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भारत के गवर्नर जर्रल (Governor General of India) भारतीय उपमहाद्वीप

पर ब्रिब्रिश राज का प्रधान पद था। ब्रजसपर ब्रसर्फ अंग्रेजो का अब्रधकार था। स्वतंत्रता
प्राप्ति से पूर्फ कोई भी भारतीय इस पद पर नहीं बैठा। गवर्नर जर्रल ऑफ द
प्रेसीडें सी ऑफ फोर्न वववलयम के शीर्फक के साथ इस कायाफ लय को 1773 में सृब्रजत
ब्रकया गया था।

1858 ई. तक गर्नफ र जनरल की ब्रनयुप्ति ईस्ट इं ब्रिया कंपनी के ब्रनदे शकों द्वारा की
जाती थी, 1857 के ब्रर्द्रोह के बाद इनकी ब्रनयुप्ति ब्रिब्रिश सरकार द्वारा की जाने
लगी।

1947 में जब भारत और पाब्रकस्तान को आजादी ब्रमली तब र्ायसराय की पदर्ी को


हिा ब्रदया गया, लेब्रकन दोनों नई ररयासतों में गर्नफ र-जनरल के कायाफ लय को तब
तक जारी रखा गया जब तक उन्ोंने क्रमशः 1950 और 1956 में गणतंत्र संब्रर्धान
को अपनाया।

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Table of Contents

बंगाल के गवर्नर

लाडन क्लाइव (Lord Clive)


कायन काल – 1757-1760 एं र् 1765-1767

 लािफ क्लाइर् ईस्ट इं ब्रिया कम्पनी द्वारा भारत में ब्रनयुि होने र्ाला प्रथम गवर्नर
था।
 ईस्ट इं ब्रिया कंपनी ने 1757 में बंगाल का गर्नफ र ब्रनयुि ब्रकया।
 लािफ क्लाइर् को भारत में अंग्रेजी शासन का जन्मदाता माना जाता है ।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 क्लाइर् ने बंगाल में द्वै ध शासर् की व्यर्स्था की, ब्रजसके तहत राजस्व र्सूलने , सैब्रनक
संरक्षण एं र् ब्रर्दे शी मामले कम्पनी के अधीन थे, जबब्रक शासन चलाने की ब्रजमेदारी
नर्ाबो के हाथ में थी।
 क्लाइर् के बाद, द्वै ध शासन के दौरान वेरेल्स्ट (1767-1769) और कावर्न यर (1769-
1772) बंगाल के गर्नफर रहे ।
 1757 का प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) भी लािफ क्लाइर् के नेतृत्व में लड़ा
गया।

बंगाल के गवर्नर-जर्रल

वारे र् हे स्टं ग्स (Warren Hastings)


कायनकाल – 20 अक्टू बर 1773 – 1 फ़रर्री 1785

मुख्य घर्र्ा और कायन

 1773 ई. में रे ग्युलेब्रिंग एक्ट के द्वारा र्ारे न हे प्तस्टंग्स को बंगाल का प्रथम गवर्नर
जर्रल बनाया गया, ब्रजसने बंगाल में स्थाब्रपत द्वै ध शासर् प्रथा को समाि कर ब्रदया
एं र् प्रत्येक ब्रजले में र्ौजदारी तथा दीर्ानी अदालतों की स्थापना की।
 हे प्तस्टंग्स के समय में रे ग्युलेब्रिंग एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्च न्यायालय
की स्थापर्ा की गयी।
 हे प्तस्टंग्स ने बंगाली िाह्मण नन्द कुमार पर छूिा आरोप लगा कर न्यायालय से र्ााँ सी
की सजा ब्रदलर्ाई।
 प्रथम एं र् ब्रद्वतीय आं ग्ल-मराठा युद्ध र्ारे न हे प्तस्टंग्स के समय में ही लड़े गए, प्रथम
आं ग्ल मराठा युद्ध (1775 – 1782 ई.) जो सलबाई की संवध (1782ई.) से
समाि हुआ एं र् वद्वतीय आं ग्ल-मराठा युद्ध (1780-1784 ई.) जो मंगलोर की संवध
(1784ई.)के द्वारा समाि हुआ।
 हे प्तस्टंग्स के समय में 1784 ई. को एवशयावर्क सोसायर्ी ऑफ़ बंगाल (Asiatic
Society of Bangal) की स्थापना हुई।
 हे प्तस्टंग्स के समय में ही बोडन ऑफ़ रे वेन्यू (Board of Revenue) की स्थापना हुई।
 हे प्तस्टंग्स ने 1781 ई. में कलकत्ता में प्रथम मदरसा की स्थापर्ा की।
 हे प्तस्टंग्स के समय में 1782 ई. को जोनाथन िं कन ने बनारस में संस्कृत ब्रर्द्यालय
की स्थापना की।
 र्ारे न हे प्तस्टंग्स के समय में ही वपर्् स इं वडया एक्ट (Pitt’s India Act) पाररत हुआ,
ब्रजसके द्वारा बोिफ ऑफ़ कंिर ोल की स्थापना हुई|
 ब्रपि् स एक्ट के ब्रर्रोध में इस्तीफ़ा दे कर जब र्ारे न हे प्तस्टग्स फ़रर्री, 1785 ई. में
इं ग्लैण्ड पहुाँ चा, तो बकफ द्वारा उसके ऊपर महाब्रभयोग लगाया गया। ब्रिब्रिश
पाब्रलफयामेंि में यह महाब्रभयोग 1788 ई. से 1795 ई. तक चला, परन्तु अन्त में उसे
आरोपों से मुि कर ब्रदया गया।

सर जॉर् मैकफरसर् (Sir John Mecpherson)


कायनकाल – 1 फ़रर्री 1785 – 12 ब्रसतंबर 1786

 इन्ें अस्थायी गर्नफर जनरल ब्रनयुि ब्रकया था।

लाडन कॉर्न वावलस ( Lord Cornwallis or Charles


Cornwallis)
कायनकाल – 12 ब्रसतंबर 1786 – 28 अक्टू बर 1793

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ कॉनफ र्ॉब्रलस को भारत में वसवल सेवा एं र् पुवलस वयवस्था का जर्क माना
जाता है।
 इसके समय में ब्रजले के समस्त अब्रधकार ब्रजला कलेक्टर के हाथों में दे ब्रदए गए।
 कानफ र्ाब्रलस के समय में 1790 से 1792 ई. में तृतीय आं ग्ल-मैसूर (Anglo-
Mysore War) युद्ध हुआ।
 1793 में कानफ र्ाब्रलस ने बंगाल, ब्रबहार और उड़ीसा में भूब्रम कर से सम्बंब्रधत स्थाई
बंदोबस्त पद् वत (Permanent Settlement) लागू की, ब्रजसके तहत जमींदारो को
अब भूराजस्व का लगभग 90% कंपनी को तथा लगभग 10% अपने पास रखना था।
 कॉनफ र्ॉब्रलस ने ब्रजले में पुब्रलस थाना की स्थापना कर एक दारोगा को इसका इं चाजफ
बनाया।

