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X Class SCIENCE Notes 26 PAGE PDF
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1- यासामननक अभबक्रिमा -दो मा दो से अधधक यसामन मभरकय मदद कोई नमा यसामन फनाए , तो उसे यासामननक
अमबक्रिमा कहते है।
यासामननक अभबक्रिमा
भॊद अभबक्रिमा -ऐसी अमबक्रिमा जजसे होने भे अधधक तीव्र अभबक्रिमा -ऐसी अमबक्रिमा जजसे होने
सभम रगता है। भे कभ सभम रगता है।
जैसे-: कोमरे का फनना जैसे-: कोमरे का जरना
2- यासामननक सभीकयण -जफ यासामननक अमबक्रिमा को सभीकयण के रुऩ भे मरखते है तो उसे यासामननक सभीकयण
कहते है।
क्रिमाकायक (अभबकायक) उत्ऩाद (क्रिमापर)
प्रश्न-1 सॊऺायण क्रकसे कहते है ?
उत्तय- धातु (रोहे ) ऩय जॊग रगना सॊऺायण कहराता है|
प्रश्न-2 सॊऺायण होने का क्मा कायण है ?
उत्तय- जफ धातु ऩानी (नभी) तथा हवा (वामु) भें ऩड़ी यहती है तो सॊऺायण होता है |
प्रश्न-3 सॊऺायण से क्मा हानन मा नुकसान है |
उत्तय- सॊऺायण से धातु धीये -धीये नष्ट (खयाफ) होने रगती है, उसकी भजफूती कभ हो जाती है|
प्रश्न-4 सॊऺायण से कैसे फचा जा सकता है |
उत्तय- सॊऺायण से फचने के मरए-
1- उस ऩय आमर ऩेन्ट कय दे ना चादहए|
2- उस ऩय ये डोक्साइड का रेऩ कय दे ना चादहए|
3- उस ऩय जरा हुआ तेर का रेऩ कय दे ना चादहए|
4- उस ऩय ननकैर ऩॉमरश कय दे नी चादहए|
प्रश्न-5 रोहे की वस्तुए (ब्रेड) फयसात भें गीरी (मबगने ऩय ) होने ऩय उनके उऩय रार – बूये यॊ ग की ऩयत चढ़ जाती है,कायण
दीजजए |
उत्तय- इसका सॊऺायण हो जाता है इस कायण ऐसा होता है |
प्रश्न-6 वामु भें जराने से ऩहरे भैग्नीमशमभ ताय(रयफन) को साफ़ क्मों कयते है ?
उत्तय- भैग्नीमशमभ ताय(रयफन) हवा से क्रिमा कय रेता है जजससे उस ऩय भैग्नीमशमभ ऑक्साइड की ऩयत चढ़ी होती है, जजसे हटाने
की मरए उसे साफ़ क्रकमा जाता है |
प्रश्न-7 कॉऩय की सतह ऩय कॉऩय ऑक्साइड (II) की कारी ऩयत क्मों चढ़ जाती है ?
उत्तय- कॉऩय (ताॊफा) जफ हवा (वामु) भें ऩड़ा यहता है तो वह हवा (ऑक्सीजन) से क्रिमा कय कॉऩय ऑक्साइड (II) फना रेता है जो
की कारे यॊ ग का होता है |
प्रश्न-8 जफ रोहे की कीर को कॉऩय सल्पेट के ववरमन भें डुफोते है तो ववरमन का यॊ ग क्मों फदर जाता है ?
उत्तय- इस सभम ववस्थाऩन अमबक्रिमा होती है जजसभे आमयन(रोहा) कॉऩय सल्पेट से कॉऩय (ताॊफा) को ववस्थावऩत कय दे ता है |
आमयन (रोहा) + कॉऩय सल्पेट पैयस सल्पेट + कॉऩय
प्रश्न-9 रोहे की वस्तुओ को हभ ऩेन्ट क्मों कयते है ?
उत्तय- सॊऺायण से फचने के मरए |
प्रश्न-10 श्वसन ऊष्भाऺेऩी अमबक्रिमा क्मों है
उत्तय- श्वसन के सभम ग्रक
ू ोज का वामु द्वाया दहन होता है इस कायण श्वसन ऊष्भाऺेऩी अमबक्रिमा है |
प्रश्न-11 ववकृतगन्धधता क्रकसे कहते है ?
