Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 202

संघ लोक सेवा आयोग

पर ा नो टस सं. 04/2018 – सीएसपी दनांक : 07/02/2018


(आवेदन प ा त करने क अं तम तार ख 06/03/2018)
स वल सेवा पर ा, 2018
(आयोग क वेबसाइट – http://www.upsc.gov.in)

मह वपूण
1. पर ा के लए उ मीदवार अपनी पा ता सु नि चत कर ल :
पर ा के लए आवेदन करने वाले उ मीदवार को यह सु नि चत कर लेना चा हए क वे पर ा म
वेश हे तु सभी पा ता शत को परू ा करते ह। पर ा के सभी तर पर उनका वेश नधा रत
पा ता शत को परू ा करने क शत के अ यधीन पण
ू त: अनं तम होगा।

उ मीदवार को मा वेश प जार कए जाने का अथ यह नह ं होगा क उसक उ मीदवार आयोग


वारा अं तम प से सु नि चत कर द गई है ।

उ मीदवार के सा ा कार/ यि त व पर ण म अहक घो षत कए जाने के बाद ह मल


ू द तावेज
के संदभ म आयोग वारा पा ता क शत क जांच क जाती है ।

2. आवेदन कैसे कर :
उ मीदवार http://www.upsconline.nic.in वेबसाइट का इ तेमाल करके ऑनलाइन आवेदन कर।
ऑनलाइन आवेदन करने संबध
ं ी व तत
ृ अनद
ु े श उपयु त वेबसाइट पर उपल ध ह।

ऑनलाइन आवेदन प भरने के लए सं त अनद


ु े श प र श ट-II म दए गए ह िज ह
सावधानीपव
ू क पढ़ ल।

3. आवेदन प भरने क अं तम तार ख :


ऑनलाइन आवेदन प 06 माच, 2018 को सांय 6:00 बजे तक भरे जा सकते ह।

4. पा उ मीदवार को पर ा ारं भ होने के तीन स ताह पव


ू ई- वेश माण प जार कया
जाएगा। ई- वेश माण प आयोग क वेबसाइट www.upsc.gov.in पर उपल ध होगा िजसे
उ मीदवार डाउनलोड कर सकते ह। डाक वारा कोई वेश माण प नह ं भेजा जाएगा।

5. गलत उ र के लए दं ड :
उ मीदवार यह नोट कर ल क व तु न ठ कार के न प म उ मीदवार वारा दए गए गलत
उ र के लए दं ड (ऋणा मक अंकन) दया जाएगा।

1
6. उ मीदवार के मागदशन हे तु सु वधा काउ टर :
उ मीदवार अपने आवेदन प उ मीदवार आद से संबं धत कसी भी कार के
मागदशन/जानकार / प ट करण के लए काय दवस म ात: 10.00 बजे और सायं 5.00 बजे के
बीच आयोग प रसर म गेट ‘सी’ के नकट संघ लोक सेवा आयोग के सु वधा काउं टर पर यि तगत
प से अथवा दरू भाष सं. 011-23385271/ 011-23381125/011-23098543 पर संपक कर सकते
ह ।

7. मोबाइल फोन तबं धत:


(क) जहां पर ा आयोिजत क जा रह है , उस प रसर म मोबाइल फोन का योग (चाहे वह ि वच
ऑफ ह य ना हो), पेजर या कसी अ य कार का इले ॉ नक उपकरण या ो ाम कए जा
सकने वाला डवाइस या पेन ाइव जैसा कोई टोरे ज मी डया, माट वॉच इ या द या कैमरा या
लट
ू ू थ डवाइस या कोई अ य उपकरण या संचार यं के प म योग कए जा सकने वाला कोई
अ य संबं धत उपकरण, चाहे वह बंद हो या चालू स त मना है ।

(ख) उ मीदवार को उनके हत म सलाह द जाती है क वे पर ा थल पर मोबाइल फोन/ लट


ू ूथ
स हत कोई भी तबं धत साम ी न लाएं, य क इनक सरु ा सु नि चत नह ं क जा सकती।

8. उ मीदवार को सलाह द जाती है क वे कोई भी मू यवान/क मती सामान पर ा भवन म न


लाएं, य क उनक सरु ा सु नि चत नह ं क जा सकती. आयोग इस संबध
ं म कसी नक
ु सान के
लए उ रदायी नह ं होगा।

उ मीदवार को केवल ऑनलाइन मोड से ह आवेदन करने क ज रत है।


कसी दस
ू रे मोड वारा आवेदन करने क अनुम त नह ं है।

2
पर ा नो टस सं. 06/2017 -सीएसपी
स वल सेवा पर ा, 2017

एफ. सं. 1/7/2017-प.1(ख) - भारत के असाधारण राजप दनांक 7 फरवर , 2018 म का मक और


श ण वभाग वारा का शत नयम के अनस
ु ार नीचे उि ल खत सेवाओं और पद म भत के लए संघ
लोक सेवा आयोग वारा 3 जून, 2018 को स वल सेवा पर ा क ारं भक पर ा ल जाएगी।

(i) भारतीय शास नक सेवा


(ii) भारतीय वदे श सेवा
(iii) भारतीय पु लस सेवा
(iv) भारतीय डाक एवं तार लेखा और व सेवा, प
ु 'क'
(v) भारतीय लेखा पर ा और लेखा सेवा, प
ु 'क'
(vi) भारतीय राज व सेवा (सीमा शु क और के य उ पाद), प
ु 'क'
(vii) भारतीय र ा लेखा सेवा, प
ु 'क'
(viii) भारतीय राज व सेवा (आयकर), प
ु 'क'
(ix) भारतीय आयध
ु कारखाना सेवा, प
ु 'क' (सहायक कमशाला बंधक, शास नक)
(x) भारतीय डाक सेवा, प
ु 'क'
(xi) भारतीय स वल लेखा सेवा, प
ु 'क'
(xii) भारतीय रे लवे यातायात सेवा, प
ु 'क'
(xiii) भारतीय रे लवे लेखा सेवा, प
ु 'क'
(xiv) भारतीय रे लवे का मक सेवा, प
ु 'क'
(xv) रे लवे सरु ा बल म प
ु 'क' के सहायक सरु ा आयु त के पद
(xvi) भारतीय र ा संपदा सेवा, प
ु 'क'
(xvii) भारतीय सच
ू ना सेवा (क न ठ ेड), प
ु 'क'
(xviii) भारतीय यापार सेवा, प
ु 'क'
(xix) भारतीय कारपोरे ट व ध सेवा, प
ु 'क'
(xx) सश सेना मु यालय स वल सेवा, प
ु 'ख' (अनभ
ु ाग अ धकार ेड)
(xxi) द ल , अंडमान एवं नकोबार वीप समह
ू , ल वीप, दमन व द व एवं दादरा व नगर
हवेल स वल सेवा, प
ु 'ख'
(xxii) द ल , अंडमान एवं नकोबार वीप समह
ू , ल वीप, दमन व द व एवं दादरा व नगर
हवेल पु लस सेवा, प
ु 'ख'
(xxiii) पां डचेर स वल सेवा, प
ु 'ख'
(xxiv) पां डचेर पु लस सेवा, प
ु 'ख'.

 पर ा के प रणाम के आधार पर भर जाने वाल रि तय क सं या लगभग 782 ह िजसम 32


रि तयां बचमाक द यांग यि तय के लए आर त ह अथात ् 13 रि तयां (अ) अंधता और न न
यता ेणी के लए, 8 रि तयां (ब) ब धर और िज ह सन
ु ने म क ठनाई होती है, ेणी के लए,

3
9 रि तयां (स) चलन द यांगता, िजसके अंतगत परा-मि त क घात, ठ क कया गया कु ठ,
बौनापन, अ ल हमले के पी ड़त और पेशीय द ु वकास ेणी के लए तथा 2 रि तयाँ अ से स के
अधीन दवयांगताओं से यु त यि तय म से बहु दवयांगता िजसके अंतगत ब धर-अंधता ेणी के
लए ह। संबं धत संवग नयं क ा धकरण से वा त वक रि तयां ा त होने पर, बाद म रि तय
क अं तम सं या म प रवतन आ सकता है ।

 सरकार वारा नधा रत र त से अनस


ु ू चत जा तय , अनस
ु ू चत जनजा तय , अ य पछड़ी े णय
तथा बचमाक द यांग यि तय के लए रि तय का आर ण कया जाएगा।

बेरोजगार यि तय को रोजगार के अ धक अवसर उपल ध कराने के उ दे य से सरकार वारा लए गए


नणय के अनस
ु ार आयोग उ मीदवार के ा तांग ( ल खत पर ा तथा सा ा कार / यि त व पर ण म
ा त अंक) सावज नक पोटल के मा यम से सावज नक प से घो षत करे गा। अंक क यह घोषणा केवल
उन उ मीदवार के मामले म क जाएगी, जो स वल सेवा पर ा हेतु सा ा कार/ यि त व पर ण म
शा मल ह गे, परं तु िज ह नयिु त हे तु अं तम प से अनुशं सत नह ं कया जाएगा। इस कटन योजना के
मा यम से गैर-अनश
ु ं सत उ मीदवार के बारे म सांझा क गई जानकार का इ तेमाल, सावज नक तथा
नजी े क अ य भत एज सय वारा, सावज नक पोटल पर उपल ध कराई गई उ त सच
ू ना के आधार
पर, उपयु त उ मीदवार क नयिु त के लए कया जा सकेगा।

उ मीदवार को, सा ा कार/ यि त व पर ण के समय इस संबध


ं म अपना वक प दान करना होगा। यह
वक प उ ह सा ा कार हे तु मेल कए गए ई-समन प क पावती भेजते समय दान करना होगा।
उ मीदवार, उ त योजना म शा मल नह ं होने का वक प भी चुन सकते ह। ऐसा करने पर आयोग वारा
उनके अंक संबध
ं ी ववरण का कटन सावज नक प से नह ं कया जाएगा।

आयोग वारा आयोिजत पर ाओं के गैर-अनश


ु ं सत उ मीदवार के बारे म जानकार सांझा करने के
अ त र त, इस वषय म आयोग क कोई िज मेदार अथवा दा य व नह ं होगा क आयोग क पर ाओं
/चयन याओं म शा मल उ मीदवार से संबं धत जानका रय का इ तेमाल, अ य नजी अथवा
सावज नक संगठन वारा कस व ध से तथा कस प म कया जाता है।

शार रक अपे ाओं तथा कायालय वग करण स हत शार रक वकलांग ेणी के लए उपयु त चि हत क
गई सेवाओं क सच
ू ी
. सेवा का नाम े णयां, िजनके लए पहचान क काया मक वग करण शार रक अपे ाएं
सं. गई
1. भारतीय एलवी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,
शास नक सेवा अंधता और न न यता ड यू, एल, सी, आरड यू,
एच, केसी, बीएन
बी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,
ड यू, एल, सी, आरड यू
( ेल/सा टवेयर), एच, केसी,

4
बीएन
ब धर और िज ह सुनने म एफडी, एचएच पीपी, एस, एसट , ड यू, एल,
क ठनाई होती है सी, आरड यू, केसी, बीएन
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, बीए, एस,एसट , ड यू, एसई, एच,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएच, एमड यू, आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, ओएएल, परा-मि त क
अ ल हमले के पी ड़त घात, ठ क कया गया
कु ठ, बौनापन, अ ल
हमले के पी ड़त
बीएलए, बीएलओए, एस,एसई,एच, आरड यू,सी
बीएल
2. भारतीय वदे श अंधता और न न यता एलवी एसई, आरड लयू
सेवा ब धर और िज ह सुनने म पीडी एच
क ठनाई होती है
चलन द यांगता, िजसके ओए,ओएल,ओएएल एस,एसट , ड यू,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क आरड यू,सी, एमएफ
कया गया कु ठ, बौनापन,
अ ल हमले के पी ड़त
बहु दवयांगता, िजसके अंतगत उपरो त पंि तय म उपरो त पंि तय म उ ल खत
केवल उपरो त े णय क उ ल खत सभी सभी
द यांगता शा मल ह।
3. भारतीय राज व (क) अंधता और न न यता एलवी एमएफ, पीपी, एल, केसी,
सेवा(सीमा बीएन, एसट , ड यू, एच,
शु क एवं आरड यू, सी
के य उ पाद बी एमएफ, पीपी, एल, केसी,
शु क, ुप (क) बीएन, एसट , ड यू, एच, सी
िज ह सुनने म क ठनाई एमएफ, पीपी, एल, केसी,
(ख) ब धर और िज ह सुनने म होती है बीएन, एसट , ड यू, एच,
क ठनाई होती है आरड यू, सी
ब धर* एमएफ, पीपी, एल, केसी,
बीएन, एसट , ड यू,
आरड यू, सी
(ग) चलन द यांगता, िजसके ओए,ओएल,ओएएल एस,एसट , ड यू, एसई,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, बीएल एस,एसई, आरड यू,सी
अ ल हमले के पी ड़त और परा-मि त क घात एस,ड यू, एसई, आरड यू,सी
पेशीय द ु वकास ठ क कया गया कु ठ एस,एसट , ड यू, एसई,
आरड यू, सी
बौनापन एस,एसट , ड यू, एसई,
आरड यू, सी

5
अ ल हमले के पी ड़त एस,एसट , ड यू, एसई,
आरड यू, सी
पेशीय द ु वकास एस,एसई, आरड यू,सी
उपरो त (क) से (ग) म उपरो त उि ल खत एस,सी,एमएफ
उि ल खत द यांगताओं से यु त सभी
यि तय म से बहु द यांगता,
िजसके अंतगत ब धर अंधता है
4. भारतीय डाक अंधता और न न यता अंधता एस, ड यू,सी,बीएन,एसट ,
एवं तार लेखा एच, एल, केसी,एमएफ,पीपी,
और व सेवा, आरड यू ( ेल/सा टवेयर म)
ुप 'क' न न यता एस,ड यू,आरड यू,सी, बीएन,
एसट , एच, एल, केसी,
एमएफ, पीपी
ब धर और िज ह सुनने म ब धर और िज ह सुनने एस,ड यू,एसई,आरड यू,सी,
क ठनाई होती है म क ठनाई होती है बीएन, एसट , एल, केसी,
एमएफ, पीपी
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, ओएएल, एस,ड यू,एसई,आरड यू,सी,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क परा-मि त क घात, ठ क बीएन, एसट , एच, एल, केसी,
कया गया कु ठ, बौनापन, कया गया कु ठ, एमएफ, पीपी
अ ल हमले के पी ड़त बौनापन, अ ल हमले के
पी ड़त
बीए, बीएच एस, ड लयू, एसई, आरड यू,
सी, बीएन, एसट , एच, केसी
बीएल, एमड यू एस, एसई,आरड यू,सी,
बीएन, एच, एल, केसी,
एमएफ, पीपी
5. भारतीय लेखा (i) ब धर और िज ह सुनने म िज ह सुनने म क ठनाई एस, एसट , ड यू, बीएन,
पर ा तथा क ठनाई होती है होती है (एचएच) एसई, आरड यू, सी
लेखा सेवा, प
ु (ii) चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, ठ क एस, एसट , ड यू, बीएन,
'क' अंतगत परा-मि त क घात, ठ क कया गया कु ठ, एसई, आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, बौनापन, अ ल हमले के
अ ल हमले के पी ड़त पी ड़त
(iii) बहु दवयांगता (उपरो त (i) उपरो त उि ल खत एस, एसट , ड यू, बीएन,
तथा (ii) म से दो अथवा अ धक सभी एसई, आरड यू, सी
द यांगता)

6
6. भारतीय र ा अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एस,एसट ,ड यू,बीएन,एसई,आ
लेखा सेवा, ुप ब धर और िज ह सुनने म िज ह सुनने म रड यू,सी,एमएफ,पीपी, एल,
'क' क ठनाई होती है क ठनाई होती है केसी, एच
(एचएच)
चलन द यांगता, िजसके ओए,ओएल
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क
कया गया कु ठ, बौनापन,
अ ल हमले के पी ड़त
उपरो त तीन े णय म से बहु (i) ओए,एलवी
दवयांगता (ii) ओएल, एलवी
(iii) ओए, एचएच
(iv) ओएल, एचएच
(v) एलवी, एचएच
7. भारतीय राज व अंधता और न न यता न न यता एमएफ, पीपी, एल, केसी,
सेवा (आयकर), बीएन, एसट , ड यू, एच,

ु 'क' आरड यू, सी
अंधता एमएफ, पीपी, एल, केसी,
बीएन, एसट , ड यू, एच, सी
ब धर और िज ह सुनने म िज ह सुनने म एमएफ, पीपी, एल, केसी,
क ठनाई होती है क ठनाई होती है बीएन, एसट , ड यू, एच,
आरड यू, सी
ब धर एमएफ, पीपी, एल, केसी,
बीएन, एसट , ड यू,
आरड यू, सी

ओए,ओएल,ओएएल एस,एसट , ड यू, एसई,


चलन द यांगता, िजसके आरड यू, सी
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएल एस,एसई, आरड यू,सी

कया गया कु ठ, बौनापन, परा-मि त क घात एस,ड यू, एसई, आरड यू,सी
ठ क कया गया कु ठ एस,एसट , ड यू, एसई,
अ ल हमले के पी ड़त और
आरड यू, सी
पेशीय द ु वकास
बौनापन एस,एसट , ड यू, एसई,
आरड यू, सी
अ ल हमले के पी ड़त एस,एसट , ड यू, एसई,
आरड यू, सी
पेशीय द ु वकास एस,एसई, आरड यू,सी
बहु दवयांगता द यांग अ धकार एस,सी,एमएफ
अ ध नयम, 2016 के
नयम (34) (1) म

7
उि ल खत (क) से (ग)
दवयांगता से यु त
यि तय म से बहू
दवयांगता िजसके
अंतगत ब धर अंधता है
8. भारतीय आयुध (क) अंधता और न न यता एलवी एस, मो ब लट (एम),
कारखाना सेवा, आरड यू, एसई, एच एवं सी
ुप 'क' (ख) ब धर और िज ह सुनने म एचएच(िज ह सुनने म एस, मो ब लट (एम),
क ठनाई होती है क ठनाई होती है ) आरड यू, एसई, एच
(बोलना), सी
(ग) चलन द यांगता, िजसके ओएल, ओए एस, मो ब लट (एम),
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क आरड यू, एसई, एच एवं सी
कया गया कु ठ, बौनापन,
अ ल हमले के पी ड़त
उपरो त (क) से (ग) म से बहु उपरो त पंि तय म एस, मो ब लट (एम),
दवयांगता उि ल खत सभी आरड यू, एसई, एच एवं सी
9. भारतीय डाक अंधता और न न यता एलवी एस, एसट , ड यू, बीएन,
सेवा, ुप 'क' आरड यू, एसई, एच, सी
ब धर और िज ह सुनने म एचएच एस, एसट , ड यू, बीएन,
क ठनाई होती है आरड यू, एसई, एच, सी
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, परा- एस, एसट , ड यू, बीएन,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क मि त क घात, ठ क आरड यू, एसई, एच, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, कया गया कु ठ,
अ ल हमले के पी ड़त बौनापन, अ ल हमले
के पी ड़त
उपरो त तीन े णय म एलवी, एचएच, ओए, एस, एसट , ड यू, बीएन,
उि ल खत दवयांगता से यु त ओएल, परा-मि त क आरड यू, एसई, एच, सी
यि तय म से बहु दवयांगता घात, ठ क कया गया
िजसके अंतगत ब धर अंधता हो कु ठ, बौनापन, अ ल
हमले के पी ड़त
10. भारतीय स वल अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एस, एसट , ड यू, एच,
लेखा सेवा, ुप आरड यू, सी, एमएफ, पीपी,
'क' एल, केसी, बीएन
ब धर और िज ह सन
ु ने म आं शक ब धर(पीडी) एस, एसट , ड यू, एसई, एच
क ठनाई होती है आरड यू, सी, एमएफ, पीपी,
एल, केसी, बीएन
चलन द यांगता, िजसके ओए एस, एसट , ड यू, एसई, एच,
अंतगत परा-मि त क घात आरड यू, सी, एमएफ, पीपी,
एल, केसी, बीएन
ओएल एस,एसई, एच, आरड यू, सी,
एमएफ,पीपी, एल
8
बीए एस, एसट , ड यू, एसई,एच,
सी, केसी, बीएन
बीएल एस, एसई, एच, आरड यू,
सी, एमएफ, पीपी, एल
बीएच एस, एसट , ड यू, एसई, एच,
सी, केसी, बीएन
एमड यू एस, एसई, एच, आरड यू,
सी, एमएफ
ओएएल एस, एसई, एच, आरड यू,
सी, एमएफ, पीपी, एल
बीएलए एस, एसई, एच, आरड यू, सी
बीएलओए एस, एसई, एच, आरड यू,
सी, एमएफ, पीपी, एल
ठ क कया गया कु ठ, बौनापन, ठ क कया गया कु ठ, एस, एसट , ड यू, एसई,एच,
अ ल हमले के पी ड़त बौनापन, अ ल हमले आरड यू, सी, एमएफ, पीपी,
के पी ड़त एल
11. भारतीय रे लवे अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एस, एसट , बीएन, ड यू,
लेखा सेवा, ुप एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
'क' एच
ब धर और िज ह सन
ु ने म एचएच एस, एसट , बीएन, ड यू,
क ठनाई होती है एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
एच ( वण उपकरण के साथ
वीकाय = 25 डे सबल तक
क आवाज सन
ु ने क मता
आव यक)
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, ओएएल, एस, एसट , बीएन, ड यू,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएल, ठक कया एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
कया गया कु ठ, बौनापन, गया कु ठ, अ ल एच
अ ल हमले के पी ड़त हमले के पी ड़त
12. भारतीय रे लवे अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एस, एसट , बीएन, ड यू,
का मक सेवा, एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
ुप 'क' केसी, सीएल, जेय,ू एच
ब धर और िज ह सन
ु ने म एचएच एस, एसट , बीएन, ड यू,
क ठनाई होती है एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
केसी, सीएल, जेय,ू एच,
( वण उपकरण के साथ
वीकाय = 25 डे सबल तक
क आवाज सन
ु ने क मता
आव यक)
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, (ठ क एस, एसट , बीएन, ड यू,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क कया गया कु ठ, एसई, एमएफ, सी, आरड यू,
9
कया गया कु ठ, बौनापन, अ ल हमले के एच
अ ल हमले के पी ड़त पी ड़त)
13. भारतीय रे लवे चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, ठ क एस, एसट , बीएन, ड यू,
यातायात सेवा अंतगत परा-मि त क घात, ठ क कया गया कु ठ, एसई, एमएफ, सी, आरड यू,

ु 'क' कया गया कु ठ, बौनापन, अ ल हमले के पी ड़त पीपी, एच
अ ल हमले के पी ड़त
14. भारतीय र ा अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एसई, आरड यू
संपदा सेवा, ुप ब धर और िज ह सन
ु ने म एचएच(िज ह सन
ु ने म एच
'क' क ठनाई होती है क ठनाई होती है )
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल एस, एसट , ड यू, एसई,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क आरड यू, सी, एमएफ
कया गया कु ठ, बौनापन, बीएल एस, एसई, आरड यू , सी,
अ ल हमले के पी ड़त और एमएफ
पेशीय द ु वकास
केवल उपरो त तीन े णय म उपरो त पंि तय म उपरो त पंि तय म
से बहु दवयांगता उि ल खत सभी उि ल खत सभी
15. भारतीय सूचना (क) अंधता और न न यता एलवी एमएफ,पीपी,एल, केसी, बीएन,
सेवा, ुप 'क' एसट , ड यू, एच, आरड यू,
सी, एसई
बी एमएफ,पीपी,एल, केसी, बीएन,
एसट , ड यू, एच, सी
(ख) ब धर और िज ह सुनने म एचएच एमएफ,पीपी,एल, केसी, बीएन,
क ठनाई होती है एसट , ड यू, एच, आरड यू,
सी,

एफडी एमएफ,पीपी,एल, केसी, बीएन,


एसट , ड यू, आरड यू, सी,

(ग) चलन द यांगता, िजसके बीएल, बीएलओए एस, आरड यू, एसई, एच, सी
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएलए एस, एसई, एच, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, अ ल बीए, बीएच एस, एसट , ड यू, एसई, एच
हमले के पी ड़त और पे शीय ओएल, ओए, एस, एसट , ड यू, एसई एच,
द ु वकास एमड यू, ओएएल आरड यू, सी
उपरो त (क) से (ग) म उपरो त (क) से (ग) ेणी के अंतगत उि ल खत सभी।
उि ल खत द यांगताओं से यु त
यि तय म से बहु द यांगता,
िजसके अंतगत ब धर अंधता है
16 भारतीय यापार अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एमएफ, पीपी, एल, केसी,
सेवा ुप ‘क’ बीएन, एसट , ड यू, एच,
आरड यू, सी

10
अंधता (बी) एमएफ, पीपी, एल, केसी,
बीएन, एसट , ड यू, एच, सी
ब धर और िज ह सुनने म आं शक ब धर(पीडी) एमएफ, पीपी, एल, केसी,
क ठनाई होती है बीएन, एसट , ड यू, एच,
आरड यू, सी
पूण ब धर (एफडी) एमएफ, पीपी, एल, केसी,
बीएन, एसट , ड यू,
आरड यू,सी
चलन द यांगता, िजसके ओएल, ओए, एस, एसट , ड यू, एसई, एच,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क ओएएल, एमड यू आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, बीएल, बीएलओए एस, एसई, एच, आरड यू, सी
अ ल हमले के पी ड़त और
बीएलए एस, एसई, एच, सी
पेशीय द ु वकास
बीए, बीएच एस, एसट , एसई, एच, सी
पूण अंधता और पूण ब धरता दोन एक साथ को
छोड़कर, उपयु त े णय के अंतगत बहु द यांगता
वाले यि त
17 भारतीय अंधता और न न यता न न यता (एलवी) एसई, आरड यू, सी, एम,
कॉप रे ट वध एस, बीएन, एसट ,
सेवा
ब धर और िज ह सन
ु ने म ब धर (डी) एसई, आरड यू, सी, एम,
क ठनाई होती है एस, बीएन, एसट ,
िज ह सुनने म एसई, आरड यू, सी, एम,
क ठनाई होती है एस, बीएन, एसट , एच
(एचएच)
चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, ओएएल एसई, आरड यू, सी, एम,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क एस, बीएन, एसट , एच
कया गया कु ठ, बौनापन, बीएल एसई, आरड यू, सी, एम,
अ ल हमले के पी ड़त और एस, बीएन, एच
पेशीय द ु वकास ठ क कया गया कु ठ एसई, आरड यू, सी, एम,
(एलसी) एस, बीएन, एसट , एच
बौनापन (डीड यू) एसई, आरड यू, सी, एम,
एस, बीएन, एसट , एच
अ ल हमले के पी ड़त एसई, आरड यू, सी, एम,
(एएवी) एस, बीएन, एसट , एच
मांसपेशीय ड ॉफ एसई, आरड यू, सी, एम,
(एमडीवाई) एस, बीएन, एसट , एच
बहु द यांगता (एमडी) [िजसम बहु द यांगता (एमडी) एसई, आरड यू, सी, एम,
उपरो त तीन े णय म से 2 [िजसम उपरो त 3 एस, बीएन
या अ धक दवयांगता शा मल े णय म से 2 या
ह।] अ धक दवयांगता

11
शा मल ह।

18 सश बल अंधता और न न यता बी एस, एसट , ड यू, बीएन,


मु यालय एमएफ,आरड यू ( ेल/
स वल सेवा, सा टवेयर म), एच, सी
ुप ‘बी’ एलवी एस, एसट , ड यू, बीएन,
(अनभ
ु ाग एमएफ,आरड यू, एच, सी
अ धकार ेड) ब धर और िज ह सुनने म एफडी, एचएच एस, एसट , ड यू, बीएन,
क ठनाई होती है एमएफ,एसई, आरड यू, सी
चलन द यांगता, िजसके परा-मि त क घात, एस, एसट , ड यू, बीएन,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क ठ क कया गया कु ठ, एमएफ, एसई, आरड यू, एच,
कया गया कु ठ, बौनापन, बौनापन, अ ल हमले सी
अ ल हमले के पी ड़त और के पी ड़त
पेशीय द ु वकास बीएलओए, बीएल एस, एसई, एच, आरड यू, सी

19 द ल , अंडमान अंधता और न न यता एलवी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,


और नकोबार ड यू, एल, सी, आरड यू,
वीप समूह, एच, केसी, बीएन
ल य वीप, बी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,
दमन तथा द व ड यू, एल, सी, आरड यू
और दादरा एवं ( ेल/सा टवेयर), एच, केसी,
नगर हवेल बीएन
स वल सेवा, ब धर और िज ह सुनने म एफडी, एचएच पीपी, एस, एसट , ड यू, एल,
ुप ‘ख’ क ठनाई होती है सी, आरड यू, केसी, बीएन

चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, बीए, एस,एसट , ड यू, एसई, एच,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएच, एमड यू, आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, ओएएल, परा-मि त क
अ ल हमले के पी ड़त घात, ठ क कया गया
कु ठ, बौनापन, अ ल
हमले के पी ड़त
बीएलए, बीएलओए, एस,एसई,एच, आरड यू,सी
बीएल
20 पुद ु चेर स वल अंधता और न न यता एलवी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,
सेवा, ुप ‘ख’ ड यू, एल, सी, आरड यू,
एच, केसी, बीएन
बी एमएफ, पीपी, एस, एसट ,
ड यू, एल, सी, आरड यू
( ेल/सा टवेयर), एच, केसी,
बीएन

12
ब धर और िज ह सुनने म एफडी, एचएच पीपी, एस, एसट , ड यू, एल,
क ठनाई होती है सी, आरड यू, केसी, बीएन

चलन द यांगता, िजसके ओए, ओएल, बीए, एस,एसट , ड यू, एसई, एच,
अंतगत परा-मि त क घात, ठ क बीएच, एमड यू, आरड यू, सी
कया गया कु ठ, बौनापन, ओएएल, परा-मि त क
अ ल हमले के पी ड़त घात, ठ क कया गया
कु ठ, बौनापन, अ ल
हमले के पी ड़त
बीएलए, बीएलओए, एस,एसई,एच, आरड यू,सी
बीएल

* काया मक वग करण तथा शार रक अपे ाओं का व तत


ृ ववरण कृपया इस नो टस के पैरा-8 म दे ख।

2. (क) पर ा न न ल खत के पर आयोिजत क जाएगी।


(i) स वल सेवा ( ारं भक) पर ा के लए पर ा के

13
के के के
अगरतला गािजयाबाद गौतमबु धनगर
आगरा गौरखपुर पणजी (गोवा)
अजमेर गड़
ु गांव पटना
अहमदाबाद वा लयर पोट लेयर
ऐजल है दराबाद पुडुचरे
अल गढ़ इ फाल पन
ू ा
इलाहाबाद इंदौर रायपुर
अन तपु ईटानगर राजकोट
औरं गाबाद जबलपरु रांची
बगलू जयपुर संबलपुर
बरे ल ज मू शलांग
भोपाल जोधपरु शमला
बलासपुर जोरहाट स लगुडी
चंडीगढ़ कोि च ीनगर
चे नई को हमा ठाणे
कोय बटूर कोलकाता त वनंतपुरम
कटक कोझीकोड (काल कट) त चराप ल
दे हरादन
ू लखनऊ त पत
द ल लु धयाना उदयपुर
धारवाड़ मदरु ै वाराणसी
दसपरु मु बई वे लोर
फर दाबाद मैसु वजयवाड़ा
गंगटोक नागपरु वशाखापटनम
गया नवी मुंबई वारं गल

(ii) स वल सेवा ( धान) पर ा के लए पर ा के

के के के
अहमदाबाद दे हरादन
ू मु बई
ऐजल द ल पटना
इलाहाबाद दसपुर गुवाहाट ) रायपुर
बगलू है दराबाद रांची
भोपाल जयपरु शलांग
चंडीगढ़ ज मू शमला
चे नई कोलकाता त वनंतपुरम
कटक लखनऊ वजयावाडा

14
आयोग य द चाहे तो, पर ा के उपयु त यथाउि ल खत के तथा उसके ारं भ होने क तार ख म
प रवतन कर सकता है । आवेदक यह नोट कर क चे नई, द ल , दसपरु , कोलकाता तथा नागपरु को
छोड़कर येक के पर आवं टत होने वाले उ मीदवार क सं या क अ धकतम सीमा (सी लंग) नधा रत
होगी। के का आबंटन “पहले आवेदन-पहले आबंटन” के आधार पर कया जाएगा और कसी के वशेष
क मता परू हो जाने के उपरांत उस के पर आबंटन रोक दया जाएगा। सी लंग के कारण िजन
उ मीदवार को अपनी पसंद का के ा त नह ं होता उ ह शेष के म से कोई के चुनना होगा। अत:
आवेदक को सलाह द जाती है क वे शी आवेदन कर ता क उ ह अपनी पसंद का के ा त हो सके।
ट पणी: पव
ू त ावधान के बावजूद, आयोग को यह अ धकार है क वह अपने ववेकानस
ु ार के म
प रवतन कर सकता है , य द प रि थ त क मांग ऐसी हो।

स वल सेवा ( ारं भक) पर ा, 2018 के लए सभी पर ा के आं शक ि ट वाले उ मीदवार के लए


अब पर ा संब ध पदना मत के पर होगी। िजन उ मीदवार को उ त पर ा म वेश दे दया जाता है,
उ ह समय-सारणी तथा पर ा थल ( थल ) क जानकार दे द जाएगी। उ मीदवार को नोट करना चा हए
क क प रवतन हे तु उनके अनरु ोध को वीकार नह ं कया जाएगा।

उ मीदवार को नोट करना चा हए क क प रवतन हेतु उनके अनरु ोध को सामा यत: वीकार नह ं कया
जाएगा।
(ख) पर ा क योजना :
स वल सेवा पर ा क दो अव थाएं ह गी (नीचे प र श ट-I खंड-I के अनस
ु ार).
(i) धान पर ा के लए उ मीदवार के चयन हे तु स वल सेवा ( ारं भक) पर ा (व तुपरक) तथा
(ii) उपयु त व भ न सेवाओं और पद म भत हेतु उ मीदवार का चयन करने के लए स वल सेवा
( धान) पर ा ( ल खत तथा सा ा कार)।

केवल ारं भक पर ा के लए अब आवेदन प आमं त कए जाते ह। जो उ मीदवार धान पर ा म


वेश के लए आयोग वारा पा घो षत कए जाएंगे उनको व तत
ृ आवेदन प म पन
ु : ऑनलाइन
आवेदन करना होगा, जो क उनको उपल ध करवाये जायगे। धान पर ा संभवत: सतंबर, 2018 म
होगी।

3. पा ता क शत :

(i) रा यता :
(1) भारतीय शास नक सेवा और भारतीय पु लस सेवा का उ मीदवार भारत का नाग रक
अव य हो।
(2) अ य सेवाओं के उ मीदवार को या तो
(क) भारत का नाग रक होना चा हए, या
(ख) नेपाल क जा, या
(ग) भट
ू ान क जा, या
(घ) ऐसा त बती शरणाथ जो भारत म थायी प से रहने के इरादे से पहल जनवर ,
1962 से पहले भारत आ गया हो, या
15
(ङ) कोई भारतीय मल
ू का यि त जो भारत म थायी प से रहने के इरादे से
पा क तान, बमा, ीलंका, पव
ू अ क दे श , क नया, उगांडा, संयु त गणरा य तंजा नया,
जाि बया, मालावी, जैरे, इ थयो पया तथा वयतनाम से वजन करके आया हो।

पर तु (ख), (ग), (घ) और (ङ) वग के अंतगत आने वाले उ मीदवार के पास भारत सरकार वारा जार
कया गया पा ता (ए लजी ब लट ) माणप होना चा हए।
एक शत यह भी है क उपयु त (ख), (ग) और (घ) वग के उ मीदवार भारतीय वदे श सेवा म नयिु त के
पा नह ं ह गे। ऐसे उ मीदवार को भी उ त पर ा म वेश दया जा सकता है िजसके बारे म पा ता
माणप ा त करना आव यक हो, क तु भारत सरकार वारा उसके संबध
ं म पा ता माणप जार कए
जाने के बाद ह उसको नयिु त ताव भेजा जा सकता है।

(ii) आयु - सीमाएं :

(क) उ मीदवार क आयु 1 अग त, 2018 को परू े 21 वष क हो जानी चा हए, क तु 32 वष क नह ं


होनी चा हए अथात उसका ज म 2 अग त, 1986 से पहले और 1 अग त, 1997 के बाद का नह ं होना
चा हए। व भ न सेवाओं के संदभ म संबं धत नयम / व नयम म सम प प रवतन हे तु आव यक कारवाई
अलग से क जा रह है ।

(ख) ऊपर बताई गई अ धकतम आय-ु सीमा म न न ल खत मामल म छूट द जाएगी :

(i) य द उ मीदवार कसी अनस


ु ू चत जा त या अनस
ु ू चत जनजा त का हो तो अ धक से
अ धक 5 वष।
(ii) अ य पछड़ी े णय के उन उ मीदवार के मामले म अ धकतम तीन वष तक जो ऐसे
उ मीदवार के लये लागू आर ण को पाने के पा ह।
(iii) कसी दस
ू रे दे श के साथ संघष म या कसी अशां त त े म फौजी कायवाह के दौरान
वकलांग होने के फल व प सेवा से नमु त कए गए र ा का मक को अ धक से अ धक
3 वष।
(iv) िजन भत
ू पव
ू सै नक (कमीशन ा त अ धका रय तथा आपातकाल न कमीशन ा त
अ धका रय /अ पका लक सेवा कमीशन ा त अ धका रय स हत) ने 1 अग त, 2018 को
कम से कम 5 वष क सै नक सेवा क हो और जो (i) कदाचार या अ मता के आधार पर
बखा त न होकर अ य कारण से कायकाल के समापन पर कायमु त हुए ह (इनम वे भी
सि म लत ह िजनका कायकाल 1 अग त 2018 से एक वष के अंदर परू ा होना है ), या
(ii) सै नक सेवा से हुई शार रक अपंगता, या (iii) अ मता के कारण कायमु त हुए ह,
उनके मामले म अ धक से अ धक 5 वष तक।
(v) आपातकाल न कमीशन ा त अ धका रय /अ पकाल न सेवा के कमीशन ा त अ धका रय
के उन मामल म िज ह ने 1 अग त, 2018 को सै नक सेवा के 5 वष क सेवा क
ारं भक अव ध परू कर ल है और िजनका कायकाल 5 वष से आगे भी बढ़ाया गया है
तथा िजनके मामले म र ा मं ालय एक माणप जार करता है क वे स वल रोजगार
के लए आवेदन कर सकते ह और चयन होने पर नयिु त ताव ा त करने क तार ख
से तीन माह के नो टस पर उ ह कायभार से मु त कया जाएगा। अ धकतम 5 वष।
16
(vi) (अ) अंधता और न न यता , (ब) ब धर और िज ह सन
ु ने म क ठनाई होती है (स)
चलन द यांगता, िजसके अंतगत परा-मि त क घात, ठ क कया गया कु ठ, बौनापन,
अ ल हमले के पी ड़त और पेशीय द ु वकास (द) आ ट म बौ धक द यांगता, सीखने म
वश ट द यांगता और मान सक रोग (ई) अ से द के अधीन दवयांगताओं से यु त
यि तय म से बहु दवयांगता, िजसके अंतगत ब धर-अंधता है, के मामल म अ धकतम
10 वष तक

ट पणी-I : अनस
ु ू चत जा त तथा अनस
ु ू चत जनजा त व अ य पछड़े वग से संबं धत वे उ मीदवार, जो
उपयु त पैरा 3 (ii)(ख) के क ह ं अ य खंड अथात, जो भत
ू पव
ू सै नक , (अ) अंधता और न न यता ,
(ब) ब धर और िज ह सन
ु ने म क ठनाई होती है (स) चलन द यांगता, िजसके अंतगत परा-मि त क घात,
ठक कया गया कु ठ, बौनापन, अ ल हमले के पी ड़त और पेशीय द ु वकास (द) आ ट म बौ धक
द यांगता, सीखने म व श ट द यांगता और मान सक रोग (ई) अ से द के अधीन दवयांगताओं से यु त
यि तय म से बहु दवयांगता, िजसके अंतगत ब धर-अंधता है , दोन े णय के अंतगत द जाने वाल
संचयी आयु सीमा-छूट ा त करने के पा ह गे।

ट पणी-II : भत
ू पव
ू सै नक श द उन यि तय पर लागू होगा िज ह समय-समय पर यथासंशो धत भत
ू पव

सै नक ( स वल सेवा और पद म पन
ु : रोजगार) नयम, 1979 के अधीन भत
ू पव
ू सै नक के प म
प रभा षत कया जाता है ।

ट पणी-III : आपातकाल न कमीशन ा त अ धका रय /अ पकाल न सेवा के कमीशन ा त अ धका रय


स हत वे भत
ू पव
ू सै नक तथा कमीशन अ धकार , जो वयं के अनरु ोध पर सेवामु त हुए ह, उ ह उपयु त
पैरा 3 (ii) (ख) (iv) तथा (v) के अधीन आयु सीमा म छूट नह ं द जाएगी।

ट पणी-IV : उपयु त पैरा 3(ii)(ख) (vi)के अंतगत आयु म छूट के बावजद


ू बचमाक द यांग यि तय
ेणी के उ मी वार क नयिु त हेतु पा ता पर तभी वचार कया जा सकता है जब वह (सरकार या
नयो ता ा धकार , जैसा भी मामला हो, वारा नधा रत शार रक पर ण के बाद) सरकार वारा बचमाक
द यांग यि तय ेणी के उ मी वार आवं टत संबं धत सेवाओं/पद के लए नधा रत शार रक एवं
च क सा मानक क अपे ाओं को परू ा करता हो।

ऊपर क यव था को छोड़कर नधा रत आय-ु सीमा म कसी भी हालत म छूट नह ं द जा सकती।

आयोग ज म क वह तार ख वीकार करता है जो मै कुलेशन या माध ्य मक व यालय छोड़ने के माण


प या कसी भारतीय व व व यालय वारा मै कुलेशन के समक माने गए माणप या कसी
व व व यालय वारा अनुर त मै कुलेट के रिज टर म दज क गई हो और वह उ धरण व व व यालय
के समु चत ा धकार वारा मा णत हो या उ चतर मा य मक पर ा या उसक समक पर ा माणप
म दज हो।

ये माण प स वल सेवा ( धान) पर ा के लए आवेदन करते समय ह तत


ु करने ह।
आयु के संबध
ं म कोई अ य द तावेज जैसे ज म कंु डल , शपथप , नगर नगम से और सेवा अ भलेख से
ा त ज म संबध
ं ी उ धरण तथा अ य ऐसे ह माण वीकार नह ं कए जाएंगे ।

17
अनद
ु ेश के इस भाग म आए ''मै कुलेशन/उ चतर माधय मक पर ा माणप '' वा यांश के अंतगत
उपयु त वैकि पक माणप सि म लत ह।

ट पणी-I : उ मीदवार को यान रखना चा हए क आयोग ज म क उसी तार ख को वीकार करे गा जो


क आवेदन-प तत
ु करने क तार ख को मै कुलेशन/उ चतर मा य मक पर ा माणप या समक
पर ा के माणप म दज है और इसके बाद उसम प रवतन के कसी अनरु ोध पर न तो वचार कया
जाएगा न ह उसे वीकार कया जाएगा।
ट पणी-II : उ मीदवार को यान रखना चा हए क उनके वारा पर ा म वेश के लए ज म क तार ख
एक बार लख भेजने और आयोग वारा उसके वीकृत हो जाने के बाद, बाद म या कसी पर ा म उसम
कसी भी आधार पर कोई प रवतन करने क अनम
ु त नह ं द जाएगी।

ट पणी-III : उ मीदवार को ारं भक पर ा के लए ऑनलाइन आवेदन प म ज म त थ भरते समय


उ चत सावधानी बरतनी चा हए। य द बाद म कसी अव था म, जांच के दौरान उनके वारा भर गई ज म
त थ क उनके मै क या समक पर ा के माणप म द गई ज म त थ से कोई भ नता पाई गई तो
आयोग वारा उनके व ध अनश
ु ासना मक कारवाई क जाएगी।

(iii) यन
ू तम शै क यो यता :

उ मीदवार के पास भारत के के या रा य वधानमंडल वारा नग मत कसी व व व यालय क या


संसद के अ ध नयम वारा था पत या व व व यालय अनद
ु ान आयोग अ ध नयम 1956 के खंड 3 के
अधीन व व व यालय के प म मानी गई कसी अ य श ा सं था क ड ी अथवा समक यो यता होनी
चा हए।

ट पणी-I : कोई भी उ मीदवार िजसने ऐसी कोई पर ा दे द है िजसम उ ीण होने पर वह आयोग क


पर ा के लए शै क प से पा होगा पर तु उसे पर ा प रणाम क सच
ू ना नह ं मल है तथा ऐसा
उ मीदवार भी जो ऐसी अहक पर ा म बैठने का इरादा रखता है, ारं भक पर ा म वेश पाने का पा
होगा। स वल सेवा ( धान) पर ा के लए अहक घो षत कए गए सभी उ मीदवार को धान पर ा के
लए आवेदन प के साथ-साथ उ ीण होने का माण तुत करना होगा। िजसके तुत न कए जाने
पर ऐसे उ मीदवार को धान पर ा म वेश नह ं दया जाएगा। धान पर ा के लए आवेदन- प
जुलाई / अग त, 2018 माह म कसी समय मंगाए जाएंगे।

ट पणी-II : वशेष प रि थ तय म संघ लोक सेवा आयोग ऐसे कसी भी उ मीदवार को पर ा म वेश
पाने का पा मान सकता है िजसके पास उपयु त अहताओं म से कोई अहता न हो, बशत क उ मीदवार
ने कसी सं था वारा ल गई कोई ऐसी पर ा पास कर ल हो िजसका तर आयोग के मतानस
ु ार ऐसा हो
क उसके आधार पर उ मीदवार को उ त पर ा म बैठने दया जा सकता है।

ट पणी-III : िजन उ मीदवार के पास ऐसी यावसा यक और तकनीक यो यताएं ह , जो सरकार वारा
यावसा यक और तकनीक ड य के समक मा यता ा त ह वे भी उ त पर ा म बैठने के पा ह गे।

ट पणी- IV: िजन उ मीदवार ने अपनी अं तम यावसा यक एमबीबीएस अथवा कोई अ य च क सा


पर ा पास क हो ले कन उ ह ने स वल सेवा ( धान) पर ा का आवेदन प तुत करते समय अपना
इ टन शप परू ा नह ं कया है तो वे भी अनि तम प से पर ा म बैठ सकते ह, बशत क वे अपने

18
आवेदन- प के साथ संबं धत व व व यालय/सं था के ा धकार से इस आशय के माणप क एक त
तत
ु कर क उ होने अपे त अं तम यावसा यक च क सा पर ा पास कर ल है। ऐसे मामल म
उ मीदवार को सा ा कार के समय व व व यालय/सं था के संबं धत स म ा धकार से अपनी मल
ू ड ी
अथवा माणप तुत करने ह गे क उ ह ने ड ी दान करने हे तु सभी अपे ाएं (िजनम इ टन शप परू ा
करना भी शा मल है) परू कर ल ह।

(iv) अवसर क सं या :
(अ) स वल सेवा पर ा म बैठने वाले येक उ मीदवार को जो अ यथा पा ह , छ: बार बैठने क
अनम
ु त द जाएगी।

पर तु अवसर क सं या से संब ध यह तबंध अनस


ु ू चत जा तय और अनस
ु ू चत जनजा तय के अ यथा
पा उ मीदवार पर लागू नह ं होगा।

पर तु आगे यह और भी है क अ य पछड़ी े णय के उ मीदवार को, जो अ यथा पा ह, वीकाय


अवसर क सं या नौ होगी। यह रयायत/छूट केवल वैसे अ य थय को मलेगी जो आर ण पाने के पा
ह।

बशत यह भी क बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार को उतने ह अवसर अनम


ु त ह गे िजतने
क उसके समद
ु ाय के अ य उन उ मीदवार को जो बचमाक द यांग यि तय ेणी के नह ं ह या इस शत
के अ यधीन ह क सामा य वग से संबं धत बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार नौ अवसर के
पा ह गे। व भ न सेवाओं के संदभ म संबं धत नयम / व नयम म सम प प रवतन हेतु आव यक
कारवाई अलग से क जा रह है । यह छूट बचमाक द यांग यि तय ेणी के उन उ मीदवार को
उपल ध होगी जो क ऐसे उ मीदवार पर लागू होने वाले आर ण को ा त करने के पा ह गे।

1. ारं भक पर ा म बैठने को पर ा म बैठने का एक अवसर माना जाएगा।


2. य द उ मीदवार ारं भक पर ा के कसी एक न प म व तत
ु : पर ा दे ता है तो
उसका पर ा के लए एक यास समझा जाएगा।
3. अयो यता/उ मीदवार के र द होने के बावजद
ू उ मीदवार क पर ा म उपि थ त का त य
एक यास गना जाएगा।

(v) पर ा के लए आवेदन करने पर तबंध :

कोई उ मीदवार कसी पव


ू पर ा के प रणाम के आधार पर भारतीय शास नक सेवा अथवा भारतीय वदे श
सेवा म नयु त हो जाता है और उस सेवा का सद य बना रहता है तो वह इस पर ा म तयोगी बने
रहने का पा नह ं होगा।

य द ऐसा कोई उ मीदवार स वल सेवा ( ारं भक) पर ा, 2018 के समा त होने के प चात ् भारतीय
शास नक सेवा/भारतीय वदे श सेवा म नयु त हो जाता है तथा वह उस सेवा का सद य बना रहता है , तो
वह स वल सेवा ( धान) पर ा, 2018 म बैठने का पा नह ं होगा चाहे उसने ारं भक पर ा, 2018 म
अहता ा त कर ल हो।

यह भी यव था है क स वल सेवा ( धान) पर ा, 2018 के ारं भ होने के प चात ् क तु उसके पर ा


19
प रणाम से पहले कसी उ मीदवार क भारतीय शास नक सेवा/भारतीय वदे श सेवा म नयिु त हो जाती
है और वह उसी सेवा का सद य बना रहता है तो स वल सेवा पर ा, 2018 के प रणाम के आधार पर
उसे कसी सेवा/पद पर नयिु त हेतु वचार नह ं कया जाएगा।
ऐसे उ मीदवार िज ह कसी पव
ू स वल सेवा पर ा के प रणाम के आधार पर भारतीय पु लस सेवा के
लए नयु त कया गया है और वे अभी भी उस सेवा के सद य बने हुए ह, वे स वल सेवा पर ा, 2018
म भारतीय पु लस सेवा का वक प चुनने के पा नह ं ह गे।

(vi) शार रक मानक :


स वल सेवा पर ा, 2018 म वेश के लए उ मीदवार को दनांक 7 फरवर , 2018 के भारत के राजप
(असाधारण) म का शत पर ा क नयमावल के प र श ट-3 म दए शार रक पर ा के बारे म व नयम
के अनु प शार रक प से व थ होना चा हए।

4. शु क
(क) उ मीदवार को 100/- (सौ पये मा ) फ स के प म (अ.जा./अ.ज.जा./ म हला/ बचमाक द यांग
यि तय ेणी के उ मीदवार को छोड़कर िज ह कोई शु क नह ं दे ना होगा) टे ट बक ऑफ इं डया क
कसी भी शाखा म नकद जमा करके या टे ट बक ऑफ इं डया क नेट ब कं ग सेवा का उपयोग करके या
वीजा/मा टर/ पे े डट/डे बट काड का उपयोग करके भग
ु तान करना होगा।

यान द : जो उ मीदवार भग
ु तान के लए नकद भग
ु तान णाल का चयन करते ह वे स टम वारा
सिृ जत (जनरे ट) पे-इन-ि लप को मु त कर और अगले काय दवस को ह भारतीय टे ट बक (एसबीआई)
क शाखा के काउं टर पर शु क जमा करवाएं। “नकद भग
ु तान णाल ” का वक प अं तम त थ से एक
दन पहले, अथात ् दनांक 05/03/2018 को रा 23.59 बजे नि य हो जाएगा। तथा प, जो उ मीदवार
अपने पे-इन ि लप का सज
ृ न (जनरे शन) इसके नि य होने से पहले कर लेते ह, वे अं तम त थ को बक
के काय समय के दौरान एसबीआई क शाखा म काउं टर पर नकद भग
ु तान कर सकते ह। वे उ मीदवार जो
वैध पे-इन ि लप होने के बावजूद कसी भी कारणवश अं तम त थ को बक के काय समय के दौरान
एसबीआई क शाखा म नकद भग
ु तान करने म असमथ रहते ह तो उनके पास कोई अ य ऑफलाइन
वक प उपल ध नह ं होगा ले कन वे अं तम त थ अथात 06/03/2018 को सांय 6:00 बजे तक ऑनलाइन
डे बट/ े डट काड अथवा इंटरनेट ब कं ग भग
ु तान के वक प का चयन कर सकते ह।

िजन आवेदक के मामले म बक से भग


ु तान संबध
ं ी ववरण
ा त नह ं हुए ह उ ह फज भग
ु तान मामला
समझा जाएगा और ऐसे सभी आवेदक क सच
ू ी ऑनलाइन आवेदन प भरने के अं तम दन के बाद दो
स ताह के भीतर आयोग क वेबसाइट पर उपल ध करा द जाएगी।

इन आवेदक को ई-मेल के ज रए यह भी सू चत कया जाएगा क वे आयोग को कए गए अपने भग


ु तान
के माण क त तत
ु कर। आवेदक को इसका माण 10 दन के भीतर द ती अथवा पीड पो ट के
ज रए आयोग को भेजना होगा। य द आवेदक क ओर से कोई यु र ा त नह ं होता है तब उनका
आवेदन प त काल अ वीकार कर दया जाएगा और इस संबध
ं म आगे कोई प ाचार नह ं कया जाएगा।

20
सभी म हला उ मीदवार तथा अनस
ु ू चत जा त/अनस
ु ू चत जनजा त/ बचमाक द यांग यि तय ेणी के
उ मी वार को शु क के भग
ु तान से छूट ा त है। तथा प, अ य पछड़े वग के उ मीदवार को शु क म
छूट ा त नह ं है तथा उ ह नधा रत पण
ू शु क का भग
ु तान करना होगा।

बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार को शु क के भग


ु तान से छूट है बशत क वे इन
सेवाओं/पद के लए च क सा आरो यता (बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार को द गई कसी
अ य वशेष छूट स हत) के मानक के अनस
ु ार इस पर ा के प रणाम के आधार पर भर जाने वाल
सेवाओं/पद पर नयिु त हेतु अ यथा प से पा ह । शु क म छूट का दावा करने वाले बचमाक द यांग
यि तय ेणी के उ मी वार को अपने व तत
ृ आवेदन प के साथ अपने शार रक प से बचमाक
द यांग होने के दावे के समथन म, सरकार अ पताल/ च क सा बोड से ा त माण-प क मा णत त
तुत करनी होगी।

ट पणी : शु क म छूट के उपयु त ावधान के बावजूद बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार


को नयिु त हे तु तभी पा माना जाएगा जब वह (सरकार या नयिु त ा धकार , जैसा भी मामला हो,
वारा नधा रत ऐसी कसी शार रक जांच के बाद), सरकार वारा बचमाक द यांग यि तय ेणी के
उ मी वार को आवं टत क जाने वाल संबं धत सेवाओं/पद के लए शार रक और च क सा मानक क
अपे ाओं को परू ा करते ह ।

ट पणी-I : िजन आवेदन-प के साथ नधा रत शु क संल न नह ं होगा (शु क माफ के दावे को छोड़कर),
उ ह त काल अ वीकृत कर दया जाएगा।

ट पणी-II : कसी भी ि थ त म आयोग को भग


ु तान कए गए शु क क वापसी के कसी भी दावे पर न
तो वचार कया जाएगा और न ह शु क को कसी अ य पर ा या चयन के लए आर त रखा जा
सकेगा।

ट पणी-III : य द कोई उ मीदवार 2017 म ल गयी स वल सेवा पर ा म बैठा हो और अब इस पर ा


म वेश पाने के लए आवेदन करना चाहता हो, तो उसे पर ाफल या नयिु त ताव क ती ा कए
बना ह अपना आवेदन प भर दे ना चा हए।

ट पणी-IV : धान पर ा म िजन उ मीदवार को वेश दया जायेगा, उनको पन


ु : . 200 (केवल दो सौ
पये) के शु क का भग
ु तान करना होगा।

5. आवेदन कैसे कर :
(क) उ मीदवार http://www/upsconline.nic.in वेबसाइट का इ तेमाल करके ऑनलाइन आवेदन कर।
ऑनलाइन आवेदन प भरने के लए व तत
ृ अनद
ु े श उपयु त वेबसाइट पर उपल ध ह।

21
आवेदक को केवल एक ह आवेदन प तुत करने का परामश दया जाता है। तथा प, कसी अप रहाय
प रि थ तवश य द वह एक से अ धक आवेदन प तत
ु करता है, तो वह यह सु नि चत कर ल क उ च
आरआईडी वाला आवेदन प हर तरह अथात आवेदक का ववरण, पर ा के , फोटो, ह ता र, शु क
आ द से पण
ू है । एक से अ धक आवेदन प भेजने वाले उ मीदवार ये नोट कर ल क केवल उ च
आरआईडी (रिज े शन आईडी) वाले आवेदन प ह आयोग वारा वीकार कए जाएंगे और एक आरआईडी
के लए अदा कए गए शु क का समायोजन कसी अ य आरआईडी के लए नह ं कया जाएगा।

(ख) सभी उ मीदवार को चाहे वे पहले से सरकार नौकर म ह या सरकार औ यो गक उप म म ह या


इसी कार के अ य संगठन म ह या गैर-सरकार सं थाओं म नयु त ह , अपने आवेदन प आयोग को
सीधे भेजने चा हए। जो यि त पहले से सरकार नौकर म थायी या अ थायी है सयत से काम कर रह ह
या कसी काम के लए व श ट प से नयु त कमचार ह , िजसम आकि मक या दै नक दर पर नयु त
यि त शा मल नह ं ह, उनको अथवा जो लोक उ यम के अधीन कायरत ह उनको यह प रवचन
(अ डरटे कं ग) तुत करना होगा क उ ह ने ल खत प से अपने कायालय/ वभाग के अ य को सू चत
कर दया है क उ ह ने इस पर ा के लए आवेदन कया है।

उ मीदवार को यान रखना चा हए क य द आयोग को उनके नयो ता से उनके उ त पर ा के लए


आवेदन करने/पर ा म बैठने से स ब ध अनमु त रोकते हुए कोई प मलता है तो उनका आवेदन प
अ वीकृत कया जा सकता है /उनक उ मीदवार र द कर द जा सकती है ।

ट पणी-1: उ मीदवार को अपने आवेदन प म पर ा के लए के भरते समय सावधानीपव


ू क नणय
लेना चा हए।

य द कोई उ मीदवार आयोग वारा े षत वेश माण प म दशाये गये के से इतर के म बैठता है
तो उस उ मीदवार के न प का मू यांकन नह ं कया जायेगा तथा उसक उ मीदवार भी र द क जा
सकती है ।

ट पणी-2: अंधता और चलन द यांगता, िजसके अंतगत परा-मि त क घात से पी ड़त उ मीदवार िजनक
काय न पादन मता (लेखन मता) धीमी हो जाती है ( यन
ू तम 40% तक अ मता) वारा ाइब
(लेखन सहायक) क सहायता लेने के संबध
ं म जानकार हे तु उपयु त ावधान आरं भक ऑनलाइन आवेदन
प के समय ह कए गए ह।

ट पणी-3: स वल सेवा ( ारं भक) पर ा 2018 म शा मल होने वाले उ मीदवार को न न ल खत कार


क सच
ू ना का उ लेख ऑनलाइन आवेदन प भरते समय ह करना होगा : (क) स वल सेवा ( धान)
पर ा तथा भारतीय वन सेवा ( धान) पर ा के के का ववरण (ख) दोन पर ाओं के लए वैकि पक
वषय का चयन (ग) स वल सेवा ( धान) पर ा हेतु पर ा दे ने का मा यम, (घ) वैकि पक वषय के
न के लए पर ा दे ने का मा यम का चयन जब स वल सेवा ( धान) पर ा हेतु पर ा दे ने का

22
मा यम म भारतीय भाषा चुनी गयी हो और (ड़) स वल सेवा ( धान) पर ा के लए अ नवाय भारतीय
भाषा।

ट पणी-4: उ मीदवार को अपने आवेदन प के साथ आयु तथा शै क यो यता, अनस


ु ू चत
जा त/अनस
ु ू चत जनजा त, अ य पछड़ी ेणी, बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार और शु क
म छूट आ द का माणप तत
ु नह ं करना होगा। केवल धान पर ा के समय इनक जांच क जायेगी
। पर ा म आवेदन करने वाले उ मीदवार यह सु नि चत कर ल क वे पर ा म वेश पाने के लये
पा ता क सभी शत परू करते ह। पर ा के उन सभी तर , िजनके लये आयोग ने उ ह वेश दया है
अथात ारं भक पर ा, धान ( ल खत) पर ा तथा सा ा कार पर ण, म उनका वेश पण
ू त: अनं तम
होगा तथा उनके नधा रत पा ता क शत को परू ा करने पर आधा रत होगा। य द ारं भक पर ा, धान
( ल खत) पर ा तथा सा ा कार पर ण के पहले या बाद म स यापन करने पर यह पता चलता है क वे
पा ता क क ह ं शत को परू ा नह ं करते ह तो आयोग वारा पर ा के लये उनक उ मीदवार र द कर
द जाएगी। य द उनके वारा कए गए दावे सह नह ं पाए जाते ह तो उनके खलाफ आयोग वारा स वल
सेवा पर ा, 2018 क नयमावल के नयम 14 क शत जो क नीचे उ धत
ृ ह, के अनस
ु ार अनश
ु ास नक
कायवाह क जा सकती है ।

