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Name of Student __Prakhar srivastava___________________________ Enrolment No.

____LA19MCH002_____________

BENNETT UNIVERSITY, GREATER NOIDA


BA(JMC) 1H
Date: 04-11- 2019
विषय का नाम: समाचार लेखन

अविकतम अं क: 15

Q1. वनम्नवलखखत ख़बर की लीड वलखें (3)


अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दजे के चलते इनमें
से कुछ कानून राज्य में लागू नहीं थे।
जम्मू कश्मीर का संवििान और रणबीर दं ड संवहता (आरपीसी) भी अब जम्मू कश्मीर तथा
लद्दाख (केंद्र शावसत प्रदे शों) में अखित्व में नहीं रहे गा। िहां अब आईपीसी के प्राििान
लागू होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अविसूचना के मुतावबक भ्रष्टाचार रोिी अविवनयम और
भारतीय दं ड संवहता (आईपीसी) जैसे सभी केंद्रीय कानून बृहस्पवतिार से नये केंद्र शावसत
प्रदे शों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में लागू हो गये ।

राष्टरीय जां च एजेंसी (एनआईए) और सीबीआई जैसी केंद्रीय जां च एजेंवसयां अब खुद ही इन
दोनों केंद्र शावसत प्रदे शों में जां च अपने हाथों में ले सकेंगी।

बृहस्पवतिार, 31 अक्टू बर को, एक सरकारी अविसूचना के जररये दो नये केंद्र शावसत


प्रदे श--जम्मू कश्मीर और लद्दाख-- अखित्व में आ गये। जम्मू कश्मीर का विशेष दजाा
िापस लेने की पां च अगि की केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप ऐसा वकया गया।

Q2. नीचे वदए गए वबंदुओं के आिार पर 200 शब्ों की एक फीचर ररपोटा वलखें (6)
I. कहा जाता है वक यहां मौजू द भव्य स्थापत्य को दे ख ही लु वटयन ने िह भिन बनाया,
जो भारतीय सं सद भिन बना।
II. वमतािली इकत्तोसर मं वदर का वनमाा ण 13िीं सदी में कच्छपघात राजा दे ि पाल ने
करिाया था। 170 फीट की वत्रज्या िाले इस मं वदर का नक्शा भारत के संसद भिन
जै सा ही है , वजसमें वशिवलं ग िाले 64 कमरे हैं और बीचोंबीच वशिवलं ग िाला मं डप है ।
इसे चौसठ योवगनी मं वदर भी कहा जाता है । इन मं वदरों का अद् भु त स्थापत्य दे श-
दु वनया के सै लावनयों को यहां तक खींच लाता है ।
III. चं बल घाटी को डकैतों के आतं क के वलए जाना जाता रहा है । ले वकन डकैतों के
आं तक के पीछे वछपे यहां के गौरिशाली इवतहास को अब दे शभर में पहचान वमल
रही है ।
IV. वजन डकैतों के कारण चं बल कुख्यात रही, उन्ीं डकैतों के भय ने इस शानदार
विरासत को सहे ज कर रखा। यह िह विरासत है , जो वकसी को भी है रत में
डाल सकती है ।
V. वििृ त वशिमं वदर शंखला और चौसठ योवगनी मं वदर के रूप में ऐसी गोलाकार
सं रचना, वजसे भारतीय सं सद भिन की प्रे रणा बताया जाता है , यहां मौजू द है । वबना
वकसी प्रचार प्रसार के ही इन स्मारकों की ख्यावत दे श भर में फैल चु की है ।
VI. चं बल के डकैतों के डर से इन जं गलों में कभी कोई बाहरी व्यखिनहीं पहं चा। यही
िजह रही वक पानी के िेग और भू चालों को सहते हए भी यह सं रचनाएं मू वता तस्करों
और खनन मावफया से बची रहीं।
VII. लं बे दायरे में फैले मु रैना के बटे श्वरा वशि मं वदर समू ह ने इस बात को स्थावपत वकया
है वक सं सद भिन से कई सदी पहले ही इसी तरह की हू-ब-हू सं रचना चं बल घाटी
के जं गलों में बनाई जा चु की थी।
VIII. साल 2000 तक मु रैना वजला मु ख्यालय से करीब 30 वकमी दू र पथरीली चट्टनों
और कटीली झावियों के बीच वछपी यह सं रचनाएं वकसी की नजर में नहीं आई थीं।
IX. साल 2005 में सीवनयर आवकायोलॉवजस्ट केके मु हम्मद की पदस्थापना सें टरल जोन में
हई। केके मु हम्मद अब ररटायर हो चु के हैं और दािा करते हैं वक उन्ोंने वशिमं वदर
समू हों को यथारूप सपने में दे खा था और अगले वदन अपने सावथयों से इसकी चचाा
की तो पता चला वक उनका ख्वाब झूठा नहीं था। उन्ें जब वशिमं वदर समू ह के
खं डहरों के बीच ले जाया गया तो सब है रान थे।
Q3. नीचे वदए गए इं टरव्यू के आिार पर 200 शब्ों की एक न्यूज़ ररपोटा वलखें। ख़बर का
शीषाक भी लगाएँ । (6)