सर जॉर् शोर (Sir John Shore)


कायनकाल – 28 अक्टू बर 1793 – 18 माचफ 1798

मुख्य घर्र्ा और कायन


 अहस्तक्षेप र्ीवत एं र् खारदा का युद्ध सर जॉन शोर के काल की महत्वपूणफ घिना
थी।
 खारदा का युद्ध 1795 ई. में मराठो एं र् ब्रनजाम के ब्रबच लड़ा गया।

सर अलडन क्लाकन (Sir Alured Clarke)


कायनकाल – 18 माचफ 1798 – 18 मई 1798

 इन्ें अस्थायी गर्नफर जनरल ब्रनयुि ब्रकया था।

लाडन वेलेजली (Lord Wellesley)


कायनकाल – 18 मई 1798 – 30 जुलाई 1805

 लािफ र्ेलेज़ली जो अपने आप को बंगाल का शेर कहता था।

मुख्य घर्र्ा और कायन

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 लािफ र्ेलेजली ने सहायक संवध की पद् वत लागु की।


 नोि- भारत में सहायक संब्रध का प्रयोग र्ेलेज़ली से पहले फ़्ां ब्रससी गर्नफ र िूप्ले ने
ब्रकया था।
 र्ेलेजली के समय में है दराबाद, मैसूर, तंजौर, अर्ध, जोधपुर, जयपुर, बूंदी, भरतपुर और
पेशार्र ने सहायक संब्रध पर हस्ताक्षर ब्रकये।
 र्ेलेज़ली ने 1800 ई. में नागररक सेर्ा में भती हुए युर्कों को प्रब्रशक्षण दे ने के
ब्रलए फोर्न वववलयम कॉलेज की स्थापना की।
 र्ेलेज़ली के काल में ही चौथा आं ग्ल-मैसूर युद्ध 1799 ई. में हुआ ब्रजसमें वर्प्पू
सुल्तार् मार गया था।
 इसके शासन काल में वद्वतीय आं ग्ल-मराठा युद्ध 1803-1805 ई. में हुआ था।

लाडन कार्न वावलस (Lord Cornwallis)


कायनकाल – 30 जु लाई 1805 – 5 अक्टू बर 1805

मुख्य घर्र्ा और कायन

 1805 ई. में लािफ कॉनफ र्ॉब्रलस का दू सरा कायफकाल शुरू हुआ, परन्तु शीघ्र ही
उनकी म्रत्यु हो गयी।

सर जॉजन बारलो (Sir George Barlow)


कायनकाल – 10 अक्टू बर 1805 से 31 जु लाई 1807

मुख्य घर्र्ा और कायन

 1805 ई. की राजपुरघार् की संवध एं र् 1806 ई. का वेल्लोर में वसपाही


ववद्रोह इसके काल की महत्वपूणफ घिना थी।
 राजपुरघाि की संब्रध 1805 ई. में धेलकार एं र् सर जॉन बारलो के मध्य हुई थी।

लाडन वमंर्ो (Lord Minto)


कायनकाल – 31 जुलाई 1807 – 4 अक्टू बर 1813

मुख्य घर्र्ा और कायन

 अमृतसर की संवध एं व चार्न र एक्ट इसके काल की महत्वपूणफ घिना थी।


 अमृतसर की संब्रध 25 अप्रैल 1809 ई. में रणजीत ब्रसंह एं र् लािफ ब्रमन्टो के मध्य
हुई ब्रजसकी मध्यस्थता मेिकॉर् ने की थी।
 1813 का चार्न र एक्ट ब्रमन्टो के काल में ही पास हुआ था।

मास्वनस हे स्टं ग्स (Marquess Of Hastings)


कायनकाल – 4 अक्टू बर 1813 – 9 जनर्री 1823

मुख्य घर्र्ा और कायन


 हे प्तस्टंग्स के कायफकाल में 1814-1816 ई. को आं ग्ल र्ेपाल युद्ध हुआ, इसमे ने पाल
के अमरब्रसंह को आत्मसमपफण करना पड़ा।
 माचफ 1816 ई. में हे प्तस्टंग्स एं र् गोरखों के ब्रबच संगोवल की संवध के द्वारा आं ग्ल-
ने पाल युद्ध का अंत हुआ।
 संगौली की संब्रध के द्वारा काठमांडू में एक ब्रिब्रिश रे ब्रजिें ि रखना स्वीकार ब्रकया गया
और इस संब्रध के द्वारा अंग्रेजों को वशमला, मसूरी, रार्ीखेत, एवं र्ैर्ीताल प्राि हुए।
 हे प्तस्टंग्स के ही कायफकाल में तृतीय आं ग्ल-मराठा युद्ध (1818-1818 ई.) हुआ, और
1818 में हे प्तस्टंग्स ने पेशर्ा का पद समाि कर ब्रदया।
 1817-1818 ई. में ही इसने ब्रपंिाररयों का दमन ब्रकया, ब्रजसके नेता चीतू, र्ाब्रसल
मोहम्मद तथा करीम खां थे।
 हे प्तस्टंग्स ने 1799 में प्रेस पर लगाये गए प्रब्रतबंधों को समाि कर ब्रदया।
 इसी के समय में 1822 ई. को र्ै र्ेन्सी एक्ट या काश्तकारी अवधवर्यम लागु
हुआ।

जॉर् ऐडम्स (John Adam)


कायनकाल – 9 जनर्री 1823 – 1 अगस्त 1823

 इन्ें अस्थायी गर्नफर जनरल ब्रनयुि ब्रकया था।

लाडन एमहटन (Lord William Amherst)


कायनकाल – 1 अगस्त 1823 – 13 माचफ 1828

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ एमहसिफ के काल में 1824-1826 ई. को प्रथम आं ग्ल-बमान युद्ध लड़ा गया
था।
 1825 ई. में ब्रिब्रिश सेना के सैब्रनक कमाण्डर ने बमाफ सेना को परास्त कर 1826
ई. में ‘याण्डबू की सस्ि’ की।
 1824 ई. का बैरकपुर का सैन्य ववद्रोह भी लॉिफ एमहस्टफ के समय में ही हुआ था।