िजस उ मीदवार ने :
(i) न न ल खत तर क से अपनी उ मीदवार के लए समथन ा त कया है अथात ् :
(क) गैर कानन
ू ी प से प रतोषण क पेशकश करना, या
(ख) दबाव डालना, या
(ग) पर ा आयोिजत करने से संबं धत कसी भी यि त को लैकमेल करना, अथवा
उसे लैकमेल करने क धमक दे ना, अथवा
(ii) नाम बदल कर पर ा द है, अथवा
(iii) कसी अ य यि त से छ म प से काय साधन कराया है , अथवा
(iv) जाल माणप या ऐसे माण तुत कए ह. िजनम त य को बगाड़ा गया हो,
अथवा
(v) गलत या झठ
ू े व त य दए ह या कसी मह वपण
ू त य को छपाया है, अथवा
(vi) पर ा के लए अपनी उ मीदवार के संबध
ं म न न ल खत साधन का उपयोग कया
है . अथात ्:
(क) गलत तर के से न-प क त ा त करना,
(ख) पर ा से संबं धत गोपनीय काय से जड़
ु े यि त के बारे म परू जानकार ा त
करना
(ग) पर क को भा वत करना, या
(vii) पर ा के समय अनु चत साधन का योग कया हो, या
(viii) उ र पिु तकाओं पर असंगत बात लखना या भ दे रे खा च बनाना, अथवा
(ix) पर ा भवन म द ु य यवहार करना, िजसम उ र-पिु तकाओं को फाड़ना, पर ा दे ने
वाल को पर ा का ब ह कार करने के लए उकसाना अथवा अ यव था तथा ऐसी ह

23
अ य ि थ त पैदा करना शा मल है, अथवा
(x) पर ा संचा लत करने के लए आयोग वारा नयु त कमचा रय को परे शान कया हो
या अ य कार क शार रक त पहुंचाई हो, या
(xi) पर ा के दौरान मोबाइल फोन (चाहे वह ि वच ऑफ ह य ना हो), पेजर या कसी
अ य कार का इले ॉ नक उपकरण या ो ाम कए जा सकने वाला डवाइस या पेन
ाइव जैसा कोई टोरे ज मी डया, माट वॉच इ या द या कैमरा या लट
ू ू थ डवाइस या
कोई अ य उपकरण या संचार यं के प म योग कए जा सकने वाला कोई अ य
संबं धत उपकरण, चाहे वह बंद हो या चाल,ू योग करते हुए या आपके पास पाया गया
हो; अथवा

(xii) पर ा क अनम
ु त दे ते हुए उ मीदवार को भेजे गये माण-प के साथ जार अनद
ु ेश
का उ लंघन कया है, अथवा
(xiii) उपयु त खंड म उि ल खत सभी/ कसी भी काय के वारा आयोग को अव े रत करने
का य न कया हो, तो उन पर आपरा धक अ भयोग ( मनल ॉसी यश
ू न) चलाया
जा सकता है और उसके साथ ह उसे-
(क) आयोग वारा कसी उ मीदवार को उस पर ा के लये अयो य ठहराया जा सकता
है िजसम वह बैठ रहा है , और/अथवा
(ख) उसे थाई प से अथवा एक वशेष अव ध के लए
(i) आयोग वारा ल जाने वाल कसी भी पर ा अथवा चयन के लए
(i) के य सरकार वारा उसके अधीन कसी भी नौकर से वा रत कया जा
सकता है ।
(ग) य द वह सरकार के अधीन पहले से ह सेवा म है तो उसके व ध उपयु त
नयम के अधीन अनश
ु ास नक कायवाह क जा सकती है । कं तु शत यह है क इस
नयम के अधीन कोई शाि त तब तक नह ं द जाएगी जब तक :

(i) उ मीदवार को इस स ब ध म ल खत अ यावेदन, जो वह दे ना चाहे, तुत करने


का अवसर न दया गया हो और
(ii) उ मीदवार वारा अनम
ु त समय म तुत अ यावेदन पर, य द कोई हो, वचार न
कर लया गया हो।

6. आवेदन- प ा त करने क अं तम तार ख :


ऑनलाइन आवेदन प 6 माच, 2018 सांय 6:00 तक भरे जा सकते ह।

7. आयोग के साथ प - यवहार :


न न ल खत को छोड़कर आयोग अ य कसी भी मामले म उ मीदवार के साथ प - यवहार नह ं करे गा ।
(i) पा उ मीदवार को पर ा ांरभ होने के तीन स ताह पव
ू ई- वेश माण प जार कया
24
जाएगा. ई- वेश माण प आयोग क वेबसाइट www.upsc.gov.in पर उपल ध होगा िजसे
उ मीदवार डाउनलोड कर सकते ह। डाक वारा कोई वेश माण प नह ं भेजा जाएगा।
य द कसी उ मीदवार को पर ा ारं भ होने से तीन स ताह पव
ू ई- वेश माण प अथवा
उसक उ मीदवार से संब ध कोई अ य सच
ू ना न मले तो उसे आयोग से त काल संपक
करना चा हए। इस संबध
ं म जानकार आयोग प रसर म ि थत सु वधा काउ टर पर
यि तगत प से अथवा दरू भाष सं या 011-23385271/011-23381125/011-
23098543 से भी ा त क जा सकती है। य द कसी उ मीदवार से वेश माण प
ा त न होने के संबध
ं म कोई सच
ू ना आयोग कायालय म पर ा ारं भ होने से कम से
कम तीन स ताह पव
ू तक ा त नह ं होती है तो वेश माण प ा त न होने के लये
वह वयं ह िज मेदार होगा।

सामा यत: कसी भी उ मीदवार को पर ा म ई- वेश माणप के बना बैठने क


अनम
ु त नह ं द जाएगी। वेश माण प डाउनलोड करने पर इसक सावधानीपव
ू क जांच
कर ल तथा कसी कार क वसंग त/ ु ट होने पर आयोग को तुरंत इसक जानकार द।

उ मीदवार को यान रखना चा हए क पर ा म उनका वेश उनके वारा आवेदन प


म द गई जानकार के आधार पर अनं तम रहेगा। यह आयोग वारा पा ता क शत के
स यापन के अ यधीन होगा।

केवल इस त य का, क कसी उ मीदवार को उ त पर ा के लए वेश माण प जार


कर दया गया है यह अथ नह ं होगा क आयोग वारा उसक उ मीदवार अं तम प से
ठ क मान ल गई है या कसी उ मीदवार वारा अपने ारं भक पर ा के आवेदन प म
क गई वि टयां आयोग वारा सह और ठ क मान ल गई ह। उ मीदवार ध ्यान रख क
आयोग उ मीदवार के स वल सेवा ( धान) पर ा म अहता ा त कर लेने के बाद ह
उसक पा ता क शत का मल
ू लेख से स यापन का मामला उठाता है, आयोग वारा
औपचा रक प से उ मीदवार क पिु ट कर दये जाने तक उ मीदवार अनं तम रहेगी।
उ मीदवार उ त पर ा म वेश का पा है या नह ं है इस बारे म आयोग का नणय
अं तम होगा।
उ मीदवार यान रख क वेश माण प म कह -ं कह ं नाम तकनीक कारण से सं त
प से लखे जा सकते ह।
(ii) उ मीदवार को आयोग क वेबसाइट से एक से अ धक ई- वेश माण-प डाउनलोड करने
क ि थ त म, पर ा दे ने के लए, उनम से केवल एक ह वेश माण प का उपयोग
करना चा हए तथा अ य आयोग के कायालय को सू चत करना चा हए।
(iii) उ मीदवार को सू चत कया जाता है क ारं भक पर ा केवल ा चयन पर ण है ।
इस लए आयोग वारा इस संबध
ं म सफल या असफल उ मीदवार को कोई अंक-प नह ं
भेजा जाएगा और कोई प - यवहार नह ं कया जाएगा।
(iv) उ मीदवार को यह सु नि चत अव य कर लेना चा हए क आवेदन म उनके वारा द गई

25
ई-मेल आईडी मा य और स य हो।

मह वपण
ू : आयोग के साथ सभी प - यवहार म नीचे लखा यौरा अ नवाय प से होना चा हए ।
1. पर ा का नाम और वष।
2. रिज े शन आईडी (RID)।
3. अनु मांक नंबर (य द ा त हुआ हो)।
4. उ मीदवार का नाम (परू ा तथा मोटे अ र म)।
5. आवेदन प म दया डाक का परू ा पता।

यान द-I : िजन प म यह यौरा नह ं होगा, संभव है क उन पर यान न दया जाए।

यान द-II : उ मीदवार को अपने आवेदन प क सं या भ व य म संदभ के लए नोट कर लेनी


चा हए। उ ह स वल सेवा ( धान) पर ा क उ मीदवार के संबध
ं म इसे दशाना होगा।

8. बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार के लए आर त रि तय के लए आर ण का


लाभ लेने के लए पा ता वह होगी जो '' द यांगता अ धकार अ ध नयम 2016'' म है जो क नो टस के
पैरा-1 के नोट-II म दया गया है ।
बशत क बचमाक द यांग यि तय ेणी के उ मी वार को शार रक अपे ाओं/काया मक वग करण
(स मताओं/अ मताओं के संबध
ं म उन वशेष पा ता मानद ड को परू ा करना भी अपे त होगा जो
इसके संवग नयं ण ा धकार वारा नधा रत अ भ ात सेवा/पद के अपे ाओं के संगत हो।

उदाहरणाथ, शार रक अपे ाएं और काया मक वग करण न न म से एक या अ धक हो सकते ह :-

कोड शार रक अपे ाएं


एस बैठना
एसट खड़े होना
ड यू चलना
एसई दे खना
एच सन
ु ना/बोलना
आरड यू पढ़ना/ लखना
सी वातालाप
एमएफ अंगु लय वारा न पादन
पीपी खींचना/ध का दे ना
एल उठाना
केसी घुटने के बल बैठना और ाउं चंग
बीएन झक
ु ना
एम हलना

26
कोड काया मक वग करण
ओएच अि थ वकलांग
वीएच ि ट बा धत
एचएच वण बा धत
ओए एक हाथ भा वत
ओएल एक पैर भा वत
बीए दोन भज
ु ाएं भा वत
बीएच दोन हाथ भा वत
एमड लयू मांसपेशीय दब
ु लता
ओएएल एक भज
ु ा और एक पैर भा वत
बीएल दोन पैर भा वत
बीएलए दोन पैर तथा दोन भज
ु ाएं भा वत
बीएलओए दोन पैर और एक भज
ु ा भा वत
एलवी कम ि ट
बी ि टह न
पीडी आं शक ब धर
एफडी पण
ू तया ब धर
सीपी परा मि त क घात
एलसी ठ क कया गया कु ठ
डीडब यू बौनापन
एएवी अ ल हमले के पी ड़त

ट पणी : उपयु त सच
ू ी संशोधन के अ यधीन है ।

9. कसी भी उ मीदवार को समद


ु ाय संबध
ं ी आर ण का लाभ, उसक जा त को के सरकार वारा
जार आर त समद
ु ाय संबध
ं ी सच
ू ी म शा मल कए जाने पर ह मलेगा। य द कोई उ मीदवार स वल सेवा
( ारं भक) पर ा के अपने प म यह उ लेख करता है , क वह सामा य ेणी से संबं धत है ले कन
कालांतर म अपनी ेणी को आर त सच
ू ी क ेणी म त द ल करने के लए आयोग को लखता है , तो
आयोग वारा ऐसे अनुरोध को कसी भी हालत म वीकार नह ं कया जाएगा। इसी स धांत का अनस
ु रण
शार रक प से वकलांग ेणी के उ मीदवार के लए भी कया जाएगा।

जब क उपयु त स वांत का सामा य प से पालन कया जाएगा, फर भी कुछ ऐसे मामले हो सकते
ह, िजनम कसी समद
ु ाय वशेष को आर त समद
ु ाय क कसी भी सच
ू ी म शा मल करने के संबध
ं म
सरकार अ धसच
ू ना जार कए जाने और उ मीदवार वारा आवेदन प जमा करने क तार ख के समय के
बीच 3 मह ने से अ धक का अंतर न हो। ऐसे मामल म, समद
ु ाय को सामा य से आर त समद
ु ाय म
प रव तत करने संबध
ं ी अनरु ोध पर आयोग वारा मे रट के आधार पर वचार कया जाएगा। पर ा क
27
या के दौरान कसी उ मीदवार के शार रक प से बचमाक द यांग होने के खेदपण
ू मामले म
उ मीदवार को ऐसा मा य द तावेज तत
ु करना होगा, िजसम इस त य का उ लेख हो क वह द यांगता
अ धकार अ ध नयम 2016' के अंतगत यथाप रभा षत 40% अथवा इससे अ धक द यांगता से त है,
ता क उसे बचमाक द यांग यि तय ेणी के अंतगत आर ण का लाभ ा त हो सके।

10. अजा/अजजा/अ पव/शा व/पव


ू सेवाका मक के लए उपल ध आर ण/ रयायत के लाभ के इ छुक
उ मीदवार यह सु नि चत कर क वे नयमावल /नो टस म व हत पा ता के अनस
ु ार आर ण/ रयायत के
हकदार ह। उपयु त लाभ /नो टस से संब ध नयमावल म दए गए अनब
ु ध
ं के अनस
ु ार उ मीदवार के पास
अपने दावे के समथन म व हत ा प म आव यक सभी माण प पर स वल सेवा ( ारं भक) पर ा,
2018 के लए आवेदन जमा करने के नधा रत तार ख (अं तम तार ख) से पहले क तार ख अं कत होनी
चा हए।

11. आवेदन क वापसी :


उ मीदवार वारा अपना आवेदन प तत
ु कर दे ने के बाद उ मीदवार वापस लेने से संब ध
उसके कसी भी अनरु ोध को कसी भी प रि थ त म वीकार नह ं कया जाएगा।

(राज कुमार)
संयु त स चव,
संघ लोक सेवा आयोग
प र श ट-1
खंड- I
पर ा क योजना
इस तयो गता पर ा म दो मक चरण ह।
(1) धान पर ा के लए उ मीदवार के चयन हे तु स वल सेवा ( ांर भक) पर ा (व तप
ु रक)
तथा
(2) व भ न सेवाओं तथा पद पर भत हे तु उ मीदवार का चयन करने के लए स वल सेवा
( धान) पर ा ( ल खत तथा सा ा कार)।
2. ारं भक पर
ा म व तुपरक (बहु वक पीय न) कार के दो न प ह गे तथा खंड-II के उप
खंड (क) म दए गए वषय म अ धकतम 400 अंक ह गे। यह पर ा केवल ा चयन पर ण के प म
होगी। धान पर ा म वेश हे तु अहता ा त करने वाले उ मीदवार वारा ारं भक पर ा म ा त कए
गए अंक को उनके अं तम यो यता म को नधा रत करने के लए नह ं गना जाएगा। धान पर ा म
वेश दये जाने वाले उ मीदवार क सं या उ त वष म व भ न सेवाओं तथा पद म भर जाने वाल
रि तय क कुल सं या का लगभग बारह से तेरह गन
ु ा होगी। केवल वे ह उ मीदवार जो आयोग वारा
कसी वष क ारं भक पर ा म अहता ा त कर लेते ह, उ त वष क धान पर ा म वेश के पा ह गे
बशत क वे अ यथा धान पर ा म वेश हे तु पा ह।

28
ट पणी–I : आयोग, स वल सेवा ( धान) पर ा के लए अहक उ मीदवार क एक सच
ू ी तैयार करे गा
िजसका नधारण आयोग वारा स वल सेवा ( ारं भक) पर ा के सामा य अ ययन न प –II म 33%
अंक तथा स वल सेवा ( ारं भक) पर ा के सामा य अ ययन न प –I के कुल अहक अंक पर आधा रत
होगा।

ट पणी–II : न-प म, ऐसे कुछे क न को छोड़कर िजनम ऋणा मक अंकन (नेगे टव मा कग) ऐेसे
न के लए सवा धक उपयु त तथा इतना उपयु त नह ं उ तर दए जाने वाले व भ न अंक के प म
अंत न हत होगी। उ मीदवार वारा दए गए गलत उ तर के लए दं ड (ऋणा मक अंकन) दया जाएगा।

(i) येक न के उ तर के लए चार वक प ह। उ मीदवार वारा येक न के लए दए गए


गलत उ तर के लए, उस न के लए दए जाने वाले अंक का एक तहाई (0.33) दं ड के प म काटा
जाएगा।

(ii) य द उ मीदवार एक से अ धक उ तर दे ता है तो उसे गलत उ तर माना जाएगा चाहे दए गए


उ तर म से एक ठ क ह य न हो और उस न के लए वह दं ड होगा जो ऊपर बताया गया है।

(iii) यद न को खाल छोड़ दया गया है अथात ् उ मीदवार वारा कोई उ तर नह ं दया गया है तो
उस न के लए कोई दं ड नह ं दया होगा।

3. धान पर ा म ल खत पर ा तथा सा ा कार पर ण होगा। ल खत पर ा म खंड-II के उप खंड


(ख) म दए गए वषय के पर परागत नबंधा मक शैल के 9 न प ह गे िजसम से 2 न प अहक
कार के ह गे। खंड II (ख) के पैरा 1 के नीचे नोट (ii) भी दे ख। सभी अ नवाय न प ( न प - I से
न VII तक ा त अंक ) और यि त व पर ण के लए सा ा कार म ा त अंक के आधार पर उनका
यो यता म नधा रत कया जाएगा।

4.1. जो उ मीदवार धान पर ा के ल खत भाग म आयोग के ववेकानस


ु ार यथा नधा रत यूनतम
अहक अंक ा त करते ह उ ह खंड-II के उपखंड 'ग' के अनस
ु ार यि त व पर ण के लए सा ा कार हे तु
बल
ु ाया जाएगा। सा ा कार के लए बल
ु ाए जाने वाले उ मीदवार क सं या भर जाने वाल रि तय क
सं या से लगभग दग
ु नी होगी। सा ा कार के लए 275 अंक (कोई यन
ू तम अहक अंक नह ं) ह गे।

4.2 इस कार उ मीदवार वारा धान पर ा ( ल खत भाग तथा सा ा कार) म ा त कए गए अंक


के आधार पर अं तम तौर पर उनके रक का नधारण कया जाएगा। उ मीदवार को व भ न सेवाओं का
आबंटन पर ा म उनके रक तथा व भ न सेवाओं और पद के लए उनके वारा दए गए वर यता म
को यान म रखते हुए कया जाएगा।
खंड-II
1. ारं भक तथा धान पर ा क परे खा तथा वषय :
क. ारं भक पर ा :
इस पर ा म दो अ नवाय न प ह गे िजसम येक न प 200 अंक का होगा।
नोट :
(i) दोन ह न-प व तु न ठ (बहु वक पीय) कार के ह गे।

29
(ii) स वल सेवा ( ारं भक) पर ा का पेपर-II अहक पेपर होगा िजसके लए यन
ू तम अहक
अंक 33% नधा रत कए गए ह।
(iii) न-प ह द और अं ज
े ी दोन ह भाषाओं म तैयार कए जाएंगे।
(iv) पा य म संबध
ं ी ववरण खंड-III के भाग-क म दया गया है।
(v) येक न-प दो घंटे क अव ध का होगा। तथा प, ि टह न और चलने म असमथ
और मि त क य प ाघात से पी डत
़ उ मीदवार िजनक असमथता उनक काय
न पादन मता (लेखन) ( यन
ू तम 40% तक अ मता) को भा वत करती है , को
स वल सेवा ( ारं भक) पर ा और स वल सेवा ( धान) पर ा, दोन म त घंटा
बीस मनट का तकर समय दया जाएगा।
ख. धान पर ा :
ल खत पर ा म न न ल खत न प ह गे :
अहक न प :
न प – क
(सं वधान क आठवीं अनस
ु च
ू ी म सि म लत भाषाओं म से उ मीदवार वारा चुनी गई कोई एक
भारतीय भाषा)
300 अंक
न प – ख
अं ेजी 300 अंक
वर यता म के लए िजन न प को आधार बनाया जाएगा।

न प -I

नबंध 250 अंक

न प -II
सामा य अ ययन-I 250 अंक
(भारतीय वरासत और सं कृ त, व व का इ तहास
एवं भग
ू ोल और समाज)
न प -III
सामा य अ ययन-II 250 अंक
(शासन यव था, सं वधान, शासन- णाल ,
सामािजक याय तथा अंतरा य संबध
ं )
न प -IV
सामा य अ ययन-III 250 अंक
( ौ यो गक , आ थक वकास, जैव व वधता,
पयावरण, सरु ा तथा आपदा बंधन)

30
न प -V
सामा य अ ययन- IV 250 अंक
(नी तशा , स य न ठा और अ भ च)
न प - VI
वैकि पक वषय न-प -I 250 अंक
न प -VII
वैकि पक वषय न-प -2 250 अंक
उप योग ( ल खत पर ा) 1750 अंक
यि त व पर ण 275 अंक
कुल योग 2025 अंक

(उ मीदवार नीचे पैरा-2 म दए गए वषय क सच


ू ी म से कोई एक वैकि पक वषय चन
ु सकते ह।

ट पणी:
(i) भारतीय भाषाओं और अं ज
े ी के न प ( न प क एवं न प ख) मै कुलेशन अथवा
समक तर के ह गे, िजनम केवल अहता ा त करनी होगी। इन न प म ा त अंक को यो यता
म नधा रत करने म नह ं गना जाएगा।

(ii) सभी उ मीदवार के ‘ नबंध’ ‘सामा य अ ययन’ तथा वैकि पक वषय के न प का मू यांकन
‘भारतीय भाषा’ तथा अं ेजी के उनके अहक न प के साथ ह कया जाएगा। परं तु ‘ नबंध’, ‘सामा य
अ ययन’ तथा वैकि पक वषय के न प पर केवल ऐसे उ मीदवार के मामले म वचार कया जाएगा,
जो इन अहक न प म यन
ू तम अहता मानक के प म भारतीय भाषा म 25% अंक तथा अं ेजी म
25% अंक ा त करते ह।
(iii) तथा प, भारतीय भाषाओं का थम न प उन उ मीदवार के लए अ नवाय नह ं होगा जो
अ णाचल दे श, म णपरु , मेघालय, मजोरम, नागालड तथा सि कम रा य के ह।
(iv) य य प, बचमाक द यांग (केवल वण बा धत) उ मीदवार के लए भारतीय भाषा का पेपर ‘क’
अ नवाय नह ं होगा, बशत क उ ह संबं धत श ा बोड / व व व यालय वारा दस
ू र या तीसर भाषा
पा य म से ऐसी छूट द गई हो। उ मीदवार को ऐसी छूट का दावा करने के लए इस संबध
ं म प रवचन
दे ना होगा/ वघोषणा करनी होगी।
(v) उ मीदवार वारा केवल न-प I - VII म ा त अंक का प रगणन मे रट थान सच
ू ी के लए
कया जाएगा। तथा प, आयोग को पर ा के कसी भी अथवा सभी न-प म अहता अंक नधा रत करने
का वशेषा धकार होगा।

(vi) भाषा के मा यम/सा ह य के लए उ मीदवार वारा ल पय का उपयोग न नानस


ु ार कया जाएगा।

भाषा लप
अस मया .................... अस मया
बंगाल .................... बंगाल

31
गज
ु राती .................... गज
ु राती

ह द .................... दे वनागर

क नड़ .................... क नड़

क मीर .................... फारसी

क कणी .................... दे वनागर

मलयालम .................... मलयालम

म णपरु .................... बंगाल

मराठ .................... दे वनागर

नेपाल .................... दे वनागर

उ ड़या .................... उ ड़या

पंजाबी .................... गु मख
ु ी

सं कृत .................... दे वनागर

स धी .................... दे वनागर या अरबी

त मल .................... त मल

तेलग
ु ु .................... तेलग
ु ु

उद ू .................... फारसी

बोडो .................... दे वनागर

डोगर .................... दे वनागर

मै थल .................... दे वनागर

संथाल .................... दे वनागर या आल चक

ट पणी : संथाल भाषा के लए न प दे वनागर ल प म छपगे क तु उ मीदवार को उ र दे ने के लए


दे वनागर या ओल च क ल प के योग का वक प होगा।
2. धान पर ा के लए वैकि पक वषय क सच
ू ी

(i) कृ ष व ान

32
(ii) पशप
ु ालन एवं पशु च क सा व ान
(iii) न ृ व ान
(iv) वन प त व ान
(v) रसायन व ान
(vi) स वल इंजी नयर
(vii) वा ण य शा तथा लेखा व ध
(viii) अथशा
(ix) व युत इंजी नयर
(x) भग
ू ोल
(xi) भ-ू व ान
(xii) इ तहास
(xiii) वध
(xiv) बंधन
(xv) ग णत
(xvi) यां क इंजी नयर
(xvii) च क सा व ान
(xviii) दशन शा
(xix) भौ तक
(xx) राजनी त व ान तथा अ तरा य संबध

(xxi) मनो व ान
(xxii) लोक शासन
(xxiii) समाज शा
(xxiv) सांि यक
(xxv) ा ण व ान
(xxvi) न न ल खत भाषाओं म से कसी एक भाषा का सा ह य:
अस मया, बंगाल , बोडो, डोगर , गज
ु राती, ह द , क नड़, क मीर , क कणी, मै थल ,
मलयालम, म णपरु , मराठ , नेपाल , उ डया, पंजाबी, सं कृत, संथाल , संधी, त मल,
तेलग
ु ,ू उद ू और अं ज
े ी।
नोट:
(i) पर ा के न-प पारं प रक ( ववरणा मक) कार के ह गे।
(ii) येक न-प तीन घंटे क अव ध का होगा।
(iii) अहक भाषाओं – न प क तथा ख को छोड़कर उ मीदवार को सभी न के उ तर
सं वधान क आठवीं अनुसच
ू ी म शा मल कसी भी भाषा या अं ेजी म दे ने का वक प
होगा। इसके बावजूद, ऐसे उ मीदवार को वैकि पक पेपर अं ेजी म लखने का भी
वक प होगा य द उ ह ने अहक भाषा पेपर-‘क’ और पेपर-‘ख’ को छोड़कर पेपर I-V को
भारत के सं वधान क आठवीं अनस
ु च
ू ी म शा मल भाषाओं म से कसी एक म लखने
का वक प चुना हो।

33
(iv) जो उ मीदवार न-प के उ र दे ने के लए सं वधान क आठवीं अनस
ु च
ू ी म शा मल
भाषाओं म से कसी एक भाषा का चयन करते ह, वे य द चाह तो केवल तकनीक
श द , य द कोई ह , का ववरण वयं वारा चयन क गई भाषा के अ त र त को ठक
( क
ै े ट) म अं ेजी म भी दे सकते ह। तथा प, उ मीदवार यह नोट कर क य द वे
उपयु त नयम का द ु पयोग करते ह तो इस कारणवश कुल ा तांक , जो उ ह अ यथा
ा त हुए होते, म से कटौती क जाएगी और असाधारण मामल म उनके उ र
अन धकृत मा यम म होने के कारण उनक उ र-पिु तका (ओं) का मू यांकन नह ं
कया जाएगा।
(v) न-प (भाषा के सा ह य के न-प को छोड़कर) केवल ह द तथा अं ेजी म तैयार
कए जाएंगे।
(vi) पाठय म का ववरण खंड-III के भाग ख म दया गया है ।

“सामा य अनद
ु े श ( ारं भक तथा धान पर ा)”
(i) उ मीदवार को न प के उ र वयं लखने चा हएं। कसी भी प रि थ त म उ ह
उ र लखने के लए ाइब क सहायता लेने क अनम
ु त नह ं द जाएगी। तथा प,
ि टह न और चलने म असमथ और मि त क य प ाघात से पी ड़त उ मीदवार
िजनक असमथता उनक काय न पादन मता (लेखन) ( यूनतम 40% अ मता) को
भा वत करती है, को स वल सेवा ( ारं भक) पर ा और स वल सेवा ( धान) पर ा,
दोन म लेखन सहायक (स ् ाइब) क सहायता से पर ा म उ र लखने क अनम
ु त
होगी।
(ii) ि टह न और चलने म असमथ और मि त क य प ाघात से पी ड़त उ मीदवार
िजनक असमथता उनक काय न पादन मता (लेखन) ( यन
ू तम 40% अ मता) को
भा वत करती है, को स वल सेवा ( ारं भक) पर ा और स वल सेवा ( धान) पर ा,
दोन म त घंटा बीस मनट का तकर समय दया जाएगा।

ट पणी-1 : कसी लेखन सहायक ( ाइब) क यो यता क शत, पर ा हाल म उसके आचरण तथा वह
स वल सेवा पर ा के उ र लखने म ि टह न उ मीदवार क कस कार और कस सीमा तक सहायता
कर सकता है, इन सब बात का नयमन संघ लोक सेवा आयोग वारा जार अनद
ु े श के अनस
ु ार कया
जाएगा। इन सभी या इनम से कसी एक अनद
ु ेश का उ लंघन होने पर ि टह न उ मीदवार क
उ मीदवार र द क जा सकती है । इसके अ त र त संघ लोक सेवा आयोग लेखन सहायक के व ध अ य
कारवाई भी कर सकता है ।
ट पणी-2 : इन नयम का पालन करने के लए कसी उ मीदवार को तभी ि टह न उ मीदवार माना
जाएगा य द ि टदोष का तशत 40 या इससे अ धक हो, ि ट दोष क तशतता नधा रत करने के
लए न न ल खत कसौट को आधार माना जाएगा।

सध
ु ार के बाद

व थ आंख खराब आंख तशतता


34
वग 06/9-6/18 6/24 से 6/36 तक 20%

वग I 6/18-6/36 6/60 से शू य तक 40%

वग II 6/60-4/60 अथवा 3/60 से शू य तक 75%


ि ट का े 10-20°

वग III 3/60-1/60 अथवा एफ.सी. एक फुट से शू य तक 100%


ि ट का े 10°

वग IV एफ.सी. 1 फुट से एफ.सी. 1 फुट से शू य तक 100%


शू य तक ि ट का ि ट का े 100°
े 100°

एक आंख 6/6 एफ.सी. 1 फुट से शू य तक 30%


वाला यि त
ट पणी-3 : ि टह न उ मीदवार को वीकाय छूट ा त करने के लए संबं धत उ मीदवार को धान
पर ा के आवेदन प के साथ नधा रत प म के /रा य सरकार वारा ग ठत बोड से इस आशय का
माण प तत
ु करना होगा।
ट पणी-4 : (i) ि टह न उ मीदवार को द जाने वाल छूट नकट ि टता से पी ड़त उ मीदवार को दे य
नह ं होगी।
(ii) आयोग अपने ववेक से पर ा के कसी भी एक या सभी वषय म अहक अंक नि चत कर सकता
है ।
(iii) य द कसी उ मीदवार क लखावट आसानी से न पढ़ जा सके तो उसको मलने वाले अंक म से
कुछ अंक काट लए जायगे।
(iv) सतह ान के लए अंक नह ं दए जाएंगे।
(v) पर ा के सभी वषय म कम से कम श द म क गई संग ठत, सू म और सश त अ भ यि त
को ेय मलेगा।
(vi) न प म यथा आव यक एस.आई. (S.I.) इकाईय का योग कया जाएगा।
(vii) उ मीदवार न प के उ र दे ते समय केवल भारतीय अंक के अ तरा य प (जैसे 1, 2, 3,
4, 5, 6 आ द) का ह योग कर।
(viii) उ मीदवार को संघ लोक सेवा आयोग क परं परागत ( नबंध) शैल के न प के लए
साइं ट फक (नान ो ामेबल) कार के कैलकुलेटर का योग करने क अनम
ु त है। य य प
ो ामेबल कार के कैलकुलेटर का योग उ मीदवार वारा अनु चत साधन अपनाया जाना माना
जाएगा। पर ा भवन म केलकुलेटर को मांगने या बदलने क अनम
ु त नह ं है ।

यह ध ्यान रखना भी आव यक है क उ मीदवार व तुपरक न प (पर ण पिु तका) का उ र

35
दे ने के लए कैलकुलेटर का योग नह ं कर सकते । अत: वे उ ह पर ा भवन म न लाएं।

ग. सा ा कार पर ण :
1. उ मीदवार का सा ा कार एक बोड वारा होगा िजसके सामने उ मीदवार के प रचयव ृ का
अ भलेख होगा। उससे सामा य च क बात पर न पछ
ू े जायगे। यह सा ा कार इस उ दे य से होगा
क स म और न प े क का बोड यह जान सके क उ मीदवार लोक सेवा के लए यि त व क
ि ट से उपयु त है या नह ं। यह पर ा उ मीदवार क मान सक मता को जांचने के अ भ ाय: से क
जाती है । मोटे तौर पर इस पर ा का योजन वा तव म न केवल उसके बौ धक गण
ु को अ पतु उसके
सामािजक ल ण और सामािजक घटनाओं म उसक च का भी मू यांकन करना है। इसम उ मीदवार क
मान सक सतकता, आलोचना मक हण शि त, प ट और तक संगत तपादन क शि त, संतु लत
नणय क शि त, च क व वधता और गहराई, नेत ृ व और सामािजक संगठन क यो यता, बौ धक और
नै तक ईमानदार क भी जांच क जा सकती है ।

2. सा ा कार म त पर ण ( ास ए जा मनेशन) क णाल नह ं अपनाई जाती। इसम वाभा वक


वातालाप के मा यम से उ मीदवार के मान सक गण
ु का पता लगाने का य न कया जाता है , पर तु वह
वातालाप एक वशेष दशा म और एक वशेष योजन से कया जाता है ।

3. सा ा कार पर ण उ मीदवार के वशेष या सामा य ान क जांच करने के योजन से नह ं कया


जाता, य क उसक जांच ल खत न प से पहले ह हो जाती है । उ मीदवार से आशा क जाती है क
वे न केवल अपने शै णक वशेष वषय म ह पारं गत ह बि क उन घटनाओं पर भी ध ्यान द जो उनके
चार ओर अपने रा य या दे श के भीतर और बाहर घट रह ह तथा आधु नक वचारधारा और नई-नई खोज
म भी च ल जो क कसी सु श त यव
ु क म िज ासा पैदा कर सकती है ।

खंड-III
पर ा का पा य ववरण

नोट : उ मीदवार को सलाह द जाती है क वे ारं भक पर ा के लए इस खंड म का शत पा य म का


अ ययन कर, य क कई वषय के पा य म म समय-समय पर प रवतन कए गए ह।
भाग-क
ारं भक पर ा

न प - I (200 अंक) अव ध : दो घंटे

 रा य और अंतरा य मह व क साम यक घटनाएं।


 भारत का इ तहास और भारतीय रा य आ दोलन।
 भारत एवं व व भग
ू ोल - भारत एवं व व का ाकृ तक, सामािजक, आ थक भग
ू ोल
 भारतीय रा यत और शासन - सं वधान, राजनै तक णाल , पंचायती राज, लोक नी त,

36
अ धकार संबध
ं ी मु दे , आ द।
 आ थक और सामािजक वकास - सतत वकास, गर बी, समावेशन, जनसांि यक ,
सामािजक े म क गई पहल आ द।
 पयावरणीय पा रि थ तक जैव- व वधता और मौसम प रवतन संबध
ं ी सामा य मु दे , िजनके
लए वषयगत वशेष ता आव यक नह ं है ।
 सामा य व ान

न प - II (200 अंक) अव ध : दो घंटे

 बोधग यता
 संचार कौशल स हत अंतर - वैयि तक कौशल
 ता कक कौशल एवं व लेषणा मक मता
 नणय लेना और सम या समाधान
 सामा य मान सक यो यता
 आधारभत
ू सं यनन (सं याएं और उनके संबध
ं , व तार म आ द) (दसवीं क ा का तर),
आंकड़ का नवचन (चाट, ाफ, ता लका, आंकड़ क पया तता आ द - दसवीं क ा का
तर)

ट पणी 1 : स वल सेवा ( ारं भक) पर ा का पेपर-II, अहक पेपर होगा िजसके लए यन


ू तम अहक अंक
33% नधा रत कए गए ह।

ट पणी 2 : न बहु वक पीय, व तु न ठ कार के ह गे।

ट पणी 3 : मू यांकन के योजन से उ मीदवार के लए यह अ नवाय है क वह स वल सेवा ( ारं भक)


पर ा के दोन पेपर म सि म लत हो । य द कोई उ मीदवार स वल सेवा ( ारं भक) पर ा के दोन पेपर
म सि म लत नह ं होता है तब उसे अयो य ठहराया जाएगा।

37
भाग- ख
धान पर ा
धान पर ा का उ दे य उ मीदवार के सम बौ धक गण
ु तथा उनके गहन ान का आकलन करना
है , मा उनक सच
ू ना के भंडार तथा मरण शि त का आकलन करना नह ं।

सामा य अ ययन के न-प ( न-प -II से न-प -V) के न का व प तथा इनका तर ऐसा होगा
क कोई भी सु श त यि त बना कसी वशेष अ ययन के इनका उ तर दे सके। न ऐसे ह गे िजनसे
व वध वषय पर उ मीदवार क सामा य जानकार का पर ण कया जा सके और जो स वल सेवा म
कै रयर से संबं धत ह गे। न इस कार के ह गे जो सभी ासं गक वषय के बारे म उ मीदवार क
आधारभत
ू समझ तथा पर पर- वरोधी सामािजक-आ थक ल य , उ दे य और मांग का व लेषण तथा इन
पर ि टकोण अपनाने क मता का पर ण कर । उ मीदवार संगत, साथक तथा सारग भत उ तर द।

पर ा के लए वैकि पक वषय के न-प ( न-प -VI तथा न-प -VII) के पा य म का तर मु य


प से ऑनस ड ी तर अथात ् नातक ड ी से ऊपर और नातको तर (मा टस) ड ी से न नतर तर
का है । इंजी नयर , च क सा व ान और व ध के मामले म न-प का तर नातक क ड ी के तर
का है ।

स वल सेवा ( धान) पर ा क योजना म सि म लत न-प का पा य म न नानुसार है :-

भारतीय भाषाओं और अं ज
े ी पर अहक न प

इस न प का उ दे य अं ेजी तथा संबं धत भारतीय भाषा म अपने वचार को प ट तथा सह प म


कट करना तथा गंभीर तकपण
ू ग य को पढ़ने और समझने म उ मीदवार क यो यता क पर ा करना
है । न प का व प आमतौर पर न न कार का होगा :
(i) दए गए ग यांश को समझना
(ii) सं ेपण
(iii) श द योग तथा श द भंडार
(iv) लघु नबंध

भारतीय भाषाएं :-
(i) दए गए ग यांश को समझना
(ii) सं ेपण
(iii) श द योग तथा श द भंडार
(iv) लघु नबंध
(v) अं ेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अं ेजी म अनव
ु ाद

38
ट पणी 1 : भारतीय भाषाओं और अं ज
े ी के न प मै कुलेशन या समक तर के ह गे, िजनम केवल
अहता ा त करनी है। इन न प म ा तांक यो यता म के नधारण म नह ं गने जाएंगे।

ट पणी 2 : अं ज
े ी तथा भारतीय भाषाओं के न प के उ तर उ मीदवार को अं ेजी तथा संबं धत
भारतीय भाषा म दे ने ह गे। (अनव
ु ाद को छोड़कर)।

न प – I
नबंध :- उ मीदवार को व वध वषय पर नबंध लखना होगा। उनसे अपे ा क जाएगी क वे नबंध के
वषय पर ह केि त रह तथा अपने वचार को सु नयोिजत प से य त कर और सं ेप म लख। भावी
और सट क अ भ यि त के लए अंक दान कए जाएंग।े

न प – II
सामा य अ ययन-I : भारतीय वरासत और सं कृ त, व व का इ तहास एवं भग
ू ोल और समाज
 भारतीय सं कृ त म ाचीन काल से आधु नक काल तक के कला के प, सा ह य और
वा तक
ु ला के मु य पहलू शा मल ह गे ।
 18वीं सद के लगभग म य से लेकर वतमान समय तक का आधु नक भारतीय इ तहास-
मह वपण
ू घटनाएं, यि त व, वषय।
 वतं ता सं ाम- इसके व भ न चरण और दे श के व भ न भाग से इसम अपना योगदान
दे ने वाले मह वपण
ू यि त/उनका योगदान।
 वतं ता के प चात दे श के अंदर एक करण और पन
ु गठन।
 व व के इ तहास म 18वीं सद क घटनाएं यथा औ यो गक ां त, व व यु ध, रा य
सीमाओं का पन
ु : सीमांकन, उप नवेशवाद, उप नवेशवाद क समाि त, राजनी तक दशन
शा जैसे सा यवाद, पज
ंू ीवाद, समाजवाद आ द शा मल ह गे, उनके प और समाज पर
उनका भाव।
 भारतीय समाज क मु य वशेषताएं, भारत क व वधता।
 म हलाओं क भू मका और म हला संगठन, जनसं या एवं स ब ध मु दे , गर बी और
वकासा मक वषय, शहर करण, उनक सम याएं और उनके र ोपाय।
 भारतीय समाज पर भम
ू ड
ं ल करण का भाव।
 सामािजक सश तीकरण, स दायवाद, े वाद और धम- नरपे ता।
 व व के भौ तक-भग
ू ोल क मु य वशेषताएं।
 व वभर के मु य ाकृ तक संसाधन का वतरण (द ण ए शया और भारतीय
उपमहा वीप को शा मल करते हुए), व व (भारत स हत) के व भ न भाग म ाथ मक,
वतीयक और ततृ ीयक े के उ योग को था पत करने के लए िज मेदार कारक।
 भक
ू ं प, सन
ु ामी, वालामख
ु ीय हलचल, च वात आ द जैसी मह वपण
ू भ-ू भौ तक य घटनाएं,
भग
ू ोल य वशेषताएं और उनके थान-अ त मह वपण
ू भग
ू ोल य वशेषताओं (जल- ोत और
हमावरण स हत) और वन प त एवं ा ण-जगत म प रवतन और इस कार के प रवतन
के भाव।

39
न प - III
सामा य अ ययन - II : शासन यव था, सं वधान शासन- णाल , सामािजक याय तथा अंतरा य
संबध
ं ।
 भारतीय सं वधान-ऐ तहा सक आधार, वकास, वशेषताएं, संशोधन, मह वपण
ू ावधान
और बु नयाद संरचना।
 संघ एवं रा य के काय तथा उ तरदा य व, संघीय ढांचे से संबं धत वषय एवं चुनौ तयां,
थानीय तर पर शाि तय और व त का ह तांतरण और उसक चन
ु ौ तयां।
 व भ न घटक के बीच शि तय का पथ
ृ करण, ववाद नवारण तं तथा सं थान।
 भारतीय संवध
ै ा नक योजना क अ य दे श के साथ तल
ु ना।
 संसद और रा य वधा यका – संरचना, काय, काय-संचालन, शि तयां एवं वशेषा धकार
और इनसे उ प न होने वाले वषय।
 कायपा लका और यायपा लका क संरचना, संगठन और काय – सरकार के मं ालय एवं
वभाग, भावक समह
ू और औपचा रक/अनौपचा रक संघ तथा शासन णाल म उनक
भू मका।
 जन त न ध व अ ध नयम क मु य वशेषताएं।
 व भ न संवध
ै ा नक पद पर नयिु त और व भ न संवध
ै ा नक नकाय क शि तयां, काय
और उ तरदा य व।
 सां व धक, व नयामक और व भ न अध- या यक नकाय।
 सरकार नी तय और व भ न े म वकास के लए ह त ेप और उनके अ भक पन
तथा काया वयन के कारण उ प न वषय।
 वकास या तथा वकास उ योग – गैर सरकार संगठन , वयं सहायता समह
ू ,
व भ न समह
ू और संघ , दानकताओं, लोकोपकार सं थाओं, सं थागत एवं अ य प क
भू मका।
 के एवं रा य वारा जनसं या के अ त संवेदनशील वग के लए क याणकार योजनाएं
और इन योजनाओं का काय- न पादन, इन अ त संवेदनशील वग क र ा एवं बेहतर के
लए ग ठत तं , व ध, सं थान एवं नकाय।
 वा य, श ा, मानव संसाधन से संबं धत सामािजक े /सेवाओं के वकास और बंधन
से संबं धत वषय।
 गर बी और भख
ू से संबं धत वषय।
 शासन यव था, पारद शता और जवाबदे ह के मह वपण
ू प , ई-गवनस-अनु योग, मॉडल,
सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं; नाग रक चाटर, पारद शता एवं जवाबदे ह और सं थागत
तथा अ य उपाय।
 लोकतं म स वल सेवाओं क भू मका।
 भारत एवं इसके पड़ोसी-संबध
ं ।
 वप ीय, े ीय और वैि वक समह
ू और भारत से संबं धत और/अथवा भारत के हत को
भा वत करने वाले करार।
 भारत के हत , भारतीय प र य पर वक सत तथा वकासशील दे श क नी तय तथा

40
राजनी त का भाव।
 मह वपण
ू अंतरा य सं थान, सं थाएं और मंच – उनक संरचना, अ धदे श ।
न प – IV

सामा य अ ययन - III :


ौ यो गक , आ थक वकास, जैव व वधता, पयावरण, सरु ा तथा आपदा बंधन।

 भारतीय अथ यव था तथा योजना, संसाधन को जुटाने, ग त, वकास तथा रोजगार से


संबं धत वषय।
 समावेशी वकास तथा इससे उ प न वषय।
 सरकार बजट।
 मु य फसल - दे श के व भ न भाग म फसल का पैटन - संचाई के व भ न कार एवं
संचाई णाल -कृ ष उ पाद का भंडारण, प रवहन तथा वपणन, संबं धत वषय और
बाधाएं; कसान क सहायता के लए ई- ौ यो गक ।
 य एवं अ य कृ ष सहायता तथा यन
ू तम समथन मू य से संबं धत वषय; जन
वतरण णाल -उ दे य, काय, सीमाएं, सध
ु ार; बफर टॉक तथा खा य सरु ा संबध
ं ी
वषय; ौ यो गक मशन; पश-ु पालन संबध
ं ी अथशा ।
 भारत म खा य सं करण एवं संबं धत उ योग – काय े एवं मह व, थान, ऊपर और
नीचे क अपे ाएं, आपू त ंख
ृ ला बंधन।
 भारत म भू म सध
ु ार।
 उदार करण का अथ यव था पर भाव, औ यो गक नी त म प रवतन तथा औ यो गक
वकास पर इनका भाव।
 बु नयाद ढांचा : ऊजा, बंदरगाह, सड़क, वमानप तन, रे लवे आ द।
 नवेश मॉडल।
 व ान एवं ौ यो गक – वकास एवं अनु योग और रोजमरा के जीवन पर इसका भाव।
 व ान एवं ौ यो गक म भारतीय क उपलि धयां; दे शज प से ौ यो गक का वकास
और नई ौ यो गक का वकास।
 सच
ू ना ौ यो गक , अंत र , क यट
ू र, रोबो ट स, नैनो-टै नोलॉजी, बायो-टै नोलॉजी और
बौ धक स पदा अ धकार से संबं धत वषय के संबध
ं म जाग कता।
 संर ण, पयावरण दष
ू ण और रण, पयावरण भाव का आकलन।
 आपदा और आपदा बंधन।
 वकास और फैलते उ वाद के बीच संबध
ं ।
 आंत रक सरु ा के लए चन
ु ौती उ प न करने वाले शासन वरोधी त व क भू मका।
 संचार नेटवक के मा यम से आंत रक सरु ा को चन
ु ौती, आंत रक सरु ा चुनौ तय म
मी डया और सामािजक नेटव कग साइट क भू मका , साइबर सरु ा क बु नयाद बात ,
धन-शोधन और इसे रोकना।
 सीमावत े म सरु ा चन
ु ौ तयां एवं उनका बंधन - संग ठत अपराध और आतंकवाद

41
के बीच संबध
ं ।
 व भ न सरु ा बल और सं थाएं तथा उनके अ धदे श।
न प – V

सामा य अ ययन - IV : नी तशा , स य न ठा और अ भ च।


इस न-प म ऐसे न शा मल ह गे जो सावज नक जीवन म उ मीदवार क स य न ठा, ईमानदार से
संबं धत वषय के त उनक अ भविृ त तथा उनके ि टकोण तथा समाज से आचार- यवहार म व भ न
मु द तथा सामने आने वाल सम याओं के समाधान को लेकर उनक मनोविृ त का पर ण करगे। इन
आयाम का नधारण करने के लए न-प म कसी मामले के अ ययन (केस टडी) का मा यम भी
चन
ु ा जा सकता है। मु य प से न न ल खत े को कवर कया जाएगा।

 नी तशा तथा मानवीय सह-संबध


ं : मानवीय याकलाप म नी तशा का सार त व,
इसके नधारक और प रणाम; नी तशा के आयाम; नजी और सावज नक संबध
ं म
नी तशा । मानवीय मू य - महान नेताओं, सध
ु ारक और शासक के जीवन तथा उनके
उपदे श से श ा; मू य वक सत करने म प रवार, समाज और शै णक सं थाओं क
भू मका।
 अ भविृ त: सारांश (कंटे ट), संरचना, विृ त; वचार तथा आचरण के प र े य म इसका
भाव एवं संबध
ं ; नै तक और राजनी तक अ भ च; सामािजक भाव और धारणा।
 स वल सेवा के लए अ भ च तथा बु नयाद मू य, स य न ठा, भेदभाव र हत तथा गैर-
तरफदार , न प ता, सावज नक सेवा के त समपण भाव, कमजोर वग के त
सहानभ
ु ू त, स ह णुता तथा संवेदना।
 भावना मक समझ: अवधारणाएं तथा शासन और शासन यव था म उनके उपयोग और
योग।
 भारत तथा व व के नै तक वचारक तथा दाश नक के योगदान।
 लोक शासन म लोक/ स वल सेवा मू य तथा नी तशा : ि थ त तथा सम याएं;
सरकार तथा नजी सं थान म नै तक चंताएं तथा द ु वधाएं; नै तक मागदशन के ोत
के प म व ध, नयम, व नयम तथा अंतरा मा; शासन यव था म नी तपरक तथा
नै तक मू य का सु ढ़ करण; अंतरा य संबध
ं तथा न ध यव था (फं डंग) म नै तक
मु दे ; कारपोरे ट शासन यव था।
 शासन यव था म ईमानदार : लोक सेवा क अवधारणा; शासन यव था और ईमानदार
का दाश नक आधार, सरकार म सच
ू ना का आदान- दान और पारद शता, सच
ू ना का
अ धकार, नी तपरक आचार सं हता, आचरण सं हता, नाग रक घोषणा प , काय सं कृ त,
सेवा दान करने क गण
ु व ता, लोक न ध का उपयोग, टाचार क चुनौ तयां।
 उपयु त वषय पर मामला संबध
ं ी अ ययन (केस टडी)
न प - VI तथा न प – VII
वैकि पक वषय न प - I एवं II

42
उ मीदवार पैरा 2 म द गई वैकि पक वषय क सच
ू ी म से कसी भी वैकि पक वषय का चयन कर
सकते ह।
कृ ष व ान
न प - I
पा रि थ तक एवं मानव के लए उसक ासं गकता; ाकृ तक संसाधन; उनके अनरु ण का बंध तथा
संर ण; स य वतरण एवं उ पादन के कारक के प म भौ तक एवं सामािजक पयावरण; कृ ष
पा रि थ तक ; पयावरण के संकेतक के प म स य म; पयावरण दष
ू ण एवं फसल को होने वाले इससे
संबं धत खतरे ; पशु एवं मान; जलवायु प रवतन-अंतरा य अ भसमय एवं भम
ू ड
ं ल य पहल; ीन हाउस
भाव एवं भम
ू ड
ं ल य तापन; पा रतं व लेषण के गत उपकरण, सद
ु रू संवेदन एवं भौगो लक सच
ू ना
णा लयां।

दे श के व भ न कृ ष जलवायु े म स य म; स य म म व थापन पर अ धक पैदावार वाल तथा


अ पाव ध क म का भाव; व भ न स यन एवं कृ ष णा लय क संक पनाएं; जैव एवं प रशु धता
कृ ष; मह वपण
ू अनाज; दलहन; तलहन; रे शा; शकरा; वा णि यक एवं चार फसल के उ पादन हे तु पैकेज
र तयां।

वभ न कार के वनरोपण जैसे क सामािजक वा नक ; कृ ष वा नक एवं ाकृ तक वन क मु य


वशेषताएं तथा व तार, वन पादप का सार; वनो पाद; कृ ष वा नक एवं मू य प रवधन; वन क
वन प तय और जंतओ
ु ं का संर ण।

खरपतवार, उनक वशेषताएं; क णन तथा व भ न फसल के साथ उनक संब धता; उनका गण
ु न;
खरपतवार संबध
ं ी जैव तथा रासाय नक नयं ण।

मद
ृ ा-भौ तक; रासाय नक तथा जै वक गण
ु धम; मद
ृ ा रचना के म तथा कारक; भारत क मद
ृ ाएं; मद
ृ ाओं
के ख नज तथा काब नक संघटक तथा मद
ृ ा उ पादकता अनरु ण म उनक भू मका; पौध के लए आव यक
पोषक त व तथा मद
ृ ाओं और पादप के अ य लाभकर त व; मद
ृ ा उवरता; मद
ृ ा पर ण एवं सं तावना के
स धांत, समाक लत पोषकत व बंध; जैव उवरक; मद
ृ ा म नाइ ोजन क हा न; जलम न धान-मद
ृ ा म
नाइ ोजन उपयोग मता; मद
ृ ा म नाइ ोजन यो गक करण; फासफोरस एवं पोटे शयम का द उपयोग;
सम याजनक मद
ृ ाएं तथा उनका सध
ु ार, ीन हाउस; गैस उ सजन को भावी करने वाले मद
ृ ा कारक; मद
ृ ा
संर ण; समाक लत जल- वभाजन बंधन; मद
ृ ा अपरदन एवं इसका बंधन; वषाधीन कृ ष और इसक
सम याएं, वषा पो षत कृ ष े म कृ ष उ पादन म ि थरता लाने क ौ यो गक ।

स य उ पादन से संबं धत जल उपयोग मता; संचाई काय म के मानदं ड; संचाई जल क अपवाह हा न


को कम करने क व धयां तथा साधन, प तथा छड़काव वारा संचाई; जल ांत मद
ृ ाओं से जल नकास;
संचाई जल क गण
ु व ता; जल मद
ृ ा तथा जल दष
ू ण पर औ यो गक ब ह ाव का भाव; भारत म
संचाई प रयोजनाएं।

फाम बंधन; व तार; मह व तथा वशेषताएं; फाम आयोजना; संसाधन का इ टतम उपयोग तथा बजटन;
वभ न कार क कृ ष णा लय का अथशा ; वपणन बंधन- वकास क कायनी तयां।

43
बाजार आसच
ू ना; क मत म उतार-चढ़ाव एवं उनक लागत, कृ ष अथ यव था म सहकार सं थाओं क
भू मका; कृ ष के कार तथा णा लयां और उनको भा वत करने वाले कारक; कृ ष क मत नी त; फसल
बीमा।

कृ ष व तार; इसका मह व और भू मका; कृ ष व तार काय म के मू यांकन क व धयां; सामािजक –


आ थक सव ण तथा छोटे बड़े और सीमांत कृषक व भू मह न कृ ष मक क ि थ त; व तार
कायकताओं के लए श ण काय म; कृ ष ौ यो गक के सार म कृ ष व ान के क भू मका; गैर
सरकार संगठन तथा ामीण वकास के लए व-सहायता उपागम।

न प – 2

को शका संरचना; काय एवं को शका च ; आनव


ु ं शक उ पादन का सं लेषण; संरचना तथा काय;
आनव
ु ं शकता के नयम; गण
ु व ता संरचना; गण
ु सू वपथन; सहल नता एवं जीन व नमय; एवं पन
ु योजन
जनन म उनक साथकता; बहुगु णता; सग ु ु णत तथा असग
ु ु णत; उ प रवतन; एवं स य सधु ार म उनक
भू मका; वंशाग त व; बं यता तथा असंयो यता; वग करण तथा स य सध ु ार म उनका अनु योग; को शका
यी वंशाग त; लंग सहल न; लंग भा वत तथा लंग सी मत ल ण।

पादप जनन का इ तहास; जनन क व धयां; व नशेचन तथा सं करण; व धयां; स य पादप का
उदगम, वकास एवं उपजाया जाना; उदगम के ; समजात ेणी का नयम; स य आनव
ु ं शक संसाधन-
संर ण तथा उपयोग; स य पादप का सध
ु ार; आण वक सच
ू क एवं पादप सध
ु ार म उनका अनु योग; शु ध
वंश म वरण; वंशावल ; समह
ू तथा पन
ु रावत वरण; संयोजी मता; पादप जनन म इसका मह व; संकर
ओज एवं उसका उपयोग; काय सं करण; रोग एवं पीड़क तरोध के लए जनन।

अंतराजातीय तथा अंतरावंशीय संकरण क भू मका, स य सध


ु ार म आनव
ु ं शक इंजी नयर एवं जैव
ौ यो गक क भू मका; आनव
ु ं शकता; पांत रत स य पादप।

बीज उ पादन एवं संस ्करण ौ यो ग कयां; बीज माणन; बीज पर ण एवं भंडारण; डीएनए फं गर टंग
एवं बीज पंजीकरण; बीज उ पादन एवं वपणन म सहकार एवं नजी ोत क भू मका; बौ धक संपदा
अ धकार संबध
ं ी मामले।

पादप पोषण पोषक त व के अवशोषण; थानांतरण एवं उपापचय के संदभ म पादप का यक के स धांत;
मद
ृ ा – जल पादप संबध
ं ।

क व एवं पादप-वणक; काश सं लेषण-आधु नक संक पनाएं और इसके म को भा वत करने वाले


कारक, आ सी व अना सी वशन; C3; C4 एवं CAM या व धयां; काब हाइ े ट; ोट न एवं वसा
उपापचय; व ृ ध एवं प रवधन; द ि त का लता एवं वसंतीकरण; पादप व ृ ध उपादान एवं स य उ पादन म
इनक भू मका; बीज प रवधन एवं अनक
ु रण क का यक ; सिू त; तबल; का यक -वात वाह; लवण एवं

44
जल तबल; मख
ु फल; बागान; फसल; सि जयां; मसाले एवं पु पी फसल; मख
ु बागवानी फसल क
पैकेज क र तयां; संर त कृ ष एवं उ च तकनीक बागवानी; तड़
ु ाई के बाद क ौ यो गक एवं फल व
सि जय का मू यवधन; भस
ू द
ु शनीकरण एवं वा णि यक पु प कृ ष; औषधीय एवं एरोमे टक पौधे; मानव
पोषण म फल व सि जय क भू मका, पीड़क एवं फसल ; सि जय ; फलो यान एवं बागान फसल के रोग
का नदान एवं उनका आ थक मह व; पीड़क एवं रोग का वग करण एवं उनका बंधन; पीड़क एवं रोग
का जीव वै ा नक रोकथाम; जानप दक रोग व ान एवं मख
ु फसल के पीड़क व रोग का पव
ू ानुमान,
पादप संगरोध उपाय; पीड़क नाशक; उनका सू ण एवं काय कार।

भारत म खा य उ पादन एवं उपभोग क विृ तया; खा य सरु ा एवं जनसं या व ृ ध- ि ट 2020 अ य
अ धशेष के कारण, रा य एवं अंतरा य खा य नी तयां; अ ध ाि त; वतरण क बा यताएं, खा यान क
उपल धता; खा य पर त यि त यय; गर बी क विृ तयां; जन वतरण णाल तथा गर बी क रे खा के
नीचे क जनसं या; ल यो मख
ु ी जन वतरण णाल (PDS); भम
ू ड
ं ल करण के संदभ म नी त काया वयन,
म बा यताएं; खा य उ पादन का रा य आहार, दशा- नदश एवं खा य उपभोग विृ त से संबध
ं ,
ुधाशमन के लए खा याधा रत आहार उपागम; पोषक त व क यन
ू ता-सू म पोषक त व यन
ू ता; ोट न
ऊजा कुपोषण या ोट न कैलोर कुपोषण (PEM या PCM); म हलाओं और ब च क काय मता के संदभ
म सू म पोषण त व यन
ू ता एवं मानव संसाधन वकास; खा या न उ पादकता एवं खा य सरु ा।

पशप
ु ालन एवं पशु च क सा व ान
न प – I
1. पशु पोषण
1.1 पशु के अंदर खा य ऊजा का वभाजन; य एवं अ य ऊ मा म त; काबन-
नाइ ोजन संतल
ु न एवं तल
ु ना मक बध व धयां, रोमंथी पशओ
ु ;ं सअ
ु र एवं कु कुट म
खा य का ऊजामान य त करने के स धांत; अनरु ण; व ृ ध संगभता; त य ाव
तथा अंडा; ऊन एवं मांस उ पादन के लए ऊजा आव यकताएं।
1.2 ोट न पोषण म नवीनतम ग त, ऊजा- ोट न संबध
ं ; ोट न गण
ु ता का मू यांकन;
रोमंथी आहार म NPN यो गक का योग; अनरु ण व ृ ध संगभता; त य ाव तथा
अंडा; ऊन एवं मांस उ पादन के लए ोट न आव यकताएं।
1.3 मख
ु एवं लेस ख नज-उनके ोत: शर र या मक काय एवं ह नता ल ण; वषैले
ख नज; ख नज अंत: याएं, शर र म वसा-घुलनशील तथा जल घल
ु नशील ख नज क
भू मका, उनके ोत एवं ह नता ल ण।
1.4 आहार संयोजी-मीथेन संदमक; ोबायो टक; एंजाइम; एंट बायो टक; हाम न; ओ लगो;
शकराइड; एंट ओ सीडट; पायसीकारक; संच संदमक; उभयरोधी इ या द, हाम न एवं
एंट बायो ट स जैसे व ृ धवधक का उपयोग एवं द ु योग-नवीनतम संक पनाएं।
1.5 चारा सरं ण; आहार का भंडारण एवं आहार अवयव, आहार ौ यो गक एवं आहार
सं करण म अ भनव ग त; पशु आहार म उपि थत पोषण रोधी एवं वषैले कारक;
आहार व लेषण एवं गण
ु ता नयं ण; पाचनीयता अ भ योग- य ; अ य एवं सच
ू क
व धयां, चारण पशओ
ु ं म आहार हण ायुि त।