सौरि गां गुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद बेनेट टाइम्स को वदया गया उनका
इं टरव्यू :
प्रश्न: बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के बाद आपकी प्रवतविया क्या है ?
उत्तर: मेरे वलए यह बहत-बहत खास है। जब मैंने खेलना शुरू वकया तो कभी नहीं सोचा था वक
एक वदन टीम की कप्तानी करू ं गा ले वकन ऐसा हआ। उसके बाद मैं कैब का अध्यक्ष बना और
अब बीसीसीआई का अध्यक्ष हूं । कई बार मैं खु द से पूछता हूं वक क्या मैं िाकई इतना अच्छा हूं ।
मैं ने बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था ले वकन ऐसा हआ।
प्रश्न: बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर आपने अपने कायाकाल के वलए कैसा लक्ष्य वनिाा ररत
वकया है ?
उत्तर: 'जब मैं अपना कायाकाल समाप्त करू
ं तो मैं नही चाहता वक कोई यह कहे वक विकेटर
वसफा वपच पर ही खे ल सकते हैं , िह प्रशासवनक काम नहीं कर सकते। कोलकाता विकेट बोडा के
अपने कायाकाल के दौरान, मैं गिा से कह सकता हूं वक मु झे वकसी दबाि का सामना नहीं करना
पिा। मे रे बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद आप बोडा से विश्वसनीयता की उम्मीद कर सकते हैं ।
प्रश्न: भारतीय विकेट इस समय मुखिल दौर से गुज़र रहा है । आपके अध्यक्ष बनने के
बाद हम वकस तरह के बदलाि की उम्मीद कर सकते हैं ?
उत्तर: मे रे वलए सबसे अच्छी बात यह है वक मैं लोगों को यह यकीन वदलाने में समथा रहा वक मैं
इसके कावबल हूं । मु झे जो भी करने का मौका वमलेगा मैं अपना सिाश्रेष्ठ दू ं गा। मैं िही करू
ं गा जो
मे रा वदल कहे गा और जो भारतीय विकेट के वलए अच्छा होगा। जब मैं भारतीय टीम का कप्तान
बना तो िह खे ल के वलए मु खिल समय था और अब जब मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष बना हूं तो
यह भारतीय विकेट के वलए मु खिल िि था। यह दे खना अच्छी बात है वक जब भी कवठन
समय होता है तो मे रा नाम सामने आता है ।
ANSWERS
उत्तर-1
बृहस्पवतिार, 31 अक्टू बर
सरकारी अविसूचना के जररये दो नये केंद्र शावसत
प्रदे श--जम्मू कश्मीर और लद्दाख-- अखित्व में
आ गये। जम्मू कश्मीर का संवििान और रणबीर
दं ड संवहता (आरपीसी) भी अब जम्मू कश्मीर
तथा लद्दाख (केंद्र शावसत प्रदे शों) में अखित्व में
नहीं रहे गा। िहां अब आईपीसी के प्राििान लागू
होंगे।
उत्तर-2
चंबल को मिल रही दे शभर िें पहचान
चंबल घाटी को डकैतों के आतंक के वलए जाना
जाता रहा है । लेवकन डकैतों के आं तक के पीछे
वछपे यहां के गौरिशाली इवतहास को अब दे शभर
में पहचान वमल रही है । वजन डकैतों के कारण
चंबल कुख्यात रही, उन्ीं डकैतों के भय ने इस
