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िह ी म बाइिबल

--- पुराना िनयम ---

- कानून -
उ ि - िनगमन - लै व था - िगनती - व थािववरण

- ऐितहािसक -
यहोशू - ािययों - त - 1 शमूएल - 2 शमूएल - 1 राजा - 2 राजा - 1 इितहास - 2 इितहास - ए ा - नहे ाह - ए े र

- बु म ा -
अ ुब - भजन सं िहता - नीितवचन - सभोपदे शक - े गीत

- भिव ाओं -
यशायाह - ियमयाह - िवलापगीत - यहेजकेल - दािन ेल - होशे - योएल - अमोस - ओब ाह - योना - मीका - न म - हब ू क - सप ाह - हा ै - ज़कयाह - मलाकी

--- नया वसीयतनामा ---

- सुसमाचार -
म ी - मरकुस - लू का - यूह ा

- े रतों के काय और प -
े रतों के काम - रोिमयों - 1 कु र यों - 2 कु र यों - गलितयों - इिफिसयों - िफिल यों - कुलु यों - 1 िथ ु नीिकयों - 2 िथ ु नीिकयों - 1 तीमुिथयुस - 2 तीमुिथयुस - तीतुस
- िफले मोन - इ ािनयों - याकूब - 1 पतरस - 2 पतरस - 1 यूह ा - 2 यू ह ा - 3 यूह ा - य दा - कािशतवा

सं रण: 1.0 - िहंदी म बाइिबल (HINDI)

उ ि 1
1 आिद म परमे र ने आकाश और पृ ी की सृि की।
2 और पृ ी बेडौल और सुनसान पड़ी थी; और गहरे जल के ऊपर अ यारा था: तथा परमे र का आ ा जल के ऊपर म लाता था।
3 तब परमे र ने कहा, उिजयाला हो: तो उिजयाला हो गया।
4 और परमे र ने उिजयाले को दे खा िक अ ा है; और परमे र ने उिजयाले को अ यारे से अलग िकया।
5 और परमे र ने उिजयाले को िदन और अ यारे को रात कहा। तथा सां झ ई िफर भोर आ। इस कार पिहला िदन हो गया।।
6 िफर परमे र ने कहा, जल के बीच एक ऐसा अ र हो िक जल दो भाग हो जाए।
7 तब परमे र ने एक अ र कर के उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग िकया; और वैसा ही हो गया।
8 और परमे र ने उस अ र को आकाश कहा। तथा सां झ ई िफर भोर आ। इस कार दू सरा िदन हो गया।।
9 िफर परमे र ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक थान म इक ा हो जाए और सू खी भूिम िदखाई दे ; और वैसा ही हो गया।
10 और परमे र ने सूखी भूिम को पृ ी कहा; तथा जो जल इक ा आ उसको उसने समु कहा: और परमे र ने दे खा िक अ ा है।
11 िफर परमे र ने कहा, पृ ी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पे ड़, और फलदाई वृ भी िजनके बीज उ ी म एक एक की जाित के अनुसार होते ह पृ ी पर उग; और वैसा ही
हो गया।
12 तो पृ ी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ िजन म अपनी अपनी जाित के अनु सार बीज होता है , और फलदाई वृ िजनके बीज एक एक की जाित के अनुसार उ ी म होते ह उगे;
और परमे र ने दे खा िक अ ा है।
13 तथा सांझ ई िफर भोर आ। इस कार तीसरा िदन हो गया।।
14 िफर परमे र ने कहा, िदन को रात से अलग करने के िलये आकाश के अ र म ोितयां हों; और वे िच ों, और िनयत समयों, और िदनों, और वष के कारण हों।
15 और वे ोितयां आकाश के अ र म पृ ी पर काश दे ने वाली भी ठहर; और वैसा ही हो गया।
16 तब परमे र ने दो बड़ी ोितयां बनाईं; उन म से बड़ी ोित को िदन पर भुता करने के िलये , और छोटी ोित को रात पर भुता करने के िलये बनाया: और तारागण को भी
बनाया।
17 परमे र ने उन को आकाश के अ र म इसिलये रखा िक वे पृ ी पर काश द,
18 तथा िदन और रात पर भुता कर और उिजयाले को अ यारे से अलग कर: और परमे र ने दे खा िक अ ा है ।
19 तथा सांझ ई िफर भोर आ। इस कार चौथा िदन हो गया।।
20 िफर परमे र ने कहा, जल जीिवत ािणयों से ब त ही भर जाए, और प ी पृ ी के ऊपर आकाश के अ र म उड़।
21 इसिलये परमे र ने जाित जाित के बड़े बड़े जल-ज ुओं की, और उन सब जीिवत ािणयों की भी सृ ि की जो चलते िफरते ह िजन से जल ब त ही भर गया और एक एक जाित के
उड़ने वाले पि यों की भी सृ ि की: और परमे र ने दे खा िक अ ा है।
22 और परमे र ने यह कहके उनको आशीष दी, िक फूलो-फलो, और समु के जल म भर जाओ, और प ी पृ ी पर बढ़।
23 तथा सांझ ई िफर भोर आ। इस कार पांचवां िदन हो गया।
24 िफर परमे र ने कहा, पृ ी से एक एक जाित के जीिवत ाणी, अथात घरे लू पशु, और रगने वाले ज ु , और पृ ी के वनपशु, जाित जाित के अनुसार उ हों; और वैसा ही हो गया।
25 सो परमे र ने पृ ी के जाित जाित के वन पशुओं को, और जाित जाित के घरे लू पशुओं को, और जाित जाित के भू िम पर सब रगने वाले ज ु ओं को बनाया: और परमे र ने दे खा िक
अ ा है ।
26 िफर परमे र ने कहा, हम मनु को अपने प के अनु सार अपनी समानता म बनाएं ; और वे समु की मछिलयों, और आकाश के पि यों, और घरे लू पशुओ,ं और सारी पृ ी
पर, और सब रगने वाले ज ुओं पर जो पृ ी पर रगते ह, अिधकार रख।
27 तब परमे र ने मनु को अपने प के अनुसार उ िकया, अपने ही प के अनु सार परमे र ने उसको उ िकया, नर और नारी कर के उसने मनु ों की सृ ि की।
28 और परमे र ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृ ी म भर जाओ, और उसको अपने वश म कर लो; और समु की मछिलयों, तथा आकाश के पि यों,
और पृ ी पर रगने वाले सब ज ुओ पर अिधकार रखो।
29 िफर परमे र ने उन से कहा, सुनो, िजतने बीज वाले छोटे छोटे पे ड़ सारी पृ ी के ऊपर ह और िजतने वृ ों म बीज वाले फल होते ह, वे सब म ने तुम को िदए ह; वे तु ारे भोजन के
िलये ह:
30 और िजतने पृ ी के पशु, और आकाश के प ी, और पृ ी पर रगने वाले ज ु ह, िजन म जीवन के ाण ह, उन सब के खाने के िलये म ने सब हरे हरे छोटे पेड़ िदए ह; और वैसा ही
हो गया।
31 तब परमे र ने जो कुछ बनाया था, सब को दे खा, तो ा दे खा, िक वह ब त ही अ ा है । तथा सां झ ई िफर भोर आ। इस कार छठवां िदन हो गया।।

उ ि 2
1 यों आकाश और पृ ी और उनकी सारी सेना का बनाना समा हो गया।
2 और परमे र ने अपना काम िजसे वह करता था सातव िदन समा िकया। और उसने अपने िकए ए सारे काम से सातव िदन िव ाम िकया।
3 और परमे र ने सातव िदन को आशीष दी और पिव ठहराया; ोंिक उस म उसने अपनी सृ ि की रचना के सारे काम से िव ाम िलया।
4 आकाश और पृ ी की उ ि का वृ ा यह है िक जब वे उ ए अथात िजस िदन यहोवा परमे र ने पृ ी और आकाश को बनाया:
5 तब मै दान का कोई पौधा भूिम पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, ोंिक यहोवा परमे र ने पृ ी पर जल नहीं बरसाया था, और भूिम पर खेती करने के िलये मनु
भी नही ं था;
6 तौभी कोहरा पृ ी से उठता था िजस से सारी भूिम िसंच जाती थी
7 और यहोवा परमे र ने आदम को भूिम की िम ी से रचा और उसके नथनों म जीवन का ास फूंक िदया; और आदम जीवता ाणी बन गया।
8 और यहोवा परमे र ने पूव की ओर अदन दे श म एक वािटका लगाई; और वहां आदम को िजसे उसने रचा था, रख िदया।
9 और यहोवा परमे र ने भूिम से सब भांित के वृ , जो दे खने म मनोहर और िजनके फल खाने म अ े ह उगाए, और वािटका के बीच म जीवन के वृ को और भले या बु रे के ान के
वृ को भी लगाया।
10 और उस वािटका को सीच ं ने के िलये एक महानदी अदन से िनकली और वहां से आगे बहकर चार धारा म हो गई।
11 पिहली धारा का नाम पीशोन है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे दे श को जहां सोना िमलता है घे रे ए है।
12 उस दे श का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी प र भी िमलते ह।
13 और दू सरी नदी का नाम गीहोन है, यह वही है जो कूश के सारे दे श को घेरे ए है ।
14 और तीसरी नदी का नाम िह े केल है, यह वही है जो अ ू र के पूव की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है।
15 तब यहोवा परमे र ने आदम को ले कर अदन की वािटका म रख िदया, िक वह उस म काम करे और उसकी र ा करे ,
16 तब यहोवा परमे र ने आदम को यह आ ा दी, िक तू वािटका के सब वृ ों का फल िबना खटके खा सकता है:
17 पर भले या बुरे के ान का जो वृ है, उसका फल तू कभी न खाना: ोंिक िजस िदन तू उसका फल खाए उसी िदन अव मर जाएगा।।
18 िफर यहोवा परमे र ने कहा, आदम का अकेला रहना अ ा नही ं; म उसके िलये एक ऐसा सहायक बनाऊंगा जो उस से मेल खाए।
19 और यहोवा परमे र भूिम म से सब जाित के बनैले पशुओ,ं और आकाश के सब भाँित के पि यों को रचकर आदम के पास ले आया िक दे ख, िक वह उनका ा ा नाम रखता है;
और िजस िजस जीिवत ाणी का जो जो नाम आदम ने रखा वही उसका नाम हो गया।
20 सो आदम ने सब जाित के घरे लू पशुओ,ं और आकाश के पि यों, और सब जाित के बनैले पशुओं के नाम रखे; पर ु आदम के िलये कोई ऐसा सहायक न िमला जो उस से मेल खा
सके।
21 तब यहोवा परमे र ने आदम को भारी नी म डाल िदया, और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली िनकाल कर उसकी स ी मांस भर िदया।
22 और यहोवा परमे र ने उस पसली को जो उसने आदम म से िनकाली थी, ी बना िदया; और उसको आदम के पास ले आया।
23 और आदम ने कहा अब यह मेरी हि यों म की ह ी और मे रे मां स म का मां स है : सो इसका नाम नारी होगा, ोंिक यह नर म से िनकाली गई है।
24 इस कारण पु ष अपने माता िपता को छोड़कर अपनी प ी से िमला रहे गा और वे एक तन बने रहगे ।
25 और आदम और उसकी प ी दोनो नंगे थे, पर लजाते न थे ।।
उ ि 3
1 यहोवा परमे र ने िजतने बनैले पशु बनाए थे, उन सब म सप धूत था, और उसने ी से कहा, ा सच है , िक परमे र ने कहा, िक तुम इस बािटका के िकसी वृ का फल न खाना?
2 ी ने सप से कहा, इस बािटका के वृ ों के फल हम खा सकते ह।
3 पर जो वृ बािटका के बीच म है, उसके फल के िवषय म परमे र ने कहा है िक न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नही ं तो मर जाओगे ।
4 तब सप ने ी से कहा, तुम िन य न मरोगे,
5 वरन परमे र आप जानता है, िक िजस िदन तुम उसका फल खाओगे उसी िदन तु ारी आं ख खु ल जाएं गी, और तु म भले बुरे का ान पाकर परमे र के तु हो जाओगे ।
6 सो जब ी ने दे खा िक उस वृ का फल खाने म अ ा, और दे खने म मनभाऊ, और बु दे ने के िलये चाहने यो भी है, तब उसने उस म से तोड़कर खाया; और अपने पित को भी
िदया, और उसने भी खाया।
7 तब उन दोनों की आं खे खुल गई, और उन को मालूम आ िक वे नंगे है ; सो उ ोंने अंजीर के प े जोड़ जोड़ कर लंगोट बना िलये।
8 तब यहोवा परमे र जो िदन के ठं डे समय बािटका म िफरता था उसका श उन को सु नाई िदया। तब आदम और उसकी प ी बािटका के वृ ों के बीच यहोवा परमे र से िछप गए।
9 तब यहोवा परमे र ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है ?
10 उसने कहा, म ते रा श बारी म सुन कर डर गया ोंिक म नं गा था; इसिलये िछप गया।
11 उसने कहा, िकस ने तुझे िचताया िक तू नंगा है? िजस वृ का फल खाने को म ने तु झे बजा था, ा तू ने उसका फल खाया है?
12 आदम ने कहा िजस ी को तू ने मेरे संग रहने को िदया है उसी ने उस वृ का फल मुझे िदया, और म ने खाया।
13 तब यहोवा परमे र ने ी से कहा, तू ने यह ा िकया है ? ी ने कहा, सप ने मु झे बहका िदया तब म ने खाया।
14 तब यहोवा परमे र ने सप से कहा, तू ने जो यह िकया है इसिलये तू सब घरे लू पशुओ,ं और सब बनै ले पशुओ ं से अिधक शािपत है ; तू पे ट के बल चला करे गा, और जीवन भर िम ी
चाटता रहेगा:
15 और म तेरे और इस ी के बीच म, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच म बैर उ क ं गा, वह ते रे िसर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।
16 िफर ी से उसने कहा, म तेरी पीड़ा और तेरे गभवती होने के दु :ख को ब त बढ़ाऊंगा; तू पीिड़त हो कर बालक उ करे गी; और तेरी लालसा तेरे पित की ओर होगी, और वह
तुझ पर भु ता करे गा।
17 और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी प ी की बात सु नी, और िजस वृ के फल के िवषय म ने तु झे आ ा दी थी िक तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसिलये भूिम ते रे
कारण शािपत है : तू उसकी उपज जीवन भर दु :ख के साथ खाया करे गा:
18 और वह तेरे िलये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ;
19 और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करे गा, और अ म िम ी म िमल जाएगा; ोंिक तू उसी म से िनकाला गया है, तू िम ी तो है और िम ी ही म िफर िमल जाएगा।
20 और आदम ने अपनी प ी का नाम ह ा रखा; ोंिक िजतने मनु जीिवत ह उन सब की आिदमाता वही ई।
21 और यहोवा परमे र ने आदम और उसकी प ी के िलये चमड़े के अंगरखे बना कर उन को पिहना िदए।
22 िफर यहोवा परमे र ने कहा, मनु भले बुरे का ान पाकर हम म से एक के समान हो गया है : इसिलये अब ऐसा न हो, िक वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृ का फल भी तोड़ के खा
ले और सदा जीिवत रहे।
23 तब यहोवा परमे र ने उसको अदन की बािटका म से िनकाल िदया िक वह उस भूिम पर खे ती करे िजस म से वह बनाया गया था।
24 इसिलये आदम को उसने िनकाल िदया और जीवन के वृ के माग का पहरा दे ने के िलये अदन की बािटका के पू व की ओर क बों को, और चारों ओर घूमने वाली ालामय
तलवार को भी िनयु कर िदया।।
उ ि 4
1 जब आदम अपनी प ी ह ा के पास गया तब उसने गभवती हो कर कैन को ज िदया और कहा, म ने यहोवा की सहायता से एक पु ष पाया है।
2 िफर वह उसके भाई हािबल को भी ज ी, और हािबल तो भेड़-बक रयों का चरवाहा बन गया, पर ु कैन भूिम की खे ती करने वाला िकसान बना।
3 कुछ िदनों के प ात कैन यहोवा के पास भूिम की उपज म से कुछ भट ले आया।
4 और हािबल भी अपनी भेड़-बक रयों के कई एक पिहलौठे ब े भट चढ़ाने ले आया और उनकी चब भट चढ़ाई; तब यहोवा ने हािबल और उसकी भट को तो हण िकया,
5 पर ु कैन और उसकी भट को उसने हण न िकया। तब कैन अित ोिधत आ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई।
6 तब यहोवा ने कैन से कहा, तू ों ोिधत आ? और ते रे मुंह पर उदासी ों छा गई है ?
7 यिद तू भला करे , तो ा तेरी भट हण न की जाएगी? और यिद तू भला न करे , तो पाप ार पर िछपा रहता है , और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर भुता करे गा।
8 तब कैन ने अपने भाई हािबल से कुछ कहा: और जब वे मैदान म थे , तब कैन ने अपने भाई हािबल पर चढ़ कर उसे घात िकया।
9 तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हािबल कहां है? उसने कहा मालू म नही ं: ा म अपने भाई का रखवाला ं ?
10 उसने कहा, तू ने ा िकया है? तेरे भाई का लो भूिम म से मे री ओर िच ा कर मेरी दोहाई दे रहा है !
11 इसिलये अब भूिम िजसने तेरे भाई का लो तेरे हाथ से पीने के िलये अपना मुं ह खोला है , उसकी ओर से तू शािपत है ।
12 चाहे तू भू िम पर खेती करे , तौभी उसकी पूरी उपज िफर तुझे न िमलेगी, और तू पृ ी पर बहे तू और भगोड़ा होगा।
13 तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा द सहने से बाहर है ।
14 दे ख, तू ने आज के िदन मुझे भूिम पर से िनकाला है और म तेरी ि की आड़ मे र ं गा और पृ ी पर बहे तू और भगोड़ा र ंगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करे गा।
15 इस कारण यहोवा ने उस से कहा, जो कोई कैन को घात करे गा उस से सात गु णा पलटा िलया जाएगा। और यहोवा ने कैन के िलये एक िच ठहराया ऐसा ने हो िक कोई उसे पाकर
मार डाले।।
16 तब कैन यहोवा के स ुख से िनकल गया, और नोद नाम दे श म, जो अदन के पू व की ओर है, रहने लगा।
17 जब कैन अपनी प ी के पास गया जब वह गभवती ई और हनोक को ज ी, िफर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का नाम अपने पु के नाम पर हनोक रखा।
18 और हनोक से ईराद उ आ, और ईराद ने म याएल को ज िदया, और म याएल ने मतूशाएल को, और मतू शाएल ने लेमेक को ज िदया।
19 और ले मेक ने दो यां ाह ली: िजन म से एक का नाम आदा, और दू सरी को िस ा है ।
20 और आदा ने याबाल को ज िदया। वह त ुओं म रहना और जानवरों का पालन इन दोनो रीितयों का उ ादक आ।
21 और उसके भाई का नाम यूबाल है: वह वीणा और बांसुरी आिद बाजों के बजाने की सारी रीित का उ ादक आ।
22 और िस ा ने भी तूब ै न नाम एक पु को ज िदया: वह पीतल और लोहे के सब धार वाले हिथयारों का गढ़ने वाला आ: और तूब ै न की बिहन नामा थी।
23 और ले मेक ने अपनी पि यों से कहा, हे आदा और हे िस ा मे री सुनो; हे लेमेक की पि यों, मेरी बात पर कान लगाओ: मने एक पु ष को जो मेरे चोट लगाता था, अथात एक
जवान को जो मु झे घायल करता था, घात िकया है।
24 जब कैन का पलटा सात गुणा िलया जाएगा। तो लेमेक का स र गुणा िलया जाएगा।
25 और आदम अपनी प ी के पास िफर गया; और उसने एक पु को ज िदया और उसका नाम यह कह के शेत रखा, िक परमे र ने मेरे िलये हािबल की स ी, िजस को कैन ने घात
िकया, एक और वंश ठहरा िदया है।
26 और शेत के भी एक पु उ आ; और उसने उसका नाम एनोश रखा, उसी समय से लोग यहोवा से ाथना करने लगे।।
उ ि 5
1 आदम की वंशावली यह है। जब परमे र ने मनु की सृ ि की तब अपने ही प म उसको बनाया;
2 उसने नर और नारी कर के मनु ों की सृि की और उ आशीष दी, और उनकी सृ ि के िदन उनका नाम आदम रखा।
3 जब आदम एक सौ तीस वष का आ, तब उसके ारा उसकी समानता म उस ही के प के अनु सार एक पु उ आ उसका नाम शेत रखा।
4 और शेत के ज के प ात आदम आठ सौ वष जीिवत रहा, और उसके और भी बेटे बे िटयां उ ईं।
5 और आदम की कुल अव था नौ सौ तीस वष की ई: त ात वह मर गया।।
6 जब शेत एक सौ पांच वष का आ, तब उसने एनोश को ज िदया।
7 और एनोश के ज के प ात शेत आठ सौ सात वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ईं।
8 और शेत की कुल अव था नौ सौ बारह वष की ई: त ात वह मर गया।।
9 जब एनोश न े वष का आ, तब उसने केनान को ज िदया।
10 और केनान के ज के प ात एनोश आठ सौ प ह वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां ई।
11 और एनोश की कुल अव था नौ सौ पांच वष की ई: त ात वह मर गया।।
12 जब केनान स र वष का आ, तब उसने महललेल को ज िदया।
13 और महललेल के ज के प ात केनान आठ सौ चालीस वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ई।
14 और केनान की कुल अव था नौ सौ दस वष की ई: त ात वह मर गया।।
15 जब महलले ल पसठ वष का आ, तब उसने येरेद को ज िदया।
16 और येरेद के ज के प ात महललेल आठ सौ तीस वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ई।
17 और महललेल की कुल अव था आठ सौ पंचानवे वष की ई: त ात वह मर गया।।
18 जब येरेद एक सौ बासठ वष का आ, जब उसने हनोक को ज िदया।
19 और हनोक के ज के प ात येरेद आठ सौ वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ई।
20 और येरेद की कुल अव था नौ सौ बासठ वष की ई: त ात वह मर गया।
21 जब हनोक पसठ वष का आ, तब उसने मतूशेलह को ज िदया।
22 और मतू शेलह के ज के प ात हनोक तीन सौ वष तक परमे र के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ईं।
23 और हनोक की कुल अव था तीन सौ पसठ वष की ई।
24 और हनोक परमे र के साथ साथ चलता था; िफर वह लोप हो गया ोंिक परमे र ने उसे उठा िलया।
25 जब मतूशेलह एक सौ स ासी वष का आ, तब उसने ले मेक को ज िदया।
26 और ले मेक के ज के प ात मतूशेलह सात सौ बयासी वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ईं।
27 और मतू शेलह की कुल अव था नौ सौ उनह र वष की ई: त ात वह मर गया।।
28 जब लेमेक एक सौ बयासी वष का आ, तब उसने एक पु ज िदया।
29 और यह कहकर उसका नाम नूह रखा, िक यहोवा ने जो पृ ी को शाप िदया है , उसके िवषय यह लड़का हमारे काम म, और उस किठन प र म म जो हम करते ह, हम को शा
दे गा।
30 और नूह के ज के प ात लेमेक पांच सौ पंचानवे वष जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ईं।
31 और ले मेक की कुल अव था सात सौ सतह र वष की ई: त ात वह मर गया।।
32 और नूह पां च सौ वष का आ; और नूह ने शेम, और हाम और ये पेत को ज िदया।।
उ ि 6
1 िफर जब मनु भू िम के ऊपर ब त बढ़ने लगे, और उनके बे िटयां उ ई,
2 तब परमे र के पु ों ने मनु की पुि यों को दे खा, िक वे सु र ह; सो उ ोंने िजस िजस को चाहा उन से ाह कर िलया।
3 और यहोवा ने कहा, मेरा आ ा मनु से सदा लों िववाद करता न रहेगा, ोंिक मनु भी शरीर ही है: उसकी आयु एक सौ बीस वष की होगी।
4 उन िदनों म पृ ी पर दानव रहते थे; और इसके प ात जब परमे र के पु मनु की पु ि यों के पास गए तब उनके ारा जो स ान उ ए, वे पु शूरवीर होते थे, िजनकी कीित
ाचीन काल से चिलत है।
5 और यहोवा ने दे खा, िक मनु ों की बुराई पृ ी पर बढ़ गई है, और उनके मन के िवचार म जो कुछ उ होता है सो िनर र बुरा ही होता है।
6 और यहोवा पृ ी पर मनु को बनाने से पछताया, और वह मन म अित खे िदत आ।
7 तब यहोवा ने सोचा, िक म मनु को िजसकी म ने सृि की है पृ ी के ऊपर से िमटा दू ं गा; ा मनु , ा पशु, ा रगने वाले ज ु, ा आकाश के प ी, सब को िमटा दू ं गा
ोंिक म उनके बनाने से पछताता ं।
8 पर ु यहोवा के अनु ह की ि नूह पर बनी रही।।
9 नूह की वंशावली यह है। नूह धम पु ष और अपने समय के लोगों म खरा था, और नू ह परमे र ही के साथ साथ चलता रहा।
10 और नूह से, शेम, और हाम, और येपेत नाम, तीन पु उ ए।
11 उस समय पृ ी परमे र की ि म िबगड़ गई थी, और उप व से भर गई थी।
12 और परमे र ने पृ ी पर जो ि की तो ा दे खा, िक वह िबगड़ी ई है; ोंिक सब ािणयों ने पृ ी पर अपनी अपनी चाल चलन िबगाड़ ली थी।
13 तब परमे र ने नूह से कहा, सब ािणयों के अ करने का मेरे सा ने आ गया है; ोंिक उनके कारण पृ ी उप व से भर गई है, इसिलये म उन को पृ ी समे त नाश कर
डालूं गा।
14 इसिलये तू गोपेर वृ की लकड़ी का एक जहाज बना ले , उस म कोठ रयां बनाना, और भीतर बाहर उस पर राल लगाना।
15 और इस ढं ग से उसको बनाना: जहाज की ल ाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊंचाई तीस हाथ की हो।
16 जहाज म एक खड़की बनाना, और इसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक अलं ग म एक ार रखना, और जहाज म पिहला, दू सरा, तीसरा ख बनाना।
17 और सु न, म आप पृ ी पर जल लय कर के सब ािणयों को, िजन म जीवन की आ ा है , आकाश के नीचे से नाश करने पर ं: और सब जो पृ ी पर ह मर जाएं गे।
18 पर ु ते रे संग म वाचा बा ता ं: इसिलये तू अपने पु ों, ी, और ब ओं समेत जहाज म वेश करना।
19 और सब जीिवत ािणयों म से, तू एक एक जाित के दो दो, अथात एक नर और एक मादा जहाज म ले जा कर, अपने साथ जीिवत रखना।
20 एक एक जाित के प ी, और एक एक जाित के पशु, और एक एक जाित के भू िम पर रगने वाले, सब म से दो दो ते रे पास आएं गे, िक तू उन को जीिवत रखे।
21 और भांित भां ित का भो पदाथ जो खाया जाता है, उन को तू ले कर अपने पास इक ा कर रखना सो तेरे और उनके भोजन के िलये होगा।
22 परमे र की इस आ ा के अनुसार नूह ने िकया।
उ ि 7
1 और यहोवा ने नू ह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज म जा; ोंिक म ने इस समय के लोगों म से केवल तु झी को अपनी ि म धम दे खा है।
2 सब जाित के शु पशुओं म से तो तू सात सात, अथात नर और मादा ले ना: पर जो पशु शु नहीं है, उन म से दो दो ले ना, अथात नर और मादा:
3 और आकाश के पि यों म से भी, सात सात, अथात नर और मादा लेना: िक उनका वंश बचकर सारी पृ ी के ऊपर बना रहे।
4 ोंिक अब सात िदन और बीतने पर म पृ ी पर चालीस िदन और चालीस रात तक जल बरसाता र ंगा; िजतनी व ु एं म ने बनाईं ह सब को भूिम के ऊपर से िमटा दू ं गा।
5 यहोवा की इस आ ा के अनुसार नूह ने िकया।
6 नूह की अव था छ: सौ वष की थी, जब जल लय पृ ी पर आया।
7 नूह अपने पु ों, प ी और ब ओं समेत, जल लय से बचने के िलये जहाज म गया।
8 और शु , और अशु दोनो कार के पशुओं म से, पि यों,
9 और भू िम पर रगने वालों म से भी, दो दो, अथात नर और मादा, जहाज म नू ह के पास गए, िजस कार परमे र ने नू ह को आ ा दी थी।
10 सात िदन के उपरा लय का जल पृ ी पर आने लगा।
11 जब नू ह की अव था के छ: सौव वष के दू सरे महीने का स रहवां िदन आया; उसी िदन बड़े गिहरे समु के सब सोते फूट िनकले और आकाश के झरोखे खुल गए।
12 और वषा चालीस िदन और चालीस रात िनर र पृ ी पर होती रही।
13 ठीक उसी िदन नूह अपने पु शेम, हाम, और येपेत, और अपनी प ी, और तीनों ब ओं समेत,
14 और उनके संग एक एक जाित के सब बनैले पशु, और एक एक जाित के सब घरे लू पशु, और एक एक जाित के सब पृ ी पर रगने वाले, और एक एक जाित के सब उड़ने वाले
प ी, जहाज म गए।
15 िजतने ािणयों म जीवन की आ ा थी उनकी सब जाितयों म से दो दो नूह के पास जहाज म गए।
16 और जो गए, वह परमे र की आ ा के अनुसार सब जाित के ािणयों म से नर और मादा गए। तब यहोवा ने उसका ार ब कर िदया।
17 और पृ ी पर चालीस िदन तक लय होता रहा; और पानी ब त बढ़ता ही गया िजस से जहाज ऊपर को उठने लगा, और वह पृ ी पर से ऊंचा उठ गया।
18 और जल बढ़ते बढ़ते पृ ी पर ब त ही बढ़ गया, और जहाज जल के ऊपर ऊपर तै रता रहा।
19 और जल पृ ी पर अ बढ़ गया, यहां तक िक सारी धरती पर िजतने बड़े बड़े पहाड़ थे , सब डूब गए।
20 जल तो प ह हाथ ऊपर बढ़ गया, और पहाड़ भी डूब गए
21 और ा प ी, ा घरे लू पशु, ा बनैले पशु, और पृ ी पर सब चलने वाले ाणी, और िजतने ज ु पृ ी मे ब तायत से भर गए थे, वे सब, और सब मनु मर गए।
22 जो जो थल पर थे उन म से िजतनों के नथनों म जीवन का ास था, सब मर िमटे ।
23 और ा मनु , ा पशु, ा रगने वाले ज ु, ा आकाश के प ी, जो जो भू िम पर थे , सो सब पृ ी पर से िमट गए; केवल नूह, और िजतने उसके संग जहाज म थे , वे ही बच
गए।
24 और जल पृ ी पर एक सौ पचास िदन तक बल रहा।।
उ ि 8
1 और परमे र ने नूह की, और िजतने बनैले पशु, और घरे लू पशु उसके सं ग जहाज म थे, उन सभों की सुिध ली: और परमे र ने पृ ी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा।
2 और गिहरे समु के सोते और आकाश के झरोखे बंद हो गए; और उस से जो वषा होती थी सो भी थम गई।
3 और एक सौ पचास िदन के पशचात जल पृ ी पर से लगातार घटने लगा।
4 सातव महीने के स रहव िदन को, जहाज अरारात नाम पहाड़ पर िटक गया।
5 और जल दसव महीने तक घटता चला गया, और दसव महीने के पिहले िदन को, पहाड़ों की चोिटयाँ िदखलाई दी।ं
6 िफर ऐसा आ िक चालीस िदन के प ात नूह ने अपने बनाए ए जहाज की खड़की को खोल कर, एक कौआ उड़ा िदया:
7 वह जब तक जल पृ ी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर उधर िफरता रहा।
8 िफर उसने अपने पास से एक कबूतरी को उड़ा िदया, िक दे ख िक जल भू िम से घट गया िक नही।ं
9 उस कबूतरी को अपने पैर के तले टे कने के िलये कोई आधार ने िमला, सो वह उसके पास जहाज म लौट आई: ोंिक सारी पृ ी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ा
कर उसे अपने पास जहाज म ले िलया।
10 तब और सात िदन तक ठहर कर, उसने उसी कबूतरी को जहाज म से िफर उड़ा िदया।
11 और कबूतरी सांझ के समय उसके पास आ गई, तो ा दे खा िक उसकी चोंच म जलपाई का एक नया प ा है ; इस से नूह ने जान िलया, िक जल पृ ी पर घट गया है ।
12 िफर उसने सात िदन और ठहरकर उसी कबूतरी को उड़ा िदया; और वह उसके पास िफर कभी लौट कर न आई।
13 िफर ऐसा आ िक छ: सौ एक वष के पिहले महीने के पिहले िदन जल पृ ी पर से सू ख गया। तब नू ह ने जहाज की छत खोल कर ा दे खा िक धरती सूख गई है।
14 और दू सरे महीने के सताईसव िदन को पृ ी पूरी रीित से सू ख गई।।
15 तब परमे र ने , नूह से कहा,
16 तू अपने पु ों, प ी, और ब ओं समेत जहाज म से िनकल आ।
17 ा प ी, ा पशु, ा सब भांित के रगने वाले ज ु जो पृ ी पर रगते ह, िजतने शरीरधारी जीवज ु ते रे सं ग ह, उस सब को अपने साथ िनकाल ले आ, िक पृ ी पर उन से ब त
ब ेउ हों; और वे फूल-फल, और पृ ी पर फैल जाएं ।
18 तब नूह, और उसके पु , और प ी, और ब एं , िनकल आईं:
19 और सब चौपाए, रगने वाले ज ु, और प ी, और िजतने जीवज ु पृ ी पर चलते िफरते ह, सो सब जाित जाित कर के जहाज म से िनकल आए।
20 तब नूह ने यहोवा के िलये एक वेदी बनाई; और सब शु पशुओ,ं और सब शु पि यों म से, कुछ कुछ ले कर वेदी पर होमबिल चढ़ाया।
21 इस पर यहोवा ने सु खदायक सुग पाकर सोचा, िक मनु के कारण म िफर कभी भू िम को शाप न दू ं गा, य िप मनु के मन म बचपन से जो कुछ उ होता है सो बुरा ही होता
है ; तौभी जैसा म ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को िफर कभी न मा ं गा।
22 अब से जब तक पृ ी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठ और तपन, धूपकाल और शीतकाल, िदन और रात, िनर र होते चले जाएं गे।।
उ ि 9
1 िफर परमे र ने नूह और उसके पु ों को आशीष दी और उन से कहा िक फूलो-फलो, और बढ़ो, और पृ ी म भर जाओ।
2 और तु ारा डर और भय पृ ी के सब पशुओ,ं और आकाश के सब पि यों, और भू िम पर के सब रगने वाले ज ु ओ,ं और समु की सब मछिलयों पर बना रहेगा: वे सब तु ारे वश
म कर िदए जाते ह।
3 सब चलने वाले ज ु तु ारा आहार होंगे; जैसा तुम को हरे हरे छोटे पेड़ िदए थे, वैसा ही अब सब कुछ दे ता ं ।
4 पर मांस को ाण समेत अथात लो समेत तुम न खाना।
5 और िन य म तु ारा लो अथात ाण का पलटा लूं गा: सब पशुओ,ं और मनु ों, दोनों से म उसे लूं गा: मनु के ाण का पलटा म एक एक के भाई ब ु से लूंगा।
6 जो कोई मनु का लो बहाएगा उसका लो मनु ही से बहाया जाएगा ोंिक परमे र ने मनु को अपने ही प के अनुसार बनाया है।
7 और तुम तो फूलो-फलो, और बढ़ो, और पृ ी म ब त ब े ज ा के उस म भर जाओ।।
8 िफर परमे र ने नूह और उसके पु ों से कहा,
9 सु नों, म तु ारे साथ और तु ारे प ात जो तु ारा वंश होगा, उसके साथ भी वाचा बा ता ं ।
10 और सब जीिवत ािणयों से भी जो तु ारे संग है ा प ी ा घरे लू पशु, ा पृ ी के सब बनै ले पशु, पृ ी के िजतने जीवज ु जहाज से िनकले ह; सब के साथ भी मेरी यह वाचा
ब ती है :
11 और म तु ारे साथ अपनी इस वाचा को पूरा क ं गा; िक सब ाणी िफर जल लय से नाश न होंगे: और पृ ी के नाश करने के िलये िफर जल लय न होगा।
12 िफर परमे र ने कहा, जो वाचा म तु ारे साथ, और िजतने जीिवत ाणी तु ारे सं ग ह उन सब के साथ भी युग युग की पीिढय़ों के िलये बा ता ं; उसका यह िच है:
13 िक म ने बादल म अपना धनुष रखा है वह मेरे और पृ ी के बीच म वाचा का िच होगा।
14 और जब म पृ ी पर बादल फैलाऊं जब बादल म धनुष दे ख पड़े गा।
15 तब मे री जो वाचा तु ारे और सब जीिवत शरीरधारी ािणयों के साथ बा ी है ; उसको म रण क ं गा, तब ऐसा जल लय िफर न होगा िजस से सब ािणयों का िवनाश हो।
16 बादल म जो धनुष होगा म उसे दे ख के यह सदा की वाचा रण क ं गा जो परमे र के और पृ ी पर के सब जीिवत शरीरधारी ािणयों के बीच ब ी है।
17 िफर परमे र ने नूह से कहा जो वाचा म ने पृ ी भर के सब ािणयों के साथ बा ी है , उसका िच यही है ।।
18 नूह के जो पु जहाज म से िनकले, वे शेम, हाम, और येपेत थे : और हाम तो कनान का िपता आ।
19 नूह के तीन पु ये ही ह, और इनका वंश सारी पृ ी पर फैल गया।
20 और नूह िकसानी करने लगा, और उसने दाख की बारी लगाई।
21 और वह दाखमधु पीकर मतवाला आ; और अपने त ू के भीतर नं गा हो गया।
22 तब कनान के िपता हाम ने, अपने िपता को नंगा दे खा, और बाहर आकर अपने दोनों भाइयों को बतला िदया।
23 तब शेम और येपेत दोनों ने कपड़ा ले कर अपने क ों पर रखा, और पीछे की ओर उलटा चलकर अपने िपता के नंगे तन को ढां प िदया, और वे अपना मु ख पीछे िकए ए थे
इसिलये उ ोंने अपने िपता को नंगा न दे खा।
24 जब नू ह का नशा उतर गया, तब उसने जान िलया िक उसके छोटे पु ने उस से ा िकया है।
25 इसिलये उसने कहा, कनान शािपत हो: वह अपने भाई ब ुओं के दासों का दास हो।
26 िफर उसने कहा, शेम का परमे र यहोवा ध है, और कनान शेम का दास होवे।
27 परमे र ये पेत के वंश को फैलाए; और वह शेम के त ुओं म बसे, और कनान उसका दास होवे।
28 जल लय के प ात नूह साढ़े तीन सौ वष जीिवत रहा।
29 और नूह की कुल अव था साढ़े नौ सौ वष की ई: त ात वह मर गया।
उ ि 10
1 नूह के पु जो शेम, हाम और येपेत थे उनके पु जल लय के प ात उ ए: उनकी वंशावली यह है ।।
2 ये पेत के पु : गोमेर, मागोग, मादै , यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास ए।
3 और गोमे र के पु : अशकनज, रीपत, और तोगमा ए।
4 और यावान के वंश म एलीशा, और तश श, और िक ी, और दोदानी लोग ए।
5 इनके वंश अ जाितयों के ीपों के दे शों म ऐसे बंट गए, िक वे िभ िभ भाषाओं, कुलों, और जाितयों के अनुसार अलग अलग हो गए।।
6 िफर हाम के पु : कूश, और िम , और फूत और कनान ए।
7 और कूश के पु सबा, हवीला, सबता, रामा, और सबूतका ए: और रामा के पु शबा और ददान ए।
8 और कूश के वंश म िन ोद भी आ; पृ ी पर पिहला वीर वही आ है ।
9 वही यहोवा की ि म परा मी िशकार खेलने वाला ठहरा, इस से यह कहावत चली है ; िक िन ोद के समान यहोवा की ि म परा मी िशकार खेलने वाला।
10 और उसके रा का आर िशनार दे श म बाबुल, अ द, और कलने आ।
11 उस दे श से वह िनकल कर अ ूर को गया, और नीनवे, रहोबोतीर, और कालह को,
12 और नीनवे और कालह के बीच रे सेन है, उसे भी बसाया, बड़ा नगर यही है ।
13 और िम के वंश म लूदी, अनामी, लहाबी, न ूही,
14 और प ुसी, कसलू ही, और क ोरी लोग ए, कसलू िहयों म से तो पिल ी लोग िनकले ।।
15 िफर कनान के वंश म उसका े सीदोन, तब िह ,
16 और यबूसी, एमोरी, िगगाशी,
17 िह ी, अक , सीनी,
18 अवदी, समारी, और हमाती लोग भी ए: िफर कनािनयों के कुल भी फैल गए।
19 और कनािनयों का िसवाना सीदोन से ले कर गरार के माग से हो कर अ ा तक और िफर सदोम और अमोरा और अदमा और सबोयीम के माग से हो कर लाशा तक आ।
20 हाम के वंश म ये ही ए; और ये िभ िभ कुलों, भाषाओं, दे शों, और जाितयों के अनुसार अलग अलग हो गए।।
21 िफर शेम, जो सब एबेरवंिशयों का मूलपु ष आ, और जो ये पेत का े भाई था, उसके भी पु उ ए।
22 शेम के पु : एलाम, अ ूर, अप द, लूद और आराम ए।
23 और आराम के पु : ऊस, ल, गेतेर और मश ए।
24 और अप द ने शेलह को, और शेलह ने एबेर को ज िदया।
25 और एबेर के दो पु उ ए, एक का नाम पेलेग इस कारण रखा गया िक उसके िदनों म पृ ी बं ट गई, और उसके भाई का नाम यो ान है।
26 और यो ान ने अ ोदाद, शेलेप, हसमावेत, थेरह,
27 यदोरवाम, ऊजाल, िद ा,
28 ओबाल, अबीमाएल, शबा,
29 ओपीर, हवीला, और योबाब को ज िदया: ये ही सब यो ान के पु ए।
30 इनके रहने का थान मेशा से ले कर सपारा जो पूव म एक पहाड़ है , उसके माग तक आ।
31 शेम के पु ये ही ए; और ये िभ िभ कुलों, भाषाओं, दे शों और जाितयों के अनुसार अलग अलग हो गए।।
32 नूह के पु ों के घराने ये ही ह: और उनकी जाितयों के अनुसार उनकी वंशाविलयां ये ही ह; और जल लय के प ात पृ ी भर की जाितयां इ ी ं म से हो कर बंट गई।।
उ ि 11
1 सारी पृ ी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।
2 उस समय लोग पूव की और चलते चलते िशनार दे श म एक मै दान पाकर उस म बस गए।
3 तब वे आपस म कहने लगे , िक आओ; हम ईंट बना बना के भली भाँित आग म पकाएं , और उ ोंने प र के थान म ईंट से, और चू ने के थान म िम ी के गारे से काम िलया।
4 िफर उ ोंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गु ट बना ल, िजसकी चोटी आकाश से बात करे , इस कार से हम अपना नाम कर ऐसा न हो िक हम को सारी पृ ी पर फैलना
पड़े ।
5 जब लोग नगर और गु ट बनाने लगे; तब इ दे खने के िलये यहोवा उतर आया।
6 और यहोवा ने कहा, म ा दे खता ं, िक सब एक ही दल के ह और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उ ोंने ऐसा ही काम भी आर िकया; और अब िजतना वे करने का य
करगे , उस म से कुछ उनके िलये अनहोना न होगा।
7 इसिलये आओ, हम उतर के उनकी भाषा म बड़ी गड़बड़ी डाल, िक वे एक दू सरे की बोली को न समझ सक।
8 इस कार यहोवा ने उन को, वहां से सारी पृ ी के ऊपर फैला िदया; और उ ोंने उस नगर का बनाना छोड़ िदया।
9 इस कारण उस नगर को नाम बाबुल पड़ा; ोंिक सारी पृ ी की भाषा म जो गड़बड़ी है , सो यहोवा ने वही ं डाली, और वही ं से यहोवा ने मनु ों को सारी पृ ी के ऊपर फैला िदया।।
10 शेम की वंशावली यह है। जल लय के दो वष प ात जब शेम एक सौ वष का आ, तब उसने अप द को ज िदया।
11 और अप द ने ज के प ात शेम पांच सौ वष जीिवत रहा; और उसके और भी बे टे बेिटयां उ ई।।
12 जब अप द पतीस वष का आ, तब उसने शेलह को ज िदया।
13 और शेलह के ज के प ात अप द चार सौ तीन वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ईं।।
14 जब शेलह तीस वष का आ, तब उसके ारा एबेर को ज आ।
15 और एबेर के ज के प ात शेलह चार सौ तीन वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बेटे बे िटयां उ ईं।।
16 जब एबे र चौंतीस वष का आ, तब उसके ारा पेलेग का ज आ।
17 और पे लेग के ज के प ात एबेर चार सौ तीस वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बेटे बे िटयां उ ईं।।
18 जब पेलेग तीस वष को आ, तब उसके ारा का ज आ।
19 और के ज के प ात पेलेग दो सौ नौ वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ई।।
20 जब ब ीस वष का आ, तब उसके ारा स ग का ज आ।
21 और स ग के ज के प ात दो सौ सात वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ईं।।
22 जब स ग तीस वष का आ, तब उसके ारा नाहोर का ज आ।
23 और नाहोर के ज के प ात स ग दो सौ वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ईं।।
24 जब नाहोर उनतीस वष का आ, तब उसके ारा तेरह का ज आ।
25 और तेरह के ज के प ात नाहोर एक सौ उ ीस वष और जीिवत रहा, और उसके और भी बे टे बे िटयां उ ईं।।
26 जब तक तेरह स र वष का आ, तब तक उसके ारा अ ाम, और नाहोर, और हारान उ ए।।
27 तेरह की यह वंशावली है। तेरह ने अ ाम, और नाहोर, और हारान को ज िदया; और हारान ने लू त को ज िदया।
28 और हारान अपने िपता के सा ने ही, कस्िदयों के ऊर नाम नगर म, जो उसकी ज भूिम थी, मर गया।
29 अ ाम और नाहोर ने यां ाह लीं: अ ाम की प ी का नाम तो सारै , और नाहोर की प ी का नाम िम ा था, यह उस हारान की बेटी थी, जो िम ा और िय ा दोनों का िपता
था।
30 सारै तो बांझ थी; उसके संतान न ई।
31 और तेरह अपना पु अ ाम, और अपना पोता लूत जो हारान का पु था, और अपनी ब सारै , जो उसके पु अ ाम की प ी थी इन सभों को ले कर कस्िदयों के ऊर नगर से
िनकल कनान दे श जाने को चला; पर हारान नाम दे श म प ंचकर वही ं रहने लगा।
32 जब ते रह दो सौ पांच वष का आ, तब वह हारान दे श म मर गया।।
उ ि 12
1 यहोवा ने अ ाम से कहा, अपने दे श, और अपनी ज भू िम, और अपने िपता के घर को छोड़कर उस दे श म चला जा जो म तुझे िदखाऊंगा।
2 और म तुझ से एक बड़ी जाित बनाऊंगा, और तुझे आशीष दू ं गा, और तेरा नाम बड़ा क ं गा, और तू आशीष का मू ल होगा।
3 और जो तुझे आशीवाद द, उ म आशीष दू ं गा; और जो तुझे कोसे, उसे म शाप दू ं गा; और भू म ल के सारे कुल ते रे ारा आशीष पाएं गे।
4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अ ाम चला; और लूत भी उसके सं ग चला; और जब अ ाम हारान दे श से िनकला उस समय वह पचह र वष का था।
5 सो अ ाम अपनी प ी सारै , और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उ ोंने इक ा िकया था, और जो ाणी उ ोंने हारान म ा िकए थे, सब को ले कर कनान दे श म जाने को
िनकल चला; और वे कनान दे श म आ भी गए।
6 उस दे श के बीच से जाते ए अ ाम शकेम म, जहां मोरे का बां ज वृ है, पं चा; उस समय उस दे श म कनानी लोग रहते थे।
7 तब यहोवा ने अ ाम को दशन दे कर कहा, यह दे श म तेरे वंश को दू ं गा: और उसने वहां यहोवा के िलये िजसने उसे दशन िदया था, एक वेदी बनाई।
8 िफर वहां से कूच कर के, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पू व की ओर है ; और अपना त ू उस थान म खड़ा िकया िजसकी प म की ओर तो बेतेल, और पूव की ओर ऐ है;
और वहां भी उसने यहोवा के िलये एक वेदी बनाई: और यहोवा से ाथना की
9 और अ ाम कूच कर के द न दे श की ओर चला गया।।
10 और उस दे श म अकाल पड़ा: और अ ाम िम दे श को चला गया िक वहां परदे शी हो कर रहे -- ोंिक दे श म भयं कर अकाल पड़ा था।
11 िफर ऐसा आ िक िम के िनकट प ंचकर, उसने अपनी प ी सारै से कहा, सु न, मुझे मालू म है, िक तू एक सु र ी है:
12 इस कारण जब िम ी तुझे दे खगे, तब कहगे, यह उसकी प ी है , सो वे मु झ को तो मार डालगे , पर तुझ को जीती रख लगे।
13 सो यह कहना, िक म उसकी बिहन ं; िजस से तेरे कारण मे रा क ाण हो और मे रा ाण तेरे कारण बचे ।
14 िफर ऐसा आ िक जब अ ाम िम म आया, तब िमि यों ने उसकी प ी को दे खा िक यह अित सु र है ।
15 और िफरौन के हािकमों ने उसको दे खकर िफरौन के सा ने उसकी शंसा की: सो वह ी िफरौन के घर म रखी गई।
16 और उसने उसके कारण अ ाम की भलाई की; सो उसको भेड़-बकरी, गाय-बै ल, दास-दािसयां , गदहे-गदिहयां , और ऊंट िमले।
17 तब यहोवा ने िफरौन और उसके घराने पर, अ ाम की प ी सारै के कारण बड़ी बड़ी िवपि यां डाली ं।
18 सो िफरौन ने अ ाम को बुलवा कर कहा, तू ने मुझ से ा िकया है ? तू ने मु झे ों नही ं बताया िक वह तेरी प ी है ?
19 तू ने ों कहा, िक वह तेरी बिहन है? म ने उसे अपनी ही प ी बनाने के िलये िलया; पर ु अब अपनी प ी को ले कर यहां से चला जा।
20 और िफरौन ने अपने आदिमयों को उसके िवषय म आ ा दी और उ ोंने उसको और उसकी प ी को, सब स ि समेत जो उसका था, िवदा कर िदया।।
उ ि 13
1 तब अ ाम अपनी प ी, और अपनी सारी स ि ले कर, लूत को भी सं ग िलये ए, िम को छोड़ कर कनान के द न दे श म आया।
2 अ ाम भे ड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने- पे का बड़ा धनी था।
3 िफर वह द न दे श से चलकर, बेतेल के पास उसी थान को प ंचा, जहां उसका त ू पहले पड़ा था, जो बे तेल और ऐ के बीच म है।
4 यह थान उस वेदी का है, िजसे उसने पहले बनाई थी, और वहां अ ाम ने िफर यहोवा से ाथना की।
5 और लू त के पास भी, जो अ ाम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बै ल, और त ू थे।
6 सो उस दे श म उन दोनों की समाई न हो सकी िक वे इक े रह: ोंिक उनके पास ब त धन था इसिलये वे इक े न रह सके।
7 सो अ ाम, और लू त की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच म झगड़ा आ: और उस समय कनानी, और प र ी लोग, उस दे श म रहते थे।
8 तब अ ाम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच म झगड़ा न होने पाए; ोंिक हम लोग भाई ब ु ह।
9 ा सारा दे श तेरे सा ने नहीं? सो मु झ से अलग हो, यिद तू बाईं ओर जाए तो म दािहनी ओर जाऊंगा; और यिद तू दािहनी ओर जाए तो म बाईं ओर जाऊंगा।
10 तब लू त ने आं ख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को दे खा, िक वह सब िसं ची ई है । जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न िकया था, तब तक सोअर के
माग तक वह तराई यहोवा की बािटका, और िम दे श के समान उपजाऊ थी।
11 सो लूत अपने िलये यरदन की सारी तराई को चुन के पूव की ओर चला, और वे एक दू सरे से अलग हो गए।
12 अ ाम तो कनान दे श म रहा, पर लू त उस तराई के नगरों म रहने लगा; और अपना त ू सदोम के िनकट खड़ा िकया।
13 सदोम के लोग यहोवा के लेखे म बड़े दु और पापी थे ।
14 जब लूत अ ाम से अलग हो गया तब उसके प ात यहोवा ने अ ाम से कहा, आं ख उठा कर िजस थान पर तू है वहां से उ र-द न, पूव-पि म, चारों ओर ि कर।
15 ोंिक िजतनी भू िम तुझे िदखाई दे ती है, उस सब को म तुझे और तेरे वंश को यु ग युग के िलये दू ं गा।
16 और म तेरे वंश को पृ ी की धूल के िकनकों की नाईं ब त क ं गा, यहां तक िक जो कोई पृ ी की धूल के िकनकों को िगन सकेगा वही तेरा वंश भी िगन सकेगा।
17 उठ, इस दे श की ल ाई और चौड़ाई म चल िफर; ोंिक म उसे तुझी को दू ं गा।
18 इसके पशचात् अ ाम अपना त ू उखाड़ कर, मा े के बांजों के बीच जो हे ोन म थे जा कर रहने लगा, और वहां भी यहोवा की एक वेदी बनाई।।
उ ि 14
1 िशनार के राजा अ ापेल, और ए ासार के राजा अय क, और एलाम के राजा कदोलाओमेर, और गोयीम के राजा ितदाल के िदनों म ऐसा आ,
2 िक उ ोंने सदोम के राजा बेरा, और अमोरा के राजा िबशा, और अदमा के राजा िशनाब, और सबोयीम के राजा शेमेबेर, और बे ला जो सोअर भी कहलाता है , इन राजाओं के िव
यु िकया।
3 इन पां चों ने िस ीम नाम तराई म, जो खारे ताल के पास है , एका िकया।
4 बारह वष तक तो ये कदोलाओमेर के आधीन रहे; पर तेरहव वष म उसके िव उठे ।
5 सो चौदहव वष म कदोलाओमेर, और उसके संगी राजा आए, और अशतरो नम म रपाइयों को, और हाम म जू िजयों को, और शबेिकयातैम म एिमयों को,
6 और से ईर नाम पहाड़ म हो रयों को, मारते मारते उस ए ारान तक जो जंगल के पास है प ं च गए।
7 वहां से वे लौट कर ए शपात को आए, जो कादे श भी कहलाता है, और अमालेिकयों के सारे दे श को, और उन एमो रयों को भी जीत िलया, जो हससो ामार म रहते थे ।
8 तब सदोम, अमोरा, अदमा, सबोयीम, और बेला, जो सोअर भी कहलाता है , इनके राजा िनकले, और िस ीम नाम तराई। म, उनके साथ यु के िलये पांित बा ी।
9 अथात एलाम के राजा कदोलाओमेर, गोयीम के राजा ितदाल, िशनार के राजा अ ापे ल, और ए ासार के राजा अय क, इन चारों के िव उन पांचों ने पां ित बा ी।
10 िस ीम नाम तराई म जहां लसार िम ी के गड़हे ही गड़हे थे ; सदोम और अमोरा के राजा भागते भागते उन म िगर पड़े , और जो बचे वे पहाड़ पर भाग गए।
11 तब वे सदोम और अमोरा के सारे धन और भोजन व ुओं को लू ट लाट कर चले गए।
12 और अ ाम का भतीजा लूत, जो सदोम म रहता था; उसको भी धन समेत वे ले कर चले गए।
13 तब एक जन जो भाग कर बच िनकला था उसने जा कर इ ी अ ाम को समाचार िदया; अ ाम तो एमोरी मा े , जो ए ोल और आने र का भाई था, उसके बांज वृझों के बीच म रहता
था; और ये लोग अ ाम के संग वाचा बा े ए थे।
14 यह सु नकर िक उसका भतीजा ब ुआई म गया है, अ ाम ने अपने तीन सौ अठारह िशि त, यु कौशल म िनपुण दासों को ले कर जो उसके कुटु म उ ए थे, अ श
धारण कर के दान तक उनका पीछा िकया।
15 और अपने दासों के अलग अलग दल बा कर रात को उन पर चढ़ाई कर के उन को मार िलया और होबा तक, जो दिम की उ र ओर है, उनका पीछा िकया।
16 और सारे धन को, और अपने भतीजे लूत, और उसके धन को, और यों को, और सब ब ु ओं को, लौटा ले आया।
17 जब वह कदोलाओमेर और उसके साथी राजाओं को जीत कर लौटा आता था तब सदोम का राजा शावे नाम तराई म, जो राजा की भी कहलाती है, उस से भट करने के िलये आया।
18 जब शालेम का राजा मे ीसेदेक, जो परम धान ई र का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया।
19 और उसने अ ाम को यह आशीवाद िदया, िक परम धान ई र की ओर से , जो आकाश और पृ ी का अिधकारी है, तू ध हो।
20 और ध है परम धान ई र, िजसने तेरे ोिहयों को ते रे वश म कर िदया है । तब अ ाम ने उसको सब का दशमांश िदया।
21 जब सदोम के राजा ने अ ाम से कहा, ािणयों को तो मु झे दे , और धन को अपने पास रख।
22 अ ाम ने सदोम के राजा से कहा, परम धान ई र यहोवा, जो आकाश और पृ ी का अिधकारी है ,
23 उसकी म यह शपथ खाता ं, िक जो कुछ तेरा है उस म से न तो म एक सूत, और न जू ती का ब न, न कोई और व ु लूंगा; िक तू ऐसा न कहने पाए, िक अ ाम मेरे ही कारण धनी
आ।
24 पर जो कुछ इन जवानों ने खा िलया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे ; अथात आने र, ए ोल, और मा े म नहीं लौटाऊंगा वे तो अपना अपना भाग रख ल।।
उ ि 15
1 इन बातों के प ात यहोवा को यह वचन दशन म अ ाम के पास प ं चा, िक हे अ ाम, मत डर; ते री ढाल और ते रा अ बड़ा फल म ं।
2 अ ाम ने कहा, हे भु यहोवा म तो िनवश ं, और मेरे घर का वा रस यह दिम ी एलीएजे र होगा, सो तू मु झे ा दे गा?
3 और अ ाम ने कहा, मु झे तो तू ने वंश नहीं िदया, और ा दे खता ं , िक मेरे घर म उ आ एक जन मे रा वा रस होगा।
4 तब यहोवा का यह वचन उसके पास प ंचा, िक यह तेरा वा रस न होगा, तेरा जो िनज पु होगा, वही तेरा वा रस होगा।
5 और उसने उसको बाहर ले जाके कहा, आकाश की ओर ि कर के तारागण को िगन, ा तू उन को िगन सकता है ? िफर उसने उस से कहा, तेरा वंश ऐसा ही होगा।
6 उसने यहोवा पर िव ास िकया; और यहोवा ने इस बात को उसके ले खे म धम िगना।
7 और उसने उस से कहा म वही यहोवा ं जो तुझे कस्िदयों के ऊर नगर से बाहर ले आया, िक तुझ को इस दे श का अिधकार दू ं ।
8 उसने कहा, हे भु यहोवा म कैसे जानूं िक म इसका अिधकारी ं गा?
9 यहोवा ने उस से कहा, मेरे िलये तीन वष की एक कलोर, और तीन वष की एक बकरी, और तीन वष का एक मढ़ा, और एक िप ु क और कबूतर का एक ब ा ले।
10 और इन सभों को ले कर, उसने बीच म से दो टु कड़े कर िदया, और टु कड़ों को आ ने -सा ने रखा: पर िचिडय़ाओं को उसने टु कड़े न िकया।
11 और जब मांसाहारी प ी लोथों पर झपटे , तब अ ाम ने उ उड़ा िदया।
12 जब सूय अ होने लगा, तब अ ाम को भारी नींद आई; और दे खो, अ भय और अ कार ने उसे छा िलया।
13 तब यहोवा ने अ ाम से कहा, यह िन य जान िक तेरे वंश पराए दे श म परदे शी हो कर रहगे, और उसके दे श के लोगों के दास हो जाएं गे; और वे उन को चार सौ वष लों दु :ख दगे;
14 िफर िजस दे श के वे दास होंगे उसको म द दू ं गा: और उसके प ात वे बड़ा धन वहां से ले कर िनकल आएं गे।
15 तू तो अपने िपतरों म कुशल के साथ िमल जाएगा; तुझे पू रे बुढ़ापे म िम ी दी जाएगी।
16 पर वे चौथी पीढ़ी म यहां िफर आएं गे: ोंिक अब तक एमो रयों का अधम पू रा नहीं आ।
17 और ऐसा आ िक जब सूय अ हो गया और घोर अ कार छा गया, तब एक अं गेठी िजस म से धुआं उठता था और एक जलता आ पलीता दे ख पड़ा जो उन टु कड़ों के बीच म से
हो कर िनकल गया।
18 उसी िदन यहोवा ने अ ाम के साथ यह वाचा बा ी, िक िम के महानद से ले कर परात नाम बड़े नद तक िजतना दे श है,
19 अथात, केिनयों, किन यों, कद् क़ोिनयों,
20 िहि यों, परी यों, रपाइयों,
21 एमो रयों, कनािनयों, िगगािशयों और यबू िसयों का दे श म ने तेरे वंश को िदया है ।।
उ ि 16
1 अ ाम की प ी सारै के कोई स ान न थी: और उसके हािजरा नाम की एक िम ी लौंडी थी।
2 सो सारै ने अ ाम से कहा, दे ख, यहोवा ने तो मेरी कोख ब कर रखी है सो म तु झ से िबनती करती ं िक तू मे री लौंडी के पास जा: स व है िक मेरा घर उसके ारा बस जाए।
3 सो सारै की यह बात अ ाम ने मान ली। सो जब अ ाम को कनान दे श म रहते दस वष बीत चु के तब उसकी ी सारै ने अपनी िम ी लौंडी हािजरा को ले कर अपने पित अ ाम को
िदया, िक वह उसकी प ी हो।
4 और वह हािजरा के पास गया, और वह गभवती ई और जब उसने जाना िक वह गभवती है तब वह अपनी ािमनी को अपनी ि म तु समझने लगी।
5 तब सारै ने अ ाम से कहा, जो मुझ पर उप व आ सो तेरे ही िसर पर हो: म ने तो अपनी लौंडी को तेरी प ी कर िदया; पर जब उसने जाना िक वह गभवती है, तब वह मु झे तु
समझने लगी, सो यहोवा मेरे और तेरे बीच म ाय करे ।
6 अ ाम ने सारै से कहा, दे ख तेरी लौंडी तेरे वश म है: जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर। सो सारै उसको दु :ख दे ने लगी और वह उसके सा ने से भाग गई।
7 तब यहोवा के दू त ने उसको जंगल म शूर के माग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा,
8 हे सारै की लौंडी हािजरा, तू कहां से आती और कहां को जाती है ? उसने कहा, म अपनी ािमनी सारै के सा ने से भाग आई ं।
9 यहोवा के दू त ने उस से कहा, अपनी ािमनी के पास लौट जा और उसके वश म रह।
10 और यहोवा के दू त ने उस से कहा, म तेरे वंश को ब त बढ़ाऊंगा, यहां तक िक ब तायत के कारण उसकी गणना न हो सकेगी।
11 और यहोवा के दू त ने उस से कहा, दे ख तू गभवती है , और पु जने गी, सो उसका नाम इ ाएल रखना; ोंिक यहोवा ने ते रे दु :ख का हाल सुन िलया है।
12 और वह मनु बनैले गदहे के समान होगा उसका हाथ सबके िव उठे गा, और सब के हाथ उसके िव उठगे ; और वह अपने सब भाई ब ु ओं के म म बसा रहेगा।
13 तब उसने यहोवा का नाम िजसने उस से बात की थी ं, अ ाएलरोई रखकर कहा िक, ा म यहां भी उसको जाते ए दे खने पाई जो मेरा दे खनेहारा है?
14 इस कारण उस कुएं का नाम लहैरोई कुआं पड़ा; वह तो कादे श और बेरेद के बीच म है।
15 सो हािजरा अ ाम के ारा एक पु जनी: और अ ाम ने अपने पु का नाम, िजसे हािजरा जनी, इ ाएल रखा।
16 जब हािजरा ने अ ाम के ारा इ ाएल को ज िदया उस समय अ ाम िछयासी वष का था।
उ ि 17
1 जब अ ाम िन ानवे वष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दशन दे कर कहा म सवश मान ई र ं ; मे री उप थित म चल और िस होता जा।
2 और म तेरे साथ वाचा बा ूंगा, और तेरे वंश को अ ही बढ़ाऊंगा।
3 तब अ ाम मुंह के बल िगरा: और परमे र उस से यों बात कहता गया,
4 दे ख, मेरी वाचा तेरे साथ ब ी रहेगी, इसिलये तू जाितयों के समूह का मूलिपता हो जाएगा।
5 सो अब से तेरा नाम अ ाम न रहेगा पर ु तेरा नाम इ ाहीम होगा ोंिक म ने तुझे जाितयों के समूह का मूलिपता ठहरा िदया है।
6 और म तुझे अ ही फुलाऊं फलाऊंगा, और तुझ को जाित जाित का मूल बना दू ं गा, और ते रे वंश म राजा उ होंगे।
7 और म तेरे साथ, और तेरे प ात पीढ़ी पीढ़ी तक तेरे वंश के साथ भी इस आशय की युग यु ग की वाचा बा ता ं, िक म तेरा और तेरे प ात तेरे वंश का भी परमे र र ंगा।
8 और म तुझ को, और तेरे प ात तेरे वंश को भी, यह सारा कनान दे श, िजस म तू परदे शी हो कर रहता है , इस रीित दू ं गा िक वह युग युग उनकी िनज भूिम रहेगी, और म उनका
परमे र र ं गा।
9 िफर परमे र ने इ ाहीम से कहा, तू भी मेरे साथ बा ी ई वाचा का पालन करना; तू और ते रे प ात ते रा वंश भी अपनी अपनी पीढ़ी म उसका पालन करे ।
10 मेरे साथ बा ी ई वाचा, जो तुझे और तेरे प ात तेरे वंश को पालनी पड़े गी, सो यह है , िक तु म म से एक एक पु ष का खतना हो।
11 तुम अपनी अपनी खलड़ी का खतना करा लेना; जो वाचा मे रे और तु ारे बीच म है , उसका यही िच होगा।
12 पीढ़ी पीढ़ी म केवल ते रे वंश ही के लोग नही ं पर जो तेरे घर म उ हों, वा परदे िशयों को पा दे कर मोल िलये जाए, ऐसे सब पु ष भी जब आठ िदन के हो जाए, तब उनका
खतना िकया जाए।
13 जो तेरे घर म उ हो, अथवा तेरे पे से मोल िलया जाए, उसका खतना अव ही िकया जाए; सो मेरी वाचा िजसका िच तु ारी दे ह म होगा वह युग युग रहेगी।
14 जो पु ष खतनारिहत रहे, अथात िजसकी खलड़ी का खतना न हो, वह ाणी अपने लोगों मे से नाश िकया जाए, ोंिक उसने मे रे साथ बा ी ई वाचा को तोड़ िदया।।
15 िफर परमे र ने इ ाहीम से कहा, तेरी जो प ी सारै है, उसको तू अब सारै न कहना, उसका नाम सारा होगा।
16 और म उसको आशीष दू ं गा, और तुझ को उसके ारा एक पु दू ं गा; और म उसको ऐसी आशीष दू ं गा, िक वह जाित जाित की मूलमाता हो जाएगी; और उसके वंश म रा रा के
राजा उ होंगे।
17 तब इ ाहीम मुंह के बल िगर पड़ा और हंसा, और अपने मन ही मन कहने लगा, ा सौ वष के पु ष के भी स ान होगा और ा सारा जो न े वष की है पु जनेगी?
18 और इ ाहीम ने परमे र से कहा, इ ाएल तेरी ि म बना रहे! यही ब त है ।
19 तब परमे र ने कहा, िन य तेरी प ी सारा के तुझ से एक पु उ होगा; और तू उसका नाम इसहाक रखना: और म उसके साथ ऐसी वाचा बा ूंगा जो उसके प ात उसके वंश
के िलये युग युग की वाचा होगी।
20 और इ ाएल के िवषय म भी म ने तेरी सुनी है: म उसको भी आशीष दू ं गा, और उसे फुलाऊं फलाऊंगा और अ ही बढ़ा दू ं गा; उस से बारह धान उ होंगे, और म उस से
एक बड़ी जाित बनाऊंगा।
21 पर ु म अपनी वाचा इसहाक ही के साथ बा ूंगा जो सारा से अगले वष के इसी िनयु समय म उ होगा।
22 तब परमे र ने इ ाहीम से बात करनी ब की ं और उसके पास से ऊपर चढ़ गया।
23 तब इ ाहीम ने अपने पु इ ाएल को, उसके घर म िजतने उ ए थे , और िजतने उसके पे से मोल िलये गए थे , िनदान उसके घर म िजतने पु ष थे, उन सभों को लेके उसी
िदन परमे र के वचन के अनुसार उनकी खलड़ी का खतना िकया।
24 जब इ ाहीम की खलड़ी का खतना आ तब वह िन ानवे वष का था।
25 और जब उसके पु इ ाएल की खलड़ी का खतना आ तब वह तेरह वष का था।
26 इ ाहीम और उसके पु इ ाएल दोनों का खतना एक ही िदन आ।
27 और उसके घर म िजतने पु ष थे जो घर म उ ए, तथा जो परदे िशयों के हाथ से मोल िलये गए थे, सब का खतना उसके साथ ही आ।।
उ ि 18
1 इ ाहीम मा े के बांजो के बीच कड़ी धूप के समय त ू के ार पर बैठा आ था, तब यहोवा ने उसे दशन िदया:
2 और उसने आं ख उठा कर ि की तो ा दे खा, िक तीन पु ष उसके सा ने खड़े ह: जब उसने उ े दे खा तब वह उन से भट करने के िलये त ू के ार से दौड़ा, और भूिम पर
िगरकर द वत की और कहने लगा,
3 हे भु , यिद मुझ पर तेरी अनु ह की ि है तो म िबनती करता ं , िक अपने दास के पास से चले न जाना।
4 म थोड़ा सा जल लाता ं और आप अपने पांव धोकर इस वृ के तले िव ाम कर।
5 िफर म एक टु कड़ा रोटी ले आऊं और उस से आप अपने जीव को तृ कर; तब उसके प ात आगे बढ: ोंिक आप अपने दास के पास इसी िलये पधारे ह। उ ोंने कहा, जै सा तू
कहता है वैसा ही कर।
6 सो इ ाहीम ने त ू म सारा के पास फुत से जा कर कहा, तीन सआ मै दा फुत से गू , और फुलके बना।
7 िफर इ ाहीम गाय बै ल के झु म दौड़ा, और एक कोमल और अ ा बछड़ा ले कर अपने से वक को िदया, और उसने फुत से उसको पकाया।
8 तब उसने म न, और दू ध, और वह बछड़ा, जो उसने पकवाया था, ले कर उनके आगे परोस िदया; और आप वृ के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे।
9 उ ोंने उस से पूछा, तेरी प ी सारा कहां है? उसने कहा, वह तो त ू म है ।
10 उसने कहा म वस ऋतु म िन य तेरे पास िफर आऊंगा; और तब तेरी प ी सारा के एक पु उ होगा। और सारा त ू के ार पर जो इ ाहीम के पीछे था सुन रही थी।
11 इ ाहीम और सारा दोनो ब त बूढ़े थे; और सारा का ीधम ब हो गया था
12 सो सारा मन म हंस कर कहने लगी, म तो बूढ़ी ं, और मे रा पित भी बूढ़ा है, तो ा मु झे यह सु ख होगा?
13 तब यहोवा ने इ ाहीम से कहा, सारा यह कहकर ोंहंसी, िक ा मेरे, जो ऐसी बु िढय़ा हो गई ं , सचमुच एक पु उ होगा?
14 ा यहोवा के िलये कोई काम किठन है? िनयत समय म, अथात वस ऋतु म, म ते रे पास िफर आऊंगा, और सारा के पु उ होगा।
15 तब सारा डर के मारे यह कह कर मुकर गई, िक म नहीं हंसी। उसने कहा, नही ं; तू हंसी तो थी।।
16 िफर वे पु ष वहां से चल कर, सदोम की ओर ताकने लगे : और इ ाहीम उ िवदा करने के िलये उनके सं ग सं ग चला।
17 तब यहोवा ने कहा, यह जो म करता ं सो ा इ ाहीम से िछपा रखूं ?
18 इ ाहीम से तो िन य एक बड़ी और सामथ जाित उपजेगी, और पृ ी की सारी जाितयां उसके ारा आशीष पाएं गी।
19 ोंिक म जानता ं, िक वह अपने पु ों और प रवार को जो उसके पीछे रह जाएं गे आ ा दे गा िक वे यहोवा के माग म अटल बने रह, और धम और ाय करते रह, इसिलये िक जो
कुछ यहोवा ने इ ाहीम के िवषय म कहा है उसे पूरा कर।
20 िफर यहोवा ने कहा सदोम और अमोरा की िच ाहट बढ़ गई है, और उनका पाप ब त भारी हो गया है ;
21 इसिलये म उतरकर दे खूंगा, िक उसकी जैसी िच ाहट मेरे कान तक प ं ची है, उ ोंने ठीक वैसा ही काम िकया है िक नही ं: और न िकया हो तो म उसे जान लूंगा।
22 सो वे पु ष वहां से मुड़ के सदोम की ओर जाने लगे: पर इ ाहीम यहोवा के आगे खड़ा रह गया।
23 तब इ ाहीम उसके समीप जा कर कहने लगा, ा सचमु च दु के संग धम को भी नाश करे गा?
24 कदािचत उस नगर म पचास धम हों: तो ा तू सचमुच उस थान को नाश करे गा और उन पचास धिमयों के कारण जो उस म हो न छोड़े गा?
25 इस कार का काम करना तुझ से दू र रहे िक दु के सं ग धम को भी मार डाले और धम और दु दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दू र रहे: ा सारी पृ ी का ायी ाय न
करे ?
26 यहोवा ने कहा यिद मुझे सदोम म पचास धम िमल, तो उनके कारण उस सारे थान को छोडूंगा।
27 िफर इ ाहीम ने कहा, हे भु, सुन म तो िम ी और राख ं; तौभी म ने इतनी िढठाई की िक तु झ से बात क ं ।
28 कदािचत उन पचास धिमयों म पांच घट जाए: तो ा तू पां च ही के घटने के कारण उस सारे नगर का नाश करे गा? उसने कहा, यिद मुझे उस म पतालीस भी िमल, तौभी उसका
नाश न क ं गा।
29 िफर उसने उस से यह भी कहा, कदािचत वहां चालीस िमल। उसने कहा, तो म चालीस के कारण भी ऐसा ने क ं गा।
30 िफर उसने कहा, हे भु, ोध न कर, तो म कुछ और क ं : कदािचत वहां तीस िमल। उसने कहा यिद मुझे वहां तीस भी िमल, तौभी ऐसा न क ं गा।
31 िफर उसने कहा, हे भु, सुन, म ने इतनी िढठाई तो की है िक तुझ से बात क ं : कदािचत उस म बीस िमल। उसने कहा, म बीस के कारण भी उसका नाश न क ं गा।
32 िफर उसने कहा, हे भु, ोध न कर, म एक ही बार और क ंगा: कदािचत उस म दस िमल। उसने कहा, तो म दस के कारण भी उसका नाश न क ं गा।
33 जब यहोवा इ ाहीम से बात कर चुका, तब चला गया: और इ ाहीम अपने घर को लौट गया।।
उ ि 19
1 सां झ को वे दो दू त सदोम के पास आए: और लूत सदोम के फाटक के पास बै ठा था: सो उन को दे ख कर वह उन से भट करने के िलये उठा; और मुंह के बल झुक कर द वत कर
कहा;
2 हे मे रे भु ओ,ं अपने दास के घर म पधा रए, और रात भर िव ाम कीिजए, और अपने पांव धोइये , िफर भोर को उठ कर अपने माग पर जाइए। उ ोंने कहा, नही ं; हम चौक ही म रात
िबताएं गे ।
3 और उसने उन से ब त िबनती कर के उ मनाया; सो वे उसके साथ चल कर उसके घर म आए; और उसने उनके िलये जेवनार तैयार की, और िबना खमीर की रोिटयां बनाकर उन
को खलाई।
4 उनके सो जाने के पिहले, उस सदोम नगर के पु षों ने, जवानों से ले कर बूढ़ों तक, वरन चारों ओर के सब लोगों ने आकर उस घर को घे र िलया;
5 और लू त को पुकार कर कहने लगे, िक जो पु ष आज रात को तेरे पास आए ह वे कहां ह? उन को हमारे पास बाहर ले आ, िक हम उन से भोग कर।
6 तब लूत उनके पास ार के बाहर गया, और िकवाड़ को अपने पीछे ब कर के कहा,
7 हे मे रे भाइयों, ऐसी बुराई न करो।
8 सुनो, मेरी दो बे िटयां ह िज ोंने अब तक पु ष का मुंह नही ं दे खा, इ ा हो तो म उ तु ारे पास बाहर ले आऊं, और तुम को जैसा अ ा लगे वैसा वहार उन से करो: पर इन
पु षों से कुछ न करो; ोंिक ये मे री छत के तले आए ह।
9 उनहोंने कहा, हट जा। िफर वे कहने लगे, तू एक परदे शी हो कर यहां रहने के िलये आया पर अब ायी भी बन बैठा है : सो अब हम उन से भी अिधक तेरे साथ बुराई करगे। और वे
उस पु ष लूत को ब त दबाने लगे, और िकवाड़ तोड़ने के िलये िनकट आए।
10 तब उन पा नों ने हाथ बढ़ाकर, लूत को अपने पास घर म खी ंच िलया, और िकवाड़ को ब कर िदया।
11 और उ ोंने ा छोटे , ा बड़े , सब पु षों को जो घर के ार पर थे अ ा कर िदया, सो वे ार को टटोलते टटोलते थक गए।
12 िफर उन पा नों ने लूत से पू छा, यहां तेरे और कौन कौन ह? दामाद, बेटे, बे िटयां , वा नगर म तेरा जो कोई हो, उन सभों को ले कर इस थान से िनकल जा।
13 ोंिक हम यह थान नाश करने पर ह, इसिलये िक उसकी िच ाहट यहोवा के स ु ख बढ़ गई है ; और यहोवा ने हम इसका स नाश करने के िलये भेज िदया है ।
14 तब लू त ने िनकल कर अपने दामादों को, िजनके साथ उसकी बे िटयों की सगाई हो गई थी, समझा के कहा, उठो, इस थान से िनकल चलो: ोंिक यहोवा इस नगर को नाश िकया
चाहता है । पर वह अपने दामादों की ि म ठ ा करने हारा सा जान पड़ा।
15 जब पौ फटने लगी, तब दू तों ने लूत से फुत कराई और कहा, िक उठ, अपनी प ी और दोनो बे िटयों को जो यहां ह ले जा: नही ं तो तू भी इस नगर के अधम म भ हो जाएगा।
16 पर वह िवल करता रहा, इस से उन पु षों ने उसका और उसकी प ी, और दोनों बे िटयों का हाथ पकड़ िलया; ोंिक यहोवा की दया उस पर थी: और उसको िनकाल कर नगर
के बाहर कर िदया।
17 और ऐसा आ िक जब उ ोंने उन को बाहर िनकाला, तब उसने कहा अपना ाण ले कर भाग जा; पीछे की और न ताकना, और तराई भर म न ठहरना; उस पहाड़ पर भाग जाना,
नही ं तो तू भी भ हो जाएगा।
18 लू त ने उन से कहा, हे भु, ऐसा न कर:
19 दे ख, ते रे दास पर तेरी अनु ह की ि ई है, और तू ने इस म बड़ी कृपा िदखाई, िक मेरे ाण को बचाया है ; पर म पहाड़ पर भाग नहीं सकता, कही ं ऐसा न हो, िक कोई िवपि मुझ
पर आ पड़े , और म मर जाऊं:
20 दे ख, वह नगर ऐसा िनकट है िक म वहां भाग सकता ं, और वह छोटा भी है: मुझे वही ं भाग जाने दे , ा वह छोटा नहीं है? और मेरा ाण बच जाएगा।
21 उसने उस से कहा, दे ख, म ने इस िवषय म भी तेरी िबनती अं गीकार की है , िक िजस नगर की चचा तू ने की है , उसको म नाश न क ं गा।
22 फुत से वहां भाग जा; ोंिक जब तक तू वहां न प चे तब तक म कुछ न कर सकूंगा। इसी कारण उस नगर का नाम सोअर पड़ा।
23 लू त के सोअर के िनकट प ंचते ही सूय पृ ी पर उदय आ।
24 तब यहोवा ने अपनी ओर से सदोम और अमोरा पर आकाश से ग क और आग बरसाई;
25 और उन नगरों को और स ूण तराई को, और नगरों को और उस स ू ण तराई को, और नगरों के सब िनवािसयों, भूिम की सारी उपज समे त नाश कर िदया।
26 लू त की प ी ने जो उसके पीछे थी ि फेर के पीछे की ओर दे खा, और वह नमक का ख ा बन गई।
27 भोर को इ ाहीम उठ कर उस थान को गया, जहां वह यहोवा के स ु ख खड़ा था;
28 और सदोम, और अमोरा, और उस तराई के सारे दे श की ओर आं ख उठा कर ा दे खा, िक उस दे श म से धधकती ई भ ी का सा धुआं उठ रहा है।
29 और ऐसा आ, िक जब परमे र ने उस तराई के नगरों को, िजन म लू त रहता था, उलट पु लट कर नाश िकया, तब उसने इ ाहीम को याद कर के लूत को उस घटना से बचा िलया।
30 और लू त ने सोअर को छोड़ िदया, और पहाड़ पर अपनी दोनों बे िटयों समे त रहने लगा; ोंिक वह सोअर म रहने से डरता था: इसिलये वह और उसकी दोनों बेिटयां वहां एक गु फा
म रहने लगे।
31 तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, हमारा िपता बूढ़ा है, और पृ ी भर म कोई ऐसा पु ष नही ं जो सं सार की रीित के अनुसार हमारे पास आए:
32 सो आ, हम अपने िपता को दाखमधु िपला कर, उसके साथ सोएं , िजस से िक हम अपने िपता के वंश को बचाए रख।
33 सो उ ोंने उसी िदन रात के समय अपने िपता को दाखमधु िपलाया, तब बड़ी बे टी जा कर अपने िपता के पास ले ट गई; पर उसने न जाना, िक वह कब लेटी, और कब उठ गई।
34 और ऐसा आ िक दू सरे िदन बड़ी ने छोटी से कहा, दे ख, कल रात को म अपने िपता के साथ सोई: सो आज भी रात को हम उसको दाखमधु िपलाएं ; तब तू जा कर उसके साथ
सोना िक हम अपने िपता के ारा वंश उ कर।
35 सो उ ोंने उस िदन भी रात के समय अपने िपता को दाखमधु िपलाया: और छोटी बे टी जा कर उसके पास ले ट गई: पर उसको उसके भी सोने और उठने के समय का ान न था।
36 इस कार से लू त की दोनो बेिटयां अपने िपता से गभवती ई।
37 और बड़ी एक पु जनी, और उसका नाम मोआब रखा: वह मोआब नाम जाित का जो आज तक है मूलिपता आ।
38 और छोटी भी एक पु जनी, और उसका नाम बेन ी रखा; वह अ ोन वंिशयों का जो आज तक ह मूलिपता आ।।
उ ि 20
1 िफर इ ाहीम वहां से कूच कर द न दे श म आकर कादे श और शूर के बीच म ठहरा, और गरार म रहने लगा।
2 और इ ाहीम अपनी प ी सारा के िवषय म कहने लगा, िक वह मे री बिहन है : सो गरार के राजा अबीमे लेक ने दू त भे ज कर सारा को बुलवा िलया।
3 रात को परमे र ने म अबीमेलेक के पास आकर कहा, सुन, िजस ी को तू ने रख िलया है, उसके कारण तू मर जाएगा, ोंिक वह सु हािगन है।
4 पर ु अबीमे लेक तो उसके पास न गया था: सो उसने कहा, हे भु , ा तू िनद ष जाित का भी घात करे गा?
5 ा उसी ने यं मुझ से नही ं कहा, िक वह मेरी बिहन है? और उस ी ने भी आप कहा, िक वह मे रा भाई है: म ने तो अपने मन की खराई और अपने वहार की स ाई से यह
काम िकया।
6 परमे र ने उस से म कहा, हां, म भी जानता ं िक अपने मन की खराई से तू ने यह काम िकया है और म ने तुझे रोक भी रखा िक तू मेरे िव पाप न करे : इसी कारण म ने तु झ
को उसे छूने नही ं िदया।
7 सो अब उस पु ष की प ी को उसे फेर दे ; ोंिक वह नबी है , और तेरे िलये ाथना करे गा, और तू जीता रहेगा: पर यिद तू उसको न फेर दे तो जान रख, िक तू, और ते रे िजतने लोग
ह, सब िन य मर जाएं गे।
8 िबहान को अबीमेलेक ने तड़के उठ कर अपने सब कमचा रयों को बु लवा कर ये सब बात सु नाई: और वे लोग ब त डर गए।
9 तब अबीमे लेक ने इ ाहीम को बुलवा कर कहा, तू ने हम से यह ा िकया है ? और म ने ते रा ा िबगाड़ा था, िक तू ने मेरे और मेरे रा के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल िदया है ? तू ने
मुझ से वह काम िकया है जो उिचत न था।
10 िफर अबीमे लेक ने इ ाहीम से पूछा, तू ने ा समझ कर ऐसा काम िकया?
11 इ ाहीम ने कहा, म ने यह सोचा था, िक इस थान म परमे र का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मे री प ी के कारण मेरा घात करगे।
12 और िफर भी सचमुच वह मेरी बिहन है, वह मेरे िपता की बेटी तो है पर मे री माता की बे टी नही ं; िफर वह मेरी प ी हो गई।
13 और ऐसा आ िक जब परमे र ने मुझे अपने िपता का घर छोड़ कर िनकलने की आ ा दी, तब म ने उस से कहा, इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: िक हम दोनोंजहां जहां जाएं
वहां वहां तू मेरे िवषय म कहना, िक यह मेरा भाई है।
14 तब अबीमेलेक ने भेड़-बकरी, गाय-बैल, और दास-दािसयां ले कर इ ाहीम को दी ं, और उसकी प ी सारा को भी उसे फेर िदया।
15 और अबीमेलेक ने कहा, दे ख, मेरा दे श तेरे सा ने है; जहां तुझे भावे वहां रह।
16 और सारा से उसने कहा, दे ख, म ने तेरे भाई को पे के एक हजार टु कड़े िदए ह: दे ख, ते रे सारे संिगयों के सा ने वही ते री आं खों का पदा बनेगा, और सभों के सा ने तू ठीक
होगी।
17 तब इ ाहीम ने यहोवा से ाथना की, और यहोवा ने अबीमे लेक, और उसकी प ी, और दािसयों को चंगा िकया और वे जनने लगी ं।
18 ोंिक यहोवा ने इ ाहीम की प ी सारा के कारण अबीमे लेक के घर की सब यों की कोखों को पूरी रीित से ब कर िदया था।।
उ ि 21
1 सो यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुिध लेके उसके साथ अपने वचन के अनुसार िकया।
2 सो सारा को इ ाहीम से गभवती हो कर उसके बुढ़ापे म उसी िनयु समय पर जो परमे र ने उस से ठहराया था एक पु उ आ।
3 और इ ाहीम ने अपने पु का नाम जो सारा से उ आ था इसहाक रखा।
4 और जब उसका पु इसहाक आठ िदन का आ, तब उसने परमे र की आ ा के अनु सार उसका खतना िकया।
5 और जब इ ाहीम का पु इसहाक उ आ तब वह एक सौ वष का था।
6 और सारा ने कहा, परमे र ने मुझे फु त कर िदया है; इसिलये सब सु नने वाले भी मे रे साथ फु त होंगे।
7 िफर उसने यह भी कहा, िक ा कोई कभी इ ाहीम से कह सकता था, िक सारा लड़कों को दू ध िपलाएगी? पर दे खो, मु झ से उसके बु ढ़ापे म एक पु उ आ।
8 और वह लड़का बढ़ा और उसका दू ध छु ड़ाया गया: और इसहाक के दू ध छु ड़ाने के िदन इ ाहीम ने बड़ी जे वनार की।
9 तब सारा को िम ी हािजरा का पु , जो इ ाहीम से उ आ था, हंसी करता आ दे ख पड़ा।
10 सो इस कारण उसने इ ाहीम से कहा, इस दासी को पु सिहत बरबस िनकाल दे : ोंिक इस दासी का पु मेरे पु इसहाक के साथ भागी न होगा।
11 यह बात इ ाहीम को अपने पु के कारण बुरी लगी।
12 तब परमे र ने इ ाहीम से कहा, उस लड़के और अपनी दासी के कारण तु झे बुरा न लगे ; जो बात सारा तु झ से कहे , उसे मान, ोंिक जो ते रा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से
चलेगा।
13 दासी के पु से भी म एक जाित उ क ं गा इसिलये िक वह तेरा वंश है।
14 सो इ ाहीम ने िबहान को तड़के उठ कर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थै ली भी हािजरा को दी, और उसके क े पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे दे कर उसको िवदा
िकया: सो वह चली गई, और बेशबा के जंगल म मण करने लगी।
15 जब थैली का जल चुक गया, तब उसने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ िदया।
16 और आप उस से तीर भर के ट े पर दू र जा कर उसके सा ने यह सोचकर बैठ गई, िक मु झ को लड़के की मृ ु दे खनी न पड़े । तब वह उसके सा ने बैठी ई िच ा िच ा के
रोने लगी।
17 और परमे र ने उस लड़के की सुनी; और उसके दू त ने ग से हािजरा को पु कार के कहा, हे हािजरा तु झे ा आ? मत डर; ोंिक जहां ते रा लड़का है वहां से उसकी आवाज
परमे र को सु न पड़ी है।
18 उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से स ाल ोंिक म उसके ारा एक बड़ी जाित बनाऊंगा।
19 परमे र ने उसकी आं खे खोल दी, और उसको एक कुंआ िदखाई पड़ा; सो उसने जा कर थै ली को जल से भर कर लड़के को िपलाया।
20 और परमे र उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा आ, तब जंगल म रहते रहते धनुधारी बन गया।
21 वह तो पारान नाम जंगल म रहा करता था: और उसकी माता ने उसके िलये िम दे श से एक ी मं गवाई।।
22 उन िदनों म ऐसा आ िक अबीमेलेक अपने सेनापित पीकोल को संग ले कर इ ाहीम से कहने लगा, जो कुछ तू करता है उस म परमे र तेरे संग रहता है:
23 सो अब मु झ से यहां इस िवषय म परमे र की िक रया खा, िक तू न तो मु झ से छल करे गा, और न कभी मेरे वंश से करे गा, पर ु जैसी क णा म ने तुझ पर की है, वैसी ही तू मु झ
पर और इस दे श पर भी िजस म तू रहता है करे गा
24 इ ाहीम ने कहा, म िक रया खाऊंगा।
25 और इ ाहीम ने अबीमेलेक को एक कुएं के िवषय म, जो अबीमे लेक के दासों ने बरीयाई से ले िलया था, उलाहना िदया।
26 तब अबीमेलेक ने कहा, म नहीं जानता िक िकस ने यह काम िकया: और तू ने भी मुझे नहीं बताया, और न म ने आज से पिहले इसके िवषय म कुछ सुना।
27 तब इ ाहीम ने भे ड़-बकरी, और गाय-बैल ले कर अबीमेलेक को िदए; और उन दोनों ने आपस म वाचा बा ी।
28 और इ ाहीम ने भे ड़ की सात ब ी अलग कर रखी।ं
29 तब अबीमेलेक ने इ ाहीम से पूछा, इन सात ब यों का, जो तू ने अलग कर रखी ह, ा योजन है ?
30 उसने कहा, तू इन सात ब यों को इस बात की सा ी जान कर मे रे हाथ से ले , िक म ने कुंआ खोदा है ।
31 उन दोनों ने जो उस थान म आपस म िक रया खाई, इसी कारण उसका नाम बेशबा पड़ा।
32 जब उ ोंने बेशबा म पर र वाचा बा ी, तब अबीमे लेक, और उसका सेनापित पीकोल उठ कर पिल यों के दे श म लौट गए।
33 और इ ाहीम ने बेशबा म झाऊ का एक वृ लगाया, और वहां यहोवा, जो सनातन ई र है , उस से ाथना की।
34 और इ ाहीम पिल यों के दे श म ब त िदनों तक परदे शी हो कर रहा।।
उ ि 22
1 इन बातों के प ात ऐसा आ िक परमे र ने, इ ाहीम से यह कहकर उसकी परी ा की, िक हे इ ाहीम: उसने कहा, दे ख, म यहां ं।
2 उसने कहा, अपने पु को अथात अपने एकलौते पु इसहाक को, िजस से तू े म रखता है , सं ग ले कर मो र ाह दे श म चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो म तुझे
बताऊंगा होमबिल कर के चढ़ा।
3 सो इ ाहीम िबहान को तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो से वक, और अपने पु इसहाक को सं ग िलया, और होमबिल के िलये लकड़ी चीर ली; तब कूच कर
के उस थान की ओर चला, िजसकी चचा परमे र ने उस से की थी।
4 तीसरे िदन इ ाहीम ने आं ख उठा कर उस थान को दू र से दे खा।
5 और उसने अपने सेवकों से कहा गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और म वहां तक जा कर, और द वत कर के, िफर तु ारे पास लौट आऊंगा।
6 सो इ ाहीम ने होमबिल की लकड़ी ले अपने पु इसहाक पर लादी, और आग और छु री को अपने हाथ म िलया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े ।
7 इसहाक ने अपने िपता इ ाहीम से कहा, हे मेरे िपता; उसने कहा, हे मे रे पु , ा बात है उसने कहा, दे ख, आग और लकड़ी तो ह; पर होमबिल के िलये भेड़ कहां है ?
8 इ ाहीम ने कहा, हे मेरे पु , परमे र होमबिल की भेड़ का उपाय आप ही करे गा।
9 सो वे दोनों सं ग संग आगे चलते गए। और वे उस थान को िजसे परमे र ने उसको बताया था प ं चे; तब इ ाहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पु
इसहाक को बा के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख िदया।
10 और इ ाहीम ने हाथ बढ़ाकर छु री को ले िलया िक अपने पु को बिल करे ।
11 तब यहोवा के दू त ने ग से उसको पुकार के कहा, हे इ ाहीम, हे इ ाहीम; उसने कहा, दे ख, म यहां ं ।
12 उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उस से कुछ कर: ोंिक तू ने जो मु झ से अपने पु , वरन अपने एकलौते पु को भी, नही ं रख छोड़ा; इस से म अब जान गया िक तू
परमे र का भय मानता है।
13 तब इ ाहीम ने आं खे उठाई, और ा दे खा, िक उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सीग ं ो से एक झाड़ी म बं झा आ है : सो इ ाहीम ने जाके उस मढ़े को िलया, और अपने पु की स ी
होमबिल कर के चढ़ाया।
14 और इ ाहीम ने उस थान का नाम यहोवा ियरे रखा: इसके अनु सार आज तक भी कहा जाता है , िक यहोवा के पहाड़ पर उपाय िकया जाएगा।
15 िफर यहोवा के दू त ने दू सरी बार ग से इ ाहीम को पुकार के कहा,
16 यहोवा की यह वाणी है, िक म अपनी ही यह शपथ खाता ं, िक तू ने जो यह काम िकया है िक अपने पु , वरन अपने एकलौते पु को भी, नही ं रख छोड़ा;
17 इस कारण म िन य तुझे आशीष दू ं गा; और िन य ते रे वंश को आकाश के तारागण, और समु के तीर की बालू के िकनकों के समान अनिगिनत क ं गा, और तेरा वंश अपने
श ुओं के नगरों का अिधकारी होगा:
18 और पृ ी की सारी जाितयां अपने को तेरे वंश के कारण ध मानगी: ोंिक तू ने मे री बात मानी है।
19 तब इ ाहीम अपने से वकों के पास लौट आया, और वे सब बेशबा को सं ग सं ग गए; और इ ाहीम बे शबा म रहता रहा।।
20 इन बातों के प ात ऐसा आ िक इ ाहीम को यह स े श िमला, िक िम ा के ते रे भाई नाहोर से स ान उ ए ह।
21 िम ा के पु तो ये ए, अथात उसका जेठा ऊस, और ऊस का भाई बूज, और कमू एल, जो अराम का िपता आ।
22 िफर केसेद, हज़ो, िप ाश, ियद् लाप, और बतूएल।
23 इन आठों को िम ा इ ाहीम के भाई नाहोर के ज ाए जनी। और बतूएल ने रबका को उ िकया।
24 िफर नाहोर के मा नाम एक रखेली भी थी; िजस से तेबह, गहम, तहश, और माका, उ ए।।
उ ि 23
1 सारा तो एक सौ स ाईस बरस की अव था को प ंची; और जब सारा की इतनी अव था ई;
2 तब वह िकयतबा म मर गई। यह तो कनान दे श म है, और हे ोन भी कहलाता है : सो इ ाहीम सारा के िलये रोने पीटने को वहां गया।
3 तब इ ाहीम अपने मुद के पास से उठ कर िहि यों से कहने लगा,
4 म तु ारे बीच पा न और परदे शी ं: मुझे अपने म म कि ान के िलये ऐसी भू िम दो जो मे री िनज की हो जाए, िक म अपने मुद को गाड़ के अपने आं ख की ओट क ं ।
5 िहि यों ने इ ाहीम से कहा,
6 हे हमारे भु , हमारी सुन: तू तो हमारे बीच म बड़ा धान है : सो हमारी क ों म से िजस को तू चाहे उस म अपने मु द को गाड़; हम म से कोई तुझे अपनी क के लेने से न रोकेगा, िक
तू अपने मु द को उस म गाड़ने न पाए।
7 तब इ ाहीम उठ कर खड़ा आ, और िहि यों के स ु ख, जो उस दे श के िनवासी थे, द वत कर के कहने लगा,
8 यिद तु ारी यह इ ा हो िक म अपने मुद को गाड़ के अपनी आं ख की ओट क ं , तो मेरी ाथना है , िक सोहर के पु ए ोन से मेरे िलये िबनती करो,
9 िक वह अपनी मकपेला वाली गुफा, जो उसकी भूिम की सीमा पर है ; उसका पू रा दाम ले कर मु झे दे दे , िक वह तु ारे बीच कि ान के िलये मेरी िनज भूिम हो जाए।
10 और ए ोन तो िहि यों के बीच वहां बैठा आ था। सो िजतने िह ी उसके नगर के फाटक से हो कर भीतर जाते थे, उन सभों के सा ने उसने इ ाहीम को उ र िदया,
11 िक हे मेरे भु, ऐसा नही ं, मे री सुन; वह भूिम म तुझे दे ता ं , और उस म जो गु फा है , वह भी म तुझे दे ता ं ; अपने जाित भाइयों के स ुख म उसे तुझ को िदए दे ता ं : सो अपने मुद
को क म रख।
12 तब इ ाहीम ने उस दे श के िनवािसयों के सा ने द वत की।
13 और उनके सुनते ए ए ोन से कहा, यिद तू ऐसा चाहे, तो मे री सु न: उस भूिम का जो दाम हो, वह म दे ना चाहता ं ; उसे मुझ से ले ले, तब म अपने मुद को वहां गाडूंगा।
14 ए ोन ने इ ाहीम को यह उ र िदया,
15 िक, हे मेरे भु , मेरी बात सुन; एक भूिम का दाम तो चार सौ शेकेल पा है ; पर मे रे और तेरे बीच म यह ा है? अपने मुद को क म रख।
16 इ ाहीम ने ए ोन की मानकर उसको उतना पा तौल िदया, िजतना उसने िहि यों के सुनते ए कहा था, अथात चार सौ ऐसे शेकेल जो ापा रयों म चलते थे।
17 सो ए ोन की भूिम, जो मा े के स ुख की मकपेला म थी, वह गुफा समे त, और उन सब वृ ों समेत भी जो उस म और उसके चारोंऔर सीमा पर थे,
18 िजतने िह ी उसके नगर के फाटक से हो कर भीतर जाते थे, उन सभों के सा ने इ ाहीम के अिधकार म प ी रीित से आ गई।
19 इसके प ात इ ाहीम ने अपनी प ी सारा को, उस मकपेला वाली भूिम की गुफा म जो मा े के अथात हे ोन के सा ने कनान दे श म है, िम ी दी।
20 और वह भूिम गुफा समेत, जो उस म थी, िहि यों की ओर से कि ान के िलये इ ाहीम के अिधकार म प ी रीित से आ गई।
उ ि 24
1 इ ाहीम वृ था और उसकी आयु ब त थी और यहोवा ने सब बातों म उसको आशीष दी थी।
2 सो इ ाहीम ने अपने उस दास से, जो उसके घर म पुरिनया और उसकी सारी स ि पर अिधकारी था, कहा, अपना हाथ मेरी जांघ के नीचे रख:
3 और मु झ से आकाश और पृ ी के परमे र यहोवा की इस िवषय म शपथ खा, िक तू मे रे पु के िलये कनािनयों की लड़िकयों म से िजनके बीच म रहता ं, िकसी को न ले आएगा।
4 पर ु तू मेरे दे श म मेरे ही कुटु यों के पास जा कर मेरे पु इसहाक के िलये एक प ी ले आएगा।
5 दास ने उस से कहा, कदािचत वह ी इस दे श म मेरे साथ आना न चाहे; तो ा मु झे ते रे पु को उस दे श म जहां से तू आया है ले जाना पड़े गा?
6 इ ाहीम ने उस से कहा, चौकस रह, मेरे पु को वहां कभी न ले जाना।
7 ग का परमे र यहोवा, िजसने मुझे मेरे िपता के घर से और मेरी ज भूिम से ले आकर मु झ से शपथ खाकर कहा, िक म यह दे श तेरे वंश को दू ं गा; वही अपना दू त ते रे आगे आगे
भे जेगा, िक तू मेरे पु के िलये वहां से एक ी ले आए।
8 और यिद वह ी तेरे साथ आना न चाहे तब तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा: पर मे रे पु को वहां न ले जाना।
9 तब उस दास ने अपने ामी इ ाहीम की जांघ के नीचे अपना हाथ रखकर उस से इसी िवषय की शपथ खाई।
10 तब वह दास अपने ामी के ऊंटो म से दस ऊंट छां टकर उसके सब उ म उ म पदाथ म से कुछ कुछ ले कर चला: और मसोपोटािमया म नाहोर के नगर के पास प ंचा।
11 और उसने ऊंटों को नगर के बाहर एक कुएं के पास बैठाया, वह सं ा का समय था, िजस समय यां जल भरने के िलये िनकलती ह।
12 सो वह कहने लगा, हे मेरे ामी इ ाहीम के परमे र, यहोवा, आज मेरे काय को िस कर, और मे रे ामी इ ाहीम पर क णा कर।
13 दे ख म जल के इस सोते के पास खड़ा ं; और नगरवािसयों की बेिटयां जल भरने के िलये िनकली आती ह:
14 सो ऐसा होने दे , िक िजस क ा से म क ं, िक अपना घड़ा मेरी ओर झुका, िक म पीऊं; और वह कहे , िक ले, पी ले , पीछे म तेरे ऊंटो को भी पीलाऊंगी: सो वही हो िजसे तू ने अपने
दास इसहाक के िलये ठहराया हो; इसी रीित म जान लूंगा िक तू ने मे रे ामी पर क णा की है।
15 और ऐसा आ िक जब वह कह ही रहा था िक रबका, जो इ ाहीम के भाई नाहोर के ज ाये िम ा के पु , बतूएल की बेटी थी, वह क े पर घड़ा िलये ए आई।
16 वह अित सु र, और कुमारी थी, और िकसी पु ष का मुं ह न दे खा था: वह कुएं म सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर के िफर ऊपर आई।
17 तब वह दास उस से भट करने को दौड़ा, और कहा, अपने घड़े म से थोड़ा पानी मु झे िपला दे ।
18 उसने कहा, हे मेरे भु, ले, पी ले: और उसने फुत से घड़ा उतार कर हाथ म िलये िलये उसको िपला िदया।
19 जब वह उसको िपला चुकी, तक कहा, म तेरे ऊंटों के िलये भी तब तक पानी भर भर लाऊंगी, जब तक वे पी न चु क।
20 तब वह फुत से अपने घड़े का जल हौदे म उ े ल कर िफर कुएं पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊंटों के िलये पानी भर िदया।
21 और वह पु ष उसकी ओर चुपचाप अच े के साथ ताकता आ यह सोचता था, िक यहोवा ने मे री या ा को सफल िकया है िक नही।ं
22 जब ऊंट पी चुके, तब उस पु ष ने आध तोले सोने का एक नथ िनकाल कर उसको िदया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों म पिहना िदए;
23 और पू छा, तू िकस की बेटी है? यह मुझ को बता दे । ा तेरे िपता के घर म हमारे िटकने के िलये थान है ?
24 उसने उ र िदया, म तो नाहोर के ज ाए िम ा के पु बतूएल की बेटी ं।
25 िफर उस ने उस से कहा, हमारे यहां पुआल और चारा ब त है, और िटकने के िलये थान भी है ।
26 तब उस पु ष ने िसर झुका कर यहोवा को द वत कर के कहा,
27 ध है मे रे ामी इ ाहीम का परमे र यहोवा, िक उसने अपनी क णा और स ाई को मे रे ामी पर से हटा नहीं िलया: यहोवा ने मुझ को ठीक माग पर चला कर मेरे ामी के
भाई ब ुओं के घर पर प चा िदया है।
28 और उस क ा ने दौड़ कर अपनी माता के घर म यह सारा वृ ा कह सुनाया।
29 तब लाबान जो रबका का भाई था, सो बाहर कुएं के िनकट उस पु ष के पास दौड़ा गया।
30 और ऐसा आ िक जब उसने वह नथ और अपनी बिहन रबका के हाथों म वे कंगन भी दे खे, और उसकी यह बात भी सुनी, िक उस पु ष ने मुझ से ऐसी बात कही ं; तब वह उस
पु ष के पास गया; और ा दे खा, िक वह सोते के िनकट ऊंटों के पास खड़ा है।
31 उसने कहा, हे यहोवा की ओर से ध पु ष भीतर आ: तू ों बाहर खड़ा है ? म ने घर को, और ऊंटो के िलये भी थान तैयार िकया है।
32 और वह पु ष घर म गया; और लाबान ने ऊंटों की कािठयां खोल कर पुआल और चारा िदया; और उसके, और उसके सं गी जनो के पां व धोने को जल िदया।
33 तब इ ाहीम के दास के आगे जलपान के िलये कुछ रखा गया: पर उसने कहा म जब तक अपना योजन न कह दू ं , तब तक कुछ न खाऊंगा। लाबान ने कहा, कह दे ।
34 तब उसने कहा, म तो इ ाहीम का दास ं।
35 और यहोवा ने मेरे ामी को बड़ी आशीष दी है; सो वह महान पु ष हो गया है ; और उसने उसको भे ड़-बकरी, गाय-बैल, सोना- पा, दास-दािसयां, ऊंट और गदहे िदए ह।
36 और मे रे ामी की प ी सारा के बुढ़ापे म उस से एक पु उ आ है। और उस पु को इ ाहीम ने अपना सब कुछ दे िदया है।
37 और मे रे ामी ने मुझे यह शपथ खलाई, िक म उसके पु के िलये कनािनयों की लड़िकयों म से िजन के दे श म वह रहता है, कोई ी न ले आऊंगा।
38 म उसके िपता के घर, और कुल के लोगों के पास जा कर उसके पु के िलये एक ी ले आऊंगा।
39 तब म ने अपने ामी से कहा, कदािचत वह ी मेरे पीछे न आए।
40 तब उसने मुझ से कहा, यहोवा, िजसके सा ने म चलता आया ं, वह तेरे संग अपने दू त को भे ज कर तेरी या ा को सफल करे गा; सो तू मेरे कुल, और मेरे िपता के घराने म से मे रे
पु के िलये एक ी ले आ सकेगा।
41 तू तब ही मे री इस शपथ से छूटे गा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास प ंचेगा; अथात यिद वे मुझे कोई ी न द, तो तू मेरी शपथ से छूटे गा।
42 सो म आज उस कुएं के िनकट आकर कहने लगा, हे मेरे ामी इ ाहीम के परमे र यहोवा, यिद तू मेरी इस या ा को सफल करता हो:
43 तो दे ख म जल के इस कुएं के िनकट खड़ा ं; सो ऐसा हो, िक जो कुमारी जल भरने के िलये िनकल आए, और म उस से क ं, अपने घड़े म से मुझे थोड़ा पानी िपला;
44 और वह मु झ से कहे, पी ले और म तेरे ऊंटो के पीने के िलये भी पानी भर दू ं गी: वह वही ी हो िजस को तू ने मे रे ामी के पु के िलये ठहराया हो।
45 म मन ही मन यह कह ही रहा था, िक दे ख रबका क े पर घड़ा िलये ए िनकल आई; िफर वह सोते के पास उतर के भरने लगी: और म ने उस से कहा, मुझे िपला दे ।
46 और उसने फुत से अपने घड़े को क े पर से उतार के कहा, ले, पी ले, पीछे म तेरे ऊंटों को भी िपलाऊंगी: सो म ने पी िलया, और उसने ऊंटों को भी िपला िदया।
47 तब म ने उस से पू छा, िक तू िकस की बेटी है? और उसने कहा, म तो नाहोर के ज ाए िम ा के पु बतू एल की बे टी ं: तब म ने उसकी नाक म वह नथ, और उसके हाथों म वे
कंगन पिहना िदए।
48 िफर म ने िसर झुका कर यहोवा को द वत िकया, और अपने ामी इ ाहीम के परमे र यहोवा को ध कहा, ोंिक उसने मु झे ठीक माग से प ंचाया िक म अपने ामी के पु
के िलये उसकी भतीजी को ले जाऊं।
49 सो अब, यिद तू मेरे ामी के साथ कृपा और स ाई का वहार करना चाहते हो, तो मुझ से कहो: और यिद नहीं चाहते हो, तौभी मु झ से कह दो; तािक म दािहनी ओर, वा बाईं
ओर िफर जाऊं।
50 तब लाबान और बतूएल ने उ र िदया, यह बात यहोवा की ओर से ई है: सो हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते ह न बुरा।
51 दे ख, रबका तेरे सा ने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, ते रे ामी के पु की प ी हो जाए।
52 उनका यह वचन सुनकर, इ ाहीम के दास ने भूिम पर िगर के यहोवा को द वत िकया।
53 िफर उस दास ने सोने और पे के गहने, और व िनकाल कर रबका को िदए: और उसके भाई और माता को भी उसने अनमोल अनमोल व ुएं दी।
54 तब उसने अपने संगी जनों समेत भोजन िकया, और रात वही ं िबताई: और तड़के उठ कर कहा, मु झ को अपने ामी के पास जाने के िलये िवदा करो।
55 रबका के भाई और माता ने कहा, क ा को हमारे पास कुछ िदन, अथात कम से कम दस िदन रहने दे ; िफर उसके प ात वह चली जाएगी।
56 उसने उन से कहा, यहोवा ने जो मेरी या ा को सफल िकया है; सो तुम मु झे मत रोको अब मुझे िवदा कर दो, िक म अपने ामी के पास जाऊं।
57 उ ोंने कहा, हम क ा को बुला कर पूछते ह, और दे खगे , िक वह ा कहती है ।
58 सो उ ोंने रबका को बुला कर उस से पूछा, ा तू इस मनु के संग जाएगी? उसने कहा, हां म जाऊंगी।
59 तब उ ोंने अपनी बिहन रबका, और उसकी धाय और इ ाहीम के दास, और उसके साथी सभों को िवदा िकया।
60 और उ ोंने रबका को आशीवाद दे के कहा, हे हमारी बिहन, तू हजारों लाखों की आिदमाता हो, और ते रा वंश अपने बै रयों के नगरों का अिधकारी हो।
61 इस पर रबका अपनी सहेिलयों समेत चली; और ऊंट पर चढ़ के उस पु ष के पीछे हो ली: सो वह दास रबका को साथ ले कर चल िदया।
62 इसहाक जो द न दे श म रहता था, सो लहैरोई नाम कुएं से हो कर चला आता था।
63 और सांझ के समय वह मैदान म ान करने के िलये िनकला था: और उसने आं खे उठा कर ा दे खा, िक ऊंट चले आ रहे ह।
64 और रबका ने भी आं ख उठा कर इसहाक को दे खा, और दे खते ही ऊंट पर से उतर पड़ी
65 तब उसने दास से पूछा, जो पु ष मैदान पर हम से िमलने को चला आता है , सो कौन है? दास ने कहा, वह तो मे रा ामी है। तब रबका ने घूंघट ले कर अपने मुंह को ढ़ाप िलया।
66 और दास ने इसहाक से अपना सारा वृ ा वणन िकया।
67 तब इसहाक रबका को अपनी माता सारा के त ू म ले आया, और उसको ाह कर उस से ेम िकया: और इसहाक को माता की मृ ु के प ात शा ई।।
उ ि 25
1 तब इ ाहीम ने एक और प ी ाह ली िजसका नाम कतूरा था।
2 और उस से िज ान, यो ान, मदना, िम ान, ियशबाक, और शूह उ ए।
3 और यो ान से शबा और ददान उ ए। और ददान के वंश म अ ू री, लतू शी, और लु ी लोग ए।
4 और िम ान के पु एपा, एपेर, हनोक, अबीदा, और ए ा ए, से सब कतूरा के स ान ए।
5 इसहाक को तो इ ाहीम ने अपना सब कुछ िदया।
6 पर अपनी रखेिलयों के पु ों को, कुछ कुछ दे कर अपने जीते जी अपने पु इसहाक के पास से पू रब दे श म भे ज िदया।
7 इ ाहीम की सारी अव था एक सौ पचह र वष की ई।
8 और इ ाहीम का दीघायु होने के कारण अथात पूरे बुढ़ापे की अव था म ाण छूट गया। और वह अपने लोगों म जा िमला।
9 और उसके पु इसहाक और इ ाएल ने, िह ी सोहर के पु ए ोन की म े के स ु ख वाली भू िम म, जो मकपे ला की गुफा थी, उस म उसको िम ी दी गई।
10 अथात जो भूिम इ ाहीम ने िहि यों से मोल ली थी: उसी म इ ाहीम, और उस की प ी सारा, दोनों को िम ी दी गई।
11 इ ाहीम के मरने के प ात परमे र ने उसके पु इसहाक को जो लहै रोई नाम कुएं के पास रहता था आशीष दी।।
12 इ ाहीम का पु इ ाएल जो सारा की लौंडी हािजरा िम ी से उ आ था, उसकी यह वंशावली है ।
13 इ ाएल के पु ों के नाम और वंशावली यह है: अथात इ ाएल का जेठा पु नबायोत, िफर केदार, अद् बेल, िमबसाम,
14 िम ा, दू मा, म ा,
15 हदर, ते मा, यतूर, नपीश, और केदमा।
16 इ ाएल के पु ये ही ए, और इ ी ं के नामों के अनुसार इनके गांवों, और छाविनयों के नाम भी पड़े ; और ये ही बारह अपने अपने कुल के धान ए।
17 इ ाएल की सारी अव था एक सौ सतीस वष की ई: तब उसके ाण छूट गए, और वह अपने लोगों म जा िमला।
18 और उसके वंश हवीला से शूर तक, जो िम के स ुख अ ूर् के माग म है, बस गए। और उनका भाग उनके सब भाई ब ुओं के स ुख पड़ा।।
19 इ ाहीम के पु इसहाक की वंशावली यह है: इ ाहीम से इसहाक उ आ।
20 और इसहाक ने चालीस वष का हो कर रबका को, जो प नराम के वासी, अरामी बतू एल की बे टी, और अरामी लाबान की बिहन भी, ाह िलया।
21 इसहाक की प ी तो बांझ थी, सो उस ने उस के िनिम यहोवा से िबनती की: और यहोवा ने उसकी िबनती सुनी, सो उसकी प ी रबका गभवती ई।
22 और लड़के उसके गभ म आपस म िलपट के एक दू सरे को मारने लगे : तब उसने कहा, मे री जो ऐसी ही दशा रहे गी तो म ोंकर जीिवत र ंगी? और वह यहोवा की इ ा पू छने को
गई।
23 तब यहोवा ने उस से कहा तेरे गभ म दो जाितयां ह, और तेरी कोख से िनकलते ही दो रा के लोग अलग अलग होंगे, और एक रा के लोग दू सरे से अिधक सामथ होंगे और बड़ा
बेटा छोटे के आधीन होगा।
24 जब उसके पु उ होने का समय आया, तब ा गट आ, िक उसके गभ म जु ड़व बालक ह।
25 और पिहला जो उ आ सो लाल िनकला, और उसका सारा शरीर क ल के समान रोममय था; सो उसका नाम ऐसाव रखा गया।
26 पीछे उसका भाई अपने हाथ से ऐसाव की एड़ी पकड़े ए उ आ; और उसका नाम याकूब रखा गया। और जब रबका ने उन को ज िदया तब इसहाक साठ वष का था।
27 िफर वे लड़के बढ़ने लगे और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतुर िशकार खेलने वाला हो गया, पर याकूब सीधा मनु था, और त ु ओं म रहा करता था।
28 और इसहाक तो ऐसाव के अहेर का मांस खाया करता था, इसिलये वह उस से ीित रखता था: पर रबका याकूब से ीित रखती थी।।
29 याकूब भोजन के िलये कुछ दाल पका रहा था: और ऐसाव मैदान से थका आ आया।
30 तब ऐसाव ने याकूब से कहा, वह जो लाल व ु है, उसी लाल व ु म से मु झे कुछ खला, ोंिक म थका ं । इसी कारण उसका नाम एदोम भी पड़ा।
31 याकूब ने कहा, अपना पिहलौठे का अिधकार आज मे रे हाथ बेच दे ।
32 ऐसाव ने कहा, दे ख, म तो अभी मरने पर ं: सो पिहलौठे के अिधकार से मे रा ा लाभ होगा?
33 याकूब ने कहा, मुझ से अभी शपथ खा: सो उसने उस से शपथ खाई: और अपना पिहलौठे का अिधकार याकूब के हाथ बेच डाला।
34 इस पर याकूब ने ऐसाव को रोटी और पकाई ई मसूर की दाल दी; और उसने खाया िपया, तब उठ कर चला गया। यों ऐसाव ने अपना पिहलौठे का अिधकार तु जाना।।
उ ि 26
1 और उस दे श म अकाल पड़ा, वह उस पिहले अकाल से अलग था जो इ ाहीम के िदनों म पड़ा था। सो इसहाक गरार को पिल यों के राजा अबीमेलेक के पास गया।
2 वहां यहोवा ने उसको दशन दे कर कहा, िम म मत जा; जो दे श म तुझे बताऊं उसी म रह।
3 तू इसी दे श म रह, और म तेरे संग र ंगा, और तुझे आशीष दू ं गा; और ये सब दे श म तु झ को, और ते रे वंश को दू ं गा; और जो शपथ म ने तेरे िपता इ ाहीम से खाई थी, उसे म पू री
क ं गा।
4 और म तेरे वंश को आकाश के तारागण के समान क ं गा। और म तेरे वंश को ये सब दे श दू ं गा, और पृ ी की सारी जाितयां तेरे वंश के कारण अपने को ध मानगी।
5 ोंिक इ ाहीम ने मेरी मानी, और जो म ने उसे सौंपा था उसको और मेरी आ ाओं िविधयों, और व था का पालन िकया।
6 सो इसहाक गरार म रह गया।
7 जब उस थान के लोगों ने उसकी प ी के िवषय म पूछा, तब उसने यह सोच कर िक यिद म उसको अपनी प ी क ं , तो यहां के लोग रबका के कारण जो परमसु री है मुझ को
मार डालगे, उ र िदया, वह तो मेरी बिहन है।
8 जब उसको वहां रहते ब त िदन बीत गए, तब एक िदन पिल यों के राजा अबीमेलेक ने खड़की म से झां क के ा दे खा, िक इसहाक अपनी प ी रबका के साथ ीड़ा कर रहा
है ।
9 तब अबीमे लेक ने इसहाक को बुलवा कर कहा, वह तो िन य तेरी प ी है; िफर तू ने ोंकर उसको अपनी बिहन कहा? इसहाक ने उ र िदया, म ने सोचा था, िक ऐसा न हो िक
उसके कारण मे री मृ ु हो।
10 अबीमेलेक ने कहा, तू ने हम से यह ा िकया? ऐसे तो जा म से कोई तेरी प ी के साथ सहज से कुकम कर सकता, और तू हम को पाप म फंसाता।
11 और अबीमेलेक ने अपनी सारी जा को आ ा दी, िक जो कोई उस पु ष को वा उस ी को छूएगा, सो िन य मार डाला जाएगा।
12 िफर इसहाक ने उस दे श म जोता बोया, और उसी वष म सौ गु णा फल पाया: और यहोवा ने उसको आशीष दी।
13 और वह बढ़ा और उसकी उ ित होती चली गई, यहां तक िक वह अित महान पु ष हो गया।
14 जब उसके भेड़-बकरी, गाय-बैल, और ब त से दास-दािसयां ई, तब पिल ी उस से डाह करने लगे ।
15 सो िजतने कुओं को उसके िपता इ ाहीम के दासों ने इ ाहीम के जीते जी खोदा था, उन को पिल यों ने िम ी से भर िदया।
16 तब अबीमेलेक ने इसहाक से कहा, हमारे पास से चला जा; ोंिक तू हम से ब त सामथ हो गया है ।
17 सो इसहाक वहां से चला गया, और गरार के नाले म त ू खड़ा कर के वहां रहने लगा।
18 तब जो कुएं उसके िपता इ ाहीम के िदनों म खोदे गए थे, और इ ाहीम के मरने के पीछे पिल यों ने भर िदए थे , उन को इसहाक ने िफर से खुदवाया; और उनके वे ही नाम रखे ,
जो उसके िपता ने रखे थे।
19 िफर इसहाक के दासों को नाले म खोदते खोदते बहते जल का एक सोता िमला।
20 तब गरारी चरवाहों ने इसहाक के चरवाहों से झगड़ा िकया, और कहा, िक यह जल हमारा है । सो उसने उस कुएं का नाम एसे क रखा इसिलये िक वे उस से झगड़े थे।
21 िफर उ ोंने दू सरा कुआं खोदा; और उ ोंने उसके िलये भी झगड़ा िकया, सो उसने उसका नाम िस ा रखा।
22 तब उसने वहां से कूच कर के एक और कुआं खुदवाया; और उसके िलये उ ोंने झगड़ा न िकया; सो उसने उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा, िक अब तो यहोवा ने हमारे िलये
ब त थान िदया है, और हम इस दे श म फूल-फलगे।
23 वहां से वह बेशबा को गया।
24 और उसी िदन यहोवा ने रात को उसे दशन दे कर कहा, म तेरे िपता इ ाहीम का परमे र ं ; मत डर, ोंिक म ते रे साथ ं, और अपने दास इ ाहीम के कारण तुझे आशीष दू ं गा,
और ते रा वंश बढ़ाऊंगा
25 तब उसने वहां एक वेदी बनाई, और यहोवा से ाथना की, और अपना त ू वही ं खड़ा िकया; और वहां इसहाक के दासों ने एक कुआं खोदा।
26 तब अबीमेलेक अपने िम अ त, और अपने सेनापित पीकोल को संग ले कर, गरार से उसके पास गया।
27 इसहाक ने उन से कहा, तुम ने मुझ से बैर कर के अपने बीच से िनकाल िदया था; सो अब मेरे पास ों आए हो?
28 उ ोंने कहा, हम ने तो दे खा है, िक यहोवा तेरे साथ रहता है : सो हम ने सोचा, िक तू तो यहोवा की ओर से ध है, सो हमारे तेरे बीच म शपथ खाई जाए, और हम तु झ से इस
िवषय की वाचा ब ाएं ;
29 िक जै से हम ने तुझे नहीं छूआ, वरन तेरे साथ िनरी भलाई की है , और तु झ को कुशल े म से िवदा िकया, उसके अनु सार तू भी हम से कोई बुराई न करे गा।
30 तब उसने उनकी जेवनार की, और उ ोंने खाया िपया।
31 िबहान को उन सभों ने तड़के उठ कर आपस म शपथ खाई; तब इसहाक ने उन को िवदा िकया, और वे कुशल े म से उसके पास से चले गए।
32 उसी िदन इसहाक के दासों ने आकर अपने उस खोदे ए कुएं का वृ ा सु ना के कहा, िक हम को जल का एक सोता िमला है।
33 तब उसने उसका नाम िशबा रखा: इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बे शबा पड़ा है ।।
34 जब ऐसाव चालीस वष का आ, तब उसने िह ी बेरी की बे टी य दीत, और िह ी एलोन की बे टी बाशमत को ाह िलया।
35 और इन यों के कारण इसहाक और रबका के मन को खे द आ।।
उ ि 27
1 जब इसहाक बू ढ़ा हो गया, और उसकी आं ख ऐसी धुंधली पड़ गईं, िक उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पु ऐसाव को बुला कर कहा, हे मेरे पु ; उसने कहा, ा आ ा।
2 उसने कहा, सुन, म तो बूढ़ा हो गया ं, और नही ं जानता िक मेरी मृ ु का िदन कब होगा:
3 सो अब तू अपना तरकश और धनुष आिद हिथयार ले कर मै दान म जा, और मे रे िलये िहरन का अहे र कर ले आ।
4 तब मे री िच के अनुसार ािद भोजन बना कर मेरे पास ले आना, िक म उसे खा कर मरने से पहले तुझे जी भर के आशीवाद दू ं ।
5 तब ऐसाव अहे र करने को मैदान म गया। जब इसहाक ऐसाव से यह बात कह रहा था, तब रबका सु न रही थी।
6 सो उसने अपने पु याकूब से कहा सुन, म ने तेरे िपता को तेरे भाई ऐसाव से यह कहते सु ना,
7 िक तू मेरे िलये अहेर कर के उसका ािद भोजन बना, िक म उसे खा कर तुझे यहोवा के आगे मरने से पिहले आशीवाद दू ं
8 सो अब, हे मेरे पु , मेरी सुन, और यह आ ा मान,
9 िक बक रयों के पास जा कर बक रयों के दो अ े अ े ब े ले आ; और म ते रे िपता के िलये उसकी िच के अनुसार उन के मांस का ािद भोजन बनाऊंगी।
10 तब तू उसको अपने िपता के पास ले जाना, िक वह उसे खा कर मरने से पिहले तु झ को आशीवाद दे ।
11 याकूब ने अपनी माता रबका से कहा, सुन, मेरा भाई ऐसाव तो रोंआर पु ष है , और म रोमहीन पु ष ं ।
12 कदािचत मेरा िपता मुझे टटोलने लगे, तो म उसकी ि म ठग ठह ं गा; और आशीष के बदले शाप ही कमाऊंगा।
13 उसकी माता ने उस से कहा, हे मेरे, पु , शाप तु झ पर नही ं मुझी पर पड़े , तू केवल मेरी सुन, और जा कर वे ब े मेरे पास ले आ।
14 तब याकूब जा कर उन को अपनी माता के पास ले आया, और माता ने उसके िपता की िच के अनुसार ािद भोजन बना िदया।
15 तब रबका ने अपने पिहलौठे पु ऐसाव के सु र व , जो उसके पास घर म थे , ले कर अपने ल रे पु याकूब को पिहना िदए।
16 और बक रयों के ब ों की खालों को उसके हाथों म और उसके िचकने गले म लपे ट िदया।
17 और वह ािद भोजन और अपनी बनाई ई रोटी भी अपने पु याकूब के हाथ म दे दी।
18 सो वह अपने िपता के पास गया, और कहा, हे मेरे िपता: उसने कहा ा बात है ? हे मे रे पु , तू कौन है ?
19 याकूब ने अपने िपता से कहा, म तेरा जेठा पु ऐसाव ं । म ने तेरी आ ा के अनु सार िकया है ; सो उठ और बै ठ कर मेरे अहेर के मांस म से खा, िक तू जी से मुझे आशीवाद दे ।
20 इसहाक ने अपने पु से कहा, हे मेरे पु , ा कारण है िक वह तुझे इतनी ज ी िमल गया? उसने यह उ र िदया, िक तेरे परमे र यहोवा ने उसको मेरे सा ने कर िदया।
21 िफर इसहाक ने याकूब से कहा, हे मेरे पु , िनकट आ, म तुझे टटोल कर जानूं , िक तू सचमु च मेरा पु ऐसाव है या नही ं।
22 तब याकूब अपने िपता इसहाक के िनकट गया, और उसने उसको टटोल कर कहा, बोल तो याकूब का सा है , पर हाथ ऐसाव ही के से जान पड़ते ह।
23 और उसने उसको नही ं ची ा, ोंिक उसके हाथ उसके भाई के से रोंआर थे। सो उस ने उसको आशीवाद िदया
24 और उसने पूछा, ा तू सचमुच मेरा पु ऐसाव है? उसने कहा हां म ं।
25 तब उसने कहा, भोजन को मेरे िनकट ले आ, िक म, अपने पु के अहे र के मां स म से खाकर, तुझे जी से आशीवाद दू ं । तब वह उसको उसके िनकट ले आया, और उसने खाया;
और वह उसके पास दाखमधु भी लाया, और उसने िपया।
26 तब उसके िपता इसहाक ने उस से कहा, हे मेरे पु िनकट आकर मुझे चू म।
27 उसने िनकट जा कर उसको चूमा। और उसने उसके व ों की सुग पाकर उसको य़ह आशीवाद िदया, िक दे ख, मे रे पु का सुग जो ऐसे खेत का सा है िजस पर यहोवा ने
आशीष दी हो:
28 सो परमे र तु झे आकाश से ओस, और भूिम की उ म से उ म उपज, और ब त सा अनाज और नया दाखमधु दे :
29 रा रा के लोग ते रे आधीन हों, और दे श दे श के लोग तुझे द वत कर: तू अपने भाइयों का ामी हो, और ते री माता के पु तुझे द वत कर: जो तुझे शाप द सो आप ही
ािपत हों, और जो तुझे आशीवाद द सो आशीष पाएं ।।
30 यह आशीवाद इसहाक याकूब को दे ही चुका, और याकूब अपने िपता इसहाक के सा ने से िनकला ही था, िक ऐसाव अहेर ले कर आ प ंचा।
31 तब वह भी ािद भोजन बना कर अपने िपता के पास ले आया, और उस से कहा, हे मेरे िपता, उठ कर अपने पु के अहेर का मांस खा, तािक मुझे जी से आशीवाद दे ।
32 उसके िपता इसहाक ने पूछा, तू कौन है? उसने कहा, म तेरा जे ठा पु ऐसाव ं ।
33 तब इसहाक ने अ थरथर कांपते ए कहा, िफर वह कौन था जो अहेर कर के मे रे पास ले आया था, और म ने ते रे आने से पिहले सब म से कुछ कुछ खा िलया और उसको
आशीवाद िदया? वरन उसको आशीष लगी भी रहेगी।
34 अपने िपता की यह बात सुनते ही ऐसाव ने अ ऊंचे और दु :ख भरे र से िच ाकर अपने िपता से कहा, हे मेरे िपता, मुझ को भी आशीवाद दे ।
35 उसने कहा, तेरा भाई धूतता से आया, और तेरे आशीवाद को ले के चला गया।
36 उसने कहा, ा उसका नाम याकूब यथाथ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ं गा मारा, मेरा पिहलौठे का अिधकार तो उसने ले ही िलया था: और अब दे ख, उसने मे रा आशीवाद
भी ले िलया है: िफर उसने कहा, ा तू ने मेरे िलये भी कोई आशीवाद नही ं सोच रखा है?
37 इसहाक ने ऐसाव को उ र दे कर कहा, सुन, म ने उसको ते रा ामी ठहराया, और उसके सब भाइयों को उसके आधीन कर िदया, और अनाज और नया दाखमधु दे कर उसको पु
िकया है : सो अब, हे मेरे पु , म तेरे िलये ा क ं ?
38 ऐसाव ने अपने िपता से कहा हे मेरे िपता, ा तेरे मन म एक ही आशीवाद है ? हे मे रे िपता, मु झ को भी आशीवाद दे : यों कह कर ऐसाव फूट फूट के रोया।
39 उसके िपता इसहाक ने उस से कहा, सुन, तेरा िनवास उपजाऊ भू िम पर हो, और ऊपर से आकाश की ओस उस पर पड़े ।।
40 और तू अपनी तलवार के बल से जीिवत रहे, और अपने भाई के आधीन तो होए, पर जब तू ाधीन हो जाएगा, तब उसके जूए को अपने क े पर से तोड़ फके।
41 ऐसाव ने तो याकूब से अपने िपता के िदए ए आशीवाद के कारण बै र रखा; सो उसने सोचा, िक मे रे िपता के अ काल का िदन िनकट है, िफर म अपने भाई याकूब को घात
क ं गा।
42 जब रबका को अपने पिहलौठे पु ऐसाव की ये बात बताई गईं, तब उसने अपने ल रे पु याकूब को बु ला कर कहा, सुन, तेरा भाई ऐसाव तुझे घात करने के िलये अपने मन को
धीरज दे रहा है।
43 सो अब, हे मेरे पु , मेरी सुन, और हारान को मेरे भाई लाबान के पास भाग जा ;
44 और थोड़े िदन तक, अथात जब तक तेरे भाई का ोध न उतरे तब तक उसी के पास रहना।
45 िफर जब तेरे भाई का ोध तुझ पर से उतरे , और जो काम तू ने उस से िकया है उसको वह भू ल जाए; तब म तुझे वहां से बुलवा भेजूंगी: ऐसा ों हो िक एक ही िदन म मु झे तुम
दोनों से रिहत होना पड़े ?
46 िफर रबका ने इसहाक से कहा, िह ी लड़िकयों के कारण म अपने ाण से िघन करती ं ; सो यिद ऐसी िह ी लड़िकयों म से, जैसी इस दे श की लड़िकयां ह, याकूब भी एक को
कही ं ाह ले, तो मेरे जीवन म ा लाभ होगा?
उ ि 28
1 तब इसहाक ने याकूब को बुलाकर आशीवाद िदया, और आ ा दी, िक तू िकसी कनानी लड़की को न ाह ले ना।
2 प नराम म अपने नाना बतूएल के घर जा कर वहां अपने मामा लाबान की एक बे टी को ाह ले ना।
3 और सवश मान ई र तुझे आशीष दे , और फुला-फला कर बढ़ाए, और तू रा रा की म ली का मू ल हो।
4 और वह तु झे और ते रे वंश को भी इ ाहीम की सी आशीष दे , िक तू यह दे श िजस म तू परदे शी हो कर रहता है , और िजसे परमे र ने इ ाहीम को िदया था, उसका अिधकारी हो
जाए।
5 और इसहाक ने याकूब को िवदा िकया, और वह प नराम को अरामी बतूएल के उस पु लाबान के पास चला, जो याकूब और ऐसाव की माता रबका का भाई था।
6 जब इसहाक ने याकूब को आशीवाद दे कर प नराम भे ज िदया, िक वह वहीं से प ी ाह लाए, और उसको आशीवाद दे ने के समय यह आ ा भी दी, िक तू िकसी कनानी लड़की को
ाह न ले ना;
7 और याकूब माता िपता की मान कर प नराम को चल िदया;
8 तब ऐसाव यह सब दे ख के और यह भी सोच कर, िक कनानी लड़िकयां मे रे िपता इसहाक को बु री लगती ह,
9 इ ाहीम के पु इ ाएल के पास गया, और इ ाएल की बेटी महलत को, जो नबायोत की बिहन थी, ाह कर अपनी पि यों म िमला िलया।।
10 सो याकूब बे शबा से िनकल कर हारान की ओर चला।
11 और उसने िकसी थान म प ंच कर रात वही ं िबताने का िवचार िकया, ोंिक सू य अ हो गया था; सो उसने उस थान के प रों म से एक प र ले अपना तिकया बना कर रखा,
और उसी थान म सो गया।
12 तब उसने म ा दे खा, िक एक सीढ़ी पृ ी पर खड़ी है , और उसका िसरा ग तक प ंचा है : और परमे र के दू त उस पर से चढ़ते उतरते ह।
13 और यहोवा उसके ऊपर खड़ा हो कर कहता है, िक म यहोवा, तेरे दादा इ ाहीम का परमे र, और इसहाक का भी परमे र ं: िजस भूिम पर तू पड़ा है, उसे म तुझ को और ते रे वंश
को दू ं गा।
14 और ते रा वंश भूिम की धूल के िकनकों के समान ब त होगा, और प म, पूरब, उ र, द न, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के ारा पृ ी के सारे कुल आशीष
पाएं गे ।
15 और सु न, म ते रे संग र ंगा, और जहां कही ं तू जाए वहां तेरी र ा क ं गा, और तु झे इस दे श म लौटा ले आऊंगा: म अपने कहे ए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तु झ को न
छोडूंगा।
16 तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; िन य इस थान म यहोवा है ; और म इस बात को न जानता था।
17 और भय खा कर उसने कहा, यह थान ा ही भयानक है! यह तो परमे र के भवन को छोड़ और कुछ नही ं हो सकता; वरन यह ग का फाटक ही होगा।
18 भोर को याकूब तड़के उठा, और अपने तिकए का प र ले कर उसका ख ा खड़ा िकया, और उसके िसरे पर तेल डाल िदया।
19 और उसने उस थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पिहले लूज था।
20 और याकूब ने यह म त मानी, िक यिद परमे र मेरे संग रहकर इस या ा म मे री र ा करे , और मु झे खाने के िलये रोटी, और पिहनने के िलये कपड़ा दे ,
21 और म अपने िपता के घर म कुशल ेम से लौट आऊं: तो यहोवा मेरा परमे र ठहरे गा।
22 और यह प र, िजसका म ने ख ा खड़ा िकया है, परमे र का भवन ठहरे गा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमां श म अव ही तुझे िदया क ं गा।।
उ ि 29
1 िफर याकूब ने अपना माग िलया, और पू यों के दे श म आया।
2 और उसने ि कर के ा दे खा, िक मैदान म एक कुंआ है , और उसके पास भेड़-बक रयों के तीन झु बै ठे ए ह; ोंिक जो प र उस कुएं के मुंह पर धरा रहता था, िजस म से
झु ों को जल िपलाया जाता था, वह भारी था।
3 और जब सब झु वहां इक े हो जाते तब चरवाहे उस प र को कुएं के मुंह पर से लु ढ़का कर भे ड़-बक रयों को पानी िपलाते, और िफर प र को कुएं के मुंह पर ों का ों रख
दे ते थे ।
4 सो याकूब ने चरवाहों से पूछा, हे मेरे भाइयो, तुम कहां के हो? उ ोंने कहा, हम हारान के ह।
5 तब उसने उन से पू छा, ा तुम नाहोर के पोते लाबान को जानते हो? उ ोंने कहा, हां , हम उसे जानते ह।
6 िफर उसने उन से पूछा, ा वह कुशल से है? उ ोंने कहा, हां , कुशल से तो है और वह दे ख, उसकी बेटी राहेल भेड़-बक रयों को िलये ए चली आती है।
7 उसने कहा, दे खो, अभी तो िदन ब त है, पशुओं के इक े होने का समय नहीं: सो भेड़-बक रयों को जल िपलाकर िफर ले जा कर चराओ।
8 उ ोंने कहा, हम अभी ऐसा नही ं कर सकते, जब सब झु इक े होते ह तब प र कुएं के मुं ह से लुढ़काया जाता है , और तब हम भेड़-बक रयों को पानी िपलाते ह।
9 उनकी यह बातचीत हो रही थी, िक राहेल जो पशु चराया करती थी, सो अपने िपता की भे ड़-बक रयों को िलये ए आ गई।
10 अपने मामा लाबान की बेटी राहेल को, और उसकी भे ड़-बक रयों को भी दे ख कर याकूब ने िनकट जा कर कुएं के मुंह पर से प र को लुढ़का कर अपने मामा लाबान की
भे ड़-बक रयों को पानी िपलाया।
11 तब याकूब ने राहेल को चूमा, और ऊंचे र से रोया।
12 और याकूब ने राहे ल को बता िदया, िक म तेरा फुफेरा भाई ं , अथात रबका का पु ं : तब उसने दौड़ के अपने िपता से कह िदया।
13 अपने भानजे याकूब का समाचार पाते ही लाबान उस से भट करने को दौड़ा, और उसको गले लगाकर चू मा, िफर अपने घर ले आया। और याकूब ने लाबान से अपना सब वृ ा
वणन िकया।
14 तब लाबान ने याकूब से कहा, तू तो सचमुच मेरी ह ी और मांस है । सो याकूब एक महीना भर उसके साथ रहा।
15 तब लाबान ने याकूब से कहा, भाईब ु होने के कारण तुझ से सतमत सेवा कराना मुझे उिचत नहीं है, सो कह म तु झे सेवा के बदले ा दू ं ?
16 लाबान के दो बे िटयां थी, िजन म से बड़ी का नाम िलआ: और छोटी का राहे ल था।
17 िलआ: के तो धु ली आं खे थी, पर राहेल पवती और सु र थी।
18 सो याकूब ने , जो राहेल से ीित रखता था, कहा, म तेरी छोटी बेटी राहे ल के िलये सात बरस ते री सेवा क ं गा।
19 लाबान ने कहा, उसे पराए पु ष को दे ने से तुझ को दे ना उ म होगा; सो मेरे पास रह।
20 सो याकूब ने राहे ल के िलये सात बरस सेवा की; और वे उसको राहे ल की ीित के कारण थोड़े ही िदनों के बराबर जान पड़े ।
21 तब याकूब ने लाबान से कहा, मेरी प ी मुझे दे , और म उसके पास जाऊंगा, ोंिक मे रा समय पूरा हो गया है।
22 सो लाबान ने उस थान के सब मनु ों को बुला कर इक ा िकया, और उनकी जे वनार की।
23 सांझ के समय वह अपनी बेटी िलआ: को याकूब के पास ले गया, और वह उसके पास गया।
24 और लाबान ने अपनी बेटी िलआ: को उसकी लौंडी होने के िलये अपनी लौंडी िज ा दी।
25 भोर को मालूम आ िक यह तो िलआ है, सो उसने लाबान से कहा यह तू ने मु झ से ा िकया है ? म ने तेरे साथ रहकर जो तेरी सेवा की, सो ा राहेल के िलये नही ं की? िफर तू ने
मुझ से ों ऐसा छल िकया है?
26 लाबान ने कहा, हमारे यहां ऐसी रीित नही ं, िक जेठी से पिहले दू सरी का िववाह कर द।
27 इसका स ाह तो पूरा कर; िफर दू सरी भी तुझे उस सेवा के िलये िमले गी जो तू मे रे साथ रह कर और सात वष तक करे गा।
28 सो याकूब ने ऐसा ही िकया, और िलआ: के स ाह को पू रा िकया; तब लाबान ने उसे अपनी बे टी राहेल को भी िदया, िक वह उसकी प ी हो।
29 और लाबान ने अपनी बेटी राहेल की लौंडी होने के िलये अपनी लौंडी िब ा को िदया।
30 तब याकूब राहे ल के पास भी गया, और उसकी ीित िलआ: से अिधक उसी पर ई, और उसने लाबान के साथ रहकर सात वष और उसकी सेवा की।।
31 जब यहोवा ने दे खा, िक िलआ: अि य ई, तब उसने उसकी कोख खोली, पर राहे ल बां झ रही।
32 सो िलआ: गभवती ई, और उसके एक पु उ आ, और उसने यह कहकर उसका नाम बे न रखा, िक यहोवा ने मेरे दु :ख पर ि की है: सो अब मेरा पित मु झ से ीित
रखे गा।
33 िफर वह गभवती ई और उसके एक पु उ आ; और उसने यह कहा िक यह सु नके, िक म अि य ं यहोवा ने मुझे यह भी पु िदया: इसिलये उसने उसका नाम िशमोन रखा।
34 िफर वह गभवती ई और उसके एक पु उ आ; और उसने कहा, अब की बार तो मेरा पित मु झ से िमल जाएगा, ोंिक उस से मे रे तीन पु उ ए: इसिलये उसका नाम
ले वी रखा गया।
35 और िफर वह गभवती ई और उसके एक और पु उ आ; और उसने कहा, अब की बार तो म यहोवा का ध वाद क ं गी, इसिलये उसने उसका नाम य दा रखा; तब
उसकी कोख ब हो गई।।
उ ि 30
1 जब राहेल ने दे खा, िक याकूब के िलये मुझ से कोई स ान नही ं होता, तब वह अपनी बिहन से डाह करने लगी: और याकूब से कहा, मु झे भी स ान दे , नहीं तो मर जाऊंगी।
2 तब याकूब ने राहेल से ोिधत हो कर कहा, ा म परमे र ं? तेरी कोख तो उसी ने ब कर रखी है।
3 राहे ल ने कहा, अ ा, मेरी लौंडी िब ा हािजर है : उसी के पास जा, वह मेरे घुटनों पर जनेगी, और उसके ारा मे रा भी घर बसेगा।
4 तो उसने उसे अपनी लौंडी िब ा को िदया, िक वह उसकी प ी हो; और याकूब उसके पास गया।
5 और िब ा गभवती ई और याकूब से उसके एक पु उ आ।
6 और राहे ल ने कहा, परमे र ने मेरा ाय चुकाया और मे री सुन कर मु झे एक पु िदया: इसिलये उसने उसका नाम दान रखा।
7 और राहे ल की लौंडी िब ा िफर गभवती ई और याकूब से एक पु और उ आ।
8 तब राहेल ने कहा, म ने अपनी बिहन के साथ बड़े बल से िलपट कर म यु िकया और अब जीत गई: सो उसने उसका नाम न ाली रखा।
9 जब िलआ: ने दे खा िक म जनने से रिहत हो गई ं, तब उसने अपनी लौंडी िज ा को ले कर याकूब की प ी होने के िलये दे िदया।
10 और िलआ: की लौंडी िज ा के भी याकूब से एक पु उ आ।
11 तब िलआ: ने कहा, अहो भा ! सो उसने उसका नाम गाद रखा।
12 िफर िलआ: की लौंडी िज ा के याकूब से एक और पु उ आ।
13 तब िलआ: ने कहा, म ध ं; िन य यां मुझे ध कहगी: सो उसने उसका नाम आशेर रखा।
14 गे ं की कटनी के िदनों म बेन को मैदान म दू दाफल िमले , और वह उन को अपनी माता िलआ: के पास ले गया, तब राहेल ने िलआ: से कहा, अपने पु के दू दाफलों म से कुछ
मुझे दे ।
15 उसने उस से कहा, तू ने जो मेरे पित को ले िलया है सो ा छोटी बात है? अब ा तू मेरे पु के दू दाफल भी ले ने चाहती है? राहेल ने कहा, अ ा, तेरे पु के दू दाफलों के बदले वह
आज रात को तेरे संग सोएगा।
16 सो सां झ को जब याकूब मैदान से आ रहा था, तब िलआ: उस से भट करने को िनकली, और कहा, तु झे मे रे ही पास आना होगा, ोंिक म ने अपने पु के दू दाफल दे कर तु झे
सचमु च मोल िलया। तब वह उस रात को उसी के संग सोया।
17 तब परमे र ने िलआ: की सुनी, सो वह गभवती ई और याकूब से उसके पां चवां पु उ आ।
18 तब िलआ: ने कहा, म ने जो अपने पित को अपनी लौंडी दी, इसिलये परमे र ने मु झे मे री मजू री दी है : सो उसने उसका नाम इ ाकार रखा।
19 और िलआ: िफर गभवती ई और याकूब से उसके छठवां पु उ आ।
20 तब िलआ: ने कहा, परमे र ने मुझे अ ा दान िदया है ; अब की बार मे रा पित मे रे सं ग बना रहे गा, ोंिक मे रे उस से छ: पु उ चुके ह: से उसने उसका नाम जबूलून रखा।
21 त ात् उसके एक बेटी भी ई, और उसने उसका नाम दीना रखा।
22 और परमे र ने राहेल की भी सुिध ली, और उसकी सुनकर उसकी कोख खोली।
23 सो वह गभवती ई और उसके एक पु उ आ; सो उसने कहा, परमे र ने मेरी नामधराई को दू र कर िदया है ।
24 सो उसने यह कह कर उसका नाम यूसुफ रखा, िक परमे र मुझे एक पु और भी दे गा।
25 जब राहेल से यूसुफ उ आ, तब याकूब ने लाबान से कहा, मुझे िवदा कर, िक म अपने दे श और थान को जाऊं।
26 मेरी यां और मेरे लड़के-बाले, िजनके िलये म ने तेरी सेवा की है, उ मु झे दे , िक म चला जाऊं; तू तो जानता है िक म ने तेरी कैसी सेवा की है।
27 लाबान ने उस से कहा, यिद तेरी ि म म ने अनु ह पाया है , तो रह जा: ोंिक म ने अनु भव से जान िलया है, िक यहोवा ने तेरे कारण से मुझे आशीष दी है।
28 िफर उसने कहा, तू ठीक बता िक म तुझ को ा दू ं , और म उसे दू ं गा।
29 उसने उस से कहा तू जानता है िक म ने तेरी कैसी से वा की, और तेरे पशु मे रे पास िकस कार से रहे ।
30 मेरे आने से पिहले वे िकतने थे, और अब िकतने हो गए ह; और यहोवा ने मेरे आने पर तु झे तो आशीष दी है: पर म अपने घर का काम कब करने पाऊंगा?
31 उसने िफर कहा, म तुझे ा दू ं ? याकूब ने कहा, तू मुझे कुछ न दे ; यिद तू मे रे िलये एक काम करे , तो म िफर ते री भे ड़-बक रयों को चराऊंगा, और उनकी र ा क ं गा।
32 म आज तेरी सब भेड़-बक रयों के बीच हो कर िनकलूंगा, और जो भेड़ वा बकरी िच ीवाली वा िच बरी हो, और जो भेड़ काली हो, और जो बकरी िच बरी वा िच ीवाली हों, उ
म अलग कर रखूंगा: और मेरी मजदू री म वे ही ठहरगी।
33 और जब आगे को मेरी मजदू री की चचा तेरे सा ने चले, तब धम की यही सा ी होगी; अथात बक रयों म से जो कोई न िच ीवाली न िच बरी हो, और भे ड़ों म से जो कोई काली न
हो, सो यिद मेरे पास िनकल, तो चोरी की ठहरगी।
34 तब लाबान ने कहा, तेरे कहने के अनुसार हो।
35 सो उसने उसी िदन सब धारी वाले और िच बरे बकरों, और सब िच ीवाली और िच बरी बक रयों को, अथात िजन म कुछ उजलापन था, उन को और सब काली भेड़ों को भी
अलग कर के अपने पु ों के हाथ सौंप िदया।
36 और उसने अपने और याकूब के बीच म तीन िदन के माग का अ र ठहराया: सो याकूब लाबान की भे ड़-बक रयों को चराने लगा।
37 और याकूब ने िचनार, और बादाम, और अम न वृ ों की हरी हरी छिडय़ां ले कर, उनके िछलके कहीं कहीं छील के, उ धारीदार बना िदया, ऐसी िक उन छिडय़ों की सफेदी
िदखाई दे ने लगी।
38 और तब छीली ई छिडय़ों को भे ड़-बक रयों के सा ने उनके पानी पीने के कठौतों म खड़ा िकया; और जब वे पानी पीने के िलये आई तब गािभन हो गई।
39 और छिडय़ों के सा ने गािभन हो कर, भेड़-बक रयां धारीवाले , िच ीवाले और िच बरे ब े जनी ं।
40 तब याकूब ने भेड़ों के ब ों को अलग अलग िकया, और लाबान की भेड़-बक रयों के मुंह को िच ीवाले और सब काले ब ों की ओर कर िदया; और अपने झु ड़ों को उन से अलग
रखा, और लाबान की भेड़-बक रयों से िमलने न िदया।
41 और जब जब बलव भेड़-बक रयां गािभन होती थी, तब तब याकूब उन छिडय़ों को कठौतों म उनके सा ने रख दे ता था; िजस से वे छिडय़ों को दे खती ई गािभन हो जाएं ।
42 पर जब िनबल भेड़-बक रयां गािभन होती थी ं, तब वह उ उनके आगे नही ं रखता था। इस से िनबल िनबल लाबान की रही, और बलव बलव याकूब की हो गई।
43 सो वह पु ष अ धनाढय हो गया, और उसके ब त सी भे ड़-बक रयां , और लौंिडयां और दास और ऊंट और गदहे हो गए।।
उ ि 31
1 िफर लाबान के पु ों की ये बात याकूब के सुनने म आई, िक याकूब ने हमारे िपता का सब कुछ छीन िलया है, और हमारे िपता के धन के कारण उसकी यह ित ा है।
2 और याकूब ने लाबान के मुखड़े पर ि की और ताड़ िलया, िक वह उसके ित पहले के समान नही ं है।
3 तब यहोवा ने याकूब से कहा, अपने िपतरों के दे श और अपनी ज भूिम को लौट जा, और म ते रे सं ग र ंगा।
4 तब याकूब ने राहेल और िलआ: को, मैदान म अपनी भे ड़-बक रयों के पास, बु लवा कर कहा,
5 तु ारे िपता के मु खड़े से मुझे समझ पड़ता है, िक वह तो मुझे पिहले की नाईं अब नहीं दे खता; पर मे रे िपता का परमे र मेरे संग है।
6 और तुम भी जानती हो, िक म ने तु ारे िपता की सेवा श भर की है।
7 और तु ारे िपता ने मुझ से छल कर के मेरी मजदू री को दस बार बदल िदया; पर ु परमे र ने उसको मे री हािन करने नही ं िदया।
8 जब उसने कहा, िक िच ीवाले ब े तेरी मजदू री ठहरगे, तब सब भेड़-बक रयां िच ीवाले ही जनने लगी ं, और जब उसने कहा, िक धारीवाले ब े तेरी मजदू री ठहरगे, तब सब
भे ड़-बक रयां धारीवाले जनने लगी ं।
9 इस रीित से परमे र ने तु ारे िपता के पशु ले कर मुझ को दे िदए।
10 भे ड़-बक रयोंके गािभन होने के समय म ने म ा दे खा, िक जो बकरे बक रयों पर चढ़ रहे ह, सो धारीवाले , िच ीवाले, और ध ेवाले है।
11 और परमे र के दू त ने म मुझ से कहा, हे याकूब: म ने कहा, ा आ ा।
12 उसने कहा, आं खे उठा कर उन सब बकरों को, जो बक रयों पर चढ़ रहे ह, दे ख, िक वे धारीवाले , िच ीवाले , और ध े वाले ह; ोंिक जो कुछ लाबान तुझ से करता है, सो म ने दे खा
है ।
13 म उस बेतेल का ई र ं, जहां तू ने एक ख े पर तेल डाल िदया, और मे री म त मानी थी: अब चल, इस दे श से िनकल कर अपनी ज भूिम को लौट जा।
14 तब राहे ल और िलआ: ने उस से कहा, ा हमारे िपता के घर म अब भी हमारा कुछ भाग वा अं श बचा है?
15 ा हम उसकी ि म पराये न ठहरी ं? दे ख, उसने हम को तो बेच डाला, और हमारे पे को खा बै ठा है ।
16 सो परमे र ने हमारे िपता का िजतना धन ले िलया है, सो हमारा, और हमारे लड़के-बालों का है : अब जो कुछ परमे र ने तुझ से कहा सो कर।
17 तब याकूब ने अपने लड़के बालों और यों को ऊंटों पर चढ़ाया;
18 और िजतने पशुओं को वह प नराम म इक ा कर के धनाढय हो गया था, सब को कनान म अपने िपता इसहाक के पास जाने की मनसा से, साथ ले गया।
19 लाबान तो अपनी भेड़ों का ऊन कतरने के िलये चला गया था। और राहे ल अपने िपता के गृ हदे वताओं को चु रा ले गई।
20 सो याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया िक म भागा जाता ं ।
21 वह अपना सब कुछ ले कर भागा: और महानद के पार उतर कर अपना मुं ह िगलाद के पहाड़ी दे श की ओर िकया।।
22 तीसरे िदन लाबान को समाचार िमला, िक याकूब भाग गया है।
23 सो उसने अपने भाइयों को साथ ले कर उसका सात िदन तक पीछा िकया, और िगलाद के पहाड़ी दे श म उसको जा पकड़ा।
24 तब परमे र ने रात के म आरामी लाबान के पास आकर कहा, सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।
25 और लाबान याकूब के पास प ंच गया, याकूब तो अपना त ू िगलाद नाम पहाड़ी दे श म खड़ा िकए पड़ा था: और लाबान ने भी अपने भाइयों के साथ अपना त ू उसी पहाड़ी दे श
म खड़ा िकया।
26 तब लाबान याकूब से कहने लगा, तू ने यह ा िकया, िक मे रे पास से चोरी से चला आया, और मेरी बेिटयों को ऐसा ले आया, जै सा कोई तलवार के बल से ब ी बनाए गए?
