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बीमा अभिकर्ताओं [सामान्य]

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1
बीमा अभिकर्ताओं [सामान्य]

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सभी अधिकार सुरक्षित

यह पाठ्यक्रम भारतीय बीमा सांस्थान, मुांबई की कॉपीराइट है । ककसी भी पररस्स्थतत में इस पाठ्यक्रम के ककसी भी

भाग को पुनर्प्ास्तुत नह ां ककया जा सकता है ।

यह पाठ्यक्रम परू तरह से भारतीय बीमा सांस्थान की स्र्ास््य बीमा एजेंटों की पर िाओां में बैठने र्ाले उम्पमीदर्ारों
के अध्ययन के र्प्योजन से तैयार ककया गया है और यह आईआरडीएआई द्र्ारा अनुमोददत ससलेबस पर आिाररत
है । यह कानूनी बहसों को शासमल करने र्ाले वर्र्ादों या बातों के मामले में व्याख्या या समािान र्प्स्तुत करने के
सलए नह ां है ।

पी. वेणुगोपाल, महासभिव, िारर्तीय बीमा संस्थान, जी-ब्लॉक, प्लॉट सी-46, बांद्रा कुला कॉम्पप्लेक्स, बांद्रा
(पूवव) मुंबई – 400 051 ´ãÀã ¹ãƇãŠããäÍã¦ã

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भवषय-सूिी

अध्याय सां. शीषवक पृष्ठ सं.


अनभ
ु ाग 1 COMMON CHAPTERS

1 बीमा का पभरिय 2

2 ग्राहक सेवा 23

3 भशकायर्त भनवारण प्रणाली 51

4 बीमा अभिकर्ताओं की तनयामक पहलु 63

5 जीवन बीमा के कानूनी भसद्ांर्त 71

अनभ
ु ाग 2 स्र्ास््य बीमा

6 स्वास््य बीमा का पभरिय 90

7 बीमा दस्र्तावेज़ 110

8 स्वास््य बीमा उत्पाद 132

9 स्वास््य बीमा का जोभिम अंकन (बीमालेिन) 185

10 स्वास््य बीमा दावे 219

अनभ
ु ाग 3 सामान्य बीमा
11 बीमा के भसद्ांर्त 266

12 दस्र्तावेजीकरण 298

13 प्रीभमयम मूलयांकन का भसद्ांर्त और अभ्यास 332

14 व्यभिगर्त और िुदरा बीमा 356

15 वाभणज्ययक बीमा 369

16 दावों की कायवप्रणाली 401

4
अनुभाग 1

COMMON CHAPTERS

5
अध्याय 1

बीमा का पभरिय

पाठ का पभरिय

इस अध्याय का उद्देश्य बीमा के मूलिूर्त र्तत्वों का पभरिय, उसका भवकास एवं उसके कायवस्वरूप से अवगर्त
कराना है। आप यह िी जान पाएंगे भक बीमा भकस र्तरह से आकज्स्मक घटनाओं के फलस्वरूप उत्पन्न होने
वाली आर्थथक हाभनयों से सुरक्षा प्रदान करर्ता है एवं अपनी जोभिम भकसी और को दे ने (भरस्क ट्ांसफर) के
माध्य के रूप में कायव करर्ता है।

अध्ययन का पभरणाम

A. जीवन बीमा - इभर्तहास एवं भवकास


B. बीमा का कायवस्वरुप
C. जोभिम प्रबंधन की र्तकनीक
D. जोभिम प्रबंधन के साधन के रूप में बीमा
E. समाज में बीमा की िूभमका

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A. जीवन बीमा - इभर्तहास एवं भवकास

हम अभनज्श्िर्तर्त से िरे इस भवश्व में जीवन यापन करर्ते हैं। हमें प्रायः भनम्पनभलभिर्त के बारे में सुनने को भमलर्ता है
:

 ट्ेनों का आपस में टकराना


 बाढ़ के कारण कई बज्स्र्तयों का नष्ट होना
 िूकम्पप द्वारा असहनीय पीडा
 युवा लोगों की अकस्मार्त समय-पूवव मृत्यु

भित्र 1 : हमारे आस-पास घट रही घटनाएं

आग

िूस्िलन बाढ़

भबजली भगरना िूकम्पप

ये घटनाएं हमें भविभलर्त और ियिीर्त क्यों करर्ती हैं ?

इसका कारण बहु र्त ही साधारण हैः

i. सववप्रथम, ये घटनाएं अप्रत्याभशर्त होर्ती हैं । यभद हमें भकसी घटना का पूवानु मान एवं पूवािास होर्ता है
उसका सामाना करने के भलए र्तैयारी कर सकर्ते हैं ।

ii. दू सरी बार्त यह भक ऐसी अप्रत्याभशर्त एवं अभप्रय घटनाएं प्रायः आर्थथक हाभन और शोक का कारण
बनर्ती हैं ।

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एक समुदाय, भहस्से दारी एवं पारस्पभरक सहारे की प्रणाली के ज़भरए इन घटनाओं से प्रिाभवर्त व्यभियों की
मदद कर सकर्ता है।

बीमा के भविार का जन्म हज़ारों वषव पूवव हु आ था। भफर िी, हम भजस बीमा-कारोबार से आज पभरभिर्त हैं,
उसका भवकास केवल 2 या 3 शर्ताब्दी पहले ही हु आ है।

1. बीमा का इभर्तहास

ईसा पूवव 3000 वषव से ही बीमा भकसी न भकसी रूप में भवद्यमान रहा है। कई वषों से भवभिन्न सभ्यर्ताओं ने समाज
के कुछ सदस्यों की सिी हाभनयों को आपस में पूललग(धनराभश एकप्रीकरण) करने र्तथा भहस्से दारी की
अवधारणा का पालन भकया है। िभलए, हम ऐसे ही कुछ उदाहरणों पर नज़र डालर्ते हैं जहााँ इस अवधारणा को
लागू भकया गया था ।

2. सभदयों से िला आ रहा बीमा

बेभबलोभनयन बेभबलोभनयन व्यपाभरयों द्वारा भकए गए करार के अनु सार, जहाज में लादी गई
व्यापारी वस्र्तु के गुम या िोरी हो जाने पर, ऋणदार्ताओं द्वारा ऋण माफ भकए जाने के
भलये, व्यापाभरयों द्वारा ऋणदार्ताओं को अभर्तभरि राभश का िुगर्तान भकया जाएगा।
इसे ‘बॉटमरी ऋण’ कहा जार्ता था। ऐसे करार के र्तहर्त, जहाज या माल को भगरवी
रिकर भलए गए ऋण की वाभपसी, समुद्री यात्रा के पश्िात् जहाज के गंर्तव्य पर
सुरभक्षर्त पहु ाँि जाने पर ही की जार्ती था।
बरूि एवं सूरर्त िारर्तीय जहाजों में श्रीलंका, भमस्त्र एवं यूनान की ओर समुद्री यात्रा करने वाले
के व्यापारी िड़ौि एवं सूरर्त के व्यापाभरयों में िी बेभबलोभनयन व्यापाभरयों के समान प्रथा
प्रिभलर्त थी।
यूनानी यूनाभनयों ने ईसा पश्िात् 7वीं शर्ताब्दी के अंर्त में, मृर्त सदस्य के अंभर्तम संस्कार
र्तथा उसके पभरवार की दे िरे ि के भलए परोपकारी संस्थाओं की शुरुआर्त की थी।
इसी प्रकार से इंग्लैंड में िी भमत्रवत् सभमभर्तयााँ (फ्रेंडली सोसायटी) गभठर्त की गई
थीं।
रोड्स के भनवासी रोड्स के भनवाभसयों ने एक ऐसी प्रथा अपनाई भजसके र्तहर्त संक्ट के द़ौरान
जहाज का िार कम करने और संर्तुलन बनाये रिने के भलए जहाज में से कुछ
माल फैंक भदया जार्ता है, भजसे ‘जेभटसलनग’ कहा जार्ता है इस प्रकार माल के
नु कसान हो जाने पर माल के सिी माभलकों (वे िी भजनका कोई माल नष्ट न हु आ
हो) को कुछ अनु पार्त में हाभन वहन करनी पडर्ती थी।
िीन के व्यापारी प्रािीन काल में िीन के व्यापारी, जोभिम िरी नभदयों से यात्रा के द़ौरान भवभिन्न
जहाजों और नावों में अपना माल रिा करर्ते थे। उनका मानना था भक यभद कोई
नाव डू ब िी जाए र्तो माल का नु कसान आंभशक होगा, पूरा नहीं। इस प्रकार के
भवस्र्तारण से हाभन की मात्रा को कम भकया जार्ता था।

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3. बीमा की आधुभनक अवधारणाएं (माडनव कन्सेप्टस्)

िारर्त में जीवन बीमा का भसद्ांर्त िारर्त की संयुि पभरवार की व्यवस्था में प्रभर्तलबभबर्त होर्ता है जो भक भपछली
कई सभदयों में जीवन बीमा का सववश्रेष्ठ स्वरूप रहा है। पभरवार के भकसी सदस्य की आकज्स्मक मृत्यु होने पर
पभरवार के भवभिन्न सदस्यों द्वारा दु ि एवं हाभन आपस में बांट ली जार्ती थी, भजसके पभरणामस्वरूप पभरवार का
प्रत्येक सदस्य सुरभक्षर्त महसूस करर्ता था।

आधुभनक युग में संयुि पभरवार प्रणाली का भवघटन एवं छोटे पभरवारों के उिरने से र्तथा दै भनक जीवन के
र्तनाव के कारण यह आवश्यक हो गया है भक सुरक्षा हे र्तु वैकज्लपक प्रणाभलयों को भवकभसर्त भकया जाए। यह
भकसी एकल व्यभि के भलए बीमा की आवश्यकर्ता की भवभशष्टर्ता दशार्ता है।

i. लॉयड्स - वर्तवमान में प्रिभलर्त आधुभनक वाभणज्ययक बीमा कारोबार की शुरुआर्त के संकेर्त, लंदन के
लॉयड कॉफी हाउस में ढ़ुढे जा सकर्ते हैं । यहााँ एकभत्रर्त होने वाले कारोबारी, सामुभद्रक िर्तरों के
कारण जहाज द्वारा ले जा रहे उनके माल की क्षभर्त होने पर ऐसी हाभन को आपस में बांटने हे र्तु सहमर्त
रहर्ते थे। उन्हें समुद्री िर्तरे जैसे समुद्र के बीिों-बीि समुद्री डाकुओं द्वारा लूट-पाट अथवा िराब
म़ौसम में माल का नष्ट हो जाना अथवा जहाज के डू ब जाने के कारण ऐसी हाभनयों का सामना करना
पडर्ता था।

ii. वषव 1706 में लंदन में शु रू की गई एभमकेबल सोसाइटी फॉर परपीिुअल एश्योरे न्स ही भवश्व की
सववप्रथम जीवन बीमा कंपनी मानी जार्ती है।

4. िारर्त में बीमा का इभर्तहास

a) िारर्त : आधुभनक बीमा की शुरुआर्त लगिग 18 वीं सदी के आरंभिक वषों में हु ई। इस द़ौरान भवदे शी
बीमाकर्ताओं की एजेंभसयों ने मरीन बीमा समुद्री बीमा कारोबार की शुरुआर्त की।

द ओभरएंटल लाइफ इन्श्योरे न्स िारर्त में स्थाभपर्त की जाने वाली पहली इंज्ग्लश जीवन बीमा
कंपनी भल. कंपनी, की थी।
भट्टन बीमा कंपनी भल., िारर्त में स्थाभपर्त पहली गैर-जीवन बीमा कंपनी।
बॉम्पबे म्पयूिुअल अश्योरे न्स पहली िारर्तीय बीमा कंपनी। इसका गठन वषव 1870 में मुंबई में
सोसाइटी भल., हु आ था।
िारर्त की सवाभधक पुरानी बीमा कंपनी। इसकी स्थापना वषव
नेशनल इंश्योरें स कंपनी भल., 1906 में की गई थी और इसका कारोबार आज िी भनरंर्तर िल
रहा है।

र्तत्पश्िात्, इस सदी की शुरुआर्त में स्वदे शी आंदोलन के पभरणामस्वरूप कई अन्य िारर्तीय कंपभनयों की
स्थापना की गई।

महत्वपूणव

वषव 1912 में बीमा कारोबार को भनयंत्रण करने हे र्तु जीवन बीमा कंपनी अभधभनयम एवं िभवष्य भनभध अभधभनयम
पाभरर्त भकए गए। जीवन बीमा कंपनी अभधभनयम, 1912 के र्तहर्त यह अभनवायव भकया गया भक प्रीभमयम-दर की

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सारणी र्तथा कंपभनयों के सामभयक मूलयांकन का प्रमाणीकरण बीमांकक (एक्िुअरी) द्वारा भकया जाए। भफर
िी, िारर्तीय एवं भवदे शी कंपभनयों के बीि असमानर्ता एवं िेदिाव बना रहा।

बीमा अभधभनयम 1938, पहला ऐसा कानून था भजसे िारर्त में बीमा कंपभनयों के संिालन को भनयंत्रण करने हे र्तु
बनाया गया था। यह अभधभनयम, भजसे समय-समय पर संशोभधर्त भकया जार्ता है, आज िी लागू है। बीमा
अभधभनयम के प्रावधानों के र्तहर्त सरकार द्वारा बीमा भनयंत्रक (कंट्ोलर ऑफ श्योरें स) की भनयुभि की गई थी।

b) जीवन बीमा का राष्ट्ीयकरणः 1 भसर्तंबर, 1956 को जीवन बीमा कारोबार का राष्ट्ीयकरण भकया गया र्तथा
िारर्तीय जीवन बीमा भनगम(एलआईसी) की स्थापना की गई। उस समय िारर्त में 170 कंपभनयां एवं 75
िभवष्य भनभध सभमभर्तयां जीवन बीमा कारोबार में शाभमल थीं। वषव 1956 से वषव 1999 र्तक िारर्त में जीवन
बीमा कारोबार का एकमात्र अभधकार एलआईसी को ही प्राप्र्त था।

c) गैर-जीवन बीमा का राष्ट्ीयकरणः वषव 1972 में साधारण बीमा कारोबार {जनरल इंश्योरें स भबज़नेज़
नेशन्लाइजेशन एक्ट (जीआईबीएनए)} राष्ट्ीयकरण अभधभनयम के लागू करने के साथ ही गैर-जीवन
बीमा कारोबार को िी राष्ट्ीयकृर्त भकया गया एवं िारर्तीय साधारण बीमा भनगम (जीआईसी) र्तथा इसकी
िार सहायक कंपभनयों की स्थापना की गई। जीआईसी की िार सहायक कंपभनयों की स्थापना पर उस
समय िारर्त में गैर जीवन बीमा कारोबार कर रही 106 कंपभनयों का उनमें भवलय कर भदया गया।

d) मलहोत्रा सभमभर्त एवं आईआरडीएः उद्योग के भवकास के भलए पभरवर्तवन की िोज एवं भसफाभरश और
साथ ही प्रभर्तस्पधा की पुनः शुरुआर्त हे र्तु वषव 1993 में मलहोत्रा सभमभर्त का गठन भकया गया। सभमभर्त ने
अपनी भरपोटव वषव 1994 में प्रस्र्तुर्त की। वषव 1997 में बीमा भवभनयामक प्राभधकरण (आईआरए) की
स्थापना की गई। वषव 1999 में बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण अभधभनयम (आईआरडीए) के
पाभरर्त भकए जाने के बाद अप्रैल 2000 में जीवन एवं गैर-जीवन दोनों ही बीमा उद्योग की सांभवभधक
भनयामक भनकाय के रूप में िारर्तीय बीमा भवभनयामक एवं भवकास प्राभधकरण(आईआरडीएआई) की
स्थापना की गई।

2014 में जारी भकए गए अध्यादे श के र्तहर्त कुछ शर्तें जोडी गयी हैं जो िारर्त में बीमा कंपभनयों की पभरिाषा और
गठन को भनयंभत्रर्त करने से संबंभधर्त हैं ।

िारर्तीय बीमा कंपनी में एक ऐसी कंपनी शाभमल है भजसमें पोटव फोभलयो भनवेशकों सभहर्त भवदे शी भनवेशकों द्वारा
इज्क्वटी शेयरों की कुल होल्लडग, उस र्तरीके से जो भनधाभरर्त भकया जा सकर्ता है , िारर्तीय स्वाभमत्व और
भनयंत्रण वाली िारर्तीय बीमा कंपनी की िुकर्ता इज्क्वटी पूज
ं ी की उनिास फीसदी से अभधक नहीं है।

अध्यादे श िारर्त में भवदे शी कंपभनयों के बारे में िी शर्तें लगार्ता है।

एक भवदे शी बीमा कंपनी िारर्त में स्थाभपर्त भकसी शािा के माध्यम से पुनबीमा कारोबार में शाभमल हो सकर्ती है।
"पुनबीमा" शब्द का मर्तलब है 'एक बीमाकर्ता के जोभिम के एक भहस्से का दू सरे बीमाकर्ता द्वारा बीमा जो एक
परस्पर स्वीकायव प्रीभमयम के बदले जोभिम को स्वीकार करर्ता है।'

5. वर्तवमान जीवन बीमा उद्योग

इस समय वर्तवमान में िारर्त में 24 जीवन बीमा कंपभनयां पभरिालनरर्त हैं भजसका भववरण नीिे भदया गया है :

a) िारर्तीय जीवन बीमा भनगम(एलआईसी) साववजभनक क्षेत्र की एक कंपनी है।

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b) भनजी क्षेत्र में 23 जीवन बीमा कंपभनयां हैं।

c) िारर्त सरकार के अधीन डाक भविाग िी डाक जीवन बीमा के ज़भरए जीवन बीमा कारोबार कर रहा है,
परंर्तु यह भनयामक के अभधकार क्षेत्र से मुि है।

स्व परीक्षण 1

भनम्पनभलभिर्त में से िारर्त में बीमा उद्योग का भनयामक रे ग्युलेटर क़ौन है ?

I. िारर्तीय बीमा प्राभधकरण (इंश्योरें स ऑथाभरभट ऑफ इंभडया)


II. िारर्तीय बीमा भवभनयामक एवं भवकास प्राभधकरण (इंश्योरें स रे ग्युलेभटभर एण्ड भडवेलपमेंट ऑथाभरभट
III. िारर्तीय जीवन बीमा भनगम (लाइफ इंश्योरें स कापोरे शन ऑफ इंभडया)
IV. िारर्तीय साधरण बीमा भनगम (जनरल इंश्योरें स कापोरे शन ऑफ इंभडया)

B. बीमा भकस प्रकार कायव करर्ता है

आधुभनक वाभणयय की शुरुआर्त संपभि के स्वाभमत्व के भसद्ांर्त के आधार पर की गई थी। यभद भकसी घटना के
कारण पभरसंपभि (ऐसेह) का मूलय कम (नु कसान या नष्ट हो जाने पर) हो जार्ता है, र्तो पभरसंपभि के माभलक
को आर्थथक हाभन का सामना करना पडर्ता है। भफर िी, पभरसंपभि माभलकों से छोटे छोटे अंशदान द्वारा
सामूभहक भनभध (कामन फंड) का भनमाण भकए जाने पर ऐसे कुछ दु िाग्यपूणव माभलकों की हाभन की क्षभर्तपूर्थर्त
हे र्तु इस भनभध का प्रयोग भकया जा सकर्ता है।

सरल शब्दों में, बीमा की प्रभिया के ज़भरए एक व्यभि की संिाभवर्त आर्थथक हाभन एवं उसके पभरणामों को कई
व्यभियों के बीि बााँटा जा सकर्ता है।

पभरिाषा

बीमा एक ऐसी प्रभिया है भजसके ज़भरए कुछ लोगों की हाभन, भजन्हें दु िाग्यवश ऐसी हाभन वहन करनी पडर्ती
है, को ऐसे व्यभियों में पहले पहले आपस में बांटा जार्ता है भजनके साथ ऐसी एक जैसी अभनज्श्िर्त
घटनाओं/पभरज्स्थभर्तयों के घटने की संिावना हो।

भित्र 2 बीमा भकस प्रकार कायव करर्ता है

बीमा कंपनी

7
घर के माभलकों द्वारा प्रीभमयम का अंशदान दावा का भनपटान
र्तथाभप, इसमें एक परे शानी है।

i. क्या लोग ऐसी सामूभहक भनभध को बनाने में मुज्श्कल से अर्थजर्त अपनी कमाई में से कुछ राभश का
अंशेदान करने के भलये सहमर्त होंगे?

ii. वे कैसे भवश्वास करें गे भक इज्छछर्त उद्देश्य के भलए उनके द्वारा दी गई राभश का प्रयोग हो रहा है?

iii. उन्हें यह कैसे ज्ञार्त होगा भक उनके द्वारा दी जा रही राभश बहु र्त कम है या बहु र्त अभधक?

स्पष्ट रूप से भकसी को र्तो इस प्रभिया पर पहल करके एवं संगभठर्त करके उपरोि उद्देश हे र्तु समुदाय के
सदस्यों को साथ लाना होगा। वह 'भकसी न भकसी को ', 'बीमाकर्ता' (इंश्योरर) के रुप में जाना जार्ता है जो
जमा राभश (पूल) हे र्तु प्रत्येक व्यभि द्वारा भकए जाने वाले अंशदान का भनणवय लेर्ता है र्तथा हाभनग्रस्र्त सदस्यों के
भलए िुगर्तान की व्यवस्था करर्ता है।

बीमाकर्ता(इंश्योरर) को समुदाय एवं व्यभिगर्त सदस्यों का भवश्वास िी जीर्तना पडे गा।

i. बीमा भकस प्रकार कायव करर्ता है

a) सववप्रथम, पभरसंपभि ऐसी होनी िाभहए भजसमें आर्थथक मूलय भवद्यमान हो। यह पभरसंपभि:

i. वस्र्तुगर्त (भफभजकल) हो सकर्ती है (जैसे गाडी अथवा िवन) या


ii. व्यभिपरक (नान-भफभजकल) हो सकर्ती है (जैसे नाम या रण्याभर्त (गुडभवल)या
iii. व्यभिगर्त (पसवनल) हो सकर्ते हैं (जैसे भकसी की आाँि, हाथ-पैर एवं शरीर के अन्य अंग)

b) भकसी भनज्श्िर्त घटना घभटर्त होने से संपभि का मूलय नष्ट हो सकर्ता है। हाभन की इस संिाभवर्त ज्स्थभर्त
को जोभिम (भरस्क) कहर्ते हैं । जोभिम िरी घटना के कारण को आपदा (पेभरल) कहर्ते हैं ।

c) एक भसद्ान्र्त भजसे पूललग धनूराभश एक प्रकीया के नाम से जाना जार्ता है। इसके र्तहर्त, भवभिन्न
व्यभियों से वैयभिक अंशदान (भजसे प्रीभमयम कहर्ते हैं ) एकभत्रर्त भकया जार्ता है। इन व्यभियों के पास
एक जैसी सम्पपभि भजनमें एक जैसी जोभिम की संिावना होर्ती है।)

d) आपदा के कारण कुछ लोगों को हु ई हाभन की क्षभर्तपूर्थर्त हे र्तु इस सामूभहक भनभध का प्रयोग भकया जार्ता
है।

e) भनभध (फंड) एकभत्रर्त (पूललग) करना एवं कुछ दु िाग्यशाली लोगों की क्षभर्तपूर्थर्त करने की प्रभिया एक
संस्था द्वारा की जार्ती है भजसे बीमाकर्ता कहर्ते हैं ।

f) बीमाकर्ता, प्रत्येक व्यभि जो इस योजना में िाग लेना िाहर्ता है, के साथ बीमा अनुबध
ं करर्ता है। ऐसे
सहिागी को बीभमर्त कहर्ते हैं ।

2. बीमा, बोझ हलका करर्ता है

जोभिम के बोझ का आशय, भकसी पभरज्स्थभर्त/घटना के घटने के पभरणामस्वरूप सहन की जाने वाली लागर्त,
हाभन एवं भवकलांगर्ताओं से है।

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व्यभि द्वारा ढ़ोए जाने वाले जोभिम
बोझ

जोभिम का महत्वपुणव जोभिम का कम महत्वपुणव (सकेंडरी


(प्रइमभर)बोझ )बोझ
भित्र 3 व्यभि द्वारा ढ़ोए जाने वाले जोभिम बोझ

व्यभि दो प्रकार के जोभिम के बोझ को ढ़ोर्ता है- महत्वपुणव एवं कम महत्वपुणव (ग़ौण)

a) जोभिम का महत्वपुणव बोझ

जोभिम के महत्वपुणव बोझ में ऐसी हाभनयों को शाभमल भकया जार्ता है, भजन्हें शुद् जोभिम

घटनाओं के फलस्वरूप वास्र्तभवक रूप में पभरवार(एवं कारोबारी यूभनटों) द्वारा सहन भकया जार्ता है। ऐसी
हाभनयां प्रायः प्रत्यक्ष एवं मापने योग्य होर्ती हैं र्तथा बीमा द्वारा सरलर्ता से इनकी क्षभर्तपूर्थर्त की जा सकर्ती है।

उदाहरण

आग से भकसी कारिाने के नष्ट हो जाने पर, नष्ट अथवा भवध्वस्र्त माल के वास्र्तभवक मूलय का आकलन
भकया जा सकर्ता है, भजस व्यभि को हाभन उठानी पडी है , उसे क्षभर्तपूर्थर्त का िुगर्तान भकया जा सकर्ता है।

भकसी व्यभि द्वारा ह्रदय शलय भिभकत्सा (हाटव सजवरी) कराने पर, उसकी भिभकत्सा लागर्त की जानकारी
होने पर उसकी क्षभर्तपूर्ती की जा सकर्ती है।

इसके अभर्तभरि कुछ अप्रत्यक्ष हाभनयााँ िी हो सकर्ती हैं ।

उदाहरण

आग के कारण व्यावसाभयक पभरिालनों (आपरे शन)में रूकावट आने से लाि की हाभन हो सकर्ती है
भजसका आकलन भकया जा सकर्ता है भजस व्यभि को हाभन पहु ं िी है उसे क्षभर्तपूर्थर्त का िुगर्तान भकया जा
सकर्ता है।

b) जोभिम का कम महत्वपूणव बोझ

मान लें भक कोई घटना नहीं घटी एवं भकसी प्रकार की कोई हाभन नहीं हु ई। क्या इसका यह अथव हे भक
भजनके समक्ष आपदा की संिावना है, उन्हें भकसी प्रकार का बोझ नहीं है ? इसका जवाब यह है भक
महत्वपूणव बोझ के साथ-साथ व्यभि जोभिम के कम महत्वपूणव बोझ के िी वहन करर्ता है।

जोभिम के कम महत्वपूणव बोझ में, यह र्त्य भक हाभन की पभरज्स्थभर्त की संिावना है, इस कारण व्यभि
द्वारा वहन की जा सकने वाली लागर्तें एवं र्तनाव शाभमल हैं । ऐसी भकसी भसफव घटना के न घटने पर िी इस
प्रकार की जोभिमों को वहन करना पडर्ता है।

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आइए, हम ऐसे कुछ बोझों के बारे में जानकारी प्राप्र्त करे :

i. सववप्रथम, िय एवं भिन्र्ता के कारण शारीभरक एवं मानभसक र्तनाव उत्पन्न होर्ता है। भिन्र्ता की मात्रा
प्रत्येक व्यभि के भलए भिन्न हो सकर्ती है परंर्तु वह भवद्यमान रहर्ती है र्तथा र्तनाव का कारण बनर्ते हु ए
व्यभि के स्वास््य को भबगाड सकर्ती है।

ii. दू सरी बार्त यह है भक हाभन से संबभं धर्त अभनज्श्िर्तर्ता की ज्स्थभर्त में, दूरदर्थशर्ता यह होगी भक ऐसी
संिाभवर्त घटना का सामना करने के भलए आरभक्षर्त भनभध (भरजवव फंड) बिा कर रिी जाए। ऐसी भनभध
के गठन में कीमर्त िुकानी पडर्ती है। उदाहरण के भलए, ऐसे फंड, नकदी के रूप में रिे जा सकर्ते हैं
भजनसे भमलने वाला प्रभर्तफल न्यून होर्ता है।

बीमाकर्ता को जोभिम दे कर मानभसक शांभर्त का आनन्द लें सकर्ते हैं , भनभध भजसे भरज़वव के रूप में बिा कर
रिना पडर्ता उसका भनवेश कर सकर्ते हैं र्तथा अपने कारोबार को और प्रिावी बनाने की योजना बना सकर्ते हैं ।
इन कारणों से यह सुस्पष्ट है भक बीमा की आवश्यकर्ता है।

स्व परीक्षण 2

भनम्पनभलभिर्त में से जोभिम का कम महत्वपूणव (सेकंडरी) बोझ क़ौन सा है?

I. कारोबार व्यवधान लागर्त


II. माल नष्ट हो जाने की लागर्त
III. िभवष्य में संिाभवर्त हाभनयों को पूरा करने हे र्तु आरभक्षर्त भनभध (भरजववस) को अलग बिा कर रिना
IV. ह्रदयाघार्त के कारण अस्पर्ताल में िरर्ती होने के पभरणामस्वरूप आने वाली भिभकत्सकीय लागर्त

C. जोभिम प्रबंधन की र्तकनीक (भरस्क मैनेजमेंट टे कनीक)

एक अन्य प्रश्न यह पूछा जा सकर्ता है भक क्या जोभिम की सिी प्रकार की पभरज्स्थभर्तयों में बीमा ही इसका सही
समाधान है। इसका जवाब है - नहीं।

बीमा कई उपायों में से एक उपाय है भजसके ज़भरए लोग अपने जोभिमों का प्रबंधन कर सकर्ते हैं । इसके ज़भरए
वे बीमा कंपनी को अपने जोभिम दे दे र्ते हैं । र्तथाभप, जोभिम से जूझने के भलए कुछ अन्य उपाय िी हैं भजनका
भववरण नीिे प्रस्र्तुर्त है -

1. जोभिम से बिाव

हाभन की ज्स्थभर्त से बिर्ते हु ए जोभिम को भनयंभत्रर्त करना ही जोभिम से बिाव कहा जार्ता है। इस प्रकार ऐसी
संपभि, व्यभि अथवा गभर्तभवभध से बिाना िाभहए भजसमें हाभन की संिावना हो।

उदाहरण

i. कुछ लोग कुछ भनज्श्िर्त भनमाण के कायव का ठे का भकसी अन्य व्यभि को सौंपर्ते हु ए भनमाण से जु डे कुछ
जोभिमों को झे लने से मना कर सकर्ते हैं ।

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ii. कोई दु घवटनाग्रस्र्त हो सकने के िय से घर से बाहर ही नहीं भनकलर्ते अथवा भवदे शों में स्वास््य के भबगड
जाने के िय से भवदे श यात्रा ही नहीं करें ।

परंर्तु जोभिम से बिाव, जोभिम संिालने का नकारात्मक उपाय है। कुछ जोभिम िरी गभर्तभवभधयों का सामना
करने से ही वैयभिक एवं सामाभजक भवकास होर्ता है। ऐसी गभर्तभवभधयों से बिने से व्यभि एवं समाज जोभिम
िरी जाभर्त भवभधयों से प्राप्र्त होने वाले लाि से वंभिर्त रह सकर्ते हैं ।

2. जोभिम अपने पास रिना (भरस्क भरटें शन)

व्यभि जोभिम के प्रिाव को संिालने करने की कोभशश करर्ता है एवं स्वयं ही जोभिम र्तथा उस्के

प्रिाव को सहने का भनणवय लेर्ता है। यह स्व-बीमा (स्लफ इंश्योरंस) के रुप में जाना जार्ता है।

उदाहरण

कारोबारी घराने कुछ भनज्श्िर्त सीमा र्तक छोटी-छोटी हाभनयों को वहन करने की अपनी क्षमर्ता के अनु िव के
आधार पर स्वयं ही जोभिम अपने पास रिने का भनणवय ले सकर्ते हैं ।

3. जोभिम कम करना एवं भनयंत्रण (भरस्क भरडकशन एण्ड कंट्ोल)

यह जोभिम बिाव की र्तुलना में अभधक व्यावहाभरक एवं उपयुि उपाय है। इसका अथव है भक हाभन की घटना के
अवसर को कम करने हे र्तु कदम उठाना एवं/अथवा ऐसी हाभन के घटने पर उसके प्रिाव की गंिीरर्ता को कम
करना।

महत्वपूणव

घटना के अवसर को कम करने के भलए उठाए गए उपायों को 'हाभन रोकथाम (लॉस भप्रवेशन)' कहर्ते हैं। हाभन
की मात्रा को कम करने के उपायों को 'हाभन कम करना (लॉस भरडक्शन)' कहर्ते हैं ।

जोभिम की कट़ौर्ती के भलये भनम्पनभलभिर्त एक या अभधक उपायों के ज़भरए हाभन की बाराबारर्ता फ्रीकवेंभस
एवं/अथवा मात्रा को कम करने में शाभमल भकया जार्ता हैः

a) भशक्षा एवं प्रभशक्षणः- जैसे आग फैलने पर उससे बिने की प्रभिया से कमविाभरयों को भनयभमर्त रूप से
भिल करवाना अथवा िाइवरों, फोकवभलफ्ट के िालकों को हे लमे ट व सीट बेलट पहनने की भवभध आभद
के संबंध में पयाप्र्त प्रभशक्षण सुभनज्श्िर्त करवाना।

इसका एक उदाहरण स्कुल जाने वाले बछिों को यह भसिाना है भक वे जंक फुड न िाएं।

b) पयावरण संबध
ं ी पभरवर्तवनः जैसे “ ि़ौभर्तक ” हालार्तों में सुधार। जैसे उदाहरण के भलए दरवाज़ों पर
बेहर्तर र्ताले, भिडभकयों पर भसटकभनयााँ अथवा शटर, िोर घंटी या अज्ग्न िेर्तावनी अथवा
अज्ग्नशामक लगाना। शासन (सरकार) प्रदू षण एवं ध्वभन प्रदू षण के स्र्तर को कम करर्ते हु ए अपने
नागभरकों के स्वास््य स्र्तर में सुधार के उपाय कर सकर्ता है। मलेभरया दवाई को भनयभमर्त रूप से
भछडकने से बीमारी के फैलाव को रोका जा सकर्ता है।

c) मशीनरी एवं उपकरण के प्रयोग के द़ौरान अथवा अन्य कायों के प्रयोग के द़ौरान िर्तरनाक या
जोभिमिरे संिालनों में भकए गए पभरवर्तवन।

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उदाहरण के भलए सही समय पर सही ढं ग का िाना िाने से बीमार पडने की घटनाएं कम हो जार्ती हैं
भजससे जीवनशैली िी स्वास््यवधवक हो जार्ती है।

d) अलग-अलग रिना, प्रापटी के भवभिन्न आईटमों को एक ही स्थान पर इकाठ्ठा रिने के बजाए भवभिन्न
स्थानों पर रिने पर जोभिम को भनयंभत्रर्त भकया जा सकर्ता है। यह भविार है भक यभद एक स्थान पर
कोई दु घवटना घटर्ती है र्तो सिी वस्र्तुओं के उस को एक ही स्थान पर न रिर्ते हु ए नु कसान के प्रिाव
को कम भकया जा सकर्ता है।

उदाहरण के भलए, माल को अलग-अलग गोदामों में रिने पर हाभन को कम भकया जा सकर्ता है। इनमें
से एक के नष्ट होने पर िी, इसके प्रिाव को काफी मात्रा में कम भकया जा सकर्ता है।

4. जोभिम का भविप्रबंध (भरस्क फाइनैल्न्सग)

इसका आशय, हाभन के घटने पर आवश्यक भनभध का प्रावधान करना है।

a) स्व-भविीयन के ज़भरए जोभिम अपने पास रिना में भकसी िी प्रकार की हाभन होने पर स्वयं ही िुगर्तान
भकया जार्ता है। इस प्रभिया में, फमव अपने जोभिम का आकलन स्वयं करर्ते हु ए अपनी भनजी अथवा
उधार ली हु ई भनभध के ज़भरए िुगर्तान करर्ती है। इस प्रभिया को स्व-बीमा कहर्ते हैं । फमव द्वारा, हाभन के
प्रिाव को स्वयं ही सहन करने योग्य बनाने हे र्तु जोभिम कम करने के भवभिन्न उपायों को िी अपनाया
जा सकर्ता है।

b) जोभिम को भकसी और को दे दे ना (भरस्क ट्ांसफर), जोभिम को अपने पास रिना का भवकलप है।
जोभिम को भकसी और को दे दे ने में हाभन से संबंभधर्त भजम्पमे दाभरयों को अन्य पक्ष को दे भदया जार्ता है।
इसके र्तहर्त, आकज्स्मक घटना(या आपदा) के पभरणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली हाभन को अन्य पक्ष
को दे भदया जार्ता है।

बीमा जोभिम को भकसी और को दे दे ने का एक मुख्य स्वरूप है, और यह बीमा क्षभर्तपूर्थर्त के ज़भरए अभनज्श्िर्तर्ता
को भनज्श्िर्तर्ता में बदलने की अनु मभर्त प्रदान करर्ता है।

इंश्योरें स बनाम एश्योरें स

इंश्योरें स एवं एश्योरें स दोनों ही, कंपभनयों द्वारा प्रस्र्तुर्त भकए जाने वाले भविीय उत्पाद हैं भजनका संिालन
वाभणज्ययक रूप से भकया जार्ता है। इन दोनों के बीि का अंर्तर अत्यंर्त अस्पष्ट होर्ता जा रहा है र्तथा दोनों को
एक समान अथव में माना जाने लगा है। परंर्तु दोनों के बीि अभर्त सूक्ष्म भिन्नर्ताएं भवद्यमान हैं भजनकी ििा नीिे की
गई है।

इंश्योरें स का आशय, घट सकने वाली घटना से सुरक्षा प्रदान करना है जबभक एश्योरें स का आशय अवश्य
घटने वाली घटना से सुरक्षा प्रदान करना है। इंश्योरें स, जोभिम के भलये सुरक्षा प्रदान करर्ती है जबभक एश्योरें स
भनज्श्िर्त घटना जैसे मृत्यु, जो भनज्श्िर्त है लकर्तु उसका समय अभनज्श्िर्त है, के भलये सुरक्षा प्रदान करर्ती है।
एश्योरें स पाभलसी जीवन सुरक्षा से जु डी होर्ती हैं ।

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भित्र 4 : बीमा भकसी बीभमर्त की भकस प्रकार क्षभर्तपूर्थर्त करर्ता है

भकसी व्यभि ने मोटर बीमा कराया है

वह व्यभि दु घवटनाग्रस्र्त हो जार्ता है

र्तब वह दावा करर्ता है

बीमा कंपनी उस व्यभि को क्षभर्तपूर्थर्त करर्ती है

जोभिम ट्ांसफर के अन्य उपाय िी हैं । उदाहरण के भलए, जब कोई फमव भकसी समूह का सदस्य होर्ती है,
जोभिम का ट्ांसफर मूल समूह में हो सकर्ता है और उसके द्वारा हाभनयों की भवि से पूर्थर्त की जाएगी।

अर्तः बीमा, जोभिम ट्ांसफर के भबभिन्न उपायों में से एक है।

स्व परीक्षण 3

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सी भवभध जोभिम ट्ांसफर से संबभं धर्त है ?

I. बैंक एफ डी

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II. बीमा
III. इज्क्वटी शेयर
IV. िू सम्पपदा (भरअल इस्टे ट)

D. जोभिम प्रबंधन के साधन के रूप में बीमा

जब हम जोभिम के भवषय में बार्त करर्ते हैं , र्तो हम उस हाभन की बार्त नहीं करर्ते हैं जो घट िुकी है, परंर्तु उस
हाभन की बार्त करर्ते हैं, भजसके घटने की संिावना हो। अर्तः यह एक अपेभक्षर्त हाभन होर्ती है। इस अपेभक्षर्त हाभन
का मूलय (जो भक जोभिम के मूलय के समान होर्ता है)दो र्तत्वों पर भनिवर होर्ती हैः

i. यह संिावना (प्रॉबेभबभलभट) भक भजस िर्तरे को बीभमर्त भकया जा रहा है, घभटर्त हो सकर्ता है, भजससे
हाभन होगी।
ii. प्रिाव (इम्पपेक्ट) इसके पभरणामस्वरूप हो सकने वाली हाभन की धन राभश।

जोभिम के मूलय में, हाभन की संिावना एवं हाभन की धन राभश दोनों से संबभं धर्त प्रत्यक्ष अनु पार्त में वृभद् होगी।
र्तथाभप, यभद हाभन की धनराभश बहु र्त अभधक होर्ती है, र्तथा उसकी संिावना बहु र्त कम होर्ती है र्तो जोभिम का
मूलय िी कम होगा।

भित्र 5 : बीमा के ियन से पूवव ध्यान दी जाने वाली बार्तें

बीमा ियन से पूवव


ध्यान दी जाने वाली
बार्तें

हाभन सह सकने की जोभिम के संिाभवर्त


थोडे के भलए बहु र्त
साम्यव से ययादा पभरणामों के बारे में
ययादा जोभिम न
जोभिम न लें सावधानी पुववक सोिें
लें
1. बीमा ियन से पूवव ध्यान दी जाने वाली बार्तें

बीमा लेने या न लेने का भनणवय लेने से पूवव हाभन घटने से आने वाली लागर्त एवं जोभिम ट्ांसफर के मूलय में
र्तुलना करनी िाभहए एवं यह समझना होगा भक क्या स्वयं ही हाभन की लागर्त वहन करना बेहर्तर होगा। जोभिम
ट्ांसफर की लागर्त ही बीमा का प्रीभमयम है - भजसकी गणना उपरोि पभरछछे द में उज्ललभिर्त दो र्तत्वों द्वारा की
जार्ती है। बीमा की बेहर्तरीन पभरज्स्थभर्तयां वे होर्ती हैं जहााँ संिावना बहु र्त की कम होर्ती हैं परंर्तु हाभन का प्रिाव
बहु र्त अभधक हो सकर्ता है। ऐसे उदाहरण में बीमा (प्रीभमयम)के ज़भरए जोभिम के ट्ांसफर का मूलय बहु र्त कम
होगा जबभक स्वयं ही हाभन के वहन करने की लागर्त बहु र्त अभधक होगी।

a) थोडे के भलए बहु र्त ययादा जोभिम न लें : जोभिम ट्ांसफर का मूलय और इससे उत्पन्न मूलय (वेलयू)
के बीि अवश्य ही संर्तुभलर्त संबंध होना िाभहए।

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उदाहरण

क्या एक साधारण सी बॉल पेन का बीमा करना साथवक होगा ?

b) हाभन सह सकने की सम्यव से ययादा जोभिम न लें : यभद भकसी घटना के कारण होने वाली हाभन
इर्तनी बृहत् हो भक उससे लगिग भदवाभलयापन की ज्स्थभर्त उत्पन्न हो जाए, र्तो जोभिम प्रभर्तधारण,
उभिर्त एवं उपयुि नहीं होगा।

उदाहरण

भकसी र्ते ल भरफाइनेरी के क्षभर्तग्रस्र्त या नष्ट हो जाने पर क्या होगा ?क्या कोई कंपनी इस हाभन को सहन
कर पाएगी?

c) जोभिम के संिभवर्त पभरणामों के बारे में ध्यानपूववक सोिें : ऐसी सम्पपभर्तयों का बीमा कराना सववश्रेष्ठ
होर्ता है भजसमें हाभन के घटने (बारंबारर्ता) की संिावना बहु स कम हो परंर्तु संिाव्य प्रिाव बहु र्त अभधक
हो।

उदाहरण

क्या कोई अंर्तभरक्ष उपग्रह का बीमा नहीं करा कर ििव उठा सकर्ता है?

स्व परीक्षण 4

भनम्पनभलभिर्त पभरदृश्यों भकसके भलए बीमा की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है?

I. पभरवार का एकमात्र कमाने लाला भजसकी असामभयक मृत्यु हो सकर्ती है।


II. भकसी व्यभि का बटु आ (पसव) गुम हो सकर्ता है।
III. शेयर मूलयों में बहु र्त र्तेजी से भगरावट आ सकर्ती है।
IV. प्राकृभर्तक टू टफूट से घर का मूलय कम हो सकर्ता है।

E. समाज में बीमा की िूभमका

बीमा कंपभनयां, दे श के आर्थथक भवकास में महत्वपूणव िूभमका भनिार्ती हैं । दे श की संपभि की सुरक्षा एवं बिाव
सुभनज्श्िर्त करने हे र्तु उनका योगदान महत्वपूणव है। उनके योगदानों में से कुछ की ििा भनम्पनभलभिर्त है –

a) उनके द्वारा भकए गए भनवेश से समाज को बहु र्त अभधक लाि होर्ता है। बीमा कंपनी की मजबूर्ती इस बार्त
पर कायम है भक िारी मात्रा में राभश एकभत्रर्त कर प्रीभमयम के रूप में पूललग की जार्ती है ।

b) इन भनभधयों को एकभत्रर्त कर, पॉभलसीधारकों के लाि हे र्तु रिा जार्ता है। बीमा कंपभनयों द्वारा इस पहलू
पर ध्यान दे र्ते हु ए हमे शा समुदाय के लाि हे र्तु इस भनभध के प्रयोग से संबंभधर्त अपने सिी भनणवय भलये
जार्ते हैं । यह भनवेशों पर िी लागू होर्ता है। इसीभलए सफल बीमा कंपभनयां किी िी जोभिम िरे भनवेश
जैसे स्टॉक एवं शेयर में भनवेश नहीं करर्ती हैं ।

c) बीमा प्रणाली, व्यभि, उसके पभरवार, उद्योग एवं वाभणयय र्तथा समुदाय और संपूणव राष्ट् को प्रत्यक्ष
एवं अप्रत्यक्ष कई लाि प्रदान करर्ती है। बीभमर्त- व्यभि एवं उद्यम दोनों ही प्रत्यक्ष रूप से लािाज्न्वर्त

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होर्ते हैं क्योंभक उन्हें ऐसी हाभन के पभरणामों से सुरभक्षर्त रिा जार्ता है जो दु घवटना अथवा आकज्स्मक
घटनाओं के कारण उत्पन्न हो सकर्ती हैं । अर्तः बीमा उद्योग की पूाँजी को सुरक्षा प्रदान करर्ता है एवं
कारोबार र्तथा उद्योगों के अभर्तभरि भवस्र्तार एवं भवकास हे र्तु पूंजी प्रदान करर्ता है।

d) बीमा िभवष्य से जु डे िय, लिर्ता एवं आशंकाओं को दूर करर्ता है और इसके फलस्वरूप कारोबारी
उद्यमों में िु लकर पूज
ं ी भनवेश को प्रोत्साभहर्त करर्ता है र्तथा भवद्यमान संसाधनों के सफल उपयोग को
बढ़ावा दे र्ता है। अर्तः बीमा रोजगार के अवसरों में बढ़ोिरी केसाथ वाभणज्ययक और औद्योभगक भवकास
का िी प्रोत्साहन करर्ता है साथ ही स्वस्थ अथवव्यवस्था एवं राष्ट्ीय उत्पादन में वृभद् में िी योगदान
प्रदान करर्ता है।

e) बैंक अथवा भविीय संस्था, संपभि के बीमायोग्य आपदाओं या हाभन के संबध


ं में बीभमर्त होने पर ही ऋण
प्रदान करर्ती है, अन्यथा नहीं। अभधकांश संस्थाएं, यह जोर डालर्ती हैं भक पॉभलसी का समनु देशन
सम्पपार्श्श्वक जमानर्त (कोलेट्ल सेक्युभरटी) के रूप में भकया जाना िाभहए।

f) जोभिम स्वीकृर्त करने से पहले बीमाकर्ता योग्यर्ता प्राप्र्त इंजीभनयरों एवं भवशेषज्ञों से बीभमर्त की जाने
वाली संपभि के सवेक्षण एवं भनरीक्षण की व्यवस्था करर्ते हैं । वे मूलयांकन के प्रय़ोजन हे र्तु न केवल
जोभिम का आकलन करर्ते हैं परंर्तु साथ ही बीभमर्त को जोभिम में भवभिन्न सुधारों की भसफाभरश एवं
भटप्पणी करर्ते हैं भजससे उन पर प्रीभमयम की न्यून लागार्त आए।

g) बीमा का स्थान भनयार्त कारोबार, ऩौपभरवहन एवं बैंलकग सेवाओं के समान है क्योंभक यह दे श के भलए
भवदे शी मुद्रा अर्थजर्त करर्ता है। िारर्तीय बीमाकर्ता 30 से अभधक दे शों में कायवरर्त हैं । ये पभरिालन,
भवदे शी मुद्रा अर्थजर्त करर्ते हैं र्तथा अदृश्य भनयार्त का प्रभर्तभनभधत्व करर्ते हैं ।

बीमाकर्ता अज्ग्न हाभन रोकथाम, कागो हाभन रोकथाम, औद्योभगक सुरक्षा एवं सडक सुरक्षा में शाभमल कई
एजेंभसयों एवं संस्थाओं से भनकटर्ता से जु डे हैं ।

जानकारी

बीमा एवं सामाभजक सुरक्षा

a) अब यह सववमान्य है भक सामाभजक सुरक्षा रायय का दाभयत्व है। इस प्रयोजन हे र्तु पाभरर्त भवभिन्न कानूनों में
बीमा का प्रय़ोग सामाभजक सुरक्षा के एक साधन के रूप में अभनवाय़व अथवा स्वैज्छछक रूप से शाभमल है।
केंद्रीय एवं रायय सरकारें , सामाभजक सुरक्षा की कुछ योजनाओं के र्तहर्त प्रीभमयम का अंशदान करर्ती हु ए
अपनी सामाभजक प्रभर्तबध्दर्ता पूरी करर्ते हैं । कमविारी रायय बीमा अभधभनयम, 1948, औद्योभगक कमविाभरयों
को जो बीभमर्त सदस्य हैं र्तथा उनके पभरवारों के लाि हे र्तु बीमारी, भवकलांगर्ता, प्रसू भर्त एवं मृत्युसंबध
ं ी व्यय
का िुगर्तान कमविारी रायय बीमा भनगम करर्ता है। यह योजना सरकार द्वारा अभधसूभिर्त कुछ औद्योभगक
क्षेत्रों में संिाभलर्त है।

b) सरकार द्वारा प्रायोभजर्त सामाभजक सुरक्षा योजनाओं में बीमाकर्ता मुख्य िूभमका भनिार्ते हैं । फसल बीमा
योजना(आरकेबीवाई), सामाभजक ग़ौरव का एक प्रमुि उपाय है। यह योजना केवल बीभमर्त भकसानों को
ही नहीं अभपर्तु प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पूरे समुदाय को लािाज्न्वर्त करर्ती है।

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c) वाभणज्ययक आधार पर संिाभलर्त सिी ग्रामीण बीमा योजनाएं अंर्तर्तः ग्रामीण पभरवारों को सामाभजक सुरक्षा
प्रदान करने के भलए र्तैयार की गई हैं ।

d) सरकारी योजनाओं को सहयोग प्रदान करने के अलावा, बीमा उद्योग वाभणज्ययक आधार पर स्वयं ही ऐसी
बीमा सुरक्षा प्रदान करर्ते हैं भजसका परम उद्देश्य सामाभजक सुरक्षा प्रदान करना है। उदाहरण हैं – जनर्ता
वैयभिक दु घवटना, जन आरोग्य आभद।

स्व परीक्षण 5

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सी बीमा योजना सरकार द्वारा नहीं बज्लक बीमाकर्ता द्वारा प्रायोभजर्त है ?

I. कमविारी रायय बीमा भनगम


II. फसल बीमा योजना
III. जन आरोग्य
IV. उपरोि सिी

सारांश

 बीमा जोभिम पूललग के ज़भरए जोभिम ट्ांसफर है।

 आजकल प्रिभलर्त वाभणज्ययक बीमा कारोबार की शुरुआर्त लंदन में लॉयड्स कॉफी हाउस में हु ई थी।

 बीमा व्यवस्था में भनम्पनभलभिर्त जैसे र्तत्व शाभमल हैं :

 सम्पपभर्त
 जोभिम
 आपदा
 अनु बंध
 बीमाकर्ता एवं
 बीभमर्त

 जब एक जैसी सम्पपभर्त या पभरसंपभियों के माभलक, जो एक जैसी जोभिम वहन करर्ते हैं , भनभध (फंड) के
सामूभहक पूल में अपना-अपना अंश दे र्ते हैं र्तो उसे पूललग कहर्ते हैं ।

 बीमा के अलावा, जोभिम प्रबंधन की अन्य र्तकनीकों में शाभमल हैं :

 जोभिम से बिाव
 जोभिम भनयंत्रण
 जोभिम अपने पास रिना
 जोभिम भविप्रबंध
 जोभिम को भकसी और को दे दे ना

 बीमा के मुख्य भनयम हैं –

 हाभन सह सकने की साम्यव से ययादा जोभिम न लें


 जोभिम के संिाभवर्त पभरणामों के बारे में ध्यानपूववक सोिें

17
 थोडी के भलए बहु र्त ययादा जोभिम न लें।

प्रमुि शब्दावली

1. जोभिम
2. पूललग
3. सम्पपभर्त/पभरसंपभि
4. जोभिम का बोझ
5. जोभिम से बिाव
6. जोभिम भनयंत्रण
7. जोभिम अपने पास रिना
8. जोभिम का भविप्रबंध
9. जोभिम को भकसी और को दे दे ना

18
स्व परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

िारर्त में िारर्तीय बीमा भवभनयामक एवं भवकास प्राभधकारण बीमा उद्योग का भनयामक (रे ग्युलेटर) है।

उिर 2

सही भवकलप III है।

िावी संिाभवर्त हाभनयों हे र्तु प्रावधान के र्त़ौर पर आरभक्षर्त भनभध (भरजववस) भनमाण कम महत्वपूणव (सेकंडरी)
जोभिम बोझ है।

उिर 3

सही भवकलप II है।

बीमा जोभिम ट्ांसफर का उपाय है।

उिर 4

सही भवकलप I है।

पभरवार के एकमात्र कमाने वाले की असामभयक मृत्यु से पूरे पभरवार को स्वयं ही अपनी दे ििाल करने की
ज्स्थभर्त में जीवन बीमा की िरीद आवश्यक हो जार्ती है।

उिर 5

सही भवकलप III है।

जन आरोग्य बीमा योजना सरकार द्वारा नहीं बज्लक बीमाकर्ता (इंश्योरे र) द्वारा प्रायोभजर्त है।

स्व परीक्षण प्रश्न

प्रश्न 1

जोभिम पूललग के ज़भरए भकये जाने वाले जोभिम ट्ांसफर को _______ कहर्ते हैं ।

I. बिर्त
II. भनवेश
III. बीमा
IV. जोभिम घटाना

प्रश्न 2

जोभिम घटने के अवसरों को कम करने संबंधी उपायों को __________ कहर्ते हैं ।

I. जोभिम अपने पास रिना (भरटें शन)


II. हाभन रोकथाम (भप्रवेशन)

19
III. जोभिम ट्ांसफर
IV. जोभिम से बिाव

प्रश्न 3

बीमाकर्ता (इंश्योरर) को जोभिम ट्ांसफर करने पर यह________संिव हो जार्ता है।

I. हमारा अपनी संपभर्तयों के प्रभर्त लापरवाह होना।


II. हाभन की ज्स्थभर्त में बीमा से धन प्राप्र्त करना।
III. हमारी संपभर्तयों में भनभहर्त संिाभवर्त जोभिमों को अनदे िा करना।
IV. शांभर्तपूववक अपने कारोबार को और अभधक प्रिावी बनाने की योजना करना।

प्रश्न 4

आधुभनक बीमा कारोबार की शुरुआर्त ____________से हु ई थी।

I. बॉटमरी
II. लॉयड्स
III. रोड्स
IV. मलहोत्रा सभमभर्त

प्रश्न 5

बीमा के संदिव में जोभिम अपने पास रिना ऐसी पभरज्स्थभर्त की ओर संकेर्त करर्ता है जहााँ

I. हाभन या नु कसान की संिावना नहीं है


II. हाभन उत्पन्न करने वाली घटना का कोई मूलय नहीं है
III. संपभि को बीमा की सुरक्षा प्राप्र्त है
IV. व्यभि स्वयं ही जोभिम एवं उसके प्रिाव को झे लने का भनणवय लेर्ता है।

प्रश्न 6

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा कथन सही है?

I. बीमा आज्स्र्त की सुरक्षा करर्ता है


II. बीमा हाभन की रोकथाम करर्ता है
III. बीमा हाभन की संिावना को कम करर्ता है
IV. संपभर्त की हाभन होने पर बीमा िुगर्तान करर्ता है

प्रश्न 7

400 घरों में से प्रत्येक का मूलय रु. 20,000/-, औसर्तन 4 घरों में प्रभर्त वषव आग लग जार्ती है भजससे
कुल रु 80,000/- की हाभन होर्ती है। इस हाभन की क्षभर्तपूर्थर्त के भलए प्रत्येक घर के माभलक को वार्थषक
रूप से भकर्तना अंशदान करना होगा?

I. रु. 100/-
II. रु. 200/-

20
III. रु. 80/-
IV. रु. 400/-

प्रश्न 8

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा कथन सही है ?

I. बीमा कुछ लोगों की हाभन को बहु र्त लोगों द्वारा आपस में बांटने की भवभध है।
II. बीमा एक व्यभि के जोभिम भकसी अन्य व्यभि के पास अंर्तभरर्त करने की भवभध है।
III. बीमा बहु र्त लोगों की हाभन को कुछ लोगों द्वारा आपस में बांटने की भवभध है।
IV. बीमा कुछ व्यभियों के लाि को कई व्यभियों में अंर्तभरर्त करने की भवभध है।

प्रश्न 9

बीमाकर्ता जोभिम स्वीकरण से पूवव संपभर्त के सवेक्षण एवं भनरीक्षण की व्यवस्था क्यों करर्ते हैं ?

I. मूलयांकन के प्रयोजन हे र्तु जोभिम आकलन के भलए।


II. यह जानने के भलए भक बीभमर्त ने संपभर्त की िरीदी कैसे की है।
III. यह जानने के भलए भक क्या अन्य बीमाकर्ताओं ने िी संपभर्त का भनरीक्षण भकया है।
IV. यह जानने के भलए भक क्या पडोस की संपभर्त को िी बीभमर्त भकया जा सकर्ता है।

प्रश्न 10

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा भवकलप बीमा प्रभिया को पूणव रूप से समझार्ता है।

I. कई लोगों की हाभन को कुछ द्वारा आपस में बांट लेना


II. कुछ लोगों की हाभन को कई लोगों द्वारा आपस में बांट लेना
III. एक व्यभि द्वारा कुछ लोगों की हाभन को बांट लेना
IV. अनु दान के ज़भरए हाभन की साझे दारी

स्व परीक्षण के प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप III है।

जोभिम पुललग के ज़भरए जोभिम अंर्तरण को बीमा कहर्ते हैं ।

उिर 2

सही भवकलप II है।

जोभिम घटने के अवसरों को कम करने संबंधीउपायों को हाभन की रोकथाम कहर्ते हैं।

उिर 3

सही भवकलप IV है।

21
बीमाकर्ता के समक्ष जोभिम के अंर्तरण से शांभर्तपूववक कारोबार को और अभधक प्रिावी बनाने की योजना बनाई
जा सकर्ती है।

उिर 4

सही भवकलप II है।

आधुभनक बीमा कारोबार की शुरुआर्त लॉयड्स से हु ई थी।

उिर 5

सही भवकलप IV है।

बीमा के संदिव में हाभन की रोकथाम, ऐसी ज्स्थभर्त की ओर संकेर्त करर्ता है जहााँ व्यभि स्वयं ही जोभिम और
उसके प्रिाव को वहन करने का भनणवय लेर्ता है।

उिर 6

सही भवकलप IV है।

आज्स्र्त के नष्ट होने पर बीमा द्वारा िुगर्तान भकया जार्ता है।

उिर 7

सही भवकलप II है।

रु. 200/- प्रभर्त घर की दर से हाभन को कवर भकया जा सकर्ता है।

उिर 8

सही भवकलप I है।

बीमा कुछ व्यभियों की हाभन को कई व्यभियों द्वारा आपस में बांटने की भवभध है।

उिर 9

सही भवकलप I है।

जोभिम स्वीकरण से पूवव, बीमाकर्ता मूलयांकन प्रयोजन के भलए जोभिम के आकलन हे र्तु संपभर्त के सवेक्षण और
भनरीक्षण की व्यवस्था करर्ते हैं ।

उिर 10

सही भवकलप II है।

बीमा एक ऐसी प्रभिया है भजसके र्तहर्त, कुछ लोगों, भजन्हें दु िाग्यवश हाभन का सामना करना पडर्ता है, की
हाभन को ऐसे लोगों के बीि आपस में बांटा जार्ता है, भजनके समक्ष िी समान अप्रत्याभशर्त
घटनाओं/पभरज्स्थभर्तयों की संिावना हो।

22
अध्याय 2

ग्राहक सेवा

अध्याय पभरिय

इस अध्याय में आप ग्राहक सेवा के महत्व को जानेंगे। आप ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में एजेंटों की िूभमका
के बारे में जानेंगे। आप बीमा पॉभलसी धारकों के भलए उपलब्ध भवभिन्न भशकायर्त भनवारण प्रणाभलयों को िी
जानेंगे। इसके अलावा आप ग्राहक के साथ संवाद करने और उनसे जु डने के र्तरीकों को जानेंगे।

अध्ययन के पभरणाम

क. ग्राहक सेवा - सामान्य अवधारणाएं


ि. उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने में बीमा एजेंट की िूभमका
ग. भशकायर्त भनवारण
घ. संवाद की प्रभिया
ङ. गैर-म़ौभिक संवाद
ि. नैभर्तक आिरण

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:


1. ग्राहक सेवाओं के महत्व का वणवन करना
2. सेवा की गुणविा का वणवन करना
3. बीमा उद्योग में सेवा के महत्त्व का परीक्षण करना
4. अछछी सेवा प्रदान करने में एक बीमा एजेंट की िूभमका पर ििा करना
5. बीमा में भशकायर्त भनवारण प्रणाली की समीक्षा करना
6. संवाद की प्रभिया को समझाना
7. गैर-म़ौभिक संवाद के महत्व को प्रदर्थशर्त करना
8. नैभर्तक आिरण की भसफाभरश करना

23
क. ग्राहक सेवा - सामान्य अवधारणाएं

1. ग्राहक सेवा क्यों?

ग्राहक भकसी व्यवसाय को उसकी मूलिूर्त जरूरर्त प्रदान करर्ते हैं और कोई िी उद्यम उनको उदासीनर्ता से
नहीं दे ि सकर्ता है। ग्राहक सेवा और संबध
ं ों की िूभमका भकसी िी अन्य उत्पाद की र्तुलना में बीमा के मामले में
कहीं अभधक महत्वपूणव है।

इसका कारण यह है भक बीमा एक सेवा है और वास्र्तभवक सामान से बहु र्त अलग है।

आइए हम दे िें भक कैसे बीमा िरीदना एक कार िरीदने से अलग है।

एक कार कार का बीमा


यह एक ठोस वस्र्तु है भजसे दे िा, संिालन यह िभवष्य में एक अप्रत्याभशर्त दु घवटना के कारण
परीक्षण और अनु िव भकया जा सकर्ता है। कार को हु ए नुकसान या क्षभर्त के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त
करने का एक अनुबंध है। दु िाग्यपूणव घटना
घभटर्त होने र्तक बीमा के लाि को दे िा या स्पशव
या अनु िव नहीं भकया जा सकर्ता है।
िरीद के समय कार के िरीदार को कुछ िु शी बीमा की िरीद र्तत्काल िु शी की अपेक्षा पर
की अपेक्षा होर्ती है। यह अनु िव वास्र्तभवक और आधाभरर्त नहीं है बज्लक यह एक संिाभवर्त त्रासदी
समझने में आसान है। के िय/लिर्ता पर आधाभरर्त है।
यह संिव नहीं है भक कोई िी बीमा ग्राहक एक
ऐसी ज्स्थभर्त की ओर नहीं दे िेगा जहां लाि दे य
होर्ता है।
एक कार को फैक्ट्ी की एसेंबली लाइन में बीमा के मामले में यह दे िा जा सकर्ता है भक
बनाया, शोरूम में बेिा और सडक पर इस्र्ते माल उत्पादन और उपिोग साथ-साथ होर्ता है।
भकया जार्ता है। उत्पादन और उपिोग की यह समकालीनर्ता सिी
बनाने, बेिने और इस्र्ते माल करने की र्तीन सेवाओं की एक भवभशष्ट भवशेषर्ता है ।
प्रभियाएं र्तीन अलग-अलग समय और स्थानों
पर पूरी होर्ती हैं ।

ग्राहक को वास्र्तव में सेवा का अनु िव प्राप्र्त होर्ता है। अगर यह संर्तोषजनक से कम है र्तो असंर्तोष का कारण
बनर्ता है। अगर सेवा उम्पमीद से बेहर्तर होर्ती है र्तो ग्राहक को िु शी होगी। इस प्रकार हर उद्यम का लक्ष्य अपने
ग्राहकों को िु श करना होना िाभहए।

2. सेवा की गुणविा

उछि गुणविापूणव सेवा प्रदान करना और ग्राहक को िुश करना बीमा कंपभनयों और उनके कर्थमयों के भलए
आवश्यक है भजसमें उनके एजेंट िी शाभमल हैं ।

24
लेभकन उछि गुणविापूणव सेवा क्या है ? इसकी भवशेषर्ताएं क्या हैं?

सेवा की गुणविा पर एक प्रभसद् मॉडल [“SERVQUAL” नामक] हमें कुछ अंर्तदृव ज्ष्ट प्रदान करे गा। यह सेवा
की गुणविा के पांि प्रमुि संकेर्तकों पर प्रकाश डालर्ता है।

क. भवश्वसनीयर्ता : भजस सेवा का वादा भकया गया है उसे िरोसे के साथ और सही ढं ग से पूरा करने
की क्षमर्ता। ययादार्तर ग्राहक भवश्वसनीयर्ता को सेवा की गुणविा के पांि आयामों में सबसे
महत्वपूणव समझर्ते हैं । यही वह नींव है भजस पर भवश्वास की इमारर्त िडी होर्ती है।

ि. जवाबदे ही : यह ग्राहकों की मदद करने और ग्राहकों की जरूरर्तों के भलए त्वभरर्त प्रभर्तभिया प्रदान
करने की सेवा कर्थमयों की इछछा और क्षमर्ता को दशार्ता है। इसे गभर्त, सटीकर्ता और सेवा प्रदान
करर्ते समय िावना जैसे संकेर्तकों से मापा जा सकर्ता है।

ग. आश्वासन : यह सेवा प्रदार्ताओं के ज्ञान, योग्यर्ता और भशष्टािार र्तथा िरोसा और भवश्वास व्यि
करने की उनकी क्षमर्ता को दशार्ता है। यह ग्राहक के इस मूलयांकन से र्तय भकया जार्ता है भक सेवा
कमी ने उसकी जरूरर्तों को भकर्तनी अछछी र्तरह से समझा है और उसे पूरा करने में भकर्तना सक्षम
है।

घ. सहानु िभू र्त : इसका वणवन मानवीय िावना के रूप में भकया गया है। यह दे ििाल के रवैये और
ग्राहकों पर व्यभिगर्त रूप से ध्यान भदए जाने में पभरलभक्षर्त होर्ता है।

ङ. मूर्तव वस्र्तुएं : यह ि़ौभर्तक पयावरणीय कारकों को दशार्ता है भजसे ग्राहक ग्राहक, दे ि, सुन और
स्पशव कर सकर्ते हैं । उदाहरण के भलए, स्थान, रूपरे िा और स्वछछर्ता, व्यवस्था और
व्यावसाभयकर्ता की िावना जो व्यभि एक बीमा कंपनी के कायालय में जाकर दे िर्ता है , उसका
ग्राहक पर काफी प्रिाव पड सकर्ता है। ि़ौभर्तक वार्तावरण भवशेष रूप से महत्वपूणव हो जार्ता है
क्योंभक यह वास्र्तभवक सेवा का अनु िव भकए जाने से पहले और उसके बाद पहली और स्थायी
छाप छोडर्ता है।

3. ग्राहक सेवा और बीमा

बीमा उद्योग में भकसी िी प्रमुि भबिी उत्पादकों से यह पूछें भक वे शीषव पर पहु ं िने और वहां बने रहने में कैसे
कामयाब हु ए। आपको एक आम जवाब भमलने की संिावना है भक यह उनके म़ौजूदा ग्राहकों की कृपा और
सहयोग से संिव हु आ भजन्होंने उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहायर्ता की।

आपको यह िी पर्ता िलेगा भक उनकी आय का बडा भहस्सा अनु बध


ं ों के नवीनीकरण के कमीशन से आर्ता है।
उनके म़ौजूदा ग्राहक नए ग्राहक प्राप्र्त करने का िी रोतोर्त हैं ।

उनकी सफलर्ता का राज क्या है?

सबसे अभधक संिव जवाब है, अपने ग्राहकों की सेवा करने की प्रभर्तबद्र्ता।

ग्राहक को िु श रिना कैसे एजेंट और कंपनी के भलए लािकारी होर्ता है ?

सवाल का जवाब दे ने के भलए ग्राहक के आजीवन मूलय को दे िना उपयोगी होगा।

25
ग्राहक के आजीवन मूलय को आर्थथक लािों के एक योग के रूप में पभरिाभषर्त भकया जा सकर्ता है जो एक लंबी
अवभध में एक ग्राहक के साथ मजबूर्त संबध
ं बनाने से प्राप्र्त प्राप्र्त भकया जा सकर्ता है।

भित्र 1 : ग्राहक का आजीवन मूलय

एजेंट जो सेवा प्रदान करर्ता है और अपने ग्राहकों के साथ घभनष्ठ संबंध बनार्ता है, सद्भावना और ब्ांड मूलय
बनार्ता है जो व्यवसाय के भवस्र्तार में मदद करर्ता है।

स्व-परीक्षण 1

ग्राहक के आजीवन मूलय का क्या मर्तलब है?

I. ग्राहक को उसके जीवनकाल में सेवा प्रदान करर्ते हु ए ििव की गयी लागर्तों का योग

II. उत्पन्न व्यवसाय के आधार पर ग्राहक को भदया गया दजा

III. आर्थथक लािों का योग जो ग्राहक के साथ एक दीघवकाभलक संबंध बना कर प्राप्र्त भकया जा सकर्ता है

IV. अभधकर्तम बीमा भजसके भलए ग्राहक को भजम्पमे दार ठहराया जा सकर्ता है

ि. उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने में बीमा एजेंट की िूभमका

आइए अब हम भविार करें भक एजेंट ग्राहक को उत्कृष्ट सेवा कैसे प्रदान कर सकर्ता है। यह िूभमका भबिी के
स्र्तर पर शुरू होर्ती है और अनु बंध की पूरी अवभध में जारी रहर्ती है और इसमें भनम्पनभलभिर्त िरण शाभमल हैं ।
अब हम एक अनु बध
ं के कुछ मील के पत्थरों और प्रत्येक िरण में भनिाई गयी िूभमका पर एक नजर डालर्ते हैं।

1. भबिी का लबदु - सवोिम सलाह

सेवा का पहला केंद्र भबिी का लबदु है। गैर-जीवन बीमा की िरीद में शाभमल महत्वपूणव मुद्दों में से एक िरीदे
जाने वाले आवरण की राभश [बीमा राभश] र्तय करना है।

यहां एक बुभनयादी धारणा मन में रिना महत्वपूणव है - जहां जोभिम को अन्यथा प्रबंभधर्त भकया जा सकर्ता है ,
बीमा करने की भसफाभरश ना करें । बीमाधारक को यह सुभनज्श्िर्त करना आवश्यक है भक इसमें शाभमल अपेभक्षर्त
हाभन बीमा की लागर्त की र्तुलना में अभधक है।

अगर प्रीभमयम का िुगर्तान इसमें शाभमल हाभन की र्तुलना में अभधक हैं , र्तो भसफव जोभिम को सहन करने की
सलाह दी जा सकर्ती है।

26
दू सरी ओर, यभद भकसी आकज्स्मकर्ता की घटना भविीय बोझ का कारण बनर्ती है र्तो ऐसी आकज्स्मकर्ता के
भवरुद् बीमा करना बुभद्मानी है।

बीमा की जरूरर्त है या नहीं, यह पभरज्स्थभर्तयों पर भनिवर करर्ता है। यभद भकसी आपदा के कारण पभरसंपभि को
हाभन की संिावना नगण्य है र्तो व्यभि इसका बीमा करने के बजाय इसे बनाए रिने का भवकलप िुन सकर्ता है।
इसी प्रकार अगर भकसी वस्र्तु का मूलय मामूली है र्तो इसका बीमा नहीं हो सकर्ता है।

उदाहरण

बाढ़ प्रवण क्षेत्र में रहने वाले गृहस्वामी के भलए बाढ़ के भवरुद् आवरण िरीदना मददगार साभबर्त होगा।

दू सरी ओर, अगर गृहस्वामी के पास एक ऐसे स्थान पर घर है जहां बाढ़ का िर्तरा नगण्य है र्तो इसके भलए
आवरण प्राप्र्त करना आवश्यक नहीं हो सकर्ता है।

िारर्त में र्तीसरे पक्ष के भवरुद् मोटर बीमा कानून के र्तहर्त अभनवायव है। उस ज्स्थभर्त में व्यभि को बीमा की
जरूरर्त है या नहीं, इस बार्त पर बहस अप्रासंभगक है।

यभद कोई व्यभि वाहन का माभलक है र्तो उससे एक र्तीसरे पक्ष का बीमा िरीदना िाभहए क्योंभक यह अभनवायव
है, अगर वह साववजभनक सडक पर वाहन िलाना िाहर्ता है। साथ ही, कार को अपनी क्षभर्त के हु ई हाभन से
संिावना को आवभरर्त करना भववेकपूणव होगा जो अभनवायव नहीं है।

यभद संिाभवर्त हाभन के एक भहस्से को अपने आप वहन भकया जा सकर्ता है र्तो छूट (कट़ौर्ती) का भवकलप िुनना
बीमाधारक के भलए भकफायर्ती होगा। कॉपोरे ट ग्राहक की कारिाने , लोगों, कारों, दाभयत्व जोभिमों आभद के
आवरण से भवभिन्न प्रकार की आवश्यकर्ताएं हो सकर्ती हैं। उसे आवरणें और ली जाने वाली पॉभलभसयों के भलए
सही सलाह की जरूरर्त होगी।

अभधकांश गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयां मोटे र्त़ौर पर दो श्रेभणयों में आर्ती हैं :

 नाभमर्त जोभिम पॉभलभसयां

 सवव जोभिम पॉभलभसयां

सवव जोभिम पॉभलभसयां अभधक महं गी होर्ती हैं क्योंभक वे उन सिी हाभनयों को आवभरर्त करर्ती हैं भजनको
पॉभलसी के र्तहर्त भवशेष रूप से बाहर नहीं रिा गया है। इसभलए “नाभमर्त जोभिम” पॉभलभसयों का भवकलप
िुनना अभधक लािाकरी हो सकर्ता है जहां हाभन की सबसे अभधक संिाभवर्त कारण पॉभलसी में नाभमर्त आपदाओं
द्वारा आवभरर्त भकए जार्ते हैं, इस प्रकार एक कदम प्रीभमयम में बिर्त कर सकर्ता है और बीमाधारक को जरूरर्त
आधाभरर्त आवरण प्रदान कर सकर्ता है।

एजेंट वास्र्तव में र्तिी अपना कमीशन अर्थजर्त करना शुरू करर्ता है जब वह मामले पर सवोिम सेवा प्रदान
करर्ता है। एजेंट के भलए यह याद रिना साथवक होगा भक जहां एक व्यभि बीमा को जोभिम से भनपटने के भलए
मानक दृज्ष्टकोण के रूप में दे ि सकर्ता है , जोभिम प्रभर्तधारण या हाभन की रोकथाम जैसी अन्य र्तकनीकें िी हैं
जो बीमा की लागर्त को कम करने के भवकलपों के रूप में उपलब्ध हैं ।

उदाहरण के भलए, एक बीमाधारक के दृज्ष्टकोण से प्रासंभगक सवाल इस प्रकार हो सकर्ते हैं :

 छूट (कट़ौभर्तयों) पर भविार करके भकर्तना प्रीभमयम बिाया जाएगा?

27
 हाभन रोकथाम की गभर्तभवभध के पभरणाम स्वरूप प्रीभमयम में भकर्तनी कमी आएगी?

गैर-जीवन बीमा के भविेर्ता व्यभि के रूप में ग्राहक से संपकव करर्ते समय एक एजेंट को अपने आपसे यह सवाल
करना जरूरी है भक ग्राहक के संबंध में उसकी िूभमका क्या है ?क्या वह भसफव भबिी प्राप्र्त करने के भलए वहां जा
रहा है या एक कोि और साथी के रूप में ग्राहक से संबध
ं बनाने के भलए, जो उसके जोभिमों को अभधक प्रिावी
ढं ग से प्रबंभधर्त करने में उसकी मदद करे गा?

ग्राहक की सोि अलग है। वह प्रभर्त रुपए के ििव पर अभधकर्तम बीमा लेने के भलए उर्तना इछछु क नहीं है बज्लक
इसके बजाय उसे जोभिम से भनपटने की लागर्त को कम करने में यकीन है। इस प्रकार लिर्ता उन जोभिमों की
पहिान करने की होगी भजसे ग्राहक बनाए नहीं रि सकर्ता और इसभलए उनका बीमा भकया जाना िाभहए।

दू सरे शब्दों में, बीमा एजेंट की िूभमका भसफव एक भविेर्ता व्यभि की र्तुलना में कहीं अभधक है। उसे जोभिम
भनधारक, बीमालेिक, जोभिम प्रबंधन सलाहकार, अनु कूभलर्त समाधान र्तैयार करने वाला और एक संबध

भवकभसर्त करने वाला बहु मुिी प्रभर्तिा का व्यभि होना आवश्यक है जो भवश्वास बढ़ाने और दीघवकाभलक संबध

बनाने में यकीन रिर्ता है।

2. प्रस्र्ताव िरण

एजेंट को बीमा का प्रस्र्ताव िरने में ग्राहक का सहयोग करना िाभहए। बीमाधारक को उसमें भदए गए बयानों की
भजम्पमे दारी लेना आवश्यक है। प्रस्र्ताव प्रपत्र के मुख्य पहलुओं की ििा अध्याय 5 में की गई है।

यह बहु र्त महत्वपूणव है भक एजेंट को प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रत्येक प्रश्न के उिर के रूप में िरे जाने वाले भववरण के
बारे में प्रस्र्तावक को समझाना और स्पष्ट करना िाभहए। दावे की ज्स्थभर्त में उभिर्त और पूरी जानकारी दे ने में
भवफलर्ता ग्राहक के दावे को िर्तरे में डाल सकर्ती है।

किी-किी पॉभलसी को पूरा करने के भलए कुछ अभर्तभरि जानकारी की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है। ऐसे मामलों
में कंपनी सीधे र्त़ौर पर या एजेंट/सलाहकार के माध्यम से ग्राहकों को सूभिर्त कर सकर्ती है। दोनों ही मामलों
में, ग्राहक को सिी आवश्यक औपिाभरकर्ताएं पूरी करने में मदद करना और यहां र्तक भक उसे यह बर्ताना
आवश्यक हो जार्ता है भक इनकी आवश्यकर्ता क्यों है।

3. स्वीकृभर्त िरण

क) कवर नोट

कवर नोट की ििा ‘अध्याय ‘5 में की गई है। यह सुभनज्श्िर्त करना एजेंट की भजम्पमे दारी है भक जहां
लागू हो, कंपनी द्वारा बीमाधारक को कवर नोट जारी भकया जार्ता है। इस संबंध में र्तत्परर्ता ग्राहक को
यह संदेश दे र्ती है भक उसके भहर्त एजेंट और कंपनी के हाथों में सुरभक्षर्त हैं।

ि) पॉभलसी दस्र्तावेज़ सौंपना

पॉभलसी की सुपुदवगी और बडा अवसर है जब एजेंट को ग्राहक से संपकव करने का एक अवसर भमलर्ता
है। अगर कंपनी के भनयम व्यभिगर्त रूप में पॉभलसी दस्र्तावेज़ सौंपने की अनु मभर्त दे र्ते हैं र्तो दस्र्तावेज़
प्राप्र्त करना और इसे ग्राहक को सौंपना उिम भविार हो सकर्ता है।

यभद पॉभलसी सीधे र्त़ौर पर डाक द्वारा िेजी जा रही है र्तो उसे यह पर्ता िलर्ते ही भक पॉभलसी दस्र्तावेज़
िेज भदया गया है, ग्राहक से संपकव करना िाभहए। यह ग्राहक से संपकव करने और ऐसी भकसी िी िीज

28
के बारे में समझाने का अवसर है जो प्राप्र्त दस्र्तावेज में स्पष्ट नहीं है। यह पॉभलसी के भवभिन्न प्रकार के
प्रावधानों और पॉभलसीधारक के अभधकारों र्तथा भवशेषाभधकारों के बारे में स्पष्ट करने का िी एक
अवसर है भजसका फ़ायदा ग्राहक उठा सकर्ता है। यह कायव भबिी से कहीं आगे सेवा का एक स्र्तर
प्रदान करने की इछछा को दशार्ता है।

यह िेंट ग्राहक को एजेंट की सेवा प्रदान करने की प्रभर्तबद्र्ता और पूणव सहयोग की विनबद्र्ता के बारे
में बर्ताने का िी एक अवसर है।

अगला र्तार्थकक कदम उसके जानने वाले अन्य व्यभियों के नामों और भववरणों के बारे में पूछना होगा
भजनको एजेंट की सेवाओं से संिवर्तः लाि भमल सकर्ता है। यभद ग्राहक स्वयं इन लोगों से संपकव करें
और उनसे एजेंट का पभरिय कराएं र्तो इसका मर्तलब व्यवसाय में बडी सफलर्ता होगी।

ग) पॉभलसी नवीनीकरण

गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयों को प्रभर्त वषव नवीनीकृर्त भकया जाना िाभहए और हर नवीनीकरण के समय
ग्राहक के पास उसी कंपनी के साथ आगे बने रहने या दूसरी कंपनी में जाने का एक भवकलप होर्ता है।
यह एक महत्वपूणव लबदु है जहां एजेंट और कंपनी के द्वारा बनाई गई सद्भावना और भवश्वास का
परीक्षण होर्ता है।

हालांभक बीमा कंपभनयों की ओर से बीमाधारक को यह सलाह दे ने की कोई कानूनी बाध्यर्ता नहीं है भक


उसकी पॉभलसी भवशेष भर्तभथ को समाप्र्त होने जा रही है , भफर िी एक भशष्टािार के नार्ते और अंर्तर्तः
एक स्वस्थ व्यावसाभयक परंपरा के रूप में बीमा कंपभनयां पॉभलसी को नवीनीकृर्त करने का आमंत्रण
दे र्ते हु ए समाज्प्र्त की भर्तभथ से एक महीने पहले एक “नवीनीकरण सूिना” जारी करर्ती हैं । एजेंट को
नवीनीकरण के बारे में ग्राहक को याद भदलाने के भलए नवीनीकरण की भनयर्त भर्तभथ से काफी पहले
ग्राहक के साथ संपकव में होने की जरूरर्त है र्ताभक वह इसके भलए व्यवस्था कर सके।

समय-समय पर ग्राहक के साथ संपकव में बने रहने , भकसी त्योहार या पाभरवाभरक आयोजन जैसे कुछ
अवसरों पर उसे शुिकामनाएं दे ने से संबध
ं ों में मजबूर्ती आर्ती है। इसी र्तरह जब कभठनाई या दु ि के
पलों में सहायर्ता की पेशकश करना उपयोगी साभबर्त होर्ता है।

4. दावा िरण

दावा भनपटान के समय एजेंट को महत्वपूणव िूभमका भनिानी होर्ती है। यह सुभनज्श्िर्त करना उसका काम है भक
दावे को जन्म दे ने वाली घटना के बारे में र्तुरंर्त बीमा कंपनी को सूभिर्त भकया जार्ता है और यह भक ग्राहक सिी
औपिाभरकर्ताओं का सावधानी से पालन करर्ता है और सिी प्रकार की जांि में सहयोग करर्ता है जो हाभन के
आकलन के भलए भकया जाना आवश्यक है।

स्व-परीक्षण 2

उस पभरदृश्य को पहिानें जहां बीमा की जरूरर्त पर एक बहस की आवश्यकर्ता नहीं है।

I. संपभि बीमा

II. व्यवसाय दाभयत्व बीमा

III. र्तृर्तीय पक्ष के दाभयत्व के भलए मोटर बीमा

29
IV. अज्ग्न बीमा

ग. भशकायर्त भनवारण

1. संभक्षप्र्त भववरण

उछि प्राथभमकर्ता की कारववाई करने का समय वह है जब ग्राहक को कोई भशकायर्त होर्ती है। याद रिें भक एक
भशकायर्त के मामले में सेवा की भवफलर्ता का मुद्दा [यह बीमा कंपनी के भरकॉडों को सही करने में भवलंब से
लेकर दावे के भनपटान में र्तत्परर्ता की कमी र्तक हो सकर्ता है] भजसने ग्राहक को व्यभथर्त कर भदया है, यह
केवल कहानी का एक भहस्सा है।

ग्राहक इस र्तरह की भवफलर्ता के बारे में अपनी व्याख्याओं से बहु र्त अभधक परे शान और व्यभथर्त होर्ते हैं । प्रत्येक
सेवा की भवफलर्ता के साथ दो प्रकार की िावनाएं और अनु िभू र्तयां जन्म लेर्ती हैं :

 सबसे पहले, इसमें एक अन्याय का िाव, धोिा भदए जाने का एहसास उत्पन्न होर्ता है

 दू सरा एहसास छोटा भदिाने और अनु िव कराने के कारण आत्मसम्पमान को िोट पहु ंिने का है

भशकायर्त ग्राहक संबध


ं में एक महत्वपूणव “सछिाई का पल” है; यभद कंपनी इसे ठीक कर लेर्ती है र्तो वास्र्तव में
ग्राहक की वफादारी में सुधार होने की संिावना रहर्ती है। इस मामले में मानवीय एहसास महत्वपूणव है ; ग्राहक
अपने आपको महत्व भदया जाना अनु िव करना िाहर्ता है।

यभद आप एक पेशेवर बीमा सलाहकार हैं र्तो आप ऐसी ज्स्थभर्त उत्पन्न होने नहीं दें गे। आप इस मामले को
कंपनी के उपयुि अभधकारी के पास ले जाएंगे। याद रिें, कंपनी में भकसी िी अन्य व्यभि का ग्राहक की
समस्याओं पर वह अभधकार नहीं है जो आपका होर्ता है।

भशकायर्तें/समस्याएं हमें यह भदिाने का अवसर प्रदान करर्ती हैं भक हम ग्राहक के भहर्तों का भकर्तना ख्याल
रिर्ते हैं । ये वास्र्तव में ठोस स्र्तंि हैं भजन पर एक बीमा एजेंट की साि बनर्ती है और कारोबार बढ़र्ता है। हर
पॉभलसी दस्र्तावेज के अंर्त में बीमा कंपभनयां समस्या भनवारण की प्रभिया का भवस्र्तृर्त भववरण उपलब्ध करार्ती हैं
भजसे दस्र्तावेज प्रावधानों को स्पष्ट करर्ते समय में ग्राहकों की जानकारी में लाया जाना िाभहए।

भबिी और सेवा प्रदान करने में म़ौभिक प्रिार (अछछा/बुरा) की महत्वपूणव िूभमका है। याद रिें भक अछछी सेवा
का पुरस्कार 5 लोगों को जानकारी दे कर भमलर्ता है जबभक बुरी सेवा का असर 20 लोगों र्तक जार्ता है।

2. एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस)

आईआरडीए ने एक एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस) की शुरूआर्त की है जो बीमा भशकायर्त


डे टा के एक केंद्रीय िंडार के रूप में और उद्योग में भशकायर्त भनवारण की भनगरानी के भलए एक उपकरण के
रूप में कायव करर्ता है।

पॉभलसीधारक इस प्रणाली पर अपनी पॉभलसी का भववरण पंजीकृर्त कर सकर्ते हैं और अपनी भशकायर्त दजव कर
सकर्ते हैं । भफर भशकायर्तें संबंभधर्त बीमा कंपनी को िेजी जार्ती हैं । आईजीएमएस भशकायर्तों और उनके भनवारण
में लगाने वाले समय पर नज़र रिर्ती है। भशकायर्तों को यहां पंजीकृर्त भकया जा सकर्ता है:

http://www.policyholder.gov.in/Integrated_Grievance_Management.aspx

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3. उपिोिा संरक्षण अभधभनयम, 1986

यह अभधभनयम “उपिोिाओं के भहर्त की बेहर्तर सुरक्षा की व्यवस्था करने और उपिोिा के भववादों के भनपटारे
के भलए उपिोिा पभरषदों और अन्य प्राभधकरणों की स्थापना का प्रावधान करने के भलए पाभरर्त भकया गया था।
“इस अभधभनयम को उपिोिा संरक्षण (संशोधन) अभधभनयम, 2002 के द्वारा संशोभधर्त भकया गया है।

क) अभधभनयम के र्तहर्त पभरिाषाएं

अभधभनयम में दी गयी कुछ पभरिाषाएं इस प्रकार हैं :

पभरिाषा

“सेवा” का मर्तलब है भकसी िी भववरण की सेवा जो संिाभवर्त उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराई गयी है और
भजसमें बैंलकग, भवि, बीमा, पभरवहन, प्रोसेलसग, भबजली या अन्य ऊजा की आपूर्थर्त, बोडव या अस्थायी आवास
या दोनों, आवासीय भनमाण, मनोरंजन, म़ौज-मस्र्ती या समािार अथवा अन्य जानकारी प्रदान करने के संबध

में सुभवधाओं का प्रावधान शाभमल है। लेभकन इसमें भन: शुलक या व्यभिगर्त सेवा के एक अनु बंध के र्तहर्त कोई िी
सेवा प्रदान करना शाभमल नहीं है।

बीमा को एक सेवा के रूप में शाभमल भकया गया है।

“उपिोिा” का मर्तलब है ऐसा कोई िी व्यभि जो :

i. एक प्रभर्तफल के भलए कोई सामान िरीदर्ता है और इस र्तरह के सामान के भकसी िी उपयोगकर्ता को


शाभमल करर्ता है। लेभकन ऐसे भकसी व्यभि को शाभमल नहीं करर्ता है जो इस र्तरह के सामान को
पुनर्थविय के भलए या भकसी िी व्यावसाभयक उद्देश्य के भलए प्राप्र्त करर्ता है या

ii. एक प्रभर्तफल के भलए कोई िी प्राप्र्त करर्ता है या भकराए पर लेर्ता है और ऐसी सेवाओं के लािाथी को
शाभमल करर्ता है।

‘दोष’ का मर्तलब भनष्पादन की गुणविा, प्रकृभर्त और र्तरीके में कोई िी दोष, अपूणवर्ता, कमी, अपयाप्र्तर्ता है जो
भकसी िी क़ानून के र्तहर्त या उसके द्वारा बनाए रिा जाना आवश्यक है या भकसी अनु बंध के पालन में या
अन्यथा भकसी िी सेवा के संबंध में भकसी व्यभि द्वारा भनष्पादन का विन भदया गया है।

‘भशकायर्त’ का मर्तलब है एक भशकायर्तकर्ता द्वारा भलभिर्त रूप में लगाया गया कोई िी आरोप भक:

i. एक अनुभिर्त व्यावसाभयक आिरण या प्रभर्तबंधात्मक व्यापाभरक आिरण अपनाया गया है


ii. उसके द्वारा िरीदे गए सामानों में एक या एक से अभधक दोष है
iii. उसके द्वारा प्राप्र्त की गयी या भकराए पर ली गयी सेवाओं में भकसी प्रकार की कमी है
iv. लगाया गया मूलय कानून द्वारा भनधाभरर्त या पैकेज पर प्रदर्थशर्त मूलय से अभधक है

ऐसे सामान जो उपयोग भकए जाने पर जीवन और सुरक्षा के भलए िर्तरनाक होंगे , जब इस र्तरह के सामानों के
उपयोग के भववरण, र्तरीके और प्रिाव के संबध
ं में जानकारी प्रदर्थशर्त करने की आवश्यकर्ता बर्ताने वाले भकसी
िी क़ानून के प्रावधानों के उललंघन में सावजवभनक रूप से उनकी भबिी की पेशकश की जार्ती है।

‘उपिोिा भववाद’ का मर्तलब है ऐसा भववाद जहां वह व्यभि भजसके भवरुद् भशकायर्त की गयी है, भशकायर्त में
भनभहर्त आरोपों से इनकार करर्ता है और उनका भवरोध करर्ता है।

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ि) उपिोिा भववाद भनवारण एजेंभसयां

उपिोिा भववाद भनवारण एजेंभसयां प्रत्येक भजले और रायय में र्तथा राष्ट्ीय स्र्तर पर गभठर्त की गयी हैं ।

i. भजला फोरम : इस फोरम का अभधकार क्षेत्र उन भशकायर्तों पर ध्यान दे ने का है जहां वस्र्तुओं या


सेवाओं के मूलय और दावा की गयी क्षभर्तपूर्थर्त 20 लाि रुपए र्तक है। भजला फोरम के पास अपने
आदे श/भनणवय को उपयुि भसभवल कोटव में भनष्पादन के भलए िेजने का अभधकार है।

ii. रायय आयोग : इस भशकायर्त भनवारण प्राभधकरण के पास मूल, अपीलीय और पयववक्ष
े ी अभधकार क्षेत्र
है। यह भजला फोरम की याभिकाओं पर ध्यान दे र्ता है। इसका मूल अभधकार क्षेत्र उन भशकायर्तों पर िी
ध्यान दे ने का है जहां दावा भकए गए सामान/सेवा का मूलय और क्षभर्तपूर्थर्त, यभद कोई हो, 20 लाि रुपए
से अभधक लेभकन 100 लाि रुपए से अभधक नहीं है। अन्य अभधकार और प्राभधकार भजला फोरम के
समान ही हैं ।

iii. राष्ट्ीय आयोग : अभधभनयम के र्तहर्त स्थाभपर्त अंभर्तम प्राभधकारण राष्ट्ीय आयोग है। इसके पास मूल,
अपीलीय और पयववक्ष
े ी अभधकार क्षेत्र है। यह रायय आयोग द्वारा पाभरर्त आदे श के अपीलों की सुनवाई
कर सकर्ता है और अपने मूल अभधकार क्षेत्र में यह उन भववादों पर ध्यान दे गा जहां सामान/सेवाएं और
दावा की गयी क्षभर्तपूर्थर्त 100 लाि रुपए से अभधक की हैं । रायय आयोग पर इसका पयववक्ष
े ी अभधकार
क्षेत्र है।

सिी र्तीन एजेंभसयों के पास एक भसभवल कोटव की शभियां हैं ।

ग) भशकायर्त दजव कराने की प्रभिया

उपयुवि र्तीन भशकायर्त भनवारण एजेंभसयों के भलए भशकायर्त दायर करने की प्रभिया बहु र्त ही सरल है।
िाहे रायय आयोग के समक्ष या राष्ट्ीय आयोग के समक्ष भशकायर्त दजव कराने या अपील दायर करने के
भलए कोई शुलक नहीं है।

भशकायर्त स्वयं भशकायर्तकर्ता द्वारा या उसके अभधकृर्त एजेंट द्वारा दायर की जा सकर्ती है। इसे व्यभिगर्त
रूप से दायर भकया जा सकर्ता है या डाक से िी िेजी जा सकर्ती है। यह ध्यान भदया जाना िाभहए भक
भशकायर्त दायर करने के भलए भकसी वकील की आवश्यकर्ता नहीं है।

घ) उपिोिा फोरम के आदे श

यभद फोरम इस बार्त से संर्तुष्ट हो जार्ता है भक भजन सामानों के भवरुद् भशकायर्त दजव की गयी है उनमें
भशकायर्त में भनर्थदष्ट कोई िी दोष म़ौजूद है या भक सेवाओं के बारे में भशकायर्त में भनभहर्त भकसी िी आरोप
साभबर्त हो जार्ता है र्तो फोरम भनम्पनभलभिर्त में से एक या अभधक कायव करने के भलए भवपक्षी पाटी को भनदे श
जारी कर सकर्ता है अथार्त,

i. भशकायर्तकर्ता को वह मूलय [या बीमा के मामले में प्रीभमयम], भशकायर्तकर्ता द्वारा िुगर्तान भकए
गए शुलक वापस ल़ौटाना

ii. भवपक्षी पाटी की लापरवाही के कारण उपिोिा को हु ए भकसी िी नु कसान या िोट के भलए
क्षभर्तपूर्थर्त के रूप में उपिोिाओं को इस र्तरह की राभश प्रदान करना

iii. भववाभदर्त सेवाओं दोषों या कभमयों को दूर करना

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iv. अनु भिर्त व्यापार आिरण या प्रभर्तबंधात्मक व्यापार आिरण को बंद करना या उनको नहीं
दोहराना

v. पार्थटयों को पयाप्र्त लागर्त के भलए प्रावधान करना

ङ) उपिोिा भववादों की श्रेभणयां

जहां र्तक बीमा व्यवसाय का सवाल है, र्तीनों फोरमों के अभधकांश उपिोिा भववाद भनम्पनभलभिर्त मुख्य
श्रेभणयों में आर्ते हैं :

i. दावों के भनपटान में दे री

ii. दावों का भनपटारा नहीं करना

iii. दावों का अस्वीकरण

iv. हाभन की मात्रा

v. पॉभलसी के भनयम, शर्तें आभद

4. बीमा लोकपाल (ओम्पबड्समैन)

बीमा अभधभनयम, 1938 की शभियों के र्तहर्त केंद्र सरकार ने 11 नवंबर, 1998 को आभधकाभरक राजपत्र में
प्रकाभशर्त एक अभधसूिना के द्वारा लोक भशकायर्त भनवारण भनयम, 1998 बनाया है। ये भनयम बीमा के सिी
व्यभिगर्त लाइनों के भलए यानी व्यभिगर्त क्षमर्ता में ली गयी बीमा पॉभलभसयों के भलए जीवन और गैर -जीवन
बीमा पर लागू होर्ते हैं ।

इन भनयमों का उद्देश्य बीमा कंपभनयों की ओर से दावे के भनपटान से संबंभधर्त सिी भशकायर्तों को भकफायर्ती,
प्रिावशाली और भनष्पक्ष र्तरीके से हल करना है।

लोकपाल, बीमाधारक और बीमा की आपसी सहमभर्त से प्रसंग की शर्तों के िीर्तर एक मध्यस्थ और परामशवदार्ता
के रूप में कायव कर सकर्ता है।

भशकायर्त को स्वीकार या अस्वीकार करने का लोकपाल का भनणवय अंभर्तम होर्ता है।

क) लोकपाल को भशकायर्त

लोकपाल के पास की गई कोई िी भशकायर्त भलभिर्त रूप में, बीमाधारक या उसके कानूनी वाभरसों
द्वारा हस्र्ताक्षभरर्त, उस लोकपाल को संबोभधर्त होनी िाभहए भजसके अभधकार क्षेत्र में बीमा कंपनी एक
शािा/कायालय म़ौजूद है, यह भशकायर्तकर्ता को हु ए हाभन की प्रकृभर्त और सीमा के आकलन और
मांगी गयी राहर्त के साथ-साथ दस्र्तावेजों, यभद कोई हो, द्वारा समर्थथर्त होनी िाभहए।

लोकपाल के पास भशकायर्त की जा सकर्ती है यभद:

i. भशकायर्तकर्ता ने बीमा कंपनी को पहले एक भलभिर्त प्रभर्तभनभधत्व भकया था और बीमा कंपनी ने:

 भशकायर्त को अस्वीकृर्त कर भदया था या

 बीमा कर्ता द्वारा भशकायर्त प्राप्र्त भकए जाने के बाद एक माह के िीर्तर भशकायर्तकर्ता को
कोई जवाब नहीं भमला था

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 भशकायर्त कर्ता बीमा कर्ता द्वारा भदए गए जवाब से संर्तुष्ट नहीं है।

ii. भशकायर्त बीमा कर्ता द्वारा अस्वीकार की भर्तभथ से एक वषव के िीर्तर की जार्ती है।

iii. भशकायर्त भकसी िी अदालर्त या उपिोिा फोरम या मध्यस्थर्ता में लंभबर्त नहीं है।

ि) लोकपाल की अनु शंसाएं

कुछ ऐसे कर्तवव्य/प्रोटोकॉल हैं भजनका पालन करके की अपेक्षा लोकपाल से की जार्ती है:

i. भसफाभरशें इस र्तरह की भशकायर्त प्राप्र्त होने के एक माह के िीर्तर की जानी िाभहए

ii. इसकी प्रभर्तयां भशकायर्तकर्ता और बीमा कर्ता दोनों को िेजी जानी िाभहए

iii. भसफाभरशों को इस र्तरह की भसफाभरश प्राप्र्त होने के 15 भदनों के िीर्तर भशकायर्तकर्ता द्वारा
भलभिर्त रूप में स्वीकार भकया जाना िाभहए

iv. बीभमर्त व्यभि द्वारा स्वीकृभर्त पत्र की प्रभर्तभलभप बीमा कंपनी को िेजी जानी िाभहए और उसके
द्वारा इस र्तरह के स्वीकृभर्त पत्र की प्राज्प्र्त के 15 भदनों के िीर्तर उसकी भलभिर्त पुज्ष्ट की मांग की
जानी िाभहए।

यभद भववाद मध्यस्थर्ता द्वारा हल नहीं भकया जार्ता है र्तो लोकपाल बीमाधारक को वह भनणवय पाभरर्त
कर दे गा जो उसकी नज़र में भनष्पक्ष होगा और जो बीमाधारक के हाभन को आवभरर्त करने के भलए
आवश्यक से अभधक नहीं होगा।

ग) लोकपाल के फैसले

लोकपाल के फैसले भनम्पनभलभिर्त भनयमों से संिाभलर्त होर्ते हैं :

i. फैसला 20 लाि रुपए से अभधक का नहीं होना िाभहए (अनु ग्रह राभश और अन्य ििव सभहर्त)

ii. फैसला इस र्तरह की भशकायर्त प्राप्र्त होने की भर्तभथ से 3 महीने की अवभध के िीर्तर भदया जाना
िाभहए, और बीमाधारक को इस र्तरह के फैसला भमलने के एक महीने के िीर्तर एक अंभर्तम
भनपटान के रूप में पूणव रूप में फैसले की प्राज्प्र्त को स्वीकार करना िाभहए।

iii. बीमा कर्ता फैसले का अनु पालन करे गी और इस र्तरह का स्वीकृभर्त पत्र प्राप्र्त होने के 15 भदनों के
िीर्तर लोकपाल को एक भलभिर्त सूिना िेजेगी

iv. अगर बीमाधारक भलभिर्त रूप में इस र्तरह के फैसले की स्वीकृभर्त की सूिना नहीं दे र्ता है र्तो
बीमा कर्ता फैसले को लागू नहीं करे गी।

स्व-परीक्षण 3

उपिोिा संरक्षण अभधभनयम, 1986 के अनु सार भकसे एक उपिोिा के रूप में वगीकृर्त नहीं भकया जा सकर्ता
है?

I. जो भनजी इस्र्ते माल के भलए माल/सेवाओं को भकराए पर लेर्ता है

II. वह व्यभि जो पुनर्थविय के प्रयोजन के भलए सामानों को िरीदर्ता है

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III. जो एक प्रभर्तफल के भलए वस्र्तुओं और सेवाओं को िरीदर्ता है और उनका इस्र्ते माल करर्ता है

IV. जो एक प्रभर्तफल के भलए दूसरे की सेवाओं का उपयोग करर्ता है

घ. संिार प्रभिया

ग्राहक सेवा में संिार क़ौशल

क़ौशल के सबसे महत्वपूणव सेटों में से एक यह है भक एजेंट या सेवा कमविारी को कायवस्थल पर प्रिावशाली
कायव भनष्पादन के भलए व्यवहार कुशल होना आवश्यक है।

अव्यवहाभरक क़ौशल के भवपरीर्त - जो भवशेष प्रकार के कायव या गभर्तभवभध को भनष्पाभदर्त करने की व्यभि की
योग्यर्ता से संबंभधर्त है, व्यवहार कुशलर्ता कायवस्थल पर और बाहर दोनों जगह अन्य कर्थमयों और ग्राहकों के
साथ प्रिावशाली ढं ग से संवाद स्थाभपर्त करने की व्यभि की योग्यर्ता से संबभं धर्त है। संिार क़ौशल इन
व्यवहाभरक क़ौशलों में सबसे महत्वपूणव क़ौशल है।

1. संिार और ग्राहक संबंध

ग्राहक सेवा संर्तुष्ट और भवश्वस्र्त ग्राहक बनाने के महत्वपूणव र्तत्वों में से एक है। लेभकन यह पयाप्र्त नहीं है।
ग्राहक ऐसे इंसान हैं भजनके साथ कंपनी को एक मजबूर्त संबंध बनाने की जरूरर्त है।

सेवा और संबध
ं दोनों का अनु िव ही अंर्तर्तः यह रूपरे िा र्तैयार करर्ता है भक ग्राहक कंपनी को भकस प्रकार
दे िेंगे।

एक स्वस्थ संबध
ं कैसे बनर्ता है?

ज़ाभहर है भक भवश्वास ही इस सवाल के केंद्र में है। साथ ही अन्य ऐसे र्तत्व िी हैं जो भवश्वास को सुदृढ़ करर्ते हैं
और उसे बढ़ावा दे र्ते हैं । आईए हम इनमें से कुछ र्तत्वों को उदाहरण दे कर स्पष्ट करें

भित्र 2 : भवश्वास के र्तत्व

आकर्ाण

वर्श्र्ास

मौजद
ू गी सांचार

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i. हर भरश्र्ते की शुरुआर्त आकषवण से होर्ती है:

व्यभि को भसफव पसंद भकए जाने और ग्राहक के साथ र्तालमे ल बनाने में सक्षम होना िाभहए। आकषवण
अक्सर पहले प्रिाव का पभरणाम होर्ता है जो उस समय उत्पन्न होर्ता है जब ग्राहक संगठन या उसके
प्रभर्तभनभधयों के संपकव में आर्ता है। आकषवण हर भदल का र्ताला िोलने की पहली कुंजी है। इसके भबना
एक भरश्र्ता शायद ही संिव है। ऐसे भविेर्ता व्यभि के बारे में भविार करें भजसे पसंद नहीं भकया जार्ता है।
क्या आपको वास्र्तव में ऐसा लगर्ता है भक वह भबिी के कैभरयर में काफी प्रगभर्त करने में सक्षम होगा?

ii. भरश्र्ते का दूसरा र्तत्व है व्यभि की म़ौजूदगी - जरूरर्त के समय वहां म़ौजूद रहना:

इसका सबसे अछछा उदाहरण शायद शादी है। पभर्त के भलए उस समय उपलब्ध होना महत्वपूणव है जब
पत्नी को उसकी जरूरर्त होर्ती है? इसी प्रकार ग्राहक संबंध में मुद्दा यह है भक क्या और कैसे जरूरर्त
पडने पर कंपनी या उसका प्रभर्तभनभध उपलब्ध रहर्ता है। क्या वह पूरी र्तरह से उपलब्ध है और ग्राहक
की जरूरर्तों पर ध्यान दे रहा है?

ऐसे उदाहरण हो सकर्ते हैं जब व्यभि पूरी र्तरह से म़ौजूद नहीं होर्ता है और अपने ग्राहकों की सिी उम्पमीदों के
साथ न्याय नहीं कर पार्ता है। ऐसे में िी व्यभि एक मजबूर्त संबंध बनाए रि सकर्ता है यभद वह ग्राहक के साथ
इस र्तरीके से बार्त कर सकर्ता है जो आश्वासन िरा, सहानु िभू र्त से पभरपूणव हो और भजम्पमे दारी की िावना
भदिार्ता हो।

उपरोि सिी बार्तें जैसे:

 व्यभि जो प्रिाव डालर्ता है या


 भजस र्तरीके से व्यभि म़ौजूद रहर्ता है और बार्तों को सुनर्ता है या
 व्यभि दू सरों को जो संदेश िेजर्ता है

ये संिार के आयाम हैं और अनु शासन र्तथा क़ौशल की मांग करर्ते हैं । एक मायने में व्यभि जो संिार करर्ता है ,
अंर्तर्तः व्यभि के सोिने और दे िने के र्तरीके को दशार्ता है।

कंपभनयां ग्राहक संबंध प्रबंधन पर काफी जोर दे र्ती हैं क्योंभक ग्राहक को बनाए रिने की लागर्त नया ग्राहक
प्राप्र्त करने की लागर्त की र्तुलना में कहीं कम होर्ती है। ग्राहक संबध
ं कई स्पशव लबदु ओं में उत्पन्न होर्ता है जैसे
ग्राहकों की बीमा जरूरर्तों को समझने में, फॉमव पर आवरणों के भहसाब को समझाने में। इसभलए, इनमें से
प्रत्येक लबदु में संबध
ं ों को मजबूर्त करने के भलए एजेंट के पास कई अवसर होर्ते हैं ।

2. संिार प्रभिया

संिार क्या है?

सिी संिारों में प्रेषक, जो संदेश िेजर्ता है और उस संदेश के प्राप्र्तकर्ता की आवश्यकर्ता होर्ती है। प्राप्र्तकर्ता
को प्रेषक का संदेश समझ में आने के साथ ही यह प्रभिया पूरी हो जार्ती है।

36
भित्र 3 : संिार के रूप

सांचार के रूप

शार ररक भार्ा


मौखिक सलखित गैर-मौखिक
का र्प्योग करके

संिार के कई रूप हो सकर्ते हैं

 म़ौभिक
 भलभिर्त
 गैर-म़ौभिक
 शारीभरक िाषा का प्रयोग

यह आमने-सामने, फोन पर, मे ल या इंटरनेट के द्वारा हो सकर्ती है। यह औपिाभरक या अऩौपिाभरक हो


सकर्ती है। संदेश की सामग्री या रूप या इस्र्ते माल भकया गया माध्यम िाहे जो िी हो, संिार का आशय इस
बार्त से है जो संिार के द़ौरान प्राप्र्तकर्ता को समझ में आ गया है।

एक व्यवसाय के भलए यह भवकलप िुनना महत्वपूणव है भक वह लभक्षर्त प्राप्र्तकर्ताओं को कैसे और कब संदेश


िेजेगा।

संिार प्रभिया को नीिे समझाया गया है।

आइए हम भित्र में शब्दों को पभरिाभषर्त करें :

भित्र 4 : संिार प्रभिया

37
पभरिाषा

i. रोतोर्त : संदेश के रोतोर्त के रूप में एजेंट को यह स्पष्ट होना िाभहए भक वह क्यों संवाद करने जा रहा है
और क्या संवाद करना िाहर्ता है, और उसे यह भवश्वास होना िाभहए भक िेजी जा रही जानकारी
उपयोगी और सटीक है।

ii. संदेश वह जानकारी है भजसे व्यभि बर्ताना िाहर्ता है।

iii. एनकोलडग जानकारी हस्र्तांर्तभरर्त करने की प्रभिया है भजसे व्यभि एक ऐसे रूप में बर्ताना िाहर्ता है जो
आसानी से िेजा जा सके और दू सरी ओर सही र्तरीके से समझा (डीकोड भकया) जा सके। एनकोलडग
में सफलर्ता इस बार्त पर भनिवर करर्ती है भक व्यभि जानकारी को बर्ताने और भ्रम के रोतोर्तों को ित्म
करने में भकस प्रकार से सक्षम है। इसके भलए अपने दशवकों/श्रोर्ताओं के बारे में जानना आवश्यक है।
ऐसा करने में भवफलर्ता का पभरणाम गलर्त समझने वाले वाले संदेशों के रूप सामने आर्ता है।

iv. कोई िी संदेश एक िैनल के माध्यम से िेजा जार्ता है भजसे इस प्रयोजन के भलए िुना जाना आवश्यक
है। िैनल व्यभिगर्त आमने सामने की बैठकों, टे लीफोन और वीभडयो कांफ्रेंलसग सभहर्त म़ौभिक हो
सकर्ता है; या इसे पत्र, ईमे ल, मे मो और भरपोटव सभहर्त भलि कर िेजा जा सकर्ता है।

v. डीकोलडग वह िरण है भजसमें गंर्तव्य पर जानकारी प्राप्र्त होर्ती है , उसकी व्याख्या की जार्ती है और
इसे भनज्श्िर्त र्तरीके से समझा जार्ता है। ऐसा दे िा जा सकर्ता है भक डीकोलडग [या कैसे व्यभि एक
संदेश प्राप्र्त करर्ता है] उर्तना ही महत्वपूणव है भजर्तना भक एनकोलडग [व्यभि इसे कैसे बर्तार्ता है]।

vi. प्राप्र्तकर्ता : अंर्त में प्राप्र्तकर्ता होर्ता है, वह/वे व्यभि [दशवक/श्रोर्ता]भजनको संदेश िेजा िेजा जार्ता है।
इस दशवक/श्रोर्ता के प्रत्येक सदस्य के पास अपने भविार, मान्यर्ताएं और िावनाएं होर्ती हैं और ये इस
बार्त को प्रिाभवर्त करें गे भक संदेश कैसे प्राप्र्त भकया गया है और उस पर कैसी कारववाई हु ई है। जाभहर है
भक प्रेषक को यह र्तय करर्ते समय भक क्या संदेश िेजा जाए, इन कारकों पर भविार करने की जरूरर्त
है।

vii. प्रभर्तभिया : जैसे ही संदेश िेजा और प्राप्र्त भकया जार्ता है , प्राप्र्तकर्ता द्वारा प्रेषक को म़ौभिक और गैर-
म़ौभिक संदेश के रूप में प्रभर्तभिया िेजने की संिावना रहर्ती है। प्राप्र्तकर्ता को इस र्तरह की प्रभर्तभिया
की र्तलाश होना और इन प्रभर्तभियाओं को सावधानीपूवक
व समझना आवश्यक है क्योंभक इससे यह र्तय
करने में मदद भमलेगी भक कैसे संदेश प्राप्र्त भकया गया है और कैसे उस पर कारववाई की गयी है।
आवश्यक होने पर संदेश को बदला या भफर से र्तैयार भकया जा सकर्ता है।

3. प्रिावशाली संिार में बाधाएं

प्रिावशाली संिार के भलए बाधाएं उपरोि प्रभिया के प्रत्येक िरण में उत्पन्न हो सकर्ती हैं । प्रेषक के बारे में
बनाई गई धारणा के कारण या संदेश को िराब र्तरीके से र्तैयार भकए जाने के कारण या बहु र्त कम अथवा बहु र्त
अभधक जानकारी होने के कारण या प्रेषक को प्राप्र्तकर्ता की संस्कृभर्त नहीं समझ में आने के कारण संवाद
भवकृर्त हो सकर्ते हैं । िुऩौर्ती इन सिी बाधाओं को दू र करने की है।

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स्व-परीक्षण 4

भकसकी वजह से स्वस्थ संबध


ं नहीं बन पार्ता है ?

I. आकषवण

II. भवश्वास

III. संिार

IV. अभवश्वास

ङ. गैर-म़ौभिक संिार

आईए हम कुछ अवधारणाओं को दे िें भजन्हें एजेंट को समझने की जरूरर्त है।

महत्वपूणव

शानदार प्रथम प्रिाव डालना

हमने पहले ही दे िा है भक आकषवण भकसी िी संबंध का पहला आधार स्र्तंि है। आप ऐसे ग्राहक से शायद ही
व्यवसाय प्राप्र्त करने की उम्पमीद कर सकर्ते हैं जो आपको पसंद नहीं करर्ता है। वास्र्तव में कई लोगों को
आपका मूलयांकन करने के भलए भसफव कुछ पलों की झलक की जरूरर्त होर्ती है जब आप उनसे पहली बार
भमलर्ते हैं । आपके बारे में उनकी राय आपकी भदिावट, आपकी शारीभरक िाषा, आपके व्यवहार और आपके
पहनावे र्तथा बार्तिीर्त पर आधाभरर्त हो जार्ती है। याद रिें भक पहला प्रिाव लंबे समय र्तक बना रहर्ता है। अछछा
पहला प्रिाव बनाने के भलए कुछ उपयोगी सुझाव इस प्रकार हैं :

i. हमे शा समय पर बने रहें । कुछ भमनट पहले पहु ं िने की योजना बनाएं, जो सिी प्रकार की संिाभवर्त दे री
के भलए लिीलापन प्रदान करर्ता है।

ii. अपने आप को उभिर्त र्तरीके से पेश करें । आपका संिाभवर्त ग्राहक, भजससे आप पहली बार भमल रहे हैं ,
आपको नहीं जानर्ता है और आपकी भदिावट आम र्त़ौर पर वह पहली युभि होर्ती है भजसके आधार पर
उसे आगे बढ़ना होर्ता है।

 क्या आपकी उपज्स्थभर्त सही पहला प्रिाव बनाने में मदद कर रही है?

 क्या आपका पहनावा बैठक या अवसर के भलए उपयुि है ?

 क्या आपका व्यभित्व साफ़-सुथरा और स्वछछ है - अछछी र्तरह से कटे हु ए बाल और शेव की हु ई
दाढ़ी, साफ और स्वछछ कपडे , साफ़-सुथरा और उभिर्त मे कअप?

iii. जोशपूण,व आत्मभवश्वासी और भवजेर्ता की मुस्कान आपको और आपके दशवक को एक दू सरे के साथ
सहज ज्स्थभर्त में लार्ता है|

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iv. िु ला, आत्मभवश्वासी और सकारात्मक होना

 क्या आपकी शारीभरक िाषा से िरोसा और आत्मभवश्वास झलकर्ता है?

 क्या आप सीधे िडे होर्ते , मुस्कुरार्ते, आंिों से आंिों का संपकव बनार्ते , गमवजोशी से हाथ भमलार्ते
हु ए बधाई दे र्ते हैं ?

 क्या आप कुछ आलोिना का सामना करने में या जब बैठक अपेक्षा के अनुरूप आगे नहीं बढ़ने पर
िी सकारात्मक बने रहर्ते हैं ?

v. दू सरे व्यभि में रुभि लेना - सबसे महत्वपूणव बार्त दू सरे व्यभि में वास्र्तव में भदलिस्पी होने की है।

 क्या आप व्यभि के रूप में ग्राहक के बारे में पर्ता लगाने में कुछ समय लेर्ते हैं ?

 क्या आप इस बार्त की परवाह करर्ते और ध्यान दे र्ते हैं भक वह क्या कह रहा है?

 क्या आप अपने ग्राहक के समक्ष पूरी र्तरह से म़ौजूद और उपलब्ध रहर्ते हैं या आपका मोबाइल
फोन आपके अधूरे साक्षात्कार के द़ौरान आपको आकर्थषर्त करर्ता है?

1. शारीभरक िाषा

शारीभरक िाषा हरकर्तों, मुद्राओं, िेहरे का िावों को दशार्ती है। हमारे बार्त करने , िलने, बैठने और िडे होने
का र्तरीका, सिी हमारे बारे में और हमारे िीर्तर क्या कुछ िल रहा है उसके बारे में कुछ कहर्ते हैं ।

अक्सर ऐसा कहा जार्ता है भक जो कुछ िी कहा जार्ता है , लोग वास्र्तव में उसका केवल एक छोटा सा प्रभर्तशर्त
ही सुनर्ते हैं । हम जो कुछ नहीं कहर्ते हैं , वह कहीं अभधक और बहु र्त जोर से बोलर्ता है। जाभहर है भक व्यभि को
अपनी शारीभरक िाषा के बारे में बहु र्त सावधान रहने की जरूरर्त है।

क) आत्मभवश्वास

यहां आत्मभवश्वास और आत्मभनिवर भदिने की कुछ युभियां दी गयी हैं जो भकसी व्यभि की बार्तों को
गंिीरर्ता से सुने जाने का प्रिाव डालर्ते हैं :

 हाव-िाव - कंधों को पीछे करके सीधे िडे होना।

 आंिों का ठोस संपकव - एक “मुस्कुरार्ते” िेहरे के साथ

 उद्देश्यपूणव और जानबूझकर बनाए गए िाव

ि) भवश्वास

अक्सर भविेर्ता व्यभि की बार्तों पर कोई ध्यान नहीं भदया जार्ता है क्योंभक दशवक उस पर भवश्वास नहीं
करर्ते हैं - उसकी शारीभरक िाषा यह आश्वासन नहीं दे र्ती है भक वह जो कुछ िी कह रहा है उसके
प्रभर्त गंिीर नहीं है। कुछ ऐसे आम संकेर्तों के बारे में जानकारी रिना बहु र्त ही महत्वपूणव है जो यह बर्ता
सकर्ते हैं भक कब व्यभि ईमानदार और भवश्वास के योग्य नहीं है और नीिे बर्ताए गए अनु सार उस पर
नज़र रिें ।

 आंिें थोडी नीिे की ओर झुकी हु ई या आंिों का संपकव नहीं, या आंिों की र्ते ज हरकर्तें

 बार्त करर्ते समय हाथों या उं गभलयों को मुंह के सामने लाना

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 व्यभि का शरीर प्रत्यक्ष रूप से दू सरे व्यभि से दू र घूमा हु आ होना

 व्यभि की सांसों की गभर्त र्तेज होना

 िेहरा रंग बदलर्ता है; िेहरे या गदव न का क्षेत्र लाल हो जाना

 र्ते ज पसीना आने लगर्ता है

 आवाज में बदलाव होर्ता है जैसे आवाज की उर्तार-िढ़ाव बदलना, हकलाना, गला साफ़
करना

 बोली - धीमी और स्पष्ट जहां आवाज की टोन मध्यम से धीमी रहर्ती है

कुछ शारीभरक हलिल भजससे बिाव और अग्रहणशीलर्ता का संकेर्त भमलर्ता है, इस प्रकार हैं :

 हाथ/बाजुओं के इशारे छोटे और व्यभि के शरीर के करीब होर्ते हैं

 िेहरे के िाव कम से कम होर्ते हैं

 शरीर प्रत्यक्ष रूप से आपसे दू र रहर्ता है

 हाथ शरीर के सामने िॉस भकए होर्ते हैं

 आंिें से संपकव कम होर्ता है या नीिे की ओर झुकी होर्ती हैं

यभद आपका ग्राहक इनमें से भकसी िी र्तरह व्यि करर्ता है र्तो शायद यही वह समय है जब आपको अपने आप
में दे िने और ग्राहक के मन में क्या कुछ िल रहा है उस पर अभधक ध्यान दे ने की जरूरर्त है।

2. सुनने का क़ौशल

संिार क़ौशल का र्तीसरा महत्वपूणव पहलू यह है भक व्यभि को सुनने के क़ौशल की जानकारी होना और
उसका फ़ायदा उठाना आवश्यक है। ये व्यभिगर्त प्रिाव के एक सुप्रभसद् भसद्ांर्त का पालन करर्ते हैं - ‘भकसी
को समझाने से पहले िु द समझें’।

आप भकर्तनी अछछी र्तरह सुनर्ते हैं उसका आपके काम की प्रिावशीलर्ता और दू सरों के साथ आपके संबध
ं ों की
गुणविा पर बडा प्रिाव पडर्ता है। आइए हम कुछ सुनने की युभियों पर नज़र डालें।

क) सभिय रूप से सुनना:

यही वजह है भक हम सजग होकर न केवल बार्तों को सुनने की कोभशश करर्ते हैं बज्लक अभधक महत्वपूणव
यह है भक हम दू सरे व्यभि द्वारा िेजे गए पूरे संदेश को समझने का प्रयास करर्ते हैं ।

आइए हम सभिय होकर सुनने के कुछ र्तत्वों पर नजर डालें। ये इस प्रकार हैं : -

i. ध्यान दे ना

हमें विा को अपना पूरा ध्यान दे ने और संदेश को स्वीकार करने की जरूरर्त है। ध्यान दें , गैर-म़ौभिक
संवाद िी जोर से “बोलर्ते ” हैं। ध्यान दे ने के के कुछ पहलू इस प्रकार हैं :

 सीधे विा को दे िें


 ध्यान िंग करने वाले भविारों को एक र्तरफ रि दें

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 मानभसक रूप से िंडन के भलए र्तैयार न रहें
 सिी बाहरी ध्यान िंग करने वाली िीजों से बिें [उदाहरण के भलए, अपने मोबाइल को साईलेंट
मोड पर रिें]
 विा की शारीभरक िाषा को “सुनें”

ii. ऐसा प्रदर्थशर्त करें भक आप ध्यान से सुन रहे हैं :

शारीभरक िाषा का प्रयोग यहां एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ता है। उदाहरण के भलए, व्यभि:

 किी-किी एक सहमभर्त का इशारा करें और मुस्कुरा कर दे िें

 िु ली िाव-मुद्रा बनाएं और दू सरे व्यभि को मुि रूप से बार्त करने का म़ौक़ा दें

 हां और ओहो जैसी छोटी-छोटी म़ौभिक भटप्पणी करर्ते रहें ।

iii. प्रभर्तभिया दें :

हम जो कुछ सुनर्ते हैं उनमें से बहु र्त सी बार्तें हमारे व्यभिगर्त भफ़लटर जैसे हमारी मान्यर्ताओं , फैसलों
और धारणाओं से भवकृर्त हो सकर्ती हैं। एक श्रोर्ता के रूप में हमें इन भफलटरों के बारे में पर्ता होना और
वास्र्तव में जो कुछ िी कहा जा रहा है उसे समझने की कोभशश करना आवश्यक है।

 इसके भलए आपका संदेश पर प्रभर्तभिया करना और जो कुछ िी कहा गया था उसे स्पष्ट
करने के भलए सवाल पूछना आवश्यक है।

 प्रभर्तभिया दे ने का अन्य महत्वपूणव र्तरीका विा के शब्दों की संभक्षप्र्त व्याख्या करना है।

 र्तीसरा र्तरीका समय-समय पर विा को रोकने और विा की कही गयी बार्तों का एक


सारांश बनाने और उसके समक्ष उन बार्तों को दोहराने का है।

उदाहरण

स्पष्ट करने के भलए कहना - मैंने जो कुछ िी सुना है उससे क्या मैं यह सही अंदाजा लगा रहा हू ं भक आपको
हमारी कुछ स्वास््य योजनाओं के लािों पर आपभि है, क्या आप इनको और अभधक स्पष्ट कर सकर्ते हैं ?

विा के सटीक शब्दों की पुनः व्याख्या करना - र्तो आप यह कह रहे हैं भक ‘हमारी स्वास््य योजनाएं आकषवक
लाि प्रदान नहीं कर रहे हैं’ - क्या मैंने आपको सही ढं ग से समझा है?

iv. भनणवयात्मक न बनना :

सभिय रूप से सुनने की सबसे बडी बाधाओं में से एक है हमारी पूवाग्रही होने और विा के प्रभर्त
पक्षपार्ती होने की प्रवृभि। इसका पभरणाम यह है भक श्रोर्ता विा की कही बार्तों को सुन सकर्ता है लेभकन
विा क्या कुछ कह सकर्ता है उसे वह अपनी व्याख्या के अनु सार सुन रहा है।

इस र्तरह के पूवाग्रही दृज्ष्टकोण के िलर्ते श्रोर्ता इसे समय की बबादी मानर्ते हु ए विा को आगे बोलने
दे ने को इछछु क नहीं होगा। इसके पभरणाम स्वरूप भवरोधी र्तकों के साथ विा को रोका और उसका
िंडन िी भकया जा सकर्ता है, िले ही वह अपना पूरा संदेश सुनाने में सफल नहीं रहा हो।

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यह केवल विा को हर्ताश करे गा और संदेश के पूरे आशय को सीभमर्त कर दे गा। सभिय रूप से सुनने
के भलए आवश्यक है:

 सवाल पूछने से पहले विा को प्रत्येक लबदु पर अपनी बार्त ित्म करने की अनु मभर्त दे ना

 भकसी िी भवरोधी र्तकव से विा को नहीं रोकना

v. उभिर्त प्रभर्तभिया करना:

सभिय रूप से सुनने का अथव है विा जो कुछ िी कह रहा है उससे कहीं अभधक सुनना। संवाद केवल
र्तिी पूरा भकया जा सकर्ता है जब श्रोर्ता शब्दों या भिया के माध्यम से भकसी र्तरह की प्रभर्तभिया करर्ता
है। यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए भक विा की बार्तों को अनसुना नहीं भकया गया है बज्लक उसे सम्पमान
और आदर के साथ दे िा गया है , कुछ भनयमों का पालन भकया जाना िाभहए। इनमें शाभमल हैं :

 आपकी प्रभर्तभिया भनष्पक्ष, िु ली और ईमानदार होना

 व्यभि की राय को सम्पमान से स्वीकार करना

 दू सरे व्यभि के साथ इस र्तरह से पेश आना जैसा भक आप अपने साथ पेश आना पसं द
करें गे

vi. सहानु िभू र्तपूववक सुनना:

सहानु िभू र्तपूणव होने का मर्तलब है अपने आपको दू सरे व्यभि के क़दमों में डाल दे ना और उसके अनु िवों
को ठीक उसी प्रकार से सुनना जैसे भक वह इसे महसूस करे गा।

सहानु िभू र्त के साथ सुनना सिी उत्कृष्ट ग्राहक सेवा का महत्वपूणव पहलू है। यह भवशेष रूप से
महत्वपूणव हो जार्ता है जब दू सरा व्यभि भशकायर्त करने वाला और काफी दु िी ग्राहक हो।

सहानु िभू र्त का मर्तलब है दू सरा व्यभि जो कुछ िी कहना िाहर्ता है उसे धैयवपूववक और पूरा ध्यान दे कर
सुनना, िले आप उसकी बार्तों से सहमर्त नहीं हैं । विा का स्वीकृभर्त भदिाना महत्वपूणव है, न भक
अभनवायव रूप से अनु बध
ं करना। व्यभि बस भसर भहलाकर या “मैं समझर्ता हू ाँ” या “सही बार्त है” जैसे
शब्द बोलकर ऐसा कर सकर्ता है।

स्व-परीक्षण 5

इनमें में से क़ौन सभिय रूप से सुनने का एक र्तत्व नहीं है?

I. अछछी र्तरह से ध्यान दे ना

II. अत्यंर्त पूवाग्रही होना

III. सहानु िभू र्तपूववक सुनना

IV. उभिर्त प्रभर्तभिया दे ना

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ि. नैभर्तक आिरण

1. संभक्षप्र्त भववरण

हाल के भदनों में व्यावसाय की उपयुिर्ता के बारे में गंिीर लिर्ताएं प्रकट की गयी हैं , क्योंभक अनु भिर्त आिरण
की सूिनाएं र्तेजी से बढ़र्ती जा रही हैं । दु भनया की कुछ सबसे बडी कंपभनयों को झूठे िार्तों और बेईमान ऑभडट
प्रमाणीकरण के माध्यम से धोिा दे र्ते हु ए पाया गया है। बैंकों के प्रबंधनों द्वारा उनके कुछ भमत्रों की लालि को
पूरा करने के भलए उनकी धनराभशयों का द्वारा दु रुपयोग भकया गया है। अभधकाभरयों ने भनजी लािों को बढ़ावा
दे ने के भलए अपने अभधकार का प्रयोग भकया है। भजन लोगों पर समुदाय को अपना कायव सही ढं ग से पूरा करने
का िरोसा रहा है , वे र्ते जी से िरोसे को र्तोडर्ते दे िे जा रहे हैं । भनजी धन वृभद् का प्रयास और लोि बढ़र्ता जा
रहा है।

नर्तीजर्तन, जवाबदे ही और कॉपोरे ट प्रशासन के बारे में ििा बढ़र्ती जा रही है, इन सिी को एक साथ व्यवसाय
में “नैभर्तकर्ता” कहा जा सकर्ता है। ‘सूिना का अभधकार अभधभनयम’ जैसे क़ानून और ‘जनभहर्त याभिका’ जैसी
प्रगभर्त को बेहर्तर जवाबदे ही और सुशासन प्राप्र्त करने के साधन के रूप में काफी महत्वपूणव माना गया है।

नैभर्तक आिरण अपने आप सुशासन की ओर ले जार्ता है। जब व्यभि अपना काम कर्तवव्यपरायणर्ता और
ईमानदारी से पूरा करर्ता है र्तो यह सुशासन है। अनैभर्तक आिरण दू सरों की कोई लिर्ता नहीं और स्वयं की बहु र्त
अभधक लिर्ता को दशार्ता है। जब व्यभि अपने आभधकाभरक पद के माध्यम से स्वाथव -भसभद् करने का प्रयास
करर्ता है, र्तो यह अनैभर्तक आिरण है। अपने भहर्तों का ध्यान रिना गलर्त नहीं है। लेभकन दू सरों के भहर्तों की
कीमर्त पर ऐसा करना गलर्त है।

बीमा िरोसे का कारोबार है। मयादा और नैभर्तकर्ता के मु द्दे बीमा के इस कारोबार में अत्यंर्त महत्वपूणव हैं ।
अमानर्त में ियानर्त धोिाधडी के बराबर है और गलर्त है। संिाभवर्त ग्राहकों को बीमा िरीदने या बर्तायी गयी
बीमा योजना िरीदने का प्रलोिन दे र्ते हु ए गलर्त जानकारी दे ने से बार्त भबगड जार्ती है और इससे संिाभवर्त
ग्राहक की सिी जरूरर्तें पूरी नहीं होर्ती हैं।

अनैभर्तक आिरण उस समय होर्ता है जब अपने स्वयं के लािों को दू सरों के लािों की र्तुलना में अभधक
महत्वपूणव माना जार्ता है। आईआएडीए द्वारा भवभिन्न भवभनयमों में बर्तायी गयी आिार संभहर्ता नैभर्तक आिरण की
ओर भनदे भशर्त है (इसकी ििा अध्याय 4 में हु ई है)।

जहां यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए भक आिार संभहर्ता का कोई उललंघन नहीं हो रहा है , आिार संभहर्ता के हर
क्लॉज को जानना महत्वपूणव है , इसका पालन अपने आप होगा अगर बीमा कंपनी और उसके प्रभर्तभनभध
संिाभवर्त ग्राहक के भहर्तों को हमे शा ध्यान में रिर्ते हैं । कोई बार्त र्तब भबगडर्ती है जब बीमा कंपभनयों के
अभधकाभरयों को संिाभवर्त ग्राहक के फायदों के बजाय व्यवसाय के लक्ष्यों की लिर्ता होने लगर्ती है।

2. भवशेषर्ताएं

नैभर्तक आिरण की कुछ भवशेषर्ताएं हैं :

क) ग्राहक के सवोिम भहर्तों को अपने स्वयं के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लािों से ऊपर रिना

ि) ग्राहक के मामलों से संबभं धर्त सिी व्यावसाभयक और भनजी जानकारी को पूरी गोपनीयर्ता के
साथ और भवशेषाभधकार के रूप में रिना

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ग) ग्राहकों को सूभिर्त भनणवय करने में सक्षम बनाने के भलए सिी र्त्यों का पूणव और पयाप्र्त रूप से
िु लासा करना

भनम्पन ज्स्थभर्तयों में नैभर्तकर्ता से समझ़ौर्ता भकए जाने की एक संिावना हो सकर्ती है:

क) दो योजनाओं के बीि एक ऐसी योजना का ियन करना जो दू सरे की र्तुलना में बहु र्त कम
प्रीभमयम या कमीशन दे र्ती है

ि) एक म़ौजूदा पॉभलसी को समाप्र्त करने और एक नई पॉभलसी लेने की भसफाभरश करना

ग) उन पभरज्स्थभर्तयों से पभरभिर्त होना भजनके बारे में बीमा कर्ता को बर्ताए जाने पर यह ग्राहक के
भहर्तों या दावे के लािार्थथयों को प्रभर्तकूल रूप से प्रिाभवर्त कर सकर्ता है।

स्व-परीक्षण 6

इनमें से क़ौन नैभर्तक आिरण की भवशेषर्ता नहीं है?

II. ग्राहकों को एक सूभिर्त भनणवय करने में सक्षम बनाने के भलए पयाप्र्त िु लासे करना

III. ग्राहक के व्यवसाय और व्यभिगर्त जानकारी की गोपनीयर्ता को बनाए रिना

IV. अपने भहर्तों को ग्राहक के भहर्तों से आगे रिना

V. ग्राहक के भहर्त को अपने भहर्त से आगे रिना

सारांश

क) ग्राहक सेवा और भरश्र्तों की िूभमका अन्य उत्पादों की र्तुलना में बीमा के मामले में कहीं अभधक महत्वपूणव
है।

ि) सेवा की गुणविा के पांि प्रमुि संकेर्तकों में भवश्वसनीयर्ता, आश्वासन, जवाबदे ही, सहानु िभू र्त और मूर्तव
िीजें शाभमल हैं ।

ग) ग्राहक के आजीवन मूलय को आर्थथक लािों के योग के रूप में पभरिाभषर्त भकया जा सकर्ता है जो समय
की लंबी अवभध में ग्राहक के साथ एक मजबूर्त संबंध बना कर प्राप्र्त भकया जा सकर्ता है।

घ) ग्राहक सेवा के क्षेत्र में एक बीमा एजेंट की िूभमका पूरी र्तरह से महत्वपूणव है।

ङ) आईआरडीए ने एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस) की शुरूआर्त की है जो बीमा


भशकायर्त डे टा के एक केंद्रीय िंडार के रूप में और उद्योग में भशकायर्त भनवारण की भनगरानी के भलए
एक साधन के रूप में कायव करर्ती है।

ि) लोकपाल बीमाधारक और बीमा कर्ता की आपसी सहमभर्त से प्रसंग की शर्तों के िीर्तर मध्यस्थ और
परामशवदार्ता के रूप में कायव कर सकर्ते हैं ।

छ) सभिय रूप से सुनने में ध्यान दे ना, प्रभर्तभिया प्रदान करना और उभिर्त र्तरीके से जवाब दे ना शाभमल है।

ज) नैभर्तक आिरण में ग्राहक के भहर्त को अपने भहर्त से आगे रिना शाभमल है।

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मुख्य शब्द

ि) सेवा की गुणविा
ग) सहानु िभू र्त
घ) एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस)
ङ) ग्राहक संरक्षण अभधभनयम, 1986
ि) भजला उपिोिा फोरम
छ) बीमा लोकपाल
ज) शारीभरक िाषा
झ) सभिय रूप से सुनना
क) नैभर्तक आिरण

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप 3 है।

आर्थथक लािों का योग जो ग्राहकों के साथ एक दीघवकाभलक संबध


ं बना कर प्राप्र्त भकया जा सकर्ता है, इसे
ग्राहक के आजीवन मूलय के रूप में जाना जार्ता है।

उिर 2

सही भवकलप 3 है।

र्तीसरे पक्ष के दाभयत्व के भलए मोटर बीमा कानून द्वारा अभनवायव है और इसभलए इसकी जरूरर्त पर बहस की
आवश्यकर्ता नहीं है।

उिर 3

सही भवकलप 2 है।

उपिोिा संरक्षण अभधभनयम, 1986 के अनुसार, वह व्यभि जो पुनर्थविय के उद्देश्य से सामान िरीदर्ता है ,
उपिोिा के रूप में वगीकृर्त नहीं भकया जा सकर्ता है।

उिर 4

सही भवकलप 4 है।

अभवश्वास से स्वस्थ संबध


ं नहीं बन सकर्ता है।

उिर 5

सही भवकलप 2 है।

अत्यंर्त पूवाग्रही भनणवयक होना सभिय रूप से सुनने का र्तत्व नहीं है।

46
उिर 6

सही भवकलप 3 है।

अपने स्वयं के भहर्तों को ग्राहक के भहर्तों से आगे रिना नैभर्तक आिरण नहीं है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

___________ एक ठोस वस्र्तु नहीं है।

I. मकान

II. बीमा

III. मोबाइल फोन

IV. एक जोडी जींस

प्रश्न 2

____________ सेवा की गुणविा का एक सूिक नहीं है।

I. िर्तुराई

II. भवश्वसनीयर्ता

III. सहानु िभू र्त

IV. प्रभर्तभियाशीलर्ता

प्रश्न 3

िारर्त में _______________ बीमा अभनवायव है।

I. मोटर र्तृर्तीय पक्ष दाभयत्व

II. मकानों के भलए अज्ग्न बीमा

III. घरे लू यात्रा के भलए यात्रा बीमा

IV. व्यभिगर्त दु घवटना

प्रश्न 4

__________ बीमाधारक की बीमा लागर्त को कम करने के र्तरीकों में से एक है।

I. पुनबीमा

II. कट़ौर्ती

47
III. सह-बीमा

IV. छूट

प्रश्न 5

अपनी बीमा पॉभलसी के संबंध में भशकायर्त रिने वाला एक ग्राहक __________ के माध्यम से
आईआरडीए से संपकव कर सकर्ता है

I. आईजीएमएस

II. भजला उपिोिा फोरम

III. लोकपाल

IV. आईजीएमएस या भजला उपिोिा फोरम या लोकपाल

प्रश्न 6

उपिोिा संरक्षण अभधभनयम का संबध


ं इससे है:

I. बीमा कंपभनयों के भिलाफ भशकायर्त

II. दु कानदारों के भिलाफ भशकायर्त

III. ब्ांड के भिलाफ भशकायर्त

IV. बीमा कंपभनयों, ब्ांड और दु कानदारों के भिलाफ भशकायर्त

प्रश्न 7

___________ का अभधकार क्षेत्र उन मामलों से भनपटना है जहां वस्र्तुओं या सेवाओं मूलय और


क्षभर्तपूर्थर्त का दावा 20 लाि र्तक का है।

I. उछि न्यायालय

II. भजला फोरम

III. रायय आयोग

IV. राष्ट्ीय आयोग

प्रश्न 8

ग्राहक संबध
ं में पहली धारणा बनाई जार्ती है:

I. आत्मभवश्वासी होकर

II. समय पर िल कर

III. रुभि भदिा कर

IV. समय पर िल कर, रुभि भदिा कर और आत्मभवश्वासी होकर

48
प्रश्न 9

सही कथन का ियन करें :

I. बीमा बेिर्ते समय नैभर्तक आिरण असंिव है

II. नैभर्तक आिरण बीमा एजेंटों के भलए आवश्यक नहीं है

III. नैभर्तक आिरण एजेंट और बीमा कर्ता के बीि भवश्वास बढ़ाने में मदद करर्ता है

IV. नैभर्तक आिरण की अपेक्षा केवल शीषव प्रबंधन से की जार्ती है

प्रश्न 10

सभिय रूप से सुनने में शाभमल है:

I. विा की ओर ध्यान दे ना

II. किी-किी भसर भहलाना और मुस्कुरा दे ना

III. प्रभर्तभिया दे ना

IV. विा की ओर ध्यान दे ना, किी-किी भसर भहलाना और मुस्कुराना और प्रभर्तभिया दे ना

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप 2 है।

बीमा ठोस वस्र्तु नहीं है।

उिर 2

सही भवकलप I है।

िर्तुराई सेवा की गुणविा का सूिक नहीं है।

उिर 3

सही भवकलप I है।

मोटर र्तृर्तीय पक्ष दाभयत्व बीमा िारर्त में अभनवायव है।

उिर 4

सही भवकलप 2 है।

पॉभलसी में कट़ौर्ती का क्लॉज बीमाधारक की बीमा लागर्त को कम करने के र्तरीकों में से एक है।

49
उिर 5

सही भवकलप 1 है।

अपनी बीमा पॉभलसी के संबध


ं में भशकायर्त रिने वाले ग्राहक आईजीएमएस के माध्यम से आईआरडीए से संपकव
कर सकर्ते हैं ।

उिर 6

सही भवकलप 4 है।

उपिोिा संरक्षण अभधभनयम बीमा कंपभनयों, दु कानदारों और ब्ांडों के भिलाफ भशकायर्त से संबभं धर्त है।

उिर 7

सही भवकलप 2 है।

भजला फोरम का अभधकार क्षेत्र उन मामलों को भनपटाने का है जहां सामान या सेवाओं का मूलय और क्षभर्तपूर्थर्त
का दावा 20 लाि रुपए र्तक का है।

उिर 8

सही भवकलप 4 है।

ग्राहक संबध
ं में पहली छाप आत्मभवश्वासी होकर, समय पर िल कर और रुभि भदिा कर बनाई जार्ती है।

उिर 9

सही भवकलप 3 है।

नैभर्तक आिरण एजेंट और बीमा कर्ता में भवश्वास बढ़ाने में मदद करर्ता है।

उिर 10

सही भवकलप 4 है।

सभिय रूप से सुनने में विा की ओर ध्यान दे ना, किी-किी भसर भहलाना और मुस्कुराना और प्रभर्तभिया दे ना
शाभमल है।

50
अध्याय 3
भशकायर्त भनवारण प्रणाली
अध्याय पभरिय

बीमा उद्योग अभनवायव रूप से एक सेवा उद्योग है जहां वर्तवमान संदिव में ग्राहकों की अपेक्षाएं लगार्तार बढ़ रही हैं
और प्रदान की गई सेवाओं के मानक के साथ असंर्तोष अिी िी म़ौजूद है। आधुभनक टे कनूलॉभज के उपयोग से
समर्थथर्त ग्राहक सेवा के स्र्तर में उत्पाद के सर्तर्त नवोन्मे षण और महत्वपूणव सुधार के बावजूद उद्योग को ग्राहक
असंर्तोष और िराब छभव के मामले में कडवे अनु िव का सामना करना कर रहा है। इस ज्स्थभर्त को दे िर्ते हु ए
सरकार और भवभनयामक ने कई र्तरह की पहल की है।

आईआरडीएआई के भवभनयमों में बीमा कंपनी द्वारा उपिोिा को प्रदान की जाने वाली भवभिन्न सेवाओं के भलए
टनवअराउं ड टाइम (टीएटी) भनधाभरर्त भकया गया है। ये आईआरडीएआई (पॉभलसीधारकों का भहर्त संरक्षण
भवभनयम), 2002 का भहस्सा हैं ।बीमा कंपभनयों के पास एक प्रिावी भशकायर्त भनवारण प्रणाली होना आवश्यक है
और आईआरडीएआई ने इसके भलए िी भदशाभनदे श बनाए हैं ।

अध्ययन पभरणाम

A. भशकायर्त भनवारण प्रणाली – उपिोिा न्यायालय, लोकपाल

51
A. भशकायर्त भनवारण प्रणाली

1. एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (इंभटग्रेटेड ग्रीवांस मैनजमेंट भसस्टम - आईजीएमएस)

आईआरडीए ने एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस) की शुरूआर्त की है जो बीमा भशकायर्त डे टा


के केंद्रीय िंडार के रूप में और उद्योग में भशकायर्त भनवारण की भनगरानी के उपकरण के रूप में कायव करर्ता है।

पॉभलसीधारक अपनी पॉभलसी के भववरण के साथ इस प्रणाली पर रभजस्टर करके अपनी भशकायर्त दजव कर
सकर्ते हैं । भफर भशकायर्तें संबभं धर्त बीमा कंपभनयों को िेजी जार्ती हैं ।

भशकायर्त भनवारण प्रणाली

आईजीएमएस भशकायर्तों और उनके भनवारण में लगने वाले समय पर नजर रिर्ती है। भशकायर्तों को
भनम्पनभलभिर्त यूआरएल पर पंजीकृर्त भकया जा सकर्ता है:
http://www.policyholder.gov.in/Integrated_Grievance_Management.aspx
2. उपिोिा संरक्षण अभधभनयम, 1986

महत्वपूणव

यह अभधभनयम "उपिोिाओं के भहर्तों का बेहर्तर संरक्षण प्रदान करने के भलए और उपिोिा भववादों के
भनपटान के भलए उपिोिा पभरषदों और अन्य प्राभधकरणों की स्थापना का प्रावधान करने के उद्देश्य से पाभरर्त
भकया गया था।"इस अभधभनयम को उपिोिा संरक्षण (संशोधन) अभधभनयम, 2002 के द्वारा संशोभधर्त भकया
गया है।

अभधभनयम में उपलब्ध कुछ पभरिाषाएं इस प्रकार हैं :

पभरिाषा

"सेवा" का मर्तलब है भकसी िी भववरण की सेवा जो संिाव्य उपयोगकर्ताओं के भलए उपलब्ध कराई गयी है
और इसमें बैंलकग, भविपोषण, बीमा, पभरवहन, संसाधन, भवद्युर्त या अन्य ऊजा की आपूर्थर्त, बोडव या ठहरना या
दोनों, आवास भनमाण, मनोरंजन, िेल-कूद या समािार अथवा अन्य जानकारी के प्रसार के संबंध में सुभवधाओं
की व्यवस्था करना शाभमल है।लेभकन इसमें भन:शुलक सेवा या व्यभिगर्त सेवा अनुबध
ं के र्तहर्त कोई िी सेवा
प्रदान करना शाभमल नहीं है।

बीमा को एक सेवा के रूप में शाभमल भकया गया है

"उपिोिा" का मर्तलब है कोई िी ऐसा व्यभि जो

 भकसी प्रभर्तफल के बदले में कोई सामान िरीदर्ता है और इसमें इस र्तरह के सामान का कोई िी
उपयोगकर्ता शाभमल है।लेभकन इसमें ऐसा व्यभि शाभमल नहीं है जो पुनर्थविय के भलए या भकसी िी
व्यावसाभयक उद्देश्य के भलए इस र्तरह के सामान को प्राप्र्त करर्ता है।
 प्रभर्तफल के बदले में कोई सेवा भकराए पर लेर्ता है या उसका लाि उठार्ता है और इसमें ऐसी सेवाओं के
लािाथी शाभमल हैं ।

52
"दोष" का मर्तलब है गुणविा, प्रकृभर्त और भनष्पादन के र्तरीके में कोई िी र्तुभट, कमी या अपयाप्र्तर्ता जो भकसी
िी क़ानून के र्तहर्त या इसके द्वारा बनाए रिा जाना आवश्यक है या भजसे भकसी सेवा के संबध
ं में भकसी अनु बध

के अनु पालन में या अन्यथा भकसी व्यभि द्वारा भनष्पादन भकए जाने का विन भदया गया है।

"भशकायर्त" का मर्तलब है भशकायर्तकर्ता द्वारा भलभिर्त रूप में लगाया गया कोई िी आरोप भक:

 अनु भिर्त व्यावसाभयक व्यवहार या प्रभर्तबंधात्मक व्यावसाभयक व्यवहार अपनाया गया है


 उसके द्वारा िरीदे गए सामान में एक या एक से अभधक दोष हैं
 उसके द्वारा भकराए पर ली गयी या प्राप्र्त की गयी सेवाओं में भकसी िी प्रकार की कमी पाई गई है
 वसूल भकया गया मूलय कानून द्वारा भनधाभरर्त या पैकेज पर प्रदर्थशर्त मूलय से अभधक है
 ऐसे सामान जो इस्र्ते माल भकए जाने पर जीवन और सुरक्षा के भलए िर्तरनाक होंगे , इस र्तरह के भकसी
िी क़ानून के प्रावधानों के उललंघन में जनर्ता के बीि भबिी के भलए उपलब्ध कराए जा रहे हैं भजनके
भलए व्यापारी को ऐसे सामानों की भवषय-वस्र्तुओ,ं इस्र्ते माल के र्तरीके और प्रिाव के संदिव में जानकारी
प्रदर्थशर्त करने की आवश्यकर्ता होर्ती है।

"उपिोिा भववाद" का मर्तलब है एक ऐसा भववाद जहां भजस व्यभि के भिलाफ भशकायर्त की गयी है वह
भशकायर्त में भनभहर्त आरोपों को नकारार्ता और उनका िंडन करर्ता है.

a) उपिोिा भववाद भनवारण एजेंभसयां

"उपिोिा भववाद भनवारण एजेंभसयां" प्रत्येक भजले और रायय में र्तथा राष्ट्ीय स्र्तर पर स्थाभपर्त की गयी हैं ।

i. भजला फोरम

 इस फोरम का क्षेत्राभधकार उन भशकायर्तों पर ध्यान दे ना है जहां वस्र्तुओं या सेवाओं का मूलय और


क्षभर्तपूर्थर्त का दावा 20 लाि रुपए र्तक रहर्ता है।
 भजला फोरम को अपना आदे श/भनणवय भनष्पादन के भलए उभिर्त भसभवल कोटव को िेजने का
अभधकार है।

ii. रायय आयोग

 इस भनवारण प्राभधकरण के पास मूल, अपीलीय और पयववक्ष


े ी अभधकार रहर्ते है।
 यह भजला फोरम की अपील पर सुनवाई करर्ता है।
 इसका मूल अभधकार क्षेत्र िी उन भशकायर्तों की सुनवाई करना है जहां सामानों/सेवाओं का मूलय
और क्षभर्तपूर्थर्त, अगर कोई दावा भकया गया है, 20 लाि रुपए से अभधक लेभकन 100 लाि रुपए से
अभधक नहीं रहर्ती है।
 अन्य शभियां और अभधकार भजला फोरम के समान ही हैं ।

iii. राष्ट्ीय आयोग

 अभधभनयम के र्तहर्त स्थाभपर्त अंभर्तम प्राभधकरण राष्ट्ीय आयोग है।


 इसके पास मूल, अपीलीय और पयववक्ष
े ी अभधकार रहर्ते हैं ।

53
 यह रायय आयोग द्वारा पाभरर्त आदे श की याभिकाओं की सुनवाई कर सकर्ता है और अपने मूल
अभधकार क्षेत्र में यह ऐसे भववादों का समाधान करे गा जहां सामान/सेवाओं का मूलय और क्षभर्तपूर्थर्त
का दावा मुआवजा 100 लाि रुपए से अभधक होर्ता है।
 इसके पास रायय आयोग के ऊपर पयववक्ष
े ी अभधकार रहर्ते है।

सिी र्तीनों एजेंभसयों के पास भसभवल न्यायालय के अभधकार रहर्ते हैं ।

भित्र 2 : भशकायर्त भनवारण के भलए िैनल

जुडीकल
िैनल

राष्ट्ीय आयोग रायय आयोग भजला फोरम

रायय सरकार द्वारा रायय में रायय सरकार द्वारा प्रत्येक भजले में
केंद्र सरकार की अभधसूिना
स्थाभपर्त इन बार्तों पर ध्यान दे र्ता है: स्थाभपर्त इन बार्तों पर ध्यान दे र्ता है:
द्वारा स्थाभपर्त इन बार्तों पर
ध्यान दे र्ता है:
 ऐसी भशकायर्तें जहां  ऐसी भशकायर्तें जहां
 ऐसी भशकायर्तें जहां सामान/सेवाओं का मूलय और सामान/सेवाओं का मूलय
सामान/सेवाओं का मूलय और क्षभर्तपूर्थर्त का दावा, यभद भकया क्षभर्तपूर्थर्त का दावा, यभद
क्षभर्तपूर्थर्त का दावा, यभद भकया गया है, 20 लाि रुपए से अभधक भकया गया हो, 20 लाि
गया है, 1 करोड रुपए से लेभकन 1 करोड रुपए से अभधक रुपए से अभधक नहीं है
अभधक होर्ता है; और नहीं होर्ता है; और
 भकसी रायय आयोग के आदे शों  रायय में भकसी िी भजला फोरम
के भिलाफ की गई अपील की के आदे शों के भिलाफ की गई
सुनवाई करर्ता है अपील की सुनवाई करर्ता है

b) भशकायर्त दजव कराने की प्रभिया

उपरोि सिी र्तीनों भनवारण एजेंभसयों में भशकायर्त दजव कराने की प्रभिया बहु र्त ही सरल है। रायय आयोग
या राष्ट्ीय आयोग के समक्ष भशकायर्त दजव कराने या याभिका दायर करने की प्रभिया के भलए कोई शुलक
नहीं है। भशकायर्त स्वयं भशकायर्तकर्ता द्वारा या उसके अभधकृर्त एजेंट द्वारा दजव करायी जा सकर्ती है। इसे
व्यभिगर्त रूप से िी दायर भकया जा सकर्ता है या डाक से िी िेजा जा सकर्ता है। यह ध्यान भदया जाना
िाभहए भक भशकायर्त दाभिल करने के प्रयोजन के भलए भकसी वकील की आवश्यकर्ता नहीं पडर्ती है।

54
c) उपिोिा फोरम के आदे श

अगर फोरम इस बार्त से संर्तुष्ट है भक भजस सामान के भिलाफ भशकायर्त दजव की गयी है , वह भशकायर्त में
भनर्थदष्ट भकसी िी दोष से ग्रस्र्त है या भक सेवाओं के बारे में भशकायर्त में शाभमल कोई िी आरोप साभबर्त हो
जार्ता है र्तो फोरम भवपक्षी पाटी को भनम्पनभलभिर्त में से एक या अभधक कदम उठाने का भनदे श दे र्ते हु ए
आदे श जारी कर सकर्ता है अथार्त,

i. भशकायर्तकर्ता को मूलय (या बीमा के मामले में प्रीभमयम), भशकायर्तकर्ता द्वारा िुगर्तान भकया गया
शुलक वापस करने के भलए
ii. भवपक्षी पाटी की लापरवाही के कारण उपिोिा को हु ए भकसी िी नु कसान या िोट के भलए उपिोिा
को मुआवजे के रूप में इस र्तरह की राभश का िुगर्तान करने के भलए
iii. भववाभदर्त सेवाओं में दोष या कभमयों को दू र करने के भलए
iv. अनु भिर्त व्यावसाभयक व्यवहार या प्रभर्तबंधात्मक व्यापार व्यवहार बंद करने और इसे नहीं दोहराने के
भलए
v. पार्थटयों को पयाप्र्त लागर्त भदलाने के भलए

d) भशकायर्तों की प्रकृभर्त

जहां र्तक बीमा व्यवसाय का सवाल है, र्तीनों फोरमों के पास आने वाले अभधकांश उपिोिा भववाद
भनम्पनभलभिर्त मुख्य श्रेभणयों में आर्ते हैं -

i. दावों के भनपटान में होने वाली दे री


ii. दावों का भनपटारा नहीं होना
iii. दावों की अस्वीकृभर्त
iv. नु कसान की मात्रा
v. पॉभलसी के भनयम, शर्तें आभद

3. बीमा लोकपाल

केंद्र सरकार ने बीमा अभधभनयम, 1938 के अभधकारों के र्तहर्त 11 नवंबर 1998 को शासकीय राजपत्र में
प्रकाभशर्त अभधसूिना द्वारा लोक भशकायर्त भनवारण भनयम, 1998 बनाए थे।ये भनयम जीवन और गैर-जीवन
बीमा कंपभनयों के भलए बीमा के सिी व्यभिगर्त लाइनों याभन भक व्यभिगर्त क्षमर्ता में भलए गए बीमा पर लागू
होर्ते हैं ।

इन भनयमों का उद्देश्य बीमा कंपभनयों की ओर से दावे के भनपटान से संबंभधर्त सिी भशकायर्तों को भकफायर्ती,
कुशल और भनष्पक्ष र्तरीके से हल करना है।

लोकपाल, बीमाधारक और बीमा कंपनी की आपसी सहमभर्त से संदिव की शर्तों के िीर्तर एक मध्यस्थ और
परामशवदार्ता के रूप में कायव कर सकर्ते हैं ।

भशकायर्त को स्वीकार या अस्वीकार करने के भलए लोकपाल का भनणवय अंभर्तम है।

55
a) लोकपाल से भशकायर्त

लोकपाल से की गयी कोई िी भशकायर्त भलभिर्त रूप में , बीमाधारक या उसके कानूनी वाभरसों द्वारा
हस्र्ताक्षभरर्त, एक ऐसे लोकपाल को संबोभधर्त भजसका अभधकार क्षेत्र वहां है जहां बीमा कंपनी की कोई
शािा/कायालय है, दस्र्तावेजों द्वारा समर्थथर्त, यभद कोई हो, भशकायर्तकर्ता को हु ए नु कसान की प्रकृभर्त
और सीमा के अनु मान और मांगी गयी राहर्त के साथ होनी िाभहए।

लोकपाल से भशकायर्त की जा सकर्ती है अगर:

i. भशकायर्तकर्ता ने बीमा कंपनी को पहले एक भलभिर्त भशकायर्त की थी और बीमा कंपनी ने यह कदम


उठाया था:

 भशकायर्त को अस्वीकार कर भदया या


 भशकायर्तकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त प्राप्र्त भकए जाने के बाद एक माह के िीर्तर कोई
जवाब नहीं भमला

ii. भशकायर्तकर्ता बीमा कंपनी द्वारा भदए गए जवाब से संर्तुष्ट नहीं है


iii. भशकायर्त बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकृभर्त की भर्तभथ से एक वषव के िीर्तर की गयी है
iv. भशकायर्त भकसी िी अदालर्त या उपिोिा फोरम या मध्यस्थर्ता में लंभबर्त नहीं है

b) लोकपाल की भसफाभरशें

लोकपाल से कुछ कर्तवव्यों / प्रोटोकॉलों के पालन की अपेक्षा की जार्ती है:

i. इस र्तरह की भशकायर्त प्राप्र्त होने के एक माह के िीर्तर भसफाभरशों की जानी िाभहए


ii. भसफाभरश की प्रभर्तयां भशकायर्तकर्ता और बीमा कंपनी दोनों को िेजी जानी िाभहए
iii. इस र्तरह की भसफाभरश प्राप्र्त होने के 15 भदनों के िीर्तर भशकायर्तकर्ता द्वारा भसफाभरशों को भलभिर्त
रूप में स्वीकार भकया जाना िाभहए
iv. बीभमर्त व्यभि द्वारा स्वीकृभर्त पत्र की एक प्रभर्तभलभप बीमा कंपनी को िेजी जानी िाभहए और उसे इस
र्तरह का स्वीकृभर्त पत्र प्राप्र्त होने के 15 भदनों के िीर्तर उसकी भलभिर्त पुज्ष्ट मांगी जानी िाभहए।

c) फैसला (अवाडव )

अगर भववाद का भनपटारा मध्यस्थर्ता द्वारा नहीं होर्ता है र्तो लोकपाल बीमाधारक के भलए एक फैसला पाभरर्त
करे गा जो उसकी नज़र में उभिर्त है और जो बीमाधारक के नु कसान को कवर करने के भलए आवश्यक
राभश से अभधक नहीं होगा।

लोकपाल के फैसले भनम्पनभलभिर्त भनयमों से संिाभलर्त होर्ते हैं :

i. फैसला (अनु ग्रह राभश की अदायगी और अन्य ििव सभहर्त) 20 लाि रुपए से अभधक का नहीं होना
िाभहए।
ii. फैसला इस र्तरह की भशकायर्त प्राप्र्त होने की र्तारीि से 3 महीने की अवभध के िीर्तर भदया जाना
िाभहए, और बीमाधारक को इस र्तरह का फैसला प्राप्र्त होने के एक महीने के िीर्तर अंभर्तम भनपटान के
रूप में अवाडव की प्राज्प्र्त स्वीकार करनी िाभहए।

56
iii. बीमा कंपनी फैसले का अनुपालन करे गी और इस र्तरह का स्वीकृभर्त पत्र प्राप्र्त होने के 15 भदनों के
िीर्तर लोकपाल को एक भलभिर्त सूिना िेजेगी।
iv. अगर बीमाधारक भलभिर्त रूप में इस र्तरह के फैसले की स्वीकृभर्त की सूिना नहीं दे र्ता है र्तो बीमा
कंपनी फैसले को भियाज्न्वर्त नहीं कर सकर्ती है।

स्व-परीक्षण 1

__________ का अभधकार क्षेत्र ऐसी भशकायर्तों पर ध्यान दे ने का है जहां वस्र्तुओं या सेवाओं का मूलय
और क्षभर्तपूर्थर्त का दावा 20 लाि रुपए र्तक रहर्ता है।

I. भजला फोरम
II. रायय आयोग
III. भजला पभरषद
IV. राष्ट्ीय आयोग

सारांश

 आईआरडीए ने एक एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस) की शुरूआर्त की है जो बीमा


भशकायर्त डे टा के केंद्रीय िंडार के रूप में और उद्योग में भशकायर्त भनवारण की भनगरानी के भलए उपकरण
के रूप में कायव करर्ती है।

 उपिोिा भववाद भनवारण एजेंभसयां प्रत्येक भजले र्तथा रायय में और राष्ट्ीय स्र्तर पर स्थाभपर्त की गयी हैं।

 जहां र्तक बीमा कारोबार का सवाल है, अभधकांश उपिोिा भववाद दावों के भनपटान में दे री, दावों का
भनपटान नहीं होने, दावों की अस्वीकृभर्त, नु कसान की मात्रा और पॉभलसी के भनयमों, शर्तों आभद जैसी
श्रेभणयों में आर्ते हैं ।

 बीमा लोकपाल, बीमाधारक और बीमा कंपनी की आपसी सहमभर्त से संदिव की शर्तों के िीर्तर एक मध्यस्थ
और परामशवदार्ता के रूप में कायव कर सकर्ते हैं ।

 अगर भववाद का भनपटारा मध्यस्थर्ता द्वारा नहीं होर्ता है र्तो लोकपाल बीमाधारक को ऐसा फैसला पाभरर्त
करे गा जो उसकी नज़र में उभिर्त है और बीमाधारक के नु कसान को कवर करने के भलए आवश्यक राभश से
अभधक नहीं होगा।

प्रमुि शब्द

1. एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (आईजीएमएस)


2. उपिोिा संरक्षण अभधभनयम, 1986
3. भजला फोरम
4. रायय आयोग
5. राष्ट्ीय आयोग
6. बीमा लोकपाल (ओम्पबड्समैन)

57
स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही उिर I है।

भजला फोरम का अभधकार क्षेत्र ऐसी भशकायर्तों पर ध्यान दे ने का है जहां वस्र्तुओं या सेवाओं का मूलय और
क्षभर्तपूर्थर्त का दावा 20 लाि रुपए र्तक का है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

आईजीएमएस शब्द का भवस्र्तार करें ।

I. इंश्योरें स जनरल मैनेजमेंट भसस्टम

II. इंभडयन जनरल मैनेजमेंट भसस्टम

III. इंभटग्रेटेड ग्रीवांस मैनेजमेंट भसस्टम

IV. इंटेभलजेंट ग्रीवांस मैनेजमेंट भसस्टम

प्रश्न 2

इनमें से क़ौन सी उपिोिा भशकायर्त भनवारण एजेंसी 20 लाि रुपए से 100 लाि रुपए र्तक के उपिोिा
भववादों पर ध्यान दे गी?