शानदार विरासत को सहे ज कर रखा। यह िह
विरासत है , जो वकसी को भी है रत में डाल
सकती।कहा जाता है वक यहां मौजूद भव्य
स्थापत्य को दे ख ही लुवटयन ने िह भिन बनाया,
जो भारतीय संसद भिन बना। केके मु हम्मद यह
दािा करते हैं वक उन्ोंने वशिमंवदर समूहों को
यथारूप सपने में दे खा था और अगले वदन अपने
सावथयों से इसकी चचाा की तो पता चला वक
उनका ख्वाब झूठा नहीं था। लंबे दायरे में फैले
मुरैना के बटे श्वरा वशि मंवदर समू ह ने इस बात
को स्थावपत वकया है वक संसद भिन से कई
सदी पहले ही इसी तरह की हू-ब-हू संरचना
चंबल घाटी के जंगलों में बनाई थी। 170 फीट
की वत्रज्या िाले इस मंवदर का नक्शा भारत के
संसद भिन जैसा ही है , वजसमें वशिवलंग िाले 64
कमरे हैं और बीचोंबीच वशिवलंग िाला मंडप
है ।इन मंवदरों का अद् भुत स्थापत्य दे श-दु वनया के
सैलावनयों को यहां तक खींच लाता है ।
वििृत वशिमंवदर शंखला और चौसठ योवगनी
मंवदर के रूप में ऐसी गोलाकार संरचना, वजसे
भारतीय संसद भिन की प्रेरणा बताया जाता है ,
वबना वकसी प्रचार प्रसार के ही इन स्मारकों की
ख्यावत दे श भर में फैल चुकी है ।
उत्तर-3
सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के
बाद पहला इं टरव्यू:
जब सौरि गां गुली से पुछा की ,बीसीसीआई का
अध्यक्ष बनने के बाद आपकी प्रवतविया क्या है ?
जिाब मैं उन्ोने कहा की मेरे वलए यह बहत
खास है । जब मैंने खेलना शुरू वकया तो कभी
नहीं सोचा था वक एक वदन टीम की कप्तानी
करूं गा लेवकन ऐसा हआ। उसके बाद मैं अब
बीसीसीआई का अध्यक्ष हूं । कई बार मैं खुद से
पूछता हूं वक क्या मैं िाकई इतना अच्छा हूं ।
जब उनसे यह पुछा की बीसीसीआई अध्यक्ष के
तौर पर आपने अपने कायाकाल के वलए कैसा
लक्ष्य वनिाा ररत वकया है ?
तो जिाब में कहा की 'जब मैं अपना कायाकाल
समाप्त करू ं तो मैं नही चाहता वक कोई यह
कहे वक विकेटर वसफा वपच पर ही खेल सकते
हैं , िह प्रशासवनक काम नहीं कर सकते। मे रे
बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद आप बोडा से
विश्वसनीयता की उम्मीद कर सकते हैं ।
आखखर मे जब उनसे पुछा गया की भारतीय
विकेट इस समय मुखिल दौर से गु ज़र रहा है ।
आपके अध्यक्ष बनने के बाद हम वकस तरह के
बदलाि की उम्मीद कर सकते हैं ?
बहत चतु रइ से िह कहते है की जब मैं भारतीय
टीम का कप्तान बना तो िह खेल के वलए
मुखिल समय था और अब जब मैं बीसीसीआई
का अध्यक्ष बना हूं तो यह भारतीय विकेट के
वलए मुखिल िि था। यह दे खना अच्छी बात है
वक जब भी कवठन समय होता है तो मेरा नाम
सामने आता है ।

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