27 तू ों चु पके से भाग आया, और मुझ से िबना कुछ कहे मेरे पास से चोरी से चला आया; नही ं तो म तुझे आन के साथ मृदंग और वीणा बजवाते, और गीत गवाते िवदा करता?
28 तू ने तो मु झे अपने बेटे बेिटयों को चूमने तक न िदया? तू ने मूखता की है ।
29 तुम लोगों की हािन करने की श मेरे हाथ म तो है; पर तु ारे िपता के परमे र ने मु झ से बीती ई रात म कहा, सावधान रह, याकूब से न तो भला कहना और न बु रा।
30 भला अब तू अपने िपता के घर का बड़ा अिभलाषी हो कर चला आया तो चला आया, पर मे रे दे वताओं को तू ों चु रा ले आया है?
31 याकूब ने लाबान को उ र िदया, म यह सोचकर डर गया था: िक कही ं तू अपनी बेिटयों को मुझ से छीन न ले ।
32 िजस िकसी के पास तू अपने दे वताओं को पाए, सो जीता न बचे गा। मे रे पास ते रा जो कुछ िनकले , सो भाई-ब ु ओं के सा ने पिहचान कर ले ले। ोंिक याकूब न जानता था िक
राहे ल गृ हदे वताओं को चुरा ले आई है।
33 यह सु नकर लाबान, याकूब और िलआ: और दोनों दािसयों के त ुओं मे गया; और कुछ न िमला। तब िलआ: के त ू म से िनकल कर राहेल के त ू म गया।
34 राहेल तो गृ हदे वताओं को ऊंट की काठी म रखके उन पर बैठी थी। सो लाबान ने उसके सारे त ू म टटोलने पर भी उ न पाया।
35 राहेल ने अपने िपता से कहा, हे मेरे भु; इस से अ स न हो, िक म तेरे सा ने नहीं उठी; ोंिक म ीधम से ं। सो उसके ढूंढ़ ढांढ़ करने पर भी गृहदे वता उसको न िमले ।
36 तब याकूब ोिधत हो कर लाबान से झगड़ने लगा, और कहा, मे रा ा अपराध है ? मे रा ा पाप है , िक तू ने इतना ोिधत हो कर मेरा पीछा िकया है?
37 तू ने जो मेरी सारी साम ी को टटोल कर दे खा, सो तुझ को सारी साम ी म से ा िमला? कुछ िमला हो तो उसको यहां अपने और मेरे भाइयों के सामहने रख दे , और वे हम दोनों
के बीच ाय कर।
38 इन बीस वष से म तेरे पास रहा; उन म न तो तेरी भेड़-बक रयों के गभ िगरे , और न ते रे मेढ़ों का मांस म ने कभी खाया।
39 िजसे बनैले ज ुओं ने फाड़ डाला उसको म तेरे पास न लाता था, उसकी हािन म ही उठाता था; चाहे िदन को चोरी जाता चाहे रात को, तू मुझ ही से उसको ले लेता था।
40 मेरी तो यह दशा थी, िक िदन को तो घाम और रात को पाला मु झे खा गया; और नी मे री आं खों से भाग जाती थी।
41 बीस वष तक म तेरे घर म रहो; चौदह वष तो म ने तेरी दोनो बे िटयों के िलये, और छ: वष तेरी भे ड़-बक रयों के िलये से वा की: और तू ने मेरी मजदू री को दस बार बदल डाला।
42 मेरे िपता का परमे र अथात इ ाहीम का परमे र, िजसका भय इसहाक भी मानता है , यिद मेरी ओर न होता, तो िन य तू अब मु झे छूछे हाथ जाने दे ता। मेरे दु :ख और मेरे हाथों के
प र म को दे खकर परमे र ने बीती ई रात म तुझे डपटा।
43 लाबान ले याकूब से कहा, ये बेिटयों तो मेरी ही ह, और ये पु भी मे रे ही ह, और ये भे ड़-बक रयां भी मे री ही ह, और जो कुछ तुझे दे ख पड़ता है सो सब मेरा ही है: और अब म अपनी
इन बेिटयों वा इनके स ान से ा कर सकता ं?
44 अब आ म और तू दोनों आपस म वाचा बा , और वह मे रे और तेरे बीच सा ी ठहरी रहे ।
45 तब याकूब ने एक प र ले कर उसका ख ा खड़ा िकया।
46 तब याकूब ने अपने भाई-ब ुओं से कहा, प र इक ा करो; यह सुन कर उ ोंने प र इक ा कर के एक ढे र लगाया और वहीं ढे र के पास उ ोंने भोजन िकया।
47 उस ढे र का नाम लाबान ने तो य सहादु या, पर याकूब ने िजिलयाद रखा।
48 लाबान ने कहा, िक यह ढे र आज से मेरे और तेरे बीच सा ी रहे गा। इस कारण उसका नाम िजिलयाद रखा गया,
49 और िमजपा भी; ोंिक उसने कहा, िक जब हम उस दू सरे से दू र रह तब यहोवा मेरी और तेरी दे खभाल करता रहे ।
50 यिद तू मे री बेिटयों को दु :ख दे , वा उनके िसवाय और यां ाह ले , तो हमारे साथ कोई मनु तो न रहेगा; पर दे ख मेरे तेरे बीच म परमे र सा ी रहेगा।
51 िफर लाबान ने याकूब से कहा, इस ढे र को दे ख और इस ख े को भी दे ख, िजन को म ने अपने और ते रे बीच म खड़ा िकया है।
52 यह ढे र और यह ख ा दोनों इस बात के सा ी रह, िक हािन करने की मनसा से न तो म इस ढे र को लां घ कर तेरे पास जाऊंगा, न तू इस ढे र और इस ख े को लांघ कर मे रे पास
आएगा।
53 इ ाहीम और नाहोर और उनके िपता; तीनों का जो परमे र है , सो हम दोनो के बीच ाय करे । तब याकूब ने उसकी शपथ खाई िजसका भय उसका िपता इसहाक मानता था।
54 और याकूब ने उस पहाड़ पर मेलबिल चढ़ाया, और अपने भाई-ब ुओं को भोजन करने के िलये बुलाया, सो उ ोंने भोजन कर के पहाड़ पर रात िबताई।
55 िबहान को लाबान तड़के उठा, और अपने बेटे बेिटयों को चूम कर और आशीवाद दे कर चल िदया, और अपने थान को लौट गया।
उ ि 32
1 और याकूब ने भी अपना माग िलया और परमे र के दू त उसे आ िमले ।
2 उन को दे खते ही याकूब ने कहा, यह तो परमे र का दल है सो उसने उस थान का नाम महनै म रखा।।
3 तब याकूब ने सेईर दे श म, अथात एदोम दे श म, अपने भाई ऐसाव के पास अपने आगे दू त भे ज िदए।
4 और उसने उ यह आ ा दी, िक मेरे भु ऐसाव से यों कहना; िक तेरा दास याकूब तुझ से यों कहता है, िक म लाबान के यहां परदे शी हो कर अब तक रहा;
5 और मे रे पास गाय-बै ल, गदहे, भेड़-बक रयां, और दास-दािसयां है: सो म ने अपने भु के पास इसिलये सं देशा भे जा है , िक तेरी अनु ह की ि मुझ पर हो।
6 वे दू त याकूब के पास लौट के कहने लगे, हम तेरे भाई ऐसाव के पास गए थे, और वह भी तु झ से भट करने को चार सौ पु ष संग िलये ए चला आता है।
7 तब याकूब िनपट डर गया, और संकट म पड़ा: और यह सोच कर, अपने संग वालों के, और भेड़-बक रयों, और गाय-बैलों, और ऊंटो के भी अलग अलग दो दल कर िलये ,
8 िक यिद ऐसाव आकर पिहले दल को मारने लगे, तो दू सरा दल भाग कर बच जाएगा।
9 िफर याकूब ने कहा, हे यहोवा, हे मेरे दादा इ ाहीम के परमे र, तू ने तो मुझ से कहा, िक अपने दे श और ज भू िम म लौट जा, और म तेरी भलाई क ं गा:
10 तू ने जो जो काम अपनी क णा और स ाई से अपने दास के साथ िकए ह, िक म जो अपनी छड़ी ही ले कर इस यरदन नदी के पार उतर आया, सो अब मेरे दो दल हो गए ह, ते रे
ऐसे ऐसे कामों म से म एक के भी यो तो नही ं ं।
11 मेरी िवनती सुन कर मुझे मेरे भाई ऐसाव के हाथ से बचा: म तो उस से डरता ं , कही ं ऐसा ने हो िक वह आकर मुझे और मां समेत लड़कों को भी मार डाले ।
12 तू ने तो कहा है, िक म िन य तेरी भलाई क ं गा, और तेरे वंश को समु की बालू के िकनकों के समान ब त क ं गा, जो ब तायत के मारे िगने नही ं जो सकते।
13 और उसने उस िदन की रात वहीं िबताई; और जो कुछ उसके पास था उस म से अपने भाई ऐसाव की भट के िलये छां ट छांट कर िनकाला;
14 अथात दो सौ बक रयां, और बीस बकरे , और दो सौ भे ड़, और बीस मे ढ़े,
15 और ब ों समेत दू ध दे ने वाली तीस ऊंटिनयां, और चालीस गाय, और दस बै ल, और बीस गदिहयां और उनके दस ब े।
16 इन को उसने झु झु कर के, अपने दासों को सौंप कर उन से कहा, मेरे आगे बढ़ जाओ; और झु ों के बीच बीच म अ र रखो।
17 िफर उसने अगले झु के रखवाले को यह आ ा दी, िक जब मेरा भाई ऐसाव तु झे िमले , और पू छने लगे , िक तू िकस का दास है, और कहां जाता है, और ये जो तेरे आगे आगे ह, सो
िकस के ह?
18 तब कहना, िक यह तेरे दास याकूब के ह। हे मेरे भु ऐसाव, ये भट के िलये ते रे पास भेजे गए ह, और वह आप भी हमारे पीछे पीछे आ रहा है।
19 और उसने दू सरे और तीसरे रखवालों को भी, वरन उस सभों को जो झु ों के पीछे पीछे थे ऐसी ही आ ा दी, िक जब ऐसाव तुम को िमले तब इसी कार उस से कहना।
20 और यह भी कहना, िक तेरा दास याकूब हमारे पीछे पीछे आ रहा है। ोंिक उसने यह सोचा, िक यह भट जो मे रे आगे आगे जाती है, इसके ारा म उसके ोध को शा कर के
तब उसका दशन क ं गा; हो सकता है वह मुझ से स हो जाए।
21 सो वह भट याकूब से पिहले पार उतर गई, और वह आप उस रात को छावनी म रहा।।
22 उसी रात को वह उठा और अपनी दोनों यों, और दोनों लौंिडयों, और ारहों लड़कों को संग ले कर घाट से य ोक नदी के पार उतर गया।
23 और उसने उ उस नदी के पार उतार िदया वरन अपना सब कुछ पार उतार िदया।
24 और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पु ष आकर पह फटने तक उस से म यु करता रहा।
25 जब उसने दे खा, िक म याकूब पर बल नहीं होता, तब उसकी जांघ की नस को छूआ; सो याकूब की जां घ की नस उस से म यु करते ही करते चढ़ गई।
26 तब उसने कहा, मुझे जाने दे , ोंिक भोर आ चाहता है ; याकूब ने कहा जब तक तू मु झे आशीवाद न दे , तब तक म तुझे जाने न दू ं गा।
27 और उसने याकूब से पूछा, तेरा नाम ा है? उसने कहा याकूब।
28 उसने कहा तेरा नाम अब याकूब नही,ं पर ु इ ाएल होगा, ोंिक तू परमे र से और मनु ों से भी यु कर के बल आ है।
29 याकूब ने कहा, म िबनती करता ं, मुझे अपना नाम बता। उसने कहा, तू मे रा नाम ों पूछता है? तब उसने उसको वहीं आशीवाद िदया।
30 तब याकूब ने यह कह कर उस थान का नाम पनीएल रखा: िक परमे र को आ ने सा ने दे खने पर भी मे रा ाण बच गया है।
31 पनू एल के पास से चलते चलते सूय उदय हो गया, और वह जांघ से लंगड़ाता था।
32 इ ाएली जो पशुओं की जांघ की जोड़ वाले जंघानस को आज के िदन तक नही ं खाते , इसका कारण यही है , िक उस पु ष ने याकूब की जांघ की जोड़ म जंघानस को छूआ था।।
उ ि 33
1 और याकूब ने आं ख उठा कर यह दे खा, िक ऐसाव चार सौ पु ष संग िलये ए चला जाता है । तब उसने लड़के बालों को अलग अलग बांट कर िलआ, और राहे ल, और दोनों लौंिडयों
को सौंप िदया।
2 और उसने सब के आगे लड़कों समेत लौंिडयों को उसके पीछे लड़कों समे त िलआ: को, और सब के पीछे राहे ल और यू सुफ को रखा,
3 और आप उन सब के आगे बढ़ा, और सात बार भूिम पर िगर के द वत की, और अपने भाई के पास प ं चा।
4 तब ऐसाव उस से भट करने को दौड़ा, और उसको दय से लगा कर, गले से िलपट कर चूमा: िफर वे दोनों रो पड़े ।
5 तब उसने आं खे उठा कर यों और लड़के बालों को दे खा; और पूछा, ये जो तेरे साथ ह सो कौन ह? उसने कहा, ये ते रे दास के लड़के ह, िज परमे र ने अनु ह कर के मु झ को
िदया है।
6 तब लड़कों समेत लौंिडयों ने िनकट आकर द वत की।
7 िफर लड़कों समेत िलआ: िनकट आई, और उ ोंने भी द वत की: पीछे यूसुफ और राहे ल ने भी िनकट आकर द वत की।
8 तब उसने पूछा, ते रा यह बड़ा दल जो मुझ को िमला, उसका ा योजन है? उसने कहा, यह िक मे रे भु की अनु ह की ि मुझ पर हो।
9 ऐसाव ने कहा, हे मे रे भाई, मेरे पास तो ब त है; जो कुछ तेरा है सो तेरा ही रहे ।
10 याकूब ने कहा, नही ं नही,ं यिद तेरा अनु ह मुझ पर हो, तो मेरी भट हण कर: ोंिक म ने ते रा दशन पाकर, मानो परमे र का दशन पाया है, और तू मुझ से स आ है ।
11 सो यह भट, जो तु झे भेजी गई है, हण कर: ोंिक परमे र ने मु झ पर अनु ह िकया है , और मे रे पास ब त है। जब उसने उस को दबाया, तब उस ने भट को हण िकया।
12 िफर ऐसाव ने कहा, आ, हम बढ़ चल: और म तेरे आगे आगे चलूं गा।
13 याकूब ने कहा, हे मेरे भु, तू जानता ही है िक मेरे साथ सुकुमार लड़के, और दू ध दे ने हारी भेड़-बक रयां और गाय है ; यिद ऐसे पशु एक िदन भी अिधक हांके जाएं , तो सब के सब
मर जाएं गे।
14 सो मेरा भु अपने दास के आगे बढ़ जाए, और म इन पशुओं की गित के अनुसार, जो मेरे आगे है, और लड़के बालों की गित के अनु सार धीरे धीरे चल कर से ईर म अपने भु के
पास प ंचूंगा।
15 ऐसाव ने कहा, तो अपने संग वालों म से म कई एक तेरे साथ छोड़ जाऊं। उसने कहा, यह ों? इतना ही ब त है , िक मेरे भु की अनु ह की ि मुझ पर बनी रहे ।
16 तब ऐसाव ने उसी िदन सेईर जाने को अपना माग िलया।
17 और याकूब वहां से कूच कर के सु ोत को गया, और वहां अपने िलये एक घर, और पशुओं के िलये झोंपड़े बनाए: इसी कारण उस थान का नाम सु ोत पड़ा।।
18 और याकूब जो प नराम से आया था, सो कनान दे श के शकेम नगर के पास कुशल ेम से प ं च कर नगर के सा ने डे रे खड़े िकए।
19 और भू िम के िजस ख पर उसने अपना त ू खड़ा िकया, उसको उसने शकेम के िपता हमोर के पु ों के हाथ से एक सौ कसीतों म मोल िलया।
20 और वहां उसने एक वेदी बना कर उसका नाम एलेलोहे इ ाएल रखा।।
उ ि 34
1 और िलआ: की बेटी दीना, जो याकूब से उ ई थी, उस दे श की लड़िकयों से भट करने को िनकली।
2 तब उस दे श के धान िह ी हमोर के पु शकेम ने उसे दे खा, और उसे ले जा कर उसके साथ कुकम कर के उसको कर डाला।
3 तब उसका मन याकूब की बेटी दीना से लग गया, और उसने उस क ा से ेम की बात की, और उस से े म करने लगा।
4 और शकेम ने अपने िपता हमोर से कहा, मुझे इस लड़की को मेरी प ी होने के िलये िदला दे ।
5 और याकूब ने सुना, िक शकेम ने मेरी बेटी दीना को अशु कर डाला है , पर उसके पु उस समय पशुओं के संग मैदान म थे, सो वह उनके आने तक चुप रहा।
6 और शकेम का िपता हमोर िनकल कर याकूब से बातचीत करने के िलये उसके पास गया।
7 और याकूब के पु सुनते ही मैदान से ब त उदास और ोिधत हो कर आए: ोंिक शकेम ने याकूब की बेटी के साथ कुकम कर के इ ाएल के घराने से मूखता का ऐसा काम िकया
था, िजसका करना अनु िचत था।
8 हमोर ने उन सब से कहा, मेरे पु शकेम का मन तु ारी बे टी पर ब त लगा है , सो उसे उसकी प ी होने के िलये उसको दे दो।
9 और हमारे साथ ाह िकया करो; अपनी बेिटयां हम को िदया करो, और हमारी बेिटयों को आप िलया करो।
10 और हमारे संग बसे रहो: और यह दे श तु ारे सामने पड़ा है ; इस म रह कर ले नदे न करो, और इसकी भू िम को अपने िलये ले लो।
11 और शकेम ने भी दीना के िपता और भाइयों से कहा, यिद मुझ पर तु म लोगों की अनु ह की ि हो, तो जो कुछ तु म मुझ से कहो, सो म दू ं गा।
12 तुम मु झ से िकतना ही मू वा बदला ों न मांगो, तौभी म तु ारे कहे के अनुसार दू ं गा: पर ु उस क ा को प ी होने के िलये मुझे दो।
13 तब यह सोच कर, िक शकेम ने हमारी बिहन दीना को अशु िकया है , याकूब के पु ों ने शकेम और उसके िपता हमोर को छल के साथ यह उ र िदया,
14 िक हम ऐसा काम नहीं कर सकते, िक िकसी खतना रिहत पु ष को अपनी बिहन द; ोंिक इस से हमारी नामधराई होगी:
15 इस बात पर तो हम तु ारी मान लगे, िक हमारी नाईं तुम म से हर एक पु ष का खतना िकया जाए।
16 तब हम अपनी बेिटयां तु ाह दगे, और तु ारी बेिटयां ाह लगे , और तु ारे संग बसे भी रहगे, और हम दोनों एक ही समुदाय के मनु हो जाएं गे।
17 पर यिद तुम हमारी बात न मान कर अपना खतना न कराओगे , तो हम अपनी लड़की को ले के यहां से चले जाएं गे।
18 उनकी इस बात पर हमोर और उसका पु शकेम स ए।
19 और वह जवान, जो याकूब की बेटी को ब त चाहता था, इस काम को करने म उसने िवल न िकया। वह तो अपने िपता के सारे घराने म अिधक िति त था।
20 सो हमोर और उसका पु शकेम अपने नगर के फाटक के िनकट जा कर नगरवािसयों को यों समझाने लगे ;
21 िक वे मनु तो हमारे संग मेल से रहना चाहते ह; सो उ इस दे श म रह के ले नदे न करने दो; दे खो, यह दे श उनके िलये भी ब त है; िफर हम लोग उनकी बेिटयों को ाह ल, और
अपनी बे िटयों को उ िदया कर।
22 वे लोग केवल इस बात पर हमारे संग रहने और एक ही समु दाय के मनु हो जाने को स ह, िक उनकी नाईं हमारे सब पु षों का भी खतना िकया जाए।
23 ा उनकी भेड़-बक रयां, और गाय-बैल वरन उनके सारे पशु और धन स ि हमारी न हो जाएगी? इतना ही कर िक हम लोग उनकी बात मान ल, तो वे हमारे सं ग रहगे ।
24 सो िजतने उस नगर के फाटक से िनकलते थे, उन सभों ने हमोर की और उसके पु शकेम की बात मानी; और हर एक पु ष का खतना िकया गया, िजतने उस नगर के फाटक से
िनकलते थे ।
25 तीसरे िदन, जब वे लोग पीिड़त पड़े थे, तब ऐसा आ िक िशमोन और ले वी नाम याकूब के दो पु ों ने , जो दीना के भाई थे, अपनी अपनी तलवार ले उस नगर म िनधड़क घु स कर
सब पु षों को घात िकया।
26 और हमोर और उसके पु शकेम को उ ोंने तलवार से मार डाला, और दीना को शकेम के घर से िनकाल ले गए।
27 और याकूब के पु ों ने घात कर डालने पर भी चढ़ कर नगर को इसिलये लूट िलया, िक उस म उनकी बिहन अशु की गई थी।
28 उ ोंने भेड़-बकरी, और गाय-बैल, और गदहे, और नगर और मैदान म िजतना धन था ले िलया।
29 उस सब को, और उनके बाल-ब ों, और यों को भी हर ले गए, वरन घर घर म जो कुछ था, उसको भी उ ोंने लू ट िलया।
30 तब याकूब ने िशमोन और लेवी से कहा, तुम ने जो उस दे श के िनवासी कनािनयोंऔर प र यों के मन म मे री ओर घृ णा उ कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट म डाला है,
ोंिक मेरे साथ तो थोड़े की लोग ह, सो अब वे इक े हो कर मुझ पर चढ़गे, और मुझे मार डालगे , सो म अपने घराने समे त स ानाश हो जाऊंगा।
31 उ ोंने कहा, ा वह हमारी बिहन के साथ वे ा की नाईं बताव करे ?
उ ि 35
1 तब परमे र ने याकूब से कहा, यहां से कूच कर के बेतेल को जा, और वहीं रह: और वहां ई र के िलये वेदी बना, िजसने तुझे उस समय दशन िदया, जब तू अपने भाई ऐसाव के डर
से भागा जाता था।
2 तब याकूब ने अपने घराने से, और उन सब से भी जो उसके संग थे, कहा, तु ारे बीच म जो पराए दे वता ह, उ िनकाल फको ; और अपने अपने को शु करो, और अपने व
बदल डालो;
3 और आओ, हम यहां से कूच कर के बेतेल को जाएं ; वहां म ई र के िलये एक वेदी बनाऊंगा, िजसने संकट के िदन मेरी सुन ली, और िजस माग से म चलता था, उस म मे रे संग रहा।
4 सो िजतने पराए दे वता उनके पास थे, और िजतने कु ल उनके कानोंम थे, उन सभों को उ ोंने याकूब को िदया; और उसने उन को उस िस दू र वृ के नीचे, जो शकेम के पास है ,
गाड़ िदया।
5 तब उ ोंने कूच िकया: और उनके चारों ओर के नगर िनवािसयों के मन म परमे र की ओर से ऐसा भय समा गया, िक उ ोंने याकूब के पु ों का पीछा न िकया।
6 सो याकूब उन सब समेत, जो उसके संग थे, कनान दे श के लू ज नगर को आया। वह नगर बे तेल भी कहलाता है ।
7 वहां उसने एक वेदी बनाईं, और उस थान का नाम एलबे तेल रखा; ोंिक जब वह अपने भाई के डर से भागा जाता था तब परमे र उस पर वहीं गट आ था।
8 और रबका की दू ध िपलानेहारी धाय दबोरा मर गई, और बेतेल के नीचे िस दू र वृ के तले उसको िम ी दी गई, और उस िस दू र वृ का नाम अ ोनब ू त रखा गया।।
9 िफर याकूब के प नराम से आने के प ात परमे र ने दू सरी बार उसको दशन दे कर आशीष दी।
10 और परमे र ने उस से कहा, अब तक तो तेरा नाम याकूब रहा है ; पर आगे को ते रा नाम याकूब न रहेगा, तू इ ाएल कहलाएगा:
11 िफर परमे र ने उस से कहा, म सवश मान ई र ं: तू फूले -फले और बढ़े ; और तुझ से एक जाित वरन जाितयों की एक म ली भी उ होगी, और तेरे वंश म राजा उ
होंगे।
12 और जो दे श म ने इ ाहीम और इसहाक को िदया है, वही दे श तु झे दे ता ं , और ते रे पीछे ते रे वंश को भी दू ं गा।
13 तब परमे र उस थान म, जहां उसने याकूब से बात की, उनके पास से ऊपर चढ़ गया।
14 और िजस थान म परमे र ने याकूब से बात की, वहां याकूब ने प र का एक ख ा खड़ा िकया, और उस पर अघ दे कर तेल डाल िदया।
15 और जहां परमे र ने याकूब से बात की, उस थान का नाम उसने बेतेल रखा।
16 िफर उ ोंने बे तेल से कूच िकया; और ए ाता थोड़ी ही दू र रह गया था, िक राहे ल को ब ा जनने की बड़ी पीड़ा आने लगी।
17 जब उसको बड़ी बड़ी पीड़ा उठती थी तब धाय ने उस से कहा, मत डर; अब की भी तेरे बे टा ही होगा।
18 तब ऐसा आ, िक वह मर गई, और ाण िनकलते िनकलते उसने उस बेटे को नाम बे नोनी रखा: पर उसके िपता ने उसका नाम िब ामीन रखा।
19 यों राहे ल मर गई, और ए ाता, अथात बेतलेहेम के माग म, उसको िम ी दी गई।
20 और याकूब ने उसकी क पर एक ख ा खड़ा िकया: राहेल की क का वही ख ा आज तक बना है ।
21 िफर इ ाएल ने कूच िकया, और एदे र नाम गु ट के आगे बढ़कर अपना त ू खड़ा िकया।
22 जब इ ाएल उस दे श म बसा था, तब एक िदन ऐसा आ, िक बे न ने जा कर अपने िपता की रखे ली िब ा के साथ कुकम िकया: और यह बात इ ाएल को मालूम हो गई।।
23 याकूब के बारह पु ए। उन म से िलआ: के पु ये थे ; अथात याकूब का जेठा, बे न, िफर िशमोन, लेवी, य दा, इ ाकार, और जबूलून।
24 और राहेल के पु ये थे; अथात यूसुफ, और िब ामीन।
25 और राहेल की लौ ी िब ा के पु ये थे; अथात दान, और न ाली।
26 और िलआ: की लौ ी िज ा के पु ये थे: अथात गाद, और आशेर; याकूब के ये ही पु ए, जो उस से प नराम म उ ए।।
27 और याकूब म े म, जो क रयतअबा, अथात ह ोन है , जहां इ ाहीम और इसहाक परदे शी हो कर रहे थे , अपने िपता इसहाक के पास आया।
28 इसहाक की अव था एक सौ अ ी बरस की ई।
29 और इसहाक का ाण छूट गया, और वह मर गया, और वह बूढ़ा और पूरी आयु का हो कर अपने लोगों म जा िमला: और उसके पु ऐसाव और याकूब ने उसको िम ी दी।।
उ ि 36
1 ऐसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसकी यह वंशावली है ।
2 ऐसाव ने तो कनानी लड़िकयां ाह लीं; अथात िह ी एलोन की बेटी आदा को, और अहोलीबामा को जो अना की बे टी, और िह ी िसबोन की नितनी थी।
3 िफर उसने इ ाएल की बेटी बासमत को भी, जो नबायोत की बिहन थी, ाह िलया।
4 आदा ने तो ऐसाव के ज ाए एलीपज को, और बासमत ने एल को उ िकया।
5 और ओहोलीबामा ने यूश, और यालाम, और को रह को उ िकया, ऐसाव के ये ही पु कनान दे श म उ ए।
6 और ऐसाव अपनी पि यों, और बे टे-बे िटयों, और घर के सब ािणयों, और अपनी भेड़-बकरी, और गाय-बैल आिद सब पशुओ,ं िनदान अपनी सारी स ि को, जो उसने कनान दे श
म संचय की थी, ले कर अपने भाई याकूब के पास से दू सरे दे श को चला गया।
7 ोंिक उनकी स ि इतनी हो गई थी, िक वे इक े न रह सके; और पशुओं की ब तायत के मारे उस दे श म, जहां वे परदे शी हो कर रहते थे, उनकी समाई न रही।
8 ऐसाव जो एदोम भी कहलाता है: सो सेईर नाम पहाड़ी दे श म रहने लगा।
9 सेईर नाम पहाड़ी दे श म रहने हारे एदोिमयों के मूल पु ष ऐसाव की वंशावली यह है :
10 ऐसाव के पु ों के नाम ये ह; अथात ऐसाव की प ी आदा का पु एलीपज, और उसी ऐसाव की प ी बासमत का पु एल।
11 और एलीपज के ये पु ए; अथात तेमान, ओमार, सपो, गाताम, और कनज।
12 और ऐसाव के पु एलीपज के ित ा नाम एक सुरैितन थी, िजसने एलीपज के ज ाए अमालेक को ज िदया: ऐसाव की प ी आदा के वंश म ये ही ए।
13 और एल के ये पु ए; अथात नहत, जेरह, श ा, और िम ा: ऐसाव की प ी बासमत के वंश म ये ही ए।
14 और ओहोलीबामा जो ऐसाव की प ी, और िसबोन की नितनी और अना की बे टी थी, उसके ये पु ए: अथात उसने ऐसाव के ज ाए यूश, यालाम और कोरह को ज िदया।
15 ऐसाववंिशयों के अिधपित ये ए: अथात ऐसाव के जेठे एलीपज के वंश म से तो ते मान अिधपित, ओमार अिधपित, सपो अिधपित, कनज अिधपित,
16 को रह अिधपित, गाताम अिधपित, अमालेख अिधपित: एलीपज वंिशयों म से , एदोम दे श म ये ही अिधपित ए: और ये ही आदा के वंश म ए।
17 और ऐसाव के पु एल के वंश म ये ए; अथात नहत अिधपित, जेरह अिधपित, श ा अिधपित, िम ा अिधपित: एलवंिशयों म से, एदोम दे श म ये ही अिधपित ए; और ये ही
ऐसाव की प ी बासमत के वंश म ए।
18 और ऐसाव की प ी ओहोलीबामा के वंश म थे ए; अथात यू श अिधपित, यालाम अिधपित, कोरह अिधपित, अना की बेटी ओहोलीबामा जो ऐसाव की प ी थी उसके वंश म ये ही
ए।
19 ऐसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसके वंश ये ही ह, और उनके अिधपित भी ये ही ए।।
20 से ईर जो होरी नाम जाित का था उसके ये पु उस दे श म पिहले से रहते थे; अथात लोतान, शोबाल, िशबोन, अना,
21 दीशोन, एसे र, और दीशान; एदोम दे श म सेईर के ये ही होरी जाितवाले अिधपित ए।
22 और लोतान के पु , होरी, और हेमाम ए; और लोतान की बिहन ित ा थी।
23 और शोबाल के ये पु ए; अथात आ ान, मानहत, एबाल, शपो, और ओनाम।
24 और िसदोन के थे पु ए; अथात अ ा, और अना; यह वही अना है िजस को जं गल म अपने िपता िसबोन के गदहों को चराते चराते गरम पानी के झरने िमले ।
25 और अना के दीशोन नाम पु आ, और उसी अना के ओहोलीबामा नाम बे टी ई।
26 और दीशोन के ये पु ए; अथात हेमदान, ए बान, िय ान, और करान।
27 एसेर के ये पु ए; अथात िब ान, जावान, और अकान।
28 दीशान के ये पु ए; अथात ऊस, और अकान।
29 हो रयों के अिधपित ये ए; अथात लोतान अिधपित, शोबाल अिधपित, िशबोन अिधपित,
30 अना अिधपित, दीशोन अिधपित, एसेर अिधपित, दीशान अिधपित, से ईर दे श म होरी जाित वाले ये ही अिधपित ए।
31 िफर जब इ ाएिलयों पर िकसी राजा ने रा न िकया था, तब भी एदोम के दे श म ये राजा ए;
32 अथात बोर के पु बेला ने एदोम म रा िकया, और उसकी राजधानी का नाम िद ाबा है ।
33 बेला के मरने पर, बो ािनवासी जेरह का पु योबाब उसके थान पर राजा आ।
34 और योबाब के मरने पर, तेमािनयों के दे श का िनवासी शाम उसके थान पर राजा आ।
35 और शाम के मरने पर, बदद का पु हदद उसके थान पर राजा आ: यह वही है िजसने िम ािनयों को मोआब के दे श म मार िलया, और उसकी राजधानी का नाम अबीत है।
36 और हदद के मरने पर, म ेकावासी स ा उसके थान पर राजा आ।
37 िफर स ा के मरने पर, शाऊल जो महानद के तट वाले रहोबोत नगर का था, सो उसके थान पर राजा आ।
38 और शाऊल के मरने पर, अकबोर का पु बा ानान उसके थान पर राजा आ।
39 और अकबोर के पु बा ानान के मरने पर, हदर उसके थान पर राजा आ: और उसकी राजधानी का नाम पाऊ है ; और उसकी प ी का नाम महेतबेल है, जो मे जाहब की नितनी
और म ेद की बेटी थी।
40 िफर ऐसाववंिशयों के अिधपितयों के कुलों, और थानों के अनु सार उनके नाम ये ह; अथात ित ा अिधपित, अ ा अिधपित, यतेत अिधपित,
41 ओहोलीबामा अिधपित, एला अिधपित, पीनोन अिधपित,
42 कनज अिधपित, ते मान अिधपित, िमबसार अिधपित,
43 म ीएल अिधपित, ईराम अिधपित: एदोमवंिशयों ने जो दे श अपना कर िलया था, उसके िनवास थानों म उनके ये ही अिधपित ए। और एदोमी जाित का मूलपु ष ऐसाव है ।।
उ ि 37
1 याकूब तो कनान दे श म रहता था, जहां उसका िपता परदे शी हो कर रहा था।
2 और याकूब के वंश का वृ ा यह है: िक यूसुफ सतरह वष का हो कर भाइयों के संग भेड़-बक रयों को चराता था; और वह लड़का अपने िपता की प ी िब ा, और िज ा के पु ों
के संग रहा करता था: और उनकी बुराईयों का समाचार अपने िपता के पास प ं चाया करता था:
3 और इ ाएल अपने सब पु ों से बढ़के यू सुफ से ीित रखता था, ोंिक वह उसके बुढ़ापे का पु था: और उसने उसके िलये रं ग िबरं गा अंगरखा बनवाया।
4 सो जब उसके भाईयों ने दे खा, िक हमारा िपता हम सब भाइयों से अिधक उसी से ीित रखता है , तब वे उस से बैर करने लगे और उसके साथ ठीक तौर से बात भी नही ं करते थे ।
5 और यूसुफ ने एक दे खा, और अपने भाइयों से उसका वणन िकया: तब वे उस से और भी े ष करने लगे।
6 और उसने उन से कहा, जो म ने दे खा है, सो सुनो:
7 हम लोग खेत म पूले बा रहे ह, और ा दे खता ं िक मेरा पू ला उठ कर सीधा खड़ा हो गया; तब तु ारे पू लों ने मे रे पू ले को चारों तरफ से घेर िलया और उसे द वत िकया।
8 तब उसके भाइयों ने उस से कहा, ा सचमुच तू हमारे ऊपर रा करे गा? वा सचमुच तू हम पर भुता करे गा? सो वे उसके ों और उसकी बातों के कारण उस से और भी
अिधक बैर करने लगे ।
9 िफर उसने एक और दे खा, और अपने भाइयों से उसका भी यों वणन िकया, िक सु नो, म ने एक और दे खा है , िक सूय और च मा, और ारह तारे मुझे द वत कर रहे ह।
10 यह उसने अपने िपता, और भाइयों से वणन िकया: तब उसके िपता ने उसको दपट के कहा, यह कैसा है जो तू ने दे खा है? ा सचमुच म और तेरी माता और तेरे भाई
सब जा कर तेरे आगे भूिम पर िगरके द वत करगे?
11 उसके भाई तो उस से डाह करते थे; पर उसके िपता ने उसके उस वचन को रण रखा।
12 और उसके भाई अपने िपता की भेड़-बक रयों को चराने के िलये शकेम को गए।
13 तब इ ाएल ने यूसुफ से कहा, तेरे भाई तो शकेम ही म भेड़-बकरी चरा रह होंगे, सो जा, म तुझे उनके पास भे जता ं । उसने उस से कहा जो आ ा म हािजर ं।
14 उसने उस से कहा, जा, अपने भाइयों और भेड़-बक रयों का हाल दे ख आ िक वे कुशल से तो ह, िफर मे रे पास समाचार ले आ। सो उसने उसको हे ोन की तराई म िवदा कर िदया,
और वह शकेम म आया।
15 और िकसी मनु ने उसको मैदान म इधर उधर भटकते ए पाकर उस से पू छा, तू ा ढू ं ढता है ?
16 उसने कहा, म तो अपने भाइयों को ढूंढता ं: कृपा कर मु झे बता, िक वे भेड़-बक रयों को कहां चरा रहे ह?
17 उस मनु ने कहा, वे तो यहां से चले गए ह: और म ने उन को यह कहते सु ना, िक आओ, हम दोतान को चल। सो यूसुफ अपने भाइयों के पास चला, और उ दोतान म पाया।
18 और ोंही उ ोंने उसे दू र से आते दे खा, तो उसके िनकट आने के पिहले ही उसे मार डालने की यु की।
19 और वे आपस म कहने लगे, दे खो, वह दे खनेहारा आ रहा है ।
20 सो आओ, हम उसको घात कर के िकसी गड़हे म डाल द, और यह कह दगे , िक कोई दु पशु उसको खा गया। िफर हम दे खगे िक उसके ों का ा फल होगा।
21 यह सु नके बेन ने उसको उनके हाथ से बचाने की मनसा से कहा, हम उसको ाण से तो न मार।
22 िफर बे न ने उन से कहा, लो मत बहाओ, उसको जं गल के इस गड़हे म डाल दो, और उस पर हाथ मत उठाओ। वह उसको उनके हाथ से छु ड़ाकर िपता के पास िफर प ं चाना
चाहता था।
23 सो ऐसा आ, िक जब यू सुफ अपने भाइयों के पास प ं चा तब उ ों ने उसका रं गिबरं गा अंगरखा, िजसे वह पिहने ए था, उतार िलया।
24 और यूसुफ को उठा कर गड़हे म डाल िदया: वह गड़हा तो सूखा था और उस म कुछ जल न था।
25 तब वे रोटी खाने को बैठ गए: और आं खे उठा कर ा दे खा, िक इ ाएिलयों का एक दल ऊंटो पर सुग , बलसान, और ग रस लादे ए, िगलाद से िम को चला जा रहा है।
26 तब य दा ने अपने भाइयों से कहा, अपने भाई को घात करने और उसका खू न िछपाने से ा लाभ होगा?
27 आओ, हम उसे इ ाएिलयों के हाथ बेच डाल, और अपना हाथ उस पर न उठाएं , ोंिक वह हमारा भाई और हमारी ह ी और मां स है , सो उसके भाइयों ने उसकी बात मान ली।
तब िम ानी ापारी उधर से होकर उनके पास प ंचे:
28 सो यू सुफ के भाइयों ने उसको उस गड़हे म से खी ंच के बाहर िनकाला, और इ ाएिलयों के हाथ चांदी के बीस टु कड़ों म बेच िदया: और वे यूसुफ को िम म ले गए।
29 और बे न ने गड़हे पर लौटकर ा दे खा, िक यूसुफ गड़हे म नहीं ह; सो उसने अपने व फाड़े ।
30 और अपने भाइयों के पास लौटकर कहने लगा, िक लड़का तो नहीं ह; अब म िकधर जाऊं?
31 और तब उ ोंने यू सुफ का अंगरखा िलया, और एक बकरे को मार के उसके लो म उसे डु बा िदया।
32 और उ ोंने उस रं ग िबरं गे अंगरखे को अपने िपता के पास भेज कर कहला िदया; िक यह हम को िमला है , सो दे खकर पिहचान ले , िक यह तेरे पु का अंगरखा है िक नही।ं
33 उसने उसको पिहचान िलया, और कहा, हां यह मेरे ही पु का अं गरखा है ; िकसी दु पशु ने उसको खा िलया है ; िन:स े ह यूसुफ फाड़ डाला गया है।
34 तब याकूब ने अपने व फाड़े और कमर म टाट लपे टा, और अपने पु के िलये ब त िदनों तक िवलाप करता रहा।
35 और उसके सब बेटे-बेिटयों ने उसको शा दे ने का य िकया; पर उसको शा न िमली; और वह यही कहता रहा, म तो िवलाप करता आ अपने पु के पास अधोलोक म उतर
जाऊंगा। इस कार उसका िपता उसके िलये रोता ही रहा।
36 और िम ािनयों ने यूसुफ को िम म ले जा कर पोतीपर नाम, िफरौन के एक हािकम, और ज ादों के धान, के हाथ बेच डाला।।
उ ि 38
1 उ ी ं िदनों म ऐसा आ, िक य दा अपने भाईयों के पास से चला गया, और हीरा नाम एक अदु ामवासी पु ष के पास डे रा िकया।
2 वहां य दा ने शूआ नाम एक कनानी पु ष की बेटी को दे खा; और उसको ाह कर उसके पास गया।
3 वह गभवती ई, और उसके एक पु उ आ; और य दा ने उसका नाम एर रखा।
4 और वह िफर गभवती ई, और उसके एक पु उ आ; और उसका नाम ओनान रखा गया।
5 िफर उसके एक पु और उ आ, और उसका नाम शेला रखा गया: और िजस समय इसका ज आ उस समय य दा कजीब म रहता था।
6 और य दा ने तामार नाम एक ी से अपने जेठे एर का िववाह कर िदया।
7 पर ु य दा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे म दु था, इसिलये यहोवा ने उसको मार डाला।
8 तब य दा ने ओनान से कहा, अपनी भौजाई के पास जा, और उसके साथ दे वर का धम पूरा कर के अपने भाई के िलये स ान उ कर।
9 ओनान तो जानता था िक स ान तो मेरी न ठहरे गी: सो ऐसा आ, िक जब वह अपनी भौजाई के पास गया, तब उसने भू िम पर वीय िगराकर नाश िकया, िजस से ऐसा न हो िक उसके
भाई के नाम से वंश चले।
10 यह काम जो उसने िकया उसे यहोवा अ स आ: और उसने उसको भी मार डाला।
11 तब य दा ने इस डर के मारे , िक कहीं ऐसा न हो िक अपने भाइयों की नाईं शेला भी मरे , अपनी ब तामार से कहा, जब तक मेरा पु शेला िसयाना न हो तब तक अपने िपता के घर
म िवधवा की बै ठी रह, सो तामार अपने िपता के घर म जा कर रहने लगी।
12 ब त समय के बीतने पर य दा की प ी जो शूआ की बेटी थी सो मर गई; िफर य दा शोक से छूटकर अपने िम हीरा अदु ामवासी समेत अपनी भेड़-बक रयों का ऊन कतराने
के िलये ित ाथ को गया।
13 और तामार को यह समाचार िमला, िक तेरा ससुर अपनी भे ड़-बक रयों का ऊन कतराने के िलये ित ाथ को जा रहा है ।
14 तब उसने यह सोच कर, िक शेला िसयाना तो हो गया पर म उसकी ी नही ं होने पाई; अपना िवधवापन का पिहरावा उतारा, और घूंघट डाल कर अपने को ढां प िलया, और एनै म
नगर के फाटक के पास, जो ित ाथ के माग म है, जा बैठी:
15 जब य दा ने उसको दे खा, उसने उसको वे ा समझा; ोंिक वह अपना मुंह ढ़ापे ए थी।
16 और वह माग से उसकी ओर िफरा और उस से कहने लगा, मुझे अपने पास आने दे , ( ोंिक उसे यह मालूम न था िक वह उसकी ब है)। और वह कहने लगी, िक यिद म तु झे
अपने पास आने दू ं , तो तू मुझे ा दे गा?
17 उसने कहा, म अपनी बक रयों म से बकरी का एक ब ा तेरे पास भे ज दू ं गा। तब उसने कहा, भला उस के भेजने तक ा तू हमारे पास कुछ रे हन रख जाएगा?
18 उस ने पूछा, म तेरे पास ा रे हन रख जाऊं? उस ने कहा, अपनी मुहर, और बाजू ब , और अपने हाथ की छड़ी। तब उसने उसको वे वसतुएं दे दी ं, और उसके पास गया, और वह
उस से गभवती ई।
19 तब वह उठ कर चली गई, और अपना घूंघट उतार के अपना िवधवापन का पिहरावा िफर पिहन िलया।
20 तब य दा ने बकरी का ब ा अपने िम उस अदु ामवासी के हाथ भे ज िदया, िक वह रे हन रखी ई व ु एं उस ी के हाथ से छु ड़ा ले आए; पर वह ी उसको न िमली।
21 तब उसने वहां के लोगों से पूछा, िक वह दे वदासी जो एनैम म माग की एक और बै ठी थी, कहां है ? उ ोंने कहा, यहां तो कोई दे वदासी न थी।
22 सो उसने य दा के पास लौट के कहा, मुझे वह नही ं िमली; और उस थान के लोगों ने कहा, िक यहां तो कोई दे वदासी न थी।
23 तब य दा ने कहा, अ ा, वह ब क उस के पास रहने दे , नही ं तो हम लोग तु िगने जाएं गे: दे ख, म ने बकरी का यह ब ा भे ज िदया, पर वह तुझे नही ं िमली।
24 और तीन महीने के पीछे य दा को यह समाचार िमला, िक तेरी ब तामार ने िभचार िकया है ; वरन वह िभचार से गभवती भी हो गई है। तब य दा ने कहा, उसको बाहर ले
आओ, िक वह जलाई जाए।
25 जब उसे बाहर िनकाल रहे थे, तब उसने, अपने ससुर के पास यह कहला भे जा, िक िजस पु ष की ये व ु एं ह, उसी से म गभवती ं; िफर उसने यह भी कहलाया, िक पिहचान तो
सही, िक यह मुहर, और बाजूब , और छड़ी िकस की है ।
26 य दा ने उ पिहचान कर कहा, वह तो मुझ से कम दोषी है; ोंिक म ने उसे अपने पु शेला को न ाह िदया। और उसने उस से िफर कभी संग न िकया।
27 जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा िक उसके गभ म जुड़वे ब े ह।
28 और जब वह जनने लगी तब एक बालक ने अपना हाथ बढ़ाया: और धाय ने लाल सू त ले कर उसके हाथ म यह कहते थे बा िदया, िक पिहले यही उ आ।
29 जब उसने हाथ समेट िलया, तब उसका भाई उ हो गया: तब उस धाय ने कहा, तू ों बरबस िनकल आया है? इसिलये उसका नाम पेरेस रखा गया।
30 पीछे उसका भाई िजसके हाथ म लाल सूत ब ा था उ आ, और उसका नाम जे रह रखा गया।।
उ ि 39
1 जब यूसुफ िम म प ंचाया गया, तब पोतीपर नाम एक िम ी, जो िफरौन का हािकम, और ज ादों का धान था, उसने उसको इ ाएिलयों के हाथ, से जो उसे वहां ले गए थे, मोल
िलया।
2 और यूसुफ अपने िम ी ामी के घर म रहता था, और यहोवा उसके संग था; सो वह भा वान पु ष हो गया।
3 और यूसुफ के ामी ने दे खा, िक यहोवा उसके संग रहता है , और जो काम वह करता है उसको यहोवा उसके हाथ से सफल कर दे ता है।
4 तब उसकी अनु ह की ि उस पर ई, और वह उसकी सेवा टहल करने के िलये िनयु िकया गया: िफर उसने उसको अपने घर का अिधकारी बना के अपना सब कुछ उसके
हाथ म सौप िदया।
5 और जब से उसने उसको अपने घर का और अपनी सारी स ि का अिधकारी बनाया, तब से यहोवा यू सुफ के कारण उस िम ी के घर पर आशीष दे ने लगा; और ा घर म, ा
मैदान म, उसका जो कुछ था, सब पर यहोवा की आशीष होने लगी।
6 सो उसने अपना सब कुछ यूसुफ के हाथ म यहां तक छोड़ िदया: िक अपने खाने की रोटी को छोड़, वह अपनी स ि का हाल कुछ न जानता था। और यूसुफ सु र और पवान्
था।
7 इन बातों के प ात ऐसा आ, िक उसके ामी की प ी ने यूसुफ की ओर आं ख लगाई; और कहा, मे रे साथ सो।
8 पर उसने अ ीकार करते ए अपने ामी की प ी से कहा, सुन, जो कुछ इस घर म है मे रे हाथ म है ; उसे मे रा ामी कुछ नहीं जानता, और उसने अपना सब कुछ मेरे हाथ म सौप
िदया है।
9 इस घर म मु झ से बड़ा कोई नहीं; और उसने तुझे छोड़, जो उसकी प ी है; मुझ से कुछ नहीं रख छोड़ा; सो भला, म ऐसी बड़ी दु ता कर के परमे र का अपराधी ोंकर बनूं ?
10 और ऐसा आ, िक वह ित िदन यूसुफ से बात करती रही, पर उसने उसकी न मानी, िक उसके पास ले टे वा उसके संग रहे।
11 एक िदन ा आ, िक यूसुफ अपना काम काज करने के िलये घर म गया, और घर के सेवकों म से कोई भी घर के अ र न था।
12 तब उस ी ने उसका व पकड़कर कहा, मेरे साथ सो, पर वह अपना व उसके हाथ म छोड़कर भागा, और बाहर िनकल गया।
13 यह दे खकर, िक वह अपना व मेरे हाथ म छोड़कर बाहर भाग गया,
14 उस ी ने अपने घर के सेवकों को बुलाकर कहा, दे खो, वह एक इ ी मनु को हमारा ितर ार करने के िलये हमारे पास ले आया है। वह तो मेरे साथ सोने के मतलब से मे रे पास
अ र आया था और म ऊंचे र से िच ा उठी।
15 और मे री बड़ी िच ाहट सुनकर वह अपना व मेरे पास छोड़कर भागा, और बाहर िनकल गया।
16 और वह उसका व उसके ामी के घर आने तक अपने पास रखे रही।
17 तब उसने उस से इस कार की बात कही,ं िक वह इ ी दास िजस को तू हमारे पास ले आया है , सो मु झ से हं सी करने के िलये मेरे पास आया था।
18 और जब म ऊंचे र से िच ा उठी, तब वह अपना व मे रे पास छोड़कर बाहर भाग गया।
19 अपनी प ी की ये बात सुनकर, िक तेरे दास ने मुझ से ऐसा ऐसा काम िकया, यू सुफ के ामी का कोप भड़का।
20 और यूसुफ के ामी ने उसको पकड़कर ब ीगृह म, जहां राजा के कैदी ब थे , डलवा िदया: सो वह उस ब ीगृह म रहने लगा।
21 पर यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर क णा की, और ब ीगृ ह के दरोगा के अनु ह की ि उस पर ई।
22 सो ब ीगृह के दरोगा ने उन सब ब ुओं को, जो कारागार म थे , यू सुफ के हाथ म सौंप िदया; और जो जो काम वे वहां करते थे, वह उसी की आ ा से होता था।
23 ब ीगृ ह के दरोगा के वश म जो कुछ था; ोंिक उस म से उसको कोई भी व ु दे खनी न पड़ती थी; इसिलये िक यहोवा यूसुफ के साथ था; और जो कुछ वह करता था, यहोवा
उसको उस म सफलता दे ता था।
उ ि 40
1 इन बातों के प ात ऐसा आ के राजा के िपलानेहारे और पकानेहारे ने अपने ामी का कुछ अपराध िकया।
2 तब िफरौन ने अपने उन दोनो हािकमों पर, अथात िपलाने हारों के धान, अर पकाने हारों के धान पर ोिदत होकर
3 उ कैद करा के ज ादों के धान के घर के उसी ब ीगृह म, जहां यु सुफ ब ुआ था, डलवा िदया।
4 तब ज ादों के धान ने उनको यू सुफ के हाथ सौंपा, और वह उनकी सेवा टहल करने लगा: सो वे कुछ िदन तक ब ीगृह म रहे।
5 और िम के राजा का िपलानेहारा और पकानेहारा जो ब ीगृ ह म ब थे, उन दोनों ने एक ही रात म, अपने होनेहार के अनुसार, पन दे खा।
6 िबहान को जब यूसुफ उनके पास अ र गया, तब उन पर ि की, तो ा दे खा, िक वे उदास ह।
7 सो उसने िफरौन के उन हािकमों से, जो उसके साथ उसके ामी के घर के ब ीगृ ह म थे , पूछा, िक आज तु ारे मुँ ह ों उदास ह?
8 उ ोंने उस से कहा, हम दोनो ने पन दे खा है , और उनके फल का बताने वाला कोई भी नहीं। यूसुफ ने उनसे कहा, ा पनों का फल कहना परमे र का काम नही ं? मुझे अपना
अपना पन बताओ।
9 तब िपलाने हारों का धान अपना पन यूसुफ को यों बताने लगा: िकमने पन म दे खा, िक मे रे सामने दाखलता है ;
10 और उस दाखलता म तीन डािलयां ह: और उसम मानो किलयां लगी ह, और वे फूली ं और उसके गु ों म दाक लगकर पक गई:
11 और िफरौन का कटोरा मेरे हाथ म था : सो मने उन दाखों को लेकर िफरौन के कटोरे म िनचोड़ा, और कटोरे को िफरौन के हाथ म िदया।
12 यूसुफ ने उस से कहा, इसका फल यह है; िक तीन डािलयों का अथ तीन िदन है :
13 सो अब से तीन िदन के भीतर तेरा सर ऊँचा करे गा, और िफर से तेरे पद पर तुझे िनयु करे गा, और तू पहले की नाईं िफरौन का िपलानेहारा होकर उसका कटोरा उसके हाथ म
िफर िदया करे गा
14 सो जब तेरा भला हो जाए तब मुझे रण करना, और मुझ पर कृपा कर के िफरौन से मे री चचा चलाना, अर इस घर से मुझे छु ड़वा दे ना।
15 ोंिक सचमु च इ ािनयों के दे श से मुझे चुरा कर ले आए ह, और यहां भी मने कोई ऐसा काम नही ं िकया, िजसके कारण म इस कारागार म डाला जाऊं।
16 यह दे खकर, िक उसके पन का फल अ ा िनकला, पकानेहारों के धान ने यू सुफ से कहा, मने भी पन दे खा है , वह यह है : मने दे खा, िक मेरे िसर पर सफेद रोटी की तीन
टोक रयां ह :
17 और ऊपर की टोकरी म िफरौन के िलये सब कार की पकी पकाई व ु एं ह; और प ी मे रे िसर पर की टोकरी म से उन व ु ओं को खा रहे ह।
18 यूसुफ ने कहा, इसका फल यह है; तीन टोक रयों का अथ तीन िदन है ।
19 सो अब से तीन िदन के भीतर िफरौन तेरा िसर कटवाकर तुझे एक वृ पर टं गवा दे गा, और प ी तेरे मां स को नोच नोच कर खाएं गे।
20 और तीसरे िदन िफरौन का ज िदन था, उसने अपने सब कमचा रयों की जे वनार की, और उसने िपलानेहारों के धान, और पकानेहारों के धान दोनों को ब ीगृह से िनकलवाया।
21 और िपलाने हारों के धान को तो िपलानेहारे के पद पर िफर से िनयु िकया, और वह िफरौन के हाथ म कटोरा दे ने लगा।
22 पर पकानेहारों के धान को उस ने टं गवा िदया, जैसा िक यू सुफ ने उनके पनों का फल उअ े कहा था।
23 िफर भी िपलानेहारों के धान ने यूसुफ को रण ना रखा; पर ु उसे भू ल गया ।।
उ ि 41
1 पू रे दो बरस के बीतने पर िफरौन ने यह दे खा, िक वह नील नदी के िकनारे पर खड़ा है ।
2 और उस नदी म से सात सु र और मोटी मोटी गाय िनकल कर कछार की घास चरने लगी ं।
3 और, ा दे खा, िक उनके पीछे और सात गाय, जो कु प और दु बल ह, नदी से िनकली; और दू सरी गायों के िनकट नदी के तट पर जा खड़ी ई।
4 तब ये कु प और दु बल गाय उन सात सु र और मोटी मोटी गायों को खा गईं। तब िफरौन जाग उठा।
5 और वह िफर सो गया और दू सरा दे खा, िक एक डं ठी म से सात मोटी और अ ी अ ी बाल िनकली ं।
6 और, ा दे खा, िक उनके पीछे सात बाल पतली और पुरवाई से मुरझाई ई िनकलीं।
7 और इन पतली बालों ने उन सातों मोटी और अ से भरी ई बालों को िनगल िलया। तब िफरौन जागा, और उसे मालूम आ िक यह ही था।
8 भोर को िफरौन का मन ाकुल आ; और उसने िम के सब ोितिषयों, और प तों को बु लवा भे जा; और उन को अपने बताएं ; पर उन म से कोई भी उनका फल िफरौन से
न कह सहा।
9 तब िपलाने हारों का धान िफरौन से बोल उठा, िक मेरे अपराध आज मु झे रण आए:
10 जब िफरौन अपने दासों से ोिधत आ था, और मु झे और पकानेहारों के धान को कैद करा के ज ादों के धान के घर के ब ीगृह म डाल िदया था;
11 तब हम दोनों ने, एक ही रात म, अपने अपने होनहार के अनुसार दे खा;
12 और वहां हमारे साथ एक इ ी जवान था, जो ज ादों के धान का दास था; सो हम ने उसको बताया, और उसने हमारे ों का फल हम से कहा, हम म से एक एक के का
फल उसने बता िदया।
13 और जै सा जैसा फल उसने हम से कहा था, वैसा ही आ भी, अथात मु झ को तो मे रा पद िफर िमला, पर वह फां सी पर लटकाया गया।
14 तब िफरौन ने यूसुफ को बुलवा भेजा। और वह झटपट ब ीगृह से बाहर िनकाला गया, और बाल बनवाकर, और व बदलकर िफरौन के सा ने आया।
15 िफरौन ने यूसुफ से कहा, म ने एक दे खा है, और उसके फल का बताने वाला कोई भी नही ं; और म ने तेरे िवषय म सुना है, िक तू सुनते ही उसका फल बता सकता है।
16 यूसुफ ने िफरौन से कहा, म तो कुछ नहीं जानता: परमे र ही िफरौन के िलये शुभ वचन दे गा।
17 िफर िफरौन यूसुफ से कहने लगा, म ने अपने म दे खा, िक म नील नदी के िकनारे पर खड़ा ं
18 िफर, ा दे खा, िक नदी म से सात मोटी और सु र सु र गाय िनकल कर कछार की घास चरने लगी।
19 िफर, ा दे खा, िक उनके पीछे सात और गाय िनकली, जो दु बली, और ब त कु प, और दु बल ह; म ने तो सारे िम दे श म ऐसी कुडौल गाय कभी नही ं दे खी ं।
20 और इन दु बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी मोटी गायों को खा िलया।
21 और जब वे उन को खा गई तब यह मालूम नही ं होता था िक वे उन को खा गई ह, ोंिक वे पिहले की नाईं जैसी की तैसी कुडौल रही।ं तब म जाग उठा।
22 िफर म ने दू सरा दे खा, िक एक ही डं ठी म सात अ ी अ ी और अ से भरी ई बाल िनकली ं।
23 िफर, ा दे खता ं, िक उनके पीछे और सात बाल छूछी छूछी और पतली और पुरवाई से मु रझाई ई िनकलीं।
24 और इन पतली बालोंने उन सात अ ी अ ी बालों को िनगल िलया। इसे म ने ोितिषयों को बताया, पर इस का समझानेहारा कोई नहीं िमला।
25 तब यूसुफ ने िफरौन से कहा, िफरौन का एक ही है, परमे र जो काम िकया चाहता है , उसको उसने िफरौन को जताया है।
26 वे सात अ ी अ ी गाय सात वष ह; और वे सात अ ी अ ी बाल भी सात वष ह; एक ही है ।
27 िफर उनके पीछे जो दु बल और कुडौल गाय िनकली ं, और जो सात छूछी और पुरवाई से मुरझाई ई बाल िनकाली, वे अकाल के सात वष होंगे।
28 यह वही बात है , जो म िफरौन से कह चुका ं, िक परमे र जो काम िकया चाहता है , उसे उसने िफरौन को िदखाया है ।
29 सु न, सारे िम दे श म सात वष तो ब तायत की उपज के होंगे।
30 उनके प ात सात वष अकाल के आयगे, और सारे िम दे श म लोग इस सारी उपज को भूल जायगे ; और अकाल से दे श का नाश होगा।
31 और सु काल (ब तायत की उपज) दे श म िफर रण न रहे गा ोंिक अकाल अ भयंकर होगा।
32 और िफरौन ने जो यह दो बार दे खा है इसका भे द यही है, िक यह बात परमे र की ओर से िनयु हो चु की है, और परमे र इसे शी ही पूरा करे गा।
33 इसिलये अब िफरौन िकसी समझदार और बु मान् पु ष को ढूंढ़ कर के उसे िम दे श पर धानमं ी ठहराए।
34 िफरौन यह करे , िक दे श पर अिधका रयों को िनयु करे , और जब तक सु काल के सात वष रह तब तक वह िम दे श की उपज का पंचमांश िलया करे ।
35 और वे इन अ े वष म सब कार की भोजन व ु इक ा कर, और नगर नगर म भ ार घर भोजन के िलये िफरौन के वश म कर के उसकी र ा कर।
36 और वह भोजनव ु अकाल के उन सात वष के िलये, जो िम दे श म आएं गे , दे श के भोजन के िनिम रखी रहे , िजस से दे श उस अकाल से ानाश न हो जाए।
37 यह बात िफरौन और उसके सारे कमचा रयों को अ ी लगी।
38 सो िफरौन ने अपने कमचा रयोंसे कहा, िक ा हम को ऐसा पु ष जैसा यह है , िजस म परमे र का आ ा रहता है , िमल सकता है?
39 िफर िफरौन ने यूसुफ से कहा, परमे र ने जो तुझे इतना ान िदया है, िक तेरे तु कोई समझदार और बु मान् नही ं;
40 इस कारण तू मेरे घर का अिधकारी होगा, और तेरी आ ा के अनुसार मे री सारी जा चलेगी, केवल राजग ी के िवषय म तुझ से बड़ा ठह ं गा।
41 िफर िफरौन ने यूसुफ से कहा, सुन, म तुझ को िम के सारे दे श के ऊपर अिधकारी ठहरा दे ता ं
42 तब िफरौन ने अपने हाथ से अंगूठी िनकाल के यूसुफ के हाथ म पिहना दी; और उसको बिढय़ा मलमल के व पिहनवा िदए, और उसके गले म सोने की जंजीर डाल दी;
43 और उसको अपने दू सरे रथ पर चढ़वाया; और लोग उसके आगे आगे यह चार करते चले, िक घु टने टे ककर द वत करो और उसने उसको िम के सारे दे श के ऊपर धान
मं ी ठहराया।
44 िफर िफरौन ने यूसुफ से कहा, िफरौन तो म ं, और सारे िम दे श म कोई भी ते री आ ा के िबना हाथ पां व न िहलाएगा।
45 और िफरौन ने यूसुफ का नाम सापन त्पानेह रखा। और ओन नगर के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से उसका ाह करा िदया। और यूसुफ िम के सारे दे श म दौरा करने
लगा।
46 जब यूसुफ िम के राजा िफरौन के स ुख खड़ा आ, तब वह तीस वष का था। सो वह िफरौन के स ु ख से िनकलकर िम के सारे दे श म दौरा करने लगा।
47 सु काल के सातों वष म भूिम ब तायत से अ उपजाती रही।
48 और यू सुफ उन सातों वष म सब कार की भोजनव ु एं, जो िम दे श म होती थी ं, जमा कर के नगरों म रखता गया, और हर एक नगर के चारों ओर के खेतों की भोजनव ु ओं को
वह उसी नगर म इक ा करता गया।
49 सो यूसुफ ने अ को समु की बालू के समान अ ब तायत से रािश रािश कर के रखा, यहां तक िक उसने उनका िगनना छोड़ िदया; ोंिक वे असं हो गईं।
50 अकाल के थम वष के आने से पिहले यूसुफ के दो पु , ओन के याजक पोतीपे रा की बे टी आसनत से ज े ।
51 और यूसुफ ने अपने जेठे का नाम यह कहके मन े रखा, िक परमे र ने मु झ से सारा े श, और मेरे िपता का सारा घराना भुला िदया है।
52 और दू सरे का नाम उसने यह कहकर ए ैम रखा, िक मुझे दु :ख भोगने के दे श म परमे र ने फुलाया फलाया है ।
53 और िम दे श के सुकाल के वे सात वष समा हो गए।
54 और यूसुफ के कहने के अनुसार सात वष के िलये अकाल आर हो गया। और सब दे शों म अकाल पड़ने लगा; पर ु सारे िम दे श म अ था।
55 जब िम का सारा दे श भूखों मरने लगा; तब जा िफरोन से िच ा िच ाकर रोटी मां गने लगी: और वह सब िमि यों से कहा करता था, यूसुफ के पास जाओ: और जो कुछ वह तुम
से कहे , वही करो।
56 सो जब अकाल सारी पृ ी पर फैल गया, और िम दे श म काल का भयंकर प हो गया, तब यू सुफ सब भ ारों को खोल खोल के िमि यों के हाथ अ बेचने लगा।
57 सो सारी पृ ी के लोग िम म अ मोल लेने के िलये यू सुफ के पास आने लगे , ोंिक सारी पृ ी पर भयंकर अकाल था।
उ ि 42
1 जब याकूब ने सुना िक िम म अ है, तब उसने अपने पु ों से कहा, तु म एक दू सरे का मुंह ों दे ख रहे हो।
2 िफर उसने कहा, म ने सुना है िक िम म अ है; इसिलये तुम लोग वहां जा कर हमारे िलये अ मोल ले आओ, िजस से हम न मर, वरन जीिवत रह।
3 सो यूसुफ के दस भाई अ मोल लेने के िलये िम को गए।
4 पर यूसुफ के भाई िब ामीन को याकूब ने यह सोचकर भाइयों के साथ न भेजा, िक कही ं ऐसा न हो िक उस पर कोई िवपि आ पड़े ।
5 सो जो लोग अ मोल लेने आए उनके साथ इ ाएल के पु भी आए; ोंिक कनान दे श म भी भारी अकाल था।
6 यू सुफ तो िम दे श का अिधकारी था, और उस दे श के सब लोगों के हाथ वही अ बे चता था; इसिलये जब यू सुफ के भाई आए तब भूिम पर मुंह के बल िगर के द वत िकया।
7 उन को दे खकर यूसुफ ने पिहचान तो िलया, पर ु उनके सा ने भोला बनके कठोरता के साथ उन से पू छा, तु म कहां से आते हो? उ ोंने कहा, हम तो कनान दे श से अ मोल ले ने
के िलये आए ह।
8 यूसुफ ने तो अपने भाइयों को पिहचान िलया, पर ु उ ोंने उसको न पिहचाना।
9 तब यूसुफ अपने उन ों को रण कर के जो उसने उनके िवषय म दे खे थे , उन से कहने लगा, तुम भे िदए हो; इस दे श की दु दशा को दे खने के िलये आए हो।
10 उ ोंने उस से कहा, नही ं, नही ं, हे भु, तेरे दास भोजनव ु मोल ले ने के िलये आए ह।
11 हम सब एक ही िपता के पु ह, हम सीधे मनु ह, तेरे दास भे िदए नही ं।
12 उसने उन से कहा, नही ं नही,ं तुम इस दे श की दु दशा दे खने ही को आए हो।
13 उ ोंने कहा, हम ते रे दास बारह भाई ह, और कनान दे शवासी एक ही पु ष के पु ह, और छोटा इस समय हमारे िपता के पास है, और एक जाता रहा।
14 तब यूसुफ ने उन से कहा, म ने तो तुम से कह िदया, िक तु म भे िदए हो;
15 सो इसी रीित से तुम परखे जाओगे, िफरौन के जीवन की शपथ, जब तक तु ारा छोटा भाई यहां न आए तब तक तु म यहां से न िनकलने पाओगे।
16 सो अपने म से एक को भेज दो, िक वह तु ारे भाई को ले आए, और तु म लोग ब ुवाई म रहोगे ; इस कार तु ारी बात परखी जाएं गी, िक तुम म स ाई है िक नहीं। यिद स े न
ठहरे तब तो िफरौन के जीवन की शपथ तुम िन य ही भे िदए समझे जाओगे ।
17 तब उसने उन को तीन िदन तक ब ीगृह म रखा।
18 तीसरे िदन यूसुफ ने उन से कहा, एक काम करो तब जीिवत रहोगे; ोंिक म परमे र का भय मानता ं;
19 यिद तुम सीधे मनु हो, तो तु म सब भाइयों म से एक जन इस ब ीगृह म ब ु आ रहे; और तु म अपने घर वालों की भूख बुझाने के िलये अ ले जाओ।
20 और अपने छोटे भाई को मेरे पास ले आओ; इस कार तु ारी बात स ी ठहरगी, और तुम मार डाले न जाओगे । तब उ ोंने वैसा ही िकया।
21 उ ोंने आपस म कहा, िन: े ह हम अपने भाई के िवषय म दोषी ह, ोंिक जब उसने हम से िगड़िगड़ा के िबनती की, तौभी हम ने यह दे खकर, िक उसका जीवन कैसे सं कट म
पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट म पड़े ह।
22 बे न ने उन से कहा, ा म ने तुम से न कहा था, िक लड़के के अपराधी मत बनो? पर ु तुम ने न सु ना: दे खो, अब उसके लो का पलटा िदया जाता है।
23 यूसुफ की और उनकी बातचीत जो एक दु भािषया के ारा होती थी; इस से उन को मालूम न आ िक वह उनकी बोली समझता है।
24 तब वह उनके पास से हटकर रोने लगा; िफर उनके पास लौटकर और उन से बातचीत कर के उन म से िशमोन को छांट िनकाला और उसके सा ने ब ुआ रखा।
25 तब यूसुफ ने आ ा दी, िक उनके बोरे अ से भरो और एक एक जन के बोरे म उसके पये को भी रख दो, िफर उन को माग के िलये सीधा दो: सो उनके साथ ऐसा ही िकया गया।
26 तब वे अपना अ अपने गदहों पर लादकर वहां से चल िदए।
27 सराय म जब एक ने अपने गदहे को चारा दे ने के िलये अपना बोरा खोला, तब उसका पया बोरे के मोहड़े पर रखा आ िदखलाई पड़ा।
28 तब उसने अपने भाइयों से कहा, मेरा पया तो फेर िदया गया है , दे खो, वह मे रे बोरे म है ; तब उनके जी म जी न रहा, और वे एक दू सरे की और भय से ताकने लगे , और बोले ,
परमे र ने यह हम से ा िकया है?
29 और वे कनान दे श म अपने िपता याकूब के पास आए, और अपना सारा वृ ा उस से इस कार वणन िकया:
30 िक जो पु ष उस दे श का ामी है, उसने हम से कठोरता के साथ बात की ं, और हम को दे श के भेिदए कहा।
31 तब हम ने उस से कहा, हम सीधे लोग ह, भे िदए नही ं।
32 हम बारह भाई एक ही िपता के पु है, एक तो जाता रहा, पर ु छोटा इस समय कनान दे श म हमारे िपता के पास है ।
33 तब उस पु ष ने, जो उस दे श का ामी है, हम से कहा, इस से मालू म हो जाएगा िक तु म सीधे मनु हो; तु म अपने म से एक को मे रे पास छोड़ के अपने घर वालों की भूख बुझाने
के िलये कुछ ले जाओ।
34 और अपने छोटे भाई को मेरे पास ले आओ। तब मुझे िव ास हो जाएगा िक तुम भेिदए नही,ं सीधे लोग हो। िफर म तु ारे भाई को तु सौंप दू ं गा, और तुम इस दे श म लेन दे न कर
सकोगे।
35 यह कहकर वे अपने अपने बोरे से अ िनकालने लगे , तब, ा दे खा, िक एक एक जन के पये की थैली उसी के बोरे म रखी है: तब पये की थै िलयों को दे खकर वे और उनका
िपता ब त डर गए।
36 तब उनके िपता याकूब ने उन से कहा, मुझ को तुम ने िनवश कर िदया, दे खो, यूसुफ नहीं रहा, और िशमोन भी नही ं आया, और अब तु म िब ामीन को भी ले जाना चाहते हो: ये सब
िवपि यां मेरे ऊपर आ पड़ी ह।
37 बे न ने अपने िपता से कहा, यिद म उसको ते रे पास न लाऊं, तो मेरे दोनों पु ों को मार डालना; तू उसको मेरे हाथ म सौंप दे , म उसे तेरे पास िफर प ंचा दू ं गा।
38 उसने कहा, मेरा पु तु ारे संग न जाएगा; ोंिक उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया: इसिलये िजस माग से तुम जाओगे, उस म यिद उस पर कोई िवपि आ
पड़े , तब तो तु ारे कारण म इस बुढ़ापे की अव था म शोक के साथ अधोलोक म उतर जाऊंगा।।
उ ि 43
1 और अकाल दे श म और भी भयंकर होता गया।
2 जब वह अ जो वे िम से ले आए थे समा हो गया तब उनके िपता ने उन से कहा, िफर जा कर हमारे िलये थोड़ी सी भोजनव ु मोल ले आओ।
3 तब य दा ने उस से कहा, उस पु ष ने हम को िचतावनी दे कर कहा, िक यिद तु ारा भाई तु ारे सं ग न आए, तो तुम मेरे स ुख न आने पाओगे।
4 इसिलये यिद तू हमारे भाई को हमारे संग भेजे, तब तो हम जा कर तेरे िलये भोजनव ु मोल ले आएं गे ;
5 पर ु यिद तू उसको न भेजे, तो हम न जाएं गे: ोंिक उस पु ष ने हम से कहा, िक यिद तु ारा भाई तु ारे संग न हो, तो तुम मेरे स ुख न आने पाओगे।
6 तब इ ाएल ने कहा, तुम ने उस पु ष को यह बताकर िक हमारा एक और भाई है, ों मु झ से बु रा बताव िकया?
7 उ ोंने कहा, जब उस पु ष ने हमारी और हमारे कुटु यों की दशा को इस रीित पूछा, िक ा तु ारा िपता अब तक जीिवत है? ा तु ारे कोई और भाई भी है? तब हम ने इन
ों के अनु सार उस से वणन िकया; िफर हम ा जानते थे िक वह कहेगा, िक अपने भाई को यहां ले आओ।
8 िफर य दा ने अपने िपता इ ाएल से कहा, उस लड़के को मे रे संग भे ज दे , िक हम चले जाएं ; इस से हम, और तू , और हमारे बाल-ब े मरने न पाएं गे, वरन जीिवत रहगे।
9 म उसका जािमन होता ं; मेरे ही हाथ से तू उसको फेर लेना: यिद म उसको ते रे पास प ं चाकर सा ने न खड़ाकर दू ं , तब तो म सदा के िलये तेरा अपराधी ठह ं गा।
10 यिद हम लोग िवल न करते, तो अब तब दू सरी बार लौट आते।
11 तब उनके िपता इ ाएल ने उन से कहा, यिद सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो; इस दे श की उ म उ म व ु ओं म से कुछ कुछ अपने बोरों म उस पु ष के िलये भट ले जाओ:
जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुग , और ग रस, िप े , और बादाम।
12 िफर अपने अपने साथ दू ना पया ले जाओ; और जो पया तु ारे बोरों के मुं ह पर रखकर फेर िदया गया था, उसको भी लेते जाओ; कदािचत यह भू ल से आ हो।
13 और अपने भाई को भी संग ले कर उस पु ष के पास िफर जाओ,
14 और सवश मान ई र उस पु ष को तुम पर दयालु करे गा, िजस से िक वह तु ारे दू सरे भाई को और िब ामीन को भी आने दे : और यिद म िनवश आ तो होने दो।
15 तब उन मनु ों ने वह भट, और दू ना पया, और िब ामीन को भी संग िलया, और चल िदए और िम म प ं चकर यू सुफ के सा ने खड़े ए।
16 उनके साथ िब ामीन को दे खकर यूसुफ ने अपने घर के अिधकारी से कहा, उन मनु ों को घर म प ंचा दो, और पशु मारके भोजन तैयार करो; ोंिक वे लोग दोपहर को मेरे संग
भोजन करगे ।
17 तब वह अिधकारी पु ष यूसुफ के कहने के अनुसार उन पु षों को यू सुफ के घर म ले गया।
18 जब वे यूसुफ के घर को प ंचाए गए तब वे आपस म डर कर कहने लगे, िक जो पया पिहली बार हमारे बोरों म फेर िदया गया था, उसी के कारण हम भीतर प ंचाए गए ह; िजस
से िक वह पु ष हम पर टू ट पड़े , और हम वश म कर के अपने दास बनाए, और हमारे गदहों को भी छीन ले।
19 तब वे यूसुफ के घर के अिधकारी के िनकट जा कर घर के ार पर इस कार कहने लगे ,
20 िक हे हमारे भु , जब हम पिहली बार अ मोल लेने को आए थे,
21 तब हम ने सराय म प ंचकर अपने बोरों को खोला, तो ा दे खा, िक एक एक जन का पूरा पू रा पया उसके बोरे के मुंह म रखा है; इसिलये हम उसको अपने साथ िफर ले ते आए
ह।
22 और दू सरा पया भी भोजनव ु मोल लेने के िलये लाए ह; हम नहीं जानते िक हमारा पया हमारे बोरों म िकस ने रख िदया था।
23 उसने कहा, तु ारा कुशल हो, मत डरो: तु ारा परमे र, जो तु ारे िपता का भी परमे र है , उसी ने तु म को तु ारे बोरों म धन िदया होगा, तु ारा पया तो मुझ को िमल गया था:
िफर उसने िशमोन को िनकाल कर उनके संग कर िदया।
24 तब उस जन ने उन मनु ों को यूसुफ के घर म ले जा कर जल िदया, तब उ ोंने अपने पां वों को धोया; िफर उसने उनके गदहों के िलये चारा िदया।
25 तब यह सु नकर, िक आज हम को यहीं भोजन करना होगा, उ ोंने यू सुफ के आने के समय तक, अथात दोपहर तक, उस भट को इक ा कर रखा।
26 जब यूसुफ घर आया तब वे उस भट को, जो उनके हाथ म थी, उसके स ु ख घर म ले गए, और भू िम पर िगरकर उसको द वत िकया।
27 उसने उनका कुशल पूछा, और कहा, ा तु ारा बूढ़ा िपता, िजसकी तुम ने चचा की थी, कुशल से है? ा वह अब तक जीिवत है?
28 उ ोंने कहा, हां ते रा दास हमारा िपता कुशल से है और अब तक जीिवत है ; तब उ ोंने िसर झुका कर िफर द वत िकया।
29 तब उसने आं खे उठा कर और अपने सगे भाई िब ामीन को दे खकर पू छा, ा तु ारा वह छोटा भाई, िजसकी चचा तुम ने मुझ से की थी, यही है? िफर उसने कहा, हे मेरे पु ,
परमे र तु झ पर अनु ह करे ।
30 तब अपने भाई के ेह से मन भर आने के कारण और यह सोचकर, िक म कहां जा कर रोऊं, यूसुफ फुत से अपनी कोठरी म गया, और वहां रो पड़ा।
31 िफर अपना मुंह धोकर िनकल आया, और अपने को शांत कर कहा, भोजन परोसो।
32 तब उ ोंने उसके िलये तो अलग, और भाइयों के िलये भी अलग, और जो िम ी उसके सं ग खाते थे, उनके िलये भी अलग, भोजन परोसा; इसिलये िक िम ी इि यों के साथ भोजन
नही ं कर सकते , वरन िम ी ऐसा करना घृणा समझते थे।
33 सो यूसुफ के भाई उसके सा ने, बड़े बड़े पिहले, और छोटे छोटे पीछे , अपनी अपनी अव था के अनु सार, म से बैठाए गए: यह दे ख वे िव त हो कर एक दू सरे की ओर दे खने
लगे।
34 तब यूसुफ अपने सा ने से भोजन-व ुएं उठा उठाके उनके पास भे जने लगा, और िब ामीन को अपने भाइयों से पचगुणी अिधक भोजनव ु िमली। और उ ोंने उसके सं ग
मनमाना खाया िपया।
उ ि 44
1 तब उसने अपने घर के अिधकारी को आ ा दी, िक इन मनु ों के बोरों म िजतनी भोजनव ु समा सके उतनी भर दे , और एक एक जन के पये को उसके बोरे के मुंह पर रख दे ।
2 और मे रा चांदी का कटोरा छोटे के बोरे के मुंह पर उसके अ के पये के साथ रख दे । यू सुफ की इस आ ा के अनु सार उसने िकया।
3 िबहान को भोर होते ही वे मनु अपने गदहों समेत िवदा िकए गए।
4 वे नगर से िनकले ही थे, और दू र न जाने पाए थे, िक यूसुफ ने अपने घर के अिधकारी से कहा, उन मनु ों का पीछा कर, और उन को पाकर उन से कह, िक तुम ने भलाई की स ी
बुराई ों की है?
5 ा यह वह व ु नहीं िजस म मेरा ामी पीता है, और िजस से वह शकुन भी िवचारा करता है ? तु म ने यह जो िकया है सो बुरा िकया।
6 तब उसने उ जा िलया, और ऐसी ही बात उन से कही ं।
7 उ ोंने उस से कहा, हे हमारे भु, तू ऐसी बात ों कहता है ? ऐसा काम करना तेरे दासों से दू र रहे।
8 दे ख जो पया हमारे बोरोंके मुंह पर िनकला था, जब हम ने उसको कनान दे श से ले आकर तु झे फेर िदया, तब, भला, ते रे ामी के घर म से हम कोई चांदी वा सोने की व ु ोंकर
चु रा सकते ह?
9 तेरे दासों म से िजस िकसी के पास वह िनकले, वह मार डाला जाए, और हम भी अपने उस भु के दास जो जाएं ।
10 उसने कहा तु ारा ही कहना सही, िजसके पास वह िनकले सो मे रा दास होगा; और तु म लोग िनरपराध ठहरोगे ।
11 इस पर वे फुत से अपने अपने बोरे को उतार भूिम पर रखकर उ खोलने लगे ।
12 तब वह ढू ं ढ़ने लगा, और बड़े के बोरे से लेकर छोटे के बोरे तक खोज की: और कटोरा िब ामीन के बोरे म िमला।
13 तब उ ोंने अपने अपने व फाड़े , और अपना अपना गदहा लादकर नगर को लौट गए।
14 जब य दा और उसके भाई यूसुफ के घर पर प ंचे, और यू सुफ वहीं था, तब वे उसके सा ने भू िम पर िगरे ।
15 यूसुफ ने उन से कहा, तुम लोगों ने यह कैसा काम िकया है? ा तुम न जानते थे , िक मुझ सा मनु शकुन िवचार सकता है?
16 य दा ने कहा, हम लोग अपने भु से ा कह? हम ा कहकर अपने को िनद षी ठहराएं ? परमे र ने तेरे दासों के अधम को पकड़ िलया है: हम, और िजसके पास कटोरा िनकला
वह भी, हम सब के सब अपने भु के दास ही ह।
17 उसने कहा, ऐसा करना मुझ से दू र रहे: िजस जन के पास कटोरा िनकला है , वही मे रा दास होगा; और तु म लोग अपने िपता के पास कुशल ेम से चले जाओ।
18 तब य दा उसके पास जा कर कहने लगा, हे मेरे भु, तेरे दास को अपने भु से एक बात कहने की आ ा हो, और ते रा कोप तेरे दास पर न भड़के; तू तो िफरौन के तु है।
19 मेरे भु ने अपने दासों से पूछा था, िक ा तु ारे िपता वा भाई ह?
20 और हम ने अपने भु से कहा, हां, हमारा बूढ़ा िपता तो है, और उसके बु ढ़ापे का एक छोटा सा बालक भी है, पर ु उसका भाई मर गया है, इसिलये वह अब अपनी माता का
अकेला ही रह गया है , और उसका िपता उस से ेह रखता है।
21 तब तू ने अपने दासों से कहा था, िक उसको मेरे पास ले आओ, िजस से म उसको दे खूं।
22 तब हम ने अपने भु से कहा था, िक वह लड़का अपने िपता को नही ं छोड़ सकता; नही ं तो उसका िपता मर जाएगा।
23 और तू ने अपने दासों से कहा, यिद तु ारा छोटा भाई तु ारे संग न आए, तो तु म मेरे स ु ख िफर न आने पाओगे ।
24 सो जब हम अपने िपता तेरे दास के पास गए, तब हम ने उस से अपने भु की बात कही ं।
25 तब हमारे िपता ने कहा, िफर जा कर हमारे िलये थोड़ी सी भोजनव ु मोल ले आओ।
26 हम ने कहा, हम नही ं जा सकते, हां, यिद हमारा छोटा भाई हमारे सं ग रहे , तब हम जाएं गे : ोंिक यिद हमारा छोटा भाई हमारे संग न रहे, तो उस पु ष के स ुख न जाने पाएं गे।
27 तब तेरे दास मेरे िपता ने हम से कहा, तुम तो जानते हो िक मे री ी से दो पु उ ए।
28 और उन म से एक तो मुझे छोड़ ही गया, और म ने िन य कर िलया, िक वह फाड़ डाला गया होगा ; और तब से म उसका मुंह न दे ख पाया
29 सो यिद तुम इस को भी मेरी आं ख की आड़ म ले जाओ, और कोई िवपि इस पर पड़े , तो तु ारे कारण म इस प े बाल की अव था म दु :ख के साथ अधोलोक म उतर जाऊंगा।
30 सो जब म अपने िपता तेरे दास के पास प ंचूं, और यह लड़का सं ग न रहे, तब, उसका ाण जो इसी पर अटका रहता है,
31 इस कारण, यह दे खके िक लड़का नहीं है, वह तुर ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा िपता, जो प े बालों की अव था का है, शोक के साथ अधोलोक म
उतर जाएगा।
32 िफर तेरा दास अपने िपता के यहां यह कहके इस लड़के का जािमन आ है , िक यिद म इस को तेरे पास न प ं चा दू ं , तब तो म सदा के िलये तेरा अपराधी ठह ं गा।
33 सो अब तेरा दास इस लड़के की स ी अपने भु का दास हो कर रहने की आ ा पाए, और यह लड़का अपने भाइयों के संग जाने िदया जाए।
34 ोंिक लड़के के िबना संग रहे म ोंकर अपने िपता के पास जा सकूंगा; ऐसा न हो िक मेरे िपता पर जो दु :ख पड़े गा वह मु झे दे खना पड़े ।।
उ ि 45
1 तब यूसुफ उन सब के सा ने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पु कार के कहा, मे रे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के सा ने अपने
को गट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।
2 तब वह िच ा िच ाकर रोने लगा: और िमि यों ने सुना, और िफरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार िमला।
3 तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, म यूसुफ ं, ा मेरा िपता अब तब जीिवत है ? इसका उ र उसके भाई न दे सके; ोंिक वे उसके सा ने घबरा गए थे।
4 िफर यू सुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे िनकट आओ। यह सुनकर वे िनकट गए। िफर उसने कहा, म तु ारा भाई यू सुफ ं, िजस को तुम ने िम आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
5 अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; ोंिक परमे र ने तु ारे ाणों को बचाने के िलये मुझे आगे से भेज िदया है।
6 ोंिक अब दो वष से इस दे श म अकाल है; और अब पां च वष और ऐसे ही होंगे, िक उन म न तो हल चलेगा और न अ काटा जाएगा।
7 सो परमे र ने मुझे तु ारे आगे इसी िलये भेजा, िक तुम पृ ी पर जीिवत रहो, और तु ारे ाणों के बचने से तु ारा वंश बढ़े ।
8 इस रीित अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नही,ं परमे र ही ठहरा: और उसी ने मु झे िफरौन का िपता सा, और उसके सारे घर का ामी, और सारे िम दे श का भु ठहरा िदया
है ।
9 सो शी मेरे िपता के पास जा कर कहो, तेरा पु यूसुफ इस कार कहता है , िक परमे र ने मुझे सारे िम का ामी ठहराया है; इसिलये तू मेरे पास िबना िवल िकए चला आ।
10 और तेरा िनवास गोशेन दे श म होगा, और तू , बेटे, पोतों, भेड़-बक रयों, गाय-बै लों, और अपने सब कुछ समेत मेरे िनकट रहेगा।
11 और अकाल के जो पांच वष और होंगे, उन म म वही ं तेरा पालन पोषण क ं गा; ऐसा न हो िक तू, और ते रा घराना, वरन िजतने तेरे ह, सो भूखों मर।
12 और तु म अपनी आं खों से दे खते हो, और मेरा भाई िब ामीन भी अपनी आं खों से दे खता है, िक जो हम से बात कर रहा है सो यूसुफ है।
13 और तुम मेरे सब वैभव का, जो िम म है और जो कुछ तुम ने दे खा है , उस सब को मे रे िपता से वणन करना; और तु र मेरे िपता को यहां ले आना।
14 और वह अपने भाई िब ामीन के गले से िलपट कर रोया; और िब ामीन भी उसके गले से िलपट कर रोया।
15 तब वह अपने सब भाइयों को चूम कर उन से िमल कर रोया: और इसके प ात उसके भाई उस से बात करने लगे ।।
16 इस बात की चचा, िक यूसुफ के भाई आए ह, िफरौन के भवन तब पं च गई, और इस से िफरौन और उसके कमचारी स ए।
17 सो िफरौन ने यूसुफ से कहा, अपने भाइयों से कह, िक एक काम करो, अपने पशुओ ं को लादकर कनान दे श म चले जाओ।
18 और अपने िपता और अपने अपने घर के लोगों को ले कर मेरे पास आओ; और िम दे श म जो कुछ अ े से अ ा है वह म तु दू ं गा, और तु दे श के उ म से उ म पदाथ
खाने को िमलगे।
19 और तुझे आ ा िमली है, तुम एक काम करो, िक िम दे श से अपने बाल-ब ों और यों के िलये गािडयां ले जाओ, और अपने िपता को ले आओ।
20 और अपनी साम ी का मोह न करना; ोंिक सारे िम दे श म जो कुछ अ े से अ ा है सो तु ारा है।
21 और इ ाएल के पु ों ने वैसा ही िकया। और यूसुफ ने िफरौन की मान के उ गािडयां दी, और माग के िलये सीधा भी िदया।
22 उन म से एक एक जन को तो उसने एक एक जोड़ा व भी िदया; और िब ामीन को तीन सौ पे के टु कड़े और पां च जोड़े व िदए।
23 और अपने िपता के पास उसने जो भेजा वह यह है, अथात िम की अ ी व ु ओं से लदे ए दस गदहे, और अ और रोटी और उसके िपता के माग के िलये भोजनव ु से लदी
ई दस गदिहयां।
24 और उसने अपने भाइयों को िवदा िकया, और वे चल िदए; और उसने उन से कहा, माग म कही ं झगड़ा न करना।
25 िम से चलकर वे कनान दे श म अपने िपता याकूब के पास प ंचे।
26 और उस से यह वणन िकया, िक यूसुफ अब तक जीिवत है, और सारे िम दे श पर भुता वही करता है । पर उसने उनकी तीित न की, और वह अपने आपे म न रहा।
27 तब उ ोंने अपने िपता याकूब से यूसुफ की सारी बात, जो उसने उन से कहीं थी, कह दी;ं जब उसने उन गािडय़ों को दे खा, जो यू सुफ ने उसके ले आने के िलये भे जी ं थीं, तब उसका
िच थर हो गया।
28 और इ ाएल ने कहा, बस, मेरा पु यूसुफ अब तक जीिवत है: म अपनी मृ ु से पिहले जा कर उसको दे खूंगा।।
उ ि 46
1 तब इ ाएल अपना सब कुछ ले कर कूच कर के बेशबा को गया, और वहां अपने िपता इसहाक के परमे र को बिलदान चढ़ाए।
2 तब परमे र ने इ ाएल से रात को दशन म कहा, हे याकूब हे याकूब। उसने कहा, ा आ ा।
3 उसने कहा, म ई र तेरे िपता का परमे र ं, तू िम म जाने से मत डर; ोंिक म तु झ से वहां एक बड़ी जाित बनाऊंगा।
4 म तेरे संग संग िम को चलता ं; और म तुझे वहां से िफर िन य ले आऊंगा; और यूसुफ अपना हाथ तेरी आं खों पर लगाएगा।
5 तब याकूब बेशबा से चला: और इ ाएल के पु अपने िपता याकूब, और अपने बाल-ब ों, और यों को उन गािडय़ों पर, जो िफरौन ने उनके ले आने को भेजी थी, चढ़ाकर चल
पड़े ।
6 और वे अपनी भेड़-बकरी, गाय-बैल, और कनान दे श म अपने इक ा िकए ए सारे धन को ले कर िम म आए।
7 और याकूब अपने बेटे-बेिटयों, पोते-पोितयों, िनदान अपने वंश भर को अपने सं ग िम म ले आया।।
8 याकूब के साथ जो इ ाएली, अथात उसके बेटे, पोते, आिद िम म आए, उनके नाम ये ह: याकूब का जेठा तो बे न था।
9 और बे न के पु , हनोक, पललू, हे ोन, और क थे ।
10 और िशमोन के पु , यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, सोहर, और एक कनानी ी से ज ा आ शाऊल भी था।
11 और ले वी के पु , गेश न, कहात, और मरारी थे।
12 और य दा के एर, ओनान, शेला, पेरेस, और जेरह नाम पु ए तो थे; पर एर और ओनान कनान दे श म मर गए थे । और पेरेस के पु , हे ोन और हामूल थे।
13 और इ ाकार के पु , तोला, पु ा, योब और िश ोन थे।
14 और जबू लून के पु , सेरेद, एलोन, और यहलेल थे।
15 िलआ: के पु , जो याकूब से प नराम म उ ए थे, उनके बेटे पोते ये ही थे , और इन से अिधक उसने उसके साथ एक बेटी दीना को भी ज िदया: यहां तक तो याकूब के सब
वंश वाले ततीस ाणी ए।
16 िफर गाद के पु , िस ोन, हा ी, शूनी, एसबोन, एरी, अरोदी, और अरे ली थे ।
17 और आशेर के पु , िय ा, िय ा, िय ी, और बरीआ थे , और उनकी बिहन सेरह थी। और बरीआ के पु , हे बेर और म ीएल थे।
18 िज ा, िजसे लाबान ने अपनी बेटी िलआ: को िदया था, उसके बेटे पोते आिद ये ही थे ; सो उसके ारा याकूब के सोलह ाणी उ ए।।
19 िफर याकूब की प ी राहेल के पु यूसुफ और िब ामीन थे।
20 और िम दे श म ओन के याजक पोतीपेरा की बेटी आसनत से यू सुफ के ये पु उ ए, अथात मन े और ए ै म।
21 और िब ामीन के पु , बेला, बेकेर, अ बेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मु ीम, ीम, और आद थे ।
22 राहेल के पु जो याकूब से उ ए उनके ये ही पु थे ; उसके ये सब बेटे पोते चौदह ाणी ए।
23 िफर दान का पु शीम था।
24 और न ाली के पु , यहसेल, गूनी, सेसेर, और िश ेम थे।
25 िब ा, िजसे लाबान ने अपनी बेटी राहेल को िदया, उस के बे टे पोते ये ही ह; उसके ारा याकूब के वंश म सात ाणी ए।
26 याकूब के िनज वंश के जो ाणी िम म आए, वे उसकी ब ओं को छोड़ सब िमलकर िछयासठ ाणी ए।
27 और यूसुफ के पु , जो िम म उस से उ ए, वे दो ाणी थे: इस कार याकूब के घराने के जो ाणी िम म आए सो सब िमलकर स र ए।।
28 िफर उसने य दा को अपने आगे यूसुफ के पास भेज िदया, िक वह उसको गोशेन का माग िदखाए; और वे गोशेन दे श म आए।
29 तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने िपता इ ाएल से भट करने के िलये गोशेन दे श को गया, और उस से भट कर के उसके गले से िलपटा और कुछ दे र तक उसके गले से
िलपटा आ रोता रहा।
30 तब इ ाएल ने यूसुफ से कहा, म अब मरने से भी स ं, ोंिक तुझे जीिवत पाया और तेरा मुंह दे ख िलया।
31 तब यू सुफ ने अपने भाइयों से और अपने िपता के घराने से कहा, म जा कर िफरौन को यह समाचार दू ं गा, िक मे रे भाई और मेरे िपता के सारे घराने के लोग, जो कनान दे श म रहते
थे , वे मेरे पास आ गए ह।
32 और वे लोग चरवाहे ह, ोंिक वे पशुओं को पालते आए ह; इसिलये वे अपनी भे ड़-बकरी, गाय-बै ल, और जो कुछ उनका है, सब ले आए ह।
33 जब िफरौन तुम को बुलाके पूछे, िक तु ारा उ म ा है ?
34 तब यह कहना िक तेरे दास लड़कपन से ले कर आज तक पशुओ ं को पालते आए ह, वरन हमारे पु रखा भी ऐसा ही करते थे। इस से तुम गोशेन दे श म रहने पाओगे ; ोंिक सब
चरवाहों से िम ी लोग घृणा करते ह।।
उ ि 47
1 तब यूसुफ ने िफरौन के पास जा कर यह समाचार िदया, िक मेरा िपता और मेरे भाई, और उनकी भे ड़-बक रयां , गाय-बैल और जो कुछ उनका है, सब कनान दे श से आ गया है; और
अभी तो वे गोशेन दे श म ह।
2 िफर उसने अपने भाइयों म से पांच जन ले कर िफरौन के सा ने खड़े कर िदए।
3 िफरौन ने उसके भाइयों से पूछा, तु ारा उ म ा है? उ ोंने िफरौन से कहा, तेरे दास चरवाहे ह, और हमारे पु रखा भी ऐसे ही रहे।
4 िफर उ ोंने िफरौन से कहा, हम इस दे श म परदे शी की भांित रहने के िलये आए ह; ोंिक कनान दे श म भारी अकाल होने के कारण तेरे दासों को भेड़-बक रयों के िलये चारा न
रहा: सो अपने दासों को गोशेन दे श म रहने की आ ा दे ।
5 तब िफरौन ने यूसुफ से कहा, तेरा िपता और तेरे भाई तेरे पास आ गए ह,
6 और िम दे श तेरे सा ने पड़ा है; इस दे श का जो सब से अ ा भाग हो, उस म अपने िपता और भाइयों को बसा दे ; अथात वे गोशेन ही दे श म रह: और यिद तू जानता हो, िक उन म
से प र मी पु ष ह, तो उ मे रे पशुओं के अिधकारी ठहरा दे ।
7 तब यूसुफ ने अपने िपता याकूब को ले आकर िफरौन के स ु ख खड़ा िकया: और याकूब ने िफरौन को आशीवाद िदया।
8 तब िफरौन ने याकूब से पूछा, तेरी अव था िकतने िदन की ई है?
9 याकूब ने िफरौन से कहा, म तो एक सौ तीस वष परदे शी हो कर अपना जीवन बीता चु का ं; मेरे जीवन के िदन थोड़े और दु :ख से भरे ए भी थे, और मेरे बापदादे परदे शी हो कर
िजतने िदन तक जीिवत रहे उतने िदन का म अभी नही ं आ।
10 और याकूब िफरौन को आशीवाद दे कर उसके स ुख से चला गया।
11 तब यू सुफ ने अपने िपता और भाइयों को बसा िदया, और िफरौन की आ ा के अनु सार िम दे श के अ े से अ े भाग म, अथात रामसेस नाम दे श म, भू िम दे कर उन को सौंप
िदया।
12 और यू सुफ अपने िपता का, और अपने भाइयों का, और िपता के सारे घराने का, एक एक के बाल-ब ों के घराने की िगनती के अनुसार, भोजन िदला िदलाकर उनका पालन पोषण
करने लगा।।
13 और उस सारे दे श म खाने को कुछ न रहा; ोंिक अकाल ब त भारी था, और अकाल के कारण िम और कनान दोनों दे श नाश हो गए।
14 और िजतना पया िम और कनान दे श म था, सब को यूसुफ ने उस अ की स ी जो उनके िनवासी मोल ले ते थे इक ा कर के िफरौन के भवन म प ंचा िदया।
15 जब िम और कनान दे श का पया चुक गया, तब सब िम ी यूसुफ के पास आ आकर कहने लगे , हम को भोजनव ु दे , ा हम पये के न रहने से तेरे रहते ए मर जाएं ?
16 यूसुफ ने कहा, यिद पये न हों तो अपने पशु दे दो, और म उनकी स ी तु खाने को दू ं गा।
17 तब वे अपने पशु यूसुफ के पास ले आए; और यूसुफ उन को घोड़ों, भे ड़-बक रयों, गाय-बै लों और गदहों की स ी खाने को दे ने लगा: उस वष म वह सब जाित के पशुओं की स ी
भोजन दे कर उनका पालन पोषण करता रहा।
18 वह वष तो यों कट गया; तब अगले वष म उ ोंने उसके पास आकर कहा, हम अपने भु से यह बात िछपा न रखगे िक हमारा पया चुक गया है, और हमारे सब कार के पशु
हमारे भु के पास आ चुके ह; इसिलये अब हमारे भु के सा ने हमारे शरीर और भूिम छोड़कर और कुछ नही ं रहा।
19 हम तेरे दे खते ों मर, और हमारी भूिम ों उजड़ जाए? हमको और हमारी भूिम को भोजन व ु की स ी मोल ले , िक हम अपनी भूिम समेत िफरौन के दास हों: और हम को
बीज दे , िक हम मरने न पाएं , वरन जीिवत रह, और भूिम न उजड़े ।
20 तब यूसुफ ने िम की सारी भूिम को िफरौन के िलये मोल िलया; ोंिक उस किठन अकाल के पड़ने से िमि यों को अपना अपना खेत बेच डालना पड़ा: इस कार सारी भू िम
िफरौन की हो गई।
21 और एक छोर से ले कर दू सरे छोर तक सारे िम दे श म जो जा रहती थी, उसको उसने नगरों म लाकर बसा िदया।
22 पर याजकों की भूिम तो उसने न मोल ली: ोंिक याजकों के िलये िफरौन की ओर से िन भोजन का ब ोब था, और िन जो भोजन िफरौन उन को दे ता था वही वे खाते थे; इस
कारण उन को अपनी भूिम बेचनी न पड़ी।
23 तब यूसुफ ने जा के लोगों से कहा, सुनो, म ने आज के िदन तुम को और तु ारी भू िम को भी िफरौन के िलये मोल िलया है; दे खो, तु ारे िलये यहां बीज है, इसे भूिम म बोओ।
24 और जो कुछ उपजे उसका पंचमांश िफरौन को दे ना, बाकी चार अंश तु ारे रहगे, िक तु म उसे अपने खेतों म बोओ, और अपने अपने बाल-ब ों और घर के और लोगों समेत खाया
करो।
25 उ ोंने कहा, तू ने हम को बचा िलया है: हमारे भु के अनु ह की ि हम पर बनी रहे , और हम िफरौन के दास हो कर रहगे।
26 सो यूसुफ ने िम की भूिम के िवषय म ऐसा िनयम ठहराया, जो आज के िदन तक चला आता है, िक पंचमां श िफरौन को िमला करे ; केवल याजकों ही की भू िम िफरौन की नहीं ई।
27 और इ ाएली िम के गोशेन दे श म रहने लगे; और वहां की भू िम को अपने वश म कर िलया, और फूले -फले , और अ बढ़ गए।।
28 िम दे श म याकूब सतरह वष जीिवत रहा: इस कार याकूब की सारी आयु एक सौ सतालीस वष की ई।
29 जब इ ाएल के मरने का िदन िनकट आ गया, तब उसने अपने पु यू सुफ को बु लवाकर कहा, यिद तेरा अनु ह मुझ पर हो, तो अपना हाथ मेरी जांघ के तले रखकर शपथ खा, िक
म ते रे साथ कृपा और स ाई का यह काम क ं गा, िक तु झे िम म िम ी न दू ं गा।
30 जब तू अपने बापदादों के संग सो जाएगा, तब म तुझे िम से उठा ले जा कर उ ी ं के कब र ान म रखूं गा; तब यू सुफ ने कहा, म तेरे वचन के अनुसार क ं गा।
31 िफर उसने कहा, मुझ से शपथ खा: सो उसने उस से शपथ खाई। तब इ ाएल ने खाट के िसरहाने की ओर िसर झुकाया।।
उ ि 48
1 इन बातों के प ात िकसी ने यूसुफ से कहा, सुन, तेरा िपता बीमार है ; तब वह मन े और ए ै म नाम अपने दोनों पु ों को संग ले कर उसके पास चला।
2 और िकसी ने याकूब को बता िदया, िक तेरा पु यूसुफ तेरे पास आ रहा है; तब इ ाएल अपने को स ाल कर खाट पर बैठ गया।
3 और याकूब ने यूसुफ से कहा, सवश मान ई र ने कनान दे श के लूज नगर के पास मु झे दशन दे कर आशीष दी,
4 और कहा, सुन, म तुझे फुला-फलाकर बढ़ाऊंगा, और तुझे रा रा की म ली का मू ल बनाऊंगा, और तेरे प ात ते रे वंश को यह दे श दे दू ं गा, िजस से िक वह सदा तक उनकी
िनज भू िम बनी रहे।
5 और अब ते रे दोनों पु , जो िम म मेरे आने से पिहले उ ए ह, वे मेरे ही ठहरगे ; अथात िजस रीित से बे न और िशमोन मेरे ह, उसी रीित से ए ैम और मन े भी मेरे ठहरगे।
6 और उनके प ात जो स ान उ हो, वह तेरे तो ठहरगे ; पर ु बं टवारे के समय वे अपने भाइयों ही के वंश म िगने जाएं गे।
7 जब म प ान से आता था, तब ए ाता प ंचने से थोड़ी ही दू र पिहले राहेल कनान दे श म, माग म, मे रे सा ने मर गई: और म ने उसे वही ं, अथात ए ाता जो बेतलेहम भी कहलाता है ,
उसी के माग म िम ी दी।
8 तब इ ाएल को यूसुफ के पु दे ख पड़े , और उसने पूछा, ये कौन ह?
9 यू सुफ ने अपने िपता से कहा, ये मेरे पु ह, जो परमे र ने मुझे यहां िदए ह: उसने कहा, उन को मे रे पास ले आ िक म उ आशीवाद दू ं ।
10 इ ाएल की आं खे बुढ़ापे के कारण धु ली हो गई थी ं, यहां तक िक उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उ उनके पास ले गया ; और उसने उ चूमकर गले लगा िलया।
11 तब इ ाएल ने यूसुफ से कहा, मुझे आशा न थी, िक म तेरा मु ख िफर दे खने पाऊंगा: पर ु दे ख, परमे र ने मु झे ते रा वंश भी िदखाया है।
12 तब यूसुफ ने उ अपने घु टनों के बीच से हटाकर और अपने मुंह के बल भूिम पर िगर के द वत की।
13 तब यू सुफ ने उन दोनों को लेकर, अथात ए ैम को अपने दािहने हाथ से, िक वह इ ाएल के बाएं हाथ पड़े , और मन े को अपने बाएं हाथ से, िक इ ाएल के दािहने हाथ पड़े , उ
उसके पास ले गया।
14 तब इ ाएल ने अपना दिहना हाथ बढ़ाकर ए ैम के िसर पर जो छोटा था, और अपना बायां हाथ बढ़ाकर मन े के िसर पर रख िदया; उसने तो जान बूझकर ऐसा िकया; नहीं तो
जेठा मन े ही था।
15 िफर उसने यूसुफ को आशीवाद दे कर कहा, परमे र िजसके स ुख मे रे बापदादे इ ाहीम और इसहाक (अपने को जानकर ) चलते थे वही परमे र मेरे ज से ले कर आज के
िदन तक मे रा चरवाहा बना है ;
16 और वही दू त मुझे सारी बुराई से छु ड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे ; और ये मे रे और मे रे बापदादे इ ाहीम और इसहाक के कहलाएं ; और पृ ी म ब तायत से
बढ़।
17 जब यूसुफ ने दे खा, िक मेरे िपता ने अपना दिहना हाथ ए ै म के िसर पर रखा है , तब यह बात उसको बुरी लगी: सो उसने अपने िपता का हाथ इस मनसा से पकड़ िलया, िक ए ैम के
िसर पर से उठा कर मन े के िसर पर रख दे ।
18 और यू सुफ ने अपने िपता से कहा, हे िपता, ऐसा नही ं: ोंिक जेठा यही है ; अपना दिहना हाथ इसके िसर पर रख।
19 उसके िपता ने कहा, नही ं, सुन, हे मेरे पु , म इस बात को भली भां ित जानता ं : य िप इस से भी मनु ों की एक म ली उ होगी, और यह भी महान हो जाएगा, तौभी इसका
छोटा भाई इस से अिधक महान हो जाएगा, और उसके वंश से ब त सी जाितयां िनकलगी।
20 िफर उसने उसी िदन यह कहकर उन को आशीवाद िदया, िक इ ाएली लोग ते रा नाम ले ले कर ऐसा आशीवाद िदया करगे, िक परमे र तुझे ए ैम और मन े के समान बना दे :
और उसने मन े से पिहले ए ैम का नाम िलया।
21 तब इ ाएल ने यूसुफ से कहा, दे ख, म तो मरने पर ं: पर ु परमे र तुम लोगों के संग रहेगा, और तुम को तु ारे िपतरों के दे श म िफर प ंचा दे गा।
22 और म तुझ को ते रे भाइयों से अिधक भूिम का एक भाग दे ता ं, िजस को म ने एमो रयों के हाथ से अपनी तलवार और धनुष के बल से ले िलया है।
उ ि 49
1 िफर याकूब ने अपने पु ों को यह कहकर बुलाया, िक इक े हो जाओ, म तुम को बताऊंगा, िक अ के िदनों म तु म पर ा ा बीतेगा।
2 हे याकूब के पु ों, इक े हो कर सुनो, अपने िपता इ ाएल की ओर कान लगाओ।
3 हे बेन, तू मेरा जेठा, मेरा बल, और मेरे पौ ष का पिहला फल है; ित ा का उ म भाग, और श का भी उ म भाग तू ही है।
4 तू जो जल की नाईं उबलने वाला है, इसिलये औरों से े न ठहरे गा; ोंिक तू अपने िपता की खाट पर चढ़ा, तब तू ने उसको अशु िकया; वह मेरे िबछौने पर चढ़ गया।।
5 िशमोन और ले वी तो भाई भाई ह, उनकी तलवार उप व के हिथयार ह।
6 हे मे रे जीव, उनके मम म न पड़, हे मेरी मिहमा, उनकी सभा म मत िमल; ोंिक उ ोंने कोप से मनु ों को घात िकया, और अपनी ही इ ा पर चलकर बै लों की पूंछ काटी ह।।
7 िध ार उनके कोप को, जो च था; और उनके रोष को, जो िनदय था; म उ याकूब म अलग अलग और इ ाएल म ित र िब र कर दू ं गा।।
8 हे य दा, तेरे भाई ते रा ध वाद करगे, तेरा हाथ तेरे श ुओं की गदन पर पड़े गा; ते रे िपता के पु तु झे द वत करगे ।।
9 य दा िसं ह का डांव है। हे मेरे पु , तू अहेर कर के गुफा म गया है: वह िसं ह वा िसंहनी की नाईं दबकर बैठ गया; िफर कौन उसको छे ड़े गा।।
10 जब तक शीलो न आए तब तक न तो य दा से राजद छूटे गा, न उसके वंश से व था दे नेवाला अलग होगा; और रा रा के लोग उसके आधीन हो जाएं गे।।
11 वह अपने जवान गदहे को दाखलता म, और अपनी गदही के ब े को उ म जाित की दाखलता म बा ा करे गा ; उसने अपने व दाखमधु म, और अपना पिहरावा दाखों के रस म
धोया है।।
12 उसकी आं खे दाखमधु से चमकीली और उसके दांत दू ध से ेत होंगे।।
13 जबू लून समु के तीर पर िनवास करे गा, वह जहाजों के िलये ब रगाह का काम दे गा, और उसका परला भाग सीदोन के िनकट प ंचेगा
14 इ ाकार एक बड़ा और बलव गदहा है , जो पशुओं के बाड़ों के बीच म दबका रहता है ।।
15 उसने एक िव ाम थान दे खकर, िक अ ा है, और एक दे श, िक मनोहर है, अपने क े को बोझ उठाने के िलये झुकाया, और बेगारी म दास का सा काम करने लगा।।
16 दान इ ाएल का एक गो हो कर अपने जाितभाइयों का ाय करे गा।।
17 दान माग म का एक सांप, और रा े म का एक नाग होगा, जो घोड़े की नली को डं सता है , िजस से उसका सवार पछाड़ खाकर िगर पड़ता है।।
18 हे यहोवा, म तुझी से उ ार पाने की बाट जोहता आया ं ।।
19 गाद पर एक दल चढ़ाई तो करे गा; पर वह उसी दल के िपछले भाग पर छापा मारे गा।।
20 आशेर से जो अ उ होगा वह उ म होगा, और वह राजा के यो ािद भोजन िदया करे गा।।
21 न ाली एक छूटी ई ह रणी है; वह सु र बात बोलता है ।।
22 यूसुफ बलव लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी ई फलव लता की एक शाखा है ; उसकी डािलयां भीत पर से चढ़कर फैल जाती ह।।
23 धनुधा रयों ने उसको खेिदत िकया, और उस पर तीर मारे , और उसके पीछे पड़े ह।।
24 पर उसका धनुष ढ़ रहा, और उसकी बांह और हाथ याकूब के उसी श मान ई र के हाथों के ारा फुत ले ए, िजसके पास से वह चरवाहा आएगा, जो इ ाएल का प र भी
ठहरे गा।।
25 यह तेरे िपता के उस ई र का काम है, जो तेरी सहायता करे गा, उस सवश मान को जो तु झे ऊपर से आकाश म की आशीष, और नीचे से गिहरे जल म की आशीष, और नों,
और गभ की आशीष दे गा।।
26 तेरे िपता के आशीवाद मेरे िपतरों के आशीवाद से अिधक बढ़ गए ह और सनातन पहािडय़ों की मन- चाही व ु ओं की नाईं बने रहगे: वे यूसुफ के िसर पर, जो अपने भाइयों म से
ारा आ, उसी के िसर के मुकुट पर फूले फलगे।।
27 िब ामीन फाड़नेहारा ार है, सवेरे तो वह अहेर भ ण करे गा, और सांझ को लू ट बांट ले गा।।
28 इ ाएल के बारहों गो ये ही ह: और उनके िपता ने िजस िजस वचन से उन को आशीवाद िदया, सो ये ही ह; एक एक को उसके आशीवाद के अनुसार उसने आशीवाद िदया।
29 तब उसने यह कहकर उन को आ ा दी, िक म अपने लोगों के साथ िमलने पर ं : इसिलये मुझे िह ी ए ोन की भू िमवाली गुफा म मे रे बापदादों के साथ िम ी दे ना,
30 अथात उसी गु फा म जो कनान दे श म म े के सा ने वाली मकपेला की भू िम म है ; उस भू िम को तो इ ाहीम ने िह ी ए ोन के हाथ से इसी िनिम मोल िलया था, िक वह
कब र ान के िलये उसकी िनज भूिम हो।
31 वहां इ ाहीम और उसकी प ी सारा को िम ी दी गई; और वही ं इसहाक और उसकी प ी रबका को भी िम ी दी गई; और वही ं म ने िलआ: को भी िम ी दी।
32 वह भू िम और उस म की गुफा िहि यों के हाथ से मोल ली गई।
33 यह आ ा जब याकूब अपने पु ों को दे चु का, तब अपने पांव खाट पर समेट ाण छोड़े , और अपने लोगों म जा िमला।
उ ि 50
1 तब यूसुफ अपने िपता के मुंह पर िगरकर रोया और उसे चू मा।
2 और यूसुफ ने उन वै ों को, जो उसके सेवक थे, आ ा दी, िक मे रे िपता की लोथ म सु ग भरो; तब वै ों ने इ ाएल की लोथ म सुग भर िदए।
3 और उसके चालीस िदन पूरे ए। ोंिक िजनकी लोथ म सुग भरे जाते ह, उन को इतने ही िदन पू रे लगते ह: और िम ी लोग उसके िलये स र िदन तक िवलाप करते रहे।।
4 जब उसके िवलाप के िदन बीत गए, तब यूसुफ िफरौन के घराने के लोगों से कहने लगा, यिद तु ारी अनु ह की ि मु झ पर हो तो मेरी यह िबनती िफरौन को सुनाओ,
5 िक मेरे िपता ने यह कहकर, िक दे ख म मरने पर ं, मुझे यह शपथ खलाई, िक जो कबर तू ने अपने िलये कनान दे श म खुदवाई है उसी म म तुझे िम ी दू ं गा इसिलये अब मु झे वहां
जा कर अपने िपता को िम ी दे ने की आ ा दे , त ात् म लौट आऊंगा।
6 तब िफरौन ने कहा, जा कर अपने िपता की खलाई ई शपथ के अनु सार उन को िम ी दे ।
7 सो यूसुफ अपने िपता को िम ी दे ने के िलये चला, और िफरौन के सब कमचारी, अथात उसके भवन के पुरिनये , और िम दे श के सब पुरिनये उसके संग चले।
8 और यूसुफ के घर के सब लोग, और उसके भाई, और उसके िपता के घर के सब लोग भी सं ग गए; पर वे अपने बाल-ब ों, और भे ड़-बक रयों, और गाय-बैलों को गोशेन दे श म
छोड़ गए।
9 और उसके सं ग रथ और सवार गए, सो भीड़ ब त भारी हो गई।
10 जब वे आताद के खिलहान तक, जो यरदन नदी के पार है प ंचे, तब वहां अ भारी िवलाप िकया, और यू सुफ ने अपने िपता के सात िदन का िवलाप कराया।
11 आताद के खिलहान म के िवलाप को दे खकर उस दे श के िनवासी कनािनयों ने कहा, यह तो िमि यों का कोई भारी िवलाप होगा, इसी कारण उस थान का नाम आबे लिम ै म पड़ा,
और वह यरदन के पार है।
12 और इ ाएल के पु ों ने उस से वही काम िकया िजसकी उसने उन को आ ा दी थी:
13 अथात उ ोंने उसको कनान दे श म ले जाकर मकपे ला की उस भू िमवाली गु फा म, जो म े के सा ने ह, िम ी दी; िजस को इ ाहीम ने िह ी ए ोन के हाथ से इस िनिम मोल िलया
था, िक वह कब र ान के िलये उसकी िनज भूिम हो।।
14 अपने िपता को िम ी दे कर यू सुफ अपने भाइयोंऔर उन सब समेत, जो उसके िपता को िम ी दे ने के िलये उसके सं ग गए थे, िम म लौट आया।
15 जब यू सुफ के भाइयों ने दे खा िक हमारा िपता मर गया है, तब कहने लगे , कदािचत यू सुफ अब हमारे पीछे पड़े , और िजतनी बु राई हम ने उस से की थी सब का पूरा पलटा हम से
ले ।
16 इसिलये उ ोंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, िक तेरे िपता ने मरने से पिहले हम यह आ ा दी थी,
17 िक तुम लोग यूसुफ से इस कार कहना, िक हम िबनती करते ह, िक तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को मा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने िपता के
परमे र के दासों का अपराध मा कर। उनकी ये बात सु नकर यू सुफ रो पड़ा।
18 और उसके भाई आप भी जाकर उसके सा ने िगर पड़े , और कहा, दे ख, हम तेरे दास ह।
19 यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, ा म परमे र की जगह पर ं?
20 य िप तुम लोगों ने मेरे िलये बुराई का िवचार िकया था; पर ु परमे र ने उसी बात म भलाई का िवचार िकया, िजस से वह ऐसा करे , जैसा आज के िदन गट है, िक ब त से लोगों
के ाण बचे ह।
21 सो अब मत डरो: म तु ारा और तु ारे बाल-ब ों का पालन पोषण करता र ं गा; इस कार उसने उन को समझा बु झाकर शा दी।।
22 और यूसुफ अपने िपता के घराने समेत िम म रहता रहा, और यूसुफ एक सौ दस वष जीिवत रहा।
23 और यूसुफ ए ैम के परपोतों तक दे खने पाया: और मन े के पोते, जो माकीर के पु थे , वे उ हो कर यू सुफ से गोद म िलये गए।
24 और यू सुफ ने अपने भाइयों से कहा म तो मरने पर ं; पर ु परमे र िन य तु ारी सु िध लेगा, और तु इस दे श से िनकाल कर उस दे श म प ंचा दे गा, िजसके दे ने की उसने
इ ाहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी।
25 िफर यूसुफ ने इ ाएिलयों से यह कहकर, िक परमे र िन य तु ारी सुिध ले गा, उन को इस िवषय की शपथ खलाई, िक हम तेरी हि यों को वहां से उस दे श म ले जाएं गे।
26 िनदान यूसुफ एक सौ दस वष का हो कर मर गया: और उसकी लोथ म सुग भरे गए, और वह लोथ िम म एक स दू क म रखी गई।।
िनगमन 1
1 इ ाएल के पु ों के नाम, जो अपने अपने घराने को ले कर याकूब के साथ िम दे श म आए, ये ह:
2 अथात बेन, िशमोन, लेवी, य दा,
3 इ ाकार, जबू लून, िब ामीन,
4 दान, न ाली, गाद और आशेर।
5 और यूसुफ तो िम म पिहले ही आ चुका था। याकूब के िनज वंश म जो उ ए वे सब स र ाणी थे ।
6 और यूसुफ, और उसके सब भाई, और उस पीढ़ी के सब लोग मर िमटे ।
7 और इ ाएल की स ान फूलने फलने लगी; और वे अ सामथ बनते चले गए; और इतना बढ़ गए िक कुल दे श उन से भर गया।।
8 िम म एक नया राजा ग ी पर बैठा जो यू सुफ को नही ं जानता था।
9 और उसने अपनी जा से कहा, दे खो, इ ाएली हम से िगनती और साम म अिधक बढ़ गए ह।
10 इसिलये आओ, हम उनके साथ बु मानी से बताव कर, कहीं ऐसा न हो िक जब वे ब त बढ़ जाएं , और यिद सं ाम का समय आ पड़े , तो हमारे बै रयों से िमलकर हम से लड़ और
इस दे श से िनकल जाएं ।
11 इसिलये उ ोंने उन पर बे गारी कराने वालों को िनयु िकया िक वे उन पर भार डाल डालकर उन को दु :ख िदया कर; तब उ ोंने िफरौन के िलये िपतोम और रामसेस नाम भ ार
वाले नगरों को बनाया।
12 पर ों ों वे उन को दु :ख दे ते गए ों ों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसिलये वे इ ाएिलयों से अ डर गए।
13 तौभी िमि यों ने इ ाएिलयों से कठोरता के साथ सेवकाई करवाई।
14 और उनके जीवन को गारे , ईंट और खेती के भांित भांित के काम की किठन से वा से दु :खी कर डाला; िजस िकसी काम म वे उन से सेवा करवाते थे उस म वे कठोरता का वहार
करते थे।
15 िश ा और पूआ नाम दो इ ी धाइयों को िम के राजा ने आ ा दी,
16 िक जब तु म इ ी यों को ब ा उ होने के समय ज ने के प रों पर बै ठी दे खो, तब यिद बेटा हो, तो उसे मार डालना; और बेटी हो, तो जीिवत रहने दे ना।
17 पर ु वे धाइयां परमे र का भय मानती थी ं, इसिलये िम के राजा की आ ा न मानकर लड़कों को भी जीिवत छोड़ दे ती थी ं।
18 तब िम के राजा ने उन को बुलवाकर पूछा, तुम जो लड़कों को जीिवत छोड़ दे ती हो, तो ऐसा ों करती हो?
19 धाइयों ने िफरौन को उतर िदया, िक इ ी यां िम ी यों के समान नहीं ह; वे ऐसी फुत ली ह िक धाइयों के प ं चने से पिहले ही उन को ब ा उ हो जाता है ।
20 इसिलये परमे र ने धाइयों के साथ भलाई की; और वे लोग बढ़कर ब त सामथ हो गए।
21 और धाइयां इसिलये िक वे परमे र का भय मानती थी ं उसने उनके घर बसाए।
22 तब िफरौन ने अपनी सारी जा के लोगों को आ ा दी, िक इि यों के िजतने बे टे उ हों उन सभों को तुम नील नदी म डाल दे ना, और सब बेिटयों को जीिवत रख छोड़ना।।
िनगमन 2
1 लेवी के घराने के एक पु ष ने एक लेवी वंश की ी को ाह िलया।
2 और वह ी गभवती ई और उसके एक पु उ आ; और यह दे खकर िक यह बालक सु र है , उसे तीन महीने तक िछपा रखा।
3 और जब वह उसे और िछपा न सकी तब उसके िलये सरकंड़ों की एक टोकरी ले कर, उस पर िचकनी िम ी और राल लगाकर, उस म बालक को रखकर नील नदी के तीर पर कां सों
के बीच छोड़ आई।
4 उस बालक िक बिहन दू र खड़ी रही, िक दे खे इसका ा हाल होगा।
5 तब िफरौन की बेटी नहाने के िलये नदी के तीर आई; उसकी स खयां नदी के तीर तीर टहलने लगी ं; तब उसने कांसों के बीच टोकरी को दे खकर अपनी दासी को उसे ले आने के िलये
भे जा।
6 तब उसने उसे खोल कर दे खा, िक एक रोता आ बालक है ; तब उसे तरस आया और उसने कहा, यह तो िकसी इ ी का बालक होगा।
7 तब बालक की बिहन ने िफरौन की बेटी से कहा, ा म जा कर इ ी यों म से िकसी धाई को तेरे पास बुला ले आऊं जो तेरे िलये बालक को दू ध िपलाया करे ?
8 िफरौन की बे टी ने कहा, जा। तब लड़की जा कर बालक की माता को बु ला ले आई।
9 िफरौन की बे टी ने उस से कहा, तू इस बालक को ले जा कर मे रे िलये दू ध िपलाया कर, और म तु झे मजदू री दू ं गी। तब वह ी बालक को ले जा कर दू ध िपलाने लगी।
10 जब बालक कुछ बड़ा आ तब वह उसे िफरौन की बे टी के पास ले गई, और वह उसका बे टा ठहरा; और उसने यह कहकर उसका नाम मूसा रखा, िक म ने इस को जल से िनकाल
िलया।।
11 उन िदनों म ऐसा आ िक जब मूसा जवान आ, और बाहर अपने भाई ब ु ओं के पास जा कर उनके दु :खों पर ि करने लगा; तब उसने दे खा, िक कोई िम ी जन मे रे एक इ ी
भाई को मार रहा है।
12 जब उसने इधर उधर दे खा िक कोई नही ं है, तब उस िम ी को मार डाला और बालू म िछपा िदया।।
13 िफर दू सरे िदन बाहर जा कर उसने दे खा िक दो इ ी पु ष आपस म मारपीट कर रहे ह; उसने अपराधी से कहा, तू अपने भाई को ों मारता है ?
14 उसने कहा, िकस ने तुझे हम लोगों पर हािकम और ायी ठहराया? िजस भांित तू ने िम ी को घात िकया ा उसी भांित तू मुझे भी घात करना चाहता है? तब मूसा यह सोचकर डर
गया, िक िन य वह बात खुल गई है।
15 जब िफरौन ने यह बात सुनी तब मूसा को घात करने की यु की। तब मू सा िफरौन के सा ने से भागा, और िम ान दे श म जा कर रहने लगा; और वह वहां एक कुएं के पास बैठ
गया।
16 िम ान के याजक की सात बेिटयां थी; और वे वहां आकर जल भरने लगी ं, िक कठौतों म भरके अपने िपता की भे ड़बक रयों को िपलाएं ।
17 तब चरवाहे आकर उन को हटाने लगे; इस पर मूसा ने खड़ा हो कर उनकी सहायता की, और भे ड़-बक रयों को पानी िपलाया।
18 जब वे अपने िपता एल के पास िफर आई, तब उसने उन से पूछा, ा कारण है िक आज तु म ऐसी फुत से आई हो?
19 उ ोंने कहा, एक िम ी पु ष ने हम को चरवाहों के हाथ से छु ड़ाया, और हमारे िलये ब त जल भरके भेड़-बक रयों को िपलाया।
20 तब उसने अपनी बेिटयों से कहा, वह पु ष कहां है? तुम उसको ोंछोड़ आई हो? उसको बुला ले आओ िक वह भोजन करे ।
21 और मू सा उस पु ष के साथ रहने को स आ; उसने उसे अपनी बे टी िस ोरा को ाह िदया।
22 और उसके एक पु उ आ, तब मूसा ने यह कहकर, िक म अ दे श म परदे शी ं , उसका नाम गे श म रखा।।
23 ब त िदनों के बीतने पर िम का राजा मर गया। और इ ाएली किठन सेवा के कारण ल ी ल ी सां स ले कर आह भरने लगे, और पुकार उठे , और उनकी दोहाई जो किठन सेवा
के कारण ई वह परमे र तक प ंची।
24 और परमे र ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने इ ाहीम, और इसहाक, और याकूब के साथ बा ी थी, रण िकया।
25 और परमे र ने इ ाएिलयों पर ि कर के उन पर िच लगाया।।
िनगमन 3
1 मू सा अपने ससुर िय ो नाम िम ान के याजक की भेड़-बक रयों को चराता था; और वह उ जंगल की परली ओर होरे ब नाम परमे र के पवत के पास ले गया।
2 और परमे र के दू त ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ म उसको दशन िदया; और उसने ि उठा कर दे खा िक झाड़ी जल रही है, पर भ नहीं होती।
3 तब मू सा ने सोचा, िक म उधर िफरके इस बड़े अच े को दे खूंगा, िक वह झाड़ी ों नही ं जल जाती।
4 जब यहोवा ने दे खा िक मूसा दे खने को मुड़ा चला आता है , तब परमे र ने झाड़ी के बीच से उसको पु कारा, िक हे मू सा, हे मूसा। मूसा ने कहा, ा आ ा।
5 उसने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूितयों को उतार दे , ोंिक िजस थान पर तू खड़ा है वह पिव भू िम है।
6 िफर उसने कहा, म तेरे िपता का परमे र, और इ ाहीम का परमे र, इसहाक का परमे र, और याकूब का परमे र ं। तब मूसा ने जो परमे र की ओर िनहारने से डरता था अपना
मुंह ढ़ांप िलया।
7 िफर यहोवा ने कहा, म ने अपनी जा के लोग जो िम म ह उनके दु :ख को िन य दे खा है , और उनकी जो िच ाहट प र म कराने वालों के कारण होती है उसको भी म ने सु ना है,
और उनकी पीड़ा पर म ने िच लगाया है ;
8 इसिलये अब म उतर आया ं िक उ िमि यों के वश से छु ड़ाऊं, और उस दे श से िनकाल कर एक अ े और बड़े दे श म िजस म दू ध और मधु की धारा बहती है, अथात कनानी,
िह ी, एमोरी, प र ी, िह ी, और यबू सी लोगों के थान म प ं चाऊं।
9 सो अब सुन, इ ाएिलयों की िच ाहट मु झे सु नाईं पड़ी है, और िमि यों का उन पर अ े र करना भी मु झे िदखाई पड़ा है,
10 इसिलये आ, म तु झे िफरौन के पास भेजता ं िक तू मेरी इ ाएली जा को िम से िनकाल ले आए।
11 तब मू सा ने परमे र से कहा, म कौन ं जो िफरौन के पास जाऊं, और इ ाएिलयों को िम से िनकाल ले आऊं?
12 उसने कहा, िन य म तेरे संग र ंगा; और इस बात का िक तेरा भेजने वाला म ं, ते रे िलये यह िच होगा िक जब तू उन लोगों को िम से िनकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर
परमे र की उपासना करोगे।
13 मूसा ने परमे र से कहा, जब म इ ाएिलयों के पास जा कर उन से यह क ं, िक तु ारे िपतरों के परमे र ने मु झे तु ारे पास भेजा है, तब यिद वे मुझ से पूछ, िक उसका ा नाम
है ? तब म उन को ा बताऊं?
14 परमे र ने मूसा से कहा, म जो ं सो ं। िफर उसने कहा, तू इ ाएिलयों से यह कहना, िक िजसका नाम म ं है उसी ने मुझे तु ारे पास भेजा है।
15 िफर परमे र ने मूसा से यह भी कहा, िक तू इ ाएिलयों से यह कहना, िक तु ारे िपतरों का परमे र, अथात इ ाहीम का परमे र, इसहाक का परमे र और याकूब का परमे र,
यहोवा उसी ने मुझ को तु ारे पास भेजा है। दे ख सदा तक मे रा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी म मेरा रण इसी से आ करे गा।
16 इसिलये अब जा कर इ ाएली पुरिनयों को इक ा कर, और उन से कह, िक तु ारे िपतर इ ाहीम, इसहाक, और याकूब के परमे र, यहोवा ने मुझे दशन दे कर यह कहा है, िक म
ने तुम पर और तुम से जो बताव िम म िकया जाता है उस पर भी िचत लगाया है ;
17 और म ने ठान िलया है िक तुम को िम के दु खों म से िनकाल कर कनानी, िह ी, एमोरी, प र ी िह ी, और यबू सी लोगों के दे श म ले चलूंगा, जो ऐसा दे श है िक िजस म दू ध और
मधु की धारा बहती है।
18 तब वे ते री मानगे; और तू इ ाएली पुरिनयों को संग ले कर िम के राजा के पास जा कर उस से यों कहना, िक इि यों के परमे र, यहोवा से हम लोगों की भट ई है; इसिलये अब
हम को तीन िदन के माग पर जंगल म जाने दे , िक अपने परमे र यहोवा को बिलदान चढ़ाएं ।
19 म जानता ं िक िम का राजा तुम को जाने न दे गा वरन बड़े बल से दबाए जाने पर भी जाने न दे गा।
20 इसिलये म हाथ बढ़ाकर उन सब आ यकम से जो िम के बीच क ं गा उस दे श को मा ं गा; और उसके प ात वह तुम को जाने दे गा।
21 तब म िमि यों से अपनी इस जा पर अनु ह करवाऊंगा; और जब तुम िनकलोगे तब छूछे हाथ न िनकलोगे ।
22 वरन तु ारी एक एक ी अपनी अपनी पड़ोिसन, और अपने अपने घर की पा नी से सोने चां दी के गहने, और व मांग लेगी, और तुम उ अपने बे टों और बेिटयों को पिहराना;
इस कार तुम िमि यों को लू टोगे ।।
िनगमन 4
1 तब मू सा ने उतर िदया, िक वे मेरी तीित न करगे और न मे री सुनगे, वरन कहगे , िक यहोवा ने तुझ को दशन नही ं िदया।
2 यहोवा ने उस से कहा, तेरे हाथ म वह ा है? वह बोला, लाठी।
3 उसने कहा, उसे भूिम पर डाल दे ; जब उसने उसे भूिम पर डाला तब वह सप बन गई, और मू सा उसके सा ने से भागा।
4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले िक वे लोग तीित कर िक तु ारे िपतरों के परमे र अथात इ ाहीम के परमे र, इसहाक के परमे र, और याकूब के
परमे र, यहोवा ने तुझ को दशन िदया है।
5 तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ म िफर लाठी बन गई।
6 िफर यहोवा ने उस से यह भी कहा, िक अपना हाथ छाती पर रखकर ढां प। सो उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढां प िलया; िफर जब उसे िनकाला तब ा दे खा, िक उसका हाथ
कोढ़ के कारण िहम के समान ेत हो गया है।
7 तब उसने कहा, अपना हाथ छाती पर िफर रखकर ढांप। और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढां प िलया; और जब उसने उसको छाती पर से िनकाला तब ा दे खता है , िक वह
िफर सारी दे ह के समान हो गया।
8 तब यहोवा ने कहा, यिद वे तेरी बात की तीित न कर, और पिहले िच को न मान, तो दू सरे िच की तीित करगे ।
9 और यिद वे इन दोनों िच ोंकी तीित न कर और तेरी बात को न मान, तब तू नील नदी से कुछ जल ले कर सू खी भू िम पर डालना; और जो जल तू नदी से िनकालेगा वह सूखी भूिम
पर लो बन जायेगा।
10 मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे भु, म बोलने म िनपुण नही ं, न तो पिहले था, और न जब से तू अपने दास से बात करने लगा; म तो मुंह और जीभ का भ ा ं।
11 यहोवा ने उस से कहा, मनु का मुंह िकस ने बनाया है ? और मनु को गूं गा, वा बिहरा, वा दे खने वाला, वा अ ा, मु झ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है?
12 अब जा, म तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे िसखलाता जाऊंगा।
13 उसने कहा, हे मेरे भु, िजस को तू चाहे उसी के हाथ से भे ज।
14 तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, ा तेरा भाई ले वीय हा न नही ं है ? मु झे तो िन य है िक वह बोलने म िनपुण है, और वह तेरी भट के िलये िनकला भी आता
है , और तु झे दे खकर मन म आन त होगा।
15 इसिलये तू उसे ये बात िसखाना; और म उसके मुख के संग और तेरे मु ख के संग हो कर जो कुछ तु करना होगा वह तुम को िसखलाता जाऊंगा।
16 और वह ते री ओर से लोगों से बात िकया करे गा; वह तेरे िलये मुं ह और तू उसके िलये परमे र ठहरे गा।
17 और तू इस लाठी को हाथ म िलये जा, और इसी से इन िच ों को िदखाना।।
18 तब मू सा अपने ससुर िय ो के पास लौटा और उस से कहा, मु झे िवदा कर, िक म िम म रहने वाले अपने भाइयों के पास जा कर दे खूं िक वे अब तक जीिवत ह वा नहीं। िय ो ने
कहा, कुशल से जा।
19 और यहोवा ने िम ान दे श म मूसा से कहा, िम को लौट जा; ोंिक जो मनु ते रे ाण के ासे थे वे सब मर गए ह
20 तब मू सा अपनी प ी और बेटों को गदहे पर चढ़ाकर िम दे श की ओर परमे र की उस लाठी को हाथ म िलये ए लौटा।
21 और यहोवा ने मूसा से कहा, जब तू िम म प ंचे तब सावधान हो जाना, और जो चम ार म ने ते रे वश म िकए ह उन सभों को िफरौन को िदखलाना; पर ु म उसके मन को
हठीला क ं गा, और वह मेरी जा को जाने न दे गा।
22 और तू िफरौन से कहना, िक यहोवा यों कहता है, िक इ ाएल मेरा पु वरन मे रा जे ठा है ,
23 और म जो तु झ से कह चुका ं, िक मेरे पु को जाने दे िक वह मेरी सेवा करे ; और तू ने अब तक उसे जाने नही ं िदया, इस कारण म अब तेरे पु वरन तेरे जेठे को घात क ं गा।
24 और ऐसा आ िक माग पर सराय म यहोवा ने मूसा से भट कर के उसे मार डालना चाहा।
25 तब िस ोरा ने एक तेज चकमक प र ले कर अपने बेटे की खलड़ी को काट डाला, और मूसा के पावों पर यह कहकर फक िदया, िक िन य तू लो बहाने वाला मेरा पित है।
26 तब उसने उसको छोड़ िदया। और उसी समय खतने के कारण वह बोली, तू लो बहाने वाला पित है।
27 तब यहोवा ने हा न से कहा, मूसा से भट करने को जं गल म जा। और वह गया, और परमे र के पवत पर उस से िमला और उसको चूमा।
28 तब मू सा ने हा न को यह बतलाया िक यहोवा ने ा ा बात कहकर उसको भे जा है , और कौन कौन से िच िदखलाने की आ ा उसे दी है।
29 तब मू सा और हा न ने जा कर इ ाएिलयों के सब पुरिनयों को इक ा िकया।
30 और िजतनी बात यहोवा ने मूसा से कही थी वह सब हा न ने उ सु नाईं, और लोगों के सा ने वे िच भी िदखलाए।
31 और लोगों ने उनकी तीित की; और यह सुनकर, िक यहोवा ने इ ाएिलयों की सु िध ली और उनके दु :खों पर ि की है, उ ोंने िसर झुका कर द वत की।।
िनगमन 5
1 इसके प ात मूसा और हा न ने जा कर िफरौन से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक मेरी जा के लोगों को जाने दे , िक वे जंगल म मेरे िलये प कर।
2 िफरौन ने कहा, यहोवा कौन है, िक म उसका वचन मानकर इ ाएिलयों को जाने दू ं ? म यहोवा को नही ं जानता, और म इ ाएिलयों को नहीं जाने दू ं गा।
3 उ ोंने कहा, इि यों के परमे र ने हम से भट की है; सो हम जं गल म तीन िदन के माग पर जाने दे , िक अपने परमे र यहोवा के िलये बिलदान कर, ऐसा न हो िक वह हम म मरी
फैलाए वा तलवार चलवाए।
4 िम के राजा ने उन से कहा, हे मूसा, हे हा न, तुम ों लोगों से काम छु ड़वाने चाहते हो? तुम जा कर अपने अपने बोझ को उठाओ।
5 और िफरोन ने कहा, सुनो, इस दे श म वे लोग ब त हो गए ह, िफर तुम उन को प र म से िव ाम िदलाना चाहते हो!
6 और िफरौन ने उसी िदन उन प र म करवाने वालों को जो उन लोगों के ऊपर थे, और उनके सरदारों को यह आ ा दी,
7 िक तुम जो अब तक ईट बनाने के िलये लोगों को पुआल िदया करते थे सो आगे को न दे ना; वे आप ही जा कर अपने िलये पु आल इक ा कर।
8 तौभी िजतनी ईंट अब तक उ बनानी पड़ती थी ं उतनी ही आगे को भी उन से बनवाना, ईंटोंकी िगनती कुछ भी न घटाना; ोंिक वे आलसी ह; इस कारण यह कहकर िच ाते ह,
िक हम जा कर अपने परमे र के िलये बिलदान कर।
9 उन मनु ों से और भी किठन सेवा करवाई जाए िक वे उस म प र म करते रह और झूठी बातों पर ान न लगाएं ।
10 तब लोगों के प र म कराने वालों ने और सरदारों ने बाहर जा कर उन से कहा, िफरौन इस कार कहता है , िक म तु पुआल नही ं दू ं गा।
11 तुम ही जा कर जहां कहीं पुआल िमले वहां से उसको बटोर कर ले आओ; पर ु तु ारा काम कुछ भी नही ं घटाया जाएगा।
12 सो वे लोग सारे िम दे श म ित र-िब र ए िक पुआल की स ी खूंटी बटोर।
13 और प र म करने वाले यह कह कहकर उन से ज ी करते रहे , िक िजस कार तु म पुआल पाकर िकया करते थे उसी कार अपना ितिदन का काम अब भी पूरा करो।
14 और इ ाएिलयों म से िजन सरदारों को िफरौन के प र म कराने वालों ने उनका अिधकारी ठहराया था, उ ोंने मार खाई, और उन से पूछा गया, िक ा कारण है िक तु म ने अपनी
ठहराई ई ईंटों की िगनती के अनुसार पिहले की नाईं कल और आज पूरी नहीं कराई?
15 तब इ ाएिलयों के सरदारोंने जाकर िफरौन की दोहाई यह कहकर दी, िक तू अपने दासों से ऐसा बताव ों करता है ?
16 तेरे दासों को पुआल तो िदया ही नही ं जाता और वे हम से कहते रहते ह, ईंटे बनाओ, ईंट बनाओ, और ते रे दासों ने भी मार खाई ह; पर ु दोष ते रे ही लोगों का है।
17 िफरौन ने कहा, तु म आलसी हो, आलसी; इसी कारण कहते हो िक हमे यहोवा के िलये बिलदान करने को जाने दे ।
18 और जब आकर अपना काम करो; और पुआल तुम को नही ं िदया जाएगा, पर ु ईटों की िगनती पूरी करनी पड़े गी।
19 जब इ ाएिलयों के सरदारों ने यह बात सुनी िक उनकी ईंटों की िगनती न घटे गी, और ितिदन उतना ही काम पू रा करना पड़े गा, तब वे जान गए िक उनके दु भा के िदन आ गए
ह।
20 जब वे िफरौन के स ुख से बाहर िनकल आए तब मू सा और हा न, जो उन से भट करने के िलये खड़े थे , उ िमले ।
21 और उ ोंने मूसा और हा न से कहा, यहोवा तुम पर ि कर के ाय करे , ोंिक तुम ने हम को िफरौन और उसके कमचा रयों की ि म घृिणत ठहरवाकर हम घात करने के
िलये उनके हाथ म तलवार दे दी है।
22 तब मू सा ने यहोवा के पास लौट कर कहा, हे भु, तू ने इस जा के साथ ऐसी बुराई ों की? और तू ने मुझे यहां ों भेजा?
23 जब से म तेरे नाम से िफरौन के पास बात करने के िलये गया तब से उसने इस जा के साथ बुरा ही वहार िकया है, और तू ने अपनी जा का कुछ भी छु टकारा नही ं िकया।
िनगमन 6
1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू दे खेगा िक म िफरौन ने ा क ं गा; िजस से वह उन को बरबस िनकालेगा, वह तो उ अपने दे श से बरबस िनकाल दे गा।।
2 और परमे र ने मू सा से कहा, िक म यहोवा ं।
3 म सवश मान ई र के नाम से इ ाहीम, इसहाक, और याकूब को दशन दे ता था, पर ु यहोवा के नाम से म उन पर गट न आ।
4 और म ने उनके साथ अपनी वाचा ढ़ की है, अथात कनान दे श िजस म वे परदे शी हो कर रहते थे, उसे उ दे दू ं ।
5 और इ ाएली िज िम ी लोग दास म रखते ह उनका कराहना भी सुनकर म ने अपनी वाचा को रण िकया है ।
6 इस कारण तू इ ाएिलयों से कह, िक म यहोवा ं, और तुम को िमि यों के बोझों के नीचे से िनकालूंगा, और उनके दास से तुम को छु ड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी
द दे कर तु छु ड़ा लूंगा,
7 और म तुम को अपनी जा बनाने के िलये अपना लूंगा, और म तु ारा परमे र ठह ं गा; और तुम जान लोगे िक म तु ारा परमे र यहोवा ं जो तु िमि यों के बोझों के नीचे से
िनकाल ले आया।
8 और िजस दे श के दे ने की शपथ म ने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी म म तु प ंचाकर उसे तु ारा भाग कर दू ं गा। म तो यहोवा ं।
9 और ये बात मूसा ने इ ाएिलयों को सु नाईं; पर ु उ ोंने मन की बे चैनी और दास की ू रता के कारण उसकी न सु नी।।
10 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
11 तू जा कर िम के राजा िफरौन से कह, िक इ ाएिलयों को अपने दे श म से िनकल जाने दे ।
12 और मू सा ने यहोवा से कहा, दे ख, इ ाएिलयों ने मे री नही ं सुनी; िफर िफरौन मुझ भ े बोलने वाले की ोंकर सुनेगा?
13 और यहोवा ने मूसा और हा न को इ ाएिलयोंऔर िम के राजा िफरौन के िलये आ ा इस अिभ ाय से दी िक वे इ ाएिलयों को िम दे श से िनकाल ले जाएं ।
14 उनके िपतरों के घरानोंके मु पु ष ये ह: इ ाएल के जेठा बे न के पु : हनोक, प ू, हे ोन और क थे ; इ ी ं से बेन के कुल िनकले।
15 और िशमोन के पु : यमूएल, यामीन, ओहद, यािकन, और सोहर थे, और एक कनानी ी का बे टा शाउल भी था; इ ी ं से िशमोन के कुल िनकले।
16 और ले वी के पु िजन से उनकी वंशावली चली है, उनके नाम ये ह: अथात गे श न, कहात और मरारी, और ले वी को पू री अव था एक सौ सतीस वष की ई।
17 गेश न के पु िजन से उनका कुल चला: िलबनी और िशमी थे ।
18 और कहात के पु : अ ाम, ियसहार, हे ोन और उ ीएल थे, और कहात की पू री अव था एक सौ सतीस वष की ई।
19 और मरारी के पु : महली और मू शी थे। लेिवयों के कुल िजन से उनकी वंशावली चली ये ही ह।
20 अ ाम ने अपनी फूफी योकेबेद को ाह िलया और उस से हा न और मू सा उ ए, और अ ाम की पू री अव था एक सौ सतीस वष की ई।
21 और ियसहार के पु कोरह, नेपेग और िज ी थे।
22 और उ ीएल के पु : मीशाएल, एलसापन और िस ी थे ।
23 और हा न ने अ ीनादाब की बेटी, और नहशोन की बिहन एलीशेबा को ाह िलया; और उस से नादाब, अबी , ऐलाजार और ईतामार उ ए।
24 और कोरह के पु : अ ीर, एलकाना और अबीआसाप थे ; और इ ी ं से कोरिहयों के कुल िनकले।
25 और हा न के पु एलाजार ने पूतीएल की एक बेटी को ाह िलया; और उस से पीनहास उ आ िजन से उनका कुल चला। लेिवयों के िपतरों के घरानों के मु पु ष ये ही
ह।
26 हा न और मूसा वे ही ह िजन को यहोवा ने यह आ ा दी, िक इ ाएिलयों को दल दल कर के उनके ज ों के अनु सार िम दे श से िनकाल ले आओ।
27 ये वही मूसा और हा न ह िज ोंने िम के राजा िफरौन से कहा, िक हम इ ाएिलयों को िम से िनकाल ले जाएं गे ।।
28 जब यहोवा ने िम दे श म मूसा से यह बात कही,
29 िक म तो यहोवा ं; इसिलये जो कुछ म तुम से क ंगा वह सब िम के राजा िफरौन से कहना।
30 और मू सा ने यहोवा को उ र िदया, िक म तो बोलने म भ ा ं; और िफरोन ोंकर मेरी सु नेगा?
िनगमन 7
1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, म तुझे िफरौन के िलये परमे र सा ठहराता ं; और ते रा भाई हा न तेरा नबी ठहरे गा।
2 जो जो आ ा म तुझे दू ं वही तू कहना, और हा न उसे िफरौन से कहेगा िजस से वह इ ाएिलयों को अपने दे श से िनकल जाने दे ।
3 और म िफरौन के मन को कठोर कर दू ं गा, और अपने िच और चम ार िम दे श म ब त से िदखलाऊंगा।
4 तौभी िफरौन तु ारी न सुनेगा; और म िम दे श पर अपना हाथ बढ़ाकर िमि यों को भारी द दे कर अपनी से ना अथात अपनी इ ाएली जा को िम दे श से िनकाल लूंगा।
5 और जब म िम पर हाथ बढ़ा कर इ ाएिलयों को उनके बीच से िनकालूंगा तब िम ी जान लगे, िक म यहोवा ं ।
6 तब मू सा और हा न ने यहोवा की आ ा के अनुसार ही िकया।
7 और जब मूसा और हा न िफरौन से बात करने लगे तब मूसा तो अ ी वष का था, और हा न ितरासी वष का था।।
8 िफर यहोवा ने, मूसा और हा न से इस कार कहा,
9 िक जब िफरौन तुम से कहे, िक अपने माण का कोई चम ार िदखाओ, तब तू हा न से कहना, िक अपनी लाठी को ले कर िफरौन के सा ने डाल दे , िक वह अजगर बन जाए।
10 तब मू सा और हा न ने िफरौन के पास जा कर यहोवा की आ ा के अनुसार िकया; और जब हा न ने अपनी लाठी को िफरौन और उसके कमचा रयों के सा ने डाल िदया, तब
वह अजगर बन गया।
11 तब िफरौन ने प तों और टोनहा करने वालों को बुलवाया; और िम के जादू गरों ने आकर अपने अपने तं मं से वैसा ही िकया।
12 उ ोंने भी अपनी अपनी लाठी को डाल िदया, और वे भी अजगर बन गए। पर हा न की लाठी उनकी लािठयों को िनगल गई।
13 पर ु िफरौन का मन और हठीला हो गया, और यहोवा के वचन के अनु सार उसने मू सा और हा न की बातों को नही ं माना।।
14 तब यहोवा ने मूसा से कहा, िफरोन का मन कठोर हो गया है और वह इस जा को जाने नहीं दे ता।
15 इसिलये िबहान को िफरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सप बन गई थी, उसको हाथ म िलये ए नील नदी के तट पर उस से भट करने के िलये
खड़ा रहना।
16 और उस से इस कार कहना, िक इि यों के परमे र यहोवा ने मु झे यह कहने के िलये ते रे पास भेजा है , िक मे री जा के लोगों को जाने दे िक िजस से वे जंगल म मे री उपासना कर;
और अब तक तू ने मेरा कहना नही ं माना।
17 यहोवा यों कहता है, इस से तू जान लेगा िक म ही परमे र ं ; दे ख, म अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मा ं गा, और जल लो बन जाएगा,
18 और जो मछिलयां नील नदी म ह वे मर जाएं गी, और नील नदी बसाने लगे गी, और नदी का पानी पीने के िलये िमि यों का जी न चाहेगा।
19 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, हा न से कह, िक अपनी लाठी ले कर िम दे श म िजतना जल है , अथात उसकी निदयां , नहर, झील, और पोखरे , सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा िक
उनका जल लो बन जाए; और सारे िम दे श म काठ और प र दोनों भां ित के जलपा ों म लो ही लो हो जाएगा।
20 तब मू सा और हा न ने यहोवा की आ ा ही के अनुसार िकया, अथात उसने लाठी को उठा कर िफरौन और उसके कमचा रयों के दे खते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का
सब जल लो बन गया।
21 और नील नदी म जो मछिलयां थी ं वे मर गई; और नदी से दु ग आने लगी, और िम ी लोग नदी का पानी न पी सके; और सारे िम दे श म लो हो गया।
22 तब िम के जादू गरों ने भी अपने तं -मं ो से वैसा ही िकया; तौभी िफरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हा न की न मानी।
23 िफरौन ने इस पर भी ान नही ं िदया, और मुंह फेर के अपने घर म चला गया।
24 और सब िम ी लोग पीने के जल के िलये नील नदी के आस पास खोदने लगे , ोंिक वे नदी का जल नहीं पी सकते थे।
25 और जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात िदन हो चु के थे।।
िनगमन 8
1 और तब यहोवा ने िफर मूसा से कहा, िफरौन के पास जा कर कह, यहोवा तु झ से इस कार कहता है , िक मे री जा के लोगों को जाने दे िजस से वे मेरी उपासना कर।
2 और यिद उ जाने न दे गा तो सुन, म मढ़क भेज कर तेरे सारे दे श को हािन प ं चाने वाला ं ।
3 और नील नदी मढ़कों से भर जाएगी, और वे तेरे भवन म, और तेरे िबछौने पर, और ते रे कमचा रयों के घरों म, और तेरी जा पर, वरन तेरे त दू रों और कठौितयों म भी चढ़ जाएं गे ।
4 और तुझ पर, और तेरी जा, और तेरे कमचा रयों, सभों पर मढ़क चढ़ जाएं गे।
5 िफर यहोवा ने मूसा को आ ा दी, िक हा न से कह दे , िक निदयों, नहरों, और झीलों के ऊपर लाठी के साथ अपना हाथ बढ़ाकर मढकों को िम दे श पर चढ़ा ले आए।
6 तब हा न ने िम के जलाशयों के ऊपर अपना हाथ बढ़ाया; और मढ़कों ने िम दे श पर चढ़कर उसे छा िलया।
7 और जादू गर भी अपने तं -मं ों से उसी कार िम दे श पर मढक चढ़ा ले आए।
8 तक िफरौन ने मू सा और हा न को बुलवाकर कहा, यहोवा से िबनती करो िक वह मढ़कों को मु झ से और मेरी जा से दू र करे ; और म इ ाएली लोगों को जाने दू ं गा िजस से वे यहोवा
के िलये बिलदान कर।
9 तब मू सा ने िफरौन से कहा, इतनी बात पर तो मुझ पर तेरा घमं ड रहे, अब म ते रे, और ते रे कमचा रयों, और जा के िनिम कब िबनती क ं , िक यहोवा ते रे पास से और तेरे घरों म
से मढकों को दू र करे , और वे केवल नील नदी म पाए जाएं ?