वववलयम बर्रवथन बेले (William Butterworth Bayley)


कायनकाल – 13 माचफ 1828 – 4 जु लाई 1828

 इन्ें अस्थायी गर्नफर जनरल ब्रनयुि ब्रकया था।

लाडन वववलयम बैंवर्क (Lord William Bentinck)


कायनकाल – 4 जु लाई 1828 – 1833

 लॉडन वववलयम बैंवर्क 1803 ई. में मद्रास के गर्नफ र की है ब्रसयत से भारत आया।
 1833 ई. के चािफ र-एक्ट द्वारा बंगाल के गर्नफ र को भारत का गर्नफ र-जनरल बना
ब्रदया गया।
 लॉडन वववलयम बैंवर्क 1828-1833 तक बंगाल के गर्नफ र एं र् 1835 तक भारत का
गर्नफ र जनरल रहा, ब्रजसे ‘ब्रर्ब्रलयम कैर्ेंब्रिश बैब्रिंग’ के नाम से भी जाना जाता है।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लॉडन वववलयम बैंवर्क के शासन काल में कोई युद्ध नहीं हुआ, एं र् इसका शासन
काल शां ब्रत का काल रहा था।
 बैंब्रिक ने 1829 में सिी प्रथा पर प्रब्रतबन्ध लगा ब्रदया, इसके बाद उसने वशशु-वध पर
भी प्रब्रतबन्ध लगाया।
 बैंब्रिक के कायफकाल में दे र्ी-दे र्ताओं को नर बब्रल दे ने की प्रथा का भी अंत कर
ब्रदया गया।

भारत के गवर्नर जर्रल

लाडन वववलयम बैंवर्क (Lord William Bentinck)


कायनकाल – 1833 – 20 माचफ 1835

 1833 ई. में लॉडन वववलयम बैंवर्क भारत के प्रथम गर्नफ र-जनरल बने ।

मुख्य घर्र्ा और कायन


 लािफ ब्रर्ब्रलयम बैंब्रिक भारत में ब्रकये गए सामाब्रजक सुधारों के ब्रलए ब्रर्ख्यात है ।
 बैंब्रिक ने कोिफ ऑफ़ िायरे क्टसफ की इच्छाओं के अनु सार भारतीय ररयासतों के प्रब्रत
तिस्थता की नीब्रत अपनायी।
 इसने ठगों के आतंक से ब्रनपिने के ब्रलए कनफ ल स्लीमैन को ब्रनयुि ब्रकया।
 बैंब्रिक के कायफकाल में अपनायी गयी मैकाले की ब्रशक्षा पद्धब्रत ने भारत के बौप्तद्धक
जीर्न को उल्लेखनीय ढं ग से प्रभाब्रर्त ब्रकया, इस प्रकार लािफ ब्रर्ब्रलयम बैंब्रिक का
भारत के ब्रशक्षा के खेत्र में भी महत्वपूणफ स्थान।

सर चार्ल्न मेर्काफ (Lord Metcalfe or Charles


Metcalfe)
कायनकाल – 20 माचफ 1835 – 4 माचफ 1836

मुख्य घर्र्ा और कायन

 चार्ल्फ मेिकार् में भारत में समाचार पत्रों पर लगे प्रब्रतबंधों को समाि कर ब्रदया,
इस कारण इसे प्रेस का मुस्िदाता भी कहा जाता है

लाडन ऑकलैं ड (Lord Auckland)


कायनकाल – 20 माचफ 1835 – 4 माचफ 1836

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ ऑकलैंि के कायफकाल में प्रथम आं ग्ल-अफगार् युद्ध (first Anglo-Afghan,


1838-1842 ई.) हुआ।
 1839 ई. में ऑकलैंि ने कलकत्ता से ब्रदल्ली तक ग्रैंि िर क रोि की मरम्मत
करर्ाई।
 ऑकलैंि के समय में भारतीय ब्रर्द्याब्रथफयों को डॉक्टरी की वशक्षा हे तु ववदे श जार्े
की अर्ुमवत वमली।
 आकलैण्ड के कायफकाल में बम्बई और मद्रास मेवडकल काले जों की स्थापना की
गयी|

लाडन एलर्बरो (Lord Ellenborough)


कायनकाल – 28 फ़रर्री 1842 – जू न 1844

मुख्य घर्र्ा और कायन

 एलनबरो के समय में प्रथम आं ग्ल-अफ़गान युद्धसमाि हुआ।


 1843 में एलनबरो ने चार्ल्फ ने ब्रपयर को असैब्रनक एर्ं सैब्रनक शप्तियों के साथ ब्रसन्ध
भेजा। ने ब्रपयर ने अगस्त, 1843 में ब्रसन्ध को पूणफ रूप से ब्रिब्रिश सम्राज्य में ब्रमला
ब्रलया गया।
 1843 के एक्ट – V के द्वारा दास-प्रथा का उन्मूलर् भी एलनबरो के समय में हुआ।

लाडन हावडिं ग (Lord Hardinge)


कायनकाल – 23 जुलाई 1844 – 12 जनर्री 1848

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ हाब्रििंग के कायफकाल में प्रथम आं ग्ल-वसख युद्ध (1845-1846 ई.) हुआ।
जो लाहौर की सप्तन्ध के द्वारा समाि हुआ।
लािफ हाब्रििंग ने र्रबवल-प्रथा पर प्रवतबंध लगाया।

लाडन डलहौजी (Lord Dalhousie)