I. भजला फोरम

II. रायय आयोग (स्टे ट कमीशन)

III. राष्ट्ीय आयोग

IV. भजला पभरषद

प्रश्न 3

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा भवकलप वैध उपिोिा भशकायर्त के भलए आधार नहीं बन सकर्ता है ?

I. उत्पाद की एमआरपी से अभधक कीमर्त वसूलने वाला दु कानदार

II. ग्राहक को अपनी श्रेणी में सबसे अछछे उत्पाद की सलाह नहीं दे ने वाला दु कानदार

III. दवा की बोर्तल पर एलजी की िेर्तावनी नहीं दी गयी है

IV. दोषपूणव उत्पाद

58
प्रश्न 4

इनमें से क़ौन सा बीमा पॉभलसी से संबंभधर्त भशकायर्त दजव कराने के संबंध में ग्राहक के भलए सबसे उपयुि
भवकलप होगा?

I. पुभलस

II. सवोछि न्यायालय

III. बीमा लोकपाल

IV. भजला न्यायालय

प्रश्न 5

इनमें से क़ौन सा कथन बीमा लोकपाल के क्षेत्राभधकार के संबंध में सही है?

I. बीमा लोकपाल का राष्ट्ीय अभधकार क्षेत्र है

II. बीमा लोकपाल का रायय स्र्तरीय अभधकार क्षेत्र है

III. बीमा लोकपाल का भजला स्र्तरीय अभधकार क्षेत्र है

IV. बीमा लोकपाल केवल भनर्थदष्ट क्षेत्रीय सीमाओं के िीर्तर काम करर्ता है

प्रश्न 6

बीमा लोकपाल के पास भशकायर्त कैसे की जाएगी?

I. भशकायर्त भलभिर्त रूप में की जाएगी

II. भशकायर्त फोन पर म़ौभिक रूप से की जाएगी

III. भशकायर्त आमने-सामने म़ौभिक रूप से की जाएगी

IV. भशकायर्त अिबार में भवज्ञापन के माध्यम से की जाएगी

प्रश्न 7

एक बीमा लोकपाल से संपकव करने की समय सीमा क्या है?

I. बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त की अस्वीकृभर्त के दो वषव के िीर्तर

II. बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त की अस्वीकृभर्त के र्तीन वषव के िीर्तर

III. बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त की अस्वीकृभर्त के एक वषव के िीर्तर

IV. बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त की अस्वीकृभर्त के एक माह के िीर्तर

प्रश्न 8

इनमें से क़ौन सी लोकपाल के पास भशकायर्त करने के भलए पूवव-आवश्यकर्ता नहीं है?

59
I. भशकायर्त "व्यभिगर्त लाइन" बीमा के बारे में भकसी व्यभि द्वारा की जानी िाभहए

II. भशकायर्त बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त िाभरज भकए जाने के 1 वषव के िीर्तर दजव कराई जानी िाभहए

III. भशकायर्तकर्ता को लोकपाल से पहले उपिोिा फोरम से संपकव करना िाभहए

IV. कुल राहर्त की मांग 20 लाि रुपए की राभश के िीर्तर होनी िाभहए

प्रश्न 9

क्या लोकपाल के पास भशकायर्त दजव कराने के भलए कोई फीस/शुलक िुगर्तान करने की आवश्यकर्ता है ?

I. 100 रुपए की फीस िुगर्तान करने की आवश्यकर्ता है

II. कोई िी फीस या शुलक िुगर्तान करने की आवश्यकर्ता नहीं है

III. मांगी गयी राहर्त का 20% फीस के रूप में िुगर्तान भकया जाना िाभहए

IV. मांगी गयी राहर्त का 10% फीस के रूप में िुगर्तान भकया जाना िाभहए

प्रश्न 10

क्या भनजी बीमा कंपनी के भिलाफ भशकायर्त दजव की जा सकर्ती है?

I. भशकायर्तें केवल साववजभनक बीमा कंपभनयों के भिलाफ दजव की जा सकर्ती हैं

II. हां, भनजी बीमा कंपभनयों के भिलाफ िी भशकायर्त दजव की जा सकर्ती है

III. केवल जीवन बीमा के क्षेत्र में कायवरर्त भनजी बीमा कंपभनयों के भिलाफ भशकायर्त दजव की जा सकर्ती है

IV. केवल गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में कायवरर्त भनजी बीमा कंपभनयों के भिलाफ भशकायर्त दजव की जा सकर्ती है

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप III है।

आईजीएमएस का मर्तलब है एकीकृर्त भशकायर्त प्रबंधन प्रणाली (इंभटग्रेटेड ग्रीवांस मैनेजमेंट भसस्टम)।

उिर 2

सही भवकलप II है।

रायय आयोग 20 लाि रुपए से 100 लाि रुपए र्तक की राभश के उपिोिा भववादों का भनपटारा करे गा।

उिर 3

सही भवकलप II है।

अपनी श्रेणी में सबसे अछछे उत्पाद की सलाह नहीं दे ने वाला दु कानदार वैध उपिोिा भशकायर्त का आधार नहीं
बन सकर्ता है।

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उिर 4

सही भवकलप III है।

भशकायर्त उस बीमा लोकपाल के पास दजव की जाएगी भजसके क्षेत्राभधकार में बीमा कंपनी का कायालय आर्ता
है।

उिर 5

सही भवकलप IV है।

बीमा लोकपाल केवल भनर्थदष्ट क्षेत्रीय सीमाओं के िीर्तर काम करर्ता है।

उिर 6

सही भवकलप I है।

लोकपाल को भलभिर्त रूप में भशकायर्त की जाएगी।

उिर 7

सही भवकलप III है।

भशकायर्तकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा भशकायर्त की अस्वीकृभर्त के एक वषव के िीर्तर लोकपाल से संपकव करना
िाभहए।

उिर 8

सही भवकलप III है।

भशकायर्तकर्ता को लोकपाल से पहले उपिोिा फोरम से संपकव करने की आवश्यकर्ता नहीं है।

उिर 9

सही भवकलप II है।

लोकपाल के पास भशकायर्त दजव कराने के भलए कोई फीस/शुलक िुगर्तान करने की जरूरर्त नहीं है।

उिर 10

सही भवकलप II है।

हां, भनजी बीमा कंपभनयों के भिलाफ िी भशकायर्त दजव की जा सकर्ती है।

61
पभरभशष्ठ

िारर्त में पभरिालनरर्त जीवन बीमा कंपभनयों की सूिी

1. बजाज आभलयांज लाइफ इंश्योरें स


2. भबडला सन लाइफ इंश्योरें स
3. एिडीएफसी स्टैं डडव लाइफ इंश्योरें स
4. आईसीआईसीआई पूडेंभशयल लाइफ इंश्योरें स
5. एक्साइड लाइफ इंश्योरें स
6. िारर्तीय जीवन बीमा भनगम
7. मैक्स लाइफ इंश्योरें स
8. पीएनबी मे टलाइफ इंभडया इंश्योरें स
9. कोटक मलहद्रा ओलड म्पयुिुअल लाइफ इंश्योरें स
10. एसबीआई लाइफ इंश्योरें स
11. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरें स
12. भरलायंस लाइफ इंश्योरें स
13. अवीवा लाइफ इंश्योरें स
14. सहारा इंभडया लाइफ इंश्योरें स
15. श्रीराम लाइफ इंश्योरें स
16. िारर्तीअक्सा लाइफ इंश्योरें स
17. फ्यूिर जेनेराली इंभडया लाइफ इंश्योरें स
18. आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरें स
19. केनरा एिएसबीसी ओभरएंटल बैंक ऑफ कॉमसव लाइफ इंश्योरें स
20. एगॉनरे भलगेयर लाइफ इंश्योरें स
21. डीएचएलएफ प्रामे ररका लाइफ इंश्योरें स
22. स्टार यूभनयन दाई-इिी लाइफ इंश्योरें स
23. इंभडया फस्टव लाइफ इंश्योरें स
24. एडलवाइस टोक्यो लाइफ इंश्योरें स

62
अध्याय 4
बीमा अभिकर्ताओं की भनयामक पहलु

1. पभरिाषाएाँ : इन भवभनयमों में जब र्तक संदिव से अन्यथा अपेभक्षर्त न हो:-


(1) "अभधभनयम" से समय-समय पर यथासंशोभधर्त बीमा अभधभनयम, 1938 (1938 का 4) अभिप्रेर्त है;
(2) "भनयुभि पत्र" से बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव करने के भलए भकसी व्यभि को बीमाकर्ता द्वारा जारी
भकया गया भनयुभि का पत्र अभिप्रेर्त है।
(3) "अपील अभधकारी" से बीमा अभिकर्ता से प्राप्र्त अभ्यावेदनों और अपीलों पर भविार करने एवं उनका
भनपटान करने के भलए बीमाकर्ता द्वारा प्राभधकृर्त अभधकारी अभिप्रेर्त है।
(4) "बीमा अभिकर्ता " से वह व्यभि अभिप्रेर्त है जो बीमाकर्ता द्वारा बीमा पॉभलभसयों की भनरंर्तरर्ता, नवीकरण
अथवा पुनःप्रवर्तवन से संबंभधर्त व्यवसाय सभहर्त बीमा व्यवसाय की अपेक्षा अथवा प्रापण करने के प्रयोजन के भलए
भनयुि भकया गया हो।
(5) "प्राभधकरण" से बीमा भवभनयामक और भवकास प्राभधकरण अभधभनयम, 1999 (1999 का 41) की धारा 3 के
अधीन स्थाभपर्त िारर्तीय बीमा भवभनयामक और भवकास प्राभधकरण अभिप्रेर्त है।
(6) "भवभवध बीमा अभिकर्ता " से वह व्यभि अभिप्रेर्त है भजसकी भनयुभि दो या उससे अभधक बीमाकर्ताओं द्वारा
बीमा अभिकर्ता के रूप में इस शर्तव के अधीन की गई हो भक वह एक जीवन बीमाकर्ता, एक साधारण बीमाकर्ता,
एक स्वास््य बीमाकर्ता और एकल श्रेणी (मोनो-लाइन) बीमाकर्ताओं में से प्रत्येक श्रेणी में एक बीमाकर्ता से
अभधक के भलए बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव नहीं करे गा/करे गी।
(7) "अभिकर्ताओं की केंद्रीकृर्त सूिी" से प्राभधकरण द्वारा अनुरभक्षर्त अभिकर्ताओं की वह सूिी अभिप्रेर्त है,
भजसमें सिी बीमाकर्ताओं द्वारा भनयुि अभिकर्ताओं का समस्र्त भववरण भनभहर्त हो।
(8) "काली सूिी में दजव अभिकर्ताओं की केंद्रीकृर्त सूिी" से प्राभधकरण द्वारा अनुरभक्षर्त उन अभिकर्ताओं की
सूिी अभिप्रेर्त है भजनकी भनयुभि बीमाकर्ता के नाभमर्त अभधकारी द्वारा आिरण-संभहर्ता के उललंघन और/या
धोिाधडी के कारण भनरस्र्त/ भनलंभबर्त भकया गया हो।
(9) "नाभमर्त अभधकारी" से बीमाकर्ता द्वारा बीमा अभिकर्ता के रूप में भकसी व्यभि की भनयुभि करने के भलए
प्राभधकृर्त अभधकारी अभिप्रेर्त है।
(10) "परीक्षा भनकाय" से वह संस्था अभिप्रेर्त है जो बीमा अभिकर्ताओं के भलए िर्ती-पूवव परीक्षाओं का संिालन
करर्ती है र्तथा जो प्राभधकरण द्वारा भवभधवत् मान्यर्ता प्राप्र्त है।
(11) "एकल श्रेणी बीमाकर्ता" से इन भवभनयमों के प्रयोजन के भलए वह बीमाकर्ता अभिप्रेर्त है जो बीमा
अभधभनयम, 1938 की धारा 2(9) के अंर्तगवर्त पभरिाभषर्त रूप में बीमाकर्ता हो र्तथा कृभष बीमा, भनयार्त ऋण
गारंटी व्यवसाय जैसे व्यवसाय की एक भवभशष्ट भवशेषीकृर्त श्रेणी का व्यवसाय करर्ता हो।
(12) "बहु स्र्तरीय भवपणन योजना" से अभधभनयम की धारा 42ए के स्पष्टीकरण में पभरिाभषर्त रूप में कोई
योजना अभिप्रेर्त है।
2. बीमाकर्ता द्वारा बीमा अभिकर्ता की भनयुभि :
1) भकसी बीमाकर्ता के बीमा अभिकर्ता के रूप में भनयुभि की अपेक्षा करने वाला आवेदक बीमाकर्ता के
नाभमर्त अभधकारी को फामव I-ए में आवेदन प्रस्र्तुर्त करे गा।
2) बीमाकर्ता का नाभमर्त अभधकारी आवेदन प्राप्र्त करने पर इस बार्त से संर्तुष्ट होगा भक:

63
क) आवेदक ने फामव |-ए में सिी प्रकार से पूणव अभिकरण आवेदन प्रस्र्तुर्त भकया है;
ि) आवेदक ने अभिकरण आवेदन फामव के साथ पैन (पीएएन) का भववरण प्रस्र्तुर्त भकया है ;
ग) आवेदक ने भवभनयम 6 के अंर्तगवर्त भवभनर्थदष्ट रूप में बीमा परीक्षा उिीणव की है;
घ) आवेदक भवभनयम 7 में उललेभिर्त भकसी िी अनहवर्ता से युि नहीं है;
ङ) आवेदक के पास बीमा व्यवसाय की अपेक्षा और प्रापण करने के भलए आवश्यक ज्ञान है ; र्तथा वह
पॉभलसीधारकों को आवश्यक सेवा प्रदान करने के भलए सक्षम है ;
3) नाभमर्त अभधकारी अभिकरण आवेदन का सत्यापन करने और यह पर्ता लगाने में समुभिर्त सावधानी
बरर्ते गा भक आवेदक एक जीवन बीमाकर्ता, एक साधारण बीमाकर्ता, एक स्वास््य बीमाकर्ता और
एकल श्रेणी (मोनो-लाइन) बीमाकर्ताओं में से प्रत्येक श्रेणी में एक बीमाकर्ता से अभधक के भलए
अभिकरण भनयुभि धाभरर्त नहीं करर्ता र्तथा उसका नाम काली सूिी में दजव अभिकर्ताओं की सूिी में
नहीं है।
4) नाभमर्त अभधकारी भनम्पनभलभिर्त का िी सत्यापन करे गा
क) उपयुवि उप-भवभनयम (3) में उललेभिर्त रूप में सूिना का पर्ता लगाने के भलए आवेदक की पैन
संख्या के साथ प्राभधकरण द्वारा अनु रभक्षर्त अभिकर्ताओं की केन्द्रीकृर्त सूिी का सत्यापन करे गा।
ि) आवेदक का नाम काली सूिी में दजव नहीं है, यह पर्ता लगाने के भलए प्राभधकरण द्वारा अनुरभक्षर्त
अभिकर्ताओं की केन्द्रीकृर्त काली सूिी का सत्यापन करे गा।
5) नाभमर्त अभधकारी इस बार्त से संर्तुष्ट होने पर भक आवेदक ने उपयुि
व भवभनयम 4(2) से 4(4) र्तक में
उललेभिर्त सिी शर्तों को पूरा भकया है र्तथा अभधभनयम की धारा 42 की उप-धारा (3) में उललेभिर्त
भकसी िी अनहव र्ता से युि िी नहीं है , अभिकरण आवेदन का प्रसंस्करण कर सकर्ता है र्तथा आवेदक से
सिी दस्र्तावेज प्राप्र्त करने से 15 भदन के अंदर एक भनयुभि पत्र जारी करने के द्वारा बीमा अभिकर्ता के
रूप में आवेदक को भनयुभि प्रदान कर सकर्ता है। नाभमर्त अभधकारी भनयुि अभिकर्ता को एक
अभिकरण कूट संख्या आबंभटर्त करे गा र्तथा उि एजेंसी कूट संख्या से पहले बीमाकर्ता के नाम का
संभक्षप्र्त रूप रिा जाएगा।
6) उपयुवि उप-भवभनयम (5) में उललेभिर्त रूप में जारी भकये जाने वाले अभिकरण भनयुभि पत्र में उि
भनयुभि एवं बीमा अभिकर्ता के रूप में आवेदक की कायव-पद्भर्त को भनयंभत्रर्त करने वाली सिी शर्तों
और भवभनयम 8 में दी गई रूपरे िा के अनु सार आिरण-संभहर्ता को समाभवष्ट करर्ते हु ए भनयुभि की
शर्तें भनधाभरर्त की जाएाँगी। भनयुभि पत्र उपयुवि उप-भवभनयम (5) में उललेभिर्त रूप में अभिकर्ता की
भनयुभि के बाद 7 भदन के अंदर प्रेभषर्त भकया जाएगा।
7) बीमा अभिकर्ता के रूप में इस प्रकार भनयुि आवेदक को बीमाकर्ता द्वारा एक पहिान-पत्र प्रदान भकया
जाएगा जो अभिकर्ता की पहिान उस बीमाकर्ता के साथ स्थाभपर्त करे गा भजसका प्रभर्तभनभधत्व एक
अभिकर्ता के रूप में वह कर रहा/ रही हो।
8) नाभमर्त अभधकारी भकसी िी आवेदक को अभिकरण भनयुभि प्रदान करने से इनकार कर सकर्ता है यभद
आवेदक इन भवभनयमों में उललेभिर्त भकसी िी शर्तव को पूरा नहीं करर्ता। नाभमर्त अभधकारी भनयुभि के
भलए अस्वीकरण के भलए कारण आवेदक को भलभिर्त में आवेदन की प्राज्प्र्त से 21 भदन के अंदर सूभिर्त
करे गा।
9) आवेदक जो अभिकरण भनयुभि प्रदान करने से इनकार करर्ते हु ए भलए गए नाभमर्त अभधकारी के भनणवय
से असंर्तुष्ट है वह भनणवय की समीक्षा करने के भलए बीमाकर्ता द्वारा नाभमर्त अपील अभधकारी को

64
समीक्षाथव आवेदन प्रस्र्तुर्त कर सकर्ता है। बीमाकर्ता समीक्षाथव आवेदक द्वारा प्रस्र्तुर्त आवेदन पर भविार
करने के भलए एक अपील अभधकारी को नाभमर्त करे गा। अपील अभधकारी आवेदन पर भविार करे गा
और समीक्षाथव आवेदन की प्राज्प्र्त से 15 भदन के अंदर अंभर्तम भनणवय भलभिर्त में सूभिर्त करे गा।
3. बीमाकर्ता द्वारा भवभवध बीमा अभिकर्ता की भनयुभि :
1) भवभवध बीमा एजेंट' के रूप में भनयुभि की अपेक्षा करने वाला आवेदक संबभं धर्त जीवन, साधारण,
स्वास््य बीमाकर्ता अथवा एकल श्रेणी के (मोनो-लाइन) बीमाकर्ता, जैसी ज्स्थभर्त हो, के नाभमर्त
अभधकारी को भवभवध अभिकरण आवेदन फामव |-बी' में आवेदन प्रस्र्तुर्त करे गा। संबंभधर्त बीमाकर्ताओं का
नाभमर्त अभधकारी प्राप्र्त आवेदन पर भवभनयम 4 में बर्ताये गये प्रकार और प्रभिया के अनु सार कारववाई
करे गा।

4. बीमा अभिकरण परीक्षा :


1) आवेदक एक बीमा अभिकर्ता के रूप में भनयुभि हे र्तु पात्र होने के भलए प्राभधकरण द्वारा भनधाभरर्त
पाठ्यिम के अनु सार जीवन, साधारण, अथवा स्वास््य बीमा, जैसी ज्स्थभर्त हो, के भवषयों में परीक्षा
भनकाय द्वारा संिाभलर्त बीमा अभिकरण परीक्षा उिीणव करे गा। अभिकरण परीक्षा में अहव र्ता प्राप्र्त करने
के भलए अपेभक्षर्त रूप में पयार्त बीमा संबंधी ज्ञान से उम्पमीदवारों को सुसप
ं न्न करने के भलए बीमाकर्ता
उन्हें आवश्यक सहायर्ता और मागवदशवन प्रदान करे गा।
2) आवेदक जो उपयुवि (1) में उललेभिर्त रूप में सफलर्तापूववक बीमा अभिकरण परीक्षा उिीणव करर्ता हो,
उसको परीक्षा भनकाय द्वारा एक उिीणवर्ता प्रमाणपत्र जारी भकया जाएगा। परीक्षा भनकाय द्वारा जारी
भकया गया उिीणवर्ता प्रमाणपत्र पहली बार भकसी बीमाकर्ता के पास अभिकर्ता के रूप में भनयुभि की
अपेक्षा करने के प्रयोजन हे र्तु बारह महीने की अवभध के भलए प्रिभलर्त होगा।
3) केवल वे ही उम्पमीदवार भजन्होंने ऊपर उललेभिर्त रूप में बीमा अभिकरण परीक्षा में अहव र्ता प्राप्र्त की हो
और जो परीक्षा भनकाय द्वारा जारी भकया गया वैध उिीणवर्ता प्रमाणपत्र धाभरर्त करर्ते हों, अभिकर्ताओं के
रूप में भनयुभि हे र्तु भविार भकये जाने के भलए पात्र होंगे।

5. बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव करने के भलए अनहव र्ता : अनहव र्ता के भलए शर्ते अभधभनयम की धारा 42(3) के
अंर्तगवर्त भनधाभरर्त रूप में होंगी।

6. आिरण-संभहर्ता
1) प्रत्येक अभिकर्ता नीिे भवभनर्थदष्ट आिरण-संभहर्ता का पालन करे गा:
क) प्रत्येक बीमा एजेंट,---
i. अपनी और उस बीमाकर्ता की पहिान स्थाभपर्त करे गा भजसका वह प्रभर्तभनभधत्व कर रहा हो;
ii. संिाभवर्त ग्राहक को अभिकरण पहिान पत्र भदिाएगा, और मााँग करने पर संिाभवर्त ग्राहक को
अभिकरण भनयुभि पत्र िी प्रकट करे गा;
iii. अपने बीमाकर्ता द्वारा भविय के भलए प्रस्र्ताभवर्त बीमा उत्पादों के संबध
ं में आवश्यक सूिना का प्रसार
करे गा र्तथा भकसी भवभशष्ट बीमा योजना की भसफाभरश करर्ते समय संिाभवर्त ग्राहक की आवश्यकर्ताओं
का ध्यान रिेगा;

65
iv. जहााँ बीमा अभिकर्ता एक ही श्रेणी के उत्पादों को प्रस्र्ताभवर्त करने वाले एक से अभधक बीमाकर्ताओं का
प्रभर्तभनभधत्व करर्ता हो, वहााँ उसको िाभहए भक वह पॉभलसीधारक को उन सिी बीमाकर्ताओं के उत्पादों
के संबध
ं में भनष्पक्ष रूप से सूभिर्त करे भजनका वह प्रभर्तभनभधत्व कर रहा हो र्तथा संिाभवर्त ग्राहक की
भवभशष्ट आवश्यकर्ताओं के भलए सवाभधक उपयुि उत्पाद सूभिर्त करे ;
v. यभद संिाभवर्त ग्राहक द्वारा पूछा जाए, र्तो भविय के भलए प्रस्र्ताभवर्त बीमा उत्पाद के संबंध में कमीशन
के मान प्रकट करे गा;
vi. भविय के भलए प्रस्र्ताभवर्त बीमा उत्पाद के भलए बीमाकर्ता द्वारा प्रिाभरर्त भकया जाने वाला प्रीभमयम
भनर्थदष्ट करे गा:
vii. बीमाकर्ता द्वारा प्रस्र्ताव फामव में अपेभक्षर्त सूिना का स्वरूप एवं भकसी बीमा संभवदा की िरीद में
वस्र्तुपरक सूिना के प्रकटीकरण का महत्व िी संिाभवर्त ग्राहक को स्पष्ट करे गा;
viii. संिाभवर्त ग्राहक के बारे में बीमाकर्ता की जानकारी में ऐसा प्रत्येक र्त्य लाएगा जो बीमा के जोभिम-
अंकन से संबंभधर्त हो और इसमें अभिकर्ता की जानकारी में आई हु ई िावी ग्राहक की कोई िी प्रभर्तकूल
आदर्तें अथवा आय की असंगभर्त शाभमल होगी र्तथा यह सूिना जहााँ िी लागू हो वहााँ "बीमा अभिकर्ता
की गोपनीय भरपोटव " कहलाने वाली एक भरपोटव के रूप में बीमाकर्ता को प्रस्र्तुर्त भकये जाने वाले प्रत्येक
प्रस्र्ताव के साथ दी जाएगी र्तथा संिाभवर्त ग्राहक के बारे में समस्र्त उभिर्त जााँि करने के द्वारा प्रस्र्ताव
की स्वीकृभर्त के संबध
ं में बीमाकर्ता के जोभिम-अंकन संबध
ं ी भनणवय को प्रभर्तकूल रूप से प्रिाभवर्त करने
वाला कोई िी महत्वपूणव र्त्य बीमाकर्ता की जानकारी में लाया जाएगा;
ix. बीमाकर्ता के पास प्रस्र्ताव फामव दाभिल करने के समय आवश्यक दस्र्तावेज; र्तथा प्रस्र्ताव को पूरा
करने के भलए बीमाकर्ता द्वारा बाद में मााँगे गये अन्य दस्र्तावेज प्राप्र्त करे गा;
x. प्रत्येक िावी ग्राहक को पॉभलसी के अंर्तगवर्त नामांकन पूरा करने के भलए सूभिर्त करे गा;
xi. बीमाकर्ता द्वारा प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त अथवा अस्वीकृभर्त के बारे में िावी ग्राहक को र्तत्परर्तापूववक सूभिर्त
करे गा;
xii. जहााँ िी आवश्यक हो वहााँ पॉभलसी अथवा भकसी अन्य पॉभलसी सेवा के अंर्तगवर्त पॉभलसी के
समनु देशन, पर्ते में पभरवर्तवन अथवा भवकलपों के प्रयोग सभहर्त पॉभलसी सर्थवलसग के सिी भवषयों के
संबंध में अपने माध्यम से पभरभिर्त कराये गये प्रत्येक पॉभलसीधारक को आवश्यक सहायर्ता और
परामशव प्रदान करे गा;
xiii. बीमाकर्ता द्वारा दावों के भनपटान के भलए अपेक्षाओं का पालन करने में पॉभलसीधारकों अथवा दावेदारों
अथवा लािार्थथयों को आवश्यक सहायर्ता प्रदान करे गा;
2) कोई िी बीमा अभिकर्ता भनम्पनभलभिर्त कायव नहीं करे गा,-
क) बीमाकर्ता द्वारा इस रूप में कायव करने के भलए भनयुि भकये भबना बीमा व्यवसाय की अपेक्षा नहीं करे गा
अथवा उसका प्रापण नहीं करे गा;
ि) प्रस्र्ताव फामव में कोई महत्वपूणव सूिना छोडने के भलए संिाभवर्त ग्राहक को प्रेभरर्त नहीं करे गा;
ग) प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त के भलए बीमाकर्ता को प्रस्र्तुर्त भकये गये प्रस्र्ताव फामव अथवा दस्र्तावेजों में गलर्त
सूिना प्रस्र्तुर्त करने के भलए िावी ग्राहक को प्रेभरर्त नहीं करे गा;
घ) बीमा पॉभलभसयों की अपेक्षा अथवा प्रापण करने के भलए बहु स्र्तरीय भवपणन का सहारा नहीं लेगा
और/या संिाभवर्त ग्राहक/ पॉभलसीधारक को भकसी बहु स्र्तरीय भवपणन योजना के प्रभर्त प्रेभरर्त नहीं
करे गा;

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ङ) संिाभवर्त ग्राहक के साथ भकसी अिद्र र्तरीके से व्यवहार नहीं करे गा;
ि) भकसी अन्य बीमा अभिकर्ता द्वारा लाये गये भकसी िी प्रस्र्ताव में हस्र्तक्षेप नहीं करे गा;
छ) अपने बीमाकर्ता द्वारा प्रस्र्ताभवर्त दरों, लािों, भनयमों और शर्तों को छोडकर कोई िी अन्य दरें , लाि,
भनयम और शर्ते प्रस्र्ताभवर्त नहीं करे गा;
ज) भकसी बीमा संभवदा के अंर्तगवर्त लािाथी से आगम राभश के भकसी अंश की मााँग नहीं करे गा अथवा प्राप्र्त
नहीं करे गा;
झ) पॉभलसीधारक को वर्तवमान पॉभलसी को समाप्र्त करने र्तथा पहले की पॉभलसी की ऐसी समाज्प्र्त की
र्तारीि से र्तीन वषव के अंदर उससे नई पॉभलसी उत्पन्न करने के भलए भववश नहीं करे गा;
ञ) एक बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव करने के भलए नई अभिकरण भनयुभि हे र्तु आवेदन प्रस्र्तुर्त नहीं
करे गा, यभद उसकी अभिकरण भनयुभि नाभमर्त अभधकारी द्वारा पूवव में भनरस्र्त की गई हो र्तथा ऐसे
भनरसन की र्तारीि से पााँि वषव की अवभध व्यर्तीर्त नहीं हु ई हो;
ट) भकसी बीमाकर्ता का भनदे शक नहीं बनेगा अथवा उस रूप में नहीं रहे गा।
3) प्रत्येक बीमा एजेंट, उसके द्वारा पहले से ही प्राप्र्त बीमा व्यवसाय को सुरभक्षर्त रिने की दृज्ष्ट से
पॉभलसीधारक को म़ौभिक रूप से और भलभिर्त रूप से सूिना दे ने के द्वारा भनधाभरर्त समय के अंदर
पॉभलसीधारकों द्वारा प्रीभमयमों का भवप्रेषण सुभनज्श्िर्त करने का हर र्तरह से प्रयास करे गा।
4) ऐसा कोई िी व्यभि जो बीमा अभिकर्ता के रूप में बीमा अभधभनयम, 1938 और उसके अधीन बनाये गये
भवभनयमों के उपबंधों के भवरुद् कायव करर्ता है , अथवदंड के भलए उिरदायी होगा भजसकी सीमा दस
हजार रुपये र्तक हो सकर्ती है र्तथा ऐसा कोई िी बीमाकर्ता अथवा बीमाकर्ता की ओर से कायव करने
वाला कोई िी व्यभि, जो ऐसे भकसी व्यभि को भजसे बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव करने की अनु मभर्त
नहीं है, बीमा अभिकर्ता के रूप में भनयुि करर्ता है अथवा ऐसे भकसी व्यभि के माध्यम से िारर्त में बीमा
व्यवसाय करर्ता है, अथवदंड के भलए उिरदायी होगा भजसकी सीमा एक करोड रुपये र्तक हो सकर्ती
है।
5) बीमाकर्ता अपने अभिकर्ताओं के सिी कायों और िूकों के भलए भजम्पमे दार होगा भजनमें इन भवभनयमों के
अंर्तगवर्त भवभनर्थदष्ट आिरण-संभहर्ता का उललंघन शाभमल है , र्तथा अथवदंड के भलए उिरदायी होगा
भजसकी सीमा एक करोड रुपये र्तक हो सकर्ती है।
7. अभिकर्ता की भनयुभि का भनलंबन :
1) अभिकर्ता की भनयुभि उभिर्त नोभटस और भनम्पनभलभिर्त ज्स्थभर्तयों में उसे अपनी बार्त कहने के भलए
सुनवाई का उभिर्त अवसर दे ने के बाद भनरस्र्त अथवा भनलंभबर्त की जा सकर्ती है:
क) यभद वह बीमा अभधभनयम, 1938 (1938 का 4), बीमा भवभनयामक और भवकास प्राभधकरण अभधभनयम,
1999 (1999 का 41) अथवा समय-समय पर यथासंशोभधर्त उन अभधभनयमों के अधीन बनाये गये
भनयमों अथवा भवभनयमों के उपबंधों का उललंघन करर्ता/ करर्ती है ;
ि) यभद वह भवभनयम 7 में उललेभिर्त भकसी िी अनहवर्ता से युि है;
ग) यभद वह भवभनयम 8 में भनधाभरर्त आिरण-संभहर्ता और समय-समय पर प्राभधकरण द्वारा जारी भकये गये
भनदे शों का पालन नहीं करर्ता/ करर्ती;
घ) यभद वह भनयुभि की शर्तों का उललंघन करर्ता/ करर्ती है;
ङ) यभद वह बीमाकर्ता अथवा प्राभधकरण द्वारा अपेभक्षर्त रूप में एक अभिकर्ता के रूप में अपने कायवकलापों
से संबंभधर्त कोई सूिना प्रस्र्तुर्त नहीं करर्ता/ करर्ती;

67
ि) यभद वह प्राभधकरण द्वारा जारी भकये गये भनदे शों का पालन नहीं करर्ता/ करर्ती;
छ) यभद वह गलर्त या असत्य सूिना प्रस्र्तुर्त करर्ता/ करर्ती है ; अथवा बीमा अभिकर्ता की भनयुभि के भलए
प्रस्र्तुर्त आवेदन में अथवा उसकी भवभधमान्यर्ता की अवभध के द़ौरान महत्वपूणव सूिना को भछपार्ता/
भछपार्ती है अथवा प्रकट नहीं करर्ता/ करर्ती;
ज) यभद वह बीमाकर्ता/ प्राभधकरण द्वारा अपेभक्षर्त रूप में आवभधक भववरभणयााँ प्रस्र्तुर्त नहीं करर्ता/ करर्ती;
झ) यभद वह प्राभधकरण द्वारा संिाभलर्त भकसी िी भनरीक्षण अथवा जााँि में सहयोग नहीं करर्ता/ करर्ती;
ञ) यभद वह पॉभलसीधारकों की भशकायर्तों का समाधान नहीं करर्ता/ करर्ती अथवा इस प्रयोजन के भलए
प्राभधकरण को संर्तोषजनक उिर नहीं दे र्ता/दे र्ती;
ट) यभद वह बीमाकर्ता की ओर से पॉभलसीधारकों/ संिाभवर्त ग्राहकों से संगृहीर्त प्रीभमयमों / नकदी के
गबन में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भलप्र्त है। र्तथाभप, यह परंर्तुक भकसी अभिकर्ता को बीमाकर्ता के भवभशष्ट
प्राभधकार के भबना नकदी/ प्रीभमयम का संग्रहण करने के भलए अनु मभर्त नहीं दे र्ता।

8. अभिकरण के भनरसन के भलए प्रभिया :


बीमा अभिकर्ता की अभिकरण के भनरसन के भलए अंभर्तम आदे श जारी करने पर वह अंभर्तम आदे श की
र्तारीि से बीमा अभिकर्ता के रूप में कायव करना समाप्र्त करे गा/ करे गी।

9. अभिकरण भनयुभि के भनलंबन/ भनरसन का प्रिाव:


1) अभिकरण के भनलंबन अथवा भनरसन की र्तारीि को और उस र्तारीि से बीमा अभिकर्ता एक बीमा
अभिकर्ता के रूप में कायव करना समाप्र्त करे गा।
क) इन भवभनयमों के अधीन भजस अभिकर्ता की भनयुभि भनरस्र्त की गई हो, उसका भनयुभि पत्र
और पहिानपत्र बीमाकर्ता भनयुभि के भनरसन को प्रिावी करने वाले अंभर्तम आदे श के भनगवम
से 7 भदन के अंदर वापस प्राप्र्त करे गा।
ि) बीमाकर्ता भनलंबन / भनरसन को प्रिावी करने वाले आदे श के भनगवम के बाद र्तत्काल
ऑनलाइन पद्भर्त में उस अभिकर्ता का नाम, भजसकी भनयुभि भनलंभबर्त/ भनरस्र्त की गई हो,
काली सूिी में दजव करे गा और उस अभिकर्ता का भववरण प्राभधकरण द्वारा अनुरभक्षर्त काली
सूिी में दजव अभिकर्ताओं के डे टाबेस में शाभमल करे गा र्तथा प्राभधकरण द्वारा अनु रभक्षर्त
अभिकर्ताओं की केन्द्रीकृर्त सूिी के डे टाबेस में प्रभवष्ट करे गा।
ग) यभद नाभमर्त अभधकारी द्वारा एक सकारण आदे श (स्पीलकग ऑडव र) के भनगवम के जभरये
अनु शासभनक कारववाई के समापन पर भकसी अभिकर्ता के संबंध में भनलंबन का प्रभर्तसंहरण
भकया जार्ता है, र्तो जैसे ही उसके भनलंबन का प्रभर्तसंहरण करर्ते हु ए सकारण आदे श जारी
भकया जार्ता है, ऐसे अभिकर्ता का भववरण काली सूिी में दजव अभिकर्ताओं की सूिी में से
हटाया जाएगा।
घ) बीमाकर्ता िी अन्य बीमाकर्ताओं, जीवन अथवा साधारण अथवा स्वास््य बीमाकर्ता अथवा
एकल श्रेणी के (मोनो-लाइन) बीमाकर्ता को, भजनके पास वह अभिकर्ता के रूप में कायव कर
रहा/ रही हो, बीमा अभिकर्ता के भवरुद् की गई कारववाई की सूिना उनके अभिलेिों और
उनके द्वारा आवश्यक कारववाई के भलए दे गा।

68
10. बीमा अभिकर्ता द्वारा भनयुभि से त्यागपत्र/ भनयुभि के अभ्यपवण के संबंध में अनु सरण की जाने वाली
प्रभिया :
1) यभद बीमाकर्ता द्वारा भनयुि कोई बीमा अभिकर्ता अपने बीमाकर्ता के पास ज्स्थर्त अपनी अभिकरण
का अभ्यपवण करना िाहर्ता/ िाहर्ती है, र्तो वह भजस बीमाकर्ता के पास वर्तवमान में अपनी अभिकरण
धाभरर्त करर्ता/ करर्ती है, उसके नाभमर्त अभधकारी को अपना भनयुभि पत्र और पहिान पत्र
अभ्यर्थपर्त करे गा/ करे गी।
2) बीमाकर्ता भनयुभि से त्याग पत्र अथवा भनयुभि के अभ्यपवण की र्तारीि से 15 भदन की अवभध में
फामव |-सी में भदये गये भववरण के अनु सार समापन प्रमाणपत्र जारी करे गा।
3) बीमा अभिकर्ता भजसने अपनी भनयुभि का अभ्यपवण भकया हो, अन्य बीमाकर्ता के पास नई भनयुभि
की अपेक्षा कर सकर्ता है। ऐसे मामले में, अभिकर्ता से अपेभक्षर्त है भक वह नये बीमाकर्ता को अपनी
भपछली अभिकरण का समस्र्त भववरण प्रस्र्तुर्त करे र्तथा अपने अभिकरण आवेदन फामव के साथ
फामव |-सी में भपछले बीमाकर्ता द्वारा जारी भकया गया समापन प्रमाणपत्र प्रस्र्तुर्त करे ।
4) बीमाकर्ता भपछले बीमाकर्ता द्वारा समापन प्रमाणपत्र के भनगवम की र्तारीि से नब्बे भदन की अवभध के
बाद भवभनयम 4 में दी गई रूपरे िा के अनु सार अभिकरण आवेदन पर भविार करे गा।
11. बीमाकताा द्र्ारा असभकतााओां की तनयस्ु क्त के सलए सामान्य शतेँ:
1) बीमाकर्ता अनु बंध । के अंर्तगवर्त सूिीबद् रूप में अभिकरण भवषयों को समाभवष्ट करर्ते हु ए एक बोडव
द्वारा अनु मोभदर्त नीभर्त' बनाएगा और वह प्रत्येक वषव 31 मािव से पहले प्राभधकरण के समक्ष दाभिल
करे गा। बीमाकर्ता द्वारा बनाई जाने वाली बोडव द्वारा अनु मोभदर्त नीभर्त' के भलए भदशाभनदे श अनु बंध-I
में भवस्र्तारपूववक उललेभिर्त हैं ।
2) कोई िी व्यभि बीमा अभिकर्ता के रूप में एक जीवन बीमाकर्ता, एक साधारण बीमाकर्ता, एक
स्वास््य बीमाकर्ता र्तथा एकल श्रेणी के (मोनो-लाइन) बीमाकर्ताओं में से प्रत्येक श्रेणी के एक
बीमाकर्ता से अभधक के भलए कायव नहीं करे गा।
3) कोई िी व्यभि, जो बीमा अभिकर्ता के रूप में इस अभधभनयम के उपबंधों के भवरुद् कायव करर्ता है,
अथवदंड के भलए उिरदायी होगा भजसकी सीमा दस हजार रुपये र्तक हो सकर्ती है।
4) कोई िी बीमाकर्ता अथवा बीमाकर्ता की ओर से कायव करने वाला बीमाकर्ता का कोई िी प्रभर्तभनभध
जो ऐसे भकसी व्यभि को बीमा अभिकर्ता के रूप में भनयुि करर्ता है भजसे इस रूप में कायव करने
अथवा िारर्त में बीमा व्यवसाय करने के भलए अनु मभर्त नहीं है , अथवदंड के भलए उिरदायी होगा
भजसकी सीमा एक करोड रुपये र्तक हो सकर्ती है।
5) कोई िी बीमाकर्ता बीमा भवभध (संशोधन) अभधभनयम, 2015 के प्रारंि होने की र्तारीि को अथवा
उसके बाद भकसी प्रधान एजेंट, मुख्य अभिकर्ता और भवशेष अभिकर्ता की भनयुभि नहीं करे गा और
उनके माध्यम से िारर्त में कोई बीमा व्यवसाय नहीं करे गा।
6) कोई िी व्यभि बहु स्र्तरीय भवपणन योजना के माध्यम से भकसी बीमा पॉभलसी को हटाने अथवा
नवीकृर्त करने अथवा भनरंर्तर बनाये रिने के भलए भकसी िी व्यभि को प्रत्यक्ष रूप से अथवा परोक्ष
रूप से अथवा प्रलोिन के रूप में अनु मभर्त नहीं दे गा अथवा अनु मभर्त दे ने का प्रस्र्ताव नहीं करे गा।

69
7) प्राभधकरण इस प्रयोजन के भलए प्राभधकृर्त एक अभधकारी के माध्यम से बहु स्र्तरीय भवपणन
योजनाओं में संबद् संस्था अथवा व्यभियों के संबध
ं में उपयुि पुभलस प्राभधकाभरयों से भशकायर्त
कर सकर्ता है।
8) प्रत्येक बीमाकर्ता और बीमा अभिकर्ताओं की भनयुभि करने में बीमाकर्ता की ओर से कायव करने
वाला प्रत्येक नाभमर्त अभधकारी अपने द्वारा भनयुि प्रत्येक बीमा अभिकर्ता का नाम और पर्ता र्तथा
उसकी भनयुभि प्रारंि होने की र्तारीि और उसकी भनयुभि समाप्र्त होने की र्तारीि, यभद कोई हो,
दशार्ते हु ए एक रभजस्टर रिेगा।
9) ऊपर (8) में उललेभिर्त रूप में अभिलेि बीमाकर्ता द्वारा र्तब र्तक रिे जाएाँगे जब र्तक बीमा
अभिकर्ता सेवा में रहे गा र्तथा भनयुभि की समाज्प्र्त से पााँि वषव की अवभध के भलए रिे जाएाँगे।

70
अध्याय 5
जीवन बीमा के कानूनी भसद्ांर्त
अध्याय पभरिय

इस अध्याय में हम उन र्तत्वों के बारे में ििा करें गे जो जीवन बीमा अनु बंध की कायवप्रणाली भनधाभरर्त करर्ते हैं।
यह अध्याय जीवन बीमा अनु बंध की भवशेष भवशेषर्ताओं का उललेि िा भकया गया है ।

अध्ययन पभरणाम

A. बीमा अनु बध
ं – कानूनी पहलू और भवशेष भवशेषर्ताएाँ

71
A. बीमा अनुबंध – कानूनी पहलू एवं भवशेष भवशेषर्ताएं

1. बीमा अनु बंध – कानूनी पहलू

a) बीमा अनु बंध

बीमा में अनुबंधात्मक समझ़ौर्ता शाभमल है, भजसमें बीमाकर्ता प्रीभमयम के रूप में जाने जानेवाले मूलय या
प्रभर्तफल कुछ भवभशष्ट जोभिमों के भलये भविीय सुरक्षा प्रदान करने के भलए सहमर्त होर्ता है। अनु बध
ं त्मक
समझ़ौर्ता बीमा पॉभलसी के रूप में होर्ता है।

b) बीमा अनु बंध के कानूनी पहलू

अब हम बीमा अनुबंध की कुछ भवशेषर्ताओं पर भविार करें गे और उसके बाद उन कानूनी भसद्ांर्तों पर भविार
करें गे जो सामान्य रूप से बीमा अनु बध
ं ों को भनयंभत्रर्त करर्ते हैं ।

महत्वपूणव

अनु बंध, कानून द्वारा लागू करने योग्य दो पक्षों के बीि भकया जाने वाला एक समझ़ौर्ता है। िारर्तीय अनु बध

अभधभनयम, 1872 के प्रावधान िारर्त में बीमा अनु बध
ं सभहर्त सिी संभवदाओं को भनयंभत्रर्त करर्ते हैं ।

बीमा पॉभलसी दो पक्षों याभन भक बीमाकर्ता कहे जानेवाली कंपनी और बीभमर्त कहे जाने वाले पॉभलसीधारक के
बीि अनुबंध है और यह िारर्तीय अनु बध
ं अभधभनयम, 1872 में उज्ललभिर्त आवश्यकर्ताओं को पूरा करर्ती है।

भित्र 1: बीमा अनु बध


बीमा सांवर्दा बीमा कांपनी


र्प्स्तार्क

बीमा अरिरियम, 1938 में हाल में रकये गए संशोििों (माचच, 2015) में उि स्थिरियों के बारे में कुछ रिशारििे श
प्रिाि रकये गए हैं रििके अंिगचि रकसी पॉरलसी पर िोखािडी के रलए सवाल उठाया िा सकिा है। िए
प्राविाि इस प्रकार हैं

72
c) वैध कानूनी अनुबंध के र्तत्व

भित्र 2 : वैध कानूनी अनु बध


ं के र्तत्व

प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त

प्रभर्तफल

पक्षों के बीि समझ़ौर्ता


वैध कानूनी अनुबंध
के र्तत्व स्वर्तंत्र सहमभर्त

पक्षों की क्षमर्ता

वैधर्ता

भकसी वैध कानूनी अनुबंध के र्तत्व हैं :

i. प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त

जब कोई व्यभि भकसी दु सरे व्यभि से कुछ करने या कुछ करने से बिने के भलए अपनी इछछा प्रकट करर्ता
है र्तो इस प्रकार के कायव की सहमभर्त के भलए कहा जार्ता है भक उसने प्रस्र्ताव रिा है आमर्त़ौर पर प्रस्र्ताव
प्रस्र्तावक द्वारा रिा जार्ता है और बीमाकर्ता उसे स्वीकार करार्ता है।

जब वह व्यभि भजसे प्रस्र्ताव भदया गया है , प्रस्र्तावक से अपनी सहमभर्त दे र्ता है र्तो यह स्वीकृभर्त मानी जार्ती
है। इसभलए जब प्रस्र्ताव स्वीकार भकया जार्ता है र्तो वह विन हो जार्ता है।

स्वीकृभर्त को प्रस्र्तावक को बर्ताने की आवश्यकर्ता होर्ती है भजसके पभरणामस्वरूप अनु बंध का भनमाण होर्ता
है।

जब प्रस्र्तावक बीमा योजना की शर्तों को स्वीकार करर्ता है और उस जमा राभश के िुगर्तान द्वारा अपनी
स्वीकृभर्त दशार्ता है जो प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त पर प्रथम प्रीभमयम में पभरवर्थर्तर्त हो जार्ती है और प्रस्र्ताव
पॉभलसी हो जार्ता है।

यभद कोई शर्तव रिी जार्ती है र्तो वह जवाबी प्रस्र्ताव हो जार्ता है।

पॉभलसी बांड अनु बध


ं का प्रमाण हो जार्ता है।

ii. प्रभर्तफल

इसका मर्तलब है भक पक्षों के भलए अनु बध


ं में कुछ पारस्पभरक लाि अवश्य होने िाभहए। प्रीभमयम बीभमर्त से
प्राप्र्त होने वाला प्रभर्तफल है और क्षभर्तपूर्थर्त के भलए बीमाकर्ताओं की ओर से भदया जाने वाला विन प्रभर्तफल
माना जार्ता है।

73
iii. दोनों पक्षों के बीि समझ़ौर्ता

दोनों पक्षों को समान अथव में समान वस्र्तु पर सहमर्त होना िाभहए। अन्य शब्दों में , दोनों पक्षों के बीि "एक
ही बार्त पर आम सहमभर्त" होनी िाभहए। बीमा कंपनी और पॉभलसीधारक दोनों को समान अथव में समान
वस्र्तु पर अवश्य सहमर्त होना िाभहए।

iv. स्वर्तंत्र सहमभर्त

कोई अनुबंध करर्ते समय स्वर्तंत्र सहमभर्त होनी िाभहए।

सहमभर्त स्वर्तंत्र जब मानी जायेगी वह भनम्पन कारण से न हो -

 दबाव

 अनु भिर्त प्रिाव

 धोिाधडी

 गलर्तबयानी

 गलर्ती

जब भकसी समझ़ौर्ते के भलए की गई सहमभर्त दबाव, धोिाधडी या गलर्तबयानी युि रही हो र्तो वह
समझ़ौर्ता अमान्यकरणीय होर्ता है।

v. पक्षों की क्षमर्ता

अनु बंध करने वाले दोनों पक्ष अनु बंध करने के भलए कानूनी र्त़ौर पर सक्षम होने िाभहए। प्रस्र्ताव पर हस्र्ताक्षर
करने के समय पॉभलसीधारक बाभलग और मानभसक रुप से स्वस्थ होना िाभहए र्तथा उसे कानूनी रूप से
अयोग्य घोभषर्त नहीं भकया गया होना िाभहए। उदाहरण के भलए नाबाभलग बीमा अनु बध
ं नहीं कर सकर्ते ।

vi. वैधर्ता

अनु बंध की भवषय-वस्र्तु कानूनी होनी िाभहए, उदाहरण के भलए गैरकानूनी कायों के भलए कोई बीमा नहीं
हो सकर्ता। ऐसा कोई िी समझ़ौर्ता भजसकी भवषय-वस्र्तु या प्रभर्तफल गैरकानूनी है, वह अमान्य है। बीमा
अनु बंध की भवषय-वस्र्तु एक कानूनी भवषय-वस्र्तु होर्ती है।

महत्वपुणव

i. दबाव - इसमें आपराभधक साधनों के माध्यम से डाला जाने वाला दबाव शाभमल है।

ii. अनु भिर्त प्रिाव - जब कोई व्यभि भकसी दू सरे के इछछा पर हावी होने में सक्षम होगा र्तो वह दू सरे से
अनु भिर्त लाि उठाने के भलए उस ज्स्थभर्त का उपयोग करे गा।

iii. धोिाधडी - जब कोई व्यभि गलर्त भवश्वास पर दूसरे को काम करने के भलए प्रेभरर्त करर्ता है जो ऐसी
प्रस्र्तुभर्त के कारण होर्ता है भजसे सत्य नहीं मानना िाभहए। यह र्त्यों के जानबूझकर भछपाव से या उनको
गलर्त र्तरीके से प्रस्र्तुर्त करने के कारण हो सकर्ता है।

iv. गलर्ती - भकसी के ज्ञान या भवश्वास में या भकसी वस्र्तु या घटना की व्याख्या करने में होने वाली र्तुभट, इससे

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अनु बंध की भवषय-वस्र्तु के बारे में भकये जा रहे समझ़ौर्ते को समझने में गलर्ती हो सकर्ती है।

2. बीमा अनुबंध – प्रमुि भवशेषर्ताएं

a) परम सद्भाव या अटमोस्ट गुड फेथ

यह बीमा अनु बध
ं का एक म़ौभलक भसद्ांर्त है। यह िेरम भवश्वास िी कहलार्ता है, भजसका मर्तलब होर्ता है भक
अनु बंध करने वाले प्रत्येक पक्ष बीमा की भवषय-वस्र्तु से संबंभधर्त सिी महत्वपुणव र्त्यों का िु लासा करें ।

सद्भाव व परम सद्भाव में अंर्तर भकया जा सकर्ता है। आमर्त़ौर पर सिी वाभणज्ययक अनु बंधों में यह जरूरी है भक
सद्भाव उनके लेन-दे न में भदिे और जानकारी दे ने में कोई धोिाधडी या छल न हो। सद्भाव के पालन करने के
भलए कानूनी कर्तवव्य के अलावा यह है भक भविेर्ता िेर्ता को अनु बंध की भवषय-वस्र्तु के बारे में कोई जानकारी
दे ने के भलए बाध्य नहीं है।

यहााँ ध्यान दे ने वाला भनयम "दे िकर बेिें" हैं भजसका मर्तलब है , िेर्ता सावधान। अनुबंध के पक्षों से यह अपेक्षा
की जार्ती है भक वे अनुबंध की भवषय-वस्र्तु की जााँि करें और इसभलए जब र्तक हो सके कोई पक्ष दु सरे को
गुमराह न करे और भदए हु ए उिर सही हों, ऐसे में दु सरे पक्ष को अनु बध
ं से दू र रहने का सवाल ही नहीं उठर्ता।

परम सद्भाव: बीमा अनु बध


ं अलग-अलग आधार पर होर्ते हैं । सबसे पहले, अनु बध
ं की भवषय-वस्र्तु अमूर्तव है और
बीमाकर्ता के प्रत्यक्ष अवलोकन या अनुिव द्वारा आसानी से जानी नहीं जा सकर्ती है। इसके साथ ही कई अन्य
र्त्य हैं जो अपनी प्रवृभर्त प्रवृभि के कारण स्विावर्तः केवल प्रस्र्तावक द्वारा ही जाने जा सकर्ते हैं । बीमाकर्ता को
जानकारी के भलए बर्ताई गई बार्तों पर अक्सर पूरी र्तरह िरोसा करना होर्ता है।

इसभलए प्रस्र्तावक का यह कानूनी कर्तवव्य है भक वह उन बीमाकर्ताओं को बीमा की भवषय-वस्र्तु के बारे में सारे
महत्वपूणव र्त्य बर्ताएाँ भजनके पास ये जानकाभरयााँ नहीं हैं।

उदाहरण

डे भवड ने जीवन बीमा पॉभलसी के भलए एक प्रस्र्ताव बनाया। पॉभलसी के भलए आवेदन करर्ते के समय वह मधुमेह
से पीभडर्त होकर इसकी इलाज करवाने लगा। लेभकन डे भवड ने जीवन बीमा कंपनी को इस र्त्य को नहीं
बर्ताया। डे भवड र्तीस वषव का था इसभलए बीमा कंपनी ने डे भवड की भबना मे डीकल जााँि कराये, उसे पॉभलसी
जारी कर दी। पॉभलसी जारी करने के कुछ वषव बाद डे भवड का स्वास््य भबगड गया और उसे अस्पर्ताल में िर्ती
होना पडा। डे भवड अछछा न हो सका और अगले कुछ भदनों में मर गया। जीवन बीमा कंपनी को दावा दीया गया।

डे भवड के नाभमर्ती को आश्ियव हु आ क्योंभक जीवन बीमा कंपनी ने दावे को अस्वीकार कर भदया। अपनी जााँि में
बीमा कंपनी ने पाया था भक पॉभलसी के भलए आवेदन भकये जाने के समय से ही डे भवड मधुमेह से पीभडर्त था और
उसने यह र्त्य जानबूझकर छु पाया था। इसभलए बीमा अनु बंध अमान्य घोभषर्त कर भदया गया गई और दावे को
अस्वीकार कर भदया गया।

महत्वपूणव जानकारी उसे कहर्ते हैं भजसके आधार पर बीमाकर्ता भनम्पनानु सार भनणवय ले सकर्ते हैं -

 भक वे जोभिम स्वीकार करें या नहीं?


 यभद करें र्तो प्रीभमयम की दर र्तथा भनबंधन और शर्तें क्या होंगी?

परम सद्भाव का कानूनी कर्तवव्य आम कानून के र्तहर्त आर्ता है। कर्तवव्य न केवल प्रस्र्तावक की जानकारी वाले

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महत्वपूणव र्त्यों पर लागू होर्ता है अभपर्तु उन महत्वपूणव र्त्यों पर िी लागू होर्ता है भजन्हें उसे जानना िाभहए।

उदाहरण

महत्वपूणव जानकारी के कुछ उदाहरण नीिे भदए गए हैं भजन्हें प्रस्र्तावक को प्रस्र्ताव दे र्ते समय प्रकट करने
िाभहए-

i. जीवन बीमा : स्वयं का भिभकत्सा इभर्तहास, वंशानु गर्त बीमाभरयों का पाभरवाभरक इभर्तहास, धूम्रपान और
शराब पीने जैसी आदर्तें, कायव से अनु पज्स्थभर्त, आयु, श़ौक, प्रस्र्तावक जैसे आय भववरण, पूवव में ली गईं
जीवन बीमा पॉभलभसयााँ, व्यवसाय आभद की भविीय जानकारी ।
ii. अज्ग्न बीमा : िवन का भनमाण व उसका उपयोग, िवन की आयु, पभरसरों में सामान की प्रकृभर्त
इत्याभद।
iii. समुद्री बीमा : माल का भववरण, पैलकग की भवभध आभद।
iv. मोटर बीमा : वाहन भववरण, िय भर्तभथ, िालक भववरण आभद।

इस प्रकार बीमा अनु बध


ं उछिर्तर बंधन के अधीन हैं। जब ये बीमा के भलए आर्ते हैं र्तो सद्भाव अनुबंध परम सद्भाव
अनु बंध हो जार्ते हैं ।

पभरिाषा

"परम भवशवस" की अवधारणा को, "प्रस्र्ताभवर्त भकये जा रहे जोभिम के भलए मााँगे जाने पर या भबन मााँगे सिी
र्त्यों को सही र्तरह से और पूणव रूप से स्वेछछा से बर्ताने के सकारात्मक कर्तवव्य" को शाभमल करने के रूप में
पभरिाभषर्त भकया गया है।

यभद दोनों में से भकसी िी एक पक्ष ने परम सद्भाव का पालन नहीं भकया र्तो दू सरा पक्ष उस संभवदा को टाल
सकर्ता है। इसका अभनवायव रूप से यह मर्तलब होर्ता है भक भकसी को िी अपनी गलर्ती का लाि उठाने की
अनु मभर्त नहीं होनी िाभहए, भवशेषकर बीमा अनुबंध का कायव करर्ते समय।

यह अपेक्षा की जार्ती है भक बीभमर्त को र्त्य के संबंध में कोई गलर्त बयानी नहीं करनी िाभहए जो बीमा अनु बध

के भलए है। बीमाधारक को सिी संबभधर्त र्त्यों का िु लासा करना िाभहए। यभद यह बंधन म़ौजूद नहीं है र्तो बीमा
करानेवाला व्यभि भवषय-वस्र्तु पर जोभिम को प्रिाभवर्त करर्ते हु ए कुछ र्त्यों को दबा सकर्ता है और अनु भिर्त
लाि प्राप्र्त कर सकर्ता है।

पॉभलसीधारक से उम्पमीद की जार्ती है भक भबना भकसी महत्वपूणव र्त्य को छु पाए, वह सछिाई के साथ अपने
स्वास््य, पाभरवाभरक इभर्तहास, आय, आभद की ज्स्थभर्त का िु लासा करे भजससे सही र्तरह से जोभिम का
आकलन करने के भलए जोभिमांकक सक्षम हो। प्रस्र्ताव फामव में अप्रकटीकरण या गलर्त बयानी की ज्स्थर्त में यह
जोभिमांकक के जोभिमांकन भनणवय को प्रिाभवर्त कर सकर्ता है, ऐसे में बीमाकर्ता को अनु बंध रद्द करने का
अभधकार है।

सिी महत्वपूणव र्त्यों को प्रकट करने के भलए कानून बाध्यर्ता लागू करर्ता है।

76
उदाहरण

एक अभधकारी उछि रििाप से पीभडर्त है और हाल ही में उसे एक हलका भदल का द़ौरा पडा, भजसके िलर्ते
वह एक भिभकत्सा पॉभलसी लेने का भनणवय लेर्ता है लेभकन इस बार्त भजि नहीं करर्ता। इस का प्रकार बीमाकर्ता
बीभमर्त द्वारा र्त्यों की गलर्त बयानी के कारण प्रस्र्ताव को स्वीकार करने से ठगा जार्ता है।

भकसी व्यभि के भदल में जन्मजार्त छे द है भजसके बारे में जानकारी प्रस्र्ताव फामव में दी गई है। इसे बीमाकर्ता
द्वारा स्वीकार भकया गया है लेभकन प्रस्र्तावक को यह सूभिर्त नहीं भकया है भक ये पूवव से म़ौजूद रोग कम से कम
4 वषों र्तक आवभरर्त नहीं भकए जार्ते हैं । यह बीमाकर्ता द्वारा र्त्यों के बारे में दी गई भ्रामक जानकारी है।

b) महत्वपूणव र्त्य

पभरिाषा

महत्वपूणव र्त्य को इस प्रकार पभरिाभषर्त भकया गया है भक वह र्त्य जो बीमा जोभिमांकक को जोभिम को
स्वीकार करना है या नहीं र्तथा अगर स्वीकार करना है र्तो प्रीभमयम की दर और भनयम और शर्तों का भनणवय
करने में भलए जाने वाले फैसले को प्रिाभवर्त करर्ता है।

कोई अघोभषर्त र्त्य महत्वपूणव है या नहीं, यह व्यभिगर्त मामले की पभरज्स्थभर्तयों पर भनिवर करे गा और उसके
बारे में अंर्तर्तः केवल अदालर्त में फैसला भकया जा सकर्ता है। बीभमर्त को उन र्त्यों को प्रकट करना पडर्ता है जो
जोभिम को प्रिाभवर्त करर्ते हैं।

आइए, अब बीमा में उन म्पहत्वपूणव र्त्यों के प्रकार को जानें, भजन्हें बर्ताना आवश्यक होर्ता है-

i. वे र्त्य जो भकसी जोभिम के बारे में सामान्य से बहु र्त अभधक प्रिावी प्रदर्थशर्त करर्ते हैं ।

उदाहरण

समुद्री मागव से ले जाया जा रहा िर्तरनाक प्रकृभर्त का कागो, बीमारी का पूवव इभर्तहास

ii. सिी बीमाकर्ताओं से ली गईं पूवव पॉभलभसयों का अज्स्र्तत्व और उनकी वर्तवमान ज्स्थभर्त

iii. बीमा के भलए प्रस्र्ताव फामव या आवेदन में सिी प्रश्न महत्वपूणव समझे जार्ते हैं क्योंभक ये बीमा की भवषय-
वस्र्तु के भवभिन्न पहलुओं और इसके जोभिम के प्रिाव से संबंभधर्त हैं । उनके बारे में पूरी सछिाई से र्तथा
सही र्तरह से पूणव उिर दे ने की आवश्यकर्ता है।

भनम्पन कुछ पभरदृश्य हैं भजसमें महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा करने की आश्यकर्ता नहीं है

जानकारी

वे महत्वपूणव र्त्य भजनका िुलासा करने की आवश्यकर्ता नहीं है।

यह माना गया है भक जब र्तक जोभिमांकक द्वारा कोई भवभशष्ट जााँि नहीं होर्ती है, प्रस्र्तावक भनम्पन र्त्यों का
िु लासा करने के भलए बाध्य नहीं हैं -

i. जोभिम को कम करने के भलए लागू भकए गए उपाय।

उदाहरण : अज्ग्नशामक की उपज्स्थभर्त

77
ii. वे र्त्य भजनकी जानकारी बीभमर्त को नहीं है या वह उनसे अनभिज्ञ है

उदाहरण: कोई व्यभि जो उछि रििाप से पीभडर्त है लेभकन पॉभलसी लेर्ते समय वह इस बार्त से अनभिज्ञ
था र्तो उस पर इस र्त्य के गैरप्रकटीकरण का आरोप नहीं लगाया जा सकर्ता।

iii. उभिर्त पभरश्रम द्वारा भजसकी िोज की जा सकर्ती है?

हर बारीक एवं महत्वपूणव र्त्य का िु लासा करने की आवश्यकर्ता नहीं होर्ती। यभद जोभिमांकक को कुछ
और जानकारी की आवश्यकर्ता होर्ती है र्तो उन्हें इसके भलए ऐसी जानकारी लेने के भलए सिेर्त रहना
िाभहए।

iv. कानूनी मामला

माना जार्ता है भक सिी को दे श के कानून का पर्ता है।

उदाहरण: भवस्फोटकों के िंडारण के बारे में नगर पाभलका के कानून

v. भजसके बारे में बीमाकर्ता उदासीन प्रर्तीर्त होर्ता है (या आगे की जानकारी की आवश्यकर्ता पर ध्यान
नहीं दे र्ता)

बीमाकर्ता बाद में इस आधार पर भजम्पमे दारी से मुकर नहीं सकर्ता भक उिर अपूणव थे।

कब र्तक प्रकट करने का कर्तवव्य हैं?

जीवन बीमा अनु बध


ं के मामले में प्रकट करने का कर्तवव्य स्वीकृभर्त की की पूरी अवभध के द़ौरान म़ौजूद है जब
र्तक प्रस्र्ताव स्वीकार नहीं कर भलया जार्ता और पॉभलसी जारी नहीं कर दी जार्ती। एक बार पॉभलसी के स्वीकार
हो जाने पर आगे भकसी ऐसे र्त्यों का िु लासा करने की आवश्यकर्ता नहीं जो पॉभलसी अवभध के द़ौरान आएाँ।

उदाहरण

श्री राजन ने 15 वषों की अवभध के भलए एक जीवन बीमा पॉभलसी ली है। पॉभलसी लेने के 6 वषव बाद श्री राजन
को कोई हृदय संबंधी समस्या आर्ती है और वे उनकी शलयभिभकत्सा होर्ती है। श्री राजन को इस र्त्य को
बीमाकर्ता को बर्ताने की आवश्यकर्ता नहीं है।

हालांभक यभद दे य भर्तभथ पर प्रीभमयमों को जमा न करने के कारण पॉभलसी लैप्स होने की ज्स्थभर्त में है और
पॉभलसीधारक पॉभलसी अनुबंध को भफर से िालू करना िाहर्ता है और इसे भफर से िालू कर दे र्ता है र्तो इस
प्रकार से िालू करने के समय यह उसकी भजम्पमे दारी बनर्ती है भक वह उन सिी र्त्यों का िु लासा करे जो
महत्वपूणव और प्रासंभगक हैं क्योंभक अब यह एक नई पॉभलसी के रूप में है।

परम सद्भाव का उललंघन

अब हम उन पभरज्स्थभर्तयों पर भविार करें गे जो परम सद्भाव के उललंघन में शाभमल हो सकर्ती हैं । इस प्रकार का
उललंघन या र्तो गैर-प्रकटीकरण या गलर्तबयानी से पैदा हो सकर्ता है।

गैर-प्रकटीकरण: यह र्तब हो सकर्ता है जब बीभमर्त आमर्त़ौर पर महत्वपूणव र्त्यों के बारे में िुप रहर्ता है क्योंभक
बीमाकर्ता ने कोई भवशेष जााँि नहीं की है। यह बीमाकर्ता द्वारा पूछे गए प्रश्नों के गोलमोल उिर से िी हो सकर्ता
है। अक्सर प्रकटीकरण अनजाने (यह भबना भकसी के ज्ञान या इरादे से िी हो सकर्ता है) में हो सकर्ता है या

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प्रस्र्तावक के यह समझने से िी हो सकर्ता है भक र्त्य महत्वपूणव नहीं था।ऐसे मामले में यह भनदे ष है।

ऐसे मामले में यह भनदोष है। जब कोई र्त्य जान-बूझकर दबाया जार्ता है र्तो यह भछपाव माना जार्ता है। इस,
मामले में इसका उद्देश्य धोिा दे ना होर्ता है।

गलर्तबयानी : बीमा अनु बंध के भलये प्रभिया के द़ौरान भदया गया कोई िी बयान अभ्यावेदन कहलार्ता है।
अभ्यावेदन र्त्य का सही कथन या भवश्वास, इरादे या अपेक्षा का बयान हो सकर्ता है। र्त्य के बारे में यह अपेक्षा
की जार्ती है भक बयान काफी हद र्तक सही होना िाभहए। जब यह भवश्वास या अपेक्षा से संबंभधर्त मामलों के
अभ्यावेदनों के भलए आर्ता है, र्तो यह माना जार्ता है भक इन्हें सद्भाव में भकया गया था।

गलर्तबयानी के दो प्रकार हैं :

i. भनदोष गलर्तबयानी उन र्तुभटपूणव बयानों से संबभं धर्त होर्ती है जो भबना भकसी धोिाधडी के इरादे से भकए
जार्ते हैं।
ii. दू सरी र्तरफ धोिाधडीपूणव गलर्तबयानी उन गलर्त बयानों से संबंभधर्त होर्ती है जो बीमाकर्ता को धोिा
दे ने के इरादे से की जार्ती है या भबना सत्यर्ता के भबना भविारे भदया जार्ता है।

कोई बीमा अनुबंध आमर्त़ौर पर र्तब अमान्य हो जार्ता है जब उसे स्पष्ट रूप से धोिे के इरादे से भकया गया हो
या भजसमें धोिाधडीपूणव भछपाव भकया गया हो।

2014 के अध्यादे श में उन ज्स्थभर्तयों के बारे में कुछ भदशाभनदे श भदए गए हैं भजनके र्तहर्त भकसी पॉभलसी पर
धोिाधडी का सवाल उठाया जा सकर्ता है।नए प्रावधान इस प्रकार हैं -

धोिाधडी

जीवन बीमा की पॉभलसी को पॉभलसी जारी होने की र्तारीि या जोभिम शुरू होने की र्तारीि या पॉभलसी के
पुनजीवन की र्तारीि या पॉभलसी के आरोहक की र्तारीि, जो िी बाद में आर्ता हो, से र्तीन वषों के िीर्तर भकसी
िी समय धोिाधडी के आधार पर सवालों के घेरे में लाया जा सकर्ता है:

बीमा कंपनी को उन आधारों और र्त्यों के बारे में भलभिर्त रूप में बीमाधारक या बीमाधारक के कानूनी
प्रभर्तभनभधयों या नाभमभर्तयों या समनु देभशभर्तयों को बर्ताना होगा भजन पर इस र्तरह का भनणवय आधाभरर्त है।

"धोिाधडी" शब्द को भनम्पनानु सार पभरिाभषर्त और भनर्थदष्ट भकया गया है:

अभिव्यभि "धोिाधडी" का मर्तलब है बीमा कंपनी को धोिा दे ने या बीमा कंपनी को एक जीवन बीमा पॉभलसी
जारी करने के भलए प्रेभरर्त करने के इरादे से बीमाधारक द्वारा या उसके एजेंट द्वारा भकया गया इनमें से कोई िी
कृत्य:

(क) एक र्त्य के रूप में ऐसा सुझाव जो सि नहीं है और भजसे बीमाधारक सि नहीं मानर्ता है ;

(ि) बीमाधारक को र्त्य की जानकारी और भवश्वास होने पर िी सभिय रूप से र्त्य को छु पाया जाना;

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(ग) धोिा दे ने के भलए उपयुि कोई िी अन्य कृत्य; और

(घ) ऐसा कोई िी कृत्य या िूक भजसे कानून भवशेष रूप से धोिाधडी घोभषर्त करर्ता है।

बीमा कंपनी द्वारा जोभिम के मूलयांकन को संिाभवर्त रूप से प्रिाभवर्त करने वाले र्त्यों के बारे में भसफव िुप्पी
धोिाधडी नहीं है जब र्तक मामले की पभरज्स्थभर्तयां इस प्रकार नहीं हैं भक उनका सम्पमान भकया गया है , बोलने
के मामले में िुप रहना बीमा धारक या उसके एजेंट का कर्तवव्य है या अन्यथा उसकी िुप्पी अपने आप में बोलने
के समर्तुलय है।

कोई िी बीमा कंपनी धोिाधडी के आधार पर एक जीवन बीमा पॉभलसी को अस्वीकार नहीं करे गी अगर
बीमाधारक यह साभबर्त कर सकर्ता है भक वास्र्तभवक र्त्य की गलर्तबयानी या उसे छु पाया जाना उसकी
सवोिम जानकारी और भवश्वास के भलए सही था या भक र्त्य को जानबूझकर छु पाए जाने का कोई इरादा नहीं
था या भक इस प्रकार वास्र्तभवक र्त्य की गलर्तबयानी या उसे छु पाया जाना बीमा कंपनी की जानकारी में है:

इसके अलावा यह प्रावधान िी है भक धोिाधडी के मामले में, अगर पॉभलसीधारक जीभवर्त नहीं है र्तो असत्य
प्रमाभणर्त करने का दाभयत्व लािार्थथयों पर रहर्ता है।

कोई व्यभि जो बीमा के अनुबंध का भनवेदन और इसके बारे में बार्तिीर्त करर्ता है उसे अनु बध
ं करने के प्रयोजन
से बीमा कंपनी का एजेंट माना जाएगा।

र्त्यों को छु पाया जाना

जीवन बीमा की पॉभलसी को पॉभलसी जारी होने की र्तारीि या जोभिम शुरू होने की र्तारीि या पॉभलसी के
पुनजीवन की र्तारीि या पॉभलसी के आरोहक की र्तारीि, जो िी बाद में आर्ता हो, से र्तीन वषों के िीर्तर भकसी
िी समय इस आधार पर सवालों के घेरे में लाया जा सकर्ता है भक बीमाधारक के जीवन की प्रत्याशा से संबभं धर्त
वास्र्तभवक र्त्यों का कोई िी भववरण या इसे छु पाए जाने को प्रस्र्ताव या अन्य दस्र्तावेज़ में गलर्त र्तरीके से
प्रस्र्तुर्त भकया गया था भजसके आधार पर पॉभलसी जारी या पुनजीभवर्त की गयी थी या आरोहक जारी भकया गया
था:

बशर्ते भक बीमा कंपनी को उन आधारों और र्त्यों के बारे में भलभिर्त रूप में बीमाधारक या बीमाधारक के
कानूनी प्रभर्तभनभधयों या नाभमभर्तयों या समनु देभशभर्तयों को बर्ताना होगा भजन पर जीवन बीमा की पॉभलसी को
अस्वीकार करने का इस र्तरह का भनणवय आधाभरर्त है:

बशर्ते आगे यह भक गलर्तबयानी या वास्र्तभवक र्त्यों को छु पाए जाने के आधार पर पॉभलसी को अस्वीकार करने
के मामले में, न भक धोिाधडी के आधार पर, अस्वीकृभर्त की र्तारीि र्तक पॉभलसी पर प्राप्र्त भकए गए प्रीभमयमों
का िुगर्तान ऐसी अस्वीकृभर्त की र्तारीि से नब्बे भदनों की एक अवभध के िीर्तर बीमाधारक को या बीमाधारक के
कानूनी प्रभर्तभनभधयों या नाभमभर्तयों या समनु देभशभर्तयों को कर भदया जाएगा।

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र्तीन वषों की अवभध के बाद भकसी पॉभलसी को गलर्तबयानी के आधार पर सवालों के घेरे में नहीं लाया जाएगा।

c) बीमाभहर्त

"बीमाभहर्त" का अज्स्र्तत्व प्रत्येक बीमा अनु बध


ं का अभनवायव अंग है और इसे बीमा के भलए पूवव शर्तव के रूप में
माना जार्ता है। आइए दे िर्ते हैं भक कैसे बीमा जु आ या दााँव से अलग है।

i. जु आ और बीमा

र्ताश के िेल को दे िें, जहााँ कोई जीर्तर्ता या हारर्ता है। हाभन या लाि इसभलए होर्ता है भक व्यभि दााँव
लगार्ता है। यह िेल िेलने वाला व्यभि का केवल िेल जीर्तने के अलावा िेल के साथ कोई और भहर्त या
संबंध नहीं होर्ता। सट्टे बाजी या जु आ अदालर्त में कानूनी रूप से लागू नहीं होर्ते हैं और इसभलए इसके
अनु सरण में कोई अनु बध
ं गैरकानूनी होगा। यभद कोई अपने घर को दााँव पर लगार्ता है और वह र्ताश के
िेल में हार जार्ता है जो दू सरा पक्ष उसके वादे को पूरा करने के भलए अदालर्त में नहीं जा सकर्ता।

अब एक घर और इसके जलने की घटना पर भविार करें । वह व्यभि भजसने अपने घर का बीमा कराया है
उसे बीमा की भवषय-वस्र्तु याभन घर के साथ कानूनी संबध
ं है। वह इस घर का माभलक है और इसके नष्ट
या क्षभर्तग्रस्र्त होने पर उसे आर्थथक रूप से पीभडर्त होने की संिावना है। स्वाभमत्व का यह संबंध स्वर्तंत्र रूप
से होर्ता है, िाहे आग लगे या न लगे और यह वह संबध
ं है जो हाभन की ओर ले जार्ता है। घटना (आग या
िोरी) से हाभन होर्ती है िाहे कोई बीमा भलया हो या नहीं।

उस र्ताश के िेल के भवपरीर्त, जहााँ कोई जीर्त या हार सकर्ता है, आग का केवल एक ही पभरणाम हो
सकर्ता है और वह है घर के माभलक की क्षभर्त।

माभलक यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए बीमा करवार्ता है भक हु ए नु कसान की इसी र्तरीके से क्षभर्तपूर्थर्त की
जाए।

बीभमर्त का जो हीर्त उसके घर में या पैसों में होर्ता है, उसे बीमाभहर्त कहा जार्ता है । बीमाभहर्त की उपज्स्थभर्त
बीमा अनु बध
ं को कानून के र्तहर्त वैध और लागू करने योग्य बनार्ती है।

उदाहरण

श्री िंद्रशेिर एक घर िरीदर्ते हैं और भजसके भलए उन्होंने भकसी बैंक से रु. 15 लाि का बंधक ऋण भलया है।
नीिे भदए गए प्रश्नों पर भविार करें -

 क्या घर में उनका बीमायोग्य भहर्त है?


 क्या घर में बैंक का बीमायोग्य भहर्त है?
 उसके पडोसी के भवषय में क्या?

श्री श्रीभनवास के पभरवार में उनकी पत्नी, दो बछिे और बुढ़े मार्ता-भपर्ता हैं । नीिे भदए गए प्रश्नों पर भविार करें -

 क्या उनका उनकी कुशलर्ता में कोई बीमायोग्य भहर्त है?


 यभद उनमें से कोई अस्पर्ताल में िर्ती हो जार्ता है र्तो क्या उसे भविीय हाभन होसकर्ती है?
 पडोसी के बछिों के भवषय में क्या? क्या उनमें उस का बीमाभहर्त होगा?

यहााँ यह उभिर्त होगा भक बीमा की भवषय-वस्र्तु और बीमा अनु बंध की भवषय-वस्र्तु में अंर्तर भकया जाए।

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बीमा की भवषय-वस्र्तु का संबंध उस संपभि से होर्ता है भजसका बीमा भकया जा रहा है और भजसकी स्वयं की
व्सार्तभवक वैलयू होर्ती है।

दू सरी ओर बीमा अनु बध


ं की भवषय-वस्र्तु उस संपभि में बीभमर्त का भविीय भहर्त होर्ता है। यह केवल र्तिी होर्ता है
जब बीभमर्त को उस संपभि में इस प्रकार का भहर्त होर्ता है भजसका बीमा करा सकने का उसे कानूनी अभधकार
होर्ता है। वास्र्तभवक अथव में दे िा जाए र्तो बीमा पॉभलसी स्वर्तः सम्पपभि आवभरर्त न करर्ते हु ए उस सम्पपभि में
भनभहर्त बीभमर्त के भविीय भहर्त को आवभरर्त करर्ती है।

भित्र 3: सामान्य कानून के अनु सार बीमायोग्य भहर्त

आज्स्र्तयााँ

बीमायोग्य भहर्त

स्वयं

बछिे पत्नी

ii. बीमायोग्य भहर्त भकस समय भवद्यमान होना िाभहए

जीवन बीमा के संदिव में बीमाभहर्त पॉभलसी लेने के समय भवद्यमान होना िाभहए। साधारण बीमा के मामले में
पॉभलसी लेर्ते समय और दावा करर्ते समय बीमायोग्य भहर्त भवद्यमान रहना िाभहए मरीन पॉभलभसयां इसका
अपवाद हैं ।

d) नजदीकी कारण

अंभर्तम कानूनी भसद्ांर्त नजदीकी कारण का भसद्ांर्त है।

नजदीकी कारण बीमा का एक प्रमुि भसद्ांर्त है और इसका मर्तलब यह जानना होर्ता है भक वास्र्तव में हाभन या
क्षभर्त कैसे धाभरर्त हु ई र्तथा यह भक क्या यह भकसी बीभमर्त आपदा की पभरणभर्त है । यभद हाभन का कारण बीभमर्त
आपदा रहा हो र्तो ऐसे में बीमाकर्ता का दाभयत्व बनर्ता है। यभद र्तुरंर्त कारण कोई बीभमर्त आपदा हो र्तो बमाकर्ता
के भलए यह बाध्यकर है भक वह हाभन की िरपाई करे , अन्यथा नही।

इस भनयम के र्तहर्त बीमाकर्ता उस प्रमुि कारण को िोजर्ता है जो हाभन उत्पन्न करने वाली घटनाओं की
शृंिला शुरु करर्ता है । यह आवश्यक रूप से अंभर्तम घटना नहीं हो सकर्ती है जो हाभन होने से र्तुरंर्त पहले
घभटर्त हु ई है याभन यह आवश्यक रूप से वह घटना नहीं होर्ती जो सबसे पहले हाभन करने वाली या हाभन के
भलए र्तुरंर्त भजम्पमे दार रहर्ती है।

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अन्य कारण अप्रत्यक्ष कारण के रूप में वगीकृर्त हो सकर्ते हैं , जो नजदीकी कारण से अलग रहर्ते हैं । अप्रत्यक्ष
कारण भवद्यमान हो सकर्ते हैं लेभकन भकसी घटना को घभटर्त करने के कारण में प्रिावशील नहीं होर्ते ।

पभरिाषा

नजदीकी कारण को इस प्रकार पभरिाभषर्त भकया गया है – वह सभिय एवं प्रिावोत्पादक कारण जो घटनाओं
की श्रृि
ं लाओं को शुरु करर्ता है और भजसके पभरणामस्वरुप कोई घटना घभटर्त होर्ती है और भजसमें नये एवं
स्वर्तंत्र स्त्रोर्त से शुरु होने वाले भकसी बल का कोई हस्र्तक्षेप नहीं रहर्ता।

नजदीकी कारण का भसद्ांर्त जीवन बीमा अनु बध


ं ों पर कैसे लागू होर्ता है? िूभाँ क आमर्त़ौर पर मृत्यु के कारण पर
ध्यान भदये भबना मृत्यु लाि िुगर्तान जीवन बीमा प्रदान करर्ता है, यहां इसभलए र्तो नजदीकी कारण का भसद्ांर्त
लागू नहीं होगा। हालांभक कई जीवन बीमा अनु बध
ं ों में दु घवटना भहर्त लाि राइडर िी होर्ता है भजसमें एक
अभर्तभरि बीभमर्त धन राभश दु घवटना के कारण मृत्यु पर दे य होर्ती है। ऐसी ज्स्थभर्त में कारण का पर्ता लगाना
आवश्यक हो जार्ता है भक क्या मृत्यु दु घवटना से हु ई है। नजदीकी कारण का भसद्ांर्त ऐसे मामलों में लागू होगा।

अनु सरण का अनुबंध


अनु सरण अनु बध
ं वे अनु बंध होर्ती हैं जो अन्य पक्ष को अनु रसण करने का अवसर दे र्ते हु ए उस पक्ष द्वारा िाफ्ट
की गई होर्ती हैं भजनके पास बडा स़ौदे बाजी लाि है, जैसे भक अनु बध
ं को स्वीकार या अस्वीकार करना। यहााँ
बीमा कंपनी के पास अनु बध
ं के भनयम और शर्तों के संबध
ं में सिी प्रकार की स़ौदे बाजी के अभधकार रहर्ते हैं ।

इसे बेअसर करने के भलए, पॉभलसी लेने के बाद पॉभलसीधारक को फ्री-लुक अवभध दी गई है, भजसे पॉभलसी
बााँड भमलने के 15 भदनों के िीर्तर, असहमभर्त होने पर इसे रद्द कर सकने का भवकलप भदया जार्ता है । कंपनी को
भलभिर्त में सूभिर्त भकया जाना है और ििव और प्रिार िाजवस घटाकर करर्ते हे प्रीभमयम ल़ौटा भदया जार्ता है।

स्वयं परीक्षण 1

भनम्पनभलभिर्त में से कोन सा भवकलप दबाव का उदाहराण है ?

I. रमे श एक अनु बध
ं पर हस्र्ताक्षर करर्ता है भजसकी बारीभकयों की उसे जानकारी नहीं है।
II. रमे श महे श को धमकी दे र्ता है भक यभद उसने अनु बध
ं पर हस्र्ताक्षर नहीं भकये र्तो वह उसे मार डालेगा।
III. रमे श अपनी प्रोफेशनल वभरष्ठर्ता पद का प्रयोग करर्ते हु ए महे श से अनु बंध पर हस्र्ताक्षर करा लेर्ता है।
IV. रमे श गलर्त जानकारी दे र्ते हु ए अनु बध
ं पर महे श के हस्र्ताक्षर करवा लेर्ता है।

स्वयं परीक्षण 2

भनम्पन में से क़ौन सा भवकलप रमे श द्वारा बीभमर्त नहीं भकया जा सकर्ता?

I. रमे श का घर
II. रमे श की पत्नी
III. रमे श के भमत्र
IV. रमे श के मार्ता-भपर्ता

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सारांश

 बीमा एक अनु बध
ं ात्मक समझ़ौर्ता होर्ता है भजसमें बीमाकर्ता भवभनर्थदष्ट जोभिमों पर भविीय सरक्षा दे ने हे र्तु
सहमर्त होर्ता है भजसके भलये वह एक मूलय या प्रभर्तफल लेर्ता है, भजसे प्रीभमयम कहा जार्ता है।

 अनु बंध पक्षों के बीि कानून द्वारा लागू करने योग्य एक समझ़ौर्ता है।

 भकर्ती वैध अनुबंध में भनम्पन र्तत्व शाभमल होर्ते हैं :

i. प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त
ii. प्रभर्तफल,
iii. आम सहमभर्त,
iv. स्वर्तंत्र सहमभर्त,
v. पक्षों की क्षमर्ता और
vi. उद्देश्य की वैधर्ता

 बीमा अनु बध
ं ों में भनम्पन भवशेष सुभवधाएाँ शाभमल हैं :

i. िरम भवश्वास,
ii. बीमायोग्य भहर्त,
iii. नजदीकी कारण

प्रमुि शब्द

1. प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त
2. भवभधसम्पमर्त प्रभर्तफल
3. आम सहमभर्त
4. परम सद्भाव
5. महत्वपूणव र्त्य
6. बीमायोग्य भहर्त
7. नजदीकी कारण

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स्व परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

रमे श महे श को अनु बध


ं पर हस्र्ताक्षर नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दे र्ता है, यह

दबाव का उदाहरण है।

उिर 2

सही भवकलप III है।

रमे श का अपने भमत्र के जीवन में बीमायोग्य भहर्त नहीं है और इसभलए वह उसे बीभमर्त नहीं कर सकर्ता।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

भकसी वैध अनुबंध का क़ौन सा र्तत्व प्रीभमयम से संबभं धर्त रहर्ता है?

I. प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त
II. प्रभर्तफल
III. स्वर्तंत्र सहमभर्त
IV. अनु बंध के भलए पक्षों की क्षमर्ता

प्रश्न 2

_______ गलर्त बयान से संबंभधर्त होर्ता है जो भबना भकसी धोिाधडीपूणव इरादे से भदये गए हैं ।

I. गलर्तबयानी
II. योगदान
III. प्रस्र्ताव
IV. भनवेदन

प्रश्न 3

_________ में आपराभधक साधनों के माध्यम से लागू दबाव शाभमल होर्ता है।

I. धोिाधडी
II. अनु भिर्त प्रिाव
III. दबाव
IV. गलर्ती

प्रश्न 4

जीवन बीमा अनु बध


ं ों के संबध
ं में भनम्पन में से क़ौन सा सत्य है?

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I. वे म़ौभिक अनु बंध होर्ते हैं जो कानूनी रूप से लागू करने योग्य नहीं हैं
II. वे म़ौभिक हैं जो कानूनी रूप से लागू करने योग्य हैं
III. िारर्तीय अनु बंध अभधभनयम,1872 की आवश्यकर्ताओं के अनु सार वे दो पक्षों (बीमाकर्ता और बीभमर्त) के बीि
अनु बंध हैं।
IV. वे दााँव(शर्तव लगाना) अनुबंधों के समान हैं

प्रश्न 5

भनम्पन में से क़ौनसा अनु बंध के भलए एक वैध प्रभर्तफल नहीं है?

I. पैसा
II. संपभि
III. भरश्वर्त
IV. आिूषण

प्रश्न 6

भनम्पन में से क़ौनसा पक्ष जीवन बीमा अनु बध


ं करने के योग्य नहीं है ?

I. व्यवसाय माभलक
II. नाबाभलग
III. गृभहणी
IV. सरकारी कमविारी

प्रश्न 7

भनम्पन कायों में से क़ौनसा “परम सद्भाव” के भसद्ांर्त को बर्तार्ता है?

I. बीमा प्रस्र्ताव फामव में ज्ञार्त भिभकत्सा ज्स्थभर्तयों के बारे में नहीं बर्ताना
II. बीमा प्रस्र्ताव फामव में ज्ञार्त महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा नहीं करना
III. बीमा प्रस्र्ताव फामव में ज्ञार्त महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा करना
IV. समय पर प्रीभमयम िुगर्तान करना

प्रश्न 8

बीमायोग्य भहर्त के संबध


ं में भनम्पन में से क़ौनसा सही नहीं है ?

I. अपने पुत्र के भलए भपर्ता द्वारा बीमा पॉभलसी लेना


II. पभर्त-पत्नी द्वारा एक दू सरे के भलए बीमा लेना
III. भमत्रों द्वारा एक दू सरे के भलए बीमा लेना
IV. भनयोिा द्वारा कमविाभरयों के भलए बीमा लेना

प्रश्न 9

जीवन बीमा के संदिव में बीमायोग्य भहर्त कब भवद्यमान होना जरुरी है?

I. बीमा करार्ते के समय

86
II. दावे के समय
III. जीवन बीमा के मामले में बीमायोग्य भहर्त होना आवश्यक नहीं है
IV. या र्तो पॉभलसी लेर्ते के समय या दावे के समय

प्रश्न 10

भनम्पन पभरदृश्य में मृत्यु के नजदीकी कारण का पर्ता लगाएाँ?

घोडे से भगरने के कारण अजय की पीठ टू ट जार्ती है। जल में पडे रहने के कारण उसे भनमोभनया हो जार्ता है।
उसे अस्पर्ताल में िर्ती भकया जार्ता है पर भनमोभनया के कारण वह मर जार्ता है।

I. भनमोभनया
II. टू टी हु ई पीठ
III. घोडे से भगरना
IV. शलय-भिभकत्सा

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

प्रीभमयम से संबभं धर्त वैध अनुबंध का र्तत्व प्रभर्तफल है।

उिर 2

सही भवकलप I है।

गलर्तबयानी गलर्त बयानों से संबंभधर्त होर्ती है जो भबना भकसी धोिाधडीपूणव इरादे से की जार्ती हैं ।

उिर 3

सही भवकलप III है।

दबाव में आपराभधक साधनों के माध्यम से लागू दबाव शाभमल होर्ता है।

उिर 4

सही भवकलप III है।

जीवन बीमा अनु बंध िारर्तीय अनु बध


ं अभधभनयम, 1872 की आवश्यकर्ताओं के अनु सार दो पक्षों (बीमाकर्ता और
बीभमर्त) के बीि भकया जाने वाला अनु बध
ं है।

उिर 5

सही भवकलप III है।

अनु बंध के भलए भरश्वर्त एक वैध प्रभर्तफल नहीं है।

87
उिर 6

सही भवकलप II है।

नाबाभलग जीवन बीमा अनु बध


ं के भलए पात्र नहीं हैं ।

उिर 7

सही भवकलप III है।

बीमा प्रस्र्ताव फामव में ज्ञार्त महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा करना “परम सद्भाव” के भसद्ांर्त से संबभं धर्त है।

उिर 8

सही भवकलप III है।

भमत्र एक दू सरे के भलए बीमा नहीं ले सकर्ते क्योंभक उसमें उनका कोई बीमायोग्य भहर्त नहीं होर्ताहै।

उिर 9

सही भवकलप I है।

जीवन बीमा के संदिव में बीमा करार्ते समय बीमायोग्य भहर्त का भवद्यमान होना आवश्यक है।

उिर 10

सही भवकलप III है।

घोडे से भगरना अजय की मृत्यु का नजदीकी कारण है।

88
अिुभाग 2

थवाथ्य बीमा

89
अध्याय 6

स्वास््य बीमा का पभरिय

अध्याय पभरिय

यह अध्याय आपको बर्ताएगा भक समय के साथ बीमा का भवकास कैसे हु आ है। यह स्वास््य की दे ििाल,
स्वास््य सेवा के स्र्तरों और स्वास््य सेवा के प्रकारों के बारे में िी समझाएगा। आप िारर्त में स्वास््य सेवा
व्यवस्था और इसे प्रिाभवर्त करने वाले कारकों के बारे में िी जानेंगे। अंर्त में, यह िारर्त में स्वास््य बीमा बाजार
के भवकास और िारर्त के स्वास््य बीमा बाजार के भवभिन्न भिलाभडयों के बारे में स्पष्ट करे गा।

अध्ययन के पभरणाम

A. बीमा का इभर्तहास और िारर्त में बीमा का भवकास


B. स्वास््य सेवा क्या है
C. स्वास््य सेवा का स्र्तर
D. स्वास््य सेवा के प्रकार
E. िारर्त में स्वास््य व्यवस्था को प्रिाभवर्त करने वाले कारक
F. िारर्त में स्वास््य बीमा का भवकास
G. स्वास््य बीमा बाजार

इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. बीमा का भवकास कैसे हु आ, इसे समझना।


2. स्वास््य सेवा की अवधारणा और स्वास््य सेवा के प्रकारों एवं स्र्तरों का वणवन करना।
3. िारर्त में स्वास््य सेवा को प्रिाभवर्त करने वाले कारकों और आजादी के बाद की प्रगभर्त का मूलयांकन
करना।
4. िारर्त में स्वास््य बीमा के भवकास पर ििा करना।
5. िारर्त के स्वास््य बीमा बाजार को जानना।

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A. बीमा का इभर्तहास और िारर्त में बीमा का भवकास

कहा जार्ता है भक बीमा भकसी न भकसी रूप में हजारों साल पहले से अज्स्र्तत्व में रहा है। वषों से भवभिन्न
सभ्यर्ताओं ने पूललग की अवधारणा और समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा उठाए गए सिी नु कसानों को अपने बीि
भविाभजर्त करने की प्रथा को अपनाया है। आज हम यह जानर्ते हैं भफर िी, बीमा के व्यवसाय, केवल दो या र्तीन
सभदयों पहले शुरू हु आ। भफर िी बीमा का कारोबार, भजस रूप में आज हम इसे जानर्ते हैं , केवल दो या र्तीन
सदी पहले शुरू हु आ था।

1. आधुभनक व्यावसाभयक बीमा

बीमा की अवधारणा के माध्यम से भनयंभत्रर्त भकए जाने वाले जोभिमों का सबसे पुराना प्रकार समुद्री दु घवटना के
कारण होने वाला प्रकार था - भजसे हम समुद्री जोभिम कहर्ते हैं । इस प्रकार समुद्री बीमा, बीमा के कई प्रकारों
में से पहला था।

हालांभक, आधुभनक बीमा का सबसे पुराना प्रकार 14वीं सदी में यूरोप में, भवशेष रूप से इटली में व्यवसाय
मंडभलयों या सोसायभटयों द्वारा सुरक्षा के रूप में था। ये मंडभलयां एक सदस्यर्ता आधार पर भशलपग संबध
ं ी
नु कसानों, आग, सदस्यों की म़ौर्त या पशुधन की हाभन के कारण सदस्यों को होने वाले नु कसानों के भविपोषण
का काम करर्ती थीं। आग बीमा का एक रूप, जैसा भक आज हम इसे जानर्ते हैं, 1591 में हैम्पबगव में अज्स्र्तत्व में रहा
प्रर्तीर्त होर्ता है।

जैसा भक इंग्लैंड के मामले में, 1666 में लंदन की िीषण आग, भजसमें शहर का अभधकांश भहस्सा और 13,000 से
अभधक मकान नष्ट हो गए थे, इसने बीमा को बढ़ावा दे ने का काम भकया और 1680 में 'फायर ऑभफस' नामक
पहली आग बीमा कंपनी की शुरुआर्त हु ई।

लॉयड्स: आज प्रिभलर्त बीमा कारोबार का मूल लंदन में लॉयड के कॉफी हाउस में दे िा जार्ता है। वहां इकट्ठा
होने वाले व्यापारी जहाज़ों द्वारा ढोए जाने वाले अपने सामानों के समुद्री आपदाओं के कारण होने वाले नु कसान
को साझा करने पर सहमर्त होर्ते थे। इस र्तरह के नुकसान समुद्री िर्तरों के कारण हु आ करर्ते थे , जैसे समुद्री
डाकू जो गहरे समुद्र में सामानों को लूट लेर्ते थे या समुद्र के िराब म़ौसम के कारण सामान िराब हो जार्ते थे
या भकसी िी कारण से जहाज का डू ब जाना।

2. िारर्त में आधुभनक व्यावसाभयक बीमा का इभर्तहास

िारर्त में आधुभनक बीमा की शुरुआर्त वषव 1800 के प्रारंि में या उसके आसपास हु ई थी जब भवदे शी बीमा
कंपभनयों की एजेंभसयों ने समुद्री बीमा व्यवसाय प्रारंि भकया। िारर्त में स्थाभपर्त पहली जीवन बीमा कंपनी की
स्थापना 1818 में एक अंग्रेजी कंपनी, ओभरएंटल लाइफ इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड के रूप में हु ई थी और पहली
गैर-जीवन बीमा कंपनी 1850 में स्थाभपर्त ट्ाइटन इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड थी, दोनों की स्थापना कलकिा में
हु ई थी।

91
पहली संपूणव िारर्तीय बीमा कंपनी 1870 में मुंबई में स्थाभपर्त बॉम्पबे म्पयुिुअल एश्योरें स सोसायटी भलभमटे ड थी।
बाद में सदी के मोड पर स्वदे शी आंदोलन के पभरणाम स्वरूप कई अन्य िारर्तीय कंपभनयां स्थाभपर्त की गयीं।

1912 में बीमा व्यवसाय को भवभनयभमर्त करने के भलए जीवन बीमा कंपनी अभधभनयम और िभवष्य भनभध
अभधभनयम पाभरर्त भकए गए। जीवन बीमा कंपनी अभधभनयम, 1912 ने प्रीभमयम-दर र्ताभलकाओं और समय-समय
पर कंपभनयों के मूलयांकन को एक बीमांभकक द्वारा प्रमाभणर्त होना अभनवायव कर भदया। हालांभक िारर्तीय और
भवदे शी कंपभनयों के बीि िेदिाव जारी रहा।

िारर्त की सबसे पुरानी बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड है जो आज िी म़ौजूद है, इसकी स्थापना
1906 में हु ई थी।

पभरज्स्थभर्त की जरूरर्त के आधार पर, िारर्तीय बीमा उद्योग की भनगरानी सरकार द्वारा की गयी, इसे
राष्ट्ीयकृर्त और भफर अराष्ट्ीयकृर्त भकया गया और यह सब कुछ इस प्रकार घभटर्त हु आ:

a) जीवन बीमा का राष्ट्ीयकरण

जीवन बीमा व्यवसाय को 1 भसर्तंबर 1956 में राष्ट्ीयकृर्त भकया गया और िारर्तीय जीवन बीमा भनगम
(एलआईसी) का गठन भकया गया। उस समय िारर्त में 170 कंपभनयां और 75 िभवष्य भनभध सोसायभटयां जीवन
बीमा कारोबार में संलग्न थीं। 1956 से 1999 र्तक िारर्त में जीवन बीमा कारोबार करने का एकमात्र अभधकार
एलआईसी के पास था।

b) गैर-जीवन बीमा का राष्ट्ीयकरण

1972 में साधारण बीमा व्यवसाय राष्ट्ीयकरण अभधभनयम (भजबना) के पाभरर्त होने के साथ गैर-जीवन बीमा
कारोबार का िी राष्ट्ीयकरण भकया गया और िारर्तीय साधारण बीमा भनगम (जीआईसी) और उसकी िार
सहायक कंपभनयों का गठन भकया गया। उस समय िारर्त में गैर-जीवन बीमा कारोबार कर रही 106 बीमा
कंपभनयों का भवलय करके िारर्तीय जीआईसी की िार सहायक कंपभनयां स्थाभपर्त की गयीं।

c) मलहोत्रा सभमभर्त और आईआरडीए

1993 में भनजी कंपभनयों के प्रवेश के रूप में प्रभर्तस्पधा के एक र्तत्व को पुनप्रवस्र्तुर्त करने सभहर्त उद्योग के भवकास
के भलए पभरवर्तवन का पर्ता लगाने और भसफाभरश करने के भलए मलहोत्रा सभमभर्त का गठन भकया गया। सभमभर्त ने
1994 में अपनी भरपोटव प्रस्र्तुर्त की। 1997 में बीमा भनयामक प्राभधकरण (आईआरए) की स्थापना की गयी।

d) बीमा भनयामक एवं भवकास अभधभनयम 1999 के पाभरर्त होने के कारण "पॉभलसी धारकों के भहर्तों की
रक्षा करने और बीमा उद्योग का सुव्यवज्स्थर्त भवकास सुभनज्श्िर्त करने , इसे भवभनयभमर्त करने और बढ़ावा दे ने
के भलए" एक सांभवभधक भनयामक संस्था" के रूप में अप्रैल 2000 में बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण
(आईआरडीए) का गठन भकया गया"।

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e) जीआईसी का पुनगवठन

जीआईसी को एक राष्ट्ीय पुनबीमा कंपनी में पभरवर्थर्तर्त कर भदया गया और उसकी िार सहायक कंपभनयों को
स्वर्तंत्र कंपभनयों के रूप में पुनगवभठर्त भकया गया। भदसम्पबर, 2000 में संसद ने एक भवधेयक पाभरर्त भकया भजसने
जु लाई, 2002 में िार सहायक कंपभनयों को जीआईसी से अलग कर भदया। ये कंपभनयां हैं -

 नेशनल इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड


 ओभरएंटल इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड
 न्यू इंभडया एश्योरें स कंपनी भलभमटे ड
 युनाइटे ड इंभडया इंश्योरें स कंपनी भलभमटे ड

f) वर्तवमान जीवन बीमा उद्योग

24 बीमा कंपभनयां "जीवन बीमा" कंपभनयों के रूप में पंजीकृर्त हैं । यह सूिी नीिे दी गई है।

g) वर्तवमान गैर-जीवन बीमा उद्योग

28 बीमा कंपभनयां "साधारण बीमा" कंपभनयों के रूप में पंजीकृर्त हैं ।

i. िारर्तीय कृभष बीमा कंपनी भलभमटे ड (एग्रीकलिर इंश्योरें स कंपनी ऑफ इंभडया भलभमटे ड) फसल
बीमा/ग्रामीण बीमा से संबभं धर्त जोभिम के भलए एक भवशेषज्ञ बीमा कंपनी है।

ii. िारर्तीय भनयार्त ऋण एवं गारंटी भनगम भनयार्त ऋण से संबंभधर्त जोभिमों के भलए एक भवशेषज्ञ बीमा कंपनी
है।

iii. 5 एकल स्वास््य बीमा कंपभनयां हैं ।

iv. बाकी कंपभनयां सिी प्रकार के साधारण बीमा कारोबार को संिाभलर्त करर्ती हैं ।

जीवन बीमा कंपभनयों की सूिी :

1. एगॉन रे भलगेयर लाइफ इंश्योरें स 13. आईडीबीआई फेडरल लाइफ


2. अवीवा लाइफ इंश्योरें स इंश्योरें स
3. बजाज आभलयांज लाइफ इंश्योरें स 14. इंभडया फस्टव लाइफ इंश्योरें स
4. िारर्ती अक्सा लाइफ इंश्योरें स 15. कोटक मलहद्रा ओलड म्पयुिअ
ु ल लाइफ
5. भबडला सन लाइफ इंश्योरें स इंश्योरें स
6. कैनरा एिएसबीसी ओबीसी लाइफ 16. जीवन बीमा भनगम
इंश्योरें स 17. मैक्स लाइफ इंश्योरें स
7. डीएिएफएल प्रामेभरका लाइफ इंश्योरें स 18. पीएनबी मे टलाइफ
8. एडलवाइस लाइफ इंश्योरें स 19. भरलायंस लाइफ इंश्योरें स
9. एक्साइड लाइफ इंश्योरें स 20. सहारा इंभडया लाइफ इंश्योरें स
10. फ्यूिर जनराली लाइफ इंश्योरें स 21. एसबीआई लाइफ इंश्योरें स
11. एिडीएफसी स्टैं डडव लाइफ इंश्योरें स 22. श्रीराम लाइफ इंश्योरें स

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12. आईसीआईसीआई पूडेंभशयल लाइफ 23. स्टार यूभनयन दाई-इिी लाइफ
इंश्योरें स इंश्योरें स
24. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरें स

एकल स्वास््य बीमा कंपभनयां

(1) बजाज आभलयांज जनरल इंश्योरें स

(2) फ्यूिर जनराली जनरल इंश्योरें स

(3) ओभरएंटल इंश्योरें स

(4) टाटा एआईजी जनरल इंश्योरें स

(5) स्टार हे लथ इंश्योरें स

साधारण बीमा कंपभनयों की सूिी :

1. कृभष बीमा कंपनी 12. मैग्मा एिडीआई जनरल इंश्योरें स


2. बजाज आभलयांज जनरल इंश्योरें स 13. नेशनल इंश्योरें स
3. िारर्ती एक्सा जनरल इंश्योरें स 14. न्यू इंभडया एश्योरें स
4. िोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरें स 15. ओभरएंटल इंश्योरें स
5. भनयार्त ऋण गारंटी भनगम 16. रहे जा क्यूबीई जनरल इंश्योरें स
6. फ्यूिर जनराली जनरल इंश्योरें स 17. भरलायंस जनरल इंश्योरें स
7. एिडीएफसी एगो जनरल इंश्योरें स 18. रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरें स
8. आईसीआईसीआई लोम्पबाडव जनरल इंश्योरें स 19. एसबीआई जनरल इंश्योरें स
9. इफको टोभकयो जनरल इंश्योरें स 20. श्रीराम जनरल इंश्योरें स
10. एलएंडटी जनरल इंश्योरें स 21. टाटा एआईजी जनरल इंश्योरें स
11. भलबटी वीभडयोकॉन जनरल इंश्योरें स 22. यूनाइटे ड इंभडया इंश्योरें स
23. यूभनवसवल सोम्पपो जनरल इंश्योरें स

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B. स्वास््य सेवा (हे लथकेयर) क्या है

आपने "स्वास््य ही धन है" कहावर्त के बारे में सुना होगा। क्या आपने किी यह जानने की कोभशश है भक
वास्र्तव में स्वास््य का क्या मर्तलब है? 'स्वास््य' (health) शब्द की उत्पभि 'hoelth' शब्द से हु ई थी भजसका
मर्तलब है ''शरीर की आरोग्यर्ता'।

पुराने जमाने में स्वास््य को एक 'भदव्य उपहार' माना जार्ता था और बीमारी को संबंभधर्त व्यभि द्वारा भकए गये
पापों का कारण माना जार्ता था। बीमारी के पीछे के कारणों को सामने लाने वाले व्यभि भहप्पोिेट्स (460-370
ईसा पूवव) थे। उनके अनु सार बीमारी पयावरण, सफाई, व्यभिगर्त स्वछछर्ता और आहार से संबभं धर्त भवभिन्न
कारकों के कारण होर्ती है।

आयुवेद की िारर्तीय प्रणाली, जो भहप्पोिेट्स से कई सभदयों पहले से अज्स्र्तत्व में है , स्वास््य को िार र्तरल
पदाथों: रि, पीला भपि, काला भपि और कफ के एक नाजु क संर्तुलन के रूप में मानर्ती आयी है और इन र्तरल
पदाथों का असंर्तुलन िराब स्वास््य का कारण बनर्ता है। िारर्तीय भिभकत्सा के जनक सुशुर्त को ऐसी जभटल
शलय भिभकत्साओं का श्रेय भदया जार्ता है जो उन भदनों पज्श्िम में िी अज्ञार्त थी।

एक समय अवभध में आधुभनक भिभकत्सा एक जभटल भवज्ञान में भवकभसर्त हु ई है और अब आधुभनक भिभकत्सा का
लक्ष्य भसफव बीमारी का इलाज नहीं रह गया है बज्लक इसमें बीमारी की रोकथाम और जीवन की गुणविा को
बढ़ावा दे ना िी शाभमल हो गया है। स्वास््य की एक व्यापक रूप से स्वीकायव पभरिाषा 1948 में भवश्व स्वास््य
संगठन द्वारा दी गयी है; इसमें कहा गया है भक "स्वास््य एक पूणव शारीभरक, मानभसक और सामाभजक
कलयाण की अवस्था है, न भक भसफव बीमारी की अनु पज्स्थभर्त"। यह ध्यान भदया जाना िाभहए भक आयुवेद जैसी
िारर्तीय भिभकत्सा प्रणाली ने अनाभद काल से स्वास््य के इस र्तरह के संपूणव दृज्ष्टकोण को शाभमल भकया है।

पभरिाषा

भवश्व स्वास््य संगठन (डब्लयूएिओ): स्वास््य एक संपूणव शारीभरक, मानभसक और सामाभजक कलयाण की
अवस्था है, न भक भसफव बीमारी की अनुपज्स्थभर्त।

स्वास््य के भनधारक

आम र्त़ौर पर ऐसा माना जार्ता है भक भनम्पनभलभिर्त कारक भकसी िी व्यभि के स्वास््य का भनधारण करर्ते हैं :

a) जीवनशैली के कारक

जीवनशैली के कारक ऐसे कारक हैं जो अभधकांशर्तः संबंभधर्त व्यभि के भनयंत्रण में रहर्ते हैं जैसे व्यायाम
करना और सीमाओं के िीर्तर िोजन करना, लिर्ता से बिना और अछछे स्वास््य की ओर बढ़ने को पसंद
करना; और धूम्रपान, मादक पदाथों का सेवन, असुरभक्षर्त य़ौन संबंध और गभर्तहीन जीवनशैली (व्यायाम
रभहर्त) आभद जैसी िराब जीवनशैली और आदर्तें कैंसर, एड्स, उछि रििाप और मधुमेह जैसी बीमाभरयों
का कारण बनर्ती हैं ।

95
हालांभक सरकार इस र्तरह के आिरण को भनयंभत्रर्त / प्रिाभवर्त करने (जैसे नशीली दवाओं का सेवन करने
वाले लोगों को गैर-जमानर्ती कारावास के साथ दं भडर्त करना, र्तंबाकू उत्पादों पर अत्यभधक कर लगाना
आभद) में एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ती है, भफर िी एक व्यभि की व्यभिगर्त भजम्पमे दारी जीवनशैली के
कारकों के कारण होने वाली बीमाभरयों को भनयंभत्रर्त करने में एक भनणायक िूभमका भनिार्ती है।

b) पयावरणीय कारक

सुरभक्षर्त पेयजल, स्वछछर्ता और पोषण स्वास््य के भलए महत्वपूणव हैं भजनका अिाव स्वास््य संबंधी गंिीर
समस्याओं का कारण बनार्ता है जैसा भक दु भनया िर में, ख़ास र्त़ौर पर भवकासशील दे शों में दे िा जार्ता है।
इन्फ्लुएंजा और िेिक जैसे संिामक रोग िराब स्वछछर्ता व्यवस्था के कारण फैलर्ते हैं , मलेभरया और डें गू
जैसी बीमाभरयां पयावरण की िराब स्वछछर्ता की वजह से फैलर्ते हैं जबभक कुछ बीमाभरयां पयावरणीय
कारकों की वजह से िी होर्ती हैं , जैसे कुछ भवभनमाण उद्योगों में काम कर रहे लोग पेशागर्त जोभिमों से
संबंभधर्त बीमाभरयों के प्रभर्त संवद
े नशील होर्ते हैं , जैसे भक एस्बेस्टस भनमाण में काम करने वाले श्रभमकों पर
एस्बेस्टस का और कोयला िदानों में काम करने वाले श्रभमकों पर फेफडों की बीमाभरयों का िर्तरा रहर्ता
है।

c) आनु वभं शक कारक

बीमाभरयां जीन के माध्यम से मार्ता-भपर्ता से बछिों में जा सकर्ती हैं । इस र्तरह के आनु वभं शक कारकों के
पभरणाम स्वरूप जाभर्त, ि़ौगोभलक ज्स्थभर्त और यहां र्तक भक समुदायों के आधार पर दु भनया िर में फ़ैली
आबादी में स्वास््य के अलग-अलग रुझान दे िने को भमलर्ते हैं ।

यह काफी स्पष्ट है भक भकसी दे श की सामाभजक और आर्थथक प्रगभर्त उसकी जनर्ता के स्वास््य पर भनिवर
करर्ती है। एक स्वस्थ आबादी न केवल आर्थथक गभर्तभवभध के भलए उत्पादक कायवबल प्रदान करर्ती है बज्लक
बहु मूलय संसाधनों को िी मुि कर दे र्ती है जो िारर्त जैसे एक भवकासशील दे श के भलए बहु र्त अभधक महत्वपूणव
है। व्यभिगर्त स्र्तर पर, िराब स्वास््य आजीभवका के नुकसान, दै भनक आवश्यक गभर्तभवभधयों के भनष्पादन की
क्षमर्ता का कारण बन सकर्ता है और लोगों को गरीबी और यहां र्तक भक आत्महत्या की ओर िी धकेल सकर्ता है।

इस प्रकार दु भनया िर की सरकारें अपने लोगों के स्वास््य और कलयाण की व्यवस्था करने के उपाय करर्ती हैं
और सिी नागभरकों के भलए स्वास््य सेवा की पहु ं ि और भकफायर्ती होना सुभनज्श्िर्त करर्ती हैं । इसभलए स्वास््य
सेवा पर 'ििव' आम र्त़ौर पर हर दे श की जीडीपी का एक महत्वपूणव िाग होर्ता है।

यह एक प्रश्न बन गया है भक क्या भवभिन्न पभरज्स्थभर्तयों के भलए स्वास््य सेवा के भवभिन्न प्रकारों की
आवश्यकर्ता है।

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C. स्वास््य सेवा के स्र्तर

स्वास््य सेवा कुछ और नहीं बज्लक सरकार सभहर्त भवभिन्न एजेंभसयों और प्रदार्ताओं द्वारा लोगों के स्वास््य को
बढ़ावा दे ने, बनाए रिने, भनगरानी करने या बहाल करने के भलए प्रदान की जाने वाली सेवाओं का एक सेट है।
एक प्रिावशाली स्वास््य सेवा ऐसी होनी िाभहए:

 लोगों की जरूरर्तों के भलए उपयुि


 व्यापक
 पयाप्र्त
 आसानी से उपलब्ध
 भकफायर्ती

व्यभि की स्वास््य की ज्स्थभर्त हर व्यभि में भिन्न होर्ती है। सिी प्रकार की स्वास््य समस्याओं के भलए एक ही
स्र्तर पर बुभनयादी सुभवधाएं उपलब्ध करना न र्तो व्यावहाभरक है और न ही आवश्यक है। स्वास््य दे ििाल की
सुभवधाएं एक आबादी के भलए बीमारी की घटनाओं की संिावना पर आधाभरर्त होनी िाभहए। उदाहरण के भलए,
भकसी व्यभि को बुिार, सदी, िांसी, त्विा की एलजी आभद एक वषव में कई बार हो सकर्ती है, लेभकन उसके
हे पेटाइभटस बी से ग्रस्र्त होने की संिाव्यर्ता सदी और िांसी की र्तुलना में कम होर्ती है।

इसी प्रकार, एक ही व्यभि के भदल की बीमारी या कैंसर जैसी एक गंिीर बीमारी से पीभडर्त होने की संिावना
हे पेटाइभटस बी की र्तुलना में कम होर्ती है। इसभलए, भकसी िी क्षेत्र में िाहे वह एक गांव हो या एक भजला या एक
रायय, स्वास््य दे ििाल की सुभवधाएं स्थाभपर्त करने की जरूरर्त स्वास््य सेवा के भवभिन्न कारकों पर आधाभरर्त
होगी भजन्हें उस क्षेत्र के सूिक कहर्ते हैं , जैसे:

 जनसंख्या का आकार
 मृत्यु-दर
 बीमारी की दर
 भवकलांगर्ता की दर
 लोगों का सामाभजक और मानभसक स्वास््य
 लोगों की सामान्य पोषण की ज्स्थभर्त
 पयावरणीय कारक जैसे क्या यह एक िनन क्षेत्र या औद्योभगक क्षेत्र है
 संिव स्वास््य सेवा प्रदार्ता प्रणाली जैसे भदल का डॉक्टर एक गांव में आसानी से उपलब्ध
 नहीं हो सकर्ता है लेभकन एक भजला शहर में हो सकर्ता है
 स्वास््य दे ििाल प्रणाली के उपयोग होने की भकर्तनी संिावना है
 सामाभजक-आर्थथक कारक जैसे भकफायर्ती होना

उपरोि कारकों के आधार पर सरकार प्राथभमक, भद्वर्तीयक और र्तृर्तीयक स्वास््य सेवा केन्द्रों की स्थापना
करने पर फैसला करर्ती है और आबादी के भलए उभिर्त स्वास््य सेवा को भकफायर्ती और सुलि बनाने के अन्य
उपाय करर्ती है।

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D. स्वास््य सेवा के प्रकार

स्वास््य को मोटे र्त़ौर पर इस प्रकार वगीकृर्त भकया जार्ता है:

1. प्राथभमक स्वास््य सेवा

प्राथभमक स्वास््य सेवा का मर्तलब है डॉक्टरों, नसों और अन्य छोटे क्लीभनकों द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली
सेवाएं भजनसे रोगी भकसी िी बीमारी के भलए सबसे पहले संपकव करर्ते हैं , ऐसा कहा जार्ता है भक प्राथभमक
स्वास््य सेवा प्रदार्ता एक स्वास््य प्रणाली के िीर्तर सिी रोभगयों के भलए संपकव का पहला लबदु है।

भवकभसर्त दे शों में प्राथभमक स्वास््य दे ििाल पर अभधक ध्यान भदया जार्ता है र्ताभक स्वास््य समस्याओं के
व्यापक, जभटल और दीघवकाभलक या गंिीर होने से पहले उनसे भनबट भलया जाए। इसके अलावा प्राथभमक
स्वास््य सेवा प्रभर्तष्ठान भनवारक स्वास््य दे ििाल, टीकाकरण, जागरूकर्ता, भिभकत्सा परामशव आभद पर
ध्यान केंभद्रर्त करर्ते हैं और जरूरर्त पडने पर रोगी को अगले स्र्तर के भवशेषज्ञों के पास िेज दे र्ते हैं ।

उदाहरण के भलए, अगर कोई व्यभि को बुिार के भलए भकसी डॉक्टर से संपकव करर्ता है और पहली जांि में
डें गू बुिार का संकेर्त भमलर्ता है र्तो प्राथभमक स्वास््य सेवा प्रदार्ता कुछ दवाएं लेने की सलाह दे गा लेभकन वह
मरीज को भवशेष उपिार के भलए एक अस्पर्ताल में िर्ती कराने का िी भनदे श दे गा। प्राथभमक स्वास््य दे ििाल
के अभधकांश मामलों में डॉक्टर एक 'पभरवाभरक भिभकत्सक' की र्तरह कायव करर्ता है जहां पभरवार के सिी
सदस्य भकसी िी मामूली बीमारी के भलए डॉक्टर से संपकव करर्ते हैं ।

यह पद्भर्त आनु वभं शक कारकों पर आधाभरर्त लक्षणों के भलए दवाएं बर्ताने और उभिर्त भिभकत्सा सलाह दे ने में
िी भिभकत्सक की सहायर्ता करर्ती है। उदाहरण के भलए, डॉक्टर पैर्तृक मधुमेह का इभर्तहास रिने वाले रोगी
को संिव सीमा र्तक मधुमेह से बिने के भलए युवावस्था से ही जीवनशैली को लेकर ि़ौकस होने की सलाह
दे गा।

दे शव्यापी स्र्तर पर सरकार और भनजी कंपभनयों के द्वारा प्राथभमक स्वास््य सेवा केन्द्रों की स्थापना की जार्ती है।
सरकारी प्राथभमक स्वास््य दे ििाल केन्द्रों की स्थापना जनसंख्या के आकार पर भनिवर करर्ती है और भकसी न
भकसी रूप में ग्रामीण स्र्तर र्तक उपलब्ध होर्ती हैं।

2. भद्वर्तीयक स्वास््य सेवा

भद्वर्तीयक स्वास््य सेवा भिभकत्सा भवशेषज्ञों और अन्य स्वास््य पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास््य
सेवाओं को दशार्ती है भजनसे रोगी आम र्त़ौर पर सबसे पहले संपकव नहीं करर्ता है। इसमें र्तीव्र दे ििाल शाभमल
है भजसमें अक्सर (लेभकन जरूरी नहीं) एक अंर्तःरोगी के रूप में एक गंिीर बीमारी के भलए एक छोटी अवभध के
उपिार की आवश्यकर्ता होर्ती है भजसमें गहन दे ििाल सेवाएं, एम्पबुलेंस की सुभवधाएं, पैथोलॉजी, नैदाभनक
और अन्य प्रासंभगक भिभकत्सा सेवाएं सज्म्पमभलर्त हैं ।

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अभधकांशर्तः प्राथभमक स्वास््य सेवा प्रदार्ताओं / प्राथभमक भिभकत्सकों द्वारा रोभगयों को भद्वर्तीयक सेवा के पास
िेजा जार्ता है। कुछ उदाहरणों में, भद्वर्तीयक सेवा प्रदार्ता समे भकर्त सेवाएं प्रदान करने के िम में 'आंर्तभरक'
प्राथभमक स्वास््य सेवा केंद्र िी िलार्ते हैं ।

अभधकर्तर भद्वर्तीयक स्वास््य सेवा प्रदार्ता र्तालुक/ब्लॉक स्र्तर पर उपलब्ध होर्ते हैं जो जनसंख्या के आकार पर
भनिवर करर्ता है।

3. र्तृर्तीयक स्वास््य सेवा

र्तृर्तीयक स्वास््य सेवा आम र्त़ौर पर अंर्तःरोभगयों के भलए और भद्वर्तीयक/प्राथभमक स्वास््य सेवा प्रदार्ताओं से
रे फरल पर प्रदान की जाने वाली भवशेषज्ञ परामशवदात्री स्वास््य सेवा है। र्तृर्तीयक सेवा प्रदार्ता ययादार्तर राययों
की राजधाभनयों में और कुछ भजला मुख्यालय में िी उपलब्ध होर्ते हैं।

र्तृर्तीयक स्वास््य सेवा प्रदार्ताओं के उदाहरण ऐसे प्रदार्ता हैं भजनके पास भद्वर्तीयक स्वास््य सेवा प्रदार्ताओं के
दायरे से परे उन्नर्त भिभकत्सा सुभवधाएं और भिभकत्सा पेशेवर उपलब्ध होर्ते हैं , जैसे ओंकोलॉजी (कैंसर
उपिार), अंग प्रत्यारोपण की सुभवधाएं, उछि जोभिम गिावस्था भवशेषज्ञ आभद।

यह ध्यान भदया जाना िाभहए भक भिभकत्सा सेवा का स्र्तर बढ़ने के साथ-साथ सेवा के साथ जु डे ििों में िी
वृभद् होर्ती है। जहां लोगों को प्राथभमक दे ििाल के भलए िुगर्तान करना अपेक्षाकृर्त आसान लग सकर्ता है , जब
भद्वर्तीयक सेवा की बार्त आर्ती है र्तो इसका ििव उठाना उनके भलए कभठन हो जार्ता है और र्तृर्तीयक दे ििाल
की बार्त आने पर यह बहु र्त अभधक मुज्श्कल हो जार्ता है। इसके अलावा दे ििाल के भवभिन्न स्र्तरों के भलए
बुभनयादी सुभवधाएं अलग-अलग दे श, ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों के भलए भिन्न होर्ती हैं जबभक सामाभजक-आर्थथक
कारक िी इसे प्रिाभवर्त करर्ते हैं ।

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E. िारर्त में स्वास््य व्यवस्था को प्रिाभवर्त करने वाले कारक

िारर्तीय स्वास््य व्यवस्था को कई समस्याओं और िुऩौभर्तयों का सामना करना पडा है और यह भसलभसला


आज िी जारी है। नर्तीजर्तन, ये स्वास््य सेवा प्रणाली की प्रकृभर्त और सीमा र्तथा व्यभिगर्त स्र्तर पर
आवश्यकर्ता और संरिनात्मक स्र्तर पर स्वास््य संगठन को प्रिाभवर्त करर्ते हैं । इनकी ििा नीिे की गयी हैं :

1. जनसांज्ख्यकीय या जनसंख्या से संबंभधर्त रुझान

a) िारर्त दु भनया की दू सरी सबसे बडी आबादी वाला दे श है।

b) यह हमें जनसंख्या वृभद् के साथ जु डी समस्याओं के दायरे में लार्ता है।

c) गरीबी के स्र्तर का िी भिभकत्सा सेवा के भलए िुगर्तान करने की लोगों की क्षमर्ता पर प्रिाव पडर्ता रहा
है।

2. सामाभजक रुझान

a) शहरीकरण बढ़ने या लोगों के ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर बढ़ने के कारण स्वास््य सेवा प्रदान करने
में िुऩौभर्तयां उत्पन्न हु ई हैं।

b) ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से भिभकत्सा सुभवधाओं की उपलब्धर्ता और सुलिर्ता की कमी और भकफायर्ती
नहीं होने के कारण स्वास््य समस्याएं बनी रहर्ती हैं ।

c) एक अभधक गभर्तहीन जीवनशैली की ओर बढ़ना जहां अपने आप के भलए व्यायाम करने की जरूरर्त कम
हो जार्ती है, यह मधुमेह और उछि रििाप जैसी नई प्रकार बीमाभरयों का कारण बनर्ता है।

3. जीवन प्रत्याशा (दीघायु होना)

a) जीवन प्रत्याशा आज जन्मे एक बछिे की अपेभक्षर्त वषों र्तक जीभवर्त रहने को दशार्ती है।

b) जीवन प्रत्याशा आजादी के समय 30 वषों से बढ़ कर आज 60 वषों की हो गयी है लेभकन यह उस लंबे
जीवनकाल की गुणविा से संबंभधर्त समस्याओं का समाधान नहीं करर्ती है।

c) यह 'स्वस्थ जीवन प्रत्याशा' की एक नई अवधारणा को जन्म दे र्ता है।

d) इसमें 'वृद्ावस्था' (बुढ़ापे से संबंभधर्त) की बीमाभरयों के भलए बुभनयादी सुभवधाओं के भनमाण की


आवश्यकर्ता होर्ती है।

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F. िारर्त में स्वास््य बीमा का भवकास

जहां सरकार स्वास््य सेवा पर अपने नीभर्तगर्त फैसलों के साथ व्यस्र्त रही है , इसने स्वास््य बीमा योजनाएं िी
प्रस्र्तुर्त की है। इसके बाद ही स्वास््य बीमा कंपभनयां अपनी स्वास््य बीमा पॉभलभसयां लेकर आयी हैं। िारर्त में
स्वास््य बीमा का भवकास इस प्रकार हु आ है:

a) कमविारी रायय बीमा योजना

िारर्त में स्वास््य बीमा की औपिाभरक रूप से शुरुआर्त कमविारी रायय बीमा योजना के साथ हु ई थी भजसे 1947
में दे श की आजादी के कुछ ही समय बाद ईएसआई अभधभनयम, 1948 के आधार पर शुरू भकया गया था।यह
योजना औपिाभरक भनजी क्षेत्र में कायवरर्त अंत्यावसायी कामगारों के भलए शुरू की गयी थी और अपने स्वयं के
औषधालयों और अस्पर्तालों के एक नेटवकव के माध्यम से व्यापक स्वास््य सेवाएं प्रदान करर्ती है।

ईएसआईसी (कमविारी रायय बीमा भनगम) कायान्वयन एजेंसी है जो अपने स्वयं के अस्पर्तालों और औषधालयों
का संिालन करर्ती है और जहां कहीं िी इसकी अपनी सुभवधाएं अपयाप्र्त हैं , यह साववजभनक/भनजी प्रदार्ताओं
से अनु बध
ं करर्ती है।

15,000 रुपए र्तक का पाभरश्रभमक अर्थजर्त करने वाली सिी कामगारों को अंशदायी योजना के र्तहर्त कवर भकया
जार्ता है भजसमें कमविारी और भनयोिा िमशः वेर्तन के 1.75% और 4.75% का अंशदान करर्ते हैं; रायय
सरकारें भिभकत्सा व्यय के 12.5% का योगदान करर्ती हैं।

कवर भकए गए लािों में शाभमल हैं :

a) ईएसआईएस केंद्रों में भन:शुलक व्यापक स्वास््य सेवा

b) मार्तृत्व लाि

c) भवकलांगर्ता लाि

d) बीमारी और उिरजीभवर्ता की वजह से पाभरश्रभमक के नुकसान के भलए नकद मुआवजा और

e) कामगार की म़ौर्त के मामले में अंभर्तम संस्कार के ििे

इसमें अभधकृर्त भिभकत्सा सहायकों और भनजी अस्पर्तालों से िरीदी गयी सेवा का पूरक िी शाभमल है ।
ईएसआईएस ने मािव 2012 र्तक 65.5 भमभलयन से अभधक लािार्थथयों को कवर भकया है।

b) केंद्र सरकार की स्वास््य योजना

ईएसआईएस के कुछ ही समय बाद केंद्र सरकार की स्वास््य योजना (सीजीएिएस) सामने आयी जो पेंशन
िोभगयों और नागभरक सेवा में कायवरर्त उनके पभरवार के सदस्यों समे र्त केंद्रीय सरकार के कमविाभरयों के भलए
1954 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य कमविाभरयों और उनके पभरवारों के भलए व्यापक भिभकत्सा सेवा
उपलब्ध कराना है और यह आंभशक रूप से कमविाभरयों द्वारा और काफी हद र्तक भनयोिा (केंद्र सरकार) द्वारा
भविपोभषर्त है।

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सेवाएं सीजीएिएस के अपने औषधालयों, पॉलीज्क्लभनकों और पैनलबद् भनजी अस्पर्तालों के माध्यम से प्रदान
की जार्ती हैं ।

यह दवाओं की सिी प्रणाभलयों, एलोपैभथक प्रणाली में आपार्तकालीन सेवाओं, भन:शुलक दवाओं, पैथोलॉजी
और रे भडयोलॉजी, गंिीर रूप से बीमार मरीजों के भलए आवासीय सुभवधाओं, भवशेषज्ञ परामशव आभद को कवर
करर्ती है।

कमविाभरयों का योगदान भबलकुल नाममात्र का होर्ता है, हालांभक यह प्रगभर्तशील र्तरीके से वेर्तनमान के साथ
जु डा हु आ है - 15 रुपए प्रभर्त माह से लेकर 150 रुपए प्रभर्त माह र्तक।

2010 में सीजीएिएस की सदस्यर्ता का आधार 800,000 से अभधक पभरवारों का था जो 3 भमभलयन से अभधक
लािार्थथयों का प्रभर्तभनभधत्व करर्ते हैं ।[1]

c) व्यावसाभयक स्वास््य बीमा

व्यावसाभयक स्वास््य बीमा, बीमा उद्योग के राष्ट्ीयकरण के पहले और बाद कुछ गैर-जीवन बीमा कंपभनयों
द्वारा उपलब्ध कराया जार्ता था। लेभकन, िूंभक प्रारंि में यह अभधकांश बीमाकर्ताओं के भलए घाटे का स़ौदा होर्ता
था, यह काफी हद र्तक केवल कॉपोरे ट ग्राहकों के भलए और एक भनज्श्िर्त सीमा र्तक ही उपलब्ध था।

1986 में, व्यभियों और उनके पभरवारों के भलए पहले मानकीकृर्त स्वास््य बीमा उत्पाद को सिी िार
राष्ट्ीयकृर्त गैर-जीवन बीमा कंपभनयों (उस समय ये िारर्तीय साधारण बीमा भनगम की सहायक कंपभनयां थीं)
द्वारा िारर्तीय बाजार में उर्तारा गया। मे भडक्लेम नामक इस उत्पाद को मार्तृत्व, पहले से म़ौजूद बीमाभरयां आभद
जैसे कुछ अपवजवनों के साथ क्षभर्तपूर्थर्त की एक भनज्श्िर्त वार्थषक सीमा र्तक अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों का
कवरे ज प्रदान करने के भलए शुरू भकया गया था।बाजार के भवकास के साथ इसे संशोधन के कई द़ौर से
गुजरना पडा, अंभर्तम संशोधन 2012 में हु आ था।

हालांभक, कई संशोधनों से गुजरने के बाद िी अस्पर्ताल में िर्ती होने, क्षभर्तपूर्थर्त-आधाभरर्त वार्थषक अनु बध
ं आज
िी मे भडक्लेम के वर्तवमान संस्करणों के नेर्तृत्व में, िारर्त में भनजी स्वास््य बीमा का सबसे लोकभप्रय स्वरूप बना
हु आ है। यह उत्पाद इस कदर लोकभप्रय है भक भनजी स्वास््य बीमा उत्पादों को अक्सर कई लोग बीमा कंपभनयों
द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले एक भवभशष्ट उत्पाद के बजाय उत्पाद की एक श्रेणी मान कर 'मे भडक्लेम कवर'
का नाम दे र्ते हैं ।

2001 में भनजी कंपभनयों के बीमा क्षेत्र में आने के साथ स्वास््य बीमा में काफी प्रगभर्त हु ई है , लेभकन आज िी एक
बडा अछूर्ता बाजार उपलब्ध है। कवरों में काफी भिन्नर्ताओं, अपवजवनों और नए ऐड-ऑन कवरों की शुरुआर्त
की गयी है भजनके बारे में बाद के अध्यायों में ििा की जाएगी।

आज िारर्तीय बाजार में 300 से अभधक स्वास््य बीमा उत्पाद उपलब्ध हैं ।

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G. स्वास््य बीमा बाजार

आज स्वास््य बीमा बाजार में कई भिलाडी शाभमल हैं , इनमें से कुछ स्वास््य सेवा सुभवधाएं प्रदान करर्ते हैं
भजनको प्रदार्ता कहा जार्ता है, अन्य बीमा सेवाएं और भवभिन्न भबि़ौभलए िी उपलब्ध हैं । कुछ आधारिूर्त संरिना
बनर्ते हैं जबभक अन्य सहायर्ता सुभवधाएं प्रदान करर्ते हैं । कुछ सरकारी क्षेत्र में हैं जबभक अन्य भनजी क्षेत्र में हैं । ये
नीिे संक्षेप में वर्थणर्त हैं :

A. बुभनयादी सुभवधाएं (इंफ्रास्ट्क्िर)

1. साववजभनक स्वास््य क्षेत्र

साववजभनक स्वास््य प्रणाली राष्ट्ीय स्र्तर, रायय स्र्तर, भजला स्र्तर पर और एक सीभमर्त हद र्तक ग्राम स्र्तर पर
संिाभलर्त होर्ती है जहां गांवों में राष्ट्ीय स्वास््य नीभर्तयों को लागू करने के भलए समुदाभयक स्वयंसेवकों को
शाभमल भकया गया है जो ग्राम समुदाय और सरकारी इंफ्रास्ट्क्िर के बीि की कडी के रूप में काम करर्ते हैं ।
इनमें शाभमल हैं :

a) आंगनवाडी कायवकर्ता (हर 1,000 की जनसंख्या के भलए 1) भजनको मानव संसाधन भवकास मंत्रालय
के पोषण पूरकर्ता कायविम और समे भकर्त बाल भवकास सेवा योजना (आईसीडीएस) के अंर्तगवर्त
नामांभकर्त भकया गया है।

b) प्रभशभक्षर्त जन्म सेभवकाएं (टीबीए) और ग्राम स्वास््य गाइड (राययों में स्वास््य भविागों की एक
प्रारंभिक योजना)।

c) आशा (मान्यर्ता प्राप्र्त सामाभजक स्वास््य कायवकर्ता) स्वयंसेवक, भजनका ियन समुदाय द्वारा
एनआरएिएम (राष्ट्ीय ग्रामीण स्वास््य भमशन) कायविम के र्तहर्त भकया गया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में
स्वास््य क्षेत्र के ललक के रूप में सेवा करने के भलए प्रभशभक्षर्त नई, ग्राम-स्र्तरीय, स्वैज्छछक स्वस््य
कायवकर्ता हैं ।

हर 5,000 की आबादी (पहाडी, आभदवासी और भपछडे क्षेत्रों में 3,000) के भलए उप-केंद्र स्थाभपर्त भकए गए हैं
और इनमें सहायक नसव भमड-वाइफ (एएनएम) नामक एक मभहला स्वास््य कमी और एक पुरुष स्वास््य
कायवकर्ता को शाभमल भकया गया है।

प्राथभमक स्वास््य केन्द्र (पीएिसी) जो लगिग छः उप-केन्द्रों के भलए रे फरल इकाइयां हैं , इनकी स्थापना हर
30,000 की आबादी (पहाडी, आभदवासी और भपछडे क्षेत्रों में 20,000) के भलए की गयी है। सिी पीएिसी
बभहरंग रोगी सेवाएं प्रदान करर्ते हैं और अभधकांश में िार से छः अंर्तःरोगी भबस्र्तर िी उपलब्ध होर्ते हैं । इनके
स्टाफ में एक भिभकत्सा अभधकारी और 14 पैरा-मे भडकल कमी शाभमल होर्ते हैं (भजसमें एक पुरुष और एक
मभहला स्वास््य सहाभयका, एक नसव-भमडवाइफ, एक प्रयोगशाला र्तकनीभशयन, एक फामाभसस्ट और अन्य
सहायक कमविारी सज्म्पमभलर्त होर्ते हैं )।

सामुदाभयक स्वास््य केंद्र (सीएिसी) िार प्राथभमक स्वास््य केंद्रों (पीएिसी) के भलए पहली रे फरल इकाइयां
हैं और भवशेषज्ञ दे ििाल िी प्रदान करर्ते हैं ।मानकों के अनु सार प्रत्येक सीएिसी (हर 1 लाि की आबादी के

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भलए) में कम से कम 30 बेड, एक ऑपरे शन भथयेटर, एक्स-रे मशीन, प्रसूभर्त कक्ष और प्रयोगशाला सुभवधाएं
होनी िाभहए और कम से कम िार भवशेषज्ञों यानी एक सजवन, एक भिभकत्सक, एक स्त्री रोग भवशेषज्ञ और एक
भशशु भवशेषज्ञ का स्टाफ होना िाभहए भजनको 21 पैरा-मे भडकल और अन्य कमविाभरयों का सहयोग प्राप्र्त होना
िाभहए।

ग्रामीण अस्पर्तालों की िी स्थापना की गयी है और इनमें उप-भजला अस्पर्ताल शाभमल हैं भजन्हें
अनु मंडलीय/र्तालुक अस्पर्ताल/भवशेषर्ता अस्पर्ताल कहा जार्ता है (दे श में लगिग 2000 होने का अनु मान है)।

भवशेषज्ञर्ता और भशक्षण अस्पर्तालों की संख्या कम है और इनमें मे भडकल कॉलेज (वर्तवमान में लगिग 300) और
अन्य र्तृर्तीयक रे फरल केंद्र शाभमल हैं ।ये अभधकांशर्तः भजला कस्बों और शहरी क्षेत्रों में होर्ते हैं लेभकन इनमें से
कुछ बहु र्त भवशेषज्ञ और उन्नर्त भिभकत्सा सेवाएं प्रदान करर्ते हैं ।

सरकार से संबभं धर्त अन्य एजेंभसयां जैसे रे लवे, रक्षा और इसी र्तरह के बडे भविागों (बंदरगाह/िदान आभद) के
अस्पर्ताल और औषधालय िी स्वास््य सेवाएं प्रदान करने में एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ते हैं । हालांभक, इनकी
सेवाएं अक्सर संबभं धर्त संगठनों और उनके आभश्रर्तों के कमविाभरयों के भलए सीभमर्त होर्ती हैं ।

2. भनजी क्षेत्र के प्रदार्ता

िारर्त में बहु र्त बडा भनजी स्वास््य क्षेत्र है जो सिी र्तीन प्रकार की - प्राथभमक, भद्वर्तीयक और र्तृर्तीयक स्वास््य
दे ििाल सेवाएं प्रदान करर्ते हैं ।इनमें स्वैज्छछक, अलािकारी संगठनों और व्यभियों से लेकर लािकारी
कॉपोरे ट, न्यास, एकल भिभकत्सक, एकल भवशेषज्ञ सेवाएं, नैदाभनक प्रयोगशालाएं, दवा की दु कानें और
अप्रभशभक्षर्त प्रदार्ता (नीम हकीम) र्तक शाभमल हैं । िारर्त में लगिग 77% एलोपैभथक (एमबीबीएस और उससे
अभधक) भिभकत्सक भनजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं । भनजी स्वास््य व्यय िारर्त में समस्र्त स्वास््य व्यय के 75%
से अभधक के भलए भजम्पमे दार है। भनजी क्षेत्र अभिल िारर्तीय स्र्तर पर सिी बभहरंग रोगी संपकों के 82% और
अस्पर्ताल में िर्ती होने के 52% मामलों के भलए भजम्पमे दार है।

इसके अलावा िारर्त में भिभकत्सा की अन्य प्रणाभलयों (आयुवेद / भसद् / यूनानी / होम्पयोपैथी) में सुयोग्य
भिभकत्सकों की संख्या सबसे अभधक है जो 7 लाि से अभधक है।ये साववजभनक के साथ-साथ भनजी क्षेत्र में िी
कायवरर्त हैं ।

स्वास््य सेवा के लािकारी भनजी प्रदार्ताओं के अलावा एनजीओ और स्वैज्छछक क्षेत्र िी समुदाय को स्वास््य
दे ििाल सेवाएं प्रदान करने के कायव में संलग्न हैं ।

अनु मान लगाया गया है भक 7,000 से अभधक स्वैज्छछक एजेंभसयां स्वास््य-संबंधी गभर्तभवभधयों में शाभमल हैं ।
भद्वर्तीयक और र्तृर्तीयक अस्पर्तालों की एक बडी संख्या िी अलािकारी सोसायभटयों या न्यासों के रूप में
पंजीकृर्त है और बीभमर्त व्यभियों के भलए अंर्तरंग रोगी सेवाओं की व्यवस्था में महत्वपूणव योगदान करर्ते हैं ।

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3. दवा उद्योग

दवाओं के प्रदार्ता और स्वास््य संबंधी उत्पादों की बार्त करें र्तो िारर्त में एक भवशाल दवा उद्योग है जो 1950 में
एक 10 करोड रुपए के उद्योग से बढ़ कर आज 55,000 करोड रुपए (भनयार्त सभहर्त) का कारोबार बन गया है।
यह लगिग 50 लाि लोगों को रोजगार दे र्ता है जबभक उत्पादन 6000 से अभधक इकाइयों में होर्ता है।

इस उद्योग के भलए केंद्रीय स्र्तर का मूलय भनयामक राष्ट्ीय औषभध मूलय भनधारण प्राभधकरण (एनपीपीए) है
जबभक दवा क्षेत्र रसायन मंत्रालय के अधीन है। दवाओं की केवल एक छोटी सी संख्या (500 या इसके आसपास
थोक दवाओं में से 76) मूलय भनयंत्रण के अधीन है जबभक शेष दवाएं और भनमाण मुि-मूलय भनधारण व्यवस्था
के अधीन हैं भजन पर मूलय भनयामक की पैनी नजर रहर्ती है। राययों के औषभध भनयंत्रक फीलड फ़ोसव का प्रबंधन
करर्ते हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में दवाओं की गुणविा और मूलय भनधारण और फामूवलों की दे िरे ि करर्ते हैं।

B. बीमा प्रदार्ता :

बीमा कंपभनयां, ख़ास र्त़ौर पर साधारण बीमा क्षेत्र की कंपभनयां बडे पैमाने पर स्वास््य बीमा सेवाएं प्रदान करर्ती
हैं । इन्हें पहले सूिीबद् भकया गया है। सबसे उत्साहजनक एकल स्वास््य बीमा कंपभनयों की उपज्स्थभर्त है -
आज र्तक पांि - जहां स्वास््य बीमा प्रदार्ता के नेटवकव को बढ़ाने के भलए कुछ अन्य कंपभनयों के आने की
संिावना है।

C. भबि़ौभलए (मध्यस्थ) :

बीमा उद्योग के िाग के रूप में सेवाएं प्रदान करने वाले कई लोग और संगठन िी स्वास््य बीमा बाजार का
भहस्सा बनर्ते हैं । ऐसे सिी भबि़ौभलयों का भनयंत्रण आईआरडीए द्वारा भकया जार्ता है। इनमें शाभमल हैं :

1. बीमा ब्ोकर जो व्यभि या कॉरपोरे ट्स हो सकर्ते हैं और बीमा कंपभनयों से स्वर्तंत्र होकर काम करर्ते हैं। वे
उन लोगों का प्रभर्तभनभधत्व करर्ते हैं जो बीमा कराना िाहर्ते हैं और सवोिम संिव प्रीभमयम दरों पर सवोिम
संिव बीमा प्राप्र्त करने के भलए उनको बीमा कंपभनयों से संपकव करार्ते हैं । वे नु कसान के समय लोगों का
बीमा करने और बीमा दावे करने में िी सहायर्ता करर्ते हैं । ब्ोकर इस र्तरह का कारोबार करने वाली भकसी
िी बीमा कंपनी के समक्ष बीमा कारोबार प्रस्र्तुर्त कर सकर्ते हैं । इन्हें बीमा कमीशन के माध्यम से बीमा
कंपभनयों द्वारा पाभरश्रभमक भदया जार्ता है।

2. बीमा एजेंट आम र्त़ौर पर व्यभि होर्ते हैं लेभकन कुछ कॉपोरे ट एजेंट िी हो सकर्ते हैं ।ब्ोकरों के भवपरीर्त,
एजेंट भकसी िी बीमा कंपनी के समक्ष बीमा प्रस्र्तुर्त नहीं कर सकर्ते हैं बज्लक केवल उस कंपनी के साथ ऐसा
कर सकर्ते हैं भजसके भलए उनको एजेंसी प्रदान की गयी है। म़ौजूदा भनयमों के अनुसार, एक एजेंट अभधक
से अभधक केवल एक साधारण बीमा कंपनी और एक जीवन बीमा कंपनी, एक स्वास््य बीमा कंपनी और
प्रत्येक मोनो लाइन बीमा कंपभनयों में से एक की ओर से काम कर सकर्ता है। इनको िी बीमा कमीशन के
माध्यम से बीमा कंपभनयों द्वारा पाभरश्रभमक भदया जार्ता है।

3. र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए) नए प्रकार के सेवा प्रदार्ता हैं जो वषव 2001 के बाद से इस कारोबार में
उर्तरे हैं । ये बीमा बेिने के भलए नहीं बज्लक बीमा कंपभनयों को प्रशासभनक सेवाएं प्रदान करने के भलए
अभधकृर्त हैं । जब कोई स्वास््य बीमा पॉभलसी बेिी जार्ती है , बीभमर्त व्यभियों का ब्य़ौरा एक भनयुि टीपीए

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के साथ साझा भकया जार्ता है जो भफर डे टाबेस र्तैयार करर्ता है बीभमर्त व्यभियों को स्वास््य काडव जारी
करर्ता है। इस र्तरह के स्वास््य काडव बीभमर्त व्यभि को अस्पर्तालों और क्लीभनकों में कैशलेस भिभकत्सा
सुभवधाओं (र्तुरंर्त नकद िुगर्तान करने की आवश्यकर्ता के भबना उपिार) का लाि उठाने में सक्षम बनार्ते हैं ।
अगर बीभमर्त व्यभि कैशलेस सुभवधा का उपयोग नहीं करर्ता है र्तो िी वह भबलों का िुगर्तान कर सकर्ता है
और भनयुि टीपीए से प्रभर्तपूर्थर्त प्राप्र्त की मांग कर सकर्ता है। टीपीए को उनके संबभं धर्त दावों के भलए बीमा
कंपभनयों द्वारा भविपोभषर्त भकया जार्ता है और उनको शुलकों के माध्यम से पाभरश्रभमक भदया जार्ता है जो
प्रीभमयम का एक प्रभर्तशर्त होर्ता है।

4. बीमा वेब एग्रीगेटसव आई आर डी ए आई भवभनयमो से संिभलर्त होने वाले सबसे नए प्रकार के सेवा प्रदान है।
ये अपने वेब साईट या टे ली माकेलटग के माध्यम से िावी िरीददार के बगैर सामने आए दूरस्थ माकेलटग
भडस्टें स माकेलटग के सहारे रुभि रिने वाले िरीददार के बाद बीमा कर्ताओं को जानकारी दे सकर्ते है।
भजनसे इनका करार होर्ता है । ये ऐसी बीमा कंपभनयों के उत्पादों की िी र्तुलना करने के उद्देश से प्रदर्थशर्त
कर सकर्ते है। . आई आर डी आई से बीमा कर्ताओं के भलए टे ली माकेलटग और बाहर से कराए जाने वाले
कायों जैसे ऑन लाइन पोटव ल के सहारे प्रीभमयम की प्राज्प्र्त, प्रीभमयम का अनूसारक योजना और पॉभलसी से
संबंभधर्त भवभिन्न सेवाओं के भलए अनूमभर्त िी ले सकर्ते हैं । इन्हें सूिनाओं के व्यवसाय में र्तब्दील होने, बीमा
उत्पादों के प्रदशवन साथ ही साथ इनके द्वारा बाहर से ली गई सेवाओं के भलए पभरश्रभमक िी भदया जार्ता है।

5. बीमा माकेलटग फमव िी नए प्रकार के मध्यस्थ हैं जो आई आर डी ए आई से संबंभधर्त होर्ते हैं । ये इन


गभर्तभवभधयों का संिालन, से उत्पादों को माकेलटग भववरण और सेवाओं के भलए लाइसेंस शुदा व्यभियों की
भनयुभि िी कर सकर्ते हैं ।

बीमा भविय गभर्तभवभधयां : प्रभधकायव को सूभिर्त करर्ते हु ए भकसी िी समय बीमा भविय व्यभियों (आई एस
पी)के सहयोग से दो जीवन, दो साधारण, और दो स्वास्वथ बीमा कंपभनयों के उर्तपादों को बेि िी सकर्ते
हैं । साधारण बीमा कंपभनयों के सम्पबंध मे आयएमएफ को भसफव िु दरा प्रकार के बीमा उत्पादो मुख्यर्तः
मोटर, स्वास््य, वैयभिक, दु घवटना, हाउस होलडसव, शॉप कीपसव र्तथा ऐसे ही अन्य उत्पाद जो समय
समय पर प्राभधकारी द्वारा अनु मोभदर्त हो जैसा भक फाइल और उपयोग भदशाभनदे श मे भदया गया है, यािना
प्राप्र्त करने की अनु मभर्त होर्ती है। इस सम्पबंध मे बीमा कंपभनयों के साथ कोई िी बदलाव प्राज्प्र्तकार की पूवव
अनु मभर्त र्तथा भवद्यमान पॉभलसी घटकों की सेवा के भलए उपयुि व्यवस्था के बाद ही भकया जा सकर्ता है।

बीमा सेवा गभर्तभवभधयां : ये सेवा गभर्तभवभधयां भसफव उन बीमा कंपभनयों के भलए होगी भजनके साथ बीमा
उत्पादो को प्राप्र्त करने हे र्तू करार हो, उन गभर्तभवभधयों की सूिी नीिे दी जा रही है :

a. बीमाकिाओं की 'बैंक अभधन' गभर्तभवभधयों को पूरा करना जैसा भक प्राज्प्र्तकार द्वारा जारी की गई
बीमाकिाओं की बाहर से काम कराने से संबभं धर्त मागवभनदे श में अनु मभर्त दी गई है;

b. बीमा भरपोभजटरी का 'अनु मोभदर्त व्यभि' बनना;

c. सवेक्षकों / हाभन आकलनकिाओं को वेर्तन पर भनयोभजर्त कर सवेक्षण और हाभन आकलन का काम


करना;

d. समय समय पर प्राज्प्र्तकार द्वारा स्वीकृर्त बीमा से संबंभधर्त अन्य गभर्तभवभधयां।

106
भविीय उत्पादों का भवर्तरण : भविीय सेवा कायवपालको (एफएसई) को भनयुि कर उनके द्वारा भवर्तरण जो
भक जो ऐसे ही अन्य भविीय उत्पादो को माकेट, भवर्तभरर्त र्तथा सेवा प्रदान करने के भलए लाइसेंस प्राप्र्त
व्यभि होर्ते है।

a. सेबी द्वारा भवभनयभमर्त म्पयुिल फंड कंपभनयों के म्पयुिल फंड;


b. पीएफआरडीए द्वारा भवनयभमर्त पेंशन उत्पाद;
c. सेबी से लाइसेंस प्राप्र्त भनवेश सलाहकारो द्वारा भवर्तभरर्त अन्य भविीय उत्पाद;
d. िारर्तीय भरजवव बैंक द्वारा भवनयभमर्त बैंलकग/बैंक/एनबीएफसी के भविीय उत्पाद;
e. डाक भविाग, िारर्त सरकार द्वारा प्रदान भकए जाने वाले गैर बीमा उत्पाद;
f. समय समय पर प्राज्प्र्तकार द्वारा अनु मोभदर्त कोई अन्य भविीय उत्पाद या गभर्तभवभध।

D. अन्य महत्वपूणव संगठन

कुछ अन्य संस्थाएं िी हैं जो स्वास््य बीमा बाजार का भहस्सा बनर्ते हैं और इनमें शाभमल हैं :

1. िारर्तीय बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण (आईआरडीएआई) जो संसद के एक अभधभनयम द्वारा
गभठर्त बीमा भनयामक है और बीमा बाजार के सिी व्यवसायों को भनयंभत्रर्त करर्ता है। यह वषव 2000 में
अज्स्र्तत्व में आया था और इसे न केवल बीमा व्यवसाय को भवभनयभमर्त करने बज्लक इसे भवकभसर्त करने का
कायव िी सौंपा गया है।

2. साधारण बीमा और जीवन बीमा काउं भसल जो अपने-अपने संबंभधर्त जीवन या साधारण बीमा व्यवसाय के
संिालन के भलए आईआरडीएआई को भसफाभरशें िी करर्ते हैं ।

3. िारर्तीय बीमा सूिना ब्यूरो को आईआरडीए द्वारा वषव 2009 मे प्रमोट भकया गया था और यह एक 20
सदस्यों की संिालन पभरषद वाली एक पंजीकृर्त सभमभर्त है भजसमे अभधकांश सदस्य बीमा के क्षेत्र से होर्ते
है। यह बीमा क्षेत्र के भलए जानकारी प्राप्र्त कर उनका भवश्लेषण करर्ती है र्तथा भवभिन्न क्षेत्र स्र्तर के भरपोटव
को र्तैयर करर्ती है र्ताभक मूलय भनधारण भनणवय लेने र्तथा व्यवसाय स्ट्ेटजी बनाने के भलए डे टाबेस बनाया
जा सके। यह भवभनयामक और सरकार की भवभिन्न सलाहों के माध्यम से नीभर्त भनमाण मे सहयोग दे र्ती है।
ब्यूरो ने बीमा अयोग की सुभवधा के भलए कई आवभधक और वन टाइम भरपोटव र्तैयार भकया है।

आयआयबी केन्द्रीय सूिकांक सववर को संिाभलर्त करर्ता है जो भवभिन्न बीमा भरपोभजटभरयो के बीि एक
नोडल केनद्र के रूप मे कायव करर्ता है र्तथा नया िार्ता बनाने र्ते समय भडमे ट िार्ते के भद्वरावृभि
(डु पभलकेशन) से बिने मे सहयोग करर्ता है। केंद्रीय सूिकांक सववर बीमाकर्ता और बीमा भरपाजटसव के
बीि प्रत्येक पॉभलसी से संबंभधर्त लेन दे न से पुरी सूिनाओं को योजने के भलए एक एक्सिेंज के रुप मे कायव
करर्ता है।

आयआयबी, पहले ही स्वास््य बीमा क्षेत्र मे 'भप्रफेडव प्रोवाइडर नेटवकव' के रुप मे सेवा दे ने वाले अस्पर्तालों
की सूिी के भलए एक 'यूभनक आइडी मास्टर प्रोग्राम' जारी कर िुका है।

107
आयआयबी की नवीनर्तम पहल है एक स्वास््य बीमा भग्रड को र्तैयार करना भजससे सिी टीपीए, बीमाकर्ता
और अस्पर्ताल जु डे रहें गे. उसका उद्देश्य स्वास््य बीमा द्वारा प्रबंधन प्रणाली र्तैयार करना र्ताभक भनशान
लागार्ते र्तथा स्वास््य बीमा उत्पादों के मूलय भनधारण मे पारदर्थशर्ता लाइ जा सके.