10 उसने कहा, कल। उसने कहा, तेरे वचन के अनुसार होगा, िजस से तुझे यह ात हो जाए िक हमारे परमे र यहोवा के तु कोई दू सरा नही ं है।
11 और मढक ते रे पास से , और तेरे घरों म से, और तेरे कमचा रयोंऔर जा के पास से दू र हो कर केवल नील नदी म रहगे।
12 तब मू सा और हा न िफरौन के पास से िनकल गए; और मूसा ने उन मढकों के िवषय यहोवा की दोहाई दी जो उसने िफरौन पर भेजे थे।
13 और यहोवा ने मूसा के कहने के अनुसार िकया; और मढक घरों, आं गनों, और खेतों म मर गए।
14 और लोगों ने इक े कर के उनके ढे र लगा िदए, और सारा दे श दु ग से भर गया।
15 पर ु जब िफरोन ने दे खा िक अब आराम िमला है तक यहोवा के कहने के अनु सार उसने िफर अपने मन को कठोर िकया, और उनकी न सुनी।।
16 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, हा न को आ ा दे , िक तू अपनी लाठी बढ़ाकर भू िम की धूल पर मार, िजस से वह िम दे श भर म कुटिकयां बन जाएं ।
17 और उ ोंने वैसा ही िकया; अथात हा न ने लाठी को ले हाथ बढ़ाकर भू िम की धूल पर मारा, तब मनु और पशु दोनों पर कुटिकयां हो गई वरन सारे िम दे श म भूिम की धूल
कुटिकयां बन गई।
18 तब जादू गरोंने चाहा िक अपने तं मं ों के बल से हम भी कुटिकयां ले आएं , पर ु यह उन से न हो सका। और मनु ोंऔर पशुओं दोनों पर कुटिकयां बनी ही रही ं।
19 तब जादू गरोंने िफरौन से कहा, यह तो परमे र के हाथ का काम है। तौभी यहोवा के कहने के अनुसार िफरौन का मन कठोर होता गया, और उसने मूसा और हा न की बात न
मानी।।
20 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, िबहान को तड़के उठ कर िफरौन के सा ने खड़ा होना, वह तो जल की ओर आएगा, और उस से कहना, िक यहोवा तुझ से यह कहता है , िक मे री जा
के लोगों को जाने दे , िक वे मेरी उपासना कर।
21 यिद तू मेरी जा को न जाने दे गा तो सुन, म तुझ पर, और तेरे कमचा रयों और ते री जा पर, और ते रे घरों म झुंड के झुंड डां स भेजूंगा; और िमि यों के घर और उनके रहने की
भूिम भी डां सों से भर जाएगी।
22 उस िदन म गोशेन दे श को िजस म मेरी जा रहती है अलग क ं गा, और उस म डां सों के झुंड न होंगे; िजस से तू जान ले िक पृ ी के बीच म ही यहोवा ं।
23 और म अपनी जा और तेरी जा म अ र ठहराऊंगा। यह िच कल होगा।
24 और यहोवा ने वैसा ही िकया, और िफरौन के भवन, और उसके कमचा रयों के घरों म, और सारे िम दे श म डां सों के झुंड के झुंड भर गए, और डांसों के मारे वह दे श नाश आ।
25 तब िफरौन ने मूसा और हा न को बुलवाकर कहा, तुम जा कर अपने परमे र के िलये इसी दे श म बिलदान करो।
26 मूसा ने कहा, ऐसा करना उिचत नहीं; ोंिक हम अपने परमे र यहोवा के िलये िमि यों की घृ िणत व ु बिलदान करग; और यिद हम िमि यों के दे खते उनकी घृिणत व ु
बिलदान कर तो ा वे हम को प रवाह न करगे?
27 हम जं गल म तीन िदन के माग पर जा कर अपने परमे र यहोवा के िलये जै सा वह हम से कहे गा वैसा ही बिलदान करगे।
28 िफरौन ने कहा, म तुम को जंगल म जाने दू ं गा िक तुम अपने परमे र यहोवा के िलये जं गल म बिलदान करो; केवल ब त दू र न जाना, और मेरे िलये िबनती करो।
29 तब मू सा ने कहा, सुन, म तेरे पास से बाहर जा कर यहोवा से िबनती क ं गा िक डां सों के झुंड तेरे, और तेरे कमचा रयों, और जा के पास से कल ही दू र हों; पर िफरौन आगे को
कपट कर के हम यहोवा के िलये बिलदान करने को जाने दे ने के िलये नाही ं न करे ।
30 सो मूसा ने िफरौन के पास से बाहर जा कर यहोवा से िबनती की।
31 और यहोवा ने मूसा के कहे के अनुसार डांसों के झु ों को िफरौन, और उसके कमचा रयों, और उसकी जा से दू र िकया; यहां तक िक एक भी न रहा।
32 तक िफरौन ने इस बार भी अपने मन को सु िकया, और उन लोगों को जाने न िदया।।
िनगमन 9
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, िफरोन के पास जा कर कह, िक इि यों का परमे र यहोवा तु झ से इस कार कहता है , िक मेरी जा के लोगों को जाने दे , िक मेरी उपासना कर।
2 और यिद तू उ जाने न दे और अब भी पकड़े रहे,
3 तो सु न, ते रे जो घोड़े , गदहे, ऊंट, गाय-बैल, भेड़-बकरी आिद पशु मै दान म ह, उन पर यहोवा का हाथ ऐसा पड़े गा िक ब त भारी मरी होगी।
4 और यहोवा इ ाएिलयों के पशुओं म और िमि यों के पशुओं म ऐसा अ र करे गा, िक जो इ ाएिलयों के ह उन म से कोई भी न मरे गा।
5 िफर यहोवा ने यह कहकर एक समय ठहराया, िक म यह काम इस दे श म कल क ं गा।
6 दू सरे िदन यहोवा ने ऐसा ही िकया; और िम के तो सब पशु मर गए, पर ु इ ाएिलयों का एक भी पशु न मरा।
7 और िफरौन ने लोगों को भेजा, पर इ ाएिलयों के पशुओं म से एक भी नही ं मरा था। तौभी िफरौन का मन सु हो गया, और उसने उन लोगों को जाने न िदया।
8 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा, िक तुम दोनों भ ी म से एक एक मु ी राख ले लो, और मू सा उसे िफरौन के सा ने आकाश की ओर उड़ा दे ।
9 तब वह सू धूल हो कर सारे िम दे श म मनु ों और पशुओं दोनों पर फफोले और फोड़े बन जाएगी।
10 सो वे भ ी म की राख ले कर िफरौन के सा ने खड़े ए, और मू सा ने उसे आकाश की ओर उड़ा िदया, और वह मनु ों और पशुओं दोनों पर फफोले और फोड़े बन गई।
11 और उन फोड़ोंके कारण जादू गर मूसा के सा ने खड़े न रह सके, ोंिक वे फोड़े जै से सब िमि यों के वैसे ही जादू गरों के भी िनकले थे।
12 तब यहोवा ने िफरौन के मन को कठोर कर िदया, और जै सा यहोवा ने मूसा से कहा था, उसने उसकी न सु नी।।
13 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, िबहान को तड़के उठ कर िफरौन के सा ने खड़ा हो, और उस से कह इि यों का परमे र यहोवा इस कार कहता है, िक मेरी जा के लोगों को जाने
दे , िक वे मे री उपासना कर।
14 नही ं तो अब की बार म तुझ पर, और तेरे कमचा रयों और ते री जा पर सब कार की िवपि यां डालूं गा, िजससे तू जान ले िक सारी पृ ी पर मेरे तु कोई दू सरा नही ं है।
15 म ने तो अभी हाथ बढ़ाकर तुझे और तेरी जा को मरी से मारा होता, और तू पृ ी पर से स नाश हो गया होता;
16 पर ु सचमु च म ने इसी कारण तुझे बनाए रखा है, िक तु झे अपना साम िदखाऊं, और अपना नाम सारी पृ ी पर िस क ं ।
17 ा तू अब भी मेरी जा के सा ने अपने आप को बड़ा समझता है, और उ जाने नही ं दे ता?
18 सु न, कल म इसी समय ऐसे भारी भारी ओले बरसाऊंगा, िक िजन के तु िम की नेव पड़ने के िदन से ले कर अब तक कभी नही ं पड़े ।
19 सो अब लोगों को भेज कर अपने पशुओं को अपने मैदान म जो कुछ ते रा है सब को फुत से आड़ म िछपा ले ; नही ं तो िजतने मनु वा पशु मैदान म रह और घर म इक े न िकए
जाएं उन पर ओले िगरगे, और वे मर जाएं गे।
20 इसिलये िफरौन के कमचा रयोंम से जो लोग यहोवा के वचन का भय मानते थे उ ोंने तो अपने अपने सेवकों और पशुओं को घर म हाँक िदया।
21 पर िज ोंने यहोवा के वचन पर मन न लगाया उ ोंने अपने से वकों और पशुओं को मैदान म रहने िदया।।
22 तक यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा, िक सारे िम दे श के मनु ों पशुओं और खे तों की सारी उपज पर ओले िगर।
23 तब मू सा ने अपनी लाठी को आकाश की ओर उठाया; और यहोवा मेघ गरजाने और ओले बरसाने लगा, और आग पृ ी तक आती रही। इस कार यहोवा ने िम दे श पर ओले
बरसाए।
24 जो ओले िगरते थे उनके साथ आग भी िमली ई थी, और वे ओले इतने भारी थे िक जब से िम दे श बसा था तब से िम भर म ऐसे ओले कभी न िगरे थे।
25 इसिलये िम भर के खे तों म ा मनु , ा पशु, िजतने थे सब ओलों से मारे गए, और ओलों से खेत की सारी उपज न हो गई, और मैदान के सब वृ टू ट गए।
26 केवल गोशेन दे श म जहां इ ाएली बसते थे ओले नहीं िगरे ।
27 तब िफरौन ने मूसा और हा न को बुलवा भेजा और उन से कहा, िक इस बार म ने पाप िकया है ; यहोवा धम है , और म और मेरी जा अधम ह।
28 मेघों का गरजना और ओलों का बरसना तो ब त हो गया; अब भिव म यहोवा से िबनती करो; तब म तुम लोगों को जाने दू ं गा, और तुम न रोके जाओगे।
29 मूसा ने उस से कहा, नगर से िनकलते ही म यहोवा की ओर हाथ फैलाऊंगा, तब बादल का गरजना ब हो जाएगा, और ओले िफर न िगरगे, इस से तू जान लेगा िक पृ ी यहोवा ही
की है।
30 तौभी म जानता ं, िक न तो तू और न तेरे कमचारी यहोवा परमे र का भय मानगे ।
31 सन और जव तो ओलों से मारे गए, ोंिक जव की बाल िनकल चु की थी ं और सन म फूल लगे ए थे।
32 पर गे ं और किठया गे ं जो बढ़े न थे, इस कारण वे मारे न गए।
33 जब मू सा ने िफरौन के पास से नगर के बाहर िनकल कर यहोवा की ओर हाथ फैलाए, तब बादल का गरजना और ओलों का बरसना ब आ, और िफर ब त मह भू िम पर न
पड़ा।
34 यह दे ख कर िक मह और ओलों और बादल का गरजना ब हो गया िफरौन ने अपने कमचा रयों समे त िफर अपने मन को कठोर कर के पाप िकया।
35 और िफरौन का मन हठीला होता गया, और उसने इ ाएिलयों को जाने न िदया; जैसा िक यहोवा ने मूसा के ारा कहलवाया था।।
िनगमन 10
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, िफरोन के पास जा; ोंिक म ही ने उसके और उसके कमचा रयों के मन को इसिलये कठोर कर िदया है, िक अपने िच उनके बीच म िदखलाऊं।
2 और तु म लोग अपने बेटों और पोतों से इसका वणन करो िक यहोवा ने िमि यों को कैसे ठ ों म उड़ाया और अपने ा ा िच उनके बीच गट िकए ह; िजस से तुम यह जान लोगे
िक म यहोवा ं।
3 तब मू सा और हा न ने िफरौन के पास जा कर कहा, िक इि यों का परमे र यहोवा तु झ से इस कार कहता है , िक तू कब तक मेरे सा ने दीन होने से संकोच करता रहेगा? मे री
जा के लोगों को जाने दे , िक वे मेरी उपासना कर।
4 यिद तू मे री जा को जाने न दे तो सुन, कल म तेरे दे श म िटि यां ले आऊंगा।
5 और वे धरती को ऐसा छा लगी, िक वह दे ख न पड़े गी; और तु ारा जो कुछ ओलों से बच रहा है उसको वे चट कर जाएं गी, और तु ारे िजतने वृ मैदान म लगे ह उन को भी वे चट
कर जाएं गी,
6 और वे ते रे और तेरे सारे कमचा रयों, िनदान सारे िमि यों के घरों म भर जाएं गी; इतनी िटि यां तेरे बापदादों ने वा उनके पुरखाओं ने जब से पृ ी पर ज े तब से आज तक कभी न
दे खी ं। और वह मुंह फेरकर िफरौन के पास से बाहर गया।
7 तब िफरौन के कमचारी उस से कहने लगे, वह जन कब तक हमारे िलये फ ा बना रहे गा? उन मनु ों को जाने दे , िक वे अपने परमे र यहोवा की उपासना कर; ा तू अब तक
नही ं जानता, िक सारा िम नाश हो गया है?
8 तब मू सा और हा न िफरौन के पास िफर बुलवाए गए, और उसने उन से कहा, चले जाओ, अपने परमे र यहोवा की उपासना करो; पर ु वे जो जाने वाले ह, कौन कौन ह?
9 मूसा ने कहा, हम तो बेटोंबेिटयों, भेड़-बक रयों, गाय-बै लों समेत वरन ब ों से बूढ़ों तक सब के सब जाएं गे, ोंिक हम यहोवा के िलये प करना है।
10 उसने इस कार उन से कहा, यहोवा तु ारे संग रहे जब िक म तु ब ों समेत जाने दे ता ं; दे खो, तु ारे आगे को बुराई है।
11 नही ं, ऐसा नहीं होने पाएगा; तुम पु ष ही जा कर यहोवा की उपासना करो, तु म यही तो चाहते थे । और वे िफरौन के स ुख से िनकाल िदए गए।।
12 तब यहोवा ने मूसा से कहा, िम दे श के ऊपर अपना हाथ बढ़ा, िक िटि यां िम दे श पर चढ़ के भू िम का िजतना अ आिद ओलों से बचा है सब को चट कर जाएं ।
13 और मू सा ने अपनी ला ी को िम दे श के ऊपर बढ़ाया, तब यहोवा ने िदन भर और रात भर दे श पर पु रवाई बहाई; और जब भोर आ तब उस पुरवाई म िटि यां आईं।
14 और िटिड् डयों ने चढ़ के िम दे श के सारे थानों मे बसेरा िकया, उनका दल ब त भारी था, वरन न तो उनसे पहले ऐसी िटि यां आई थी, और न उनके पीछे ऐसी िफर आएं गी।
15 वे तो सारी धरती पर छा गई, यहां तक िक दे श अ ेरा हो गया, और उसका सारा अ आिद और वृ ों के सब फल, िनदान जो कुछ ओलों से बचा था, सब को उ ोंने चट कर िलया;
यहां तक िक िम दे श भर म न तो िकसी वृ पर कुछ ह रयाली रह गई और न खे त म अनाज रह गया।
16 तब िफरौन ने फुत से मूसा और हा न को बुलवा के कहा, म ने तो तु ारे परमे र यहोवा का और तु ारा भी अपराध िकया है।
17 इसिलये अब की बार मेरा अपराध मा करो, और अपने परमे र यहोवा से िबनती करो, िक वह केवल मे रे ऊपर से इस मृ ु को दू र करे ।
18 तब मू सा ने िफरोन के पास से िनकल कर यहोवा से िबनती की।
19 तब यहोवा ने ब त च पछु वा बहाकर िटि यों को उड़ाकर लाल समु म डाल िदया, और िम के िकसी थान म एक भी िट ी न रह गई।
20 तौभी यहोवा ने िफरौन के मन को कठोर कर िदया, िजस से उसने इ ाएिलयों को जाने न िदया।
21 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा िक िम दे श के ऊपर अ कार छा जाए, ऐसा अ कार िक टटोला जा सके।
22 तब मू सा ने अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाया, और सारे िम दे श म तीन िदन तक घोर अ कार छाया रहा।
23 तीन िदन तक न तो िकसी ने िकसी को दे खा, और न कोई अपने थान से उठा; पर ु सारे इ ाएिलयों के घरों म उिजयाला रहा।
24 तब िफरौन ने मूसा को बुलवाकर कहा, तुम लोग जाओ, यहोवा की उपासना करो; अपने बालकों को भी सं ग ले जाओ; केवल अपनी भेड़-बकरी और गाय-बैल को छोड़ जाओ।
25 मूसा ने कहा, तुझ को हमारे हाथ मेलबिल और होमबिल के पशु भी दे ने पड़गे , िज हम अपने परमे र यहोवा के िलये चढ़ाएं ।
26 इसिलये हमारे पशु भी हमारे संग जाएं गे, उनका एक खुर तक न रह जाएगा, ोंिक उ ी ं म से हम को अपने परमे र यहोवा की उपासना का सामान लेना होगा, और हम जब तक
वहां न प ंच तब तक नही ं जानते िक ा ा ले कर यहोवा की उपासना करनी होगी।
27 पर यहोवा ने िफरौन का मन हठीला कर िदया, िजस से उसने उ जाने न िदया।
28 तब िफरौन ने उस से कहा, मेरे सा ने से चला जा; और सचेत रह; मु झे अपना मुख िफर न िदखाना; ोंिक िजस िदन तू मुझे मुंह िदखलाए उसी िदन तू मारा जाएगा।
29 मूसा ने कहा, िक तू ने ठीक कहा है; म तेरे मुंह को िफर कभी न दे खूंगा।।
िनगमन 11
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, एक और िवपि म िफरौन और िम दे श पर डालता ं , उसके प ात वह तु म लोगों को वहां से जाने दे गा; और जब वह जाने दे गा तब तु म सभों को
िन य िनकाल दे गा।
2 मे री जा को मेरी यह आ ा सुना, िक एक एक पु ष अपने अपने पड़ोसी, और एक एक ी अपनी अपनी पड़ोिसन से सोने चांदी के गहने मांग ले।
3 तब यहोवा ने िमि यों को अपनी जा पर दयालु िकया। और इससे अिधक वह पु ष मू सा िम दे श म िफरौन के कमचा रयों और साधारण लोगों की ि म अित महान था।।
4 िफर मूसा ने कहा, यहोवा इस कार कहता है, िक आधी रात के लगभग म िम दे श के बीच म हो कर चलूं गा।
5 तब िम म िसंहासन पर िवराजने वाले िफरौन से ले कर चली पीसने वाली दासी तक के पिहलौठे ; वरन पशुओं तक के सब पिहलौठे मर जाएं गे ।
6 और सारे िम दे श म बड़ा हाहाकार मचेगा, यहां तक िक उसके समान न तो कभी आ और न होगा।
7 पर इ ाएिलयों के िव , ा मनु ा पशु, िकसी पर कोई कु ा भी न भोंकेगा; िजस से तुम जान लो िक िमि यों और इ ाएिलयों म म यहोवा अ र करता ं।
8 तब तेरे ये सब कमचारी मेरे पास आ मुझे द वत कर के यह कहगे, िक अपने सब अनुचरों समेत िनकल जा। और उसके प ात म िनकल जाऊंगा। यह कह कर मू सा बड़े ोध म
िफरौन के पास से िनकल गया।।
9 यहोवा ने मू सा से कह िदया था, िक िफरौन तु ारी न सुनेगा; ोंिक मेरी इ ा है िक िम दे श म ब त से चम ार क ं ।
10 मूसा और हा न ने िफरौन के सा ने ये सब चम ार िकए; पर यहोवा ने िफरौन का मन और कठोर कर िदया, सो उसने इ ाएिलयों को अपने दे श से जाने न िदया।।
िनगमन 12
1 िफर यहोवा ने िम दे श म मूसा और हा न से कहा,
2 िक यह महीना तुम लोगों के िलये आर का ठहरे ; अथात वष का पिहला महीना यही ठहरे ।
3 इ ाएल की सारी म ली से इस कार कहो, िक इसी महीने के दसव िदन को तु म अपने अपने िपतरों के घरानों के अनुसार, घराने पीछे एक एक मे ा ले रखो।
4 और यिद िकसी के घराने म एक मे े के खाने के िलये मनु कम हों, तो वह अपने सब से िनकट रहने वाले पड़ोसी के साथ ािणयों की िगनती के अनुसार एक मे ा ले रखे ; और तुम
हर एक के खाने के अनुसार मे े का िहसाब करना।
5 तु ारा मे ा िनद ष और पिहले वष का नर हो, और उसे चाहे भेड़ों म से लेना चाहे बक रयों म से।
6 और इस महीने के चौदहव िदन तक उसे रख छोड़ना, और उस िदन गोधूिल के समय इ ाएल की सारी म ली के लोग उसे बिल कर।
7 तब वे उसके लो म से कुछ ले कर िजन घरों म मे े को खाएं गे उनके ार के दोनों अलं गोंऔर चौखट के िसरे पर लगाएं ।
8 और वे उसके मां स को उसी रात आग म भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं ।
9 उसको िसर, पैर, और अतिडय़ों समेत आग म भूंजकर खाना, क ा वा जल म कुछ भी पकाकर न खाना।
10 और उस म से कुछ िबहान तक न रहने दे ना, और यिद कुछ िबहान तक रह भी जाए, तो उसे आग म जला दे ना।
11 और उसके खाने की यह िविध है; िक कमर बा े, पां व म जूती पिहने , और हाथ म लाठी िलये ए उसे फुत से खाना; वह तो यहोवा का प होगा।
12 ोंिक उस रात को म िम दे श के बीच म से हो कर जाऊंगा, और िम दे श के ा मनु ा पशु, सब के पिहलौठों को मा ं गा; और िम के सारे दे वताओं को भी म द
दू ं गा; म तो यहोवा ं।
13 और िजन घरों म तुम रहोगे उन पर वह लो तु ारे िनिम िच ठहरे गा; अथात म उस लो को दे खकर तु म को छोड़ जाऊंगा, और जब म िम दे श के लोगों को मा ं गा, तब वह
िवपि तु म पर न पड़े गी और तुम नाश न होगे।
14 और वह िदन तुम को रण िदलाने वाला ठहरे गा, और तुम उसको यहोवा के िलये प कर के मानना; वह िदन तु ारी पीिढय़ों म सदा की िविध जानकर प माना जाए।
15 सात िदन तक अखमीरी रोटी खाया करना, उन म से पिहले ही िदन अपने अपने घर म से खमीर उठा डालना, वरन जो पिहले िदन से ले कर सातव िदन तक कोई खमीरी व ु खाए,
वह ाणी इ ाएिलयों म से नाश िकया जाए।
16 और पिहले िदन एक पिव सभा, और सातव िदन भी एक पिव सभा करना; उन दोनों िदनों मे कोई काम न िकया जाए; केवल िजस ाणी का जो खाना हो उसके काम करने की
आ ा है ।
17 इसिलये तुम िबना खमीर की रोटी का प मानना, ोंिक उसी िदन मानो म ने तु म को दल दल कर के िम दे श से िनकाला है; इस कारण वह िदन तु ारी पीिढय़ों म सदा की
िविध जान कर माना जाए।
18 पिहले महीने के चौदहव िदन की सांझ से ले कर इ ीसव िदन की सां झ तक तु म अखमीरी रोटी खाया करना।
19 सात िदन तक तु ारे घरों म कुछ भी खमीर न रहे, वरन जो कोई िकसी खमीरी व ु को खाए, चाहे वह दे शी हो चाहे परदे शी, वह ाणी इ ाएिलयों की म ली से नाश िकया जाए।
20 कोई खमीरी व ु न खाना; अपने सब घरों म िबना खमीर की रोटी खाया करना।।
21 तब मू सा ने इ ाएल के सब पु रिनयों को बुलाकर कहा, तुम अपने अपने कुल के अनु सार एक एक मे ा अलग कर रखो, और फसह का पशु बिल करना।
22 और उसका लो जो तसले म होगा उस म जूफा का एक गु ा डु बाकर उसी तसले म के लो से ार के चौखट के िसरे और दोनों अलंगों पर कुछ लगाना; और भोर तक तु म म से
कोई घर से बाहर न िनकले।
23 ोंिक यहोवा दे श के बीच हो कर िमि यों को मारता जाएगा; इसिलये जहां जहां वह चौखट के िसरे , और दोनों अलं गों पर उस लो को दे खेगा, वहां वहां वह उस ार को छोड़
जाएगा, और नाश करने वाले को तु ारे घरों म मारने के िलये न जाने दे गा।
24 िफर तुम इस िविध को अपने और अपने वंश के िलये सदा की िविध जानकर माना करो।
25 जब तु म उस दे श म िजसे यहोवा अपने कहने के अनु सार तुम को दे गा वेश करो, तब वह काम िकया करना।
26 और जब तु ारे लड़के-बाले तुम से पूछ, िक इस काम से तु ारा ा मतलब है ?
27 तब तुम उन को यह उ र दे ना, िक यहोवा ने जो िमि यों के मारने के समय िम म रहने वाले हम इ ाएिलयों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह
का यह बिलदान िकया जाता है। तब लोगों ने िसर झुका कर द वत की।
28 और इ ाएिलयों ने जा कर, जो आ ा यहोवा ने मूसा और हा न को दी थी, उसी के अनु सार िकया।।
29 और ऐसा आ िक आधी रात को यहोवा ने िम दे श म िसं हासन पर िवराजने वाले िफरौन से ले कर गड़हे म पड़े ए ब ु ए तक सब के पिहलौठों को, वरन पशुओं तक के सब
पिहलौठों को मार डाला।
30 और िफरौन रात ही को उठ बैठा, और उसके सब कमचारी, वरन सारे िम ी उठे ; और िम म बड़ा हाहाकार मचा, ोंिक एक भी ऐसा घर न था िजसम कोई मरा न हो।
31 तब िफरौन ने रात ही रात म मूसा और हा न को बुलवाकर कहा, तुम इ ाएिलयों समे त मे री जा के बीच से िनकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जा कर यहोवा की
उपासना करो।
32 अपने कहने के अनुसार अपनी भेड़-बक रयोंऔर गाय-बै लों को साथ ले जाओ; और मुझे आशीवाद दे जाओ।
33 और िम ी जो कहते थे, िक हम तो सब मर िमटे ह, उ ोंने इ ाएली लोगों पर दबाव डालकर कहा, िक दे श से झटपट िनकल जाओ।
34 तब उ ोंने अपने गू े गु ाए आटे को िबना खमीर िदए ही कठौितयों समेत कपड़ों म बा के अपने अपने क े पर डाल िलया।
35 और इ ाएिलयों ने मू सा के कहने के अनुसार िमि यों से सोने चां दी के गहने और व मां ग िलये ।
36 और यहोवा ने िमि यों को अपनी जा के लोगों पर ऐसा दयालु िकया, िक उ ोंने जो जो मां गा वह सब उन को िदया। इस कार इ ाएिलयों ने िमि यों को लू ट िलया।।
37 तब इ ाएली रामसेस से कूच कर के सु ोत को चले , और बाल-ब ों को छोड़ वे कोई छ: लाख पु ष ादे थे।
38 और उनके साथ िमली जुली ई एक भीड़ गई, और भे ड़-बकरी, गाय-बैल, ब त से पशु भी साथ गए।
39 और जो गू ा आटा वे िम से साथ ले गए उसकी उ ोंने िबना खमीर िदए रोिटयां बनाईं; ोंिक वे िम से ऐसे बरबस िनकाले गए, िक उ अवसर भी न िमला की माग म खाने के
िलये कुछ पका सक, इसी कारण वह गू ा आ आटा िबना खमीर का था।
40 िम म बसे ए इ ाएिलयों को चार सौ तीस वष बीत गए थे।
41 और उन चार सौ तीस वष के बीतने पर, ठीक उसी िदन, यहोवा की सारी से ना िम दे श से िनकल गई।
42 यहोवा इ ाएिलयों को िम दे श से िनकाल लाया, इस कारण वह रात उसके िनिम मानने के अित यो है; यह यहोवा की वही रात है िजसका पीढ़ी पीढ़ी म मानना इ ाएिलयों के
िलये अित अव है।।
43 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा, प की िविध यह है ; िक कोई परदे शी उस म से न खाए;
44 पर जो िकसी का मोल िलया आ दास हो, और तुम लोगों ने उसका खतना िकया हो, वह तो उस म से खा सकेगा।
45 पर परदे शी और मजदू र उस म से न खाएं ।
46 उसका खाना एक ही घर म हो; अथात तुम उसके मांस म से कुछ घर से बाहर न ले जाना; और बिलपशु की कोई ह ी न तोड़ना।
47 प को मानना इ ाएल की सारी म ली का कत कम है।
48 और यिद कोई परदे शी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के िलये प को मानना चाहे , तो वह अपने यहां के सब पु षों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और
वह दे शी मनु के तु ठहरे गा। पर कोई खतनारिहत पु ष उस म से न खाने पाए।
49 उसकी व था दे शी और तु ारे बीच म रहने वाले परदे शी दोनों के िलये एक ही हो।
50 यह आ ा जो यहोवा ने मूसा और हा न को दी उसके अनुसार सारे इ ाएिलयों ने िकया।
51 और ठीक उसी िदन यहोवा इ ाएिलयों को िम दे श से दल दल कर के िनकाल ले गया।।
िनगमन 13
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 िक ा मनु के ा पशु के, इ ाएिलयों म िजतने अपनी अपनी मां के जेठे हों, उ मे रे िलये पिव मानना; वह तो मे रा ही है।।
3 िफर मू सा ने लोगों से कहा, इस िदन को रण रखो, िजस म तुम लोग दास के घर, अथात िम से िनकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपने हाथ के बल से िनकाल लाया;
इस म खमीरी रोटी न खाई जाए।
4 आबीब के महीने म आज के िदन तुम िनकले हो।
5 इसिलये जब यहोवा तुम को कनानी, िह ी, एमोरी, िह ी, और यबू सी लोगों के दे श म प ं चाएगा, िजसे दे ने की उसने तु ारे पु रखाओं से शपथ खाई थी, और िजस म दू ध और मधु की
धारा बहती है , तब तुम इसी महीने म प करना।
6 सात िदन तक अखमीरी रोटी खाया करना, और सातव िदन यहोवा के िलये प मानना।
7 इन सातों िदनों म अखमीरी रोटी खाई जाए; वरन तु ारे दे श भर म न खमीरी रोटी, न खमीर तु ारे पास दे खने म आए।
8 और उस िदन तु म अपने अपने पु ों को यह कहके समझा दे ना, िक यह तो हम उसी काम के कारण करते ह, जो यहोवा ने हमारे िम से िनकल आने के समय हमारे िलये िकया था।
9 िफर यह तु ारे िलये तु ारे हाथ म एक िच होगा, और तु ारी आं खों के सा ने रण कराने वाली व ु ठहरे ; िजस से यहोवा की व था तु ारे मुंह पर रहे: ोंिक यहोवा ने
तु अपने बलव हाथों से िम से िनकाला है।
10 इस कारण तुम इस िविध को ित वष िनयत समय पर माना करना।।
11 िफर जब यहोवा उस शपथ के अनुसार, जो उसने तु ारे पुरखाओं से और तुम से भी खाई है, तु े कनािनयों के दे श म प ंचाकर उसको तु दे दे गा,
12 तब तुम म से िजतने अपनी अपनी मां के जेठे हों उन को, और तु ारे पशुओं म जो ऐसे हों उन को भी यहोवा के िलये अपण करना; सब नर ब े तो यहोवा के ह।
13 और गदही के हर एक पिहलौठे की स ी मे ा दे कर उसको छु ड़ा ले ना, और यिद तु म उसे छु ड़ाना न चाहो तो उसका गला तोड़ दे ना। पर अपने सब पिहलौठे पु ों को बदला दे कर
छु ड़ा ले ना।
14 और आगे के िदनों म जब तु ारे पु तुम से पूछ, िक यह ा है? तो उन से कहना, िक यहोवा हम लोगों को दास के घर से, अथात िम दे श से अपने हाथों के बल से िनकाल
लाया है ।
15 उस समय जब िफरौन ने कठोर हो कर हम को जाने दे ना न चाहा, तब यहोवा ने िम दे श म मनु से ले कर पशु तक सब के पिहलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं म से तो
िजतने अपनी अपनी मां के पिहलौठे नर ह, उ हम यहोवा के िलये बिल करते ह; पर अपने सब जे ठे पु ों को हम बदला दे कर छु ड़ा लेते ह।
16 और यह तु ारे हाथों पर एक िच सा और तु ारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे ; ोंिक यहोवा हम लोगों को िम से अपने हाथों के बल से िनकाल लाया है।।
17 जब िफरौन ने लोगों को जाने की आ ा दे दी, तब य िप पिल यों के दे श म हो कर जो माग जाता है वह छोटा था; तौभी परमे र यह सोच कर उन को उस माग से नहीं ले गया,
िक कही ं ऐसा न हो िक जब ये लोग लड़ाई दे ख तब पछताकर िम को लौट आएं ।
18 इसिलये परमे र उन को च र खलाकर लाल समु के जं गल के माग से ले चला। और इ ाएली पां ित बा े ए िम से िनकल गए।
19 और मू सा यूसुफ की हि यों को साथ ले ता गया; ोंिक यूसुफ ने इ ाएिलयों से यह कहके, िक परमे र िन य तु ारी सुिध लेगा, उन को इस िवषय की ढ़ शपथ खलाई थी, िक वे
उसकी हि यों को अपने साथ यहां से ले जाएं गे।
20 िफर उ ोंने सु ोत से कूच कर के जंगल की छोर पर एताम म डे रा िकया।
21 और यहोवा उ िदन को माग िदखाने के िलये मेघ के ख े म, और रात को उिजयाला दे ने के िलये आग के ख े म हो कर उनके आगे आगे चला करता था, िजससे वे रात और
िदन दोनों म चल सक।
22 उसने न तो बादल के ख े को िदन म और न आग के ख े को रात म लोगों के आगे से हटाया।।
िनगमन 14
1 यहोवा ने मू सा से कहा,
2 इ ाएिलयों को आ ा दे , िक वे लौटकर िमगदोल और समु के बीच पीहहीरोत के स ु ख, बालसपोन के सा ने अपने डे रे खड़े कर, उसी के सा ने समु के तट पर डे रे खड़े कर।
3 तब िफरौन इ ाएिलयों के िवषय म सोचेगा, िक वे दे श के उलझनोंम बझे ह और जंगल म िघर गए ह।
4 तब म िफरौन के मन को कठोर कर दू ं गा, और वह उनका पीछा करे गा, तब िफरौन और उसकी सारी सेना के ारा मे री मिहमा होगी; और िम ी जान लगे िक म यहोवा ं। और
उ ोंने वैसा ही िकया।
5 जब िम के राजा को यह समाचार िमला िक वे लोग भाग गए, तब िफरौन और उसके कमचा रयों का मन उनके िव पलट गया, और वे कहने लगे, हम ने यह ा िकया, िक
इ ाएिलयों को अपनी सेवकाई से छु टकारा दे कर जाने िदया?
6 तब उसने अपना रथ जुतवाया और अपनी सेना को संग िलया।
7 उसने छ: सौ अ े से अ े रथ वरन िम के सब रथ िलये और उन सभों पर सरदार बैठाए।
8 और यहोवा ने िम के राजा िफरौन के मन को कठोर कर िदया। सो उसने इ ाएिलयों का पीछा िकया; पर ु इ ाएली तो बेखटके िनकले चले जाते थे।
9 पर िफरौन के सब घोड़ों, और रथों, और सवारों समेत िम ी सेना ने उनका पीछा कर के उ , जो पीहहीरोत के पास, बालसपोन के सा ने, समु के तीर पर डे रे डाले पड़े थे , जा
िलया।।
10 जब िफरौन िनकट आया, तब इ ाएिलयों ने आं खे उठा कर ा दे खा, िक िम ी हमारा पीछा िकए चले आ रहे ह; और इ ाएली अ डर गए, और िच ाकर यहोवा की दोहाई
दी।
11 और वे मू सा से कहने लगे, ा िम म कबर न थी ं जो तू हम को वहां से मरने के िलये जंगल म ले आया है ? तू ने हम से यह ा िकया, िक हम को िम से िनकाल लाया?
12 ा हम तुझ से िम म यही बात न कहते रहे, िक हम रहने दे िक हम िमि यों की से वा कर? हमारे िलये जं गल म मरने से िमि यों की से वा करनी अ ी थी।
13 मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत, खड़े खड़े वह उ ार का काम दे खो, जो यहोवा आज तु ारे िलये करे गा; ोंिक िजन िमि यों को तु म आज दे खते हो, उन को िफर कभी न दे खोगे।
14 यहोवा आप ही तु ारे िलये लड़े गा, इसिलये तुम चुपचाप रहो।।
15 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू ों मे री दोहाई दे रहा है? इ ाएिलयों को आ ा दे िक यहां से कूच कर।
16 और तू अपनी लाठी उठा कर अपना हाथ समु के ऊपर बढ़ा, और वह दो भाग हो जाएगा; तब इ ाएली समु के बीच हो कर थल ही थल पर चले जाएं गे।
17 और सु न, म आप िमि यों के मन को कठोर करता ं , और वे उनका पीछा कर के समु म घु स पड़गे, तब िफरौन और उसकी सेना, और रथों, और सवारों के ारा मेरी मिहमा
होगी, तब िम ी जान लगे िक म यहोवा ं।
18 और जब िफरौन, और उसके रथों, और सवारों के ारा मेरी मिहमा होगी, तब िम ी जान लगे िक म यहोवा ं।
19 तब परमे र का दू त जो इ ाएली सेना के आगे आगे चला करता था जा कर उनके पीछे हो गया; और बादल का ख ा उनके आगे से हटकर उनके पीछे जा ठहरा।
20 इस कार वह िमि यों की से ना और इ ाएिलयों की से ना के बीच म आ गया; और बादल और अ कार तो आ, तौभी उस से रात को उ काश िमलता रहा; और वे रात भर
एक दू सरे के पास न आए।
21 और मू सा ने अपना हाथ समु के ऊपर बढ़ाया; और यहोवा ने रात भर च पु रवाई चलाई, और समु को दो भाग कर के जल ऐसा हटा िदया, िजससे िक उसके बीच सूखी भूिम
हो गई।
22 तब इ ाएली समु के बीच थल ही थल पर हो कर चले, और जल उनकी दािहनी और बाईं ओर दीवार का काम दे ता था।
23 तब िम ी, अथात िफरौन के सब घोड़े , रथ, और सवार उनका पीछा िकए ए समु के बीच म चले गए।
24 और रात के िपछले पहर म यहोवा ने बादल और आग के ख े म से िमि यों की से ना पर ि कर के उ घबरा िदया।
25 और उसने उनके रथों के पिहयों को िनकाल डाला, िजससे उनका चलना किठन हो गया; तब िम ी आपस म कहने लगे, आओ, हम इ ाएिलयों के सा ने से भाग; ोंिक यहोवा
उनकी ओर से िमि यों के िव यु कर रहा है।।
26 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ समु के ऊपर बढ़ा, िक जल िमि यों, और उनके रथों, और सवारों पर िफर बहने लगे।
27 तब मू सा ने अपना हाथ समु के ऊपर बढ़ाया, और भोर होते होते ा आ, िक समु िफर ों का ोंअपने बल पर आ गया; और िम ी उलटे भागने लगे, पर ु यहोवा ने उन को
समु के बीच ही म झटक िदया।
28 और जल के पलटने से, िजतने रथ और सवार इ ाएिलयों के पीछे समु म आए थे , सो सब वरन िफरौन की सारी से ना उस म डूब गई, और उस म से एक भी न बचा।
29 पर ु इ ाएली समु के बीच थल ही थल पर हो कर चले गए, और जल उनकी दािहनी और बाईं दोनों ओर दीवार का काम दे ता था।
30 और यहोवा ने उस िदन इ ाएिलयों को िमि यों के वश से इस कार छु ड़ाया; और इ ाएिलयों ने िमि यों को समु के तट पर मरे पड़े ए दे खा।
31 और यहोवा ने िमि यों पर जो अपना परा म िदखलाता था, उसको दे खकर इ ाएिलयों ने यहोवा का भय माना और यहोवा की और उसके दास मू सा की भी तीित की।।
िनगमन 15
1 तब मू सा और इ ाएिलयों ने यहोवा के िलये यह गीत गाया। उ ोंने कहा, म यहोवा का गीत गाऊंगा, ोंिक वह महा तापी ठहरा है ; घोड़ों समेत सवारों को उसने समु म डाल िदया
है ।।
2 यहोवा मेरा बल और भजन का िवषय है, और वही मेरा उ ार भी ठहरा है; मेरा ई र वही है , म उसी की ु ित क ं गा, (म उसके िलये िनवास थान बनाऊंगा ), मेरे पूवजों का
परमे र वही है, म उसको सरा ंगा।।
3 यहोवा यो ा है; उसका नाम यहोवा है।।
4 िफरौन के रथों और सेना को उसने समु म डाल िदया; और उसके उ म से उ म रथी लाल समु म डूब गए।।
5 गिहरे जल ने उ ढांप िलया; वे प र की नाईं गिहरे थानों म डूब गए।।
6 हे यहोवा, तेरा दिहना हाथ श म महा तापी आ हे यहोवा, तेरा दिहना हाथ श ु को चकनाचू र कर दे ता है ।।
7 और तू अपने िवरोिधयों को अपने महा ताप से िगरा दे ता है; तू अपना कोप भड़काता, और वे भूसे की नाईं भ हो जाते ह।।
8 और ते रे नयनोंकी सांस से जल एक हो गया, धाराएं ढे र की नाईं थम गईं; समु के म म गिहरा जल जम गया।।
9 श ु ने कहा था, म पीछा क ं गा, म जा पकडूंगा, म लूट के माल को बांट लूं गा, उन से मेरा जी भर जाएगा। म अपनी तलवार खींचते ही अपने हाथ से उन को नाश कर डालूंगा।।
10 तू ने अपने ास का पवन चलाया, तब समु ने उन को ढांप िलया; वे महाजलरािश म सीसे की नाईं डूब गए।।
11 हे यहोवा, दे वताओं म तेरे तु कौन है? तू तो पिव ता के कारण महा तापी, और अपनी ु ित करने वालों के भय के यो , और आ य कम का क ा है।।
12 तू ने अपना दिहना हाथ बढ़ाया, और पृ ी ने उन को िनगल िलया है।।
13 अपनी क णा से तू ने अपनी छु ड़ाई ई जा की अगुवाई की है , अपने बल से तू उसे अपने पिव िनवास थान को ले चला है।।
14 दे श दे श के लोग सु नकर कांप उठगे; पिल यों के ाण के लाले पड़ जाएं गे ।।
15 एदोम के अिधपित ाकुल होंगे; मोआब के पहलवान थरथरा उठगे; सब कनान िनवािसयों के मन िपघल जाएं ग।।
16 उन म डर और घबराहट समा जाएगा; तेरी बांह के ताप से वे प र की नाईं अबोल होंगे, जब तक, हे यहोवा, तेरी जा के लोग िनकल न जाएं , जब तक तेरी जा के लोग िजन को
तू ने मोल िलया है पार न िनकल जाएं ।।
17 तू उ प चाकर अपने िनज भाग वाले पहाड़ पर बसाएगा, यह वही थान है, हे यहोवा िजसे तू ने अपने िनवास के िलये बनाया, और वही पिव थान है िजसे, हे भु, तू ने आप थर
िकया है ।।
18 यहोवा सदा सवदा रा करता रहेगा।।
19 यह गीत गाने का कारण यह है, िक िफरौन के घोड़े रथों और सवारों समे त समु के बीच म चले गए, और यहोवा उनके ऊपर समु का जल लौटा ले आया; पर ु इ ाएली समु के
बीच थल ही थल पर हो कर चले गए।
20 और हा न की बिहन म रयम नाम निबया ने हाथ म डफ िलया; और सब यां डफ िलये नाचती ई उसके पीछे हो लीं।
21 और म रयम उनके साथ यह टे क गाती गई िक:- यहोवा का गीत गाओ, ोंिक वह महा तापी ठहरा है ; घोड़ों समेत सवारों को उसने समु म डाल िदया है।।
22 तब मू सा इ ाएिलयों को लाल समु से आगे ले गया, और वे शूर नाम जं गल म आए; और जं गल म जाते ए तीन िदन तक पानी का सोता न िमला।
23 िफर मारा नाम एक थान पर प ंचे, वहां का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस थान का नाम मारा पड़ा।
24 तब वे यह कहकर मूसा के िव बकझक करने लगे, िक हम ा पीएं ?
25 तब मू सा ने यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बतला िदया, िजसे जब उसने पानी म डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वही ं यहोवा ने उनके िलये एक िविध और
िनयम बनाया, और वहीं उसने यह कहकर उनकी परी ा की,
26 िक यिद तू अपने परमे र यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी ि म ठीक है वही करे , और उसकी आ ाओं पर कान लगाए, और उसकी सब िविधयों को माने, तो
िजतने रोग म ने िमि यों पर भे जा है उन म से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; ोंिक म तु ारा चं गा करने वाला यहोवा ं ।।
27 तब वे एलीम को आए, जहां पानी के बारह सोते और स र खजू र के पेड़ थे ; और वहां उ ोंने जल के पास डे रे खड़े िकए।।
िनगमन 16
1 िफर एलीम से कूच कर के इ ाएिलयों की सारी म ली, िम दे श से िनकलने के महीने के दू सरे महीने के पं हवे िदन को, सीन नाम जंगल म, जो एलीम और सीनै पवत के बीच म
है , आ प ं ची।
2 जं गल म इ ाएिलयों की सारी म ली मूसा और हा न के िव बकझक करने लगी।
3 और इ ाएली उन से कहने लगे, िक जब हम िम दे श म मांस की हां िडयों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यिद हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उ म वही
था; पर तुम हम को इस जंगल म इसिलये िनकाल ले आए हो िक इस सारे समाज को भूखों मार डालो।
4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, दे खो, म तुम लोगों के िलये आकाश से भोजन व ु बरसाऊंगा; और ये लोग ितिदन बाहर जा कर ितिदन का भोजन इक ा करगे, इस से म उनकी
परी ा क ं गा, िक ये मेरी व था पर चलगे िक नही ं।
5 और ऐसा होगा िक छठव िदन वह भोजन और िदनों से दू ना होगा, इसिलये जो कुछ वे उस िदन बटोर उसे तैयार कर रख।
6 तब मू सा और हा न ने सारे इ ाएिलयों से कहा, सांझ को तुम जान लोगे िक जो तुम को िम दे श से िनकाल ले आया है वह यहोवा है।
7 और भोर को तु यहोवा का तेज दे ख पडे गा, ोंिक तुम जो यहोवा पर बुड़बुड़ाते हो उसे वह सुनता है। और हम ा ह, िक तुम हम पर बुड़बुड़ाते हो?
8 िफर मूसा ने कहा, यह तब होगा जब यहोवा सांझ को तु खाने के िलये मां स और भोर को रोटी मनमाने दे गा; ोंिक तुम जो उस पर बुड़बुड़ाते हो उसे वह सुनता है। और हम ा
ह? तु ारा बुड़बु ड़ाना हम पर नही ं यहोवा ही पर होता है।
9 िफर मूसा ने हा न से कहा, इ ाएिलयों की सारी म ली को आ ा दे , िक यहोवा के सा ने वरन उसके समीप आवे, ोंिक उसने उनका बुड़बुड़ाना सुना है।
10 और ऐसा आ िक जब हा न इ ाएिलयों की सारी म ली से ऐसी ही बात कर रहा था, िक उ ोंने जंगल की ओर ि कर के दे खा, और उन को यहोवा का तेज बादल म
िदखलाई िदया।
11 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
12 इ ाएिलयों का बु ड़बुड़ाना म ने सुना है; उन से कह दे , िक गोधूिल के समय तु म मां स खाओगे और भोर को तु म रोटी से तृ हो जाओगे; और तुम यह जान लोगे िक म तु ारा
परमे र यहोवा ं ।
13 और ऐसा आ िक सांझ को बटे र आकर सारी छावनी पर बैठ गईं; और भोर को छावनी के चारों ओर ओस पड़ी।
14 और जब ओस सूख गई तो वे ा दे खते ह, िक जंगल की भू िम पर छोटे छोटे िछलके छोटाई म पाले के िकनकों के समान पड़े ह।
15 यह दे खकर इ ाएली, जो न जानते थे िक यह ा व ु है, सो आपस म कहने लगे यह तो म ा है । तब मू सा ने उन से कहा, यह तो वही भोजन व ु है िजसे यहोवा तु खाने के
िलये दे ता है ।
16 जो आ ा यहोवा ने दी है वह यह है, िक तुम उस म से अपने अपने खाने के यो बटोरा करना, अथात अपने अपने ािणयों की िगनती के अनुसार, ित मनु के पीछे एक एक
ओमेर बटोरना; िजसके डे रे म िजतने हों वह उ ी ं भर के िलये बटोरा करे ।
17 और इ ाएिलयों ने वैसा ही िकया; और िकसी ने अिधक, और िकसी ने थोड़ा बटोर िलया।
18 और जब उ ोंने उसको ओमे र से नापा, तब िजसके पास अिधक था उसके कुछ अिधक न रह गया, ओर िजसके पास थोड़ा था उसको कुछ घटी न ई; ोंिक एक एक मनु ने
अपने खाने के यो ही बटोर िलया था।
19 िफर मू सा ने उन से कहा, कोई इस म से कुछ िबहान तक न रख छोड़े ।
20 तौभी उ ोंने मूसा की बात न मानी; इसिलये जब िकसी िकसी मनु ने उस म से कुछ िबहान तक रख छोड़ा, तो उस म कीड़े पड़ गए और वह बसाने लगा; तब मूसा उन पर ोिधत
आ।
21 और वे भोर को ितिदन अपने अपने खाने के यो बटोर लेते थे , ओर जब धूप कड़ी होती थी, तब वह गल जाता था।
22 और ऐसा आ िक छठव िदन उ ोंने दू ना, अथात ित मनु के पीछे दो दो ओमे र बटोर िलया, और म ली के सब धानों ने आकर मूसा को बता िदया।
23 उसने उन से कहा, यह तो वही बात है जो यहोवा ने कही, कयोंिक कल परमिव ाम, अथात यहोवा के िलये पिव िव ाम होगा; इसिलये तु जो त दू र म पकाना हो उसे पकाओ,
और जो िसझाना हो उसे िसझाओ, और इस म से िजतना बचे उसे िबहान के िलये रख छोड़ो।
24 जब उ ोंने उसको मू सा की इस आ ा के अनुसार िबहान तक रख छोड़ा, तब न तो वह बसाया, और न उस म कीड़े पड़े ।
25 तब मू सा ने कहा, आज उसी को खाओ, ोंिक आज यहोवा का िव ामिदन है ; इसिलये आज तु म को मैदान म न िमले गा।
26 छ: िदन तो तुम उसे बटोरा करोगे; पर ु सातवां िदन तो िव ाम का िदन है, उस म वह न िमले गा।
27 तौभी लोगों म से कोई कोई सातव िदन भी बटोरने के िलये बाहर गए, पर ु उन को कुछ न िमला।
28 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तुम लोग मेरी आ ाओं और व था को कब तक नही ं मानोगे?
29 दे खो, यहोवा ने जो तुम को िव ाम का िदन िदया है, इसी कारण वह छठव िदन को दो िदन का भोजन तु दे ता है ; इसिलये तुम अपने अपने यहां बैठे रहना, सातव िदन कोई अपने
थान से बाहर न जाना।
30 लोगों ने सातव िदन िव ाम िकया।
31 और इ ाएल के घराने वालों ने उस व ु का नाम म ा रखा; और वह धिनया के समान े त था, और उसका ाद मधु के बने ए पुए का सा था।
32 िफर मू सा ने कहा, यहोवा ने जो आ ा दी वह यह है, िक इस म से ओमे र भर अपने वंश की पीढ़ी पीढ़ी के िलये रख छोड़ो, िजससे वे जान िक यहोवा हम को िम दे श से िनकाल कर
जंगल म कैसी रोटी खलाता था।
33 तब मू सा ने हा न से कहा, एक पा ले कर उस म ओमेर भर ले कर उसे यहोवा के आगे धर दे , िक वह तु ारी पीिढय़ों के िलये रखा रहे।
34 जैसी आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसी के अनुसार हा न ने उसको सा ी के स दू क के आगे धर िदया, िक वह वही ं रखा रहे।
35 इ ाएली जब तक बसे ए दे श म न प ंचे तब तक, अथात चालीस वष तक म ा को खाते रहे ; वे जब तक कनान दे श के िसवाने पर नही ं प ंचे तब तक म ा को खाते रहे ।
36 एक ओमेर तो एपा का दसवां भाग है।
िनगमन 17
1 िफर इ ाएिलयों की सारी म ली सीन नाम जंगल से िनकल चली, और यहोवा के आ ानु सार कूच कर के रपीदीम म अपने डे रे खड़े िकए; और वहां उन लोगों को पीने का पानी न
िमला।
2 इसिलये वे मूसा से वादिववाद कर के कहने लगे, िक हम पीने का पानी दे । मू सा ने उन से कहा, तु म मु झ से ों वादिववाद करते हो? और यहोवा की परी ा ों करते हो?
3 िफर वहां लोगों को पानी की ास लगी तब वे यह कहकर मूसा पर बुड़बुड़ाने लगे, िक तू हम लड़के बालोंऔर पशुओं समेत ासों मार डालने के िलये िम से ों ले आया है ?
4 तब मू सा ने यहोवा की दोहाई दी, और कहा, इन लोगों से म ा क ं ? ये सब मु झे प रवाह करने को तैयार ह।
5 यहोवा ने मू सा से कहा, इ ाएल के वृ लोगों म से कुछ को अपने साथ ले ले ; और िजस लाठी से तू ने नील नदी पर मारा था, उसे अपने हाथ म ले कर लोगों के आगे बढ़ चल।
6 दे ख म तेरे आगे चलकर होरे ब पहाड़ की एक च ान पर खड़ा र ं गा; और तू उस च ान पर मारना, तब उस म से पानी िनकलेगा िजससे ये लोग पीएं । तब मूसा ने इ ाएल के वृ
लोगों के दे खते वैसा ही िकया।
7 और मू सा ने उस थान का नाम म ा और मरीबा रखा, ोंिक इ ाएिलयों ने वहां वादिववाद िकया था, और यहोवा की परी ा यह कहकर की, िक ा यहोवा हमारे बीच है वा नहीं?
8 तब अमालेकी आकर रपीदीम म इ ाएिलयों से लड़ने लगे।
9 तब मू सा ने यहोशू से कहा, हमारे िलये कई एक पु षों को चु नकर छांट ले, ओर बाहर जा कर अमालेिकयों से लड़; और म कल परमे र की लाठी हाथ म िलये ए पहाड़ी की चोटी
पर खड़ा र ं गा।
10 मूसा की इस आ ा के अनु सार यहोशू अमालेिकयों से लड़ने लगा; और मूसा, हा न, और र पहाड़ी की चोटी पर चढ़ गए।
11 और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था तब तक तो इ ाएल बल होता था; पर ु जब जब वह उसे नीचे करता तब तब अमालेक बल होता था।
12 और जब मू सा के हाथ भर गए, तब उ ोंने एक प र ले कर मूसा के नीचे रख िदया, और वह उस पर बै ठ गया, और हा न और र एक एक अलंग म उसके हाथों को स ाले रह;
और उसके हाथ सू या तक थर रहे।
13 और यहोशू ने अनुचरों समेत अमालेिकयों को तलवार के बल से हरा िदया।
14 तब यहोवा ने मूसा से कहा, रणाथ इस बात को पु क म िलख ले और यहोशू को सुना दे , िक म आकाश के नीचे से अमालेक का रण भी पूरी रीित से िमटा डालूंगा।
15 तब मू सा ने एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवािन ी रखा ;
16 और कहा, यहोवा ने शपथ खाई है, िक यहोवा अमालेिकयों से पीिढय़ों तक लड़ाई करता रहे गा।।
िनगमन 18
1 और मू सा के ससुर िम ान के याजक िय ो ने यह सुना, िक परमे र ने मू सा और अपनी जा इ ाएल के िलये ा ा िकया है, अथात यह िक िकस रीित से यहोवा इ ाएिलयों को
िम से िनकाल ले आया।
2 तब मू सा के ससुर िय ो मूसा की प ी िस ोरा को, जो पिहले नैहर भे ज दी गई थी,
3 और उसके दोनों बेटों को भी ले आया; इन म से एक का नाम मू सा ने यह कहकर गे श म रखा था, िक म अ दे श म परदे शी आ ं।
4 और दू सरे का नाम उसने यह कहकर एलीएजेर रखा, िक मेरे िपता के परमे र ने मे रा सहायक हो कर मुझे िफरौन की तलवार से बचाया।
5 मू सा की प ी और पु ों को उसका ससुर िय ो संग िलये मूसा के पास जं गल के उस थान म आया, जहां परमे र के पवत के पास उसका डे रा पड़ा था।
6 और आकर उसने मूसा के पास यह कहला भेजा, िक म तेरा ससु र िय ो ं, और दोनो बे टों समेत तेरी प ी को ते रे पास ले आया ं।
7 तब मू सा अपने ससु र से भट करने के िलये िनकला, और उसको द वत कर के चू मा; और वे पर र कुशल े म पू छते ए डे रे पर आ गए।
8 वहां मू सा ने अपने ससुर से वणन िकया, िक यहोवा ने इ ाएिलयों के िनिम िफरौन और िमि यों से ा ा िकया, और इ ाएिलयों ने माग म ा ा क उठाया, िफर यहोवा
उ कैसे कैसे छु ड़ाता आया है।
9 तब िय ो ने उस सम भलाई के कारण जो यहोवा ने इ ाएिलयों के साथ की थी, िक उ िमि यों के वश से छु ड़ाया था, म हो कर कहा,
10 ध है यहोवा, िजसने तुम को िफरौन और िमि यों के वश से छु ड़ाया, िजसने तुम लोगों को िमि यों की मु ी म से छु ड़ाया है।
11 अब म ने जान िलया है िक यहोवा सब दे वताओं से बड़ा है; वरन उस िवषय म भी िजस म उ ोंने इ ाएिलयों से अिभमान िकया था।
12 तब मू सा के ससुर िय ो ने परमे र के िलये होमबिल और मेलबिल चढ़ाए, और हा न इ ाएिलयों के सब पुरिनयों समेत मूसा के ससुर िय ो के संग परमे र के आगे भोजन करने
को आया।
13 दू सरे िदन मू सा लोगों का ाय करने को बैठा, और भोर से सां झ तक लोग मू सा के आसपास खड़े रहे ।
14 यह दे खकर िक मूसा लोगों के िलये ा ा करता है , उसके ससु र ने कहा, यह ा काम है जो तू लोगों के िलये करता है? ा कारण है िक तू अकेला बैठा रहता है, और लोग
भोर से सांझ तक तेरे आसपास खड़े रहते ह?
15 मूसा ने अपने ससु र से कहा, इसका कारण यह है िक लोग मे रे पास परमे र से पू छने आते है ।
16 जब जब उनका कोई मुक मा होता है तब तब वे मेरे पास आते ह और म उनके बीच ाय करता, और परमे र की िविध और व था उ जताता ं।
17 मूसा के ससु र ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अ ा नही ं।
18 और इस से तू ा, वरन ये लोग भी जो तेरे संग ह िन य हार जाएं गे , ोंिक यह काम ते रे िलये ब त भारी है ; तू इसे अकेला नहीं कर सकता।
19 इसिलये अब मे री सुन ले, म तुझ को स ित दे ता ं, और परमे र तेरे संग रहे । तू तो इन लोगों के िलये परमे र के स ुख जाया कर, और इनके मुक मों को परमे र के पास तू
प ंचा िदया कर।
20 इ िविध और व था गट कर कर के, िजस माग पर इ चलना, और जो जो काम इ करना हो, वह इन को जता िदया कर।
21 िफर तू इन सब लोगों म से ऐसे पु षों को छां ट ले , जो गुणी, और परमे र का भय मानने वाले , स े, और अ ाय के लाभ से घृ णा करने वाले हों; और उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ,
पचास-पचास, और दस-दस मनु ों पर धान िनयु कर दे ।
22 और वे सब समय इन लोगों का ाय िकया कर; और सब बड़े बड़े मु क मों को तो ते रे पास ले आया कर, और छोटे छोटे मुक मों का ाय आप ही िकया कर; तब तेरा बोझ हलका
होगा, ोंिक इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएं गे।
23 यिद तू यह उपाय करे , और परमे र तुझ को ऐसी आ ा दे , तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने थान को कुशल से प ंच सकग।
24 अपने ससु र की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनु सार िकया।
25 सो उसने सब इ ाएिलयों म से गुणी-गुणी पु ष चुनकर उ हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर धान ठहराया।
26 और वे सब लोगों का ाय करने लगे; जो मुक मा किठन होता उसे तो वे मू सा के पास ले आते थे , और सब छोटे मु क मों का ाय वे आप ही िकया करते थे।
27 और मू सा ने अपने ससुर को िवदा िकया, और उसने अपने दे श का माग िलया।।
िनगमन 19
1 इ ाएिलयों को िम दे श से िनकले ए िजस िदन तीन महीने बीत चु के, उसी िदन वे सीनै के जं गल म आए।
2 और जब वे रपीदीम से कूच कर के सीनै के जंगल म आए, तब उ ोंने जंगल म डे रे खड़े िकए; और वही ं पवत के आगे इ ाएिलयों ने छावनी डाली।
3 तब मू सा पवत पर परमे र के पास चढ़ गया, और यहोवा ने पवत पर से उसको पु कार कर कहा, याकूब के घराने से ऐसा कह, और इ ाएिलयों को मे रा यह वचन सुना,
4 िक तुम ने दे खा है िक म ने िमि योंसे ा ा िकया; तुम को मानो उकाब प ी के पंखों पर चढ़ाकर अपने पास ले आया ं।
5 इसिलये अब यिद तुम िन य मेरी मानोगे , और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों म से तुम ही मेरा िनज धन ठहरोगे; सम पृ ी तो मेरी है।
6 और तुम मेरी ि म याजकों का रा और पिव जाित ठहरोगे । जो बात तुझे इ ाएिलयों से कहनी ह वे ये ही ह।
7 तब मू सा ने आकर लोगों के पुरिनयों को बुलवाया, और ये सब बात, िजनके कहने की आ ा यहोवा ने उसे दी थी, उन को समझा दी।ं
8 और सब लोग िमलकर बोल उठे , जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम िनत करगे। लोगों की यह बात मू सा ने यहोवा को सुनाईं।
9 तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, म बादल के अंिधयारे म हो कर तेरे पास आता ं , इसिलये िक जब म तुझ से बात क ं तब वे लोग सुन, और सदा तेरी तीित कर। और मूसा ने
यहोवा से लोगों की बातों का वणन िकया।
10 तब यहोवा ने मूसा से कहा, लोगों के पास जा और उ आज और कल पिव करना, और वे अपने व धो ल,
11 और वे तीसरे िदन तक तैयार हो रह; ोंिक तीसरे िदन यहोवा सब लोगों के दे खते सीनै पवत पर उतर आएगा।
12 और तू लोगों के िलये चारों ओर बाड़ा बा दे ना, और उन से कहना, िक तुम सचे त रहो िक पवत पर न चढ़ो और उसके िसवाने को भी न छूओ; और जो कोई पहाड़ को छूए वह
िन य मार डाला जाए।
13 उसको कोई हाथ से तो न छूए, पर ु वह िन य प रवाह िकया जाए, वा तीर से छे दा जाए; चाहे पशु हो चाहे मनु , वह जीिवत न बचे। जब महाश वाले नरिसंगे का श दे र तक
सु नाई दे , तब लोग पवत के पास आएं ।
14 तब मू सा ने पवत पर से उतर कर लोगों के पास आकर उन को पिव कराया; और उ ोंने अपने व धो िलए।
15 और उसने लोगों से कहा, तीसरे िदन तक तैयार हो रहो; ी के पास न जाना।
16 जब तीसरा िदन आया तब भोर होते बादल गरजने और िबजली चमकने लगी, और पवत पर काली घटा छा गई, िफर नरिसंगे का श बड़ा भरी आ, और छावनी म िजतने लोग थे
सब कांप उठे ।
17 तब मू सा लोगों को परमे र से भट करने के िलये छावनी से िनकाल ले गया; और वे पवत के नीचे खड़े ए।
18 और यहोवा जो आग म हो कर सीनै पवत पर उतरा था, इस कारण सम पवत धुएं से भर गया; और उसका धुआं भ े का सा उठ रहा था, और सम पवत ब त कां प रहा था
19 िफर जब नरिसंगे का श बढ़ता और ब त भारी होता गया, तब मू सा बोला, और परमे र ने वाणी सु नाकर उसको उ र िदया।
20 और यहोवा सीनै पवत की चोटी पर उतरा; और मूसा को पवत की चोटी पर बु लाया और मू सा ऊपर चढ़ गया।
21 तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतर के लोगों को िचतावनी दे , कही ं ऐसा न हो िक वे बाड़ा तोड़ के यहोवा के पास दे खने को घुस, और उन म से ब त नाश हो जाएं ।
22 और याजक जो यहोवा के समीप आया करते ह वे भी अपने को पिव कर, कहीं ऐसा न हो िक यहोवा उन पर टू ट पड़े ।
23 मूसा ने यहोवा से कहा, वे लोग सीनै पवत पर नही ं चढ़ सकते; तू ने तो आप हम को यह कहकर िचताया, िक पवत के चारों और बाड़ा बा कर उसे पिव रखो।
24 यहोवा ने उस से कहा, उतर तो जा, और हा न समेत ऊपर आ; पर ु याजक और साधारण लोग कही ं यहोवा के पास बाड़ा तोड़ के न चढ़ आएं , कहीं ऐसा न हो िक वह उन पर
टू ट पड़े ।
25 थे ही बात मू सा ने लोगों के पास उतर के उन को सुनाईं।।
िनगमन 20
1 तब परमे र ने ये सब वचन कहे,
2 िक म तेरा परमे र यहोवा ं, जो तुझे दास के घर अथात िम दे श से िनकाल लाया है।।
3 तू मुझे छोड़ दू सरों को ई र कर के न मानना।।
4 तू अपने िलये कोई मूित खोदकर न बनाना, न िकसी िक ितमा बनाना, जो आकाश म, वा पृ ी पर, वा पृ ी के जल म है।
5 तू उन को द वत न करना, और न उनकी उपासना करना; ोंिक म तेरा परमे र यहोवा जलन रखने वाला ई र ं , और जो मु झ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों
को भी िपतरों का द िदया करता ं,
6 और जो मु झ से ेम रखते और मेरी आ ाओं को मानते ह, उन हजारों पर क णा िकया करता ं।।
7 तू अपने परमे र का नाम थ न लेना; ोंिक जो यहोवा का नाम थ ले वह उसको िनद ष न ठहराएगा।।
8 तू िव ामिदन को पिव मानने के िलये रण रखना।
9 छ: िदन तो तू प र म कर के अपना सब काम काज करना;
10 पर ु सातवां िदन तेरे परमे र यहोवा के िलये िव ामिदन है। उस म न तो तू िकसी भां ित का काम काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न ते रे पशु, न
कोई परदे शी जो तेरे फाटकों के भीतर हो।
11 ोंिक छ: िदन म यहोवा ने आकाश, और पृ ी, और समु , और जो कुछ उन म है , सब को बनाया, और सातव िदन िव ाम िकया; इस कारण यहोवा ने िव ामिदन को आशीष दी
और उसको पिव ठहराया।।
12 तू अपने िपता और अपनी माता का आदर करना, िजस से जो दे श तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है उस म तू ब त िदन तक रहने पाए।।
13 तू खू न न करना।।
14 तू िभचार न करना।।
15 तू चोरी न करना।।
16 तू िकसी के िव झूठी सा ी न दे ना।।
17 तू िकसी के घर का लालच न करना; न तो िकसी की ी का लालच करना, और न िकसी के दास-दासी, वा बै ल गदहे का, न िकसी की िकसी व ु का लालच करना।।
18 और सब लोग गरजने और िबजली और नरिसंगे के श सु नते , और धुआं उठते ए पवत को दे खते रहे, और दे ख के, कांपकर दू र खड़े हो गए;
19 और वे मू सा से कहने लगे, तू ही हम से बात कर, तब तो हम सु न सकगे ; पर ु परमे र हम से बात न करे , ऐसा न हो िक हम मर जाएं ।
20 मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत; ोंिक परमे र इस िनिम आया है िक तु ारी परी ा करे , और उसका भय तु ारे मन म बना रहे, िक तुम पाप न करो।
21 और वे लोग तो दू र ही खड़े रहे, पर ु मूसा उस घोर अ कार के समीप गया जहां परमे र था।।
22 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू इ ाएिलयों को मे रे ये वचन सुना, िक तुम लोगों ने तो आप ही दे खा है िक म ने तु ारे साथ आकाश से बात की ह।
23 तुम मे रे साथ िकसी को स िलत न करना, अथात अपने िलये चा ी वा सोने से दे वताओं को न गढ़ लेना।
24 मेरे िलये िम ी की एक वेदी बनाना, और अपनी भेड़-बक रयोंऔर गाय-बै लों के होमबिल और मेलबिल को उस पर चढ़ाना; जहां जहां म अपने नाम का रण कराऊं वहां वहां म
आकर तु आशीष दू ं गा।
25 और यिद तुम मेरे िलये प रों की वेदी बनाओ, तो तराशे ए प रों से न बनाना; ोंिक जहां तु म ने उस पर अपना हिथयार लगाया वहां तू उसे अशु कर दे गा।
26 और मे री वेदी पर सीढ़ी से कभी न चढ़ना, कही ं ऐसा न हो िक ते रा तन उस पर नं गा दे ख पड़े ।।
िनगमन 21
1 िफर जो िनयम तुझे उन को समझाने ह वे ये ह।।
2 जब तुम कोई इ ी दास मोल लो, तब वह छ: वष तक सेवा करता रहे, और सातव वष तं हो कर सतमत चला जाए।
3 यिद वह अकेला आया हो, तो अकेला ही चला जाए; और यिद प ी सिहत आया हो, तो उसके साथ उसकी प ी भी चली जाए।
4 यिद उसके ामी ने उसको प ी दी हो और उस से उसके बेटे वा बे िटयां उ ई हों, तो उसकी प ी और बालक उसके ामी के ही रह, और वह अकेला चला जाए।
5 पर ु यिद वह दास ढ़ता से कहे, िक म अपने ामी, और अपनी प ी, और बालकों से े म रखता ं ; इसिलये म तं हो कर न चला जाऊंगा;
6 तो उसका ामी उसको परमे र के पास ले चले; िफर उसको ार के िकवाड़ वा बाजू के पास ले जा कर उसके कान म सुतारी से छे द कर; तब वह सदा उसकी से वा करता रहे।।
7 यिद कोई अपनी बेटी को दासी होने के िलये बेच डाले, तो वह दासी की नाईं बाहर न जाए।
8 यिद उसका ामी उसको अपनी प ी बनाए, और िफर उस से स न रहे, तो वह उसे दाम से छु ड़ाई जाने दे ; उसका िव ासघात करने के बाद उसे ऊपरी लोगों के हाथ बेचने का
उसको अिधकार न होगा।
9 और यिद उसने उसे अपने बेटे को ाह िदया हो, तो उस से बे टी का सा वहार करे ।
10 चाहे वह दू सरी प ी कर ले, तौभी वह उसका भोजन, व , और सं गित न घटाए।
11 और यिद वह इन तीन बातों म घटी करे , तो वह ी सतमत िबना दाम चुकाए ही चली जाए।।
12 जो िकसी मनु को ऐसा मारे िक वह मर जाए, तो वह भी िन य मार डाला जाए।
13 यिद वह उसकी घात म न बैठा हो, और परमे र की इ ा ही से वह उसके हाथ म पड़ गया हो, तो ऐसे मारने वाले के भागने के िनिम म एक थान ठहराऊंगा जहां वह भाग जाए।
14 पर ु यिद कोई िढठाई से िकसी पर चढ़ाई कर के उसे छल से घात करे , तो उसको मार डालने के िलये मेरी वेदी के पास से भी अलग ले जाना।।
15 जो अपने िपता वा माता को मारे -पीटे वह िन य मार डाला जाए।।
16 जो िकसी मनु को चुराए, चाहे उसे ले जा कर बेच डाले, चाहे वह उसके पास पाया जाए, तो वह भी िन य मार डाला जाए।।
17 जो अपने िपता वा माता को ाप दे वह भी िन य मार डाला जाए।।
18 यिद मनु झगड़ते हों, और एक दू सरे को प र वा मु े से ऐसा मारे िक वह मरे नही ं पर ु िबछौने पर पड़ा रहे,
19 तो जब वह उठ कर लाठी के सहारे से बाहर चलने िफरने लगे, तब वह मारने वाला िनद ष ठहरे ; उस दशा म वह उसके पड़े रहने के समय की हािन तो भर दे , ओर उसको भला
चं गा भी करा दे ।।
20 यिद कोई अपने दास वा दासी को सोंटे से ऐसा मारे िक वह उसके मारने से मर जाए, तब तो उसको िन य द िदया जाए।
21 पर ु यिद वह दो एक िदन जीिवत रहे, तो उसके ामी को द न िदया जाए; ोंिक वह दास उसका धन है।।
22 यिद मनु आपस म मारपीट कर के िकसी गिभण ी को ऐसी चोट प चाए, िक उसका गभ िगर जाए, पर ु और कुछ हािन न हो, तो मारने वाले से उतना द िलया जाए
िजतना उस ी का पित पंच की स ित से ठहराए।
23 पर ु यिद उसको और कुछ हािन प ंचे, तो ाण की स ी ाण का,
24 और आं ख की स ी आं ख का, और दांत की स ी दां त का, और हाथ की स ी हाथ का, और पांव की स ी पां व का,
25 और दाग की स ी दाग का, और घाव की स ी घाव का, और मार की स ी मार का द हो।।
26 जब कोई अपने दास वा दासी की आं ख पर ऐसा मारे िक फूट जाए, तो वह उसकी आं ख की स ी उसे तं कर के जाने दे ।
27 और यिद वह अपने दास वा दासी को मारके उसका दांत तोड़ डाले , तो वह उसके दांत की स ी उसे तं कर के जाने दे ।।
28 यिद बैल िकसी पु ष वा ी को ऐसा सी ंग मारे िक वह मर जाए, तो वह बैल तो िन य प रवाह कर के मार डाला जाए, और उसका मांस खाया न जाए; पर ु बैल का ामी
िनद ष ठहरे ।
29 पर ु यिद उस बै ल की पिहले से सीग ं मारने की बान पड़ी हो, और उसके ामी ने जताए जाने पर भी उसको न बा रखा हो, और वह िकसी पु ष वा ी को मार डाले , तब तो
वह बै ल प रवाह िकया जाए, और उसका ामी भी मार डाला जाए।
30 यिद उस पर छु ड़ौती ठहराई जाए, तो ाण छु ड़ाने को जो कुछ उसके िलये ठहराया जाए उसे उतना ही दे ना पड़े गा।
31 चाहे बैल ने िकसी बेटे को, चाहे बेटी को मारा हो, तौभी इसी िनयम के अनु सार उसके ामी के साथ वहार िकया जाए।
32 यिद बै ल ने िकसी दास वा दासी को सीग ं मारा हो, तो बैल का ामी उस दास के ामी को तीस शेकेल पा दे , और वह बैल प रवाह िकया जाए।।
33 यिद कोई मनु गड़हा खोलकर वा खोदकर उसको न ढां पे, और उस म िकसी का बै ल वा गदहा िगर पड़े
34 तो िजसका वह गड़हा हो वह उस हािन को भर दे ; वह पशु के ामी को उसका मोल दे , और लोथ गड़हे वाले की ठहरे ।।
35 यिद िकसी का बैल िकसी दू सरे के बैल को ऐसी चोट लगाए, िक वह मर जाए, तो वे दोनो मनु जीते बै ल को बे चकर उसका मोल आपस म आधा आधा बांट ले; और लोथ को भी
वैसा ही बांट।
36 यिद यह गट हो िक उस बैल की पिहले से सीग ं मारने की बान पड़ी थी, पर उसके ामी ने उसे बा नहीं रखा, तो िन य यह बैल की स ी बैल भर दे , पर लोथ उसी की ठहरे ।।
िनगमन 22
1 यिद कोई मनु बैल, वा भेड़, वा बकरी चुराकर उसका घात करे वा बेच डाले , तो वह बै ल की स ी पाँच बै ल, और भे ड़-बकरी की स ी चार भेड़-बकरी भर दे ।
2 यिद चोर सध लगाते ए पकड़ा जाए, और उस पर ऐसी मार पड़े िक वह मर जाए, तो उसके खू न का दोष न लगे;
3 यिद सू य िनकल चुके, तो उसके खून का दोष लगे; अव है िक वह हािन को भर दे , और यिद उसके पास कुछ न हो, तो वह चोरी के कारण बेच िदया जाए।
4 यिद चु राया आ बैल, वा गदहा, वा भेड़ वा बकरी उसके हाथ म जीिवत पाई जाए, तो वह उसका दू ना भर दे ।।
5 यिद कोई अपने पशु से िकसी का खेत वा दाख की बारी चराए, अथात अपने पशु को ऐसा छोड़ दे िक वह पराए खे त को चर ले, तो वह अपने खेत की और अपनी दाख की बारी की
उ म से उ म उपज म से उस हािन को भर दे ।।
6 यिद कोई आग जलाए, और वह कांटों म लग जाए और फूलों के ढे र वा अनाज वा खड़ा खेत जल जाए, तो िजसने आग जलाई हो वह हािन को िन य भर दे ।।
7 यिद कोई दू सरे को पए वा साम ी की धरोहर धरे , और वह उसके घर से चु राई जाए, तो यिद चोर पकड़ा जाए, तो दू ना उसी को भर दे ना पड़े गा।
8 और यिद चोर न पकड़ा जाए, तो घर का ामी परमे र के पास लाया जाए, िक िन य हो जाय िक उसने अपने भाई ब ु की स ि पर हाथ लगाया है वा नही ं।
9 चाहे बैल, चाहे गदहे , चाहे भेड़ वा बकरी, चाहे व , चाहे िकसी कार की ऐसी खोई ई व ु के िवषय अपराध ों न लगाया जाय, िजसे दो जन अपनी अपनी कहते हों, तो दोनों का
मुक मा परमे र के पास आए; और िजस को परमे र दोषी ठहराए वह दू सरे को दू ना भर दे ।।
10 यिद कोई दू सरे को गदहा वा बैल वा भेड़-बकरी वा कोई और पशु रखने के िलये सौप, और िकसी के िबना दे खे वह मर जाए, वा चोट खाए, वा हांक िदया जाए,
11 तो उन दोनो के बीच यहोवा की शपथ खलाई जाए िक म ने इसकी स ि पर हाथ नही ं लगाया; तब स ि का ामी इस को सच माने, और दू सरे को उसे कुछ भी भर दे ना न
होगा।
12 यिद वह सचमुच उसके यहां से चुराया गया हो, तो वह उसके ामी को उसे भर दे ।
13 और यिद वह फाड़ डाला गया हो, तो वह फाड़े ए को माण के िलये ले आए, तब उसे उसको भी भर दे ना न पड़े गा।।
14 िफर यिद कोई दू सरे से पशु मांग लाए, और उसके ामी के सं ग न रहते उसको चोट लगे वा वह मर जाए, तो वह िन य उसकी हािन भर दे ।
15 यिद उसका ामी संग हो, तो दू सरे को उसकी हािन भरना न पड़े ; और यिद वह भाड़े का हो तो उसकी हािन उसके भाड़े म आ गई।।
16 यिद कोई पु ष िकसी क ा को िजसके ाह की बात न लगी हो फुसलाकर उसके सं ग कुकम करे , तो वह िन य उसका मोल दे के उसे ाह ले।
17 पर ु यिद उसका िपता उसे दे ने को िब ु ल इनकार करे , तो कुकम करने वाला क ाओं के मोल की रीित के अनुसार पये तौल दे ।।
18 तू डाइन को जीिवत रहने न दे ना।।
19 जो कोई पशुगमन करे वह िन य मार डाला जाए।।
20 जो कोई यहोवा को छोड़ िकसी और दे वता के िलये बिल करे वह स नाश िकया जाए।
21 और परदे शी को न सताना और न उस पर अ ेर करना ोंिक िम दे श म तु म भी परदे शी थे।
22 िकसी िवधवा वा अनाथ बालक को दु :ख न दे ना।
23 यिद तु म ऐसों को िकसी कार का दु :ख दो, और वे कुछ भी मेरी दोहाई द, तो म िन य उनकी दोहाई सु नूंगा;
24 तब मे रा ोध भड़केगा, और म तुम को तलवार से मरवाऊंगा, और तु ारी पि यां िवधवा और तु ारे बालक अनाथ हो जाएं गे।।
25 यिद तू मेरी जा म से िकसी दीन को जो तेरे पास रहता हो पए का ऋण दे , तो उस से महाजन की नाईं ाज न लेना।
26 यिद तू कभी अपने भाईब ु के व को ब क कर के रख भी ले, तो सूय के अ होने तक उसको लौटा दे ना;
27 ोंिक वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी दे ह का वही अकेला व होगा िफर वह िकसे ओढ़कर सोएगा? तोभी जब वह मेरी दोहाई दे गा तब म उसकी सुनूंगा, ोंिक म तो
क णामय ं।।
28 परमे र को ाप न दे ना, और न अपने लोगों के धान को ाप दे ना।
29 अपने खे तों की उपज और फलों के रस म से कुछ मुझे दे ने म िवल न करना। अपने बेटों म से पिहलौठे को मु झे दे ना।
30 वैसे ही अपनी गायों और भेड़-बक रयों के पिहलौठे भी दे ना; सात िदन तक तो ब ा अपनी माता के सं ग रहे , और आठव िदन तू उसे मुझे दे दे ना।
31 और तुम मेरे िलये पिव मनु बनना; इस कारण जो पशु मै दान म फाड़ा आ पड़ा िमले उसका मां स न खाना, उसको कु ों के आगे फक दे ना।।
िनगमन 23
1 झूठी बात न फैलाना। अ ायी सा ी हो कर दु का साथ न दे ना।
2 बु राई करने के िलये न तो ब तों के पीछे हो लेना; और न उनके पीछे िफरके मुक म म ाय िबगाड़ने को सा ी दे ना;
3 और कंगाल के मुक म म उसका भी प न करना।।
4 यिद तेरे श ु का बैल वा गदहा भटकता आ तुझे िमले, तो उसे उसके पास अव फेर ले आना।
5 िफर यिद तू अपने बैरी के गदहे को बोझ के मारे दबा आ दे खे, तो चाहे उसको उसके ामी के िलये छु ड़ाने के िलये तेरा मन न चाहे, तौभी अव ामी का साथ दे कर उसे छु ड़ा
ले ना।।
6 तेरे लोगों म से जो द र हों उसके मु क मे म ाय न िबगाड़ना।
7 झूठे मु क मे से दू र रहना, और िनद ष और धम को घात न करना, ोंिक म दु को िनद ष न ठहराऊंगा।
8 घूस न लेना, ोंिक घूस दे खने वालों को भी अ ा कर दे ता, और धिमयों की बात पलट दे ता है ।
9 परदे शी पर अ ेर न करना; तुम तो परदे शी के मन की बात जानते हो, ोंिक तुम भी िम दे श म परदे शी थे।।
10 छ: वष तो अपनी भूिम म बोना और उसकी उपज इक ी करना;
11 पर ु सातव वष म उसको पड़ती रहने दे ना और वैसा ही छोड़ दे ना, तो तेरे भाई ब ु ओं म के द र लोग उस से खाने पाएं , और जो कुछ उन से भी बचे वह बनैले पशुओं के खाने के
काम म आए। और अपनी दाख और जलपाई की बा रयों को भी ऐसे ही करना।
12 छ: िदन तक तो अपना काम काज करना, और सातव िदन िव ाम करना; िक ते रे बै ल और गदहे सु ाएं , और ते री दािसयों के बेटे और परदे शी भी अपना जी ठं डा कर सक।
13 और जो कुछ म ने तुम से कहा है उस म सावधान रहना; और दू सरे दे वताओं के नाम की चचा न करना, वरन वे तु ारे मुंह से सु नाईं भी न द।
14 ित वष तीन बार मेरे िलये प मानना।
15 अखमीरी रोटी का प मानना; उस म मेरी आ ा के अनु सार अबीब महीने के िनयत समय पर सात िदन तक अखमीरी रोटी खाया करना, ोंिक उसी महीने म तुम िम से िनकल
आए। और मुझ को कोई छूछे हाथ अपना मुंह न िदखाए।
16 और जब ते री बोई ई खेती की पिहली उपज तैयार हो, तब कटनी का प मानना। और वष के अ म जब तू प र म के फल बटोर के ढे र लगाए, तब बटोरन का प मानना।
17 ित वष तीनों बार ते रे सब पु ष भु यहोवा को अपना मुंह िदखाएं ।।
18 मेरे बिलपशु का लो खमीरी रोटी के संग न चढ़ाना, और न मेरे प के उ म बिलदान म से कुछ िबहान तक रहने दे ना।
19 अपनी भूिम की पिहली उपज का पिहला भाग अपने परमे र यहोवा के भवन म ले आना। बकरी का ब ा उसकी माता के दू ध म न पकाना।।
20 सु न, म एक दू त तेरे आगे आगे भेजता ं जो माग म तेरी र ा करे गा, और िजस थान को म ने तै यार िकया है उस म तु झे प ंचाएगा।
21 उसके सा ने सावधान रहना, और उसकी मानना, उसका िवरोध न करना, ोंिक वह तु ारा अपराध मा न करे गा; इसिलये िक उस म मेरा नाम रहता है।
22 और यिद तू सचमु च उसकी माने और जो कुछ म क ं वह करे , तो म तेरे श ुओ ं का श ु और ते रे ोिहयों का ोही बनूंगा।
23 इस रीित मे रा दू त तेरे आगे आगे चलकर तुझे एमोरी, िह ी, पर ी, कनानी, िह ी, और यबू सी लोगों के यहां प ंचाएगा, और म उन को स नाश कर डालूंगा।
24 उनके दे वताओं को द वत न करना, और न उनकी उपासना करना, और न उनके से काम करना, वरन उन मू रतों को पू री रीित से स ानाश कर डालना, और उन लोगों की लाटों
के टु कड़े टु कड़े कर दे ना।
25 और तुम अपने परमे र यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अ जल पर आशीष दे गा, और ते रे बीच म से रोग दू र करे गा।
26 तेरे दे श म न तो िकसी का गभ िगरे गा और न कोई बांझ होगी; और तेरी आयु म पू री क ं गा।
27 िजतने लोगों के बीच तू जायेगा उन सभों के मन म म अपना भय पिहले से ऐसा समवा दू ं गा िक उन को ाकुल कर दू ं गा, और म तुझे सब श ुओ ं की पीठ िदखाऊंगा।
28 और म तुझ से पिहले बर को भेजूंगा जो िह ी, कनानी, और िह ी लोगों को ते रे सा ने से भगा के दू र कर दगी।
29 म उन को तेरे आगे से एक ही वष म तो न िनकाल दू ं गा, ऐसा न हो िक दे श उजाड़ हो जाए, और बनै ले पशु बढ़कर तुझे दु :ख दे ने लग।
30 जब तक तू फूल फलकर दे श को अपने अिधकार म न कर ले तब तक म उ ते रे आगे से थोड़ा थोड़ा कर के िनकालता र ंगा।
31 म लाल समु से ले कर पिल यों के समु तक और जंगल से ले कर महानद तक के दे श को तेरे वश म कर दू ं गा; म उस दे श के िनवािसयों भी तेरे वश म कर दू ं गा, और तू उ
अपने सा ने से बरबस िनकालेगा।
32 तू न तो उन से वाचा बा ना और न उनके दे वताओं से।
33 वे तेरे दे श म रहने न पाएं , ऐसा न हो िक वे तुझ से मेरे िव पाप कराएं ; ोंिक यिद तू उनके दे वताओं की उपासना करे , तो यह तेरे िलये फंदा बने गा।।
िनगमन 24
1 िफर उसने मूसा से कहा, तू, हा न, नादाब, अबी , और इ ाएिलयों के स र पु रिनयों समे त यहोवा के पास ऊपर आकर दू र से द वत करना।
2 और केवल मूसा यहोवा के समीप आए; पर ु वे समीप न आएं , और दू सरे लोग उसके सं ग ऊपर न आएं ।
3 तब मू सा ने लोगों के पास जा कर यहोवा की सब बात और सब िनयम सु ना िदए; तब सब लोग एक र से बोल उठे , िक िजतनी बात यहोवा ने कही ह उन सब बातों को हम मानगे।
4 तब मू सा ने यहोवा के सब वचन िलख िदए। और िबहान को सवेरे उठ कर पवत के नीचे एक वेदी और इ ाएल के बारहों गो ों के अनु सार बारह ख े भी बनवाए।
5 तब उसने कई इ ाएली जवानों को भेजा, िज ोंने यहोवा के िलये होमबिल और बैलों के मेलबिल चढ़ाए।
6 और मू सा ने आधा लो तो ले कर कटारों म रखा, और आधा वेदी पर िछड़क िदया।
7 तब वाचा की पु क को ले कर लोगों को पढ़ सुनाया; उसे सुनकर उ ोंने कहा, जो कुछ यहोवा ने कहा है उस सब को हम करगे, और उसकी आ ा मानगे।
8 तब मू सा ने लो को ले कर लोगों पर िछड़क िदया, और उन से कहा, दे खो, यह उस वाचा का लो है िजसे यहोवा ने इन सब वचनों पर तु ारे साथ बा ी है।
9 तब मू सा, हा न, नादाब, अबी और इ ाएिलयों के स र पुरिनए ऊपर गए,
10 और इ ाएल के परमे र का दशन िकया; और उसके चरणों के तले नीलमिण का चबूतरा सा कुछ था, जो आकाश के तु ही था।
11 और उसने इ ाएिलयों के धानों पर हाथ न बढ़ाया; तब उ ोंने परमे र का दशन िकया, और खाया िपया।।
12 तब यहोवा ने मूसा से कहा, पहाड़ पर मेरे पास चढ़, और वहां रह; और म तु झे प र की पिटयाएं , और अपनी िलखी ई व था और आ ा दू ं गा, िक तू उन को िसखाए।
13 तब मू सा यहोशू नाम अपने टहलुए समेत परमे र के पवत पर चढ़ गया।
14 िक जब तक हम तु ारे पास िफर न आएं तब तक तुम यहीं हमारी बाट जोहते रहो; और सु नो, हा न और र तु ारे संग ह; तो यिद िकसी का मुक मा हो तो उ ी ं के पास जाए।
15 तब मू सा पवत पर चढ़ गया, और बादल ने पवत को छा िलया।
16 तब यहोवा के तेज ने सीनै पवत पर िनवास िकया, और वह बादल उस पर छ: िदन तक छाया रहा; और सातव िदन उसने मूसा को बादल के बीच म से पुकारा।
17 और इ ाएिलयों की ि म यहोवा का तेज पवत की चोटी पर च आग सा दे ख पड़ता था।
18 तब मू सा बादल के बीच म वेश कर के पवत पर चढ़ गया। और मूसा पवत पर चालीस िदन और चालीस रात रहा।।
िनगमन 25
1 यहोवा ने मू सा से कहा,
2 इ ाएिलयों से यह कहना, िक मेरे िलये भट लाएं ; िजतने अपनी इ ा से दे ना चाह उ ी ं सभों से मे री भट ले ना।
3 और िजन व ुओं की भट उन से लेनी ह वे ये ह; अथात सोना, चांदी, पीतल,
4 नीले , बजनी और लाल रं ग का कपड़ा, सू सनी का कपड़ा, बकरी का बाल,
5 लाल रं ग से रं गी ई मेढ़ों की खाल, सु इसों की खाल, बबूल की लकड़ी,
6 उिजयाले के िलये तेल, अिभषेक के तेल के िलये और सु ग त धूप के िलये सु ग ,
7 एपोद और चपरास के िलये सुलैमानी प र, और जड़ने के िलये मिण।
8 और वे मेरे िलये एक पिव थान बनाए, िक म उनके बीच िनवास क ं ।
9 जो कुछ म तुझे िदखाता ं, अथात िनवास थान और उसके सब सामान का नमू ना, उसी के अनु सार तुम लोग उसे बनाना।।
10 बबू ल की लकड़ी का एक स दू क बनाया जाए; उसकी ल ाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई और ऊंचाई डे ढ़ डे ढ़ हाथ की हों।
11 और उसको चोखे सोने से भीतर और बाहर मढ़वाना, और स दू क के ऊपर चारों ओर सोने की बाड़ बनवाना।
12 और सोने के चार कड़े ढलवाकर उसके चारोंपायों पर, एक अलं ग दो कड़े और दू सरी अलं ग भी दो कड़े लगवाना।
13 िफर बबूल की लकड़ी के ड े बनवाना, और उ े भी सोने से मढ़वाना।
14 और ड ों को स दू क की दोनोंअलंगों के कड़ों म डालना िजस से उनके बल स दू क उठाया जाए।
15 वे ड े स दू क के कड़ों म लगे रह; और उस से अलग न िकए जाएं ।
16 और जो सा ीप म तुझे दू ं गा उसे उसी स दू क म रखना।
17 िफर चोखे सोने का एक ायि का ढकना बनवाना; उसकी ल ाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई डे ढ़ हाथ की हो।
18 और सोना ढालकर दो क ब बनवाकर ायि के ढकने के दोनों िसरों पर लगवाना।
19 एक क ब तो एक िसरे पर और दू सरा क ब दू सरे िसरे पर लगवाना; और क बों को और ायि के ढकने को उसके ही टु कड़े से बनाकर उसके दोनो िसरों पर लगवाना।
20 और उन क बों के पंख ऊपर से ऐसे फैले ए बन िक ायि का ढकना उन से ढं पा रहे , और उनके मु ख आ ने -सा ने और ायि के ढकने की ओर रह।
21 और ायि के ढकने को स दू क के ऊपर लगवाना; और जो सा ीप म तु झे दू ं गा उसे स दू क के भीतर रखना।
22 और म उसके ऊपर रहकर तुझ से िमला क ं गा; और इ ाएिलयों के िलये िजतनी आ ाएं मुझ को तु झे दे नी होंगी, उन सभों के िवषय म ायि के ढकने के ऊपर से और उन
क बों के बीच म से, जो सा ीप के स दू क पर होंगे, तु झ से वातालाप िकया क ं गा।।
23 िफर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी ल ाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊंचाई डे ढ़ हाथ की हो।
24 उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।
25 और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।
26 और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों म लगवाना जो उसके चारों पायों म होंगे।
27 वे कड़े पटरी के पास ही हों, और ड ों के घरों का काम द िक मेज़ उ ी ं के बल उठाई जाए।
28 और ड ों को बबू ल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज़ उ ी ं से उठाई जाए।
29 और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उं डेलने के कटोरे , सब चोखे सोने के बनवाना।
30 और मे ज़ पर मे रे आगे भट की रोिटयां िन रखा करना।।
31 िफर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट, पाये और ड ी सिहत बनाया जाए; उसके पु कोष, गांठ और फूल, सब एक ही टु कड़े के बन;
32 और उसकी अलंगों से छ: डािलयां िनकल, तीन डािलयां तो दीवट की एक अलंग से और तीन डािलयां उसकी दू सरी अलंग से िनकली ई हों;
33 एक एक डाली म बादाम के फूल के समान तीन तीन पु कोष, एक एक गांठ, और एक एक फूल हों; दीवट से िनकली ई छहों डािलयों का यही आकार या प हो;
34 और दीवट की ड ी म बादाम के फूल के समान चार पु कोष अपनी अपनी गांठ और फूल समेत हों;
35 और दीवट से िनकली ई छहों डािलयों म से दो दो डािलयों के नीचे एक एक गांठ हो, वे दीवट समेत एक ही टु कड़े के बने ए हों।
36 उनकी गां ठे और डािलयां, सब दीवट समेत एक ही टु कड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पू रा दीवट एक ही टु कड़े का बनवाना।
37 और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएं िक वे दीवट के सा ने काश द।
38 और उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों।
39 वह सब इन सम सामान समेत िक ार भर चोखे सोने का बने।
40 और सावधान रहकर इन सब व ुओं को उस नमू ने के समान बनवाना, जो तुझे इस पवत पर िदखाया गया है ।।
िनगमन 26
1 िफर िनवास थान के िलये दस परदे बनवाना; इन को बटी ई सनी वाले और नीले , बजनी और लाल रं ग के कपड़े का कढ़ाई के काम िकए ए क बों के साथ बनवाना।
2 एक एक परदे की ल ाई अ ाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; सब परदे एक ही नाप के हों।
3 पांच परदे एक दू सरे से जुड़े ए हों; और िफर जो पांच परदे रहगे वे भी एक दू सरे से जु ड़े ए हों।
4 और जहां ये दोनों पर दे जोड़े जाएं वहां की दोनों छोरों पर नीली नीली फिलयां लगवाना।
5 दोनों छोरों म पचास पचास फिलयां ऐसे लगवाना िक वे आ ने सा ने हों।
6 और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचो को अंकड़ों के ारा एक दू सरे से ऐसा जुड़वाना िक िनवास थान िमलकर एक ही हो जाए।
7 िफर िनवास के ऊपर त ू का काम दे ने के िलये बकरी के बाल के ारह परदे बनवाना।
8 एक एक परदे की ल ाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ारहों परदे एक ही नाप के हों।
9 और पांच परदे अलग और िफर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छटव परदे को त ू के सा ने मोड़ कर दु हरा कर दे ना।
10 और तू पचास अंकड़े उस परदे की छोर म जो बाहर से िमलाया जाएगा और पचास ही अं कड़े दू सरी ओर के परदे की छोर म जो बाहर से िमलाया जाएगा बनवाना।
11 और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फिलयों म लगाकर त ू को ऐसा जु ड़वाना िक वह िमलकर एक ही हो जाए।
12 और त ू के परदों का लटका आ भाग, अथात जो आधा पट रहे गा, वह िनवास की िपछली ओर लटका रहे ।
13 और त ू के परदों की ल ाई म से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर िनवास के ढांकने के िलये उसकी दोनों अलं गों पर लटका आ रहे।
14 िफर त ू के िलये लाल रं ग से रं गी ई मे ढों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना।।
15 िफर िनवास को खड़ा करने के िलये बबूल की लकड़ी के त े बनवाना।
16 एक एक त े की ल ाई दस हाथ और चौड़ाई डे ढ़ हाथ की हो।
17 एक एक त े म एक दू सरे से जोड़ी ई दो दो चूल हों; िनवास के सब त ों को इसी भां ित से बनवाना।
18 और िनवास के िलये जो त े तू बनवाएगा उन म से बीस त े तो द न की ओर के िलये हों;
19 और बीसों त ों के नीचे चां दी की चालीस कुिसया बनवाना, अथात एक एक त े के नीचे उसके चूलों के िलये दो दो कुिसया।
20 और िनवास की दू सरी अलंग, अथात उ र की ओर बीस त े बनवाना।
21 और उनके िलये चांदी की चालीस कुिसया बनवाना, अथात एक एक त े के नीचे दो दो कुिसया हों।
22 और िनवास की िपछली अलंग, अथात पि म की ओर के िलये छः त े बनवाना।
23 और िपछले अलंग म िनवास के कोनों के िलये दो त े बनवाना;
24 और ये नीचे से दो दो भाग के हों और दोनों भाग ऊपर के िसरे तक एक एक कड़े म िमलाये जाएं ; दोनों त ों का यही प हो; ये तो दोनों कोनों के िलये हों।
25 और आठ त हों, और उनकी चांदी की सोलह कुिसया हों; अथात एक एक त े के नीचे दो दो कुिसया हों।
26 िफर बबूल की लकड़ी के बड़े बनवाना, अथात िनवास की एक अलं ग के त ों के िलये पां च,
27 और िनवास की दू सरी अलंग के त ों के िलये पां च बडे , और िनवास की जो अलंग पि म की ओर िपछले भाग म होगी, उसके िलये पांच बड़े बनवाना।
28 और बीचवाला बड़ा जो त ों के म म होगा वह त ू के एक िसरे से दू सरे िसरे तक प ं चे।
29 िफर त ों को सोने से मढ़वाना, और उनके कड़े जो बड़ों के घरों का काम दगे उ भी सोने के बनवाना; और बेड़ों को भी सोने से मढ़वाना।
30 और िनवास को इस रीित खड़ा करना जैसा इस पवत पर तुझे िदखाया गया है ।।
31 िफर नीले, बैजनी और लाल रं ग के और बटी ई सू सनी वाले कपड़े का एक बीचवाला पदा बनवाना; वह कढ़ाई के काम िकये ए क बों के साथ बने ।
32 और उसको सोने से मढ़े ए बबूल के चार ों पर लटकाना, इनकी अंकिडय़ां सोने की हों, और ये चांदी की चार कुिसय पर खड़ी रह।
33 और बीच वाले पद को अंकिडय़ों के नीचे लटकाकर, उसकी आड़ म सा ीप का स दू क भीतर िलवा ले जाना; सो वह बीचवाला पदा तु ारे िलये पिव थान को परमपिव थान से
अलग िकये रहे ।
34 िफर परमपिव थान म सा ीप के स दू क के ऊपर ायि के ढकने को रखना।
35 और उस पद के बाहर िनवास की उ र अलंग मेज़ रखना; और उसकी द न अलं ग मे ज़ के सा ने दीवट को रखना।
36 िफर त ू के ार के िलये नीले, बजनी और लाल रं ग के और बटी ई सू सनी वाले कपड़े का कढ़ाई का काम िकया आ एक पदा बनवाना।
37 और इस पद के िलये बबूल के पांच ख े बनवाना, और उन को सोने से मढ़वाना; उनकी किडयां सोने की हो, और उनके िलये पीतल की पांच कुिसया ढलवा कर बनवाना।।
िनगमन 27
1 िफर वेदी को बबूल की लकड़ी की, पांच हाथ ल ी और पां च हाथ चौड़ी बनवाना; वेदी चौकोर हो, और उसकी ऊंचाई तीन हाथ की हो।
2 और उसके चारों कोनों पर चार सीग ं बनवाना; वे उस समेत एक ही टु कड़े के हों, और उसे पीतल से मढ़वाना।
3 और उसकी राख उठाने के पा , और फाविडय़ां, और कटोरे , और कांटे, और अं गीिठयां बनवाना; उसका कुल सामान पीतल का बनवाना।
4 और उसके पीतल की जाली एक झंझरी बनवाना; और उसके चारों िसरों म पीतल के चार कड़े लगवाना।
5 और उस झं झरी को वेदी के चारों ओर की कंगनी के नीचे ऐसे लगवाना, िक वह वेदी की ऊंचाई के म तक प ं चे।
6 और वेदी के िलये बबूल की लकड़ी के ड े बनवाना, और उ पीतल से मढ़वाना।
7 और डं डे कड़ों म डाले जाएं , िक जब जब वेदी उठाई जाए तब वे उसकी दोनों अलंगों पर रह।
8 वेदी को त ों से खोखली बनवाना; जैसी वह इस पवत पर तुझे िदखाई गई है वैसी ही बनाईं जाए।।
9 िफर िनवास के आं गन को बनवाना। उसकी द न अलंग के िलये तो बटी ई सू सनी के कपड़े के सब पद को िमलाए िक उसकी ल ाई सौ हाथ की हो; एक अलंग पर तो
इतना ही हो।
10 और उनके बीस ख े बन, और इनके िलये पीतल की बीस कुिसया बन, और ख ों के कु े और उनकी पि यां चां दी की हों।
11 और उसी भांित आं गन की उ र अलंग की ल ाई म भी सौ हाथ ल े पद हों, और उनके भी बीस ख े और इनके िलये भी पीतल के बीस खाने हों; और उन ख ों के कु े और
पि यां चां दी की हों।
12 िफर आं गन की चौड़ाई म प म की ओर पचास हाथ के पद हों, उनके ख े दस और खाने भी दस हों।
13 और पू रब अलंग पर आं गन की चौड़ाई पचास हाथ की हो।
14 और आं गन के ार की एक ओर प ह हाथ के पद हों, और उनके ख े तीन और खाने तीन हों।
15 और दू सरी ओर भी प ह हाथ के पद हों, उनके भी ख े तीन और खाने तीन हों।
16 और आं गन के ार के िलये एक पदा बनवाना, जो नीले , बजनी और लाल रं ग के कपड़े और बटी ई सू सनी के कपड़े का कामदार बना आ बीस हाथ का हो, उसके ख े चार
और खाने भी चार हों।
17 आं गन की चारों ओर के सब ख े चांदी की पि यों से जुड़े ए हों, उनके कु े चां दी के और खाने पीतल के हों।
18 आं गन की ल ाई सौ हाथ की, और उसकी चौड़ाई बराबर पचास हाथ की और उसकी कनात की ऊंचाई पां च हाथ की हो, उसकी कनात बटी ई सु सनी के कपड़े की बने , और
ख ों के खाने पीतल के हों।
19 िनवास के भांित भांित के बतन और सब सामान और उसके सब खूं ट और आं गन के भी सब खूंटे पीतल ही के हों।।
20 िफर तू इ ाएिलयों को आ ा दे ना, िक मेरे पास दीवट के िलये कूट के िनकाला आ जलपाई का िनमल ते ल ले आना, िजस से दीपक िन जलता रहे।
21 िमलाप के त ू म, उस बीच वाले पद से बाहर जो सा ीप के आगे होगा, हा न और उसके पु दीवट सां झ से भोर तक यहोवा के सा ने सजा कर रख। यह िविध इ ाएिलयों की
पीिढय़ों के िलये सदै व बनी रहेगी।।
िनगमन 28
1 िफर तू इ ाएिलयों म से अपने भाई हा न, और नादाब, अबी , एलीआज़ार और ईतामार नाम उसके पु ों को अपने समीप ले आना िक वे मेरे िलये याजक का काम कर।
2 और तू अपने भाई हा न के िलये वैभव और शोभा के िनिम पिव व बनवाना।
3 और िजतनों के दय म बु है, िजन को म ने बु दे नेवाली आ ा से प रपूण िकया है , उन को तू हा न के व बनाने की आ ा दे िक वह मेरे िनिम याजक का काम करने के
िलये पिव बन।
4 और जो व उ बनाने होंगे वे ये ह, अथात सीनाब ; और एपोद, और जामा, चार खाने का अं गरखा, पु रोिहत का टोप, और कमरब ; ये ही पिव व तेरे भाई हा न और उसके
पु ों के िलये बनाए जाएं िक वे मेरे िलये याजक का काम कर।
5 और वे सोने और नीले और बजनी और लाल रं ग का और सू सनी का कपड़ा ल।।
6 और वे एपोद को सोने, और नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े का और बटी ई सू सनी के कपड़े का बनाएं , जो िक िनपुण कढ़ाई के काम करने वाले के हाथ का काम हो।
7 और वह इस तरह से जोड़ा जाए िक उसके दोनो क ों के िसरे आपस म िमले रह।
8 और एपोद पर जो काढ़ा आ पटु का होगा उसकी बनावट उसी के समान हो, और वे दोनों िबना जोड़ के हों, और सोने और नीले , बजनी और लाल रं ग वाले और बटी ई सू सनी
वाले कपड़े के हों।
9 िफर दो सुलैमानी मिण ले कर उन पर इ ाएल के पु ों के नाम खु दवाना,
10 उनके नामों म से छ: तो एक मिण पर, और शेष छ: नाम दू सरे मिण पर, इ ाएल के पु ों की उ ि के अनु सार खु दवाना।
11 मिण खोदने वाले के काम से जैसे छापा खोदा जाता है, वैसे ही उन दो मिणयों पर इ ाएल के पु ों के नाम खु दवाना; और उन को सोने के खानों म जड़वा दे ना।
12 और दोनों मिणयों को एपोद के क ों पर लगवाना, वे इ ाएिलयों के िनिम रण िदलवाने वाले मिण ठहरगे ; अथात हा न उनके नाम यहोवा के आगे अपने दोनों क ों पर
रण के िलये लगाए रहे।।
13 िफर सोने के खाने बनवाना,
14 और डो रयों की नाईं गूं थे ए दो जंजीर चोखे सोने के बनवाना; और गूं थे ए जंजीरों को उन खानों म जड़वाना।
15 िफर ाय की चपरास को भी कढ़ाई के काम का बनवाना; एपोद की नाईं सोने , और नीले , बजनी और लाल रं ग के और बटी ई सू सनी के कपड़े की उसे बनवाना।
16 वह चौकोर और दोहरी हो, और उसकी ल ाई और चौड़ाई एक एक िब े की हों।
17 और उस म चार पांित मिण जड़ाना। पिहली पांित म तो मािण , प राग और लालड़ी हों;
18 दू सरी पां ित म मरकत, नीलमिण और हीरा;
19 तीसरी पांित म लशम, सूयकांत और नीलम;
20 और चौथी पांित म फीरोजा, सु लैमानी मिण और यशब हों; ये सब सोने के खानों म जड़े जाएं ।
21 और इ ाएल के पु ों के िजतने नाम ह उतने मिण हों, अथात उनके नामों की िगनती के अनुसार बारह नाम खुद, बारहों गो ों म से एक एक का नाम एक एक मिण पर ऐसे खु दे
जेसे छापा खोदा जाता है।
22 िफर चपरास पर डो रयों की नाईं। गूं थे ए चोखे सोने की जं जीर लगवाना;
23 और चपरास म सोने की दो किडय़ां लगवाना, और दोनों किडय़ों को चपरास के दोनो िसरों पर लगवाना।
24 और सोने के दोनों गूंथे जंजीरों को उन दोनों किडय़ों म जो चपरास के िसरों पर होंगी लगवाना;
25 और गूंथे ए दोनो जं जीरों के दोनों बाकी िसरों को दोनों खानों म जड़वा के एपोद के दोनों क ों के बंधनों पर उसके सा ने लगवाना।
26 िफर सोने की दो और किडय़ां बनवाकर चपरास के दोनों िसरों पर, उसकी उस कोर पर जो एपोद की भीतर की ओर होगी लगवाना।
27 िफर उनके िसवाय सोने की दो और किडय़ां बनवाकर एपोद के दोनों क ों के बंधनों पर, नीचे से उनके सा ने और उसके जोड़ के पास एपोद के काढ़े ए पटु के के ऊपर
लगवाना।
28 और चपरास अपनी किडय़ों के ारा एपोद की किडय़ों म नीले फीते से बां धी जाए, इस रीित वह एपोद के काढ़े ए पटु के पर बनी रहे, और चपरास एपोद पर से अलग न होने पाए।
29 और जब जब हा न पिव थान म वेश करे , तब तब वह ाय की चपरास पर अपने दय के ऊपर इ ाएिलयों के नामों को लगाए रहे, िजस से यहोवा के सा ने उनका रण
िन रहे।
30 और तू ाय की चपरास म ऊरीम और तु ीम को रखना, और जब जब हा न यहोवा के सा ने वेश करे , तब तब वे उसके दय के ऊपर हों; इस कार हा न इ ाएिलयों के
ाय पदाथ को अपने दय के ऊपर यहोवा के सा ने िन लगाए रहे ।।
31 िफर एपोद के बागे को स ूण नीले रं ग का बनवाना।
32 और उसकी बनावट ऐसी हो िक उसके बीच म िसर डालने के िलये छे द हो, और उस छे द की चारों ओर बखतर के छे द की सी एक बु नी ई कोर हो, िक वह फटने न पाए।
33 और उसके नीचे वाले घेरे म चारों ओर नीले , बजनी और लाल रं ग के कपड़े के अनार बनवाना, और उनके बीच बीच चारों ओर सोने की घं टीयां लगवाना,
34 अथात एक सोने की घंटी और एक अनार, िफर एक सोने की घं टी और एक अनार, इसी रीित बागे के नीचे वाले घे रे म चारों ओर ऐसा ही हो।
35 और हा न एक बागे को सेवा टहल करने के समय पिहना करे , िक जब जब वह पिव थान के भीतर यहोवा के सा ने जाए, वा बाहर िनकले, तब तब उसका श सु नाईं दे , नही ं
तो वह मर जाएगा।
36 िफर चोखे सोने का एक टीका बनवाना, और जैसे छापे म वैसे ही उस म ये अ र खोद जाएं , अथात यहोवा के िलये पिव ।
37 और उसे नीले फीते से बांधना; और वह पगड़ी के सा ने के िह े पर रहे ।
38 और हा न के माथे पर रहे, इसिलये िक इ ाएली जो कुछ पिव ठहराएं , अथात िजतनी पिव व ुएं भट म चढ़ाव उन पिव व ु ओं का दोष हा न उठाए रहे, और वह िन
उसके माथे पर रहे, िजस से यहोवा उन से स रहे।।
39 और अंगरखे को सू सनी के कपड़े का चारखाना बुनवाना, और एक पगड़ी भी सू सनी के कपड़े की बनवाना, और कारचोबी काम िकया आ एक कमरब भी बनवाना।।
40 िफर हा न के पु ों के िलये भी अं गरखे और कमरब और टोिपयां बनवाना; ये व भी वैभव और शोभा के िलये बन।
41 अपने भाई हा न और उसके पु ों को ये ही सब व पिहनाकर उनका अिभषेक और सं ार करना, और उ पिव करना, िक वे मेरे िलये याजक का काम कर।
42 और उनके िलये सनी के कपड़े की जांिघया बनवाना िजन से उनका तन ढपा रहे ; वे कमर से जां घ तक की हों;
43 और जब जब हा न वा उसके पु िमलापवाले त ू म वेश कर, वा पिव थान म से वा टहल करने को वेदी के पास जाएं तब तब वे उन जांिघयों को पिहने रह, न हो िक वे पापी
ठहर और मर जाएं । यह हा न के िलये और उसके बाद उसके वंश के िलये भी सदा की िविध ठहर।।
िनगमन 29
1 और उ पिव करने को जो काम तुझे उन से करना है , िक वे मेरे िलये याजक का काम कर वह यह है। एक िनद ष बछड़ा और दो िनद ष मढ़े लेना,
2 और अखमीरी रोटी, और तेल से सने ए मैदे के अखमीरी फुलके, और तेल से चु पड़ी ई अखमीरी पपिडय़ां भी ले ना। ये सब गे ं के मैदे के बनवाना।
3 इन को एक टोकरी म रखकर उस टोकरी को उस बछड़े और उन दोनों मढ़ो समेत समीप ले आना।
4 िफर हा न और उसके पु ों को िमलापवाले त ू के ार के समीप ले आकर जल से नहलाना।
5 तब उन व ों को ले कर हा न को अंगरखा ओर एपोद का बागा पिहनाना, और एपोद और चपरास बा ना, और एपोद का काढ़ा आ पटु का भी बा ना;
6 और उसके िसर पर पगड़ी को रखना, और पगड़ी पर पिव मुकुट को रखना।
7 तब अिभषेक का तेल ले उसके िसर पर डालकर उसका अिभषेक करना।
8 िफर उसके पु ों को समीप ले आकर उन को अंगरखे पिहनाना,
9 और उसके अथात हा न और उसके पु ों के कमर बा ना और उनके िसर पर टोिपयां रखना; िजस से याजक के पद पर सदा उनका हक रहे। इसी कार हा न और उसके पु ों
का सं ार करना।
10 और बछड़े को िमलापवाले त ू के सा ने समीप ले आना। और हा न और उसके पु बछड़े के िसर पर अपने अपने हाथ रख,
11 तब उस बछड़े को यहोवा के स ुख िमलापवाले त ू के ार पर बिलदान करना,
12 और बछड़े के लो म से कुछ ले कर अपनी उं गली से वेदी के सी ंगों पर लगाना, और शेष सब लो को वेदी के पाए पर उं डेल दे ना
13 और िजस चरबी से अंतिडय़ां ढपी रहती ह, और जो िझ ी कले जे के ऊपर होती है, उन को और दोनो गु द को उनके ऊपर की चरबी समेत ले कर सब को वेदी पर जलाना।
14 और बछड़े का मांस, और खाल, और गोबर, छावनी से बाहर आग म जला दे ना; ोंिक यह पापबिल होगा।
15 िफर एक मे ढ़ा लेना, और हा न और उसके पु उसके िसर पर अपने अपने हाथ रख,
16 तब उस मेढ़ को बिल करना, और उसका लो ले कर वेदी पर चारों ओर िछड़कना।
17 और उस मे ढ़े को टु कड़े टु कड़े काटना, और उसकी अंतिडय़ों और पै रों को धोकर उसके टु कड़ों और िसर के ऊपर रखना,
18 तब उस पूरे मे ढ़े को वेदी पर जलाना; वह तो यहोवा के िलये होमबिल होगा; वह सु खदायक सुग और यहोवा के िलये हवन होगा।
19 िफर दू सरे मेढ़े को लेना; और हा न और उसके पु उसके िसर पर अपने अपने हाथ रख,
20 तब उस मड़े को बिल करना, और उसके लो म से कुछ ले कर हा न और उसके पु ों के दािहने कान के िसरे पर, और उनके दािहने हाथ और दािहने पां व के अं गूठों पर लगाना,
और लो को वेदी पर चारों ओर िछड़क दे ना।
21 िफर वेदी पर के लो , और अिभषेक के तेल, इन दोनो म से कुछ कुछ ले कर हा न और उसके व ों पर, और उसके पु ों और उनके व ों पर भी िछड़क दे ना; तब वह अपने
व ों समेत और उसके पु भी अपने अपने व ों समेत पिव हो जाएं गे।
22 तब मे ढ़े को सं ारवाला जानकर उस म से चरबी और मोटी पूं छ को, और िजस चरबी से अं तिडय़ां ढपी रहती ह उसको, और कलेजे पर की िझ ी को, और चरबी समेत दोनों गुद
को, और दािहने पु े को लेना,
23 और अखमीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे धरी होगी उस म से भी एक रोटी, और ते ल से सने ए मै दे का एक फुलका, और एक पपड़ी ले कर,
24 इन सब को हा न और उसके पु ों के हाथों म रखकर िहलाए जाने की भट ठहराके यहोवा के आगे िहलाया जाए।
25 तब उन व ुओं को उनके हाथों से ले कर होमबिल की वेदी पर जला दे ना, िजस से वह यहोवा के सा ने सुखदायक सुग ठहरे ; वह तो यहोवा के िलये हवन होगा।
26 िफर हा न के सं ार का जो मढ़ा होगा उसकी छाती को ले कर िहलाए जाने की भट के िलये यहोवा के आगे िहलाना; और वह तेरा भाग ठहरे गा।
27 और हा न और उसके पु ों के सं ार का जो मेढ़ा होगा, उस म से िहलाए जाने की भटवाली छाती जो िहलाई जाएगी, और उठाए जाने का भटवाला पु ा जो उठाया जाएगा, इन
दोनों को पिव ठहराना।
28 और ये सदा की िविध की रीित पर इ ाएिलयों की ओर से उसका और उसके पु ों का भाग ठहरे , ोंिक ये उठाए जाने की भट ठहरी ह; और यह इ ाएिलयों की ओर से उनके
मेलबिलयों म से यहोवा के िलये उठाऐ जाने की भट होगी।
29 और हा न के जो पिव व होंगे वह उसके बाद उसके बेटे पोते आिद को िमलते रह, िजस से उ ी ं को पिहने ए उनका अिभषेक और सं ार िकया जाए।
30 उसके पु ों के जो उसके थान पर याजक होगा, वह जब पिव थान म सेवा टहल करने को िमलापवाले त ू म पिहले आए, तब उन व ों को सात िदन तक पिहने रह।
31 िफर याजक के सं ार का जो मेढ़ा होगा उसे ले कर उसका मां स िकसी पिव थान म पकाना;
32 तब हा न अपने पु ों समेत उस मे ढे का मांस और टोकरी की रोटी, दोनों को िमलापवाले त ू के ार पर खाए।
33 और िजन पदाथ से उनका सं ार और उ पिव करने के िलये ायि िकया जाएगा उन को तो वे खाएं , पर ु पराए कुल का कोई उ न खाने पाए, ोंिक वे पिव होंगे।
34 और यिद सं ार वाले मांस वा रोटी म से कुछ िबहान तक बचा रहे, तो उस बचे ए को आग म जलाना, वह खाया न जाए; ोंिक वह पिव होगा।
35 और म ने तु झे जो जो आ ा दी ह, उन सभों के अनुसार तू हा न और उसके पु ों से करना; और सात िदन तक उनका सं ार करते रहना,
36 अथात पापबिल का एक बछड़ा ायि के िलये ितिदन चढ़ाना। और वेदी को भी ायि करने के समय शु करना, और उसे पिव करने के िलये उसका अिभषेक करना।
37 सात िदन तक वेदी के िलये ायि कर के उसे पिव करना, और वेदी परमपिव ठहरे गी; और जो कुछ उस से छू जाएगा वह भी पिव हो जाएगा।।
38 जो तुझे वेदी पर िन चढ़ाना होगा वह यह है; अथात ितिदन एक एक वष के दो भेड़ी के ब े।
39 एक भे ड़ के ब े को तो भोर के समय, और दू सरे भेड़ के ब े को गोधूिल के समय चढ़ाना।
40 और एक भेड़ के ब े के संग हीन की चौथाई कूटके िनकाले ए तेल से सना आ एपा का दसवां भाग मैदा, और अघ के िलये ही की चौताई दाखमधु दे ना।
41 और दू सरे भे ड़ के ब े को गोधूिल के समय चढ़ाना, और उसके साथ भोर की रीित अनु सार अ बिल और अघ दोनों दे ना, िजस से वह सुखदायक सुग और यहोवा के िलये हवन
ठहरे ।
42 तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म यहोवा के आगे िमलापवाले त ू के ार पर िन ऐसा ही होमबिल आ करे ; यह वह थान है िजस म म तुम लोगों से इसिलये िमला क ं गा, िक तु झ से बात
कं ।
43 और म इ ाएिलयों से वहीं िमला क ं गा, और वह त ू मे रे तेज से पिव िकया जाएगा।
44 और म िमलापवाले त ू और वेदी को पिव क ं गा, और हा न और उसके पु ों को भी पिव क ं गा, िक वे मेरे िलये याजक का काम कर।
45 और म इ ाएिलयों के म िनवास क ं गा, और उनका परमे र ठह ं गा।
46 तब वे जान लगे िक म यहोवा उनका परमे र ं, जो उन को िम दे श से इसिलये िनकाल ले आया, िक उनके म िनवास क ं ; म ही उनका परमे र यहोवा ं।।
िनगमन 30
1 िफर धूप जलाने के िलये बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना।
2 उसकी ल ाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ की हो, वह चौकोर हो, और उसकी ऊंचाई दो हाथ की हो, और उसके सी ंग उसी टु कड़े से बनाए जाएं ।
3 और वेदी के ऊपर वाले प े और चारों ओर की अलंगों और सी ंगों को चोखे सोने से मढ़ना, और इसकी चारों ओर सोने की एक बाड़ बनाना।
4 और इसकी बाड़ के नीचे इसके दानों प े पर सोने के दो दो कड़े बनाकर इसके दोनों ओर लगाना, वे इसके उठाने के ड ों के खानों का काम दगे।
5 और ड ों को बबू ल की लकड़ी के बनाकर उन को सोने से मढ़ना।
6 और तू उसको उस पद के आगे रखना जो सा ीप के स दू क के सा ने है, अथात ायि वाले ढकने के आगे जो सा ीप के ऊपर है , वहीं म तुझ से िमला क ं गा।
7 और उसी वेदी पर हा न सुग त धूप जलाया करे ; ितिदन भोर को जब वह दीपक को ठीक करे तब वह धूप को जलाए,
8 तब गोधूिल के समय जब हा न दीपकों को जलाए तब धूप जलाया करे , यह धूप यहोवा के सा ने तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म िन जलाया जाए।
9 और उस वेदी पर तुम और कार का धूप न जलाना, और न उस पर होमबिल और न अ बिल चढ़ाना; और न इस पर अघ दे ना।
10 और हा न वष म एक बार इसके सीग ं ों पर ायि करे ; और तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म वष म एक बार ायि िलया जाए; यह यहोवा के िलये परमपिव है।।
11 और तब यहोवा ने मूसा से कहा,
12 जब तू इ ाएिलयों की िगनती लेने लगे, तब वे िगनने के समय िजनकी िगनती ई हो अपने अपने ाणों के िलये यहोवा को ायि द, िजस से जब तू उनकी िगनती कर रहा हो उस
समय कोई िवपि उन पर न आ पड़े ।
13 िजतने लोग िगने जाएं वे पिव थान के शेकेल के िलये आधा शेकेल द, यह शेकेल बीस गे रा का होता है , यहोवा की भट आधा शेकेल हो।
14 बीस वष के वा उस से अिधक अव था के िजतने िगने जाएं उन म से एक एक जन यहोवा की भट दे ।
15 जब तु ारे ाणों के ायि के िनिम यहोवा की भट दी जाए, तब न तो धनी लोग आधे शेकेल से अिधक द, और न कंगाल लोग उस से कम द।
16 और तू इ ाएिलयों से ायि का पया ले कर िमलापवाले त ू के काम म लगाना; िजस से वह यहोवा के स ु ख इ ाएिलयों के रणाथ िच ठहरे , और उनके ाणों का
ायि भी हो।।
17 और यहोवा ने मूसा से कहा,
18 धोने के िलये पीतल की एक हौदी और उसका पाया पीतल का बनाना। और उसे िमलापवाले त ू और वेदी के बीच म रखकर उस म जल भर दे ना;
19 और उस म हा न और उसके पु अपने अपने हाथ पां व धोया कर।
20 जब जब वे िमलापवाले त ू म वेश कर तब तब वे हाथ पांव जल से धोएं , नहीं तो मर जाएं गे; और जब जब वे वेदी के पास से वा टहल करने , अथात यहोवा के िलये ह जलाने को
आएं तब तब वे हाथ पां व धोएं , न हो िक मर जाएं ।
21 यह हा न और उसके पीढ़ी पीढ़ी के वंश के िलये सदा की िविध ठहरे ।।
22 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
23 तू मु मु सुग , अथात पिव थान के शेकेल के अनुसार पां च सौ शेकेल अपने आप िनकला आ ग रस, और उसका आधा, अथात अढ़ाई सौ शेकेल सु ग त अगर,
24 और पांच सौ शेकेल तज, और एक हीन जलपाई का तेल ले कर
25 उन से अिभषेक का पिव तेल, अथात ग ी की रीित से तैयार िकया आ सुग त ते ल बनवाना; यह अिभषे क का पिव तेल ठहरे ।
26 और उस से िमलापवाले त ू का, और सा ीप के स दू क का,
27 और सारे सामान समेत मेज़ का, और सामान समेत दीवट का, और धूपवेदी का,
28 और सारे सामान समेत होमवेदी का, और पाए समेत हौदी का अिभषे क करना।
29 और उन को पिव करना, िजस से वे परमपिव ठहर; और जो कुछ उन से छू जाएगा वह पिव हो जाएगा।
30 िफर हा न का उसके पु ों के साथ अिभषे क करना, और इस कार उ मेरे िलये याजक का काम करने के िलये पिव करना।
31 और इ ाएिलयों को मे री यह आ ा सुनाना, िक वह तेल तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म मे रे िलये पिव अिभषे क का ते ल होगा।
32 वह िकसी मनु की दे ह पर न डाला जाए, और िमलावट म उसके समान और कुछ न बनाना; वह तो पिव होगा, वह तु ारे िलये पिव होगा।
33 जो कोई उसके समान कुछ बनाए, वा जो कोई उस म से कुछ पराए कुल वाले पर लगाए, वह अपने लोगों म से नाश िकया जाए।।
34 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, बोल, नखी और कु , ये सुग िनमल लोबान समे त ले लेना, ये सब एक तौल के हों,
35 और इनका धूप अथात लोन िमलाकर ग ी की रीित के अनु सार चोखा और पिव सुग बनवाना;
36 िफर उस म से कुछ पीसकर बुकनी कर डालना, तब उस म से कुछ िमलापवाले त ू म सा ीप के आगे , जहां पर म तुझ से िमला क ं गा वहां रखना; वह तु ारे िलये परमपिव
होगा।
37 और जो धूप तू बनवाएगा, िमलावट म उसके समान तुम लोग अपने िलये और कुछ न बनवाना; वह तु ारे आगे यहोवा के िलये पिव होगा।
38 जो कोई सूं घने के िलये उसके समान कुछ बनाए वह अपने लोगों म से नाश िकया जाए।।
िनगमन 31
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 सुन, म ऊरी के पु बसलेल को, जो र का पोता और य दा के गो का है , नाम ले कर बुलाता ं।
3 और म उसको परमे र की आ ा से जो बु , वीणता, ान, और सब कार के काय की समझ दे नेवाली आ ा है प रपूण करता ं,
4 िजस से वह कारीगरी के काय बु से िनकाल िनकाल कर सब भांित की बनावट म, अथात सोने , चांदी, और पीतल म,
5 और जड़ने के िलये मिण काटने म, और लकड़ी के खोदने म काम करे ।
6 और सु न, म दान के गो वाले अहीसामाक के पु ओहोलीआब को उसके सं ग कर दे ता ं; वरन िजतने बु मान है उन सभों के दय म म बु दे ता ं, िजस से िजतनी व ु ओं की
आ ा म ने तुझे दी है उन सभों को वे बनाएं ;
7 अथात िमलापवाला त ू, और सा ीप का स दू क, और उस पर का ायि वाला ढकना, और त ू का सारा सामान,
8 और सामान सिहत मेज़, और सारे सामान समेत चोखे सोने की दीवट, और धूपवेदी,
9 और सारे सामान सिहत होमवेदी, और पाए समेत हौदी,
10 और काढ़े ए व , और हा न याजक के याजक वाले काम के पिव व , और उसके पु ों के व ,
11 और अिभषेक का तेल, और पिव थान के िलये सुग त धूप, इन सभों को वे उन सब आ ाओं के अनु सार बनाएं जो म ने तुझे दी ह।।
12 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
13 तू इ ाएिलयों से यह भी कहना, िक िन य तुम मेरे िव ामिदनों को मानना, ोंिक तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म मे रे और तु म लोगों के बीच यह एक िच ठहरा है, िजस से तुम यह बात
जान रखो िक यहोवा हमारा पिव करनेहारा है।
14 इस कारण तुम िव ामिदन को मानना, ोंिक वह तु ारे िलये पिव ठहरा है; जो उसको अपिव करे वह िन य मार डाला जाए; जो कोई उस िदन म से कुछ कामकाज करे वह
ाणी अपने लोगों के बीच से नाश िकया जाए।
15 छ: िदन तो काम काज िकया जाए, पर सातवां िदन परमिव ाम का िदन और यहोवा के िलये पिव है ; इसिलये जो कोई िव ाम के िदन म कुछ काम काज करे वह िन य मार डाला
जाए।
16 सो इ ाएली िव ामिदन को माना कर, वरन पीढ़ी पीढ़ी म उसको सदा की वाचा का िवषय जानकर माना कर।
17 वह मे रे और इ ाएिलयों के बीच सदा एक िच रहेगा, ोंिक छ: िदन म यहोवा ने आकाश और पृ ी को बनाया, और सातव िदन िव ाम कर के अपना जी ठ ा िकया।।
18 जब परमे र मूसा से सीनै पवत पर ऐसी बात कर चुका, तब उसने उसको अपनी उं गली से िलखी ई सा ी दे नेवाली प र की दोनों त यां दी।।
िनगमन 32
1 जब लोगों ने दे खा िक मूसा को पवत से उतरने म िवल हो रहा है, तब वे हा न के पास इक े हो कर कहने लगे, अब हमारे िलये दे वता बना, जो हमारे आगे आगे चले; ोंिक उस
पु ष मूसा को जो हम िम दे श से िनकाल ले आया है, हम नही ं जानते िक उसे ा आ?
2 हा न ने उन से कहा, तु ारी यों और बे टे बे िटयों के कानों म सोने की जो बािलयां है उ तोड़कर उतारो, और मेरे पास ले आओ।
3 तब सब लोगों ने उनके कानों से सोने की बािलयों को तोड़कर उतारा, और हा न के पास ले आए।
4 और हा न ने उ उनके हाथ से िलया, और एक बछड़ा ढालकर बनाया, और टां की से गढ़ा; तब वे कहने लगे , िक हे इ ाएल तेरा परमे र जो तुझे िम दे श से छु ड़ा लाया है वह
यही है ।
5 यह दे खके हा न ने उसके आगे एक वेदी बनवाई; और यह चार िकया, िक कल यहोवा के िलये प होगा।
6 और दू सरे िदन लोगों ने तड़के उठ कर होमबिल चढ़ाए, और मेलबिल ले आए; िफर बै ठकर खाया िपया, और उठ कर खे लने लगे ।।
7 तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतर जा, ोंिक तेरी जा के लोग, िज तू िम दे श से िनकाल ले आया है, सो िबगड़ गए ह;
8 और िजस माग पर चलने की आ ा म ने उन को दी थी उसको झटपट छोड़कर उ ोंने एक बछड़ा ढालकर बना िलया, िफर उसको द वत िकया, और उसके िलये बिलदान भी
चढ़ाया, और यह कहा है, िक हे इ ाएिलयों तु ारा परमे र जो तु िम दे श से छु ड़ा ले आया है वह यही है ।
9 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, म ने इन लोगों को दे खा, और सुन, वे हठीले ह।
10 अब मु झे मत रोक, मेरा कोप उन पर भड़क उठा है िजस से म उ भ क ं ; पर ु तु झ से एक बड़ी जाित उपजाऊंगा।
11 तब मू सा अपने परमे र यहोवा को यह कहके मनाने लगा, िक हे यहोवा, ते रा कोप अपनी जा पर ों भड़का है , िजसे तू बड़े साम और बलव हाथ के ारा िम दे श से
िनकाल लाया है?
12 िम ी लोग यह ों कहने पाए, िक वह उन को बुरे अिभ ाय से, अथात पहाड़ों म घात कर के धरती पर से िमटा डालने की मनसा से िनकाल ले गया? तू अपने भड़के ए कोप को
शांत कर, और अपनी जा को ऐसी हािन प चाने से िफर जा।
13 अपने दास इ ाहीम, इसहाक, और याकूब को रण कर, िजन से तू ने अपनी ही िक रया खाकर यह कहा था, िक म तु ारे वंश को आकाश के तारों के तु ब त क ं गा, और
यह सारा दे श िजसकी म ने चचा की है तु ारे वंश को दू ं गा, िक वह उसके अिधकारी सदै व बने रह।
14 तब यहोवा अपनी जा की हािन करने से जो उस ने कहा था पछताया।।
15 तब मू सा िफरकर सा ी की दानों त यों को हाथ म िलये ए पहाड़ से उतर गया, उन त यों के तो इधर और उधर दोनों अलंगों पर कुछ िलखा आ था।
16 और वे त यां परमे र की बनाईं ई थी ं, और उन पर जो खोदकर िलखा आ था वह परमे र का िलखा आ था।।
17 जब यहोशू को लोगों के कोलाहल का श सु नाईं पड़ा, तब उसने मूसा से कहा, छावनी से लड़ाई का सा श सु नाईं दे ता है ।
18 उसने कहा, वह जो श है वह न तो जीतने वालों का है, और न हारने वालों का, मुझे तो गाने का श सु न पड़ता है ।
19 छावनी के पास आते ही मूसा को वह बछड़ा और नाचना दे ख पड़ा, तब मूसा का कोप भड़क उठा, और उसने त यों को अपने हाथों से पवत के नीचे पटककर तोड़ डाला।
20 तब उसने उनके बनाए ए बछड़े को ले कर आग म डालके फूंक िदया। और पीसकर चूर चूर कर डाला, और जल के ऊपर फक िदया, और इ ाएिलयों को उसे िपलवा िदया।
21 तब मू सा हा न से कहने लगा, उन लोगों ने तुझ से ा िकया िक तू ने उन को इतने बड़े पाप म फंसाया?
22 हा न ने उ र िदया, मेरे भु का कोप न भड़के; तू तो उन लोगों को जानता ही है िक वे बुराई म मन लगाए रहते ह।
23 और उ ोंने मुझ से कहा, िक हमारे िलये दे वता बनवा जो हमारे आगे आगे चले ; ोंिक उस पु ष मू सा को, जो हम िम दे श से छु ड़ा लाया है, हम नही ं जानते िक उसे ा आ?
24 तब म ने उन से कहा, िजस िजसके पास सोने के गहन हों, वे उन को तोड़कर उतार लाएं ; और जब उ ोंने मुझ को िदया, म ने उ आग म डाल िदया, तब यह बछड़ा िनकल पड़ा
25 हा न ने उन लोगों को ऐसा िनरं कुश कर िदया था िक वे अपने िवरोिधयों के बीच उपहास के यो ए,
26 उन को िनरं कुश दे खकर मूसा ने छावनी के िनकास पर खड़े हो कर कहा, जो कोई यहोवा की ओर का हो वह मे रे पास आए; तब सारे लेवीय उस के पास इक े ए।
27 उसने उन से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटका कर छावनी से एक िनकास से दू सरे िनकास तक घू म घू मकर अपने अपने
भाइयों, सं िगयों, और पड़ोिसयों घात करो।
28 मूसा के इस वचन के अनुसार लेिवयों ने िकया और उस िदन तीन हजार के अटकल लोग मारे गए।
29 िफर मू सा ने कहा, आज के िदन यहोवा के िलये अपना याजकपद का सं ार करो, वरन अपने अपने बेटों और भाइयों के भी िव हो कर ऐसा करो िजस से वह आज तुम को
आशीष दे ।
30 दू सरे िदन मू सा ने लोगों से कहा, तुम ने बड़ा ही पाप िकया है। अब म यहोवा के पास चढ़ जाऊंगा; स व है िक म तु ारे पाप का ायि कर सकूं।
31 तब मू सा यहोवा के पास जा कर कहने लगा, िक हाय, हाय, उन लोगों ने सोने का दे वता बनवाकर बड़ा ही पाप िकया है ।
32 तौभी अब तू उनका पाप मा कर नही ं तो अपनी िलखी ई पु क म से मेरे नाम को काट दे ।
33 यहोवा ने मूसा से कहा, िजसने मेरे िव पाप िकया है उसी का नाम म अपनी पु क म से काट दू ं गा।
34 अब तो तू जा कर उन लोगों को उस थान म ले चल िजसकी चचा म ने तुझ से की थी; दे ख मे रा दू त ते रे आगे आगे चलेगा। पर ु िजस िदन म द दे ने लगूंगा उस िदन उन को इस
पाप का भी द दू ं गा।
35 और यहोवा ने उन लोगों पर िवपि डाली, ोंिक हा न के बनाए ए बछड़े को उ ी ं ने बनवाया था।
िनगमन 33
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, तू उन लोगों को िज िम दे श से छु ड़ा लाया है सं ग ले कर उस दे श को जा, िजसके िवषय म ने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा
था, िक म उसे तु ारे वंश को दू ं गा।
2 और म तेरे आगे आगे एक दू त को भेजूंगा, और कनानी, एमोरी, िह ी, प र ी, िह ी, और यबू सी लोगों को बरबस िनकाल दू ं गा।
3 तुम लोग उस दे श को जाओ िजस म दू ध और मधु की धारा बहती है ; पर ु तु म हठीले हो, इस कारण म तु ारे बीच म होके न चलूंगा, ऐसा न हो िक म माग म तु ारा अ कर
डालूं ।
4 यह बुरा समाचार सु नकर वे लोग िवलाप करने लगे; और कोई अपने गहने पिहने ए न रहा।
5 ोंिक यहोवा ने मू सा से कह िदया था, िक इ ाएिलयों को मे रा यह वचन सुना, िक तुम लोग तो हठीले हो; जो म पल भर के िलये तु ारे बीच हो कर चलूं, तो तु ारा अ कर
डालूंगा। इसिलये अब अपने अपने गहने अपने अंगों से उतार दो, िक म जानूं िक तु ारे साथ ा करना चािहए।
6 तब इ ाएली होरे ब पवत से ले कर आगे को अपने गहने उतारे रहे ।।
7 मू सा त ू को छावनी से बाहर वरन दू र खड़ा कराया करता था, और उसको िमलापवाला त ू कहता था। और जो कोई यहोवा को ढू ं ढ़ता वह उस िमलापवाले त ू के पास जो छावनी
के बाहर था िनकल जाता था।
8 और जब जब मूसा त ू के पास जाता, तब तब सब लोग उठ कर अपने अपने डे रे के ार पर खड़े हो जाते , और जब तक मूसा उस त ू म वेश न करता था तब तक उसकी ओर
ताकते रहते थे।
9 और जब मूसा उस त ू म वेश करता था, तब बादल का ख ा उतर के त ू के ार पर ठहर जाता था, और यहोवा मूसा से बात करने लगता था।
10 और सब लोग जब बादल के ख े को त ू के ार पर ठहरा दे खते थे, तब उठ कर अपने अपने डे रे के ार पर से द वत करते थे।
11 और यहोवा मूसा से इस कार आ ने-सा ने बात करता था, िजस कार कोई अपने भाई से बात करे । और मू सा तो छावनी म िफर आता था, पर यहोशू नाम एक जवान, जो नून
का पु और मूसा का टहलुआ था, वह त ू म से न िनकलता था।।
12 और मू सा ने यहोवा से कहा, सुन तू मुझ से कहता है, िक इन लोगों को ले चल; पर ु यह नही ं बताया िक तू मेरे संग िकस को भेजेगा। तौभी तू ने कहा है , िक ते रा नाम मे रे िच म
बसा है, और तुझ पर मेरे अनु ह की ि है।
13 और अब यिद मु झ पर तेरे अनु ह की ि हो, तो मुझे अपनी गित समझा दे , िजस से जब म तेरा ान पाऊं तब ते रे अनु ह की ि मुझ पर बनी रहे। िफर इसकी भी सु िध कर िक
यह जाित ते री जा है ।
14 यहोवा ने कहा, म आप चलूंगा और तुझे िव ाम दू ं गा।
15 उसने उस से कहा, यिद तू आप न चले, तो हम यहां से आगे न ले जा।
16 यह कैसे जाना जाए िक तेरे अनु ह की ि मुझ पर और अपनी जा पर है? ा इस से नहीं िक तू हमारे संग संग चले, िजस से म और तेरी जा के लोग पृ ी भर के सब लोगों से
अलग ठहर?
