Professional Documents
Culture Documents
Newton Law of Motion
Newton Law of Motion
यट
sansarlochan.in/newton-law-of-motion-gati-niyam-hindi
i) व तु अपनी िवरामावा था या एक सीध में एक प ग याव था में तब तक रहती है, जब तक बा बल ारा उसकी
िवरामाव था या ग या था में कोई पिरवतन न लाया जाए.
ii) आवेग (Momentum) के पिरव न की दर संवेग (Impressed force) की अनुपाती होती है तथा वह उसी
िदशा में होती है िजस िदशा में बल लगता है.
iii) प येक ि या (Action) की उसके बराबर तथा उसके िव िदशा में पिति या (Reaction) होती है.
चलती हुई मोटर-गाड़ी अनंत काल तक एक सीध म चलती रहे, यिद धरातल का घषण और वायु का पितरोध नही ं हो.
धरातल का घषण और वायु का पितरोध दूर करने के िलए ही बल की आव यकता होती है और यह बल पे ोल के जलने से
पा त होता है. आकाश म फका हुआ बॅाल आकाश के अनंत गभ म िवलीन हो जाता, यिद वायु का घषण तथा गु व इसके
िव नही ं होते.
िवराम के भेद:– उपयु त िनयम से व तु के दो तरह के िवरामों का बोध होता है– िवराम की अव था और गित की अव था.
िवराम की अव था:– िवराम की अव था प येक व तु का साधारण गुण है. टे बल या मेज अपनी जगह पर तब तक बनी
रहेगी, जब तक इसे हटाया नही ं जाए.
ब चों को कैरम खेलते आपने देखा होगा. पायः वे कैरम की गोिटयों को तह लगाकर रखते ह और ाइकर से नीचे वाली
गोटी को मारते ह. अब िवराम के कारण ऊपरवाली होती यों-की- यों बनी रहती है और नीचे वाली गोटी आघात से
िखसककर दूर चली जाती है.
1/4
इसी पकार एक ठे लागाड़ी तब तक अपनी जगह पर खड़ी रहेगी जब तक बल लगाकर इसे गितशील नही ं िकया जाए. िवराम
के कारण ही ये अपने थान पर बने रहते ह. हमारे दैिनक जीवन म िवराम की अव था के कई उदाहरण िमलगे. िवराम की
अव था के कारण ही गाड़ी के अक मात् चलने से उसपर बैठा हुआ मुसािफर पीछे की ओर लुढ़क जाता है. बैठे हुए मुसािफर
के नीचे के भाग का संपक “सीट” से है. जब गाड़ी अक मात् गितशील होती है तो मुसािफर का यह भाग भी गितशील हो
जाता है; लेिकन िवराम की अव था के कारण उसका ऊपरवाला भाग ि थर रहना चाहता है, िजसके कारण ऊपरवाली भाग
पीछे की और झुक जाता है और वह लुढ़क पड़ता है.
माली को लोहे के ती ण ल बे लेड से घास को काटते हमने देखा है. घास की जड़ के पास से वह एक तेज झटका मारता है.
िवराम की अव था के कारण घास का ऊपरी भाग अपने थान पर बना रहता है और ती ण धार जड़ के पास से िनकल
जाती है और घास काटकर धराशायी हो जाता है.
गित की अव था:–
गित की अव था गितशील व तु का िविश ट गुण है. हम भले ही इसका प य प अनुभव नही ं कर सक. चलती हुई गाड़ी
के ड बे म उछलाया हुआ गद गाड़ी की गित से ही अगसर होता है. गाड़ी पर बैठा हुआ मुसािफर गाड़ी की गित से ही आगे की
ओर बढ़ता है योंिक गाड़ी के अक मात् कने से वह आगे की ओर लुढ़क जाता है. उसके ऊपर वाले भाग की गित गाड़ी
की पूववाली गित जैसी बनी रहती है लेिकन उसका िन न भाग क जाता है. फलतः गित की अव था के कारण उसका
ऊपरवाला भाग आगे की ओर झुक जाता है. गित की अव था के कारण ही दौड़ता हुआ बालक ठोकर खाकर िगर जाता है.
बल या है?
यूटन के गित-िनयम के अंितम भाग पर यिद हम यान द तो बल की साधारण पिरभाषा प ट हो जायेगी:– “बल वह कारण
है िजससे िकसी व तु की िवरामा था या ग या था में पिरवतन लाया जा सके“.
पर सच किहये तो यह पिरभाषा उस समय गलत हो जाती है यिद एक छोटा-सा बालक िकसी िवशालकाय वृ के त भ को
ध का मार कर िगराने की कोिशश करता है. उसने बल तो ज र लगाया पर वृ वही ं का वही ं खड़ा रह गया अथात् वृ
की िवरामावा था पिरवितत नही ं हुई.
इसिलए उपरो त पिरभाषा म यिद कु छ श द और जोड़ िदए जाएँ तो बल की पिरभाषा ठीक हो जायेगी:– “बल वह कारण है
जो व तु की िवरामा था या एक सीध में याव था में बल पिरवतन न लाये या लाने का पय न करे.”
िजतनी जोर से हम जमीन पर अपना पैर पटकते ह, उतनी ही अिधक हम चोट लगती है अथात् िजतनी जोर से हम जमीन
को नीचे की ओर दबाते ह उतनी ही जोर से प ृ वी हम ऊपर की और ठे लती है. िजतनी जोर से हम गद को पटकते ह उतना
ही ऊपर यह उछलता है. व तु को खी ंचना, जमीन पर पैर पटकना, गद को जमीन पर िगराना आिद ि याएँ ह. व तु का
िवपरीत िदशा म खी ंचना, पैर म चोट लगना तथा गद का ऊपर िदशा म जाना आिद पिति याएँ ह. अतः यूटन का प तुत
तीसरा िनयम ि या-पिति या (Law of action and reaction) भी कहलाता है.
यूटन के तीनों िनयमों (Three laws of Newton) का साधारण पमाण नही ं िदया जा सकता है; लेिकन इसका स यापन
िकया जा सकता है. इसके आधार पर की जानेवाली गणनाएँ पायः ठीक-ठीक िनकलती है; अतः हम इ ह वयंिस
(Axiom) मान लेते ह.
3/4
4/4