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Panchayat Raj
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संदभ
भारत म पंचायती राज यव था, दस ू रे श द म ■जसे थानीय वशासन भी कहा जाता है, क शु आत हुए 25 वष से अधक
समय हो चुका है िक तु अब भी इस यव था क सफलता पर उठते ह। भारत दिु नया का सबसे बड़ा लोकतं कहलाता है
और कोई भी देश, रा य या सं था सही मायने म लोकतांि क तभी मानी जा सकती है जब शि य का उपयु िवक ीकरण हो
एवं िवकास का वाह ऊपरी तर से िनचले तर (Top to Bottom) क ओर होने के बजाय िनचले तर से ऊपरी तर
(Bottom to Top) क ओर हो।
https://youtu.be/nzQaN3bzX1Y
प रभाषा
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थानीय वशासन का अथ है, शासन-स ा को एक थान पर कि त करने के बजाय उसे थानीय तर पर िवभा■जत िकया
जाए, तािक आम आदमी क स ा म भागीदारी सुिन त हो सके और वह अपने िहत व आव यकताओं के अनु प शासन-
संचालन म अपना योगदान दे सके।
वतं ता के प ात् पंचायती राज क थापना लोकतांि क िवक ीकरण क अवधारणा को साकार करने के लये उठाए गए
ै ािनक मा यता
मह वपूण कदम म से एक थी। वष 1993 म संिवधान के 73व संशोधन ारा पंचायती राज यव था को संवध
िमली थी। इसका उ े य था देश क करीब ढाई लाख पंचायत को अधक अधकार दान कर उ ह सश बनाना और
उ मीद थी िक ाम पंचायत थानीय ज़ रत के अनुसार योजनाएँ बनाएं गी और उ ह लागू करगी।
पृ भूिम
भारत म थानीय वशासन का जनक ‘लॅाड रपन’ को माना जाता है। वष 1882 म उ ह ने थानीय वशासन संबध ं ी
ताव िदया ■जसे थानीय वशासन सं थाओं का ‘मै ाकाटा’ कहा जाता है। वष 1919 के भारत शासन अधिनयम
के तहत ांत म दोहरे शासन क यव था क गई तथा थानीय वशासन को ह तांत रत िवषय सूची म रखा गया।
वष 1935 के भारत शासन अधिनयम के तहत इसे और यापक व सु ढ़ बनाया गया।
वं ता के प ात् वष 1957 म योजना आयोग (■जसका थान अब नीत आयोग ने ले लया है) ारा ‘सामुदायक
िवकास काय म’ और ‘रा ीय िव तार सेवा काय म’ के अ ययन के लये ‘बलवंत राय मेहता सिमत’ का गठन िकया
गया। नवंबर 1957 म सिमत ने अपनी रपोट स पी ■जसम ि - तरीय पंचायती राज यव था- ाम तर, म यवत
तर एवं िज़ला तर लागू करने का सुझाव िदया।
वष 1958 म रा ीय िवकास प रषद ने बलवंत राय मेहता सिमत क ■सफा रश वीकार क तथा 2 अ ू बर, 1959
को नागौर िज़ले (राज थान) म त कालीन धानमं ी पं. जवाहरलाल नेह ारा देश क पहली ि - तरीय पंचायत का
उ ाटन िकया गया।
वष 1993 म 73व व 74व संिवधान संशोधन से भारत म पंचायती राज यव था को संवध ै ािनक दज़ा ा हुआ।
Panchayati raj
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पंचायती राज यव था क ि - तरीय संरचना
वतमान थत
क ीय पंचायती राज मं ालय ने वष 2015-2016 म िवक ीकृत रपोट जारी क थी ■जसके अनुसार, देश म कोई भी
ऐसा रा य नह है ■जसे पंचायत को सश करने के लये100 अंक दान िकये जाएँ ।
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अधकतर ाम पंचायत के पास उनके अपने कायभवन नह ह एवं कमचा रय का भी अभाव है।
कुछ रा य जैसे-केरल, कनाटक म 11व अनुसूची के अंतगत शािमल 29 िवषय म लगभग 22-27 िवषय का