45
1.6 रोपंथी पोषण म हुई ग त; पोषक त व आव यकताएं; संतु लत राशन; बछड़ ; सगभा;
कामकाजी पशओ ु ं एवं जनन सांड का आहार, दध
ु ा पशओ
ु ं को त य ाव; च क
व भ न अव थाओं के दौरान आहार दे ने क यिु तयां; द ु ध संयोजन आहार का भाव;
मांस एवं द ु ध उ पादन के लए बकर /बकरे का आहार; मांस एवं ऊन उ पादन के लए
भेड़ का आहार।
1.7 शक
ू र पोषण; पोषक आव यकताएं; वसप ; वतक; वकासन एवं प र कारण राशन;
बेचब मांस उ पादन हे तु शक
ू र-आहार; शक
ू र के लए कम लागत के राशन।
1.8 कु कुट पोषण; कु कुट पोषण के व श ट ल ण; मांस एवं अंडा उ पादन हे तु पोषक
आव यकताएं, अंडे दे ने वाल एवं ोलर क वभ न े णय के लए राशन सं पण।
2. पशु शर र या व ान :
2.1 र त क का यक एवं इसका प रसंचरण; वसन; उ सजन; वा य एवं रोग म
अंत: ावी थ
ं ी।
2.2 र त के घटक-गण
ु धम एवं काय-र त को शका रचना, होमो लोबीन सं लेषण एवं
रसाय नक - ला मा; ोट न उ पादन, वग करण एवं गण
ु धम; र त का कंदन; र त ावी
वकास- त कंदन-र त समह
ू -र त मा ा- ला मा व तारक-र त म उभय रोधी णाल ,
जैव रसाय नक पर ण एवं रोग- नदान म उनका मह व।
2.3 प रसंचरण- दय क का यक ; अ भ द च ; द व न; द पंद; इले ोका डयो ाम; दय
का काय और द ता- दय काय म आयन का भाव-अ भ द पेशी का उपापचय; दय
का तं का- नयमन एवं रासाय नक नयम; दय पर ताप एवं तनाव का भाव; र त
दाब एवं अ त र त दाब; परासरण नयमन; धमनी पंद; प रसंचरण का वा हका ेरक
नयमन; त धता; द एवं फु फुस प रसंचरण; र त मि त क रोध-मि त क
तरलप य का प रसंचरण।
2.4 वसन- वसन या व ध गैस का प रवहन एवं व नयम- वसन का तं का नयं ण;
रसो ाह ; अ पआ सीयता; प य म वसन।
2.5 उ सजन-व ृ क क संरचना एवं काय-मू नमाण, व ृ क काय, अ ययन व धयां-
व ृ क य अ ल- ार संतल
ु न नयमन; मू के शर र या मक घटक-व ृ क पात- न चे ट
शीरा र ता ध य-चूज म मू वण- वेद ं थयां एवं उनके काय, मू यदिु या के लए
जैव रासाय नक पर ण।
2.6 अंत: ावी ं थयां- काया मक दिु या, उनके ल ण एवं नदान; हाम न का सं लेषण;
वण क या व ध एवं नयं ण-हाम नय ाह -वग करण एवं काय।
2.7 व ृ ध एवं पशु उ पादन- सव पव
ू एवं सव प चात व ृ ध; प रप वता; व ृ ध व ;
व ृ ध के माप; व ृ ध म भा वत करने वाले कारक; कंफमशन; शार रक गठन; मांस
गण
ु ता।
2.8 द ु ध उ पादन क का यक , जनन एवं पाचन तन वकास के हाम नीय नयं ण क
वतमान ि थ त, द ु ध वण एवं द ु ध न कासन; नर एवं मादा जनन अंग; उनके
अवयव एवं काय; पाचन अंग एवं उनके काय।
2.9 पयावरणीय का यक -शर र या मक संबध
ं एवं उनका नयमन; अनक
ु ू लन क

46
या व ध; पशु यवहार म शा मल पयावरणीय कारक एवं नयामक या व धयां;
जलवायु व ान- व भ न ाचल एवं उनका मह व, पशु पा रि थ तक ; यवहार क
का यक ; वा य एवं उ पादन पर तनाव का भाव।
3. पशु जनन:
वीय गण
ु ता-संर ण एवं कृ म वीयसेचन-वीय के घटक पमटाजोआ क रचना; ख लत
वीय का भौ तक एवं रासाय नक गण
ु धम; जीवे एवं पा े वीय को भा वत करने वाले
कारक; वीय उ पादन एवं गण
ु ता को भा वत करने वाले कारक; संर ण; तनक
ु ारक क
रचना; शु ाणु संके ण; तनक
ु ृ त वीय का प रवहन, गाय ; भेड़ , बकर , शक
ू रो एवं
कु कुट म गहन शीतन या व धयां; ीमद क पहचान तथा बेहतर गभाधान हे तु
वीयसेचन का समय, अमद अव था एवं पन
ु रावत जनन।
4. पशध
ु न उ पादन एवं बंध :
4.1 वा णि यक डेर फा मग – उ नत दे श के साथ भारत क डेर फा मग क तुलना, म त
कृ ष के अधीन एवं व श ट कृ ष के प म डेर उ योग, आ थक डेर फा मग, डेर फाम
शु करना; पज
ूं ी एवं भू म आव यकताएं; डेर फाम का संगठन; डेर फा मग म अवसर;
डेर पशु क द ता को नधा रत करने वाले कारक; यथ
ू अ भलेखन; बजटन; द ु ध
उ पादन क लागत; क मत नधारण नी त; का मक बंध; डेर गोपशओ
ु ं के लए
यावहा रक एवं कफायती राशन वक सत करना; वषभर हरे चारे क पू त; डेर फाम हेतु
आहार एवं चारे क आव यकताएं, छोटे पशओ
ु ं एवं सांड , ब छय एवं जनन पशओ
ु ं के
लए आहार विृ तयां; छोटे एवं वय क पशध
ु न आहार क नई विृ तयां, आहार
अ भलेख।
4.2 वा णि यक मांस; अंडा एवं ऊन उ पादन-भेड़; बकर ; शक
ू र; खरगोश एवं कु कुट के लए
यावहा रक एवं कफायती राशन वक सत करना, चारे , हरे चारे क पू त; छोटे एवं
प रप व पशध
ु न के लए आहार विृ तयां, उ पादन बढ़ाने वाले एवं बंधन क नई
विृ तया, पज
ूं ी एवं भू म आव यकताएं एवं सामािजक-आ थक संक पना।
4.3 सख
ू ा; बाढ़ एवं अ य नैस गक आपदाओं से ा त पशओ
ु ं का आहार एवं उनका बंध।
5. आनव
ु ं शक एवं पश-ु जनन :
5.1 पशु आनव
ु ं शक का इ तहास, सू ी वभाजन एवं अधसू ी वभाजन; मडल क वंशाग त;
मडल क आनव
ु ं शक से वचलन, जीन क अ भ यि त; सहल नता एवं जीन- व नयमन;
लंग नधारण; लंग भा वत एवं लंग सी मत ल ण; र त समहू एवं बहु पता; गण
ु सू
वपथन; को शकाद य वंशाग त, जीन एवं इसक संरचना आनवु ं शक पदाथ के प म
DNA आनव
ु ं शक कूट एवं ोट न सं लेषण पन
ु य गन; DNA ौ यो गक , उ प रवतन;
उ प रवतन के कार; उ प रवतन एवं उ प रवतन दर को पहचानने क व धयां;
पारजनन।
5.2 पशु जनन पर अनु यु त समि ट आनव
ु ं शक , मा ा मक और इसक तल
ु ना म
गण
ु ा मक वशेषक; हाड वीनवग नयम; समि ट और इसक तल
ु ना म यि ट; जीन एवं
जीन ा प बारं बारता; जीन बारं बारता को प रव तत करने वाले बल; या ि छक अपसरण
एवं लघु समि टयां; पथ गण
ु ांक का स धांत, अंत: जनन गण
ु ांक, आकलन क व धयां,

47
अंत: जनन णा लयां; भावी समि ट आकार; व भ नता सं वतरण; जीन ा प X
पयावरण सहसंबध
ं एवं जीन ा प X पयावरण अंत: या बहुमाप क भू मका,
संबं धय के बीच सम पता।
5.3 जनन तं -पशध
ु न एवं कु कुट क न ल; वंशाग त व; पन
ु रावतनीयता एवं आनव
ु ं शक
एवं समल णीय सहसंबध
ं , उनक आकलन व ध एवं आकलन प रशु ध; वरण के
साधन एवं उनक संगत यो यताएं; यि ट; वंशावल ; कुल एवं कुलांतगत वरण, संत त
पर ण; वरण व धयां; वरण सच
ू क क रचना एवं उनका उपयोग; व भ न वरण
व धय वारा आनव
ु ं शक लि धय का तुलना मक मू यांकन; अ य वरण सच
ू क क
रचना एवं उनका उपयोग; व भ न वरण व धय वारा आनव
ु ं शक लि धय का
तल
ु ना मक मू यांकन; अ य वरण एवं सहसंबं धत अनु या; अंत: जनन; ब ह;
जनन; अप े डंग सं करण एवं जनन सं लेषण; अत: ज नत लाइन का वा णि यक
योजन हेतु सं करण; सामा य एवं व श ट संयोजन यो यता हेतु वरण; दे हल ल ण
के लए जनन; सायर इंडे स।
6. व तार :
व तार का आधारभत
ू दशन; उ दे य; संक पना एवं स धांत; कसान को ामीण
दशाओं म श त करने क व भ न व धयां, ौ यो गक पीढ़ ; इसका अंतरण एवं
तपिु ट; ौ यो गक अंतरण म सम याएं एवं क ठनाइयां; ामीण वकास हेतु
पशप
ु ालन काय म।

न प – 2
1. शर र रचना व ान, भेषज गण
ु व ान एवं वा य व ान :
1.1 ऊतक व ान एवं ऊतक य तकनीक : ऊतक मण एवं H.E. अ भरं जन क पैराफ न
अंत: था पत तकनीक- हमीकरण माइ ोटोमी-सू मद शक -द त े सू मीदश एवं
इले ान सू मदश , को शका क को शका व ान संरचना, को शकांग एवं अंतवशन;
को शका वभाजन-को शका कार-ऊतक एवं उनका वग करण- ण
ू ीय एवं य क ऊतक-
अंग का तुलना मक ऊतक व ान- संवहनी, तं का, पाचन, वसन, पेशी कंकाल एवं
जननमन
ू तं - अंत: ावी थय -अ यावरण-संवेद अंग।
1.2 ण
ू व ान - प वग एवं घरे लू तनपा यय के वशेष संदभ के साथ कशे कय का

ू व ान-यु मक जनन- नषेचन-जनन तर-गभ झ ल एवं अपरा यास-घरे लू
तनपा यय से अपरा के कार- व पता व ान-यमल एवं यमलन-अंग वकास-जनन तर
यु प न-अंत चम , म यचम एवं ब हचमी यु प न।
1.3 मौ-शर रक - े ीय शार रक : वष
ृ भ के पैरानासीय कोटर-लार ं थयो क ब ह तल
शार रक ; अवने कोटर, जं भका, चबक
ु कू पका, मान सक एवं शग
ूं ी तं का रोध क
े ीय शार रक , पराकशे क तं काओं क े ीय शार रक गु य तं का, म यम
तं का, अंत: कोि ठका तं का एवं ब ह: कोि ठका तं का-अंतजी वका, ब हजी वका
एवं अंगु ल तं काएं-कपाल तं काएं-अ ध ढ़ता नका सं ाहरण म शा मल संरचनाएं-
उप र थ लसीका पव-व ीय, उदर य तथा ोणीय गु हका के अंतरांग क ब ह तर

48
शार रक -ग ततं क तल
ु ना मक वशेषताएं एवं तनपायी शर र क जैव यां क म
उनका अनु योग।
1.4 कु कुट शार रक -पेशी-कंकाल तं - वसन एवं उड़ने के संबध
ं म काया मक शार रक ,
पाचन एवं अंडो पादन।
1.5 भेषज गण
ु व ान एवं भेषज बलग तक के कोशक य तर तरल पर कायकार औषध
एवं व युत अपघ य संतल
ु न। वसंचा लत तं का तं पर कायकार औषध। सं ाहरण
क आधु नक संक पनाएं एवं वयोजी सं ाहरण, ऑटाकॉइड, तरोगाणु एवं रोगाणु
सं मण म रसायन च क सा के स धांत, च क साशा म हाम न का उपयोग-परजीवी
सं मण म रसायन च क सा, पशओ
ु ं के खा य ऊतक म औषध एवं आ थक सरोकार-
अबद
ु रोग म रसायन च क सा, क टनाशक , पौधो, धातओ
ु ,ं अधातओ
ु ,ं जंतु वष एवं
कवक वष के कारण वषालत
ु ा।
1.6 जल, वायु एवं वास थान के संबध
ं के साथ पशु वा य व ान-जल, वायु एवं मद
ृ ा
दष
ू ण का आकलन-पशु वा य म जलवायु का मह व-पशु काय एवं न पादन म
पयावरण का भाव-पशु कृ ष एवं औ योगीकरण के बीच संबध
ं वशेष ेणी के घरे लु
पशओं, यथा, सगभा गौ एवं शक
ू र , दध
ु ा गाय, ायलर प ी के लए आवास
आव यकताएं-पशु वास थान के संबध
ं म तनाव, ां त एवं उ पादकता।
2. पशु रोग
2.1 गोपश,ु भेड़ तथा अजा, घोड़ा, शक
ू र तथा कु कुट के सं ामक रोग का रोगकरण,
जानपा दत रोग व ान, रोगजनन, ल ण, मरणो तर व त, नदान एवं नयं ण।
2.2 गोपश,ु घोड़ा, शक
ू र एवं कु कुट के उ पादन रोग का रोककारण, जानपा दत रोग व ान,
ल ण, नदान, उपचार।
2.3 घरे लु पशओ
ु ं और प य के ह नता रोग।
2.4 अंतघ टन, अफरा, वा हका, अजीण, नजल करण, आघात, वषा तता जैसी अ व श ट
दशाओं का नदान एवं उपचार :
2.5 तं का वै ा नक वकार का नदान एवं उपचार।
2.6 पशओ
ु ं के व श ट रोग के त तर ीकरण के स धांत एवं व धयां-यूथ तर ा-
रोगमु त े शू य रोग संक पना-रसायन रोग नरोध।
2.7 सं ाहरण- था नक, े ीय एवं सावदे हक- सं ाहरण पव
ू औषध दान, अि थभंग एवं
सं ध यु त म ल ण एवं श य य तकरण, ह नया, अवरोध, चतथ
ु अमाशायी व थापन-
सजे रयन श कम, रोमं थका-छे दन-जनदनाशन।
2.8 रोग जांच तकनीक- योगशाला जांच हेतु साम ी-पशु वा य के क थापना –
रोगमु त े ।
3. सावज नक पशु वा य :
3.1 पशज
ु य रोग-वग करण, प रभाषा, पशज
ु य रोग क यापकता एवं सार म पशओ
ु ं एवं
प य क भू मका – पेशागत पशज
ु य रोग।
3.2 जानप दक रोग व ान - स धांत, जानप दक रोग व ान संबधी पदावल क प रभाषा,
रोग तथा उनक रोकथाम के अ ययन म जानप दक रोग व ानी उपाय का अनु योग,

49
वाय,ु जल तथा खा य ज नत सं मण के जानप दक रोग व ानीय ल ण, OIE
व नयम, WTO व छता एवं पादप- व छता उपाय।
3.3 पशु च क सा व धशा -पशु गण
ु व ता सध
ु ार तथा पशु रोग नवारण के लए नयम एवं
व नयम-पशज
ु नत एवं पशु उ पादन ज नत रोग के नवारण हे तु रा य एवं के के
नयम, SPCA पशु च क सा- व धक जांच हे तु नमन
ू के सं हण क साम यां एवं
व धयां।
4. द ु ध एवं द ु धो पाद ौ यो गक :
4.1 बाजार का दध
ू : क चे दध
ू क गण
ु ता, पर ण एवं को ट नधारण, सं करण, प रवे टन,
भंडारण, वतरण, वपणन, दोष एवं उनक रोकथाम, न न ल खत कार के दध
ू को
बनाना; पा चरु कृत, मान कत, टो ड, डबल टो ड, नज वाणक
ु ृ त, सामांगीकृत,
सामांगीकृत, पन
ु न मत पन
ु सयोिजत एवं सव
ु ा सत दध
ू , संव धत दध
ू तैयार करना,
संवधन तथा उनका बंध, योगट, दह , ल सी एवं ीखंड, सव
ु ा सत एवं नज वाणुकृत
दध
ू तैयार करना, व धक मानक, व छ एवं सरु त दध
ू तथा द ु ध संयं उप कर हे तु
व छता आव यकताएं।
4.2 द ु ध उ पाद ौ यो गक : क ची साम ी का चयन, म, म खन, घी, खोया, छे ना,
चीज, संघ नत, वाि पत, शिु कत दध
ू एवं शशु आहार, आइस म तथा कु फ जैसे द ु ध
उ पाद का सं करण, भंडारण, वतरण एवं वपणन; उपो पाद, छे ने के पानी के उ पाद,
छाछ (बटर म क), लै टोज एवं केसीन, दध
ू उ पाद का पर ण, को ट- नधारण, उ ह
परखना, BIS एवं एगमाक व नदशन, व धक मानक, गण
ु ता नयं ण एवं पोषक गण
ु ,
संवे टन सं करण एवं सं या मक नयं ण, डेर उ पाद का लागत नधारण।
5. मांस वा य व ान एवं ौ यो गक :
5.1 मांस वा य व ान
5.1.1 खा य पशओ
ु ं क म ृ यु प व
ू दे खभाल एवं बंध, वसं ा, वध एवं साधन सं या;
वधशाला आव यकताएं एवं अ भक प; मांस नर ण याएं एवं पशु शव मांस खंड
को परखना-पशु शव मांस खंड का को ट नधारण-पिु टकर मांस उ पादन म पशु
च क सक के कत य और काय।
5.1.2 मांस उ पादन संभालने क वा यकर व धयां-मांस का बगड़ना एवं इसक रोकथाम के
उपाय-वधोपरांत मांस म भौ तक-रासाय नक प रवतन एवं इ ह भा वत करने वाले
कारक-गण
ु ता सध
ु ार व धयां-मांस यापार एवं उ योग म नयामक उपबंध।
5.2 मांस ौ यो गक :
5.2.1 मांस के भौ तक एवं रासाय नक ल ण-मांस इम शन-मांस पर ण क व धयां-मांस एवं
मांस उ पादन का संसाधन, ड बाबंद , करणन, संवे टन, सं करण एवं संयोजन।
5.3 उपो पाद-वधशाला उपो पाद एवं उनके उपयोग-खा य एवं अखा य उपो पाद-वधशाला
उपो पाद के समु चत उपयोग सामािजक एवं आ थक न हताथ-खा य एवं भेषिजक
उपयोग हे तु अंग उ पाद।
5.4 कु कुट उ पाद ौ यो गक -कु कुट मांस के रासाय नक संघटन एवं पोषक मान-वध क
दे खभाल तथा बंध, वध क तकनीक, कु कुट मांस एवं उ पाद का नर ण, पर ण,

50
व धक एवं BIS मानक, अंड क संरचना, संघटन एवं पोषक मान, सू मजीवी वकृ त,
पर ण एवं अनरु ण, कु कुट मांस, अंड एवं उ पाद का वपणन, मू यव धत मांस
उ पाद।

5.5 खरगोश/फर वाले पशओ


ु ं क फा मग-खरगोश मांस उ पादन, फर एवं ऊन का नपटान
एवं उपयोग तथा अप श ट उपो पादो का पन
ु च ण, ऊन का को ट नधारण।

न ृ व ान
न प – I

1.1 न ृ व ान का अथ, वषय े एवं वकास।


1.2 अ य वषय के साथ संबध
ं : सामािजक व ान, यवहारपकरक व ान, जीव व ान,
आयु व ान, भ-ू वषयक व ान एवं मान वक ।
1.3 न ृ व ान क मख
ु शाखाएं, उनका े तथा ासं गकता :
(क) सामािजक-सां कृ तक नृ व ान
(ख) जै वक व ान
(ग) परु ात व – न ृ व ान
(घ) भाषा-न ृ व ान
1.4 मानव वकास तथा मनु य का आ वभाव:
(क) मानव वकास म जैव एवं सां कृ तक कारक
(ख) जैव वकास के स धांत (डा वन-पव
ू , डा वन काल न एवं डा वनो तर)
(ग) वकास का सं लेषणा मक स धांत, वकासा मक जीव व ान क बावल एवं
संक पनाओं क सं त परे खा (डॉल का नयम, कोप का नयम, गॉस का
नयम, समांतरवाद, अ भसरण, अनक
ु ूल व करण एवं मोजेक वकास)
1.5 नर-वानर क वशेषताएं : वकासा मक विृ त एवं नर-वानर व गक ;
नर-वानर अनक
ु ू लन; (व ृ ीय एवं थल य) नर-वानर व गक ;
नर-वानर यवहार, तत
ृ ीयक एवं चतुथक जीवा म नर-वानर;
जी वत मख
ु नर-वानर; मनु य एवं वानर क तुलना मक शर र-रचना;

न ृ संि थ त के कारण हुए कंकाल य प रवतन एवं ह के न हताथ।


1.6 जा तव ृ तीय ि थ त, न न ल खत क वशेषताएं एवं भौगो लक वतरण:
(क) द ण एवं पव
ू अ का म अ तनत
ू न अ यंत नत
ू न हो म नड-आ े लो पथे सन
(ख) होमोइरे टस : अ का (पैरे ोपस), यूरोप (होमोइरे टस ह डेल बजि सस), ए शया
(होमोइरे टस जाव नकस, होमोइरे टस पेकाइनेि सस)
(ग) नए डरथल मानव-ला- शापेय-ओ-सत ( ला सक कार), माउं ट कारमेस ( गामी
कार)
(घ) रोडे सयन मानव
(ड.) होमो-से पए स- ोमै नन माल एवं चांसल ड।
1.7 जीवन के जीववै ा नक आधार: को शका, DNA संरचना एवं तकृ त, ोट न सं लेषण
51
जीन, उ प रवतन, ोमोसोम एवं को शका, वभाजन।
1.8 (क) ागै तहा सक परु ात व व ान के स धांत/कालानु म:सापे एवं परम काल
नधारण व धयां।
(ख) सां कृ तक वकास- ागै तहा सक सं कृ त क थल
ू परे खा
(i) परु ापाषाण
(ii) म य पाषाण
(iii) नव पाषाण
(iv) ता पाषाण
(v) ता -कां य युग
(vi) लोक यग

2.1 सं कृ त का व प : सं कृ त और स यता क संक पना एवं वशेषता; सां कृ तक
सापे वाद क तुलना म नज
ृ ा त क कता।
2.2 समाज का व प : समाज क संक पना: समाज एव सं कृ त; सामािजक सं थाएं;
सामािजक समह
ू ; एवं सामािजक तर करण।
2.3 ववाह : प रभाषा एवं सावभौ मकता; ववाह के नयम (अंत ववाह,
ब ह ववाह,अनल
ु ोम ववाह, अग यगमन नषेध); ववाह के कार (एक ववाह
था, बहु
ववाह था, बहुप त था, समह ू ववाह, ववाह के काय; ववाह व नयम (अ धमा य
न द ट एवं अ भ नषेधक); ववाह भग
ु तान (वधु धन एवं दहे ज)।
2.4 प रवार : प रभाषा एवं सावभौ मकता; प रवार, गह
ृ थी एवं ग ृ य समह
ू ; प रवार के काय;
प रवार के कार (संरचना, र त-संबध
ं , ववाह, आवास एवं उ तरा धकार के प र े य से);
नगर करण, औ यो गक करण एवं नार अ धकारवाद आंदोलन का प रवार पर भाव।
2.5 नातेदार : र त संबध
ं एवं ववाह संबध
ं : वंशानु म के स धांत एवं कार (एक रे खीय,
वैध, वप ीय, उभयरे खीय); वंशानु म समह
ू के प (वंशपरं परा, गो , े टर , मोइट
एवं संबध
ं ी): नातेदार श दावल (वणना मक एवं वग कारक): वंशानु म, वंशानु मण एवं
परू क वंशानु म; वंशानु म एवं सहबंध।
3. आ थक संगठन : अथ, े एवं आ थक नृ व ान क ासं गकता; पवाद एवं त ववाद
बहस; उ पादन, वतरण एवं समद
ु ाय म व नमय (अ यो यता, पन
ु वतरण एवं बाजार),
शकार एवं सं हण, म सयन, ि वडे नंग, पशच
ु ारण, उ यानकृ ष एवं कृ ष पर नवाह;
भम
ू ड
ं ल करण एवं दे शी आ थक यव थाएं।
4. राजनी तक संगठन एवं सामािजक नयं ण : टोल , जनजा त, सरदार , राज एवं रा य;
स ता, ा धकार एवं वैधता क संक पनाएं; सरल समाज म सामािजक नयं ण, व ध
एवं याय।
5. धम : धम के अ ययन म नव
ृ ै ा नक उपागम ( वकासा मक, मनोवै ा नक एवं
काया मक); एके वरवाद; प व एवं अपावन; मथक एवं कमकांड; जनजातीय एवं कृषक
समाज म धम के प (जीववाद, जीवा मावाद, जड़पज
ू ा, कृ त पज
ू ा एवं गण च न वाद);
धम, जाद ू एवं व ान व श ट जादईु -धा मक कायकता (पज
ु ार , शमन, ओझा, ऐ जा लक
और डाइन)।

52
6. नव
ृ ै ा नक स धांत :
(क) ला सक वकासवाद (टाइलर, मॉगन एवं े जर)
(ख) ऐ तहा सक व श टतावाद (बोआस); वसरणवाद ( टश, जमन एवं अमर का)
(ग) कायवाद (मै लनो क ); संरचना- कायवाद (रै डि लक- ाउन)
(घ) संरचनावाद (लेवी ाश एवं ई ल श)
(ड.) सं कृ त एवं यि त व (बेने ड ट, मीड, लंटन, का डनर एवं कोरा-द-ु बव
ु ा)
(च) नव- वकासवाद ( च ड, हाइट, यव
ू ड, शाह ल स एवं स वस)
(छ) सां कृ तक भौ तकवाद (है रस)
(ज) तीका मक एवं अथ न पी स धांत (टानर, नाइडर, एवं गी )।
(क) सं ाना मक स धांत (टाइलर कांि सन)
(ख) न ृ व ान म उ तर आधु नकवाद
7. सं कृ त, भाषा एवं संचार : भाषा का व प, उ गम एवं वशेषताएं; वा चक एवं अवा चक
सं ेषण; भाषा योग के सामािजक संदभ।
8. न ृ व ान म अनस
ु ध
ं ान प ध तयां :
(क) न ृ व ान म े काय परं परा
(ख) तकनीक, प ध त एवं काय व ध के बीच वभेद।
(ग) द त सं हण के उपकरण : े ण, सा ा कार, अनस
ु ू चयां, नावल , केस
अ ययन, वंशावल , मौ खक इ तव ृ त, सच
ू ना के वतीयक ोत, सहभा गता
प ध त।
(घ) द त का व लेषण , नवचन एवं तत
ु ीकरण।
9.1 मानव आनव
ु ं शक – प ध त एवं अनु योग: मनु य प रवार अ ययन म आनव
ु ं शक
स धांत के अ ययन क प ध तयां (वंशावल व लेषण, यु म अ ययन, पो यपु , सह-
यु म प ध त, को शका-जन नक प ध त, गण
ु सू ी एवं के क ा प व लेषण), जैव
रसायनी प ध तयां, डी.एन.ए ौ यो गक एवं पन
ु य गज ौ यो ग कयां।
9.2 मनु य-प रवार अ ययन म मडेल य आनव ु ं शक , मन
ु य म एकल उ पादन, बहु उ पादन ,
घातक, अवघातक एवं अनेक जीनी वंशाग त।
9.3 आनव ु ं शक बहु पता एवं वरण क संक पना, मडेल य जनसं या, हाड -वीन वग नयम;
बारं बारता म कमी लाने वाले कारण एवं प रवतन-उ प रवतन, वलयन, वासन, वरण,
अंत: जनन एवं आनव
ु ं शक यु त, समर त एवं असमर त समागम, आनव
ु ं शक भार,
समर त एवं भ गनी-बंध ववाह के आनव
ु ं शक भाव।
9.4 गण
ु सू एवं मनु य म गण
ु सू ी वपथन, या व ध:
(क) सं या मक एवं संरचना मक वपथन (अ यव थाएं)
(ख) लंग गण
ु सू ी वपथन- लाइनफे टर (XXY), टनर (XO) अ धजाया (XXX)
अंत लग एवं अ य संल णा मक अ यव थाएं।
(ग) अ लंग सू ी वपथन-डाउन संल ण, पातो, एडवड एवं -द-ु शॉ संल ण।
(घ) मानव रोग म आनव
ु ं शक अ ययन, आनव
ु ं शक नंग, आनव
ु ं शक उपबोधन,
मानव डीएनए ोफाइ लंग, जॉन मै पंग एवं जीनोम अ ययन।

53
9.5 जा त एवं जा तवाद, दरू क एवं अदरू क ल ण क आका रक य व भ नताओं का जीव
वै ा नक आधार, जातीय नकष, आनव
ु ं शकता एवं पयावरण के संबध
ं म जातीय
वशेषक; मनु य म जातीय वग करण, जातीय वभेदन एवं जा त सं करण का जीव
वै ा नक आधार।
9.6 आनव
ु ं शक च नक के प म आय,ु लंग एवं जनसं या वभेद-एबीओ, आरएच र तसमह
ू ,
एचएलएएचपी, े सफे रन, जीएम, र त एंजाइम, शर र या मक ल ण वभ न
सां कृ तक एवं सामािजक-आ थक समह
ू म एचबी तर, शर र वसा, पंद दर, वसन
काय एवं संवेद य ण।
9.7 पा रि थ तक नृ व ान क संक पनाएं एवं प ध तयां, जैव-सां कृ तक अनक
ु ू लन-जन नक
एवं अजन नक कारक, पयावरणीय दबाव के त मनु य क शर र या मक अनु याएं
: गम म भू म, शीत, उ च तग
ुं ता जलवाय।ु
9.8 जानप दक रोग व ानीय न ृ व ान : वा य एवं रोग, सं ामक एवं असं ामक रोग,
पोषक त व क कमी से संबं धत रोग।
10. मानव व ृ ध एवं वकास क संक पना : व ृ ध क अव थाएं- सवपव
ू , सव, शश,ु
बचपन, कशोराव था, प रप वाव था, जर व।
व ृ ध और वकास को भा वत करने वाले कारक: जन नक, पयावरणीय, जैव रासाय नक,
पोषण संबध
ं ी, सां कृ तक एवं सामािजक-आ थक।
काल भावन एवं जर व, स धांत एवं े ण जै वक एवं कालानु मक द घ आय,ु मानवीय
शर र गठन एवं काय प, व ृ ध अ ययन क या व धयां।
11.1 रजोदशन, रजो नविृ त एवं जनन शि त क अ य जैव घटनाओं क ासं गकता, जनन
शि त के त प एवं वभेद।
11.2 जनां कक य स धांत – जै वक , सामािजक एवं सां कृ तक।
11.3 बहु जता, जनन शि त, ज मदर एवं मृ यद
ु र को भा वत करने वाले जै वक एवं
सामािजक-आ थक कारण।
12. न ृ व ान के अनु योग : खेल का न ृ व ान, पोषणा मक नृ व ान, र ा एवं अ य
उपकरण क अ भक पना म न ृ व ान, यायाल यक नृ व ान, यि त अ भ ान एवं
पन
ु रचना क प ध तयां एवं स धांत , अनु यु त मानव आनव
ु ं शक - पत ृ व नदान,
जन नक उपबोधन एवं सज
ु न नक , रोग एवं आयु व ान म डीएनए ौ यो गक , जनन-
जीव- व ान म सीरम-आनव
ु ं शक तथा को शका-आनव
ु ं शक ।

न प - 2

1.1 भारतीय सं कृ त एवं स यता का वकास- ागै तहा सक (परु ापाषाण म यपाषाण, नवपाषाण
तथा नवपाषाण-ता पाषाण), आ यऐ तहा सक ( संधु स यता): हड़ पा-पव
ू , हड़ पाकाल न
एवं प च-हड़ पा सं कृ तयां, भारतीय स यता म जनजातीय सं कृ तय का योगदान।
1.2 शवा लक एवं नमदा ोणी के वशेष संदभ के साथ भारत से परु ा-नव
ृ ै ा नक सा य
(रामा पथेकस, शवा पथेकस एवं नमदा मानव।
1.3 भारत म नज
ृ ा त – परु ात व व ान: नज
ृ ा त परु ात व व ान क संक पना; शकार ,
54
रसदखोजी, म छयार , पशच
ु ारक एवं कृषक समद
ु ाय एवं कला और श प उ पादक
समद
ु ाय म उ तरजीवक एवं समांतरक।
2. भारत क जनां कक य प र छे दक - भारतीय जनसं या एवं उनके वतरण म नज
ृ ातीय
एवं भाषायी त व भारतीय जनसं या-इसक संरचना और व ृ ध को भा वत करने वाले
कारक।
3.1 पारं प रक भारतीय सामािजक णाल क संरचना और व प-वणा म, पु षाथ, कम ऋण
एवं पन
ु ज म।
3.2 भारत म जा त यव था-संरचना एवं वशेषताएं, वण एवं जा त, जा त यव था के उदगम
के स धांत, बल जा त, जा त ग तशीलता, जा त यव था का भ व य, जजमानी
णाल , जनजा त-जा त सात यक।
3.3 प व -मनो ं थ एवं ाकृत-मनु य- ेता मा मनो ं थ।
3.4 भारतीय समाज पर बौ ध धम, जैन धम, इ लाम और ईसाई धम का भाव।
4. भारत म न ृ व ान का आ वभाव एवं संव ृ ध – 18वीं, 19वीं एवं ारं भक 20 वीं शता द
के शा - शासक के योगदान, जनजातीय एवं जातीय अ ययन म भारतीय नव
ृ ै ा नक
के योगदान।
5.1 भारतीय ाम: भारत म ाम अ ययन का मह व, सामािजक णाल के प म भारतीय
ाम ब ती एवं अंतजा त संबध
ं के पारं प रक एवं बदलते त प :
भारतीय ाम म कृ षक संबध
ं भारतीय ाम पर भम
ू ड
ं ल करण का भाव।
5.2 भाषायी एवं धा मक अ पसं यक एवं उनक सामािजक, राजनै तक तथा आ थक ि थ त।
5.3 भारतीय समाज म सामािजक-सां कृ तक प रवतन क दे शीय एवं ब हजात याएं:
सं कृ तकरण, पि चमीकरण, आधु नक करण छोट एवं बड़ी परं पराओं का पर पर भाव,
पंचायती राज एवं सामािजक-प रवतन मी डया एवं सामािजक प रवतन।
6.1 भारत म जनजातीय ि थ त-जैव जन नक प रव तता, जनजातीय जनसं या एवं उनके
वतरण क भाषायी एवं सामािजक-आ थक वशेषताएं।
6.2 जनजातीय समद
ु ाय क सम याएं-भू म सं ामण, गर बी, ऋण तता, अ प सा रता,
अपया त शै क सु वधाएं, बेरोजगार , अ परोजगार , वा य तथा पोषण।
6.3 वकास प रयोजनाएं एवं जनजातीय थानांतरण तथा पन
ु वास सम याओं पर उनका भाव,
वन नी तय एवं जनजा तय का वकास, जनजातीय जनसं या पर नगर करण तथा
औ यो गक करण का भाव।
7.1 अनस
ु ू चत जा तय , अनस
ु ू चत जनजा तय एवं अ य पछड़े वग के पोषण तथा वंचन क
सम याएं। अनस
ु ू चत जा तय एवं अनस
ु ू चत जनजा तय के लए सां वधा नक र ोपाय।
7.2 सामािजक प रवतन तथा समकाल न जनजा त समाज : जनजा तय तथा कमजोर वग पर
आधु नक लोकतां क सं थाओं, वकास काय म एवं क याण उपाय का भाव।
7.3 नज
ृ ातीयता क संक पना नज
ृ ातीय व व एवं राजनै तक वकास, जनजातीय समद
ु ाय के
बीच अशां त: े ीयतावाद एवं वायतता क मांग, छ म जनजा तवाद, औप नवे शक एवं
वातं यो तर भारत के दौरान जनजा तय के बीच सामािजक प रवतन।
8.1 जनजातीय समाज पर ह द ू धम, बौ ध धम, ईसाई धम, इ लाम तथा अ य धम का

55
भाव।
8.2 जनजा त एवं रा रा य भारत एवं अ य दे श म जनजातीय समद
ु ाय का तल
ु ना मक
अ ययन।
9.1 जनजातीय े के शासन का इ तहास, जनजा त नी तयां, योजनाएं, जनजातीय वकास
के काय म एवं उनका काया वयन। आ दम जनजातीय समह
ू (पीट जीएस) क संक पना,
उनका व तरण, उनके वकास के वशेष काय म, जनजातीय वकास म गैर सरकार
संगठन क भू मका।
9.2 जनजातीय एवं ामीण वकास म न ृ व ान क भू मका।
9.3 े ीयतावाद, सां दा यकता, नज
ृ ातीय एवं राजनै तक आंदोलन को समझने म न ृ व ान
का योगदान।
वन प त व ान
न प - 1

1. सू मजै वक एवं पादपरोग व ान :


वषाण,ु वाइरॉइड, जीवाण,ु फंगाई एवं माइ ो ला मा संरचना एवं जनन। बहुगण
ु न, कृ ष,
उ योग, च क सा तथा वायु एवं मद ृ ा एवं जल म दष ू ण- नयं ण म सू मजै वक के
अनु योग, ायोन एवं ायोन घटना। वषाणओ
ु ,ं जीवाणओ
ु ,ं माइ ो ला मा, फंगाई तथा
सू कृ मय वारा होने वाले मख
ु पादपरोग, सं मण और फैलाव क व धयां, सं मण
तथा रोग तरोध के आि वक आधार। परजी वता क का यक और नयं ण के उपाय।
कवक आ वष, मॉडलन एवं रोग पव
ू ानम
ु ान, पादप संगरोध।
2. टोगे स:
शैवाल, कवक, लाइकन, ायोफाइट, टे र डोफाइट-संरचना और जनन के वकासा मक पहल,ू
भारत म टोगे स का वतरण और उनका प रि थ तक एवं आ थक मह व।
3. पु पोद भद :
अनावत
ृ बीजी: पव
ू अनावत
ृ बीजी क अवधारणा। अनावत
ृ बीजी का वग करण और वतरण।
साइकेडेल ज, गंगोऐजीज, कोनीफेरे ल ज और नीटे ल ज के मु य ल ण, संरचना व जनन
सा केडो फ लकेल ज, बे ने टटे ल ज तथा काडटे ल ज का सामा य वणन। भू वै ा नक
समयमापनी, जीव म कार एवं उनके अ ययन क व धयां, आवत
ृ बीजी : व गक ,
शार रक , ण
ू व ान, परागाणु व ान और जा तव ृ त, वग क सौपान, वान प तक
नामप ध त के अंतरा य कूट, सं या मक व गक एवं रसायन-व गक , शार रक ण

व ान एवं परागाणु व ान से सा य। आवत
ृ बीिजय का उदगम एवं वकास, आवत

बीिजय के वग करण क वभ न णा लय का तल
ु ना मक ववरण, आवत
ृ बीजी कुल
का अ ययन-मै नो लएसी, रै ननकुलेसी, बैसीकेसी, रोजेसी, फेबेसी, यूफा बएसी, मालवेसी,
ड टे रोकापसी, ए पएसी, ए ले प डएसी, व बनेसी, सोलैनेसी, बएसी, कुकुर बटे ल ,
ऐ ट रे सी, पोएसी, ओरकेसी, ल लएसी, यज
ू ेसी एवं ऑ कडेसी। रं एवं उनके कार,

ं ीय एवं अ थ
ं ीय ाइकोम, वसंगत वतीयक व ृ ध, सी-3 और सी-4 पौध का शर र,
जाइलम एवं लोएम वभेदन, का ठ शर र नर और मादा यु मकोद भद का प रवधन,

56
परागण, नषेचन। ण
ू पोष- इसका प रवधन और काय, ण
ू प रवधन के व प।
बहु ण
ू ता, असंगजनन, परागाणु व ान के अनु योग, पराग भंडारण एवं टे ट यब

नषेचन स हत योगा मक ण ू व ान।
4. पादप संसाधन वकास :
पादन ा यन एवं प रचय, कृ ट पौध का उदभव, उदभव संबध
ं ी वेवीलोव के के ,
खा य, चारा, रे श , मसाल , पेय पदाथ , खा यतेल , औष धय , वापक , क टना शय ,
इमारती लकड़ी, ग द, रे िजन तथा रं जक के ोत के प म पौधे, लेटे स, सेलल
ु ोस, मंड
और उनके उ पाद, इ साजी, भारत के संदभ म नक
ु ु ल वन प तक का मह व। ऊजा
व ृ ारोपण, वान प तक उ यान और पादपालय।
5. आकारजनन:
पण
ू श तता, ुवणता, सम म त और वभेदन, को शका, ऊतक, अंग एवं जीव यक
संवधन। का यक संकर और य संकर, माइ ो ोपेगेशन, सोमा लोनल व वधता एवं
इसका अनु योग, पराग अगु णत, एि योरे यू व धयां एवं उनके अनु योग।

न प – 2
1. को शका जै वक :
को शका जै वक क व धयां, ा के क और सक
ु े क को शकाएं – संरचना मक और
परासंचना मक बार कयां, को शका बाहय आधा ी अथवा को शकाबाहय आ यह
ू (को शका
भ त) तथा झि लय क संरचना और काय-को शका आसंजन, झ ल अ भगमन तथा
आशयी अ भगमन, को शका अंगक (ह रत लवक सू क णकाएं, ईआर, डि टयोसोम,
राइबोसोम, अंत: काय, लयनकाय, परऑ सीसोम) क संरचना और काय, साइटो केलेटन
एवं माइ ोटयू यू स, के क, केि क, के क रं सि म , ोमे टन एवं
यिू लयोसोम। को शक संकेतन और को शका ाह , संकेत प र मण, समसू ण वभाजन,
को शका च का आण वक आधार, गण
ु सू म सं या मक और संरचना मक व भ ताएं
तथा उनका मह व, ोमे टन यव था एवं जीनोम संवे टन, पॉ लट न गण
ु सू , बी-गण
ु सू -
संरचना यवहार और मह व।
2. आनव
ु ं शक , आि वक, जै वक और वकास :
आनव
ु ं शक का वकास और जीन बनाम यु म वक पी अवधारण(कूट वक पी),
प रमाणा मक आनव
ु ं शक तथा
बहुकारक अपण ू भा वता, बहुजन नक वंशाग त,
बहु वक पी सहल नता तथा व नयम-आि वक मान च (मान च काय क अवधारणा)
स हत जीन मान च ण क व धयां, लंग गण ु सू तथा लंग सहल न वंशाग त, लंग
नधारण और लंग वभेदन का आि वक आधार, उ प रवतन (जैव रासाय नक और
आि वक आधार) को शका यी वंशाग त एवं को शका यी जीन (नर बं यता क
आनव
ु ं शक स हत)।

यू ल य अ ल और ोट न क संरचना तथा सं लेषण, आनव


ु ं शक कूट और जीन
अ भ यि त का नयमन, जीन नीरवता, बहुजीन कुल, जैव वकास- माण, या व ध तथा
स धांत, उदभव तथा वकास म आरएनए क भू मका।
57
3. पादप जनन, जैव ौ यो गक तथा जैव सांि यक :
पादप जनन क व धयां-आ वेश, चयन तथा संकरण। (वंशावल , तीप संकर, सामू हक
चयन यापक प ध त) उ प रवतन, बहुगु णता, नरबं यता तथा संकर ओज जनन। पादप
जनन म असंगजनन का उपयोग। डीएनए अनु मण, आनव ु ं शक इंजी नयर -जीन
अंतरण क व धयां, पारजीनी स य एवं जैव सरु ा पहल,ू पादप जनन म आि वक
च क का वकास एवं उपयोग। उपकरण एवं तकनीक- ोब, द णी लाि टं ग, डीएनए
फं गर ं टग, पीसीआर एवं एफआईएसएच, मानक वचलन तथा वचरण गण
ु ांक (सीबी),
साथकता पर ण, (जैड-पर ण, ट -पर ण तथा काड-वग पर ण), ाथ मकता तथा
बंटन (सामा य, वपद तथा वास बंटन) संबध
ं न तथा समा यण।
4. शर र या व ान तथा जैव रसाय नक :
जल संबध
ं , ख नज पोषण तथा ऑयन अ भगमन, ख नज यन
ू ताएं, काश सं लेषण-
काश रसाय नक अ भ याएं, फोटो फो फो रलेशन एवं काबन फ सेशन पाथवे, सी 3, सी
4 और कैम दशामाग, लोएम प रवहन क या व ध, वसन ( क वन स हत
अवायज
ु ीवीय और वायज
ु ीवीय) - इले ॉन अ भगमन ख
ंृ ला और ऑ सीकरणी
फो फो रलेशन, फोटो वसन, रसोपरासरणी स धांत तथा एट पी सं लेषण, ल पड
उपापचय, नाइ ोजन उपापचय, क व, सह क व, ऊजा अंतरण तथा ऊजा संर ण।
वतीयक उपापचय का मह व, काश हय के प म वणक ( लैि ट डयल वणक तथा
पादप वणक), पादप संचलन द ि तका लता तथा पु पन, बसंतीकरण, जीणन, व ृ ध पदाथ-
उनक रासाय नक कृ त, कृ ष बागवानी म उनक भू मका और अनु योग, व ृ ध संकेत,
व ृ धग तयां, तबल शार रक (ताप, जल, लवणता, धात)ु , फल एवं बीज शार रक बीज
क सिु त, भंडारण तथा उनका अंकुरण फल का पकना-इसका आि वक आधार तथा
मै नपल
ु ेशन।
5. पा रि थ तक तथा पादप भग
ू ोल:
प रतं क संक पना, पा रि थ तक कारक, समद
ु ाय क अवधारणाएं और ग तक पादन,
अनु मण जीव मंडल क अवधारणा प रतं , संर ण दष
ू ण और उसका नयं ण
(फाइटोरे म डएशन स हत) पादप सच
ू क पयावरण, (संर ण) अ ध नयम।

भारत म वन के प - वन का प रि थ तक एवं आ थक मह व, वनरोपण, वनो मल


ू न
एवं सामािजक वा नक संकटाप न पौधे, था नकता, IUCN को टयां, रे ड डाटा बक
ु , जैव
व वधता एवं उसका संर ण, संर त े नेटवक, जैव व वधता पर स मेलन, कसान
के अ धकार एवं बौ धक संपदा अ धकार, संपोषणीय वकास क संक पना, जैव-भ-ू
रासाय नक च , भम
ू ड
ं ल य तापन एवं जलवायु प रवतन, सं ामक जा तयां, पयावरणीय
भाव मू यांकन, भारत के पादप भग
ू ोल य े ।

रसायन व ान
न प – 1

1. परमाणु संरचना : वांटम स धांत, हाइसेन वग का अ न चतता स धांत, ी डंगर तरं ग


58
समीकरण (काल अना त) तरं ग फलन क या या, एकल वमीय बॉ स म कण, वाटं म
सं याएं, हाइ ोजन परमाणु तंरग फलन S, P और D क क क आकृ त।
2. रसायन आबंध : आयनी आबंध, आयनी यो गक के अ भल ण, जालक ऊजा, बानहेबर
च ; सहसंयोजक आबंध तथा इसके सामा य अ भल ण, अणुओं म आबंध क ुवणता
तथा इसके व ुव अपण
ू संयोजी आबंध स धांत, अनन
ु ाद तथा अनन
ु ाद ऊजा क
अवधारणा, अणु क क स धांत (LCAO प ध त); H2+, H2, He2+ से Ne2, NO, CO,
HF एवं CN*** संयोजी आबंध तथा अणक
ु क स धांत क तल
ु ना, आबंध को ट, आबंध
साम य तथा आबंध लंबाई।
3. ठोस अव था : टल, प ध त; टल फलक , जालक संरचनाओं तथा यू नट सेल का
प ट उ लेख, ेग का नयम, टल वारा X-रे ववतन; लोज प कग (ससंकु लत
रचना), अध यास अनप
ु ात नयम, सीमांत अध यास अनुपात मान के आकलन, NaCI,
ZnS, CsCI एवं CaF2, क संरचना, टाइ कयोमी क तथा नॉन- टाइ कयोमी क दोष
अशु धता दोष, अ धचालक।
4. गैस अव था एवं प रवहन प रघटना : वा त वक गैस क अव था का समीकरण, अंतरा
अणक
ु पार प रक या, गैस का वीकरण तथा ां तक घटना, मै सवेल का ग त
वतरण, अंतराणुक संघ ट द वार पर संघ ट तथा अ भ पंदन, ऊ मा चालकता एवं आदश
गैस क यानता।
5. व अव था : केि वन समीकरण, प ृ ठ तनाव एवं प ृ ठ ऊजा, आ क एवं सं पश कोण,
अंतराप ृ ठ य तनाव एवं को शका या।
6. ऊ माग तक : काय, ऊ मा तथा आंत रक ऊजा; ऊ माग तक का थम नयम,
ऊमाग तक का दस
ू रा नयम, एं ोपी एक अव था फलन के प म, व भ न म म
एं ॉपी प रवतन, एं ॉपी उ मणीयता तथा अनु मणीयता, मु त ऊजा फलन, अव था
का ऊ माग तक समीकरण, मै सवेल संबध
ं ; ताप, आयतन एवं U, H, A, G, Cp एवं
Cv,  एवं  क दाब नभरता; J-T भाव एवं यु मण ताप; सा य के लए नकष,
सा य ि थरारं क तथा ऊ माग तक य रा शय के बीच संबध
ं , ने ट ऊ मा मेय तथा
ऊ माग तक का तीसरा नयम।
7. ाव था सा य तथा वलयन : ला सयस- लो परन समीकरण, शु ध पदाथ के लए
ाव था आरे ख; वआधार प ध त म ाव था सा य, आं शक म णीय व-उ चतर तथा
न नतर ां तक वलयन ताप; आं शक मोलर रा शयं, उनका मह व तथा नधारण;
आ ध य ऊ माग तक फलन और उनका नधारण।
8. व यत
ु रसायन : बल व यतु अपघ य का डेबाई हुकेल स धांत एवं व भ न सा य
तथा अ धगमन गण
ु धम के लए डेबाइ हुकेल सीमांत नयम, गे वे नक सेल, सां ता सेल;
इले ोके मकल सीर ज, सेल के emf का मापन और उसका अनु योग; धन सेल तथा
बैट रयां, इलै ोड पर म; अंतरा प ृ ठ पर व तर; चाज ां फर क दर, व युत धारा
घन व; अ त वभव; वै युत व लेषण तकनीक; पोलरो ाफ , एंपरो मती, आयन वरणा मक
इले ोड एवं उनके उपयोग।
9. रासाय नक बलग तक : अ भ या दर क सां ता पर नभरता, शू य, थम, धतीय

59
तथा आं शक को ट क अ भ याओं के लए अवकल और समाकल दर समीकरण; उ म,
समा तर, मागत तथा ृ ला अ भ
ंख याओं के दर समीकरण; शाखन ख
ंृ ला एवं
व फोट; दर ि थरांक पर ताप और दाब का भाव, टॉपं लो और रले सेशन प ध तय
वारा त
ु अभ याओं का अ ययन। संघटन और सं मण अव था स धांत।
10. काश रसायन : काश का अवशोषण; व भ न माग वारा उ तेिजत अव था का
अवसान; हाइ ोजन और हेलोजन के म य काश रसायन अ भ या और उनक वांटमी
लि ध।
11. प ृ ठ य प रघटना तथ उ ेरकता : ठोस अ धशोषक पर गैस और वलयन का
अ धशोषण, लग यरू तथा BET अ धशोषण रे खा; प ृ ठ य े फल का नधारण; वषामांगी
उ ेरक पर अ भ या अ भल ण और या व ध।
12. जैव अकाब नक रसायन : जै वक तं म धातु आयन तथा भि त के पार आयन गमन
(आि वक या व ध) ; ऑ सीजन अपटे क ोट न, साइटो ोम तथा पेरोडोि सन।
13. सम वय रसायन :
(क) धातु संकुल के आबंध स धांत, संयोजकता आबंध स धांत, टल फ ड
स धांत और उसम संशोधन, धातु संकुल के चंब
ु क य तथा इले ा नक पे म क
या या के स धांत का अनु योग।
(ख) सम वयी यो गक म आइसोमे र म, सम वयी यो गक का IUPAC नामकरण; 4
तथा 6 समायोजन वाले संकुल का वम रसायन, कलेट भाव तथा बहुना भक य
संकुल; परा- भाव और उसके स धांत; वग समतल संकुल म त थाप नक
अभ याओं क बलग तक ; संकुल क तापग तक तथा बलग तक ि थरता।
(ग) मैटल काब नल क सं लेषण संरचना तथा उनक अ भ या मकता; काब ि सलेट
एनॉयन, काब नल हाइ ाइड तथा मैटल नाइ ोसीलयौ गक यौ गक।
(घ) एरोमे टक णाल के संकुल मैटल ओलो फन संकुल म सं लेषण, संरचना तथा बंध,
ए काइन तथा साय लोपटाडाय नक संकुल, सम वयी असंत ृ तता, आ सीडे टव
योगा मक अ भ याएं, नवेशन अ भ याएं, वाह अणु और उनका अ भल णन,
मैटल-मैटल आबंध तथा मैटल परमाणु गु छे वाले यौ गक।
14. मु य समह
ू रसाय नक : बोरे न, बोराजाइन, फा फेजीन एवं च य फा फेजीन, स लकेट
एवं स लकॉन, इंटरहैलोजन यौ गक; गंधक-नाइ ोजन यौ गक, नॉबल
ु गैस यौ गक।
15. F लॉक त व का सामा य रसायन : ल थेनाइड एवं ए ट नाइड; पथ
ृ करण, आ सीकरण
अव थाएं, चु बक य तथा पे मी गण
ु धम; लैथेनाइड संकुचन।

न प – 2

1. व था पत सहसंयोजक बंध : एरोमै टकता, तएरोमैटकता:, ए यल


ू न, एजुल न,
ोपोलो स, फु वीन, सडनोन।
2. (क) अभ या या व ध : काब नक अ भ याओं क या व धय के अ ययन क
सामा य व धयां (ग तक एवं गैर-ग तक दोन ), सम था नक व ध, ास-ओवर

60
योग, म यवत े पंग, वम रसायन, सं यण ऊजा, अभ याओं का
ऊ माग तक नयं ण तथा ग तक नयं ण।
(ख) अभ याशील म यवत : काब नयम आयन तथा कारबेनायन , मु त मल
ू क (
रे डकल) काब न बजाइन तथा नाइ े न का उ पादन, या म त, ि थरता तथा
अभ या।
(ग) त थापन अ भ याएं : SN1, SN2 एवं SNi या व धयां; तवेशी समह

भागीदार , पाइसेल, यरू न, थयोफ न, इंडोल जैसे हे ोसाइि लक यो गक स हत
ऐरोमे ट यौ गक क इले ो फ लक तथा यिू यो फ लक अ भ यां।
(घ) वलोपन अ भ याएं : E1, E2 तथा E1cb या व धयां; सेजेफ तथा हॉफसन E2
अभ याओं म दि व यास, पाइरो ल टक Syn वलोपन-चु गीव तथा कोप
वलोवन।
(ड.) संकलन अ भ याएं : C=C तथा C=C के लए इले ो फ लक संकलन, C=C तथा
C=N के लए यिू लयो फ लक संकलन, संयु मी ओ ल फ स तथा काब अ स।
(च) अभ याएं तथा पन
ु व यास : पनाकोल- पनाकोलोन, हॉफमन, बेकमन, बेयर
व लगर, फेबो क , ाइस, लेसेन, कोप, ट वज तथा वा नर-मेरबाइन
पन
ु व यास।
(छ) ए डोल संघनन, लैसेन संघनन, डीकमन, पर कन, नोवेनेजेल, वं टंग, ि लमसन,
वो फ कशनर, के नजार तथा फान-र टर अ भ याएं, टॉब, बैजोइन तथा
ए सलोयन संघनन, फशर इंडोल सं लेषण, ाप सं लेषण, व लर-ने परा क ,
सडमेयर, रे गेर टाइमन तथा रे फॉरमा क अ भ याएं।
3. प ररं भीय अ भ याएं : वग करण एवं उदाहरण; बड
ु वग-हॉफमैन नयम व युतच य
अभ याएं, च संकलन अ भ याएं (2+2 एवं 4+2) एवं स मा-अनव
ु तनी व थापन
(1,3; 3, 3 तथा 1,5) FMO उपगम।
4. (i) बहुलक का नमाण और गण ु धम : काब नक बहुलक-पो लिएथल न, पो ल टाइर न,
पोल वनाइल लोराइड, टे फलॉन, नाइलॉन, टे र ल न, संि ल ट तथा ाकृ तक रबड़।
(ii) जैवबहुलक : ोट न DNA, RNA क संरचनाएं।
5. अ भकारक के सं लेषक उपयोग : OsO4, HIO4 CrO3, Pb(OAc)4, SeO2, NBS, B2H6,
Na व अमो नया, LiALH4, NaBH4, Na-Buli, एवं MCPBA ।
6. काश रसायन : साधारण काब नक यौ गक क काश रासाय नक अ भ याएं, उ तेिजत
और न नतम अव थाएं, एकक और क अव थाएं, नो रश टाइप-I और टाइप-II
अभ याएं।
7. पे ो मक स धांत और संरचना के प ट करण म उनका अनु योग।
(क) घूण - वपरमाणुक अण;ु सम था नक त थापन तथा घण
ू ि थरांक।
(ख) कांप नक - वपरमाणुक अण,ु रै खक परमाणुक अण,ु बहुपरमाणुक अणुओं म
या मक समह
ू क व श ट आव ृ तयां।
(ग) इले ा नक : एकक और क अव थाएं : n   तथा   * सं मण;
संयिु मत वआबंध तथा संयिु मत कारबो नकल म अनु योग-वड
ु वड-फ शर नयम;

61
चाज अंतरण पे ा।
(घ) ना भक य चब
ंु क य अनन
ु ाद ( HNMR) : आधारभत
1
ू स धांत; रसाय नक श ट एवं
ि पन-ि पन अ यो य या एवं कप लंग ि थरांक।
(ड.) यमान पे ो म त : पैरट पीक, बेसपीक, मेटा टे बल पीक, मैक लैफट
पन
ु व यास।
स वल इंजी नयर
न प – 1

1. इंजी नयर यां क पदाथ साम य तथा संरचना मक व लेषण


1.1 इंजी नयर यां क :
मा क तथा वमाएं, SI मा क, स दश, बल क संक पना, कण तथा ढ़ पंड संक पना,
संगामी, असंगामी तथा समतल पर समांतर बल, बल आघण
ू , मु त पंड आरे ख, स तबंध
सा याव था, कि पत काय का स धांत, समतु य बल णाल ।
थम तथा वतीय े आघण
ू , यमान जड़ व आघण
ू थै तक घषण।
शु धग तक तथा ग तक :
कातीय नदशांक शु धग तक , समान तथा असमान वरण के अधीन ग त, गु वाधीन
ग त, कणग तक , संवेग तथा ऊजा स धांत, या था पंड का संघटन, ढ़ पंड का
घूणन।
1.2 पदाथ-सामथ
सरल तबल तथा वकृ त, या थ ि थरांक, अ त:भा रत संपीडांग, अप पण बल तथा
बंकन आघण
ू , सरल बंकन का स धांत, अनु थ काट का अप पण तबल वतरण,
सामा य धरण।
धरण व ेप : मैकाले व ध, मोर क आघण
ू े व ध, अनु प धरण व ध, एकांक भार
व ध, शा ट क ऐंठन, तंभ का या थ था य व, आयलर, रे नकाईन तथा सीकेट सू ।
1.3 संरचना मक: व लेषण :
काि ट लयानोस मेय I तथा II, धरण और क ल सं धयु त कची म यु त संगत वकृ त
क एकांक भार व ध, ढाल व ेप, आघण
ू वतरण।
वेलन भार और भाव रे खाएं : धरण के प र छे द पर अप पण बल तथा बंकन आघण
ू के
लए भाव रे खाएं, ग तशील भार णाल वारा धरण च मण म अ धकतम अप पण बल
तथा बंकन आघण
ू हे तु मानदं ड, सरल आलं बत समतल क ल सं ध यु त कची हेतु भाव
रे खाएं।
डाट : क ल, वक ल तथा आब ध डाट-पशका
ु लंघीयन एवं तापमान भाव।
व लेषण क आ यह
ू व ध: अ नधा रत धरण तथा ढ़ ढांच का बल व ध तथा व थापन
व ध से व लेषण धरण और ढांच का लाि टक व लेषण : लाि टक बंकन स धांत,
लाि टक व लेषण थै तक णाल ; यां क व ध।
असम मत बंकन : जड़ व आघण
ू , जड़ व उ पाद, उदासीन अ और मख
ु अ क ि थ त,
बंकन तबल क प रगणना।