4. िारर्तीय बीमा संस्थान और नेशनल इंश्योरें स अकादमी जैसे शैभक्षक संस्थान जो एक भवभवध प्रकार के बीमा
और प्रबंधन से संबभं धर्त प्रभशक्षण प्रदान करर्ते हैं और कई भनजी प्रभशक्षण संस्थान जो संिाभवर्त एजेंटों को
प्रभशक्षण प्रदान करर्ते हैं।

5. भिभकत्सक (मे भडकल प्रैज्क्टसनर) िी जोभिमों की स्वीकृभर्त के द़ौरान संिाभवर्त ग्राहकों के स्वास््य बीमा
जोभिमों का मूलयांकन करने में बीमा कंपभनयों और टीपीए सहायर्ता करर्ते हैं और मुज्श्कल दावों के मामले
में बीमा कंपभनयों को सलाह दे र्ते हैं ।

6. बीमा लोकपाल (इंश्योरें स ओम्पबड्समैन), उपिोिा अदालर्त और भसभवल कोटव जैसी वैधाभनक संस्थाएं िी
उपिोिा की भशकायर्तों के भनवारण की बार्त आने पर स्वास््य बीमा बाजार में एक महत्वपूणव िूभमका
भनिार्ते हैं ।

सारांश

a) बीमा भकसी न भकसी रूप में कई सभदयों पहले से अज्स्र्तत्व में है लेभकन इसका आधुभनक केवल कुछ ही
सभदयों पुराना है। िारर्त में बीमा को सरकारी भवभनयमन के साथ कई िरणों से गुजरना पडा है।
b) अपने नागभरकों का स्वास््य बहु र्त महत्वपूणव होने के कारण सरकारें एक उपयुि स्वास््य सेवा प्रणाली
र्तैयार करने में एक प्रमुि िूभमका भनिार्ती हैं ।
c) प्रदान की गयी स्वास््य सेवा का स्र्तर एक दे श की आबादी से संबभं धर्त कई कारकों पर भनिवर करर्ता है।
d) स्वास््य सेवा के र्तीन प्रकार प्राथभमक, भद्वर्तीयक और र्तृर्तीयक हैं जो आवश्यक भिभकत्सा सहायर्ता के स्र्तर
पर भनिवर करर्ता है। प्रत्येक स्र्तर के साथ स्वास््य सेवा की लागर्त बढ़ जार्ती है जबभक र्तृर्तीयक सेवा सबसे
अभधक महं गी है।
e) िारर्त के पास जनसंख्या वृभद् और शहरीकरण जैसी अपनी िु द की भवभशष्ट िुऩौभर्तयां हैं भजनके भलए
उभिर्त स्वास््य सेवा की आवश्यकर्ता होर्ती है।
f) सरकार सबसे पहले स्वास््य बीमा योजनाएं लेकर आयी थी भजसके बाद भनजी बीमा कंपभनयों द्वारा
व्यावसाभयक बीमा की शुरुआर्त हु ई।
g) स्वास््य बीमा बाजार कई भिलाभडयों से भमलकर बना है जहां कुछ भिलाडी बुभनयादी सुभवधा
(इंफ्रास्ट्क्िर) उपलब्ध कराने का काम करर्ते है र्तो अन्य बीमा सेवाएं प्रदान करर्ते हैं , ब्ोकर, एजेंट और
र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए) जैसे मध्यस्थ स्वास््य बीमा व्यवसाय को अपनी सेवाएं प्रदान करर्ते हैं ,
और अन्य भनयामक, शैभक्षक एवं वैधाभनक संस्थाएं अपनी-अपनी िूभमकाएं भनिार्ती हैं ।

महत्वपूणव शब्द

a) स्वास््य सेवा
b) व्यावसाभयक बीमा
c) राष्ट्ीयकरण

108
d) प्राथभमक, भद्वर्तीयक और र्तृर्तीयक स्वास््य सेवा
e) मे भडक्लेम
f) ब्ोकर
g) एजेंट
h) र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए)
i) आईआरडीएआई
j) लोकपाल (ओम्पबड्समैन)

109
अध्याय 7

बीमा दस्र्तावेज़
अध्याय पभरिय

बीमा उद्योग में हम एक बडी संख्या में फॉमों, दस्र्तावेजों आभद के साथ कामकाज करर्ते हैं । यह अध्याय हमें एक
बीमा अनु बध
ं के भवभिन्न दस्र्तावेजों और उनके महत्व की जानकारी दे र्ता है। यह हमें प्रत्येक फॉमव की प्रकृभर्त,
इसे िरने के र्तरीके और भवभशष्ट जानकारी मांगे जाने के कारणों के बारे में समझार्ता है।

अध्ययन के पभरणाम

A. प्रस्र्ताव फॉमव
B. प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त (बीमालेिन)
C. भववरण पभत्रका (प्रॉस्पेक्टस)
D. प्रीभमयम रसीद
E. पॉभलसी दस्र्तावेज़
F. शर्तें और वारंभटयां
G. पृष्ठांकन
H. पॉभलभसयों की व्याख्या
I. नवीनीकरण की सूिना
J. एंटी मनी लॉल्न्िग और 'अपने ग्राहक को जानने के भदशाभनदे श'

इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

a) प्रस्र्ताव फॉमव की सामग्री के बारे में समझाना।


b) भववरण पभत्रका (प्रास्पेक्टस) के महत्व का वणवन करना।
c) प्रीभमयम की रसीद और बीमा अभधभनयम, 1938 की धारा 64VB की व्याख्या करना।
d) बीमा पॉभलसी दस्र्तावेज के भनयमों और वर्थणर्त बार्तों की व्याख्या करना।
e) पॉभलसी की शर्तों, वारंभटयों और पृष्ठांकन पर ििा करना।
f) पृष्ठांकन क्यों जारी भकए जार्ते हैं इसका मूलयांकन करना।
g) पॉभलसी में वर्थणर्त बार्तों को कानून की अदालर्तों में कैसे दे िा जार्ता है इसे समझना।
h) नवीनीकरण के नोभटस क्यों जारी भकए जार्ते हैं इसका मूलयांकन करना।
i) मनी लॉल्न्िग क्या है और अपने ग्राहक को जानने के भदशाभनदे शों के संबंध में एक एजेंट को क्या करने
की जरूरर्त है, इनके बारे में जानना।

110
A. प्रस्र्ताव प्रपत्र (फॉमव)

जैसा भक पहले बर्ताया गया है , बीमा एक अनु बध


ं है भजसे भलभिर्त रूप में एक पॉभलसी में संक्षेभपर्त भकया गया है।
बीमा प्रलेिन पॉभलभसयां जारी करने र्तक सीभमर्त नहीं है। िूंभक यहां ब्ोकर और एजेंट जैसे कई मध्यस्थ होर्ते हैं
जो उनके बीि काम करर्ते हैं , ऐसा संिव है भक एक बीमाधारक और उसके बीमाकर्ता की किी मुलाक़ार्त ही ना
हो।

बीमा कंपनी केवल ग्राहक द्वारा प्रस्र्तुर्त दस्र्तावेजों से ही ग्राहक और उसकी बीमा की आवश्यकर्ताओं के बारे में
जानकारी प्राप्र्त करर्ती है। इस र्तरह के दस्र्तावेज जोभिम को बेहर्तर ढ़ं ग से समझने में बीमा कंपनी की मदद
करर्ते हैं । इस प्रकार, प्रलेिन बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीि समझ और स्पष्टर्ता लाने के प्रयोजन से
आवश्यक है। कुछ ऐसे दस्र्तावेज हैं जो परंपरागर्त रूप से बीमा व्यवसाय में उपयोग भकए जार्ते हैं ।

बीमा एजेंट को ग्राहक के भलए भनकटर्तम व्यभि होने के नार्ते ग्राहक का सामना करना पडर्ता है और इसमें
शाभमल दस्र्तावेजों के बारे में सिी आशंकाओं को स्पष्ट करके इन्हें िरने में उसकी सहायर्ता करनी होर्ती है।
एजेंटों को बीमा में शाभमल प्रत्येक दस्र्तावेज के उद्देश्य और इसमें इस्र्ते माल होने वाले दस्र्तावेजों में भनभहर्त
सूिना के महत्व और प्रासंभगकर्ता को समझना िाभहए।

1. प्रस्र्ताव प्रपत्र (फॉमव)

प्रलेिन का पहला िरण मूलर्तः प्रस्र्ताव फॉमव है भजसके माध्यम से बीमाधारक यह सूभिर्त करर्ता है:

 वह क़ौन है
 उसे भकस प्रकार के बीमा की जरूरर्त है
 वह क्या बीमा करना िाहर्ता है उसका भववरण और
 भकर्तनी समय अवभध के भलए

भववरण का मर्तलब बीमा की भवषय-वस्र्तु का म़ौभद्रक मूलय और प्रस्र्ताभवर्त बीमा से जु डे सिी वास्र्तभवक र्त्य
होगा।

a) बीमा कंपनी द्वारा जोभिम मूलयांकन

i. प्रस्र्ताव प्रपत्र एक जोभिम के संबध


ं में बीमा कंपनी द्वारा मांगी गयी सिी र्त्यात्मक जानकारी प्रस्र्तुर्त
करने के भलए प्रस्र्तावक द्वारा िरा जा सकर्ता है जो बीमा कंपनी को यह र्तय करने में सक्षम बनार्ता है:

 बीमा प्रदान करने को स्वीकार भकया जाए या अस्वीकार और


 जोभिम की स्वीकृभर्त की ज्स्थभर्त में कवर की दरों, भनयमों और शर्तों का भनधारण करना

प्रस्र्ताव प्रपत्र में ऐसी जानकारी शाभमल होर्ती है जो बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त जोभिम को स्वीकार करने में बीमा
कंपनी के भलए उपयोगी है। परम सद्भाव का भसद्ांर्त और र्त्यात्मक जानकारी के प्रकटीकरण का दाभयत्व बीमा
के प्रस्र्ताव प्रपत्र के साथ शुरू होर्ता है।

111
र्त्यात्मक जानकारी के प्रकटीकरण का दाभयत्व पॉभलसी शुरू होने से पहले उत्पन्न होर्ता है और बीमा की पूरी
अवभध के द़ौरान र्तथा अनु बध
ं के समापन के बाद िी जारी रहर्ता है।

उदाहरण

व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी के मामले में, अगर बीमाधारक ने प्रस्र्ताव प्रपत्र में यह घोषणा की है भक वह मोटर
िेलों या घुडसवारी में शाभमल नहीं होर्ता है, उसे यह सुभनज्श्िर्त करना होगा भक वह संपूणव पॉभलसी अवभध के
द़ौरान अपने आपको इस र्तरह की गभर्तभवभधयों में शाभमल नहीं करर्ता है। यह उस बीमाकर्ता के भलए महत्वपूणव
र्त्य है जो इन र्त्यों के आधार पर प्रस्र्ताव को स्वीकार करे गा और र्तदनु सार जोभिम का मूलय भनधारण
करे गा।

प्रस्र्ताव प्रपत्र आम र्त़ौर पर बीमाकर्ताओं द्वारा लप्रट भकए जार्ते हैं भजन पर बीमा कंपनी का नाम, लोगो, पर्ता और
बीमा/उत्पाद की श्रेणी/प्रकार अंभकर्त होर्ता है भजसके भलए इसका उपयोग भकया जाएगा। बीमा कंपभनयों द्वारा
प्रस्र्ताव प्रपत्र में एक मुभद्रर्त नोट जोडा जाना प्रथागर्त है, हालांभक इसके संबध
ं में कोई मानक प्रारूप या प्रिलन
नहीं है।

उदाहरण

इस र्तरह के नोटों के कुछ उदाहरण हैं :

'जोभिम के आकलन के भलए आवश्यक र्त्यों का गैर-प्रकटीकरण, भ्रामक जानकारी प्रदान करना, बीभमर्त
व्यभि द्वारा धोिाधडी या असहयोग जारी की गयी पॉभलसी के र्तहर्त कवर को अमान्य कर दे गा',

'कंपनी जोभिम पर नहीं होगी जब र्तक भक प्रस्र्ताव को कंपनी द्वारा स्वीकार नहीं भकया गया है और संपूणव
प्रीभमयम का िुगर्तान नहीं भकया गया है'।

प्रस्र्ताव प्रपत्र में घोषणा: बीमा कंपभनयां आम र्त़ौर पर प्रस्र्ताव प्रपत्र के अंर्त में एक घोषणा जोड दे र्ती हैं भजस पर
प्रस्र्तावक द्वारा हस्र्ताक्षर भकया जाएगा।इससे यह सुभनज्श्िर्त होर्ता है भक बीमाधारक सही ढं ग से फामव को िरने
का कष्ट उठार्ता है और उसमें भदए गए र्त्यों को समझ भलया है र्ताभक दावे के समय र्त्यों की भम्या प्रस्र्तुभर्त
के कारण असहमभर्त के भलए कोई गुंजाइश ना रहे ।

इसके अलावा यह परम सद्भाव के मुख्य भसद्ांर्त पर जोर दे ने और बीमाधारक की ओर से सिी आवश्यक र्त्यों
के प्रकटीकरण का कायव िी पूरा करर्ता है।

घोषणा परम सद्भाव के सामान्य भनयम के भसद्ांर्त को परम सद्भाव के एक संभवदात्मक कर्तवव्य में बदल दे र्ती है।

112
घोषणा का मानक प्रपत्र

आईआरडीएआई ने स्वास््य बीमा प्रस्र्ताव में मानक घोषणा का प्रारूप इस प्रकार भनर्थदष्ट भकया है:

1. मैं/हम अपनी ओर से और बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त सिी व्यभियों की ओर से एर्तदद्वारा यह घोषणा


करर्ता हू ं भक मे रे द्वारा भदये गए उपरोि बयान, उिर और/या भववरण सिी पहलुओं में मेरी सवोिम
जानकारी में सही और पूणव हैं और यह भक मैं/हम इन अन्य व्यभियों की ओर से प्रस्र्ताव करने के भलए
अभधकृर्त हू ं /हैं ।

2. मैं समझर्ता हू ं भक मे रे द्वारा प्रदान की गयी जानकारी बीमा पॉभलसी का आधार बनेगी जो बीमा कंपनी
की बोडव द्वारा अनु मोभदर्त बीमालेिन नीभर्त के अधीन है और यह भक पॉभलसी केवल भलये जाने वाले
प्रीभमयम की पूणव प्राज्प्र्त के बाद ही प्रिावी होगी।

3. मैं/हम आगे यह घोषणा करर्ता हू ं भक मैं/हम प्रस्र्ताव जमा भकये जाने के बाद लेभकन कंपनी द्वारा
स्वीकृर्त जोभिम की घटना से पहले बीमा योग्य जीवन/प्रस्र्तावक के पेशे या सामान्य स्वास््य में होने
वाले भकसी िी बदलाव के बारे में भलभिर्त रूप में सूभिर्त करूंगा।

4. मैं/हम यह घोषणा करर्ता हू ं और कंपनी द्वारा भकसी भिभकत्सक से या ऐसे भकसी अस्पर्ताल से
भिभकत्सकीय जानकारी की मांग भकये जाने की सहमभर्त दे र्ता हू ं भजसने भकसी िी समय बीमा योग्य
जीवन/प्रस्र्तावक का इलाज भकया है अथवा भकसी िी भपछले या वर्तवमान भनयोिा से भजसका संबध

ऐसी भकसी िी बार्त से है जो बीमा योग्य जीवन/प्रस्र्तावक के शारीभरक या मानभसक स्वास््य को
प्रिाभवर्त करर्ता है और ऐसी भकसी िी बीमा कंपनी से जानकारी मांगने की सहमभर्त दे र्ता हू ं भजसे बीमा
योग्य जीवन/प्रस्र्तावक पर बीमा के भलए प्रस्र्ताव के बीमालेिन और/या दावे के भनपटान के प्रयोजन से
आवेदन भकया गया है।

5. मैं/हम कंपनी को केवल प्रस्र्ताव के बीमालेिन और/या दावों के भनपटान के प्रयोजन से और भकसी िी
सरकारी और/या भनयामक प्राभधकरण के साथ भिभकत्सा भरकॉडों सभहर्त अपने प्रस्र्ताव से संबभं धर्त
जानकारी साझा करने के भलए अभधकृर्त करर्ता हू ं ।

b) एक प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रश्नों की प्रकृभर्त

एक प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रश्नों की संख्या और प्रकृभर्त संबभं धर्त बीमा की श्रेणी के अनु सार बदलर्ती रहर्ती है।

व्यभिगर्त बीमा जैसे स्वास््य, व्यभिगर्त दु घवटना और यात्रा बीमा के मामले में प्रस्र्ताव प्रपत्रों को इस प्रकार
भडजाइन भकया गया है भक प्रस्र्तावक के स्वास््य, जीवन शैली एवं आदर्तों, पहले से म़ौजूद स्वास््य
ज्स्थभर्तयों, भिभकत्सा इभर्तहास, आनु वभं शक गुणों, भपछले बीमा के अनु िव आभद के बारे में जानकारी प्राप्र्त
की जा सके।

113
प्रस्र्ताव के र्तत्व

i. प्रस्र्तावक का पूरा नाम

प्रस्र्तावक को सुस्पष्ट रूप से िु द की पहिान करने में सक्षम होना िाभहए। बीमा कंपनी के भलए यह जानना
महत्वपूणव है भक अनु बध
ं भकसके साथ भकया गया है र्ताभक पॉभलसी के र्तहर्त भमलने वाले लाि केवल
बीमाधारक को प्राप्र्त हो सके। पहिान स्थाभपर्त करना उन मामलों में िी महत्वपूणव है जहां भकसी अन्य
व्यभि को बीभमर्त जोभिम में भदलिस्पी हो सकर्ती है (जैसे मृत्यु के मामले में कानूनी वाभरस) और उसे
दावा करना है।

ii. प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण

ऊपर बर्ताए गए कारण प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण प्राप्र्त करने के भलए िी लागू होर्ते हैं ।

iii. प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार

स्वास््य और व्यभिगर्त दु घट
व ना बीमा जैसे कुछ मामलों में प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार को
जानना महत्वपूणव होर्ता है क्योंभक उनका जोभिम पर वास्र्तभवक प्रिाव पड सकर्ता है।

उदाहरण

एक फास्ट फूड रे स्र्तरां का भडलीवरी मैन, भजसे अक्सर अपने ग्राहकों को िोजन भवर्तभरर्त करने के भलए र्तीव्र
गभर्त से मोटर बाइक पर यात्रा करना पडर्ता है, वह उसी रे स्र्तरां में काम करने वाले एक लेिाकार की र्तुलना में
अभधक जोभिम के दायरे में हो सकर्ता है।

iv. बीमा की भवषय-वस्र्तु की पहिान और भववरण

प्रस्र्तावक को बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त भवषय-वस्र्तु के बारे में स्पष्ट रूप से बर्ताने की आवश्यकर्ता होर्ती है।

उदाहरण

प्रस्र्तावक को यह बर्ताना आवश्यक होर्ता है भक क्या यह:

i. एक भवदे श यात्रा (भकसके द्वारा, कब, भकस दे श में, भकसे प्रयोजन के भलए) या
ii. व्यभि का स्वास््य (व्यभि का नाम, पर्ता और पहिान के साथ) आभद जो मामले पर भनिवर करर्ता है

iii. बीमा राभश पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कंपनी की दे नदारी की सीमा को दशार्ती है और यह सिी प्रस्र्ताव
प्रपत्रों में बर्ताया जाना आवश्यक है।

उदाहरण

स्वास््य बीमा के मामले में, स्वास््य बीमा के मामले में यह अस्पर्ताल में इलाज का ििव हो सकर्ता है जबभक
व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के मामले में यह एक दु घवटना के कारण जीवन का नु कसान, एक अंग का नु कसान या
दृज्ष्ट का नु कसान हो सकर्ता है।

114
iv. भपछले और वर्तवमान बीमा

प्रस्र्तावक के भलए अपनी भपछली बीमा पॉभलभसयों की जानकारी बीमा कंपनी को दे ना आवश्यक होर्ता है।
यह उसके बीमा इभर्तहास को समझने के भलए है। कुछ बाजारों में ऐसी प्रणाभलयां होर्ती हैं भजनके द्वारा बीमा
कंपभनयां गोपनीय रूप से बीमाधारक के डे टा को साझा करर्ती हैं ।

इसके अलावा प्रस्र्तावक को यह िी बर्ताना होर्ता है भक क्या भकसी बीमा कंपनी ने उसके प्रस्र्ताव को
अस्वीकृर्त भकया है, भवशेष शर्तें लगाई गयी हैं , नवीनीकरण के समय अभधक प्रीभमयम की आवश्यकर्ता हु ई
है या पॉभलसी को नवीनीकृर्त करने से इनकार या रद्द भकया गया है।

भकसी अन्य बीमा कंपनी के साथ म़ौजूदा बीमा के भववरण के साथ-साथ बीमा कंपभनयों के नामों का िी
िु लासा भकया जाना आवश्यक है। भवशेष रूप से संपभि बीमा में एक संिावना रहर्ती है भक बीमाधारक
भवभिन्न बीमा कंपभनयों से पॉभलभसयां ले सकर्ता है और नुकसान की घटना घभटर्त होने पर एक से अभधक
एक बीमा कंपनी से दावा कर सकर्ता है। यह जानकारी योगदान के भसद्ांर्त को लागू भकया जाना
सुभनज्श्िर्त करने के भलए आवश्यक है र्ताभक बीमाधारक को क्षभर्तपूर्थर्त भकया जा सके और वह एक ही
जोभिम के भलए अनेक बीमा पॉभलभसयों के कारण लाि/मुनाफ़ा कमाने की ज्स्थभर्त में ना हो।

इसके अलावा, व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में एक बीमा कंपनी कवरे ज की राभश (बीमा राभश) को सीभमर्त
करना िाहे गी जो उसी बीमाधारक द्वारा ली गयी अन्य व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलभसयों के अंर्तगवर्त बीमा राभश
पर भनिवर करर्ता है।

v. नु कसान का अनु िव

प्रस्र्तावक से उसके द्वारा उठाए गए सिी नु कसानों की पूरी जानकारी की घोषणा करने के भलए कहा जार्ता
है, िाहे उनका बीमा भकया गया है या नहीं। यह बीमा कंपनी को बीमा की भवषय-वस्र्तु के बारे में जानकारी
दे गा और बर्ताएगा भक अर्तीर्त में बीमाधारक ने जोभिम का प्रबंधन कैसे भकया है। बीमालेिक (जोभिम
अंकक) इस र्तरह के उिरों से जोभिम को बेहर्तर ढ़ं ग से समझ सकर्ते हैं और भिभकत्सा परीक्षण कराने या
अभधक जानकारी इकट्ठा करने के बारे में फैसला कर सकर्ते हैं ।

vi. बीमाधारक की घोषणा

िूंभक प्रस्र्ताव प्रपत्र का उद्देश्य बीमा कंपभनयों को समस्र्त र्त्यात्मक जानकारी प्रदान करना है , इस प्रपत्र में
बीमाधारक की यह घोषणा शाभमल होर्ती है भक उिर सही और सत्य है और वह इस बार्त से सहमर्त है भक
प्रपत्र बीमा अनु बध
ं का आधार बनेगा।कोई िी गलर्त उिर बीमा कंपभनयों के भलए अनु बध
ं से बिने का
अभधकार दे गा। सिी प्रस्र्ताव प्रपत्रों के आम अन्य िंड हस्र्ताक्षर, भर्तभथ और कुछ मामलों में एजेंट की
भसफाभरश से संबभं धर्त हैं ।

vii. जहां प्रस्र्ताव प्रपत्र का उपयोग नहीं भकया जार्ता है, बीमा कंपनी म़ौभिक रूप से या भलभिर्त रूप में
प्राप्र्त जानकारी को भरकॉडव करे गी, और 15 भदनों की अवभध के िीर्तर प्रस्र्तावक को इसकी पुज्ष्ट करे गी

115
और अपने पॉभलसी में इस जानकारी को शाभमल करे गी।जहां बीमा कंपनी बाद में यह दावा करर्ती है भक
प्रस्र्तावक ने भकसी र्त्यात्मक जानकारी का िु लासा नहीं भकया था या कवर प्रदान करने के भलए
महत्वपूणव भकसी बार्त की भ्रामक या झूठी जानकारी उपलब्ध करायी थी, इसे साभबर्त करने का िार
बीमा कंपनी पर होर्ता है।

इसका मर्तलब है भक बीमा कंपनी को म़ौभिक रूप से िी प्राप्र्त होने वाली समासर्त जानकारी को भरकॉडव
करने का एक दाभयत्व होर्ता है भजसे एजेंट को फॉलो अप के माध्यम से ध्यान में रिना िाभहए।

महत्वपूणव

नीिे एक स्वास््य बीमा पॉभलसी के प्रस्र्ताव प्रपत्र के कुछ भववरण भदए गए हैं :

1. प्रस्र्ताव प्रपत्र में एक प्रॉस्पेक्टस (भववरण पुज्स्र्तका) सज्म्पमभलर्त होर्ता है जो कवर की जानकारी दे र्ता है
जैसे कवरे ज, अपवजवन, प्रावधान आभद। प्रॉस्पेक्टस प्रस्र्ताव प्रपत्र का भहस्सा बनर्ता है और प्रस्र्तावक
को इस पर हस्र्ताक्षर करना होर्ता है जैसे उसने इसकी सामभग्रयों को समझ भलया है।

2. प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रस्र्तावक के साथ प्रत्येक बीभमर्त व्यभि का नाम, पर्ता, व्यवसाय, जन्मभर्तभथ, ललग और
संबंध, औसर्त माभसक आय और आयकर पैन नंबर, भिभकत्सक का नाम और पर्ता, उसकी योग्यर्ताएं
और पंजीकरण संख्या से संबंभधर्त जानकारी एकत्र की जार्ती है। बीभमर्त व्यभि के बैंक का भववरण िी
अब िी बैंक हस्र्तांर्तरण के माध्यम से सीधे दावा राभश का िुगर्तान करने के भलए एकत्र भकया जार्ता है।

3. इसके अलावा बीभमर्त व्यभि की भिभकत्सकीय ज्स्थभर्त के बारे में प्रश्न पूछे जार्ते हैं । प्रपत्र में

भवस्र्तृर्त प्रश्न भपछले दावों के अनु िव पर आधाभरर्त होर्ते हैं और जोभिम के उभिर्त बीमालेिन के भलए
प्राप्र्त भकए जार्ते हैं ।

4. बीभमर्त व्यभि के भलए पूरी जानकारी स्पष्ट करना आवश्यक होर्ता है भक क्या वह प्रपत्र में दी गयी
भकसी भवभशष्ट बीमारी से ग्रस्र्त रहा है।

5. इसके अलावा, भकसी िी अन्य बीमारी या रोग या दु घवटना के भववरण की मांग की जार्ती है भजसका
सामना बीमाधारक को करना पडा है:

क. बीमारी/िोट की प्रकृभर्त और उपिार

ि. प्रथम उपिार की भर्तभथ

ग. उपिार करने वाले भिभकत्सक का नाम और पर्ता

घ. क्या पूरी र्तरह से कवर भकया गया है

6. बीभमर्त व्यभि को ऐसे भकसी िी अभर्तभरि र्त्य के बारे में बर्ताना होर्ता है भजसका िु लासा बीमा
कंपभनयों के पास भकया जाना िाभहए और क्या उसे भकसी िी बीमारी या िोट की भकसी िी
सकारात्मक म़ौजूदगी या उपज्स्थभर्त की जानकारी है भजसके भलए भिभकत्सकीय रूप से ध्यान भदए
जाने की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

116
7. प्रपत्र में भपछली बीमा पॉभलभसयों और उनके दावा इभर्तहास और भकसी अन्य बीमा कंपनी के साथ
अभर्तभरि म़ौजूदा बीमा से संबंभधर्त प्रश्न िी शाभमल होर्ते हैं ।

8. घोषणा की भवशेष बार्तों पर ध्यान भदया जाना िाभहए भजस पर प्रस्र्तावक द्वारा हस्र्ताक्षर भकया जाएगा।

9. बीभमर्त व्यभि ऐसे भकसी िी अस्पर्ताल/भिभकत्सक से भिभकत्सकीय जानकारी मांगने की सहमभर्त दे र्ता
है और इसके भलए बीमा कंपनी को अभधकृर्त करर्ता है भजसने भकसी िी समय उसके शारीभरक या
मानभसक स्वास््य को प्रिाभवर्त करने वाली भकसी िी बीमारी के संबंध में उसका इलाज भकया है या कर
सकर्ता है।

10. बीभमर्त व्यभि इस बार्त की पुज्ष्ट करर्ता है भक उसने प्रपत्र का भहस्सा बनने वाली भववरण पभत्रका को
पढ़ भलया है और वह भनयमों एवं शर्तों को स्वीकार करने के भलए र्तैयार है।

11. घोषणा में बयानों की सछिाई के संबंध में सामान्य वारंटी और अनु बध
ं के आधार के रूप में प्रस्र्ताव प्रपत्र
शाभमल होर्ता है।

भिभकत्सा प्रश्नावली

प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रभर्तकूल भिभकत्सा इभर्तहास होने के मामले में बीभमर्त व्यभि को मधुमेह, उछि रििाप, सीने में
ददव या कोरोनरी अक्षमर्ता या मायोकार्थडयल रोधगलन जैसी बीमाभरयों से संबभं धर्त एक भवस्र्तृर्त प्रश्नावली को
पूरा करना होर्ता है।

इनका एक परामशवदार्ता भिभकत्सक द्वारा पूरा भकए गए फॉमव के द्वारा समर्थथर्त होना आवश्यक है। यह फॉमव की
जांि-पडर्ताल कंपनी के पैनल भिभकत्सक द्वारा की जार्ती है भजनकी राय के आधार पर स्वीकृभर्त, अपवजवन
आभद र्तय भकया जार्ता है।

आईआरडीएआई ने यह भनधाभरर्त भकया है भक प्रस्र्ताव प्रपत्र की एक प्रभर्त और उसके अनु लग्नकों को पॉभलसी
दस्र्तावेज के साथ संलग्न भकया जाना िाभहए और उसे बीमाधारक के भरकॉडव के भलए उसके पास िेजा जाना
िाभहए।

2. मध्यस्थ की िूभमका

मध्यस्थ की भजम्पमे दारी दोनों पक्षों यानी बीमाधारक और बीमा कंपनी की ओर होर्ती है।

एक एजेंट या ब्ोकर जो बीमा कंपनी और बीमाधारक के बीि मध्यस्थ के रूप में कायव करर्ता है उसे यह
सुभनज्श्िर्त करने की भजम्पमे दारी होर्ती है भक जोभिम के बारे में सारी र्त्यात्मक जानकारी बीभमर्त व्यभि द्वारा
बीमा कंपनी को प्रदान की गयी है।

आईआरडीएआई भवभनयमन का प्रावधान है भक मध्यस्थ की भजम्पमे दारी ग्राहक के प्रभर्त होर्ती है।

117
महत्वपूणव

संिाभवर्त बीमाधारक (ग्राहक) के प्रभर्त एक मध्यस्थ का कर्तवव्य

आईएआरडीएआई भवभनयमन कहर्ता है भक "एक बीमा कंपनी या उसका एजेंट या अन्य मध्यस्थ एक प्रस्र्ताभवर्त
कवर के संबध
ं में समस्र्त र्त्यात्मक जानकारी प्रदान करे गा जो संिाभवर्त ग्राहक को अपने भहर्त में सवोिम
कवर का फैसला लेने में सक्षम बनाएगा।

जहां संिाभवर्त ग्राहक बीमा कंपनी या उसके एजेंट या एक बीमा मध्यस्थ की सलाह पर भनिवर करर्ता है , वहां
इस र्तरह के व्यभि को एक भनष्पक्ष ढं ग से संिाभवर्त ग्राहक को सलाह दे नी िाभहए।

जहां भकसी िी कारण से प्रस्र्ताव और अन्य संबभं धर्त कागजार्त ग्राहक द्वारा नहीं िरे जार्ते हैं , ग्राहक की ओर से
प्रस्र्ताव प्रपत्र के अंर्त में एक प्रमाणपत्र फामव शाभमल भकया जा सकर्ता है भक प्रपत्र और दस्र्तावेजों की सामभग्रयों
के बारे में उसे पूरी र्तरह से समझा भदया गया है और यह भक उसने प्रस्र्ताभवर्त अनु बध
ं के महत्व को अछछी र्तरह
से समझ भलया है।"

B. प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त (बीमालेिन)

हमने दे िा है भक एक पूरा भकया गया प्रस्र्ताव प्रपत्र मोटे र्त़ौर पर भनम्पनभलभिर्त जानकारी प्रदान करर्ता है:

 बीमाधारक का भववरण
 भवषय-वस्र्तु का भववरण
 आवश्यक कवर का प्रकार
 सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ि़ौभर्तक भवश्श्र्ताओं का भववरण
 बीमा और नु कसान का भपछला इभर्तहास
एक स्वास््य बीमा प्रस्र्ताव के मामले में बीमा कंपनी एक संिाभवर्त ग्राहक को, जैसे 45 वषव से अभधक की उम्र के
व्यभि को भिभकत्सक के पास और/या भिभकत्सकीय जांि के भलए िी िेज सकर्ती है। प्रस्र्ताव में उपलब्ध
जानकारी के आधार पर, और जहां भिभकत्सकीय जांि की सलाह दी गई है, मे भडकल भरपोटव और भिभकत्सक
की भसफाभरश के आधार पर बीमा कंपनी भनणवय लेर्ती है। किी-किी जहां भिभकत्सा इभर्तहास संर्तोषजनक नहीं
होर्ता है, अन्य जानकारी प्राप्र्त करने के भलए एक अभर्तभरि प्रश्नावली िी संिाभवर्त ग्राहक से प्राप्र्त करना
आवश्यक होर्ता है। र्तब बीमा कंपनी जोभिम कारक के भलए लागू होने वाली दर के बारे में फैसला करर्ती है और
भवभिन्न कारकों के आधार पर प्रीभमयम की गणना करर्ती है भजसके बारे में भफर बीमाधारक को बर्ताया जार्ता है।

बीमा कंपनी द्वारा प्रस्र्तावों पर र्ते ज गभर्त और दक्षर्ता के साथ कारववाई की जार्ती है और उसके सिी भनणवयों के
बारे में एक उभिर्त अवभध के िीर्तर भलभिर्त रूप में सूभिर्त भकया जार्ता है।

118
बीमालेिन और प्रस्र्तावों पर कारववाई के बारे में नोट

आईआरडीएआई के भदशाभनदे शों के अनुसार बीमा कंपनी को 15 भदन की अवभध के िीर्तर प्रस्र्ताव पर कारववाई
करनी िाभहए। एजेंट से इन समय सीमाओं का ध्यान रिने , आंर्तभरक रूप से फॉलो अप करने और जब किी
आवश्यक होने पर ग्राहक सेवा के माध्यम से प्रस्र्तावक/बीमाधारक के साथ संवाद करने की अपेक्षा की जार्ती है।
प्रस्र्ताव की छानबीन करने और स्वीकृभर्त के बारे में भनणवय लेने की इस पूरी प्रभिया को बीमालेिन (जोभिम
अंकन) के रूप में जाना जार्ता है।

स्व-परीक्षण 1

भदशाभनदे शों के अनुसार एक बीमा कंपनी को __________ के िीर्तर बीमा प्रस्र्ताव पर कारववाई करनी
होर्ती है।

I. 7 भदन
II. 15 भदन
III. 30 भदन
IV. 45 भदन
C. भववरण पुज्स्र्तका (प्रॉस्पेक्टस)

प्रॉस्पेक्टस बीमा कंपनी द्वारा या उसकी ओर से बीमा के संिाभवर्त िरीदारों के भलए जारी भकया गया एक
दस्र्तावेज है। यह सामान्यर्तः एक ब्ोशर या पुज्स्र्तका के रूप में होर्ता है और इस र्तरह के संिाभवर्त िरीदारों को
उत्पाद की जानकारी दे ने का उद्देश्य पूरा करर्ता है। भववरभणका (प्रॉस्पेक्टस) जारी करना बीमा अभधभनयम
1938 के साथ-साथ पॉभलसी धारक के भहर्तों का संरक्षण अभधभनयम 2002 और आईआरडीएआई के स्वास््य
बीमा भवभनयम 2013 द्वारा भनयंभत्रर्त होर्ता है।

भकसी िी बीमा उत्पाद के प्रोस्पेक्टस में लािों की गुंजाइश, बीमा कवर की सीमा का स्पष्ट रूप से उललेि होना
िाभहए और बीमा कवर की वारंभटयों, अपवादों और शर्तों को साफ़-साफ़ समझाया जाना िाभहए।

उत्पाद पर स्वीकायव आरोहकों (भजन्हें ऐड-ऑन कवर िी कहा जार्ता है) के बारे में िी लािों की उनकी
गुंजाइश के साथ स्पष्ट रूप से बर्ताया जाना िाभहए। इसके अलावा सिी आरोहकों को एक साथ भमलाकर
संबंभधर्त प्रीभमयम मुख्य उत्पाद के प्रीभमयम के 30% से अभधक नहीं होना िाभहए।

अन्य महत्वपूणव जानकारी भजसका िु लासा एक प्रास्पेक्टस में करना िाभहए, इसमें शाभमल हैं :

1. भवभिन्न आयु वगों के भलए या प्रवेश की अलग-अलग उम्र के भलए कवर और प्रीभमयम में कोई अंर्तर
2. पॉभलसी के नवीनीकरण की शर्तें
3. भनज्श्िर्त पभरज्स्थभर्तयों के र्तहर्त पॉभलसी को रद्द भकये जाने की शर्तें।
4. भवभिन्न पभरज्स्थभर्तयों में लागू होने वाली कोई िी छूट या अभधिार का भववरण
5. प्रीभमयम सभहर्त पॉभलसी की शर्तों में भकसी िी संशोधन या पभरवर्तवन की संिावना

119
6. एक ही बीमा कंपनी के साथ शीघ्र प्रवेश के भलए पॉभलसीधारकों को पुरस्कृर्त करने के प्रयोजन से कोई
प्रोत्साहन, भनरंर्तर नवीनीकरण, अनु कूल दावों का अनु िव आभद
7. यह घोषणा भक इसकी सिी स्वास््य बीमा पॉभलभसयां पोटे बल हैं भजसका मर्तलब है भक इन पॉभलभसयों
को भकसी िी अन्य बीमा कंपनी से नवीनीकृर्त भकया जा सकर्ता है जो एक समान लािों वाले एक समान
कवर प्रदान करर्ती है, भजनका लाि वह म़ौजूदा बीमा कंपनी के साथ बने रहने पर उठा सकर्ता था।

स्वास््य पॉभलभसयों के बीमाकर्ता आम र्त़ौर पर अपने स्वास््य बीमा उत्पादों के बारे में प्रॉस्पेक्टस प्रकाभशर्त
करर्ते हैं । ऐसे मामलों में प्रस्र्ताव प्रपत्र में एक घोषणा शाभमल होगी भक ग्राहक ने प्रॉस्पेक्टस को पढ़ भलया है और
इससे सहमर्त है।

D. प्रीभमयम की रसीद

जब ग्राहक द्वारा बीमा कंपनी को प्रीभमयम िुगर्तान भकया जार्ता है र्तो बीमा कंपनी एक रसीद जारी करने के
भलए बाध्य होर्ती है। अभग्रम में कोई प्रीभमयम िुगर्तान भकए जाने के मामले में िी रसीद जारी की जार्ती है।

पभरिाषा

प्रीभमयम बीमा के एक अनु बध


ं के र्तहर्त बीमा की भवषय-वस्र्तु का बीमा करने के भलए बीमाधारक द्वारा बीमा
कंपनी को िुगर्तान भकया गया प्रभर्तफल या रकम है।

1. अभग्रम में प्रीभमयम का िुगर्तान (बीमा अभधभनयम, 1938 की धारा 64VB)

बीमा अभधभनयम के अनुसार, प्रीभमयम बीमा कवर शुरू होने से पहले अभग्रम में िुगर्तान भकया जाना िाभहए। यह
एक महत्वपूणव प्रावधान है जो सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक केवल बीमा कंपनी द्वारा प्रीभमयम प्राप्र्त कर भलए जाने के
बाद ही एक वैध बीमा अनु बध
ं पूरा भकया जा सकर्ता है और बीमा कंपनी द्वारा जोभिम को स्वीकार भकया जा
सकर्ता है। यह िंड िारर्त में गैर-जीवन बीमा उद्योग की एक िास भवशेषर्ता है।

महत्वपूणव

a) बीमा अभधभनयम, 1938 की धारा 64VB का प्रावधान है भक कोई िी बीमा कंपनी भकसी िी जोभिम को
स्वीकार नहीं करे गी जब र्तक भक प्रीभमयम अभग्रम में प्राप्र्त नहीं हो जार्ता है या िुगर्तान करने की गारंटी
नहीं दी जार्ती है या भनधाभरर्त र्तरीके से अभग्रम में धनराभश जमा नहीं की जार्ती है।

b) जब कोई बीमा एजेंट भकसी बीमा कंपनी की ओर से बीमा की पॉभलसी पर प्रीभमयम प्राप्र्त करर्ता है , वह
बैंक और डाक भवलंब को छोड कर, इसे प्राप्र्त करने के ि़ौबीस घंटे के िीर्तर अपने कमीशन की
कट़ौर्ती के भबना, इस प्रकार एकत्र भकया गया पूरा प्रीभमयम बीमा कंपनी के पास जमा करे गा या डाक
के माध्यम से िेजेगा।

c) यह प्रावधान िी भकया गया है भक जोभिम केवल उस र्तारीि से माना जाएगा जब नकद या िेक द्वारा
प्रीभमयम का िुगर्तान भकया गया है।

120
d) जहां प्रीभमयम पोस्टल या मनी ऑडव र द्वारा या डाक द्वारा िेजे गए िेक के माध्यम से प्रस्र्तुर्त भकया
जार्ता है, जोभिम उस र्तारीि को माना जा सकर्ता है जब मनीऑडव र को बुक भकया गया है या िेक को
डाक से िेजा गया है , िाहे जैसा िी मामला हो सकर्ता है।

e) प्रीभमयम का कोई िी भरफंड जो पॉभलसी को रद्द भकए जाने के कारण या इसके भनयमों और शर्तों में
बदलाव के कारण या अन्यथा एक बीमाधारक को दे य हो सकर्ता है , बीमा कंपनी द्वारा इसका िुगर्तान
एक िॉस्ड या ऑडव र िेक द्वारा या पोस्टल/मनी ऑडव र द्वारा सीधे र्त़ौर पर बीमाधारक को भकया जा
सकर्ता है और बीमा कंपनी द्वारा बीमाधारक से एक उभिर्त रसीद प्राप्र्त की जाएगी। आजकल सीधे
बीभमर्त व्यभि के बैंक िार्ते में धनराभश जमा करने का प्रिलन है। इस र्तरह का भरफंड भकसी िी मामले
में एजेंट के िार्ते में जमा नहीं भकया जाएगा।

प्रीभमयम िुगर्तान की उपरोि पूव-व शर्तव के अपवाद िी हैं जो बीमा भनयम 58 और 59 में वर्थणर्त हैं । एक जीवन
बीमा पॉभलसी जैसी 12 महीने से अभधक समय र्तक िलने वाली पॉभलभसयों के मामले में भकस्र्तों में िुगर्तान के
भलए है। अन्य में भनर्थदष्ट मामलों में बैंक गारंटी के माध्यम से िुगर्तान करना, जहां सटीक प्रीभमयम अभग्रम में
भनधाभरर्त नहीं भकया जा सकर्ता है या बीमा कंपनी के पास म़ौजूद ग्राहक के एक नगदी जमा िार्ते में डे भबट
करके प्राप्र्त भकया गया िुगर्तान शाभमल है।

2. प्रीभमयम िुगर्तान की भवभध

महत्वपूणव

एक बीमा पॉभलसी लेने का प्रस्र्ताव करने वाले भकसी िी व्यभि द्वारा या पॉभलसीधारक द्वारा एक बीमा कंपनी को
भकया जाने वाला प्रीभमयम का िुगर्तान इनमें से एक या अभधक भवभधयों से भकया जा सकर्ता है।

a) नगदी

b) कोई िी मान्यर्ता प्राप्र्त बैंलकग भवभनमे य उपकरण, जैसे िारर्त में भकसी िी अनु सूभिर्त बैंक में आहभरर्त
िेक, भडमांड िाफ्ट, िुगर्तान आदे श, बैंकर िेक;

c) पोस्टल मनीऑडव र;

d) िेभडट या डे भबट काडव ;

e) बैंक गारंटी या नकद जमा;

f) इंटरनेट;

g) ई-ट्ांसफर

h) प्रस्र्तावक या पॉभलसीधारक या जीवन बीमाधारक के स्थायी भनदे श पर बैंक ट्ांसफर के माध्यम से


डायरे क्ट िेभडट;

i) समय-समय पर प्राभधकरण द्वारा अनु मोभदर्त भकया जा सकर्ता है के रूप में भकसी अन्य भवभध या
िुगर्तान;

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आईआरडीएआई के भवभनयमों के अनु सार, अगर प्रस्र्तावक/पॉभलसीधारक नेट बैंलकग या िेभडट/डे भबट काडव
के माध्यम से प्रीभमयम िुगर्तान करने का भवकलप िुनर्ता है र्तो िुगर्तान केवल नेट बैंलकग िार्ते या इस र्तरह के
प्रस्र्तावक/पॉभलसीधारक के नाम पर जारी िेभडट/डे भबट काडव के माध्यम से भकया जाना िाभहए।

स्व-परीक्षण 2

अगर प्रीभमयम िुगर्तान िेक द्वारा भकया जार्ता है र्तो नीिे भदया गया क़ौन सा कथन सही होगा?

I. जोभिम उस र्तारीि को स्वीकार भकया जा सकर्ता है जब िेक पोस्ट भकया गया है

II. जोभिम उस र्तारीि को स्वीकार भकया जा सकर्ता है जब बीमा कंपनी द्वारा िेक जमा भकया जार्ता है

III. जोभिम उस र्तारीि को स्वीकार भकया जा सकर्ता है जब बीमा कंपनी को िेक प्राप्र्त होर्ता है

IV. जोभिम उस र्तारीि को स्वीकार भकया जा सकर्ता है जब प्रस्र्तावक द्वारा िेक जारी भकया जार्ता है

E. पॉभलसी दस्र्तावेज़

पॉभलसी दस्र्तावेज

पॉभलसी एक औपिाभरक दस्र्तावेज है जो बीमा के अनु बध


ं का एक प्रमाण दे र्ता है। इस दस्र्तावेज़ पर िारर्तीय
स्टाम्पप अभधभनयम, 1899 के प्रावधानों के अनु सार स्टांप लगी होनी िाभहए।

पॉभलसीधारक के भहर्तों की रक्षा करने के भलए आईआरडीएआई भवभनयम में यह भनर्थदष्ट है भक एक स्वास््य
बीमा पॉभलसी में क्या शाभमल होना िाभहए:

a) बीमाधारक और भवषय-वस्र्तु में बीमा योग्य भहर्त रिने वाले भकसी अन्य व्यभि का(के) नाम और
पर्ता(र्ते )
b) बीभमर्त व्यभियों या भहर्तों की पूरी जानकारी
c) पॉभलसी के र्तहर्त बीमा राभश, व्यभि और/या जोभिम के अनु सार
d) बीमा की अवभध
e) कवर की गयी आपदाएं और अपवजवन
f) लागू होने वाला कोई िी आभधक्य/कट़ौर्ती
g) दे य प्रीभमयम और जहां प्रीभमयम समायोजन के अधीन अनंभर्तम है , प्रीभमयम के समायोजन का आधार
h) पॉभलसी के भनयम, शर्तें और वारंभटयां
i) पॉभलसी के र्तहर्त एक दावे को जन्म दे ने की संिावना से युि एक आपार्त घटना घभटर्त होने पर बीभमर्त
व्यभि द्वारा की जाने वाली कारववाई
j) एक दावे को जन्म दे ने वाली घटना घभटर्त होने पर बीमा की भवषय-वस्र्तु के संबध
ं में बीमाधारक के
दाभयत्व और इन पभरज्स्थभर्तयों में बीमा कंपनी के अभधकार
k) कोई भवशेष पभरज्स्थभर्तयां

122
l) गलर्तबयानी, धोिाधडी, वास्र्तभवक र्त्यों का गैर-प्रकटीकरण या बीमाधारक के असहयोग के आधार
पर पॉभलसी को रद्द करने के भलए प्रावधान
m) बीमा कंपनी के पर्ते जहां पॉभलसी के संबध
ं में सिी संिार िेजे जाने िाभहए
n) आरोहकों का भववरण, यभद कोई हो
o) भशकायर्त भनवारण प्रणाली का भववरण और ओम्पबड्समैन का पर्ता

हर बीमा कंपनी को पॉभलसी के संदिव में उत्पन्न होने वाला दावा दजव करने के संबध
ं में बीमाधारक व्यभि द्वारा
पूरी की जाने वाली आवश्यकर्ताओं और उसके द्वारा पालन की जाने वाली प्रभियाओं के बारे में (बीमाधारक)
को सूभिर्त करना िाभहए और सूभिर्त करर्ते रहना िाभहए र्ताभक बीमा कंपनी दावे के शीघ्र भनपटान में सक्षम हो
सके।

F. शर्तें और वारंभटयां

यहां पॉभलसी के भववरण में प्रयुि दो महत्वपूणव शब्दों की व्याख्या करना महत्वपूणव है। इन्हें शर्तें और वारंभटयां
कहर्ते हैं ।

1. शर्ते ाँ

शर्तव बीमा अनु बध


ं का एक प्रावधान है जो समझ़ौर्ते का आधार बनार्ता है।

उदाहरण:

a. अभधकांश बीमा पॉभलभसयों की मानक शर्तों में से एक यह कहर्ती है:

अगर दावा भकसी िी संबध


ं में धोिाधडीपूणव है, या उसके समथवन में कोई झूठी घोषणा की गयी है या
उसका प्रयोग भकया गया है या अगर पॉभलसी के र्तहर्त कोई लाि प्राप्र्त करने के भलए बीमाधारक द्वारा
अथवा उसकी ओर से काम करने वाले व्यभि द्वारा भकसी कपटपूणव साधन या उपकरण का प्रयोग
भकया गया है या अगर नु कसान या क्षभर्त भकसी जानबूझकर भकए गए कृत्य के कारण या बीमाधारक की
भमलीिगर्त से हु ई है र्तो इस पॉभलसी के र्तहर्त सिी लाि जब्र्त कर भलए जाएंगे।

b. एक स्वास््य पॉभलसी में दावे की सूिना दे ने की शर्तव इस प्रकार हो सकर्ती है:

दावा अस्पर्ताल से भडस्िाजव होने की र्तारीि से भनज्श्िर्त भदनों के िीर्तर दजव भकया जाना िाभहए।
हालांभक, इस शर्तव में छूट पर कभठनाई के िरम मामलों में भविार भकया जा सकर्ता है जहां कंपनी की
संर्तुज्ष्ट के भलए यह साभबर्त कर भदया गया है भक भजन पभरज्स्थभर्तयों में बीमाधारक को डाल भदया गया
था, उसके या भकसी िी अन्य व्यभि के भलए भनधाभरर्त समय-सीमा के िीर्तर इस र्तरह की सूिना दे ना
या दावा फ़ाइल करना संिव नहीं था।

शर्तव का उललंघन बीमा कंपनी के भवकलप पर पॉभलसी को अमान्य करने योग्य बनार्ता है।

123
2. वारंभटयां

एक बीमा अनुबंध में वारंभटयों का प्रयोग भनज्श्िर्त पभरज्स्थभर्तयों में बीमा कंपनी की दे यर्ता को सीभमर्त करने के
भलए भकया जार्ता है। बीमा कंपभनयां िर्तरे को कम करने के भलए पॉभलसी में वारंभटयों को िी शाभमल करर्ती हैं ।
वारंटी के साथ बीमाधारक कुछ दाभयत्व उठार्ता है भजसे एक भनज्श्िर्त समय अवभध के िीर्तर और इसके अलावा
पॉभलसी अवभध के द़ौरान िी पूरा भकया जाना आवश्यक होर्ता है और बीमा कंपनी की भजम्पमे दारी बीमाधारक
द्वारा इन दाभयत्वों के अनुपालन पर भनिवर करर्ती है। वारंभटयां जोभिम के प्रबंधन और सुधार में एक महत्वपूणव
िूभमका भनिार्ती हैं ।

वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक ऐसी शर्तव है भजसका अनु बंध की वैधर्ता के भलए अक्षरशः पालन भकया
जाना िाभहए। वारंटी एक अलग दस्र्तावेज नहीं है। पॉभलसी दस्र्तावेज दोनों का भहस्सा है।यह अनु बंध के भलए
एक पूवव शर्तव है (जो अनु बध
ं की अन्य शर्तों से पहले काम करर्ती है)। इसे सख्र्ती से और अक्षरशः समझना और
पालन भकया जाना िाभहए, िाहे यह जोभिम के भलए महत्वपूणव हो या ना हो।

अगर भकसी वारंटी को पूरा नहीं भकया जार्ता है र्तो पॉभलसी बीमा कंपभनयों के भवकलप पर अमान्य करने योग्य
हो जार्ती है, जब यह स्पष्ट रूप से भनधाभरर्त हो जार्ता है भक उललंघन भकसी िास नुकसान का कारण नहीं बना
है या उसमें योगदान नहीं भकया है। हालांभक, अगर व्यावहाभरक रूप में वारंटी का उललंघन एक भवशुद्
र्तकनीकी प्रकृभर्त का है और भकसी िी र्तरह से नु कसान में योगदान नहीं करर्ता है या उसे नहीं बढ़ार्ता है र्तो
बीमा कंपभनयां अपने भववेक पर कंपनी की नीभर्त के अनु सार मानदं डों और भदशाभनदे शों के अनुरूप दावों पर
कारववाई कर सकर्ती हैं । ऐसे मामले में, नु कसान को समझ़ौर्ता दावों के रूप में दे िा जा सकर्ता है और इसका
भनपटारा सामान्यर्तः दावे के एक उछि प्रभर्तशर्त के भलए भकया जार्ता है लेभकन 100 के भलए नहीं।

एक व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी में भनम्पनभलभिर्त वारंटी हो सकर्ती है :

यह वारंटी दी जार्ती है भक एक समय में पांि से अभधक बीभमर्त व्यभि एक ही वायु यान में एक साथ यात्रा
नहीं करें गे। वारंटी में यह बर्ताया जा सकर्ता है भक अगर इस वारंटी का उललंघन भकया जार्ता है र्तो दावे के
साथ कैसा व्यवहार भकया जाएगा।

स्व-परीक्षण 3

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन एक वारंटी के संबध


ं में सही है ?

I. वारंटी एक शर्तव है जो पॉभलसी में उललेि भकए भबना भनभहर्त होर्ती है

II. वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है

III. वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है और इसके बारे में बीमाधारक को अलग से बर्ताया
जार्ता है और पॉभलसी दस्र्तावेज का भहस्सा नहीं होर्ता है

IV. अगर भकसी वारंटी का उललंघन भकया जार्ता है र्तो दावे का भफर िी िुगर्तान भकया जा सकर्ता है अगर
यह जोभिम के भलए महत्वपूणव नहीं है

124
G. पृष्ठांकन

एक मानक रूप में पॉभलभसयां जारी करना बीमा कंपभनयों की प्रथा है ; भजसमें कुछ िर्तरों को कवर भकया जार्ता
है और कुछ अन्य िर्तरों को भनकाल भदया जार्ता है।

पभरिाषा

अगर पॉभलसी जारी करर्ते समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों में बदलाव भकया जाना आवश्यक होर्ता है र्तो यह
कायव पृष्ठांकन नामक एक दस्र्तावेज़ के माध्यम से संशोधनों/बदलावों को भनधाभरर्त करके पूरा भकया जार्ता है।

यह पॉभलसी में संलग्न होर्ता है और उसका भहस्सा बनर्ता है।पॉभलसी और पृष्ठांकन एक साथ भमलकर अनुबंध
बनार्ते हैं । पृष्ठांकन पॉभलसी की िालू अवभध के द़ौरान िी बदलावों/संशोधनों को दजव करने के भलए जारी भकया
जा सकर्ता है।

जब किी िी र्त्यात्मक जानकारी में बदलाव होर्ता है, बीमाधारक को इस बार्त की जानकारी बीमा कंपनी को
दे नी होर्ती है जो इस पर ध्यान दे गी और पृष्ठांकन के माध्यम से इसे बीमा अनुबंध के भहस्से के रूप में सज्म्पमभलर्त
करे गी।

एक पॉभलसी के अंर्तगवर्त आम र्त़ौर पर आवश्यक पृष्ठांकन इन बार्तों से संबंभधर्त होर्ते हैं :

a) बीमा राभश में भिन्नर्ताएं/पभरवर्तवन

b) ऋण लेकर या बैंक के पास पॉभलसी को बंधक रि कर बीमा योग्य भहर्त में बदलाव करना।

c) अभर्तभरि िर्तरों को कवर करने के भलए बीमा का भवस्र्तार / पॉभलसी अवभध बढ़ाना

d) जोभिम में बदलाव जैसे एक भवदे शी यात्रा पॉभलसी के मामले में गंर्तव्य में बदलाव।

e) भकसी अन्य स्थान पर संपभि का स्थानांर्तरण

f) बीमा रद्द होना

g) नाम या पर्ते आभद में पभरवर्तवन

नमूना पृष्ठांकन

उदाहरण के प्रयोजन से, कुछ पृष्ठांकनों के नमूना भववरण को नीिे पुनप्रवस्र्तुर्त भकया गया है:

पॉभलसी रद्द करना

बीमाधारक के अनुरोध पर इस पॉभलसी के द्वारा प्राप्र्त बीमा को एर्तद्द्द्वारा <र्तारीि> से रद्द घोभषर्त भकया जार्ता
है। बीमा ऩौ महीने से अभधक की अवभध र्तक िालू रहने के कारण बीमाधारक को कोई िी भरफंड दे य नहीं है।

पॉभलसी में अभर्तभरि सदस्य के भलए कवर का भवस्र्तार

125
बीमाधारक के अनुरोध पर, एर्तदद्वारा सुश्री रत्ना भमस्त्री, बीमाधारक की बेटी, उम्र 5 वषव को 3 लाि रुपये की
बीमा राभश के साथ पॉभलसी में शाभमल करने की सहमभर्त दी जार्ती है जो भदनांक < भदनांक > से प्रिावी होगी।

इसके प्रभर्तफल में एर्तदद्वारा ...................... रुपये का एक अभर्तभरि प्रीभमयम बीमाधारक से भलया जार्ता
है।

स्व-परीक्षण 4

अगर पॉभलसी जारी करर्ते समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों में संशोधन भकया जाना आवश्यक है र्तो यह कायव
___________ के माध्यम से संशोधनों का भनधारण करके पूरा भकया जार्ता है।

I. वारंटी
II. पृष्ठांकन
III. पभरवर्तवन
IV. संशोधन संिव नहीं है

H. पॉभलभसयों की व्याख्या

बीमा के अनु बध
ं ों को भलभिर्त रूप में व्यि भकया जार्ता है और बीमा पॉभलसी की बार्तों का मस़ौदा बीमा कंपभनयों
द्वारा र्तैयार भकया जार्ता है। इन पॉभलभसयों की व्याख्या रिना या व्याख्या के कुछ सुपभरिाभषर्त भनयमों के
अनु सार करनी होर्ती है जो भवभिन्न अदालर्तों द्वारा भनधाभरर्त भकए गए हैं । रिना का सबसे महत्वपूणव भनयम यह
है भक पार्थटयों का इरादा प्रबल होना िाभहए और यह इरादा पॉभलसी में अपने आप भदिाई दे ना िाभहए।अगर
पॉभलसी एक अस्पष्ट ढं ग से जारी की जार्ती है र्तो अदालर्तों द्वारा इसकी व्याख्या इस सामान्य भसद्ांर्त पर
बीमाधारक के पक्ष में और बीमा कंपनी के भिलाफ की जाएगी भक पॉभलसी का मस़ौदा बीमा कंपनी द्वारा र्तैयार
भकया गया था।

पॉभलसी में वर्थणर्त बार्तों को भनम्पनभलभिर्त भनयमों के अनु सार समझा और समझाया जार्ता है:

a) एक व्यि या भलभिर्त शर्तव एक भनभहर्त शर्तव से अभधक महत्वपूणव होर्ती है, भसवाय उस मामले के जहां
ऐसा करने में भवसंगभर्त है।

b) मानक मुभद्रर्त पॉभलसी फॉमव और टाइप भकए गए या हस्र्तभलभिर्त िागों के बीि एक भवरोधािास होने
की ज्स्थभर्त में टाइप भकए गए या हस्र्तभलभिर्त िाग को एक भवशेष अनु बध
ं में पार्थटयों के इरादे को व्यि
करने वाला माना जार्ता है, और उनके अथव मूल मुभद्रर्त भववरण की र्तुलना में अभधक महत्वपूणव होंगे।

c) अगर कोई पृष्ठांकन अनु बध


ं के अन्य िागों के भवपरीर्त है र्तो पृष्ठांकन के अथव को महत्त्व भदया जाएगा
क्योंभक यह बाद का दस्र्तावेज़ है।

d) इटै भलक में वर्थणर्त क्लॉज साधारण मुभद्रर्त भववरण से अभधक महत्व रिर्ते हैं, जहां वे असंगर्त होर्ते हैं।

126
e) पॉभलसी के मार्थजन में मुभद्रर्त या टाइप भकए गए क्लॉज को पॉभलसी की बॉडी के िीर्तर वर्थणर्त बार्तों की
र्तुलना में अभधक महत्व भदया जार्ता है।

f) पॉभलसी में संलग्न या पेस्ट भकए गए क्लॉज, मार्थजन के क्लॉज और पॉभलसी की बॉडी के क्लॉज दोनों
की र्तुलना में अभधक महत्वपूणव होर्ते हैं ।

g) मुभद्रर्त वणवन के स्थान पर टाइप करके भलिे भववरण को या एक स्याही वाले रबर स्टांप द्वारा अंभकर्त
भववरण को अभधक महत्व भदया जार्ता है।

h) हाथ की भलिावट को टाइप भकए गए या स्टांप लगाए गए भववरण से अभधक प्रमुिर्ता दी जार्ती है।

i) अंर्त में, अगर कोई अस्पष्टर्ता है या स्पष्टर्ता की कमी है र्तो व्याकरण और भवराम भिह्न के साधारण
भनयमों को लागू भकया जार्ता है।

महत्वपूणव

1. पॉभलभसयों की रिना

बीमा पॉभलसी एक व्यावसाभयक अनु बध


ं का प्रमाण है और अदालर्तों द्वारा अपनाए जाने वाले रिना और व्याख्या
के सामान्य भनयम अन्य अनु बध
ं ों के मामले की र्तरह बीमा अनु बंधों पर लागू होर्ते हैं ।

रिना का प्रमुि भनयम यह है भक अनु बध


ं की पार्थटयों का इरादा सबसे महत्वपूणव होर्ता है। इरादा पॉभलसी
दस्र्तावेज और प्रस्र्ताव फॉमव, इससे जु डे क्लॉजों, पृष्ठांकनों, वारंभटयों आभद से प्राप्र्त भकया जाना िाभहए और
इसे अनु बध
ं का आधार बनना िाभहए।

2. शब्दों के अथव

प्रयुि शब्दों को उनके सामान्य और लोकभप्रय अथव में भलया जाना िाभहए। शब्द के भलए प्रयोग भकया जाने वाला
अथव वह होना िाभहए जो एक सडक पर िलने वाले आम आदमी की समझ में आए।

दू सरी ओर, ऐसे शब्द भजनका एक आम व्यावसाभयक या व्यापाभरक अथव होर्ता है उसे उसी अथव में समझा
जाएगा जब र्तक भक वाक्य का प्रसंग अन्यथा इंभगर्त नहीं करर्ता है।जहां शब्द कानून द्वारा पभरिाभषर्त होर्ते हैं ,
उस पभरिाषा के अथव को कानून के अनुसार इस्र्ते माल भकया जाएगा।

बीमा पॉभलभसयों में प्रयुि कई शब्द भपछले कानूनी फैसलों का भवषय रहे हैं भजनका सामान्य रूप से प्रयोग भकया
जाएगा। भफर, एक उछि न्यायालय के फैसले एक भनिली अदालर्त के फैसले पर बाध्यकारी होंगे। र्तकनीकी
शब्दों को हमे शा उनका र्तकनीकी अथव भदया जाना िाभहए, जब र्तक भक इसके भवपरीर्त कोई संकेर्त नहीं भदया
गया है।

127
I. नवीनीकरण का नोभटस

अभधकांश गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयां वार्थषक आधार पर जारी की जार्ती हैं ।

बीमा कंपभनयों की ओर से बीमाधारक को यह सलाह दे ने की कोई कानूनी बाध्यर्ता नहीं है भक उसकी पॉभलसी
एक भवशेष भर्तभथ को समाप्र्त होने वाली है। हालांभक, भशष्टािार और स्वस्थ व्यावसाभयक आिरण की बार्त के
रूप में बीमा कंपभनयां पॉभलसी के नवीनीकरण के भलए आमंभत्रर्त करर्ते हु ए पॉभलसी समाज्प्र्त की र्तारीि से पहले
एक नवीकरण नोभटस जारी करर्ती हैं । नोभटस से बीमा राभश, वार्थषक प्रीभमयम आभद जैसे पॉभलसी के प्रासंभगक
भववरणों का पर्ता िलर्ता है। बीमाधारक को यह सलाह दे र्ते हु ए एक नोट जारी करने की िी प्रथा है भक उसे
जोभिम में भकसी िी र्त्यात्मक बदलाव के बारे में सूभिर्त करना िाभहए।

बीमाधारक का ध्यान इस वैधाभनक प्रावधान की ओर िी आकर्थषर्त भकया जाएगा भक कोई िी जोभिम स्वीकार
नहीं भकया जा सकर्ता है जब र्तक भक अभग्रम में प्रीभमयम िुगर्तान नहीं भकया जार्ता है।

स्व-परीक्षण 5

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन नवीनीकरण नोभटस के संबंध में सही है ?

I. भवभनयमों के अनुसार बीमा कंपभनयों पर पॉभलसी की समाज्प्र्त से 30 भदन पहले बीमाधारक को एक


नवीनीकरण नोभटस िेजने की कानूनी बाध्यर्ता होर्ती है

II. भवभनयमों के अनु सार बीमा कंपभनयों पर पॉभलसी की समाज्प्र्त से 15 भदन पहले बीमाधारक को एक
नवीनीकरण नोभटस िेजने की कानूनी बाध्यर्ता होर्ती है

III. भवभनयमों के अनु सार बीमा कंपभनयों पर पॉभलसी की समाज्प्र्त से 7 भदन पहले बीमाधारक को एक
नवीनीकरण नोभटस िेजने की कानूनी बाध्यर्ता होर्ती है

IV. भवभनयमों के अनुसार बीमा कंपभनयों पर पॉभलसी की समाज्प्र्त से पहले बीमाधारक को एक नवीनीकरण
नोभटस िेजने की कोई कानूनी बाध्यर्ता नहीं होर्ती है

128
J. एंटी मनी लॉल्न्िग और अपने ग्राहकों को जानने के बारे में भदशाभनदे श

अपराधी अपनी गैरकानूनी गभर्तभवभधयों के माध्यम से धन प्राप्र्त करर्ते हैं लेभकन मनी लॉल्न्िग नामक एक प्रभिया
के द्वारा इसे वैध धन के रूप में प्रयोग करना िाहर्ते हैं ।

मनी लॉल्न्िग वह प्रभिया है भजसके द्वारा अपराधी अपनी आपराभधक गभर्तभवभधयों की आय के वास्र्तभवक रोतोर्त
और स्वाभमत्व को छु पाने के भलए धन का हस्र्तांर्तरण करर्ते हैं । इस प्रभिया के द्वारा पैसा अपनी आपराभधक
पहिान िो दे र्ता है और वैध प्रर्तीर्त होर्ता है।

अपराधी अपने काले पैसों को सफ़ेद करने के भलए बैंकों और बीमा सभहर्त भविीय सेवाओं के उपयोग का प्रयास
करर्ते हैं । वे गलर्त पहिान का उपयोग करके लेनदे न करर्ते हैं , उदाहरण के भलए, वे बीमा के भकसी रूप को
िरीद लेर्ते हैं और उस पैसे को आहभरर्त करने में सफल होर्ते हैं और भफर अपना मर्तलब पूरा हो जाने पर गायब
हो जार्ते हैं ।

काले धन को वैध करने के इस र्तरह के प्रयास को रोकने के भलए िारर्त सभहर्त दु भनया िर में सरकारी स्र्तरों पर
प्रयास भकए गए हैं ।

मनी लॉल्न्िग रोकथाम अभधभनयम संबध


ं ी कानून को वषव 2002 में सरकार द्वारा लागू भकया गया था। इसके कुछ
ही समय बाद आईआरडीएआई द्वारा जारी भकए गए एंटी-मनी लॉल्न्िग के भदशाभनदे शों ने बीमा सेवाओं के भलए
अनु रोध करने वाले ग्राहकों की असली पहिान भनधाभरर्त करने के भलए उपयुि उपायों के संकेर्त भदए हैं भजसमें
संदेहजनक लेनदे नों के बारे में सूभिर्त करना और मनी लॉल्न्िग को शाभमल करने वाले या इसका संदेह होने
वाले मामलों का उभिर्त भरकॉडव रिना शाभमल है।

अपने ग्राहक को जानने के भदशाभनदे शों के अनु सार, प्रत्येक ग्राहक से भनम्पनभलभिर्त दस्र्तावेज प्राप्र्त करके
उसकी सही पहिान भनधाभरर्त करना आवश्यक है:

1. पर्ते का सत्यापन

2. र्ताजा र्तस्वीर

3. भविीय ज्स्थभर्त

4. बीमा अनु बध
ं का उद्देश्य

इसभलए एजेंट को ग्राहकों की पहिान भनधाभरर्त करने के भलए व्यवसाय लाने के समय दस्र्तावेजों को इकट्ठा
करने की जरूरर्त होर्ती है:

1. व्यभियों के मामले में - पूरा नाम, पर्ता, आईडी और पर्ते के प्रमाण के साथ बीमाधारक का संपकव नंबर,
एनईएफटी प्रयोजनों के भलए पैन नंबर और बैंक का पूरा भववरण प्राप्र्त करें

2. कॉरपोरे ट के मामले में - भनगमन का प्रमाणपत्र, संस्था के अंर्तर्थनयम और संस्था के बभहर्थनयम,


व्यावसाभयक लेनदे न करने के भलए पावर ऑफ अटॉनी, पैन काडव की प्रभर्तभलभप प्राप्र्त करें

129
3. िागीदारी फमों के मामले में - पंजीकरण प्रमाणपत्र (अगर पंजीकृर्त है), पाटव नरभशप डीड, फमव की
ओर से व्यावसाभयक लेनदे न करने के भलए भकसी िागीदार या फमव के भकसी कमविारी को प्रदान की
गयी पावर ऑफ अटॉनी, व्यभि की पहिान का प्रमाण प्राप्र्त करें

4. न्यासों और फाउं डेशनों के मामले में - िागीदारी के मामले के समान

यहां इस बार्त पर ध्यान दे ना महत्वपूणव है भक इस र्तरह की जानकारी उत्पादों की िॉस-सेललग में िी मदद
करर्ती है और माकेलटग का एक सहायक उपकरण है।

सारांश

a) प्रलेिन का पहला िरण प्रस्र्ताव प्रपत्र है भजसके माध्यम से बीमाधारक अपने बारे में और अपनी बीमा संबध
ं ी
आवश्यकर्ता की जानकारी दे र्ता है।

b) र्त्यात्मक जानकारी के प्रकटीकरण का कर्तवव्य पॉभलसी की शुरुआर्त से पहले उत्पन्न होर्ता है और संपूणव
पॉभलसी अवभध के द़ौरान जारी रहर्ता है।

c) बीमा कंपभनयां आम र्त़ौर पर प्रस्र्ताव प्रपत्र के अंर्त में एक घोषणा जोड दे र्ती हैं भजस पर प्रस्र्तावक द्वारा
हस्र्ताक्षर भकया जार्ता है।

d) एक प्रस्र्ताव प्रपत्र के र्तत्वों में आम र्त़ौर पर भनम्पन बार्तें शाभमल होर्ती हैं :

i. प्रस्र्तावक का पूरा नाम

ii. प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण

iii. स्वास््य पॉभलभसयों के मामले में बैंक का भववरण

iv. प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार

v. बीमा की भवषय-वस्र्तु की पहिान और भववरण

vi. बीमा राभश

vii. भपछले और वर्तवमान बीमा

viii. नु कसान का अनु िव

ix. बीमाधारक की घोषणा

e) एक एजेंट जो मध्यस्थ के रूप में कायव करर्ता है , उसे बीभमर्त व्यभि द्वारा बीमा कंपनी को भदए गए जोभिम
के बारे में समस्र्त र्त्यात्मक जानकारी सुभनज्श्िर्त करने की भजम्पमे दारी है।

f) प्रस्र्ताव की छानबीन करने और उसकी स्वीकृभर्त के बारे में भनणवय लेने की प्रभिया को बीमालेिन के रूप में
जाना जार्ता है।

g) स्वास््य पॉभलभसयों में, बीमाधारक को िी एक प्रॉस्पेक्टस प्रदान भकया जार्ता है और उसे प्रस्र्ताव प्रपत्र में
यह घोषणा करनी होर्ती है भक उसने इसे पढ़ और समझ भलया है।

130
h) प्रीभमयम बीमा के एक अनु बध
ं के र्तहर्त बीमा की भवषय-वस्र्तु का बीमा करने के भलए बीमाधारक द्वारा बीमा
कंपनी को िुगर्तान भकया जाने वाला प्रभर्तफल या रकम है।

i) प्रीभमयम का िुगर्तान नकद, भकसी मान्यर्ता प्राप्र्त बैंलकग भवभनमे य उपकरण, पोस्टल मनीऑडव र, िेभडट या
डे भबट काडव , इंटरनेट, ई-ट्ांसफर, डायरे क्ट िेभडट या समय-समय पर प्राभधकरण द्वारा अनु मोभदर्त भकसी
अन्य भवभध द्वारा भकया जा सकर्ता है।

j) बीमा का प्रमाणपत्र उन मामलों में बीमा का प्रमाण दे र्ता है जहां यह आवश्यक हो सकर्ता है।

k) पॉभलसी एक औपिाभरक दस्र्तावेज है जो बीमा के अनु बध


ं का एक प्रमाण दे र्ता है।

l) वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है भजसका अनु बध


ं की वैधर्ता के भलए अक्षरशः पालन भकया
जाना आवश्यक है।

m) अगर पॉभलसी जारी भकए जार्ते समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों में संशोधन करने की जरूरर्त होर्ती है र्तो
यह कायव पृष्ठांकन नामक एक दस्र्तावेज़ के माध्यम से संशोधन/बदलाव भनधाभरर्त करके पूरा भकया जार्ता
है।

n) रिना का सबसे महत्वपूणव भनयम यह है भक पार्थटयों का इरादा प्रबल होना िाभहए और इस इरादे को
पॉभलसी में अपने आप दे िा जाएगा।

o) मनी लॉल्न्िग का मर्तलब है आपराभधक साधनों के माध्यम से प्राप्र्त धन को वैध धन के रूप में पभरवर्थर्तर्त
करना और इससे लडने के भनयम दु भनया िर में और िारर्त में िी बनाए गए हैं ।

p) एक एजेंट के पास अपने ग्राहक को जानने के भदशाभनदे शों का पालन करने और इन भदशाभनदे शों के
अनु सार आवश्यक दस्र्तावजों को प्राप्र्त करने की भजम्पमे दारी होर्ती है।

महत्वपूणव शब्द

a) पॉभलसी फॉमव

b) प्रीभमयम का अभग्रम िुगर्तान

c) कवर नोट

d) बीमा का प्रमाणपत्र

e) नवीनीकरण नोभटस

f) वारंटी

g) शर्तव

h) पृष्ठांकन

i) मनी लॉल्न्िग

j) अपने ग्राहक को जानो

131
अध्याय 8

स्वास््य बीमा उत्पाद

अध्याय पभरिय

यह अध्याय आपको िारर्त में बीमा कंपभनयों द्वारा प्रस्र्ताभवर्त भवभिन्न स्वास््य बीमा उत्पादों के बारे में समग्र
जानकारी प्रदान करे गा। भसफव एक उत्पाद - मे भडक्लेम से लेकर भवभिन्न प्रकार के सैकडों उत्पादों र्तक, ग्राहक
के पास उपयुि कवर का ियन करने के भलए एक भवस्र्तृर्त श्रृंिला उपलब्ध है। यह अध्याय व्यभि, पभरवार
और समूह को कवर करने वाले भवभिन्न स्वास््य उत्पादों की भवशे षर्ताओं का वणवन करर्ता है।

अध्ययन के पभरणाम

A. स्वास््य बीमा उत्पादों का वगीकरण


B. स्वास््य बीमा में मानकीकरण पर आईआरडीए के भदशाभनदे श
C. अस्पर्ताल में िर्ती होने संबध
ं ी क्षभर्तपूर्थर्त उत्पाद
D. टॉप-अप कवर या उछि कट़ौर्ती योग्य बीमा योजनाएं
E. वभरष्ठ नागभरक पॉभलसी
F. भनज्श्िर्त लाि कवर - अस्पर्ताल में नकदी, गंिीर बीमारी
G. दीघकाभलक दे ििाल उत्पाद
H. कॉम्पबी-उत्पाद
I. पैकेज पॉभलभसयां
J. गरीब र्तबके के भलए माइिो बीमा और स्वास््य बीमा
K. राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना
L. प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना
M. प्रधान मंत्री जन धन योजना
N. व्यभिगर्त दु घवटना और भवकलांगर्ता कवर
O. भवदे श यात्रा बीमा
P. समूह स्वास््य कवर
Q. भवशेष उत्पाद
R. स्वास््य पॉभलभसयों में प्रमुि शर्ते

132
इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

a) स्वास््य बीमा की भवभिन्न श्रेभणयों के बारे में बर्ताना


b) स्वास््य बीमा में मानकीकरण पर आईएआरडीएआई के भदशाभनदे शों का वणवन करना
c) आज िारर्तीय बाजार में उपलब्ध स्वास््य उत्पादों के भवभिन्न प्रकारों पर ििा करना
d) व्यभिगर्त दु घवटना बीमा का वणवन करना
e) भवदे श यात्रा बीमा पर ििा करना
f) स्वास््य पॉभलभसयों के महत्वपूणव शब्दों और क्लॉजों को समझना

133
A. स्वास््य बीमा उत्पादों का वगीकरण

1. स्वास््य बीमा उत्पादों का पभरिय

आईआरडीए के स्वास््य बीमा भवभनयम स्वास््य कवर को इस प्रकार पभरिाभषर्त करर्ते हैं -

पभरिाषा

"स्वास््य बीमा व्यवसाय" या "स्वास््य कवर" का मर्तलब है ऐसे बीमा अनुबंधों को प्रिावी करना जो भनज्श्िर्त
लाि और दीघवकाभलक दे ििाल, यात्रा बीमा और व्यभिगर्त दु घवटना कवर सभहर्त बीमारी के लािों या
भिभकत्सा, शलय भिभकत्सा या अस्पर्ताल के ििों के लािों का प्रावधान करर्ते हैं ।

िारर्तीय बाजार में उपलब्ध स्वास््य बीमा उत्पाद अभधकांशर्तः अस्पर्ताल में िर्ती होने के उत्पादों की प्रकृभर्त वाले
होर्ते हैं ।ये उत्पाद अस्पर्ताल में िर्ती होने के द़ौरान व्यभि द्वारा भकए गए ििों को कवर करर्ते हैं ।भफर, इस
प्रकार के ििे बहु र्त अभधक होर्ते हैं और स्वास््य सेवा की बढ़र्ती लागर्त, शलय भिभकत्सा प्रभियाओं, बाजार में
आने वाली नई और अभधक महं गी र्तकनीक और दवाओं की नई पीढ़ी की कीमर्तों में वृभद् के कारण अभधकर्तर
आम आदमी की पहु ंि से बाहर होर्ते हैं। वास्र्तव में, यह एक व्यभि के भलए बहु र्त मुज्श्कल होर्ता जा रहा है िले ही
वह भकसी िी स्वास््य बीमा के भबना इस र्तरह के अत्यभधक ििों को वहन करने के भलए आर्थथक रूप से
मजबूर्त है।

इस प्रकार, स्वास््य बीमा मुख्य रूप से दो कारणों के भलए महत्वपूणव है:

 भकसी िी बीमारी के मामले में भिभकत्सा सुभवधाओं की कीमर्त िुकाने के भलए भविीय सहायर्ता प्रदान
करना।

 व्यभि की बिर्त को संरभक्षर्त करना जो अन्यथा बीमारी की वजह से समाप्र्त हो सकर्ती है ।

अस्पर्ताल में िर्ती होने की लागर्त लागर्त को कवर करने वाला पहला िु दरा स्वास््य बीमा उत्पाद - मे भडक्लेम -
1986 में 4 साववजभनक क्षेत्र की बीमा कंपभनयों द्वारा पेश भकया गया था। इसके अलावा इन कंपभनयों द्वारा कुछ
अन्य कवर िी पेश भकए गए जैसे िभवष्य आरोग्य पॉभलसी जो एक कम उम्र में प्रस्र्तावकों को सेवाभनवृभि के बाद
के अपने भिभकत्सा ििों के भलए कवर करर्ती है , ओवरसीज मे भडक्लेम पॉभलसी जो यात्रा बीमा उपलब्ध करार्ती
है और गरीब लोगों के भलए जन आरोग्य बीमा पॉभलसी।

बाद में बीमा क्षेत्र को भनजी क्षेत्र के भिलाभडयों के भलए िोल भदया गया भजसके कारण स्वास््य बीमा बाजार
सभहर्त कई अन्य कंपभनयों का इस क्षेत्र में प्रवेश संिव हु आ। इसके साथ-साथ इस व्यवसाय का काफी प्रसार
हु आ, इन कवरों में कई प्रकार की भिन्नर्ताएं आयीं और कुछ नए कवर िी बाजार में आए।

आज, स्वास््य बीमा िंड काफी हद र्तक भवकभसर्त हो गया है जहां स्वास््य बीमा कंपभनयों और जीवन बीमा
कंपभनयों के साथ-साथ लगिग सिी साधारण बीमा कंपभनयों द्वारा सैकडों उत्पाद उपलब्ध कराए जार्ते हैं ।

134
हालांभक, मे भडक्लेम पॉभलसी की बुभनयादी लाि संरिना यानी अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों के भवरुद् कवर
अिी िी बीमा का सबसे लोकभप्रय रूप बना हु आ है।

बीमा भवभनयापक और भवकास प्रभधकार (स्वस्थ बीमा) भवभनयम 2013 के अनु मान

1. जीवन बीमा कंपभनयां दीघव काभलक स्वास्थ उत्पाद ला सकर्ती है लेभकन ऐसे उत्पादों के भलए प्रीभमयम,
कम से कम र्तीन वषों के प्रत्येक बलॉक के भलए अपभरवर्थर्तर्त रहे गा, र्तथा उसके पश्िार्त ही
आवश्यकर्ता नुसार प्रीभमयम की पुनदशवन या उसे संिोभधर्त भकया जा सकर्ता है।

2. गैर जीवन और स्टैं ड एलोन स्वास्थ बीमा कंपभनयां एक वषव को न्यूनर्तम अवभध और आभधकरण र्तीन
वषों के भलए व्यभिगर्त स्वास्थ उत्पाद ला सकर्ता हैं, बशर्तें, र्तीन वषों र्तक प्रीभमयम में कोई बदलाव
नही कीया जाए।

2. स्वास््य पॉभलभसयों की भवशेषर्ताएं

स्वास््य बीमा का संबंध मूलर्तः बीमारी से और इस प्रकार बीमारी की वजह से होने वाले ििों से है। किी-किी
व्यभि को होने वाली बीमारी दीघवकाभलक या लंबे समय र्तक िलने वाली या रोजमरा की आजीभवका संबध
ं ी
गभर्तभवभधयों पर प्रिाव के संदिव में गंिीर हो सकर्ती है। ििव आकज्स्मक िोटों के कारण या दु घवटना के कारण
उत्पन्न होने वाली भवकलांगर्ता के कारण िी हो सकर्ते हैं ।

अलग-अलग जीवनशैली, िुगर्तान क्षमर्ता और स्वास््य ज्स्थभर्त वाले भवभिन्न ग्राहकों की अलग-अलग
आवश्यकर्ताएं होंगी भजन पर प्रत्येक ग्राहक वगव के भलए प्रस्र्ताभवर्त उपयुि उत्पाद भडजाइन करर्ते समय भविार
भकया जाना आवश्यक है। इसके अलावा स्वास््य बीमा िरीदर्ते समय ग्राहक व्यापक कवर की िी मांग करर्ते हैं
जो उनकी सारी जरूरर्तों को पूरा करे गा। साथ ही, अभधक से अभधक स्वीकायवर्ता और अभधक भबिी का लक्ष्य
हाभसल करने के भलए स्वास््य बीमा उत्पादों को भकफायर्ती रिने की जरूरर्त होर्ती है , ये ग्राहकों को और भबिी
टीम को िी आसानी में समझ में आने लायक होने िाभहए र्ताभक वे इसे आसानी से बेि सकें।

ये स्वास््य बीमा उत्पादों की कुछ वांभछर्त सुभवधाएं हैं जो बीमा कंपभनयां ग्राहक के भलए अलग-अलग रूपों में
प्राप्र्त करने की कोभशश करर्ती हैं ।

3. स्वास््य बीमा उत्पादों का व्यापक वगीकरण

उत्पाद की भडजाइन िाहे जो िी हो, स्वास््य बीमा उत्पादों को मोटे र्त़ौर पर 3 श्रेभणयों में वगीकृर्त भकया जा
सकर्ता है:

a) क्षभर्तपूर्थर्त कवर

ये उत्पाद एक बडा स्वास््य बीमा बाजार बनार्ते हैं और अस्पर्ताल में िर्ती होने की वजह से भकए गए
वास्र्तभवक भिभकत्सा ििों के भलए िुगर्तान करर्ते हैं ।

135
b) भनज्श्िर्त लाि कवर

इसे 'हॉज्स्पटल कैश' िी कहा जार्ता है, ये उत्पाद अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध के भलए प्रभर्त भदन एक
भनज्श्िर्त राभश का िुगर्तान करर्ते हैं । कुछ उत्पादों में एक भनज्श्िर्त ग्रेड की सजवरी का लाि िी भनभहर्त होर्ता
है।

c) गंिीर बीमारी कवर

यह भदल का द़ौरा, स्ट्ोक, कैंसर जैसी एक पूव-व भनधाभरर्त गंिीर बीमारी होने पर िुगर्तान के भलए एक
भनज्श्िर्त लाि योजना है।

दु भनया िर में स्वास््य और भवकलांगर्ता बीमा दु भनया एक साथ िलर्ते हैं लेभकन िारर्त में , व्यभिगर्त दु घवटना
कवर को पारंपभरक रूप से स्वास््य बीमा से अलग करके बेिा गया है।

इसके अलावा स्वास््य बीमा में आम र्त़ौर पर िारर्त से बाहर होने वाले ििों को शाभमल नहीं भकया जार्ता है। इस
प्रयोजन के भलए एक अन्य उत्पाद - भवदे शी स्वास््य बीमा या यात्रा बीमा - िरीदने की जरूरर्त होर्ती है। केवल
हाल के भदनों में, भनजी बीमा कंपभनयों के कुछ उछि स्र्तरीय स्वास््य बीमा उत्पादों में कुछ भनयमों और शर्तों के
अधीन, भनयभमर्त स्वास््य बीमा कवर के िाग के रूप में भवदे शी बीमा कवर को शाभमल भकया गया है।

1. ग्राहक वगव पर आधाभरर्त वगीकरण

उत्पादों को लक्ष्य ग्राहक सेगमेंट को ध्यान में रिर्ते हु ए िी भडजाइन भकया गया है। प्रत्येक िंड के भलए लाि
संरिना, मूलय भनधारण, बीमालेिन और माकेलटग काफी अलग र्तरीके से होर्ती है। ग्राहक सेगमेंट के आधार
पर वगीकृर्त उत्पाद इस प्रकार हैं :

a) िु दरा ग्राहकों और उनके पभरवार के सदस्यों के भलए प्रस्र्ताभवर्त व्यभिगर्त कवर

b) कॉपोरे ट ग्राहकों के भलए उपलब्ध समूह कवर भजसमें कमविाभरयों और समूहों र्तथा उनके सदस्यों को कवर
भकया जार्ता है

c) सरकारी योजनाओं के भलए व्यापक पॉभलभसयां जैसे आरएसबीवाय जो जनसंख्या के बहु र्त गरीब वगों को
कवर करर्ती हैं ।

136
B. स्वास््य बीमा में मानकीकरण पर आईआरडीए के भदशाभनदे श

कई प्रकार के अलग-अलग उत्पादों को उपलब्ध कराने वाली बीमा कंपभनयों और भवभिन्न शर्तों एवं अपवजवनों
की भवभिन्न पभरिाषाओं के कारण बाजार में भ्रम की ज्स्थभर्त उत्पन्न हो गयी थी। ग्राहकों के भलए उत्पादों की
र्तुलना करना और र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों के भलए अलग-अलग कंपभनयों के उत्पादों के भवरुद् दावों का
िुगर्तान करना मुज्श्कल हो गया था। इसके अलावा, गंिीर बीमारी पॉभलभसयों में इस बार्त की कोई स्पष्ट समझ
नहीं थी भक एक गंिीर बीमारी क्या है और क्या नहीं है। स्वास््य बीमा उद्योग के भलए इलेक्ट्ॉभनक डे टा का
रिरिाव िी मुज्श्कल होर्ता जा रहा था।

बीमा कंपभनयों, सेवा प्रदार्ताओं, टीपीए और अस्पर्तालों के बीि भ्रम की ज्स्थभर्त और बीमा करने वाली जनर्ता की
भशकायर्तों को दू र करने के भलए आईआरडीए, सेवा प्रदार्ता, अस्पर्ताल, वाभणयय एवं उद्योग पभरसंघ की
स्वास््य सलाहकार सभमभर्त जैसे भवभिन्न संगठन स्वास््य बीमा में कुछ प्रकार का मानकीकरण लाने के भलए
एक साथ आए हैं । एक आम समझ के आधार पर 2013 में आईआरडीए ने स्वास््य बीमा में मानकीकरण संबंधी
भदशाभनदे श जारी भकए हैं ।

ये भदशाभनदे श अब इनके मानकीकरण का प्रावधान करर्ते हैं :

1. बीमा में सामान्यर्तः इस्र्ते माल होने वाले शब्दों की पभरिाषाएं

2. गंिीर बीमाभरयों की पभरिाषाएं

3. अस्पर्ताल में िर्ती होने की क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों में ििों के अपवर्थजर्त मदों की सूिी

4. दावा प्रपत्र और पूव-


व प्राभधकार संबध
ं ी प्रपत्र

5. भबललग के प्रारूप

6. अस्पर्ताल से छु ट्टी का सारांश

7. टीपीए, बीमा कंपभनयों और अस्पर्तालों के बीि मानक अनु बंध

8. नई पॉभलभसयों के भलए आईआरडीएआई प्राप्र्त करने के भलए मानक फ़ाइल और उपयोग प्रारूप

यह स्वास््य बीमा प्रदार्ताओं और बीमा उद्योग की सेवा की गुणविा में सुधार के भलए एक बडा कदम साभबर्त
हु आ है। साथ ही इससे स्वास््य और स्वास््य बीमा के साथवक डे टा के संग्रहण में िी मदद भमलेगी।

C. अस्पर्ताल में िर्ती होने संबध


ं ी क्षभर्तपूर्थर्त उत्पाद

एक क्षभर्तपूर्थर्त आधाभरर्त स्वास््य बीमा पॉभलसी िारर्त में सबसे आम और सबसे अभधक बेिा जाने वाला स्वास््य
बीमा उत्पाद है। पीएसयू बीमा कंपभनयों द्वारा अस्सी के दशक में शुरू की की गयी मे भडक्लेम पॉभलसी सबसे
पहला मानक स्वास््य बीमा उत्पाद था और एक लंबे समय र्तक बाजार में उपलब्ध एकमात्र उत्पाद रहा
था।हालांभक कुछ पभरवर्तवनों के साथ इस उत्पाद को अलग-अलग ब्ांड नाम के र्तहर्त भवभिन्न बीमा कंपभनयों
द्वारा बेिा गया है, भफर िी मे भडक्लेम दे श में सबसे ययादा भबकने वाला स्वास््य बीमा उत्पाद बना हु आ है।

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अस्पर्ताल में िर्ती होने संबध
ं ी क्षभर्तपूर्थर्त उत्पाद उन ििों से व्यभि की रक्षा करर्ते हैं जो अस्पर्ताल में िर्ती होने
की ज्स्थभर्त में करने की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है। अभधकांश मामलों में, ये अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और
बाद के भदनों की एक भवभशष्ट संख्या को िी कवर करर्ते हैं लेभकन अस्पर्ताल में िर्ती नहीं होने पर भकए गए
भकसी िी ििव को शाभमल नहीं करर्ते हैं ।

इस र्तरह का कवर 'क्षभर्तपूर्थर्त' आधार पर प्रदान भकया जार्ता है यानी अस्पर्ताल में िर्ती होने के द़ौरान भकए गए
ििों या ििव की गयी राभश को आंभशक या पूणव रूप से क्षभर्तपूभरर्त भकया जार्ता है।यह 'लाि' आधार पर उपलब्ध
बीमा कवरे ज के भवपरीर्त हो सकर्ता है जहां एक भनज्श्िर्त घटना (जैसे अस्पर्ताल में िर्ती होना, गंिीर बीमारी का
उपिार या िर्ती होने का प्रत्येक भदन) घभटर्त होने पर िुगर्तान की जाने वाली राभश बीमा पॉभलसी में वर्थणर्त के
अनु रूप होर्ती है और वास्र्तव में ििव की गयी राभश से संबंभधर्त नहीं होर्ती है।

उदाहरण

रघु का एक छोटा सा पभरवार है भजसमें उसकी पत्नी और एक 14 साल का बेटा शाभमल है। उसने एक स्वास््य
बीमा कंपनी से अपने पभरवार के प्रत्येक सदस्य को कवर करने वाली एक मे भडक्लेम पॉभलसी ली है भजसमें 1
लाि रुपए प्रत्येक का व्यभिगर्त कवर उपलब्ध है। अस्पर्ताल में िर्ती होने के मामले में उनमें से प्रत्येक को 1
लाि रुपए र्तक के भिभकत्सा ििों की प्रभर्तपूर्थर्त हो सकर्ती है।

रघु को भदल का द़ौरा पडने के कारण और आवश्यक सजवरी के भलए अस्पर्ताल में िर्ती भकया गया था। इसमें
1.25 लाि रुपए का भिभकत्सा भबल बनाया गया। बीमा कंपनी ने योजना कवरे ज के अनु सार 1 लाि रुपये का
िुगर्तान भकया और रघु को 25,000 रुपए की शेष राभश का िुगर्तान अपनी जेब से करना पडा।

क्षभर्तपूर्थर्त आधाभरर्त मे भडक्लेम पॉभलसी की मुख्य भवशेषर्ताओं का भववरण नीिे भदया गया है , हालांभक कवर की
सीमा, अभर्तभरि अपवजवन या लाि या कुछ ऐड-ऑन प्रत्येक बीमा कंपनी द्वारा बेिे जाने वाले उत्पादों के भलए
लागू हो सकर्ते हैं । छात्रों को यह सलाह दी जार्ती है भक नीिे उत्पाद के बारे में केवल एक व्यापक भविार भदया
गया है और उसे एक भवशेष बीमा कंपनी के उत्पाद से अपने आपको अवगर्त करा लेना िाभहए भजसके बारे में
वह अभधक जानकारी प्राप्र्त करना िाहर्ता है। इसके अलावा उसे इस्र्ते माल भकए जाने वाले कुछ भिभकत्सा
संबंधी शब्दों के बारे में िी जान लेना आवश्यक है।

1. अंर्तरंग रोगी अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििे

एक क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी बीमाधारक को बीमारी/दु घवटना के कारण अस्पर्ताल में िर्ती होने संबंधी ििों की लागर्त
का िुगर्तान करर्ती है।

सिी ििे दे य नहीं हो सकर्ते हैं और अभधकांश उत्पाद कवर भकए गए ििों को पभरिाभषर्त करर्ते हैं भजनमें
सामान्यर्तः भनम्पन ििे शाभमल होर्ते हैं :

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i. अस्पर्ताल/नभसिंग होम द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कमरे , बोभडिं ग और नभसिंग के ििे। इनमें नभसिंग
सेवा, आरएमओ शुलक, आईवी फ्लूड/रि आधान/इंजेक्शन/ प्रशासभनक शुलक और इसी र्तरह के
ििे शाभमल होर्ते हैं ।

ii. इंटेंभसव केयर यूभनट (आईसीयू) के ििे

iii. सजवन, एनेस्थेभटस्ट, भिभकत्सक, सलाहकार, भवशेषज्ञों की फीस

iv. एनेस्थेभटक, रि, ऑक्सीजन, ऑपरे शन भथयेटर शुलक, सर्थजकल उपकरण

v. दवाएं और िग्स

vi. डायभलभसस, कीमोथेरेपी, रे भडयोथेरेपी

vii. शलय भिभकत्सा की प्रभिया के द़ौरान प्रत्यारोभपर्त करने वाले कृभत्रम उपकरणों की लागर्त जैसे
पेसमे कर, ऑथोपेभडक प्रत्यारोपण, इंफ्रा कार्थडयक वालव प्रभर्तस्थापन, वस्कुलर स्टें ट

viii. उपिार से संबभं धर्त प्रासंभगक प्रयोगशाला/नैदाभनक परीक्षण और भिभकत्सा संबंधी अन्य ििे

ix. अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििे (अंग की लागर्त को छोडकर) जो बीमाधारक व्यभि को अंग प्रत्यारोपण
के संबंध में दार्ता पर भकए गए गए हैं

एक भनयभमर्त अस्पर्ताल में िर्ती होने की क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी ििों को केवल र्तिी कवर करर्ती है जब अस्पर्ताल में
रहने की अवभध 24 घंटे या उससे अभधक है। हालांभक भिभकत्सा प्ऱौद्योभगभकयों के क्षेत्र में प्रगभर्त के कारण कई
प्रकार की सजवरी की उपिार प्रभियाओं के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने की आवश्यकर्ता नहीं है। अब दै भनक
दे ििाल की प्रभियाओं की र्तरह ये प्रभियाएं भवशेष दै भनक दे ििाल केंद्रों या अस्पर्तालों में , िाहे जैसा िी
मामला हो, पूरी की जा सकर्ती हैं । नेत्र शलय भिभकत्सा, कीमोथेरपी; डायभलभसस आभद जैसे उपिारों को
डे केयर सजवरी के अंर्तगवर्त वगीकृर्त भकया जा सकर्ता है और यह सूिी लगार्तार बढ़ रही है। इन्हें िी पॉभलसी के
र्तहर्त कवर भकया जार्ता है।

बभहरंग रोगी (आउट पेशेंट) के ििों का कवरे ज िारर्त में अिी िी सीभमर्त है जहां इस र्तरह के बहु र्त कम
उत्पाद ओपीडी कवर प्रदान करर्ते हैं । हालांभक कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो उपिार को आउटपेशेंट के रूप में और
डॉक्टर से संपकव, भनयभमर्त भिभकत्सा परीक्षण, दं र्त भिभकत्सा और फामेसी की लागर्त से जु डे संबभं धर्त स्वास््य
दे ििाल के ििों को कवर करर्ती हैं ।

2. अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और बाद के ििे

i. अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले के ििे

अस्पर्ताल में िर्ती होना आपार्तकालीन या सुभनयोभजर्त हो सकर्ता है। अगर कोई मरीज एक सुभनयोभजर्त
सजवरी के भलए जार्ता है र्तो अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले उसके द्वारा ििव भकए गए होंगे।

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पभरिाषा

आईआरडीए स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे शों में अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले के ििों को इस प्रकार
पभरिाभषर्त भकया गया है:

बीभमर्त व्यभि को अस्पर्ताल में िर्ती करने से ठीक पहले भकए गए भिभकत्सा ििे , बशर्ते भक:

a) इस र्तरह के भिभकत्सा व्यय उसी समस्या के भलए ििव भकए जार्ते हैं भजसके भलए बीभमर्त व्यभि को
अस्पर्ताल में िर्ती करना आवश्यक था, और

b) इस र्तरह अस्पर्ताल में िर्ती होने के भलए अंर्तरंग रोगी अस्पर्ताल में िर्ती होने के दावे बीमा कंपनी द्वारा
स्वीकायव होर्ते हैं ।

अस्पर्ताल में िर्ती होने से पूवव के ििे परीक्षण, दवाओं, डॉक्टर की फीस आभद के रूप में हो सकर्ते हैं । अस्पर्ताल
में िर्ती होने के भलए प्रासंभगक और संबंभधर्त इस र्तरह के ििों को स्वास््य पॉभलभसयों के अंर्तगवर्त कवर भकया
गया है।

ii. अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद के ििे

अस्पर्ताल में रहने के बाद, अभधकर्तर मामलों में भरकवरी और फॉलो-अप से संबंभधर्त ििे होंगे।

पभरिाषा

बीभमर्त व्यभि को अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने के र्तुरंर्त बाद ििव भकए गए भिभकत्सा व्यय, बशर्ते भक:

a) इस र्तरह के भिभकत्सा व्यय उसी समस्या के भलए ििव भकए गए हैं भजसके भलए बीभमर्त व्यभि को अस्पर्ताल
में िर्ती करना आवश्यक था, और

b) इस र्तरह अस्पर्ताल में िर्ती होने के भलए अंर्तरंग रोगी अस्पर्ताल में िर्ती होने के दावे बीमा कंपनी द्वारा
स्वीकायव हैं ।

अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद के ििे अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद के भदनों की भनधाभरर्त संख्या र्तक की
अवभध के द़ौरान ििव भकए गए प्रासंभगक भिभकत्सा व्यय होंगे और इन पर दावे के िाग के रूप में भविार भकया
जाएगा।

अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद के ििे अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने के बाद की दवाओं, िग्स, डॉक्टरों द्वारा
समीक्षा आभद के रूप में हो सकर्ते हैं । इस र्तरह के ििे अस्पर्ताल में भकए गए उपिार से संबंभधर्त होने िाभहए
और स्वास््य पॉभलभसयों के अंर्तगवर्त कवर भकए गए होने िाभहए।

हालांभक अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और बाद के ििों के भलए कवर की अवभध अलग-अलग बीमा कंपनी
के भलए अलग-अलग होगी और यह पॉभलसी में पभरिाभषर्त होर्ती है, सबसे आम कवर अस्पर्ताल में िर्ती होने से
र्तीस भदन पहले और साठ भदन बाद के भलए है।

140
अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और बाद के ििे समग्र बीमा राभश का भहस्सा बनर्ते हैं भजसके भलए पॉभलसी के
अंर्तगवर्त कवर प्रदान भकया गया है।

a) आवासीय अस्पर्ताल में िर्ती होना

हालांभक इस लाि का आम र्त़ौर पर पॉभलसीधारकों द्वारा उपयोग नहीं भकया जार्ता है , एक व्यभिगर्त
स्वास््य पॉभलसी में अस्पर्ताल में िर्ती हु ए भबना घर पर भिभकत्सा उपिार कराने में होने वाले ििों का ध्यान
रिने का िी एक प्रावधान होर्ता है। हालांभक, शर्तव यह है भक बीमारी के भलए भकसी अस्पर्ताल में उपिार
कराना आवश्यक होने के बावजूद, मरीज की ज्स्थभर्त ऐसी है भक उसे भकसी अस्पर्ताल में नहीं ले जाया जा
सकर्ता है या अस्पर्तालों में आवासीय सुभवधा की कमी है।

इस कवर में आम र्त़ौर पर र्तीन से पांि भदनों का एक अभर्तभरि क्लॉज शाभमल होर्ता है भजसका मर्तलब है
भक पहले र्तीन से पांि भदनों के भलए उपिार की लागर्तों को बीभमर्त व्यभि द्वारा वहन भकया जाएगा। इसके
अलावा इस कवर में अस्थमा, ब्ोंकाइभटस, िोभनक नेफ्रैभटस और नेफ्रैभटक लसिोम, डायभरया और
आंत्रशोथ सभहर्त सिी प्रकार की पेभिस, मधुमेह, भमगी, उछि रििाप, इन्फ्लुएंजा, िांसी, सदी, बुिार
जैसी कुछ दीघवकाभलक या आम बीमाभरयों के भलए आवासीय उपिार को शाभमल नहीं भकया गया है।

b) सामान्य अपवजवन

अस्पर्ताल में िर्ती होने संबध


ं ी क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों के र्तहर्त कुछ सामान्य अपवजवन नीिे भदए गए हैं । ये आई
आर डी ए आई भवशेषर्तः अनुबंध IV में जारी स्वास्थ बीमा के मानकीकरण के सम्पबंध में भदए गए भवस्र्तृर्त
मागव भनदे शों में सुझाए गए अपवजवनों पर आधाभरर्त है , छात्र से यह अपेक्षा की जार्ती है भक वे आई आर डी ए
आई के वेबसाईट पर उपलब्ध मागव भनदे श को जरुर पढें ।

यह जरुर नोट भकया जाना िाभहए भक अनु मोभदर्त प्रास्र्त और उपयोग शर्तों के अनु सार यभद भकसी
अपवजवन की छूट दी जार्ती है या अभर्तभरि अपवजवन लगाया जार्ता है र्तो उसकी जानकारी अलग से ग्राहक
सूिना पत्र या पॉभलसी में दी जानी िाभहए।

1. पहले से म़ौजूद बीमाभरयां

इसे लगिग हमे शा व्यभिगर्त स्वास््य योजनाओं के र्तहर्त बाहर रिा जार्ता है क्योंभक अन्यथा इसका
मर्तलब एक भनज्श्िर्तर्ता को कवर करना होगा और यह बीमा कंपनी के भलए एक उछि जोभिम बन जार्ता
है। स्वास््य पॉभलसी लेने के समय आवश्यक महत्वपूणव िु लासों में से एक कवर भकए गए प्रत्येक बीभमर्त
व्यभि की बीमाभरयों/िोटों के भपछले इभर्तहास से संबंभधर्त है। यह बीमा के प्रस्र्ताव को स्वीकार करने का
भनणवय लेने के भलए बीमा कंपनी को सक्षम बनाएगा।

141
पभरिाषा

मानकीकरण पर आईआरडीए के भदशाभनदे श पहले से म़ौजूद बीमाभरयों को इस प्रकार पभरिाभषर्त करर्ते हैं -

"कोई िी समस्या, बीमारी या िोट या संबभं धर्त समस्या(एं) भजसके संकेर्त या लक्षण आप में दे िे गए थे और/या
भजनका पर्ता िला था, और/या बीमा कंपनी द्वारा पहली पॉभलसी जारी भकए जाने से पहले 48 महीनों के िीर्तर
भिभकत्सा सलाह/उपिार प्राप्र्त भकया गया था।"

अपवजवन इस प्रकार है: पॉभलसी में पभरिाभषर्त के अनु सार, कंपनी के साथ बीमाधारक की पहली पॉभलसी शुरू
होने के समय से, ऐसे बीभमर्त व्यभि की लगार्तार कवरे ज के 48 महीने बीर्त जाने र्तक, कोई िी पहले से म़ौजूद
समस्या(एं)।

1. वजन भनयंत्रण कायविम /आपूर्थर्त/सेवा


2. िश्मे / कान्टे क्ट लेंस / श्रवण यंत्र की लागर्त
3. दं र्तभिभकत्सा पर ििव जहां अस्पर्ताल में िर्ती होने की जरुरर्त नही होर्ती
4. हामोन प्रभर्तस्थापन
5. होम भवभजट शुलक
6. बांझपन/अपूणव प्रजनन व्यवस्था/ सहायक गिाधारण प्रभिया
7. मोटापा ( रोग ग्रास्र्त मोटापा सभहर्त) का इलाज
8. मनोभवकृभर्त और मनःकाभयक ऊग्रर्ता
9. अपवर्तवक र्तुभट के सुधार(के भलए शलयभिया)
10. य़ौन रोगों का इलाज
11. डोनर की जांि पर भकया गया ििव
12. प्रवेश/ पंजीकरण शुलक
13. मूलयामकन/ जांि के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होना
14. जांि / बीमारी से इर्तर इलाज भजनके भलए यह भकया गया है पर हु आ ििव
15. रोगी रे ट्ो वायरस और एिआईवी/एड्स से ग्रभसर्त पाया जार्ता है। उसका प्रत्यक्षर्तः या अप्रत्यक्षर्तः भकया
गया ििव
16. स्टे म सेल प्रत्योरोपण/शलय भिया और स्टोरे ज
17. युद् और परमाणु संबध
ं ी कारण
18. पंजीकरण शुलक, प्रवेश शुलक, टे लीफोन, टे लीभवजन शुलक, प्रसाधन आभद जैसे सिी गैर-भिभकत्सा
आइटम
19. अभधकांश पॉभलभसयों में कोई िी दावा करने के भलए पॉभलसी प्रारंि होने के समय से 30 भदनों की एक
प्रर्तीक्षा अवभध लागू होर्ती है। हालांभक यह एक दु घट
व ना के कारण अस्पर्ताल में िर्ती होने के भलए लागू नहीं
होगा।

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उदाहरण

मीरा ने अस्पर्ताल में िर्ती होने की ज्स्थभर्त में ििों के कवरे ज के भलए एक स्वास््य बीमा पॉभलसी ली थी।
पॉभलसी में 30 भदनों की प्रारंभिक प्रर्तीक्षा अवभध का एक क्लॉज शाभमल था।

दु िाग्य से, उसके पॉभलसी लेने के 20 भदनों के बाद मीरा मलेभरया से पीभडर्त हो गयी और उसे 5 भदनों के भलए
अस्पर्ताल में िर्ती भकया गया। उसे अस्पर्ताल का िारी-िरकम भबल िुकाना पडा।

जब उसने बीमा कंपनी से प्रभर्तपूर्थर्त के भलए पूछा र्तो उन्होंने दावे का िुगर्तान करने से इनकार कर भदया क्योंभक
अस्पर्ताल में िर्ती होने की घटना पॉभलसी लेने से 30 भदन की प्रर्तीक्षा अवभध के िीर्तर घभटर्त हु ई है।

i. प्रर्तीक्षा अवभध: यह ऐसी बीमाभरयों के भलए लागू होर्ती है भजनके भलए आम र्त़ौर पर इलाज में भवलंब
भकया जा सकर्ता है और योजना बनायी जा सकर्ती है।उत्पाद के आधार पर भनम्पनभलभिर्त बीमाभरयों के
भलए एक/दो/िार वषों की प्रर्तीक्षा अवभध लागू होर्ती है - मोभर्तयालबद, मामूली प्रोस्टे भटक हाइपरट्ोफी,
मे नोरे भजया या फाइब्ोमायोमा के भलए भहस्टे रेक्टोमी, हर्थनया, हाइिोसील, जन्मजार्त आंर्तभरक रोग,
गुदा में भफस्यूला, बवासीर, साइनसाइभटस और संबभं धर्त भवकार, भपिाशय की पथरी भनकालना,
गभठया और आमवार्त, पथरी रोग, गभठया और आमवार्त, उम्र से संबंभधर्त पुराने ऑज्स्टयोआथवराइभटस,
ऑज्स्टयोपोरोभसस।

c) कवरे ज के उपलब्ध भवकलप

i. व्यभिगर्त कवरे ज

एक व्यभिगर्त बीमाधारक पभर्त/पत्नी, आभश्रर्त बछिे, आभश्रर्त मार्ता-भपर्ता, आभश्रर्त सास-ससुर, आभश्रर्त
िाई-बहनों आभद जैसे पभरवार के सदस्यों के साथ-साथ अपने आपको कवर कर सकर्ता है। कुछ बीमा
कंपभनयों के पास कवर भकए जाने वाले आभश्रर्तों पर कोई प्रभर्तबंध नहीं होर्ता है। इस र्तरह के प्रत्येक आभश्रर्त
बीमाधारक को प्रत्येक बीभमर्त व्यभि के भलए ियभनर्त अलग बीमा राभश के साथ एक एकल पॉभलसी के
र्तहर्त कवर करना संिव है। इस र्तरह के कवर में, पॉभलसी के र्तहर्त बीभमर्त प्रत्येक व्यभि पॉभलसी की िालू
अवभध के द़ौरान अपनी बीमा राभश की अभधकर्तम राभश र्तक का दावा कर सकर्ता है। प्रत्येक अलग बीभमर्त
व्यभि के भलए प्रीभमयम उसकी उम्र और िुनी गयी बीमा राभश और भकसी अन्य दर भनधारण कारक के
अनु सार भलया जाएगा।

ii. फैभमली फ्लोटर

एक फैभमली फ्लोटर पॉभलसी के रूप में ज्ञार्त भिन्न रूप में पभर्त/पत्नी, आभश्रर्त बछिों और आभश्रर्त मार्ता-
भपर्ता वाले पभरवार को एक एकल बीमा राभश प्रदान की जार्ती है जो संपूणव पॉभलसी में घूमर्ती रहर्ती है।

उदाहरण

अगर िार लोगों के एक पभरवार के भलए 5 लाि रुपए की फ्लोटर पॉभलसी ली जार्ती है र्तो इसका मर्तलब है भक
पॉभलसी की अवभध के द़ौरान यह एक से अभधक पभरवार के सदस्य से संबंभधर्त दावों के भलए या पभरवार के एक

143
सदस्य के कई दावों के भलए िुगर्तान करे गी। ये सिी एक साथ भमल कर 5 लाि रुपए के कुल कवरे ज से
अभधक नहीं हो सकर्ते हैं । प्रीभमयम सामान्यर्तः बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त पभरवार के सबसे बुजुगव सदस्य की उम्र के
आधार पर वसूल भकया जाएगा।

इन दोनों पॉभलभसयों के र्तहर्त कवर और अपवजवन एक समान होंगे। फैभमली फ्लोटर पॉभलभसयां बाजार में
लोकभप्रय हो रही हैं क्योंभक एक समग्र बीमा राभश के भलए पूरे पभरवार को कवरे ज भमलर्ता है भजसे एक
उभिर्त प्रीभमयम पर एक उछि स्र्तर पर िुना जा सकर्ता है।

d) भवशेष सुभवधाएं

पहले के मे भडक्लेम उत्पाद के अंर्तगवर्त प्रस्र्ताभवर्त मूल क्षभर्तपूर्थर्त कवर में, म़ौजूदा कवरे ज में कई र्तरह के
बदलाव भकए गए हैं और नई मूलय वर्थद्र्त सुभवधाएं जोडी गयी हैं । हम इनमें से कुछ बदलावों पर ििा
करें गे। यह ध्यान भदया जाना िाभहए भक सिी उत्पादों में भनम्पनभलभिर्त सिी सुभवधाएं शाभमल नहीं होर्ती हैं
और इनमें अलग-अलग बीमा कंपनी र्तथा अलग-अलग उत्पाद के मामले में भिन्नर्ता हो सकर्ती है।

i. उप-सीमाएं और रोग भवभशष्ट कैलपग

कुछ उत्पादों में रोग भवभशष्ट सीमाएं होर्ती हैं जैसे मोभर्तयालबद। कुछ उत्पादों में कमरे के भकराए पर बीमा
राभश से जु डी उप-सीमाएं िी होर्ती हैं जैसे प्रभर्त भदन का कमरे का भकराया बीमा राभश के 1% र्तक और
आईसीयू शुलक बीमा राभश के 2% र्तक सीभमर्त हो सकर्ता है। िूंभक आईसीयू शुलक, ओटी शुलक और
यहां र्तक भक सजवन की फीस जैसे अन्य मदों के र्तहर्त ििे िुने गए कमरे के प्रकार से जु डे होर्ते हैं , कमरे के
भकराए को सीमांभकर्त करने से अन्य मदों के र्तहर्त ििों को सीभमर्त करने और इस प्रकार अस्पर्ताल में िर्ती
होने के समग्र ििों को सीभमर्त करने में मदद भमलर्ती है।

ii. सह-िुगर्तान (भजसे आपगैर पर को-पे कहा जार्ता है)

स्वास्थ बीमा पॉभलसी के अन्र्तवगर्त ‘ को पेमेंट ’ लागर्त को साझा करने की भजनके अन्र्तवगर्त पॉभलसी
धारक/बीमाधारक स्वीकायव दावेकी राभश के एक भवभशष्ट प्रभर्तिर्त को सहन करर्ता हैं । जो पेमेंट बीभमर्त
राभश को कम नही करर्ता ।

इससे यह सुभनज्श्िर्त होर्ता है भक बीमाधारक ने अपने भवकलपो का ियन करने में सर्तकवर्ता बरिा है और
उस प्रकार स्वेछछा से अस्पर्ताल में िर्ती होने सम्पबंध में अपने समस्र्त ििव को कम कर दे र्ता है।

iii. कट़ौर्ती,

स्वास्थ बीमा पॉभलसी के अन्र्तवगर्त लागर्त साझा करने की एक अभनवायवर्ता है जो यह प्रावधान करर्ते है भक
बीमाकर्ता क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों के अन्र्तवगर्त भवभनर्थदष्ट रुपए की राभश र्तक अस्पर्ताल नकद पॉभलभसयों के
मामले में भवभनर्थदष भदनो / घंटों की संख्या के भलए दायी नही होगा भजन बीमाकर्ता की अदा की जाने वाली
भकसी िी सुभवधा के पहले लागू भकया जाएगा। कट़ौर्ती बीभमर्त राभश को कम नही करर्ती।

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बीमाकर्ताओं को यह स्पष्ट करना होर्ता है भक यह कट़ौर्ती प्रभर्त वषव / प्रभर्त जीवन या प्रभर्त घटना लागू होगी
र्तक भवभनर्थदष्ट कट़ौर्ती लागू की जाना है।

iv. नए अपवजवन शुरू भकए गए हैं भजसे आई आर डी आई द्वारा मानकीकृर्त भकया गया है।

 आनु वभं शक भवकार और स्टे म सेल प्रत्यारोपण/सजवरी।

 सीपीएपी, सीएपीडी, इन्फ्यूजन पंप आभद सभहर्त रोग भनदान और/या उपिार के भलए इस्र्ते माल
होने वाले भकसी िी प्रकार के बाहरी और/या भटकाऊ भिभकत्सा/गैर-भिभकत्सा उपकरण, िलने में
सहायक उपकरण यानी वॉकर, बैसािी, बेलट, कॉलर, कैप, िपछिी, उिोलक, ब्ेभसज़, भकसी
िी प्रकार के मोज़े आभद, मधुमेह संबध
ं ी जूर्ते, ग्लूकोमीटर/ थमामीटर और इसी र्तरह की संबंभधर्त
वस्र्तुएं आभद और बाद में आभद घर पर इस्र्ते माल भकया जाने वाला कोई िी भिभकत्सा उपकरण
आभद।

 अस्पर्ताल द्वारा भलया जाने वाला भकसी िी प्रकार का सेवा शुलक, अभधिार, प्रवेश शुलक /
पंजीकरण शुलक आभद।

 भिभकत्सक के घर पर आने के शु लक, अस्पर्ताल में िर्ती होने पहले और बाद की अवभध के द़ौरान
सहायक/नभसिंग शुलक।

v. क्षेत्र अनु सार प्रीभमयम

आम र्त़ौर पर प्रीभमयम बीभमर्त व्यभि की उम्र और ियभनर्त बीमा राभश पर भनिवर करर्ता है। उछि दाव लागर्त
वाले कुछ क्षेत्रों में प्रीभमयम का अंर्तर शुरू भकया गया है, जैसे भदलली और मुंबई कुछ बीमा कंपभनयों द्वारा
कुछ उत्पादों के भलए सवाभधक प्रीभमयम क्षेत्र का भहस्सा बनर्ते हैं ।

vi. पहले से म़ौजूद बीमाभरयों का कवरे ज

भनयामक आवश्यकर्ता को दे िर्ते हु ए पूवव में अपवर्थजर्त पहले से म़ौजूद बीमाभरयों का भवशेष रूप से िार वषों
की प्रर्तीक्षा अवभध के साथ उललेि भकया गया है। कुछ बीमा कंपभनयों द्वारा कुछ उछि स्र्तरीय उत्पादों को 2
और 3 वषव की अवभध र्तक कम कर भदया गया है।

vii. पुनः नवीकृर्त करना

कुछ बीमा कंपभनयों द्वारा आजीवन नवीनीकरणीयर्ता की शुरुआर्त की गयी थी। अब इसे आईआरडीएआई
द्वारा सिी पॉभलभसयों के भलए अभनवायव कर भदया गया है।

viii. दै भनक दे ििाल प्रभिया (डे केयर) के भलए कवरे ज

भिभकत्सा भवज्ञान की प्रगभर्त के कारण एक बडी संख्या में प्रभियाओं को दै भनक दे ििाल की श्रेणी में शाभमल
भकया गया है। इससे पहले केवल सार्त प्रभियाओं - मोभर्तयालबद, डी और सी, डायभलभसस, कीमोथेरेपी,
रे भडयोथेरेपी, भलथोभट्प्सी और टॉज्न्सलेक्टोमी का उललेि भवशेष रूप से दै भनक दे ििाल (डे केयर) के
अंर्तगवर्त भकया गया था। अब 150 से अभधक प्रभियाओं को शाभमल भकया गया है और यह सूिी बढ़र्ती जा
रही है।

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ix. पॉभलसी से पहले िेकअप की लागर्त

पहले भिभकत्सा परीक्षा की लागर्त को संिाभवर्त ग्राहकों द्वारा वहन भकया जार्ता था। अब बीमा कंपनी इस
लागर्त की प्रभर्तपूर्थर्त करर्ती है, बशर्ते भक प्रस्र्ताव को बीमालेिन के भलए स्वीकार भकया गया हो, प्रभर्तपूर्थर्त में
50% से 100% र्तक की भिन्नर्ता होर्ती है। अब आईआरडीएआई द्वारा यह िी अभनवायव कर भदया गया है
भक बीमा कंपनी स्वास््य जांि के कम से कम 50% ििों को वहन करे गी।

x. अस्पर्ताल में िर्ती होने के पहले और बाद के कवर की अवभध

अस्पर्ताल में िर्ती होने के पहले और बाद के कवरे ज की अवभध को अभधकांश बीमा कंपभनयों द्वारा ख़ास र्त़ौर
पर अपने उछि स्र्तरीय उत्पादों में 60 भदनों और 90 भदनों र्तक बढ़ा भदया गया है। इसके अलावा कुछ बीमा
कंपभनयों ने एक अभधकर्तम सीमा के अधीन, दावा राभश के कुछ प्रभर्तशर्त से जु डे इन ििों को सीभमर्त कर
भदया है।

xi. ऐड-ऑन कवर

बीमा कंपभनयों द्वारा ऐड-ऑन कवर नामक कई नए अभर्तभरि कवर शुरू भकए गए हैं । इनमें से कुछ इस
प्रकार हैं :

 मार्तृत्व कवर: मार्तृत्व कवर पहले िु दरा पॉभलभसयों के अंर्तगवर्त उपलब्ध नहीं था लेभकन अब इसे
अभधकांश बीमा कंपभनयों द्वारा अलग-अलग प्रर्तीक्षा अवभध के साथ उपलब्ध कराया जार्ता है।

 गंिीर बीमारी का कवर: कुछ ऐसी बीमाभरयों के भलए उछि स्र्तरीय संस्करण के उत्पादों के र्तहर्त एक
भवकलप के रूप में उपलब्ध है जो जीवन के भलए िर्तरा बनर्ती हैं और महं गा इलाज कराने की जरूरर्त
पडर्ती है।

 बीमा राभश का पुनस्थापन: दावे का िुगर्तान होने के बाद बीमा राभश (जो एक दावे के िुगर्तान पर कम
हो जार्ती है) को अभर्तभरि प्रीभमयम का िुगर्तान करके मूल सीमा र्तक बहाल भकया जा सकर्ता है।

 आयुष - आयुवेभदक - योग - यूनानी - भसद् - होम्पयोपैथ के भलए कवरे ज: कुछ पॉभलभसयां अस्पर्ताल में
िर्ती होने के ििों के एक भनज्श्िर्त प्रभर्तशर्त र्तक आयुष उपिार के ििों को कवर करर्ती हैं ।

xii. मूलय वर्थद्र्त (वैलयू एडे ड) कवर

कुछ क्षभर्तपूर्थर्त उत्पादों में नीिे सूिीबद् भकए गए अनुसार मूलय वर्थद्र्त कवर शाभमल होर्ते हैं । लाि पॉभलसी
की अनुसूिी में प्रत्येक कवर के सामने भनर्थदष्ट बीमा राभश की सीमा र्तक दे य होर्ते हैं , समग्र बीमा राभश से
अभधक नहीं।

 आउटपेशेंट कवर: जैसा भक हम जानर्ते हैं, िारर्त में स्वास््य बीमा उत्पाद ययादार्तर अंर्तरंग रोगी
अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों को कवर करर्ते हैं ।कुछ कंपभनयां अब कुछ उछि स्र्तरीय योजनाओं के
र्तहर्त बभहरंग रोगी (आउटपेशेंट) ििों के भलए सीभमर्त कवर प्रदान करर्ती हैं ।

 अस्पर्ताल में नकदी (हॉज्स्पटल कैश): इसमें एक भनधाभरर्त अवभध के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने के
प्रत्येक भदन के भलए भनज्श्िर्त एकमुश्र्त िुगर्तान का प्रावधान भकया जार्ता है।आम र्त़ौर पर यह अवभध

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2/3 भदनों की कट़ौर्ती वाली पॉभलभसयों को छोडकर 7 भदनों के भलए प्रदान की जार्ती है। इस प्रकार,
लाि र्तिी भट्गर होगा जब अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध कट़ौर्ती की अवभध से अभधक है। यह
अस्पर्ताल में िर्ती होने के दावे के अभर्तभरि लेभकन पॉभलसी की समग्र बीमा राभश के िीर्तर होर्ती है या
एक अलग उप-सीमा के साथ हो सकर्ती है।

 भरकवरी लाि: अगर बीमारी और/या दु घवटना के कारण अस्पर्ताल में ठहरने की कुल अवभध 10 भदन से
अभधक नहीं है र्तो एकमुश्र्त लाि का िुगर्तान भकया जार्ता है।

 दार्ता के ििे: इसमें पॉभलसी में भनधाभरर्त भनयमों और शर्तों के अनु सार प्रमुि अंग प्रत्यारोपण के मामले
में दार्ता की ओर से भकए गए ििों की प्रभर्तपूर्थर्त के भलए प्रावधान भकया जार्ता है।

 एम्पबुलेंस की प्रभर्तपूर्थर्त: बीमाधारक/बीभमर्त व्यभि द्वारा एम्पबुलेंस के भलए भकए जाने वाले ििों की
प्रभर्तपूर्थर्त पॉभलसी की अनुसूिी में भनर्थदष्ट एक भनज्श्िर्त सीमा र्तक की जार्ती है।

 साथ रहने वाले व्यभि के भलए ििे: यह अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध के द़ौरान बीभमर्त रोगी की
सहायर्ता करर्ते समय िोजन, पभरवहन आभद के संबंध में साथ रहने वाले व्यभि द्वारा भकए गए ििों के
भलए होर्ता है। पॉभलसी की शर्तों के अनु सार पॉभलसी की अनुसूिी में भनधाभरर्त सीमा र्तक एकमुश्र्त
िुगर्तान या प्रभर्तपूर्थर्त िुगर्तान भकया जार्ता है।

 पभरवार की पभरिाषा: कुछ स्वास््य उत्पादों में पभरवार की पभरिाषा में बदलाव आया है।इससे पहले
प्राथभमक बीमाधारक, पभर्त/पत्नी, आभश्रर्त बछिों को कवर प्रदान भकया जार्ता था। अब ऐसी पॉभलभसयां
उपलब्ध हैं जहां मार्ता-भपर्ता और सास-ससुर को िी एक ही पॉभलसी के र्तहर्त कवर प्रदान भकया जा
सकर्ता है।

D. टॉप-अप कवर या उछि कट़ौर्ती वाली बीमा योजनाएं

टॉप-अप कवर को एक उछि कट़ौर्ती पॉभलसी के रूप में िी जाना जार्ता है। अंर्तरराष्ट्ीय बाजार में ययादार्तर
लोग उछि सह-िुगर्तान पॉभलभसयों या कवर नहीं की गयी बीमाभरयों या उपिार के अलावा टॉप-अप कवर िी
िरीदर्ते हैं । हालांभक िारर्त में, प्रारंि में टॉप-अप कवर की शुरूआर्त के भलए प्रमुि कारण उछि बीमा राभश
वाले उत्पादों का अिाव प्रर्तीर्त होर्ता है, लेभकन अब ऐसी बार्त नहीं है। एक स्वास््य पॉभलसी के र्तहर्त कवर की
अभधकर्तम राभश काफी लंबे समय र्तक 5,00,000 रुपए रही थी। एक उछि कवर िाहने वाले भकसी िी व्यभि को
दोहरे प्रीभमयम का िुगर्तान करके दो पॉभलभसयां िरीदने के भलए मजबूर होना पडर्ता था। यह बीमा कंपभनयों
द्वारा टॉप-अप पॉभलभसयां भवकभसर्त भकए जाने का कारण बना जो एक भनधाभरर्त राभश (भजसे थ्रेशोलड कहा
जार्ता है) के अभर्तभरि उछि बीमा राभश के भलए कवर कवर प्रदान करर्ती हैं ।

यह पॉभलसी एक बुभनयादी स्वास््य कवर के साथ काम करर्ती है भजसमें बीमा राभश कम होर्ती है और एक
अपेक्षाकृर्त उभिर्त प्रीभमयम पर आर्ती है। उदाहरण के भलए, अपने भनयोिाओं द्वारा कवर भकए गए व्यभि
अभर्तभरि सुरक्षा के भलए (पहली पॉभलसी की बीमा राभश को थ्रेशोलड के रूप में रिर्ते हु ए) एक टॉप-अप कवर

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का भवकलप िुन सकर्ते हैं । इस कवर स्वयं और पभरवार के भलए हो सकर्ता है जो उछि लागर्त वाले उपिार की
दु िाग्यपूणव घटना के समय काम आर्ता है।

टॉप-अप पॉभलसी के र्तहर्त एक दावा प्राप्र्त करने का पात्र होने के भलए भिभकत्सा लागर्त योजना के र्तहर्त िुनी
गयी कट़ौर्ती (या थ्रेशोलड) के स्र्तर से अभधक होनी िाभहए और उछि कट़ौर्ती योजना के र्तहर्त प्रभर्तपूर्थर्त ििव की
राभश यानी कट़ौर्ती से अभधक होगी।

उदाहरण

एक व्यभि को अपने भनयोिा द्वारा 3 लाि रुपए की बीमा राभश के भलए कवर भकया जार्ता है। वह र्तीन लाि
रुपए के अभर्तभरि 10 लाि रुपए की टॉप-अप पॉभलसी का भवकलप िुन सकर्ता है।

यभद एक बार अस्पर्ताल में िर्ती होने की लागर्त 5 लाि रुपए है र्तो मूल पॉभलसी केवल र्तीन लाि रुपए र्तक को
कवर करे गी। टॉप-अप कवर के साथ, 2 लाि रुपए की शेष राभश राभश का िुगर्तान टॉप-अप पॉभलसी से भकया
जाएगा।

टॉप-अप पॉभलभसयां सस्र्ती होर्ती हैं और एक अकेली 10 लाि रुपए की पॉभलसी की लागर्त र्तीन लाि रुपए के
अभर्तभरि 10 लाि रुपए की टॉप-अप पॉभलसी की र्तुलना में बहु र्त अभधक होगी।

ये कवर व्यभिगर्त आधार और पभरवार के आधार पर उपलब्ध हैं । कवर भकए गए पभरवार के प्रत्येक सदस्य के
भलए अलग-अलग बीमा राभश या पभरवार पर घूमने वाली एक अकेली बीमा राभश आज बाजार में उपलब्ध है।

अगर टॉप-अप योजना में अस्पर्ताल में िर्ती होने की प्रत्येक घटना में कट़ौर्ती की राभश को पार भकया जाना
आवश्यक है र्तो इस योजना को महासंकट आधाभरर्त उछि कट़ौर्ती योजना के रूप में जाना जार्ता है। इसका
मर्तलब है भक ऊपर भदए गए उदाहरण में, दे य होने के भलए प्रत्येक दाव 3 लाि रुपए से अभधक का होना
िाभहए।

हालांभक ऐसी टॉप-अप योजनाएं जहां पॉभलसी अवभध के द़ौरान अस्पर्ताल में िर्ती होने की एक श्रृि
ं ला के बाद
कट़ौर्ती को पार करने की अनु मभर्त दी जार्ती है, ये िारर्तीय बाजार में संिय आधाभरर्त उछि कट़ौर्ती योजनाओं
या सुपर टॉप-अप कवर के रूप में लोकभप्रय हैं । इसका मर्तलब है भक ऊपर भदए गए उदाहरण में, प्रत्येक दावे
को जोडा जार्ता है और जब यह 3 लाि रुपए को पार कर जार्ता है , टॉप-अप कवर दावों का िुगर्तान करना
शुरू कर दे गा।

एक अस्पर्ताल में िर्ती होने वाली क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी के अभधकांश मानक भनयम, शर्तें और अपवजवन इन उत्पादों
के भलए लागू होर्ते हैं । कुछ बाजारों में, जहां मूल स्वास््य कवर सरकार द्वारा प्रदान भकया जार्ता है, बीमा
कंपभनयां अभधकर्तर केवल टॉप-अप कवर प्रदान करने में जु टी रहर्ती हैं ।

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E. वभरष्ठ नागभरक पॉभलसी

इन योजनाओं को बुजुगव लोगों के भलए कवर प्रदान करने के प्रयोजन से भडजाइन भकया गया है भजन्हें अक्सर
भनज्श्िर्त उम्र के बाद कवरे ज दे ने से मना कर भदया जार्ता है (जैसे 60 वषव से अभधक की उम्र के लोग)। कवरे ज
और अपवजवन की संरिना काफी हद र्तक एक अस्पर्ताल में िर्ती होने वाली पॉभलसी की र्तरह होर्ती है।

कवरे ज और प्रर्तीक्षा अवभध भनधाभरर्त करने में बुजुगों की बीमाभरयों पर भवशेष ध्यान भदया जार्ता है। प्रवेश की उम्र
अभधकर्तर 60 वषव और आजीवन नवीनीकरण योग्य होर्ती है। बीमा राभश 50,000 रुपए से लेकर 5,00,000
रुपए की सीमा में होर्ती है। प्रर्तीक्षा अवभध में भिन्नर्ता होर्ती है जो कुछ बीमाभरयों के भलए लागू है। उदाहरण:
मोभर्तयालबद के मामले में एक बीमा कंपनी के भलए 1 वषव की प्रर्तीक्षा अवभध हो सकर्ती है और भकसी अन्य बीमा
कंपनी के भलए 2 वषव की प्रर्तीक्षा अवभध हो सकर्ती है।

इसके अलावा कुछ बीमाभरयों में एक भवशेष बीमा कंपनी के भलए प्रर्तीक्षा अवभध नहीं हो सकर्ती है जबभक अन्य के
मामले में हो सकर्ती है। उदाहरण: साइनसाइभटस कुछ बीमा कंपभनयों की प्रर्तीक्षा अवभध के क्लॉज में नहीं आर्ता
है, लेभकन कुछ अन्य बीमा कंपभनयां अपनी प्रर्तीक्षा अवभध के क्लॉज में इसे शाभमल करर्ती हैं ।

पहले से म़ौजूद बीमारी के मामले में कुछ पॉभलभसयों में एक प्रर्तीक्षा अवभध या कुछ सीमा भनधाभरर्त होर्ती है।
अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले या बाद के ििों का िुगर्तान अस्पर्ताल के दावों के एक प्रभर्तशर्त के रूप में या
एक उप-सीमा के रूप में, जो िी अभधक हो, भकया जार्ता है। कुछ पॉभलभसयों में ये भवभशष्ट क्षभर्तपूर्थर्त योजनाओं
का पालन करर्ते हैं जैसे 30/60 भदन या 60/90 भदनों की भनधाभरर्त अवभध के िीर्तर आने वाले ििे।

आई आर डी ए आई ने वैसे बीमा धारक जो वभरष्ठ नागभरक होर्ते है के भलए कुछ भवशेष प्रावधान अभनवायव भकए
है।

1. वभरष्ठ नागभरकों के भलए स्वास्थ बीमा उत्पाद हे र्तु भलया जाने वाला उभिर्त, न्यायोभजर्त, पारदशी और
स्पष्ट रुप से दशाया जाना िाभहए

2. बीमाधारक को, प्रीभमयम पर की जाने वाली भकसी िी लोलडग के बारे में भलभिर्त रुप से बर्ताया जएगा
र्तथा पॉभलसी जारी करने के पहले ऐसी लोडींग के भलए पॉभलसी धारक की भवभशष्ट सहमभर्त ली जेगी।

3. सिी स्वास्थ बीमाकर्ता और टीपीए वभरष्ट नागभरको के स्वास्थ बीमा संबभं धर्त दावो और भशकायर्तों के
भववरण के भलए एक अलग िैनल की स्थापना करे गा।

F. भनज्श्िर्त लाि कवर - अस्पर्ताल में नकदी, गंिीर बीमारी

एक स्वास््य बीमा पॉभलसी में एक बीमा कंपनी के भलए सबसे बडा िर्तरा पॉभलसी के लािों का अनावश्यक और
अनु भिर्त उपयोग है। यह जानर्ते हु ए भक मरीज को एक स्वास््य पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया गया है , डॉक्टर,
सजवन और अस्पर्ताल उसका अभर्तभरि इलाज करने लग जार्ते हैं। वे अस्पर्ताल में रहने की अवभध को लंबा
िींिर्ते हैं, अनावश्यक नैदाभनक और प्रयोगशाला परीक्षण करर्ते हैं और इस प्रकार उपिार की लागर्त को

149
आवश्यक राभश से बहु र्त अभधक बढ़ा दे र्ते हैं । बीमा कंपनी की लागर्त पर एक अन्य बडा प्रिाव भिभकत्सा संबंधी
लागर्तों में लगार्तार वृभद् है जो आम र्त़ौर पर प्रीभमयम की दरों में वृभद् की र्तुलना में अभधक होर्ती है।

इसका उिर भनज्श्िर्त लाि कवर है। भनज्श्िर्त लाि कवर बीभमर्त व्यभियों को पयाप्र्त कवर प्रदान करर्ते हु ए
बीमा कंपनी को एक उभिर्त अवभध के भलए अपनी पॉभलसी का प्रिावी ढ़ं ग से मूलय भनधारण करने में िी मदद
करर्ता है। इस उत्पाद में, आम र्त़ौर पर होने वाले उपिारों को प्रत्येक प्रणाली के र्तहर्त सूिीबद् भकया गया है ,
जैसे ईएनटी, नेत्र भवज्ञान, प्रसूभर्त एवं स्त्री रोग आभद और इनमें से प्रत्येक के भलए अभधकर्तम िुगर्तान पॉभलसी
में वर्थणर्त होर्ता है।

बीमाधारक को नाभमर्त उपिार के भलए उसके द्वारा ििव की गयी राभश की परवाह भकए भबना दावा राभश के रूप
में एक भनज्श्िर्त राभश प्राप्र्त होर्ती है। इनमें से प्रत्येक उपिार के भलए दे य शुलक आम र्त़ौर पर उभिर्त लागर्त के
एक अध्ययन पर आधाभरर्त होर्ता है जो बीमारी का इलाज के भलए आवश्यक होगा।

पैकेज शुलकों में लागर्त के सिी घटक शाभमल होंगे जैसे:

a) कमरे का भकराया,
b) प्रोफेशनल फीस,
c) रोग-भनदान,
d) दवाएं,
e) अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और बाद के ििे आभद

पैकेज शुलकों में आहार, पभरवहन, एम्पबुलेंस शुलक आभद िी शाभमल हो सकर्ते हैं जो उत्पाद पर भनिवर करर्ते हैं ।

इन पॉभलभसयों को प्रबंभधर्त करना आसान होर्ता है क्योंभक केवल अस्पर्ताल में िर्ती होने का प्रमाण और पॉभलसी
के र्तहर्त बीमारी का कवरे ज दावे पर कारववाई करने के भलए पयाप्र्त होर्ता है।

कुछ उत्पाद भनज्श्िर्त लाि कवर के साथ एक दै भनक नकदी लाि का पैकेज उपलब्ध करार्ते हैं । कवर भकए गए
उपिारों की सूिी लगिग 75 से लगिग 200 र्तक भिन्न हो सकर्ती है जो उत्पाद में उपिार की पभरिाषाओं पर
भनिवर करर्ती है।

ऐसी सजवरी/उपिार के भलए एक भनज्श्िर्त राभश का िुगर्तान करने का एक प्रावधान भकया गया है भजन्हें
पॉभलसी में नाभमर्त सूिी में शाभमल नहीं भकया गया है। पॉभलसी अवभध के द़ौरान अलग-अलग उपिारों के भलए
अनेक दावे संिव हैं । हालांभक दावों को अंर्त में पॉभलसी के र्तहर्त िुनी गयी बीमा राभश के द्वारा सीभमर्त भकया
जार्ता है।

कुछ भनज्श्िर्त लाि बीमा योजनाएं इस प्रकार हैं :

 अस्पर्ताल दै भनक नकदी बीमा योजनाएं


 गंिीर बीमारी बीमा योजनाएं

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1. अस्पर्ताल दै भनक नकदी पॉभलसी

a) प्रभर्त भदन राभश की सीमा

अस्पर्ताल नकदी कवरे ज अस्पर्ताल में िर्ती होने के प्रत्येक भदन के भलए बीभमर्त व्यभि को एक भनज्श्िर्त
राभश प्रदान करर्ता है। प्रभर्त भदन नकदी कवरे ज (उदाहरण के भलए) 1,500 रुपए प्रभर्तभदन से लेकर 5,000
रुपए प्रभर्त भदन या इससे िी अभधक प्रभर्त भदन र्तक भिन्न हो सकर्ता है। प्रभर्त बीमारी और पॉभलसी की अवभध
के भलए दै भनक नकद िुगर्तान पर एक ऊपरी सीमा प्रदान की जार्ती है , यह आम र्त़ौर पर एक वार्थषक
पॉभलसी होर्ती है।

b) िुगर्तान के भदनों की संख्या

इस पॉभलसी के कुछ भिन्न रूपों में दै भनक नकदी के भदनों की अनु मर्त संख्या उस बीमारी से जु डी होर्ती है
भजसके भलए उपिार भकया जा रहा है। प्रत्येक के भलए उपिारों एक भवस्र्तृर्त सूिी और रहने की अवभध
भनधाभरर्त की गई है जो प्रभिया/बीमारी के प्रत्येक प्रकार के भलए अनु मर्त दै भनक नकद लाि को सीभमर्त
करर्ती है।

c) अकेला (स्टैं डअलोन) कवर या ऐड-ऑन कवर

अस्पर्ताल दै भनक नकदी पॉभलसी कुछ बीमा कंपभनयों द्वारा प्रस्र्ताभवर्त के अनुसार एक अकेली
(स्टैं डअलोन) पॉभलसी के रूप में उपलब्ध है, अन्य मामलों में यह एक भनयभमर्त क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी में एक
ऐड-ऑन कवर होर्ता है। ये पॉभलभसयां आकज्स्मक ििों को कवर करने में बीमाधारक की मदद करर्ती हैं
क्योंभक इसमें एक भनज्श्िर्त राभश िुगर्तान की जार्ती है और यह उपिार की वास्र्तभवक लागर्त से संबभं धर्त
नहीं होर्ती है। इसके अलावा यह एक क्षभर्तपूर्थर्त आधाभरर्त स्वास््य बीमा योजना के र्तहर्त प्राप्र्त भकसी िी
कवर के अभर्तभरि पॉभलसी के अंर्तगवर्त िुगर्तान करने की अनु मभर्त दे र्ता है।

d) पूरक कवर

ये पॉभलभसयां एक भनयभमर्त अस्पर्ताल ििव पॉभलसी का पूरक हो सकर्ती हैं क्योंभक ये भकफायर्ती होर्ती हैं
और आकज्स्मक ििों के साथ-साथ उन ििों के भलए मुआवजा प्रदान करर्ती हैं जो क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी के
र्तहर्त दे य नहीं हैं जैसे अपवजवन, सह-िुगर्तान आभद।

e) कवर के अन्य लाि

बीमा कंपनी के दृज्ष्टकोण से इस योजना के कई फायदे हैं क्योंभक इसके बारे में एक ग्राहक को समझान
आसान होर्ता है और इसभलए अभधक आसानी से बेिा जा सकर्ता है। यह भिभकत्सा संबध
ं ी महं गाई का
मुकाबला करर्ता है क्योंभक अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध के भलए प्रभर्त भदन एक भनज्श्िर्त राभश का
िुगर्तान भकया जार्ता है, वास्र्तभवक ििव िाहे जो िी हो। इसके अलावा, इस र्तरह के बीमा कवरों की
स्वीकृभर्त और दावों का भनपटान वास्र्तव में सरल हो जार्ता है।

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2. गंिीर बीमारी पॉभलसी

इस उत्पाद को जानलेवा बीमारी (िेडेड भडजीज) कवर या एक आघार्त दे ििाल (ट्ॉमा केयर) कवर के रूप
में िी जाना जार्ता है।

भिभकत्सा भवज्ञान के क्षेत्र में प्रगभर्त के कारण लोग कैंसर, स्ट्ोक और भदल के द़ौरे आभद जैसी कुछ प्रमुि
बीमाभरयों से जीभवर्त बि जार्ते हैं भजनके पभरणाम स्वरूप पहले म़ौर्त र्तय होर्ती थी। भफर, इस र्तरह की बडी
बीमाभरयों से बिने के बाद जीवन प्रत्याशा काफी बढ़ जार्ती है। हालांभक एक बडी बीमारी से जीभवर्त बिने में
उपिार के िारी-िरकम ििे होर्ते हैं और उपिार के बाद आजीभवका के ििे िी बढ़ जार्ते हैं । इस प्रकार की
गंिीर बीमारी शुरू होना व्यभि की भविीय सुरक्षा के भलए िर्तरा बन जार्ता है।

a) गंिीर बीमारी पॉभलसी एक लाि पॉभलसी है भजसमें कुछ नाभमर्त गंिीर बीमारी का पर्ता िलने पर
एकमुश्र्त राभश िुगर्तान करने का प्रावधान होर्ता है।

b) इसे भनम्पनानु सार बेिा जार्ता है:

 एक स्टैं डअलोन पॉभलसी के रूप में या


 कुछ स्वास््य पॉभलभसयों में एक ऐड-ऑन कवर के रूप में या
 कुछ जीवन बीमा पॉभलभसयों में एक ऐड-ऑन कवर के रूप में

िारर्त में, गंिीर बीमारी लाि सबसे आम र्त़ौर पर जीवन बीमा कंपभनयों द्वारा जीवन बीमा पॉभलभसयों के
आरोहकों के रूप में बेिे जार्ते हैं और उनके द्वारा कवर के दो रूप उपलब्ध कराए जार्ते हैं - वर्थद्र्त सीआई लाि
योजना और स्टैं डअलोन सीआई लाि योजना। इस लाि को बेिे जार्ते समय कवर की गयी बीमाभरयों की
सटीक पभरिाषा और अछछा बीमालेिन अत्यंर्त महत्वपूणव होर्ता है। दु भवधा की ज्स्थभर्त से बिने के भलए, 20
सबसे आम गंिीर बीमाभरयों की पभरिाषा को आईआरडीए स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे शों के र्तहर्त
मानकीकृर्त भकया गया है। (कृपया अंर्त में अनु लग्नक दे िें)।

हालांभक, जारी करने के स्र्तर पर प्रभर्तकूल ियन की संिावना (भजसके द्वारा ऐसे लोग यह बीमा लेर्ते हैं भजनके
प्रिाभवर्त होने की सबसे अभधक संिावना रहर्ती है) बहु र्त अभधक होर्ती है और प्रस्र्तावकों की स्वास््य ज्स्थभर्त का
भनधारण करना महत्वपूणव हो जार्ता है। पयाप्र्त डे टा के अिाव के कारण वर्तवमान में गंिीर बीमारी की योजनाओं
के मूलय भनधारण में पुनबीमा कंपभनयों के डे टा के माध्यम से सहयोग भलया जा रहा है।

c) गंिीर बीमाभरयां ऐसी बडी बीमाभरयां है जो न केवल अस्पर्ताल में िर्ती होने के बहु र्त अभधक ििों का
कारण बनर्ती हैं बज्लक इनके कारण भवकलांगर्ता, अंगों का नुकसान, कमाई का नु कसान आभद हो
सकर्ता है और अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद लंबे समय र्तक दे ििाल की जरूरर्त पड सकर्ती है।

d) एक गंिीर बीमारी पॉभलसी अक्सर एक अस्पर्ताल क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी के अभर्तभरि लेने की सलाह दी
जार्ती है र्ताभक पॉभलसी के र्तहर्त मुआवजा उस पभरवार के भविीय बोझ को कम करने में सहायक हो
सके भजसका सदस्य इस र्तरह की बीमारी से प्रिाभवर्त है।