कायनकाल – 12 जनर्री 1848 – 28 फ़रर्री 1856

 लॉिफ िलहौज़ी, ब्रजसे ‘अलन ऑफ़ डलहौजी’ भी कहा जाता था।


 लािफ िलहौजी एक कट्टर उपयोब्रगतार्ादी एर्ं साम्राज्यर्ादी था, लेब्रकन िलहौजी को
उसके सुधारों के ब्रलए भी जाना जाता है ।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ िलहोजी के समय में वद्वतीय आं ग्ल-वसक्ख युद्ध (1848-49 ई.) तथा 1849
ई. में पंजाब का ब्रिब्रिश शासन में ब्रर्लय और ब्रसक्ख राज्य का प्रब्रसद्ध वहरा
कोवहर्ूर महारार्ी ववक्टोररया को भेज वदया गया।
 िलहौजी के कायफकाल में 1851-1852 में वद्वतीय आं ग्ल-बमान युद्ध लड़ा गया और
1852 में बमाफ के लोअर बमाफ एं र् ब्रपगु राज्य को ब्रिब्रिश साम्राज्य में ब्रमला ब्रलया
गया।
 िलहौजी के कायफकाल में ही भारत में रे लवे और संचार प्रणाली का ववकास
हुआ।
 इसके कायफकाल में भारत में दाब्रजफब्रलंग को सप्तम्मब्रलत कर ब्रलया गया।
 लािफ िलहौजी के कायफकाल में वुड का वर्दे श पत्र (Wood’s dispatch) आया,
ब्रजसे भारत में ब्रशक्षा सुधारों के ब्रलए ‘मैग्नाकार्ान’ कहा जाता है ।
 इसने 1852 ई. में एक इनाम कमीशन की स्थापना की, ब्रजसका उदे शय भूब्रमकर
रब्रहत जागीरों का पता कर उन्ें ब्रछन्ना था।
 इसने 1854 में नया डाकघर अवधवर्यम (Post Office Act) पाररत वकया, ब्रजसके
द्वारा भारत में पहली बार िाक ब्रिकिों का प्रचलन प्रारं भ हुआ।
 1856 ई. में अर्ध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में ब्रमला ब्रलया
गया।
 1856 ई. में तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थान्तररत ब्रकया,
और सेर्ा का मुख्यालय वशमला में स्थावपत वकया।
 िलहौजी के समय में भारतीय बंदरगाहों का ब्रर्कास करके, इन्ें अन्तराफ ष्ट्रीय र्ाब्रणज्य
के ब्रलये खोल ब्रदया गया|
 लािफ िलहौजी के समय में ही वहन्दू ववधवा पुर्ववनवाह अवधवर्यम भी पाररत
हुआ।
 इसने वशमला को ग्रीष्मकालीर् राजधार्ी बनाया।
 िलहोजी ने र्र-बवल प्रथा को रोकने का प्रयास भी ब्रकया।

लाडन कैवर्ं ग (Lord Canning)


कायनकाल – 128 फ़रर्री 1856 – 1 नर्म्बर 1858

 लािफ कैब्रनंग भारत का अंवतम गवर्नर जर्रल था।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ कैब्रनंग के कायफकाल की सबसे महत्वपूणफ घिना 1857 का ववद्रोह था। 1857 के
ब्रर्द्रोह के पश्चात् बहादु र शाह को रं गून ब्रनर्ाफ ब्रसत कर ब्रदया गया।

भारत के वायसराय
लाडन कैवर्ंग (Lord Canning)

कायनकाल – 1 नर्म्बर 1858 – 21 माचफ 1862

 1858 में ब्रिब्रिश संसद द्वारा पाररत अब्रधब्रनयम द्वारा इसे भारत का प्रथम
वायसराय बनाया गया।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 कैब्रनंग के कायफकाल में IPC, CPC तथा CrPC जै सी दण्डब्रर्ब्रधयों को पाररत ब्रकया
गया।
 कैब्रनंग के समय में ही लंदन ब्रर्श्वब्रर्द्यालय की तजफ पर 1857 में कलकत्ता, मद्रास,
और बम्बई ब्रर्श्वब्रर्द्यालयों की स्थापना की गई।
 1861 का भारतीय पररर्द् अब्रधब्रनयम कैब्रनंग के समय में ही पाररत हुआ।
 कैब्रनंग के कायफकाल में ही भारतीय इब्रतहास का प्रब्रसद्द र्ील ववद्रोह भी हुआ।
 1861 का भारतीय पररषद् अवधवर्यम कैब्रनंग के समय में ही पाररत हुआ।
 इसके समय में ववधवा पुर्ववनवाह अवधवर्यम 1856 ई. में स्वतन्त्र रूप से लागु
हुआ।

लाडन एस्िर् (Lord Elgin)


कायनकाल – 21 माचफ 1862 – 20 नर्म्बर 1863

मुख्य घर्र्ा और कायन

 इसकी सबसे महत्त्वपूणफ सर्लता थी- ‘वहाबी आं दोलर्’ का सर्लतापूर्फक दमन।


 लािफ एप्तिन की 1863 ई. में धमफशाला (ब्रहमाचल प्रदे श) में मृत्यु हो गई।

सर रॉबर्न र्े वपयर (Sir Robert Napier)


कायनकाल – 21 नर्म्बर 1863 – 2 ब्रदसम्बर 1863

 सर रॉबिफ ने ब्रपयर को भारत के कायफर्ाहक र्ायसराय के रूप में ब्रनयुि ब्रकया गया
था।
सर वववलयम डे वर्सर् (Sir William Denison)
कायनकाल – 2 ब्रदसम्बर 1863 – 12 जनर्री 1864

 सर ब्रर्ब्रलयम िे ब्रनसन को भारत के कायफर्ाहक र्ायसराय के रूप में ब्रनयुि ब्रकया


गया था।

सर जॉर् लॉरें स (Sir John Lawrence)


कायनकाल – 12 जनर्री 1864 – 12 जनर्री 1869

मुख्य घर्र्ा और कायन

 जॉन लॉरें स ने अर्गाब्रनस्तान में हस्तक्षेप न करने की नीब्रत का पालन ब्रकया, इसके
कायफकाल में यूरोप के साथ संचार र्यर्स्था (1869-1870) कायम की गयी।
 जॉन लॉरें स के ही कायफकाल में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में उच्च न्यायालयों की
स्थापना की गयी।
 इसके कायफकाल में पंजाब में काश्तकारी अब्रधब्रनयम पाररत ब्रकया गया।

लाडन मेयो Lord Mayo


कायनकाल – 12 जनर्री 1869 – 8 फ़रर्री 1872

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लाडन मेयो के कायफकाल में भारतीय सांस्ख्यकीय बोडन का गठन ब्रकया गया।
 भारत में अंग्रेजो के समय में प्रथम जर्गणर्ा 1872 ई. में लािफ मेयो के समय में
हुई थी।
 मेयो के काल में 1872 ई. में अजमेर, राजस्थार् में मेयो कॉलेज की स्थापना की
गई।
 1872 ई. में कृवष ववभाग की स्थापर्ा भी मेयो के काल में हुई थी।
 लािफ मेयो की एक अर्गान ने 1872 ई. में चाकू मार कर हत्या कर दी।

सर जॉर् टरे ची (Sir John Strachey)


कायनकाल – 9 फ़रर्री 1872 – 23 फ़रर्री 1872

 सर जॉन स्टर े ची को भारत के कायफर्ाहक र्ायसराय के रूप में ब्रनयुि ब्रकया गया
था।

द लॉडन र्े वपयर (The Lord Napier)