17 यहोवा ने मूसा से कहा, म यह काम भी िजसकी चचा तू ने की है क ं गा; ोंिक मे रे अनु ह की ि तुझ पर है , और तेरा नाम मेरे िच म बसा है।
18 उसने कहा मुझे अपना तेज िदखा दे ।
19 उसने कहा, म ते रे स ुख हो कर चलते ए तुझे अपनी सारी भलाई िदखाऊंगा, और ते रे स ु ख यहोवा नाम का चार क ं गा, और िजस पर म अनु ह करना चा ं उसी पर
अनु ह क ं गा, और िजस पर दया करना चां उसी पर दया क ं गा।
20 िफर उसने कहा, तू मेरे मुख का दशन नही ं कर सकता; ोंिक मनु मेरे मुख का दशन कर के जीिवत नहीं रह सकता।
21 िफर यहोवा ने कहा, सुन, मेरे पास एक थान है, तू उस च ान पर खड़ा हो;
22 और जब तक मेरा तेज तेरे सा ने होके चलता रहे तब तक म तुझे च ान के दरार म रखूं गा, और जब तक म तेरे सा ने हो कर न िनकल जाऊं तब तक अपने हाथ से तु झे ढांपे
र ं गा;
23 िफर म अपना हाथ उठा लूंगा, तब तू मेरी पीठ का तो दशन पाएगा, पर ु मे रे मुख का दशन नही ं िमले गा।।
िनगमन 34
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, पिहली त यों के समान प र की दो और त यां गढ़ ले ; तब जो वचन उन पिहली त यों पर िलखे थे , िज तू ने तोड़ डाला, वे ही वचन म उन
त यों पर भी िलखूं गा।
2 और िबहान को तैयार रहना, और भोर को सीनै पवत पर चढ़कर उसकी चोटी पर मे रे सा ने खड़ा होना।
3 और तेरे संग कोई न चढ़ पाए, वरन पवत भर पर कोई मनु कही ं िदखाई न दे ; और न भेड़-बकरी और गाय-बैल भी पवत के आगे चरते पाएं ।
4 तब मू सा ने पिहली त यों के समान दो और त यां गढ़ी; और िबहान को सवेरे उठ कर अपने हाथ म प र की वे दोनों त यां ले कर यहोवा की आ ा के अनुसार पवत पर चढ़
गया।
5 तब यहोवा ने बादल म उतर के उसके संग वहां खड़ा हो कर यहोवा नाम का चार िकया।
6 और यहोवा उसके सा ने हो कर यों चार करता आ चला, िक यहोवा, यहोवा, ई र दयालु और अनु हकारी, कोप करने म धीरजव , और अित क णामय और स ,
7 हजारों पीिढय़ों तक िनर र क णा करने वाला, अधम और अपराध और पाप का मा करने वाला है , पर ु दोषी को वह िकसी कार िनद ष न ठहराएगा, वह िपतरों के अधम का
द उनके बे टों वरन पोतों और परपोतों को भी दे ने वाला है।
8 तब मू सा ने फुत कर पृ ी की ओर झुककर द वत की।
9 और उसने कहा, हे भु, यिद तेरे अनु ह की ि मुझ पर हो तो भु, हम लोगों के बीच म हो कर चले , ये लोग हठीले तो ह, तौभी हमारे अधम और पाप को मा कर, और हम अपना
िनज भाग मानके हण कर।
10 उसने कहा, सुन, म एक वाचा बा ता ं। तेरे सब लोगों के सा ने म ऐसे आ य कम क ं गा जैसा पृ ी पर और सब जाितयों म कभी नही ं ए; और वे सारे लोग िजनके बीच तू
रहता है यहोवा के काय को दे खगे; ोंिक जो म तुम लोगों से करने पर ं वह भय यो काम है ।
11 जो आ ा म आज तु दे ता ं उसे तुम लोग मानना। दे खो, म तु ारे आगे से एमोरी, कनानी, िह ी, प र ी, िह ी, और यबू सी लोगों को िनकालता ं।
12 इसिलये सावधान रहना िक िजस दे श म तू जाने वाला है उसके िनवािसयों से वाचा न बा ना; कही ं ऐसा न हो िक वह तेरे िलये फंदा ठहरे ।
13 वरन उनकी वेिदयों को िगरा दे ना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, और उनकी अशेरा नाम मू ितय को काट डालना;
14 ोंिक तु िकसी दू सरे को ई र कर के द वत करने की आ ा नही ं, ोंिक यहोवा िजसका नाम जलनशील है, वह जल उठने वाला ई र है ही,
15 ऐसा न हो िक तू उस दे श के िनवािसयों वाचा बा े, और वे अपने दे वताओं के पीछे होने का िभचार कर, और उनके िलये बिलदान भी कर, और कोई तुझे नेवता दे और तू भी
उसके बिलपशु का साद खाए,
16 और तू उनकी बेिटयों को अपने बेटों के िलये लावे, और उनकी बे िटयां जो आप अपने दे वताओं के पीछे होने का िभचार करती है तेरे बेटों से भी अपने दे वताओं के पीछे होने को
िभचार करवाएं ।
17 तुम दे वताओं की मूि यां ढालकर न बना लेना।
18 अखमीरी रोटी का प मानना। उस म मेरी आ ा के अनु सार आबीब महीने के िनयत समय पर सात िदन तक अखमीरी रोटी खाया करना; ोंिक तू िम से आबीब महीने म
िनकल आया।
19 हर एक पिहलौठा मेरा है; और ा बछड़ा, ा मे ा, ते रे पशुओं म से जो नर पिहलौठे होंवे सब मेरे ही ह।
20 और गदही के पिहलौठे की स ी मे ा दे कर उसको छु ड़ाना, यिद तू उसे छु ड़ाना न चाहे तो उसकी गदन तोड़ दे ना। पर ु अपने सब पिहलौठे बेटों को बदला दे कर छु ड़ाना। मुझे
कोई छूछे हाथ अपना मुंह न िदखाए।
21 छ: िदन तो प र म करना, पर ु सातव िदन िव ाम करना; वरन हल जोतने और लवने के समय म भी िव ाम करना।
22 और तू अठवारों का प मानना जो पिहले लवे ए गे ं का प कहलाता है , और वष के अ म बटोरन का भी प मानना।
23 वष म तीन बार ते रे सब पु ष इ ाएल के परमे र भु यहोवा को अपने मुं ह िदखाएं ।
24 म तो अ जाितयों को ते रे आगे से िनकाल कर तेरे िसवानों को बढ़ाऊंगा; और जब तू अपने परमे र यहोवा को अपना मुंह िदखाने के िलये वष म तीन बार आया करे , तब कोई तेरी
भू िम का लालच न करे गा।
25 मेरे बिलदान के लो को खमीर सिहत न चढ़ाना, और न फसह के प के बिलदान म से कुछ िबहान तक रहने दे ना।
26 अपनी भूिम की पिहली उपज का पिहला भाग अपने परमे र यहोवा के भवन म ले आना। बकरी के ब े को उसकी मां के दू ध म ने िसझाना।
27 और यहोवा ने मूसा से कहा, ये वचन िलख ले; ोंिक इ ी ं वचनों के अनु सार म ते रे और इ ाएल के साथ वाचा बा ता ं।
28 मूसा तो वहां यहोवा के संग चालीस िदन और रात रहा; और तब तक न तो उसने रोटी खाई और न पानी िपया। और उसने उन त यों पर वाचा के वचन अथात दस आ ाएं िलख
दी ं।।
29 जब मूसा सा ी की दोनों त यां हाथ म िलये ए सीनै पवत से उतरा आता था तब यहोवा के साथ बात करने के कारण उसके चेहरे से िकरण िनकल रही थी।, पर ु वह यह नहीं
जानता था िक उसके चेहरे से िकरण िनकल रही ह।
30 जब हा न और सब इ ाएिलयों ने मू सा को दे खा िक उसके चेहरे से िकरण िनकलती ह, तब वे उसके पास जाने से डर गए।
31 तब मू सा ने उन को बुलाया; और हा न म ली के सारे धानों समे त उसके पास आया, और मूसा उन से बात करने लगा।
32 इसके बाद सब इ ाएली पास आए, और िजतनी आ ाएं यहोवा ने सीनै पवत पर उसके साथ बात करने के समय दी थीं, वे सब उसने उ बताईं।
33 जब तक मूसा उन से बात न कर चुका तब तक अपने मुं ह पर ओढ़ना डाले रहा।
34 और जब जब मूसा भीतर यहोवा से बात करने को उसके सा ने जाता तब तब वह उस ओढ़नी को िनकलते समय तक उतारे ए रहता था; िफर बाहर आकर जो जो आ ा उसे
िमलती उ इ ाएिलयों से कह दे ता था।
35 सो इ ाएली मूसा का चेहरा दे खते थे िक उस से िकरण िनकलती ह; और जब तक वह यहोवा से बात करने को भीतर न जाता तब तक वह उस ओढ़नी को डाले रहता था।।
िनगमन 35
1 मू सा ने इ ाएिलयों की सारी म ली इक ी कर के उन से कहा, िजन कामों के करने की आ ा यहोवा ने दी है वे ये ह।
2 छ: िदन तो काम काज िकया जाए, पर ु सातवां िदन तु ारे िलये पिव और यहोवा के िलये परमिव ाम का िदन ठहरे ; उस म जो कोई काम काज करे वह मार डाला जाए;
3 वरन िव ाम के िदन तु म अपने अपने घरों म आग तक न जलाना।।
4 िफर मूसा ने इ ाएिलयों की सारी म ली से कहा, िजस बात की आ ा यहोवा ने दी है वह यह है ।
5 तु ारे पास से यहोवा के िलये भट ली जाए, अथात िजतने अपनी इ ा से दे ना चाह वे यहोवा की भट कर के ये व ु एं ले आएं ; अथात सोना, पा, पीतल;
6 नीले , बजनी और लाल रं ग का कपड़ा, सू सनी का कपड़ा; बकरी का बाल,
7 लाल रं ग से रं गी ई मेढ़ों की खाल, सु इसों की खाल; बबूल की लकड़ी,
8 उिजयाला दे ने के िलये तेल, अिभषेक का तेल, और धूप के िलये सु ग ,
9 िफर एपोद और चपरास के िलये सुलैमानी मिण और जड़ने के िलये मिण।
10 और तुम म से िजतनों के दय म बु का काश है वे सब आकर िजस िजस व ु की आ ा यहोवा ने दी है वे सब बनाएं ।
11 अथात त ू, और ओहार समेत िनवास, और उसकी घुंडी, त े, बड़े , ख े और कुिसया;
12 िफर ड ों समेत स दू क, और ायि का ढकना, और बीचवाला पदा;
13 ड ों और सब सामान समेत मेज़, और भट की रोिटयां;
14 सामान और दीपकों समेत उिजयाला दे नेवाला दीवट, और उिजयाला दे ने के िलये ते ल;
15 ड ों समेत धूपवेदी, अिभषेक का तेल, सुग त धूप, और िनवास के ार का पदा;
16 पीतल की झं झरी, ड ों आिद सारे सामान समेत होमवेदी, पाए समेत हौदी;
17 ख ों और उनकी कुिसय समेत आं गन के पद, और आं गन के ार के पद;
18 िनवास और आं गन दोनों के खूंटे, और डो रयां;
19 पिव थान म से वा टहल करने के िलये काढ़े ए व , और याजक का काम करने के िलये हा न याजक के पिव व , और उसके पु ों के व भी।।
20 तब इ ाएिलयों की सारी म ली मूसा के सा ने से लौट गई।
21 और िजतनों को उ ाह आ, और िजतनों के मन म ऐसी इ ा उ ई थी, वे िमलापवाले त ू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पिव व ों के बनाने के िलये
यहोवा की भट ले आने लगे।
22 ा ी, ा पु ष, िजतनों के मन म ऐसी इ ा उ ई भी वे सब जु गनू , नथु नी, मुं दरी, और कंगन आिद सोने के गहने ले आने लगे, इस भांित िजतने मनु यहोवा के िलये सोने
की भट के दे ने वाले थे वे सब उन को ले आए।
23 और िजस िजस पु ष के पास नीले, बजनी वा लाल रं ग का कपड़ा वा सू सनी का कपड़ा, वा बकरी का बाल, वा लाल रं ग से रं गी ई मे ढ़ों की खाल, वा सू इसों की खाल थी वे उ
ले आए।
24 िफर िजतने चां दी, वा पीतल की भट के दे ने वाले थे वे यहोवा के िलये वैसी भट ले आए; और िजस िजसके पास से वकाई के िकसी काम के िलये बबूल की लकड़ी थी वे उसे ले आए।
25 और िजतनी यों के दय म बु का काश था वे अपने हाथों से सूत कात कातकर नीले, बजनी और लाल रं ग के, और सू सनी के काते ए सूत को ले आईं।
26 और िजतनी यों के मन म ऐसी बु का काश था उ ो ने बकरी के बाल भी काते ।
27 और धान लोग एपोद और चपरास के िलये सुलैमानी मिण, और जड़ने के िलये मिण,
28 और उिजयाला दे ने और अिभषेक और धूप के सुग और तेल ले आये ।
29 िजस िजस व ु के बनाने की आ ा यहोवा ने मूसा के ारा दी थी उसके िलये जो कुछ आव क था, उसे वे सब पु ष और यां ले आई, िजनके दय म ऐसी इ ा उ ई
थी। इस कार इ ाएली यहोवा के िलये अपनी ही इ ा से भट ले आए।।
30 तब मू सा ने इ ाएिलयों से कहा सुनो, यहोवा ने य दा के गो वाले बसले ल को, जो ऊरी का पु और र का पोता है , नाम ले कर बुलाया है।
31 और उसने उसको परमे र के आ ा से ऐसा प रपूण िकया हे िक सब कार की बनावट के िलये उसको ऐसी बु , समझ, और ान िमला है,
32 िक वह कारीगरी की यु यां िनकाल कर सोने, चांदी, और पीतल म,
33 और जड़ने के िलये मिण काटने म और लकड़ी के खोदने म, वरन बु से सब भां ित की िनकाली ई बनावट म काम कर सके।
34 िफर यहोवा ने उसके मन म और दान के गो वाले अहीसामाक के पु ओहोलीआब के मन म भी िश ा दे ने की श दी है।
35 इन दोनों के दय को यहोवा ने ऐसी बु से प रपूण िकया है, िक वे खोदने और गढ़ने और नीले , बै जनी और लाल रं ग के कपड़े , और सू सनी के कपड़े म काढ़ने और बुनने,
वरन सब कार की बनावट म, और बु से काम िनकालने म सब भां ित के काम कर।।
िनगमन 36
1 और बसलेल और ओहोलीआब और सब बु मान िजन को यहोवा ने ऐसी बु और समझ दी हो, िक वे यहोवा की सारी आ ाओं के अनु सार पिव थान की सेवकाई के िलये सब
कार का काम करना जान, वे सब यह काम कर।।
2 तब मू सा ने बसले ल और ओहोलीआब और सब बु मानों को िजनके दय म यहोवा ने बु का काश िदया था, अथात िजस िजस को पास आकर काम करने का उ ाह आ था
उन सभों को बु लवाया।
3 और इ ाएली जो जो भट पिव थान की सेवकाई के काम और उसके बनाने के िलये ले आए थे , उ उन पु षों ने मूसा के हाथ से ले िलया। तब भी लोग ित भोर को उसके पास
भट अपनी इ ा से लाते रह;
4 और िजतने बु मान पिव थान का काम करते थे वे सब अपना अपना काम छोड़कर मूसा के पास आए,
5 और कहने लगे , िजस काम के करने की आ ा यहोवा ने दी है उसके िलये िजतना चािहये उस से अिधक वे ले आए ह।
6 तब मू सा ने सारी छावनी म इस आ ा का चार करवाया, िक ा पु ष, ा ी, कोई पिव थान के िलये और भट न लाए, इस कार लोग और भट लाने से रोके गए।
7 ोंिक सब काम बनाने के िलये िजतना सामान आव क था उतना वरन उस से अिधक बनाने वालों के पास आ चुका था।।
8 और काम करने वाले िजतने बु मान थे उ ोंने िनवास के िलये बटी ई सू सनी के कपड़े के, और नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े के दस पटों को काढ़े ए क बों सिहत
बनाया।
9 एक एक पट की ल ाई अ ाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की ई; सब पट एक ही नाप के बने ।
10 उसने पांच पट एक दू सरे से जोड़ िदए, और िफर दू सरे पांच पट भी एक दू सरे से जोड़ िदए।
11 और जहां ये पट जोड़े गए वहां की दोनों छोरों पर उसने पीली नीली फिलयां लगाईं।
12 उसने दोनों छोरों म पचास पचास फिलयां इस कार लगाई िक वे आ ने-सा ने ई।
13 और उसने सोने की पचास घुंिडयां बनाईं, और उनके ारा पटों को एक दू सरे से ऐसा जोड़ा िक िनवास िमलकर एक हो गया।
14 िफर िनवास के ऊपर के त ू के िलये उसने बकरी के बाल के ारह पट बनाए।
15 एक एक पट की ल ाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की ई; और ारहों पट एक ही नाप के थे।
16 इन म से उसने पांच पट अलग और छ: पट अलग जोड़ िदए।
17 और जहां दोनों जोड़े गए वहां की छोरों म उसने पचास पचास फिलयां लगाईं।
18 और उसने त ू के जोड़ने के िलये पीतल की पचास घुंिडयां भी बनाईं िजस से वह एक हो जाए।
19 और उसने त ू के िलये लाल रं ग से रं गी ई मढ़ों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर के िलये सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनाया।
20 िफर उसने िनवास के िलये बबूल की लकड़ी के त ों को खड़े रहने के िलये बनाया।
21 एक एक त े की ल ाई दस हाथ और चौड़ाई डे ढ़ हाथ की ई।
22 एक एक त े म एक दू सरी से जोड़ी ई दो दो चूल बनी ं, िनवास के सब त ों के िलये उसने इसी भांित बनाईं।
23 और उसने िनवास के िलये त ों को इस रीित से बनाया, िक द न की ओर बीस त े लगे ।
24 और इन बीसों त ों के नीचे चां दी की चालीस कुिसया, अथात एक एक त े के नीचे उसकी दो चूलों के िलये उसने दो कुिसया बनाईं।
25 और िनवास की दू सरी अलंग, अथात उ र की ओर के िलये भी उसने बीस त े बनाए।
26 और इनके िलये भी उसने चांदी की चालीस कुिसया, अथात एक एक त े के नीचे दो दो कुिसया बनाईं।
27 और िनवास की िपछली अलंग, अथात पि म ओर के िलये उसने छ: त े बनाए।
28 और िपछली अलंग म िनवास के कोनों के िलये उसने दो त े बनाए।
29 और वे नीचे से दो दो भाग के बने, और दोनों भाग ऊपर से िसरे तक उन दोनों त ों का ढब ऐसा ही बनाया।
30 इस कार आठ त े ए, और उनकी चांदी की सोलह कुिसया ईं, अथात एक एक त े के नीचे दो दो कुिसया ईं।
31 िफर उसने बबूल की लकड़ी के बड़े बनाए, अथात िनवास की एक अलं ग के त ों के िलये पां च बड़े ,
32 और िनवास की दू सरी अलंग के त ों के िलये पां च बड़े , और िनवास की जो अलंग पि म ओर िपछले भाग म थी उसके िलये भी पांच बड़े , बनाए।
33 और उसने बीच वाले बड़े को त ों के म म त ू के एक िसरे से दू सरे िसरे तक प ं चने के िलये बनाया।
34 और त ों को उसने सोने से मढ़ा, और बड़ों के घर को काम दे ने वाले कड़ों को सोने के बनाया, और बड़ों को भी सोने से मढ़ा।।
35 िफर उसने नीले , बजनी और लाल रं ग के कपड़े का, और बटी ई सू सनी वाले कपड़े का बीचवाला पदा बनाया; वह कढ़ाई के काम िकये ए क बों के साथ बना।
36 और उसने उसके िलये बबूल के चार ख े बनाए, और उन को सोने से मढ़ा; उनकी घुं िडयां सोने की बनी, और उसने उनके िलये चांदी की चार कुिसया ढालीं।
37 और उसने त ू के ार के िलये नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े का, और बटी ई सू सनी के कपड़े का कढ़ाई का काम िकया आ पदा बनाया।
38 और उसने घुंिडयों समेत उसके पांच ख े भी बनाए, और उनके िसरों और जोड़ने की छड़ों को सोने से मढ़ा, और उनकी पां च कुिसया पीतल की बनाईं।।
िनगमन 37
1 िफर बसलेल ने बबूल की लकड़ी का स दू क बनाया; उसकी ल ाई अढ़ाई हाथ, चौड़ाई डे ढ़ हाथ, और ऊंचाई डे ढ़ हाथ की थी।
2 और उसने उसको भीतर बाहर चोखे सोने से मढ़ा, और उसके चारों ओर सोने की बाड़ बनाई।
3 और उसके चारों पायों पर लगाने को उसने सोने के चार कड़े ढ़ाले , दो कड़े एक अलं ग और दो कड़े दू सरी अलं ग पर लगे ।
4 िफर उसने बबूल के ड े बनाए, और उ सोने से मढ़ा,
5 और उन को स दू क की दोनो अलंगों के कड़ों म डाला िक उनके बल स दू क उठाया जाए।
6 िफर उसने चोखे सोने के ायि वाले ढकने को बनाया; उसकी ल ाई अढ़ाई हाथ और चौड़ाई डे ढ़ हाथ की थी।
7 और उसने सोना गढ़कर दो क ब ायि के ढकने के दानों िसरों पर बनाए;
8 एक क ब तो एक िसरे पर, और दू सरा क ब दू सरे िसरे पर बना; उसने उन को ायि के ढकने के साथ एक ही टु कड़े के दोनों िसरों पर बनाया।
9 और क बों के पंख ऊपर से फैले ए बने, और उन पंखों से ायि का ढकना ढपा आ बना, और उनके मु ख आ ने-सा ने और ायि के ढकने की ओर िकए ए बने ।।
10 िफर उसने बबूल की लकड़ी की मेज़ को बनाया; उसकी ल ाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊंचाई डे ढ़ हाथ की थी;
11 और उसने उसको चोखे सोने से मढ़ा, और उस म चारों ओर सोने की एक बाड़ बनाई।
12 और उसने उसके िलये चार अंगुल चौड़ी एक पटरी, और इस पटरी के िलये चारों ओर सोने की एक बाड़ बनाईं।
13 और उसने मेज़ के िलये सोने के चार कड़े ढालकर उन चारों कोनों म लगाया, जो उसके चारों पायों पर थे।
14 वे कड़े पटरी के पास मेज़ उठाने के ड ों के खानों का काम दे ने को बने।
15 और उसने मेज़ उठाने के िलये ड ों को बबू ल की लकड़ी के बनाया, और सोने से मढ़ा।
16 और उसने मेज़ पर का सामान अथात परात, धूपदान, कटोरे , और उं डेलने के बतन सब चोखे सोने के बनाए।।
17 िफर उसने चोखा सोना गढ़ के पाए और ड ी समेत दीवट को बनाया; उसके पु कोष, गां ठ, और फूल सब एक ही टु कड़े के बने।
18 और दीवट से िनकली ई छ: डािलयां बनी;ं तीन डािलयां तो उसकी एक अलंग से और तीन डािलयां उसकी दू सरी अलं ग से िनकली ई बनी ं।
19 एक एक डाली म बादाम के फूल के सरीखे तीन तीन पु कोष, एक एक गां ठ, और एक एक फूल बना; दीवट से िनकली ई, उन छहों डािलयों का यही ढब आ।
20 और दीवट की ड ी म बादाम के फूल के सामान अपनी अपनी गांठ और फूल समेत चार पु कोष बने ।
21 और दीवट से िनकली ई छहों डािलयों म से दो दो डािलयों के नीचे एक एक गांठ दीवट के साथ एक ही टु कड़े की बनी।
22 गांठे और डािलयां सब दीवट के साथ एक ही टु कड़े की बनी ं; सारा दीवट गढ़े ए चोखे सोने का और एक ही टु कड़े का बना।
23 और उसने दीवट के सातों दीपक, और गुलतराश, और गुलदान, चोखे सोने के बनाए।
24 उसने सारे सामान समेत दीवट को िक ार भर सोने का बनाया।।
25 िफर उसने बबूल की लकड़ी की धूपवेदी भी बनाईं; उसकी ल ाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ ही थी; वह चौकोर बनी, और उसकी ऊंचाई दो हाथ की थी; और उसके सी ंग
उसके साथ िबना जोड़ के बने थे
26 और ऊपर वाले प ों, और चारों ओर की अलंगों, और सीग ं ो समेत उसने उस वेदी को चोखे सोने से मढ़ा; और उसकी चारों ओर सोने की एक बाड़ बनाईं,
27 और उस बाड़ के नीचे उसके दोनों प ों पर उसने सोने के दो कड़े बनाए, जो उसके उठाने के ड ों के खानों का काम द।
28 और ड ों को उसने बबू ल की लकड़ी का बनाया, और सोने से मढ़ा।
29 और उसने अिभषेक का पिव तेल, और सुग का धूप, ग ी की रीित के अनु सार बनाया।।
िनगमन 38
1 िफर उसने बबूल की लकड़ी की होमवेदी भी बनाई; उसकी ल ाई पांच हाथ और चौड़ाई पां च हाथ की थी; इस कार से वह चौकोर बनी, और ऊंचाई तीन हाथ की थी।
2 और उसने उसके चारों कोनों पर उसके चार सी ंग बनाए, वे उसके साथ िबना जोड़ के बने ; और उसने उसको पीतल से मढ़ा।
3 और उसने वेदी का सारा सामान, अथात उसकी हां िडय़ों, फाविडय़ों, कटोरों, कांटों, और करछों को बनाया। उसका सारा सामान उसने पीतल का बनाया।
4 और वेदी के िलये उसके चारों ओर की कंगनी के तले उसने पीतल की जाली की एक झं झरी बनाईं, वह नीचे से वेदी की ऊंचाई के म तक प ंची।
5 और उसने पीतल की झंझरी के चारों कोनों के िलये चार कड़े ढाले , जो ड ों के खानों का काम द।
6 िफर उसने ड ों को बबू ल की लकड़ी का बनाया, और पीतल से मढ़ा।
7 तब उसने ड ों को वेदी की अलंगों के कड़ों म वेदी के उठाने के िलये डाल िदया। वेदी को उसने त ों से खोखली बनाया।।
8 और उसे ने हौदी और उसका पाया दोनों पीतल के बनाए, यह िमलापवाले त ू के ार पर से वा करने वाली मिहलाओं के दपणों के िलये पीतल के बनाए गए।।
9 िफर उसने आं गन बनाया; और द न अलंग के िलये आं गन के पद बटी ई सू सनी के कपड़े के थे, और सब िमलाकर सौ हाथ ल े थे;
10 उनके िलये बीस ख े, और इनकी पीतल की बीस कुिसया बनी; और ख ों की घुंिडयां और जोड़ने की छड़ चां दी की बनी ं।
11 और उ र अलं ग के िलये बीस ख े, और इनकी पीतल की बीस ही कुिसया बनी ं, और ख ों की घुंिडयां और जोड़ने की छड़ चांदी की बनी।
12 और पि म अलं ग के िलये सब पद िमलाकर पचास हाथ के थे ; उनके िलये दस ख े, और दस ही उनकी कुिसया थी ं, और ख ों की घुंिडयां और जोड़ने की छड़ चांदी की थी ं।
13 और पू रब अलंग म भी वह पचास हाथ के थे।
14 आं गन के ार के एक ओर के िलये पं ह हाथ के पद बने; और उनके िलये तीन ख े और तीन कुिसया थी।
15 और आं गन के ार की दू सरी ओर भी वैसा ही बना था; और आं गन के दरवाजे के इधर और उधर पं ह पं ह हाथ के पद बने थे; और उनके िलये तीन ही ख े, और तीन ही तीन
इनकी कुिसया भी थी ं।
16 आं गन की चारों ओर सब पद सू बटी ई सनी के कपड़े के बने ए थे।
17 और ख ों की कुिसया पीतल की, और घुंिडयां और छड़े चांदी की बनी, और उनके िसरे चां दी से मढ़े गए, और आं गन के सब ख े चां दी के छड़ों से जोड़े गए थे।
18 आं गन के ार के पद पर बेल बूटे का काम िकया आ था, और वह नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े का; और सू बटी ई सनी के कपड़े के बने थे; और उसकी ल ाई बीस
हाथ की थी, और उसकी ऊंचाई आं गन की कनात की चौड़ाई के सामान पां च हाथ की बनी।
19 और उनके िलये चार ख े, और ख ों की चार ही कुिसया पीतल की बनी ं, उनकी घुंिडयां चांदी की बनी,ं और उनके िसरे चां दी से मढ़े गए, और उनकी छड़ चां दी की बनी ं।
20 और िनवास और आं गन की चारों ओर के सब खूंटे पीतल के बने थे ।।
21 सा ीप के िनवास का सामान जो लेिवयों की सेवकाई के िलये बना; और िजसकी िगनती हा न याजक के पु ईतामार के ारा मूसा के कहने से ई थी, उसका वणन यह है ।
22 िजस िजस व ु के बनाने की आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी उसको य दा के गो वाले बसले ल ने , जो र का पोता और ऊरी का पु था, बना िदया।
23 और उसके सं ग दान के गो वाले, अहीसामाक के पु , ओहोलीआब था, जो खोदने और काढ़ने वाला और नीले , बजनी और लाल रं ग के और सू सनी के कपड़े म कारचोब करने
वाला िनपुण कारीगर था।।
24 पिव थान के सारे काम म जो भट का सोना लगा वह उनतीस िक ार, और पिव थान के शेकेल के िहसाब से सात सौ तीन शेकेल था।
25 और म ली के िगने ए लोगों की भट की चांदी सौ िक ार, और पिव थान के शेकेल के िहसाब से स रह सौ पचह र शेकेल थी।
26 अथात िजतने बीस बरस के और उस से अिधक अव था के िगने गए थे, वे छ: लाख तीन हज़ार साढ़े पां च सौ पु ष थे , और एक एक जन की ओर से पिव थान के शेकेल के
अनु सार आधा शेकेल, जो एक बेका होता है िमला।
27 और वह सौ िक ार चांदी पिव थान और बीच वाले पद दोनों की कुिसय के ढालने म लग गई; सौ िक ार से सौ कुिसया बनी ं, एक एक कुस एक िक ार की बनी।
28 और स रह सौ पचह र शेकेल जो बच गए उन से ख ों की चोिटयां मढ़ी गईं, और उनकी छड़ भी बनाईं गई।
29 और भट का पीतल स र िक ार और दो हज़ार चार सौ शेकेल था;
30 उस से िमलापवाले त ू के ार की कुिसया, और पीतल की वेदी, पीतल की झं झरी, और वेदी का सारा सामान;
31 और आं गन के चारों ओर की कुिसया, और आं गन की चारों ओर के खूंटे भी बनाए गए।।
िनगमन 39
1 िफर उ ोंने नीले, बजनी और लाल रं ग के काढ़े ए कपड़े पिव थान की से वकाई के िलये , और हा न के िलये भी पिव व बनाए; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।।
2 और उसने एपोद को सोने, और नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े का और सू बटी ई सनी के कपड़े का बनाया।
3 और उ ोंने सोना पीट-पीटकर उसके प र बनाए, िफर प रों को काट-काटकर तार बनाए, और तारों को नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े म, और सू सनी के कपड़े म
कढ़ाई की बनावट से िमला िदया।
4 एपोद के जोड़ने को उ ोंने उसके क ों पर के ब न बनाए, वह तो अपने दोनों िसरों से जोड़ा गया।
5 और उसके कसने के िलये जो काढ़ा आ पटु का उस पर बना, वह उसके साथ िबना जोड़ का, और उसी की बनावट के अनुसार, अथात सोने और नीले, बजनी और लाल रं ग के
कपड़े का, और सू बटी ई सनी के कपड़े का बना; िजस कार यहोवा ने मू सा को आ ा दी थी।।
6 और उ ोंने सुलैमानी मिण काटकर उनम इ ाएल के पु ों के नाम जै सा छापा खोदा जाता है वैसे ही खोदे , और सोने के खानों म जड़ िदए।
7 और उसने उन को एपोद के क े के ब नों पर लगाया, िजस से इ ाएिलयों के िलये रण कराने वाले मिण ठहर; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।।
8 और उसने चपरास को एपोद की नाईं सोने की, और नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े की, और सू बटी ई सनी के कपड़े म बेल बूटे का काम िकया आ बनाया।
9 चपरास तो चौकोर बनी; और उ ो ने उसको दोहरा बनाया, और वह दोहरा हो कर एक िब ा ल ा और एक िब ा चौड़ा बना।
10 और उ ोंने उस म चार पांित मिण जड़े । पिहली पांित म तो मािण , प राग, और लालड़ी जडे गए;
11 और दू सरी पांित म मरकत, नीलमिण, और हीरा,
12 और तीसरी पांित म लशम, सूयका , और नीलम;
13 और चौथी पांित म फीरोजा, सु लैमानी मिण, और यशब जड़े ; ये सब अलग अलग सोने के खानों म जड़े गए।
14 और ये मिण इ ाएल के पु ों के नाम की िगनती के अनुसार बारह थे; बारहों गो ों म से एक एक का नाम जै सा छापा खोदा जाता है वैसा ही खोदा गया।
15 और उ ोंने चपरास पर डो रयों की नाईं गूं थे ए चोखे सोने की जंजीर बनाकर लगाई;
16 िफर उ ोंने सोने के दो खाने, और सोने की दो किडय़ां बनाकर दोनों किडय़ों को चपरास के दोनों िसरों पर लगाया;
17 तब उ ोंने सोने की दोनों गूंथी ई जंजीरो को चपरास के िसरों पर की दोनों किडय़ों म लगाया।
18 और गूंथी ई दोनों जं जीरों के दोनों बाकी िसरों उ ोंने दोनों खानों म जड़के, एपोद के सा ने दोनों क ों के ब नों पर लगाया।
19 और उ ोंने सोने की और दो किडय़ां बनाकर चपरास के दोनों िसरों पर उसकी उस कोर पर, जो एपोद की भीतरी भाग म थी, लगाईं।
20 और उ ोंने सोने की दो और किडय़ां भी बनाकर एपोद के दोनों क ों के ब नों पर नीचे से उसके सा ने , और जोड़ के पास, एपोद के काढ़े ए पटु के के ऊपर लगाईं।
21 तब उ ोंने चपरास को उसकी किडय़ों के ारा एपोद की किडय़ों म नीले फीते से ऐसा बा ा, िक वह एपोद के काढ़े ए पटु के के ऊपर रहे, और चपरास एपोद से अलग न होने
पाए; जै से यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।।
22 िफर एपोद का बागा स ूण नीले रं ग का बनाया गया।
23 और उसकी बनावट ऐसी ई िक उसके बीच बखतर के छे द के समान एक छे द बना, और छे द के चारों ओर एक कोर बनी, िक वह फटने न पाए।
24 और उ ोंने उसके नीचे वाले घेरे म नीले, बजनी और लाल रं ग के कपड़े के अनार बनाए।
25 और उ ोंने चोखे सोने की घंिटयां भी बनाकर बागे के नीचे वाले घेरे के चारों ओर अनारों के बीचोंबीच लगाईं;
26 अथात बागे के नीचे वाले घेरे की चारों ओर एक सोने की घंटी, और एक अनार लगाया गया िक उ पिहने ए सेवा टहल कर; जैसे यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।।
27 िफर उ ोंने हा न, और उसके पु ों के िलये बु नी ई सू सनी के कपड़े के अं गरखे ,
28 और सू सनी के कपड़े की पगड़ी, और सू सनी के कपड़े की सु र टोिपयां, और सू बटी ई सनी के कपड़े की जांिघया,
29 और सू बटी ई सनी के कपड़े की और नीले, बजनी और लाल रं ग की कारचोबी काम की ई पगड़ी; इन सभों को िजस तरह यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी वैसा ही बनाया।।
30 िफर उ ोंने पिव मु कुट की पटरी चोखे सोने की बनाईं; और जैसे छापे म वैसे ही उस म ये अ र खोदे गए, अथात यहोवा के िलये पिव ।
31 और उ ोंने उस म नीला फीता लगाया, िजस से वह ऊपर पगड़ी पर रहे , िजस तरह यहोवा ने मू सा को आ ा दी थी।।
32 इस कार िमलापवाले त ू के िनवास का सब काम समा आ, और िजस िजस काम की आ ा यहोवा ने मू सा को दी थी, इ ाएिलयों ने उसी के अनुसार िकया।।
33 तब वे िनवास को मूसा के पास ले आए, अथात घुंिडयां , त े, बड़े , ख े, कुिसया आिद सारे सामान समे त त ू;
34 और लाल रं ग से रं गी ई मेढ़ों की खालों का ओढ़ना, और सूइसों की खालों का ओढ़ना, और बीच का पदा;
35 ड ों सिहत सा ीप का स दू क, और ायि का ढकना;
36 सारे सामान समेत मेज़, और भट की रोटी;
37 सारे सामान सिहत दीवट, और उसकी सजावट के दीपक और उिजयाला दे ने के िलये ते ल;
38 सोने की वेदी, और अिभषेक का तेल, और सुग त धूप, और त ू के ार का पदा;
39 पीतल की झं झरी, ड ों, और सारे सामान समेत पीतल की वेदी; और पाए समेत हौदी;
40 ख ों, और कुिसय समेत आं गन के पद, और आं गन के ार का पदा, और डो रयां , और खूं टे, और िमलापवाले त ू के िनवास की सेवकाई का सारा सामान;
41 पिव थान म से वा टहल करने के िलये बेल बूटा काढ़े ए व , और हा न याजक के पिव व , और उसके पु ों के व िज पिहनकर उ याजक का काम करना था।
42 अथात जो जो आ ा यहोवा ने मू सा को दी थी ं उ ी ं के अनु सार इ ाएिलयों ने सब काम िकया।
43 तब मू सा ने सारे काम का िनरी ण कर के दे खा, िक उ ोंने यहोवा की आ ा के अनु सार सब कुछ िकया है । और मू सा ने उन को आशीवाद िदया।।
िनगमन 40
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 पिहले महीने के पिहले िदन को तू िमलापवाले त ू के िनवास को खड़ा करा दे ना।
3 और उस म सा ीप के स दू क को रखकर बीच वाले पद की ओट म करा दे ना।
4 और मे ज़ को भीतर ले जा कर जो कुछ उस पर सजाना है उसे सजवा दे ना; तब दीवट को भीतर ले जाकर उसके दीपकों को जला दे ना
5 और सा ीप के स दू क के सा ने सोने की वेदी को जो धूप के िलये है उसे रखना, और िनवास के ार के पद को लगा दे ना।
6 और िमलापवाले त ू के िनवास के ार के सा ने होमवेदी को रखना।
7 और िमलापवाले त ू और वेदी के बीच हौदी को रखके उस म जल भरना।
8 और चारों ओर के आं गन की कनात को खड़ा करना, और उस आं गन के ार पर पद को लटका दे ना।
9 और अिभषे क का तेल ले कर िनवास को और जो कुछ उस म होगा सब कुछ का अिभषेक करना, और सारे सामान समेत उसको पिव करना; तब वह पिव ठहरे गा।
10 और सब सामान समेत होमवेदी का अिभषेक कर के उसको पिव करना; तब वह परमपिव ठहरे गी।
11 और पाए समेत हौदी का भी अिभषेक कर के उसे पिव करना।
12 और हा न और उसके पु ों को िमलापवाले त ू के ार पर ले जा कर जल से नहलाना,
13 और हा न को पिव व पिहनाना, और उसका अिभषे क कर के उसको पिव करना, िक वह मे रे िलये याजक का काम करे ।
14 और उसके पु ों को ले जा कर अंगरखे पिहनाना,
15 और जै से तू उनके िपता का अिभषेक करे वैसे ही उनका भी अिभषेक करना, िक वे मे रे िलये याजक का काम कर; और उनका अिभषेक उनकी पीढ़ी पीढ़ी के िलये उनके सदा के
याजकपद का िच ठहरे गा।
16 और मू सा ने जो जो आ ा यहोवा ने उसको दी थी उसी के अनुसार िकया।।
17 और दू सरे बरस के पिहले महीने के पिहले िदन को िनवास खड़ा िकया गया।
18 और मू सा ने िनवास को खड़ा करवाया, और उसकी कुिसया धर उसके त े लगाके उन म बड़े डाले, और उसके ख ों को खड़ा िकया;
19 और उसने िनवास के ऊपर त ू को फैलाया, और त ू के ऊपर उसने ओढ़ने को लगाया; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
20 और उसने सा ीप को ले कर स दू क म रखा, और स दू क म ड ों को लगाके उसके ऊपर ायि के ढकने को धर िदया;
21 और उसने स दू क को िनवास म प ंचवाया, और बीच वाले पद को लटकवा के सा ीप के स दू क को उसके अ र िकया; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
22 और उसने िमलापवाले त ू म िनवास की उ र अलंग पर बीच के पद से बाहर मे ज़ को लगवाया,
23 और उस पर उन ने यहोवा के स ुख रोटी सजाकर रखी; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
24 और उसने िमलापवाले त ू म मेज़ के सा ने िनवास की द न अलं ग पर दीवट को रखा,
25 और उसने दीपकों को यहोवा के स ुख जला िदया; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
26 और उसने िमलापवाले त ू म बीच के पद के सा ने सोने की वेदी को रखा,
27 और उसने उस पर सुग त धूप जलाया; िजस कार यहोवा ने मू सा को आ ा दी थी।
28 और उसने िनवास के ार पर पद को लगाया।
29 और िमलापवाले त ू के िनवास के ार पर होमबिल और अ बिल को चढ़ाया; िजस कार यहोवा ने मू सा को आ ा दी थी।
30 और उसने िमलापवाले त ू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उस म धोने के िलये जल डाला,
31 और मू सा और हा न और उसके पु ों ने उस म अपने अपने हाथ पां व धोए;
32 और जब जब वे िमलापवाले त ू म वा वेदी के पास जाते थे तब तब वे हाथ पांव धोते थे ; िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
33 और उसने िनवास की चारों ओर और वेदी के आसपास आं गन की कनात को खड़ा करवाया, और आं गन के ार के पद को लटका िदया। इस कार मूसा ने सब काम को पूरा कर
समा िकया।।
34 तब बादल िमलापवाले त ू पर छा गया, और यहोवा का तेज िनवास थान म भर गया।
35 और बादल जो िमलापवाले त ू पर ठहर गया, और यहोवा का तेज जो िनवास थान म भर गया, इस कारण मूसा उस मे वेश न कर सका।
36 और इ ाएिलयों की सारी या ा म ऐसा होता था, िक जब जब वह बादल िनवास के ऊपर उठ जाता तब तब वे कूच करते थे।
37 और यिद वह न उठता, तो िजस िदन तक वह न उठता था उस िदन तक वे कूच नहीं करते थे ।
38 इ ाएल के घराने की सारी या ा म िदन को तो यहोवा का बादल िनवास पर, और रात को उसी बादल म आग उन सभों को िदखाई िदया करती थी।।
लै व था 1
1 यहोवा ने िमलापवाले त ू म से मूसा को बुलाकर उस से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक तुम म से यिद कोई मनु यहोवा के िलये पशु का चढ़ावा चढ़ाए, तो उसका बिलपशु गाय-बैलों वा भे ड़-बक रयों म से एक का हो।
3 यिद वह गाय बैलों म से होमबिल करे , तो िनद ष नर िमलापवाले त ू के ार पर चढ़ाए, िक यहोवा उसे हण करे ।
4 और वह अपना हाथ होमबिलपशु के िसर पर रखे, और वह उनके िलये ायि करने को हण िकया जाएगा।
5 तब वह उस बछड़े को यहोवा के सा ने बिल करे ; और हा न के पु जो याजक ह वे लो को समीप ले जा कर उस वेदी की चारों अलंगों पर िछड़के जो िमलापवाले त ू के ार पर
है ।
6 िफर वह होमबिलपशु की खाल िनकाल कर उस पशु को टु कड़े टु कड़े करे ;
7 तब हा न याजक के पु वेदी पर आग रख, और आग पर लकड़ी सजाकर धर;
8 और हा न के पु जो याजक ह वे िसर और चरबी समेत पशु के टु कड़ों को उस लकड़ी पर जो वेदी की आग पर होगी सजाकर धर;
9 और वह उसकी अंतिडय़ों और पैरों को जल से धोए। तब याजक सब को वेदी पर जलाए, िक वह होमबिल यहोवा के िलये सु खदायक सुग वाला हवन ठहरे ।।
10 और यिद वह भेड़ों वा बकरों का होमबिल चढ़ाए, तो िनद ष नर को चढ़ाए।
11 और वह उसको यहोवा के आगे वेदी की उ रवाली अलं ग पर बिल करे ; और हा न के पु जो याजक ह वे उसके लो को वेदी की चारों अलंगों पर िछड़क।
12 और वह उसको टु कड़े टु कड़े करे , और िसर और चरबी को अलग करे , और याजक इन सब को उस लकड़ी पर सजाकर धरे जो वेदी की आग पर होगी;
13 और वह उसकी अंतिडय़ों और पैरों को जल से धोए। और याजक सब को समीप ले जा कर वेदी पर जलाए, िक वह होमबिल और यहोवा के िलये सुग दायक सुग वाला हवन
ठहरे ।।
14 और यिद वह यहोवा के िलये पि यों का होमबिल चढ़ाए, तो पंडुकों वा कबूतरों को चढ़ावा चढ़ाए।
15 याजक उसको वेदी के समीप ले जा कर उसका गला मरोड़ के िसर को धड़ से अलग करे , और वेदी पर जलाए; और उसका सारा लो उस वेदी की अलंग पर िगराया जाए;
16 और वह उसका ओझर मल सिहत िनकाल कर वेदी की पूरब की ओर से राख डालने के थान पर फक दे ;
17 और वह उसको पंखों के बीच से फाड़े , पर अलग अलग न करे । तब याजक उसको वेदी पर उस लकड़ी के ऊपर रखकर जो आग पर होगी जलाए, िक वह होमबिल और यहोवा के
िलये सु खदायक सुग वाला हवन ठहरे ।।
लै व था 2
1 और जब कोई यहोवा के िलये अ बिल का चढ़ावा चढ़ाना चाहे , तो वह मै दा चढ़ाए; और उस पर तेल डालकर उसके ऊपर लोबान रखे;
2 और वह उसको हा न के पु ों के पास जो याजक ह लाए। और अ बिल के ते ल िमले ए मै दे म से इस तरह अपनी मु ी भरकर िनकाले िक सब लोबान उस म आ जाए; और
याजक उ रण िदलाने वाले भाग के िलये वेदी पर जलाए, िक यह यहोवा के िलये सु खदायक सु ग त हवन ठहरे ।
3 और अ बिल म से जो बचा रहे सो हा न और उसके पु ों का ठहरे ; यह यहोवा के हवनों म से परमपिव व ु होगी।।
4 और जब तू अ बिल के िलये त दू र म पकाया आ चढ़ावा चढ़ाए, तो वह तेल से सने ए अखमीरी मै दे के फुलकों, वा तेल से चुपड़ी ई अखमीरी चपाितयों का हो।
5 और यिद ते रा चढ़ावा तवे पर पकाया आ अ बिल हो, तो वह तेल से सने ए अखमीरी मै दे का हो;
6 उसको टु कड़े टु कड़े कर के उस पर तेल डालना, तब वह अ बिल हो जाएगा।
7 और यिद ते रा चढ़ावा कढ़ाही म तला आ अ बिल हो, तो वह मै दे से तेल म बनाया जाए।
8 और जो अ बिल इन व ुओं म से िकसी का बना हो उसे यहोवा के समीप ले जाना; और जब वह याजक के पास लाया जाए, तब याजक उसे वेदी के समीप ले जाए।
9 और याजक अ बिल म से रण िदलानेवाला भाग िनकाल कर वेदी पर जलाए, िक वह यहोवा के िलये सु खदायक सु ग वाला हवन ठहरे ;
10 और अ बिल म से जो बचा रहे वह हा न और उसके पु ों का ठहरे ; वह यहोवा के हवनों म परमपिव व ु होगी।
11 कोई अ बिल िजसे तुम यहोवा के िलये चढ़ाओ खमीर िमलाकर बनाया न जाए; तु म कभी हवन म यहोवा के िलये खमीर और मधु न जलाना।
12 तुम इन को पिहली उपज का चढ़ावा कर के यहोवा के िलये चढ़ाना, पर वे सुखदायक सुग के िलये वेदी पर चढ़ाए न जाएं ।
13 िफर अपने सब अ बिलयों को नमकीन बनाना; और अपना कोई अ बिल अपने परमे र के साथ ब ी ई वाचा के नमक से रिहत होने न दे ना; अपने सब चढ़ावों के साथ नमक भी
चढ़ाना।।
14 और यिद तू यहोवा के िलये पिहली उपज का अ बिल चढ़ाए, तो अपनी पिहली उपज के अ बिल के िलये आग से झुलसाई ई हरी हरी बाल, अथात हरी हरी बालों को मींजके
िनकाल ले ना, तब अ को चढ़ाना।
15 और उस म तेल डालना, और उसके ऊपर लोबान रखना; तब वह अ बिल हो जाएगा।
16 और याजक सी ंजकर िनकाले ए अ को, और तेल को, और सारे लोबान को रण िदलानेवाला भाग कर के जला दे ; वह यहोवा के िलये हवन ठहरे ।।
लै व था 3
1 और यिद उसका चढ़ावा मलबिल का हो, और यिद वह गाय-बैलों म से िकसी को चढ़ाए, तो चाहे वह पशु नर हो या मादा, पर जो िनद ष हो उसी को वह यहोवा के आगे चढ़ाए।
2 और वह अपना हाथ अपने चढ़ावे के पशु के िसर पर रखे और उसको िमलापवाले त ू के ार पर बिल करे ; और हा न के पु जो याजक है वे उसके लो को वेदी की चारों अलंगों
पर िछड़क।
3 और वह मेलबिल म से यहोवा के िलये हवन करे , अथात िजस चरबी से अंतिडय़ां ढपी रहती ह, और जो चरबी उन म िलपटी रहती है वह भी,
4 और दोनों गु द और उनके ऊपर की चरबी जो कमर के पास रहती है , और गुद समे त कले जे के ऊपर की िझ ी, इन सभों को वह अलग करे ।
5 और हा न के पु इन को वेदी पर उस होमबिल के ऊपर जलाएं , जो उन लकिडय़ों पर होगी जो आग के ऊपर ह, िक यह यहोवा के िलये सुखदायक सुग वाला हवन ठहरे ।।
6 और यिद यहोवा के मेलबिल के िलये उसका चढ़ावा भे ड़-बक रयों म से हो, तो चाहे वह नर हो या मादा, पर जो िनद ष हो उसी को वह चढ़ाए।
7 यिद वह भेड़ का ब ा चढ़ाता हो, तो उसको यहोवा के सा ने चढ़ाए,
8 और वह अपने चढ़ावे के पशु के िसर पर हाथ रखे और उसको िमलापवाले त ू के आगे बिल करे ; और हा न के पु उसके लो को वेदी की चारों अलंगों पर िछड़क।
9 और मे लबिल म से चरबी को यहोवा के िलये हवन करे , अथात उसकी चरबी भरी मोटी पूंछ को वह रीढ़ के पास से अलग करे , और जो चरबी उन म िलपटी रहती है,
10 और दोनों गु द, और जो चरबी उनके ऊपर कमर के पास रहती है , और गु द समे त कले जे के ऊपर की िझ ी, इन सभों को वह अलग करे ।
11 और याजक इ वेदी पर जलाए; यह यहोवा के िलये हवन पी भोजन ठहरे ।।
12 और यिद वह बकरा वा बकरी चढ़ाए, तो उसे यहोवा के सा ने चढ़ाए।
13 और वह अपना हाथ उसके िसर पर रखे, और उसको िमलापवाले त ू के आगे बिल करे ; और हा न के पु उसके लो को वेदी की चारों अलंगों पर िछड़के।
14 और वह उस म से अपना चढ़ावा यहोवा के िलये हवन कर के चढ़ाए, अथात िजस चरबी से अंतिडय़ां ढपी रहती ह, और जो चरबी उन म िलपटी रहती है वह भी,
15 और दोनों गु द और जो चरबी उनके ऊपर कमर के पास रहती है , और गु द समे त कले जे के ऊपर की िझ ी, इन सभों को वह अलग करे ।
16 और याजक इ वेदी पर जलाए; यह तो हवन पी भोजन है जो सुखदायक सु ग के िलये होता है ; ोंिक सारी चरबी यहोवा की ह।
17 यह तु ारे िनवासों म तु ारी पीढ़ी पीढ़ी के िलये सदा की िविध ठहरे गी िक तु म चरबी और लो कभी न खाओ।।
लै व था 4
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा
2 िक इ ाएिलयों से यह कह, िक यिद कोई मनु उन कामों म से िजन को यहोवा ने मना िकया है िकसी काम को भू ल से कर के पापी हो जाए;
3 और यिद अिभिष याजक ऐसा पाप करे , िजस से जा दोषी ठहरे , तो अपने पाप के कारण वह एक िनद ष बछड़ा यहोवा को पापबिल कर के चढ़ाए।
4 और वह उस बछड़े को िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा के आगे ले जा कर उसके िसर पर हाथ रखे, और उस बछड़े को यहोवा के सा ने बिल करे ।
5 और अिभिष याजक बछड़े के लो म से कुछ ले कर िमलापवाले त ू म ले जाए;
6 और याजक अपनी उं गली लो म डु बो डु बोकर और उस म से कुछ ले कर पिव थान के बीच वाले पद के आगे यहोवा के सा ने सात बार िछड़के।
7 और याजक उस लो म से कुछ और ले कर सुग त धूप की वेदी के सी ंगो पर जो िमलापवाले त ू म है यहोवा के सा ने लगाए; िफर बछड़े के सब लो को वेदी के पाए पर जो
िमलापवाले त ू के ार पर है उं डेल दे ।
8 िफर वह पापबिल के बछड़े की सब चरबी को उस से अलग करे , अथात िजस चरबी से अं तिडय़ां ढपी रहती ह, और िजतनी चरबी उन म िलपटी रहती है,
9 और दोनों गु द और उनके ऊपर की चरबी जो कमर के पास रहती है , और गुद समे त कले जे के ऊपर की िझ ी, इन सभों को वह ऐसे अलग करे ,
10 जैसे मे लबिल वाले चढ़ावे के बछड़े से अलग िकए जाते ह, और याजक इन को होमबिल की वेदी पर जलाए।
11 और उस बछड़े की खाल, पांव, िसर, अंतिडय़ां, गोबर,
12 और सारा मांस, िनदान समूचा बछड़ा छावनी से बाहर शु थान म, जहां राख डाली जाएगी, ले जा कर लकड़ी पर रखकर आग से जलाए; जहां राख डाली जाती है वह वही ं जलाया
जाए।।
13 और यिद इ ाएल की सारी म ली अ ानता के कारण पाप करे और वह बात म ली की आं खों से िछपी हो, और वे यहोवा की िकसी आ ा के िव कुछ कर के दोषी ठहर हों;
14 तो जब उनका िकया आ पाप गट हो जाए तब म ली एक बछड़े को पापबिल कर के चढ़ाए। वह उसे िमलापवाले त ू के आगे ले जाए,
15 और म ली के वृ लोग अपने अपने हाथों को यहोवा के आगे बछड़े के िसर पर रख, और वह बछड़ा यहोवा के सा ने बिल िकया जाए।
16 और अिभिष याजक बछड़े के लो म से कुछ िमलापवाले त ू म ले जाए;
17 और याजक अपनी उं गली लो म डु बो डु बोकर उसे बीच वाले पद के आगे सात बार यहोवा के सा ने िछड़के।
18 और उसी लो म से वेदी के सी ंगों पर जो यहोवा के आगे िमलापवाले त ू म है लगाए; और बचा आ सब लो होमबिल की वेदी के पाए पर जो िमलापवाले त ू के ार पर है
उं डेल दे ।
19 और वह बछड़े की कुल चरबी िनकाल कर वेदी पर जलाए।
20 और जै से पापबिल के बछड़े से िकया था वैसे ही इस से भी करे ; इस भां ित याजक इ ाएिलयों के िलये ायि करे , तब उनका पाप मा िकया जाएगा।
21 और वह बछड़े को छावनी से बाहर ले जा कर उसी भां ित जलाए जै से पिहले बछड़े को जलाया था; यह तो म ली के िनिम पापबिल ठहरे गा।।
22 जब कोई धान पु ष पाप कर के, अथात अपने परमे र यहोवा िक िकसी आ ा के िव भू ल से कुछ कर के दोषी हो जाए,
23 और उसका पाप उस पर गट हो जाए, तो वह एक िनद ष बकरा बिलदान करने के िलये ले आए;
24 और बकरे के िसर पर अपना हाथ धरे , और बकरे को उस थान पर बिल करे जहां होमबिल पशु यहोवा के आगे बिल िकये जाते ह; यह तो पापबिल ठहरे गा।
25 और याजक अपनी उं गली से पापबिल पशु के लो म से कुछ ले कर होमबिल की वेदी के सी ंगों पर लगाए, और उसका लो होमबिल की वेदी के पाए पर उं डेल दे ।
26 और वह उसकी कुल चरबी को मेलबिल की चरबी की नाईं वेदी पर जलाए; और याजक उसके पाप के िवषय म ायि करे , तब वह मा िकया जाएगा।।
27 और यिद साधारण लोगों म से कोई अ ानता से पाप करे , अथात कोई ऐसा काम िजसे यहोवा ने मना िकया हो कर के दोषी हो, और उसका वह पाप उस पर गट हो जाए,
28 तो वह उस पाप के कारण एक िनद ष बकरी बिलदान के िलये ले आए;
29 और वह अपना हाथ पापबिल पशु के िसर पर रखे, और होमबिल के थान पर पापबिल पशु का बिलदान करे ।
30 और याजक उसके लो म से अपनी उं गली से कुछ ले कर होमबिल की वेदी के सी ंगों पर लगाए, और उसके सब लो को उसी वेदी के पाए पर उं डेल दे ।
31 और वह उसकी सब चरबी को मेलबिलपशु की चरबी की नाईं अलग करे , तब याजक उसको वेदी पर यहोवा के िनिम सुखदायक सुग के िलये जलाए; और इस कार याजक
उसके िलये ायि करे , तब उसे मा िमलेगी।।
32 और यिद वह पापबिल के िलये एक भेड़ी का ब ा ले आए, तो वह िनद ष मादा हो,
33 और वह अपना हाथ पापबिल पशु के िसर पर रखे, और उसको पापबिल के िलये वही ं बिलदान करे जहां होमबिलपशु बिल िकया जाता है।
34 और याजक अपनी उं गली से पापबिल के लो म से कुछ ले कर होमबिल की वेदी के सी ंगों पर लगाए, और उसके सब लो को वेदी के पाए पर उं डेल दे ।
35 और वह उसकी सब चरबी को मेलबिल वाले भेड़ के ब े की चरबी की नाईं अलग करे , और याजक उसे वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; और इस कार याजक उसके
पाप के िलये ायि करे , और वह मा िकया जाएगा।।
लै व था 5
1 और यिद कोई सा ी हो कर ऐसा पाप करे िक शपथ खलाकर पू छने पर भी, िक ा तू ने यह सु ना अथवा जानता है, और वह बात गट न करे , तो उसको अपने अधम का भार
उठाना पड़े गा।
2 और यिद कोई िकसी अशु व ु को अ ानता से छू ले , तो चाहे वह अशु बनैले पशु की, चाहे अशु रगने वाले जीव-ज ु की लोथ हो, तो वह अशु हो कर दोषी ठहरे गा।
3 और यिद कोई मनु िकसी अशु व ु को अ ानता से छू ले , चाहे वह अशु व ु िकसी भी कार की ों न हो िजस से लोग अशु हो जाते ह तो जब वह उस बात को जान ले गा
तब वह दोषी ठहरे गा।
4 और यिद कोई बु रा वा भला करने को िबना सोचे समझे शपथ खाए, चाहे िकसी कार की बात वह िबना सोचे िवचारे शपथ खाकर कहे, तो ऐसी बात म वह दोषी उस समय ठहरे गा
जब उसे मालूम हो जाएगा।
5 और जब वह इन बातों म से िकसी भी बात म दोषी हो, तब िजस िवषय म उसने पाप िकया हो वह उसको मान ले,
6 और वह यहोवा के सा ने अपना दोषबिल ले आए, अथात उस पाप के कारण वह एक भेड़ वा बकरी पापबिल करने के िलये ले आए; तब याजक उस पाप के िवषय उसके िलये
ायि करे ।
7 और यिद उसे भेड़ वा बकरी दे ने की साम न हो, तो अपने पाप के कारण दो पं डुकी वा कबूतरी के दो ब े दोषबिल चढ़ाने के िलये यहोवा के पास ले आए, उन म से एक तो
पापबिल के िलये और दू सरा होमबिल के िलये।
8 और वह उन को याजक के पास ले आए, और याजक पापबिल वाले को पिहले चढ़ाए, और उसका िसर गले से मरोड़ डाले, पर अलग न करे ,
9 और वह पापबिलपशु के लो म से कुछ वेदी की अलंग पर िछड़के, और जो लो शेष रहे वह वेदी के पाए पर िगराया जाए; वह तो पापबिल ठहरे गा।
10 और दू सरे प ी को वह िवधी के अनुसार होमबिल करे , और याजक उसके पाप का ायि करे , और तब वह मा िकया जाएगा।।
11 और यिद वह दो पंडुकी वा कबूतरी के दो ब े भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवां भाग मैदा पापबिल कर के ले आए; उसपर न तो वह ते ल
डाले , और न लोबान रखे, ोंिक वह पापबिल होगा।
12 वह उसको याजक के पास ले जाए, और याजक उस म से अपनी मु ी भर रण िदलाने वाला भाग जानकर वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; वह तो पापबिल ठहरे गा।
13 और इन बातों म से िकसी भी बात के िवषय म जो कोई पाप करे , याजक उसका ायि करे , और तब वह पाप मा िकया जाएगा। और इस पापबिल का शेष अ बिल के शेष की
नाईं याजक का ठहरे गा।।
14 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
15 यिद कोई यहोवा की पिव की ई व ुओं के िवषय म भू ल से िव ासघात करे और पापी ठहरे , तो वह यहोवा के पास एक िनद ष मेढ़ा दोषबिल के िलये ले आए; उसका दाम
पिव थान के शेकेल के अनुसार उतने ही शेकेल पये का हो िजतना याजक ठहराए।
16 और िजस पिव व ु के िवषय उसने पाप िकया हो, उस म वह पां चवां भाग और बढ़ाकर याजक को दे ; और याजक दोषबिल का मेढ़ा चढ़ाकर उसके िलये ायि करे , तब
उसका पाप मा िकया जाएगा।।
17 और यिद कोई ऐसा पाप करे , िक उन कामों म से िज यहोवा ने मना िकया है िकसी काम को करे , तो चाहे वह उसके अनजाने म आ हो, तौभी वह दोषी ठहरे गा, और उसको
अपने अधम का भार उठाना पड़े गा।
18 इसिलये वह एक िनद ष मेढ़ा दोषबिल कर के याजक के पास ले आए, वह उतने दाम का हो िजतना याजक ठहराए, और याजक उसके िलये उसकी उस भूल का जो उसने अनजाने
म की हो ायि करे , और वह मा िकया जाएगा।
19 यह दोषबिल ठहरे ; ोंिक वह मनु िन:स े ह यहोवा के स ु ख दोषी ठहरे गा।।
लै व था 6
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 यिद कोई यहोवा का िव ासघात कर के पापी ठहरे , जैसा िक धरोहर, वा लेनदे न, वा लूट के िवषय म अपने भाई से छल करे , वा उस पर अ ेर करे ,
3 वा पड़ी ई व ु को पाकर उसके िवषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात ों न हो िजसे कर के मनु पापी ठहरते ह,
4 तो जब वह ऐसा काम कर के दोषी हो जाए, तब जो भी व ु उसने लू ट, वा अ ेर कर के, वा धरोहर, वा पड़ी पाई हो;
5 चाहे कोई व ु ों न हो िजसके िवषय म उसने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा पूरा लौटा दे , और पां चवां भाग भी बढ़ाकर भर दे , िजस िदन यह मालू म हो िक वह दोषी है,
उसी िदन वह उस व ु को उसके ामी को लौटा दे ।
6 और वह यहोवा के स ुख अपना दोषबिल भी ले आए, अथात एक िनद ष मे ढ़ा दोषबिल के िलये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो िजतना याजक ठहराए।
7 इस कार याजक उसके िलये यहोवा के सा ने ायि करे , और िजस काम को कर के वह दोषी हो गया है उसकी मा उसे िमलेगी।।
8 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
9 हा न और उसके पु ों को आ ा दे कर यह कह, िक होमबिल की व था यह है ; अथात होमबिल ईधन के ऊपर रात भर भोर तब वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अि वेदी पर
जलती रहे।
10 और याजक अपने सनी के व और अपने तन पर अपनी सनी की जांिघया पिहनकर होमबिल की राख, जो आग के भ करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठा कर वेदी के पास
रखे ।
11 तब वह अपने व उतारकर दू सरे व पिहनकर राख को छावनी से बाहर िकसी शु थान पर ले जाए।
12 और वेदी पर अि जलती रहे , और कभी बुझने न पाए; और याजक भोर भोर उस पर लकिडय़ां जलाकर होमबिल के टु कड़ों को उसके ऊपर सजाकर धर दे , और उसके ऊपर
मेलबिलयों की चरबी को जलाया करे ।
13 वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए।।
14 अ बिल की व था इस कार है, िक हा न के पु उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएं ।
15 और वह अ बिल के तेल िमले ए मैदे म से मु ी भर और उस पर का सब लोबान उठा कर अ बिल के रणाथ के इस भाग को यहोवा के स ुख सुखदायक सुग के िलये वेदी
पर जलाए।
16 और उस म से जो शेष रह जाए उसे हा न और उसके पु खा जाएं ; वह िबना खमीर पिव थान म खाया जाए, अथात वे िमलापवाले त ू के आं गन म उसे खाएं ।
17 वह खमीर के साथ पकाया न जाए; ोंिक म ने अपने ह म से उसको उनका िनज भाग होने के िलये उ िदया है; इसिलये जैसा पापबिल और दोषबिल परमपिव है वैसा ही वह
भी है।
18 हा न के वंश के सब पु ष उस म से खा सकते ह तु ारी पीढ़ी-पीढ़ी म यहोवा के हवनों म से यह उनका भाग सदै व बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पिव ठहरे गा।।
19 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
20 िजस िदन हा न का अिभषेक हो उस िदन वह अपने पु ों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अथात एपा का दसवां भाग मैदा िन अ बिल म चढ़ाए, उस म से आधा भोर को
और आधा स ा के समय चढ़ाए।
21 वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अ बिल के पड़े ए टु कड़े यहोवा के सुखदायक सुग के िलये चढ़ाना।
22 और उसके पु ों म से जो भी उस याजकपद पर अिभिष होगा, वह भी उसी कार का चढ़ावा चढ़ाया करे ; यह िवधी सदा के िलये है, िक यहोवा के स ुख वह स ूण चढ़ावा
जलाया जाये।
23 याजक के स ूण अ बिल भी सब जलाए जाएं ; वह कभी न खाया जाए।।
24 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
25 हा न और उसके पु ों से यह कह, िक पापबिल की व था यह है ; अथात िजस थान म होमबिलपशु वध िकया जाता है उसी म पापबिलपशु भी यहोवा के स ुख बिल िकया जाए;
वह परमपिव है।
26 और जो याजक पापबिल चढ़ावे वह उसे खाए; वह पिव थान म, अथात िमलापवाले त ू के आँ गन म खाया जाए।
27 जो कुछ उसके मां स से छू जाए, वह पिव ठहरे गा; और यिद उसके लो के छींटे िकसी व पर पड़ जाएं , तो उसे िकसी पिव थान म धो दे ना।
28 और वह िम ी का पा िजस म वह पकाया गया हो तोड़ िदया जाए; यिद वह पीतल के पा म िसझाया गया हो, तो वह मांजा जाए, और जल से धो िलया जाए।
29 और याजकों म से सब पु ष उसे खा सकते ह; वह परमपिव व ु है।
30 पर िजस पापबिलपशु के लो म से कुछ भी खून िमलापवाले त ू के भीतर पिव थान म ायि करने को प ंचाया जाए तब तो उसका मांस कभी न खाया जाए; वह आग म जला
िदया जाए।।
लै व था 7
1 िफर दोषबिल की व था यह है। वह परमपिव है;
2 िजस थान पर होमबिलपशु का वध करते ह उसी थान पर दोषबिलपशु का भी बिल कर, और उसके लो को याजक वेदी पर चारों ओर िछड़के।
3 और वह उस म की सब चरबी को चढ़ाए, अथात उसकी मोटी पूं छ को, और िजस चरबी से अं तिडय़ां ढपी रहती ह वह भी,
4 और दोनों गु द और जो चरबी उनके ऊपर और कमर के पास रहती है , और गु द समे त कले जे के ऊपर की िझ ी; इन सभों को वह अलग करे ;
5 और याजक इ वेदी पर यहोवा के िलये हवन करे ; तब वह दोषबिल होगा।
6 याजकों म के सब पु ष उस म से खा सकते ह; वह िकसी पिव थान म खाया जाए; ोंिक वह परमपिव है ।
7 जैसा पापबिल है वैसा ही दोषबिल भी है, उन दोनों की एक ही व था है; जो याजक उन बिलयों को चढ़ा के ायि करे वही उन व ु ओं को ले ले ।
8 और जो याजक िकसी के िलये होमबिल को चढ़ाए उस होमबिलपशु की खाल को वही याजक ले ले।
9 और तंदूर म, वा कढ़ाही म, वा तवे पर पके ए सब अ बिल उसी याजक की होंगी जो उ चढ़ाता है।
10 और सब अ बिल, जो चाहे तेल से सने ए हों चाहे खे हों, वे हा न के सब पु ों को एक समान िमले।।
11 और मे लबिल की िजसे कोई यहोवा के िलये चढ़ाए व था यह है।
12 यिद वह उसे ध वाद के िलये चढ़ाए, तो ध वाद-बिल के साथ तेल से सने ए अखमीरी फुलके, और ते ल से चु पड़ी ई अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी ई अखमीरी रोिटयां,
और ते ल से सने ए मै दे के फुलके तेल से तर चढ़ाए।
13 और वह अपने ध वाद वाले मेलबिल के साथ अखमीरी रोिटयां भी चढ़ाए।
14 और ऐसे एक एक चढ़ावे म से वह एक एक रोटी यहोवा को उठाने की भट कर के चढ़ाए; वह मे लबिल के लो के िछड़कने वाले याजक की होगी।
15 और उस ध वाद वाले मेलबिल का मांस बिलदान चढ़ाने के िदन ही खाया जाए; उस म से कुछ भी भोर तक शेष न रह जाए।
16 पर यिद उसके बिलदान का चढ़ावा म त का वा े ा का हो, तो उस बिलदान को िजस िदन वह चढ़ाया जाए उसी िदन वह खाया जाए, और उस म से जो शेष रह जाए वह दू सरे
िदन भी खाया जाए।
17 पर ु जो कुछ बिलदान के मांस म से तीसरे िदन तक रह जाए वह आग म जला िदया जाए।
18 और उसके मेलबिल के मांस म से यिद कुछ भी तीसरे िदन खाया जाए, तो वह हण न िकया जाएगा, और न पु न म िगना जाएगा; वह घृिणत कम समझा जाएगा, और जो कोई उस
म से खाए उसका अधम उसी के िसर पर पड़े गा।
19 िफर जो मां स िकसी अशु व ु से छू जाए वह न खाया जाए; वह आग म जला िदया जाए। िफर मेलबिल का मांस िजतने शु होंवे ही खाएं ,
20 पर ु जो अशु हो कर यहोवा के मेलबिल के मांस म से कुछ खाए वह अपने लोगों म से नाश िकया जाए।
21 और यिद कोई िकसी अशु व ु को छूकर यहोवा के मे लबिलपशु के मां स म से खाए, तो वह भी अपने लोगों म से नाश िकया जाए, चाहे वह मनु की कोई अशु व ु वा अशु
पशु वा कोई भी अशु और घृिणत व ु हो।।
22 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
23 इ ाएिलयों से इस कार कह, िक तुम लोग न तो बैल की कुछ चरबी खाना और न भे ड़ वा बकरी की।
24 और जो पशु यं मर जाए, और जो दू सरे पशु से फाड़ा जाए, उसकी चरबी और और काम म लाना, पर ु उसे िकसी कार से खाना नही ं।
25 जो कोई ऐसे पशु की चरबी खाएगा िजस म से लोग कुछ यहोवा के िलये हवन कर के चढ़ाया करते ह वह खाने वाला अपने लोगों म से नाश िकया जाएगा।
26 ओर तुम अपने घर म िकसी भांित का लो , चाहे प ी का चाहे पशु का हो, न खाना।
27 हर एक ाणी जो िकसी भांित का लो खाएगा वह अपने लोगों म से नाश िकया जाएगा।।
28 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
29 इ ाएिलयों से इस कार कह, िक जो यहोवा के िलये मेलबिल चढ़ाए वह उसी मे लबिल म से यहोवा के पास भट ले आए;
30 वह अपने ही हाथों से यहोवा के ह को, अथात छाती समेत चरबी को ले आए, िक छाती िहलाने की भट कर के यहोवा के सा ने िहलाई जाए।
31 और याजक चरबी को तो वेदी पर जलाए, पर ु छाती हा न और उसके पु ों की होगी।
32 िफर तु म अपने मेलबिलयों म से दािहनी जांघ को भी उठाने की भट कर के याजक को दे ना;
33 हा न के पु ों म से जो मेलबिल के लो और चरबी को चढ़ाए दािहनी जां घ उसी का भाग होगा।
34 ोंिक इ ाएिलयों के मे लबिलयों म से िहलाने की भट की छाती और उठाने की भट की जां घ को ले कर म ने याजक हा न और उसके पु ों को िदया है , िक यह सवदा
इ ाएिलयों की ओर से उनका हक बना रहे।।
35 िजस िदन हा न और उसके पु यहोवा के समीप याजक पद के िलये आए गए उसी िदन यहोवा के ह ों म से उनका यही अिभिष भाग ठहराया गया;
36 अथात िजस िदन यहोवा ने उसका अिभषेक िकया उसी िदन उसने आ ा दी िक उन को इ ाएिलयों की ओर से ये ही भाग िनत िमला कर; उनकी पीढ़ी पीढ़ी के िलये उनका यही
हक ठहराया गया।
37 होमबिल, अ बिल, पापबिल, दोषबिल, याजकों के सं ार बिल, और मेलबिल की व था यही है ;
38 जब यहोवा ने सीनै पवत के पास के जंगल म मूसा को आ ा दी िक इ ाएली मे रे िलये ा ा चढ़ावे चढ़ाएं , तब उसने उन को यही व था दी थी।।
लै व था 8
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 तू हा न और उसके पु ों के व ों को, और अिभषेक के तेल, और पापबिल के बछड़े , और दोनों मे ढ़ों, और अखमीरी रोटी की टोकरी को
3 िमलापवाले त ू के ार पर ले आ, और वही ं सारी म ली को इक ा कर।
4 यहोवा की इस आ ा के अनुसार मूसा ने िकया; और म ली िमलापवाले त ू के ार पर इक ी ई।
5 तब मू सा ने म ली से कहा, जो काम करने की आ ा यहोवा ने दी है वह यह है ।
6 िफर मूसा ने हा न और उसके पु ों को समीप ले जा कर जल से नहलाया।
7 तब उसने उन को अं गरखा पिहनाया, और किटब लपेटकर बागा पिहना िदया, और एपोद लगाकर एपोद के काढ़े ए पटु के से एपोद को बा कर कस िदया।
8 और उसने उनके चपरास लगाकर चपरास म ऊरीम और तु ीम रख िदए।
9 तब उसने उसके िसर पर पगड़ी बा कर पगड़ी के सा ने पर सोने के टीके को, अथात पिव मुकुट को लगाया, िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
10 तब मू सा ने अिभषे क का तेल ले कर िनवास का और जो कुछ उस म था उन सब को भी अिभषे क कर के उ पिव िकया।
11 और उस तेल म से कुछ उसने वेदी पर सात बार िछड़का, और कुल सामान समे त वेदी का और पाए समे त हौदी का अिभषेक कर के उ पिव िकया।
12 और उसने अिभषेक के तेल म से कुछ हा न के िसर पर डालकर उसका अिभषेक कर के उसे पिव िकया।
13 िफर मू सा ने हा न के पु ों को समीप ले आकर, अंगरखे पिहनाकर, फेटे बा के उनके िसर पर टोपी रख दी, िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
14 तब वह पापबिल के बछड़े को समीप ले गया; और हा न और उसके पु ों ने अपने अपने हाथ पापबिल के बछड़े के िसर पर रखे
15 तब वह बिल िकया गया, और मूसा ने लो को ले कर उं गली से वेदी के चारों सीग ं ों पर लगाकर पिव िकया, और लो को वेदी के पाए पर उं डेल िदया, और उसके िलये ायि
कर के उसको पिव िकया।
16 और मू सा ने अंतिडय़ों पर की सब चरबी, और कलेजे पर की िझ ी, और चरबी समेत दोनों गुद को ले कर वेदी पर जलाया।
17 ओर बछड़े म से जो कुछ शेष रह गया उसको, अथात गोबर समेत उसकी खाल और मां स को उसने छावनी से बाहर आग म जलाया, िजस कार यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
18 िफर वह होमबिल के मेढ़े को समीप ले गया, और हा न और उसके पु ों ने अपने अपने हाथ मढ़े के िसर पर रखे ।
19 तब वह बिल िकया गया, और मूसा ने उसका लो वेदी पर चारों ओर िछड़का।
20 िकया गया, और मूसा ने िसर ओर चरबी समेत टु कड़ों को जलाया।
21 तब अंतिडय़ां और पांव जल से धोये गए, और मूसा ने पू रे मेढ़े को वेदी पर जलाया, और वह सु खदायक सु ग दे ने के िलये होमबिल और यहोवा के िलये ह हो गया, िजस कार
यहोवा ने मू सा को आ ा दी थी।
22 िफर वह दू सरे मे ढ़े को जो सं ार का मेढ़ा था समीप ले गया, और हा न और उसके पु ों ने अपने अपने हाथ मेढ़े के िसर पर रखे।
23 तब वह बिल िकया गया, और मूसा ने उसके लो म से कुछ ले कर हा न के दािहने कान के िसरे पर और उसके दािहने हाथ और दािहने पां व के अं गूठों पर लगाया।
24 और वह हा न के पु ों को समीप ले गया, और लो म से कुछ एक एक के दािहने कान के िसरे पर और दािहने हाथ ओर दािहने पां व के अं गूठों पर लगाया; और मू सा ने लो को
वेदी पर चारों ओर िछड़का।
25 और उसने चरबी, और मोटी पूंछ, ओर अंतिडय़ों पर की सब चरबी, और कले जे पर की िझ ी समेत दोनों गु द, और दािहनी जांघ, ये सब ले कर अलग रखे;
26 ओर अखमीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे रखी गई थी उस म से एक रोटी, और तेल से सने ए मै दे का एक फुलका, और एक रोटी ले कर चरबी और दािहनी जां घ पर रख
दी;
27 और ये सब व ुएं हा न और उसके पु ों के हाथों पर धर दी गई, और िहलाने की भट के िलये यहोवा के सा ने िहलाई गई।
28 और मू सा ने उ िफर उनके हाथों पर से ले कर उ वेदी पर होमबिल के ऊपर जलाया, यह सु खदायक सु ग दे ने के िलये सं ार की भट और यहोवा के िलये ह था।
29 तब मू सा ने छाती को ले कर िहलाने की भट के िलये यहोवा के आगे िहलाया; और सं ार के मे ढ़ म से मू सा का भाग यही आ जैसा यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
30 और मू सा ने अिभषे क के तेल ओर वेदी पर के लो , दोनों म से कुछ ले कर हा न और उसके व ों पर, और उसके पु ों और उनके व ों पर भी िछड़का; और उसने व ों समेत
हा न को ओर व ों समेत उसके पु ों को भी पिव िकया।
31 और मू सा ने हा न और उसके पु ों से कहा, मां स को िमलापवाले त ू के ार पर पकाओ, और उस रोटी को जो सं ार की टोकरी म है वहीं खाओ, जैसा म ने आ ा दी है, िक
हा न और उसके पु उसे खाएं ।
32 और मांस और रोटी म से जो शेष रह जाए उसे आग म जला दे ना।
33 और जब तक तु ारे सं ार के िदन पू रे न हों तब तक, अथात सात िदन तक िमलापवाले त ू के ार के बाहर न जाना, ोंिक वह सात िदन तक तु ारा सं ार करता रहेगा।
34 िजस कार आज िकया गया है वैसा ही करने की आ ा यहोवा ने दी है , िजस से तु ारा ायि िकया जाए।
35 इसिलये तुम िमलापवाले त ू के ार पर सात िदन तक िदन रात ठहरे रहना, और यहोवा की आ ा को मानना, तािक तुम मर न जाओ; ोंिक ऐसी ही आ ा मुझे दी गई है ।
36 तब यहोवा की इ ी ं सब आ ाओं के अनु सार जो उसने मूसा के ारा दी थी ं हा न ओर उसके पु ों ने उनका पालन िकया।।
लै व था 9
1 आठव िदन मू सा ने हा न और उसके पु ों को और इ ाएली पुरिनयों को बुलवाकर हा न से कहा,
2 पापबिल के िलये एक िनद ष बछड़ा, और होमबिल के िलये एक िनद ष मेढ़ा ले कर यहोवा के सा ने भट चढ़ा।
3 और इ ाएिलयों से यह कह, िक तुम पापबिल के िलये एक बकरा, और होमबिल के िलये एक बछड़ा और एक भे ड़ को ब ा लो, जो एक वष के होंऔर िनद ष हों,
4 और मे लबिल के िलये यहोवा के स ुख चढ़ाने के िलये एक बैल और एक मेढ़ा, और ते ल से सने ए मै दे का एक अ बिल भी ले लो; ोंिक आज यहोवा तुम को दशन दे गा।
5 और िजस िजस व ु की आ ा मूसा ने दी उन सब को वे िमलापवाले त ू के आगे ले आए; और सारी म ली समीप जा कर यहोवा के सा ने खड़ी ई।
6 तब मू सा ने कहा, यह वह काम है िजसके करने के िलये यहोवा ने आ ा दी है िक तु म उसे करो; और यहोवा की मिहमा का तेज तुम को िदखाई पड़े गा।
7 और मू सा ने हा न से कहा, यहोवा की आ ा के अनुसार वेदी के समीप जा कर अपने पापबिल और होमबिल को चढ़ाकर अपने और सब जनता के िलये ायि कर; और जनता
के चढ़ावे को भी चढ़ाकर उनके िलये ायि त कर।
8 इसिलये हा न ने वेदी के समीप जा कर अपने पापबिल के बछड़े को बिलदान िकया।
9 और हा न के पु लो को उसके पास ले गए, तब उसने अपनी उं गली को लो म डु बाकर वेदी के सीग ं ों पर लो को लगाया, और शेष लो को वेदी के पाए पर उं डेल िदया;
10 और पापबिल म की चरबी और गुद और कलेजे पर की िझ ी को उसने वेदी पर जलाया, जै सा यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी।
11 और मांस और खाल को उसने छावनी से बाहर आग म जलाया।
12 तब होमबिलपशु को बिलदान िकया; और हा न के पु ों ने लो को उसके हाथ म िदया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर िछड़क िदया।
13 तब उ ोंने होमबिलपशु का टु कड़ा टु कड़ा कर के िसर सिहत उसके हाथ म दे िदया और उसने उन को वेदी पर जला िदया।
14 और उसने अंतिडय़ों और पांवों को धोकर वेदी पर होमबिल के ऊपर जलाया।
15 और उसने लोगों के चढ़ावे को आगे ले कर और उस पापबिल के बकरे को जो उनके िलये था ले कर उसका बिलदान िकया, और पिहले के समान उसे भी पापबिल कर के चढ़ाया।
16 और उसने होमबिल को भी समीप ले जा कर िविध के अनुसार चढ़ाया।
17 और अ बिल को भी समीप ले जा कर उस म से मु ी भर वेदी पर जलाया, यह भोर के होमबिल के अलावा चढ़ाया गया।
18 और बैल और मेढ़ा, अथात जो मेलबिलपशु जनता के िलये थे वे भी बिल िकये गए; और हा न के पु ों ने लो को उसके हाथ म िदया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर िछड़क
िदया;
19 और उ ोंने बैल की चरबी को, और मेढ़े म से मोटी पूं छ को, और िजस चरबी से अतिडय़ां ढपी रहती ह उसको, ओर गुद सिहत कलेजे पर की िझ ी को भी उसके हाथ म िदया;
20 और उ ोंने चरबी को छाितयों पर रखा; और उसने वह चरबी वेदी पर जलाई,
21 पर ु छाितयों और दािहनी जांघ को हा न ने मूसा की आ ा के अनुसार िहलाने की भट के िलये यहोवा के सा ने िहलाया।
22 तब हा न ने लोगों की ओर हाथ बढ़ाकर उ आशीवाद िदया; और पापबिल, होमबिल, और मेलबिलयों को चढ़ाकर वह नीचे उतर आया।
23 तब मू सा और हा न िमलापवाले त ू म गए, और िनकलकर लोगों को आशीवाद िदया; तब यहोवा का तेज सारी जनता को िदखाई िदया।
24 और यहोवा के सा ने से आग िनकलकर चरबी सिहत होमबिल को वेदी पर भ कर िदया; इसे दे खकर जनता ने जयजयकार का नारा मारा, और अपने अपने मुंह के बल िगरकर
द वत िकया।।
लै व था 10
1 तब नादाब और अबी नामक हा न के दो पु ों ने अपना अपना धूपदान िलया, और उन म आग भरी, और उस म धूप डालकर उस ऊपरी आग की िजसकी आ ा यहोवा ने नही ं दी
थी यहोवा के स ुख आरती दी।
2 तब यहोवा के स ुख से आग िनकलकर उन दोनों को भ कर िदया, और वे यहोवा के सा ने मर गए।
3 तब मू सा ने हा न से कहा, यह वही बात है िजसे यहोवा ने कहा था, िक जो मेरे समीप आए अव है िक वह मु झे पिव जाने, और सारी जनता के सा ने मेरी मिहमा करे । और
हा न चुप रहा।
4 तब मू सा ने मीशाएल और एलसाफान को जो हा न के चाचा उ ीएल के पु थे बुलाकर कहा, िनकट आओ, और अपने भतीजों को पिव थान के आगे से उठा कर छावनी के
बाहर ले जाओ।
5 मू सा की इस आ ा के अनु सार वे िनकट जा कर उन को अंगरखों सिहत उठा कर छावनी के बाहर ले गए।
6 तब मू सा ने हा न से और उसके पु एलीआजर और ईतामार से कहा, तुम लोग अपने िसरों के बाल मत िबखराओ, और न अपने व ों को फाड़ो, ऐसा न हो िक तुम भी मर जाओ,
और सारी म ली पर उसका ोध भड़क उठे ; पर ु वह इ ाएल के कुल घराने के लोग जो तु ारे भाईब ु ह यहोवा की लगाई ई आग पर िवलाप कर।
7 और तुम लोग िमलापवाले त ू के ार के बाहर न जाना, ऐसा न हो िक तुम मर जाओ; ोंिक यहोवा के अिभषेक का तेल तुम पर लगा आ है। मूसा के इस वचन के अनुसार उ ोंने
िकया।।
8 िफर यहोवा ने हा न से कहा,
9 िक जब जब तू वा तेरे पु िमलापवाले त ू म आएं तब तब तुम म से कोई न तो दाखमधु िपए हो न और िकसी कार का म , कहीं ऐसा न हो िक तुम मर जाओ; तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म
यह िविध चिलत रहे,
10 िजस से तुम पिव और अपिव म, और शु और अशु म अ र कर सको ;
11 और इ ाएिलयों को उन सब िविधयों को िसखा सको िजसे यहोवा ने मूसा के ारा उन को सु नवा दी ह।।
12 िफर मू सा ने हा न से और उसके बचे ए दोनों पु ईतामार और एलीआजर से भी कहा, यहोवा के ह म से जो अ बिल बचा है उसे ले कर वेदी के पास िबना खमीर खाओ,
ोंिक वह परमपिव है;
13 और तुम उसे िकसी पिव थान म खाओ, वह तो यहोवा के ह म से तेरा और ते रे पु ों का हक है ; ोंिक म ने ऐसी ही आ ा पाई है।
14 और िहलाई ई भट की छाती और उठाई ई भट की जांघ को तुम लोग, अथात तू और बे टे-बे िटयां सब िकसी शु थान म खाओ; ोंिक वे इ ाएिलयों के मे लबिलयों म से तुझे
और तेरे लड़के-बालों की हक ठहरा दी गई ह।
15 चरबी के ह ों समेत जो उठाई ई जांघ और िहलाई ई छाती यहोवा के सा ने िहलाने के िलये आया करगी, ये भाग यहोवा की आ ा के अनुसार सवदा की िवधी की व था से
तेरे और ते रे लड़के-बालों के िलये ह।।
16 िफर मू सा ने पापबिल के बकरे की जो ढूंढ़-ढांढ़ की, तो ा पाया, िक वह जलाया गया है , सो एलीआज़र और ईतामार जो हा न के पु बचे थे उन से वह ोध म आकर कहने
लगा,
17 िक पापबिल जो परमपिव है और िजसे यहोवा ने तु े इसिलये िदया है िक तु म म ली के अधम का भार अपने पर उठा कर उनके िलये यहोवा के सा ने ायि करो, तुम ने
उसका मांस पिव थान म ों नही ं खाया?
18 दे खो, उसका लो पिव थान के भीतर तो लाया ही नही ं गया, िन:स े ह उिचत था िक तुम मे री आ ा के अनु सार उसके मांस को पिव थान म खाते।
19 इसका उ र हा न ने मूसा को इस कार िदया, िक दे ख, आज ही उ ोंने अपने पापबिल और होमबिल को यहोवा के सा ने चढ़ाया; िफर मुझ पर ऐसी िवपि यां आ पड़ी ह!
इसिलये यिद म आज पापबिल का मांस खाता तो ा यह बात यहोवा के स ुख भली होती?
20 जब मूसा ने यह सुना तब उसे संतोष आ।।
लै व था 11
1 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
2 इ ाएिलयों से कहो, िक िजतने पशु पृ ी पर ह उन सभों म से तुम इन जीवधा रयों का मां स खा सकते हो।
3 पशुओं म से िजतने िचरे वा फटे खुर के होते ह और पागु र करते ह उ खा सकते हो।
4 पर ु पागुर करने वाले वा फटे खुर वालों म से इन पशुओं को न खाना, अथात ऊंट, जो पागुर तो करता है पर ु िचरे खुर का नहीं होता, इसिलये वह तु ारे िलये अशु ठहरा है।
5 और शापान, जो पागुर तो करता है पर ु िचरे खुर का नहीं होता, वह भी तु ारे िलये अशु है।
6 और खरहा, जो पागुर तो करता है पर ु िचरे खुर का नहीं होता, इसिलये वह भी तु ारे िलये अशु है ।
7 और सू अर, जो िचरे अथात फटे खुर का होता तो है पर ु पागुर नही ं करता, इसिलये वह तु ारे िलये अशु है।
8 इनके मांस म से कुछ न खाना, और इनकी लोथ को छूना भी नही ं; ये तो तु ारे िलये अशु है।।
9 िफर िजतने जलज ु ह उन म से तुम इ खा सकते हों, अथात समु वा निदयों के जलज ु ओं म से िजतनों के पं ख और चोंयेटे होते ह उ खा सकते हो।
10 और जलचरी ािणयों म से िजतने जीवधारी िबना पंख और चोंयेटे के समु वा निदयों म रहते ह वे सब तु ारे िलये घृ िणत ह।
11 वे तु ारे िलये घृ िणत ठहर; तुम उनके मांस म से कुछ न खाना, और उनकी लोथों को अशु जानना।
12 जल म िजस िकसी ज ु के पंख और चोंयेटे नही ं होते वह तु ारे िलये अशु है ।।
13 िफर पि यों म से इन को अशु जानना, ये अशु होने के कारण खाए न जाएं , अथात उकाब, हड़फोड़, कुरर,
14 शाही, और भांित भांित की चील,
15 और भांित भां ित के सब काग,
16 शुतुमुग, तखमास, जलकु ु ट, और भांित भांित के बाज,
17 हवािसल, हाड़गील, उ ू,
18 राजहँस, धनेश, िग ,
19 लगलग, भांित भांित के बगुले, िटटीहरी और चमगीदड़।।
20 िजतने पं ख वाले चार पांवों के बल चरते ह वे सब तु ारे िलये अशु ह।
21 पर रगने वाले और पं ख वाले जो चार पांवों के बल चलते ह, िजनके भू िम पर कूदने फांदने को टां गे होती ह उन को तो खा सकते हो।
22 वे ये ह, अथात भांित भांित की िट ी, भांित भांित के फनगे, भांित भांित के हग ल, और भांित भां ित के हागाब।
23 पर ु और सब रगने वाले पंख वाले जो चार पांव वाले होते ह वे तु ारे िलये अशु ह।।
24 और इनके कारण तुम अशु ठहरोगे; िजस िकसी से इनकी लोथ छू जाए वह सां झ तक अशु ठहरे ।
25 और जो कोई इनकी लोथ म का कुछ भी उठाए वह अपने व धोए और सां झ तक अशु रहे ।
26 िफर िजतने पशु िचरे खुर के होते है। पर ु न तो िबलकुल फटे खुर और न पागुर करने वाले ह वे तु ारे िलये अशु ह; जो कोई उ छूए वह अशु ठहरे गा।
27 और चार पां व के बल चलने वालों म से िजतने पं जों के बल चलते ह वे सब तु ारे िलये अशु ह; जो कोई उनकी लोथ छूए वह सांझ तक अशु रहे।
28 और जो कोई उनकी लोथ उठाए वह अपने व धोए और सां झ तक अशु रहे ; ोंिक वे तु ारे िलये अशु ह।।
29 और जो पृ ी पर रगते ह उन म से ये रगने वाले तु ारे िलये अशु ह, अथात ने वला, चू हा, और भां ित भांित के गोह,
30 और िछपकली, मगर, िटकिटक, सांडा, और िगरिगटान।
31 सब रगने वालों म से ये ही तु ारे िलये अशु ह; जो कोई इनकी लोथ छूए वह सां झ तक अशु रहे।
32 और इन म से िकसी की लोथ िजस िकसी व ु पर पड़ जाए वह भी अशु ठहरे , चाहे वह काठ का कोई पा हो, चाहे व , चाहे खाल, चाहे बोरा, चाहे िकसी काम का कैसा ही
पा ािद ों न हो; वह जल म डाला जाए, और सांझ तक अशु रहे, तब शु समझा जाए।
33 और यिद िम ी का कोई पा हो िजस म इन ज ुओं म से कोई पड़े , तो उस पा म जो कुछ हो वह अशु ठहरे , और पा को तुम तोड़ डालना।
34 उस म जो खाने के यो भोजन हो, िजस म पानी का छु आव हों वह सब अशु ठहरे ; िफर यिद ऐसे पा म पीने के िलये कुछ हो तो वह भी अशु ठहरे ।
35 और यिद इनकी लोथ म का कुछ तंदूर वा चू े पर पड़े तो वह भी अशु ठहरे , और तोड़ डाला जाए; ोंिक वह अशु हो जाएगा, वह तु ारे िलये भी अशु ठहरे ।
36 पर ु सोता वा तालाब िजस म जल इक ा हो वह तो शु ही रहे; पर ु जो कोई इनकी लोथ को छूए वह अशु ठहरे ।
37 और यिद इनकी लोथ म का कुछ िकसी कार के बीज पर जो बोने के िलये हो पड़े , तो वह बीज शु रहे ;
38 पर यिद बीज पर जल डाला गया हो और पीछे लोथ म का कुछ उस पर पड़ जाए, तो वह तु ारे िलये अशु ठहरे ।।
39 िफर िजन पशुओं के खाने की आ ा तुम को दी गई है यिद उन म से कोई पशु मरे , तो जो कोई उसकी लोथ छूए वह सांझ तक अशु रहे।
40 और उसकी लोथ म से जो कोई कुछ खाए वह अपने व धोए और सां झ तक अशु रहे ; और जो कोई उसकी लोथ उठाए वह भी अपने व धोए और सांझ तक अशु रहे।
41 और सब कार के पृ ी पर रगने वाले ज ु िघनौने ह; वे खाए न जाएं ।
42 पृ ी पर सब रगने वालों म से िजतने पे ट वा चार पांवों के बल चलते ह, वा अिधक पां व वाले होते ह, उ तुम न खाना; ोंिक वे िघनौने ह।
43 तुम िकसी कार के रगने वाले ज ु के ारा अपने आप को िघनौना न करना; और न उनके ारा अपने को अशु कर के अपिव ठहराना।
44 ोंिक म तु ारा परमे र यहोवा ं; इस कार के रगने वाले ज ु के ारा जो पृ ी पर चलता है अपने आप को अशु न करना।
45 ोंिक म वह यहोवा ं जो तु िम दे श से इसिलये िनकाल ले आया ं िक तु ारा परमे र ठह ं ; इसिलये तुम पिव बनो, ोंिक म पिव ं।।
46 पशुओ,ं पि यों, और सब जलचरी ािणयों, और पृ ी पर सब रगने वाले ािणयों के िवषय म यही व था है ,
47 िक शु अशु और भ य और अभ य जीवधा रयों म भे द िकया जाए।।
लै व था 12
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक जो ी गिभण हो और उसके लड़का हो, तो वह सात िदन तक अशु रहे गी; िजस कार वह ऋतुमती हो कर अशु रहा करती।
3 और आठव िदन लड़के का खतना िकया जाए।
4 िफर वह ी अपने शु करने वाले िधर म ततीस िदन रहे; और जब तक उसके शु हो जाने के िदन पूरे न हों तब तक वह न तो िकसी पिव व ु को छु ए, और न पिव थान म
वेश करे ।
5 और यिद उसके लड़की पैदा हो, तो उसको ऋतुमती की सी अशु ता चौदह िदन की लगे ; और िफर िछयासठ िदन तक अपने शु करने वाले िधर म रहे।
6 और जब उसके शु हो जाने के िदन पूरे हों, तब चाहे उसके बेटा आ हो चाहे बे टी, वह होमबिल के िलये एक वष का भेड़ी का ब ा, और पापबिल के िलये कबूतरी का एक ब ा
वा पं डुकी िमलापवाले त ू के ार पर याजक के पास लाए।
7 तब याजक उसको यहोवा के सा ने भट चढ़ाके उसके िलये ायि करे ; और वह अपने िधर के बहने की अशु ता से छूटकर शु ठहरे गी। िजस ी के लड़का वा लड़की
उ हो उसके िलये यही व था है।
8 और यिद उसके पास भेड़ वा बकरी दे ने की पूंजी न हो, तो दो पंडुकी वा कबू तरी के दो ब े, एक तो होमबिल और दू सरा पापबिल के िलये दे ; और याजक उसके िलये ायि करे ,
तब वह शु ठहरे गी।।
लै व था 13
1 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
2 जब िकसी मनु के शरीर के चम म सूजन वा पपड़ी वा फूल हो, और इस से उसके चम म कोढ़ की ािध सा कुछ दे ख पड़े , तो उसे हा न याजक के पास था उसके पु जो याजक
ह उन म से िकसी के पास ले जाएं ।
3 जब याजक उसके चम की ािध को दे खे, और यिद उस ािध के थान के रोएं उजले हो गए हों और ािध चम से गहरी दे ख पड़े , तो वह जान ले िक कोढ़ की ािध है; और
याजक उस मनु को दे खकर उसको अशु ठहराए।
4 और यिद वह फूल उसके चम म उजला तो हो, पर ु चम से गहरा न दे ख पड़े , और न वहां के रोएं उजले हो गए हों, तो याजक उन को सात िदन तक ब कर रखे;
5 और सातव िदन याजक उसको दे खे, और यिद वह ािध जैसी की तैसी बनी रहे और उसके चम म न फैली हो, तो याजक उसको और भी सात िदन तक ब कर रखे;
6 और सातव िदन याजक उसको िफर दे खे, और यिद दे ख पड़े िक ािध की चमक कम है और ािध चम पर फैली न हो, तो याजक उसको शु ठहराए; ोंिक उसके तो चम म
पपड़ी है ; और वह अपने व धोकर शु हो जाए।
7 और यिद याजक की उस जांच के प ात िजस म वह शु ठहराया गया था, वह पपड़ी उसके चम पर ब त फैल जाए, तो वह िफर याजक को िदखाया जाए;
8 और यिद याजक को दे ख पड़े िक पपड़ी चम म फैल गई है , तो वह उसको अशु ठहराए; ोंिक वह कोढ़ ही है।।
9 यिद कोढ़ की सी ािध िकसी मनु के हो, तो वह याजक के पास प ं चाया जाए;
10 और याजक उसको दे खे, और यिद वह सूजन उसके चम म उजली हो, और उसके कारण रोएं भी उजले हो गए हों, और उस सू जन म िबना चम का मांस हो,
11 तो याजक जाने िक उसके चम म पुराना कोढ़ है, इसिलये वह उसको अशु ठहराए; और ब न रखे , ोंिक वह तो अशु है।
12 और यिद कोढ़ िकसी के चम म फूटकर यहां तक फैल जाए, िक जहां कही ं याजक दे ख ािधत के िसर से पैर के तलवे तक कोढ़ ने सारे चम को छा िलया हो,
13 जो याजक ान से दे खे, और यिद कोढ़ ने उसके सारे शरीर को छा िलया हो, तो वह उस ािधत को शु ठहराए; और उसका शरीर जो िबलकुल उजला हो गया है वह शु ही
ठहरे ।
14 पर जब उस म चमहीन मांस दे ख पड़े , तब तो वह अशु ठहरे ।
15 और याजक चमहीन मांस को दे खकर उसको अशु ठहराए; ोंिक वैसा चमहीन मां स अशु ही होता है ; वह कोढ़ है।
16 पर यिद वह चमहीन मांस िफर उजला हो जाए, तो वह मनु याजक के पास जाए,
17 और याजक उसको दे खे, और यिद वह ािध िफर से उजली हो गई हो, तो याजक ािधत को शु जाने ; वह शु है ।।
18 िफर यिद िकसी के चम म फोड़ा हो कर चंगा हो गया हो,
19 और फोड़े के थान म उजली सी सूजन वा लाली िलये ए उजला फूल हो, तो वह याजक को िदखाया जाए।
20 और याजक उस सू जन को दे खे, और यिद वह चम से गिहरा दे ख पड़े , और उसके रोएं भी उजले हो गए हों, तो याजक यह जानकर उस मनु को अशु ठहराए; ोंिक वह कोढ़
की ािध है जो फोड़े म से फूटकर िनकली है।
21 और यिद याजक दे खे िक उस म उजले रोएं नही ं ह, और वह चम से गिहरी नही ं, और उसकी चमक कम ई है , तो याजक उस मनु को सात िदन तक ब कर रखे ।
22 और यिद वह ािध उस समय तक चम म सचमुच फैल जाए, तो याजक उस मनु को अशु ठहराए; ोंिक वह कोढ़ की ािध है।
23 पर ु यिद वह फूल न फैले और अपने थान ही पर बना रहे , तो वह फोड़े को दाग है ; याजक उस मनु को शु ठहराए।।
24 िफर यिद िकसी के चम म जलने का घाव हो, और उस जलने के घाव म चमहीन फूल लाली िलये ए उजला वा उजला ही हो जाए,
25 तो याजक उसको दे खे, और यिद उस फूल म के रोएं उजले हो गए हों और वह चम से गिहरा दे ख पड़े , तो वह कोढ़ है ; जो उस जलने के दाग म से फूट िनकला है; याजक उस
मनु को अशु ठहराए; ोंिक उस म कोढ़ की ािध है ।
26 और यिद याजक दे खे, िक फूल म उजले रोएं नही ं और न वह चम से कुछ गिहरा है , और उसकी चमक कम ई है , तो वह उसको सात िदन तक ब कर रखे,
27 और सातव िदन याजक उसको दे खे, और यिद वह चम म फैल गई हो, तो वह उस मनु को अशु ठहराए; ोंिक उसको कोढ़ की ािध है।
28 पर ु यिद वह फूल चम म नहीं फैला और अपने थान ही पर जहां का तहां ही बना हो, और उसकी चमक कम ई हो, तो वह जल जाने के कारण सूजा आ है, याजक उस मनु
को शु ठहराए; ोंिक वह दाग जल जाने के कारण से है।।
29 िफर यिद िकसी पु ष वा ी के िसर पर, वा पु ष की डाढ़ी म ािध हो,
30 तो याजक ािध को दे खे, और यिद वह चम से गिहरी दे ख पड़े , और उस म भू रे भू रे पतले बाल हों, तो याजक उस मनु को अशु ठहराए; वह ािध स आं , अथात िसर वा डाढ़ी
का कोढ़ है।
31 और यिद याजक स एं की ािध को दे खे, िक वह चम से गिहरी नही ं है और उस म काले काले बाल नही ं ह, तो वह स एं के ािधत को सात िदन तक ब कर रखे,
32 और सातव िदन याजक ािध को दे खे, तब यिद वह स आं फैला न हो, और उस म भू रे भूरे बाल न हों, और स आं चम से गिहरा न दे ख पड़े ,
33 तो यह मनु मूंड़ा जाए, पर ु जहां स आं हो वहां न मूंड़ा जाए; और याजक उस स एं वाले को और भी सात िदन तक ब करे ;
34 और सातव िदन याजक से एं को दे खे, और यिद वह स आं चम म फैला न हो और चम से गिहरा न दे ख पड़े , तो याजक उस मनु को शु ठहराए; और वह अपने व धो के
शु ठहरे ।
35 और यिद उसके शु ठहरने के प ात स आं चम म कुछ भी फैले ,
36 तो याजक उसको दे खे, और यिद वह चम म फैला हो, तो याजक यह भू रे बाल न ढू ं ढ़े , ोंिक मनु अशु है ।
37 पर ु यिद उसकी ि म वह स आं जैसे का तैसा बना हो, और उस म काले काले बाल जमे हों, तो वह जाने की स आं चंगा हो गया है, और वह मनु शु है; याजक उसको शु
ही ठहराए।।
38 िफर यिद िकसी पु ष वा ी के चम म उजले फूल हों,
39 तो याजक दे खे, और यिद उसके चम म वे फूल कम उजले हों, तो वह जाने िक उसको चम म िनकली ई चाईं ही है ; वह मनु शु ठहरे ।।
40 िफर िजसके िसर के बाल झड़ गए हों, तो जानना िक वह च दु ला तो है पर ु शु है ।
41 और िजसके िसर के आगे के बाल झड़ गए हों, तो वह माथे का च दु ला तो है पर ु शु है ।
42 पर ु यिद च दु ले िसर पर वा च दु ले माथे पर लाली िलये ए उजली ािध हो, तो जानना िक वह उसके च दु ले िसर पर वा च दु ले माथे पर िनकला आ कोढ़ है।
43 इसिलये याजक उसको दे खे, और यिद ािध की सूजन उसके च दु ले िसर वा च दु ले माथे पर ऐसी लाली िलये ए उजली हो जैसा चम के कोढ़ म होता है,
44 तो वह मनु कोढ़ी है और अशु है; और याजक उसको अव अशु ठहराए; ोंिक वह ािध उसके िसर पर है ।।
45 और िजस म वह ािध हो उस कोढ़ी के व फटे और िसर के बाल िबखरे रह, और वह अपने ऊपर वाले होंठ को ढांपे ए अशु , अशु पुकारा करे ।
46 िजतने िदन तक वह ािध उस म रहे उतने िदन तक वह तो अशु रहेगा; और वह अशु ठहरा रहे ; इसिलये वह अकेला रहा करे , उसका िनवास थान छावनी के बाहर हो।।
47 िफर िजस व म कोढ़ की ािध हो, चाहे वह व ऊन का हो चाहे सनी का,
48 वह ािध चाहे उस सनी वा ऊन के व के ताने म हो चाहे बाने म, वा वह ािध चमड़े म वा चमड़े की िकसी व ु म हो,
49 यिद वह ािध िकसी व के चाहे ताने म चाहे बाने म, वा चमड़े म वा चमड़े की िकसी व ु म हरी हो वा लाल सी हो, तो जानना िक वह कोढ़ की ािध है और वह याजक को
िदखाई जाए।
50 और याजक ािध को दे खे, और ािधवाली व ु को सात िदन के िलये ब करे ;
51 और सातव िदन वह उस ािध को दे खे, और यिद वह व के चाहे ताने म चाहे बाने म, वा चमड़े म वा चमड़े की बनी ई िकसी व ु म फैल गई हो, तो जानना िक ािध गिलत
कोढ़ है , इसिलये वह व ु, चाहे कैसे ही काम म ों न आती हो, तौभी अशु ठहरे गी।
52 वह उस व को िजसके ताने वा बाने म वह ािध हो, चाहे वह ऊन का हो चाहे सनी का, वा चमड़े की व ु हो, उसको जला दे , वह ािध गिलत कोढ़ की है; वह व ु आग म
जलाई जाए।
53 और यिद याजक दे खे िक वह ािध उस व के ताने वा बाने म, वा चमड़े की उस व ु म नहीं फैली,
54 तो िजस व ु म ािध हो उसके धोने की आ ा दे , तक उसे और भी सात िदन तक ब कर रखे ;
55 और उसके धोने के बाद याजक उसको दे खे, और यिद ािध का न तो रं ग बदला हो, और न ािध फैली हो, तो जानना िक वह अशु है; उसे आग म जलाना, ोंिक चाहे वह
ािध भीतर चाहे ऊपरी हो तौभी वह खा जाने वाली ािध है।
56 और यिद याजक दे खे, िक उसके धोने के प ात ािध की चमक कम हो गई, तो वह उसको व के चाहे ताने चाहे बाने म से, वा चमड़े म से फाड़के िनकाले;
57 और यिद वह ािध तब भी उस व के ताने वा बाने म, वा चमड़े की उस व ु म दे ख पड़े , तो जानना िक वह फूट के िनकली ई ािध है; और िजस म वह ािध हो उसे आग म
जलाना।
58 और यिद उस व से िजसके ताने वा बाने म ािध हो, वा चमड़े की जो व ु हो उस से जब धोई जाए और ािध जाती रही, तो वह दू सरी बार धुल कर शु ठहरे ।
59 ऊन वा सनी के व म के ताने वा बाने म, वा चमड़े की िकसी व ु म जो कोढ़ की ािध हो उसके शु और अशु ठहराने की यही व था है।।
लै व था 14
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 कोढ़ी के शु ठहराने की व था यह है, िक वह याजक के पास प ं चाया जाए।
3 और याजक छावनी के बाहर जाए, और याजक उस कोढ़ी को दे खे, और यिद उसके कोढ़ की ािध चंगी ई हो,
4 तो याजक आ ा दे िक शु ठहराने वाले के िलये दो शु और जीिवत प ी, दे वदा की लकड़ी, और लाल रं ग का कपड़ा और जूफा ये सब िलये जाएं ;
5 और याजक आ ा दे िक एक प ी बहते ए जल के ऊपर िम ी के पा म बिल िकया जाए।
6 तब वह जीिवत प ी को दे वदा की लकड़ी और लाल रं ग के कपड़े और जूफा इन सभों को ले कर एक सं ग उस प ी के लो म जो बहते ए जल के ऊपर बिल िकया गया है डु बा
दे ;
7 और कोढ़ से शु ठहरने वाले पर सात बार िछड़ककर उसको शु ठहराए, तब उस जीिवत प ी को मैदान म छोड़ दे ।
8 और शु ठहरनेवाला अपने व ों को धोए, और सब बाल मुंड़वाकर जल से ान करे , तब वह शु ठहरे गा; और उसके बाद वह छावनी म आने पाए, पर ु सात िदन तक अपने डे रे
से बाहर ही रहे ।
9 और सातव िदन वह िसर, डाढ़ी और भौहों के सब बाल मुंड़ाए, और सब अंग मु न कराए, और अपने व ों को धोए, और जल से ान करे , तब वह शु ठहरे गा।
10 और आठव िदन वह दो िनद ष भेड़ के ब े, और अ बिल के िलये तेल से सना आ एपा का तीन दहाई अं श मैदा, और लोज भर तेल लाए।
11 और शु ठहरानेवाला याजक इन व ुओं समेत उस शु होने वाले मनु को यहोवा के स ुख िमलापवाले त ू के ार पर खड़ा करे ।
12 तब याजक एक भेड़ का ब ा ले कर दोषबिल के िलये उसे और उस लोज भर ते ल को समीप लाए, और इन दोनो को िहलाने की भट के िलये यहोवा के सा ने िहलाए;
13 तब याजक एक भेड़ के ब े को उसी थान म जहां वह पापबिल और होमबिल पशुओं का बिलदान िकया करे गा, अथात पिव थान म बिलदान करे ; ोंिक जैसा पापबिल याजक
का िनज भाग होगा वैसा ही दोषबिल भी उसी का िनज भाग ठहरे गा; वह परमपिव है ।
14 तब याजक दोषबिल के लो म से कुछ ले कर शु ठहरने वाले के दािहने कान के िसरे पर, और उसके दािहने हाथ और दािहने पां व के अं गूठों पर लगाए।
15 और याजक उस लोज भर तेल म से कुछ ले कर अपने बाएं हाथ की हथेली पर डाले,
16 और याजक अपने दािहने हाथ की उं गली को अपने बाईं हथेली पर के ते ल म डु बाकर उस तेल म से कुछ अपनी उं गली से यहोवा के स ुख सात बार िछड़के।
17 और जो तेल उसकी हथेली पर रह जाएगा याजक उस म से कुछ शु होने वाले के दािहने कान के िसरे पर, और उसके दािहने हाथ और दािहने पां व के अंगूठों पर दोषबिल के लो
के ऊपर लगाएं ;
18 और जो तेल याजक की हथेली पर रह जाए उसको वह शु होने वाले के िसर पर डाल दे । और याजक उसके िलये यहोवा के सा ने ायि करे ।
19 और याजक पापबिल को भी चढ़ाकर उसके िलये जो अपनी अशु ता से शु होने वाला हो ायि करे ; और उसके बाद होमबिल पशु का बिलदान कर के:
20 अ बिल समेत वेदी पर चढ़ाए: और याजक उसके िलये ायि करे , और वह शु ठहरे गा।।
21 पर ु यिद वह द र हो और इतना लाने के िलये उसके पास पूंजी न हो, तो वह अपना ायि करवाने के िनिम , िहलाने के िलये भेड़ का ब ा दोषबिल के िलये , और तेल से सना
आ एपा का दसवां अंश मैदा अ बिल कर के, और लोज भर तेल लाए;
22 और दो पंडुक, वा कबूतरी के दो ब े लाए, जो वह ला सके; और इन म से एक तो पापबिल के िलये और दू सरा होमबिल के िलये हो।
23 और आठव िदन वह इन सभों को अपने शु ठहरने के िलये िमलापवाले त ू के ार पर, यहोवा के स ु ख, याजक के पास ले आए;
24 तब याजक उस लोज भर तेल और दोष बिल वाले भे ड़ के ब े को ले कर िहलाने की भट के िलये यहोवा के सा ने िहलाए।
25 िफर दोषबिल के भेड़ के ब े का बिलदान िकया जाए; और याजक उसके लो म से कुछ ले कर शु ठहरने वाले के दािहने कान के िसरे पर, और उसके दािहने हाथ और दािहने
पांव के अं गूठों पर लगाए।
26 िफर याजक उस तेल म से कुछ अपने बाएं हाथ की हथेली पर डालकर,
27 अपने दािहने हाथ की उं गली से अपनी बाईं हथेली पर के तेल म से कुछ यहोवा के स ु ख सात बार िछड़के;
28 िफर याजक अपनी हथेली पर के तेल म से कुछ शु ठहरने वाले के दािहने कान के िसरे पर, और उसके दािहने हाथ और दािहने पां व के अं गूठों पर दोषबिल के लो के थान पर,
लगाए।
29 और जो तेल याजक की हथेली पर रह जाए उसे वह शु ठहरने वाले के िलये यहोवा के सा ने ायि करने को उसके िसर पर डाल दे ।
30 तब वह पं डुकों वा कबूतरी के ब ों म से जो वह ला सका हो एक को चढ़ाए,
31 अथात जो प ी वह ला सका हो, उन म से वह एक को पापबिल के िलये और अ बिल समे त दू सरे को होमबिल के िलये चढ़ाए; इस रीित से याजक शु ठहरने वाले के िलये यहोवा
के सा ने ायि करे ।
32 िजसे कोढ़ की ािध ई हो, और उसके इतनी पूंजी न हो िक वह शु ठहरने की साम ी को ला सके, तो उसके िलये यही व था है।।
33 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
34 जब तु म लोग कनान दे श म प ंचो, िजसे म तु ारी िनज भू िम होने के िलये तु दे ता ं, उस समय यिद म कोढ़ की ािध तु ारे अिधकार के िकसी घर म िदखाऊं,
35 तो िजसका वह घर हो वह आकर याजक को बता दे , िक मुझे ऐसा दे ख पड़ता है िक घर म मानों कोई ािध है ।
36 तब याजक आ ा दे , िक उस घर म ािध दे खने के िलये मेरे जाने से पिहले उसे खाली करो, कहीं ऐसा न हो िक जो कुछ घर म हो वह सब अशु ठहरे ; और पीछे याजक घर दे खने
को भीतर जाए।
37 तब वह उस ािध को दे खे; और यिद वह ािध घर की दीवारों पर हरी हरी वा लाल लाल मानों खुदी ई लकीरों के प म हो, और ये लकीर दीवार म गिहरी दे ख पड़ती हों,
38 तो याजक घर से बाहर ार पर जा कर घर को सात िदन तक ब कर रखे ।
39 और सातव िदन याजक आकर दे खे; और यिद वह ािध घर की दीवारों पर फैल गई हो,
40 तो याजक आ ा दे , िक िजन प रों को ािध है उ िनकाल कर नगर से बाहर िकसी अशु थान म फक द;
41 और वह घर के भीतर ही भीतर चारों ओर खुरचवाए, और वह खु रचन की िम ी नगर से बाहर िकसी अशु थान म डाली जाए;
42 और उन प रों के थान म और दू सरे प र ले कर लगाएं और याजक ताजा गारा ले कर घर की जु ड़ाई करे ।
43 और यिद प रों के िनकाले जाने और घर के खुरचे और लेसे जाने के बाद वह ािध िफर घर म फूट िनकले ,
44 तो याजक आकर दे खे; और यिद वह ािध घर म फैल गई हो, तो वह जान ले िक घर म गिलत कोढ़ है ; वह अशु है ।
45 और वह सब गारे समेत प र, लकड़ी और घर को खुदवाकर िगरा दे ; और उन सब व ु ओं को उठवाकर नगर से बाहर िकसी अशु थान पर िफंकवा दे ।
46 और जब तक वह घर ब रहे तब तक यिद कोई उस म जाए तो वह सांझ तक अशु रहे ;
47 और जो कोई उस घर म सोए वह अपने व ों को धोए; और जो कोई उस घर म खाना खाए वह भी अपने व ों को धोए।
48 और यिद याजक आकर दे खे िक जब से घर लेसा गया है तब से उस म ािध नही ं फैली है , तो यह जानकर िक वह ािध दू र हो गई है, घर को शु ठहराए।
49 और उस घर को पिव करने के िलये दो प ी, दे वदा की लकड़ी, लाल रं ग का कपड़ा और जू फा िलवा लाए,
50 और एक प ी बहते ए जल के ऊपर िम ी के पा म बिलदान करे ,
51 तब वह दे वदा की लकड़ी लाल रं ग के कपड़े और जू फा और जीिवत प ी इन सभों को ले कर बिलदान िकए ए प ी के लो म और बहते ए जल म डूबा दे , और उस घर पर
सात बार िछड़के।
52 और वह प ी के लो , और बहते ए जल, और जूफा और लाल रं ग के कपड़े के ारा घर को पिव करे ;
53 तब वह जीिवत प ी को नगर से बाहर मैदान म छोड़ दे ; इसी रीित से वह घर के िलये ायि करे , तब वह शु ठहरे गा।
54 सब भांित के कोढ़ की ािध, और से एं ,
55 और व , और घर के कोढ़,
56 और सू जन, और पपड़ी, और फूल के िवषय म,
57 शु और अशु ठहराने की िश ा की व था यही है। सब कार के कोढ़ की व था यही है ।।
लै व था 15
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 िक इ ाएिलयों से कहो, िक िजस िजस पु ष के मेह हो, तो वह मे ह के कारण से अशु ठहरे ।
3 और चाहे बहता रहे , चाहे बहना ब भी हो, तौभी उसकी अशु ता बनी रहे गी।
4 िजसके मे ह हो वह िजस िजस िबछौने पर लेटे वह अशु ठहरे , और िजस िजस व ु पर वह बैठे वह भी अशु ठहरे ।
5 और जो कोई उसके िबछौने को छूए वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सां झ तक अशु ठहरा रहे ।
6 और िजसके मेह हो और वह िजस व ु पर बैठा हो, उस पर जो कोई बैठे वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सांझ तक अशु ठहरा रहे।
7 और िजसके मेह हो उस से जो कोई छू जाए वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे और सां झ तक अशु रहे ।
8 और िजसके मेह हो यिद वह िकसी शु मनु पर थूके, तो वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सांझ तक अशु रहे।
9 और िजसके मेह हो वह सवारी की िजस व ु पर बैठे वह अशु ठहरे ।
10 और जो कोई िकसी व ु को जो उसके नीचे रही हो छूए वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सां झ तक अशु रहे।
11 और िजसके मे ह हो वह िजस िकसी को िबना हाथ धोए छूए वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सांझ तक अशु रहे।
12 और िजसके मे ह हो वह िम ी के िजस िकसी पा को छूए वह तोड़ डाला जाए, और काठ के सब कार के पा जल से धोए जाएं ।
13 िफर िजसके मेह हो वह जब अपने रोग से चंगा हो जाए, तब से शु ठहरने के सात िदन िगन ले , और उनके बीतने पर अपने व ों को धोकर बहते ए जल से ान करे ; तब वह
शु ठहरे गा।
14 और आठव िदन वह दो पंडुक वा कबूतरी के दो ब े ले कर िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा के स ु ख जा कर उ याजक को दे ।
15 तब याजक उन म से एक को पापबिल; और दू सरे को होमबिल के िलये भट चढ़ाए; और याजक उसके िलये उसके मेह के कारण यहोवा के सा ने ायि करे ।।
16 िफर यिद िकसी पु ष का वी िलत हो जाए, तो वह अपने सारे शरीर को जल से धोए, और सांझ तक अशु रहे ।
17 और िजस िकसी व वा चमड़े पर वह वी पड़े वह जल से धोया जाए, और सांझ तक अशु रहे ।
18 और जब कोई पु ष ी से संग करे , तो वे दोनो जल से ान कर, और सां झ तक अशु रह।।
19 िफर जब कोई ी ऋतुमती रहे, तो वह सात िदन तक अशु ठहरी रहे, और जो कोई उसको छूए वह सां झ तक अशु रहे।
20 और जब तक वह अशु रहे तब तक िजस िजस व ु पर वह ले टे, और िजस िजस व ु पर वह बै ठे वे सब अशु ठहर।
21 और जो कोई उसके िबछौने को छूए वह अपने व धोकर जल से ान करे , और सां झ तक अशु रहे ।
22 और जो कोई िकसी व ु को छूए िजस पर वह बैठी हो वह अपने व धोकर जल से ान करे , और सां झ तक अशु रहे।
23 और यिद िबछौने वा और िकसी व ु पर िजस पर वह बै ठी हो छूने के समय उसका िधर लगा हो, तो छूने हारा सांझ तक अशु रहे।
24 और यिद कोई पु ष उस से संग करे , और उसका िधर उसके लग जाए, तो वह पु ष सात िदन तक अशु रहे , और िजस िजस िबछौने पर वह लेटे वे सब अशु ठहर।।
25 िफर यिद िकसी ी के अपने मािसक धम के िनयु समय से अिधक िदन तक िधर बहता रहे , वा उस िनयु समय से अिधक समय तक ऋतुमती रहे, तो जब तक वह ऐसी
दशा म रहे तब तक वह अशु ठहरी रहे।
26 उसके ऋतु मती रहने के सब िदनों म िजस िजस िबछौने पर वह ले टे वे सब उसके मािसक धम के िबछौने के समान ठहर; और िजस िजस व ु पर वह बैठे वे भी उसके ऋतु मती रहे
के िदनों की नाईं अशु ठहर।
27 और जो कोई उन व ुओं को छु ए वह अशु ठहरे , इसिलये वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सां झ तक अशु रहे।
28 और जब वह ी अपने ऋतुमती से शु हो जाए, तब से वह सात िदन िगन ले, और उन िदनों के बीतने पर वह शु ठहरे ।
29 िफर आठव िदन वह दो पंडुक था कबूतरी के दो ब े ले कर िमलापवाले त ू के ार पर याजक के पास जाए।
30 तब याजक एक को पापबिल और दू सरे को होमबिल के िलये चढ़ाए; और याजक उसके िलये उसके मािसक धम की अशु ता के कारण यहोवा के सा ने ायि करे ।।
31 इस कार से तुम इ ाएिलयों को उनकी अशु ता से ारे रखा करो, कहीं ऐसा न हो िक वे यहोवा के िनवास को जो उनके बीच म है अशु कर के अपनी अशु ता म फंसे ए
मर जाएं ।।
32 िजसके मे ह हो और जो पु ष वी िलत होने से अशु हो;
33 और जो ी ऋतु मती हो; और ा पु ष ा ी, िजस िकसी के धातु रोग हो, और जो पु ष अशु ी के सं ग करे , इन सभों के िलये यही व था है।।
लै व था 16
1 जब हा न के दो पु यहोवा के सा ने समीप जा कर मर गए, उसके बाद यहोवा ने मू सा से बात की;
2 और यहोवा ने मूसा से कहा, अपने भाई हा न से कह, िक स दू क के ऊपर के ायि वाले ढ़कने के आगे , बीच वाले पद के अ र, पिव थान म हर समय न वेश करे , नही ं तो
मर जाएगा; ोंिक म ायि वाले ढ़कने के ऊपर बादल म िदखाई दू ं गा।
3 और जब हा न पिव थान म वेश करे तब इस रीित से वेश करे , अथात पापबिल के िलये एक बछड़े को और होमबिल के िलये एक मेढ़े को ले कर आए।
4 वह सनी के कपड़े का पिव अंगरखा, और अपने तन पर सनी के कपड़े की जांिघया पिहने ए, और सनी के कपड़े का किटब , और सनी के कपड़े की पगड़ी बांधे ए वेश करे ;
ये पिव थान ह, और वह जल से ान कर के इ पिहने।
5 िफर वह इ ाएिलयों की म ली के पास से पापबिल के िलये दो बकरे और होमबिल के िलये एक मे ढ़ा ले ।
6 और हा न उस पापबिल के बछड़े को जो उसी के िलये होगा चढ़ाकर अपने और अपने घराने के िलये ायि करे ।
7 और उन दोनों बकरों को ले कर िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा के सा ने खड़ा करे ;
8 और हा न दोनों बकरों पर िचि यां डाले, एक िच ी यहोवा के िलये और दू सरी अजाजे ल के िलये हो।
9 और िजस बकरे पर यहोवा के नाम की िच ी िनकले उसको हा न पापबिल के िलये चढ़ाए;
10 पर ु िजस बकरे पर अजाजेल के िलये िच ी िनकले वह यहोवा के सा ने जीवता खड़ा िकया जाए िक उस से ायि िकया जाए, और वह अजाजेल के िलये जंगल म छोड़ा जाए।
11 और हा न उस पापबिल के बछड़े को जो उसी के िलये होगा समीप ले आए, और उसको बिलदान कर के अपने और अपने घराने के िलये ायि करे ।
12 और जो वेदी यहोवा के स ुख है उस पर के जलते ए कोयलों से भरे ए धूपदान को ले कर, और अपनी दोनों मुि यों को फूटे ए सुग त धूप से भरकर, बीच वाले पद के भीतर
ले आकर
13 उस धूप को यहोवा के स ुख आग म डाले, िजस से धूप का धुआं सा ीप के ऊपर के ायि के ढकने के ऊपर छा जाए, नहीं तो वह मर जाएगा;
14 तब वह बछड़े के लो म से कुछ ले कर पूरब की ओर ायि के ढकने के ऊपर अपनी उं गली से िछड़के, और िफर उस लो म से कुछ उं गली के ारा उस ढकने के सा ने भी
सात बार िछड़क दे ।
15 िफर वह उस पापबिल के बकरे को जो साधारण जनता के िलये होगा बिलदान कर के उसके लो को बीच वाले पद के भीतर ले आए, और िजस कार बछड़े के लो से उसने
िकया था ठीक वैसा ही वह बकरे के लो से भी करे , अथात उसको ायि के ढकने के ऊपर और उसके सा ने िछड़के।
16 और वह इ ाएिलयों की भां ित भांित की अशु ता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पिव थान के िलये ायि करे ; और िमलापवाला त ू जो उनके सं ग उनकी
भांित भां ित की अशु ता के बीच रहता है उसके िलये भी वह वैसा ही करे ।
17 और जब हा न ायि करने के िलये पिव थान म वेश करे , तब से जब तक वह अपने और अपने घराने और इ ाएल की सारी म ली के िलये ायि कर के बाहर न
िनकले तब तक कोई मनु िमलापवाले त ू म न रहे।
18 िफर वह िनकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के सा ने है जाए और उसके िलये ायि करे , अथात बछड़े के लो और बकरे के लो दोनों म से कुछ ले कर उस वेदी के चारों
कोनों के सी ंगो पर लगाए।
19 और उस लो म से कुछ अपनी उं गली के ारा सात बार उस पर िछड़ककर उसे इ ाएिलयों की भां ित भांित की अशु ता छु ड़ाकर शु और पिव करे ।
20 और जब वह पिव थान और िमलापवाले त ू और वेदी के िलये ायि कर चुके, तब जीिवत बकरे को आगे ले आए;
21 और हा न अपने दोनों हाथों को जीिवत बकरे पर रखकर इ ाएिलयों के सब अधम के कामों, और उनके सब अपराधों, िनदान उनके सारे पापों को अं गीकार करे , और उन को
बकरे के िसर पर धरकर उसको िकसी मनु के हाथ जो इस काम के िलये तैयार हो जंगल म भेज के छु ड़वा दे ।
22 और वह बकरा उनके सब अधम के कामों को अपने ऊपर लादे ए िकसी िनराले दे श म उठा ले जाएगा; इसिलये वह मनु उस बकरे को जंगल म छोड़े दे ।
23 तब हा न िमलापवाले त ू म आए, और िजस सनी के व ों को पिहने ए उसने पिव थान म वेश िकया था उ उतारकर वही ं पर रख दे ।
24 िफर वह िकसी पिव थान म जल से ान कर अपने िनज व पिहन ले, और बाहर जा कर अपने होमबिल और साधारण जनता के होमबिल को चढ़ाकर अपने और जनता के
िलये ायि करे ।
25 और पापबिल की चरबी को वह वेदी पर जलाए।
26 और जो मनु बकरे को अजाजेल के िलये छोड़कर आए वह भी अपने व ों को धोए, और जल से ान करे , और तब वह छावनी म वेश करे ।
27 और पापबिल का बछड़ा और पापबिल का बकरा भी िजनका लो पिव थान म ायि करने के िलये प ं चाया जाए वे दोनों छावनी से बाहर प ंचाए जाएं ; और उनका चमड़ा,
मांस, और गोबर आग म जला िदया जाए।
28 और जो उन को जलाए वह अपने व ों को धोए, और जल से ान करे , और इसके बाद वह छावनी म वेश करने पाए।।
29 और तु म लोगों के िलये यह सदा की िविध होगी िक सातव महीने के दसव िदन को तु म अपने अपने जीव को दु :ख दे ना, और उस िदन कोई, चाहे वह तु ारे िनज दे श को हो चाहे
तु ारे बीच रहने वाला कोई पर दे शी हो, कोई भी िकसी कार का काम काज न करे ;
30 ोंिक उस िदन तु शु करने के िलये तु ारे िनिम ायि िकया जाएगा; और तुम अपने सब पापों से यहोवा के स ुख पिव ठहरोगे।
31 यह तु ारे िलये परमिव ाम का िदन ठहरे , और तुम उस िदन अपने अपने जीव को दु :ख दे ना; यह सदा की िविध है।
32 और िजसका अपने िपता के थान पर याजक पद के िलये अिभषेक और सं ार िकया जाए वह याजक ायि िकया करे , अथात वह सनी के पिव व ों को पिहनकर,
33 पिव थान, और िमलापवाले त ू, और वेदी के िलये ायि करे ; और याजकों के और म ली के सब लोगों के िलये भी ायि करे ।
34 और यह तु ारे िलये सदा की िविध होगी, िक इ ाएिलयों के िलये ितवष एक बार तु ारे सारे पापों के िलये ायि िकया जाए। यहोवा की इस आ ा के अनुसार जो उसने मू सा
को दी थी हा न ने िकया।।
लै व था 17
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 हा न और उसके पु ों से और कुल इ ाएिलयों से कह, िक यहोवा ने यह आ ा दी है,
3 िक इ ाएल के घराने म से कोई मनु हो जो बैल वा भे ड़ के ब े, वा बकरी को, चाहे छावनी म चाहे छावनी से बाहर घात कर के
4 िमलापवाले त ू के ार पर, यहोवा के िनवास के सा ने यहोवा को चढ़ाने के िनिम न ले जाए, तो उस मनु को लो बहाने का दोष लगेगा; और वह मनु जो लो बहाने वाला
ठहरे गा, वह अपने लोगों के बीच से नाश िकया जाए।
5 इस िविध का यह कारण है िक इ ाएली अपने बिलदान िजन को वह खुले मै दान म वध करते ह, वे उ िमलापवाले त ू के ार पर याजक के पास, यहोवा के िलये ले जा कर उसी
के िलये मे लबिल कर के बिलदान िकया कर;
6 और याजक लो को िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा की वेदी के ऊपर िछड़के, और चरबी को उसके सु खदायक सुग के िलये जलाए।
7 और वे जो बकरों के पूजक हो कर िभचार करते ह, वे िफर अपने बिलपशुओं को उनके िलये बिलदान न कर। तु ारी पीिढय़ों के िलये यह सदा की िविध होगी।।
8 और तू उन से कह, िक इ ाएल के घराने के लोगों म से वा उनके बीच रहनेहारे परदे िशयों म से कोई मनु ों न हो जो होमबिल वा मेलबिल चढ़ाए,
9 और उसको िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा के िलये चढ़ाने को न ले आए; वह मनु अपने लोगों म से नाश िकया जाए।।
10 िफर इ ाएल के घराने के लोगों म से वा उनके बीच रहने वाले परदे िशयों म से कोई मनु ों न हो जो िकसी कार का लो खाए, म उस लो खाने वाले के िवमुख हो कर
उसको उसके लोगों के बीच म से नाश कर डालूंगा।
11 ोंिक शरीर का ाण लो म रहता है; और उसको म ने तुम लोगों को वेदी पर चढ़ाने के िलये िदया है, िक तु ारे ाणों के िलये ायि िकया जाए; ोंिक ाण के कारण लो ही
से ायि होता है।
12 इस कारण म इ ाएिलयों से कहता ं, िक तुम म से कोई ाणी लो न खाए, और जो पर दे शी तु ारे बीच रहता हो वह भी लो कभी न खाए।।
13 और इ ाएिलयों म से वा उनके बीच रहने वाले परदे िशयों म से कोई मनु ों न हो जो अहे र कर के खाने के यो पशु वा प ी को पकड़े , वह उसके लो को उं डेलकर धूिल से
ढां प दे ।
14 ोंिक शरीर का ाण जो है वह उसका लो ही है जो उसके ाण के साथ एक है ; इसी िलये म इ ाएिलयों से कहता ं, िक िकसी कार के ाणी के लो को तुम न खाना, ोंिक
सब ािणयों का ाण उनका लो ही है; जो कोई उसको खाए वह नाश िकया जाएगा।
15 और चाहे वह दे शी हो वा परदे शी हो, जो कोई िकसी लोथ वा फाड़े ए पशु का मां स खाए वह अपने व ों को धोकर जल से ान करे , और सांझ तक अशु रहे; तब वह शु
होगा।
16 और यिद वह उन को न धोए और न ान करे , तो उसको अपने अधम का भार यं उठाना पड़े गा।।
लै व था 18
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक म तु ारा परमे र यहोवा ं।
3 तुम िम दे श के कामों के अनुसार िजस म तुम रहते थे न करना; और कनान दे श के कामों के अनुसार भी जहां म तु ले चलता ं न करना; और न उन दे शों की िविधयों पर चलना।
4 मेरे ही िनयमों को मानना, और मेरी ही िविधयों को मानते ए उन पर चलना। म तु ारा परमे र यहोवा ं।
5 इसिलये तु म मेरे िनयमों और मेरी िविधयों को िनर र मानना; जो मनु उन को माने वह उनके कारण जीिवत रहे गा। म यहोवा ं।
6 तुम म से कोई अपनी िकसी िनकट कुटु न का तन उघाड़ने को उसके पास न जाए। म यहोवा ं ।
7 अपनी माता का तन जो तु ारे िपता का तन है न उघाड़ना; वह तो तु ारी माता है, इसिलये तु म उसका तन न उघाड़ना।
8 अपनी सौतेली माता का भी तन न उघाड़ना; वह तो तु ारे िपता ही का तन है ।
9 अपनी बिहन चाहे सगी हो चाहे सौतेली हो, चाहे वह घर म उ ई हो चाहे बाहर, उसका तन न उघाड़ना।
10 अपनी पोती वा अपनी नितनी का तन न उघाड़ना, उनकी दे ह तो मानो तु ारी ही है।
11 तु ारी सोते ली बिहन जो तु ारे िपता से उ ई, वह तु ारी बिहन है , इस कारण उसका तन न उघाड़ना।
12 अपनी फूफी का तन न उघाड़ना; वह तो तु ारे िपता की िनकट कुटु न है ।
13 अपनी मौसी का तन न उघाड़ना; ोंिक वह तु ारी माता की िनकट कुटु न है ।
14 अपने चाचा का तन न उघाड़ना, अथात उसकी ी के पास न जाना; वह तो तु ारी चाची है ।
15 अपनी ब का तन न उघाड़ना वह तो तु ारे बेटे की ी है, इस कारण तुम उसका तन न उघाड़ना।
16 अपनी भौजी का तन न उघाड़ना; वह तो तु ारे भाई ही का तन है ।
17 िकसी ी और उसकी बे टी दोनों का तन न उघाड़ना, और उसकी पोती को वा उसकी नितनी को अपनी ी कर के उसका तन न उघाड़ना; वे तो िनकट कुटु न है; ऐसा करना
महापाप है।
18 और अपनी ी की बिहन को भी अपनी ी कर के उसकी सौत न करना, िक पहली के जीिवत रहते ए उसका तन भी उघाड़े ।
19 िफर जब तक कोई ी अपने ऋतु के कारण अशु रहे तब तक उसके पास उसका तन उघाड़ने को न जाना।
20 िफर अपने भाई ब ु की ी से कुकम कर के अशु न हो जाना।
21 और अपने स ान म से िकसी को मोलेक के िलये होम कर के न चढ़ाना, और न अपने परमे र के नाम को अपिव ठहराना; म यहोवा ं।
22 ीगमन की रीित पु षगमन न करना; वह तो िघनौना काम है।
23 िकसी जाित के पशु के साथ पशुगमन कर के अशु न हो जाना, और न कोई ी पशु के सा ने इसिलये खड़ी हो िक उसके संग कुकम करे ; यह तो उ ी बात है ।।
24 ऐसा ऐसा कोई भी काम कर के अशु न हो जाना, ोंिक िजन जाितयों को म तु ारे आगे से िनकालने पर ं वे ऐसे ऐसे काम कर के अशु हो गई है;
25 और उनका दे श भी अशु हो गया है, इस कारण म उस पर उसके अधम का द दे ता ं , और वह दे श अपने िनवािसयों उगल दे ता है।
26 इस कारण तुम लोग मेरी िविधयों और िनयमों को िनर र मानना, और चाहे दे शी चाहे तु ारे बीच रहने वाला परदे शी हो तुम म से कोई भी ऐसा िघनौना काम न करे ;
27 ोंिक ऐसे सब िघनौने कामों को उस दे श के मनु तो तुम से पिहले उस म रहते थे वे करते आए ह, इसी से वह दे श अशु हो गया है।
28 अब ऐसा न हो िक िजस रीित से जो जाित तुम से पिहले उस दे श म रहती थी उसको उसने उगल िदया, उसी रीित जब तुम उसको अशु करो, तो वह तुम को भी उगल दे ।
29 िजतने ऐसा कोई िघनौना काम कर वे सब ाणी अपने लोगों म से नाश िकए जाएं ।
30 यह आ ा जो म ने तु ारे मानने को दी है उसे तुम मानना, और जो िघनौनी रीितयां तुम से पिहले चिलत ह उन म से िकसी पर न चलना, और न उनके कारण अशु हो जाना। म
तु ारा परमे र यहोवा ं।।
लै व था 19
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों की सारी म ली से कह, िक तुम पिव बने रहो; ोंिक म तु ारा परमे र यहोवा पिव ं ।
3 तुम अपनी अपनी माता और अपने अपने िपता का भय मानना, और मे रे िव ाम िदनों को मानना; म तु ारा परमे र यहोवा ं।
4 तुम मू रतों की ओर न िफरना, और दे वताओं की ितमाएं ढालकर न बना लेना; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
5 जब तुम यहोवा के िलये मेलबिल करो, तब ऐसा बिलदान करना िजससे म तु म से स हो जाऊं।
6 उसका मांस बिलदान के िदन और दू सरे िदन खाया जाए, पर ु तीसरे िदन तक जो रह जाए वह आग म जला िदया जाए।
7 और यिद उस म से कुछ भी तीसरे िदन खाया जाए, तो यह घृ िणत ठहरे गा, और हण न िकया जाएगा।
8 और उसका खाने वाला यहोवा के पिव पदाथ को अपिव ठहराता है , इसिलये उसको अपने अधम का भार यं उठाना पड़े गा; और वह ाणी अपने लोगों म से नाश िकया जाएगा।।
9 िफर जब तुम अपने दे श के खेत काटो तब अपने खेत के कोने कोने तक पूरा न काटना, और काटे ए खेत की िगरी पड़ी बालों को न चुनना।
10 और अपनी दाख की बारी का दाना दाना न तोड़ लेना, और अपनी दाख की बारी के झड़े ए अं गूरों को न बटोरना; उ दीन और परदे शी लोगों के िलये छोड़ दे ना; म तु ारा
परमे र यहोवा ं ।
11 तुम चोरी न करना, और एक दू सरे से न तो कपट करना, और न झूठ बोलना।
12 तुम मे रे नाम की झूठी शपथ खाके अपने परमे र का नाम अपिव न ठहराना; म यहोवा ं।
13 एक दू सरे पर अ ेर न करना, और न एक दू सरे को लूट ले ना। और मजदू र की मजदू री तेरे पास सारी रात िबहान तक न रहने पाए।
14 बिहरे को शाप न दे ना, और न अ े के आगे ठोकर रखना; और अपने परमे र का भय मानना; म यहोवा ं ।
15 ाय म कुिटलता न करना; और न तो कंगाल का प करना और न बड़े मनु ों का मुंह दे खा िवचार करना; उस दू सरे का ाय धम से करना।
16 लू तरा बनके अपने लोगों म न िफरा करना, और एक दू सरे के लो बहाने की यु यां न बा ना; म यहोवा ं ।
17 अपने मन म एक दू सरे के ित बैर न रखना; अपने पड़ोसी को अव डांटना नहीं, तो उसके पाप का भार तुझ को उठाना पड़े गा।
18 पलटा न ले ना, और न अपने जाित भाइयों से बैर रखना, पर ु एक दू सरे से अपने समान े म रखना; म यहोवा ं ।
19 तुम मे री िविधयों को िनर र मानना। अपने पशुओं को िभ जाित के पशुओं से मेल न खाने दे ना; अपने खेत म दो कार के बीज इक े न बोना; और सनी और ऊन की िमलावट से
बना आ व न पिहनना।
20 िफर कोई ी दासी हो, और उसकी मंगनी िकसी पु ष से ई हो, पर ु वह न तो दाम से और न सतमत ाधीन की गई हो; उस से यिद कोई कुकम करे , तो उन दोनों को द
तो िमले , पर उस ी के ाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएं ।
21 पर वह पु ष िमलापवाले त ू के ार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबिल के िलये ले आए।
22 और याजक उसके िकये ए पाप के कारण दोषबिल के मे ढ़े के ारा उसके िलये यहोवा के सा ने ायि करे ; तब उसका िकया आ पाप मा िकया जाएगा।
23 िफर जब तुम कनान दे श म पं चकर िकसी कार के फल के वृ लगाओ, तो उनके फल तीन वष तक तु ारे िलये मानों खतनारिहत ठहर रह; इसिलये उन म से कुछ न खाया
जाए।
24 और चौथे वष म उनके सब फल यहोवा की ुित करने के िलये पिव ठहर।
25 तब पांचव वष म तुम उनके फल खाना, इसिलये िक उन से तुम को ब त फल िमल; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
26 तुम लो लगा आ कुछ मांस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ वा अशुभ मु त को मानना।
27 अपने िसर म घेरा रखकर न मुंड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुंड़ाना।
28 मुद के कारण अपने शरीर को िबलकुल न चीरना, और न उस म छाप लगाना; म यहोवा ं ।
29 अपनी बे िटयों को वे ा बनाकर अपिव न करना, ऐसा न हो िक दे श वे ागमन के कारण महापाप से भर जाए।
30 मेरे िव ामिदन को माना करना, और मेरे पिव थान का भय िनर र मानना; म यहोवा ं ।
31 ओझाओं और भूत साधने वालों की ओर न िफरना, और ऐसों को खोज कर के उनके कारण अशु न हो जाना; म तु ारा परमे र यहोवा ं।
32 प े बाल वाले के सा ने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमे र का भय िनर र मानना; म यहोवा ं।
33 और यिद कोई परदे शी तु ारे दे श म तु ारे संग रहे, तो उसको दु :ख न दे ना।
34 जो परदे शी तु ारे संग रहे वह तु ारे िलये दे शी के समान हो, और उस से अपने ही समान े म रखना; ोंिक तुम भी िम दे श म परदे शी थे; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
35 तुम ाय म, और प रमाण म, और तौल म, और नाप म कुिटलता न करना।
36 स ा तराजू, धम के बटखरे , स ा एपा, और धम का हीन तु ारे पास रह; म तु ारा परमे र यहोवा ं जो तु म को िम दे श से िनकाल ले आया।
37 इसिलये तु म मेरी सब िविधयों और सब िनयमों को मानते ए िनर र पालन करो; म यहोवा ं।।
लै व था 20
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक इ ाएिलयों म से, वा इ ाएिलयों के बीच रहने वाले परदे िशयों म से , कोई ों न हो जो अपनी कोई स ान मोलेक को बिलदान करे वह िन य मार डाला
जाए; और जनता उसको प रवाह करे ।
3 और म भी उस मनु के िव हो कर उसको उसके लोगों म से इस कारण नाश क ं गा, िक उसने अपनी स ान मोलेक को दे कर मेरे पिव थान को अशु िकया, और मेरे
पिव नाम को अपिव ठहराया।
4 और यिद कोई अपनी स ान मोलेक को बिलदान करे , और जनता उसके िवषय म आनाकानी करे , और उसको मार न डाले,
5 तब तो म यं उस मनु और उसके घराने के िव हो कर उसको और िजतने उसके पीछे हो कर मोले क के साथ िभचार कर उन सभों को भी उनके लोगों के बीच म से नाश
क ं गा।
6 िफर जो ाणी ओझाओं वा भूतसाधने वालों की ओर िफरके, और उनके पीछे हो कर िभचारी बने , तब म उस ाणी के िव हो कर उसको उसके लोगों के बीच म से नाश कर
दू ं गा।
7 इसिलये तु म अपने आप को पिव करो; और पिव बने रहो; ोंिक म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
8 और तु म मे री िविधयों को मानना, और उनका पालन भी करना; ोंिक म तु ारा पिव करने वाला यहोवा ं ।
9 कोई ों न हो जो अपने िपता वा माता को शाप दे वह िन य मार डाला जाए; उसने अपने िपता वा माता को शाप िदया है, इस कारण उसका खून उसी के िसर पर पड़े गा।
10 िफर यिद कोई पराई ी के साथ िभचार करे , तो िजसने िकसी दू सरे की ी के साथ िभचार िकया हो तो वह िभचारी और वह िभचा रणी दोनों िन य मार डाले जाएं ।
11 और यिद कोई अपनी सौतेली माता के साथ सोए, वह जो अपने िपता ही का तन उघाड़ने वाला ठहरे गा; सो इसिलये वे दोनों िन य मार डाले जाएं , उनका खून उ ी ं के िसर पर
पड़े गा।
12 और यिद कोई अपनी पतो के साथ सोए, तो वे दोनों िन य मार डाले जाएं ; ोंिक वे उलटा काम करने वाले ठहरगे, और उनका खून उ ी ं के िसर पर पड़े गा।
13 और यिद कोई िजस रीित ी से उसी रीित पु ष से संग करे , तो वे दोनों िघनौना काम करने वाले ठहरगे ; इस कारण वे िन य मार डाले जाएं , उनका खून उ ी ं के िसर पर
पड़े गा।
14 और यिद कोई अपनी प ी और अपनी सास दोनों को रखे, तो यह महापाप है; इसिलये वह पु ष और वे यां तीनों के तीनों आग म जलाए जाएं , िजस से तु ारे बीच महापाप न
हो।
15 िफर यिद कोई पु ष पशुगामी हो, तो पु ष और पशु दोनों िन य मार डाले जाएं ।
16 और यिद कोई ी पशु के पास जा कर उसके संग कुकम करे , तो तू उस ी और पशु दोनों को घात करना; वे िन य मार डाले जाएं , उनका खून उ ी ं के िसर पर पड़े गा।
17 और यिद कोई अपनी बिहन का, चाहे उसकी संगी बिहन हो चाहे सौतेली, उसका न तन दे खे, तो वह िन त बात है , वे दोनों अपने जाित भाइयों की आं खों के सा ने नाश िकए
जाएं ; ोंिक जो अपनी बिहन का तन उघाड़ने वाला ठहरे गा उसे अपने अधम का भार यं उठाना पड़े गा।
18 िफर यिद कोई पु ष िकसी ऋतुमती ी के संग सोकर उसका तन उघाड़े , तो वह पु ष उसके िधर के सोते का उघाड़ने वाला ठहरे गा, और वह ी अपने िधर के सोते की
उघाड़ने वाली ठहरे गी; इस कारण दोनों अपने लोगों के बीच से नाश िकए जाएं ।
19 और अपनी मौसी वा फूफी का तन न उघाड़ना, ोंिक जो उसे उघाड़े वह अपनी िनकट कुटु न को नंगा करता है; इसिलये इन दोनों को अपने अधम का भार उठाना पड़े गा।
20 और यिद कोई अपनी चाची के संग सोए, तो वह अपने चाचा का तन उघाड़ने वाला ठहरे गा; इसिलये वे दोनों अपने पाप का भार को उठाए ए िनवश मर जाएं गे।
21 और यिद कोई भौजी वा भया को अपनी प ी बनाए, तो इसे िघनौना काम जानना; और वह अपने भाई का तन उघाड़ने वाला ठहरे गा, इस कारण वे दोनों िनवश रहगे।
22 तुम मे री सब िविधयों और मेरे सब िनयमों को समझ के साथ मानना; िजससे यह न हो िक िजस दे श म म तु िलये जा रहा ं वह तुम को उगल दे वे।
23 और िजस जाित के लोगों को म तु ारे आगे से िनकालता ं उनकी रीित र पर न चलना; ोंिक उन लोगों ने जो ये सब कुकम िकए ह, इसी कारण मुझे उन से घृणा हो गई है।
24 और म तुम लोगों से कहता ं, िक तुम तो उनकी भूिम के अिधकारी होगे , और म इस दे श को िजस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह तु ारे अिधकार म कर दू ं गा; म तु ारा
परमे र यहोवा ं िजसने तु म को दे शों के लोगों से अलग िकया है।
25 इस कारण तुम शु और अशु पशुओं म, और शु और अशु पि यों म भेद करना; और कोई पशु वा प ी वा िकसी कार का भूिम पर रगने वाला जीवज ु ों न हो, िजस
को म ने तु ारे िलये अशु ठहराकर विजत िकया है, उस से अपने आप को अशु न करना।
26 और तुम मेरे िलये पिव बने रहना; ोंिक म यहोवा यं पिव ं , और म ने तुम को और दे शों के लोगों से इसिलये अलग िकया है िक तुम िनर र मेरे ही बने रहो।।
27 यिद कोई पु ष वा ी ओझाई वा भूत की साधना करे , तो वह िन य मार डाला जाए; ऐसों का प रवाह िकया जाए, उनका खून उ ी ं के िसर पर पड़े गा।।
लै व था 21
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, हा न के पु जो याजक है उन से कह, िक तु ारे लोगों म से कोई भी मरे , तो उसके कारण तुम म से कोई अपने को अशु न करे ;
2 अपने िनकट कुटु यों, अथात अपनी माता, वा िपता, वा बेटे, वा बे टी, वा भाई के िलये ,
3 वा अपनी कुंवारी बिहन िजसका िववाह न आ हो िजनका समीपी स है; उनके िलये वह अपने को अशु कर सकता है।
4 पर याजक होने के नाते से वह अपने लोगों म धान है, इसिलये वह अपने को ऐसा अशु न करे िक अपिव हो जाए।
5 वे न तो अपने िसर मुंड़ाएं , और न अपने गाल के बालों को मुंड़ाएं , और न अपने शरीर चीर।
6 वे अपने परमे र के िलये पिव बने रह, और अपने परमे र का नाम अपिव न कर; ोंिक वे यहोवा के ह को जो उनके परमे र का भोजन है चढ़ाया करते ह; इस कारण वे
पिव बने रह।
7 वे वे ा वा ा को ाह न ल; और न ागी ई को ाह ल; ोंिक याजक अपने परमे र के िलये पिव होता है ।
8 इसिलये तू याजक को पिव जानना, ोंिक वह तु ारे परमे र का भोजन चढ़ाया करता है ; इसिलये वह ते री ि म पिव ठहरे ; ोंिक म यहोवा, जो तुम को पिव करता ं, पिव
ं।
9 और यिद याजक की बेटी वे ा बनकर अपने आप को अपिव करे , तो वह अपने िपता को अपिव ठहराती है ; वह आग म जलाई जाए।।
10 और जो अपने भाइयों म महायाजक हो, िजसके िसर पर अिभषे क का तेल डाला गया हो, और िजसका पिव व ों को पिहनने के िलये सं ार आ हो, वह अपने िसर के बाल
िबखरने न दे , और अपने व फाड़े ;
11 और न वह िकसी लोथ के पास जाए, और न अपने िपता वा माता के कारण अपने को अशु करे ;
12 और वह पिव थान से बाहर भी न िनकले, और न अपने परमे र के पिव थान को अपिव ठहराए; ोंिक वह अपने परमे र के अिभषेक का तेल पी मुकुट धारण िकए ए है ;
म यहोवा ं ।
13 और वह कुंवारी ही ी को ाहे।
14 जो िवधवा, वा ागी ई, वा , वा वे ा हो, ऐसी िकसी को वह न ाहे , वह अपने ही लोगों के बीच म की िकसी कुंवारी क ा को ाहे;
15 और वह अपने वी को अपने लोगों म अपिव न करे ; ोंिक म उसका पिव करने वाला यहोवा ं ।
16 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
17 हा न से कह, िक तेरे वंश की पीढ़ी पीढ़ी म िजस िकसी के कोई भी दोष हों वह अपने परमे र का भोजन चढ़ाने के िलये समीप न आए।
18 कोई ों न हो िजस म दोष हो वह समीप न आए, चाहे वह अ ा हो, चाहे लं गड़ा, चाहे नकचपटा हो, चाहे उसके कुछ अिधक अंग हो,
19 वा उसका पांव, वा हाथ टू टा हो,
20 वा वह कुबड़ा, वा बौना हो, वा उसकी आं ख म दोष हो, वा उस मनु के चाईं वा खजु ली हो, वा उसके अंड िपचके हों;
21 हा न याजक के वंश म से िजस िकसी म कोई भी दोष हो वह यहोवा के ह चढ़ाने के िलये समीप न आए; वह जो दोषयु है कभी भी अपने परमे र का भोजन चढ़ाने के िलये
समीप न आए।
22 वह अपने परमे र के पिव और परमपिव दोनों कार के भोजन को खाए,
23 पर ु उसके दोष के कारण वह न तो बीच वाले पद के भीतर आए और न वेदी के समीप, िजस से ऐसा न हो िक वह मेरे पिव थानों को अपिव करे ; ोंिक म उनका पिव करने
वाला यहोवा ं ।
24 इसिलये मूसा ने हा न और उसके पु ों को तथा कुल इ ाएिलयों को यह बात कह सु नाईं।।
लै व था 22
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 हा न और उसके पु ों से कह, िक इ ाएिलयों की पिव की ई व ुओं से िजन को वे मेरे िलये पिव करते ह ारे रह, और मेरे पिव नाम को अपिव न कर, म यहोवा ं।
3 और उन से कह, िक तु ारी पीढ़ी-पीढ़ी म तु ारे सारे वंश म से जो कोई अपनी अशु ता की दशा म उन पिव की ई व ु ओं के पास जाए, िज इ ाएली यहोवा के िलये पिव
करते ह, वह ाणी मेरे सा ने से नाश िकया जाएगा; म यहोवा ं।
4 हा न के वंश म से कोई ों न हो जो कोढ़ी हो, वा उसके मे ह हो, वह मनु जब तक शु न हो जाए तब तक पिव की ई व ु ओं म से कुछ न खाए। और जो लोथ के कारण
अशु आ हो, वा वी िलत आ हो, ऐसे मनु को जो कोई छूए,
5 और जो कोई िकसी ऐसे रगनेहारे ज ु को छूए िजस से लोग अशु हो सकते ह, वा िकसी ऐसे मनु को छूए िजस म िकसी कार की अशु ता हो जो उसको भी लग सकती है ।
6 तो वह ाणी जो इन म से िकसी को छूए सांझ तक अशु ठहरा रहे, और जब तक जल से ान न कर ले तब तक पिव व ु ओं म से कुछ न खाए।
7 तब सूय अ होने पर वह शु ठहरे गा; और तब वह पिव व ुओं म से खा सकेगा, ोंिक उसका भोजन वही है।
8 जो जानवर आप से मरा हो वा पशु से फाड़ा गया हो उसे खाकर वह अपने आप को अशु न करे ; म यहोवा ं ।
9 इसिलये याजक लोग मेरी सौंपी ई व ुओं की र ा कर, ऐसा न हो िक वे उन को अपिव कर के पाप का भार उठाएं , और इसके कारण मर भी जाएं ; म उनका पिव करने वाला
यहोवा ं।
10 पराए कुल का जन िकसी पिव व ु को न खाने पाए, चाहे वह याजक का पा न हो वा मजदू र हो, तौभी वह कोई पिव व ु न खाए।
11 यिद याजक िकसी ाणी को पया दे कर मोल ले, तो वह ाणी उस म से खा सकता है ; और जो याजक के घर म उ ए हों वे भी उसके भोजन म से खाएं ।
12 और यिद याजक की बेटी पराए कुल के िकसी पु ष से ाही गई हो, तो वह भट की ई पिव व ु ओं म से न खाए।
13 यिद याजक की बेटी िवधवा वा ागी ई हो, और उसकी स ान न हो, और वह अपनी बा ाव था की रीित के अनु सार अपने िपता के घर म रहती हो, तो वह अपने िपता के भोजन
म से खाए; पर पराए कुल का कोई उस म से न खाने पाए।
14 और यिद कोई मनु िकसी पिव व ु म से कुछ भू ल से खा जाए, तो वह उसका पां चवां भाग बढ़ाकर उसे याजक को भर दे ।
15 और वे इ ाएिलयों की पिव की ई व ुओं को, िज वे यहोवा के िलये चढ़ाएं , अपिव न कर।
16 वे उन को अपनी पिव व ुओं म से खलाकर उन से अपराध का दोष न उठवाएं ; म उनका पिव करने वाला यहोवा ं।।
17 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
18 हा न और उसके पु ों से और इ ाएल के घराने वा इ ाएिलयों म रहने वाले परदे िशयों म से कोई ों न हो जो म त वा े ाबिल करने के िलये यहोवा को कोई होमबिल
चढ़ाए,
19 तो अपने िनिम हणयो ठहरने के िलये बैलों वा भेड़ों वा बक रयों म से िनद ष नर चढ़ाया जाए।
20 िजस म कोई भी दोष हो उसे न चढ़ाना; ोंिक वह तु ारे िनिम हणयो न ठहरे गा।
21 और जो कोई बैलों वा भेड़-बक रयों म से िवशेष व ु संक करने के िलये वा े ाबिल के िलये यहोवा को मे लबिल चढ़ाए, तो हण होने के िलये अव है िक वह िनद ष हो,
उस म कोई भी दोष न हो।
22 जो अ ा वा अंग का टू टा वा लूला हो, वा उस म रसौली वा खौरा वा खुजली हो, ऐसों को यहोवा के िलये न चढ़ाना, उन को वेदी पर यहोवा के िलये ह न चढ़ाना।
23 िजस िकसी बै ल वा भेड़ वा बकरे का कोई अंग अिधक वा कम हो उसको े ाबिल के िलये चढ़ा सकते हो, पर ु म त पूरी करने के िलये वह हण न होगा।
24 िजसके अं ड दबे वा कुचले वा टू टे वा कट गए हों उसको यहोवा के िलये न चढ़ाना, और अपने दे श म भी ऐसा काम न करना।
25 िफर इन म से िकसी को तुम अपने परमे र का भोजन जानकर िकसी परदे शी से ले कर न चढ़ाओ; ोंिक उन म उनका िबगाड़ वतमान है, उन म दोष है, इसिलये वे तु ारे िनिम
हण न होंगे।।
26 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
27 जब बछड़ा वा भेड़ वा बकरी का ब ा उ हो, तो वह सात िदन तक अपनी मां के साथ रहे; िफर आठव िदन से आगे को वह यहोवा के ह वाह चढ़ावे के िलये हणयो
ठहरे गा।
28 चाहे गाय, चाहे भेड़ी वा बकरी हो, उसको और उसके ब े को एक ही िदन म बिल न करना।
29 और जब तु म यहोवा के िलये ध वाद का मेलबिल चढ़ाओ, तो उसे इसी कार से करना िजस से वह हणयो ठहरे ।।
30 वह उसी िदन खाया जाए, उस म से कुछ भी िबहान तक रहने न पाए; म यहोवा ं ।
31 और तुम मेरी आ ाओं को मानना और उनका पालन करना; म यहोवा ं।
32 और मे रे पिव नाम को अपिव न ठहराना, ोंिक म इ ाएिलयों के बीच अव ही पिव माना जाऊंगा; म तु ारा पिव करने वाला यहोवा ं।
33 जो तुम को िम दे श से िनकाल लाया ं िजस से तु ारा परमे र बना र ं ; म यहोवा ं।।
लै व था 23
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक यहोवा के प िजनका तुम को पिव सभा एकि त करने के िलये िनयत समय पर चार करना होगा, मेरे वे प ये ह।
3 छ: िदन कामकाज िकया जाए, पर सातवां िदन परमिव ाम का और पिव सभा का िदन है; उस म िकसी कार का कामकाज न िकया जाए; वह तु ारे सब घरों म यहोवा का िव ाम
िदन ठहरे ।।
4 िफर यहोवा के प िजन म से एक एक के ठहराये ए समय म तु पिव सभा करने के िलये चार करना होगा वे ये ह।
5 पिहले महीने के चौदहव िदन को गोधूिल के समय यहोवा का फसह आ करे ।
6 और उसी महीने के पं हव िदन को यहोवा के िलये अखमीरी रोटी का प आ करे ; उस म तु म सात िदन तक अखमीरी रोटी खाया करना।
7 उन म से पिहले िदन तु ारी पिव सभा हो; और उस िदन प र म का कोई काम न करना।
8 और सातों िदन तुम यहोवा को ह चढ़ाया करना; और सातव िदन पिव सभा हो; उस िदन प र म का कोई काम न करना।।
9 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
10 इ ाएिलयों से कह, िक जब तुम उस दे श म वेश करो िजसे यहोवा तु दे ता है और उस म के खे त काटो, तब अपने अपने प े खेत की पिहली उपज का पूला याजक के पास ले
आया करना;
11 और वह उस पू ले को यहोवा के सा ने िहलाए, िक वह तु ारे िनिम हण िकया जाए; वह उसे िव ामिदन के दू सरे िदन िहलाए।
12 और िजस िदन तुम पूले को िहलवाओ उसी िदन एक वष का िनद ष भेड़ का ब ा यहोवा के िलये होमबिल चढ़ाना।
13 और उसके साथ का अ बिल एपा के दो दसव अंश ते ल से सने ए मै दे का हो वह सुखदायक सु ग के िलये यहोवा का ह हो; और उसके साथ का अघ हीन भर की चौथाई
दाखमधु हो।
14 और जब तक तु म इस चढ़ावे को अपने परमे र के पास न ले जाओ, उस िदन तक नये खे त म से न तो रोटी खाना और न भुना आ अ और न हरी बाल; यह तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म
तु ारे सारे घरानों म सदा की िविध ठहरे ।।
15 िफर उस िव ामिदन के दू सरे िदन से, अथात िजस िदन तुम िहलाई जाने वाली भट के पू ले को लाओगे , उस िदन से पू रे सात िव ामिदन िगन लेना;
16 सातव िव ामिदन के दू सरे िदन तक पचास िदन िगनना, और पचासव िदन यहोवा के िलये नया अ बिल चढ़ाना।
17 तुम अपने घरों म से एपा के दो दसव अंश मैदे की दो रोिटयां िहलाने की भट के िलये ले आना; वे खमीर के साथ पकाई जाएं , और यहोवा के िलये पिहली उपज ठहर।
18 और उस रोटी के संग एक एक वष के सात िनद ष भे ड़ के ब े, और एक बछड़ा, और दो मेढ़े चढ़ाना; वे अपने अपने साथ के अ बिल और अघ समेत यहोवा के िलये होमबिल के
समान चढ़ाए जाएं , अथात वे यहोवा के िलये सुखदायक सु ग दे ने वाला ह ठहर।
19 िफर पापबिल के िलये एक बकरा, और मेलबिल के िलये एक एक वष के दो भे ड़ के ब े चढ़ाना।
20 तब याजक उन को पिहली उपज की रोटी समेत यहोवा के सा ने िहलाने की भट के िलये िहलाए, और इन रोिटयों के संग वे दो भेड़ के ब े भी िहलाए जाएं ; वे यहोवा के िलये
पिव , और याजक का भाग ठहर।
21 और तुम उस िदन यह चार करना, िक आज हमारी एक पिव सभा होगी; और प र म का कोई काम न करना; यह तु ारे सारे घरानों म तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म सदा की िविध
ठहरे ।।
22 जब तु म अपने दे श म के खेत काटो, तब अपने खेत के कोनों को पूरी रीित से न काटना, और खे त म िगरी ई बालों को न इक ा करना; उसे दीनहीन ं और परदे शी के िलये छोड़
दे ना; म तु ारा परमे र यहोवा ं।।
23 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
24 इ ाएिलयों से कह, िक सातव महीने के पिहले िदन को तु ारे िलये परमिव ाम हो; उस म रण िदलाने के िलये नरिसंगे फूंके जाएं , और एक पिव सभा इक ी हो।
25 उस िदन तु म प र म का कोई काम न करना, और यहोवा के िलये एक ह चढ़ाना।।
26 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
27 उसी सातव महीने का दसवां िदन ायि का िदन माना जाए; वह तु ारी पिव सभा का िदन होगा, और उस म तुम अपने अपने जीव को दु :ख दे ना और यहोवा का ह चढ़ाना।
28 उस िदन तु म िकसी कार का कामकाज न करना; ोंिक वह ायि का िदन िनयु िकया गया है िजस म तु ारे परमे र यहोवा के सा ने तु ारे िलये ायि िकया जाएगा।
29 इसिलये जो ाणी उस िदन दु :ख न सहे वह अपने लोगों म से नाश िकया जाएगा।
30 और जो ाणी उस िदन िकसी कार का कामकाज करे उस ाणी को म उसके लोगों के बीच म से नाश कर डालूंगा।
31 तुम िकसी कार का कामकाज न करना; यह तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म तु ारे घराने म सदा की िवधी ठहरे ।
32 वह िदन तु ारे िलये परमिव ाम का हो, उस म तुम अपने अपने जीव को दु :ख दे ना; और उस महीने के नव िदन की सांझ से ले कर दू सरी सांझ तक अपना िव ामिदन माना
करना।।
33 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
34 इ ाएिलयों से कह, िक उसी सातव महीने के प हव िदन से सात िदन तक यहोवा के िलये झोंपिडय़ों का प रहा करे ।
35 पिहले िदन पिव सभा हो; उस म प र म का कोई काम न करना।
36 सातोंिदन यहोवा के िलये ह चढ़ाया करना, िफर आठव िदन तु ारी पिव सभा हो, और यहोवा के िलये ह चढ़ाना; वह महासभा का िदन है, और उस म प र म का कोई काम
न करना।।
37 यहोवा के िनयत प ये ही ह, इन म तुम यहोवा को ह चढ़ाना, अथात होमबिल, अ बिल, मे लबिल, और अघ, े क अपने अपने िनयत समय पर चढ़ाया जाए और पिव सभा
का चार करना।
38 इन सभों से अिधक यहोवा के िव ामिदनों को मानना, और अपनी भटों, और सब म तों, और े ाबिलयों को जो यहोवा को अपण करोगे चढ़ाया करना।।
39 िफर सातव महीने के प हव िदन को, जब तुम दे श की उपज को इक ा कर चु को, तब सात िदन तक यहोवा का प मानना; पिहले िदन परमिव ाम हो, और आठव िदन
परमिव ाम हो।
40 और पिहले िदन तुम अ े अ े वृ ों की उपज, और खजूर के प े, और घने वृ ों की डािलयां , और नालों म के मजनू को ले कर अपने परमे र यहोवा के सा ने सात िदन तक
आन करना।
41 और ितवष सात िदन तक यहोवा के िलये प माना करना; यह तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म सदा की िविध ठहरे , िक सातव महीने म यह प माना जाए।
42 सात िदन तक तुम झोंपिडय़ों म रहा करना, अथात िजतने ज के इ ाएली ह वे सब के सब झोंपिडय़ों म रह,
43 इसिलये िक तु ारी पीढ़ी पीढ़ी के लोग जान रख, िक जब यहोवा हम इ ाएिलयों को िम दे श से िनकाल कर ला रहा था तब उसने उन को झोंपिडय़ों म िटकाया था; म तु ारा
परमे र यहोवा ं ।
44 और मू सा ने इ ाएिलयों को यहोवा के प के िनयत समय कह सुनाए।।
लै व था 24
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों को यह आ ा दे , िक मेरे पास उिजयाला दे ने के िलये कूट के िनकाला आ जलपाई का िनमल तेल ले आना, िक दीपक िन जलता रहे।
3 हा न उसको, बीच वाले त ू म, सा ीप के बीच वाले पद से बाहर, यहोवा के सा ने िन सां झ से भोर तक सजाकर रखे; यह तु ारी पीढ़ी पीढ़ी के िलये सदा की िविध ठहरे ।
4 वह दीपकों के दीवट पर यहोवा के सा ने िन सजाया करे ।।
5 और तू मै दा ले कर बारह रोिटयां पकवाना, ेक रोटी म एपा का दो दसवां अं श मै दा हो।
6 तब उनकी दो पां ित कर के, एक एक पांित म छ: छ: रोिटयां, मे ज पर यहोवा के सा ने धरना।
7 और एक एक पांित पर चोखा लोबान रखना, िक वह रोटी पर रण िदलाने वाला व ु और यहोवा के िलये ह हो।
8 ित िव ामिदन को वह उसे िन यहोवा के स ुख म से रखा करे , यह सदा की वाचा की रीित इ ाएिलयों की ओर से आ करे ।
9 और वह हा न और उसके पु ों की होंगी, और वे उसको िकसी पिव थान म खाएं , ोंिक वह यहोवा के ह ों म से सदा की िविध के अनुसार हा न के िलये परमपिव व ु
ठहरी है।।
10 उन िदनों म िकसी इ ाएली ी का बेटा, िजसका िपता िम ी पु ष था, इ ाएिलयों के बीच चला गया; और वह इ ाएली ी का बेटा और एक इ ाएली पु ष छावनी के बीच
आपस म मारपीट करने लगे,
11 और वह इ ाएली ी का बेटा यहोवा के नाम की िन ा कर के शाप दे ने लगा। यह सु नकर लोग उसको मू सा के पास ले गए। उसकी माता का नाम शलोमीत था, जो दान के गो
के िद ी की बेटी थी।
12 उ ोंने उसको हवालात म ब िकया, िजस से यहोवा की आ ा से इस बात पर िवचार िकया जाए।।
13 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
14 तुम लोग उस शाप दे ने वाले को छावनी से बाहर िलवा ले जाओ; और िजतनों ने वह िन ा सु नी हो वे सब अपने अपने हाथ उसके िसर पर टे क, तब सारी म ली के लोग उसको
प रवाह कर।
15 और तू इ ाएिलयों से कह, िक कोई ों न हो जो अपने परमे र को शाप दे उसे अपने पाप का भार उठाना पड़े गा।
16 यहोवा के नाम की िन ा करने वाला िन य मार डाला जाए; सारी म ली के लोग िन य उसको प रवाह कर; चाहे दे शी हो चाहे परदे शी, यिद कोई उस नाम की िन ा करे तो वह
मार डाला जाए।
17 िफर जो कोई िकसी मनु को ाण से मारे वह िन य मार डाला जाए।
18 और जो कोई िकसी घरे लू पशु को ाण से मारे वह उसे भर दे , अथात ाणी की स ी ाणी दे ।
19 िफर यिद कोई िकसी दू सरे को चोट प ंचाए, तो जैसा उसने िकया हो वैसा ही उसके साथ भी िकया जाए,
20 अथात अंग भं ग करने की स ी अंग भंग िकया जाए, आं ख की स ी आं ख, दां त की स ी दांत, जै सी चोट िजसने िकसी को प ंचाई हो वैसी ही उसको भी प ंचाई जाए।
21 और पशु का मार डालनेवाला उसको भर दे , पर ु मनु का मार डालने वाला मार डाला जाए।
22 तु ारा िनयम एक ही हो, जैसा दे शी के िलये वैसा ही परदे शी के िलये भी हो; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
23 और मू सा ने इ ाएिलयों को यही समझाया; तब उ ोंने उस शाप दे ने वाले को छावनी से बाहर ले जा कर उसको प रवाह िकया। और इ ाएिलयों ने वैसा ही िकया जैसा यहोवा ने
मूसा को आ ा दी थी।।
लै व था 25
1 िफर यहोवा ने सीनै पवत के पास मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक जब तुम उस दे श म वेश करो जो म तु दे ता ं, तब भूिम को यहोवा के िलये िव ाम िमला करे ।
3 छ: वष तो अपना अपना खेत बोया करना, और छहों वष अपनी अपनी दाख की बारी छां ट छां टकर दे श की उपज इक ी िकया करना;
4 पर ु सातव वष भूिम को यहोवा के िलये परमिव ामकाल िमला करे ; उस म न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छांटना।
5 जो कुछ काटे ए खेत म अपने आप से उगे उसे न काटना, और अपनी िबन छां टी ई दाखलता की दाखों को न तोड़ना; ोंिक वह भू िम के िलये परमिव ाम का वष होगा।
6 और भू िम के िव ामकाल ही की उपज से तुम को, और तु ारे दास-दासी को, और तु ारे साथ रहने वाले मजदू रों और परदे िशयों को भी भोजन िमलेगा;
7 और तु ारे पशुओं का और दे श म िजतने जीवज ु हों उनका भी भोजन भूिम की सब उपज से होगा।।
8 और सात िव ामवष, अथात सातगुना सात वष िगन लेना, सातों िव ामवष का यह समय उनचास वष होगा।
9 तब सातव महीने के दसव िदन को, अथात ायि के िदन, जयजयकार के महाश का नरिसं गा अपने सारे दे श म सब कही ं फुंकवाना।
10 और उस पचासव वष को पिव कर के मानना, और दे श के सारे िनवािसयों के िलये छु टकारे का चार करना; वह वष तु ारे यहां जुबली कहलाए; उस म तुम अपनी अपनी िनज
भू िम और अपने अपने घराने म लौटने पाओगे।
11 तु ारे यहां वह पचासवां वष जुबली का वष कहलाए; उस म तुम न बोना, और जो अपने आप ऊगे उसे भी न काटना, और न िबन छांटी ई दाखलता की दाखों को तोड़ना।
12 ोंिक वह जो जु बली का वष होगा; वह तु ारे िलये पिव होगा; तुम उसकी उपज खे त ही म से ले ले के खाना।
13 इस जुबली के वष म तुम अपनी अपनी िनज भूिम को लौटने पाओगे ।
14 और यिद तुम अपने भाईब ु के हाथ कुछ बेचो वा अपने भाईब ु से कुछ मोल लो, तो तु म एक दू सरे पर अ े र न करना।
15 जुबली के पीछे िजतने वष बीते हों उनकी िगनती के अनुसार दाम ठहराके एक दू सरे से मोल ले ना, और शेष वष की उपज के अनुसार वह तेरे हाथ बेचे।
16 िजतने वष और रह उतना ही दाम बढ़ाना, और िजतने वष कम रह उतना ही दाम घटाना, ोंिक वष की उपज िजतनी हों उतनी ही वह तेरे हाथ बेचेगा।
17 और तुम अपने अपने भाईब ु पर अ ेर न करना; अपने परमे र का भय मानना; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।
18 इसिलये तु म मेरी िविधयों को मानना, और मेरे िनयमों पर समझ बू झकर चलना; ोंिक ऐसा करने से तुम उस दे श म िनडर बसे रहोगे।
19 और भू िम अपनी उपज उपजाया करे गी, और तुम पेट भर खाया करोगे, और उस दे श म िनडर बसे रहोगे ।
20 और यिद तुम कहो, िक सातव वष म हम ा खाएं गे , न तो हम बोएं गे न अपने खे त की उपज इक ी करगे?