उत्तय- तैरीम खाने की चीजे (नभकीन,कुयकुये ,धचप्स,अचाय आदद) अधधक सभम तक हवा (वामु) भें खुरी ऩड़ी यहे जा ती है तो उसकी
खुशफू (गन्ध) तथा स्वाद फदर जाती है,ओय कड़वाऩन आ जाता है, इसे ही ववकृतगजन्धता कहते है |
प्रश्न-14 नभकीन,कुयकुये ,धचप्स आदद को ऩैक्रकटो भें ऩैक कयते सभम इसभे नाइट्रोजन गैस क्मों डारी जाती है ?
अथवा
तेर एवॊ वसा मुक्त खाद्म वस्तुओ (खाने की चीजे) को नाइट्रोजन से प्रबाववत क्मों क्रकमा जाता है ?
उत्तय- नभकीन,कुयकुये ,धचप्स आदद तैरीम खाने की चीजे होती है, जो क्रक हवा भें अधधक सभम तक ऩड़ी यहने ऩय इनके आक्सीकयणसे
स्वाद व खुशफू भें ऩरयवतथन आ जाता है इससे फचने के मरए ऩैक कयते सभम नाइट्रोजन गैस डारी जाती है |
प्रश्न-15 ऑक्सीकयण(उऩचमन) तथा अऩचमन भें अॊतय मरखखए |
उत्तय- ऑक्सीकयण (उऩचमन) अऩचमन
ऑक्सीजन का जुड़ना ऑक्सीकयण (उऩचमन) कहराता है | ऑक्सीजन का हटना अऩचमन कहराता है |
उदाहयण- N2 + O2 2NO उदाहयण- 2NO N2 + O2
प्रश्न-16 उष्भाऺेऩी तथा ऊष्भाशोषी अमबक्रिमा भें अॊतय मरखखए |
उत्तय- ऊष्भाशोषी अभबक्रिमा ऊष्भाऺेऩी अभबक्रिमा
1- इस अमबक्रिमा भे ऊष्भा का शोषण होता है | 1- इस अमबक्रिमा भे ऊष्भा फाहय ननकरती है |
2- इस सभम फतथन ठण्डा हो जाता है | 2- इस सभम फतथन गयभ हो जाता है |
3- उदहायण – ग्रूकोज को ऩानी भें घोरना 3- उदाहयण – चूने के ऩत्थय को ऩानी भें डारना,जराना,श्वसन |
4- उदाहयण- N2 + O2 2NO - ऊष्भा 4- उदाहयण- 2NO N2 + O2 + ऊष्भा
प्रश्न-17 ववस्थाऩन तथा f}- ववस्थाऩन भें अॊतय मरखखए |
उत्तय- ववस्थाऩन अभबक्रिमा f} - ववस्थाऩन अभबक्रिमा
इस अमबक्रिमा भे एक तत्त्व क्रकसी मौधगक से दस
ू ये तत्त्व को इस अमबक्रिमा भे दो मौधगक के फीच भें आमनों का
हटा कय खुद (स्वमॊ) आ जाता है | आदान-प्रदान होता है |
उदाहयण- Zn + CuSO4 ZnSO4 + Cu उदाहयण- NaCl + AgNO3 NaNO3 + AgCl
प्रश्न-18 ववमोजन अमबक्रिमा क्रकस प्रकाय समोजन अमबक्रिमा के ववऩयीत है ?
अथवा
सॊमोजन अमबक्रिमा क्रकस प्रकाय ववमोजन अमबक्रिमा के ववऩयीत है ?
उत्तय- सॊमोजन अभबक्रिमा ववमोजन अभबक्रिमा
इस अमबक्रिमा भें दो मा अधधक क्रिमाकायक जुड़कय एक इस अमबक्रिमा भें एक क्रिमाकायक टूट कय दो मा अधधक
उत्ऩाद फनाता है | उत्ऩाद फनाता है |
उदाहयण- N2 + O2 2NO उदाहयण- 2NO N2 + O2
प्रश्न-19 ये डोक्स अमबक्रिमा (उऩचमन-अऩचमन) को सभझाइमे ?
उत्तय- इस अमबक्रिमा भें एक का ऑक्सीकयण (उऩचमन) तथा दस
ू ये का अऩचमन होता है |
ZnO + C Zn + CO
महाॉ ZnO का अऩचमन हो यहा है, जफक्रक C का ऑक्सीकयण (उऩचमन) हो यहा है |
प्रश्न-20 धूऩ भें यखने ऩय सपेद (श्वेत) मसल्वय क्रोयाइड घूसय यॊ ग का क्मों हो जाता है ?