कायनकाल – 24 फ़रर्री 1872 – 3 मई 1872

 द लॉिफ ने ब्रपयर को भारत के कायफर्ाहक र्ायसराय के रूप में ब्रनयुि ब्रकया गया
था।

लाडन र्ाथन ब्रुक (Lord Northbrook)


कायनकाल – 3 मई 1872 – 12 अप्रैल 1876

 इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 भारत में उसकी नीब्रत “करों में कमी, अनार्श्यक कानूनों को न बनाने तथा कृब्रर्
योग्य भूब्रम पर भार कम करने” की थी।
 लािफ नाथफिुक के समय में पंजाब में कूका आन्दोलर् हुआ।
 नाथफिुक ने 1875 में बड़ौदा के शासक गायकर्ाि को पदच्युत कर ब्रदया।
 नाथफिुक के कायफकाल में वप्रंस ऑफ़ वेर्ल् एडवडन तृतीय की भारत यात्रा 1875 में
संपन्न हुई।
 इसी के समय में स्वेज र्हर खुल जाने से भारत एं र् ब्रििे न के ब्रबच व्यापार में र्ृब्रद्व
हुई।

लाडन वलर्र् (Lord Lytton)


कायनकाल – 12 अप्रैल 1876 – 8 जू न 1880

 इसका पूरा नाम ‘रॉबर्न बुलवेर वलर्र् एडवडन ’ था, एं र् इनका एक उपनाम ‘ओवेर्
मेरेवडथ‘ भी था।
 यह एक प्रसीद उपन्यासकार, ब्रनबंध-लेखक एं र् साब्रहत्यकार था, साब्रहत्य में
ऐसे ‘ओवेर् मेरेवडथ’ नाम से जाना गया।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 इसमे समय में बम्बई, मद्रास, है दराबाद, पंजाब एं र् मध्य भारत में भयानक अकाल
पड़ा।
 इसने ररचडन टे ची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की स्थापना की।
 लािफ ब्रलिन के कायफकाल में प्रथम वदल्ली दरबार का आयोजन ब्रकया गया और एक
राज-अब्रधब्रनयम पाररत करके 1877 में ब्रििे न की महारानी ब्रर्क्टोररया को ‘कैसर-ए-
वहन्द’ की उपाब्रध से ब्रर्भूब्रर्त ब्रकया गया।
 ब्रलिन ने अलीगढ में एक मुस्िम एं ग्लो प्राच्य महाववधालय की स्थापना की।
 इसके कायफकाल में 1878 में वर्ानक्यूलर प्रेस एक्ट (Vernacular Press Act) पाररत
ब्रकया गया, ब्रजसके कारण कई स्थानीय भार्ाओाँ के समाचार पत्र आब्रद
को ‘ववद्रोहात्मक सामग्री’ के प्रकाशन का आरोप लगाकर बंद कर ब्रदया गया।
 इसके समय में शस्त्र एक्ट (आम्सन एक्ट) 1878 पाररत हुआ, ब्रजसमे भारतीयों को
शस्त्र रखने और बेचने से रोका गया।
 इसने वसववल सेवा परीक्षाओं में प्रर्ेश की अब्रधकतम आयु ब्रसमा घिाकर 19 र्र्फ
कर दी।

लाडन ररपर् (Lord Ripon)


कायनकाल – 8 जू न 1880 – 13 ब्रदसम्बर 1884

मुख्य घर्र्ा और कायन

 ररपन ने समाचारपत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए 1882 ई. में वर्ानक्यूलर


प्रेस एक्ट को रद्द कर ब्रदया, ब्रजस कारण इसे प्रेस का मुस्िदाता कहा जाता है।
 ररपन ने ब्रसर्ल सेर्ा में प्रर्ेश की अब्रधकतम आयु को 19 से बढ़ाकर 21 र्र्फ कर
ब्रदया।
 ररपन के काल में भारत में 1881 ई. में सर्फप्रथम वर्यवमत जर्गणर्ा करर्ाई गई।
 1881 ई. में प्रथम कारखार्ा अवधवर्यम ररपन के द्वारा लाया गया।
 ररपन के समय में 1882 में ब्रशक्षा के क्षेत्र में सर ब्रर्ब्रलयम हंिर की अध्यक्षता
में हं र्र आयोग (Hunter Commission) का गठन हुआ और 1882 में स्थानीय
शासन प्रणाली की शुरुआत हुई।
 1883 में इल्बिफ ब्रबल (Ilbert Bill) ब्रर्र्ाद, ररपन के समय में ही पाररत हुआ, ब्रजसमे
भारब्रतयों को भी यूरोपीय कोिफ में जज बनने का अब्रधकार दे ब्रदया गया था।
 फ्लोरें स नाइब्रिंगेल ने ररपन को भारत का उद्धारक की संज्ञा दी।

लाडन डफररर् (Lord Dufferin)


कायनकाल – 13 ब्रदसम्बर 1884 – 10 ब्रदसम्बर 1888

मुख्य घर्र्ा और कायन

 िर्ररन के काल में 28 ब्रदसम्बर 1885 ई. को बम्बई में ए. ओ. ह्यूम के ने तृत्व


में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापर्ा हुई।
 इसी समय बंगाल र्े र्ेन्सी एक्ट (वकराया अवधवर्यम), अर्ध िे नेन्सी एक्ट तथा
पंजाब िे नेन्सी एक्ट पाररत हुआ।
 िर्ररन के समय में तृतीय आं ग्ल-बमान युद्द हुआ और बमाफ को भारत में ब्रमला
ब्रलया गया।
 लािफ िर्ररन के समय में अर्गाब्रनस्तान की उत्तरी सीमा का ब्रनधाफ रण ब्रकया गया।

लाडन लैं सडाउर् (Lord Lansdowne)


कायनकाल – 10 ब्रदसम्बर 1888 – 11 अक्टू बर 1894

मुख्य घर्र्ा और कायन

 भारत एं र् अर्गाब्रनस्तान के ब्रबच ब्रसमा रे खा ब्रजसे डूरण्ड रे खा के नाम से जाना