21 तो जानो िक म तुम को छठव वष म ऐसी आशीष दू ं गा, िक भूिम की उपज तीन वष तक काम आएगी।
22 तुम आठव वष म बोओगे, और पुरानी उपज म से खाते रहोगे, और नव वष की उपज म से खाते रहोगे।
23 भू िम सदा के िलये तो बेची न जाए, ोंिक भूिम मे री है ; और उस म तुम परदे शी और बाहरी होगे।
24 ले िकन तुम अपने भाग के सारे दे श म भूिम को छु ड़ा ले ने दे ना।।
25 यिद तेरा कोई भाईब ु कंगाल हो कर अपनी िनज भूिम म से कुछ बे च डाले , तो उसके कुटु यों म से जो सब से िनकट हो वह आकर अपने भाईब ु के बेचे ए भाग को छु ड़ा ले।
26 और यिद िकसी मनु के िलये कोई छु ड़ाने वाला न हो, और उसके पास इतना धन हो िक आप ही अपने भाग को छु ड़ा ले सके,
27 तो वह उसके िबकने के समय से वष की िगनती कर के शेष वष की उपज का दाम उसको िजसने उसे मोल िलया हो फेर दे ; तब वह अपनी िनज भूिम का अिधकारी हो जाए।
28 पर ु यिद उसके इतनी पूंजी न हो िक उसे िफर अपनी कर सके, तो उसकी बे ची ई भू िम जुबली के वष तक मोल ले ने वालों के हाथ म रहे; और जुबली के वष म छूट जाए तब वह
मनु अपनी िनज भू िम का िफर अिधकारी हो जाए।।
29 िफर यिद कोई मनु शहरपनाह वाले नगर म बसने का घर बेचे, तो वह बेचने के बाद वष भर के अ र उसे छु ड़ा सकेगा, अथात पूरे वष भर उस मनु को छु ड़ाने का अिधकार
रहे गा।
30 पर ु यिद वह वष भर म न छु ड़ाए, तो वह घर जो शहरपनाह वाले नगर म हो मोल लेने वाले का बना रहे , और पीढ़ी-पीढ़ी म उसी मे वंश का बना रहे; और जुबली के वष म भी न
छूटे ।
31 पर ु िबना शहरपनाह के गांवों के घर तो दे श के खेतों के समान िगने जाएं ; उनका छु ड़ाना भी हो सकेगा, और वे जु बली के वष म छूट जाएं ।
32 और ले िवयों के िनज भाग के नगरों के जो घर हों उन को लेवीय जब चाह तब छु ड़ाएं ।
33 और यिद कोई लेवीय अपना भाग न छु ड़ाए, तो वह बेचा आ घर जो उसके भाग के नगर म हो जुबली के वष म छूट जाए; ोंिक इ ाएिलयों के बीच लेिवयों का भाग उनके नगरों
म वे घर ही ह।
34 और उनके नगरों की चारों ओर की चराई की भूिम बेची न जाए; ोंिक वह उनका सदा का भाग होगा।।
35 िफर यिद तेरा कोई भाईब ु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सा ने तरस यो हो जाए, तो तू उसको संभालना; वह परदे शी वा या ी की नाईं ते रे सं ग रहे।
36 उस से ाज वा बढ़ती न लेना; अपने परमे र का भय मानना; िजस से तेरा भाईब ु तेरे सं ग जीवन िनवाह कर सके।
37 उसको ाज पर पया न दे ना, और न उसको भोजनव ु लाभ के लालच से दे ना।
38 म तु ारा परमे र यहोवा ं; म तु कनान दे श दे ने के िलये और तु ारा परमे र ठहरने की मनसा से तुम को िम दे श से िनकाल लाया ं।।
39 िफर यिद तेरा कोई भाईब ु तेरे सा ने कंगाल हो कर अपने आप को तेरे हाथ बेच डाले , तो उस से दास के समान से वा न करवाना।
40 वह तेरे संग मजदू र वा या ी की नाईं रहे , और जुबली के वष तक तेरे सं ग रहकर सेवा करता रहे;
41 तब वह बाल-ब ों समेत ते रे पास से िनकल जाए, और अपने कुटु म और अपने िपतरों की िनज भूिम म लौट जाए।
42 ोंिक वे मे रे ही दास ह, िजन को म िम दे श से िनकाल लाया ं ; इसिलये वे दास की रीित से न बेचे जाएं ।
43 उस पर कठोरता से अिधकार न करना; अपने परमे र का भय मानते रहना।
44 तेरे जो दास-दािसयां होंवे तु ारी चारों ओर की जाितयों म से हों, और दास और दािसयां उ ी ं म से मोल ले ना।
45 और जो या ी लोग तु ारे बीच म परदे शी हो कर रहगे , उन म से और उनके घरानों म से भी जो तु महारे आस पास हों, और जो तु ारे दे श म उ ए हों, उन म से तु म दास और
दासी मोल लो; और वे तु ारा भाग ठहर।
46 और तुम अपने पु ों को भी जो तु ारे बाद होंगे उनके अिधकारी कर सकोगे, और वे उनका भाग ठहर; उन म से तुम सदा अपने िलये दास िलया करना, पर ु तु ारे भाईब ु जो
इ ाएली हों उन पर अपना अिधकार कठोरता से न जताना।।
47 िफर यिद तेरे सा ने कोई परदे शी वा या ी धनी हो जाए, और उसके सा ने ते रा भाई कंगाल हो कर अपने आप को तेरे सा ने उस परदे शी वा या ी वा उसके वंश के हाथ बे च
डाले ,
48 तो उसके िबक जाने के बाद वह िफर छु ड़ाया जा सकता है; उसके भाइयों म से कोई उसको छु ड़ा सकता है ,
49 वा उसका चाचा, वा चचेरा भाई, तथा उसके कुल का कोई भी िनकट कुटु ी उसको छु ड़ा सकता है ; वा यिद वह धनी हो जाए, तो वह आप ही अपने को छु ड़ा सकता है।
50 वह अपने मोल लेने वाले के साथ अपने िबकने के वष से जु बली के वष तक िहसाब करे , और उसके िबकने का दाम वष की िगनती के अनुसार हो, अथात वह दाम मजदू र के
िदवसों के समान उसके साथ होगा।
51 यिद जु बली के ब त वष रह जाएं , तो िजतने पयों से वह मोल िलया गया हो उन म से वह अपने छु ड़ाने का दाम उतने वष के अनुसार फेर दे ।
52 और यिद जुबली के वष के थोड़े वष रह गए हों, तौभी वह अपने ामी के साथ िहसाब कर के अपने छु ड़ाने का दाम उतने ही वष के अनुसार फेर दे ।
53 वह अपने ामी के संग उस मजदू र के सामान रहे िजसकी वािषक मजदू री ठहराई जाती हो; और उसका ामी उस पर तेरे सा ने कठोरता से अिधकार न जताने पाए।
54 और यिद वह इन रीितयों से छु ड़ाया न जाए, तो वह जुबली के वष म अपने बाल-ब ों समेत छूट जाए।
55 ोंिक इ ाएली मेरे ही दास ह; वे िम दे श से मेरे ही िनकाले ए दास ह; म तु ारा परमे र यहोवा ं ।।
लै व था 26
1 तुम अपने िलये मूरत न बनाना, और न कोई खुदी ई मूित वा लाट अपने िलये खड़ी करना, और न अपने दे श म द वत करने के िलये न ाशीदार प र थापन करना; ोंिक म
तु ारा परमे र यहोवा ं।
2 तुम मेरे िव ाम िदनों का पालन करना और मेरे पिव थान का भय मानना; म यहोवा ं ।।
3 यिद तुम मे री िविधयों पर चलो और मेरी आ ाओं को मानकर उनका पालन करो,
4 तो म तु ारे िलये समय समय पर मह बरसाऊंगा, तथा भू िम अपनी उपज उपजाएगी, और मै दान के वृ अपने अपने फल िदया करगे;
5 यहां तक िक तु म दाख तोड़ने के समय भी दावनी करते रहोगे, और बोने के समय भी भर पेट दाख तोड़ते रहोगे , और तुम मनमानी रोटी खाया करोगे, और अपने दे श म िनि बसे
रहोगे ।
6 और म तु ारे दे श म सुख चैन दू ं गा, और तुम सोओगे और तु ारा कोई डराने वाला न हो; और म उस दे श म दु ज ु ओं को न रहने दू ं गा, और तलवार तु ारे दे श म न चले गी।
7 और तुम अपने श ुओं को मार भगा दोगे, और वे तु ारी तलवार से मारे जाएं गे ।
8 और तुम म से पांच मनु सौ को और सौ मनु दस हजार को खदे ड़गे; और तु ारे श ु तलवार से तु ारे आगे आगे मारे जाएं गे;
9 और म तु ारी ओर कृपा ि रखूंगा और तुम को फलव क ं गा और बढ़ाऊंगा, और तु ारे सं ग अपनी वाचा को पू ण क ं गा।
10 और तुम रखे ए पुराने अनाज को खाओगे, और नये के रहते भी पु राने को िनकालोगे।
11 और म तु ारे बीच अपना िनवास थान बनाए रखूंगा, और मेरा जी तुम से घृणा नही ं करे गा।
12 और म तु ारे म चला िफरा क ं गा, और तु ारा परमे र बना र ंगा, और तु म मेरी जा बने रहोगे ।
13 म तो तु ारा वह परमे र यहोवा ं, जो तुम को िम दे श से इसिलये िनकाल ले आया िक तु म िमि यों के दास न बने रहो; और म ने तु ारे जूए को तोड़ डाला है, और तुम को सीधा
खड़ा कर के चलाया है ।।
14 यिद तुम मेरी न सुनोगे, और इन सब आ ाओं को न मानोगे,
15 और मे री िविधयों को िनक ा जानोगे, और तु ारी आ ा मे रे िनणयों से घृणा करे , और तुम मेरी सब आ ाओं का पालन न करोगे, वरन मेरी वाचा को तोड़ोगे,
16 तो म तु म से यह क ं गा; अथात म तुम को बेचैन क ं गा, और यरोग और र से पीिड़त क ं गा, और इनके कारण तु ारी आं खे धुंधली हो जाएं गी, और तु ारा मन अित उदास
होगा। और तु ारा बीच बोना थ होगा, ोंिक तु ारे श ु उसकी उपज खा लगे ;
17 और म भी तु ारे िव हो जाऊंगा, और तुम अपने श ुओं से हार जाओगे; और तु ारे बै री तु ारे ऊपर अिधकार करगे, और जब कोई तुम को खदे ड़ता भी न होगा तब भी तु म
भागोगे।
18 और यिद तु म इन बातों के उपरा भी मेरी न सुनो, तो म तु ारे पापों के कारण तु सातगु णी ताड़ना और दू ं गा,
19 और म तु ारे बल का घम तोड़ डालूंगा, और तु ारे िलये आकाश को मानो लोहे का और भू िम को मानो पीतल की बना दू ं गा;
20 और तु ारा बल अकारथ गंवाया जाएगा, ोंिक तु ारी भूिम अपनी उपज न उपजाएगी, और मै दान के वृ अपने फल न दगे।
21 और यिद तुम मेरे िव चलते ही रहो, और मेरा कहना न मानों, तो म तु ारे पापों के अनु सार तु ारे ऊपर और सातगुणा संकट डालूंगा।
22 और म तु ारे बीच बन पशु भेजूंगा, जो तुम को िनवश करगे , और तु ारे घरे लू पशुओं को नाश कर डालगे, और तु ारी िगनती घटाएं गे, िजस से तु ारी सड़क सूनी पड़ जाएं गी।
23 िफर यिद तु म इन बातों पर भी मेरी ताड़ना से न सुधरो, और मे रे िव चलते ही रहो,
24 तो म भी तु ारे िव चलूंगा, और तु ारे पापों के कारण म आप ही तुम को सातगु णा मा ं गा।
25 तो म तु म पर एक ऐसी तलवार चलवाऊंगा, जो वाचा तोड़ने का पूरा पूरा पलटा ले गी; और जब तु म अपने नगरों म जा जा कर इक े होगे तब म तु ारे बीच मरी फैलाऊंगा, और तु म
अपने श ुओं के वश म सौंप िदए जाओगे।
26 और जब म तु ारे िलये अ के आधार को दू र कर डालूं गा, तब दस यां तु ारी रोटी एक ही तं दूर म पकाकर तौल तौलकर बांट दगी; और तुम खाकर भी तृ न होगे ।।
27 िफर यिद तुम इसके उपरा भी मेरी न सुनोगे, और मेरे िव चलते ही रहोगे,
28 तो म अपने ाय म तु ारे िव चलूंगा, और तु ारे पापों के कारण तुम को सातगुणी ताड़ना और भी दू ं गा।
29 और तु म को अपने बेटों और बेिटयों का मांस खाना पड़े गा।
30 और म तु ारे पूजा के ऊंचे थानों को ढा दू ं गा, और तु ारे सूय की ितमाएं तोड़ डालूं गा, और तु ारी लोथों को तु ारी तोड़ी ई मू रतों पर फूंक दू ं गा; और मेरी आ ा को तुम से
घृणा हो जाएगी।
31 और म तु ारे नगरों को उजाड़ दू ं गा, और तु ारे पिव थानों को उजाड़ दू ं गा, और तु ारा सु खदायक सु ग हण न क ं गा।
32 और म तु ारे दे श को सूना कर दू ं गा, और तु ारे श ु जो उस म रहते ह वे इन बातों के कारण चिकत होंगे।
33 और म तुम को जाित जाित के बीच ित र-िब र क ं गा, और तु ारे पीछे पीछे तलवार खीच र ं गा; और तु ारा दे श सूना हो जाएगा, और तु ारे नगर उजाड़ हो जाएं गे ।
34 तब िजतने िदन वह दे श सूना पड़ा रहेगा और तुम अपने श ुओं के दे श म रहोगे उतने िदन वह अपने िव ामकालों को मानता रहेगा।
35 और िजतने िदन वह सूना पड़ा रहेगा उतने िदन उसको िव ाम रहेगा, अथात जो िव ाम उसको तु ारे वहां बसे रहने के समय तु ारे िव ामकालों म न िमला होगा वह उसको तब
िमले गा।
36 और तुम म से जो बच रहगे और अपने श ुओं के दे श म होंगे उनके दय म म कायरता उपजाऊंगा; और वे प े के खड़कने से भी भाग जाएं गे, और वे ऐसे भागगे जैसे कोई तलवार
से भागे , और िकसी के िबना पीछा िकए भी वे िगर िगर पड़गे ।
37 और जब कोई पीछा करने वाला न हो तब भी मानों तलवार के भय से वे एक दू सरे से ठोकर खाकर िगरते जाएं गे , और तु म को अपने श ुओ ं के सा ने ठहरने की कुछ श न
होगी।
38 तब तुम जाित जाित के बीच प ंचकर नाश हो जाओगे , और तु ारे श ुओं की भू िम तु म को खा जाएगी।
39 और तुम म से जो बचे रहगे वे अपने श ुओं के दे शों म अपने अधम के कारण गल जाएं गे; और अपने पुरखाओं के अधम के कामों के कारण भी वे उ ी ं की नाईं गल जाएं गे।
40 तब वे अपने और अपने िपतरों के अधम को मान लगे , अथात उस िव ासघात को जो वे मे रा करगे, और यह भी मान लगे, िक हम यहोवा के िव चले थे,
41 इसी कारण वह हमारे िव हो कर हम श ुओं के दे श म ले आया है। यिद उस समय उनका खतनारिहत दय दब जाएगा और वे उस समय अपने अधम के द को अंगीकार
करे ग;
42 तब जो वाचा म ने याकूब के संग बा ी थी उसको म रण क ं गा, और जो वाचा म ने इसहाक से और जो वाचा म ने इ ाहीम से बा ी थी उन को भी रण क ं गा, और इस दे श
को भी म रण क ं गा।
43 और वह दे श उन से रिहत हो कर सूना पड़ा रहेगा, और उनके िबना सू ना रहकर भी अपने िव ामकालों को मानता रहेगा; और वे लोग अपने अधम के द को अंगीकार करे ग,
इसी कारण से िक उ ोंने मेरी आ ाओं का उलं घन िकया था, और उनकी आ ाओं को मे री िविधयों से घृणा थी।
44 इतने पर भी जब वे अपने श ुओं के दे श म होंगे, तब म उन को इस कार नही ं छोडूंगा, और न उन से ऐसी घृणा क ं गा िक उनका सवनाश कर डालूं और अपनी उस वाचा को
तोड़ दू ं जो म ने उन से बा ी है; ोंिक म उनका परमे र यहोवा ं;
45 पर ु म उनके भलाई के िलये उनके िपतरों से बा ी ई वाचा को रण क ं गा, िज म अ जाितयों की आं खों के सा ने िम दे श से िनकाल कर लाया िक म उनका परमे र
ठह ं ; म यहोवा ं।।
46 जो जो िविधयां और िनयम और व था यहोवा ने अपनी ओर से इ ाएिलयों के िलये सीनै पवत पर मू सा के ारा ठहराई थी ं वे ये ही ह।।
लै व था 27
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से यह कह, िक जब कोई िवशेष संक माने , तो सं क िकए ए ाणी तेरे ठहराने के अनुसार यहोवा के होंगे;
3 इसिलये यिद वह बीस वष वा उस से अिधक और साठ वष से कम अव था का पु ष हो, तो उसके िलये पिव थान के शेकेल के अनुसार पचास शेकेल का पया ठहरे ।
4 और यिद वह ी हो, तो तीस शेकेल ठहरे ।
5 िफर यिद उसकी अव था पांच वष वा उस से अिधक और बीस वष से कम की हो, तो लड़के के िलये तो बीस शेकेल, और लड़की के िलये दस शेकेल ठहरे ।
6 और यिद उसकी अव था एक महीने वा उस से अिधक और पांच वष से कम की हो, तो लड़के के िलये तो पां च, और लड़की के िलये तीन शेकेल ठहर।
7 िफर यिद उसकी अव था साठ वष की वा उस से अिधक हो, और वह पु ष हो तो उसके िलये पं ह शेकेल, और ी हो तो दस शेकेल ठहरे ।
8 पर ु यिद कोई इतना कंगाल हो िक याजक का ठहराया आ दाम न दे सके, तो वह याजक के सा ने खड़ा िकया जाए, और याजक उसकी पूंजी ठहराए, अथात िजतना संक
करने वाले से हो सके, याजक उसी के अनुसार ठहराए।।
9 िफर िजन पशुओं म से लोग यहोवा को चढ़ावा चढ़ाते है, यिद ऐसों म से कोई सं क िकया जाए, तो जो पशु कोई यहोवा को दे वह पिव ठहरे गा।
10 वह उसे िकसी कार से न बदले, न तो वह बुरे की स ी अ ा, और न अ े की स ी बु रा दे ; और यिद वह उस पशु की स ी दू सरा पशु दे , तो वह और उसका बदला दोनों पिव
ठहरगे।
11 और िजन पशुओं म से लोग यहोवा के िलये चढ़ावा नही ं चढ़ाते ऐसों म से यिद वह हो, तो वह उसको याजक के सा ने खड़ा कर दे ,
12 तब याजक पशु के गुण अवगुण दोनों िवचार कर उसका मोल ठहराए; और िजतना याजक ठहराए उसका मोल उतना ही ठहरे ।
13 और यिद सं क करने वाला उसे िकसी कार से छु ड़ाना चाहे, तो जो मोल याजक ने ठहराया हो उस म उसका पां चवां भाग और बढ़ाकर दे ।।
14 िफर यिद कोई अपना घर यहोवा के िलये पिव ठहराकर संक करे , तो याजक उसके गुण-अवगुण दोनों िवचार कर उसका मोल ठहराए; और िजतना याजक ठहराए उसका
मोल उतना ही ठहरे ।
15 और यिद घर का पिव करनेवाला उसे छु ड़ाना चाहे, तो िजतना पया याजक ने उसका मोल ठहराया हो उस म वह पांचवां भाग और बढ़ाकर दे , तब वह घर उसी का रहे गा।।
16 िफर यिद कोई अपनी िनज भूिम का कोई भाग यहोवा के िलये पिव ठहराना चाहे , तो उसका मोल इसके अनु सार ठहरे , िक उस म िकतना बीज पड़े गा; िजतना भू िम म होमेर भर
जौ पड़े उतनी का मोल पचास शेकेल ठहरे ।
17 यिद वह अपना खेत जुबली के वष ही म पिव ठहराए, तो उसका दाम तेरे ठहराने के अनु सार ठहरे ;
18 और यिद वह अपना खेत जुबली के वष के बाद पिव ठहराए, तो िजतने वष दू सरे जु बली के वष के बाकी रह उ ी ं के अनु सार याजक उसके िलये पये का िहसाब करे , तब
िजतना िहसाब म आए उतना याजक के ठहराने से कम हो।
19 और यिद खे त को पिव ठहराने वाला उसे छु ड़ाना चाहे, तो जो दाम याजक ने ठहराया हो उस म वह पां चवां भाग और बढ़ाकर दे , तब खेत उसी का रहेगा।
20 और यिद वह खेत को छु ड़ाना न चाहे, वा उसने उसको दू सरे के हाथ बेचा हो, तो खेत आगे को कभी न छु ड़ाया जाए;
21 पर ु जब वह खेत जुबली के वष म छूटे , तब पूरी रीित से अपण िकए ए खेत की नाईं यहोवा के िलये पिव ठहरे , अथात वह याजक ही की िनज भूिम हो जाए।
22 िफर यिद कोई अपना मोल िलया आ खेत, जो उसकी िनज भूिम के खेतों म का न हो, यहोवा के िलये पिव ठहराए,
23 तो याजक जु बली के वष तक का िहसाब कर के उस मनु के िलये िजतना ठहराए उतना ही वह यहोवा के िलये पिव जान कर उसी िदन दे दे ।
24 और जु बली के वष म वह खेत उसी के अिधकार म िजस से वह मोल िलया गया हो िफर आ जाए, अथात िजसकी वह िनज भूिम हो उसी की िफर हो जाए।
25 और िजस िजस व ु का मोल याजक ठहराए उसका मोल पिव थान ही के शेकेल के िहसाब से ठहरे : शेकेल बीस गे रा का ठहरे ।।
26 पर घरे लू पशुओं का पिहलौठा, जो यहोवा का पिहलौठा ठहरा है , उसको तो कोई पिव न ठहराए; चाहे वह बछड़ा हो, चाहे भेड़ वा बकरी का ब ा, वह यहोवा ही का है।
27 पर ु यिद वह अशु पशु का हो, तो उसका पिव ठहराने वाला उसको याजक के ठहराए ए मोल के अनुसार उसका पांचवां भाग और बढ़ाकर छु ड़ा सकता है; और यिद वह न
छु ड़ाया जाए, तो याजक के ठहराए ए मोल पर बेच िदया जाए।।
28 पर ु अपनी सारी व ुओं म से जो कुछ कोई यहोवा के िलये अपण करे , चाहे मनु हो चाहे पशु, चाहे उसकी िनज भूिम का खेत हो, ऐसी कोई अपण की ई व ु न तो बे ची जाए
और न छु ड़ाई जाए; जो कुछ अपण िकया जाए वह यहोवा के िलये परमपिव ठहरे ।
29 मनु ों म से जो कोई अपण िकया जाए, वह छु ड़ाया न जाए; िन य वह मार डाला जाए।।
30 िफर भू िम की उपज का सारा दशमांश, चाहे वह भूिम का बीज हो चाहे वृ का फल, वह यहोवा ही का है; वह यहोवा के िलये पिव ठहरे ।
31 यिद कोई अपने दशमांश म से कुछ छु ड़ाना चाहे, तो पां चवां भाग बढ़ाकर उसको छु ड़ाए।
32 और गाय-बैल और भेड़-बक रयां, िनदान जो जो पशु िगनने के िलये लाठी के तले िनकल जाने वाले ह उनका दशमांश, अथात दस दस पीछे एक एक पशु यहोवा के िलये पिव
ठहरे ।
33 कोई उसके गुण अवगुण न िवचारे , और न उसको बदले; और यिद कोई उसको बदल भी ले , तो वह और उसका बदला दोनों पिव ठहर; और वह कभी छु ड़ाया न जाए।।
34 जो आ ाएं यहोवा ने इ ाएिलयों के िलये सीनै पवत पर मूसा को दी थीं वे ये ही ह।।
िगनती 1
1 इ ाएिलयों के िम दे श से िनकल जाने के दू सरे वष के दू सरे महीने के पिहले िदन को, यहोवा ने सीनै के जं गल म िमलापवाले त ू म, मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों की सारी म ली के कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार, एक एक पु ष की िगनती नाम ले ले कर करना;
3 िजतने इ ाएली बीस वष वा उस से अिधक अव था के हों, और जो यु करने के यो हों, उन सभों को उनके दलों के अनुसार तू और हा न िगन ले।
4 और तु ारे साथ एक एक गो का एक एक पु ष भी हो जो अपने िपतरों के घराने का मु पु ष हो।
5 तु ारे उन सािथयों के नाम ये ह, अथात बेन के गो म से शदे ऊर का पु एलीसूर;
6 िशमोन के गो म से सूरीश ै का पु शलूमीएल;
7 य दा के गो म से अ ीनादाब का पु नहशोन;
8 इ ाकार के गो म से सूआर का पु नतनेल;
9 जबू लून के गो म से हेलोन का पु एलीआब;
10 यूसुफवंिशयों म से ये ह, अथात एपम के गो म से अ ी द का पु एलीशामा, ओर मन े के गो म से पदासूर का पु ग ीएल;
11 िब ामीन के गो म से िगदोनी का पु अबीदान;
12 दान के गो म से अ ीश ै का पु अहीऐजेर;
13 आशेर के गो म से ओ ान का पु प ीएल;
14 गाद के गो म से दू एल का पु ए ासाप;
15 न ाली के गो म से एनाम का पु अहीरा।
16 म ली म से जो पु ष अपने अपने िपतरों के गो ों के धान हो कर बुलाए गए वे ये ही ह, और ये इ ाएिलयों के हजारों म मु पु ष थे।
17 और िजन पु षों के नाम ऊपर िलखे ह उन को साथ ले कर,
18 मूसा और हा न ने दू सरे महीने के पिहले िदन सारी म ली इक ी की, तब इ ाएिलयों ने अपने अपने कुल और अपने अपने िपतरों के घराने के अनु सार बीस वष वा उस से
अिधक अव था वालों के नामों की िगनती करवा के अपनी अपनी वंशावली िलखवाई;
19 िजस कार यहोवा ने मूसा को जो आ ा दी थी उसी के अनु सार उसने सीनै के जं गल म उनकी गणना की।।
20 और इ ाएल के पिहलौठे बेन के वंश म िजतने पु ष अपने कुल और अपने िपतरों के घराने के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और यु करने के यो थे , वे
सब अपने अपने नाम से िगने गए:
21 और बे न के गो के िगने ए पु ष साढ़े िछयालीस हजार थे।।
22 और िशमोन के वंश के लोग िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे, और जो यु करने के यो थे वे सब अपने
अपने नाम से िगने गए:
23 और िशमोन के गो के िगने ए पु ष उनसठ हजार तीन सौ थे ।।
24 और गाद के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने अपने
नाम से िगने गए:
25 और गाद के गो के िगने ए पु ष पतालीस हजार साढ़े छ: सौ थे।।
26 और य दा के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने अपने
नाम से िगने गए:
27 और य दा के गो के िगने ए पु ष चौह र हजार छ: सौ थे ।।
28 और इ ाकार के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने
अपने नाम से िगने गए:
29 और इ ाकार के गो के िगने ए पु ष चौवन हजार चार सौ थे ।।
30 और जबू लून वे वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने अपने
नाम से िगने गए:
31 और जबू लून के गो के िगने ए पु ष स ावन हजार चार सौ थे।।
32 और यूसुफ के वंश म से ए ैम के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे,
वे सब अपने अपने नाम से िगने गए:
33 और ए ै म गो के िगने ए पु ष साढ़े चालीस हजार थे।।
34 और मन े के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने
अपने नाम से िगने गए:
35 और मन े के गो के िगने ए पु ष ब ीस हजार दो सौ थे ।।
36 और िब ामीन के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे , वे सब अपने
अपने नाम से िगने गए:
37 और िब ामीन के गो के िगने ए पु ष पतीस हजार चार सौ थे ।।
38 और दान के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे अपने अपने नाम
से िगने गए:
39 और दान के गो के िगने ए पु ष बासठ हजार सात सौ थे।।
40 और आशेर के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने अपने
नाम से िगने गए:
41 और आशेर के गो के िगने ए पु ष साढ़े एकतालीस हजार थे।।
42 और न ाली के वंश के िजतने पु ष अपने कुलों और अपने िपतरों के घरानों के अनुसार बीस वष वा उस से अिधक अव था के थे और जो यु करने के यो थे, वे सब अपने
अपने नाम से िगने गए:
43 और न ाली के गो के िगने ए पु ष ितरपन हजार चार सौ थे ।।
44 इस कार मूसा और हा न और इ ाएल के बारह धानों ने, जो अपने अपने िपतरों के घराने के धान थे, उन सभों को िगन िलया और उनकी िगनती यही थी।
45 सो िजतने इ ाएली बीस वष वा उस से अिधक अव था के होने के कारण यु करने के यो थे वे अपने िपतरों के घरानों के अनुसार िगने गए,
46 और वे सब िगने ए पु ष िमलाकर छ: लाख तीन हजार साढ़े पांच सौ थे ।।
47 इन म ले वीय अपने िपतरों के गो के अनुसार नहीं िगने गए।
48 ोंिक यहोवा ने मू सा से कहा था,
49 िक ले वीय गो की िगनती इ ाएिलयों के सं ग न करना;
50 पर ु तू लेिवयों को सा ी के त ू पर, और उसके कुल सामान पर, िनदान जो कुछ उस से स रखता है उस पर अिधकारी िनयु करना; और कुल सामान सिहत िनवास को वे
ही उठाया कर, और वे ही उस म सेवा टहल भी िकया कर, और त ू के आसपास वे ही अपने डे रे डाला कर।
51 और जब जब िनवास का कूच हो तब तब लेवीय उसको िगरा द, और जब जब िनवास को खड़ा करना हो तब तब ले वीय उसको खड़ा िकया कर; और यिद कोई दू सरा समीप आए
तो वह मार डाला जाए।
52 और इ ाएली अपना अपना डे रा अपनी अपनी छावनी म और अपने अपने झ े के पास खड़ा िकया कर;
53 पर लेवीय अपने डे रे सा ी के त ू ही की चारों ओर खड़े िकया कर, कहीं ऐसा न हो िक इ ाएिलयों की म ली पर कोप भड़के; और लेवीय सा ी के त ू की र ा िकया कर।
54 जो आ ाएं यहोवा ने मू सा को दी थी ं इ ाएिलयों ने उ ी ं के अनु सार िकया।।
िगनती 2
1 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
2 इ ाएली िमलापवाले त ू की चारों ओर और उसके सा ने अपने अपने झ े और अपने अपने िपतरों के घराने के िनशान के समीप अपने डे रे खड़े कर।
3 और जो अपने पू व िदशा की ओर जहां सूय दय होता है अपने अपने दलों के अनुसार डे रे खड़े िकया कर वे ही य दा की छावनी वाले झ े के लोग होंगे, और उनका धान
अ ीनादाब का पु नहशोन होगा,
4 और उनके दल के िगने ए पु ष चौह र हजार छ: सौ ह।
5 उनके समीप जो डे रे खड़े िकया कर वे इ ाकार के गो के हों, और उनका धान सू आर का पु नतने ल होगा,
6 और उनके दल के िगने ए पु ष चौवन हजार चार सौ ह।
7 इनके पास जबू लून के गो वाले रहगे, और उनका धान हे लोन का पु एलीआब होगा,
8 और उनके दल के िगने ए पु ष स ावन हजार चार सौ ह।
9 इस रीित से य दा की छावनी म िजतने अपने अपने दलों के अनुसार िगने गए वे सब िमलकर एक लाख िछयासी हजार चार सौ ह। पिहले ये ही कूच िकया कर।।
10 द न अलंग पर बेन की छावनी के झ े के लोग अपने अपने दलों के अनुसार रह, और उनका धान शदे ऊर का पु एलीसूर होगा,
11 और उनके दल के िगने ए पु ष साढ़े िछयालीस हजार ह।
12 उनके पास जो डे रे खड़े िकया कर वे िशमोन के गो के होंगे, और उनका धान सू रीश ै का पु शलू मीएल होगा,
13 और उनके दल के िगने ए पु ष उनसठ हजार तीन सौ ह।
14 िफर गाद के गो के रह, और उनका धान एल का पु ए ासाप होगा,
15 और उनके दल के िगने ए पु ष पतालीस हजार साढ़े छ: सौ ह।
16 बे न की छावनी म िजतने अपने अपने दलों के अनुसार िगने गए वे सब िमलकर डे ढ़ लाख एक हजार साढ़े चार सौ ह। दू सरा कूच इनका हो।
17 उनके पीछे और सब छाविनयों के बीचोंबीच लेिवयों की छावनी समे त िमलापवाले त ू का कूच आ करे ; िजस म से वे डे रे खड़े कर उसी म से वे अपने अपने थान पर अपने
अपने झ े के पास पास चल।।
18 प म अलंग पर ए ैम की छावनी के झ े के लोग अपने अपने दलों के अनुसार रह, और उनका धान अ ी द का पु एलीशामा होगा,
19 और उनके दल के िगने ए पु ष साढ़े चालीस हजार ह।
20 उनके समीप मन े के गो के रह, और उनका धान पदासू र का पु ग ीएल होगा,
21 और उनके दल के िगने ए पु ष ब ीस हजार दो सौ ह।
22 िफर िब ामीन के गो के रह, और उनका धान िगदोनी का पु अबीदान होगा,
23 और उनके दल के िगने ए पु ष पतीस हजार चार सौ ह।
24 ए ै म की छावनी म िजतने अपने अपने दलों के अनुसार िगने गए वे सब िमलकर एक लाख आठ हजार एक सौ पु ष ह। तीसरा कूच इनका हो।
25 उ र अलंग पर दान की छावनी के झ े के लोग अपने अपने दलों के अनुसार रह, और उनका धान अ ीश ै का पु अहीऐजेर होगा,
26 और उनके दल के िगने ए पु ष बासठ हजार सात सौ ह।
27 और उनके पास जो डे रे खड़े कर वे आशेर के गो के रह, और उनका धान ओ ान का पु प ीएल होगा,
28 और उनके दल के िगने ए पु ष साढ़े इकतालीस हजार ह।
29 िफर न ाली के गो के रह, और उनका धान एनान का पु अहीरा होगा,
30 और उनके दल के िगने ए पु ष ितरपन हजार चार सौ ह।
31 और दान की छावनी म िजतने िगने गए वे सब िमलकर डे ढ़ लाख सात हजार छ: सौ ह। ये अपने अपने झ े के पास पास हो कर सब से पीछे कूच कर।
32 इ ाएिलयों म से जो अपने अपने िपतरों के घराने के अनुसार िगने गए वे ये ही ह; और सब छाविनयों के िजतने पु ष अपने अपने दलों के अनुसार िगने गए वे सब िमलकर छ:
लाख तीन हजार साढ़े पांच सौ थे।
33 पर ु यहोवा ने मूसा को जो आ ा दी भी उसके अनुसार ले वीय तो इ ाएिलयों म िगने नही ं गए।
34 और जो जो आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी इ ाएली उन आ ाओं के अनु सार अपने अपने कुल और अपने अपने िपतरों के घरानों के अनु सार, अपने अपने झ े के पास डे रे खड़े
करते और कूच भी करते थे।।
िगनती 3
1 िजस समय यहोवा ने सीनै पवत के पास मूसा से बात की उस समय हा न और मू सा की यह वंशावली थी।
2 हा न के पु ों के नाम ये ह: नादाब जो उसका जेठा था, और अबी , एलीआजार और ईतामार;
3 हा न के पु , जो अिभिष याजक थे, और उनका सं ार याजक का काम करने के िलये आ था उनके नाम ये ही ह।
4 नादाब और अबी िजस समय सीनै के जंगल म यहोवा के स ुख ऊपरी आग ले गए उसी समय यहोवा के सा ने मर गए थे; और वे पु हीन भी थे। एलीआजर और ईतामार अपने
िपता हा न के सा ने याजक का काम करते रहे।।
5 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 लेवी गो वालों को समीप ले आकर हा न याजक के सा ने खड़ा कर, िक वे उसकी सेवा टहल कर।
7 और जो कुछ उसकी ओर से और सारी म ली की ओर से उ सौंपा जाए उसकी र ा वे िमलापवाले त ू के सामहने कर, इस कार वे त ू की सेवा कर;
8 वे िमलापवाले त ू के कुल सामान की और इ ाएिलयों की सौंपी ई व ुओं की भी र ा कर, इस कार वे त ू की सेवा कर।
9 और तू ले िवयों को हा न और उसके पु ों को सौंप दे ; और वे इ ाएिलयों की ओर से हा न को स ूण रीित से अपण िकए ए हों।
10 और हा न और उसके पु ों को याजक के पद पर िनयु कर, और वे अपने याजकपद की र ा िकया कर; और यिद अ मनु समीप आए, तो वह मार डाला जाए।।
11 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
12 सु न इ ाएली यों के सब पिहलौठों की स ी म इ ाएिलयों म से लेिवयों को ले लेता ं ; सो ले वीय मे रे ही हों।
13 सब पिहलौठे मे रे ह; ोंिक िजस िदन म ने िम दे श म के सब पिहलौठों को मारा, उसी िदन म ने ा मनु ा पशु इ ाएिलयों के सब पिहलौठों को अपने िलये पिव ठहराया;
इसिलये वे मेरे ही ठहरगे; म यहोवा ं।।
14 िफर यहोवा ने सीनै के जंगल म मूसा से कहा,
15 ले िवयों म से िजतने पु ष एक महीने वा उस से अिधक अव था के हों उन को उनके िपतरों के घरानों और उनके कुलों के अनु सार िगन ले ।
16 यह आ ा पाकर मू सा ने यहोवा के कहे के अनुसार उन को िगन िलया।
17 ले वी के पु ों के नाम ये ह, अथात गेश न, कहात, और मरारी।
18 और गेश न के पु िजन से उसके कुल चले उनके नाम ये ह, अथात िल ी और िशमी।
19 कहात के पु िजन से उसके कुल चले उनके नाम ये ह, अथात अ ाम, ियसहार, हे ोन, और उ ीएल।
20 और मरारी के पु िजन से उसके कुल चले उनके नाम ये ह, अथात महली और मू शी। ये लेिवयों के कुल अपने िपतरों के घरानों के अनु सार ह।।
21 गेश न से िलि यों और िशिमयों के कुल चले; गेश नवंिशयों के कुल ये ही ह।
22 इन म से िजतने पु षों की अव था एक महीने की वा उस से अिधक थी, उन सभों की िगनती साढ़े सात हजार थी।
23 गेश न वाले कुल िनवास के पीछे प म की ओर अपने डे रे डाला कर;
24 और गेश िनयों के मू लपु ष से घराने का धान लाएल का पु ए ासाप हो।
25 और िमलापवाले त ू की जो व ुएं गेश नवंिशयों को सौंपी जाएं वे ये हों, अथात िनवास और त ू , और उसका ओहार, और िमलापवाले त ू से ार का पदा,
26 और जो आं गन िनवास और वेदी की चारों ओर है उसके पद, और उसके ार का पदा, और सब डो रयां जो उस म काम आती ह।।
27 िफर कहात से अ ािमयों, ियसहा रयों, हे ोिनयों, और उ ीएिलयों के कुल चले; कहाितयों के कुल ये ही ह।
28 उन म से िजतने पु षों की अव था एक महीने की वा उस से अिधक थी उनकी िगनती आठ हजार छ: सौ थी। वे पिव थान की र ा के उ रदायी थे।
29 कहाितयों के कुल िनवास की उस अलंग पर अपने डे रे डाला कर जो द न की ओर है ;
30 और कहात वाले कुलों से मूलपु ष के घराने का धान उ ीएल का पु एलीसापान हो।
31 और जो व ुएं उन को सौंपी जाएं वे स दू क, मेज़, दीवट, वेिदयां , और पिव थान का वह सामान िजस से सेवा टहल होती है, और पदा; िनदान पिव थान म काम म आने वाला सारा
सामान हो।
32 और ले िवयों के धानों का धान हा न याजक का पु एलीआजार हो, और जो लोग पिव थान की सौंपी ई व ु ओं की र ा करगे उन पर वही मु खया ठहरे ।।
33 िफर मरारी से महिलयों और मूिशयों के कुल चले; मरारी के कुल ये ही ह।
34 इन म से िजतने पु षों की अव था एक महीने की वा उस से अिधक थी उन सभों की िगनती छ: हजार दो सौ थी।
35 और मरारी के कुलों के मूलपु ष के घराने का धान अबीहैल का पु सूरीएल हो; ये लोग िनवास के उ र की ओर अपने डे रे खड़े कर।
36 और जो व ुएं मरारीवंिशयों को सौंपी जाएं िक वे उनकी र ा कर, वे िनवास के त े , बड़े , ख े, कुिसया, और सारा सामान; िनदान जो कुछ उसके बरतने म काम आए;
37 और चारों ओर के आं गन के ख े, और उनकी कुिसया, खूंटे और डो रयां हों।
38 और जो िमलापवाले त ू के सा ने, अथात िनवास के सा ने , पूरब की ओर जहां से सू य दय होता है , अपने डे रे डाला कर, वे मूसा और हा न और उसके पु ों के डे रे हों, और
पिव थान की रखवाली इ ाएिलयों के बदले वे ही िकया कर, और दू सरा जो कोई उसके समीप आए वह मार डाला जाए।
39 यहोवा की इस आ ा को पाकर एक महीने की वा उस से अिधक अव था वाले िजतने ले वीय पु षों को मू सा और हा न ने उनके कुलों के अनुसार िगन िलया, वे सब के सब बाईस
हजार थे।।
40 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, इ ाएिलयों के िजतने पिहलौठे पु षों की अव था एक महीने की वा उस से अिधक है, उन सभों को नाम ले ले कर िगन ले ।
41 और मे रे िलये इ ाएिलयों के सब पिहलौठों की स ी लेिवयों को, और इ ाएिलयों के पशुओं के सब पिहलौठों की स ी ले िवयों के पशुओं को ले; म यहोवा ं।
42 यहोवा की इस आ ा के अनुसार मूसा ने इ ाएिलयों के सब पिहलौठों को िगन िलया।
43 और सब पिहलौठे पु ष िजनकी अव था एक महीने की वा उस से अिधक थी, उनके नामों की िगनती बाईस हजार दो सौ ितह र थी।।
44 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
45 इ ाएिलयों के सब पिहलौठों की स ी लेिवयों को, और उनके पशुओं की स ी ले िवयों के पशुओं को ले; और लेवीय मेरे ही हों; म यहोवा ं।
46 और इ ाएिलयों के पिहलौठों मे से जो दो सौ ितह र िगनती म ले िवयों से अिधक ह, उनके छु ड़ाने के िलये ,
47 पु ष पीछे पांच शेकेल ले; वे पिव थान के शेकेल के िहसाब से हों, अथात बीस गे रा का शेकेल हो।
48 और जो पया उन अिधक पिहलौठों की छु डौती का होगा उसे हा न और उसके पु ों को दे दे ना।
49 और जो इ ाएली पिहलौठे लेिवयों के ारा छु ड़ाए ओं से अिधक थे उनके हाथ से मू सा ने छु ड़ौती का पया िलया।
50 और एक हजार तीन सौ पसठ शैकेल पया पिव थान के शेकेल के िहसाब से वसूल आ।
51 और यहोवा की आ ा के अनुसार मूसा ने छु ड़ाए ओं का पया हा न और उसके पु ों को दे िदया।।
िगनती 4
1 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
2 ले िवयों म से कहाितयों की, उनके कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार, िगनती करो,
3 अथात तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था वालों की से ना म, िजतने िमलापवाले त ू म कामकाज करने को भरती ह।
4 और िमलापवाले त ू म परमपिव व ुओं के िवषय कहाितयों का यह काम होगा,
5 अथात जब जब छावनी का कूच हो तब तब हा न और उसके पु भीतर आकर, बीच वाले पद को उतार के उस से सा ीप के स दू क को ढ़ांप द;
6 तब वे उस पर सूइसों की खालों का ओहार डाल, और उसके ऊपर स ू ण नीले रं ग का कपड़ा डाल, और स दू क म ड ों को लगाएं ।
7 िफर भटवाली रोटी की मेज़ पर नीला कपड़ा िबछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करवों, और उं डेलने के कटोरों को रख; और िन की रोटी भी उस पर हो;
8 तब वे उन पर लाल रं ग का कपड़ा िबछाकर उसको सुइसों की खालों के ओहार से ढ़ापे , और मे ज़ के ड ों को लगा द।
9 िफर वे नीले रं ग का कपड़ा ले कर दीपकों, गलतराशों, और गुलदानों समे त उिजयाला दे ने वाले दीवट को, और उसके सब ते ल के पा ों को िजन से उसकी सेवा टहल होती है ढांपे;
10 तब वे सारे सामान समेत दीवट को सूइसों की खालों के ओहार के भीतर रखकर ड े पर धर द।
11 िफर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा िबछाकर उसको सू इसों की खालों के ओहार से ढ़ां प, और उसके ड ों को लगा द।
12 तब वे सेवा टहल के सारे सामान को ले कर, िजस से पिव थान म से वा टहल होती है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सूइसों की खालों के ओहार से ढां पे, और ड े पर धर द।
13 िफर वे वेदी पर से सब राख उठा कर वेदी पर बजनी रं ग का कपड़ा िबछाएं ;
14 तब िजस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अथात उसके करछे , कां टे, फाविडय़ां, और कटोरे आिद, वेदी का सारा सामान उस पर रख; और उसके ऊपर सूइसों
की खालों का ओहार िबछाकर वेदी म ड ों को लगाएं ।
15 और जब हा न और उसके पु छावनी के कूच के समय पिव थान और उसके सारे सामान को ढ़ांप चु क, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के िलये आएं , पर िकसी पिव
व ु को न छु एं , कही ं ऐसा न हो िक मर जाएं । कहाितयों के उठाने के िलये िमलापवाले त ू की ये ही व ु एं ह।
16 और जो व ु एं हा न याजक के पु एलीजार को र ा के िलये सौंपी जाएं वे ये ह, अथात उिजयाला दे ने के िलये तेल, और सुग त धूप, और िन अ बिल, और अिभषेक का तेल,
और सारे िनवास, और उस म की सब व ुएं, और पिव थान और उसके कुल समान।।
17 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
18 कहाितयों के कुलों के गोि यों को ले िवयों म से नाश न होने दे ना;
19 उसके साथ ऐसा करो, िक जब वे परमपिव व ुओं के समीप आएं तब न मर पर ु जीिवत रह; अथात हा न और उसके पु भीतर आकर एक एक के िलये उसकी सेवकाई और
उसका भार ठहरा द,
20 और वे पिव व ुओं के दे खने को झण भर के िलये भी भीतर आने न पाएं , कही ं ऐसा न हो िक मर जाएं ।।
21 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
22 गेश िनयों की भी िगनती उनके िपतरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर;
23 तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था वाले, िजतने िमलापवाले त ू म से वा करने को से ना म भरती हों उन सभों को िगन ले।
24 से वा करने और भार उठाने म गेश िनयों के कुल वालों की यह सेवकाई हो;
25 अथात वे िनवास के पटों, और िमलापवाले त ू और उसके ओहार, और इसके ऊपर वाले सूइसों की खालों के ओहार, और िमलापवाले त ू के ार के पद,
26 और िनवास, और वेदी की चारों ओर के आं गन के पद , और आं गन के ार के पद, और उनकी डो रयों, और उन म बरतने के सारे सामान, इन सभों को वे उठाया कर; और इन
व ुओं से िजतना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई म आए।
27 और गेश िनयों के वंश की सारी सेवकाई हा न और उसके पु ों के कहने से आ करे , अथात जो कुछ उन को उठाना, और जो जो सेवकाई उन को करनी हो, उनका सारा भार
तुम ही उ सौपा करो।
28 िमलापवाले त ू म गेश िनयों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे ; और उन पर हा न याजक का पु ईतामार अिधकार रखे।।
29 िफर मरा रयों को भी तू उनके कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार िगन ल;
30 तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था वाले, िजतने िमलापवाले त ू की से वा करने को से ना म भरती हों, उन सभों को िगन ले।
31 और िमलापवाले त ू म की िजन व ुओं के उठाने की सेवकाई उन को िमले वे ये हों, अथात िनवास के त े , बे ड़े, ख े, और कुिसया,
32 और चारों ओर आं गन के ख े, और इनकी कुिसया, खूं टे, डो रयां, और भां ित भां ित के बरतने का सारा सामान; और जो जो सामान ढ़ोने के िलये उन को सौपा जाए उस म से एक
एक व ु का नाम ले कर तुम िगन दो।
33 मरा रयों के कुलों की सारी सेवकाई जो उ िमलापवाले त ू के िवषय करनी होगी वह यही है ; वह हा न याजक के पु ईतामार के अिधकार म रहे।।
34 तब मू सा और हा न और म ली के धानों ने कहाितयों के वंश को, उनके कुलों और िपतरों के घरानों के अनु सार,
35 तीस वष से ले कर पचास वष की अव था के, िजतने िमलापवाले त ू की से वकाई करने को से ना म भरती ए थे , उन सभों को िगन िलया;
36 और जो अपने अपने कुल के अनुसार िगने गए वे दो हजार साढ़े सात सौ थे ।
37 कहाितयों के कुलों म से िजतने िमलापवाले त ू म सेवा करने वाले िगने गए वे इतने ही थे ; जो आ ा यहोवा ने मू सा के ारा दी थी उसी के अनुसार मूसा और हा न ने इन को िगन
िलया।।
38 और गेश िनयों म से जो अपने कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार िगने गए,
39 अथात तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था के, जो िमलापवाले त ू की से वकाई करने को सेना म भरती ए थे,
40 उनकी िगनती उनके कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार दो हजार छ: सौ तीस थी।
41 गेश िनयों के कुलों म से िजतने िमलापवाले त ू म सेवा करने वाले िगने गए वे इतने ही थे ; यहोवा की आ ा के अनु सार मूसा और हा न ने इन को िगन िलया।।
42 िफर मरा रयों के कुलों म से जो अपने कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार िगने गए,
43 अथात तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था के, जो िमलापवाले त ू की से वकाई करने को सेना म भरती ए थे,
44 उनकी िगनती उनके कुलों के अनुसार तीन हजार दो सौ थी।
45 मरा रयों के कुलों म से िजन को मूसा और हा न ने, यहोवा की उस आ ा के अनु सार जो मू सा के ारा िमली थी, िगन िलया वे इतने ही थे।।
46 ले िवयों म से िजन को मूसा और हा न और इ ाएली धानों ने उनके कुलों और िपतरों के घरानों के अनुसार िगन िलया,
47 अथात तीस वष से ले कर पचास वष तक की अव था वाले , िजतने िमलापवाले त ू की से वकाई करने का बोझ उठाने का काम करने को हािजर होने वाले थे,
48 उन सभों की िगनती आठ हजार पांच सौ अ ी थी।
49 ये अपनी अपनी सेवा और बोझ ढ़ोने के अनुसार यहोवा के कहने पर गए। जो आ ा यहोवा ने मू सा को दी थी उसी के अनुसार वे िगने गए।।
िगनती 5
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों को आ ा दे , िक वे सब कोिढय़ों को, और िजतनों के मेह हो, और िजतने लोथ के कारण अशु हों, उन सभों को छावनी से िनकाल द;
3 ऐसों को चाहे पु ष हों चाहे ी छावनी से िनकाल कर बाहर कर द; कहीं ऐसा न हो िक तु ारी छावनी, िजसके बीच म िनवास करता ं, उनके कारण अशु हो जाए।
4 और इ ाएिलयों ने वैसा ही िकया, अथात ऐसे लोगों को छावनी से िनकाल कर बाहर कर िदया; जैसा यहोवा ने मू सा से कहा था इ ाएिलयों ने वैसा ही िकया।।
5 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 इ ाएिलयों से कह, िक जब कोई पु ष वा ी ऐसा कोई पाप कर के जो लोग िकया करते ह यहोवा को िव ासघात करे , और वह ाणी दोषी हो,
7 तब वह अपना िकया आ पाप मान ले; और पूरे मूल म पांचवां अं श बढ़ाकर अपने दोष के बदले म उसी को दे , िजसके िवषय दोषी आ हो।
8 पर ु यिद उस मनु का कोई कुटु ी न हो िजसे दोष का बदला भर िदया जाए, तो उस दोष का जो बदला यहोवा को भर िदया जाए वह याजक का हो, और वह उस ायि वाले
मेढ़े से अिधक हो िजस से उसके िलये ायि िकया जाए।
9 और िजतनी पिव की ई व ुएं इ ाएली उठाई ई भट कर के याजक के पास लाएं , वे उसी की हों;
10 सब मनु ों की पिव की ई व ुएं उसी की ठहर; कोई जो कुछ याजक को दे वह उसका ठहरे ।।
11 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
12 इ ाएिलयों से कह, िक यिद िकसी मनु की ी कुचाल चलकर उसका िव ासघात करे ,
13 और कोई पु ष उसके साथ कुकम करे , पर ु यह बात उसके पित से िछपी हो और खु ली न हो, और वह अशु हो गई, पर ु न तो उसके िव कोई सा ी हो, और न कुकम
करते पकड़ी गई हो;
14 और उसके पित के मन म जलन उ हो, अथात वह अपने ी पर जलने लगे और वह अशु ई हो; वा उसके मन म जलन उ हो, अथात वह अपनी ी पर जलने लगे
पर ु वह अशु न ई हो;
15 तो वह पु ष अपनी ी को याजक के पास ले जाए, और उसके िलये एपा का दसवां अं श जव का मै दा चढ़ावा कर के ले आए; पर ु उस पर तेल न डाले, न लोबान रखे , ोंिक
वह जलन वाला और रण िदलाने वाला, अथात अधम का रण कराने वाला अ बिल होगा।
16 तब याजक उस ी को समीप ले जा कर यहोवा के सा ने खड़ी करे ;
17 और याजक िम ी के पा म पिव जल ले, और िनवास थान की भूिम पर की धूिल म से कुछ ले कर उस जल म डाल दे ।
18 तब याजक उस ी को यहोवा के सा ने खड़ी कर के उसके िसर के बाल िबखराए, और रण िदलाने वाले अ बिल को जो जलन वाला है उसके हाथों पर धर दे । और अपने हाथ
म याजक कडु वा जल िलये रहे जो शाप लगाने का कारण होगा।
19 तब याजक ी को शपथ धरवाकर कहे, िक यिद िकसी पु ष ने तुझ से कुकम न िकया हो, और तू पित को छोड़ दू सरे की ओर िफर के अशु न हो गई हो, तो तू इस कडु वे जल
के गुण से जो शाप का कारण होता है बची रहे।
20 पर यिद तू अपने पित को छोड़ दू सरे की ओर िफर के अशु ई हो, और तेरे पित को छोड़ िकसी दू सरे पु ष ने तुझ से संग िकया हो,
21 (और याजक उसे शाप दे ने वाली शपथ धराकर कहे,) यहोवा तेरी जां घ सड़ाए और ते रा पे ट फुलाए, और लोग ते रा नाम ले कर शाप और िध ार िदया कर;
22 अथात वह जल जो शाप का कारण होता है तेरी अंतिडय़ों म जा कर तेरे पेट को फुलाए, और तेरी जां घ को सड़ा दे । तब वह ी कहे, आमीन, आमीन।
23 तब याजक शाप के ये श पु क म िलखकर उस कडु वे जल से िमटाके,
24 उस ी को वह कडु वा जल िपलाए जो शाप का कारण होता है , और वह जल जो शाप का कारण होगा उस ी के पे ट म जा कर कडु वा हो जाएगा।
25 और याजक ी के हाथ म से जलन वाले अ बिल को ले कर यहोवा के आगे िहलाकर वेदी के समीप प ं चाए;
26 और याजक उस अ बिल म से उसका रण िदलाने वाला भाग, अथात मु ी भर ले कर वेदी पर जलाए, और उसके बाद ी को वह जल िपलाए।
27 और जब वह उसे वह जल िपला चुके, तब यिद वह अशु ई हो और अपने पित का िव ासघात िकया हो, तो वह जल जो शाप का कारण होता है उस ी के पेट म जा कर कडु वा
हो जाएगा, और उसका पेट फूलेगा, और उसकी जांघ सड़ जाएगी, और उस ी का नाम उसके लोगों के बीच ािपत होगा।
28 पर यिद वह ी अशु न ई हो और शु ही हो, तो वह िनद ष ठहरे गी और गिभण हो सकेगी।
29 जलन की व था यही है, चाहे कोई ी अपने पित को छोड़ दू सरे की ओर िफर के अशु हो,
30 चाहे पु ष के मन म जलन उ हो और वह अपनी ी पर जलने लगे ; तो वह उसको यहोवा के स ुख खड़ी कर दे , और याजक उस पर यह सारी व था पूरी करे ।
31 तब पु ष अधम से बचा रहेगा, और ी अपने अधम का बोझ आप उठाएगी।।
िगनती 6
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक जब कोई पु ष वा ी नाज़ीर की म त, अथात अपने को यहोवा के िलये ारा करने की िवशेष म त माने,
3 तब वह दाखमधु आिद मिदरा से ारा रहे; वह न दाखमधु का, न और मिदरा का िसरका पीए, और न दाख का कुछ रस भी पीए, वरन दाख न खाए, चाहे हरी हो चाहे सूखी।
4 िजतने िदन यह ारा रहे उतने िदन तक वह बीज से ले िछलके तक, जो कुछ दाखलता से उ होता है , उस म से कुछ न खाए।
5 िफर िजतने िदन उसने ारे रहने की म त मानी हो उतने िदन तक वह अपने िसर पर छु रा न िफराए; और जब तक वे िदन पू रे न हों िजन म वह यहोवा के िलये ारा रहे तब तक
वह पिव ठहरे गा, और अपने िसर के बालों को बढ़ाए रहे।
6 िजतने िदन वह यहोवा के िलये ारा रहे उतने िदन तक िकसी लोथ के पास न जाए।
7 चाहे उसका िपता, वा माता, वा भाई, वा बिहन भी मरे , तौभी वह उनके कारण अशु न हो; ोंिक अपने परमे र के िलये ारा रहने का िच उसके िसर पर होगा।
8 अपने ारे रहने के सारे िदनों म वह यहोवा के िलये पिव ठहरा रहे।
9 और यिद कोई उसके पास अचानक मर जाए, और उसके ारे रहने का जो िच उसके िसर पर होगा वह अशु हो जाए, तो वह शु होने के िदन, अथात सातव िदन अपने िसर
मुंड़ाए।
10 और आठव िदन वह दो पंडुक वा कबूतरी के दो ब े िमलापवाले त ू के ार पर याजक के पास ले जाए,
11 और याजक एक को पापबिल, और दू सरे को होमबिल कर के उसके िलये ायि करे , ोंिक वह लोथ के कारण पापी ठहरा है। और याजक उसी िदन उसका िसर िफर पिव
करे ,
12 और वह अपने ारे रहने के िदनों को िफर यहोवा के िलये ारे ठहराए, और एक वष का एक भे ड़ का ब ा दोषबिल कर के ले आए; और जो िदन इस से पिहले बीत गए होंवे थ
िगने जाए, ोंिक उसके ारे रहने का िच अशु हो गया।।
13 िफर जब नाज़ीर के ारे रहने के िदन पूरे हों, उस समय के िलये उसकी यह व था है ; अथात वह िमलापवाले त ू के ार पर प ंचाया जाए,
14 और वह यहोवा के िलये होमबिल कर के एक वष का एक िनद ष भे ड़ का ब ा पापबिल कर के, और एक वष की एक िनद ष भेड़ की ब ी, और मेलबिल के िलये एक िनद ष
मेढ़ा,
15 और अखमीरी रोिटयों की एक टोकरी, अथात तेल से सने ए मै दे के फुलके, और ते ल से चु पड़ी ई अखमीरी पपिडय़ां, और उन बिलयों के अ बिल और अघ; ये सब चढ़ावे समीप
ले जाए।
16 इन सब को याजक यहोवा के सा ने प ंचाकर उसके पापबिल और होमबिल को चढ़ाए,
17 और अखमीरी रोटी की टोकरी समेत मेढ़े को यहोवा के िलये मे लबिल कर के, और उस मे लबिल के अ बिल और अघ को भी चढ़ाए।
18 तब नाज़ीर अपने ारे रहने के िच वाले िसर को िमलापवाले त ू के ार पर मु ाकर अपने बालों को उस आग पर डाल दे जो मेलबिल के नीचे होगी।
19 िफर जब नाज़ीर अपने ारे रहने के िच वाले िसर को मु ा चु के तब याजक मे ढ़े को पकाया आ क ा, और टोकरी म से एक अखमीरी रोटी, और एक अखमीरी पपड़ी ले कर
नाज़ीर के हाथों पर धर दे ,
20 और याजक इन को िहलाने की भट कर के यहोवा के सा ने िहलाए; िहलाई ई छाती और उठाई ई जांघ समे त ये भी याजक के िलये पिव ठहर; इसके बाद वह नाज़ीर दाखमधु
पी सकेगा।
21 नाज़ीर की म त की, और जो चढ़ावा उसको अपने ारे होने के कारण यहोवा के िलये चढ़ाना होगा उसकी भी यही व था है। जो चढ़ावा वह अपनी पूंजी के अनु सार चढ़ा सके,
उस से अिधक जैसी म त उसने मानी हो, वैसे ही अपने ारे रहने की व था के अनु सार उसे करना होगा।।
22 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
23 हा न और उसके पु ों से कह, िक तु म इ ाएिलयों को इन वचनों से आशीवाद िदया करना िक,
24 यहोवा तुझे आशीष दे और तेरी र ा करे :
25 यहोवा तुझ पर अपने मुख का काश चमकाए, और तुझ पर अनु ह करे :
26 यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे , और तुझे शांित दे ।
27 इस रीित से मेरे नाम को इ ाएिलयों पर रख, और म उ आशीष िदया क ं गा।।
िगनती 7
1 िफर जब मू सा ने िनवास को खड़ा िकया, और सारे सामान समेत उसका अिभषेक कर के उसको पिव िकया, और सारे सामान समेत वेदी का भी अिभषेक कर के उसे पिव िकया,
2 तब इ ाएल के धान जो अपने अपने िपतरों के घरानों के मु पु ष, और गो ों के भी धान हो कर िगनती ले ने के काम पर िनयु थे,
3 वे यहोवा के सा ने भट ले आए, और उनकी भट छ: छाई ई गािडय़ां और बारह बै ल थे , अथात दो दो धान की ओर से एक एक गाड़ी, और एक एक धान की ओर से एक एक
बैल; इ वे िनवास के सा ने यहोवा के समीप ले गए।
4 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
5 उन व ुओं को तू उन से ले ले, िक िमलापवाले त ू के बरतन म काम आएं , सो तू उ ले िवयों के एक एक कुल की िवशेष सेवकाई के अनुसार उन को बां ट दे ।
6 सो मूसा ने वे सब गािडय़ां और बैल ले कर लेिवयों को दे िदये।
7 गे श िनयों को उनकी सेवकाई के अनुसार उसने दो गािडय़ां और चार बै ल िदए;
8 और मरा रयों को उनकी सेवकाई के अनुसार उसने चार गािडय़ां और आठ बै ल िदए; ये सब हा न याजक के पु ईतामार के अिधकार म िकए गए।
9 और कहाितयों को उसने कुछ न िदया, ोंिक उनके िलये पिव व ुओं की यह से वकाई थी िक वह उसे अपने क ों पर उठा िलया कर।।
10 िफर जब वेदी का अिभषेक आ तब धान उसके सं ार की भट वेदी के आगे समीप ले जाने लगे ।
11 तब यहोवा ने मूसा से कहा, वेदी के सं ार के िलये धान लोग अपनी अपनी भट अपने अपने िनयत िदन पर चढ़ाएं ।।
12 सो जो पु ष पिहले िदन अपनी भट ले गया वह य दा गो वाले अ ीनादाब का पु महशोन था;
13 उसकी भट यह थी, अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चां दी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से
सने ए और मैदे से भरे ए थे;
14 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
15 होमबिल के िलये एक बछड़ा, एक मेढ़ा, और एक वष का एक भेड़ी का ब ा;
16 पापबिल के िलये एक बकरा;
17 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। अ ीनादाब के पु महशोन की यही भट
थी।।
18 और दू सरे िदन इ ाकार का धान सूआर का पु नतने ल भट ले आया;
19 वह यह थी, अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये ते ल से सने ए
और मैदे से भरे ए थे ;
20 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
21 होमबिल के िलये एक बछड़ा, एक मेढ़ा, और एक वष का एक भेड़ी का ब ा;
22 पापबिल के िलये एक बकरा;
23 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। सू आर के पु नतनेल की यही भट थी।।
24 और तीसरे िदन जबूलूिनयों का धान हेलोन का पु एलीआब यह भट ले आया,
25 अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चां दी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से
भरे ए थे;
26 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
27 होमबिल के िलये एक बछड़ा, एक मेढ़ा, और एक वष का एक भेड़ी का ब ा;
28 पापबिल के िलये एक बकरा;
29 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। हेलोन के पु एलीआब की यहीं भट थी।।
30 और चौथे िदन बेिनयों का धान शदे ऊर का पु एलीसूर यह भट ले आया,
31 अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चां दी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से
भरे ए थे;
32 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
33 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
34 पापबिल के िलये एक बकरा;
35 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। शदे ऊर के पु एलीसूर की यही भट थी।।
36 और पांचव िदन िशमोिनयों का धान सूरीश ै का पु शलूमीएल यह भट ले आया,
37 अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चां दी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से
भरे ए थे;
38 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
39 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
40 पापबिल के िलये एक बकरा;
41 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। सू रीश ै के पु शलूमीएल की यही भट थी।।
42 और छठव िदन गािदयों का धान दू एल का पु ए ासाप यह भट ले आया,
43 अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चां दी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से
भरे ए थे;
44 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
45 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
46 पापबिल के िलये एक बकरा;
47 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। दू एल के पु ए ासाप की यहीं भट थी।।
48 और सातव िदन ए ैिमयों का धान अ ी द का पु एलीशामा यह भट ले आया,
49 अथात पिव थान वाले शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मैदे से भरे ए थे;
50 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
51 होमबिल के िलये एक बछड़ा, एक मेढ़ा, और एक वष का एक भेड़ी का ब ा;
52 पापबिल के िलये एक बकरा;
53 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। अ ी द के पु एलीशामा की यही भट थी।।
54 और आठव िदन मन ेइयों का धान पदासूर का पु ग ीएल यह भट ले आया,
55 अथात पिव थान के शेकेल के िहसाब से एक सो तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से भरे
ए थे ;
56 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
57 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
58 पापबिल के िलये एक बकरा;
59 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेडी के ब े। पदासू र के पु ग ीएल की यही भट थी।।
60 और नव िदन िब ामीिनयों का धान िगदोनी का पु अबीदान यह भट ले आया,
61 अथात पिव थान के शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से भरे
ए थे ;
62 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
63 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
64 पापबिल के िलये एक बकरा;
65 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। िगदोनी के पु अबीदान की यही भट थी।।
66 और दसव िदन दािनयों का धान अ ीश ै का पु अहीएजे र यह भट ले आया,
67 अथात पिव थान के शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से भरे
ए थे ;
68 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
69 होमबिल के िलये बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
70 पापबिल के िलये एक बकरा;
71 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। अ ीश ै के पु अहीएजेर की यही भट थी।।
72 और ारहव िदन आशे रयों का धान ओ ान का पु प ीएल यह भट ले आया।
73 अथात पिव थान के शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से भरे
ए थे ;
74 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का धूपदान;
75 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
76 पापबिल के िलये एक बकरा;
77 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। ओ ान के पु प ीएल की यही भट थी।।
78 और बारहव िदन न ािलयों का धान एनान का पु अहीरा यह भट ले आया,
79 अथात पिव थान के शेकेल के िहसाब से एक सौ तीस शेकेल चांदी का एक परात, और स र शेकेल चां दी का एक कटोरा, ये दोनों अ बिल के िलये तेल से सने ए और मै दे से भरे
ए थे ;
80 िफर धूप से भरा आ दस शेकेल सोने का एक धूपदान;
81 होमबिल के िलये एक बछड़ा, और एक मेढ़ा, और एक वष का एक भे ड़ी का ब ा;
82 पापबिल के िलये एक बकरा;
83 और मे लबिल के िलये दो बैल, और पांच मेढ़े, और पांच बकरे , और एक एक वष के पांच भेड़ी के ब े। एनान के पु अहीरा की यही भट थी।।
84 वेदी के अिभषे क के समय इ ाएल के धानों की ओर से उसके सं ार की भट यही ई, अथात चांदी के बारह परात, चांदी के बारह कटोरे , और सोने के बारह धूपदान।
85 एक एक चां दी का परात एक सौ तीस शेकेल का, और एक एक चां दी का कटोरा स र शेकेल का था; और पिव थान के शेकेल के िहसाब से ये सब चांदी के पा दो हजार चार सौ
शेकेल के थे।
86 िफर धूप से भरे ए सोने के बारह धूपदान जो पिव थान के शेकेल के िहसाब से दस दस शेकेल के थे , वे सब धूपदान एक सौ बीस शेकेल सोने के थे।
87 िफर होमबिल के िलये सब िमलाकर बारह बछड़े , बारह मे ढ़े, और एक एक वष के बारह भेड़ी के ब े, अपने अपने अ बिल सिहत थे; िफर पापबिल के सब बकरे बारह थे;
88 और मे लबिल के िलये सब िमला कर चौबीस बैल, और साठ मेढ़े, और साठ बकरे , और एक एक वष के साठ भे ड़ी के ब े थे। वेदी के अिभषेक होने के बाद उसके सं ार की भट
यही ई।
89 और जब मू सा यहोवा से बात करने को िमलापवाले त ू म गया, तब उसने ायि के ढकने पर से , जो सा ीप के स दू क के ऊपर था, दोनों क बों के म म से उसकी आवाज
सु नी जो उस से बात कर रहा था; और उसने ( यहोवा ) उस से बात की।।
िगनती 8
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 हा न को समझाकर यह कह, िक जब जब तू दीपकों को बारे तब तब सातों दीपक का काश दीवट के सा ने हो।
3 िनदान हा न ने वैसा ही िकया, अथात जो आ ा यहोवा ने मू सा को दी थी उसी के अनुसार उसने दीपकों को बारा, िक वे दीवट के सा ने उिजयाला दे ।
4 और दीवट की बनावट यह थी, अथात यह पाए से ले कर फूलों तक गढ़े ए सोने का बनाया गया था; जो नमू ना यहोवा ने मूसा को िदखलाया था उसी के अनुसार उसने दीवट को
बनाया।।
5 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 इ ाएिलयों के म म से लेिवयों को अलग ले कर शु कर।
7 उ शु करने के िलये तू ऐसा कर, िक पावन करने वाला जल उन पर िछड़क दे , िफर वे सवाग मु न कराएं , और व धोएं , और वे अपने को चछ कर।
8 तब वे ते ल से सने ए मैदे के अ बिल समेत एक बछड़ा ले ल, और तू पापबिल के िलये एक दू सरा बछड़ा ले ना।
9 और तू ले िवयों को िमलापवाले त ू के सा ने समीप प ंचाना, और इ ाएिलयों की सारी म ली को इक ा करना।
10 तब तू ले िवयों को यहोवा के आगे समीप ले आना, और इ ाएली अपने अपने हाथ उन पर रख,
11 तब हा न लेिवयों को यहोवा के सा ने इ ाएिलयों की ओर से िहलाई ई भट कर के अपण करे , िक वे यहोवा की सेवा करने वाले ठहर।
12 और ले वीय अपने अपने हाथ उन बछड़ों के िसरों पर रख; तब तू ले िवयों के िलये ायि करने को एक बछड़ा पापबिल और दू सरा होमबिल कर के यहोवा के िलये चढ़ाना।
13 और ले िवयों को हा न और उसके पु ों के स ुख खड़ा करना, और उन को िहलाने की भट के िलये यहोवा को अपण करना।
14 और उ इ ाएिलयों म से अलग करना, सो वे मेरे ही ठहरगे ।
15 और जब तू लेिवयों को शु कर के िहलाई ई भट के िलये अपण कर चुके, उसके बाद वे िमलापवाले त ू स ी सेवा टहल करने के िलये अ र आया कर।
16 ोंिक वे इ ाएिलयों म से मुझे पूरी रीित से अपण िकए ए ह; म ने उन को सब इ ाएिलयों म से एक एक ी के पिहलौठे की स ी अपना कर िलया है।
17 इ ाएिलयों के पिहलौठे , चाहे मनु के हों चाहे पशु के, सब मेरे ह; ोंिक म ने उ उस समय अपने िलये पिव ठहराया जब म ने िम दे श के सब पिहलौठों को मार डाला।
18 और म ने इ ाएिलयों के सब पिहलौठों के बदले लेिवयों को िलया है।
19 उ े ले कर म ने हा न और उसके पु ों को इ ाएिलयों म से दान कर के दे िदया है , िक वे िमलापवाले त ू म इ ाएिलयों के िनिम सेवकाई और ायि िकया कर, कहीं ऐसा
न हो िक जब इ ाएली पिव थान के समीप आएं तब उन पर कोई महािवपि आ पड़े ।
20 ले िवयों के िवषय यहोवा की यह आ ा पाकर मूसा और हा न और इ ाएिलयों की सारी म ली ने उनके साथ ठीक वैसा ही िकया।
21 ले िवयोंने तो अपने को पाप से पावन िकया, और अपने व ों को धो डाला; और हा न ने उ यहोवा के सा ने िहलाई ई भट के िनिम अपण िकया, और उ शु करने को
उनके िलये ायि भी िकया।
22 और उसके बाद ले वीय हा न और उसके पु ों के सा ने िमलापवाले त ू म अपनी अपनी से वकाई करने को गए; और जो आ ा यहोवा ने मू सा को लेिवयों के िवषय म दी थी उसी
के अनुसार वे उन से वहार करने लगे।।
23 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
24 जो ले िवयों को करना है वह यह है, िक प ीस वष की अव था से ले कर उस से अिधक आयु म वे िमलापवाले त ू स ी काम करने के िलये भीतर उप थत आ कर;
25 और जब पचास वष के हों तो िफर उस सेवा के िलये न आए और न काम कर;
26 पर ु वे अपने भाई ब ुओं के साथ िमलापवाले त ू के पास र ा का काम िकया कर, और िकसी कार की सेवकाई न कर। ले िवयों को जो जो काम सौंपे जाएं उनके िवषय तू उन
से ऐसा ही करना।।
िगनती 9
1 इ ाएिलयों के िम दे श से िनकलने के दू सरे वष के पिहले महीने म यहोवा ने सीनै के जंगल म मू सा से कहा,
2 इ ाएली फसह नाम प को उसके िनयत समय पर माना कर।
3 अथात इसी महीने के चौदहव िदन को गोधूिल के समय तुम लोग उसे सब िविधयों और िनयमों के अनु सार मानना।
4 तब मू सा ने इ ाएिलयों से फसह मानने के िलये कह िदया।
5 और उ ोंने पहले महीने के चौदहव िदन को गोधूिल के समय सीनै के जंगल म फसह को माना; और जो जो आ ाएं यहोवा ने मू सा को दी थी ं उ ी ं के अनु सार इ ाएिलयों ने िकया।
6 पर ु िकतने लोग िकसी मनु की लोथ के ारा अशु होने के कारण उस िदन फसह को न मान सके; वे उसी िदन मूसा और हा न के समीप जा कर मूसा से कहने लगे ,
7 हम लोग एक मनु की लोथ के कारण अशु ह; पर ु हम ों के रह, और इ ाएिलयों के सं ग यहोवा का चढ़ावा िनयत समय पर ों न चढ़ाएं ?
8 मू सा ने उन से कहा, ठहरे रहो, म सुन लूं िक यहोवा तु ारे िवषय म ा आ ा दे ता है ।
9 यहोवा ने मू सा से कहा,
10 इ ाएिलयों से कह, िक चाहे तुम लोग चाहे तु ारे वंश म से कोई भी िकसी लोथ के कारण अशु हो, वा दू र की या ा पर हो, तौभी वह यहोवा के िलये फसह को माने।
11 वे उसे दू सरे महीने के चौदहव िदन को गोधूिल के समय मान; और फसह के बिलपशु के मां स को अखमीरी रोटी और कडु ए सागपात के साथ खाएं ।
12 और उस म से कुछ भी िबहान तक न रख छोड़े , और न उसकी कोई ह ी तोड़े ; वे उस प को फसह की सारी िविधयों के अनुसार मान।
13 पर ु जो मनु शु हो और या ा पर न हो, पर ु फसह के प को न माने , वह ाणी अपने लोगों म से नाश िकया जाए, उस मनु को यहोवा का चढ़ावा िनयत समय पर न ले
आने के कारण अपने पाप का बोझ उठाना पड़े गा।
14 और यिद कोई परदे शी तु ारे साथ रहकर चाहे िक यहोवा के िलये फसह माने, तो वह उसी िविध और िनयम के अनु सार उसको माने ; दे शी और परदे शी दोनों के िलये तु ारी एक
ही िविध हो।।
15 िजस िदन िनवास जो सा ी का त ू भी कहलाता है खड़ा िकया गया, उस िदन बादल उस पर छा गया; और स ा को वह िनवास पर आग सा िदखाई िदया और भोर तक िदखाई
दे ता रहा।
16 और िन ऐसा ही आ करता था; अथात िदन को बादल छाया रहता, और रात को आग िदखाई दे ती थी।
17 और जब जब वह बादल त ू पर से उठ जाता तब इ ाएली थान करते थे; और िजस थान पर बादल ठहर जाता वही ं इ ाएली अपने डे रे खड़े करते थे।
18 यहोवा की आ ा से इ ाएली कूच करते थे, और यहोवा ही की आ ा से वे डे रे खड़े भी करते थे ; और िजतने िदन तक वह बादल िनवास पर ठहरा रहता उतने िदन तक वे डे रे डाले
पड़े रहते थे ।
19 और जब जब बादल ब त िदन िनवास पर छाया रहता तब इ ाएली यहोवा की आ ा मानते , और थान नही ं करते थे।
20 और कभी कभी वह बादल थोड़े ही िदन तक िनवास पर रहता, और तब भी वे यहोवा की आ ा से डे रे डाले पड़े रहते थे और िफर यहोवा की आ ा ही से थान करते थे ।
21 और कभी कभी बादल केवल स ा से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे थान करते थे , और यिद वह रात िदन बराबर रहता तो जब बादल उठ जाता तब
ही वे थान करते थे।
22 वह बादल चाहे दो िदन, चाहे एक महीना, चाहे वष भर, जब तक िनवास पर ठहरा रहता तब तक इ ाएली अपने डे रों म रहते और थान नही ं करते थे; पर ु जब वह उठ जाता
तब वे थान करते थे।
23 यहोवा की आ ा से वे अपने डे र खड़े करते, और यहोवा ही की आ ा से वे थान करते थे ; जो आ ा यहोवा मू सा के ारा दे ता था उसको वे माना करते थे।।
िगनती 10
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 चांदी की दो तुरिहयां गढ़के बनाईं जाएं ; तू उन को म ली के बु लाने , और छाविनयों के थान करने म काम म लाना।
3 और जब वे दोनों फूंकी जाएं , तब सारी म ली िमलापवाले त ू के ार पर ते रे पास इक ी हो जाए।
4 और यिद एक ही तु रही फूंकी जाए, तो धान लोग जो इ ाएल के हजारों के मु पु ष ह तेरे पास इक े हो जाएं ।
5 जब तुम लोग सांस बा कर फूंको, तो पू रब िदशा की छाविनयों का थान हो।
6 और जब तु म दू सरी बेर सांस बा कर फूंको, तब द न िदशा की छाविनयों का थान हो। उनके थान करने के िलये वे सांस बा कर फूंक।
7 और जब लोगों को इक ा कर के सभा करनी हो तब भी फूंकना पर ु सांस बा कर नहीं।
8 और हा न के पु जो याजक ह वे उन तु रिहयों को फूंका कर। यह बात तु ारी पीढ़ी-पीढ़ी के िलये सवदा की िविध रहे ।
9 और जब तु म अपने दे श म िकसी सताने वाले बैरी से लड़ने को िनकलो, तब तुरिहयों को सांस बा कर फूंकना, तब तु ारे परमे र यहोवा को तु ारा रण आएगा, और तुम अपने
श ुओं से बचाए जाओगे।
10 और अपने आन के िदन म, और अपने िनयत प म, और महीनों के आिद म, अपने होमबिलयोंऔर मेलबिलयों के साथ उन तुरिहयों को फूंकना; इस से तु ारे परमे र को
तु ारा रण आएगा; म तु ारा परमे र यहोवा ं।।
11 और दू सरे वष के दू सरे महीने के बीसव िदन को बादल सा ी के िनवास पर से उठ गया,
12 तब इ ाएली सीनै के जंगल म से िनकलकर थान कर के िनकले; और बादल पारान नाम जंगल म ठहर गया।
13 उनका थान यहोवा की उस आ ा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी आर आ।
14 और सब से पहले तो य िदयों की छावनी के झंडे का थान आ, और वे दल बा कर चले ; और उन का से नापित अ ीनादाब का पु नहशोन था।
15 और इ ाका रयों के गो का सेनापित सूआर का पु नतने ल था।
16 और जबू लूिनयों के गो का सेनापित हेलोन का पु एलीआब था।
17 तब िनवास उतारा गया, और गेश िनयोंऔर मरा रयों ने जो िनवास को उठाते थे थान िकया।
18 िफर बे न की छावनी झंडे का कूच आ, और वे भी दल बनाकर चले; और उनका सेनापित शदे ऊर का पु एलीशूर था।
19 और िशमोिनयों के गो का सेनापित सूरीश ै का पु शलूमीएल था।
20 और गािदयों के गो का सेनापित दू एल का पु ए ासाप था।
21 तब कहाितयों ने पिव व ुओं को उठाए ए थान िकया, और उनके प ं चने तक गे श िनयोंऔर मरा रयों ने िनवास को खड़ा कर िदया।
22 िफर ए ैिमयों की छावनी के झंडे का कूच आ, और वे भी दल बनाकर चले ; और उनका सेनापित अ ी द का पु एलीशामा था।
23 और मन ेइयों के गो को सेनापित पदासूर का पु ग ीएल था।
24 और िब ामीिनयों के गो का सेनापित िगदोनी का पु अबीदान था।
25 िफर दािनयों की छावनी जो सब छाविनयों के पीछे थी, उसके झं डे का थान आ, और वे भी दल बना कर चले; और उनका सेनापित अ ीश ै का पु अहीएजेर था।
26 और आशे रयों के गो का सेनापित ओ ान का पु प ीएल था।
27 और न ािलयों के गो का सेनापित एनान का पु अहीरा था।
28 इ ाएली इसी कार अपने अपने दलों के अनुसार थान करते , और आगे बढ़ा करते थे ।
29 और मू सा ने अपने ससुर एल िम ानी के पु होबाब से कहा, हम लोग उस थान की या ा करते ह िजसके िवषय म यहोवा ने कहा है, िक म उसे तुम को दू ं गा; सो तू भी हमारे संग
चल, और हम ते री भलाई करगे; ोंिक यहोवा ने इ ाएल के िवषय म भला ही कहा है ।
30 होबाब ने उसे उ र िदया, िक म नहीं जाऊंगा; म अपने दे श और कुटु यों म लौट जाऊंगा।
31 िफर मू सा ने कहा, हम को न छोड़, ोंिक जंगल म कहां कहां डे रा खड़ा करना चािहये, यह तुझे ही मालूम है, तू हमारे िलये आं खों का काम दे ना।
32 और यिद तू हमारे संग चले, तो िन य जो भलाई यहोवा हम से करे गा उसी के अनु सार हम भी तुझ से वैसा ही करगे।।
33 िफर इ ाएिलयों ने यहोवा के पवत से थान कर के तीन िदन की या ा की; और उन तीनों िदनों के माग म यहोवा की वाचा का स दू क उनके िलये िव ाम का थान ढू ं ढ़ता आ
उनके आगे आगे चलता रहा।
34 और जब वे छावनी के थान से थान करते थे तब िदन भर यहोवा का बादल उनके ऊपर छाया रहता था।
35 और जब जब स दू क का थान होता था तब तब मूसा यह कहा करता था, िक हे यहोवा, उठ, और तेरे श ु ित र िब र हो जाएं , और तेरे बैरी तेरे सा ने से भाग जाएं ।
36 और जब जब वह ठहर जाता था तब तब मूसा कहा करता था, िक हे यहोवा, हजारों-हज़ार इ ाएिलयों म लौटकर आ जा।।
िगनती 11
1 िफर वे लोग बुड़बुड़ाने और यहोवा के सुनते बुरा कहने लगे ; िनदान यहोवा ने सु ना, और उसका कोप भड़क उठा, और यहोवा की आग उनके म जल उठी, और छावनी के एक
िकनारे से भ करने लगी।
2 तब मू सा के पास आकर िच ाए; और मूसा ने यहोवा से ाथना की, तब वह आग बुझ गई,
3 और उस थान का नाम तबेरा पड़ा, ोंिक यहोवा की आग उन म जल उठी थी।।
4 िफर जो िमली-जु ली भीड़ उनके साथ थी वह कामुकता करने लगी; और इ ाएली भी िफर रोने और कहने लगे , िक हम मांस खाने को कौन दे गा।
5 हम वे मछिलयां रण ह जो हम िम म सतमत खाया करते थे, और वे खीरे , और खरबूजे, और ग ने , और ाज, और लहसुन भी;
6 पर ु अब हमारा जी घबरा गया है, यहां पर इस म ा को छोड़ और कुछ भी दे ख नही ं पड़ता।
7 म ा तो धिनये के समान था, और उसका रं ग प मोती का सा था।
8 लोग इधर उधर जा कर उसे बटोरते, और च ी म पीसते वा ओखली म कूटते थे, िफर तसले म पकाते, और उसके फुलके बनाते थे; और उसका ाद तेल म बने ए पु ए का सा
था।
9 और रात को छावनी म ओस पड़ती थी तब उसके साथ म ा भी िगरता था।
10 और मू सा ने सब घरानों के आदिमयों को अपने अपने डे रे के ार पर रोते सु ना; और यहोवा का कोप अ भड़का, और मूसा को भी बुरा मालूम आ।
11 तब मू सा ने यहोवा से कहा, तू अपने दास से यह बुरा वहार ों करता है ? और ा कारण है िक म ने तेरी ि म अनु ह नही ं पाया, िक तू ने इन सब लोगों का भार मुझ पर
डाला है?
12 ा ये सब लोग मे रे ही कोख म पड़े थे? ा म ही ने उन को उ िकया, जो तू मु झ से कहता है , िक जै से िपता दू ध पीते बालक को अपनी गोद म उठाए उठाए िफरता है , वैसे ही
म इन लोगों को अपनी गोद म उठा कर उस दे श म ले जाऊं, िजसके दे ने की शपथ तू ने उनके पू वजों से खाई है ?
13 मुझे इतना मांस कहां से िमले िक इन सब लोगों को दू ं ? ये तो यह कह कहकर मे रे पास रो रहे ह, िक तू हमे मां स खाने को दे ।
14 म अकेला इन सब लोगों का भार नहीं स ाल सकता, ोंिक यह मे री श के बाहर है ।
15 और जो तुझे मेरे साथ यही वहार करना है, तो मुझ पर तेरा इतना अनु ह हो, िक तू मे रे ाण एकदम ले ले , िजस से म अपनी दु दशा न दे खने पाऊं।।
16 यहोवा ने मूसा से कहा, इ ाएली पुरिनयों म से स र ऐसे पु ष मेरे पास इक े कर, िजन को तू जानता है िक वे जा के पुरिनये और उनके सरदार ह; और िमलापवाले त ू के
पास ले आ, िक वे तेरे साथ यहां खड़े हों।
17 तब म उतरकर तुझ से वहां बात क ं गा; और जो आ ा तुझ म है उस म से कुछ ले कर उन म समवाऊंगा; और वे इन लोगों का भार तेरे संग उठाए रहगे, और तु झे उसको अकेले
उठाना न पड़े गा।
18 और लोगों से कह, कल के िलये अपने को पिव करो, तब तु मांस खाने को िमले गा; ोंिक तुम यहोवा के सुनते ए यह कह कहकर रोए हो, िक हम मांस खाने को कौन दे गा?
हम िम ही म भले थे। सो यहोवा तुम को मांस खाने को दे गा, और तुम खाना।
19 िफर तु म एक िदन, वा दो, वा पांच, वा दस, वा बीस िदन ही नही ं,
20 पर ु महीने भर उसे खाते रहोगे, जब तक वह तु ारे नथनों से िनकलने न लगे और तुम को उस से घृणा न हो जाए, ोंिक तुम लोगों ने यहोवा को जो तु ारे म म है तु जाना
है , और उसके सा ने यह कहकर रोए हो, िक हम िम से ों िनकल आए?
21 िफर मू सा ने कहा, िजन लोगों के बीच म ं उन म से छ: लाख तो ादे ही ह; और तू ने कहा है, िक म उ इतना मां स दू ं गा, िक वे महीने भर उसे खाते ही रहगे।
22 ा वे सब भेड़-बकरी गाय-बैल उनके िलये मारे जाएं , िक उन को मां स िमले ? वा ा समु की सब मछिलयां उनके िलये इक ी की जाएं , िक उन को मांस िमले?
23 यहोवा ने मूसा से कहा, ा यहोवा का हाथ छोटा हो गया है? अब तू दे खेगा, िक मे रा वचन जो म ने तुझ से कहा है वह पूरा होता है िक नही।ं
24 तब मू सा ने बाहर जा कर जा के लोगों को यहोवा की बात कह सुनाईं; और उनके पुरिनयों म से स र पु ष इक े कर के त ू के चारों ओर खड़े िकए।
25 तब यहोवा बादल म हो कर उतरा और उसने मूसा से बात की, और जो आ ा उस म थी उस म से ले कर उन स र पु रिनयों म समवा िदया; और जब वह आ ा उन म आई तब वे
नबू वत करने लगे । पर ु िफर और कभी न की।
26 पर ु दो मनु छावनी म रह गए थे, िजस म से एक का नाम एलदाद और दू सरे का मे दाद था, उन म भी आ ा आई; ये भी उ ी ं म से थे िजनके नाम िलख िलये गए थे , पर त ू के
पास न गए थे, और वे छावनी ही म नबूवत करने लगे।
27 तब िकसी जवान ने दौड़ कर मूसा को बतलाया, िक एलदाद और मे दाद छावनी म नबू वत कर रहे ह।
28 तब नून का पु यहोशू, जो मूसा का टहलुआ और उसके चु ने ए वीरों म से था, उसने मूसा से कहा, हे मे रे ामी मू सा, उन को रोक दे ।
29 मूसा ने उन से कहा, ा तू मेरे कारण जलता है? भला होता िक यहोवा की सारी जा के लोग नबी होते , और यहोवा अपना आ ा उन सभों म समवा दे ता!
30 तब िफर मूसा इ ाएल के पु रिनयों समेत छावनी म चला गया।
31 तब यहोवा की ओर से एक बड़ी आं धी आई, और वह समु से बटे र उड़ाके छावनी पर और उसके चारों ओर इतनी ले आईं, िक वे इधर उधर एक िदन के माग तक भूिम पर दो हाथ
के लगभग ऊंचे तक छा गए।
32 और लोगों ने उठ कर उस िदन भर और रात भर, और दू सरे िदन भी िदन भर बटे रों को बटोरते रहे ; िजसने कम से कम बटोरा उसने दस होमेर बटोरा; और उ ोंने उ छावनी के
चारों ओर फैला िदया।
33 मांस उनके मुंह ही म था, और वे उसे खाने न पाए थे, िक यहोवा का कोप उन पर भड़क उठा, और उसने उन को ब त बड़ी मार से मारा।
34 और उस थान का नाम िक ोथ ावा पड़ा, ोंिक िजन लोगों ने कामुकता की थी उन को वहां िम ी दी गई।
35 िफर इ ाएली िक ोथ ावा से थान कर के हसेरोत म प ंचे, और वहीं रहे ।।
िगनती 12
1 मू सा ने तो एक कूशी ी के साथ ाह कर िलया था। सो म रयम और हा न उसकी उस ािहता कूशी ी के कारण उसकी िन ा करने लगे;
2 उ ोंने कहा, ा यहोवा ने केवल मूसा ही के साथ बात की ह? ा उसने हम से भी बात नहीं की ं? उनकी यह बात यहोवा ने सुनी।
3 मू सा तो पृ ी भर के रहने वाले मनु ों से ब त अिधक न भाव का था।
4 सो यहोवा ने एकाएक मूसा और हा न और म रयम से कहा, तु म तीनों िमलापवाले त ू के पास िनकल आओ। तब वे तीनों िनकल आए।
5 तब यहोवा ने बादल के ख े म उतरकर त ू के ार पर खड़ा हो कर हा न और म रयम को बु लाया; सो वे दोनों उसके पास िनकल आए।
6 तब यहोवा ने कहा, मेरी बात सुनो: यिद तुम म कोई नबी हो, तो उस पर म यहोवा दशन के ारा अपने आप को गट क ं गा, वा म उस से बात क ं गा।
7 पर ु मेरा दास मू सा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों म िव ास यो है।
8 उस से म गु रीित से नहीं, पर ु आ ने सा ने और हो कर बात करता ं; और वह यहोवा का प िनहारने पाता है। सो तुम मेरे दास मूसा की िन ा करते ए ों नही ं
डरे ?
9 तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया;
10 तब वह बादल त ू के ऊपर से उठ गया, और म रयम कोढ़ से िहम के समान े त हो गई। और हा न ने म रयम की ओर ि की, और दे खा, िक वह कोिढ़न हो गई है ।
11 तब हा न मूसा से कहने लगा, हे मेरे भु, हम दोनों ने जो मूखता की वरन पाप भी िकया, यह पाप हम पर न लगने दे ।
12 और म रयम को उस मरे ए के समान न रहने दे , िजसकी दे ह अपनी मां के पे ट से िनकलते ही अधगली हो।
13 सो मूसा ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, हे ई र, कृपा कर, और उसको चं गा कर।
14 यहोवा ने मूसा से कहा, यिद उसका िपता उसके मुंह पर थूका ही होता, तो ा सात िदन तक वह ल त न रहती? सो वह सात िदन तक छावनी से बाहर ब रहे , उसके बाद वह
िफर भीतर आने पाए।
15 सो म रयम सात िदन तक छावनी से बाहर ब रही, और जब तक म रयम िफर आने न पाई तब तक लोगों ने थान न िकया।
16 उसके बाद उ ोंने हसेरोत से थान कर के पारान नाम जंगल म अपने डे रे खड़े िकए।।
िगनती 13
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 कनान दे श िजसे म इ ाएिलयों को दे ता ं उसका भेद ले ने के िलये पु षों को भे ज; वे उनके िपतरों के ित गो का एक धान पु ष हों।
3 यहोवा से यह आ ा पाकर मूसा ने ऐसे पु षों को पारान जं गल से भेज िदया, जो सब के सब इ ाएिलयों के धान थे ।
4 उनके नाम ये ह, अथात बेन के गो म से जककूर का पु श ू;
5 िशमोन के गो म से होरी का पु शापात;
6 य दा के गो म से यपु े का पु कालेब;
7 इ ाकार के गो म से योसेप का पु ियगाल;
8 ए ैम के गो म से नू न का पु होशे;
9 िब ामीन के गो म से रापू का पु पलती;
10 जबू लून के गो म से सोदी का पु ग ीएल;
11 यूसुफ वंिशयों म, मन े के गो म से सूसी का पु ग ी;
12 दान के गो म से गम ी का पु अ ीएल;
13 आशेर के गो म से मीकाएल का पु सतूर;
14 न ाली के गो म से वो ी का पु न बी;
15 गाद के गो म से माकी का पु गूएल।
16 िजन पु षों को मू सा ने दे श का भेद लेने के िलये भेजा था उनके नाम ये ही ह। और नू न के पु होशे का नाम उसने यहोशू रखा।
17 उन को कनान दे श के भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, इधर से , अथात दि ण दे श हो कर जाओ,
18 और पहाड़ी दे श म जा कर उस दे श को दे ख लो िक कैसा है, और उस म बसे ए लोगों को भी दे खो िक वे बलवान् ह वा िनबल, थोड़े ह वा ब त,
19 और िजस दे श म वे बसे ए ह सो कैसा है, अ ा वा बु रा, और वे कैसी कैसी ब यों म बसे ए ह, और त ु ओं म रहते ह वा गढ़ वा िकलों म रहते ह,
20 और वह दे श कैसा है, उपजाऊ है वा बंजर है, और उस म वृ ह वा नहीं। और तु म िहयाव बा े चलो, और उस दे श की उपज म से कुछ लेते भी आना। वह समय पहली प ी
दाखों का था।
21 सो वे चल िदए, और सीन नाम जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के माग म है , सारे दे श को दे खभालकर उसका भेद िलया।
22 सो वे दि ण दे श हो कर चले, और हे ोन तक गए; वहां अहीमन, शेशै, और त ै नाम अनाकवंशी रहते थे। हे ोन तो िम के सोअन से सात वष पिहले बसाया गया था।
23 तब वे एशकोल नाम नाले तक गए, और वहां से एक डाली दाखों के गु े समे त तोड़ ली, और दो मनु उस एक लाठी पर लटकाए ए उठा ले चले गए; और वे अनारोंऔर अंजीरों
म से भी कुछ कुछ ले आए।
24 इ ाएली वहां से जो दाखों का गु ा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस थान का नाम एशकोल नाला रखा गया।
25 चालीस िदन के बाद वे उस दे श का भेद ले कर लौट आए।
26 और पारान जं गल के कादे श नाम थान म मूसा और हा न और इ ाएिलयों की सारी म ली के पास प ं चे; और उन को और सारी म ली को संदेशा िदया, और उस दे श के
फल उन को िदखाए।
27 उ ोंने मूसा से यह कहकर वणन िकया, िक िजस दे श म तू ने हम को भे जा था उस म हम गए; उस म सचमुच दू ध और मधु की धाराएं बहती ह, और उसकी उपज म से यही है ।
28 पर ु उस दे श के िनवासी बलवान् ह, और उसके नगर गढ़ वाले ह और ब त बड़े ह; और िफर हम ने वहां अनाकवंिशयों को भी दे खा।
29 दि ण दे श म तो अमालेकी बसे ए ह; और पहाड़ी दे श म िह ी, यबू सी, और एमोरी रहते ह; और समु के िकनारे िकनारे और यरदन नदी के तट पर कनानी बसे ए ह।
30 पर कालेब ने मूसा के सा ने जा के लोगों को चुप कराने की मनसा से कहा, हम अभी चढ़ के उस दे श को अपना कर ल; ोंिक िन:स े ह हम म ऐसा करने की श है ।
31 पर जो पु ष उसके संग गए थे उ ोंने कहा, उन लोगों पर चढ़ने की श हम म नहीं है; ोंिक वे हम से बलवान् ह।
32 और उ ोंने इ ाएिलयों के सा ने उस दे श की िजसका भे द उ ोंने िलया था यह कहकर िन ा भी की, िक वह दे श िजसका भेद लेने को हम गये थे ऐसा है, जो अपने िनवािसयों
िनगल जाता है ; और िजतने पु ष हम ने उस म दे खे वे सब के सब बड़े डील डौल के ह।
33 िफर हम ने वहां नपीलों को, अथात नपीली जाित वाले अनाकवंिशयों को दे खा; और हम अपनी ि म तो उनके सा ने िट े के सामान िदखाई पड़ते थे, और ऐसे ही उनकी ि म
मालू म पड़ते थे।।
िगनती 14
1 तब सारी म ली िच ा उठी; और रात भर वे लोग रोते ही रहे।
2 और सब इ ाएली मूसा और हा न पर बुड़बुड़ाने लगे; और सारी म ली उसने कहने लगी, िक भला होता िक हम िम ही म मर जाते! वा इस जंगल ही म मर जाते!
3 और यहोवा हम को उस दे श म ले जा कर ों तलवार से मरवाना चाहता है? हमारी यां और बाल-ब े तो लू ट म चल जाएं गे; ा हमारे िलये अ ा नही ं िक हम िम दे श को
लौट जाएं ?
4 िफर वे आपस म कहने लगे, आओ, हम िकसी को अपना धान बना ल, और िम को लौट चल।
5 तब मू सा और हा न इ ाएिलयों की सारी म ली के सा ने मुं ह के बल िगरे ।
6 और नून का पु यहोशू और यपु े का पु कािलब, जो दे श के भेद लेने वालों म से थे, अपने अपने व फाड़कर,
7 इ ाएिलयों की सारी म ली से कहने लगे, िक िजस दे श का भेद ले ने को हम इधर उधर घू म कर आए ह, वह अ उ म दे श है।
8 यिद यहोवा हम से स हो, तो हम को उस दे श म, िजस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह, प ं चाकर उसे हमे दे दे गा।
9 केवल इतना करो िक तुम यहोवा के िव बलवा न करो; और न तो उस दे श के लोगों से डरो, ोंिक वे हमारी रोटी ठहरगे; छाया उनके ऊपर से हट गई है, और यहोवा हमारे संग
है ; उन से न डरो।
10 तब सारी म ली िच ा उठी, िक इन को प रवाह करो। तब यहोवा का ते ज सब इ ाएिलयों पर काशमान आ।।
11 तब यहोवा ने मूसा से कहा, वे लोग कब तक मेरा ितर ार करते रहगे? और मेरे सब आ यकम दे खने पर भी कब तक मुझ पर िव ास न करगे?
12 म उ मरी से मा ं गा, और उनके िनज भाग से उ िनकाल दू ं गा, और तुझ से एक जाित उपजाऊंगा जो उन से बड़ी और बलव होगी।
13 मूसा ने यहोवा से कहा, तब तो िम ी िजनके म म से तू अपनी साम िदखाकर उन लोगों को िनकाल ले आया है यह सुनगे,
14 और इस दे श के िनवािसयों कहगे। उ ोंने तो यह सु ना है, िक तू जो यहोवा है इन लोगों के म म रहता है ; और िदखाई दे ता है, और तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है,
और तू िदन को बादल के ख े म, और रात को अि के ख े म हो कर इनके आगे आगे चला करता है।
15 इसिलये यिद तू इन लोगों को एक ही बार म मार डाले , तो िजन जाितयों ने तेरी कीित सु नी है वे कहगी,
16 िक यहोवा उन लोगों को उस दे श म िजसे उसने उ दे ने की शपथ खाई थी प ं चा न सका, इस कारण उसने उ जं गल म घात कर डाला है।
17 सो अब भु की साम की मिहमा तेरे इस कहने के अनुसार हो,
18 िक यहोवा कोप करने म धीरजव और अित क णामय है, और अधम और अपराध का मा करनेवाला है , पर ु वह दोषी को िकसी कार से िनद ष न ठहराएगा, और पूवजों के
अधम का द उनके बे टों, और पोतों, और परपोतों को दे ता है।
19 अब इन लोगों के अधम को अपनी बड़ी क णा के अनु सार, और जै से तू िम से ले कर यहां तक मा करता रहा है वैसे ही अब भी मा कर दे ।
20 यहोवा ने कहा, ते री िबनती के अनुसार म मा करता ं ;
21 पर ु मेरे जीवन की शपथ सचमुच सारी पृ ी यहोवा की मिहमा से प रपू ण हो जाएगी;
22 उन सब लोगों ने िज ोंने मेरी मिहमा िम दे श म और जं गल म दे खी, और मे रे िकए ए आ यकम को दे खने पर भी दस बार मेरी परी ा की, और मेरी बात नहीं मानी,
23 इसिलये िजस दे श के िवषय म ने उनके पूवजों से शपथ खाई, उसको वे कभी दे खने न पाएं गे; अथात िजतनों ने मे रा अपमान िकया है उन म से कोई भी उसे दे खने न पाएगा।
24 पर ु इस कारण से िक मेरे दास कािलब के साथ और ही आ ा है , और उसने पू री रीित से मे रा अनु करण िकया है , म उसको उस दे श म िजस म वह हो आया है प ं चाऊंगा, और
उसका वंश उस दे श का अिधकारी होगा।
25 अमाले की और कनानी लोग तराई म रहते ह, सो कल तुम घू मकर थान करो, और लाल समु के माग से जं गल म जाओ।।
26 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
27 यह बुरी म ली मुझ पर बुड़बुड़ाती रहती है, उसको म कब तक सहता र ं ? इ ाएली जो मुझ पर बु ड़बु ड़ाते रहते ह, उनका यह बुड़बुड़ाना म ने तो सुना है।
28 सो उन से कह, िक यहोवा की यह वाणी है, िक मेरे जीवन की शपथ जो बात तु म ने मे रे सु नते कही ह, िन:स े ह म उसी के अनुसार तु ारे साथ वहार क ं गा।
29 तु ारी लोथ इसी जंगल म पड़ी रहगी; और तुम सब म से बीस वष की वा उस से अिधक अव था के िजतने िगने गए थे , और मुझ पर बुड़बुड़ाते थे,
30 उस म से यपु े के पु कािलब और नून के पु यहोशू को छोड़ कोई भी उस दे श म न जाने पाएगा, िजसके िवषय म ने शपथ खाई है िक तुम को उस म बसाऊंगा।
31 पर ु तु ारे बाल-ब े िजनके िवषय तुम ने कहा है, िक ये लूट म चले जाएं गे, उन को म उस दे श म प ं चा दू ं गा; और वे उस दे श को जान लगे िजस को तुम ने तु जाना है।
32 पर ु तु म लोगों की लोथ इसी जंगल म पड़ी रहगी।
33 और जब तक तु ारी लोथ जंगल म न गल जाएं तक तक, अथात चालीस वष तक, तु ारे बाल-ब े जंगल म तु ारे िभचार का फल भोगते ए चरवाही करते रहगे ।
34 िजतने िदन तुम उस दे श का भेद लेते रहे, अथात चालीस िदन उनकी िगनती के अनु सार, िदन पीछे उस वष, अथात चालीस वष तक तुम अपने अधम का द उठाए रहोगे, तब तुम
जान लोगे िक मेरा िवरोध ा है।
35 म यहोवा यह कह चुका ं, िक इस बुरी म ली के लोग जो मेरे िव इक े ए ह उसी जं गल म मर िमटगे; और िन:स े ह ऐसा ही क ं गा भी।
36 तब िजन पु षों को मू सा ने उस दे श के भेद लेने के िलये भेजा था, और उ ोंने लौटकर उस दे श की नामधराई कर के सारी म ली को कुड़कुड़ाने के िलये उभारा था,
37 उस दे श की वे नामधराई करने वाले पु ष यहोवा के मारने से उसके सा ने मर गथे ।
38 पर ु दे श के भे द लेने वाले पु षों म से नून का पु यहोशू और यपु े का पु कािलब दोनों जीिवत रहे।
39 तब मू सा ने ये बात सब इ ाएिलयों को कह सुनाईं और वे ब त िवलाप करने लगे।
40 और वे िबहान को सवेरे उठ कर यह कहते ए पहाड़ की चोटी पर चढ़ने लगे, िक हम ने पाप िकया है; पर ु अब तैयार ह, और उस थान को जाएं गे िजसके िवषय यहोवा ने वचन
िदया था।
41 तब मू सा ने कहा, तुम यहोवा की आ ा का उ ंघन ों करते हो? यह सफल न होगा।
42 यहोवा तु ारे म म नहीं है, मत चढ़ो, नही ं तो श ुओं से हार जाओगे।
43 वहां तु ारे आगे अमालेकी और कनानी लोग ह, सो तुम तलवार से मारे जाओगे; तु म यहोवा को छोड़कर िफर गए हो, इसिलये वह तु ारे संग नही ं रहे गा।
44 पर ु वे िढठाई कर के पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए, पर ु यहोवा की वाचा का स दू क, और मू सा, छावनी से न हटे ।
45 अब अमाले की और कनानी जो उस पहाड़ पर रहते थे उन पर चढ़ आए, और होमा तक उन को मारते चले आए।।
िगनती 15
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से कह, िक जब तुम अपने िनवास के दे श म प ंचों, जो म तु े दे ता ं,
3 और यहोवा के िलये ा होमबिल, ा मेलबिल, कोई ह चढ़ावो, चाहे वह िवशेष म त पूरी करने का हो चाहे े ाबिल का हो, चाहे तु ारे िनयत समयों म का हो, या वह चाहे
गाय-बैल चाहे भेड़-बक रयों म का हो, िजस से यहोवा के िलये सु खदायक सुग हो;
4 तब उस होमबिल वा मेलबिल के संग भेड़ के ब े पीछे यहोवा के िलये चौताई िहन ते ल से सना आ एपा का दसवां अं श मैदा अ बिल कर के चढ़ाना,
5 और चौथाई िहन दाखमधु अघ कर के दे ना।
6 और मे ढ़े पीछे ितहाई िहन तेल से सना आ एपा का दो दसवां अं श मैदा अ बिल कर के चढ़ाना;
7 और उसका अघ यहोवा को सुखदायक सुग दे ने वाला ितहाई िदन दाखमधु दे ना।
8 और जब तू यहोवा को होमबिल वा िकसी िवशेष म त पूरी करने के िलये बिल वा मेलबिल कर के बछड़ा चढ़ाए,
9 तब बछड़े का चढ़ाने वाला उसके संग आध िहन तेल से सना आ एपा का तीन दसवां अंश मैदा अ बिल कर के चढ़ाए।
10 और उसका अघ आध िहन दाखमधु चढ़ाए, वह यहोवा को सु खदायक सु ग दे ने वाला ह होगा।
11 एक एक बछड़े , वा मेढ़े, वा भेड़ के ब े, वा बकरी के ब े के साथ इसी रीित चढ़ावा चढ़ाया जाए।
12 तु ारे बिलपशुओं की िजतनी िगनती हो, उसी िगनती के अनुसार एक एक के साथ ऐसा ही िकया करना।
13 िजतने दे शी हों वे यहोवा को सुखदायक सुग दे ने वाला ह चढ़ाते समय ये काम इसी रीित से िकया कर।
14 और यिद कोई परदे शी तु ारे संग रहता हो, वा तु ारी िकसी पीढ़ी म तु ारे बीच कोई रहने वाला हो, और वह यहोवा को सुखदायक सुग दे ने वाला ह चढ़ाना चाहे , तो िजस
कार तु म करोगे उसी कार वह भी करे ।
15 म ली के िलये, अथात तु ारे और तु ारे संग रहने वाले परदे शी दोनों के िलये एक ही िविध हो; तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म यह सदा की िविध ठहरे , िक जैसे तुम हो वैसे ही पर दे शी भी
यहोवा के िलये ठहरता है।
16 तु ारे और तु ारे संग रहने वाले परदे िशयों के िलये एक ही व था और एक ही िनयम है ।।
17 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
18 इ ाएिलयों को मे रा यह वचन सुना, िक जब तुम उस दे श म प ं चो जहां म तु म को िलये जाता ं,
19 और उस दे श की उपज का अ खाओ, तब यहोवा के िलये उठाई ई भट चढ़ाया करो।
20 अपने पिहले गूंधे ए आटे की एक पपड़ी उठाई ई भट कर के यहोवा के िलये चढ़ाना; जै से तु म खिलहान म से उठाई ई भट चढ़ाओगे वैसे ही उसको भी उठाया करना।
21 अपनी पीढ़ी पीढ़ी म अपने पिहले गूंधे ए आटे म से यहोवा को उठाई ई भट िदया करना।।
22 िफर जब तुम इन सब आ ाओं म से िज यहोवा ने मू सा को िदया है िकसी का उ ं घन भू ल से करो,
23 अथात िजस िदन से यहोवा आ ा दे ने लगा, और आगे की तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म उस िदन से उसने िजतनी आ ाएं मू सा के ारा दी ह,
24 उस म यिद भूल से िकया आ पाप म ली के िबना जाने आ हो, तो सारी म ली यहोवा को सु खदायक सु ग दे ने वाला होमबिल कर के एक बछड़ा, और उसके सं ग िनयम के
अनु सार उसका अ बिल और अघ चढ़ाए, और पापबिल कर के एक बकरा चढ़ाए।
25 जब याजक इ ाएिलयों की सारी म ली के िलये ायि करे , और उनकी मा की जाएगी; ोंिक उनका पाप भूल से आ, और उ ोंने अपनी भू ल के िलये अपना चढ़ावा,
अथात यहोवा के िलये ह और अपना पापबिल उसके सा ने चढ़ाया।
26 सो इ ाएिलयों की सारी म ली का, और उसके बीच रहने वाले परदे शी का भी, वह पाप मा िकया जाएगा, ोंिक वह सब लोगों के अनजान म आ।
27 िफर यिद कोई ाणी भूल से पाप करे , तो वह एक वष की एक बकरी पापबिल कर के चढ़ाए।
28 और याजक भूल से पाप करने वाले ाणी के िलये यहोवा के सा ने ायि करे ; सो इस ायि के कारण उसका वह पाप मा िकया जाएगा।
29 जो कोई भूल से कुछ करे , चाहे वह परदे शी हो कर रहता हो, सब के िलये तु ारी एक ही व था हो।
30 पर ु ा दे शी ा परदे शी, जो ाणी िढठाई से कुछ करे , वह यहोवा का अनादर करने वाला ठहरे गा, और वह ाणी अपने लोगों म से नाश िकया जाए।
31 वह जो यहोवा का वचन तु जानता है, और उसकी आ ा का टालनेवाला है , इसिलये वह ाणी िन य नाश िकया जाए; उसका अधम उसी के िसर पड़े गा।।
32 जब इ ाएली जं गल म रहते थे, उन िदनों एक मनु िव ाम के िदन लकड़ी बीनता आ िमला।
33 और िजन को वह लकड़ी बीनता आ िमला, वे उसको मू सा और हा न, और सारी म ली के पास ले गए।
34 उ ोंने उसको हवालात म रखा, ोंिक ऐसे मनु से ा करना चािहये वह कट नहीं िकया गया था।
35 तब यहोवा ने मूसा से कहा, वह मनु िन य मार डाला जाए; सारी म ली के लोग छावनी के बाहर उस पर प रवाह कर।
36 सो जैसा यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी उसी के अनु सार सारी म ली के लोगों ने उसको छावनी से बाहर ले जा कर प रवाह िकया, और वह मर गया।
37 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
38 इ ाएिलयों से कह, िक अपनी पीढ़ी पीढ़ी म अपने व ों के कोर पर झालर लगाया करना, और एक एक कोर की झालर पर एक नीला फीता लगाया करना;
39 और वह तु ारे िलये ऐसी झालर ठहरे , िजस से जब जब तुम उसे दे खो तब तब यहोवा की सारी आ ाएं तुम हो रण आ जाएं ; और तुम उनका पालन करो, और तुम अपने अपने
मन और अपनी अपनी ि के वश म हो कर िभचार न करते िफरो जैसे करते आए हो।
40 पर ु तु म यहोवा की सब आ ाओं को रण कर के उनका पालन करो, और अपने परमे र के िलये पिव बनो।
41 म यहोवा तु ारा परमे र ं, जो तु े िम दे श से िनकाल ले आया िक तु ारा परमे र ठह ं ; म तु ारा परमे र यहोवा ं।।
िगनती 16
1 कोरह जो लेवी का परपोता, कहात का पोता, और ियसहार का पु था, वह एलीआब के पु दातान और अबीराम, और पेलेत के पु ओन,
2 इन तीनों बेिनयों से िमलकर म ली के अढ़ाई सौ धान, जो सभासद और नामी थे , उन को सं ग िलया;
3 और वे मूसा और हा न के िव उठ खड़े ए, और उन से कहने लगे , तुम ने ब त िकया, अब बस करो; ोंिक सारी म ली का एक एक मनु पिव है, और यहोवा उनके म
म रहता है; इसिलये तुम यहोवा की म ली म ऊंचे पद वाले ों बन बैठे हो?
4 यह सुनकर मू सा अपने मुंह के बल िगरा;
5 िफर उसने कोरह और उसकी सारी म ली से कहा, िक िबहान को यहोवा िदखला दे गा िक उसका कौन है, और पिव कौन है, और उसको अपने समीप बुला लेगा; िजस को वह
आप चुन ले गा उसी को अपने समीप बुला भी लेगा।
6 इसिलये, हे कोरह, तु म अपनी सारी म ली समेत यह करो, अथात अपना अपना धूपदान ठीक करो;
7 और कल उन म आग रखकर यहोवा के सा ने धूप दे ना, तब िजस को यहोवा चु न ले वही पिव ठहरे गा। हे ले िवयों, तुम भी बड़ी बड़ी बात करते हो, अब बस करो।
8 िफर मू सा ने कोरह से कहा, हे लेिवयों, सुनो,
9 ा यह तु छोटी बात जान पड़ती है, िक इ ाएल के परमे र ने तुम को इ ाएल की म ली से अलग कर के अपने िनवास की सेवकाई करने, और म ली के सा ने खड़े हो
कर उसकी भी सेवा टहल करने के िलये अपने समीप बुला िलया है ;
10 और तु झे और तेरे सब लेवी भाइयों को भी अपने समीप बुला िलया है ? िफर भी तु म याजक पद के भी खोजी हो?
11 और इसी कारण तू ने अपनी सारी म ली को यहोवा के िव इक ी िकया है ; हा न कौन है िक तु म उस पर बुड़बु ड़ाते हो?
12 िफर मू सा ने एलीआब के पु दातान और अबीराम को बुलवा भे जा; और उ ोंने कहा, हम ते रे पास नही ं आएं गे।
13 ा यह एक छोटी बात है, िक तू हम को ऐसे दे श से िजस म दू ध और मधु की धाराएं बहती है इसिलये िनकाल लाया है, िक हम जंगल म मार डाले, िफर ा तू हमारे ऊपर धान
भी बनकर अिधकार जताता है?
14 िफर तू हम ऐसे दे श म जहां दू ध और मधु की धाराएं बहती ह नहीं प ं चाया, और न हम खे तोंऔर दाख की बा रयों के अिधकारी िकया। ा तू इन लोगों की आं खों म धूिल डाले गा?
हम तो नही ं आएं गे।
15 तब मू सा का कोप ब त भड़क उठा, और उसने यहोवा से कहा, उन लोगों की भट की ओर ि न कर। म ने तो उन से एक गदहा भी नही ं िलया, और न उन म से िकसी की हािन
की है।
16 तब मू सा ने कोरह से कहा, कल तू अपनी सारी म ली को साथ ले कर हा न के साथ यहोवा के सा ने हािजर होना;
17 और तुम सब अपना अपना धूपदान ले कर उन म धूप दे ना, िफर अपना अपना धूपदान जो सब समेत अढ़ाई सौ होंगे यहोवा के सा ने ले जाना; िवशेष कर के तू और हा न अपना
अपना धूपदान ले जाना।
18 सो उ ोंने अपना अपना धूपदान ले कर और उन म आग रखकर उन पर धूप डाला; और मूसा और हा न के साथ िमलापवाले त ू के ार पर खड़े ए।
19 और कोरह ने सारी म ली को उनके िव िमलापवाले त ू के ार पर इक ा कर िलया। तब यहोवा का तेज सारी म ली को िदखाई िदया।।
20 तब यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
21 उस म ली के बीच म से अलग हो जाओ। िक म उ पल भर म भ कर डालूं ।
22 तब वे मुंह के बल िगरके कहने लगे, हे ई र, हे सब ािणयों के आ ाओं के परमे र, ा एक पु ष के पाप के कारण तेरा ोध सारी म ली पर होगा?
23 यहोवा ने मूसा से कहा,
24 म ली के लोगों से कह, िक कोरह, दातान, और अबीराम के त ुओं के आसपास से हट जाओ।
25 तब मू सा उठ कर दातान और अबीराम के पास गया; और इ ाएिलयों के वृ लोग उसके पीछे पीछे गए।
26 और उसने म ली के लोगों से कहा, तुम उन दु मनु ों के डे रों के पास से हट जाओ, और उनकी कोई व ु न छूओ, कही ं ऐसा न हो िक तुम भी उनके सब पापों म फंसकर िमट
जाओ।
27 यह सु न वे कोरह, दातान, और अबीराम के त ुओं के आसपास से हट गए; पर ु दातान और अबीराम िनकलकर अपनी पि यों, बटों, और बाल-ब ों समेत अपने अपने डे रे के
ार पर खड़े ए।
28 तब मू सा ने कहा, इस से तुम जान लोगे िक यहोवा ने मु झे भेजा है िक यह सब काम क ं , ोंिक म ने अपनी इ ा से कुछ नही ं िकया।
29 यिद उन मनु ों की मृ ु और सब मनु ों के समान हो, और उनका द सब मनु ों के समान हो, तब जानों िक म यहोवा का भेजा आ नही ं ं।
30 पर ु यिद यहोवा अपनी अनोखी श कट करे , और पृ ी अपना मुं ह पसारकर उन को, और उनका सब कुछ िनगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक म जा पड़, तो तु म समझ
लो िक इन मनु ों ने यहोवा का अपमान िकया है।
31 वह ये सब बात कह ही चु का था, िक भूिम उन लोगों के पांव के नीचे फट गई;
32 और पृ ी ने अपना मुंह खोल िदया और उनका और उनका घर ार का सामान, और कोरह के सब मनु ों और उनकी सारी स ि को भी िनगल िलया।
33 और वे और उनका सारा घरबार जीिवत ही अधोलोक म जा पड़े ; और पृ ी ने उन को ढांप िलया, और वे म ली के बीच म से न हो गए।
34 और िजतने इ ाएली उनके चारों ओर थे वे उनका िच ाना सुन यह कहते ए भागे, िक कही ं पृ ी हम को भी िनगल न ले!
35 तब यहोवा के पास से आग िनकली, और उन अढ़ाई सौ धूप चढ़ाने वालों को भ कर डाला।।
36 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
37 हा न याजक के पु एलीआजार से कह, िक उन धूपदानों को आग म से उठा ले; और आग के अंगारों को उधर ही िछतरा दे , ोंिक वे पिव ह।
38 िज ोंने पाप कर के अपने ही ाणों की हािन की है, उनके धूपदानों के प र पीट पीटकर बनाए जाएं िजस से िक वह वेदी के मढ़ने के काम आवे; ोंिक उ ोंने यहोवा के सा ने
रखा था; इस से वे पिव ह। इस कार वह इ ाएिलयों के िलये एक िनशान ठहरे गा।
39 सो एलीआजर याजक ने उन पीतल के धूपदानों को, िजन म उन जले ए मनु ों ने धूप चढ़ाया था, ले कर उनके प र पीटकर वेदी के मढ़ने के िलये बनवा िदए,
40 िक इ ाएिलयों को इस बात का रण रहे िक कोई दू सरा, जो हा न के वंश का न हो, यहोवा के सा ने धूप चढ़ाने को समीप न जाए, ऐसा न हो िक वह भी कोरह और उसकी
म ली के समान न हो जाए, जैसे िक यहोवा ने मूसा के ारा उसको आ ा दी थी।।
41 दू सरे िदन इ ाएिलयों की सारी म ली यह कहकर मू सा और हा न पर बु ड़बुड़ाने लगी, िक यहोवा की जा को तु म ने मार डाला है।
42 और जब म ली के लोग मूसा और हा न के िव इक े हो रहे थे, तब उ ोंने िमलापवाले त ू की ओर ि की; और दे खा, िक बादल ने उसे छा िलया है, और यहोवा का तेज
िदखाई दे रहा है।
43 तब मू सा और हा न िमलापवाले त ू के सा ने आए,
44 तब यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
45 तुम उस म ली के लोगों के बीच से हट जाओ, िक म उ पल भर म भ कर डालूं । तब वे मुं ह के बल िगरे ।
46 और मू सा ने हा न से कहा, धूपदान को ले कर उस म वेदी पर से आग रखकर उस पर धूप डाल, म ली के पास फुरती से जा कर उसके िलये ायि कर; ोंिक यहोवा का
कोप अ भड़का है, और मरी फैलने लगी है।
47 मूसा की आ ा के अनुसार हा न धूपदान ले कर म ली के बीच म दौड़ा गया; और यह दे खकर िक लोगों म मरी फैलने लगी है, उसने धूप जलाकर लोगों के िलये ायि िकया।
48 और वह मु द और जीिवत के म म खड़ा आ; तब मरी थम गई।
49 और जो कोरह के संग भागी हो कर मर गए थे, उ छोड़ जो लोग इस मरी से मर गए वे चौदह हजार सात सौ थे ।
50 तब हा न िमलापवाले त ू के ार पर मूसा के पास लौट गया, और मरी थम गई।।
िगनती 17
1 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों से बात कर के उन के पूवजों के घरानों के अनुसार, उनके सब धानों के पास से एक एक छड़ी ले; और उन बारह छिडय़ों म से एक एक पर एक एक के मूल पु ष का
नाम िलख,
3 और ले िवयों की छड़ी पर हा न का नाम िलख। ोंिक इ ाएिलयों के पू वजों के घरानों के एक एक मु पु ष की एक एक छड़ी होगी।
4 और उन छिडय़ों को िमलापवाले त ू म सा ीप के आगे, जहां म तुम लोगों से िमला करता ं , रख दे ।
5 और िजस पु ष को म चुनूंगा उसकी छड़ी म किलयां फूट िनकलगी; और इ ाएली जो तु म पर बुड़बु ड़ाते रहते ह, वह बुड़बुड़ाना म अपने ऊपर से दू र क ं गा।
6 सो मू सा ने इ ाएिलयों से यह बात कही; और उनके सब धानों ने अपने अपने िलये, अपने अपने पूवजों के घरानों के अनुसार, एक एक छड़ी उसे दी, सो बारह छिडय़ां ई; और उन
की छिडय़ों म हा न की भी छड़ी थी।
7 उन छिडय़ों को मूसा ने सा ीप के त ू म यहोवा के सा ने रख िदया।
8 दू सरे िदन मूसा सा ीप के त ू म गया; तो ा दे खा, िक हा न की छड़ी जो ले वी के घराने के िलये थी उस म किलयां फूट िनकली, अथात उस म किलयां लगी ं, और फूल भी फूले,
और पके बादाम भी लगे ह।
9 सो मूसा उन सब छिडय़ों को यहोवा के सा ने से िनकाल कर सब इ ाएिलयों के पास ले गया; और उ ोंने अपनी अपनी छड़ी पिहचानकर ले ली।
10 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, हा न की छड़ी को सा ीप के सा ने िफर धर दे , िक यह उन दं गा करने वालों के िलये एक िनशान बनकर रखी रहे , िक तू उनका बु ड़बु ड़ाना जो मे रे
िव होता रहता है भिव म रोक रखे, ऐसा न हो िक वे मर जाएं ।
11 और मू सा ने यहोवा की इस आ ा के अनुसार ही िकया।।
12 तब इ ाएली मूसा से कहने लगे, दे ख, हमारे ाण िनकला चाहते ह, हम न ए, हम सब के सब न ए जाते ह।
13 जो कोई यहोवा के िनवास के समीप जाता है वह मारा जाता है । तो ा हम सब के सब मर ही जाएं गे ।।
िगनती 18
1 िफर यहोवा ने हा न से कहा, िक पिव थान के अधम का भार तुझ पर, और ते रे पु ों और तेरे िपता के घराने पर होगा; और तु ारा याजक कम के अधम का भार भी ते रे पु ों पर
होगा।
2 और ले वी का गो , अथात तेरे मूलपु ष के गो वाले जो तेरे भाई ह, उन को भी अपने साथ ले आया कर, और वे तुझ से िमल जाएं , और तेरी सेवा टहल िकया कर, पर ु सा ीप के
त ू के सा ने तू और तेरे पु ही आया कर।
3 जो तुझे सौंपा गया है उसकी और सारे त ू की भी वे र ा िकया कर; पर ु पिव थान के पा ों के और वेदी के समीप न आएं , ऐसा न हो िक वे और तुम लोग भी मर जाओ।
4 सो वे तु झ से िमल जाएं , और िमलापवाले त ू की सारी से वकाई की व ुओं की र ा िकया कर; पर ु जो तेरे कुल का न हो वह तुम लोगों के समीप न आने पाए।
5 और पिव थान और वेदी की रखवाली तुम ही िकया करो, िजस से इ ाएिलयों पर िफर कोप न भड़के।
6 पर ु म ने आप तु ारे लेवी भाइयों को इ ाएिलयों के बीच से अलग कर िलया है, और वे िमलापवाले त ू की सेवा करने के िलये तुम को और यहोवा को सौंप िदये गए ह।
7 पर वेदी की और बीच वाले पद के भीतर की बातों की सेवकाई के िलये तू और तेरे पु अपने याजकपद की र ा करना, और तुम ही सेवा िकया करना; ोंिक म तु याजकपद की
से वकाई दान करता ं; और जो तेरे कुल का न हो वह यिद समीप आए तो मार डाला जाए।।
8 िफर यहोवा ने हा न से कहा, सुन, म आप तुझ को उठाई ई भट सौंप दे ता ं , अथात इ ाएिलयों की पिव की ई व ु एं; िजतनी हों उ म तेरा अिभषेक वाला भाग ठहराकर
तुझे और तेरे पु ों को सदा का हक कर के दे दे ता ं।
9 जो परमपिव व ुएं आग म होम न की जाएं गी वे तेरी ही ठहर, अथात इ ाएिलयों के सब चढ़ावों म से उनके सब अ बिल, सब पापबिल, और सब दोषबिल, जो वे मुझ को द, वह
तेरे और तेरे पु ों के िलये परमपिव ठहर।
10 उन को परमपिव व ु जानकर खाया करना; उन को हर एक पु ष खा सकता है; वे ते रे िलये पिव ह।
11 िफर ये व ुएं भी तेरी ठहर, अथात िजतनी भट इ ाएली िहलाने के िलये द, उन को म तुझे और ते रे बे टे-बेिटयों को सदा का हक कर के दे दे ता ं; तेरे घराने म िजतने शु हों वह
उ खा सकगे।
12 िफर उ म से उ म नया दाखमधु, और गे ं, अथात इनकी पहली उपज जो वे यहोवा को द, वह म तुझ को दे ता ं ।
13 उनके दे श के सब कार की पहली उपज, जो वे यहोवा के िलये ले आएं , वह तेरी ही ठहरे ; तेरे घराने म िजतने शु होंवे उ खा सकग।
14 इ ाएिलयों म जो कुछ अपण िकया जाए वह भी तेरा ही ठहरे ।
15 सब ािणयों म से िजतने अपनी अपनी मां के पिहलौठे हों, िज लोग यहोवा के िलये चढ़ाएं , चाहे मनु के चाहे पशु के पिहलौठे हों, वे सब तेरे ही ठहर; पर ु मनु ों और अशु
पशुओ ं के पिहलौठों को दाम ले कर छोड़ दे ना।
16 और िज छु ड़ाना हो, जब वे महीने भर के हों तब उनके िलये अपने ठहराए ए मोल के अनुसार, अथात पिव थान के बीस गेरा के शेकेल के िहसाब से पांच शेकेल लेके उ
छोड़ना।
17 पर गाय, वा भेड़ी, वा बकरी के पिहलौठे को न छोड़ना; वे तो पिव ह। उनके लो को वेदी पर िछड़क दे ना, और उनकी चरबी को ह कर के जलाना, िजस से यहोवा के िलये
सु खदायक सु ग हो;
18 पर ु उनका मां स तेरा ठहरे , और िहलाई ई छाती, और दािहनी जां घ भी ते रा ही ठहरे ।
19 पिव व ुओं की िजतनी भट इ ाएली यहोवा को द, उन सभों को म तुझे और ते रे बे टे-बेिटयों को सदा का हक कर के दे दे ता ं: यह तो तेरे और तेरे वंश के िलये यहोवा की सदा
के िलये नमक की अटल वाचा है।
20 िफर यहोवा ने हा न से कहा, इ ाएिलयों के दे श म तेरा कोई भाग न होगा, और न उनके बीच तेरा कोई अं श होगा; उनके बीच तेरा भाग और तेरा अंश म ही ं।।
21 िफर िमलापवाले त ू की जो सेवा लेवी करते ह उसके बदले म उन को इ ाएिलयों का सब दशमांश उनका िनज भाग कर दे ता ं।
22 और भिव म इ ाएली िमलापवाले त ू के समीप न आएं , ऐसा न हो िक उनके िसर पर पाप लगे , और वे मर जाएं ।
23 पर ु लेवी िमलापवाले त ू की सेवा िकया कर, और उनके अधम का भार वे ही उठाया कर; यह तु ारी पीढ़ीयों म सदा की िविध ठहरे ; और इ ाएिलयों के बीच उनका कोई िनज
भाग न होगा।
24 ोंिक इ ाएली जो दशमांश यहोवा को उठाई ई भट कर के दगे , उसे म ले िवयों को िनज भाग कर के दे ता ं , इसीिलये म ने उनके िवषय म कहा है, िक इ ाएिलयों के बीच
कोई भाग उन को न िमले।
25 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
26 तू लेिवयों से कह, िक जब जब तुम इ ाएिलयों के हाथ से वह दशमांश लो िजसे यहोवा तुम को तु ारा िनज भाग कर के उन से िदलाता है, तब तब उस म से यहोवा के िलये एक
उठाई ई भट कर के दशमांश का दशमांश दे ना।
27 और तु ारी उठाई ई भट तु ारे िहत के िलये ऐसी िगनी जाएगी जैसा खिलहान म का अ , वा रसकु म का दाखरस िगना जाता है।
28 इस रीित तु म भी अपने सब दशमांशों म से, जो इ ाएिलयों की ओर से पाओगे, यहोवा को एक उठाई ई भट दे ना; और यहोवा की यह उठाई ई भट हा न याजक को िदया
करना।
29 िजतने दान तुम पाओ उन म से हर एक का उ म से उ म भाग, जो पिव ठहरा है, सो उसे यहोवा के िलये उठाई ई भट कर के पूरी पूरी दे ना।
30 इसिलये तू लेिवयों से कह, िक जब तुम उस म का उ म से उ म भाग उठा कर दो, तब यह तु ारे िलये खिलहान म के अ , और रसकु के रस के तु िगना जाएगा;
31 और उसको तुम अपने घरानों समेत सब थानों म खा सकते हो, ोंिक िमलापवाले त ू की जो से वा तु म करोगे उसका बदला यही ठहरा है।
32 और जब तु म उसका उ म से उ म भाग उठा कर दो तब उसके कारण तु म को पाप न लगे गा। पर ु इ ाएिलयों की पिव की ई व ु ओं को अपिव न करना, ऐसा न हो िक
तुम मर जाओ।।
िगनती 19
1 िफर यहोवा ने मूसा और हा न से कहा,
2 व था की िजस िविध की आ ा यहोवा दे ता है वह यह है ; िक तू इ ाएिलयों से कह, िक मेरे पास एक लाल िनद ष बिछया ले आओ, िजस म कोई भी दोष न हो, और िजस पर जू आ
कभी न रखा गया हो।
3 तब एलीआजर याजक को दो, और वह उसे छावनी से बाहर ले जाए, और कोई उसको उसके स ने बिलदान करे ;
4 तब एलीआजर याजक अपनी उं गली से उसका कुछ लो ले कर िमलापवाले त ू के सा ने की ओर सात बार िछड़क दे ।
5 तब कोई उस बिछया को खाल, मांस, लो , और गोबर समेत उसके सा ने जलाए;
6 और याजक दे वदा की लकड़ी, जूफा, और लाल रं ग का कपड़ा ले कर उस आग म िजस म बिछया जलती हो डाल दे ।
7 तब वह अपने व धोए और ान करे , इसके बाद छावनी म तो आए, पर ु सांझ तक अशु रहे ।
8 और जो मनु उसको जलाए वह भी जल से अपने व धोए और ान करे , और सां झ तक अशु रहे ।
9 िफर कोई शु पु ष उस बिछया की राख बटोरकर छावनी के बाहर िकसी शु थान म रख छोड़े ; और वह राख इ ाएिलयों की म ली के िलये अशु ता से छु ड़ाने वाले जल के
िलये रखी रहे; वह तो पापबिल है।
10 और जो मनु बिछया की राख बटोरे वह अपने व धोए, और सांझ तक अशु रहे । और यह इ ाएिलयों के िलये , और उनके बीच रहने वाले परदे िशयों के िलये भी सदा की
िविध ठहरे ।
11 जो िकसी मनु की लोथ छूए वह सात िदन तक अशु रहे ;
12 ऐसा मनु तीसरे िदन उस जल से पाप छु ड़ाकर अपने को पावन करे , और सातव िदन शु ठहरे ; पर ु यिद वह तीसरे िदन आप को पाप छु ड़ाकर पावन न करे , तो सातव िदन
शु ठहरे गा।
13 जो कोई िकसी मनु की लोथ छूकर पाप छु ड़ाकर अपने को पावन न करे , वह यहोवा के िनवास थान का अशु करने वाला ठहरे गा, और वह ाणी इ ाएल म से नाश िकया
जाए; अशु ता से छु ड़ाने वाला जल उस पर न िछड़का गया, इस कारण वह अशु ठहरे गा, उसकी अशु ता उस म बची रहेगी।
14 यिद कोई मनु डे रे म मर जाए तो व था यह यह है, िक िजतने उस डे रे म रह, वा उस म जाएं , वे सब सात िदन तक अशु रह।
15 और हर एक खुला आ पा , िजस पर कोई ढकना लगा न हो, वह अशु ठहरे ।
16 और जो कोई मैदान म तलवार से मारे ए को, वा अपनी मृ ु से मरे ए को, वा मनु की ह ी को, वा िकसी क को छूए, तो सात िदन तक अशु रहे।
17 अशु मनु के िलये जलाए ए पापबिल की राख म से कुछ ले कर पा म डालकर उस पर सोते का जल डाला जाए;
18 तब कोई शु मनु जूफा ले कर उस जल म डु बाकर जल को उस डे रे पर, और िजतने पा और मनु उस म हों, उन पर िछड़के, और ह ी के, वा मारे ए के, वा अपनी मृ ु से
मरे ए के, वा क के छूने वाले पर िछड़क दे ;
19 वह शु पु ष तीसरे िदन और सातव िदन उस अशु मनु पर िछड़के; और सातव िदन वह उसके पाप छु ड़ाकर उसको पावन करे , तब वह अपने व ों को धोकर और जल से
ान कर के सां झ को शु ठहरे ।
20 और जो कोई अशु हो कर अपने पाप छु ड़ाकर अपने को पावन न कराए, वह ाणी यहोवा के पिव थान का अशु करने वाला ठहरे गा, इस कारण वह म ली के बीच म से
नाश िकया जाए; अशु ता से छु ड़ाने वाला जल उस पर न िछड़का गया, इस कारण से वह अशु ठहरे गा।
21 और यह उनके िलये सदा की िविध ठहरे । जो अशु ता से छु ड़ाने वाला जल िछड़के वह अपने व ों को धोए; और िजस जन से अशु ता से छु ड़ाने वाला जल छू जाए वह भी सां झ
तक अशु रहे।
22 और जो कुछ वह अशु मनु छूए वह भी अशु ठहरे ; और जो ाणी उस व ु को छूए वह भी सां झ तक अशु रहे।।
िगनती 20
1 पिहले महीने म सारी इ ाएली म ली के लोग सीनै नाम जंगल म आ गए, और कादे श म रहने लगे ; और वहां म रयम मर गई, और वही ं उसको िम ी दी गई।
2 वहां म ली के लोगों के िलये पानी न िमला; सो वे मूसा और हा न के िव इक े ए।
3 और लोग यह कहकर मूसा से झगड़ने लगे, िक भला होता िक हम उस समय ही मर गए होते जब हमारे भाई यहोवा के सा ने मर गए!
4 और तुम यहोवा की म ली को इस जंगल म ों ले आए हो, िक हम अपने पशुओं समेत यहां मर जाए?
5 और तुम ने हम को िम से ों िनकाल कर इस बुरे थान म प ंचाया है? यहां तो बीज, वा अंजीर, वा दाखलता, वा अनार, कुछ नहीं है , यहां तक िक पीने को कुछ पानी भी नही ं है ।
6 तब मू सा और हा न म ली के सा ने से िमलापवाले त ू के ार पर जा कर अपने मुंह के बल िगरे । और यहोवा का तेज उन को िदखाई िदया।
7 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
8 उस लाठी को ले, और तू अपने भाई हा न समेत म ली को इक ा कर के उनके दे खते उस च ान से बात कर, तब वह अपना जल दे गी; इस कार से तू च ान म से उनके िलये
जल िनकाल कर म ली के लोगों और उनके पशुओं को िपला।
9 यहोवा की इस आ ा के अनुसार मूसा ने उसके सा ने से लाठी को ले िलया।
10 और मू सा और हा न ने म ली को उस च ान के सा ने इक ा िकया, तब मू सा ने उस से कह, हे दं गा करने वालो, सुनो; ा हम को इस च ान म से तु ारे िलये जल िनकालना
होगा?
11 तब मू सा ने हाथ उठा कर लाठी च ान पर दो बार मारी; और उस म से ब त पानी फूट िनकला, और म ली के लोग अपने पशुओं समेत पीने लगे।
12 पर ु मूसा और हा न से यहोवा ने कहा, तुम ने जो मुझ पर िव ास नहीं िकया, और मुझे इ ाएिलयों की ि म पिव नहीं ठहराया, इसिलये तुम इस म ली को उस दे श म
प ंचाने न पाओगे िजसे म ने उ िदया है।
13 उस सोते का नाम मरीबा पड़ा, ोंिक इ ाएिलयों ने यहोवा से झगड़ा िकया था, और वह उनके बीच पिव ठहराया गया।।
14 िफर मू सा ने कादे श से एदोम के राजा के पास दू त भेजे, िक तेरा भाई इ ाएल यों कहता है, िक हम पर जो जो े श पड़े ह वह तू जानता होगा;
15 अथात यह िक हमारे पुरखा िम म गए थे, और हम िम म ब त िदन रहे; और िम यों ने हमारे पु रखाओं के साथ और हमारे साथ भी बुरा बताव िकया;
16 पर ु जब हम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने हमारी सु नी, और एक दू त को भे ज कर हम िम से िनकाल ले आया है; सो अब हम कादे श नगर म ह जो तेरे िसवाने ही पर है।
17 सो हम अपने दे श म से हो कर जाने दे । हम िकसी खे त वा दाख की बारी से हो कर न चलगे, और कूओं का पानी न पीएं गे; सड़क-सड़क हो कर चले जाएं गे, और जब तक ते रे दे श
से बाहर न हो जाएं , तब तक न दािहने न बाएं मुड़गे।
18 पर ु एदोिमयों ने उसके पास कहला भेजा, िक तू मेरे दे श म से हो कर मत जा, नही ं तो म तलवार िलये ए तेरा सा ना करने को िनकलूंगा।
19 इ ाएिलयों ने उसके पास िफर कहला भेजा, िक हम सड़क ही सड़क चलगे , और यिद हम और हमारे पशु ते रा पानी पीएं , तो उसका दाम दगे, हम को और कुछ नही ं, केवल पांव
पां व चलकर िनकल जाने दे ।
20 पर ु उसने कहा, तू आने न पाएगा। और एदोम बड़ी सेना ले कर भुजबल से उसका सा ना करने को िनकल आया।
21 इस कार एदोम ने इ ाएल को अपने दे श के भीतर से हो कर जाने दे ने से इ ार िकया; इसिलये इ ाएल उसकी ओर से मुड़ गए।।
22 तब इ ाएिलयों की सारी म ली कादे श से कूच कर के होर नाम पहाड़ के पास आ गई।
23 और एदोम दे श के िसवाने पर होर पहाड़ म यहोवा ने मू सा और हा न से कहा,
24 हा न अपने लोगों म जा िमलेगा; ोंिक तुम दोनों ने जो मरीबा नाम सोते पर मेरा कहना छोड़कर मुझ से बलवा िकया है , इस कारण वह उस दे श म जाने न पाएगा िजसे म ने
इ ाएिलयों को िदया है।
25 सो तू हा न और उसके पु एलीआजर को होर पहाड़ पर ले चल;
26 और हा न के व उतार के उसके पु एलीआजर को पिहना; तब हा न वहीं मरकर अपने लोगों मे जा िमलेगा।
27 यहोवा की इस आ ा के अनुसार मूसा ने िकया; वे सारी म ली के दे खते होर पहाड़ पर चढ़ गए।
28 तब मू सा ने हा न के व उतार के उसके पु एलीआजर को पिहनाए और हा न वहीं पहाड़ की चोटी पर मर गया। तब मूसा और एलीआजर पहाड़ पर से उतर आए।
29 और जब इ ाएल की सारी म ली ने दे खा िक हा न का ाण छूट गया है , तब इ ाएल के सब घराने के लोग उसके िलये तीस िदन तक रोते रहे।।
िगनती 21
1 तब अराद का कनानी राजा, जो द न दे श म रहता था, यह सुनकर, िक िजस माग से वे भे िदये आए थे उसी माग से अब इ ाएली आ रहे ह, इ ाएल से लड़ा, और उन म से
िकतनों को ब ुआ कर िलया।
2 तब इ ाएिलयों ने यहोवा से यह कहकर म त मानी, िक यिद तू सचमुच उन लोगों को हमारे वश म कर दे , तो हम उनके नगरों को स नाश कर दगे।
3 इ ाएल की यह बात सुनकर यहोवा ने कनािनयों को उनके वश म कर िदया; सो उ ोंने उनके नगरों समेत उन को भी स ानाश िकया; इस से उस थान का नाम होमा रखा गया।।
4 िफर उ ोंने होर पहाड़ से कूच कर के लाल समु का माग िलया, िक एदोम दे श से बाहर बाहर घूमकर जाएं ; और लोगों का मन माग के कारण ब त ाकुल हो गया।
5 सो वे परमे र के िव बात करने लगे, और मूसा से कहा, तुम लोग हम को िम से जं गल म मरने के िलये ों ले आए हो? यहां न तो रोटी है, और न पानी, और हमारे ाण इस
िनक ी रोटी से दु खत ह।
6 सो यहोवा ने उन लोगों म तेज िवष वाले सांप भेजे, जो उन को डसने लगे , और ब त से इ ाएली मर गए।
7 तब लोग मूसा के पास जा कर कहने लगे, हम ने पाप िकया है, िक हम ने यहोवा के और ते रे िव बात की ह; यहोवा से ाथना कर, िक वह सांपों को हम से दू र करे । तब मूसा ने
उनके िलये ाथना की।
8 यहोवा ने मू सा से कहा एक तेज िवष वाले सांप की ितमा बनवाकर ख े पर लटका; तब जो सांप से डसा आ उसको दे ख ले वह जीिवत बचेगा।
9 सो मू सा ने पीतल को एक सांप बनवाकर ख े पर लटकाया; तब सां प के डसे ओं म से िजस िजसने उस पीतल के सां प को दे खा वह जीिवत बच गया।
10 िफर इ ाएिलयों ने कूच कर के ओबोत म डे रे डाले।
11 और ओबोत से कूच कर के अबारीम नाम डीहों म डे रे डाले, जो पू रब की ओर मोआब के सा ने के जं गल म है।
12 वंहा से कूच कर के उ ोंने जेरेद नाम नाले म डे रे डाले।
13 वहां से कूच कर के उ ोंने अन न नदी, जो जंगल म बहती और एमो रयों के दे श से िनकलती है, उसकी परली ओर डे रे खड़े िकए; ोंिक अन न मोआिबयों और एमो रयों के बीच
हो कर मोआब दे श का िसवाना ठहरा है।
14 इस कारण यहोवा के सं ाम नाम पु क म इस कार िलखा है , िक सू पा म बाहेब, और अन न के नाले ,
15 और उन नालों की ढलान जो आर नाम नगर की ओर है, और जो मोआब के िसवाने पर है ।
16 िफर वहां से कूच कर के वे बैर तक गए; वहां वही कूआं है िजसके िवषय म यहोवा ने मू सा से कहा था, िक उन लोगों को इक ा कर, और म उ े पानी दू ं गा।।
17 उस समय इ ाएल ने यह गीत गया, िक हे कूएं , उबल आ, उस कूएं के िवषय म गाओ!