उत्तय- धूऩ (सूमथ के प्रकाश) भें मसल्वय क्रोयाइड का ववमोजन हो जाता है जजससे मह सपेद(श्वेत) यॊ ग से घूसय यॊ ग का हो जाता है |
AgCl Ag + Cl2
प्रश्न-21 श्माभ-श्वेत (ब्रेक एण्ड वाईट) पोटोग्रापी भें कौन सी अमबक्रिमा का उऩमोग होता है ?
उत्तय- धऩ
ू (सम
ू थ के प्रकाश) भें मसल्वय ब्रोभाइड का ववमोजन हो जाता है |
AgBr Ag + Br2
प्रश्न-22 अवऺेऩण अमबक्रिमा क्रकसे कहते है ?
उत्तय- ऐसी अमबक्रिमा जजसभे अवऺेऩ फनता है उसे अवऺेऩण अमबक्रिमा कहते है |
उदाहयण- NaCl + AgNO3 NaNO3 + AgCl
अवऺेऩ
चचत्र :- भभसेर
प्रश्न-10 आमननक तथा सहसॊमोजी आफॊध की तुरना कीजजए ?
उत्तय- सहसॊमोजी आफॊध आमननक आफॊध
(1) ऩयभाणओ
ु के भध्म इरेक्ट्रोनो के साझे से जो फन्ध फनता है (1) एक ऩयभाणु से दस
ू ये ऩयभाणु भें इरेक्ट्रोनो के स्थानान्तयण से
उसे सहसॊमोजी आफॊध कहते है , सहसॊमोजी आफॊध से ननमभथत जो फन्ध फनता है उसे आमननक आफॊध कहते है तथा ननमभथत
मौधगको को सहसॊमोजक मौचगक कहते है , इनके ननम्नमरखखत मौधगक को आमननक मौचगक कहते है , इनके ननम्नमरखखत
रऺण होते है – रऺण होते है –
(2) सहसॊमोजक मौचगक र्द्व अथवा गैसीम अवस्था भें मभरते है | (2) आमननक मौचगक ठोस अवस्था भें मभरते है |
(3) सहसॊमोजक मौचगक का गरनाॊक तथा क्वथनाॊक कभ होता है | (3) आमननक मौचगक का गरनाॊक तथा क्वथनाॊक उच्च होता है |
(4) सहसॊमोजक मौचगक ववधुत के कुचारक होते है | (4) आमननक मौचगक ववधुत के चारक होते है |
(5) सहसॊमोजक मौचगक जर भें नहीॊ घुरते है | (5) आमननक मौचगक जर भें घुरते है |
C3 प्रोऩ-
C4 ब्मुट-
C5 ऩेधट-
C6 हैक्स-
C7 हे प्ट-
(8) क्या होता है जब अंड का न्नषेचन नहीं होता है – यद्वद अंड का द्वनषेचन नहीं होता है
तो उस द्वस्थद्वत में गभाक शय की आतंररक द्वभद्वि िो की गभक धारण के द्वलए तैयार हु ई थीं ,
वह िूि कर रक्त स्राव के रूप में योद्वन मागक िारा बाहर द्वनकलती है इस प्रद्विया को
ऋतु-स्राव / रजोधमा /मान्सक धमा कहते है |
(9) पादप में लैंन्गक जनन:-
(1) पौधे का िनन भाग पुष्प होता है
(2) नर जननांग –पुक ं े सर ( इनमे नर युग्मक-परागकण बनते है )
(3) मादा जननांग- स्त्रीकेसर ( इनमे अण्डाशय के बीिाण्ड में अंड
कोद्वशका –मादा युग्मक होती है |)
(4) परागण- परागकण का स्त्रीकेसर की वद्वतककाग्र तक पहु ंचना |
दो प्रकार से हो सकता है-
(a) स्वपरागण :- अपने ही पुष्प की वद्वतककाग्र तक परागकणों का पहु ाँचना |
(b) परपरागण :- एक पुष्प के परागकणों का दूसरे पुष्प की वद्वतककाग्र तक पहु ाँचना |
(5) परागकण का अंकुरण – वद्वतककाग्र पर परागकण से परागनली का द्वनमाक ण होता है
िो की वद्वतकका से होती हु ई अण्डाशय के बीिाण्ड में प्रवेश करती है |
(6) न्नषेचन- बीिाण्ड में नर युग्मक व अंड कोद्वशका के द्वमलने से द्वनषेचन होता है
,द्विससे युग्मनि बनता है िो बीज के रूप में द्ववकद्वसत होता है िबद्वक अण्डाशय फल में