62
2. संरचना अ भक प : इ पात, कं ट तथा चनाई संरचना।
2.1 संरचना मक इ पात अ भक प :
संरचना मक इ तात: सरु ा गुणक और भार गुणक। कव चत तथा वेि डग जोड़ तथा
संयोजन तनाव तथा सपीडांग इकाइय का अ भक प, संघ टत प र छे द का धरण, कव चत
तथा वेि डग लेट गडर, गद गडर, बैटन एवं ले संगयु त ट चयनस।
2.3 कं ट तथा चनाई संरचना का अ भक प : म अ भक प क संक पना, ब लत
ं ट: कायकार तबल तथा सीमा अव था व ध से अ भक प-, IS पिु तकाओं क
सफा रश , वन-वे- एवं टू-वे लैब क डज़ाइन, सोपान लैब, आयताकार T एवं L कांट
के सरल एवं सतत धरण, उ के ता स हत अथवा र हत य भार के अंतगत संपीडांग
इकाइयां, वल गत एवं संयु त नीव, कट ल वन एवं काउं टर फोट प तधारक भि त।
जलटं क ; प ृ वी पर रखे आयताकार एवं गोलाकार टं कय क अ भक पन आव यकताएं,
पण
ू तब लत कं ट: पव
ू तब लत के लए व धयां और णा लय , ि थरक थान,
कायकार तबल आधा रत आन त के लए प र छे द का व लेषण और अ भक प, पव

तब लत हा न।
3. तरल यां क , मु त वा हका वाह एवं वचा लत मशीन
3.1 तरल यां क :
तरल गण
ु धम तथा सरल ग त म उनक भू मका, तरल थै तक िजसम समतल तथा व
सतह पर काय करने वाले बल भी शा मल ह। तरल वाह क शु धग तक एवं ग तक :
वेग और वरण, स रता रे खाएं, सात य समीकरण, आघण
ू तथा घण
ू वाह, वेग वभव
एवं स रता फलन सांत य संवेग एवं ऊजा समीकरण, ने वयर टो स समीकरण, आयलर
ग त समीकरण, तरल वाह, लइ
ू ट गेट, वयर।
3.2 वमीय व लेषण एवं सम पता :
ब कं घम Pi- मेय, वमार हत ाचल।
3.3 तर य वाह:
समांतर, अचल एवं चल लेट के बीच तर य वाह, यूब वारा वाह।
3.4 प रसीमा परत :
चपट लेट पर तर य एवं व ु घ प रसीमा परत, तर य उपपरत, मसण
ृ एवं
प रसीमाए, वकष एवं ल ट।
पाइप वारा व ु ध वाह: व ु ध वाह के अ भल ण, वेग वतरण एवं पाइप घषण
गण
ु क क व वधता, जलदाब वणता रे खा तथा पण
ू ऊजा रे खा।
3.5 मु त वा हका वाह :
समान एवं असमान वाह, आघण
ू एवं ऊजा संशु ध गण
ु क, व श ट उजा तथा व श ट
बल, ां तक गहराई, ती प रवत वाह, जलो छाल, मश: प रवत वाह, प ृ ठ
प र छे द का वग करण, नयं ण काट, प रवत वाह समीकरण के समाकलन क सोपान
व ध।
3.6 वचा लत यं तथा जलशि त:
वचा लत टरबाइन, ा प वग करण, टरबाइन चयन न पादन ाचल, नयं ण,

63
अ भल ण, व श ट ग त, जलशि त वकास के स धा त।
4. भ-ू तकनीक इंजी नयर :
मद
ृ ा के कार एवं संरचना, वणता तथा कण आकार वतरण, गाढ़ता सीमाएं, मद
ृ ा जल
को शक य तथा सरंचना मक भावी तबल तथा रं जल दाब, योगशाला नधारण,
रसन दाब, बालु पंक अव था-कतन साम य पर ण-मोर कुलांब संक पना–मद
ृ ा संहनन-
योगशाला एवं े पर ण, संपीड़यता एवं सं पंडन संक पना सं पंडन स धांत संपीड़यता

ि थरण व लेषण, भद
ू ाब स धांत एक तधारक भ त के लए व लेषण, चादर
थण
ू ा भ त एवं बंधनयु त खनन के लए अनु योग मद
ृ ा धारण मता व लेषण के
उपागम - े पर ण - ि थरण व लेषण - भग
ू मन ढाल का था य व, मद
ृ ाओं क
अपप ृ ठ खनन व धयां।
नींव संरचना, नींव के कार एवं चयन मापदं ड -नींव अ भक प।
मापदं ड–पाद एवं पाइल तबल वतरण व लेषण, पाइल समह
ू काय-पाइल भार पर ण
भत
ू ल सध
ु ार व धयां।

न प – 2

1. नमाण तकनीक , उपकरण, योजना और बंध:


1.1 नमाण तकनीक :
इंजी नयर साम ी:
नमाण साम ी के नमाण म उनके योग क ि ट से भौ तक गण
ु धम: प थर, ट तथा
टाइल, चूना, सीमट तथा व वध सरु खी मसाला एवं कं ट, लोह सीमट के वश ट
उपयोग, तंतु ब लत C.C., उ च साम य कं ट, इमारती लकड़ी: गण
ु धम एवं दोष,
सामा य संर ण, उपचार।
कम लागत के आवास, जन आवास, उ च भवन जैसे वशेष उपयोग हे तु साम ी उपयोग
एवं चयन ।
1.2 नमाण:
ट प थर लाक के उपयोग के चनाई स धांत- नमाण व तारण एवं साम य
अ भल ण।
ला टर, वाइं टंग, लो रंग, फं ग एवं नमाण अ भल ण के कार।
भवन के सामा य मर मत काय।
र हवास एवं वशेष उपयोग के लए भवन क काया मक योजना के स धांत-भवन कोड
उपबंध।
व तत
ृ एवं लगभग आकलन के आधारभत
ू स धांत – व नदश लेखन एवं दर व लेषण-
थावर
स पि त मू यांकन के स धांत।
मद
ृ ाबंध के लए मशीनर , कं टकरण एवं उनका व श ट उपयोग- उपकरण चयन को
भा वत करने वाले कारक – उपकरण क चालन लागत।

64
1.3 नमाण योजना एवं बंध:
नमाण कायकलाप-काय म - नमाण उ योग का संगठन - गण
ु ता आ वासन स धांत,
नेटवक के आधारभत
ू स धांत का उपयोग, CPM एवं PERT के प म व लेषण -
नमाण मॉनीटर , लागत इ टतमीकरण एवं संसाधन नयतन म उनका उपयोग, आ थक
व लेषण एवं व ध के आधारभत
ू स धांत। प रयोजना लाभदायकता -
व तीय योजना के बट
ू उपागम के आधारभत
ू स धांत सरल टौल नयतीकरण मानदं ड।
2. सव ण एवं प रवहन इंजी नयर
2.1 सव ण:
CE काय क दरू एवं कोण मापने क सामा य व धयां एवं उपकरण, लेन टे बल म
उनका उपयोग, च म सव ण समतलन, कोणन, परे खण एवं थलाकृ तक मान च ,
फोटो ाम म त एवं दरू -संवेदन के सामा य स धांत।
2.2 रे लवे इंजी नयर :
थायी पथ अवयव, कार एवं उनके कायटन एवं ा संग के काय एवं अ भक प घटक
- ै क के भू मतीय अ भक प क आव यकता – टे शन एवं याड का अ भक प।
2.3 राजमाग इंजी नयर :
राजमाग संरेखन के स धांत, सड़क का वग करण एवं या म तक अ भक प अवयव एवं
सड़क के मानक, न य एवं ढ कु टम हे तु कु टम संरचना, कु टम के अ भक प
स धांत एवं याप ध त, पी नमाण व धयां एवं थायीकृत मद
ृ ा, WBM बटुमेनी
नमाण एवं CC सड़क के लए साम ी, ब ह तल एवं अध तल अपवाह व यास-पु लस
सरं चनाएं, कु टम व ोभ एवं उ ह उप रशायी वारा मजबत
ू ी दान करना। यातायात
सव ण एवं यातायात आयोजना म उनके अनु योग- णा लत, इ टरसे शन एवं घूण
आ द के लए अ भक प वशेषताएं – सगनल अ भक प - मानक यातायात च ह एवं
अंकन।
3. जल व ान, जल संसाधन एवं इंजी नयर
3.1 जल व ान:
जल य च , अव ेपण, वा पीकरण, वा पो सजन, अंत: यदन, अ धभार वाह, जलारे ख,
बाढ़ आव ृ त व लेषण, जलाशय वारा बाढ़ अनश
ु ीलन, वा हका वाह मागा भगमन-
मि कं म व ध।
3.2 भ-ू तल वाह:
व श ट लि ध, संचयन गण
ु ांक, पारग यता गण
ु ांक, प र ध तथा अप र ध ि थ तय के
अंतगत एक कूप के भीतर अर य वाह ।
3.3 जल संसाधन इंजी नयर :
भू तथा धरातल जल संसाधन, एकल तथा बहुउ दे शीय प रयोजनाएं, जलाशय क संचयन
मता, जलाशय हा नयां, जलाशय अवसादन ।
3.4 संचाई इंजी नयर :
(क) फसल के लए जल क आव यकता: यी उपयोग, कृ त तथा डे टा, संचाई के
तर के तथा उनक द ताएं।

65
(ख) नहर: नहर संचाई के लए आबंटन प ध त, नहर मता, नहर क हा नयां, मु य
तथा वत रका नहर का संरेखन-अ य धक द काट, अ त रत नहर, उनके
डजाइन, रजीम स धांत, ां तक अप पण तबल, तलभार।
(ग) जल- तता: कारण तथा नयं ण, लवणता।
(घ) नहर संरचना: अ भक प, दाबो चता नयामक, नहर पात, जलवाह सेत,ु
अवन लका एवं नहर वकास का मापन।
(ड.) वप रवत शीष काय: पारग य तथा अपारग य नीव पर बा धका के सं धांत
और डजाइन, खोसला स धांत, ऊजा य ।
(च) संचयन काय: बॉध क क म, डजाइन, ढ़ गु व के स धांत, था य व
व लेषण।
(छ) उ लव माग: उ लव माग के कार, ऊजा य।
(ज) नद श ण: नद श ण के उ दे य, नद श ण क व धयां।
4. पयावरण इंजी नयर :
4.1 जल पू त:
जल मांग क ागिु त, जल क अशु धता तथा उसका मह व, भौ तक रासाय नक तथा
जीवाणु व ान संबध
ं ी व लेषण, जल से होने वाल बीमा रय , पेय जल के लए मानक।
4.2 जल का अंत हण:
जल उपचार : कंदन के सं धांत, ऊणन तथा सादन, मंद-, त
ु -, दाब फ टर,
लोर नीकरण, मद
ृ क
ू रण, वाद, गंध तथा लवणता को दरू करना।
4.3 वा हत मल यव था :
घरे लू तथा औ यो गक अप श ट, झंझावात वा हत मल-पथ
ृ क और संयु त णा लयां,
सीवर वारा बहाव, सीवर का डजाइन।
4.4 सीवेज ल ण :
BOD, COD, ठोस पदाथ, वल न ऑ सीजन, नाइ ोजन और TOC सामा य जल माग
तथा भू म पर न कासन के मानक।
4.5 सीवेज उपचार :
कायकार नयम, इकाइयां, को ठ, आवसादन टक, वापी फ टर, आ सीकरण पोखर,
उ े रत अवपंक या, सैि टक टक, अवपंक न तारण, अव श ट जल का पन
ु : चालन।
4.6 ठोस अप श ट :
गांव और शहर म सं हण एवं व तारण, द घकाल न कु भाव का बंध।
5. पयावरणीय दष
ू ण :
अवलं बत वकास, रे डयोऐि टव अप श ट एवं न कासन, उ मीय शि त संय खान ,
नद घाट प रयोजनाओं के लए पयावरण संबध
ं ी भाव मू यांकन, वायु दष
ू ण नयं ण
अ ध नयम।
वा ण य एवं लेखा व ध
न प - 1
भाग ‘1’

66
लेखाकरण, कराधान एवं लेखापर ण
1. व तीय लेखाकरण :
व तीय सच
ू ना णाल के प म लेखाकरण; यवहारपरक व ापन का भाव/ लेखाकरण
मानक, उदहारणाथ मू य ास के लए लेखाकरण, मालसू चयां, अनस
ु ध
ं ान एवं वकास
लागत, द घाव ध नमाण सं वदाएं, राज व क पहचान, ि थर प रसंप यां, आकि मकताएं,
वदे शी मु ा के लेन-दे न, नवेश एवं सरकार अनद
ु ान, नकद वाह ववरण, तशेयर
अजन।
बोनस शेयर, राइट शेयर, कमचार स ्टॉक तभू तय क वापसी खर द (बाई-बैक) समेत
शेयर पज
ूं ी लेन-दे न का लेखाकरण।
कंपनी अं तम लेखे तैयार करना एवं तत
ु करना।
कंप नय का समामेलन, आमेलन एवं पन
ु नमाण।
2. लागत लेखाकरण :
लागत लेखाकरण का व प और काय। लागत लेखाकरण णाल का सं थापन, आय
मापन से संबं धत लागत संक पनाएं, लाभ आयोजन, लागत नयं ण एवं नणयन।
लागत नकालने क व धयां: जॉब लागत नधारण, या लागत नधारण कायकलाप
आधा रत लागत नधारण। लाभ आयोजना के उपकरण के प म प रमाण-लागत-लाभ
संबध
ं ।
क मत नधारण नणय के प म वा षक व लेषण/ वभेदक लागत नधारण, उ पाद
नणय, नमाण या य नणय, ब द करने का नणय आ द, लागत नयं ण एवं
यन
ू ीकरण क व धयां: योजना एवं नयं ण के उपकरण के प म बजटन, मानव
लागत नधारण एवं सारण व लेषण, उ तरदा य व लेखाकरण एवं भागीय न पादन
मापन।
3. कराधान:
आयकर: प रभाषाएं: भार का आधार: कुल आय का भाग न बनने वाल आय, व भ न
मद , अथात वेतन, गह
ृ संप से आय, यापार या यवसाय से ाि तयां और लाभ,
पज
ूं ीगत ाि तयां, अ य ोत से आय, नधा रती क कुल आय म शा मल अ य
यि तय क आय, हा नय का समंजन एवं अ नयन।
आय के सकल योग से कटौ तयां।
मू य आधा रत कर (VAT) एवं सेवाकर से संबं धत मख
ु वशेषताएं/उपबंध।
4. लेखा पर ण:
कंपनी लेखा पर ा: वभा य लाभ से संबं धत लेखा पर ा, लाभांश, वशेष जांच, कर
लेखा पर ा।
ब कं ग, बीमा एवं अ-लाभ संगठन क लेखा पर ा, पव
ू सं थाएं/ यास/संगठन।

भाग '2'
व तीय बंध, व तीय सं थान एवं बाजार
1. व तीय बंध:
व त काय: व तीय बंध का व प, दायरा एवं ल य: जो खम एवं वापसी संबध
ं ,
67
व तीय व लेषण के उपकरण: अनप
ु ात व लेषण, न ध वाह एवं रोकड़ वाह ववरण।
पज
ंू ीगत बजटन नणय: या, व धयां एवं आकलन व धयां जो खम एवं अ नि चतता
व लेषण एवं व धयां।
पज
ूं ी क लागत: संक पना, पज
ूं ी क व श ट लागत एवं तु लत औसत लागत का
अ भकलन, इि वट पज
ूं ी क लागत नधा रत करने के उपकरण के प म CAPM
व तीय नणय: पज
ूं ी संरचना का स धांत- नवल आय (NI) उपागम, नवल चालन आय
(NOI) उपागम, MM उपागम एवं पारं प रक उपागम।
पज
ूं ी संरचना का अ भक पन : लवरे ज के कार ( चालन, व तीय एवं संयु त) EBIT–
EPS व लेषण एवं अ य कारक, लाभांश नणय वं फम का मू यांकन: वा टर का
मॉडेल, MM थी सस, गोडन का मॉडल, लटनर का मॉडल, लाभांश नी त को भा वत
करने वाले कारक।
कायशील पज
ूं ी बंध: कायशील पज
ूं ी आयोजना।
कायशील पज
ूं ी के नधारक: कायशील पज
ूं ी के घटक रोकड़ माल सच
ू ी एवं ा य।
वलयन एवं प र हण पर एका कंपनी पन
ु संरचना (केवल व तीय प रपे य)
2. व तीय बाजार एवं सं थान:
भारतीय व तीय यव था: वहंगावलोकन।
मु ा बाजार: सहभागी संरचना एवं प / व तीय बक।
ब कं ग े म सध
ु ार, भारतीय रजव बक क मौ क एवं ॠण नी त, नयामक के प म
भारतीय रजव बक।
पज
ंू ी बाजार ाथ मक एवं वतीयक बाजार; व तीय बाजार प एवं नव या मक ॠण
प ; नयामक प म SEBI व तीय सेवाएं: यच
ु ुअल फं स, जो खम पज
ूं ी, साख मान
अ भकरण, बीमा एवं IRDA ।
न प – 2
भाग ‘1’
संगठन स धांत एवं यवहार, मानव संसाधन बंध एवं औ यो गक संबध

संगठन स धांत एंव यवहार
1. संगठन स धांत:
संगठन स धांत:
संगठन का व प एवं संक पना; संगठन के बा य प रवेश - ौ यो गक य, सामािजक
राजनै तक, आ थक एवं व धक; सांगठ नक ल य - ाथ मक एवं वतीयक ल य, एकल
एवं बहुल ल य; उ दे याधा रत बंध/संगठन स धांत का वकास: ला सक ,
नव ला सक एवं णाल उपागम।
संगठन स धांत क आधु नक संक पना, सांगठ नक अ भक प, सांगठा नक संरचना एवं
सांगठ नक सं कृ त, सांगठ नक अ भक प: आधारभत
ू चुनौ तयां; पथ
ृ क करण एवं
एक करण या; के यकरण एवं वके यकरण या; कानक करण/
औपचा रक करण एवं पर पर समायोजन।
औपचा रक एवं अनौपचा रक संगठन का सम वय, यां क एवं सावयव संरचना।

68
सांगठ नक संरचना का अ भक पन– ा धकार एवं नयं ण; यवसाय एवं टाफ काय,
वशेष ता एवं सम वय, सांगठ नक संरचना के कार – काया मक।
आधा ी संरचना, प रयोजना संरचना, शि त का व प एवं आधार, शि त के ोत, शि त
संरचना एवं राजनी त, सांगठ नक अ भक प एवं संचार पर सच
ू ना ौ यो गक का भाव,
सांगठ नक सं कृ त का बंधन।
2. संगठन यवहार:
अथ एवं संक पना; संगठन म यि त: यि त व, स धांत एवं नधारक; य ण-अथ
एवं या, अ भ ेरण: संक पना, स धांत एवं अनप
ु योग, नेत ृ व- स धांत एवं शै लयां,
कायजीवन क गण
ु वता (QWL): अथ एवं न पादन पर इसका भाव, इसे बढ़ाने के
तर के, गण
ु व ता च (Q C) - अथ एवं उनका मह व, संगठन म वं व का ब ध,
लेन-दे न व लेषण, सांगठ नक भावका रता, प रवतन का बंध।
भाग '2'
मानव संसाधन बंध एवं औ यौ गक संबध

1. मानव संसाधन बंध (HRM) :


मानव संसाधन बंध का अथ, व प एवं े , मानव संसाधन आयोजना, जॉब व लेषण,
जॉब ववरण, जॉब व नदे शन, नयोजन या, चयन या, अ भमख
ु ीकरण एवं
थापन, श ण एवं वकास या, न पादन आकलन एवं 360० फ ड बैक, वेतन एवं
मजदरू शासन, जॉब मू यांकन, कमचार क याण, पदो न तयां, थानांतरण एवं
पथ
ृ करण।
2. ओ यौ गक संबध
ं (IR) :
औ यो गक संबध
ं का अथ, व प, मह व एवं े , े ड यू नयन क रचना, े ड यू नयन
वधान, भारत म े ड यू नयन आंदोलन, े ड यू नयन क मा यता, भारत म नयम क
सम याएं, े ड यू नयन के आंदोलन पर उदार करण का भाव।
औ यो गक ववाद का व प: हड़ताल एवं तालाबंद , ववाद के कारण, ववाद का
नवारण एवं नपटारा, बंधन म कामगार क सहभा गता: दशन, तकाधार, मौजूदा ि थ त
एवं भावी संभावनाएं:
याय नणय एवं सामू हक सौदाकार
सावज नक उ यम म औ यो गक संबध
ं , भारतीय उ योगो म गैरहािजर एवं मक
आवत एवं उनके कारण और उपचार।
ILO एवं इसके काय।
अथशा
न प – 1
1. उ नत यि ट अथशा :
(क) क मत नधारण के माश लयन एवं वालरा सयम उपागम।
(ख) वैकि पक वतरण स धांत : रकॉड का डोर, कल क ।
(ग) बाजार संरचना: एका धकार तयो गता, वअ धकार, अ पा धकार।

69
(घ) आधु नक क याण मानदं ड: परे टो ह स एवं सतोव क , ऐरो का असंभावना मेय,
ए.के. सैन का सामािजक क याण फलन।
2. उ नत समि ट अथश :

नयोजन आय एवं याज दर नधारण के उपागम: ला सक , क स (IS-LM) व


नव ला सक सं लेषण एवं नया ला सक , याज दर नधारण एवं याज दर संरचना के
स धांत।
3. मु ा बै कं ग एवं व त:

(क) मु ा क मांग क पू त : मु ा का मु ा गण
ु क मा ा स धांत ( फशर, पीक
ाइडमैन) तथा क न का मु ा के लए मांग का स धांत, बंद और खल

अथ यव था म मु ा बंधन के ल य एवं साधन, के य बक और खजाने के बीच
संबध
ं , मु ा क व ृ ध दर पर उ चतम सीमा का ताव।
(ख) लोक व त और बाजार अथ यव था म इसक भू मका: परू के वीकरण म,
संसाधन का व नधान और वतरण और संव ृ ध, सरकार राज व के ोत, कर
एवं उपदान के प, उनका भार एवं भाव, कराधान क सीमाएं, ऋण, ाउ डंग
आउट माण एवं ॠण लेने क सीमाएं, लोक यय एवं उसके भाव।
4. अंतरा य अथश :
(क) अंतरा य यापार के परु ाने और नए स धांत
(i) तल
ु ना मक लाभ
(ii) यापार शत एवं ताव व
(iii) उ पाद च एवं नणायक यापार स धांत
(iv) यापार, संव ृ ध के चालक के प म और खल
ु अथ यव था म अव वकास
के स धांत
(ख) संर ण के व प : टै रफ एवं कोटा
(ग) भग
ु तान शेष समायोजन; वैकि पक उपागम
(i) क मत बनाम आय, नयम व नयम दर के अधीन आय के समायोजन।
(ii) म त नी त के स धांत।
(iii) पज
ूं ी च ल गण
ु ता के अधीन व नयम दर समायोजन।
(iv) वकासशील दे श के लए तरती दर और उनक वव ा, मु ा(करसी) बोड।
(v) यापार नी त एवं वकासशील दे श।
(vi) BPO, खुल अथ यव था समि ट मॉडल म समायोजन तथा नी त
सम वय।
(vii) स टा।
(viii) यापार गुट एवं मौ क संघ।
(ix) व व यापार संगठन (WTO) TRIM, TRIPS, घरे लू उपाय WTO बातचीत
के व भ न च ।
5. संव ृ ध एवं वकास:

70
(क) (i) संव ृ ध के स धांत; हैरॅड का मॉडल
(ii) अ धशेष मक के साथ वकास का यइ
ू स मॉडल
(iii) संतु लत एवं असंतु लत संव ृ ध
(iv) मानव पज
ूं ी एवं आ थक व ृ ध
(ख) कम वक सत दे श का आ थक वकास का म: आ थक वकास एवं संरचना
प रवतन के वषय म म डल एवं कुजम स, कम वक सत दे श के आ थक वकास
म कृ ष क भू मका।
(ग) आ थक वकास एवं अंतराय यापार एवं नवेश, बहुरा य क भू मका।
(घ) आयोजना एवं आ थक वकास: बाजार क बदलती भू मका एवं आयोजना, नजी
सरकार साझेदार ।
(ड.) क याण संकेतक एवं व ृ ध के माप - मानव वकास के सच
ू क, आधारभत

आव यकताओं का उपागम।
(च) वकास एवं पयावरणी धारणीता- पन
ु नवीकरणीय एवं अपन
ु नवीकरणीय संसाधन,
पयावरणी अपकष, अंतर पीढो इि वटो वकास।

न प – 2
1. वतं तापव
ू युग म भारतीय अथ यव था :
भू म णाल एवं इसके प रवतन, कृ ष का वा ण यीकरण, अपवहन स धांत, अबधंता
स धांत एवं समालोचना, नमाण एवं प रवहन: जूट, कपास, रे लवे मु ा एवं साख।
2. वतं ता के प चात ् भारतीय अथ यव था :
क. उदार करण के पव
ू का यग
ु :
(i) वक ल, गाड गल एवं वी. के. आर. वी. आर. के योगदान।
(ii) कृ ष: भू म सध
ु ार एवं भू म प टा णाल , ह रत ाि त एवं कृ ष म पज
ंू ी
नमाण।
(iii) संघटन एवं संव ृ ध म यापार व ृ तयां, सरकार एवं नजी े क क भू मका,
लघु एवं कुट र उ योग।
(iv) रा य एवं त यि त आय: व प, व ृ तयां, सकल एवं े क य संघटन तथा
उनम प रवतन।
(v) रा य आय एवं वतरण को नधा रत करने वाले थल
ू कारक, गर बी के माप,
गर बी एवं असमानता म व ृ तयां।
ख. उदार करण के प चात ् का यग

(i) नया आ थक सध
ु ार एवं कृ ष: कृ ष एवं WTO, खा य सं करण, उपदान, कृ ष
क मत एवं जन वतरण णाल , कृ ष संव ृ ध पर लोक यय का समाघात।
(ii) नई आ थक नी त एवं उ योग: औ यो गक नजीकरण, व नवेश क काय नी त,
वदे शी य
नवेश तथा बहुरा य क भू मका।
(iii) नई आ थक नी त एवं यापार: बौ धक संपदा अ धकार: TEIPS, TRIMS, GATS
तथा EXIM नई नी त क वव ाएं।
71
(iv) नई व नयम दर यव था आं शक एवं पण
ू प रवतनीयता।
(v) नई आ थक नी त एवं लोक व त: राजकोषीय उ तरदा य व अ ध नयम, बारहवां
एवं व त आयोग एवं राजकोषीय संघवाद का राजकोषीय समेकन।
(vi) नई आ थक नी त एवं मौ क णाल , नई यव था म RBI क भू मका
(vii) आयोजन के य आयोजन से सांके तक आयोजन तक, वके कृत आयोजना और
संव ृ ध हेतु बाजार एवं आयोजना के बीच संबध
ं : 73 वां एवं 74 वां सं वधान
संशोधन।
(viii) नई आ थक नी त एवं रोजगार : रोजगार एवं गर बी, ामीण मजदरू , रोजगार
सज
ृ न, गर बी उ मल
ू न योजनाएं, नई ामीण रोजगार गारं ट योजना।
वै यत
ु इंजी नयर
न प -1
1. प रपथ- स धांत

व युत अवयव, जाल लेखा च , केि वन धारा नयम, केि वन बो टता नयम: प रपथ
व लेषण: आधारभत
ू जाल मेय तथा अनु योग : णका व लेषण: RL, RC तथा RLC
प रपथ: याव य थायी अव था व लेषण;. अनुनाद प रपथ: युि मत प रपथ: संतु लत
कला प रपथ, वकारक जाल।
2. संकेत एवं तं :

सतत काल एवं वव त-काल संकेत एवं तं का न पण: रे खत काल न चर तं ,


संवलन आवेग अनु या : संवलन एवं अवकलन अंतर समीकरण पर आधा रत रै खक
काल न चर तं का समय े व लेषण, फु रए पा तर, ले लास पांतर, जैड़- पांतर,
अंतरण फलन संकेत का तचयन एवं उनक त ाि त , वव त कालतं के वार
तु य प संकेत का DFT, FFT संसाधन।
3. व युत चु बक य स धांत:

मै सवेल समीकरण, प रब ध मा यम म तरं ग संरचना प रसीमा अव थाएं, समतल तरं ग


का परावतन एवं अपवतन, संचरण लाइन: गामी एवं अ गामी तरं ग, त बाधा
ततल
ु न, ि मथ चाट,
4. तु य एवं इले ॉ नक :
अ भल ण एवं डायोड का तु य प रपथ (वह
ृ त एवं लघु संकेत), वसं ध ांिज टर, सं ध
े भाव ांिज टर एवं धातु आ साइड सा मचालक े भाव ांिज टर, डायोड प रपथ,
कतन, ामी, द टकार , अ भन तकरण एवं अ भनीत था य व, े भाव ांिज टर
वधक, धारा दपण, वधक: एकल एवं बहुचरणी अवकल, स या मक पनु नवेश एवं
शि त बंधक का व लेषण, बंधक क आव ृ त, अनु या मक सं या मक बंधक
प रपथ, नि यंदक, याव य दो ल : दोलन के लए कसौट , एकल ांिज टर और
सं या मक वधक व यास, फलन ज न एवं तरं ग प रपथ, रै खक एवं ि वचन व युत
दाय।

72
5. अंक य इले ॉ नक :
बल
ू य बीजावल , बल
ू य फलन का यन
ू तमीकरण: तक वार, अंक य समाक लत प रपथ
कुल (DTL, TTL, ECL, MOS, CMOS) संयु त प रपथ: अंक ग णतीय प रपथ, कोड
प रवतक, म ट लेय सर एवं वको ड ,
अनु मक प रपथ: चटखनी एवं थपथप, ग ण एवं व थापन पंजीयक, तुल न
काल नयामक बहुकं प तदश एवं धारण प रपथ तु य प अंक य प रवत (ADC) एवं
अंक य तु य प प रवतक (DAC) सा मचालक म ृ तयां मत यिु तय का योग
करते हुए तक काया वयन (ROM, PLA, FPGA)
6. ऊजा पांतरण:
वै यत
ु यां क ऊजा पांतरण के सं धांत: धू णत मशीन म बल आघण
ू एवं व यत

चु बक य बल, द.धा. मशीन: अ भल ण एवं न पादन व लेषण, मोटर का ारं भन एवं
ग त नयं ण, प रणा म : चालन एवं व लेषण के स धांत: व नयमन द ता : कला
प रणा म : कला ेरण मशीन एवं तु यका नक मशीन: अ भल ण एवं न पादन
व लेषण, ग त नयं ण।
7. शि त इले ॉ नक एवं व यत
ु चालन :
सा मचालक शि त युि तयां : डायोड, ांिज टर, थाइ र टर, ायक, GTO एवं धातु
आ साइड सा मचालक े भाव ािज टर थै तक अ भल ण एवं चालन के स धांत,
ग रंग प रपथ कला नयं ण द टकार , सेतु प रवतक : पण
ू नयं त एवं अ ध नयं त
थाइ र टर चापर एवं तीपक के स धांत-DC प रवतक, प रवतक ि वच मोड इ वटर, dc
एवं ac मोटर चालन के ग त नयं ण क आधारभत
ू संक पना, वचरणीय चाल चालन के
अनु योग।
8. तु य प संचार :
या ि छक चर: सतत, वि त: ा यकता, ा यकता फलन, सां यक य औसत: ा यकता
नदश: या ि छक संकेत एवं रव: सम, रव, रवतु य बड चौड़ाई, रव स हत संकेत ेषण,
रव संकेत अनप
ु ात, रै खक cw मॉडुलन: आयाम मॉडुलन: वसाइड बड - एकल चैनल
(DSB- SC) एवं एकल साइड बड मॉडुलन एवं वमाडुलन कला और आव ृ त मॉडुलन: कला
मॉडुलन एवं आव ृ त मॉडुलन संकेत, संक ण बड आव ृ त मॉडुलन, आव ृ त मॉडुलन कला
मॉडुलन के लए जनन एवं संसच
ू न, व बलन, पव
ू बलन, संवाहक तरं ग मॉडुलन
(CWM) तं : परासंकरण अ भ ाह , आयाम मॉडुलन अ भ ाह , संचार अ भ ाह , आविृ त
मॉडुलन अ भ ाह , कला पा शत लप
ू , एकल साइड बड अ भ ाह , आयाम मॉडुलन एवं
आव ृ त मॉडुलन अ भ ाह , के लए सगनल–रव अनप
ु ात गणन।
न प – 2

1. नयं ण तं :
नयं ण तं के त व, खंड आरे ख न पण: खुलापाश एवं बंदपाश तं , पन
ु नवेश के
स धांत एवं अनु योग नयं ण तं अवयव, रै खक काल न चर तं : काल े एवं
पांतर े व लेषण, था य व: राउथ हर वज कसौट , मल
ू बंद ु पथ, बोडे आलेख एवं

73
पोलर आलेख नाइि वए ट कसौट , अ प चता तकारक अ भक पन समानु तक PI, PID,
नयं क: नयं ण तं का अव था - वचरणीय न पण एवं व लेषण।
2. माइ ो ोसेसर एवं माइ ोक यट
ू र :
PC, संघटन CPU अनद
ु े श सेट, रिज टर सेट, टाइ मंग आरे ख ो ामन अंतरानयन, मृ त
अंतराप ृ ठन, IO अंतराप ृ ठन ो ा मंग प रधीय यिु तयां।
3. मापन एवं मापयं ण :
ु ट व लेषण : धारा वो टता, शि त, ऊजा, शि त गण
ु क, तरोध, ेरक व, धा रत एवं
आव ृ त का मापन, सेतु मापन, स नल अनक
ु ू ल प रपथ, इले
ॉ नक मापन यं , बहुमापी
कैथोड़ करण आ सलो कोप, अंक य बो टमापी, आव ृ त ग णत Q माप, पे म व लेषक,
व पण मापी ां डयस
ू र, ताप वै यत
ु यु म, थ म टर, रे खीय प रवतनीय अवकल
ां डयूसर, वकृ त भावी, दाब व युत टल।
4. शि ततं : व लेषण एवं नयं ण :
सरोप र संरचण लाइन तथा केबल का थायी दशा न पादन, स य एवं तघाती
शि त अंतरण एवं वतरण के स धांत, त ईकाई रा शयां, बस वे यता एवं तबाधा
आ यह
ू , लोह वाह: बो टता नयं ण एवं शि त गण
ु क संशोधन: आ थक चलन: सम मत
घटक: सम मत एवं असम मत दोष का व लेषण, तं , था य व क अवधारणा : ि वंग
क एवं सम े कौट , थै नक बो ट ऐं पयर तघाती तं उ च बो टता द टधारा
संचरण क मल
ू भत
ू अवधारणाएं।
5. शि ततं एवं र ण :
अ तधारा, अवकल एवं दरू र ण के स धांत, ठोस अव था रले क अवधारणा, प रपथ
वयोजक अ भक ल सहायता ा त र ण, प रचय, लाइन, बस, ज न , प रणा म र ण,
सं या मक रले एवं र ण के लए अंक य संकेत र ण (DSP) का अनु योग।
6. अंक य संचार :
पंद कोड मॉडुलन, अवकल पंद कोड मॉडुलन, डे टा मॉडुलन, अंक य मॉडुलन एवं
वमॉडुलन योजनाएं: आयाम, कला एवं आव ृ त कंु जीयन योजनाएं, ु ट नयं ण कूटकरण:
ु टसंसच
ू न एवं संशोधन रै खक खंड कोड, संवलन कोड, सच
ू ना माप एवं ोत कूट करण,
आंकड़ा जाल, 7- तर य वा तक
ु ला।
भग
ू ोल
न प -1
भग
ू ोल के स धांत

ाकृ तक भग
ू ोल
1. भआ
ू कृ त व ान : भआ
ू कृ त वकास के नयं क कारण : अंतजात एवं ब हजात बल:
भप
ू पट का उ गम एवं वकास : भ-ू चुंबक व के मल
ू स धांत: पथ
ृ ्वी के अंतरं ग क
ाकृ तक दशाएं।

भ-ू अ भन त: महा वीपीय व थापन: समि थ त: लेट ववत नेक : पवतो प त के संबध
ं म
74
अ भनव वचार: वालामख
ु ी: भक
ू प एवं सन
ु ामी: भआ
ू कृ तक च एवं यभू म वकास
क संक पनाएं, अना छादन कालानु म: जलमाग आकृ तक व ान: अपरदन प ृ ठ:
वणता वकास: अनु यु त भआ
ू कृ त व ान: भज
ू ल व ान, आ थक भू व ान एवं
पयावरण।
2. जलवायु व ान:
व व के ताप एवं दाब क टबंध, प ृ वी का तापीय बजट: वायम
ु ड
ं ल प रसंचरण, वायु मंडल
ि थरता एवं अनि थरता, भम
ू ड
ं ल य एवं थानीय पवन: मानसन
ू एवं जेट वाह: वायु रा श
एवं वाता जनन: शीतो ण एवं उ णक टबंधीय च वात : वषण के कार एवं वतरण :
मौसम एवं जलवायु : कोपेन, थॉनवेट एवं व
े ाधा का व व जलवायु प रवतन म मानव क
भू मका एवं अनु या, अनु यु त जलवायु व ान एवं नगर जलवाय।ु
3. समु व ान:
अटलां टक, हंद एवं शांत महासागर क तल य थलाकृ त: महासागर का ताप एवं
लवणता: उ मा एवं लवण बजट, महासागर न ेप: तरं ग धाराएं एवं वार भाटा: समु य
संसाधन जीवीय, ख नज एवं ऊजा संसाधन, वाल म यां: वाल वरंजन: समु
प रवतन: समु नयम एवं समु दष
ू ण।
4. जीव भग
ू ोल :
मद
ृ ाओं क उ प त; मद
ृ ाओं का वग करण एवं वतरण: मद
ृ ा प र छे दका: मद
ृ ा अपरदन:
यन
ू ीकरण एवं संर ण: पादप एवं ज तओ
ु ं के वैि यक वतरण को भा वत करने वाले
कारक: वन अपरोपण क सम याएं एवं संर ण के उपाय: सामािजक वा नक : कृ त
वा नक : व य जीवन: मख
ु जीन पल
ू क ।
5. पयावरणीय भग
ू ोल :
पा रि थ तक के सं धांत: मानव पा रि थ तक अनुकूलन: पा रि थ तक एवं पयावरण पर
मानव का भाव: वैि वक ए े ीय पा रि थ तक प रवतन एवं असंतल
ु न: पा रतं उनका
बंधन एवं संर ण: पयावरणीय न नीकरण, बंध एवं संर ण: जैव व वधता एवं
संपोषण वकास: पयावरणीय श ा एवं वधान।
6. मानव भग
ू ोल
1. मानव भग
ू ोल म संदश : े ीय वभेदन; ादे शक सं लेषण; वभाजन एवं वैतवाद;
पयावरणवाद; मा ा मक ां त एवं अवि थ त व लेषण; उ सध
ु ार, यावहा रक,
मानवीय एवं क याण उपागम: भाषाएं, धम वं नरपे ीकरण; व व के सा कृ तक
दे श; मानव वकास सच
ू क।
2. आ थक भग
ू ोल : व व आ थक वकास : माप एवं सम याएं; व व संसाधन एवं
उनका वतरण;, ऊजा संकट : संव ृ ध क सीमाएं; व व कृ ष : कृ ष दे श क
ा पता : कृ ष नवेश एवं उ पादकता; खा य एवं पोषण सम याएं; खा य सरु ा;
दु भ कारण, भाव एवं उपचार, व व उ योग, अव था नक त प एवं सम याएं;
व व यापार के तमान।
3. जनसं या एवं ब ती भग
ू ोल : व व जनसं या क व ृ ध और वतरण; जनसांि यक
गण
ु ; वासन के कारण एवं प रणाम; अ तरे क-अ प एवं अनक
ु ू लतम जनसं या क

75
संक पनाएं; जनसं या के स धांत; व व जनसं या सम याएं और नी तयां;
सामािजक क याण एवं जीवन गण
ु व ता; सामािजक पज
ंू ी के प म जनसं या,
ामीण बि तय के कार एवं त प; ामीण बि तय के पयावरणीय मु दे ; नगर य
बि तय का पदानु म; नगर य आका रक ; मख
ु शहर एवं ेणी आकार णाल क
संक पना; नगर का काया मक वग करण; नगर य भाव े ; ाम नगर उपांत;
अनष
ु ग
ं ी नगर, नगर करण क सम याएं एवं समाधान; नगर का संपोषणीय वकास।
4. ादे शक आयोजन : दे श क संक पना; दे श के कार एवं दे शीकरण क व धयां;
व ृ ध के तथा व ृ ध ुव; ादे शक असंतल
ु न; ादे शक वकास कायनी तयां;
ादे शक आयोजना म पयावरणीय मु दे ; संपोषणीय वकास के लए आयोजना।
5. मानव भग
ू ोल म मॉडल, स धांत एवं नयम : मानव भग
ू ोल म णाल व लेषण;
मा थस का, मा स का और जनसांि यक य सं मण मॉडल; टावर एवं लॉश का
के य थान स धांत; पे एवं बद
ू े वए; वॉन थूनेन का कृ ष अव थान मॉडल; वेबर
का औ यो गक अव थान मॉडल; ओ तोव का व ृ ध अव था माडल; अंत: भू म एवं
ब ह: भू म स धांत; अंतरा य सीमाएं एवं सीमांत े के नयम।

न प - 2
भारत का भग
ू ोल

1. भौ तक व यास : पड़ोसी दे श के साथ भारत का अंत र संबध


ं ; संरचना एवं उ चावच;
अपवाहतं एवं जल वभाजक; भ-ू आकृ तक दे श; भारतीय मानसन
ू एवं वषा त प;
ऊ णक टबंधीय च वात एवं पि चमी व ोभ क या व ध; बाढ़ एवं अनाविृ ट;
जलवायवी दे श; ाकृ तक वन प त; मद
ृ ा कार एवं उनका वतरण।

2. संसाधन : भू म, सतह एवं भौमजल, ऊजा, ख नज, जीवीय एवं समु संसाधन; वन एवं
व य जीवन संसाधन एवं उनका संर ण; ऊजा संकट।

3. कृ ष : अवसंरचना: संचाई, बीज, उवरक, व युत; सं थागत कारक: जोत भ-ू धारण एवं
भू म सध
ु ार: श यन त प, कृ ष उ पादकता; कृ ष कष, फसल संयोजन, भू म मता;
कृ ष एवं सामािजक वा नक ; ह रत ां त एवं इसक सामािजक आ थक एवं पा रि थ तक
वव ा; वषाधीन खेती का मह व; पशध
ु न संसाधन एवं वेत ां त; जल कृ ष; रे शम
क टपालन; मधम
ु पालन एवं कु कुट पालन; कृ ष ादे शीकरण, कृ ष जलवाधवी े ;
कृ ष पा रि थ तक दे श।

4. उ योग : उ योग का वकास; कपास, जूट, व ो योग, लोह एवं इ पात, अलु म नयम,
उवरक, कागज़, रसायन एवं फामा यु टक स, आटोमोबाइल, कुट र एवं कृ ष आधा रत
उ योग के अवि थ त कारक; सावज नक े के उप म स हत औ यो गक घराने एवं
संकुल; औ यो गक ादे शीकरण; नई औ यो गक नी तयां; बहुरा य कंप नयां एवं

76
उदार करण; वशेष आ थक े ; पा रि थ तक -पयटन समेत पयटन।

5. प रवहन, संचार एवं यापार : सड़क, रे लमाग, जलमाग, हवाई माग एवं पाइपलाइन,
नेटवक एवं ादे शक वकास म उनक परू क भू मका; रा य एवं वदे शी यापार वाले
पतन का बढ़ता मह व; यापार संतल
ु न; यापार नी त; नयात कमण े ; संचार एवं
सच
ू ना ौ यो गक म आया वकास और अथ यव था तथा समाज पर उनका भाव;
भारतीय अंत र काय म।

6. सां कृ तक व यास : भारतीय समाज का ऐ तहा सक प र े य; जातीय, भा षक एवं


नज
ृ ातीय व वधताएं; धा मक अ पसं यक; मख
ु जनजा तयां, जनजा तयां े तथा
उनक सम याएं; सां कृ तक दे श; जनसं या क संव ृ ध, वतरण एवं घन व;
जनसांि यक य गण
ु : लंग अनप
ु ात, आयु संरचना, सा रता दर, कायबल, नभरता
अनप
ु ात, आयक
ु ाल: वासन (अंत: ादे शक, दे शांतर तथा अंतरा य) एवं इससे जुड़ी
सम याएं, जनसं या सम याएं एवं नी तयां; वा य सच
ू क ।

7. ब ती : ामीण ब ती के कार, त प तथा आका रक ; नगर य वकास; भारतीय शहर


क आका रक ; भारतीय शहर का काया मक वग करण; स नगर एवं महानगर य दे श;
नगर व सार; गंद ब ती एवं उससे जुड़ी सम याएं; नगर आयोजना; नगर करण क
सम या एवं उपचार।

8. ादे शक वकास एवं आयोजना: भारत म ादे शक आयोजना का अनुभव; पंचवष य


योजनाएं; समि वत ामीण वकास काय म; पंचायती राज एवं वक कृत आयोजना;
कमान े वकास; जल वभाजन बंध; पछड़ा े , म थल, अनाविृ ट बण, पहाड़ी,
जनजातीय े वकास के लए आयेाजना; बहु तर य योजना; ादे शक योजना एवं वीप
े का वकास।

9. राजनै तक प र े य : भारतीय संघवाद का भौगो लक आधार; रा य पन


ु गठन; नए रा य
का आ वभाव; ादे शक चेतना एवं अंतरा य मु दे ; भारत क अंतरा य सीमा और
संबं धत मु दे ; सीमापार आतंकवाद; वैि वक मामल म भारत क भू मका; द ि◌◌ाण
ए शया एवं हंद महासागर प रमंडल क भ-ू राजनी त।

10. समकाल न मु दे : पा रि थ तक मु दे : पयावरणीय संकट: भ-ू खलन, भक


ू ं प, सन
ू ामी, बाढ़
एवं अनाविृ ट, महामार , पयावरणीय दष
ू ण से संबं धत मु दे ; भू म उपयोग के त प म
बदलाव; पयावरणीय भाव आकलन एवं पयावरण बंधन के स धांत; जनसं या व फोट
एवं खा य सरु ा; पयावरणीय न नीकरण; वनो मल
ू न, म थल करण एवं मद
ृ ा अपरदन;
कृ ष एवं औ यो गक अशां त क सम याएं; आ थक वकास म ादे शक असमानताएं;
संपोषणीय व ृ ध एवं वकास क संक पना; पयावरणीय संचत
े ना; न दय का सहव धन

77
भम
ू ड
ं ल करण एवं भारतीय अथ यव था।

ट पणी : अ य थय को इस नप म लए गए वषय से संगत एक अ नवाय मान च - आधा रत न


का उ तर दे ना अ नवाय है।

भू व ान
न प – 1

1. सामा य भू व ान:
सौरतं , उ का पंड, प ृ वी का उ भव एवं अंतरं ग तथा प ृ वी क आय,ु वालामख
ु ी -
कारण, भाव, भारत के भक
ू ं पी े , वीपाभ चाप, खा य एवं महासागर-म य कटक;
महा वीपीय अपोढ़; समु अध तल व तार, लेट ववत नक ; समि थ त।

2. भआ
ू कृ त व ान एवं सद
ु रू -संवेदन:
भआ
ू कृ त व ान क आधारभत
ू संक पना; अप य एवं मद
ृ ा नमाण; थल प, ढाल
एवं अपवाह; भआ
ू कृ त च एवं उनक वव ा; आका रक एवं इसका संरचनाओं एवं
अि मक से संबध
ं ; तट य भआ
ू कृ त व ान; ख नज पव
ू ण म भआ
ू कृ त व ान के
अनु योग, स वल इंजी नयर ; जल व ान एवं पयावरणीय अ ययन; भारतीय
उपमहा वीप का भआ
ू कृ त व ान, वायव फोटो एवं उनक वव ा-गण
ु एवं सीमाएं;
व यत
ु चु बक य पे म; क ा- प र मण उप ह एवं संवेदन णा लयां; भारतीय
दरू संवेदन उप ह; उप ह द त उ पाद, भ-ू व ान म दरू संवद
े न के अनु योग;
भोगो लक सच
ू ना णा लयां (GIS) एवं व व यापी अव थन णाल (GPS) - इसका
अनु योग।

3. संरचना मक भू व ान :
भव
ू ै ा नक मान च ण एवं मान च पठन के स धांत, ेप आरे ख, तबल एवं
वकृ त द घवत
ृ तथा या थ, सघ
ु य एवं यन पदाथ के तबल- वकृ त संबध
ं ;
व पत शैल म वकृ त च नक; व पण दशाओं के अंतगत ख नज एवं शैल का
यवहार वलन; एवं श
ं वग करण एवं यां क ; वलन , श कन , सरे खण , जोड़ एवं

ं , वषम व यास का संरचना मक व लेषण, टलन एवं व पण के बीच
समय संबध
ं ।

4. जीवा म व ान :
जा त-प रभाषा एवं नामप ध त; गु जीवा म एवं सू म जीवा म; जीवा म संर ण क
व धयां; वभ न कार के सू म जीवा म; सह संबध
ं , पे ो लयम अनवेषण,
परु ाजलवायवी एवं परु ासमु व ानीय अ ययन म सू म, जीवा म का अनु योग;
हो म नडी एि डी एवं ोबोसी डया म वकासा मक व ृ त; शवा लक ा णजात;

78
गोडंवाना वन प तजात एवं ा णजात एवं इसका मह व; सच
ू क जीवा म एवं उनका
मह व।

5. भारतीय त रक :
त रक अनु म का वग करण; अ म त रक, जैव त रक, काल त रक एवं
चु ब त रक तथा उनका अंतसंबध
ं /भारत क कै यनपव
ू शैल का वतरण एवं
वग करण; ा णजात, वन प त ान एवं आ थक मह व क ि ट से भारत क
यजीवी शैल के त रक वतरण एवं अ म व ान का अ ययन; मख
ु सीमा
सम याएं-कै यन/कै यन पव
ू , प मयन/ ाइऐ सक, केटे शयस/तत
ृ ीयक एवं
लायोसीन/ लायोसीन, भव
ू ै ा नक अतीत म भारतीय उपमहा वीप म जलवायवी
दशाओं, परु ाभग
ू ोल एवं आ नेय स यता का अ ययन, भारत का त रक ढांचा;
हमालय का उ भव।

6. जल भू व ान एवं इंजी नयर भू व ान :


जल व ान च एवं जल का जन नक वग करण; अवप ृ ठ जल का संचलन; बह
ृ त
जवार; सरं ता, पर ा यता, वचा लक चालकता; बह
ृ त वार; संर ता, पर ा यता,
वचा लक चालकता, परग यता एवं संचयन गण
ु ांक, ऐ फर वग करण; लवणजल
अंतवधन, कूप के कार, वषाजल सं हण; शैल क जलधार वशेषताएं; भज
ू ल
रसाय नक ; लवणजल अंतवधन; कूप के कार, वषाजल सं हण; शैल के इंजी नयर
गण
ु -धम, बांध , सरु ं ग , राजमाग , रे लमाग एवं पल
ु के लए भव
ू ै ा नक अ वेषण;
नमाण साम ी के प म शैल; भू खलन-कारण, रोकथाम एवं पन
ु वास; भक
ू ं प रोधी
संरचनाएं।

न प – 2
1. ख नज व ान :

णा लय एवं सम म त वग म टल का वग करण; टल संरचना मक संकेतन क


अंतरा य णाल ; टल सम म त को न पत करने के लए ेप आरे ख का योग;
य करण ट लक के त व।
शैलकर स लकेट ख नज समह
ू के भौ तक एवं रासाय नक गण
ु ; स लकेट का संरचना मक
वग करण; आ नेय एवं कायात रत शैल के सामा य ख नज, काब नेट, फा फेट, स फाइड
एवं हे लाइड समह
ू के ख नज; मृ तका ख नज।
सामा य शैलकर ख नज के का शक गण
ु धम, ख नज म बहुवगणता, वलोप कोण,
वअपवतन (डबल र ै शन, बाइरे जस), यमलन एवं प र ेपण ।

2. आ नेय एवं कायात रत शै लक :


मैगमा जनन एवं टलन; ऐ वाइट - ऐनॉथाइट का टलन: डायो साइड - एवं
डायो साड-वोला टोनाइट-ऐनॉथाइट एवं डायोसाइड-वोला टोनाइट- स लका णा लयां; बॉवेन

79
का अ भ या स धांत; मै मीय वभेदन एवं वांगीकरण; आ नेय शैल के गठन एवं
संरचनाओं का शैलजन नक मह व; ेनाइट, साइनाइड, डायोराइट, अ प स लक एवं
अ प प स लक समह
ू , चान काइट, अ प स लक एवं अ प प स लक समह
ू , चान काइट,
अनॉरथ साइट एवं ार य शैल क शैलवणना एवं शैल जनन, काब टाइ स डेकन
वालामख
ु ी शैल- े ।
कायातरण प एवं कारक; कायांतर को टयां एवं सं तर; ाव था नयम; ादे शक एवं
सं पश कायांतरण संल णी; ACF एवं AKF आरे ख; कायांतर शैल का गठन एवं संरचना;
बालक
ु ामय, मृ मय एवं अ प स लक शैल का कायांतरण; ख नज समु चय प चगा तक
कायांजरण; त वांतरण एवं ेनाइट भवन; भारत का म नेटाइट, क णका म शैल दे श।

3. अवसाद शै लक :
अवसाद एवं अवसाद शैल नमाण याएं, संघनन एवं शल भवन, संखड
ं ा मी एवं
असंखड
ं ा मी शैल -उनका वग करण, शैलवणना एवं न ेपण वातावरण, अवसाद संल णी
एवं जनन े , अवसाद संरचनाएं एवं उनका मह व; भार ख नज एवं उनका मह व; भारत
क अवसाद ो णयां।

4. आ थक भू व ान :
अय क, अय क ख नज एवं गग, अय क का औसत तशत, अय क न ेप का
वग करण; ख नज न ेप क नमाण या; अय क थानीकरण के नयं ण; अय क
गठन एवं संरचनाएं; धातु जन नक यग
ु एवं दे श; ए यु म नयम, ो नयम, ता , वण,
लोह, लेड, िजंक, मे नीज, टटे नयम, यूरे नयम एवं थो रयम तथा औ यो गक ख नज के
मह वपण
ू भारतीय न ेप का भू व ान; भारत म कोयला एवं पे ो लयम न ेप; रा य
ख नज नी त; ख नज संसाधन का संर ण एवं उपयोग; समु ख नज संसाधन एवं समु
नयम।

5. खनन भू व ान :
पव
ू ण क व धयां - भव
ू ै ा नक, भभ
ू ौ तक, भरू ासाय नक एवं भ-ू वान प तक; तचयन
व धयां; अय क नचय ा कलन, धातु अय क औ यो गक ख नज , समु ख नज
संसाधन एवं नमाण तर के अ वेषण एवं खनन क व धयां; ख नज स जीकरण एवं
अय क साधन।

6. भरू ासाय नक एवं पयावरणीय भू व ान :


त व का अंत र ी बाहु य, ह एवं उ का पंड का संघटन, प ृ वी क संरचना एवं संघटन
एवं त व का वतरण, लेश त व, टल रासाय नक के त व-रासाय नक आबंध, सम वय
सं या, समकृ तकता एवं बहु पता, ारं भक उ माग तक ।
ाकृ तक संकट - बाढ़, बहृ त रण, तट य संकट, भक ू ं प एवं वालामख
ु ीय स यता तथा
यन
ू ीकरण, नगर करण, खनन औ यो गक एवं रे डयोस य अपरद नपटान, उवरक योग;
80
खनन अपरद एवं लाई ऐश सि न ेपण के पयावरणीय भाव; भौम एवं भ-ू प ृ ठ जल
दष
ू ण, समु दष
ू ण; पयावरण संर ण-भारत म वधायी उपाय; समु तल प रवतन-
कारण एवं भाव।

इ तहास
न प – 1
1. ोत:
परु ाताि वक ोत:
अ वेषण, उ खनन, परु ालेख व या, मु ाशा , मारक सा हि यक ोत:
वदे शी: ाथ मक एवं वतीयक; क वता, व ान सा ह य, े ीय भाषाओं का सा ह य,
धा मक सा ह य।
वदे शी वणन : यूनानी, चीनी एवं अरब लेखक

2. ागै तहास एवं आ य इ तहास :


भौगो लक कारक, शकार एवं सं हण (परु ापाषाण एवं म यपाषाण यग
ु ), कृ ष का आरंभ
(नवपाषाण एवं ता पाषाण युग)।

3. संधु घाट स यता:


उ गम, काल, व तार, वशेषताएं, पतन, अि त व एवं मह व, कला एवं थाप य।

4. महापाषाणयग
ु ीन सं कृ तयां: संधु से बाहर पशच
ु ारण एवं कृ ष सं कृ तय का व तार,
सामद
ु ा यक जीवन का वकास, बि तयां, कृ ष का वकास, श पकम, मद
ृ भांड एवं लोह
उ योग।

5. आय एवं वै दक काल : भारत म आय का सार।


वै दक काल : धा मक एवं दाश नक सा ह य; ऋगवै दक काल म उ तर वै दक काल तक
हुए पांतरण; राजनै तक; सामािजक एवं आ थक जीवन; वै दक यग
ु का मह व; राजतं
एवं वण यव था का म वकास।

6. महाजनपद काल :
महाजनपद का नमाण : गणतं ीय एवं राजतं ीय; नगर क का उ भव, यापार माग,
आ थक वकास, टं कण ( स का ढलाई), जैन धम एवं बौ ध धम का सार, मगध एवं
नंद का उ भव।
ईरानी एवं मकद ू नयाई आ मण एवं उनके भाव।

7. मौय सा ा य :
मौय सा ा य क नीव, चं गु त, कौ ट य और अथशा ; अशोक; धम क संक पना;

81
धमादे श; रा य यव था; शासन; अथ यव था; कला, थाप य एवं मू त श प; वदे शी
संपक) धम, धम का सार; सा ह य, सा ा य का वघटन; शग
ंु एवं क व।

8. उ तर मौय काल (भारत-यूनानी, शक, कुषाण, पि चमी प) :


बाहर व व से संपक; नगर-क का वकास, अथ- यव था, टं कण, धम का वकास,
महायान, सामािजक दशाएं, कला, थाप य, सं कृ त, सा ह य एवं व ान।

9. ारं भक रा य एवं समाज; पव


ू भारत, दकन एवं द ण भारत म :
खारबेल, सातवाहन, संगमकाल न त मल रा य; शासन, अथ यव था, भू म-अनद
ु ान,
टं कण, यापा रक े णयां एवं नगर क ; बौ ध क , संगम सा ह य एवं सं कृ त, कला एवं
थाप य।

10. गु त वंश, वाकाटक एवं वधन वंश :


रा य यव था एवं शासन, आ थक दशाएं, गु तकाल न टं कण, भू म, अनद
ु ान, नगर क
का पतन, भारतीय सामंतशाह , जा त था, ी क ि थ त, श ा एवं शै क सं थाएं,
नालंदा, व म शला एवं ब लभी, सा ह य, व ान सा ह य, कला एवं थाप य।

11. गु तकाल न े ीय रा य :
कदं बवंश, प लवंश, बदमी का चालु यवंश; रा य यव था एवं शासन, यापा रक े णयां,
सा ह य; वै णव एवं शैल धम का वकास, त मल भि त आंदोलन, शंकराचाय; वेदांत;
मं दर सं थाएं एवं मं दर थाप य; पाल वंश, सेन वंश, रा कूट वंश, परमार वंश, रा य
यव था एवं शासन, सां कृ तक प , संध के अरब वजेता; अलब नी, क याण का
चालु य वंश, चोल वंश; होयशल वंश, पां य वंश, रा य यव था एवं शासन; थानीय
शासन; कला एवं थाप य का वकास, धा मक सं दाय; मं दर एवं मठ सं थाएं; अ हार
वंश, श ा एवं सा ह य; अथ यव था एवं समाज।

12. ारं भक भारतीय सां कृ तक इ तहास के तपा य :


भाषाएं एवं मल
ू थ
ं , कला एवं थाप य के म वकास के मख
ु चरण, मख
ु दाश नक
चंतक एवं शाखाएं, व ान एवं ग णत के े के वचार।

13. ारं भक म यकाल न भारत, 750-1200 :


 रा य यव था: उ तर भारत एवं ाय वीप म मख
ु राजनै तक घटना म, राजपत

का उ गम एवं उदय।
 चोल वंश : शासन, ामीण अथ यव था एवं समाज
 भारतीय सामंतशाह
 कृ ष अथ यव था एवं नगर य बि तयां
 यापार एवं वा ण य

82
 समाज: ा ण क ि थ त एवं नई सामािजक यव था
 ी क ि थत
 भारतीय व ान एवं ौ यो गक

14. भारत क सां कृ तक परं परा, 750-1200 :


 दशन: शंकराचाय एवं वेदांत, रामानज
ु एवं व श टा वैत, म य एवं म-मीमांसा।
 धम: धम के व प एवं वशेषताएं, त मल भि त, सं दाय, भि त का वकास,
इ लाम एवं भारत म इसका आगमन, सफ
ू मत।
 सा ह य: सं कृत सा ह य, त मल सा ह य का वकास, नव वकासशील भाषाओं का
सा ह य, क हण क राजतरं गणी, अलब नी का इं डया।
 कला एवं थाप य : मं दर थाप य, मू त श प, च कला।

15. तेरहवीं शता द :


 द ल स तनत क थापना : गोर के आ मण- गोर क सफलता के पीछे कारक
 आ थक, सामािजक एवं सां कृ तक प रणाम
 द ल स तनत क थापना एवं ारं भक तुक सु तान
 सु ढ़ करण : इ तु मश और बलबन का शासन।