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e) कवर की गयी गंिीर बीमाभरयां अलग-अलग बीमा कंपभनयों और उत्पादों के मामले में भिन्न होर्ती हैं ,
लेभकन सामान्य बीमाभरयों में शाभमल हैं :

 भनर्थदष्ट गंिीरर्ता का कैंसर


 र्तीव्र मायोकार्थडयल रोधगलन
 कोरोनरी धमनी की सजवरी
 हृदय के वालव को बदलना
 भनर्थदष्ट गंिीरर्ता वाला कोमा
 गुदे की भवफलर्ता
 स्थायी लक्षणों में बदलने वाला स्ट्ोक
 प्रमुि अंग/अज्स्थ मयजा प्रत्यारोपण
 मलटीपल स्क्लेरोभसस
 मोटर न्यूरॉन की बीमारी
 अंगों का स्थायी पक्षाघार्त
 बडी दु घवटनाओं के कारण स्थायी भवकलांगर्ता

गंिीर बीमाभरयों की सूिी भनधाभरर्त नहीं है और बढ़र्ती रहर्ती है। कुछ अंर्तरराष्ट्ीय बाजारों में बीमा कंपभनयां
बीमाभरयों को 'कोर' और 'अभर्तभरि' में वगीकृर्त करर्ती हैं जहां अलजाइमर रोग जैसी बीमाभरयों को िी कवर
भकया जार्ता है। किी-किी 'लाइलाज बीमारी' को िी कवरे ज के भलए शाभमल भकया जार्ता है, हालांभक प्रीभमयम
भनस्संदेह बहु र्त अभधक होर्ता है।

f) जहां अभधकांश गंिीर बीमारी पॉभलभसयां बीमारी का पर्ता िलने पर एकमुश्र्त राभश के िुगर्तान का
प्रावधान करर्ती हैं, कुछ ऐसी पॉभलभसयां िी हैं जो केवल ििों की प्रभर्तपूर्थर्त के रूप में अस्पर्ताल में िर्ती
होने के ििों का कवर प्रदान करर्ती हैं।कुछ उत्पाद दोनों कवरों का संयोजन यानी अंर्तरंग रोगी
अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों के भलए क्षभर्तपूर्थर्त और पॉभलसी में नाभमर्त प्रमुि बीमाभरयों का पर्ता िलने
पर एकमुश्र्त िुगर्तान प्रदान करर्ते हैं ।

g) गंिीर बीमारी पॉभलभसयां आम र्त़ौर पर 21 वषव से लेकर 65 वषव र्तक के आयु वगव के व्यभियों के भलए
उपलब्ध होर्ती हैं ।

h) इन पॉभलभसयों के र्तहर्त प्रस्र्ताभवर्त बीमा राभश बहु र्त अभधक होर्ती है क्योंभक इस र्तरह की पॉभलसी का
प्राथभमक कारण ऐसी बीमाभरयों के साथ जु डी दीघवकाभलक दे ििाल के भविीय बोझ के भलए प्रावधान
करना होगा।

i) इन पॉभलभसयों के र्तहर्त एक गंिीर बीमारी का पर्ता िलने पर आम र्त़ौर पर बीमा राभश का 100%
िुगर्तान भकया जार्ता है।कुछ मामलों में मुआवजा बीमा राभश के 25% से 100% र्तक भिन्न होर्ता है जो
पॉभलसी के भनयमों और शर्तों र्तथा बीमारी की गंिीरर्ता पर भनिवर करर्ता है।

j) सिी गंिीर बीमारी पॉभलभसयों में दे िी जाने वाली एक मानक शर्तव भकसी िी लाि के पॉभलसी के र्तहर्त
दे य होने के भलए पॉभलसी की शुरुआर्त से 90 भदनों की प्रर्तीक्षा अवभध और बीमारी का पर्ता िलने के
बाद 30 भदनों का उिरजीभवर्ता क्लॉज है।इस लाि के रूप में शाभमल भकए गए उिरजीभवर्ता क्लॉज के

153
साथ "मृत्यु लाि" का भ्रम नहीं होना िाभहए बज्लक इसे "उिरजीभवर्ता (जीभवर्त होने का) लाि" के
रूप में अभधक स्पष्ट भकया गया है यानी एक गंिीर बीमारी के बाद आने वाली कभठनाइयों को दूर करने
के भलए भदया गया लाि।

k) गंिीर बीमारी पॉभलसी लेने के इछछु क लोगों, भवशेष रूप से 45 वषव से अभधक की उम्र के लोगों के भलए
कठोर भिभकत्सा जांि की प्रभिया से गुजरना आवश्यक होर्ता है।मानक अपवजवन स्वास््य बीमा
उत्पादों में पाए जाने वाले अपवजवनों के काफी समान होर्ते हैं , भिभकत्सा सलाह मांगने या पालन करने
में भवफलर्ता या प्रर्तीक्षा अवभध को िकमा दे ने के िम में भिभकत्सा उपिार में दे री करने को िी भवशेष
रूप से अलग भकया गया है।

l) बीमा कंपनी पॉभलसी में कवर की गयी भकसी िी एक या एक से अभधक बीमारी के भलए बीमाधारक को
केवल एक बार मुआवजा दे सकर्ती है या एकाभधक िुगर्तान प्रदान कर सकर्ती है लेभकन एक भनज्श्िर्त
सीभमर्त संख्या र्तक। भकसी िी बीभमर्त व्यभि के संबध
ं में पॉभलसी के र्तहर्त एक बार मुआवजे का िुगर्तान
कर भदए जाने पर पॉभलसी समाप्र्त हो जार्ती है।

m) गंिीर बीमारी पॉभलसी समूहों को भवशेष रूप से कंपभनयों को िी प्रदान की जार्ती है जो अपने
कमविाभरयों के भलए पॉभलभसयां लेर्ते हैं ।

G. दीघवकाभलक दे ििाल बीमा

आज जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ दु भनया िर में बुजुगव लोगों की आबादी बढ़ रही है। एक बुजुगव होर्ती आबादी
के कारण दु भनया िर में दीघवकाभलक दे ििाल बीमा का महत्व िी बढ़र्ता जा रहा है। बुजुगव लोगों को और इसके
अलावा भकसी िी प्रकार की भवकलांगर्ता से पीभडर्त लोगों को लंबे समय र्तक दे ििाल की आवश्यकर्ता होर्ती है।
लंबे समय र्तक दे ििाल का मर्तलब है ऐसे लोगों के भलए लगार्तार व्यभिगर्त या नभसिंग संबंधी दे ििाल के सिी
रूप, जो सहायर्ता की एक भडग्री के भबना अपना दे ििाल कर पाने में असमथव हैं और भजनका स्वास््य िभवष्य में
बेहर्तर नहीं होने वाला है।

दीघवकाभलक दे ििाल के भलए दो प्रकार की योजनाएं उपलब्ध हैं :

a) पूवव-भविपोभषर्त योजनाएं जो स्वस्थ बीमाधारक द्वारा अपने िभवष्य के भिभकत्सा ििों का ध्यान रिने
के भलए िरीदी जार्ती हैं और

b) र्तत्काल जरूरर्त की योजनाएं जो एकमुश्र्त प्रीभमयम के द्वारा िरीदी जार्ती हैं जब बीमाधारक को लंबे
समय र्तक दे ििाल की आवश्यकर्ता होर्ती है ।

भवकलांगर्ता की गंिीरर्ता (और अपेभक्षर्त उिरजीभवर्ता की अवभध) लाि की मात्रा को भनधाभरर्त करर्ती है।
दीघवकाभलक दे ििाल के उत्पाद िारर्तीय बाजार में अिी र्तक भवकभसर्त नहीं हु ए हैं ।

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िभवष्य आरोग्य पॉभलसी

पहली पूव-व भविपोभषर्त बीमा योजना साववजभनक क्षेत्र की िार साधारण बीमा कंपभनयों द्वारा बेिी जाने वाली
िभवष्य आरोग्य पॉभलसी थी। वषव 1990 में शुरू की गयी यह पॉभलसी मूलर्तः एक बीभमर्त व्यभि की सेवाभनवृभि के
बाद उसकी स्वास््य दे ििाल संबंधी आवश्यकर्ताओं का ध्यान रिने के भलए है। यह एक जीवन बीमा पॉभलसी
लेने के समान है भसवाय इसके भक यह मृत्यु के बजाय िभवष्य के भिभकत्सा ििों को कवर करर्ती है।

a) आस्थभगर्त मेभडक्लेम

यह पॉभलसी एक प्रकार की आस्थभगर्त या िभवष्य मे भडक्लेम पॉभलसी है और मे भडक्लेम पॉभलसी के समान


कवर प्रदान करर्ती है। प्रस्र्तावक 25 वषव और 55 वषव की उम्र के बीि भकसी िी समय योजना में शाभमल हो
सकर्ता है।

b) सेवाभनवृभि की उम्र

वह एक शर्तव के साथ 55 और 60 वषव के बीि एक सेवाभनवृभि की उम्र का ियन कर सकर्ता है भक प्रवेश की


उम्र और िुनी गयी सेवाभनवृभर्त की उम्र के बीि 4 वषों का एक स्पष्ट अंर्तराल होना िाभहए। पॉभलसी
सेवाभनवृभि उम्र का मर्तलब प्रस्र्ताव पर हस्र्ताक्षर करर्ते समय बीभमर्त व्यभि द्वारा ियभनर्त और पॉभलसी के
र्तहर्त लाि शुरू करने के उद्देश्य से अनु सूिी में भनर्थदष्ट उम्र है। इस उम्र को आगे नहीं बढ़ाया जा सकर्ता है।

c) सेवाभनवृभि से पहले की अवभध

सेवाभनवृभि से पहले की अवभध का मर्तलब प्रस्र्ताव स्वीकृर्त करने की भर्तभथ से शुरू करर्ते हु ए अनु सूिी में
भवभनर्थदष्ट पॉभलसी सेवाभनवृभि उम्र के साथ समाप्र्त होने वाली अवभध है। इस अवभध के द़ौरान बीभमर्त व्यभि
लागू होने के अनु सार भकस्र्त/एकल प्रीभमयम राभश का िुगर्तान करे गा। बीभमर्त व्यभि के पास एक एकमुश्र्त
प्रीभमयम या भकश्र्तों में िुगर्तान करने का भवकलप है।

d) भनकासी

अगर बीभमर्त व्यभि िुनी गयी सेवाभनवृभि की उम्र से पहले या सेवाभनवृभि की उम्र के बाद मर जार्ता है या
योजना से बाहर भनकलना िाहर्ता है र्तो प्रीभमयम की उभिर्त वापसी की अनु मभर्त होगी जो पॉभलसी के र्तहर्त
कोई दावा उत्पन्न नहीं होने के अधीन है। नवीनीकरण में दे री के भलए संर्तोषजनक कारण होने की ज्स्थभर्त
में प्रीभमयम िुगर्तान के भलए 7 भदनों की अनु ग्रह अवभध का प्रावधान है।

e) समनु देशन

यह योजना समनु देशन का प्रावधान करर्ती है।

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f) अपवजवन

पॉभलसी में पहले से म़ौजूद बीमाभरयों का अपवजवन, 30 भदनों की प्रर्तीक्षा अवभध और भनर्थदष्ट रोगों के भलए
पहले वषव का अपवजवन नहीं है जैसा भक मे भडक्लेम में होर्ता है। िूंभक यह एक िभवष्य की मे भडक्लेम पॉभलसी
है, यह काफी र्तकवसंगर्त है।

g) समूह बीमा भिन्न रूप

पॉभलसी का लाि समूह आधार पर िी उठाया जा सकर्ता है भजस मामले में समूह छूट की सुभवधा उपलब्ध
है।

H. कॉम्पबी उत्पाद

किी-किी जीवन बीमा से संबंभधर्त उत्पादों को स्वास््य बीमा उत्पादों के साथ जोड भदया जार्ता है। यह दो बीमा
कंपभनयों के एक साथ आने और एक समझदारी भवकभसर्त करने के माध्यम से एक पैकेज की र्तरह अभधक से
अभधक उत्पादों को बढ़ावा दे ने का एक अछछा र्तरीका है।

इस प्रकार स्वास््य प्लस जीवन कॉम्पबी उत्पादों का मर्तलब है ऐसे उत्पाद जो एक जीवन बीमा कंपनी के एक
जीवन बीमा कवर और गैर-जीवन और/या स्टैं डअलोन स्वास््य बीमा कंपनी द्वारा प्रस्र्ताभवर्त एक स्वास््य बीमा
कवर का संयोजन प्रदान करर्ते हैं ।

इन उत्पादों को दो बीमा कंपभनयों द्वारा संयुि रूप से भडजाइन भकया जार्ता है और दोनों बीमा कंपभनयों के
भवर्तरण िैनलों के माध्यम से बेिा जार्ता है। स्पष्ट गैर पर उनके भलए दो कंपभनयों के बीमा ‘ टाइ अप’ जरुरी
होगा र्तथा भवद्यमान मागव भनदे शों के अनुसार ऐसे टाइ अप की अनु मभर्त एक समय में केवल एक जीवन
बीमाकर्ता और एक गैर जीवन बीमाकर्ता के बीि होर्ती है। ऐसी कंपभनयों के बीि एक एमओयू अवश्य भकया
जाना िाभहए र्ताभकइनकी माकेलटग, पॉभलसी जारी करने के बाद की सेवा, सामान्य ििा का बंटवारा साथ ही
पॉभलसी सेवा के मानक र्तथा प्रीभमयम के योजना राभश के बारे में र्तय भकया जा सके। इनके भलए आई आर डी
आई से अनु मभर्त भकसी एक बीमाकर्ता द्वारा ली जाएगी। यह करार दीघावभध प्रकार का होना िाभहए र्तथा टाइ
अप से भनकलने को अनु मभर्त भसफव भवशेष पभरस्थभर्तयों में ही दी जाएगी और वह िी आई आर डी ए आई के
संर्तुष्ट होने के बाद िी।

एक बीमा कंपीनी आप सी सहमभर्त से अग्रणी बीमाकर्ता के रुप से काम करने र्तथा पॉभलसी सेवा में महत्वपूणव
िूभमका भनिाने के भलए एक सम्पपकव भबन्दु के रुप में अपनी सेवा दे सकर्ती है जैसा भक कॉम्पबी उत्पादों के भलए
जरुरी होर्ता है। अग्रणी बीमाकर्ता बीमा लेिन और पॉभलसी सेवा में एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ता है। र्तथाभप,
दावा और कमीशन के िुगर्तान के मामले पॉभलसी के प्रिाभवर्त होने वाले िंड के आधार पर संबभं धर्त
बीमाकर्ताओं द्वारा भनपटाए जार्ते हैं।

कॉम्पबी प्रडक्ट को समय समय पर जारी मागव भनदे शो के अनु सार प्राप्र्त भकया जाएगा र्तथा अलग अलग स्वीकृभर्त
ली जाएगी। दोनों जोभिमों के प्रीभमयम धरक को अलग अलग बर्ताया जाएगा र्तथा इसकी जानकारी

156
बीमाधारक को भविय पूवव एवं पश्िार्त दोनो अवास्थाओं में दी जाएगी साथ ही इसका उललेि सिी दस्र्तावेजो
जैसे पॉभलसी, भविय साभहत्य आभद में भकया जाएगा।

यह उत्पाद व्यभिगर्त बीमा पॉभलसी और समूह बीमा आधार दोनों ही प्रकार से उपलब्ध कराया जाएगा। र्तथाभप,
स्वस्थ बीमा फलोटर पॉभलभसयों के मामले में शुद् टमव जीवन बीमा कवरे ज की अनु मभर्त पभरवार के अजवन करने
वाले स्वस्थ के भलए ही होगी जो संबंभधर्त बीमा कर्ताओं के बीमा योग्य भहर्त और अन्य लागू बीमा ले िन शर्तो के
अधीन होगी।

फ्री लुक भवकलप, बीमा धारक के भलए उपलब्ध होर्ता है र्तथा यह पूरे कॉम्पबी उत्पाद पर लागू होर्ता है, र्तथाभप,
कॉम्पबी उत्पाद का स्वास्थ वाले िाग को नवीकरण संबभं धर्त गैर जीवन / स्टैं ड एलोन स्वास्थ बीमा कंपनी के
भवकलप पर होगा।

कॉम्पबी उत्पादों की माकेलटग, प्रत्यक्ष माकेलटग िैनल, ब्ोकर, कम्पपोभजट व्यभिगर्त और कापोरे ट एजेंट के
द्वारा दोनो बीमा कर्तवओं द्वारा की जा सकर्ती है लेभकन बैंक की रे फरल व्यवस्था द्वारा नही र्तथाभप वैसे लोग
पहिान नही हो सकर्ते जो भकसी िी एक बीमाकर्ता के भलए भकसी िी एक उत्पाद की माकेलटग के भलए
प्राभधकृर्त नही हो ।

प्रस्र्ताव र्तथा भविय साभहत्य में इसे स्पष्ट रुप से बर्ताया जाना िाभहए भक इनमें दो बीमाकर्ता जु डे हु ए हैं प्रत्येक
जोभिम दू सरे से अलग है, दावे का भनपटान क़ौन करे गा, दोनों या भकसी एक कवर के नवीकरण से संबंधीर्त
मुद्दे बीमाधारक के भवकलप पर होंगे, सेवा सुभवधा आभद ।

इस व्यवसाय को ठीक से िलाने के ले आई टी प्रनाली काया सुद्दढ़ होनी िाभहए क्योंकी दो बीमाकर्ताओं के बीि
आंकडों का एकीकरण र्तथा आई आर डी आई के भलए आंकडे प्रास्र्तुर्त करने होर्ते हैं ।

I. पैकेज पॉभलभसयां

पैकेज या छार्ता कवर एक ही दस्र्तावेज के अंर्तगवर्त कवरों का एक संयोजन है।

उदाहरण के भलए, व्यवसाय के अन्य वगों में पभरवार की पॉभलसी, दु कानदार की पॉभलसी, कायालय पैकेज
पॉभलसी आभद जैसे कवर होर्ते हैं जो एक पॉभलसी के अंर्तगवर्त िवन, सामग्री आभद जैसी भवभिन्न ि़ौभर्तक
संपभियों को कवर करना िाहर्ते हैं । इस र्तरह की पॉभलभसयों में कुछ व्यभिगर्त लाइनों या दे यर्ता कवरों को िी
शाभमल भकया जा सकर्ता है।

स्वास््य बीमा में पैकेज पॉभलसी के उदाहरणों में गंिीर बीमारी कवर लािों को क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों के साथ
जोडना और यहां र्तक भक जीवन बीमा पॉभलभसयों और अस्पर्ताल दै भनक नकद लािों को क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों के
साथ जोडना िी शाभमल है।

यात्रा बीमा के मामले में प्रस्र्ताभवर्त पॉभलसी िी एक पैकेज पॉभलसी है भजसमें न केवल स्वास््य बीमा को बज्लक
दु घवटना में मृत्यु/भवकलांगर्ता लािों के साथ-साथ बीमारी/दु घवटना के कारण भिभकत्सा ििों, जांि भकए गए

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सामानों के नु कसान या पहु ं िने में दे री, संपभि/व्यभिगर्त क्षभर्त के भलए र्तृर्तीय पक्ष की दे यर्ता, यात्रा रद्द होना
और यहां र्तक भक अपहरण कवर को िी शाभमल भकया जार्ता है।

J. गरीब र्तबके के भलए माइिो बीमा और स्वास््य बीमा

माइिो-बीमा उत्पादों को भवशेष रूप से ग्रामीण और अऩौपिाभरक क्षेत्रों के भनम्पन आय वगव के लोगों की सुरक्षा
के उद्देश्य से भडजाइन भकया गया है। भनम्पन आय वगव के लोग हमारी आबादी का एक बडा भहस्सा होर्ते हैं और
इनके पास आम र्त़ौर पर कोई स्वास््य सुरक्षा कवर नहीं होर्ता है। इसभलए, एक भकफायर्ती प्रीभमयम और लाि
पैकेज के साथ यह कम मूलय का उत्पाद इन लोगों को सामान्य जोभिमों का सामना करने और इनसे उबरने में
सहायर्ता करने के भलए लाया गया है। माइिो बीमा आईआरडीए माइिो बीमा भवभनयम, 2005 द्वारा भनयंभत्रर्त
होर्ता है।

ये उत्पाद एक छोटे से प्रीभमयम के साथ आर्ते हैं और आम र्त़ौर पर बीमा राभश 30,000 रुपए से कम होर्ती है जो
आईआरडीए सूक्ष्म बीमा भवभनयम, 2005 के अनु सार आवश्यक है। इस र्तरह के कवर अभधकांशर्तः भवभिन्न
सामुदाभयक संगठनों या गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा अपने सदस्यों के भलए एक सामूभहक आधार
पर भलए जार्ते हैं । आईआरडीए के ग्रामीण और सामाभजक क्षेत्र के दाभयत्वों के अनुसार िी बीमा कंपभनयों द्वारा
अपनी पॉभलभसयों के एक भनधाभरर्त अनु पार्त को माइिो-बीमा उत्पादों के रूप में बेिा जाना आवश्यक है र्ताभक
बीमा की व्यापक पहु ंि सक्षम की जा सके।

समाज के गरीब वगों की जरूरर्तों को पूरा करने के भलए साववजभनक क्षेत्र के उपिमों द्वारा भवशेष रूप से बनाई
गई दो पॉभलभसयां नीिे वर्थणर्त हैं :

1. जन आरोग्य बीमा पॉभलसी

जन आरोग्य बीमा पॉभलसी की भवशेषर्ताएं इस प्रकार हैं :

a. यह पॉभलसी समाज के गरीब वगों को भकफायर्ती भिभकत्सा बीमा उपलब्ध कराने के भलए बनायी गयी है।

b. कवरे ज व्यभिगर्त मे भडक्लेम पॉभलसी की र्तजव पर उपलब्ध है भसवाय इसके भक इसमें संियी बोनस और
भिभकत्सा जांि के लािों को शाभमल नहीं भकया गया है।

c. यह पॉभलसी व्यभियों और पभरवार के सदस्यों के भलए उपलब्ध है।

d. आयु सीमा में पांि वषव से 70 वषव र्तक है।

e. र्तीन महीने और पांि वषव की उम्र के बीि के बछिों को कवर भकया जा सकर्ता है बशर्ते भक मार्ता-भपर्ता में से
एक या दोनों को साथ-साथ कवर भकया गया हो।

f. बीमा राभश प्रभर्त बीभमर्त व्यभि 5,000 रुपए र्तक सीभमर्त है और दे य प्रीभमयम भनम्पन र्ताभलका के अनु सार है।

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र्ताभलका 2.1

बीभमर्त व्यभि की उम्र 46 वषव र्तक 46-55 56-65 66-70

पभरवार के मुभिया 70 100 120 140

पभर्त/पत्नी 70 100 120 140

25 वषव की उम्र र्तक का आभश्रर्त बछिा 50 50 50 50

2+1 आभश्रर्त बछिे के पभरवार के भलए 190 250 290 330

2+2 आभश्रर्त बछिों के पभरवार के भलए 240 300 340 380

 प्रीभमयम आय कर अभधभनयम की धारा 80डी के र्तहर्त कर लाि के योग्य है।

 पॉभलसी के भलए सेवा कर लागू नहीं है।

2. साववि़ौभमक स्वास््य बीमा योजना (यूएिआईएस)

यह पॉभलसी 100 या उससे अभधक पभरवारों के समूहों के भलए उपलब्ध है। हाल के भदनों में अलग-अलग
यूएिआईएस पॉभलभसयां िी जनर्ता के भलए उपलब्ध करायी गयी थीं।

लाि

साववि़ौभमक स्वास््य बीमा योजना के लािों की सूिी इस प्रकार है:

 भिभकत्सा प्रभर्तपूर्थर्त

यह पॉभलसी भनम्पनभलभिर्त उप-सीमाओं के अधीन एक व्यभि/पभरवार के भलए 30,000 रुपए र्तक के अस्पर्ताल
में िर्ती होने के ििों की प्रभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है।

र्ताभलका 2.2

भववरण सीमा

कमरे , बोभडिं ग के ििे 150/- रुपए प्रभर्त भदन र्तक

आईसीयू में िर्ती होने पर 300/- रुपए प्रभर्त भदन र्तक

सजवन, एनेस्थेभटस्ट, सलाहकार, भवशेषज्ञों की फीस, नभसिंग के ििे प्रभर्त बीमारी/िोट 4,500/-
रुपए र्तक

एनेस्थीभसया, रि, ऑक्सीजन, ओ.टी. शुलक, दवाएं, नैदाभनक सामग्री और प्रभर्त बीमारी/िोट 4,500/-

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एक्स-रे , डायभलभसस, रे भडयोथेरेपी, रुपए र्तक

कीमोथेरेपी, पेसमे कर की लागर्त, कृभत्रम अंग, आभद

भकसी िी एक बीमारी के भलए भकए गए कुल ििव 15,000 रुपए र्तक

 व्यभिगर्त दु घवटना कवर

दु घवटना के कारण पभरवार के प्रमुि कमाऊ व्यभि (अनु सूिी में नाभमर्त के अनुसार) की मृत्यु के भलए
कवरे ज: 25,000/- रुपए

 भवकलांगर्ता कवर

अगर भकसी दु घट
व ना/बीमारी की वजह से पभरवार के प्रमुि कमाऊ व्यभि को अस्पर्ताल में िर्ती कराया जार्ता है
र्तो र्तीन भदन की प्रर्तीक्षा अवभध के बाद, अभधकर्तम 15 भदनों र्तक अस्पर्ताल में िर्ती होने के प्रभर्त भदन के भलए
50/- रुपए का मुआवजा िुगर्तान भकया जाएगा।

 प्रीभमयम

र्ताभलका 2.3

र्तत्व प्रीभमयम
एक व्यभि के भलए 365/- रु. प्रभर्त वषव
पांि व्यभि र्तक के एक पभरवार के भलए (पहले र्तीन 548/- रु. प्रभर्त वषव
बछिे सभहर्त)
सार्त व्यभि र्तक के एक पभरवार के भलए (पहले र्तीन 730/- रु. प्रभर्त वषव
बछिों और आभश्रर्त मार्ता-भपर्ता सभहर्त)
बीपीएल पभरवारों के भलए प्रीभमयम सज्ब्सडी गरीबी रे िा से नीिे के पभरवारों के भलए सरकार
एक प्रीभमयम सज्ब्सडी प्रदान करे गी

K. राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना

सरकार ने भवभिन्न स्वास््य योजनाएं िी शुरू की हैं, इनमें से कुछ भवशेष राययों के भलए लागू होर्ती हैं । आम
जनर्ता र्तक स्वास््य लािों की पहु ं ि का भवस्र्तार करने के भलए बीमा कंपभनयों के साथ भमल कर राष्ट्ीय
स्वास््य बीमा योजना शुरू की गई है। राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना (आरएसबीवाय) श्रम एवं रोजगार
मंत्रालय, िारर्त सरकार द्वारा शुरू की गई है जो गरीबी रे िा से नीिे (बीपीएल) के पभरवारों को स्वास््य बीमा
कवरे ज प्रदान करने के भलए है।

राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना की भवशेषर्ताएं इस प्रकार हैं:

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a. एक फैभमली फ्लोटर आधार पर 30,000 रुपए प्रभर्त बीपीएल पभरवार की कुल बीमा राभश।

b. पहले से म़ौजूद बीमाभरयों को कवर भकया जाएगा।

c. अस्पर्ताल में िर्ती होने से संबंभधर्त स्वास््य सेवाओं का कवरे ज और शलय भिभकत्सा प्रकृभर्त की सेवाएं
जो एक दै भनक दे ििाल के आधार पर प्रदान की जा सकर्ती हैं ।

d. सिी पात्र स्वास््य सेवाओं का नगदी रभहर्त कवरे ज।

e. स्माटव काडव का प्रावधान।

f. अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और बाद के ििों का प्रावधान।

g. 100/- रुपए प्रभर्त भवभजट का पभरवहन ििा।

h. केन्द्र और रायय सरकार बीमा कंपनी को प्रीभमयम िुगर्तान करर्ती है।

i. बीमा कंपभनयों का ियन रायय सरकार द्वारा एक प्रभर्तस्पधी बोली के आधार पर भकया जार्ता है।

j. लािाथी के भलए साववजभनक और भनजी अस्पर्तालों के बीि भवकलप।

k. प्रीभमयम का िार 3:1 के अनु पार्त में केन्द्र और रायय सरकारों द्वारा वहन भकया जाएगा। केन्द्र सरकार
565/- रुपए प्रभर्त पभरवार की अभधकर्तम राभश का योगदान करे गी।

l. रायय सरकारों द्वारा अंशदान: वार्थषक प्रीभमयम का 25 प्रभर्तशर्त और 750 रुपए से अभधक कोई िी
अभर्तभरि प्रीभमयम।

m. लािाथी पंजीकरण शुलक/नवीनीकरण शुलक के रूप में 30/- रुपए प्रभर्त वषव का िुगर्तान करे गा।

n. प्रशासभनक लागर्त को रायय सरकार द्वारा वहन भकया जाएगा।

o. स्माटव काडव की लागर्त - 60/- प्रभर्त लािाथी की अभर्तभरि राभश इस प्रयोजन के भलए उपलब्ध होगी।

p. यह योजना स्माटव काडव जारी करने की र्तारीि से अगले महीने के बाद पहले महीने से काम करना
शुरू करे गी। इस प्रकार, अगर प्रारंभिक स्माटव काडव एक भवशेष भजले में फरवरी महीने के द़ौरान किी
िी जारी भकए जार्ते हैं र्तो योजना 1 अप्रैल से शुरू होगी।

q. योजना अगले वषव के 31 मािव र्तक एक वषव के भलए प्रिावी रहे गी। यह उस भवशेष भजले में इस योजना
की अंभर्तम भर्तभथ होगी। इस प्रकार, बीि की अवभध के द़ौरान जारी भकए गए काडव में िी समाज्प्र्त की
भर्तभथ अगले वषव के 31 मािव को होगी।

दावों का भनपटान अनुसूिी में वर्थणर्त टीपीए की के माध्यम से या बीमा कंपनी द्वारा भकया जाएगा।
भनपटान सूिीबद् अस्पर्तालों के माध्यम से जहां र्तक संिव हो नगदी रभहर्त भकया जाएगा।

भकसी िी एक बीमारी का मर्तलब बीमारी की भनरंर्तर अवभध माना जाएगा और इसमें अंभर्तम बार
अस्पर्ताल में परामशव करने की र्तारीि से 60 भदनों के िीर्तर पुनरावृभि शाभमल है।

161
L. प्रधान मंत्री बीमा सुरक्षा योजना

हाल ही में घोभषर्त पी एम एस बी वाई जो दु घवटना से हु ई मृत्यु और अयोग्यर्ता को कवर करने वाली बीमा योजना
ने बहु र्तो का ध्यान आकर्थषर्त भकया है इस योजना की भवशेषर्ताएं इस प्रकार है।

कवर का भवस्र्तार : 18 से 70 वषो के बीि के सहिागी वैंकों के सिी बिर्त बैंक िार्ता धारक इसमें शाभमल होने
के पात्र होगें। सहिागी बैंको को भकसी िी अनु मोभदर्त गैर जीवन बीमाकर्ता के साथ टाइ अप करना होगा जो ऐसे
बैंक का ऐसे कवर के भलए एक मास्टर पॉभलसी जारी करे गा। इसमें कोई िी व्यभि अपने एकल बिर्त बैंक
िार्ता के माध्यम से शभमल होने का पात्र होगा और यभद वह एक से अभधक बैंक में शाभमल होर्ता है र्तो उसे कोई
अभर्तभरि लाि नही भमलेगा र्तथा अदा भकया गया अभर्तभरि प्रीभमयम जब्र्त हो जाएगा बैंक िार्ते के भलए आधार
प्राधभमक के वाए सी होगा।

शाभमल होने की प्रभिय /अवभध : कवर 1 जून से 31 मई की अवभध के भलए होगा र्तथा इनमे शाभमल होने के
भलए भवभहर्त प्रपत्र में नाभपर्त बैंक के बिर्त िार्ता में ऑटो डे भबट के माध्यम से प्रीभमयम का युगदान भकया जाएगा
जो प्रभर्त वषव 31 मई र्तक होगा भजसे पहले वषव में 31 अगस्र्त र्तक बढ़ाया जाएगा। शुरुवार्त में िारर्त सरकार द्वारा
शाभमल होने की अवभध अगले र्तीन महीने 30 नवम्पबर 2015 र्तक बढ़ाई जा सकर्ती है।

इसके बाद िी पूवव वार्थषक प्रीभमयम के युगदान पर भवभनर्थदष्ट शर्तों पर शाभमल होना संिव हो सकर्ता है।
आदशवकों को अभनज्श्िर्त /िर्ती की दीघव कालीन अवभध /ऑटो डे बीट की सुभवधा, भवगर्त अनु िवो के आधार पर
योजना के जारी रहने और शर्ते जो संिोभधर्त की जा सकर्ती है के आधीनदी जा सकर्ती है। वैसे लोग जो इस
योजना से भनकल जार्ते हैं िभवष्य में वापस कया िी इसी प्रभिया के अनु सार शाभमल हो सकर्ते है । पात्र श्रेणी के
नये लोग या वैसे पात्र लोग जो शाभम नही हो सके हैं योजना के आभद रहने पर िभवष्य में िी शाभमल हो सकर्ते
हैं ।

इस बीमा के अन्र्तवगर्त भमलने वाली सुभवधाएं इस प्रकार हैं ।

सुभवधा की र्ताभलका बीभमर्त राभश

मृत्यु 2 लाि रु

कुल और दोनों आाँिे या दोनों हाथों के उपयोग 2 लाि रु


या पैर या एक आाँि की दृज्ष्ट और एक हाथ या
पैर की अपूरणीय हाभन

कुल और एक आाँि की दृष्टी या एक हाथ या पैर 1 लाि रु


के उपयोग की अपूरणीय हाभन

शाभमल होने या नामन की सुभवधा एसएमएस, ईमे ल या व्यभिगर्त भवभजट से उपलब्ध हैं ।

162
प्रीभमयम : 12 रु. प्रभर्त सदस्य प्रभर्त वषव प्रीभमयम िार्ता धारक के बिर्त बैंक अकाउं ट से ऑटो डे भबट के माध्यम
से एक भकश्र्त में प्रत्येक कवरे ज अवभध के 1 जून र्तक या उससे पहले काट भलया जाएगा। र्तथाभप, वैसे मामलो में
जहां ऑटो डे भबट 1 जून के बाद होर्ता है, कवर ऑटो डे भबट के महीनेके पहले भदन से प्रारं ि होगा। सहिागी
बैंक,ऑटो डे भबट का भवकलप भदए जाने पर उसी महीने का अभधमानर्तः प्रत्येक वषव मई महीने में होगा, प्रीभमयम
काट लेंगा र्तथा राभश के उसी महीने बीमा कंपनी का िेक दे गा।

प्रीभमयम का पुनसक्षण , वर्थषक दावा अनु िव के आधारपर भकया जाएगा पर यही सुभनज्श्िर्त करने का प्रयास
भकया जाएगा भक पहले र्तीन वषव में प्रीभमयम में कोई वृभद् नही हो।

कवर की समाज्प्र्त : सदस्य का दु घवटनात्मक कवर समाप्र्त हो जएगा :

1. सदस्य के 70 वशव के होने पर ( नजदीकी जन्म भदन पर आयू) या

2. बैंक से िार्ता बंद कर लेने या बीमा लागू रहने के भलए अपयाप्र्त शेष

3. यभद सदस्य एक से अभधक िार्ता के अन्र्तगवर्त कवर हो र्तो, बीमा कवर भसफव एक से ही सीभमर्त र्तथा
दु सरा कवर समाप्र्त हो जाएगा और प्रीभमयम को जरुर कर भलया जाएगा।

यभद बीमा कवर भकसी र्तकनीकी कारण जैसे, भनयर्त र्ताभरि को अपयाप्र्त शेष या भकसी अन्य प्रशासभनक
कारण से बंद हो जार्ता है र्तो उसे भनधाभरर्त शर्तों के अधीन, पूणव वर्थषक प्रीभमयम के युगदान पर पुना लागू भकया
जा सकर्ता है। इस अवधी के द़ौरान जोभिम कवर भनलंभबर्त रहे गा र्तथा जोभिम कवर की पुनः बहाली बीमा
कंपनी के भनणवय पर होगी।

M. प्रधान मंत्री जनधन योजना

बैंलकग बिर्त और जमा िार्ता, प्रोषण, िेभडट, बीमा और पंशन में िारर्तीय नागभरको के भलए भवभर्तय अन्र्तववश
े न
अभियान की शुरुवार्त िारर्त के प्रधान मंत्री श्री नरे न्द्र मोदी द्वारा 28 अगस्र्त 2014 को की गई भजसकी घोषणा
उन्होंने 15 अगस्र्त 2014, को स्वर्तंत्र भदवस पर भदए गए अपने पहले िाषण में की थी। इस योजना ने एक सप्र्ताह
के द़ौरान बैंक िार्ता िोलने का भवश्व भरकाडव कायम भकया था। इसका उद्देश्य अभधकर्तम लोगो को बैंक की
मुख्य धारा से जोडना था।

िार्ता बैंक की भकसी िी शािा या भबजनेस कॉरे सपान्डें ट (बैंक भमत्र) के केन्द्र पर िोला जा सकर्ता है। पी
एमजेडीवाई का िार्ता शून्य शेष पर िोला जा रहा है। र्तथापी, यभद िार्ता धारक िेक बुक िाहर्ता है र्तो उसे
न्यूनर्तम शेष मान दं ड को पूरा करना होगा।

पीएमजेडीवाई के अन्र्तवगर्त भवशेष सुभवधाएं

1. जमा पर ब्याज
2. 1 लाि रु. का दु घट
व ना कवर
3. न्यूनर्तम शेष आवश्यक नही
4. 30,000/- का जीवन बीमा कवर

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5. पूरे िारर्त में सहजर्ता से पैसे का अंर्तरण
6. सरकारी योजना के लािार्थथयों को सीधे उनके िार्तो में पैसे का अंर्तरम
7. 6 महीने र्तक सफलर्ता पूववक पभरिलन के बाद ओवर िाफट की सुभवधा
8. पेंशन, बीमा उत्पादो र्तक पहु ंि
9. दु घवटनात्मक बीमा कवर
10. रुपये डे भबट काडव भजनका न्यूनर्तम 45 भदनों में एक बार उपयोग भकया जाना है।
11. प्रत्येक पभरवार के कम से कम एक िार्ते पर, अभधमानर्तः पभरवार की मभहला 5,000/- रु. र्तक के
ओवर िाफट की सुभवधा

13 मई 2015 र्तक 15.59 करोड के भरकाडव िार्ते िोले गए भजनका कुल शेष 16,918.91 करोड िार्ते शुन्य
शेष पर िोले गए थे।

N. व्यभिगर्त दु घवटना और भवकलांगर्ता कवर

एक व्यभिगर्त दु घवटना (पीए) कवर अप्रत्याभशर्त दु घवटना की ज्स्थभर्त में मृत्यु और भवकलांगर्ता की वजह से
मुआवजा प्रदान करर्ता है।इस र्तरह की पॉभलभसयां अक्सर दु घवटना लाि के साथ-साथ भकसी न भकसी प्रकार
का भिभकत्सा कवर प्रदान करर्ती हैं ।

एक पीए पॉभलसी में, जहां बीमा राभश के 100% का मृत्यु लाि िुगर्तान भकया जार्ता है, भवकलांगर्ता की ज्स्थभर्त
में मुआवजा स्थायी भवकलांगर्ता के मामले में बीमा राभश के एक भनज्श्िर्त प्रभर्तशर्त से लेकर अस्थायी भवकलांगर्ता
के भलए साप्र्ताभहक मुआवजे र्तक भिन्न होर्ता है।

साप्र्ताभहक मुआवजे का मर्तलब प्रभर्त सप्र्ताह की भवकलांगर्ता के भलए एक भनज्श्िर्त राभश का िुगर्तान करना है
जो उन सप्र्ताहों की संख्या के संदिव में एक अभधकर्तम सीमा के अधीन है भजनके भलए मुआवजा दे य होगा।

1. भवकलांगर्ता कवर के प्रकार

पॉभलसी के र्तहर्त आम र्त़ौर पर कवर की जाने वाली भवकलांगर्ता के प्रकार हैं :

i. स्थायी पूणव भवकलांगर्ता (पीटीडी): इसका मर्तलब है जीवन िर के भलए पूरी र्तरह अक्षम हो जाना
अथार्त सिी िार अंगों का पक्षाघार्त, कोमा की ज्स्थभर्त, दोनों आंिों / दोनों हाथों / दोनों पैरों या एक
हाथ और एक आंि या एक आंि और एक पैर या एक हाथ और एक पैर का नुकसान,

ii. स्थायी आंभशक भवकलांगर्ता (पीपीडी): इसका मर्तलब है जीवन िर के भलए आंभशक रूप से अक्षम
होना अथार्त हाथ की उं गभलयों, पैर की उं गभलयों, पंजों आभद का नु कसान,

iii. अस्थाई पूणव भवकलांगर्ता (टीटीडी): इसका मर्तलब है एक अस्थायी समय अवभध के भलए पूरी र्तरह से
अक्षम हो जाना।कवर का यह िंड भवकलांगर्ता की अवभध के द़ौरान आय के नु कसान को कवर करने
के भलए है।

ग्राहक के पास केवल मृत्यु कवर या मृत्यु के साथ स्थायी भवकलांगर्ता या मृत्यु के साथ स्थायी
भवकलांगर्ता और इसके अलावा अस्थायी कुल भवकलांगर्ता को िुनने का भवकलप होर्ता है।

164
2. बीमा राभश

पीए पॉभलभसयों के भलए बीमा राभश आम र्त़ौर पर सकल माभसक आय के आधार पर र्तय की जार्ती है। आम र्त़ौर
पर यह कुल माभसक आय का 60 गुना होर्ता है। हालांभक, कुछ बीमा कंपभनयां आय के स्र्तर पर भविार भकए
भबना भनज्श्िर्त योजना के आधार पर िी प्रदान करर्ती हैं । इस र्तरह की पॉभलभसयों में कवर के प्रत्येक िंड के
भलए बीमा राभश िुनी गयी योजना के अनु सार बदलर्ती रहर्ती है।

3. लाि योजना

एक लाि योजना होने के नार्ते पीए पॉभलभसयों में योगदान नहीं होर्ता है। इस प्रकार, अगर भकसी व्यभि के पास
अलग-अलग बीमा कंपभनयों के साथ एक से अभधक पॉभलसी उपलब्ध है र्तो दु घवटना में मृत्यु, पीटीडी या पीपीडी
की ज्स्थभर्त में, सिी पॉभलभसयों के अंर्तगवर्त दावों का िुगर्तान भकया जाएगा।

4. कवर का दायरा

इन पॉभलभसयों को अक्सर भिभकत्सा ििों को कवर करने के भलए बढ़ाया जार्ता है जो दु घवटना के बाद
अस्पर्ताल में िर्ती होने संबध
ं ी और अन्य भिभकत्सा ििों की प्रभर्तपूर्थर्त करर्ता है। आज हमारे पास ऐसी स्वास््य
पॉभलभसयां हैं भजन्हें एक दु घट
व ना के पभरणाम स्वरूप भिभकत्सा/अस्पर्ताल में िर्ती होने संबंधी ििों को कवर
करने के भलए जारी भकया जार्ता है। इस र्तरह की पॉभलभसयां बीमाभरयों और उनके इलाज को कवर नहीं करर्ती
है, इसके बजाय केवल दु घवटना से संबंभधर्त भिभकत्सा ििों को कवर करर्ती हैं।

5. मूलय वर्थद्र्त लाि (वैलयू स्डें ड)

व्यभिगर्त दु घवटना के साथ-साथ कई बीमा कंपभनयां मूलय वर्थद्र्त लाि िी उपलब्ध करार्ती हैं जैसे दु घवटना के
कारण अस्पर्ताल में िर्ती होने के मामले में अस्पर्ताल में नगदी, पार्थथव शरीर के पभरवहन की लागर्त, एक
भनज्श्िर्त राभश के भलए भशक्षा लाि और वास्र्तभवक या भनज्श्िर्त सीमा के आधार पर एम्पबुलेंस शुलक, जो िी कम
हो।

6. अपवजवन

व्यभिगर्त दु घवटना कवर के र्तहर्त सामान्य अपवजवन इस प्रकार हैं :

i. पॉभलसी शुरू होने से पहले कोई िी म़ौजूदा भवकलांगर्ता

ii. मानभसक भवकारों या भकसी िी बीमारी के कारण म़ौर्त या भवकलांगर्ता

iii. प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से य़ौन रोग, य़ौन संिाभरर्त रोगों, एड्स या पागलपन के कारण

iv. भवभकरण, संिमण, भवषािर्ता की वजह से म़ौर्त या भवकलांगर्ता, भसवाय उन मामलों के जहां ये एक
दु घवटना के कारण होर्ते हैं ।

v. बीमाधारक व्यभि या उसके पभरवार के भकसी िी सदस्य द्वारा आपराभधक इरादे से कानून के भकसी िी
उललंघन के कारण या इसके पभरणाम स्वरूप कोई िी िोट।

165
vi. युद्, आिमण, भवदे शी शर्तु के कृत्य, शर्तुर्ता (िाहे युद् घोभषर्त भकया गया हो या नहीं), गृह युद्,
भवद्रोह, िांभर्त, बलवा, बगावर्त, सैन्य या अभधकार हरण, जब्र्ती, कब्जा, भगरफ्र्तारी, बाध्यर्ता और
कारावास के कारण या इनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जु डे होने के कारण भकसी िी दु घवटना संबंधी िोट
की वजह से मृत्यु या भवकलांगर्ता या िोट।

vii. अगर बीभमर्त व्यभि भकसी िी गैर-इरादर्तन हत्या यानी मडव र का भशकार हु आ है। हालांभक, अभधकांश
पॉभलभसयों में ऐसी हत्या के मामले में जहां बीमाधारक स्वयं आपराभधक गभर्तभवभधयों में शाभमल नहीं है ,
इसे एक दु घवटना के रूप में दे िा जार्ता है और पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया जार्ता है।

viii. मृत्यु/भवकलांगर्ता/अस्पर्ताल में िर्ती होना जो बछिे के जन्म से या गिावस्था से या उसके पभरणाम
स्वरूप, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, इसके कारण, इसके योगदान से या इसके द्वारा बढ़ाया गया या लंबे
समय र्तक िलाया गया है।

ix. जब बीमाधारक/बीभमर्त व्यभि एक पेशेवर के रूप में भकसी िी िेल में िाग या प्रभशक्षण ले रहा है , िाहे
शांभर्त या युद् में, भकसी िी दे श की सेना या सशस्त्र बलों की भकसी िी शािा में सेवारर्त है।

x. जानबूझ कर िु द को िोट पहु ं िाना, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास (िाहे होशोहवास में या
मानभसक भवभक्षप्र्तर्ता में)

xi. मादक द्रव्यों या नशीली दवाओं और शराब का दु रुपयोग

xii. दु भनया में कहीं िी भकसी भवभधवर्त लाइसेंसधारी मानक प्रकार के भवमान में एक यात्री (भकराया दे कर
या अन्यथा) के रूप में बैठने के अलावा, भकसी िी भवमान या गुब्बारे में िढ़र्ते समय या इससे उर्तरर्ते
समय या इसमें यात्रा करर्ते समय, भवमान या गुब्बारा उडाने में शाभमल होना।

कुछ पॉभलभसयों में एक वैध िाइलवग लाइसेंस के भबना कोई िी वाहन िलाने से उत्पन्न होने वाले नु कसान
को िी बाहर रिा जार्ता है।

पीए पॉभलभसयां व्यभियों, पभरवार और समूहों को िी प्रदान की जार्ती हैं ।

पभरवार पैकेज कवर

पभरवार पैकेज कवर भनम्पन आधार पर भदया जा सकर्ता है :

 अजवन करने वाला सदस्य ( बीभमर्त व्यभि) और पत्नी, यभद अजवन करर्ती हो, प्रत्येक के भलए स्वर्तंत्र
मूल बीभमर्त राभश, व्यभिगर्त पॉभलसी की र्तरह सीमाओं के अधीन है।

 पत्नी (यभद अजवन नही करर्ती हो) : आम र्त़ौर पर अजवन करने वाले सदस्य की मूल बीभमर्त राभश का
50% इसे एक उपरी सीमा अथार्त 1,00,000 या 3,00,000 रु. र्तक सीभमर्त भकया जा सकर्ता है।

 बछिे ( 5 वषव से 25 वषव र्तक) : आम र्त़ौर पर अजवन करने वाले मार्ता भपर्ता का मूल बीभमर्त राभश 25 %
प्राभर्त बछिा 50,000/- की भनर्थदष्ट उपरी सीमा के अधीन

166
समूह व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलभसयां

समूह व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलभसयां आमर्त़ौर पर वार्थषक पॉभलभसयां होर्ती है भजनका नवीकरण उनकी भनधाभरर्त
र्ताभरि को होर्ता है। र्तथाभप गैर जीवन और स्टैं ड एलोन स्वास्थ बीमाकर्ता भकसी भवशेष घटना या अवसर को
कवर करने के भलए एक वषव से कम की पॉभलसी िी दे र्ते है।

समूह पॉभलभसयां भनम्पन प्रकार की हो सकर्ती है :

 भनयोिा और कमविारी का संबंध

इस र्तरह की पॉभलभसयां भनम्पनभलभिर्त को कवर करने के भलए फमों, एसोभसएशन आभद को प्रदान की
जार्ती हैं :

o नाभमर्त कमविारी

o अनाभमर्त कमविारी

 गैर भनयोजक – भनयोिा सम्पबंध

ये पॉभलभसयां संघों, सभमभर्तयों ,कलबो आभद को दी जार्ती है जो भनम्पन को कवर करने के भलए होर्ती है

o नाभमर्त सदस्य

o वैसे सदस्य जो नाम से नही पहिाने जार्ते

(नोट : कमविारीयों को अलग से नही कवर भकया जा सकर्ता)

टू टी हु ई हड्डी की पॉभलसी और दै भनक गभर्तभवभधयों के नुकसान के भलए मुआवजा

यह एक भवभशष्ट पीए पॉभलसी है। यह पॉभलसी सूिीबद् टू ट-फूट के भवरुद् कवर प्रदान करने के भलए बनायी
गयी है।

i. दावे के समय भनज्श्िर्त लाि या प्रत्येक टू ट-फूट के भवरुद् वर्थणर्त बीमा राभश के प्रभर्तशर्त का िुगर्तान
भकया जार्ता है।

ii. लाि की मात्रा कवर की गयी हड्डी के प्रकार और टू ट-फूट की प्रकृभर्त पर भनिवर करर्ती है।

iii. आगे स्पष्ट करर्ते हु ए, सरल टू ट-फूट की र्तुलना में संयुि टू ट-फूट के मामले में अभधक प्रभर्तशर्त लाि
प्राप्र्त होगा। भफर, फीमर हड्डी (जांघ की हड्डी) के भलए लाि का प्रभर्तशर्त उं गली की हड्डी के लाि के
प्रभर्तशर्त की र्तुलना में अभधक होगा।

iv. यह पॉभलसी दै भनक गभर्तभवभधयों अथार्त िान-पान, श़ौि, पहनावा, आत्मसंयम (मल या मूत्र को रोकने
की क्षमर्ता) या गभर्तहीनर्ता के नु कसान के भलए पॉभलसी में पभरिाभषर्त भनज्श्िर्त लाि को िी कवर करर्ती
है र्ताभक बीमाधारक अपने जीवन के रिरिाव से जु डी लागर्त का ध्यान रि सके।

v. इसके अलावा इसमें अस्पर्ताल में नगदी लाि और दु घवटना में मृत्यु के कवर को िी शाभमल भकया गया
है। अलग-अलग बीमा राभश और लाि के िुगर्तान के साथ भवभिन्न योजनाएं उपलब्ध हैं ।

167
O. भवदे श यात्रा बीमा

1. पॉभलसी की आवश्यकर्ता

व्यवसाय, अवकाश या पढ़ाई के भलए िारर्त के बाहर यात्रा करने वाला एक िारर्तीय नागभरक भवदे श में अपने
प्रवास के द़ौरान दु घवटना, िोट और बीमारी के जोभिम के दायरे में होर्ता है। भिभकत्सा दे ििाल की लागर्त,
भवशेष रूप से संयुि रायय अमे भरका और कनाडा जैसे दे शों में बहु र्त अभधक है , और अगर इन दे शों की यात्रा
करने वाले व्यभि को भकसी दु िाग्यपूणव घटना/बीमारी का सामना करना पडर्ता है र्तो यह उसके भलए एक बडी
भविीय समस्या का कारण बन सकर्ता है। ऐसी दु िाग्यपूणव घटनाओं से बिने के भलए यात्रा पॉभलभसयां या
भवदे शी स्वास््य और दु घवटना पॉभलभसयां उपलब्ध हैं ।

2. कवरे ज का दायरा

इस र्तरह की पॉभलभसयां मुख्य रूप से दु घवटना और बीमारी लािों के भलए होर्ती हैं , लेभकन बाजार में उपलब्ध
अभधकांश उत्पाद कई कवरों को एक उत्पाद में पैकेज बना कर प्रस्र्तुर्त करर्ते हैं । उपलब्ध कवर इस प्रकार हैं :

i. दु घवटना में मृत्यु/भवकलांगर्ता


ii. बीमारी/दु घवटना के कारण भिभकत्सा व्यय
iii. जांि भकए गए सामानों का नुकसान
iv. जांि भकए गए सामानों के पहु ं िने में दे री
v. पासपोटव और दस्र्तावेज गुम हो जाना
vi. संपभि/व्यभिगर्त क्षभर्त के भलए र्तृर्तीय पक्ष की दे यर्ता
vii. यात्राएं रद्द होना
viii. अपहरण कवर

3. योजनाओं के प्रकार

व्यवसाय और अवकाश योजनाएं, अध्ययन की योजनाएं और रोजगार योजनाएं लोकभप्रय पॉभलभसयां हैं ।

4. यह बीमा कैन प्रदानकर सकर्ता है

भवदे शी या घरे लू यात्रा पॉभलसीयां केवल गैर जीवन या स्टैं ड एलोन स्वास्थ बीमा कंपभनयों द्वारा स्टैं ड एलोन
उत्पाद या भवद्यपान स्वास्थ पॉभलसी पर एंड ऑन कवर के रुपये प्रदान की जा सकर्ती है बशर्ते भक एंड ऑन
कवर के भलए प्रीभमयम फाइल और उपयोग प्रभिया के अन्र्तगवर्त प्राभधकार द्वारा अनु मोभदर्त हो

5. क़ौन पॉभलसी ले सकर्ता है

व्यापार, अवकाश या पढ़ाई के भलए भवदे श यात्रा करने वाला एक िारर्तीय नागभरक इस पॉभलसी का लाि उठा
सकर्ता है। िारर्तीय भनयोिाओं के भवदे श में ठे के पर िेजे गए कमविाभरयों को िी कवर भकया जा सकर्ता है।

168
6. बीमा राभश और प्रीभमयम

कवर अमे भरकी डॉलर में प्रदान भकया जार्ता है और आम र्त़ौर पर 100,000 अमे भरकी डॉलर से 500,000
अमे भरकी डॉलर र्तक भिन्न होर्ता है। भिभकत्सा ििव, भनकासी, स्वदे श वापसी को कवर करने वाले िंड के
भलए जो मुख्य िंड है। दे यर्ता कवर को छोड कर अन्य िंडों के भलए बीमा राभश कम होर्ती है। प्रीभमयम
िारर्तीय रुपए में िुगर्तान भकया जा सकर्ता है, भसवाय रोजगार योजना के मामले के जहां प्रीभमयम डॉलर में
िुगर्तान करना होर्ता है। योजनाएं आम र्त़ौर पर दो प्रकार की होर्ती हैं :

 अमे भरका/कनाडा को छोडकर भवश्व-व्यापी

 अमे भरका/कनाडा सभहर्त भवश्व-व्यापी

कुछ उत्पाद केवल एभशयाई दे शों, केवल शेंगेन दे शों आभद में कवर उपलब्ध करार्ते हैं ।

1. कॉपोरे ट भनयभमर्त यात्री योजना

यह एक वार्थषक पॉभलसी है भजसके द्वारा एक कॉपोरे ट/भनयोिा अपने उन अभधकाभरयों के भलए व्यभिगर्त
पॉभलभसयां लेर्ता है भजनको अक्सर िारर्त के बाहर यात्राएं करनी होर्ती हैं । यह कवर एक वषव में कई बार भवदे श
के भलए उडान िरने वाले व्यभियों द्वारा िी भलया जा सकर्ता है। प्रत्येक यात्रा की अभधकर्तम अवभध और एक वषव
में यात्राओं का लाि उठाने की अभधकर्तम संख्या पर सीमाएं भनधाभरर्त हैं ।

आज एक र्तेजी से लोकभप्रय हो रहा कवर एक वार्थषक घोषणा पॉभलसी है भजसमें भकसी कंपनी के कमविाभरयों
द्वारा एक वषव में यात्रा के अनुमाभनर्त व्यभिगर्त भदनों के आधार पर एक अभग्रम प्रीभमयम िुगर्तान भकया जार्ता है।

घोषणाएं कमविारी के अनुसार यात्रा के भदनों की संख्या पर पाभक्षक/साप्र्ताभहक आधार पर की जार्ती हैं और
प्रीभमयम को अभग्रम के भवरुद् समायोभजर्त भकया जार्ता है। पॉभलसी की िालू अवभध के द़ौरान व्यभिगर्त भदनों
की संख्या में वृभद् के भलए िी प्रावधान भकया गया है क्योंभक यह अभर्तभरि अभग्रम प्रीभमयम िुगर्तान करने पर
समाप्र्त हो जार्ता है।

उपरोि पॉभलभसयां केवल व्यापार और अवकाश संबध


ं ी यात्राओं के भलए प्रदान की जार्ती हैं ।

ओएमपी के र्तहर्त सामान्य अपवजवनों में पहले से म़ौजूद बीमाभरयां शाभमल हैं । म़ौजूदा बीमाभरयों से ग्रस्र्त व्यभि
भवदे श में उपिार कराने के भलए कवर प्राप्र्त नहीं कर सकर्ते हैं ।

इन पॉभलभसयों के र्तहर्त स्वास््य संबध


ं ी दावे पूरी र्तरह से नगदी रभहर्त (कैशलेस) होर्ते हैं भजसमें प्रत्येक बीमा
कंपनी प्रमुि दे शों में नेटवकव वाले एक अंर्तरराष्ट्ीय सेवा प्रदार्ता के साथ गठजोड करर्ती है जो भवदे श में
पॉभलभसयों की सेवाएं प्रदान करर्ते हैं ।

169
P. समूह स्वास््य कवर

1. समूह पॉभलभसयां

जैसा भक अध्याय में पहले समझाया गया है , समूह पॉभलसी एक समूह के माभलक द्वारा जो एक भनयोिा हो
सकर्ता है, एक एसोभसएशन, एक बैंक के िेभडट काडव संिाग द्वारा ली जार्ती है जहां एक अकेली पॉभलसी
व्यभियों के पूरे समूह को कवर करर्ती है।

समूह स्वास्थ बीमा पॉभलभसयां बीमा कंपनी द्वारा दी जा सकर्ती है बशर्ते भक ऐसे सिी उत्पाद एक वषव के
नवीकरण संभवदा में हो।

समूह पॉभलभसयों की भवशेषर्ताएं - अस्पर्ताल में िर्ती होने का लाि कवर।

1. कवरे ज का दायरा

समूह स्वास््य बीमा का सबसे सामान्य रूप भनयोिाओं द्वारा ली गई पॉभलसी है भजसमें कमविाभरयों और उनके
पभरवारों के साथ-साथ आभश्रर्त पत्नी/पभर्त, बछिे और मार्ता-भपर्ता/ सास-ससुर को कवर भकया जार्ता है।

2. अनु कूभलर्त कवर

समूह पॉभलभसयां अक्सर समूह की आवश्यकर्ताओं के अनुरूप र्तैयार कवर के रूप में होर्ती हैं । इस प्रकार, समूह
पॉभलभसयों में समूह पॉभलसी के र्तहर्त कवर की जा रही व्यभिगर्त पॉभलसी के कई मानक अपवजवन शाभमल होंगे।

3. मार्तृत्व कवर

एक समूह पॉभलसीमें सबसे आम भवस्र्तारों में से एक मार्तृत्व (प्रसूभर्त) कवर है। इसे अब कुछ बीमा कंपभनयों द्वारा
व्यभिगर्त पॉभलभसयों के र्तहर्त लेभकन दो से र्तीन वषव की प्रर्तीक्षा अवभध के साथ उपलब्ध कराया जा रहा है। एक
समूह पॉभलसी में सामान्यर्तः केवल ऩौ महीने की प्रर्तीक्षा अवभध होर्ती है और कुछ मामलों में इसे िी हटा भदया
जार्ता है। मार्तृत्व कवर में बछिे के प्रसव के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों का प्रावधान भकया जार्ता है और
इसमें सी-सेक्शन भडलीवरी शाभमल है। यह कवर आम र्त़ौर पर पभरवार की समग्र बीमा राभश के िीर्तर 25,000
रुपए से 50,000 रुपए र्तक सीभमर्त होर्ता है।

4. बाल कवर

बछिों को आम र्त़ौर पर केवल व्यभिगर्त स्वास््य पॉभलभसयों में र्तीन महीने की उम्र से कवर भकया जार्ता है।
समूह पॉभलभसयों में बछिों को पहले भदन से ही कवरे ज भदया जार्ता है, किी-किी यह मार्तृत्व कवर की सीमा
र्तक ही सीभमर्त होर्ता है और किी-किी पभरवार की संपूणव बीमा राभश को शाभमल करने र्तक बढ़ाया जार्ता है।

5. पहले से म़ौजूद बीमाभरयों का कवर, प्रर्तीक्षा अवभध की माफी

कई अपवजवनों जैसे भक पहले से म़ौजूद बीमारी के अपवजवन, र्तीस भदनों की प्रर्तीक्षा अवभध, दो वषों की प्रर्तीक्षा
अवभध, जन्मजार्त बीमाभरयों को एक अनु कूभलर्त समूह पॉभलसी में कवर भकया जा सकर्ता है।

170
6. प्रीभमयम की गणना

एक समूह पॉभलसी के भलए वसूल भकया जाने वाला प्रीभमयम समूह के सदस्यों की उम्र प्रोफाइल, समूह के
आकार और सबसे महत्वपूणव, समूह के दावों के अनु िव पर आधाभरर्त होर्ता है। िूंभक प्रीभमयम अनु िव के आधार
पर वषव दर वषव बदलर्ता रहर्ता है , ऊपर वर्थणर्त के अनु सार अभर्तभरि कवर मुि रूप से समूहों को प्रदान भकए
जार्ते हैं, क्योंभक िुगर्तान भकए गए प्रीभमयमों के िीर्तर अपने दावे का प्रबंधन करन समूह पॉभलसी धारक के भहर्त
में होर्ता है।

7. गैर-भनयोिा कमविारी समूह

िारर्त में भनयामक प्रावधान मुख्य रूप से एक समूह बीमा कवर लेने के प्रयोजन से समूहों के गठन पर सख्र्ती से
रोक लगार्ते हैं । जब समूह पॉभलभसयां भनयोिाओं के अलावा अन्य को दी जार्ती हैं र्तो अपने सदस्यों के साथ
समूह के माभलक के संबध
ं का भनधारण करना महत्वपूणव हो जार्ता है।

उदाहरण

एक बैंक द्वारा अपने बिर्त बैंक िार्ता धारकों या िेभडट काडव धारकों के भलए पॉभलसी भलया जाना एक समरूप
समूह का गठन करर्ता है भजससे एक बडा समूह अपनी आवश्यकर्ताओं के अनुरूप बनायी गयी अनु कूभलर्त
पॉभलसी का लाि उठाने में सक्षम होर्ता है।

यहां प्रत्येक व्यभिगर्त िार्ता धारक से एकत्र भकया जाने वाला प्रीभमयम काफी कम हो सकर्ता है , लेभकन एक
समूह के रूप में बीमा कंपनी को प्राप्र्त होने वाला प्रीभमयम पयाप्र्त होगा और बैंक एक उत्कृष्ट पॉभलसी के रूप में
और बेहर्तर प्रीभमयम दरों पर अपने ग्राहकों को एक मूलय वद्व न प्रदान करर्ता है।

8. मूलय भनधारण

समूह पॉभलभसयों में, समूह के आकार के साथ-साथ समूह के दावों के अनु िव के आधार पर प्रीभमयम पर छूट
दे ने का प्रावधान होर्ता है। समूह बीमा प्रभर्तकूल ियन के जोभिम को कम कर दे र्ता है क्योंभक पूरे समूह को एक
पॉभलसी में कवर भकया जार्ता है और यह समूह धारक को बेहर्तर शर्तों के भलए स़ौदे बाजी करने में सक्षम बनार्ता
है। हालांभक, हाल के वषों में इस क्षेत्र में उछि नु कसान अनु पार्त दे िा गया है भजसका प्राथभमक कारण प्रभर्तस्पधा
की वजह से प्रीभमयम का अवमूलयन है। जहां इसके कारण कुछ मामलों में बीमा कंपभनयों द्वारा प्रीभमयम और
कवर की समीक्षा की गयी है, यह घोषणा करना अिी िी मुज्श्कल है भक र्तब से ज्स्थभर्त में सुधार आ गया है।

9. प्रीभमयम िुगर्तान

प्रीभमयम पूरी र्तरह से भनयोिा या समूह के माभलक द्वारा िुगर्तान भकया जार्ता है , लेभकन यह आम र्त़ौर पर
कमविाभरयों या समूह के सदस्यों द्वारा एक अंशदान के आधार पर होर्ता है। हालांभक यह बीमा कंपनी के साथ
एक एकल अनु बध
ं है जहां भनयोिा/समूह का माभलक प्रीभमयम इकट्ठा करर्ता है और सिी सदस्यों को कवर
करर्ते हु ए प्रीभमयम का िुगर्तान करर्ता है।

171
10. ऐड-ऑन लाि

अनु कूभलर्त समूह पॉभलभसयां दांर्तों की दे ििाल, आंिों की दे ििाल और स्वास््य जांि की लागर्त जैसे कवर
और किी-किी गंिीर बीमाभरयों का कवर िी अभर्तभरि प्रीभमयमों पर या मानाथव लािों के रूप में प्रदान करर्ती
हैं ।

नोट:

आईआरडीएआई ने समूह दु घवटना और स्वास््य कवर प्रदान करने के भलए शर्तें भनधाभरर्त की हैं । यह व्यभियों
को अवैध और पैसे कमाने वाली समूह पॉभलसी योजनाओं में शाभमल होने के भलए जालसाजों द्वारा गुमराह भकए
जाने से बिार्ता है।

हाल ही में शुरू की गयी सरकारी स्वास््य बीमा योजनाओं और सामूभहक उत्पादों को िी समूह स्वास््य कवर
के रूप में वगीकृर्त भकया जा सकर्ता है क्योंभक इन पॉभलभसयों को सरकार द्वारा जनसंख्या के संपूणव वगव के भलए
िरीदा जार्ता है।

पभरिाषा

समूह की पभरिाषा को भनम्पनानु सार संक्षेभपर्त भकया जा सकर्ता है:

a. एक समूह में उद्देश्य की समानर्ता वाले लोगों को शाभमल भकया जाना िाभहए और समूह के आयोजक के
पास समूह के अभधकांश सदस्यों की ओर से बीमा की व्यवस्था करने का जनादे श होना िाभहए।

b. भकसी िी समूह का गठन बीमा का लाि उठाने के मुख्य उद्देश्य के साथ नहीं भकया जाना िाभहए।

c. वसूल भकए जाने वाले प्रीभमयम और उपलब्ध लािों का अलग-अलग सदस्यों को जारी की गयी समूह
पॉभलसी में स्पष्ट रूप से उललेि होना िाभहए।

d. समूह छूट अलग-अलग सदस्यों को बढ़ा भदया जाना िाभहए और वसूल भकया जाने वाला प्रीभमयम बीमा
कंपनी को दे ने वाले प्रीभमयम से अभधक नहीं होना िाभहए।

2. कॉपोरे ट बफर या फ्लोटर कवर

अभधकांश समूह पॉभलभसयों में प्रत्येक पभरवार को एक भनधाभरर्त राभश के भलए कवर भकया जार्ता है जो एक
लाि रुपए से लेकर पांि लाि रुपए र्तक और किी-किी इससे अभधक भिन्न हो सकर्ता है। ऐसी ज्स्थभर्तयां
उत्पन्न होर्ती हैं जहां पभरवार की बीमा राभश, भवशेष रूप से पभरवार के भकसी सदस्य की बडी बीमारी के मामले
में समाप्र्त हो जार्ती है। ऐसी पभरज्स्थभर्तयों में बफ़र कवर राहर्त दे र्ता है भजससे पभरवार की बीमा राभश के
अभर्तभरि अभर्तभरि ििव को इस बफर राभश से पूरा भकया जार्ता है।

संक्षेप में, बफर कवर में दस लाि रुपए से लेकर एक करोड रुपए र्तक या इससे अभधक की अलग-अलग बीमा
राभश होगी। पभरवार की बीमा राभश समाप्र्त हो जाने पर बफ़र से राभश भनकाली जार्ती है। हालांभक इस उपयोग

172
आम र्त़ौर पर बडी बीमारी/गंिीर बीमारी के ििों र्तक सीभमर्त है जहां एक बार अस्पर्ताल में िर्ती होने से बीमा
राभश समाप्र्त हो जार्ती है।

इस बफर से प्रत्येक सदस्य द्वारा उपयोग की जाने वाली राभश िी अक्सर मूल बीमा राभश र्तक सीभमर्त होर्ती है।
इस र्तरह का बफर कवर मध्यम आकार की पॉभलभसयों के भलए भदया जाना िाभहए और एक समझदार
बीमालेिक कम बीमा राभश वाली पॉभलभसयों के भलए यह कवर प्रदान नहीं करे गा।

Q. भवशेष उत्पाद

1. बीमारी का कवर

हाल के वषों में कैंसर, मधुमेह जैसे बीमारी भवशेष कवर अभधकांशर्तः जीवन बीमा कंपभनयों द्वारा िारर्तीय बाजार
में शुरू भकए गए हैं । यह कवर दीघवकाभलक - 5 वषव से 20 वषव र्तक के भलए होर्ता है और इसमें एक वेलनेस
लाि - बीमा कंपनी द्वारा िुगर्तान भकया जाने वाला एक भनयभमर्त स्वास््य परीक्षण िी शाभमल होर्ता है। रि
शकवरा, एलडीएल, रििाप जैसे कारकों के बेहर्तर भनयंत्रण के भलए पॉभलसी के दू सरे वषव से बाद से कम
प्रीभमयम के रूप में प्रोत्साहन िी भदया जार्ता है। दू सरी ओर, इनके िराब भनयंत्रण पर अभधक प्रीभमयम वसूल
भकया जा सकर्ता है।

2. मधुमेह से पीभडर्त व्यभियों को कवर करने के भलए बनाया गया उत्पाद

यह पॉभलसी 26 और 65 वषव के बीि की उम्र वाले व्यभियों द्वारा ली जा सकर्ती है और 70 वषव की उम्र र्तक
नवीनीकृर्त भकया जा सकर्ता है। बीमा राभश का दायरा 50,000 रुपए से लेकर 5,00,000 रुपए र्तक होर्ता है।
कमरे के भकराए पर सीमा लागू है। यह उत्पाद मधुमेह की अस्पर्ताल में िर्ती करने योग्य समस्याओं जैसे मधुमेह
संबंधी रे भटनोपैथी (आंि), गुदा, डायबेभटक फूट, गुदा प्रत्यारोपण के साथ-साथ दार्ता के ििों को कवर करने
के भलए है।

स्व-परीक्षण 1

हालांभक अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले के ििों के भलए कवर की अवभध अलग-अलग बीमा कंपनी के मामले
में अलग-अलग होगी और यह पॉभलसी में भनधाभरर्त होर्ती है , सबसे आम कवर अस्पर्ताल में िर्ती होने के
______________ के भलए होर्ता है।

I. पंद्रह भदन

II. र्तीस भदन

III. पैंर्तालीस भदन

IV. साठ भदन

173
R. स्वास््य पॉभलभसयों में प्रमुि शर्ते

a) नेटवकव प्रदार्ता

नेटवकव प्रदार्ता का मर्तलब कोई अस्पर्ताल/नभसिंग होम/डे केयर सेंटर है जो बीमाधारक मरीजों को नकदी रभहर्त
इलाज की सुभवधा प्रदान करने के भलए भकसी बीमा कंपनी/टीपीए से संबद् होर्ता है। आम र्त़ौर पर बीमा
कंपभनयां/टीपीए प्रदार्ताओं के साथ शुलक और फीस में पसंदीदा छूट दे ने की बार्त करर्ते हु ए बेहर्तर सेवा दे ने की
गारंटी िी दे र्ती हैं। मरीज नेटवकव प्रदार्ताओं से बाहर जाने के भलए स्वर्तंत्र हैं , लेभकन आम र्त़ौर पर वहां उनको
काफी ययादा फीस दे नी पडर्ती है।

b) पसंदीदा नेटवकव प्रदार्ता (पीपीएन)

भकसी िी बीमा कंपनी के पास गुणवर्तापूणव इलाज और बेहर्तर दरों को सुभनज्श्िर्त करर्ते हु ए अस्पर्तालों का
पसंदीदा नेटवकव बनाने का भवकलप होर्ता है। जब बीमा कंपनी अनु िव, उपयोभगर्ता और दे ििाल के भलए दी
जाने वाली कीमर्त के आधार पर ियन कर सीभमर्त समूह बना लेर्ती है र्तो उसे हम पसंदीदा नेटवकव प्रदार्ता के
र्त़ौर पर जानर्ते हैं ।

c) नकदरभहर्त सेवा (कैशलेस सर्थवस)

अनु िव बर्तार्ता है भक बीमारी के इलाज के भलए भलया जाने वाला उधार कजव के कारणों में से एक है। नकदरभहर्त
सेवा भबना भकसी नकद िुगर्तान के एक सीमा र्तक मरीज को अस्पर्ताल का इलाज उपलब्ध करार्ता है। सिी
बीमाधारकों को अस्पर्ताल के नेटवकव से संपकव कर बीमा प्रमाण के र्त़ौर पर अपना भिभकत्सा काडव प्रस्र्तुर्त करना
होर्ता है। बीमा कंपनी भिभकत्सा सेवा के भलए नकद रभहर्त सुभवधा मुहैया करार्ती है और दे य राभश सीधे नेटवकव
प्रदार्ता को िुगर्तान करने का भनदे श दे र्ती है। हालांभक बीमाधारक को पॉभलसी सीमा के बाहर की राभश का
िुगर्तान करना होर्ता है और पॉभलसी की शर्तों के अनुरूप यह राभश दे य नहीं होर्ती है ।

d) र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए)

स्वास््य बीमा के क्षेत्र में एक प्रमुि भवकास के र्त़ौर पर र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक या टीपीए की शुरूआर्त हु ई है।
दु भनया िर में कई बीमा कंपभनयां स्वास््य बीमा के दावों को व्यवज्स्थर्त करने के भलए स्वर्तंत्र संगठनों की
सेवाओं का उपयोग करर्ती हैं। इन एजेंभसयों को टीपीए के र्त़ौर पर जाना जार्ता है।

िारर्त में, बीमा कंपभनयों से संबद् टीपीए को स्वास््य सेवाओं के प्रावधान के कामों में लगाया जार्ता है भजनमें
अन्य के साथ भनम्पनभलभिर्त बार्तें शाभमल हैं :

i. पॉभलसीधारक को एक पहिान पत्र उपलब्ध कराना जो उसकी बीमा पॉभलसी का सबूर्त है और


अस्पर्ताल में प्रवेश के भलए इस्र्ते माल हो सकर्ता है ।
ii. नेटवकव अस्पर्तालों में नकद रभहर्त सेवा प्रदान करना
iii. दावों पर कारववाई करना

174
टीपीए स्वर्तंत्र संस्थाएं हैं भजनको स्वास््य संबध
ं ी दावों पर कारववाई करने और भनपटाने के भलए बीमा कंपभनयों
द्वारा भनयुि भकया जार्ता है। टीपीए सेवा की शुरुआर्त पॉभलसीधारकों को अस्पर्ताल में प्रवेश के भलए भवशेष
पहिान पत्र जारी करने से लेकर अंभर्तम र्त़ौर पर दावों को भनपटाने र्तक की होर्ती है, िाहे नकदरभहर्त या पैसा
वापसी के र्त़ौर पर हो।

र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों की शुरुआर्त वषव 2001 में की गई थी। ये लाइसेंसधारी और आईआऱडीए द्वारा
भवभनयभमर्त हैं और इन्हें स्वास््य सेवाएं उपलब्ध कराने के भनदे श भदए गए हैं। टीपीए की न्यूनर्तम पूज
ं ी और अन्य
शर्तें आईआऱडीए द्वारा भनधाभरर्त की गयी हैं।

इस प्रकार स्वास््य संबंधी दावों की सेवा को संग्रभहर्त प्रीभमयम के पांि-छह प्रभर्तशर्त के पाभरश्रभमक पर बीमा
कंपभनयां टीपीए को आउटसोसव कर रही हैं ।

र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों ने अस्पर्तालों और स्वास््य सेवा प्रदान करने वालों के साथ एक समझ़ौर्ता भकया र्ताभक
इस बार्त को सुभनज्श्िर्त भकया जा सके भक कोई िी, जो इलाज के भलए नेटवकव अस्पर्ताल जार्ता है उसे
नकदरभहर्त सेवा प्रदान की जाएगी। ये लोग बीमा कंपभनयों और बीमाधारकों के बीि मध्यस्थर्ता करर्ते हु ए
अस्पर्तालों के साथ समन्वय कर स्वास््य दावों को अंभर्तम रूप दे र्ते हैं ।

e) अस्पर्ताल

एक अस्पर्ताल का मर्तलब ऐसी भकसी िी स्थाभपर्त संस्था से है जो बीमारी और/या िोटों का अंर्तरंग रोगी
दे ििाल और दै भनक उपिार करर्ती है, और जो स्थानीय प्राभधकरण में अस्पर्ताल के रूप में पंजीकृर्त हो, और
भजसकी दे िरे ि पंजीकृर्त और जानकार भिभकत्सक करें । उसे नीिे भदए गए सिी न्यूनर्तम मापदं ड का पालन
करना िाभहए:

a) दस हजार से कम आबादी वाले शहरों में कम से कम 10 अंर्तःरोगी भबस्र्तर होने िाभहए और अन्य सिी
स्थानों में 15 अंर्तःरोगी भबस्र्तर होने िाभहए,

b) अपने भनयोजन के र्तहर्त ि़ौबीसों घंटे योग्य नभसिंग स्टाफ होने िाभहए,

c) ि़ौबीसों घंटे योग्य भिभकत्सक उपलब्ध हों,

d) िु द का एक पूरी र्तरह से सुसज्यजर्त आपरे शन भथयेटर हो भजसमें सजवरी की पूरी व्यवस्था हो,

e) मरीजों का दै भनक भरकॉडव रिा जार्ता हो और इसे बीमा कंपनी के अभधकृर्त कर्थमको को उपलब्ध कराया
जार्ता है।

f) भिभकत्सक

एक भिभकत्सक िारर्त के भकसी िी रायय के भिभकत्सा पभरषद से वैध र्त़ौर पर पंजीकृर्त होर्ता है और इस प्रकार
अपने क्षेत्राभधकार में भिभकत्सा उपिार करने का हकदार है और अपने लाइसेंस के दायरे और क्षेत्राभधकार के
िीर्तर काम करर्ता है। र्तथाभप बीमा कंपभनयां यह प्रभर्तबंध लगा सकर्ती हैं भक पंजीकृर्त भिभकत्सक बीमा धारक या
कोई करीबी भरश्र्ते दार नही हो।

175
g) योग्य नसव

योग्य नसव का मर्तलब है वह व्यभि/मभहला जो िारर्त के नभसिंग काउं भसल या िारर्त के भकसी िी रायय के नभसिंग
काउं भसल से वैध र्त़ौर पर पंजीकृर्त है।

h) उभिर्त और आवश्यक ििव

एक स्वास््य बीमा पॉभलसी में यह क्लॉज हमे शा भनभहर्त होर्ता है क्योंभक पॉभलसी उन ििों के भलए मुआवजा
प्रदान करर्ती है भजन्हें भकसी भवशेष बीमारी के इलाज के भलए और भकसी िास ि़ौगोभलक क्षेत्र के भलए उभिर्त
माना जाएगा।

इसका सामान्या अथव यह होगा भक आवश्यक भिभकत्सकीय इलाज के भलए भलया जाने वाला शुलक उसी इलाके
में उसी इलाज के भलए भलया जाने वाले शुलक के सामान्य स्र्तर से अभधक नहीं होगा और इसमें ऐसे शुलक
शाभमल नहीं होंगे जो कोई बीमा नहीं होने की ज्स्थभर्त में ििव नहीं भकए जार्ते ।

आई आर डी ए आई उभिर्त ििव का उस सेवा या आपूर्ती के प्रिार के रुप में पभरिाभषर्त करर्ता है जो भवभशष्ट
प्रदार्ता के भलए मानक प्रिार हो सका बीमारी की प्रकृभर्त के भहसाब उस ि़ौगोभलक क्षेत्र में समान सेवाओं के भलए
ली जार्ती हो।

यह क्लॉज प्रदार्ता द्वारा बढ़ा-िढ़ा कर बनाए गए भबलों के भवरुद् बीमा कंपभनयों को संरक्षण प्रदान करर्ता है
और बीमाधारक को िी बडे अस्पर्तालों में जाने से रोकर्ता है अगर उसी बीमारी का इलाज कम कीमर्त पर
उपलब्ध है।

9. दावे की सूिना

प्रत्येक बीमा पॉभलसी दावे की र्तत्काल सूिना दे ने और एक समय सीमा के अंदर दस्र्तावेज प्रस्र्तुर्त करने का
प्रावधान करर्ती है। स्वास््य बीमा पॉभलभसयों में, जहां कहीं िी ग्राहक द्वारा नकदरभहर्त सुभवधा मांगी जार्ती है
उसकी जानकारी अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले ग्राहकों द्वारा काफी पहले दे दी जार्ती है। हालांभक प्रभर्तपूर्थर्त
दावों के मामलों में, किी-किी बीमाधारक बीमा कंपभनयों को अपने दावे की सूिना दे ने की न ही लिर्ता करर्ता है
और न ही कई भदनों/महीनों के बीर्त जाने के बाद िी दस्र्तावेजों को जमा करर्ता है। दे री से दस्र्तावेजों को जमा
करने की वजह से भबल को बढ़ा-िदा कर प्रस्र्तुर्त करना, बीमाधारक/अस्पर्ताल की धोिाधडी आभद िी हो
सकर्ती है। यह बीमा कंपनी द्वारा दावों के भलए उभिर्त प्रावधान बनाने की प्रभिया को िी प्रिाभवर्त करर्ता है।
इसभलए आम र्त़ौर पर बीमा कंपभनयां दावों की र्तत्काल सूिना दे ने पर जोर दे र्ती हैं । दावा संबध
ं ी दस्र्तावेज जमा
करने की समय सीमा आम र्त़ौर पर अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने की र्तारीि से 15 भदनों पर र्तय की जार्ती है। इससे
दावों की र्तीव्र और सटीक भरपोभटिं ग संिव होर्ती है और इसके अलावा जहां कहीं िी आवश्यक हो, बीमा कंपनी
को जांि-पडर्ताल करने में सक्षम बनार्ता है।

आईआरडीए के भदशाभनदे शों के मुर्ताभबक र्तय समय सीमा के बाद िी जमा भकए गए दावे की सूिना/कागजार्त
पर भविार भकया जाना िाभहए अगर इसके भलए न्यायोभिर्त कारण उपलब्ध है।

176
10. मुफ्र्त स्वास््य जांि

व्यभिगर्त स्वास््य पॉभलभसयों में आम र्त़ौर पर एक दावा मुि पॉभलसीधारक को भकसी न भकसी र्तरह का
प्रोत्साहन दे ने का प्रावधान उपलब्ध होर्ता है। कई पॉभलभसयां लगार्तार िार दावा मुि पॉभलसी अवभध के अंर्त में
स्वास््य जांि के ििे की प्रभर्तपूर्थर्त का प्रावधान करर्ती हैं । इसे सामान्यर्तः भपछले र्तीन वषों की औसर्त बीमा राभश
के 1% पर सीभमर्त रिा जार्ता है।

11. संियी बोनस

दावा मुि पॉभलसीधारक को प्रोत्साभहर्त करने का एक अन्य रूप प्रत्येक दावा मुि वषव के भलए बीमा राभश पर
एक संियी बोनस प्रदान करना है। इसका मर्तलब यह है भक नवीनीकरण के समय बीमा राभश में एक भनज्श्िर्त
प्रभर्तशर्त जैसे 5% प्रभर्त वषव की वृभद् हो जार्ती है और यह दस दावा मुि नवीनीकरणों के भलए अभधकर्तम 50%
र्तक अनु मर्त है। बीमाधारक मूल बीमा राभश के भलए प्रीभमयम का िुगर्तान करर्ता है और एक उछि कवर प्राप्र्त
करर्ता है।

आई आर डी ए मागव भनदे शो के अनु सार संियी में भदया जा सकर्ता है र्तभक सुभवधा पॉभलभसयों में (पी ए को
छोडकर) संियी बोनस के पभरिालन को भववरभणका और पॉभलसी में दशाया जाना िाभहए , भफर िी, यभद
भकसी भवशेष वषव में दावा भकया जार्ता है र्तो संियी बोनस उसी दर से कम हो जार्ता हैं भजस दर से जमा हु आ है।

उदाहरण

कोई व्यभि 5,000 रुपए के प्रीभमयम पर 3 लाि रुपए की एक पॉभलसी लेर्ता है। पहले वषव में कोई िी दावा नहीं
करने के मामले में दू सरे वषव में उसे 5,000 रुपए के उसी प्रीभमयम पर 3.15 लाि रुपए की बीमा राभश (जो
भपछले वषव से 5% अभधक है) प्राप्र्त होर्ती है। यह दस वषव के दावा मुि नवीनीकरण में 4.5 लाि रुपए र्तक बढ़
सकर्ती है।

12. मे लस / बोनस

भजस र्तरह दावा मुि स्वास््य पॉभलसी को एक प्रोत्साहन भदया जार्ता है, ठीक इसके भवपरीर्त ज्स्थभर्त को मे लस
कहा जार्ता है। यहां, अगर भकसी पॉभलसी के र्तहर्त बहु र्त बडा दावा भकया गया है र्तो नवीनीकरण के समय एक
मे लस या प्रीभमयम का अभधिार वसूल भकया जार्ता है।

यह ध्यान में रिर्ते हु ए भक स्वास््य पॉभलसी एक सामाभजक लाि की पॉभलसी है, जहां अिी र्तक व्यभिगर्त
स्वास््य पॉभलभसयों पर मे लस वसूल नहीं भकया जार्ता है।

हालांभक, समूह पॉभलभसयों के मामले में दावा अनु पार्त को उभिर्त सीमाओं के िीर्तर रिने के भलए समग्र
प्रीभमयम पर उपयुि अभधिार के र्त़ौर पर मे लस वसूल भकया जार्ता है। वहीं दूसरी ओर अनु िव अछछा रहर्ता है
र्तो प्रीभमयम दर में छूट के र्त़ौर पर बोनस िी भदया जार्ता है।

177
13. कोई दावा नहीं होने की छूट

कुछ उत्पाद प्रत्येक दावा मुि वषव के भलए बीमा राभश पर एक बोनस दे ने के बजाय प्रीभमयम पर छूट प्रदान
करर्ते हैं ।

14. सह-िुगर्तान

सह-िुगर्तान एक स्वास््य पॉभलसी के र्तहर्त प्रत्येक दावे के एक भहस्से का िार बीमाधारक द्वारा उठाए जाने की
अवधारणा है। यह उत्पाद के आधार पर अभनवायव या स्वैज्छछक हो सकर्ता है। सह-िुगर्तान बीमाधारकों के बीि
एक भनज्श्िर्त अनुशासन लार्ता है र्ताभक अनावश्यक रूप से अस्पर्ताल में िर्ती होने से बिा जा सके।

बाजार के कुछ उत्पादों में केवल कुछ बीमाभरयों के संबध


ं में सह-िुगर्तान के क्लॉज शाभमल हैं , जैसे बडी सजवरी
या सामान्य रूप से होने वाली सजवरी या एक भनज्श्िर्त आयु से अभधक के व्यभियों के भलए।

15. अभर्तभरि / कट़ौर्ती

इसे स्वास््य पॉभलभसयों में आभधक्य या अभर्तभरि िी कहा जार्ता है, यह एक भनज्श्िर्त धनराभश है जो प्रारंि में
बीमा कंपनी द्वारा दावे के िुगर्तान से पहले बीमाधारक को आवश्यक रूप से िुगर्तान करना होर्ता है। जैसे, अगर
भकसी पॉभलसी में 10,000 रुपए की कट़ौर्ती है र्तो बीमाधारक प्रत्येक नु कसान के दावे में पहले 10,000 रुपए का
िुगर्तान करर्ता है। इसे समझने के भलए, अगर दावा 80,000 रुपए का है र्तो बीमाधारक पहले 10,000 रुपए का
िुगर्तान करर्ता है और बीमा कंपनी 70,000 रुपए िुगर्तान करर्ती है।

अस्पर्ताल नकदी पॉभलसी के मामले में कट़ौर्ती भवभनर्थदष्ट भदनो / घंटो की संख्या हो सकर्ती है, जो बीमाकर्ता
द्वारा दे य भकसी िी सुभवधा के पहले लागू की जाएगी।

16. कमरे के भकराए की सीमाएं

जहां बीमाधारकों के भलए कई उत्पाद िु ले र्त़ौर पर उपलब्ध हैं जो उनके दावे की अभधकर्तम राभश का िुगर्तान
करर्ते हैं, वहीं कई उत्पाद कमरे की श्रेणी पर प्रभर्तबंध लगार्ते हैं भजसे बीमाधारक अपनी बीमा राभश से जोड कर
ियन करर्ता है। अनु िव से पर्ता िलर्ता है भक अस्पर्ताल के सिी ििे कमरे के अभधकर्तम भकराए के अनु पार्त में
ही र्तय भकए जार्ते हैं । इसभलए वह व्यभि जो एक लाि रुपए का बीमाधारक है, प्रभर्त भदन 1,000 रुपए के कमरे
का हकदार होगा अगर पॉभलसी में प्रभर्त भदन बीमा राभश के 1% पर भकराए की सीमा भनधाभरर्त की गयी है। यह
स्पष्ट रूप से इंभगर्त करर्ता है भक भकसी को सबसे अछछे अस्पर्तालों में लक्जरी उपिार पसंद है र्तो उसे िी
पॉभलसी उभिर्त प्रीभमयम पर उछि रकम वाली बीमा पॉभलसी िरीदनी िाभहए।

17. नवीनीकरण क्लॉज

नवीनीकरण पर आईआरडीए के भदशाभनदे शों के मुर्ताभबक स्वास््य बीमा पॉभलभसयां स्वास््य पॉभलभसयों के
आजीवन गारंटीकृर्त नवीनीकरण को अभनवायव बनार्ती हैं । एक बीमा कंपनी केवल बीमा प्राप्र्त करने में या बाद में
इसके संबध
ं में बीमाधारक द्वारा धोिाधडी या गलर्त बयानी या र्त्यों को छु पाने के आधार पर नवीनीकरण से
इनकार कर सकर्ती है।

178
18. रद्द करने का क्लॉज

रद्द करने के क्लॉज को िी भनयामक प्रावधानों द्वारा मानकीकृर्त भकया गया है और एक बीमा कंपनी गलर्त
बयानी, धोिाधडी, महत्वपूणव र्त्य के गैर-प्रकटीकरण या बीभमर्त व्यभि द्वारा असहयोग के आधार पर पॉभलसी
को भकसी िी समय रद्द कर सकर्ती है।

बीमाधारक को अंभर्तम ज्ञार्त पर्ते पर पंजीकृर्त पावर्ती डाक द्वारा द्वारा भलभिर्त रूप में कम से कम पंद्रह भदनों का
नोभटस िेजने की आवश्यकर्ता होर्ती है। जब पॉभलसी को बीमा कंपनी द्वारा रद्द कर भदया जार्ता है, र्तो कंपनी
बीमा की असमाप्र्त अवभध के संबंध में अंभर्तम प्रीभमयम के अनु पार्त में बीमाधारक को पैसे वापस करे गी बशर्ते भक
पॉभलसी के र्तहर्त कोई दावा िुगर्तान नहीं भकया गया है।

अगर बीमाधारक बीमा को रद्द करर्ता है र्तो छोटी अवभध की दरों पर प्रीभमयम धन की वापसी होगी। इसका
मर्तलब है भक बीमाधारक को यथानु पार्त से कम प्रभर्तशर्त के र्त़ौर पर प्रीभमयम की वापसी प्राप्र्त होगी। अगर कोई
दावा भकया गया है र्तो कोई वापसी नहीं होगी।

19. फ्री लुक इन अवभध

यभद भकसी ग्राहक ने एक नई बीमा पॉभलसी िरीदी है और पॉभलसी का दस्र्तावेज प्राप्र्त भकया है और भफर
भनयमों और शर्तों को अपने अनु रूप नहीं पार्ता है, र्तो उसके पास क्या भवकलप हैं ?

आईआरडीएआई ने अपने भवभनयमों में एक उपिोिा अनुकूल प्रावधान शाभमल भकया है जो इस समस्या का
ध्यान रिर्ता है। ग्राहक इसे वापस कर कर सकर्ता है और भनम्पनभलभिर्त शर्तों के अधीन अपने पैसे वापस प्राप्र्त
कर सकर्ता है:

1. यह केवल जीवन बीमा पॉभलभसयों और स्वास््य बीमा पॉभलभसयों पर लागू होर्ता है। आईआरडीए ने हाल
ही में इसे कम से कम 1 वषव कर भदया है।

2. ग्राहकों को इस अभधकार का प्रयोग पॉभलसी दस्र्तावेज प्राप्र्त होने के 15 भदनों के िीर्तर करना िाभहए।

3. उसे बीमा कंपनी से भलभिर्त रूप में संवाद करना िाभहए।

4. प्रीभमयम वापसी र्तिी उपलब्ध होगी यभद पॉभलसी पर कोई दावा नही भकया गया है और उसे
समायोभजर्त भकया जाएगा

a) कवर अवभध के भलए आनु पाभर्तक जोभिम प्रीभमयम

b) बीमा कंपनी द्वारा भिभकत्सा परीक्षण पर भकए गए ििव

c) स्टांप शुलक प्रिार

179
20. नवीनीकरण के भलए अनु ग्रह अवभध

स्वास््य बीमा पॉभलसी की एक महत्वपूणव भवशेषर्ता बीमा की भनरंर्तरर्ता को बनाए रिना है। िूंभक पॉभलसी के
र्तहर्त लािों को केवल र्तिी बनाए रिा जा सकर्ता है जब पॉभलभसयों को रुकावट के भबना नवीनीकृर्त भकया
जार्ता है, समय पर नवीनीकरण बहु र्त महत्वपूणव है।

आईआरडीएआई के भदशाभनदे शों के अनुसार व्यभिगर्त स्वास््य पॉभलभसयों के नवीनीकरण के भलए 30 भदनों
की एक अनु ग्रह अवभध अनु मर्त है।

पॉभलसी को पहली बीमा की अवभध समाप्र्त होने से 30 भदनों के िीर्तर नवीनीकृर्त कर भलए जाने पर सिी
भनरंर्तरर्ता लािों को बनाए रिा जार्ता है। रुकावट की अवभध के द़ौरान दावे, यभद कोई हो, पर भविार नहीं
भकया जाएगा।

बीमा कंपभनयां नवीनीकरण के भलए एक लंबी अनु ग्रह अवभध प्रदान करने पर भविार कर सकर्ती हैं जो अलग-
अलग उत्पादों पर भनिवर करर्ता है।

उपरोि अभधकां श क्लॉजों, पभरिाषाओं, अपवजवनों को आईआरडीए द्वारा जारी भकए गए स्वास््य भवभनयमों
और स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे शों के र्तहर्त मानकीकृर्त भकया गया है। छात्रों को इसे पढ़ लेने और
आईआरडीए द्वारा समय-समय पर जारी भकए जाने वाले भदशाभनदे शों और सकुवलरों से अपने आपको अपडे ट
रिने की सलाह दी जार्ती है ।

स्व-परीक्षण 2

आईआरडीए के भदशाभनदे शों के अनु सार, व्यभिगर्त स्वास््य पॉभलभसयों के नवीनीकरण के भलए
________ की अनुग्रह अवभध की अनु मभर्त दी गयी है।

I. पंद्रह भदन

II. र्तीस भदन

III. पैंर्तालीस भदन

IV. साठ भदन

180
सारांश

a) एक स्वास््य बीमा पॉभलसी एक अप्रत्याभशर्त और अिानक दु घवटना/बीमारी की ज्स्थभर्त में, भजसके कारण
अस्पर्ताल में िर्ती करने की आवश्यकर्ता होर्ती है , बीभमर्त व्यभि को भविीय सुरक्षा प्रदान करर्ती है।
b) स्वास््य बीमा उत्पादों को पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकए गए लोगों की संख्या के आधार पर वगीकृर्त भकया
जा सकर्ता है: व्यभिगर्त पॉभलसी, फैभमली फ्लोटर पॉभलसी, समूह पॉभलसी।
c) एक अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों की पॉभलसी या मे भडक्लेम बीमारी/दु घवटना के कारण अस्पर्ताल में िर्ती
होने पर ििव भकए गए लागर्तों की प्रभर्तपूर्थर्त करर्ती है।
d) अस्पर्ताल में िर्ती होने से पूवव के ििे अस्पर्ताल में िर्ती करने से पहले के भदनों की भनधाभरर्त संख्या (जो
आम र्त़ौर पर 30 भदन होर्ती है) र्तक की अवभध के द़ौरान ििव भकए गए प्रासंभगक भिभकत्सा व्यय होंगे और
इसे दावे का भहस्सा माना जाएगा।
e) अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद के ििे अस्पर्ताल में िर्ती करने के बाद के भदनों की भनधाभरर्त संख्या (जो
आम र्त़ौर पर 60 भदन होर्ती है) र्तक की अवभध के द़ौरान ििव भकए गए प्रासंभगक भिभकत्सा व्यय होंगे और
इसे दावे का भहस्सा माना जाएगा।
f) एक फैभमली फ्लोटर पॉभलसी में पभर्त/पत्नी, आभश्रर्त बछिों और आभश्रर्त मार्ता-भपर्ता से भमलकर बने पभरवार
को एक अकेली बीमा राभश प्रदान की जार्ती है जो पूरे पभरवार पर घूमर्ती रहर्ती है।
g) एक अस्पर्ताल दै भनक नकदी पॉभलसी अस्पर्ताल में िर्ती होने के प्रत्येक भदन के भलए बीभमर्त व्यभि को एक
भनज्श्िर्त राभश प्रदान करर्ती है।
h) गंिीर बीमारी पॉभलसी कुछ नाभमर्त गंिीर बीमारी का पर्ता िलने पर एकमुश्र्त राभश का िुगर्तान करने के
प्रावधान के साथ एक लाि पॉभलसी है।
i) उछि कट़ौर्ती योग्य या टॉप-अप कवर एक भनर्थदष्ट ियभनर्त राभश (भजसे थ्रेशोलड या कट़ौर्ती राभश कहा
जार्ता है) के अभर्तभरि अभधक बीमा राभश के भलए कवर प्रदान करर्ते हैं ।
j) भनज्श्िर्त लाि कवर बीभमर्त व्यभि को पयाप्र्त कवर प्रदान करर्ता है और बीमा कंपनी को अपनी पॉभलसी
का प्रिावी ढं ग से मूलय भनधारण करने में मदद करर्ता है।
k) व्यभिगर्त दु घवटना (पीए) कवर अप्रत्याभशर्त दु घवटनाओं के कारण मृत्यु और भवकलांगर्ता लािों के रूप में
मुआवजा प्रदान करर्ता है।
l) आउटपेशेंट कवर दांर्तों के उपिार, आंिों की दे ििाल, भनयभमर्त भिभकत्सा जांि और परीक्षणों आभद जैसे
भिभकत्सा ििों का प्रावधान करर्ता है भजनके भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने की आवश्यकर्ता नहीं है।
m) समूह पॉभलसी एक समूह के माभलक जो एक भनयोिा हो सकर्ता है , एक एसोभसएशन, एक बैंक के िेभडट
काडव संिाग द्वारा ली जार्ती है जहां एक अकेली पॉभलसी व्यभियों के पूरे समूह को कवर करर्ती है।
n) कॉपोरे ट फ्लोटर या बफर कवर राभश पभरवार की बीमा राभश के अभर्तभरि होने वाले ििों को पूरा करने में
मदद करर्ता है।
o) ओवरसीज मे भडक्लेम/यात्रा पॉभलभसयां व्यभि को अपने भवदे श प्रवास के द़ौरान दु घवटना, िोट और बीमारी
के जोभिम के दायरे में आने के भवरुद् कवर प्रदान करर्ती हैं ।
p) कॉपोरे ट भनयभमर्त यात्री योजना एक वार्थषक पॉभलसी है भजसके द्वारा एक कंपनी अपने उन अभधकाभरयों के
भलए व्यभिगर्त पॉभलभसयां लेर्ती हैं भजनको अक्सर िारर्त के बाहर यात्राएं करनी होर्ती हैं ।

181
q) स्वास््य बीमा में इस्र्ते माल होने वाले कई शब्दों को भवशेष रूप से बीमाधारक को भ्रम की ज्स्थभर्त से बिाने के
भलए आईआरडीए ने भवभनयमन के द्वारा मानकीकृर्त कर भदया है।

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

हालांभक अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले के ििों के भलए कवर की अवभध अलग-अलग बीमा कंपनी के मामले
में अलग-अलग होगी और यह पॉभलसी में भनधाभरर्त होर्ती है , सबसे आम कवर अस्पर्ताल में िर्ती होने से पूवव के
र्तीस भदनों के भलए है।

उिर 2

सही भवकलप I है।

आईआरडीए के भदशाभनदे शों के अनु सार व्यभिगर्त स्वास््य पॉभलभसयों के नवीनीकरण के भलए 30 भदनों की
अनु ग्रह अवभध अनु मर्त है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

एक अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों की पॉभलसी के संबध


ं में नीिे भदया गया क़ौन सा कथन सही है ?

I. केवल अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों को कवर भकया जार्ता है

II. अस्पर्ताल में िर्ती होने के साथ-साथ अस्पर्ताल में िर्ती करने से पहले और बाद के ििों को कवर भकया
जार्ता है

III. अस्पर्ताल में िर्ती होने के साथ-साथ अस्पर्ताल में िर्ती करने से पहले और बाद के ििों को कवर भकया
जार्ता है और बीमाधारक की मृत्यु होने की ज्स्थभर्त में पभरवार के सदस्यों को एकमुश्र्त राभश िुगर्तान की
जार्ती है

IV. अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों को पहले वषव से कवर भकया जार्ता है और अस्पर्ताल में िर्ती करने के पहले
और बाद के ििों को दू सरे वषव से कवर भकया जार्ता है अगर पहला वषव दावा मुि रहर्ता है

प्रश्न 2

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन सही है, पहिानें?

182
I. स्वास््य बीमा का संबंध रुग्णर्ता से है

II. स्वास््य बीमा का संबंध मत्यवर्ता से है

III. स्वास््य बीमा का संबंध रुग्णर्ता के साथ-साथ मत्यवर्ता से है

IV. स्वास््य बीमा का संबंध न र्तो रुग्णर्ता से और न मत्यवर्ता से है

प्रश्न 3

स्वास््य बीमा में उपलब्ध कैशलेस सेवा के संबध


ं में नीिे भदया गया क़ौन सा कथन सही है?

I. यह इलेक्ट्ॉभनक िुगर्तानों को बढ़ावा दे ने के भलए बीमा कंपभनयों द्वारा शुरू की गयी एक पयावरण अनु कूल
गो-ग्रीन पहल है र्ताभक प्रत्यक्ष नकद नोटों के प्रसार को कम भकया जा सके और पेडों को बिाया जा सके

II. बीमाधारक को भनःशुलक सेवा प्रदान की जार्ती है और कोई नगद िुगर्तान नहीं भकया जार्ता है क्योंभक
सरकार द्वारा एक भवशेष योजना के र्तहर्त बीमा कंपनी को िुगर्तान भकया जार्ता है

III. बीभमर्त व्यभि द्वारा भकए जाने वाले सिी िुगर्तान केवल इंटरनेट बैंलकग या काडव के माध्यम से होने िाभहए
क्योंभक बीमा कंपनी द्वारा नगद राभश को स्वीकार नहीं भकया जार्ता है

IV. बीमाधारक िुगर्तान नहीं करर्ता है और बीमा कंपनी अस्पर्ताल के साथ सीधे भबल का भनपटारा करर्ती है

प्रश्न 4

स्वास््य बीमा में अस्पर्तालों के संबंध में पीपीएन का सही पूणव रूप पहिानें।

I. पज्ब्लक प्रेफडव नेटवकव

II. प्रेफडव प्रोवाइडर नेटवकव

III. पज्ब्लक प्राइवेट नेटवकव

IV. प्रोवाइडर प्रेफरें भशयल नेटवकव

प्रश्न 5

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन गलर्त है , पहिानें?

I. एक भनयोिा अपने कमविाभरयों के भलए एक समूह पॉभलसी ले सकर्ता है

II. एक बैंक अपने ग्राहकों के भलए एक समूह पॉभलसी ले सकर्ता है

III. एक दु कानदार अपने ग्राहकों के भलए एक समूह पॉभलसी ले सकर्ता है

IV. भनयोिा द्वारा अपने कमविाभरयों के भलए ली गयी एक समूह पॉभलसी को कमविाभरयों के पभरवार के सदस्यों
को शाभमल करने के भलए बढ़ाया जा सकर्ता है

183
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

एक अस्पर्ताल में िर्ती होने के ििों की पॉभलसी में अस्पर्ताल में िर्ती होने के साथ-साथ अस्पर्ताल में िर्ती करने
से पहले और बाद के ििों को कवर भकया जार्ता है।

उिर 2

सही भवकलप I है।

स्वास््य बीमा का संबंध रुग्णर्ता (बीमारी की घटनाओं की दर) से है।

उिर 3

सही भवकलप IV है।

कैशलेस सेवा के र्तहर्त बीभमर्त व्यभि िुगर्तान नहीं करर्ता है और बीमा कंपनी अस्पर्ताल के साथ सीधे भबल का
भनपटारा करर्ती है।

उिर 4

सही भवकलप II है।

पीपीएन का मर्तलब है प्रेफडव प्रोवाइडर नेटवकव।

उिर 5

सही भवकलप III है।

कथन I, II और IV सही हैं।

कथन III गलर्त है क्योंभक एक दु कानदार अपने ग्राहकों के भलए समूह बीमा नहीं ले सकर्ता है।

184
अध्याय 9
स्वास््य बीमा का जोभिम अंकन (बीमालेिन)
अध्याय पभरिय

इस अध्याय का उद्देश्य स्वास््य बीमा में जोभिम अंकन (बीमालेिन) के बारे में आपको भवस्र्तृर्त जानकारी
प्रदान करना है। जोभिम अंकन (बीमालेिन) बीमा के भकसी िी प्रकार का एक बहु र्त ही महत्वपूणव पहलू है और
बीमा पॉभलसी जारी करने में महत्वपूणव िूभमका भनिार्ता है। इस अध्याय में आप बीमालेिन के बुभनयादी
भसद्ांर्तों, उपकरणों, भवभधयों और प्रभिया के बारे में समझेंगे। इसके अलावा यह आपको समूह स्वास््य बीमा के
जोभिम अंकन के बारे में िी जानकारी प्रदान करे गा।

अध्ययन के पभरणाम

A. जोभिम अंकन (बीमालेिन) क्या है ?


B. बीमालेिन - मूल अवधारणाएं
C. फाइल और उपयोग मागवभनदे श
D. आइआरडीएआइ के अन्य स्वास््य बीमा भवभनयम
E. बीमालेिन के बुभनयादी भसद्ांर्त और उपकरण
F. बीमालेिन प्रभिया
G. समूह स्वास््य बीमा
H. भवदे श यात्रा बीमा का बीमालेिन
I. व्यभिगर्त दु घवटना बीमा का बीमालेिन

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

a) बीमालेिन का क्या अथव है इसे समझाना


b) बीमालेिन की बुभनयादी अवधारणाओं का वणवन करना
c) बीमालेिकों द्वारा पालन भकए जाने वाले भसद्ांर्तों और भवभिन्न उपकरणों के बारे में बर्ताना
d) व्यभिगर्त स्वास््य बीमा पॉभलभसयों के बीमालेिन की पूरी प्रभिया का मूलयांकन करना
e) समूह स्वास््य बीमा पॉभलभसयों का बीमालेिन कैसे भकया जार्ता है इसकी ििा करना

185
इस पभरदृश्य को दे िें

मनीष की उम्र 48 वषव है जो एक सॉफ्टवेयर इंजीभनयर के रूप में कायवरर्त है, उसने स्वयं के भलए एक स्वास््य
बीमा पॉभलसी लेने का फैसला भकया। वह एक बीमा कंपनी के पास गया जहां उसे एक प्रस्र्ताव प्रपत्र भदया गया
भजसमें उसे अपने शारीभरक गठन और स्वास््य, मानभसक स्वास््य, पहले से म़ौजूद बीमाभरयों, अपने पभरवार
के स्वास््य इभर्तहास, आदर्तों आभद से संबंभधर्त कई प्रश्नों का उिर दे ने की आवश्यकर्ता थी।

इसके अलावा प्रस्र्ताव प्रपत्र प्राप्र्त होने पर उसे पहिान और आयु प्रमाण, पर्ते का प्रमाण और भपछले मे भडकल
भरकॉडव जैसे कई दस्र्तावेजों को प्रस्र्तुर्त करने की जरूरर्त थी। भफर उसे एक स्वास््य जांि और कुछ भिभकत्सा
परीक्षणों की प्रभिया से गुजरने के भलए कहा गया।

मनीष जो अपने आपको एक स्वस्थ और एक अछछी आय स्र्तर का व्यभि मानर्ता है , सोिने लगा भक उसके
मामले में बीमा कंपनी इस र्तरह की एक लंबी प्रभिया क्यों अपना रही है। इन सिी प्रभियाओं से गुजरने के बाद
िी बीमा कंपनी ने उससे कहा भक उसके भिभकत्सा परीक्षणों में उछि कोलेस्ट्ॉल और उछि रििाप होने का
पर्ता िला है जो बाद में हृदय रोग की संिावना को बढ़ा दे र्ता है। हालांभक उसे एक पॉभलसी प्रदान की गयी
लेभकन प्रीभमयम उसके दोस्र्त द्वारा िुगर्तान भकए गए प्रीभमयम की र्तुलना में बहु र्त अभधक था और इसभलए उसने
पॉभलसी लेने से इनकार कर भदया।

यहां बीमा कंपनी अपनी बीमालेिन प्रभिया के िाग के रूप में इन सिी िरणों का पालन कर रही थी। जोभिम
कवरे ज प्रदान करर्ते समय बीमा कंपनी को जोभिम का सही र्तरीके से मूलयांकन करने और उभिर्त लाि कमाने
की िी जरूरर्त होर्ती है। अगर जोभिम का सही र्तरीके से मूलयांकन नहीं भकया जार्ता है और एक दावा उत्पन्न
होर्ता है र्तो इसके पभरणाम स्वरूप एक नु कसान होगा। इसके अलावा, बीमा कंपभनयां बीमा करने वाले सिी
लोगों की ओर से प्रीभमयम इकट्ठा करर्ती हैं और उनको इन पैसों को एक न्यास की र्तरह संिालना होर्ता है।

186
A. बीमालेिन क्या है?

1. बीमालेिन

बीमा कंपभनयां उन लोगों का बीमा करने का प्रयास करर्ती हैं भजनके द्वारा बीमा पूल में लाए जाने वाले जोभिम
के अनु पार्त में पयाप्र्त प्रीभमयम िुगर्तान भकए जाने की उम्पमीद होर्ती है। जोभिम के ियन के भलए एक प्रस्र्तावक
से जानकारी इकट्ठा करने और भवश्लेषण करने की इस प्रभिया को बीमालेिन के रूप में जाना जार्ता है। इस
प्रभिया के माध्यम से एकभत्रर्त की गई जानकारी के आधार पर यह भनणवय भलया जार्ता है भक क्या वे प्रस्र्तावक
का बीमा करना िाहर्ते हैं । अगर वे ऐसा करने का फैसला करर्ते हैं र्तो भकस प्रीभमयम, भनयमों और शर्तों पर,
र्ताभक इस र्तरह का जोभिम लेकर एक उभिर्त लाि अर्थजर्त भकया जा सके।

स्वास््य बीमा रुग्णर्ता की अवधारणा पर आधाभरर्त है। यहां रुग्णर्ता को भकसी व्यभि बीमार होने या पडने की
संिावना और जोभिम के रूप में पभरिाभषर्त भकया गया है भजसके भलए उपिार या अस्पर्ताल में िर्ती करने की
आवश्यकर्ता होर्ती है। रुग्णर्ता काफी हद र्तक उम्र से प्रिाभवर्त होर्ती है (जो आम र्त़ौर पर युवा वयस्कों की र्तुलना
में वभरष्ठ नागभरकों में अभधक होर्ती है) और भवभिन्न अन्य प्रभर्तकूल कारकों की वजह से बढ़र्ती है , जैसे अभधक
वजन या कम वजन होना, कुछ अर्तीर्त और वर्तवमान की बीमाभरयों या रोगों का व्यभिगर्त इभर्तहास, व्यभिगर्त
आदर्तें जैसे धूम्रपान, वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त और इसके आलावा प्रस्र्तावक का पेशा, अगर इसे िर्तरनाक
समझा जार्ता है। इसके भवपरीर्त, रुग्णर्ता कम उम्र, एक स्वस्थ जीवनशैली आभद जैसे कुछ अनु कूल कारकों के
कारण िी कम होर्ती है।

पभरिाषा

बीमालेिन उभिर्त र्तरीके से जोभिम का आकलन करने और उन शर्तों का भनधारण करने की प्रभिया है भजन
पर बीमा कवर प्रदान भकया जाएगा। इस प्रकार, यह जोभिम के ियन और जोभिम के मूलय भनधारण की एक
प्रभिया है।

2. बीमालेिन की आवश्यकर्ता

बीमालेिन एक बीमा कंपनी की रीढ़ है क्योंभक लापरवाही से या अपयाप्र्त प्रीभमयम के भलए जोभिम की
स्वीकृभर्त बीमा कंपनी को भदवाभलएपन की ओर ले जाएगी। दू सरी ओर, बहु र्त अभधक ियनशील या सावधान
होना बीमा कंपनी को एक बडा पूल बनाने से रोक दे गा र्ताभक जोभिम का समान रूप से प्रसार भकया जा सके।
इसभलए जोभिम और व्यवसाय के बीि सही संर्तुलन कायम करना महत्वपूणव है जो संगठन के भलए प्रभर्तस्पधी
और लािकारी होर्ता है।

संर्तुलन की यह प्रभिया संबंभधर्त बीमा कंपनी के भसद्ांर्त, नीभर्तयों और जोभिम उठाने की िूि के अनु सार
बीमालेिक द्वारा पूरी की जार्ती है। बीमालेिक का काम जोभिम को वगीकृर्त करना और एक उभिर्त मूलय पर
स्वीकृभर्त की शर्तें भनधाभरर्त करना है। यह ध्यान दे ना महत्वपूणव है भक जोभिम की स्वीकृभर्त बीमाधारक को
िभवष्य में दावा भनपटान का वादा करने जैसा है।

187
3. बीमालेिन - जोभिम मूलयांकन

बीमालेिन जोभिम ियन की एक प्रभिया है जो एक समूह या व्यभि की भवशेषर्ताओं पर आधाभरर्त है। यहां
जोभिम की भडग्री के आधार पर बीमालेिक यह भनणवय लेर्ता है भक क्या जोभिम को स्वीकार भकया जाएगा और
भकस मूलय पर। भकसी िी पभरज्स्थभर्त में स्वीकृभर्त की प्रभिया भनष्पक्षर्ता के साथ और न्यायसंगर्त आधार पर पूरी
की जानी िाभहए यानी हर समान जोभिम को भकसी िी पूवाग्रह के भबना समान रूप से वगीकृर्त भकया जाना
िाभहए। यह वगीकरण सामान्य रूप से मानक स्वीकृभर्त िाटव के माध्यम से भकया जार्ता है भजसके द्वारा प्रत्येक
भनरूभपर्त जोभिम की मात्रा भनधाभरर्त की जार्ती है और र्तदनु सार प्रीभमयम की गणना की जार्ती है।

हालांभक उम्र बीमारी की संिावना के साथ-साथ म़ौर्त को िी प्रिाभवर्त करर्ता है, यह याद रिा जाना िाभहए भक
बीमारी आम र्त़ौर पर म़ौर्त से बहु र्त पहले आर्ती है और बार-बार हो सकर्ती है। इसभलए, मृत्यु के कवरे ज की
र्तुलना में स्वास््य के कवरे ज के भलए बीमालेिन मानदं डों और भदशाभनदे शों का अभधक सख्र्त होना काफी
र्तकवसंगर्त है।

उदाहरण

एक मधुमेह से ग्रस्र्त व्यभि को हृदय या गुदे की समस्या भवकभसर्त होने की बहु र्त अभधक संिावना रहर्ती है
भजसके भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने की आवश्यकर्ता होर्ती है और इसके अलावा स्वास््य समस्याएं बीमा कवरे ज
की अवभध के द़ौरान कई बार हो सकर्ती हैं । जीवन बीमा का बीमालेिन भदशाभनदे श इस व्यभि को एक औसर्त
जोभिम के रूप में वगीकृर्त कर सकर्ता है। हालांभक, भिभकत्सा बीमालेिन के भलए उसका मूलयांकन एक उछि
जोभिम के रूप में भकया जाएगा।

स्वास््य बीमा में आर्थथक या आय आधाभरर्त बीमालेिन की र्तुलना में भिभकत्सा या स्वास््य के भनष्कषों पर
अभधक ध्यान केंभद्रर्त भकया जार्ता है। हालांभक, भविीय या आय आधाभरर्त बीमालेिन को अनदे िा नहीं भकया जा
सकर्ता है क्योंभक यहां एक बीमा योग्य भहर्त होना िाभहए और भविीय जोभिम अंकन भकसी िी प्रभर्तकूल ियन
को िाभरज करने और स्वास््य बीमा में भनरंर्तरर्ता सुभनज्श्िर्त करने के भलए महत्वपूणव है।

4. बीमारी की संिावना को प्रिाभवर्त करने वाले कारक

जोभिम का आकलन करर्ते हु ए रुग्णर्ता (बीमार पडने के जोभिम) को प्रिाभवर्त करने वाले कारकों पर
भनम्पनानुसार ध्यानपूववक भविार भकया जाना िाभहए:

a) उम्र: प्रीभमयम उम्र और जोभिम के स्र्तर के अनु रूप वसूल भकए जार्ते हैं ।उदाहरण के भलए, भशशुओं
और बछिों के मामले में रुग्णर्ता प्रीभमयम संिमण और दु घवटनाओं का िर्तरा बढ़ने की वजह से युवा
वयस्कों की र्तुलना में अभधक होर्ता है। इसी प्रकार, 45 वषव से अभधक की उम्र के वयस्कों के भलए
प्रीभमयम अभधक होर्ता है क्योंभक मधुमेह जैसी एक पुरानी बीमारी से पीभडर्त व्यभि को अिानक भदल की
बीमारी या ऐसी अन्य बीमारी होने की संिावना बहु र्त अभधक रहर्ती है।
b) ललग: मभहलाएं गिवधारण की अवभध के द़ौरान रुग्णर्ता के अभर्तभरि जोभिम के दायरे में होर्ती हैं।
हालांभक, मभहलाओं की र्तुलना में पुरुषों को भदल के द़ौरे से प्रिाभवर्त होने या ऩौकरी से संबभं धर्त

188
दु घवटनाओं का भशकार होने की अभधक संिावना रहर्ती है क्योंभक वे िर्तरनाक रोजगार में अभधक
संलग्न हो सकर्ते हैं ।
c) आदर्तें: भकसी िी रूप में र्तंबाकू, शराब या नशीले पदाथों के सेवन का रुग्णर्ता के जोभिम पर सीधा
असर पडर्ता है।
d) पेशा: िाइवर, भवस्फोटक, एभवएटर आभद जैसे कुछ पेशों में दु घवटनाओं के भलए अभर्तभरि जोभिम
संिव है। इसी प्रकार, एक एक्स-रे मशीन ऑपरे टर, अभ्रक उद्योग के श्रभमकों, िभनक आभद जैसे कुछ
पेशों में उछि स्वास््य जोभिम हो सकर्ते हैं ।
e) पाभरवाभरक इभर्तहास: इसकी प्रासंभगकर्ता बहु र्त अभधक है क्योंभक आनु वांभशक कारक अस्थमा, मधुमेह
और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमाभरयों को प्रिाभवर्त करर्ते हैं । यह रुग्णर्ता को प्रिाभवर्त करर्ता है और
जोभिम को स्वीकार करर्ते हु ए इसे ध्यान में रिा जाना िाभहए।
f) गठन: मोटे , पर्तले या औसर्त शारीभरक गठन को िी कुछ समूहों में रुग्णर्ता से जोडा जा सकर्ता है।
g) भवगर्त बीमारी या शलय भिभकत्सा: इसका पर्ता लगाया जाना िाभहए भक क्या भवगर्त बीमारी के कारण
भकसी प्रकार की शारीभरक कमजोरी बढ़ने या यहां र्तक भक इसकी पुनरावृभि होने की संिावना है और
र्तदनु सार पॉभलसी की शर्तें भनधाभरर्त की जानी िाभहए। उदाहरण के भलए, गुदे की पथरी की पुनरावृभि
होना आम बार्त है और इसी प्रकार एक आंि में मोभर्तयालबद होने से दू सरी आंि में मोभर्तयालबद होने की
संिावना बढ़ जार्ती है।
h) वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त और अन्य कारक या भशकायर्तें : जोभिम के स्र्तर और बीमा योग्यर्ता का पर्ता
लगाना महत्वपूणव है और यह कायव उभिर्त प्रकटीकरण और भिभकत्सा परीक्षण के द्वारा पूरा भकया जा
सकर्ता है।
i) पयावरण और भनवास: इनका िी रुग्णर्ता दरों पर असर पडर्ता है।

स्व-परीक्षण 1

बीमालेिन ___________की प्रभिया है।

I. बीमा उत्पादों की भबिी


II. ग्राहकों से प्रीभमयम एकत्र करना
III. जोभिम का ियन और जोभिम का मूलय भनधारण
IV. भवभिन्न बीमा उत्पादों की भबिी

B. बीमालेिन - मूल अवधारणाएं

1. बीमालेिन का उद्देश्य

हम बीमालेिन के उद्देश्य की जांि के साथ शुरू करर्ते हैं । इसके दो उद्देश्य हैं -

i. प्रभर्तकूल ियन यानी बीमा कंपनी के भवरुद् ियन को रोकना


ii. जोभिमों का वगीकरण और जोभिमों के बीि समानर्ता सुभनज्श्िर्त करना

189
पभरिाषा

जोभिमों के ियन का मर्तलब है स्वास््य बीमा के प्रत्येक प्रस्र्ताव का मूलयांकन इसके द्वारा प्रस्र्तुर्त जोभिम की
भडग्री के संदिव में करने और भफर यह र्तय करने की प्रभिया भक बीमा प्रदान भकया जाए या नहीं और भकन शर्तों
पर।

प्रभर्तकूल ियन (या भवपरीर्त ियन) ऐसे लोगों की प्रवृभि है जो उत्सुकर्ता से बीमा मांगने और इस प्रभिया में
लाि अर्थजर्त करने के भलए यह संदेह करर्ते और जानर्ते हैं भक उनके द्वारा नु कसान का सामना भकए जाने की
संिावना बहु र्त अभधक है।

उदाहरण

अगर बीमा कंपभनयां इस बार्त को लेकर ियनशील नहीं होर्तीं भक उन्होंने भकसे और कैसे बीमा प्रदान भकया है
र्तो यह संिावना है भक मधुमेह, उछि रििाप, हृदय की समस्याओं या कैंसर जैसी गंिीर बीमाभरयों से ग्रस्र्त
लोग, जो यह जानर्ते हैं भक जलद ही उनको अस्पर्ताल में िर्ती होने की जरूरर्त पडे गी, स्वास््य बीमा िरीदना
िाहें गे भजससे बीमा कंपभनयों को घाटा उठाना पडे गा।

दू सरे शब्दों में, अगर भकसी बीमा कंपनी ने ियन का प्रयास नहीं भकया र्तो उसने भवपरीर्त ियन भकया होगा और
इस प्रभिया में उसे नु कसान का सामना करना पडे गा।

2. जोभिमों के बीि समानर्ता

आइए अब हम जोभिम के बीि समानर्ता पर भविार करें । "समानर्ता" शब्द का मर्तलब है ऐसे आवेदक जो एक
समान स्र्तर के जोभिम के दायरे में आर्ते हैं उनको एक ही प्रीभमयम श्रेणी में रिा जाना िाभहए। बीमा कंपभनयां
भलए जाने वाले प्रीभमयम का भनधारण करने के भलए कुछ प्रकार के मानकीकरण का प्रयोग करना पसंद करें गी।
इसी प्रकार औसर्त जोभिम वाले लोगों को एक समान प्रीभमयम िुगर्तान करना िाभहए जबभक उछि औसर्त
जोभिम वाले लोगों को अभधक प्रीभमयम िुगर्तान करना िाभहए। वे एक बहु र्त बडी संख्या औसर्त जोभिम वाले
लोगों के भलए मानकीकरण लागू करना करना पसंद करें गी जबभक अभधक जोभिमपूणव लोगों के बारे में भनणवय
लेने और जोभिमों का वगीकरण करने में अभधक समय लगाएंगी।

a) जोभिम वगीकरण

समानर्ता लाने के भलए, बीमालेिक जोभिम वगीकरण नामक एक प्रभिया में संलग्न होर्ते हैं यानी लोगों को
उनके जोभिम के स्र्तर के आधार पर अलग-अलग जोभिम श्रेभणयों वगीकृर्त और आवंभटर्त भकया जार्ता है।
ऐसी िार जोभिम श्रेभणयां होर्ती हैं ।

i. मानक जोभिम

इसमें ऐसे लोग शाभमल होर्ते हैं भजसकी अनु माभनर्त रुग्णर्ता (बीमार पडने की संिावना) औसर्त होर्ती है।

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ii. पसंदीदा जोभिम

ये ऐसे लोग हैं भजनकी अनु माभनर्त रुग्णर्ता औसर्त की र्तुलना में काफी कम होर्ती है और इसभलए इनसे कम
प्रीभमयम भलया जा सकर्ता है।

iii. अवमानक जोभिम

ये ऐसे लोग हैं भजनकी अनु माभनर्त रुग्णर्ता औसर्त से अभधक होर्ती है , लेभकन भफर िी इनको बीमा योग्य
माना जार्ता है। इनको उछि (या अभर्तभरि) प्रीभमयम के साथ या कुछ सीमाओं के अधीन बीमा के भलए
स्वीकार भकया जा सकर्ता है।

iv. अस्वीकृर्त जोभिम

ये ऐसे लोग हैं इनकी दु बवलर्ताएं और अनु माभनर्त अभर्तभरि रुग्णर्ता उर्तनी अभधक होर्ती है भक उनको एक
सस्र्ती कीमर्त पर बीमा कवरे ज प्रदान नहीं भकया जा सकर्ता है। किी-किी भकसी व्यभि के प्रस्र्ताव को
अस्थायी र्त़ौर पर िी अस्वीकार भकया जा सकर्ता है अगर वह एक र्ताजा भिभकत्सकीय घटना जैसे
ऑपरे शन के दायरे में रहा/रही है।

3. ियन प्रभिया

बीमालेिन या ियन प्रभिया कभथर्त रूप से दो स्र्तरों पर पूरी की जा सकर्ती है:

 फीलड स्र्तर पर
 बीमालेिन भविाग स्र्तर पर

भित्र 1: बीमालेिन या ियन प्रभिया

a) फीलड या प्राथभमक स्र्तर

फीलड स्र्तरीय बीमालेिन को प्राथभमक बीमालेिन के रूप में िी जाना जा सकर्ता है। इसमें एक एजेंट या
कंपनी के प्रभर्तभनभध द्वारा जानकारी एकत्र करना शाभमल है जो यह र्तय करे गा भक क्या आवेदक बीमा
कवरे ज प्रदान करने के भलए उपयुि है। एजेंट प्राथभमक बीमालेिक के रूप में एक महत्वपूणव िूभमका
भनिार्ता है। वह बीमा के संिाभवर्त ग्राहक को जानने की सबसे अछछी ज्स्थभर्त में होर्ता है।

191
कुछ बीमा कंपभनयों के भलए एजेंटों द्वारा एक बयान या गोपनीय भरपोटव र्तैयार करना आवश्यक हो सकर्ता है
भजसमें प्रस्र्तावक के संबध
ं में एजेंट से भवभशष्ट जानकारी, राय सुझाव की मांग की जार्ती है।

इसी र्तरह की एक भरपोटव भजसे नैभर्तक जोभिम की भरपोटव कहा जार्ता है , इसकी मांग बीमा कंपनी के एक
अभधकारी से की जा सकर्ती है। इन भरपोटों में आम र्त़ौर पर प्रस्र्ताभवर्त जीवन के पेशे, आय, भविीय ज्स्थभर्त
और साि को शाभमल भकया जार्ता है।

नैभर्तक जोभिम क्या है?

जहां उम्र, ललग, आदर्तें आभद जैसे कारक एक स्वास््य जोभिम के ि़ौभर्तक िर्तरे को दशार्ते हैं , कुछ अन्य
बार्तें िी हैं भजन पर बारीकी से नज़र रिने की जरूरर्त होर्ती है। यह ग्राहक का नैभर्तक जोभिम है जो बीमा
कंपनी के भलए बहु र्त महं गा साभबर्त हो सकर्ता है।

िराब नैभर्तक जोभिम का एक िरम उदाहरण एक बीमाधारक द्वारा यह जानर्ते हु ए िी स्वास््य बीमा लेना
है भक उसे एक छोटी सी अवभध के िीर्तर एक सर्थजकल ऑपरे शन से गुजरना होगा, लेभकन वह बीमा कंपनी
को इसका िु लासा नहीं करर्ता है। इस प्रकार यहां भसफव एक दावा प्राप्र्त करने के भलए बीमा लेने का
सुभविाभरर्त इरादा है।

नु कसान के प्रभर्त उदासीनर्ता इसका एक अन्य उदाहरण है। बीमा की म़ौजूदगी के कारण बीमाधारक यह
जानर्ते हु ए भक अस्पर्ताल में िर्ती होने के भकसी िी ििव का िुगर्तान उसके बीमाकर्ता द्वारा भकया जाएगा,
उसमें अपने स्वास््य के प्रभर्त एक लापरवाह रवैया अपनाने का भविार उत्पन्न हो सकर्ता है।

एक अन्य प्रकार का जोभिम भजसे 'मनोदशा का जोभिम' कहा जार्ता है, यह िी उललेिनीय है। यहां
बीमाधारक कोई धोिाधडी नहीं करे गा लेभकन यह जानर्ते हु ए िी भक उसके पास एक बडी बीमा राभश है ,
वह सबसे महं गा उपिार कराने, सबसे महं गे अस्पर्ताल के कमरे में रहने आभद का भवकलप िुनेगा, भजसे वह
बीभमर्त नहीं होने की ज्स्थभर्त में नहीं िुन सकर्ता था।

धोिाधडी पर नज़र रिना और प्राथभमक बीमालेिक के रूप में एजेंट की िूभमका

जोभिम के ियन के संबंध में अभधकांश भनणवय उन र्त्यों पर भनिवर करर्ता है भजनका िु लासा प्रस्र्ताव प्रपत्र
में प्रस्र्तावक द्वारा भकया गया है। बीमालेिन भविाग में बैठे एक बीमालेिक के भलए यह जानना मुज्श्कल
हो सकर्ता है भक क्या ये र्त्य असत्य हैं और धोिा दे ने के सुभविाभरर्त इरादे से कपटपूणव र्तरीके से भम्या
प्रस्र्तुभर्त की गयी है।

यहां एजेंट एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ता है। वह इस बार्त का पर्ता लगाने की सबसे अछछी ज्स्थभर्त में
होर्ता/होर्ती है भक प्रस्र्तुर्त भकए गए र्त्य सही हैं , क्योंभक एजेंट का प्रस्र्तावक के साथ प्रत्यक्ष और व्यभिगर्त
संपकव होर्ता है और इसभलए वह इस बार्त पर नज़र रि सकर्ता है भक क्या एक गुमराह करने के इरादे के
साथ कोई इरादर्तन गैर प्रकटीकरण या भम्या प्रस्र्तुभर्त की गयी है।

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b) बीमालेिन भविाग के स्र्तर पर

बीमालेिन का दू सरा स्र्तर भविाग या कायालय स्र्तर है। इसमें भवशेषज्ञ और ऐसे व्यभि शाभमल हैं जो इस
र्तरह के कायों में भनपुण हैं और जो यह र्तय करने के भलए भक क्या बीमा के प्रस्र्ताव को स्वीकार भकया जाए
और भकन शर्तों पर, मामले के सिी प्रासंभगक डे टा पर भविार करर्ते हैं।

C. फाइल और उपयोग मागवभनदे श

यह स्मरण रिा जाना िाभहए भक प्रयेक बीमाकर्ता को माकेलटग के पहले अपने उत्पाद का सृजन करणा होर्ता
है, जो भक बीमालेिन भविाग का एक कायव होर्ता है। आइआरडीएआइ ने इस सम्पबंध मे कुछ मागवभनदे श जारी
भकए है भजन्हे संक्षेप मे नीिे भदया जा रहा है।

प्रत्येक कंपनी अपने उत्पाद को ग्राहको की आवश्यकर्ता, उसे पाने की क्षमर्ता, बीमा लेिन प्रभर्तफल, एक्यूरी
द्वार भनकाली गई कीमर्त, बाजार की प्रभर्तयोभगर्ता आभद को ध्यान मे रिर्ते हु ए भडजाइन करर्ती है। उस र्तरह हम
दे िर्ते है भक भवभिन्न श्रेणी के ग्राहको के पास िुनने का भवकलप होर्ता है, यहां र्तक भक आधार स्र्तर पर िीं
अस्पर्ताली ििव की ७भर्तपूर्थर्त वाले उत्पाद िारर्तीय बाजार मे हावी रहर्ते है।

प्रत्येक नए उत्पाद को बाजार मे लाने के पहले आयआरडीए के अनु मोदन की जरुरर्त होर्ती है। उत्पाद को नीिे
भदए गए प्रावधानों के अनुसार भवभनयामक के पास फाइल और उपयोग के अन्र्तवगर्त फाइ करना होर्ता है। एक
बार बाजार मे लाने के वाद उसे ध्यान के भलए मागवभनदे श को पूरा करने की जरुरर्त होर्ती है। छात्रों से यह
अनु रोध है भक वे फाइल और उपयोग मागवभनदे शों के प्रावधान, प्रपत्रों, भरटनव आभद के बारे मे जानकारी प्राप्र्त
कर ले।

आयआरडीए मागवभनदे शों के अनु सार स्वास््य बीमा उत्पाद के भलए फाइल और उपयोग की प्रभिया :

a) कोई िी स्वास््य उत्पाद को भकसी िी बीमाकर्ता द्वारा बाजार मे र्तब र्तक नही लाया जाएगा जब र्तक
भक फाइल और उपयोग प्रभिया के अनुसार प्राभधकार से इसकी पूवव स्वीकृभर्त नहीं प्राप्र्त कर ली गई हो।

b) भकसी िी अनु मोभदर्त स्वास््य उत्पाद मे कोई िी अनु वर्ती संिोजन या रुपांर्तरण के भलए िी समय समय
पर कायव मागवभनदे शो के अनुसार प्राभधकार से पूवव सहमभर्त आवश्यक होगी।

1. प्राभधकार द्वारा अनु मोभदर्त भकसी िी पॉभलसी मे काई संिोजन या रुपांर्तरण की सूिना ऐसे
संिोजन या रुपांर्तरण के प्रिावी होने के कम से कम र्तीन महीने पहले प्रत्येक पॉभलसी धारक को
दी जानी िाहे ऐसी सूिना मे ऐसे संिोजन का रुपांर्तरण का कारण जरुर भदया जाएगा िास कर
प्रीभमयम की बढोत्री के मामले में सी बढोत्री का कारण जरुर भदया जाएगा

2. प्रभमयम सभहर्त पॉभलसी की शत्रों मे संिोजन या रुपांर्तरण की संिावना का भववरण पत्र में उललेि
भकया जाना िाभहए

c) फाइल और उपयोग आवेदन पत्र का आइआरडीएआइ द्वारा मानकीकरण कर भदया गया है, भजसे
डे टाबेस पत्र र्तथा ग्राहक सूिना पत्र के सभहर्त भवभिन्न अनु बंधों के साथ िेजा जाना िाभहए.

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ग्राहक सूिना पत्र, प्रत्येक बीमाधारक को भववरण पभत्रका र्तथा कवर के भववरण सभहर्त पॉभलसी
अपवजवनों, दावा दे य होने के पूवव काई प्रत्रीका अवभध, यभद काई हो, क्या दे य राभश प्रभर्तपूर्थर्त आधार पर
होगी या भनधाभरर्त, नवीकरण की शर्तो और सुभवधाएं, को पे का भववरण या कट़ौर्ती र्तथा रद्द करने की
ज्स्थभर्तयों के साथ भदया जार्ता है।

प्राभधकार के पूवव अनु मोदन के भलए फाइल और उपयोग आवेदन, भनयुि एक्छयूरी और बीमा कंपनी के
सी. इ. ओ. द्वारा प्रमाभणर्त होगा र्तथा ऐसे फामेट मे होगा साथ ही ऐसे दस्र्तावेजो के साथ िेजा जाएगा
जो समय समय पर प्राभधकार द्वारा अनु बंभधर्त भकया गया हो।

d) स्वास््य बीमा उत्पादो को वापस लेना

1. भकसी स्वास््य बीमा उत्पाद को वापस लेने के भलए बीमाकिा वापस लेने के कारणों र्तथा भवद्यमान
पॉभलसी धारको से भकए जाने वाले व्यवहार का पूणव भववरण दे र्ते हु ए प्राभधकार की पूवव अनु मभर्त
प्राप्र्त करे गा,

2. पॉभलसी दस्र्तावेज मे सभवस्र्तर मे उत्पाद के वापस लेने की संिावना का स्पष्ट उललेि होगा साथ
ही उन भवकलपो की जानकारी िी होगी जो उत्पाद के वापस लेने के बाद, पॉभलसी धारको के पास
उपलब्ध होगा

3. यभद भवद्यमान ग्राहक बीमाकर्ता की सूिना पर कोई प्रभर्तभिया नही दे र्ता र्तो पॉभलसी नवीकरण की
र्तरीक पर वापस ले ली जाएगी र्तथा बीमाधारक पोटव भबभलटी शत्रो के अधीन बीमाकर्ता के पास
उपलब्ध नइ पॉभलसी लेगा.

4. वापस भलया गया उत्पाद िावी ग्राहको को नही भदया जाएगा

e) भकसी िी उत्पाद के लागू होने के बाद उसकी सिी भववरणों की पुनरीक्षण वषव में कम से कम एक बार
भनयुि एक्छयूरी द्वारा की जाएगी। यभद वह उत्पाद भविीय र्त़ौर पर व्यवहायव नहीं होगा या उसमे काई
कमी होगी र्तो भनयुि एक्छयूरी उत्पाद को संिोभधर्त कर सकर्ता है र्तथा फाइल और उपयोग के
अन्र्तगवर्त संिोधन के भलए आवेदन कर सकर्ता है।

f) भकसी िी उत्पाद के ‘फाइल और उपयोग’ के अन्र्तगवर्त अनु मभर्त भमलने के 5 साल बाद भनयुि एक्छयूरी,
रुग्णर्ता, कभमयो, ब्याज दर, मुद्रा स्फीभर्त, ििो र्तथा अन्य संबंभधर्त भववरणों के सम्पबंध मे उत्पादन के
भनष्पादन की पुनरीक्षण करे गा, साथ ही उत्पाद के भडजाइन के समय की गई मूल अवधारणाओं से
उसकी र्तुलना करे गा र्तथा की गई मूल अवधारणाओं मे उपयुि संिोधन के साथ पुना अनु मोदन प्राप्र्त
करे गा।

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D. आइआरडीएआइ के अन्य स्वास््य बीमा भवभनयम

फाइल और उपयोग मागवभनदे श के अभर्तभरि स्वास््य बीमा भवभनयमो को भनम्पन की जरुरर्त होगी।

a. सिी बीमा कंपभनयो के पास स्वास््य बीमा के बीमालेिन हे र्तु क नीभर्त होगी जो उसके बोडव द्वारा
अनु मोभदर्त होगी। इसमे नीभर्त मे अन्य बार्तो के साथ एक प्रस्र्ताव प्रपत्र का िी उललेि होगा भजसके
द्वारा िावी ग्राहक स्वास््य पॉभलसी की िरीद करे गा। ऐसे प्रस्र्ताव प्रपत्र मे बीमा लेिन हे र्तु ऐसी सिी
जानकाभरयां होगी, भजसका भजि कंपनी की नीभर्त मे भकया गया होगा

b. बीमालेिन नीभर्त प्राभधकार के पास फाइल की जाएगी। कंपनी के पास आवश्यकर्तानु सार उसमें
संिोभधर्त करने का अभधकार होगा लेभकन ऐसे संिोधनो को िी प्राभधकार के पास काइल भकया जाएगा

c. स्वास््य बीमा के भकसी िी प्रस्र्ताव को बोडव द्वारा अनु मोभदर्त बीमालेिन नीभर्त के अनु सार ही स्वीकृर्त
या अस्वीकृर्त भकया जाएगा। प्रस्र्ताव की अस्वीकृभर्त की सूिना प्रस्र्तावक को भलभिर्त रुप मे कारणो के
साथ दी जाएगी।

d. बीमाधारक को, प्रीभमयम के उपर ली जाने वाली भकसी िी लोलडग के बारे मे सूभिर्त भकया जाएगा र्तथा
पॉभलसी जारी करने के पहले पॉभलसी धारक की सहमभर्त ली जाएगी।

e. यभद बीमा कंपनी को, पॉभलसी के भकसी िी अनु वर्ती स्टे ज पर या नवीकरण के समय भकसी अभर्तभरि
जानकारी जैसे, पेशे में बदलाव आभद की जरुरर्त पहली है र्तो वह बीमाधारक द्वारा िरे जाने के भलए
मानक प्रपत्र भनधाभरर्त करे गी र्तथा वह पॉभलसी दस्र्तावेज का िाग होगा और उन ज्स्थभर्तयों के बारे मे िी
स्पष्ट रुप से बर्ताया जाएगा भक उन सूिनाओं को कब और भकन ज्स्थभर्तयों मे प्रस्र्तुर्त भकया जार्ता है।

f. बीमा कंपभनयां शीघ्र प्रवेश, भनरंर्तर नवीनीकरण, एक ही बीमा कंपनी के साथ अनुकूल दावा अनु िव
आभद के भलए पॉभलसीधारकों को पुरस्कृर्त करने के भलए प्रणाभलयां या प्रोत्साहन र्तैयार कर सकर्ती हैं
और फ़ाइल एवं उपयोग के भदशाभनदे शों के अंर्तगवर्त अनुमोभदर्त के अनु सार इस र्तरह की प्रणाली या
प्रोत्साहन का भववरभणका और पॉभलसी दस्र्तावेज में अभग्रम िु लासा कर सकर्ती हैं ।

स्वास््य बीमा पॉभलभसयों की पोटाभबभलटी के बारे में मागव भनदे श

आइआरडीएआइ ने जीवन और स्वास््य बीमा पॉभलभसयों की पोटव भबभलटी के वारे में बहु र्त स्पष्ट मागवभनदे श भदए
हैं , जो भनम्पनानु सार है :

1. पोटाभबभलटी की अनु मभर्त भनम्पन मामलों मे दी जाएगी:

a. फॅभमली फ्लोटर सभहर्त गैर जीवन बीमा कंपभनयों द्वारा जारी सिी व्यभिगर्त स्वास््य बीमा पॉभलभसयां

b. भकसी िी गैर जीवन बीमा कंपनी की समूह स्वास््य पॉभलसी के अन्र्तवगर्त पभरवार के सदस्यों सभहर्त
कवर भकया गये व्यभि को यह अभधकार होगा भक वह ऐसे समूह पॉभलसी से भनकल कर उसी बीमाकर्ता
की व्यभिगर्त स्वास््य बीमा पॉभलसी या फैभमली फ्लोटर पॉभलसी मे शाभमल हो सके, उसके पश्िार्त
अगले नवीकरण पर उसे पोटव भबभलटी का अभधकार होगा।

2. पॉलसीधारक के पास पोटव भबभलटी का भवकलप भसफव नवीकरण के समय होगा न भक पॉभलसी के िालू रहने
के द़ौरान

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3. एक पॉभलसी धारक जो अपनी पॉभलसी को दू सरी बीमा कंपनी के पास पोटव करना िाहर्ता है र्तो उसे
प्रीभमयम नवीकरण की र्तरीि से 45 भदन पहले आवेदन करना होगा।

4. यभद पॉभलसी धारक प्रीभमयम नवीकरण र्तारीि से 45 भदनो के पहले आइआरडीएआइ द्वारा भवभहर्त प्रपत्र मे
आवेदन नही करर्ता र्तो नया बीमाकर्ता उसे पोटव भबभलटी नही िी प्रदान कर सकर्ता है

5. ऐसी सूिना प्राप्र्त होने पर बीमा कंपनी आवेदक को प्रस्र्ताव पत्र र्तथा प्रस्र्ताभवर्त स्वास््य बीमा उत्पाद से
संबंभधर्त सिी जानकाभरयों के साथ आइआरडीएआइ मागवभनदे श मे भदए गए पोटव भबभलटी फामव उपलब्ध
कराएगी।

6. पॉभलसीधारक प्रस्र्ताव पत्र के साथ साथ पोटव भबभलटी फामव को िी िर कर बीमा कंपनी को प्रस्र्तुर्त करे गा।

7. पोटाभबभलटी फामव प्राप्र्त होने के वाद बीमा कंपनी भवद्यमान बीमा कंपनी को पत्र भलए क्या पॉभलसी धारक के
भिभकत्सा इभर्तहास र्तथा दावे इभर्तहास की मांग करही। ऐसी मांग आइआरडीए के वेब पोटव ल के द्वारा की
जाएगी।

8. ऐसा अनु रोध प्राप्र्त होने पर बीमा कंपनी ऐसे अनु रोध के प्राप्र्त होने के 7 भदनों के िीर्तर आइआरडीए के वेब
पोटव ल मे भदए गए अनु सार बीमा पॉभलसी की पोटव बेभलभट के लए आवश्यक डे टा प्रस्र्तुर्त करे गी।

9. यभद भवद्यमान बीमार्ता भनधाभरर्त समय सीमा के अन्र्तवगर्त नयी बीमा कंपनी को डे टा फॉमेट मे आवश्यक
डे टा नही उपलब्ध करा पार्ता र्तो इस आइ आर डी ए द्वारा जारी भनवेशों का उललंघन माना जाएगा र्तथा
बीमाकर्ता बीमा अभधभनयम 1938 के अन्र्तवगर्त दं ज का पात्र होगा।

10. भवद्यमान बीमा कंपनी से डे थ प्राप्र्त होने के बाद नई बीमा कंपनी प्रस्र्ताव को स्वीकार कर सकर्ती है, र्तथा
आइआरडीए के (पॉभलसी धारकों के भहर्त संरक्षण) भवयम 2002 के भवभनयम 4(6) के अनु सार पॉभलसी
धारक को अपना भनणवय सूभिर्त कर सकर्ती है

11. यभद समय सीमा के िीर्तर डे टा प्राप्र्त करने के बाद बीमा कंपनी पॉभलसी धारक को अपना भनणवय पॉभलसी
धारक को नही सूभिर्त करर्ती, जैसा भक बीमा कंपनी ने अपनी बीमालेिन को प्राभधकार के पास फाइल
करर्ते हु ए उललेि भकया है, र्तो बीमा कंपनी ऐसे प्रस्र्ताव को अस्वीकृर्त करने का अभधकार िो दे र्ती है और
उसे ऐसे प्रस्र्ताव को स्वीकार करना होगा

12. जहां नवीकरण की र्तारीि पर िी नए बीमाकर्ता से पोटे भबभलटी को स्वीकार करने के सम्पबंध मे पभरणाम
आना शेष हो

a. यभद पॉभलसी धारक द्वारा अनु रोध भकया जार्ता हो र्तो भवद्यमान पॉभलसी को, अलपावभध के भलए जो कम
से कम एक महीने होगी, यथानु सार प्रीभमयम लेर्ते हु ए, अलपावभध के भलए भवस्र्ताभरर्त करने की अनु मभर्त
होगी।

b. भवद्यमान पॉभलसी को र्तब र्तक रद्द नही भकया जाएगा जब र्तक भक नए बीमाकर्ता से पॉभलसी प्राप्र्त नही
हो जार्ती या बीमाधारक से भलभिर्त अनु रोध नही प्राप्र्त हो जार्ता।

c. ऐसे सिी मामलों मे नया बीमाकर्ता, जोभिम के प्रारंि होने की र्तारीि को, अलपावभध की समाज्प्र्त की
र्तारीि से भमलान करे गा, जहां कहीं िी जरुरी होगा

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d. यभद भकसी कारणवश बीमाधारक पॉभलसी को अपने भवद्यमान बीमाकर्ता के पास बी जारी रिना िाहर्ता
है र्तो, वह बगैर नई शर्तों को लगाए भनयभमर्त प्रीभमयम लेकर इस जारी रि सकर्ता है

13. यभद पॉभलसी धारक ने अलपावभध भवस्र्तार का भवकलप भलया हो और भकया गया हो र्तो भवद्यमान बीमाकर्ता
पॉभलसी की शेष अवभध के भलए बाकी प्रीभमयम िाजव कर सकर्ता है। बशर्ते भक दावा भवद्यमान बीमाकर्ता द्वारा
स्वीकार कर भलया जाए ऐसे मामलो मे पॉभलसी धारक शे, अवभध के भलए प्रीभमयम के िुगर्तान का दायी
होगा और उस पॉभलसी अवभध के भलए भवद्यमान बीमाकर्ता के साथ जारी रि सकर्ता है।

14. पोटव की जानेवाली पॉभलसी को स्वीकार करने के भलए बीमाकर्ता भसफव पोभटिं ग के उद्देश्य से कोई अभर्तभरि
लोलडग या िाजव नहीं करे गा।

15. पोटव की गई पॉभलसी के स्वीकार भकए जाने पर भकसी मध्यस्थ को कोई कमीशन दे य नही होगा।

16. भकसी िी स्वास््य बीमा पॉभलसी के भलए, जहां पहले से म़ौजूद बीमारी और समयबद् अपवजवन के सम्पबंध मे
प्रभर्तक्षा अवभध पहले ही समाप्र्त हो िुकी हो, की ध्यान मे रिा जाएगा और उसे पोटव की गई नई पॉभलसी के
अन्र्तवगर्त उस भवस्र्तार र्तक कम कर भदया जाएगा

नोट 1 : यभद नई पॉभलसी मे भकसी बीमारी या भनदान के भलए प्रभर्तक्षा अवभध उसी बीमारी या भनदान के भलए
पूवव पॉभलसी से ययादा होर्तो अभर्तभरि प्रभर्तक्षा अवभध के बारे मे, पोटव करने वाले पॉभलसी धारक द्वारा प्रस्र्तुर्त
भकए जाने वाले पोटे भबभलटी फामव मे आने वाले पॉभलसी धारक को स्पष्ट रुप से बर्ताया जाना िाभहए

नोट 2 : समूह स्वास््य बीमा पॉभलभसयो के भलए, इस बार्त के भनरपेक्षर्तः की पहली पॉभलसी में कोई पहले से
म़ौजद बीमारी अपवजवन/समयबद् अपवजवन था, भनयभमर्त बीमा कवर के आधारपर जैसा भक उपर कहा
गया है, व्यभिगर्त सदस्य को िेभडट भदया जाएगा।

17. यभद बीमाधारक द्वारा अनु रोध भकया जार्ता है र्तो पूवव बीमाकर्ताओं से प्राप्र्त संियी बोनस के भवस्र्तार र्तक,
पोटे भबभलटी पूवव पॉभलसी के अन्र्तवगर्त बीभमर्त राभश साथ ही बढी हु ई बीभमर्त राभश पर लागू होगी।

उदाहरण : यभद भकसी व्यभि की बीभमर्त राभश 2 लाि रु. हो बीमाकर्ता ‘ए’ से प्राप्र्त बोनस 50,000 हो र्तो
जब वह बीमाकर्ता ‘बी’ के पास जार्ता है और प्रस्र्ताव स्वीकृर्त कर भलया जार्ता है र्तो बीमाकर्ता बी को उसे
2.50 लाि रु. पर लागू प्रीभमयम लेकर 2.50 लाि रु. की बीभमर्त राभश प्रदान करनी होगी। यभद बीमाकर्ता
‘बी’ के पास 2.50 लाि की बीभमर्त राभश वाला कोई उत्पाद नही होगा र्तो वह नजदीकी उछि स्लैब अकाई
3 लाि रु. पर लागू प्रीभमयम लेकर 3 लाि रु. की, बीभमर्त राभश का प्रस्र्ताव बीमाधारक को दे गा। र्तथा
पोटव भबभलटी भसफव 2.50 लाि र्तक ही उपलब्ध होगी।

18. बीमाकर्ताओ को, पॉभलसी धारको का ध्यान पॉभलसी संभवदा उपलबध साभहत्य जैसे, भववरण पत्र, भविय
साभहत्य या अन्य ऐसा काई दस्र्तावेज, भकसी िी रुप मे हो, आकृष्ट कराना होगा भक :

a. सिी स्वास््य बीमा पॉभलभसयां पोटव की जा सकर्ती है

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b. पॉभलसी धारको को पोटे भबभलटी का लाि उठाने के भलए नवीकरण की र्तारीि से पहले दू सरे
बीमाकर्ता को सम्पपकव करना िाभहए र्ताभक दू सरे बीमाकर्ता से प्रस्र्ताव स्वीकृर्त होने मे लगने वाले भवलम्पब
के कारण कवरे ज के ब्ेक होने से बिा जा सके।

E. बीमा के बुभनयादी भसद्ांर्त और बीमालेिन के उपकरण

1. बीमालेिन के भलए प्रासंभगक बुभनयादी भसद्ांर्त

बीमा के भकसी िी रूप में, िाहे जीवन बीमा हो या साधारण बीमा, कुछ ऐसे कानूनी भसद्ांर्त होर्ते हैं जो जोभिमों
की स्वीकृभर्त के साथ काम करर्ते हैं । स्वास््य बीमा िी समान रूप से इन भसद्ांर्तों से भनयंभत्रर्त होर्ता है और
भसद्ांर्तों के भकसी िी उललंघन के पभरणाम स्वरूप बीमा कंपनी दे यर्ता से बिने का भनणवय लेर्ती है जो
पॉभलसीधारकों के भलए काफी असंर्तोष और भनराशा का कारण बनर्ता है। ये महत्वपूण भसद्ांर्त इस प्रकार हैं :

1. परम सद्भाव (Uberrima fides) और बीमा योग्य भहर्त

2. बीमालेिन के उपकरण

ये बीमालेिक की जानकारी के रोतोर्त और आधार हैं भजन पर जोभिम वगीकरण भकया जार्ता है और अंर्त में
प्रीभमयम भनधाभरर्त भकया जार्ता है। बीमालेिन के भलए महत्वपूणव उपकरण भनम्पनभलभिर्त हैं :

a) प्रस्र्ताव प्रपत्र

यह दस्र्तावेज़ अनु बध
ं का आधार है जहां प्रस्र्तावक के स्वास््य और व्यभिगर्त जानकारी से संबभं धर्त सिी
महत्वपूणव जानकारी (यानी उम्र, पेशा, शारीभरक गठन, आदर्तें, स्वास््य की ज्स्थभर्त, आय, प्रीभमयम
िुगर्तान की जानकारी आभद) एकत्र की जार्ती है। इसमें आसान सवालों के एक सेट से लेकर उत्पाद र्तथा
कंपनी की आवश्यकर्ताओं/भनभर्त के अनु सार एक पूरी र्तरह से भवस्र्तृर्त प्रश्नावली शाभमल हो सकर्ती है र्ताभक
यह सुभनज्श्िर्त भकया जा सके भक सिी महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा भकया गया है और र्तदनु सार कवरे ज
प्रदान भकया गया है। बीमाधारक व्यभि द्वारा कोई िी उललंघन या जानकारी को छु पाया जाना पॉभलसी को
अमान्य कर दे गा।

b) उम्र का प्रमाण

प्रीभमयम बीमाधारक की उम्र के आधार पर भनधाभरर्त भकए जार्ते हैं। इसभलए प्रवेश के समय बर्तायी गयी उम्र
को एक उम्र का प्रमाण प्रस्र्तुर्त करके सत्याभपर्त भकया जाना आवश्यक है।

उदाहरण

िारर्त में कई प्रकार के दस्र्तावेजों को उम्र प्रमाण माना जा सकर्ता है लेभकन ये सिी कानूनी र्त़ौर पर स्वीकायव
नहीं होर्ते हैं । अभधकांशर्तः मान्य दस्र्तावेजों को दो व्यापक श्रेभणयों में बांटा जार्ता हैं । ये इस प्रकार हैं :

a) मानक उम्र प्रमाण: इनमें से कुछ दस्र्तावेजों में स्कूल प्रमाणपत्र, पासपोटव , भनवास प्रमाणपत्र, पैन काडव
आभद शाभमल हैं ।

198
b) गैर-मानक उम्र प्रमाण: इनमें राशन काडव , मर्तदार्ता पहिान पत्र, वभरष्ठ व्यभि की घोषणा, ग्राम
पंिायर्त प्रमाणपत्र आभद शाभमल हैं ।

c) भविीय दस्र्तावेज

प्रस्र्तावक की भविीय ज्स्थभर्त को जानना लाि उत्पादों के भलए और नैभर्तक जोभिम को कम करने के भलए
भवशेष रूप से प्रासंभगक है। हालांभक, सामान्यर्तः भविीय दस्र्तावेजों की मांग केवल इन मामलों की जार्ती है

a. व्यस्क्तगत दर्
ु टा ना कर्र या
b. उच्च बीमा रासश कर्रे ज या
c. जब माांगे गए कर्रे ज की तल
ु ना में बतायी गयी आय और पेशा का तालमेल नह ां बैठता है ।
d) मे भडकल भरपोटव

मे भडकल भरपोटव की आवश्यकर्ता बीमा कंपनी के मानदं डों पर आधाभरर्त है और आम र्त़ौर पर बीमाधारक की
उम्र पर और किी-किी िुने गए कवर की मात्रा पर भनिवर करर्ता है। प्रस्र्ताव प्रपत्र के कुछ उिरों में कुछ
ऐसी जानकारी िी शाभमल हो सकर्ती है जो मांगी गयी मेभडकल भरपोटव की वजह बनर्ती है।

e) भबिी कर्थमयों की भरपोटव

भबिी कर्थमयों को िी कंपनी के भलए जमीनी स्र्तर पर के बीमालेिकों के रूप में दे िा जा सकर्ता है और उनकी
भरपोटव में उनके द्वारा दी गई जानकारी एक महत्वपूणव भविार बन सकर्ती है । हालांभक, भबिी कर्थमयों को अभधक
व्यवसाय उत्पन्न करने के भलए एक प्रोत्साहन भदया जार्ता है , यहां भहर्तों का टकराव होर्ता है भजस पर नज़र
रिना आवश्यक है।

स्व-परीक्षण 2

बीमालेिन में ___________ द्वारा परम सद्भाव के भसद्ांर्त का पालन भकया जाना आवश्यक है।

I. बीमा कंपनी
II. बीमाधारक
III. बीमा कंपनी और बीमाधारक दोनों
IV. भिभकत्सा परीक्षक

स्व-परीक्षण 3

बीमा योग्य भहर्त ____________ को दशार्ता है।

I. बीमा योग्य पभरसंपभि में व्यभि के भविीय भहर्त


II. पहले से बीमा की गयी संपभि
III. नु कसान के भलए प्रत्येक बीमा कंपनी का भहस्सा, जब एक से अभधक कंपनी एक ही नु कसान को कवर
करर्ती है
IV. नु कसान की राभश जो बीमा कंपनी से वसूल की जार्ती सकर्ती है

199
बीमालेिन प्रभिया

आवश्यक जानकारी प्राप्र्त हो जाने के बाद बीमालेिक पॉभलसी की शर्तें भनधाभरर्त करर्ता है। स्वास््य बीमा
व्यवसाय के बीमालेिन के भलए इस्र्ते माल होने वाले सामान्य फॉमव इस प्रकार है:

2. भिभकत्सा बीमालेिन

भिभकत्सा बीमालेिन एक ऐसी प्रभिया है भजसमें स्वास््य बीमा पॉभलसी के भलए आवेदन करने वाले व्यभि के
स्वास््य की ज्स्थभर्त भनधाभरर्त करने के भलए प्रस्र्तावक से मे भडकल भरपोटव की मांग की जार्ती है। भफर एकत्र की
गयी स्वास््य की जानकारी का बीमा कंपभनयों द्वारा यह र्तय करने के भलए मूलयांकन भकया जार्ता है भक क्या
कवरे ज भदया जाएगा, भकस सीमा र्तक और भकन शर्तों एवं अपवजवनों के साथ। इस प्रकार भिभकत्सा बीमालेिन
जोभिम की स्वीकृभर्त या अस्वीकृभर्त और इसके अलावा कवर की शर्तों का िी भनधारण कर सकर्ता है।

हालांभक भिभकत्सा बीमालेिन में मे भडकल भरपोटव प्राप्र्त करने और जांि के संदिव में उछि लागर्तें सज्म्पमभलर्त
होर्ती हैं । इसके अलावा, जब बीमा कंपभनयां भिभकत्सा बीमालेिन की एक उछि भडग्री का उपयोग करर्ती हैं ,
उनको केवल 'मलाई िाने' का दोषी ठहराया जार्ता है (भजसमें केवल सवोिम प्रकार के जोभिम को स्वीकार
भकया जार्ता है और अन्य को नकार भदया जार्ता है)। यह संिाभवर्त ग्राहकों के बीि हर्ताशा का कारण बनर्ता है
और उन बीमा कंपभनयों के साथ बीमा करने के इछछु क लोगों की संख्या कम कर दे र्ता है क्योंभक वे अपेभक्षर्त
जानकारी और भववरण प्रदान करने और आवश्यक परीक्षणों की प्रभिया से गुजरना नहीं िाहर्ते हैं ।

स्वास््य ज्स्थभर्त और उम्र व्यभिगर्त स्वास््य बीमा के भलए बीमालेिन के महत्वपूणव भविार हैं । इसके अलावा
वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त, भनजी और पभरवार की भिभकत्सा का इभर्तहास एक बीमालेिक को भकसी िी पहले से
म़ौजूद बीमारी या समस्या और अंर्तर्तः िभवष्य की स्वास््य समस्याओं का पर्ता लगाने में सक्षम बनार्ता है भजनके
भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने या शलय भिभकत्सा के हस्र्तक्षेप की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

इसके अलावा प्रस्र्ताव प्रपत्रों को इस प्रकार र्तैयार भकया जार्ता है भक इससे पहले भकए गए उपिारों, अस्पर्ताल
में िर्ती होने और शलय भिभकत्सा की प्रभियाओं से गुजरने के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्र्त हो जार्ती है। यह एक
बीमालेिक को पहले से म़ौजूद बीमारी की पुनरावृभि, वर्तवमान या िभवष्य की स्वास््य ज्स्थभर्त पर उसके प्रिाव
या िभवष्य की समस्याओं की संिावना का मूलयांकन करने में मदद करर्ता है। कुछ बीमाभरयां भजनके भलए
प्रस्र्तावक केवल दवाएं ले रहा है, जलद ही भकसी िी समय अस्पर्ताल में िर्ती होने की आवश्यकर्ता पड सकर्ती है
या इसकी पुनरावृभि हो सकर्ती है।

उदाहरण

उछि रििाप, अभधक वजन/मोटापा और शकवरा के उछि स्र्तर जैसी भिभकत्सा ज्स्थभर्तयों में भदल, गुदे और
र्तंभत्रका र्तंत्र के रोगों के भलए िभवष्य में अस्पर्ताल में िर्ती होने की काफी संिावना रहर्ती है। इसभलए भिभकत्सा
बीमालेिन के भलए जोभिम का आकलन करर्ते समय इन ज्स्थभर्तयों पर ध्यान से भविार भकया जाना िाभहए।

200
िूंभक स्वास््य ज्स्थभर्त में प्रभर्तकूल पभरवर्तवन आम र्त़ौर पर 40 वषव की उम्र के बाद, मुख्य रूप से सामान्य उम्र बढ़ने
की प्रभिया के कारण होर्ते हैं , बीमा कंपभनयों को 45 वषव की उम्र से पहले प्रस्र्तावक के भकसी िी भिभकत्सा जांि
या परीक्षण की आवश्यकर्ता नहीं पडर्ती है (कुछ बीमा कंपभनयां इस आवश्यकर्ता को 50 या 55 वषव र्तक िी बढ़ा
सकर्ती हैं )। इसके अलावा भिभकत्सा बीमालेिन भदशाभनदे शों में प्रस्र्तावक के पाभरवाभरक भिभकत्सक द्वारा
उसकी स्वास््य की ज्स्थभर्त की एक हस्र्ताक्षभरर्त घोषणा की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

िारर्तीय स्वास््य बीमा बाजार में व्यभिगर्त स्वास््य बीमा के भलए प्रमुि भिभकत्सा बीमालेिन कारक व्यभि की
उम्र है। पहली बार शाभमल होने वाले 45-50 वषव से अभधक की उम्र के व्यभियों के मामले में सामान्यर्तः स्वास््य
जोभिम प्रोफाइल का आकलन करने के भलए और उनकी वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त के बारे में जानकारी प्राप्र्त
करने के भलए भनर्थदष्ट पैथोलोभजकल जांि की प्रभिया से गुजरना आवश्यक होर्ता है। इस र्तरह की जांि पहले
से म़ौजूद भकसी भिभकत्सा समस्या या बीमारे के प्रसार का संकेर्त दे र्ती है।

उदाहरण

नशीली दवाओं, शराब और र्तंबाकू के सेवन का पर्ता लगाना मुज्श्कल हो सकर्ता है और प्रस्र्ताव प्रपत्र में
प्रस्र्तावक द्वारा शायद ही किी घोभषर्त भकया जार्ता है। इनका गैर-प्रकटीकरण स्वास््य बीमा के बीमालेिन में
एक बडी िुऩौर्ती बन गया है। मोटापा एक अन्य समस्या है जो एक बडी साववजभनक स्वास््य समस्या बनर्ती जा
रही है और बीमालेिकों को इनसे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का पयाप्र्त मूलयांकन करने में सक्षम होने के
भलए बीमालेिन उपकरण भवकभसर्त करने की आवश्यकर्ता है।

3. गैर-भिभकत्सा बीमालेिन

स्वास््य बीमा के भलए आवेदन करने वाले अभधकांश प्रस्र्तावकों को भिभकत्सा जांि की जरूरर्त नहीं पडर्ती है।
अगर इसे सत्यर्ता की एक भनष्पक्ष भडग्री के साथ जाना जा सकर्ता है र्तो इस र्तरह के मामलों के केवल दसवें
भहस्से या उससे कम में भिभकत्सा जांि के द़ौरान प्रभर्तकूल पभरणाम आएगा, भफर बीमा कंपभनयां अभधकांश
मामलों में भिभकत्सा जांि को अनावश्यक बना सकर्ती हैं ।

यहां र्तक भक अगर प्रस्र्तावक सिी महत्वपूणव र्त्यों का िुलासा पूरी र्तरह से और सछिाई से करर्ता है और
एजेंट द्वारा सावधानी से इसकी जांि की गई है, भफर िी भिभकत्सा जांि की आवश्यकर्ता बहु र्त कम हो सकर्ती
है। वास्र्तव में, दावों के अनुपार्त में मामूली वृभद् को स्वीकार भकया जा सकर्ता है अगर भिभकत्सा जांि की
लागर्तों और अन्य ििों में बिर्त होर्ती है और क्योंभक इससे प्रस्र्तावक की असुभवधा िी कम होगी।

इसभलए, बीमा कंपभनयां कुछ ऐसी भिभकत्सा पॉभलभसयां लेकर आ रही हैं जहां प्रस्र्तावक को भकसी भिभकत्सा
जांि से गुजरने की आवश्यकर्ता नहीं है। ऐसे मामलों में, कंपभनयां आम र्त़ौर पर एक 'मे भडकल भग्रड' बनार्ती हैं
भजससे यह पर्ता िलेगा भक भकस उम्र और िरण में भिभकत्सा बीमालेिन भकया जाना िाभहए, और इसभलए इन
गैर-भिभकत्सा सीमाओं को सावधानी से भडजाइन भकया जार्ता है र्ताभक व्यवसाय और जोभिम के बीि एक
उभिर्त संर्तुलन कायम भकया जा सके।

201
उदाहरण

अगर भकसी व्यभि को भिभकत्सा परीक्षाओं, प्रर्तीक्षा अवभधयों और कारववाई में दे री की एक लंबी प्रभिया से गुजरे
भबना र्तुरंर्त स्वास््य बीमा कवरे ज लेना है र्तो वह एक गैर-भिभकत्सा बीमालेिन पॉभलसी लेने का भवकलप िुन
सकर्ता है। एक गैर-भिभकत्सा बीमालेिन पॉभलसी में, प्रीभमयम दरें और बीमा राभश आम र्त़ौर पर उम्र, ललग,
धूम्रपान की श्रेणी, शारीभरक गठन आभद पर आधाभरर्त कुछ स्वास््य संबध
ं ी प्रश्नों के उिर के आधार पर
भनधाभरर्त की जार्ती हैं । यह प्रभिया र्तीव्र है लेभकन प्रीभमयम अपेक्षाकृर्त अभधक हो सकर्ते हैं ।

4. संख्यात्मक भनधारण भवभध

यह बीमालेिन में अपनायी जाने वाली एक ऐसी प्रभिया है भजसमें जोभिम के प्रत्येक घटक के बारे में
संख्यात्मक या प्रभर्तशर्त आकलन भकए जार्ते हैं ।

इसमें उम्र, ललग, जाभर्त, व्यवसाय, भनवास, वार्तावरण, शारीभरक गठन, आदर्तें, पभरवार और व्यभिगर्त
इभर्तहास जैसे कारकों की जांि की जार्ती है और पूवव-भनधाभरर्त मानदं डों के आधार पर संख्यात्मक रूप से अंक
भदए जार्ते हैं ।

5. बीमालेिन संबध
ं ी भनणवय

प्राप्र्त जानकारी का सावधानी से आकलन करने और उभिर्त जोभिम श्रेभणयों में वगीकृर्त भकए जाने पर
बीमालेिन प्रभिया पूरी हो जार्ती है। उपरोि उपकरणों और अपने भनणवय के आधार पर, बीमालेिक जोभिम
को भनम्पनभलभिर्त श्रेभणयों में वगीकृर्त करर्ता है:

a) मानक दरों पर जोभिम को स्वीकार करना


b) एक अभर्तभरि प्रीभमयम (अभधिार) पर जोभिम को स्वीकार करना, हालांभक यह प्रभिया सिी
कंपभनयों में नहीं अपनायी जा सकर्ती है
c) एक भनधाभरर्त अवभध/समय के भलए कवर को स्थभगर्त करना
d) कवर को अस्वीकार करना
e) काउं टर ऑफर (कवर के कुछ िाग को सीभमर्त या अस्वीकार करना)
f) उछि कट़ौर्ती या को-पे लगाना
g) पॉभलसी के र्तहर्त स्थायी अपवजवन लगाना

अगर भकसी बीमारी को स्थायी रूप से बाहर रिा जार्ता है र्तो इसे पॉभलसी प्रमाणपत्र पर पृष्ठांभकर्त भकया जार्ता
है। यह पॉभलसी के मानक अपवजवन के अलावा एक अभर्तभरि अपवजवन बन जार्ता है और अनु बध
ं का एक भहस्सा
होर्ता है।

बीमालेिकों द्वारा भवशेषज्ञ व्यभिगर्त जोभिम मूलयांकन बीमा कंपभनयों के भलए महत्वपूणव है क्योंभक यह बीमा
प्रणाली को संर्तुलन में रिर्ता है। बीमालेिन बीमा कंपभनयों को समान स्र्तर के अपेभक्षर्त जोभिम वाले लोगों को
एक साथ समूहीकृर्त करने और उनके द्वारा िुनी गयी सुरक्षा के भलए एक समान प्रीभमयम वसूल करने में सक्षम
बनार्ता है। पॉभलसीधारक के भलए लाि एक भनष्पक्ष और प्रभर्तस्पधी मूलय पर बीमा की उपलब्धर्ता है जबभक एक

202
बीमा कंपनी के भलए लाि पोटव फोभलयो के अनु िव को रुग्णर्ता की मान्यर्ताओं के अनुरूप अपने बनाए रिने की
क्षमर्ता है।

6. सामान्य या मानक अपवजवनों का प्रयोग

अभधकांश पॉभलभसयों में अपने सिी सदस्यों पर लागू होने वाले अपवजवन शाभमल होर्ते हैं । इन्हें मानक अपवजवन
के रूप में जाना जार्ता है या किी-किी सामान्य अपवजवन कहा जार्ता है। बीमा कंपभनयां मानक अपवजवनों को
लागू करके अपने जोभिम को सीभमर्त करर्ती हैं ।

इसकी ििा पहले के अध्याय में की गई है।

स्व-परीक्षण 4

भिभकत्सा बीमालेिन के बारे में इसमें से क़ौन सा कथन सही नहीं है?