बदल िाता है | बीि भ्रण ू होता है |
फोकस दूरी –वक्रता न्रज्या में सम्ब्ध अवतल दपाण उत्तल दपाण
उपयोग:- उपयोग:-
विता द्विज्या (1) वाहनों के अग्र द्वीपों (हेड लाईट) में वाहनों के साईड-ग्नलास में
(2) दन्त द्वचद्वकत्सक इन्हें लगाते है ,क्योद्वक
फोकस दूरी =
(3) सौर भट्टी में इनका दृद्वि क्षैि अद्वधक
2 (4) शेद्ववंग दपक ण में होता है तथा इनसे हमेशा
सीधा प्रद्वतद्वबम्ब बनता है |
प्रन्तन्बम्ब न्नमााण :- (अवतल दपाण द्वारा ) प्रन्तन्बम्ब न्नमााण :-
(1) जब वस्तु अन्त पर हो – वास्तद्ववक,उल्िा,द्वबन्दु आकार का व फोकस द्वबन्दु पर बनता है | (उत्तल दपाण द्वारा )
(2) जब वस्तु अन्त एवं वक्रता के्र के मध्य हो- वास्तद्ववक,उल्िा,िोिा व विता केन्र एवं फोकस द्वबन्दु प्रद्वतद्वबम्ब हमेशा सीधा,
के मध्य बनता है | आभासी एवं िोिे आकार का व
(3) जब वस्तु वक्रता के्र पर हो- वास्तद्ववक,उल्िा,द्वबम्ब के समान आकार का व विता केन्र पर बनता है | दपक ण के पीिे बनता हु आ
(4) जब वस्तु वक्रता के्र एवं फोकस न्ब्दु के मध्य हो- वास्तद्ववक, उल्िा,बड़ा व विता केन्र एवं अनन्त प्रतीत होता है |
के मध्य बनता है |
(5) जब वस्तु फोकस न्ब्दु पर हो- वास्तद्ववक,उल्िा, अत्यद्वधक बड़ा व अनन्त पर बनता है |
(6) जब वस्तु फोकस न्ब्दु एवं ध्रुव के मध्य हो-आभासी,सीधा ,बड़ा व दपक ण के पीिे बनता हु आ प्रतीत होता है |
दपाण सूर एवं गोलीय दपाणों के न्लए कातीय न्च्ह पररपाटी
f = दपक ण के ध्रुव से फोकस द्वबन्दु के बीच की दूरी रान्श अवतल दपाण उत्तल
1 1 1 u = दपक ण के ध्रुव से द्वबम्ब / वस्तु के बीच की दूरी दपाण
v = दपक ण के ध्रुव से प्रद्वतद्वबम्ब के बीच की दूरी
f v u
(3) आपतन कोण ( i) = परावतक न कोण ( r ) (2) स्नेल का अपवतान न्नयम :- आपतन कोण की ज्या तथा अपवतक न कोण
आपन्तत न्करण अन्भलम्ब परावन्तात न्करण की ज्या का अनुपात द्वनद्वित माध्यम युग्म के द्वलए द्वस्थर रहता है ,द्विसे दूसरे
माध्यम का प्रथम माध्यम के सापेक्ष अपवतानांक कहते है |
i r sin i प्रथम माध्यम में प्रकाश की चाल v1
अपवतक नांक = = = द्वस्थरांक
sin r न्द्वतीय माध्यम में प्रकाश की चाल v2
अध्माम-12 ववधुत
प्रश्न-1 घयो भें आने वारी ववधुत का ववबव तथा आवनृ त क्रकतनी होती है ?
उत्तय- घयो भें आने वारी ववधुत का ववबव 220 V तथा आवनृ त 50 Hz होती है |
प्रश्न-2 ववधुत ऩरयऩथ भें फ्मज
ु का क्मा भहत्व है ?
उत्तय- फ्मज
ु अल्ऩ गरनाॊक का ताय होता है जो क्रक ऩरयऩथ भें रोड फढ़ने (अनतबायण) ऩय वऩघर जाता है जजससे
ऩरयऩथ भें ववधत
ु धाया का प्रवाह फन्द हो जाता है मदद मह नहीॊ रगा होता तो ऩरयऩथ जरने का डय यहता | इस प्रकाय
फ्मज
ु रगे होने से ऩरयऩथ भें रगे ववधुत उऩकयण अनतबायण क्रक जस्थनत भें जरने (खयाफ होने) से फच जाते है | फ्मज
ु
को ऩरयऩथ भें श्रेणी िभ भें रगाते है |
प्रश्न-3 अनतबायण तथा रघऩ
ु थन से क्मा तात्ऩमब है ?