जाता है , का ब्रनधाफ रण 1893 ई. में लैंसिाउन के समय में हुआ।
 इस रे खा का ब्रनधाफ रण ब्रिब्रिश अब्रधकारी सर मोर्ीमर डूरं ड (Sir Mortimer
Durand) और अफगार् अमीर अब्दुर रहीम खार् (Abdur Rahman Khan) के
बीच हुआ।
 1891 ई. में दू सरा कारखाना अब्रधब्रनयम लाया गया, ब्रजसमे मब्रहलाओं को 11 घं िे
प्रब्रतब्रदन से अब्रधक काम करने पर प्रब्रतबंध लगाया गया।
 लािफ लैंसिाउन के समय में 1891 में एज ऑफ़ कन्सेंर् वबल (Age of Consent
Act) पाररत हुआ, ब्रजसके अंतगफत एक व्यप्ति के यौर् कृत्ों के ब्रलए सहमब्रत की
उम्र बढ़ा दी गयी, ब्रजसमे लड़ब्रकयों की यौन सहमती की उम्र 10 र्र्फ से बढाकर
12 र्र्फ कर दी गयी।
 इससे कम उम्र में यौन सम्बन्ध बनाने पर इसे बलात्कार माना गया, चाहे र्े ब्रर्र्ाब्रहत
ही क्ों न हों।

लाडन एस्िर् (Lord Elgin)


कायनकाल – 11 अक्टू बर 1894 – 6 जनर्री 1899

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ एप्तिन के कायफकाल में भारत में क्रां ब्रतकाररयों की शुरुआत हुई, और पूना
के चापेकर बंधुओ ं (Chapekar brothers) दामोदर हरी चापेकर, बालकृष्ण हरी
चापेकर और र्सुदेर् हरी चापेकर ने ब्रिब्रिश प्लेग कब्रमश्नर, िब्ल्यू. सी. रैं ि (W.
C. Rand) को गोली मारकर भारत की प्रथम राजनीब्रतक हत्या की।
 लािफ एप्तिन के समय में ही भारत में दे शव्यापी अकाल पड़ा, ब्रजसमे करीब 45
लाख लोगों की मौत हुई।
 एप्तिन ने ब्रहन्दु कुश पर्फत के दब्रक्षण में ब्रचत्राल राज्य के ब्रर्द्रोह को दबाया।

लाडन कजनर् (Lord Curzon)


कायनकाल – 6 जनर्री 1899 – 18 नर्म्बर 1905

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ कजफन के कायफकाल में सर एण्डर यू फ़्रेजर की अध्यक्षता में एक पुब्रलस आयोग
का गठन ब्रकया गया। इस आयोग की अनुशंसा पर प्रान्तीय पुवलस की
स्थापर्ा र् केन्द्रीय गुप्तचर ववभाग की स्थाना (C.I.D.) की भी स्थापना की गई।
 कजफ न के समय में उत्तरी पब्रश्चमी सीमार्ती प्रान्त (North West Frontier Province)
की स्थापना भी की गयी।
 शैब्रक्षक सुधारों के अन्तगफत कज़फन ने 1902 ई. में सर र्ॉमस रै ले (Sir Thomas
Ralley) की अध्यक्षता में ववश्वववद्यालय आयोग का गठन ब्रकया।
 कजफ न के समय में 1904 में प्राचीर् स्मारक संरक्षण अवधयम पाररत हुआ, ब्रजसके
द्वारा भारत में पहली बार ऐब्रतहाब्रसक इमारतों की सुरक्षा एर्ं मरम्मत की ओर ध्यान
दे ने के ब्रलए भारतीय पुरातत्त्व ववभाग की स्थापना हुई।
 कज़फ न ने 1901 ई. में सर कॉब्रलन स्कॉि मॉनक्रीर् (Sir Colin C. Scott-Moncrieff)
की अध्यक्षता में एक ब्रसंचाई आयोग का भी गठन ब्रकया।
 कजफ न के समय में भारत में भयानक अकाल भी पड़ा, ब्रजससे करीब 60-90 लाख
लोगों के मरने का अनु मान लगाया गया।
 1899-1990 ई. में पड़े अकाल र् सूखे की प्तस्थब्रत के ब्रर्श्लेर्ण के ब्रलए सर एण्टनी
मैकिॉनल (Antony MacDonnell) की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन
ब्रकया गया।
 लॉिफ कज़फन के समय में सर्ाफ ब्रधक महत्त्वपूणफ कायफ था – 1905 ई. में बंगाल का
ववभाजर्, ब्रजसके बाद भारत में क्रां ब्रतकारी गब्रतब्रर्ब्रधयों का सूत्रपात हो गया।
 1905 ई. में लॉिफ कज़फ न ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे ब्रदया।

लाडन वमन्ों वद्वतीय (Lord Minto II)


कायनकाल – 18 नर्म्बर 1905 – 23 नर्म्बर 1910

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ ब्रमंिो के कायफकाल में 1906 में मुप्तस्लम लीग (All-India Muslim League) की
स्थापना हुई।
 इसके कायफकाल में 1906 में कां ग्रेस का सूरत का अब्रधर्ेशन हुआ ब्रजसमे कां ग्रेस का
ब्रर्भाजन हो गया, ब्रजसका 1916 के लखनऊ अब्रधर्ेशन में पुनः एकीकरण हुआ।
 लॉिफ ब्रमण्टो के समय में मॉले-ब्रमंिो सुधार अब्रधब्रनयम (Morley-Minto Reforms,
1909 ई.) पाररत हुआ, ब्रजसमे सरकार में भारतीय प्रब्रतब्रनब्रधत्व में मामूली बढ़ोत्तरी
हुई और ब्रहन्दु ओं और मुसलमानों के ब्रलए अलग ब्रनर्ाफ चक मण्डल बनाया गया।
 इसके कायफकाल में खुदीराम बोस (Khudiram Bose) को र्ां सी दे दी गयी, ब्रजसने
प्रर्ुल्लकुमार चाकी (Prafulla Chaki) के साथ ब्रमलकर कलकत्ता के मब्रजस्टर े ि
ब्रकंग्जर्ोिफ (Kingsford) की बग्घी पर बम र्ेंका था।
 ब्रमंिो के ही कायफकाल 1908 में बालगंगाधर ब्रतलक को 6 र्र्फ की सजा सुनाई गयी
थी, क्ोंब्रक ब्रतलक ने क्राप्तन्तकारी प्रर्ुल्ल चाकी और खु दीराम बोस के बम हमले
का समथफन ब्रकया था, और इन्ें बमाफ की जेल में भेज ब्रदया गया।
 लािफ ब्रमंिो के समय में अंग्रेजों ने बां िो और राज करो की नीब्रत औपचाररक रूप से
अपना ली थी।

लॉडन हावडिं ग वद्वतीय (Lord Hardinge II)