I. इसमें मे भडकल भरपोटव प्राप्र्त करने या उसका आकलन करने की उछि लागर्त शाभमल है।
II. वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त और उम्र स्वास््य बीमा के भिभकत्सा बीमालेिन में महत्वपूणव कारक हैं ।
III. प्रस्र्तावकों को अपने स्वास््य जोभिम प्रोफाइल का आकलन करने के भलए भिभकत्सकीय और
पैथोलोभजकल जांि की प्रभिया से गुजरना होर्ता है।
IV. जोभिम के प्रत्येक घटक के बारे में प्रभर्तशर्त आकलन भकया जार्ता है।

203
भित्र 1: बीमालेिन प्रभिया

204
F. समूह स्वास््य बीमा

1. समूह स्वास््य बीमा

समूह बीमा का बीमालेिन मुख्यर्तः औसर्त के भनयम के अनु सार भकया जार्ता है भजसका अथव यह है भक जब एक
मानक समूह के सिी सदस्यों को एक समूह स्वास््य बीमा पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया जार्ता है र्तो समूह में
शाभमल होने वाले व्यभि बीमा कंपनी के भिलाफ प्रभर्तकूल-ियन नहीं कर सकर्ते हैं । स्वास््य बीमा के भलए एक
समूह को स्वीकार करर्ते समय बीमा कंपभनयां समूह में कुछ ऐसे सदस्यों की म़ौजूदगी पर भविार करर्ती हैं
भजनको गंिीर और लगार्तार होने वाली स्वास््य समस्याएं हो सकर्ती हैं ।

समूह स्वास््य बीमा के बीमालेिन के भलए समूह की भवशेषर्ताओं का भवश्लेषण करने की आवश्यकर्ता होर्ती है
र्ताभक यह मूलयांकन भकया जा सके भक क्या यह बीमा कंपनी के बीमालेिन भदशाभनदे शों और बीमा भनयामकों
द्वारा समूह बीमा के भलए भनधाभरर्त भदशाभनदे शों के िीर्तर आर्ता है।

समूह स्वास््य बीमा के भलए मानक बीमालेिन प्रभिया के भलए भनम्पनभलभिर्त कारकों पर प्रस्र्ताभवर्त समूह का
मूलयांकन करने की आवश्यकर्ता होर्ती है:

a) समूह का प्रकार

b) समूह का आकार

c) उद्योग का प्रकार

d) कवरे ज के भलए योग्य व्यभि

e) क्या पूरे समूह को कवर भकया जा रहा है या सदस्यों को बाहर भनकालने के भलए कोई भवकलप उपलब्ध
है

f) कवरे ज का स्र्तर - क्या सिी के भलए एक समान या अलग-अलग है

g) ललग, उम्र, एक या अनेक स्थान, समूह के सदस्यों की आय के स्र्तर, कमविारी पभरवर्तवन की दर, क्या
प्रीभमयम का िुगर्तान पूरी र्तरह से समूह धारक द्वारा या सदस्यों द्वारा भकया गया है या सदस्यों को
प्रीभमयम िुगर्तान में िाग लेने की आवश्यकर्ता है

h) भवभिन्न ि़ौगोभलक स्थानों में फैले कई स्थानों के मामले में सिी क्षेत्रों में स्वास््य दे ििाल की लागर्तों में
अंर्तर

i) ट) एक र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक द्वारा समूह बीमा के प्रबंधन के भलए समूह धारक की पसंद (उनकी
पसंद या बीमा कंपनी द्वारा ियभनर्त भवकलप के बारे में) या बीमा कंपनी द्वारा अपने आप

j) ठ) प्रस्र्ताभवर्त समूह के भपछले दावों का अनु िव

205
उदाहरण

िदानों या कारिानों में काम करने वाले सदस्यों का एक समूह वार्तानु कूभलर्त कायालयों में काम करने वाले
सदस्यों के एक समूह की र्तुलना में अभधक स्वास््य जोभिम के दायरे में होर्ता है। इसके अलावा बीमाभरयों की
प्रकृभर्त (भजनके दावे) िी दोनों समूहों के भलए काफी अलग होने की संिावना है। इसभलए, बीमा कंपनी दोनों
ही मामलों में समूह स्वास््य बीमा पॉभलसी का मूलय र्तदनुसार र्तय करे गी।

इसी प्रकार आईटी कंपभनयों जैसे अभधक संख्या में ऩौकरी छोडने वाले समूहों के मामले में प्रभर्तकूल ियन से
बिने के भलए, बीमा कंपभनयां एहभर्तयार्ती मानदं ड लागू कर सकर्ती हैं भजसके भलए कमविाभरयों को बीमा के भलए
योग्य बनने से पहले अपनी पभरवीक्षाधीन अवभध में काम करने की आवश्यकर्ता होगी।

समूह स्वास््य बीमा व्यवसाय की अत्यभधक प्रभर्तस्पधी प्रकृभर्त के कारण बीमा कंपभनयां समूह बीमा योजनाओं के
लािों में काफी लिीलापन और अनु कूलन की अनु मभर्त दे र्ती हैं । भनयोिा-कमविारी समूह बीमा योजना में, लािों
की भडजाइन आम र्त़ौर पर समय के साथ भवकभसर्त होर्ती है और भनयोिा के मानव संसाधन भविाग द्वारा इसे
एक कमविारी प्रभर्तधारण उपकरण के रूप में इस्र्ते माल भकया जार्ता है। अक्सर, लिीलापन व्यवसाय पर कब्जा
करने और बदलने के भलए एक अन्य बीमा कंपनी द्वारा भदए गए म़ौजूदा समूह बीमा योजना के लािों से र्तालमे ल
भबठाने या सुधार करने के भलए बीमा कंपभनयों के बीि प्रभर्तस्पधा का पभरणाम होर्ता है।

2. भनयोिा-कमविारी समूहों के अलावा अन्य बीमालेिन

भनयोिा-कमविारी समूह पारंपभरक रूप से समूह स्वास््य बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त सबसे आम समूह हैं ।
हालांभक, स्वास््य बीमा को स्वास््य दे ििाल के ििव के भविपोषण के एक प्रिावशाली साधन के रूप में
स्वीकार भकए जाने के कारण समूह संरिनाओं के भवभिन्न प्रकार भवकभसर्त हो गए हैं । ऐसे पभरदृश्य में, समूह
स्वास््य बीमा के बीमालेिकों के भलए समूह का बीमालेिन करर्ते समय समूह की संरिना के िभरत्र पर भविार
करना महत्वपूणव हो जार्ता है।

कमविारी-भनयोिा समूहों के अलावा बीमा कंपभनयों ने भवभिन्न प्रकार के समूहों को समूह स्वास््य बीमा कवरे ज
प्रदान भकया है जैसे: श्रभमक संघ, न्यास और सोसायटी, एकाभधक-भनयोिा समूह, फ्रेंिाइजी डीलर,
व्यावसाभयक संगठन, क्लब और अन्य बंधुत्व संगठन।

भवभिन्न दे शों की सरकारों ने समाज के गरीब वगों के भलए समूह स्वास््य बीमा कवरे ज िरीदने का काम भकया
है। िारर्त में, केंद्र और रायय दोनों स्र्तरों पर सरकारों द्वारा गरीबों के भलए समूह स्वास््य बीमा योजनाओं जैसे -
राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना (आरएसबीवाय), यशज्स्वनी को आिामक र्तरीके से प्रायोभजर्त भकया गया है।

हालांभक इस र्तरह के भवभवध समूहों के भलए बुभनयादी बीमालेिन भविार आम र्त़ौर पर स्वीकायव समूह
बीमालेिन कारकों के समान हैं , अभर्तभरि पहलुओं में शाभमल हैं :

a) समूह का आकार (छोटे आकार के समूह में लगार्तार पभरवर्तवन हो सकर्ते हैं )
b) भवभिन्न ि़ौगोभलक क्षेत्रों में स्वास््य सेवा की अलग-अलग लागर्तें

206
c) समूह के सिी घटकों के समूह स्वास््य बीमा योजना में िाग नहीं लेने मामले में प्रभर्तकूल ियन का
जोभिम
d) पॉभलसी में समूह में सदस्यों की भनरंर्तरर्ता

भसफव सस्र्ते दामों पर इस र्तरह के समूह स्वास््य बीमा लाि का लाि लेने के भलए 'सुभवधा समूह' नामक समूह
संरिनाओं के अभनयभमर्त प्रकारों में वृभद् हु ई है। इसभलए बीमा भनयामक आईआरडीए ने भवभिन्न समूहों के साथ
कामकाज करने में बीमा कंपभनयों द्वारा अपनाए जाने वाले दृज्ष्टकोण को भवभनयभमर्त करने के भविार से समूह
बीमा के भदशाभनदे श जारी भकए हैं । इस र्तरह के गैर-भनयोिा समूहों में शाभमल हैं :

a) भनयोिा कलयाण संघ


b) एक भवशेष कंपनी द्वारा जारी भकए गए िेभडट काडव के धारक
c) एक भवशेष व्यवसाय के ग्राहक जहां बीमा एक ऐड-ऑन लाि के रूप में भदया जार्ता है
d) एक बैंक के उधारकर्ता और व्यावसाभयक संगठन या सोसायटी

समूह बीमा के भदशाभनदे शों का औभित्य लिीली भडजाइन के लाि के साथ बीमा प्राप्र्त करने के एकमात्र उद्देश्य
से समूहों के गठन को प्रभर्तबंभधर्त करना है, यहां लािों का कवरे ज व्यभिगर्त पॉभलभसयों पर उपलब्ध नहीं होर्ता
है और लागर्त में बिर्त होर्ती है। ऐसा दे िा गया है भक इस र्तरह के 'सुभवधा समूह' अक्सर बीमा कंपभनयों के
भिलाफ प्रभर्तकूल ियन करने और अंर्तर्तः उछि दावा अनु पार्तों का कारण बनर्ते हैं । इस प्रकार भनयामक
प्राभधकरण के समूह बीमा के भदशाभनदे श बीमा कंपभनयों द्वारा बाजार के भजम्पमे दार संिालन में सहायक होर्ते हैं ।
ये बीमालेिन में और समूह योजनाओं के भलए प्रबंधन के मानकों का भनधारण करके समूह बीमा योजनाओं के
प्रिार में िी अनु शासन पैदा करर्ते हैं ।

G. भवदे श यात्रा बीमा का बीमालेिन

िूंभक भवदे श यात्रा बीमा पॉभलभसयों मे स्वास््य कवर ही मुख्य कवर होर्ता है इसभलए इसके बीमालेिन मे
स्वास््य बीमा के र्तरीके का ही अनु पालन भकया जाना िाभहए

प्रीभमयम का दर भनधारण और स्वीकृभर्त अलग अलग कंपभनयों के मागव भनदे श के अनु सार होर्ती है पर कुछ
महत्वपूणव बार्ते इस प्रकार होर्ती है

1. प्रीभमयम की दर प्रस्र्तावक की आयु और उसके भवदे श मे रहने की अवभध पर भनिवर करर्ती है

2. यूलक भवदे शों मे भिभकत्सा काफी मंहगी होर्ती है इस भलए प्रीभमयम की दर घरे लू स्वास््य पॉभलभसयों की
र्तुलना मे काफी अभधक होर्ती है

3. भवदे शों मे बी िास कर अमे भरका और कनाडा का प्रीभमयम ययादा होर्ता है।

4. इस संिावना से बिने का जरुर प्रयास करना िाभहए भक प्रस्र्तावक पॉभलसी का उपयोग भवदे श में अपने
इलाज के भलए नही करें अर्तः पहले से म़ौजूद बीमाभरयों पर प्रस्र्ताव स्र्तर पर ही ध्यान रिा जाना
िाभहए

207
H. व्यभिगर्त दु घवटना बीमा का बीमालेिन

व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलभसयों के बीमालेिन से जु डी बार्तो पर नीिे ििा की गई है।

दर भनधारण

व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में व्यवसाय या पेशे को मुख्य आधार माना जार्ता है. आमर्त़ौर पर दे िा जाए र्तो घर में,
गली, आभद में व्यभिगर्त दु घवटना का िर्तरा र्तो सिी लोगों के ले एक समान रहर्ता है. भकन्र्तु पेशे या व्यवसाय से
संबंभधर्त जोभिम भनष्पाभदर्त की जाने वाली कायव की प्रकृभर्त के अनु रूप भिन्न-भिन्न भकस्म के हु आ करर्ते हैं .
उदाहण के भलए, कायवलय में बैठकर कराम करने वाले प्रबंधक की र्तुलना में भनमाणाधीन िवन की जगह पर
कायवरर्त भसभवल इंजीभनयर के ले जोभिम का िरर्ता ययादा रहर्ता है.

प्रत्येक पेशे एवं व्यवसाय के भलए ए भनज्श्िर्त दर नधाभरर्त कर पाना व्यावहाभरक नहीं है. इसभलए व्यवसायों को
समूहों में वगीकृर्त भकया जर्ता है और प्रत्येक समूह के भलए कमोबेश जोभिम का िर्तरा एक सा रहर्ता है.
वगीकरण की पद्भर्त आसाम है और इसे व्यवहार में कारगर पाया गया है.

जोभिम वगीकरण

 जोभिम समूह – I

लेिाराप, डॉक्टर, वकील, वास्र्तुभशलपी, परामशी इंजीभनयर, अध्यापक, बैंकर, प्रशासभनक कायवरर्त
व्यभि, वे व्यभि जो मूलर्तः इसी प्रकार के जोभिमयुि कायव से जु डे हों.व्यवसाय के आधार पर
बीमाधारक से जु डे जोभिम को र्तीन समूहों में बााँटा गया है।

 जोभिम समूह – II

केवल पयववक्ष
े ण कायवरर्त भवलडर, कॉन्ट्ेक्टर र्तथा इंजीभनयर, पशु-भिभकत्सक, मोटर कार र्तयथा
हलके मोटर वाहनों के वेर्तनिोगी िाइवर र्तथा इसी प्रकार के जोभिमयुि कायों में लगे व्यभि और वे
व्यभि जो शारीभरक श्रम नहीं करर्ते हों.

शाभरभरक श्रम करने वाले सिी व्यभि (केवल उन्हें छोडकर जो श्रेणी - 3 में आर्ते हैं ), नकदी लाने-ले
जाने वाले कमविारी, गराज र्तथा मोटर मे केभनक, मशीन ऑपरे टर, ट्क व लॉरी र्तथा अन्य िारी वाहनों
के िाइवर, पेशेवर भिलाडी, भिलाडी, मशीनों द्वारा काष्ठ-भशलप का काम करने वाले लोग एवं इसी
प्रकार के जोभिमयुि कायव करने वाले लोग.

 जोभिम समूह – III

िूभमगर्त िानों, भवस्फोटक पदाथों, मैगजींस में काम करने वाले लोग, हाई टें शन आपूर्थर्त वाले भवद्युर्त
आस्थापनों में काम करने वाले मजदू र, ज़की, सकवस कमविारी, ह्वील पर या घोडे की पीठ में बैठकर
द़ौड लगाने वाले व्यभि, भबग गेम हं लटग, पववर्तारोहण, भवन्टर स्पोटव स्, स्कीइंग, आइस हॉकी,

208
बलूलनग, हैं ग ग्लाइलडग, रीवर राल्फ्टग, पोलो र्तथा इसी प्रकार के जोभिमयुि व्यवसाय/गभर्तभवभधयों
से जु डे लोग.

जोभिम समूह को सामान्यर्तः सामान्य, मध्यम और उछि के रूप में जाना जार्ता है।

आयु सीमाएं

कवर और नवीकरण हे र्तु न्यूनर्तम और अभधकर्तम आयु कंपनी दर कंपनी अलग हो सकर्ती है।न्यूनर्तम आयु
सीमा 5 वषव और अभधकर्तम 70 वषव है. र्तथाभप,उनव्यभियों के मामले में भजनके पास पहले से ही बीमा आवरण
है, नके 70 वषव की आयु पूणव करने पर िी पॉभलभसयों का नवीकरण भकया जा सकर्ता है. परन्र्तु यह 80 वषव की
आयु र्तक भकया जा सकेगा, भजसके भलए नवीकरण प्रीभमयम पर अभधिार लागू भकया जाएगा.

नवीकरण या नये बीमा आवरण के भलए स्वास््य परीक्षण की आवश्यकर्ता नहीं है.

भिभकत्सा व्यय

भनम्पनभलभिर्त रूप से भिभकत्सा ििव का कवर है:

 बीमाकृर्त व्यभि को दु घवटनात्मक शारीभरक िोट पहु ंिने पर उसकी ओर से भकये जाने वाले भिभकत्सा
व्यय को अभर्तभरि प्रीभमयम अदायगी करर्ते हु ए आवभरर्त भकया जा सकर्ता है। भजसके भलए पृष्ठांकन
द्वारा व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी का भवस्र्तारण भकया जा सकर्ता है

 ये लाि पॉलसी के अंरग्र्त भमलने वाले अन्य लािों के अभर्तभरि हैं ।

 व्यभि का अस्पर्ताल में िर्ती होना जरूरी नहीं होर्ता

युभद् एवं सम्पबद् जोभिम

भवदे शों में भसभवल ड्यूटी पर र्तैनार्त िारर्तीय कमविाभरयों / भवशेषज्ञों को भनम्पनभलभिर्तानु सार अभर्तभरि प्रीभमयम
अदा करे न पर युद् जोभिम बीमा आवरण भदया जा सकर्ता है

 सामान्य एवं शांभर्तपूणव अवभध के द़ौरान जारी व्य. दू . पॉभलसीयां-सामान्य दर से 50% अभर्तभरि
(अथात् सामान्य दर का 150%)

 असामन्य/आशंकापूणव अवभध के द़ौरान जारी व्य.दु . पॉभलभसयां (अथात् ऐसी अवभध के द़ौरान जब उस
भवदे शी राष्ट् में युद् के समान ज्स्थभर्तयां उत्पन्न हो िुकी हों या भजनका होना अवस्यंिावी है, जहां
िारर्तीय कमविारी भसभवल ड्यूटी पर कायवरर्त हैं . सामान्य दर से 150% अभर्तभरि –(अथात् सामान्य
दर का 250%)

प्रस्र्ताव – प्रपत्र

प्रस्र्ताव – प्रपत्र में भनम्पनभलभिर्त के बारे में जानकारी दी जार्ती है

 व्यभिगर्त भववरण
 शारीभरक ज्स्थर्ती

209
 आदर्तें एवं अभिरुभियां
 अन्य एवं पूवव बीमा
 पूवव घभटर्त दु घवटनाएं या बीमारी
 बीमा मूलय व लाङों का ियन
 घोषणा

उपयुवि आवश्यक जानकारी का भवस्र्तृर्त भववरण इस प्रकार है।

 व्यभिगर्त भवभवरण में अन्य बार्तों के साथ-साथ आयु, ऊंिाई र्तथा वजन, पेशे का पूणव भववरण र्तथा
औसर्त माभसक आय का उललेि रहर्ता है.

 आयु से इस बार्त का पर्ता िल सकेगा भक क्या प्रस्र्तावक उसकी ओर से ियभनर्त पॉभलसी के ले


आवश्यक आयु सीमा के अधीन है या नहीं. वजन और ऊंिाई की र्तुलना संबभं धर्त ललग की औसर्त
ऊंिाई एवं उम्र वाली साभरणी से की जानी िाभहए और यभद प्रस्र्तावक भनधाभरर्त औसर्त से 15%
ययादा या कम पाया गया र्तो अभर्तभरि जांि-पडर्ताल करवायी जानी िाभहए.

 शारीभरक ज्स्थर्त से सम्पबद् भववरणों में भकसी िी प्रकार की शारीभरक अशिर्ता या दोष, लम्पबी
बीमाभरयां, आभद का समावेश भकया जार्ता है.

 भजन प्रस्र्तावकों के भकसी अंग की हाभन या एक आंि की रोशनी िली गई हो उनके प्रस्र्ताव
अनु मोभदर्त प्रकरणों के आधार पर भवशेष शर्तों के अध्यधीन स्वीकार भकये जा सकर्ते हैं . ये
दु बवलर्ताएं असामान्य जोभिमों को जन्म दे र्ती हैं क्योंभक ऐसे व्यभि कुछ भवशेष प्रकार की
दु घवटनाओं को टाल पाने में कम कामयाव होर्ते हैं और इस र्त्य के मद्देनज़र भक यभद बिे हु ए हाथ
या पैर को िोट पहु ंि जार्ती है या दू सरे आंि की रोशनी पर उसका प्रिाव पडर्ता हो र्तो उनके
मामले में अपंगर्ता की गंिीरर्ता एवं गहनर्ता सामान्य मामलों की र्तुलना में कहीं ययादा होने की
आशंका बनी रहर्ती है.

 यभद प्रस्र्तावक मधुमेह (डायभबटीज) में पीभडर्त है र्तो उसके ठीक होने में काफी समय लग जाएगा
क्योंभक घाव जलदी नहीं िर पाएगा और अपंगर्ता अत्यभधक रुप से बढ़र्ती िली जाएगी. प्रस्र्तावक
के भिभकत्सा इभर्तवृि की यह भनधाभरर्त करने के भलए जांि-पडर्ताल की जानी िाभहए भक उसे
पहु ं िने वाली िोटों या बीमाभरयों का िावी दु घवटनात्मक जोभिमों पर क्या कोई प्रिाव पडे गा. यभद
हां र्तो भकस हद र्तक. इस संबंध में बहु र्त सी भशकायर्तें भमलर्ती रहर्ती हैं जो अभनवायवर्तः गंिीर भकस्म
की होर्ती हैं और जोभिम को गैर-बीमा योग्य साभबर्त कर दे र्ती हैं जैसे हृदय के वालव से सम्पबद्
बीमारी.

 िर्तरनाक अभिरूभियों जैसे पववर्तारोहण, पोलो, मोटर द़ौड, एरोबेभटक्स, आभद के भलए अभर्तभरि
प्रीभमयम लगाया जार्ता है.

भबभमर्त राभश

व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी मे बीभमर्त राभश बहु र्त सावधानी से र्तय की जानी िाभहए, क्योभक यह सुभवधा पॉभलसी
होर्ती है न भक भवशुद् क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी ‘लािदायक भनयोजन’ से प्राप्र्त होने वाली आय पर ध्यान रिे जाने की

210
जरुरर्त होर्ती है, दू सरे शब्दो में, प्रस्र्तावक के दु घवटनाग्रस्र्त होने परजो आय बाभधर्त नही हो, र्तो बीभमर्त राभश
र्तय करर्ते समय नही जोडा जाना िाभहए।

बीभमर्त राभश के भनधारण का र्तरीका बीमाकर्ताओ/बीमालेिको के बीि अलग अलग होर्ता है र्तथा कवर प्रदान
करने वाली भनधाभरर्त राभश क्या होगी, यह बीमालेिको पर भनधवर कर्ता है। र्तथाभप, सामान्यर्तः ऐसा मान जार्ता
है भक बीभमर्त राभश, बीमाधारक के 73 मभहनों की / 6 वषव की आय से ययादा नहीं होनी िाभहए।

इस प्रभर्तबंध को बहु र्त सख्र्ती से र्तब लागू नही भकया जार्ता जब पॉभलसी भसफव मूल लाि के भलए ली जार्ती है।
र्तथाभप, ऐसानही होना िाभहए भक अस्थाई कुल अयोग्यर्ता कवर के मामले मे कवर की अवभध के द़ौरान दी जाने
वाली क्षभर्तपूर्थर्त उसकी आय से अभधक हो। यभद कवर साप्र्ताभहक लाि (टीटीडी) के भलए हे र्तो आमर्त़ौर पर
बीभमर्त राभश उसके वार्थषक आय से दो गुना से अभधक नहीं होनी िाभहए।

वैसे व्यभियों को कवर दे र्ते समय जो लािदायक भनयोजन मे नही हो जैसे, गृहस्वाभमनी, भवद्याथी आभद,
बीमाकर्ताओं को यह सुभनज्श्िर्त करना िाभहए भक उन्हे भसफव मूल कवर ही भदया जाए न भक साप्र्ताभहक लाि
कवर।

फैभमली पैकेज कवर

बछिों और अजवन नही करने वाली पत्नी के भलए कवर मृत्यु र्तथा स्थाई अयोग्यर्ता (कुल और अंभशक) र्तक ही
सीभमर्त होर्ता है। र्तथाभप, कंपनी के अपने मानदं डों के अनुसार सुभवधा र्ताभलका पर भविार भकया जाना िाभहए।
कुछ कंपभनयां अजवन नही करने वाली पज्त्नयों को भवशेष सीमा र्तर टीटीडी कवर दे र्ती है।

सकल प्रीभमयम पर 5% छूट प्रदान भकया जार्ता है।

सामूभहक पॉभलभसयां

यभद बीमाधारको की संख्या एक भवशेष संख्या जैसे 100 र्तक हो जार्ती है र्तो प्रीभमयम पर समूह छूट दी जार्ती है।
र्तथाभप, समूह में संख्या कम रहने पर िी (25) ऐसी पॉभलसी जारी की जा सकर्ती है पर कोई छूट नही दी
जार्ती।

सामान्यर्तः बडे ग्राहकों को अनाभमर्त पॉभलसी प्रदान की जार्ती है जहां सदस्य की पहिान भबना भकसी शंका के
की जा सकर्ती है।

समूह छूट मानदं ड

समूह पॉभलभसयां केवल नाभमर्त समूहों के सम्पबंध में ही जारी की जानी िाभहए. समूह छूट या अन्य सुभवधा प्राप्र्त
करने के ले प्रस्र्ताभवर्त समूह को भनम्पन मे से भकसी एक श्रेणी मे होना िाभहए.

 भनयोजक - कमविारी सम्पबंध (कमविारी के आभश्रर्त सभहर्त)

 पूवव स्थाभपर्त िंड/समूह जहां प्रीभमयम रायय/ केन्द्रीय सरकार द्वारा भदया जार्ता है

211
 पंजीकृर्त सहकारी सभमभर्त के सदस्य

 पंजीकृर्त सर्थवस क्लब के सदस्य

 बैंक के डे भबट/िेभडट/डाइनसव/मास्टर/वीझा काडव धारकों का समूह

 बैंक/एनबीएफसी द्वारा जारी जमा प्रमाण पत्र धारको का समूह

 बैंक/पज्ब्लक भलभमटे ड कंपभनयों के अंशधारको का समूह

उपर वर्थणर्त समूहों से इर्तर समूहों के सम्पबंध मे प्राप्र्त होने वाले प्रस्र्तावों पर भनणवय संबभं धर्त कंपनी के र्तकनीकी
भविाग द्वारा भलया जाएगा.

संिाभवर्त समूह के आकार पर कोई छूट नहीं दी जाएगी. भसफव उन्ही पंजीकृर्त सदस्यों की वास्र्तभवक संख्या पर
भविार भकया जाएगा जो पॉभलसी लेर्ते के समय भवद्यमान हो। इनका पुनरीक्षण नवीकरण के समय भकया जा
सकर्ता है।

बीभमर्त राभश

प्रत्येक बीभमर्त व्यभि के भलए बीभमर्त राभश के रूप में एक भनधाभरर्त राभश र्तथा की जा सकर्ती हो या इस बीभमर्त
व्यभियों के वेर्तन से जोडा जा सकर्ता है।

समूह बीमा मे ‘सिी’ या ‘कोई नहीं’ का भसद्ांर्त लागू होर्ता है। सदस्यों की संख्या में वृभद् या कमी अभर्तभरि
आनु पाभर्तक प्रीभमयम या प्रीभमयम की वापसी के आधार पर की जार्ती है।

प्रीभमयम

जोभिम के वगीकरण र्तथा ियभनर्त सुभवधाओं के आधार पर नाभमर्त कमविाभरयों के भलए प्रीभमयम की दर अलग
अलग हो सकर्ती है।

उदाहरण

एक भनधाभरर्त समूह मे समान पेशों के लोगो के भलए समान दर लागू की जाएगी।

अनाभमर्त कमविाभरयों के मामले मे भनयोजकों को उनके द्वारा रिे जाने वाले वास्र्तभवक रे काडव के अनु सार
प्रत्येक वगीकरण के आधार पर घोषणा की जानी होर्ती है,

भकसी संघ, क्लब आभद के नाभमर्त सदस्यों के भलए प्रीभमयम की दर वणीकरण के अनुसार होर्ती है।

जब सदस्य सामान्य प्रृभर्त की हो र्तथा भकसी भवशेष पेशे से प्रभर्तबंभधर्त नही हो र्तो बीमालेिक दर के मामले मे
अपने भववेक का इस्र्ते माल करर्ते है।

‘ऑन ड्यूटी’ आवरण

‘ऑन ड्यूटी’ आवरण यह भनम्पनानुसार होर्ता है

212
 यभद व्यभिगर्त दु घवटना आवरण केवल ड्यूटी के सीभमर्त घंटों के भलए (भदन और रार्त के 24 घंटों के
भलए नहीं) मांगा जार्ता है, र्तो कुल प्रीभमयम का 75% घटे हु ए प्रीभमयम के रूप में वसूल भकया जार्ता
है.

 इस पॉभलसी के अंर्तगवर्त कमविाभरयों को केवल उनकी ड्यूटी के द़ौरान और रोजगार से होने वाली
दु घवटना के भवरुद् बीमा संरक्षण भदया जार्ता है.

‘ऑफ ड्यूटी’ आवरण

यभद आवरण केवल उन सीभमर्त घंटों के भलए मांगा जार्ता है, जब कमविारी कायव और/अथवा आभधकाभरक कायव
(ऑभफभशयल ड्यूटी) पर नहीं होर्ता, र्तो कुल प्रीभमयम का 50% घटे हु ए प्रीभमयम के रूप में वसूल भकया जा
सकर्ता है.

मृत्यु आवरण का अपवजवन

कंपनी के मागव भनदे शों के अधीन के अध्यधीन मृत्यु आवरण अपवर्थजर्त करर्ते हु ए सामूभहक व्यभिगर्त दु घवटना
पॉभलभसयां जारी की जा सकर्ती है.

समूह छूट और बोनस / मॉलस

िूंभक एक पॉभलसी के अंर्तगवर्त बडी संख्या में लोगों को आवभरर्त भकया जार्ता है, इसभलए इसमें प्रशासभनक कायव
र्तथा ििा कम होर्ता है. इसके अभर्तभरि, क्योंभक सामान्यर्तः समूह के सिी सदस्य आवभरर्त भकये जेंगे, इसभलए
बीमाकर्ताओं के भवरुद् भकसी भवपरीर्त िुनाव का प्रश्न नहीं उठर्ता. इसभलए एक र्ताभलका के आधार पर प्रीभमयम
में छूट दे सकने की अनु मभर्त है.

समूह पॉभलभसयों के नवीकरण के समय दर का भनधारण दावा अनु िव के सम्पबंध में होर्ता है

 बेहर्तर दावा अनु िव के मामले में नवीकरण प्रीभमयम पर छूट (बोनस) भदया जार्ता है
 प्रभर्तकूल अनु िव के मामले में नवीकरण प्रीभमयम पर एक पार्त के अनु सार लोलडग (मॉलस) लगाई
जार्ती है।
 यभद दावा अनु िव 70% होर्तो सामान्य दर लगाई जार्ती है।

प्रस्र्ताव प्रपत्र

 यह बेहर्तक होर्ता है भक बीमाधारकों से एक प्रस्र्ताव प्रपत्र लेकर रिा जाए


 उसे यह घोषणा करनी होर्ती है भक उसका कोई िी सदस्य शारीभरक अयोग्यर्ता या भवकृभर्त से ग्रभसर्त
नहीं है यभद ऐसा नहीं भकया जार्ता र्तो प्रस्र्ताव अस्वीकार हो सकर्ता है.
 किी किी इस सावधानी को िी छोड भदया जार्ता है। पृष्ठांकन द्वारा यह बार्त स्पष्ट कर दी जार्ती है भक
कवर के प्रारंि होने वाली कोई िी अयोग्यर्ता र्तथा ऐसी अयोग्यर्ता का संियी प्रिाव वर्थजर्त होर्ता है।

र्तथाभप यह प्रथा अलग अलग कंपभनयों में अलग होर्ती है

213
स्व-परीक्षण 5

1) एक समूह स्वास््य बीमा में, समूह के गठन में शाभमल होने वाला कोई िी व्यभि बीमा कंपनी के भिलाफ
प्रभर्तकूल ियन कर सकर्ता है।

2) समूह स्वास््य बीमा केवल भनयोिा-कमविारी समूहों के भलए कवरे ज प्रदान करर्ता है।

I. कथन 1 सही है और कथन 2 गलर्त है


II. कथन 2 सही है और कथन 1 गलर्त है
III. कथन 1 और कथन 2 सही हैं
IV. कथन 1 और कथन 2 गलर्त हैं

सूिना

जोभिम प्रबंधन की प्रभिया के भहस्से के रूप में, बीमालेिक भवशेष रूप से बडे समूह की पॉभलभसयों के मामले में
अपने जोभिमों को हस्र्तांर्तभरर्त करने के दो र्तरीके का उपयोग करर्ता है:

सहबीमा: यह एक से अभधक बीमा कंपनी द्वारा जोभिम की स्वीकृभर्त को दशार्ता है।आम र्त़ौर पर यह कायव
प्रत्येक बीमा कंपनी को जोभिम के एक प्रभर्तशर्त का आवंटन करके पूरा भकया जार्ता है। इस प्रकार पॉभलसी को
दो बीमा कंपभनयों द्वारा स्वीकार भकया जा सकर्ता है जैसे बीमा कंपनी 'क' का 60% भहस्सा और बीमा कंपनी
'ि' का 40% भहस्सा। आम र्त़ौर पर बीमा कंपनी 'क' प्रमुि बीमा कंपनी होगी जो पॉभलसी जारी करने और
दावों के भनपटान सभहर्त पॉभलसी से संबभं धर्त सिी मामलों को दे िेगी। बीमा कंपनी 'ि' दावों के िुगर्तान के
40% के भलए बीमा कंपनी 'क' की प्रभर्तपूर्थर्त करे गी।

पुनबीमा: बीमा कंपनी भवभिन्न प्रकारों और आकारों वाले जोभिमों को स्वीकार करर्ती है।वह अपने भवभिन्न
जोभिमों की रक्षा कैसे कर सकर्ती है? वह अपने जोभिमों का अन्य बीमा कंपभनयों के साथ बीमा करके ऐसा
करर्ती है और इसे पुनबीमा कहा जार्ता है। इस प्रकार पुनबीमा कंपभनयां 'संभध' नामक स्थायी व्यवस्थाओं के
माध्यम से या अलग-अलग मामले के आधार पर भजसे ऐज्छछक पुनबीमा कहा जार्ता है, बीमा कंपभनयों के
जोभिमों को स्वीकार करर्ती हैं । पुनबीमा दु भनया िर में भकया जार्ता है और इसभलए यह जोभिम को काफी दूर-
दू र र्तक फैला दे र्ता है।

सारांश

a) स्वास््य बीमा रुग्णर्ता की अवधारणा पर आधाभरर्त है भजसे भकसी व्यभि के बीमार पडने या अस्वस्थ होने के
जोभिम के रूप में पभरिाभषर्त भकया गया है।

b) बीमालेिन जोभिम के ियन और जोभिम के मूलय भनधारण की प्रभिया है।

c) बीमालेिन जोभिम और व्यवसाय के बीि एक उभिर्त संर्तुलन बनाए रिने के भलए आवश्यक है भजससे
संगठन के भलए प्रभर्तस्पधा के साथ-साथ लािप्रदर्ता िी बनी रहर्ती है।

214
d) भकसी व्यभि की रुग्णर्ता को प्रिाभवर्त करने वाले कुछ कारकों में उम्र, ललग, आदर्तें, पेशा, शारीभरक गठन,
पाभरवाभरक इभर्तहास, अर्तीर्त की बीमारी या शलय भिभकत्सा, वर्तवमान स्वास््य ज्स्थभर्त और भनवास स्थान
शाभमल हैं ।

e) बीमालेिन का उद्देश्य बीमा कंपनी के भिलाफ प्रभर्तकूल ियन को रोकना और इसके अलावा उभिर्त
वगीकरण और जोभिमों के बीि समानर्ता सुभनज्श्िर्त करना है।

f) एजेंट प्रथम स्र्तर का बीमालेिक है क्योंभक वह बीमा योग्य संिाभवर्त ग्राहक को जानने की सबसे अछछी
ज्स्थभर्त में होर्ता है।

g) बीमा के मूल भसद्ांर्त हैं : परम सद्भाव, बीमा योग्य भहर्त, क्षभर्तपूर्थर्त, योगदान, प्रस्थापन और आसन्न कारण।

h) बीमालेिन के भलए महत्वपूणव उपकरण हैं : प्रस्र्ताव प्रपत्र, उम्र का प्रमाण, भविीय दस्र्तावेज, मे भडकल
भरपोटव और भबिी की भरपोटव ।

i) भिभकत्सा बीमालेिन एक ऐसी प्रभिया है जो स्वास््य बीमा पॉभलसी के भलए आवेदन करने वाले व्यभि की
स्वास््य ज्स्थभर्त भनधाभरर्त करने के भलए बीमा कंपभनयों द्वारा उपयोग की जार्ती है।

j) गैर-भिभकत्सा बीमालेिन एक ऐसी प्रभिया है जहां प्रस्र्तावक को भकसी िी भिभकत्सा जांि की प्रभिया से
गुजरने की आवश्यकर्ता नहीं है।

k) संख्यात्मक भनधारण भवभध बीमालेिन में अपनायी जाने वाली एक प्रभिया है भजसमें जोभिम के प्रत्येक
पहलू के बारे में संख्यात्मक या प्रभर्तशर्त आकलन भकए जार्ते हैं ।

l) बीमालेिन प्रभिया र्तब पूरी होर्ती है जब प्राप्र्त की गयी जानकारी का सावधानी से मूलयांकन भकया जार्ता है
और उभिर्त जोभिम श्रेभणयों में वगीकृर्त भकया जार्ता है।

m) समूह बीमा का बीमालेिन मुख्य रूप से औसर्त के भनयम के आधार पर भकया जार्ता है भजसका र्तात्पयव है
भक जब एक मानक समूह के सिी सदस्यों को एक समूह स्वास््य बीमा पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया जार्ता
है, समूह में शाभमल होने वाले व्यभि बीमा कंपनी के भिलाफ प्रभर्तकूल-ियन नहीं कर सकर्ते हैं ।

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप III है।

बीमालेिन जोभिम ियन और जोभिम के मूलय भनधारण की प्रभिया है।

उिर 2

सही भवकलप III है।

बीमालेिन में परम सद्भाव के भसद्ांर्त का पालन बीमा कंपनी और बीमाधारक दोनों के द्वारा भकया जाना
िाभहए।

उिर 3

215
सही भवकलप I है।

बीमा योग्य भहर्त उस संपभि में व्यभि के आर्थथक या भविीय भहर्त को दशार्ता है भजसका वह बीमा करने जा रहा
है और इस र्तरह की संपभि को कोई नु कसान पहु ं िने की ज्स्थभर्त में उसे भविीय नु कसान िुगर्तना पड सकर्ता है।

उिर 4

सही भवकलप IV है।

प्रभर्तशर्त और संख्यात्मक आकलन संख्यात्मक भनधारण भवभध में जोभिम के प्रत्येक घटक पर भकया जार्ता है,
भिभकत्सा बीमालेिन भवभध में नहीं।

उिर 5

सही भवकलप IV है।

एक समूह स्वास््य बीमा में जब भकसी समूह के सिी सदस्यों को एक समूह स्वास््य बीमा पॉभलसी के र्तहर्त
कवर भकया जार्ता है, समूह में शाभमल होने वाले सदस्य बीमा कंपनी के भिलाफ प्रभर्तकूल ियन नहीं कर सकर्ते
हैं ।

कमविारी-भनयोिा समूहों के अलावा बीमा कंपभनयों ने भवभिन्न प्रकार के समूहों को समूह स्वास््य बीमा कवरे ज
प्रदान भकया है जैसे: श्रभमक संघ, न्यास और सोसायटी, व्यावसाभयक संगठन, क्लब और अन्य बंधुत्व संगठन।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

इनमें से क़ौन सा कारक व्यभि की रुग्णर्ता को प्रिाभवर्त नहीं करर्ता है?

I. ललग

II. पभर्त/पत्नी की ऩौकरी

III. आदर्तें

IV. भनवास स्थान

प्रश्न 2

क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त के अनुसार, बीमाधारक को __________ के भलए िुगर्तान भकया जार्ता है।

I. बीमा राभश की सीमा र्तक वास्र्तभवक नुकसान

II. वास्र्तव में ििव की गयी राभश की परवाह भकए भबना बीमा राभश

III. दोनों पक्षों के बीि सहमर्त एक भनज्श्िर्त रकम

216
IV. बीमा राभश की परवाह भकए भबना वास्र्तभवक नु कसान

प्रश्न 3

बीमालेिक के भलए भकसी आवेदक के बारे में जानकारी का पहला और प्राथभमक रोतोर्त उसका
________________ है।

I. उम्र के प्रमाण का दस्र्तावेज

II. भविीय दस्र्तावेज

III. भपछला मे भडकल भरकॉडव

IV. प्रस्र्ताव प्रपत्र

प्रश्न 4

बीमालेिन प्रभिया पूरी हो जार्ती है जब ___________________ ।

I. प्रस्र्तावक के स्वास््य और व्यभिगर्त जानकारी से संबभं धर्त सिी महत्वपूणव जानकारी प्रस्र्ताव प्रपत्र के
माध्यम से एकत्र कर ली जार्ती है

II. प्रस्र्तावक की सिी भिभकत्सा जांि और परीक्षाएं पूरी हो जार्ती हैं

III. प्राप्र्त जानकारी का सावधानी से आकलन भकया जार्ता है और उभिर्त जोभिम श्रेभणयों में वगीकृर्त भकया
जार्ता है

IV. पॉभलसी जोभिम ियन और मूलय भनधारण के बाद प्रस्र्तावक को जारी की जार्ती है।

प्रश्न 5

संख्यात्मक भनधारण भवभध के बारे में इनमें से क़ौन सा कथन सही नहीं है?

I. संख्यात्मक भनधारण भवभध प्रभशभक्षर्त कर्थमयों की मदद से एक बडे व्यवसाय के संिालन में अभधक गभर्त
प्रदान करर्ती है।

II. मुज्श्कल या संभदग्ध मामलों का भवश्लेषण भिभकत्सा रे फरी या भवशेषज्ञों के भबना संख्यात्मक अंकों के आधार
पर संिव नहीं है।

III. इस भवभध का प्रयोग भिभकत्सा भवज्ञान की कोई भवभशष्ट जानकारी नहीं रिने वाले व्यभियों द्वारा भकया जा
सकर्ता है।

IV. यह भवभिन्न बीमालेिकों के फैसलों के बीि ज्स्थरर्ता सुभनज्श्िर्त करर्ता है।

217
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।

भकसी व्यभि की रुग्णर्ता उसकी पत्नी/पभर्त की ऩौकरी से प्रिाभवर्त नहीं होर्ती है , हालांभक उसका अपना पेशा
उन महत्वपूणव कारकों में से एक है जो उनकी रुग्णर्ता को प्रिाभवर्त कर सकर्ते हैं ।

उिर 2

सही भवकलप I है।

क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त के अनुसार, बीमाधारक को वास्र्तभवक लागर्तों या नुकसानों के भलए, लेभकन बीमा राभश की
सीमा र्तक मुआवजा भदया जार्ता है।

उिर 3

सही भवकलप IV है।

बीमालेिक के भलए भकसी आवेदक के बारे में जानकारी का प्राथभमक रोतोर्त उसका प्रस्र्ताव प्रपत्र या आवेदन
फॉमव है भजसमें प्रस्र्तावक के स्वास््य और व्यभिगर्त जानकारी से संबंभधर्त सिी महत्वपूणव जानकारी एकत्र की
जार्ती है।

उिर 4

सही भवकलप III है।

बीमालेिन प्रभिया र्तब पूरी होर्ती है जब प्राप्र्त जानकारी सावधानी से आकलन भकया जार्ता है और उभिर्त
जोभिम श्रेभणयों में वगीकृर्त भकया जार्ता है।

उिर 5

सही उिर II है।

मुज्श्कल या संभदग्ध मामलों का अभधक सावधानी से भवश्लेषण संख्यात्मक भनधारण भवभध के द्वारा संिव है
क्योंभक इसमें संभदग्ध बार्तों के संबंध में भपछले अनु िव को ज्ञार्त मानक और शेलडग के संदिव में संख्यात्मक रूप
से व्यि भकया जार्ता है।

218
अध्याय 10

स्वास््य बीमा दावे

अध्याय पभरिय

इस अध्याय में हम स्वास््य बीमा में दावा प्रबंधन की प्रभिया, आवश्यक दस्र्तावेजों और दावा सुरभक्षर्त करने की
प्रभिया के बारे में ििा करें गे। इसके अलावा हम व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के र्तहर्त दावों के प्रबंधन को िी दे िेंगे
और टीपीए की िूभमका को समझें गे।

अध्ययन के पभरणाम

A. बीमा क्षेत्र में दावा प्रबंधन


B. स्वास््य बीमा दावों का प्रबंधन
C. स्वास््य बीमा दावों में दस्र्तावेज़ों की प्रभिया
D. दावा सुरभक्षर्त करना
E. र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों (टीपीए) की िूभमका
F. दावा प्रबंधन - व्यभिगर्त दु घवटना
G. दावा प्रबंधन - भवदे श यात्रा बीमा

इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

a) बीमा दावों में भवभिन्न भहर्तधारकों के बारे में बर्ताना


b) स्वास््य बीमा दावों का प्रबंधन कैसे भकया जार्ता है इसका वणवन करना
c) स्वास््य बीमा दावों के भनपटान के भलए आवश्यक भवभिन्न दस्र्तावेजों की ििा करना
d) बीमा कंपभनयों द्वारा दावों के भलए संभिर्ती कैसे प्रदान की जार्ती हैं इसकी व्याख्या करना
e) व्यभिगर्त दु घवटना दावों पर ििा करना
f) टीपीए की अवधारणा और िूभमका को समझना

219
A. बीमा क्षेत्र में दावा प्रबंधन

यह बार्त बहु र्त अछछी र्तरह समझ ली गयी है भक बीमा एक 'वादा' है और पॉभलसी उस वादे के भलए एक 'गवाह'
है। पॉभलसी के र्तहर्त दावे का कारण बनने वाली एक बीभमर्त घटना का घभटर्त होना उस वादे की असली परीक्षा
है। एक बीमा कंपनी भकर्तना अछछा प्रदशवन करर्ती है इसका मूलयांकन इस बार्त से होर्ता है भक वह अपने दावों के
वादों को भकर्तनी अछछी र्तरह से पूरा करर्ती है। बीमा में महत्वपूणव रे लटग कारकों में से एक बीमा कंपनी की दावा
िुगर्तान करने की क्षमर्ता है।

1. दावा प्रभिया में भहर्तधारक

दावों का प्रबंधन कैसे भकया जार्ता है इसके बारे में भवस्र्तार पूववक जानने से पहले हमें यह समझने की जरूरर्त है
भक दावों की प्रभिया में इछछु क पार्थटयां क़ौन-क़ौन हैं ।

भित्र 1: दावा प्रभिया में भहर्तधारक

220
ग्राहक बीमा िरीदने वाला व्यभि पहला भहर्तधारक और 'दावे का प्राप्र्तकर्ता' है।

माभलक बीमा कंपनी के माभलकों का 'दावा िुगर्तानकर्ताओं' के रूप में एक बडा भहर्त
होर्ता है। दावों का िुगर्तान पॉभलसी धारकों के फंड से भकए जाने के बावजूद
अभधकांश मामलों में वही वादे को पूरा करने के भलए उिरदायी होर्ते हैं ।

बीमालेिक एक बीमा कंपनी के िीर्तर और सिी बीमा कंपभनयों में दावों को समझने और
उत्पाद भडजाइन करने, पॉभलसी के भनयम, शर्तें और मूलय र्तय करने की
भजम्पमे दारी बीमालेिकों की होर्ती है।

भनयामक भनयामक (िारर्तीय बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण) भनम्पनभलभिर्त के


भलए अपने उद्देश्य में एक प्रमुि भहर्तधारक है:

 बीमा वार्तावरण में व्यवस्था बनाए रिना

 पॉभलसी धारकों के भहर्त की रक्षा करना

 बीमा कंपभनयों का दीघवकाभलक भविीय स्वास््य सुभनज्श्िर्त करना

र्तृर्तीय पक्ष सेवा के मध्यस्थ भजनको र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक के रूप में जाना जार्ता है , जो
व्यवस्थापक स्वास््य बीमा दावों पर कारववाई करर्ते हैं

बीमा एजेंट / ब्ोकर बीमा एजेंट/ब्ोकर न केवल पॉभलभसयां बेिर्ते हैं बज्लक एक दावे की ज्स्थभर्त में
उनसे ग्राहकों को सेवा प्रदान करने की उम्पमीद की जार्ती है।

प्रदार्ता / अस्पर्ताल वे यह सुभनज्श्िर्त करर्ते हैं भक ग्राहक को दावों का एक सहज अनु िव प्राप्र्त
होर्ता है, भवशेष रूप से जब अस्पर्ताल टीपीए के पैनल पर होर्ता है, बीमा
कंपनी नगदी रभहर्त अस्पर्ताल में िर्ती होने की सुभवधा प्रदान करर्ती है।

इस प्रकार अछछी र्तरह के दावों का प्रबंधन करने का मर्तलब है दावों से संबभं धर्त इनमें से प्रत्येक भहर्तधारक के
उद्देश्यों का प्रबंधन करना। भनस्संदेह, इनमें से कुछ उद्देश्यों का एक दू सरे के साथ टकराव होना संिव है।

221
2. बीमा कंपनी में दावा प्रबंधन की िूभमका

उद्योग के आंकडों के अनु सार - "भवभिन्न बीमा कंपभनयों का स्वास््य बीमा के नु कसान का अनुपार्त 65% से
लेकर 120% के ऊपर र्तक है जहां बाजार का अभधकांश भहस्सा 100% नु कसान के अनु पार्त से ऊपर काम कर
रहा है।" स्वास््य बीमा कारोबार में अभधकांश कंपभनयां नुकसान उठा रही हैं ।

इसका मर्तलब है भक एक सुदृढ़ बीमालेिन प्रथाओं और दावों के कुशल प्रबंधन को अपनाने की बहु र्त सख्र्त
जरूरर्त है र्ताभक कंपनी और पॉभलसीधारकों को बेहर्तर पभरणाम भदया जा सके।

स्व-परीक्षण 1

इनमें से क़ौन बीमा दावा प्रभिया में एक भहर्तधारक नहीं है ?

I. बीमा कंपनी के शेयरधारक


II. मानव संसाधन भविाग
III. भनयामक
IV. टीपीए

222
B. स्वास््य बीमा दावों का प्रबंधन

1. स्वास््य बीमा में िुऩौभर्तयां

स्वास््य बीमा पोटव फोभलयो की भवभशष्ट सुभवधाओं को गहराई में समझना महत्वपूणव है भजससे भक स्वास््य
संबंधी दावों को प्रिावी र्त़ौर पर प्रबंभधर्त भकया जा सके। ये इस प्रकार हैः

a) अभधकांश पॉभलभसयां अस्पर्ताल में िर्ती होने की क्षभर्तपूर्थर्त के भलए होर्ती हैं जहां कवर की जाने वाली
भवषय-वस्र्तु एक ‘मनु ष्य’ है। यह िावनात्मक दृज्ष्टकोण को सामने लार्ती है जो सामान्य र्त़ौर पर बीमा
के दू सरे क्षेत्रों में दे िने को नहीं भमलर्ता है।

b) िारर्त में बीमाभरयों, इलाज के दृज्ष्टकोण और फॉलो अप का बहु र्त ही अलग पैटनव दे िने को भमलर्ता है।
इसका पभरणाम लोगों में दे िने को यह भमलर्ता है भक कुछ लोग जरूरर्त से ययादा सर्तकव हो रहे हैं और
वहीं कुछ लोगों अपनी बीमारी और इलाज की परवाह नहीं होर्ती है।

c) स्वास््य बीमा भकसी व्यभि, भकसी समूह जैसे कोई कॉपोरे ट संगठन के द्वारा या बैंक जैसे एक िु दरा
भबिी िैनल के माध्यम से िरीदा जा सकर्ता है। इसके पभरणाम स्वरूप उत्पाद को एक र्तरफ एक
मानक उत्पाद के रुप में बेिा जा रहा है र्तो दू सरी र्तरफ ग्राहक की जरूरर्तों को पूरा करने के भहसाब से
अनु कूभलर्त उत्पाद लाए जा रहे हैं ।

d) स्वास््य बीमा पॉभलसी अस्पर्ताल में िर्ती होने के पैमाने पर आधाभरर्त होर्ता है भजससे पॉभलसी के र्तहर्त
एक दावा उत्पन्न होर्ता है। हालांभक उपलब्धर्ता, भवशेषज्ञर्ता, उपिार की भवभधयों, भबललग पैटनव और
सिी स्वास््य सेवा प्रदार्ताओं, िाहे वह भिभकत्सक हो या शलय भिभकत्सक या अस्पर्ताल, के शुलकों में
काफी अंर्तर होर्ता है भजससे दावों का आकलन करना बहु र्त मुज्श्कल हो जार्ता है।

e) स्वास््य सेवा का क्षेत्र सबसे र्ते जी से भवकभसर्त हो रहा है। नई बीमाभरयों और समस्याओं के उत्पन्न होने
के पभरणाम स्वरूप नई उपिार भवभधयों का िी भवकास हु आ है। की-होल सजवरी, लेजर उपिार आभद
इसके उदाहरण हैं । यह स्वास््य बीमा को और अभधक र्तकनीकी बनार्ता है और ऐसी प्रभिया के भलए
बीमा दावों को भनयंभत्रर्त करने के क़ौशल में भनरंर्तर सुधार की जरूरर्त होर्ती है।

f) इन सिी कारकों की र्तुलना में सबसे अभधक महत्वपूणव र्त्य यह है भक मानव शरीर का मानकीकरण
नहीं भकया जा सकर्ता है जो एक भबलकुल नया आयाम बनार्ता है। एक ही बीमारी के भलए भकए गए एक
ही इलाज के बारे में दो लोग अलग-अलग प्रकार से प्रभर्तभिया कर सकर्ते हैं या उन्हें अलग-अलग
इलाज अथवा अलग-अलग अवभधयों के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

स्वास््य बीमा के पोटव फोभलयो में र्ते जी से बढ़ोर्तरी हो रही है। उत्पादों की िारी संख्या इस र्तरह के र्तीव्र भवकास
की िुऩौर्ती बन गई है। बाजार में स्वास््य बीमा उत्पाद सैकडों में म़ौजूद हैं और यहां र्तक भक एक कंपनी के
िीर्तर ही आपको कई अलग-अलग उत्पाद भमल सकर्ते हैं । प्रत्येक उत्पाद और उसके संस्करण की अपनी
भवभशष्टर्ता है और इसभलए दावा का भनपटान करने से पहले उनका अध्ययन भकया जाना िाभहए।

स्वास््य बीमा के पोटव फोभलयो में हो रही बढ़र्त आंकडों की िुऩौभर्तयों को िी सामने लार्ता है - एक कंपनी जो
िु दरा ग्राहकों को 1,00,000 स्वास््य पॉभलभसयां बेिर्ती है, इन पॉभलभसयों के र्तहर्त मां लेर्ते हैं भक 3,00,000

223
सदस्यों को कवर करर्ती है, उसे कम से कम लगिग 20,000 लोगों के दावों के भनपटान के भलए र्तैयार रहना
होगा! कैशलेस सेवा और दावों के शीघ्र भनपटाने की उम्पमीदों के साथ स्वास््य बीमा दावा भविाग को व्यवज्स्थर्त
करना एक बडी िुऩौर्ती है।

आम र्त़ौर पर िारर्त में की जाने वाली स्वास््य बीमा पॉभलभसयों में दे श के िीर्तर कहीं िी अस्पर्ताल में िर्ती होने
को कवर भकया जार्ता है। दावों का भनपटान करने वाली टीम को प्रस्र्तुर्त दावों का मूलयांकन करने में सक्षम होने
के भलए दे श िर में िल रही प्रभियाओं को समझना आवश्यक है।

स्वास््य दावा प्रबंधक अपनी भवशेषज्ञर्ता, अनु िव और उपलब्ध भवभिन्न उपकरणों का उपयोग करके इन
िुऩौभर्तयों का सामना करर्ता है।

अंभर्तम भवश्लेषण में, स्वास््य बीमा एक ऐसे व्यभि की सहायर्ता करने की संर्तुज्ष्ट प्रदान करर्ता है जो
जरूरर्तमंद है और स्वयं की या अपने पभरवार की बीमारी की वजह से शारीभरक और मानभसक र्तनाव के द़ौर से
गुजर रहा है।

कुशल दावा प्रबंधन यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक सही व्यभि को सही समय पर सही दावा िुगर्तान भकया जार्ता
है।

2. स्वास््य बीमा में दावे की प्रभिया

दावे की सेवा बीमा कंपनी के द्वारा अपने आप या बीमा कंपनी द्वारा अभधकृर्त र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए)
की सेवाओं के माध्यम से सेवा उपलब्ध करायी जार्ती है।

पॉभलसी की शर्तों के अनुसार बीमा कंपनी/टीपीए को दावे के बारे में अवगर्त कराए जाने के समय से लेकर दावा
िुगर्तान के समय र्तक स्वास््य दावा सुपभरिाभषर्त िरणों के एक सेट से होकर गुजरर्ता है भजसकी अपनी एक
अलग प्रासंभगकर्ता होर्ती है।

स्वास््य बीमा (अस्पर्ताल में िर्ती होने) क्षभर्तपूर्थर्त उत्पादों के भवशेष संदिव में भवस्र्तृर्त प्रभियाएं नीिे दी गयी हैं जो
स्वास््य बीमा व्यवसाय का प्रमुि भहस्सा बनर्ती हैं ।

भनधाभरर्त लाि उत्पाद या गंिीर बीमारी या दै भनक नकदी उत्पाद आभद के र्तहर्त भकए जाने वाले दावे के भलए
आवश्यक दस्र्तावेज और सामान्य प्रभिया काफे एहद र्तक एक समान होगी, इस र्त्य के भसवाय भक इस र्तरह
के उत्पाद कैशलेस सुभवधा लेकर नहीं आर्ते हैं।

क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी के र्तहर्त भकया जाने वाला दावा इस प्रकार हो सकर्ता है:

a) कैशलेस (नकदी रभहर्त) दावा

ग्राहक अस्पर्ताल में िर्ती होने के समय या इलाज के समय ििे का िुगर्तान नहीं करर्ता है। नेटवकव
अस्पर्ताल बीमा कंपनी/टीपीए से एक पूवव-मंजूरी के आधार पर सेवाएं प्रदान करर्ता है और बाद में दावे
के भनपटान के भलए बीमा कंपनी/टीपीए के पास दस्र्तावेजों को जमा भकया जार्ता है।

224
b) प्रभर्तपूर्थर्त दावा

ग्राहक अपने स्वयं के संसाधनों से इलाज के ििे का िुगर्तान अस्पर्ताल को करर्ता है और भफर
स्वीकायव दावे के िुगर्तान के भलए बीमा कंपनी/टीपीए के समक्ष अपने दावे को पेश करर्ता है।

दोनों मामलों में बुभनयादी कदम एक जैसे होर्ते हैं ।

भित्र 2: मोटे र्त़ौर पर दावा प्रभिया में भनम्पनांभकर्त िरण शाभमल होर्ते हैं । (हालांभक यह सटीक िम में नहीं है।)

a) सूिना

दावे की सूिना ग्राहक और दावा टीम के बीि संपकव का पहला दृष्टांर्त है। ग्राहक कंपनी को अस्पर्ताल में
िर्ती होने की योजना का लाि उठाने के बारे में सूभिर्त कर सकर्ता है या िास र्त़ौर पर एक आपार्त ज्स्थभर्त में
अस्पर्ताल में प्रवेश के मामले में, अस्पर्ताल में िर्ती होने के बाद िी कंपनी को सूभिर्त कर सकर्ता है।

हाल र्तक, दावे की घटना की सूिना दे ना औपिाभरक था। हालांभक, अब बीमा कंपभनयों ने जलद से जलद
दावे की सूिना दे ने पर जोर दे ना शुरू कर भदया है र्ताभक दावे पर कायव शुरु हो जाए। आम र्त़ौर पर
सुभनयोभजर्त प्रवेश के मामले में अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले और आपार्त ज्स्थभर्त के मामले में अस्पर्ताल में
िर्ती होने के 24 घंटे के िीर्तर इसकी सूिना दे ना आवश्यक होर्ता है।

225
अस्पर्ताल में िर्ती होने के बारे में समय पर जानकारी उपलब्ध होने से बीमाकर्ता/टीपीए को यह सत्याभपर्त
करने में मदद भमलर्ती है भक ग्राहक का अस्पर्ताल में िर्ती होना सही है और यहां कोई प्रभर्तरूपण या
धोिाधडी और किी-किी शुलकों को लेकर स़ौदे बाजी करने जैसी बार्त नहीं है।

पहले सूिना दे ने का मर्तलब है ‘एक भलभिर्त, प्रस्र्तुर्त और स्वीकृर्त पत्र’ या फैक्स के द्वारा िेजा गया पत्र।
संिार और प्ऱौद्योभगकी के क्षेत्र में भवकास के साथ अब बीमा कंपभनयों/टीपीए द्वारा संिाभलर्त 24 घंटे िु ले
रहने वाले कॉल सेंटर के द्वारा और इंटरनेट र्तथा ई-मे ल के माध्यम से सूिना दे ना संिव है।

b) पंजीकरण

दावे का पंजीकरण दावे को भसस्टम में दजव करने और एक संदिव संख्या बनाने की प्रभिया है भजसका
उपयोग करके भकसी िी समय दावे के बारे में पर्ता भकया जा सकर्ता है। इसे दावा संख्या, दावा संदिव संख्या
या दावा भनयंत्रण संख्या िी कहा जार्ता है। यह दावा संख्या भसस्टम और कारववाई करने वाले संगठन द्वारा
इस्र्ते माल की जाने वाली प्रभियाओं के आधार पर अंकीय या अक्षरांकीय हो सकर्ती है।

आम र्त़ौर पर दावे की सूिना प्राप्र्त करने और सही पॉभलसी नंबर र्तथा बीभमर्त व्यभि की जानकारी का
भमलान करने के बाद ही पंजीकरण और संदिव संख्या र्तैयार की जार्ती है।

भसस्टम में दावा पंजीकृर्त हो जाने के बाद, उसी दावे के भलए बीमा कंपनी के िार्तों में एक संभिर्ती बनायी
जाएगी। सूिना/पंजीकरण के समय सटीक दावा राभश या अनु माभनर्त राभश के बारे में नहीं जाना जा सकर्ता
है। इसभलए प्रारंभिक आरभक्षर्त राभश (अभधकांशर्तः ऐभर्तहाभसक रूप से औसर्त दावे के आकार पर आधाभरर्त
होर्ता है) मानक र्त़ौर पर आरभक्षर्त होर्ती है। एक बार जब अपेभक्षर्त दे यर्ता राभश या अनुमाभनर्त राभश के बारे में
पर्ता िल जार्ता है र्तो भफर उसी के अनुसार आरभक्षर्त राभश में घटा/बढ़ा कर संशोभधर्त कर भदया जार्ता है।

c) दस्र्तावेजों का सत्यापन

दावे पंजीकृर्त हो जाने के बाद दावे को आगे बढ़ाने के अगले कदम के र्त़ौर पर सिी आवश्यक दस्र्तावेजों के
प्राप्र्त होने की जांि की जार्ती है।

यह ध्यान भदया जाना िाभहए भक दावा की कारववाई आगे बढ़ाने के भलए भनम्पनभलभिर्त सबसे महत्वपूणव
आवश्यकर्ताएं हैं :

1. बीमारी का दस्र्तावेजी सबूर्त


2. प्रदान भकया गया इलाज
3. िर्ती होने की अवभध
4. जांि भरपोटव
5. अस्पर्ताल में भकया गया िुगर्तान
6. इलाज के भलए आगे की सलाह
7. प्रत्यारोपण आभद के भलए िुगर्तान के सबूर्त

226
दस्र्तावेजों के सत्यापन के भलए एक िेकभलस्ट का पालन भकया जार्ता है और दावे पर कारववाई करने वाला
व्यभि उस िेकभलस्ट की जांि करर्ता है। ययादार्तर कंपभनयां यह सुभनज्श्िर्त करर्ती हैं भक इस प्रकार का
िेकभलस्ट दस्र्तावेजों को आगे बढ़ाने की प्रभिया का भहस्सा है।

इस िरण में अनु पलब्ध दस्र्तावेजों को नोट भकया जार्ता है – जहां कुछ प्रभियाओं में इस लबदु पर
ग्राहक/अस्पर्ताल द्वारा प्रस्र्तुर्त नहीं भकए गए दस्र्तावेजों को प्रस्र्तुर्त करने का अनु रोध भकया जाना शाभमल है
जबभक अभधकर्तर कंपभनयां अभर्तभरि जानकारी का अनुरोध करने से पहले सिी प्रस्र्तुर्त दस्र्तावेजों की
जांि-पडर्ताल करर्ती हैं र्ताभक ग्राहक को कोई असुभवधा ना हो।

d) भबललग की जानकारी इकट्ठा करना

भबललग दावे पर कारववाई करने के िि का एक महत्वपूणव भहस्सा है। आम स्वास््य बीमा पॉभलभसयां भवभिन्न
मदों के र्तहर्त भनर्थदष्ट सीमाओं के साथ इलाज में भकए गए ििों की क्षभर्तपूर्थर्त का प्रावधान करर्ती हैं । मानक
व्यवहार उपिार के शुलकों को इस प्रकार वगीकृर्त करना है:

 पंजीकरण और सेवा शुलक सभहर्त कमरा, बोडव और नभसिंग के ििे।


 आईसीयू और भकसी िी गहन दे ििाल के ऑपरे शनों का शुलक।
 ऑपरे शन भथयेटर का शुलक, एनेथेभसया, रि, ऑक्सीजन, ऑपरे शन भथयेटर शुलक, शलय
भिभकत्सा उपकरणों, दवाओं, जांि सामग्री और एक्स-रे , डायभलभसस, कीमोथेरेपी, रे भडयोथेरेपी,
पेसमे कर की लागर्त, कृभत्रम अंग और कोई अन्य भिभकत्सा ििव जो आपरे शन का अभिन्न भहस्सा
है।
 सजवन, एनेस्थेभटस्ट, भिभकत्सक, सलाहकार, भवशेषज्ञों की फीस।
 एम्पबुलेंस का शुलक
 रि परीक्षण, एक्स-रे , स्कैन, आभद को कवर करने वाले परीक्षण शुलक
 दवाएं और िग्स

इन मदों के र्तहर्त जानकारी इकट्ठा करने के भलए ग्राहक द्वारा प्रस्र्तुर्त दस्र्तावेजों की जांि की जार्ती है
र्ताभक दावे को सटीकर्ता के साथ भनपटाया जा सके।

हालांभक ये सारे प्रयास अस्पर्तालों के भबललग पैटनव को मानकीकृर्त करने के भलए हैं , प्रत्येक अस्पर्ताल के
भलए भबललग के भलए एक अलग भवभध का प्रयोग करना आम बार्त है और इसमें सामने आने वाली िुऩौभर्तयां
इस प्रकार हैं :

 कमरे के शुलक में सेवा शुलक या आहार शुलक जैसी कुछ गैर-दे य मदों को शाभमल भकया जा
सकर्ता।
 एक अकेले भबल में अलग-अलग मद या सिी प्रकार की जांि अथवा सिी दवाओं के भलए एकमुश्र्त
भबल शाभमल हो सकर्ता है।
 गैर-मानकीकृर्त नामों का इस्र्ते माल भकया जार्ता है - जैसे नभसिंग शुलक को सेवा शुलक कहा जार्ता
है।
 भबल में "एक समान शुलक", "आभद", "संबद् ििे" जैसे शब्दों का प्रयोग भकया जार्ता है।

227
जहां पर भबललग की जानकारी स्पष्ट नहीं है, प्रोसेसर भबल का ब्ेकअप या अभर्तभरि जानकारी मांगर्ता है
र्ताभक वगीकरण और स्वीकायवर्ता पर संदेह का समाधान भकया जा सके।

इस समस्या का समाधान करने के भलए आईआऱडीएआई ने स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे श जारी
भकया है भजसमें इस र्तरह के भबल के प्रारूप को और गैर-दे य वस्र्तुओं की सूिी को मानकीकृर्त भकया गया
है।

पैकेज की दरें

कई अस्पर्तालों में कुछ भनज्श्िर्त भबमाभरयों के इलाज के भलए पैकेज दरों पर सहमभर्त बनी है। यह उपिार
की प्रभिया को मानकीकृर्त करने और संशाधनों का उपयोग करने की अस्पर्ताल की क्षमर्ता पर आधाभरर्त है।
हाल के भदनों में, पसंदीदा प्रदार्ता नेटवकव में इलाज के भलए और राष्ट्ीय स्वास््य बीमा योजना
(आरएसबीवाय) के मामले में कई प्रभियाओं की पैकेज लागर्त पहले से ही भनधाभरर्त कर दी गयी है।

उदाहरण

a) कार्थडयक पैकेज: एंभजयोग्राम, एंभजयोप्लास्टी, सीएबीजी या ओपन हाटव सजवरी आभद

b) गाइनेकोलॉभजकल पैकेज: सामान्य प्रसव, सीजेभरयन प्रसव, गिाशय भनकालना आभद


c) ऑथोपेभडक पैकेज
d) नेत्र भिभकत्सा पैकेज

सजवरी के बाद की जभटलर्ताओं के कारण अभर्तभरि लागर्त आर्ती है र्तो उसे वास्र्तभवक आधार पर अलग से
वसूल भकया जार्ता है, अगर यह इसके अभर्तभरि होर्ती है।

पैकेजों में शाभमल लागर्त की भनज्श्िर्तर्ता और प्रभियाओं के मानकीकरण का लाि होर्ता है और इसभलए इस
र्तरह के दावों को भनपटाना आसान होर्ता है।

e) दावों की कोलडग

भवश्व स्वास््य संगठन (डब्लयूएिओ) द्वारा भवकभसर्त बीमाभरयों के अंर्तराष्ट्ीय वगीकरण (आईसीडी) कोड
इस्र्ते माल भकया जाने वाला सबसे महत्वपूणव कोड सेट है।

हालांभक आईसीडी का इस्र्तेमाल मानकीकृर्त स्वरूप में रोग को समझने के भलए भकया जार्ता है , म़ौजूदा
प्रभिया शब्दावली (सीपीटी) जैसे प्रभिया संबध
ं ी कोड बीमारी के इलाज के भलए अपनायी गयी प्रभियाओं
को समझर्ते हैं ।

बीमा कंपभनयां र्ते जी से इस कोलडग पर िरोसा कर रहे हैं और बीमा सूिना ब्यूरो (आईआईबी), जो बीमा
भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण (आईआरडीएआई) का भहस्सा है, इसने एक सूिना बैंक की शुरुआर्त की
है जहां इस र्तरह की सूिना का भवश्लेषण भकया जा सकर्ता है।

228
f) दावों पर कारववाई करना

स्वास््य बीमा पॉभलसी को पढ़ने के बाद पर्ता िलर्ता है भक जहां यह एक व्यावसाभयक अनु बध
ं है इसमें ऐसी
भिभकत्सा शब्दावली शाभमल है जो यह पभरिाभषर्त करर्ती है भक दावा कब दे य है और भकस सीमा र्तक दे य
है। भकसी िी बीमा पॉभलसी में दावे पर कारववाई का केंद्र लबदु दो प्रमुि सवालों का जवाब दे ने में है:

 क्या दावा पॉभलसी के र्तहर्त दे य है ?


 यभद हां, वास्र्तभवक दे य राभश क्या है ?
इनमें से प्रत्येक सवाल में जारी की गई पॉभलसी के भनयमों और शर्तों और अस्पर्ताल के साथ सहमर्त दरों
को समझने की आवशयकर्ता है, अगर इलाज भकसी नेटवकव अस्पर्ताल में भकया गया है।

दावे की स्वीकायवर्ता

स्वास््य दावा को स्वीकायव होने के भलए भनम्पनभलभिर्त शर्तों को पूरा करना िाभहए।

i. अस्पर्ताल में िर्ती हु ए सदस्य को बीमा पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया गया होना िाभहए।
हालांभक यह सरल लगर्ता है, हमने ऐसी ज्स्थभर्तयों को िी दे िा है जहां कवर भकए गए व्यभि का नाम (और
अभधक मामलों में, उम्र) और अस्पर्ताल में िर्ती हु ए व्यभि का नाम नहीं भमलर्ता है। ऐसा हो सकर्ता है
क्योंभक:

यह सुभनज्श्िर्त करना महत्वपूणव है भक पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकया गया व्यभि और अस्पर्ताल में िर्ती हु आ
व्यभि एक ही है। स्वास््य बीमा में इस र्तरह की धोिाधडी बहु र्त आम है।

ii. बीमा की अवभध के िीर्तर मरीज का िर्ती होना


iii. अस्पर्ताल की पभरिाषा
भजस अस्पर्ताल में व्यभि को िर्ती भकया गया था उसे पॉभलसी के र्तहर्त "अस्पर्ताल या नभसिंग होम" की
पभरिाषा के अनु सार होना िाभहए अन्यथा दावा दे य नहीं होर्ता है।

iv. आवासीय अस्पर्ताल में िर्ती होना


कुछ पॉभलभसयां आवासीय अस्पर्ताल में िर्ती होने को कवर करर्ती हैं यानी िारर्त में एक ऐसी बीमारी के
भलए 3 भदन से अभधक की अवभध र्तक घर पर भकया गया उपिार भजसके भलए सामान्यर्तः अस्पर्ताल/नभसिंग
होम में इलाज कराने की आवश्यकर्ता होर्ती है।

पॉभलसी के र्तहर्त कवर भकए जाने पर, आवासीय अस्पर्ताल में िर्ती होने का ििव केवल र्तिी दे य होर्ता है
जब:

 रोगी की हालर्त ऐसी है भक उसे अस्पर्ताल/नभसिंग होम नहीं ले जाया जा सकर्ता है या


 आवासीय सुभवधा की कमी के कारण मरीज को अस्पर्ताल/नभसिंग होम में नहीं ले जाया जा सकर्ता
है

229
v. अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध
सामान्य रूप से स्वास््य बीमा पॉभलभसयां अंर्तःरोगी के र्त़ौर पर 24 घंटे से अभधक समय र्तक अस्पर्ताल में
िर्ती होने को कवर करर्ती हैं । इसभलए अस्पर्ताल में प्रवेश के साथ-साथ अस्पर्ताल से छु ट्टी की भर्तभथ और
समय को नोट करना महत्वपूणव हो जार्ता है अगर यह शर्तव पूरी की गयी है।

डे -केयर उपिार

स्वास््य सेवा उद्योग में हु ए र्तकनीकी भवकास ने अस्पर्ताल में िर्ती होने के भलए आवश्यक पूवव की जभटल
और लंबे समय वाली कई प्रभियाओं का सरलीकरण भकया है। 24 घंटे से अभधक अस्पर्ताल में िर्ती होने की
आवश्यकर्ता के भबना भदन िर की दे ििाल के आधार पर कई प्रभियाओं की शुरुआर्त की गई है।

अभधकांश डे केयर प्रभियाओं को पूवव व्यि सहमभर्त के पैकेज दर के आधार पर लागू भकया गया है भजसके
पभरणाम स्वरूप लागर्त में एक भनज्श्िर्तर्ता आई है।

vi. ओपीडी
कुछ पॉभलभसयां बभहरंग मरीज के र्त़ौर पर िी उपिार/परामशव को कवर करर्ती हैं जो एक भवभशष्ट बीमा
राभश पर भनिवर करर्ता है और सामान्य र्त़ौर पर यह अस्पर्ताल में िर्ती होने की बीमा राभश से कम होर्ता है।

ओपीडी के र्तहर्त कवरे ज अलग-अलग पॉभलसी के मामले में भिन्न होर्ता है। इस र्तरह की प्रभर्तपूर्थर्त के भलए,
24 घंटे अस्पर्ताल में िर्ती होने का क्लॉज लागू नहीं होर्ता है।

vii. उपिार की प्रभिया/उपिार की प्रणाली


आम र्त़ौर पर अस्पर्ताल में िर्ती होने को इलाज की एलोपैभथक पद्भर्त के साथ जोड कर दे िा जार्ता है।
हालांभक, मरीज इलाज की अन्य प्रणाभलयों को िी अपना सकर्ता है, जैसे:

 यूनानी
 भसद्
 होम्पयोपैथी
 आयुवेद
 प्राकृभर्तक भिभकत्सा आभद
अभधकांश पॉभलभसयां इलाज की इन प्रणाभलयों को बाहर रिर्ती है वहीं कुछ पॉभलभसयां एक उप-सीमा के
साथ इलाज की इन प्रणाभलयों में से एक या अभधक को कवर करर्ती हैं ।

viii. पहले से म़ौजूद बीमाभरयां


पभरिाषा

पहले से म़ौजूद बीमाभरयों का मर्तलब है ऐसी कोई िी ज्स्थभर्त, बीमारी या िोट या संबंभधर्त समस्या(एं) भजसके
भलए बीभमर्त व्यभि में संकेर्त और लक्षण दे िे गए हैं और/या भजनका पर्ता िला था और/या कंपनी के साथ

230
उसकी स्वास््य बीमा पॉभलसी से 48 महीने पहले की अवभध के िीर्तर भिभकत्सा सलाह/उपिार प्राप्र्त भकया
गया था, िाहे इसके बारे में उसे स्पष्ट रूप से ज्ञार्त था या नहीं था।

बीमा के बुभनयादी भसद्ांर्तों के कारण पहले से म़ौजूद बीमाभरयों को बाहर रिा गया है भजसके अनु सार एक
भनज्श्िर्तर्ता को बीमा के र्तहर्त कवर नहीं भकया जा सकर्ता है।

हालांभक, इस भसद्ांर्त को लागू करना काफी मुज्श्कल होर्ता है और इसमें यह पर्ता लगाने के भलए भक बीमा
के समय व्यभि में समस्या म़ौजूद थी या नहीं, लक्षणों और इलाज की एक सुव्यवज्स्थर्त जांि करना शाभमल
है। िूंभक भिभकत्सा पेशेवरों में बीमारी की अवभध के बारे में अपनी अलग-अलग राय हो सकर्ती है, भकसी िी
दावे को इनकार करने से पहले सावधानी से यह राय ली जार्ती है भक बीमारी पहली बार कब भदिाई दी
थी।

स्वास््य बीमा के भवकास में, हमें इस अपवजवन में दो संशोधनों भदिाई दे र्ते हैं।

 पहला संशोधन समूह बीमा के मामले में है जहां समूह में शाभमल सिी लोग बीमाधारक होर्ते हैं , इसमें
बीमा कंपनी के भवरुद् ियन की कोई गुंजाइश नहीं होर्ती है। जैसे सिी सरकारी कमविाभरयों, गरीबी
रे िा से नीिे के सिी पभरवारों, बडे कॉपोरे ट समूह के कमविाभरयों के पभरवार के सदस्य आभद को कवर
करने वाली समूह पॉभलभसयों को पहली बार कवर का भवकलप िुनने वाले एक एकल पभरवार की र्तुलना
में अभधक अनु कूल माना जार्ता है। इन पॉभलभसयों में अक्सर अपवाद को हटा भदया जार्ता है क्योंभक
पयाप्र्त मूलय का अपवाद अंर्तर्थनभहर्त होर्ता है।

 दू सरा संशोधन यह है भक पहले से म़ौजूद बीमाभरयों को भनरंर्तर कवरे ज की एक भनज्श्िर्त अवभध के बाद
कवर भकया जार्ता है। यह इस भसद्ांर्त को मानर्ता है भक व्यभि में एक ज्स्थभर्त वर्तवमान रहने पर िी अगर
यह एक भनज्श्िर्त समय अवभध में भदिाई नहीं दे र्ता है र्तो भफर इसे एक भनज्श्िर्तर्ता के रूप में नहीं दे िा
जा सकर्ता है।

ix. प्रारंभिक प्रर्तीक्षा अवभध

एक आम स्वास््य बीमा पॉभलसी केवल एक प्रारंभिक 30 भदनों की अवभध के बाद (दु घवटना संबध
ं ी अस्पर्ताल
में िर्ती होने को छोडकर) बीमाभरयों को कवर करर्ती है।

इसी प्रकार बीमाभरयों की सूिी िी उपलब्ध है जैसे:

 मोभर्तयालबद,  हर्थनया,
 मामूली प्रोस्टे भटक हाइपरट्ोपी,  हाइिोसील,
 गिाशय भनकालना,  साइनसाइभटस,
 भफस्यूला,  घुटने/कूलहे के जोड को बदलना आभद
 बवासीर,

231
इन्हें एक प्रारंभिक अवभध के भलए कवर नहीं भकया जा सकर्ता है जो भवभशष्ट बीमा कंपनी के उत्पाद के
आधार पर एक वषव या दो वषव या अभधक हो सकर्ती है।

दावे को आगे बढ़ाने वाला व्यभि यह पहिान करर्ता है भक क्या बीमारी इनमें से एक है और अगर यह इस
स्वीकायवर्ता शर्तव के िीर्तर आर्ती है र्तो व्यभि को कब र्तक के भलए कवर भकया गया है ।

x. अपवजवन

इस पॉभलसी में अपवजवनों का एक सेट बनाया गया है भजसे आम र्त़ौर पर इस प्रकार वगीकृर्त भकया जा
सकर्ता है:

 मार्तृत्व जैसे लाि (हालांभक कुछ पॉभलभसयों में इसे कवर भकया जार्ता है)।
 आउटपेशेंट और दं र्त भिभकत्सा उपिार।
 ऐसी बीमाभरयां भजनको कवर करने का इरादा नहीं रहर्ता है, जैसे एिआईवी, हामोन भिभकत्सा, मोटापे
का इलाज, प्रजनन क्षमर्ता का उपिार, कॉस्मे भटक सजवरी आभद।
 शराब/मादक पदाथों के दु रुपयोग से होने वाली बीमाभरयां।
 िारर्त के बाहर भिभकत्सा उपिार।
 उछि जोभिमपूणव गभर्तभवभधयां, आत्महत्या का प्रयास, रे भडयोधमी संदूषण।
 केवल जांि/परीक्षण के प्रयोजन से प्रवेश।

इस र्तरह के एक मामले में दावे पर कारववाई करने वाले व्यभि के भलए पभरज्स्थभर्तयों को भवशेष रूप से स्पष्ट
करना अत्यंर्त महत्वपूणव हो जार्ता है र्ताभक भवशेषज्ञ की राय भबलकुल सटीक हो और िुऩौर्ती भदए जाने पर
एक क़ानून की अदालर्त में जांि-पडर्ताल के भलए प्रस्र्तुर्त भकया जा सके।

xi. दावों के संबध


ं में शर्तों का अनु पालन।

बीमा पॉभलसी एक दावे के मामले में बीभमर्त व्यभि द्वारा उठाए जाने वाले कुछ कदमों को िी पभरिाभषर्त
करर्ती है भजनमें से कुछ दावे की स्वीकायवर्ता के भलए महत्वपूणव हैं ।

सामान्यर्तः ये इनसे संबंभधर्त होर्ते हैं :

 भनज्श्िर्त अवभध के िीर्तर दावे की सूिना दे ना - सूिना के महत्व को हमने पहले दे ि भलया है।
पॉभलसी एक समय भनधाभरर्त कर सकर्ती है भजसके िीर्तर सूिना कंपनी के पास पहु ं ि जानी
िाभहए।

 एक भनज्श्िर्त अवभध के िीर्तर दावा दस्र्तावेज प्रस्र्तुर्त करना।

 महत्वपूणव र्त्यों की गलर्त बयानी, भम्या प्रस्र्तुभर्त या गैर-प्रकटीकरण में शाभमल नहीं होना।

g) अंभर्तम दे य दावे पर पहु ं िना

एक बार दावा स्वीकायव होने पर अगला कदम दे य दावे की राभश र्तय करने का है। इसकी गणना करने के
भलए हमें दे य दावा राभश र्तय करने वाले कारकों को समझने की जरूरर्त है। ये कारक हैं:

232
i. पॉभलसी के र्तहर्त सदस्य के भलए उपलब्ध बीमा राभश

कुछ पॉभलभसयां अलग-अलग बीमा राभश के साथ जारी की गयी हैं , कुछ फ्लोटर आधार पर, जहां बीमा
राभश पूरे पभरवार के भलए उपलब्ध होर्ती है या ऐसी पॉभलभसयां जो फ्लोटर आधार पर होर्ती हैं लेभकन प्रभर्त
सदस्य की एक सीमा होर्ती है।

ii. पहले भकए गए भकसी िी दावे को ध्यान में रिर्ते हु ए पॉभलसी के र्तहर्त सदस्य के भलए उपलब्ध शेष
बीमा राभश:

पहले से िुगर्तान भकए गए दावों को घटाने के बाद उपलब्ध शेष बीमा राभश की गणना करर्ते समय, बाद में
अस्पर्तालों को उपलब्ध कराया गए भकसी िी कैशलेस प्राभधकार पर िी ध्यान भदया जाना आवश्यक होगा।

iii. उप-सीमाएं

अभधकांश पॉभलभसयों में कमरे के भकराए, नभसिंग शुलक आभद को या र्तो बीमा राभश के एक प्रभर्तशर्त के रूप
में या प्रभर्त भदन की सीमा के रूप में सीभमर्त कर भदया जार्ता है। इसी प्रकार की सीमा परामशव शुलक या
एम्पबुलेंस शुलक आभद के भलए लागू हो सकर्ती है।

iv. भकसी िी रोग भवभशष्ट सीमा की जांि करना

पॉभलसी मार्तृत्व कवर के भलए या अन्य बीमाभरयों जैसे भदल की बीमारी के भलए एक भनज्श्िर्त राभश या सीमा
भनर्थदष्ट कर सकर्ती है।

v. क्या संियी बोनस का हकदार है या नहीं, इसकी जांि करना

पुज्ष्ट करें भक क्या बीमाधारक भकसी दावा-मुि बोनस का हकदार है (अगर बीमाधारक ने भपछले
वषव(वषों) में अपनी पॉभलसी से कोई दावा नहीं भकया है)। दावा-मुि बोनस अक्सर अभर्तभरि बीमा राभश के
रूप में आर्ता है जो वास्र्तव में रोगी / बीमाधारक की बीमा राभश को बढ़ा दे र्ता है। किी-किी संियी बोनस
को िी गलर्त र्तरीके से भपछले वषव के अंर्त में सूभिर्त दावे के रूप में बर्ताया जार्ता है भजसे संिवर्तः ध्यान में
नहीं रिा गया होगा।

vi. सीमा के साथ कवर भकए गए अन्य ििे:

अन्य सीमाएं िी हो सकर्ती हैं जैसे उपिार दवा की आयुवेभदक प्रणाली के अंर्तगवर्त भकया गया था, आम र्त़ौर
पर इसकी सीमा बहु र्त कम होर्ती है। पॉभलसी के िार वषों के बाद स्वास््य जांि की लागर्त केवल एक
भनज्श्िर्त सीमा र्तक होर्ती है। अस्पर्ताल नकद िुगर्तान में िी एक प्रभर्त भदन की सीमा होर्ती है।

vii. सह िुगर्तान

यह सामान्यर्तः िुगर्तान से पहले आकभलर्त दावे का एक फ्लैट प्रभर्तशर्त होर्ता है। सह-िुगर्तान केवल िुलनदा
पभरज्स्थभर्तयों में िी लागू हो सकर्ता है - केवल मार्ता-भपर्ता के दावों के भलए, केवल मार्तृत्व दावों के भलए,
केवल दू सरे दावे के बाद से या यहां र्तक भक केवल एक भनज्श्िर्त राभश से अभधक के दावों पर।

233
दे य राभश को इन सीमाओं के भलए समायोभजर्त करने से पहले, दे य दावा राभश की गणना गैर दे य मदों के
भलए शुद् कट़ौर्ती पर की जार्ती है।

एक स्वास््य दावे में गैर-दे य मद

भकसी बीमारी के इलाज में भकए गए ििों को इस प्रकार वगीकृर्त भकया जा सकर्ता है:

 इलाज के भलए ििव और


 दे ििाल के भलए ििव।

भकसी बीमारी के इलाज के ििों में सिी भिभकत्सा लागर्तें और र्तत्संबंधी सामान्य सुभवधाएं शाभमल होर्ती हैं ।
इसके अलावा, एक अभधक आरामदायक या आलीशान अस्पर्ताल में ठहरने के भलए ििे हो सकर्ते हैं ।

एक आम स्वास््य बीमा पॉभलसी एक बीमारी के इलाज के ििों का िार उठार्ती है और जब र्तक भवशेष रूप
से नहीं कहा गया है, भवलाभसर्ता के भलए अभर्तभरि ििे दे य नहीं होर्ते हैं ।

इन ििों को गैर-उपिार शुलकों पंजीकरण शुलक, प्रलेिन शुलक आभद के रूप में और ऐसे आइटमों के
रूप में वगीकृर्त भकया जा सकर्ता है भजन पर इलाज से सीधा संबध
ं होने पर भविार भकया जा सकर्ता है
(जैसे अंर्तःरोगी अवभध के द़ौरान भवशेष रूप से भनधाभरर्त प्रोटीन के पूरक)।

इससे पहले हर टीपीए/बीमा कंपनी के पास गैर-दे य आइटमों की अपनी सूिी होर्ती थी, अब इसे
आईआरडीए के स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे शों के अंर्तगवर्त मानकीकृर्त कर भदया गया है।

अंभर्तम दे य दावे पर पहु ं िने का अनु िम इस प्रकार है:

र्ताभलका 2.1

िरण I कमरे का भकराया, परामशव शुलक आभद के भवभिन्न मदों के र्तहर्त सिी भबलों और रसीदों की
सूिी
िरण II प्रत्येक मद के नीिे दावा राभश से गैर-दे य आइटमों को घटाएं
िरण III ििव के प्रत्येक मद के भलए लागू होने वाली भकसी िी सीमा को लागू करें
िरण IV कुल दे य राभश भनकालें और जांि करें भक क्या यह समग्र बीमा राभश के िीर्तर है
िरण V शुद् दे य दावे पर पहु ं िने के भलए लागू होने वाले भकसी िी सह-िुगर्तान को घटाएं

h) दावे का िुगर्तान

एक बार जब दे य दावा राभश भनकाल ली जार्ती है , ग्राहक या अस्पर्ताल को, जो िी मामला हो, िुगर्तान कर
भदया जार्ता है। स्वीकृर्त दावा राभश के बारे में भवि/लेिा प्रिाग को बर्ता भदया जार्ता है और भफर िेक द्वारा
या ग्राहक के बैंक िार्ते में दावा राभश को हस्र्तांर्तभरर्त करके िुगर्तान भकया जा सकर्ता है।

जब अस्पर्ताल को िुगर्तान भकया जार्ता है, कोई िी आवश्यक कर कट़ौर्ती िुगर्तान की राभश से की जार्ती है ।

234
जहां िुगर्तान को र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक द्वारा भनयंभत्रर्त भकया जार्ता है, िुगर्तान प्रभिया अलग-अलग बीमा
कंपनी के मामले में भिन्न हो सकर्ती है। टीपीए की कायवप्रणाली के बारे में अभधक भवस्र्तृर्त जानकारी बाद में
दी गयी है।

भसस्टम में िुगर्तान का अपडे ट ग्राहक की पूछर्ताछ से भनपटने के भलए महत्वपूणव है। आम र्त़ौर पर इस र्तरह
का भववरण कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा टीम को भसस्टम के माध्यम से साझा भकया जाएगा।

एक बार िुगर्तान हो जाने पर दावे को भनपटा भलया गया माना जार्ता है। भनपटाए गए दावों की संख्या और
मात्रा के भलए कंपनी के प्रबंधन, भबि़ौभलयों, ग्राहकों और आईआरडीएआई को समय-समय पर भरपोटव िेजी
जार्ती है। भनपटाए गए दावों के सामान्य भवश्लेषण में भनपटान का प्रभर्तशर्त, एक अनु पार्त के रूप में गैर-दे य
राभश, दावों का भनपटारा करने में लगा औसर्त समय आभद शाभमल है।

i) दस्र्तावेजों की कमी का प्रबंधन/आवश्यक अभर्तभरि जानकारी

दावों पर कारववाई करने में महत्वपूणव दस्र्तावेजों की एक सूिी की जांि-पडर्ताल करने की जरूरर्त होर्ती है।
ये इस प्रकार हैं :

 अस्पर्ताल में िर्ती होने की भटप्पणी के साथ छु ट्टी भमलने का सारांश,


 समथवक जांि भरपोटव ,
 अंभर्तम समेभकर्त भबल, भवभिन्न िागों में भववरण के साथ
 प्रेज्स्िप्शन और दवाओं का भबल,
 िुगर्तान की रसीद,
 दावा प्रपत्र और
 ग्राहक की पहिान

अनु िव से पर्ता िलर्ता है भक प्रस्र्तुर्त भकए गए िार दावों में से एक मूल दस्र्तावेजों के संदिव में अपूणव होर्ता है।
इसभलए प्रस्र्तुर्त नहीं भकए गए दस्र्तावेजों के बारे में ग्राहक को बर्ताया जाना आवश्यक है और उसे एक
समय सीमा दी जानी िाभहए भजसके िीर्तर वह इन्हें अपने दावे के साथ संलग्न कर सकर्ता है।

इसी प्रकार, दावे पर कारववाई करर्ते समय ऐसा हो सकर्ता है भक अभर्तभरि जानकारी की आवश्यकर्ता
उत्पन्न हो जाए क्योंभक:

i. अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने का उपलब्ध कराया गया सारांश प्रारूप में नहीं है या इसमें रोग भनदान के बारे
में कुछ भववरण या बीमारी का इभर्तहास सज्म्पमभलर्त नहीं है।

ii. उपिार का पयाप्र्त भवस्र्तार से भववरण नहीं भदया गया है या स्पष्टीकरण की आवश्यकर्ता है।

iii. अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने के सारांश के अनुसार उपिार रोग के लक्षण के अनु रू प नहीं है या बर्तायी
गयी दवाएं उस बीमारी से संबंभधर्त नहीं हैं भजसके भलए उपिार भकया गया था।

iv. उपलब्ध कराए गए भबलों में आवश्यक भववरण शाभमल नहीं है।

v. दो दस्र्तावेजों के बीि व्यभि की उम्र में फकव है।

235
vi. अस्पर्ताल से छु ट्टी के सारांश और भबल के बीि में प्रवेश की भर्तभथ/छु ट्टी भमलने की भर्तभथ में र्तालमेल
नहीं है।

vii. दावे के भलए अस्पर्ताल में िर्ती होने के बारे में एक अभधक भवस्र्तृर्त जांि की आवश्यकर्ता है और इसके
भलए अस्पर्ताल के इनडोर मामले के कागजार्त की आवश्यकर्ता है।

दोनों ही मामलों में, अभर्तभरि जानकारी की आवश्यकर्ता के भववरण के साथ भलभिर्त रूप में या ईमे ल के
माध्यम से ग्राहक को सूभिर्त भकया जार्ता है। अभधकांश मामलों में ग्राहक आवश्यक जानकारी प्रदान करने में
सक्षम होगा। हालांभक ऐसी पभरज्स्थभर्तयां िी हैं जहां आवश्यक जानकारी इर्तनी अभधक महत्वपूणव है भक
इसको अनदे िा नहीं भकया जा सकर्ता है, लेभकन ग्राहक जवाब नहीं दे र्ता है। ऐसे मामलों में, ग्राहक को
भरमाइंडर िेजा जार्ता है भक दावे की कारववाई आगे बढ़ाने के भलए यह जानकारी आवश्यक है और ऐसे र्तीन
भरमाइंडर के बाद दावा बंद करने का नोभटस िेज भदया जार्ता है।

कारववाई के द़ौरान दावे से संबंभधर्त सिी पत्रािारों में आप दे िेंगे भक पत्र के शीषव पर "प्रभर्तकूल प्रिाव डाले
भबना" शब्द उज्ललभिर्त होर्ता है। यह एक कानूनी आवश्यकर्ता है जो यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक इन
पत्रािारों के बाद दावे को अस्वीकार करने का बीमा कंपनी का अभधकार बरकरार रहर्ता है।

उदाहरण

बीमा कंपनी मामले का भवस्र्तार से अध्ययन करने के भलए मामले के इनडोर कागजार्तों की मांग कर सकर्ती है
और इस भनष्कषव पर पहु ं ि सकर्ती है भक प्रभिया/उपिार पॉभलसी की शर्तों के दायरे में नहीं आर्ता है। अभधक
जानकारी मांगने के कायव को एक ऐसी कारववाई के रूप में नहीं दे िा जाना िाभहए भजसका अथव है भक बीमा
कंपनी ने दावा स्वीकार कर भलया है।

दस्र्तावेजों में कमी और स्पष्टीकरण और आवश्यक अभर्तभरि जानकारी का प्रबंधन दावा प्रबंधन की एक
प्रमुि िुऩौर्ती है। जहां सिी आवश्यक जानकारी के भबना दावे पर कारववाई नहीं की जा सकर्ती है , ग्राहक से
बार-बार अभधक से अभधक जानकारी का अनु रोध करके उसे असुभवधा में नहीं डाला जा सकर्ता है।

अछछे आिरण के भलए यह आवश्यक है भक इस र्तरह का अनु रोध समस्र्त आवश्यक जानकारी की एक समेभकर्त सूिी
के साथ भकया जाए और उसके बाद कोई नई मांग नहीं की जाए।

j) दावों का अस्वीकरण
स्वास््य संबंधी दावों के अनु िव से पर्ता िलर्ता है भक प्रस्र्तु र्त भकए गए 10% से 15% दावे पॉभलसी की शर्तों के िीर्तर
नहीं आर्ते हैं । ऐसा भवभिन्न कारणों से हो सकर्ता है , भजनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

i. प्रवेश की र्तारीि बीमा की अवभध के िीर्तर नहीं है।

ii. भजस सदस्य के भलए दावा भकया गया है उसे कवर नहीं भकया गया है।

iii. पहले से म़ौजूद बीमारी के कारण (जहां पॉभलसी ऐसी ज्स्थभर्त को अपवर्थजर्त करर्ती है)।

iv. भकसी वैध कारण के भबना प्रस्र्तुर्त करने में अनु भिर्त दे री

v. कोई सभिय उपिार नहीं; प्रवेश केवल जांि के प्रयोजन से भकया गया है।

236
vi. भजस बीमारी का इलाज भकया गया उसे पॉभलसी के र्तहर्त बाहर रिा गया है।

vii. बीमारी का कारण शराब या नशीले पदाथों का दु रुपयोग है।

viii. 24 घंटे से कम समय र्तक अस्पर्ताल में िर्ती भकया गया है।

दावे के अस्वीकरण या पभरत्याग (कारण िाहे जो िी हो) के बारे में भलभिर्त रूप में ग्राहक को सूभिर्त भकया
जाना िाभहए। आम र्त़ौर पर इस र्तरह के अस्वीकरण के पत्र में अस्वीकार करने का कारण स्पष्ट रूप से
बर्ताया जार्ता है, भजसमें पॉभलसी के उस भनयम/शर्तव का उललेि होर्ता है भजसके आधार पर दावे को
अस्वीकार भकया गया था।

अभधकांश बीमा कंपभनयों के पास एक ऐसी प्रभिया होर्ती है भजसके द्वारा दावे को मंजूर करने के भलए
प्राभधकृर्त प्रबंधक से एक वभरष्ठ प्रबंधक द्वारा अस्वीकृभर्त को अभधकृर्त भकया जार्ता है। ऐसा यह सुभनज्श्िर्त
करने के भलए है भक कोई िी अस्वीकृभर्त पूरी र्तरह से न्यायोभिर्त है और अगर बीमाधारक कोई कानूनी
उपाय िाहर्ता है र्तो इसके बारे में स्पष्ट भकया जाएगा।

बीमा कंपनी को प्रभर्तभनभधत्व के अलावा, दावे के इनकार के मामले में ग्राहक के पास भनम्पनभलभिर्त से संपकव
करने का भवकलप होर्ता है:

 बीमा लोकपाल (ओम्पबड्समैन) या


 उपिोिा फोरम या
 आईआरडीएआई या
 कानून की अदालर्तें

प्रत्येक इनकार के मामले में यह आकलन करने के भलए फ़ाइल की जांि की जार्ती है भक क्या इनकार
सामान्य प्रभिया में कानूनी जांि-पडर्ताल पर िरा उर्तर पाएगा और दस्र्तावेजों को एक सुरभक्षर्त स्थान पर
रिा जार्ता है र्ताभक कहीं भनणवय का बिाव करने की कोई जरूरर्त ना उत्पन्न हो जाए।

k) अभधक भवस्र्तृर्त जांि-पडर्ताल के भलए संभदग्ध दावे

बीमा कंपभनयां व्यवसाय के सिी लाइनों में धोिाधडी की समस्या को दू र करने की पूरी कोभशश कर रही
हैं । धोिाधडी के दावों के भनपटान की भवशुद् संख्या के संदिव में स्वास््य बीमा, बीमा कंपभनयों के भलए एक
बडी िुऩौर्ती प्रस्र्तुर्त करर्ता है।

स्वास््य बीमा के क्षेत्र में की गयी धोिाधडी के कुछ उदाहरण हैं :

i. प्रभर्तरूपण, बीभमर्त व्यभि उपिार भकए गए व्यभि से अलग है।

ii. दावा करने के भलए नकली दस्र्तावेज र्तैयार करना जहां अस्पर्ताल में िर्ती होने का कोई मामला नहीं है

iii. ििों को बढ़ा-िढ़ा कर बर्ताना, या र्तो अस्पर्ताल की मदद से या जालसाजी करके बनाए गए बाहरी
भबलों को शाभमल करके।

237
iv. बीमारी का पर्ता लगाने के ििों को पूरा करने के भलए आउटपेशेंट उपिार को इनपेशेंट / अस्पर्ताल में
िर्ती होने में बदल भदया गया जो कुछ मामलों में बहु र्त अभधक हो सकर्ता है।

एक दै भनक आधार पर उिरर्ते धोिाधडी के नए र्तरीकों की वजह से बीमा कंपभनयों और टीपीए को


लगार्तार जमीनी स्र्तर पर ज्स्थभर्त पर नजर रिने और इस र्तरह की धोिाधडी का पर्ता लगाने और उसे
भनयंभत्रर्त करने के उपाय करने की जरूरर्त होर्ती है।

दावों दो र्तरीकों के आधार पर जांि के भलए िुना जार्ता है:

 भनयभमर्त दावे और
 भट्गर हु ए दावे
एक टीपीए या बीमा कंपनी एक आंर्तभरक मानक भनधाभरर्त कर सकर्ते हैं भक दावों के एक भनर्थदष्ट प्रभर्तशर्त
को प्रत्यक्ष रूप से सत्याभपर्त भकया जाएगा; यह प्रभर्तशर्त कैशलेस और प्रभर्तपूर्थर्त दावों के भलए अलग-अलग
हो सकर्ता है।

इस भवभध में दावों को यादृज्छछक नमूना पद्भर्त का उपयोग करके िुना जार्ता है। कुछ बीमा कंपभनयों यह
भनधाभरर्त करर्ती हैं भक एक भनज्श्िर्त मूलय से अभधक के सिी दावों की जांि की जाएगी और उस सीमा से
नीिे के दावों के एक नमूना सेट को सत्यापन के भलए भलया जार्ता है।

दू सरी भवभध में, प्रत्येक दावे को िेकप्वाइंट के एक सेट से होकर गुजरना पडर्ता है जो अनु रूप नहीं होने पर
जांि के भलए िेजा जा सकर्ता है जैसे

i. भिभकत्सा परीक्षणों या दवाओं से संबभं धर्त दावे का एक उछि िाग


ii. ग्राहक िी भनपटान के भलए उत्सुक है
iii. ओवरराइलटग वाले भबल आभद

अगर दावा असली नहीं होने का संदेह है र्तो दावे की जांि की जार्ती है , िाहे वह भकर्तना ही छोटा हो।

l) टीपीए द्वारा कैशलेस भनपटान की प्रभिया

कैशलेस सुभवधा कैसे काम करर्ती है? इसके केंद्र में एक समझ़ौर्ता है जो टीपीए और बीमा कंपनी अस्पर्ताल
के साथ करर्ती है। अन्य भिभकत्सा सेवा प्रदार्ताओं के साथ िी समझ़ौर्ते संिव हैं । हम इस िंड में कैशलेस
सुभवधा प्रदान करने के भलए अपनायी जाने वाली प्रभिया पर भविार करें गे:

र्ताभलका 3.1

स्वास््य बीमा के र्तहर्त कवर भकया गया ग्राहक भकसी बीमारी से ग्रस्र्त है या उसे कोई िोट लगी है
और इसभलए अस्पर्ताल में िर्ती करने की सलाह दी गई है। वह (या उसकी ओर से कोई अन्य
व्यभि) इस र्तरह के बीमा भववरण के साथ अस्पर्ताल के बीमा डे स्क पर पहु ं िर्ता है:

238
i. टीपीए का नाम,
ii. उसकी सदस्यर्ता संख्या,
िरण 1
iii. बीमा कंपनी का नाम, आभद
अस्पर्ताल आवश्यक जानकारी को संकभलर्त करर्ता है जैसे:

i. बीमारी का भनदान (डायग्नोभसस)


ii. उपिार,
iii. इलाज करने वाले भिभकत्सक का नाम,
िरण 2 iv. अस्पर्ताल में िर्ती होने के प्रस्र्ताभवर्त भदनों की संख्या और
v. अनु माभनर्त लागर्त
इसे एक प्रारूप में प्रस्र्तुर्त भकया है जो कैशलेस प्राभधकार फॉमव कहलार्ता है।

टीपीए कैशलेस प्राभधकार फॉमव में उपलब्ध कराई गई जानकारी का अध्ययन करर्ता है।यह
पॉभलसी की शर्तों और अस्पर्ताल के साथ सहमर्त टै भरफ, यभद कोई हो, के साथ जानकारी की
जांि करर्ता है, और इस भनणवय पर पहु ं िर्ता है भक क्या कैशलेस अस्पर्ताल में िर्ती होने का
प्राभधकार प्रदान भकया जा सकर्ता है और अगर हां, र्तो भकर्तनी राभश के भलए यह प्राभधकार भदया
जाना िाभहए।

टीपीए भनणवय पर पहु ं िने के भलए और अभधक जानकारी मांग सकर्ते हैं । एक बार भनणवय हो जाने
िरण 3
पर भबना भकसी दे री के इसके बारे में अस्पर्ताल को सूभिर्त कर भदया जार्ता है।

दोनों फॉमों को अब आईआरडीएआई के स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे शों के र्तहर्त


मानकीकृर्त कर भदया गया है; (अंर्त में अनु लग्नक दे िें)।

अस्पर्ताल द्वारा रोगी का इलाज रोगी के िार्ते में जमा के रूप में टीपीए द्वारा अभधकृर्त राभश को
ध्यान में रिर्ते हु ए भकया जार्ता है। सदस्य को गैर-उपिार संबध
ं ी ििों को कवर करने के भलए
एक जमा राभश िुगर्तान करने और पॉभलसी के र्तहर्त आवश्यक कोई सह-िुगर्तान की राभश जमा
िरण 4 करने के भलए कहा जा सकर्ता है।

जब मरीज अस्पर्ताल से छु ट्टी के भलए र्तैयार हो जार्ता है, अस्पर्ताल बीमा द्वारा कवर भकए गए
वास्र्तभवक उपिार के ििों के भवरुद् रोगी के िार्ते में टीपीए द्वारा मंजूर जमा राभश की जांि
करर्ता है।
िरण 5
अगर जमा राभश कम होर्ती है र्तो अस्पर्ताल कैशलेस इलाज के भलए जमा राभश की अभर्तभरि
मंजूरी का अनु रोध करर्ता है।

239
टीपीए इसका भवश्लेषण करर्ता है और अभर्तभरि राभश को मंजूर करर्ता है।

मरीज गैर-स्वीकायव प्रिार का िुगर्तान करर्ता है और उसे अस्पर्ताल से छु ट्टी दे दी जार्ती है।
दस्र्तावेज र्तैयार करने की प्रभिया पूरी करने के भलए उसे दावा प्रपत्र और भबल पर हस्र्ताक्षर करने
िरण 6
के भलए कहा जाएगा।

अस्पर्ताल सिी दस्र्तावेजों को समे भकर्त करर्ता है और भबल िुगर्तान की कारववाई आगे बढ़ाने के
भलए भनम्पनभलभिर्त दस्र्तावेज़ टीपीए को प्रस्र्तुर्त करर्ता है:

i. दावा प्रपत्र
ii. अस्पर्ताल से छु ट्टी का सारांश / प्रवेश की भटप्पभणयां
iii. टीपीए द्वारा जारी भकया गया मरीज/प्रस्र्तावक का पहिान काडव और और फोटो पहिान पत्र।
iv. अंभर्तम समे भकर्त भबल
v. भवस्र्तृर्त भबल
िरण 7 vi जांि भरपोटव
vii. प्रेज्स्िप्शन और दवाओं का भबल
viii. टीपीए द्वारा िेजे गए स्वीकृभर्त पत्र
टीपीए दावे की प्रभिया को आगे बढ़ाएगा और भनम्पनभलभिर्त भववरण की पुज्ष्ट करने के बाद
अस्पर्ताल को िुगर्तान की भसफाभरश करे गा:
i. इलाज भकया गया मरीज वही व्यभि है भजसके भलए स्वीकृभर्त प्रदान की गयी थी।
ii. मरीज का इलाज उसी बीमारी के भलए भकया गया है भजसके भलए स्वीकृभर्त मांगी गयी थी।
iii. अपवर्थजर्त बीमारी के भलए ििे, यभद कोई है, भबल का भहस्सा नहीं हैं ।
iv. अस्पर्ताल को बर्तायी गयी सिी सीमाओं का पालन भकया गया है।
िरण 8 v. अस्पर्ताल के साथ सहमर्त टै भरफ दरों का पालन भकया गया है, शुद् दे य राभश की गणना करें ।

कैशलेस सुभवधा के मूलय में संदेह कोई नहीं है। ग्राहकों के भलए यह जानना िी महत्वपूणव है भक सुभवधा का
सबसे अछछा उपयोग कैसे भकया जाए। ध्यान दे ने वाली बार्तें इस प्रकार हैं :

I. ग्राहक को यह सुभनज्श्िर्त करना होगा भक उसके पास अपने बीमा का भववरण उपलब्ध है। इसमें उसके
भनम्पन दस्र्तावेज़ शाभमल हैं :

 टीपीए काडव ,
 पॉभलसी की प्रभर्तभलभप,
 कवर के भनयम और शर्तें
इनके उपलब्ध नहीं होने पर वह (एक 24 घंटे की हे लपलाइन के माध्यम से) टीपीए से संपकव कर सकर्ता है
और जानकारी प्राप्र्त कर सकर्ता है।

240
II. ग्राहक को यह जांि करनी िाभहए भक क्या उसके परामशवदार्ता भिभकत्सक द्वारा बर्ताया गया अस्पर्ताल
टीपीए के नेटवकव में है। यभद नहीं र्तो उसे टीपीए से उपलब्ध भवकलपों की जानकारी प्राप्र्त करनी िाभहए
जहां इस र्तरह के इलाज के भलए कैशलेस सुभवधा उपलब्ध है।

III. उसे यह सुभनज्श्िर्त करने की जरूरर्त है भक पूवव-प्राभधकार फॉमव में सही जानकारी दजव की गयी है। इस
फामव को 2013 में यभद स्वास्थ बीमा मानकीकरण के मागव भनदे शों के अनुसार आई आर डी ए आई
मानकीकृर्त भकया गया है। यभद मामला स्पष्ट नहीं है र्तो टीपीए कैशलेस सुभवधा से इनकार कर सकर्ता
है या इस पर सवाल उठा सकर्ता है।

IV. उसे यह सुभनज्श्िर्त करने की जरूरर्त है भक अस्पर्ताल के शुलक सीमाओं के अनु रूप हैं , उदाहरण के
भलए, कमरे के भकराए के भलए सीमा या मोभर्तयालबद जैसे भनर्थदष्ट उपिार की सीमा।

अगर वह पॉभलसी के द्वारा अनु मर्त सीमा से अभधक ििव करना िाहर्ता है र्तो अभग्रम में यह जान लेना
बेहर्तर है भक ििों में उसका भहस्सा क्या होगा।

V. ग्राहक को अस्पर्ताल से छु ट्टी भमलने से पहले टीपीए को सूभिर्त कर दे ना िाभहए और अस्पर्ताल से


छु ट्टी भमलने से पहले आवश्यक कोई िी अभर्तभरि मंजूरी टीपीए को िेज दे ने का अनुरोध अस्पर्ताल से
करना िाभहए। इससे यह सुभनज्श्िर्त होगा भक मरीज को अस्पर्ताल में अनावश्यक रूप से इंर्तजार नहीं
करना पडर्ता है।

यह िी संिव है भक ग्राहक एक अस्पर्ताल में कैशलेस इलाज के भलए अनुरोध करर्ता है और इसकी मंजूरी लेर्ता
है लेभकन मरीज को अन्यत्र िर्ती करने का फैसला करर्ता है। ऐसे मामलों में, ग्राहकों को सूभिर्त करना िाभहए
और अस्पर्ताल से टीपीए को यह बर्ताने के भलए कहना िाभहए भक कैशलेस मंजूरी का उपयोग नहीं भकया जा
रहा है।

अगर ऐसा नहीं भकया जार्ता है र्तो मंजूर की गयी राभश ग्राहक की पॉभलसी में अवरुद् हो सकर्ती है और बाद में
अनु रोध की मंजूरी पर इसका प्रभर्तकूल प्रिाव पड सकर्ता है।

C. स्वास््य बीमा दावों में दस्र्तावेज़ र्तैयार करना

जैसा भक पहले उललेि भकया जा िुका है, स्वास््य बीमा संबंधी दावों को पूरा करने के भलए कई दस्र्तावेजों की
जरुरर्त पडर्ती है। हर एक दस्र्तावेज में मूलर्तः दो प्रश्नों का उिर दे ने में सहायक होने की अपेक्षा की जार्ती है –
स्वीकायवर्ता (क्या यह दे य है?) और दावे का आकार (भकर्तना?)

यह िंड ग्राहकों द्वारा जमा भकए जाने वाले आवश्यक दस्र्तावेजों और भवषय वस्र्तु का उललेि करर्ता है।

a) भडस्िाजव समरी

भडस्िाजव समरी को स्वास््य बीमा के भनष्पादन में सबसे आवश्यक दस्र्तावेज़ माना जा सकर्ता है। मरीज की
ज्स्थभर्त और उसका इलाज भकस र्तरीके से भकया गया है, इस बार्त की पूरी जानकारी यह दस्र्तावेज दे र्ता है।

आई आर डी ए आई के मानकीकरण मागव भनदे शों के नु सार मानक भडस्िाजव समथव में भनम्पन बार्ते होर्ती है :

241
1. रोगी का नाम
2. दू र िाष/मोबाईल न.
3. आइपीडी न.
4. एडभमशन न.
5. इलाज करने वाले भवशेषज्ञ का नाम सम्पपकव सं भविाग – भवशेषर्ता
6. एडभमशन की र्तारीि, समय के साथ
7. भडस्िाजव की र्ताभरि – समय के साथ
8. एम एल सी / एफ आई आर सं
9. एडभमशन के समय अनंभर्तम भनशान
10. भडस्िाजव के समय अंभर्तम भनदान
11. आईसीडी – 10 (कोड) कोई अंभर्तम भडस्िाजव के भलए अन्य कोई जैसा भक प्राभधकार द्वारा अनु शांभसर्त
हैं ।
12. अवभध के साथ र्तकलीफ और एडभमशन का कारण
13. वर्तवमान बीमारी का कारण
14. एडभमशन के समय परीक्षम से ज्ञार्त र्तकलीफ
15. अलकोहल, र्तम्पबाकू या सब्सटांस अब्यूक का इभर्तहास, यभद कोई हो
16. पूवव क् म्पहत्वपूणव भिभकत्सा सम्पबंधी या िुलयभिया संबध
ं ी इभर्तहास, यभद कोई हो
17. पाभरवाभरक इभर्तहास, यभद महत्वपूणव हो
18. अस्पर्ताल में रहने के द़ौरान महत्वपूणव जांि की सारंि
19. कोई जभटलर्ता सभहर्त, असपर्ताल में भकया गया इलाज, यभद कोई हो
20. भडस्िाजव के समय सलाह
21. इलाज करने वाले भवशेषज्ञ /प्राभधकृर्त टीम डॉक्टर का नाम और हस्र्तक्षार
22. रोगी /अटे न्डे ट का नाम और हस्र्ताक्षर

ठीक से र्तैयार की गई छु ट्टी का सारांश बीमारी और इलाज की पुख्र्ता जानकारी दे ने के साथ ही दावे के शीघ्र
भनपटारे में काफी सहायक होर्ती है। भजन मामलों में मरीज जीभवर्त नही रह पार्ता ऐसे में कई अस्पर्ताल छु ट्टी का
सारांश (भडस्िाजव समरी) की जगह मृत्यु का सारांश (डे थ समरी) शब्द का इस्र्ते माल करर्ते हैं ।

हमे शा छु ट्टी के सारांश की मूल प्रभर्त मांगी जार्ती है।

b) जांि भरपोटव

जांि भरपोटव भनदान और इलाज की र्तुलना करने में सहायर्ता करर्ता है और उस सही हालर्त को समझने के भलए
आवश्यक जानकारी उपलब्ध करार्ता है भजसने अस्पर्ताल में िर्ती होने के द़ौरान हु ए इलाज और प्रगभर्त को
प्रेभरर्त भकया है।

आमर्त़ौर पर जांि भरपोटव भनम्पनभलभिर्त भरपोटव से भमलकर बनर्ता है :

a) रि परीक्षण की भरपोटव

b) एक्सरे भरपोटव

242
c) स्कैन की भरपोटव और

d) बायोप्सी भरपोटव

सिी जांि भरपोटव नाम, आयु, ललग, परीक्षण की र्तारीि आभद को दशार्ते हैं और आम र्त़ौर पर मूल रूप में प्रस्र्तुर्त
भकए जार्ते हैं । ग्राहकों के भवशेष अनु रोध पर बीमा कंपनी एक्स-रे और अन्य भफलमें वापस कर सकर्ती है।

c) समे भकर्त और भवस्र्तृर्त भबल:

यही वह दस्र्तावेज होर्ता है जो यह भनणवय करर्ता है है भक बीमा पॉभलसी के र्तहर्त क्या िुगर्तान करना िाभहए।
पहले भबल के भलए अिी र्तक कोई मानकीकृर्त प्रारूप नहीं था लेभकल आई आर डी ए आई का मानक मागव
भनदे श समेभकर्त और भवस्र्तृर्त भबल के भलए फामेट का प्रावधान करर्ता है। भवद्यार्थथयों को सलाह दी जार्ती है भक वे
वेब साइट पर भवस्र्तृर्त भववरण दे िले।

हालांभक समेभकर्त भबल समग्र र्त़ौर पर र्तस्वीर प्रस्र्तुर्त करर्ता है लेभकन भवस्र्तृर्त भबल संदिव कोड के साथ ब्ेकअप
भबल प्रदान करे गा।

भवस्र्तृर्त भबल का उपयोग कर गैर- दे य व्यय की समीक्षा की जार्ती है और इस भवस्र्तृर्त भबल में गैर स्वीकायव ििों
को गोल कर भदया जार्ता है और मद के र्तहर्त हु ए संबभं धर्त ििव की कट़ौर्ती के भलए भवस्र्तृर्त भबल का उपयोग
भकया जार्ता है।

भबलों को मूल रुप में प्राप्र्त भकया जाना िाभहए।

d) िुगर्तान की रसीद

बीमे की रकम के भलए हु ए समझ़ौर्ते के र्तहर्त, स्वास््य बीमा के दावे की पूर्थर्त के भलए अस्पर्ताल में भकए गए
िुगर्तान की पक्की रसीद की िी जरूरर्त पडर्ती है।

यह ध्यान रिना होगा भक रसीद में उज्ललभिर्त राभश और िुगर्तान की गई राभश एक होनी िाभहए, क्योंभक कुछ
अस्पर्ताल िुगर्तान के समय छु ट वगैरह िी दे र्ते है। ऐसे मामलों में बीमा करने वाले को भसफव उर्तनी ही राभश का
िुगर्तान करने को कहा जार्ता है भजर्तना मरीज के नाम अस्पर्ताल को भदया गया है।

रसीद की मूल प्रभर्त ही जमा करनी िाभहए भजसमें भबल का नंबर भलिा हो और मुहर लगी हो।

e) दावा प्रपत्र

दावा प्रपत्र को अब आई आर डी आई द्वारा मानकीकृर्त कर भदया गया है भजनमें मोटे र्त़ौर पर भनम्पन र्त्य
शाभमल होर्ते हैं ।

a) प्राथभमक बीमा धारक का नाम र्तथा पॉभलसी सं भजनके अन्र्तगवर्त दावा भकया गया है।

b) बीमा इभर्तहास का वणवन

c) अस्पर्ताल में िर्ती बीमाधारक व्यभि का भववरण

243
d) अस्पर्ताल में िर्ती होने का भवस्र्तृर्त भववरण, र्तथा अस्पर्ताल, कमरे की श्रेणी, एडभमशन और भडस्िाजव
की र्तारीि और समय, दु घवटना की ज्स्थभर्त में क्या पुभलस को जानकारी दी गई मे भडभसन का भसस्टम

e) दावे का भववरण – भजसके भलए िर्ती भकया गया, ििव का ब्ेक अप, िर्ती होने के पूवव और पश्िार्त की
अवभध, दावा की गई एक पूश्र्त राभश नकद लाि का भववरण

f) संलग्न भबलो का भववरण

g) प्राथभमक बीमाधारक के बैंक िार्ते का भववरण र्ताभक स्वीकृर्त राभश िेजी जा सके

h) बीभमर्त व्यभि की घोषणा।

बीमारी और इलाज जैसी जानकाभरयों के साथ बीभमर्त व्यभि द्वारा की गयी घोषणा कानूनी र्त़ौर पर क्लेम फॉमव
को सबसे महत्वपूणव दस्र्तावेज बना दे र्ता है।

यह घोषणा ही दावा को और भवश्वसनीय बनार्ता है। इसकी अवहे लना भनयम के अंर्तगवर्त दावे को झूठा साभबर्त
कर सकर्ता है।

f) पहिान प्रमाण पत्र

हमारे जीवन में भवभिन्न गभर्तभवभधयों के भलए पहिान प्रमाण पत्र के बढ़र्ते उपयोग के साथ, सामान्य पहिान
प्रमाण पत्र एक महत्वपूणव उद्देश्य को पूरा करर्ता है – र्ताभक इसकी पुज्ष्ट की जा सके भक भजस व्यभि को कवर
भकया गया है और वह वही व्यभि है भजसका इलाज हो रहा है।

आम र्त़ौर पर भजस पहिान दस्र्तावेज की मांग की जा सकर्ती है वह है :

a) मर्तदार्ता पहिान पत्र

b) िाइलवग लाइसेंस

c) पैन काडव

d) आधार काडव आभद

पहिान प्रमाण पत्र पर जोर दे ने का पभरणाम यह हु आ है भक नकदरभहर्त दावों के प्रभर्तरूपण मामलों में एक
महत्वपूणव कमी आई है। जैसा भक अस्पर्ताल में िर्ती होने से पहले पहिान प्रमाण पत्र की मांग की जार्ती है र्तो
भफर अस्पर्ताल का एक कर्तवव्य हो जार्ता है भक इस पहिान प्रमाण पत्र को सत्याभपर्त करे और उसी रुप में बीमा
कंपनी या टीपीए को प्रस्र्तुर्त करे ।

प्रभर्तपूर्थर्त दावों में, पहिान प्रमाण पत्र कम ही उद्देश्य को पूरा करर्ता है।

g) भवभशष्ट दावा करने के भलए आकज्स्मक दस्र्तावेज

कुछ भनज्श्िर्त प्रकार के दावों के भलए, जो उपर बर्ताया गया है उससे अलग अभर्तभरि दस्र्तावेजों की
आवश्यकर्ता होर्ती है। जो इस प्रकार हैं :

244
a) भजसमें एफआईआर या पंजीकृर्त पुभलस स्टे शन के भलए अस्पर्ताल द्वारा जारी भकया गया मेभडकोलीगल
प्रमाणपत्र आवश्यक हो सकर्ता है। यह दु घवटना के कारणों के बारे में बर्तार्ता है और यार्तायार्त
दु घवटनाओं के मामले में यह बर्तार्ता है भक क्या व्यभि शराब के नशे में था।

b) जभटल या उछि मूलय के दावों के मामले में केस इंडोर पेपर केस की आवश्यकर्ता होर्ती है। इंडोर केस
पेपर या केस सीट एक ऐसा दस्र्तावेज होर्ता है भजसे अस्पर्ताल में रिा जार्ता है और इसमें अस्पर्ताल में
िर्ती की पूरी अवभध के द़ौरान भदन के आधार पर रोगी को भदए गए सिी इलाज का ब्य़ौरा होर्ता है।

c) डायलेभसस / कीमोथेरेपी / भफभजयोथेरेपी िाटव मान्य हैं

d) अस्पर्ताल पंजीकरण प्रमाणपत्र, जो अस्पर्ताल की पभरिाषा के र्तहर्त उभिर्त ठहराया जा सके।

दावा भदलवाने वाले दल दावा के भनस्र्तारण के भलए कुछ भनज्श्िर्त प्रारूप में ही दस्र्तावेज का इस्र्ते माल करर्ते हैं ।
जो इस प्रकार हैः

i. दस्र्तावेज के जांि की सूिी

ii. जांि / समझ़ौर्ते के कागजार्त

iii. गुणविा जांि / भनयंत्रण का प्रारूप

यद्भप सिी बीमा करने वाली कंपभनयों के प्रारुप समान नही हैं , आइए सामान्य भवषय – वस्र्तु के नमूनों के साथ
दस्र्तावेजों के उद्देश्य का अध्यन करें ।

र्ताभलका 2.2

1. दस्र्तावेज सत्यापन यह सबसे आसान है, ग्राहक द्वारा प्रस्र्तुर्त भकए गए दस्र्तावेजों को
पत्रक नोट करने के भलए प्राप्र्त दस्र्तावेजों की सूिी में एक सही का भिह्न
लगाया जार्ती है। कुछ बीमा कंपभनयां पावर्ती के रूप में ग्राहकों को
इसकी एक प्रभर्त उपलब्ध करा सकर्ती हैं ।

2. जांि-पडर्ताल / यह आम र्त़ौर पर एक एकल पत्रक होर्ता है जहां कारववाई की सिी


प्रभिया पत्रक भटप्पभणयों को दजव भकया जार्ता है।

क) ग्राहक का नाम और आईडी नंबर


ि) दावा संख्या, दावा दस्र्तावेज प्राप्र्त होने की भर्तभथ
ग) पॉभलसी का संभक्षप्र्त भववरण, धारा 64VB का अनु पालन
घ) बीमा राभश और बीमा राभश का उपयोग
ि) अस्पर्ताल में िर्ती होने और छु ट्टी भमलने की भर्तभथ
छ) रोग भनदान और उपिार
ज) दावा स्वीकायवर्ता / कारववाई की भटप्पभणयां कारण सभहर्त
झ) दावा राभश की संगणना

245
ट) भदनांक और कारववाई करने वाले लोगों के नाम के साथ दावे की
गभर्तभवभध
3. गुणविा जांि / अंभर्तम जांि या दावे पर कारववाई करने वाले व्यभि के अलावा अन्य
भनयंत्रण प्रारूप व्यभि द्वारा दावे की जांि के भलए गुणविा भनयंत्रण प्रारूप

िेकभलस्ट और दावा जांि प्रश्नावली के अलावा गुणविा


भनयंत्रण/लेिा परीक्षा प्रारूप में भनम्पनभलभिर्त से संबभं धर्त जानकारी
िी शाभमल होगी:
क) दावे का भनपटान,
ि) दावे की अस्वीकृभर्त या
ग) अभर्तभरि जानकारी के भलए अनुरोध

स्व-परीक्षण 2

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा दस्र्तावेज़ अस्पर्ताल में रहर्ता है भजसमें एक अंर्तःरोगी पर भकए गए सिी उपिारों का
भववरण उपलब्ध होर्ता है?