उत्तय- जफ ऩरयऩथ क्रक ववधुत धायण ऺभता से अधधक शजक्त के ववधुत उऩकयणों को एक साथ चरा ददमा जाता है तो
ऩरयऩथ के ताय गभथ हो जाते है इसे अनतबायण (ओवय रोड) कहते है | इस सभम मदद ऩरयऩथ भें फ्मज
ु नहीॊ रगा हो
तो ऩरयऩथ के तायो के गभथ होने से उन ऩय रगा कुचारक ऩदाथथ वऩघरने से पेज तथा न्मट्र
ू र ताय ऩास आ जाते है
ओय धचन्गारयमा ननकरती है तथा ऩरयऩथ जर जाता है इसे शॉटब सक्रकबट (रघऩु थन) कहते है | इस प्रकाय रघऩ
ु थन से
आग रगने का डय यहता है |
प्रश्न-4 फल्फ का तॊतु क्रकस धातु का फना होता है ?
उत्तय- फल्फ का तन्तु टॊ गस्टन धातु का फना होता है , इसका गरनाॊक उच्च होने से मह वऩघरता नहीॊ है | साथ ही इसभे
नाइट्रोजन व आगथन जैसी अक्रिम गैसे बयी होती है जजससे इसकी राइप (उभय) फढ़ती है |
प्रश्न-5 ओभ का ननमभ क्मा है ?
उत्तय- ननमत ताऩ ऩय क्रकसी चारक ताय के मसयों के फीच ववबवान्तय उसभे प्रवादहत होने
वारी ववधुत धाया के सभानऩ
ु ाती होता है |
महाॉ ऩय V = ववबव (भात्रक= वोल्ट)
I = ववधुत धाया (भात्रक= एन्म्ऩमय)
R = प्रनतयोध (भात्रक= ओभ)
महाॉ ऩय l = रम्फाई
A= ऺैत्रपर, p = प्रनतयोधकता
प्रश्न-7 अभीटय तथा वोल्टभीटय भें ववबेद कीन्जए |
उत्तय- अभीटय वोल्टभीटय
1- ववधुत धाया भाऩता है | 1- ववबव भाऩता है |
2- श्रेणी िभ भें जोड़ते है | 2- सभान्तय िभ भें जोड़ते है |
3- प्रनतयोध अल्ऩ होता है | 3- प्रनतयोध उच्च होता है |
R R1 R2 R3
प्रश्न-10 ववधुत धाया का ताऩीम प्रबाव (जूर का ताऩन ननमभ) क्मा है ?
उत्तय- ववधुत ऊजाथ का ताऩीम ऊजाथ भें फदरना ववधुत धाया का ताऩीम प्रबाव (जूर का ताऩन ननमभ) कहराता है |इसका
उऩमोग ववधुत हीटय, इस्त्री ववधुत केतरी ,ऩानी गभथ कयने क्रक छड आदद भें होता है | फ्मज ु बी जूर का ताऩन ननमभ
ऩय कामथ कयता है | t सभम भें क्रकसी R प्रनतयोध भें I ववधुत धाया प्रवादहत कयने ऩय उत्ऩन्न ऊष्भा (H) को ननम्न
प्रकाय दशाथते है – H = I2Rt
ववधुत ऊष्भा (H) का भात्रक= जूर होता है | मदद सभम घन्टे अथवा मभनट भें दे यखा हो तो उसे ऩहरे सैकेण्ड भें
फदरना है |सभम मभनट भें हो तो सैकेण्ड भें फदरने के मरए, दी गए मभनट क्रक सॊख्मा को 60 से गुणा कयते है ,जफक्रक मदद सभम
घन्टे भें ददमा हो तो इसे सैकेण्ड भें फदरने के मरए, दी गई घन्टे क्रक सॊख्मा को 60x60=3600 से गुणा कयते है |
प्रश्न-11 ववधत
ु शन्क्त से क्मा तात्ऩमब है ?