18 िजस को हािकमों ने खोदा, और इ ाएल के रईसों ने अपने सोंटों और लािठयों से खोद िलया।।
19 िफर वे जंगल से म ाना को, और म ाना से नहलीएल को, और नहलीएल से बामोत को,
20 और बामोत से कूच कर के उस तराई तक जो मोआब के मैदान म है, और िपसगा के उस िस े तक भी जो यशीमोन की ओर झुका है प ंच गए।।
21 तब इ ाएल ने एमो रयों के राजा सीहोन के पास दू तों से यह कहला भेजा,
22 िक हम अपने दे श म हो कर जाने दे ; हम मुड़कर िकसी खेत वा दाख की बारी म तो न जाएं गे ; न िकसी कूएं का पानी पीएं गे; और जब तक तेरे दे श से बाहर न हो जाएं तब तक
सड़क ही से चले जाएं गे।
23 तौभी सीहोन ने इ ाएल को अपने दे श से हो कर जाने न िदया; वरन अपनी सारी से ना को इक ा कर के इ ाएल का सा ना करने को जंगल म िनकल आया, और यहस को
आकर उन से लड़ा।
24 तब इ ाएिलयों ने उसको तलवार से मार िलया, और अन न से य ोक नदी तक, जो अ ोिनयों का िसवाना था, उसके दे श के अिधकारी हो गए; अ ोिनयों का िसवाना तो ढ़ था।
25 सो इ ाएल ने एमो रयों के सब नगरों को ले िलया, और उन म, अथात हेशबोन और उसके आस पास के नगरों म रहने लगे।
26 हेशबोन एमो रयों के राजा सीहोन का नगर था; उसने मोआब के अगले राजा से लड़ के उसका सारा दे श अन न तक उसके हाथ से छीन िलया था।
27 इस कारण गू ढ़ बात के कहने वाले कहते ह, िक हेशबोन म आओ, सीहोन का नगर बसे , और ढ़ िकया जाए।
28 ोंिक हेशबोन से आग, अथात सीहोन के नगर से लौ िनकली; िजस से मोआब दे श का आर नगर, और अन न के ऊंचे थानों के ामी भ ए।
29 हे मोआब, तुझ पर हाय! कमोश दे वता की जा नाश ई, उसने अपने बेटों को भगेडू, और अपनी बेिटयों को एमोरी राजा सीहोन की दासी कर िदया।
30 हम ने उ िगरा िदया है, हेशबोन दीबोन तक न हो गया है, और हम ने नोपह और मे दबा तक भी उजाड़ िदया है ।।
31 सो इ ाएल एमो रयों के दे श म रहने लगा।
32 तब मू सा ने याजेर नगर का भेद लेने को भेजा; और उ ोंने उसके गां वों को िलया, और वहां के एमो रयों को उस दे श से िनकाल िदया।
33 तब वे मुड़के बाशान के माग से जाने लगे; और बाशान के राजा ओग न उनका सा ना िकया, अथात लड़ने को अपनी सारी सेना समेत ए े ई म िनकल आया।
34 तब यहोवा ने मूसा से कहा, उस से मत डर; ोंिक म उसको सारी सेना और दे श समे त ते रे हाथ म कर दे ता ं ; और जैसा तू ने एमो रयों के राजा हे शबोनवासी सीहोन के साथ िकया
है , वैसा ही उसके साथ भी करना।
35 तब उ ोंने उसको, और उसके पु ों और सारी जा को यहां तक मारा िक उसका कोई भी न बचा; और वे उसके दे श के अिधकारी को गए।
िगनती 22
1 तब इ ाएिलयों ने कूच कर के यरीहो के पास यरदन नदी के इस पार मोआब के अराबा म डे रे खड़े िकए।।
2 और िस ोर के पु बालाक ने दे खा िक इ ाएल ने एमो रयों से ा ा िकया है ।
3 इसिलये मोआब यह जानकर, िक इ ाएली ब त ह, उन लोगों से अ डर गया; यहां तक िक मोआब इ ाएिलयों के कारण अ ाकुल आ।
4 तब मोआिबयों ने िम ानी पुरिनयों से कहा, अब वह दल हमारे चारों ओर के सब लोगों को चट कर जाएगा, िजस तरह बै ल खे त की हरी घास को चट कर जाता है। उस समय िस ोर
का पु बालाक मोआब का राजा था;
5 और इस ने पतोर नगर को, जो महानद के तट पर बोर के पु िबलाम के जाितभाइयों की भूिम थी, वहां िबलाम के पास दू त भेजे, िक वे यह कहकर उसे बु ला लाएं , िक सु न एक दल
िम से िनकल आया है, और भूिम उन से ढक गई है, और अब वे मेरे सा ने ही आकर बस गए ह।
6 इसिलये आ, और उन लोगों को मेरे िनिम शाप दे , ोंिक वे मु झ से अिधक बलव ह, तब स व है िक हम उन पर जयव हों, और हम सब इन को अपने दे श से मारकर िनकाल
द; ोंिक यह तो म जानता ं िक िजस को तू आशीवाद दे ता है वह ध होता है, और िजस को तू शाप दे ता है वह ािपत होता है।
7 तब मोआबी और िम ानी पुरिनये भावी कहने की दि णा ले कर चले , और िबलाम के पास प ं चकर बालाक की बात कह सु नाईं।
8 उसने उन से कहा, आज रात को यहां िटको, और जो बात यहोवा मु झ से कहे गा, उसी के अनु सार म तुम को उ र दू ं गा; तब मोआब के हािकम िबलाम के यहां ठहर गए।
9 तब परमे र ने िबलाम के पास आकर पूछा, िक तेरे यहां ये पु ष कौन ह?
10 िबलाम ने परमे र से कहा िस ोर के पु मोआब के राजा बालाक ने मेरे पास यह कहला भेजा है ,
11 िक सु न, जो दल िम से िनकल आया है उस से भूिम ढं प गई है ; इसिलये आकर मे रे िलये उ शाप दे ; स व है िक म उनसे लड़कर उन को बरबस िनकाल सकूंगा।
12 परमे र ने िबलाम से कहा, तू इनके संग मत जा; उन लोगों को शाप मत दे , ोंिक वे आशीष के भागी हो चुके ह।
13 भोर को िबलाम ने उठ कर बालाक के हािकमों से कहा, तुम अपने दे श को चले जाओ; ोंिक यहोवा मु झे तु ारे साथ जाने की आ ा नही ं दे ता।
14 तब मोआबी हािकम चले गए और बालाक के पास जा कर कहा, िक िबलाम ने हमारे साथ आने से नाह िकया है।
15 इस पर बालाक ने िफर और हािकम भेजे, जो पिहलों से िति त और िगनती म भी अिधक थे।
16 उ ोंने िबलाम के पास आकर कहा, िक िस ोर का पु बालाक यों कहता है, िक मेरे पास आने से िकसी कारण नाह न कर;
17 ोंिक म िन य तेरी बड़ी ित ा क ं गा, और जो कुछ तू मुझ से कहे वही म क ं गा; इसिलये आ, और उन लोगों को मेरे िनिम शाप दे ।
18 िबलाम ने बालाक के कमचा रयों को उ र िदया, िक चाहे बालाक अपने घर को सोने चांदी से भरकर मु झे दे दे , तौभी म अपने परमे र यहोवा की आ ा को पलट नहीं सकता, िक
उसे घटाकर वा बढ़ाकर मानूं।
19 इसिलये अब तुम लोग आज रात को यहीं िटके रहो, तािक म जान लूं, िक यहोवा मु झ से और ा कहता है ।
20 और परमे र ने रात को िबलाम के पास आकर कहा, यिद वे पु ष तुझे बुलाने आए ह, तो तू उठ कर उनके सं ग जा; पर ु जो बात म तुझ से क ं उसी के अनुसार करना।
21 तब िबलाम भोर को उठा, और अपनी गदही पर काठी बा कर मोआबी हािकमों के संग चल पड़ा।
22 और उसके जाने के कारण परमे र का कोप भड़क उठा, और यहोवा का दू त उसका िवरोध करने के िलये माग रोककर खड़ा हो गया। वह तो अपनी गदही पर सवार हो कर जा
रहा था, और उसके संग उसके दो सेवक भी थे।
23 और उस गदही को यहोवा का दू त हाथ म नंगी तलवार िलये ए माग म खड़ा िदखाई पड़ा; तब गदही माग छोड़कर खेत म चली गई; तब िबलाम ने गदही को मारा, िक वह माग पर
िफर आ जाए।
24 तब यहोवा का दू त दाख की बा रयों के बीच की गली म, िजसके दोनों ओर बारी की दीवार थी, खड़ा आ।
25 यहोवा के दू त को दे खकर गदही दीवार से ऐसी सट गई, िक िबलाम का पांव दीवार से दब गया; तब उसने उसको िफर मारा।
26 तब यहोवा का दू त आगे बढ़कर एक सकेत थान पर खड़ा आ, जहां न तो दािहनी ओर हटने की जगह थी और न बाईं ओर।
27 वहां यहोवा के दू त को दे खकर गदही िबलाम को िलये िदये बै ठ गई; िफर तो िबलाम का कोप भड़क उठा, और उसने गदही को लाठी से मारा।
28 तब यहोवा ने गदही का मुंह खोल िदया, और वह िबलाम से कहने लगी, म ने ते रा ा िकया है , िक तू ने मु झे तीन बार मारा?
29 िबलाम ने गदही से कहा, यह िक तू ने मुझ से नटखटी की। यिद मेरे हाथ म तलवार होती तो म तु झे अभी मार डालता।
30 गदही ने िबलाम से कहा ा म तेरी वही गदही नहीं िजस पर तू ज से आज तक चढ़ता आया है ? ा म तुझ से कभी ऐसा करती थी? वह बोला, नही।ं
31 तब यहोवा ने िबलाम की आं खे खोली ं, और उसको यहोवा का दू त हाथ म नं गी तलवार िलये ए माग म खड़ा िदखाई पड़ा; तब वह झुक गया, और मुंह के बल िगरके द वत की।
32 यहोवा के दू त ने उस से कहा, तू ने अपनी गदही को तीन बार ों मारा? सु न, ते रा िवरोध करने को म ही आया ं , इसिलये िक तू मेरे सा ने उलटी चाल चलता है;
33 और यह गदही मुझे दे खकर मेरे सा ने से तीन बार हट गई। जो वह मे रे सा ने से हट न जाती, तो िन:स े ह म अब तक तुझ को मार ही डालता, पर ु उसको जीिवत छोड़ दे ता।
34 तब िबलाम ने यहोवा के दू त से कहा, म ने पाप िकया है ; म नहीं जानता था िक तू मेरा सा ना करने को माग म खड़ा है। इसिलये अब यिद तुझे बुरा लगता है, तो म लौट जाता ं।
35 यहोवा के दू त ने िबलाम से कहा, इन पु षों के संग तू चला जा; पर ु केवल वही बात कहना जो म तुझ से क ं गा। तब िबलाम बालाक के हािकमों के संग चला गया।
36 यह सु नकर, िक िबलाम आ रहा है, बालाक उस से भट करने के िलये मोआब के उस नगर तक जो उस दे श के अन न वाले िसवाने पर है गया।
37 बालाक ने िबलाम से कहा, ा म ने बड़ी आशा से तुझे नही ं बुलवा भेजा था? िफर तू मेरे पास ों नही ं चला आया? ा म इस यो नहीं िक सचमु च तेरी उिचत ित ा कर
सकता?
38 िबलाम ने बालाक से कहा, दे ख म तेरे पास आया तो ं! पर ु अब ा म कुछ कर सकता ं ? जो बात परमे र मे रे मुंह म डालेगा वही बात म क ंगा।
39 तब िबलाम बालाक के संग संग चला, और वे िकयथूसोत तक आए।
40 और बालाक ने बैल और भेड़-बक रयों को बिल िकया, और िबलाम और उसके साथ के हािकमों के पास भे जा।
41 िबहान को बालाक िबलाम को बालू के ऊंचे थानों पर चढ़ा ले गया, और वहां से उसको सब इ ाएली लोग िदखाई पड़े ।।
िगनती 23
1 तब िबलाम ने बालाक से कहा, यहां पर मेरे िलये सात वेिदयां बनवा, और इसी थान पर सात बछड़े और सात मे ढ़े तै यार कर।
2 तब बालाक ने िबलाम के कहने के अनुसार िकया; और बालाक और िबलाम ने िमलकर े क वेदी पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया।
3 िफर िबलाम ने बालाक से कहा, तू अपने होमबिल के पास खड़ा रह, और म जाता ं; स व है िक यहोवा मु झ से भट करने को आए; और जो कुछ वह मुझ पर काश करे गा वही म
तुझ को बताऊंगा। तब वह एक मु े पहाड़ पर गया।
4 और परमे र िबलाम से िमला; और िबलाम ने उस से कहा, म ने सात वेिदयां तै यार की ह, और े क वेदी पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया है।
5 यहोवा ने िबलाम के मुंह म एक बात डाली ं, और कहा, बालाक के पास लौट जो, और यों कहना।
6 और वह उसके पास लौटकर आ गया, और ा दे खता है , िक वह सारे मोआबी हािकमों समेत अपने होमबिल के पास खड़ा है ।
7 तब िबलाम ने अपनी गूढ़ बात आर की, और कहने लगा, बालाक ने मु झे आराम से , अथात मोआब के राजा ने मुझे पूरब के पहाड़ों से बुलवा भेजा: आ, मेरे िलये याकूब को शाप दे ,
आ, इ ाएल को धमकी दे !
8 पर ु िज ई र ने नहीं शाप िदया उ म ों शाप दू ं ? और िज यहोवा ने धमकी नहीं दी उ म कैसे धमकी दू ं ?
9 च ानों की चोटी पर से वे मुझे िदखाई पड़ते ह, पहािडय़ों पर से म उन को दे खता ं; वह ऐसी जाित है जो अकेली बसी रहेगी, और अ जाितयों से अलग िगनी जाएगी!
10 याकूब के धूिल के िकनके को कौन िगन सकता है, वा इ ाएल की चौथाई की िगनती कौन ले सकता है? सौभा यिद मेरी मृ ु धिमयों की सी, और मेरा अ भी उ ी ं के समान
हो!
11 तब बालाक ने िबलाम से कहा, तू ने मुझ से ा िकया है ? म ने तुझे अपने श ुओ ं को शाप दे ने बुलवाया था, पर ु तू ने उ आशीष ही आशीष दी है।
12 उसने कहा, जो बात यहोवा ने मुझे िसखलाई ा मुझे उसी को सावधानी से बोलना न चािहये ?
13 बालाक ने उस से कहा, मेरे संग दू सरे थान पर चल, जहां से वे तुझे िदखाई दगे; तू उन सभों को तो नहीं, केवल बाहर वालों को दे ख सकेगा; वहां से उ मेरे िलये शाप दे ।
14 तब वह उसको सोपीम नाम मैदान म िपसगा के िसरे पर ले गया, और वहां सात वेिदयां बनवाकर ेक पर एक बछड़ा और एक मेढ़ा चढ़ाया।
15 तब िबलाम ने बालाक से कहा, अपने होमबिल के पास यहीं खड़ा रह, और म उधर जा कर यहोवा से भट क ं ।
16 और यहोवा ने िबलाम से भट की, और उसने उसके मुंह म एक बात डाली, और कहा, िक बालाक के पास लौट जा, और यों कहना।
17 और वह उसके पास गया, और ा दे खता है , िक वह मोआबी हािकमों समेत अपने होमबिल के पास खड़ा है । और बालाक ने पू छा, िक यहोवा ने ा कहा है?
18 तब िबलाम ने अपनी गूढ़ बात आर की, और कहने लगा, हे बालाक, मन लगाकर सुन, हे िस ोर के पु , मे री बात पर कान लगा:
19 ई र मनु नहीं, िक झूठ बोले, और न वह आदमी है, िक अपनी इ ा बदले । ा जो कुछ उसने कहा उसे न करे ? ा वह वचन दे कर उस पूरा न करे ?
20 दे ख, आशीवाद ही दे ने की आ ा म ने पाई है: वह आशीष दे चु का है , और म उसे नही ं पलट सकता।
21 उसने याकूब म अनथ नहीं पाया; और न इ ाएल म अ ाय दे खा है। उसका परमे र यहोवा उसके सं ग है , और उन म राजा की सी ललकार होती है।
22 उन को िम म से ई र ही िनकाले िलये आ रहा है, वह तो बैनेले सांड के समान बल रखता है ।
23 िन य कोई मं याकूब पर नही ं चल सकता, और इ ाएल पर भावी कहना कोई अथ नहीं रखता; पर ु याकूब और इ ाएल के िवषय अब यह कहा जाएगा, िक ई र ने ा ही
िविच काम िकया है!
24 सु न, वह दल िसंहनी की नाईं उठे गा, और िसंह की नाईं खड़ा होगा; वह जब तक अहे र को न खा ले , और मरे ओं के लो को न पी ले, तब तक न लेटेगा।।
25 तब बालाक ने िबलाम से कहा, उन को न तो शाप दे ना, और न आशीष दे ना।
26 िबलाम ने बालाक से कहा, ा म ने तुझ से नही ं कहा, िक जो कुछ यहोवा मुझ से कहेगा, वही मुझे करना पड़े गा?
27 बालाक ने िबलाम से कहा चल, म तुझ को एक और थान पर ले चलता ं ; स व है िक परमे र की इ ा हो िक तू वहां से उ मेरे िलये शाप दे ।
28 तब बालाक िबलाम को पोर के िसरे पर, जहां से यशीमोन दे श िदखाई दे ता है , ले गया।
29 और िबलाम ने बालाक से कहा, यहां पर मेरे िलये सात वेिदयां बनवा, और यहां सात बछड़े और सात मे ढ़े तै यार कर।
30 िबलाम के कहने के अनुसार बालाक ने ेक वेदी पर एक बछड़ा और एक मे ढ़ा चढ़ाया।।
िगनती 24
1 यह दे खकर, िक यहोवा इ ाएल को आशीष ही िदलाना चाहता है, िबलाम पिहले की नाईं शकुन दे खने को न गया, पर ु अपना मुंह जंगल की ओर कर िलया।
2 और िबलाम ने आं खे उठाई, और इ ाएिलयों को अपने गो गो के अनुसार बसे ए दे खा। और परमे र का आ ा उस पर उतरा।
3 तब उसने अपनी गू ढ़ बात आर की, और कहने लगा, िक बोर के पु िबलाम की यह वाणी है, िजस पु ष की आं ख ब थी ं उसी की यह वाणी है,
4 ई र के वचनों का सुनने वाला, जो द वत म पड़ा आ खु ली ई आं खों से सवश मान का दशन पाता है , उसी की यह वाणी है: िक
5 हे याकूब, तेरे डे रे, और हे इ ाएल, तेरे िनवास थान ा ही मनभावने ह!
6 वे तो नालों वा घािटयों की नाईं, और नदी के तट की वािटकाओं के समान ऐसे फैले ए ह, जैसे िक यहोवा के लगाए ए अगर के वृ , और जल के िनकट के दे वदा ।
7 और उसके डोलों से जल उम ा करे गा, और उसका बीच ब तेरे जलभरे खे तों म पड़े गा, और उसका राजा अगाग से भी महान होगा, और उसका रा बढ़ता ही जाएगा।
8 उसको िम म से ई र की िनकाले िलये आ रहा है; वह तो बनैले सांड़ के सामान बल रखता है , जाित जाित के लोग जो उसके ोही है उन को वह खा जायेगा, और उनकी हि यों को
टु कड़े टु कड़े करे गा, और अपने तीरों से उन को बेधेगा।
9 वह दबका बै ठा है, वह िसंह वा िसंहनी की नाईं लेट गया है; अब उसको कौन छे ड़े ? जो कोई तु झे आशीवाद दे सो आशीष पाए, और जो कोई तुझे शाप दे वह ािपत हो।।
10 तब बालाक का कोप िबलाम पर भड़क उठा; और उसने हाथ पर हाथ पटककर िबलाम से कहा, म ने तुझे अपने श ुओ ं के शाप दे ने के िलये बुलवाया, पर ु तू ने तीन बार उ
आशीवाद ही आशीवाद िदया है।
11 इसिलये अब तू अपने थान पर भाग जा; म ने तो सोचा था िक तेरी बड़ी ित ा क ं गा, पर ु अब यहोवा ने तु झे ित ा पाने से रोक रखा है।
12 िबलाम ने बालाक से कहा, जो दू त तू ने मेरे पास भेजे थे, ा म ने उन से भी न कहा था,
13 िक चाहे बालाक अपने घर को सोने चांदी से भरकर मुझे दे , तौभी म यहोवा की आ ा तोड़कर अपने मन से न तो भला कर सकता ं और न बुरा; जो कुछ यहोवा कहे गा वही म
क ं गा?
14 अब सु न, म अपने लोगों के पास लौट कर जाता ं; पर ु पिहले म तुझे िचता दे ता ं िक अ के िदनों म वे लोग ते री जा से ा ा करगे।
15 िफर वह अपनी गूढ़ बात आर कर के कहने लगा, िक बोर के पु िबलाम की यह वाणी है , िजस पु ष की आं खे ब थी उसी की यह वाणी है,
16 ई र के वचनों का सुनने वाला, और परम धान के ान का जानने वाला, जो द वत म पड़ा आ खु ली ई आं खों से सवश मान का दशन पाता है, उसी की यह वाणी है: िक
17 म उसको दे खूंगा तो सही, पर ु अभी नही ं; म उसको िनहा ं गा तो सही, पर ु समीप होके नहीं: याकूब म से एक तारा उदय होगा, और इ ाएल म से एक राज द उठे गा; जो
मोआब की अलं गों को चूर कर दे गा, जो सब दं गा करने वालों को िगरा दे गा।
18 तब एदोम और सेईर भी, जो उसके श ु ह, दोनों उसके वश म पड़गे, और इ ाएल वीरता िदखाता जाएगा।
19 और याकूब ही म से एक अिधपित आवेगा जो भुता करे गा, और नगर म से बचे ओं को भी स ानाश करे गा।।
20 िफर उसने अमालेक पर ि कर के अपनी गूढ़ बात आर की, और कहने लगा, अमाले क अ जाितयों म े तो था, पर ु उसका अ िवनाश ही है।।
21 िफर उसने केिनयों पर ि कर के अपनी गूढ़ बात आर की, और कहने लगा, तेरा िनवास थान अित ढ़ तो है , और तेरा बसेरा च ान पर तो है;
22 तौभी केन उजड़ जाएगा। और अ म अ ूर तुझे ब ुआई म ले आएगा।।
23 िफर उसने अपनी गूढ़ बात आर की, और कहने लगा, हाय जब ई र यह करे गा तब कौन जीिवत बचे गा?
24 तौभी िकि यों के पास से जहाज वाले आकर अ ूर को और एबेर को भी दु :ख दगे ; और अ म उसका भी िवनाश हो जाएगा।।
25 तब िबलाम चल िदया, और अपने थान पर लौट गया; और बालाक ने भी अपना माग िलया।।
िगनती 25
1 इ ाएली िश ीम म रहते थे, और लोग मोआबी लड़िकयों के संग कुकम करने लगे ।
2 और जब उन ीयों ने उन लोगों को अपने दे वताओं के य ोंम नेवता िदया, तब वे लोग खाकर उनके दे वताओं को द वत करने लगे।
3 यों इ ाएली बालपोर दे वता को पूजने लगे। तब यहोवा का कोप इ ाएल पर भड़क उठा;
4 और यहोवा ने मूसा से कहा, जा के सब धानों को पकड़कर यहोवा के िलये धूप म लटका दे , िजस से मे रा भड़का आ कोप इ ाएल के ऊपर से दू र हो जाए।
5 तब मू सा ने इ ाएली ािययों से कहा, तु ारे जो जो आदमी बालपोर के सं ग िमल गए ह उ घात करो।।
6 और जब इ ाएिलयों की सारी म ली िमलापवाले त ू के ार पर रो रही थी, तो एक इ ाएली पु ष मूसा और सब लोगों की आं खों के सामने एक िम ानी ी को अपने साथ
अपने भाइयों के पास ले आया।
7 इसे दे खकर एलीआजर का पु पीनहास, जो हा न याजक का पोता था, उसने म ली म से उठ कर हाथ म एक बरछी ली,
8 और उस इ ाएली पु ष के डे रे म जाने के बाद वह भी भीतर गया, और उस पु ष और उस ी दोनों के पे ट म बरछी बेध दी। इस पर इ ाएिलयों म जो मरी फैल गई थी वह थम
गई।
9 और मरी से चौबीस हजार मनु मर गए।।
10 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
11 हा न याजक का पोता एलीआजर का पु पीनहास, िजसे इ ाएिलयों के बीच मेरी सी जलन उठी, उसने मेरी जलजलाहट को उन पर से यहां तक दू र िकया है , िक म ने जलकर
उनका अ नहीं कर डाला।
12 इसिलये तू कह दे , िक म उस से शांित की वाचा बा ता ं;
13 और वह उसके िलये, और उसके बाद उसके वंश के िलये, सदा के याजकपद की वाचा होगी, ोंिक उसे अपने परमे र के िलये जलन उठी, और उसने इ ाएिलयों के िलये
ायि िकया।
14 जो इ ाएली पु ष िम ानी ी के संग मारा गया, उसका नाम िज ी था, वह साल का पु और िशमोिनयों म से अपने िपतरों के घराने का धान था।
15 और जो िम ानी ी मारी गई उसका नाम कोज़बी था, वह सूर की बे टी थी, जो िम ानी िपतरों के एक घराने के लोगों का धान था।।
16 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
17 िम ािनयों को सता, और उ मार;
18 ोंिक पोर के िवषय और कोज़बी के िवषय वे तुम को छल कर के सताते ह। कोज़बी तो एक िम ानी धान की बे टी और िम ािनयों की जाित बिहन थी, और मरी के िदन म पोर के
मामले म मारी गई।।
िगनती 26
1 िफर यहोवा ने मूसा और एलीआजर नाम हा न याजक के पु से कहा,
2 इ ाएिलयों की सारी म ली म िजतने बीस वष के, वा उस से अिधक अव था के होने से इ ाएिलयों के बीच यु करने के यो ह, उनके िपतरों के घरानों के अनुसार उन सभों की
िगनती करो।
3 सो मू सा और एलीआजर याजक ने यरीहो के पास यरदन नदी के तीर पर मोआब के अराबा म उन से समझा के कहा,
4 बीस वष के और उस से अिधक अव था के लोगों की िगनती लो, जैसे िक यहोवा ने मूसा और इ ाएिलयों को िम दे श से िनकले आने के समय आ ा दी थी।।
5 बेन जो इ ाएल का जेठा था; उसके ये पु थे; अथात हनोक, िजस से हनोिकयों का कुल चला; और प ू , िजस से प ू इयों का कुल चला;
6 हे ोन, िजस से हे ोिनयों का कुल चला; और कम , िजस से किमय का कुल चला।
7 बेन वाले कुल ये ही थे; और इन म से जो िगने गए वे ततालीस हजार सात सौ तीस पु ष थे ।
8 और प ू का पु एलीआब था।
9 और प ू का पु नमूएल, दातान, और अबीराम थे। थे वही दातान और अबीराम ह जो सभासद थे; और िजस समय कोरह की म ली ने यहोवा से झगड़ा िकया था, उस समय उस
म ली म िमलकर वे भी मूसा और हा न से झगड़े थे;
10 और जब उन अढ़ाई सौ मनु ों के आग म भ हो जाने से वह म ली िमट गई, उसी समय पृ ी ने मुं ह खोल कर कोरह समेत इन को भी िनगल िलया; और वे एक ा ठहरे ।
11 पर ु कोरह के पु तो नही ं मरे थे ।
12 िशमोन के पु िजन से उनके कुल िनकले वे ये थे; अथात नमूएल, िजस से नमूएिलयों का कुल चला; और यामीन, िजस से यामीिनयों का कुल चला; और याकीन िजससे याकीिनयों का
कुल चला;
13 और जे रह, िजस से जेरिहयों का कुल चला; और शाऊल, िजस से शाऊिलयों का कुल चला।
14 िशमोन वाले कुल ये ही थे; इन म से बाईस हजार दो सौ पु ष िगने गए।।
15 और गाद के पु िजस से उनके कुल िनकले वे ये थे; अथात सपोन, िजस से सपोिनयों का कुल चला; और हा ी, िजस से हा यों का कुल चला; और शूनी, िजस से शूिनयों का कुल
चला; और ओजनी, िजस से ओजिनयों का कुल चला;
16 और एरी, िजस से ए रयों का कुल चला; और अरोद, िजस से अरोिदयों का कुल चला;
17 और अरे ली, िजस से अरे िलयों का कुल चला।
18 गाद के वंश के कुल ये ही थे; इन म से साढ़े चालीस हजार पु ष िगने गए।।
19 और य दा के एर और ओनान नाम पु तो ए, पर ु वे कनान दे श म मर गए।
20 और य दा के िजन पु ों से उनके कुल िनकले वे ये थे; अथात शेला, िजस से शेिलयों का कुल चला; और पेरेस िजस से पेरेिसयों का कुल चला; और जे रह, िजस से जे रिहयों का कुल
चला।
21 और पे रेस के पु ये थे; अथात हे ोन, िजस से हे ोिनयों का कुल चला; और हामूल, िजस से हामूिलयों का कुल चला।
22 य िदयों के कुल ये ही थे; इन म से साढ़े िछह र हजार पु ष िगने गए।।
23 और इ ाकार के पु िजन से उनके कुल िनकले वे ये थे ; अथात तोला, िजस से तोिलयों का कुल चला; और पु ा, िजस से पु यों का कुल चला;
24 और याशूब, िजस से याशूिबयों का कुल चला; और िश ोन, िजस से िश ोिनयों का कुल चला।
25 इ ाका रयों के कुल ये ही थे; इन म से चौसठ हजार तीन सौ पु ष िगने गए।।
26 और जबू लून के पु िजन से उनके कुल िनकले वे ये थे; अथात सेरेद िजस से सेरेिदयों का कुल चला; और एलोन, िजस से एलोिनयों का कुल चला; और यहले ल, िजस से यहले िलयों
का कुल चला।
27 जबूलूिनयोंके कुल ये ही थे; इन म से साढ़े साठ हजार पु ष िगने गए।।
28 और यूसुफ के पु िजस से उनके कुल िनकले वे मन े और ए ैम थे।
29 मन े के पु ये थे ; अथात माकीर, िजस से माकी रयों का कुल चला; और माकीर से िगलाद उ आ; और िगलाद से िगलािदयों का कुल चला।
30 िगलाद के तो पु ये थे; अथात ईएजेर, िजस से ईएजे रयों का कुल चला;
31 और हे लेक, िजस से हेलेिकयों का कुल चला और अ ीएल, िजस से अ ीएिलयों का कुल चला; और शेकेम, िजस से शेकेिमयों का कुल चला; और शमीदा, िजस से शमीिदयों का
कुल चला;
32 और हे पेर, िजस से हेपे रयों का कुल चला;
33 और हे पेर के पु सलोफाद के बे टे नही,ं केवल बेिटयां ई; इन बे िटयों के नाम महला, नोआ, हो ा, िम ा, और ितसा ह।
34 मन े वाले कुल ये ही थे; और इन म से जो िगने गए वे बावन हजार सात सौ पु ष थे ।।
35 और ए ै म के पु िजन से उनके कुल िनकले वे ये थे; अथात शूतेलह, िजस से शूतेलिहयों का कुल चला; और बेकेर, िजस से बे के रयों का कुल चला; और तहन िजस से तहिनयों का
कुल चला।
36 और शूतेलह के यह पु आ; अथात एरान, िजस से एरािनयों का कुल चला।
37 ए ैिमयों के कुल ये ही थे; इन म से साढ़े ब ीस हजार पु ष िगने गए। अपने कुलों के अनुसार यूसुफ के वंश के लोग ये ही थे ।।
38 और िब ामीन के पु िजन से उनके कुल िनकले वे ये थे ; अथात बे ला िजस से बेिलयों का कुल चला; और अशबेल, िजस से अशबे िलयों का कुल चला; और अहीराम, िजस से
अहीरािमयों का कुल चला;
39 और शपू पाम, िजस से शपूपािमयों का कुल चला; और पाम, िजस से पािमयों का कुल चला।
40 और बेला के पु अद और नामान थे; और अद से तो अिदय को कुल, और नामान से नामािनयों का कुल चला।
41 अपने कुलों के अनुसार िब ामीनी ये ही थे; और इन म से जो िगने गए वे पतालीस हजार छ: सौ पु ष थे ।।
42 और दान का पु िजस से उनका कुल िनकला यह था; अथात शूहाम, िजस से शूहािमयों का कुल चला। और दान का कुल यही था।
43 और शूहािमयों म से जो िगने गए उनके कुल म चौसठ हजार चार सौ पु ष थे ।।
44 और आशेर के पु िजस से उनके कुल िनकले वे ये थे ; अथात िय ा, िजस से ियि यों का कुल चला; िय ी, िजस से िय ीयों का कुल चला; और बरीआ, िजस से बरीइयों का कुल
चला।
45 िफर बरीआ के ये पु ए; अथात हेबेर, िजस से हेबे रयों का कुल चला; और म ीएल, िजस से म ीएिलयों का कुल चला।
46 और आशेर की बे टी का नाम सेरह है।
47 आशे रयों के कुल ये ही थे; इन म से ितपन हजार चार सौ पु ष िगने गए।।
48 और न ाली के पु िजस से उनके कुल िनकले वे थे थे; अथात यहसेल, िजस से यहसेिलयों का कुल चला; और गूनी, िजस से गूिनयों का कुल चला;
49 थे सेर, िजस से थेसे रयों का कुल चला; और िश ेम, िजस से िश ेिमयों का कुल चला।
50 अपने कुलों के अनुसार न ाली के कुल ये ही थे; और इन म से जो िगने गए वे पतालीस हजार चार सौ पु ष थे ।।
51 सब इ ाएिलयों म से जो िगने गए थे वे ये ही थे; अथात छ: लाख एक हजार सात सौ तीस पु ष थे ।।
52 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
53 इन को, इनकी िगनती के अनुसार, वह भूिम इनका भाग होने के िलये बांट दी जाए।
54 अथात िजस कुल से अिधक हों उन को अिधक भाग, और िजस म कम हों उन को कम भाग दे ना; े क गो को उसका भाग उसके िगने ए लोगों के अनु सार िदया जाए।
55 तौभी दे श िच ी डालकर बांटा जाए; इ ाएिलयों के िपतरों के एक एक गो का नाम, जै से जै से िनकले वैसे वैसे वे अपना अपना भाग पाएं ।
56 चाहे ब तों का भाग हो चाहे थोड़ों का हो, जो जो भाग बांटे जाएं वह िच ी डालकर बां टे जाए।।
57 िफर ले िवयों म से जो अपने कुलों के अनुसार िगने गए वे ये ह; अथात गे श िनयों से िनकला आ गे श िनयों का कुल; कहात से िनकला आ कहाितयों का कुल; और मरारी से िनकला
आ मरा रयों का कुल।
58 ले िवयों के कुल ये ह; अथात िलि यों का, हे ािनयों का, महिलयों का, मूिशयों का, और कोरिहयों का कुल। और कहात से अ ाम उ आ।
59 और अ ाम की प ी का नाम योकेबेद है, वह लेवी के वंश की थी जो लेवी के वंश म िम दे श म उ ई थी; और वह अ ाम से हा न और मूसा और उनकी बिहन म रयम को
भी जनी।
60 और हा न से नादाब, अबी , एलीआजर, और ईतामार उ ए।
61 नादाब और अबी तो उस समय मर गए थे, जब वे यहोवा के सा ने ऊपरी आग ले गए थे ।
62 सब ले िवयों म से जो िगने गए, अथात िजतने पु ष एक महीने के वा उस से अिधक अव था के थे , वे तेईस हजार थे ; वे इ ाएिलयों के बीच इसिलये नही ं िगने गए, ोंिक उन को
दे श का कोई भाग नहीं िदया गया था।।
63 मूसा और एलीआजर याजक िज ोंने मोआब के अराबा म यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर इ ाएिलयों को िगन िलया, उनके िगने ए लोग इतने ही थे।
64 पर ु िजन इ ाएिलयों को मू सा और हा न याजक ने सीनै के जंगल म िगना था, उन म से एक पु ष इस समय के िगने ओं म न था।
65 ोंिक यहोवा ने उनके िवषय कहा था, िक वे िन य जं गल म मर जाएं गे, इसिलये यपु े के पु कालेब और नू न के पु यहोशू को छोड़, उन म से एक भी पु ष नही ं बचा।।
िगनती 27
1 तब यूसुफ के पु मन े के वंश के कुलों म से सलोफाद, जो हेपेर का पु , और िगलाद का पोता, और मन े के पु माकीर का पर पोता था, उसकी बेिटयां िजनके नाम महला,
नोवा, हो ा, िमलका, और ितसा ह वे पास आईं।
2 और वे मूसा और एलीआजर याजक और धानों और सारी म ली के सा ने िमलापवाले त ू के ार पर खड़ी हो कर कहने लगी ं,
3 हमारा िपता जंगल म मर गया; पर ु वह उस म ली म का न था जो कोरह की म ली के सं ग हो कर यहोवा के िव इक ी ई थी, वह अपने ही पाप के कारण मरा; और उसके
कोई पु न था।
4 तो हमारे िपता का नाम उसके कुल म से पु न होने के कारण ों िमट जाए? हमारे चाचाओं के बीच हम भी कुछ भू िम िनज भाग कर के दे ।
5 उनकी यह िबनती मूसा ने यहोवा को सुनाईं।
6 यहोवा ने मू सा से कहा,
7 सलोफाद की बेिटयां ठीक कहती ह; इसिलये तू उनके चाचाओं के बीच उन को भी अव ही कुछ भू िम िनज भाग कर के दे , अथात उनके िपता का भाग उनके हाथ सौंप दे ।
8 और इ ाएिलयों से यह कह, िक यिद कोई मनु िनपु मर जाए, तो उसका भाग उसकी बेटी के हाथ सौंपना।
9 और यिद उसके कोई बेटी भी न हो, तो उसका भाग उसके भाइयों को दे ना।
10 और यिद उसके भाई भी न हों, तो उसका भाग चाचाओं को दे ना।
11 और यिद उसके चाचा भी न हों, तो उसके कुल म से उसका जो कुटु ी सब से समीप हो उसको उसका भाग दे ना, िक वह उसका अिधकारी हो। इ ाएिलयों के िलये यह ाय की
िविध ठहरे गी, जैसे िक यहोवा ने मूसा को आ ा दी।।
12 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, इस अबारीम नाम पवत के ऊपर चढ़ के उस दे श को दे ख ले िजसे म ने इ ाएिलयों को िदया है।
13 और जब तू उसको दे ख लेगा, तब अपने भाई हा न की नाईं तू भी अपने लोगों म जा िमले गा,
14 ोंिक सीन नाम जंगल म तुम दोनों ने म ली के झगड़ने के समय मे री आ ा को तोड़कर मु झ से बलवा िकया, और मुझे सोते के पास उनकी ि म पिव नहीं ठहराया। ( यह
मरीबा नाम सोता है जो सीन नाम जंगल के कादे श म है )
15 मूसा ने यहोवा से कहा,
16 यहोवा, जो सारे ािणयों की आ ाओं का परमे र है, वह इस म ली के लोगों के ऊपर िकसी पु ष को िनयु कर दे ,
17 जो उसके सा ने आया जाया करे , और उनका िनकालने और पै ठाने वाला हो; िजस से यहोवा की म ली िबना चरवाहे की भेड़ बक रयों के समान न रहे।
18 यहोवा ने मूसा से कहा, तू नून के पु यहोशू को ले कर उस पर हाथ रख; वह तो ऐसा पु ष है िजस म मे रा आ ा बसा है;
19 और उसको एलीआजर याजक के और सारी म ली के सा ने खड़ा कर के उनके सा ने उसे आ ा दे ।
20 और अपनी मिहमा म से कुछ उसे दे , िजस से इ ाएिलयों की सारी म ली उसकी माना करे ।
21 और वह एलीआजर याजक के सा ने खड़ा आ करे , और एलीआजर उसके िलये यहोवा से ऊरीम की आ ा पू छा करे ; और वह इ ाएिलयों की सारी म ली समे त उसके कहने
से जाया करे , और उसी के कहने से लौट भी आया करे ।
22 यहोवा की इस आ ा के अनुसार मूसा ने यहोशू को ले कर, एलीआजर याजक और सारी म ली के सा ने खड़ा कर के,
23 उस पर हाथ रखे , और उसको आ ा दी जैसे िक यहोवा ने मू सा के ारा कहा था।।
िगनती 28
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों को यह आ ा सुना िक मेरा चढ़ावा, अथात मु झे सुखदायक सु ग दे ने वाला मे रा ह पी भोजन, तु म लोग मेरे िलये उनके िनयत समयों पर चढ़ाने के िलये रण
रखना।
3 और तू उन से कह, िक जो जो तु यहोवा के िलये चढ़ाना होगा वे ये ह; अथात िन होमबिल के िलये एक एक वष के दो िनद ष भेड़ी के ब े ितिदन चढ़ाया करे ।
4 एक ब े को भोर को और दू सरे को गोधूिल के समय चढ़ाना;
5 और भे ड़ के ब े के पीछे एक चौथाई हीन कूटके िनकाले ए तेल से सने ए एपा के दसव अं श मै दे का अ बिल चढ़ाना।
6 यह िन होमबिल है, जो सीनै पवत पर यहोवा का सुखदायक सुग वाला ह होने के िलये ठहराया गया।
7 और उसका अघ ित एक भेड़ के ब े के संग एक चौथाई हीन हो; मिदरा का यह अघ यहोवा के िलये पिव थान म दे ना।
8 और दू सरे ब े को गोधूिल के समय चढ़ाना; अ बिल और अघ समेत भोर के होमबिल की नाईं उसे यहोवा को सुखदायक सुग दे ने वाला ह कर के चढ़ाना।।
9 िफर िव ामिदन को दो िनद ष भेड़ के एक साल के नर ब े, और अ बिल के िलये ते ल से सना आ एपा का दो दसवां अंश मैदा अघ समेत चढ़ाना।
10 िन होमबिल और उसके अघ के अलावा ेक िव ामिदन का यही होमबिल ठहरा है ।।
11 िफर अपने महीनों के आर म ितमास यहोवा के िलये होमबिल चढ़ाना; अथात दो बछड़े , एक मे ढ़ा, और एक एक वष के िनद ष भेड़ के सात ब े;
12 और बछड़े पीछे तेल से सना आ एपा का तीन दसवां अं श मै दा, और उस एक मे ढ़े के साथ ते ल से सना आ एपा का दो दसवां अंश मैदा;
13 और े क भे ड़ के ब े के पीछे तेल से सना आ एपा का दसवां अंश मैदा, उन सभों को अ बिल कर के चढ़ाना; वह सुखदायक सुग दे ने के िलये होमबिल और यहोवा के िलये
ह ठहरे गा।
14 और उनके साथ ये अघ हों; अथात बछड़े पीछे आध हीन, मे ढ़े के साथ ितहाई हीन, और भेड़ के ब े पीछे चौथाई हीन दाखमधु िदया जाए; वष के सब महीनों म से ित एक महीने
का यही होमबिल ठहरे ।
15 और एक बकरा पापबिल कर के यहोवा के िलये चढ़ाया जाए; यह िन होमबिल और उसके अघ के अलावा चढ़ाया जाए।।
16 िफर पिहले महीने के चौदहव िदन को यहोवा का फसह आ करे ।
17 और उसी महीने के प हव िदन को प लगा करे ; सात िदन तक अखमीरी रोटी खाई जाए।
18 पिहले िदन पिव सभा हो; और उस िदन प र म का कोई काम न िकया जाए;
19 उस म तुम यहोवा के िलये ह , अथात होमबिल चढ़ाना; सो दो बछड़े , एक मे ढ़ा, और एक एक वष के सात भेड़ के ब े हों; ये सब िनद ष हों;
20 और उनका अ बिल तेल से सने ए मैदे का हो; बछड़े पीछे एपा का तीन दसवां अंश और मे ढ़े के सात एपा का दो दसवां अंश मैदा हो।
21 और सातों भेड़ के ब ोंम से ित एक ब े पीछे एपा का दसवां अंश चढ़ाना।
22 और एक बकरा भी पापबिल कर के चढ़ाना, िजस से तु ारे िलये ायि हो।
23 भोर का होमबिल जो िन होमबिल ठहरा है, उसके अलावा इन को चढ़ाना।
24 इस रीित से तुम उन सातों िदनों म भी ह का भोजन चढ़ाना, जो यहोवा को सु खदायक सुग दे ने के िलये हो; यह िन होमबिल और उसके अघ के अलावा चढ़ाया जाए।
25 और सातव िदन भी तु ारी पिव सभा हो; और उस िदन प र म का कोई काम न करना।।
26 िफर पिहली उपज के िदन म, जब तुम अपने अठवारे नाम प म यहोवा के िलये नया अ बिल चढ़ाओगे , तब भी तु ारी पिव सभा हो; और प र म का कोई काम न करना।
27 और एक होमबिल चढ़ाना, िजस से यहोवा के िलये सु खदायक सु ग हो; अथात दो बछड़े , एक मे ढ़ा, और एक एक वष के सात भेड़ के ब े;
28 और उनका अ बिल तेल से सने ए मैदे का हो; अथात बछड़े पीछे एपा का तीन दसवां अं श, और मेढ़े के सं ग एपा का दो दसवां अंश,
29 और सातों भेड़ के ब ों म से एक एक ब े के पीछे एपा का दसवां अंश मैदा चढ़ाना।
30 और एक बकरा भी चढ़ाना, िजस से तु ारे िलये ायि हो।
31 ये सब िनद ष हों; और िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा इस को भी चढ़ाना।।
िगनती 29
1 िफर सातव महीने के पिहले िदन को तु ारी पिव सभा हो; उस म प र म का कोई काम न करना। वह तु ारे िलये जयजयकार का नरिसंगा फूंकने का िदन ठहरा है;
2 तुम होमबिल चढ़ाना, िजस से यहोवा के िलये सुखदायक सुग हो; अथात बछड़ा, एक मे ढ़ा, और एक एक वष के सात िनद ष भेड़ के ब े;
3 और उनका अ बिल तेल से सने ए मैदे का हो; अथात बछड़े के साथ एपा का दो दसवां अं श,
4 और सातों भे ड़ के ब ों म से एक एक ब े पीछे एपा का दसवां अं श मैदा चढ़ाना।
5 और एक बकरा भी पापबिल कर के चढ़ाना, िजस से तु ारे िलये ायि हो।
6 इन सभों से अिधक नए चांद का होमबिल और उसका अ बिल, और िन होमबिल और उसका अ बिल, और उन सभों के अघ भी उनके िनयम के अनुसार सुखदायक सुग दे ने
के िलये यहोवा के ह कर के चढ़ाना।।
7 िफर उसी सातव महीने के दसव िदन को तु ारी पिव सभा हो; तुम अपने अपने ाण को दु :ख दे ना, और िकसी कार का कामकाज न करना;
8 और यहोवा के िलये सुखदायक सुग दे ने को होमबिल; अथात एक बछड़ा, एक मे ढ़ा, और एक एक वष के सात भेड़ के ब े चढ़ाना; िफर ये सब िनद ष हों;
9 और उनका अ बिल तेल से सने ए मैदे का हो; अथात बछड़े के साथ एपा का तीन दसवां अं श, और मे ढ़े के साथ एपा का दो दसवां अंश,
10 और सातों भेड़ के ब ों म से एक एक ब े के पीछे एपा का दसवां अंश मैदा चढ़ाना।
11 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये सब ायि के पापबिल और िन होमबिल और उसके अ बिल के, और उन सभों के अध के अलावा चढ़ाया जाए।।
12 िफर सातव महीने के प हव िदन को तु ारी पिव सभा हो; और उस म प र म का कोई काम न करना, और सात िदन तक यहोवा के िलये प मानना;
13 तुम होमबिल यहोवा को सुखदायक सुग दे ने के िलये ह कर के चढ़ाना; अथात ते रह बछड़े , और दो मे ढ़े, और एक एक वष के चौदह भेड़ के ब े; ये सब िनद ष हों;
14 और उनका अ बिल तेल से सने ए मैदे का हो; अथात तेरहों बछड़ों म से एक एक बछड़े के पीछे एपा का तीन दसवां अंश, और दोनों मे ढ़ों म से एक एक मेढ़े के पीछे एपा का दो
दसवां अं श,
15 और चौदहों भेड़ के ब ों म से एक एक ब े के पीछे एपा का दसवां अं श मै दा चढ़ाना।
16 और पापबिल के िलये एक बकरा चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
17 िफर दू सरे िदन बारह बछड़े , और दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भे ड़ के ब े चढ़ाना;
18 और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार, और िनयम के अनुसार चढ़ाना।।
19 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
20 िफर तीसरे िदन ारह बछड़े , और दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भेड़ के ब े चढ़ाना;
21 और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार, और िनयम के अनुसार चढ़ाना।
22 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
23 और िफर चौथे िदन दस बछड़े , और दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भे ड़ के ब े चढ़ाना;
24 बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार, और िनयम के अनु सार चढ़ाना।
25 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
26 िफर पां चव िदन नौ बछड़े , दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भे ड़ के ब े चढ़ाना;
27 और बछड़ों, मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार, और िनयम के अनु सार चढ़ाना।
28 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
29 िफर छठव िदन आठ बछड़े , और दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भे ड़ के ब े चढ़ाना;
30 और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार चढ़ाना।
31 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
32 िफर सातव िदन सात बछड़े , और दो मेढ़े, और एक एक वष के चौदह िनद ष भे ड़ के ब े चढ़ाना।
33 और बछड़ों और मेढ़ों, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनु सार चढ़ाना।
34 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
35 िफर आठव िदन तु ारी एक महासभा हो; उस म प र म का कोई काम न करना,
36 और उस म होमबिल यहोवा को सुखदायक सुग दे ने के िलये ह कर के चढ़ाना; वह एक बछड़े , और एक मे ढ़े, और एक एक वष के सात िनद ष भेड़ के ब ों का हो;
37 बछड़े , और मे ढ़े, और भेड़ के ब ों के साथ उनके अ बिल और अघ, उनकी िगनती के अनुसार, और िनयम के अनु सार चढ़ाना।
38 और पापबिल के िलये एक बकरा भी चढ़ाना; ये िन होमबिल और उसके अ बिल और अघ के अलावा चढ़ाए जाएं ।।
39 अपनी म तों और े ाबिलयों के अलावा, अपने अपने िनयत समयों म, ये ही होमबिल, अ बिल, अघ, और मे लबिल, यहोवा के िलये चढ़ाना।
40 यह सारी आ ा यहोवा ने मूसा को दी जो उसने इ ाएिलयों को सु नाईं।।
िगनती 30
1 िफर मूसा ने इ ाएली गो ों के मु मु पु षों से कहा, यहोवा ने यह आ ा दी है,
2 िक जब कोई पु ष यहोवा की म त माने, वा अपने आप को वाचा से बा ने के िलये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुंह से िनकला हो उसके अनु सार वह
करे ।
3 और जब कोई ी अपनी कुंवारी अव था म, अपने िपता के घर से रहते ए, यहोवा की म त माने , वा अपने को वाचा से बा े,
4 तो यिद उसका िपता उसकी म त वा उसका वह वचन सुनकर, िजस से उसने अपने आप को बा ा हो, उस से कुछ न कहे; तब तो उसकी सब म त थर बनी रह, और कोई ब न
ों न हो, िजस से उसने अपने आप को बा ा हो, वह भी थर रहे।
5 पर ु यिद उसका िपता उसकी सुनकर उसी िदन उसको बरजे, तो उसकी म त वा और कार के ब न, िजन से उसने अपने आप को बा ा हो, उन म से एक भी थर न रहे, और
यहोवा यह जान कर, िक उस ी के िपता ने उसे मना कर िदया है, उसका यह पाप मा करे गा।
6 िफर यिद वह पित के आधीन हो और म त माने, वा िबना सोच िवचार िकए ऐसा कुछ कहे िजस से वह ब न म पड़े ,
7 और यिद उसका पित सुनकर उस िदन उस से कुछ न कहे; तब तो उसकी म त थर रह, और िजन ब नों से उसने अपने आप को बा ा हो वह भी थर रह।
8 पर ु यिद उसका पित सुनकर उसी िदन उसे मना कर दे , तो जो म त उसने मानी है , और जो बात िबना सोच िवचार िकए कहने से उसने अपने आप को वाचा से बा ा हो, वह टू ट
जाएगी; और यहोवा उस ी का पाप मा करे गा।
9 िफर िवधवा वा ागी ई ी की म त, वा िकसी कार की वाचा का ब न ों न हो, िजस से उसने अपने आप को बा ा हो, तो वह थर ही रहे।
10 िफर यिद कोई ी अपने पित के घर म रहते म त माने , वा शपथ खाकर अपने आप को बा े ,
11 और उसका पित सुनकर कुछ न कहे, और न उसे मना करे ; तब तो उसकी सब म त थर बनी रह, और हर एक ब न ों न हो, िजस से उसने अपने आप को बा ा हो, वह
थर रहे।
12 पर ु यिद उसका पित उसकी म त आिद सुनकर उसी िदन पू री रीित से तोड़ दे , तो उसकी म त आिद, जो कुछ उसके मुंह से अपने ब न के िवषय िनकला हो, उस म से एक
बात भी थर न रहे; उसके पित ने सब तोड़ िदया है; इसिलये यहोवा उस ी का वह पाप मा करे गा।
13 कोई भी म त वा शपथ ों न हो, िजस से उस ी ने अपने जीव को दु :ख दे ने की वाचा बा ी हो, उसको उसका पित चाहे तो ढ़ करे , और चाहे तो तोड़े ;
14 अथात यिद उसका पित िदन ित िदन उस से कुछ भी न कहे , तो वह उसको सब म त आिद ब नों को िजस से वह ब ी हो ढ़ कर दे ता है; उसने उन को ढ़ िकया है , ोंिक
सुनने के िदन उसने कुछ नही ं कहा।
15 और यिद वह उ सुनकर पीछे तोड़ दे , तो अपनी ी के अधम का भार वही उठाएगा।
16 पित प ी के बीच, और िपता और उसके घर मे रहती ई कुंवारी बे टी के बीच, िजन िविधयों की आ ा यहोवा ने मू सा को दी वे ये ही ह।।
िगनती 31
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 िम ािनयों से इ ाएिलयों का पलटा ले; बाद को तू अपने लोगों म जा िमले गा।
3 तब मू सा ने लोगों से कहा, अपने म से पु षों को यु के िलये हिथयार ब ाओ, िक वे िम ािनयों पर चढ़ के उन से यहोवा का पलटा ले।
4 इ ाएल के सब गो ों म से ेक गो के एक एक हजार पु षों को यु करने के िलये भे जो।
5 तब इ ाएल के सब गो ों म से ेक गो के एक एक हजार पु ष चुने गए, अथात यु के िलये हिथयार-ब बारह हजार पु ष।
6 े क गो म से उन हजार हजार पु षों को, और एलीआजर याजक के पु पीनहास को, मूसा ने यु करने के िलये भेजा, और उसके हाथ म पिव थान के पा और वे तु रिहयां थी ं
जो सांस बा बा कर फूंकी जाती थी ं।
7 और जो आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार उ ोंने िम ािनयों से यु कर के सब पु षों को घात िकया।
8 और दू सरे जू झे ओं को छोड़ उ ोंने एवी, रे केम, सूर, र, और रे बा नाम िम ान के पां चों राजाओं को घात िकया; और बोर के पु िबलाम को भी उ ोंने तलवार से घात िकया।
9 और इ ाएिलयों ने िम ानी यों को बाल-ब ों समेत ब ुआई म कर िलया; और उनके गाय-बै ल, भे ड़-बकरी, और उनकी सारी स ि को लूट िलया।
10 और उनके िनवास के सब नगरों, और सब छाविनयों को फूंक िदया;
11 तब वे, ा मनु ा पशु, सब ब ुओं और सारी लू ट-पाट को ले कर
12 यरीहो के पास की यरदन नदी के तीर पर, मोआब के अराबा म, छावनी के िनकट, मूसा और एलीआजर याजक और इ ाएिलयों की म ली के पास आए।।
13 तब मू सा और एलीआजर याजक और म ली के सब धान छावनी के बाहर उनका ागत करने को िनकले ।
14 और मू सा सह पित-शतपित आिद, सेनापितयों से, जो यु कर के लौटे आते थे ोिधत हो कर कहने लगा,
15 ा तुम ने सब यों को जीिवत छोड़ िदया?
16 दे खे, िबलाम की स ित से, पोर के िवषय म इ ाएिलयों से यहोवा का िव ासघात इ ी ं ने कराया, और यहोवा की म ली म मरी फैली।
17 सो अब बाल-ब ों म से हर एक लड़के को, और िजतनी यों ने पु ष का मुंह दे खा हो उन सभों को घात करो।
18 पर ु िजतनी लड़िकयों ने पु ष का मुंह न दे खा हो उन सभों को तुम अपने िलये जीिवत रखो।
19 और तुम लोग सात िदन तक छावनी के बाहर रहो, और तुम म से िजतनों ने िकसी ाणी को घात िकया, और िजतनों ने िकसी मरे ए को छूआ हो, वे सब अपने अपने ब ु ओं समे त
तीसरे और सातव िदनों म अपने अपने को पाप छु ड़ाकर पावन कर।
20 और सब व ों, और चमड़े की बनी ई सब व ुओ,ं और बकरी के बालों की और लकड़ी की बनी ई सब व ु ओं को पावन कर लो।
21 तब एलीआजर याजक ने सेना के उन पु षों से जो यु करने गए थे कहा, व था की िजस िविध की आ ा यहोवा ने मूसा को दी है वह यह है,
22 िक सोना, चां दी, पीतल, लोहा, रांगा, और सीसा,
23 जो कुछ आग म ठहर सके उसको आग म डालो, तब वह शु ठहरे गा; तौभी वह अशु ता छु ड़ाने वाले जल के ारा पावन िकया जाए; पर ु जो कुछ आग म न ठहर सके उसे जल
म डु बाओ।
24 और सातव िदन अपने व ों को धोना, तब तुम शु ठहरोगे; और तब छावनी म आना।।
25 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
26 एलीआजर याजक और म ली के िपतरों के घरानों के मु मु पु षों को साथ ले कर तू लूट के मनु ों और पशुओं की िगनती कर;
27 तब उन को आधा आधा कर के एक भाग उन िसपािहयों को जो यु करने को गए थे , और दू सरा भाग म ली को दे ।
28 िफर जो िसपाही यु करने को गए थे, उनके आधे म से यहोवा के िलये , ा मनु , ा गाय-बै ल, ा गदहे , ा भेड़-बक रयां
29 पां च सौ के पीछे एक को मानकर ले ले; और यहोवा की भट कर के एलीआजर याजक को दे दे ।
30 िफर इ ाएिलयों के आधे म से, ा मनु , ा गाय-बै ल, ा गदहे, ा भे ड़-बक रयां , ा िकसी कार का पशु हो, पचास के पीछे एक ले कर यहोवा के िनवास की रखवाली
करने वाले ले िवयों को दे ।
31 यहोवा की इस आ ा के अनुसार जो उसने मूसा को दी मूसा और एलीआजर याजक ने िकया।
32 और जो व ु एं से ना के पु षों ने अपने अपने िलये लूट ली थी ं उन से अिधक की लूट यह थी; अथात छ: लाख पचह र हजार भेड़-बक रयां,
33 बह र हजार गाय बैल,
34 इकसठ हजार गदहे,
35 और मनु ों म से िजन यों ने पु ष का मुंह नही ं दे खा था वह सब ब ीस हजार थीं।
36 और इसका आधा, अथात उनका भाग जो यु करने को गए थे , उस म भे ड़बक रयां तीन लाख साढ़े सतीस हजार,
37 िजस म से पौने सात सौ भेड़-बक रयां यहोवा का कर ठहरीं।
38 और गाय-बैल छ ीस हजार, िजन म से बह र यहोवा का कर ठहरे ।
39 और गदहे साढ़े तीस हजार, िजन म से इकसठ यहोवा का कर ठहरे ।
40 और मनु सोलह हजार िजन म से ब ीस ाणी यहोवा का कर ठहरे ।
41 इस कर को जो यहोवा की भट थी मूसा ने यहोवा की आ ा के अनु सार एलीआजर याजक को िदया।
42 और इ ाएिलयों की म ली का आधा
43 तीन लाख साढ़े सितस हजार भेड़-बक रयां
44 छ ीस हजार गाय-बैल,
45 साढ़े तीस हजार गदहे,
46 और सोलह हजार मनु ए।
47 इस आधे म से , िजसे मूसा ने यु करने वाले पु षों के पास से अलग िकया था, यहोवा की आ ा के अनु सार मू सा ने , ा मनु ा पशु, पचास पीछे एक ले कर यहोवा के िनवास
की रखवाली करने वाले लेिवयों को िदया।
48 तब सह पित-शतपित आिद, जो सरदार सेना के हजारों के ऊपर िनयु थे , वे मू सा के पास आकर कहने लगे,
49 जो िसपाही हमारे आधीन थे उनकी तेरे दासों ने िगनती ली, और उन म से एक भी नही ं घटा।
50 इसिलये पायजे ब, कड़े , मुंद रयां, बािलयां, बाजूब , सोने के जो गहने, िजसने पाया है , उन को हम यहोवा के सा ने अपने ाणों के िनिम ायि करने को यहोवा की भट कर के
ले आए ह।
51 तब मू सा और एलीआजर याजक ने उन से वे सब सोने के न ाशीदार गहने ले िलए।
52 और सह पितयों और शतपितयों ने जो भट का सोना यहोवा की भट कर के िदया वह सब का सब सोलह हजार साढ़े सात सौ शेकेल का था।
53 ( यो ाओं ने तो अपने अपने िलये लूट ले ली थी। )
54 यह सोना मूसा और एलीआजर याजक ने सह पितयों और शतपितयों से ले कर िमलापवाले त ू म प ं चा िदया, िक इ ाएिलयों के िलये यहोवा के सा ने ण िदलाने वाली व ु
ठहरे ।।
िगनती 32
1 बे िनयों और गािदयों के पास ब त जानवर थे। जब उ ोंने याजेर और िगलाद दे शों को दे खकर िवचार िकया, िक वह ढ़ोरों के यो दे श है,
2 तब मू सा और एलीआजर याजक और म ली के धानों के पास जा कर कहने लगे,
3 अतारोत, दीबोन, याजेर, िन ा, हेशबोन, एलाले, सबाम, नबो, और बोन नगरों का दे श
4 िजस पर यहोवा ने इ ाएल की म ली को िवजय िदलवाई है, वह ढोरों के यो है; और ते रे दासों के पास ढोर ह।
5 िफर उ ोंने कहा, यिद ते रा अनु ह तेरे दासों पर हो, तो यह दे श तेरे दासों को िमले िक उनकी िनज भूिम हो; हम यरदन पार न ले चल।
6 मूसा ने गािदयों और बेिनयों से कहा, जब तु ारे भाई यु करने को जाएं गे तब ा तु म यहां बै ठे रहोगे ?
7 और इ ाएिलयों से भी उस पार के दे श जाने के िवषय जो यहोवा ने उ िदया है तु म ों अ ीकार करवाते हो?
8 जब म ने तु ारे बापदादों को कादे शबन से कनान दे श दे खने के िलये भे जा, तब उ ोंने भी ऐसा ही िकया था।
9 अथात जब उ ोंने एशकोल नाम नाले तक प ंचकर दे श को दे खा, तब इ ाएिलयों से उस दे श के िवषय जो यहोवा ने उ िदया था अ ीकार करा िदया।
10 इसिलये उस समय यहोवा ने कोप कर के यह शपथ खाई िक,
11 िन:स े ह जो मनु िम से िनकल आए ह उन म से, िजतने बीस वष के वा उस से अिधक अव था के ह, वे उस दे श को दे खने न पाएं गे, िजसके दे ने की शपथ म ने इ ाहीम,
इसहाक, और याकूब से खाई है, ोंिक वे मे रे पीछे पूरी रीित से नहीं हो िलये;
12 पर ु यपु े कनजी का पु कालेब, और नून का पु यहोशू, ये दोनों जो मेरे पीछे पूरी रीित से हो िलये ह ये तो उसे दे खने पाएं गे।
13 सो यहोवा का कोप इ ाएिलयों पर भड़का, और जब तक उस पीढ़ी के सब लोगों का अ न आ, िज ोंने यहोवा के ित बुरा िकया था, तब तक अथात चालीस वष तक वह जं गल
म मारे मारे िफराता रहा।
14 और सु नो, तु म लोग उन पािपयों के ब े हो कर इसी िलये अपने बाप-दादों के थान पर कट ए हो, िक इ ाएल के िव यहोवा से भड़के ए कोप को और भड़काओ!
15 यिद तु म उसके पीछे चलने से िफर जाओ, तो वह िफर हम सभों को जं गल म छोड़ दे गा; इस कार तु म इन सारे लोगों का नाश कराओगे।
16 तब उ ोंने मूसा के और िनकट आकर कहा, हम अपने ढ़ोरों के िलये यही ं भे ड़शाले बनाएं गे , और अपने बाल-ब ों के िलये यहीं नगर बसाएं गे,
17 पर ु आप इ ाएिलयों के आगे आगे हिथयार ब तब तक चलगे , जब तक उन को उनके थान म न प ं चा दे ; पर ु हमारे बाल-ब े इस दे श के िनवािसयों के डर से गढ़ वाले
नगरों म रहगे ।
18 पर ु जब तक इ ाएली अपने अपने भाग के अिधकारी न हों तब तक हम अपने घरों को न लौटगे।
19 हम उनके साथ यरदन पार वा कहीं आगे अपना भाग न लगे, ोंिक हमारा भाग यरदन के इसी पार पूरब की ओर िमला है।
20 तब मू सा ने उन से कहा, यिद तुम ऐसा करो, अथात यिद तुम यहोवा के आगे आगे यु करने को हिथयार बा ो।
21 और हर एक हिथयार-ब यरदन के पार तब तक चले, जब तक यहोवा अपने आगे से अपने श ुओ ं को न िनकाले
22 और दे श यहोवा के वश म न आए; तो उसके पीछे तुम यहां लौटोगे , और यहोवा के और इ ाएल के िवषय िनद ष ठहरोगे; और यह दे श यहोवा के ित तु ारी िनज भू िम ठहरे गा।
23 और यिद तुम ऐसा न करो, तो यहोवा के िव पापी ठहरोगे ; और जान रखो िक तु म को तु ारा पाप लगेगा।
24 तुम अपने बाल-ब ों के िलये नगर बसाओ, और अपनी भेड़-बक रयों के िलये भे ड़शाले बनाओ; और जो तु ारे मुं ह से िनकला है वही करो।
25 तब गािदयों और बेिनयों ने मू सा से कहा, अपने भु की आ ा के अनुसार ते रे दास करगे ।
26 हमारे बाल-ब े, यां, भे ड़-बकरी आिद, सब पशु तो यही ं िगलाद के नगरों म रहगे;
27 पर ु अपने भु के कहे के अनुसार तेरे दास सब के सब यु के िलये हिथयार-ब यहोवा के आगे आगे लड़ने को पार जाएं गे।
28 तब मू सा ने उनके िवषय म एलीआजर याजक, और नून के पु यहोशू, और इ ाएिलयों के गो ों के िपतरों के घरानों के मु मु पु षों को यह आ ा दी,
29 िक यिद सब गादी और बेनी पु ष यु के िलये हिथयार-ब तु ारे सं ग यरदन पार जाएं , और दे श तु ारे वश म आ जाए, तो िगलाद दे श उनकी िनज भूिम होने को उ दे ना।
30 पर ु यिद वे तु ारे संग हिथयार-ब पार न जाएं , तो उनकी िनज भूिम तु ारे बीच कनान दे श म ठहरे ।
31 तब गादी और बेनी बोल उठे , यहोवा ने जैसा तेरे दासों से कहलाया है वैसा ही हम करगे ।
32 हम हिथयार-ब यहोवा के आगे आगे उस पार कनान दे श म जाएं गे , पर ु हमारी िनज भू िम यरदन के इसी पार रहे।।
33 तब मू सा ने गािदयों और बेिनयों को, और यूसुफ के पु मन े के आधे गोि यों को एमो रयों के राजा सीहोन और बाशान के राजा ओग, दोनों के रा ों का दे श, नगरों, और
उनके आसपास की भूिम समेत दे िदया।
34 तब गािदयों ने दीबोन, अतारोत, अरोएर,
35 अ ौत, शोपान, याजेर, योगबहा,
36 बेतिन ा, और बे यारान नाम नगरों को ढ़ िकया, और उन म भेड़-बक रयों के िलये भे ड़शाले बनाए।
37 और बेिनयों ने हे शबोन, एलाले, और िकयातैम को,
38 िफर नबो और बालमोन के नाम बदलकर उन को, और िसबमा को ढ़ िकया; और उ ोंने अपने ढ़ िकए ए नगरों के और और नाम रखे।
39 और मन े के पु माकीर के वंश वालों ने िगलाद दे श म जा कर उसे ले िलया, और जो एमोरी उस म रहते थे उन को िनकाल िदया।
40 तब मू सा ने मन े के पु माकीर के वंश को िगलाद दे िदया, और वे उस म रहने लगे ।
41 और मन ेई याईर ने जा कर िगलाद की िकतनी ब यां ले ली ं, और उनके नाम ह ो ाईर रखे।
42 और नोबह ने जा कर गांवों समेत कनात को ले िलया, और उसका नाम अपने नाम पर नोबह रखा।।
िगनती 33
1 जब से इ ाएली मू सा और हा न की अगुवाई से दल बा कर िम दे श से िनकले , तब से उनके ये पड़ाव ए।
2 मू सा ने यहोवा से आ ा पाकर उनके कूच उनके पड़ावों के अनुसार िलख िदए; और वे ये ह।
3 पिहले महीने के प हव िदन को उ ोंने रामसे स से कूच िकया; फसह के दू सरे िदन इ ाएली सब िमि यों के दे खते बेखटके िनकल गए,
4 जब िक िम ी अपने सब पिहलौठों को िम ी दे रहे थे िज यहोवा ने मारा था; और उसने उनके दे वताओं को भी द िदया था।
5 इ ाएिलयों ने रामसे स से कूच करे सु ोत म डे रे डाले।
6 और सु ोत से कूच कर के एताम म, जो जंगल के छोर पर ह, डे रे डाले।
7 और एताम से कूच कर के वे पीहहीरोत को मुड़ गए, जो बालसपोन के सा ने है ; और िमगदोल के सा ने डे रे खड़े िकए।
8 तब वे पीहहीरोत के सा ने से कूच कर समु के बीच हो कर जं गल म गए, और एताम नाम जं गल म तीन िदन का माग चलकर मारा म डे रे डाले।
9 िफर मारा से कूच कर के वे एलीम को गए, और एलीम म जल के बारह सोते और स र खजू र के वृ िमले , और उ ोंने वहां डे रे खड़े िकए।
10 तब उ ोंने एलीम से कूच करे लाल समु के तीर पर डे रे खड़े िकए।
11 और लाल समु से कूच कर के सीन नाम जंगल म डे रे खड़े िकए।
12 िफर सीन नाम जंगल से कूच कर के उ ोंने दोपका म डे रा िकया।
13 और दोपका से कूच कर के आलूश म डे रा िकया।
14 और आलूश से कूच कर के रपीदीम म डे रा िकया, और वहां उन लोगों को पीने का पानी न िमला।
15 िफर उ ोंने रपीदीम से कूच कर के सीनै के जंगल म डे रे डाले।
16 और सीनै के जंगल से कूच कर के िक ोथ ावा म डे रा िकया।
17 और िक ोथ ावा से कूच करे हसेरोत म डे रे डाले।
18 और हसेरोत से कूच कर के र ा म डे रे डाले।
19 िफर उ ोंने र ा से कूच कर के र ोनपेरेस म डे रे खड़े िकए।
20 और र ोनपे रेस से कूच कर के िल ा म डे रे खड़े िकए।
21 और िल ा से कूच कर के र ा म डे रे खड़े िकए।
22 और र ा से कूच कर के कहेलाता म डे रा िकया।
23 और कहे लाता से कूच कर के शेपेर पवत के पास डे रा िकया।
24 िफर उ ोंने शेपेर पवत से कूच कर के हरादा म डे रा िकया।
25 और हरादा से कूच कर के मखेलोत म डे रा िकया।
26 और मखेलोत से कूच कर के तहत म डे रे खड़े िकए।
27 और तहत से कूच कर के तेरह म डे रे डाले।
28 और तेरह से कूच कर के िम ा म डे रे डाले।
29 िफर िम ा से कूच कर के उ ोंने हशमोना म डे रे डाले ।
30 और हशमोना से कूच कर के मोसेरोत मे डे रे खड़े िकए।
31 और मोसे रोत से कूच कर के याकािनयों के बीच डे रा िकया।
32 और याकािनयों के बीच से कूच कर के होह दगाद म डे रा िकया।
33 और होह दगाद से कूच कर के योतबाता म डे रा िकया।
34 और योतबाता से कूच कर के अ ोना म डे रे खड़े िकए।
35 और अ ोना से कूच कर के ए ोनगेबेर म डे रे खड़े िकए।
36 और ए ोनगे बेर के कूच कर के उ ोंने सीन नाम जं गल के कादे श म डे रा िकया।
37 िफर कादे श से कूच कर के होर पवत के पास, जो एदोम दे श के िसवाने पर है, डे रे डाले ।
38 वहां इ ाएिलयों के िम दे श से िनकलने के चालीसव वष के पांचव महीने के पिहले िदन को हा न याजक यहोवा की आ ा पाकर होर पवत पर चढ़ा, और वहां मर गया।
39 और जब हा न होर पवत पर मर गया तब वह एक सौ तेईस वष का था।
40 और अरात का कनानी राजा, जो कनान दे श के द न भाग म रहता था, उसने इ ाएिलयों के आने का समाचार पाया।
41 तब इ ाएिलयों ने होर पवत से कूच कर के सलमोना म डे रे डाले ।
42 और सलमोना से कूच कर के पूनोन म डे रे डाले।
43 और पू नोन से कूच कर के ओबोस म डे रे डाले।
44 और ओबोस से कूच कर के अबारीम नाम डीहों म जो मोआब के िसवाने पर ह, डे रे डाले।
45 तब उन डीहों से कूच कर के उ ोंने दीबोनगाद म डे रा िकया।
46 और दीबोनगाद से कूच कर के अ ोनिदबलातैम से कूच कर के उ ोंने अबारीम नाम पहाड़ों म नबो के सा ने डे रा िकया।
47 और अ ोनिदबलातैम से कूच कर के उ ोंने अबारीम नाम पहाड़ों म नबो के सा ने डे रा िकया।
48 िफर अबारीम पहाड़ों से कूच कर के मोआब के अराबा म, यरीहो के पास यरदन नदी के तट पर डे रा िकया।
49 और वे मोआब के अराबा म वे शीमोत से ले कर आबेलिश ीम तक यरदन के तीर तीर डे रे डाले।।
50 िफर मोआब के अराबा म, यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर, यहोवा ने मूसा से कहा,
51 इ ाएिलयों को समझाकर कह, जब तुम यरदन पार हो कर कनान दे श म प ंचो
52 तब उस दे श के िनवािसयों उनके दे श से िनकाल दे ना; और उनके सब न ाशे प रों को और ढली ई मूितय को नाश करना, और उनके सब पूजा के ऊंचे थानों को ढा दे ना।
53 और उस दे श को अपने अिधकार म ले कर उस म िनवास करना, ोंिक म ने वह दे श तु ी ं को िदया है िक तुम उसके अिधकारी हो।
54 और तुम उस दे श को िच ी डालकर अपने कुलों के अनुसार बांट लेना; अथात जो कुल अिधक वाले ह उ अिधक, और जो थोड़े वाले ह उन को थोड़ा भाग दे ना; िजस कुल की
िच ी िजस थान के िलये िनकले वही उसका भाग ठहरे ; अपने िपतरों के गो ों के अनु सार अपना अपना भाग लेना।
55 पर ु यिद तुम उस दे श के िनवािसयों अपने आगे से न िनकालोगे, तो उन म से िजन को तुम उस म रहने दोगे वे मानो तु ारी आं खों म कांटे और तु ारे पांजरों म कील ठहरगे, और
वे उस दे श म जहां तुम बसोगे तु संकट म डालगे।
56 और उन से जैसा बताव करने की मनसा म ने की है वैसा ही तुम से क ं गा।
िगनती 34
1 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इ ाएिलयों को यह आ ा दे , िक जो दे श तु ारा भाग होगा वह तो चारों ओर से िसवाने तक का कनान दे श है, इसिलये जब तु म कनान दे श मे प ं चों,
3 तब तु ारा द नी ा सीन नाम जंगल से ले एदोम दे श के िकनारे िकनारे होता आ चला जाए, और तु ारा द नी िसवाना खारे ताल के िसरे पर आर हो कर पि म की ओर
चले;
4 वहां से तु ारा िसवाना अ ीम नाम चढ़ाई की द न की ओर प ं चकर मु ड़े, और सीन तक आए, और कादे शबन की द न की ओर िनकले, और हसर ार तक बढ़के अ ोन
तक प ं चे;
5 िफर वह िसवाना अ ोन से घूमकर िम के नाले तक प ंचे, और उसका अ समु का तट ठहरे ।
6 िफर प मी िसवाना महासमु हो; तु ारा प मी िसवाना यही ठहरे ।
7 और तु ारा उ रीय िसवाना यह हो, अथात तुम महासमु से ले होर पवत तक िसवाना ब ाना;
8 और होर पवत से हामात की घाटी तक िसवाना बा ना, और वह सदाद पर िनकले;
9 िफर वह िसवाना िज ोन तक प ंचे, और हसरे नान पर िनकले ; तु ारा उ रीय िसवाना यही ठहरे ।
10 िफर अपना पूरबी िसवाना हसरे नान से शपाम तक बा ना;
11 और वह िसवाना शपाम से रबला तक, जो ऐन की पूव की ओर है, नीचे को उतरते उतरते िक े रेत नाम ताल के पू व से लग जाए;
12 और वह िसवाना यरदन तक उतर के खारे ताल के तट पर िनकले । तु ारे दे श के चारों िसवाने ये ही ठहर।
13 तब मू सा ने इ ाएिलयों से िफर कहा, िजस दे श के तुम िच ी डालकर अिधकारी होगे , और यहोवा ने उसे साढ़े नौ गो के लोगों को दे ने की आ ा दी है, वह यही है ;
14 पर ु बेिनयों और गािदयों के गो तो अपने अपने िपतरों के कुलों के अनुसार अपना अपना भाग पा चु के ह, और मन े के आधे गो के लोग भी अपना भाग पा चुके ह;
15 अथात उन अढ़ाई गो ों के लोग यरीहो के पास की यरदन के पार पूव िदशा म, जहां सूय दय होता है , अपना अपना भाग पा चुके ह।।
16 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
17 िक जो पु ष तुम लोगों के िलये उस दे श को बांटगे उनके नाम ये ह; अथात एलीआजर याजक और नू न का पु यहोशू।
18 और दे श को बांटने के िलये एक एक गो का एक एक धान ठहराना।
19 और इन पु षों के नाम ये ह; अथात य दागो ी यपु े का पु कालेब,
20 िशमोनगो ी अ ी द का पु शमुएल,
21 िब ामीनगो ी िकसलोन का पु एलीदाद,
22 दािनयों के गो का धान यो ी का पु बु ी,
23 यूसुिफयों म से मन ेइयों के गो का धान एपोद का पु ह ीएल,
24 और ए ैिमयों के गो का धान िश ान का पु कमू एल,
25 जबूलूिनयों के गो का धान पनाक का पु एलीसापान,
26 इ ाका रयों के गो का धान अ ान का पु पलतीएल,
27 आशे रयों के गो का धान शलोमी का पु अही द,
28 और न ािलयों के गो का धान अ ी द का पु पदहे ल।
29 िजन पु षों को यहोवा ने कनान दे श को इ ाएिलयों के िलये बांटने की आ ा दी वे ये ही ह।।
िगनती 35
1 िफर यहोवा ने, मोआब के अराबा म, यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर मू सा से कहा,
2 इ ाएिलयों को आ ा दे , िक तुम अपने अपने िनज भाग की भूिम म से लेिवयों को रहने के िलये नगर दे ना; और नगरों के चारों ओर की चराइयां भी उन को दे ना।
3 नगर तो उनके रहने के िलये, और चराइयां उनके गाय-बैल और भे ड़-बकरी आिद, उनके सब पशुओं के िलये होंगी।
4 और नगरों की चराइयां, िज तुम लेिवयों को दोगे, वह एक एक नगर की शहरपनाह से बाहर चारों ओर एक एक हजार हाथ तक की हों।
5 और नगर के बाहर पूव, द न, प म, और उ र अलंग, दो दो हजार हाथ इस रीित से नापना िक नगर बीचों-बीच हो; ले िवयों के एक एक नगर की चराई इतनी ही भू िम की हो।
6 और जो नगर तुम लेिवयों को दोगे उन म से छ: शरणनगर हों, िज तुम को खू नी के भागने के िलये ठहराना होगा, और उन से अिधक बयालीस नगर और भी दे ना।
7 िजतने नगर तु म लेिवयों को दोगे वे सब अड़तालीस हों, और उनके साथ चराइयां दे ना।
8 और जो नगर तु म इ ाएिलयों की िनज भूिम म से दो, वे िजनके ब त नगर हों उन से ब त, और िजनके थोड़े नगर हों उनसे थोड़े ले कर दे ना; सब अपने अपने नगरों म से लेिवयों को
अपने ही अपने भाग के अनुसार द।।
9 िफर यहोवा ने मूसा से कहा,
10 इ ाएिलयों से कह, िक जब तुम यरदन पार हो कर कनान दे श म प ं चो,
11 तक ऐसे नगर ठहराना जो तु ारे िलये शरणनगर हों, िक जो कोई िकसी को भूल से मार के खूनी ठहरा हो वह वहां भाग जाए।
12 वे नगर तु ारे िनिम पलटा लेने वाले से शरण लेने के काम आएं गे, िक जब तक खूनी ाय के िलये म ली के सा ने खड़ा न हो तब तक वह न मार डाला जाए।
13 और शरण के जो नगर तुम दोगे वे छ: हों।
14 तीन नगर तो यरदन के इस पार, और तीन कनान दे श म दे ना; शरणनगर इतने ही रह।
15 ये छहों नगर इ ाएिलयों के और उनके बीच रहने वाले परदे िशयों के िलये भी शरण थान ठहर, िक जो कोई िकसी को भूल से मार डाले वह वहीं भाग जाए।
16 पर ु यिद कोई िकसी को लोहे के िकसी हिथयार से ऐसा मारे िक वह मर जाए, तो वह खू नी ठहरे गा; और वह खूनी अव मार डाला जाए।
17 और यिद कोई ऐसा प र हाथ म ले कर, िजस से कोई मर सकता है , िकसी को मारे , और वह मर जाए, तो वह भी खू नी ठहरे गा; और वह खूनी अव मार डाला जाए।
18 वा कोई हाथ म ऐसी लकड़ी ले कर, िजस से कोई मर सकता है , िकसी को मारे , और वह मर जाए, तो वह भी खू नी ठहरे गा; और वह खूनी अव मार डाला जाए।
19 लो का पलटा ले ने वाला आप ही उस खूनी को मार डाले ; जब भी वह िमले तब ही वह उसे मार डाले ।
20 और यिद कोई िकसी को बैर से ढकेल दे , वा घात लगाकर कुछ उस पर ऐसे फक दे िक वह मर जाए,
21 वा श ुता से उसको अपने हाथ से ऐसा मारे िक वह मर जाए, तो िजसने मारा हो वह अव मार डाला जाए; वह खू नी ठहरे गा; लो का पलटा लेने वाला जब भी वह खूनी उसे िमल
जाए तब ही उसको मार डाले।
22 पर ु यिद कोई िकसी को िबना सोचे, और िबना श ुता रखे ढकेल दे , वा िबना घात लगाए उस पर कुछ फक दे ,
23 वा ऐसा कोई प र ले कर, िजस से कोई मर सकता है , दू सरे को िबना दे खे उस पर फक दे , और वह मर जाए, पर ु वह न उसका श ु हो, और न उसकी हािन का खोजी रहा हो;
24 तो म ली मारने वाले और लो का पलटा ले ने वाले के बीच इन िनयमों के अनुसार ाय करे ;
25 और म ली उस खूनी को लो के पलटा लेने वाले के हाथ से बचाकर उस शरणनगर म जहां वह पिहले भाग गया हो लौटा दे , और जब तक पिव तेल से अिभषेक िकया आ
महायाजक न मर जाए तब तक वह वहीं रहे।
26 पर ु यिद वह खूनी उस शरण थान के िसवाने से िजस म वह भाग गया हो बाहर िनकलकर और कही ं जाए,
27 और लो का पलटा लेने वाला उसको शरण थान के िसवाने के बाहर कहीं पाकर मार डाले, तो वह लो बहाने का दोषी न ठहरे ।
28 ोंिक खूनी को महायाजक की मृ ु तक शरण थान म रहना चािहये ; और महायाजक के मरने के प ात वह अपनी िनज भूिम को लौट सकेगा।
29 तु ारी पीढ़ी पीढ़ी म तु ारे सब रहने के थानों म ाय की यह िविध होगी।
30 और जो कोई िकसी मनु को मार डाले वह साि यों के कहने पर मार डाला जाए, पर ु एक ही सा ी की सा ी से कोई न मार डाला जाए।
31 और जो खूनी ाणद के यो ठहरे उस से ाणद के बदले म जु रमाना न ले ना; वह अव मार डाला जाए।
32 और जो िकसी शरण थान म भागा हो उसके िलये भी इस मतलब से जु रमाना न ले ना, िक वह याजक के मरने से पिहले िफर अपने दे श मे रहने को लौटने पाएं ।
33 इसिलये िजस दे श म तुम रहोगे उसको अशु न करना; खून से तो दे श अशु हो जाता है , और िजस दे श म जब खू न िकया जाए तब केवल खूनी के लो बहाने ही से उस दे श का
ायि हो सकता है।
34 िजस दे श म तु म िनवास करोगे उसके बीच म र ंगा, उसको अशु न करना; म यहोवा तो इ ाएिलयों के बीच रहता ं।।
िगनती 36
1 िफर यू सुिफयों के कुलों म से िगलाद, जो माकीर का पु और मन े का पोता था, उसके वंश के कुल के िपतरों के घरानों के मु मु पु ष मूसा के समीप जा कर उन धानों के
सा ने, जो इ ाएिलयों के िपतरों के घरानों के मु पु ष थे, कहने लगे,
2 यहोवा ने हमारे भु को आ ा दी थी, िक इ ाएिलयों को िच ी डालकर दे श बां ट दे ना; और िफर यहोवा की यह भी आ ा हमारे भु को िमली, िक हमारे सगो ी सलोफाद का भाग
उसकी बे िटयों को दे ना।
3 तो यिद वे इ ाएिलयों के और िकसी गो के पु षों से ाही जाएं , तो उनका भाग हमारे िपतरों के भाग से छूट जाएगा, और िजस गो म से ाही जाएं उसी गो के भाग म िमल
जाएगा; तब हमारा भाग घट जाएगा।
4 और जब इ ाएिलयों की जु बली होगी, तब िजस गो म वे ाही जाएं उसके भाग म उनका भाग प ी रीित से िमल जाएगा; और वह हमारे िपतरों के गो के भाग से सदा के िलये
छूट जाएगा।
5 तब यहोवा से आ ा पाकर मूसा ने इ ाएिलयों से कहा, यूसुिफयों के गो ी ठीक कहते ह।
6 सलोफाद की बेिटयों के िवषय म यहोवा ने यह आ ा दी है, िक जो वर िजसकी ि म अ ा लगे वह उसी से ाही जाए; पर ु वे अपने मूलपु ष ही के गो के कुल म ाही जाएं ।
7 और इ ाएिलयों के िकसी गो का भाग दू सरे के गो के भाग म ने िमलने पाए; इ ाएली अपने अपने मू लपु ष के गो के भाग पर बने रह।
8 और इ ाएिलयों के िकसी गो म िकसी की बेटी हो जो भाग पाने वाली हो, वह अपने ही मू लपु ष के गो के िकसी पु ष से ाही जाए, इसिलये िक इ ाएली अपने अपने
मूलपु ष के भाग के अिधकारी रह।
9 िकसी गो का भाग दू सरे गो के भाग म िमलने न पाएं ; इ ाएिलयों के एक एक गो के लोग अपने अपने भाग पर बने रह।
10 यहोवा की आ ा के अनु सार जो उसने मूसा को दी सलोफाद की बेिटयों ने िकया।
11 अथात महला, ितसा, हो ा, िमलका, और नोआ, जो सलोफाद की बे िटयां थी, उ ोंने अपने चचे रे भाइयों से ाह िकया।
12 वे यूसुफ के पु मन े के वंश के कुलों म ाही गई, और उनका भाग उनके मू लपु ष के कुल के गो के अिधकार म बना रहा।।
13 जो आ ाएं और िनयम यहोवा ने मोआब के अराबा म यरीहो के पास की यरदन नदी के तीर पर मू सा के ारा इ ाएिलयों को िदए वे ये ही ह।।
व थािववरण 1
1 जो बात मूसा ने यरदन के पार जंगल म, अथात सूप के सामने के अराबा म, और पारान और तोपेल के बीच, और लाबान हसरोत और दीजाहाब म, सारे इ ाएिलयों से कहीं वे ये ह।
2 होरे ब से कादे शबन तक सेइर पहाड़ का माग ारह िदन का ह।
3 चालीसव वष के ारहव महीने के पिहले िदन को जो कुछ यहोवा ने मू सा को इ ाएिलयों से कहने की आ ा दी थी, उसके अनुसार मूसा उन से ये बात कहने लगा।
4 अथात जब मूसा ने ऐमो रयों के राजा हे शबोनवासी सीहोन और बाशान के राजा अशतारोतवासी ओग को ए े ई म मार डाला,
5 उसके बाद यरदन के पार मोआब दे श म वह व था का िववरण यों करने लगा,
6 िक हमारे परमे र यहोवा ने होरे ब के पास हम से कहा था, िक तुम लोगों को इस पहाड़ के पास रहते ए ब त िदन हो गए ह;
7 इसिलये अब यहॉ से कूच करो, और एमो रयों के पहाड़ी दे श को, और ा अराबा म, ा पहाड़ों म, ा नीचे के दे श म, ा द न दे श म, ा समु के तीर पर, िजतने लोग
एमो रयों के पास रहते ह उनके दे श को, अथात लबानोन पवत तक और परात नाम महानद तक रहने वाले कनािनयों के दे श को भी चले जाओ।
8 सुनो, म उस दे श को तु ारे सा ने िकऐ दे ता हॅू ; िजस दे श के िवषय यहोवा ने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब, तु ारे िपतरों से शपथ खाकर कहा था, िक म इसे तुम को और तु ारे
बाद तु ारे वंश को दू ं गा, उसको अब जा कर अपने अिधकार म कर लो।
9 िफर उसी समय म ने तुम से कहा, िक म तु ारा भार अकेला नही ं सह सकता;
10 ोंिक तु ारे परमे र यहोवा ने तुम को यहॉ तक बढ़ाया है, िक तुम िगनती म आज आकाश के तारों के समान हो गए हो।
11 तु ारे िपतरों का परमे र तुम को हजारगुणा और भी बढ़ाए, और अपने वचन के अनु सार तुम को आशीष भी दे ता रहे ।
12 पर ु तु ारे जंजाल, और भार, और झगड़े रगड़े को म अकेला कहॉ तक सह सकता हॅू।
13 सो तु म अपने एक एक गो म से बु मान और समझदार और िस पु ष चुन लो, और म उ तुम पर मु खया ठहराऊॅगा।
14 इसके उ र म तुम ने मुझ से कहा, जो कुछ तू हम से कहता है उसका करना अ ा है।
15 इसिलये म ने तु ारे गो ों के मु पु षों को जो बु मान और िस पु ष थे चु नकर तुम पर मु खया िनयु िकया, अथात हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस
के ऊपर धान और तु ारे गो ों के सरदार भी िनयु िकए।
16 और उस समय म ने तु ारे ािययों को आ ा दी, िक तु म अपने भाइयों के मुक मे सुना करो, और उनके बीच और उनके पड़ोिसयोंऔर परदे िशयों के बीच भी धम से ाय िकया
करो।
17 ाय करते समय िकसी का प न करना; जैसे बड़े की वैसे ही छोटे मनु की भी सु नना; िकसी का मुँ ह दे खकर न डरना, ोंिक ाय परमे र का काम है; और जो मुक मा
तु ारे िलये किठन हो, वह मेरे पास ले आना, और म उसे सु नूंगा।
18 और म ने उसी समय तु ारे सारे क कम तुम को बता िदए।।
19 और हम होरे ब से कूच कर के अपने परमे र यहोवा की आ ा के अनु सार उस सारे बड़े और भयानक जं गल म हो कर चले, िजसे तुम ने एमो रयों के पहाड़ी दे श के माग म दे खा,
और हम कादे शबन तक आए।
20 वहाँ म ने तुम से कहा, तुम एमो रयों के पहाड़ी दे श तक आ गए हो िजस को हमारा परमे र यहोवा हम दे ता है ।
21 दे खो, उस दे श को तु ारा परमे र यहोवा तु ारे सा ने िकए दे ता है , इसिलऐ अपने िपतरों के परमे र यहोवा के वचन के अनुसार उस पर चढ़ो, और उसे अपने अिधकार म ले
लो; न तो तु म डरो और न तु ारा मन क ा हो।
22 और तुम सब मेरे पास आकर कहने लगे, हम अपने आगे पु षों को भे ज दगे , जो उस दे श का पता लगाकर हम को यह स े श द, िक कौन सा माग हो कर चलना होगा और िकस
िकस नगर म वेश करना पड़े गा?
23 इस बात से स हो कर म ने तुम म से बारह पु ष, अथात गो पीछे एक पु ष चु न िलया;
24 और वे पहाड़ पर चढ़ गए, और एशकोल नाम नाले को प ँचकर उस दे श का भेद िलया।
25 और उस दे श के फलों म से कुछ हाथ म ले कर हमारे पास आए, और हम को यह स े श िदया, िक जो दे श हमारा परमे र यहोवा हम दे ता है वह अ ा है।
26 तौभी तुम ने वहाँ जाने से नाह िकया, िक ु अपने परमे र यहोवा की आ ा के िव हो कर
27 अपने अपने डे रे म यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, िक यहोवा हम से बैर रखता है , इस कारण हम को िम दे श से िनकाल ले आया है, िक हम को एमो रयों के वश म कर के स नाश
कर डाले ।
28 हम िकधर जाएँ ? हमारे भाइयों ने यह कहके हमारे मन को क ा कर िदया है , िक वहाँ के लोग हम से बड़े और ल े ह; और वहाँ के नगर बड़े बड़े ह, और उनकी शहरपनाह
आकाश से बात करती ह; और हम ने वहाँ अनाकवंिशयों को भी दे खा है।
29 म ने तुम से कहा, उनके कारण ास मत खाओ और न डरो।
30 तु ारा परमे र यहोवा जो तु ारे आगे आगे चलता है वह आप तु ारी ओर से लड़े गा, जै से िक उसने िम म तु ारे दे खते तु ारे िलये िकया;
31 िफर तुम ने जंगल म भी दे खा, िक िजस रीित कोई पु ष अपने लड़के को उठाए चलता है , उसी रीित हमारा परमे र यहोवा हम को इस थान पर प ँचने तक, उस सारे माग म
िजस से हम आए ह, उठाये रहा।
32 इस बात पर भी तु म ने अपने उस परमे र यहोवा पर िव ास नहीं िकया,
33 जो तु ारे आगे आगे इसिलये चलता रहा, िक डे रे डालने का थान तु ारे िलये ढूंढ़े , और रात को आग म और िदन को बादल म गट हो कर चला, तािक तुम को वह माग िदखाए
िजस से तुम चलो।
34 पर ु तु ारी वे बात सुनकर यहोवा का कोप भड़क उठा, और उसने यह शपथ खाई,
35 िक िन य इस बुरी पीढ़ी के मनु ों म से एक भी उस अ े दे श को दे खने न पाऐगा, िजसे म ने उनके िपतरों को दे ने की शपथ खाई थी।
36 यपु े का पु कालेब ही उसे दे खने पाऐगा, और िजस भूिम पर उसके पाँव पड़े ह उसे म उसको और उसके वंश को भी दू ं गा; ोंिक वह मे रे पीछे पूरी रीित से हो िलया है।
37 और मु झ पर भी यहोवा तु ारे कारण ोिधत आ, और यह कहा, िक तू भी वहाँ जाने न पाएगा;
38 नून का पु यहोशू जो तेरे सा ने खड़ा रहता है, वह तो वहाँ जाने पाएगा; सो तू उसको िहयाव दे , ोंिक उस दे श को इ ाएिलयों के अिधकार म वही कर दे गा।
39 िफर तु ारे बाल-ब े िजनके िवषय म तुम कहते हो, िक ये लू ट म चले जाएं गे , और तु ारे जो लड़के-बाले अभी भले बुरे का भेद नहीं जानते, वे वहाँ वेश करगे, और उन को म
वह दे श दू ँ गा, और वे उसके अिधकारी होंगे।
40 पर ु तु म लोग घूमकर कूच करो, और लाल समु के माग से जंगल की ओर जाओ।
41 तब तुम ने मु झ से कहा, हम ने यहोवा के िव पाप िकया ह; अब हम अपने परमे र यहोवा की आ ा के अनु सार चढ़ाई करगे और लड़गे। तब तुम अपने अपने हिथयार बा कर
पहाड़ पर िबना सोचे समझे चढ़ने को तैयार हो गए।
42 तब यहोवा ने मुझ से कहा, उन से कह दे , िक तुम मत चढ़ो, और न लड़ो; ोंिक म तु ारे म म नहीं ँ ; कही ं ऐसा न हो िक तुम अपने श ुओ ं से हार जाओ।
43 यह बात म ने तु म से कह दी, पर ु तुम ने न मानी; िक ु िढठाई से यहोवा की आ ा का उ ं घन कर के पहाड़ पर चढ़ गए।
44 तब उस पहाड़ के िनवासी एमो रयों ने तु ारा सा ना करने को िनकलकर मधुम यों की नाईं तु ारा पीछा िकया, और सेईर दे श के होमा तक तु मारते मारते चले आए।
45 तब तुम लौटकर यहोवा के सा ने रोने लगे; पर ु यहोवा ने तु ारी न सु नी, न तु ारी बातों पर कान लगाया।
46 और तुम कादे श म ब त िदनोंतक पड़े रहे, यहाँ तक िक एक जुग हो गया।।
व थािववरण 2
1 तब उस आ ा के अनुसार, जो यहोवा ने मुझ को दी थी, हम ने घूमकर कूच िकया, और लाल समु के माग के जंगल की ओर चले; और ब त िदन तक सेईर पहाड़ के बाहर बाहर
चलते रहे।
2 तब यहोवा ने मुझ से कहा,
3 तुम लोगों को इस पहाड़ के बाहर बाहर चलते ए ब त िदन बीत गए, अब घू मकर उ र की ओर चलो।
4 और तू जा के लोगों को मेरी यह आ ा सुना, िक तु म सेईर के िनवासी अपने भाई ऐसािवयों के िसवाने के पास हो कर जाने पर हो; और वे तु म से डर जाएँ गे । इसिलये तु म ब त
चौकस रहो;
5 उ न छे ड़ना; ोंिक उनके दे श म से म तु पाँव धरने का ठौर तक न दू ँ गा, इस कारण िक म ने से ईर पवत ऐसािवयों के अिधकार म कर िदया ह।
6 तुम उन से भोजन पये से मोल ले कर खा सकोगे, और पया दे कर कुंओं से पानी भरके पी सकोगे।
7 ोंिक तु ारा परमे र यहोवा तु ारे हाथों के सब कामों के िवषय तु आशीष दे ता आया है ; इस भारी जं गल म तु ारा चलना िफरना वह जानता ह; इन चालीस वष म तु ारा
परमे र यहोवा तु ारे संग सं ग रहा है; और तुम को कुछ घटी नही ं ई।
8 यों हम से ईर िनवासी और अपने भाई ऐसािवयों के पास से हो कर, अराबा के माग, और एलत और ए ोनगेबेर को पीछे छोड़कर चल।। िफर हम मुड़कर मोआब के जंगल के माग से
हो कर चले।
9 और यहोवा ने मुझ से कहा, मोआिबयों को न सताना और न लड़ाई छे ड़ना, ोंिक म उनके दे श म से कुछ भी ते रे अिधकार म न कर दू ँ गा ोंिक म ने आर को लू ितयों के अिधकार
म िकया है ।
10 (अगले िदनों म वहाँ एमी लोग बसे ए थे, जो अनािकयों के समान बलव और ल े ल े और िगनती म ब त थे ;
11 और अनािकयों की नाईं वे भी रपाई िगने जाते थे, पर ु मोआबी उ एमी कहते ह।
12 और अगले िदनों म सेईर म होरी लोग बसे ए थे, पर ु ऐसािवयों ने उन को उस दे श से िनकाल िदया, और अपने सा ने से नाश कर के उनके थान पर आप बस गए; जैसे िक
इ ाएिलयों ने यहोवा के िदये ए अपने अिधकार के दे श म िकया।)
13 अब तुम लोग कूच कर के जेरेद नदी के पार जाओ; तब हम जे रेद नदी के पार आए।
14 और हमारे कादे शबन को छोड़ने से ले कर जेरेद नदी के पार होने तक अड़तीस वष बीत गए, उस बीच म यहोवा की शपथ के अनुसार उस पीढ़ी के सब यो ा छावनी म से नाश हो
गए।
15 और जब तक वे नाश न ए तब तक यहोवा का हाथ उ छावनी म से िमटा डालने के िलये उनके िव बढ़ा ही रहा
16 जब सब यो ा मरते मरते लोगों के बीच म से नाश हो गए,
17 तब यहोवा ने मुझ से कहा,
18 अब मोआब के िसवाने, अथात आर को पार कर;
19 और जब तू अ ोिनयों के सा ने जा कर उनके िनकट प ँ चे, तब उन को न सताना और न छे ड़ना, ोंिक म अ ोिनयों के दे श म से कुछ भी तेरे अिधकार म न क ँ गा, ोंिक म
ने उसे लू िसयों के अिधकार म कर िदया है।
20 (वह दे श भी रपाइयों का िगना जाता था, ोंिक अगले िदनों म रपाई, िज अ ोनी जमजु ी कहते थे , वे वहाँ रहते थे ;
21 वे भी अनािकयों के समान बलवान और ल े ल े और िगनती म ब त थे; पर ु यहोवा ने उन को अ ोिनयों के सा ने से नाश कर डाला, और उ ोंने उन को उस दे श से िनकाल
िदया, और उनके थान पर आप रहने लगे;
22 जैसे िक उसने सेईर के िनवासी ऐसािवयों के सा ने से हो रयों को नाश िकया, और उ ोंने उन को उस दे श से िनकाल िदया, और आज तक उनके थान पर वे आप िनवास करते
ह।
23 वैसा ही अ यों को, जो अ ा नगर तक गाँ वों म बसे ए थे , उन को क ो रयों ने जो क ोर से िनकले थे नाश िकया, और उनके थान पर आप रहने लगे।)
24 अब तुम लोग उठ कर कूच करो, और अन न के नाले के पार चलो; सु न, म दे श समे त हेशबोन के राजा एमोरी सीहोन को तेरे हाथ म कर दे ता ँ; इसिलये उस दे श को अपने
अिधकार म ले ना आर करो, और उस राजा से यु छे ड़ दो।
25 और िजतने लोग धरती पर रहते ह उन सभों के मन म म आज ही के िदन से ते रे कारण डर और थरथराहट समवाने लगूंगा; वे तेरा समाचार पाकर तेरे डर के मारे कांपगे और
पीिड़त होंगे।।
26 और म ने कदे मोत नाम जंगल से हेशबोन के राजा सीहोन के पास मेल की ये बात कहने को दू त भे जे,
27 िक मु झे अपने दे श म से हो कर जाने दे ; म राजपथ पर चला जाऊँगा, और दािहने और बांए हाथ न मुड़ूँगा।
28 तू पया ले कर मेरे हाथ भोजनव ु दे ना िक म खाऊं, और पानी भी पया ले कर मु झ को दे ना िक म पीऊं; केवल मुझे पांव पांव चले जाने दे ,
29 जैसा से ईर के िनवासी ऐसािवयों ने और आर के िनवासी मोआिबयों ने मु झ से िकया, वैसा ही तू भी मु झ से कर, इस रीित म यरदन पार हो कर उस दे श म प ंचूंगा जो हमारा परमे र
यहोवा हम दे ता है।
30 पर ु हेशबोन के राजा सीहोन ने हम को अपने दे श म से हो कर चलने न िदया; ोंिक तु ारे परमे र यहोवा ने उसका िच कठोर और उसका मन हठीला कर िदया था, इसिलये
िक उसको तु ारे हाथ म कर दे , जैसा िक आज कट है ।
31 और यहोवा ने मुझ से कहा, सुन, म दे श समेत सीहोन को तेरे वश म कर दे ने पर ँ ; उस दे श को अपने अिधकार म ले ना आर कर।
32 तब सीहोन अपनी सारी सेना समेत िनकल आया, और हमारा सा ना कर के यु करने को यहस तक चढ़ा आया।
33 और हमारे परमे र यहोवा ने उसको हमारे ारा हरा िदया, और हम ने उसको पु ों और सारी से ना समेत मार डाला।
34 और उसी समय हम ने उसके सारे नगर ले िलये, और एक एक बसे ए नगर का यों और बाल-ब ों समेत यहाँ तक स नाश िकया िक कोई न छूटा;
35 पर ु पशुओं को हम ने अपना कर िलया, और उन नगरों की लूट भी हम ने ले ली िजन को हम ने जीत िलया था।
36 अन न के नाले के छोर वाले अरोएर नगर से ले कर, िगलाद तक कोई नगर ऐसा ऊँचा न रहा जो हमारे सा ने ठहर सकता था; ोंिक हमारे परमे र यहोवा ने सभों को हमारे वश
म कर िदया।
37 पर ु हम अ ोिनयों के दे श के िनकट, वरन य ोक नदी के उस पार िजतना दे श है , और पहाड़ी दे श के नगर जहाँ जहाँ जाने से हमारे परमे र यहोवा ने हम को मना िकया था,
वहाँ हम नहीं गए।
व थािववरण 3
1 तब हम मुड़कर बाशान के माग से चढ़ चले; और बाशान का ओग नाम राजा अपनी सारी से ना समेत हमारा सा ना करने को िनकल आया, िक ए े ई म यु करे ।
2 तब यहोवा ने मुझ से कहा, उस से मत डर; ोंिक म उसको सारी से ना और दे श समे त ते रे हाथ म िकए दे ता ँ; और जैसा तू ने हेशबोन के िनवासी एमो रयों के राजा सीहोन से िकया
है वैसा ही उस से भी करना।
3 सो इस कार हमारे परमे र यहोवा ने सारी सेना समेत बाशान के राजा ओग को भी हमारे हाथ म कर िदया; और हम उसको यहाँ तक मारते रहे िक उन म से कोई भी न बच पाया।
4 उसी समय हम ने उनके सारे नगरों को ले िलया, कोई ऐसा नगर न रह गया िजसे हम ने उस से न ले िलया हो, इस रीित अग ब का सारा दे श, जो बाशान म ओग के रा म था और
उस म साठ नगर थे , वह हमारे वश म आ गया।
5 ये सब नगर गढ़ वाले थे, और उनके ऊंची ऊंची शहरपनाह, और फाटक, और बे ड़े थे, और इन को छोड़ िबना शहरपनाह के भी ब त से नगर थे।
6 और जै सा हम ने हेशबोन के राजा सीहोन के नगरों से िकया था वैसा ही हम ने इन नगरों से भी िकया, अथात सब बसे ए नगरों को योंऔर बाल-ब ों समेत स ानाश कर डाला।
7 पर ु सब घरे लू पशु और नगरों की लूट हम ने अपनी कर ली।
8 यों हम ने उस समय यरदन के इस पार रहने वाले एमो रयों के दोनों राजाओं के हाथ से अन न के नाले से ले कर हेम न पवत तक का दे श ले िलया।
9 (हे म न को सीदोनी लोग िसय न, और एमोरी लोग सनीर कहते ह।)
10 समथर दे श के सब नगर, और सारा िगलाद, और स ा, और एदई तक जो ओग के रा के नगर थे , सारा बाशान हमारे वश म आ गया।
11 जो रपाई रह गए थे, उन म से केवल बाशान का राजा ओग रह गया था, उसकी चारपाई जो लोहे की है वह तो अ ोिनयों के र ा नगर म पड़ी है, साधारण पु ष के हाथ के िहसाब
से उसकी ल ाई नौ हाथ की और चौड़ाई चार हाथ की है।
12 जो दे श हम ने उस समय अपने अिधकार म ले िलया वह यह है, अथात अन न के नाले के िकनारे वाले अरोएर नगर से ले सब नगरों समेत िगलाद के पहाड़ी दे श का आधा भाग,
िजसे म ने बेिनयों और गािदयों को दे िदया,
13 और िगलाद का बचा आ भाग, और सारा बाशान, अथात अग ब का सारा दे श जो ओग के रा म था, इ म ने मन े के आधे गो को दे िदया। (सारा बाशान तो रपाइयों का
दे श कहलाता है।
14 और मन ेई याईर ने गशू रयोंऔर माकावािसयोंके िसवानोंतक अग ब का सारा दे श ले िलया, और बाशान के नगरोंका नाम अपने नाम पर ह ो ाईर रखा, और वही नाम आज
तक बना है।)
15 और म ने िगलाद दे श माकीर को दे िदया,
16 और बेिनयों और गािदयों को म ने िगलाद से ले अन न के नाले तक का दे श दे िदया, अथात उस नाले का बीच उनका िसवाना ठहराया, और य ोक नदी तक जो अ ोिनयों का
िसवाना है;
17 और िक ेरेत से ले िपसगा की सलामी के नीचे के अराबा के ताल तक, जो खारा ताल भी कहलाता है , अराबा और यरदन की पूव की ओर का सारा दे श भी म ने उ ी ं को दे िदया।।
18 और उस समय म ने तु यह आ ा दी, िक तु ारे परमे र यहोवा ने तु यह दे श िदया है िक उसे अपने अिधकार म रखो; तुम सब यो ा हिथयारब हो कर अपने भाई
इ ाएिलयों के आगे आगे पार चलो।
19 पर ु तु ारी याँ, और बाल-ब े, और पशु, िज म जानता ँ िक ब त से ह, वह सब तु ारे नगरों म जो म ने तु िदए ह रह जाएँ ।
20 और जब यहोवा तु ारे भाइयों को वैसा िव ाम दे जैसा िक उसने तुम को िदया है , और वे उस दे श के अिधकारी हो जाएँ जो तु ारा परमे र यहोवा उ यरदन पार दे ता है; तब तुम
भी अपने अपने अिधकार की भूिम पर जो म ने तु दी है लौटोगे।
21 िफर म ने उसी समय यहोशू से िचताकर कहा, तू ने अपनी आँ खो से दे खा है िक ते रे परमे र यहोवा ने इन दोनों राजाओं से ा ा िकया है; वैसा ही यहोवा उन सब रा ों से
करे गा िजन म तू पार हो कर जाएगा।
22 उन से न डरना; ोंिक जो तु ारी ओर से लड़ने वाला है वह तु ारा परमे र यहोवा है ।।
23 उसी समय म ने यहोवा से िगड़िगड़ाकर िबनती की, िक हे भु यहोवा,
24 तू अपने दास को अपनी मिहमा और बलव हाथ िदखाने लगा है ; ग म और पृ ी पर ऐसा कौन दे वता है जो तेरे से काम और परा म के कम कर सके?
25 इसिलये मुझे पार जाने दे िक यरदन पार के उस उ म दे श को, अथात उस उ म पहाड़ और लबानोन को भी दे खने पाऊँ।
26 पर ु यहोवा तु ारे कारण मुझ से हो गया, और मे री न सुनी; िक ु यहोवा ने मु झ से कहा, बस कर; इस िवषय म िफर कभी मुझ से बात न करना।
27 िपसगा पहाड़ की चोटी पर चढ़ जा, और पूव, प म, उ र, द न, चारों ओर ि कर के उस दे श को दे ख ले ; ोंिक तू इस यरदन के पार जाने न पाएगा।
28 और यहोशू को आ ा दे , और उसे ढाढ़स दे कर ढ़ कर; ोंिक इन लोगों के आगे आगे वही पार जाऐगा, और जो दे श तू दे खेगा उसको वही उनका िनज भाग करा दे गा।
29 तब हम बेतपोर के सा ने की तराई म ठहरे रहे।।
व थािववरण 4
1 अब, हे इ ाएल, जो जो िविध और िनयम म तु िसखाना चाहता ं उ सु न लो, और उन पर चलो; िजस से तु म जीिवत रहो, और जो दे श तु ारे िपतरों का परमे र यहोवा तु दे ता
है उस म जा कर उसके अिधकारी हो जाओ।
2 जो आ ा म तुम को सुनाता ं उस म न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तु ारे परमे र यहोवा की जो जो आ ा म तु सुनाता ं उ तुम मानना।
3 तुम ने तो अपनी आं खों से दे खा है िक बालपोर के कारण यहोवा ने ा ा िकया; अथात िजतने मनु बालपोर के पीछे हो िलये थे उन सभों को तु ारे परमे र यहोवा ने तु ारे बीच
म से स ानाश कर डाला;
4 पर ु तुम जो अपने परमे र यहोवा के साथ िलपटे रहे हो सब के सब आज तक जीिवत हो।
5 सुनो, म ने तो अपने परमे र यहोवा की आ ा के अनुसार तु िविध और िनयम िसखाए ह, िक िजस दे श के अिधकारी होने जाते हो उस म तुम उनके अनुसार चलो।
6 सो तुम उन को धारण करना और मानना; ोंिक और दे शों के लोगों के सा ने तु ारी बु और समझ इसी से गट होगी, अथात वे इन सब िविधयों को सुनकर कहगे , िक िन य
यह बड़ी जाित बु मान और समझदार है।
7 दे खो, कौन ऐसी बड़ी जाित है िजसका दे वता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमे र यहोवा, जब िक हम उसको पुकारते ह?
8 िफर कौन ऐसी बड़ी जाित है िजसके पास ऐसी धममय िविध और िनयम हों, जैसी िक यह सारी व था िजसे म आज तु ारे सा ने रखता ं?
9 यह अ आव क है िक तुम अपने िवषय म सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कही ं ऐसा न हो िक जो जो बात तुम ने अपनी आं खों से दे खी ं उन को भूल जाओ,
और वह जीवन भर के िलये तु ारे मन से जाती रहे; िक ु तुम उ अपने बे टों पोतों को िसखाना।
10 िवशेष कर के उस िदन की बात िजस म तुम होरे ब के पास अपने परमे र यहोवा के सा ने खड़े थे , जब यहोवा ने मुझ से कहा था, िक उन लोगों को मेरे पास इक ा कर िक म उ
अपने वचन सुनाऊं, िजस से वे सीख, तािक िजतने िदन वे पृ ी पर जीिवत रह उतने िदन मे रा भय मानते रह, और अपने लड़के बालों को भी यही िसखाएं ।
11 तब तुम समीप जा कर उस पवत के नीचे खड़े ए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था, और उसकी लौ आकाश तक प ं चती थी, और उसके चारों ओर अ यारा, और बादल,
और घोर अ कार छाया आ था।
12 तक यहोवा ने उस आग के बीच म से तुम से बात की; बातों का श तो तुम को सु नाईं पड़ा, पर ु कोई प न दे खा; केवल श ही श सुन पड़ा।
13 और उसने तुम को अपनी वाचा के दसों वचन बताकर उनके मानने की आ ा दी; और उ प र की दो पिटयाओं पर िलख िदया।
14 और मु झ को यहोवा ने उसी समय तु िविध और िनयम िसखाने की आ ा दी, इसिलये िक िजस दे श के अिधकारी होने को तुम पार जाने पर हो उस म तुम उन को माना करो।
15 इसिलये तुम अपने िवषय म ब त सावधान रहना। ोंिक जब यहोवा ने तुम से होरे ब पवत पर आग के बीच म से बात की तब तुम को कोई प न दे ख पड़ा,
16 कही ं ऐसा न हो िक तुम िबगड़कर चाहे पु ष चाहे ी के,
17 चाहे पृ ी पर चलने वाले िकसी पशु, चाहे आकाश म उड़ने वाले िकसी प ी के,
18 चाहे भूिम पर रगने वाले िकसी ज ु, चाहे पृ ी के जल म रहने वाली िकसी मछली के प की कोई मू ित खोदकर बना लो,
19 वा जब तुम आकाश की ओर आं खे उठा कर, सूय, चं मा, और तारों को, अथात आकाश का सारा तारागण दे खो, तब बहककर उ द वत कर के उनकी सेवा करने लगो िजन
को तु ारे परमे र यहोवा ने धरती पर के सब दे श वालों के िलये रखा है।
20 और तुम को यहोवा लोहे के भ े के सरीखे िम दे श से िनकाल ले आया है, इसिलये िक तुम उसकी जा पी िनज भाग ठहरो, जैसा आज गट है।
21 िफर तु ारे कारण यहोवा ने मुझ से ोध कर के यह शपथ खाई, िक तू यरदन पार जाने न पाएगा, और जो उ म दे श इ ाएिलयों का परमे र यहोवा उ उनका िनज भाग कर के
दे ता है उस म तू वेश करने न पाएगा।
22 िक ु मुझे इसी दे श म मरना है, म तो यरदन पार नही ं जा सकता; पर ु तुम पार जा कर उस उ म दे श के अिधकारी हो जाओगे।
23 इसिलये अपने िवषय म तुम सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो िक तुम उस वाचा को भूलकर, जो तु ारे परमे र यहोवा ने तुम से बा ी है, िकसी और व ु की मूित खोदकर बनाओ,
िजसे तु ारे परमे र यहोवा ने तुम को मना िकया है।
24 ोंिक तु ारा परमे र यहोवा भ करने वाली आग है; वह जल उठने वाला परमे र है ।।
25 यिद उस दे श म रहते रहते ब त िदन बीत जाने पर, और अपने बे टे-पोते उ होने पर, तुम िबगड़कर िकसी व ु के प की मूित खोदकर बनाओ, और इस रीित से अपने
परमे र यहोवा के ित बुराई कर के उसे अ स कर दो,
26 तो म आज आकाश और पृ ी को तु ारे िव सा ी कर के कहता ं, िक िजस दे श के अिधकारी होने के िलये तु म यरदन पार जाने पर हो उस म तुम ज ी िब ु ल नाश हो
जाओगे ; और ब त िदन रहने न पाओगे, िक ु पूरी रीित से न हो जाओगे ।
27 और यहोवा तुम को दे श दे श के लोगों म िततर िबतर करे गा, और िजन जाितयों के बीच यहोवा तुम को प ं चाएगा उन म तुम थोड़े ही से रह जाओगे।
28 और वहां तुम मनु के बनाए ए लकड़ी और प र के दे वताओं की सेवा करोगे, जो न दे खते, और न सुनते, और न खाते , और न सूं घते ह।
29 पर ु वहां भी यिद तुम अपने परमे र यहोवा को ढू ं ढ़ोगे , तो वह तुम को िमल जाएगा, शत यह है िक तु म अपने पू रे मन से और अपने सारे ाण से उसे ढूंढ़ो।
30 अ के िदनों म जब तुम संकट म पड़ो, और ये सब िवपि यां तुम पर आ पड़गी, तब तु म अपने परमे र यहोवा की ओर िफरो और उसकी मानना;
31 ोंिक तेरा परमे र यहोवा दयालु ई र है, वह तुम को न तो छोड़े गा और न न करे गा, और जो वाचा उसने तेरे िपतरों से शपथ खाकर बा ी है उसको नहीं भूलेगा।
32 और जब से परमे र ने मनु हो उ कर के पृ ी पर रखा तब से ले कर तू अपने उ होने के िदन तक की बात पूछ, और आकाश के एक छोर से दू सरे छोर तक की बात
पू छ, ा ऐसी बड़ी बात कभी ई वा सुनने म आई है?
33 ा कोई जाित कभी परमे र की वाणी आग के बीच म से आती ई सुनकर जीिवत रही, जैसे िक तू ने सु नी है ?
34 िफर ा परमे र ने और िकसी जाित को दू सरी जाित के बीच म िनकालने को कमर बा कर परी ा, और िच , और चम ार, और यु , और बली हाथ, और बढ़ाई ई भुजा से
ऐसे बड़े भयानक काम िकए, जैसे तु ारे परमे र यहोवा ने िम म तु ारे दे खते िकए?
35 यह सब तु झ को िदखाया गया, इसिलये िक तू जान रखे िक यहोवा ही परमे र है ; उसको छोड़ और कोई है ही नहीं।
36 आकाश म से उसने तु झे अपनी वाणी सुनाईं िक तुझे िश ा दे ; और पृ ी पर उसने तु झे अपनी बड़ी आग िदखाई, और उसके वचन आग के बीच म से आते ए तुझे सुन पड़े ।
37 और उसने जो तेरे िपतरों से ेम रखा, इस कारण उनके पीछे उनके वंश को चु न िलया, और हो कर तु झे अपने बड़े साम के ारा िम से इसिलये िनकाल लाया,
38 िक तुझ से बड़ी और सामथ जाितयों को ते रे आगे से िनकाल कर तुझे उनके दे श म प ं चाए, और उसे तेरा िनज भाग कर दे , जैसा आज के िदन िदखाई पड़ता है;
39 सो आज जान ले , और अपने मन म सोच भी रख, िक ऊपर आकाश म और नीचे पृ ी पर यहोवा ही परमे र है ; और कोई दू सरा नही।ं
40 और तू उसकी िविधयों और आ ाओं को जो म आज तुझे सुनाता ं मानना, इसिलये िक ते रा और ते रे पीछे तेरे वंश का भी भला हो, और जो दे श तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है उस
म ते रे िदन ब त वरन सदा के िलये हों।
41 तब मू सा ने यरदन के पार पूव की ओर तीन नगर अलग िकए,
42 इसिलये िक जो कोई िबना जाने और िबना पहले से बैर रखे अपने िकसी भाई को मार डाले , वह उन म से िकसी नगर म भाग जाए, और भागकर जीिवत रहे:
43 अथात बेिनयों का बे सेर नगर जो जंगल के समथर दे श म है, और गािदयों के िगलाद का रामोत, और मन े इयों के बाशान का गोलान।
44 िफर जो व था मूसा ने इ ाएिलयों को दी वह यह है;
45 ये ही वे िचतौिनयां और िनयम ह िज मूसा ने इ ाएिलयों को उस समय कह सुनाया जब वे िम से िनकले थे,
46 अथात यरदन के पार बेतपोर के सा ने की तराई म, एमो रयों के राजा हे शबोनवासी सीहोन के दे श म, िजस राजा को उ ोंने िम से िनकलने के पीछे मारा।
47 और उ ोंने उसके दे श को, और बाशान के राजा ओग के दे श को, अपने वश म कर िलया; यरदन के पार सूय दय की ओर रहने वाले एमो रयों के राजाओं के ये दे श थे।
48 यह दे श अन न के नाले के छोर वाले अरोएर से ले कर सीओन, जो हे म न भी कहलाता है,
49 उस पवत तक का सारा दे श, और िपसगा की सलामी के नीचे के अराबा के ताल तक, यरदन पार पू व की ओर का सारा अराबा है।
व थािववरण 5
1 मू सा ने सारे इ ाएिलयों को बु लवाकर कहा, हे इ ाएिलयों, जो जो िविध और िनयम म आज तु सुनाता ं वे सु नो, इसिलये िक उ सीखकर मानने म चौकसी करो।
2 हमारे परमे र यहोवा ने तो होरे ब पर हम से वाचा बा ी।
3 इस वाचा को यहोवा ने हमारे िपतरों से नही ं, हम ही से बा ा, जो यहां आज के िदन जीिवत ह।
4 यहोवा ने उस पवत पर आग के बीच म से तुम लोगों से आ ने सा ने बात की;
5 उस आग के डर के मारे तुम पवत पर न चढ़े , इसिलये म यहोवा के और तु ारे बीच उसका वचन तु बताने को खड़ा रहा। तब उसने कहा,
6 तेरा परमे र यहोवा, जो तुझे दास के घर आयात् िम दे श म से िनकाल लाया है, वह म ं।
7 मुझे छोड़ दू सरों को परमे र कर के न मानना।।
8 तु अपने िलये कोई मूित खोदकर न बनाना, न िकसी की ितमा बनाना जो आकाश म, वा पृ ी के जल म है ;
9 तू उन को द वत न करना और न उनकी उपासना करना; ोंिक म तेरा परमे र यहोवा जलन रखने वाला ई र ं, और जो मुझ से बैर रखते ह उनके बे टों, पोतों, और परपोतों को
िपतरों का द िदया करता ं,
10 और जो मुझ से ेम रखते और मेरी आ ाओं को मानते ह उन हजारों पर क णा िकया करता ं।
11 तू अपने परमे र यहोवा का नाम थ न लेना; ोंिक जो यहोवा का नाम थ ले वह उन को िनद ष न ठहराएगा।।
12 तू िव ामिदन को मानकर पिव रखना, जैसे तेरे परमे र यहोवा ने तुझे आ ा दी।
13 छ: िदन तो प र म कर के अपना सारा कामकाज करना;
14 पर ु सातवां िदन तेरे परमे र यहोवा के िलये िव ामिदन है; उस म न तू िकसी भां ित का कामकाज करना, न तेरा बे टा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरा बैल, न तेरा
गदहा, न ते रा कोई पशु, न कोई परदे शी भी जो तेरे फाटकों के भीतर हो; िजस से ते रा दास और ते री दासी भी ते री नाईं िव ाम करे ।
15 और इस बात को रण रखना िक िम दे श म तू आप दास था, और वहां से ते रा परमे र यहोवा तु झे बलव हाथ और बड़ाई ई भुजा के ारा िनकाल लाया; इस कारण तेरा
परमे र यहोवा तुझे िव ामिदन मानने की आ ा दे ता है।।
16 अपने िपता और अपनी माता का आदर करना, जैसे िक तेरे परमे र यहोवा ने तु झे आ ा दी है ; िजस से जो दे श ते रा परमे र यहोवा तुझे दे ता है उस म तू ब त िदन तक रहते पाए,
और ते रा भला हो।।
17 तू ह ा न करना।।
18 तू िभचार न करना।।
19 तू चोरी न करना।।
20 तू िकसी के िव झूठी सा ी न दे ना।।
21 तू न िकसी की प ी का लालच करना, और न िकसी के घर का लालच करना, न उसके खे त का, न उसके दास का, न उसकी दासी का, न उसके बैल वा गदहे का, न उसकी िकसी
और व ु का लालच करना।।
22 यही वचन यहोवा ने उस पवत पर आग, और बादल, और घोर अ कार के बीच म से तु ारी सारी म ली से पु कारकर कहा; और इस से अिधक और कुछ न कहा। और उ
उसने प र की दो पिटयाओं पर िलखकर मुझे दे िदया।
23 जब पवत आग से दहक रहा था, और तुम ने उस श को अ यारे के बीच म से आते सुना, तब तु म और तु ारे गो ों के सब मु मु पु ष और तु ारे पुरिनए मेरे पास आए;
24 और तुम कहने लगे, िक हमारे परमे र यहोवा ने हम को अपना तेज और मिहमा िदखाई है , और हम ने उसका श आग के बीच म से आते ए सुना; आज हम ने दे ख िलया िक
य िप परमे र मनु से बात करता है तौभी मनु जीिवत रहता है ।
25 अब हम ों मर जाएं ? ोंिक ऐसी बड़ी आग से हम भ हो जाएं गे ; और यिद हम अपने परमे र यहोवा का श िफर सुन, तब तो मर ही जाएं गे।
26 ोंिक सारे ािणयों म से कौन ऐसा है जो हमारी नाईं जीिवत और अि के बीच म से बोलते ए परमे र का श सु नकर जीिवत बचा रहे?
27 इसिलये तू समीप जा, और जो कुछ हमारा परमे र यहोवा कहे उसे सुन ले ; िफर जो कुछ हमारा परमे र यहोवा कहे उसे हम से कहना; और हम उसे सुनगे और उसे मानगे।
28 जब तु म मुझ से ये बात कह रहे थे तब यहोवा ने तु ारी बात सु नी ं; तब उसने मुझ से कहा, िक इन लोगों ने जो जो बात तुझ से कही ह म ने सुनी ह; इ ोंने जो कुछ कहा वह ठीक ही
कहा।
29 भला होता िक उनका मन सदै व ऐसा ही बना रहे, िक वे मेरा भय मानते ए मे री सब आ ाओं पर चलते रह, िजस से उनकी और उनके वंश की सदै व भलाई होती रहे !
30 इसिलये तू जा कर उन से कह दे , िक अपने अपने डे रों को लौट जाओ।
31 पर ु तू यही ं मे रे पास खड़ा रह, और म वे सारी आ ाएं और िविधयां और िनयम िज तुझे उन को िसखाना होगा तु झ से क ंगा, िजस से वे उ उस दे श म िजसका अिधकार म
उ दे ने पर ं मान।
32 इसिलये तुम अपने परमे र यहोवा की आ ा के अनुसार करने म चौकसी करना; न तो दािहने मु ड़ना और न बांए।
33 िजस माग म चलने की आ ा तु ारे परमे र यहोवा ने तुम को दी है उस सारे माग पर चलते रहो, िक तु म जीिवत रहो, और तु ारा भला हो, और िजस दे श के तुम अिधकारी होगे
उस म तुम ब त िदनों के िलये बने रहो।।
व थािववरण 6
1 यह वह आ ा, और वे िविधयां और िनयम ह जो तु िसखाने की तु ारे परमे र यहोवा ने आ ा दी है , िक तु म उ उस दे श म मानो िजसके अिधकारी होने को पार जाने पर हो;
2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते ए उसकी उन सब िविधयों और आ ाओं पर, जो म तुझे सु नाता ं, अपने जीवन भर चलते रह, िजस से तू ब त िदन तक
बना रहे ।
3 हे इ ाएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसिलये िक तेरा भला हो, और ते रे िपतरों के परमे र यहोवा के वचन के अनुसार उस दे श म जहां दू ध और मधु की धाराएं बहती
ह तुम ब त हो जाओ।
4 हे इ ाएल, सुन, यहोवा हमारा परमे र है, यहोवा एक ही है;
5 तू अपने परमे र यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी श के साथ े म रखना।
6 और ये आ ाएं जो म आज तुझ को सुनाता ं वे तेरे मन म बनी रह;
7 और तू इ अपने बाल-ब ों को समझाकर िसखाया करना, और घर म बैठे, माग पर चलते, ले टते , उठते , इनकी चचा िकया करना।
8 और इ अपने हाथ पर िच ानी कर के बा ना, और ये ते री आं खों के बीच टीके का काम द।
9 और इ अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर िलखना।।
10 और जब ते रा परमे र यहोवा तुझे उस दे श म प ंचाए िजसके िवषय म उसने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब नाम, ते रे पूवजों से तुझे दे ने की शपथ खाई, और जब वह तुझ को बड़े
बड़े और अ े नगर, जो तू ने नही ं बनाए,
11 और अ े अ े पदाथ से भरे ए घर, जो तू ने नहीं भरे , और खुदे ए कुंए, जो तू ने नही ं खोदे , और दाख की बा रयां और जलपाई के वृ , जो तू ने नही ं लगाए, ये सब व ु एं जब
वह दे , और तू खाके तृ हो,
12 तब सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो िक तू यहोवा को भूल जाए, जो तु झे दास के घर अथात िम दे श से िनकाल लाया है।
13 अपने परमे र यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
14 तुम पराए दे वताओं के, अथात अपने चारों ओर के दे शों के लोगों के दे वताओं के पीछे न हो लेना;
15 ोंिक तेरा परमे र यहोवा जो तेरे बीच म है वह जल उठने वाला ई र है ; कहीं ऐसा न हो िक तेरे परमे र यहोवा का कोप तुझ पर भड़के, और वह तुझ को पृ ी पर से न कर
डाले ।।
16 तुम अपने परमे र यहोवा की परी ा न करना, जैसे िक तुम ने म ा म उसकी परी ा की थी।
17 अपने परमे र यहोवा की आ ाओं, िचतौिनयों, और िविधयों को, जो उसने तुझ को दी ह, सावधानी से मानना।
18 और जो काम यहोवा की ि म ठीक और सुहावना है वही िकया करना, िजस से िक तेरा भला हो, और िजस उ म दे श के िवषय म यहोवा ने तेरे पूवजों से शपथ खाई उस म तू
वेश कर के उसका अिधकारी हो जाए,
19 िक तेरे सब श ु तेरे सा ने से दू र कर िदए जाएं , जैसा िक यहोवा ने कहा था।।
20 िफर आगे को जब तेरा लड़का तुझ से पूछे, िक ये िचतौिनयां और िविध और िनयम, िजनके मानने की आ ा हमारे परमे र यहोवा ने तुम को दी है, इनका योजन ा है ?
21 तब अपने लड़के से कहना, िक जब हम िम म िफरौन के दास थे , तब यहोवा बलव हाथ से हम को िम म से िनकाल ले आया;
22 और यहोवा ने हमारे दे खते िम म िफरौन और उसके सारे घराने को दु :ख दे ने वाले बड़े बड़े िच और चम ार िदखाए;
23 और हम को वह वहां से िनकाल लाया, इसिलये िक हम इस दे श म प ंचाकर, िजसके िवषय म उसने हमारे पू वजों से शपथ खाई थी, इस को हम सौंप दे ।
24 और यहोवा ने हम ये सब िविधयां पालने की आ ा दी, इसिलये िक हम अपने परमे र यहोवा का भय मान, और इस रीित सदै व हमारा भला हो, और वह हम को जीिवत रखे , जैसा
िक आज के िदन है।
25 और यिद हम अपने परमे र यहोवा की ि म उसकी आ ा के अनु सार इन सारे िनयमों को मानने म चौकसी कर, तो वह हमारे िलये धम ठहरे गा।।
व थािववरण 7
1 िफर जब तेरा परमे र यहोवा तुझे उस दे श म िजसके अिधकारी होने को तू जाने पर है प ं चाए, और तेरे सा ने से िह ी, िगगाशी, एमोरी, कनानी, प र ी, िह ी, और यबू सी नाम,
ब त सी जाितयों को अथात तुम से बड़ी और सामथ सातों जाितयों को िनकाल दे ,
2 और तेरा परमे र यहोवा उ तेरे ारा हरा दे , और तू उन पर जय ा कर ले; तब उ पू री रीित से न कर डालना; उन से न वाचा बा ना, और न उन पर दया करना।
3 और न उन से ाह शादी करना, न तो उनकी बेटी को अपने बेटे के िलये ाह ले ना।
4 ोंिक वे ते रे बे टे को मेरे पीछे चलने से बहकाएं गी, और दू सरे दे वताओं की उपासना करवाएं गी; और इस कारण यहोवा का कोप तु म पर भड़क उठे गा, और वह तुझ को शी
स ानाश कर डालेगा।
5 उन लोगों से ऐसा बताव करना, िक उनकी वेिदयों को ढा दे ना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नाम मू ि य को काट काटकर िगरा दे ना, और उनकी खुदी ई मू ितयों
को आग म जला दे ना।
6 ोंिक तू अपने परमे र यहोवा की पिव जा है; यहोवा ने पृ ी भर के सब दे शों के लोगों म से तुझ को चुन िलया है िक तू उसकी जा और िनज धन ठहरे ।
7 यहोवा ने जो तु म से ेह कर के तु म को चुन िलया, इसका कारण यह नही ं था िक तुम िगनती म और सब दे शों के लोगों से अिधक थे, िक ु तुम तो सब दे शों के लोगों से िगनती म
थोड़े थे;
8 यहोवा ने जो तु म को बलव हाथ के ारा दास के घर म से, और िम के राजा िफरौन के हाथ से छु ड़ाकर िनकाल लाया, इसका यही करण है िक वह तुम से ेम रखता है, और
उस शपथ को भी पूरी करना चाहता है जो उसने तु ारे पू वजों से खाई थी।
9 इसिलये जान रख िक तेरा परमे र यहोवा ही परमे र है, वह िव ासयो ई र है; और जो उस से ेम रखते और उसकी आ ाएं मानते ह उनके साथ वह हजार पीढ़ी तक अपनी
वाचा पालता, और उन पर क णा करता रहता है;
10 और जो उस से बैर रखते ह वह उनके दे खते उन से बदला ले कर न कर डालता है; अपने बै री के िवषय म िवल न करे गा, उसके दे खते ही उस से बदला लेगा।
11 इसिलये इन आ ाओं, िविधयों, और िनयमों को, जो म आज तुझे िचताता ं , मानने म चौकसी करना।।
12 और तु म जो इन िनयमों को सुनकर मानोगे और इन पर चलोगे , तो ते रा परमे र यहोवा भी क णामय वाचा को पाले गा िजसे उसने तेरे पूवजों से शपथ खाकर बा ी थी;
13 और वह तुझ से े म रखेगा, और तुझे आशीष दे गा, और िगनती म बढ़ाएगा; और जो दे श उसने तेरे पू वजों से शपथ खाकर तुझे दे ने को कहा है उस म वह तेरी स ान पर, और अ ,
नये दाखमधु, और टटके तेल आिद, भूिम की उपज पर आशीष िदया करे गा, और ते री गाय-बैल और भे ड़-बक रयों की बढ़ती करे गा।
14 तू सब दे शों के लोगों से अिधक ध होगा; तेरे बीच म न पु ष न ी िनवश होगी, और ते रे पशुओं म भी ऐसा कोई न होगा।
15 और यहोवा तुझ से सब कार के रोग दू र करे गा; और िम की बु री बुरी ािधयां िज तू जानता है उन म से िकसी को भी तुझे लगने न दे गा, ये सब तेरे बै रयों ही को लगगे ।
16 और दे श दे श के िजतने लोगों को तेरा परमे र यहोवा तेरे वश म कर दे गा, तू उन सभों को स ानाश करना; उन पर तरस की ि न करना, और न उनके दे वताओं की उपासना
करना, नही ं तो तू फ े म फंस जाएगा।
17 यिद तू अपने मन म सोचे, िक वे जाितयां जो मुझ से अिधक ह; तो म उन को ोंकर दे श से िनकाल सकूंगा?
18 तौभी उन से न डरना, जो कुछ तेरे परमे र यहोवा ने िफरौन से और सारे िम से िकया उसे भली भां ित रण रखना।
19 जो बड़े बड़े परी ा के काम तू ने अपनी आं खों से दे खे, और िजन िच ों, और चम ारों, और िजस बलव हाथ, और बड़ाई ई भुजा के ारा तेरा परमे र यहोवा तु झ को िनकाल
लाया, उनके अनु सार तेरा परमे र यहोवा उन सब लोगों से भी िजन से तू डरता है करे गा।
20 इस से अिधक तेरा परमे र यहोवा उनके बीच बर भी भेजेगा, यहां तक िक उन म से जो बचकर िछप जाएं गे वे भी तेरे सा ने से नाश हो जाएं गे।
21 उस से भय न खाना; ोंिक तेरा परमे र यहोवा तेरे बीच म है, और वह महान् और भय यो ई र है।
22 तेरा परमे र यहोवा उन जाितयों को तेरे आगे से धीरे धीरे िनकाल दे गा; तो तू एक दम से उनका अ न कर सकेगा, नही ं तो बनैले पशु बढ़कर तेरी हािन करगे।
23 तौभी तेरा परमे र यहोवा उन को तुझ से हरवा दे गा, और जब तक वे स ानाश न हो जाएं तब तक उन को अित ाकुल करता रहेगा।
24 और वह उनके राजाओं को तेरे हाथ म करे गा, और तू उनका भी नाम धरती पर से िमटा डाले गा; उन म से कोई भी तेरे सा ने खड़ा न रह सकेगा, और अ म तू उ स ानाश
कर डाले गा।
25 उनके दे वताओं की खुदी ई मूितयां तुम आग म जला दे ना; जो चांदी वा सोना उन पर मढ़ा हो उसका लालच कर के न ले ले ना, नही ं तो तू उसके कारण फ े म फंसे गा; ोंिक ऐसी
व ुएं तु ारे परमे र यहोवा की ि म घृिणत ह।
26 और कोई घृिणत व ु अपने घर म न ले आना, नही ं तो तू भी उसके समान न हो जाने की व ु ठहरे गा; उसे स ानाश की व ु जानकर उस से घृणा करना और उसे कदािप न
चाहना; ोंिक वह अशु व ु है।
व थािववरण 8
1 जो जो आ ा म आज तुझे सुनाता ं उन सभों पर चलने की चौकसी करना, इसिलये िक तुम जीिवत रहो और बढ़ते रहो, और िजस दे श के िवषय म यहोवा ने तु ारे पूवजों से शपथ
खाई है उस म जा कर उसके अिधकारी हो जाओ।
2 और रण रख िक तेरा परमे र यहोवा उन चालीस वष म तुझे सारे जं गल के माग म से इसिलये ले आया है, िक वह तुझे न बनाए, और तेरी परी ा कर के यह जान ले िक तेरे मन
म ा ा है, और िक तू उसकी आ ाओं का पालन करे गा वा नहीं।
3 उसने तुझ को न बनाया, और भूखा भी होने िदया, िफर वह म ा, िजसे न तू और न ते रे पु रखा ही जानते थे , वही तुझ को खलाया; इसिलये िक वह तुझ को िसखाए िक मनु केवल
रोटी ही से नही ं जीिवत रहता, पर ु जो जो वचन यहोवा के मुंह से िनकलते ह उन ही से वह जीिवत रहता है ।
4 इन चालीस वष म तेरे व पुराने न ए, और ते रे तन से भी नही ं िगरे , और न तेरे पांव फूले।
5 िफर अपने मन म यह तो िवचार कर, िक जैसा कोई अपने बे टे को ताड़ना दे ता है वैसे ही तेरा परमे र यहोवा तुझ को ताड़ना दे ता है।
6 इसिलये अपने परमे र यहोवा की आ ाओं का पालन करते ए उसके माग पर चलना, और उसका भय मानते रहना।
7 ोंिक तेरा परमे र यहोवा तुझे एक उ म दे श म िलये जा रहा है , जो जल की निदयों का, और तराइयों और पहाड़ों से िनकले ए गिहरे गिहरे सोतों का दे श है।
8 िफर वह गे ं, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनरों का दे श है; और तेलवाली जलपाई और मधु का भी दे श है ।
9 उस दे श म अ की महंगी न होगी, और न उस म तुझे िकसी पदाथ की घटी होगी; वहां के प र लोहे के ह, और वहां के पहाड़ों म से तू तांबा खोदकर िनकाल सकेगा।
10 और तू पे ट भर खाएगा, और उस उ म दे श के कारण जो तेरा परमे र यहोवा तु झे दे गा उसका ध माने गा।
11 इसिलये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो िक अपने परमे र यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आ ा, िनयम, और िविध, म आज तुझे सुनाता ं उनका मानना छोड़ दे ;
12 ऐसा न हो िक जब तू खाकर तृ हो, और अ े अ े घर बनाकर उन म रहने लगे ,
13 और ते री गाय-बैलों और भेड़-बक रयों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चांदी, और तेरा सब कार का धन बढ़ जाए,
14 तब तेरे मन म अहंकार समा जाए, और तू अपने परमे र यहोवा को भू ल जाए, जो तु झ को दास के घर अथात िम दे श से िनकाल लाया है,
15 और उस बड़े और भयानक जंगल म से ले आया है, जहां तेज िवष वाले सप और िब ू ह, और जलरिहत सू खे दे श म उसने तेरे िलये चकमक की च ान से जल िनकाला,
16 और तुझे जंगल म म ा खलाया, िजसे तु ारे पुरखा जानते भी न थे , इसिलये िक वह तुझे न बनाए, और तेरी परी ा कर के अ म तेरा भला ही करे ।
17 और कही ं ऐसा न हो िक तू सोचने लगे, िक यह स ि मेरे ही साम और मे रे ही भु जबल से मु झे ा ई।
18 पर ु तू अपने परमे र यहोवा को रण रखना, ोंिक वही है जो तुझे स ित ा करने का साम इसिलये दे ता है, िक जो वाचा उसने तेरे पूवजों से शपथ खाकर बा ी थी
उसको पू रा करे , जैसा आज गट है।
19 यिद तू अपने परमे र यहोवा को भू लकर दू सरे दे वताओं के पीछे हो लेगा, और उसकी उपासना और उन को द वत करे गा, तो म आज तुम को िचता दे ता ं िक तुम िन:स े ह न
हो जाओगे ।
20 िजन जाितयों को यहोवा तु ारे स ुख से न करने पर है, उ ी की नाईं तु म भी अपने परमे र यहोवा का वचन न मानने के कारण न हो जाओगे।
व थािववरण 9
1 हे इ ाएल, सुन, आज तू यरदन पार इसिलये जानेवाला है, िक ऐसी जाितयों को जो तु झ से बड़ी और सामथ ह, और ऐसे बड़े नगरों को िजनकी हरपनाह आकाश से बात करती ह,
अपने अिधकार म ले ले।
2 उन म बड़े बड़े और ल े ल े लोग, अथात अनाकवंशी रहते ह, िजनका हाल तू जानता है, और उनके िवषय म तू ने यह सु ना है, िक अनाकविशयों के सा ने कौन ठहर सकता है ?
3 इसिलये आज तू यह जान ले, िक जो तेरे आगे भ करने वाली आग की नाईं पार जाने वाला है वह तेरा परमे र यहोवा है; और वह उनका स ानाश करे गा, और वह उन को ते रे
सा ने दबा दे गा; और तू यहोवा के वचन के अनुसार उन को उस दे श से िनकाल कर शी ही न कर डालेगा।
4 जब तेरा परमे र यहोवा उ तेरे सा ने से िनकाल चु के तब यह न सोचना, िक यहोवा ते रे धम के कारण तुझे इस दे श का अिधकारी होने को ले आया है, िक ु उन जाितयों की
दु ता ही के कारण यहोवा उन को तेरे सा ने से िनकालता है ।
5 तू जो उनके दे श का अिधकारी होने के िलये जा रहा है , इसका कारण तेरा धम वा मन की सीधाई नहीं है; तेरा परमे र यहोवा जो उन जाितयों को तेरे सा ने से िनकालता है , उसका
कारण उनकी दु ता है, और यह भी िक जो वचन उसने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब, ते रे पू वजों को शपथ खाकर िदया था, उसको वह पूरा करना चाहता है।
6 इसिलये यह जान ले िक तेरा परमे र यहोवा, जो तुझे वह अ ा दे श दे ता है िक तू उसका अिधकारी हो, उसे वह तेरे धम के कारण नहीं दे रहा है; ोंिक तू तो एक हठीली जाित है।
7 इस बात का रण रख और कभी भी न भूलना, िक जं गल म तू ने िकस िकस रीित से अपने परमे र यहोवा को ोिधत िकया; और िजस दे श से तू िम दे श से िनकला है जब तक
तुम इस थान पर न प ँचे तब तक तुम यहोवा से बलवा ही बलवा करते आए हो।
8 िफर होरे ब के पास भी तुम ने यहोवा को ोिधत िकया, और वह ोिधत हो कर तु न करना चाहता था।
9 जब म उस वाचा के प र की पिटयाओं को जो यहोवा ने तुम से बा ी थी ले ने के िलये पवत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस िदन और चालीस रात पवत ही के ऊपर रहा; और म ने न
तो रोटी खाई न पानी िपया।
10 और यहोवा ने मुझे अपने ही हाथ की िलखी ई प र की दोनों पिटयाओं को सौंप िदया, और वे ही वचन िज यहोवा ने पवत के ऊपर आग के म म से सभा के िदन तु म से कहे
थे वे सब उन पर िलखे ए थे।
11 और चालीस िदन और चालीस रात के बीत जाने पर यहोवा ने प र की वे दो वाचा की पिटयाएं मुझे दे दी ं।
12 और यहोवा ने मुझ से कहा, उठ, यहां से झटपट नीचे जा; ोिकं तेरी जा के लोग िजन को तू िम से िनकाल कर ले आया है वे िबगड़ गए ह; िजस माग पर चलने की आ ा म ने
उ दी थी उसको उ ोंने झटपट छोड़ िदया है; अथात उ ोंने तुर अपने िलये एक मू ित ढालकर बना ली है ।
13 िफर यहोवा ने मुझ से यह भी कहा, िक म ने उन लोगो को दे ख िलया, वे हठीली जाित के लोग ह;
14 इसिलये अब मु झे तू मत रोक, तािक म उ न कर डालूं, और धरती के ऊपर से उनका नाम वा िच तक िमटा डालूं, और म उन से बढ़कर एक बड़ी और सामथ जाित तुझी से
उ क ं गा।
15 तब म उलटे पैर पवत से नीचे उतर चला, और पवत अि से दहक रहा था; और मेरे दोनों हाथों म वाचा की दोनों पिटयाएं थी ं।
16 और म ने दे खा िक तुम ने अपने परमे र यहोवा के िव महापाप िकया; और अपने िलये एक बछड़ा ढालकर बना िलया है, और तुर उस माग से िजस पर चलने की आ ा
यहोवा ने तुम को दी थी उसको तुम ने तज िदया।
17 तब म ने उन दोनों पिटयाओं को अपने दोनों हाथों से ले कर फक िदया, और तु ारी आं खों के सा ने उन को तोड़ डाला।
18 तब तु ारे उस महापाप के कारण िजसे कर के तुम ने यहोवा की ि म बु राई की, और उसे रीस िदलाई थी, म यहोवा के सा ने मुंह के बल िगर पड़ा, और पिहले की नाईं, अथात
चालीस िदन और चालीस रात तक, न तो रोटी खाई और न पानी िपया।
19 म तो यहोवा के उस कोप और जल-जलाहट से डर रहा था, ोंिक वह तु म से अ स हो कर तु स ानाश करने को था। पर ु यहोवा ने उस बार भी मेरी सुन ली।
20 और यहोवा हा न से इतना ोिधत आ िक उसे भी स ानाश करना चाहा; पर ु उसी समय म ने हा न के िलये भी ाथना की।
21 और म ने वह बछड़ा िजसे बनाकर तुम पापी हो गए थे ले कर, आग म डालकर फूंक िदया; और िफर उसे पीस पीसकर ऐसा चूर चूरकर डाला िक वह धूल की नाईं जीण हो गया;
और उसकी उस राख को उस नदी म फक िदया जो पवत से िनकलकर नीचे बहती थी।
22 िफर तबेरा, और म ा, और िक ोतह ावा म भी तुम ने यहोवा को रीस िदलाई थी।
23 िफर जब यहोवा ने तुम को कादे शबन से यह कहकर भे जा, िक जा कर उस दे श के िजसे म ने तु िदया है अिधकारी हो जाओ, तब भी तुम ने अपने परमे र यहोवा की आ ा के
िव बलवा िकया, और न तो उसका िव ास िकया, और न उसकी बात मानी।
24 िजस िदन से म तु जानता ं उस िदन से तुम यहोवा से बलवा ही करते आए हो।
25 म यहोवा के सा ने चालीस िदन और चालीस रात मुंह के बल पड़ा रहा, ोंिक यहोवा ने कह िदया था, िक वह तुम को स ानाश करे गा।
26 और म ने यहोवा से यह ाथना की, िक हे भु यहोवा, अपना जा पी िनज भाग, िजन को तू ने अपने महान् ताप से छु ड़ा िलया है, और िजन को तू ने अपने बलव हाथ से िम
से िनकाल िलया है, उ न न कर।
27 अपने दास इ ाहीम, इसहाक, और याकूब को रण कर; और इन लोगों की कठोरता, और दु ता, और पाप पर ि न कर,
28 िजस से ऐसा न हो िक िजस दे श से तू हम को िनकाल कर ले आया है , वहां से लोग कहने लग, िक यहोवा उ उस दे श म िजसके दे श का वचन उन को िदया था नहीं प ंचा सका,
और उन से बैर भी रखता था, इसी कारण उसने उ जंगल म िनकाल कर मार डाला है ।
29 ये लोग तेरी जा और िनज भाग ह, िजन को तू ने अपने बड़े साम और बलव भु जा के ारा िनकाल ले आया है ।।
व थािववरण 10
1 उस समय यहोवा ने मुझ से कहा, पिहली पिटयाओं के समान प र की दो और पिटयाएं गढ़ ले , और उ ले कर मे रे पास पवत के ऊपर आ जा, और लकड़ी का एक स दू क भी
बनवा ले ।
2 और म उन पिटयाओं पर वे ही वचन िलखूंगा, जो उन पिहली पिटयाओं पर थे , िज तू ने तोड़ डाला, और तू उ उस स दू क म रखना।
3 तब म ने बबूल की लकड़ी का एक स दू क बनवाया, और पिहली पिटयाओं के समान प र की दो और पिटयाएं गढ़ी ं, तब उ हाथों म िलये ए पवत पर चढ़ गया।
4 और जो दस वचन यहोवा ने सभा के िदन पवत पर अि के म म से तुम से कहे थे, वे ही उसने पिहलों के समान उन पिटयाओं पर िलखे ; और उन को मु झे सौंप िदया।
5 तब म पवत से नीचे उतर आया, और पिटयाओं को अपने बनवाए ए स दू क म धर िदया; और यहोवा की आ ा के अनु सार वे वहीं रखी ं ई ह।
6 तब इ ाएली याकािनयों के कुओं से कूच कर के मोसेरा तक आए। वहां हा न मर गया, और उसको वहीं िम ी दी गई; और उसका पु एलीआजर उसके थान पर याजक का काम
करने लगा।
7 वे वहां से कूच कर के गुदगोदा को, और गुदगोदा से योतबाता को चले , इस दे श म जल की निदयां ह।
8 उस समय यहोवा ने लेवी गो को इसिलये अलग िकया िक वे यहोवा की वाचा का स दू क उठाया कर, और यहोवा के स ुख खड़े हो कर उसकी सेवाटहल िकया कर, और उसके
नाम से आशीवाद िदया कर, िजस कार िक आज के िदन तक होता आ रहा है ।
9 इस कारण ले िवयों को अपने भाईयों के साथ कोई िनज अंश वा भाग नहीं िमला; यहोवा ही उनका िनज भाग है , जै से िक ते रे परमे र यहोवा ने उन से कहा था।
10 म तो पिहले की नाईं उस पवत पर चालीस िदन और चालीस रात ठहरा रहा, और उस बार भी यहोवा ने मे री सु नी, और तुझे नाश करने की मनसा छोड़ दी।
11 िफर यहोवा ने मुझ से कहा, उठ, और तू इन लोगों की अगुवाई कर, तािक िजस दे श के दे ने को म ने उनके पू वजों से शपथ खाकर कहा था उस म वे जा कर उसको अपने अिधकार
म कर ल।।
12 और अब, हे इ ाएल, तेरा परमे र यहोवा तुझ से इसके िसवाय और ा चाहता है, िक तू अपने परमे र यहोवा का भय मान, और उसके सारे माग पर चले, उस से े म रखे, और
अपने पूरे मन और अपने सारे ाण से उसकी सेवा करे ,
13 और यहोवा की जो जो आ ा और िविध म आज तुझे सुनाता ं उन को हण करे , िजस से तेरा भला हो?
14 सु न, ग और सब से ऊंचा ग भी, और पृ ी और उस म जो कुछ है , वह सब तेरे परमे र यहोवा ही का है ;
15 तौभी यहोवा ने ते रे पूवजों से ेह और ेम रखा, और उनके बाद तुम लोगों को जो उनकी स ान हो सव दे शों के लोगों के म म से चुन िलया, जैसा िक आज के िदन गट है ।
16 इसिलये अपने अपने दय का खतना करो, और आगे को हठीले न रहो।
17 ोंिक तु ारा परमे र यहोवा वही ई रों का परमे र और भुओं का भु है, वह महान् परा मी और भय यो ई र है, जो िकसी का प नहीं करता और न घूस लेता है।
18 वह अनाथों और िवधवा का ाय चुकाता, और परदे िशयों से ऐसा े म करता है िक उ भोजन और व दे ता है ।
19 इसिलये तु म भी परदे िशयों से ेम भाव रखना; ोंिक तुम भी िम दे श म परदे शी थे ।
20 अपने परमे र यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना और उसी से िलपटे रहना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
21 वही तु ारी ुित के यो है; और वही तेरा परमे र है , िजसने तेरे साथ वे बड़े मह के और भयानक काम िकए ह, िज तू ने अपनी आं खों से दे खा है।
22 तेरे पु रखा जब िम म गए तब स र ही मनु थे; पर ु अब तेरे परमे र यहोवा ने ते री िगनती आकाश के तारों के समान ब त कर िदया है।।
व थािववरण 11
1 इसिलये तू अपने परमे र यहोवा से अ ेम रखना, और जो कुछ उसने तुझे सौंपा है उसका, अथात उसी िविधयों, िनयमों, और आ ाओं का िन पालन करना।
2 और तुम आज यह सोच समझ लो ( ोंिक म तो तु ारे बाल-ब ों से नही ं कहता,) िज ोंने न तो कुछ दे खा और न जाना है िक तु ारे परमे र यहोवा ने ा ा ताड़ना की, और
कैसी मिहमा, और बलव हाथ, और बड़ाई ई भुजा िदखाई,
3 और िम म वहां के राजा िफरौन को कैसे कैसे िच िदखाए, और उसके सारे दे श म कैसे कैसे चम ार के काम िकए;
4 और उसने िम की सेना के घोड़ों और रथों से ा िकया, अथात जब वे तु ारा पीछा कर रहे थे तब उसने उन को लाल समु म डु बोकर िकस कार न कर डाला, िक आज तक
उनका पता नही ं;
5 और तु ारे इस थान म प ंचने तक उसने जंगल म तुम से ा ा िकया;
6 और उसने बे नी एलीआब के पु दातान और अबीराम से ा ा िकया; अथात पृ ी ने अपना मुं ह पसार के उन को घरानों, और डे रों, और सब अनुचरों समे त सब इ ाएिलयों के
दे खते दे खते कैसे िनगल िलया;
7 पर ु यहोवा के इन सब बड़े बड़े कामों को तुम ने अपनी आं खों से दे खा है ।
8 इस कारण िजतनी आ ाएं म आज तु सुनाता ं उन सभों को माना करना, इसिलये िक तुम सामथ हो कर उस दे श म िजसके अिधकारी होने के िलये तुम पार जा रहे हो वेश कर
के उसके अिधकारी हो जाओ,
9 और उस दे श म ब त िदन रहने पाओ, िजसे तु और तु ारे वंश को दे ने की शपथ यहोवा ने तु ारे पू वजों से खाई थी, और उस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह।
10 दे खो, िजस दे श के अिधकारी होने को तुम जा रहे हो वह िम दे श के समान नहीं है, जहां से िनकलकर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खे त की रीित के अनु सार
अपने पां व की निलयां बनाकर सीच ं ते थे;
11 पर ु िजस दे श के अिधकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का दे श है , और आकाश की वषा के जल से िसंचता है;
12 वह ऐसा दे श है िजसकी तेरे परमे र यहोवा को सुिध रहती है ; और वष के आिद से ले कर अ तक तेरे परमे र यहोवा की ि उस पर िनर र लगी रहती है।।
13 और यिद तुम मेरी आ ाओं को जो आज म तु सुनाता ं ान से सुनकर, अपने स ू ण मन और सारे ाण के साथ, अपने परमे र यहोवा से ेम रखो और उसकी से वा करते रहो,
14 तो म तु ारे दे श म बरसात के आिद और अ दोनों समयों की वषा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, िजस से तू अपना अ , नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
15 और म तेरे पशुओं के िलये तेरे मैदान म घास उपजाऊंगा, और तू पे ट भर खाएगा और स ु रहे गा।
16 इसिलये अपने िवषय म सावधान रहो, ऐसा न हो िक तु ारे मन धोखा खाएं , और तुम बहककर दू सरे दे वताओं की पूजा करने लगो और उन को द वत करने लगो,
17 और यहोवा का कोप तुम पर भड़के, और वह आकाश की वषा ब कर दे , और भू िम अपनी उपज न दे , और तुम उस उ म दे श म से जो यहोवा तु दे ता है शी न हो जाओ।
18 इसिलये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और ाण म धारण िकए रहना, और िच ानी के िलये अपने हाथों पर बा ना, और वे तु ारी आं खों के म म टीके का काम द।
19 और तुम घर म बैठे, माग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चचा कर के अपने लड़के-बालों को िसखाया करना।
20 और इ अपने अपने घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर िलखना;
21 इसिलये िक िजस दे श के िवषय म यहोवा ने तेरे पूवजों से शपथ खाकर कहा था, िक म उसे तु दू ं गा, उस म तु ारे और तु ारे लड़के-बालों की दीघायु हो, और जब तक पृ ी के
ऊपर का आकाश बना रहे तब तक वे भी बने रह।
22 इसिलये यिद तुम इन सब आ ाओं के मानने म जो म तु सुनाता ं पू री चौकसी कर के अपने परमे र यहोवा से े म रखो, और उसके सब माग पर चलो, और उस से िलपटे रहो,
23 तो यहोवा उन सब जाितयों को तु ारे आगे से िनकाल डालेगा, और तुम अपने से बड़ी और सामथ जाितयों के अिधकारी हो जाओगे।
24 िजस िजस थान पर तु ारे पांव के तलवे पड़ वे सब तु ारे ही हो जाएं गे , अथात जं गल से लबानोन तक, और परात नाम महानद से ले कर पि म के समु तक तु ारा िसवाना
होगा।
25 तु ारे सा ने कोई भी खड़ा न रह सकेगा; ोंिक िजतनी भू िम पर तु ारे पां व पड़गे उस सब पर रहने वालों के मन म तु ारा परमे र यहोवा अपने वचन के अनु सार तु ारे
कारण उन म डर और थरथराहट उ कर दे गा।
26 सु नो, म आज के िदन तु ारे आगे आशीष और शाप दोनों रख दे ता ं ।
27 अथात यिद तुम अपने परमे र यहोवा की इन आ ाओं को जो म आज तु े सुनाता ं मानो, तो तु म पर आशीष होगी,
28 और यिद तुम अपने परमे र यहोवा की आ ाओं को नही ं मानोगे, और िजस माग की आ ा म आज सु नाता ं उसे तजकर दू सरे दे वताओं के पीछे हो लोगे िज तुम नही ं जानते हो,
तो तु म पर शाप पड़े गा।
29 और जब ते रा परमे र यहोवा तुझ को उस दे श म प ंचाए िजसके अिधकारी होने को तू जाने पर है, तब आशीष गरी ीम पवत पर से और शाप एबाल पवत पर से सुनाना।
30 ा वे यरदन के पार, सूय के अ होने की ओर, अराबा के िनवासी कनािनयों के दे श म, िग ाल के सा ने , मोरे के बांज वृ ों के पास नहीं है ?