I. जांि भरपोटव
II. भनपटान पत्रक
III. मामले का दस्र्तावेज़
IV. अस्पर्ताल पंजीकरण प्रमाणपत्र

D. दावा सुरभक्षर्त करना

1. सुरभक्षर्त करना (आरक्षण)

यह दावे की ज्स्थभर्त के आधार पर बीमा कंपनी के बही-िार्तों में सिी दावों के संबध
ं में भकए गए प्रावधान की
राभश को दशार्ता है। हालांभक यह बहु र्त आसान प्रर्तीर्त होर्ता है, आरभक्षर्त करने की प्रभिया में काफी सावधानी
बरर्तने की जरूरर्त होर्ती है - आरक्षण में कोई िी गलर्ती बीमा कंपनी के मुनाफे और सॉलवेंसी मार्थजन की गणना
को प्रिाभवर्त करर्ती है।

आजकल प्रोसेलसग भसस्टमों में भकसी िी समय आरभक्षर्त राभशयों (संभिभर्तयों) की गणना करने की अंर्तर्थनभहर्त
क्षमर्ता होर्ती है।

स्व-परीक्षण 3

दावों की ज्स्थभर्त के आधार पर बीमा कंपनी के बही-िार्तों में सिी दावों के संबध
ं में भकए गए प्रावधान की राभश
को ________ के रूप में जाना जार्ता है।

I. पूललग

246
II. प्रोभवजलनग
III. आरक्षण
IV. भनवेश

E. र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों की िूभमका (टीपीए)

1. िारर्त में टीपीए की शुरुआर्त

बीमा क्षेत्र को वषव 2000 में भनजी कंपभनयों के भलए िोला गया था। इस बीि, नए उत्पादों की शुरुआर्त के साथ
स्वास््य दे ििाल संबंधी उत्पादों की मांग िी बढ़ रही थी। इसभलए स्वास््य बीमा में भबिी के बाद की सेवाओं के
भलए एक िैनल शुरू करने की जरूरर्त महसूस की गयी। यह पेशेवर र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापकों की शुरुआर्त के
भलए एक अवसर बन गया।

इसे दे िर्ते हु ए बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण ने आईआरडीएआई के लाइसेंस के र्तहर्त बाजार में टीपीए
की शुरुआर्त की अनु मभर्त दे दी, बशर्ते भक वे 17 भसर्तंबर 2001 को अभधसूभिर्त आईआरडीएआई (र्तृर्तीय पक्ष
व्यवस्थापक - स्वस््य बीमा) भवभनयम, 2001 का पालन करर्ते हैं ।

पभरिाषा

भवभनयमों के अनु सार,

"र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक या टीपीए का मर्तलब है ऐसा कोई िी व्यभि भजसे आईआरडीएआई (र्तृर्तीय पक्ष
व्यवस्थापक - स्वास््य सेवाएं) भवभनयमन, 2001 के र्तहर्त प्राभधकरण द्वारा लाइसेंस प्राप्र्त है और स्वास््य सेवाएं
उपलब्ध कराने के प्रयोजनों से, एक बीमा कंपनी द्वारा एक शुलक या पाभरश्रभमक के बदले काम में लगाया गया
है।

"टीपीए की स्वास््य सेवाओं" का मर्तलब है स्वास््य बीमा व्यवसाय के भसलभसले में एक समझ़ौर्ते के र्तहर्त बीमा
कंपनी को टीपीए द्वारा प्रदान की गई सेवाओं से है, लेभकन इसमें भकसी बीमा कंपनी के व्यवसाय या प्रत्यक्ष
अथवा परोक्ष रूप से स्वास््य बीमा व्यवसाय की मांग करने या भकसी दावे की स्वीकायवर्ता या अस्वीकृभर्त पर
भनणवय लेने को शाभमल नहीं भकया गया है।

इस प्रकार टीपीए की सेवाओं का दायरा बीमा पॉभलसी की भबिी और पॉभलसी जारी होने के बाद शुरू होर्ता है।
अगर बीमा कंपनी टीपीए की सेवा का उपयोग नहीं कर रही है र्तो यह सेवा आंर्तभरक टीम द्वारा प्रदान की जार्ती
है।

2. स्वास््य बीमा की भबिी के बाद की सेवा

a) एक बार जब प्रस्र्ताव (और प्रीभमयम) को स्वीकार कर भलया जार्ता है, कवरे ज शुरू हो जार्ता है।

247
b) अगर पॉभलसी की सेवा प्रदान करने के भलए भकसी टीपीए का इस्र्ते माल भकया जार्ता है , र्तो बीमा कंपनी
ग्राहक और पॉभलसी के बारे में टीपीए को जानकारी प्रदान करर्ती है।

c) टीपीए सदस्यों को नामांभकर्त करर्ता है (जहां प्रस्र्तावक पॉभलसी लेने वाला व्यभि होर्ता है, पॉभलसी के
र्तहर्त कवर भकए गए लोग सदस्य होर्ते हैं ) और एक प्रत्यक्ष या इलेक्ट्ॉभनक काडव के रूप में सदस्यर्ता
पहिान जारी कर सकर्ता है।

d) टीपीए की सदस्यर्ता का उपयोग कैशलेस सुभवधा का लाि उठाने के साथ-साथ दावों पर कारववाई
करने में भकया जार्ता है जब सदस्य को कवर भकए गए भकसी अस्पर्ताल में िर्ती होने या इलाज के भलए
पॉभलसी के समथवन की आवश्यकर्ता होर्ती है।

e) टीपीए दावे या कैशलेस अनुरोध पर कारववाई करर्ता है और बीमा कंपनी के साथ सहमर्त समयसीमा के
िीर्तर सेवाएं प्रदान करर्ता है।

सेवा प्रदान करने वाली इकाई के रूप में टीपीए के नाम पर पॉभलसी के आवंटन समय वह कट-ऑफ लबदु है
जहां से एक टीपीए की िूभमका शुरू होर्ती है। सेवा प्रदान करने की आवश्यकर्ता पॉभलसी की अवभध में और आगे
की भकसी अन्य अवभध में जारी रहर्ती है जो पॉभलसी के र्तहर्त दावे की सूिना दे ने के भलए अनु मर्त है।

जब हजारों की संख्या में पॉभलभसयों की सेवाएं प्रदान की जार्ती हैं , यह गभर्तभवभध लगार्तार जारी रहर्ती है, भवशेष
रूप से जब एक ही पॉभलसी का नवीनीकरण भकया जार्ता है और वही टीपीए पॉभलसी की सेवा प्रदान करर्ता है।

3. र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए) के उद्देश्य

स्वास््य बीमा में र्तृर्तीय पक्ष व्यवस्थापक की अवधारणा कभथर्त रूप से भनम्पनभलभिर्त उद्देश्यों के साथ बनायी गयी
है:

a) जरूरर्त के समय सिी संिव र्तरीकों से स्वास््य बीमा के ग्राहक को सेवा प्रदान करना।

b) नेटवकव अस्पर्तालों में बीमाधारक मरीज के भलए कैशलेस इलाज की व्यवस्था करना।

c) प्रस्र्तुर्त दावा दस्र्तावेजों के आधार पर और बीमा कंपनी की प्रभिया एवं भदशाभनदे शों के अनु सार ग्राहकों
को दावों का भनष्पक्ष और र्तेजी से भनपटान प्रदान करना।

d) स्वास््य बीमा दावों और संबभं धर्त सेवाओं के भनयंत्रण में कायात्मक भवशेषज्ञर्ता र्तैयार करना।

e) समय पर और उभिर्त र्तरीके से ग्राहकों को जवाब दे ना।

f) एक ऐसा वार्तावरण र्तैयार करना जहां एक उभिर्त लागर्त पर गुणविापूणव स्वास््य सेवा का उपयोग
करने में सक्षम होने के भलए एक बीभमर्त व्यभि के बाजार के उद्देश्य को हाभसल भकया जार्ता है और

g) रुग्णर्ता, लागर्तों, प्रभियाओं, ठहरने के समय आभद से संबंभधर्त प्रासंभगक डे टा र्तैयार/एकत्र करने में
सहायर्ता करना।

248
4. बीमा कंपनी और टीपीए के बीि संबध

कई बीमा कंपभनयां स्वास््य बीमा पॉभलभसयों की भबिी के बाद की सेवा के भलए टीपीए की सेवाओं का उपयोग
करर्ती हैं जबभक कुछ बीमा कंपभनयां, भवशेष रूप से जीवन बीमा क्षेत्र की कंपभनयां िी पॉभलसी से पूवव भिभकत्सा
जांि सेवा की व्यवस्था करने के भलए एक टीपीए की सहायर्ता लेर्ती हैं ।

एक बीमा कंपनी और टीपीए के बीि अनु बंधात्मक संबध


ं होर्ता है जहां कई प्रकार की आवश्यकर्ताएं और प्रभिया
के िरण अनु बध
ं में भनभहर्त होर्ते हैं । आईआरडीएआई स्वास््य बीमा मानकीकरण भदशाभनदे श में अब टीपीए और
बीमा कंपनी के बीि अनु बध
ं के भलए भदशाभनदे श भनधाभरर्त भकए गए हैं और भनर्थदष्ट मानक क्लॉजों का एक सेट
प्रदान भकया गया है।

एक बीमा कंपनी टीपीए से भनम्पनभलभिर्त सेवाओं की अपेक्षा करर्ती है:

i. प्रदार्ता नेटवभकिंग सेवाएं

टीपीए से दे श िर के अस्पर्तालों के एक नेटवकव के साथ संबंध बनाने की अपेक्षा की जार्ती है भजसका उद्देश्य
बीभमर्त व्यभियों को स्वास््य संबंधी दावों के भलए कैशलेस दावा िुगर्तान उपलब्ध कराना है। आईआरडीएआई
के नए भदशाभनदे शों के अनुसार यह संबध
ं बीमा कंपनी को साथ लेकर भत्रकोणीय होना आवश्यक है , भसफव
टीपीए और प्रदार्ता के बीि नहीं।

वे अस्पर्ताल में िर्ती होने की भवभिन्न प्रभियाओं और पैकेजों के भलए इस र्तरह के नेटवकव अस्पर्तालों से बेहर्तर
अनु सूभिर्त दरों पर स़ौदे बाजी करर्ते हैं भजसमें बीमाधारक और बीमा कंपनी की लागर्तों को कम करने की और
संकुल के भलए अछछा अनुसूभिर्त दरों बार्तिीर्त।

ii. कॉल सेंटर की सेवाएं

टीपीए से आम र्त़ौर पर रार्तों को, सप्र्ताहांर्त में और छु भट्टयों के द़ौरान हर समय पहु ं ि योग्य टोल फ्री नंबर यानी
24 * 7 * 365 पर एक कॉल सेंटर सेवा प्रदान करने की अपेक्षा की जार्ती है। टीपीए का कॉल सेंटर
भनम्पनभलभिर्त से संबंभधर्त जानकारी प्रदान करे गा:

a) पॉभलसी के र्तहर्त उपलब्ध कवरे ज और लाि

b) स्वास््य दावों से संबंभधर्त प्रभियाएं और कायवप्रणाली

c) सेवाओं और कैशलेस अस्पर्ताल में िर्ती होने से संबभं धर्त मागवदशवन

d) नेटवकव अस्पर्तालों के बारे में जानकारी

e) पॉभलसी के र्तहर्त उपलब्ध शेष बीमा राभश की जानकारी

f) दावे की ज्स्थभर्त की जानकारी

g) दावों के मामले में अनु पलब्ध दस्र्तावेजों के बारे में सलाह

249
कॉल सेंटर एक राष्ट्ीय टोल फ्री नंबर से पहु ं ि योग्य होना िाभहए और ग्राहक सेवा के कमविाभरयों को आम र्त़ौर
पर ग्राहकों द्वारा बोली जाने वाली प्रमुि िाषाओं में संवाद करने में सक्षम होना िाभहए। ये भववरण भनस्संदेह
बीमा कंपभनयों और उनके टीपीए के बीि अनु बध
ं द्वारा भनयंभत्रर्त होर्ते हैं ।

iii. कैशलेस उपयोग की सेवाएं

पभरिाषा

"कैशलेस सुभवधा" का मर्तलब है बीमा कंपनी द्वारा बीमाधारक को प्रदान की गयी ऐसी सुभवधा जहां पॉभलसी के
भनयमों और शर्तों के अनुसार बीमाधारक द्वारा कराए गए उपिार की लागर्तों का िुगर्तान बीमा कंपनी द्वारा
पहले से मंजूर प्राभधकार की सीमा र्तक सीधे नेटवकव प्रदार्ता को भकया जार्ता है।

यह सेवा प्रदान करने के भलए, अनु बंध के र्तहर्त बीमा कंपनी की आवश्यकर्ताएं इस प्रकार हैं :

a) पॉभलसी से संबभं धर्त सारी जानकारी टीपीए के पास उपलब्ध होनी िाभहए। इसे टीपीए को उपलब्ध
कराना बीमा कंपनी का कर्तवव्य है।

b) पॉभलसी में शाभमल भकया गया सदस्यों का डे टा भकसी िी र्तुभट या कमी के भबना उपलब्ध और सुलि
होना िाभहए।

c) बीभमर्त व्यभियों को एक ऐसा पहिान पत्र साथ रिना िाभहए जो उनको पॉभलसी और टीपीए से
जोडर्ता है। यह पहिान काडव एक सहमर्त प्रारूप में टीटीए द्वारा जारी भकया गया होना िाभहए, इसे
एक उभिर्त समय के िीर्तर सदस्य के पास पहु ं ि जाना िाभहए और संपूणव पॉभलसी अवभध के द़ौरान
मान्य होना िाभहए।

d) टीपीए को कैशलेस सुभवधा का अनुरोध करने के भलए उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर
अस्पर्ताल को एक पूवव-प्राभधकार या गारंटी पत्र जारी करना िाभहए।वह बीमारी की प्रकृभर्त, प्रस्र्ताभवर्त
उपिार और शाभमल लागर्त को समझने के भलए अभधक जानकारी की मांग कर सकर्ता है।

e) जहां जानकारी स्पष्ट नहीं है या उपलब्ध नहीं है , टीपीए यह स्पष्ट करर्ते हु ए कैशलेस सुभवधा को
अस्वीकार कर सकर्ता है भक कैशलेस सुभवधा से इनकार करने को उपिार से इनकार नहीं समझा
जाना िाभहए।सदस्य बाद में िुगर्तान करने और एक दावा दायर करने के इए स्वर्तंत्र है भजस पर
इसकी योग्यर्ता के आधार पर भविार भकया जाएगा।

f) आपार्तकालीन मामलों में, अस्पर्ताल में िर्ती होने के 24 घंटे के िीर्तर सूिना दी जानी िाभहए और
कैशलेस सुभवधा के भनणवय के बारे में बर्ताया जाना िाभहए।

iv. ग्राहक संबध


ं और संपकव प्रबंधन

टीपीए को एक ऐसी प्रणाली उपलब्ध कराने की जरूरर्त है भजसके द्वारा ग्राहक अपनी भशकायर्तें प्रस्र्तुर्त कर
सकर्ते हैं । यह स्वास््य बीमा दावों को जांि और सत्यापन के दायरे में लाने के भलए सामान्य है। यह िी ध्यान
भदया जाना िाभहए भक स्वास््य बीमा दावों के एक छोटे से प्रभर्तशर्त को इनकार भकया जार्ता है जो पॉभलसी के
भनयमों और शर्तों के दायरे से बाहर होर्ते हैं ।

250
इसके अलावा, लगिग सिी स्वास््य बीमा दावों में दावे की कुछ राभश पर कट़ौर्ती की संिावना रहर्ती है। इस
र्तरह की कट़ौभर्तयां ग्राहक की असंर्तुज्ष्ट का कारण बनर्ती हैं , ख़ास र्त़ौर पर जहां कट़ौर्ती या इनकार का कारण
ग्राहक को सही र्तरीके से स्पष्ट नहीं भकया गया है।

यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए भक इस र्तरह की भशकायर्तों का जलद से जलद समाधान भकया जार्ता है, बीमा
कंपनी द्वारा टीपीए के पास एक प्रिावशाली भशकायर्त भनवारण प्रबंधन रिने की आवश्यकर्ता होर्ती है।

v. भबललग संबध
ं ी सेवाएं

भबललग सेवा के अंर्तगवर्त बीमा कंपनी टीपीए से र्तीन कायव करने की अपेक्षा करर्ती है:

a) मानकीकृर्त भबललग पैटनव जो भवभिन्न मदों के अंर्तगवर्त कवरे ज के उपयोग का भवश्लेषण करने और मूलय
र्तय करने में बीमा कंपनी की मदद कर सकर्ता है।

b) यह पुज्ष्ट भक वसूल की गयी राभश वास्र्तव में बीमारी के भलए आवश्यक उपिार के भलए प्रासंभगक है।

c) भनदान (डायग्नोभसस) और प्रभिया के कोड प्राप्र्त भकए जार्ते हैं र्ताभक राष्ट्ीय या अंर्तरराष्ट्ीय मानकों
के अनु सार सिी टीपीए िर में डे टा का मानकीकरण संिव हो सके।

इसके भलए टीपीए में प्रभशभक्षर्त और कुशल कायवबल की आवश्यकर्ता होर्ती है जो प्राप्र्त भबललग डे टा की कोलडग,
टै भरफ की पुज्ष्ट और भबललग डे टा का मानकीकरण करने में सक्षम हैं ।

vi. दावे पर कारववाई करने और िुगर्तान संबध


ं ी सेवाएं

यह टीपीए द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सबसे महत्वपूणव सेवा है। दावे पर कारववाई करने के भलए टीपीए
द्वारा बीमा कंपनी को प्रदान की जाने वाली सेवाएं आम र्त़ौर पर शुरू से अंर्त र्तक की सेवा होर्ती है जो सूिना
दजव करने से लेकर इस पर कारवाई करने और भफर मंजूरी र्तथा िुगर्तान की भसफाभरश करने र्तक िलर्ती है।

दावों का िुगर्तान बीमा कंपनी से प्राप्र्त धनराभश के माध्यम से भकया जार्ता है। धनराभश अभग्रम राभश के रूप में
टीपीए द्वारा प्रदान की जा सकर्ती है या इसका भनपटान बीमा कंपनी द्वारा सीधे अपने बैंक के माध्यम से ग्राहक
को या अस्पर्ताल को भकया जा सकर्ता है।

टीपीए से पैसों का भहसाब-भकर्ताब रिने और बीमा कंपनी से प्राप्र्त धनराभशयों का समय-समय पर समाधान
उपलब्ध कराने की अपेक्षा की जार्ती है। पैसों का इस्र्ते माल मंजूर दावों के िुगर्तान को छोडकर भकसी िी अन्य
उद्देश्य के भलए नहीं भकया जा सकर्ता है।

vii. प्रबंधन सूिना सेवाएं

िूंभक टीपीए दावे की कारववाई पूरी करर्ता है, दावों से संबभं धर्त सिी जानकारी व्यभिगर्त रूप से या सामूभहक
रूप से टीपीए के पास उपलब्ध होर्ती है। बीमा कंपनी को भवभिन्न प्रयोजनों के भलए डे टा की आवश्यकर्ता होर्ती है
और टीपीए द्वारा इस र्तरह का डे टा सही र्तरीके से और सही समय पर प्रदान भकया जाना िाभहए।

251
इस प्रकार एक टीपीए की सेवाओं के दायरे को बीमा कंपभनयों द्वारा जारी की गयी स्वास््य बीमा पॉभलभसयों के
शुरू से अंर्त र्तक प्रदान की जाने वाली सेवा कहा जा सकर्ता है, जो भवशेष बीमा कंपनी की आवश्यकर्ताओं और
उसके साथ समझ़ौर्ता ज्ञापन के आधार पर कुछ गभर्तभवभधयों र्तक सीभमर्त हो सकर्ता है।

viii. टीपीए का पाभरश्रभमक

इन सेवाओं के भलए टीपीए को भनम्पनभलभिर्त में से भकसी एक आधार पर शुलक िुगर्तान भकया जार्ता है:

a) ग्राहक से प्रीभमयम के एक प्रभर्तशर्त का शुलक भलया जार्ता है (सेवा कर को छोडकर),

b) एक भनधाभरर्त समय अवभध के भलए टीपीए द्वारा सेभवर्त प्रत्येक सदस्य के भलए एक भनज्श्िर्त राभश, या

c) टीपीए द्वारा प्रदान की सेवा के प्रत्येक लेनदे न के भलए एक भनज्श्िर्त राभश - जैसे प्रभर्त सदस्य जारी
भकए गए काडव की लागर्त, प्रभर्त दावा आभद

इस प्रकार टीपीए की सेवाओं के माध्यम से बीमा कंपभनयां भनम्पनभलभिर्त के भलए पहु ंि प्राप्र्त करर्ती हैं :

i. कैशलेस सेवाएं
ii. डे टा संकलन और भवश्लेषण
iii. ग्राहकों के भलए एक 24 घंटे कॉल सेंटर और सहायर्ता
iv. अस्पर्तालों और अन्य भिभकत्सा सुभवधाओं का नेटवकव
v. प्रमुि समूह के ग्राहकों के भलए सहायर्ता
vi. ग्राहक के साथ दावों पर बार्तिीर्त की सुभवधा
vii. अस्पर्तालों के साथ टै भरफ और प्रभिया के मूलयों पर बार्तिीर्त
viii. ग्राहक सेवा को सरल बनाने के भलए र्तकनीक समर्थथर्त सेवाएं
ix. संभदग्ध मामलों की जांि और सत्यापन
x. सिी कंपभनयों में दावा पैटनव का भवश्लेषण और लागर्तों के बारे में महत्वपूणव जानकारी की व्यवस्था,
उपिार के नए र्तरीके, उिरर्ते रुझान और धोिाधडी भनयंत्रण
xi. सेवाओं की पहु ं ि का र्तेजी से भवस्र्तार

F. दावा प्रबंधन - व्यभिगर्त दु घवटना

1. व्यभिगर्त दु घवटना

पभरिाषा

व्यभिगर्त दु घवटना एक सुभवधा पॉभलसी है जो दु घवटना से हु ई मृत्यु, दु घवटना से हु ई अयोग्यर्ता


(स्थायी/अस्थायी), स्थाई कुल अयोग्यर्ता को कवर करर्ती है साथ ही उत्पाद भवशेष के आधार पर यह एड ऑन
कवर के रुप में भिभकत्सा ििव, दाह संस्कार के ििव, शैक्षभणक ििों आभद को िी कवर करर्ती है।

इस पॉभलसी के अन्र्तगवर्त कवर आपदा "दु घट


व ना" होर्ती है।

252
पभरिाषा

दु घवटना को भकसी िी अिानक, अकज्स्मक, गैर-इरादर्तन, बाहरी, आिामक र्तथा दृश्य साधनों से होने वाली
घटना के रूप में पभरिाभषर्त भकया गया है।

दावा प्रबंधक को दावे की सूिना प्राप्र्त होने पर भनम्पन की जांि करनी िाभहए:

a) पॉभलसी भजसके सम्पबंध में दावा भकया गया है पॉभलसी के अन्र्तवगर्त कवर है
b) पॉभलसी हाभन की र्तारीि का वैध है र्तथा प्रीभमयम प्राप्र्त हु आ है
c) हाभन पॉभलसी अवभध के अन्र्तगवर्त है
d) हाभन दु घवटना से हु ई है न भक बीमारी से
e) भकसी धोिाधडी की आशंका होने पर भकसी इन्वेसभटगेटरसे जांि कराएं
f) दावे को पंजीकृर्त करे और उसके भलए प्रावधान करे
g) समय सीमा र्तय करें (दावा सेवा समय) र्तथा दावे से जुडा जान कायव ग्राहक को दे

2. दावों की जांि

यभद दावे की सूिना में या दावा दस्र्तावेज प्राप्र्त होने पर कोई धोिाधडी की आशंका हो र्तो उसे जांि के भलए
भकसी प्रोफेशनल इन्वेसभटगेटर को सौंप दें ।

उदाहरण

व्यभिगर्त दु घवटना दावों में रे ड अलटव के उदाहरण भजनका अथव धोिा या गलर्त दावा होना नही है (आगे की
जांि पडर्ताल के प्रयोजन से, लेभकन यह धोिाधडी के सकारात्मक संकेर्त या दावे के धोिाधडी पूणव होने को
नहीं दशार्ता है):

 क्लोज़ प्रॉकभसभमटी दावे (दावा जो बीमा प्रारंि होर्ते ही हो गाया हो)


 लंबी अवभध की अयोग्यर्ता के भलए उछि साप्र्ताभहक लाि राभश
 दावा दस्र्तावेजों में असमानर्ता
 एक ही बीमाधारक द्वारा कई दावे
 अलकोहल का संकेर्त
 आत्महत्या की आशंका
 दे र रार्त की सडक पर हु ई दु घवटना जब गाडी बीमाधारक द्वारा िाइव की जा रही हो
 सांप काटना
 डू ब जाना
 ऊंिाई से भगरना
 बीमारी की आशंका वाले मामले
 जहर िाना
 हत्या
 गोली लगने से हु आ जख्म

253
 शीर्तदं श
 नरहत्या

जांि का मुख्य उद्देश्य होर्ता हैं :

a) हाभन के कारण की जांि

b) हाभन की प्रकृभर्त और भवस्र्तार का पर्ता लगाना

c) सबूर्त और जानकारी इकट्ठा करना

d) यह पर्ता लगाना भक इसमें कोई धोिाधडी की गई है या दावे की राभश को बढ़ाया गया हैं

कृपया ध्यान दें : जांि का उद्देश्य मामले के र्त्यों का पर्ता लगाना र्तथा आवश्यक सबूर्त इकट्ठा करना है।

यह महत्वपूणव होर्ता है भक दावा परीक्षक इनवेज्स्टगेट को इस बारे में सलाह दे है।

उदाहरण

केस मागवभनदे श का उदाहरण:

सडक यार्तायार्त दु घवटना

i. दु घवटना कब घटी - सही समय, र्तथा र्ताभरि स्थान और समय

ii. क्या बीमाधारक पैदल िल रहा था ? यात्री / सह यात्री के रूप में था या दु घवटना में शाभमल वाहन को
िला रहा था?

iii. दु घवटना का भववरण, यह कैसे हु ई?

iv. क्या बीमाधारक दु घवटना के समय अलकोहल के प्रिाव में था?

v. मृत्यु के मामले में, मृत्यु की सही समय और र्तारीि क्या थी, मृत्यु के पहले भकया गया इलाज, भकस
अस्पर्ताल में आभद?

दु घवटना का संिाव्य कारण:

वाहन के िाइवर की भकसी बीमारी (भदल का द़ौरा, ह्रदय की गभर्त रुकने) अलकोहल के प्रिाव, सडक की बूरी
ज्स्थभर्त, म़ौसम की ज्स्थभर्त, वाहन गभर्त के कारण बीमाधारक के या उसके सामने के वाहन की यांभत्रक गडबडी
(स्टीयलरग, ब्ेक आभद का फेल होना )

व्यभिगर्त दु घवटना दावों में संिाव्य धोिाधडी के कुछ उदाहरण :

i. टी टी डी अवभध को जानबूझ कर बढ़ाया प्रर्तीर्त होना

ii. रुगणर्ता को दु घवटना बर्ताना जैसे, रोगत्मक कारणों से कमर के ददव को पी ए दावे पे बदल कर घर में
भगरना /ज्स्लप करना बर्ताना।

254
iii. दस्र्तावेजों में हे र फेर करके पहले से म़ौजूद दु घवटना को नया बर्ताना, सामान्य मृत्यु को दु घवटना बर्ताना
या पूवव म़ौजूद रुगणर्ता को दु घवटना के बाद मृत्यु बर्ताना।

iv. आत्महत्या के मामलों को दु घवटनात्मक मृत्यु बर्ताना

भडस्िाजव वाउिर व्यभिगर्त दु घवटना दावो, िास कर मृत्यु दावो में एक महत्वपूणव दस्र्तावेज होर्ता है। प्रस्र्ताव के
समय ही नाभमर्ती का भववरण प्राप्र्त करना महत्वपूणव होर्ता है जो पॉभलसी का िाग होना िाभहए।

3. दावा दस्र्तावेज

र्ताभलका 2.3

मृत्यु दावा a) दावेदार के नाभमर्ती/पभरवार के भकसी सदस्य द्वारा हस्र्ताक्षभरर्त


भवभधवर्त िरा हु आ व्यभिगर्त दु घवटना दावा प्रपत्र
b) मूलमा साख्यांभकर्त प्रभर्त एफ आई आर की (साख्यांभकर्त प्रभर्त रुप
एफ आई आर / पंिनामा/ र्तहकीकार्त पंिनामा)
c) मृत्यु प्रमाण पत्र की मूल या साख्यांभकर्त प्रभर्त
d) पोस्ट माटव म भरपोटव की साख्यांभकर्त प्रभर्त, यभद हु आ हो
e) नाम की जांि के भलए एएमएल दस्र्तावेज (एंटी मनी लॉल्न्िग)
(पासपोटव / पैन काडव / वोटर आई डी / िाइलवग लाइसेंस),पत्र
की जांि के भलए (टे लीफोन भबल / बैंक अकाउं ट भववरण/ भबजली
भबल / राशन काडव )।
f) सिी कानूनी वाभरसों द्वारा हस्र्ताक्षभरर्त और नोटरी भकया हु आ,
हलफनामा, और व्यभिपूर्ती बााँड के साथ कानूनी वाभरस प्रमाण पत्र
स्थायी कुल अयोग्यर्ता और a) दावेदार डाव भवभद्यवर्त हस्र्ताक्षभरर्त व्यभिगर्त दु घवटना दावा प्रपत्र
अस्थायी अयोग्यर्ता दावा b) एफ आई आर की साख्यांभकर्त भरपोटव यभद लागू हो
c) बीमाधारक की अयोग्यर्ता को प्रिाभवर्त करने वाला भसभवल सजवन
था समकक्ष योग्य डॉक्टर से अयोग्यर्ता प्रमाण पत्र
अस्थाई कुल अयोग्यर्ता a) इलाज करने वाले डााँक्टर से अयोग्यर्ता और अयोग्यर्ता अवभध को
दावा दशाने वाला भिभकर्तसा प्रमाण पत्र, भनयोजक से प्राप्र्त छु ट्टी का
प्रमाण पत्र जो भनयोजक द्वारा भवभधवर्त हस्र्ताक्षभरर्त हो

उपरोि सूिी केवल भनदे शों में स अभर्तभरि दस्र्तावेज (जोिीम के भनशान के फोटोग्राफ दु घवटना स्कल के
फोटोग्राफ) आभद िी मांगे जा सकर्ते है िास कर धोिाधडी की आरंि होने पर जांि कराई जानी िाभहए।

स्व-परीक्षण 4

भनम्पन में से भकस दस्र्तावेज की जरुरर्त स्थाई कुल अयोग्यर्ता दावो के भलए नही होर्ती है।

I. दावेदार द्वारा हस्र्ताक्षभरर्त भवभधवर्त िव हु आ व्यभिगर्त दु घवटना दावा प्राप्र्त

255
II. एफ आई आर की साख्यांभकर्त प्रभर्त, यभद लागु हो
III. बीमाधारक की अयोग्यर्ता को प्रमाभणर्त योग्य डाक्टर द्वारा भदया गया स्थाई अयोग्यर्ता प्रमाण प्रत्र
IV. इलाज करने वाले डाक्टर द्वारा भदया गया भफटनेस प्रमाण पत्र भक बीमाधारक सामान्य कायव के भलए भफट
है

G. दावा प्रबंधन : भवदे श यात्रा बीमा

1. भवदे श यात्रा बीमा पॉभलसी

यद्यभप की भवदे श यात्रा बीमा पॉभलसी के गैर भिभकत्सा सुभवधाओं को कवर करने वाले कर ख़ड है, इसका
बीमालेिन और दावा प्रबंधन परंपरागर्त रुप से स्वास्थ बीमा पोटव पोभलयो के अन्र्तवगर्त ही होर्ता है, क्यों भक
भिभकत्सा एवं रग्णर्ता सुभवधा इस पॉभलसी के अन्र्तवगर्त मुख्य कवर हैं ।

पॉभलसी के अन्र्तवगर्त कवर को मोटे र्त़ौर पर भनम्पन िंडों में भविाभजर्त भकया जा सकर्ता है। एक भवभिष्ट उत्पाद
नीिे दी गई सुभवधाओं में से कुछ था सिी को कवर कर सकर्ता है।

a) भिभकत्सा एवं रुग्णर्ता िंड

b) दे श प्रत्यावर्तवन और पभरत्याग

c) व्यभिगर्त दु घवटना कवर

d) व्याभिगर्त दे यर्ता

e) अन्य गैर भिभकत्सा कवर

i. भट्प का रद्द होना


ii. भट्प में भवलम्पब
iii. भट्प में व्यवद्यान
iv. भमस्ड कनेक्शन
v. िेक्ड बैगेज भवलम्पब
vi. िेक्ड बैगेज की हाभन
vii. पासपोटव की हाभन
viii. आकज्स्मक कैश एडवांस
ix. बेल बॉन्ड बीमा
x. हाई जैक यत्रा
xi. हाई जैक कवर
xii. स्पॉन्सर प्रोटे क्शन
xiii. अनु ग्रह भवभजट
xiv. अध्ययन में अवरोध
xv. घर में सेंधमारी

256
जैसा भक नाम बर्तलार्ता है यह पॉभलसी भवदे श यात्रा करने वालो के भलए नही है, स्विाभवक है भक हीभन िारर्त के
बाहर होगी र्तथा दावे सर्थवस की जरुरर्त होगी, भवदे श यात्रा बीमा दावा के मामले में दावा सर्थवलसग के भलए क
र्तृभर्तय पक्ष सेवा प्रदार्ता की जरुरर्त होगी भजस के पास भवश्व स्र्तर पर आवश्यक सहयोग और सहायर्ता प्रदान
करने का नेटवकव हो।

दावा सेवा में भनम्पन शाभमल होर्ता है :

a) 24*7 आिार पर दार्े को दजा करना


b) दार्ा र्प्पत्र और र्प्कक्रय को भजना
c) ग्राहको को हातन के तुरांत बाद ले जाने र्ालो स्टे प की जानकार दे ना।
d) धचककत्सा और रुग्णता दार्ों के सलए ‘कैश लेस’ करर्ाना।
e) दे श र्प्त्यार्तान और पररत्याग, आकस्स्मक कैश की व्यर्स्था करना

2. सहायर्ता कंपभनयां – भवदे शी दावों में उनकी िूभमका

यहायर्ता कंपभनयों के पास अपना कायालय होर्ता है र्तथा ऐसे ही प्रदार्ताओं से पुरे भवश्व में उनका टाइ आप होर्ता
है। ये सहायर्ता कंपभनयां पॉभलभस के अन्र्तवगर्त कवर आकज्स्मकर्ताओं के मामले में बीमा कंपभनयों के ग्राहको को
सहायर्ता प्रदान करर्ती हैं।

ये कंपभनयां 24*7 िलने वाले कॉल सेंटर िलार्ती है इनके पास अन्र्तवराष्ट्ीय टॉल फ्री नंबर िी होर्ता है भजनके
सहारे दावो का पंजीकरण /जानकारी प्राप्र्त की जार्ती है। ये कंपभनयां भनम्पन सेवाएं प्रदान करर्ती हैं भजनके भलए
वे कंपनी भवशेष से हु ए अपन करार के अनु सार िाजव करर्ती है।

a) भिभकत्सा सहायर्ता

i. भिभकत्सा सेवा प्रदार्ता रे फरलस


ii. अस्पर्ताल में एडभमशन की व्यवस्था
iii. आकज्स्मक भिभकत्सा सहायर्ता
iv. आकज्स्मक भिभकत्सा दे श प्रत्यावर्तवन
v. मृर्तशरीर का दे श प्रत्यावर्तव
vi. अनु ग्रह भवभजट व्यवस्था
vii. छोटे बछिो को सहायर्ता दे ना

b) असपर्ताल में रहने के द़ौरान भिभकत्सा मामलो पर ध्यान रिना

c) जरुरी दवाओ का भवर्तरण

d) पॉभलसी की भनयम और शर्तों र्तथा बीमा कंपभनयो से अनुमोदन के अधीन अस्पर्ताल में रहने के द़ौरान
उपगर्त भिभकत्सा ििों की गारंटी

e) पूवव भट्प सूिना सेवा और अन्य सेवा

i. भवज़ा और टीका सम्पबंधी जरुरर्ते


ii. दू र्तावास रे फरल सेवाएं

257
iii. गुम हु ए पासपोटव और गुम हु ए सामान संबंधी सेवाएं
iv. आकज्स्मक संदेश प्रसारण सेवा
v. बेल बॉन्ड करार
vi. भविीय आकज्स्मकर्ता सहायर्ता

f) दु िाभषया रे फरल

g) कानूनी रे फरल

h) अभधविा से िेंट

3. कैशलेस भिभकत्सा मामलों में दावा प्रबंधन

कैशलेस भिभकत्सा मामलो, प्रभर्तपूर्थर्त भिभकत्सा मामलो र्तथा गैर भिभकत्सा मामलों में दावा प्रबंधन का दृज्ष्टकोण
अलग अलग होर्ता है। पुनः कैशलेस भिभकत्सा दावा प्रबंधन अन्य दे शो की र्तुलना में, अनेभरका में भबलकुल होर्ता
है। अब हम िमवार इसका अध्ययन करें गे

a) दावा की अभधसूिना

जैसे ही हाभन होर्ती है, रोगी अस्पर्ताल में एडभमशन लेर्ता है और एडभमशन काउं टर पर बीमा के कागजार्त
को भदिार्ता है। सहायर्ता कंपनी को इस नए मामले के बारे में अस्पर्ताल और / या रोगी या भरश्र्ते दार / भमत्र
से जानकारी प्राप्र्त होर्ती है, भफर दावेदार को दावा प्रभिया के बारे में बर्ताया जार्ता है।

b) केस प्रबंधन िम

यह कंपनी दर कंपनी अलग अलग होर्ता हैं परन्र्तु सामान्य िम नीिे भदया जा रहा है

i. सहायर्ता कंपनी का केस प्रबंधक सुभवधाओं, बीभमर्त राभश, पॉभलसी अवभध, पॉभलसी अवभध, पॉभलसी
धारक के नाम आभद की जांि करर्ता है।

ii. केस प्रबंधक अस्पर्ताल से सम्पपकव करके रोगी की ज्स्थभर्त, भबल, र्तथा लागर्त के अनु मान के अलावा
भिभकत्सा संबध
ं ी अद्यर्तन जानकारी िी प्राप्र्त करर्ता है। सहायर्ता कंपनी को संबभं धर्त अद्यर्तन जानकारी
प्राप्र्त होर्ती है भजसे वह बीमाकर्ता को िेंज दे र्ता है।

iii. दावे की स्वीकायवर्ता का भनधारण होर्ता है र्तथा बीमा कंपनी से अनु मोदन के अधीन िुगर्तान की गारंटी
अस्पर्ताल की प्रस्र्तुर्त कर दी जार्ती है।

iv. ऐसी ज्स्थभर्त िी हो सकर्ती है भक िारर्त ( बीमाधारक के स्थान) और/या हाभन के स्थान पर जांि जरुरी
होर्ती है। जांि की प्रभिया िी व्यभिगर्त दु घवटना दावा िंड के समान ही होर्ती है। सहायर्ता कंपनी या
बीमा कंपनी के प्रत्यन्न संपकव से इन्वेज्स्टगेटर का िुनाव होर्ता है।

v. सहायर्ता कंपनी का केस प्रबंधक दै भनक आधार पर मामले को दे िर्ता है र्तथा बीमाकर्ता को सिी
मामलों में अद्यर्तन जानकारी दे र्ता है र्ताभक भनयभमर्त इलाज के भलए अनु मोश्न प्राप्र्त भकया जा सके।

258
vi. रोगी के भडस्िाजव भकए जाने पर केस प्रबंधन अस्पर्ताल के साथ बार्त िीर्त करके अंभर्तम भबल की राभश
र्तय करर्ता है।

vii. सहायर्ता कंपनी यह सुभनज्श्िर्त करर्ती है भक भबल की सही र्तरीके से जांि कर ली जाए । भकसी िी
र्तरह की र्तुभट पाए जाने पर वह अस्पर्ताल के भबल भविाग की जानकारी में सुधार के भलए लाया जार्ता
है।

viii. भफर अंभर्तम भबल, प्रदार्ता और सहायर्ता कंपनी या सहायक भरप्राइलजग एजेंट के बीि सहयर्ता मूलय
पर र्तैयार कर भलया जार्ता है। अस्पर्ताल को भजर्तनी जलदी िुगर्तान का आश्वासन भमलर्ता है, उर्तनी ही
संिावना बहे र्तर छूट की होर्ती है।

अमे भरका के हे लथ केयर का एक भवभशष्ट लक्षण है मूलय का पुनः भनधारण, जो गैर अमरीकी मामलो में नही
लागू होर्ता। यह अमेभरका में कैशलेस मे भडकल केस और गैर अमरीकी मामलो में बडा अंर्तर होर्ता है।

c) दावा प्रभिया िम

i. दावा आंकलन पुनः मूलयांभकर्त /मूल भबल के प्राप्र्त होर्ते ही उसकी जांि करर्ता है और यह सुभनज्श्िर्त
करर्ता है भक कवरे ज, सेवा र्तथा इलाज की र्तारीि के समय सही था। सहायर्ता कंपनी को प्राप्र्त होने
वाले भबल का यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए जांि की जार्ती है भक भकया गाया िाजव इलाज के अनु सार
है। छूट को पुनः सुभनज्श्िर्त भकया जार्ता है और भबल को प्रोसेस भकया जार्ता है।

ii. भबल को पुनः मूलयांभकर्त सूिना पत्र र्तथा सुभवधा के स्पष्टीकरण के साथ बीमाकर्ता को िुगर्तान के भलए
िेजा जार्ता है।

iii. बीमा कंपनी भबल के प्राप्र्त होर्ते ही र्तुरंर्त सहायर्ता कंपनी को िुगर्तान के भलए प्राभधकृर्त कर दे र्ती है।

d) िुगर्तान प्रभिया िम

i. सहायर्ता कंपनी बीमाकर्ता से स्थानीय कायालय के माध्यम से अस्पर्ताल को िुगर्तान की स्वीकृभर्त प्राप्र्त
करर्ती है।

ii. भविीय भविाग िुगर्तान कर दे र्ता है।

e) अस्पर्ताल में िर्ती होने की प्रभिया

i. बाहर के दे शों में, िास कर अमे भरका और यू एस में यह प्रभिया िारर्त के अस्पर्तालो से भबलकुल भिन्न
है। क्योंभक वहां की अभधकांश आबादी के पास या र्तो भनजी बीमा कंपभनयों से या सरकारी योजनाओं के
माध्याम से यूभनवसवल हे लथ कवरे ज होर्ता है। अभधकांश अस्पर्ताल, बीमाधारक द्वारा वैध स्वास्थ या
भवदे श यात्रा पॉभलसी प्रादन भकए जाने पर सिी अन्र्तवराष्ट्ीय बीमा कंपभनयों से िुगर्तान की गारंटी को
स्वीकार करर्ते हैं ।

अभधकांश दे शों में बीमा कवरे ज या नकद जमा की पुज्ष्ट के आिाव में इलाज में भवलम्पब नही भकया जार्ता।

अस्पर्ताल र्तुरंर्त इलाज प्रारंि कर दे र्ते हैं । यभद बीमा कवर हैं र्तो िुगर्तान बीमा पॉभलसी करे गी या रोगी को
िुगर्तान करना होगा। अस्पर्ताल िाजव को इस भलए बढ़ार्ते हैं क्यों भक िुगर्तान में भवलम्पब होर्ता है।

259
यभद िुगर्तान र्तुरंर्त होर्ता है र्तो अस्पर्ताल र्तुरंर्त िुगर्तान पर काफी छूट दे र्ते है। भरप्राइलसग एजेंसी, भबलो के
शीघ्र िुगर्तान हे र्तु अस्पर्तालों से बार्त िीर्त करर्ती है।

ii. नेटवकव अस्पर्ताल और प्रभिया के सम्पबंध में जानकारी बीमाधारक की, सहायर्ता कंपभनयों द्वारा टॉल
फ्री नं. पर उपलब्ध करा दी जार्ती है।

iii. अस्पर्ताल में िर्ती होने की ज्स्थभर्त में बीमाधारक इसकी सूिना कॉल सेंटर को दे नी होर्ती है, र्तथा वैध
यात्रा बीमा पॉभलसी के साथ भवभनर्थदष्ट अस्पर्ताल जाना होर्ता है।

iv. अस्पर्ताल आम र्त़ौर पर सहायर्ता कंपभनयों / बीमा कर्ताओं को पॉभलसी की वैद्यर्ता र्तथा कवरे ज की
जांि के भलए कॉल सेंटर को फोन करर्ते है।

v. अस्पर्ताल द्वारा पॉभलसी को स्वीकार करर्ते ही बीमाधारक का अस्पर्ताल में इलाज कैशलेस आधार पर
प्रारंि हो जार्ता है ।

vi. स्वीकायवर्ता को भनधाभरर्त करने के भलए बीमाकर्ता / सहायर्ता प्रदार्ता को कुछ मूल जानकारी की
जरुरर्त होर्ती है

1. बीमारी का भववरण

2. भकसी पूवव इभर्तहास के मामले में िारर्त के अस्पर्ताल, स्थानीय भिभकत्सा अभधकारी का भववरण :

 पूवव इभर्तहास, वर्तवमान इलाज र्तक, अस्पर्ताल की आगे की योजना र्तथा भनम्पन को शीघ्र िजने
का अनुरोध।
 पासपोटव की प्रभर्त
 भिभकत्सा सूिना प्रपत्र

f) भिभकत्सा ििों र्तथा अन्य गैर भिभकत्सा दावों की प्रभर्तपूर्थर्त

प्रभर्तपूर्थर्त दावे आम र्त़ौर पर बीमाधारक द्वारा िारर्त वापस आने पर फाइल भकए जार्ते है। दावा कागजार्तों के
प्राप्र्त होने पर उन्हें सामान्य प्रभिया के अन्र्तवगर्त प्रोसेस भकया जार्ता है। सिी स्वीकायव दावों के भलए िुगर्तान
िारर्तीय रुपयों में भकया जार्ता है जब भक कैशलेस दावों में यह िुगर्तान भवदे शी मुद्रा में होर्ता है।

प्रभर्तपूर्थर्त दावो के प्रोसेलसग करने के िम में िारर्तीय रुपयों में दे यर्ता की मात्रा र्तय करने के भलए हाभन की
र्ताभरि पर मुद्रा पभरवर्तवन दर का लागू भकया जार्ता है। इसके पश्िार्त िूगर्तान िेक या इलेक्ट्ाभनक अंर्तरण
के जभरए भकया जार्ता है।

i. व्यभिगर्त दु घवटना दावो को िी इसी प्रकार प्रोसेस भकया जार्ता है जैसा भक व्यभिगर्त दु घवटना दावा
िंड में बर्ताया गया है।

ii. बेल बॉन्ड मामले र्तथा भविीय आकज्स्मकर्ता वाले मामलों में िुगर्तान सहायर्ता कंपनी द्वारा र्तुरंर्त कर
भदया जार्ता है र्तथा बाद में बीमा कंपनी से इसका दावा भकया जार्ता है

iii. दावों की अस्वीकृभर्त के भलए उसी प्रभिया का उपयोग भकया जार्ता है जो अन्य मामलो में होर्ता है

260
g) भिभकत्सा दु घवटना र्तथा रुगणर्ता ििो के भलए दावा दस्र्तावेज

i. दावा प्रपत्र

ii. डॉक्टर की भरपोटव

iii. मूल एडभमशन / भडस्िाजव काडव

iv. मूल भबलों / रसीदों / भप्रज्स्िप्शन

v. मूल एक्सरे भरपोटव / पैथोलोभजकल / जांि भरपोटव

vi. प्रवेश और भनगवम मुहर के साथ पासपोटव की प्रभर्त

उपयुवि सूिी केवल भनदे शा हैं । मामला भवशेष, दावा भनपटाने की नीभर्त / भवशेष बीमाकर्ता द्वारा अपनाई
जाने वाली प्रभिया के आधार पर अभर्तभरि जानकारी / दस्र्तावेज की मांग की जा सकर्ती है।

स्व जांि 5

____________का िुगर्तान र्तुरंर्त सहायर्ता कंपनी द्वारा कर भदया जार्ता है र्तथा बाद में बीमा कंपनी
से दावा भकया जार्ता है

I. बेल बॉन्ड मामले


II. व्यभिगर्त दु घवटना दावे
III. भवदे श यात्रा बीमा दावे
IV. अस्वीकृर्त दावे

सारांश

a) बीमा एक 'वादा' है और पॉभलसी उस वादे के भलए एक 'गवाह' है। पॉभलसी के र्तहर्त दावे का कारण बनने
वाली बीभमर्त घटना घभटर्त होना उस वादे की असली परीक्षा है।

b) बीमा में महत्वपूणव रे लटग पैरामीटरों में से एक बीमा कंपनी की दावा िुगर्तान करने की क्षमर्ता है।

c) बीमा िरीदने वाले ग्राहक प्राथभमक भहर्तधारक होने के साथ-साथ दावे के प्राप्र्तकर्ता हैं।

d) कैशलेस दावे में एक नेटवकव अस्पर्ताल बीमा कंपनी/टीपीए की पूवव मंजूरी के आधार पर भिभकत्सा सेवाएं
प्रदान करर्ता है और बाद में दावे के भनपटान के भलए दस्र्तावेज प्रस्र्तुर्त करर्ता है।

e) प्रभर्तपूर्थर्त दावे में, ग्राहक अपने स्वयं के संसाधनों से अस्पर्ताल का िुगर्तान करर्ता है और उसके बाद
िुगर्तान के भलए बीमा कंपनी/टीपीए के पास दावा दायर करर्ता है।

f) दावे की सूिना ग्राहक और दावा टीम के बीि संपकव का पहला दृष्टांर्त है।

261
g) अगर भकसी बीमा दावे के मामले में बीमा कंपनी द्वारा धोिाधडी का संदेह भकया जार्ता है , र्तो इसे जांि के
भलए िेजा जार्ता है। दावे की जांि एक बीमा कंपनी / टीपीए द्वारा आं र्तभरक रूप से की जा सकर्ती है या इसे
एक पेशेवर जांि एजेंसी को सौंपा जा सकर्ता है।

h) आरक्षण (भरजभविंग) दावे की ज्स्थभर्त के आधार पर बीमा कंपनी के बही-िार्तों में सिी दावों के संबंध में भकए
जाने वाले प्रावधान की राभश को दशार्ता है।

i) इनकार के मामले में बीमा कंपनी को प्रस्र्तुर्त करने के अलावा ग्राहक के पास बीमा लोकपाल
(ओम्पबड्समैन) या ग्राहक फोरम या यहां र्तक भक वैधाभनक प्राभधकरणों के पास जाने का िी भवकलप होर्ता
है।

j) धोिाधडी अभधकर्तर अस्पर्ताल में िर्ती होने की क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलभसयों में होर्ती है लेभकन व्यभिगर्त दु घवटना
पॉभलभसयों को िी धोिाधडीपूणव दावे करने में इस्र्ते माल भकया जार्ता है।

k) टीपीए बीमा कंपनी को कई महत्वपूणव सेवाएं प्रदान करर्ता है और फीस के रूप में पाभरश्रभमक प्राप्र्त करर्ता
है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

इनमें से भकसे बीमा दावा प्रभिया में प्राथभमक भहर्तधारक माना जार्ता है?

I. ग्राहक
II. माभलक
III. बीमालेिक
IV. बीमा एजेंट / ब्ोकर

प्रश्न 2

भगरीश सक्सेना के बीमा दावे को बीमा कंपनी द्वारा इनकार कर भदया था। इनकार के मामले में, बीमा कंपनी को
प्रस्र्तुर्त करने के अलावा भगरीश सक्सेना के भलए क़ौन सा भवकलप उपलब्ध है ?

I. सरकार से संपकव करना


II. वैधाभनक प्राभधकरणों से संपकव करना
III. बीमा एजेंट से संपकव करना
IV. मामले को इनकार करने पर कुछ िी नहीं भकया जा सकर्ता है

प्रश्न 3

राजीव महर्तो द्वारा प्रस्र्तुर्त एक स्वास््य बीमा दावे की जांि के द़ौरान बीमा कंपनी को पर्ता िलर्ता है भक राजीव
महर्तो के बजाय उसके िाई राजेश महर्तो को उपिार के भलए अस्पर्ताल में िर्ती कराया गया था। राजीव महर्तो

262
की पॉभलसी एक फैभमली फ्लोटर योजना नहीं है। यह ___________ धोिाधडी का एक उदाहरण
है।

I. प्रभर्तरूपण
II. नकली दस्र्तावेज बनाना
III. ििव को बढ़ा-िढ़ाकर बर्ताना
IV. आउटपेशेंट उपिार को इनपेशेंट/अस्पर्ताल में िर्ती होने में पभरवर्थर्तर्त करना

प्रश्न 4

इनमें से क़ौन सी ज्स्थभर्त में आवासीय अस्पर्ताल में िर्ती होने को एक स्वास््य बीमा पॉभलसी में कवर भकया जार्ता
है?

I. रोगी की हालर्त ऐसी है भक उसे अस्पर्ताल/नभसिंग होम में ले जाया जा सकर्ता है , लेभकन ऐसा नहीं करना
पसंद भकया गया
II. अस्पर्ताल/नभसिंग होम में आवासीय सुभवधा के अिाव के कारण रोगी को वहां नहीं ले जाया जा सका
III. उपिार केवल अस्पर्ताल/नभसिंग होम में भकया जा सकर्ता है

IV. अस्पर्ताल में िर्ती होने की अवभध 24 घंटे से अभधक है

प्रश्न 5

भनम्पनभलभिर्त में से क़ौन सा कोड बीमारी का इलाज करने की प्रभियाओं को दशार्ता है ?

I. आईसीडी
II. डीसीआई
III. सीपीटी
IV. पीसीटी

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप I है।

ग्राहक बीमा दावे की प्रभिया में प्राथभमक भहर्तधारक हैं ।

उिर 2

सही उिर II है।

बीमा दावे को इनकार करने के मामले में व्यभि वैधाभनक प्राभधकरणों से संपकव कर सकर्ता है।

263
उिर 3

सही भवकलप I है।

यह प्रभर्तरूपण का एक उदाहरण है क्योंभक बीभमर्त व्यभि इलाज भकए गए व्यभि से अलग है।

उिर 4

सही उिर II है।

स्वास््य बीमा पॉभलसी में आवासीय उपिार की सुभवधा केवल र्तिी प्रदान की जार्ती है जब अस्पर्ताल/नभसिंग
होम में आवासीय सुभवधा के अिाव में रोगी को वहां नहीं ले जाया जा सकर्ता है।

उिर 5

सही भवकलप III है।

म़ौजूदा प्रभिया शब्दावली (सीपीटी) कोड बीमारी का इलाज करने की प्रभियाओं को दशार्ता है।

264
अिुभाग 3
सामान्य बीमा

265
अध्याय 11

बीमा के भसद्ांर्त
अध्याय पभरिय

इस अध्याय में हम बीमा की कायवप्रणाली को भनयंभत्रर्त करने वाले बुभनयादी भसद्ांर्तों के बारे में जानेंगे। इस
अध्याय को दो िंडों में बांटा गया है। पहला िंड बीमा के र्तत्वों से संबभं धर्त है और दू सरा िंड एक बीमा अनु बध

की भवशेष लक्षणों के बारे में ििा करर्ता है।

अध्ययन के पभरणाम

क. बीमा के र्तत्व

ि. बीमा अनु बध
ं - कानूनी पहलू

ग. बीमा अनु बध
ं - भवशेष लक्षण

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. बीमा के भवभिन्न र्तत्वों को पभरिाभषर्त करना

2. एक बीमा अनुबंध की भवशेषर्ताओं को पभरिाभषर्त करना

3. एक बीमा अनुबंध की भवशेष लक्षणों की पहिान करना

266
क. बीमा के र्तत्व

हमने दे िा है भक बीमा की प्रभिया के िार र्तत्व हैं

 संपभि

 जोभिम

 जोभिम पूललग

 बीमा अनु रबंध

आइए अब हम बीमा प्रभिया के भवभिन्न र्तत्वों को कुछ भवस्र्तार से दे िें।

1. संपभि

पभरिाषा

एक संपभि को ‘कोई िीज जो कुछ लाि प्रदान करर्ती है और भजसका अपने माभलक के भलए एक आर्थथक मूलय
होर्ता है’ के रूप में पभरिाभषर्त भकया जा सकर्ता है।

एक संपभि में भनम्पन भवशेषर्ताएं होनी िाभहए:

क) आर्थथक मूलय

एक पभरसंपभि का आर्थथक मूलय होना िाभहए। मूलय दो र्तरीके से उत्पन्न हो सकर्ता हैं ।

i. आय अर्थजर्त करना : संपभि उत्पादक हो सकर्ती है और आय उत्पन्न कर सकर्ती है।

उदाहरण

भबस्कुट बनाने के भलए इस्र्तेमाल की जाने वाली मशीन, या एक गाय जो दूध दे र्ती है , दोनों अपने माभलक के
भलए आय उत्पन्न करर्ती हैं । एक स्वस्थ कायवकर्ता संगठन के भलए एक संपभि है।

ii. आवश्यकर्ताएं पूरी करना : कोई संपभि एक जरूरर्त या जरूरर्तों के एक समूह को संर्तुष्ट करके िी
अपना मूलय बढ़ा सकर्ती है।

उदाहरण

एक रे भफ्रजरे टर ठं डा करर्ता है और िोजन को संरभक्षर्त करर्ता है जबभक

एक कार पभरवहन में आराम और सुभवधा प्रदान करर्ती है , वैसे ही बीमारी से मुि एक शरीर िी अपने आप में
और पभरवार के भलए िी अपना मूलय बढ़ार्ता है।

ि) अिाव और स्वाभमत्व

हवा और सूरज की रोशनी के बारे में आप क्या कहें गे?क्या ये संपभियां नहीं हैं?

जवाब है ‘नहीं’।

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दरअसल, कुछ िीजें हवा और सूरज की रोशनी की र्तरह मूलयवान हैं । हम उनके भबना नहीं रह सकर्ते हैं । भफर
िी उनको शब्द के आर्थथक मायने में संपभि नहीं माना जा सकर्ता।

इसके दो कारण हैं :

 इनकी आपूर्थर्त प्रिुर मात्रा में होर्ती है और ये दु लवि नहीं हैं ।

 ये भकसी एक व्यभि के स्वाभमत्व में नहीं हैं बज्लक सिी के भलए स्वर्तंत्र रूप से उपलब्ध है ।

इसका अथव यह है भक इस प्रकार की अहव र्ता प्राप्र्त करने के भलए भकसी संपभि को दो अन्य शर्तें पूरी करनी होगी
- इसका अिाव और इसका स्वाभमत्व या भकसी व्यभि का अभधकार।

ग) संपभियों का बीमा

बीमा में हम उन आर्थथक हाभनयों में रुभि रिर्ते हैं जो अप्रत्याभशर्त और आकज्स्मक घटनाओं से उत्पन्न होर्ती है ,
न भक ऐसी हाभनयों पर जो स्वािाभवक टू ट-फूट के पभरणाम स्वरूप उत्पन्न होर्ती हैं। बीमा केवल अप्रत्याभशर्त
घटनाओं से उत्पन्न होने वाली भविीय हाभनयों के भवरुद् सुरक्षा प्रदान करर्ता है, न भक समय के साथ उपयोग
के कारण संपभि की स्वािाभवक टू ट-फूट के भलए।

हमें यह ध्यान रिना िाभहए भक बीमा हाभन या क्षभर्त से भकसी संपभि की रक्षा नहीं कर सकर्ता है। एक िूकंप
मकान को नष्ट कर दे गा, िाहे उसका बीमा हु आ हो या नहीं। बीमा कंपनी केवल एक धनराभश का िुगर्तान कर
सकर्ती है, जो नु कसान के आर्थथक प्रिाव को कम करे गा।

एक समझ़ौर्ते के उललंघन की ज्स्थभर्त में हाभन उत्पन्न हो सकर्ती हैं।

उदाहरण

एक भनयार्तक को काफी हाभन होगी अगर दू सरी र्तरफ आयार्तक माल को स्वीकार करने से मना कर दे र्ता है या
िुगर्तान पर िूक करर्ता है।

घ) जीवन बीमा

हमारे जीवन के बारे में क्या कहा जा सकर्ता है?

वास्र्तव में हमारे अपने जीवन और हमारे अपने भप्रयजनों के जीवन के समान हमारे भलए कुछ िी मूलयवान नहीं
है। भकसी दु घवटना या भकसी बीमारी का सामना होने पर हमारा जीवन गंिीरर्ता से प्रिाभवर्त हो सकर्ता है।

यह दो र्तरीके से प्रिाव डाल सकर्ता है:

 सबसे पहले एक भवशेष बीमारी के इलाज की लागर्तें होर्ती हैं ।

 दू सरे , मृत्यु या भवकलांगर्ता दोनों की वजह से आर्थथक आय का नु कसान हो सकर्ता है।

इस प्रकार की हाभनयों व्यभि के बीमाओं या बीमा के व्यभिगर्त लाइनों द्वारा आवभरर्त भकए जार्ते हैं ।

बीमा ऐसे भकसी िी व्यभि के भलए संिव है भजसके पास मूलय वाली संपभि होर्ती है [याभन जो आय उत्पन्न
करर्ती है या कुछ जरूरर्तों को पूरा करर्ती है]; भजसके नुकसान [संयोगवश या आकज्स्मक घटनाओं के कारण]
की वजह से ऐसी भविीय हाभन होर्ती है भजसे [पैसे के संदिव में मापा जा सकर्ता है]।

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इस प्रकार इन पभरसंपभियों को आम र्त़ौर पर बीमा की िाषा में बीमा की भवषय वस्र्तु के रूप में संदर्थिर्त भकया
जार्ता है।

2. जोभिम

बीमा की प्रभिया में दू सरा र्तत्व जोभिम की अवधारणा है। हम जोभिम को एक हाभन की संिावना के रूप में
पभरिाभषर्त करें गे। इस प्रकार जोभिम उस हाभन या क्षभर्त को संदर्थिर्त करर्ता है जो भकसी घटना के घभटर्त होने
पर उत्पन्न हो सकर्ती है। हम आम र्त़ौर पर हमारे घर के जलने या हमारी कार के दु घवटनाग्रस्र्त होने की अपेक्षा
नहीं करर्ते हैं । भफर िी ऐसा हो सकर्ता है।

जोभिम के उदाहरणों में भकसी घर में आग लगने या िोरी होने से उत्पन्न होने वाले आर्थथक नु कसान या एक
ऐसी दु घवटना भजसके पभरणाम स्वरूप भकसी अंग के नु कसान की संिावना शाभमल है।

इसके दो भनभहर्ताथव हैं ।

i. सबसे पहले, इसका मर्तलब यह है भक हाभन हो सकर्ती है या नहीं िी हो सकर्ती है। हाभन के आसार या
संिावना को गभणर्तीय र्तरीके से व्यि भकया जा सकर्ता है।

उदाहरण

एक हजार में एक आसार भक एक घर में आग लग जाएगी = 1/1000 = 0.001.

एक हजार में र्तीन संिावना भक राम को भदल का द़ौरा पडे गा = 3/1000 = 0.003

जोभिम का मर्तलब हमे शा एक संिावना है। इसका मूलय हमे शा 0 और 1 के बीि होर्ता है , जहां 0 इस
भनज्श्िर्तर्ता को दशार्ता है भक नु कसान नहीं होगा जबभक 1 इस भनज्श्िर्तर्ता को दशार्ता है भक ऐसा होगा।

ii. दू सरे , वह घटना भजसके घभटर्त होने से वास्र्तव में नु कसान होर्ता है , एक आपदा कहलार्ती है। यह
नु कसान का कारण है।

उदाहरण

आग, िूकंप, बाढ़, आसमानी भबजली, िोरी, भदल का द़ौरा आभद आपदाओं के उदाहरण हैं ।

स्वािाभवक टू ट-फूट के बारे में क्या कहा जा सकर्ता है ?

यह सि है भक कोई िी िीज हमे शा के भलए नहीं रहर्ती है। हर संपभि का एक सीभमर्त जीवनकाल होर्ता है
भजसके द़ौरान वह भियाशील होर्ती है और लाि अर्थजर्त करर्ती है।

िभवष्य की भकसी र्तारीि में इसकी कीमर्त शून्य हो जार्ती है। यह एक स्वािाभवक प्रभिया है, भक हम अपने
मोबाइलों, अपनी वालशग मशीनों, अपने कपडों के पुराना हो जाने पर उन्हें त्याग दे र्ते हैं या बदल दे र्ते हैं ।
इसभलए सामान्य टू ट-फूट से उत्पन्न होने वाले नु कसानों को बीमा में शाभमल नहीं भकया जार्ता है।

i. जोभिम का दायरा: कोई आपदा की घटना अभनवायव रूप से एक हाभन का कारण नहीं बनर्ती है। मुंबई
में रहने वाले एक व्यभि को र्तटीय आंध्र में आयी बाढ़ की वजह से कोई नु कसान नहीं होर्ता है। हाभन
घभटर्त होने के भलए संपभि को जोभिम के दायरे में होना िाभहए।

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उदाहरण

एक कार दु घवटना के भवरुद् सुरक्षा दे ने के भलए बीमा कंपनी को कारों की एक ऐसी संख्या में रुभि होगी जो एक
भनज्श्िर्त वषव के द़ौरान ‘दु घवटना नामक आपदा के दायरे में ’ आर्ती हैं । भनयभमर्त रूप से रे लसग के प्रयोजनों के
भलए इस्र्ते माल होने वाली कार इसका भहस्सा नहीं हो सकर्ती है। इसे ‘रे लसग कारों’ के एक अलग समूह का
भहस्सा होना िाभहए भजनकी दु घवटना की संिावनाएं साधारण कारों की र्तुलना में अभधक होर्ती है ।

केवल जोभिम का दायरा बीमा क्षभर्तपूर्थर्त के भलए पयाप्र्त आधार नहीं है।

उदाहरण

कोई वास्र्तभवक क्षभर्त का कारण बने भबना कारिाने के पभरसर में आग लग सकर्ती है।

बीमा केवल र्तब ही काम आर्ता है जब भकसी आपदा के पभरणाम स्वरूप एक वास्र्तभवक आर्थथक (भविीय) हाभन
हु ई हो।

ii. जोभिम के दायरे का स्र्तर: दो पभरसंपभियां एक ही जोभिम के दायरे में आ सकर्ती हैं लेभकन हाभन की
संिावना या हाभन की राभश में काफी भिन्नर्ता हो सकर्ती है।

उदाहरण

एक भवस्फोटक से िरे वाहन को पानी से िरे टैं कर की र्तुलना में अज्ग्न से बहु र्त अभधक नु कसान हो सकर्ता है।

इसी र्तरह, एक दु कान में बैठने वाले व्यभि की र्तुलना में एक प्रदू भषर्त शहर में रहने वाले ब्यभि को सांस की
बीमारी की संिावना अभधक होर्ती है या घुडद़ौड में संलग्न व्यभि को आकज्स्मक िोट लगने का जोभिम अभधक
होर्ता है।

बीमा कंपभनयां मुख्य रूप से जोभिम के दायरे के स्र्तर को लेकर लिभर्तर्त रहर्ती हैं । जब यह बहु र्त अभधक होर्ता है
र्तो हम कहर्ते हैं भक यह एक बुरा जोभिम है।

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जोभिम वगीकरण का आधार

क) संिाभवर्त क्षभर्त की सीमा

यह नु कसान के स्र्तर और एक व्यभि या व्यवसाय पर पडने वाले इसके प्रिाव ने भनकाला जार्ता है। इस
आधार पर र्तीन प्रकार की जोभिम की घटनाओं या ज्स्थभर्तयों की पहिान की जा सकर्ती है:

i. गंिीर या महासंकटपूणव

जहां हाभन का आकार इर्तना बडा होर्ता हैं भक उसके पभरणाम स्वरूप कुल हाभन या भदवाभलयापन हो
सकर्ता है।

उदाहरण

 एक ऐसा िूकंप जो भकसी गांव को पूरी र्तरह से नष्ट कर दे र्ता है

 एक िीषण आग जो करोडों रुपए के प्रभर्तष्ठान को पूरी र्तरह से नष्ट कर दे र्ती है ।

 वलडव ट्ेड सेंटर पर 9/11 के आर्तंकवादी हमले जैसी एक ज्स्थभर्त जो कई लोगों के घायल होने का कारण
बनर्ती है

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ii. बडे जोभिम

भजसमें संिाभवर्त हाभन के पभरणाम स्वरूप गंिीर भविीय घाटे की ज्स्थभर्त उत्पन्न हो सकर्ती है और जो
कंपनी को अपना कामकाज जारी रिने के भलए उधार लेने पर मजबूर कर सकर्ती है।

उदाहरण

गुडगांव में एक बडी बहु राष्ट्ीय कंपनी के संयंत्र में आग लगने से 1 करोड रुपए मूलय की वस्र्तुएं नष्ट हो गईं।
यह एक बहु र्त बडी है लेभकन इर्तना अभधक िी नहीं भक भदवाभलएपन का कारण बन सके।

गुदा प्रत्यारोपण का एक बडा ऑपरे शन भजसकी लागर्त भनषेधात्मक है।

iii. मामूली/नगण्य जोभिम

जहां संिाभवर्त हाभन नगण्य होर्ती है और उसे भबना भकसी अनुभिर्त भविीय दबाव डाले आसानी से एक
व्यभि या फमव की म़ौजूदा संपभियों या वर्तवमान आय से पूरा भकया जा सकर्ते हैं ।

उदाहरण

एक छोटी कार दु घवटना के पभरणाम स्वरूप इसकी बगल में थोडी िरोंि लग जार्ती है भजसकी वजह से कुछ
पेंट िराब हो जार्ता है और एक फेंडर थोडा सा मुड जार्ता है।

साधारण सदी और िांसी से पीभडर्त एक व्यभि

ि) जोभिम के पभरवेश की प्रकृभर्त

जोभिम को वगीकृर्त करने का एक अन्य आधार पभरवेश की प्रकृभर्त है।

i. ज्स्थर जोभिम

ज्स्थर जोभिम एक ज्स्थर वार्तावरण में होने वाली घटनाओं को संदर्थिर्त करर्ता है।इनमें समय के साथ
भनयभमर्त रूप से घभटर्त होने की प्रवृभि होर्ती है और यथोभिर्त रूप से इनकी िभवष्यवाणी की जा सकर्ती
है। इसभलए इनका बीमा करना आसान होर्ता है। आम र्त़ौर पर इस र्तरह के जोभिम प्राकृभर्तक घटनाओं
की वजह से होर्ते हैं ।

आग, िूकंप, मृत्यु, दु घवटना और बीमारी इसके उदाहरण हैं ।

ii. गभर्तशील जोभिम

ये आम र्त़ौर पर उन आपदाओं को संदर्थिर्त करर्ते हैं जो सामाभजक पभरवेश को प्रिाभवर्त करर्ती हैं और
आर्थथक र्तथा सामाभजक कारकों के पभरणाम स्वरूप उत्पन्न होर्ते हैं ।इनको गभर्तशील कहा जार्ता है
क्योंभक इनमें अभनवायव रूप से घभटर्त होने की एक भनयभमर्त पद्भर्त नहीं होर्ती है और ज्स्थर जोभिमों की
र्तरह इनकी िभवष्यवाणी नहीं की जा सकर्ती है। इसके साथ ही अकसर बडे इन जोभिमों के अक्सर
िारी राष्ट्ीय और सामाभजक पभरणाम होर्ते हैं और यह जनर्ता के एक बडे वगव को िी प्रिाभवर्त कर सकर्ते
हैं ।

बेरोजगारी, महं गाई, युद् और राजनीभर्तक हलिल इसके उदाहरण हैं ।

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बीमा कंपभनयां आम र्त़ौर पर गभर्तशील जोभिमों का बीमा नहीं करर्ती हैं ।

ग) क़ौन प्रिाभवर्त होर्ता है?

जोभिम को वगीकृर्त करने का र्तीसरा र्तरीका यह भविार करर्ते हु ए प्रदान भकया जा सकर्ता है भक एक
भवशेष आपदा या हाभन की घटना से क़ौन प्रिाभवर्त होर्ता है।

i. बुभनयादी जोभिम : यह एक बडी आबादी को प्रिाभवर्त करर्ते है । इनका प्रिाव बडे पैमाने पर
होर्ता है और ये महासंकटपूणव हो सकर्ते हैं ।

बुभनयादी या व्यवस्थागर्त जोभिमों के उदाहरण हैं , युद्, सूिा, बाढ़, िूकंप और आर्तंकवादी हमले।

ii. भवशेष जोभिम : ये केवल भवभशष्ट व्यभियों को प्रिाभवर्त करर्ते हैं न भक एक पूरे समुदाय या
समूह को।इस मामले में हाभन केवल भवशेष व्यभियों द्वारा वहन की जार्ती है न भक पूरे समुदाय या
समूह द्वारा।

भवशेष जोभिमों के उदाहरणों में भकसी घर का जलना या कोई वाहन दु घवटना या भकसी दु घवटना के बाद
अस्पर्ताल में िर्ती होना शाभमल हैं ।

व्यावसाभयक बीमा बुभनयादी और भवशेष जोभिम दोनों को आवभरर्त करने के भलए उपलब्ध है।

घ) पभरणाम / नर्तीजा / भनष्कषव

i. सट्टा जोभिम एक ऐसी ज्स्थभर्त का वणवन करर्ता है भजसमें पभरणाम या र्तो मुनाफ़ा या हाभन हो
सकर्ता है।इस र्तरह के जोभिम लेने के भवभशष्ट उदाहरण घोडों पर दांव लगाना या शेयर बाजार
के सट्टे हैं । व्यभि एक लाि की आशा में जानबूझकर इस र्तरह के जोभिम उठार्ता है।

ii. दू सरी र्तरफ शुद् जोभिम में ऐसी ज्स्थभर्तयां शाभमल हैं भजनमें पभरणाम केवल हाभन या कोई हाभन
नहीं में भनकल सकर्ते हैं लेभकन लाि में किी नहीं भनकल सकर्ते ।

उदाहरण के भलए, बाढ़ या आग लगने की घटना या र्तो घभटर्त होर्ती है या भफर नहीं होर्ती है। अगर यह
घटना होर्ती है र्तो एक हाभन होर्ता है। अगर यह घटना घभटर्त नहीं होर्ती है र्तो न हाभन होर्ता है न फ़ायदा।
इसी र्तरह, कोई व्यभि गंिीर रूप से बीमार हो सकर्ता है या नहीं िी हो सकर्ता है।

बीमा केवल शुद् जोभिमों के मामले में लागू होर्ता है जहां यह उत्पन्न होने वाले नु कसान के भवरुद् रक्षा
करर्ता है। सट्टा जोभिमों का बीमा नहीं भकया जा सकर्ता ।

शुद् जोभिम के उदाहरण हैं:

 रासायभनक - आग, भवस्फोट


 प्राकृभर्तक - िूकंप, बाढ़, ििवार्त
 सामाभजक - दं गे, धोिाधडी, िोरी
 र्तकनीकी - मशीनरी की िराबी
 व्यभिगर्त - मृत्यु, भवकलांगर्ता, बीमारी

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िर्तरा
हमने ऊपर दे िा है भक केवल भकसी आपदा के दायरे में आना हाभन का कारण नहीं बनना िाभहए। साथ ही,
हाभन का गंिीर होना आवश्यक नहीं है। ऐसी ज्स्थभर्त या ज्स्थभर्तयां जो भकसी हाभन की संिावना या इसकी
गंिीरर्ता को बढ़ार्ती हैं और इस प्रकार जोभिम को प्रिाभवर्त करर्ती हैं , िर्तरे के रूप में जानी जार्ती हैं। जब बीमा
कंपभनयां जोभिम का आकलन करर्ती हैं , यह आम र्त़ौर पर उस िर्तरे से संबभं धर्त होर्ता है भजसका भवषय संपभि
है।
आइए अब हम संपभि, आपदा और िर्तरों के बीि की कडी के कुछ उदाहरण दे र्ते हैं ।
संपभि आपदा िर्तरा
जीवन कैंसर अत्यभधक धूम्रपान
कारिाना आज्ग्न उपेभक्षर्त छोडी गयी भवस्फोटक सामग्री
कार कार दु घट
व ना िालक द्वारा लापरवाह िाइलवग
माल/कागो र्तूफान कागो में पानी का भरसाव और उसे बबाद करना; जल रोधक
कंटे नरों में पैक नहीं भकया गया माल

महत्वपूणव

िर्तरों के प्रकार

क) ि़ौभर्तक िर्तरा एक ऐसी ि़ौभर्तक ज्स्थभर्त है भजससे हाभन की संिावना बढ़ जार्ती है।

उदाहरण

i. भकसी िवन में दोषपूणव वायलरग

ii. पानी के िेलों में शाभमल होना

iii. एक भनज्ष्िय जीवनशैली जीना

ि) नैभर्तक िर्तरा भकसी व्यभि में बेईमानी या िाभरभत्रक दोषों को दशार्ता है जो हाभन की आवृभि या र्तीव्रर्ता को
प्रिाभवर्त करर्ते हैं ।एक बेईमान व्यभि धोिाधडी करने और बीमा की सुभवधा का दु रुपयोग करके पैसा
कमाने का प्रयास कर सकर्ता है।

उदाहरण

नैभर्तक िर्तरे का एक उत्कृष्ट उदाहरण भकसी कारिाने के भलए बीमा िरीदने और भफर बीमा राभश एकत्र
करने के भलए इसे जला दे ने या एक बडी बीमारी शुरू होने के बाद स्वास््य बीमा िरीदने का है।

ग) कानूनी िर्तरा उन मामलों में अभधक प्रिभलर्त है भजनमें नु कसानों के भलए िुगर्तान करने की एक दे यर्ता
शाभमल होर्ती है।यह उस समय उत्पन्न होर्ता है जब कानून व्यवस्था या भनयामक पभरवेश की कुछ
भवशेषर्ताएं हाभन की घटना या गंिीरर्ता को बढ़ा सकर्ती हैं ।

274
उदाहरण

दु घवटनाओं के मामले में कामगारों के मुआवजे को भनयंभत्रर्त करने वाला क़ानून लागू करना दे य दे यर्ता की राभश
को काफी बढ़ा सकर्ता है।

बीमा में एक प्रमुि लिर्ता का भवषय जोभिमों और संबद् िर्तरों के बीि का संबध
ं है।संपभियों को इस आधार पर
भवभिन्न जोभिम श्रेभणयों में वगीकृर्त भकया जार्ता है और बीमा कवरे ज के भलए भलया गया मूलय [भजसे प्रीभमयम
के रूप में जाना जार्ता है] बढ़ जाएगा यभद संबद् िर्तरों की उपज्स्थभर्त के पभरणाम स्वरूप उत्पन्न होने वाले
नु कसान की संवद
े नशीलर्ता अभधक होर्ती है।

3. बीमा का गभणर्तीय भसद्ांर्त (जोभिम पूललग)

बीमा में र्तीसरा र्तत्व एक गभणर्तीय भसद्ांर्त है जो बीमा को संिव बनार्ता है। इसे जोभिम पूललग के भसद्ांर्त के
रूप में जाना जार्ता है।

उदाहरण

मान लीभजए भक 100000 मकान आग के जोभिम के दायरे में आर्ते हैं भजसकी वजह से 50000 रुपए का एक
औसर्त नु कसान हो सकर्ता है। अगर भकसी मकान में आग लगने की संिावना 1000 में 2 [या 0.002] है र्तो
इसका मर्तलब होगा भक नु कसान की कुल राभश 10000000 रुपए [= 50000 x 0.002 x 100000] होगी।

एक बीमा कंपनी को एक लाि मकानों में से प्रत्येक मकान माभलकों से 100 रुपए का योगदान प्राप्र्त होर्ता है
और अगर इस योगदान को पूल कर एक एक कोष का भनमाण भकया जार्ता है र्तो यह अज्ग्न से होने वाले कुछ
दु िाग्यशाली लोगों की हाभन की प्रभर्तपूर्थर्त करने के भलए पयाप्र्त होगा।

व्यभिगर्त योगदान के भलए आवश्यक राभश भनम्पन गणना से स्पष्ट हो जार्ती है

100000 x 100 = 10000000 रुपए

यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए भक बीमा भकए जाने वाले सिी लोगों के बीि एक समानर्ता [भनष्पक्षर्ता] है , सिी
मकानों का एक समान रूप से जोभिम के दायरे में आना आवश्यक है।

क) बीमा में भसद्ांर्त सटीक र्तरीके से कैसे काम करर्ता है ?

उदाहरण

श्री श्याम की स्थभर्त एक कारिाना है भजसका मूलय संयत्र


ं , मशीनरी और वस्र्तुओं के साथ 70 लाि रुपए है,
वह एक बीमा कंपनी के साथ इनका बीमा करना िाहर्ता है। कारिाने और इसकी सामभग्रयों को आग या अन्य
बीभमर्त जोभिमों से नुकसान या क्षभर्त होगी, यह संिावना 1000 में से 7 [0.007] है। श्री श्याम और बीमा कंपनी
दोनों को इसके बारे में जानकारी है।

उनकी ज्स्थभर्तयां अलग-अलग कैसे हैं और क्यों श्याम बीमा करवाना िाहर्ता है?

श्री श्याम की ज्स्थभर्त –

श्री श्याम के भलए नु कसान की संिाव्यर्ता (0.007) महत्वहीन है क्योंभक इससे केवल यह पर्ता िलर्ता है भक
उसकी र्तरह के 1000 कारिानों में से औसर्तन लगिग 7 पर नु कसान का प्रिाव पडे गा। उसे नहीं पर्ता भक क्या

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उसका कारिाना दु िाग्यशाली सार्त कारिानों में से एक होगा? वास्र्तव में कोई िी इस बार्त की िभवष्यवाणी
नहीं कर सकर्ता है भक क्या एक भवशेष कारिाने को कोई नु कसान उठाना पडे गा।

श्याम की स्थभर्त एक अभनज्श्िर्तर्ता की ज्स्थभर्त है । वह न केवल िभवष्य के बारे में जनर्ता नहीं है, बज्लक वह इस
बार्त की िभवष्यवाणी िी नहीं कर सकर्ता भक ऐसा होगा। यह स्पष्ट रूप से एक लिर्ता का कारण है।

बीमाकर्ता की ज्स्थभर्त

आइए अब हम बीमा कंपनी की ज्स्थभर्त पर नजर डालर्ते हैं । जब श्याम के नु कसान के जोभिम को समान ज्स्थभर्त
के दायरे में आने वाले अन्य हजारों लोगों की हाभन के जोभिमों के साथ जोडा जार्ता है और एक पूल बनाया
जार्ता है, र्तो अब यह भनज्श्िर्त और पूवानु मेय बन जार्ता है।

बीमा कंपनी को श्याम के कारिाने के बारे में लिर्ता करने की जरूरर्त नहीं है जब र्तक श्याम ऐसा करर्ता है।
हजार कारिानों में से केवल सार्त कारिाने हाभन के अधीन है। जब र्तक वास्र्तभवक हाभन एक समान या अपेक्षा
के लगिग समान है, बीमा कंपनी धन के पूल से पैसे भनकाल कर उनको पूरा कर सकर्ती है।

भकसी आपदा के कारण समान रूप से होने वाले और हाभन की संिावना के दायरे में आने वाले सिी बीमाधारकों
के कई जोभिमों का पूल बना कर बीमा कंपनी उस जोभिम और उसके भविीय प्रिाव को स्वीकार करने में
सक्षम होर्ती है।

ि) जोभिम पूललग और बडी संख्याओं का भनयम

क्षभर्त की संिावना [ऊपर के उदाहरण में 1000 में से 7 या 0,007 के रूप में प्राप्र्त] वह आधार बनर्ती है भजस
पर प्रीभमयम भनधाभरर्त भकया जार्ता है। बीमा कंपनी को नुकसान के भकसी िी जोभिम का सामना नहीं करना
पडे गा अगर वास्र्तभवक अनु िव अपेक्षा के अनु रूप हो। ऐसी ज्स्थभर्त में कई बीमाधारकों के प्रीभमयम आपदा से
प्रिाभवर्त होने वाले लोगों की हाभन की पूरी र्तरह से िरपाई करने के भलए पयाप्र्त होंगे । हालांभक बीमा कंपनी
को एक जोभिम का सामना करना पडे गा। यभद वास्र्तभवक अनु िव अपेक्षा से अभधक प्रभर्तकूल था और एकत्र
भकए गए प्रीभमयम दावों का िुगर्तान करने के भलए पयाप्र्त नहीं थे।

कैसे बीमा कंपनी अपने पूवानुमानों के बारे में सुभनज्श्िर्त हो सकर्ती है?

“बडी संख्याओं के भनयम” नामक भसद्ांर्त की वजह से यह संिव हो पार्ता है। यह भसद्ांर्त कहर्ता है भक
जोभिमों के पूल का आकार भजर्तना बडा होगा, हाभन का वास्र्तभवक औसर्त अनु माभनर्त या अपेभक्षर्त औसर्त
हाभन के अभधक करीब होगा।

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उदाहरण

एक सरल उदाहरण दे ने के भलए, एक भसक्का उछाले जाने पर हे ड्स आने की संिावना ½ होर्ती है। लेभकन आप
यह कैसे सुभनज्श्िर्त कर सकर्ते हैं भक अगर आप िार बार भसक्का उछालर्ते हैं र्तो आपको वास्र्तव में 2 हे ड्स
भमल जाएंगे।

केवल जब टॉस की संख्या बहु र्त बडी और अनंर्त के करीब होर्ती है , प्रत्येक दो टॉस के भलए एक बार हे ड्स
प्राप्र्त होने की संिावना एक के अभधक करीब हो जाएगी।

इसका मर्तलब है भक बीमा कंपभनयां अपने आधार के बारे में केवल र्तिी सुभनज्श्िर्त हो सकर्ती हैं जब वे एक बडी
संख्या में बीमाधारकों का बीमा करने में सक्षम होर्ती हैं । एक ऐसी बीमा कंपनी भजसने केवल कुछ स़ौ मकानों का
बीमा भकया है, वह कई हजार मकानों का बीमा करने वाली बीमा कंपनी की र्तुलना में उससे अभधक बुरी र्तरह से
प्रिाभवर्त होगी।

महत्वपूणव

भकसी जोभिम का बीमा करने के भलए शर्तें

बीमा कंपनी के दृज्ष्टकोण से कब भकसी जोभिम का बीमा करने का कोई मर्तलब होर्ता है ?

भकसी जोभिम के बीमा योग्य होने पर भविार भकए जाने के भलए छः व्यापक आवश्यकर्ताएं नीिे बॉक्स में दी
गयी हैं ।

i. नु कसानों को यथोभिर्त रूप से पूवानु मेय बनाने के भलए समरूप [एक समान] जोभिम इकाइयों की एक
पयाप्र्त रूप से बडी संख्या। यह बडी संख्याओं के भनयम का पालन करर्ता है। इसके भबना पूवानु मान करना
मुज्श्कल होगा।
ii. जोभिम द्वारा उत्पन्न नु कसान भनज्श्िर्त और मापने योग्य होना िाभहए। क्षभर्तपूर्थर्त र्तय करना मुज्श्कल है
अगर व्यभि यकीन से यह नहीं कह सकर्ता है भक एक नुकसान घभटर्त हु आ है और यह भकर्तना है।
iii. नु कसान संयोगवश या आकज्स्मक होना िाभहए। यह एक ऐसी घटना का पभरणाम होना िाभहए जो घभटर्त
हो सकर्ती है या नहीं िी हो सकर्ती है। घटना बीमाधारक व्यभि के भनयंत्रण से बाहर होनी िाभहए। कोई िी
बीमा कंपनी एक ऐसे नु कसान को कवर नहीं करे गी जो बीमा धारक व्यभि द्वारा जानबूझकर भकया गया
हो।
iv. कुछ लोगों के नु कसानों को कई लोगों द्वारा साझा करना केवल र्तिी काम कर सकर्ता है जब बीमा धारक
के समूह के एक छोटे से प्रभर्तशर्त को भकसी भनर्थदष्ट समय अवभध में नु कसान िुगर्तना पडर्ता है।
v. आर्थथक व्यवहायवर्ता : बीमा की लागर्त संिाभवर्त हाभन के संबंध में अभधक नहीं होनी िाभहए; अन्यथा बीमा
आर्थथक रूप से अलािकारी होगा।
vi. साववजभनक नीभर्त : अंर्त में अनु बंध साववजभनक नीभर्त और नैभर्तकर्ता के भवपरीर्त नहीं होना िाभहए।

4. बीमा अनुबंध

बीमा का ि़ौथा र्तत्व यह है भक इसमें एक ऐसे अनु बध


ं ात्मक समझ़ौर्ते समावेश होर्ता है भजसमें बीमाकर्ता प्रीभमयम
नामक एक मूलय या प्रभर्तफल के भलए भनर्थदष्ट जोभिमों के भवरुद् भविीय सुरक्षा प्रदान करने पर सहमर्त होर्ता
है। अनु बध
ं ात्मक समझ़ौर्ता एक बीमा पॉभलसी का रूप लेर्ता है।

277
स्व-परीक्षण 1

इनमें से क़ौन सा भवकलप एक बीमा योग्य जोभिम को नहीं दशार्ता है?

I. आज्ग्न
II. िोरी का सामान
III. िोरी
IV. जहाज पलटने के कारण माल का नु कसान

ि. बीमा अनुबंध - कानूनी पहलू

1. एक बीमा अनु बध
ं के कानूनी पहलू

अब हम एक बीमा अनु बध
ं में शाभमल कुछ भवशेषर्ताओं पर नज़र डालेंगे और भफर उन कानूनी भसद्ांर्तों पर
भविार करें गे जो सामान्यर्तः बीमा अनु बध
ं ों को भनयंभत्रर्त करर्ते हैं ।

हम पहले ही दे ि िुके हैं भक बीमा के भविन्न र्तत्वों में से एक र्तत्व यह है भक इसमें बीमा कंपनी और बीमा धारक
के बीि एक अनु बध
ं का समावेश होर्ता है।

अनु बंध दो पक्षों के बीि कानूनी र्त़ौर पर लागू करने योग्य एक समझ़ौर्ता है। िारर्तीय अनु बंध अभधभनयम, 1872
के प्रावधान बीमा अनु बध
ं सभहर्त िारर्त में सिी अनु बध
ं ों को भनयंभत्रर्त करर्ते हैं ।

2. एक वैध अनु बध
ं के र्तत्व

एक वैध अनुबंध के र्तत्व इस प्रकार हैं :

क) प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त:

आम र्त़ौर पर प्रस्र्ताव प्रस्र्तावक द्वारा भकया जार्ता है और स्वीकृभर्त बीमा कंपनी द्वारा दी जार्ती है।

ि) प्रभर्तफल

इसका मर्तलब है भक अनु बध


ं में पार्थटयों के भलए कुछ आपसी लाि शाभमल होने िाभहए। प्रीभमयम बीमा
धारक का प्रभर्तफल है और क्षभर्तपूर्थर्त का वादा बीमा कंपभनयों का प्रभर्तफल है।

ग) पार्थटयों के बीि समझ़ौर्ता

दोनों पक्षों को एक ही अथव में एक ही बार्त से सहमर्त होना िाभहए।

घ) पार्थटयों की क्षमर्ता

अनु बंध के दोनों पक्ष अनु बध


ं में प्रवेश करने के भलए कानूनी र्त़ौर पर सक्षम होने िाभहए। उदाहरण के भलए,
नाबाभलग बीमा अनु बध
ं में प्रवेश नहीं कर सकर्ते हैं ।

ङ) वैधर्ता

अनु बंध की भवषय-वस्र्तु वैध होनी िाभहए, उदाहरण के भलए, र्तस्करी के माल के भलए कोई बीमा नहीं भकया
जा सकर्ता है।

278
महत्वपूणव

भनम्पनभलभिर्त बीमा अनु बध


ं का एक र्तत्व नहीं हो सकर्ता है

i. जबरदस्र्ती

इसमें आपराभधक साधनों के माध्यम से डाला गया दबाव शाभमल है।

ii. अनु भिर्त प्रिाव

जब कोई व्यभि जो दू सरे पर प्रिुत्व जमाने में सक्षम है , अनु भिर्त लाि प्राप्र्त करने के भलए अपने पद, प्रिाव या
शभि का उपयोग करर्ता है।

iii. धोिाधडी

जब कोई व्यभि एक गलर्त धारणा पर कायव करने के भलए दू सरे व्यभि को शाभमल करर्ता है जो एक प्रभर्तभनभधत्व
के कारण होर्ता है, उसे सही नहीं माना जार्ता है।यह या र्तो र्त्यों को जानबूझकर भछपाए जाने या उनको गलर्त
र्तरीके से प्रस्र्तुर्त भकए जाने की वजह से उत्पन्न हो सकर्ती है।

iv. गलर्ती

भकसी घटना के भनणवय या व्याख्या में र्तुभट।यह अनुबंध की भवषय-वस्र्तु के बारे में समझ और समझ़ौर्ते में एक
र्तुभट का कारण बन सकर्ती है।

स्व-परीक्षण 2

इनमें से क़ौन वैध बीमा अनु बध


ं में एक र्तत्व नहीं हो सकर्ता है ?

I. प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त
II. जबरदस्र्ती
III. प्रभर्तफल
IV. वैधर्ता

ग. बीमा अनुबंध - भवशेष सुभवधाएं

आइए अब हम एक बीमा अनुबंध की भवशेष सुभवधाओं पर नज़र डालें।

1. क्षभर्तपूर्थर्त (मुआवजा)

क्षभर्तपूर्थर्त का भसद्ांर्त गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयों के भलए लागू होर्ता है। इसका मर्तलब है भक पॉभलसीधारक
को, भजसे एक हाभन का सामना करना पडर्ता है, इस प्रकार हाभन की जार्ती है भक उसे उसी भविीय (पहले की)
ज्स्थभर्त में लाया जा सके जहां वह हाभन की घटना घभटर्त होने से पहले था। बीमा अनु बंध (बीमा पॉभलसी के
माध्यम से प्रमाभणर्त) यह गारंटी दे र्ता है भक बीमा धारक को नु कसान की राभश र्तक क्षभर्तपूर्थर्त की जायेगी या
मुआवजा भदया जाएगा, इससे अभधक नहीं।

279
भसद्ांर्त यह है भक व्यभि को अपनी संपभियों का बीमा करके लाि अर्थजर्त नहीं करना िाभहए और हाभन से
अभधक वसूल नहीं करना िाभहए। बीमा कंपनी हाभन के आर्थथक मूलय का आकलन करे गी और र्तदनुसार उसकी
िरपाई करे गी।

उदाहरण

राम ने 10 लाि रुपए मूलय की पूरी राभश के भलए अपने मकान का बीमा भकया है।उसे आग की वजह से 70000
रुपए का अनु माभनर्त नु कसान िुगर्तना पडर्ता है। बीमा कंपनी उसे 70000 रुपए की एक राभश का िुगर्तान
करे गी। बीमाधारक व्यभि आगे भकसी िी राभश का दावा नहीं कर सकर्ता है।

अब एक ऐसी ज्स्थभर्त पर भविार करें जहां संपभि को उसके पूणव मूलय के भलए बीमा नहीं भकया गया है। र्तब
व्यभि केवल अपने बीमा के अनु पार्त में नु कसान के भलए मुआवजा प्राप्र्त करने का हकदार होगा।

मान लीभजए भक 10 लाि रुपए मूलय के मकान का केवल 5 लाि रुपए मूलय की एक राभश के भलए बीमा भकया
गया है।अगर आग के कारण होने वाला नु कसान 60000 रुपए का है र्तो व्यभि इस पूरी राभश का दावा नहीं कर
सकर्ता है।यह समझा जार्ता है भक मकान माभलक ने केवल इसके आधे मूलय के बराबर का बीमा भकया है और
इस प्रकार वह नु कसान की राभश के भसफव 50% [30000 रुपए] का दावा करने का हकदार है।इसे अलपबीमा
के रूप में िी जाना जार्ता है।

िुगर्तान की जाने वाली क्षभर्तपूर्थर्त की मात्रा व्यभि द्वारा भलए जाने वाले बीमा के प्रकार पर भनिवर करे गी।

गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयों के ययादार्तर प्रकारों में, जो संपभि और दे नदारी के बीमा से संबंभधर्त है , बीमाधारक
व्यभि को नु कसान की वास्र्तभवक राभश की सीमा र्तक यानी म़ौजूदा बाजार मूलयों पर नु कसान या क्षभर्तग्रस्र्त हु ई
संपभि को बदलने के भलए आवश्यक धनराभश घटाव मूलयह्रास की सीमा र्तक मुआवजा भदया जार्ता है।

क्षभर्तपूर्थर्त (मुआवजा) में भनपटान के भनम्पनभलभिर्त भवभधयों में से एक या अभधक को अपनाया जा सकर्ता है:

 नकद िुगर्तान
 एक क्षभर्तग्रस्र्त वस्र्तु की मरम्पमर्त
 नु कसान या क्षभर्तग्रस्र्त हु ई वस्र्तु को बदलना
 पुनस्थापन (पुनरुद्ार), उदाहरण के भलए, आग से नष्ट हु ए भकसी मकान का पुनर्थनमाण

280
भित्र 1 : क्षभर्तपूर्थर्त

लेभकन, कुछ ऐसी भवषय वस्र्तु है भजसके मूलय का अनु मान नु कसान के समय आसानी से नहीं लगाया या नहीं
भनधाभरर्त भकया जा सकर्ता है।उदाहरण के भलए, यह पभरवार के वाभरसों को भमलने वाले सामान या दु लवि
कलाकृभर्तयों के मामले में कोई मूलय र्तय करना मुज्श्कल हो सकर्ता है। इसी प्रकार समुद्री बीमा पॉभलभसयों में
दु भनया िर में भकसी जहाज के आधे रास्र्ते में दु घवटनाग्रस्र्त होने की ज्स्थभर्त में हु ए हाभन की मात्रा का अनु मान
लगाना मुज्श्कल हो सकर्ता है।

ऐसे मामलों में ‘सहमर्त मूलय’ के रूप में एक लोकभप्रय भसद्ांर्त को अपनाया जार्ता है। बीमा कंपनी और
बीमाधारक अनु बध
ं की शुरुआर्त में बीमा योग्य संपभि के मूलय पर सहमर्त होर्ते हैं । कुल नु कसान की ज्स्थभर्त में
बीमा कंपनी पॉभलसी की सहमर्त राभश का िुगर्तान करने के भलए सहमर्त होर्ती है। इस प्रकार की पॉभलसी को
“सहमर्त मूलय पॉभलसी” के रूप में जाना जार्ता है।

क) प्रस्थापन

प्रस्थापन क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त का पालन करर्ता है।

प्रस्थापन का मर्तलब बीमा की भवषय-वस्र्तु के संबध


ं में बीमाधारक व्यभि से बीमा कंपनी को सिी अभधकारों
और उपायों का हस्र्तांर्तरण है।

इसका मर्तलब यह है भक अगर बीमाधारक व्यभि को एक र्तीसरे पक्ष की लापरवाही के कारण संपभि के
नु कसान का सामना करना पडर्ता है और उस नु कसान के भलए बीमा कंपनी द्वारा क्षभर्तपूर्थर्त का िुगर्तान
भकया गया है, र्तो लापरवाह पक्ष से क्षभर्तपूर्थर्त प्राप्र्त करने का अभधकार बीमा कं पनी का होगा। ध्यान दें भक
एकत्र की जाने वाली क्षभर्तपूर्थर्त की राभश केवल बीमा कंपनी द्वारा िुगर्तान की गई राभश की सीमा र्तक है।

महत्वपूणव

प्रस्थापन : यह एक ऐसी प्रभिया है भजसका उपयोग बीमा कंपनी एक लापरवाह र्तीसरे पक्ष से एक पॉभलसी
धारक को िुगर्तान की गयी दावा राभश की वसूली करने के भलए करर्ती है।

281
प्रस्थापन को बीमाधारक द्वारा एक ऐसी बीमा कंपनी को अभधकारों के समपवण के रूप में पभरिाभषर्त भकया जा
सकर्ता है भजसने र्तीसरे पक्ष के भवरुद् एक दावे का िुगर्तान भकया है।

उदाहरण

श्री भकशोर के घरे लू सामानों को भसलवेन ट्ांसपोटव सेवा में ले जाया जा रहा था। िालाक की लापरवाही के
कारण 45000 रुपए मूलय की सीमा र्तक के सामान नष्ट हो गए और बीमा कंपनी ने श्री भकशोर को 30000 रुपए
मूलय की एक राभश का िुगर्तान भकया। बीमा कंपनी केवल 30000 रुपए मूलय की सीमा र्तक प्रस्थापन करर्ती है
और भसलवेन ट्ांसपोटव से उस राभश को एकत्र कर सकर्ती है।

मान लीभजए, दावा राभश 45,000/- रुपए के भलए है, बीमाधारक को बीमा कंपनी द्वारा 40,000 रुपए की
क्षभर्तपूर्थर्त की जार्ती है, और बीमा कंपनी भसलवेन ट्ांसपोटव से प्रस्थापन के र्तहर्त 45,000/- रुपए वसूल करने में
सक्षम है, र्तब 5000 रुपए की शेष राभश बीमाधारक को दे नी पडे गी।

यह बीमाधारक व्यभि को नुकसान के भलए दो बार पैसे एकत्र करने से रोकर्ता है - एक बार बीमा कंपनी
से और उसके बाद भफर र्तीसरे पक्ष से। प्रस्थापन केवल क्षभर्तपूर्थर्त के अनु बध
ं ों के मामले में उत्पन्न होर्ता है।

उदाहरण

श्री सुरेश की भवमान दु घवटना में मृत्यु हो जार्ती है। उसका पभरवार एक व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी जारी करने
वाली बीमा कंपनी से 50 लाि रुपये की पूरी धनराभश के साथ-साथ एयरलाइन द्वारा िुगर्तान भकया जाने वाला
मुआवजा जैसे 15 लाि रुपये प्राप्र्त करने का हकदार है।

ि) योगदान

यह भसद्ांर्त केवल गैर-जीवन बीमा के भलए लागू होर्ता है।योगदान क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त से िलर्ता है
भजसका अथव है भक व्यभि आपदा से हु ए नु कसान की र्तुलना में अभधक राभश बीमा से प्राप्र्त नहीं कर सकर्ता
है।

पभरिाषा

“योगदान” के भसद्ांर्त का अथव यह है भक अगर एक ही संपभि का बीमा एक से अभधक बीमा कंपनी के साथ
भकया जार्ता है र्तो सिी बीमा कंपभनयों द्वारा एक साथ िुगर्तान भकया जाने वाला मुआवजा वास्र्तभवक नुकसान
से अभधक नहीं हो सकर्ता है।

अगर बीमाधारक को प्रत्येक बीमा कंपनी से नु कसान की पूरी राभश प्राप्र्त हो जार्ती र्तो बीमाधारक को
नु कसान से मुनाफ़ा हो सकर्ता था। यह क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त का उललंघन करे गा।

उदाहरण

पभरदृश्य 1

भमस्टर श्रीभनवास 24 लाि रुपए मूलय के अपने मकान पर दो बीमा कंपभनयों से एक अज्ग्न बीमा पॉभलसी लेर्ता
है। वह प्रत्येक कंपनी के साथ 12 लाि रुपए के भलए इसका बीमा करर्ता है। जब मकान आग में आंभशक रूप से

282
क्षभर्तग्रस्र्त हो जार्ता है र्तो इसमें 6 लाि रुपए का अनु माभनर्त नु कसान होर्ता है। वह दोनों बीमा कंपभनयों से 6
लाि रुपए प्रत्येक का दावा करर्ता है। दोनों बीमा कंपभनयां उसे प्रत्येक 6 लाि रुपए दे ने से मना कर दे र्ती हैं ।

वे यह दृज्ष्टकोण लेर्ते हैं भक िूंभक उनमें से प्रत्येक की 50% की सीमा र्तक बीमा में भहस्सेदारी मानी जार्ती है ,
प्रत्येक द्वारा नु कसान के 50% अथार्त 3 लाि रुपए का िुगर्तान भकया जाएगा, इस प्रकार यह सुभनज्श्िर्त होगा
भक बीमाधारक व्यभि को वास्र्तभवक नुकसान के मूलय से अभधक धनराभश प्राप्र्त नहीं होर्ती है।

पभरदृश्य 2

ऋभष ने अपने भलए दो मेभडक्लेम पॉभलभसयां ली हैं , 2,50,000 रुपए की पॉभलसी एक्स कंपनी से और 1,50,000
रुपए की पॉभलसी वाई कंपनी से। ऋभष ने एक बीमारी के बाद अस्पर्ताल में िर्ती होने पर 1,60,000 रुपए का
ििव भकया है। 1,60,000 रुपए का यह मुआवजा करयोग्य अनु पार्त के आधार पर दोनों कंपभनयों द्वारा बांटा और
िुगर्तान भकया जाएगा। प्रत्येक कंपनी की भहस्सेदारी इस प्रकार होगी –

एक्स कंपनी: 1,60,000 x 2.50,000 रु. (2,50,000 + 1,50,000) = 1,00,000 रु.

वाई कंपनी: 1,60,000 x 150,000 / (2,50,000 + 1,50,000) = 60,000 रु.

2. उबेभरमा फाइड्स या परम सद्भाव

सद्भाव और परम सद्भाव के बीि एक अंर्तर है।

क) सद्भाव

आम र्त़ौर पर सिी व्यावसाभयक अनु बध


ं ों की यह आवश्यकर्ता होर्ती है भक उनके लेनदे न में सद्भाव दे िा
जाएगा और कोई धोिाधडी या छल नहीं होगा। सद्भाव भदिाने के इस कानूनी किवव्य के अलावा
भविेर्ता अनु बध
ं की भवषय-वस्र्तु के बारे में िरीदार को भकसी िी जानकारी का िु लासा करने के भलए
बाध्य नहीं है।

यहां पालन भकया जाने वाला भनयम “िेर्ता सावधान/िरीदार िबरदार” का है भजसका अथव है भक
िरीदार सावधान रहे ।

अनु बंध के पक्षों से अनु बंध की भवषय-वस्र्तु की जांि करने की अपेक्षा की जार्ती है और जब र्तक एक पक्ष
दू सरे पक्ष को गुमराह नहीं करर्ता है और जवाब सछिाई से दे र्ता है, अन्य पक्ष द्वारा अनु बंध से बिने का
कोई सवाल ही नहीं उठर्ता है।

उदाहरण

श्री िंद्रशेिर एक टीवी शोरूम में जार्ते हैं और कई सुभवधाओं वाले टीवी के एक आकषवक ब्ांड के प्रभर्त आसि
होर्ते हैं । भविेर्ता व्यभि अपने अनु िव से जानर्ता है भक यह भवशेष ब्ांड बहु र्त भवश्वसनीय नहीं है और इसने पहले
अन्य ग्राहकों के भलए समस्याएं िडी की है। वह इस डर से यह िु लासा नहीं करर्ता है भक इससे भबिी ख़र्तरे में
पड सकर्ती है।

283
क्या उस पर छल करने का आरोप लगाया जा सकर्ता है?

क्या ज्स्थभर्त अलग हो सकर्ती थी अगर भविेर्ता व्यभि से उस ब्ांड की भवश्वसनीयर्ता के बारे में पूछा गया होर्ता
और उसके द्वारा जवाब भदया गया होर्ता भक यह बहु र्त ही भवश्वसनीय ब्ांड था?

ि) परम सद्भाव

बीमा अनु बध
ं एक अलग आधार पर बने होर्ते हैं। प्रस्र्तावक को बीमा की भवषय-वस्र्तु के बारे में सिी
महत्वपूणव जानकारी का बीमा कंपनी को दे नी होर्ती है भक उसके बीमा कंपनी के पास नही है और ऐसा
करना प्रस्र्तावक का कानूनी दाभयत्व है।

महत्वपूणव जानकारी वह जानकारी है जो बीमा कंपभनयों को भनम्पन बार्तें र्तय करने में सक्षम बनार्ती है:

 क्या वे जोभिम को स्वीकार करें गे

 यभद ऐसा है र्तो प्रीभमयम की दर क्या होगी और भकन भनयमों एवं शर्तों के अधीन होगी

परम सद्भाव का यह कानूनी कर्तवव्य सामान्य कानून के र्तहर्त आर्ता है। यह कर्तवव्य न केवल उन महत्वपूणव र्त्यों
पर लागू होर्ता है भजसके बारे में प्रस्र्तावक को जानकारी है बज्लक यह उन महत्वपूणव र्त्यों र्तक िी जार्ता है
भजसके बारे में उसे जानकारी होनी िाभहए।

बीमा अनु बध
ं एक उछि दाभयत्व के अधीन होर्ते हैं । जब बीमा की बार्त आर्ती है , सद्भाव अनु बध
ं परम सद्भाव
अनु बंध बन जार्ते हैं । “परम सद्भाव” की अवधारणा को “िाहे अनुरोध भकया गया हो या नहीं, प्रस्र्ताभवर्त जोभिम
के भलए महत्वपूणव सिी र्त्यों का स्वेछछा से, सही र्तरीके से और पूरी र्तरह से िुलासा भकए जाने के एक
सकारात्मक किवव्य” को शाभमल करने के रूप में पभरिाभषर्त भकया गया है।

पूणव प्रकटीकरण का क्या अथव है?

कानून सिी महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा करने का दाभयत्व डालर्ता है ।

उदाहरण

i. बीमाधारक व्यभि द्वारा र्त्यों की भ्रामक जानकारी

एक कायवकारी व्यभि उछि रििाप से पीभडर्त है और उसे हाल ही में एक हलका भदल का द़ौरा पडा है भजसके
बाद वह एक मे भडकल पॉभलसी लेने का फैसला करर्ता है लेभकन अपनी सही ज्स्थभर्त का िु लासा नहीं करर्ता है।
इस प्रकार बीमाकर्ता बीमाधारक व्यभि द्वारा र्त्यों की गलर्त बयानी के कारण इस प्रस्र्ताव को स्वीकार करने में
ठगा जार्ता है।

ii. बीमा कंपनी द्वारा र्त्यों की गलर्तबयानी

एक व्यभि के भदल में एक जन्मजार्त छे द है और वह इसके बारे में प्रस्र्ताव में िु लासा करर्ता है। इसे बीमा कंपनी
द्वारा स्वीकार कर भलया जार्ता है और प्रस्र्तावक को यह नहीं बर्ताया जार्ता है भक पहले से म़ौजूद बीमाभरयों को
कम से कम 4 वषों र्तक कवर नहीं भकया जार्ता है।

284
ग) महत्वपूणव र्त्य

महत्वपूणव र्त्य को एक ऐसे र्त्य के रूप में पभरिाभषर्त भकया गया है जो यह र्तय करने में सहायर्ता
करर्ता है भक जोभिम को स्वीकार भकया जाए या नहीं, और अगर ऐसा होर्ता है र्तो प्रीभमयम की दर और
भनयमों एवं शर्तों को र्तय करने में एक बीमा जोभिम अंकक के फैसले को प्रिाभवर्त करे गा।

क्या एक अज्ञार्त र्त्य महत्वपूणव था या नहीं, यह व्यभिगर्त मामले की पभरज्स्थभर्तयों पर भनिवर करे गा
और इसका फैसला अंर्तर्तः केवल कानून की एक अदालर्त में भकया जा सकर्ता है। बीमाधारक व्यभि को
जोभिम को प्रिाभवर्त करने वाले र्त्यों का िु लासा करना होर्ता है।

आइए अब हम बीमा के महत्वपूणव र्त्यों के कुछ प्रकारों पर एक नज़र डालें भजनका िु लासा करना
आवश्यक है:

i. यह बर्ताने वाले र्त्य भक भवशेष जोभिम सामान्य की र्तुलना में एक बडे जोभिम को दशार्ता है।
इसके उदाहरण हैं, समुद्र में ले जाए जा रहे िर्तरनाक प्रकृभर्त के माल; बीमारी का भपछला
इभर्तहास।

ii. सिी बीमा कंपभनयों से ली गयी भपछली पॉभलभसयों की म़ौजूदगी और उनकी वर्तवमान ज्स्थभर्त।

iii. बीमा के भलए प्रस्र्ताव प्रपत्र या आवेदन पत्र के सिी सवालों को महत्वपूणव माना जार्ता है क्योंभक
ये बीमा की भवषय-वस्र्तु के भवभिन्न पहलुओं और जोभिम के इसके दायरे से संबंभधर्त हैं । इनका
जवाब सछिाई से भदया जाना और सिी मामलों में पभरपूणव होना आवश्यक है।

महत्वपूणव र्त्यों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं :

उदाहरण

i. आज्ग्न बीमा

 िवन का भनमाण

 दिलदारी(ऑक्यूपैन्सी)(जैसे कायालय, भनवास, दु कान, गोदाम, भनमाण इकाई, आभद)

 संग्रभहर्त/भवभनर्थमर्त वस्र्तुओं की प्रकृभर्त यानी गैर-िर्तरनाक, िर्तरनाक, अभर्तभरि-िर्तरनाक


आभद

ii. समुद्री बीमा

 पैलकग की भवभध यानी क्या एकल टाट के बोरे में या दोहरे टाट के बोरे में, क्या नए िम में या
इस्र्ते माल भकए गए िमों में; आभद

 सामानों की प्रकृभर्त (जैसे क्या मशीनरी नई है या इस्र्ते माल की गयी)

iii. मोटर बीमा

 इंजन की घन क्षमर्ता (भनजी कार)

 भनमाण का वषव

285
 एक ट्क की वहन क्षमर्ता (टन िार)

 वह प्रयोजन भजसके भलए वाहन का प्रयोग भकया जार्ता है

 ि़ौगोभलक क्षेत्र भजसमें इसका इस्र्ते माल भकया जार्ता है

iv. व्यभिगर्त दु घवटना बीमा

 व्यवसाय की सटीक प्रकृभर्त

 उम्र

 ऊंिाई और वजन

 शारीभरक भवकलांगर्ताएं आभद

v. स्वास््य बीमा

 कोई ऑपरे शन भकया गया हो

 क्या मधुमेह या उछि रििाप से पीभडर्त है

vi. सामान्य भवशेषर्ताएं

 यह र्त्य भक भपछली बीमा कंपभनयों ने प्रस्र्ताव को अस्वीकार कर भदया था या अभर्तभरि प्रीभमयम


वसूल भकया था या रद्द कर भदया था या पॉभलसी को नवीनीकृर्त करने से इनकार कर भदया था।

 प्रस्र्तावक द्वारा उठाए गए भपछले नु कसान

महत्वपूणव

ऐसे र्त्य भजनका िु लासा भकया जाना आवश्यक नहीं है [जब र्तक भक बीमा कंपनी द्वारा मांगा नहीं जार्ता है]

यह िी माना जार्ता है भक जब र्तक बीमा लेिक द्वारा एक भवशेष जांि नहीं की जार्ती है , प्रस्र्तावक को भनम्पन
र्त्यों का िु लासा करने का कोई दाभयत्व नहीं है:

i. जोभिम कम करने के भलए लागू भकए गए उपाय

उदाहरण : एक अज्ग्नशामक की म़ौजूदगी।

ii. बीमाधारक के भलए अज्ञार्त र्त्य

उदाहरण : एक व्यभि जो उछि रििाप से पीभडर्त है लेभकन पॉभलसी लेने के समय इसके बारे में
अनजान था, उस पर इस र्त्य के गैर-प्रकटीकरण का आरोप नहीं लगाया जा सकर्ता है।

iii. ऐसे र्त्य भजनका िु लासा उभिर्त पभरश्रम से भकया जा सकर्ता है, हर सूक्ष्म महत्वपूणव र्त्य का
िु लासा करना आवश्यक नहीं है।बीमालेिक को इसके बारे में पूछने के भलए पयाप्र्त रूप से
सिेर्त होना िाभहए अगर उनको अन्य जानकारी की आवश्यकर्ता है।

iv. कानून के मामले : माना जार्ता है भक हर व्यभि को दे श के कानून की जानकारी होनी िाभहए।

उदाहरण : भवस्फोटकों के िंडारण के बारे में नगर भनगम के कानून

286
v. भजसके बारे में बीमाकर्ता उदासीन प्रर्तीर्त होर्ता है [या उसने अन्य जानकारी की जरूरर्त को
माफ कर भदया है]। बीमाकर्ता बाद में इस आधार पर भजम्पमे दारी को अस्वीकार नहीं कर सकर्ता
है भक जवाब अधूरे थे।

vi. ऐसे र्त्य भजनकी िोज करना संिव है: जैसे भक पॉभलसी लेने से पहले जब कोई भिभकत्सा
परीक्षक बीमाकर्ता की ओर से एक भिभकत्सा परीक्षा में बीपी की माप लेर्ता है।

घ) गैर-जीवन बीमा में प्रकटीकरण का किवव्य

गैर-जीवन बीमा में अनु बध


ं यह भनधाभरर्त करे गा भक क्या पभरवर्तवनों के बारे में सूभिर्त भकया जाना
आवश्यक है या नहीं। जब मूल अनु बंध में ऐसा कोई पभरवर्तवन भकया जार्ता है जो जोभिम को प्रिाभवर्त
करर्ता है, प्रकटीकरण का कर्तवव्य सामने आएगा। महत्वपूणव र्त्यों के प्रकटीकरण का किवव्य उस समय
समाप्र्त हो जार्ता है जब एक कवर नोट या एक पॉभलसी जारी करके अनु बंध का समापन भकया जार्ता है।
पॉभलसी की अवभध के द़ौरान यभद जोभिम में कोई बदलाव हु आ हो र्तो पॉभलसी के नवीकरण के समय
कर्तवव्य का प्रश्न सामने आर्ता है।

उदाहरण

एक मकान माभलक ने िवन और उसकी सामभग्रयों का बीमा भकया है।

वह एक सप्र्ताह के भलए छु ट्टी पर िला जार्ता है - र्त्यों में कोई महत्वपूणव बदलाव नहीं होर्ता है।

हालांभक अगर वह ऊपर एक और मंभजल बनार्ता है और एक ब्यूटी पालवर शुरू करर्ता है , यह जोभिम को काफी
हद र्तक बदल दे गा।

ङ) परम सद्भाव का उललंघन

आइए अब हम उन ज्स्थभर्तयों पर भविार करें भजनमें परम सद्भाव का उललंघन शाभमल होगा। इस र्तरह
का उललंघन गैर-प्रकटीकरण या गलर्तबयानी के माध्यम से हो सकर्ता है।

i. गैर-प्रकटीकरण

 बीमाधारक महत्वपूणव र्त्यों के बारे में आम र्त़ौर पर िुप रहर्ता है क्योंभक बीमाकर्ता ने कोई भवभशष्ट
पूछर्ताछ नहीं की है।

 बीमा कंपनी द्वारा पूछे गए सवालों के कुभटल जवाब दे कर

 असावधानीवश हु आ हो सकर्ता है [व्यभि की जानकारी या इरादे के भबना घभटर्त हु आ] या क्योंभक


प्रस्र्तावक ने सोिा होगा भक यह र्त्य महत्वपूणव नहीं है। ऐसी ज्स्थभर्त में वह भनदोष है।] जब भकसी
र्त्य का जानबूझकर िु लासा नहीं भकया जार्ता है र्तो इसे छल के रूप में दे िा जार्ता है। एसे मामले
में धोिा दे ने की मंशा शाभमल हो सकर्ती है।

ii. गलर्तबयानी/भम्या प्रस्र्तुभर्त

बीमा क अनु बंध करर्ते समय बार्तिीर्त के द़ौरान भदए गए भकसी बयान को प्रस्र्तुभर्त या प्रभर्तभनभधत्व कहा
जार्ता है। यह र्त्य का एक भनज्श्िर्त बयान या भवश्वास, इरादा या अपेक्षा का एक बयान हो सकर्ता है।

287
जब यह एक र्त्य होर्ता है, इसके काफी हद र्तक सही होने की अपेक्षा की जार्ती है।

जब यह भवश्वास या अपेक्षा के मामलों से सेबांभधर्त होर्ता है, यह परम के रूप में सद्भाव में भकया जाना
िाभहए।

गलर्तबयानी दो प्रकार की होर्ती है:

 भनदोष गलर्तबयानी का संबध


ं उन असत्य बयानों से है जो भकसी िी धोिाधडी के इरादे के भबना
भकए जार्ते हैं जैसे एक ऐसा व्यभि जो किी-किी धूम्रपान करर्ता है और भजसे धूम्रपान करने की
आदर्त नहीं है, वह प्रस्र्ताव प्रपत्र में इस बार्त का िु लासा नहीं कर सकर्ता है क्योंभक उसे नहीं
लगर्ता है भक इसका जोभिम पर कोई असर पडर्ता है।

 धोिाधडीपूणव गलर्तबयानी ऐसे झूठे बयान हैं जो बीमा कंपनी को धोिा दे ने के इरादे के साथ
जानबूझकर भदए जार्ते हैं या सछिाई पर उभिर्त ध्यान भदए भबना लापरवाही से भदए जार्ते हैं ।जैसे
एक लगार्तार धूम्रपान करने वाला व्यभि (िेन स्मोकर) जानबूझकर इस र्त्य का िु लासा नहीं
कर सकर्ता है भक वह धूम्रपान करर्ता है।

एक बीमा अनु बध
ं आम र्त़ौर पर भनरस्र्त हो जार्ता है जब धोिा दे ने के इरादे से कोई बार्त भछपायी जार्ती है या
जब कोई धोिाधडीपूणव गैर-प्रकटीकरण या गलर्तबयानी होर्ती है। परम सद्भाव के अन्य उललंघनों के मामले में
अनु बंध को भनरस्र्त करने योग्य माना जा सकर्ता है।

उदाहरण के भलए, फैभमली फ्लोटर पॉभलसी में अपने बछिे को कवर करने के समय मार्ता-भपर्ता को यह
जानकारी नहीं हो सकर्ती है भक उनके बछिे को एक जन्मजार्त समस्या है। यहां धोिा दे ने की कोई मंशा नहीं है।

3. बीमा योग्य भहर्त

‘बीमा योग्य भहर्त’ की उपज्स्थभर्त हर बीमा अनु बध


ं का एक अभनवायव अंग होर्ता है और इसे बीमा के भलए कानूनी
पूवव-अहव र्ता माना जार्ता है। आइए अब हम दे िें भक कैसे बीमा एक जु आ या दांव लगाने वाले समझ़ौर्ते से अलग
है।

क) जु आ और बीमा

पिों के एक िेल पर भविार करें जहां व्यभि या र्तो हारर्ता या जीर्तर्ता है। हाभन या लाि केवल इसभलए होर्ता
है क्योंभक व्यभि दांव लगाने में प्रवेश करर्ता है। वह व्यभि जो गेम िेलर्ता है उसका इस बार्त के अलावा गेम
के साथ आगे कोई अन्य भहर्त या संबध
ं नहीं होर्ता है भक वह गेम जीर्त सकर्ता है।

सट्टे बाजी या दांव लगाना एक क़ानून की अदालर्त में कानूनी रूप से लागू करने योग्य नहीं है और इस
प्रकार इसका अनु सरण करने वाले भकसी िी अनु बध
ं को अवैध माना जाएगा। अगर कोई व्यभि र्ताश के पिों
के एक िेल में हार जाने पर अपने मकान को भगरवी रि दे र्ता है र्तो दू सरा पक्ष इसकी पूर्थर्त सुभनज्श्िर्त करने
के भलए अदालर्त से संपकव नहीं कर सकर्ता है।

अब एक मकान और इसके जल जाने की घटना पर भविार करें । वह व्यभि जो अपने मकान का बीमा
करर्ता है, उसका बीमा की भवषय-वस्र्तु - मकान के साथ एक कानूनी संबध
ं होर्ता है। वह इसका माभलक है
और अगर यह नष्ट या क्षभर्तग्रस्र्त हो जार्ता है र्तो उसके आर्थथक रूप से पीभडर्त होने की संिावना रहर्ती है।
स्वाभमत्व का यह संबध
ं इस बार्त से स्वर्तंत्र होर्ता है भक क्या आग लगर्ती है या नहीं लगर्ती है और यही वह

288
संबंध है जो नु कसान का कारण बनर्ता है। घटना [आग या िोरी] इस बार्त की परवाह भकए भबना भक व्यभि
बीमा लेर्ता है या नहीं, एक नुकसान का कारण बनेगी।

र्ताश के पिों के िेल के भवपरीर्त, जहां व्यभि जीर्त या हार सकर्ता है, आग का केवल एक पभरणाम हो
सकर्ता है - मकान के माभलक को नु कसान।

माभलक यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए बीमा लेर्ता है भक नुकसान के भलए भकसी न भकसी र्तरीके से मुआवजा
भदया जार्ता है।

बीमाधारक व्यभि का अपने मकान या अपने धन में जो भहर्त होर्ता है उसे बीमा योग्य भहर्त कहा जार्ता है।
बीमा योग्य भहर्त की उपज्स्थभर्त एक बीमा अनु बंध को वैध और कानून के र्तहर्त लागू करने योग्य बनार्ता है।

महत्वपूणव

बीमा योग्य भहर्त के र्तीन आवश्यक र्तत्व :

1. संपभि, अभधकार, भहर्त, जीवन या संिाभवर्त दे यर्ता में बीमा भकए जाने की योग्यर्ता होनी िाभहए।

2. इस र्तरह की संपभि, अभधकार, भहर्त, जीवन या संिाभवर्त दे यर्ता बीमा की भवषय-वस्र्तु होनी िाभहए।

3. बीमाधारक व्यभि का भवषय वस्र्तु से इस प्रकार एक कानूनी संबध


ं होना िाभहए भक उसे संपभि की
सुरक्षा, अभधकार, भहर्त, जीवन या दे यर्ता की स्वर्तंत्रर्ता से लाि भमलर्ता है। इसी टोकन से वह भकसी िी
नु कसान, क्षभर्त, िोट या दाभयत्व के भनमाण से आर्थथक रूप से िोने की ज्स्थभर्त में होर्ता है।

उदाहरण

पभरदृश्य 1

श्री िंद्रशेिर एक मकान का माभलक है भजसके भलए उसने एक बैंक से 15 लाि रुपए का एक बंधक ऋण भलया
है।

क्या मकान में उसका एक बीमा योग्य भहर्त है?

क्या बैंक का मकान में एक बीमा योग्य भहर्त है?

उनके पडोसी के बारे में क्या कहा जा सकर्ता है?

पभरदृश्य 2

भमस्टर श्रीभनवासन का एक पभरवार है भजसमें पत्नी, दो बछिे और बूढ़े मार्ता-भपर्ता शाभमल हैं ।

क्या उनके स्वस्थ होने में उसका एक बीमा योग्य भहर्त है?

अगर उनमें से भकसी को अस्पर्ताल में िर्ती होना पडर्ता है र्तो क्या उसे आर्थथक रूप से नु कसान का सामना
करना पड सकर्ता है?

उसके पडोसी के बछिों के बारे में क्या कहा जा सकर्ता है? क्या उनमें उसका एक बीमा योग्य भहर्त होगा?

यहां बीमा की भवषय-वस्र्तु और एक बीमा अनु बंध की भवषय-वस्र्तु के बीि एक अंर्तर करना प्रासंभगक होगा।

289
बीमा की भवषय-वस्र्तु उस संपभि से संबभं धर्त है भजसके भवरुद् बीमा भकया जा रहा है , भजसका अपना एक
आंर्तभरक मूलय है।

दू सरी ओर बीमा अनु बध


ं की भवषय-वस्र्तु उस संपभि में बीमाधारक का भविीय भहर्त होर्ती है।यह केवल र्तब
होर्ता है जब बीमाधारक व्यभि का उस संपभि में ऐसा एक भहर्त होर्ता है भजसका बीमा करने का उसे कानूनी
अभधकार है। सबसे सही अथों में बीमा पॉभलसी अपने आप में संपभि को नहीं बज्लक संपभि में बीमाधारक
व्यभि के भविीय भहर्त को कवर करर्ती है।

उदाहरण

उस मकान पर भविार करें भजसे श्री िंद्रशेिर एक बैंक से 15 लाि रुपए के एक बंधक ऋण के साथ लेकर
आया है। अगर उसने इस राभश में से 12 लाि रुपए की अदायगी कर दी है र्तो बैंक का भहर्त केवल शेष र्तीन
लाि रुपए की बकाया राभश के आसपास होगा।

इस प्रकार िुगर्तान नहीं की गयी ऋण की शेष राभश के भलए बैंक का िी मकान में आर्थथक रूप से एक बीमा
योग्य भहर्त है और वह सुभनज्श्िर्त करे गा भक उसे पॉभलसी में सह-बीमाधारक बनाया गया है।

अगर कोई व्यभि जानबूझकर अपनी संपभि में आग लगा दे र्ता है और पॉभलसी के र्तहर्त नु कसानों के भवरुद्
दावे लेर्ता है, र्तो इस र्तरह के दावे स्पष्ट रूप से धोिाधडीपूणव हैं और इनको उभिर्त रूप से अस्वीकार भकया
जा सकर्ता है।

ि) वह समय जब बीमा योग्य भहर्त म़ौजूद होना िाभहए

आग और दु घवटना बीमा के मामले में बीमा योग्य भहर्त दोनों ज्स्थभर्तयों में , पॉभलसी लेने के समय और
नु कसान के समय म़ौजूद होना िाभहए।

स्वयं के स्वास््य और व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के मामले के अलावा प्रस्र्तावक द्वारा पभरवार का िी बीमा
भकया जा सकर्ता है क्योंभक अगर पभरवार के साथ कोई दु घवटना होर्ती है या उनको अस्पर्ताल में िर्ती होना
पडर्ता है र्तो उसे आर्थथक नुकसान उठाना पडे गा। हालांभक, समुद्री कागो बीमा में बीमा योग्य भहर्त केवल
नु कसान के समय होना आवश्यक है।

4. आसन्न कारण

अंभर्तम कानूनी भसद्ांर्त आसन्न कारण का भसद्ांर्त है जो केवल गैर-जीवन बीमा पर लागू होर्ता है।

गैर-जीवन बीमा अनुबंध केवल र्तिी क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ते हैं जब नु कसान ऐसे बीभमर्त जोभिमों के कारण घभटर्त
होर्ते हैं भजन्हें पॉभलसी द्वारा कवर भकया गया है। नु कसान या क्षभर्त के वास्र्तभवक कारण का भनधारण भकसी िी
दावे पर भविार करने में एक मूलिूर्त कदम है।

आसन्न कारण बीमा का एक प्रमुि भसद्ांर्त है और यह इस बार्त से संबंभधर्त है भक वास्र्तव में नु कसान या क्षभर्त
कैसे हु ई और क्या यह वास्र्तव में एक बीभमर्त आपदा के पभरणाम स्वरूप हु ई है।

इस भनयम के र्तहर्त बीमा कंपनी उस प्रमुि कारण की िोज करर्ती है जो नु कसान उत्पन्न करने वाली घटनाओं
की एक श्रृंिला को गभर्त प्रदान करर्ता है , और यह जरूरी नहीं भक वह नु कसान के ठीक पहले की अंभर्तम घटना

290
हो भजससे नु कसान हु आ हो अथार्त यह एक घटना है जो हाभन के भबलकुल करीब है या हाभन होने का
र्तात्काभलक कारण है।

दु िाग्यवश जब कोई हाभन होर्ती है, र्तब वहााँ घटनाओं की एक श्रृि


ं ला कायव करर्ती है जो उस वारदार्तको
अंजाम दे र्ती है और इसभलए किी-किी यह पर्ता लगा पाना मुज्श्कल हो जार्ता है भक वह वारदार्त भकस
नजदीकी या आसन्न कारण से हु ई।

उदाहरण के भलए, एक आग भकसी पानी के पाइप के फटने का कारण बन सकर्ती है। पभरणामी नु कसान पानी
से क्षभर्त होने के बावजूद िी आग को अिी िी इस घटना का आसन्न कारण माना जाएगा।

पभरिाषा

आसन्न कारण को सभिय और प्रिावशाली कारण के रूप में पभरिाभषर्त भकया जार्ता है जो घटनाओं की एक
श्रृंिला को गभर्त प्रदान करर्ता है, भजसका पभरणाम भनकलर्ता है और भजसमें शुरू भकए गए बल का हस्र्तक्षेप नहीं
होर्ता और वह स्वर्तंत्र रोतोर्त से सभिय रूप से काम करर्ता है।

आसन्न कारण के भसद्ांर्त को समझने के भलए भनम्पन ज्स्थभर्त पर भविार करें :

उदाहरण

पभरदृश्य 1

अजय की कार िोरी हो गयी थी। दो भदन बाद पुभलस को कार क्षभर्तग्रस्र्त हालर्त में भमली। जांि से पर्ता िला भक
िोर ने कार को एक पेड से टकरा भदया था। अजय ने कार को हु ई क्षभर्त के भलए बीमा कंपनी के पास एक दावा
दायर भकया। अजय को यह जानकार आश्ियव हु आ भक बीमा कंपनी ने दावे को िाभरज कर भदया। बीमा कंपनी
ने यह कारण बर्ताया था भक कार को हु ई क्षभर्त का कारण ‘िोरी’ थी और ‘िोरी’ अजय द्वारा अपने कार के भलए
ली गयी बीमा पॉभलसी में एक अपवर्थजर्त जोभिम था और इसभलए बीमा कंपनी दावे का िुगर्तान करने के भलए
उिरदायी नहीं है।

पभरदृश्य 2

श्री लपटो एक घोडे की सवारी करर्ते समय जमीन पर भगर गए थे और उनका पैर टू ट गया था, उनको अस्पर्ताल
ले जाए जाने से पहले वे एक लंबे समय र्तक गीली जमीन पर पडे हु ए थे।गीली जमीन पर पडे होने के कारण
उनको बुिार हो गया था और इसने भनमोभनया का रूप ले भलया, अंर्त में इसी कारण से उनकी म़ौर्त हो गयी।
हालांभक भनमोभनया र्तत्काल कारण प्रर्तीर्त हो सकर्ता है, वास्र्तव में दु घवटना में भगर जाना आसन्न कारण के रूप
में सामने आया और दावे को व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के र्तहर्त स्वीकार भकया गया।

कुछ ऐसे नु कसान हैं जो आग के कारण बीमाधारक व्यभि को उठाने पड सकर्ते हैं लेभकन इनको आसन्न रूप से
आग के कारण हु आ नु कसान नहीं कहा जा सकर्ता है। व्यावहाभरक रूप में इनमें से कुछ नु कसानों का िुगर्तान
प्रथागर्त रूप से अज्ग्न बीमा पॉभलभसयों के र्तहर्त व्यवसाय द्वारा भकया जार्ता है।

इस र्तरह के नु कसानों के उदाहरण हो सकर्ते हैं -

 आग बुझाने के भलए इस्र्ते माल भकए गए पानी की वजह से संपभि को क्षभर्त

 फायर भब्गेड द्वारा अपने कर्तवव्य के भनष्पादन की वजह से संपभि को क्षभर्त

291
 जलर्ती हु ई इमारर्त से संपभि को एक सुरभक्षर्त स्थान पर हटाने के द़ौरान उसे(संपभि का) हु ई क्षभर्त

स्व-परीक्षण 3

श्री लपटो को घोडे की सवारी के द़ौरान दु घवटना का भशकार होने के बाद गीली जमीन पर पडे रहने के पभरणाम
स्वरूप भनमोभनया हो गया था। भनमोभनया के िलर्ते श्री लपटो की मृत्यु हो गयी। मृत्यु का आसन्न कारण क्या है ?

I. भनमोभनया

II. घोडा

III. घोडे की सवारी में दु घवटना

IV. बदभकस्मर्ती

सारांश

क) बीमा की प्रभिया के िार र्तत्व हैं (संपभि, जोभिम, जोभिम पूललग और एक बीमा अनुबंध)।

ि) संपभि ऐसी कोई िी िीज हो सकर्ती है जो कुछ लाि प्रदान करर्ती है और अपने माभलक के भलए उसका
आर्थथक मूलय होर्ता है।

ग) एक नु कसान की संिावना जोभिम को दशार्ती है।

घ) ऐसी ज्स्थभर्त या ज्स्थभर्तयां जो नु कसान की संिावना या र्तीव्रर्ता को बढ़ार्ती है , िर्तरों के रूप में संदर्थिर्त
की जार्ती हैं ।

ङ) वह गभणर्तीय भसद्ांर्त जो बीमा को संिव बनार्ता है, जोभिम पूललग के भसद्ांर्त के रूप में जाना जार्ता है।

ि) एक वैध अनु बध
ं के र्तत्वों में प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त, प्रभर्तफल, वैधर्ता, पार्थटयों की क्षमर्ता और दोनों पक्षों
के बीि समझ़ौर्ता शाभमल है।

छ) क्षभर्तपूर्थर्त यह सुभनज्श्िर्त करर्ती है भक बीमाधारक को आकज्स्मक घटना घभटर्त होने पर उसके नु कसान
की सीमा र्तक मुआवजा भदया जार्ता है।

ज) प्रस्थापन का मर्तलब बीमा की भवषय-वस्र्तु के संबध


ं में बीमाधारक से बीमा कंपनी को सिी अभधकारों
और उपायों का हस्र्तांर्तरण है।

ि) योगदान के भसद्ांर्त का अथव यह है भक अगर एक ही संपभि का बीमा एक से अभधक बीमा कंपनी के साथ
भकया जार्ता है र्तो एक साथ सिी बीमा कंपभनयों द्वारा िुगर्तान भकया गया मुआवजा वास्र्तभवक नुकसान
से अभधक नहीं हो सकर्ता है।

ग) सिी बीमा अनु बंध परम सद्भाव (Uberrima Fides) के भसद्ांर्त पर आधाभरर्त होर्ते हैं।

घ) ‘बीमा योग्य भहर्त’ की उपज्स्थभर्त हर बीमा अनुबंध का एक अभनवायव अंग है और इसे बीमा के भलए कानूनी
पूवव-अहव र्ता के रूप में माना जार्ता है।

ङ) आसन्न कारण बीमा का एक प्रमुि भसद्ांर्त है और इसका संबध


ं इस बार्त से है भक नु कसान या क्षभर्त
वास्र्तव में कैसे हु ई और क्या यह वास्र्तव में एक बीभमर्त जोभिम के पभरणाम स्वरूप हु ई है।

292
मुख्य शब्द

क) संपभि
ि) जोभिम
ग) िर्तरा
घ) जोभिम पूललग
ङ) प्रस्र्ताव और स्वीकृभर्त
ि) कानून सम्पमर्त भविार/प्रभर्तफल
छ) आम सहमभर्त ऐड आइडम
ज) परम सद्भाव (Uberrima Fides)
झ) महत्वपूणव र्त्य
ि) बीमा योग्य भहर्त
छ) प्रस्थापन
ज) योगदान/अंशदान
झ) आसन्न कारण

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप II है।िोरी हु आ सामान वैधर्ता के भसद्ांर्त का उललंघन करर्ता है और इसभलए एक बीमा योग्य
जोभिम को नहीं दशार्त है।

उिर 2

सही भवकलप II है।

जबरदस्र्ती एक वैध अनु बध


ं का र्तत्व नहीं है।

उिर 3

सही भवकलप III है।

घुडसवारी के द़ौरान दु घवटना िीजों को गभर्त प्रदान करर्ती है भजसके पभरणाम स्वरूप अंर्तर्तः श्री लपटो की मृत्यु
हु ई है और इसभलए यह आसन्न कारण है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

नैभर्तक जोभिम का मर्तलब है :

I. भकसी व्यभि में बेईमानी या िाभरभत्रक दोष


II. भकसी व्यभि में ईमानदारी और मूलय

293
III. धार्थमक मान्यर्ताओं का जोभिम
IV. बीमा योग्य संपभि का जोभिम

प्रश्न 2

जोभिम इंभगर्त करर्ता है :

I. अज्ञार्त का िय
II. नु कसान की संिावना
III. साववजभनक स्थान पर गडबडी
IV. िर्तरा
प्रश्न 3

______________ का मर्तलब भकसी व्यभि के भनवेश को भवभिन्न प्रकार की संपभि में फैलाना है।

I. पूललग
II. भवभवधीकरण
III. जूआ
IV. गभर्तशील जोभिम

प्रश्न 4

__________ संपभि का एक उदाहरण नहीं है।

I. मकान
II. सूरज की रोशनी
III. संयंत्र और मशीनरी
IV. मोटर कार

प्रश्न 5

___________ जोभिम का एक उदाहरण नहीं है।

I. दु घवटना की वजह से कार को हु ई क्षभर्त


II. बाभरश के पानी के कारण माल की क्षभर्त
III. टू ट-फूट के कारण कार के टायर को क्षभर्त
IV. आग की वजह से संपभि को क्षभर्त

प्रश्न 6

िूकंप _________ का एक उदाहरण है:

I. महासंकटपूणव जोभिम
II. गभर्तशील जोभिम
III. मामूली जोभिम
IV. सट्टा जोभिम

294
प्रश्न 7

इस कथन के भलए सबसे उपयुि र्तार्थकक र्तुलयर्ता का ियन करें ।

कथन: बीमा नु कसान या क्षभर्त से संपभि की रक्षा नहीं कर सकर्ता है।

I. सही
II. गलर्त
III. आंभशक रूप से सही
IV. अभनवायव रूप से सही नहीं

प्रश्न 8

_____________ का मर्तलब है बीमा की भवषय-वस्र्तु के संबंध में बीमा धारक से बीमा कंपनी को
सिी अभधकारों और उपायों का हस्र्तांर्तरण।

I. योगदान
II. प्रस्थापन
III. कानूनी िर्तरा
IV. जोभिम पूललग

प्रश्न 9

___________ एक ऐसे र्त्य का उदाहरण है भजसका िु लासा भकए जाने की जरूरर्त नहीं है जब
र्तक भक बीमा कंपनी द्वारा इसकी मांग न की जाए।

I. बीमाधारक व्यभि की उम्र


II. अज्ग्नशामक की म़ौजूदगी
III. भदल की बीमारी
IV. बीमा के अन्य भववरण

प्रश्न 10

_____________ एक अनुबंध की स़ौदे बाजी के द़ौरान भदया गया एक गलर्त बयान है।

I. गलर्तबयानी/भम्या प्रस्र्तुभर्त
II. योगदान
III. प्रस्र्ताव
IV. प्रभर्तभनभधत्व

295
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप I है।

नैभर्तक जोभिम का मर्तलब है भकसी व्यभि में बेईमानी या िाभरभत्रक दोष।

उिर 2

सही भवकलप II है।

‘जोभिम’ एक नु कसान की संिावना को इंभगर्त करर्ता है।

उिर 3

सही भवकलप II है।

भवभवधीकरण का मर्तलब है व्यभि के भनवेश को भवभिन्न प्रकार की संपभियों में फैलाना।

उिर 4

सही भवकलप II है।

सूरज की रोशनी को संपभि के रूप में वगीकृर्त नहीं भकया जा सकर्ता क्योंभक यह अिाव और स्वाभमत्व के
परीक्षण में भवफल रहर्ता है।

उिर 5

सही भवकलप III है।

टू ट-फूट के पभरणाम स्वरूप हु ई क्षभर्त को जोभिम नहीं माना जा सकर्ता है।

उिर 6

सही भवकलप I है।

िूकंप महासंकटपूणव जोभिम का एक उदाहरण है।

उिर 7

सही भवकलप I है।

बीमा नु कसान या क्षभर्त संपभि की रक्षा नहीं कर सकर्ता है।

उिर 8

सही भवकलप II है।

प्रस्थापन का मर्तलब बीमा की भवषय वस्र्तु के संबध


ं में बीमा धारक से बीमा कंपनी को सिी अभधकारों और
उपायों का हस्र्तांर्तरण।

296
उिर 9

सही भवकलप II है।

बीमा िरीदर्ते समय अज्ग्नशामक की म़ौजूदगी का िु लासा भकए जाने की जरूरर्त नहीं है , जब र्तक भक इसके
भलए कहा न जाए।

उिर 10

सही भवकलप I है।

गलर्तबयानी भकसी अनुबंध की स़ौदे बाजी के द़ौरान भदया गया एक गलर्त बयान है।

297
अध्याय 12

दस्र्तावेजीकरण

अध्याय पभरिय

बीमा उद्योग में हम एक बडी संख्या में प्रपत्रों, दस्र्तावेजों आभद के साथ काम करर्ते हैं । यह अध्याय एक बीमा
अनु बंध के भवभिन्न दस्र्तावेजों और उनके महत्व के बारे में बर्तार्ता है। यह प्रत्येक प्रपत्र की सटीक प्रकृभर्त, इसे
िरने के र्तरीके और भवभशष्ट जानकारी मांगने के कारणों की पूरी जानकारी दे र्ता है।

अध्ययन के पभरणाम

क. प्रस्र्ताव प्रपत्र
ि. प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त (बीमालेिन)
ग. प्रीभमयम की रसीद
घ. कवर नोट / बीमा प्रमाणपत्र / पॉभलसी दस्र्तावेज
ङ. वारंटी
ि. पृष्ठांकन
छ. पॉभलभसयों की व्याख्या
ज. नवीनीकरण की सूिना

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप भनम्पन बार्तों में सक्षम होंगे:

क) प्रस्र्ताव प्रपत्र की सामभग्रयों के बारे में बर्ताना।


ि) प्रीभमयम की रसीद को समझाना।
ग) कवर नोट और बीमा प्रमाणपत्र की व्याख्या और मूलयांकन करना।
घ) बीमा पॉभलसी दस्र्तावेज की शर्तों और बार्तों को समझाना।
ङ) पॉभलसी की वारंभटयों और पृष्ठांकन की व्याख्या करना।

298
क. प्रस्र्ताव प्रपत्र

बीमा दस्र्तावेज़ बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीि समझ और पारदर्थशर्ता लाने के प्रयोजन से प्रदान भकया
जार्ता है। कुछ ऐसे दस्र्तावेज हैं जो बीमा व्यवसाय में परंपरागर्त रूप से इस्र्ते माल भकए जार्ते हैं । ग्राहक के भलए
भनकटर्तम व्यभि होने के नार्ते बीमा एजेंट को ग्राहक का सामना करना होर्ता है और इसमें शाभमल दस्र्तावेजों के
बारे में सिी संदेहों को दू र करने र्तथा इनको िरने में उसकी मदद करने की जरूरर्त होर्ती है। बीमा कंपनी को
केवल ग्राहक द्वारा प्रस्र्तुर्त भकए गए दस्र्तावेजों से ग्राहक और उसकी जरूरर्तों के बारे में पर्ता िलर्ता है। ये
जोभिम को बेहर्तर समझने में बीमा कंपनी की मदद करर्ते हैं ।

एजेंटों को बीमा में शाभमल प्रत्येक दस्र्तावेज़ के उद्देश्य और इसमें इस्र्ते माल होने वाले दस्र्तावेजों में भनभहर्त
जानकारी के महत्व और प्रासंभगकर्ता को समझना िाभहए।

1. प्रस्र्ताव प्रपत्र

दस्र्तावेजीकरण का पहला िरण अभनवायव रूप से प्रस्र्ताव प्रपत्र है भजसके माध्यम से बीमा धारक इन बार्तों की
जानकारी दे र्ता है:

 वह क़ौन है,
 उसे भकस प्रकार के बीमा की जरूरर्त है,
 वह क्या बीमा करना िाहर्ता है उसका भववरण, और
 भकर्तनी समय-अवभध के भलए

भववरण का मर्तलब बीमा की भवषय-वस्र्तु का म़ौभद्रक मूलय और उससे संबभं धर्त सिी महत्वपूणव र्त्य।

क) बीमा कंपनी द्वारा जोभिम मूलयांकन

i. बीमा के भलए “प्रस्र्ताव प्रपत्र” को एक जोभिम के संबंध में बीमा कंपनी को आवश्यक सिी महत्वपूणव
जानकारी प्रस्र्तुर्त करने के भलए प्रस्र्तावक द्वारा िरा जाएगा जो बीमा कंपनी को भनम्पन बार्तों का भनणवय
लेने में सक्षम बनाएगा:

 क्या इसे स्वीकार भकया जाए या अस्वीकार और

 जोभिम स्वीकृभर्त की ज्स्थभर्त में कवर प्रदान करने के भलए दरों, भनयमों और शर्तों का भनधारण
करना

प्रस्र्ताव प्रपत्र में वह जानकारी शाभमल है जो बीमा के संबंध में प्रस्र्ताभवर्त जोभिम को स्वीकार करने के
िम में बीमा कंपनी के भलए उपयोगी है। परम सद्भाव का भसद्ांर्त और महत्वपूणव जानकारी के
प्रकटीकरण का किवव्य बीमा के भलए प्रस्र्ताव प्रपत्र के साथ शुरू होर्ता है।

महत्वपूणव जानकारी के प्रकटीकरण का कर्तवव्य पॉभलसी आरंि होने से पहले उत्पन्न होर्ता है और
अनु बंध के समापन के बाद िी जारी रहर्ता है। (इस भसद्ांर्त की ििा अध्याय 2 में भवस्र्तार से ििा की
गई है। )

299
उदाहरण

अगर बीमाधारक को एक अलामव लगाने की आवश्यकर्ता थी या उसने कहा था भक उसके पास अपने सोने के
आिूषणों के शोरूम में एक स्विाभलर्त अलामव प्रणाली लगी हु ई है र्तो न केवल उसे इसका िु लासा करने की
जरूरर्त है बज्लक उसे यह िी सुभनज्श्िर्त करना होगा भक यह प्रणाली पॉभलसी की पूरी अवभध के द़ौरान
कायवशील ज्स्थभर्त में हो। अलामव का म़ौजूद होना बीमा कंपनी के भलए एक महत्वपूणव र्त्य है जो इन र्त्यों के
आधार पर प्रस्र्ताव को स्वीकार करे गी और र्तदनु सार जोभिम का मूलय भनधारण करे गी।

प्रस्र्ताव प्रपत्र आम र्त़ौर पर बीमा कंपनी के नाम, लोगो, पर्ते और भजस बीमा/उत्पाद के भलए इसका प्रयोग भकया
जार्ता है उसकी श्रेणी/प्रकार के साथ बीमा कंपभनयों द्वारा लप्रट भकया जार्ता है। प्रस्र्ताव प्रपत्र में एक मुभद्रर्त नोट
जोडना बीमा कंपभनयों के भलए प्रथागर्त है, हालांभक इस संबंध में कोई मानक स्वरूप या प्रथा नहीं है।

उदाहरण

इस प्रकार के नोटों के कुछ उदाहरण हैं :

‘बीमाधारक व्यभि द्वारा जोभिम का आकलन करने में महत्वपूणव र्त्यों का गैर -प्रकटीकरण, भ्रामक जानकारी
उपलब्ध कराना, धोिाधडी या असहयोग जारी की गयी पॉभलसी के र्तहर्त कवर को अमान्य कर दे गा’

‘कंपनी जोभिम पर नहीं होगी जब र्तक भक कंपनी प्रस्र्ताव को स्वीकार नहीं करर्ती है और पूरे प्रीभमयम का
िुगर्तान नहीं भकया जार्ता है ’।

महत्वपूणव

महत्वपूणव र्त्य : ये बीमा कंपनी द्वारा कवर भकए जाने वाले जोभिम के बीमालेिन के भलए महत्वपूणव,
आवश्यक और प्रासंभगक जानकाभरयां हैं। दू सरे शब्दों में, ये बीमा की भवषय-वस्र्तु के साथ जु डे र्त्य हैं जो भनम्पन
मामलों में बीमा कंपनी के भनणवय को प्रिाभवर्त कर सकर्ते हैं :

i. बीमा के भलए भकसी जोभिम को स्वीकार या अस्वीकार करना,

ii. वसूल भकए जाने वाले प्रीभमयम की राभश भनधाभरर्त करना, और

iii. उन शर्तों के बारे में अनु बध


ं में भवशेष प्रावधान शाभमल करना भजनके र्तहर्त जोभिम को कवर
भकया जाएगा और कैसे कोई नु कसान दे य होगा।

प्रस्र्ताव प्रपत्र में घोषणा : बीमा कंपभनयां आम र्त़ौर पर बीमाकर्ता द्वारा हस्र्ताक्षर भकए जाने वाले प्रस्र्ताव प्रपत्र के
अंर्त में एक घोषणा जोडर्ती हैं । यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक बीमा धारक ने सही र्तरीके से प्रपत्र को िरा है और
इसमें भदए गए र्त्यों को समझ भलया है, भजससे भक दावे के समय र्त्यों की गलर्तबयानी के कारण असहमभर्त
की कोई गुंजाइश न रहे । यह बीमाधारक की ओर से परम सद्भाव के मुख्य भसद्ांर्त को पूरा करर्ता है।

उदाहरण

इस र्तरह की घोषणाओं के उदाहरण हैं :

300
‘मैं/हम इसके द्वारा घोषणा करर्ता और वारंटी दे र्ता हू ं भक उपरोि भववरण सिी प्रकार से सही एवं पूणव हैं और
यह भक ऐसी कोई अन्य जानकारी नहीं है जो बीमा के आवेदन करने के भलए प्रासंभगक है भजसका आपको
िु लासा नहीं भकया गया है।’

‘मैं/हम सहमर्त हू ं भक यह प्रस्र्ताव और घोषणाएं मे रे/हमारे और (बीमाकर्ता का नाम) के बीि अनु बध


ं का आधार
होंगी।’

ि) प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रश्नों की प्रकृभर्त

एक प्रस्र्ताव प्रपत्र में प्रश्नों की संख्या और प्रकृभर्त संबभं धर्त बीमा की श्रेणी के अनु सार बदलर्ती है।

i. मकान, दु कान आभद जैसे अपेक्षाकृर्त सरल/मानक जोभिमों के भलए आम र्त़ौर पर अज्ग्न बीमा के
प्रस्र्ताव प्रपत्र उपयोग भकए जार्ते हैं । बडे औद्योभगक जोभिमों के भलए जोभिम की स्वीकृभर्त से
पहले बीमा कंपनी द्वारा जोभिम के भनरीक्षण की व्यवस्था की जार्ती है। भवभशष्ट जानकारी इकट्ठा
करने के भलए प्रस्र्ताव प्रपत्र के अलावा किी-किी भवशेष प्रश्नावली का उपयोग भकया जार्ता है।

अज्ग्न बीमा प्रस्र्ताव प्रपत्र अन्य बार्तों के अलावा संपभि के भववरण की मांग करर्ता है भजसमें
भनम्पनभलभिर्त जानकारी शाभमल होगी:

 बाहरी दीवारों और छर्त का भनमाण, मंभजलों की संख्या

 िवन के प्रत्येक िाग में भकये जाने वाले कायव

 िर्तरनाक सामानों की उपज्स्थभर्त

 भनमाण की प्रभिया

 बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त रकम

 बीमा की अवभध आभद

ii. मोटर बीमा के भलए वाहन, इसके संिालन, भनमाण और वहन क्षमर्ता, माभलक द्वारा इसका
प्रबंधन कैसे भकया जार्ता है और पुवव बीमा से संबभं धर्त प्रश्न पूछे जार्ते हैं।

iii. स्वास््य, व्यभिगर्त दु घवटना और यात्रा बीमा जैसी व्यभिगर्त लाइनों में प्रस्र्ताव प्रपत्र प्रस्र्तावक के
स्वास््य, जीवनशैली और आदर्तों, पहले से म़ौजूद स्वास््य समस्याओं, भिभकत्सा इभर्तहास,
वंशानु गर्त लक्षणों, अर्तीर्त के बीमा अनु िवों आभद के बारे में जानकारी प्राप्र्त करने के भलए र्तैयार
भकए जार्ते हैं ।

iv. अन्य भवभवध बीमा में प्रस्र्ताव प्रपत्र अभनवायव होर्ते हैं और इनमें एक घोषणा को शाभमल भकया
जार्ता है जो सद्भाव के आम कानूनी कर्तवव्य को आगे बढ़ार्ता है।

ग) प्रस्र्ताव के र्तत्व

i. प्रस्र्तावक का पूरा नाम

प्रस्र्तावक असंभदग्ध रूप से िु द की पहिान करने में सक्षम होना िाभहए। बीमा कंपनी के भलए यह
जानना महत्वपूणव है भक भकसके साथ अनुबंध भकया गया है र्ताभक पॉभलसी के अंर्तगवर्त लाि केवल

301
बीमाधारक व्यभि को प्राप्र्त हो सकें। उन मामलों में िी पहिान र्तय करना महत्वपूणव है जहां भकसी अन्य
व्यभि ने िी बीभमर्त जोभिम में भहर्त प्राप्र्त भकया हो सकर्ता है (जैसे मृत्यु के मामले में बैंक या कानूनी
वाभरस बंधक) और उसे कोई दावा करना है।

ii. प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण

उपयुवि कारण प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण इकट्ठा करने के भलए िी लागू होर्ते हैं ।

iii. प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार

स्वास््य और व्यभिगर्त दु घट
व ना बीमा जैसे कुछ मामलों में प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार
महत्वपूणव हैं क्योंभक इनका जोभिम पर एक वास्र्तभवक असर पड सकर्ता है।

उदाहरण

एक फास्ट फूड रे स्र्तरां का भडलीवरी मैन, भजसे अक्सर अपने ग्राहकों को िोजन दे ने के भलए एक उछि गभर्त से
मोटर बाइक पर यात्रा करनी होर्ती है , उसी रे स्र्तरां के लेिाकार की र्तुलना में कहीं अभधक दु घवटनाओं के
जोभिम के दायरे में हो सकर्ता है।

iv. बीमा की भवषय-वस्र्तु की पहिान और भववरण

प्रस्र्तावक को बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त भवषय-वस्र्तु के बारे में स्पष्ट रूप से बर्ताना आवश्यक है।

उदाहरण

प्रस्र्तावक को बर्ताना आवश्यक है भक अगर यह:

i. एक भनजी कार [इंजन नंबर, िेभसस नंबर, पंजीकरण संख्या जैसी इसकी पहिान के साथ] है
या

ii. एक आवासीय मकान [इसका पूरा पर्ता और पहिान संख्याओं के साथ] है या

iii. एक भवदे श यात्रा [भकसके द्वारा, कब, भकस दे श में, भकस प्रयोजन के भलए] या

iv. व्यभि का स्वास््य [व्यभि का नाम, पर्ता और पहिान के साथ] आभद, मामले के आधार पर

v. बीमा राभश पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कंपनी के दाभयत्व की सीमा को इंभगर्त करर्ता है और इसे सिी
प्रस्र्ताव प्रपत्रों में बर्ताया जाना िाभहए।

उदाहरण

संपभि बीमा के मामले में यह बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त भवषय-वस्र्तु का म़ौभद्रक मूलय है। स्वास््य बीमा के मामले
में यह अस्पर्ताल के इलाज का ििव हो सकर्ता है जबभक व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में यह भकसी दु घवटना के
कारण जीवन के नु कसान, एक अंग के नु कसान या दृज्ष्ट के नु कसान के भलए एक भनज्श्िर्त राभश हो सकर्ती है।

302
vi. भपछल और वर्तवमान बीमा

प्रस्र्तावक को अपने भपछले बीमाओं के भववरण के बारे में बीमा कंपनी को बर्ताना आवश्यक है। यह उसके
बीमा इभर्तहास को समझने के भलए है। कुछ बाजारों में ऐसी प्रणाभलयां होर्ती हैं भजसके द्वारा बीमा
कंपभनयां गोपनीय र्तरीके से बीमाधारक के बारे में आंकडे साझा करर्ती हैं ।

प्रस्र्तावक को यह िी बर्ताना आवश्यक है भक क्या भकसी बीमा कंपनी ने उसके प्रस्र्ताव को अस्वीकार
भकया था, उस पर भवशेष शर्तें लगाने का काम भकया था, नवीनीकरण के समय अभधक प्रीभमयम की
आवश्यकर्ता बर्तायी थी या पॉभलसी को नवीनीकृर्त करने से मना कर भदया या रद्द कर भदया था।

भकसी अन्य बीमा कंपनी के साथ म़ौजूदा बीमा के भववरण के साथ-साथ बीमा कंपभनयों के नामों का िी
िु लासा भकया जाना आवश्यक है। भवशेष रूप से संपभि बीमा में यह संिावना रहर्ती है भक बीमाधारक
भवभिन्न बीमा कंपभनयों से पॉभलभसयां ले सकर्ता है और कोई नु कसान घभटर्त होने पर एक से अभधक
बीमा कंपनी से दावा कर सकर्ता है। यह जानकारी इस बार्त को सुभनज्श्िर्त करने के भलए आवश्यक है
भक योगदान के भसद्ांर्त को लागू भकया जा सके और बीमाधारक को क्षभर्तपूभरर्त भकया जाए और उसे एक
ही जोभिम के भलए कई बीमा पॉभलभसयों से लाि/मुनाफ़ा हाभसल ना हो।

इसके अलावा, व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में बीमा कंपनी एक ही बीमाधारक द्वारा ली गयी अन्य पीए
पॉभलभसयों के र्तहर्त बीमा राभश के आधार पर कवरे ज की राभश (बीमा राभश) को सीभमर्त करना पसंद
करे गी ।

अभ्यास

भपछले अध्यायों में बीमा के भसद्ांर्तों के संदिों को दे िें और यह जानने का प्रयास करें भक कैसे क्षभर्तपूर्थर्त,
योगदान, परम सद्भाव, प्रकटीकरण का प्रयोग व्यावहाभरक रूप से प्रस्र्ताव प्रपत्र र्तैयार करने में भकया जार्ता है।

मोटर और अज्ग्न बीमा प्रस्र्ताव प्रपत्र का एक-एक नमूना अनु लग्नक ए और बी में भदया गया है।

कृपया प्रस्र्ताव प्रपत्रों का सावधानीपूववक अध्ययन करें और प्रस्र्ताव प्रपत्र की सामभग्रयों के भनभहर्ताथव र्तथा बीमा
अनु बंधों के भलए उनकी प्रासंभगकर्ता को समझें।

vii. नु कसान का अनु िव

प्रस्र्तावक को अपने सिी नुकसानों के पूणव भववरण की घोषणा करने के भलए कहा जार्ता है िाहे उनका
बीमा भकया गया हो या नहीं। यह बीमा की भवषय वस्र्तु और बीमाधारक ने अर्तीर्त में जोभिम को कैसे
प्रबंभधर्त भकया है, उसके बारे में बीमा कंपनी को जानकारी दे गा। बीमालेिक ऐसे जवाबों से जोभिम को
बेहर्तर समझ सकर्ते हैं और जोभिम भनरीक्षण की व्यवस्था करने या अन्य जानकारी इकट्ठा करने के बारे
में फैसला कर सकर्ते हैं।

viii. बीमाधारक व्यभि द्वारा घोषणा

िूभं क प्रस्र्ताव प्रपत्र का उद्देश्य बीमा कंपभनयों को सिी महत्वपूणव जानकारी प्रदान करना है, इस प्रपत्र में
बीमाधारक व्यभि द्वारा यह घोषणा शाभमल होर्ती है भक जवाब सही और सत्य हैं और वह इस बार्त से
सहमर्त है भक प्रपत्र बीमा अनु बंध का आधार होगा। कोई िी गलर्त जवाब बीमा कंपभनयों को अनु बध
ं से

303
बिने का अभधकार दे गा। सिी प्रस्र्ताव प्रपत्रों के भलए आम अन्य िंड हस्र्ताक्षर, भदनांक और कुछ मामलों
एजेंट की भसफाभरश से संबभं धर्त होर्ते हैं ।

ix. जहां प्रस्र्ताव प्रपत्र का प्रयोग नहीं भकया जार्ता है, बीमा कंपनी म़ौभिक रूप से या भलभिर्त रूप में
प्राप्र्त की गयी जानकारी को भरकॉडव करे गी और 15 भदनों की एक अवभध के िीर्तर प्रस्र्तावक के
साथ इसकी पुज्ष्ट करे गी और इसके कवर नोट या पॉभलसी में जानकारी को शाभमल करे गी। इस
प्रकार कोई िी जानकारी भरकॉडव नहीं भकए जाने के संबध
ं में प्रमाभणर्त करने का िार बीमा कंपनी
पर होगा, जहां बीमा कंपनी यह दावा करर्ती है भक प्रस्र्तावक ने कवर प्रदान करने के भलए कोई
महत्वपूणव जानकारी भछपायी है या भ्रामक अथवा गलर्त जानकारी उपलब्ध कराई है।

इसका मर्तलब है भक यहां र्तक भक म़ौभिक रूप से प्राप्र्त सिी जानकारी को भरकॉडव करना िी बीमा कंपनी का
कर्तवव्य है भजसे फॉलो-अप के रूप में एजेंट को ध्यान में रिना पडर्ता है।

2. मध्यस्थ की िूभमका

मध्यस्थ की दोनों पक्षों यानी बीमा धारक और बीमा कंपनी की ओर भजम्पमे दारी होर्ती है।

एक एजेंट या ब्ोकर जो बीमा कंपनी और बीमा धारक के बीि मध्यस्थ के रूप में कायव करर्ता है , उस पर यह
भजम्पमे दारी होर्ती है भक वह यह सुभनज्श्िर्त करे भक बीमाधारक द्वारा बीमा कर्ता को जोभिम के बारे में सिी
महत्वपूणव जानकारी प्रदान करे ।

आईआरडीए भवभनयमन यह प्रावधान करर्ता है भक मध्यस्थ की संिाभवर्त ग्राहक के प्रभर्त भजम्पमे दारी है।

महत्वपूणव

संिाभवर्त ग्राहक के प्रभर्त एक मध्यस्थ का कर्तवव्य

आईआरडीए भवभनयमन कहर्ता है भक “एक बीमा कंपनी कर्ता या उसका एजेंट या अन्य मध्यस्थ एक प्रस्र्ताभवर्त
आवरण (कवर) के संबध
ं में संिाभवर्त(कर्ता) ग्राहक को सिी महत्वपूणव जानकारी प्रदान करे गा जो संिाभवर्त
ग्राहक को अपने भहर्त में सबसे अछछे बीमा आवरण (कवर) पर फैसला करने में सक्षम बनाएगा।”

जहां संिाभवर्त ग्राहक बीमा कंपनी या उसके एजेंट या एक बीमा मध्यस्थ की सलाह पर भनिवर करर्ता है , र्तब इस
र्तरह के व्यभि द्वारा संिाभवर्त ग्राहक को भनरपेक्षर्ता से सलाह दी जानी िाभहए।

जहां भकसी िी कारण से प्रस्र्ताव और अन्य संबभं धर्त कागजार्तों को संिाभवर्त ग्राहक द्वारा िरा नहीं गया है,
प्रस्र्ताव प्रपत्र के अंर्त में संिाभवर्त ग्राहक से प्राप्र्त भकया गया एक प्रमाणपत्र संलग्न भकया जा सकर्ता है भक प्रपत्र
और दस्र्तावेजों की सामभग्रयों के बारे में उसे पूरी र्तरह से समझा भदया गया है और यह भक उसने प्रस्र्ताभवर्त
अनु बंध के महत्व को पूरी र्तरह से समझ भलया है।”

स्व-परीक्षण 1

योगदान के भसद्ांर्त का क्या महत्व है ?

I. यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक बीमा कर्ता (कंपनी) के साथ-साथ बीमाधारक िी दावे के एक भनज्श्िर्त िाग
का योगदान दे र्ता है।

304
II. यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक ऐसे सिी बीमाधारक जो एक पूल का भहस्सा हैं , अपने द्वारा िुगर्तान भकए
गए प्रीभमयम के अनुपार्त में, पूल के एक प्रभर्तिागी द्वारा भकए गए दावे में योगदान करर्ता है।
III. यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक एक ही भवषय-वस्र्तु को आवभरर्त (कवर) करने वाली कई बीमा कंपभनयां
एक साथ आर्ती हैं और भवषय-वस्र्तु में अपने जोभिम के अनु पार्त में दावा राभश का योगदान करर्ती हैं ।
IV. यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक बीमाधारक द्वारा प्रीभमयम का योगदान वषव िर में समान भकश्र्तों में भकया
जार्ता है।

ि. प्रस्र्ताव की स्वीकृभर्त (बीमालेिन)

हमने दे िा है भक एक पूरा िरा हु आ प्रस्र्ताव प्रपत्र मोटे र्त़ौर पर भनम्पनभलभिर्त जानकारी दे र्ता है:

 बीमाधारक व्यभि का भववरण


 भवषय-वस्र्तु का भववरण
 आवश्यक बीमा आवरण (कवर) का प्रकार
 सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ि़ौभर्तक भवशेषर्ताओं का भववरण - भनमाण के प्रकार और गुणविा,
उम्र, अज्ग्नशमन उपकरणों की उपज्स्थभर्त, सुरक्षा के प्रकार आभद सभहर्त
 बीमा और हाभन का भपछला इभर्तहास

बीमा कंपनी जोभिम की स्वीकृभर्त से पहले इसकी प्रकृभर्त और मूलय के आधार पर जोभिम के पूवव -भनरीक्षण के
भलए सवेक्षण की व्यवस्था िी कर सकर्ती है। प्रस्र्ताव और जोभिम भनरीक्षण भरपोटव , अभर्तभरि प्रश्नावली और
अन्य दस्र्तावेजों में उपलब्ध जानकारी के आधार पर बीमा कर्ता अपना भनणवय लेर्ती है। भफर बीमा कर्ता

जोभिम कारक के भलए लागू की जाने वाली दर के बारे में फैसला करर्ती है और भवभिन्न मापदं डों के आधार पर
प्रीभमयम की गणना करर्ती है भजसके बारे में भफर बीमाधारक को अवगर्त करा भदया जार्ता है।

बीमा कंपनी द्वारा प्रस्र्तावों की आगे की कारववाई र्तेजी से और दक्षर्ता के साथ पूरी की जार्ती है और इसके बारे में
सिी भनणवय एक उभिर्त अवभध के िीर्तर भलभिर्त रूप में बर्ता भदए जार्ते हैं ।

पभरिाषा

बीमालेिन : भदशाभनदे शों के अनु सार कंपनी को 15 भदनों के समय के िीर्तर प्रस्र्ताव पर कारववाई करनी होर्ती
है। एजेंट से इन समय सीमाओं का ध्यान रिने, आंर्तभरक रूप से फॉलो-अप करने और जरूरर्त पडने पर
संिाभवर्त ग्राहक/बीमाधारक को ग्राहक सेवा के माध्यम से जानकारी प्रदान करने की अपेक्षा की जार्ती है।
प्रस्र्ताव की छानबीन करने और स्वीकृभर्त के बारे में भनणवय लेने की इस पूरी प्रभिया को बीमा लेिन या जोभिम
अंकन के रूप में जाना जार्ता है।

स्व-परीक्षण 2

भदशाभनदे शों के अनुसार एक बीमा कंपनी को _______ िीर्तर बीमा प्रस्र्ताव पर कारववाई करनी होर्ती है।

I. 7 भदन
II. 15 भदन
III. 30 भदन

305
IV. 45 भदन

ग. प्रीभमयम की प्राज्प्र्त

पभरिाषा

प्रीभमयम बीमा के एक अनुबध


ं के र्तहर्त बीमा की भवषय वस्र्तु का बीमा करने के भलए बीमाधारक व्यभि द्वारा
बीमा कंपनी को िुगर्तान भकया जाने वाला प्रभर्तफल या रकम है।

1. प्रीभमयम का अभग्रम िुगर्तान (बीमा अभधभनयम, 1938 की धारा 64VB)

बीमा अभधभनयम के अनु सार बीमा अनु बध


ं प्रारंि होने की र्तारीि से पहले प्रीभमयम का िुगर्तान अभग्रम रूप से
भकया जाना िाभहए। यह एक महत्वपूणव प्रावधान है जो यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक केवल बीमा कंपनी को
प्रीभमयम प्राप्र्त हो जाने पर ही एक वैध बीमा अनु बध
ं पूरा भकया जा सकर्ता है और बीमा कर्ता जोभिम को
स्वीकार कर सकर्ती है। यह धारा िारर्त में गैर-जीवन बीमा उद्योग की एक िास भवशेषर्ता है।

महत्वपूणव

क) बीमा अभधभनयम, 1938 की धारा 64 VB यह प्रावधान करर्ती है भक कोई िी बीमा कंपनी भकसी जोभिम
को उस समय र्तक स्वीकार नहीं करे गी जब र्तक भक अभग्रम रूप से प्रीभमयम प्राप्र्त नहीं हो जार्ता है या
िुगर्तान भकए जाने की गारंटी नहीं दी जार्ती है या भनधाभरर्त र्तरीके से अभग्रम रूप में िुगर्तान नहीं भकया
जार्ता है।

ि) जहां एक बीमा एजेंट एक बीमा कंपनी की ओर से बीमा की पॉभलसी का प्रीभमयम जमा करर्ता है, वह इस
प्रकार एकत्र भकया गया पूरा प्रीभमयम अपने कमीशन की कट़ौर्ती के भबना बैंक और डाक अवकाश के
भदनों को छोडकर संग्रहण के ि़ौबीस घंटे के िीर्तर बीमा कंपनी के पास जमा करे गा या डाक द्वारा उसे
िेजेगा।

ग) यह िी प्रावधान भकया गया है भक जोभिम केवल नकद या िेक द्वारा प्रीभमयम िुगर्तान भकए जाने की
र्तारीि से माना जा सकर्ता है।

घ) जब प्रीभमयम डाक या मनीऑडव र द्वारा या डाक द्वारा िेजे गए िेक से भदया जार्ता है , र्तो जोभिम
मनीऑडव र बुक भकए जाने या िेक िेजे जाने की र्तारीि से माना जार्ता है , जैसा िी मामला हो।

ङ) प्रीभमयम की कोई िी वापसी जो पॉभलसी रद्द भकए जाने या इसके भनयमों एवं शर्तों में पभरवर्तवन भकए जाने
या अन्यथा के मामले में एक बीमाधारक को दे य होर्ता है , उसका िुगर्तान सीधे बीमा कंपनी द्वारा एक
िॉस या ऑडव र िेक से या डाक/मनी ऑडव र से भकया जाएगा और बीमा कंपनी बीमाधारक से एक उभिर्त
रसीद प्राप्र्त करे गी, और इस र्तरह की धन वापसी भकसी िी ज्स्थभर्त में एजेंट के िार्ते में जमा नहीं की
जाएगी।

प्रीभमयम के उपरोि पूवव-शर्तव िुगर्तान के अपवाद िी हैं जो बीमा भनयम 58 और 59 में भदए गए हैं ।

306
2. प्रीभमयम िुगर्तान की भवभध

महत्वपूणव

एक बीमा पॉभलसी लेने के भलए प्रस्र्ताव करने वाले भकसी िी व्यभि द्वारा या पॉभलसीधारक द्वारा िुगर्तान भकया
जाने वाला प्रीभमयम भनम्पन भकसी एक या एक से अभधक भवभधयों में बीमा कंपनी को भदया जा सकर्ता है:

क) नकद
ि) िारर्त में भकसी िी अनु सूभिर्त बैंक में आहभरर्त िेक, भडमांड िाफ्ट, िुगर्तान आदे श, बैंकर के िेक जैसा
कोई िी मान्यर्ता प्राप्र्त बैंलकग परिाम्पय उपकरण;
ग) पोस्टल मनीऑडव र;
घ) िेभडट या डे भबट काडव ;
ङ) बैंक गारंटी या नकदी जमा राभश;
ि) इंटरनेट;
छ) ई-ट्ांसफर
ज) बैंक हस्र्तांर्तरण के माध्यम से प्रस्र्तावक या पॉभलसीधारक या जीवन बीमाधारक के स्थायी भनदे श से
प्रत्यक्ष जमा (डायरे क्ट िेभडट);
झ) कोई अन्य भवभध या िुगर्तान जो प्राभधकरण द्वारा समय-समय पर अनु मोभदर्त भकया जा सकर्ता है;

आईआरडीए के भवभनयमों के अनु सार, अगर प्रस्र्तावक/पॉभलसीधारक नेट बैंलकग या िेभडट/डे भबट काडव के
माध्यम से प्रीभमयम िुगर्तान करने का भवकलप िुनर्ता है र्तो िुगर्तान केवल नेट बैंलकग िार्ते या ऐसे
प्रस्र्तावक/पॉभलसीधारक के नाम पर जारी भकए गए िेभडट/डे भबट काडव के माध्यम से भकया जाना िाभहए।

स्व-परीक्षण 3

अगर प्रीभमयम िुगर्तान िेक द्वारा भकया जार्ता है र्तो नीिे भदया गया क़ौन सा कथन सही होगा?

I. जोभिम उस र्तारीि को माना जा सकर्ता है जब िेक िेजा गया है


II. जोभिम उस र्तारीि को माना जा सकर्ता है जब बीमा कंपनी द्वारा िेक जमा भकया जार्ता है
III. जोभिम उस र्तारीि को माना जा सकर्ता है जब बीमा कंपनी को िेक प्राप्र्त होर्ता है
IV. जोभिम उस र्तारीि को माना जा सकर्ता है जब प्रस्र्तावक द्वारा िेक जारी भकया जार्ता है

घ. कवर नोट / बीमा प्रमाणपत्र / पॉभलसी दस्र्तावेज़

बीमालेिन पूरा हो जाने के बाद पॉभलसी जारी करने से पहले कुछ समय लग सकर्ता है। पॉभलसी की र्तैयारी को
लंभबर्त रि कर या जब बीमा के भलए वार्ता प्रगभर्त पर हो और एक अस्थायी आधार पर कवर प्रदान करना हो या
जब लागू वास्र्तभवक दर के भनधारण के भलए पभरसर की जांि की जा रही हो, पॉभलसी के र्तहर्त सुरक्षा की पुज्ष्ट
करने के भलए एक कवर नोट जारी भकया जार्ता है। यह कवर का भववरण दे र्ता है। किी-किी, बीमा कंपभनयां
एक कवर नोट के बजाय अनंभर्तम बीमा कवर की पुज्ष्ट करने के भलए एक पत्र जारी करर्ती हैं ।

307
हालांभक कवर नोट मुद्रांभकर्त नहीं होर्ता है , कवर नोट की बार्तों से स्पष्ट हो जार्ता है भक यह संबभं धर्त बीमा की
श्रेणी के भलए बीमा कंपभनयों की पॉभलसी के सामान्य भनयमों और शर्तों के अधीन है। अगर जोभिम भकसी वारंटी
के द्वारा भनयंभत्रर्त होर्ता है, र्तो कवर नोट में यह उललेि होगा भक बीमा इस प्रकार की वारंटी के अधीन है। लागू
होने पर, कवर नोट को भवशेष क्लॉज के अधीन िी बनाया जार्ता है , जैसे सहमर्त बैंक क्लॉज, घोषणा क्लॉज
आभद।

आवरण नोट में भनम्पनभलभिर्त शाभमल होंगे:

क) बीमाधारक का नाम और पर्ता


ि) बीमा राभश
ग) बीमा की अवभध
घ) जोभिम कवर
ङ) दर और प्रीभमयम: अगर दर ज्ञार्त नहीं है, अनंभर्तम प्रीभमयम
ि) जोभिम आवरण का भववरण शाभमल है : उदाहरण के भलए, एक अज्ग्न बीमा के कवर नोट से िवन की
पहिान के भववरण, इसके भनमाण और अभधिोग(औक्यूपन्सी) का पर्ता िलेगा।
छ) कवर नोट की िम संख्या
ज) जारी करने की र्तारीि
ञ) आवरण नोट की वैधर्ता आम र्त़ौर पर एक पिवाडे की अवभध के भलए और किी-किार 60 भदनों र्तक
होर्ती है।

आवरण नोट का उपयोग मुख्य रूप से मरीन और मोटर वगों के व्यवसाय में भकया जार्ता है।

1. मरीन आवरण नोट

ये आम र्त़ौर पर उस समय जारी भकए जार्ते हैं जब पॉभलसी जारी करने के भलए आवश्यक भववरण जैसे स्टीमर
का नाम, पैकेजों की संख्या या सही मूलय आभद ज्ञार्त ना हो। यहां र्तक भक भनयार्त के संबंध में िी एक कवर नोट
जारी भकया जा सकर्ता है जैसे, भशपमेंट के भलए माल की एक भनज्श्िर्त मात्रा भनयार्तक द्वारा डॉक्स को िे जी
जार्ती है। ऐसा हो सकर्ता है भक पयाप्र्त भशलपग स्थान सुरभक्षर्त करने की कभठनाई के कारण वांभछर्त पोर्त द्वारा
माल का भशपमेंट पूरा नहीं होर्ता है। इसभलए, एक भवशेष पोर्त द्वारा िेजी जाने वाली मात्रा को जाना नहीं जा
सकर्ता है। कुछ पभरज्स्थभर्तयों में एक कवर नोट आवश्यक हो सकर्ता है जो भनयभमर्त पॉभलसी जारी करके बाद में
भदया जार्ता है जब पूणव भववरण उपलब्ध हो और इसके बारे में बीमा कंपनी को बर्ताया गया हो।

समुद्री कवर नोट की बार्तें भनम्पन के साथ हो सकर्ती हैं :

i. समुद्री कवर नोट संख्या

ii. जारी करने की र्तारीि

iii. बीमाधारक का नाम

iv. वैधर्ता भर्तभथ

अनु रोध के अनु सार आपको एर्तद्द्द्वारा ________ रुपए की सीमा र्तक कंपनी की पॉभलसी की सामान्य
शर्तों के अधीन कवर भकया जार्ता है।

308
ि) क्लॉज : संस्थान क्लॉज के अनु सार युद् एसआरसीसी जोभिमों सभहर्त संस्थान कागो क्लॉज ए,
बी या सी, लेभकन रद्द करने की 7 भदनों की सूिना के अधीन।

ग) शर्तें : पॉभलसी जारी करने के भलए भशलपग दस्र्तावेज प्राप्र्त होने पर आपूर्थर्त भकए जाने वाले
भशपमेंट का भववरण। घोषणा से पहले और / या स्टीमर पर भशपमेंट होने की ज्स्थभर्त में नु कसान
या क्षभर्त के मामले में एर्तद्द्द्वारा यह सहमभर्त दी जार्ती है भक मूलयांकन का आधार सामानों की
मुख्य लागर्त जोड वास्र्तव में ििव हु ए शुलक होंगे और भजसके भलए बीमाधारक उिरदायी होगा।

अंर्तदे शीय पारगमन के संबध


ं में सामान्यर्तः पॉभलसी जारी करने के भलए आवश्यक सिी प्रासंभगक आंकडे
उपलब्ध होर्ते हैं और इसभलए एक कवर नोट की जरूरर्त शायद ही किी होर्ती है। हालांभक कुछ ऐसे अवसर
होर्ते हैं जब कवर नोट जारी भकए जार्ते हैं और बाद में उनको कागो, पारगमन आभद के पूणव भववरण युि
पॉभलभसयों द्वारा प्रस्थाभपर्त भकया जार्ता है।

2. मोटर कवर नोट

ये संबंभधर्त कंपभनयों द्वारा भनधाभरर्त प्रपत्र में जारी भकए जार्ते हैं , एक मोटर कवर नोट के ऑपरे भटव क्लॉज को
इस प्रकार पढ़ा जा सकर्ता है:

“बीमाधारक जो प्रपत्र में वर्थणर्त, नीिे संदर्थिर्त है, भजसने मोटर वाहन(नों) के संबध
ं में बीमा के भलए प्रस्र्ताव
भकया है, उसमें उज्ललभिर्त और प्रीभमयम के रूप में..... रुपए की राभश का िुगर्तान भकया है , जोभिम को
इसके भलए लागू कंपनी के सामान्य....... पॉभलसी प्रपत्र की शर्तों के र्तहर्त (नीिे वर्थणर्त भकसी िी भवशेष शर्तव
के अधीन) कवर भकया जार्ता है जब र्तक भक कंपनी द्वारा भलभिर्त में सूिना दे कर कवर को समाप्र्त नहीं भकया
जार्ता है भजस मामले में इसके ऊपर बीमा समाप्र्त हो जाएगा और इस र्तरह के बीमा के भलए अन्यथा दे य
प्रीभमयम का एक आनु पाभर्तक िाग उस समय के भलए वसूल भकया जाएगा जब कंपनी जोभिम पर रही थी। “

मोटर कवर नोट में आम र्त़ौर पर भनम्पन भववरण शाभमल होर्ते हैं :

क) पंजीकरण भिह्न और संख्या, या बीभमर्त वाहन का भववरण / घन क्षमर्ता / वहन क्षमर्ता / भनमाण /
भनमाण का वषव, इंजन नंबर, िेभसस नंबर

ि) बीमाधारक का नाम और पर्ता

ग) अभधभनयम के प्रयोजन के भलए बीमा प्रारंि होने की प्रिावी भर्तभथ और समय। समय......, भदनांक......

घ) बीमा समाज्प्र्त की भर्तभथ

ङ) िाइव करने के हकदार व्यभि या व्यभियों के वगव

ि) उपयोग के भलए सीमाएं

छ) अभर्तभरि जोभिम, यभद कोई हो

मोटर कवर नोट में इस आशय का एक प्रमाणपत्र शाभमल होर्ता है भक यह मोटर वाहन अभधभनयम, 1988 के
अध्याय X और XI के प्रावधानों के अनु सार जारी भकया गया है।

309
महत्वपूणव

कवर नोट की वैधर्ता एक समय में 15 भदन की अगली अवभध के भलए आगे बढ़ायी जा सकर्ती है , लेभकन भकसी
िी मामले में एक कवर नोट की वैधर्ता की कुल अवभध दो महीने से अभधक नहीं होगी।

नोट : कवर नोट की बार्तें अलग-अलग बीमा कंपनी के मामले में भिन्न हो सकर्ती हैं ।

कवर नोट के इस्र्ते माल को ययादार्तर कंपभनयों द्वारा प्रोत्साभहर्त नहीं भकया जा रहा है। आज की र्तकनीक र्तुरंर्त
पॉभलसी दस्र्तावेज जारी करने की सुभवधा प्रदान करर्ती है।

3. बीमा प्रमाणपत्र - मोटर बीमा

बीमा प्रमाणपत्र उन मामलों में बीमा का अज्स्र्तत्व बर्तार्ता है जहां प्रमाण की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है। उदाहरण
के भलए, मोटर बीमा में पॉभलसी के अभर्तभरि मोटर वाहन अभधभनयम की आवश्यकर्ता के अनु सार बीमा का एक
प्रमाणपत्र जारी भकया जार्ता है। यह प्रमाणपत्र पुभलस और पंजीकरण प्राभधकाभरयों को बीमा का प्रमाण उपलब्ध
करार्ता है। भनजी कारों के भलए एक नमूना प्रमाणपत्र नीिे प्रस्र्तुर्त भकया गया है भजसमें मुख्य भवशेषर्ताएं भदिायी
गयी हैं ।

मोटर वाहन अभधभनयम, 1988


बीमा प्रमाणपत्र
प्रमाणपत्र सं. पॉभलसी नं.
1. पंजीकरण भिह्न और नंबर, पंजीकरण का स्थान, इंजन नंबर / िेभसस नंबर / भनमाण / भनमाण का वषव
2. बॉडी का प्रकार / सी.सी./ बैठने की क्षमर्ता / भनवल प्रीभमयम / पंजीकरण प्राभधकरण का नाम
3. ि़ौगोभलक क्षेत्र - िारर्त
4. बीमाधारक का घोभषर्त मूलय (आईडीवी)
5. बीमाधारक का नाम और पर्ता, व्यवसाय या पेशा
6. अभधभनयम के प्रयोजन के भलए बीमा प्रारंि होने की प्रिावी भर्तभथ। ............... को .......... बजे से
7. बीमा समाज्प्र्त की भर्तभथ: ............... को मध्यराभत्र में
8. िाइव करने के हकदार व्यभि या व्यभियों के वगव
इनमें से कोई िी:
(क) बीमाधारक:
(ि) कोई अन्य व्यभि जो बीमाधारक के आदे श पर या उसकी अनु मभर्त से िाइव कर रहा है
बशर्ते भक िाइलवग करने वाले व्यभि के पास दु घवटना के समय एक प्रिावी िाइलवग लाइसेंस म़ौजूद है और उसे
इस र्तरह का लाइसेंस रिने या प्राप्र्त करने के भलए अयोग्य नहीं ठहराया गया है । बशर्ते यह िी भक एक प्रिावी
भशक्षाथी लाइसेंस रिने वाला व्यभि िी वाहन िाइव कर सकर्ता है और इस र्तरह के व्यभि को केंद्रीय मोटर
वाहन भनयम 1989 के भनयम 3 की आवश्यकर्ता को संपूणव करर्ता हो।
उपयोग करने के भलए सीमाएं
पॉभलसी भनम्पन बार्तों के अलावा भकसी िी उद्दे श्य के भलए उपयोग को कवर करर्ती है:
(क) भकराया या पुरस्कार;
(ि) माल की ढु लाई (भनजी सामान के अलावा)
(ग) आयोभजर्त रे लसग,
(घ) रे स मेलकग,
(ङ) गभर्त परीक्षण

310
(ि) भवश्वसनीयर्ता परीक्षण
(छ) मोटर व्यापार के संबंध में कोई िी प्रयोजन
मैं / हम एर्तद्द्द्वारा प्रमाणपत्र करर्ता हू ं/करर्ते हैं भक पॉभलसी भजससे इस प्रमाणपत्र का संबंध है और यह बीमा
प्रमाणपत्र मोटर वाहन अभधभनयम, 1988 के अध्याय X और अध्याय XI के प्रावधानों के अनु सार जारी भकए गए
हैं।
परीभक्षर्त………………….

(प्राभधकृर्त बीमाकर्ता)

बीमा का मोटर प्रमाणपत्र प्रासंभगक अभधकाभरयों की जांि के भलए हर समय वाहन में लेकर िलना आवश्यक
है।

4. पॉभलसी दस्र्तावेज़

पॉभलसी एक औपिाभरक दस्र्तावेज है जो बीमा के अनुबंध को एक साक्ष्य प्रदान करर्ता है। इस दस्र्तावेज़ पर
िारर्तीय स्टाम्पप अभधभनयम, 1899 के प्रावधानों के अनुसार मुहर लगी होनी िाभहए।

एक सामान्य बीमा पॉभलसी में आम र्त़ौर पर भनम्पन बार्तें शाभमल होर्ती हैं :

क) बीमाधारक और बीमा की भवषय-वस्र्तु में बीमा योग्य भहर्त रिने वाले भकसी अन्य व्यभि का/के नाम
और पर्ता(र्ते );

ि) बीभमर्त संपभि या भहर्त का पूरा भववरण;

ग) संपभि का/के स्थान या पॉभलसी के र्तहर्त बीभमर्त भहर्त और जहां उपयुि हो, संबंभधर्त बीमा मूलयों
सभहर्त;

घ) बीमा की अवभध;

ङ) बीमा राभश;

ि) कवर भकए गए जोभिम और अपवजवन;

छ) कोई िी लागू अभर्तभरि (एक्सैस)/ कट़ौर्ती;

ज) दे य प्रीभमयम और जहां प्रीभमयम समायोजन के अधीन अस्थायी है , प्रीभमयम के समायोजन का आधार;

ट) पॉभलसी के भनयम, शर्तें और वारंभटयां;

ठ) पॉभलसी के र्तहर्त एक दावे को जन्म दे ने की संिावना वाली एक आकज्स्मक घटना घभटर्त होने पर
बीमाधारक व्यभि द्वारा की जाने वाली कारववाई;

ड) एक दावे को जन्म दे ने वाली घटना घभटर्त होने पर बीमा की भवषय-वस्र्तु के संबध


ं में बीमाधारक के
दाभयत्व और इन पभरज्स्थभर्तयों में बीमा कंपनी के अभधकार;

ढ) कोई भवशेष शर्तव;

ण) गलर्तबयानी, धोिाधडी, महत्वपूणव र्त्यों के गैर-प्रकटीकरण या बीमाधारक व्यभि के असहयोग के


आधार पर पॉभलसी को रद्द करने के भलए प्रावधान;

311
र्त) बीमा कंपनी का पर्ता जहां पॉभलसी के संबध
ं में सिी संिार िेजे जाने िाभहए;

थ) भकसी िी आरोहक (राइडर) का भववरण, अगर कोई हो;

द) भशकायर्त भनवारण प्रणाली और लोकपाल के पर्ते का भववरण

हर बीमा कंपनी को पॉभलसी के संदिव में उत्पन्न होने वालो दावे को दायर करने के संबंध में बीमाधारक व्यभि
द्वारा पूणव की जाने वाली आवश्यकर्ताओं और बीमा कर्ता को दावे के शीघ्र भनपटान में सक्षम बनाने के भलए
उसके द्वारा पालन की जाने वाली प्रभियाओं के बारे में समय-समय पर (बीमाधारक को) सूभिर्त करना और
सूभिर्त करर्ते रहना िाभहए।

स्व-परीक्षण 4

इनमें से क़ौन सा कथन कवर नोटों के संबध


ं में सही है?

I. कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से जीवन बीमा में भकया जार्ता है

II. कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से साधारण बीमा के सिी वगों में भकया जार्ता है

III. कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से स्वास््य बीमा में भकया जार्ता है

IV. कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से साधारण बीमा के समुद्री और मोटर वगों में भकया जार्ता है

ङ. वारंभटयां

बीमा अनुबंध में वारंभटयों का उपयोग एक अनुबंध के र्तहर्त बीमा कर्ता की दे यर्ता को सीभमर्त करने के भलए भकया
जार्ता है। बीमा कर्ता जोभिम को कम करने के भलए उपयुि वारंभटयां शाभमल करर्ता हैं । वारंटी के साथ बीमा
अनु बंध का एक पक्ष, बीमाधारक कुछ दाभयत्व उठार्ता है भजसका अनु पालन एक भनज्श्िर्त समय अवभध के िीर्तर
भकया जाना आवश्यक है और बीमा कर्ता का दाभयत्व बीमाधारक द्वारा दाभयत्वों के अनु पालन पर भनिवर करर्ता
है। वारंभटयां जोभिम के प्रबंधन और सुधार में एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ती हैं ।

एक वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है भजसका अनु बध


ं की वैधर्ता के भलए पूरी र्तरह से पालन
भकया जाना िाभहए। वारंटी एक अलग दस्र्तावेज नहीं है। यह कवर नोट और पॉभलसी दस्र्तावेज़ दोनों का
भहस्सा है। यह अनु बध
ं से पहले की एक शर्तव है। इसे सख्र्ती से और पूरी र्तरह से समझना िाभहए और इसका
अनु पालन भकया जाना िाभहए, इस र्त्य पर ध्यान भदए भबना भक क्या यह जोभिम के भलए महत्वपूणव है या नहीं।
अगर भकसी वारंटी का उललंघन भकया जार्ता है, र्तो पॉभलसी बीमा कंपभनयों के भवकलप पर अमान्य करने योग्य
हो जार्ता है, यहां र्तक भक जब यह स्पष्ट रूप से र्तय हो गया है भक यह उललंघन भकसी िास हाभन का कारण
नहीं बना है या इसमें योगदान (हाभन में) नहीं भकया है। हालांभक, व्यवहार में, अगर वारंटी का उललंघन एक
भवशुद् रूप से र्तकनीकी प्रकृभर्त का है और भकसी िी र्तरह से हाभन में योगदान नहीं करर्ता है या उसे नहीं
बढ़ार्ता है, (हाभन को गैर-मानक दावा मान कर भनपटारा भकया जा सकर्ता है) बीमा कंपभनयां अपने भववेक पर
कंपनी की नीभर्त के मानदं डों और भदशाभनदे शों के अनु सार दावों की कारववाई पूरी कर सकर्ती हैं।

1. अज्ग्न बीमा वारंभटयां भनम्पनानुसार हैं

वारंटी दी जार्ती है भक पॉभलसी की िालू अवभध के द़ौरान कोई िी िर्तरनाक सामान बीमाधारक के पभरसर में
संग्रभहर्त नहीं भकया जाएगा।

312
म़ौन जोभिम : वारंटी दी जार्ती है भक 30 भदन या उससे अभधक की लगार्तार अवभध के भलए कोई िी भनमाण
गभर्तभवभध बीभमर्त पभरसर में नहीं िलायी जार्ती है।

भसगरे ट भफलटर भनमाण : वारंटी दी जार्ती है भक पभरसर में 300 सेज्लसयस से कम फ्लैश पॉइंट वाला कोई िी
सॉलवेंट इस्र्ते माल/संग्रभहर्त नहीं भकया जाएगा है।

2. समुद्री बीमा में, एक वारंटी को भनम्पनानु सार पभरिाभषर्त भकया गया है: “एक विन वारंटी, भजसके बारे में
कहा जाएगा, एक ऐसी वारंटी भजसके द्वारा बीमाधारक यह विन लेर्ता है भक कुछ भवशेष काम भकया
जाएगा या नहीं भकया जाएगा या भक कुछ शर्तव पूरी की जाएगी या भजसके द्वारा वह र्त्यों की एक भवशेष
अवस्था के अज्स्र्तत्व को स्वीकार करर्ता या नकारर्ता है। “

समुद्री कागो बीमा में, इस आशय की एक वारंटी सज्म्पमभलर्त की जार्ती है भक सामान (जैसे िाय) को भटन-
लाइन युि भडब्बों में पैक भकया जार्ता है। समुद्री हल बीमा में यह वारंटी सज्म्पमभलर्त करके भक बीभमर्त जहाज एक
भनज्श्िर्त क्षेत्र में नेभवगे ट नहीं करे गा, बीमा कंपनी को उस जोभिम की सीमा के बारे में एक अंदाजा भदया जार्ता
है भजसके भलए उसने कवर प्रदान करने की सहमभर्त दी है। अगर वारंटी का उललंघन भकया जार्ता है , प्रारंि में
सहमभर्त बनाए गए जोभिम में पभरवर्तवन भकया जार्ता है और बीमा कंपनी को उललंघन की र्तारीि से आगे की
दे यर्ता से अपने आपको मुि करने की अनु मभर्त दी जार्ती है।

3. िोरी बीमा में यह वारंटी दी जार्ती है भक संपभि की भनगरानी ि़ौबीस घंटे एक ि़ौकीदार द्वारा की जार्ती
है। पॉभलसी की दरें , भनयम और शर्तें वही रहर्ती हैं केवल यभद पॉभलसी के साथ जु डी वारंभटयों का पालन
भकया जार्ता है।

स्व-परीक्षण 5

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन एक वारंटी के संबध


ं में सही है ?

I. वारंटी एक शर्तव है जो पॉभलसी में बर्ताए गए भबना अंर्तर्थनभहर्त होर्ती है

II. वारंटी एक शर्तव है जो पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त होर्ती है

III. वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है और इसके बारे में बीमाधारक को अलग से बर्ताया
जार्ता है और यह पॉभलसी दस्र्तावेज़ का िाग नहीं है।

IV. अगर भकसी वारंटी का उललंघन भकया जार्ता है र्तो दावे का िुगर्तान अिी िी भकया जा सकर्ता है अगर
यह जोभिम के भलए महत्वपूणव नहीं है।

ि. पृष्ठांकन

कुछ आपदाओं को आवभरर्त करके और कुछ अन्य आपदाओं को छोडकर; एक मानक फॉमव में पॉभलभसयां जारी
करना बीमा कंपभनयों की प्रथा है।

पभरिाषा

अगर पॉभलसी जारी करने के समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों को संशोभधर्त करने की जरूरर्त होर्ती है , र्तो
यह काम संशोधन/पभरवर्तवन भनधाभरर्त करके पृष्ठांकन नामक एक दस्र्तावेज़ के माध्यम से पूरा भकया जार्ता है।

313
इसे पॉभलसी के साथ संलग्न भकया जार्ता है और यह पॉभलसी का एक भहस्सा होर्ता है। पॉभलसी और पृष्ठांकन
एक साथ अनु बध
ं का साक्ष्य बनर्ते हैं । पृष्ठांकन पभरवर्तवनों/संशोधनों को भरकॉडव करने के भलए पॉभलसी की िालू
अवभध के द़ौरान जारी भकया जा सकर्ता है।

जब किी िी महत्वपूणव जानकारी में बदलाव होर्ता है, बीमाधारक व्यभि को इसके बारे में बीमा कंपनी को
बर्ताना आवश्यक होर्ता है जो इस बार्त पर ध्यान दे गी और इसे पृष्ठांकन के माध्यम से बीमा अनु बध
ं के िाग के
रूप में शाभमल करे गी।

पृष्ठांकन की आवश्यकर्ता आम र्त़ौर पर एक पॉभलसी के र्तहर्त भनम्पन बार्तों के संबंध में होर्ती है:

क) बीमा राभश में भिन्नर्ताएं/बदलाव


ि) भबिी, बंधक आभद के माध्यम से बीमा योग्य भहर्त में बदलाव
ग) अभर्तभरि िर्तरों को आवभरर्त करने/पॉभलसी अवभध बढ़ाने के भलए बीमा का भवस्र्तार
घ) जोभिम में पभरवर्तवन, जैसे अज्ग्न बीमा में िवन के भनमाण में पभरवर्तवन, या दिलदारी
ङ) भकसी अन्य स्थान पर संपभि का हस्र्तांर्तरण
ि) बीमा रद्द करना
छ) नाम या पर्तें आभद में पभरवर्तवन
नमूना

उदाहरण के प्रयोजन से कुछ पृष्ठांकनों की बार्तें नीिे प्रस्र्तुर्त की गयी हैं :

भनरस्र्तीकरण/रद्द करना

बीमाधारक के अनु रोध पर इस पॉभलसी के द्वारा बीमा को एर्तद्द्द्वारा ................. से रद्द भकए जाने की
घोषणा की जार्ती है। बीमा ............. महीनों से अभधक की अवभध र्तक प्रिावी होने के नार्ते , बीमा धारक को
वापस कोई िी धनराभश दे य नहीं है।

स्टॉक मूलय वृभद् कवर:


“बीमाधारक इस जानकारी के साथ भक इस पॉभलसी द्वारा आवभरर्त भकए गए स्टॉक में वृभद् हु ई है , एर्तद्द्द्वारा
यह सहमभर्त दी जार्ती है भक बीमा राभश को िी र्तदनु सार .......... रुपए में पभरवर्थर्तर्त भकया गया है भजसकी
ििा नीिे की गयी है:
भदनांक (वणवन करें ) रु.
भदनांक (वणवन करें ) रु.
प्रभर्तफल में भजसका एक अभर्तभरि प्रीभमयम एर्तद्द्द्वारा वसूल भकया गया है।
अन्य वार्थषक प्रीभमयम .......... रु.
कुल बीमा अब ....... रु. हो गया है।
अन्यथा इस पॉभलसी के भनयमों, प्रावधानों और शर्तों के अधीन।

एक समुद्री पॉभलसी में बाहरी जोभिम को शाभमल करने के भलए आवरण का भवस्र्तार
बीमाधारक व्यभि के अनु रोध पर एर्तद्द्द्वारा उपरोि पॉभलसी के र्तहर्त टू ट -फूट के जोभिम को शाभमल करने के
भलए सहमभर्त दी जार्ती है।

314
प्रभर्तफल में, भजसका भनम्पनानु सार ............ रुपए पर एक अभर्तभरि प्रीभमयम बीमाधारक से वसूल भकया गया
है।

ढु लाई की भवभध में पभरवर्तवन

बीमाधारक इस घोषणा के साथ भक उि पॉभलसी के र्तहर्त कंसाइनमेंट में से 2 बैरल परफ्यूमरी भजसका मूलय
............. रुपए है , डे क पर िेजा गया है , एर्तद्द्द्वारा इसे जहाज पर जेभटसन और धुल जाने के भवरुद्
आवभरर्त करने के भलए सहमभर्त व्यि की जार्ती है।

प्रभर्तफल में, भजसका एक अभर्तभरि प्रीभमयम भनम्पनानु सार बीमाधारक से वसूल भकया जार्ता है।

अभर्तभरि प्रीभमयम ........................... रुपए..............

स्व-परीक्षण 6

अगर पॉभलसी जारी करने के समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों को संशोभधर्त करने की जरूरर्त है , र्तो यह
काम __________ के माध्यम से संशोधन र्तय करके पूरा भकया जार्ता है।

I. वारंटी

II. पृष्ठांकन

III. पभरवर्तवन

IV. संशोधन संिव नहीं हैं

छ. पॉभलभसयों की व्याख्या

बीमा के अनुबंधों को भलभिर्त रूप में व्यि भकया जार्ता है और बीमा पॉभलसी की बार्तों का मस़ौदा बीमा कंपभनयों
द्वारा र्तैयार भकया जार्ता है। इन पॉभलभसयों की व्याख्या रिना या व्याख्या के कुछ सुपभरिाभषर्त भनयमों के
अनु सार की जानी िाभहए जो भवभिन्न अदालर्तों द्वारा र्तय भकए गए हैं । रिना (भनमाण) का सबसे महत्वपूणव
भनयम यह है भक पार्थटयों के इरादे प्रबल होने िाभहए और या इस इरादे को पॉभलसी में िोजा जाएगा। अगर
पॉभलसी एक अस्पष्ट ढं ग से जारी की गयी है र्तो अदालर्त में इसकी व्याख्या और यह इस सामन्य भसद्ांर्त पर
भक पॉभलसी बीमा कंपनी द्वारा र्तैयार की गयी थी बीमाधारक के पक्ष में और बीमा कंपनी के भवरुद् की जाएगी।

पॉभलसी की बार्तों को भनम्पनभलभिर्त भनयमों के अनु सार समझा गया है और व्याख्या की गयी है:

क) एक स्पष्ट शर्तव एक अंर्तर्थनभहर्त शर्तव को अभधलेभिर्त करर्ती है जहां ऐसा करने में भवसंगभर्त है।

ि) मानक मुभद्रर्त पॉभलसी प्रपत्र और टाइप भकए गए या हस्र्तभलभिर्त िागों के बीि शर्तों में एक भवरोधािास
की ज्स्थभर्त में टाइप भकए गए या हस्र्तभलभिर्त िाग को भवशेष अनुबंध में पार्थटयों के इरादे को व्यि
करर्ता हु आ समझा जार्ता है, और उनका अथव मूल मुभद्रर्त शब्दों के अथव को भनष्प्रिावी कर दे गा।

ग) अगर कोई पृष्ठांकन अनु बध


ं के अन्य िागों के भवपरीर्त है र्तो पृष्ठांकन के अथव को बाद के दस्र्तावेज़ के
अनु सार महत्व भमलेगा।

घ) इटै भलक में भदए गए क्लॉज मूल मुभद्रर्त शब्दों से अभधक महत्वपूणव होंगे जहां वे असंगर्त हैं ।

315
ज) पॉभलसी के मार्थजन में मुभद्रर्त या टाइप भकए गए क्लॉज को पॉभलसी के मध्य िाग के िीर्तर के शब्दों से
ययादा महत्व भदया जाएगा।

ज) पॉभलसी से संलग्न या इसमें डाले गए क्लॉज पॉभलसी के मध्य िाग के क्लॉज और मार्थजन के क्लॉज
दोनों को अभधरोभहर्त रद्द करर्ते हैं ।

झ) मुभद्रर्त शब्दों को टाइप करके भलिे गए शब्दों या एक स्याही वाले रबर स्टांप से छापे गए शब्दों से
अभधरोभहर्त भकया जार्ता है।

ञ) हस्र्तभलभप को टाइप भकए गए या छापे गए शब्दों पर प्राथभमकर्ता दी जार्ती है।

ट) अंर्त में, कोई अस्पष्टर्ता या स्पष्टर्ता की कमी होने पर व्याकरण और भवराम भिह्नों के सामान्य भनयम
लागू भकए जार्ते हैं ।

महत्वपूणव

1. पॉभलभसयों की रिना

बीमा पॉभलसी एक व्यावसाभयक अनुबंध का प्रमाण है और अदालर्तों द्वारा अपनाए गए रिना और व्याख्या के
भनयम अन्य अनु बंधों के अनुसार बीमा अनु बध
ं के मामले में लागू होर्ते हैं ।

रिना का प्रमुि भनयम यह है भक अनु बध


ं की पार्थटयों के इरादे प्रबल होने िाभहए, भक इरादे पॉभलसी दस्र्तावेज
और प्रस्र्ताव प्रपत्र, इससे जुडे क्लॉजों, पृष्ठांकनों, वारंभटयों आभद से इकट्ठा भकए जाने िाभहए और अनु बध
ं का
एक भहस्सा बनना िाभहए।

2. शब्दों के अथव

प्रयुि शब्दों को उनके साधारण और लोकभप्रय अथव में समझा जाएगा। शब्दों के भलए प्रयोग भकए जाने वाले अथव
ऐसे अथव हैं जो आम आदमी को आसानी से समझ में आ सकर्ते हैं । इस प्रकार, “आज्ग्न” का मर्तलब है ल़ौ या
वास्र्तभवक रूप से जलना।

दू सरी ओर, ऐसे शब्द भजनका आम व्यावसाभयक या व्यापाभरक अथव है, उनको उस अथव के साथ समझा जाएगा
जब र्तक भक वाक्य का प्रसंग अन्यथा संकेर्त नहीं दे र्ता है। जहां शब्दों को क़ानून द्वारा पभरिाभषर्त भकया जार्ता है ,
उस पभरिाषा के अथव का उपयोग भकया जाएगा, जैसे िारर्तीय दं ड संभहर्ता में “िोरी”।

बीमा पॉभलभसयों में प्रयुि कई शब्द भपछले कानूनी फैसलों का भवषय रहे हैं और एक उछि अदालर्त के ऐसे
फैसले एक भनिली अदालर्त के फैसले पर बाध्यकारी होंगे। र्तकनीकी शब्दों का हमे शा अपना र्तकनीकी अथव
भदया जाना िाभहए, जब र्तक भक इसके भवपरीर्त कोई संकेर्त नहीं भदया गया है।

ज. नवीनीकरण की सूिना

ययादार्तर गैर-जीवन बीमा पॉभलभसयों का बीमा वार्थषक आधार पर भकया जार्ता है।

हालांभक बीमा कंपभनयों की ओर से बीमाधारक को यह सलाह दे ने का कोई कानूनी दाभयत्व नहीं है भक उसकी
पॉभलसी एक भवशेष भर्तभथ को समाप्र्त होने जा रही है , भफर िी एक भशष्टािार के नार्ते और स्वस्थ व्यावसाभयक
परंपरा के रूप में बीमा कंपभनयां पॉभलसी को नवीनीकृर्त करने के भलए आमंभत्रर्त करर्ते हु ए पॉभलसी समाज्प्र्त की

316
र्तारीि से पहले एक नवीनीकरण की सूिना जारी करर्ती हैं । इस सूिना में पॉभलसी के सिी प्रासंभगक भववरण
शाभमल होर्ते हैं जैसे भक बीमा राभश, वार्थषक प्रीभमयम आभद। बीमाधारक को यह सलाह दे र्ते हु ए एक नोट
शाभमल करना िी प्रिलन में है भक उसे जोभिम में भकसी िी महत्वपूणव पभरवर्तवन की सूिना दे नी िाभहए।

उदाहरण के भलए, मोटर नवीनीकरण की सूिना में बीमाधारक का ध्यान वर्तवमान आवश्यकर्ताओं के आलोक में
बीमा राभश (यानी बीमाधारक द्वारा वाहन का घोभषर्त मूलय) को संशोभधर्त करने की ओर िी भदलाया जार्ता है।

बीमाधारक का ध्यान इस वैधाभनक प्रावधान की ओर िी आकर्थषर्त भकया जार्ता है भक भकसी िी जोभिम को नहीं
माना जा सकर्ता है जब र्तक भक अभग्रम रूप से प्रीभमयम का िुगर्तान नहीं भकया जार्ता है।

स्व-परीक्षण 7

इनमें से क़ौन सा कथन नवीनीकरण की सूिना के संबंध में सही है?

I. भवभनयमों के अनु सार पॉभलसी का समय-समाप्र्त होने से 30 भदन पहले बीमाधारक व्यभि को एक
नवीनीकरण की सूिना िेजने का कानूनी दाभयत्व बीमा कंपभनयों पर होर्ता है।

II. भवभनयमों के अनु सार पॉभलसी का समय-समाप्र्त होने से 15 भदन पहले बीमाधारक व्यभि को एक
नवीनीकरण की सूिना िेजने का कानूनी दाभयत्व बीमा कंपभनयों पर होर्ता है।

III. भवभनयमों के अनुसार पॉभलसी का समय-समाप्र्त होने से 7 भदन पहले बीमाधारक व्यभि को एक
नवीनीकरण की सूिना िेजने का कानूनी दाभयत्व बीमा कंपभनयों पर होर्ता है।

IV. भवभनयमों के अनु सार पॉभलसी का समय-समाप्र्त होने से पहले बीमाधारक व्यभि को एक नवीनीकरण
की सूिना िेजने की कोई कानूनी बाध्यर्ता बीमा कंपभनयों पर नहीं है।

सारांश

क) दस्र्तावेजीकरण का पहला िरण अभनवायव रूप से प्रस्र्ताव प्रपत्रों का है भजसके माध्यम से बीमाधारक
व्यभि अपने बारे में जानकारी दे र्ता है।

ि) महत्वपूणव जानकारी के प्रकटीकरण का कर्तवव्य पॉभलसी प्रारंि होने से पहले उत्पन्न होर्ता है और यहां
र्तक भक अनु बंध के समापन के बाद िी जारी रहर्ता है।

ग) बीमा कंपभनयां आम र्त़ौर पर प्रस्र्ताव प्रपत्र के अंर्त में एक घोषणा जोडर्ती हैं भजस पर बीमा कंपनी द्वारा
हस्र्ताक्षर भकया जाएगा।

घ) एक प्रस्र्ताव प्रपत्र के र्तत्वों में शाभमल हैं :

I. प्रस्र्तावक का पूरा नाम


II. प्रस्र्तावक का पर्ता और संपकव भववरण
III. प्रस्र्तावक का पेशा, व्यवसाय या व्यापार
IV. बीमा की भवषय वस्र्तु की पहिान और भववरण
V. बीमा राभश
VI. भपछले और वर्तवमान बीमा
VII. हाभन का अनु िव

317
VIII. बीमाधारक व्यभि द्वारा घोषणा

ङ) एक एजेंट जो मध्यस्थ के रूप में कायव करर्ता है , उस पर बीमाधारक व्यभि द्वारा बीमा कंपनी को प्रदान
भकए गए जोभिम के बारे में सिी महत्वपूणव जानकारी बीमा कंपनी को सुभनज्श्िर्त करने की भजम्पमे दारी
होर्ती है।

ि) प्रस्र्ताव की छानबीन करने और इसकी स्वीकृभर्त के बारे में भनणव य लेने की प्रभिया को बीमालेिन
(जोभिम अंकन) के रूप में जाना जार्ता है।

छ) प्रीभमयम बीमा के एक अनु बध


ं के र्तहर्त बीमा की भवषय-वस्र्तु का बीमा करने के भलए बीमाधारक व्यभि
द्वारा बीमा कंपनी को िुगर्तान भकया जाने वाला प्रभर्तफल या रकम है।

ज) प्रीभमयम का िुगर्तान नकद, भकसी िी मान्यर्ता प्राप्र्त बैंलकग के परिाम्पय उपकरण, पोस्टल मनीऑडव र,
िेभडट या डे भबट काडव , इंटरनेट, ई-ट्ांसफर, डायरे क्ट िेभडट या समय-समय पर प्राभधकरण द्वारा
अनु मोभदर्त भकसी अन्य भवभध द्वारा भकया जा सकर्ता है।

झ) जब पॉभलसी की र्तैयारी लंभबर्त होर्ती है या जब बीमा के भलए वार्ता प्रगभर्त पर हो और अस्थायी आधार पर
बीमा कवर प्रदान करना आवश्यक हो, एक कवर नोट जारी भकया जार्ता है।

ञ) कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से व्यवसाय के समुद्री और मोटर वगों में भकया जार्ता है।

ट) बीमा प्रमाणपत्र बीमा की उपज्स्थभर्त प्रदान करर्ता है जहां प्रमाण की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

ठ) पॉभलसी एक औपिाभरक दस्र्तावेज है जो बीमा के अनु बध


ं का एक साक्ष्य उपलब्ध करार्ता है।

ड) वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है भजसका अनु बंध की वैधर्ता के भलए पूरी र्तरह से पालन
भकया जाना िाभहए।

ढ) अगर पॉभलसी जारी करने के समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों को संशोभधर्त करने की जरूरर्त है र्तो
यह काम पृष्ठांकन नामक एक दस्र्तावेज़ के माध्यम से संशोधन/पभरवर्तवन भनधाभरर्त करके पूरा भकया
जार्ता है।

ण) रिना (भनमाण) का सबसे महत्वपूणव भनयम यह है भक पार्थटयों के इरादे प्रबल होने िाभहए और इस
इरादे को पॉभलसी में िोजा जाएगा।

मुख्य शब्द

क) पॉभलसी प्रपत्र
ि) प्रीभमयम का अभग्रम िुगर्तान
ग) कवर नोट
घ) बीमा प्रमाणपत्र
ङ) नवीनीकरण की सूिना
ि) गारंटी

318
स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप III है।

योगदान का भसद्ांर्त यह सुभनज्श्िर्त करर्ता है भक एक ही भवषय-वस्र्तु को आवभरर्त करने वाली कई बीमा


कंपभनयां एक साथ आर्ती हैं और उस भवषय-वस्र्तु के भलए अपने जोभिम के अनु पार्त में दावा राभश का योगदान
करर्ती हैं ।

उिर 2

सही भवकलप II है।

भदशाभनदे शों के अनु सार एक बीमा कंपनी को 15 भदनों के िीर्तर बीमा प्रस्र्ताव पर कारववाई पूरी करना आवश्यक
है।

उिर 3

सही भवकलप I है।

अगर प्रीभमयम का िुगर्तान िेक द्वारा भकया जार्ता है र्तो जोभिम उस र्तारीि को माना जाएगा जब िेक को िेजा
जार्ता है।

उिर 4

सही भवकलप उिर IV है।

कवर नोटों का उपयोग मुख्य रूप से साधारण बीमा के समुद्री और मोटर वगों में भकया भकया जार्ता है।

उिर 5

सही भवकलप II है।

वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है।

उिर 6

सही भवकलप II है।

अगर पॉभलसी जारी करने के समय इसके कुछ भनयमों और शर्तों को संशोभधर्त करने की जरूरर्त होर्ती है र्तो
काम पृष्ठांकन के माध्यम से संशोधन र्तय करके पूरा भकया जार्ता है।

उिर 7

सही भवकलप IV है।

भवभनयमों के अनु सार पॉभलसी की समय-समाज्प्र्त से पहले बीमाधारक को एक नवीनीकरण नोभटस िेजने की
बीमा कंपभनयों पर कोई कानूनी बाध्यर्ता नहीं है।

319
स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

__________ पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कर्तव की दे यर्ता की अभधकर्तम सीमा है।

I. बीमा राभश

II. प्रीभमयम

III. अभ्यपवण मूलय

IV. नु कसान की राभश

प्रश्न 2

______________ एक अनु बध
ं के र्तहर्त बीमाधारक व्यभि द्वारा िुगर्तान भकया जाने वाला
प्रभर्तफल या मूलय है।

I. दावा राभश

II. अभ्यपवण मूलय

III. पभरपक्वर्ता राभश

IV. प्रीभमयम

प्रश्न 3

वह दस्र्तावेज़ जो बीमा के अनु बंध का एक साक्ष्य उपलब्ध करार्ता है, ________ कहलार्ता है।

I. पॉभलसी

II. कवर नोट

III. पृष्ठांकन

IV. बीमा प्रमाणपत्र

प्रश्न 4

प्रकटीकरण का कर्तवव्य उत्पन्न होर्ता है

I. पॉभलसी प्रारंि होने से पहले

II. पॉभलसी प्रारंि होने के बाद

III. पॉभलसी प्रारंि होने से पहले और पॉभलसी के द़ौरान जारी रहर्ता है

IV. ऐसा कोई कर्तवव्य नहीं है

320
प्रश्न 5

महत्वपूणव र्त्य

I. एक पॉभलसी में शाभमल सिी सामभग्रयों का मूलय है

II. जोभिम का आकलन करने के भलए जरूरी नहीं है

III. यह महत्वपूणव है क्योंभक यह बीमालेिक के भनणवय को प्रिाभवर्त करर्ता है

IV. यह महत्वपूणव नहीं है क्योंभक इसका बीमालेिक के भनणवय पर कोई असर नहीं होर्ता है

प्रश्न 6

आज्ग्न बीमा प्रस्र्ताव यह जानना िाहर्ता है

I. भनमाण की प्रभिया

II. िंडाभरर्त सामग्री का भववरण

III. िवन का भनमाण

IV. उपरोि सिी

प्रश्न 7

प्रीभमयम प्राप्र्त नहीं भकया जा सकर्ता है

I. नकदी में

II. िेक द्वारा

III. प्रोभमसरी नोट (विन पत्र) द्वारा

IV. िेभडट काडव द्वारा

प्रश्न 8

मोटर बीमा का प्रमाणपत्र

I. अभनवायव नहीं है

II. हमे शा अपने साथ रिा जाना िाभहए

III. हमे शा कार में रिा जाना िाभहए

IV. बैंक के लॉकर में रिा जाना िाभहए

प्रश्न 9

एक वारंटी

I. पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है

II. का पालन भकया जाना िाभहए

321
III. I और II दोनों

IV. उपरोि में से कोई नहीं

प्रश्न 10

मोटर बीमा के भलए नवीकरण नोभटस ___________ द्वारा जारी भकया जार्ता है

I. पॉभलसी की समाज्प्र्त से पहले बीमाधारक व्यभि

II. पॉभलसी की समाज्प्र्त से पहले बीमा कंपनी

III. पॉभलसी की समाज्प्र्त के बाद बीमाधारक

IV. पॉभलसी की समाज्प्र्त के बाद बीमा कंपनी

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप I है।

बीमा राभश पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कंपनी के दाभयत्व की अभधकर्तम सीमा है।

उिर 2

सही भवकलप IV है।

प्रीभमयम एक अनुबंध के र्तहर्त बीमाधारक व्यभि द्वारा िुगर्तान भकया जाने वाला प्रभर्तफल या मूलय है।

उिर 3

सही भवकलप I है।

वह दस्र्तावेज जो बीमा के अनु बंध का एक साक्ष्य उपलब्ध करार्ता है, पॉभलसी कहलार्ता है।

उिर 4

सही भवकलप III है।

प्रकटीकरण का कर्तवव्य पॉभलसी प्रारंि होने से पहले उत्पन्न होर्ता है और पॉभलसी के द़ौरान जारी रहर्ता है।

उिर 5

सही भवकलप III है।

वास्र्तभवक र्त्य महत्वपूणव है क्योंभक यह बीमालेिक के भनणवय को प्रिाभवर्त करर्ता है।

उिर 6

सही भवकलप IV है।

322
आज्ग्न बीमा प्रस्र्ताव भनमाण की प्रभिया, िंडाभरर्त सामग्री का भववरण और िवन के भनमाण के बारे में जानना
िाहर्ता है।

उिर 7

सही भवकलप III है।

प्रीभमयम प्रोभमसरी नोट (विन पत्र) द्वारा प्राप्र्त नहीं भकया जा सकर्ता है ।

उिर 8

सही भवकलप III है।

मोटर बीमा का प्रमाणपत्र हमे शा गाडी में रिा जाना िाभहए।

उिर 9

सही भवकलप III है।

एक वारंटी पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त एक शर्तव है और इसका पालन भकया जाना िाभहए।

उिर 10

सही भवकलप II है।

मोटर बीमा के भलए नवीनीकरण नोभटस पॉभलसी की समाज्प्र्त से पहले बीमा कंपनी द्वारा जारी भकया जार्ता है।

323
324
325
326
327
328
329
330
घोषणाकर्ता
परम सद्भाव का भसद्ांर्त

मैं/हम एर्तद्द्द्वारा घोषणा करर्ता हूं भक इस प्रस्र्ताव प्रपत्र में मेरे द्वारा भदए गए बयान मेरी/हमारी सवोिम जानकारी और भवश्वास में सही है और मैं/हम
एर्तद्द्द्वारा इस बार्त पर सहमर्त हैं भक यह घोषणा मेरे/हमारे और _______________ के बीि अनुबंध का आधार बनेगी|

अगर इस प्रपत्र को प्रस्र्तुर्त करने के बाद प्रस्र्ताभवर्त जोभिम में संयोजन या पभरवर्तवन भकए जार्ते हैं र्तो उसके बारे में र्तुरंर्त बीमा कंपभनयों को सूभिर्त भकया
जाएगा|

भदनांक:

स्थान: प्रस्र्तावक का हस्र्ताक्षर और कंपनी की मुहर

एजेंट की भसफाभरशें:

भनम्पनभलभिर्त बीमा अभधभनयम 1938 की धारा 41 की प्रभर्तभलभप है

भरयायर्तों का भनषेध

1. कोई िी व्यभि िारर्त में जीवन या संपभि से संबंभधर्त भकसी िी प्रकार के जोभिम के संबंध में एक बीमा लेने या नवीनीकृर्त करने या जारी रिने के भलए
एक प्रलोिन के रूप में भकसी िी व्यभि को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, दे य कमीशन में पूणव या आंभशक रूप से भकसी िी भरयायर्त या पॉभलसी पर प्रदर्थशर्त
प्रीभमयम में कोई िी छूट की अनुमभर्त नहीं दे गा या अनुमभर्त दे ने की पेशकश नहीं करे गा, ना र्तो एक पॉभलसी लेने या नवीनीकृर्त करने या जारी रिने
वाला कोई व्यभि कोई भरयायर्त स्वीकार करेगा भसवाय उन भरयायर्तों के भजनकी अनुमभर्त बीमा कंपनी की प्रकाभशर्त भववरभणका या र्ताभलकाओं के
अनुरूप दी जा सकर्ती है;

2. इस धारा के प्रावधानों के अनुपालन में िूक करने वाला कोई िी व्यभि जुमाने के साथ दं ड का िागी होगा भजसे पांि स़ौ रुपए र्तक बढ़ाया जा सकर्ता
है।

331
अध्याय 13

प्रीभमयम मूलयांकन का भसद्ांर्त और अभ्यास

अध्याय पभरिय

इस अध्याय में आप बीमालेिन और दर भनधारण की मूल बार्तों को जानेंगे। आप जोभिम मूलयांकन की प्रभिया
में िर्तरों से भनपटने के भवभिन्न र्तरीकों के बारे में जानेंगे। आप भवभिन्न प्रकार की बीमा पॉभलभसयों के भलए
“बीमा राभश” र्तय करने की भवभध को िी जानेंगे।

अध्ययन के पभरणाम

क. बीमालेिन की मूल बार्तें

ि. दर भनधारण की मूल बार्तें

ग. मूलयांकन के कारक

घ. बीमा राभश

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. बीमालेिन की बुभनयादी बार्तों को पभरिाभषर्त करना

2. दर भनधारण की मूल बार्तों को समझाना

3. भवभिन्न पॉभलभसयों के र्तहर्त ‘बीमा राभश’ भनधाभरर्त करना

332
क. बीमालेिन की मूल बार्तें

भपछले अध्यायों में हमने दे िा है भक बीमा की अवधारणा में पू ललग के माध्यम से जोभिम का प्रबंधन करना
शाभमल है। बीमा कंपभनयां प्रीभमयमों को भमलाकर एक पूल बनार्ती है भजसे कई व्यभियों / व्यावसाभयक /
औद्योभगक कंपभनयों / संगठनों द्वारा र्तैयार भकया जार्ता है।

प्रत्येक व्यभि द्वारा िुगर्तान भकए जाने वाले प्रीभमयम की राभश एक दर पर भनिवर करर्ती है भजसे दो कारकों
द्वारा भनधाभरर्त भकया जार्ता है।

 एक नु कसान की घटना के कारण (एक बीभमर्त जोभिम के कारण) नु कसान की संिावना और


 नु कसान की अनु माभनर्त राभश जो नु कसान की घटना के कारण उत्पन्न हो सकर्ती है

उदाहरण

मान लीभजए भक एक आग लगाने के पभरणाम स्वरूप हाभन की औसर्त राभश 100000 रुपए थी [भजसे हम L के
रूप में भनरूभपर्त करर्ते हैं]

हाभन की औसर्त या मध्यम संिावना [पी द्वारा भनरूभपर्त] 100 में 1 [या 0.01] थी।

र्तब मध्यम या औसर्त अनु माभनर्त हाभन इस प्रकार भनकाली जाएगी: L x P = 0.01 x 100000 = 1000

बीमाकर्ता यह कैसे सुभनज्श्िर्त कर सकर्ता है भक पूल वास्र्तव में हु यी हाभन नु कसानों की क्षभर्तपूर्थर्त के भलए पयाप्र्त
है?

जैसा भक हम पहले दे ि िुके हैं , बीमा की पूरी कायवप्रणाली में एक बडी संख्या में सांज्ख्यकीय रूप से समान
जोभिमों की पूललग करना शाभमल है भजससे भक बडी संख्याओं का भनयम काम करे और हाभन की संख्या
(आवृभि) और हाभन की सीमा (गंिीरर्ता) की संिावना का पूवानु मान र्तरना संिव हो सके।

समस्या यह है भक सिी जोभिम एक जैसे नहीं होर्ते हैं । भबलकुल एक जैसे [या ‘एक समान’] जोभिमों का एक
पूल काफी छोटा हो सकर्ता है।

उदाहरण के भलए, भकर्तने घरों को आप भबलकुल समान और भबलकुल एक जैसे बाहरी वार्तावरण में ज्स्थर्त
पाएंगे? ययादा नहीं।

जैसे-जैसे पूल का आकार बढ़र्ता है, इसमें उन असमान जोभिमों के शाभमल होने की संिावना बढ़ जार्ती है , जो
एक समान या एक जैसे िर्तरों के दायरे में आर्ते हैं । यहां बीमा कंपनी को एक दु भवधा का सामना करना पडर्ता
है।

एक ऐसा पूल कैसे बनाया जाए जो इर्तना बडा हो भक जोभिम का पुवानु मान अभधक लगाने के साथ-साथ यह
िी सुभनज्श्िर्त भकया जा सके भक पूल पयाप्र्त रूप से समरूप है और इसमें एक समान जोभिम म़ौजूद हैं ?

बीमा कंपभनयों को इस समस्या का एक समाधान भमल गया है।

वे एक ऐसा पूल बनार्ती हैं जो काफी बडा होर्ता है, साथ ही इसके िीर्तर उप-पूल िी बनाए जार्ते हैं और अलग-
अलग जोभिमों को एक या अन्य उप-पूल में रिा जार्ता है। उप-पूल म़ौजूद जोभिम की भडग्री के आधार पर
जोभिमों को भवभिन्न श्रेभणयों में भविाभजर्त करके बनाया जार्ता है।

333
उदाहरण

संपभि बीमा के क्षेत्र में एक लकडी के ढांिे में आग लगने की संिावना पत्थर की संरिनाओं की र्तुलना में बहु र्त
अभधक होर्ती है; इसभलए लकडी के ढांिे का बीमा करने के भलए एक उछि प्रीभमयम की आवश्यकर्ता होर्ती है।

यही अवधारणा स्वास््य बीमा पर िी लागू होर्ती है। उछि रििाप या मधुमेह से पीभडर्त भकसी व्यभि को भदल
का द़ौरा पडने की अभधक संिावना रहर्ती है।

भकसी बीमारी के उपिार की उछि भिभकत्सा लागर्तों के जोभिम पर भविार करें । एक अछछे स्वास््य वाले व्यभि
की र्तुलना में उछि रििाप और मधुमेह से पीभडर्त व्यभि के भलए जोभिम अलग होगा।

जोभिमों को वगीकृर्त करना और उनकी श्रेणी र्तय करना दर भनधारण के भलए महत्वपूणव है।

1. बीमालेिन की मूल बार्तें

पभरिाषा

बीमालेिन यह भनधाभरर्त करने की प्रभिया है भक क्या बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त जोभिम स्वीकायव है , और यभद हां
र्तो भकन दरों, भनयमों और शर्तों पर बीमा आवरण को स्वीकार भकया जाएगा।

एक र्तकनीकी अथव में बीमालेिन में भनम्पनभलभिर्त कदम शाभमल हैं :

i. हाभन की आवृभि और गंिीरर्ता के संदिव में िर्तरे और जोभिम का आकलन और मूलयांकन


ii. पॉभलसी कवरे ज और भनयम एवं शर्तों का भनरूपण
iii. प्रीभमयम की दरें भनधाभरर्त करना

बीमालेिक सबसे पहले यह भनणवय लेर्ता है भक क्या जोभिम को स्वीकार भकया जाए या नहीं।

अगला कदम दरों, भनयमों और शर्तों का भनधारण करना होगा भजनके र्तहर्त जोभिम को स्वीकार भकया जाना
है।

बीमालेिन योग्यर्ताएं एक भनरंर्तर सीिने की प्रभिया के माध्यम से प्राप्र्त की जार्ती हैं भजसमें पयाप्र्त प्रभशक्षण,
फ़ीलड एक्सपोजर और गहरी अंर्तदृव ज्ष्ट शाभमल है। एक आज्ग्न बीमा का बीमालेिक बनने के भलए व्यभि के पास
आज्ग्न के संिाभवर्त कारणों, भवभिन्न ि़ौभर्तक वस्र्तुओं और संपभि पर आज्ग्न का प्रिाव, एक उद्योग में शाभमल
प्रभिया, इसके िूगोल, जलवायु पभरज्स्थभर्तयों आभद का अछछा ज्ञान होना आवश्यक है।

इसी प्रकार एक समुद्री बीमा(मरीन) के बीमालेिक को बंदरगाह/सडक की ज्स्थभर्तयों, पारगमन या िंडारण में
कागो/माल के सामने आने वाली समस्याओं, जहाजों और उनकी समुद्री यात्रा योग्यर्ता आभद के बारे में
जानकारी होनी िाभहए।

एक स्वास््य बीमालेिक को बीमाधारक व्यभि की जोभिम प्रोफाइल, उम्र, भिभकत्सा पहलुओ,ं भफटनेस के
स्र्तर और पाभरवाभरक इभर्तहास को समझने और जोभिम को प्रिाभवर्त करने वाले प्रत्येक कारक के प्रिाव को
मापने की जरूरर्त है।

334
क) बीमालेिन, इज्क्वटी और व्यावसाभयक ज्स्थरर्ता

बीमा में सावधान बीमालेिन और जोभिम वगीकरण की जरूरर्त इस साधारण र्त्य से उत्पन्न होर्ती है भक सिी
जोभिम बराबर नहीं होर्ते हैं । इस प्रकार प्रत्येक जोभिम का उभिर्त रूप से आकलन करना और हाभन की घटना
र्तथा गंिीरर्ता की संिावना के अनु सार इसका मूलयांकन भकया जाना आवश्यक है।

िूंभक सिी जोभिम बराबर नहीं होर्ते हैं , बीमा भकए जाने वाले सिी लोगों को एक समान प्रीभमयम का िुगर्तान
करने के भलए कहना न्यायसंगर्त नहीं होगा। बीमालेिन का उद्देश्य जोभिमों का वगीकरण करना है र्ताभक
उनकी भवशेषर्ताओं और उत्पन्न होने वाले जोभिम की भडग्री (मात्रा) के आधार पर प्रीभमयम की एक उभिर्त दर
लगायी जा सके।

प्रत्येक बीमा कर्ता की अपने म़ौजूदा पॉभलसीधारकों को यह सुभनज्श्िर्त करने की एक भजम्पमे दारी है भक वह
म़ौजूदा पॉभलभसयों के सिी अनु बंधात्मक दाभयत्वों को पूरा करने में सक्षम है। अगर बीमा कंपनी ऐसे जोभिमों पर
पॉभलभसयां जारी करर्ती है जो बीमा योग्य नहीं हैं या जोभिम को कवर करने के भलए आवश्यक राभश की र्तुलना
में बहु र्त कम प्रीभमयम वसूल करर्ती है र्तो इसका पभरणाम अपने संभवदात्मक दाभयत्वों को पूरा करने के भलए
बीमा कंपनी की क्षमर्ता को िर्तरे में डालना होगा।

दू सरी ओर, एक ऐसी बीमा कंपनी जो उन जोभिमों के भलए बहु र्त अभधक प्रीभमयम वसूल करना िाहर्ती है जो
इस र्तरह की उछि दरों न्यायसंगर्त नहीं बनार्ती है, अपने व्यवसाय को गैर-प्रभर्तस्पधी और अस्थायी के रूप में
दे ि सकर्ती है।इसभलए इज्क्वटी और ज्स्थरर्ता के भहर्त में बीमालेिन प्रभिया का सावधानी पूववक पालन करना
आवश्यक है।

बीमालेिन की मुख्य भवशेषर्ताएं इस प्रकार हैं -

i. भवशेषर्ताओं के आधार पर जोभिम की पहिान करना


ii. प्रस्र्तावक द्वारा प्रस्र्तुर्त जोभिम का स्र्तर भनधाभरर्त करना
iii. यह सुभनज्श्िर्त करना भक बीमा व्यवसाय मजबूर्त आधार पर संिाभलर्त भकया जार्ता है

संक्षेप में, बीमालेिन के उद्देश्यों को स्वीकायवर्ता, प्रीभमयम की पयाप्र्तर्ता और अन्य शर्तों का स्र्तर र्तय करके
हाभसल भकया जार्ता है।

स्व-परीक्षण 1

बीमा दर भनधारण को प्रिाभवर्त करने वाले दो कारकों की पहिान करें ।

I. जोभिम की संिावना और गंिीरर्ता


II. जोभिम की प्रकृभर्त और रोतोर्त
III. जोभिम का समय और रोतोर्त
IV. जोभिम की प्रकृभर्त और प्रिाव

335
ि. दर भनधारण की मूल बार्तें

बीमा, बीमा कर्ता को जोभिम के हस्र्तांर्तरण पर आधाभरर्त है। एक बीमा पॉभलसी िरीद कर बीमाधारक उस
आपदा से उत्पन्न होने वाले भविीय नु कसान के प्रिाव को कम करने में सक्षम होर्ता है भजसके भवरुद् संपभि का
बीमा भकया जार्ता है।

उदाहरण

अगर कोई व्यभि कार िलार्ता है र्तो यहां एक जोभिम है भक यह एक दु घवटना में क्षभर्तग्रस्र्त हो सकर्ती है। अगर
माभलक के पास मोटर बीमा है र्तो कार क्षभर्तग्रस्र्त होने की ज्स्थभर्त में बीमा कंपनी इसकी मरम्पमर्त के भलए िुगर्तान
करे गी।

कंपनी को मुनाफे के एक मार्थजन सभहर्त िभवष्य के बीमा दावों और ििों की लागर्त को कवर करने के भलए एक
मूलय की गणना की प्रभिया अपनाने की जरूरर्त होर्ती है। इसे दर भनधारण (रे ट मे लकग) के रूप में जाना जार्ता
है।

दर बीमा की एक भनर्थदष्ट इकाई का मूलय है।

उदाहरण के भलए, िूकंप कवरे ज के भलए एक दर 1.00 रुपए प्रभर्त हजार के रूप में व्यि भकया जा सकर्ता है

हाभन की संिावना और इसके संिाभवर्त आकार के भहसाब से दरों में बदलाव होर्ता है। प्रत्येक दर वर्तवमान माह़ौल
में भपछले रुझानों और पभरवर्तवनों को दे िने के बाद र्तय की जार्ती है, जो िभवष्य के संिाभवर्त हाभनयों को
प्रिाभवर्त कर सकर्ती हैं।

उदाहरण

िूकंप बीमा के ऊपर के उदाहरण पर भविार करें , एक कंिीट की संरिना की र्तुलना में एक ईंट के मकान के
भलए, जो क्षभर्त के भलए अभधक संवद
े नशील है, प्रीभमयम एक दोष रे िा के भनकट उछि दरों पर वसूल भकया
जाएगा।

स्वास््य बीमा का एक उदाहरण लेर्ते हु ए, संख्यात्मक या प्रभर्तशर्त मूलयांकन जोभिम के प्रत्येक घटक पर भकया
जार्ता है। उम्र, जाभर्त, व्यवसाय, आदर्त आभद जैसे कारकों की जांि की जार्ती है और पूवव-भनधाभरर्त मानदं डों के
आधार पर संख्यात्मक रूप से अंक भदए जार्ते हैं ।

ध्यान दें भक दरें प्रीभमयम के समान नहीं हैं ।

प्रीभमयम = (बीमा राभश) x (दर)

1. दरभनधाभरर्त (रे लटग) का उद्देश्य

दर भनधारण (रे ट मेलकग) का मूल उद्देश्य यह सुभनज्श्िर्त करना है भक बीमा का मूलय बीमा कंपनी और बीमा
धारक दोनों की दृज्ष्ट में पयाप्र्त और उभिर्त होना िाभहए।

बीमा कर्ता के दृज्ष्टकोण से इसका मर्तलब है भक समग्र दरें दावों, ििों और कर के िुगर्तान की व्यवस्था करने
के भलए पयाप्र्त होनी िाभहए और संकटों र्तथा मुनाफे के भलए पयाप्र्त मार्थजन िी छोडे ।

336
बीमाधारक की दृज्ष्ट से उभिर्त दर का अथव है भक व्यभि को ििों, संकटों और मुनाफों के भलए एक उभिर्त
शुलक के साथ-साथ शाभमल िर्तरों को आवभरर्त करने के भलए एक पयाप्र्त राभश से अभधक का िुगर्तान करने
की आवश्यकर्ता नहीं है।

आज्ग्न बीमा प्रीभमयम दरों को उभिर्त माना जा सकर्ता है यभद वे सिी प्रमुि कारकों पर ध्यान दे र्ते हैं , जो
जोभिम को प्रिाभवर्त करर्ते हैं लेभकन मामूली कारकों को अनदे िा कर दे र्ते हैं , जो समग्र रूप में अनु माभनर्त दर
में केवल एक छोटे से अंर्तर का कारण बन सकर्ते हैं ।

2. प्रीभमयम की दर भनधाभरर्त करना

प्रीभमयम की शुद् दर भपछली हाभर्त के अनु िव के आधार पर भनधाभरर्त की जार्ती है। अर्तः, भपछली हाभनयों के
बारे में सांज्ख्यकीय आंकडे दरों की गणना के प्रयोजनों के भलए सबसे आवश्यक हैं ।

दरें र्तय करने के भलए जोभिमों को एक ‘गभणर्तीय मूलय’ दे ना आवश्यक है।

उदाहरण

अगर 10 वषव की अवभध के भलए मोटर साइभकलों की एक बडी संख्या में हाभन का अनु िव एकत्र भकया जार्ता है ,
र्तो हमें वाहनों को हु ई क्षभर्त के पभरणाम स्वरूप उत्पन्न हाभन का कुल योग भमल जाएगा। मोटर साइभकलों के
कुल मूलय के प्रभर्तशर्त के रूप में नु कसान की इस राभश को व्यि करके हम जोभिम का ‘गभणर्तीय मूलय’ र्तय
कर सकर्ते हैं । यह नीिे भदए गए सूत्र में व्यि भकया जा सकर्ता है:

L
M= X 100
V

L नु कसानों के कुल योग को दशार्ता है और V सिी मोटर साइभकलों के कुल मूलयों को दशार्ता है।

हम मान लेर्ते हैं भक:

 एक मोटर साइभकल का मूलय 50,000/- रु. है

 हाभन का अनु िव: 10 वषों में 1000 मोटर साइभकलों में से 50 मोटर साइभकल िोरी हो जार्ती हैं

 औसर्तन पांि मोटर साइभकलें हर वषव िोरी के कारण कुल हीभन बन जार्ती हैं

सूत्र लागू करने पर पभरणाम इस प्रकार होगा:

हाभन (50,000 रुपए x 5) = 2,50,000 रु.

मूलय (50,000 x 1000 रुपए) = 5,00,00,000 रु.

इसका मर्तलब है (L / V) x 100 = [2,50,000 / 5,00,00,000] x 100 = 0.5%

अर्तः प्रीभमयम की दर जो एक मोटर साइभकल माभलक िुगर्तान करर्ता है , 50,000/- रुपए का आधा प्रभर्तशर्त
यानी 250/- रु. प्रभर्त वषव है।इसे ‘शुद्’ प्रीभमयम कहा जार्ता है।

250 रुपए प्रभर्त मोटर साइभकल की दर से 2.5 लाि रुपए एकत्र भकए जार्ते हैं भजसे 5 वाहनों के कुल नु कसानों
पर दावों में िुगर्तान भकया जार्ता है।

337
यभद उिानु सार शुद् प्रीभमयम एकत्र भकया जार्ता है र्तो इससे एक कोष बनेगा जो केवल हाभन के िुगर्तान के
भलए पयाप्र्त होगा।

उि के उदाहरण में हम दे ि सकर्ते हैं भक यहां कोई अभधशेष नहीं है। लेभकन बीमा गभर्तभवभधयों में व्यवस्थापन
की लागर्तें (प्रबंधन ििव) और व्यवसाय प्राप्र्त करने की लागर्तें (एजेंसी कमीशन) िी शाभमल हैं ।यह
अप्रत्याभशर्त िारी हाभन के मामले में एक मार्थजन प्रदान करने के भलए िी आवश्यक है।

अंर्तः में, िूंभक बीमा का लेनदे न भकसी िी अन्य व्यवसाय की र्तरह एक व्यावसाभयक आधार पर होर्ता है , मुनाफे
के मार्थजन के भलए व्यवस्था करना आवश्यक है जो व्यवसाय में भनवेभशर्त पूंजी पर भमलने वाला लाि है।

आर्तः ििव, संिय और मुनाफों की व्यवस्था करने के भलए प्रभर्तशर्तों को जोडकर ‘शुद् प्रीभमयम’ उभिर्त रूप से
लगाया या बढ़ाया जार्ता है।

प्रीभमयम की अंभर्तम दर में भनम्पनभलभिर्त घटक शाभमल होंगे:

 हाभन का िुगर्तान

 हाभन ििव (जैसे सवेक्षण फीस)

 एजेंसी कमीशन

 प्रबंधन ििव

 अप्रत्याभशर्त िारी हाभनयों के भलए संिय का मार्थजन जैसे, 5 मानी गई हाभनयों के भवरुद् 7 कुल
हाभनयां

 मुनाफे के भलए मार्थजन

अनु िव की अवभध का सावधानी से ियन करना आवश्यक है। सबसे नवीनर्तम हाभन के अनु िव की अवभध का
प्रयोग भकया जाना िाभहए। ियभनर्त अवभध में पयाप्र्त हाभन अनु िव के आंकडे शाभमल होने िाभहए र्ताभक पभरणाम
का आवश्यक सांज्ख्यकीय महत्व या भवश्वसनीयर्ता हो। अंर्तर्तः में, जहां व्यवसाय महासंकटपूणव हाभनयों के
अधीन होर्ता है, अनु िव की अवभध को औसर्त महासंकटपूणव घटना का प्रभर्तभनभधत्व करना िाभहए।

सिी प्रासंभगक दर भनधारण कारकों को ध्यान में लेकर यह सुभनज्श्िर्त भकया जा सकर्ता है भक समान प्रकार और
गुणविा वाले जोभिमों के बीि दरें अपयाप्र्त, अत्यभधक या अनुभिर्त रूप से िेदिावपूणव नहीं हैं

स्व-परीक्षण 2

शुद् प्रीभमयम क्या है?

I. केवल हाभनयों के िुगर्तान के भलए पयाप्र्त रूप से बडा प्रीभमयम

II. समाज के वंभिर्त सदस्यों के भलए लागू प्रीभमयम

III. प्रशासभनक लागर्तों पर िार लगाने के बाद प्रीभमयम

IV. सबसे नवीनर्तम हाभन अनु िव की अवभध से व्युत्पन्न प्रीभमयम

338
ग. दर भनधारण के कारक

दरों को जोडने और दर भनधारण की योजना बनाने में उपयोग भकए जाने वाले प्रासंभगक र्तत्वों को दर भनधारण
कारक कहा जार्ता है। बीमा कर्ता जोभिम का भनधारण करने और वसूल भकया जाने वाले मूलय को र्तय करने के
भलए ‘दर भनधारण कारकों’ का उपयोग करर्ती हैं ।

 बीमा कर्ता सबसे पहले एक आधार दर स्थाभपर्त करने के भलए अपने आकलन का उपयोग करर्ती
है

 भफर बीमा कर्ता इस दर को सकारात्मक भवशेषर्ताओं जैसे संपभि जोभिम के भलए उछिर्तम आग
सुरक्षा के भलए लागू छूट के साथ और प्रभर्तकूल भवशेषर्ताओं जैसे मोटर जोभिमों पर कमजोर
भवश्वास का भरकॉडव रिने वाले िालक के भलए लागू अभधिार के साथ समायोभजर्त करर्ती हैं

महत्वपूणव

बीमालेिन के भलए सूिना के रोतोर्त

भकसी िी संख्यात्मक (या सांज्ख्यकीय) भवश्लेषण में पहला िरण आंकडों के सं ग्रहण का होर्ता है।जोभिम का
मूलय भनधारण करर्ते समय एक बीमालेिक को सही आकलन करने हे र्तुमें सहायर्ता भलए अभधक से अभधक
संिव जानकारी इकट्ठा करना िाभहए।

जानकारी के रोतोर्त हैं :

i. प्रस्र्ताव प्रपत्र या बीमालेिन प्रस्र्तुभर्त

ii. जोभिम सवेक्षण

iii. भपछले दावों के अनु िव के आंकडे : व्यभिगर्त और मोटर लाइन जैसे व्यवसाय के कुछ वगों के भलए
बीमालेिक अक्सर िभवष्य में संिाभवर्त दावों के अनु िव को एक संकेर्त दे ने के भलए और उभिर्तप्रीभमयम
पर पहु ं िने के भलए भपछले दावों के अनु िव के आंकडों का उपयोग करर्ते हैं ।

सटीक व्याख्या और दावों के अनु िव का प्रिावी उपयोग मूलय भनधारण की प्रभिया के भलए महत्वपूणव है।
महासंकटपूणव हाभन अप्रत्याभशर्त और किी-किार घभटर्त होने वाली प्रकृभर्त की होर्ती हैं इसभलए गणना के एक
आधार के रूप में सांज्ख्यकीय जानकारी हमे शा उपलब्ध और साथवक नहीं होर्ती है। (आधुभनक कंप्यूटरों के
आगमन के साथ प्राकृभर्तक संकटपूणव घटनाओं के संिाभवर्त प्रिाव को मापने के भलए आजकल भवभिन्न बनावटी
मॉडलों का उपयोग भकया जार्ता है।)

1. िर्तरा

बीमा की िाषा में िर्तरा शब्द उन ज्स्थभर्तयों या सुभवधाओं या भवशेषर्ताओं को दशार्ता है जो एक भनर्थदष्ट आपदा
से उत्पन्न होने वाले नु कसान की संिावना बनार्ते या बढ़ार्ते हैं । भवभिन्न िर्तरों का एक संपूणव ज्ञान भजनके दायरे
में संपभि और व्यभि आर्ते हैं , बीमालेिन के भलए अत्यावश्यक है।

िर्तरों को ि़ौभर्तक और नैभर्तक के रूप में वगीकृर्त भकया जा सकर्ता है। ि़ौभर्तक िर्तरा बीमा की भवषय-वस्र्तु की
महत्वपूणव सुभवधाओं से उत्पन्न होने वाले जोभिम को दशार्ता है जबभक नैभर्तक िर्तरा मानवीय कमजोरी (जैसे

339
बेईमानी, लापरवाही आभद) से या सामान्य आर्थथक एवं सामाभजक ज्स्थभर्तयों से उत्पन्न हो सकर्ता है। प्रिालन
स्र्तर पर, दर भनधारण प्रभिया में ि़ौभर्तक और नैभर्तक िर्तरों का आकलन करना शाभमल है।

2. ि़ौभर्तक िर्तरे

ि़ौभर्तक िर्तरे का पर्ता प्रस्र्ताव प्रपत्र में दी गई जानकारी से लगाया जा सकर्ता है।इसे जोभिम के सवेक्षण या
भनरीक्षण से बेहर्तर जाना जा सकर्ता है। बीमा के भवभिन्न वगों में ि़ौभर्तक िर्तरे के कुछ उदाहरण भनम्पनभलभिर्त
हैं ।

क) आग

i. भनमाण

भनमाण दीवारों और छर्त में इस्र्ते माल की गयी भनमाण सामग्री को दशार्ता है।एक कंिीट का िवन एक
लकडी के िवन से बेहर्तर है।

ii. ऊंिाई

आग बुझाने की कभठनाइयों के कारण मंभजलों की संख्या भजर्तनी अभधक होगी, िर्तरा उर्तना अभधक
होगा।इसके अलावा, मंभजलों की एक बडी संख्या में ऊपरी मंभजलों के पर्तन का जोभिम शाभमल है जो िारी
प्रिाव डालने वाली क्षभर्त का कारण बनर्ता है।

iii. फशव की प्रकृभर्त

लकडी के फशव आग में घी का काम करर्ते हैं । इसके अलावा, लकडी के फशव आग लगने पर आसानी से भगर
जार्ते हैं भजसके कारण ऊपरी मंभजलों से मशीनरी या सामान के भगरने से भनिली मंभजलों पर संपभि का
नु कसान हो सकर्ता है।

iv. दिलदारी

भकसी िवन की दिलदारी और प्रयोजन भजसके भलए इसका प्रयोग भकया जार्ता है।दिलदारी से भवभिन्न
प्रकार के िर्तरे उत्पन्न होर्ते हैं ।

v. प्रययवलन का िर्तरा

ऐसे िवन भजनमें बडी मात्रा में रसायनों का उत्पादन या उपयोग भकया जार्ता है , वहां प्रययवलन का बडा
िर्तरा शाभमल होर्ता है।एक लकडी का याडव उछि यवलनशील िर्तरा प्रस्र्तुर्त करर्ता है क्योंभक एक बार
आग शुरू होने पर लकडी र्ते जी से जलने लगर्ती है। ये सामभग्रयां आग लगने की घटना में क्षभर्त के भलए
अत्यभधक अभर्तसंवद
े नशील हो सकर्ती हैं ।

उदाहरण के भलए, कागज, कपडे आभद न केवल आग से बज्लक पानी, गमी आभद से क्षभर्त के प्रभर्त िी
अभर्तसंवद
े नशील होर्ते हैं ।

vi. भनमाण की प्रभिया

अगर काम रार्त के द़ौरान भकया जार्ता है र्तो कृभत्रम रोशनी के उपयोग, मशीनरी के भनरंर्तर उपयोग जो
घषवण का कारण बनर्ता है, और थकान की वजह से श्रभमकों की संिाभवर्त लापरवाही के कारण िर्तरा बढ़
जार्ता है।

340
vii. स्थान

िीडिाड वाले क्षेत्र, िर्तरनाक आसन्न पभरसर का जोभिम और फायर भब्गेड से दूरी वाला स्थान ि़ौभर्तक
िर्तरे का एक उदाहरण है।

ि) मरीन

i. पोर्त की उम्र और हालर्त

पुराने पोर्त भनम्पन जोभिम होर्ते हैं ।

ii. प्रस्र्ताभवर्त समुद्री यात्रा

समुद्री यात्रा का मागव, लदान और उर्तराई की ज्स्थभर्तयां और बंदरगाहों पर िंडारण सुभवधाएं इसके कारक
हैं ।

iii. स्टॉक्स की प्रकृभर्त

उछि मूलय की वस्र्तुएं िोरी के जोभिम के दायरे में आर्ती हैं ; मशीनरी के पारगमन में टू ट जाने की संिावना
रहर्ती है।

iv. पैलकग की भवभध

गट्ठरों में पैक भकए गए माल को बैग में रिे माल की र्तुलना में बेहर्तर माना जार्ता है। भफर, दोहरे बैग एकल
बैग से सुरभक्षर्त होर्ते हैं ।

पहले से उपयोग भकए गए िमों में र्तरल कागो िराब ि़ौभर्तक िर्तरा बनर्ते हैं ।

ग) मोटर

i. वाहन की उम्र और हालर्त

पुराने वाहन दु घवटनाओं के भलए संवद


े नशील होर्ते हैं ।

ii. वाहन का प्रकार

स्पोट्सव कारों में काफी ि़ौभर्तक िर्तरे आभद शाभमल होर्ते हैं ।

घ) िोरी

i. स्टॉक्स की प्रकृभर्त

छोटे समूह में उछि मूलय की वस्र्तुएं (जैसे आिूषण) और आसानी से प्रयोयय िीजों को बुरा जोभिम माना
जार्ता है।

ii. ज्स्थभर्त

िूर्तल के जोभिम ऊपरी मंभजल के जोभिमों से भनम्पनर्तर होर्ते हैं : सुनसान क्षेत्रों में ज्स्थर्त भनजी आवास
िर्तरनाक होर्ते हैं ।

341
iii. भनमाण संबंधी िर्तरा

बहु र्त सारे दरवाजे और भिडभकयां बुरा ि़ौभर्तक िर्तरा बनर्ती हैं ।

ङ) व्यभिगर्त दु घवटना

i. व्यभि की उम्र

बहु र्त वृद् व्यभि दु घवटना के भलए संवद


े नशील होर्ते हैं ; इसके अलावा दु घवटना की ज्स्थभर्त में उनको स्वस्थ
होने में लंबा समय लगे।

ii. दिलदारी की प्रकृभर्त

जॉकी, िनन इंजीभनयर, हाथ का काम करने वाले कमी बुरे ि़ौभर्तक िर्तरे के उदाहरण हैं ।

iii. स्वास््य और शारीभरक ज्स्थभर्त

एक मधुमेह से पीभडर्त व्यभि आकज्स्मक शारीभरक िोट की ज्स्थभर्त में शलय भिभकत्सा उपिार का प्रभर्तसाद
नहीं दे सकर्ता है।

ि) स्वास््य बीमा

i. व्यभि की उम्र

कम आयु वगव के व्यभि अक्सर जलदी – जलदी बीमार पडने के भलए कम संवद
े नशील होर्ते हैं ।

ii. व्यभि की स्वास््य ज्स्थभर्त यानी भक क्या वह इस समय भकसी बीमारी से पीभडर्त है

iii. शराब या र्तंबाकू का सेवन

iv. पेशे की प्रकृभर्त

उन कारिानों में काम करना जहां धुंए या धूल का अत्यभधक जोभिम होर्ता है

3. दर भनधारण में ि़ौभर्तक िर्तरों से भनपटना

बीमालेिक ि़ौभर्तक िर्तरों से भनपटने के भलए भनम्पन भवभधयों का उपयोग करर्ते हैं :

 प्रीभमयम का िार बढ़ाना


 पॉभलसी पर वारंभटयां लागू करना
 कुछ िंड लागू करना
 आभधक्य / कट़ौभर्तयां लगाना
 प्रदान भकए गए आवरण को सीभमर्त करना
 आवरण को अस्वीकार करना

क) प्रीभमयम का िार बढ़ाना

एक जोभिम प्रकट होने में कुछ प्रभर्तकूल भवशेषर्ताएं हो सकर्ती हैं भजनके भलए बीमा लेिक उन्हें
स्वीकृभर्त से पहले अभर्तभरि प्रीभमयम लगाने का फैसला कर सकर्ते हैं ।

प्रीभमयम का िार बढ़ाकर दावों की उछि संिावना या बडे दावों की घटना को ध्यान में रिा जार्ता है।

342
उदाहरण

i. लाइनरों या अन्य वाहनों द्वारा िेजे जाने वाले माल के भलए प्रीभमयम की सामान्य दर वसूल की जार्ती है
जो भनधाभरर्त मानकों का पालन करर्ते हैं । हालांभक, यभद एक अभधक उम्र या कम टन िार वाला पोर्त
माल को ले जार्ता है र्तो अभर्तभरि प्रीभमयम वसूल भकया जार्ता है।

ii. व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में यभद बीमाधारक पववर्तारोहण, पभहयों पर रे लसग, भशकार के बडे िेलों आभद
जैसे िर्तरनाक कायो में शाभमल है र्तो अभर्तभरि प्रीभमयम वसूल भकया जार्ता है।

iii. स्वास््य बीमा में यभद बीमालेिन के समय प्रभर्तकूल सुभवधाएं म़ौजूद हैं र्तो यह िी प्रीभमयम का िार बढ़ाए
जाने का कारण बन सकर्ता है।

किी-किी मोटर बीमा या स्वास््य बीमा पॉभलभसयों के मामले की र्तरह प्रभर्तकूल दावों के अनु पार्त के भलए िी
प्रीभमयम का िार बढ़ाया जार्ता है।

आईआरडीए के नए भवभनयमन के अनु सार व्यभिगर्त दावा आधाभरर्त अभधिार लागू नहीं भकया जा सकर्ता है।
अभधिार केवल वस्र्तुपरक मानदं डों के आधार पर समग्र पोटव फोभलयो के भलए लागू भकया जा सकर्ता है।

ि) वारंभटयों का अभधरोपण

बीमा कर्ता ि़ौभर्तक िर्तरे को कम करने के भलए उपयुि वारंभटयां शाभमल करर्ती हैं । इसके कुछ
उदाहरण नीिे भदए गए हैं ।

उदाहरण

i. मरीन कागो

इस प्रिाव के भलए वारंटी सज्म्पमभलर्त की जार्ती है भक सामान (जैसे िाय) भटन लाइनों वाले भडब्बों में पैक भकए
जार्ते हैं।

ii. िोरी

यह वारंटी दी जार्ती है भक संपभि की सुरक्षा ि़ौबीस घंटों के भलए एक ि़ौकीदार द्वारा की जार्ती है।

iii. आग

आज्ग्न बीमा में, यह वारंटी दी जार्ती है भक पभरसर को सामान्य काम के घंटों के बाद इस्र्ते माल नहीं भकया
जाएगा।

iv. मोटर

यह वारंटी दी जार्ती है भक वाहन को गभर्त परीक्षण या रे लसग के भलए इस्र्ते माल नहीं भकया जाएगा।

343
ग) कुछ िंडों का प्रयोग दावा/हाभन की मात्राओं को कम करें गे

उदाहरण

मरीन कागो : पुजों में छोटी सी क्षभर्त के कारण महं गी मशीनरी एक रिनात्मक कुल नुकसान बन सकर्ती है।ऐसी
मशीनरी प्रभर्तस्थापन िंडके अधीन होर्ती है जो बीमालेिक की दे यर्ता को केवल भकसी टू टे हु ए पुजे के
प्रभर्तस्थापन, अग्रेषण और पुनः भफलटग की लागर्त र्तक सीभमर्त करर्ती है।

कास्ट पाइप, हाडव बोडव किी-किी भकनारों में ही क्षभर्तग्रस्र्त हो जार्ते हैं । कास्ट पाइप, हाडव बोडव आभद पर मरीन
पॉभलभसयां के काटने के िंड के अधीन होर्ती हैं जो यह वारंटी दे र्ती है भक क्षभर्तग्रस्र्त भहस्से को काट भदया जाना
िाभहए और शेष भहस्से का उपयोग भकया जाना िाभहए।

कई बार अंर्तदे शीय पारगमन के भलए मरीन बीमा की मांग भवदे श से आयाभर्तर्त सामानों पर की जार्ती है। बहु र्त
संिव है भक इस र्तरह के सामान की हाभन या क्षभर्त पहली समुद्र यात्रा के द़ौरान हु ई हो लेभकन बाहरी जांि से
यह स्पष्ट नहीं हु आ हो सकर्ता है।

इस र्तरह के जोभिम बंदरगाह में उर्तरने पर सामान के भनरीक्षण के अधीन स्वीकार भकए जार्ते हैं । पॉभलसी
स्वीकृभर्त से पहले सवेक्षण के अधीन होर्ती है।

घ) आभधक्य / कट़ौभर्तयों का अभधरोपण

जब हाभन की राभश उज्ललभिर्त कट़ौर्ती/आभधक्य से अभधक हो जार्ती है र्तो शेष राभश का िुगर्तान
‘आभधक्य’ िंड के र्तहर्त भकया जार्ता है। सीमा से कम की हाभन दे य नहीं होर्ता है।

इन िंडों का उद्देश्य छोटे दावों को ित्म करना है। िूभं क बीमाधारक से हाभन के भहस्से का िुगर्तान
कराया जार्ता है, उसे अभधक सावधानी बरर्तने और हाभन की रोकथाम के प्रयास करने के भलए
प्रोत्साभहर्त भकया जार्ता है।

ङ) आवरण की सीमा

उदाहरण

i. मोटर : एक पुराने मोटर वाहन के प्रस्र्ताव को व्यापक शर्तों पर स्वीकार नहीं भकया जाएगा पंरर्तु बीमा
कर्ता एक सीभमर्त आवरण की पेशकश करें गी यानी केवल र्तृर्तीय पक्ष के जोभिमों के भवरुद्।

ii. व्यभिगर्त दु घवटना : व्यभिगर्त दु घवटना का प्रस्र्तावक जो अभधकर्तम स्वीकृ आयु सीमा पार कर िुका है,
उसे व्यापक शर्तों पर यानी भवकलांगर्ता लाि सभहर्त के बजाय केवल मृत्यु के जोभिम के भलए आवरण
भकया जा सकर्ता है।

iii. स्वास््य : कई बार बीमाकर्ता कुछ शलय प्रभियाओं या ज्स्थभर्तयों के भलए आवरण की सीमा र्तय कर
सकर्ता है और आवरण केवल सीभमर्त सीमा र्तक होगा। जैसे मोभर्तयालबद या आंि के लेंस की
प्रभियाएं।

344
ि) छूट

अनु कूल जोभिम होने पर कम दरें लगायी जार्ती हैं या सामान्य प्रीभमयम में छूट दी जार्ती है।

आज्ग्न बीमा में जोभिम के सुधार में योगदान के भलए भनम्पनभलभिर्त सुभवधाओं पर भविार भकया जार्ता है।

i. पभरसर के िीर्तर आग बुझाने वाले यंत्र लगाना

ii. पभरसर में बम्पबा प्रणाली स्थाभपर्त करना

iii. हाथ से उपयोग भकए जाने वाले उपकरणों की स्थापना भजनमें बालटी, पोटे बल अज्ग्नशामक और
मैनुअल फायर पंप शाभमल हैं

iv. स्विाभलर्त फायर अलामव की स्थापना

उदाहरण

मोटर बीमा के र्तहर्त प्रीभमयम में छूट प्रदान की जार्ती है यभद मोटर साइभकल को हमे शा एक संलग्न साइड-
कार के साथ प्रयोग भकया जार्ता है , क्योंभक यह सुभवधा वाहन की अभधक ज्स्थरर्ता के कारण जोभिम के सुधार
में योगदान करर्ती है।

मरीन बीमा में बीमा कर्ता “पूणव िाभरर्त” कंटे नर के भलए प्रीभमयम में छूट दे ने पर भविार कर सकर्ती हैं क्योंभक यह
िोरी और कमी की घटनाओं को कम कर दे र्ता है।

समूह व्यभिगर्त दु घवटना आवरण के र्तहर्त एक बडे समूह को आवभरर्त के भलए छूट दी जाएगी जो बीमा कर्ता के
प्रशासभनक कायव और ििव को कम कर दे र्ता है।

छ) कोई दावा नहीं होने पर बोनस (एनसीबी)

प्रत्येक दावा रभहर्त नवीनीकरण वषव के भलए भनज्श्िर्त प्रभर्तशर्त बोनस के रूप में भदया जार्ता है भजसमें
प्राप्र्त भकए जाने वाले अभधकर्तम बोनस की एक सीमा होर्ती है। इसकी अनु मभर्त केवल नवीनीकरण के
समय कुल प्रीभमयम पर कट़ौर्ती के माध्यम से दी जार्ती है जो पूरे समूह के भलए उपगर्त दावा अनु पार्त पर
भनिवर करर्ता है।

कोई दावा नहीं होने पर बोनस बीमालेिन अनु िव में सुधार के भलए एक शभिशाली कारक है और यह
दर भनधारण प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। यह बोनस बीमाधारक व्यभि में नैभर्तक जोभिम के कारक
की पहिान करर्ता है।यह मोटर बीमा में बेहर्तर िाइलवग क़ौशल को अपना कर या मेभडक्लेम पॉभलभसयों
में अपने स्वास््य की बेहर्तर दे ििाल करके दावा दायर नहीं करने के भलए बीमाधारक को पुरस्कृर्त
करर्ता है।

ज) अस्वीकरण

यभद शाभमल ि़ौभर्तक िर्तरा बहु र्त िराब है र्तो जोभिम बीमा के भलए अयोग्य हो जार्ता है और अस्वीकार
कर भदया जार्ता है। अपने अर्तीर्त के हाभन के अनु िव, िर्तरों की जानकारी और समग्र बीमालेिन नीभर्त
के आधार पर बीमा कर्ता ने बीमा के प्रत्येक वगव में अस्वीकार भकए जाने वाले जोभिमों की एक सूिी
र्तैयार की है।

345
4. नैभर्तक जोभिम

नैभर्तक जोभिम भनम्पन र्तरीकों से उत्पन्न हो सकर्ता है:

क) बेईमानी

बुरे नैभर्तक जोभिम का िरम उदाहरण दावा प्राप्र्त करने के भलए जानबूझकर नु कसान करने या उत्पन्न के
इरादे के साथ बीमा लेने वाले बीमाधारक से है। यहां र्तक भक एक ईमानदार बीमाधारक को िी भविीय
कभठनाइयों में हाभन करने का लालि भदया जा सकर्ता है।

ि) लापरवाही

हाभन के प्रभर्त उदासीनर्ता लापरवाही का एक उदाहरण है। बीमा की म़ौजूदगी के कारण बीमाधारक बीभमर्त
संपभि की ओर एक लापरवाह रवैया अपनाने लगर्ता है।

यभद बीमाधारक संपभि का उसी र्तरह से ध्यान नहीं रिर्ता है जैसा भक एक भववेकपूणव और उभिर्त व्यभि
संपभि बीभमर्त नहीं होने की ज्स्थभर्त में करर्ता है र्तो नैभर्तक जोभिम असंर्तोषजनक है।

ग) औद्योभगक संबंध

भनयोिा-कमविारी संबध
ं में िराब नैभर्तक जोभिम का र्तत्व शाभमल हो सकर्ता है।

घ) गलर्त दावे

दावा उत्पन्न होने पर इस र्तरह के नैभर्तक जोभिम होर्ते हैं । एक बीमाधारक ने जानबूझकर नु कसान नहीं
भकया हो है परन्र्तुएक बार हाभन घभटर्त होने पर वह हजाने के रुप में क्षभर्तपूर्थर्त के भसद्ांर्त के भिलाफ
अनु भिर्त रूप से क्षभर्तपूर्थर्त की उछि राभश मांगने का प्रयास करे गा।

उदाहरण

इस र्तरह के नैभर्तक जोभिम के उदाहरण व्यभिगर्त दु घवटना बीमा में उत्पन्न होर्ते हैं जहां दावेदार िोट की
प्रकृभर्त के मुर्ताभबक़ जायज की र्तुलना में बीमा का अभधक लाि प्राप्र्त करने के भलए अपनी भवकलांगर्ता की अवभध
को लंबा िींिने का प्रयास करे गा।

मोटर दावों में इस र्तरह का जोभिम उस समय उत्पन्न होर्ता है जब बीमाधारक अनुभिर्त रूप से नए पुजों के
प्रभर्तस्थापन पर जोर डालर्ता है जबभक नु कसान को संर्तोषजनक ढं ग से मरम्पमर्त करके ठीक भकया जा सकर्ता है
या कुछ ऐसे मरम्पमर्त या प्रभर्तस्थापन कराने की कोभशश करर्ता है जो आकज्स्मक क्षभर्त से संबंभधर्त नहीं हैं ।

नैभर्तक जोभिम को सह-िुगर्तान, कट़ौर्ती, उप-सीमाओं का उपयोग करके और स्वास््य बीमा में कोई दावा
नहीं होने पर बोनस की र्तरह प्रोत्साहन की पेशकश करके कम भकया जा सकर्ता है।

सूिना

i. सह-िुगर्तान

जब कोई बीभमर्त घटना घभटर्त होर्ती है, कई स्वास््य पॉभलभसयों में बीमाधारक को बीभमर्त हाभन के एक भहस्से
को वहन करने की आवश्यक होर्ती है। जैसे यभद बीभमर्त हाभन 20000 रुपए की है और पॉभलसी में सह-िुगर्तान
की राभश 10% है र्तो बीमाधारक व्यभि 2000 रुपए का िुगर्तान करे गा है।

346
ii. उप-सीमाएं

बीमा कंपनी बढ़ा-िढ़ाकर भदिाए गए भबल की जांि करने के भलए कमरे का ििों, शलय प्रभियाओं या
भिभकत्सक की फीस के संबध
ं में प्रत्येक के भलए अलग से कुल िुगर्तान पर एक सीमा र्तय कर सकर्ती है।

iii. कट़ौर्ती

इसे आभधक्य िी कहा जार्ता है , यह एक भनधाभरर्त धनराभश है भजसे दावे के िुगर्तान करने से पहले बीमाधारक
द्वारा बीमाकर्ता को करना आवश्यक होर्ता है, उदाहरण के भलए, यभद भकसी पॉभलसी में कट़ौर्ती योग्य राभश
10000 रुपए है र्तो बीमाधारक प्रत्येक बीभमर्त हाभन के दावे के पहले 10000 रुपए का िुगर्तान करर्ता है।

जहां बीमाधारक का नैभर्तक जोभिम संदेहास्पद होर्ता है , एजेंट को इस र्तरह के प्रस्र्ताव बीमा कंपनी के पास
नहीं लाना िाभहए। इसके अलावा उसे इस र्तरह के मामलों को बीमा कंपनी के अभधकाभरयों के सामने लाना
िाभहए।

5. छोटी अवभध के पैमाने

आम र्त़ौर पर प्रीभमयम दरें बारह महीने की अवभध के भलए उद्र्त


ृ की जार्ती हैं । यभद कोई पॉभलसी एक छोटी
अवभध के भलए ली जार्ती है र्तो प्रीभमयम एक भवशेष पैमाने के अनु सार लगाया जार्ता है भजसे छोटी अवभध के
पैमाने के रूप में जाना जार्ता है।

ऐसा दे िा जा सकर्ता है भक इस बडे पैमाने के अनु सार छोटी अवभध के बीमा के भलए भलया जाने वाला प्रीभमयम
आनु पाभर्तक आधार पर नहीं होर्ता है।

छोटी अवभध के पैमानों की आवश्यकर्ता

क) इस र्तरह की दरें इसभलए लागू की जार्ती हैं क्योंभक पॉभलसी जारी करने में शाभमल ििव िाहे वह
12 महीने की अवभध के भलए हो या एक छोटी अवभध के भलए, लगिग एक समान रहर्ते हैं ।

ि) इसके अलावा, एक वार्थषक पॉभलसी के भलए एक वषव के द़ौरान केवल एक बार नवीनीकरण
प्रभिया की आवश्यकर्ता होर्ती है जबभक छोटी अवभध के बीमा में बार-बार नवीनी करण करना
शाभमल है। यभद आनुपाभर्तक प्रीभमयम की अनु मभर्त दी जार्ती है र्तो बीमा धारक की ओर से छोटी
अवभध की पॉभलभसयों का भवकलप लेने की प्रवृभि होगी और इससे प्रिावी रूप में भकस्र्तों में
प्रीभमयमों का िुगर्तान भकया जा सकर्ता है।

ग) इसके अलावा, कुछ बीमा स्विाव में म़ौसमी प्रकृभर्त के होर्ते हैं और इस द़ौरान जोभिम अभधक
होर्ता है। किी-किी जब जोभिम सब से अभधक होर्ता है और इससे बीमा कर्ता के भवरुद् ियन
होर्ता है। र्तब बीमा भलया जार्ता है बीमा कर्ता के भवरुद् इस र्तरह के ियन को रोकने के भलए
छोटी अवभध के पैमाने को भवकभसर्त भकया गया है। ये उस समय िी लागू होर्ते हैं जब बीमाधारक
द्वारा वार्थषक बीमा को रद्द कर भदया जार्ता है।

6. न्यूनर्तम प्रीभमयम

प्रत्येक पॉभलसी के र्तहर्त न्यूनर्तम प्रीभमयम वसूल करना प्रभियागर्त है र्ताभक पॉभलसी जारी करने के प्रशासभनक
व्यय को आवभरर्त भकया जा सके।

347
स्व-परीक्षण 3

जब भकसी नैभर्तक जोभिम का पर्ता लगर्ता है, एजेंट से क्या अपेक्षा की जार्ती है?

I. पहले की र्तरह बीमा जारी रिना

II. इसके बारे में बीमा कंपनी को सूभिर्त करना

III. दावों में भहस्सा मांगना

IV. आंिें मूंद लेना

घ. बीमा राभश

यह पॉभलसी शर्तव के अनु सार एक बीमा कंपनी द्वारा क्षभर्तपूर्थर्त की जाने वाली अभधकर्तम राभश है। बीमाधारक को
क्षभर्तपूर्थर्त की सीमा िुनने में बहु र्त सावधान रहना िाभहए क्योंभक यह दावे के समय प्रभर्तपूर्थर्त की जाने वाली
अभधकर्तम राभश है।

बीमा राभश हमे शा बीमाधारक द्वारा र्तय की जार्ती है और यह पॉभलसी के र्तहर्त दे यर्ता की सीमा है। यह ऐसी
राभश भजस पर पॉभलसी के र्तहर्त प्रीभमयम पर पहु ं िने के भलए दर लागू भकया जार्ता है।

इसे संपभि के वास्र्तभवक मूलय का प्रभर्तभनभध होना िाभहए। अगर बीमा आवश्यकर्ता से अभधक होर्ता है र्तो
बीमाधारक को कोई लाि नहीं भमलर्ता है और अलपबीमा के मामले में दावा आनु पाभर्तक रूप में कम हो जार्ता है।

1. बीमा राभश र्तय करना

व्यवसाय के प्रत्येक वगव के र्तहर्त बीमाधारक को भनम्पन बार्तों की सलाह दी जानी िाभहए भजनको बीमा राभश र्तय
करर्ते समय ध्यान में रिा जाना िाभहए।

क) व्यभिगर्त दु घवटना बीमा : कंपनी द्वारा प्रस्र्ताभवर्त बीमा राभश भनज्श्िर्त राभश हो सकर्ती है या यह
बीमाधारक की आय पर आधाभरर्त हो सकर्ता है। कुछ बीमा कंपभनयां एक भनज्श्िर्त अपंगर्ता के
भलए बीमाधारक की माभसक आय के 60 गुना या 100 गुना के बराबर लाि दे सकर्ती हैं।
अभधकर्तम राभश पर एक ऊपरी सीमा या ‘कैप’ हो सकर्ता है। अलग-अलग कंपनी के मुआवजों
(क्षभर्तपूर्थर्त) में भिन्नर्ता हो सकर्ती है। समूह व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलभसयों में बीमा राभश प्रत्येक
बीभमर्त व्यभि के भलए अलग अलग से र्तय की जा सकर्ती है या इसे बीभमर्त को दे य ििों से जोडा
जा सकर्ता है।

ि) स्वास््य बीमा : बीमा राभश भनज्श्िर्त सीमा के िीर्तर उपलब्ध है। यह आयु वगव पर िी भनिवर करर्ती
है।मान लीभजए भक आयु वगव 25-40 वषव के भलए, र्तो बीमा कर्ता 10 लाि रुपए या इससे अभधक
की बीमा राभश की पेशकश करर्ती है और 3 महीने से 5 वषव के आयु वगव के भलए यह राभश 2 लाि
या इसके आसपास हो सकर्ती है।

ग) मोटर बीमा : मोटर बीमा के मामले में बीमा राभश बीमाधारक का घोभषर्त मूलय [आईडीवी] है।यह
वाहन का मूलय है जो आईआरडीए के भवभनयमों में भनधाभरर्त मूलयह्रास प्रभर्तशर्त के साथ वाहन के
संबंध में म़ौजूदा भनमार्ता के सूिीबद् भविय मूलय का समायोजन करके भनकाला जार्ता है।

348
भनमार्ता के सूिीबद् भविय मूलय में पंजीकरण और बीमा को छोडकर स्थानीय शुलक / कर
शाभमल होंगे।

आईडीवी = (भनमार्ता का सूिीबद् भविय मूलय - मूलयह्रास) + (सहायक उपकरण जो सूिीबद्


भविय मूलय-मूलयह्रास में शाभमल नहीं हैं ) और इसमें पंजीकरण र्तथा बीमा लागर्त शाभमल नहीं है।

अप्रिभलर्त या 5 वषव से अभधक पुराने वाहनों की आईडीवी की गणना बीमा कंपनी और बीमाधारक के
बीि आपसी सहमभर्त से की जार्ती है। मूलयह्रास के बजाए, पुरानी कारों की आईडीवी सवेक्षकों, कार
डीलरों आभद के द्वारा भकए गए वाहन की हालर्त के मूलयांकन से भनकाली जार्ती है।

आईडीवी वह राभश है जो वाहन के िोरी होने या कुल नुकसान का सामना करने के मामले में दी जाने
वाली क्षभर्तपूर्थर्त की राभश है। कार के बाजार मूलय के आसपास आईडीवी प्राप्र्त करने की भसफाभरश की
जार्ती है। बीमा कर्ता बीमाधारक के भलए आईडीवी को कम करने के भलए 5% से 10% की एक सीमा
दे र्ती है।कम आईडीवी का मर्तलब कम प्रीभमयम होगा।

घ) अज्ग्न बीमा

अज्ग्न बीमा में बीमा राभश िवनों/संयंत्र और मशीनरी र्तथा भफक्स्िरों के भलए बाजार मूलय या पुनस्थापन
मूलय के आधार पर र्तय की जा सकर्ती है। सामभग्रयों को उनके बाजार मूलय के आधार पर आवभरर्त
भकया जार्ता है जो सामग्री की लागर्त घटाव मूलयह्रास है।

ङ) स्टॉक का बीमा

स्टॉक के मामले में बीमा राभश उनका बाजार मूलय है। बीभमर्त को उस मूलय पर प्रभर्तपूर्थर्त की जाएगी
भजस पर हाभन के बाद क्षभर्तग्रस्र्त कछिे माल को बदलने के भलए इन स्टॉक्स को बाजार में िरीदा जा
सकर्ता है।

ि) मरीन कागो बीमा

यह एक सहमर्त मूलयांभकर्त पॉभलसी है और बीमा राभश अनु बंध के समय बीमा कर्ता और बीमाधारक
व्यभि के बीि हु ए करार के अनु सार होर्ती है। आम र्त़ौर पर इसमें वस्र्तु के साथ बीमा की लागर्त + माल
ढु लाई यानी सीआईएफ मूलय का कुल योग शाभमल होगा।

छ) मरीन हल बीमा

मरीन हल बीमा में बीमा राभश अनु बंध की शुरुआर्त में बीमा धारक और बीमा कर्ता के बीि सहमर्त मूलय
है। यह मूलय पोर्त/जहाज के भनरीक्षण के बाद एक प्रमाभणर्त मूलयांकनकर्ता द्वारा भनकाला जाएगा।

ज) दाभयत्व बीमा

दे यर्ता पॉभलभसयों के मामले में बीमा राभश जोभिम की भडग्री, ि़ौगोभलक भवस्र्तार के आधार पर
औद्योभगक इकाइयों का दे यर्ता जोभिम है। इसके अभर्तभरि कानूनी लागर्त और ििव िी दावा क्षभर्तपूर्थर्त
का भहस्सा बन सकर्ते हैं । बीमा राभश उपरोि मापदं डों के आधार पर बीभमर्त द्वारा र्तय की जार्ती है।

349
स्व-परीक्षण 4

भिभकत्सक के भलए एक बीमा योजना बर्ताएं जो अपने भिलाफ लापरवाही के भकसी िी दावे से उनकी रक्षा कर
सके।

I. व्यभिगर्त दु घवटना बीमा

II. दाभयत्व बीमा

III. मरीन हल बीमा

IV. स्वास््य बीमा

सारांश

क) जोभिम को वगीकृर्त करने और उनकी श्रेणी र्तय करने की प्रभिया दर भनधारण के भलए महत्वपूणव है।

ि) बीमालेिन यह र्तय करने की प्रभिया है भक क्या एक प्रस्र्ताभवर्त जोभिम स्वीकायव है , और यभद हां र्तो
भकन दरों, भनयमों और शर्तों पर बीमा आवरण स्वीकार भकया जाएगा।

ग) दर बीमा की एक भनर्थदष्ट इकाई का मूलय है।

घ) दर भनधारण का मूल उद्देश्य यह सुभनज्श्िर्त करना है भक बीमा का मूलय पयाप्र्त और उभिर्त है।

ङ) ‘शुद् प्रीभमयम’ को ििों, संियों और मुनाफों की व्यवस्था करने के भलए प्रभर्तशर्तों को जोडकर उभिर्त
ढं ग से लोड भकया या बढ़ाया जार्ता है।

ि) बीमा की िाषा में िर्तरा शब्द का संदिव उन ज्स्थभर्तयों या सुभवधाओं या भवशेषर्ताओं से है जो एक भनर्थदष्ट
आपदा से उत्पन्न होने वाली हाभन की संिावना बनार्ते या बढ़ार्ते हैं।

छ) आभधक्य/कट़ौर्ती िंड लगाने का उद्देश्य छोटे दावों को ित्म करना है।

ज) कोई दावा नहीं होने पर बोनस बीमालेिन अनु िव में सुधार के भलए एक शभिशाली मापदं ड है और यह
दर भनधारण प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।

ठ) बीमा राभश वह अभधकर्तम राभश है जो पॉभलसी की शर्तव के अनु सार एक बीमा कंपनी क्षभर्तपूर्थर्त करे गी।

मुख्य शब्द

क) बीमालेिन
ि) दर भनधारण
ग) ि़ौभर्तक िर्तरे
घ) नैभर्तक िर्तरे
ङ) क्षभर्तपूर्थर्त
ि) लाि
छ) प्रीभमयम का अभधिार
ज) वारंटी

350
झ) कट़ौभर्तयां
ञ) अभधक्य

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप I है।

जोभिम की संिावना और गंिीरर्ता बीमा के दर भनधारण को प्रिाभवर्त करर्ते हैं ।

उिर 2

सही भवकलप I है।

शुद् प्रीभमयम हाभन का िुगर्तान करने के भलए पयाप्र्त होर्ता है , हालांभक इसमें प्रशासभनक व्यय या लाि पर
ध्यान नहीं दे र्ता है।

उिर 3

सही भवकलप 2 है।

बीमा एजेंट को भकसी िी नैभर्तक जोभिम का पर्ता लगने पर बीमा कंपनी को सूभिर्त करना िाभहए।

उिर 4

सही भवकलप 2 है।

दाभयत्व बीमा में लापरवाही के दावों के भिलाफ भिभकत्सक का बीमा भकया जा सकर्ता है।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

__________ र्तय करर्ता है भक जोभिम को स्वीकार भकया जाए या अस्वीकार भकया जाए।

I. बीमाधारक

II. बीमालेिक

III. एजेंट

IV. सवेक्षक

प्रश्न 2

_______________ बीमा की एक भनर्थदष्ट इकाई का मूलय है।

I. दर

II. प्रीभमयम

351
III. बीमा राभश

IV. बोनस

प्रश्न 3

___________ वह अभधकर्तम राभश है जो बीमा कंपनी दावा करने वाले भकसी व्यभि को क्षभर्तपूर्थर्त
करे गी।

I. बीमा राभश

II. प्रीभमयम

III. आरोहक

IV. लाि

प्रश्न 4

_________ बीमालेिक के भलए जानकारी का एक रोतोर्त नहीं है।

I. प्रस्र्तावक का वार्थषक लेिा

II. संपभि का स्वीकृभर्त से पहले जोभिम सवेक्षण

III. प्रस्र्ताव प्रपत्र

IV. बीमा कर्ता का पंजीकरण प्रमाणपत्र

प्रश्न 5

िर्तरे हैं :

I. हाभन का प्रिाव बढ़ाने वाले कारक

II. हाभन की आवृभि बढ़ाने वाले कारक

III. हाभन का प्रिाव और गंिीरर्ता बढ़ाने वाले कारक

IV. हाभन का प्रिाव और गंिीरर्ता कम करने वाले कारक

प्रश्न 6

इनमें से क़ौन सा कथन सही है?

ि़ौभर्तक िर्तरे :

I. दर भनधारण के भलए महत्वपूणव नहीं हैं

II. पर्ता नहीं लगाया जा सकर्ता है

III. बैलेंस शीट से गणना की जा सकर्ती है

IV. प्रस्र्ताव प्रपत्र में दी गई जानकारी से पर्ता लगाया जा सकर्ता है

352
प्रश्न 7

मोटर बीमा की वारंभटयों में से एक है:

I. वाहन को प्रभर्तभदन धोया जाना िाभहए

II. वाहन को गभर्त परीक्षण के भलए इस्र्ते माल नहीं भकया जाना िाभहए

III. वाहन को भनजी इस्र्ते माल के सामान ले जाने के भलए उपयोग नहीं भकया जाना िाभहए

IV. वाहन को प्रभर्त भदन 200 भकमी से अभधक नहीं िलाया जाना िाभहए

प्रश्न 8

कट़ौर्ती िंड का प्रयोजन है:

I. दावा िुगर्तान से बिना

II. छोटे दावों के िुगर्तान को ित्म करना

III. पॉभलसीधारक को परे शान करना

IV. प्रीभमयम बढ़ाना

प्रश्न 9

पभरसर में ल्स्प्रकलर प्रणाली की स्थापना:

I. जोभिम को बढ़ार्ता है

II. जोभिम को कम करर्ता है

III. जोभिम को न र्तो बढ़ार्ता है और न कम करर्ता है

IV. हू लडग के जोभिम को बढ़ार्ता है

प्रश्न 10

मोटर बीमा में बीभमर्त के घोभषर्त मूलय में शाभमल है:

I. पंजीकरण

II. भनमार्ता का लागर्त मूलय

III. भनमार्ता का भविय मूलय

IV. मनमाने मूलय का घटक

353
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप 2 है।

बीमालेिक यह र्तय करर्ता है भक क्या जोभिम को स्वीकार भकया जाए या स्वीकार नहीं भकया जाए।

उिर 2

सही भवकलप 1 है।

दर बीमा की एक भनर्थदष्ट इकाई का मूलय है।

उिर 3

सही भवकलप 1 है।

बीमा राभश वह अभधकर्तम राभश है जो बीमा कंपनी दावा करने वाले भकसी व्यभि को क्षभर्तपूर्थर्त करे गी।

उिर 4

सही भवकलप 4 है।

बीमा कर्ता का पंजीकरण प्रमाणपत्र बीमालेिक के भलए जानकारी का एक रोतोर्त नहीं है।

उिर 5

सही भवकलप 3 है।

िर्तरे हाभन के प्रिाव और गंिीरर्ता को बढ़ाने वाले कारक हैं ।

उिर 6

सही भवकलप 4 है।

ि़ौभर्तक िर्तरों का पर्ता प्रस्र्ताव प्रपत्र में दी गई जानकारी से लगाया जा सकर्ता है।

उिर 7

सही भवकलप 2 है।

मोटर बीमा की वारंभटयों में से एक यह है भक वाहन को गभर्त परीक्षण के भलए इस्र्ते माल नहीं भकया जाना िाभहए।

उिर 8

सही भवकलप 2 है।

कट़ौर्ती क्लॉज का प्रयोजन छोटे दावों को ित्म करना है।

उिर 9

सही भवकलप 2 है।

पभरसर में ल्स्प्रकलर प्रणाली स्थाभपर्त करने से आग का जोभिम कम हो जार्ता है।

354
उिर 10

सही भवकलप 3 है।

मोटर बीमा में बीभमर्त के घोभषर्त मूलय में भनमार्ता का भविय मूलय शाभमल होर्ता है।

355
अध्याय 14

व्यभिगर्त और िुदरा बीमा

अध्याय पभरिय

भपछले अध्यायों में हमने साधारण बीमा से संबंभधर्त भवभिन्न अवधारणाओं और भसद्ांर्तों को जाना है। साधारण
बीमा उत्पादों को भवभिन्न बाजारों में अलग-अलग र्तरीके से वगीकृर्त भकया जार्ता है। कुछ उनको संपभि, आपर्त
और दाभयत्व के रूप में वगीकृर्त करर्ते हैं । अन्यत्र को अज्ग्न, मरीन, मोटर और भवभवध रूप में वगीकृर्त भकया
जार्ता है। इस अध्याय में व्यभिगर्त दु घवटना, स्वास््य, यात्रा, आवास और दु कानदार जैसे आम उत्पादों की ििा
की गयी है जो इस र्तरह के िु दरा ग्राहकों द्वारा िरीदे जार्ते हैं।

अध्ययन के पभरणाम

क. गृहस्वामी बीमा
ि. दु कानदार बीमा
ग. मोटर बीमा

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. गृहस्वामी का बीमा के बारे में समझाना

2. दु कान के बीमा आवरण र्तैयार करना

3. मोटर बीमा पर ििा करना

356
क. गृहस्वामी का बीमा

क. िु दरा बीमा उत्पाद

कुछ ऐसे बीमा उत्पाद हैं जो कुछ भहर्तों को आवभरर्त करने के िम में व्यभियों के भलए िरीदे जार्ते हैं । हालांभक
इस प्रकार के बीमा के भलए छोटे व्यापाभरक या व्यावसाभयक भहर्त हो सकर्ते हैं , ये आम र्त़ौर पर व्यभियों को बेिे
जार्ते हैं। कुछ बाजारों में इनको ‘छोटी भटकट’ वाली पॉभलभसयां या ‘िु दरा पॉभलभसयां’ या ‘िु दरा उत्पाद’ कहर्ते
हैं ।घर, मोटर कारों, दु पभहया वाहनों, छोटे व्यवसायों जैसे दु कानों आभद के भलए बीमा इस श्रेणी के अंर्तगवर्त आर्ते
हैं । इन उत्पादों को आम र्त़ौर पर एक ही एजेंट/भवर्तरण िैनल द्वारा बेिा जार्ता है जो बीमा के व्यभिगर्त लाइनों
के साथ काम करर्ते हैं क्योंभक िरीदार िी अभनवायव रूप से एक ही उपिोिा वगव से आर्ते हैं ।

ि. गृहस्वामी का बीमा

क) हमें गृहस्वामी बीमा की आवश्यकर्ता क्यों होर्ती है?

महत्वपूणव

‘नाभमर्त आपदाओं की बीमा पॉभलसी’

i. गृहस्वामी बीमा पॉभलसी केवल पॉभलसी में नाभमर्त िर्तरों या घटनाओं से बीमाधारक की संपभि को हु ई
हाभन के ििों पर आवरण प्रदान करर्ती है। आवभरर्त िर्तरों के बारे में स्पष्ट रूप से बर्ताया जाएगा।

ii. नामांभकर्त जोभिम पॉभलभसयां एक व्यापक आवरण या व्यापक पॉभलभसयों के भलए कम महं गे भवकलप के
रूप में िरीदी जा सकर्ती हैं , ये ऐसी पॉभलभसयां हैं जो ययादार्तर िर्तरों के भलए आवरण उपलब्ध करार्ती
हैं ।

‘समस्र्त जोभिम’

i. “समस्र्त जोभिम” का मर्तलब है ऐसा कोई िी जोभिम भजसे अनुबंध भवशेष रूप से बाहर नहीं रिर्ता है ,
जो स्वर्तः आवभरर्त है। उदाहरण के भलए, यभद समस्र्त-जोभिम गृहस्वामी पॉभलसी बाढ़ के आवरण को
स्पष्ट रूप से बाहर नहीं रिर्ती है र्तो घर को बाढ़ से क्षभर्त होने की ज्स्थभर्त में आवभरर्त भकया जाएगा।

ii. बीमा आवरण का एक प्रकार जो केवल ऐसे जोभिमों को बाहर कर सकर्ता है भजनका अनु बध
ं में भवशेष
रूप से उललेि भकया गया है। भजसे बाहर रिा गया है उसके बारे में स्पष्ट रूप से बर्ताया जाएगा।

iii. समस्र्त-जोभिम बीमा स्पष्ट रूप से उपलब्ध आवरणों का सबसे व्यापक प्रकार है इसभलए इसका मूलय
अन्य प्रकार की पॉभलभसयों की र्तुलना में अनु पाभर्तक रूप से उछि रिा जार्ता है और इस प्रकार की बीमा
लागर्त को एक दावे की संिावना के भवरुद् मापा जाना िाभहए।

घर ऐसी जगह है जहां सपनों का भनमाण होर्ता है और यादों को संजोया जार्ता है। घर का स्वामी बनना हममें से
ययादार्तर लोगों का एक लंबे समय से संजोया गया सपना है और यह सबसे महत्वपूणव भविीय फैसलों में से एक
है। हममें से अभधकांश लोग जो कोई घर िरीदने का फैसला करर्ते हैं , गृह ऋण का भवकलप िुनर्ते हैं । गृह ऋण
हमारे जीवन के सबसे लंबे समय र्तक िलने वाले ऋणों में से एक है भजसके भलए दीघवकाभलक प्रभर्तबद्र्ता की
आवश्यकर्ता होर्ती है। ऋण प्राप्र्त करने के भलए हमें बैंकों को दे ने और ऋण सुरभक्षर्त करने के िम में बीमा लेने
की जरूरर्त होर्ती है।

357
इस र्तरह के घर के अलावा घर की सामभग्रयां िी महत्वपूणव हैं । घर में अलग-अलग फनीिर और महं गे घरे लू
उपकरण जैसे टे लीभवजन, भफ्रज, वालशग मशीन आभद शाभमल होंगे। इसमें कुछ सोने या िांदी के गहने और
कलाकृभर्तयां जैसे भित्रकारी या दु लवि कलाकृभर्त िी म़ौजूद होगी। ये सिी आग, िूकंप, बाढ़ आभद से क्षभर्तग्रस्र्त
हो सकर्ते हैं या इनको िुराया िी जा सकर्ता है। इन सिी संपभियों को पभरवार की बिर्त का उपयोग करके
उछि मूलयों पर िरीदा जार्ता है, इनकी हाभन भविीय कभठनाई का कारण होगा। गृहस्वामी बीमा एक व्यापक
पॉभलसी है जो सिी उपरोि ज्स्थभर्तयों का समाधान िाहर्ती है।

ि) गृहस्वामी की बीमा पॉभलभसयों में क्या आवभरर्त भकया जार्ता है?

सूिना

पैकेज या छार्ता पॉभलभसयां

i. पैकेज या छार्ता आवरण एक ही दस्र्तावेज़ में आवरणों का एक संयोजन दे र्ता है।

ii. उदाहरण के भलए, गृहस्वामी पॉभलसी, दु कानदार पॉभलसी, कायालय पैकेज पॉभलसी आभद जैसे
आवरण जो एक पॉभलसी के र्तहर्त िवनों, सामभग्रयों आभद सभहर्त भवभिन्न प्रकार की ि़ौभर्तक
पभरसंपभियों को आवरीर्त करने का प्रयास करर्ते हैं ।

iii. इस र्तरह की पॉभलभसयों में कुछ व्यभिगर्त लाइन या दाभयत्व आवरण िी शाभमल हो सकर्ते हैं ।

iv. पैकेज आवरण में सिी वगों के भलए सामान्य भनयम एवं शर्तों के साथ-साथ पॉभलसी के भवभशष्ट वगों के
भलए भवभशष्ट शर्तव िी शाभमल होर्ती हैं।

गृहस्वामी बीमा आग, दं गे, पाइपों के फटने, िूकंप आभद के भवरुद् मकान की संरिना और उसकी सामभग्रयों
को आवभरर्त करर्ती है। संरिना के अलावा यह िोरी, सेंधमारी आभद के भवरुद् िी िीजों को िी आवभरर्त करर्ता
है।

पहने हु ए या बंद भर्तजोरी में रिे आिूषणों का िी गृहस्वामी बीमा के र्तहर्त बीभमर्त भकया जा सकर्ता है। प्रािीन
वस्र्तुओं और कलाकृभर्तयों के भलए िी आवरण प्रदान भकया जार्ता है।

गृहस्वामी बीमा व्यभिगर्त सामान की हाभन, घरे लू और भवधुर्तीय उपकरणों की भवद्युर्तीय और यांभत्रक भवफलर्ता
के भलए िी आवरण प्रदान करर्ता है। कुछ बीमा कर्ता पेडल साइभकल, व्यभिगर्त दु घवटना और कामगारों की
क्षभर्तपूर्थर्त के भलए िी आवरण प्रदान करर्ते हैं ।

सामान्यर्ता आवभरर्त भकए जाने वाली हाभनयों में आग, आसमानी भबजली, भवस्फोट और भवमान के भगरने / प्रिाव
की क्षभर्त (भजसे आम र्त़ौर पर फ्लेक्सा के रूप में जाना जार्ता है); र्तूफान, आंधी, बाढ़ और सैलाब (भजसे आम
र्त़ौर पर एसटीएफआई के रूप में जाना जार्ता है); और िोरी शाभमल हैं । आवरण अलग-अलग कंपभनयों और
अलग-अलग पॉभलभसयों में भिन्न होर्ते हैं । उछि आय वाले व्यभियों (एिएनआई) की वृभद् के साथ जो महं गे
मकानों के स्वामी होर्ते हैं इस बीमा की जरूरर्त बढ़र्ती जा रही है।

भटप्पणी

हालांभक प्लेट ग्लास और टे लीभवजन बीमा को इस बीमा के र्तहर्त आवभरर्त भकए जार्ते है, इसे बीमाधारक की
इछछा पर अलग से िी भलया जा सकर्ता है। आर्तंकवाद को सामान्यर्तः अपवर्थजर्त है लेभकन यह एक भवस्र्तार के

358
रूप में भदया जा सकर्ता है। युद् और संबद् आपदाओं, मूलयह्रास, टू ट-फूट, पभरणामी हाभन और परमाणु
जोभिमों अपवर्थजर्त हैं ।

ग) बीमा राभश और प्रीभमयम

महत्वपूणव

व्यभि बीमा राभश कैसे र्तय करर्ता है ?

i. आम र्त़ौर पर बीमा राभश र्तय करने के दो र्तरीके हैं । एक बाजार मूलय (एमवी) और दू सरा पुनस्थापन
मूलय (आरआईवी)।एमवी के मामले में एक नु कसान की ज्स्थभर्त में मूलयह्रास संपभि पर उसकी

उम्र के आधार पर लगाया जार्ता है। इस भवभध में बीमाधारक को संपभि को बदलने के भलए पयाप्र्त राभश
का िुगर्तान नहीं भकया जार्ता है।

ii. आरआईवी भवभध में बीमा कंपनी बीमा राभश की अभधकर्तम सीमा के अधीन प्रभर्तस्थापन मूलय का िुगर्तान
करे गी।इस भवभध में कोई मूलयह्रास नहीं लगाया जार्ता है। एक शर्तव यह है भक दावा प्राप्र्त करने के िम में
क्षभर्तग्रस्र्त संपभि की मरम्पमर्त/प्रभर्तस्थाभपर्त की जानी िाभहए। यह ध्यान भदया जा सकर्ता है भक
आरआईवी भवभध केवल अिल संपभियों के भलए अनु मर्त है , स्टॉक या प्रभियारर्त जैसी अन्य
पभरसंपभियों के भलए नहीं।

अभधकांश पॉभलभसयां में मकान के पुनर्थनमाण मूलय के भलए (बाजार मूलय के भलए नहीं) मकान की संरिना का
बीमा भकया जार्ता है। पुनर्थनमाण मूलय मकान के क्षभर्तग्रस्र्त होने पर इसके पुनर्थनमाण के भलए ििव की गयी
लागर्त है। दू सरी ओर बाजार मूलय मांग, आपूर्थर्त जैसे कारकों पर भनिवर करर्ता है।

बीमा राभश की गणना सामान्यर्तः बीमाधारक के मकान के भनर्थमर्त क्षेत्र को प्रभर्त वगव फुट भनमाण की दर से गुणा
करके की जार्ती है। मकान की सामभग्रयां - फनीिर, भटकाऊ सामान, कपडे , बर्तवन आभद का मूलय यानी बाजार
मूलय के आधार पर यानी मूलयह्रास के बाद इसी र्तरह की वस्र्तुओं के वर्तवमान बाजार मूलय के आधार पर र्तय
भकया जार्ता है।

प्रीभमयम बीभमर्त मूलय और भलए गए आवरण पर भनिवर करे गा।

स्व-परीक्षण 1

नीिे भदया गया क़ौन सा कथन गृहस्वामी बीमा पॉभलसी के संबंध में सही है ?

I. नाभमर्त जोभिम पॉभलसी एक व्यापक आवरण पॉभलसी के कम महं गे भवकलप के रूप में िरीदी जा
सकर्ती है जो ययादार्तर आपदाओं के भलए आवरण उपलब्ध करार्ती है।

II. व्यापक पॉभलसी जो ययादार्तर आपदाओं के भलए आवरण उपलब्ध करार्ती है; इसे एक नाभमर्त आपदा
पॉभलसी के एक कम महं गे भवकलप के रूप में िरीदा जा सकर्ता है।

III. नाभमर्त जोभिम पॉभलसी या व्यापक पॉभलसी एक ही मूलय पर आर्ती है।

IV. गृहस्वामी पॉभलसी के संबध


ं में केवल नाभमर्त जोभिम पॉभलसी िरीदी जा सकर्ती है और व्यापक
पॉभलभसयां उपलब्ध नहीं हैं ।

359
ि. दु कानदार बीमा

व्यापार एक आर्थथक गभर्तभवभध है और हर उद्यमी अपने व्यावसाभयक उद्यम को लािदायक बनाना िाहे गा।
दु कानें हमारे दे श में अनेक लोगों के भलए आय की रोतोर्त हैं । यह न केवल आय प्रदान करर्ती है बज्लक एक
पभरसंपभि िी है। दु कान माभलक व्यापार से असंबंभधर्त उन सिी लिर्ताओं से मुि होना िाहर्ता है जो उसके
व्यवसाय में बाधा उर्तपन्न कर सकर्ता है। दु िाग्यपूणव घटना व्यवसाय के भवि या संिालन को गंिीर रूप से
प्रिाभवर्त कर सकर्ता है और भदवाभलयापन या बंद होने के कगार पर ले जा सकर्ता है। एक दु कान का माभलक
एक कॉरपोरे ट हाउस नहीं है भजसके पास व्यवसाय को भफर से शुरू करने के भलए बडा संिय होर्ता है। एकमात्र
दु घवटना उसकी दु कान के बंद होने का कारण बन सकर्ती है और शायद उसके पभरवार को बबाद कर सकर्ती
है। बैंक ऋण िी िुकाने के भलए हो सकर्ते हैं ।

यह संिावना हमे शा रहर्ती है भक दु कान माभलक की गभर्तभवभधयों की वजह से जनर्ता के भकसी सदस्य की संपभि
को व्यभिगर्त िोट या हाभन का सामना करना पड सकर्ता है और अदालर्त हजाने का िुगर्तान करने के भलए
दु कान माभलक को उिरदायी मानर्ती है।इस र्तरह की ज्स्थभर्तयां एक दु कानदार को बबाद िी कर सकर्ती हैं
इसभलए, आजीभवका के इस साधन को सुरभक्षर्त करना बहु र्त जरूरी है।

दु कानदार बीमा पॉभलभसयां व्यावसाभयक दु कान/िु दरा व्यवसाय के इस र्तरह के कई पहलुओं को आवभरर्त
करने के भलए र्तैयार की गयी हैं । ऐसी पॉभलभसयां िी हैं जो कई प्रकार की दु कानों के भवभशष्ट भहर्तों को आवभरर्त
करने के भलए अनुकूभलर्त की गयी हैं जैसे प्रािीन वस्र्तुओं की दु कान, नाई की दु कान, ब्यूटी पालवर, भकर्ताबों की
दु कान, भडपाटव मेंट स्टोर, िाई क्लीनर, उपहार की दु कान, फामेसी, स्टे शनरी की दु कान, भिल़ौने की दु कान,
पभरधान स्टोर आभद।

1. दु कानदार बीमा क्या आवभरर्त करर्ता है?

पॉभलसी को िु दरा व्यवसाय के भवभशष्ट क्षेत्रों की रक्षा से संबंभधर्त आवरण प्रदान करने के अनु सार र्तैयार भकया
जा सकर्ता है। सामान्यर्तः यह आग, िूकंप, बाढ़ या दु िावनापूणव क्षभर्त और िोरी की वजह से दु कान की संरिना
और सामभग्रयों की क्षभर्त को आवभरर्त करर्ती है। दु कान बीमा में व्यवसाय में अवरोध से संरक्षण को िी शाभमल
कर सकर्ते हैं। यह एक अप्रत्याभशर्त दावे की ज्स्थभर्त में भकसी िी िोयी हु ई आय या अभर्तभरि ििव को आवभरर्त
करे गी। आवरण बीमाधारक द्वारा उसकी गभर्तभवभधयों की श्रेणी के आधार पर िुना जा सकर्ता है।

अभर्तभरि आवरण जो बीमाधारक द्वारा िुना जा सकर्ता है, अलग-अलग कंपनी के भलए अलग-अलग हो सकर्ता
है और इसे गैर-जीवन बीमा कंपभनयों की संबंभधर्त वेबसाइटों से सत्याभपर्त भकया जा सकर्ता है।

ये इस प्रकार हो सकर्ते हैं :

i. िोरी और सेंधमारी: सेंधमारी, िोरी और कायालय सामग्री की िोरी के भलए आवरण

ii. मशीनरी की िराबी: भवद्युर्तीय/यांभत्रक उपकरणों की िराबी के भलए आवरण

iii. भवधुर्तीय उपकरण और सामान:

 भवधुर्तीय उपकरणों के भलए समस्र्त-जोभिम प्रदान करर्ता है

 भवधुर्तीय संस्थापनाओं की क्षभर्त के भलए आवरण

360
iv. धन बीमा: भकसी दु घवटना के कारण धन की हाभन के भवरुद् आवरण प्रदान करर्ता है जब यह
भनम्पन ज्स्थभर्त में होर्ता है:

 बैंक से व्यावसाभयक पभरसर और इसके भवपरीर्त पारगमन

 व्यावसाभयक पभरसर में भर्तजोरी

 व्यवसाय पभरसर में संदूक (बॉक्स/दराज/काउं टर)

v. सामान (बैगेज): आभधकाभरक प्रयोजनों के भलए यात्रा करर्ते समय सामान के क्षभर्त के भलए
क्षभर्तपूर्थर्त

vi. भफक्स्ड प्लेट ग्लास और सैभनटरी भफलटग्स भनम्पनभलभिर्त को होने वाली क्षभर्त या आकज्स्मक
नु कसान को आवभरर्त करर्ता है:

 भफक्स्ड प्लेट ग्लास

 सेनेटरी भफलटग्स

 भनयॉन साइन/ग्लो साइन/होभडिं ग

vii. व्यभिगर्त दु घवटना

viii. कमविाभरयों का भवश्वासघार्त/बेईमानी: कमविाभरयों के बेईमान कृत्यों की वजह से हाभन या क्षभर्त


को आवभरर्त करर्ता है

ix. भवभधक दाभयत्व:

 भनयोजन के द़ौरान या इससे उत्पन्न होने वाली दु घवटनाओं के भलए क्षभर्तपूर्थर्त

 र्तृर्तीय पक्षों की भवभधक दाभयत्व के भलए आवरण प्रदान करर्ता है

आग / िोरी / सामान / प्लेट ग्लास / ईमानदारी की गारंटी / कामगार क्षभर्तपूर्थर्त और साववजभनक दे यर्ता
पॉभलभसयां (अगले अध्याय में ििा की गयी है) िी अलग से ली जा सकर्ती है।

आर्तंकवाद आवरण को िी बढ़ाया जा सकर्ता है। अपवजवन सामान्यर्तः गृहस्वामी बीमा के समान ही होर्ते
हैं ।

2. बीमा राभश और प्रीभमयम

औद्योभगक इकाइयां या कायालय लेिा बही बनाए रिें गे भजनमें संपभियों के मूलय को भदिाया जाएगा,
इसभलए बीमा राभश पर पहु ं िना मुज्श्कल नहीं हो सकर्ता है। दु कान और घर के मामले में ऐसा हमेशा संिव नहीं
हो सकर्ता है।

जैसा भक गृहस्वामी बीमा के र्तहर्त पहले ही कहा गया है , सामान्यर्तः बीमा राभश र्तय करने के दो र्तरीके हैं
अथार्त बाजार मूलय और पुनस्थापन/प्रभर्तस्थापन मूलय।

पैस,े सामान, व्यभिगर्त दु घट


व ना जैसे अभर्तभरि आवरण के भलए प्रीभमयम बीमा राभश और िुने गए आवरण पर
भनिवर करे गी।

361
पभरिाषा

कुछ महत्वपूणव पभरिाषाएं

क) िोरी का मर्तलब बीभमर्त पभरसर से सामान िोरी करने के इरादे के साथ आिामक और पर्ता लगाने
योग्य साधनों द्वारा इसमें अप्रत्याभशर्त और अनभधकृर्त प्रवेश या भनकास है।

ि) सेंधमारी उस समय हु ई कही जार्ती है जब कोई अपराध करने के प्रयोजन से भकसी घर में अभर्तिमण
करके प्रवेश भकया गया है।

ग) डकैर्ती का मर्तलब बीमाधारक और/या बीमाधारक के कमविाभरयों के भवरुद् आिामक और लहसक


साधनों का उपयोग करके बीमाधारक के पभरसर में सामान की िोरी करना है।

घ) भर्तजोरी का मर्तलब बीमाधारक के पभरसर में एक मजबूर्त कैभबनेट भजसे मूलयवान वस्र्तुओं को सुरभक्षर्त
और संरभक्षर्त िंडारण के भलए भडज़ाइन भकया गया है और भजसकी पहु ं ि को प्रभर्तबंभधर्त भकया गया है।

ङ) िोरी सिी अपराधों के भलए एक सामान्य शब्द है भजसमें कोई व्यभि अनु मभर्त या सहमभर्त के भबना
जानबूझकर और धोिाधडी से दू सरे व्यभि की संपभि को लेर्ता है और इसे लेने वाले के उपयोग के
अनु सार पभरवर्थर्तर्त करने या संिाभवर्त रूप से बेिने का इरादा करर्ता है।िोरी ‘लासवनी’ का पयाय है।

स्व-परीक्षण 5

दु कानदार पॉभलसी के र्तहर्त बीमाधारक अभर्तभरि ‘भफक्स्ड प्लेट ग्लास और सैभनटरी भफलटग्स’ का भवकलप िुन
सकर्ता है।यह भनम्पन में से भकसकी क्षभर्त के आकज्स्मक नुकसान को आवभरर्त करे गी?

I. भफक्स्ड प्लेट ग्लास

II. सेनेटरी भफलटग्स

III. भनयॉन साइन

IV. उपरोि सिी

ग. मोटर बीमा

एक ऐसी ज्स्थभर्त के बारे में सोिें जहां आपने अपनी समस्र्त बिर्त का उपयोग करके एक नई कार िरीदी और
इसे िाइव के भलए लेकर गए। अिानक एक कुिा आपके रास्र्ते में आ जार्ता है और इसे ठोकर लगने से बिाने
के भलए आप र्ते जी से मोड लेर्ते हैं , भडवाइडर पर िढ़ जार्ते हैं और दू सरी कार को ठोकर मार दे र्ते हैं और दूसरे
व्यभि को िोट पहु ं िा दे र्ते हैं। इस प्रकार की घटना के पभरणाम स्वरूप आपकी कार, साववजभनक संपभि और
दू सरी कार को क्षभर्त पहु ं िर्ती है और दू सरे व्यभि को िी िोट लगर्ती है।

इस पभरदृश्य में, अगर आपके पास एक कार बीमा नहीं है र्तो आपको अपनी कार की िरीद की लागर्त की
र्तुलना में कहीं अभधक धनराभश का िुगर्तान करना पडर्ता है।

 क्या आपके पास िुगर्तान करने लायक इर्तना अभधक पैसा है ?

362
 क्या दू सरे पक्ष का बीमा आपके कृत्यों के भलए िुगर्तान करे गा?

 क्या होगा अगर उसके पास बीमा नहीं है?

यही वजह है भक दे श के कानून कार बीमा रिना अभनवायव बनार्ते हैं । जहां मोटर बीमा इन घटनाओं को घभटर्त
होने से नहीं रोकर्ता है, यह आपके भलए एक भविीय सुरक्षा का सहारा प्रदान करर्ता है।

एक दु घवटना के अलावा कार िोरी िी हो सकर्ती है , दु घवटना से क्षभर्तग्रस्र्त या आग से नष्ट हो सकर्ती है और


आपको आर्थथक रूप से नु कसान उठाना पडे गा।

मोटर बीमा एक वाहन माभलक द्वारा भलया जाना िाभहए भजसका वाहन िारर्त में क्षेत्रीय पभरवहन प्राभधकरण के
साथ उसके अपने नाम से पंजीकृर्त है।

महत्वपूणव

अभनवायव र्तृर्तीय पक्ष बीमा

मोटर वाहन अभधभनयम, 1988 के अनु सार साववजभनक सडकों पर िलने वाले वाहन के हर माभलक के भलए उस
राभश को आवभरर्त करने के भलए बीमा पॉभलसी लेना अभनवायव है भजसका दु घवटना में मृत्यु , शारीभरक िोट या
संपभि को क्षभर्त के पभरणाम स्वरूप र्तृर्तीय पक्षों को क्षभर्त के रूप में िुगर्तान करने के भलए माभलक उिरदायी
बनर्ता है। इस र्तरह के बीमा के एक साक्ष्य के रूप में एक बीमा का प्रमाणपत्र वाहन में रि कर िलना िाभहए।

1. मोटर बीमा आवरण

दे श में वाहनों की सघन आबादी है। कई नए वाहन हर भदन सडकों पर आर्ते रहर्ते हैं । इनमें से कई वाहन काफी
महं गे िी होर्ते हैं। लोग कहर्ते हैं भक िारर्त में वाहन पुराने नहीं होर्ते हैं बज्लक केवल एक हाथ से दू सरे हाथ में
जार्ते रहर्ते हैं । इसका मर्तलब है भक पुराने वाहन लगार्तार सडकों पर बने रहर्ते हैं और नए वाहन जु डर्ते िले
जार्ते हैं । सडकों का क्षेत्र (िाइलवग के भलए स्थान) वाहनों की संख्या के अनुरूप नहीं बढ़ रहा है। सडक पर
िलने वाले लोगों की संख्या िी बढ़र्ती जा रही है। पुभलस और अस्पर्ताल के आंकडे कहर्ते हैं भक दे श में सडक
दु घवटनाओं की संख्या बढ़र्ती जा रही है। कानून की अदालर्तों द्वारा दु घवटना के भशकार लोगों को भदए जाने वाले
मुआवजों की राभश में वृभद् हो रही है। यहां र्तक भक वाहन मरम्पमर्त की लागर्त िी बढ़र्ती जा रही है। ये सिी दे श
में मोटर बीमा के महत्व को दशार्ते हैं ।

मोटर बीमा दु घट
व नाओं और कुछ अन्य कारणों से वाहनों को हु ए नु कसानों और उनकी क्षभर्तयों को आवभरर्त
करर्ता है। मोटर बीमा दु घवटना के पीभडर्तों को उनके वाहनों के कारण होने वाली क्षभर्त का मुआवजा दे ने के भलए
वाहन माभलकों की कानूनी दे यर्ता को िी आवभरर्त करर्ता है।

क्या आपको लगर्ता है भक दे श में सिी वाहन बीभमर्त हैं ?

मोटर बीमा साववजभनक सडकों पर िलने वाले सिी प्रकार के वाहनों को आवभरर्त करर्ता है जैसे:

 स्कूटर और मोटर साइभकल


 भनजी कार
 सिी प्रकार के व्यावसाभयक वाहन: माल वाहक और यात्री वाहन
 भवभवध प्रकार के वाहन जैसे िेन
 मोटर व्यापार (शोरूम और गैरेज के वाहन)

363
सूिना

‘र्तृर्तीय पक्ष बीमा’

अन्य पक्ष की कानूनी कारववाई के भिलाफ संरक्षण के भलए िरीदी गयी बीमा पॉभलसी। र्तृर्तीय पक्ष बीमा
बीमाधारक की कारववाई से उत्पन्न दे यर्ता के भलए अन्य पक्ष के दावे (र्तृर्तीय पक्ष) के भिलाफ संरक्षण के भलए
बीमा कंपनी (दू सरे पक्ष) से बीमाधारक (प्रथम पक्ष) द्वारा िरीदा जार्ता है।

र्तृर्तीय पक्ष के बीमा को ‘दाभयत्व बीमा’ िी कहा जार्ता है।

बाजार में लोकभप्रय दो महत्वपूणव प्रकार के आवभरर्त की ििा नीिे की गयी है:

क) केवल अभधभनयम [दाभयत्व] पॉभलसी : मोटर वाहन अभधभनयम के अनु सार साववजभनक स्थान पर िलने
वाले भकसी िी वाहन के भलए र्तृर्तीय पक्षों की ओर दे यर्ताओं का बीमा करना अभनवायव है।

यह पॉभलसी केवल भनम्पनभलभिर्त की क्षभर्तपूर्थर्त का िुगर्तान करने के भलए वाहन माभलक की कानूनी दाभयत्व
को आवभरर्त करर्ती है:

 र्तृर्तीय पक्ष को शारीभरक िोट या मृत्यु


 र्तृर्तीय पक्ष की संपभि की क्षभर्त
मृत्यु या िोट और क्षभर्त के संबंध में एक असीभमर्त राभश के भलए दे यर्ता को आवभरर्त भकया जार्ता है।

एक मोटर दु घवटना के कारण मृत्यु या िोट के मामले में र्तृर्तीय पक्ष के पीभडर्तों को क्षभर्तपूर्थर्त करने के भलए
दावे मोटर दु घवटना दावा न्यायाभधकरण (एमएसीटी) में भशकायर्तकर्ता द्वारा दायर भकए जाएंगे:

ि) पैकेज पॉभलसी/व्यापक पॉभलसी : (स्वंय क्षभर्त + र्तृर्तीय पक्ष की दाभयत्व)

उपरोि के अलावा भवभनर्थदष्ट आपदाओं द्वारा बीभमर्त वाहन को होने वाले नु कसान या क्षभर्त (भजनको मोटर
वाहनों को अपनी क्षभर्त के रूप में जाना जार्ता है) को िी घोभषर्त मूलय (भजसे आईडीवी कहा जार्ता है -
इसकी ििा पहले ही अध्याय 5 में की गयी है) और पॉभलसी में अन्य भनयमों एवं शर्तों के अधीन आवभरर्त
भकया जार्ता है। आग, िोरी, दं गा और हडर्ताल, िूकंप, बाढ़, दु घवटना आभद इनमें से कुछ आपदाएं हैं ।

कुछ बीमा कर्ता दु घट


व ना स्थल से कायवशाला र्तक वाहन को उठाकर ले जाने के भलए िी िु गर्तान करर्ती हैं ।
केवल अभधभनयम (दाभयत्व) पॉभलसी के र्तहर्त प्रदान भकए गए अभनवायव आवरण के अलावा केवल अज्ग्न
और/या केवल िोरी के जोभिम को आवभरर्त करने वाला सीभमर्त आवरण िी उपलब्ध है।

यह पॉभलसी वाहन में लगाए गए सहायक उपकरणों को होने वाले नु कसान या क्षभर्त को, याभत्रयों के भलए
भनजी कार पॉभलभसयों के र्तहर्त व्यभिगर्त दु घवटना आवरण, िुगर्तान भकए गए िालक, कमविाभरयों के भलए
कानूनी दाभयत्व और व्यावसाभयक वाहनों में भकराया नहीं दे ने वाले याभत्रयों को िी आवभरर्त कर सकर्ती है।
बीमा कर्ता भन:शुलक आपार्तकालीन सेवाएं या िराबी के मामले में वैकज्लपक कार के उपयोग की सुभवधा िी
प्रदान करर्ती हैं ।

2. अपवजवन

इन पॉभलभसयों के र्तहर्त कुछ महत्वपूणव अपवजवन टू ट-फूट, िराबी, पभरणामी नु कसान और अमान्य िालक
लाइसेंस के साथ या शराब के प्रिाव में िाइलवग की वजह से होने वाले नु कसान हैं। ‘उपयोग की सीमाओं’ के

364
अनु सार वाहन का उपयोग नहीं करने (जैसे भनजी कार को एक टै क्सी के रूप में इस्र्ते माल भकया जाना) को
आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है।

3. बीमा राभश और प्रीभमयम

एक मोटर पॉभलसी में वाहन की बीमा राभश को बीमाधारक के घोभषर्त मूलय (आईडीवी) के रूप में जाना जार्ता
है।

वाहन की िोरी या भकसी दु घवटना में मरम्पमर्त के परे कुल नु कसान के मामले में दावा राभश आईडीवी के आधार
पर भनधाभरर्त की जाएगी। वाहन की आईडीवी बीमा/नवीकरण के प्रारंि में बीमा के भलए प्रस्र्ताभवर्त वाहन के ब्ांड
और मॉडल के भनमार्ता/डीलर के सूिीबद् भविय मूलय के आधार पर र्तय की जार्ती है और अनुसूिी के अनु सार
मूलयह्रास के भलए समायोभजर्त भकया जार्ता है।

5 वषव से अभधक उम्र वाले वाहनों की और वाहन के अप्रिभलर्त मॉडलों (भनमार्ताओं का भनमाण करने के भलए बंद
कर भदया है जो यानी मॉडल) की आईडीवी बीमा कर्ता और बीमाधारक के बीि एक समझ के आधार पर
भनधाभरर्त की जार्ती है।

दर भनधारण/प्रीभमयम की गणना बीमाधारक व्यभि के घोभषर्त मूलय, घन क्षमर्ता, ि़ौगोभलक क्षेत्र, वाहन की उम्र
आभद जैसे कारकों पर भनिवर करर्ती है।

स्व-परीक्षण 3

मोटर बीमा भकसके नाम पर भलया जाना िाभहए?