उत्तय- ववधतु ऩरयऩथ भें आवेश द्वाया एकाॊक सभम भें क्रकमा गमा कामथ ववधत
ु शजक्त कहराता है |
P = W/t चूॊक्रक V = W/Q अथवा W = VQ
अत: P = VQ/t चूॊक्रक I = Q/t (महाॉ Q = आवेश है न्जसका भात्रक कूराभ होता है )
अत: P = VI शजक्त का भात्रक वाट होता है |
प्रश्न-12 ववधुत ऊजाब क्रकसे कहते है ?
उत्तय- ववधुत शजक्त तथा सभम के गण ु नपर को ववधुत ऊजाथ कहते है | ववधुत शजक्त का व्माऩारयक भात्रक क्रकरो वाट
घधटा (kWh) होता है | घयो भें होने वारे ववधत
ु खचथ को क्रकरो वाट घधटा (kWh) भें भाऩा जाता है |
ववधतु ऊजाथ = शजक्त X सभम (एक क्रकरो वाट घधटा (kWh) ,एक मनू नट के फयाफय होता है |)
प्रश्न-13 एक क्रकरो वाट घधटा (kWh) क्रकतने जूर के फयाफय होता है ?
उत्तय- 1 kWh = 1000 x वाट x 60 x 60 सैकेण्ड
(चूॊक्रक क्रकरो = 1000 तथा एक घधटा = 60 x 60 = 3600 सैकेण्ड)
= 3600000 वाट सैकेण्ड (1 kWh = 3.6 x 106 जूर)
प्रश्न-14 क्रकसी ववधत ु उऩकयण द्वाया हदए गए हदनों भें खचब ववधत
ु ऊजाब तथा खचब क्रक गणना कयना |
उत्तय- ददए गए ददनों भें खचथ ववधत
ु ऊजाथ = शन्क्त x प्रनतहदन उऩमोग आने वारा सभम x कुर हदनों क्रक सॊख्मा
( मनू नट भें ) 1000
(नोट :- प्रनतददन उऩमोग आने वारे सभम को घन्टे भें रेना है ,मदद सभम सैकेण्ड अथवा मभननट भें ददमा गमा है तो
उसे घन्टे भें फदरना होगा )
खचब ववधत
ु ऊजाब का भल्
ू म = कुर खचब मनू नट x एक मनू नट का भल्
ू म
*न्वन्भ्न भौन्तक रान्शयााँ एवं उनकी इकाईयााँ(मारक):-
रान्श इकाई/भात्रक
द्ववद्यत ु आवेश कूलाम
द्ववद्युत धारा एद्वम्पयर
द्ववभव वोल्ि
कायक /ऊिाक /द्ववद्यत ु ऊष्मा िल ू
द्ववद्युत शद्वक्त वाि
प्रद्वतरोध ओम
चम्ु बकीय क्षैि की तीव्रता ऑरस्टेड
लैंस की क्षमता डाइऑप्टर
ज्ञात कर सकते है | द्विसके अनुसार यद्वद दद्वक्षण हस्त (सीधे हाथ ) की तिक नी, मध्यमा व अंगठ ू े को परस्पर लम्बवत इस प्रकार व्यवद्वस्थत
करे की तिक नी चुम्बकीय क्षेि की द्वदशा में ,अंगठ ू ा चालक तार की गद्वत की द्वदशा में हो,तो मध्यमा चालक तार में प्रेररत द्ववद्युत धारा की द्वदशा
को प्रदद्वशकत करती है |
प्रश्न-8 द्ववद्युत िद्वनि द्वकसे कहते है ?
उिर- न्वद्युत जन्नर
न्दष्ट धारा जन्नर प्रत्यावती धारा जन्नर
(1) यह याद्वन्िक ऊिाक को द्ववद्युत ऊिाक में बदलता है | (1) यह याद्वन्िक ऊिाक को द्ववद्युत ऊिाक में बदलता है |
(2) यह द्ववद्यत च
ु ु म् बकीय प्रे रण द्व स द्धां त पर कायक करते है | (2) यह द्ववद्यत
ु चम्ु बकीय प्रेरण द्वसद्धांत पर कायक करते है |
(3) बनावट- चुम्बकीय ध्रुव , द्ववद्युत रोधी तांबे के तार की नमक लोहे पर (3) बनावट- चुम्बकीय ध्रुव , द्ववद्युत रोधी तांबे के तार की नमक लोहे पर
द्वलपिी कुण्डली(आमेचर), न्दक् पररवताक (कम्यूटटे र/ न्वभक्त द्वलपिी कुण्डली(आमेचर),सपी वलय एवं काबक न ब्रुश
वलय) एवं काबक न ब्रुश
(4) कायाप्रणाली- कुण्डली के दोनों द्वसरे न्दक् पररवताक (4) कायाप्रणाली- कुण्डली के दोनों द्वसरे सपी वलय से िुड़े होते है
(कम्यटू टे र/ न्वभक्त वलय) से िड़ ु े होते है ,द्व ि ससे उत्पन्न प्रेररत ,द्विससे प्रत्येक आधे घण ू क न के बाद उत्पन्न प्रेररत धारा की द्वदशा
धारा की द्वदशा हमेशा एक ही द्वदशा में बनी रहती है | पररणाम स्वरूप द्ववपरीत हो िाती है ,पररणाम स्वरूप प्रत्यावती धारा (AC) प्राप्त होती
न्दष्ट धारा (DC) प्राप्त होती है | है |
प्रश्न-12 ऩवन ऊजाब नवीकयणीम एवॊ ऩमाथवयण दहतैषी ऊजाथ का स्रोत है , कैसे ?