16. चौदहवीं शता द :


 खलजी ां त।
 अलाउ द न खलजी: व ान एवं े - सार, कृ ष एवं आ थक उपाय।
 मह
ु मद तुगलक: मख
ु क प, कृ ष उपाय, मह
ु मद तुगलक क अफसरशाह ।
 फरोज तग
ु लक : कृ ष उपाय, स वल इंजी नयर एवं लोक नमाण म उपलि धयां,
द ल।
 स तनत का पतन, वदे शी संपक एवं इ नबतूता का वणन।

17. तेरहवीं एवं चौदहवीं शता द का समाज, सं कृ त एवं अथ यव था :


 समाज; ामीण समाज क रचना; शासी वग, नगर नवासी, ी, धा मक वग,
स तनत के अंतगत जा त एवं दास था; भि त आंदोलन, सफ
ू आंदोलन।
 सं कृ त : फारसी सा ह य, उ तर भारत क े ीय भाषाओं का सा ह य; द ण
भारत क भाषाओं का सा ह य; स तनत थाप य एवं नए थाप य प, च कला,
सि म सं कृ त का वकास।
 अथ यव था: कृ ष उ पादन, नगर य अथ यव था एवं कृ षतर उ पादन का उ भव,
यापार एवं वा ण य।

18. पं हवीं एवं ारं भक सोलहवीं शता द - राजनै तक घटना म एवं अथ यव था :


 ांतीय राजवंश का उदय: बंगाल, क मीर (जैनल
ु आबद न), गज
ु रात, मालवा,

83
बहमनी।
 वजयनगर सा ा य।
 लोद वंश।
 मग ु ल सा ा य, पहला चरण, बाबर एवं हुमाय।ूँ
 सरू सा ा य, शेरशाह का शासन।
 पत
ु गाल औप नवे शक त ठान।

19. पं हवीं एवं ारं भक सोलहवीं शता द : समाज एवं सं कृ त :


 े ीय सां कृ तक व श टताएं।
 सा हि यक परं पराएं।
 ांतीय थाप य।
 वजयनगर सा ा य का समाज, सं कृ त; सा ह य और कला।

20. अकबर :
 वजय एवं सा ा य का सु ढ़ करण।
 जागीर एवं मनसब यव था क थापना।
 राजपत
ू नी त।
 धा मक एवं सामािजक ि टकोण का वकास, सल
ु ह-ए-कुल का स धांत एवं धा मक
नी त।
 कला एवं ौ यो गक को राज-दरबार संर ण।

21. स हवीं शता द म मग


ु ल सा ा य :
 जहांगीर, शाहजहां एवं औरं गजेब क मख
ु शास नक नी तयां
 सा ा य एवं जमींदार
 जहांगीर, शाहजहां एवं औरं गजेब क धा मक नी तयां
 मग
ु ल रा य का व प
 उ तर स हवीं शता द का संकट एवं व ोह
 अहोम सा ा य
 शवाजी एवं ारं भक मराठा रा य

22. सोलहवीं एवं स हवीं शता द म अथ यव था एवं समाज :


 जनसं या, कृ ष उ पादन, श प उ पादन
 नगर, डच, अं ेजी एवं ांसीसी कंप नय के मा यम से यरू ोप के साथ वा ण य,
यापार ां त
 भारतीय यापार वग, ब कं ग, बीमा एवं ऋण णा लयां
 कसान क दशा, ि य क दशा
 सख समद
ु ाय एवं खालसा पंथ का वकास

84
23. मग
ु ल सा ा यकाल न सं कृ त :
 फारसी इ तहास एवं अ य सा ह य
 हंद एवं अ य धा मक सा ह य
 मग
ु ल थाप य
 मग
ु ल च कला
 ांतीय थाप य एवं च कला
 शा ीय संगीत
 व ान एवं ौ यो गक

24. अठारहवीं शता द :


 मग
ु ल सा ा य के पतन के कारक
 े ीय सामंत दे श, नजाम का दकन, बंगाल, अवध
 पेशवा के अधीन मराठा उ कष
 मराठा राजकोषीय एवं व तीय यव था
 अफगान शि त का उदय, पानीपत का यु ध-1761
 टश वजय क पव
ू सं या म राजनी त, सं कृ त एवं अथ यव था क ि थ त

न प – 2

1. भारत म यूरोप का वेश :

ारं भक यरू ोपीय बि तयां; पत


ु गाल एवं डच, अं ेजी एवं ांसीसी ई ट इं डया कंप नयां;
आ धप य के लए उनके यु ध; कनाटक यु ध; बंगाल - अं ेज एवं बंगाल के नवाब के
बीच संपक, सराज और अं ेज; लासी का यु ध; लासी का मह व।

2. भारत म टश सार :
बंगाल- मीर जाफर एवं मीर का सम, ब सर यु ध; मैसरू , मराठा; तीन अं ेज - मराठा
यु ध; पंजाब

3. टश रा य क ारं भक संरचना :
ारं भक शास नक संरचना; वैधशासन से य नयं ण तक; रे गुले टंग ए ट(1773);
प स इं डया ए ट (1784); चाटर ए ट (1833); मु त यापार का वर एवं टश
औप नवे शक शासन का बदलता व प; अं ेज़ी उपयो गतावाद और भारत।

4. टश औप नवे शक शासन का आ थक भाव :


(क) टश भारत म भू म - राज व, बंदोब त; थायी बंदोब त; रै यतवार बंदोब त;

85
महलवार बंदोब त; राज व बंध का आ थक भाव; कृ ष का वा ण यीकरण;
भू मह न कृ ष मक का उदय; ामीण समाज का प र ीणन।
(ख) पारं प रक यापार एवं वा ण य का व थापन; अनौ योगीकरण; पारं प रक श प क
अवन त; धन का अपवाह; भारत का आ थक पांतरण; टे ल ाफ एवं डाक सेवाओं
समेत रे ल पथ एवं संचार जाल; ामीण भीतर दे श म द ु भ एवं गर बी; यूरोपीय
यापार उ यम एवं इसक सीमाएं।

5. सामािजक एवं सां कृ तक वकास :


वदे शी श ा क ि थ त; इसका व थापन; ा च व -आं ल व ववाद, भारत म पि चमी
श ा का ा भाव; ेस, सा ह य एवं लोकमत का उदय; आधु नक मातभ
ृ ाषा सा ह य का
उदय; व ान क ग त; भारत म ि चयन मशनर के कायकलाप।

6. बंगाल एवं अ य े म सामािजक एवं धा मक सध


ु ार आंदोलन :
राममोहन राय, म आंदोलन; दे वे नाथ टै गोर; ई वरचं व यासागर; युवा बंगाल
आंदोलन; दयानंद सर वती; भारत म सती, वधवा ववाह, बाल ववाह आ द समेत
सामािजक सध
ु ार आंदोलन; आधु नक भारत के वकास म भारतीय पन
ु जागरण का
योगदान; इ लामी पन
ु वारविृ त - फराइजी एवं वहाबी आंदोलन।

7. टश शासन के त भारत क अनु या : रं गपरु ढ ंग (1783), कोल व ोह (1832),


मालाबार म मोपला व ोह (1841-1920), स थाल हुल (1855), नील व ोह (1859-60),
दकन व लव (1875) एवं मड ुं ा उ गल
ु ान (1899-1900) समेत 18वीं एवं 19वीं शता द
म हुए कसान आंदोलन एवं जनजातीय व लव; 1857 का महा व ोह-उदगम, व प,
असफलता के कारण, प रणाम; प च 1857 काल म कसान व लव के व प म बदलाव;
1920 और 1930 के दशक म हुए कसान आंदोलन।

8. भारतीय रा वाद के ज म के कारक : संघ क राजनी त; भारतीय रा य कां ेस क


बु नवाद; कां ेस के ज म के संबध
ं म से ट वा व का प ; ारं भक कां ेस के काय म
एवं ल य; ारं भक कां ेस नेव ृ व क सामािजक रचना; नरम दल एवं गरम दल; बंगाल
का वभाजन (1905); बंगाल म वदे शी आंदोलन; वदे शी आंदोलन के आ थक एवं
राजनै तक प र े य; भारत म ां तकार उ पंथ का आरं भ।

9. गांधी का उदय : गांधी के रा वाद का व प; गांधी का जनाकषण; रोलेट स या ह;


खलाफत आंदोलन; असहयोग आंदोलन; असहयोग आंदोलन समा त होने के बाद म
स वनय अव ा आंदोलन के ारं भ होने तक क रा य राजनी त, स वनय अव ा
आंदोलन के दो चरण; साइमन कमीशन; नेह रपोट; गोलमेज प रष , रा वाद और
कसान आंदोलन; रा वाद एवं मक वग आंदोलन; म हला एवं भारतीय यव
ु ा और
भारतीय राजनी त म छा (1885-1947); 1937 का चुनाव तथा मं ालय का गठन;

86
स मशन; भारत छोड़ो आंदेालन; वैरेल योजना; कै बनेट मशन।

10. औप नवे शक : भारत म 1958 और 1935 के बीच सां वधा नक घटना म।

11. रा य आंदोलन क अ य क ड़यां : ां तकार ; बंगाल, पंजाब, महारा , यू.पी., म ास


दे श, भारत से बाहर, वामपंथ; कां ेस के अंदर का वाम प ; जवाहर लाल नेह , सभ
ु ाष
चं बोस, कां ेस समाजवाद पाट , भारतीय क यु न ट पाट , अ य वामदल।

12. अलगाववाद क राजनी त : मिु लम ल ग; ह द ू महासभा; सां दा यकता एवं वभाजन क


राजनी त; स ता का ह तांतरण; वतं ता।

13. एक रा के प म सु ढ़ करण : नेह क वदे शी नी त; भारत और उसके पड़ोसी (1947-


1964) रा य का भाषावाद पन
ु गठन (1935-1947); े ीयतावाद एवं े ीय असमानता;
भारतीय रयासत का एक करण; नवाचन क राजनी त म रयासत के नरे श ( स
ं );
रा य भाषा का न।

14. 1947 के बाद जा त एवं नज


ृ ा त व : उ तर-औप नवे शक नवाचन-राजनी त म पछड़ी
जा तयां एवं जनजा तयां; द लत आंदोलन।

15. आ थक वकास एवं राजनै तक प रवतन : भू म सध


ु ार; योजना एवं ामीण पन
ु रचना क
राजनी त; उ तर औप नवे शक भारत म पा रि थ तक एवं पयावरण नी त; व ान क
तर क ।

16. बोध एवं आधु नक वचार :


(i) बोध के मख
ु वचार; कांट, सो
(ii) उप नवेश म बोध - सार
(iii) समाजवाद वचार का उदय (मा स तक); मा स के समाजवाद का सार

17. आधु नक राजनी त के मल


ू ोत :
(i) यूरोपीय रा य णाल
(ii) अमे रक ां त एवं सं वधान
(iii) ां ससी ां त एवं उसके प रणाम, 1789-1815
(iv) अ ाहम लंकन के संदभ के साथ अमर क स वल यु ध एवं दासता का उ मल
ू न।
(v) टश गणतं ा मक राजनी त, 1815-1850; संसद य सध
ु ार, मु त यापार ,
चाटरवाद ।

18. औ योगीकरण :

87
(i) अं ेजी औ यो गक ां त: कारण एवं समाज पर भाव
(ii) अ य दे श म औ यो गकरण; य.ू एस.ए., जमनी, स, जापान ।
(iii) औ योगीकरण एवं भम
ू ड
ं ल करण

19. रा रा य णाल :
(i) 19वीं शता द म रा वाद का उदय
(ii) रा वाद : जमनी और इटल म रा य नमाण
(iii) परू े व व म रा यता के आ वभाव के सम सा ा य का वघटन

20. सा ा यवाद एवं उप नवेशवाद:


(i) द ण एवं द ण-पव
ू ए शया
(ii) लातीनी अमर का एवं द ण अ का
(iii) आ े लया
(iv) सा ा यवाद एवं मु त यापार: नव सा ा यवाद का उदय

21. ां त एवं त ां त :
(i) 19वीं शता द यूरोपीय ां तयां
(ii) 1917-1921 क सी ां त
(iii) फासीवाद त ां त, इटल एवं जमनी
(iv) 1949 क चीनी ां त

22. व व यु ध:
(i) संपण
ू यु ध के प म थम एवं धतीय व व यु ध: समाजीय न हताथ
(ii) थम व व यु ध : कारण एवं प रणाम
(iii) धतीय व व यु ध : कारण एवं प रणाम

23. धतीय व व यु ध के बाद का व व :


(i) दो शि तय का आ वभाव
(ii) तत
ृ ीय व व एवं गट
ु नरपे ता का आ वभाव
(iii) संयु त रा संघ एवं वैि वक ववाद

24. औप नवे शक शासन से मिु त :


(i) लातीनी अमर का-बोल वर
(ii) अरब व व– म
(iii) अ का-रं गभेद से गणतं तक
(iv) द ण पव
ू ए शया- वयतनाम

88
25. व-औप नवेशीकरण एवं अ प वकास :
वकास के बाधक कारक :लातीनी अमर का, अ का

26. यूरोप का एक करण :


(i) यु धो तर थापनाएं NATO एवं यरू ोपीय समद
ु ाय (यरू ो पयन क यु नट )
(ii) यूरोपीय समद
ु ाय (यरू ो पयन क यु नट ) का सु ढ़ करण एवं सार
(iii) यरू ो पयाई संघ

27. सो वयत यू नयन का वघटन एवं एक ुवीय व व का उदय :


(i) सो वयत सा यवाद एवं सो वयत यू नयन को नपात तक पहुचाने वाले कारक,
1985-1991
(ii) पव
ू यूरोप म राजनै तक प रवतन 1989-2001
(iii) शीत यु ध का अंत एवं अकेल महाशि त के प म U S का उ कष

वध
न प - 1

1. सां व धक एवं शास नक व ध :

1. सं वधान एवं सं वधानवाद, सं वधान के सु प ट ल ण।

2. मल
ू अ धकार-लोक हत या चका, व धक सहायता, व धक सेवा ा धकरण।

3. मल
ू अ धकार- नदे शक त व तथा मल
ू कत य के बीच संबध
ं ।

4. रा प त क संवध
ै ा नक ि थ त तथा मं प रषद के साथ संबध
ं ।

5. रा यपाल तथा उसक शि तयां।

6. उ चतम यायालय तथा उ च यायालय :


(क) नयिु त तथा थानांतरण
(ख) शि तयां, काय एवं अ धका रता

7. क रा य एवं थानीय नकाय


(क) संघ तथा रा य के बीच वधायी शि तय का वतरण।
(ख) थानीय नकाय।
(ग) संघ, रा य तथा थानीय नकाय के बीच शास नक संबध
ं ।
(घ) सव प र अ धकार-रा य संप त-सामा य संपि त-समद
ु ाय संपि त।

89
8. वधायी शि तयां, वशेषा धकार एवं उ मिु त।

9. संघ एवं रा य के अधीन सेवाएं :


(क) भत एवं सेवा शत, सां वधा नक सरु ा, शास नक अ धकरण।
(ख) संघ लोक सेवा आयोग एवं रा य लोक सेवा आयोग - शि त एवं काय।
(ग) नवाचन आयोग - शि त एवं काय।

10. आपात उपबंध

11. सं वधान संशोधन

12. नैस गक याय के स धांत-अ वभत


ू होती व ृ तयां एवं या यक उपागम

13. यायोिजत वधान एवं इसक सां वधा नकता।

14. शि तय एवं सां वधा नक शासन का पथ


ृ करण।

15. शास नक कारवाई का या यक पन


ु वलोकन ।

16. ओ ब समैन : लोकायु त, लोकपाल आ द ।


अंतररा य वध :

1. अंतररा य वध क कृ त तथ प रभाषा।

2. अंतररा य व ध तथा रा य व ध के बीच संबध


3. रा य मा यता तथा रा य उ तरा धकार।

4. समु नयम-अंतदशीय जलमाग, े ीय समु समीप थ प र े , महा धीपीय उपतट,


अन य आ थक प र े तथा महासमु ।

5. यि त, रा यता, रा यह नता-मानवा धकार तथा उनके वतन के लए उपल ध याएं।

6. रा य क े ीय अ धका रता- यपण तथा शरण।

7. सं धयां- नमाण, उपयोजन, पयवसान और आर ण।

90
8. संयु त रा - इसके मख
ु अंग, शि तयां, कृ य और सध
ु ार।

9. ववाद का शां तपण


ू नपटारा- व भ न तर के।

10. बल का व धपण
ू आ त : आ मण, आ मर ा, ह त ेप।

11. अंतररा य मानववाद व ध के मल


ू स धांत अंतररा य स मेलन एवं समकाल न
वकास।

12. परमाणु अ के योग क वैधता, परमाणु अ के पर ण पर रोक-परमाणवीय अ सार


सं ध, सी.ट .बी.ट .।

13. अंतररा य आतंकवाद, रा य व तत आतंकवाद, उपाहरण, अंतररा य आपरा धक


यायालय।

14. नए अंतररा य आ थक आदे श तथा मौ क व ध WTO, TRIPS, GATT, IMF, व व


बक।

15. मानव पयावरण का संर ण तथा सध


ु ार - अंतररा य यास।

न प – 2
अपराध व ध

1. आपरा धक दायि व के सामा य स धांत: आपरा धक मन:ि थ त तथा आपरा धक काय।


सां व धक अपराध म आपरा धक मन: ि थ त।

2. दं ड के कार एवं नई व ृ तयां जैसे क म ृ यु दं ड उ मल


ू न।

3. तैया रयां तथा आपरा धक यास

4. सामा य अपवाद

5. संयु त तथा रचना मक दा य व

6. द ु ेरण

91
7. आपरा धक ष यं

8. रा य के त अपराध

9. लोक शां त के त अपराध

10. मानव शर र के त अपराध

11. संपि त के त अपराध

12. ी के त अपराध

13. मानहा न

14. टाचार नरोधक अ ध नयम, 1988

15. स वल अ धकार संर ण अ ध नयम, 1955 एवं उ तरवत वधायी वकास

16. अ भवयन सौदा


अपकृ य व ध :

1. कृ त तथा प रभाषा

2. ु ट का कठोर दा य व पर आधा रत दा य व, आत ्यां तक दा य व

3. त न धक दा य व, रा य दा य व स हत

4. सामा य तर ा

5. संयु त अपकृ यकता

6. उपचार

7. उपे ा

8. मानहा न

92
9. उ पात ( यस
ू स)

10. ष यं

11. अ ा धकृत बंद करण

12. व वेषपण
ू अ भयोजन

13. उपभो ता संर ण अ ध नयम, 1986


सं वदा व ध और वा णि यक व ध :

1. सं वदा का व प और नमाण/ई-सं वदा

2. वतं स म त को द ू षत करने वाले कारक

3. शू य, शू यकरणीय, अवैध तथा अ वतनीय करार

4. सं वदा का पालन तथा उ मोचन

5. सं वदाक प

6. सं वदा भंग के प रणाम

7. तपू त, गांरट एवं बीमा सं वदा

8. अ भकरण सं वदा

9. माल क ब तथा अव य (हायर परचेज)

10. भागीदार का नमाण तथा वघटन

11. पर ा य लखत अ ध नयम, 1881

12. मा य थम तथा सल
ु ह अ ध नयम, 1996

13. मानक प सं वदा


समकाल न व धक वकास :

93
1. लोक हत या चका

2. बौ धक संपदा अ धकार-संक पना, कार/संभावनाएं

3. सच
ू ना ौ यो गक व ध, िजसम साइबर व धयां शा मल ह, संक पना, योजन/संभावनाएं

4. तयो गता व ध-संक पना, योग/संभावनाएं।

5. वैकि पक ववाद समाधान-संक पना, कार/संभावनाएं।

6. पयावरणीय व ध से संबं धत मख
ु कानन
ू ।

7. सच
ू ना का अ धकार अ ध नयम।

8. संचार मा यम (मी डया) वारा वचारण।

न न ल खत भाषाओं का सा ह य

ट पणी

(1) उ मीदवार को संब ध भाषा म कुछ या सभी न के उ तर दे ने पड़ सकते ह।

(2) सं वधान क आठवीं अनस


ु च
ू ी म सि म लत भाषाओं के संबध
ं म ल पयां वह ह गी जो
धान पर ा से संब ध प र श ट-I के ख ड II (ख) म दशाई गई ह।

(3) उ मीदवार यान द क िजन न के उ तर कसी व श ट भाषा म नह ं दे ने ह उनके


उ तर को लखने के लये वे उसी मा यम को अपनाएं जो क उ ह ने नबंधन, सामा य
अ ययन तथा वैकि पक वषय के लये चन
ु ा है ।

अस मया
न - 1
(उ तर अस मया म लखने ह गे)
खंड ‘क’

(क) अस मया भाषा के उ गम और वकास का इ तहास-भारतीय-आय भाषाओं म उसका थान-


इसके इ तहास के व भ न काल-खंड
94
(ख) अस मया ग य का वकास

(ग) अस मया भाषा के वर और यंजन- ाचीन भारतीय आय से चल आ रह अस मया पर


बलाघात के साथ व नक प रवतन नयम।

(घ) अस मया श दावल -एवं इसके ोत।

(ड.) भाषा का प व ान- या प-पव


ू ा यी नदशन एवं अ धकपद य पर यय।

(च) बोल गत वै व य–मानक बोलचाल एवं वशेष प से काम पी बोल ।

(छ) उ नीसंवी शता द तक व भ न युग म अस मया ल पय का वकास।

खंड ‘ख’

सा हि यक आलोचना और सा हि यक इ तहास

(क) सा हि यक आलोचना के स धांत, नई समी ा

(ख) व भ न स हि यक वधाएं

(ग) अस मया म सा हि यक प का वकास

(घ) अस मया म स हि यक आलोचना का वकास

(ड.) चयागीत के काल से अस मया सा ह य के इ तहास क ब कुल ारं भक विृ तयां और


उनक सामािजक-सां कृ तक प ृ ठभू म: आ द अस मया-शंकरदवे से पहले-शंकरदे व-शंकरदवे
के बाद-आधु नक काल ( टश आगमन के बाद से) वात यो तर काल पर वशेष बल
दया जाना है।

न प – 2

इस नप म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएग िजनसे
अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके । उ तर अस मया म लखने ह गे।

95
खंड ‘क’

रामायण (केवल अयो या कांड) माधव कदल वारा


पा रजात-हरण शंकरदे व वारा
रास ड़ा शंकरदे व वारा (क तन घोष से)
बरगीत माधवदे व वारा
राजसय
ू माधवदे व वारा
कथा-भागवत (पु तक I एवं II) बैकंु ठनाथ भ टाचाय वारा
गु च रत-कथा (केवल शंकरदे व का भाग) - संपादक महे वर नयोग
खंड ‘ख’

मोर जीवन मरण ल मीनाथ बेजब आ वारा


कृपाबार बराब आ ल मीनाथ बेजब आ वारा
काकतर
तोपोला
तमा चं कुमार अगरवाला
गांवबढ़
ू ा प मनाथ गोहे न ब आ वारा
मनोम त रजनीकांत बोरदोलोई वारा
परु णी अस मया सा ह य बानीकांत काकती वारा
आर आंग ल गर यो त साद अगरवाला वारा
जीबनार बातत बीना ब आ ( ब रं च कुमार ब वा) वारा
म ृ यज
ुं य बीरे कुमार भ टाचाय वारा
स ाट नवकांत ब आ वारा बांग
ला
न प - 1
भाषा और सा ह य का इ तहास
(उ तर बांगला म लखने ह गे)
खंड ‘क’
बांगला भाषा के इ तहास के वषय
1. आ य भारोपीय से बांगला तक का कालानु मक वकास (शाखाओं स हत वंशव ृ एवं
अनम
ु ा नत त थयां)

2. बांगला इ तहास के व भ न चरण ( ाचीन, म य एवं नवीन) एवं उनक भाषा व ान-
संबध
ं ी व श टताएं।

96
3. बांगला क नी तयां एवं उनके वभेदक ल ण।

4. बांगला श दावल के त व

5. बांगला ग य-सा ह य के प-साधु एवं प तत

6. अ प न हत ( व कष), अ भ ु त (उ लाउट), मध
ू यीभवन ( तवे टन), ना स यीभवन
(अनन
ु ा सकृत) समीभवन (समीकरण), सा य (एनेलोजी), वरागम ( वर सि नवेश) आ द
वरागम म य वरागम अथवा वर भि त, अ य वरागम, वर संग त (वावल हामनी),
Y - ु त एवं W - ुत

7. मानक करण क सम याएं तथा वण माला और वतनी तथा ल यंतरण और रोमनीकरण


का सध
ु ार।

8. आधु नक बांगला का व नम व ान, प व ान और वा य व यास। (आधु नक बांगला क


व नय , समु चयबोधक, श द रचनाएं, समास, मल
ू वा य अ भरचना।

खंड 'ख'

बांगला सा ह य के इ तहास के वषय :

1. बांगला सा ह य का काल वभाजन : ाचीन बांगला एवं म यकाल न बांगला।


2. आधु नक तथा पव
ू -आधु नक-पव
ू बांगला सा ह य के बीच अंतर से संबं धत वषय।
3. बांगला सा ह य म आधु नकता के अ युदय के आधार तथा कारण।
4. व भ न म यकाल न बांगला प का वकास : मंगल का य, वै णव गी तका य,
पांत रत आ यान (रामायण, महाभारत, भागवत) एवं धा मक जीवनच रत।
5. म यकाल न बांगला सा ह य म धम नरपे ता का व प।
6. उ नीसवीं शता द के बांगला का य म आ यानक एवं गी तका या मक व ृ यां।
7. ग य का वकास।
8. बांगला नाटक सा ह य (उ नीसवीं शता द , टै गोर, 1944 के उपरांत के बांगला नाटक)।
9. टै गोर एवं टै गोरो र।
10. कथा सा ह य, मख
ु लेखक : (बं कमच , टै गोर, शरतच , वभू तभष
ू ण, ताराशंकर,
मा णक)।
11. नार एवं बांगला सा ह य : सजक एवं सिृ जत।

न प - 2
व तत
ृ अ ययन के लए नधा रत पु तक

97
(उ र बांगला म लखने ह गे)
खंड 'क'
1. वै णव पदावल : (कलक ा व व व यालय) व याप त, चंडीदास, ानदास, गो व ददास
एवं बलरामदास क क वताएं.
2. चंडीमंगल : मक
ु ु द वारा कालकेतु वत
ृ ा त, (सा ह य अकादमी).
3. चैत य च रतामत
ृ : म य ल ला, कृ णदास क वराज र चत (सा ह य अकादमी)
4. मेघनादवध का य : मधुसद
ू न द ा र चत।
5. कपालकु डला : बं कमचं चटज र चत।
6. समय एवं बंगदे शरे कृषक : बं कमचं चटज र चत।
7. सोनार तार : रवी नाथ टै गोर र चत।
8. छ नप ावल : रवी नाथ टै गोर र चत।

खंड 'ख'

9. र तकरबी : रवी नाथ टै गोर र चत।


10. नबजातक : रवी नाथ टै गोर र चत।
11. गह
ृ दाह : शरतच चटज र चत।
12. बंध सं ह : भाग-1, मथ चौधर र चत।
13. अर यक : वभू तभष
ू ण बनज र चत।
14. कहा नयां : मा णक बं योपाधयाय र चत : अताशी मामी, ागै तहा सक, होलद
ु -पोरा,
सर सप
ृ , हारानेर, नटजमाई, छोटो-बोकुलपरु े र जा ी, कु ठरोगीर बौऊ, जाके घश
ु दते होय।
15. े ठ क वता : जीवनाचंद दास र चत।
16. जानौर : सतीनाथ भादड़ु ी र चत।
17. इं जीत : बादल सरकार र चत।

बोडो
न प - 1
बोडो भाषा एवं सा ह य का इ तहास
(उ र बोडो भाषा म ह लख)
खंड 'क'
बोडो भाषा का इ तहास
1. वदे श, भाषा प रवार, इसक वतमान ि थ त एवं असमी के साथ इसका पार प रक
संपक।
2. (क) व नम : वर तथा यंजन व नम।
(ख) व नयां।
3. प व ान : लंग, कारक एवं वभि तयां, बहुवचन, यय, यु प न, याथक यय।
98
4. श द समह
ू एवं इनके ोत।
5. वा य व यास : वा य के कार, श द म।
6. ार भ से बोडो भाषा को लखने म यु त ल प का इ तहास।

खंड 'ख'
बोडो सा ह य का इ तहास

1. बोडो लोक सा ह य का सामा य प रचय।


2. धम चारक का योगदान।
3. बोडो सा ह य का काल वभाजन।
4. वभ न वधाओं का आलोचना मक व लेषण. (का य, उप यास, लघु - कथा तथा
नाटक)।
5. अनव
ु ाद सा ह य।
न प – 2

इस न प म नधा रत पा य-पु तक का मल
ू अ ययन अपे त होगा और पर ा म उ मीदवार क
आलोचना मक यो यता को जांचने वाले न पछ
ू े जाएंगे.
(उ र बोडो भाषा म ह लख)

खंड 'क'
(क) खो थई – मेथई
(मादाराम मा तथा पनाथ मा वारा संपा दत)
(ख) हथोरखी - हला
( मोदचं मा वारा संपा दत)
(ग) बोरोनी गड
ु ी स साअव अरोज मादाराम मा वारा
(घ) राजा नीलांबर - वरे नाथ बासम
ु तार .
(ङ) बबार (ग य खंड)
(सतीशचं बासम
ु तार वारा संपा दत)

खंड 'ख'

(क) गबी बठाई (आइदा नवी) : बहुराम बोडो


(ख) रादाब : समर मा चौधर
(ग) ओखरं ग ग गसे नंगोऊ : ज कुमार मा
(घ) बैसागु अव ह रम:ू ल े वर मा
(ङ) वादान बोडो : मनोरं जन लहार
(च) जज
ु ैनी ओर : चतरं जन मच
ु हार

99
(छ) वीहूर : धरा नधर वार
(ज) होर बड़ी र व सी : कमल कुमार मा
(झ) जओ लया द वान : मंगल संह होजोवर
(ञ) हागरा गद
ु न
ु ी वी : नीलकमल मा
डोगर
न प - 1
डोगर भाषा एवं सा ह य का इ तहास
(उ र डोगर म लखे जाएं)
खंड 'क'
डोगर भाषा का इ तहास

1. डोगर भाषा : व भ न अव थाओं के वारा उ प एवं वकास।


2. डोगर एवं इसक बो लयां भाषाई सीमाएं।
3. डोगर भाषा के व श ट ल ण।
4. डोगर भाषा क संरचना :
(क) व न संरचना :
खंडीय : वर एवं यंजन
अखंडीय : द घता, बलाघात, ना स यरं जन, सरु एवं सं ध।
(ख) डोगर का पदरचना व ान
(i) प रचना वग : लंग, वचन, कारक, पु ष, काल एवं वा य।
(ii) श द नमाण : उपसग , म य यय तथा यय का उपयोग।
(iii) श द समह
ू : त सम, त भव, वदे शीय एवं दे शज।
(ग) वा य रचना : सवाग वा य - उनके कार तथा अवयव, डोगर वा य व यास म
अ वय तथा अि व त।
5. डोगर भाषा एवं ल प : डोगरे /डोगरा अ खर, दे वनागर तथा फारसी।
खंड 'ख'
डोगर सा ह य का इ तहास
1. वतं ता-पव
ू डोगर सा ह य का सं त ववरण प य एवं ग य।
2. आधु नक डोगर का य का वकास तथा डोगर का य क मु य व ृ यां।
3. डोगर लघक
ु था का वकास, मु य व ृ यां तथा मख
ु लघक
ु था लेखक।
4. डोगर उप यास का वकास, मु य व ृ यां तथा डोगर उप यासकार का योगदान।
5. डोगर नाटक का वकास तथा मख
ु नाटककार का योगदान।
6. डोगर ग य का वकास : नबंध, सं मरण एवं या ाव ृ ।
7. डोगर लोक सा ह य का प रचय : लोकगीत, लोककथाएं तथा गाथागीत।

न प - 2
डोगर सा ह य का पाठालोचन
100
(उ र डोगर म लखे जाएं)
खंड 'क'
प य :
1. आजाद पै ले द डोगर क वता
न न ल खत क व :
दे वी द ा, ल ख,ू गंगा राम, रामधन, हरद , पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम तथा परमानंद
अलम त।

2. आधु नक डोगर क वता


आजाद बाद द डोगर क वता
न न ल खत क व :-
कशन माइलपरु , तारा माइलपरु , मोहन लाल सपो लया, यश शमा, के.एस. मधुकर,
प मा सचदे व, िजते ऊधमपरु , चरण संह तथा काश ेमी।

3. ीराजा डोगर सं. 102, गज़ल अंक


न न ल खत क व :
राम लाल शमा, वेद पाल द प, एन.डी. जा वाल, शव राम द प, अि वनी मगो ा तथा
वीरे केसर।

4. ीराजा डोगर सं. 147, गज़ल अंक


न न ल खत क व :-
आर.एन. शा ी, िजते ऊधमपरु , चंपा शमा तथा दशन दश ।

5. श भू नाथ शमा वारा र चत 'रामायण' (महाका य) (अयो या का ड तक)

6. द नू भाई पंत वारा र चत 'वीर गल


ु ाब' (ख ड का य)।

खंड 'ख'
ग य :

1. अजकणी डोगर कहानी


न न ल खत लघु कथा लेखक :
मदन मोहन शमा, नरे खजू रया तथा बी.पी. साठे ।

2. अजकणी डोगर कहानी भाग-II


न न ल खत लघु कथा लेखक :
वेद राह , नर संह दे व जा वाल, ओम गो वामी, छ पाल, ल लत मगो ा, चमन अरोड़ा

101
तथा रतन केसर।

3. कथा कंु ज भाग-II


न न ल खत कथा लेखक :
ओम व याथ , च पा शमा तथा कृ ण शमा।

4. ब धु शमा वारा र चत 'मील प थर' (लघु कथा सं ह)

5. दे श ब धु डोगरा नत
ू न वारा र चत 'कैद ' (उप यास)

6. ओ.पी. शमा सारथी वारा र चत 'नंगा ख' (उप यास)।

7. मोहन संह वारा र चत 'नयान' (नाटक)

8. सतरं ग (एकांक नाटक सं ह)


न न ल खत नाटककार :
व वनाथ खजू रया, राम नाथ शा ी, िजते शमा, ल लत मगो ा तथा मदन मोहन
शमा

9. डोगर ल लत नबंध
न न ल खत लेखक :-
व वनाथ खजू रया, नारायण म ा, बालकृ ण शा ी, शवनाथ, याम लाल शमा, ल मी
नारायण, डी.सी. शांत, वेद घई, कंु वर वयोगी।

अं ेजी
इस पा य म के दो न प ह गे. इसम नधा रत पा य पु तक म से न न ल खत अव ध के अं ेजी
सा ह य का मल
ू अ ययन अपे त होगा िजससे उ मीदवार क समी ा- मता क जांच हो सके।

न प -I : 1600-1900
न प -II : 1900-1990

येक न प म दो न अ नवाय ह गे :

(क) एक लघ-ु ट पण न सामा य अ ययन से संबं धत वषय पर होगा और

(ख) ग य तथा प य दोन के अनदे खे उ धरण का आलोचना मक व लेषण होगा।

102
न प - I
(उ र अं ेजी म लखने ह गे)

व तत
ृ अ ययन के लए पाठ नीचे दए गए ह. अ य थय से न न ल खत वषय तथा घटनाओं के
व तत
ृ ान क अपे ा क जाएगी : द रनेसाँ; ए लजाबेथन ए ड जेको वयन ामा, मेटा फजीकल पोय ;
द ए पक ए ड द-मोक ए पक; नव ला सक वाद; सैटायर; द रोमाि टक मव
ू मट; द राइज़ ऑफ द नावेल;
द व टो रयन एज।

खंड 'क'
1. व लयम शे स पयर : कं ग लयर और द टै पै ट
2. जान डन - न न ल खत क वताएं :

1. केनोनाईजेशन

2. डेथ बी नाट ाउड

3. द गड
ु मोरो
ऑन हज म े ज गोइंग टु बेड
द रै लक
3. जॉन म टन-पैराडाइज लॉ ट I, II, IV, IX

4. अले जडर पोप - द रे प आफ द लॉक

- व लयम वड वथ - न न ल खत क वताएं :

- ओड आन इं टमेशस
ं आफ इ मोरटै लट

- टंटन एबे

- ी यीअस शी यू

- शी वे ट अमंग अन ोडन वेज़

- माइकेल

- रे जो यश
ू न एंड इं डपडे स

- द व ड इज टू मच वद अस

- म टन दाउ शु ट बी ल वंग एट दस आवर

- अपॉन वे ट म टर ज

5. अ े ड टे नीसन : इन मेमो रयम

103
6. है न रक इ सन : ए डॉ स हाउस

खंड 'ख'

1. जोनाथन ि व ट - ग लवस े व स

2. जेन ऑ टन - ाइड एंड ेजु डस

3. हे नर फ ि डंग - टॉम जॉ स

4. चा स डक स - हाड टाइ स

5. जाज इ लयट - द मल ऑन द लोस

6. टॉमस हाड - टे स आफ द ड अबर व स

7. माक वेन - द एडवचस आफ हकलबेर फन।

न प - 2
(उ र अं ेजी म लखने ह गे)

व तत
ृ अ ययन के लए पाठ नीचे दए गए ह। अ य थय से न न ल खत वषय और आ दोलन का
यथे ट ान भी अपे त होगा।
आधु नकतावाद : पोय स आफ द थट ज; द म आफ कांशसनेस नावेल; ए सड ामा; उप नवेशवाद तथा
उ र-उप नवेशवाद; अं ेजी म भारतीय लेखन; सा ह य म मा सवाद , मनो व लेषणा मक और नार वाद
ि टयां; उ र-आधु नकतावाद।

खंड 'क'

1. व लयम बटलर यी स - न न ल खत क वताएं :


- ई टर 1916
- द सैकंड क मंग
- ऐ ेयर फार माई डाटर
- से लंग टु बाइज टयम
- द टावर
- अमंग कूल च न

104
- ल डा ए ड द वान
- मे
- ले पस लेजुल
- द सैके ड क मंग
- बाईज टयम

2. ट .एस. इ लयट - न न ल खत क वताएं :


- द लव सॉ ग आफ जे. अ ेड ू ाक
- जन आफ द मेजाइ
- ब ट नाटन

3. डब यू एच आडेन - न न ल खत क वताएं
- पाट शन
- यूजी दे यू आटस
- इन मेमोर आफ डब यू बी. यी स
- ले यअ
ू र ल पंग है ड, माई लव
- द अननोन स टजन
- कि सडर
- मड
ुं स ऐट इ फे स
- द शी ड आफ ए कल ज
- सैपटे बर 1, 1939
- पेट शन

4. जॉन आसबोन - लक
ु बैक इन एंगर

5. सै युअल बैकेट : वे टंग फार गोडो

6. फ लप लार कन - न न ल खत क वताएं :
- नै ट
- लज
- डसै श स
- आ टरनू स
- डेज़
- म टर ल नी

7. ए.के. रामानज
ु न : न न ल खत क वताएं :

105
- लु कं ग फार ए कजन आन ए ि वंग
- ए रवर
- आफ मदस, अमंग अदर थं स
- लव पोयम फार ए वाईफ-1
- माल - केल र लैकश स
- आन ए ट
े हाउस
- ओ बचुएर

(ये सभी क वताएं आर पाथसारथी वारा स पा दत तथा आ सफोड यू नव सट ेस, नई


द ल वारा का शत, दसवीं-बीसवीं शता द के भारतीय क वय के सं ह म उपल ध ह)

खंड 'ख'

1. जोसेफ कोनरे ड : लाड िजम

2. जे स वायस : पो े ट आफ द आ ट ट एज ए यंग मैन

3. डी.एच. लारस : स स ए ड लवस

4. ई.एम. फो टर : ए पैसेज टु इं डया

5. वज नया वू फ : मसेज डेलोवे

6. राजा राव : कांथापरु ा

7. वी.एस. नायपाल : ए हाउस फार म टर ब वास

गज
ु राती
न प - 1
(उ र गज
ु राती म लखने ह गे)
खंड 'क'

गज
ु राती भाषा : व प तथा इ तहास

1. गज
ु राती भाषा का इ तहास : आधु नक भारतीय आय भाषा के पछले एक हजार वष के
वशेष संदभ म.
2. गज
ु राती भाषा क मह वपण
ू वशेषताएं : व नम व ान, प व ान तथा वा य
106
व यास.
3. मख
ु बो लयां : सरू ती, पाटणी, चरोतर तथा सौरा ठ
गज
ु राती सा ह य का इ तहास :
म ययुगीन
4. जैन पर परा
5. भि त पर परा : सगण
ु तथा नगण
ु ( ानमाग )
6. गैर स दायवाद पर परा (लौ कक पर परा)
आधु नक
7. सध
ु ारक यग

8. पं डत यग

9. गांधी यग

10. अनग
ु ांधी यग

11. आधु नक यग

खंड 'ख'

सा हि यक व प ( न न ल खत सा हि यक व प क मख
ु वशेषताएं, इ तहास और वकास)

(क) म ययग

1. वत
ृ ा त : रास, आ यान तथा प यवाता
2. गी तका य : पद
(ख) लोक सा ह य
3. भवाई
(ग) आधु नक
4. कथा सा ह य : उप यास तथा कहानी.
5. नाटक
6. सा हि यक नबंध
7. गी तका य
(घ) आलोचना
8. गज
ु राती क सै धां तक आलोचना का इ तहास
9. लोक पर परा म नवीनतम अनस
ु ध
ं ान

न प - 2
(उ र गज
ु राती म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत पा य पु तक का मल
ू अ ययन अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएंगे िजससे
उ मीदवार क समी ा मता क जांच हो सके।
खंड 'क'
107
1. म ययग

(i) वसंत वलास फागु : अ ातकृत
(ii) काद बर : भालण
(iii) सद
ु ामा च र : ेमानंद
(iv) चं चं ावतीनी वाता : शामल
(v) अखेगीता : अखो

2. सध
ु ारक यग
ु तथा पं डत यग

(vi) मार हक कत : नमदाशंकर दवे
(vii) फरबसवीरा : दलपतराम
(viii) सर वती चं -भाग 1 : गोवधनराम पाठ
(ix) पव
ू ालाप : 'कांत' (म णशंकर र नाजी भ ट)
(x) राइनो पवत : रमणभाई नीलकंठ

खंड 'ख'

1. गांधी यग
ु तथा अनग
ु ांधी यग

(i) ह द वराज : मोहनदास करमचंद गांधी
(ii) पाटणनी भत
ु ा : क हैयालाल मश
ुं ी
(iii) का यनी शि त : राम नारायण व वनाथ पाठक
(iv) सौरा नी रसधार-भाग 1 : भवेरचंद मेघाणी
(v) मानवीनी भवाई : प नालाल पटे ल
(vi) व न : राजे शाह

2. आधु नक यग

(vii) स तपद : उमाशंकर जोशी
(viii) जनाि तके : सरु े श जोशी
(ix) अ व थामा : सता शु यशरचं

ह द
न प - 1
(उ र ह द म लखने ह गे)
खंड 'क'

1. ह द भाषा और नागर ल प का इ तहास


(i) अप श
ं , अवह ट और ारं भक ह द का याकर णक तथा अनु यु त व प।
108
(ii) म यकाल म ज और अवधी का सा हि यक भाषा के प म वकास।
(iii) स धनाथ सा ह य, खस
ु रो, संत सा ह य, रह म आ द क वय और दि खनी ह द
म खड़ी बोल का ारं भक व प।
(iv) उ नीसवीं शता द म खड़ी बोल और नागर ल प का वकास।
(v) ह द भाषा और नागर ल प का मानक करण।
(vi) वतं ता आ दोलन के दौरान रा भाषा के प म ह द का वकास।
(vii) भारतीय संघ क राजभाषा के प म ह द का वकास।
(viii) ह द भाषा का वै ा नक और तकनीक वकास।
(ix) ह द क मख
ु बो लयां और उनका पर पर संबध
ं ।
(x) नागर लप क मख
ु वशेषताएं और उसके सध
ु ार के यास तथा मानक ह द
का व प।
(xi) मानक ह द क याकर णक संरचना।

खंड 'ख'
2. ह द सा ह य का इ तहास
ह द सा ह य क ासं गकता और मह व तथा ह द सा ह य के इ तहास-लेखन क
पर परा।
ह द सा ह य के इ तहास के न न ल खत चार काल क सा हि यक व ृ यां।
(क) आ दकाल : स ध, नाथ और रासो सा ह य।
मख
ु क व : चंदबरदाई, खस
ु रो, हे मचं , व याप त।
(ख) भि त काल : संत का य धारा, सफ़
ू का यधारा, कृ ण भि तधारा और राम
भि तधारा।
मख
ु क व : कबीर, जायसी, सरू और तुलसी।
(ग) र तकाल : र तका य, र तब धका य, र तमु त का य
मख
ु क व : केशव, बहार , पदमाकर और घनानंद।
(घ) आधु नक काल :
क. नवजागरण, ग य का वकास, भारते द ु मंडल
ख. मख
ु लेखक : भारते द,ु बाल कृ ण भ ट और ताप नारायण म ।
ग. आधु नक ह द क वता क मु य व ृ यां।
छायावाद, ग तवाद, योगवाद, नई क वता, नवगीत, समकाल न क वता
और जनवाद क वता।

मख
ु कव :
मै थल शरण गु त, जयशंकर ' साद', सय
ू कांत पाठ ' नराला', महादे वी वमा,
रामधार संह ' दनकर', सि चदानंद वा यायन 'अ ेय', गजानन माधव मिु तबोध,
नागाजुन।

109
3. कथा सा ह य
क. उप यास और यथाथवाद
ख. ह द उप यास का उ भव और वकास
ग. मख
ु उप यासकार
ेमच द, जैने , यशपाल, रे णु और भी म साहनी
घ. ह द कहानी का उ भव और वकास
ङ मख
ु कहानीकार
ेमच द, जयशंकर ' साद,' सि चदानंद वा यायन, 'अ ेय,' मोहन राकेश और
कृ णा सोबती।

4. नाटक और रं गमंच
क. ह द नाटक का उ भव और वकास।
ख. मख
ु नाटककार : भारते द,ु जयशंकर ' साद,' जगद श चं माथुर, रामकुमार
वमा, मोहन राकेश।
ग. ह द रं गमंच का वकास।

5. आलोचना :
क. ह द आलोचना का उ भव और वकास - सै धां तक, यावहा रक, ग तवाद ,
मनो व लेषणवाद , आलोचना और नई समी ा।

ख. मख
ु आलोचक
रामचं शु ल, हजार साद ववेद , राम वलास शमा और नगे ।

6. ह द ग य क अ य वधाएं :
ल लत नब ध, रे खा च , सं मरण, या ा वत
ृ ा त।

न प - 2
(उ र ह द म लखने ह गे)
इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएंगे िजनसे
अ यथ क आलोचना मक मता क पर ा हो सके।

खंड 'क'

1. कबीर : कबीर थ
ं ावल (आरं भक 100 पद)
संपादक : याम सु दरदास
2. सरू दास : मरगीत सार (आरं भक 100 पद)
संपादक : रामचं शु ल
110
3. तुलसीदास : रामच रत मानस (सद
ुं र का ड)
क वतावल (उ र का ड).
4. जायसी : पदमावत ( सहंल वीप ख ड और नागमती वयोग ख ड)
संपादक : याम सु दरदास
5. बहार : बहार र नाकर (आरं भक 100 दोहे)
संपादक : जग नाथ दास र नाकार
6. मै थल शरण गु त : भारत भारती
7. जयशंकर ' साद' : कामायनी ( चंता और धा सग)
8. सय
ू कांत पाठ ' नराला' : राग- वराग (राम क शि त पज
ू ा और कुकुरमु ा)

संपादक : राम वलास शमा


9. रामधार संह ' दनकर : कु े
10. अ ेय : आंगन के पार वार (असा य वीणा)
11. मिु त बोध : मरा स
12. नागाजन
ु : बादल को घरते दे खा है, अकाल और उसके बाद, ह रजन
गाथा।

खंड 'ख'

1. भारते द ु : भारत दद
ु शा
2. मोहन राकेश : आषाढ़ का एक दन
3. रामचं शु ल : चंताम ण (भाग-1)
(क वता या है, धा और भि त).
4. नबंध नलय, संपादक : डा. स ये , बाल कृ ण भ ट, ेमच द, गल
ु ाब राय, हजार साद
ववेद , राम वलास शमा, अ ेय, कुबेर नाथ राय.
5. ेमचंद : गोदान, ' ेमचंद क सव े ठ कहा नयां,
संपादक : अमत
ृ राय
मंजष
ु ा : ेम चंद क सव े ठ कहा नयां,
संपादक : अमत
ृ राय
6. साद : कंदगु त
7. यशपाल : द या
8. फणी वरनाथ रे णु : मैला आंचल
9. म नू भ डार : महाभोज
10. एक द ु नया समाना तर, (सभी कहा नयां)
संपादक : राजे यादव.

111
क नड़
न प - 1
(उ र क नड़ म लखने ह गे)
खंड 'क'

(क) क नड़ भाषा का इ तहास

भाषा या है? भाषा क सामा य वशेषताएं।

वड़ भाषा प रवार और इसके व श ट ल ण. क नड़ भाषा क ाचीनता. उसके वकास


के व भ न चरण।
क नड़ भाषा क बो लयां : े ीय और सामािजक. क नड़ भाषा के वकास के व भ न
पहलू : व न मक और अथगत प रवतन।
भाषा आदान।

(ख) क नड़ सा ह य का इ तहास

ाचीन क नड़ सा ह य : भाव और व ृ यां. न न ल खत क वय का अ ययन।

पंपा, ज न, नागचं : पंपा से र नाकार वण तक इन न द ट क वय का वषय व त,ु


प वधान और अ भ यंजना क ि ट से अ ययन।
म ययग
ु ीन क नड़ सा ह य : भाव और व ृ यां।

बचन सा ह य : बासव ना, अ क, महादे वी।

म ययुगीन क व : ह रहर राघवंक, कुमार यास।

दास सा ह य : परु दर और कनक।

संगतया : र नाकार वण ।

(ग) आधु नक क नड़ सा ह य : भाव, व ृ यां और वचारधाराएं. नवोदय, ग तशील, न य,


द लत और ब दय।

खंड 'ख'

(क) का यशा और सा हि यक आलोचना :

क वता क प रभाषा और संक पनाएं : श द, अथ, अलंकार, र त, रस, व न, औ च य।

रस सू क या याएं।

सा हि यक आलोचना क आधु नक व ृ यां :

पवाद , ऐ तहा सक, मा सवाद , नार वाद , उ र-औप नवे शक आलोचना।

112
(ख) कनाटक का सां कृ तक इ तहास :

कनाटक क सं कृ त म राजवंश का योगदान :

सा हि यक संदभ म बदामी और क याणी के चालु य , रा कूट , हौश य और वजयनगर


के शासक का योगदान।
कनाटक के मख
ु धम और उनका सां कृ तक योगदान।

कनाटक क कलाएं : सा हि यक संदभ म मू तकला, वा तुकला, च कला, संगीत, न ृ य।

कनाटक का एक करण और क नड़ सा ह य पर इसका भाव।

न प - 2
(उ र क नड़ म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएंगे िजससे
उ मीदवार क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।
खंड 'क'

(क) ाचीन क नड़ सा ह य :

1. पंपा का व माजन
ु वजय (सग 12 तथा 13), (मैसरू व व व यालय काशन)।

2. ब दराघने (सक
ु ु मार वामैया काथे, व यु चोरन काथे)।

(ख) म ययग
ु ीन क नड़ सा ह य :

1. वचन का मत, संपादक : के. मा ल स द पा, के. आर. नागराज, (बंगलौर व व व यालय
काशन)।
2. जन य कनकस पत
ु , संपादक : डी. जवारे गौड़ा, (क नड़ एंड क चर डायरे टरे ट,
बंगलौर)।
3. नि बय नाना रागाले, संपादक : डी.एन. ीकातैया, (ता.वेम. मारक थ
ं माले, मैसरू )।

4. कुमार यास भारत : कण पव (मैसरू व व व यालय)।

5. भारतेश वैभव सं ह, संपादक : ता.स.ु शाम राव, (मैसरू व व व यालय)।

खंड 'ख'

(क) आधु नक क नड़ सा ह य

1. का य : होसग नड क वते, संपादक : जी.एच. नायक, (क नड़ सा ह य


प रश ,ु बंगलौर)।

113
2. उप यास : बेलाद जीव - शवराम कांरत, (माधवी-अनप
ु मा नरं जन
औडालाल- दे वानु महादे व।

3. कहानी : क नड़ स न, काथेगलु , स पादक : जी.एच. नायक, (सा ह य


अकादमी, नई द ल )।

4. नाटक : शु तप वी – कुवे प।ु

तग
ु लक- गर श कनाड।

5. वचार सा ह य : दे व - ए.एन. मू त राव ( काशक : डी.वी.के. मू त, मैसरू )।

(ख) लोक सा ह य

1. जनपद व प : डा. एच.एम. नायक (ता.वैम. मारक थ


ं माले, मैसरू )

2. जनपद गीताजंल : संपादक : डी. जवारे गौड़ा, ( काशक : सा ह य अकादमी, नई


द ल)

3. क नड़ जनपद : संपादक : जे.एस. परम श –


काथेगालू वैया (मैसरू व व व यालय)

4. बी ड़ म कालू : संपादक : कालेगौड़ा

बैलेडो नागवारा, ( काशक : बंगलौर व व व यालय)।

5. स वरद ओगातग
ु ालु : संपादक : एस.जी. इमरापरु

क मीर
न प - 1
(उ र क मीर म लखने ह गे)
खंड 'क'

1. क मीर भाषा के वंशानग


ु त संबध
ं : व भ न स धांत

114
2. घटना े तथा बो लयां (भौगो लक/सामािजक)

3. व नम व ान तथा याकरण :

(i) वर व यंजन यव था

(ii) व भ न कारक वभि तय स हत सं ाएं तथा सवनाम

(iii) याएं : व भ न कार एवं काल

4. वा य संरचना :

(i) साधारण, कतवा


ृ य व घोषणा मक कथन

(ii) सम वय

(iii) सापे ीकरण

खंड 'ख'

1. 14वीं शता द म क मीर सा ह य (सामािजक-(सां कृ तक) तथा बौ धक प ृ ठभू म; लाल


दयाद तथा शेइखुल आलम के वशेष संदभ स हत)
2. उ नीसवीं शता द का क मीर सा ह य ( व भ न वधाओं का वकास : व सन, गज़ल
तथा मथनवी)
3. बीसवीं शता द के पव
ू ा ध म क मीर सा ह य (महजूर तथा आजाद के वशेष संदभ
स हत, व भ न सा हि यक भाव)
4. आधु नक क मीर सा ह य (कहानी, नाटक, उप यास तथा न ़म के वकास के वशेष
संदभ स हत)

न प - 2
(उ र क मीर म लखने ह गे)
खंड 'क'

1. उ नीसवीं शता द तक के क मीर का य का गहन अ ययन :

(i) लाल दयाद

(ii) शेईखुल आलम

(iii) ह बा खातन

115
2. क मीर का य : 19वीं शता द

(i) महमद
ू गामी (व सन)

(ii) मकबल
ू शाह (जल
ु रे ज)

(iii) रसल
ू मीर (गज़ल)

(iv) अ दल
ु अहमद नद म (नात)

(v) कृ णजू राज़दान ( शव लगन


ु )

(vi) सफ
ू कव (पा य पु तक संगलाब- काशन- क मीर वभाग, क मीर
व व व यालय)

3. बीसवीं शता द का क मीर का य (पा य पु तक - आिजच का शर शायर , काशन-


क मीर वभाग, क मीर व व व यालय।

4. सा हि यक समालोचना तथा अनस


ुं धान काय : वकास एवं व भ न व ृ यां।

खंड 'ख'

1. क मीर कहा नय का व लेषणा मक अ ययन।

(i) अफसाना मज़मए


ु - काशन-क मीर वभाग, क मीर व व व यालय

(ii) 'काशरु अफसाना अज़' - काशन-सा ह य अकादमी

(iii) 'हमासर काशरु अफसाना' - काशन-सा ह य अकादमी

केवल न न ल खत कहानी लेखक :

अ तर मो ह-उ द न, अमीन का मल, ह रकृ ण कौल, दय कौल भारती, बंसी नद ष,


गल
ु शन मािजद।

2. क मीर उप यास :

(i) जीएन गोहर का मज


ु रम

(ii) मा न-इवानइ लचन (टॉल टाय क 'द डेथ आफ इ लच' का क मीर अनव
ु ाद
(क मीर वभाग वारा का शत)

3. क मीर नाटक :

(i) ह र कृ ण कौल का 'नाटुक क रव बंद'

116
(ii) ऑक एंगी नाटुक, सेवा मोतीलाल क म,ू सा ह य अकादमी वारा का शत

(iii) रािज इ डपस अनु. नज़ी मन


ु ावर, सा ह य अकादमी वारा का शत

4. क मीर लोक सा ह य :

(i) काशरु लु क थयेटर, लेखक-मोह मद सभ


ु ान भगत- काशन, क मीर वभाग,
क मीर व व व यालय।
(ii) का शर लक
ु बीथ (सभी अंक) ज मू एवं क मीर सां कृ तक अकादमी वारा
का शत।
क कणी
न प - 1
(उ र क कणी म लखने ह गे)
खंड 'क'
क कणी भाषा का इ तहास :

(1) भाषा का उ भव और वकास तथा इस पर पड़ने वाले भाव।

(2) क कणी भाषा के मु य प तथा उनक भाषाई वशेषताएं।

(3) क कणी भाषा म याकरण और श दकोश संबध


ं ी काय-कारक, या वशेषण, अवयव
तथा वा य के अ ययन स हत।
(4) परु ानी मानक क कणी, नयी मानक क कणी तथा मानक करण क सम याएं।

खंड 'ख'

क कणी सा ह य का इ तहास :

उ मीदवार से अपे ा क जाएगी क वे क कणी सा ह य तथा उसक सामािजक और सां कृ तक प ृ ठभू म


से भल -भां त प र चत ह तथा इससे उठने वाल सम याओं तथा मु द पर वचार करने म स म ह ।

(i) क कणी सा ह य का इ तहास- ाचीनतम संभा वत ोत से लेकर वतमान काल तक तथा


मु य कृ तय , लेखक और आंदोलन स हत.
(ii) क कणी सा ह य के उ रो र नमाण क सामािजक और सां कृ तक प ृ ठभू म.

(iii) आ दकाल से आधु नक काल तक क कणी सा ह य पर पड़ने वाले भारतीय और पा चा य


भाव.
(iv) वभ न े और सा हि यक वधाओं म उभरने वाल आधु नक व ृ यां-क कणी लोक
सा ह य के अ ययन स हत.