ह तांतरण पंचायत को िकया गया है लेिकन कुछ रा य जैसे-उ र देश म केवल 4-7 िवषय का ह तांतरण िकया
गया है।
रा य सरकार म पंचायत को मज़बूत करने क राजनैतक ढ़ता का अभाव है
अनु छे द िवषय-व तु
243 प रभाषाएँ
243क ाम सभा
243घ थान का आर ण
पंचायती राज का मह व
इसके मा यम से शासन म समाज के अंतम यि क भागीदारी सुिन त होती है ■जससे सुदरू ामीण देश के
नाग रक भी लोकतं ा मक संगठन म च लेते ह।
थानीय लोग को उस थान िवशेष क प र थतय , सम याओं एवं चुनौतय क बेहतर जानकारी होती है, अत:
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िनणय म िवसंगतय क संभावना यूनतम होती है।
पंचायती राज यव था के मा यम से पेसा अधिनयम (PESA Act) जैसे ावधान को लागू करने से हाशये पर रहने
वाले समुदाय भी अपने अ त व एवं मू य से समझौता िकये बगैर शासन म अपनी भागीदारी सुिन त करते ह।
साथ ही मिहलाओं को यूनतम एक-तहाई आर ण दान करने से मिहलाएँ भी मु यधारा म शािमल होती ह।
यह व थ राजनीत क थम पाठशाला सािबत हो सकती है जहाँ से ज़मीनी तर पर समाज के येक पहलू क
समझ रखने वाले एवं थानीय सम याओं के त संवेदनशील नेता भिव य के लये तैयार हो सकते ह।
इसके मा यम से क एवं रा य सरकार के म य थानीय सम याओं को िवभा■जत कर उनका समाधान अधक
भावी तरीके से िकया जा सकता है।
पंचायत अगर सश बनगी तो ामीण तर पर कला एवं श प, ह तकला, ह तकरघा आिद जैसे सू म उ ोग को
ो साहन दान करगी ■जससे रोज़गार म वृ एवं वासन म कमी होगी।
पेसा अधिनयम का मह व
‘पेसा’ आिदवासी े ◌ं म अलगाव क भावना को कम करेगा।
सावजिनक आबादी म गरीबी और पलायन कम हो जाएगा।
ाकृतक संसाधन के िनयं ण एवं बंधन से आजीिवका म सुधार होगा।
जनजातीय आबादी के शोषण म कमी आएगी य िक वे ऋण देने, शराब क िब ी, खपत एवं ामीण हाट-बाज़ार का
बंधन करने म स म ह गे।
भूिम के अवैध ह तांतरण पर रोक लगेगी।
पेसा अधिनयम जनजातय म रीत- रवाज और जनजातीय आबादी क सां कृतक पहचान एवं िवरासत को संर त
करेगा।
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पंचायती रा य क सफलता म बाधाएँ
पंचायत के पास िव ाि का कोई मजबूत आधार नह है उ ह िव के लये रा य सरकार पर िनभर रहना पड़ता है।
ात य है िक रा य सरकार ारा उपल ध कराया गया िव िकसी िवशेष मद म खच करने के लये ही होता है।
हालाँिक 14व िव आयोग ने पंचायत के लये 2 लाख करोड़ पए क िनध तय क है ■जसे िकसी िवशेष मद म खच करने क
बा यता नह रहेगी।
अ यप
शि य का अ यधक िवक ीकरण क ीय स ा को कमज़ोर कर सकता है, साथ ही अलगाववादी वृ य को बढ़ावा
दे सकता है।
बहुसं यक भावनाओं व मा यताओं के नाम पर जात, धम, लग आधा रत भेदभाव क घटनाओं म वृ हो सकती है।
िन कष
पंचायती राज यव था राजनीतक जाग कता के साथ-साथ आम आदमी के सश करण का भी प रचायक है। िवक ीकृत
शासन यव था और सहभािगतामूलक लोकतं पंचायती राज यव था के दो मु य घटक ह। इसक सफलता केवल थानीय
तर पर लोग क सि यता के लये ही नह ब क देश म लोकतं के उ े य क पूत के लये भी आव यक है।
अ यास : भारतीय राजनीत और समाज म पंचायती राज यव था िकतनी ासंिगक है? तक सिहत िववेचना क ■जये।
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