कायनकाल – 23 नर्म्बर 1910 – 4 अप्रैल 1916
मुख्य घर्र्ा और कायन

 लािफ हाब्रििंग के समय सन 1911 में जॉजफ पंचम के आगमन पर वदल्ली दरबार का
आयोजन ब्रकया गया, साथ ही बंगाल ब्रर्भाजन को रद्द कर ब्रदया गया।
 1911 में ही बंगाल से अलग करके ब्रबहार और उड़ीसा नाम से नए राज्यों का
ब्रनमाफ ण हुआ।
 हाब्रििंग के कायफकाल में भारत की राजधानी को कलकत्ता से ब्रदल्ली स्थानां तररत कर
ब्रदया गया।
 हाब्रििंग के समय में ही सन 1914 में प्रथम ब्रर्श्व युद्ध प्रारं भ हुआ, ब्रजसके ब्रलए र्ह
भारत का समथफन पाने में सर्ल रहा।
 हाब्रििंग के समय में 1913 में वफ़रोजशाह मेहता ने बाम्बे क्रावर्कल एर्ं गणेश शंकर
ववद्याथी ने प्रताप का प्रकाशन ब्रकया।
 हाब्रििंग के कायफकाल में वतलक ने अप्रैल 1915 में और एर्ी बेसेंर् ने ब्रसतम्बर 1915
में होमरूल लीग की स्थापना की।
 1916 ई. में पंब्रित महामना मदन मोहन मालर्ीय ने बनारस ब्रहन्दू की स्थापना की
और लॉिफ हाब्रििंग को बनारस ब्रहन्दू ब्रर्श्वब्रर्द्यालय का कुलपब्रत भी ब्रनयुि ब्रकया
गया।

लाडन चेम्सफोडन (Lord Chelmsford)


कायनकाल – 4 अप्रैल 1916 – 2 अप्रैल 1921

मुख्य घर्र्ा और कायन

 इसके कायफकाल में ब्रतलक और एनी बेसेंि ने अपने होमरूल लीग के आन्दोलन की
शुरुआत की।
 1916 में कां ग्रेस और मुप्तस्लम लीग में एक समझौता हुआ ब्रजसे लखर्ऊ पैक्ट के
नाम से जाना जाता है।
 इसके समय में ही भारत में शौकत अली, मुहम्मद अली और मौलाना अबुल कलम
आजाद द्वारा स्खलाफत आन्दोलर् (khilafat movement) की भी शुरुआत की
गयी, ब्रजसे बाद में गााँधी द्वारा चलाये गए असहयोग आन्दोलर्
(noncooperation movement) का भी समथफन भी ब्रमला।
 1920 में ही मोहम्मिन एं ग्लो ओररएं िल कालेज (सैयद अहमद खान द्वारा 1875 में
स्थाब्रपत) अलीगढ़ मुप्तस्लम ब्रर्श्वब्रर्द्यालय बना।
 चेम्सर्ोिफ के कायफकाल में, सर ब्रसिनी रौलि की अध्यक्षता में एक कमेिी ब्रनयुि
करके रौलेि एक्ट (Rowlatt Acts) माचफ 1919 में पाररत ब्रकया गया, ब्रजससे मब्रजस्टर े िों
को यह अब्रधकार ब्रमल गया ब्रक र्ह ब्रकसी भी संदेहास्पद प्तस्थब्रत र्ाले व्यप्ति को
ब्रगरफ्तार करके उस पर मुकदमा चला सकता था।
 चेम्सर्ोिफ के समय में ही 1919 में जवलयााँवाला बाग हत्ाकाण्ड हुआ।
 इसके समय में भारत सरकार अब्रधब्रनयम, 1919 ई. र् मॉण्टे ग्यू-चेम्सफ़ोडन सुधार
(Montagu-Chelmsford reforms) लाया गया।
 1916 ई. में पूना में मब्रहला ब्रर्श्वब्रर्द्यालय की स्थापना तथा 1917 ई. में ब्रशक्षा
पर सैडलर आयोग (Sadler Commission) की ब्रनयुप्ति लॉिफ चेम्सफ़ोिफ के समय
में ही की गई।

लाडन रीवडं ग (Lord Reading)


कायनकाल – 2 अप्रैल 1921 – 3 अप्रैल 1926

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लॉिफ रीब्रिंग के समय में गााँधी जी का भारतीय राजनीब्रत में पूणफरूप से प्रर्ेश हो
चुका था।
 लािफ रीब्रिंग के कायफकाल में 1919 का रौलेि एक्ट र्ापस ले ब्रलया गया।
 रीब्रिंग के समय में ही केरल में 1921 में मोपला ववद्रोह (Moplah
Rebellion) हुआ, जो प्तखलार्त आन्दोलन का ही एक रूप था, ब्रजसके ने ता
र्रीयनकुन्नाथ कुंजअहमद हाजी, सीथी कोया थंगल और अली मुप्तस्लयर थे।
 लािफ रीब्रिंग के ही कायफकाल में 5 र्रर्री 1922 को चौरी-चौरा की घर्र्ा हुई,
ब्रजसकी र्जह से गााँधी जी ने अपना असहयोग आन्दोलन र्ापस ले ब्रलया।
 लािफ रीब्रिंग के समय में 1921 में वप्रन्स ऑफ़ वेर्ल् (Prince of Wales) का भारत
आगमन भी हुआ।
 लािफ रीब्रिंग के कायफकाल एम. एन. रॉय (Manabendra Nath Roy) द्वारा ब्रदसम्बर
1925 में भारतीय कम्युवर्ट पार्ी (Communist Party of India, CPI) का भी
गठन ब्रकया गया।
 1922 में ब्रचतरं जन दास, नरब्रसंह ब्रचंतामन केलकर और मोतीलाल ने हरू ने
ब्रमलकर स्वराज पार्ी (Congress-Khilafat Swarajaya Party) का गठन ब्रकया।
 लािफ रीब्रिंग के कायफकाल में ब्रदल्ली और नागपुर ब्रर्श्वब्रर्द्यालयों की भी स्थापना हुई।

लाडन इरववर् (Lord Irwin)