117
न प - 2
(उ र क कणी म लखने ह गे)
क कणी सा ह य क मल
ू पाठ
वषयक समालोचना

यह नप इस कार तैयार कया जाएगा क उ मीदवार क आलोचना तथा व लेषण मता क जांच हो
सके।
उ मीदवार से क कणी सा ह य के व तत
ृ प रचय क अपे ा क जाएगी और दे खा जाएगा क उ ह ने
न न ल खत पा यपु तक को मल
ू म पढ़ा है अथवा नह ं।

खंड 'क'
ग य :

1. (क) क कणी मनसांगो ी (प य के अलावा) ( ो. ओ ल व हो गो स वारा संपा दत।

(ख) ओ ड कोकणी ल वेज एंड ल े चर, द पोजगीज़


ु रोल : ो. ओ ल व हो गो स वारा
संपा दत।

2. (क) ओ मो डे वचरक : ए.वी. डा. ु ज का उप यास

(ख) वेडोल आनी वरे म : एंटो नयो परे रा का उप यास

(ग) डेवाचे कुरपेन : वी.जे. पी. स दाना का उप यास

3. (क) व लखनी-शेनॉय गोइम-बाब : शांताराम वद वलव लकर वारा संपा दत सं ह।

(ख) क कणी ल लत नबंध : याम वेरकर वारा संपा दत नबंध सं ह।

(ग) तीन दशकम : चं कांत के ण वारा संपा दत सं ह।

4. (क) डमांड : पड
ुं ल क नाइक का नाटक।

(ख) कादि बनी-ए मसलेनी आफ माडन ोज़ : ो.ओ.जे.एफ. गो स तथा ीमती


पी.एस. तदकोदकर वारा संपा दत।
(ग) रथा तु जे ओ घु दयो : ीमती जयंती नाईक

खंड 'ख'
प य

1. (क) इवअ ण मोर : एडुआड बन


ू ो डसज
ू ा वारा र चत का य

118
(ख) अ वंचम य दान : लई
ु स मे केरे नहास

2. (क) गो डे रामायण : आर.के. राव वारा संपा दत

(ख) र नहार I एंड II, ले शन आफ पोय स : आर. वी. पं डत वारा संपा दत

3. (क) ज़यो-जुयो-पोय स : मनोहर एल सरदे साई

(ख) कनाद माट क कणी क व : ताप नाईक वारा संपा दत क वता सं ह

4. (क) अ न टाचे क ले : पांडुरं ग भंगई


ु वारा र चत क वताएं

(ख) यमन : माधव बोरकर वारा र चत क वताएं

मै थल
न प - 1
मै थल भाषा और सा ह य का इ तहास
(उ र मै थल म लखने ह गे)
खंड 'क'
मै थल भाषा का इ तहास :

1. भारोपीय भाषा-प रवार म मै थल का थान।

2. मै थल भाषा का उ भव और वकास (सं कृत, ाकृत, अवह ट, मै थल )।

3. मै थल भाषा का का लक वभाजन (आ दकाल, म यकाल, आधु नक काल)।

4. मै थल एवं इसक व भ न उपभाषाएं।

5. मै थल एवं अ य पव
ू ाचल य भाषाओं म संबध
ं (बंगला, अस मया, उ ड़या)।

6. तरहुता ल प का उ भव और वकास।

7. मै थल म सवनाम और यापद।

119
खंड 'ख'

मै थल सा ह य का इ तहास :

1. मै थल सा ह य क प ृ ठभू म (धा मक, आ थक, सामािजक, सां कृ तक)।

2. मै थल सा ह य का काल- वभाजन

3. ाक् व याप त सा ह य।

4. व याप त और उनक पर परा।

5. म यकाल न मै थल नाटक (क त नया नाटक, अंक या नाट, नेपाल म र चत मै थल


नाटक)।

6. मै थल लोकसा ह य (लोकगाथा, लोकगीत, लोकना य, लोककथा)

7. आधु नक यग
ु म व भ न सा हि यक वधाओं का वकास

(क) बंध का य
(ख) मु तक का य
(ग) उप यास
(घ) कथा
(ङ) नाटक
(च) नबंध
(छ) समी ा
(ज) सं मरण
(झ) अनव
ु ाद

8. मै थल प -प काओं का वकास।

न प - 2
(उ र मै थल म लखने ह गे)
इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएंगे िजनसे
अ यथ क आलोचना मक मता क पर ा हो सके।

120
खंड 'क'

1. व याप त गीतशती- काशक-सा ह य अकादमी, नई द ल

(गीत सं या 1 से 50 तक)। खंड

2. गो व ददास भजनावल - काशक-मै थल अकादमी, पटना 'ख'

10. (गीत सं या -1 से
वणर नाकर यो 25
तर तक)
वर ( वतीय क लोल मा )।
3.
11. क
खृ णज म - मनबोध।
टर ककाक तरं ग - ह रमोहन झा।
4.
12. म रक
लो थला- भाषा रामायण
वजय-म णप -म च दा झा (सु दरका ड मा )।
5.
13. रामे वरच–रत
प ृ वीप म थला रामायण - लालदास (बालका ड मा )।
ल लत।

6.
14. क चकवधचाहक
भफाइत - त िजनगी
नाथ झा
- सध
ु ांशु 'शेखर' चौधर ।
7.
15. द -वती
कृ त - सरु े – झाकाशक
राजकमल 'सम
ु न'-मै( थल
थम अकादमी,
और वतीय सग(आर
पटना मा )।
भ म दस कथा तक)।
8.
16. च ा-या ही। -
कथा-सं काशक-मै थल अकादमी, पटना।
9. समकाल न मै थल क वता- काशक सा ह य अकादमी, नई द ल .
मल
यालम
न प - 1
(उ र मलयालम म लखने ह गे)
खंड 'क'

भाग-1 मलयालम भाषा क ारं भक अव था :

1.1 व भ न स धांत : ाक् व ड़यन, त मल, सं कृत से उ भव।

1.2 त मल तथा मलयालम का संबध


ं ए.आर. राजराजवमा के छ: ल ण (नया)

1.3 पा टु सं दाय - प रभाषा, रामच रतम, परवत पा टु कृ तयां- नराणम कृ तयां तथा कृ ण
गाथा।
भाग - 2 : न न ल खत क भाषाई वशेषताएं :

2.1 म ण वालम – प रभाषा, म ण वालम म लखी ारं भक कृ तय क भाषा-च प,ू


संदेशका य, च ो सव, छुट-पट
ु कृ तयां परवत म ण वाल कृ तयां-म ययग
ु ीन च पू एवं
आ ट कथा।
2.2 लोक गाथा : द णी तथा उ र गाथाएं, माि पला गीत।

2.3 ारं भक मलयालम ग य-भाषा कौ टल यम, मांड परु ाणम आ ट- कारम, म द पका
तथा नि बयान त मल।

121
भाग -3 : मलयालम का मानक करण

3.1 पाणा, क ल पा टु तथा तु लन क भाषा क वशेषताएं।

3.2 वदे शी तथा यरू ोपीय मशन रय का मलयालम को योगदान।

3.3 समकाल न मलयालम क वशेषताएं : शास नक भाषा के प म मलयालम. व ान


तथा ौ यो गक सा ह य क भाषा-जन संचार क भाषा।

खंड 'ख'
सा ह य का इ तहास

भाग - 4 ाचीन तथा म ययग


ु ीन सा ह य :

4.1 पा टू - राम च रतम ्, नराणम कृ तयां एवं कृ ण गाथा.

4.2 म ण वालम-आ ट कथा, चंपू आ द ारं भक तथा म ययग


ु ीन म ण वाल कृ तयां.

4.3 लोक सा ह य

4.4 क लपा टु, तु लल तथा महाका य

भाग-5 आधु नक सा ह य-क वता

5.1 वैणम ण क व तथा समकाल न क व

5.2 व छ दतावाद का आगमन-क व य का का य-आशान, उ लरू तथा व लतोल

5.3 क व य के बाद क क वता।

5.4 मलयालम क वता म आधु नकतावाद।

भाग-6 आधु नक सा ह य-ग य

6.1 नाटक

6.2 उप यास

6.3 लघु कथा

6.4 जीवनी, या ा वणन, नबंध और समालोचना।

न प - 2
(उ र मलयालम म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत पा य पु तक का मल
ू अ ययन अपे त होगा और पर ा म उ मीदवार क
आलोचना मक मता को जांचने वाले न पछ
ू े जाएंगे।

खंड 'क'
122
भाग - 1

1.1 रामच रतम-पटलम-1

1.2 क ण श रामायणम ् - बालका डम थम 25 प य।

1.3 उ णुनी ल सवे म ् - पव


ू भागम 25 लोक, तावना स हत।

1.4 महाभारतम ् : क ल पा टु-भी म पवम ्

भाग - 2

2.1 कुमारन ् आशान- चंता अवि थयाय सीता

2.2 वैलोि प ल कु टयो ष कल

2.3 जी शंकर कु प - पे त चन

2.4 एन.वी. कृ ण वा रयार - तवां द यले पा टु

भाग - 3

3.1 ओएनवी-भू म को चरम गी तम ्

3.2 अ य पा प ण का - कु े म

3.3 आि क टम पंड े मे शां त

3.4 आ टूर र व वमा - मेघ प

खंड 'ख'

भाग - 4

4.1 ओ. चंतु मेनन - इंदल


ु ेखा

4.2 तक ष - चे मीन

4.3 ओ.वी. वजयन - खाताि क टे इ तहासम ्

भाग - 5

5.1 एमट वासद


ु े वन नायर - वान थम (सं ह)

5.2 एनएस माधवन - हि व ा (सं ह)

5.3 सीजे थामस-1128 - इल ाइम 27

भाग-6

123
6.1 कु टकृ ण मारार - भारत पयटनम ्

6.2 एम.के. सानू - न ग


ं लट
ु े नेहभाजनम ्

6.3 वीट भ ट रपाद - कि णी म कनावम


म णपरु
न प - 1
(उ र म णपरु म लखने ह गे)
खंड 'क'

भाषा

(क) म णपरु भाषा क सामा य वशेषताएं और उसके वकास का इ तहास, उ र-पव


ू भारत
क त बती-बम भाषाओं के बीच म णपरु भाषा का मह व तथा थान, म णपरु भाषा
म अ ययन म नवीनतम वकास, ाचीन म णपरु ल प का अ ययन और वकास।

(ख) म णपरु भाषा क मह वपण


ू वशेषताएं।

(i) वर व ान : व नम (फोनीम), वर, यंजन, संयोजन, वरक, यंजन समह



और इनका ादभ
ु ाव-अ र-इसक संरचना, व प तथा कार।
(ii) प व ान : श द ेणी, धातु तथा इसके कार; यय और इसके कार;
याकर णक े णयां- लंग, सं या, पु ष, कारक, काल और इनके व भ न प .
संयोजन क या (समास और सं ध)।
(iii) वा य व यास : श द म, वा य के कार, वा यांश और उपवा य का गठन।

खंड 'ख'

क) म णपरु सा ह य का इ तहास :
आरं भक काल (17वीं शता द तक) सामािजक तथा सां कृ तक प ृ ठभू म, वषय व त,ु काय क
शैल तथा र त।
म य काल : (अठारहवीं तथा उ नीसवीं शता द ) सामािजक धा मक तथा राजनी तक प ृ ठभू म,
वषयव त,ु काय क शैल तथा र त।
आधु नक काल : मख
ु सा हि यक प का वकास- वषयव त,ु र त और शैल म प रवतन।

(ख) म णपरु लोक सा ह य :


दं तकथा, लोक कथा, लोक गीत, गाथा लोकोि त तथा पहेल ।

(ग) म णपरु सं कृ त के व भ न प :
ह दप
ू व
ू म णपरु आ था, ह द ु व का आगमन और सम वयवाद क या; दशन कला-लाई

124
हरोवा, महारस, वदे शी खेल-सगोल कांगजेइ, ख ग कांगजेई कांग।

न प - 2
(उ र म णपरु म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत पा य पु तक का मल
ू अ ययन अपे त है और न का व प ऐसा होगा
िजससे अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।

खंड 'क'

ाचीन तथा म यकाल न म णपरु सा ह य

(क) ाचीन म णपरु सा ह य

1. ओ. मोगे वर संह (सं.) नु मत क पा

2. एम. गौराचं संह (सं.) वनथवा हरण

3. एन. खेलचं संह (सं.) नौ थंगकांग फ बल काबा

4. एम. चं संह (सं.) पंथोयबी ख गल

(ख) म यकाल न म णपरु सा ह य

1. एम. च संह (सं.) समसोक गांबा

2. आर.के. नेहल संह (सं.) रामायण आ द कांड

3. एन. खेलचं संह (सं.) घनंजय लाइबू नं बा

4. ओ. भोगे वर संह (सं.) चं क त िजला चंगबा

खंड 'ख

आधु नक म णपरु सा ह य

(क) क वता तथा महाका य

(I) क वता

(क) म णपरु शेरग ( काशन) म णपरु सा ह य प रष 1988 (सं.)

ख. चोबा संह पी थदोई, लैमगी चेकला आमदा लोकटक

डा. एल. कमल संह नजनता; नरब राजनी

ए. मीनाकेतन संह कमा दा न गमलखोडा

125
एल. समरे संह इंगागी न ग ममंग लेकाई

थ बल

सतले

ई. नीलकांत संह म णपरु , लमंगनबा

ी बीरे न तंगखुल हुई

थ. इवो पशाक अनौबा थंगबाला िजबा

(ख) का बी शेरग ( काशन) म णपरु व व व यालय 1998 (सं)

डा. एल. कमल संह ब वा- ेम

ी बीरे न चफ बा लेइगी येन

थ. इबो पशाक नरक पाताल प ृ थवी

(II) महाका य

1. ए. दोरे जीत संह कांसा बोधा

2. एच. अंगनघल संह खंबा-थोईबी शेरग (सन-सेनबा), लेई लंगबा, शामू


ख गी वचार)

(III) नाटक

1. एस. ल लत संह अरे पा मा प

2. जी.सी. ट ग ा मै क पास

3. ए.समरे जज साहे ब क इमंग

(ख) उप यास, कहानी तथा ग य :

(I) उप यास

1. डा. एल. कमल संह : माधबी

2. एच. अंगनघल संह जहेरा

3. एच. गण
ु ो संह लामन

4. पाछा मीटे ई इ फाल आमासग


ुं , मैगी इ शंग, नग
ुं सीतक फबम

126
(II) कहानी

क) का बी व रमचा ( काशन) म णपरु व व व यालय 1997 (सं.)

आर.के. शीतलजीत संह कमला कमला

एम.के. बनो दनी आइगी थाऊ बा ह प लालू

ख. काश- वेनम शारग

ख) प रष क खांगतलबा व रमचा ( काशन) म णपरु सा ह य प रषद 1994 (सं.)

एस. नील बर शा ी लोखा पा

आर.के. इलंगबा क रनग


ुं ी

ग) अनौबा म णपरु व रमचा ( काशन) - द क चरल फोरम म णपरु 1992 (सं.)

एन कंु जमोहन संह इजात तनबा

ई. द नम ण नंगथक ख गनांग

(III) ग य

क) वारगी सकलोन ( यू पाट) ( काशन) द क चरल फोरम म णपरु 1992 (सं.)

ख) चौबा संह : खंबा-थोई बगी वार अमासग


ुं महाका य

कांची वारग ( काशन) - म णपरु व व व यालय 1998 (सं)

बी. म णसन शा ी फाजबा

च. म णहर संह लाई-हरौबा

ग) अपन
ु बा वारग ( काशन) - म णपरु व व व यालय 1986 (सं.)

च. पशक संह समाज अमासग


ुं सं कृ त

एम.के. बनो दनी थोई बद ु वेरोहोइदा

ए रक यट
ू न कलगी महोसा

(आई. आर.बाबू वारा अनू दत)

घ) म णपरु वारग ( काशन) द क चरल फोरम म णपरु 1999 (सं.)

एम. कृ ण मोहन संह लान

मराठ
न प - 1
(उ र मराठ म लखने ह गे)
127
खंड 'क'

भाषा और लोक वधा

(क) भाषा का व प और काय

(मराठ के संदभ म)

भाषा - संकेतन णाल के प म : ल गई


ु और परौल, आधारभत
ू काय, का या मक भाषा, मानक
भाषा तथा बो लयां, सामािजक ाचल के अनस
ु ार भाषाई-प रवतन, तेरहवीं तथा स हवीं शता द म
मराठ क भाषाई वशेषताएं
ख) मराठ क बो लयां

अ हराणी, बरहद , डांगी

(ग) मराठ याकरण

श द-भेद (पाटस ् ऑफ पीच), कारक यव था (केस स टम), योग वचार (वा य)

(घ) लोक वधा के व प और कार

(मराठ के वशेष संदभ म)

लोकगीत, लोककथा, लोकना य

खंड 'ख'

सा ह य का इ तहास और सा हि यक आलोचना

(क) मराठ सा ह य का इ तहास

1. ारं भ से 1818 ई. तक : महानभ


ु ाव लेखक, वरकार क व, पं डत क व, शा हस, बाखर
सा ह य के वशेष संदभ म।
2. 1850 ई. से 1990 तक : का य, कथासा ह य (उप यास और कहानी) नाटक और
मख
ु सा ह य धाराओं के वशेष संदभ म तथा रोमां टक, यथाथवाद , आधु नकतावाद ,
द लत, ामीण और नार वाद आंदोलन के वकास के वशेष संदभ म।
(ख) सा हि यक आलोचना

1. सा ह य का व प और काय।

2. सा ह य का मू यांकन।

3. आलोचना का व प, योजन और या।

4. सा ह य, सं कृ त और समाज।

न प - 2

128
(उ र मराठ म लखने ह गे)
नधा रत सा हि यक रचनाओं का मल
ू पाठ
वषयक अ ययन

इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और इसम अ यथ क
आलोचना मक यो यता को जांचने वाले न पछ
ू े जाएंगे।

खंड 'क'

ग य

(1) ' मृ त थल'

(2) महा मा : जो तबा फूले :

शेतका रयाचा आसद


ु '

'सावज नक स यधम'

(3) एस.वी. केतकर :

' ा मण क या'

(4) पी.के. अ े :

'शा टांग नम कार'

(5) शर चंद मिु त बोध :

'जाना हे बोलातु जेथ'े

(6) उ धव शै के :

'शीलन'

(7) बाबू राव बागल


ु :

'जे हा मी जात चोरल होती'

(8) गौर दे शपांडे :

'एकेक पान गाला या'

(9) पीआई सोनका बले

'आठवनी चे प ी'

खंड 'ख'

129
का य

(1) नामदे वा ची अभंगवाणी

स पा-इनामदार, रे लेकर, मराजकर, माडन बक


ु डपो, पण
ु े।

(2) 'पे जान'

स पा.-एम.एन. अदव त सा ह य साद के , नागपरु

(3) दमय ती- वयंवर वारा - रघन


ु ाथ पं डत

(4) बालक वंची क वता वारा - बालक व

(5) वशाखा वारा - कुसम


ु ा ज

(6) मद
ृ गंध वारा - व दा कर द कर

(7) जा हरनामा वारा - नारायण सव


(8) सं या कालचे क वता वारा - ेस

(9) या स ेत जीव रमात नाह वारा - नामदे व ढसाल

नेपाल
नप -1
(उ र नेपाल म लखने ह गे)
खंड 'क'

1. नई भारतीय आय भाषा के प म नेपाल भाषा के उ भव और वकास का इ तहास।

2. नेपाल याकरण और व नम व ान के मल
ू स धांत :

(i) सं ा प और को टयां- लंग, वचन, कारक, वशेषण, सवनाम, अ यय

(ii) या प और को टयां : काल, प , वा य, धात,ु यय।

(iii) नेपाल वर और यंजन।

3. नेपाल भाषा क मख
ु बो लयां।

4. भाषा आंदोलन (जैसे हल त ब ह कार, झारोवाद आ द) के वशेष संदभ म नेपाल का


मानक करण तथा आधु नक करण।
5. भारत म नेपाल भाषा का श ण-सामािजक- सां कृ तक प के वशेष संदभ म इसका
इ तहास और वकास।

खंड 'ख'

130
1. भारत म वकास के वशेष संदभ म नेपाल सा ह य का इ तहास।

2. सा ह य क मल
ू अवधारणाएं तथा स धांत : का य/सा ह य, का य योजन सा हि यक
वधाएं, श द शि त, रस, अलंकार, ासद , कामद , स दयशा , शैल - व ान।
3. मख
ु सा हि यक व ृ यां तथा आ दोलन- व छं तावाद, यथाथवाद, अि त ववाद,
आया मक आ दोलन, समकाल न नेपाल लेखन, उ र-आधु नकतावाद।
4. नेपाल लोक सा ह य (केवल न न ल खत लोक व प) - सवाई, झा योर , सेलो,
सं गनी, लहार ।
न प - 2
(उ र नेपाल म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत मल
ू पा य-पु तक को पढ़ना अपे त होगा और इसका ा प इस कार तैयार
कया जायेगा िजससे अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।

खंड 'क'

1. सांता ाि डल दास : उदय लहर

2. लेखनाथ पो याल : त ण तापसी

(केवल III, V, V I, X II, X V, X V III व ाम)

3. आगम संह ग र : जालेको त ब ब : रोयको त वन

(केवल न न ल खत क वताएं - सावक , च याह संग


यूझेको एक रात, छोरोलई, जालेको तब ब :
रोयको त व न, हमरो आकाशमणी, पानी हु छा
उ यालो, तहार)।
4. ह रभ त कटवाल : यो िज दगी खाई के िज दगी :

(केवल न न ल खत क वताएं : जीवन; एक ि ट; यो


िज दगी खाई के िज दगी, आकाश तारा के तारा,
ह मलाई नरधो नासमझा, खाई म याता याहां,
आ माद ु तको ब लदान को।
5. बालकृ णसामा हलाद

6. मनबहादरु मु खया अंधयारोमा बांचनेहा

(केवल न न ल खत एकांक - 'अं यारोमा बांचनेहा ',


'सु केरा')।

131
खंड 'ख'

1. इं सु दास : सहारा

2. ललबहादरु छे ी : मपु को छे ऊछाऊ

3. प नारायण स हा : कथा नवर न (केवल न न ल खत कहा नयां - बटे का


कुरा, िज मेवार का को, धनमा तको सनेमा - व न,
व व त जीवन)।
4. इं बहादरु रॉय : वपना क टपया : (केवल न न ल खत कहा नयां रातभर
हु र चलयो, जयमया अफुम लेख - माणी अईपग
ु , भागी,
घोष बाब,ू छु माइयो)।
5. सानू लामा : कथा संपद : (केवल न न ल खत कहा नयां वा नी
मांछे, खानी तरमा एक दन फुरबाले गौन छा या,
अ सनाको मांछे)।
6. ल मी साद दे वकोटा : ल मी नबंध सं ह : (केवल न न ल खत नबंध : ी
गणेशाय नम:, नेपाल सा ह य को इ तहासमा, सव े ठ
पु ष, क पना, कला रा जीवन, गधा बु धमान क गु )।
7. रामकृ णशमा : दासगोरखा : (केवल न न ल खत नबंध, क व, समाज
रा सा ह य, सा ह य मा सपे ता, सा हि यक चको
ौढ़ता, नेपाल सा ह य को ग त।)

उ ड़या
न प - 1
(उ र उ ड़या म लखने ह गे)
खंड 'क'

उ ड़या भाषा का इ तहास :

(i) उ ड़या भाषा का उ भव और वकास, उ ड़या भाषा पर ऑि क, ा वड़, फारसी-अरबी


तथा अं ेजी का भाव।
(ii) व नक तथा व नम व ान : वर, यंजन, उ ड़या व नय म प रवतन के स धांत।

(iii) प व ान : पम ( नबाध, प रब ध, समास और सि म ), यु प परक तथा


वभि त धान यय, कारक वभि त, या संयोजन।
(iv) वा य रचना : वा य के कार और उनका पा तरण, वा य क संरचना।

(v) श दाथ व ान : श दाथ, श टोि त म प रवतन के व भ न कार

(vi) वतनी, याकर णक योग तथा वा य क संरचना म सामा य अशु धयां.

132
(vii) उ ड़या भाषा म े ीय भ नताएं (पि चमी, द णी और उ र उ ड़या) तथा बो लयां
(भा ी और दे सया).

खंड 'ख'
उ ड़या सा ह य का इ तहास :

(i) व भ न काल म उ ड़या सा ह य क ऐ तहा सक प ृ ठभू म (सामािजक, सां कृ तक तथा


राजनै तक)।
(ii) ाचीन महाका य, अलंकृत का य तथा पदाव लयां।

(iii) उ ड़या सा ह य का व श ट संरचना मक व प (कोइल , चौ तसा, पोई, चौपद , च प)ू ।

(iv) का य, नाटक, कहानी, उप यास, नब ध तथा सा हि यक समालोचना क आधु नक


व ृ यां।

न प - 2
(उ र उ ड़या म लखने ह गे)

पा यपु तक का आलोचना मक अ ययन :


इस न-प म मल
ू पा यपु तक को पढ़ना अपे त होगा तथा अ यथ क आलोचना मक यो यता क
पर ा ल जाएगी।

खंड 'क'

का य

( ाचीन)

1. सरला दास : शां त पव-महाभारत से

2. जगनाथ दास : भागवत, याहरवां कंध जाद ू अवधूत संबाद


(म यकाल न)
3. द नाकृ ण दास : राख क लोल : (16 तथा 34 छं द)

4. उपे भांजा : लाव यवती-(1 तथा 2 छं द)


(आधु नक)
5. राधानाथ राय : चं भागा

6. मायाघर मान संह : जीवन- चता

7. स चदानंद राउतराय : क वता-1962

8. रमाकांत रथ : स तम ऋतु

133
खंड 'ख'

नाटक :

9. मनोरं जन दास : काठ घोड़ा

10. वजय म ा : ताता नरं जन

उप यास

11. फक र मोहन सेनाप त : छमना अथगु थ

12. गोनीनाथ मोह ती : दानापानी

कहानी

13. सरु े मोह ती मरलारा मृ यु

14. मनोज दास ल मीश अ भसार

पंजा
नबंध
बी
15. च रं जन दास तरं ग-ओ-ता धत ( थम पांच नबंध)

16. चं शेखर रथ मन स यधम काहूछ ( थम पांच नबंध)

– I

(उ र पंजाबी म गु मख
ु ी ल प म लखने ह गे)

भाग 'क'

(क) पंजाबी भाषा का उ भव : वकास के व भ न चरण और पंजाबी भाषा म नत


ू न वकास :
पंजाबी वर व ान क वशेषताएं तथा इसक तान का अ ययन : वर एवं यंजन का
वग करण।
(ख) पंजाबी प व ान : वचन- लंग णाल (सजीव एवं असजीव) उपसग, यय एवं परसग
क व भ न को टयां. पंजाबी श द-रचना : त सम, त भव प : वा य व यास, पंजाबी म
कता एवं कम का अ भ ाय; सं ा एवं या पदबंध।
(ग) भाषा एवं बोल : बोल एवं यि त बोल का अ भ ाय : पंजाबी क मख
ु बो लयां :
पोथोहार , माझी, दोआबी, मालवी, पआ
ु ध : सामािजक तर करण के आधार पर वाक्
प रवतन क व धमा यता, तान के वशेष संदभ म व भ न बो लय के व श ट ल ण.

134
भाषा एवं ल प : गरु मख
ु ी का उ भव और वकास : पंजाबी के लए गरु मख
ु ी क
उपयु तता।
(घ) शा ीय प ृ ठभू म : नाथ जोगी स हत.
म यकाल न सा ह य : गरु मत, सफ
ू , क सा एवं वार, जनमसा खयां।

भाग 'ख'

(क) आधु नक व ृ यां रह यवाद , व छं तदावाद , ग तवाद एवं नव-


रह यवाद (वीर संह, परू ण संह, मोहन संह, अमत
ृ ा
ीतम, बाबा बलव त, ीतम संह, सफ़ र, जे. एस.
नेक )।
योगवाद (जसवीर संह अहलव
ू ा लया, र व दर र व,
अजायब कमाल). सौदं यवाद (हरभजन संह, तारा
संह)।
नव- ग तवाद (पाश, जगतार, पातर)।

(ख) लोक सा ह य लोक गीत, लोक कथाएं, पहे लयां, कहावत।

महाका य सा ह य (वीर संह, अवतार संह आजाद, मोहन संह)।

गी तका य (गु , सफ
ू और आधु नक गी तकार-मोहन संह, अमत
ृ ा
ीतम, शवकुमार, हरभजन संह)।
(ग) नाटक (आई.सी. नंदा, हरचरण संह, बलवंत गाग , एस. एस.
सेख , चरण दास स ध)ू ।
उप यास (वीर संह, नानक संह, जसवंत संह कंवल, करतार
संह द ु गल, सख
ु बीर, गरु दयाल संह, दल प कौर
टवाणा, वण चंदन)।
कहानी (सज
ु ान संह, के.एस. वक, ेम काश, वरयाम
स ध)ू ।
(घ) सामािजक - सां कृ तक और सं कृत, फारसी और पि चमी।
सा ह य भाव
नबंध (परू ण संह, तेजा संह, गरु ब श संह)

सा ह य आलोचना (एस.एस. शेख , अतर संह, कशन संह, हरभजन


संह, नजम हुसैन सैयद)।

न - 2
(उ र पंजाबी म गु मख
ु ी ल प म लखने ह गे)

135
इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और इसका ा प इस कार तैयार
कया जाएगा िजससे अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।

भाग – क

(क) शेख फर द आद थ
ं म सि म लत संपण
ू वाणी।

(ख) गु नानक जप जी, वारामाह, आसा द वार।

(ग) बु ले शाह का फयां।

(घ) वा रस शाह हर

भाग – ख

(क) शाह मोह मद जंगनामा (जंग संघान ते फरं गयान)

धनी राम चा क (क व) चंदन वार

सफ
ू ख़ाना

नवांजहां

(ख) नानक संह च टा लहू

(उप यासकार) प व र पापी

एक मयान दो तलवारां

(ग) गु ब श संह िज दगी द रास

( नबंधकार) नवां शवाला

मे रयां अभल
ू यादां

बलराज साहनी मेरा सी सफरनामा, मेरा पा क तानी सफरनामा


(या ा- ववरण)
(घ) बलवंत गाग लोहा कु ट

(नाटककार) धूनी द अ ग

सु तान रिजया

136
संत संह सेख सा ह याथ

(आलोचक) स ध पंजाबी क व पंजाबीकाब शरोम ण

सं कृत
न प – 1

तीन न जैसा क नप म नद शत होगा, के उ र सं कृत म दए जाने चा हए. शेष न के उ र या


तो सं कृत म अथवा उ मीदवार वारा पर ा के लए चुने गये भाषा मा यम म दये जाने चा हए।

खंड 'क'

1. सं ा, सं ध, कारक, समास, कत र और कमणी वा य (वा य योग) पर वशेष बल दे ते


हुए याकरण क मख ु वशेषताएं. (इसका उ र सं कृत म दे ना होगा)
2. (क) वै दक सं कृत भाषा क मु य वशेषताएं।
(ख) शा ीय सं कृत भाषा के मख
ु ल ण।
ग) भाषा वै ा नक अ ययन म सं कृत का योगदान।
3. सामा य ान :

(क) सं कृत का सा हि यक इ तहास।

(ख) सा हि यक आलोचना क मख
ु व ृ यां।

(ग) रामायण

(घ) महाभारत

(ङ) सा ह य वधाओं का उ भव और वकास।

महाका य

पक (नाटक)

कथा

आ या यका

च पू

खंड का य

मु तक का य

खंड 'ख'

137
4. भारतीय सं कृ त का सार, न न ल खत पर बल दे ते हुए :
(क) पु षाथ
(ख) सं कार
(ग) वणा म यव था
(घ) कला और ल लत कला
(ड.) तकनीक व ान
5. भारतीय दशन क व ृ यां
(क) मीमांसा
(ख) वेदांत
(ग) याय
(घ) वैशे षक
(ड.) सां य
(च) योग
(छ) बु ध
(ज) जैन
(झ) चावाक
6. सं कृत म सं त नबंध।
7. अनदे खा पाठांश और न; इसका उ र सं कृत म दे ना होगा।

न प -2

वग 4 से न का उ र केवल सं कृत म दे ना होगा. वग 1, 2 और 3 के न के उ र या तो सं कृत म


अथवा उ मीदवार वारा चन
ु े गये भाषा मा यम म दे ने ह गे।

खंड 'क'

न न ल खत समु चय का सामा य अ ययन :-


वग-1
(क) रघव
ु श
ं म ् - का लदास
(ख) कुमारसंभवम ् - का लदास
(ग) कराताजुनीयम ् - भार व
(घ) शशप
ु ालवधाम ् - माघ
(ड.) नैषध च रतम ् – ीहष
(च) काद बर - बाणभ ट
(छ) दशकुमार च रतम ् - दं डी
(ज) शवरा यो यम ् - एस.बी. वारनेकर
वग - 2

138
(क) ईशावा योप नषद
(ख) भगव गीता
(ग) वा मी क रामायण का सद
ुं रकांड
(घ) कौ ट य का अथशा
वग - 3
(क) व नवासवद म ् - भास
(ख) अ भ ान शाकु तलम ् - का लदास
(ग) मृ छक टकम ् - शद

(घ) मु ारा सम ् - वशाखद
(ड.) उ ररामच रतम ् - भवभू त
(च) र नावल - ीहषवधन
(छ) वेणीसंहारम ् – भ टनारायण
वग - 4
न न ल खत पर सं कृत म सं त ट प णयां :
(क) मेघदत
ू म ् - का लदास
(ख) नी तशतकम ् - भतह
ृ र
(ग) पंचतं
(घ) राजतरं गणी - क हण
(ड.) हषच रतम ् - बाणभ ट
(च) अम कशतकम ् - अम क
(छ) गीतगो वंदम ् – जयदे व
खंड 'ख'

इस खंड म न न ल खत पा य पु तक का पढ़ना अपे त होगा।


वग 1 और 2 से न के उ र केवल सं कृत म दे ने ह गे। वग 3 एवं 4 के न का उ र सं कृत म
अथवा उ मीदवार वारा चन
ु े गये भाषा मा यम म दे ने ह गे।

वग-1
(क) रघव
ु श
ं म ् - सग 1, लोक 1 से 10
(ख) कुमारसंभवम ् - सग 1, लोक 1 से 10
(ग) कराताजुनीयम ् - सग 1, लोक 1 से 10
वग - 2
(क) ईशावा योप नष - लोक 1,2,4,6,7,15 और 18
(ख) भगव गीता अध ्याय-II - लोक 13 से 25
(ग) वा मी क का सद
ुं रकांड सग 15, लोक 15 से 30
(गीता ेस सं करण)
(वग 1 और 2 से न के उ र केवल सं कृत म दे ने ह गे)

139
वग - 3
(क) मेघदत
ू म ् - लोक 1 से 10
(ख) नी तशतकम ् - लोक 1 से 10
(डी.डी. कौसा बी वारा स पा दत, भारतीय व या भवन काशन)
(ग) काद बर - शक
ु नासोपदे श (केवल)
वग - 4
(क) वपनवासवदतम ् - अंक VI
(ख) अ भ ानशाकु तलम - अंक IV लोक 15 से 30
(एम. आर. काले सं करण)
(ग) उ ररामच रतम ् - अंक 1, लोक 31 से 47
(एम. आर. काले सं करण)

संताल
न प - 1
(उ र संताल म लखने ह गे)
खंड 'क'
भाग-1. संताल भाषा का इ तहास

1. मख
ु आि क भाषा प रवार, आि क भाषाओं का सं या तथा े व तार।

2. संताल क याकर णक संरचना।

3. संताल भाषा क मह वपण


ू वशेषताएं. वन व ान, प व ान, वा य व ान, अथ
व ान, अनव
ु ाद व ान तथा कोश व ान।

4. संताल भाषा पर अ य भाषाओं का भाव।

5. संताल भाषा का मानक करण।

भाग-2. संताल सा ह य का इ तहास

1. संताल सा ह य के इ तहास के न न ल खत चार


काल क सा हि यक व ृ यां
(क) आ दकाल सन ् 1854 ई. के पव
ू का सा ह य।
(ख) मशनर काल सन ् 1855 से सन ् 1889 ई. तक का सा ह य।
(ग) म य काल सन ् 1890 से सन ् 1946 ई. तक का सा ह य।
(घ) आधु नक काल सन 1947 ई. से अब तक का सा ह य।
140
2. संताल सा ह य के इ तहास म लेखन क पर परा।

खंड 'ख'

सा हि यक व प : न न ल खत सा हि यक व प क मख
ु वशेषताएं, इ तहास और वकास

भाग-I. संताल म लोक सा ह य : गीत, कथा, गाथा, लोकोि तयां, मह


ु ावरे , पहे लयां एवं
कुदम
ु ।

भाग-II. संताल म श ट सा ह य
1. प य सा ह य का वकास एवं मख
ु कव
2. ग य सा ह य का वकास एवं मख
ु लेखक।

क. उप यास एवं मख
ु उप यासकार।

ख. कहानी एवं मख
ु कहानीकार।

ग. नाटक एवं मख
ु नाटककार।

घ. आलोचना एवं मख
ु आलोचक।

ङ ल लत नबंध, रे खा च , सं मरण, या ा वत
ृ ांत आ द मख
ु लेखक.

संताल सा ह यकार :

याम सु दर हे म, पं. रघन


ु ाथ मरु म,ू बाड़हा बसेरा, साधु रामचांद मरु म,ू नारायण सोरे न
'तोड़ेसत
ु ाम', सारदा साद क कु, रघन
ु ाथ टुडू, काल पद सोरे न, साकला सोरे न, दग बर हाँसदा,
आ द य म , 'संताल ', बाबल
ु ाल मरु म,ू 'आ दवासी' यदम
ु नी बेसरा, अजुन हे म, कृ ण चंद टुडू,
प चाँद हाँसदा, कल नाथ मा डी, महादे व हाँसदा, गौर च मरु म,ू ठाकुर साद मरु म,ू हर साद
मरु म,ू उदय नाथ माझी, प रमल हे म, धीरे नाथ बा के, याम चरण हे म, दमय ती बेसरा,
ट .के. रापाज, बोयहा व यनाथ टुडू।

भाग-III संताल क सां कृ तक वरासत :

र त रवाज, पव योहार एवं सं कार (ज म, ववाह एवं मु यु)

न प - 2
(उ र संताल म लखने ह गे)

141
ख ड 'क'

इस न प म नधा रत पा य-पु तक का मल
ू अ ययन आव यक है । पर ा म उ मीदवार क
आलोचना मक मता को जांचने वाले न पछ
ू े जाएंगे।

भाग-1. ाचीन सा ह य
ग य :
(1) खेरवाल ब सा धोरोम पथ
ु ी-माझी रामदास टुडू ''र सका''।
(2) मारे हापडामको रे याक काथा - एल.ओ. े स ड।
(3) जोम सम ब ती लटा - मंगेल च द तड
ु कलम
ु ाड. सोरे न।
(4) मराड़ बु बनती-कानाईलाल टुडू।

प य :
(1) काराम सेरग - नुनकू सोरे न।
(2) दे वी दासांय सेरग - मा न द हांसदा।
(3) होड सेरग - ड यू जी. आचर।
(4) बाहा सेरग – बलरामळटुडू।
(5) द ग सेरग - प म ी भागवत मरु मू ठाकुर।
(6) होर सेरग –र घुनाथ मरु ग।ू
(7) सोर स सेरग - बाबल
ु ाल मरु मू 'आ दवासी'।
(8) मोडे सन मोडे नदा - प चांद हांसदा।
(9) जूडासी माडवा लातार - तेज नारायण मरु म।ू

ख ड 'ख'
आधु नक सा ह य

भाग-1. क वता
(1) ओनोडह बाहा डालवाक् - पाउल जझ
ु ार सोरे न।
(2) आसाड बनती - नारायण सोरे न 'तोड़े सत
ु ाम'।
(3) चांद माला - गोरा चांद टुडू।
(4) अनतो बाहा माला -आ द य म 'संताल '।
(5) तरयी तेताड़ - ह रहर हांसदा।

142
(6) स सरजोन राड़ - ठाकुर साद मरु म।ू

भाग-2. उप यास
(1) हाडमावाक् आतो - आर कास टयास (अनव
ु ादक - आर.आर. क कू रापाज)।
(2) मानू माती - च मोहन हांसदा।
(3) आत ृ ओड़ाक - डोमन हांसदाक।
(4) ओजोय गाडा ढप रे - नाथ नयल मरु म।ू

भाग-3 . कहानी
(1) िजयोन गाडा - पचांद हांसदा एवं यदम
ु नी बेसरा।
(2) माया जाल - डोमन साहू, 'समीर' एवं प म ी भागवत मम
ु ू 'ठाकुर।

भाग-4. नाटक
(1) खेरवाड़ बर - पं. रघुनाथ मरु म।ू
(2) जरु खा तर - डा. कृ ण च टुडू।
(3) बरसा बर - र बलाल टुडू।

भाग-5. जीवनी सा ह य
(1) संताल को रे न मायाड. गोहाको - डा. व वनाथ हांसदा।

स धी
न प - 1

उ र संधी (अरबी अथवा दे वनागर ल प म लखने ह गे)


खंड 'क'

1. (क) स धी भाषा का उ भव और वकास- व भ न व वान के मत।


(ख) वर व ान, आकृ त व ान एवं वा य व यास के साथ स धी भाषा के संबध

स हत स धी क मह वपण
ू भाषा वै ा नक वशेषताएं।
(ग) स धी भाषा क मख
ु बो लयां।
(घ) वभाजन के पहले और वभाजन के बाद क अव धय म स धी श दावल और
उनके वकास के बाद अ य भाषाओं और सामािजक ि थ तय के भाव के चलते
भारत म स धी भाषा क संरचना म प रवतन।

खंड 'ख'
143
2. व भ न यग
ु के सामािजक-सां कृ तक संदभ म स धी-सा ह य :
(क) लोक सा ह य समेत सन ् 1350 ई. तक का ारं भक म यकाल न सा ह य।
(ख) सन ् 1350 ई. से 1850 ई. तक का परवत म यकाल न सा ह य।
(ग) सन ् 1850 ई. से 1947 ई. तक का पन
ु जागरण काल।
(घ) आधु नक काल सन ् 1947 ई. से आगे।
(आधु नक स धी सा ह य क सा हि यक वधाएं और क वता, नाटक, उप यास,
कहानी, नब ध, सा हि यक आलोचना, जीवनी, आ मकथा, सं मरण और या ा
ववरण म योग)
न प – 2

उ र संधी (अरबी अथवा दे वनागर ल प म लखने ह गे)

इस न म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और इसका ा प इस कार तैयार
कया जाएगा िजससे अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।

खंड 'क

इस खंड म पा य पु तक क स संग या याएं और आलोचना मक व लेषण ह गे।

I. का य
(क) ''शाह जो चू ड शायर'', संपादक : एच.आई. सदरान णी; सा ह य अकादमी वारा
का शत ( थम सौ प ृ ठ)।
(ख) ''साचल जो चू ड कलाम'' संपादक : क याण बी. अडवाणी; सा ह य अकादमी वारा
का शत ( सफ का पस)।
(ग) ''सामी-ए-जा चंद लोक'' संपादक : बी. एच. नागराणी; सा ह य अकादमी वारा
का शत ( थम सौ प ृ ठ)।
(घ) ''शायर-ए-बेवास''; क शनचंद बेवास ( सफ सामु डी सपन
ु भाग)।
(ङ) ''रौशन छं वरो''; नारायण याम।
(च) '' वरहं गे खानपोई जी स धी शायर जी चू ड''; संपादन : एच.आई. सदरानगणी;
सा ह य अकादमी वारा का शत।

II. नाटक
(क) ''बेहतर न स धी नाटक'' (एकांक ) एम. याल वारा संपा दत; गज
ु रात स धी अकादमी
वारा का शत।
144
''काको कालम
ू ल'' (पण
ू ाव ध नाटक) : मदन जुमाणी।

खंड 'ख'

इस खंड म पा य पु तक क स संग याखाएं और आलोचना मक व लेषण ह गे।

(क) पाखीअरा वालार खान वछड़या (उप यास) गो व द मा ह ।


(ख) सत ् द हण (उप यास) : कृ शन सतवाणी।
(ग) चू ड स धी कहा नयां (कहा नयां) भाग-III
संपादक : ेम काश सा ह य अकादमी वारा का शत।
(घ) ''बंधन'' (कहा नयां) सु दर उ मचंदानी।
(ङ) ''बेहतर न स धी मजमन
ू '' ( नब ध); संपादक : ह रो ठाकुर, गज
ु रात स धी अकादमी
वारा का शत।
(च) '' स धी तनक़ द'' (आलोचना); संपादक : वासवानी; सा ह य अकादमी वारा का शत।
(छ) ''मम
ु ह नजी हयाती-ए-जा-सोना पा वका'' (आ मकथा); पोपाट ह रानंदानी।
(ज) ''डा. चोइ म गडवानी'' (जीवनी) : व णु शमा।

त मल
न प -1
(उ र त मल म लखने ह गे)
खंड 'क'

भाग-1 : त मल भाषा का इ तहास :


मख
ु भारतीय भाषा प रवार-भारतीय भाषाओं म, वशेषकर वड प रवार म त मल का थान- वड
भाषाओं क सं या तथा े व तार।
संगम सा ह य क भाषा-म यकाल न त मल : प लव युग क भाषा के संदभ -सं ा, या, वशेषण
तथा या वशेषण का ऐ तहा सक अ ययन-त मल म काल सच
ू क यय तथा कारक च न।
त मल भाषा म अ य भाषाओं से श द हण - े ीय तथा सामािजक बो लयां - त मल म लेखन क
भाषा और बोलचाल क भाषा म अंतर।

भाग-2 : त मल सा ह य का इ तहास :
तोलकाि पयम - संगम सा ह य - अकम और परु म क का य वधाएं - संगम सा ह य क
पंथ नरपे वशेषताएं - नी तपरक सा ह य का वकास : सल प दकारम और म णमेखल।

भाग-3 : भि त सा ह य : (आलवार और नायनमार)-आलवार के सा ह य म सखी भाव ( ाइडल


मि ट स ़म) - छुटपट
ु सा हि यक वधाएं (तू टु, उला, पर ण, कुरवंिज)।

145
आधु नक त मल सा ह य के वकास के सामािजक कारक : उप यास, कहानी और आधु नक क वता-
आधु नक लेखन पर व भ न राजनी तक वचारधाराओं का भाव।

खंड 'ख'

भाग-1 : त मल के अ ययन म नई व ृ यां :


समालोचना के उपागम : सामािजक, मनोवै ा नक, ऐ तहा सक तथा नै तक-समालोचना का योग-
सा ह य के व वधा उपादान : उ लरु ै (ल ण), इरै ि च, तो मम ( मथक), ओ ु वगम (कथा पक),
अंगदम ( यं य), मे पाडु, प डयम ( बंब), कु रयीडु ( तीक), इ मै (अनेकाथकता)-तुलना मक
सा ह य क अवधारणा-तुलना मक सा ह य के स धांत।

भाग-2 : त मल म लोक सा ह य :
गाथाएं, गीत, लोकोि तयां और पहे लयां-त मल लोक गाथाओं का सामाज वै ा नक अ ययन. अनव
ु ाद
क उपयो गता-त मल क कृ तय का अ य भाषाओं म अनव
ु ाद-त मल म प का रता का वकास।

भाग-3 : त मल क सां कृ तक वरासत :


ेम और यु ध क अवधारणा-अरम क अवधारणा- ाचीन त मल वारा यु ध म अपनाई गई
नै तक सं हता। पांच लणै े क थाएं, व वास, र त- रवाज तथा उपासना व ध।
उ र-संगम सा ह य म अ भ य त सां कृ तक प रवतन-म यकाल म सां कृ तक सि म ण (जैन तथा
बौ ध)। प लव, परवत चौल तथा नायक के व भ न यग
ु म कलाओं और वा तुकला का वकास।
त मल समाज पर व भ न राजनी तक, सामािजक, धा मक तथा सां कृ तक आंदोलन का भाव.
समकाल न त मल समाज के सां कृ तक प रवतन म जन मा यम क भू मका।

न प – 2

(उ र त मल म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत पा यपु तक का मल
ू अ ययन आव यक है । पर ा म उ मीदवार क
आलोचना मक मता को जांचने वाले न पछ
ू े जाएंगे।

खंड 'क'

भाग-1 : ाचीन सा ह य :
(1) कु तोकै (1 से 25 तक क वताएं)
(2) परु नानू (182 से 200 तक क वताएं)

146
(3) त कुरल (पो ल पाल : अर सयलम
ु अमैि चयलम
ु ) इरै मा च से अवैअज
ं ामै तक)

भाग-2 : महाका य :
(1) सल प दकारम (मदरु ै कांडम)
(2) कंब रामायणम ् (कंु भकणन वदै पडलम)

भाग-3 : भि त सा ह य :
(1) त वाचकम : नी ाल व ण पम
(2) व पावै (सभी-पद)

खंड 'ख'

आधु नक सा ह य
भाग-1 : क वता
(1) भार तयार : क णन पा टु
(2) भारती दासन : कुडु ब वलु कु
(3) ना. कामरासन : क पु मलरकल

ग य
(1) म.ु वरदराजनार : अरमम
ु अर सयलम

(2) सीएन अ णादरु ै : ऐ, ताल द त मलगमे।

भाग-2 : उप यास, कहानी और नाटक


(1) अ कलन : च ार यावै
(2) जयकांतन : गु पीडम

भाग-3 : लोक सा ह य
(1) म ु पा टन कतै : न. वानमामलै (सं.)
( काशन : मदरु ै कामराज व व व यालय, मदरु ै
(2) मलैय व : क.वा. जग नाथन (सं.)
( काशन : सर वती महल, तंजाऊर)

तेलग
ु ु

147
न प - 1
(उ र तेलग
ु ु म लखने ह गे)
खंड 'क'

भाषा :
1. वड़ भाषाओं म तेलग
ु ु का थान और इसक ाचीनता - तेलग
ु ,ु तेलग
ु ु और आं क
यु प -आधा रत इ तहास।
2. आ य- वड़ से ाचीन तेलग
ु ु तक और ाचीन तेलग
ु ू से आधु नक तेलग
ु ु तक वर-
व ानीय, प व ानीय, याकर णक और वा यगत तर म मु य भाषायी प रवतन।
3. ला सक तेलग
ु ु क तल
ु ना म बोलचाल क यावहा रक तेलग
ु ु का वकास-औपचा रक और
काया मक ि ट से तेलग
ु ु भाषा क या या।
4. तेलग
ु ु भाषा पर अ य भाषाओं का भावफ।
5. तेलग
ु ु भाषा का आधु नकरण :
(क) भाषायी तथा सा हि यक आंदोलन और तेलग
ु ु भाषा के आधु नक करण म उनक
भू मका।
(ख) तेलग
ु ु भाषा के आधु नक करण म चार माध ्यम क भू मका (अखबार, रे डयो,
टे ल वजन आ द)।
(ग) वै ा नक और तकनीक स हत व भ न वमश के बीच तेलग
ु ु भाषा म नये श द
गढ़ते समय पा रभा षक और या व ध से संबं धत सम याएं।
6. तेलग
ु ु भाषा क बो लयां- ादे शक और सामािजक भ नताएं तथा मानक करण क
सम याएं।
7. वा य- व याय-तेलग
ु ु वा य के मख
ु वभाजन-सरल, म त और संयु त वा य सं ा
और या- व येयन-ना मक करण और संबध
ं ीकरण क याएं- य और परो
तुतीकरण-प रवतन याएं।
8. अनव
ु ाद-अनव
ु ाद क सम याएं-सां कृ तक, सामािजक और मह
ु ावरा-संबध
ं ी अनव
ु ाद क
व धयां - अनव
ु ाद के े म वभ न ि टकोण-सा हि यक तथा अ य कार के अनव
ु ाद-
अनव
ु ाद के व भ न उपयोग।

खंड 'ख'

सा ह य :
1. ना नय-पव
ू काल म सा ह य-माग और दे सी क वता।
2. ना नय काल-आं महाभारत क ऐ तह सक और सा हि यक प ृ ठभू म।
3. शेष क व और उनका योगदान- वपाद, सातक, रागद उदाहरण।
4. त कन और तेलग
ु ु सा ह य म त कन का थान।
5. एरना और उनक सा हि यक रचनाएं-नचन सोमन और का य के त उनका नया

148
ि टकोण।
6. ीनाथ और पोतन-उनक रचनाएं तथा योगदान।
7. तेलग
ु ु सा ह य म भि त क व-त लपक अ जामैया, रामदासु थागैया।
8. बंध का वकास-का य और बंध।
9. तेलग
ु ु सा ह य क दि खनी वचारधारा-रघन
ु ाथ नायक, चेमाकुर वकटक व और म हला
क व-सा ह य- प जैसे य गान, ग य और पदक वता।
10. आधु नक तेलग
ु ु सा ह य और सा ह य- प- उप यास, कहानी, नाटक, ना टका और का य-
प।
11. सा हि यक आंदोलन : सध
ु ार आंदोलन, रा वाद, नव ला सक वाद, व छ दतावाद और
ग तवाद , ां तकार आंदोलन।
12. दग बरकावल
ु ,ु नार वाद अैर द लत सा ह य।
13. लोकसा ह य के मख
ु वभाजन-लोक कलाओं का तु तकरण।

न प - 2
(उ र तेलग
ु ु म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक का अ ययन अपे त होगा और ऐसे न पछ
ू े जाएंगे िजससे
अ यथ क न न ल खत वषय से संबं धत आलोचना मक मता क जांच हो सके :

(i) स दयपरक ि टकोण-रस, व न, व ोि त और औ च य- प संबध


ं ी और संरचना मक- बंब
योजना और तीकवाद।
(ii) समाज शा ीय, ऐ तहा सक, आदशवाद और मनोवै ा नक ि टकोण।

खंड 'क'

1. ना नय-द ु यंत च र (आ द पव चौथा सग छं द 5-109)


2. त कन- ी कृ ण रायबरामु (उ योग पव-तीसरा सग छं द 1-144)
3. ीनाथ-गन
ु ा न ध कथा (कासी खंडम-चौथा सग छं द 76-133)
4. पंगल सरु न-सग
ु स लनल
ु कथा (कला- पण
ु दयाम-ु चौथा सग छं द 60-142)
5. मो ला-रामायनामु (अवता रक स हत बाल कांड)
6. कसल
ु पु षो म क व-आं नायक सतकाम।ु

खंड 'ख'

7. गज
ु द अ पा राव-अ नमु थालु (कहा नयां)

149
8. व वनाथ स यनारायण-आं शि त
9. दे वल
ु ापि ल कृ ण शा ी-कृ णप म (उवसी और वसम को छोड़कर)
10. ी ी-महा थानम ्
11. जशव
ु ा-गि बलम (भाग-1)
12. ी नारायण रे डी-कपरवस
ू ता रायालु
13. कनप
ु र त वरल मा-शारदा लेखालु (भाग-1)
14. आ य
े - एन.जी.ओ.
15. रच कांड व वनाथ शा ी - अ पजीवी

उद ू
न प - 1
(उ र उद ू म लखने ह गे)
खंड ‘क’

उद ू भाषा का वकास
(क) भारतीय-आय भाषा का वकास
(i) ाचीन भारतीय-आय
(ii) म ययग
ु ीन भारतीय-आय
(iii) अवाचीन भारतीय-आय

(ख) पि चमी हंद तथा इसक बो लयां, जैसे जभाषा, खड़ी बोल , ह रयाणवी, क नौजी,
बद
ुं े ल । उद ू भाषा के उ भव से संबं धत स धांत।

(ग) दि खनी उद-उ


ू भव और वकास-इसक मह वपण
ू भाषा मल
ू क वशेषताएं।

(घ) उद ू भाषा के सामािजक और सांकृ तक आधार और उनके वभेदक ल ण लप वर


व ान, आकृ त व ान, श द भंडार।

खंड ‘ख’

(क) व भ न वधाएं और उनका वकास


(i) क वता, गजल, मसनवी, कसीदा, म सया, बाई, जद द न म।
(ii) ग य: उप यास कहानी, दा तान, नाटक इशाइया, खुतन
ू , जीवनी।

(ख) न न ल खत क मह वपण
ू वशेषताएं
(i) दि खनी, द ल और लखनऊ शाखाएं

150
(ii) सर सैयद आंदोलन, व छतावाद आंदोलन, ग तशील आंदोलन, आधु नकतावाद।

(ग) सा हि यक आलोचना और उसका वकास, हाल शबल , ल मु द न अहमद, एहतेशाम


हुसैन, आले अहमद सु र।

(घ) नबंध लेख (सा हि यक और क पना धान वषय पर)


न प - 2
(उ र उद ू म लखने ह गे)

इस न प म नधा रत मल
ू पा य पु तक को पढ़ना अपे त होगा और इसका ा प इस कार तैयार
कया जाएगा िजससे अ यथ क आलोचना मक यो यता क पर ा हो सके।

खंड- ‘क’

1. मीर अ मान बागोबहार

2. गा लब इं तखाह-ए-खुतत
ू -ए-गा लब

3. मोह मद हुसैन आजाद नैरग-ए- याल

4. ेमचंद गोदान

5. राजे संह बेद अपने दख


ु मझ
ु े दे दो

6. अ दल
ु कलाम आजाद गब
ु ार-ए-खा तर

खंड- ‘ख’

1. मीर इं तखाब-ए-मीर

(संपादक – अ दल
ु हक़)

2. मीर हसन सह ल बयां

3. गा लब दवान-ए-गा लब

4. इकबाल बाल-ए-िजबरै ल

5. फराक गल
ु -ए-नगमा

6. फैज द त-ए-सबा

7. अखत लमान बंत-ए-ल हात

151
बंध

अ यथ को बंध क व ान और कला के प म संक पना और वकास का अ ययन करना चा हए और


बंध के अ णी वचारक के योगदान को आ मसात करना चा हए तथा कायनी तक एवं चालना मक
प रवेश को ि टगत रखते हुए इसक संक पनाओं को वा त वक शासन एवं यवसाय नणयन म योग म
लाना चा हए।
न प – 1
1. बंधक य काय एवं या:
बंध क संक पना एवं आधार, बंध चंतन का वकास, बंधक य काय-आयोजना,
संगठन, नयं ण, नणयन, बंधक क भू मका, बंधक य कौशल, उ यमव ृ , नव वतन,
व व यापी वातावरण म बंध, न य णाल बंधन, सामािजक उ रदा य व एवं
बंधक य आचार नी त, या एवं ाहक, अ भ व यास, य एवं अ य मू य
ंख
ृ ला पर बंधक य याएं।

2. संगठना मक यवहार एवं अ भक प :


संगठना मक यवहार का संक पना मक नदश, यि ट याएं- यि त व, मू य एवं
अ भव ृ य ण, अ भ रे ण, अ धगम एवं पन
ु वलन, काय तनाव एवं तनाव बंधन,
संगठन यवहार क ग त क स ा एवं राजनी त, वं व एवं वाता, नेत ृ व या एवं
शै लयां, सं ेषण, संगठना मक यांए-ं नणयन, कृ यक, अ भक प, सांगठ नक अ भक प
के ला सक , नव ला सक एवं आपात उपागम, संगठना मक स धांत एवं अ भक प,
संगठना मक सं कृ त, सां कृ तक अनेकता बंधन, संगठन अ धगम; संगठना मक
प रवतन एवं वकास, ान आधा रत उ यम- णा लयां एवं याएं, जालतं त एवं
आभासी संगठन।

3. मानव संसाधन बंध:


मानव संसाधन क चुनौ तयां, मानव संसाधन बंध के काय, मानव संसाधन बंध क
भावी चुनौ तयां, मानव संसाधन का कायनी तक बंध, मानव संसाधन आयोजना, कृ यक
व लेषण, कृ यक मू यांकन, भत एवं चयन, श ण एवं वकास, पदो न त एवं
थानांतरण, न पादन बंध, तकार बंध एवं लाभ, कमचार मनोबल एवं उ पादकता,
संगठनात क वातावरण एवं औ यो गक संबध
ं बंध, मानव संसाधन लेखाकरण एवं लेखा
पर ा, मानव संसाधन सच
ू ना णाल , अंतरा य मानव संसाधन बंध।

4. बंधक के लए लेखाकरण
व ीय लेखाकरण-संक पना, मह व एवं े , सामा यतया वीकृत लेखाकरण स धा त,
तल
ु नप के व लेषण एवं यवसाय, आय मापन के वशेष संदभ म व ीय ववरण को
तैयार करना, साम ी सच
ू ी मू यांकन एवं मू याहास, व ीय ववरण व लेषण, नध
वाह व लेषण, नकद वाह ववरण, बंध लेखाकरण-संक पना, आव यकता, मह व एवं
152
े , लागत लेखाकरण अ भलेख एवं याएं, लागत लेजर एवं नयं ण लेखाएं, व ीय
एवं लागत लेखाओं के बीच समाधान एवं समाकलन, ऊप र लागत एवं नयं ण कृ यक
एवं या लागत आकलन, बजट एवं बजट य नयं ण, न पादन बजटन, शू यधा रत
बजटन, संगत लागत, आकलन एवं नणयन लागत आकलन, मानक, लागत आकलन एवं
सारण व लेषण, सीमांत लागत आकलन एवं अवशोषण लागत आकलन।

5. व ीय बंध :
व काय के ल य, मू य एवं तलाभ क संक पनाएं, बांड एवं शेयर का मू यांकन,
कायशील पज
ंू ी का बंध, ा कलन एवं व ीय, नकद , ा यो, साम ी सच
ू ी एवं चालू
दे यताओं का बंधन, पज
ूं ी लागत, पज
ूं ी बजटन, व ीय एवं चालन लेवरे ज, पज
ूं ी संरचना,
अ भक प, स धांत एवं यवहार, शेयर धारक मू य सज
ृ न, लाभांश नी त, नगम व ीय
नी त एवं कायनी त, नगम कुक एवं पन
ु सरचना कायनी त बंध, पज
ूं ी एवं मु ा बाजार,
सं थाएं एवं प प टे पर दे ना, कराया खर द एवं जो खम पज
ूं ी, पज
ूं ी बाजार व नयमन,
जो खम एवं तलाभ, पोटफो लयो स धांत, सीएपीएम, एपीट व ीय यु प , वक प
यूचस, वैप, व ीय े क म अ भनव सध
ु ार।

6. वपणन बंध :
संक पना, वकास एवं े , वपणन कायनी त सू ीकरण, एवं वपणन योजना के घटक,
बाजार का खंडीकरण एवं ल यो मख
ु न, प य का अव थापन एवं वभेदन, तयो गता
व लेषण, उपभो ता बाजार व लेषण, औ यो गक े ता यवहार, बाजार अनस
ु ध
ं ान उ पाद
कायनी त, क मत नधारण कायनी तयां, वपणन सार णय का अ भक पन एवं बंधन,
एक कृत वपणन संचार, ाहक संतोष का नमाण, मू य एवं तधारण, सेवाएं एवं अलाभ
वपणन, वपणन म आचार, ाहक सरु ा, इंटरनेट वपणन खुदरा बंध, ाहक संबध

बंध, साक यवाद वपणन क संक पना।

न प – 2
1. नणयन क प रमाण मक व धयां :
वणा मक सांि यक -सारणीब ध, आलेखीय एवं सांि यक व धयां, ा यकता का वषय
वेश, असंतत एवं संतत ा यकता बंटन, आनम
ु ा नक सांि यक तदश बंटन, के य
सीमा मेय, मा य एवं अनप
ु ात के बीच अंतर के लए प रक पना, पर ण समि ट
सरण के बारे म अनम
ु ान काई- वैयर एवं ANOVA, सहसंबध
ं एवं समा यतया,
काल ेणी एवं पव
ू ानुमान, नणय स धांत सच
ू कांक, रै खक ो ामन-सम या सू ीकरण,
समु चय व ध एवं आलेखीय हल, सु ा हता व लेषण।

2. उ पादन एवं यापार बंध।


यापार बंध के मल
ू भत
ू स धांत, उ पादनाथ आयोजना, सम त उ पादन आयोजना,
मता आयोजना, संयं अ भक प, या आयोजना, संयं आकार एवं यापार मान
153
सु वधाओं का बंधन, लाइन संतल
ु न, उपकरण त थापन एवं अनरु ण, उ पादन
नयं ण, पू त ख
ंृ ला बंधन - व े ता मू यांकन एवं लेखा पर ा, गण
ु ता ब धन -
सांि यक य या नयं ण, षड़ स मा, नमाण णा लय म न यता एवं फू त, व व
ेणी का नमाण, प रयोजना बंधन संक पनाएं, अनस
ु ध
ं ान एवं वकास बंध, सेवा
यापार बंध, साम ी बंधन क भू मका एवं मह व, मू य व लेषण, नमाण अथवा य
नणय, साम ी सच
ू ी नयं ण, अ धकतम खुदरा क मत, अवशेष बंधन।