I. उस वाहन माभलक के नाम पर भजसका नाम क्षेत्रीय पभरवहन प्राभधकरण के पास पंजीकृर्त है

II. यभद वह व्यभि जो वाहन को िलाएगा, माभलक से अलग है र्तो उस व्यभि के नाम पर जो वाहन को
िलाएगा, यह क्षेत्रीय पभरवहन प्राभधकरण से अनु मोदन के अधीन है

III. क्षेत्रीय पभरवहन प्राभधकरण से मंजूरी के अधीन वाहन माभलक सभहर्त वाहन माभलक के पभरवार के भकसी
िी सदस्य के नाम पर

IV. यभद वह व्यभि जो वाहन को िलाएगा, माभलक से अलग है र्तो प्राथभमक पॉभलसी वाहन माभलक के नाम
पर होनी िाभहए और ऐड-ऑन कवर उस व्यभि के नाम पर होना िाभहए जो वाहन को िलाएगा

सारांश

क) गृहस्वामी बीमा पॉभलसी केवल पॉभलसी में नाभमर्त िर्तरों या घटनाओं से बीभमर्त संपभि को हु ए नु कसान
पर आवरण प्रदान करर्ती है। आवभरर्त की गयी आपदाओं का स्पष्ट रूप से उललेि भकया जाएगा।

ि) गृहस्वामी बीमा आग, दं गा, पाइपों के फटने, िूकंप आभद के भवरुद् मकान की संरिना और इसके
सामानों को आवभरर्त करर्ता है। संरिना के अलावा यह िोरी, सेंधमारी, लासवनी आभद के भवरुद् सामानों
को आवभरर्त करर्ता है।

ग) पैकेज या छार्ता कवर एक ही दस्र्तावेज के र्तहर्त आवरणों का एक संयोजन उपलब्ध करार्ता है।

365
घ) एक गृहस्वामी बीमा पॉभलसी के भलए आम र्त़ौर पर बीमा राभश र्तय करने के दो र्तरीके हैं : बाजार मूलय
(एमवी) और पुनस्थापन मूलय (आरआईवी)।

ङ) दु कानदार बीमा आम र्त़ौर पर आग, िूकंप, बाढ़ या दु िावनापूणव क्षभर्त और िोरी की वजह से दु कान की
संरिना और सामभग्रयों की क्षभर्त को आवभरर्त करर्ता है।दु कान बीमा में व्यावसाय में रुकावट के संरक्षण
को िी शाभमल भकया जा सकर्ता है।

ि) मोटर बीमा दु घट
व नाओं और कुछ अन्य कारणों से वाहनों के नु कसान और उनकी क्षभर्त को आवभरर्त
करर्ता है।मोटर बीमा वाहन माभलकों के वाहनों के कारण हु ई दु घवटनाओं के पीभडर्तों को क्षभर्तपूर्थर्त करने
के भलए उनकी कानूनी दे यर्ता को िी आवभरर्त करर्ता है।

मुख्य शब्द

क) गृहस्वामी बीमा

ि) दु कानदार बीमा

ग) मोटर बीमा

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप 1 है।

एक नाभमर्त जोभिम पॉभलसी एक व्यापक आवरण पॉभलसी से एक कम महं गे भवकलप के रूप में िरीदी जा
सकर्ती है जो ययादार्तर आपदाओं के भलए आवरण प्रदान करर्ती है।

उिर 2

सही भवकलप 4 है।

दु कानदार पॉभलसी के र्तहर्त बीमाधारक एक अभर्तभरि ‘भफक्स्ड प्लेट ग्लास और सैभनटरी भफलटग्स’ आवरण
का भवकलप िुन सकर्ता है। यह भफक्स्ड प्लेट ग्लास, सेनेटरी भफलटग्स और भनऑन साइन को हु ई क्षभर्त के
आकज्स्मक हाभन को आवभरर्त करे गी।

उिर 3

सही भवकलप 1 है।

मोटर बीमा उस वाहन माभलक के नाम पर भलया जाना िाभहए भजसका नाम क्षेत्रीय पभरवहन प्राभधकरण के साथ
पंजीकृर्त है।

366
स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

गृहस्वामी के बीमा में


I. सोने और िांदी के आिूषणों को आवभरर्त भकया जार्ता है
II. व्यभि के दु कान की सामभग्रयों को आवभरर्त भकया जार्ता है
III. पभरवार के स्वाभमत्व वाली कारों को आवभरर्त भकया जार्ता है
IV. डाक से िेजे गए पासवल को पारगमन के द़ौरान आवभरर्त भकया जार्ता है

प्रश्न 2

गृहस्वामी बीमा __________ को आवभरर्त करर्ता है

I. केवल मकान की संरिना


II. केवल मकान की सामभग्रयों
III. संरिना और सामग्री दोनों
IV. संरिना और सामग्री दोनों, केवल र्तिी जब बीमाधारक घर में नहीं है

प्रश्न 3

दु कानदार बीमा में इनमें से भकसको आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है?

I. मशीनरी की िराबी
II. दु िावनापूणव क्षभर्त
III. व्यवसाय में रुकावट
IV. बीमाधारक व्यभि द्वारा जानबूझकर भवध्वंश

प्रश्न 4

दु कानदार बीमा में इनमें से भकसे आम र्त़ौर पर आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है

I. व्यावसाभयक पभरसर में दराज/काउं टर में पैसा


II. बैंक से व्यावसाभयक पभरसर र्तक पैसे का पारगमन
III. व्यावसाभयक पभरसर में भर्तजोरी में रिा पैसा
IV. व्यावसाभयक पभरसर में ग्राहक द्वारा ले जाए गए पैसे

प्रश्न 5

दु कान बीमा _________ को आवभरर्त करर्ता है

I. कमविाभरयों के बेईमान कृत्य


II. बीमाधारक के बेईमान कृत्य
III. ग्राहकों के बेईमान कृत्य
IV. साहू कारों के बेईमान कृत्य

367
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप I है।

गृहस्वामी बीमा में सोने और िांदी में आिूषणों को आवभरर्त भकया जार्ता है।

उिर 2

सही भवकलप III है।

गृहस्वामी बीमा संरिना और सामग्री दोनों को आवभरर्त करर्ता है।

उिर 3

सही भवकलप IV है।

दु कानदार के बीमा में बीमाधारक व्यभि द्वारा जानबूझकर भकए गए भवध्वंश को कवर नहीं भकया जार्ता है।

उिर 4

सही भवकलप IV है।

दु कानदार बीमा में ग्राहक द्वारा व्यावसाभयक पभरसर में ले जाए जाने वाले धन को आम र्त़ौर पर आवभरर्त नहीं
भकया जार्ता है।

उिर 5

सही भवकलप I है।

दु कान बीमा कमविाभरयों के बेईमान कृत्यों को आवभरर्त करर्ता है।

368
अध्याय 15

वाभणज्ययक बीमा
अध्याय पभरिय

भपछले अध्याय में हमने बीमा उत्पादों के भवभिन्न प्रकारों पर भविार भकया जो व्यभियों और पभरवारों के सामने
आने वाले जोभिमों को आवभरर्त करर्ते हैं । ग्राहकों का एक अन्य वगव िी है भजनको सुरक्षा की दू सरी जरूरर्तें हैं । ये
वाभणज्ययक या व्यावसाभयक उद्यम या कंपभनयां हैं जो भवभिन्न प्रकार की सामभग्रयों और सेवाओं में संलग्न हैं या
उनके साथ काम करर्ते हैं । इस अध्याय में हम इस वगव के सामने आने वाले जोभिमों को आवभरर्त करने के भलए
बीमा उपलब्ध उत्पादों पर भविार करें गे।

अध्ययन के पभरणाम

A. संपभि/अज्ग्न बीमा
B. व्यवसाय रुकावट बीमा
C. िोरी बीमा
D. धन बीमा
E. भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा
F. बैंकसव क्षभर्तपूर्थर्त बीमा
G. ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी
H. इंजीभनयलरग बीमा
I. औद्योभगक समस्र्त जोभिम बीमा
J. मरीन बीमा
K. दाभयत्व पॉभलभसयां

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. संपभि/ अज्ग्न बीमा की भसफाभरश करना


2. पभरणामी हाभन(अज्ग्न) बीमा को पभरिाभषर्त करना
3. िोरी बीमा आवरण र्तैयार करना
4. धन बीमा का वणवन करना
5. भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा का वणवन करना
6. बैंकरों की क्षभर्तपूर्थर्त बीमा को पभरिाभषर्त करना
7. ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी को प्रस्र्ताभवर्त करना
8. इंजीभनयलरग बीमा का मूलयांकन करना
9. औद्योभगक समस्र्त जोभिम बीमा का मूलय भनधारण करना
10. मरीन बीमा को संक्षेभपर्त करना
11. दाभयत्व बीमा का मूलयांकन करना

369
A. संपभि/ अज्ग्न बीमा

वाभणज्ययक उद्यमों को मोटे र्त़ौर पर दो प्रकारों में भविाभजर्त भकया जार्ता है:

 लघु और मध्यम उद्यम [एसएमई] और


 बडे व्यावसाभयक उद्यम

ऐभर्तहाभसक रूप से साधारण बीमा क्षेत्र काफी हद र्तक इन ग्राहकों की जरूरर्तों को पूरा करर्ते हु ए भवकभसर्त
हु आ है।

वाभणज्ययक उद्यमों को साधारण बीमा उत्पाद बेिने के भलए बीमा उत्पादों को उनकी जरूरर्तों के साथ
सावधानीपूववक भमलान करने की मांग की जार्ती है। एजेंटों को उपलब्ध उत्पादों की एक उभिर्त समझ होनी
िाभहए। आईए हम इन में से कुछ साधारण बीमा उत्पादों पर संक्षेप में भविार करें ।

संपभि/ अज्ग्न बीमा

अज्ग्न बीमा पॉभलसी वाभणज्ययक प्रभर्तष्ठानों के साथ-साथ संपभि के माभलकों, ट्स्ट में या कमीशन में संपभि
रिने वालों के भलए और उन व्यभियों/भविीय संस्थानों के भलए िी उपयुि है भजनका संपभि में भविीय भहर्त
होर्ता है।

आपूर्थर्तकर्ताओं/ग्राहकों के पभरसरों में रिे स्टॉक, मरम्पमर्त के भलए पभरसर से अस्थायी रूप से हटायी गयी
मशीनरी सभहर्त एक भवशेष पभरसर में ज्स्थर्त सिी िल और अिल संपभियों जैसे िवन, संयंत्र एवं मशीनरी,
फनीिर, भफक्स्िर, भफलटग्स और अन्य सामभग्रयों, स्टॉक और प्रभियारर्त स्टॉक का बीमा भकया जा सकर्ता है।
व्यवसाय को उसकी सामान्य ज्स्थभर्त में वापस लाने के िम में क्षभर्तग्रस्र्त संपभि के पुनर्थनमाण और नवीनीकरण
के भलए म़ौभद्रक राहर्त आवश्यक है। यहीं पर अज्ग्न बीमा अपनी िूभमका भनिार्ता है।

1. अज्ग्न पॉभलसी क्या आवभरर्त करर्ती है ?

अज्ग्न पॉभलसी द्वारा आवभरर्त भकए जाने वाले कुछ जोभिमों की ििा नीिे की गयी है:

व्यावसाभयक जोभिमों के भलए अज्ग्न पॉभलसी इन जोभिमों को आवभरर्त करर्ती है:

 आग
 आसमानी भबजली
 भवस्फोट/अंर्तःस्फोट
 दं गा, हडर्ताल और दु िावनापूणव क्षभर्त
 प्रिाव क्षभर्त
 भवमान क्षभर्त
 र्तूफान, आंधी, ििवार्त, टाइफून, हरीकेन, टोरनाडो, बाढ़ और सैलाब
 िूकंप
 िट्टान भिसकने सभहर्त और िूस्िलन
 पानी के टैं कों, उपकरणों और पाइपों का फटना और पानी बहना होना
 भमसाइल परीक्षण गभर्तभवभधयां

370
 स्विाभलर्त अज्ग्नशामक संस्थापन से भरसाव
 जंगल की आग
दो ऐसी महत्वपूणव भवशेषर्ताएं हैं जो वाभणज्ययक बीमा को व्यभिगर्त और िु दरा लाइनों से अलग करर्ती हैं ।

क) फमों या व्यावसाभयक उद्यमों की बीमा जरूरर्तें व्यभियों की जरूरर्तों की र्तुलना में ययादा बडी
होर्ती हैं । इसका कारण यह है भक एक व्यावसाभयक उद्यम की पभरसंपभियों का मूलय एक व्यभि की
संपभियों की र्तुलना में ययादा बडा होर्ता है। उनके नु कसान या क्षभर्त से कंपनी के अज्स्र्तत्व और
िभवष्य पर प्रभर्तकूल प्रिाव पड सकर्ता है।

ि) वाभणज्ययक उद्यम के बीमा के भलए मांग को अक्सर कानूनी या अन्य आवश्यकर्ताओं द्वारा अभनवायव
या आवश्यक बना भदया जार्ता है। उदाहरण के भलए, जब संयंत्रों और संपभियों को बैंक ऋण के
माध्यम से स्थाभपर्त भकया जार्ता है र्तो उनका बीमा करना ऋण की एक शर्तव हो सकर्ती है। िारर्त में
कई कॉरपोरे ट उद्यम पेशेवर र्तरीके से िलायी जाने वाली कंपभनयां हैं और उनमें से कई बहु राष्ट्ीय
कंपभनयां हैं।

उनको अपनी संपभियों की रक्षा करने के भलए उपयुि जोभिम प्रबंधन रणनीभर्तयों को अपनाने और लेने सभहर्त
वैज्श्वक गुणविा मानकों को बनाए रिने की आवश्यकर्ता होर्ती है।

उपरोि जोभिमों से उत्पन्न होने वाले भकसी िी हाभन को कुछ अपवजवन के अधीन पॉभलसी द्वारा आवभरर्त भकया
जार्ता है।

2. अपवजवन क्या हैं?

अपवजवन इस प्रकार हैं :

क) अपेभक्षर्त आपदाओं के कारण होने वाली हाभन जैसे -

i. युद् और युद् जैसी गभर्तभवभधयां

ii. परमाणु िर्तरे

iii. आयनीकरण और भवभकरण

iv. प्रदू षण और संदूषण संबध


ं ी हाभन

ि) ऐसी आपदाएं जो साधारण बीमा में अन्य पॉभलभसयों द्वारा आवभरर्त की जार्ती हैं

i. मशीनरी की िराबी

ii. व्यवसाय में रुकावट

ऐड-ऑन कवर

हालांभक िूकंप, आग और झटका; बीभमर्त जोभिम के पभरणाम स्वरूप भबजली की भवफलर्ता के बाद कोलड
स्टोरे ज में रिे माल की िराबी, मलबे को हटाने में शाभमल अभर्तभरि ििव, वास्र्तुकार, पॉभलसी द्वारा आवभरर्त
राभश के अभर्तभरि परामशवदार्ता इंजीभनयर की फीस, जंगल की आग, स्वर्तःस्फूर्तव दहन और अपने स्वयं के
वाहनों के कारण प्रिाव क्षभर्त जैसी कुछ आपदाओं को अभर्तभरि प्रीभमयम के िुगर्तान पर आवभरर्त भकया जा
सकर्ता है।

371
3. अज्ग्न पॉभलसी के भिन्न रूप

अज्ग्न पॉभलभसयां आम र्त़ौर पर 12 महीने की अवभध के भलए जारी की जार्ती हैं । केवल आवास के भलए बीमा
कंपभनयां लंबी अवभध की पॉभलभसयां यानी 12 महीने से अभधक की अवभध वाली पॉभलभसयां उपलब्ध करार्ती हैं ।
कुछ मामलों में छोटी अवभध की पॉभलभसयां िी जारी की जार्ती हैं भजनके भलए छोटी अवभध के पैमाने लागू भकए
जार्ते हैं।

4. बाजार मूलय या पुनस्थापन मूलय पॉभलभसयां

नु कसान की ज्स्थभर्त में बीमा कर्ता आम र्त़ौर पर बाजार मूलय [जो मूलयह्राभसर्त मूलय] का िुगर्तान करना करे गी।
हालांभक पुनस्थापन मूलय पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कर्तायों द्वारा क्षभर्तग्रस्र्त संपभि के समान नई संपभि के
प्रभर्तस्थापन की लागर्त का िुगर्तान करर्ते हैं । बीमा राभश नए प्रभर्तस्थापन मूलय को प्रभर्तलबभबर्त करने के भलए
आवश्यक है, न भक बाजार मूलय के भलए जैसा भक सामान्य अज्ग्न पॉभलसी के र्तहर्त होर्ता है।

प्रभर्तस्थापन मूलय पॉभलभसयां िवनों, संयंत्र, मशीनरी एवं फनीिर, भफक्सिर, भफलटग्स को आवभरर्त करने के
भलए जारी की जार्ती हैं । प्रभर्तस्थापन मूलय पॉभलभसयां ऐसे स्टॉक्स को आवभरर्त करने के भलए जारी नहीं की
जार्ती हैं भजनको बाजार मूलय आधार पर आवभरर्त भकया जार्ता है।

5. घोषणा पॉभलसी

गोदाम में जमा स्टॉक को घोषणा पॉभलसी द्वारा आवभरर्त भकया जा सकर्ता है क्यों भक इस र्तरह काा स्टॉक
मात्रा के उर्तार-िढ़ाव के अधीन होर्ते हैं । बीमा राभश वह उछिर्तम मूलय होना िाभहए भजसे पॉभलसी अवभध के
द़ौरान गोदाम में िंडाभरर्त करने की अपेक्षा की जार्ती है। इस मूलय एक अनंभर्तम प्रीभमयम वसूल भकया जार्ता है।
बीमाधारक को पॉभलसी की िालू अवभध के द़ौरान सहमर्त अंर्तराल पर अपने स्टॉक्स का मूलय घोभषर्त करना
आवश्यक होर्ता है। यह पॉभलसी अवभध के अंर्त में प्रीभमयम के साथ समायोयय है।

6. फ्लोटर पॉभलभसयां

अन्य प्रकार की पॉभलसी फ्लोटर पॉभलसी है। इन पॉभलभसयों को एक बीमा राभश के र्तहर्त भवभिन्न भनर्थदष्ट स्थानों
पर संग्रभहर्त सामानों के स्टॉक के भलए जारी भकया जा सकर्ता है। अभनर्थदष्ट स्थानों को आवभरर्त नहीं भकया
जार्ता है। प्रीभमयम की दर 10% के अभधिार के साथ भकसी एक स्थान पर बीमाधारक के स्टॉक के भलए लागू
उछिर्तम दर है। इनको फ्लोटर पॉभलसी िी कहर्ते हैं क्योंभक बीमा राभश कई स्थानों पर घूमर्ती रहर्ती है।

प्रीभमयम का दर भनधारण इन बार्तों पर भनिवर करर्ता है:

क) दिलदारी का प्रकार - औद्योभगक या अन्यथा


ि) औद्योभगक पभरसर में ज्स्थर्त सिी संपभियों पर बनाए गए उत्पाद(दों) के आधार पर एक दर से शुलक
भलया जाएगा।
ग) औद्योभगक पभरसरों के बाहर ज्स्थर्त सुभवधाओं का मूलयांकन अलग-अलग स्थान पर दिलदारी की
प्रकृभर्त के आधार पर भकया जाएगा।
घ) िंडारण क्षेत्रों का मूलयांकन वहां रिे िर्तरनाक प्रकृभर्त के सामानों के आधार पर भकया जाएगा।
ङ) “ऐड ऑन” आवरणों को शाभमल करने के भलए अभर्तभरि प्रीभमयम वसूल भकया जार्ता है।
ि) प्रीभमयम में छूट अर्तीर्त के दावा इभर्तहास और पभरसर में उपलब्ध अज्ग्न सुरक्षा सुभवधाओं के आधार पर
दी जार्ती है।

372
छ) प्रीभमयम में कमी के भलए दं गा, हडर्ताल, दु िावनापूणव क्षभर्त कवर और बाढ़ सामूभहक जोभिम में िी
भकसी भवकलप को िुना जा सकर्ता है।

अलग-अलग बीमा कर्ताओं की दर भनधारण पद्भर्त के भलए अलग-अलग हो सकर्ती है।

स्व-परीक्षण 1

व्यावसाभयक जोभिमों के भलए अज्ग्न पॉभलसी ______ के जोभिमों को आवभरर्त करर्ती है।

I. भवस्फोट
II. अंर्तःस्फोट
III. उपरोि दोनों
IV. उपरोि में से कोई नहीं

ि. व्यवसाय रुकावट बीमा

बीमा के इस प्रकार को पभरणामी हाभन बीमा या मुनाफे का हाभन बीमा के रूप में िी जाना जार्ता है।

अज्ग्न बीमा बीभमर्त जोभिमों से सामग्री या संपभि को क्षभर्त या िवन, संयंत्र, मशीनरी भफक्स्िरों, भफलटग्स,
भबिी के माल आभद को हु ई हाभन के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ता है। इसका पभरणाम स्वरूप बीमाधारक के
व्यवसाय में कुल या आंभशक रुकावट हो सकर्ती है भजसके िलर्ते रुकावट की अवभध के द़ौरान भवभिन्न प्रकार
की आर्थथक हाभन होर्ते हैं ।

1. व्यवसाय रुकावट पॉभलसी के र्तहर्त आवरण

पभरणामी हाभन (सीएल) पॉभलसी [व्यवसाय रुकावट (बीआई)] सकल मुनाफे के हाभन के भलए क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान
करर्ता है - भजसमें अंभर्तम नुकसान को जलद से जलद कम करने के भलए, व्यवसाय को वापस सामान्य ज्स्थभर्त में
लाने के भलए बीमाधारक द्वारा ििव की गयी काम की बढ़ी हु ई लागर्त के साथ-साथ शुद् लाि और स्थायी
शुलक िी शाभमल है। आवभरर्त आपदाएं और शर्तें अज्ग्न पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त की गयी आपदाओं और शर्तों
के समान हैं ।

उदाहरण

यभद भकसी िूकंप के पभरणाम स्वरूप कार भनमार्ता के संयत्र


ं को नुकसान पहु ं िर्ता है र्तो उत्पादन घटने के िलर्ते
भनमार्ता को आय का नु कसान होगा। ििव भकए गए अभर्तभरि व्यय के साथ-साथ आय के इस नु कसान का बीमा
भकया जा सकर्ता है बशर्ते भक यह बीभमर्त जोभिम के पभरणाम स्वरूप हु आ है।

यह पॉभलसी केवल मानक अज्ग्न और भवशेष आपदा पॉभलसी के संयोजन में ली जा सकर्ती है क्योंभक इस
पॉभलसी के र्तहर्त दावे केवल र्तिी स्वीकायव होर्ते हैं जब मानक अज्ग्न और भवशेष जोभिम पॉभलसी के र्तहर्त एक
दावा भकया गया हो।

स्व-परीक्षण 2

व्यवसाय रुकावट बीमा पॉभलसी केवल ________ के साथ संयोजन में ली जा सकर्ती है।

373
I. मानक अज्ग्न और भवशेष आपदा पॉभलसी

II. मानक अज्ग्न और मरीन पॉभलसी

III. मानक और भवशेष आपदा पॉभलसी

IV. मानक इंजीभनयलरग और मरीन पॉभलसी

ग. सेंधमारी बीमा

यह पॉभलसी व्यावसाभयक पभरसरों जैसे कारिानों, दु कानों, कायालयों, वेयरहाउसों और गोदामों के भलए
भजसमें स्टॉक, सामान, फनीिर, भफक्सिर, एक बंद भर्तजोरी में रिी नकदी शाभमल हो सकर्ती है भजसे िुराया
जा सकर्ता है। कवर का दायरा पॉभलसी में स्पष्ट रूप से वर्थणर्त होर्ता है।

1. िोरी बीमा के र्तहर्त आवभरर्त जोभिम

क) वास्र्तभवक जबरन और लहसक र्तरीके से पभरसर में प्रवेश करने के बाद संपभि की हाभन या पभरसर से
वास्र्तभवक, जबरन और लहसक भनकासी या लूट के बाद हाभन।

ि) िोरों से बीभमर्त संपभि या पभरसर को हाभन। बीभमर्त संपभि को केवल र्तिी आवभरर्त भकया जार्ता है जब
इसकी हाभन बीभमर्त पभरसर से होर्ती है, भकसी अन्य पभरसर में नहीं।

2. क) नगदी कवर

सेंधमारी आवरण का एक महत्वपूणव भहस्सा नकद आवरण है। यह केवल र्तिी काम करर्ता है जब नकदी िोरी
रोधक भर्तजोरी में सुरभक्षर्त होर्ता है अनु मोभदर्त भनमाण और भडजाइन की होर्ती है। नकदी आवरण प्रदान करने के
भलए लागू सामान्य शर्तें नीिे दी गयी हैं :

क) भर्तजोरी को िोलने वाली वास्र्तभवक कुंजी का प्रयोग करके इससे की जाने वाली नगदी की िोरी
को केवल उस ज्स्थभर्त में कवर भकया जार्ता है जहां इस र्तरह की कुंजी लहसा से या लहसा की
धमकी से या बलप्रयोग के माध्यम से प्राप्र्त की गयी है। इसे यह आम र्त़ौर पर “िाबी क्लॉज” के
रूप में जाना जार्ता है।

ि) भर्तजोरी में नकदी की मात्रा की एक पूरी सूिी को भर्तजोरी के अलावा भकसी अन्य स्थान पर
सुरभक्षर्त करके रिा जार्ता है। बीमा कर्ता का दाभयत्व इस र्तरह के भरकॉडव से वास्र्तव में भदिायी
गयी राभश र्तक सीभमर्त होर्ता है।

ि) प्रथम नु कसान बीमा

ऐसे मामलों में, जहां सामान उछि थोक में और कम मूलय का होर्ता है (जैसे गट्ठर में कपास, अनाज, िीनी
आभद), एक ही अवसर पर पूरे स्टॉक को िोने के जोभिम को भरमोट माना जार्ता है। वह मूलय भजसकी िोरी की
जा सकर्ती है, उसका पर्ता संिाभवर्त अभधकर्तम नु कसान के रूप में लगाया जार्ता है और प्रीभमयम जोभिम के
दायरे में आने वाले पूरे स्टॉक को आवभरर्त करर्ते हु ए अभधकर्तम संिाभवर्त हाभन के भलए वसूल भकया जार्ता है।
माना जार्ता है भक इसके बाद दू सरी िोरी र्तुरंर्त नहीं हो सकर्ती है या बीमाधारक इसकी पुनरावृभि को रोकने के
भलए अभर्तभरि सुरक्षा उपाय कर सकर्ता है।

ग) घोषणा कवर और फ्लोटर कवर आग बीमा के समान स्टॉक्स के संबंध में िी संिव है।

374
3. अपवजवन

यह पॉभलसी कमविाभरयों, पभरवार के सदस्यों या पभरसर में कानूनी र्त़ौर पर रहने वाले अन्य व्यभियों द्वारा िोरी
को आवभरर्त नहीं करर्ती है, यह लासवनी या साधारण िोरी को िी कवर नहीं करर्ती है। यह उन होभनयों को िी
बाहर रिर्ती है भजनको अज्ग्न या प्लेट ग्लास पॉभलसी के द्वारा आवभरर्त भकया जार्ता है।

4. भवस्र्तार

अभर्तभरि प्रीभमयम पर दं गा, हडर्ताल और आर्तंकवाद के जोभिमों को आवभरर्त करने के भलए पॉभलसी को
बढ़ाया जा सकर्ता है।

5. प्रीभमयम

सेंधमारी पॉभलसी के भलए प्रीभमयम की दरें बीमाकृर्त संपभि की प्रकृभर्त, स्वयं बीमाधारक के नैभर्तक जोभिम,
पभरसर के भनमाण और स्थान, सुरक्षा उपायों (जैसे ि़ौकीदार, िोरी अलामव), भपछले दावों के अनु िव आभद पर
भनिवर करर्ती हैं ।

प्रस्र्ताव प्रपत्र में दी गई जानकारी के अलावा उछि मूलय की िीजें शाभमल होर्ती हैं , बीमा कर्ताओं द्वारा पूवव
स्वीकृभर्त भनरीक्षण भकया जार्ता है।

स्व-परीक्षण 3

सेंधमारी पॉभलसी के भलए प्रीभमयम ________ पर भनिवर करर्ता है।

I. बीभमर्त पॉभलसी की प्रकृभर्त

II. स्वयं बीमाधारक का नैभर्तक जोभिम

III. पभरसर का भनमाण और स्थान

IV. उपरोि सिी

घ. धन बीमा

नकदी का लेनदे न भकसी िी व्यवसाय का एक अभिन्न अंग है। इस पॉभलसी का उद्देश्य धन की हाभन के भवरुद्
बैंकों और औद्योभगक व्यावसाभयक प्रभर्तष्ठानों की रक्षा करना है। धन पभरसर के साथ-साथ बाहर िी जोभिम पर
होर्ता है। इसे पैसे भनकालने, जमा करने, िुगर्तान या एकत्र करने के समय अवैध र्तरीके से उडा भलया जा
सकर्ता है।

1. धन बीमा के आवरण

धन बीमा पॉभलसी उन नु कसानों को आवभरर्त करने के भलए बनायी गयी है जो न कदी, िेक / पोस्टल आडव र /
डाक भटकट के लेनदे न के समय हो सकर्ते हैं । यह पॉभलसी आम र्त़ौर पर दो िंडों के र्तहर्त आवरण प्रदान
करर्ती है –

375
क) पारगमन िंड (ट्ांभजट सेक्शन)

यह डकैर्ती या िोरी या इसी र्तरह की कारववाई के पभरणाम स्वरूप नकदी की हाभन को आवभरर्त करर्ती है ,
जब इसे बीमाधारक या उसके अभधकृर्त कमविाभरयों द्वारा बाहर ले जाया जार्ता है।

पारगमन िंड दो राभशयों को भवभनर्थदष्ट करर्ता है:

i. प्रभर्त पभरवहन सीमा : यह वह अभधकर्तम राभश है भजसका हर हाभन के संबध


ं में बीमा कर्ताओं को
िुगर्तान करना आवश्यक हो सकर्ता है।

ii. पॉभलसी की अवभध के द़ौरान पारगमन में अनु माभनर्त राभश: यह उस राभश को दशार्ता है भजसमें
प्रीभमयम की राभश पर पहु ं िने के भलए प्रीभमयम की दर को लागू भकया जाएगा।

पॉभलभसयां घोषणा के आधार पर जारी भकया जा सकर्ता हैं । इसभलए बीमा कर्ता पारगमन में अनु माभनर्त राभश
पर एक अनंभर्तम प्रीभमयम वसूल करर्ते हैं और इस प्रीभमयम को बीमाधारक की घोषणा के अनु सार पॉभलसी की
अवभध के द़ौरान पारगमन में वास्र्तभवक राभश के आधार पर पॉभलसी की समाज्प्र्त के समय समायोभजर्त भकया
जार्ता है।

ि) पभरसर िंड

यह िंड, सेंधमारी, गृहिदे न लूट आभद के कारण भकसी के पभरसर / बंद भर्तजोरी से नकदी के गायब होने
को आवभरर्त करर्ता है। पॉभलसी की अन्य सुभवधाएं आम र्त़ौर पर सेंधमारी बीमा (व्यावसाभयक पभरसर का)
की सुभवधाओं के समान होर्ती हैं भजसकी ििा ऊपर अध्ययन पभरणाम C के र्तहर्त की गयी है।

2. महत्वपूणव अपवजवन

इनमें शाभमल हैं :

क) र्तुभट या िूक के कारण कमी,

ि) धन की हाभन भजसे अभधकृर्त व्यभि के अलावा दू सरे को सौंप भदया गया है और

ग) दं गा, हडर्ताल और आर्तंकवाद: इसे अभर्तभरि प्रीभमयम का िुगर्तान करके भवस्र्तार के रूप में आवभरर्त
भकया जा सकर्ता है।

3. भवस्र्तार

अभर्तभरि प्रीभमयम के िुगर्तान पर भनम्पन बार्तों को आवभरर्त करने के भलए पॉभलसी को बढ़ाया जा सकर्ता है:

क) नकदी ले जा रहे व्यभियों की बेईमानी,

ि) दं गा, हडर्ताल और आर्तंकवाद के जोभिम

ग) संभवर्तरण जोभिम, जो कमविाभरयों को वेर्तन िुगर्तान के द़ौरान हु ई हाभन।

4. प्रीभमयम

प्रीभमयम दर का भनधारण बीमाधारक, भकसी एक समय में कंपनी की नगदी वहन दे यर्ता, वाहन के माध्यम,
शाभमल दूरी, सुरक्षा उपाय आभद के आधार पर भकया जार्ता है। प्रीभमयम पॉभलसी की समाज्प्र्त के 30 भदनों के

376
िीर्तर की गयी घोषणा के आधार पर वषव िर में ले जाई गयी वास्र्तभवक नकदी के अनुसार समायोयय
है।

स्व-परीक्षण 4

इनमें से भकसे धन बीमा पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त भकया जार्ता है ?

I. र्तुभट या िूक के कारण कमी

II. सेंधमारी के कारण व्यभि के पभरसर से नकदी गायब होना

III. धन की हाभन भजसे अभधकृर्त व्यभि के अलावा दू सरे को सौंपा गया है

IV. दं गा, हडर्ताल और आर्तंकवाद

ङ. भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा

कंपभनयों को अपने कमविाभरयों की धोिाधडी या बेईमानी जैसे सफेद कॉलर अपराधों के कारण भविीय
नु कसान िुगर्तना पडर्ता है। भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा जालसाजी, गबन, िोरी, हे राफेरी और िूक के द्वारा
अपने कमविाभरयों की धोिाधडी या बेईमानी के कारण भनयोिाओं को होने वाले भविीय हाभन के भवरुद् उनको
क्षभर्तपूर्थर्त करर्ता है।

1. भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा के र्तहर्त आवरण

आवरण प्रत्यक्ष आर्थथक हाभन के भवरुद् भदया जार्ता है और इसमें पभरणामी हाभन शाभमल नहीं है।

क) नु कसान धन, प्रभर्तिूभर्त या सामान के संबध


ं में होना िाभहए।

ि) कृत्य भनर्थदष्ट कर्तवव्यों के द़ौरान भकया गया होना िाभहए।

ग) नु कसान का पर्ता पॉभलसी की समाज्प्र्त या कमविारी की मृत्यु, सेवाभनवृभि, पदत्याग या बिास्र्तगी के


12 महीनों के िीर्तर, जो िी पहले हो, लगाया जाना िाभहए।

घ) एक पुनर्थनयुि भकए गए बेईमान कमविारी के संबध


ं में कोई आवरण प्रदान नहीं भकया जार्ता है।

2. भवश्वसनीयर्ता गारंटी पॉभलसी के प्रकार

भवश्वसनीयर्ता गारंटी पॉभलभसयां भवभिन्न प्रकार की होर्ती हैं भजनकी ििा नीिे की गयी है:

क) व्यभिगर्त पॉभलसी

इस प्रकार की पॉभलसी का प्रयोग वहां भकया जार्ता है जहां केवल एक व्यभि को गारंटी दी जानी हो।
कमविारी का नाम, पदनाम और गारंटी की राभश भवभनर्थदष्ट की जानी िाभहए।

ि) सामूभहक पॉभलसी

इस पॉभलसी में प्रत्येक कमविारी के कर्तवव्यों पर एक नोट और अलग व्यभिगर्त बीमा राभशयों के साथ-साथ
उन कमविाभरयों के नामों को सूिीबद् करने की एक अनुसूिी शाभमल है भजन पर गारंटी लागू होर्ती है।

ग) फ्लोलटग पॉभलसी या फ्लोटर

377
इस पॉभलसी में आवभरर्त भकए जाने वाले व्यभियों के नामों और कर्तवव्यों को अनु सूिी में डाला जार्ता है ,
लेभकन गारंटी की व्यभिगर्त राभशयों के बजाय गारंटी की एक भनधाभरर्त राभश पूरे समूह पर “घूमर्ती रहर्ती”
है। इसभलए भकसी िी एक कमविारी के संबध
ं में दावा अस्थायी गारंटी को कम करर्ती है जब र्तक भक
अभर्तभरि प्रीभमयम का िुगर्तान करके मूल राभश को बहाल नहीं भकया जार्ता है।

घ) पदनाम पॉभलसी

यह इस अंर्तर के साथ एक सामूभहक पॉभलसी के समान है भक केवल अनु सूिी उन “ज्स्थभर्तयों” को सूिीबद्
करर्ती है भजसकी गारंटी एक भनर्थदष्ट राभश के भलए दी जाएगी और नाम का उललेि नहीं भकया जार्ता है।

ङ) ब्लैंकेट पॉभलसी

यह पॉभलसी नाम या पदनाम भदिाए भबना पूरे स्टाफ को आवभरर्त करर्ती है। बीमा कर्ता द्वारा कमविाभरयों के
बारे में कोई पूछर्ताछ नहीं की जार्ती है। इस र्तरह की पॉभलभसयां कमविाभरयों की एक बडी संख्या रिने वाले
भनयोिा के भलए ही उपयुि हैं और संगठन कमविाभरयों के पूवववृि के बारे में पयाप्र्त पूछर्ताछ करर्ता है।
भनयोिा जो संदिव लेर्ता है,दावे की ज्स्थभर्त में बीमा कर्ता के भलए उपलब्ध होना िाभहए। पॉभलसी केवल
ख्याभर्त प्राप्र्त बडी कंपभनयों को प्रदान की जार्ती है।

3. प्रीभमयम

प्रीभमयम की दर व्यवसाय, पेशे के प्रकार, कमविारी के ओहदे , जांि और पयववक्ष


े ण की प्रणाली पर भनिवर करर्ती
है।

स्व-परीक्षण 5

भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा__________को क्षभर्तपूर्थर्त करर्ती है।

I. भनयोिाओं को उनके कमविाभरयों की धोिाधडी या बेईमानी के कारण उनको हु ई भविीय हाभन के


भवरुद्

II. कमविाभरयों को उनके भनयोिा की धोिाधडी या बेईमानी के कारण उनको हु ई भविीय हाभन के भवरुद्

III. कमविाभरयों और भनयोिाओं को र्तीसरे पक्ष की धोिाधडी या बेईमानी के कारण उनको हु ई भविीय हाभन
के भवरुद्

IV. शेयरधारकों को कंपनी के प्रबंधन की धोिाधडी या बेईमानी के कारण उनको हु ई भविीय हाभन के
भवरुद्

ि. बैंकसव क्षभर्तपूर्थर्त बीमा

यह व्यापक आवरण बैंकों, एनबीएफसी अन्य संस्थानों के भलए र्तैयार भकया गया था, जो पैसे और प्रभर्तिूभर्तयों के
संबंध में उनके सामने आने वाले भवशेष जोभिमों पर भविार करर्ते हु ए धन को शाभमल करने वाली गभर्तभवभधयों में
संलग्न होर्ते हैं ।

1. बैंकसव क्षभर्तपूर्थर्त बीमा के र्तहर्त आवरण

बैंकर की आवश्यकर्ता के आधार पर इस पॉभलसी के भवभिन्न रूप हैं ।

378
क) आग, िोरी, दं गा और हडर्ताल के कारण पभरसर के िीर्तर रिे धन प्रभर्तिूभर्तयों का नु कसान या
क्षभर्तग्रस्र्त होना।

ि) जब संपभि को अभधकृर्त कमविाभरयों के हाथों में पभरसर के बाहर ले जाया जार्ता है , कमविाभरयों की
लापरवाही सभहर्त िाहे भकसी िी कारण से हु ई हाभन।

ग) िेक, िाफ्ट, सावभध जमा रसीद आभद की जालसाजी या पभरवर्तवन

घ) धन/प्रभर्तिूभर्तयों के संदिव में या बंधक सामान के संबध


ं में कमविाभरयों की बेईमानी।

ङ) पंजीकृर्त डाक पासवल से प्रेषण।

ि) मूलयांकनकर्ताओं की बेईमानी।

छ) बैंक के एजेंट जैसे ‘जनर्ता एजेंट’, ‘छोटी बिर्त योजना एजेंट’ के हाथों िोया हु आ धन।

यह आवरण िोज के आधार पर जारी भकया जार्ता है , इसका मर्तलब है भक पॉभलसी एक अवभध पर प्रभर्तभिया
करे गी भजसके द़ौरान भकसी हाभन का पर्ता िलर्ता है और अभनवायव रूप से वह अवभध नहीं जब यह घभटर्त हु ई
थी। लेभकन उस समय आवरण अज्स्र्तत्व में रहा होना िाभहए जब हीभन वास्र्तव में घभटर्त हु ई थी।

परंपरागर्त रूप से केवल िोज की र्तारीि से 2 वषव की अवभध के िीर्तर हु ई हाभन दे य होर्ती है, जो हाभन घभटर्त
होने की र्तारीि से पहले की भकसी र्तारीि से आवरण जारी रहने के अधीन है।

2. महत्वपूणव अपवजवन

इनमें शाभमल हैं :

क) व्यापार घाटे
ि) लापरवाही
ग) सॉफ्टवेयर संबध
ं ी अपराध और
घ) लापरवाही [सॉफ्टवेयर अपराध और िागीदारों/भनदे शकों की बेईमानी]

3. बीमा राभश

बैंक को बीमा राभश र्तय करनी होर्ती है जो आम र्त़ौर पर पहले 5 िंडों में घूमर्ती रहर्ती है। इसे ‘मूल बीमा राभश’
कहा जार्ता है। िंड (1) और (2) के भलए अभर्तभरि बीमा राभश िरीदी जा सकर्ती है यभद मूल बीमा राभश
पयाप्र्त नहीं है यह पॉभलसी अभर्तभरि प्रीभमयम के िुगर्तान से बीमा राभश के एक अभनवायव और स्विाभलर्त
पुनस्थापन की अनु मभर्त दे र्ती है।

4. दर भनधारण

प्रीभमयम की गणना इन बार्तों पर आधाभरर्त है:

क) मूल बीमा राभश


ि) अभर्तभरि बीमा राभश
ग) कमविाभरयों की संख्या
घ) शािाओं की संख्या

379
स्व-परीक्षण 6

इनमें से भकसे एक को बैंकसव की क्षभर्तपूर्थर्त बीमा पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त भकया जा सकर्ता है ?

I. आग के कारण पभरसर में रिी धन प्रभर्तिूभर्तयों को हाभन या क्षभर्तग्रस्र्त होना

II. िेकों की जालसाजी या पभरवर्तवन

III. धन के संदिव में कमविाभरयों की बेईमानी

IV. उपरोि सिी

छ. ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी

हाल के वषों में िारर्त आिूषणों, भवशेष रूप से हीरों के भलए भवश्व व्यापार के एक प्रमुि केंद्र के रूप में उिरा है।
आयाभर्तर्त कछिे हीरे को काटा, पॉभलश भकया और भनयार्त भकया जार्ता है। यह एक ज़ौहरी के सिी जोभिमों का
ध्यान रिर्ती है भजसके व्यवसाय में छोटे थोक में उछि मूलय की वस्र्तुओं की भबिी शाभमल है जैसे आिूषण, सोने
और िांदी की वस्र्तुए,ं हीरे और बहु मूलय पत्थर, कलाई घभडयां आभद। इस व्यापार में बडी मात्रा में इन कीमर्ती
वस्र्तुओं का संग्रहण और उनको अलग-अलग पभरसरों के बीि स्थानांर्तभरर्त करना शाभमल है।

1. ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी का आवरण

ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी इस र्तरह के जोभिमों को आवभरर्त करर्ती है। इसे िार िंडों में बांटा गया है। िंड 1 के
र्तहर्त आवरण अभनवायव है। बीमाधारक अपने भवकलप पर अन्य िंडों का लाि उठा सकर्ता है। यह एक पैकेज
पॉभलसी है।

क) िंड I : आग, भवस्फोट, आसमानी भबजली, सेंधमारी, गृहिेदन, िोरी, लूट-िसोट, डकैर्ती, दं गा,
हडर्ताल और दु िावनापूणव क्षभर्त और आर्तंकवाद के पभरणाम स्वरूप बीभमर्त पभरसर में रिी संपभि को
हु ई हाभन या क्षभर्त को आवभरर्त करर्ता है।

ि) िंड II : बीमाधारक और अन्य भनर्थदष्ट व्यभियों के कब्जे में रहने के द़ौरान बीभमर्त संपभि को हु ई हाभन
या क्षभर्त को आवभरर्त करर्ता है।

ग) िंड III : नु कसान या क्षभर्त को कवर करर्ता है जब इस र्तरह की संपभि पंजीकृर्त बीभमर्त पासवल डाक,
एयर फ्रेट आभद के द्वारा पारगमन में होर्ती है।

घ) िंड IV : व्यापार और पभरसर में उपलब्ध कायालय फनीिर और भफलटग्स के भलए िंड I में भनर्थदष्ट
जोभिमों के भवरुद् कवर प्रदान करर्ता है।

प्रीभमयम की गणना के भलए प्रत्येक िंड का अलग से मूलयांकन भकया गया है।

2. महत्वपूणव अपवजवन हैं :

क) एजेंटों, कटरों, स्वणवकारों की बेईमानी,


ि) साववजभनक प्रदशवनी के द़ौरान रिी संपभि
ग) व्यभिगर्त प्रयोजन के भलए पहनर्ते /ले जार्ते समय िो जाना
घ) व्यवसाय के घंटों के बाहर भर्तजोरी में नहीं रिी गयी संपभि

380
ङ) रार्त में प्रदशवन भिडभकयों में रिी संपभि
ि) कमविाभरयों या बीभमर्त पभरवार के सदस्यों की दगाबाजी के कारण हई हाभन को शाभमल नहीं भकया
जार्ता है।

पूणव संरक्षण के भलए बीमाधारक द्वारा भफडे भलटी गारं टी कवर िी भलया जाना िाभहए।

3. प्रीभमयम

जोभिमों का मूलयांकन प्रत्येक मामले की योग्यर्ता के आधार पर भकया जार्ता है। प्रत्येक िंड के भलए अलग-
अलग प्रीभमयम दरें लागू की जार्ती हैं जहां भवभशष्ट ि़ौबीसों घंटे पहरे दार, क्लोज सर्थकट टीवी/अलामव भसस्टम,
भवभशष्ट स्ट्ांग रूम और भकसी अन्य सुरक्षा भडवाइस आभद के भलए छूट दी जार्ती है।

स्व-परीक्षण 7

ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी के मामले में पंजीकृर्त पासवल से पारगमन के द़ौरान बीभमर्त संपभि को हु ई क्षभर्त को
________ के र्तहर्त आवभरर्त भकया जाएगा।

I. िंड I
II. िंड II
III. िंड III
IV. िंड IV

ज. इंजीभनयलरग बीमा

इंजीभनयलरग बीमा साधारण बीमा की शािा है जो अज्ग्न बीमा के भवकास के समानांर्तर भवकभसर्त हु आ है।
इसका मूल औद्योगीकरण के भवकास में दे िा जा सकर्ता है भजसने संयंत्र और मशीनरी के भलए अलग आवरण
की आवश्यकर्ता पर प्रकाश डाला था। सवव जोभिम आवरण की अवधारणा िी इंजीभनयलरग पभरयोजनाओं के
संबंध में भवकभसर्त हु ई थी - जो भवशेष रूप से बाहर रिे गए भकसी िी कारण की वजह से होने वाली क्षभर्त को
आवभरर्त करर्ता है। उत्पाद भवभिन्न िरणों को आवभरर्त करर्ते थे - भनमाण से लेकर परीक्षण और संयंत्र के
कायवशील होने र्तक। बडी और छोटी दोनों र्तरह की औद्योभगक ईकाइयां इस बीमा के भलए ग्राहक हैं । इसमें
भवद्युर्तीय उपकरण वाली इकाइयां और बडी पभरयोजनाओं पर काम करने वाले ठे केदार िी शाभमल हैं ।

इंजीभनयलरग बीमा पॉभलभसयों के प्रकार

आइए हम इस प्रकार के बीमा के र्तहर्त आने वाली प्रमुि पॉभलभसयों पर संक्षेप में भविार करें ।

1. ठे केदार सवव जोभिम (सी.ए.आर.) पॉभलसी

इसे छोटे िवनों से लेकर बडे पैमाने के बांधों, इमारर्तों, पुलों, सुरंगों आभद भसभवल इंजीभनयलरग पभरयोजनाओं में
संलग्न ठे केदारों और लप्रभसपलों के भहर्तों की रक्षा करने के भलए बनाया गया है। पॉभलसी एक “सवव जोभिम”
आवरण प्रदान करर्ती है - इस प्रकार यह भनमाण स्थल पर बीमाकृर्त संपभि को होने वाले भकसी िी अिानक
और अप्रत्याभशर्त हाभन या क्षभर्त के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है। इसे र्तीसरे पक्ष की दे यर्ता और अन्य

381
जोभिमों को आवभरर्त करने के भलए बढ़ाया जा सकर्ता है। आदे य प्रीभमयम पभरयोजना की प्रकृभर्त, पभरयोजना
की लागर्त, पभरयोजना की अवभध, ि़ौगोभलक ज्स्थभर्त और परीक्षण की अवभध पर भनिवर करर्ता है।

2. ठे केदार संयंत्र और मशीनरी (सीपीएम) पॉभलसी

भनमाण के कारोबार में शाभमल ठे केदारों के भलए, िेनों, उत्िनकों जैसी सिी प्रकार की मशीनरी को
भनम्पनभलभिर्त सभहर्त भकसी िी कारण से अप्रत्याभशर्त और अिानक ि़ौभर्तक हाभन या क्षभर्त से आवभरर्त करने के
भलए उपयुि :

क) सेंधमारी, िोरी, आर.एस.एम.डी.टी

ि) आग और भबजली, बाहरी भवस्फोट, िूकंप और अन्य ईश्वरीय कृत्य संबध


ं ी आपदाएं

ग) दोषपूणव कायव-संिालन, भगराने या भगरने, भवध्वंश, दबाव, टक्कर के प्रिाव के कारण काम करर्ते समय
आकज्स्मक क्षभर्त; र्तृर्तीय पक्ष को हाभन के भलए बढ़ाया जा सकर्ता है।

प्रीभमयम उपकरण के प्रकार और उसके संिालन के स्थान पर भनिवर करर्ता है।

आवरण कवर उपकरण के काम पर या भवश्राम की ज्स्थभर्त में होने या सफाई अथवा ओवरहॉललग या उसके बाद
पुनःसंयोजन के भलए आरम के भकए जार्ते समय काम करर्ता रहर्ता है। यह आवरण के ठे केदार के उपकरण
अपने पभरसर में पडे होने की ज्स्थभर्त में िी लागू होर्ता है।

3. उत्थापन सवव जोभिम (ईएआर) पॉभलसी

इस पॉभलसी को िंडारण-सह-उत्थापन या स्टोरे ज-कम-इरे क्शन (एससीई) पॉभलसी के रूप में िी जाना
जार्ता है। यह भकसी प्रोजेक्ट के लप्रभसपल या ठे केदारों के भलए उपयुि है जहां संयंत्र और मशीनरी संस्थाभपर्त
की जार्ती है और यह भवभिन्न बाहरी जोभिमों के दायरे में होर्ती है। यह व्यापक बीमा पॉभलसी है जो पभरयोजना
स्थल पर सामान को उर्तारे जाने के समय से भकसी िी प्रकार की आकज्स्मकर्ता को आवभरर्त करर्ती है और पूरी
पभरयोजना अवभध के द़ौरान जारी रहर्ता है जब र्तक भक पभरयोजना के परीक्षण, संिालन और सौंपे जाने का
काम पूरा नहीं हो जार्ता है।

आदे य प्रीभमयम पभरयोजना की प्रकृभर्त, लागर्त, पभरयोजना की अवभध, ि़ौगोभलक ज्स्थभर्त और परीक्षण की
अवभध पर भनिवर करर्ता है।

आवश्यक होने पर पभरयोजना स्थल पर सुपुदव भकए जाने र्तक पारगमन िरण के द़ौरान उपकरणों और
सामभग्रयों को आवरण प्रदान करने के भलए उत्थापन (भनमाण) पॉभलसी के साथ-साथ एक मरीन आवरण जारी
भकया जा सकर्ता है।

4. मशीनरी ब्ेकडाऊन पॉभलसी (एमबी)

यह पॉभलसी हर ऐसे उद्योग के भलए उपयुि है जो मशीनों पर काम करर्ता है और भजसके भलए संयंत्र और
मशीनरी की िरीबी से गंिीर पभरणाम होर्ते हैं । यह पॉभलसी जनरे टर, ट्ांसफामवर जैसी मशीनों और अन्य
भवद्युर्त, यांभत्रक र्तथा उठाने वाले उपकरणों को आवभरर्त करर्ती है।

यह पॉभलसी बीभमर्त संपभि को भकसी िी कारण (अपवाभदर्त जोभिमों के अधीन) से यांभत्रक या भवद्युर्तीय िराबी
के िलर्ते होने वाले अप्रत्याभशर्त और अिानक ि़ौभर्तक नुकसान को आवभरर्त करर्ती है:

382
क) जब यह काम पर या भवश्राम की ज्स्थभर्त में होर्ती है।

ि) सफाई या ओवरहॉललग के भलए ध्वस्र्त भकए जार्ते समय

ग) सफाई या ओवरहॉललग गभर्तभवभधयों के द़ौरान और उसके बाद पुनः-संयोजन के द़ौरान।

घ) पभरसर के िीर्तर स्थानांर्तभरर्त भकए जार्ते समय

प्रीभमयम अलग-अलग मशीनरी के पुनस्थापन/ प्रभर्तस्थापन मूलय पर वसूल भकया जार्ता है। पूरी मशीन का बीमा
भकया जाना िाभहए। दरें मशीन के प्रकार, भजस उद्योग में इसका उपयोग भकया जार्ता है और इसके मूलय पर
भनिवर करर्ती हैं । छूट की पेशकश स्टैं ड-बाई सुभवधाओं, उपलब्ध स्पेयसव और दावों के अनु िव जैसे कारकों
आधार पर की जार्ती है।

5. बॉयलर और दबाव संयंत्र पॉभलसी

यह पॉभलसी भनम्पनभलभिर्त के भवरुद् बॉयलर और दबाव पात्रों को आवभरर्त करर्ती है:

क) बॉयलर और/या अन्य दबाव संयंत्र और बीमाधारक के आसपास की संपभि को आग के अलावा अन्य
प्रकार की क्षभर्त; और

ि) इस र्तरह के बॉयलर और/या दबाव संयंत्र के आंर्तभरक दबाव के कारण होने वाले भवस्फोट या भवध्वंश
की वजह से र्तीसरे पक्ष के व्यभि को शारीभरक िोट या संपभि को क्षभर्त के मामले में बीमाधारक का
कानूनी दाभयत्व।

िूंभक आग पॉभलसी और बॉयलर बीमा पॉभलसी पयाप्र्त आवरण के भलए परस्पर अनन्य हैं , दोनों पॉभलभसयां लेना
आवश्यक है। सिी इंजीभनयलरग पॉभलभसयों के र्तहर्त बीमा राभश वर्तवमान प्रभर्तस्थापन मूलय होनी िाभहए।

6. मशीनरी मुनाफे की हाभन (एमएलओपी) पॉभलसी

यह पॉभलसी उद्योगों के भलए उपयुि है जहां मशीनरी की िराबी या बॉयलर भवस्फोट के पभरणाम स्वरूप
अवरोध या दे री िारी पभरणामी हाभन का कारण बनर्ती है।

जहां िराबी या हाभन और पुनस्थापन के बीि का समय अंर्तराल बडा होर्ता है , यह पॉभलसी कारोबार में कमी
और काम की लागर्त में वृभद् के कारण बीि की अवभध के द़ौरान मुनाफे की हाभन के भलए क्षभर्तपूर्थर्त करर्ती है।
व्यवसाय रुकावट पॉभलसी के भनयम एवं शर्तें और आवरण एक अज्ग्न पॉभलसी के हाभन के बाद व्यवसाय
रुकावट पॉभलसी के समान है , भजसकी ििा इस अध्याय में पहले की गयी है।

7. माल की िराबी पॉभलसी

यह पॉभलसी कोलड स्टोरे ज (व्यभिगर्त या एक सहकारी सोसायटी) के माभलक के भलए या िराब होने वाली
वस्र्तुओं के िंडारण के भलए कोलड स्टोरे ज को पट्टे या भकराए पर लेने वाले व्यभि के भलए उपयुि है। यह
आवरण प्रशीर्तन संयंत्र एवं मशीनरी की िराबी के बाद और र्तापमान में वृभद् र्तथा कोलड स्टोरे ज के कमरों में
प्रशीर्तकों के अिानक और अप्रत्याभशर्त रूप से भनकलने की वजह से माल के िराब होने और संदूषण के
जोभिम के भवरुद् है।

383
8. भवद्यृर्तीय उपकरण पॉभलसी

यह पॉभलसी भवभिन्न प्रकार के भवद्यृर्तीय उपकरणों को आवभरर्त करर्ती है भजनमें सीपीयू, कीबोडव , मॉभनटर,
लप्रटर, यूपीएस, भसस्टम सॉफ्टवेयर आभद सभहर्त पूरी कंप्यूटर प्रणाली शाभमल है। इसमें एयर-कंडीशलनग,
हीलटग एवं पावर कनवजवन जैसे सहायक उपकरण को िी आवभरर्त भकया जार्ता है।

यह पॉभलसी अज्ग्न पॉभलसी, मशीनरी बीमा पॉभलसी और सेंधमारी बीमा पॉभलसी का एक संयोजन है। पॉभलसी
दोषपूणव भडजाइन (जो एक वारंटी के अंर्तगवर्त आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है), प्राकृभर्तक घटना के प्रिाव,
वोलटे ज में उर्तार-िढ़ाव के कारण दोषपूणव र्तरीके से कामकाज करने , प्रिाव झटके आभद, िोरी, सेंधमारी और
बगवलरी जैसी आकज्स्मकर्ताओं को िी आवभरर्त करर्ती है।

यह पॉभलसी प्रत्येक मामले में भजम्पमे दारी या दे नदारी के आधार पर माभलक, पट्टादार्ता या िाडे दार के भलए
उपलब्ध है। आम र्त़ौर पर इसके र्तीन िंड होर्ते हैं जो भवभिन्न प्रकार की हाभनयों को आवभरर्त करर्ते हैं :

क) िंड 1 : उपकरणों को हाभन और क्षभर्त

ि) िंड 2 : कंप्यूटर के बाहरी हाडव भडस्क जैसे बाहरी डे टा मीभडया को हाभन और क्षभर्त

ग) िंड 3 : कायव की बढ़ी हु ई लागर्त - 12, 26, 40 या 52 सप्र्ताह र्तक स्थानापन्न उपकरण पर भनरंर्तर
डाटा प्रोसेलसग सुभनज्श्िर्त करने के भलए।

9. अभग्रम मुनाफे की हाभन आवरण (एएलओपी) या प्रारंि में भवलंब पॉभलसी (डीएसयू)

यह पभरयोजना के द़ौरान आकज्स्मक क्षभर्त के कारण एक पभरयोजना के भवलंभबर्त होने के भविीय पभरणामों को
आवभरर्त करर्ती है। यह प्रत्याभशर्त आय से वंभिर्त बीमाधारक के भलए और भविीय संस्थानों के भलए पभरयोजना में
उनके भहर्त की सीमा र्तक उपयुि है। इसे पभरयोजना की वास्र्तभवक शुरुआर्त से पहले एमसीई / ईएआर /
सीएआर पॉभलसी के एक भवस्र्तार के रूप में जारी भकया जार्ता है।

यह पॉभलसी अवभध ऋण पर ब्याज, ऋणपत्र (भडबेंिर), मजदू री और वेर्तन आभद जैसे भनरंर्तर ििों के रूप में
भविीय हाभनयों और उस प्रत्याभशर्त शुद् मुनाफे पर नु कसान को िी आवभरर्त करर्ती है जो भनधाभरर्त र्तारीि को
व्यवसाय शुरू होने की ज्स्थभर्त में इसने अर्थजर्त भकया होर्ता।

प्रीभमयम भनधारण भवभिन्न महत्वपूणव कारकों पर और उपलब्ध पुनबीमा समथवन पर भनिवर करर्ता है। अनु माभनर्त
सकल लाि या कारोबार और क्षभर्तपूर्थर्त की अवभध िी दे य प्रीभमयम र्तय करने में महत्वपूणव कारक हैं ।

स्व-परीक्षण 8

प्रारंि में भवलंब पॉभलसी को _______ के रूप में िी जाना जार्ता है।

1. मशीनरी मुनाफे का हाभन आवरण


2. अभग्रम मुनाफे का हाभन आवरण
3. ठे केदार सवव जोभिम आवरण
4. ठे केदार संयत्र
ं एवं मशीनरी आवरण

384
झ. औद्योभगक सवव जोभिम बीमा

औद्योभगक सवव जोभिम पॉभलसी औद्योभगक संपभियों - भनमाण और िंडारण दोनों सुभवधाओं को एक पॉभलसी
के र्तहर्त िारर्त में कहीं िी आवभरर्त करने के भलए भडजाइन की गयी थी। यह सामग्री की क्षभर्त और व्यवसाय में
रुकावट के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है।

आम र्त़ौर पर यह पॉभलसी भनम्पन बार्तों के भलए आवरण प्रदान करर्ती है:

i. अज्ग्न और आग बीमा की प्रथा के अनु सार भनर्थदष्ट आपदाएं,

ii. िोरी (लासवनी को छोडकर)

iii. मशीनरी की िराबी / बॉयलर भवस्फोट / भवद्यृर्तीय उपकरण

iv. उपरोि आपदाओं के घभटर्त होने के बाद व्यवसाय में रुकावट

(भटप्पणी : ऊपर (ग) के र्तहर्त आपदाओं के बाद व्यवसाय में रुकावट को सामान्यर्तः पैकेज आवरण में शाभमल
नहीं भकया जार्ता है लेभकन यह वैकज्लपक आवरण के रूप में उपलब्ध है)

 यह पॉभलसी व्यभिगर्त संिालन पॉभलभसयों द्वारा प्रदान भकए जाने वाले आवरण की र्तुलना में आवरण
की सबसे व्यापक रें ज उपलब्ध करार्ती है।

 पॉभलसी के भलए प्रीभमयम की दरें िुने गए आवरणों, दावों के अनु िव और ियभनर्त कट़ौर्ती,
एमएलओपी के भलए जोभिम मूलयांकन भरपोटव आभद पर भनिवर करर्ती हैं ।

स्व-परीक्षण 9

इनमें से भकसे औद्योभगक सवव जोभिम बीमा के र्तहर्त आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है?

I. आग और अज्ग्न बीमा प्रथा के अनु सार भवशेष आपदाएं

II. िोरी (लासवनी)

III. मशीनरी की िराबी

IV. भवद्यृर्तीय उपकरण

ञ. मरीन बीमा

मरीन बीमा को दो प्रकारों में वगीकृर्त भकया गया है: मरीन कागो और मरीन हल

1. मरीन कागो बीमा

हालांभक ‘मरीन (मरीन)’ शब्द समुद्री की दु घवटनाओं की वजह से होने वाली हाभन का संकेर्त दे सकर्ती है,
मरीन कागो बीमा में कई अन्य बार्तें शाभमल हैं। यह दे श के िीर्तर और भवदे शों में रे ल, सडक, समुद्र, हवा या
पंजीकृर्त डाक द्वारा पारगमन के द़ौरान सामान को हाभन या क्षभर्त के संबध
ं में क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ता है। सामान
के प्रकार में हीरे से लेकर घरे लू सामान, थोक वस्र्तुएं जैसे सीमेंट, अनाज, पभरयोजनाओं के भलए अभधक
आयामी कागो आभद शाभमल हो सकर्ते हैं ।

385
कागो बीमा घरे लू व्यापार और अंर्तरराष्ट्ीय व्यापार में एक महत्वपूणव िूभमका भनिार्ता है। भबिी के अभधकांश
अनु बंधों की आवश्यकर्ता होर्ती है भक सामान को हाभन या क्षभर्त के भवरुद्, भविेर्ता या िरीदार द्वारा आवभरर्त
भकया जाना िाभहए।

बीमा को क़ौन प्रिाभवर्त करर्ता है : सामान [कंसाइनमेंट] का भविेर्ता या िरीदार भबिी के अनु बंध के आधार
पर कागो का बीमा करवा सकर्ता है।

मरीन बीमा अनु बध


ं में अंर्तरराष्ट्ीय स्र्तर पर लागू होने वाले प्रावधानों की जरूरर्त होर्ती है। इसका कारण यह है
भक यह ऐसे सामान को आवभरर्त करर्ता है जो भकसी िी दे श की सीमाओं से दू र पारगमन में हैं । आवभरर्त
अंर्तरराष्ट्ीय कन्वेंशनों और पॉभलसी से संलग्न कुछ क्लॉजों द्वारा र्तदनु सार संिाभलर्त होर्ते हैं ।

जहां मूल पॉभलसी दस्र्तावेज में सामान्य शर्तें शाभमल होर्ती हैं , आवरण का दायरा और अपवाद र्तथा भवशेष
अपवजवन अलग क्लॉजों से जु डे होर्ते हैं भजनको संस्थान कागो क्लॉज (आईसीसी) के रूप में जाना जार्ता है। ये
इंज्स्टयूट ऑफ लंदन अंडरराइटसव द्वारा र्तैयार भकए जार्ते हैं ।

क) मरीन कागो बीमा के र्तहर्त आवरण

कागो पॉभलभसयां अभनवायव रूप से यात्रा पॉभलभसयां हैं यानी ये भवषय-वस्र्तु को एक स्थान से दू सरे स्थान
पर ले जाने को आवभरर्त करर्ती हैं । हालांभक, बीमाधारक को हमे शा अपने भनयंत्रण की सिी पभरज्स्थभर्तयों
में उभिर्त सावधानी के साथ कायव करने की आवश्यकर्ता है। इस पॉभलसी की मुख्य भवशेषर्ता है भक यह
एक सहमर्त मूलय पॉभलसी है। मूलय बीमा कर्ता और बीमाधारक के बीि सहमभर्त से र्तय भकया जार्ता है
और बाद में पुनमूवलयांकन के अधीन नहीं है जब र्तक धोिाधडी का संदेह नहीं होर्ता है। दू सरी अनन्य
भवशेषर्ता यह है भक पॉभलसी स्वर्तंत्र रूप से आवंटन योग्य है।

आवरण सामान्यर्तः पॉभलसी में नाभमर्त स्थान समान की उस पर गोदाम से भनकलने के समय से शुरू
होर्ता है और पॉभलसी में नाभमर्त गंर्तव्य पर समाप्र्त होर्ता है जो भबिी के अनु बध
ं की शर्तों पर भनिवर करर्ता
है।

लागू भनयम और शर्तें इनमें से भकसी एक के द्वारा भनयंभत्रर्त होर्ती हैं ;

i. अंर्तदे शीय पारगमन के भलए अंर्तदे शीय पारगमन क्लॉज (आईटीसी) ए, बी या सी


ii. समुद्र के द्वारा यात्रा के भलए संस्थान कागो क्लॉज (आईसीसी) ए, बी या सी
iii. संस्थान कागो (वायुमागव) क्लॉज - हवाई पभरवहन के भलए

संस्थान कागो क्लॉज सी न्यूनर्तम आवरण प्रदान करर्ता है जो भनम्पनभलभिर्त के कारण मालवाहक वाहन
या पोर्त की दु घवटना की वजह से होने वाला हाभन या क्षभर्त है:

i. आग या भवस्फोट
ii. वाहन का पटरी से उर्तर जाना या पलटना
iii. पोर्त की स्ट्ेल्न्डग, ग्राउं लडग या डू बना (जहाज के मामले में)
iv. एक बाहरी वस्र्तु के साथ टकराव

संस्थान कागो क्लॉज बी क्लॉज सी की र्तुलना में अभधक व्यापक है। सी में आवभरर्त भकए गए िर्तरों के
अलावा यह भनम्पनभलभिर्त के कारण होने वाली हाभन या क्षभर्त को िी आवभरर्त करर्ता है:

386
i. िूकंप, यवालामुिी भवस्फोट और आसमानी भबजली जैसे ईश्वरीय कृत्यों (एओजी) के जोभिम
ii. अंर्तदे शीय पारगमन में पुलों का ढह जाना
iii. महासागरीय पारगमन के मामले में जहाज पर सामान के धुल जाने या फेंक भदए जाने से हाभन
iv. जहाज में पानी का प्रवेश

संस्थान कागो क्लॉज एक व्यापक आवरण है क्योंभक यह बी और सी की सिी आपदाओं और कुछ


भनधाभरर्त अपवजवन को छोडकर भकसी िी अन्य जोभिम के कारण होने वाली हाभन या क्षभर्त को आवभरर्त
करर्ता है जैसे:

i. बीमाधारक के दु राग्रही आिरण की वजह से हाभन या क्षभर्त


ii. साधारण भरसाव, टू टने, टू ट-फूट या वजन/मात्रा में साधारण हाभन
iii. पैलकग में अपयाप्र्तर्ता
iv. अंर्तर्थनभहर्त दोष
v. भवलंब
vi. माभलकों के भदवाभलयेपन के कारण हाभन
vii. परमाणु िर्तरे
ये अपवजवन अंर्तदे शीय, वायुमागव और समुद्र के सिी क्लॉजों के भलए आम हैं । कोयला, थोक र्ते ल और िाय
आभद जैसी भवभशष्ट वस्र्तुओं के व्यापार के भलए अलग क्लॉज िी हैं । मभरन आवरण को युद्, हमले, दं गे,
नागभरक हं गामें और आर्तंकवाद को आवभरर्त करने के भलए अभर्तभरि प्रीभमयम का िुगर्तान करके बढ़ाया जा
सकर्ता है। समुद्री और उड्डयन पॉभलभसयां बीमा की एकमात्र शािा हैं जो युद् के िर्तरों के भवरुद् आवरण
प्रदान करर्ती हैं ।

महत्वपूणव

मानक पॉभलसी प्रपत्र के र्तहर्त और पॉभलसी से जु डे भवभिन्न क्लॉजों के र्तहर्त एक मभरन पॉभलसी के अंर्तगवर्त
आवभरर्त भकए गए जोभिम मोटे र्त़ौर पर र्तीन श्रेभणयों में आर्ते हैं :

i. मरीन िर्तरे ,
ii. बाहरी िर्तरे और
iii. युद्, हडर्ताल, दं गा, नागभरक हं गामा और आर्तंकवाद के जोभिम।

ि) भवभिन्न प्रकार की मरीन पॉभलभसयां

I. भवभशष्ट पॉभलसी

यह पॉभलसी अकेले भशपमेंट को आवभरर्त करर्ती है। यह भवशेष यात्रा या पारगमन के भलए मान्य है।
भनयभमर्त रूप से आयार्त और भनयार्त व्यापार में लगे हु ए व्यापारी और जो अंर्तदे शीय पारगमन द्वारा
भनयभमर्त रूप से कंसाइनमेंट िेज रहे हैं , उनके भलए ओपन पॉभलसी जैसी भवशेष व्यवस्थाओं के र्तहर्त
बीमा की व्यवस्था करना सुभवधाजनक होगा।

II. व्यापक पॉभलसी

387
दे श के िीर्तर माल की ढु लाई को व्यापक पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त भकया जा सकर्ता है। यह पॉभलसी
एक वषव के भलए वैध है और इस अवभध के द़ौरान सिी कंसाइनमेंट की घोषणा एक पाभक्षक, माभसक या
भर्तमाही आधार पर उनके बीि हु ई सहमभर्त के अनु सार बीमाधारक द्वारा बीमा कंपनी को भकया जाना
आवश्यक है।

III. व्यापक आवरण

भनरंर्तर व्यापार करने वाले बडे भनयार्तकों और आयार्तकों के भलए एक व्यापक आवरण जारी भकया जार्ता
है। यह समुद्री प्रेषण के एक-वषव के लेनदे न के भलए आवरण की शर्तें और प्रीभमयम की दरें र्तय करर्ता है।
व्यापक (ओपन) आवरण पॉभलसी नहीं है और इस पर मुहर नहीं लगी होर्ती है। प्रत्येक घोषणा के संबध

में उभिर्त मूलय के भलए भवभधवर्त भटकट लगा हु आ एक बीमा प्रमाणपत्र जारी भकया जार्ता है।

IV. ड्यूटी और मूलय वृभद् बीमा

ये पॉभलभसयां अभर्तभरि बीमा प्रदान करर्ती हैं यभद कागो का मूलय सीमा शुलक के िुगर्तान या माल के
उर्तरने की र्तारीि को गंर्तव्य पर इसके बाजार मूलय में वृभद् के कारण कागो का मूलय बढ़ जार्ता है।

V. प्रारंि होने में भवलंब

कई बीमाधारक इस आवरण का ियन कर रहे हैं । नई पभरयोजना के मामले में पारगमन के द़ौरान
उपकरण को भकसी िी हाभन या क्षभर्त में नए उपकरण के भलए ऑडव र दे ना शाभमल हो सकर्ता है जो
पभरयोजना के पूरा होने में भवलंब का कारण बनर्ता है और इससे मुनाफे की हाभन होर्ता है। ऐसे भविीय
संस्थान जो अपनी ऋण शोधन के भलए पभरयोजना को समय पर पूरा करने में रुभि रिर्ते हैं, वे इस
जोभिम को बीमा अनु बध
ं के द्वारा आवरण भकया जाना पसंद करें गे और समुद्री (कागो) बीमा पॉभलसी
को समुद्री भवलंब या भसफव भवलंब से पभरयोजना शुरू होने के कारण पभरणामी नु कसान के भवरुद् बढ़ाया
जा सकर्ता है।

प्रीभमयम : दर माल की प्रकृभर्त, पोर्तांर्तरण की भवभध, पैकेज के प्रकार, समुद्री यात्रा के मागव और अर्तीर्त
के दावा अनु िव पर भनिवर करर्ता है। हालांभक एसआरसीसी और युद् जोभिम (भवदे शी कागो के भलए)
जैसे भवस्र्ताभरर्त आवरण में जोभिम भवशेष भवभनयमों द्वारा संिाभलर्त होर्ते हैं और एकत्र भकया गया
प्रीभमयम केंद्र सरकार को िेभडट भकया जाएगा।

2. मरीन हल बीमा

‘हल’ शब्द एक जहाज या अन्य जल पभरवहन पोर्त की बॉडी को दशार्ता है।

मरीन हल बीमा भवभिन्न दे शों में लागू अंर्तरराष्ट्ीय िडों के अनु सार भकया जार्ता है। मरीन हल आवरण मुख्यर्तः
रूप से दो प्रकार के होर्ते हैं :

क) भवशेष समुद्री यात्रा को आवरण करने वाला: यहां इस्र्ते माल भकए जाने वाले िंड के सेट को संस्थान
समुद्री यात्रा िंड कहा जार्ता है।

ि) एक समय अवभध को आवभरर्त करने वाला: आम र्त़ौर पर एक वषव। यहां इस्र्ते माल भकए गए िंडों के सेट
को संस्थान (समय) िंड कहा जार्ता है।

388
सूिना

हल बीमा में भनम्पनभलभिर्त बीमा िी शाभमल हैं :

i. छोटी मालवाहक ऩौका, बडी ऩौका (लॉन्ि), यात्री जहाज आभद जैसे अंर्तदे शीय जहाज
ii. भनकषवण पोर्त (यंत्रीकृर्त या गैर-यंत्रीकृर्त)
iii. मछली पकडने वाले पोर्त (यंत्रीकृर्त या गैर-यंत्रीकृर्त)
iv. ऩौकायन पोर्त (यंत्रीकृर्त या गैर-यंत्रीकृर्त)
v. जेटीज और व्हाफ़व
vi. भनमाण की प्रभिया में जहाज

जहाज के माभलक का न केवल जहाज में बज्लक बीमा की अवभध के द़ौरान अर्थजर्त होने वाली माल िाडे में िी
बीमा योग्य भहर्त होर्ता है। माल ढु लाई के अलावा प्रावधानों और स्टोर सभहर्त पोर्त की भफलटग में उसके द्वारा ििव
की गई राभश में िी जहाज के माभलक का बीमा योग्य भहर्त होर्ता है । इन ििों को संभवर्तरण कहा जार्ता है और
इनका बीमा एक समय अवभध के भलए पोर्त पॉभलसी के साथ समवर्ती रूप से भकया जार्ता है।

महत्वपूणव

भवमानन बीमा : व्यापक पॉभलसी उन भवमानों के भलए िी उपलब्ध है जो भवमान के संिालन से उत्पन्न होने वाली
र्तीसरे पक्षों और याभत्रयों की कानूनी दाभयत्व को आवभरर्त करर्ता है।

स्व-परीक्षण 10

बीमा की क़ौन सी शािा युद् के िर्तरों के भवरुद् आवरण प्रदान करर्ती है?

I. मरीन पॉभलभसयां
II. भवमानन पॉभलभसयां
III. उपरोि दोनों
IV. उपरोि में से कोई नहीं

ट. दाभयत्व पॉभलभसयां

दु घवटनाओं से पूरी र्तरह से बिा नहीं जा सकर्ता है िाहे व्यभि भकर्तना ही सावधान क्यों ना हो। इसके पभरणाम
स्वरूप अपने आप को िोट लग सकर्ती है और भकसी की संपभि को हाभन पहु ं ि सकर्ता है और इसके साथ-साथ
र्तृर्तीय पक्षों को िोट लग सकर्ती है और उनकी संपभि को हाभन हो सकर्ता है। इस प्रकार प्रिाभवर्त लोग ऐसी
हाभन के भलए क्षभर्तपूर्थर्त का दावा करें गे।

दाभयत्व बनाए और बेिे जा रहे भकसी उत्पाद में एक दोष से िी उत्पन्न हो सकर्ती है , जैसे भक िॉकलेट या
दवाएं उपिोिा को नु कसान पहु ं िार्ती हैं । इसी र्तरह, दे यर्ता भकसी मरीज के गलर्त भनदान/उपिार से या एक
वकील द्वारा अपने ग्राहक के मामले को अनुभिर्त र्तरीके से भनपटाने के कारण िी उत्पन्न हो सकर्ती है।

ऐसे सिी मामलों में, जहां र्तीसरा पक्ष, उपिोिा या रोगी कभथर्त र्त़ौर पर गलर्त कृत्य के भलए मुआवजे की मांग
करे गा, यह दावेदारों द्वारा दायर भकए गए मुकदमों की रक्षा करने में शाभमल मुआवजे के िुगर्तान के भलए या

389
ििों को पूरा करने की जरूरर्त उत्पन्न करे गा। दू सरे शब्दों में, िुगर्तान करने के दाभयत्व से एक भविीय
हाभनउत्पन्न होर्ती है। इस र्तरह के दाभयत्व की म़ौजूदगी और िुगर्तान भक जाने वाले मुआवजे की राभश एक
भसभवल कोटव द्वारा भनधाभरर्त की जाएगी जो कभथर्त लापरवाही/धोिाधडी के पहलू में जाएगा। दाभयत्व बीमा
पॉभलभसयां ऐसी दे नदाभरयों का आवरण प्रदान करर्ती हैं।

आइए हम कुछ दे यर्ता पॉभलभसयों पर नजर डालर्ते हैं ।

वैधाभनक दे यर्ता

कुछ ऐसे कानून या भवधान हैं जो मुआवजे के िुगर्तान की व्यवस्था करर्ते हैं । ये कानून इस प्रकार हैं :

 जन दाभयत्व बीमा अभधभनयम, 1991 और


 2010 में संशोभधर्त कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त अभधभनयम, 1923

बीमा पॉभलभसयां ऐसी दे नदाभरयों के संबध


ं में संरक्षण के भलए उपलब्ध हैं । आइए हम उनमें से कुछ को दे िें।

1. अभनवायव जन दाभयत्व पॉभलसी

जन दाभयत्व बीमा अभधभनयम, 1991 उन लोगों पर कोई दोष नहीं के आधार पर दाभयत्व लगार्ता है जो
िर्तरनाक पदाथों का कामकाज करर्ते हैं और इस र्तरह के संिालन के द़ौरान भकसी र्तीसरे पक्ष को िोट लग
जार्ती है या उसकी संपभि क्षभर्तग्रस्र्त हो जार्ती है। िर्तरनाक पदाथों के नामों और प्रत्येक की मात्रा को इस
‘अभधभनयम’ में सूिीबद् भकया गया है।

प्रभर्त व्यभि दे य मुआवजे की राभश भनम्पनानु सार भनधाभरर्त होर्ती है।

दे य क्षभर्तपूर्थर्त

घार्तक दु घवटना रु. 25,000


स्थायी पूणव अपंगर्ता रु. 25,000
स्थायी आंभशक अपंगर्ता भवकलांगर्ता के % के आधार पर रु. 25,000 का %
अस्थायी आंभशक भवकलांगर्ता रु. 1000 प्रभर्त माह, अभधकर्तम 3 महीने
वास्र्तभवक भिभकत्सा व्यय अभधकर्तम रु. 12,500 र्तक
संपभि को वास्र्तभवक हाभन रु. 6000 र्तक

प्रीभमयम एओए (कोई एक दु घवटना) सीमा और ग्राहक के कारोबार पर आधाभरर्त होर्ता है। इस पॉभलसी की
िास भवशेषर्ता यह है भक इसमें बीमाधारक को पयावरण राहर्त कोष में अभनवायव अंशदान के रूप में प्रीभमयम के
बराबर राभश का िुगर्तान करना पडर्ता है। यभद र्तीसरे पक्ष की एक बडी संख्या प्रिाभवर्त होर्ती है और दे य राहर्त
की कुल राभश ए.ओ.ए. सीमा से अभधक हो जार्ती है र्तो शेष राभश का िुगर्तान कोष से भकया जाएगा।

2. जन दाभयत्व पॉभलसी (औद्योभगक/गैर-औद्योभगक जोभिम)

इस प्रकार की पॉभलसी र्तृर्तीय पक्ष को व्यभिगर्त िोट या संपभि के भवध्वंश [टीपीपीआई या टीपीपीडी] का
कारण बनने वाली बीमाधारक की गलर्ती/लापरवाही से उत्पन्न दाभयत्व को कवर करर्ती है।

औद्योभगक जोभिमों और गैर-औद्योभगक जोभिमों को आवभरर्त करने वाली अलग-अलग पॉभलभसयां हैं , जैसे
होटलों, भसनेमा हॉलों, सिागारों, आवासीय पभरसरों, कायालयों, स्टे भडयमों, गोदामों और दु कानों को प्रिाभवर्त

390
करने वाले जोभिम। यह टीपीपीआई/टीपीपीडी के संबध
ं में िारर्तीय कानून के अनुसार दावेदार की लागर्तों,
फीस और ििव सभहर्त मुआवजे का िुगर्तान करने के कानूनी दाभयत्व को आवरीर्त करर्ती हैं ।

यह पॉभलसी इन बार्तों को कवर नहीं करर्ती है:

क) उत्पादों दाभयत्व आवरीर्त


ि) प्रदू षण दाभयत्व
ग) पभरवहन और
घ) कामगारों/कमविाभरयों को िोट लगना

3. उत्पाद दाभयत्व पॉभलसी

उत्पाद दाभयत्व बीमा की मांग आज बनाए और जनर्ता को बेिे जाने वाले उत्पादों की व्यापक भवभवधर्ता (जैसे
भडब्बाबंद िाद्य सामग्री, वाभर्तर्त पानी, दवाएं और इंजेक्शन, भबजली के उपकरण, यांभत्रक उपकरण, रसायन
आभद) के कारण उत्पन्न हो गई है। यभद उत्पाद में कोई दोष मृत्यु, शारीभरक िोट या बीमारी या र्तीसरे पक्ष की
संपभि को हाभन का कारण बनर्ता है र्तो इसके कारण दावा उत्पन्न हो सकर्ता है। उत्पाद दाभयत्व पॉभलभसयां
बीमाधारक की इस दाभयत्व को आवभरर्त करर्ती हैं ।

आवरण भनयार्त के साथ-साथ घरे लू भबिी के भलए िी उपलब्ध है।

4. भलफ्ट (र्तृर्तीय पक्ष) दाभयत्व बीमा

यह पॉभलसी भलफ्टों के उपयोग और संिालन से उत्पन्न होने वाली दे नदाभरयों के संबंध में िवनों के माभलकों
को क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है। यह भनम्पन बार्तों के भलए कानूनी दाभयत्व को आवभरर्त करर्ती है:

क) भकसी िी व्यभि की मृत्यु/शारीभरक िोट (बीभमर्त व्यभि के कमविाभरयों को छोडकर)

ि) संपभि को क्षभर्त (बीमाधारक की अपनी या कमविारी की संपभि को छोडकर)

प्रीभमयम की दरें क्षभर्तपूर्थर्त की सीमा, भकसी एक व्यभि, भकसी एक दु घवटना और भकसी एक वषव पर भनिवर करर्ती
हैं ।

5. व्यावसाभयक दाभयत्व

व्यावसाभयक क्षभर्तपूर्थर्त पेशेवर लोगों को उनके व्यावसाभयक कर्तवव्यों के भनष्पादन में लापरवाही से उत्पन्न होने
वाले क्षभर्त की िरपाई करने के भलए उनकी कानूनी दाभयत्व के भवरुद् बीमा सुरक्षा प्रदान करने के भलए र्तैयार
की गई है। इस र्तरह के आवरण भिभकत्सकों, अस्पर्तालों, इंजीभनयरों, वास्र्तुकारों, सनदी लेिाकारों (िाटव डव
एकाउं टेंट), भविीय सलाहकारों, वकीलों, बीमा ब्ोकरों के भलए उपलब्ध हैं ।

6. भनदे शकों और अभधकाभरयों की दाभयत्व पॉभलसी

भकसी कंपनी के भनदे शक और अभधकारी भवश्वास और भजम्पमे दारी के पदों पर आसीन होर्ते हैं । वे कंपनी के
मामलों की दे िरे ि और प्रबंधन में उनके द्वारा भकए गए गलर्त र्तरीके के कृत्यों के भलए शेयरधारकों,
कमविाभरयों, लेनदारों और कंपनी के अन्य भहर्तधारकों को हजाना अदा करने के भलए उिरदायी हो सकर्ते हैं ।

391
इस र्तरह की दाभयत्व को आवभरर्तकरने के भलए एक पॉभलसी र्तैयार की गयी है और यह कंपनी के नाम उसके
सिी भनदे शकों को आवभरर्त करने के भलए जारी की जार्ती है।

7. कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त बीमा

यह पॉभलसी बीमाधारक को अपने उन कमविाभरयों को मुआवजे का िुगर्तान करने की उसकी कानूनी दाभयत्व
के संबध
ं में क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है, जो अपने भनयोजन पर या इसके द़ौरान उत्पन्न होने वाली बीमारी या
दु घवटना से शारीभरक िोट का सामना करर्ते हैं । इसे कामगार क्षभर्तपूर्थर्त बीमा िी कहा जार्ता है।

बीमा के दो रूप बाजार में प्रिभलर्त हैं :

क) र्ताभलका क : कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त अभधभनयम, 1923 (कामगार क्षभर्तपूर्थर्त अभधभनयम, 1923), घार्तक
दु घवटना अभधभनयम, 1855 और आम कानून के र्तहर्त कमविाभरयों को दु घवटनाओं की कानूनी दाभयत्व के
भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त।

ि) र्ताभलका ि : घार्तक दु घवटना अभधभनयम, 1855 और आम कानून के र्तहर्त कानूनी दाभयत्व के भवरुद्
क्षभर्तपूर्थर्त।

प्रीभमयम की दर प्रस्र्ताव प्रपत्र में घोभषर्त कमविाभरयों के अनु माभनर्त वेर्तन पर लागू होर्ती है और प्रीभमयम को
पॉभलसी की समाज्प्र्त पर बीभमर्त व्यभि द्वारा घोभषर्त वास्र्तभवक वेर्तन के आधार पर समायोभजर्त भकया जार्ता है।

भनम्पन बार्तों को आवभरर्त करने के भलए पॉभलसी को बढ़ाया जा सकर्ता है:

i. भवभशष्ट राभशयों र्तक कमविारी के िोटों के उपिार के भलए बीभमर्त व्यभि द्वारा ििव भकए गए भिभकत्सा
और अस्पर्ताल संबध
ं ी व्यय

ii. अभधभनयम में सूिीबद् पेशागर्त रोगों के भलए दाभयत्व

iii. ठे केदारों के कमविाभरयों के प्रभर्त दाभयत्व

स्व-परीक्षण 11

जन दाभयत्व बीमा अभधभनयम, 1991 के र्तहर्त वास्र्तभवक भिभकत्सा ििों के भलए दे य मुआवजा भकर्तना है ?

I. रु. 6,250
II. रु. 12,500
III. रु. 25,000
IV. रु. 50,000

सारांश

क) अज्ग्न बीमा पॉभलसी व्यावसाभयक प्रभर्तष्ठानों के साथ-साथ संपभि के माभलकों और संपभि में भविीय भहर्त
रिने वाले व्यभियों/भविीय संस्थानों के भलए उपयुि है।

ि) अज्ग्न पॉभलसी के भिन्न रूपों में शाभमल हैं :

 बाजार मूलय आधार पॉभलसी

392
 बाजार मूलय या पुनस्थापन मूलय पॉभलभसयां
 घोषणा पॉभलसी
 फ्लोटर पॉभलसी

ग) पभरणामी क्षभर्त (सीएल) पॉभलसी या व्यवसाय रुकावट (बीआई) पॉभलसी सकल लाि की हाभन के भलए
क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करर्ती है - भजसमें भविीय नु कसान को कम करने के भलए व्यवसाय को जलद से जलद
उसकी सामान्य ज्स्थभर्त में लाने के िम में बीमाधारक द्वारा ििव की गयी कामकाज की बढ़ी हु ई लागर्त
के साथ-साथ शुद् लाि और स्थायी शुलक शाभमल हैं ।

घ) सेंधमारी पॉभलसी कारिानों, दु कानों, कायालयों, गोदामों और वेयरहाऊस जैसे व्यावसाभयक पभरसरों
के भलए है भजनमें स्टॉक, सामान, फनीिर, भफक्सिर और एक बंद भर्तजोरी में रिी नगदी शाभमल हो
सकर्ती है भजसे िुराया जा सकर्ता है।

ङ) धन बीमा पॉभलसी उन हाभनयों को आवभरर्त करने के भलए बनायी गयी है जो नकदी, िेक/पोस्टल
ऑडव र/डाक भटकटों का लेनदे न करर्ते समय घभटर्त हो सकर्ते हैं ।

ि) धन बीमा पॉभलसी दो िंडों के अंर्तगवर्त आवरण प्रदान करर्ती है: पारगमन िंड और पभरसर िंड।

छ) भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा भनयोिाओं को उनके कमविाभरयों की जालसाजी, गबन, िोरी, हे राफेरी
और िूक के द्वारा धोिाधडी या बेईमानी की वजह से उनको हु ए भविीय हाभन के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त करर्ती
है।

ज) भवश्वसनीयर्ता गारंटी पॉभलसी के प्रकारों में शाभमल हैं : व्यभिगर्त पॉभलसी, सामूभहक फ्लोलटग
पॉभलसी, पोभजशंस पॉभलसी और ब्लैंकेट पॉभलसी ।

झ) बैंकसव क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी को उन बैंकों, एनबीएफसी और अन्य संस्थानों के भलए र्तैयार भकया गया
व्यापक आवरण है, जो पैसे और प्रभर्तिूभर्तयों के संबध
ं में उनके सामने आने वाले भवशेष जोभिमों पर
भविार करर्ते हु ए पैसे को शाभमल करने वाली गभर्तभवभधयों में संलग्न होर्ते हैं ।

ञ) इंजीभनयलरग बीमा के अंर्तगवर्त आने वाली प्रमुि पॉभलभसयों में शाभमल हैं :

 ठे केदार समस्र्त जोभिम पॉभलसी


 ठे केदार संयत्र
ं और मशीनरी पॉभलसी
 उत्थापन/भनमाण समस्र्त जोभिम पॉभलसी
 मशीनरी की िराबी पॉभलसी
 बॉयलर और दबाव संयंत्र पॉभलसी
 मशीनरी मुनाफे की हाभन पॉभलसी
 स्टॉक की िराबी पॉभलसी
 भवद्यर्तीय उपकरण पॉभलसी
 अभग्रम मुनाफे का हाभन आवरण

ट) औद्योभगक सवव जोभिम पॉभलसी औद्योभगक संपभियों - एक पॉभलसी के र्तहर्त िारर्त में कहीं िी उत्पादन
और िंडारण दोनों सुभवधाओं को आवभरर्त करने के भलए र्तैयार की गयी थी।

393
ठ) मरीन बीमा को मरीन कागो और मरीन हल बीमा में वगीकृर्त भकया गया है।

ड) कागो पॉभलभसयां अभनवायव रूप से यात्रा पॉभलभसयां हैं यानी ये भवषय-वस्र्तु को एक स्थान से दू सरे स्थान
पर स्थानांर्तभरर्त करने को आवभरर्त करर्ती हैं ।

ढ) मरीन पॉभलभसयों के भवभिन्न प्रकारों में शाभमल हैं :

 भवभशष्ट पॉभलसी
 व्यापक (ओपन) पॉभलसी
 व्यापक कवर
 ड्यूटी और मूलय वृभद् बीमा
 प्रारंि होने में भवलंब

ण) मरीन हल आवरण अभनवायव रूप से दो प्रकार के होर्ते हैं : एक भवशेष यात्रा को आवभरर्त करने वाली और
एक समय अवभध को आवभरर्त करने वाली।

र्त) एक जन दाभयत्व पॉभलसी र्तृर्तीय पक्ष को व्यभिगर्त िोट या संपभि के भवध्वंश का कारण बनने वाली
बीमाधारक की गलर्ती/लापरवाही से उत्पन्न दाभयत्व को आवभरर्त करर्ती है।

थ) उत्पाद दे यर्ता पॉभलभसयां उत्पाद में दोष से संबंभधर्त बीमाधारक की दे यर्ता को कवर करर्ती है , भजसके
कारण मृत्यु, शारीभरक िोट या बीमारी या यहां र्तक भक र्तीसरे पक्षों की संपभि को क्षभर्त िी पहु ं िर्ती है।

द) व्यावसाभयक क्षभर्तपूर्थर्त पेशेवर लोगों को उनके व्यावसाभयक कर्तवव्यों के भनष्पादन में लापरवाही से
उत्पन्न होने वाला हजाना अदा करने की उनकी कानूनी दाभयत्व के भवरुद् बीमा सुरक्षा प्रदान करने के
भलए र्तैयार की गयी है।

मुख्य शब्द

ि) संपभि का अज्ग्न बीमा


ग) सेंधमारी बीमा
घ) धन बीमा
ङ) भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा
ि) बैंकसव क्षभर्तपूर्थर्त बीमा
छ) ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी
ज) इंजीभनयलरग बीमा
झ) औद्योभगक सवव जोभिम बीमा
ञ) मरीन बीमा
ट) हल बीमा
ठ) दाभयत्व पॉभलसी

394
स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप 3 है।

व्यावसाभयक जोभिमों के भलए अज्ग्न पॉभलसी भवस्फोट और अंर्तःस्फोट के िर्तरों को आवभरर्त करर्ती है।

उिर 2

सही भवकलप 1 है।

व्यवसाय रुकावट बीमा पॉभलसी केवल मानक आग और भवशेष जोभिम पॉभलसी के संयोजन में ली जा सकर्ती
है।

उिर 3

सही भवकलप 4 है।

सेंधमारी पॉभलसी के भलए प्रीभमयम कई िीजों की प्रकृभर्त पर भनिवर करर्ता है जैसे बीभमर्त संपभि, स्वयं
बीमाधारक का नैभर्तक जोभिम, पभरसर का भनमाण और स्थान, सुरक्षा उपाय (जैसे ि़ौकीदार, िोरी का
अलामव), भपछले दावों का अनु िव आभद।

उिर 4

सही भवकलप 2 है।

सेंधमारी की वजह से भकसी व्यभि के पभरसर से नकदी के गायब होने को धन बीमा पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त
भकया जार्ता है। दं गा, हडर्ताल और आर्तंकवाद को अभर्तभरि प्रीभमयम का िुगर्तान करके भवस्र्तार के रूप में
आवभरर्त भकया जा सकर्ता है।

उिर 5

सही भवकलप 1 है।

भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा पॉभलसी भनयोिाओं को उनके कमविाभरयों धोिाधडी या बेईमानी के कारण उनको
होने वाले भविीय हाभन के भवरुद् क्षभर्तपूर्थर्त करर्ती है।

उिर 6

सही भवकलप 4 है।

बैंकर की क्षभर्तपूर्थर्त बीमा पॉभलसी पैसे के संबध


ं में आग, जालसाजी या िेक के पभरवर्तवन, कमविाभरयों की
बेईमानी के कारण पभरसर के िीर्तर रिी धन प्रभर्तिूभर्तयों के नु कसान या क्षभर्त को आवभरर्त कर सकर्ती है।

उिर 7

सही भवकलप 3 है।

ज़ौहरी ब्लॉक पॉभलसी के मामले में बीभमर्त संपभि के पंजीकृर्त पासवल द्वारा पारगमन में होने के द़ौरान उसको
हु ई क्षभर्त को िंड 3 के र्तहर्त आवभरर्त भकया जाएगा।

395
उिर 8

सही भवकलप 2 है।

प्रारंि में भवलंब पॉभलसी को अभग्रम मुनाफे का हाभन आवरण के रूप में िी जाना जार्ता है।

उिर 9

सही भवकलप 2 है।

िोरी (लासवनी) को औद्योभगक सवव जोभिम बीमा के र्तहर्त आवभरर्त नहीं भकया जार्ता है।

उिर 10

सही भवकलप 3 है।

मरीन और भवमानन बीमा की एकमात्र शािा है जो युद् के िर्तरों के भवरुद् आवरण प्रदान करर्ती है।

उिर 11

सही भवकलप 2 है।

जन दाभयत्व बीमा अभधभनयम, 1991 के र्तहर्त वास्र्तभवक भिभकत्सा ििव के भलए दे य मुआवजा 12,500 रुपए है।

396
स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

इंजीभनयलरग बीमा में सीएआर का मर्तलब है

I. मोटर कार

II. ठे केदार सवव जोभिम

III. कंपनी का समस्र्त जोभिम

IV. कंपभनयों की सिी आवश्यकर्ताएं

प्रश्न 2

एक भनयोिा _________ द्वारा अपने कमविाभरयों के बेईमान कृत्यों से िु द का बीमा करवार्ता है।

I. कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी

II. जन दाभयत्व बीमा पॉभलसी

III. भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा पॉभलसी

IV. घोषणा पॉभलसी

प्रश्न 3

_________ जहाज की बॉडी को दशार्ता है।

I. हल

II. कागो

III. समुद्री डकैर्ती (पाइरे सी)

IV. बोझ भगराना (जेभटसन)

प्रश्न 4

____________ वह पॉभलसी है जो भवमान के नु कसान या क्षभर्त को आवभरर्त करर्ती है।

I. वैधाभनक दे यर्ता

II. संपभि बीमा

III. भवमानन बीमा

IV. धन बीमा

प्रश्न 5

अज्ग्न बीमा पॉभलसी ___________ के कारण ऐड-ऑन कवर के रूप में िी संपभि की क्षभर्त को
आवभरर्त नहीं करर्ती है।

397
I. बाढ़

II. िूकंप

III. आग

IV. युद् के कारण बमबारी

प्रश्न 6

पभरणामी हाभन(अज्ग्न पॉभलसी) को आवभरर्त करर्ता है:

I. कारिाने को हु ई क्षभर्त के कारण मुनाफे की हाभन

II. साि की हाभन

III. मशीनरी में सामग्री की टू ट-फूट

IV. भवदे शी मुद्रा के उर्तार-िढ़ाव के कारण हाभन

प्रश्न 7

सेंधमारी में प्रीभमयम ___________ पर भनिवर करर्ता है:

I. सुरक्षा उपाय

II. पभरसर का स्थान

III. संपभि की प्रकृभर्त

IV. उपरोि सिी

प्रश्न 8

ठे केदार सवव जोभिम पॉभलसी ________ की एक भवभवधर्ता है:

I. अज्ग्न बीमा

II. जीवन बीमा

III. इंजीभनयलरग बीमा

IV. मरीन बीमा

प्रश्न 9

कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी ________ का एक प्रकार है

I. दाभयत्व बीमा

II. अज्ग्न बीमा

III. मरीन कागो बीमा

IV. इंजीभनयलरग बीमा

398
प्रश्न 10

धन बीमा पॉभलसी __________ को आवभरर्त करर्ती है:

I. रोकड शेष

II. म्पयुिुअल फंड में भनवेभशर्त धन

III. बिर्त बैंक में पडा धन

IV. डाकघर में जमा धन

स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप 2 है।

इंजीभनयलरग बीमा में सीएआर का मर्तलब ठे केदार सवव जोभिम है।

उिर 2

सही भवकलप 3 है।

भनयोिा भवश्वसनीयर्ता गारंटी बीमा पॉभलसी द्वारा अपने कमविाभरयों के बेईमान कृत्यों से बिने के भलए अपना
बीमा करवार्ता है।

उिर 3

सही भवकलप 1 है।

हल जहाज की बॉडी को दशार्ता है।

उिर 4

सही भवकलप 3 है।

भवमानन बीमा वह पॉभलसी है जो भवमान को होने वाले हाभन या क्षभर्त को आवभरर्त करर्ती है।

उिर 5

सही भवकलप 4 है।

अज्ग्न बीमा पॉभलसी बमबारी या युद् के कारण एक ऐड-ऑन आवरण के रूप में िी संपभि की क्षभर्त को आवभरर्त
नहीं करर्ती है।

उिर 6

सही भवकलप I है।

पभरणामी हाभन (अज्ग्न पॉभलसी) कारिाने को हु ई क्षभर्त के कारण मुनाफे के हाभन को आवभरर्त नहीं करर्ता है।

399
उिर 7

सही भवकलप 4 है।

सेंधमारी में प्रीभमयम सुरक्षा उपायों, पभरसर के स्थान, संपभि की प्रकृभर्त आभद पर भनिवर करर्ता है।

उिर 8

सही भवकलप 3 है।

ठे केदार समस्र्त जोभिम पॉभलसी इंजीभनयलरग बीमा की एक भवभवधर्ता है।

उिर 9

सही भवकलप 1 है।

कमविारी क्षभर्तपूर्थर्त पॉभलसी दाभयत्व बीमा का एक प्रकार है।

उिर 10

सही भवकलप I है।

धन बीमा पॉभलसी रोकड शेष (हाथ में नगदी) को आवभरर्त करर्ती है।

400
अध्याय 16

दावों की कायवप्रणाली

अध्याय पभरिय

भकसी िी बीमा अनु बध


ं के मूल में शुरुआर्त में भकया गया वादा यानी हाभन की ज्स्थभर्त में बीमाधारक को क्षभर्तपूर्थर्त
करना होर्ता है। यह अध्याय हाभन घभटर्त होने के समय से इसमें शाभमल प्रभियाओं और दस्र्तावेजों के बारे में
ििा करर्ता है जो दावों के भनपटान की पूरी प्रभिया को समझने में आसान बनार्ता है। यह बीमाधारक या बीमा
कंपनी द्वारा भववाभदर्त दावों से भनपटने की भवभध िी बर्तार्ता है।

अध्ययन के पभरणाम

क. दावा भनपटान की प्रभिया

इस अध्याय का अध्ययन करने के बाद आप इन बार्तों में सक्षम होंगे:

1. दावा भनपटान कायों के महत्व को समझाना


2. हाभन की सूिना दे ने की प्रभियाओं का वणवन करना
3. दावे की जांि और आकलन का मूलयांकन करना
4. सवेक्षकों और हाभन मूलयांकनकर्ताओं के महत्व को समझाना
5. दावा प्रपत्रों की सामग्री को वणवन करना
6. दावों के समायोजन और भनपटान को पभरिाभषर्त करना

401
क) दावा भनपटान की प्रभिया

1. दावों के भनपटान का महत्व

बीमा कंपनी का सबसे महत्वपूणव कायव हाभन की घटना होने पर पॉभलसीधारक के दावों का भनपटारा करना है।
बीमा कर्तापॉभलसीधारक को िुगर्तान करने या भकसी र्तीसरे पक्ष द्वारा बीमाधारक के भवरुद् भकए गए दावों का
िुगर्तान करने में त्वभरर्त, भनष्पक्ष और न्यायसंगर्त सेवा प्रदान करके इस वादे को पूरा करर्ती है।

बीमा की माकेलटग बीभमर्त जोभिमों के कारण क्षभर्त पर क्षभर्तपूर्थर्त प्रदान करने के भलए एक भविीय र्तंत्र के रूप में
की जार्ती है। यभद यह बीमा और दावा भनपटान प्रभिया के भलए नहीं होर्ती, दु िाग्यपूणव दु घवटना/घटना के बाद
सामान्य ज्स्थभर्त में वापस ल़ौटना धीमा, अक्षम और मुज्श्कल हो सकर्ता है।

गैर-जीवन बीमा कंपनी के बोडव रूप में एक संदेश उद्द्द्यृर्त था “िुगर्तान करें यभद आप कर सकर्ते हैं ; पभरत्याग
करें यभद आपको करना िाभहए”। यही बीमा के महान व्यवसाय की िावना है।

पेशेवर र्तरीके से दावों के भनपटान को बीमा कंपनी के भलए सबसे बडा भवज्ञापन माना जार्ता है।

क) र्तत्परर्ता

िाहे बीमाधारक एक कॉपोरे ट ग्राहक हो या कोई व्यभि या िाहे हाभन का आकार बडा हो या छोटा,
दावों का शीघ्र भनपटान बहु र्त महत्वपूणव है। यह समझा जाना िाभहए भक बीमाधारक को हाभन के बाद
भजर्तनी जलदी संिव हो सके, बीमा क्षभर्तपूर्थर्त की जरूरर्त होर्ती है।

यभद उसे र्तुरंर्त पैसा भमल जार्ता है र्तो यह उसके भलए बहु र्त उपयोगी होर्ता है। जब बीमाधारक को सबसे
अभधक जरूरर्त होर्ती है - हाभन के बाद भजर्तनी जलदी संिव हो सके, दावा राभश का िुगर्तान करना
बीमा कंपनी का कर्तवव्य है।

ि) व्यावसाभयकर्ता

बीमा अभधकारी प्रत्येक दावे पर उसकी योग्यर्ता के अनुसार भविार करर्ते हैं और उन सिी दस्र्तावेजों
की जांि भकए भबना जो भनम्पनभलभिर्त सवालों के जवाब दे गा, दावे को अस्वीकार करने के भलए
प्रभर्तकूल या पूववकज्लपर्त धारणाएं लागू नहीं करर्ते हैं ।

i. क्या हाभन वास्र्तव में हु ई थी?


ii. यभद हां, र्तो क्या हाभन करने वाली घटना वास्र्तव में हाभन का कारण बनी थी?
iii. इस घटना से होने वाली हाभन की सीमा।
iv. हाभन का कारण क्या था?
v. क्या हाभन को पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त भकया गया था?
vi. क्या दावा अनु बध
ं /पॉभलसी की शर्तों के अनुसार दे य है ?
vii. यभद हां, र्तो दे य राभश भकर्तनी है ?

इन सिी सवालों के जवाब बीमा कंपनी को जानना आवश्यक है।

दावों की प्रभिया पूरी करना एक महत्वपूणव गभर्तभवभध है। सिी दावों, प्रपत्रों, कायवप्रणाभलयों और
प्रभियाओं को कंपनी द्वारा यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए सावधानीपूववक र्तैयार भकया गया है भक

402
पॉभलसी के र्तहर्त ‘दे य’ सिी दावों का र्तुरंर्त िुगर्तान भकया जार्ता है और जो दे य नहीं हैं , उनका िुगर्तान
नहीं भकया जार्ता है।

एजेंट को, बीमाधारक की जानकारी में कंपनी का प्रभर्तभनभध होने के नार्ते यह सुभनज्श्िर्त करना िाभहए
भक सिी प्रासंभगक प्रपत्रों को सही जानकारी के साथ ठीक से िरा जार्ता है, हाभन के साक्ष्य बनने वाले
सिी दस्र्तावेजों को संलग्न भकया जार्ता है और सिी भनधाभरर्त प्रभियाओं का समय पर ढं ग से पालन
भकया जार्ता है और कंपनी को भवभधवर्त प्रस्र्तुर्त भकया जार्ता है। हाभन के समय एजेंट की िूभमका की
ििा पहले हो िुकी है।

2. हाभन की सूिना या नोभटस

पॉभलसी की शर्तों में यह प्रावधान है भक हाभन के बारे में र्तुरंर्त बीमा कंपनी को सूभिर्त भकया जाएगा। र्तत्काल
सूिना का उद्देश्य बीमा कंपनी को हाभन की प्रारंभिक अवस्था उसकी जांि करने की अनु मभर्त दे ना है। भवलंब
होने से हाभन से संबंभधर्त महत्वपूणव सूिनाएं गायब हो सकर्ती हैं । यह हाभन कम से कम करने और भनस्र्तारण से
बिाव के भलए कदम उठाने के उपाय सुझाने में बीमा कंपनी को सक्षम बनाएगा। हाभन की सूिना यथोभिर्त रूप
से भजर्तनी जलदी संिव हो, दी जानी िाभहए।

इस प्रारंभिक जांि/संवीक्षा के बाद दावे को एक नंबर आवंभटर्त भकया जार्ता है और पॉभलसी नंबर, बीमाधारक
व्यभि के नाम, हाभन की राभश का अनु मान, हाभन की र्तारीि जैसे भववरणों के साथ दावा पंजी में दजव भकया
जार्ता है, अब दावा कारववाई के भलए र्तैयार है।

कुछ प्रकार की पॉभलभसयों के र्तहर्त (जैसे सेंधमारी) पुभलस अभधकाभरयों को िी सूिना दी जानी िाभहए। कागो
रे ल पारगमन पॉभलभसयों के र्तहर्त सूिना रे लवे को दी जानी िाभहए।

3. जांि और मूलयांकन

क) संभक्षर्त जानकारी

बीमाधारक से दावा प्रपत्र प्राप्र्त होने पर बीमा कंपनी हाभन की जांि और मूलयांकन के बारे में भनणवय
लेर्ती है। यभद दावा राभश छोटी है, र्तो कारण और हाभन की सीमा भनधाभरर्त करने के भलए बीमा कंपनी
के एक अभधकारी द्वारा जांि की जार्ती है।

अन्य दावों की जांि का काम स्वर्तंत्र लाइसेंस प्राप्र्त पेशेवर सवेक्षकों को सौंपा जार्ता है जो हाभन के
आकलन में भवशेषज्ञ होर्ते हैं । स्वर्तंत्र सवेक्षकों द्वारा हाभन का आकलन इस भसद्ांर्त पर आधाभरर्त है भक
िूंभक बीमा कर्ता और बीमाधारक दोनों इछछु क पार्थटयां हैं , भकसी िी भववाद की ज्स्थभर्त में एक स्वर्तंत्र
पेशेवर व्यभि की भनष्पक्ष राय दोनों पक्षों और कानून की एक अदालर्त को स्वीकायव होनी िाभहए।

ि) दावों का मूलयांकन

आग के मामले में दावे का मूलयांकन पुभलस भरपोटव , कारण अज्ञार्त होने पर जांिकर्ताओं की भरपोटव और
एक सवेक्षण भरपोटव के आधार पर भकया जार्ता है। व्यभिगर्त दु घवटना दावों के भलए बीमाधारक को
दु घवटना का कारण या बीमारी की प्रकृभर्त, जैसा िी मामला हो, और भवकलांगर्ता की अवभध भनर्थदष्ट
करर्ते हु ए उपिार करने वाले भिभकत्सक की एक भरपोटव प्रस्र्तुर्त करने की आवश्यकर्ता है।

403
पॉभलसी की शर्तों के र्तहर्त बीमा कंपभनयां एक स्वर्तंत्र भिभकत्सा परीक्षा की व्यवस्था करने का अभधकार
सुरभक्षर्त रिर्ती हैं। “कामगार क्षभर्तपूर्थर्त” दावों के समथवन में भिभकत्सकीय प्रमाण की िी आवश्यकर्ता
होर्ती है। पशुधन और मवेभशयों के दावों का मूलयांकन एक पशु भिभकत्सक की भरपोटव के आधार पर
भकया जार्ता है।

सूिना

हाभन या क्षभर्त की सूिना प्राप्र्त होने पर बीमा कंपभनयां यह जांि करर्ती हैं भक क्या:

1. बीमा पॉभलसी हाभन या क्षभर्त की घटना की र्तारीि को प्रिावी है


2. हाभन या क्षभर्त एक बीभमर्त जोभिम के कारण हु ई है
3. हाभन से प्रिाभवर्त संपभि (बीमा की भवषय-वस्र्तु) वही संपभि है जो पॉभलसी के र्तहर्त बीभमर्त है
4. हाभन की सूिना भवलंब के भबना प्राप्र्त हु ई है

मृत्यु और व्यभिगर्त िोटों को शाभमल करने वाले मोटर र्तृर्तीय पक्ष के दावों का मूलयांकन भिभकत्सक की भरपोटव
के आधार पर भकया जार्ता है। इन दावों को मोटर दु घट
व ना दावा न्यायाभधकरण द्वारा भनपटाया जार्ता है और
िुगर्तान की जाने वाली राभश दावेदार की उम्र और आय जैसे कारकों द्वारा र्तय की जार्ती है।

र्तीसरे पक्ष की संपभि की हाभन से संबभं धर्त दावों का मूलयांकन एक सवेक्षण भरपोटव के आधार पर होर्ता है।

 मोटर स्वयं क्षभर्त दावे का मूलयांकन सवेक्षण की भरपोटव के आधार पर भकया जार्ता है।
 र्तीसरे पक्ष की हाभन शाभमल होने पर पुभलस भरपोटव की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

सूिना

जांि हाभन के मूलयांकन से अलग है। जांि यह सुभनज्श्िर्त करने के भलए की जार्ती है भक वै ध दावा भकया गया है
और बीमा योग्य भहर्त का अिाव, महत्वपूणव र्त्यों को दबाना या गलर्तबयानी करना, जान बूझकर क्षभर्त करना
आभद जैसे महत्वपूणव भववरण र्तथा संदेह को सत्याभपर्त करने की संिावना से इनकार भकया जार्ता है।

स्वास््य बीमा दावों का मूलयांकन आंर्तभरक रूप से या गैर-जीवन बीमा कंपभनयों की ओर से र्तीसरे पक्ष के
व्यवस्थापकों (टीपीए) द्वारा भकया जार्ता है। मूलयांकन भिभकत्सा भरपोटव और भवशेषज्ञों की राय पर आधाभरर्त
होर्ता है।

बीमा सवेक्षक जांि का काम िी करर्ते हैं । यह एक सवेक्षक को जलद से जलद काम पूरा करने में मदद करर्ता है।
इसभलए, दावे की सूिना प्राप्र्त होने के बाद भजर्तनी जलदी हो सके, सवेक्षक की भनयुभि करना प्रथागर्त है।

4. सवेक्षक और हाभन मूलयांकनकर्ता

क) सवेक्षक

सवेक्षक आईआरडीए द्वारा लाइसेंस प्राप्र्त पेशेवर हैं । वे भवभशष्ट क्षेत्रों में हाभन का भनरीक्षण और
मूलयांकन करने में भवशेषज्ञ होर्ते हैं । सवेक्षकों को आम र्त़ौर पर बीमा कंपनी द्वारा अपने काम में लेकर
फीस का िुगर्तान भकया जार्ता है। सवेक्षकों और हाभन मूलयांकनकर्ताओं को दावे के समय आम र्त़ौर पर
साधारण बीमा कंपभनयों द्वारा काम पर रिा जार्ता है। वे भववाभदर्त संपभि का भनरीक्षण, जांि और हाभन

404
की पभरज्स्थभर्तयों र्तथा कारणों का सत्यापन करर्ते हैं । वे हाभन की मात्रा का अनु मान िी लगार्ते हैं और
बीमा कंपनी को भरपोटव प्रस्र्तुर्त करर्ते हैं।

वे आगे के हाभन को रोकने के भलए उभिर्त उपाय के संबंध में बीमा कंपभनयों को सलाह िी दे र्ते हैं ।
सवेक्षक बीमा अभधभनयम 1938, बीमा भनयम 1939 और आईआरडीए द्वारा जारी भवभशष्ट भवभनयमों के
प्रावधानों से संिाभलर्त होर्ते हैं । भनयार्त के भलए ‘यात्रा पॉभलसी’ या ‘मरीन ओपन आवरण’ के मामले में
दे श के बाहर भकए गए दावों का मूलयांकन पॉभलसी में नाभमर्त भवदे शी दावा भनपटान एजेंटों द्वारा भकया
जार्ता है।

ये एजेंट हाभन का आकलन और िुगर्तान कर सकर्ते हैं भजसकी प्रभर्तपूर्थर्त बीमा कंपभनयों द्वारा उनके
भनपटान शुलक के साथ की जार्ती है। वैकज्लपक रूप से, दावा संबध
ं ी सिी कागजार्तों को बीमा दावा
भनपटान एजेंटों द्वारा एकत्र भकया जार्ता है और उनके मूलयांकन के साथ बीमा कंपभनयों को प्रस्र्तुर्त
भकया जार्ता है।

महत्वपूणव

बीमा अभधभनयम की धारा 64 यूएम

जहां बीमा की भकसी िी पॉभलसी पर मूलय में बीस हजार रुपए से कम के दावे के मामले में दावे की राभश के
गैर-आनु पाभर्तक व्यय को ििव भकए भबना अनु मोभदर्त सवेक्षक या हाभन भनधारक भनयुि करना एक बीमा कंपनी
के भलए व्यावहाभरक नहीं है, बीमा कंपनी इस र्तरह के हाभन का सवेक्षण के भलए भकसी िी अन्य व्यभि (एक
सवेक्षक या हाभन भनधारक के रूप में भनयुि होने के संबध
ं में उस समय अयोग्य घोभषर्त नहीं भकया गया व्यभि)
को भनयुि कर सकर्ती है और जो वह ठीक समझे , इस प्रकार भनयुि व्यभि को ऐसे उभिर्त शुलक या
पाभरश्रभमक का िुगर्तान कर सकर्ती है।

5. दावा प्रपत्र

दावा प्रपत्र की सामभग्रयां बीमा के प्रत्येक वगव के साथ बदलर्ती रहर्ती है। सामान्यर्तः दावा प्रपत्र हाभन की
पभरज्स्थभर्तयों जैसे भक हाभन की र्तारीि, समय, हाभन का कारण, हाभन की सीमा आभद के बारे में पूरी जानकारी
प्राप्र्त करने के भलए बनाया जार्ता है। अन्य प्रश्न एक से दूसरे बीमा वगव में भिन्न हो सकर्ते हैं ।

उदाहरण

अज्ग्न दावा प्रपत्र में मांगी गई जानकारी का उदाहरण यहां नीिे भदया गया है:

i. बीमाधारक का नाम, पॉभलसी नंबर और पर्ता

ii. आग लगने की र्तारीि, समय, कारण और पभरज्स्थभर्तयां

iii. क्षभर्तग्रस्र्त संपभि का भववरण

iv. आग लगने के समय संपभि का उभिर्त मूलय। जहां बीमा कई आइटमों से भमलकर बना होर्ता है भजसके
र्तहर्त दावा भकया जार्ता है। [दावा मूलयह्रास, टू ट-फूट के भलए ििा के दे ने के बाद घटना के स्थान
और समय पर संपभि के वास्र्तभवक मूलय के आधार पर भकया जाना िाभहए (जब र्तक भक िवन, संयंत्र

405
एवं मशीनरी के संबध
ं में पॉभलसी “पुनस्थापन मूलय” आधार पर नहीं है)। इसमें मुनाफ़ा शाभमल नहीं
होगा]

v. भनस्र्तारण मूलय की कट़ौर्ती के बाद दावा राभश

vi. पभरसर की ज्स्थभर्त और दिलदारी भजसमें आग लगने की घटना हु ई है

vii. क्षमर्ता भजसमें बीमाधारक दावा करर्ता है, िाहे वह माभलक, बंधक या इसी र्तरह के रूप में हो

viii. क्या भकसी िी अन्य व्यभि को क्षभर्तग्रस्र्त संपभि में भदलिस्पी है

ix. क्या ऐसी संपभि पर कोई अन्य बीमा प्रिावी है, यभद हां, र्तो र्तत्संबध
ं ी भववरण

इसके बाद प्रपत्र में बयान की सछिाई और शुद्र्ता की घोषणा की जार्ती है और बीमाधारक का हस्र्ताक्षर करके
र्तारीि भलिा जार्ता है।

बीमा कंपनी के अज्ग्न दावा प्रपत्र का एक नमूना इस अध्याय में “अनब


ु ांि 1” के रूप में भदया गया है।

बीमा कंपनी द्वारा दावा प्रपत्र जारी करने का यह आशय या मर्तलब नहीं है भक दावे की दे यर्ता को बीमा
कंपभनयों द्वारा स्वीकार कर भलया गया है। दावा प्रपत्र ‘प्रभर्तकूल प्रिाव डाले भबना’ भटप्पणी के साथ जारी भकए
जार्ते हैं।

क) समथवक दस्र्तावेज़

दावा प्रपत्र के अलावा दावेदार द्वारा कुछ दस्र्तावेज़ प्रस्र्तुर्त भकया जाना या दावे को पुष्ट करने के भलए
बीमा कंपभनयों द्वारा सुरभक्षर्त भकया जाना आवश्यक है।

i. अज्ग्न दावों के भलए फायर भब्गेड की भरपोटव की आवश्यकर्ता होगी।

ii. ििवार्त से क्षभर्त के भलए म़ौसम भवज्ञान कायालय से भरपोटव मांगी जा सकर्ती है

iii. सेंधमारी दावों में पुभलस की भरपोटव की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

iv. घार्तक दु घवटना दावों के भलए कोरोनर और पुभलस की भरपोटव की आवश्यकर्ता हो सकर्ती है।

v. मोटर दावों के भलए बीमा कंपनी िाइलवग लाइसेंस, पंजीकरण पुस्र्तक, पुभलस भरपोटव आभद की
जांि करना पसंद करे गी।

vi. मभरन कागो दावों में दस्र्तावेजों की प्रकृभर्त हाभन के प्रकार यानी कुल हाभन, भवशेष औसर्त,
अंर्तदे शीय या भवदे शी पारगमन दावे आभद के अनु सार बदलर्ती रहर्ती है।

6. हाभन का आकलन और दावा भनपटान

दावा मूलयांकन यह भनधाभरर्त करने की प्रभिया है भक क्या बीभमर्त को हु ई हाभन बीभमर्त जोभिम के कारण हु आ है
और वारंटी का कोई उललंघन नहीं हु आ है।

दावों का भनपटान भनष्पक्षर्ता और समानर्ता के भविारों पर आधाभरर्त होना िाभहए। गैर -जीवन बीमा कंपनी के
भलए दावों का शीघ्र भनपटान उसकी सेवाओं के भलए दक्षर्ता का मानक है। प्रत्येक कंपनी के पास दावों पर

406
कारववाई में लगने वाले समय के बारे में आंर्तभरक भदशाभनदे श होर्ते हैं भजनका पालन इसके कमविाभरयों द्वारा
भकया जार्ता है।

इसे आम र्त़ौर पर “टनवअराउं ड समय” (टीएटी) शब्द से जाना जार्ता है। कुछ बीमा कंपभनयों ने बीमाधारक के
भलए समय-समय पर ऑनलाइन दावा ज्स्थभर्त की जांि करने की सुभवधा उपलब्ध करायी है। कुछ गैर -जीवन
बीमा कंपभनयों ने िी दावों की कारववाई र्ते जी से पूरी करने के भलए दावा केंद्र की स्थापना की है।

महत्वपूणव

बीमा दावा के महत्वपूणव पहलू

i. पहला पहलू यह र्तय करने का है भक क्या हाभन पॉभलसी के दायरे के िीर्तर है। आसन्न कारण का
कानूनी भसद्ांर्त यह र्तय करने के भलए भदशाभनदे श प्रदान करर्ता है भक क्या हाभन एक बीभमर्त जोभिम
या एक अपवर्थजर्त जोभिम के कारण है। हाभन पॉभलसी के दायरे के िीर्तर है, यह साभबर्त करने का िार
बीमाधारक पर होर्ता है। हालांभक हाभन अपवर्थजर्त जोभिम के कारण हु ई है र्तो इसे साभबर्त करने का
िार बीमा कंपनी पर है।

ii. दू सरा पहलू यह र्तय करने का है भक क्या बीमाधारक ने पॉभलसी की शर्तों, भवशेष रूप से उन शर्तों का
पालन भकया है जो ‘दाभयत्व’ से पहले आर्ते हैं ।

iii. र्तीसरा पहलू वारंटी के अनुपालन के संबंध में है। सवेक्षण भरपोटव से यह पर्ता िल जाएगा भक क्या
वारंभटयों का पालन भकया गया है या नहीं।

iv. ि़ौथा पहलू पॉभलसी की िालू अवभध के द़ौरान प्रस्र्तावक द्वारा परम सद्भाव के पालन से संबंभधर्त है।

v. हाभन की घटना पर बीमाधारक से इस प्रकार आिरण करने की अपेक्षा की जार्ती है जैसे भक वह


अबीभमर्त है। दू सरे शब्दों में, हाभन को कम करने के उपाय करना उसका एक कर्तवव्य है।

vi. छठा पहलू दे य राभश के भनधारण से संबभं धर्त है। दे य हाभन की राभश बीमा राभश के अधीन है। हालांभक
दे य राभश भनम्पन बार्तों पर भनिवर िी करे गी:

 प्रिाभवर्त संपभि में बीमाधारक के बीमा योग्य भहर्त की सीमा।


 भनस्र्तारण का मूलय
 अलपबीमा का प्रयोग
 योगदान और प्रस्थापन की शर्तों का प्रयोग

क) दावे की श्रेभणयां

बीमा पॉभलभसयों से संबभं धर्त दावे भनम्पनभलभिर्त श्रेभणयों में आर्ते हैं :

i. मानक दावे

ये ऐसे दावे हैं जो स्पष्ट रूप से पॉभलसी के भनयमों और शर्तों के िीर्तर आर्ते हैं । दावे का मूलयांकन दायरे
और ियभनर्त बीमा राभश र्तथा बीमा की भवभिन्न श्रेभणयों के भलए भनधाभरर्त क्षभर्तपूर्थर्त के अन्य र्तरीकों को
ध्यान में रिर्ते हु ए भकया जार्ता है।

407
बीमा कंपनी द्वारा दे य दावा राभश में ली गयी पॉभलसी के आधार पर हाभन के समय मूलय, बीमा योग्य
भहर्त, भनस्र्तारण की संिावनाएं, आय की हाभन, उपयोग का नु कसान, मूलयह्रास, प्रभर्तस्थापन मूलय
जैसे भवभिन्न कारकों को ध्यान में रिा जार्ता है।

ii. अवमानक दावे

ये ऐसे दावे हैं जहां बीमाधारक ने भकसी शर्तव या वारंटी का उललंघन भकया हो सकर्ता है। इन दावों का
भनपटान गैर-जीवन बीमा कंपभनयों द्वारा बनाए गए भनयमों और भवभनयमों के अधीन माना जार्ता है।

iii. औसर्त शर्ते या औसर्त िंड

यह कुछ पॉभलभसयों में एक शर्तव है जो बीमाधारक को अपनी संपभि के वास्र्तभवक मूलय से कम बीमा
राभश पर उसका बीमा करने के भलए, भजसे अलपबीमा के रूप में जाना जार्ता है, बीमाधारक को दज्ण्डर्त
करर्ती है। दावे की ज्स्थभर्त में बीमाधारक को अलपबीमा की राभश के अनुसार उसके वास्र्तभवक हाभन से
अनु पाभर्तक रूप से घटायी गयी राभश प्राप्र्त होर्ती है।

iv. ईश्वरीय कृत्य के जोभिम - महासंकट से होने वाली हाभन

र्तूफान, ििवार्त, बाढ़, सैलाब और िूकंप जैसी प्राकृभर्तक आपदाओं को “ईश्वरीय कृत्य” के जोभिमों
के रूप में जाना जार्ता है। इन िर्तरों से प्रिाभवर्त क्षेत्र में बीमा कर्ता की कई पॉभलभसयों को हाभन हो
सकर्ती है।

ऐसे बडे और महासंकटपूणव नु कसानों में सवेक्षक को एक प्रारंभिक आकलन और हाभन न्यूनीकरण के
प्रयासों के भलए र्तुरंर्त हाभन के स्थान पर जाने के भलए कहा जार्ता है। इसके साथ-साथ बीमा कर्ता के
अभधकारी हाभन स्थल का द़ौरा करर्ते हैं , ख़ास र्त़ौर पर जब इसमें शाभमल राभश बहु र्त बडी हो। इस द़ौरे
का उद्देश्य हाभन की प्रकृभर्त और अभधकर्तम सीमा के बारे में एक र्तत्काल आकलन प्राप्र्त करना होर्ता है।

प्रारंभिक भरपोटव िी प्रस्र्तुर्त की जार्ती है अगर सवेक्षक को आकलन के संबध


ं में कुछ समस्याओं का
सामना करना पडर्ता है और वे बीमा कर्ता से मागवदशवन और भनदे श की मांग कर सकर्ते हैं , जब
आवश्यक होने पर उनको बीमाधारक के साथ मुद्दों पर ििा करने का एक अवसर भदया जार्ता है।

v. लेिागर्त िुगर्तान

प्रारंभिक भरपोटों के अलावा समय-समय पर अंर्तभरम भरपोटव िी प्रस्र्तुर्त भकए जार्ते हैं जहां एक लंबी
अवभध में मरम्पमर्त और/या प्रभर्तस्थापन का काम भकया जार्ता है। अंर्तभरम भरपोटव से िी बीमा कर्ता को
हाभन के आकलन की प्रगभर्त का एक अंदाजा भमलर्ता है। यह बीमाधारक की इछछा पर दावे की
“लेिागर्त िुगर्तान” की भसफाभरश में िी मदद करर्ता है। यह आमर्त़ौर पर उस समय होर्ता है जब हाभन
बडा हो और मूलयांकन पूरा होने में कुछ समय लग सकर्ता है।

यभद दावा सही पाया जार्ता है र्तो दावेदार को िुगर्तान भकया जार्ता है और कंपनी के भरकॉडव में
प्रभवज्ष्टयां की जार्ती हैं। सह-बीमा कर्ता और पुनबीमा कर्ता से उपयुि वसूभलयां की जार्ती हैं , यभद कोई
हो। कुछ मामलों में बीमाधारक वह व्यभि नहीं हो सकर्ता है भजसे पैसे का िुगर्तान भकया जाएगा।

408
उदाहरण

यभद अज्ग्न पॉभलसी के र्तहर्त बीभमर्त संपभि भकसी बैंक के पास भगरवी रिी है र्तो “सहमर्त बैंक क्लॉज” के
अनु सार दावा राभशयों का िुगर्तान बैंक को भकया जाएगा। इसी प्रकार भकराया िरीद समझ़ौर्ते के अधीन वाहनों
पर “कुल हाभन” के भलए दावों का िुगर्तान भविपोषकों (फाइनेंसरों) को भकया जार्ता है।

मरीन कागो दावों का िुगर्तान उस दावेदार को भकया जार्ता है जो हाभन के समय भवभधवर्त रूप से अपने पक्ष में
पृष्ठांभकर्त समुद्री पॉभलसी प्रस्र्तुर्त करर्ता है।

ि) भडसिाजव वाउिर

दावे का भनपटान केवल पॉभलसी के र्तहर्त एक भडसिाजव प्राप्र्त करने के बाद ही भकया जार्ता है। घावों के
भलए दावों की भडसिाजव रसीद (व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के र्तहर्त) का एक नमूना भनम्पन र्तजव पर भलिा
जार्ता है: (अलग-अलग कंपनी के भलए भिन्न हो सकर्ता है)।

बीमाधारक का नाम
दावा सं. पॉभलसी नं.
........................................ कंपनी भलभमटे ड से प्राप्र्त

__________ को या के संबध
ं में हु ई दु घवटना के कारण मुझे/हमें लगो घावों के मामले में
मुझे/हमें दे य क्षभर्तपूर्थर्त के पूणव एवं अंभर्तम भनपटान में ___________ रुपए की राभश के
भलए मैं/हम यह भडसिाजव रसीद उि दावे के संबंध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पन्न होने वाले
मे रे/हमारे वर्तवमान या िभवष्य के सिी दावों के पूणव एवं अंभर्तम भनपटान के रूप में कंपनी को दे र्ता हू ं ।

भदनांक (हस्र्ताक्षर)

र्तृर्तीय पक्ष के दाभयत्व दावों के भलए भडसिाजव रसीद के शब्द भनम्पन र्तजव पर हो सकर्ते हैं :

मैं (दावेदार का नाम), ____________ का, एर्तद्द्द्वारा _____________


रुपए की राभश का प्राज्प्र्त स्वीकार करर्ता हू ं , यह राभश ________ (बीमाधारक का नाम) के
द्वारा भदनांक __________को या लगिग ________ बजे मे रे साथ घभटर्त हु ई
दु घवटना के माध्यम से लगी शारीभरक िोट और अन्य हाभनयों के भलए मेरे द्वारा उन पर भकए गए दावे
के संबंध में िुगर्तान की गयी है और मैं यह सहमभर्त दे र्ता हू ं भक यह राभश उि घटना और क्षभर्त के
संबंध में उि ________ (या भकसी अन्य व्यभि) की ओर से दाभयत्व के अस्वीकरण के साथ
िुगर्तान की गयी है जो अिी या इसके बाद र्तैयार हो सकर्ते हैं या इस आशय के भलए भक उि और
अन्य सिी व्यभियों को पूरी र्तरह से और अंभर्तम रूप से उि घटना से उत्पन्न होने वाले हर प्रकृभर्त
और प्रकार के अगले और अन्य दावों से, िाहे जो िी हो, मे रे द्वारा या मेरी ओर से भवमुि भकया
जार्ता है।

भदनांक हस्र्ताक्षर गवाह

409
(नोट: ये शब्द मानक नहीं हैं लेभकन केवल उदाहरण के रूप में भदए गए हैं और भिन्न हो सकर्ते हैं )।

ग) भनपटान के बाद की कारववाई

बीमालेिन के संबंध में दावे के भनपटान के बाद की जाने वाली कारववाई व्यवसाय के एक वगव से दू सरे
वगव में भिन्न होर्ती है।

उदाहरण

अज्ग्न पॉभलसी के र्तहर्त बीमा राभश िुगर्तान की गयी दावा राभश की सीमा र्तक कम हो जार्ती है। हालांभक, इसे
यथानु पार्त प्रीभमयम का िुगर्तान करके पुनस्थाभपर्त भकया जा सकर्ता है जो िुगर्तान की जाने वाली दावा राभश से
काट ली जार्ती है।

व्यभिगर्त दु घवटना पॉभलसी के र्तहर्त पूंजीगर्त बीमा राभश के िुगर्तान पर पॉभलसी भनरस्र्त हो जार्ती है।

इसी र्तरह, व्यभिगर्त भवश्वसनीयर्ता गारंटी पॉभलसी के र्तहर्त एक दावे का िुगर्तान पॉभलसी को स्वर्तः समाप्र्त
कर दे र्ता है।

घ) सालवेज

सालवेज आम र्त़ौर पर क्षभर्तग्रस्र्त संपभि को दशार्ता है। हाभन का िुगर्तान करने पर सालवेज बीमा
कंपभनयों का हो जार्ता है।

उदाहरण

जब मोटर दावों का भनपटान कुल हाभन के आधार पर भकया जार्ता है र्तो क्षभर्तग्रस्र्त वाहन को बीमा कर्ता द्वारा
अभधग्रभहर्त कर भलया जार्ता है। सालवेज अज्ग्न बीमा दावों, मरीन कागो दावों आभद में िी उत्पन्न हो सकर्ता है।

सालवेज को इस उद्देश्य के भलए कंपभनयों द्वारा भनधाभरर्त प्रभिया के अनु सार भनपटाया जार्ता है। हाभन का
आकलन करने वाले सवेक्षक भनपटान के र्तरीकों की िी भसफाभरश करर्ते हैं ।

ङ) वसूभलयां

दावों के भनपटान के बाद, बीमा अनु बंधों के भलए लागू प्रस्थापन अभधकारों के र्तहर्त बीमा कर्ता
बीमाधारक के अभधकारों और उपिारों की हकदार हो जार्ती हैं और उनको संबंभधर्त लागू कानूनों के
र्तहर्त हाभन के भलए भजम्पमे दार र्तीसरे पक्ष से िुगर्तान भकए गए हाभन की वसूली का अभधकार भमल जार्ता
है। इस प्रकार, बीमा कर्ता भशलपग कंपभनयों, रे लवे, सडक पर माल वाहकों, एयरलाइनों, पोटव ट्स्ट
अभधकाभरयों आभद से हाभन की वसूली कर सकर्ती हैं ।

उदाहरण

माल की सुपुदवगी नहीं होने के मामले में मालवाहक हाभन के भलए भजम्पमे दार होर्ते हैं । इसी प्रकार, पोटव ट्स्ट उन
सामानों के भलए उिरदायी है भजनको सुरभक्षर्त रूप से उर्तारा गया था लेभकन बाद में लापर्ता हो गया। इस
प्रयोजन के भलए दावे के भनपटान से पहले भवभधवर्त मुहर लगा एक प्रस्थापन का पत्र बीमाधारक से प्राप्र्त भकया
जार्ता है।

410
7. दावों से संबभं धर्त भववाद

सववश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद दावे के िुगर्तान में भवलंब या िुगर्तान नहीं होने के कई कारण हो सकर्ते हैं , या र्तो
हाभन की सूिना भमलने में दे री या ग्राहकों द्वारा दस्र्तावेज़ प्रस्र्तुर्त नहीं करना।

इनके अलावा कुछ सबसे आम कारण इस प्रकार हैं :

 महत्वपूणव र्त्यों का िु लासा नहीं करना


 आवरणों की कमी
 अपवर्थजर्त िर्तरों की वजह से हु ई हाभन
 पयाप्र्त बीमा राभश का अिाव
 वारंटी का उललंघन
 अलपबीमा, मूलयह्रास आभद के कारण मात्रा संबध
ं ी मुद्दे

ये सिी कारण उस समय बीमाधारक को काफी र्तकलीफ दे सकर्ते हैं जब वह पहले से हाभन के कारण उत्पन्न
होने वाली भविीय बाधाओं से पीभडर्त है।

उसके कष्टों को कम करने के भलए भशकायर्त भनवारण और भववाद के भनपटारे की प्रभियाएं िी पॉभलसी में
भनधाभरर्त की गयी हैं । अज्ग्न या संपभि की पॉभलभसयों में “मध्यस्थर्ता” की शर्तव िी जु डी होर्ती है।

क) मध्यस्थर्ता

मध्यस्थर्ता अनु बध
ं ों से उत्पन्न होने वाले भववादों को भनपटाने की एक भवभध है। मध्यस्थर्ता, मध्यस्थर्ता
और समाधान अभधभनयम, 1996 के प्रावधानों के अनुसार की जार्ती है। इसके अंर्तगवर्त एक अनु बध
ं लागू
करने या एक भववाद भनपटाने का सामान्य र्तरीका कानून की अदालर्त में जाना होगा। हालांभक इस
र्तरह की मुकदमे बाजी में काफी दे री और ििव शाभमल है। मध्यस्थर्ता अभधभनयम पार्थटयों को मध्यस्थर्ता
की अभधक अऩौपिाभरक, भकफायर्ती और भनजी प्रभिया के भलए एक अनु बध
ं के र्तहर्त भववादों को
प्रस्र्तुर्त करने की अनु मभर्त दे र्ता है।

मध्यस्थर्ता भववाद के पार्थटयों द्वारा स्वयं िुने गए अकेले मध्यस्थ द्वारा या एक से अभधक मध्यस्थ द्वारा
की जा सकर्ती है। एक अकेले मध्यस्थ के मामले में पार्थटयों का उस व्यभि के बारे में सहमर्त होना
आवश्यक है। कई व्यावसाभयक बीमा पॉभलभसयों में एक मध्यस्थर्ता क्लॉज शाभमल होर्ता है भजसमें यह
कहा जार्ता है भक भववाद मध्यस्थर्ता के अधीन होंगे। अज्ग्न और ययादार्तर भवभवध पॉभलभसयों में िी एक
मध्यस्थर्ता क्लॉज शाभमल हो सकर्ता है भजसमें यह प्रावधान होर्ता है भक यभद पॉभलसी के र्तहर्त दाभयत्व
कंपनी द्वारा स्वीकार भक जार्ता है और िुगर्तान की जाने वाली मात्रा के भवषय में कोई मर्तिेद होर्ता है
र्तो इस र्तरह के मर्तिेद को मध्यस्थर्ता करने के भलए िेजा जाना िाभहए। आम र्त़ौर पर मध्यस्थ का
भनणवय अंभर्तम माना जार्ता है और दोनों पक्षों पर बाध्यकारी होर्ता है।

शर्तव की बार्तें अलग-अलग पॉभलसी में अलग-अलग होर्ती हैं । आम र्त़ौर पर यह भनम्पनानुसार होर्ता है:

i. भववाद पार्थटयों द्वारा भनयुि भकए जाने वाले एक अकेले मध्यस्थ के भनणवय के भलए उसे प्रस्र्तुर्त
भकया जार्ता है या उनके बीि भकसी असहमभर्त होने पर एक अकेले मध्यस्थ की भनयुभि के बाद
दो मध्यस्थों के भनणवय के भलए उनके पास िेजा जार्ता है भजनमें से प्रत्येक की भनयुभि पार्थटयों
द्वारा की जार्ती है।

411
ii. ये दो मध्यस्थ एक अंपायर भनयुि करें गे जो बैठकों की अध्यक्षर्ता करर्ता है। इन बैठकों के द़ौरान
कानून की एक अदालर्त के समान प्रभिया अपनायी जार्ती है। आवश्यक होने पर, हर पाटी एक
वकील की मदद से अपने मामले को सामने रिर्ती है और गवाहों से पूछर्ताछ जांि की जार्ती है।

iii. यभद दो मध्यस्थ भकसी फैसले से सहमर्त नहीं होर्ते हैं र्तो बार्त अंपायर के सामने रिी जार्ती है जो
अपना फैसला सुनार्ता है।

v. लागर्तों का फैसला मध्यस्थ/मध्यस्थों या फैसला करने वाले अंपायर के भववेक से भदया जार्ता है।

दाभयत्व के सवाल से संबंभधर्त भववादों को मुकदमे बाजी के माध्यम से भनपटाया जार्ता है।

उदाहरण

यभद बीमा कर्ता यह दावा करर्ते हैं भक हाभन दे य नहीं है क्योंभक यह पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त नहीं भकया गया
है, र्तो मामले का फैसला कानून की अदालर्त द्वारा भकया जाएगा। भफर, यभद बीमा कर्ता इस आधार पर दावे का
िुगर्तान करने से मना कर दे र्तो हैं भक पॉभलसी अमान्य है क्योंभक इसे महत्वपूणव र्त्यों के धोिाधडीपूणव गैर-
प्रकटीकरण (‘परम सद्भाव’ के कानूनी कर्तवव्य का उललंघन) के माध्यम से प्राप्र्त भकया गया था, र्तो इस मामले
को मुकदमे बाजी के माध्यम से हल भकया जाना िाभहए।

नोट : मरीन कागो पॉभलभसयों में मध्यस्थर्ता की कोई शर्तव नहीं है।

8. अन्य भववाद समाधान प्रणाभलयां

आईआरडीए के भनयमों के अनु सार सिी पॉभलभसयों में बीमाधारक के भलए उपलब्ध भशकायर्त भनवारण प्रणाली
के बारे में उललेि होना िाभहए, यभद बीमाधारक भकसी िी कारण से बीमा कर्ता की सेवा से असंर्तुष्ट है।

व्यवसाय के व्यभिगर्त लाइनों के र्तहर्त दावों के मामले में एक असंर्तुष्ट बीमाधारक लोकपाल (ओम्पबड्समैन) से
संपकव कर सकर्ता है भजनके कायालय का भववरण पॉभलसी में उपलब्ध कराया गया है।

स्व-परीक्षण 1

इनमें से क़ौन सी गभर्तभवभध को दावों के पेशेवर भनपटान के अंर्तगवर्त वगीकृर्त नहीं भकया जाएगा?

I. हाभन के कारण से संबंभधर्त जानकारी की मांग करना

II. एक पूवाग्रह के साथ दावे को दे िना

III. यह पर्ता लगाना भक क्या हाभन बीभमर्त जोभिम का पभरणाम था

IV. दावे के र्तहर्त दे य राभश की मात्रा भनधाभरर्त करना

412
स्व-परीक्षण 2

राज एक कार दु घवटना में शाभमल रहा है। उसकी कार का बीमा मोटर बीमा पॉभलसी के र्तहर्त भकया गया है।
इनमें से राज के करने के भलए सबसे उपयुि बार्त क़ौन सी है?

I. यथोभिर्त रूप से भजर्तनी जलदी संिव हो, हाभन के बारे में बीमा कंपनी को सूभिर्त करना

II. बीमा नवीनीकरण के समय बीमा कंपनी को सूभिर्त करना

III. कार को और अभधक क्षभर्तग्रस्र्त करना र्ताभक एक बडा मुआवजा प्राप्र्त भकया जा सके

IV. क्षभर्त पर ध्यान नहीं दे ना

स्व-परीक्षण 3

दावों की जांि और दावों के मूलयांकन की र्तुलना करें ।

I. दावों की जांि और मूलयांकन दोनों एक ही िीज है

II. जांि में दावे की वैधर्ता र्तय करने की कोभशश की जार्ती है जबभक मूलयांकन का संबध
ं हाभन के कारण
और अभधकर्तम सीमा से है।

III. मूलयांकन में दावे की वैधर्ता र्तय करने की कोभशश की जार्ती है जबभक जांि का अभधक संबध
ं हाभन के
कारण और सीमा से है।

IV. जांि दावे का िुगर्तान करने से पहले की जार्ती है और मूलयांकन दावे का िुगर्तान करने के बाद भकया
जार्ता है।

स्व-परीक्षण 4

सवेक्षकों के भलए लाइसेंसदार्ता प्राभधकरण क़ौन है?

I. िारर्तीय सवेक्षक एसोभसएशन

II. सवेक्षक भवभनयामक एवं भवकास प्राभधकरण

III. िारर्तीय बीमा भनयामक एवं भवकास प्राभधकरण

IV. िारर्त सरकार

स्व-परीक्षण 5

ििवार्त से क्षभर्त के दावे की जांि करर्ते समय इनमें से क़ौन से दस्र्तावेज़ का अनुरोध करने की संिावना सबसे
अभधक है?

I. कोरोनर भरपोटव

II. फायर भब्गेड की भरपोटव

III. पुभलस की भरपोटव

413
IV. म़ौसम भविाग की भरपोटव

स्व-परीक्षण 6

क़ौन से भसद्ांर्त के र्तहर्त बीमा कर्ता पॉभलसी के र्तहर्त िुगर्तान भकए गए हाभन की वसूली र्तृर्तीय पक्ष से करने के
भलए बीमाधारक व्यभि के अभधकारों को मान सकर्ती है?

I. योगदान

II. भवमुभि

III. प्रस्थापन

IV. क्षभर्तपूर्थर्त

स्व-परीक्षण 7

अगर बीमा कर्ता यह भनणवय लेर्ती है भक भवशेष हाभन दे य नहीं है क्योंभक इसे पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त नहीं
भकया गया है र्तो इस र्तरह के मामले पर भनणवय क़ौन लेर्ता है ?

II. बीमा कंपनी का भनणवय अंभर्तम है

III. अंपायर

IV. मध्यस्थ

V. न्यायालय (क़ानून की अदालर्त)

414
सारांश

क) पेशेवर र्तरीके से दावे के भनपटान को एक बीमा कंपनी के भलए सबसे बडा भवज्ञापन माना जार्ता है।

ि) पॉभलसी की शर्तों में यह प्रावधान होर्ता है भक हाभन की सूिना र्तुरंर्त बीमा कंपनी को दी जाएगी।

ग) यभद दावा राभश छोटी है र्तो हाभन का कारण और सीमा भनधाभरर्त करने के भलए जांि बीमा कर्ता के एक
अभधकारी द्वारा की जार्ती है। लेभकन अन्य दावों के भलए इसे स्वर्तंत्र लाइसेंसधारी पेशेवर सवेक्षकों को
सौंप भदया जार्ता है जो हाभन के मूलयांकन में भवशेषज्ञ होर्ते हैं ।

घ) सामान्यर्तः दावा प्रपत्र हाभन की र्तारीि, समय, हाभन के कारण, हाभन की सीमा जैसी हाभन की
पभरज्स्थभर्तयों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्र्त करने के भलए बनाया जार्ता है।

ङ) दावा मूलयांकन यह भनधाभरर्त करने की प्रभिया है भक क्या बीमाधारक को होने वाला नु कसान बीभमर्त
जोभिम की वजह से हु आ है, इसमें वारंटी का कोई उललंघन नहीं हु आ है, बीमाधारक को हु ए नु कसान
की मात्रा क्या है और पॉभलसी के र्तहर्त बीमा कंपनी की दे यर्ता क्या है।

ि) दावे का भनपटान केवल पॉभलसी के र्तहर्त एक भडसिाजव प्राप्र्त करने के बाद भकया जार्ता है।

छ) मध्यस्थर्ता अनु बंधों से उत्पन्न होने वाले भववादों को भनपटाने की एक भवभध है।

मुख्य शब्द

क) हाभन की सूिना
ि) जांि और मूलयांकन
ग) सवेक्षक और हाभन मूलयांकनकर्ता
घ) दावा प्रपत्र
ङ) समायोजन और भनपटान
ि) दावा भनपटान में भववाद
छ) मध्यस्थर्ता

स्व-परीक्षण के उिर

उिर 1

सही भवकलप 2 है।

दावों के पेशेवर भनपटान में भकसी दावे को पूवाग्रह के साथ दे िना शाभमल नहीं है।

उिर 2

सही भवकलप 1 है।

दावे के बारे में यथोभिर्त रूप से भजर्तनी जलदी संिव हो, सूभिर्त भकया जाना िाभहए।

415
उिर 3

सही भवकलप 2 है।

जांि में दावे की वैधर्ता भनधाभरर्त करने की कोभशश की जार्ती है जबभक मूलयांकन हाभन के कारण और सीमा से
कहीं अभधक संबंभधर्त है।

उिर 4

सही भवकलप 3 है।

आईआरडीए सवेक्षकों के भलए लाइसेंसदार्ता प्राभधकरण है।

उिर 5

सही भवकलप 4 है।

ििवार्त से क्षभर्त के दावे की जांि करर्ते हु ए म़ौसम भविाग की भरपोटव का अनु रोध भकए जाने की सबसे अभधक
संिावना रहर्ती है।

उिर 6

सही भवकलप 3 है।

प्रस्थापन के भसद्ांर्त के र्तहर्त बीमा कर्ता एक पॉभलसी के र्तहर्त िुगर्तान की गई हाभन की वसूली एक र्तीसरे पक्ष
से करने के भलए बीमाधारक व्यभि के अभधकारों को मान सकर्ती है।

उिर 7

सही भवकलप 4 है।

यभद बीमा कर्ता यह भनणवय लेर्ता है भक एक भवशेष हाभन दे य नहीं है क्योंभक इसे पॉभलसी के र्तहर्त आवभरर्त नहीं
भकया गया है, र्तो इस र्तरह के मामलों का फैसला कानून की अदालर्त में भकया जाएगा।

स्व-परीक्षा प्रश्न

प्रश्न 1

हाभन की सूिना दी जानी िाभहए:

I. ठीक हाभन के समय पर

II. 15 भदनों के बाद

III. यथोभिर्त रूप से भजर्तनी जलदी संिव हो

IV. हाभन के बाद भकसी िी समय

प्रश्न 2

हाभन की जांि _____________ द्वारा की जार्ती है।

I. भबना लाइसेंसधारी सवेक्षक

416
II. लाइसेंसधारी और सुयोग्य सवेक्षक

III. बीमाधारक के प्रभर्तभनभध

IV. इंजीभनयलरग की भडग्री वाले भकसी िी व्यभि

प्रश्न 3

व्यभिगर्त दु घवटना दावों के भलए ________ की भरपोटव आवश्यक है।

I. सवेक्षक

II. भिभकत्सक

III. पुभलस

IV. कोरोनर (मृत्यु समीक्षक)

प्रश्न 4

बीमा अभधभनयम के अनुसार __________ के बराबर या उससे अभधक के दावों के भलए स्वर्तंत्र
सवेक्षकों की आवश्यकर्ता होर्ती है।

I. रु. 40,000

II. रु. 15,000

III. रु. 20,000

IV. रु. 25,000

प्रश्न 5

यात्रा बीमा पॉभलभसयों के मामले में दे श के बाहर मूलयांभकर्त दावों का मूलयांकन ____________
द्वारा भकया जार्ता है।

I. िारर्तीय सवेक्षक

II. हाभन के दे श में स्थानीय सवेक्षक

III. बीमा कंपनी के अपने कमविारी

IV. पॉभलसी में नाभमर्त दावा भनपटान एजेंट

उिर 6

एक अज्ग्न दावे के मामले में फायर भब्गेड की एक भरपोटव :

I. आवश्यक नहीं है

II. बीमाधारक के भलए वैकज्लपक है

III. आवश्यक है

417
IV. पुभलस भरपोटव का भहस्सा है

प्रश्न 7

टीएटी क्या है?

I. समय और बारी (टाइम एंड टनव)

II. एक समय र्तक (भटल ए टाइम)

III. टाइम एंड टाइड

IV. प्रभर्तवर्तवन काल (टनवअराउं ड समय)

प्रश्न 8

हाभन का िुगर्तान करने पर, सालवेज _______ के अंर्तगवर्त आर्ता है।

I. सवेक्षक

II. बीमाधारक

III. बीमा कंपनी

IV. स्थानीय अभधकारी

प्रश्न 9

मध्यस्थर्ता _______ पूरी की जाने वाली दावा भनपटान प्रभिया है।

I. कानून की अदालर्त में

II. सवेक्षकों के एक समूह द्वारा

III. शाभमल पार्थटयों द्वारा िुने गए मध्यस्थ(थों) द्वारा

IV. बीमा कंपनी के कमविाभरयों द्वारा मनमाने ढं ग से

प्रश्न 10

प्रस्थापन के अभधकार के र्तहर्त बीमा कंपभनयों को ________ से िुगर्तान भकए गए हाभन की वसूली
करने की अनु मभर्त दी जार्ती है।

I. केवल भशलपग कंपभनयों से

II. केवल रे ल और सडक मागों के मालवाहक

III. केवल एयरलाइंस और पोटव ट्स्ट

IV. भशलपग कंपभनयों और रे लवे र्तथा सडक मागव के मालवाहकों और एयरलाइंस र्तथा पोटव ट्स्टों

418
स्व-परीक्षा प्रश्नों के उिर

उिर 1

सही भवकलप 3 है।

हाभन की सूिना यथोभिर्त रूप से भजर्तनी जलदी संिव हो, दी जानी िाभहए।

उिर 2

सही भवकलप 2 है।

हाभन की जांि लाइसेंसधारी और सुयोग्य सवेक्षक द्वारा की जार्ती है।

उिर 3

सही भवकलप 2 है।

व्यभिगर्त दु घवटना बीमा के भलए एक भिभकत्सक की भरपोटव आवश्यक है।

उिर 4

सही भवकलप 3 है।

बीमा अभधभनयम के अनुसार 20000 रुपये के बराबर या उससे अभधक के दावों के भलए स्वर्तंत्र सवेक्षकों की
आवश्यकर्ता होर्ती है।

उिर 5

सही भवकलप 4 है।

यात्रा बीमा पॉभलभसयों के मामले में दे श के बाहर मूलयांभकर्त दावों का मूलयांकन पॉभलसी में नाभमर्त दावा
भनपटान एजेंटों द्वारा भकया जार्ता है।

उिर 6

सही भवकलप 3 है।

अज्ग्न बीमा दावे के मामले में फायर भब्गेड की एक भरपोटव की आवश्यकर्ता होर्ती है।

उिर 7

सही भवकलप 4 है।

टीएटी टनव अराउं ड समय है।

उिर 8

सही भवकलप 3 है।

हाभन का िुगर्तान करने पर सालवेज बीमा कंपनी के अंर्तगवर्त आर्ता है।

उिर 9

419
सही भवकलप 3 है।

मध्यस्थर्ता शाभमल पार्थटयों द्वारा िुने गए मध्यस्थ(थों) द्वारा पूरी की जाने वाली एक दावा भनपटान की प्रभिया
है।

उिर 10

सही भवकलप 4 है।

प्रस्थापन के अभधकार के र्तहर्त बीमा कर्ता को भशलपग कंपभनयों और रे लवे र्तथा सडक मागों के मालवाहकों और
एयरलाइंस र्तथा पोटव ट्स्टों से िुगर्तान भकए गए हाभन की वसूली करने की अनु मभर्त दी जार्ती है।

अज्ग्न बीमा दावा प्रपत्र


1. बीमािारक का नाम और पता :

बीमाधारक की पहिान कुल बीमा राशी


2. कृपया आग दु घवटना में शाभमल सिी पॉभलभसयों के सं बंध में भनम्पनभलभिर्त
और प्रत्ये क

भववरण उपलब्ध कराएं पॉभलसी का


अंशदान जोनने

पॉभलसी जोभिम स्थान बीमा राभश हाभन की

नं . आवभरर्त अनुमाभनर्त राभश

(i)

(ii)
नुकसान पॉभलसी की िालू अवभध
के द़ौरान हु आ होना िाभहए

3. बीमा अवभध

आसन्न कारण को के र्तहर्त


4. हाभन की भर्तभथ और समय: आवभरर्त भकया जाएगा

5. नु कसान की प्रकृभर्त और कारण

कृपया)हाभन का कारण बनने वाली पभरज्स्थभर्तयों का वणवन करें (


अंशदान की शर्तव

6. आग शाभमल जोभिम पर भकसी अन्य बीमा कंपनी के साथ बीमा का भववरण दें दु घवटना में/

7. यभद बीमाधारक अकेला माभलक नहीं है र्तो संपभि में उसके उनके भहर्त की प्रकृभर्त और अन्य भहर्तों का भववरण/

8. क्या हाभन की सूिना इनको दी गयी थी


बीमाधारक को उसके बीमा
हाभन समथवक
योग्य भहर्त की सीमा र्तक
अन्य दस्र्तावेज़
आवरीर्त भकया जार्ता है

420
(1) पुभलस

(2) फायर भब्गे ड

9. क्या वर्तवमान पॉभलसी अवभध के द़ौरान उसी संपभि पर अर्तीर्त में कोई दावा दजव भकया गया थायभद हां, र्तो भनम्पन के संबंध में भववरण उपलब्ध ?
:कराएं

(क) कारण

(ि) घटना की र्तारीि

(ग) दावा
सत्यापन के भलए अभर्तभरि जानकारी

(घ) पॉभलसी जारीकर्ता कायालय

(ि) िुकर्ता.बकाया दावा राभश रु/

मैं एर्तद्द्द्वारा घोषणा करर्ता हू ं भक ऊपर प्रस्र्तु र्त भववरण मे री सवोिम जानकारी के अनु सार सही और सत्य हैं |

स्थान:

भदनांक:

बीमाधारक का हस्र्ताक्षर

भवकास अभधकारी/शािा/मंका .द्वारा िरे जाने के भलए

अज्ग्न दावा संख्या ________________

शािा/ क्षे.का. भवकास एजेंसी प्रीभमयम िुगर्तान


अभधकारी कोड नं. का भववरण
मं.का. कोड सं. का कोड नं. रसीद सं . िुगर्तान की राभश
.बीजी/सीडी नं भर्तभथ

कोड सं. रु.

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