कायनकाल – 3 अप्रैल 1926 – 18 अप्रैल 1931

मुख्य घर्र्ा और कायन

 इरब्रर्न के कायफकाल के दौरान गााँ धी जी ने 12 माचफ, 1930 ई. में सववर्य अवज्ञा


आन्दोलर् (Civil Disobedience Movement) की शुरुआत की।
 इरब्रर्न के कायफकाल में 1919 ई. के गर्नफमेंि ऑफ़ इं ब्रिया एक्ट की समीक्षा करने
के ब्रलए, 1928 में साइमर् कमीशर् (Simon Commission) ब्रनयुि ब्रकया गया।
 साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जॉर् साइमर् (Sir John Simon) थे, और इसके
एक सदस्य क्लीमेंर् एर्ली (Clement Attlee) भी थे, जो बाद में इं ग्लैंि के
प्रधानमंत्री बने , ब्रजनके कायफकाल में 1947 में भारत और पाब्रकस्तान को स्वतंत्रता
ब्रमली।
 लािफ इरब्रर्न के कायफकाल में मोतीलाल ने हरु ने र्ेहरु ररपोर्न पेश की, ब्रजसमे भारत
को अब्रधशसी राज्य (dominion status) का दजाफ दे ने की बात कही गयी।
 कां ग्रेस ने 1930 ई. में महात्मा गां धी के नेतृत्व में सत्ाग्रह आन्दोलन शुरू ब्रकया
और अपने कुछ अनुयाब्रययों के साथ दांडी यात्रा करके र्मक कार्ूर् तोिा।
 इरब्रर्न के समय में लंदन में ब्रिब्रिश सरकार और गााँधी जी के बीच प्रथम गोलमेज
सम्मलेन (Round Table Conferences.) हुआ।
 माचफ 1931 में गााँ धी और इरब्रर्न के बीच गााँ धी-इरब्रर्न समझौता (Gandhi-Irwin
Pact) हुआ, ब्रजसके बाद गााँ धी ने सब्रर्नय अर्ज्ञा आन्दोलन (Civil Disobedience
Movement) र्ापस ले ब्रलया।
 इरब्रर्न के कायफकाल में 1929 में, पप्तिक सेफ्टी ब्रबल और लाला लाजपत रॉय की
हत्या के ब्रर्रोध में ब्रदल्ली के असेम्बली हॉल में भगत ब्रसंह और उनके साब्रथयों ने
बम र्ेंका।
 लािफ इरब्रर्न के कायफकाल में ही 1929 में प्रब्रसद्ध लाहौर षड्यंत्र एर्ं स्वतंत्रता
सेनानी जवतर्दास की 64 ब्रदन की भूख हड़ताल के बाद जेल में मृत्यु हो गयी थी।
 इरब्रर्न ने खनन और भू-ब्रर्ज्ञान के ब्रर्कास के ब्रलए इं ब्रियन स्कूल ऑफ़ माइं स,
धनबाद (Indian School of Mines Dhanbad) की स्थापना भी की।

लॉडन वववलं गडर् (Lord Willingdon)


कायनकाल – 18 अप्रैल 1931 – 18 अप्रैल 1936

मुख्य घर्र्ा और कायन


 लॉिफ ब्रर्ब्रलंगिन के कायफकाल में 1931 में. वद्वतीय गोलमेज सम्मेलर् और 1932 में
तृतीय गोलमेज सम्मेलर् का आयोजन लन्दन में हुआ।
 ब्रर्ब्रलंगिन के समय में 1932 में दे हरादू न में भारतीय सेर्ा अकादमी (Indian
Military Academy, IMA) की स्थापना की गयी| 1934 में गााँधी जी ने
दोबारा सववर्य अवज्ञा आन्दोलर् शुरू ब्रकया।
 1935 में गर्नफ मेंि ऑफ़ इं ब्रिया एक्ट पाररत ब्रकया गया, एर्ं 1935 में ही बमाफ को
भारत से अलग कर ब्रदया गया।
 ब्रर्ब्रलंगिन के समय में ही भारतीय वकसार् सभा की भी स्थापना की गयी।
 महात्मा गााँधी एर्ं अम्बेिकर के बीच 24 ब्रसतम्बर, 1932 ई. को पूना समझौता हुआ।

लाडन वलर्वलथगो (Lord Linlithgow)


कायनकाल – 18 अप्रैल 1936 – 1 अक्टू बर 1943

मुख्य घर्र्ा और कायन

 1939 में सुभार् चन्द्र बोस ने कां ग्रेस छोड़कर फॉरवडन ब्लाक नाम की अलग पािी
का गठन कर ब्रलया।
 लािफ ब्रलनब्रलथगो के समय में ही पहली बार मुप्तस्लम लीग द्वारा 1940 में पावकस्तार्
की मांग की गयी।
 1942 ई. में वक्रप्स वमशर्(cripps mission) भारत आया।
 1940 में कां ग्रेस ने व्यप्तिगत असहयोग आन्दोलन प्रारं भ ब्रकया।
 लािफ ब्रलनब्रलथगो के कायफकाल में गााँ धी जी ने करो या मरो का नारा दे ते हुए भारत
छोड़ो आन्दोलर् की शुरुआत की।

लाडन वेवेल (Lord Wavell)


कायनकाल – 1 अक्टू बर 1943 – 21 फ़रर्री 1947

मुख्य घर्र्ा और कायन

 1945 में लािफ र्ेर्ेल ने ब्रशमला में एक समझौते का आयोजन ब्रकया, ब्रजसे वशमला
समझौता या वेवेल प्लार् के नाम से जाना गया।
 र्ेर्ेल के समय में 1946 में नौसेना का ब्रर्द्रोह हुआ था।
 1946 में अंतररम सरकार का गठन ब्रकया गया।
 ब्रििे न के प्रधानमंत्री क्लीमेंि एिली ने 20 फरवरी, 1947 को भारत को स्वतंत्र करने
की घोर्णा कर दी।

लाडन माउं र्बेर्ेर् (Lord Mountbatten)


कायनकाल – 21 फ़रर्री 1947 – 15 अगस्त 1947

 लॉिफ माउं िबेिन भारत का अंवतम वायसराय था।

मुख्य घर्र्ा और कायन

 लॉिफ माउं िबेिन ने 3 जू न, 1947 को भारत के ब्रर्भाजन की घोर्णा की।


 4 जुलाई, 1947 को ब्रिब्रिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अब्रधब्रनयम प्रस्तुत ब्रकया गया,
ब्रजसे 18 जुलाई, 1947 को पाररत करके भारत की स्वतंत्रता की घोर्णा कर दी
गयी।
 भारतीय स्वतंत्रता अब्रधब्रनयम द्वारा भारत को ब्रर्भाजन करके भारत और पाब्रकस्तान
नाम के दो राज्यों में बााँ ि ब्रदया गया।
 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया।

चक्रवती राजगोपालाचारी (Chakravarti


Rajagopalachari)
कायनकाल – 15 अगस्त 1947 – 1948

 भारत की स्वतंत्रता के बाद 1948 में चक्रर्ती राजगोपालाचारी को स्वतंत्र भारत का


प्रथम गर्नफ र जनरल ब्रनयुि ब्रकया गया

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