3. बंध सच
ू ना णाल :
सच
ू ना णाल का संक पना मक आधार, सच
ू ना स धांत, सच
ू ना संसाधन बंध, सच
ू ना
णाल कार, णाल वकास णाल एवं अ भक प वहंगावलोकन णाल वकास, बंध
जीवन-च , ऑनलाइन एवं वत रत णा लय के लए अ भक पना प रयोजना,
काया वयन नयं ण, सच
ू ना ौ यो गक क व ृ यां आंकड़ा संसाधन बंधन आंकड़ा
आयोजना, DDS एवं RDBMS उ यम संसाधन आयोजना (ERP) वशेष णाल ,
बजनेस आ कटे टचर ई-गवनस, संक पना, णाल आयोजना, सच
ू ना णाल म न यता
उपभो ता संब धता सच
ू ना णाल का मू यांकन।

4. सरकार यवसाय अंतराप ृ ठ :


यवसाय म वषय क सहभा गता, भारत म सरकार यवसाय एवं व भ न वा ण य
मंडल तथा उ योग के बीच अ यो य या लघु उ योग के त सरकार नी त नए उ यम
क थापना हेतु सरकार, जन वतरण णाल , क मत और वतरण पर सरकार नयं ण,
उपभो ता संर ण अ ध नयम (CPA) एवं उपभो ता अ धकार के सरं ण म वैि छक
सं थाओं क भू मका, सरकार क नई औ यो गक नी त, उदार करण अ- व नयमन एवं
नजीकरण, भारतीय योजना णाल , पछड़े े के वकास के संबध
ं म सरकार नी त,
पयवरण सं थापना हे तु यवसाय एवं सरकार के दा य व, नगम अ भशासन, साइबर
व धयां।

5. कायनी तक बंध :
अ ययन े के प म यवसाय नी त, कायनी तक बंध का व प एवं वषय े ,
साम रक आशय, ि ट, उ दे य एवं नी तयां एवं काया वयन, प रवेशीय व लेषण एवं
आंत रक व लेषण एसड यूओट आयोजना या व लेषण कायनी तक व लेषण
उपकरण एवं व धयां - भाव आ यह
ू अनभ
ु व व BGC आ यह
ू GEC बहुलक उ योग
व लेषण, मू य ंृ ला क संक पना
ख यवसाय त ठान क कायनी तक प र छे दका
तयो गता व लेषण हे तु ढांचा, यवसाय त ठान का तयोगी लाभ, वग य तयोगी
कायनी तयां, वकास कायनी त व तार, समाकलन एवं वशाखन, ोड स मता क
संक पना कायनी तक न यता, कायनी त पन
ु रा व कार, कायनी त एवं संरचना मु य
कायपालक एवं प रषद, टनअराउं ड बंधन, बंधन एवं कायनी तक प रवतन कायनी तक
सहबंध, वलयन एवं अ ध हण, भारतीय संदभ म कायनी त एवं नगम वकास।
154
6. अंतरा य यवसाय :
अंतरा य यवसाय प रवेश, माल एवं सेवाओं म यापार के बदलते संघटन, भारत का
वदे शी यापार नी त एवं व ृ यां, अंतरा य यापार का व पोषण, े ीय आ थक
सहयोग, FTA सेवा त ठान का अंतरा यकरण, अंतरा य उ पादन अंतरा य
कंप नय म यवसाय बंध, अंतरा य कराधान, व व यापी तयो गता एवं
ौ यो गक य वकास, व य यापी ई- यवसाय, व व यापी सांगठ नक संरचना अ भक पन गण
एवं नयं ण, बहुसां कृ तक बंध, व व यापी यवसाय कायनी त, व व यापी वपणन त
कायनी त, नयात बंध नयात-आयात याएं, संयु त उप म, वदे शी नवेश, वदे शी
य नवेश एवं वदे शी पोटफो लयो, नवेश, सीमापार वलयन एवं अ ध हण, वदे शी न

मु ा जो खम, उ भासन बंध, व व व ीय बाजार एवं अंतरा य ब कं ग, बा य ऋण प

बंधन, दे श जो खम व लेषण। – 1

1. रै खक बीजग णत :
R एवं C स दश समि टयां, रै खक आ तता एवं वतं ता उपसमि टयां, आधार वमा,
रै खक पांतरण, को ट एवं शू यता, रै खक पांतरण का आ यूह. आ यूह क बीजावल ,
पंि त एवं तंभ समानयन, सोपानक प, सवागसमता एवं सम पता, आ यूह क को ट,
आ यह
ू का यु म, रै खक समीकरण णाल का हल, अ भल णक मान एवं
अ भल णक स दश, अ भलणक बहु पद, केले-है म टन मेय, सम मत, वषम
सम मत, ह मट , वषम ह मट , लां बक एवं ऐ कक आ यूह एवं उनके अ भल णक मान।

2. कलन :
वा त वक सं याएं, वा त वक चर के फलन, सीमा, सांत य, अवकनीयता, मा मान मेय,
शेषफल के साथ टे लर का मेय, अ नधा रत प, उि च ठ एवं अि प ठ, अनंत पशी, व
अनरु े खण, दो या तीन चर के फलनः सीमा, सांत य, आं शक अवकलज, उि च ठ, एवं
अि प ठ, ला ांज क गण
ु क व ध, जैकोबी, नि चत समाकल क र मान प रभाषा,
अ नि चत समाकल, अनंत (इि फ नट एवं इं ॉपर) अवकल, वधा एवं या समाकल
(केवल मू यांकन व धयां), े , प ृ ठ एवं आयतन।

3. व ले षक या म त :
वमाओं म कात य एवं ुवीय नदशांक, -चर म वतीय घात समीकरण, व हत प
म लघक
ु रण, सरल रे खाएं, दो वषमतल य रे खाओं के बीच क लघत
ु म दरू , समतल,
गोलक, शंकु, बेलन, परवलपज, द घव ृ तज, एक या दो प ृ ठ अ तपरवलयज एवं उनके
गण
ु धम।

4. साधारण अवकल समीकरण


अवकल समीकरण का सं पण, थम को ट एवं थम घात का समीकरण, समाकल
155
गण
ु क, लंबकोणीय संछेद , थमघात का नह ं कं तु थम को ट का समीकरण, लेरो का
समीकरण, वच हल। नयत गण
ु ांक वाले वतीय एवं उ चतर को ट के रै खक
समीकरण, परू क फलन, वशेष समाकल एवं यापक हल चर गण
ु ांक वाले वतीय को ट
के रै खक समीकरण, आयलर-कौशी समीकरण, ाचल वचरण व ध का योग कर पण

हल का नधारण जब एक हल ात हो।
ला लास एवं यु म ला लास पांतर एवं उनके गण
ु धम, ारं भक फलन के ला लास
पांतर, नयत गण
ु ांक वाले वतीय को ट रै खक समीकरण के लए ारं भक मान
सम याओं पर अनु योग।

5. ग तक एवं थै तक :
ऋज रे खीय ग त, सरल आवतग त, समतल म ग त, े य ( ोजे टाइल), यवरोध ग त,
काय एवं ऊजा, ऊजा का संर ण केपलर नयम, क य बल के अंतगत क ाएं, कण
नकाय का संतल
ु न, काय एवं ि थ तज ऊजा घषण, साधारण कटनर , कि पत काय का
स धांत, सत
ंु लन का था य व, तीन वमाओं म बल संतल
ु न।

6. स दश व लेषण :
अ दश और स दश े , अ दश चर के स दश े का अवकलन, कातीय एवं बेलनाकार
नदशक म वणता, अपसरण एवं काल, उ चतर को ट अवकलन, स दश त समक एवं
स दश समीकरण। या म त अनु योग: आकाश म व , व ता एवं ऐंठन, सेरेट- े नेट
के सू ।
गैस एवं टो स मेय, ीन के त समक

न प – 2
1. बीजग णत :
समह
ू , उपसमह
ू , च य समह
ू , सहसमु चय, ला ांज मेय, सामा य उपसमह
ू , वभाग
समह
ू , समह
ू क समाका रता, आधार तु याका रता मेय, मचय समह
ू , केल मेय।
वलय, उपवलय एवं गण
ु जावल , वलय क समाका रता, पण
ू ाक य ांत, मु य गण
ु जावल
ांत, यिु लडीय ांत एवं अ धतीय गण
ु नखंडन ांत, े , वभाग े ।

2. वा त वक व लेषण :
यन
ू तम उप रसीमा गण
ु धम वाले मत े के प म वा त वक सं या नकाय,
अनु म, अनु मसीमा, कौशी अनु म, वा त वक रे खा क पण
ू ता, ेणी एवं इसका
अ भसरण, वा त वक एवं सि म पद क े णय का नरपे तथा स तबंध अ भसरण,
ेणी का पन
ु व यास
फलन का सांत य एवं एक समान सांत य, संहत समु चय पर सांत य फलन के गण
ु धम
र मान समाकल, अनंत समाकल, समाकल, समाकलन-ग णत के मल
ू मेय, फलन के

156
अनु म तथा े णय के लए एक-समान अ भसरण, सांत य, अवकलनीयता एवं
समाकलनीयता, अनेक (दो या तीन) चर फलन के आं शक अवकलज, उि च ठ एवं
अि प ठ।

3. सि म व लेषण :
व ले षक फलन, कौशी-र मान समीकरण, कौशी मेय, कौशी का समाकल सू , व ले षक
फलन का घात ेणी न पण, टे लर ेणी, व च ताएं, लोरां ेणी, कौशी अवशेष मेय,
क टूर समाकलन ।

4. रै खक ो ामन :
रै खक ो ामन सम याएं, आधार हल, आधार सस
ु ग
ं त हल एवं इ टतम हल, हल क
आलेखी व ध एवं एकधा व ध, वेतता, प रवहन तथा नयतन सम याएं।

5. आं शक अवकलन समीकरण :
तीन वमाओं म प ृ ठकुल एवं आं शक अवकल समीकरण सं पण, थम को ट के
रै खकक प आं शक अवकल समीकरण के हल, कौशी अ भले ण व ध, नयत गण
ु ांक
वाले वतीय को ट के रै खक आं शक अवकल समीकरण, व हत प, कं पत तंतु का
समीकरण, ताप समीकरण, ला लास समीकरण एवं उनके हल।

6. सं या मक व लेषण एवं क यट
ू र ो ामन :
सं या मक व धयां, व वभाजन वारा एक चर के बीजग णतीय तथा अबीजीय
समीकरण का हल, रे गल
ु ा फाि स तथा अबीजीय समीकरण का हल, रे गल
ु ा फाि स तथा
यट
ू न-राफसन व धयां, गाउसीय नराकरण एवं गाउस-जॉडन ( य ), गाउस सीडेल
(पन
ु रावत ) व धय वारा रै खक समीकरण नकाय का हल, यट
ू न का (अ तथा प च)
अंतवशन, ला ांज का अंतवशन।
सं या मक समाकलन: समलंबी नयम, संपसन नयम, गाउसीय े फल सू ।
साधारण अवकल समीकरण का सं या मक हल: नयम, गाउसीय े फल सू ।
साधारण अवकल समीकरण का सं या मक हल: आयलर तथा रं गा-कु ट व धयां।
क यट
ू र ो ाम वआधार प ध त, अंक पर ग णतीय तथा तकसंगत सं याएं, अ ट
आधार तथा षोडस आधार प ध तयां, दशमलव प ध त से एवं दशमलव प ध त म
पांतरण, वआधार सं याओं क बीजावल ।
क यट
ू र णाल के त व तथा मेमर संक पना, आधार तकसंगत वारा तथा स य
सार णयां, बल
ू य बीजावल , सामा य प।
अ चि हत पण
ू ाक , चि हत पण
ू ाक एवं वा त वक वप रशु धता वा त वक तथा द घ
पण
ू ाक का न पण, सं या मक व लेषण सम याओं के हल के लए कलन व ध और
वाह सं प ।

157
7. यां क एवं तरल ग तक :
यापीकृत नदशांक, डीऐलंबट स धांत एवं ला ाज समीकरण, हे म टन समीकरण, जड़ व
आघण
ू , दो वमाओं म ढ़ पंडो क ग त।
सांत व समीकरण, अ यान वाह के लए आयलर का ग त समीकरण, वाह रे खाएं, कण
का पथ, वभव वाह, व वमीय तथा अ त: सम मत ग त, उ गम तथा अ भगम,
मल ग त, याम तरल के लए नै वयर- टोक समीकरण।

यां क इंजी नयर


न प – 1

1. यां क
1.1 ढ़ पंड क यां क
आकाश म सा याव था का समीकरण एवं इसका अनु योग, े फल के थम एवं
वतीय आघण
ू , घषण क सरल सम याएं, समतल ग त के लए कण क शु धग त क
ारं भक कण ग तक ।

1.2 व पणीय पंड क यां क


यापीकृत हुक का नयम एवं इसका अनु योग, अ ीय तबल पर अ भक प सम याएं,
अप पण तबल एवं आधारक तबल, ग तक भारण के लए साम ी के गण
ु , दं ड म
बंकन अप पण एवं तबल, मु य तबल एवं वकृ तय का नधारण नधारण-
व ले षक एवं आलेखी, संयु त एवं म त तबल, धअ ीय तबल-तनु भि तक
दाब भा ड, ग तक भार के लए पदाथ यवहार एवं अ भक प कारक, केवल बंकन एवं
मरोड़ी भार के लए गोल शै ट का अ भक प, थै तक नधार सम याओं के लए दं ड का
व ेप, भंग के स धांत।

2. इंजी नयर पदाथ :


ठोस क आधारभत
ू संक पनाएं एवं संरचना, सामा य लोह एवं अलोह पदाथ एवं उनके
अनु योग, टल का ताप उपचार, अधात-ु लाि टक, सेरे मक, स म पदाथ एवं
नैनोपदाथ।

3. यं का स धांत :
समतल – या व धय का शु धग तक एवं ग तक व लेषण, कैम, गयर एवं अ धच क
गयर मालाएं, ग तपालक च , अ ध नयं क, ढ़ पण
ू ाक का संतल
ु न, एकल एवं
बहु स लंडर इंजन, यां क-तं का रै खक कंपन व लेषण (एकल वात यको ट) ां तक
चाल एवं शै ट का आवतन।

158
4. नमाण का व ान :
4.1 नमाण म :
यं औजार इंजी नयर - यापार बल व लेषण, टे लर का औजार, आयु समीकरण, ढ़
मशीनन, एनसी एवं सीएनसी मशीनन म, िजग एवं था यक, आ ढ़ मशीनन-
ईडीएम, ईसीएम, परा य, जल धान मशीनन, इ या द, लेजर एवं ला मा के
अनु योग, ऊजा दर अवकलन।
पण एवं वे डन म-मानक म।
मा पक -अनवायोजन एवं स ह णुताओं क संक पना, औजार एवं माप, तल
ु न , लंबाई
का नर ण, ि थ त, प र छे दका एवं प ृ ठ सप
ु ू त।

4.2 नमाण बंध :


तं अ भक प : फै टर अवि थ त-सरल ओआर मॉडल, संयं अ भ यास-प ध त
आधा रत इंजी नयर आ थक व लेषण एवं भंग के अनु योग उ पादावरण, म वरण
एवं मता आयोजना के लए व लेषण से पव
ू नधा रत समय मानक।
णाल आयोजना : समा यण एवं अपघटन पर आधा रत पव ू कथन व धयां, बहु मॉडल
एवं ासंभा य सम वायोजन रे खा का अ भक प एवं संतल
ु न साम ी सच
ू ी बंध – आदे श
काल एवं आदे श मा ा नधारण के लए ा यकता मक साम ी सच
ू ी मॉडल, जे आई ट
णाल , युि तमय उ गमीकरण, अंतर-संयं संभारतं ।
तं सं या एवं नयं ण :
कृ यकशाला के लए अनस
ु च
ू क कलन व ध, उ पाद एवं म गण
ु ता नयं ण के लए
सांि यक य व धय का अनु योग, मा य, परास, द ू षत तशतता, दोष क सं या एवं
तयू नट दोष के लए नयं ण चाट अनु योग, गण
ु ता लागत णा लयां, संसाधन
संगठन एवं प रयोजना जो खम का बंधन।
णाल सध
ु ार : कुल गण
ु ता बंध, न य, कृश एवं द संगठन का वकास एवं बंधन
जैसी णा लय का काया वयन।

न प – 2

1. उ माग तक , गैर ग तक एवं टब यं :


1.1 उ माग तक के थम नयम एवं वतीय नयम क आधारभत
ू संक पनाएं,
ऐ ॉपी एवं त मणीयता क संक पना, उपल धता एवं अनप
ु ल धता तथा
अ त मणीयता क संक पना, उपल धता एवं अनप
ु ल धता तथा अ त मणीयता।

1.2 तरल का वग करण एवं गण


ु धम, संपी य एवं संपी य तरल वाह, मैक सं या का
भाव एवं संपी यता, सात व संवेग एवं ऊजा समीकरण सामा य एवं तयक
घात, एक वमीय समएं ॉपी वाह, तरल का न लका म घषण एवं ऊजाअंतरण
के साथ वाह।

159
1.3 पंख , लोअर एवं संपी ड से वाह, अ ीय एवं अपके वाह व यास, पंख
एवं संपी ड़त का अ भक प, संपीड़न और टारबाइन सोपानी क सरल सम याएं,
ववत
ृ एवं संव ृ त च गैर टरबाइन, गैस टरबाइन म कया गया काय, पन
ु : ताप
एवं पन
ु जनन।

2. उ मा, अंतरण
2.1 चालन ऊ मा अंतरण-सामा य चालन समीकरण-ला लास, वास एवं फू रए
समीकरण, चालन का फू रए नयम, सरल भि त ठोस एवं खोखले बलन तथा
गोलक पर लगा एक वभीय थायी दशा उ मा चालन ।

2.2 संवहन उ मा अंतरण – यट


ू न का संवहन नयम, मु त एवं णो दत संवहन, चपटे
तल पर असंपी य तरल के तर य एवं व ु ध वाह के दौरान उ मा अंतरण,
नसे ट सं या, जलग तक एवं ऊ मीय सीमांतपरं त एवं उनक मोटाई क
संक पनाएं, ांटल सं या, ऊ मा एवं संवेग अंतरण के बीच अनु पता-रे नॉ डस,
कोलबन, ांटल अनु पताएं, ै तज न लकाओं से तर य एवं व ु ध वाह के
दौरान ऊ मा अंतरण, ै तज एवं ऊ वाधर तल से मु त संवहन।

2.3 कृि णका व करण-आधारभत


ू व करण नयम, जैसे क, ट फेन-बो ड जमैन, लांक
वतरण, वीन व थापन आ द।

2.4 आधारभत
ू ऊ मा व नम य व लेषण, ऊ मा व नम य व लेषण, ऊ मा
व नम यय का वग करण।

160
3. वग करण सं या के ऊ मग तक- च , भंग शि त, सु चत शि त, यां क द ता,
ऊ मा समायोजन चादर, न पादन अ भ ण का नवचन, पै ोल गैस एवं डीजल
इंजन ।

3.2 एसआई एवं सीआई इंिजन म दहन, सामा य एवं असामा य दहन, अप फोटन एवं
कायशील ाचल का भाव, अप टोफक का यन
ू ीकरण, एसआई एवं सीआई
इंिजन के लए दहन को ठ के कार, योजक, उ सजन।

3.3 अंतदहन इंिजन क वभ न णा लय धन, नेहन, शीतन एवं संचरण


णा लय , अंतदहन इंिजन म वक पी धन ।

4. भाप इंजी नयर :


4.1 भाप जनन- अशो धत र कन च व लेषण, आधु नक भाप बॉयलर, ां तक एवं
अ ध ां तक दाब पर भाप, वात उप कर, ाकृ तक एवं कृ क वात, बॉयलर
धन, ठोस, व एवं गैसीय धन, भाजपा टरबाइन - स धांत, कार, संयोजना,
आवेग एवं त या टरबाइन, अ ीय णोद।

4.2 भाप तड
ुं - अ भसार एवं अपसार तंडु म भाप को वाह, आ , संत ृ त एवं
अ धत त जैसी व भ न ांर भक भाप दशाओं के साथ, अ धकतम न सरण के
लए कठ पर दाब, प चदाब वचरण का भाव, तड
ुं म भाप का अ धसंत ृ त वाह
वलसन रे खा।

4.3 आंत रक एवं बा य अ त यता के साथ र कन च , पन


ु तापन गण
ु क, पन
ु ताप
एवं पन
ु जनन, अ ध नयं ण व धयां, प च दाब एवं उप नकासन टरबाइन।

4.4 भाप शि त संयं -संयु त च शि त जनन, ऊ मा पन


ु : ाि त भाप ज न
(एचआरएसजी) त त एवं अत त, सहजनन संय ।

5. शीतन एवं वातानक


ु ू लन :
5.1 वा प संपीडन शीतन च पी-एच एवं ट -एस आरे ख पर च , पयावरण अनक
ु ूल
शीतक य- आर 134 ए, आर 123, वाि प , वण सरण साधन जैसे तं ,
सरल वा प अवशोषण तं ।

5.2 आ ता म त-गण
ु धम म, लेखा च , संवे य तापन एवं शीतन, आ करण एवं
अना करण भावी ता म, वातानक
ु ू लन भार प रकलन, सरल वा हनी अ भक प।

161
च क सा व ान
न प -1

1. मानव शर र :
उप र एवं अधोशाखाओं, कंधसं धय , कू हे एवं कलाई म र त एवं तं का संभरण समेत
अनु यु त शर र।
सकलशर र स तसंभरण एवं िज वा का लंफ य अपवाह, थायरॉइड, तन ं थ, जठर
यकृत, ो टे ट, जनन ं थ एवं गभाशय।
डाया ाम, पेर नयग एवं चं ण दे श का अनु यु त शर र। व ृ क, मू ाशय, गभा य
न लकाओं, शु वा हकाओं का रोगल ण शर र

ू व ान : अपरा एवं अपरा रोध, दय, आं व ृ क, गभाशय ड ब ं थ वष
ृ ण का
वकास एवं उनक सामा य ज मजात असामा यताएं।
के य एवं प रसर य वसंचा लत तं का तं :
मि तक के नलय , मि तकमे व के प र मण का सकल एवं रोगल ण शर र,
तं का माग वचीय संवेदन, वण एवं ि ट व त, कपाल तं काएं, वतरण एवं
रोगला णक मह व, वसंचा लत तं का तं के अवयव।

2. मानव शर र या व ान :
अवेग का चालन एवं संचरण, संकुचन क या व ध, पं का-पेशीय संचरण, तवत,
संतल
ु न नयं ण, संि थ त एवं पेशी-तान, अवरोह माग, अनम
ु ि त क के काय, आधार
गं डकाएं, न ा एवं चेतना का या व ान।
अंत: ावी तं : हाम न या क या व ध, रचना वण, प रवहन, उपापचय,
प याज एवं पीयष
ू ं थ के काय एवं वण नयमन।
जनन तं का या व ान : आतवचक त य वण, सगभता।
र त : वकास, नयमन एवं र तको शकाओं का प रणाम।
दवा हका, द न पादन, र तदाब, वा हक काय का नयमन।

162
3. जैव रसायन :
अंगकाय पर ण - यकृत, व ृ क, थायरॉइड।
ोट न सं लेषण।
वटा मन एवं ख नज।
नब धन वखंड दै य बहु पता (RFLP)
पॉल मेरेज ख
ंृ ला त या (PCR)
रे डयो- इ यन
ू ोऐसे (RIC)

4. वकृ त व ान :
थोथ एवं वरोहण, व ृ ध व ोभ एवं कै सर, रहयम
ू ै टक एवं इ क मक दय रोग एवं
डाय बट ज मे लटस का वकृ तजनन एवं ऊतक वकृ त व ान। सद
ु य, दद
ु म, ाथ मक
एवं व ेपी दद
ु मता म वभेदन, वसनीज य का सनोमा, मख
ु कसर, ीवा कसर,
यक
ू मया, यकृत सरो सस तवकवश
ृ ोथा, य मा, ती अि थम जाशोथ का हे त,ु
वकृ तजनन एवं ऊतक वकृ त व ान।

5. सू मजै वक :
दे ह वी एवं को शका मा य मत रोग मता
न न ल खत रोग कारक एवं उनका योगशाला नदान:- म नगोकॉ वस, सालमोनेला
- शगेला, हप ज, डग,ू पो लयो
- H IV/AIDS, मले रया, ई- ह टो ल टका, गया डया।
- क डड, टोकॉव स, ऐ पिजलस

6. भेषजगण
ु व ान :
न न ल खत औषध के काय क या व ध एवं पा व भाव:- ऐि टपायरे ट स, एवं
एना जे स स, ऐि टबायो ट स, ऐि टमले रया, ऐि टकालाजार, ऐि टबायो ट स
- ऐि टहायपरट सव, ऐि टडाइयरू े ट स, सामा य एवं द वासो डलेटस ऐि टवाइरल,
ऐि टपैरा स टक, ऐ ट फंगल, इ यन
ू ोस ेश स
- ऐि टकसर

7. याय संबध
ं ी औषध एवं वष व ान :
त एवं घाव क यायालयी पर ा, र त एवं शु ध ब क पर ा, वषा तता, शामक
अ तमा ा, फाँसी, डूबना, जलना, DNN एवं फं गर टं अ ययन।

न प - 2

163
1. सामा य काय च क सा :
टे टनस, रै बीज, AIDS ड य,ू काला–आजार, जापानी ए सेफेलाइ टस का हे त,ु रोग ल ण
वशेषताएं, नदान एवं बंधन के स धांत –
इ क मक दय रोग, फु फस अंत: श यता, वसनी अ थमा, फु फसावरणी न:सरण,
य मा, अपावशोषण संल ण, अ ल पेि टक रोग, वषागज
ु यकृतशोध एवं यकृत
सरो सस।
तवकव ृ कशोथ एवं गो णकाव ृ कशोथ, व ृ कपात, संल ण, वृ क य संल ण,
व ृ कवा हका अ त र तदाब, डायबीट ज मे लटस के उप व, कंदन वकार, यक
ू मया अव-
एवं-अ त-थॉयराइ ड म, मे न जाय टस एवं ए सेफेलाइ टस।
च क सक य सम याओं म इमेिजंग, अ ासाउं ड ईको का डयो ाम, CT कैन, MRI,
चंता एवं अवसाद मनो व ि त एवं वखं डत- मन कता तथा E.C.T.

2. बाल रोग व ान :
रोग तरोधीकरण, बेबी- डल अ पताल, ज मजात याव दय रोग वसन व ोभ
संल ण, वसनी- फु् फुसशोथ, मि तक य नवजात कामला, IMNCI वग करण एवं
बंध PEM को टकरण एवं बंध IARI एवं पांच वष से छोटे शशओ
ु ं क वा हका एवं
उसका बंध।

3. वचा व ान :
सो रए सस एलिजक डमटाइ टस, केबीज, ए जीमा व ट लगो, ट वन-जॉनसन संल ण,
लाइकेन लेनस

4. सामा य श य च क सा :
खंडतालु खंडो ठ क रोगल ण वशेषता, कारण एवं बंध के स धांत।
वरयं ीय अबद,
ु मख
ु एवं ईसोफेगस अबद।

प रधीय धमनी रोग, वै रकोज वे स, महाधमनी संकुचन थायरॉइड, अ धव ृ क ं थ के
अबद।

फोड़ा, कसर, तन का तंतु ं थ अबद
ु एवं थलता पेि टक अ सर र त ाव, आं य मा,
अ सरे टव कोलाइ टस, जठर कसर व ृ क मास, ो टे ट कसर, ह मोथोरै स, पताशय,
व ृ क यरू े टर एवं मू ाशय क पथर , रे टम, एनस, एनल, कैनल, पताशय एवं
पतवा हनी क श य दशाओं का बंध।

164
ल नोमेगल
ै , कॉल स टाइ टस, पोटल अ त र त दाब, यकृत फोड़ा, पेर टोनाइ टस,
प याज शीष का सनोमा, र ढ़ वभंग, कोल वभंग एवं अि थ टयम
ू र।
एंडो कोपी
ले ो को पक सजर

5. सू त व ान एवं प रवार नयोजन समेत ी रोग व ान :


सगभता का नदान
सव बंध, तत
ृ ीय चरण के उप व, सवपण
ू एवं सवोतर र त ाव, नवजात का
पन
ु जीवन, असामा य ि थ त एवं क ठन सव का बंध, कालपव
ू ( सव) नवजात का
बंध।
अर तता का नदान एवं बंध।
सगभता का ीए लैि सया एवं टॉकसी मया, रजो नव ृ यु तर संल ण का बंध, इं ा-
यूटेर न युि तयां, गो लयां, टयब
ू े टॉमी एवं वैसे टॉमी।
सगभता का च क सक य समापन िजसम व धक पहलू शा मल है।
ीवा कसर
यरू ो टया, ो ण वेदना, बं यता, डसफं शनल यूटेर न र त ाव (DUB) अमीनो रया,
यूटरस का तंतुपेशी अबद
ु एवं श
ं ।

6. समद
ु ाय काय च क सा ( नवारक एवं समािजक काय च क सा):
स धांत, णाल , उपागम एवं जानपा दक रोग व ान का मापन; पोषण, पोषण संबध
ं ी
रोग/ वकार एवं पोषण काय म
वा य सच
ू ना सं हण, वश ्लेषण एवं तु त।
न न ल खत के नयं ण/उ मल
ू न के लए रा य काय म के उ दे य, घटक एवं
ां तक व लेषण, मले रया, कालाआजार, फाइले रया एवं य मा;
HIV/AIDS, यौन सं मत रोग एवं डगू
वा य दे खभाल दाय णाल का ां तक मू यांकन वा य बंधन एवं
शासन: तकनीक, साधन, काय म काया वयन एवं मू यांकन
जनन एवं शशु वा य के उ दे य, घटक, ल य एवं ि थ त, रा य ामीण
वा य मशन एवं सह ा द वकास ल य।
अ पताल एवं औ यो गक अप श ट बंध।

दशनशा
न प - I

दशन का इ तहास एवं सम याएं :

165
1. लेटो एवं अर त:ू यय; य; आकार एवं पु गल; कायकारण भाव; वा त वकता एवं
श यता।
2. तक बु धवाद ( दे कात, ि पनोजा, ल ब नज): दे कात क प ध त एवं असं द ध ान;
य; परमा मा; मन-शर र वैतवाद; नयत ववाद एवं वातं य ।
3. इं यानभ
ु व वाद ( लॉक, बकले, यूम): ान का स धांत; य एवं गुण; आ मा एवं
परमा मा; संशयवाद।
4. कांट: सं लेषा मक ागनभ
ु वक नणय क संभवता: दक एवं काल; पदाथ; तकबु ध
यय; व तषेध; परमा मा के अि त व के माण क मीमांसा।
5. ह गेल: वं वा मक णाल ; परम ययवाद।
6. मरू , रसेल एवं पव
ू वत व जे ट न: सामा य बु ध का मंडन; ययवाद का खंडन;
ता कक परमाणवाद; ता कक रचना; अपण
ू तीक; अथ का च स धांत; उि त एवं
दशन ।
7. ता कक य वाद: अथ का स यापन स धांत; त वमीमांसा का अ वीकार; अ नवाय
त ि त का भा षक स धांत।
8. उ तरवत व ग ट न: अथ एवं योग; भाषा-खेल: यि त भाषा क मीमांसा।
9. संवत
ृ शा (हसल) णाल ; सार स धांत; मनो व ानपरता का प रहार।
10. अि त वपरकतावाद (क कगाद, सा , ह डेगर): अि त व एवं सार; वरण, उ तरदा य व एवं
ामा णक अि त व; व व नसत ् एवं कालस ता।
11. वाइन एवं ॉसन: इं यानभ
ु ववाद क मीमांसा; मल
ू व श ट एवं यि त का स धांत।
12. चावाक: ान का स धांत ; अतीं य स व का अ वीकार।
13. जैनदशन: स ता का स धांत; स तभंगी याय; बंधन एवं मिु त।
14. बौ धदशन सं दाय: ती यसमु पाद; णकवाद, नैरा यवाद।
15. याय-वैशे षक: पदाथ स धांत; आभास स धांत; माण स धांत; आ मा मिु त; परमा मा;
परमा मा के अि त व के माण; कायकारण-भाव का स धांत, सिृ ट का परमाणुवाद
स धांत।
16. सां य: कृ त; पु ष; कायकारण भाव; मिु त।
17. योग: च त; च तव ृ ; लेश; समा ध; कैव य।
18. मीमांसा: ान का स धांत।
19. वेदांत सं दाय: मन; ई वर; आ मन; जीव; जगत; माया; अ व या; अ यास; मो ;
अपथ
ृ क स ध; पंच वधभेद।
20. अर वंद: वकास, त वकास, पण
ू योग।

नप -2

सामािजक – राजनै तक दशन :


1. सामािजक एवं राजनै तक आदश सामानता , याय, वतं ता।

166
2. भस
ु ता : आि टन बोदां, ला क , कौ ट य।
3. यि त एवं रा य : अ धकार; कत य एवं उ तरदा य व।
4. शासन के कार : राजतं ; धमतं एवं लोकतं ।
5. राजनै तक वचारधाराएं : अराजकतावाद; मा सवाद एवं समाजवाद।
6. मानववाद : धम नरपे तावाद; बहुसं कृ तवाद।
7. अपराध एवं दं ड : टाचार, यापक हंसा, जा तसंहार, ाणदं ड।
8. वकास एवं सामािजक उ न त।
9. लंग भेद : ी ण
ू ह या, भू म एवं संप अ धकार; सशि तकरण।
10. जा त भेद : गांधी एवं अंबेडकर।

धमदशन

1. ई वर क धारणा : गण
ु ; मनु य एवं व व से संबध
ं (भारतीय एवं पा चा य)।
2. ई वर के अि त व के माण और उसक मीमांसा ( भारतीय एवं पा चा य)।
3. अशभ
ु क सम या।
4. आ मा : अमरता, पन
ु ज म एवं मिु त।
5. तकबु ध, ु त एवं आ था।
6. धा मक अनभ
ु व : कृ त एवं व तु (भारतीय एवं पा चा य)
7. ई वर र हत धम।
8. धम एवं नै तकता।
9. धा मक शु चता एवं परम स यता क सम या।
10. धा मक भाषा क कृ त: सा यमल
ू क एवं तीका मक; सं ानवाद एवं न सं ानवाद ।

भौ तक
न प – 1

1. (क) कण यां क :
ग त नयम, उजा एवं संवेग का संर ण, घूण े म पर अनु योग, अपक एवं
को रया लस वरण; क य बल के अंतगत ग त; कोणीय संवेग का संर ण, के लर
नयम; े एवं वभव; गोल य पंड के कारण गु व े एवं वभव; गौस एवं
वास समीकरण, गु व वऊजा; व पंड सम या; समानीत यमान; रदरफोड
क णन; यमान क एवं योगशाला संदभ े म।

(ख) ढ़ पंड क यां क :


कण नकाय; यमान क , कोणीय संवेग, ग त समीकरण; ऊजा संवेग एवं कोणीय
संवेग के संर ण मेय; या थ एवं अ या थ संघटन; ढ़ पंड; वातं य

167
को टयां, आयलर मेय कोणीय वेग, कोणीय संवग
े , जड़ व आघण
ू , समांतर एवं
अ भलंब अ के मेय घण
ू न हेतु ग त का समीकरण; आि वक घण
ू न ( ढ़ पंड
के प म); व एवं -परमाि वक अन,ु परु सरण ग त, म घण
ू ा थापी।

(ग) संतत मा यम क यां क :


या थता, हुक का नयम एवं समदै शक ठोस के या थतांक तथा उनके
अंतसंबध
ं ; वाहरे खा ( तर य) वाह, यानता, वाजय समीकरण, बरनल

समीकरण, टोक नयम एवं उसके अनु योग।

(घ) व श ट आपे ता :
माइक सन-मोल योग एवं इसक वव ाएं; लॉरज पांतरण-दै य-संकुचन,
कालव ृ ध, आपे क य वेग का योग, वपथन तथा डॉ लर भाव, यमान-ऊजा
संबध
ं , य या से सरल अनु योग; चतु वमीय संवेग स दश; भौ तक के
समीकरण से सह सरण।

2. तरं ग एवं का शक :
(क) तरं ग :
सरल आवत ग त, अवमं दत दोलन, णो दत दोलन तथा अनन
ु ाद; व पंद; तंतु म
ि थर तरं ग;े पंदन तथा तरं ग संचा यकाएं; ाव था तथा समह
ू वेग; हाईजन के
स धांत से परावतन तथा अपवतन।

(ख) या मतीय का शक :
फरमैट के स धांत से परावतन तथा अपवतन के नयम, उपा ीय का शक म
आ यह
ू प ध त-पतले लस के सू , न पंद तल, दो पतले लस क णाल , वण
तथा गोल य वपंथन।

(ग) य तकरण
काश का य तकरण-यं का योग, यट
ू न वलय, तनु फ म वारा य तकरण,
माइक सन य तकरणमापी; व वध करणपज
ुं य तकरण एवं
फै ीपेरट य तकरणमापी।

(घ) ववतन:
ानहोफर ववतन-एकल रे खा छ , वरे खा छ , ववतन े टंग, वभेदन मता;
व तीय वारक वारा ववतन तथा वायवीय पैटन; े सनेल ववतन; अ ध
आवतन जोन एवं जोन लेट, व ृ तीय वारक।

(ड.) ुवीकरण एवं आधु नक का शक :

168
रे खीय तथा व ृ तीय ु वत काश का उ पादन तथा अ भ ान; वअपवतन,
चतथ
ु ाश तरं ग लेट; काशीय स यता; रे शा का शक के स धांत, ीणन; टे प
इंडे स तथा परवल यक इंडे स तंतओ
ु ं म पंद प र प
े ण; पदाथ प र प
े ण, एकल
प रे शा; लेसर आइन टाइन A तथा B गण
ु ांक, बी एवं ह लयम नयॉन लेसर;
लेसर काश क वशेषताएं - था नक तथा का लक संब धता; लेसर करण पज
ुं ो
का फोकसन; लेसर या के लए - तर य योजना होल ाफ एवं सरल
अनु योग।

3. व युत एवं चब
ुं क व:
(क) ि थर वै युत एवं ि थर चुंबक य:
ि थर वै युत म ला लास एवं वास समीकरण एवं उनके अनु योग; आवेश
नकाय क ऊजा, आदे श वभव का बहु व
ु सार; तब ब व ध एवं उसका
अनु योग; व व
ु के कारण वभव एवं े , बा य े म व व
ु पर बल एवं
बल आघण
ू , परावै युत व
ु ण; प रसीमा-मान सम या का हल-एकसमान वै युत
े म चालन एवं परवै युत गोलक; चुंबक य कोश, एकसमान चुंब कत गोलक,
लोह चंब
ु क य पदाथ, शै थ य, ऊजा ास।

(ख) धारा व युत :


करचॉफ नयम एवं उनके अनु योग; बायोसवाट नयम, ऐि पयर नयम, फराड़े
रनयम, लज नयम, व एवं अ यो य ेरक व; यावत धारा (AC) प रपथ म
मा य एवं वगमा य मल
ू (rms) मान, RL एवं C घटक वाले DC एवं AC -
प रपथ; ेणीब ध एवं समांतर अनुनाद; गण
ु ता कारक; प रणा म के स धांत।

(ग) व युत चुंबक य तरं गे एवं कृि णका व करण:


व थापन धारा एवं मै सवेल के समीकरण; नवात म तरं ग समीकरण, वाइं टंग
मेय; स दश एवं अ दश वभव; व युत चुंबक य े दश, मै सवेल समीकरण
का सह सरण; समदै शक परावै युत म तरं ग समीकरण, दो परावै युत क
प रसीमा पर परावतन तथा अपवतन; े सनल संबध
ं ; पण
ू आतं रक परावतन;
सामा य एवं असंगत वण व ेपण; रे ले क णन; कृि णका व करण एवं लक
व करण नयम, ट फन बो जमैन नयम, वयेन व थापन नयम एवं रे ले-
जी स नयम।

4. तापीय एवं सांि यक भौ तक :


(क) ऊ माग तक :
ऊ माग तक का नयम, उ य तथा अ त य म, ए ॉपी, समतापी,
धो म, समदाब, समआयतन म एवं ए ॉपी प रवतन; ओटो एवं डीजल
इंिजन, ग स ाव था नयम एवं रासाय नक वभव, वा त वक गैस अव था के

169
लए वांडरवाल समीकरण, ां तक ि थरांक, आि वक वेग का मै सवेल
बो जमान वतरण, प रवहन प रघटना, सम वभाजन एवं वी रयल मेय; ठोस
क व श ट ऊ मा के यल
ू ां-पेती, आइं टाइन, एवं डेबी स धांत; मै सवेल संबध

एवं अनु योग; ला सयस लेपरॉन समीकरण, धो म वचुंबकन, जूल केि वन
भाव एवं गैस का वण।

(ख) सांि यक य भौ तक :
थल
ू एवं सू म अव थाएं, सांि यक य बंटन, मै सवेल-बो जमान,
बोसआइं टाइन एवं फम - दराक बंटन, गैस क व श ट ऊ मा एवं कृि णका
व करण म अनु योग नकारा मक ताप क संक पना।

न प – 2

1. वांटम यां क :
कण तरं ग वैतता; ी डंगर समीकरण एवं याशामान; अ नि चतता स धांत, मु तकण,
बॉ स म कण, प र मत कूप म कण के लए एक वमीय ी डंगर समीकरण का हल
(गाउसीय तरं ग-वे टन), रै खक आवत लोलक; पग- वभव वारा एवं आयताकार रो धका
वारा परावतन एवं संचरण; वमीय बॉ स म कण, अव थाओं का घन व, धातओ
ु ं का
मु त इले ान स धांत, कोणीय संवेग, हाइ ोजन परमाण;ु अ ध चकरण कण, पाउल
च ण आ यह
ू ो के गण
ु धम।

2. परमाि वक एवं आि वक भौ तक :
टन- गलक योग, इले ान च ण, हाइ ोजन परमाणु क सू म संरचना; यु मन, L-
S, J-J यु मन, परमाणु अव था का पे मी संकेतन, जीमान भाव, क कंडोन
स धांत एवं अनु योग; वपरमाणुक अणु के घण
ू नी, कांप नक एवं इले ा नक पे म
का ाथ मक स धांत, रमन भाव एवं आि वक संरचना; लेसर रमन पे मक ,
खगो लक म उदासीन हाइ ोजन परमाणु, आि वक हाइ ोजन एवं आि वक हाइ ोजन
ऑयन का मह व; त दि त एवं फुरद ि त NMR एवं EPR का ाथ मक स धांत एवं
अनु योग, लै बस ृ त क ाथ मक धारणा एवं इसका मह व।

3. ना भक य एवं कण भौ तक :
मल
ू भत
ू ना भक य गण
ु धम-आकार, बंधन, ऊजा, कोणीय संवेग, समता, चंब
ु क य आघण
ू ;
अ ध-आंनभ
ु ा वक यमान सू एवं अनु योग, यमान परवलय; यूटेरॉन क मल

अव था, चुंबक य आघण
ू एवं अक य बल; ना भक य बल का मेसॉन स धांत, ना भक य
बल क मख
ु वशेषताएं; ना भक का कोश मॉडल-सफलताएं एवं सीमाएं; बीटाहास म
समता का उ लंघन; गामा ास एवं आंत रक पांतरण, मासबौर टे मक क ाथ मक

170
धारणा; ना भक य अ भ याओं का Q मान; ना भक य वखंडन एवं संलयन, ताराओं म
ऊजा उ पादन; ना भक य रये टर। मल
ू कण का वग करण एवं उनक अ यो य याएं;
संर ण नयम; है ॅान क वाक संरचना; ीण वै युत एवं बल अ यो य या का
े - वांटा; बल के एक करण क ाथ मक धारणा; यू न क भौ तक ।

4. ठोस अव था भौ तक , यं एवं इले ॉ नक :


पदाथ क टल य एवं अ टल य संरचना; व भ न टल नकाय, आकाशी समह
ू ;
टल संरचना नधारण क व धयां; X- करण ववतन, मवी ण एवं संचरण
इले ॉन-सू मदश ; ठोस का प ट स धांत-चालक, व युतरोधी एवं अ धचालक; ठोस
के तापीय गण
ु धम, व श ट ऊ मा, डेबी स धांत; चंब
ु क व; त, अनु एवं लोह चंब
ु क व;
अ तचालकता के अवयव, माइ र भाव, जोसेफसन सं ध एवं अनु योग; उ च ताप म
अ तचालकता क ाथ मकता धारणा।
नैज एवं बा य अ धचालक; p-n-p एवं n-p-n ांिज टर, वधक एवं दो ल , सं या मक
वधक, FET, JFET एवं MOSFET : अंक य इले ॉ नक -बल
ू य त समक, डीमॉगन
नयम, तक वार एवं स य सार णयां; सरल तक प रपथ; ऊ म तरोधी, सौर सेल;
माइ ो ोसेसर एवं अंक य कं यट
ू र के मल
ू स धांत।

राजनी त व ान एवं अंतरा य संबध



न प – 1

राजनै तक स धांत एवं भारतीय राजनी त :


1. राजनै तक स धांत : अथ एवं उपागम :
2. रा य के स धांत : उदारवाद , नवउदारवाद , मा सवाद , बहुवाद , प च-उप नवेशी एवं
नार -अ धकारवाद ।
3. याय : रॉल के याय के स धांत के वशेष संदभ म याय के सं यय एवं इसके
समद
ु ायवाद समालोचक।
4. समानता : सामािजक, राजनै तक एवं आ थक, समानता एवं वतं ता के बीच संबध
ं ,
सकारा मक काय।
5. अ धकार: अथ एवं स धांत, व भ न कार के अ धकार, मानवा धकार क संक पना।
6. लोकतं : ला सक एवं समकाल न स धांत, लोकतं के व भ न मॉडल- त न धक,
सहभागी एवं वमश ।
7. शि त, ाधा य, वचारधारा एवं वैधता क संक पना।
8. राजनै तक वचारधाराएं: उदारवाद, समाजवाद, मा सवाद, फासीवाद, गांधीवाद एवं नार -
अ धकारवाद।
9. भारतीय राजनै तक चंतन: धमशा , अथशा एवं बौ ध परं पराएं, सर सैयद अहमद
खान, ी अर वंद, एम.के. गांधी, बी.आर. अ बेडकर, एम.एन. रॉय।
10. पा चा य राजनै तक चंतन: लेटो अर त,ु मै कयावेल , हॉ स, लॉक, जॉन एस. मल,

171
मा स, ा क , हा ना आरे ट।

भारतीय शासन एवं राजनी त :

1. भारतीय रा वाद :
(क) भारत के वाधीनता सं ाम क राजनै तक कायनी तयां : सं वधानवाद से जन
स या ह, असहयोग, स वनय अव ा एवं भारत छोड़ो, उ वाद एवं ां तकार
आंदोलन, कसान एवं कामगार आंदोलन।

(ख) भारतीय रा य आंदोलन के प र े य: उदारवाद , समाजवाद एवं मा सवाद ,


उ मानवतावाद एवं द लत।

2. भारत के सं वधान का नमाण : टश शासन का र थ, व भ न सामािजक एवं


राजनै तक प र े य।

3. भारत के सं वधान क मख
ु वशेषताएं: तावना, मौ लक अ धकार तथा क त य, नी त
नदशक स धांत, संसद य णाल एवं संशोधन या, या यक पन
ु वलोकन एवं मल

संरचना स धांत।

4. (क) संघ सरकार के धान अंग: कायपा लका, वधा यका एवं सव च यायालय क
वचा रत भू मका एवं वा त वक काय णाल ।

(ख) रा य सरकार के धान अंग: कायपा लका, वधा यका एवं उ च यायालय क
वचा रत भू मका एवं वा त वक काय णाल ।

5. आधा रक लोकतं : पंचायती राज एवं नगर शासन, 73व एवं 74व संशोधन का मह व,
आधा रक आंदोलन।

6. नयं क एवं महालेखा पर क, व त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, रा य अनस


ु ू चत
जा तयां आयोग, रा य अनस
ु ू चत जनजा तयां आयोग, रा य म हला आयोग, रा य
मानवा धकार आयोग, रा य अ पसं यक आयोग, रा य पछड़ा वग आयोग।

7. संघ रा य प ध त : सां वधा नक उपबंध, क रा य संबध


ं का बदलता व प,
एक करणवाद विृ तयां एवं े ीय आकां ाएं, अंतर-रा य ववाद।

8. योजना एवं आ थक वकास: नेह वाद एवं गांधीवाद प र े य, योजना क भू मका एवं
नजी े , ह रत ां त, भू म सध
ु ार एवं कृ ष संबध
ं , उदार करण एवं आ थक सध
ु ार।

172
9. भारतीय राजनी त म जा त, धम एवं नज
ृ ातीयता।

10. दल णाल : रा य एवं े ीय राजनै तक दल, दल के वैचा रक एवं सामािजक आधार,


बहुदल य राजनी त के व प, दबाव समह
ू , नवाचक आचरण क विृ तयां, वधायक के
बदलते सामािजक-आ थक व प।

11. सामािजक आंदोलन: नाग रक वतं ताएं एवं मानवा धकार आंदोलन, म हला आंदोलन
पयावरण आंदोलन

न प – 2

तुलना मक राजनी त तथा अंतरा य संबध



तल
ु ना मक राजनै तक व लेषण एवं अंतरा य राजनी त

1. तुलना मक राजनी त: व प एवं मख


ु उपागम, राजनै तक अथ यव था एवं राजनै तक
समाजशा ीय प र े य; तल
ु ना मक या क सीमाएं।

2. तुलना मक प र े य म रा य; पज
ूं ीवाद एवं समाजवाद अथ यव थाओं म रा य के
बदलते व प एवं उनक वशेषताएं तथा उ नत औ यो गक एवं वकासशील समाज।

3. राजनै तक त नधान एवं सहभा गता : उ नत औ यो गक एवं वकासशील समाज म


राजनै तक दल, दबाव समह
ू एवं सामािजक आंदोलन।

4. भम
ू ड
ं ल करण: वक सत एवं वकासशील समाज से ा त अनु याएं।

5. अंतरा य संबध
ं के अ ययन के उपागम; आदशवाद , यथाथवाद , मा सवाद , कायवाद
एवं णाल स धांत।

6. अंतरा य संबध
ं म आधारभत
ू संक पनाएं; रा य हत, सरु ा एवं शि त, शि त
संतल
ु न एवं तरोध; पर-रा य कता एवं सामू हक सरु ा; व व पज
ूं ीवाद अथ यव था
एवं भम
ू ड
ं ल करण।

7. बदलती अंतरा य राजनी त यव था:


महाशि तय का उदय, कायनी तक एवं वैचा रक वधरु यता, श ीकरण क होड़ एवं
शीत यु ध, ना भक य खतरा।

173
8. अंतरा य आ थक यव था का उ भव : ेटनवड
ु से व व यापार संगठन तक।
समाजवाद अथ यव थाएं तथा पार प रक आ थक सहायता प रषद (CMEA); नव
अंतरा य आ थक यव था क तत
ृ ीय व व क मांग : व व अथ यव था का
भम
ू ड
ं ल करण।

9. संयु त रा : वचा रत भू मका एवं वा त वक लेखा-जोखा; वशेषीकृत संयु त रा


अ भकरण-ल य एवं कायकरण; संयु त रा सध
ु ार क आव यकता।

10. व व राजनी त का े ीकरण : EU, ASEAN, APEC, SAARC, NAFTA

11. समकाल न वैि वक सरोकार : लोकतं , मानवा धकार, पयावरण, लंग याय, आतंकवाद,
ना भक य सार।

भारत तथा व व :

1. भारत क वदे श नी त: वदे श नी त के नधारक, नी त नमाण क सं थाएं, नरं तरता एवं


प रवतन

2. गट
ु नरपे ता आंदोलन को भारत का योगदान: व भ न चरण, वतमान भू मका

3. भारत और द ण ए शया :
(क) े ीय सहयोग : SAARC - पछले न पादन एवं भावी याशाएं
(ख) द ण ए शया मु त यापार े के प म
(ग) भारत क पव
ू अ भमख
ु न नी त
(घ) े ीय सहयोग क बाधाएं: नद जल ववाद: अवैध सीमा पार उ वासन, नज
ृ ातीय
वं व एवं उप व, सीमा ववाद

4. भारत एवं वैि वक द ण : अ का एवं लातीनी अमे रका के साथ संबध


ं , NIEO एवं
WTO वाताओं के लए आव यक नेत ृ व क भू मका।

5. भारत एवं वैि वक शि त क : संयु त रा य अमे रका, यूरोप संघ (EU), जापान, चीन
और स।

6. भारत एवं संयु त रा णाल : संयु त रा शां त अनरु ण म भू मका, सरु ा प रषद
म थायी सद यता क मांग।

7. भारत एवं ना भक य न : बदलते य ण एवं नी त।

174
8. भारतीय वदे श नी त म हाल के वकास: अफगा न तान म हाल के संकट पर भारत क
ि थ त, इराक एवं पि चम ए शया, U S एवं इजराइल के साथ बढ़ते संबध
ं , नई व व
यव था क ि ट।

मनो व ान
न प - 1

मनो व ान के आधार
1. प रचय : मनो व ान क प रभाषा: मनो व ान का ऐ तहा सक पव
ू व ृ त एवं 21वीं शता द
म विृ तयां, मनो व ान एवं वै ा नक प ध त, मनो व ान का अ य सामािजक और
ाकृ तक व ान से संबध
ं , सामािजक सम याओं म मनो व ान का अनु योग।

2. मनो व ान क प ध त :
अनस
ु ध
ं ान के कार - वणना मक, मू यांकन, नैदा नक एवं पव
ू ानुमा नक अनस
ु ध
ं ान
प ध त, े ण, सव ण, यि त अ ययन एवं योग, योगा मक तथा अ योगा मक
अ भक प क वशेषताएं, पर ण स श अ भक प, क य समह
ू चचा, वचारावेश, आधार
स धांत उपागम।

3. अनस
ु ध
ं ान णाल :
मनोवै ा नक अनस
ु ध
ं ान म मु य चरण (सम या कथन, ा क पना न पण, अनस
ु ध
ं ान
अ भक प, तचयन, आंकड़ा सं ह के उपकरण, व लेषण एवं या या तथा ववरण
लेखन, मल
ू के व ध अनु यु त अनस
ु ध
ं ान आंकड़ा सं ह क व धयां (सा ा कार, े ण,
नावल ), अनस
ु ध
ं ान अ भक प (काय तर एवं योगा मक), सांि यक व धय का
अनु योग (ट -पर ण, वमाग एनोवा, सहसंबध
ं , समा यण एवं फै टर व लेषण), मद
अनु या स धांत।

4. मानव यवहार का वकास :


व ृ ध एवं वकास; वकास के स धांत, मानव यवहार को नधा रत करने वाले
आनव
ु ां शक एवं पयावरणीय कारक क भू मका; समाजीकरण म सां कृ तक भाव; जीवन
व त ृ त वकास - अ भल ण; वकासा मक काय; जीवन व त ृ त के मख
ु चरण म
मनोवै ा नक वा य का संवधन।

5. संवेदन, अवधान और य ण :
संवेदन : सीमा क संक पना, नरपे एवं यन
ू तम बोध-भेद दे हल , संकेत उपलंभन एवं
सतकता; अवधान को भा वत करने वाले कारक िजसम व यास एवं उ द पन अ भल ण

175
शा मल ह। य ण क प रभाषा और संक पना, य ण म जै वक कारक; ा य क
संगठन - पव
ू अनभ
ु व का भाव; ा य क र ा - सांतराल एवं गहनता य को
भा वत करने वाले कारक, आमाप आकलन एवं ा य क त परता। य ण क
सु ा यता, अतीि य य ण, सं कृ त एवं य ण, अवसीम य ण।

6. अ धगम :
अ धगम क संक पना तथा स धांत ( यवहारवाद , गे टा टवाद एवं सच
ू ना मण
मॉडल)। वलोप, वभेद एवं सामा यीकरण क याएं; काय मब ध अ धगम, ा यकता
अ धगम, आ म अनद
ु े शा मक अ धगम; बल करण क संक पनाएं, कार एवं सार णयां;
पलायन, प रहार एवं दं ड, त पण एवं सामािजक अ धगम।

7. मृ त :
संकेतन एवं मरण; अ पाव ध मृ त, द घाव ध मृ त, संवेद मृ त, तमापरक मृ त,
अनरु णन मृ त; मि ट टोर मॉडल, कमण के तर; संगठन एवं मृ त सध
ु ार क
मरणजनक तकनीक; व मरण के स धांत; य, यि तकरण एवं यानयन वफलन;
अ ध मृ त; मृ तलोप; आघातो तर एवं अ भघातपव
ू ।

8. चंतन एवं सम या समाधान :


पयाजे का सं ाना मक वकास का स धांत; संक पना नमाण म; सच
ू ना मण,
तक एवं सम या समाधान, सम या समाधान म सहायक एवं बाधाकार कारक।
सम या समाधान क व धयां : सज
ृ ना मक चंतन एवं सज
ृ ना मकता का तपोषण;
नणयन एवं अ ध नणय को भा वत करने वाले कारक; अ भनव विृ तयां।

9. अ भ ेरण तथा संवेग :


अ भ ेरण संवेग के मनोवै ा नक एवं शर र या मक आधार, अ भ ेरण तथा संवेग का
मापन; अ भ ेरण एवं संवेग का यवहार पर भाव; बा य एवं अंतर अ भ ेरण; अंतर
अ भ ेरण को भा वत करने वाले कारक; संवेगा मक स मता एवं संबं धत मु दे ।

10. बु ध एवं अ भ मता :


बु ध एवं अ भ मता क संक पना, बु ध का व प एवं स धांत-ि पयरमैन, थसटन
गलफोड बनान, टे शनबग एवं जे पी दास; संवेगा मक बु ध, सामािजक बु ध, बु ध एवं
अ भ मता का मापन, बु धलि ध क संक पना, वचलन बु धलि ध, बु धलि ध
ि थरता; बहु बु ध का मापन; तरल बु ध एवं ट लत बु ध।

11. यि त व :
यि त व क संक पना तथा प रभाषा; यि त व के स धांत (मनो व लेणा मक-
सां कृ तक, अंतवयि तक, ( वकासा मक मानवतावाद , यवहारवाद वशेष गण
ु एवं जा त

176
उपागम); यि त व का मापन ( ेपी पर ण, प सल-पेपर पर ण); यि त व के त
भारतीय ि टकोण; यि त व वकास हेतु श ण। नवीनतम उपागम जैसे क बग-5
फै टर स धांत; व भ न परं पराओं म व का बोध।

12. अ भविृ तयां, मू य एवं अ भ चयां :


अ भविृ तयां, मू य एवं अ भ चय क प रभाषाएं; अ भविृ तय के घटक; अ भविृ तय
का नमाण एवं अनरु ण; अ भविृ तय , मू य एवं अ भ चय का मापन। अ भविृ त
प रवतन के स धांत, मू य तपोषण क व धयां, ढ़ धारणाओं एवं पव
ू ा ह का
नमाण। अ य के यवहार को बदलना, गण
ु ारोप के स धांत, अ भनव विृ तयां।

13. भाषा एवं सं ापन :


मानव भाषा-गण
ु , संरचना एवं भाषागत सोपान; भाषा अजन-पव
ू ानुकूलता, ां तक अव ध,
ा क पना; भाषा वकास के स धांत ( क नर, चो क ); सं ापन क या एवं कार;
भावपण
ू सं ापन एवं श ण।

14. आधु नक समकाल न मनो व ान म मु दे एवं प र े य :


मनोवै ा नक योगशाला एवं मनोवै ा नक पर ण म क यट
ू र अनु योग; कृ म बु ध;
साइकोसाइबरने ट स; चेतना-नींद-जागरण काय म का अ ययन; व न, उ द पनवंचन,
यान, ह ो टक/औषध े रत दशाएं; अतीि य य ण; अंतर ि य य ण म याभास
अ ययन।

न प – 2

मनो व ान : वषय और अनु योग

1. यि तगत व भ नताओं का वै ा नक मापन :

यि तगत भ नताओं का व प, मानक कृत मनोवै ा नक पर ण क वशेषताएं और


संरचना, मनोवै ा नक पर ण के कार; मनोवै ा नक पर ण के उपयोग, द ु पयोग
तथा सीमाएं। मनोवै ा नक पर ाओं के योग म नी तपरक वषय।

2. मनोवै ा नक वा य तथा मान सक वकार :


वा य-अ वा य क संक पना, सकारा मक वा य, क याण, मान सक वकार ( चंता
वकार, मन ि थ त वकार सीजो े नयां तथा मक वकार, यि त व वकार, ताि वक
द ु यवहार वकार), मान सक वकार के कारक त व, सकारा मक वा य, क याण,
जीवनशैल तथा जीवन क गण
ु व ता को भा वत करने वाले कारक।

177
3. च क सा मक उपागम:
मनोग तक च क साएं, यवहार च क साएं; रोगी केि त च क साएं, सं ाना मक
च क साएं, दे शी च क साएं (योग, यान) जैव पन
ु नवेश च क सा। मान सक णता क
रोकथाम तथा पन
ु थापना मक वा य तपोषण।

4. काया मक मनो व ान तथा संगठना मक यवहार :


का मक चयन तथा श ण उ योग म मनोवै ा नक पर ण का उपयोग। श ण तथा
मानव संसाधन वकास, काय-अ भ ेरण स धांत-हज व , मा लो, एडम ईि वट स धांत,
पोटर एवं लावलर, म
ू ; नेत ृ व तथा सहभागी बंधन। व ापन तथा वपणन। दबाव एवं
इसका बंधन; म द ता शा , उपभो ता मनो व ान, बंधक य भा वता, पांतरण
नेत ृ व, संवेदनशीलता श ण, संगठन म शि त एवं राजनी त।

5. शै क े म मनो व ान का अनु योग :