उत्तय- ऩवन उजाथ कबी ख़त्भ नहीॊ होने वारा तथा उऩमोग के फाद वाऩस प्राप्त होने वारा ऊजाथ का स्रोत है जो क्रक ऩमाबवयण को क्रकसी बी प्रकाय
से नुकसान नहीॊ ऩहुॊचाता है इस भरए मह नवीकयणीम एवॊ ऩमाथवयण दहतैषी ऊजाथ का स्रोत है |
प्रश्न-13 ऩवन ऊजाब से ववधुत ऊजाथ कैसे प्राप्त होती है ?
उत्तय- ववधत ु प्राजप्त के मरए हवा का वेग 15 क्रक.भी. प्रनत घधटे से अधधक होना चादहए | वामु से ऩवन चक्की क्रक ऩॊखुडडमो को घुभामा जाता है ,
जो क्रक क्रपय टयफाइन को घुभाती है जजससे माजन्त्रक ऊजाथ ववधुत ऊजाथ भें फदर जाती है | इस प्रकाय ऩवन ऊजाथ का उऩमोग ववधुत उत्ऩादन भें कय
सकते है | ओय इससे ऩमाथवयण को कोई नुकसान नहीॊ होता है अत: वामु ऩमाबवयण हहतैषी / भभत्र ऊजाथ का स्रोत है |
प्रश्न-14 बू-ताऩीम ऊजाब क्मा है ?
उत्तय- ऩथ्
ृ वी के अन्दय के ताऩ से कुछ स्थानों ऩय बूमभगत जर बाऩ भें फदर जाता है जजसे ऩाईऩो द्वाया फाहय ननकार कय ववधुत जननत्र
(डामनेभो) के टयफाइन को घुभामा जा सकता है तो टयफाइन (डामनेभो) भें माजन्त्रक ऊजाथ ववधत ु ऊजाथ भें फदर जाती है | इस प्रकाय बू-ताऩीम ऊजाथ
से ववधुत ऊजाथ प्राप्त कय सकते है | धमूजीरैंड तथा अभेरयका भें बू-ताऩीम ऊजाथ से ववधुत ऊजाथ प्राजप्त के समॊत्र रगी है |
प्रश्न-15 नाभबकीम ऊजाब क्मा है ?
उत्तय- बायी ऩयभाणुओॊ (मुयेननमभ,प्रूटोननमभ व थोरयमभ) को जफ हल्के नामबको भें तोडा जाता है तो अत्मधधक भात्रा भें ऊजाथ ननकरती है जजसे
नामबकीम ऊजाथ कहते है , इससे ऩानी को बाऩ भें फदर कय ववधुत जननत्र (डामनेभो) के टयफाइन को घुभामा जा सकता है तो टयफाइन (डामनेभो)
भें माजन्त्रक ऊजाथ ववधुत ऊजाथ भें फदर जाती है | इस प्रकाय नामबकीम ऊजाथ का उऩमोग ववधुत उत्ऩादन भें क्रकमा जा सकता है | इन्हें नाभबकीम
ववधुत समॊत्र कहते है |
प्रश्न-16 नामबकीम ईंधन के उदाहयण दीजजए ?
उत्तय- नामबकीम ईंधन के उदाहयण मुयेननमभ,प्रूटोननमभ व थोरयमभ है |
प्रश्न-17 नाभबकीम ववधुत शन्क्त समॊत्रो क्रक सफसे फड़ी सीभा क्मा है ?