31 तुम तो यरदन पार इसी िलये जाने पर हो, िक जो दे श तु ारा परमे र यहोवा तु दे ता है उसके अिधकारी हो कर उस म िनवास करोगे;
32 इसिलये िजतनी िविधयां और िनयम म आज तुम को सुनाता ं उन सभों के मानने म चौकसी करना।।
व थािववरण 12
1 जो दे श तु ारे पूवजों के परमे र यहोवा ने तु अिधकार म ले ने को िदया है , उस म जब तक तु म भू िम पर जीिवत रहो तब तक इन िविधयों और िनयमों के मानने म चौकसी करना।
2 िजन जाितयों के तुम अिधकारी होगे उनके लोग ऊंचे ऊंचे पहाड़ों वा टीलों पर, वा िकसी भां ित के हरे वृ के तले , िजतने थानों म अपने दे वताओं की उपासना करते ह, उन सभों को
तुम पू री रीित से न कर डालना;
3 उनकी वेिदयों को ढा दे ना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नाम मू ि य को आग म जला दे ना, और उनके दे वताओं की खुदी ई मूि य को काटकर िगरा दे ना, िक उस
दे श म से उनके नाम तक िमट जाएं ।
4 िफर जैसा वे करते ह, तुम अपने परमे र यहोवा के िलये वैसा न करना।
5 िक ु जो थान तु ारा परमे र यहोवा तु ारे सब गो ों म से चुन ले गा, िक वहां अपना नाम बनाए रखे , उसके उसी िनवास थान के पास जाया करना;
6 और वहीं तु म अपने होमबिल, और मेलबिल, और दं शमांश, और उठाई ई भट, और म त की व ु एं, और े ाबिल, और गाय-बैलों और भेड़-बक रयों के पिहलौठे ले जाया
करना;
7 और वहीं तु म अपने परमे र यहोवा के सा ने भोजन करना, और अपने अपने घराने समेत उन सब कामों पर, िजन म तुम ने हाथ लगाया हो, और िजन पर तु ारे परमे र यहोवा की
आशीष िमली हो, आन करना।
8 जै से हम आजकल यहां जो काम िजस को भाता है वही करते ह वैसा तुम न करना;
9 जो िव ाम थान तु ारा परमे र यहोवा तु ारे भाग म दे ता है वहां तु म अब तक तो नही ं प ं चे।
10 पर ु जब तु म यरदन पार जा कर उस दे श म िजसके भागी तु ारा परमे र यहोवा तु करता है बस जाओ, और वह तु ारे चारों ओर के सब श ुओ ं से तु िव ाम दे ,
11 और तुम िनडर रहने पाओ, तब जो थान तु ारा परमे र यहोवा अपने नाम का िनवास ठहराने के िलये चु न ले उसी म तुम अपने होमबिल, और मेलबिल, और दशमां श, और उठाई
ईं भट, और म तों की सब उ म उ म व ुएं जो तुम यहोवा के िलये सं क करोगे , िनदान िजतनी व ु ओं की आ ा म तुम को सुनाता ं उन सभों को वहीं ले जाया करना।
12 और वहां तु म अपने अपने बेटे बेिटयों और दास दािसयों सिहत अपने परमे र यहोवा के सा ने आन करना, और जो लेवीय तु ारे फाटकों म रहे वह भी आन करे , ोंिक
उसका तु ारे संग कोई िनज भाग वा अंश न होगा।
13 और सावधान रहना िक तू अपने होमबिलयों को हर एक थान पर जो दे खने म आए न चढ़ाना;
14 पर ु जो थान तेरे िकसी गो म यहोवा चु न ले वहीं अपने होमबिलयों को चढ़ाया करना, और िजस िजस काम की आ ा म तुझ को सुनाता ं उसको वहीं करना।
15 पर ु तू अपने सब फाटकों के भीतर अपने जी की इ ा और अपने परमे र यहोवा की दी ई आशीष के अनु सार पशु मार के खा सकेगा, शु और अशु मनु दोनों खा सकगे ,
जैसे िक िचकारे और ह रण का मांस।
16 पर ु उसका लो न खाना; उसे जल की नाईं भूिम पर उं डेल दे ना।
17 िफर अपने अ , वा नये दाखमधु, वा टटके तेल का दशमांश, और अपने गाय-बैलों वा भे ड़-बक रयों के पिहलौठे , और अपनी म तों की कोई व ु, और अपने े ाबिल, और
उठाई ई भट अपने सब फाटकों के भीतर न खाना;
18 उ अपने परमे र यहोवा के सा ने उसी थान पर िजस को वह चुने अपने बेटे बेिटयों और दास दािसयों के, और जो ले वीय ते रे फाटकों के भीतर रहगे उनके साथ खाना, और तू
अपने परमे र यहोवा के सा ने अपने सब कामों पर िजन म हाथ लगाया हो आन करना।
19 और सावधान रह िक जब तक तू भूिम पर जीिवत रहे तब तक ले िवयों को न छोड़ना।।
20 जब ते रा परमे र यहोवा अपने वचन के अनुसार तेरा दे श बढ़ाए, और तेरा जी मां स खाना चाहे, और तू सोचने लगे , िक म मांस खाऊंगा, तब जो मांस तेरा जी चाहे वही खा सकेगा।
21 जो थान ते रा परमे र यहोवा अपना नाम बनाए रखने के िलये चुन ले वह यिद तु झ से ब त दू र हो, तो जो गाय-बैल भेड़-बकरी यहोवा ने तुझे दी हों, उन म से जो कुछ तेरा जी चाहे ,
उसे मे री आ ा के अनु सार मार के अपने फाटकों के भीतर खा सकेगा।
22 जैसे िचकारे और ह रण का मांस खाया जाता है वैसे ही उन को भी खा सकेगा, शु और अशु दोनों कार के मनु उनका मांस खा सकगे।
23 पर ु उनका लो िकसी भांित न खाना; ोंिक लो जो है वह ाण ही है , और तू मां स के साथ ाण कभी भी न खाना।
24 उसको न खाना; उसे जल की नाईं भूिम पर उं डेल दे ना।
25 तू उसे न खाना; इसिलये िक वह काम करने से जो यहोवा की ि म ठीक ह ते रा और ते रे बाद तेरे वंश का भी भला हो।
26 पर ु जब तू कोई व ु पिव करे , वा म त माने, तो ऐसी व ुएं ले कर उस थान को जाना िजस को यहोवा चु न ले गा,
27 और वहां अपने होमबिलयों के मांस और लो दोनों को अपने परमे र यहोवा की वेदी पर चढ़ाना, और मेलबिलयों का लो उसकी वेदी पर उं डेल कर उनका मांस खाना।
28 इन बातों को िजनकी आ ा म तुझे सुनाता ं िच लगाकर सु न, िक जब तू वह काम करे जो तेरे परमे र यहोवा की ि म भला और ठीक है, तब तेरा और तेरे बाद ते रे वंश का भी
सदा भला होता रहे ।
29 जब ते रा परमे र यहोवा उन जाितयों को िजनका अिधकारी होने को तू जा रहा है ते रे आगे से न करे , और तू उनका अिधकारी हो कर उनके दे श म बस जाए,
30 तब सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो िक उनके स नाश होने के बाद तू भी उनकी नाईं फंस जाए, अथात यह कहकर उनके दे वताओं के स म यह पूछपाछ न करना, िक उन
जाितयों के लोग अपने दे वताओं की उपासना िकस रीित करते थे? म भी वैसी ही क ं गा।
31 तू अपने परमे र यहोवा से ऐसा वहार न करना; ोंिक िजतने कार के कामों से यहोवा घृणा करता है और बैर-भाव रखता है, उन सभों को उ ोंने अपने दे वताओं के िलये
िकया है, यहां तक िक अपने बेटे बेिटयों को भी वे अपने दे वताओं के िलये अि म डालकर जला दे ते ह।।
32 िजतनी बातों की म तुम को आ ा दे ता ं उन को चौकस हो कर माना करना; और न तो कुछ उन म बढ़ाना और न उन म से कुछ घटाना।।
व थािववरण 13
1 यिद तेरे बीच कोई भिव ा वा दे खने वाला गट हो कर तुझे कोई िच वा चम ार िदखाए,
2 और िजस िच वा चम ार को माण ठहराकर वह तुझ से कहे, िक आओ हम पराए दे वताओं के अनु यायी हो कर, िजनसे तु म अब तक अनजान रहे , उनकी पू जा कर,
3 तब तुम उस भिव ा वा दे खने वाले के वचन पर कभी कान न धरना; ोंिक तु ारा परमे र यहोवा तु ारी परी ा लेगा, िजस से यह जान ले, िक ये मुझ से अपने सारे मन
और सारे ाण के साथ ेम रखते ह वा नहीं?
4 तुम अपने परमे र यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आ ाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से िलपटे रहना।
5 और ऐसा भिव ा वा दे खने वाला जो तुम को तु ारे परमे र यहोवा से फेर के, िजसने तु म को िम दे श से िनकाला और दास के घर से छु ड़ाया है, तेरे उसी परमे र
यहोवा के माग से बहकाने की बात कहने वाला ठहरे गा, इस कारण वह मार डाला जाए। इस रीित से तू अपने बीच म से ऐसी बुराई को दू र कर दे ना।।
6 यिद तेरा सगा भाई, वा बेटा, वा बेटी, वा तेरी अ ािगन, वा ाण ि य तेरा कोई िम िनराले म तुझ को यह कहकर फुसलाने लगे, िक आओ हम दू सरे दे वताओं की उपासना वा पू जा
कर, िज न तो तू न ते रे पुरखा जानते थे,
7 चाहे वे तु ारे िनकट रहने वाले आस पास के लोगों के, चाहे पृ ी के एक छोर से लेके दू सरे छोर तक दू र दू र के रहने वालों के दे वता हों,
8 तो तू उसकी न मानना, और न तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना, और न कोमलता िदखाना, और न उसको िछपा रखना;
9 उसको अव घात करना; उसके घात करने म पिहले ते रा हाथ उठे , पीछे सब लोगों के हाथ उठे ।
10 उस पर ऐसा प रवाह करना िक वह मर जाए, ोंिक उसने तु झ को तेरे उस परमे र यहोवा से, जो तुझ को दास के घर अथात िम दे श से िनकाल लाया है, बहकाने का य
िकया है ।
11 और सब इ ाएली सुनकर भय खाएं गे, और ऐसा बुरा काम िफर तेरे बीच न करगे ।।
12 यिद तेरे िकसी नगर के िवषय म, िजसे तेरा परमे र यहोवा तुझे रहने के िलये दे ता है , ऐसी बात ते रे सु नने म आए,
13 िक िकतने अधम पु षों ने तेरे ही बीच म से िनकलकर अपने नगर के िनवािसयों यह कहकर बहका िदया है , िक आओ हम और दे वताओं की िजन से अब तक अनजान रहे
उपासना कर,
14 तो पू छपाछ करना, और खोजना, और भली ं भांित पता लगाना; और यिद यह बात सच हो, और कुछ भी स े ह न रहे िक तेरे बीच ऐसा िघनौना काम िकया जाता है,
15 तो अव उस नगर के िनवािसयों तलवार से मान डालना, और पशु आिद उस सब समे त जो उस म हो उसको तलवार से स ानाश करना।
16 और उस म की सारी लूट चौक के बीच इक ी कर के उस नगर को लू ट समेत अपने परमे र यहोवा के िलये मानो स ाग होम कर के जलाना; और वह सदा के िलये डीह रहे , वह
िफर बसाया न जाए।
17 और कोई स ानाश की व ु तेरे हाथ न लगने पाए; िजस से यहोवा अपने भड़के ए कोप से शा हो कर जै सा उसने तेरे पूवजों से शपथ खाई थी वैसा ही तुझ से दया का वहार
करे , और दया कर के तुझ को िगनती म बढ़ाए।
18 यह तब होगा जब तू अपने परमे र यहोवा की िजतनी आ ाएं म आज तुझे सु नाता ं उन सभों को मानेगा, और जो तेरा परमे र यहोवा की ि म ठीक है वही करे गा।।
व थािववरण 14
1 तुम अपने परमे र यहोवा के पु हो; इसिलये मरे ओं के कारण न तो अपना शरीर चीरना, और न भौहों के बाल मुंडाना।
2 ोंिक तू अपने परमे र यहोवा के िलये एक पिव समाज है, और यहोवा ने तु झ को पृ ी भर के सम दे शों के लोगों म से अपनी िनज स ित होने के िलये चुन िलया है।
3 तू कोई िघनौनी व ु न खाना।
4 जो पशु तु म खा सकते हो वे ये ह, अथात गाय-बैल, भेड़-बकरी,
5 ह रण, िचकारा, यखमूर, बनैली बकरी, साबर, नीलगाय, और बैनेली भेड़।
6 िनदान पशुओं म से िजतने पशु िचरे वा फटे खुर वाले और पागु र करने वाले होते ह उनका मां स तु म खा सकते हो।
7 पर ु पागुर करने वाले वा िचरे खुर वालों म से इन पशुओं को, अथात ऊंट, खरहा, और शापान को न खाना, ोंिक ये पागु र तो करते ह पर ु िचरे खुर के नहीं होते, इस कारण वे
तु ारे िलये अशु ह।
8 िफर सूअर, जो िचरे खुर का होता है पर ु पागुर नही ं करता, इस कारण वह तु ारे िलये अशु है । तुम न तो इनका मां स खाना, और न इनकी लोथ छूना।।
9 िफर िजतने जलज ु ह उन म से तुम इ खा सकते हो, अथात िजतनों के पं ख और िछलके होते ह।
10 पर ु िजतने िबना पंख और िछलके के होते ह उ तुम न खाना; ोंिक वे तु ारे िलये अशु ह।।
11 सब शु पि यों का मां स तो तुम खा सकते हो।
12 पर ु इनका मांस न खाना, अथात उकाब, हड़फोड़, कुरर;
13 ग ड़, चील और भांित भांित के शाही;
14 और भांित भां ित के सब काग;
15 शुतमुग, तहमास, जलकु ट, और भांित भांित के बाज;
16 छोटा और बड़ा दोनों जाित का उ ू, और घु ू;
17 धनेश, िग , हाड़गील;
18 सारस, भांित भांित के बगुले, नौवा, और चमगीदड़।
19 और िजतने रगने वाले पखे ह वे सब तु ारे िलये अशु ह; वे खाए न जाएं ।
20 पर ु सब शु पंख वालों का मांस तुम खा सकते हो।।
21 जो अपनी मृ ु से मर जाए उसे तुम न खाना; उसे अपने फाटकों के भीतर िकसी परदे शी को खाने के िलये दे सकते हो, वा िकसी पराए के हाथ बे च सकते हो; पर ु तू तो अपने
परमे र यहोवा के िलये पिव समाज है। बकरी का ब ा उसकी माता के दू ध म न पकाना।।
22 बीज की सारी उपज म से जो ितवष खेत म उपके उसका दं शमां श अव अलग कर के रखना।
23 और िजस थान को तेरा परमे र यहोवा अपने नाम का िनवास ठहराने के िलये चुन ले उस म अपने अ , और नये दाखमधु, और टटके तेल का दशमांश, और अपने गाय-बै लों और
भे ड़-बक रयों के पिहलौठे अपने परमे र यहोवा के सा ने खाया करना; िजस से तु म उसका भय िन मानना सीखोगे ।
24 पर ु यिद वह थान िजस को तेरा परमे र यहोवा अपना नाम बानाए रखने के िलये चु न ले गा ब त दू र हो, और इस कारण वहां की या ा तेरे िलये इतनी ल ी हो िक तू अपने
परमे र यहोवा की आशीष से िमली ई व ुएं वहां न ले जा सके,
25 तो उसे बेचके, पये को बा , हाथ म िलये ए उस थान पर जाना जो ते रा परमे र यहोवा चु न लेगा,
26 और वहां गाय-बैल, वा भेड़-बकरी, वा दाखमधु, वा मिदरा, वा िकसी भां ित की व ु ों न हो, जो ते रा जी चाहे, उसे उसी पये से मोल ले कर अपने घराने समेत अपने परमे र
यहोवा के सा ने खाकर आन करना।
27 और अपने फाटकों के भीतर के लेवीय को न छोड़ना, ोंिक तेरे साथ उसका कोई भाग वा अंश न होगा।।
28 तीन तीन वष के बीतने पर तीसरे वष की उपज का सारा दशंमांश िनकाल कर अपने फाटकों के भीतर इक ा कर रखना;
29 तब ले वीय िजसका तेरे संग कोई िनज भाग वा अंश न होगा वह, और जो परदे शी, और अनाथ, और िवधवां ए ते रे फाटकों के भीतर हों, वे भी आकर पेट भर खाएं ; िजस से तेरा
परमे र यहोवा ते रे सब कामों म तुझे आशीष दे ।।
व थािववरण 15
1 सात सात वष बीतने पर तुम छु टकारा िदया करना,
2 अथात िजस िकसी ऋण दे ने वाले ने अपने पड़ोसी को कुछ उधार िदया हो, तो वह उसे छोड़ दे ; और अपने पड़ोसी वा भाई से उसको बरबस न भरवा ले, ोंिक यहोवा के नाम से इस
छु टकारे का चार आ है।
3 परदे शी मनु से तू उसे बरबस भरवा सकता है, पर ु जो कुछ ते रे भाई के पास ते रा हो उसको तू िबना भरवाए छोड़ दे ना।
4 तेरे बीच कोई द र न रहेगा, ोंिक िजस दे श को तेरा परमे र यहोवा तेरा भाग कर के तुझे दे ता है , िक तू उसका अिधकारी हो, उस म वह तुझे ब त ही आशीष दे गा।
5 इतना अव है िक तू अपने परमे र यहोवा की बात िच लगाकर सु ने, और इन सारी आ ाओं के मानने म जो म आज तुझे सुनाता ं चौकसी करे ।
6 तब तेरा परमे र यहोवा अपने वचन के अनुसार तुझे आशीष दे गा, और तू ब त जाितयों को उधार दे गा, पर ु तु झे उधार लेना न पड़े गा; और तू ब त जाितयों पर भु ता करे गा, पर ु
वे ते रे ऊपर भु ता न करने पाएं गी।।
7 जो दे श ते रा परमे र यहोवा तु झे दे ता है उसके िकसी फाटक के भीतर यिद तेरे भाइयों म से कोई तेरे पास र हो, तो अपने उस द र भाई के िलये न तो अपना दय कठोर
करना, और न अपनी मु ी कड़ी करना;
8 िजस व ु की घटी उसको हो, उसका िजतना योजन हो उतना अव अपना हाथ ढीला कर के उसको उधार दे ना।
9 सचेत रह िक ते रे मन म ऐसी अधम िच ा न समाए, िक सातवां वष जो छु टकारे का वष है वह िनकट है , और अपनी ि तू अपने उस द र भाई की ओर से ू र कर के उसे कुछ न
दे , और वह तेरे िव यहोवा की दु हाई दे , तो यह तेरे िलये पाप ठहरे गा।
10 तू उसको अव दे ना, और उसे दे ते समय तेरे मन को बुरा न लगे; ोिक इसी बात के कारण तेरा परमे र यहोवा ते रे सब कामों म िजन म तू अपना हाथ लगाएगा तु झे आशीष
दे गा।
11 तेरे दे श म द र तो सदा पाए जाएं गे, इसिलये म तुझे यह आ ा दे ता ं िक तू अपने दे श म अपने दीन-द र भाइयों को अपना हाथ ढीला कर के अव दान दे ना।।
12 यिद तेरा कोई भाईब ु, अथात कोई इ ी वा इि न, तेरे हाथ िबके, और वह छ: वष ते री सेवा कर चुके, तो सातवे वष उसको अपने पास से तं कर के जाने दे ना।
13 और जब तू उसको तं कर के अपने पास से जाने दे तब उसे छूछे हाथ न जाने दे ना;
14 वरन अपनी भेड़-बक रयों, और खिलहान, और दाखमधु के कु म से ब तायत से दे ना; ते रे परमे र यहोवा ने तुझे जैसी आशीष दी हो उसी के अनुसार उसे दे ना।
15 और इस बात को रण रखना िक तू भी िम दे श म दास था, और तेरे परमे र यहोवा ने तु झे छु ड़ा िलया; इस कारण म आज तुझे यह आ ा सुनाता ं।
16 और यिद वह तुझ से ओर तेरे घराने से ेम रखता है, और तेरे सं ग आन से रहता हो, और इस कारण तुझ से कहने लगे, िक म तेरे पास से न जाऊंगा;
17 तो सु तारी ले कर उसका कान िकवाड़ पर लगाकर छे दना, तब वह सदा तेरा दास बना रहे गा। और अपनी दासी से भी ऐसा ही करना।
18 जब तू उसको अपने पास से तं कर के जाने दे , तब उसे छोड़ दे ना तुझ को किठन न जान पड़े ; ोंिक उसने छ: वष दो मजदू रों के बराबर तेरी सेवा की है। और तेरा परमे र
यहोवा ते रे सारे कामों म तुझ को आशीष दे गा।।
19 तेरी गायों और भेड़-बक रयों के िजतने पिहलौठे नर हों उन सभों को अपने परमे र यहोवा के िलये पिव रखना; अपनी गायों के पिहलौठों से कोई काम न लेना, और न अपनी
भे ड़-बक रयों के पिहलौठों का ऊन कतरना।
20 उस थान पर जो तेरा परमे र यहोवा चुन लेगा तू यहोवा के सा ने अपने अपने घराने समे त ित वष उसका मांस खाना।
21 पर ु यिद उस म िकसी कार का दोष हो, अथात वह लंगड़ा वा अ ा हो, वा उस म िकसी और ही कार की बु राई का दोष हो, तो उसे अपने परमे र यहोवा के िलये बिल न
करना।
22 उसको अपने फाटकों के भीतर खाना; शु और अशु दोनों कार के मनु जै से िचकारे और ह रण का मां स खाते ह वैसे ही उसका भी खा सकगे।
23 पर ु उसका लो न खाना; उसे जल की नाईं भूिम पर उं डेल दे ना।।
व थािववरण 16
1 आबीब के महीने को रण कर के अपने परमे र यहोवा के िलय फसह का प मानना; ोिक आबीब महीने म तेरा परमे र यहोवा रात को तुझे िम से िनकाल लाया।
2 इसिलये जो थान यहोवा अपने नाम का िनवास ठहराने को चु न लेगा, वही अपने परमे र यहोवा के िलये भेड़-बक रयों और गाय-बैल फसह कर के बिल करना।
3 उसके सं ग कोई खमीरी व ु न खाना; सात िदन तक अखमीरी रोटी जो दु :ख की रोटी है खाया करना; ोंिक तू िम दे श से उतावली कर के िनकला था; इसी रीित से तुझ को िम
दे श से िनकलने का िदन जीवन भर रण रहेगा।
4 सात िदन तक तेरे सारे दे श म तेरे पास कही ं खमीर दे खने म भी न आए; और जो पशु तू पिहले िदन की सं ा को बिल करे उसके मांस म से कुछ िबहान तक रहने न पाए।
5 फसह को अपने िकसी फाटक के भीतर, िजसे तेरा परमे र यहोवा तुझे दे बिल न करना।
6 जो थान तेरा परमे र यहोवा अपने नाम का िनवास करने के िलये चुन ले केवल वही,ं वष के उसी समय िजस म तू िम से िनकला था, अथात सूरज डूबने पर सं ाकाल को, फसह
का पशुबिल करना।
7 तब उसका मांस उसी थान म िजसे तेरा परमे र यहोवा चुन ले भूं जकर खाना; िफर िबहान को उठ कर अपने अपने डे रे को लौट जाना।
8 छ: िदन तक अखीमीरी रोटी खाया करना; और सातव िदन तेरे परमे र यहोवा के िलये महासभा हो; उस िदन िकसी कार का कामकाज न िकया जाए।।
9 िफर जब तू खे त म हंसुआ लगाने लगे, तब से आर कर के सात अठवारे िगनना।
10 तब अपने परमे र यहोवा की आशीष के अनुसार उसके िलये े ा बिल दे कर अठवारों नाम प मानना;
11 और उस थान म जो तेरा परमे र यहोवा अपने नाम का िनवास करने को चुन ले अपने अपने बेटे-बे िटयों, दास-दािसयों समे त तू और ते रे फाटकों के भीतर जो ले वीय हों, और जो
जो परदे शी, और अनाथ, और िवधवाएं तेरे बीच म हों, वे सब के सब अपने परमे र यहोवा के सा ने आन कर।
12 और रण रखना िक तू भी िम म दास था; इसिलये इन िविधयों के पालन करने म चौकसी करना।।
13 तू जब अपने खिलहान और दाखमधु के कु म से सब कुछ इक ा कर चुके, तब झोंपिडय़ों का प सात िदन मानते रहना;
14 और अपने इस प म अपने अपने बे टे बेिटयों, दास-दािसयों समेत तू और जो लेवीय, और परदे शी, और अनाथ, और िवधवाएं ते रे फाटकों के भीतर होंवे भी आन कर।
15 जो थान यहोवा चुन ले उस म तू अपने परमे र यहोवा के िलये सात िदन तक प मानते रहना; ोंिक तेरा परमे र यहोवा तेरी सारी बढ़ती म और तेरे सब कामों म तु झ को
आशीष दे गा; तू आन ही करना।
16 वष म तीन बार, अथात अखमीरी रोटी के प , और अठवारों के प , और झोंपिडय़ों के प , इन तीनों प म तु ारे सब पु ष अपने परमे र यहोवा के सा ने उस थान म जो
वह चुन ले गा जाएं । और दे खो, छूछे हाथ यहोवा के सा ने कोई न जाए;
17 सब पु ष अपनी अपनी पूंजी, और उस आशीष के अनु सार जो तेरे परमे र यहोवा ने तु झ को दी हो, िदया कर।।
18 तू अपने एक एक गो म से , अपने सब फाटकों के भीतर िज तेरा परमे र यहोवा तुझ को दे ता है ायी और सरदार िनयु कर ले ना, जो लोगों का ाय धम से िकया कर।
19 तुम ाय न िबगाड़ना; तू न तो प पात करना; और न तो घू स लेना, ोंिक घूस बु मान की आं ख अ ी कर दे ती है , और धिमयों की बात पलट दे ती है।
20 जो कुछ िनता ठीक है उसी का पीछा पकड़े रहना, िजस से तू जीिवत रहे , और जो दे श ते रा परमे र यहोवा तु झे दे ता है उसका अिधकारी बना रहे।।
21 तू अपने परमे र यहोवा की जो वेदी बनाऐगा उसके पास िकसी कार की लकड़ी की बनी ई अशेरा का थापन न करना।
22 और न कोई लाठ खड़ी करना, ोंिक उस से ते रा परमे र यहोवा घृणा करता है ।।
व थािववरण 17
1 तू अपने परमे र यहोवा के िलये कोई बैल वा भेड़-बकरी बिल न करना िजस म दोष वा िकसी कार की खोट हो; ोंिक ऐसा करना तेरे परमे र यहोवा के समीप घृिणत है।।
2 जो ब यां तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है, यिद उन म से िकसी म कोई पु ष वा ी ऐसी पाई जाए, िजसने तेरे परमे र यहोवा की वाचा तोड़कर ऐसा काम िकया हो, जो उसकी
ि म बुरा है,
3 अथात मे री आ ा का उ ंघन कर के पराए दे वताओं की, वा सूय, वा चं मा, वा आकाश के गण म से िकसी की उपासना की हो, वा उसको द वत िकया हो,
4 और यह बात तु झे बतलाई जाए और तेरे सुनने म आए; तब भली भांित पूछपाछ करना, और यिद यह बात सच ठहरे िक इ ाएल म ऐसा घृिणत कम िकया गया है,
5 तो िजस पु ष वा ी ने ऐसा बुरा काम िकया हो, उस पु ष वा ी को बाहर अपने फाटकों पर ले जा कर ऐसा प रवाह करना िक वह मर जाए।
6 जो ाणद के यो ठहरे वह एक ही की सा ी से न मार डाला जाए, िक ु दो वा तीन मनु ों की सा ी से मार डाला जाए।
7 उसके मार डालने के िलये सब से पिहले साि यों के हाथ, और उनके बाद और सब लोगों के हाथ उस पर उठ। इसी रीित से ऐसी बुराई को अपने म से दू र करना।।
8 यिद तेरी ब यों के भीतर कोई झगड़े की बात हो, अथात आपस के खून, वा िववाद, वा मारपीट का कोई मु क मा उठे , और उसका ाय करना तेरे िलये किठन जान पड़े , तो उस
थान को जा कर जो ते रा परमे र यहोवा चुन लेगा;
9 ले वीय याजकों के पास और उन िदनो के ािययों के पास जा कर पूछताछ करना, िक वे तुम को ाय की बात बतलाएं ।
10 और ाय की जैसी बात उस थान के लोग जो यहोवा चुन ले गा तुझे बता द, उसी के अनु सार करना; और जो व था वे तुझे द उसी के अनुसार चलने म चौकसी करना;
11 व था की जो बात वे तुझे बताएं , और ाय की जो बात वे तुझ से कह, उसी के अनु सार करना; जो बात वे तु झ को बाताएं उस से दािहने वा बाएं न मुड़ना।
12 और जो मनु अिभमान कर के उस याजक की, जो वहां तेरे परमे र यहोवा की से वा टहल करने को उप थत रहे गा, न माने, वा उस ायी की न सुने, तो वह मनु मार डाला
जाए; इस कार तू इ ाएल म से ऐसी बुराई को दू र कर दे ना।
13 इस से सब लोग सुनकर डर जाएं गे, और िफर अिभमान नही ं करगे ।।
14 जब तू उस दे श म प ंचे िजसे तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है , और उसका अिधकारी हो, और उन म बसकर कहने लगे, िक चारों ओर की सब जाितयों की नाईं म भी अपने ऊपर
राजा ठहराऊंगा;
15 तब िजस को तेरा परमे र यहोवा चुन ले अव उसी को राजा ठहराना। अपने भाइयों ही म से िकसी को अपने ऊपर राजा ठहराना; िकसी परदे शी को जो तेरा भाई न हो तू अपने
ऊपर अिधकारी नहीं ठहरा सकता।
16 और वह ब त घोड़े न रखे, और न इस मनसा से अपनी जा के लोगों को िम म भे जे िक उसके पास ब त से घोड़े हो जाएं , ोंिक यहोवा ने तु म से कहा है, िक तुम उस माग से
िफर कभी न लौटना।
17 और वह ब त यां भी न रखे, ऐसा न हो िक उसका मन यहोवा की ओर से पलट जाए; और न वह अपना सोना पा ब त बढ़ाए।
18 और जब वह राजग ी पर िवराजमान हो, तब इसी व था की पु क, जो ले वीय याजकों के पास रहेगी, उसकी एक नकल अपने िलये कर ले ।
19 और वह उसे अपने पास रखे, और अपने जीवन भर उसको पढ़ा करे , िजस से वह अपने परमे र यहोवा का भय मानना, और इस व था और इन िविधयों की सारी बातों के मानने
म चौकसी करना सीखे;
20 िजस से वह अपने मन म घम कर के अपने भाइयों को तु न जाने, और इन आ ाओं से न तो दािहने मुड़े और न बाएं ; िजस से िक वह और उसके वंश के लोग इ ाएिलयों के
म ब त िदनों तक रा करते रह।।
व थािववरण 18
1 ले वीय याजकों का, वरन सारे लेवीय गोि यों का, इ ाएिलयों के सं ग कोई भाग वा अंश न हो; उनका भोजन ह और यहोवा का िदया आ भाग हो।
2 उनका अपने भाइयों के बीच कोई भाग न हो; ोंिक अपने वचन के अनुसार यहोवा उनका िनज भाग ठहरा है।
3 और चाहे गाय-बैल चाहे भेड़-बकरी का मेलबिल हो, उसके करने वाले लोगों की ओर से याजकों का हक यह हो, िक वे उसका क ा और दोनों गाल और झोझ याजक को द।
4 तू उसका अपनी पिहली उपज का अ , नया दाखमधु, और टटका तेल, और अपनी भड़ों का वह ऊन दे ना जो पिहली बार कतरा गया हो।
5 ोंिक तेरे परमे र यहोवा ने तेरे सब गोि यों म से उसी को चु न िलया है , िक वह और उसके वंश सदा उसके नाम से सेवा टहल करने को उप थत आ कर।।
6 िफर यिद कोई लेवीय इ ाएल की ब यों म से िकसी से , जहां वह परदे शी की नाईं रहता हो, अपने मन की बड़ी अिभलाषा से उस थान पर जाए िजसे यहोवा चुन ले गा,
7 तो अपने सब लेवीय भाइयों की नाईं, जो वहां अपने परमे र यहोवा के सा ने उप थत होंगे, वह भी उसके नाम से सेवा टहल करे ।
8 और अपने पूवजों के भाग की मोल को छोड़ उसको भोजन का भाग भी उनके समान िमला करे ।।
9 जब तू उस दे श म प ंचे जो तेरा परमे र यहोवा तु झे दे ता है, तब वहां की जाितयों के अनुसार िघनौना काम करने को न सीखना।
10 तुझ म कोई ऐसा न हो जो अपने बेटे वा बेटी को आग म होम कर के चढ़ाने वाला, वा भावी कहने वाला, वा शुभ अशुभ मु त का मानने वाला, वा टो ा, वा ता क,
11 वा बाजीगर, वा ओझों से पूछने वाला, वा भूत साधने वाला, वा भू तों का जगाने वाला हो।
12 ोंिक िजतने ऐसे ऐसे काम करते ह वे सब यहोवा के स ु ख घृ िणत ह; और इ ी ं घृ िणत कामों के कारण तेरा परमे र यहोवा उन को तेरे सा ने से िनकालने पर है।
13 तू अपने परमे र यहोवा के स ुख िस बना रहना।
14 वे जाितयां िजनका अिधकारी तू होने पर है शुभ-अशुभ मु त के मानने वालों और भावी कहने वालों की सुना करती है; पर ु तुझ को तेरे परमे र यहोवा ने ऐसा करने नही ं िदया।
15 तेरा परमे र यहोवा तेरे म से, अथात तेरे भाइयों म से मे रे समान एक नबी को उ करे गा; तू उसी की सु नना;
16 यह तेरी उस िबनती के अनुसार होगा, जो तू ने होरे ब पहाड़ के पास सभा के िदन अपने परमे र यहोवा से की थी, िक मुझे न तो अपने परमे र यहोवा का श िफर सुनना, और न
वह बड़ी आग िफर दे खनी पड़े , कहीं ऐसा न हो िक मर जाऊं।
17 तब यहोवा ने मुझ से कहा, िक वे जो कुछ कहते ह सो ठीक कहते ह।
18 सो म उनके िलये उनके भाइयों के बीच म से तेरे समान एक नबी को उ क ं गा; और अपना वचन उसके मुं ह म डालूंगा; और िजस िजस बात की म उसे आ ा दू ं गा वही वह उन
को कह सु नाएगा।
19 और जो मनु मे रे वह वचन जो वह मेरे नाम से कहेगा हण न करे गा, तो म उसका िहसाब उस से लूं गा।
20 पर ु जो नबी अिभमान कर के मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे िजसकी आ ा म ने उसे न दी हो, वा पराए दे वताओं के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।
21 और यिद तू अपने मन म कहे, िक जो वचन यहोवा ने नहीं कहा उसको हम िकस रीित से पिहचान?
22 तो पिहचान यह है िक जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यिद वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा आ नही ं; पर ु उस नबी ने वह बात
अिभमान कर के कही है, तू उस से भय न खाना।।
व थािववरण 19
1 जब तेरा परमे र यहोवा उन जाितयों को नाश करे िजनका दे श वह तुझे दे ता है, और तू उनके दे श का अिधकारी हो के उनके नगरों और घरों म रहने लगे,
2 तब अपने दे श के बीच िजसका अिधकारी तेरा परमे र यहोवा तुझे कर दे ता है तीन नगर अपने िलये अलग कर दे ना।
3 और तू अपने िलये माग भी तैयार करना, और अपने दे श के जो तेरा परमे र यहोवा तु झे सौंप दे ता है तीन भाग करना, तािक हर एक खूनी वही ं भाग जाए।
4 और जो खूनी वहां भाग कर अपने ाण को बचाए, वह इस कार का हो; अथात वह िकसी से िबना पिहले बैर रखे वा उसको िबना जाने बूझे मार डाला हो
5 जै से कोई िकसी के संग लकड़ी काटने को जंगल म जाए, और वृ काटने को कु ाड़ी हाथ से उठाए, और कु ाड़ी बट से िनकल कर उस भाई को ऐसी लगे िक वह मर जाए तो वह
उस नगरों म से िकसी म भाग कर जीिवत रहे;
6 ऐसा न हो िक माग की ल ाई के कारण खून का पलटा ले ने वाला अपने ोध के लन म उसका पीछा कर के उसको जा पकड़े , और मार डाले, य िप वह ाणद के यो नहीं,
ोंिक उस से बै र नही ं रखता था।
7 इसिलये म तु झे यह आ ा दे ता ं, िक अपने िलये तीन नगर अलग कर रखना।
8 और यिद ते रा परमे र यहोवा उस शपथ के अनुसार जो उसने तेरे पूवजों से खाई थी ते रे िसवानों को बढ़ाकर वह सारा दे श तुझे दे , िजसके दे ने का वचन उसने ते रे पू वजों को िदया था
9 यिद तू इन सब आ ाओं के मानने म िज म आज तुझ को सुनाता ं चौकसी करे , और अपने परमे र यहोवा से ेम रखे और सदा उसके माग पर चलता रहे तो इन तीन नगरों से
अिधक और भी तीन नगर अलग कर दे ना,
10 इसिलये िक ते रे उस दे श म जो तेरा परमे र यहोवा ते रा िनज भाग कर के दे ता है िकसी िनद ष का खू न न बहाया जाए, और उसका दोष तुझ पर न लगे।
11 पर ु यिद कोई िकसी से बैर रखकर उसकी घात म लगे, और उस पर लपककर उसे ऐसा मारे िक वह मर जाए, और िफर उन नगरों म से िकसी म भाग जाए,
12 तो उसके नगर के पुरिनये िकसी को भेज कर उसको वहां से मं गाकर खून के पलटा लेने वाले के हाथ म सौंप दे , िक वह मार डाला जाए।
13 उस पर तरस न खाना, पर ु िनद ष के खून का दोष इ ाएल से दू र करना, िजस से तु ारा भला हों।।
14 जो दे श ते रा परमे र यहोवा तुझ को दे ता है, उसका जो भाग तुझे िमले गा, उस म िकसी का िसवाना िजसे अगले लोगों ने ठहराया हो न हटाना।।
15 िकसी मनु के िव िकसी कार के अधम वा पाप के िवषय म, चाहे उसका पाप कैसा ही ों न हो, एक ही जन की सा ी न सुनना, पर ु दो वा तीन सा ीयों के कहने से बात
प ी ठहरे ।
16 यिद कोई झूठी सा ी दे ने वाला िकसी के िव यहोवा से िफर जाने की सा ी दे ने को खड़ा हो,
17 तो वे दोनों मनु , िजनके बीच ऐसा मुक मा उठा हो, यहोवा के स ु ख, अथात उन िदनों के याजकों और ािययों के सा ने खड़े िकए जाएं ;
18 तब ायी भली भांित पूछपाछ कर, और यिद यह िनणय पाए िक वह झूठा सा ी है, और अपने भाई के िव झूठी सा ी दी है
19 तो अपने भाई की जैसी भी हािन करवाने की यु उसने की हो वैसी ही तुम भी उसकी करना; इसी रीित से अपने बीच म से ऐसी बुराई को दू र करना।
20 और दू सरे लोग सुनकर डरगे, और आगे को तेरे बीच िफर ऐसा बुरा काम नहीं करगे।
21 और तू िबलकुल तरस न खाना; ाण की स ी ाण का, आं ख की स ी आं ख का, दां त की स ी दां त का, हाथ की स ी हाथ का, पांव की स ी पांव का द दे ना।।
व थािववरण 20
1 जब तू अपने श ुओं से यु करने को जाए, और घोड़े , रथ, और अपने से अिधक से ना को दे खे, तब उन से न डरना; तेरा परमे र यहोवा जो तुझ को िम दे श से िनकाल ले आया है
वह तेरे संग है ।
2 और जब तु म यु करने को श ुओं के िनकट जाओ, तब याजक सेना के पास आकर कहे,
3 हे इ ाएिलयों सु नो, आज तुम अपने श ुओं से यु करने को िनकट आए हो; तु ारा मन क ा न हो; तु म मत डरो, और न थरथराओ, और न उनके सा ने भय खाओ;
4 ोंिक तु ारा परमे र यहोवा तु ारे श ुओं से यु करने और तु बचाने के िलये तु ारे सं ग चलता है ।
5 िफर सरदार िसपािहयों से यह कह, िक तुम म से कौन है िजसने नया घर बनाया हो और उसका समपण न िकया हो? तो वह अपने घर को लौट जाए, कहीं ऐसा ना हो िक वह यु म
मर जाए और दू सरा मनु उसका समपण करे ।
6 और कौन है िजसने दाख की बारी लगाई हो, पर ु उसके फल न खाए हों? वह भी अपने घर को लौट जाए, ऐसा न हो िक वह सं ाम म मारा जाए, और दू सरा मनु उसके फल
खाए।
7 िफर कौन है िजसने िकसी ी से ाह की बात लगाई हो, पर ु उसको ाह न लाया हो? वह भी अपने घर को लौट जाए, ऐसा न हो िक वह यु म मारा जाए, और दू सरा मनु
उस से ाह कर ले।
8 इसके अलावा सरदार िसपािहयों से यह भी कह, िक कौन कौन मनु है जो डरपोक और क े मन का है , वह भी अपने घर को लौट जाए, ऐसा न हो िक उसकी दे खा दे खी उसके
भाइयोंका भी िहयाव टू ट जाए।
9 और जब धान िसपािहयों से यह कह चुक, तब उन पर धानता करने के िलये सेनापितयों को िनयु कर।।
10 जब तू िकसी नगर से यु करने को उनके िनकट जाए, तब पिहले उस से स करने का समाचार दे ।
11 और यिद वह स करना अंगीकार करे और तेरे िलये अपने फाटक खोल दे , तब िजतने उस म होंवे सब ते रे आधीन हो कर तेरे िलये बेगार करने वाले ठहर।
12 पर ु यिद वे तु झ से स न कर, पर ु तुझ से लड़ना चाह, तो तू उस नगर को घेर ले ना;
13 और जब ते रा परमे र यहोवा उसे तेरे हाथ म सौंप दे तब उस म के सब पु षों को तलवार से मार डालना।
14 पर ु यां और बाल-ब े, और पशु आिद िजतनी लू ट उस नगर म हो उसे अपने िलये रख ले ना; और तेरे श ुओ ं की लू ट जो तेरा परमे र यहोवा तुझे दे उसे काम म लाना।
15 इस कार उन नगरों से करना जो तुझ से ब त दू र ह, और इन जाितयों के नगर नही ं ह।
16 पर ु जो नगर इन लोगों के ह, िजनका अिधकारी तेरा परमे र यहोवा तुझ को ठहराने पर है, उन म से िकसी ाणी को जीिवत न रख छोड़ना,
17 पर ु उन को अव स ानाश करना, अथात िहि यों, एमो रयों, कनािनयों, प र यों, िह यों, और यबू िसयों, जैसे िक तेरे परमे र यहोवा ने तुझे आ ा दी है;
18 ऐसा न हो िक िजतने िघनौने काम वे अपने दे वताओं की सेवा म करते आए ह वैसा ही करना तु भी िसखाएं , और तु म अपने परमे र यहोवा के िव पाप करने लगो।।
19 जब तू यु करते ए िकसी नगर को जीतने के िलये उसे ब त िदनों तक घे रे रहे, तब उसके वृ ों पर कु ाड़ी चला कर उ नाश न करना, ोंिक उनके फल तेरे खाने के काम
आएं गे , इसिलये उ न काटना। ा मैदान के वृ भी मनु ह िक तू उन को भी घे र रखे?
20 पर ु िजन वृ ों के िवषय म तू यह जान ले िक इनके फल खाने के नहीं ह, तो उन को काटकर नाश करना, और उस नगर के िव उस समय तक कोट बा े रहना जब तक वह
तेरे वश म न आ जाए।।
व थािववरण 21
1 यिद उस दे श के मै दान म जो तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है िकसी मारे ए की लोथ पड़ी ई िमले , और उसको िकस ने मार डाला है यह जान न पड़े ,
2 तो तेरे िसयाने लोग और ायी िनकलकर उस लोथ के चारों ओर के एक एक नगर की दू री को नाप;
3 तब जो नगर उस लोथ के सब से िनकट ठहरे , उसके िसयाने लोग एक ऐसी कलोर ले रख, िजस से कुछ काम न िलया गया हो, और िजस पर जूआ कभी न रखा गया हो।
4 तब उस नगर के िसयाने लोग उस कलोर को एक बारहमासी नदी की ऐसी तराई म जो न जोती और न बोई गई हो ले जाएं , और उसी तराई म उस कलोर का गला तोड़ द।
5 और ले वीय याजक भी िनकट आएं , ोंिक तेरे परमे र यहोवा ने उन को चु न िलया है िक उसकी सेवा टहल कर और उसके नाम से आशीवाद िदया कर, और उनके कहने के
अनु सार हर एक झगड़े और मारपीट के मुक मे का िनणय हो।
6 िफर जो नगर उस लोथ के सब से िनकट ठहरे , उसके सब िसयाने लोग उस कलोर के ऊपर िजसका गला तराई म तोड़ा गया हो अपने अपने हाथ धोकर कह,
7 यह खू न हम से नही ं िकया गया, और न यह हमारी आं खों का दे खा आ काम है ।
8 इसिलये, हे यहोवा, अपनी छु ड़ाई ई इ ाएली जा का पाप ढां पकर िनद ष खू न का पाप अपनी इ ाएल जा के िसर पर से उतार। तब उस खून का दोष उन को मा कर िदया
जाएगा।
9 यों वह काम कर के जो यहोवा की ि म ठीक है तू िनद ष के खू न का दोष अपने म म से दू र करना।।
10 जब तू अपने श ुओं से यु करने को जाए, और तेरा परमे र यहोवा उ ते रे हाथ म कर दे , और तू उ ब ु आ कर ले,
11 तब यिद तू ब ुओं म िकसी सु र ी को दे खकर उस पर मोिहत हो जाए, और उस से ाह कर ले ना चाहे ,
12 तो उसे अपने घर के भीतर ले आना, और वह अपना िसर मुंड़ाए, नाखू न कटाए,
13 और अपने ब ुआई के व उतार के तेरे घर म महीने भर रहकर अपने माता िपता के िलये िवलाप करती रहे ; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पित और वह ते री
प ी बने।
14 िफर यिद वह तु झ को अ ी न लगे, तो जहां वह जाना चाहे वहां उसे जाने दे ना; उसको पया ले कर कही ं न बेचना, और तू ने जो उसकी पत-पानी ली, इस कारण उस से दासी का
सा वहार न करना।।
15 यिद िकसी पु ष की दो पि यां हों, और उसे एक ि य और दू सरी अि य हो, और ि या और अि या दोनों यां बे टे जने, पर ु जेठा अि या का हो,
16 तो जब वह अपने पु ों को स ि का बटवारा करे , तब यिद अि या का बे टा जो सचमुच जे ठा है यिद जीिवत हो, तो वह ि या के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;
17 वह यह जान कर िक अि या का बेटा मेरे पौ ष का पिहला फल है , और जे ठे का अिधकार उसी का है , उसी को अपनी सारी स ि म से दो भाग दे कर जेठांसी माने।।
18 यिद िकसी के हठीला और दं गैत बेटा हो, जो अपने माता-िपता की बात न माने , िक ु ताड़ना दे ने पर भी उनकी न सुने,
19 तो उसके माता-िपता उसे पकड़कर अपने नगर से बाहर फाटक के िनकट नगर के िसयानों के पास ले जाएं ,
20 और वे नगर के िसयानों से कह, िक हमारा यह बेटा हठीला और दं गैत है, यह हमारी नही ं सुनता; यह उड़ाऊ और िपय ड़ है।
21 तब उस नगर के सब पु ष उसको प रवाह कर के मार डाले, यों तू अपने म म से ऐसी बु राई को दू र करना, तब सारे इ ाएली सुनकर भय खाएं गे।
22 िफर यिद िकसी से ाणद के यो कोई पाप आ हो िजस से वह मार डाला जाए, और तू उसकी लोथ को वृ पर लटका दे ,
23 तो वह लोथ रात को वृ पर टं गी न रहे, अव उसी िदन उसे िम ी दे ना, ोंिक जो लटकाया गया हो वह परमे र की ओर से शािपत ठहरता है; इसिलये जो दे श ते रा परमे र
यहोवा तेरा भाग कर के दे ता है उसकी भूिम को अशु न करना।।
व थािववरण 22
1 तू अपने भाई के गाय-बैल वा भेड़-बकरी को भटकी ई दे खकर अनदे खी न करना, उसको अव उसके पास प ंचा दे ना।
2 पर ु यिद तेरा वह भाई िनकट न रहता हो, वा तू उसे न जानता हो, तो उस पशु को अपने घर के भीतर ले आना, और जब तक तेरा वह भाई उसको न ढूंढ़े तब तक वह ते रे पास रहे ;
और जब वह उसे ढू ं ढ़े तब उसको दे दे ना।
3 और उसके गदहे वा व के िवषय, वरन उसकी कोई व ु ों न हो, जो उस से खो गई हो और तुझ को िमले, उसके िवषय म भी ऐसा ही करना; तू दे खी-अनदे खी न करना।।
4 तू अपने भाई के गदहे वा बैल को माग पर िगरा आ दे खकर अनदे खी न करना; उसके उठाने म अव उसकी सहायता करना।।
5 कोई ी पु ष का पिहरावा न पिहने, और न कोई पु ष ी का पिहरावा पिहने ; ोंिक ऐसे कामों के सब करने वाले तेरे परमे र यहोवा की ि म घृिणत ह।।
6 यिद वृ वा भूिम पर तेरे सा ने माग म िकसी िचिडय़ा का घोंसला िमले, चाहे उस म ब े हों चाहे अ े , और उन ब ों वा अ ों पर उनकी मां बैठी ई हो, तो ब ों समेत मां को न
ले ना;
7 ब ों को अपने िलये ले तो ले, पर ु मां को अव छोड़ दे ना; इसिलये िक ते रा भला हो, और तेरी आयु के िदन ब त हों।।
8 जब तू नया घर बनाए तब उसकी छत पर आड़ के िलये मु े र बनाना, ऐसा न हो िक कोई छत पर से िगर पड़े , और तू अपने घराने पर खून का दोष लगाए।
9 अपनी दाख की बारी म दो कार के बीज न बोना, ऐसा न हो िक उसकी सारी उपज, अथात तेरा बोया आ बीज और दाख की बारी की उपज दोनों अपिव ठहर।
10 बैल और गदहा दोनों संग जोतकर हल न चलाना।
11 ऊन और सनी की िमलावट से बना आ व न पिहनना।।
12 अपने ओढ़ने के चारों ओर की कोर पर झालर लगाया करना।।
13 यिद कोई पु ष िकसी ी को ाहे, और उसके पास जाने के समय वह उसको अि य लगे ,
14 और वह उस ी की नामधराई करे , और यह कहकर उस पर कुकम का दोष लगाए, िक इस ी को म ने ाहा, और जब उस से संगित की तब उस म कुंवारी अव था के लझण
न पाए,
15 तो उस क ा के माता-िपता उसके कुंवारीपन के िच ले कर नगर के वृ लोगों के पास फाटक के बाहर जाएं ;
16 और उस क ा का िपता वृ लोगों से कहे , म ने अपनी बेटी इस पु ष को ाह दी, और वह उसको अि य लगती है ;
17 और वह तो यह कहकर उस पर कुकम का दोष लगाता है, िक म ने तेरी बे टी म कुंवारीपन के लझण नही ं पाए। पर ु मेरी बेटी के कुंवारीपन के िच ये ह। तब उसके माता-िपता
नगर के वृ लोगों के सा ने उस च र को फैलाएं ।
18 तब नगर के िसयाने लोग उस पु ष को पकड़ कर ताड़ना द;
19 और उस पर सौ शेकेल पे का द भी लगा कर उस क ा के िपता को द, इसिलये िक उसने एक इ ाएली क ा की नामधराई की है; और वह उसी की प ी बनी रहे, और वह
जीवन भर उस ी को ागने न पाए।
20 पर ु यिद उस क ा के कुंवारीपन के िच पाए न जाएं , और उस पु ष की बात सच ठहरे ,
21 तो वे उस क ा को उसके िपता के घर के ार पर ले जाएं , और उस नगर के पु ष उसको प रवाह कर के मार डाल; उसने तो अपने िपता के घर म वे ा का काम कर के बु राई
की है; यों तू अपने म म से ऐसी बुराई को दू र करना।।
22 यिद कोई पु ष दू सरे पु ष की ाही ई ी के सं ग सोता आ पकड़ा जाए, तो जो पु ष उस ी के संग सोया हो वह और वह ी दोनों मार डाल जाएं ; इस कार तू ऐसी
बुराई को इ ाएल म से दू र करना।।
23 यिद िकसी कुंवारी क ा के ाह की बात लगी हो, और कोई दू सरा पु ष उसे नगर म पाकर उस से कुकम करे ,
24 तो तु म उन दोनों को उस नगर के फाटक के बाहर ले जा कर उन को प रवाह कर के मार डालना, उस क ा को तो इसिलये िक वह नगर म रहते ए भी नहीं िच ाई, और उस
पु ष को इस कारण िक उसने पड़ोसी की ी की पत-पानी ली है; इस कार तू अपने म म से ऐसी बुराई को दू र करना।।
25 पर ु यिद कोई पु ष िकसी क ा को िजसके ाह की बात लगी हो मै दान म पाकर बरबस उस से कुकम करे , तो केवल वह पु ष मार डाला जाए, िजसने उस से कुकम िकया
हो।
26 और उस क ा से कुछ न करना; उस क ा का पाप ाणद के यो नहीं, ोंिक जैसे कोई अपने पड़ोसी पर चढ़ाई कर के उसे मार डाले, वैसी ही यह बात भी ठहरे गी;
27 िक उस पु ष ने उस क ा को मैदान म पाया, और वह िच ाई तो सही, पर ु उसको कोई बचाने वाला न िमला।
28 यिद िकसी पु ष को कोई कुंवारी क ा िमले िजसके ाह की बात न लगी हो, और वह उसे पकड़ कर उसके साथ कुकम करे , और वे पकड़े जाएं ,
29 तो िजस पु ष ने उस से कुकम िकया हो वह उस क ा के िपता को पचास शेकेल पा दे , और वह उसी की प ी हो, उसने उस की पत-पानी ली; इस कारण वह जीवन भर उसे न
ागने पाए।।
30 कोई अपनी सौतेली माता को अपनी ी न बनाए, वह अपने िपता का ओढ़ना न उघाड़े ।।
व थािववरण 23
1 िजसके अ कुचले गए वा िलंग काट डाला गया हो वह यहोवा की सभा म न आने पाए।।
2 कोई कुकम से ज ा आ यहोवा की सभा म न आने पाए; िक ु दस पीढ़ी तक उसके वंश का कोई यहोवा की सभा म न आने पाए।।
3 कोई अ ोनी वा मोआबी यहोवा की सभा म न आने पाए; उनकी दसवी ं पीढ़ी तक का कोई यहोवा की सभा म कभी न आने पाए;
4 इस कारण से िक जब तुम िम से िनकल कर आते थे तब उ ोंने अ जल ले कर माग म तु म से भट नही ं की, और यह भी िक उ ोंने अर हरै म दे श के पतोर नगर वाले बोर के पु
िबलाम को तु झे शाप दे ने के िलये दि णा दी।
5 पर ु तेरे परमे र यहोवा ने िबलाम की ना सुनी; िक ु तेरे परमे र यहोवा ने ते रे िनिम उसके शाप को आशीष से पलट िदया, इसिलये िक तेरा परमे र यहोवा तुझ से ेम रखता
था।
6 तू जीवन भर उनका कुशल और भलाई कभी न चाहना।
7 िकसी एदोमी से घृ णा न करना, ोंिक वह ते रा भाई है; िकसी िम ी से भी घृणा न करना, ोंिक उसके दे श म तू परदे शी हो कर रहा था।
8 उनके जो परपोते उ होंवे यहोवा की सभा म आने पाएं ।
9 जब तू श ुओं से लड़ने को जा कर छावनी डाले, तब सब कार की बु री बातों से बचा रहना।
10 यिद तेरे बीच कोई पु ष उस अशु ता से जो राि को आप से आप आ करती है अशु आ हो, तो वह छावनी से बाहर जाए, और छावनी के भीतर न आए;
11 पर ु सं ा से कुछ पिहले वह ान करे , और जब सू य डूब जाए तब छावनी म आए।
12 छावनी के बाहर ते रे िदशा िफरने का एक थान आ करे , और वही ं िदशा िफरने को जाया करना;
13 और ते रे पास के हिथयारों म एक खनती भी रहे; और जब तू िदशा िफरने को बै ठे, तब उस से खोदकर अपने मल को ढांप दे ना।
14 ोंिक तेरा परमे र यहोवा तुझ को बचाने और तेरे श ुओं को तु झ से हरवाने को तेरी छावनी के म घू मता रहे गा, इसिलये तेरी छावनी पिव रहनी चािहये, ऐसा न हो िक वह ते रे
म म कोई अशु व ु दे खकर तुझ से िफर जाए।।
15 जो दास अपने ामी के पास से भागकर तेरी शरण ले उसको उसके ामी के हाथ न पकड़ा दे ना;
16 वह तेरे बीच जो नगर उसे अ ा लगे उसी म तेरे संग रहने पाए; और तू उस पर अ ेर न करना।।
17 इ ाएली यों म से कोई दे वदासी न हो, और न इ ाएिलयों म से कोई पु ष ऐसा बु रा काम करने वाला हो।
18 तू वे ापन की कमाई वा कु े की कमाई िकसी म त को पू री करने के िलये अपने परमे र यहोवा के घर म न लाना; ोंिक तेरे परमे र यहोवा के समीप ये दोनों की दोनों कमाई
घृिणत कम है।।
19 अपने िकसी भाई को ाज पर ऋण न दे ना, चाहे पया हो, चाहे भोजन-व ु हो, चाहे कोई व ु हो जो ाज पर दी जाित है, उसे ाज न दे ना।
20 तू परदे शी को ाज पर ऋण तो दे , पर ु अपने िकसी भाई से ऐसा न करना, तािक िजस दे श का अिधकारी होने को तू जा रहा है, वहां िजस िजस काम म अपना हाथ लगाए, उन
सभों को ते रा परमे र यहोवा तुझे आशीष दे ।।
21 जब तू अपने परमे र यहोवा के िलये म त माने, तो उसके पू री करने म िवल न करना; ोंिक तेरा परमे र यहोवा उसे िन य तुझ से ले लेगा, और िवल करने से तू पापी
ठहरे गा।
22 पर ु यिद तू म त न माने , तो ते रा कोई पाप नहीं।
23 जो कुछ ते रे मुंह से िनकले उसके पूरा करने म चौकसी करना; तू अपने मुंह से वचन दे कर अपनी इ ा से अपने परमे र यहोवा की जैसी म त माने, वैसा ही तं ता पू वक उसे
पू रा करना।
24 जब तू िकसी दू सरे की दाख की बारी म जाए, तब पेट भर मनमाने दाख खा तो खा, पर ु अपने पा म कुछ न रखना।
25 और जब तू िकसी दू सरे के खड़े खेत म जाए, तब तू हाथ से बाल तोड़ सकता है, पर ु िकसी दू सरे के खड़े खे त पर हं सुआ न लगाना।।
व थािववरण 24
1 यिद कोई पु ष िकसी ी को ाह ले, और उसके बाद उसम ल ा की बात पाकर उस से अ स हो, तो वह उसके िलये ागप िलखकर और उसके हाथ म दे कर उसको अपने
घर से िनकाल दे ।
2 और जब वह उसके घर से िनकल जाए, तब दू सरे पु ष की हो सकती है ।
3 पर ु यिद वह उस दू सरे पु ष को भी अि य लगे, और वह उसके िलये ागप िलखकर उसके हाथ म दे कर उसे अपने घर से िनकाल दे , वा वह दू सरा पु ष िजसने उसको अपनी
ी कर िलया हो मर जाए,
4 तो उसका पिहला पित, िजसने उसको िनकाल िदया हो, उसके अशु होने के बाद उसे अपनी प ी न बनाने पाए ोंिक यह यहोवा के स ुख घृिणत बात है। इस कार तू उस दे श
को िजसे तेरा परमे र यहोवा तेरा भाग कर के तुझे दे ता है पापी न बनाना।।
5 जो पु ष हाल का ाहा आ हो, वह सेना के साथ न जाए और न िकसी काम का भार उस पर डाला जाए; वह वष भर अपने घर म तं ता से रहकर अपनी ाही ई ी को
स करता रहे।
6 कोई मनु च ी को वा उसके ऊपर के पाट को ब क न रखे; ोंिक वह तो मानों ाण ही को ब क रखना है ।।
7 यिद कोई अपने िकसी इ ाएली भाई को दास बनाने वा बे च डालने की मनसा से चु राता आ पकड़ा जाए, तो ऐसा चोर मार डाला जाए; ऐसी बुराई को अपने म म से दू र करना।।
8 कोढ़ की ािध के िवषय म चौकस रहना, और जो कुछ लेवीय याजक तु िसखाएं उसी के अनु सार य से करने म चौकसी करना; जैसी आ ा म ने उन को दी है वैसा करने म
चौकसी करना।
9 रण रख िक तेरे परमे र यहोवा ने, जब तुम िम से िनकलकर आ रहे थे, तब माग म म रयम से ा िकया।
10 जब तू अपने िकसी भाई को कुछ उधार दे , तब ब क की व ु लेने के िलये उसके घर के भीतर न घु सना।
11 तू बाहर खड़ा रहना, और िजस को तू उधार दे वही ब क की व ु को तेरे पास बाहर ले आए।
12 और यिद वह मनु कंगाल हो, तो उसका ब क अपने पास रखे ए न सोना;
13 सू य अ होते होते उसे वह ब क अव फेर दे ना, इसिलये िक वह अपना ओढ़ना ओढ़कर सो सके और तुझे आशीवाद दे ; और यह तेरे परमे र यहोवा की ि म धम का काम
ठहरे गा।।
14 कोई मजदू र जो दीन और कंगाल हो, चाहे वह तेरे भाइयों म से हो चाहे ते रे दे श के फाटकों के भीतर रहने वाले परदे िशयों म से हो, उस पर अ ेर न करना;
15 यह जानकर, िक वह दीन है और उसका मन मजदू री म लगा रहता है , मजदू री करने ही के िदन सूया से पिहले तू उसकी मजदू री दे ना; ऐसा न हो िक वह तेरे कारण यहोवा की
दोहाई दे , और तू पापी ठहरे ।।
16 पु के कारण िपता न मार डाला जाए, और न िपता के कारण पु मार डाला जाए; िजसने पाप िकया हो वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।।
17 िकसी परदे शी मनु वा अनाथ बालक का ाय न िबगाड़ना, और न िकसी िवधवा के कपड़े को ब क रखना;
18 और इस को रण रखना िक तू िम म दास था, और तेरा परमे र यहोवा तु झे वहां से छु ड़ा लाया है ; इस कारण म तु झे यह आ ा दे ता ं।।
19 जब तू अपने प े खेत को काटे , और एक पूला खेत म भू ल से छूट जाए, तो उसे ले ने को िफर न लौट जाना; वह परदे शी, अनाथ, और िवधवा के िलये पड़ा रहे; इसिलये िक परमे र
यहोवा ते रे सब कामों म तुझ को आशीष दे ।
20 जब तू अपने जलपाई के वृ को झाड़े , तब डािलयों को दू सरी बार न झाड़ना; वह परदे शी, अनाथ, और िवधवा के िलये रह जाए।
21 जब तू अपनी दाख की बारी के फल तोड़े , तो उसका दाना दाना न तोड़ ले ना; वह परदे शी, अनाथ और िवधवा के िलये रह जाए।
22 और इस को रण रखना िक तू िम दे श म दास था; इस कारण म तुझे यह आ ा दे ता ं ।।
व थािववरण 25
1 यिद मनु ों के बीच कोई झगड़ा हो, और वे ाय करवाने के िलये ािययों के पास जाएं , और वे उनका ाय कर, तो िनद ष को िनद ष और दोषी को दोषी ठहराएं ।
2 और यिद दोषी मार खाने के यो ठहरे , तो ायी उसको िगरवाकर अपने सा ने जै सा उसका दोष हो उसके अनुसार कोड़े िगन िगनकर लगवाए।
3 वह उसे चालीस कोड़े तक लगवा सकता है, इस से अिधक नही ं लगवा सकता; ऐसा न हो िक इस से अिधक ब त मार खलवाने से तेरा भाई तेरी ि म तु ठहरे ।।
4 दांवते समय चलते ए बैल का मुंह न बा ना।
5 जब कोई भाई संग रहते हों, और उन म से एक िनपु मर जाए, तो उसकी ी का ाह पर गो ी से न िकया जाए; उसके पित का भाई उसके पास जा कर उसे अपनी प ी कर ले,
और उस से पित के भाई का धम पालन करे ।
6 और जो पिहला बेटा उस ी से उ हो वह उस मरे ए भाई के नाम का ठहरे , िजस से िक उसका नाम इ ाएल म से िमट न जाए।
7 यिद उस ी के पित के भाई को उसे ाहना न भाए, तो वह ी नगर के फाटक पर वृ लोगों के पास जा कर कहे, िक मेरे पित के भाई ने अपने भाई का नाम इ ाएल म बनाए
रखने से नकार िदया है, और मुझ से पित के भाई का धम पालन करना नहीं चाहता।
8 तब उस नगर के वृ उस पु ष को बुलवाकर उसे समझाएं ; और यिद वह अपनी बात पर अड़ा रहे , और कहे , िक मु झे इस को ाहना नही ं भावता,
9 तो उसके भाई की प ी उन वृ लोगों के सा ने उसके पास जा कर उसके पांव से जू ती उतारे , और उसके मूं ह पर थू क दे ; और कहे, जो पु ष अपने भाई के वंश को चलाना न चाहे
उस से इसी कार वहार िकया जाएगा।
10 तब इ ाएल म उस पु ष का यह नाम पड़े गा, अथात जू ती उतारे ए पु ष का घराना।।
11 यिद दो पु ष आपस म मारपीट करते हों, और उन म से एक की प ी अपने पित को मारने वाले के हाथ से छु ड़ाने के िलये पास जाए, और अपना हाथ बढ़ाकर उसके गु अं ग को
पकड़े ,
12 तो उस ी का हाथ काट डालना; उस पर तरस न खाना।।
13 अपनी थैली म भां ित भांित के अथात घटती-बढ़ती बटखरे न रखना।
14 अपने घर म भां ित भांित के, अथात घटती-बढ़ती नपुए न रखना।
15 तेरे बटखरे और नपुए पूरे पूरे और धम के हों; इसिलये िक जो दे श तेरा परमे र यहोवा तु झे दे ता है उस म तेरी आयु ब त हो।
16 ोंिक ऐसे कामों म िजतने कुिटलता करते ह वे सब तेरे परमे र यहोवा की ि म घृिणत ह।।
17 रण रख िक जब तू िम से िनकलकर आ रहा था तब अमालेक ने तुझ से माग म ा िकया,
18 अथात उन को परमे र का भय न था; इस कारण उसने जब तू माग म थका मां दा था, तब तु झ पर चढ़ाई कर के िजतने िनबल होने के कारण सब से पीछे थे उन सभों को मारा।
19 इसिलये जब तेरा परमे र यहोवा उस दे श म, जो वह तेरा भाग कर के तेरे अिधकार म कर दे ता है , तु झे चारों ओर के सब श ुओ ं से िव ाम दे , तब अमालेक का नाम धरती पर से
िमटा डालना; और तुम इस बात को न भूलना।।
व थािववरण 26
1 िफर जब तू उस दे श म िजसे तेरा परमे र यहोवा तेरा िनज भाग कर के तुझे दे ता है प ं चे, और उसका अिधकारी हो कर उन म बस जाए,
2 तब जो दे श तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है, उसकी भू िम की भां ित भांित की जो पिहली उपज तू अपने घर लाएगा, उस म से कुछ टोकरी म ले कर उस थान पर जाना, िजसे ते रा
परमे र यहोवा अपने नाम का िनवास करने को चुन ले।
3 और उन िदनों के याजक के पास जा कर यह कहना, िक म आज तेरे परमे र यहोवा के सा ने िनवेदन करता ं , िक यहोवा ने हम लोगों को िजस दे श के दे ने की हमारे पूवजों से
शपथ खाई थी उस म म आ गया ं।
4 तब याजक तेरे हाथ से वह टोकरी ले कर तेरे परमे र यहोवा की वेदी के सा ने धर दे ।
5 तब तू अपने परमे र यहोवा से इस कार कहना, िक मेरा मूलपु ष एक अरामी मनु था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से प रवार समेत िम को गया, और वहां परदे शी हो
कर रहा; और वहाँ उस से एक बड़ी, और सामथ , और ब त मनु ों से भरी ई जाित उ ई।
6 और िमि यों ने हम लोगों से बुरा बताव िकया, और हम दु :ख िदया, और हम से किठन सेवा ली ं।
7 पर ु हम ने अपने पूवजों के परमे र यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने हमारी सु नकर हमारे दु ख- म और अ े र पर ि की;
8 और यहोवा ने बलव हाथ और बढ़ाई ई भुजा से अित भयानक िच और चम ार िदखलाकर हम को िम से िनकाल लाया;
9 और हम इस थान पर प ंचाकर यह दे श िजस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह हम दे िदया है ।
10 अब हे यहोवा, दे ख, जो भूिम तू ने मुझे दी है उसकी पहली उपज म तेरे पास ले आया ं ।
11 तब तू उसे अपने परमे र यहोवा के सा ने रखना; और यहोवा को द वत करना;
12 और िजतने अ े पदाथ तेरा परमे र यहोवा तु झे और तेरे घराने को दे , उनके कारण तू लेवीयों और अपने म म रहने वाले परदे िशयों सिहत आन करना।।
13 और तू अपने परमे र यहोवा से कहना, िक म ने तेरी सब आ ाओं के अनु सार पिव ठहराई ई व ु ओं को अपने घर से िनकाला, और लेवीय, परदे शी, अनाथ, और िवधवा को दे
िदया है; ते री िकसी आ ा को म ने न तो टाला है, और न भूला है ।
14 उन व ुओं म से म ने शोक के समय नहीं खाया, और न उन म से कोई व ु अशु ता की दशा म घर से िनकाली, और न कुछ शोक करने वालों को िदया; म ने अपने परमे र
यहोवा की सुन ली, म ने तेरी सब आ ाओं के अनु सार िकया है।
15 तू ग म से जो तेरा पिव धाम है ि कर के अपनी जा इ ाएल को आशीष दे , और इस दू ध और मधु की धाराओं के दे श की भू िम पर आशीष दे , िजसे तू ने हमारे पू वजों से खाई
ई शपथ के अनुसार हम िदया है।
16 आज के िदन तेरा परमे र यहोवा तुझ को इ ी ं िविधयों और िनयमों के मानने की आ ा दे ता है ; इसिलये अपने सारे मन और सारे ाण से इनके मानने म चौकसी करना।
17 तू ने तो आज यहोवा को अपना परमे र मानकर यह वचन िदया है, िक म ते रे बनाए ए माग पर चलूं गा, और तेरी िविधयों, आ ाओं, और िनयमों को माना क ं गा, और ते री सुना
क ं गा।
18 और यहोवा ने भी आज तुझ को अपने वचन के अनुसार अपना जा पी िनज धन स ि माना है , िक तू उसकी सब आ ाओं को माना करे ,
19 और िक वह अपनी बनाईं ई सब जाितयों से अिधक शंसा, नाम, और शोभा के िवषय म तुझ को िति त करे , और तू उसके वचन के अनुसार अपने परमे र यहोवा की पिव
जा बना रहे।
व थािववरण 27
1 िफर इ ाएल के वृ लोगों समे त मू सा ने जा के लोगों को यह आ ा दी, िक िजतनी आ ाएं म आज तु सुनाता ं उन सब को मानना।
2 और जब तु म यरदन पार होके उस दे श म प ंचो, जो तेरा परमे र यहोवा तुझे दे ता है, तब बड़े बड़े प र खड़े कर ले ना, और उन पर चूना पोतना;
3 और पार होने के बाद उन पर इस व था के सारे वचनों को िलखना, इसिलये िक जो दे श तेरे पूवजों का परमे र यहोवा अपने वचन के अनुसार तुझे दे ता है, और िजस म दू ध और
मधु की धाराएं बहती ह, उस दे श म तू जाने पाए।
4 िफर िजन प रों के िवषय म म ने आज आ ा दी है, उ तुम यरदन के पार हो कर एबाल पहाड़ पर खड़ा करना, और उन पर चूना पोतना।
5 और वहीं अपने परमे र यहोवा के िलये प रों की एक वेदी बनाना, उन पर कोई औजार न चलाना।
6 अपने परमे र यहोवा की वेदी अनगढ़े प रों की बनाकर उन पर उसके िलये होमबिल चढ़ाना;
7 और वहीं मे लबिल भी चढ़ाकर भोजन करना, और अपने परमे र यहोवा के स ुख आन करना।
8 और उन प रों पर इस व था के सब वचनों को शु रीित से िलख दे ना।।
9 िफर मू सा और लेवीय याजकों ने सब इ ाएिलयों से यह भी कहा, िक हे इ ाएल, चु प रहकर सु न; आज के िदन तू अपने परमे र यहोवा की जा हो गया है।
10 इसिलये अपने परमे र यहोवा की बात मानना, और उसकी जो जो आ ा और िविध म आज तुझे सु नाता ं उनका पालन करना।
11 िफर उसी िदन मूसा ने जा के लोगों को यह आ ा दी,
12 िक जब तु म यरदन पार हो जाओ तब िशमौन, लेवी, य दा, इ ाकार, यु सुफ, और िब ामीन, ये िग र ीम पहाड़ पर खडे हो कर आशीवाद सुनाएं ।
13 और बे न, गाद, आशेर, जबूलून, दान, और न ाली, ये एबाल पहाड़ पर खड़े हो के शाप सु नाएं ।
14 तब ले वीय लोग सब इ ाएली पु षों से पुकार के कह,
15 िक शािपत हो वह मनु जो कोई मूित कारीगर से खु दवाकर वा ढलवाकर िनराले थान म थापन करे , ोंिक इस से यहोवा को घृणा लगती है। तब सब लोग कह, आमीन।।
16 शािपत हो वह जो अपने िपता वा माता को तु जाने । तब सब लोग कह, आमीन।।
17 शािपत हो वह जो िकसी दू सरे के िसवाने को हटाए। तब सब लोग कह, आमीन।।
18 शािपत हो वह जो अ े को माग से भटका दे । तब सब लोग कह, आमीन।।
19 शािपत हो वह जो परदे शी, अनाथ, वा िवधवा का ाय िबगाड़े । तब सब लोग कह आमीन।।
20 शािपत हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकम करे , ोिकं वह अपने िपता का ओढ़ना उघाड़ता है । तब सब लोग कह, आमीन।।
21 शािपत हो वह जो िकसी कार के पशु से कुकम करे । तब सब लोग कह, आमीन।।
22 शािपत हो वह जो अपनी बिहन, चाहे सगी हो चाहे सौते ली, उस से कुकम करे । तब सब लोग कह, आमीन।।
23 शािपत हो वह जो अपनी सास के संग कुकम करे । तब सब लोग कह, आमीन।।
24 शािपत हो वह जो िकसी को िछपकर मारे । तब सब लोग कह, आमीन।।
25 शािपत हो वह जो िनद ष जन के मार डालने के िलये धन ले । तब सब लोग कह, आमीन।।
26 शािपत हो वह जो इस व था के वचनों को मानकर पूरा न करे । तब सब लोग कह, आमीन।।
व थािववरण 28
1 यिद तू अपने परमे र यहोवा की सब आ ाएं , जो म आज तुझे सुनाता ं , चौकसी से पू री करने का िच लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृ ी की सब जाितयों म े करे गा।
2 िफर अपने परमे र यहोवा की सुनने के कारण ये सब आश वाद तुझ पर पू रे होंगे।
3 ध हो तू नगर म, ध हो तू खेत म।
4 ध हो तेरी स ान, और ते री भू िम की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आिद पशुओं के ब े।
5 ध हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।
6 ध हो तू भीतर आते समय, और ध हो तू बाहर जाते समय।
7 यहोवा ऐसा करे गा िक तेरे श ु जो तुझ पर चढ़ाई करगे वे तुझ से हार जाएं गे; वे एक माग से तु झ पर चढ़ाई करगे, पर ु तेरे सा ने से सात माग से हो कर भाग जाएं गे ।
8 तेरे ख ों पर और िजतने कामों म तू हाथ लगाएगा उन सभों पर यहोवा आशीष दे गा; इसिलये जो दे श ते रा परमे र यहोवा तुझे दे ता है उस म वह तुझे आशीष दे गा।
9 यिद तू अपने परमे र यहोवा की आ ाओं को मानते ए उसके माग पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनु सार तु झे अपनी पिव जा कर के थर रखेगा।
10 और पृ ी के दे श दे श के सब लोग यह दे खकर, िक तू यहोवा का कहलाता है , तुझ से डर जाएं गे ।
11 और िजस दे श के िवषय यहोवा ने तेरे पूवजों से शपथ खाकर तुझे दे ने को कहा, था उस म वह ते री स ान की, और भू िम की उपज की, और पशुओं की बढ़ती कर के तेरी भलाई
करे गा।
12 यहोवा तेरे िलये अपने आकाश पी उ म भ ार को खोल कर तेरी भूिम पर समय पर मह बरसाया करे गा, और तेरे सारे कामों पर आशीष दे गा; और तू ब ते री जाितयों को उधार
दे गा, पर ु िकसी से तु झे उधार लेना न पड़े गा।
13 और यहोवा तुझ को पूंछ नही ं, िक ु िसर ही ठहराएगा, और तू नीचे नही ं, पर ु ऊपर ही रहेगा; यिद परमे र यहोवा की आ ाएं जो म आज तुझ को सुनाता ं, तू उनके मानने म मन
लगाकर चौकसी करे ;
14 और िजन वचनों की म आज तुझे आ ा दे ता ं उन म से िकसी से दािहने वा बाएं मुड़के पराये दे वताओं के पीछे न हो ले , और न उनकी से वा करे ।।
15 पर ु यिद तू अपने परमे र यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आ ाओं और िविधयों के पालने म जो म आज सुनाता ं चौकसी नही ं करे गा, तो ये सब शाप तुझ पर आ पड़गे ।
16 अथात शािपत हो तू नगर म, शािपत हो तू खेत म।
17 शािपत हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।
18 शािपत हो तेरी स ान, और भू िम की उपज, और गायों और भेड़-बक रयों के ब े।
19 शािपत हो तू भीतर आते समय, और शािपत हो तू बाहर जाते समय।
20 िफर िजस िजस काम म तू हाथ लगाए, उस म यहोवा तब तक तुझ को शाप दे ता, और भयातु र करता, और धमकी दे ता रहेगा, जब तक तू िमट न जाए, और शी न न हो जाए; यह
इस कारण होगा िक तू यहोवा को ागकर दु काम करे गा।
21 और यहोवा ऐसा करे गा िक मरी तुझ म फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक िजस भू िम के अिधकारी होने के िलये तू जा रहा है उस से तेरा अ न हो जाए।
22 यहोवा तुझ को यरोग से, और र, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार से, और झुलस, और गे ई से मारे गा; और ये उस समय तक तेरा पीछा िकये रहगे, तब तक तू
स ानाश न हो जाए।
23 और तेरे िसर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पां व के तले भूिम लोहे की हो जाएगी।
24 यहोवा तेरे दे श म पानी के बदले बालू और धूिल बरसाएगा; वह आकाश से तु झ पर यहां तक बरसे गी िक तू स ानाश हो जाएगा।
25 यहोवा तुझ को श ुओं से हरवाएगा; और तू एक माग से उनका सा ना करने को जाएगा, पर ु सात माग से हो कर उनके सा ने से भाग जाएगा; और पृ ी के सब रा ों म मारा
मारा िफरे गा।
26 और तेरी लोथ आकाश के भांित भांित के पि यों, और धरती के पशुओं का आहार होगी; और उनका कोई हाँकने वाला न होगा।
27 यहोवा तुझ को िम के से फोड़े , और बवासीर, और दाद, और खु जली से ऐसा पीिड़त करे गा, िक तू चंगा न हो सकेगा।
28 यहोवा तुझे पागल और अ ा कर दे गा, और तेरे मन को अ घबरा दे गा;
29 और जै से अ ा अ यारे म टटोलता है वैसे ही तू िदन दु पहरी म टटोलता िफरे गा, और तेरे काम काज सफल न होंगे; और तू सदै व केवल अ ेर सहता और लुटता ही रहे गा, और
तेरा कोई छु ड़ाने वाला न होगा।
30 तू ी से ाह की बात लगाएगा, पर ु दू सरा पु ष उसको करे गा; घर तू बनाएगा, पर ु उस म बसने न पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, पर ु उसके फल खाने न पाएगा।
31 तेरा बै ल ते री आं खों के सा ने मारा जाएगा, और तू उसका मांस खाने न पाएगा; ते रा गदहा ते री आं ख के सा ने लूट म चला जाएगा, और तुझे िफर न िमलेगा; तेरी भे ड़-बक रयां ते रे
श ुओं के हाथ लग जाएं गी, और तेरी ओर से उनका कोई छु ड़ाने वाला न होगा।
32 तेरे बे टे-बे िटयां दू सरे दे श के लोगों के हाथ लग जाएं गे, और उनके िलये चाव से दे खते दे खते ते री आं खे रह जाएं गी; और ते रा कुछ बस न चलेगा।
33 तेरी भूिम की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने दे श के लोगे खा जाएं गे ; और सवदा तू केवल अ े र सहता और पीसा जाता रहेगा;
34 यहां तक िक तू उन बातों के कारण जो अपनी आं खों से दे खेगा पागल हो जाएगा।
35 यहोवा ते रे घु टनों और टांगों म, वरन नख से िशख तक भी असा फोड़े िनकाल कर तु झ को पीिड़त करे गा।
36 यहोवा तुझ को उस राजा समेत, िजस को तू अपने ऊपर ठहराएगा, तेरी और ते रे पू वजों से अनजानी एक जाित के बीच प ंचाएगा; और उसके म म रहकर तू काठ और प र के
दू सरे दे वताओं की उपासना और पूजा करे गा।
37 और उन सब जाितयों म िजनके म म यहोवा तुझ को प ंचाएगा, वहां के लोगों के िलये तू चिकत होने का, और ा और शाप का कारण समझा जाएगा।
38 तू खे त म बीज तो ब त सा ले जाएगा, पर ु उपज थोड़ी ही बटोरे गा; ोंिक िटि यां उसे खा जाएं गी।
39 तू दाख की बा रयां लगाकर उन मे काम तो करे गा, पर ु उनकी दाख का मधु पीने न पाएगा, वरन फल भी तोड़ने न पाएगा; ोंिक कीड़े उन को खा जाएं गे।
40 तेरे सारे दे श म जलपाई के वृ तो होंगे, पर ु उनका तेल तू अपने शरीर म लगाने न पाएगा; ोंिक वे झड़ जाएं गे।
41 तेरे बेटे-बे िटयां तो उ होंगे, पर ु तेरे रहगे नही ं; ोंिक वे ब ुवाई म चले जाएं गे ।
42 तेरे सब वृ और तेरी भूिम की उपज िटि यां खा जाएं गी।
43 जो परदे शी ते रे म म रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
44 वह तुझ को उधार दे गा, पर ु तू उसको उधार न दे सकेगा; वह तो िसर और तू पूंछ ठहरे गा।
45 तू जो अपने परमे र यहोवा की दी ई आ ाओं और िविधयों के मानने को उसकी न सुनेगा, इस कारण ये सब शाप तु झ पर आ पड़गे, और तेरे पीछे पड़े रहगे, और तु झ को
पकड़गे, और अ म तू न हो जाएगा।
46 और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के िलये बने रहकर िच और चम ार ठहरगे ;
47 तू जो सब पदाथ की ब तायत होने पर भी आन और स ता के साथ अपने परमे र यहोवा की से वा नहीं करे गा,
48 इस कारण तुझ को भूखा, ासा, नंगा, और सब पदाथ से रिहत हो कर अपने उन श ुओ ं की से वा करनी पड़े गी िज यहोवा तेरे िव भेजेगा; और जब तक तू न न हो जाए तब
तक वह ते री गदन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।
49 यहोवा तेरे िव दू र से, वरन पृ ी के छोर से वेग उड़ने वाले उकाब सी एक जाित को चढ़ा लाएगा िजसकी भाषा को तू न समझेगा;
50 उस जाित के लोगों का वहार ू र होगा, वे न तो बूढ़ों का मुंह दे खकर आदर करगे, और न बालकों पर दया करगे;
51 और वे ते रे पशुओं के ब े और भूिम की उपज यहां तक खा जांएगे िक तू न हो जाएगा; और वे ते रे िलये न अ , और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े , न मे े
छोड़गे, यहां तक िक तू नाश हो जाएगा।
52 और वे तेरे परमे र यहोवा के िदये ए सारे दे श के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरगे, जब तक तेरे सारे दे श म ते री ऊंची
ऊंची और ढ़ शहरपनाह िजन पर तू भरोसा करे गा िगर न जाएं ।
53 तब िघर जाने और उस सकेती के समय िजस म तेरे श ु तुझ को डालगे, तू अपने िनज ज ाए बेटे-बे िटयों का मांस िज तेरा परमे र यहोवा तुझ को दे गा खाएगा।
54 और तुझ म जो पु ष कोमल और अित सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी ाण ारी, और अपने बचे ए बालकों को ू र ि से दे खेगा;
55 और वह उन म से िकसी को भी अपने बालकों के मांस म से जो वह आप खाएगा कुछ न दे गा, ोंिक िघर जाने और उस सकेती म, िजस म तेरे श ु ते रे सारे फाटकों के भीतर तुझे
घेर डालगे, उसके पास कुछ न रहेगा।
56 और तुझ म जो ी यहां तक कोमल और सुकुमार हो िक सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूिम पर पां व धरते भी डरती हो, वह भी अपने ाणि य पित, और बे टे, और बेटी
को,
57 अपनी खेरी, वरन अपने जने ए ब ों को ू र ि से दे खेगी, ोंिक िघर जाने और सकेती के समय िजस म ते रे श ु तु झे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखगे, वह सब व ु ओं की
घटी के मारे उ िछप के खाएगी।
58 यिद तू इन व था के सारे वचनों के पालने म, जो इस पु क म िलख है, चौकसी कर के उस आदरनीय और भययो नाम का, जो यहोवा तेरे परमे र का है भय न माने,
59 तो यहोवा तु झ को और तेरे वंश को अनोखे अनोखे द दे गा, वे दु और ब त िदन रहने वाले रोग और भारी भारी द होंगे।
60 और वह िम के उन सब रोगों को िफर तेरे ऊपर लगा दे गा, िजन से तू भय खाता था; और वे तु झ म लगे रहगे ।
61 और िजतने रोग आिद द इस व था की पु क म नहीं िलखे ह, उन सभों को भी यहोवा तुझ को यहां तक लगा दे गा, िक तू स ानाश हो जाएगा।
62 और तू जो अपने परमे र यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनिगिनत होने की स ी तु झ म से थोड़े ही मनु रह जाएं गे।
63 और जै से अब यहोवा की तु ारी भलाई और बढ़ती करने से हष होता है , वैसे ही तब उसको तु नाश वरन स ानाश करने से हष होगा; और िजस भूिम के अिधकारी होने को तु म
जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।
64 और यहोवा तुझ को पृ ी के इस छोर से ले कर उस छोर तक के सब दे शों के लोगों म ित र िब र करे गा; और वहां रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और
प र के दू सरे दे वताओं की उपासना करे गा।
65 और उन जाितयों म तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पांव को िठकाना िमले गा; ोंिक वहां यहोवा ऐसा करे गा िक तेरा दय कांपता रहे गा, और तेरी आं खे धुंधली पड़ जाएगी ं, और
तेरा मन कलपता रहे गा;
66 और तुझ को जीवन का िन स े ह रहेगा; और तू िदन रात थरथराता रहेगा, और ते रे जीवन का कुछ भरोसा न रहेगा।
67 तेरे मन म जो भय बना रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मार के कहे गा, िक सां झ कब होगी! और सांझ को आह मार के कहेगा, िक भोर कब होगा।
68 और यहोवा तुझ को नावों पर चढ़ाकर िम म उस माग से लौटा दे गा, िजसके िवषय म म ने तुझ से कहा था, िक वह िफर तेरे दे खने म न आएगा; और वहाँ तुम अपने श ुओं के हाथ
दास-दासी होने के िलये िबकाऊ तो रहोगे, पर ु तु ारा कोई ाहक न होगा।।
व थािववरण 29
1 इ ाएिलयों से िजस वाचा के बा ने की आ ा यहोवा ने मू सा को मोआब के दे श म दी उसके ये ही वचन ह, और जो वाचा उसने उन से होरे ब पहाड़ पर बा ी थी यह उस से अलग
है ।
2 िफर मूसा ने सब इ ाएिलयों को बु लाकर कहा, जो कुछ यहोवा ने िम दे श म तु ारे दे खते िफरौन और उसके सब कमचा रयों, और उसके सारे दे श से िकया वह तुम ने दे खा है;
3 वे बड़े बड़े परी ा के काम, और िच , और बड़े बड़े चम ार तेरी आं खों के सा ने ए;
4 पर ु यहोवा ने आज तक तुम को न तो समझने की बु , और न दे खने की आं ख, और न सु नने के कान िदए ह।
5 म तो तुम को जंगल म चालीस वष िलये िफरा; और न तु ारे तन पर व पु राने ए, और न ते री जूितयां तेरे पैरों म पुरानी ई;
6 रोटी जो तु म नही ं खाने पाए, और दाखमधु और मिदरा जो तुम नहीं पीने पाए, वह इसिलये आ िक तुम जानो िक म यहोवा तु ारा परमे र ं।
7 और जब तु म इस थान पर आए, तब हेशबोन का राजा सीहोन और बाशान का राजा ओग, ये दोनों यु के िलये हमारा सा ना करने को िनकल आए, और हम ने उन को जीत कर
उनका दे श ले िलया;
8 और बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गो के लोगों को िनज भाग कर के दे िदया।
9 इसिलये इस वाचा की बातों का पालन करो, तािक जो कुछ करो वह सफल हो।।
10 आज ा वृ लोग, ा सरदार, तु ारे मु मु पु ष, ा गो गो के तु म सब इ ाएली पु ष,
11 ा तु ारे बाल-ब े और यां, ा लकड़हारे , ा पनभरे , ा तेरी छावनी म रहने वाले परदे शी, तु म सब के सब अपने परमे र यहोवा के सा ने इसिलये खड़े ए हो,
12 िक जो वाचा तेरा परमे र यहोवा आज तुझ से बा ता है, और जो शपथ वह आज तु झ को खलाता है , उस म तू साझी हो जाए;
13 इसिलये िक उस वचन के अनुसार जो उसने तुझ को िदया, और उस शपथ के अनुसार जो उसने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूवजों से खाई थी, वह आज तुझ को अपनी
जा ठहराए, और आप तेरा परमे र ठहरे ।
14 िफर म इस वाचा और इस शपथ म केवल तु म को नहीं,
15 पर ु उन को भी, जो आज हमारे संग यहां हमारे परमे र यहोवा के सा ने खड़े ह, और जो आज यहां हमारे संग नहीं ह, साझी करता ं।
16 तुम जानते हो िक जब हम िम दे श म रहते थे, और जब माग म की जाितयों के बीचोंबीच हो कर आ रहे थे,
17 तब तुम ने उनकी कैसी कैसी िघनौनी व ुएं, और काठ, प र, चांदी, सोने की कैसी मू रत दे खी ं।
18 इसिलये ऐसा न हो, िक तुम लोगों म ऐसा कोई पु ष, वा ी, वा कुल, वा गो के लोग हों िजनका मन आज हमारे परमे र यहोवा से िफर जाए, और वे जा कर उन जाितयों के
दे वताओं की उपासना कर; िफर ऐसा न हो िक तु ारे म ऐसी कोई जड़ हो, िजस से िवष वा कडु आ बीज उगा हो,
19 और ऐसा मनु इस शाप के वचन सुनकर अपने को आशीवाद के यो माने , और यह सोचे िक चाहे म अपने मन के हठ पर चलूं, और तृ हो कर ास को िमटा डालूं , तौभी मे रा
कुशल होगा।
20 यहोवा उसका पाप मा नहीं करे गा, वरन यहोवा के कोप और जलन का धुंआ उसको छा ले गा, और िजतने शाप इस पु क म िलख ह वे सब उस पर आ पड़गे, और यहोवा उसका
नाम धरती पर से िमटा दे गा।
21 और व था की इस पु क म िजस वाचा की चचा है उसके सब शापों के अनुसार यहोवा उसको इ ाएल के सब गो ों म से हािन के िलये अलग करे गा।
22 और आने वाली पीिढय़ों म तु ारे वंश के लोग जो तु ारे बाद उ होंगे, और परदे शी मनु भी जो दू र दे श से आएं गे, वे उस दे श की िवपि यों और उस म यहोवा के फैलाए ए
रोग दे खकर,
23 और यह भी दे खकर िक इसकी सब भूिम ग क और लोन से भर गई है , और यहां तक जल गई है िक इस म न कुछ बोया जाता, और न कुछ जम सकता, और न घास उगती है ,
वरन सदोम और अमोरा, अदमा और सबोयीम के समान हो गया है िज यहोवा ने अपने कोप और जलजलाहट म उलट िदया था;
24 और सब जाितयों के लोग पूछगे, िक यहोवा ने इस दे श से ऐसा ों िकया? और इस बड़े कोप के भड़कने का ा कारण है?
25 तब लोग यह उ र दगे, िक उनके पूवजों के परमे र यहोवा ने जो वाचा उनके साथ िम दे श से िनकालने के समय बा ी थी उसको उ ोंने तोड़ा है ।
26 और पराए दे वताओं की उपासना की है िज वे पिहले नही ं जानते थे, और यहोवा ने उन को नहीं िदया था;
27 इसिलये यहोवा का कोप इस दे श पर भड़क उठा है, िक पु क मे िलखे ए सब शाप इस पर आ पड़;
28 और यहोवा ने कोप, और जलजलाहट, और बड़ा ही ोध कर के उ उनके दे श म से उखाड़ कर दू सरे दे श म फक िदया, जैसा िक आज गट है।।
29 गु बात हमारे परमे र यहोवा के वश म ह; पर ु जो गट की गई ह वे सदा के िलये हमारे और हमारे वंश म रहगी, इसिलये िक इस व था की सब बात पूरी ही जाएं ।।
व थािववरण 30
1 िफर जब आशीष और शाप की ये सब बात जो म ने तुझ को कह सुनाईं ह तु झ पर घट, और तू उन सब जाितयों के म म रहकर, जहां तेरा परमे र यहोवा तुझ को बरबस
प ंचाएगा, इन बातों को रण करे ,
2 और अपनी स ान सिहत अपने सारे मन और सारे ाण से अपने परमे र यहोवा की ओर िफर कर उसके पास लौट आए, और इन सब आ ाओं के अनु सार जो म आज तुझे सुनाता
ं उसकी बात माने;
3 तब तेरा परमे र यहोवा तुझ को ब ुआई से लौटा ले आएगा, और तुझ पर दया कर के उन सब दे शों के लोगों म से िजनके म म वह तुझ को ित र िब र कर दे गा िफर इक ा
करे गा।
4 चाहे धरती के छोर तक तेरा बरबस प ंचाया जाना हो, तौभी तेरा परमे र यहोवा तु झ को वहां से ले आकर इक ा करे गा।
5 और तेरा परमे र यहोवा तुझे उसी दे श म प ंचाएगा िजसके तेरे पुरखा अिधकारी ए थे , और तू िफर उसका अिधकारी होगा; और वह तेरी भलाई करे गा, और तु झ को ते रे पु रखाओं
से भी िगनती म अिधक बढ़ाएगा।
6 और तेरा परमे र यहोवा तेरे और तेरे वंश के मन का खतना करे गा, िक तू अपने परमे र यहोवा से अपने सारे मन और सारे ाण के साथ ेम करे , िजस से तू जीिवत रहे ।
7 और तेरा परमे र यहोवा ये सब शाप की बात तेरे श ुओं पर जो तु झ से बैर कर के तेरे पीछे पड़गे भेजेगा।
8 और तू िफरे गा और यहोवा की सुनेगा, और इन सब आ ाओं को माने गा जो म आज तु झ को सु नाता ं ।
9 और यहोवा ते री भलाई के िलये तेरे सब कामों म, और तेरी स ान, और पशुओं के ब ों, और भू िम की उपज म तेरी बढ़ती करे गा; ोंिक यहोवा िफर तेरे ऊपर भलाई के िलये वैसा
ही आन करे गा, जैसा उसने तेरे पूवजों के ऊपर िकया था;
10 ोंिक तू अपने परमे र यहोवा की सुनकर उसकी आ ाओं और िविधयों को जो इस व था की पु क म िलखी ह माना करे गा, और अपने परमे र यहोवा की ओर अपने सारे
मन और सारे ाण से मन िफराएगा।।
11 दे खो, यह जो आ ा म आज तुझे सुनाता ं, वह न तो तेरे िलये अनोखी, और न दू र है ।
12 और न तो यह आकाश म है, िक तू कहे, िक कौन हमारे िलये आकाश म चढ़कर उसे हमारे पास ले आए, और हम को सुनाए िक हम उसे मान?
13 और न यह समु पार है, िक तू कहे, कौन हमारे िलये समु पार जाए, और उसे हमारे पास ले आए, और हम को सु नाए िक हम उसे मान?
14 पर ु यह वचन ते रे ब त िनकट, वरन तेरे मुंह और मन ही म है तािक तू इस पर चले ।।
15 सु न, आज म ने तुझ को जीवन और मरण, हािन और लाभ िदखाया है ।
16 ोंिक म आज तुझे आ ा दे ता ं, िक अपने परमे र यहोवा से े म करना, और उसके माग पर चलना, और उसकी आ ाओं, िविधयों, और िनयमों को मानना, िजस से तू जीिवत
रहे , और बढ़ता जाए, और तेरा परमे र यहोवा उस दे श म िजसका अिधकारी होने को तू जा रहा है , तुझे आशीष दे ।
17 पर ु यिद तेरा मन भटक जाए, और तू न सुने, और भटककर पराए दे वताओं को द वत करे और उनकी उपासना करने लगे,
18 तो म तु आज यह िचतौनी िदए दे ता ं िक तुम िन:स े ह न हो जाओगे ; और िजस दे श का अिधकारी होने के िलये तू यरदन पार जा रहा है, उस दे श म तुम ब त िदनों के िलये
रहने न पाओगे।
19 म आज आकाश और पृ ी दोनों को तु ारे सा ने इस बात की सा ी बनाता ं, िक म ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तु ारे आगे रखा है; इसिलये तू जीवन ही को
अपना ले, िक तू और तेरा वंश दोनों जीिवत रह;
20 इसिलये अपने परमे र यहोवा से ेम करो, और उसकी बात मानों, और उस से िलपटे रहो; ोंिक तेरा जीवन और दीघ जीवन यही है, और ऐसा करने से िजस दे श को यहोवा ने
इ ाहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूवजों को दे ने की शपथ खाई थी उस दे श म तू बसा रहे गा।।
व थािववरण 31
1 और मू सा ने जा कर यह बात सब इ एिलयों को सु नाईं।
2 और उसने उन से यह भी कहा, िक आज म एक सौ बीस वष का ं; और अब म चल िफर नहीं सकता; ोंिक यहोवा ने मु झ से कहा है, िक तू इस यरदन पार नही ं जाने पाएगा।
3 तेरे आगे पार जाने वाला तेरा परमे र यहोवा ही है ; वह उन जाितयों को तेरे सा ने से न करे गा, और तू उनके दे श का अिधकारी होगा; और यहोवा के वचन के अनु सार यहोशू तेरे
आगे आगे पार जाएगा।
4 और िजस कार यहोवा ने एमो रयों के राजा सीहोन और ओग और उनके दे श को न िकया है , उसी कार वह उन सब जाितयों से भी करे गा।
5 और जब यहोवा उन को तुम से हरवा दे गा, तब तुम उन सारी आ ाओं के अनु सार उन से करना जो म ने तुम को सु नाईं ह।
6 तू िहयाव बा और ढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; ोंिक तेरे सं ग चलने वाला तेरा परमे र यहोवा है ; वह तुझ को धोखा न दे गा और न छोड़े गा।
7 तब मू सा ने यहोशू को बुलाकर सब इ ाएिलयों के स ु ख कहा, िक तू िहयाव बा और ढ़ हो जा; ोंिक इन लोगों के संग उस दे श म िजसे यहोवा ने इनके पूवजों से शपथ खाकर
दे ने को कहा था तू जाएगा; और तू इन को उसका अिधकारी कर दे गा।
8 और तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहे गा, और न तो तुझे धोखा दे गा और न छोड़ दे गा; इसिलये मत डर और तेरा मन क ा न हो।।
9 िफर मूसा ने यही व था िलखकर ले वीय याजकों को, जो यहोवा की वाचा के स दू क उठाने वाले थे , और इ ाएल के सब वृ लोगों को सौंप दी।
10 तब मू सा ने उन को आ ा दी, िक सात सात वष के बीतने पर, अथात उगाही न होने के वष के झोपड़ी वाले प म,
11 जब सब इ ाएली तेरे परमे र यहोवा के उस थान पर िजसे वह चु न लेगा आकर इक े हों, तब यह व था सब इ ाएिलयों को पढ़कर सुनाना।
12 ा पु ष, ा ी, ा बालक, ा तु ारे फाटकों के भीतर के परदे शी, सब लोगों को इक ा करना िक वे सु नकर सीख, और तु ारे परमे र यहोवा का भय मानकर, इस
व था के सारे वचनों के पालन करने म चौकसी कर,
13 और उनके लड़के-बाले िज ोंने ये बात नहीं सुनी ं वे भी सुनकर सीख ं , िक तु ारे परमे र यहोवा का भय उस समय तक मानते रह, जब तक तुम उस दे श म जीिवत रहो िजसके
अिधकारी होने को तु म यरदन पार जा रहे हो।।
14 िफर यहोवा ने मूसा से कहा, तेरे मरने का िदन िनकट है; तू यहोशू को बु लवा, और तु म दोनों िमलापवाले त ू म आकर उप थत हो िक म उसको आ ा दू ं । तब मू सा और यहोशू जा
कर िमलापवाले त ू म उप थत ए।
15 तब यहोवा ने उस त ू म बादल के ख े म हो कर दशन िदया; और बादल का ख ा त ू के ार पर ठहर गया।
16 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू तो अपने पुरखाओं के संग सो जाने पर है ; और ये लोग उठ कर उस दे श के पराये दे वताओं के पीछे िजनके म वे जा कर रहगे िभचारी हो जाएं गे,
और मुझे ागकर उस वाचा को जो म ने उन से बा ी है तोडगे।
17 उस समय मेरा कोप इन पर भड़केगा, और म भी इ ागकर इन से अपना मुंह िछपा लूं गा, और ये आहार हो जाएं गे ; और ब त सी िवपि यां और ेश इन पर आ पड़गे, यहां
तक िक ये उस समय कहगे, ा ये िवपि यां हम पर इस कारण तो नही ं आ पड़ी ं, ोंिक हमारा परमे र हमारे म म नहीं रहा?
18 उस समय म उन सब बु राइयों के कारण जो ये पराये दे वताओं की ओर िफर कर करगे िन:स े ह उन से अपना मुं ह िछपा लूंगा।
19 सो अब तुम यह गीत िलख लो, और तू उसे इ ाएिलयों को िसखाकर कंठ करा दे ना, इसिलये िक यह गीत उनके िव मेरा सा ी ठहरे ।
20 जब म इन को उस दे श म प ंचाऊंगा िजसे दे ने की म ने इनके पूवजों से शपथ खाईं थी, और िजस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह, और खाते-खाते इनका पेट भर जाए, और ये
-पु हो जाएं गे ; तब ये पराये दे वताओं की ओर िफरकर उनकी उपासना करने लगगे , और मे रा ितर ार कर के मे री वाचा को तोड़ दगे।
21 वरन अभी भी जब म इ इस दे श म िजसके िवषय म ने शपथ खाई है प ं चा नही ं चु का, मु झे मालूम है, िक ये ा ा क ना कर रहे ह; इसिलये जब ब त सी िवपि यां और
ेश इन पर आ पड़गे , तब यह गीत इन पर सा ी दे गा, ोंिक इनकी स ान इस को कभी भी नही ं भूलेगी।
22 तब मू सा ने उसी िदन यह गीत िलख कर इ ाएिलयों को िसखाया।
23 और उसने नू न के पु यहोशू को यह आ ा दी, िक िहयाव बा और ढ़ हो; ोंिक इ ाएिलयों को उस दे श म िजसे उ दे ने को म ने उन से शपथ खाई है तू प ंचाएगा; और म
आप तेरे सं ग र ंगा।।
24 जब मूसा इस व था के वचन को आिद से अ तक पु क म िलख चुका,
25 तब उसने यहोवा के स दू क उठाने वाले लेिवयों को आ ा दी,
26 िक व था की इस पु क को ले कर अपने परमे र यहोवा की वाचा के स दू क के पास रख दो, िक यह वहां तुझ पर सा ी दे ती रहे।
27 ोंिक तेरा बलवा और हठ मुझे मालूम है; दे खो, मेरे जीिवत और संग रहते ए भी तु म यहोवा से बलवा करते आए हो; िफर मेरे मरने के बाद भी ों न करोगे !
28 तुम अपने गो ों के सब वृ लोगों को और अपने सरदारों को मेरे पास इक ा करो, िक म उन को थे वचन सुनाकर उनके िव आकाश और पृ ी दोनों को सा ी बनाऊं।
29 ोंिक मुझे मालू म है िक मेरी मृ ु के बाद तुम िबलकुल िबगड़ जाओगे , और िजस माग म चलने की आ ा म ने तुम को सुनाई है उसको भी तुम छोड़ दोगे; और अ के िदनों म
जब तुम वह काम कर के जो यहोवा की ि म बुरा है, अपनी बनाई ई व ुओं की पू जा कर के उसको रस िदलाओगे , तब तुम पर िवपि आ पड़े गी।।
30 तब मू सा ने इ ाएल की सारी सभा को इस गीत के वचन आिद से अ तक कह सु नाए:
व थािववरण 32
1 हे आकाश, कान लगा, िक म बोलूं; और हे पृ ी, मेरे मुंह की बात सु न।।
2 मे रा उपदे श मह की नाईं बरसे गा और मेरी बात ओस की नाईं टपकगी, जैसे िक हरी घास पर झीसी, और पौधों पर झिडय़ां।।
3 म तो यहोवा नाम का चार क ं गा। तुम अपने परमे र की मिहमा को मानो!
4 वह च ान है , उसका काम खरा है; और उसकी सारी गित ाय की है । वह स ा ई र है , उस म कुिटलता नहीं, वह धम और सीधा है।।
5 पर ु इसी जाित के लोग टे ढ़े और ितछ ह; ये िबगड़ गए, ये उसके पु नहीं; यह उनका कलंक है।।
6 हे मू ढ़ और िनबु लोगों, ा तुम यहोवा को यह बदला दे ते हो? ा वह तेरा िपता नहीं है, िजसने तुम को मोल िलया है? उसने तुम को बनाया और थर भी िकया है ।।
7 ाचीनकाल के िदनों को रण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वष को िवचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृ लोगों से करो, और वे तुझ से कह दगे।।
8 जब परम धान ने एक एक जाित को िनज िनज भाग बांट िदया, और आदिमयों को अलग अलग बसाया, तब उसने दे श दे श के लोगों के िसवाने इ ाएिलयों की िगनती के अनुसार
ठहराए।।
9 ोंिक यहोवा का अंश उसकी जा है; याकूब उसका नपा आ िनज भाग है ।।
10 उसने उसको जंगल म, और सु नसान और गरजने वालों से भरी ई म भू िम म पाया; उसने उसके चं ओर रहकर उसकी र ा की, और अपनी आं ख की पुतली की नाईं उसकी
सु िध रखी।।
11 जैसे उकाब अपने घोंसले को िहला िहलाकर अपने ब ों के ऊपर ऊपर म लाता है, वैसे ही उसने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा िलया।।
12 यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया दे वता न था।।
13 उसने उसको पृ ी के ऊंचे ऊंचे थानों पर सवार कराया, और उसको खेतों की उपज खलाई; उसने उसे च ान म से मधु और चकमक की च ान म से तेल चुसाया।।
14 गायों का दही, और भेड़-बक रयों का दू ध, मे ों की चब , बकरे और बाशान की जाित के मेढ़े, और गे ं का उ म से उ म आटा भी; और तू दाखरस का मधु िपया करता था।।
15 पर ु यशू न मोटा हो कर लात मारने लगा; तू मोटा और -पु हो गया, और चब से छा गया है ; तब उसने अपने सृजनहार ई र को तज िदया, और अपने उ ारमू ल च ान को
तु जाना।।
16 उ ोंने पराए दे वताओं को मानकर उस म जलन उपजाई; और घृ िणत कम कर के उसको रस िदलाई।।
17 उ ोंने िपशाचों के िलये जो ई र न थे बिल चढ़ाए, और उनके िलये वे अनजाने दे वता थे , वे तो नये नये दे वता थे जो थोड़े ही िदन से कट ए थे, और िजन से उनके पु रखा कभी डरे
नही ं।
18 िजस च ान से तू उ आ उसको तू भूल गया, और ई र िजस से तेरी उ ि ई उसको भी तू भू ल गया है ।।
19 इन बातों को दे खकर यहोवा ने उ तु जाना, ोंिक उसके बे टे-बेिटयों ने उसे रस िदलाई थी।।
20 तब उसने कहा, म उन से अपना मुख िछपा लूंगा, और दे खूंगा िक उनका अ कैसा होगा, ोंिक इस जाित के लोग ब त टे ढ़े ह और धोखा दे ने वाले पु ह।
21 उ ोंने ऐसी व ु मानकर जो ई र नही ं ह, मुझ म जलन उ की; और अपनी थ व ु ओं के ारा मु झे रस िदलाई। इसिलये म भी उनके ारा जो मेरी जा नहीं ह उनके मन म
जलन उ क ं गा; और एक मूढ़ जाित के ारा उ रस िदलाऊंगा।।
22 ोंिक मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृ ी अपनी उपज समे त भ हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों म भी आग लगा दे गी।।
23 म उन पर िवपि पर िवपि भेजूंगा; और उन पर म अपने सब तीरों को छोडूंगा।।
24 वे भू ख से दु बले हो जाएं गे, और अंगारों से और किठन महारोगों से िसत हो जाएं गे ; और म उन पर पशुओं के दांत लगवाऊंगा, और धूिल पर रगने वाले सप का िवष छोड़ दू ं गा।।
25 बाहर वे तलवार से मरगे, और कोठ रयों के भीतर भय से; ा कुंवारे और कुंवा रयां , ा दू ध पीता आ ब ा ा प े बाल वाले, सब इसी कार बरबाद होंगे।
26 म ने कहा था, िक म उन को दू र दू र से ित र-िब र क ं गा, और मनु ों म से उनका रण तक िमटा डालूं गा;
27 पर ु मुझे श ुओं की छे ड़ छाड़ का डर था, ऐसा न हो िक ोही इस को उलटा समझकर यह कहने लग, िक हम अपने ही बा बल से बल ए, और यह सब यहोवा से नही ं आ।।
28 यह जाित यु हीन तो है, और इन म समझ है ही नही ं।।
29 भला होता िक ये बु मान होते, िक इस को समझ लेते, और अपने अ का िवचार करते !
30 यिद उनकी च ान ही उन को न बेच दे ती, और यहोवा उन को औरों के हाथ म न कर दे ता; तो यह ोंकर हो सकता िक उनके हजार का पीछा एक मनु करता, और उनके दस
हजार को दो मनु भगा दे ते?
31 ोंिक जैसी हमारी च ान है वैसी उनकी च ान नही ं है , चाहे हमारे श ु ही ों न ायी हों।।
32 ोंिक उनकी दाखलता सदोम की दाखलता से िनकली, और अमोरा की दाख की बा रयों म की है ; उनकी दाख िवषभरी और उनके गु े कड़वे ह;
33 उनका दाखमधु सांपों का सा िवष और काले नागों का सा हलाहल है ।।
34 ा यह बात मे रे मन म संिचत, और मेरे भ ारों म मु हरब नहीं है?
35 पलटा लेना और बदला दे ना मेरा ही काम है, यह उनके पांव िफसलने के समय गट होगा; ोंिक उनकी िवपि का िदन िनकट है, और जो दु ख उन पर पड़ने वाले है वे शी आ
रहे ह।।
36 ोंिक जब यहोवा दे खेगा िक मेरी जा की श जाती रही, और ा ब ुआ और ा ाधीन, उन म कोई बचा नही ं रहा, तब यहोवा अपने लोगों का ाय करे गा, और अपने
दासों के िवषय म तरस खाएगा।।
37 तब वह कहेगा, उनके दे वता कहां ह, अथात वह च ान कहां िजस पर उनका भरोसा था,
38 जो उनके बिलदानों की चब खाते, और उनके तपावनोंका दाखमधु पीते थे? वे ही उठ कर तु ारी सहायता कर, और तु ारी आड़ हों!
39 इसिलये अब तुम दे ख लो िक म ही वह ं, और मे रे सं ग कोई दे वता नहीं; म ही मार डालता, और म िजलाता भी ं; म ही घायल करता, और म ही चंगा भी करता ं ; और मेरे हाथ से
कोई नहीं छु ड़ा सकता।।
40 ोंिकं म अपना हाथ ग की ओर उठा कर कहता ं, ोंिक म अन काल के िलये जीिवत ं ,
41 सो यिद म िबजली की तलवार पर सान धरकर झलकाऊं, और ाय को अपने हाथ म ले लूं , तो अपने ोिहयों से बदला लूंगा, और अपने बै रयों को बदला दू ं गा।।
42 म अपने तीरों को लो से मतवाला क ं गा, और मेरी तलवार मांस खाएगी वह लो , मारे ओं और ब ु ओं का, और वह मांस, श ुओ ं के धानों के शीश का होगा।।
43 हे अ जाितयों, उसकी जा के साथ आन मनाओ; ोंिक वह अपने दासों के लो का पलटा ले गा, और अपने ोिहयों को बदला दे गा, और अपने दे श और अपनी जा के पाप
के िलये ायि त दे गा।
44 इस गीत के सब वचन मूसा ने नून के पु होशे समे त आकर लोगों को सुनाए।
45 जब मूसा ये सब वचन सब इ ाएिलयों से कह चुका,
46 तब उसने उन से कहा िक िजतनी बात म आज तुम से िचताकर कहता ं उन सब पर अपना अपाना मन लगाओ, और उनके अथात इस व था की सारी बातों के मानने म चौकसी
करने की आ ा अपने लड़के-बालों को दो।
47 ोंिक यह तु ारे िलये थ काम नहीं, पर ु तु ारा जीवन ही है , और ऐसा करने से उस दे श म तु ारी आयु के िदन ब त होंगे, िजसके अिधकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे
हो।।
48 िफर उसी िदन यहोवा ने मूसा से कहा,
49 उस अबारीम पहाड़ की नबो नाम चोटी पर, जो मोआब दे श म यरीहो के सा ने है , चढ़कर कनान दे श िजसे म इ ाएिलयों की िनज भूिम कर दे ता ं उसको दे ख ले।
50 तब जै सा ते रा भाई हा न होर पहाड़ पर मरकर अपने लोगों म िमल गया, वैसा ही तू इस पहाड़ पर चढ़कर मर जाएगा, और अपने लोगों म िमल जाएगा।
51 इसका कारण यह है, िक सीन जंगल म, कादे श के मरीबा नाम सोते पर, तुम दोनों ने मेरा अपराध िकया, ोंिक तुम ने इ ाएिलयों के म म मुझे पिव न ठहराया।
52 इसिलये वह दे श जो म इ ाएिलयों को दे ता ं, तू अपने सा ने दे ख लेगा, पर ु वहां जाने न पाएगा।।
व थािववरण 33
1 जो आशीवाद परमे र के जन मूसा ने अपनी मृ ु से पिहले इ ाएिलयों को िदया वह यह है।।
2 उसने कहा, यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके िलये उदय आ; उसने पारान पवत पर से अपना तेज िदखाया, और लाखों पिव ों के म म से आया, उसके दािहने हाथ से
उनके िलये ालामय िविधयां िनकलीं।।
3 वह िन य दे श दे श के लोगों से ेम करता है; उसके सब पिव लोग तेरे हाथ म ह: वे तेरे पां वों के पास बैठे रहते ह, एक एक ते रे वचनों से लाभ उठाता है।।
4 मू सा ने हम व था दी, और याकूब की म ली का िनज भाग ठहरी।।
5 जब जा के मु मु पु ष, और इ ाएल के गो ी एक संग हो कर एकि त ए, तब वह यशू न म राजा ठहरा।।
6 बेन न मरे , वरन जीिवत रहे, तौभी उसके यहां के मनु थोड़े हों।।
7 और य दा पर यह आशीवाद आ जो मूसा ने कहा, हे यहोवा तू य दा की सु न, और उसे उसके लोगों के पास प ं चा। वह अपने िलये आप अपने हाथों से लड़ा, और तू ही उसके
ोिहयों के िव उसका सहायक हो।।
8 िफर लेवी के िवषय म उसने कहा, तेरे तु ीम और ऊरीम तेरे भ के पास ह, िजस को तू ने म ा म परख िलया, और िजसके साथ मरीबा नाम सोते पर तेरा वादिववाद आ;
9 उसने तो अपने माता िपता के िवषय म कहा, िक म उन को नही ं जानता; और न तो उसने अपने भाइयों को अपना माना, और न अपने पु ों को पिहचाना। ोंिक उ ोंने तेरी बात
मानी, और वे तेरी वाचा का पालन करते ह।।
10 वे याकूब को तेरे िनयम, और इ ाएल को तेरी व था िसखाएं गे ; और ते रे आगे धूप और ते री वेदी पर सवाग पशु को होमबिल करगे।।
11 हे यहोवा, उसकी स ि पर आशीष दे , और उसके हाथों की सेवा को हण कर; उसके िवरोिधयों और बै रयों की कमर पर ऐसा मार, िक वे िफर न उठ सक।।
12 िफर उसने िब ामीन के िवषय म कहा, यहोवा का वह ि य जन, उसके पास िनडर वास करे गा; और वह िदन भर उस पर छाया करे गा, और वह उसके क ों के बीच रहा करता
है ।।
13 िफर यूसुफ के िवषय म उसने कहा; इसका दे श यहोवा से आशीष पाए अथात आकाश के अनमोल पदाथ और ओस, और वह गिहरा जल जो नीचे है,
14 और सू य के पकाए ए अनमोल फल, और जो अनमोल पदाथ चं मा के उगाए उगते ह,
15 और ाचीन पहाड़ों के उ म पदाथ, और सनातन पहािडय़ों के अनमोल पदाथ,
16 और पृ ी और जो अनमोल पदाथ उस म भरे ह, और जो झाड़ी म रहता था उसकी स ता। इन सभों के िवषय म यू सुफ के िसर पर, अथात उसी के िसर के चांद पर जो अपने
भाइयों से ारा आ था आशीष ही आशीष फले।।
17 वह तापी है , मानो गाय का पिहलौठा है, और उसके सी ंग बनैले बैल के से ह; उन से वह दे श दे श के लोगों को, वरन पृ ी के छोर तक के सब मनु ों को ढकेले गा; वे ए ै म के
लाखों लाख, और मन े के हजारों हजार ह।।
18 िफर जबूलून के िवषय म उसने कहा, हे जबूलून, तू बाहर िनकलते समय, और हे इ ाकार, तू अपने डे रों म आन करे ।।
19 वे दे श दे श के लोगों को पहाड़ पर बुलाएं गे; वे वहां धमय करगे; ोंिक वे समु का धन, और बालू के िछपे ए अनमोल पदाथ से लाभ उठाएं गे।।
20 िफर गाद के िवषय म उसने कहा, ध वह है जो गाद को बढ़ाता है ! गाद तो िसंहनी के समान रहता है , और बां ह को, वरन िसर के चांद तक को फाड़ डालता है।।
21 और उसने पिहला अंश तो अपने िलये चुन िलया, ोंिक वहां रईस के यो भाग रखा आ था; तब उसने जा के मु मु पु षों के संग आकर यहोवा का ठहराया आ धम,
और इ ाएल के साथ हो कर उसके िनयम का ितपालन िकया।।
22 िफर दान के िवषय म उसने कहा, दान तो बाशान से कूदने वाला िसं ह का ब ा है ।।
23 िफर न ाली के िवषय म उसने कहा, हे न ाली, तू जो यहोवा की स ता से तृ , और उसकी आशीष से भरपू र है , तू प म और द न के दे श का अिधकारी हो।।
24 िफर आशेर के िवषय म उसने कहा, आशेर पु ों के िवषय म आशीष पाए; वह अपने भाइयों म ि य रहे , और अपना पांव तेल म डु बोए।।
25 तेरे जू ते लोहे और पीतल के होंगे, और जैसे तेरे िदन वैसी ही तेरी श हो।।
26 हे यशू न, ई र के तु और कोई नही ं है, वह तेरी सहायता करने को आकाश पर, और अपना ताप िदखाता आ आकाशम ल पर सवार हो कर चलता है।।
27 अनािद परमे र तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भु जाएं ह। वह श ुओं को ते रे सा ने से िनकाल दे ता, और कहता है, उन को स ानाश कर दे ।।
28 और इ ाएल िनडर बसा रहता है, अ और नये दाखमधु के दे श म याकूब का सोता अकेला ही रहता है; और उसके ऊपर के आकाश से ओस पड़ा करती है।।
29 हे इ ाएल, तू ा ही ध है! हे यहोवा से उ ार पाई ई जा, ते रे तु कौन है ? वह तो तेरी सहायता के िलये ढाल, और तेरे ताप के िलये तलवार है; तेरे श ु तुझे सराहगे , और तू
उनके ऊंचे थानों को रौंदेगा।।
व थािववरण 34
1 िफर मूसा मोआब के अराबा से नबो पहाड़ पर, जो िपसगा की एक चोटी और यरीहो के सा ने है , चढ़ गया; और यहोवा ने उसको दान तक का िगलाद नाम सारा दे श,
2 और न ाली का सारा दे श, और ए ैम और मन े का दे श, और प म के समु तक का य दा का सारा दे श,
3 और द न दे श, और सोअर तक की यरीहो नाम खजू र वाले नगर की तराई, यह सब िदखाया।
4 तब यहोवा ने उस से कहा, िजस दे श के िवषय म म ने इ ाहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, िक म इसे तेरे वंश को दू ं गा वह यही है। म ने इस को तु झे सा ात
िदखला िदया है, पर ु तू पार हो कर वहां जाने न पाएगा।
5 तब यहोवा के कहने के अनुसार उसका दास मूसा वहीं मोआब दे श म मर गया,
6 और उसने उसे मोआब के दे श म बेतपोर के सा ने एक तराई म िम ी दी; और आज के िदन तक कोई नहीं जानता िक उसकी क कहां है।
7 मू सा अपनी मृ ु के समय एक सौ बीस वष का था; पर ु न तो उसकी आं ख धुंधली पड़ी ं, और न उसका पौ ष घटा था।
8 और इ ाएली मोआब के अराबा म मूसा के िलये तीस िदन तक रोते रहे; तब मू सा के िलये रोने और िवलाप करने के िदन पूरे ए।
9 और नून का पु यहोशू बु मानी की आ ा से प रपूण था, ोंिक मूसा ने अपने हाथ उस पर रखे थे; और इ ाएली उस आ ा के अनुसार जो यहोवा ने मूसा को दी थी उसकी मानते
रहे ।
10 और मू सा के तु इ ाएल म ऐसा कोई नबी नही ं उठा, िजस से यहोवा ने आ ने-सा ने बात की ं,
11 और उसको यहोवा ने िफरौन और उसके सब कमचा रयों के सा ने , और उसके सारे दे श म, सब िच और चम ार करने को भेजा था,
12 और उसने सारे इ ाएिलयों की ि म बलव हाथ और बड़े भय के काम कर िदखाए।।
यहोशू 1
1 यहोवा के दास मूसा की मृ ु के बाद यहोवा ने उसके से वक यहोशू से जो नू न का पु था कहा,
2 मे रा दास मू सा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बा , और इस सारी जा समे त यरदन पार हो कर उस दे श को जा िजसे म उन को अथात इ ाएिलयों को दे ता ं।
3 उस वचन के अनुसार जो म ने मूसा से कहा, अथात िजस िजस थान पर तुम पां व धरोगे वह सब म तु े दे दे ता ं ।
4 जं गल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूया की ओर महासमु तक िहि यों का सारा दे श तु ारा भाग ठहरे गा।
5 तेरे जीवन भर कोई तेरे सा ने ठहर न सकेगा; जैसे म मूसा के सं ग रहा वैसे ही तेरे सं ग भी र ं गा; और न तो म तुझे धोखा दू ं गा, और न तुझ को छोडूंगा।
6 इसिलये िहयाव बा कर ढ़ हो जा; ोंिक िजस दे श के दे ने की शपथ म ने इन लोगों के पूवजों से खाई थी उसका अिधकारी तू इ करे गा।
7 इतना हो िक तू िहयाव बा कर और ब त ढ़ हो कर जो व था मेरे दास मू सा ने तु झे दी है उन सब के अनु सार करने म चौकसी करना; और उस से न तो दािहने मु ड़ना और न
बां ए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा।
8 व था की यह पु क तेरे िच से कभी न उतरने पाए, इसी म िदन रात ान िदए रहना, इसिलये िक जो कुछ उस म िलखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे ; ोंिक ऐसा
ही करने से ते रे सब काम सफल होंगे, और तू भावशाली होगा।
9 ा म ने तुझे आ ा नही ं दी? िहयाव बा कर ढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन क ा न हो; ोंिक जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमे र यहोवा तेरे संग रहेगा।।
10 तब यहोशू ने जा के सरदारों को यह आ ा दी,
11 िक छावनी म इधर उधर जा कर जा के लोगों को यह आ ा दो, िक अपने अपने िलये भोजन तै यार कर रखो; ोंिक तीन िदन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस
दे श को अपने अिधकार म लेने के िलये जाना है िजसे तु ारा परमे र यहोवा तु ारे अिधकार म दे ने वाला है।।
12 िफर यहोशू ने बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गो के लोगों से कहा,
13 जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी, िक तु ारा परमे र यहोवा तु िव ाम दे ता है , और यही दे श तु दे गा, उसकी सुिध करो।
14 तु ारी यां , बाल-ब े, और पशु तो इस दे श म रह जो मू सा ने तु यरदन के इसी पार िदया, पर ु तु म जो शूरवीर हो पांित बा े ए अपने भाइयों के आगे आगे पार उतर चलो,
और उनकी सहायता करो;
15 और जब यहोवा उन को ऐसा िव ाम दे गा जैसा वह तु दे चुका है , और वे भी तु ारे परमे र यहोवा के िदए ए दे श के अिधकारी हो जाएं गे; तब तुम अपने अिधकार के दे श म, जो
यहोवा के दास मू सा ने यरदन के इस पार सूय दय की ओर तु िदया है , लौटकर इसके अिधकारी होगे ।
16 तब उ ोंने यहोशू को उ र िदया, िक जो कुछ तू ने हम करने की आ ा दी है वह हम करगे, और जहां कही ं तू हम भेजे वहां हम जाएं गे।
17 जैसे हम सब बातों म मूसा की मानते थे वैसे ही तेरी भी माना करगे ; इतना हो िक ते रा परमे र यहोवा जै सा मूसा के संग रहता था वैसे ही तेरे संग भी रहे।
18 कोई ों न हो जो ते रे िव बलवा करे , और िजतनी आ ाएं तू दे उन को न माने, तो वह मार डाला जाएगा। पर ु तू ढ़ और िहयाव बा े रह।।
यहोशू 2
1 तब नून के पु यहोशू ने दो भे िदयों को िश ीम से चुपके से भेज िदया, और उन से कहा, जा कर उस दे श और यरीहो को दे खो। तुर वे चल िदए, और राहाब नाम िकसी वे ा के
घर म जा कर सो गए।
2 तब िकसी ने यरीहो के राजा से कहा, िक आज की रात कई एक इ ाएली हमारे दे श का भे द ले ने को यहां आए ए ह।
3 तब यरीहो के राजा ने राहाब के पास यों कहला भेजा, िक जो पु ष तेरे यहां आए ह उ बाहर ले आ; ोंिक वे सारे दे श का भेद लेने को आए ह।
4 उस ी ने दोनों पु षों को िछपा रखा; और इस कार कहा, िक मेरे पास कई पु ष आए तो थे , पर ु म नहीं जानती िक वे कहां के थे;
5 और जब अ े रा आ, और फाटक ब होने लगा, तब वे िनकल गए; मुझे मालूम नही ं िक वे कहां गए; तुम फुत कर के उनका पीछा करो तो उ जा पकड़ोगे।
6 उसने उन को घर की छत पर चढ़ाकर सनई की लकिडय़ों के नीचे िछपा िदया था जो उसने छत पर सजा कर रखी थी।
7 वे पु ष तो यरदन का माग ले उनकी खोज म घाट तक चले गए; और ोंही उन को खोजने वाले फाटक से िनकले ोंही फाटक ब िकया गया।
8 और ये ले टने न पाए थे िक वह ी छत पर इनके पास जा कर
9 इन पु षों से कहने लगी, मुझे तो िन य है िक यहोवा ने तुम लोगों को यह दे श िदया है, और तु ारा भय हम लोगों के मन म समाया है, और इस दे श के सब िनवासी तु ारे कारण
घबरा रहे ह।
10 ोंिक हम ने सु ना है िक यहोवा ने तु ारे िम से िनकलने के समय तु ारे सा ने लाल समु का जल सु खा िदया। और तुम लोगों ने सीहोन और ओग नाम यरदन पार रहने वाले
एमो रयों के दोनों राजाओं को स ानाश कर डाला है।
11 और यह सु नते ही हमारा मन िपघल गया, और तु ारे कारण िकसी के जी म जी न रहा; ोंिक तु ारा परमे र यहोवा ऊपर के आकाश का और नीचे की पृ ी का परमे र है।
12 अब म ने जो तु म पर दया की है, इसिलये मुझ से यहोवा की शपथ खाओ िक तु म भी मेरे िपता के घराने पर दया करोगे , और इसकी स ी िच ानी मुझे दो,
13 िक तु म मे रे माता-िपता, भाइयों और बिहनों को, और जो कुछ उनका है उन सभों को भी जीिवत रख छोड़ो, और हम सभों का ाण मरने से बचाओगे।
14 तब उन पु षों ने उस से कहा, यिद तू हमारी यह बात िकसी पर गट न करे , तो तु ारे ाण के बदले हमारा ाण जाए; और जब यहोवा हम को यह दे श दे गा, तब हम तेरे साथ
कृपा और स ाई से बताव करगे।
15 तब राहाब िजसका घर शहरपनाह पर बना था, और वह वही ं रहती थी ं, उसने उन को खड़की से र ी के बल उतार के नगर के बाहर कर िदया।
16 और उसने उन से कहा, पहाड़ को चले जाओ, ऐसा न हो िक खोजने वाले तु म को पाएं ; इसिलये जब तक तु ारे खोजने वाले लौट न आएं तब तक, अथात तीन िदन वहीं िछपे रहता,
उसके बाद अपना माग लेना।
17 उ ोंने उस से कहा, जो शपथ तू ने हम को खलाई है उसके िवषय म हम तो िनद ष रहगे ।
18 तुम, जब हम लोग इस दे श म आएं गे, तब िजस खड़की से तू ने हम को उतारा है उस म यही लाल रं ग के सू त की डोरी बा दे ना; और अपने माता िपता, भाइयों, वरन अपने िपता
के घराने को इसी घर म अपने पास इक ा कर रखना।
19 तब जो कोई तेरे घर के ार से बाहर िनकले, उसके खून का दोष उसी के िसर पड़े गा, और हम िनद ष ठहरगे : पर ु यिद तेरे संग घर म रहते ए िकसी पर िकसी का हाथ पड़े , तो
उसके खू न का दोष हमारे िसर पर पड़े गा।
20 िफर यिद तू हमारी यह बात िकसी पर गट करे , तो जो शपथ तू ने हम को खलाई है उस से हम िनब ठहरगे ।
21 उसने कहा, तु ारे वचनों के अनु सार हो। तब उसने उन को िवदा िकया, और वे चले गए; और उसने लाल रं ग की डोरी को खड़की म बा िदया।
22 और वे जा कर पहाड़ तक प ंचे, और वहां खोजने वालों के लौटने तक, अथात तीन िदन तक रहे ; और खोजने वाले उन को सारे माग म ढूंढ़ते रहे और कही ं न पाया।
23 तब वे दोनों पु ष पहाड़ से उतरे , और पार जा कर नून के पु यहोशू के पास प ं चकर जो कुछ उन पर बीता था उसका वणन िकया।
24 और उ ोंने यहोशू से कहा, िनस े ह यहोवा ने वह सारा दे श हमारे हाथ म कर िदया है; िफर इसके िसवाय उसके सारे िनवासी हमारे कारण घबरा रहे ह।।
यहोशू 3
1 िबहान को यहोशू सबेरे उठा, और सब इ ाएिलयों को साथ ले िश ीम से कूच कर यरदन के िकनारे आया; और वे पार उतरने से पिहले वहीं िटक गए।
2 और तीन िदन के बाद सरदारों ने छावनी के बीच जा कर
3 जा के लोगों को यह आ ा दी, िक जब तुम को अपने परमे र यहोवा की वाचा का स दू क और उसे उठाए ए ले वीय याजक भी दे ख पड़, तब अपने थान से कूच कर के उसके
पीछे पीछे चलना,
4 पर ु उसके और तु ारे बीच म दो हजार हाथ के अटकल अ र रहे; तुम स दू क के िनकट न जाना। तािक तुम दे ख सको, िक िकस माग से तुम को चलना है, ोंिक अब तक तु म
इस माग पर हो कर नहीं चले।
5 िफर यहोशू ने जा के लोगों से कहा, तुम अपने आप को पिव करो; ोंिक कल के िदन यहोवा तु ारे म म आ यकम करे गा।
6 तब यहोशू ने याजकों से कहा, वाचा का स दू क उठा कर जा के आगे आगे चलो। तब वे वाचा का स दू क उठा कर आगे आगे चले।
7 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, आज के िदन से म सब इ ाएिलयों के स ुख ते री शंसा करना आर क ं गा, िजस से वे जान ल िक जैसे म मूसा के संग रहता था वैसे ही म तेरे सं ग
भी ं ।
8 और तू वाचा के स दू क के उठाने वाले याजकों को यह आ ा दे , िक जब तुम यरदन के जल के िकनारे प ं चो, तब यरदन म खड़े रहना।।
9 तब यहोशू ने इ ाएिलयों से कहा, िक पास आकर अपने परमे र यहोवा के वचन सु नो।
10 और यहोशू कहने लगा, िक इस से तुम जान लोगे िक जीिवत ई र तु ारे म म है , और वह तु ारे सामहने से िन:स े ह कनािनयों, िहि यों, िह यों, प र यों, िगगािशयों,
एमो रयों, और यबू िसयों को उनके दे श म से िनकाल दे गा।
11 सु नो, पृ ी भर के भु की वाचा का स दू क तु ारे आगे आगे यरदन म जाने पर है ।
12 इसिलये अब इ ाएल के गो ों म से बारह पु षों को चु न लो, वे एक एक गो म से एक पु ष हो।
13 और िजस समय पृ ी भर के भु यहोवा की वाचा का स दू क उठाने वाले याजकों के पांव यरदन के जल म पड़गे , उस समय यरदन का ऊपर से बहता आ जल थम जाएगा, और
ढे र हो कर ठहरा रहे गा।
14 सो जब जा के लोगों ने अपने डे रों से यरदन पार जाने को कूच िकया, और याजक वाचा का स दू क उठाए ए जा के आगे आगे चले,
15 और स दू क के उठाने वाले यरदन पर प ंचे, और स दू क के उठाने वाले याजकों के पांव यरदन के तीर के जल म डूब गए (यरदन का जल तो कटनी के समय के सब िदन कड़ारों
के ऊपर ऊपर बहा करता है),
16 तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह ब त दू र, अथात आदाम नगर के पास जो सारतान के िनकट है ककर एक ढे र हो गया, और दीवार सा उठा रहा, और जो जल
अराबा का ताल, जो खारा ताल भी कहलाता है, उसकी ओर बहा जाता था, वह पू री रीित से सू ख गया; और जा के लाग यरीहो के सा ने पार उतर गए।
17 और याजक यहोवा की वाचा का स दू क उठाए ए यरदन के बीचोंबीच प ं चकर थल पर थर खड़े रहे , और सब इ ाएली थल ही थल पार उतरते रहे, िनदान उस सारी जाित
के लोग यरदन पार हो गए।।
यहोशू 4
1 जब उस सारी जाित के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा,
2 जा म से बारह पु ष, अथात गो पीछे एक एक पु ष को चुनकर यह आ ा दे ,
3 िक तुम यरदन के बीच म, जहां याजकों ने पांव धरे थे वहां से बारह प र उठा कर अपने साथ पार ले चलो, और जहां आज की रात पड़ाव होगा वहीं उन को रख दे ना।
4 तब यहोशू ने उन बारह पु षों को, िज उसने इ ाएिलयों के े क गो म से छां टकर ठहरा रखा था,
5 बु लवाकर कहा, तु म अपने परमे र यहोवा के स दू क के आगे यरदन के बीच म जा कर इ ाएिलयों के गो ों की िगनती के अनुसार एक एक प र उठा कर अपने अपने क े पर
रखो,
6 िजस से यह तु म लोगों के बीच िच ानी ठहरे , और आगे को जब तु ारे बेटे यह पूछ, िक इन प रों का ा मतलब है?
7 तब तुम उ उ र दो, िक यरदन का जल यहोवा की वाचा के स दू क के सा ने से दो भाग हो गया था; ोंिक जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया।
सो वे प र इ ाएल को सदा के िलये रण िदलाने वाले ठहरगे।
8 यहोशू की इस आ ा के अनुसार इ ाएिलयों ने िकया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उ ोंने इ ाएिलयों ने िकया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उ ोंने इ ाएली
गो ों की िगनती के अनुसार बारह प र यरदन के बीच म से उठा िलये; और उन को अपने साथ ले जा कर पड़ाव म रख िदया।
9 और यरदन के बीच जहां याजक वाचा के स दू क को उठाए ए अपने पां व धरे थे वहां यहोशू ने बारह प र खड़े कराए; वे आज तक वही ं पाए जाते ह।
10 और याजक स दू क उठाए ए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बात पूरी न हो चु कीं, िज यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आ ा दी थी। तब सब लोग
फुत से पार उतर गए;
11 और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का स दू क भी उनके दे खते पार ए।
12 और बे नी, गादी, और मन े के आधे गो के लोग मू सा के कहने के अनु सार इ ाएिलयों के आगे पांित बा े ए पार गए;
13 अथात कोई चालीस हजार पु ष यु के हिथयार बा े ए सं ाम करने के िलये यहोवा के सा ने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा म प ंचे।
14 उस िदन यहोवा ने सब इ ाएिलयों के सा ने यहोशू की मिहमा बढ़ाई; और जैसे वे मू सा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे।।
15 और यहोवा ने यहोशू से कहा,
16 िक सा ी का स दू क उठाने वाले याजकों को आ ा दे िक यरदन म से िनकल आएं ।
17 तो यहोशू ने याजकों को आ ा दी, िक यरदन म से िनकल आओ।
18 और ोंही यहोवा की वाचा का स दू क उठाने वाले याजक यरदन के बीच म से िनकल आए, और उनके पांव थल पर पड़े , ोंही यरदन का जल अपने थान पर आया, और पिहले
की नाईं कड़ारो के ऊपर िफर बहने लगा।
19 पिहले मिहने के दसव िदन को जा के लोगों ने यरदन म से िनकलकर यरीहो के पू व िसवाने पर िगलगाल म अपने डे रे डाले।
20 और जो बारह प र यरदन म से िनकाले गए थे, उन को यहोशू ने िगलगाल म खड़े िकए।
21 तब उसने इ ाएिलयों से कहा, आगे को जब तु ारे लड़के-बाले अपने अपने िपता से यह पू छ, िक इन प रों का ा मतलब है?
22 तब तुम यह कहकर उन को बताना, िक इ ाएली यरदन के पार थल ही थल चले आए थे ।
23 ोंिक जैसे तु ारे परमे र यहोवा ने लाल समु को हमारे पार हो जाने तक हमारे सा ने से हटाकर सु खा रखा था, वैसे ही उसने यरदन का भी जल तु ारे पार हो जाने तक
तु ारे सा ने से हटाकर सुखा रखा;
24 इसिलये िक पृ ी के सब दे शों के लोग जान ल िक यहोवा का हाथ बलव है ; और तु म सवदा अपने परमे र यहोवा का भय मानते रहो।।
यहोशू 5
1 जब यरदन के प म की ओर रहने वाले एमो रयों के सब राजाओं ने, और समु के पास रहने वाले कनािनयों के सब राजाओं ने यह सुना, िक यहोवा ने इ ाएिलयों के पार होने तक
उनके सा ने से यरदन का जल हटाकर सुखा रखा है, तब इ ाएिलयों के डर के मारे उनका मन घबरा गया, और उनके जी म जी न रहा।।
2 उस समय यहोवा ने यहोशू से कहा, चकमक की छु रयां बनवाकर दू सरी बार इ ाएिलयों का खतना करा द।
3 तब यहोशू ने चकमक की छु रयां बनवाकर खलिडय़ां नाम टीले पर इ ाएिलयों का खतना कराया।
4 और यहोशू ने जो खतना कराया, इसका कारण यह है, िक िजतने यु के यो पु ष िम से िनकले थे वे सब िम से िनकलने पर जंगल के माग म मर गए थे।
5 जो पु ष िम से िनकले थे उन सब का तो खतना हो चु का था, पर ु िजतने उनके िम से िनकलने पर जं गल के माग म उ ए उन म से िकसी का खतना न आ था।
6 ोंिक इ ाएली तो चालीस वष तक जंगल म िफरते रहे , जब तक उस सारी जाित के लोग, अथात िजतने यु के यो लोग िम से िनकले थे वे नाश न हो गए, ोंिक उ ोंने यहोवा
की न मानी थी; सो यहोवा ने शपथ खाकर उन से कहा था, िक जो दे श म ने तु ारे पू वजों से शपथ खाकर तु दे ने को कहा था, और उस म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह, वह दे श
म तु म को नही ं िदखाने का।
7 तो उन लोगों के पु िजन को यहोवा ने उनके थान पर उ िकया था, उनका खतना यहोशू से कराया, ोंिक माग म उनके खतना न होने के कारण वे खतनारिहत थे ।
8 और जब उस सारी जाित के लोगों का खतना हो चुका, तब वे चंगे हो जाने तक अपने अपने थान पर छावनी म रहे ।
9 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, तु ारी नामधराई जो िमि यों म ई है उसे म ने आज दू र की है । इस कारण उस थान का नाम आज के िदन तक िगलगाल पड़ा है।।
10 सो इ ाएली िगलगाल म डे रे डाले ए रहे, और उ ोंने यरीहो के पास के अराबा म पू णमासी की स ा के समय फसह माना।
11 और फसह के दू सरे िदन वे उस दे श की उपज म से अखमीरी रोटी और उसी िदन से भु ना आ दाना भी खाने लगे ।
12 और िजस िदन वे उस दे श की उपज म से खाने लगे, उसी िदन िबहान को म ा ब हो गया; और इ ाएिलयों को आगे िफर कभी म ा न िमला, पर ु उस वष उ ोंने कनान दे श
की उपज म से खाई।।
13 जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आं ख उठाई, और ा दे खा, िक हाथ म नं गी तलवार िलये ए एक पु ष सा ने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जा कर पू छा,
ा तू हमारी ओर का है, वा हमारे बै रयों की ओर का?
14 उसने उ र िदया, िक नहीं; म यहोवा की सेना का धान हो कर अभी आया ं। तब यहोशू ने पृ ी पर मुं ह के बल िगरकर द वत िकया, और उस से कहा, अपने दास के िलये मेरे
भु की ा आ ा है?
15 यहोवा की सेना के धान ने यहोशू से कहा, अपनी जू ती पां व से उतार डाल, ोंिक िजस थान पर तू खड़ा है वह पिव है। तब यहोशू ने वैसा ही िकया।।
यहोशू 6
1 और यरीहो के सब फाटक इ ाएिलयों के डर के मारे लगातार ब रहे , और कोई बाहर भीतर आने जाने नही ं पाता था।
2 िफर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, म यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश म कर दे ता ं ।
3 सो तुम म िजतने यो ा ह नगर को घेर ल, और उस नगर के चारों ओर एक बार घूम आएं । और छ: िदन तक ऐसा ही िकया करना।
4 और सात याजक स दू क के आगे आगे जुबली के सात नरिसं गे िलये ए चल; िफर सातव िदन तुम नगर के चारों ओर सात बार घूमना, और याजक भी नरिसं गे फूंकते चल।
5 और जब वे जु बली के नरिसंगे दे र तक फूंकते रह, तब सब लोग नरिसंगे का श सुनते ही बड़ी िन से जयजयकार कर; तब नगर की शहरपनाह नेव से िगर जाएगी, और सब लोग
अपने अपने सा ने चढ़ जाएं ।
6 सो नून के पु यहोशू ने याजकों को बुलवाकर कहा, वाचा के स दू क को उठा लो, और सात याजक यहोवा के स दू क के आगे आगे जुबली के सात नरिसंगे िलये चल।
7 िफर उसने लोगों से कहा, आगे बढ़कर नगर के चारों ओर घूम आओ; और हिथयारब पु ष यहोवा के स दू क के आगे आगे चल।
8 और जब यहोशू ये बात लोगों से कह चु का, तो वे सात याजक जो यहोवा के सा ने सात नरिसं गे िलये ए थे नरिसं गे फूंकते ए चले, और यहोवा की वाचा का स दू क उनके पीछे पीछे
चला।
9 और हिथयारब पु ष नरिसंगे फूंकने वाले याजकों के आगे आगे चले, और पीछे वाले स दू क के पीछे पीछे चले , और याजक नरिसंगे फूंकते ए चले।
10 और यहोशू ने लोगों को आ ा दी, िक जब तक म तु जयजयकार करने की आ ा न दू ं , तब तक जयजयकार न करो, और न तु ारा कोई श सुनने म आए, न कोई बात तु ारे
मुंह से िनकलने पाए; आ ा पाते ही जयजयकार करना।
11 उसने यहोवा के स दू क को एक बार नगर के चारों ओर घुमवाया; तब वे छावनी म आए, और रात वही ं काटी।।
12 िबहान को यहोशू सबेरे उठा, और याजकों ने यहोवा का स दू क उठा िलया।
13 और उन सात याजकों ने जुबली के सात नरिसंगे िलये और यहोवा के स दू क के आगे आगे फूंकते ए चले ; और उनके आगे हिथयारब पु ष चले, और पीछे वाले यहोवा के
स दू क के पीछे पीछे चले, और याजक नरिसंगे फूंकते चले गए।
14 इस कार वे दू सरे िदन भी एक बार नगर के चारों ओर घूमकर छावनी म लौट आए। और इसी कार उ ोंने छ: िदन तक िकया।
15 िफर सातव िदन वे भोर को बड़े तड़के उठ कर उसी रीित से नगर के चारों ओर सात बार घू म आए; केवल उसी िदन वे सात बार घू मे।
16 तब सातवी ं बार जब याजक नरिसंगे फूंकते थे, तब यहोशू ने लोगों से कहा, जयजयकार करो; ोंिक यहोवा ने यह नगर तु दे िदया है।
17 और नगर और जो कुछ उस म है यहोवा के िलये अपण की व ु ठहरे गी; केवल राहाब वे ा और िजतने उसके घर म होंवे जीिवत छोड़े जाएं गे, ोंिक उसने हमारे भेजे ए दू तों
को िछपा रखा था।
18 और तुम अपण की ई व ुओं से सावधानी से अपने आप को अलग रखो, ऐसा न हो िक अपण की व ु ठहराकर पीछे उसी अपण की व ु म से कुछ ले लो, और इस कार
इ ाएली छावनी को कर के उसे क म डाल दो।
19 सब चां दी, सोना, और जो पा पीतल और लोहे के ह, वे यहोवा के िलये पिव ह, और उसी के भ ार म रखे जाएं ।
20 तब लोगों ने जयजयकार िकया, और याजक नरिसंगे फूंकते रहे । और जब लोगों ने नरिसं गे का श सुना तो िफर बड़ी ही िन से उ ोंने जयजयकार िकया, तब शहरपनाह नेव से
िगर पड़ी, और लोग अपने अपने सा ने से उस नगर म चढ़ गए, और नगर को ले िलया।
21 और ा पु ष, ा ी, ा जवान, ा बूढ़े, वरन बै ल, भेड़-बकरी, गदहे, और िजतने नगर म थे, उन सभों को उ ोंने अपण की व ु जानकर तलवार से मार डाला।
22 तब यहोशू ने उन दोनों पु षों से जो उस दे श का भेद लेने गए थे कहा, अपनी शपथ के अनुसार उस वे ा के घर म जा कर उसको और जो उसके पास हों उ भी िनकाल ले
आओ।
23 तब वे दोनों जवान भेिदए भीतर जा कर राहाब को, और उसके माता-िपता, भाइयों, और सब को जो उसके यहां रहते थे , वरन उसके सब कुटु यों को िनकाल लाए, और इ ाएल
की छावनी से बाहर बैठा िदया।
24 तब उ ोंने नगर को, और जो कुछ उस म था, सब को आग लगाकर फूंक िदया; केवल चां दी, सोना, और जो पा पीतल और लोहे के थे, उन को उ ोंने यहोवा के भवन के भ ार
म रख िदया।
25 और यहोशू ने राहाब वे ा और उसके िपता के घराने को, वरन उसके सब लोगों को जीिवत छोड़ िदया; और आज तक उसका वंश इ ाएिलयों के बीच म रहता है, ोंिक जो दू त
यहोशू ने यरीहो के भेद लेने को भेजे थे उन को उसने िछपा रखा था।
26 िफर उसी समय यहोशू ने इ ाएिलयों के स ुख शपथ रखी, और कहा, िक जो मनु उठ कर इस नगर यरीहो को िफर से बनाए वह यहोवा की ओर से शािपत हो। जब वह उसकी
नेव डाले गा तब तो उसका जेठा पु मरे गा, और जब वह उसके फाटक लगावाएगा तब उसका छोटा पु मर जाएगा।
27 और यहोवा यहोशू के संग रहा; और यहोशू की कीित उस सारे दे श म फैल गई।।
यहोशू 7
1 पर ु इ ाएिलयों ने अपण की व ु के िवषय म िव ासघात िकया; अथात य दा के गो का आकान, जो जे रहवंशी ज ी का पोता और क का पु था, उसने अपण की व ु ओं म
से कुछ ले िलया; इस कारण यहोवा का कोप इ ाएिलयों पर भड़क उठा।।
2 और यहोशू ने यरीहो से ऐ नाम नगर के पास, जो बेतावेन से लगा आ बेतेल की पूव की ओर है , िकतने पु षों को यह कहकर भेजा, िक जा कर दे श का भेद ले आओ। और उन
पु षों ने जा कर ऐ का भेद िलया।
3 और उ ोंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं , कोई दो वा तीन हजार पु ष जा कर ऐ को जीत सकते ह; सब लोगों को वहां जाने का क न दे , ोंिक वे लोग थोड़े
ही ह।
4 इसिलये कोई तीन हजार पु ष वहां गए; पर ु ऐ के रहने वालों के सा ने से भाग आए,
5 तब ऐ के रहने वालों ने उन म से कोई छ ीस पु ष मार डाले , और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा कर के उतराई म उन को मारते गए। तब लोगों का मन िपघलकर
जल सा बन गया।
6 तब यहोशू ने अपने व फाड़े , और वह और इ ाएली वृ लोग यहोवा के स दू क के सा ने मुं ह के बल िगरकर पृ ी पर सांझ तक पड़े रहे; और उ ोंने अपने अपने िसर पर धूल
डाली।
7 और यहोशू ने कहा, हाय, भु यहोवा, तू अपनी इस जा को यरदन पार ों ले आया? ा हम एमो रयों के वश म कर के न करने के िलये ले आया है? भला होता िक हम सं तोष
कर के यरदन के उस पार रह जाते।
8 हाय, भु म ा क ं, जब इ ाएिलयों ने अपने श ुओं को पीठ िदखाई है!
9 ोंिक कनानी वरन इस दे श के सब िनवासी यह सुनकर हम को घेर लगे, और हमारा नाम पृ ी पर से िमटा डालगे ; िफर तू अपने बड़े नाम के िलये ा करे गा?
10 यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू ों इस भां ित मुं ह के बल पृ ी पर पड़ा है ?
