पर पाखाना ह ता नहीों; मल िुखा व कड़ा l बैठे रहने की
अपेक्षा खड़े ह ने पर आिानी िे पाखाना ह ता है – (कॉस्तरकम 30, सदन में 3 बार)
● मलद्वार में डाट िी लगी हुई अनु भव ह – (लाइक प सडयम 30, सदन में 3 बार)
● जब कब्ज की वजह िे पेट अन्दर क िोंिता िा महिूि ह – (हाइडरैस्तरि Q या 30, सदन में 3
बार)