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अलबर्ट एक्का का जन्म
अलबर्ट एक्का का जन्म
हुआ था। उनके जिता का नाम जूजलयस एक्का और मााँ का नाम मररयम एक्का था। उन्हंने
प्रारं जिक जिक्षा सी सी स्कूल िर्रार्हली से की थी और माध्यजमक िरीक्षा जिखमिुर जमडल
स्कूल से िास की थी। उन्हंने १९६२ के िारत चीन युद्ध में अिने िौयट का प्रदिटन जकया
और युद्ध के बाद उन्ें लां स नायक बना जदया गया था। १९७१ के िारत िाजकस्तान युद्ध में
अलबर्ट एक्का वीरता, िौयट और सैजनक हुनर का प्रदिटन करते हुए अिने इकाई के सैजनकहं
की रक्षा की थी। इस अजियान के समय वे काफी घायल हह गये और ३ जदसम्बर १९७१ में
इस दु जनया से जवदा हह गई। िारत सरकार ने इनके बजलदान कह दे खते हुए मरणहिरां त
सैजनकहं कह जदये जाने वाले उच्चतम िरमवीर चक्र से सम्माजनत जकया गया था।
14 गाडडट स कह िूवी सेक्टर में अगरतल्ला से 6.5 जकलहमीर्र िजिम में गंगासागर में िाजकस्तान की र
क्षा िंखि िर कब्जा करने का आदे ि जमला। दु श्मन ने इस अवस्थान (िहजीिन) की मजबूत महचाट बन्दी कर
रखी थी। िारत के जलए इस अवस्थान िर जनयंत्रण करना बहुत आवश्यक था, क्हंजक अखौरा िर कब्जा कर
ने के जलए इसका काफी महत्व था। लां स नायक अल्बर्ट एक्का िूवी महचे िर गंगासागर में दु श्मन की रक्षा िं
खि िर हमले के दौरान "जबग्रेड आफ द गाडडट स बर्ाजलयन' की बाईं अग्रवती कम्पनी में तैनात थे।
यद्यजि इस कारट वाई में वह गम्भीर रूि से घायल हह गए थे। जकन्तु उन्हंने इसकी जचन्ता नहीं की औ
र अिने साजथयहं सजहत आगे बढ़ने लगे। ित्रु के अनेक बंकर नष्ट करते हुए वह िाजकस्तानी अवस्थानहं िर
कब्जा करते हुए आगे बढ़ते चले गए। जकन्तु हमारे सैजनक अिने लक्ष्य के अनुसार उत्तरी जकनारे िर िहुं चे
ही थे जक िाजकस्तानी सैजनकहं ने एक सुरजक्षत िवन की दू सरी मंजजल से गहजलयहं की बौछार िुरू कर दी। इ
स गहलीबारी में हमारे कुछ सैजनक वीरगजत कह प्राप्त हह गए और बाकी आगे नहीं बढ़ सके। एक बार जफर
से अल्बर्ट एक्का ने साहजसक कारट वाई करने का जनणटय जलया। उन्हंने अिने घावहं और ददट की जचन्ता नहीं
की और रें गते हुए उस िवन तक जा िहुं चे। और धीरे से उसके िास बने बंकर के एक छे द से हथगहला दाग
जदया, जजससे एक िाजकस्तानी सैजनक मर गया और दू सरा घायल हह गया। िरन्तु इतना ही ियाट प्त नहीं था,
क्हंजक िाजकस्तानी मिीनगन गहजलयहं की बौछार कर ही रही थी
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इनके लक्ष्य के उत्तरी छहर िर िाक ित्रु दल द्वारा एक दह मंजजला मकान से एक लाइर् मिीनगन से लगाता
र धुंआधार गहजलयहं की बौछार हह रही थी।
-लेजकन वह धीरे -धीरे रें गते हुए दु श्मन के उि दह मंजजले मकान तक िहुं चकर एका-
एक उि बंकर के एक छे द से दु श्मनहं िर एक हैं ड ग्रेनेड फेंक जदया।
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हैं ड ग्रेनेड फर्ते ही दु श्मनहं के बंकर के अंदर खलबली मच गई। इसमें दु श्मन के कई सैजनक मारे गए। िर
उि लाइर् मिीनगन चलती ही रही।
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जजससे िारतीय सैन्य दल कह खतरा बना रहा। अल्बर्ट उि बंकर में घु सकर दु श्मन के िास िहुं चे और अि
ने बंदूक के बायनेर् से वार कर दु श्मन सैजनक कह मौत के घार् उतार जदया।
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इससे दु श्मन एवं उसके लाइर् मिीनगन की आवाज एक साथ बंद हह गई। मगर इस दौरान गंिीर रूि से
घायल हहने के कारण कुछ ही िलहं में अल्बर्ट एक्का िहीद हह गए।
Albert Ekka was an excellent marksman and had the patience of a hunter.