अ यापन-अ ययन या को भावी बनाने म मनोवै ा नक स धांत। अ ययन शै लयां।
द त, मंदक, अ ययन-हेत-ु अ म और उनका श ण। मरण शि त बढ़ाने तथा बेहतर
शै णक उपलि ध के लए श ण। यि त व वकास तथा मू य श ा। शै क,
यावसा यक मागदशन तथा जी वकोपाजन परामश। शै क सं थाओं म मनोवै ा नक
पर ण। मागदशन काय म म भावी कायनी तयां।

6. सामद
ु ा यक मनो व ान :
सामद
ु ा यक मनो व ान क प रभाषा और संक पना। सामािजक कायकलाप म छोटे समह

क उपयो गता। सामािजक चेतना क जाग ृ त और सामािजक सम याओं को सल
ु झाने क
कायवाह । सामािजक प रवतन के लए सामू हक नणय लेना और नेत ृ व दान करना।
सामािजक प रवतन के लए भावी काय नी तयां।

7. पन
ु वास मनो व ान :
ाथ मक, मा य मक तथा तत
ृ ीयक नवारक काय म। मनोवै ा नक क भू मका -
शार रक, मान सक तथा सामािजक प से चन
ु ौती ा त यि तय , जैसे व ृ ध यि तय
के पन
ु वासन के लए सेवाओं का आयोजन। पदाथ द ु पयोग, कशोर अपराध, आपरा धक
यवहार से पी ड़त यि तय का पन
ु वास। हंसा के शकार यि तय का पन
ु वास।
HIV/AIDS रो गय का पन
ु वास। सामािजक अ भकरण क भू मका।

8. सु वधावं चत समह
ू पर मनो व ान का अनु योग :
सु वधावं चत, वं चत क संक पनाएं, सु वधावं चत तथा वं चत समह
ू के सामािजक,
भौ तक, सां कृ तक तथा आ थक प रणाम, सु वधावं चत का वकास क ओर श ण तथा
अ भ ेरण। सापे एवं द घका लक वंचन।

178
9. सामािजक एक करण क मनोवै ा नक सम या :
सामािजक एक करण क संक पना, जा त, वग, धम, भाषा ववाद और पव
ू ा ह क
सम या। अंतससमह
ू तथा ब हसमह
ू के बीच पव
ू ा ह का व प तथा अ भ यि त। ऐसे
ववाद और पव
ू ा ह के कारक त व। ववाद और पव
ू ा ह से नपटने के लए
मनोवै ा नक नी तयां। सामािजक एक करण पाने के उपाय।

10. सच
ू ना ौ यो गक और जनसंचार म मनो व ान का अनु योग :
सच
ू ना ौ यो गक और जन-संचार गज
ूं का वतमान प र य और मनोवै ा नक क
भू मका। सच
ू ना ौ यो गक और जन संचार े म काय के लए मनो व ान यवसा यय
का चयन और श ण। सच
ू ना ौ यो गक और जन-संचार मा यम से दरू थ श ण। ई-
कॉमस के वारा उ यमशीलता। बहु तर य वपणन, दरू दशन का भाव एवं सच
ू ना
ौ यो गक और जन-संचार के वारा मू य तपोषण। सच
ू ना ौ यो गक म अ भनव
वकास के मनोवै ा नक प रणाम।

11. मनो व ान तथा आ थक वकास :


उपलि ध, अ भ ेरण तथा आ थक वकास, उ यमशील यवहार क वशेषताएं।
उ यमशीलता तथा आ थक वकास के लए लोग का अ भ ेरण तथा श ण उपभो ता
अ धकार तथा उपभो ता संचत
े ना, म हला उ य मय समेत युवाओं म उ यमशीलता के
संवधन के लए सरकार नी तयां।

12. पयावरण तथा संब ध े म मनो व ान का अनु योग :

पयावरणीय मनो व ान- व न, दष


ू ण तथा भीड़भाड़ के भाव जनसं या मनो व ान-
जनसं या व फोटन और उ च जनसं या घन व के मनोवै ा नक प रणाम। छोटे प रवार
के मानदं ड का अ भ ेरण। पयावरण के अव मण पर त
ु वै ा नक और ौ यो गक य
वकास का भाव।

13. मनो व ान के अ य अनु योग:


(क) सै य मनो व ान
चयन, श ण, परामश म योग के लए र ा का मक के लए मनोवै ा नक
पर ण क रचना; सकारा मक वा य संवधन के लए र ा का मक के साथ
काय करने के लए मनोवै ा नक का श ण; र ा म मानव-इंजी नयर ।

(ख) खेल मनो व ान :


एथल ट एवं खेल के न पादन म सध
ु ार म मनावै ा नक ह त ेप; यि ट एवं
ट म खेल म भाग लेने वाले यि त।

(ग) समाजो मख
ु एवं समाज वरोधी यवहार पर संचार मा यम का भाव,
179
(घ) आतंकवाद का मनो व ान।

14. लंग का मनो व ान :


भेदभाव के मु दे , व वधता का बंधन; लास सी लंग भाव, वत: साधक भ व योि त,
नार एवं भारतीय समाज।

लोक शासन
न प - 1
शास नक स धांत

1. तावना :

लोक शासन का अथ, व तार तथा मह व, व सन के ि टकोण से लोक शासन, वषय


का वकास तथा इसक वतमान ि थ त, नया लोक शासन, लोक वक प उपागम,
उदार करण क चन
ु ौ तयां, नजीकरण, भम
ू ड
ं ल करण; अ छा अ भशासन : अवधारणा तथा
अनु योग, नया लोक बंध।

2. शास नक चंतन :
वै ा नक बंध और वै ा नक बंध आंदोलन, ला सक स धांत, वेबर का नौकरशाह
मॉडल, उसक आलोचना और वेबर प चात ् का वकास, ग तशील शासन (मेयो पाकर
फॉले), मानव संबध
ं कूल (ए टोन मेयो तथ अ य), कायपा लका के काय (सीआई बनाडे),
साइमन नणयन स धांत, भागीदार बंध (मैक ेगर, आर. लकट, सी.आजी रस)।

3. शास नक यवहार :
नणयन या एवं तकनीक, संचार, मनोबल, ेरणा, स धांत-अंतव त,ु या एवं
समकाल न; नेत ृ व स धांत : पारं प रक एवं आधु नक।

4. संगठन :
स धांत- णाल , ासं गकता; संरचना एवं प : मं ालय तथा वभाग, नगम, कंप नयां,
बोड तथा आयोग-तदथ तथा परामशदाता नकाय मु यालय तथा े ीय संबध
ं । नयामक
ा धकार ; लोक- नजी भागीदार ।

5. उ तरदा य व तथा नयं ण


उ तरदा य व और नयं ण क संक पनाएं, शासन पर वधायी, कायकार और या यक

180
नयं ण। नाग रक तथा शासन; मी डया क भू मका, हत समह
ू , वैि छक संगठन,
स वल समाज, नाग रक का अ धकार-प (चाटर)। सच
ू ना का अ धकार, सामािजक लेखा
पर ा।

6. शास नक कानन
ू :
अथ, व तार और मह व, शास नक व ध पर Dicey, यायोिजत वधान - शास नक
अ धकरण।

7. तुलना मक लोक शासन :


शास नक णा लय पर भाव डालने वाले ऐ तहा सक एवं समाज वै ा नक कारक;
व भ न दे श म शासन एवं राजनी त; तुलना मक लोक शासन क अ यतन ि थ त;
प रि थ तक क एवं शासन, रि सयन मॉडल एवं उनके आलोचक।

8. वकास ग तक :
वकास क संक पना, वकास शासन क बदलती प र छ दका; वकास वरोधी
अ भधारणा, नौकरशाह एवं वकास; शि तशाल रा य बनाम बाजार ववाद; वकासशील
दे श म शासन पर उदार करण का भाव; म हला एवं वकास, वयं सहायता समह

आंदोलन।

9. का मक शासन :
मानव संसाधन वकास का मह व, भत श ण, जी वका वकास, है सयत वग करण,
अनश
ु ासन, न पादन मू यांकन, पदो न त, वेतन तथा सेवा शत, नयो ता-कमचार संबध
ं ,
शकायत नवारण या व ध, आचरण सं हता, शास नक आचार-नी त।

10. लोकनी त :
नी त नमाण के मॉडल एवं उनके आलोचक; सं ययीकरण क याएं, आयोजन;
काया वयन, मानीटरन, मू यांकन एवं पन
ु र ा एवं उनक सीमाएं; रा य स धांत एवं
लोकनी त सू ण।

11. शास नक सध
ु ार तकनीक :
संगठन एवं प ध त, काय अ ययन एवं काय बंधन; ई-गवनस एवं सच
ू ना ौ यो गक ;
बंधन सहायता उपकरण जैसे क नेटवक व लेषण, MIS, PERT, CPM

12. व तीय शासन :


व तीय तथा राजकोषीय नी तयां, लोक उधार हण तथा लोक ऋण। बजट कार एवं प;
बजट- या, व तीय जवाबदे ह , लेखा तथा लेखा पर ा।

181
न प - 2
भारतीय शासन

1. भारतीय शासन का वकास :

कौ ट य का अथशा ; मग
ु ल शासन; राजनी त एवं शासन म टश शासन का र थ-
लोक सेवाओं का भारतीयकरण, राज व शासन, िजला शासन, थानीय वशासन।

2. सरकार का दाश नक एवं सां वधा नक ढांचा :


मख
ु वशेषताएं एवं मू य आधा रकाएं; सं वधानवाद; राजनै तक सं कृ त; नौकरशाह एवं
लोकतं ; नौकरशाह एवं वकास।

3. सावज नक े के उप म :
आधु नक भारत म सावज नक े ; सावज नक े उप म के प; वाय ता, जवाबदे ह
एवं नयं ण क सम याएं; उदार करण एवं नजीकरण का भाव।

4. संघ सरकार एवं शासन :


कायपा लका, संसद, वधा यका-संरचना, काय, काय याएं; हाल क विृ तयां;
अंतराशासक य संबध
ं ; कै बनेट स चवालय; धानमं ी कायालय; के य स चवालय;
मं ालय एवं वभाग; बोड, आयोग, संबं ध कायालय; े संगठन।

5. योजनाएं एवं ाथ मकताएं:


योजना मशीनर , योजना आयोग एवं रा य वकास प रषद क भू मका, रचना एवं काय,
संकेता मक आयोजना, संघ एवं रा य तर पर योजना नमाण या, सं वधान संशोधन
(1992) एवं आ थक वकास तथा सामािजक याय हेतु वके करण आयोजना ।

6. रा य सरकार एवं शासन:


संघ-रा य शास नक, वधायी एवं व तीय संबध
ं ; व त आयोग भू मका; रा यपाल;
मु यमं ी; मं प रषद; मु य स चव; रा य स चवालय; नदे शालय।

7. वतं ता के बाद से िजला शासन :


कले टर क बदलती भू मका, संघ-रा य- थानीय संबध
ं , वकास बंध एवं व ध एवं अ य
शासन के व यथ, िजला शासन एवं लोकतां क वके करण ।

8. स वल सेवाएं :
सां वधा नक ि थ त; संरचना, भत , श ण एवं मता नमाण; सश
ु ासन क पहल;

182
आचरण सं हता एवं अनश
ु ासन; कमचार संघ; राजनी तक अ धकार; शकायत नवारण
या व ध; स वल सेवा क तट थता; स वल सेवा स यतावाद।

9. व तीय बंध :
राजनी तक उपकरण के प म बजट; लोक यय पर संसद य नयं ण; मौ क एवं
राजकोषीय े म व त मं ालय क भू मका; लेखाकरण तकनीक; लेखापर ा; लेखा
महा नयं क एवं भारत के नयं क एवं महालेखा पर क क भू मका।

10. वतं ता के बाद से हुए शास नक सध ु ार :


मख
ु सरोकार; मह वपण ू स म तयां एवं आयोग; व तीय बंध एवं मानव संसाधन वकास
म हुए सध
ु ार; काया वयन क सम याएं।

11. ामीण वकास :


वतं ता के बाद से सं थान एवं अ भकरण; ामीण वकास काय म; फोकस एवं
कायनी तयां; वके करण पंचायती राज; 73वां सं वधान संशोधन।

12. नगर य थानीय शासन :


नगरपा लका शासन : मु य वशेषताएं, संरचना व त एवं सम या े , 74वां सं वधान
संशोधन; व व यापी थानीय ववाद; नया था नकतावाद; वकास ग तक ; नगर बंध के
वशेष संदभ म राजनी त एवं शासन।

13. कानन
ू यव था शासन :
टश र थ; रा य पु लस आयोग; जांच अ भकरण; व ध यव था बनाए रखने तथा
उप लव एवं आतंकवाद का सामना करने म पैरा म लटर बल समेत के य एवं रा य
अ भकरण क भू मका; राजनी त एवं शासन का अपराधीकरण; पु लस लोक संबध
ं ;
पु लस म सध
ु ार।

14. भारतीय शासन म मह वपण


ू मु दे :
लोक सेवा म मू य; नयामक आयोग; रा य मानवा धकार आयोग; बहुदल य शासन
णाल म शासन क सम याएं; नाग रक शासन अंतराफलक; टाचार एवं शासन;
वपदा बंधन।

समाजशा
न प -1
समाजशा के मल
ू भत
ू स धांत

1. समाजशा : व याशाखा :

183
(क) यूरोप म आधु नकता एवं सामािजक प रवतन तथा समाजशा का अ वभाव।
(ख) समाजशा का वषय- े एवं अ य सामािजक व ान से इसक तल
ु ना।
(ग) समाजशा एवं सामा य बोध।

2. समाजशा व ान के प म :
(क) व ान, वै ा नक प ध त एवं समी ा
(ख) अनस
ु ध
ं ान या व ध के मख
ु सै धां तक त व
(ग) य वाद एवं इसक समी ा
(घ) त य, मू य एवं उ दे यपरकता
(ड.) अ- य वाद या व धयां

3. अनस
ु ध
ं ान प ध तयां एवं व लेषण :
(क) गण
ु ा मक एवं मा ा मक प ध तयां
(ख) द त सं हण क तकनीक
(ग) प रवत, तचयन, ा क पना, व वसनीयता एवं वैधता

4. समाजशा ी चंतक :
(क) काल मा स-ऐ तहा सक भौ तकवाद, उ पादन व ध, व संबध
ं न, वग संघष
(ख) इमाईल दख
ु ीम- म वभाजन, सामािजक त य, आ मह या, धम एवं समाज।
(ग) मै स वेबर-सामािजक या, आदश ा प, स ता, अ धकार तं , ोटे टट नी त
शा और पज
ूं ीवाद क भावना।
(घ) तालकॉट पास स-सामािजक यव था, त प प रवत
(ड.) राबट के मटन-अ य त तथा अ भ य त काय अनु पता एवं वसामा यता, संदभ
समह

(च) मीड-आ म एवं तादा य

5. तर करण एवं ग तशीलता :


(क) संक पनाएं-समानता, असमानता, अ ध म, अपवजन, गर बी एवं वंचन
(ख) सामािजक तर करण के स धांत - संरचना मक कायवाद स धांत, मा सवाद
स धांत, वेबर का स धांत
(ग) आयाम-वग, ि थ त समह
ू , लंग, नज
ृ ातीयता एवं जा त का सामािजक तर करण
(घ) सामािजक ग तशीलता-खुल एवं बंद यव थाएं, ग तशीलता के कार, ग तशीलता
के ोत एवं कारण

6. काय एवं आ थक जीवन


(क) वभ न कार के समाज म काय का सामािजक संगठन-दास समाज, सामंती

184
समाज, औ यो गक/पज
ूं ीवाद समाज
(ख) काय का औपचा रक एवं अनौपचा रक संगठन
(ग) म एवं समाज

7. राजनी त एवं समाज


(क) स ता के समाजशा ीय स धांत
(ख) स ता जन, अ धकार तं , दबाव समह
ू , राजनै तक दल
(ग) रा , रा य, नाग रकता, लोकतं , स वल समाज, वचारधारा
(घ) वरोध, आंदोलन, सामािजक आंदोलन, सामू हक या, ां त

8. धम एवं समाज
(क) धम के समाजशा ीय स धांत
(ख) धा मक म के कार : जीववाद, एकत ववाद, बहुत ववाद, पंथ, उपासना,
प ध तयां
(ग) आधु नक समाज म धम : धम एवं व ान, धम नरपे ीकरण, धा मक
पन
ु : वतनवाद, मल
ू त ववाद

9. नातेदार क यव थाएं:
(क) प रवार, गह
ृ थी, ववाह
(ख) प रवार के कार एवं प
(ग) वंश एवं वंशानु म
(घ) पतत
ृ ं एवं म का लंगाधा रक वभाजन
(ड.) समसाम यक विृ तयां

10. आधु नक समाज म सामािजक प रवतन :


(क) सामािजक प रवतन के समाजशा ीय स धांत
(ख) वकास एवं परा तता
(ग) सामािजक प रवतन के कारक
(घ) श ा एवं सामािजक प रवतन
(ड.) व ान ौ यो गक एवं सामािजक प रवतन

न प – 2

भारतीय समाज : संरचना एवं प रवतन


क. भारतीय समाज का प रचय :
(i) भारतीय समाज के अ ययन के प र े य
(क) भारतीय व या (जी एस धय
ु )

185
(ख) संरचना मक कायवाद (एम.एन. ी नवास)
(ग) मा सवाद समाजशा (ए.आर. दे साई)

(ii) भारतीय समाज पर औप नवे शक शासन का भाव


(क) भारतीय रा वाद क सामािजक प ृ ठभू म
(ख) भारतीय परं परा का आधु नक करण
(ग) औप नवे शककाल के दौरान वरोध एवं आंदोलन
(घ) सामािजक सध
ु ार

ख. सामािजक संरचना:
(i) ामीण एवं कृ षक सामािजक संरचना
(क) भारतीय ाम का वचार एवं ाम अ ययन
(ख) कृ षक सामािजक संरचना - प टे दार णाल का वकास, भू मसध
ु ार

(ii) जा त यव था
(क) जा त यव था के अ ययन के प र े य (जीएस धुय, एमएन ी नवास,
लई
ु यूमां, आं े बेतेय)
(ख) जा त यव था के अ भल ण
(ग) अ प ृ यता- प एवं प र े य

(iii) भारत म जनजातीय समद


ु ाय
(क) प रभाषीय सम याएं
(ख) भौगो लक व तार
(ग) औप नवे शक नी तयां एवं जनजा तयां
(घ) एक करण एवं वाय ता के मु दे

(iv) भारत म सामािजक वग


(क) कृ षक वग संरचना
(ख) औ यो गक वग संरचना
(ग) भारत म म यम वग

(v) भारत म नातेदार क यव थाएं


(क) भारत म वंश एवं वंशानु म
(ख) नातेदार यव थाओं के कार
(ग) भारत म प रवार एवं ववाह
(घ) प रवार घरे लू आयाम
(ड.) पतत
ृ ं , हकदार एवं म का लंगाधा रत वभाजन

186
(vi) धम एवं समाज
(क) भारत म धा मक समद
ु ाय
(ख) धा मक अ पसं यक क सम याएं

ग. भारत म सामािजक प रवतन :


(i) भारत म सामािजक प रवतन क ि टयां
(क) वकास आयोजना एवं म त अथ यव था का वचार
(ख) सं वधान, व ध एवं सामािजक प रवतन
(ग) श ा एवं सामािजक प रवतन

(ii) भारत म ामीण एवं कृ षक पांतरण


(क) ामीण वकास काय म, समद
ु ाय वकास काय म, सहकार सं थाएं, गर बी
उ मल
ू न योजनाएं
(ख) ह रत ां त एवं सामािजक प रवतन
(ग) भारतीय कृ ष म उ पादन क बदलती व धयां
(घ) ामीण मजदरू , बंधुआ एवं वासन क सम याएं

(iii) भारत म औ यो गक करण एवं नगर करण


(क) भारत म आधु नक उ योग का वकास
(ख) भारत म नगर य बि तय क व ृ ध
(ग) मक वग : संरचना, व ृ ध, वग संघटन
(घ) अनौपचा रक े क, बाल मक
(ड.) नगर े म गंद ब ती एवं वंचन

(iv) राजनी त एवं समाज


(क) रा , लोकतं एवं नाग रकता
(ख) राजनै तक दल, दबाव समह
ू , सामािजक एवं राजनै तक जन
(ग) े ीयतावाद एवं स ता का वके करण
(घ) धम नरपे ीकरण

(v) आधु नक भारत म सामािजक आंदोलन


(क) कृषक एवं कसान आंदोलन
(ख) म हला आंदोलन
(ग) पछड़ा वग एवं द लत वग आंदोलन
(घ) पयावरणीय आंदोलन
(ड.) नज
ृ ातीयता एवं अ भ ान आंदोलन

187
(vi) जनसं या ग तक
(क) जनसं या आकार, व ृ ध संघटन एवं वतरण
(ख) जनसं या व ृ ध के घटक : ज म, मृ य,ु वासन
(ग) जनसं या नी त एवं प रवार नयोजन
(घ) उभरते हुए मु दे : काल भावन, लंग अनप
ु ात, बाल एवं शशु मृ यु दर,
जनन वा य

(vii) सामािजक पांतरण क चन


ु ौ तयां
(क) वकास का संकट : व थापन, पयावरणीय सम याएं एवं संपोषणीयता
(ख) गर बी, वंचन एवं असमानताएं
(ग) ि य के त हंसा
(घ) जा त वं व
(ड.) नज
ृ ातीय वं व, सां दा यकता, धा मक पन
ु : वतनवाद
(च) असा रता तथा श ा म समानताएं

सांि यक
न प - 1

ा यकता :
तदश समि ट एवं अनव
ु ृ त, ा यकता माप एवं ा यकता समि ट, मेयफलन के प म या ि छक
चर, या ि छक चर का बंटन फलन, असंतत एवं संतत- प या ि छकचर, ा यकता यमान
फलन, ा यकता घन व फलन, स दशमान या ि छकचर, उपांत एवं स तबंध बंटन, अनव
ु ृ त का
एवं या ि छक चर का संभा य वातं य, या ि छक चर क याशा एवं आघण
ू , स तबंध
याशा, या ि छक चर का अनु म म अ भसरण, बंटन म ा यकता म p-th मा य म, एवं
लगभग हर जगह, उनका नकष एवं अंतसंबध
ं , शेबीशेव अस मका तथा ख शन का वह
ृ सं याओं
का दब
ु ल नयम, वह
ृ सं याओं का बल नयम एवं कालमोगोरोफ मेय, ा यकता जनन फलन,
आघण
ू जनन फलन, अ भल ण फलन, तलोमन मेय, के य सीमा मेय के लंडरबग एवं लेवी
ा प, मानक असंतत एवं संतत ा यकता बंटन।

सांि यक य अनु म त :
संग त, अन भनतता, द ता, पण
ू ता, सहायक आंकड़े, गण
ु न खंडन- मेय, बंटन चरघांता क कुल और
इसके गण
ु धम, एकसमान अ पतम- सरण अन भनत (UMVU) आकलन, राव- लैकवेल एवं लेहमैन-
शफ मेय, एकल ाचल के लए े मर-राव अस मका, आघण
ू व धय वारा आकलन अ धकतम
संभा वता, अ पतम वग, यन
ू तम काई वग एवं पांत रत यन
ू तम काई वग, अ धकतम संभा वता
एवं अ य अकलक के गण
ु धम, उपागामी द ता, पव
ू एवं प च बंटन, हा न फलन, जो खम फलन
तथा अ पम ह ट आकलन।
188
बेज आकलन, अया ि छक कृत तथा या ि छक कृत पर ण, ां तक फलन, MP पर ण, नेमन
ै -
पअसन मे यका, UMP पर ण, एक द ट संभा वता अनप
ु ात, सम प एवं अन भनत पर ण,
एकल ाचल के लए UMPU पर ण, संभा वता अनप
ु ात पर ण एवं इसका उपागामी, बंटन,
व वा यता प रबंध एवं पर ण के साथ इसका संबध
ं ।

सभंजन—सु ठुता एवं इसक संग त के लए को मोगोरोफ पर ण, च न पर ण एवं इसका


इ टतम व, वलकॉफ सन चि हत-को ट पर ण एवं इसक संग त, को मोगोरोफ-ि मरनोफ व-
तदश श ण, रन पर ण, वलकॉ सन-मैन ि हटनी पर ण एवं माि यका पर ण, उनक
संग त तथा उपगामी सामा यता, वा ड का SPRT एवं इसके गण
ु धम बनल
ू , वास , सामा य एवं
चरघातांक बंटन के लए ाचल के बारे म पर ण के लए OC एवं ASN फलन, वा ड का मल

त समक।

रै खक अनु म त एवं बहुचर व लेषण


रै खक सांि यक य नदश, यन ू तम वग स धांत एवं सरण व लेषण, गॉस-मारकोफ स धांत,
सामा य समीकरण, यन
ू तम वग आकलन एवं उनक प रशु धता, एकमाग , वमाग एवं माग
वग कृत यास म यन
ू तम वग स धांत पर आधा रत अंतराल आकल तथा साथकता पर ण,
समा यण व लेषण रै खक समा यण, व रे खी समा यण एवं लां बक बहुपद, बहु समा यण, बहु
एवं आं शक सहसंबध
ं , सरण एवं सह सरण घटक आकलन, बहुचर सामा य बंटन, महालनो बस-
D2 एवं हॉटे लंग T2 आंकड़े तथा उनका अनु योग एवं गण
ु धम व व तकर व लेषण, व हत
सहसंबध
ं , मु य घटक व लेषण।

तचयन स धांत एवं योग अ भक प :


ि थर-समि ट एवं अ धसमि ट उपागम क परे खा, प र मत समि ट तचयन के व व तकार
ल ण, ा यकता तचयन अ भक प, त थापन के साथ या उसके बना सरल या ि छक
तचयन, त रत या ि छक तचयन, मब ध तचयन एवं इसक मता, गु छ तचयन,
वचरण एवं बहुचरण तचयन, एक या दो सहायक चर शा मल करते हुए आकलन क अनप
ु ात
एवं समा यण व धयां, व ाव था तचयन, त थापन के साथ या उसके बना आमाप
आनप
ु ा तक ा यकता, है सेन-हर व ज एवं हॉर व ज-था पसन आकलन, हॉर व ज-था पसन, आकलन
के संदभ म ऋणेतर सरण आकलन, अ तचयन ु टयां, नयम भाव नदश ( वमाग वग करण)
या ि छक एवं म त भाव नदश ( तसेल समान े ण के साथ वमाग वग करण) CRD,
RBD, LSD एवं उनके व लेषण, अपण
ू लॉक अ भक प, लां बकता एवं संतल
ु न क संक पनाएं,
BIBD, अ ा त े कव ध, बहु-उपादानी योग तथा बहु-उपादानी योग म 2n एवं 32 संकरण,
वभ त े एवं सरल जालक अ भक पना, आंकड़ा पांतरण डंकन का बहुपरासी पर ण।

न प – 2

189
I औ यो गक सांि यक :
या एवं उ पाद नयं ण, नयं ण चाट का सामा य स धांत, चर एवं गण
ु के लए
वभ न कार के नयं ण चाट X, R, s, p, np एवं c - चाट, संचयी योग चाट, गण
ु के
लए एकश:, वश: बहुक एवं अनु मक तचयन योजनाएं, OC, ASN, AOQ एवं ATI
व , उ पादक एवं उपभो ता जो खम क संक पनाएं, AQL, LTPD एवं AOQL, चर के
लए तचयन योजना, डॉज-रो मंग सारणीय का योग।

व वा यता क संक पना, वफलता दर एवं व वा यता फलन, े णय , समांतर णा लय


एवं अ य सरल व यास क व वा यता, नवीकरण घन व एवं नवीकरण फलन, वफलता
तदश : चरघातांक , वबल
ु , सामा य, लॉग सामा य।

आयु पर ण म सम याएं, चरघातांक नदश के लए खंडविजत एवं ं दत योग।

II इ टतमीकरण व धयां :
सं या व ान म व भ न कार के नदश, उनक रचना एवं हल क सामा य व धयां,
अनक
ु ार एवं मॉ टे -काल व धयां, रै खक ो ाम (LP) सम या का सू ीकरण, सरल LP
नदश एवं इसका आलेखीय हल, समु य या, कृ म चर के साथ M- व ध एवं
व ाव था व ध, LP का वैध स धांत एवं इसक आ थक वव ा, सु ा हता व लेषण,
प रवहन एवं नयतन सम या, आया तत खेल, दो- यि त शू य योग खेल, हल व धयां
(आलेखीय एवं बीजीय)।

ासशील एवं वकृत मद का त थापन, समह


ू एवं यि ट त थापन नी तयां,
वै ा नक साम ी-सच
ू ी बंधन क संक पना एवं साम ी सच
ू ी सम याओं क व लेषी
संरचना, अ ता काल के साथ या उसके बना नधारणा मक एवं संभा य मांग के साथ
सरल नदश, डैम ा प के वशेष संदभ के साथ भंडारण नदश।

समांगी व व त काल माक व ृ लाएं, सं मण


ंख ा यकता आ यह
ू , अव थाओं एवं
अ य त ाय मेय का वग करण, समांगी सततकाल, माक व ृ ला, वासो
ंख या, पंि त
स धांत के त व M/M/1, M/M/K, G/M/1 एवं M/G/1 पंि तयां।

क यट
ू र पर SPSS जैसे जाने-माने सांि यक य सॉ टवेयर पैकेज का योग कर
सांि यक य सम याओं के हल ा त करना।

III मा ा मक अथशा एवं राजक य आंकड़े :


विृ त नधारण, मौसमी एवं च य घटक, बॉ स-जेि कंस व ध, अनप
ु नत ेणी पर ण,
ARIMA नदश एवं वसमा यी तथा ग तमान मा य घटक का म नधारण,
190
पव
ू ानुमान, सामा यत: यु त सच
ू कांक-लाि पयर, पाशे एवं फशर के आदश सच
ू कांक,
ृ ला आधार सच
ंख ू कांक, सच
ू कांक के उपयोग और सीमाएं, थोक क मत , उपभो ता
क मत , कृ ष उ पादन एवं औ यो गक उ पादन के सच
ू कांक, सच
ू कांक के लए पर ण-
आनप
ु ा तकता, काल- वपयय, उपादान उ मण एवं व ृ तीय।

सामा य रै खक नदश, साधारण यन


ू तम वग एवं सामा यीकृत यन
ू तम वग, ा कलन
व धयां, बहुसरे खता क सम या, बहुसरे खता के प रणाम एवं हल, वसहबंध एवं इसका
प रणाम, व ोभ क वषम वचा लता एवं इसका पर ण, व ोभ के वा ं य का
पर ण,
संरचना क संक पना एवं यग
ु पत समीकरण नदश, अ भ नधारण सम या-अ भ ेयता क
को ट एवं म तबंध, ा कलन क व ाव था यन
ू तम वग व ध। भारत म
जनसं या, कृ ष, औ यो गक उ पादन, यापार एवं क मत के संबध
ं म वतमान राजक य
सांि यक य णाल , राजक य आंकड़े हण क व धयां, उनक व वसनीयता एवं सीमाएं,
ऐसे आंकड़ वाले मु य काशन, आंकड़ के सं हण के लए िज मेवार व भ न राजक य
अ भकरण एवं उनक मख
ु काय।

IV. जनसांि यक एवं मनो म त:


जनगणना, पंजीकरण, NSS एवं अ य सव ण से जनसांि यक य आंकड़, उनक सीमाएं
एवं उपयोग, या या, ज म मरण दर और अनप
ु ात क रचना एवं उपयोग, जनन मता
क माप, जनन दर, णता दर, मानक कृत मृ यु दर, पण
ू एवं सं त वय सार णयां,
ज म मरण आंकड़ एवं जनगणना ववर णय से वय सार णय क रचना, वय सार णय
के उपयोग, व ृ धघात एवं अ य जनसं या व ृ ध व , व ृ ध घात व समंजन,
जनसं या ेप, ि थर जनसं या, ि थरक प जनसं या, जनसांि यक य ाचल के
आकलन म व धयां, मृ यु के कारण के आधार पर मानक वग करण, वा य सव ण
एवं अ पताल आंकड़ का उपयोग। माप नय एवं पर ण के मानक करण क व धयां, Z-
समंक, मानक समंक, T-समंक, शततमक समंक, बु ध लि ध एवं इसका मापन एवं
उपयोग, पर ण समंक क वैधता एवं व वसनीयता एवं इसका नधारण, मनो म त म
उपादान व लेषण एवं पथ व लेषण का उपयोग।

ा ण व ान
न प - 1

1. अर जक
ु और र जुक :
(क) व भ न फाइल का उपवग तक वग करण एवं संबध
ं ; एसीलोमेटा और सीलोमेटा;
ोटो टोम और डयट
ू े रो टोम, बाइलेटरे लया और रे डएटा, ो ट टा पेराजोआ,
ओ नकोफोरा तथा हे मकॉरडाटा का थान; सम म त।
(ख) ोटोजोआ : गमन, पोषण तथा जनन, लंग पेरामी शयम, मॉनो सि टस

191
ला मो डयम तथा ल शमे नया के सामा य ल ण एवं जीवन-व ृ त।
(ग) पो रफेरा : कंकाल, नालतं तथा जनन।
(घ) नीडे रया : बहु पता; र ा संरचनाएं तथा उनक या व ध; वाल भि तयां और
उनका नमाण, गेटाजेने सस, ओबी लया और और लया के सामा य ल ण एवं
जीवन-व ृ त।
(ड.) लै टहेि मथीज : परजीवी अनुकूलन; फै सओला तथा ट नया के सामा य ल ण
एवं जीवन-व ृ त तथा उनके रोगजनक ल ण।
(च) नेमेटहे मथीज : ए के रस एवं बच
ु ेरे रया के सामा य ल ण, जीवन-व ृ त तथा
परजीवी अनक
ु ू लन।
(छ) एनेल डा : सीलोम और वखंडता, पॉल क ट म जीवन- व धयां, नेर स (नीऐंथीस),
कचआ
ु (फे र टमा) तथा ज क के सामा य ल ण तथा जीवन-व ृ त।
(ज) आ पोडा : टे शया म डंब कार और परजी वता, आ ोपोडा (झींगा, तलच टा
तथा ब छु) म ि ट और वसन; क ट ( तल च टा, म छर, म खी, मधुम खी
तथा ततल ) म मख
ु ांग का पांतरण, क ट म कायांतरण तथा इसका हाम नी
नयमन, द मक तथा मध-ु मि खय का सामािजक यवहार।
(झ) मोल का : अशन, वसन, गमन, लैमे लडे स, पाइला तथा सी पया के सामा य
ल ण एवं जीवन-व ृ त, गै ोपोड म ऐंठन तथा अ यावतन।
(ञ) एकाइनोडमटा : अशन, वसन, गमन, ड ब कार, ए ट रयस के सामा य ल ण
तथा जीवन-व ृ त।
(ट) ोटोकॉडटा : र जु कय का उदभव, े कयो टोमा तथा हडमा नया के सामा य
ल ण तथा जीवन-व ृ त।
(ठ) पाइसीज : वसन, गमन तथा वासन।
(ड) एि फ बया : चतु पाद का उ भव, जनक य। दे खभाल, शावकांतरण।
(ढ) रे ट लया वग : सर सप
ृ क उ प त, करो ट के कार, फेनोडॉन तथा मगरम छ
का थान।
(ण) एवीज; प य का उ भव, उ डयन-अनक
ु ू लन तथा वासन।
(त) मैमे लया : तनधा रय का उ भव, दं त व यास, अंडा दे ने वाले तनधा रय ,
को ठाधार , तनधा रय , जल य तनधा रय तथा ाइमेट के सामा य ल ण,
अंत: ावी ं थयां (पीयष
ू ं थ, अवटु ं थ, परावटु ं थ, अ धव ृ क ंथ
अ याशय, जनन ं थ) तथा उनम अंतसंबध
ं ।
(थ) कशे क णय के व भ न तं का तल
ु ना मक, काया मक शर र (अ यावरण
तथा इसके यु पाद, अंत: कंकाल, चलन अंग, पाचन तं , वसन तं , दय तथा
महाधमनी चाप स हत प रसंचार तं , मू -जनन तं , मि त क तथा ानेि यां
(आंख तथा कान)।

2. पा रि थ तक :
(क) जीवनमंडल: जीवनमंडल क संक पना; बायोम, जैवभरू सायन च , ीन हाउस

192
भाव स हत वातावरण म मानव े रत प रवतन, पा रि थ तक अनु म, जीवोम
तथा ईकोटोन। सामद
ु ा यक पा रि थ तक ।
(ख) पा रतं क संक पना, पा रतं क संरचना एवं काय, पा रतं के कार,
पा रि थ तक अनु म, पा रि थ तक अनक
ु ू लन।
(ग) समि ट, वशेषताएं, समि ट ग तक , समि ट ि थर करण।
(घ) ाकृ तक संसाधन का जैव व वधता एवं ववधता संर ण।
(ड.) भारत का व य जीवन।
(च) संपोषणीय वकास के लए सद
ु रू सु ाह करण।
(छ) पयावरणीय जैव न नीकरण, दष
ू ण तथा जीवमंडल पर इसके भाव एवं उसक
रोकथाम।

3. जीव पा रि थ तक :
(क) यवहार: संवेद न यंदन, तसंवे दता, च न उ द पन, सीखना एवं मृ त, विृ त,
अ यास, ानुकूलन, अ यंकन।
(ख) चालन म हाम न क भू मका, संचेतन सार म फ रोमोन क भू मका : गोपकता,
परभ ी पहचान, परभ ी तौर तर के, ाइमेट म सामािजक सोपान, क ट म
सामािजक संगठन।
(ग) अ भ व यास, संचालन, अभीगह
ृ , जै वक लय; जै वक नयतका लकता, वर य,
ऋतप
ु रक तथा दवस ाय लय।
(घ) यौन वं व, वाथपरता, नातेदार एवं परोपका रता समेत ाणी- यवहार के
अ ययन क व धयां।

4. आ थक ा ण व ान :
(क) मधुम खी पालन, रे शमक ट पालन, लाखक ट पालन, शफर संवध, सीप पालन,
झींगा पालन, कृ म संवध।
(ख) मख
ु सं माक एवं संचरणीय रोग (मले रया, फाइले रया, य रोग, हैजा तथा
ए स), उनके वाहक, रोगाणु तथा रोकथाम।
(ग) पशओ
ु ं तथा मवे शय के रोग, उनके रोगानणु (हे ल म थस) तथा वाहक ( चंचड़ी,
कुटक , टे बेनस, टोमोि सस)।
(घ) गन ्ने के पीड़क (पाइ रला परपु सएला), तलहन का पीड़क (ऐ कया जनाटा) तथा
चावल का पीड़क ( सटोफलस ओ रजे) ।
(ड.) पारजीनी जंत।ु
(च) च क सक य जैव ौ यो गक , मानव आनव
ु ं शक रोग एवं आनव
ु ं शक काउं सलंग,
जीन च क सा।
(छ) व वध जैव ौ यो गक ।

5. जैवसांि यक :

193
योग क अ भक पना : नराकरणी प रक पना; सहसंबध
ं , समा यण, के य विृ त का
वतरण एवं मापन, काई- कवेयर, व याथ -टे ट, एफ-टे ट (एकमाग तथा वमाग एफ-
टे ट)।

6. उपकरणीय प ध त :
(क) पे मी काशमा प ाव था वपयास एवं तद ि त सू म द शक , रे डयोऐि टव
अनरु े खक, त
ु अपकेि , जेल एले ोफोरे सस, PCR, ALISA, FISH एवं
गण
ु सू प टंग।
(ख) लेि ॉन सू मदश (TEM, SEM)।

न प - 2

1. को शका जीव व ान :
(क) को शका तथा इसके को शकांग (क क, ला मका, झ ल, माइटोक या,
गॉ जीकाय, अंत यी जा लका, राइबोसोम तथा लाइसोसो स) क संरचना एवं काय,
को शका- वभा (समसू ी तथा अ धसू ी), समसू ी तकु तथा समसू ी तं , गण
ु सू
गत ोमोसोम कार पॉ लट न एवं लै श, ोमै टन क यव था, को शकाच
नयमन।
(ख) यू ल इक अ ल सांि थ तक , DNA अनक
ु प, DNA तकृ त, अनल
ु ेखन,
RNA मण, थानांतरण, ोट न वलन एवं प रवहन।

2. आनव
ु ं शक :
(क) जीन क आधु नक संकल ्पना, वभ त जीन, जीन- नयमन, आनव
ु ं शक-कूट।
(ख) लंग गण
ु सू एवं उनका वकास, ोसो फला तथा मानव म लंग- नधारण।
(ग) वंशाग त के मडल य नयम, पन ु य जन, सहल ता, बजहुयु म वक प , र त समह

क आनव ु ं शक , वंशावल व लेषण, मानव म वंशागत रोग।
(घ) उ प रवतन तथा उ प रवतजनन।
(ड.) पन
ु य गज DNA ौ यो गक , वाहक के प म लैज म स, कॉस म स, कृ म
गण
ु सू , पारजीनी, DNA लो नंग तथा पण
ू लो नंग ( स धांत तथा या
प ध त)।
(च) ोकै रयो स तथा यक
ू ै रयो स म जीन नयमन तथा जीन अ भ यि त।
(छ) संकेत अण,ु को शका मृ य,ु संकेतन पथ म दोष तथा प रणाम।
(ज) RFLP, RAPD एवं AFLP तथा फं गर टंग म अनु योग, राइबोजाइम ौ योगक ,
मानव जीनोम प रयोजना, जीनो म स एवं ोटो म स।

3. वकास :
(क) जीवन के उ दभव के स धांत

194
(ख) वकास के स धांत; ाकृ तक वरण, वकास म प रवतन क भू मका,
वकासा मक त प, आि वक ाइव, अनह
ु रण व भ नता, पथ
ृ करण एवं जा त
उ भवन।
(ग) जीवा म आंकड़ के योग से घोड़े, हाथी तथा मानव का वकास।
(घ) हाड -वीनबग नयम।
(ड.) महा वीपीय व थापन तथा णय का वतरण।

4. वग करण- व ान :
(क) ा णवै ा नक नामावल , अंतरा य नयम, लै डि ट स, वाि वक व गक एवं जैव
व वधता।

5. जीव रसायन :
(क) काब हाइ ट
े , वसाओं, वसाअ ल एवं कोले टे रॉल, ोट न एवं अमीन अ ल,
यिू लइक अ ल क संरचना एवं भू मका, बायो एनज ट स।
(ख) लाइकोलाइ सस तथा स च , ऑ सीकरण तथा अपचयन, ऑ सीकरणी
फा फो रलेशन, ऊजा संर ण तथा वमोचन, ATP च , च य AMP – इसक
संरचना तथा भू मका।
(ग) हाम न वग करण ( टे राइड तथा पे टाइड हाम न), जैव सं लेषण तथा काय।
(घ) एंजाइम: या के कार तथा या व धयां।
(ड.) वटा मन तथा को-एंजाइम।
(च) इ यन
ू ो लो यू लन एवं रोध मता।

6. का यक ( तनधा रय के वशेष संदभ म) :


(क) र त क संघटना तथा रचक, मानव म र त समह
ू तथा RH कारक, कंदन के
कारक तथा या व ध; लोह उपापचय, अ ल ारक सा य, ताप नयमन,
त कंदक।
(ख) ह मो लो बन: रचना कार एवं ऑ सीजन तथा काबनडाईऑ साइड प रवहन म
भू मका।
(ग) पाचन एवं अवशोषण : पाचन म लार ं थय , चकृत, अ याशय तथा आं ं थय
क भू मका।
(घ) उ सजन : नेफान तथा मू वरचन का नयमन; परसरण नयमन एवं उ सज
उ पाद।
(ड.) पेशी: कार, कंकाल पे शय क संकुचन क या व ध, पे शय पर यायाम का
भाव।
(च) यरू ॉन: तं का आवेग - उसका चालन तथा अंत थ
ं नी संचरण: यरू ो ांसमीटर।
(छ) मानव म ि ट, वण तथा ाणबोध।
(ज) जनन क का यक , मानव म यौवनारं भ एवं रजो नविृ त।

195
7. प रवधन जीव व ान :
(क) यु मक जनन; शु क रचना, मैमे लयन शु ् क पा े एवं जीवे धा रता। अंड
जनन, पण
ू श तता, नषेचन, माफ जे नसस एवं माफ जेन, ला टोजे नसस, शर र
अ रचना क थापना, फेट मान च , मेढ़क एवं चूजे म गे टुलेशन, चूजे म
वकासाधीन जीन, अंगांतरक जीन, आंख एवं दय का वकास, त नय म अपरा।
(ख) को शका वंश परं परा, को शका-को शका अ यो य या, आनव
ु ं शक एवं े रत
व पजनकता, एंजी वया म कायांतरण के नयं ण म वायरोि सन क भू मका,
शवक जनन एवं चर ू साता, को शका म ृ य,ु काल भावन।
(ग) मानव म वकासीय जीन, पा े नषेचन एवं ण
ू अंतरण, लो नंग।
(घ) टे मको शका : ोत, कार एवं मानव क याण म उनका उपयोग।
(ड.) जा त अवतन नयम।

प र श ट - II
ऑनलाइन आवेदन के लए अनद
ु ेश

उ मीदवार को वेबसाइट www.upsconline.nic.in का उपयोग कर ऑनलाइन आवेदन करना अपे त


होगा। ऑनलाइन आवेदन प क णाल क मख
ु वशेषताएं न नानस
ु ार ह:-
 ऑनलाइन आवेदन को भरने के लए व तत
ृ अनद
ु े श उपयु त वेबसाइट पर उपल ध ह।

 उ मीदवार को ॉप डाउन मेनू के माधयम से उपयु त साइट म उपल ध अनद


ु े श के
अनस
ु ार दो चरण अथात ् भाग-I और भाग-II म न हत ऑनलाइन आवेदन प को परू ा
करना अपे त होगा।
 उ मीदवार को 100/- . (केवल एक सौ पए) के शु क(अजा/अजजा/ म हला/शार रक
प से अ म उ मीदवार को छोड़कर िज ह शु क के भग
ु तान से छूट ा त है) या तो
भारतीय टे ट बक क कसी शाखा म नकद जमा करके या भारतीय टे ट बक/ टे ट बक
ऑफ बीकानेर ए ड जयपरु / टे ट बक ऑफ है दराबाद/ टे ट बक ऑफ मैसरू / टे ट बक ऑफ
प टयाला/ टे ट बक ऑफ ावणकोर क नेट ब कं ग सु वधा का उपयोग करके या
वीजा/मा टर े डट/डे बट काड का उपयोग करके भग
ु तान करना अपे त है ।
 ऑनलाइन आवेदन भरना आरं भ करने से पहले उ मीदवार को अपना फोटो ाफ और
ह ता र .जेपीजी ा प म व धवत प से इस कार कैन करना है क येक 40
केबी से अ धक नह ं हो, ले कन फोटो ाफ के लए आकार म 3 केबी से कम न हो और
ह ता र के लए 1 केबी से कम न हो।
 ऑनलाइन आवेदन (भाग-I और भाग-II) को दनांक 6 माच, 2018 को सांय 6:00 बजे
तक भरे जा सकते ह।
 आवेदक को एक से अ धक आवेदन प नह ं भरने चा हए, तथा प य द कसी अप रहाय
प रि थ तवश कोई आवेदक एक से अ धक आवेदन प भरता है तो वह यह सु नि चत
करे क उ च आरआईडी वाला आवेदन प हर तरह से पण
ू है ।

196
 एक से अ धक आवेदन प के मामले म, आयोग वारा उ च आरआईडी वाले आवेदन
प पर ह वचार कया जाएगा और एक आरआईडी के लए अदा कए गए शु क का
समायोजन कसी अ य आरआईडी के लए नह ं कया जाएगा।
 आवेदक अपना आवेदन प भरते समय यह सु नि चत कर क वे अपना वैध और
स य ई-मेल आईडी तत
ु कर रहे ह य क आयोग पर ा या के व भ न चरण
म उनसे संपक करने के लए इले ॉ नक मा यम का इ तेमाल कर सकता है ।
 आवेदक को सलाह द जाती है क वे अपने ई-मेल लगातार दे खते रह तथा यह
सु नि चत कर क @nic.in से समा त होने वाले ई-मेल पते उनके इनबॉ स फो डर क
ओर नद शत ह तथा उनके एसपीएएम (SPAM) फो डर या अ य कसी फो डर क
ओर नह ं।
 उ मीदवार को स त सलाह द जाती है क ऑनलाइन आवेदन क अं तम तार ख का
इंतजार कए बना समय सीमा के भीतर ऑनलाइन आवेदन कर।

प र श ट-III
व तप
ु रक पर ण हेतु उ मीदवार के लए वशेष अनद
ु ेश

1. पर ा हाल म न न ल खत व तए
ु ं लाने क अनम
ु त होगी
ि लप बोड या हाड बोड (िजस पर कुछ न लखा हो) उ तर प क पर यु तर को अं कत
करने के लए एक अ छ क म का काला बाल पेन, लखने के लए भी उ ह काले बाल
पेन का ह योग करना चा हए। उ तर प क और क चे काय हे तु काय प क नर क
वारा दए जाएंगे।

2. पर ा हाल म न न ल खत व तए
ु ं लाने क अनम
ु त नह ं होगी
ऊपर दशाई गई व तओ
ु ं के अलावा अ य कोई व तु जैसे पु तक, नो स, खल
ु े कागज,
इलै ा नक या अ य कसी कार के केलकुलेटर, ग णतीय तथा आरे उपकरण ,
लघग
ु ण
ु क सारणी, मान च के ट सल, लाइड ल, पहले स (स ) से संबं धत पर ण
पिु तका और क चे कायप क, पर ा हाल म न लाएं।

मोबाइल फोन, पेजर, ◌ूटूथ एवं अ य संचार यं उस प रसर म जहां पर ा आयोिजत


क जा रह है, लाना मना है, इन नदश का उ लंघन करने पर अनुशास नक कायवाह के
साथ-साथ भ व य म आयोिजत क जाने वाल पर ाओं से तबं धत कया जा सकता
है ।

उ मीदवार को उनके वयं के हत म सलाह द जाती है क वे मोबाइल फोन/पेजर/ लट


ू ूथ
स हत कोई भी विजत व तु पर ा प रसर म न लाएं य क इनक अ भर ा के लए
यव था क गारं ट नह ं ल जा सकती।

197
उ मीदवार को उनके वयं के हत म सलाह द जाती है क वे पर ा हॉल म कोई भी
बहुमू य व तु न लाएं य क उनक सरु ा सु नि चत नह ं क जा सकती। इस संबध
ं म
कसी भी नकु सान के लए आयोग िज मेदार नह ं होगा।

3. गलत उ तर के लए दं ड

व तु न ठ न-प म उ मीदवार वारा दए गए गलत उ तर के लए दं ड (नेगे टव


मा कग) दया जाएगा।
(i) येक न के लए चार वैकि पक उ तर ह, उ मीदवार वारा येक न के
लए दए गए एक गलत उ तर के लए न हे तु नयत कए गए अंक का 1/3
(0.33) दं ड के प म काटा जाएगा।
(ii) य द कोई उ मीदवार एक से अ धक उ तर दे ता है, तो इसे गलत उ तर माना
जाएगा, य य प दए गए उ तर म से एक उ तर सह होता है , फर भी उस न
के लए उपयु तानस
ु ार ह उसी तरह का दं ड दया जाएगा।
(iii) य द उ मीदवार वारा कोई न हल नह ं कया जाता है अथात ् उ मीदवार वारा
उ तर नह ं दया जाता है, तो उस न के लए कोई दं ड नह ं दया जाएगा।

4. अनु चत तर क क स ती से मनाह
कोई भी उ मीदवार कसी भी अ य उ मीदवार के पेपर से न तो नकल करे गा न ह
अपने पेपर से नकल करवाएगा, न ह कसी अ य तरह क अ नय मत सहायता दे गा, न
ह सहायता दे ने का यास करे गा, न ह सहायता ा त करे गा और न ह ा त करने का
यास करे गा।

5. पर ा भवन म आचरण
कोई भी पर ाथ कसी भी कार का द ु यवहार न कर तथा पर ा हाल म अ यव था न
फैलाएं तथा पर ा के संचालन हे तु आयोग वारा तैनात टाफ को परे शान न कर, ऐसे
कसी भी दरु ाचरण के लए कठोर दं ड दया जाएगा।

6. उ तर प क ववरण
(i) उ तर प क के ऊपर सरे के नधा रत थान पर आप अपना के और वषय,
पर ण पिु तका ंृ ला (को ठक म) वषय कोड और अनु मांक काले बाल वांइट

पेन से लख। उ तर प क म इस योजन के लए नधा रत व ृ त म अपनी
पर ण पिु तका ंृ ला (ए.बी.सी.डी., यथाि थ त),
ख वषय कोड तथा अनु मांक
काले बाल पेन से कूटब ध कर। उपयु त ववरण लखने तथा उपयु त ववरण
कूटब ध करने के लए मागदश स धांत अनब
ु ध
ं म दए गए ह। य द पर ण
पिु तका पर ृ ला मु त न हुई हो अथवा उ तर प क बना सं या के ह तो
ंख
कृपया नर क को तरु ं त रपोट कर और पर ण पिु तका/उ तर प क को बदल

198
ल।

(ii) उ मीदवार नोट कर क ओएमआर उ तर प क म ववरण कूटब ध करने/भरने म


कसी कार क चूक/ ु ट/ वसंग त, वशेषकर अनु मांक तथा पर ण पिु तका
ृ ला कोड के संदभ म, होने पर उ तर प क अ वीकृत कया जाएगा।
ंख

(iii) पर ा आरं भ होने के त काल बाद कृपया जांच कर ल क आपको जो पर ण


पिु तका द गई है उसम कोई प ृ ठ या मद आ द अमु त या फटा हुआ अथवा
गायब तो नह ं है । य द ऐसा है तो उसे उसी ख
ंृ ला तथा वषय क पण
ू पर ण
पिु तका से बदल लेना चा हए।

7. उ तर प क/पर ण पिु तका/क चे काय प क म मांगी गई व श ट मद क सच


ू ना के
अलावा कह ं पर भी अपना नाम या अ य कुछ नह ं लख।
8. उ तर प क को न मोड़ या न वकृत कर अथवा न बबाद कर अथवा उसम न ह कोई
अवां छत/असंगत नशान लगाएं। उ तर प क के पीछे क ओर कुछ भी न लख।

9. चूं क उ तर प क का मू यांकन कं यट
ू र कृत मशीन पर होगा, अत: उ मीदवार को
उ तर प क के रख-रखाव तथा उ ह भरने म अ त सावधानी बरतनी चा हए। उ ह व ृ त
को काला करने के लए केवल काले बाल पेन का इ तेमाल करना चा हए। बॉ स म
लखने के लए उ ह काले बाल पेन का इ तेमाल करना चा हए। चूं क उ मीदवार वारा
व ृ त को काला करके भर गई वि टय को क यट
ू र कृत मशीन वारा उ तर प क
का मू यांकन करते समय यान म रखा जाएगा, अत: उ ह इन वि टय को बड़ी
सावधानी से तथा सह -सह भरना चा हए।

10. उ तर अं कत करने का तर का
“व तप
ु रक” पर ा म आपको उ तर लखने नह ं ह गे। येक न (िज ह आगे नांश
कहा जाएगा) के लए कई सझ
ु ाए गए उ तर(िज ह आगे यु तर कहा जाएगा) दए जाते
ह उनम से येक नांश के लए आपको एक यु तर चन
ु ना है ।

न प पर ण पिु तका के प म होगा। इस पिु तका म म सं या 1,2,3… आ द के


म म नांश के नीचे (ए), (बी), (सी) और (डी) के प म यु तर अं कत ह गे।
आपका काम एक सह यु तर को चुनना है । य द आपको एक से अ धक यु तर सह
लग तो उनम से आपको सव तम यु तर का चुनाव करना होगा। कसी भी ि थ त म
येक नांश के लए आपको एक ह यु तर का चुनाव करना होगा। य द आप एक से
अ धक यु तर चुन लेते ह तो आपका यु तर गलत माना जाएगा।

उ तर प क म म सं याएं 1 से 160 छापे गए ह, येक नांश (सं या) के सामने

199
(ए), (बी), (सी) और (डी) च ह वाले व ृ त छपे होते ह। जब आप पर ण पिु तका के
येक नांश को पढ़ ल और यह नणय करने के बाद क दए गए यु तर म से
कोन सा एक यु तर सह या सव तम ह, आपको अपना यु तर उस व ृ त को काले
बाल पेन से परू तरह से काला बनाकर अं कत कर दे ना है ।

उदाहरण के तौर पर य द नांश 1 का सह यु तर (बी) है तो अ र (बी) वाले व ृ त


को न नानस
ु ार काले बाल पेन से परू तरह काला कर दे ना चा हए जैसा क नीचे दखाया
गया है ।
उदाहरण (a ) • (c) (d )

11. कैनेबल उपि थ त सच


ू ी म ऐं कैसे कर :
उ मीदवार को कैनेबल उपि थ त सच
ू ी म, जैसा नीचे दया गया है , अपने कॉलम के
सामने केवल काले बाल पेन से संगत ववरण भरना है।
(i) उपि थ त/अनप
ु ि थ त कॉलम म (p) वाले गोले को काला कर।
(ii) समु चत पर ण पिु तका सीर ज के संगत गोले को काला कर।
(iii) समु चत पर ण पिु तका म सं या लख।
(iv) समु चत उ तर प क म सं या लख और येक अंक के नीचे दए गए गोले को
भी काला कर।
(v) दए गए थान पर अपना ह ता र कर।

12. कृपया पर ण पिु तका के आवरण पर दए गए अनद


ु े श को पढ़ और उनका पालन कर।
य द कोई उ मीदवार अ यवि थत अथवा अनु चत आचरण म शा मल होता है तो वह
अनश
ु ास नक कारवाई और/या आयोग वारा उ चत समझे जाने वाले दं ड का भागी बन
सकता है ।
अनब
ु ध

पर ा भवन म व तप
ु रक पर ण के उ र प क कैसे भर
कृपया इन अनद
ु े श का अ यंत सावधानीपव
ू क पालन कर। आप यह नोट कर ल क चूं क उ र-प क का
अंकन मशीन वारा कया जाएगा, इन अनद
ु े श का कसी भी कार का उ लंघन आपके ा तांक को कम
कर सकता है िजसके लए आप वयं उ रदायी ह गे।

उ र प क पर अपना यु र अं कत करने से पहले आपको इसम कई तरह के ववरण लखने ह गे।


उ मीदवार को उ र-प क ा त होते ह यह जांच कर लेनी चा हए क इसम नीचे सं या द गई है। य द
इसम सं या न द गई हो तो उ मीदवार को उस प क को कसी सं या वाले प क के साथ त काल बदल
लेना चा हए।

आप उ र-प क म दे खगे क आपको सबसे ऊपर क पंि त म इस कार लखना होगा।

200
Centre Subject S. Code Roll Number
के वषय वषय कोड अनु मांक

मान लो य द आप ग णत के न-प *
के वा ते पर ा म द ल के पर उपि थत हो रहे ह और
आपका अनु मांक 0812769 है तथा आपक पर ण पिु तका ंृ ला ‘ए’ है तो आपको काले बाल पेन से

इस कार भरना चा हए। *

Centre Subject S. Code Roll Number


के 0 0 0 8 1 2 7 6 9
वषय वषय कोड अनु मांक
द ल सामा य (ए)
यो यता पर ा

आप के का नाम अं ेजी या ह द म काले बाल पेन से लख।

पर ण पिु तका ृ ला कोड पिु तका के सबसे ऊपर दाय हाथ के कोने पर ए बी सी अथवा डी के
ंख
अनु मांक के अनस
ु ार न द ट ह।

आप काले बॅल पेन से अपना ठ क वह अनु मांक लख जो आपके वेश माण प म है। य द
अनु मांक म कह ं शू य हो तो उसे भी लखना न भल
ू ।

आपको अगल कारवाई यह करनी है क आप नो टस म से समु चत वषय कोड ढूढ़। जब आप पर ण


पिु तका ृ ला, वषय कोड तथा अनु मांक को इस
ंख योजन के लए नधा रत व ृ म कूटब ध करने का
काय काले बाल पेन से कर। के का नाम कूटब ध करने क आव यकता नह ं है । पर ण पिु तका
ंख
ृ ला को लखने और कूटब ध करने का काय पर ण पिु तका ा त होने तथा उसम से पिु तका
ृ ला क पिु ट करने के प चात ह करना चा हए।
ंख

‘ए’ पर ण पिु तका ृ ला के सामा य यो यता वषय


ंख न प के लए आपको वषय कोड सं. 01
लखनी है, इसे इस कार लख।

पिु तका म (ए) वषय 0 1


Booklet Series (A) Subject


(B ) कृपया अं ेजी से दे ख
(C)
(D )

201
बस इतना भर करना है क पर ण पिु तका अनु मांक
ृ ला के नीचे दए गए अं कत व ृ
ंख ‘ए’ को परू Roll Numebrs
तरह से काला कर द और वषय कोड के नीचे ‘0’
के लए (पहले उ वाधर कॉलम म) और 1 के लए 0 8 1 2 7 6 9
(दस
ू रे उ वाधर कॉलम म) व ृ को परू तरह काला
कर द। आप व ृ को परू तरह उसी कार काला कृपया अं ेजी से दे ख
कर िजस तरह आप उ र प क म व भ न नांश
के यु तर अं कत करते समय करगे, तब आप
अनु मांक 0812769 को कूटब ध कर। इसे उसी के
अनु प इस कार करगे।

मह वपण
ू : कृपया यह सु नि चत कर ल क
आपने अपना वषय, पर ण पिु तका म तथा
अनु मांक ठ क से कूटब ध कया है।

* यह एक उदाहरण मा है तथा आपक संबं धत पर ा से इसका कोई संबध


ं नह ं है।

202

You might also like