उत्तय- नामबकीम ववधुत शजक्त समॊत्रो भें उऩमोग आने वारे नामबकीम ईंधन का बण्डायण तथा अऩमशष्ट का सही तयीके से ननस्तायण नहीॊ क्रकमा
जाए तो इसके हाननकायक प्रबाव साभने आते है ओय मह ऩमाथवयण को नुकसान ऩहुॊचाते है क्मोक्रक इन से हाननकायक ववक्रकयण ननकरती है जो क्रक
ऩमाथवयण क्रक मरए हाननकायक होती है |
प्रश्न-18 सभुन्दो से क्रकस प्रकाय ऊजाथ प्राप्त कय सकते है ?
उत्तय- सभुन्र्द् क्रक रहयों (तयॊ गो) भें फहुत ऊजाथ होती है , इसी प्रकाय चन्र्द्भा के गुरुत्वीम प्रबाव से सभुन्र्द् क्रक सतह का ऩानी ऊऩय उठता व नीचे
धगयता है इसे ज्वाय-बाटा कहते है इसभे फहुत ऊजाथ होती है जजसे ज्वायीम ऊजाब कहते है | इसका उऩमोग टयफाइन द्वाया ववधुत उत्ऩादन भें क्रकमा
जा सकता है |
प्रश्न-19 जैव भात्रा (फामो भास) क्रकसे कहते है ?
उत्तय- ईंधनो के ऐसे स्रोत जो जीव जन्तुओ तथा ऩौधों से प्राप्त होते है उन्हें फामो भास (जैव भात्रा) कहते है |
प्रश्न-20 जैव गैस / फामो गैस / गोफय गैस समॊत्र का वणथन कीजजए |
उत्तय- इस समॊत्र भें ईंटो से फनी गुम्फद जैसी सयॊ चना होती है जजसभे एक तयप से गोफय तथा जर का गाढ़ा घोर (कदब भ) डारा जाता है | अन्दय
वारे बाग को सॊऩाचचत्र कहते है महाॉ ऩय गोफय का वामु क्रक अनुऩजस्थनत भें अऩघटन होता है जजससे गोफय गैस फनती है इस गैस भें 75 % भात्रा
भेथेन गैस ( CH 4 ) क्रक होती है | इस गैस को गम्
ु फद के ऊऩय रगे ऩाईऩ से आवश्मकतानुसाय ननकार मरमा जाता है | गोफय गैस फनने के फाद
शेष यहा अऩमशष्ट बी उऩमोगी होता है इसका उऩमोग खाद के रूऩ भें क्रकमा जा सकता है | गोफय गैस का उऩमोग ईंधन के रूऩ भें बोजन
फनाने,ऩानी गयभ कयने आदद भें कयते है मह बफना धुए ,बफना याख के जरता है अथाथत मह ऩमाथवयण को कोई नुकसान नहीॊ ऩहुॊचाता है अत: मह
ऩमाबवयण हहतैषी / भभत्र ऊजाथ का स्रोत है |
प्रश्न-21 CNG तथा LPG का ऩूया नाभ मरखखए |
उत्तय- CNG का ऩयू ा नाभ सॊऩीडडत प्राकृनतक गैस है |
LPG का ऩूया नाभ द्रववत ऩेरोभरमभ गैस है |
प्रश्न-22 कोई ऊजाथ का स्रोत हभाये मरए कफ तक फना यह सकता है ?
उत्तय- ऊजाथ के अनवीकयणीम स्रोत सीमभत होने के कायण सभाप्त हो सकते है जफक्रक ऊजाथ के नवीकयणीम स्रोत ऊजाथ के अऺम स्रोत है जो क्रक
कबी ख़त्भ नहीॊ हो सकते है | अत: ऊजाथ के स्रोतों का वववेकानुसाय उऩमोग क्रकमा जाए तो वह सददमों तक फने यह सकते है |
प्रश्न-23 आऩकी नजयो भें ऊजाथ का कौनसा स्रोत उत्तभ होगा ?
उत्तय- ऊजाथ का ऐसा स्रोत जो क्रक मभरने भें आसान हो, खयीदने भें सस्ता हो, ओय ऩमाथवयण को नुकसान ऩहुॊचाए बफना हभायी आवश्मकताओॊ क्रक
ऩूनतथ कय सके उसे हभ ऊजाथ का उत्तभ स्रोत कहें गे | जैसे:- सौय ऊजाथ, जर ऊजाथ , ऩवन ऊजाथ आदद |