11 इ ाएिलयों ने पाप िकया है; और जो वाचा म ने उन से अपने साथ ब ाई थी उसको उ ोंने तोड़ िदया है , उ ोंने अपण की व ु ओं म से ले िलया, वरन चोरी भी की, और छल कर
के उसको अपने सामान म रख िलया है।
12 इस कारण इ ाएली अपने श ुओं के सा ने खड़े नही ं रह सकते; वे अपने श ुओ ं को पीठ िदखाते ह, इसिलये िक वे आप अपण की व ु बन गए ह। और यिद तुम अपने म म से
अपण की व ु को स ानाश न कर डालोगे, तो म आगे को तु ारे संग नही ं र ंगा।
13 उठ, जा के लोगों को पिव कर, उन से कह; िक िबहान तक अपने अपने को पिव कर रखो; ोंिक इ ाएल का परमे र यहोवा यह कहता है, िक हे इ ाएल, तेरे म म अपण
की व ु है; इसिलये जब तक तू अपण की व ु को अपने म म से दू र न करे तब तक तू अपने श ुओ ं के सा ने खड़ा न रह सकेगा।
14 इसिलये िबहान को तुम गो गो के अनुसार समीप खड़े िकए जाओगे; और िजस गो को यहोवा पकड़े वह एक एक कुल कर के पास आए; और िजस कुल को यहोवा पकड़े सो
घराना घराना कर के पास आए; िफर िजस घराने को यहोवा पकड़े वह एक एक पु ष कर के पास आए।
15 तब जो पु ष अपण की व ु रखे ए पकड़ा जाएगा, वह और जो कुछ उसका हो सब आग म डालकर जला िदया जाए; ोंिक उसने यहोवा की वाचा को तोड़ा है, और इ ाएल म
अनु िचत कम िकया है।।
16 िबहान को यहोशू सवेरे उठ कर इ ाएिलयों को गो गो कर के समीप िलवा ले गया, और य दा का गो पकड़ा गया;
17 तब उसने य दा के प रवार को समीप िकया, और जेरहवंिशयों का कुल पकड़ा गया; िफर जे रहवंिशयों के घराने के एक एक पु ष को समीप लाया, और ज ी पकडा गया;
18 तब उसने उसके घराने के एक एक पु ष को समीप खड़ा िकया, और य दा गो का आकान, जो जेरहवंशी ज ी का पोता और क का पु था, पकड़ा गया।
19 तब यहोशू आकान से कहने लगा, हे मेरे बेटे, इ ाएल के परमे र यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अं गीकार कर; और जो कुछ तू ने िकया है वह मुझ को बता दे , और मु झ
से कुछ मत िछपा।
20 और आकान ने यहोशू को उ र िदया, िक सचमुच म ने इ ाएल के परमे र यहोवा के िव पाप िकया है , और इस कार म ने िकया है,
21 िक जब मुझे लू ट म िशनार दे श का एक सु र ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चांदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट दे ख पड़ी, तब म ने उनका लालच कर के उ रख िलया; वे मेरे
डे रे के भीतर भू िम म गड़े ह, और सब के नीचे चांदी है।
22 तब यहोशू ने दू त भेजे, और वे उस डे रे म दौड़े गए; और ा दे खा, िक वे व ुएं उसके डे रे म गड़ी ह, और सब के नीचे चांदी है।
23 उन को उ ोंने डे रे म से िनकाल कर यहोशू और सब इ ाएिलयों के पास लाकर यहोवा के सा ने रख िदया।
24 तब सब इ ाएिलयों समे त यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चांदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बे टे-बे िटयों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बक रयों
को, और उसके डे रे को, िनदान जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नाम तराई म ले गया।
25 तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हम ों क िदया है ? आज के िदन यहोवा तु झी को क दे गा। तब सब इ ाएिलयों ने उसको प रवाह िकया; और उन को आग म डालकर
जलाया, और उनके ऊपर प र डाल िदए।
26 और उ ोंने उसके ऊपर प रों का बड़ा ढे र लगा िदया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का आ कोप शा हो गया। इस कारण उस थान का नाम आज तक आ को र
तराई पड़ा है।।
यहोशू 8
1 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, मत डर, और तेरा मन क ा न हो; कमर बा कर सब यो ाओं को साथ ले , और ऐ पर चढ़ाई कर; सुन, म ने ऐ के राजा को उसकी जा और उसके
नगर और दे श समे त तेरे वश म िकया है।
2 और जै सा तू ने यरीहो और उसके राजा से िकया वैसा ही ऐ और उसके राजा के साथ भी करना; केवल तु म पशुओ ं समे त उसकी लूट तो अपने िलये ले सकोगे; इसिलये उस नगर के
पीछे की ओर अपने पु ष घात म लगा दो।
3 सो यहोशू ने सब यो ाओं समेत ऐ पर चढ़ाई करने की तैयारी की; और यहोशू ने तीस हजार पु षों को जो शूरवीर थे चुनकर रात ही को आ ा दे कर भेजा।
4 और उन को यह आ ा दी, िक सुनो, तुम उस नगर के पीछे की ओर घात लगाए बै ठे रहना; नगर से ब त दू र न जाना, और सब के सब तैयार रहना;
5 और म अपने सब सािथयों समेत उस नगर के िनकट जाऊंगा। और जब वे पिहले की नाईं हमारा सा ना करने को िनकल, तब हम उनके आगे से भागगे;
6 तब वे यह सोचकर, िक वे पिहले की भांित हमारे सा ने से भागे जाते ह, हमारा पीछा करगे ; इस कार हम उनके सा ने से भागकर उ नगर से दू र िनकाल ले जाएं गे ;
7 तब तुम घात म से उठ कर नगर को अपना कर लेना; ोंिक तु ारा परमे र यहोवा उसको तु ारे हाथ म कर दे गा।
8 और जब नगर को ले लो, तब उस म आग लगाकर फूंक दे ना, यहोवा की आ ा के अनु सार ही काम करना; सु नो, म ने तु आ ा दी है।
9 तब यहोशू ने उन को भेज िदया; और वे घात म बैठने को चले गए, और बेतेल और ऐ के म म और ऐ की पि म की ओर बैठे रहे; पर ु यहोशू उस रात को लोगों के बीच िटका
रहा।।
10 िबहान को यहोशू सवेरे उठा, ओर लोगों की िगनती ले कर इ ाएली वृ लोगों समे त लोगों के आगे आगे ऐ की ओर चला।
11 और उसके सं ग के सब यो ा चढ़ गए, और ऐ नगर के िनकट प ंचकर उसके सा ने उ र की ओर डे रे डाल िदए, और उनके और ऐ के बीच एक तराई थी।
12 तब उसने कोई पांच हजार पु ष चुनकर बेतेल और ऐ के म नगर की पि म की ओर उन को घात म बै ठा िदया।
13 और जब लोगों ने नगर की उ र ओर की सारी सेना को और उसकी पि म ओर घात म बै ठे ओं को भी िठकाने पर कर िदया, तब यहोशू उसी रात तराई के बीच गया।
14 जब ऐ के राजा ने यह दे खा, तब वे फुत कर के सवेरे उठे , और राजा अपनी सारी जा को ले कर इ ाएिलयों के सा ने उन से लड़ने को िनकलकर ठहराए ए थान पर जो
अराबा के सा ने है प ंचा; और वह नही ं जानता था िक नगर की िपछली और लोग घात लगाए बै ठे ह।
15 तब यहोशू और सब इ ाएली उन से मानो हार मानकर जंगल का माग ले कर भाग िनकले ।
16 तब नगर के सब लोग इ ाएिलयों का पीछा करने को पुकार पुकार के बुलाए गए; और वे यहोशू का पीछा करते ए नगर से दू र िनकल गए।
17 और न ऐ म और ने बेतेल म कोई पु ष रह गया, जो इ ाएिलयों का पीछा करने को न गया हो; और उ ोंने नगर को खु ला आ छोड़कर इ ाएिलयों का पीछा िकया।
18 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, अपने हाथ का बछा ऐ की ओर बढ़ा; ोंिक म उसे ते रे हाथ म दे दू ं गा। और यहोशू ने अपने हाथ के बछ को नगर की ओर बढ़ाया।
19 उसके हाथ बढ़ाते ही जो लोग घात म बैठे थे वे झटपट अपने थान से उठे , और दौड़कर नगर म वेश िकया और उसको ले िलया; और झटपट उस म आग लगा दी।
20 जब ऐ के पु षों ने पीछे की ओर िफरकर ि की, तो ा दे खा, िक नगर का धूआं आकाश की ओर उठ रहा है; और उन म न तो इधर भागने की श रही, और न उधर, और
जो लोग जं गल की ओर भागे जाते थे वे िफरकर अपने खदे ड़ने वालों पर टू ट पड़े ।
21 जब यहोशू और सब इ ाएिलयों ने दे खा िक घाितयों ने नगर को ले िलया, और उसका धूंआ उठ रहा है , तब घू मकर ऐ के पु षों को मारने लगे।
22 और उनका सा ना करने को दू सरे भी नगर से िनकल आए; सो वे इ ाएिलयों के बीच म पड़ गए, कुछ इ ाएली तो उनके आगे, और कुछ उनके पीछे थे; सो उ ोंने उन को यहां
तक मार डाला िक उन म से न तो कोई बचने और न भागने पाया।
23 और ऐ के राजा को वे जीिवत पकड़कर यहोशू के पास ले आए।
24 और जब इ ाएली ऐ के सब िनवािसयों मैदान म, अथात उस जंगल म जहां उ ोंने उनका पीछा िकया था घात कर चुके, और वे सब के सब तलवार से मारे गए यहां तक िक उनका
अ ही हो गया, तब सब इ ाएिलयों ने ऐ को लौटकर उसे भी तलवार से मारा।
25 और ी पु ष, सब िमलाकर जो उस िदन मारे गए वे बारह हजार थे , और ऐ के सब पु ष इतने ही थे ।
26 ोंिक जब तक यहोशू ने ऐ के सब िनवािसयों स ानाश न कर डाला तब तब उसने अपना हाथ, िजस से बछा बढ़ाया था, िफर न खी ंचा।
27 यहोवा की उस आ ा के अनुसार जो उसने यहोशू को दी थी इ ाएिलयों ने पशु आिद नगर की लूट अपनी कर ली।
28 तब यहोशू ने ऐ को फूंकवा िदया, और उसे सदा के िलये खंडहर कर िदया: वह आज तक उजाड़ पड़ा है ।
29 और ऐ के राजा को उसने सांझ तक वृ पर लटका रखा; और सूय डूबते डूबते यहोशू की आ ा से उसकी लोथ वृष पर से उतारकर नगर के फाटक के सा ने डाल दी गई, और
उस पर प रों का बड़ा ढे र लगा िदया, जो आज तक बना है।।
30 तब यहोशू ने इ ाएल के परमे र यहोवा के िलये एबाल पवत पर एक वेदी बनवाई,
31 जैसा यहोवा के दास मूसा ने इ ाएिलयों को आ ा दी थी, और जैसा मू सा की व था की पु क म िलखा है , उसने समूचे प रों की एक वेदी बनवाई िजस पर औजार नही ं चलाया
गया था। और उस पर उ ोंने यहोवा के िलये होम-बिल चढ़ाए, और मेलबिल िकए।
32 उसी थान पर यहोशू ने इ ाएिलयों के सा ने उन प रों के ऊपर मू सा की व था, जो उसने िलखी थी, उसकी नकल कराई।
33 और वे, ा दे शी ा परदे शी, सारे इ ाएली अपने वृ लोगों, सरदारों, और ािययों समे त यहोवा की वाचा का स दू क उठाने वाले लेवीय याजकों के सा ने उस स दू क के इधर
उधर खड़े ए, अथात आधे लोग तो िग र ीम पवत के, और आधे एबाल पवत के सा ने खड़े ए, जैसा िक यहोवा के दास मूसा ने पिहले आ ा दी थी, िक इ ाएली जा को आश वाद
िदए जाएं ।
34 उसके बाद उसने आशीष और शाप की व था के सारे वचन, जै से जै से व था की पु क म िलखे ए ह, वैसे वैसे पढ़ पढ़कर सुना िदए।
35 िजतनी बातों की मूसा ने आ ा दी थी, उन म से कोई ऐसी बात नहीं रह गई जो यहोशू ने इ ाएली की सारी सभा, और यों, और बाल-ब ों, और उनके साथ रहने वाले परदे शी
लोगों के सा ने भी पढ़कर न सुनाईं।।
यहोशू 9
1 यह सुनकर िह ी, एमोरी, कनानी, प र ी, िह ी, और यबू सी, िजतने राजा यरदन के इस पार पहाड़ी दे श म और नीचे के दे श म, और लबानोन के सा ने के महानगर के तट पर
रहते थे,
2 वे एक मन हो कर यहोशू और इ ाएिलयों से लड़ने को इक े ए।।
3 जब िगबोन के िनवािसयों ने सुना िक यहोशू ने यरीहो और ऐ से ा ा िकया है ,
4 तब उ ोंने छल िकया, और राजदू तों का भेष बनाकर अपने गदहों पर पुराने बोरे , और पु राने फटे , और जोड़े ए मिदरा के कु े लादकर
5 अपने पां वों म पु रानी गांठी ई जूितयां, और तन पर पुराने व पिहने, और अपने भोजन के िलये सू खी और फफूंदी लगी ई रोटी ले ली।
6 तब वे िगलगाल की छावनी म यहोशू के पास जा कर उस से और इ ाएली पु षों से कहने लगे , हम दू र दे श स आए ह; इसिलये अब तुम हम से वाचा बा ो।
7 इ ाएली पु षों ने उन िह यों से कहा, ा जाने तुम हमारे म म ही रहते हो; िफर हम तुम से वाचा कैसे बा े?
8 उ ोंने यहोशू से कहा, हम तेरे दास ह। तब यहोशू ने उन से कहा, तुम कौन हो? और कहां से आए हो?
9 उ ोंने उस से कहा, तेरे दास ब त दू र के दे श से तेरे परमे र यहोवा का नाम सु नकर आए ह; ोंिक हम ने यह सब सुना है, अथात उसकी कीित और जो कुछ उसने िम म िकया,
10 और जो कुछ उसने एमो रयों के दोनों राजाओं से िकया जो यरदन के उस पार रहते थे, अथात हे बोन के राजा सीहोन से, और बाशान के राजा ओग से जो अ ारोत म था।
11 इसिलये हमारे यहां के वृ लोगों ने और हमारे दे श के सब िनवािसयों ने हम से कहा, िक माग के िलये अपने साथ भोजनव ु ले कर उन से िमलने को जाओ, और उन से कहना, िक
हम तु ारे दास ह; इसिलये अब तुम हम से वाचा बा ो।
12 िजस िदन हम तु ारे पास चलने को िनकले उस िदन तो हम ने अपने अपने घर से यह रोटी गरम और ताजी ली थी; पर ु अब दे खो, यह सूख गई है और इस म फफूंदी लग गई है ।
13 िफर ये जो मिदरा के कु े हम ने भर िलये थे, तब तो नये थे , पर ु दे खो अब ये फट गए ह; और हमारे ये व और जू ितयां बड़ी ल ी या ा के कारण पुरानी हो गई ह।
14 तब उन पु षों ने यहोवा से िबना सलाह िलये उनके भोजन म से कुछ हण िकया।
15 तब यहोशू ने उन से मेल कर के उन से यह वाचा बा ी, िक तुम को जीिवत छोड़गे ; और म ली के धानों ने उन से शपथ खाई।
16 और उनके साथ वाचा बा ने के तीन िदन के बाद उन को यह समाचार िमला; िक वे हमारे पड़ोस के रहने वाले लोग ह, और हमारे ही म म बसे ह।
17 तब इ ाएली कूच कर के तीसरे िदन उनके नगरों को िजनके नाम िगबोन, कपीरा, बे रोत, और िकय ारीम है प ं च गए,
18 और इ ाएिलयों ने उन को न मारा, ोंिक म ली के धानों ने उनके संग इ ाएल के परमे र यहोवा की शपथ खाई थी। तब सारी म ली के लोग धानों के िव कुड़कुड़ाने
लगे।
19 तब सब धानों ने सारी म ली से कहा, हम ने उन से इ ाएल के परमे र यहोवा की शपथ खाई है, इसिलये अब उन को छू नहीं सकते।
20 हम उन से यही करगे, िक उस शपथ के अनुसार हम उन को जीिवत छोड़ दगे, नही ं तो हमारी खाई ई शपथ के कारण हम पर ोध पड़े गा
21 िफर धानों ने उन से कहा, वे जीिवत छोड़े जाएं । सो धानों के इस वचन के अनुसार वे सारी म ली के िलये लकड़हारे और पानी भरने वाले बने।
22 िफर यहोशू ने उन को बुलवाकर कहा, तुम तो हमारे ही बीच म रहते हो, िफर तु म ने हम से यह कहकर ों छल िकया है , िक हम तुम से ब त दू र रहते ह?
23 इसिलये अब तुम शािपत हो, और तुम म से ऐसा कोई न रहेगा जो दास, अथात मे रे परमे र के भवन के िलये लकड़हारा और पानी भरनेवाला न हो।
24 उ ोंने यहोशू को उ र िदया, ते रे दासों को यह िन य बतलाया गया था, िक तेरे परमे र यहोवा ने अपने दास मूसा को आ ा दी थी िक तुम को वह सारा दे श दे , और उसके सारे
िनवािसयों तु ारे सा ने से सवनाश करे ; इसिलये हम लोगों को तु ारे कारण से अपने ाणों के लाले पड़ गए, इसिलये हम ने ऐसा काम िकया।
25 और अब हम तेरे वश म ह, जैसा बताव तुझे भला लगे और ठीक जान पड़े , वैसा ही वहार हमारे साथ कर।
26 तब उसने उन से वैसा ही िकया, और उ इ ाएिलयों के हाथ से ऐसा बचाया, िक वे उ घात करने न पाए।
27 पर ु यहोशू ने उसी िदन उन को म ली के िलये, और जो थान यहोवा चु न ले उसम उसकी वेदी के िलये , लकड़हारे और पानी भरने वाले िनयु कर िदया, जैसा आज तक है ।।
यहोशू 10
1 जब य शले म के राजा अदोनीसेदेक ने सुना िक यहोशू ने ऐ को ले िलया, और उसको स ानाश कर डाला है, और जै सा उसने यरीहो और उसके राजा से िकया है, और यह भी सुना
िक िगबोन के िनवािसयों ने इ ाएिलयों से मे ल िकया, और उनके बीच रहने लगे ह,
2 तब वे िनपट डर गए, ोंिक िगबोन बड़ा नगर वरन राजनगर के तु और ऐ से बड़ा था, और उसके सब िनवासी शूरवीर थे।
3 इसिलये य शलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हे ोन के राजा होहाम, यमू त के राजा िपराम, लाकीश के राजा यापी, और ए ोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा,
4 िक मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम िगबोन को मार; ोंिक उसने यहोशू और इ ाएिलयों से मे ल कर िलया है।
5 इसिलये य शलेम, हे ोन, यमू त, लाकीश, और ए ोन के पां चों एमोरी राजाओं ने अपनी अपनी सारी सेना इक ी कर के चढ़ाई कर दी, और िगबोन के सा ने डे रे डालकर उस से
यु छे ड़ िदया।
6 तक िगबोन के िनवािसयों ने िगलगाल की छावनी म यहोशू के पास यों कहला भेजा, िक अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शी हमारे पास आकर हम बचा ले , और
हमारी सहायता कर; ोंिक पहाड़ पर रहने वाले एमो रयों के सब राजा हमारे िव इक े हए ह।
7 तब यहोशू सारे यो ाओं और सब शूरवीरों को संग ले कर िगलगाल से चल पड़ा।
8 और यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, ोंिक म ने उन को तेरे हाथ म कर िदया है ; उन म से एक पु ष भी ते रे सा ने िटक न सकेगा।
9 तब यहोशू रातोरात िगलगाल से जा कर एकाएक उन पर टू ट पड़ा।
10 तब यहोवा ने ऐसा िकया िक वे इ ाएिलयों से घबरा गए, और इ ाएिलयों ने िगबोन के पास उनका बड़ा संहार िकया, और बेथोरान के चढ़ाव पर उनका पीछा कर के अजे का और
म े दा तक उन को मारते गए।
11 िफर जब वे इ ाएिलयों के सा ने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका प ं चने तक यहोवा ने आकाश से बड़े बड़े प र उन पर बरसाए, और वे मर गए; जो ओलों
से मारे गए उनकी िगनती इ ाएिलयों की तलवार से मारे ओं से अिधक थी।।
12 और उस समय, अथात िजस िदन यहोवा ने एमो रयों को इ ाएिलयों के वश म कर िदया, उस िदन यहोशू ने यहोवा से इ ाएिलयों के दे खते इस कार कहा, हे सूय, तू िगबोन पर,
और हे च मा, तू अ ालोन की तराई के ऊपर थमा रह।।
13 और सू य उस समय तक थमा रहा; और च मा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाित के लोगों ने अपने श ुओ ं से पलटा न िलया।। ा यह बात याशार नाम पु क म नहीं
िलखी है िक सूय आकाशम ल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा?
14 न तो उस से पिहले कोई ऐसा िदन आ और न उसके बाद, िजस म यहोवा ने िकसी पु ष की सुनी हो; ोंिक यहोवा तो इ ाएल की ओर से लड़ता था।।
15 तब यहोशू सारे इ ाएिलयों समे त िगलगाल की छावनी को लौट गया।।
16 और वे पां चों राजा भागकर म े दा के पास की गुफा म जा िछपे।
17 तब यहोशू को यह समाचार िमला, िक पांचों राजा म े दा के पास की गुफा म िछपे ए हम िमले ह।
18 यहोशू ने कहा, गुफा के मुंह पर बड़े बड़े प र लुढ़काकर उनकी दे ख भाल के िलये मनु ों को उसके पास बैठा दो;
19 पर ु तु म मत ठहरो, अपने श ुओं का पीछा कर के उन म से जो जो िपछड़ गए ह उन को मार डालो, उ अपने अपने नगर म वेश करने का अवसर न दो; ोिक तु ारे
परमे र यहोवा ने उन को तु ारे हाथ म कर िदया है।
20 जब यहोशू और इ ाएली उनका संहार कर के नाश कर चु के, और उन म से जो बच गए वे अपने अपने गढ़ वाले नगर म घुस गए,
21 तब सब लोग म े दा की छावनी को यहोशू के पास कुशल- ेम से लौट आए; और इ ाएिलयों के िव िकसी ने जीभ तक न िहलाई।
22 तब यहोशू ने आ ा दी, िक गु फा का मुंह खोल कर उन पांचों राजाओं को मेरे पास िनकाल ले आओ।
23 उ ोंने ऐसा ही िकया, और य शलेम, हे ोन, यमू त, लाकीश, और ए ोन के उन पां चों राजओं को गुफा म से उसके पास िनकाल ले आए।
24 जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास िनकाल ले आए, तब यहोशू ने इ ाएल के सब पु षों को बु लाकर अपने साथ चलने वाले यो ाओं के धानों से कहा, िनकट आकर अपने
अपने पां व इन राजाओं की गदनों पर रखो। और उ ोंने िनकट जा कर अपने अपने पांव उनकी गदनों पर रखे ।
25 तब यहोशू ने उन से कहा, डरो मत, और न तु ारा मन क ा हो; िहयाव बा कर ढ़ हो; ोंिक यहोवा तु ारे सब श ुओ ं से िजन से तु म लड़ने वाले हो ऐसा ही करे गा।
26 इस के बाद यहोशू ने उन को मरवा डाला, और पांच वृ ों पर लटका िदया। और वे सांझ तक उन वृ ों पर लटके रहे ।
27 सू य डूबते डूबते यहोशू से आ ा पाकर लोगों ने उ उन वृ ों पर से उतार के उसी गुफा म जहां वे िछप गए थे डाल िदया, और उस गुफा के मुंह पर बड़े बड़े प र धर िदए, वे आज
तक वहीं धरे ए ह।।
28 उसी िदन यहोशू ने म े दा को ले िलया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा को स ानाश िकया; और िजतने ाणी उस म थे उन सभों म से िकसी को जीिवत न छोड़ा;
और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ िकया था वैसा ही म े दा के राजा से भी िकया।।
29 तब यहोशू सब इ ाएिलयों समे त म े दा से चलकर िल ा को गया, और िल ा से लड़ा।
30 और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इ ाएिलयों के हाथ मे कर िदया; और यहोशू ने उसको और उस म के सब ािणयों को तलवार से मारा; और उस म से िकसी को भी जीिवत न
छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही िकया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ िकया था।।
31 िफर यहोशू सब इ ाएिलयों समे त िल ा से चलकर लाकीश को गया, और उसके िव छावनी डालकर लड़ा;
32 और यहोवा ने लाकीश को इ ाएल के हाथ म कर िदया, और दू सरे िदन उसने उसको जीत िलया; और जैसा उसने िल ा के सब ािणयों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने
लाकीश से भी िकया।
33 तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने जा समे त उसको भी ऐसा मारा िक उसके िलये िकसी को जीिवत न छोड़ा।।
34 िफर यहोशू ने सब इ ाएिलयों समे त लाकीश से चलकर ए ोन को गया; और उसके िव छावनी डालकर यु करने लगा;
35 और उसी िदन उ ोंने उसको ले िलया, और उसको तलवार से मारा; और उसी िदन जै सा उसने लाकीश के सब ािणयों को स ानाश कर डाला था वैसा ही उसने ए ोन से भी
िकया।।
36 िफर यहोशू सब इ ाएिलयों समे त ए ोन से चलकर हे ोन को गया, और उस से लड़ने लगा;
37 और उ ोंने उसे ले िलया, और उसको और उसके राजा और सब गावों को और उन म के सब ािणयों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने ए ोन से िकया था वैसा ही उसने हे ोन
म भी िकसी को जीिवत न छोड़ा; उसने उसको और उस म के सब ािणयों को स ानाश कर डाला।।
38 तब यहोशू सब इ ाएिलयों समे त घू मकर दबीर को गया, और उस से लड़ने लगा;
39 और राजा समेत उसे और उसके सब गांवों को ले िलया; और उ ोंने उन को तलवार से घात िकया, और िजतने ाणी उन म थे सब को स ानाश कर डाला; िकसी को जीिवत न
छोड़ा, जै सा यहोशू ने हे ोन और िल ा और उसके राजा से िकया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी िकया।।
40 इसी कार यहोशू ने उस सारे दे श को, अथात पहाड़ी दे श, द न दे श, नीचे के दे श, और ढालू दे श को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इ ाएल के परमे र यहोवा की आ ा
के अनुसार िकसी को जीिवत न छोड़ा, वरन िजतने ाणी थे सभों को स ानाश कर डाला।
41 और यहोशू ने कादे शबन से ले अ ा तक, और िगबोन तक के सारे गोशेन दे श के लोगों को मारा।
42 इन सब राजाओं को उनके दे शों समेत यहोशू ने एक ही समय म ले िलया, ोंिक इ ाएल का परमे र यहोवा इ ाएिलयों की ओर से लड़ता था।
43 तब यहोशू सब इ ाएिलयों समे त िगलगाल की छावनी म लौट आया।।
यहोशू 11
1 यह सुनकर हासोर के राजा याबीन ने मादोन के राजा योबाब, और िश ोन और अ ाप के राजाओं को,
2 और जो जो राजा उ र की ओर पहाड़ी दे श म, और िक े रेत की द न के अराबा म, और नीचे के दे श म, और प म की ओर दोर के ऊंचे दे श म रहते थे, उन को,
3 और पू रब प म दोनों ओर के रहने वाले कनािनयों, और एमो रयों, िहि यों, प र यों, और पहाड़ी यबूिसयों, और िम ा दे श म हेम न पहाड़ के नीचे रहने वाले िह यों को बु लवा
भे जा।
4 और वे अपनी अपनी सेना समेत, जो समु के िकनारे बालू के िकनकों के समान ब त थी ं, िमलकर िनकल आए, और उनके साथ ब त ही घोड़े और रथ भी थे।
5 तब ये सब राजा स ित कर के इक े ए, और इ ाएिलयों से लड़ने को मेरोम नाम ताल के पास आकर एक संग छावनी डाली।
6 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, ोंिक कल इसी समय म उन सभों को इ ाएिलयों के वश कर के मरवा डालूंगा; तब तू उनके घोड़ों के सुम की नस कटवाना, और
उनके रथ भ कर दे ना।
7 और यहोशू सब यो ाओं समेत मे रोम नाम ताल के पास अचानक प ंचकर उन पर टू ट पड़ा।
8 और यहोवा ने उन को इ ाएिलयों के हाथ म कर िदया, इसिलये उ ोंने उ मार िलया, और बड़े नगर सीदोन और िम पोतमैत तक, और पूव की ओर िम े के मैदान तक उनका
पीछा िकया; और उन को मारा, और उन म से िकसी को जीिवत न छोड़ा।
9 तब यहोशू ने यहोवा की आ ा के अनुसार उन से िकया, अथात उनके घोड़ों के सुम की नस कटवाई, और उनके रथ आग म जलाकर भ कर िदए।।
10 उस समय यहोशू ने घूमकर हासोर को जो पिहले उन सब रा ों म मु नगर था ले िलया, और उसके राजा को तलवार से मार डाला।
11 और िजतने ाणी उस म थे उन सभों को उ ोंने तलवार से मारकर स ानाश िकया; और िकसी ाणी को जीिवत न छोड़ा, और हासोर को यहोशू ने आग लगाकर फुंकवा िदया।
12 और उन सब नगरों को उनके सब राजाओं समेत यहोशू ने ले िलया, और यहोवा के दास मू सा की आ ा के अनु सार उन को तलवार से घात कर के स ानाश िकया।
13 पर ु हासोर को छोड़कर, िजसे यहोशू ने फुंकवा िदया, इ ाएल ने और िकसी नगर को जो अपने टीले पर बसा था नहीं जलाया
14 और इन नगरों के पशु और इनकी सारी लूट को इ ाएिलयों ने अपना कर िलया; पर ु मनु ों को उ ोंने तलवार से मार डाला, यहां तक उन को स ानाश कर डाला िक एक भी
ाणी को जीिवत नही ं छोड़ा गया।
15 जो आ ा यहोवा ने अपने दास मूसा को दी थी उसी के अनुसार मूसा ने यहोशू को आ ा दी थी, और ठीक वैसा ही यहोशू ने िकया भी; जो जो आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी उन म से
यहोशू ने कोई भी पूरी िकए िबना न छोड़ी।।
16 तब यहोशू ने उस सारे दे श को, अथात पहाड़ी दे श, और सारे द नी दे श, और कुल गोशेन दे श, और नीचे के दे श, अराबा, और इ ाएल के पहाड़ी दे श, और उसके नीचे वाले दे श
को,
17 हालाक नाम पहाड़ से ले, जो सेईर की चढ़ाई पर है, बालगाद तक, जो लबानोन के मैदान म हे म न पवत के नीचे है , िजतने दे श ह उन सब को जीत िलया और उन दे शों के सारे
राजाओं को पकड़कर मार डाला।
18 उन सब राजाओं से यु करते करते यहोशू को ब त िदन लग गए।
19 िगबोन के िनवासी िह यों को छोड़ और िकसी नगर के लोगों ने इ ाएिलयों से मे ल न िकया; और सब नगरों को उ ोंने लड़ लड़कर जीत िलया।
20 ोंिक यहोवा की जो मनसा थी, िक अपनी उस आ ा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी उन पर कुछ भी दया न करे ; वरन स ानाश कर डाले, इस कारण उसने उनके मन ऐसे
कठोर कर िदए, िक उ ोंने इ ाएिलयों का सा ना कर के उन से यु िकया।।
21 उस समय यहोशू ने पहाड़ी दे श म आकर हे ोन, दबीर, अनाब, वरन य दा और इ ाएल दोनों के सारे पहाड़ी दे श म रहने वाले अनािकयों को नाश िकया; यहोशू ने नगरों समेत
उ स ानाश कर डाला।
22 इ ाएिलयों के दे श म कोई अनाकी न रह गया; केवल अ ा, गत, और अशदोद म कोई कोई रह गए।
23 जैसा यहोवा ने मूसा से कहा था, वैसा ही यहोशू ने वह सारा दे श ले िलया; और उसे इ ाएल के गो ों और कुलों के अनुसार बांट कर के उ दे िदया। और दे श को लड़ाई से शा
िमली।।
यहोशू 12
1 यरदन पार सूय दय की ओर, अथात अन न नाले से ले कर हे म न पवत तक के दे श, और सारे पू व अराबा के िजन राजाओं को इ ाएिलयों ने मारकर उनके दे श को अपने अिधकार
म कर िलया था ये ह;
2 एमो रयों का हे शबोनवासी राजा सीहोन, जो अन न नाले के िकनारे के अरोएर से ले कर, और उसी नाले के बीच के नगर को छोड़कर य ोक नदी तक, जो अ ोिनयों का िसवाना है,
आधे िगलाद पर,
3 और िक े रेत नाम ताल से ले कर बे शीमोत से हो कर अराबा के ताल तक, जो खारा ताल भी कहलाता है , पू व की ओर के अराबा, और द न की ओर िपसगा की सलामी के नीचे
नीचे के दे श पर भुता रखता था।
4 िफर बचे ए रपाइयों म से बाशान के राजा ओग का दे श था, जो अशतारोत और ऐ ई म रहा करता था,
5 और हे म न पवत सलका, और गशू रयों, और मािकयों के िसवाने तक कुल बाशान म, और हे शबोन के राजा सीहोन के िसवाने तक आधे िगलाद म भी भुता करता था।
6 इ ाएिलयों और यहोवा के दास मूसा ने इन को मार िलया; और यहोवा के दास मूसा ने उनका दे श बेिनयों और गािदयों और मन े के आधे गो के लोगों को दे िदया।।
7 और यरदन के पि म की ओर, लबानोन के मैदान म के बालगात से ले कर सेईर की चढ़ाई के हालाक पहाड़ तक के दे श के िजन राजाओं को यहोशू और इ ाएिलयों ने मारकर
उनका दे श इ ाएिलयों के गो ों और कुलों के अनुसार भाग कर के दे िदया था वे ये ह,
8 िह ी, और एमोरी, और कनानी, और प र ी, और िह ी, और यबूसी, जो पहाड़ी दे श म, और नीचे के दे श म, और अराबा म, और ढालू दे श म और जंगल म, और द नी दे श म
रहते थे।
9 एक, यरीहो का राजा; एक, बेतेल के पास के ऐ का राजा;
10 एक, य शलेम का राजा; एक, हे ोन का राजा;
11 एक, यमू त का राजा; एक, लाकीश का राजा;
12 एक, ए ोन का राजा; एक, गेजेर का राजा;
13 एक, दबीर का राजा; एक, गेदेर का राजा;
14 एक, होमा का राजा; एक, अराद का राजा;
15 एक, िल ा का राजा; एक, अदु ाम का राजा;
16 एक, म े दा का राजा; एक, बेतेल का राजा;
17 एक, त ूह का राजा; एक, हेपेर का राजा;
18 एक, अपेक का राजा; एक, ल ारोन का राजा;
19 एक, मदोन का राजा; एक, हासोर का राजा;
20 एक, िश ो रोन का राजा; एक, अ ाप का राजा;
21 एक, तानाक का राजा; एक, मिग ो का राजा;
22 एक, केदे श का राजा; एक, कमल म के योकनाम का राजा;
23 एक, दोर नाम ऊंचे दे श म के दोर का राजा; एक, िगलगाल म के गोयीम का राजा;
24 और एक, ितसा का राजा; इस कार सब राजा इकतीस ए।।
यहोशू 13
1 यहोशू बू ढ़ा और ब त उ का हो गया; और यहोवा ने उस से कहा, तू बूढ़ा और ब त उ का हो गया है , और ब त दे श रह गए ह, जो इ ाएल के अिधकार म अभी तक नही ं आए।
2 ये दे श रह गए ह, अथात पिल यों का सारा ा , और सारे गशूरी
3 (िम के आगे शीहोर से ले कर उ र की ओर ए ोन के िसवाने तक जो कनािनयों का भाग िगना जाता है; और पिल यों के पां चों सरदार, अथात अ ा, अशदोद, अशकलोन, गत,
और ए ोन के लोग), और द नी ओर अ ी भी,
4 िफर अपेक और एमो रयों के िसवाने तक कनािनयो का सारा दे श और सीदोिनयों का मारा नाम दे श,
5 िफर गवािलयों का दे श, और सूय दय की ओर हेम न पवत के नीचे के बालगाद से ले कर हमात की घाटी तक सारा लबानोन,
6 िफर लबानोन से ले कर िम पोतमैम तक सीदोिनयों के पहाड़ी दे श के िनवासी। इन को म इ ाएिलयों के सा ने से िनकाल दू ं गा; इतना हो िक तू मेरी आ ा के अनुसार िच ी डाल
डालकर उनका दे श इ ाएल को बांट दे ।
7 इसिलये तू अब इस दे श को नवों गो ों और मन े के आधे गो को उनका भाग होने के िलये बां ट दे ।।
8 इसके साथ बेिनयों और गािदयों को तो वह भाग िमल चुका था, िजसे मूसा ने उ यरदन के पू व की ओर िदया था, ोंिक यहोवा के दास मूसा ने उ ी ं को िदया था,
9 अथात अन न नाम नाले के िकनारे के अरोएक से ले कर, और उसी नाले के बीच के नगर को छोड़कर दीबोन तक मे दवा के पास का सारा चौरस दे श;
10 और अ ोिनयों के िसवाने तक हेशबोत म िवराजने वाले एमो रयों के राजा सीहोन के सारे नगर;
11 और िगलाद दे श, और गशू रयों और माकावािसयों का िसवाना, और सारा हेम न पवत, और स ा तक कुल बाशान,
12 िफर आशतारोत और ए े ई म िवराजने वाले उस ओग का सारा रा जो रपाइयों म से अकेला बच गया था; ोंिक इ ी को मूसा ने मारकर उनकी जा को उस दे श से िनकाल
िदया था।
13 पर ु इ ाएिलयों ने गशू रयों और मािकयों को उनके दे श से न िनकाला; इसिलये गशूरी और माकी इ ाएिलयों के म म आज तक रहते ह।
14 और ले वी के गोि यों को उसने कोई भाग न िदया; ोंिक इ ाएल के परमे र यहोवा के वचन के अनु सार उसी के ह उनके िलये भाग ठहरे ह।
15 मूसा ने बे न के गो को उनके कुलों के अनुसार िदया,
16 अथात अन न नाम नाले के िकनारे के अरोएर से ले कर और उसी नाले के बीच के नगर को छोड़कर मे दबा के पास का सारा चौरस दे श;
17 िफर चौरस दे श म का हेशबोन और उसके सब गांव; िफर दीबोन, बामोतबाल, बे तबा ोन,
18 यहसा, कदे मोत, मेपात,
19 िकयातैम, िसबमा, और तराई म के पहाड़ पर बसा आ सेरेथ हर,
20 बतपोर, िपसगा की सलामी और बे शीमोत,
21 िनदान चौरस दे श म बसे ए हेशबोन म िवराजने वाले एमो रयों के उस राजा सीहोन के रा के कुल नगर िज मू सा ने मार िलया था। मूसा ने एवी, रे केम, सूर, र, और रे बा नाम
िम ान के धानों को भी मार डाला था जो सीहोन के ठहराए ए हािकम और उसी दे श के िनवासी थे ।
22 और इ ाएिलयों ने उनके और मारे ओं के साथ बोर के पु भावी कहने वाले िबलाम को भी तलवार से मार डाला।
23 और बेिनयों का िसवाना यरदन का तीर ठहरा। बेिनयों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गांवों समेत यही ठहरा।।
24 िफर मू सा ने गाद के गोि यों को भी कुलों के अनुसार उनका िनज भाग कर के बांट िदया।
25 तब यह ठहरा, अथात याजेर आिद िगलाद के सारे नगर, और र ा के सा ने के अरोएर तक अ ोिनयों का आधा दे श,
26 और हे शबोन से रामतिम े और बतोनीम तक, और महनैम से दबीर के िसवाने तक,
27 और तराई म बेथारम, बेिन ा, सु ोत, और सापोन, और हे बोन के राजा सीहोन के रा के बचे ए भाग, और िक ेरेत नाम ताल के िसरे तक, यरदन के पूव की ओर का वह दे श
िजसका िसवाना यरदन है।
28 गािदयों का भाग उनके कुलों के अनुसार नगरों और गांवों समेत यही ठहरा।।
29 िफर मू सा ने मन े के आधे गोि यों को भी उनका िनज भाग कर िदया; वह मन े इयों के आधे गो का िनज भाग उनके कुलों के अनुसार ठहरा।
30 वह यह है , अथात महनैम से ले कर बाशान के राजा ओग के रा का सब दे श, और बाशान म बसी ई याईर की साठों ब यां,
31 और िगलाद का आधा भाग, और अ ारोत, और ए े ई, जो बाशान म ओग के रा के नगर थे , ये मन े के पु माकीर के वंश का, अथात माकीर के आधे वंश का िनज भाग कुलों
के अनुसार ठहरे ।।
32 जो भाग मूसा ने मोआब के अराबा म यरीहो के पास के यरदन के पू व की ओर बां ट िदए वे ये ही ह।
33 पर ु लेवी के गो को मूसा ने कोई भाग न िदया; इ ाएल का परमे र यहोवा ही अपने वचन के अनु सार उनका भाग ठहरा।।
यहोशू 14
1 जो जो भाग इ ाएिलयों ने कनान दे श म पाए, उ एलीआजर याजक, और नून के पु यहोशू, और इ ाएली गो ों के पू वजों के घरानों के मु मु पु षों ने उन को िदया वे ये ह।
2 जो आ ा यहोवा ने मूसा के ारा साढ़े नौ गो ों के िलये दी थी, उसके अनुसार उनके भाग िच ी डाल डालकर िदए गए।
3 मू सा ने तो अढ़ाई गो ों के भाग यरदन पार िदए थे; पर ु लेिवयों को उसने उनके बीच कोई भाग न िदया था।
4 यू सुफ के वंश के तो दो गो हो गए थे, अथात मन े और ए ैम; और उस दे श म ले िवयों को कुछ भाग न िदया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आिद धन रखने को और चराइयां
उन को िमलीं।
5 जो आ ा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इ ाएिलयों ने िकया; और उ ोंने दे श को बां ट िलया।।
6 तब य दी यहोशू के पास िगलगाल म आए; और कनजी यपु े के पु कालेब ने उस से कहा, तू जानता होगा िक यहोवा ने कादे शबन म परमे र के जन मूसा से मेरे और ते रे िवषय म
ा कहा था।
7 जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस दे श का भेद लेने के िलये कादे शबन से भे जा था तब म चालीस वष का था; और म स े मन से उसके पास स े श ले आया।
8 और मे रे साथी जो मेरे संग गए थे उ ोंने तो जा के लोगों को िनराश कर िदया, पर ु म ने अपने परमे र यहोवा की पू री रीित से बात मानी।
9 तब उस िदन मू सा ने शपथ खाकर मुझ से कहा, तू ने पू री रीित से मे रे परमे र यहोवा की बातों का अनुकरण िकया है, इस कारण िन:स े ह िजस भूिम पर तू अपने पांव धर आया है
वह सदा के िलये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।
10 और अब दे ख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैतालीस वष हो चुके ह, िजन म इ ाएली जं गल म घू मते िफरते रहे; उन म यहोवा ने अपने कहने के अनु सार मुझे
जीिवत रखा है; और अब म पचासी वष का ं।
11 िजतना बल मूसा के भेजने के िदन मुझ म था उतना बल अभी तक मु झ म है ; यु करने , वा भीतर बाहर आने जाने के िलये िजतनी उस समय मुझ मे साम थी उतनी ही अब भी
मुझ म साम है।
12 इसिलये अब वह पहाड़ी मुझे दे िजसकी चचा यहोवा ने उस िदन की थी; तू ने तो उस िदन सुना होगा िक उस म अनाकवंशी रहते ह, और बड़े बड़े गढ़ वाले नगर भी ह; पर ु ा
जाने स व है िक यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनु सार म उ उनके दे श से िनकाल दू ं ।
13 तब यहोशू ने उसको आशीवाद िदया; और हे ोन को यपु े के पु काले ब का भाग कर िदया।
14 इस कारण हे ोन कनजी यपु े के पु कालेब का भाग आज तक बना है, ोंिक वह इ ाएल के परमे र यहोवा का पू री रीित से अनुगामी था।
15 पिहले समय म तो हे ोन का नाम िकयतबा था; वह अबा अनािकयों म सब से बड़ा पु ष था। और उस दे श को लड़ाई से शा िमली।।
यहोशू 15
1 य िदयों के गो का भाग उनके कुलों के अनुसार िच ी डालने से एदोम के िसवाने तक, और द न की ओर सीन के जंगल तक जो द नी िसवाने पर है ठहरा।
2 उनके भाग का द नी िसवाना खारे ताल के उस िसरे वाले कोल से आर आ जो द न की ओर बढ़ा है;
3 और वह अ ीम नाम चढ़ाई की द नी ओर से िनकलकर सीन होते ए कादे शबन के द न की ओर को चढ़ गया, िफर हे ोन के पास हो अ ार को चढ़कर ककाआ की ओर
मुड़ गया,
4 वहां से अ ोन होते ए वह िम के नाले पर िनकला, और उस िसवाने का अ समु आ। तु ारा द नी िसवाना यही होगा।
5 िफर पूव िसवाना यरदन के मुहाने तक खारा ताल ही ठहरा, और उ र िदशा का िसवाना यरदन के मु हाने के पास के ताल के कोल से आर कर के,
6 बे थो ा को चढ़ते ए बेतराबा की उ र की ओर हो कर बेनी बोहन वाले नाम प र तक चढ़ गया;
7 और वही िसवाना आकोर नाम तराई से दबीर की ओर चढ़ गया, और उ र होते ए िगलगाल की ओर झुका जो नाले की द न ओर की अदु ीम की चढ़ाई के सा ने है; वहां से
वह एनशेमेश नाम सोते के पास प ंचकर एनरोगेल पर िनकला;
8 िफर वही िसवाना िह ोम के पु की तराई से हो कर यबूस (जो य शले म कहलाता है) उसकी द न अलं ग से बढ़ते ए उस पहाड़ की चोटी पर प ंचा, जो पि म की ओर िह ोम
की तराई के सा ने और रपाईम की तराई के उ र वाले िसरे पर है ;
9 िफर वही िसवाना उस पहाड़ की चोटी से ने ोह नाम सोते को चला गया, और ए ोन पहाड़ के नगरों पर िनकला; िफर वहां से बाला को ( जो िकय ारीम भी कहलाता है ) प ंचा;
10 िफर वह बाला से पि म की ओर मुड़कर सेईर पहाड़ तक प ं चा, और यारीम पहाड़ (जो कसालोन भी कहलाता है ) उस की उ रवाली अलंग से हो कर बेतशेमेश को उतर गया,
और वहां से ित ा पर िनकला;
11 वहां से वह िसवाना ए ोन की उ री अलंग के पास होते ए िश रोन गया, और बाला पहाड़ हो कर य ेल पर िनकला; और उस िसवाने का अ समु का तट आ।
12 और पि म का िसवाना महासमु का तीर ठहरा। य िदयों को जो भाग उनके कुलों के अनुसार िमला उसकी चारों ओर का िसवाना यही आ।।
13 और यपु े के पु कालेब को उसने यहोवा की आ ा के अनु सार य िदयों के बीच भाग िदया, अथात िकयतबा जो हे ोन भी कहलाता है (वह अबा अनाक का िपता था)।
14 और कालेब ने वहां से शेशै, अहीमन, और त ै नाम, अनाक के तीनों पु ों को िनकाल िदया।
15 िफर वहां से वह दबीर के िनवािसयों पर चढ़ गया; पूवकाल म तो दबीर का नाम िकय े पेर था।
16 और कालेब ने कहा, जो िकय ेपेर को मारकर ले ले उसे म अपनी बेटी अकसा को ाह दू ं गा।
17 तब कालेब के भाई ओ ीएल कनजी ने उसे ले िलया; और उसने उसे अपनी बेटी अकसा को ाह िदया।
18 और जब वह उसके पास आई, तब उसने उसको िपता से कुछ भू िम मांगने को उभारा, िफर वह अपने गदहे पर से उतर पड़ी, और कालेब ने उस से पूछा, तू ा चाहती है ?
19 वह बोली, मु झे आशीवाद दे ; तू ने मुझे द न दे श म की कुछ भू िम तो दी है, मुझे जल के सोते भी दे । तब उसने ऊपर के सोते , नीचे के सोते , दोनों उसे िदए।।
20 य िदयों के गो का भाग तो उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।।
21 और य िदयों के गो के िकनारे - वाले नगर द न दे श म एदोम के िसवाने की ओर ये ह, अथात कबसे ल, एदे र, यागूर,
22 कीना, दीमोना, अदादा,
23 केदे श, हासोर, िय ान,
24 जीप, ते लेम, बालोत,
25 हासोहद ा, क र ोथे ोन, (जो हासोर भी कहलाता है),
26 और अमाम, शमा, मोलादा,
27 हसग ा, हे शमोन, बे ालेत,
28 हसशूआल, बेशबा, िब ो ा,
29 बाला, इ ीम, एसेम,
30 एलतोलद, कसील, होमा,
31 िसकलग, मदम ा, सनस ा,
32 लबाओत, िश ीम, ऐन, और र ोन; ये सब नगर उ ीस ह, और इनके गांव भी ह।।
33 और नीचे के दे श म ये ह; अथात एशताओल सोरा, अशना,
34 जानोह, एनग ीम, त ूह, एनाम,
35 यमूत, अदु ाम, सोको, अजेका,
36 शारै म, अदीतै म, गदे रा, और गदे रोतैम; ये सब चौदह नगर ह, और इनके गां व भी ह।।
37 िफर सनान, हदाशा, िमगदलगाद,
38 िदलान, िम े, यो ेल,
39 लाकीश, बो त, ए ोन,
40 क ोन, लहमास, िकतलीश,
41 गदे रोत, बे तदागोन, नामा, और म े दा; ये सोलह नगर ह, और इनके गां व भी ह।।
42 िफर िल ा, ऐतेर, आशान,
43 िय ाह, अशना, नसीब,
44 कीला, अकजीब और मारे शा; ये नौ नगर ह, और इनके गां व भी ह।
45 िफर नगरों और गांवों समेत ए ोन,
46 और ए ोन से ले कर समु तक, अपने अपने गांवों समेत िजतने नगर अशदोद की अलंग पर ह।।
47 िफर अपने अपने नगरों और गावों समेत अशदोद, और अ ा, वरन िम के नाले तक और महासमु के तीर तक िजतने नगर ह।।
48 और पहाड़ी दे श म ये ह; अथात शामीर, य ीर, सोको,
49 द ा, िकय ा (जो दबीर भी कहलाता है),
50 अनाब, एशतमो, आनीम,
51 गोशेन, होलोन, और गीलो; ये ारह नगर ह, और इनके गांव भी ह।।
52 िफर अराब, दू मा, एशान,
53 यानीम, बे ूह, अपेका,
54 मता, िकयतबा (जो हे ोन भी कहलाता है, और सीओर;) ये नौ नगर ह, और इनके गां व भी ह।।
55 िफर माओन, कमल, जीप, यूता,
56 िम ेल, योकदाम, जानोह,
57 कैन, िगबा, और ित ा; ये दस नगर ह, और इनके गांव भी ह।।
58 िफर हल ल, बेतसू र, गदोर,
59 मरात, बे तनोत, और एलत को न; ये छ: नगर ह, और इनके गांव भी ह।।
60 िफर िकयतबाल (जो िकय बारीम भी कहलाता है), और र ा; ये दो नगर ह, और इनके गां व भी ह।।
61 और जं गल म ये नगर ह, अथात बेतराबा, िम ीन, सकाका;
62 िनबशान, लोनवाला नगर, और एनगदी, ये छ: नगर ह, और इनके गां व भी ह।।
63 य शले म के िनवासी यबूिसयों को य दी न िनकाल सके; इसिलये आज के िदन तक यबूसी य िदयों के सं ग य शले म म रहते ह।।
यहोशू 16
1 िफर यूसुफ की स ान का भाग िच ी डालने से ठहराया गया, उनका िसवाना यरीहो के पास की यरदन नदी से , अथात पूब की ओर यरीहो के जल से आर हो कर उस पहाड़ी दे श
से होते ए, जो जंगल म ह, बेतेल को प ंचा;
2 वहां से वह लूज तक प ंचा, और एरे िकयों के िसवाने होते ए अतारोत पर जा िनकला;
3 और पि म की ओर यपकेितयों के िसवाने से उतरकर िफर नीचे वाले बेयोरोन के िसवाने से हो कर गे जेर को प ं चा, और समु पर िनकला।
4 तब मन े और ए ैम नाम यू सुफ के दोनों पु ों की स ान ने अपना अपना भाग िलया।
5 ए ैिमयों का िसवाना उनके कुलों के अनुसार यह ठहरा; अथात उनके भाग का िसवाना पू व से आर हो कर अ ोतदार से होते ए ऊपर वाले बेथोरोम तक प ंचा;
6 और उ री िसवाना पि म की ओर के िमकमतात से आर हो कर पूव की ओर मु ड़कर तानतशीलो को प ंचा, और उसके पास से होते ए यानोह तक प ंचा;
7 िफर यानोह से वह अतारोत और नारा को उतरता आ यरीहो के पास हो कर यरदन पर िनकला।
8 िफर वही िसवाना त ूह से िनकलकर, और पि म की ओर जा कर, काना के नाले तक हो कर समु पर िनकला। ए ै िमयों के गो का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।
9 और मन ेइयों के भाग के बीच भी कई एक नगर अपने अपने गांवों समेत ए ै िमयों के िलये अलग िकये गए।
10 पर ु जो कनानी गेजेर म बसे थे उन को ए ैिमयों ने वहां से नहीं िनकाला; इसिलये वे कनानी उनके बीच आज के िदन तक बसे ह, और बेगारी म दास के समान काम करते ह।।
यहोशू 17
1 िफर यूसुफ के जेठे मन े के गो का भाग िच ी डालने से यह ठहरा। मन े का जेठा पु िगलाद का िपता माकीर यो ा था, इस कारण उसके वंश को िगलाद और बाशान िमला।
2 इसिलये यह भाग दू सरे मन ेइयों के िलये उनके कुलों के अनुसार ठहरा, अथात अबीएजे र, हे लेक, असीएल, शेकेम, हेपेर, और शमीदा; जो अपने अपने कुलों के अनु सार यू सुफ के
पु मन े के वंश म के पु ष थे, उनके अलग अलग वंशों के िलये ठहरा।
3 पर ु हे पेर जो िगलाद का पु , माकीर का पोता, और मन े का परपोता था, उसके पु सलोफाद के बे टे नही,ं बेिटयां ही ईं; और उनके नाम महला, नोआ, हो ा, िमलका, और
ितसा ह।
4 तब वे एलीआज़र याजक, नून के पु यहोशू, और धानों के पास जा कर कहने लगी ं, यहोवा ने मूसा को आ ा दी थी, िक वह हम को हमारे भाइयों के बीच भाग दे । तो यहोशू ने
यहोवा की आ ा के अनुसार उ उनके चाचाओं के बीच भाग िदया।
5 तब मन े को, यरदन पार िगलाद दे श और बाशान को छोड़, दस भाग िमले ;
6 ोंिक मन ेइयों के बीच म मन ेई यों को भी भाग िमला। और दू सरे मन े इयों को िगलाद दे श िमला।
7 और मन े का िसवाना आशेर से ले कर िमकमतात तक प ं चा, जो शकेम के सा ने है; िफर वह द न की ओर बढ़कर एनत ूह के िनवािसयों तक प ंचा।
8 त ूह की भूिम तो मन े को िमली, पर ु त ूह नगर जो मन े के िसवाने पर बसा है वह ए ै िमयों का ठहरा।
9 िफर वहां से वह िसवाना काना के नाले तक उतर के उसके द न की ओर तक प ं च गया; ये नगर य िप मन े के नगरों के बीच म थे तौभी ए ैम के ठहरे ; और मन े का
िसवाना उस नाले की उ र की ओर से जाकर समु पर िनकला;
10 द न की ओर का दे श तो ए ैम को और उ र की ओर का मन े को िमला, और उसका िसवाना समु ठहरा; और वे उ र की ओर आशेर से और पूव की ओर इ ाकर से जा
िमले ।
11 और मन े को, इ ाकार और आशेर अपने अपने नगरों समेत बेतशान, ियबलाम, और अपने नगरों समे त दोर के िनवासी, और अपने नगरों समे त एनदोर के िनवासी, और अपने
नगरों समे त तानाक के िनवासी, और अपने नगरों समेत मिग ो के िनवासी, ये तीनों जो ऊंचे थानों पर बसे ह िमले ।
12 पर ु मन ेई उन नगरों के िनवािसयों उन म से नहीं िनकाल सके; इसिलये वे कनानी उस दे श म ब रयाई से बसे ही रहे।
13 तौभी जब इ ाएली सामथ हो गए, तब कनािनयों से बेगारी तो कराने लगे, पर ु उन को पूरी रीित से िनकाल बाहर न िकया।।
14 यूसुफ की स ान यहोशू से कहने लगी, हम तो िगनती म ब त ह, ोंिक अब तक यहोवा हम आशीष ही दे ता आया है, िफर तू ने हमारे भाग के िलये िच ी डालकर ों एक ही
अंश िदया है ?
15 यहोशू ने उन से कहा, यिद तुम िगनती म ब त हो, और ए ैम का पहाड़ी दे श तु ारे िलये छोटा हो, तो प र यों और रपाइयों का दे श जो जंगल है उसम जा कर पे ड़ों को काट
डालो।
16 यूसुफ की स ान ने कहा, वह पहाड़ी दे श हमारे िलये छोटा है ; और ा बे तसान और उसके नगरों म रहने वाले , ा िय ेल की तराई म रहेन वाले, िजतने कनानी नीचे के दे श म
रहते ह, उन सभों के पास लोहे के रथ ह।
17 िफर यहोशू ने, ा ए ैमी ा मन ेई, अथात यूसुफ के सारे घराने से कहा, हां तु म लोग तो िगनती म ब त हो, और तु ारी बड़ी सामथ भी है, इसिलये तुम को केवल एक ही भाग
न िमले गा;
18 पहाड़ी दे श भी तु ारा हो जाएगा; ोंिक वह जं गल तो है, पर ु उसके पेड़ काट डालो, तब उसके आस पास का दे श भी तु ारा हो जाएगा; ोंिक चाहे कनानी सामथ हों, और
उनके पास लोहे के रथ भी हों, तौभी तुम उ वहां से िनकाल सकोगे ।।
यहोशू 18
1 िफर इ ाएिलयों को सारी म ली ने शीलो म इक ी हो कर वहां िमलापवाले त ू को खड़ा िकया; ोंिक दे श उनके वश म आ गया था।
2 और इ ाएिलयों म से सात गो ों के लोग अपना अपना भाग िबना पाये रह गए थे।
3 तब यहोशू ने इ ाएिलयों से कहा, जो दे श तु ारे पूवजों के परमे र यहोवा ने तु िदया है , उसे अपने अिधकार म कर लेने म तुम कब तक िढलाई करते रहोगे?
4 अब ित गो के पीछे तीन मनु ठहरा लो, और म उ इसिलये भेजूंगा िक वे चलकर दे श म घू म िफर, और अपने अपने गो के भाग के योजन के अनुसार उसका हाल िलख
िलखकर मेरे पास लौट आएं ।
5 और वे दे श के सात भाग िलख, य दी तो द न की ओर अपने भाग म, और यू सुफ के घराने के लोग उ र की ओर अपने भाग म रह।
6 और तुम दे श के सात भाग िलखकर मेरे पास ले आओ; और म यहां तु ारे िलये अपने परमे र यहोवा के सा ने िच ी डालूंगा।
7 और ले िवयों का तु ारे म म कोई भाग न होगा, ोंिक यहोवा का िदया आ याजकपद ही उनका भाग है ; और गाद, बेन, और मन े के आधे गो के लोग यरदन के पूव की
ओर यहोवा के दास मू सा का िदया आ अपना अपना भाग पा चु के ह।
8 तो वे पु ष उठ कर चल िदए; और जो उस दे श का हाल िलखने को चले उ यहोशू ने यह आ ा दी, िक जा कर दे श म घूमो िफरो, और उसका हाल िलखकर मेरे पास लौट आओ;
और म यहां िशलो म यहोवा के सा ने तु ारे िलये िच ी डालूंगा।
9 तब वे पु ष चल िदए, और उस दे श म घूम, और उसके नगरों के सात भाग कर के उनका हाल पु क म िलखकर शीलो की छावनी म यहोशू के पास आए।
10 तब यहोशू ने शीलोंम यहोवा के सा ने उनके िलये िचि यां डाली ं; और वहीं यहोशू ने इ ाएिलयों को उनके भागों के अनुसार दे श बांट िदया।।
11 और िब ामीिनयों के गो की िच ी उनके कुलों के अनुसार िनकली, और उनका भाग य िदयों और यू सुिफयों के बीच म पड़ा।
12 और उनका उ री िसवाना यरदन से आर आ, और यरीहो की उ र अलंग से चढ़ते ए पि म की ओर पहाड़ी दे श म हो कर बेतावेन के जंगल म िनकला;
13 वहां से वह लूज को प ंचा (जो बेतेल भी कहलाता है), और लूज की द न अलं ग से होते ए िनचले बे थोरोन की द न ओर के पहाड़ के पास हो अ ोत ार को उतर गया।
14 िफर पि मी िसवाना मुड़के बेथोरोन के सा ने और उसकी द न ओर के पहाड़ से होते ए िकयतबाल नाम य िदयों के एक नगर पर िनकला (जो िकय ारीम भी कहलाता है );
पि म का िसवाना यही ठहरा।
15 िफर द न अलं ग का िसवाना पि म से आर हो कर िकय ारीम के िसरे से िनकलकर ने ोह के सोते पर प ंचा;
16 और उस पहाड़ के िसरे पर उतरा, जो िह ोम के पु की तराई के सा ने और रपाईम नाम तराई की उ र ओर है ; वहां से वह िह ोम की तराई म, अथात यबूस की द न अलं ग
हो कर एनरोगेल को उतरा;
17 वहां से वह उ र की ओर मुड़कर एनशेमेश को िनकलकर उस गलीलोत की ओर गया, जो अदु ीम की चढ़ाई के सा ने है, िफर वहां से वह बेन के पु बोहन के प र तक
उतर गया;
18 वहां से वह उ र की ओर जा कर अराबा के सा ने के पहाड़ की अलं ग से होते ए अराबा को उतरा;
19 वहां से वह िसवाना बेथो ा की उ र अलंग से जा कर खारे ताल की उ र ओर के कोल म यरदन के मु हाने पर िनकला; द न का िसवाना यही ठहरा।
20 और पू व की ओर का िसवाना यरदन ही ठहरा। िब ामीिनयों का भाग, चारों ओर के िसवानों सिहत, उनके कुलों के अनु सार, यही ठहरा।
21 और िब ामीिनयों के गो को उनके कुलों के अनुसार ये नगर िमले, अथात यरीहो, बे थो ा, एमे सीस,
22 बेतराबा, समारै म, बेतेल,
23 अ ीम, पारा, ओ ा,
24 कपर ोनी, ओ ी और गेबा; ये बारह नगर और इनके गां व िमले ।
25 िफर िगबोन, रामा, बेरोत,
26 िम े , कपीरा, मोसा,
27 रे केम, ियपल, तरला,
28 से ला, एलेप, यबूस (जो य शलेम भी कहलाता है), िगबत और िकयत; ये चौदह नगर और इनके गां व उ िमले । िब ामीिनयों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।।
यहोशू 19
1 दू सरी िच ी शमौन के नाम पर, अथात िशमोिनयों के कुलों के अनुसार उनके गो के नाम पर िनकली; और उनका भाग य िदयों के भाग के बीच म ठहरा।
2 उनके भाग म ये नगर ह, अथात बेशबा, शेबा, मोलादा,
3 हसशूआल, बाला, एसेम,
4 एलतोलद, बतूल, होमा,
5 िस ग, बे काबोत, हसशूसा,
6 बे तलबाओत, और शा हेन; ये तेरह नगर और इनके गां व उ िमले।
7 िफर ऐन, र ोन, ऐतेर, और आशान, ये चार नगर गांवों समेत;
8 और बाल बे र जो द न दे श का रामा भी कहलाता है, वहां तक इन नगरों के चारों ओर के सब गां व भी उ िमले । िशमािनयों के गो का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।
9 िशमोिनयों का भाग तो य िदयों के अंश म से िदया गया; ोंिक य िदयों का भाग उनके िलये ब त था, इस कारण िशमोिनयों का भाग उ ी ं के भाग के बीच ठहरा।।
10 तीसरी िच ी जबूलूिनयों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर िनकली। और उनके भाग का िसवाना सारीद तक प ं चा;
11 और उनका िसवाना पि म की ओर मरला को चढ़कर द ेशेत को प ं चा; और योकनाम के सा ने के नाले तक प ंच गया;
12 िफर सारीद से वह सूय दय की ओर मुड़कर िकसलो ाबोर के िसवाने तक पं चा, और वहां से बढ़ते बढ़ते दाबरत म िनकला, और यापी की ओर जा िनकला;
13 वहां से वह पूव की ओर आगे बढ़कर गथेपेर और इ ासीन को गया, और उस र ोन म िनकला जो नेआ तक फैला आ है;
14 वहां से वह िसवाना उसके उ र की ओर से मुड़कर ह ातोन पर प ंचा, और िय हेल की तराई म जा िनकला;
15 क ात, नहलाल, िश ोन, ियदला, और बेतलेहम; ये बारह नगर उनके गांवों समेत उसी भाग के ठहरे ।
16 जबूलूिनयों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा; और उस म अपने अपने गां वों समेत ये ही नगर ह।।
17 चौथी िच ी इ ाका रयों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर िनकली।
18 और उनका िसवाना िय ेल, कसु ोत, शूनेम
19 हपारै म, शीओन, अनाहरत,
20 र ीत, िक ोत, एबेस,
21 रे मेत, एनग ीम, एनह ा, और बे ेस तक प ंचा।
22 िफर वह िसवाना ताबोर-शहसूमा और बेतशेमेश तक प ंचा, और उनका िसवाना यरदन नदी पर जा िनकला; इस कार उन को सोलह नगर अपने अपने गांवों समेत िमले।
23 कुलों के अनुसार इ ाका रयों के गो का भाग नगरों और गांवों समेत यही ठहरा।।
24 पांचवी ं िच ी आशे रयों के गो के कुलों के अनुसार उनके नाम पर िनकली।
25 उनके िसवाने म हे त, हली, बेतेन, अ ाप,
26 अला े ेक, अमाद, और िमशाल थे; और वह पि म की ओर का ल तक और शाहोिल ात तक प ं चा;
27 िफर वह सूय दय की ओर मुड़कर बेतदागोन को गया, और जबलून के भाग तक, और िय हे ल की तराई म उ र की ओर हो कर बेतेमेक और नीएल तक प ंचा और उ र की
ओर जा कर काबूल पर िनकला,
28 और वह ए ोन, रहोब, ह ोन, और काना से हो कर बड़े सीदोन को प ंचा;
29 वहां से वह िसवाना मुड़कर रामा से होते ए सोन नाम गढ़ वाले नगर तक चला गया; िफर िसवाना होसा की ओर मु ड़कर और अकजीब के पास के दे श म हो कर समु पर िनकला,
30 उ ा, अपेक, और रहोब भी उनके भाग म ठहरे ; इस कार बाईस नगर अपने अपने गांवों समेत उन को िमले।
31 कुलों के अनुसार आशे रयों के गो का भाग नगरों और गांवों समेत यही ठहरा।।
32 छठवी ं िच ी न ािलयों के कुलों के अनुसार उनके नाम पर िनकली।
33 और उनका िसवाना हेलेप से, और सान ीम म के बां ज वृ से, अदामीने केब और य े ल से हो कर, और ल ू म को जा कर यरदन पर िनकला;
34 वहां से वह िसवाना पि म की ओर मुड़कर अजनो ाबोर को गया, और वहां से ोक को गया, और द न, और जबूलून के भाग तक, और पि म की ओर आशेर के भाग तक,
और सूय दय की ओर य दा के भाग के पास की यरदन नदी पर प ंचा।
35 और उनके गढ़ वाले नगर ये ह, अथात िस ीम, सेर, ह त, र त, िक े रेत,
36 अदामा, रामा, हासोर,
37 केदे श, ए े ई, ए ासेर,
38 ियरोन, िमगदलेल, होरे म, बेतनात, और बेतशेमेश; ये उ ीस नगर गां वों समेत उन को िमले।
39 कुलों के अु नसार न ािलयों के गो का भाग नगरों और उनके गांवों समेत यही ठहरा।।
40 सातवी ं िच ी कुलों के अनु सार दािनयों के गो के नाम पर िनकली।
41 और उनके भाग के िसवाने म सोरा, एशताओल, ईरशमेश,
42 शाल ीन, अ ालोन, ियतला,
43 एलोन, ित ा, ए ोन,
44 एलतके, िग तोन, बालात,
45 य द, बनेबराक, गि ोन,
46 मेयक न, और र ोन ठहरे , और यापो के सा ने का िसवाना भी उनका था।
47 और दािनयों का भाग इस से अिधक हो गया, अथात दानी ले शेम पर चढ़कर उस से लड़े , और उसे ले कर तलवार से मार डाला, और उसको अपने अिधकार म कर के उस म बस
गए, और अपने मूलपु ष के नाम पर लेशेम का नाम दान रखा।
48 कुलों के अु नसार दािनयों के गो का भाग नगरों और गांवों समेत यही ठहरा।।
49 जब दे श का बांटा जाना िसवानों के अनुसार िनपट गया, तब इ ाएिलयों ने नू न के पु यहोशू को भी अपने बीच म एक भाग िदया।
50 यहोवा के कहने के अनुसार उ ोंने उसको उसका मांगा आ नगर िदया, यह ए ैम के पहाड़ी दे श म का िव े रह है ; और वह उस नगर को बसाकर उस म रहने लगा।।
51 जो जो भाग एलीआजर याजक, और नून के पु यहोशू, और इ ाएिलयों के गो ों के घरानों के पूवजों के मु मु पु षों ने शीलो म, िमलापवाले त ू के ार पर, यहोवा के
सा ने िच ी डाल डालके बांट िदए वे ये ही ह। िनदान उ ोंने दे श िवभाजन का काम िनपटा िदया।।
यहोशू 20
1 िफर यहोवा ने यहोशू से कहा,
2 इ ाएिलयों से यह कह, िक म ने मूसा के ारा तुम से शरण नगरों की जो चचा की थी उसके अनुसार उन को ठहरा लो,
3 िजस से जो कोई भू ल से िबना जाने िकसी को मार डाले , वह उन म से िकसी म भाग जाए; इसिलये वे नगर खून के पलटा लेने वाले से बचने के िलये तु ारे शरण थान ठहर।
4 वह उन नगरों म से िकसी को भाग जाए, और उस नगर के फाटक म से खड़ा हो कर उसके पुरिनयों को अपना मुक मा कह सुनाए; और वे उसको अपने नगर म अपने पास िटका
ल, और उसे कोई थान द, िजस म वह उनके साथ रहे।
5 और यिद खून का पलटा लेनेवाला उसका पीछा करे , तो वे यह जानकर िक उसने अपने पड़ोसी को िबना जाने , और पिहले उस से िबना बैर रखे मारा, उस खूनी को उसके हाथ म न
द।
6 और जब तक वह म ली के सा ने ाय के िलये खड़ा न हो, और जब तक उन िदनों का महायाजक न मर जाए, तब तक वह उसी नगर म रहे; उसके बाद वह खू नी अपने नगर
को लौटकर िजस से वह भाग आया हो अपने घर म िफर रहने पाए।
7 और उ ोंने न ाली के पहाड़ी दे श म गलील के केदे श को, और ए ै म के पहाड़ी दे श म शकेम को, और य दा के पहाड़ी दे श म िक तबा को, (जो हे ोन भी कहलाता है ) पिव
ठहराया।
8 और यरीहो के पास के यरदन के पूव की ओर उ ोंने बेन के गो के भाग म बसेरे को, जो जं गल म चौरस भूिम पर बसा आ है, और गाद के गो के भाग म िगलाद के रमोत को,
और मन े के गो के भाग म बाशान के गालान को ठहराया।
9 सारे इ ाएिलयों के िलये , और उन के बीच रहने वाले परदे िशयों के िलये भी, जो नगर इस मनसा से ठहराए गए िक जो कोई िकसी ाणी को भूल से मार डाले वह उन म से िकसी म
भाग जाए, और जब तक ाय के िलये म ली के सा ने खड़ा न हो, तब तक खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए, वे यह ही ह।।
यहोशू 21
1 तब ले िवयों के पूवजों के घरानों के मु मु पु ष एलीआज़र याजक, और नू न के पु यहोशू, और इ ाएली गो ों के पू वजों के घरानों के मु मु पु षों के पास आकर
2 कनान दे श के शीलो नगर म कहने लगे, यहोवा ने मूसा से हम बसने के िलये नगर, और हमारे पशुओं के िलये उ ी ं नगरों की चराईयां भी दे ने की आ ा िदलाई थी।
3 तब इ ाएिलयों ने यहोवा के कहने के अनुसार अपने अपने भाग म से लेिवयों को चराईयों समेत ये नगर िदए।।
4 और कहितयों के कुलों के नाम पर िच ी िनकली। इसिलये लेिवयों म से हा न याजक के वंश को य दी, िशमोन, और िब ामीन के गो ों के भागों म से तेरह नगर िमले ।।
5 और बाकी कहाितयों को ए ैम के गो के कुलों, और दान के गो , और मन े के आधे गो के भागों म से िच ी डाल डालकर दस नगर िदए गए।।
6 और गेश िनयों को इ ाकार के गो के कुलों, और आशेर, और न ाली के गो ों के भागों म से , और मन े के उस आधे गो के भागों म से भी जो बाशान म था िच ी डाल डालकर
तेरह नगर िदए गए।।
7 और कुलों के अनुसार मरा रयों को बेन, गाद, और जबू लून के गो ों के भागों म से बारह नगर िदए गए।।
8 जो आ ा यहोवा ने मूसा से िदलाई भी उसके अनुसार इ ाएिलयों ने ले िवयों को चराइयों समेत ये नगर िच ी डाल डालकर िदए।
9 उ ोंने य िदयों और िशमोिनयों के गो ों के भागों म से थे नगर िजनके नाम िलखे ह िदए;
10 ये नगर ले वीय कहाती कुलों म से हा न के वंश के िलये थे; ोंिक पिहली िच ी उ ी ं के नाम पर िनकली थी।
11 अथात उ ोंने उन को य दा के पहाड़ी दे श म चारों ओर की चराइयों समेत िकयतबा नगर दे िदया, जो अनाक के िपता अबा के नाम पर कहलाया और हे ोन भी कहलाता है।
12 पर ु उस नगर के खेत और उसके गांव उ ोंने यपु े के पु कालेब को उसकी िनज भूिम कर के दे िदए।।
13 तब उ ोंने हा न याजक के वंश को चराइयों समेत खूनी के शरण नगर हे ोन, और अपनी अपनी चराइयों समेत िल ा,
14 य ीर, एशतमो,
15 होलोन, दबीर, ऐन,
16 यु ा और बेतशेमेश िदए; इस कार उन दोनों गो ों के भागों म से नौ नगर िदए गए।
17 और िब ामीन के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत ये चार नगर िदए गए, अथात िगबोन, गे बा,
18 अनातोत और अ ोन
19 इस कार हा नवंशी याजकों को तेरह नगर और उनकी चराईयां िमली।।
20 िफर बाकी कहाती लेिवयों के कुलों के भाग के नगर िच ी डाल डालकर ए ै म के गो के भाग म से िदए गए।
21 अथात उन को चराइयों समेत ए ैम के पहाड़ी दे श म खूनी शरण ले ने का शकेम नगर िदया गया, िफर अपनी अपनी चराइयों समे त गे जेर,
22 िकबसैम, और बे थोरोन; ये चार नगर िदए गए।
23 और दान के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत, एलतके, िग तोन,
24 अ ालोन, और गि ोन; ये चार नगर िदए गए।
25 और मन े के आधे गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत तानाक और गि ोन; ये दो नगर िदए गए।
26 इस कार बाकी कहाितयों के कुलों के सब नगर चराइयों समेत दस ठहरे ।।
27 िफर ले िवयों के कुलों म के गेश िनयों को मन े के आधे गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत खूनी के शरण नगर बाशान का गोलान और बे शतरा; ये दो नगर िदए गए।
28 और इ ाकार के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत िक ोन, दाबरत,
29 यमूत, और एनग ीम; ये चार नगर िदए गए।
30 और आशेर के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत िमशाल, अ ोन,
31 हे ात, और रहोब; ये चार नगर िदए गए।
32 और न ाली के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत खूनी के शरण नगर गलील का केदे श, िफर ह ोतदोर, और कतान; ये तीन नगर िदए गए।
33 गेश िनयों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर अपनी अपनी चराइयों समे त ते रह ठहरे ।।
34 िफर बाकी लेिवयों, अथात मरा रयों के कुलों को जबूलून के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत यो ाम, कता,
35 िद ा, और नहलाल; ये चार नगर िदए गए।
36 और बे न के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत बेसेर, यहसा,
37 केदे मोत, और मे पात; ये चार नगर िदए गए।
38 और गाद के गो के भाग म से अपनी अपनी चराइयों समेत खूनी के शरण नगर िगलाद म का रामोत, िफर महनैम,
39 हेशबोन, और याजेर, जो सब िमलाकर चार नगर ह िदए गए।
40 ले िवयों के बाकी कुलों अथात मरा रयों के कुलों के अनुसार उनके सब नगर ये ही ठहरे , इस कार उन को बारह नगर िच ी डाल डालकर िदए गए।।
41 इ ाएिलयों की िनज भूिम के बीच लेिवयों के सब नगर अपनी अपनी चराइयों समे त अड़तालीस ठहरे ।
42 ये सब नगर अपने अपने चारों ओर की चराइयों के साथ ठहरे ; इन सब नगरों की यही दशा थी।।
43 इस कार यहोवा ने इ ाएिलयों को वह सारा दे श िदया, िजसे उसने उनके पूवजों से शपथ खाकर दे ने को कहा था; और वे उसके अिधकारी हो कर उस म बस गए।
44 और यहोवा ने उन सब बातों के अनुसार, जो उसने उनके पूवजों से शपथ खाकर कही थी,ं उ चारों ओर से िव ाम िदया; और उनके श ुओ ं म से कोई भी उनके सा ने िटक न
सका; यहोवा ने उन सभों को उनके वश म कर िदया।
45 िजतनी भलाई की बात यहोवा ने इ ाएल के घराने से कही थी ं उन म से कोई भी न छूटी; सब की सब पू री ई।।
यहोशू 22
1 उस समय यहोशू ने बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों को बु लवाकर कहा,
2 जो जो आ ा यहोवा के दास मूसा ने तु दी थी ं वे सब तु म ने मानी ह, और जो जो आ ा म ने तु दी ह उन सभों को भी तुम ने माना है;
3 तुम ने अपने भाइयों को इस मु त म आज के िदन तक नही ं छोड़ा, पर ु अपने परमे र यहोवा की आ ा तु म ने चौकसी से मानी है।
4 और अब तु ारे परमे र यहोवा ने तु ारे भाइयों को अपने वचन के अनुसार िव ाम िदया है ; इसिलये अब तुम लौटकर अपने अपने डे रों को, और अपनी अपनी िनज भू िम म, िजसे
यहोवा के दास मू सा ने यरदन पार तु िदया है चले जाओ।
5 केवल इस बात की पूरी चौकसी करना िक जो जो आ ा और व था यहोवा के दास मू सा ने तु म को दी है उसको मानकर अपने परमे र यहोवा से ेम रखो, उसके सारे माग पर
चलो, उसकी आ ाएं मानों, उसकी भ मे लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे ाण से उसकी से वा करो।
6 तब यहोशू ने उ आशीवाद दे कर िवदा िकया; और वे अपने अपने डे रे को चले गए।।
7 मन े के आधे गोि यों को मू सा ने बासान म भाग िदया था; पर ु दू सरे आधे गो को यहोशू ने उनके भाइयों के बीच यरदन के पि म की ओर भाग िदया। उन को जब यहोशू ने
िवदा िकया िक अपने अपने डे रे को जाएं ,
8 तब उन को भी आशीवाद दे कर कहा, ब त से पशु, और चांदी, सोना, पीतल, लोहा, और ब त से व और ब त धन-स त िलये ए अपने अपने डे रे को लौट आओ; और अपने
श ुओं की लू ट की स ि को अपने भाइयों के संग बांट लेना।।
9 तब बे नी, गादी, और मन े के आधे गो ी इ ाएिलयों के पास से, अथात कनान दे श के शीलो नगर से , अपनी िगलाद नाम िनज भूिम म, जो मूसा से िदलाई ई, यहोवा की आ ा के
अनु सार उनकी िनज भूिम हो गई थी, जाने की मनसा से लौट गए।
10 और जब बेनी, गादी, और मन े के आधे गो ी यरदन की उस तराई म प ं चे जो कनान दे श म है, तब उ ोंने वहां दे खने के यो एक बड़ी वेदी बनाईं।
11 और इसका समाचार इ ाएिलयों के सु नने म आया, िक बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों ने कनान दे श के सा ने यरदन की तराई म, अथात उसके उस पार जो
इ ाएिलयों का है , एक वेदी बनाई है।
12 जब इ ाएिलयों ने यह सुना, तब इ ाएिलयों की सारी म ली उन से लड़ने के िलये चढ़ाई करने को शीलो म इक ी ई।।
13 तब इ ाएिलयों ने बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों के पास िगलाद दे श म एलीआज़र याजक के पु पीनहास को,
14 और उसके सं ग दस धानों को, अथात इ ाएल के एक एक गो म से पू वजों के घरानों के एक एक धान को भे जा, और वे इ ाएल के हजारों म अपने अपने पूवजों के घरानों के
मु पु ष थे ।
15 वे िगलाद दे श म बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों के पास जा कर कहने लगे,
16 यहोवा की सारी म ली यह कहती है, िक तुम ने इ ाएल के परमे र यहोवा का यह कैसा िव ासघात िकया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इस म तुम ने उसके पीछे चलना
छोड़कर उसके िव आज बलवा िकया है?
17 सु नो, पोर के िवषय का अधम हमारे िलये कुछ कम था, य िप यहोवा की म ली को भारी द िमला तौभी आज के िदन तक हम उस अधम से शु नहीं ए; ा वह तु ारी ि
म एक छोटी बात है,
18 िक आज तुम यहोवा को ागकर उसके पीछे चलना छोड़ दे ते हो? ा तुम यहोवा से िफर जाते हो, और कल वह इ ाएल की सारी म ली पर ोिधत होगा।
19 पर ु यिद तु ारी िनज भूिम अशु हो, तो पार आकर यहोवा की िनज भूिम म, जहां यहोवा का िनवास रहता है, हम लोगों के बीच म अपनी अपनी िनज भूिम कर लो; पर ु हमारे
परमे र यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो, और न हम से।
20 दे खो, जब जे रह के पु आकान ने अपण की ई व ु के िवषय म िव ासघात िकया, तब ा यहोवा का कोप इ ाएल की पूरी म ली पर न भड़का? और उस पु ष के अधम का
ाणद अकेले उसी को न िमला।।
21 तब बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों ने इ ाएल के हजारों के मु पु षों को यह उ र िदया,
22 िक यहोवा जो ई रों का परमे र है, ई रों का परमे र यहोवा इस को जानता है , और इ ाएली भी इसे जान लगे, िक यिद यहोवा से िफरके वा उसका िव ासघात कर के हम ने यह
काम िकया हो, तो तू आज हम को जीिवत न छोड़,
23 यिद आज के िदन हम ने वेदी को इसिलये बनाया हो िक यहोवा के पीछे चलना छोड़ द, वा इसिलये िक उस पर होमबिल, अ बिल, वा मेलबिल चढ़ाएं , तो यहोवा आप इसका िहसाब
ले ;
24 पर ु हम ने इसी िवचार और मनसा से यह िकया है िक कहीं भिव म तु ारी स ान हमारी स ान से यह न कहने लगे, िक तुम को इ ाएल के परमे र यहोवा से ा काम?
25 ोंिक, हे बेिनयों, हे गािदयों, यहोवा ने जो हमारे और तु ारे बीच म यरदन को ह ठहरा िदया है, इसिलये यहोवा म तु ारा कोई भाग नहीं है। ऐसा कहकर तु ारी स ान
हमारी स ान म से यहोवा का भय छु ड़ा दे गी।
26 इसीिलये हम ने कहा, आओ, हम अपने िलये एक वेदी बना ल, वह होमबिल वा मेलबिल के िलये नहीं,
27 पर ु इसिलये िक हमारे और तु ारे , और हमारे बाद हमारे और तु ारे वंश के बीच म सा ी का काम दे ; इसिलये िक हम होमबिल, मेलबिल, और बिलदान चढ़ाकर यहोवा के
स ु ख उसकी उपासना कर; और भिव म तु ारी स ान हमारी स ान से यह न कहने पाए, िक यहोवा म तु ारा कोई भाग नहीं।
28 इसिलये हम ने कहा, िक जब वे लोग भिव म हम से वा हमारे वंश से यों कहने लेग, तब हम उन से कहगे , िक यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी ई इस वेदी को दे खो, िजसे हमारे
पुरखाओं ने होमबिल वा मेलबिल के िलये नही ं बनाया; पर ु इसिलये बनाया था िक हमारे और तु ारे बीच म सा ी का काम दे ।
29 यह हम से दू र रहे िक यहोवा से िफरकर आज उसके पीछे चलना छोड़ द, और अपने परमे र यहोवा की उस वेदी को छोड़कर जो उसके िनवास के सा ने है होमबिल, और
अ बिल, वा मे लबिल के िलये दू सरी वेदी बनाएं ।।
30 बेिनयों, गािदयों, और मन े के आधे गोि यों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग म ली के धान, जो इ ाएल के हजारों के मु पु ष थे, वे अित स
ए।
31 और एलीआजर याजक के पु पीनहास ने बेिनयों, गािदयों, और मन ेइयों से कहा, तु म ने जो यहोवा का ऐसा िव ासघात नही ं िकया, इस से आज हम ने यह जान िलया िक
यहोवा हमारे बीच म है: और तु म लोगों ने इ ाएिलयों को यहोवा के हाथ से बचाया है।
32 तब एलीआज़र याजक का पु पीनहास धानों समे त बेिनयों और गािदयों के पास से िगलाद होते ए कनान दे श म इ ाएिलयों के पास लौट गया: और यह वृता उन को कह
सु नाया।
33 तब इ ाएली स ए; और परमे र को ध कहा, और बेिनयों और गािदयों से लड़ने और उनके रहने का दे श उजाड़ने के िलये चढ़ाई करने की चचा िफर न की।
34 और बेिनयों और गािदयों ने यह कहकर, िक यह वेदी हमारे और उनके म म इस बात का सा ी ठहरी है , िक यहोवा ही परमे र है: उस वेदी का नाम एद रखा।।
यहोशू 23
1 इसके ब त िदनों के बाद, जब यहोवा ने इ ाएिलयों को उनके चारों ओर के श ुओ ं से िव ाम िदया, और यहोशू बू ढ़ा और ब त आयु का हो गया,
2 तब यहोशू सब इ ाएिलयों को, अथात पुरिनयों, मु पु षों, ािययों, और सरदारों को बुलवाकर कहने लगा, म तो अब बूढ़ा और ब त आयु का हो गया ं;
3 और तुम ने दे खा िक तु ारे परमे र यहोवा ने तु ारे िनिम इन सब जाितयों से ा ा िकया है , ोंिक जो तु ारी ओर लड़ता आया है वह तु ारा परमे र यहोवा है ।
4 दे खो, म ने इन बची ई जाितयों को िच ी डाल डालकर तु ारे गो ों का भाग कर िदया है; और यरदन से ले कर सूया की ओर के बड़े समु तक रहने वाली उन सब जाितयों को
भी ऐसा ही िदया है, िजन को म ने काट डाला है।
5 और तु ारा परमे र यहोवा उन को तु ारे सा ने से उनके दे श से िनकाल दे गा; और तु म अपने परमे र यहोवा के वचन के अनुसार उनके दे श के अिधकारी हो जाओगे।
6 इसिलये ब त िहयाव बा कर, जो कुछ मूसा की व था की पु क म िलखा है उसके पू रा करने म चौकसी करना, उस से न तो दािहने मुड़ना और न बाएं ।
7 ये जो जाितयां तु ारे बीच रह गई ह इनके बीच न जाना, और न इनके दे वताओं के नामों की चचा करना, और न उनकी शपथ खलाना, और न उनकी उपासना करना, और न उन
को द वत करना,
8 पर ु जै से आज के िदन तक तुम अपने परमे र यहोवा की भ म लवलीन रहते हो, वैसे ही रहा करना।
9 यहोवा ने तु ारे सा ने से बड़ी बड़ी और बलव जितयां िनकाली ह; और तु ारे सा ने आज के िदन तक कोई ठहर नहीं सका।
10 तुम म से एक मनु हजार मनु ों को भगाएगा, ोंिक तु ारा परमे र यहोवा अपने वचन के अनु सार तु ारी ओर से लड़ता है।
11 इसिलये अपने परमे र यहोवा से ेम रखने की पूरी चौकसी करना।
12 ोंिक यिद तु म िकसी रीित यहोवा से िफरकर इन जाितयों के बाकी लोगों से िमलने लगो जो तु ारे बीच बचे ए रहते ह, और इन से ाह शादी कर के इनके साथ समिधयाना
र ा जोड़ो,
13 तो िन य जान लो िक आगे को तु ारा परमे र यहोवा इन जाितयों को तु ारे सामहने से नहीं िनकालेगा; और ये तु ारे िलये जाल और फंदे , और तु ारे पांजरों के िलये कोड़े , और
तु ारी आं खों म कांटे ठहरे गी, और अ म तुम इस अ ी भूिम पर से जो तु ारे परमे र यहोवा ने तु दी है न हो जाओगे।
14 सु नो, म तो अब सब संसा रयों की गित पर जाने वाला ं , और तुम सब अपने अपने दय और मन म जानते हो, िक िजतनी भलाई की बात हमारे परमे र यहोवा ने हमारे िवषय म
कही ं उन म से एक भी िबना पूरी ए नही ं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई ह, उन म से एक भी िबना पू री ए नही ं रही।
15 तो जै से तु ारे परमे र यहोवा की कही ई सब भलाई की बात तुम पर घटी है , वैसे ही यहोवा िवपि की सब बात भी तुम पर घटाते घटाते तुम को इस अ ी भूिम के ऊपर से,
िजसे तु ारे परमे र यहोवा ने तु िदया है, स ानाश कर डाले गा।
16 जब तु म उस वाचा को, िजसे तु ारे परमे र यहोवा ने तुम को आ ा दे कर अपने साथ ब ाया है , उ ं घन कर के पराये दे वताओं की उपासना और उन को द वत करने लगो, तब
यहोवा का कोप तु म पर भड़केगा, और तुम इस अ े दे श म से िजसे उसने तुम को िदया है शी नाश जो जाओगे।।
यहोशू 24
1 िफर यहोशू ने इ ाएल के सब गो ों को शकेम म इक ा िकया, और इ ाएल के वृ लोगों, और मु पु षों, और ािययों, और सरदारों को बुलवाया; और वे परमे र के सा ने
उप थत ए।
2 तब यहोशू ने उन सब लोगों से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा इस कार कहता है, िक ाचीन काल म इ ाहीम और नाहोर का िपता तेरह आिद, तु ारे पुरखा परात महानद के
उस पार रहते ए दू सरे दे वताओं की उपासना करते थे।
3 और म ने तु ारे मूलपु ष इ ाहीम को महानद के उस पार से ले आकर कनान दे श के सब थानों म िफराया, और उसका वंश बढ़ाया। और उसे इसहाक को िदया;
4 िफर म ने इसहाक को याकूब और ऐसाव िदया। और ऐसाव को म ने से ईर नाम पहाड़ी दे श िदया िक वह उसका अिधकारी हो, पर ु याकूब बे टों-पोतों समेत िम को गया।
5 िफर म ने मू सा और हा न को भेज कर उन सब कामों के ारा जो म ने िम म िकए उस दे श को मारा; और उसके बाद तुम को िनकाल लाया।
6 और म तु ारे पुरखाओं को िम म से िनकाल लाया, और तुम समु के पास प ं चे; और िमि योंने रथ और सवारों को संग ले कर लाल समु तक तु ारा पीछा िकया।
7 और जब तु म ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने तु ारे और िमि यों के बीच म अ यारा कर िदया, और उन पर समु को बहाकर उन को डु बा िदया; और जो कुछ म ने िम म
िकया उसे तु म लोगों ने अपनी आं खों से दे खा; िफर तुम ब त िदन तक जंगल म रहे।
8 तब म तु म को उन एमो रयों के दे श म ले आया, जो यरदन के उस पार बसे थे ; और वे तु म से लड़े और म ने उ तु ारे वश म कर िदया, और तुम उनके दे श के अिधकारी हो गए,
और म ने उन को तु ारे सा ने से स ानाश कर डाला।
9 िफर मोआब के राजा िस ोर का पु बालाक उठ कर इ ाएल से लड़ा; और तु शाप दे ने के िलये बोर के पु िबलाम को बुलवा भेजा,
10 पर ु म ने िबलाम की सुनने के िलये नाही ं की; वह तुम को आशीष ही आशीष दे ता गया; इस कार म ने तु म को उसके हाथ से बचाया।
11 तब तुम यरदन पार हो कर यरीहो के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, प र ी, कनानी, िह ी, िगगाशी, िह ी, और यबूसी तुम से लड़े , तब म ने उ तु ारे वश म
कर िदया।
12 और म ने तु ारे आगे बर को भेजा, और उ ोंने एमो रयों के दोनों राजाओं को तु ारे सा ने से भगा िदया; दे खो, यह तु ारी तलवार वा धनुष का काम नहीं आ।
13 िफर म ने तु ऐसा दे श िदया िजस म तुम ने प र म न िकया था, और ऐसे नगर भी िदए ह िज तुम ने न बसाया था, और तुम उन म बसे हो; और िजन दाख और जलपाई के
बगीचों के फल तुम खाते हो उ तुम ने नही ं लगाया था।
14 इसिलये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और स ाई से करो; और िजन दे वताओं की सेवा तु ारे पु रखा महानद के उस पार और िम म करते थे, उ दू र कर के
यहोवा की सेवा करो।
15 और यिद यहोवा की सेवा करनी तु बुरी लगे , तो आज चुन लो िक तुम िकस की सेवा करोगे, चाहे उन दे वताओं की िजनकी से वा तु ारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और
चाहे एमो रयों के दे वताओं की सेवा करो िजनके दे श म तुम रहते हो; पर ु म तो अपने घराने समे त यहोवा की से वा िनत क ं गा।
16 तब लोगों ने उ र िदया, यहोवा को ागकर दू सरे दे वताओं की सेवा करनी हम से दू र रहे;
17 ोंिक हमारा परमे र यहोवा वही है जो हम को और हमारे पुरखाओं को दास के घर, अथात िम दे श से िनकाल ले आया, और हमारे दे खते बड़े बड़े आ य कम िकए, और
िजस माग पर और िजतनी जाितयों के म म से हम चले आते थे उन म हमारी र ा की;
18 और हमारे सा ने से इस दे श म रहनेवाली एमोरी आिद सब जाितयों को िनकाल िदया है; इसिलये हम भी यहोवा की से वा करगे, ोंिक हमारा परमे र वही है।
19 यहोशू ने लोगों से कहा, तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; ोंिक वह पिव परमे र है ; वह जलन रखने वाला ई र है; वह तु ारे अपराध और पाप मा न करे गा।
20 यिद तुम यहोवा को ागकर पराए दे वताओं की सेवा करने लगोगे, तो य िप वह तु ारा भला करता आया है तौभी वह िफरकर तु ारी हािन करे गा और तु ारा अ भी कर
डाले गा।
21 लोगों ने यहोशू से कहा, नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करगे।
22 यहोशू ने लोगों से कहा, तुम आप ही अपने सा ी हो िक तुम ने यहोवा की सेवा करनी अं गीकार कर ली है । उ ोंने कहा, हां , हम सा ी ह।
23 यहोशू ने कहा, अपने बीच पराए दे वताओं को दू र कर के अपना अपना मन इ ाएल के परमे र की ओर लगाओ।
24 लोगों ने यहोशू से कहा, हम तो अपने परमे र यहोवा ही की सेवा करगे , और उसी की बात मानगे।
25 तब यहोशू ने उसी िदन उन लोगों से वाचा ब ाई, और शकेम म उनके िलये िविध और िनयम ठहराया।।
26 यह सारा वृ ा यहोशू ने परमे र की व था की पु क म िलख िदया; और एक बड़ा प र चु नकर वहां उस बां ज वृ के तले खड़ा िकया, जो यहोवा के पिव थान म था।
27 तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, सुनो, यह प र हम लोगों का सा ी रहेगा, ोंिक िजतने वचन यहोवा ने हम से कह ह उ इस ने सुना है; इसिलये यह तु ारा सा ी रहेगा, ऐसा न
हो िक तु म अपने परमे र से मुकर जाओ।
28 तब यहोशू ने लोगों को अपने अपने िनज भाग पर जाने के िलये िवदा िकया।।
29 इन बातों के बाद यहोवा का दास, नून का पु यहोशू, एक सौ दस वष का हो कर मर गया।
30 और उसको ित ेरह म, जो ए ैम के पहाड़ी दे श म गाश नाम पहाड़ की उ र अलंग पर है , उसी के भाग म िम ी दी गई।
31 और यहोशू के जीवन भर, और जो वृ लोग यहोशू के मरने के बाद जीिवत रहे और जानते थे िक यहोवा ने इ ाएल के िलये कैसे कैसे काम िकए थे, उनके भी जीवन भर इ ाएली
यहोवा ही की सेवा करते रहे।
32 िफर यूसुफ की हि यां िज इ ाएली िम से ले आए थे वे शकेम की भूिम के उस भाग म गाड़ी गईं, िजसे याकूब ने शकेम के िपता हामोर से एक सौ चांदी के िस ों म मोल िलया
था; इसिलये वह यूसुफ की स ान का िनज भाग हो गया।
33 और हा न का पु एलीआज़र भी मर गया; और उसको ए ैम के पहाड़ी दे श म उस पहाड़ी पर िम ी दी गई, जो उसके पु पीनहास के नाम पर िगब ीनहास कहलाती है और
उसको दे दी गई थी।।
ािययों 1
1 यहोशू के मरने के बाद इ ाएिलयों ने यहोवा से पूछा, िक कनािनयों के िव लड़ने को हमारी ओर से पिहले कौन चढ़ाई करे गा?
2 यहोवा ने उ र िदया, य दा चढ़ाई करे गा; सुनो, म ने इस दे श को उसके हाथ म दे िदया है ।
3 तब य दा ने अपने भाई िशमोन से कहा, मेरे संग मेरे भाग म आ, िक हम कनािनयों से लड़; और म भी ते रे भाग म जाऊंगा। सो िशमोन उसके संग चला।
4 और य दा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने कनािनयों और प र यों को उसके हाथ म कर िदया; तब उ ोंने बेजेक म उन म से दस हजार पु ष मार डाले।
5 और बेजेक म अदोनीबे जेक को पाकर वे उस से लड़े , और कनािनयों और प र यों को मार डाला।
6 पर ु अदोनीबे जेक भागा; तब उ ोंने उसका पीछा कर के उसे पकड़ िलया, और उसके हाथ पांव के अं गूठे काट डाले ।
7 तब अदोनीबे जेक ने कहा, हाथ पांव के अंगूठे काटे ए स र राजा मे री मे ज के नीचे टु कड़े बीनते थे ; जै सा म ने िकया था, वैसा ही बदला परमे र ने मुझे िदया है। तब वे उसे
य शले म को ले गए और वहां वह मर गया।।
8 और य िदयोंने य शले म से लड़कर उसे ले िलया, और तलवार से उसके िनवािसयों मार डाला, और नगर को फूंक िदया।
9 और तब य दी पहाड़ी दे श और द न दे श, और नीचे के दे श म रहने वाले कनािनयों से लड़ने को गए।
10 और य दा ने उन कनािनयों पर चढ़ाई की जो हे ोन म रहते थे (हे ोन का नाम तो पूवकाल म िकयतबा था); और उ ोंने शेशै, अहीमन, और त ै को मार डाला।
11 वहां से उसने जा कर दबीर के िनवािसयों पर चढ़ाई की। (दबीर का नाम तो पू वकाल म िकय े पेर था।)
12 तब कालेब ने कहा, जो िकय ेपेर को मार के ले ले उसे म अपनी बे टी अकसा को ाह दू ं गा।
13 इस पर कालेब के छोटे भाई कनजी ओ ीएल ने उसे ले िलया; और उसने उसे अपनी बे टी अकसा को ाह िदया।
14 और जब वह ओ ीएल के पास आई, तब उसने उसको अपने िपता से कुछ भू िम मां गने को उभारा; िफर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उस से पूछा, तू ा चाहती है?
15 वह उस से बोली मुझे आशीवाद दे ; तू ने मुझे द न दे श तो िदया है , तो जल के सोते भी दे । इस कार काले ब ने उसको ऊपर और नीचे के दोनों सोते दे िदए।।
16 और मू सा के साले, एक केनी मनु के स ान, य दी के सं ग खजूर वाले नगर से य दा के जं गल म गए जो अराद के द न की ओर है, और जा कर इ ाएल लोगों के साथ रहने
लगे।
17 िफर य दा ने अपने भाई िशमोन के संग जा कर सपत म रहने वाले कनािनयों को मार िलया, और उस नगर को स ानाश कर डाला। इसिलये उस नगर का नाम होमा पड़ा।
18 और य दा ने चारों ओर की भूिम समेत अ ा, अशकलोन, और ए ोन को ले िलया।
19 और यहोवा य दा के साथ रहा, इसिलये उसने पहाड़ी दे श के िनवािसयों िनकाल िदया; पर ु तराई के िनवािसयों के पास लोहे के रथ थे, इसिलये वह उ न िनकाल सका।
20 और उ ोंने मूसा के कहने के अनुसार हे ोन कालेब को दे िदया: और उसने वहां से अनाक के तीनों पु ों को िनकाल िदया।
21 और य शलेम म रहने वाले यबू िसयों को िब ामीिनयों ने न िनकाला; इसिलये यबूसी आज के िदन तक य शले म म िब ामीिनयों के सं ग रहते ह।।
22 िफर यूसुफ के घराने ने बेतेल पर चढ़ाई की; और यहोवा उनके सं ग था।
23 और यूसुफ के घराने ने बेतेल का भेद लेने को लोग भेजे। (और उस नगर का नाम पू वकाल म लूज था।)
24 और पह ओं ने एक मनु को उस नगर से िनकलते ए दे खा, और उस से कहा, नगर म जाने का माग हम िदखा, और हम तुझ पर दया करगे।
25 जब उसने उ नगर म जाने का माग िदखाया, तब उ ोंने नगर को तो तलवार से मारा, पर ु उस मनु को सारे घराने समेत छोड़ िदया।
26 उस मनु ने िहि यों के दे श म जा कर एक नगर बसाया, और उसका नाम लू ज रखा; और आज के िदन तक उसका नाम वही है।।
27 मन े ने अपने अपने गांवों समेत बेतशान, तानाक, दोर, ियबलाम, और मिग ों के िनवािसयों को न िनकाला; इस कार कनानी उस दे श म बसे ही रहे।
28 पर ु जब इ ाएली सामथ ए, तब उ ोंने कनािनयों से बेगारी ली, पर ु उ पू री रीित से न िनकाला।।
29 और ए ै म ने गे जेर म रहने वाले कनािनयों को न िनकाला; इसिलये कनानी गेजेर म उनके बीच म बसे रहे ।।
30 जबलू न ने िक ोन और नहलोल के िनवािसयों न िनकाला; इसिलये कनानी उनके बीच म बसे रहे, और उनके वश म हो गए।।
31 आशेर ने अ ो, सीदोन, अहलाब, अकजीब, हेलवा, अपनीक, और रहोब के िनवािसयों को न िनकाला;
32 इसिलये आशेरी लोग दे श के िनवासी कनािनयों के बीच म बस गए; ोंिक उ ोंने उन को न िनकाला था।।
33 न ाली ने बे तशेमेश और बेतनात के िनवािसयों न िनकाला, पर ु दे श के िनवासी कनािनयों के बीच म बस गए; तौभी बेतशेमेश और बेतनात के लोग उनके वश म हो गए।।
34 और एमो रयोंने दािनयों को पहाड़ी दे श म भगा िदया, और तराई म आने न िदया;
35 इसिलये एमोरी हेरेस नाम पहाड़, अ लोन और शालबीम म बसे ही रहे , तौभी यू सुफ का घराना यहां तक बल हो गया िक वे उनके वश म हो गए।
36 और एमो रयों के दे श का िसवाना अ ीम नाम पवत की चढ़ाई से आर कर के ऊपर की ओर था।।
ािययों 2
1 और यहोवा का दू त िगलगाल से बोकीम को जा कर कहने लगा, िक म ने तुम को िम से ले आकर इस दे श म प ंचाया है, िजसके िवषय म म ने तु ारे पु रखाओं से शपथ खाई थी।
और म ने कहा था, िक जो वाचा म ने तुम से बा ी है, उसे म कभी न तोडूंगा;
2 इसिलये तु म इस दे श के िनवािसयों वाचा न बा ना; तुम उनकी वेिदयों को ढा दे ना। पर ु तुम ने मे री बात नही ं मानी। तुम ने ऐसा ों िकया है ?
3 इसिलये म कहता ं, िक म उन लोगों को तु ारे सा ने से न िनकालूं गा; और वे तु ारे पां जर म कां टे, और उनके दे वता तु ारे िलये फंदे ठहरगे।
4 जब यहोवा के दू त ने सारे इ ाएिलयों से ये बात कही,ं तब वे लोग िच ा िच ाकर रोने लगे ।
5 और उ ोंने उस थान का नाम बोकीम रखा। और वहां उ ोंने यहोवा के िलये बिल चढ़ाया।।
6 जब यहोशू ने लोगों को िवदा िकया था, तब इ ाएली दे श को अपने अिधकार म कर ले ने के िलये अपने अपने िनज भाग पर गए।
7 और यहोशू के जीवन भर, और उन वृ लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीिवत रहे और दे ख चु के थे िक यहोवा ने इ ाएल के िलये कैसे कैसे बड़े काम िकए ह,
इ ाएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे।
8 िनदान यहोवा का दास नून का पु यहोशू एक सौ दस वष का हो कर मर गया।
9 और उसको ित थेरेस म जो ए ैम के पहाड़ी दे श म गाश नाम पहाड़ की उ र अलं ग पर है, उसी के भाग म िम ी दी गई।
10 और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने िपतरों म िमल गए; तब उसके बाद जो दू सरी पीढ़ी ई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उसने इ ाएल के
िलये िकया था।।
11 इसिलये इ ाएली वह करने लगे जो यहोवा की ि म बुरा है, और बाल नाम दे वताओं की उपासना करने लगे;
12 वे अपने पूवजों के परमे र यहोवा को, जो उ िम दे श से िनकाल लाया था, ागकर पराये दे वताओं की उपासना करने लगे, और उ द वत िकया; और यहोवा को रस
िदलाई।
13 वे यहोवा को ाग कर के बाल दे वताओं और अशतोरे त दे िवयों की उपासना करने लगे ।
14 इसिलये यहोवा का कोप इ ाएिलयों पर भड़क उठा, और उसने उन को लुटेरों के हाथ म कर िदया जो उ लू टने लगे ; और उसने उन को चारों ओर के श ुओ ं के आधीन कर
िदया; और वे िफर अपने श ुओं के सा ने ठहर न सके।
15 जहां कही ं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई म लगा रहता था, जै से यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस कार से बड़े संकट म पड़ गए।
16 तौभी यहोवा उनके िलये ायी ठहराता था जो उ लूटने वाले के हाथ से छु ड़ाते थे।
17 पर ु वे अपने ािययों की भी नही ं मानते थे; वरन िभचा रन की नाईं पराये दे वताओं के पीछे चलते और उ द वत करते थे; उनके पूवज जो यहोवा की आ ाएं मानते थे,
उनकी उस लीक को उ ोंने शी ही छोड़ िदया, और उनके अनुसार न िकया।
18 और जब जब यहोवा उनके िलये ायी को ठहराता तब तब वह उस ायी के सं ग रहकर उसके जीवन भर उ श ुओ ं के हाथ से छु ड़ाता था; ोंिक यहोवा उनका कराहना जो
अ े र और उप व करने वालों के कारण होता था सुनकर दु :खी था।
19 पर ु जब ायी मर जाता, तब वे िफर पराये दे वताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते , और उ द वत कर के अपने पुरखाओं से अिधक िबगड़ जाते थे; और अपने बु रे
कामों और हठीली चाल को नही ं छोड़ते थे।
20 इसिलये यहोवा का कोप इ ाएल पर भड़क उठा; और उसने कहा, इस जाित ने उस वाचा को जो म ने उनके पू वजों से बा ी थी तोड़ िदया, और मेरी बात नहीं मानी,
21 इस कारण िजन जाितयों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उन म से म अब िकसी को उनके सा ने से न िनकालूं गा;
22 िजस से उनके ारा म इ ाएिलयों की परी ा क ं , िक जैसे उनके पूवज मेरे माग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलगे िक नही ं।
23 इसिलये यहोवा ने उन जाितयों को एकाएक न िनकाला, वरन रहने िदया, और उसने उ यहोशू के हाथ म भी उन को न सौंपा था।।
ािययों 3
1 इ ाएिलयों म से िजतने कनान म की लड़ाईयों म भागी न ए थे , उ परखने के िलये यहोवा ने इन जाितयों को दे श म इसिलये रहने िदया;
2 िक पीढ़ी पीढ़ी के इ ाएिलयों म से जो लड़ाई को पिहले न जानते थे वे सीख, और जान ल,
3 अथात पांचो सरदारों समेत पिल यों, और सब कनािनयों, और सीदोिनयों, और बालहेम न नाम पहाड़ से ले कर हमात की तराई तक लबानोन पवत म रहने वाले िह यों को।
4 ये इसिलये रहने पाए िक उनके ारा इ ाएिलयों की बात म परी ा हो, िक जो आ ाएं यहोवा ने मू सा के ारा उनके पू वजों को िदलाई थी,ं उ वे मानगे वा नही ं।
5 इसिलये इ ाएली कनािनयों, िहि यों, एमो रयों, प र यों, िह यों, और यबू िसयों के बीच म बस गए;
6 तब वे उनकी बेिटयां ाह म ले ने लगे , और अपनी बेिटयां उनके बेटों को ाह म दे ने लगे ; और उनके दे वताओं की भी उपासना करने लगे।।
7 इस कार इ ाएिलयों ने यहोवा की ि म बुरा िकया, और अपने परमे र यहोवा को भू लकर बाल नाम दे वताओं और अशेरा नाम दे िवयों की उपासना करने लग गए।
8 तब यहोवा का ोध इ ाएिलयों पर भड़का, और उसने उन को अर हरै म के राजा कूशि शातै म के आधीन कर िदया; सो इ ाएली आठ वष तक कूशि शातैम के आधीन म रहे।
9 तब इ ाएिलयों ने यहोवा की दोहाई दी, और उसने इ ाएिलयों के िलये कालेब के छोटे भाई ओ ीएल नाम एक कनजी छु ड़ाने वाले को ठहराया, और उसने उन को छु ड़ाया।
10 उस म यहोवा का आ ा समाया, और वह इ ाएिलयों का ायी बन गया, और लड़ने को िनकला, और यहोवा ने अराम के राजा कूशि शातैम को उसके हाथ म कर िदया; और वह
कूशि शातैम पर जयव आ।
11 तब चालीस वष तक दे श म शा बनी रही। और उ ी ं िदनों म क जी ओ ीएल मर गया।।
12 तब इ ाएिलयों ने िफर यहोवा की ि म बुरा िकया; और यहोवा ने मोआब के राजा ए ोन को इ ाएल पर बल िकया, ोंिक उ ोंने यहोवा की ि म बुरा िकया था।
13 इसिलये उसने अ ोिनयों और अमालेिकयों को अपने पास इक ा िकया, और जा कर इ ाएल को मार िलया; और खजूर वाले नगर को अपने वश म कर िलया।
14 तब इ ाएली अठारह वष तक मोआब के राजा ए ोन के आधीन म रहे ।
15 िफर इ ाएिलयों ने यहोवा की दोहाई दी, और उसने गेरा के पु ए द नाम एक िब ामीनी को उनका छु ड़ाने वाला ठहराया; वह बह ा था। इ ाएिलयों ने उसी के हाथ से मोआब के
राजा ए ोन के पास कुछ भट भेजी।
16 ए द ने हाथ भर ल ी एक दोधारी तलवार बनवाई थी, और उसको अपने व के नीचे दािहनी जांघ पर लटका िलया।
17 तब वह उस भट को मोआब के राजा ए ोन के पास जो बड़ा मोटा पु ष था ले गया।
18 जब वह भट को दे चुका, तब भट के लाने वाले को िवदा िकया।
19 पर ु वह आप िगलगाल के िनकट की खुदी ई मू रतों के पास लौट गया, और ए ोन के पास कहला भे जा, िक हे राजा, मुझे तुझ से एक भेद की बात कहनी है। तब राजा ने कहा,
थोड़ी दे र के िलये बाहर जाओ। तब िजतने लोग उसके पास उप थत थे वे सब बाहर चले गए।
20 तब ए द उसके पास गया; वह तो अपनी एक हवादार अटारी म अकेला बै ठा था। ए द ने कहा, परमे र की ओर से मुझे तुझ से एक बात कहनी है। तब वह ग ी पर से उठ खड़ा
आ।
21 इतने म ए द ने अपना बायां हाथ बढ़ाकर अपनी दािहनी जांघ पर से तलवार खी ंचकर उसकी तोंद म घु सेड़ दी;
22 और फल के पीछे मूठ भी पैठ गई, ओर फल चब म धंसा रहा, ोंिक उसने तलवार को उसकी तोंद म से न िनकाला; वरन वह उसके आरपार िनकल गई।
23 तब ए द छ े से िनकलकर बाहर गया, और अटारी के िकवाड़ खीच ं कर उसको ब कर के ताला लगा िदया।
24 उसके िनकल जाते ही राजा के दास आए, तो ा दे खते ह, िक अटारी के िकवाड़ों म ताला लगा है; इस कारण वे बोले, िक िन य वह हवादार कोठरी म लघुशंका करता होगा।
25 वे बाट जोहते जोहते ल त हो गए; तब यह दे खकर िक वह अटारी के िकवाड़ नही ं खोलता, उ ोंने कुंजी ले कर िकवाड़ खोले तो ा दे खा, िक उनका ामी भूिम पर मरा पड़ा
है ।
26 जब तक वे सोच िवचार कर ही रहे थे तब तक ए द भाग िनकला, और खूदी ई मू रतों की परली ओर हो कर सेइरे म जा कर शरण ली।
27 वहां प ंचकर उसने ए ैम के पहाड़ी दे श म नरिसंगा फूंका; तब इ ाएली उसके सं ग हो कर पहाड़ी दे श से उसके पीछे पीछे नीचे गए।
28 और उसने उन से कहा, मेरे पीछे पीछे चले आओ; ोंिक यहोवा ने तु ारे मोआबी श ुओ ं को तु ारे हाथ म कर िदया है। तब उ ोंने उसके पीछे पीछे जाके यरदन के घाटों को जो
मोआब दे श की ओर है ले िलया, और िकसी को उतरने न िदया।
29 उस समय उ ोंने कोई दस हजार मोआिबयों को मार डाला; वे सब के सब पु और शूरवीर थे , पर ु उन म से एक भी न बचा।
30 इस कार उस समय मोआब इ ाएल के हाथ के तले दब गया। तब अ ी वष तक दे श म शा बनी रही।।
31 उसके बाद अनात का पु शमगर आ, उसने छ: सौ पिल ी पु षों को बै ल के पै ने से मार डाला; इस कारण वह भी इ ाएल का छु ड़ाने वाला आ।।
ािययों 4
1 जब ए द मर गया तब इ ाएिलयों ने िफर यहोवा की ि म बु रा िकया।
2 इसिलये यहोवा ने उन को हासोर म िवराजने वाले कनान के राजा याबीन के आधीन म कर िदया, िजसका से नापित सीसरा था, जो अ जाितयों की हरोशेत का िनवासी था।
3 तब इ ाएिलयों ने यहोवा की दोहाई दी; ोंिक सीसरा के पास लोहे के नौ सौ रथ थे, और वह इ ाएिलयों पर बीस वष तक बड़ा अ ेर करता रहा।
4 उस समय ल ीदोत की ी दबोरा जो निबया थी इ ाएिलयों का ाय करती थी।
5 वह ए ैम के पहाड़ी दे श म रामा और बेतेल के बीच म दबोरा के खजूर के तले बै ठा करती थी, और इ ाएली उसके पास ाय के िलये जाया करते थे।
6 उसने अबीनोअम के पु बाराक को केदे श न ाली म से बु लाकर कहा, ा इ ाएल के परमे र यहोवा ने यह आ ा नही ं दी, िक तू जा कर ताबोर पहाड़ पर चढ़ और न ािलयों और
जबू लूिनयों म के दस हजार पु षों को सं ग ले जा?
7 तब म याबीन के से नापित सीसरा के रथों और भीड़भाड़ समेत कीशोन नदी तक ते री ओर खींच ले आऊंगा; और उसको ते रे हाथ म कर दू ं गा।
8 बाराक ने उस से कहा, यिद तू मेरे संग चलेगी तो म जाऊंगा, नहीं तो न जाऊंगा।
9 उसने कहा, िन:स े ह म तेरे संग चलूंगी; तौभी यह या ा से तेरी तो कुछ बड़ाई न होगी, ोंिक यहोवा सीसरा को एक ी के आधीन कर दे गा। तब दबोरा उठ कर बाराक के संग
केदे श को गई।
10 तब बाराक ने जबूलून और न ाली के लोगों को केदे श म बु लवा िलया; और उसके पीछे दस हजार पु ष चढ़ गए; और दबोरा उसके संग चढ़ गई।
11 हेबेर नाम केनी ने उन केिनयों म से, जो मूसा के साले होबाब के वंश के थे, अपने को अलग कर के केदे श के पास के सान ीम के बां जवृझ तक जा कर अपना डे रा वही ं डाला था।
12 जब सीसरा को यह समाचार िमला िक अबीनोअम का पु बाराक ताबोर पहाड़ पर चढ़ गया है ,
13 तब सीसरा ने अपने सब रथ, जो लोहे के नौ सौ रथ थे, और अपने संग की सारी सेना को अ जाितयों के हरोशेत के कीशोन नदी पर बुलवाया।
14 तब दबोरा ने बाराक से कहा, उठ! ोंिक आज वह िदन है िजस म यहोवा सीसरा को तेरे हाथ म कर दे गा। ा यहोवा ते रे आगे नही ं िनकला है? इस पर बाराक और उसके पीछे
पीछे दस हजार पु ष ताबोर पहाड़ से उतर पड़े ।
15 तब यहोवा ने सारे रथों वरन सारी सेना समेत सीसरा को तलवार से बाराक के सा ने घबरा िदया; और सीसरा रथ पर से उतर के पांव पांव भाग चला।
16 और बाराक ने अ जाितयों के हरोशेत तक रथों और सेना का पीछा िकया, और तलवार से सीसरा की सारी से ना न की गई; और एक भी मनु न बचा।।
17 पर ु सीसरा पांव पांव हेबेर केनी की ी याएल के डे रे को भाग गया; ोंिक हासोर के राजा याबीन और हेबेर केनी म मेल था।
18 तब याएल सीसरा की भट के िलये िनकलकर उस से कहने लगी, हे मेरे भु, आ, मे रे पास आ, और न डर। तब वह उसके पास डे रे म गया, और उसने उसके ऊपर क ल डाल
िदया।
19 तब सीसरा ने उस से कहा, मुझे ास लगी है, मुझे थोड़ा पानी िपला। तब उसने दू ध की कु ी खोल कर उसे दू ध िपलाया, और उसको ओढ़ा िदया।
20 तब उसने उस से कहा, डे रे के ार पर खड़ी रह, और यिद कोई आकर तुझ से पू छे, िक यहां कोई पु ष है ? तब कहना, कोई भी नही।ं
21 इसके बाद हेबेर की ी याएल ने डे रे की एक खूंटी ली, और अपने हाथ म एक हथौड़ा भी िलया, और दबे पां व उसके पास जा कर खूंटी को उसकी कनपटी म ऐसा ठोक िदया िक
खूं टी पार हो कर भूिम म धंस गई; वह तो थका था ही इसिलये गहरी नीद ं म सो रहा था। सो वह मर गया।
22 जब बाराक सीसरा का पीछा करता आ आया, तब याएल उस से भट करने के िलये िनकली, और कहा, इधर आ, िजसका तू खोजी है उसको म तुझे िदखाऊंगी। तब उसने उसके
साथ जा कर ा दे खा; िक सीसरा मरा पड़ा है, और वह खूं टी उसकी कनपटी म गड़ी है ।
23 इस कार परमे र ने उस िदन कनान के राजा याबीन को इ ाएिलयों के सा ने नीचा िदखाया।
24 और इ ाएली कनान के राजा याबीन पर बल होते गए, यहां तक िक उ ोंने कनान के राजा याबीन को न कर डाला।।
ािययों 5
1 उसी िदन दबोरा और अबीनोअम के पु बाराक ने यह गीत गाया,
2 िक इ ाएल के अगु वों ने जो अगुवाई की और जा जो अपनी ही इ ा से भरती ई, इसके िलये यहोवा को ध कहो!
3 हे राजाओ, सु नो; हे अिधपितयों कान लगाओ, म आप यहोवा के िलये गीत गाऊंगी; इ ाएल के परमे र यहोवा का म भजन क ं गी।।
4 हे यहोवा, जब तू सेईर से िनकल चला, जब तू ने एदोम के दे श से थान िकया, तब पृ ी डोल उठी, और आकाश टू ट पड़ा, बादल से भी जल बरसने लगा।।
5 यहोवा के ताप से पहाड़, इ ाएल के परमे र यहोवा के ताप से वह सीनै िपघलकर बहने लगा।
6 अनात के पु शमगर के िदनों म, और याएल के िदनों म सड़क सू नी पड़ी थी ं, और बटोही पगदं िडयों से चलते थे।।
7 जब तक म दबोरा न उठी, जब तक म इ ाएल म माता हो कर न उठी, तब तक गांव सूने पड़े थे ।।
8 नये नये दे वता माने गए, उस समय फाटकों म लड़ाई होती थी। ा चालीस हजार इ ाएिलयों म भी ढ़ाल वा बछ कही ं दे खने म आती थी?
9 मे रा मन इ ाएल के हािकमों की ओर लगा है, जो जा के बीच म अपनी ही इ ा से भरती ए। यहोवा को ध कहो।।
10 हे उजली गदिहयों पर चढ़ने वालो, हे फश पर िवराजने वालो, हे माग पर पैदल चलने वालो, ान रखो।।
11 पनघटों के आस पास धनुधा रयों की बात के कारण, वहां वे यहोवा के धममय कामों का, इ ाएल के िलये उसके धममय कामों का बखान करगे। उस समय यहोवा की जा के लोग
फाटकों के पास गए।।
12 जाग, जाग, हे दबोरा! जाग, जाग, गीत सुना! हे बाराक, उठ, हे अबीनोअम के पु , अपने ब ु ओं को ब ु आई म ले चल।
13 उस समय थोड़े से रईस जा समेत उतर पड़े ; यहोवा शूरवीरों के िव मेरे िहत उतर आया।
14 ए ै म म से वे आए िजसकी जड़ अमालेक म है; हे िब ामीन, तेरे पीछे तेरे दलों म, माकीर म से हािकम, और जबू लून म से सेनापित द िलये ए उतरे ;
15 और इ ाकार के हािकम दबोरा के संग ए, जैसा इ ाकार वैसा ही बाराक भी था; उसके पीछे लगे ए वे तराई म झपटकर गए। बेन की निदयों के पास बड़े बड़े काम मन म
ठाने गए।।
16 तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच ों बै ठा रहा? बेन की निदयों के पास बड़े बड़े काम सोचे गए।।
17 िगलाद यरदन पार रह गया; और दान ों जहाजों म रह गया? आशेर समु के तीर पर बै ठा रहा, और उसकी खािडय़ों के पास रह गया।।
18 जबलू न अपने ाण पर खेलने वाले लोग ठहरे ; न ाली भी दे श के ऊंचे ऊंचे थानों पर वैसा ही ठहरा।
19 राजा आकर लड़े , उस समय कनान के राजा मिग ो के सोतों के पास तानाक म लड़े ; पर पयों का कुछ लाभ न पाया।।
20 आकाश की ओर से भी लड़ाई ई; वरन ताराओं ने अपने अपने म ल से सीसरा से लड़ाई की।।
21 कीशोन नदी ने उन को बहा िदया, अथात वही ाचीन नदी जो कीशोन नदी है । हे मन, िहयाव बा े आगे बढ़।।
22 उस समय घोड़े के खुरों से टाप का श होने लगा, उनके बिल घोड़ों के कूदने से यह आ।।
23 यहोवा का दू त कहता है, िक मेरोज को शाप दो, उसके िनवािसयों भारी शाप दो, ोंिक वे यहोवा की सहायता करने को, शूरवीरों के िव यहोवा की सहायता करने को न आए।।
24 सब यों म से केनी हेबेर की ी याएल ध ठहरे गी; डे रों म से रहनेवाली सब यों म वह ध ठहरे गी।।
25 सीसरा ने पानी मांगा, उसने दू ध िदया, रईसों के यो बतन म वह म न ले आई।।
26 उसने अपना हाथ खूंटी की ओर अपना दिहना हाथ बढ़ई के हथौड़े की ओर बढ़ाया; और हथौड़े से सीसरा को मारा, उसके िसर को फोड़ डाला, और उसकी कनपटी को आरपार
छे द िदया।।
27 उस ी के पांवो पर वह झुका, वह िगरा, वह पड़ा रहा; उस ी के पांवो पर वह झुका, वह िगरा; जहां झुका, वहीं मरा पड़ा रहा।।
28 खड़की म से एक ी झांककर िच ाई, सीसरा की माता ने िझलिमली की ओट से पुकारा, िक उसके रथ के आने म इतनी दे र ों लगी? उसके रथों के पिहयों को अबेर ों ई
है ?
29 उसकी बु मान िति त यों ने उसे उ र िदया, वरन उसने अपने आप को इस कार उ र िदया,
30 िक ा उ ोंने लूट पाकर बांट नहीं ली? ा एक एक पु ष को एक एक वरन दो दो कुंवा रयां ; और सीसरा को रं गे ए व की लूट, वरन बूटे काढ़े ए रं गीले व की लू ट, और
लू टे ओं के गले म दोनों ओर बू टे काढ़े ए रं गीले व नहीं िमले?
31 हे यहोवा, तेरे सब श ु ऐसे ही नाश हो जाएं ! पर ु उसके े मी लोग ताप के साथ उदय होते ए सूय के समान ते जोमय हों।। िफर दे श म चालीस वष तक शा रही।।
ािययों 6
1 तब इ ाएिलयों ने यहोवा की ि म बुरा िकया, इसिलये यहोवा ने उ िम ािनयों के वश म सात वष कर रखा।
2 और िम ानी इ ाएिलयों पर बल हो गए। िम ािनयों के डर के मारे इ ाएिलयों ने पहाड़ों के गिहरे ख ों, और गु फाओं, और िकलों को अपने िनवास बना िलए।
3 और जब जब इ ाएली बीज बोते तब तब िम ानी और अमालेकी और पू व लोग उनके िव चढ़ाई कर के
4 अ ा तक छावनी डाल डालकर भूिम की उपज नाश कर डालते थे , और इ ाएिलयों के िलये न तो कुछ भोजनव ु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे।
5 ोंिक वे अपने पशुओं और डे रों को िलये ए चढ़ाई करते, और िटि यों के दल के समान ब त आते थे ; और उनके ऊंट भी अनिगनत होते थे; और वे दे श को उजाड़ने के िलये उस
म आया करते थे।
6 और िम ािनयों के कारण इ ाएली बड़ी दु दशा म पड़ गए; तब इ ाएिलयों ने यहोवा की दोहाई दी।।
7 जब इ ाएिलयों ने िम ािनयों के कारण यहोवा की दोहाई दी,
8 तब यहोवा ने इ ाएिलयों के पास एक नबी को भेजा, िजसने उन से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक म तुम को िम म से ले आया, और दास के घर से िनकाल ले
आया;
9 और म ने तु म को िमि यों के हाथ से , वरन िजतने तुम पर अ ेर करते थे उन सभों के हाथ से छु ड़ाया, और उन को तु ारे सा ने से बरबस िनकाल कर उनका दे श तु दे िदया;
10 और म ने तु म से कहा, िक म तु ारा परमे र यहोवा ं ; एमोरी लोग िजनके दे श म तुम रहते हो उनके दे वताओं का भय न मानना। पर ु तुम ने मे रा कहना नही ं माना।।
11 िफर यहोवा का दू त आकर उस बांजवृझ के तले बैठ गया, जो ओ ा म अबीएजे री योआश का था, और उसका पु िगदोन एक दाखरस के कु म गे ं इसिलये झाड़ रहा था िक
उसे िम ािनयों से िछपा रखे।
12 उसको यहोवा के दू त ने दशन दे कर कहा, हे शूरवीर सू रमा, यहोवा ते रे संग है ।
13 िगदोन ने उस से कहा, हे मेरे भु, िबनती सुन, यिद यहोवा हमारे सं ग होता, तो हम पर यह सब िवपि ों पड़ती? और िजतने आ यकम का वणन हमारे पुरखा यह कहकर करते
थे , िक ा यहोवा हम को िम से छु ड़ा नही ं लाया, वे कहां रहे? अब तो यहोवा ने हम को ाग िदया, और िम ािनयों के हाथ कर िदया है।
14 तब यहोवा ने उस पर ि कर के कहा, अपनी इसी श पर जा और तू इ ाएिलयों को िम ािनयों के हाथ से छु ड़ाएगा; ा म ने तुझे नही ं भे जा?
15 उसने कहा, हे मेरे भु, िबनती सुन, म इ ाएल को ोंकर छु ड़ाऊ? दे ख, मेरा कुल मन े म सब से कंगाल है, िफर म अपने िपता के घराने म सब से छोटा ं।
16 यहोवा ने उस से कहा, िन य म तेरे संग र ंगा; सो तू िम ािनयों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनु को।
17 िगदोन ने उस से कहा, यिद तेरा अनु ह मुझ पर हो, तो मुझे इसका कोई िच िदखा िक तू ही मु झ से बात कर रहा है ।
18 जब तक म ते रे पास िफर आकर अपनी भट िनकाल कर तेरे सा ने न रखूं , तब तक तू यहां से न जा। उसने कहा, म तेरे लौटने तक ठहरा र ंगा।
19 तब िगदोन ने जा कर बकरी का एक ब ा और एक एपा मैदे की अखमीरी रोिटयां तैयार की ं; तब मांस को टोकरी म, और जूस को तसले म रखकर बांजवृझ के तले उसके पास ले
जा कर िदया।
20 परमे र के दू त ने उस से कहा, मांस और अखमीरी रोिटयों को ले कर इस च ान पर रख दे , और जू स को उ े ल दे । उसने ऐसा ही िकया।
21 तब यहोवा के दू त ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर मांस और अखमीरी रोिटयों को छूआ; और च ान से आग िनकली िजस से मांस और अखमीरी रोिटयां भ हो गई; तब यहोवा
का दू त उसकी ि से अ र ान हो गया।
22 जब िगदोन ने जान िलया िक वह यहोवा का दू त था, तब िगदोन कहने लगा, हाय, भु यहोवा! म ने तो यहोवा के दू त को सा ात दे खा है।
23 यहोवा ने उस से कहा, तुझे शा िमले; मत डर, तू न मरे गा।
24 तब िगदोन ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवा शालोम रखा। वह आज के िदन तक अबीएजे रयों के ओ ा म बनी है।
25 िफर उसी रात को यहोवा ने िगदोन से कहा, अपने िपता का जवान बैल, अथात दू सरा सात वष का बै ल ले , और बाल की जो वेदी तेरे िपता की है उसे िगरा दे , और जो अशेरा दे वी
उसके पास है उसे काट डाल;
26 और उस ढ़ थान की चोटी पर ठहराई ई रीित से अपने परमे र यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दू सरे बै ल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी जो तू काट डाले गा जलाकर
होमबिल चढ़ा।
27 तब िगदोन ने अपने संग दस दासों को ले कर यहोवा के वचन के अनु सार िकया; पर ु अपने िपता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम िदन को न कर सका,
इसिलये रात म िकया।
28 िबहान को नगर के लोग सवेरे उठ कर ा दे खते ह, िक बाल की वेदी िगरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दू सरा बैल बनाई ई वेदी पर चढ़ाया आ है।
29 तब वे आपस म कहने लगे, यह काम िकस ने िकया? और पू छपाछ और ढू ं ढ़-ढां ढ़ कर के वे कहने लगे , िक यह योआश के पु िगदोन का काम है।
30 तब नगर के मनु ों ने योआश से कहा, अपने पु को बाहर ले आ, िक मार डाला जाए, ोंिक उसने बाल की वेदी को िगरा िदया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला
है ।
31 योआश ने उन सभों से जो उसके सा ने खड़े ए थे कहा, ा तुम बाल के िलये वाद िववाद करोगे ? ा तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके िलये वाद िववाद करे वह मार डाला
जाएगा। िबहान तक ठहरे रहो; तब तक यिद वह परमे र हो, तो िजसने उसकी वेदी िगराई है उस से वह आप ही अपना वाद िववाद करे ।
32 इसिलये उस िदन िगदोन का नाम यह कहकर य ाल रखा गया, िक इस ने जो बाल की वेदी िगराई है तो इस पर बाल आप वाद िववाद कर ले।।
33 इसके बाद सब िम ानी और अमालेकी और पूव इक े ए, और पार आकर िय े ल की तराई म डे रे डाले ।
34 तब यहोवा का आ ा िगदोन म समाया; और उसने नरिसं गा फूंका, तब अबीएजेरी उसकी सुनने के िलये इक े ए।
35 िफर उसने कुल मन े के पास अपने दू त भेजे; और वे भी उसके समीप इक े ए। और उसने आशेर, जबूलून, और न ाली के पास भी दू त भेजे; तब वे भी उस से िमलने को चले
आए।
36 तब िगदोन ने परमे र से कहा, यिद तू अपने वचन के अनुसार इ ाएल को मेरे ारा छु ड़ाएगा,
37 तो सु न, म एक भेड़ी की ऊन खिलहान म रखूंगा, और यिद ओस केवल उस ऊन पर पड़े , और उसे छोड़ सारी भू िम सूखी रह जाए, तो म जान लूंगा िक तू अपने वचन के अनु सार
इ ाएल को मेरे ारा छु ड़ाएगा।
38 और ऐसा ही आ। इसिलये जब उसने िबहान को सबे रे उठ कर उस ऊन को दबाकर उस म से ओस िनचोड़ी, तब एक कटोरा भर गया।
39 िफर िगदोन ने परमे र से कहा, यिद म एक बार िफर क ं , तो तेरा ोध मु झ पर न भड़के; म इस ऊन से एक बार और भी तेरी परी ा क ं , अथात केवल ऊन ही सूखी रहे , और
सारी भू िम पर ओस पड़े ।
40 इस रात को परमे र ने ऐसा ही िकया; अथात केवल ऊन ही सू खी रह गई, और सारी भू िम पर ओस पड़ी।।
ािययों 7
1 तब िगदोन जो य ाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके सं ग थे सवेरे उठे , और हरोद नाम सोते के पास अपने डे रे खड़े िकए; और िम ािनयों की छावनी उनकी उ री ओर
मोरे नाम पहाड़ी के पास तराई म पड़ी थी।।
2 तब यहोवा ने िगदोन से कहा, जो लोग तेरे संग ह वे इतने ह िक म िम ािनयों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नही ं तो इ ाएल यह कहकर मेरे िव अपनी बड़ाई मारने लगे, िक हम
अपने ही भुजबल के ारा बचे ह।
3 इसिलये तू जा कर लोगों म यह चार कर के सुना दे , िक जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह िगलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए। तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस
हजार रह गए।
4 िफर यहोवा ने िगदोन से कहा, अब भी लोग अिधक ह; उ सोते के पास नीचे ले चल, वहां म उ तेरे िलये परखूं गा; और िजस िजसके िवषय म म तुझ से क ं, िक यह तेरे संग चले ,
वह तो ते रे संग चले; और िजस िजसके िवषय मे म क ं, िक यह ते रे संग न जाए, वह न जाए।
5 तब वह उन को सोते के पास नीचे ले गया; वहां यहोवा ने िगदोन से कहा, िजतने कु े की नाईं जीभ से पानी चपड़ चपड़ कर के पीएं उन को अलग रख; और वैसा ही उ भी जो घुटने
टे ककर पीएं ।
6 िज ोंने मुंह म हाथ लगा चपड़ चपड़ कर के पानी िपया उनकी तो िगनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घु टने टे ककर पानी िपया।
7 तब यहोवा ने िगदोन से कहा, इन तीन सौ चपड़ चपड़ कर के पीने वालों के ारा म तु म को छु ड़ाऊंगा, और िम ािनयों को ते रे हाथ म कर दू ं गा; और सब लोग अपने अपने थान को
लौट जाए।
8 तब उन लोगों ने हाथ म सीधा और अपने अपने नरिसंगे िलये; और उसने इ ाएल के सब पु षों को अपने अपने डे रे की ओर भेज िदया, पर ु उन तीन सौ पु षों को अपने पास
रख छोड़ा; और िम ान की छावनी उसके नीचे तराई म पड़ी थी।।
9 उसी रात को यहोवा ने उस से कहा, उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; ोंिक म उसे ते रे हाथ कर दे ता ं ।
10 पर ु यिद तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग ले कर छावनी के पास जा कर सुन,
11 िक वे ा कह रहे है; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का िहयाव होगा। तब वह अपने सेवक फूरा को सं ग ले उन हिथयार-ब ों के पास जो छावनी की छोर पर थे
उतर गया।
12 िम ानी और अमालेकी और सब पूव लोग तो िटि यों के समान ब त से तराई म फैले पड़े थे ; और उनके ऊंट समु तीर के बालू के िकनकों के समान िगनती से बाहर थे।
13 जब िगदोन वहां आया, तब एक जन अपने िकसी संगी से अपना यों कह रहा था, िक सुन, म ने म ा दे खा है िक जौ की एक रोटी लुढ़कते लुढ़कते िम ान की छावनी म
आई, और डे रे को ऐसा ट र मारा िक वह िगर गया, और उसको ऐसा उलट िदया, िक डे रा िगरा पड़ा रहा।
14 उसके संगी ने उ र िदया, यह योआश के पु िगदोन नाम एक इ ाएली पु ष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ म परमे र ने िम ान को सारी छावनी समे त कर िदया
है ।।
15 उस का वणन और फल सुनकर िगदोन ने द वत की; और इ ाएल की छावनी म लौटकर कहा, उठो, यहोवा ने िम ानी सेना को तु ारे वश म कर िदया है ।
16 तब उसने उन तीन सौ पु षों के तीन झु िकए, और एक एक पु ष के हाथ म एक नरिसं गा और खाली घड़ा िदया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी।
17 िफर उसने उन से कहा, मुझे दे खो, और वैसा ही करो; सुनो, जब म उस छावनी की छोर पर प ं चूं, तब जैसा म क ं वैसा ही तुम भी करना।
18 अथात जब म और मेरे सब संगी नरिसंगा फूंक तब तुम भी छावनी की चारों ओर नरिसंगे फूंकना, और ललकारना, िक यहोवा की और िगदोन की तलवार।।
19 बीच वाले पहर के आिद म ोंही पह ओं की बदली हो गई थी ोही ं िगदोन अपने संग के सौ पु षों समेत छावनी की छोर पर गया; और नरिसंगे को फूंक िदया और अपने हाथ
के घड़ों को तोड़ डाला।
20 तब तीनों झु ों ने नरिसं गों को फूंका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने अपने बाएं हाथ म मशाल और दािहने हाथ म फूंकने को नरिसंगा िलये ए िच ा उठे , यहोवा की तलवार
और िगदोन की तलवार।
21 तब वे छावनी के चारों ओर अपने अपने थान पर खड़े रहे , और सब से ना के लोग दौड़ने लगे; और उ ोंने िच ा िच ाकर उ भगा िदया।
22 और उ ोंने तीन सौ नरिसंगों को फूंका, और यहोवा ने एक एक पु ष की तलवार उसके सं गी पर और सब से ना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरे रा की ओर बेतिश ा तब और
त ात के पास के आबेलमहोला तक भाग गए।
23 तब इ ाएली पु ष न ाली और आशेर और मन े के सारे दे श से इक े हो कर िम ािनयों के पीछे पड़े ।
24 और िगदोन ने ए ैम के सब पहाड़ी दे श म यह कहने को दू त भेज िदए, िक िम ािनयों से मु ठभे ड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बे तबारा तक उन से पिहले
अपने वश म कर लो। तब सब ए ैमी पु षों ने इक े हो कर यरदन नदी को बे तबारा तक अपने वश म कर िलया।
25 और उ ोंने ओरे ब और जेब नाम िम ान के दो हािकमों को पकड़ा; और ओरे ब को ओरे ब नाम च ान पर, और जे ब को जेब नाम दाखरस के कु पर घात िकया; और वे
िम ािनयों के पीछे पड़े ; और ओरे ब और जेब के िसर यरदन के पार िगदोन के पास ले गए।।
ािययों 8
1 तब ए ै मी पु षों ने िगदोन से कहा, तू ने हमारे साथ ऐसा बताव ों िकया है , िक जब तू िम ान से लड़ने को चला तब हम को नहीं बुलवाया? सो उ ोंने उस से बड़ा झगड़ा िकया।
2 उसने उन से कहा, म ने तु ारे समान भला अब िकया ही ा है? ा ए ै म की छोड़ी ई दाख भी अबीएजे र की सब फसल से अ ी नही ं है?
3 तु ारे ही हाथों म परमे र ने ओरब और जेब नाम िम ान के हािकमों को कर िदया; तब तु ारे बराबर म कर ही ा सका? जब उसने यह बात कही, तब उनका जी उसकी ओर से
ठं ड़ा हो गया।।
4 तब िगदोन और उसके संग तीनों सौ पु ष, जो थके मा े थे तौभी खदे ड़ते ही रहे थे, यरदन के तीर आकर पार हो गए।
5 तब उसने सु ोत के लोगों से कहा, मेरे पीछे इन आने वालों को रोिटयां दो, ोंिक ये थके मा े ह; और म िम ान के जेबह और स ु ा नाम राजाओं का पीछा कर रहा ं।
6 सु ोत के हािकमों ने उ र िदया, ा जेबह और स ु ा तेरे हाथ म पड़ चु के ह, िक हम ते री से ना को रोटी दे ?
7 िगदोन ने कहा, जब यहोवा जेबह और स ु ा को मेरे हाथ म कर दे गा, तब म इस बात के कारण तुम को जं गल के कटीले और िब ू पे ड़ों से नु चवाऊंगा।
8 वहां से वह पनूएल को गया, और वहां के लोगों से ऐसी ही बात कही; और पनू एल के लोगों ने सु ोत के लोगों का सा उ र िदया।
9 उसने पनू एल के लोगों से कहा, जब म कुशल से लौट आऊंगा, तब इस गु ट को ढा दू ं गा।।
10 जेबह और स ु ा तो कक र म थे, और उनके साथ कोई प ह हजार पु षों की से ना थी, ोंिक पूिवय की सारी से ना म से उतने ही रह गए थे; जो मारे गए थे वे एक लाख बीस
हजार हिथयारब थे।
11 तब िगदोन ने नोबह और यो हा के पूव की ओर डे रों म रहने वालों के माग म चढ़कर उस सेना को जो िनडर पड़ी थी मार िलया।
12 और जब जेबह और स ु ा को पकड़ िलया, और सारी सेना को भगा िदया।
13 और योआश का पु िगदोन हेरेस नाम चढ़ाई पर से लड़ाई से लौटा।
14 और सु ोत के एक जवान पु ष को पकड़कर उस से पू छा, और उसने सु ोत के सतह रों हािकमोंऔर वृ लोगों के पते िलखवाये।
15 तब वह सु ोत के मनु ों के पास जा कर कहने लगा, जेबह और स ु ा को दे खा, िजनके िवषय म तु म ने यह कहकर मुझे िचढ़ाया था, िक ा जेबह और स ु ा अभी तेरे हाथ
म ह, िक हम ते रे थके मा े जनों को रोटी द?
16 तब उसने उस नगर के वृ लोगों को पकड़ा, और जंगल के कटीले और िब ू पे ड़ ले कर सु ोत के पु षों को कुछ िसखाया।
17 और उसने पनूएल के गु ट को ढा िदया, और उस नगर के मनु ों को घात िकया।
18 िफर उसने जे बह और स ु ा से पूछा, जो मनु तुम ने ताबोर पर घात िकए थे वे कैसे थे? उ ोंने उ र िदया, जै सा तू वैसे ही वे भी थे अथात एक एक का प राजकुमार का सा
था।
19 उसने कहा, वे तो मेरे भाई, वरन मेरे सहोदर भाई थे; यहोवा के जीवन की शपथ, यिद तुम ने उन को जीिवत छोड़ा होता, तो म तुम को घात न करता।
20 तब उसने अपने जेठे पु यतेरे से कहा, उठ कर इ घात कर। पर ु जवान ने अपनी तलवार न खीच ं ी, ोंिक वह उस समय तक लड़का ही था, इसिलये वह डर गया।
21 तब जे बह और स ु ा ने कहा, तू उठ कर हम पर हार कर; ोंिक जैसा पु ष हो, वैसा ही उसका पौ ष भी होगा। तब िगदोन ने उठ कर जेबह और स ु ा को घात िकया;
और उनके ऊंटों के गलों के च हारों को ले िलया।।
22 तब इ ाएल के पु षों ने िगदोन से कहा, तू हमारे ऊपर भु ता कर, तू और ते रा पु और पोता भी भु ता करे ; ोंिक तू ने हम को िम ान के हाथ से छु ड़ाया है।
23 िगदोन ने उन से कहा, म तु ारे ऊपर भुता न क ं गा, और न मे रा पु तु ारे ऊपर भुता करे गा; यहोवा ही तुम पर भुता करे गा।
24 िफर िगदोन ने उन से कहा, म तुम से कुछ मांगता ं; अथात तुम मु झ को अपनी अपनी लूट म की बािलयां दो। (वे तो इशमाएली थे, इस कारण उनकी बािलयां सोने की थी ं।) उ ोंने
कहा, िन य हम दगे।
25 तब उ ोंने कपड़ा िबछाकर उस म अपनी अपनी लूट म से िनकाल कर बािलयां डाल दी ं।
26 जो सोने की बािलयां उसने मांग लीं उनका तौल एक हजार सात सौ शेकेल आ; और उन को छोड़ च हार, झुमके, और बगनी रं ग के व जो िम ािनयों के राजा पिहने थे, और
उनके ऊंटों के गलों की जंजीर।
27 उनका िगदोन ने एक एपोद बनवाकर अपने ओ ा नाम नगर म रखा; और सब इ ाएल वहां िभचा रणी की नाईं उसके पीछे हो िलया, और वह िगदोन और उसके घराने के िलये
फ ा ठहरा।
28 इस कार िम ान इ ािलयों से दब गया, और िफर िसर न उठाया। और िगदोन के जीवन भर अथात चालीस वष तक दे श चैन से रहा।
29 योआश का पु य ाल तो जा कर अपने घर म रहने लगा।
30 और िगदोन के स र बेटे उ ए, ोंिक उसके ब त यां थी ं।
31 और उसकी जो एक रखेली शकेम म रहती थी उसके एक पु उ आ, और िगदोन ने उसका नाम अबीमे लेक रखा।
32 िनदान योआश का पु िगदोन पूरे बुढ़ापे म मर गया, और अबीएजे रयों के ओ ा नाम गां व म उसके िपता योआश की कबर म उसको िम ी दी गई।।
33 िगदोन के मरते ही इ ाएली िफर गए, और िभचा रणी की नाईं बाल दे वताओं के पीछे हो िलये, और बालबरीत को अपना दे वता मान िलया।
34 और इ ाएिलयों ने अपने परमे र यहोवा को, िजसने उन को चारों ओर के सब श ुओ ं के हाथ से छु ड़ाया था, रण न रखा;
35 और न उ ोंने य ाल अथात िगदोन की उस सारी भलाई के अनु सार जो उसने इ ाएिलयों के साथ की थी उसके घराने को ीित िदखाई।।
ािययों 9
1य ाल का पु अबीमेलेक शकेम को अपने मामाओं के पास जा कर उन से और अपने नाना के सब घराने से यों कहने लगा,
2 शकेम के सब मनु ों से यह पू छो, िक तु ारे िलये ा भला है ? ा यह िक य ाल के स र पु तुम पर भु ता कर? वा यह िक एक ही पु ष तुम पर भुता करे ? और यह भी
रण रखो िक म तु ारा हाड़ मांस ं।
3 तब उसके मामाओं ने शकेम के सब मनु ों से ऐसी ही बात कही;ं और उ ोंने यह सोचकर िक अबीमेलेक तो हमारा भाई है अपना मन उसके पीछे लगा िदया।
4 तब उ ोंने बालबरीत के म र म से स र टु कड़े पे उसको िदए, और उ लगाकर अबीमे लेक ने नीच और लु े जन रख िलये, जो उसके पीछे हो िलए।
5 तब उसने ओ ा म अपने िपता के घर जाके अपने भाइयों को जो य ाल के स र पु थे एक ही प र पर घात िकया; पर ु य ाल का योताम नाम ल रा पु िछपकर बच
गया।।
6 तब शकेम के सब मनु ों और बेतिम ो के सब लोगों ने इक े हो कर शकेम के ख े से पास वाले बांजवृझ के पास अबीमेलेक को राजा बनाया।
7 इसका समाचार सुनकर योताम ग र ीम पहाड़ की चोटी पर जा कर खड़ा आ, और ऊंचे र से पु कारा के कहने लगा, हे शकेम के मनु ों, मेरी सु नो, इसिलये िक परमे र तु ारी
सु न।
8 िकसी युग म वृ िकसी का अिभषेक कर के अपने ऊपर राजा ठहराने को चले; तब उ ोंने जलपाई के वृ से कहा, तू हम पर रा कर।
9 तब जलपाई के वृ ने कहा, ा म अपनी उस िचकनाहट को छोड़कर, िजस से लोग परमे र और मनु दोनों का आदर मान करते ह, वृ ों का अिधकारी हो कर इधर उधर डोलने
को चलूं?
10 तब वृ ों ने अंजीर के वृ से कहा, तू आकर हम पर रा कर।
11 अंजीर के वृ ने उन से कहा, ा म अपने मीठे पन और अपने अ े अ े फलों को छोड़ वृ ों का अिधकारी हो कर इधर उधर डोलने को चलूं?
12 िफर वृ ों ने दाखलता से कहा, तू आकर हम पर रा कर।
13 दाखलता ने उन से कहा, ा म अपने नये मधु को छोड़, िजस से परमे र और मनु दोनों को आन होता है , वृ ों की अिधका रणी हो कर इधर उधर डोलने को चलूं?
14 तब सब वृ ों ने झड़बे री से कहा, तू आकर हम पर रा कर।
15 झड़बे री ने उन वृ ों से कहा, यिद तुम अपने ऊपर राजा होने को मेरा अिभषेक स ाई से करते हो, तो आकर मे री छां ह म शरण लो; और नहीं तो, झड़बेरी से आग िनकलेगी िजस
से लबानोन के दे वदा भी भ हो जाएं गे।
16 इसिलये अब यिद तुम ने स ाई और खराई से अबीमे लेक को राजा बनाया है, और य ाल और उसके घराने से भलाई की, और उसने उसके काम के यो बताव िकया हो, तो
भला।
17 (मेरा िपता तो तु ारे िनिम लड़ा, और अपने ाण पर खेलकर तुम को िम ािनयों के हाथ से छु ड़ाया;
18 पर ु तु म ने आज मेरे िपता के घराने के िव उठ कर बलवा िकया, और उसके स र पु एक ही प र पर घात िकए, और उसकी लौंड़ी के पु अबीमेलेक को इसिलये शकेम के
मनु ों के ऊपर राजा बनाया है िक वह तु ारा भाई है);
19 इसिलये यिद तुम लोगों ने आज के िदन य ाल और उसके घराने से स ाई और खराई से बताव िकया हो, तो अबीमेलेक के कारण आन करो, और वह भी तु ारे कारण
आन करे ;
20 और नहीं, तो अबीमेलेक से ऐसी आग िनकले िजस से शकेम के मनु और बे तिम ो भ हो जाएं : शकेम के मनु ों और बेतिम ो से ऐसी आग िनकले िजस से अबीमेलेक भ
हो जाए।
21 तब योताम भागा, और अपने भाई अबीमेलेक के डर के मारे बेर को जा कर वहां रहने लगा।।
22 और अबीमेलेक इ ाएल के ऊपर तीन वष हािकम रहा।
23 तब परमे र ने अबीमेलेक और शकेम के मनु ों के बीच एक बु री आ ा भेज दी; सो शकेम के मनु अबीमे लेक का िव ासघात करने लगे;
24 िजस से य ाल के स र पु ों पर िकए ए उप व का फल भोगा जाए, और उनका खून उनके घात करने वाले उनके भाई अबीमे लेक के िसर पर, और उसके अपने भाइयों के
घात करने म उसकी सहायता करने वाले शकेम के मनु ों के िसर पर भी हो।
25 तब शकेम के मनु ों ने पहाड़ों की चोिटयों पर उसके िलये घातकों को बैठाया, जो उस माग से सब आने जाने वालों को लूटते थे; और इसका समाचार अबीमेलेक को िमला।।
26 तब एबेद का पु गाल अपने भाइयों समेत शकेम म आया; और शकेम के मनु ों ने उसका भरोसा िकया।
27 और उ ोंने मैदान म जा कर अपनी अपनी दाख की बा रयों के फल तोड़े और उनका रस रौ ा, और ु ित का बिलदान कर अपने दे वता के म र म जा कर खाने पीने और
अबीमेलेक को कोसने लगे।
28 तब एबेद के पु गाल ने कहा, अबीमेलेक कौन है? शकेम कौन है िक हम उसके आधीन रह? ा वह य ाल का पु नहीं? ा जबूल उसका नाइब नहीं? शकेम के िपता हमोर
के लोगों के तो आधीन हो, पर ु हमे उसके आधीन ों रह?
29 और यह जा मेरे वश म होती हो ा ही भला होता! तब तो म अबीमेलेक को दू र करता। िफर उसने अबीमे लेक से कहा, अपनी सेना की िगनती बढ़ाकर िनकल आ।
30 एबेद के पु गाल की वे बात सुनकर नगर के हािकम जबूल का ोध भड़क उठा।
31 और उसने अबीमेलेक के पास िछपके दू तों से कहला भेजा, िक एबे द का पु गाल और उसके भाई शकेम म आके नगर वालों को तेरा िवरोध करने को उसका रहे ह।
32 इसिलये तू अपने संग वालों समेत रात को उठ कर मैदान म घात लगा।
33 िफर िबहान को सवेरे सूय के िनकलते ही उठ कर इस नगर पर चढ़ाई करना; और जब वह अपने सं ग वालों समे त तेरा सा ना करने को िनकले तब जो तुझ से बन पड़े वही उस से
करना।।
34 तब अबीमे लेक और उसके संग के सब लोग रात को उठ चार झु बा कर शकेम के िव घात म बै ठ गए।
35 और एबेद का पु गाल बाहर जा कर नगर के फाटक म खड़ा आ; तब अबीमेलेक और उसके सं गी घात छोड़कर उठ खड़े ए।
36 उन लोगों को दे खकर गाल जबूल से कहने लगा, दे ख, पहाड़ों की चोिटयों पर से लोग उतरे आते ह! जबूल ने उस से कहा, वह तो पहाड़ों की छाया है जो तुझे मनु ों के समान दे ख
पड़ती है।
37 गाल ने िफर कहा, दे ख, लोग दे श के बीचोंबीच हो कर उतरे आते ह, और एक झु मोननीम नाम बां ज वृ के माग से चला आता है।
38 जबू ल ने उस से कहा, तेरी यह बात कहां रही, िक अबीमेलेक कौन है िक हम उसके आधीन रह? ये तो वे ही लोग ह िजन को तू ने िनक ा जाना था; इसिलये अब िनकलकर उन से
लड़।
39 तब गाल शकेम के पु षों का अगु वा हो बाहर िनकलकर अबीमेलेक से लड़ा।
40 और अबीमेलेक ने उसको खदे ड़ा, और अबीमेलेक के सा ने से भागा; और नगर के फाटक तक प ं चते प ंचते ब ते रे घायल हो कर िगर पड़े ।
41 तब अबीमेलेक अ मा म रहने लगा; और जबूल ने गाल और उसके भाइयों को िनकाल िदया, और शकेम म रहने न िदया।
42 दू सरे िदन लोग मैदान म िनकल गए; और यह अबीमे लेक को बताया गया।
43 और उसने अपनी सेना के तीन दल बा कर मैदान म घात लगाई; और जब दे खा िक लोग नगर से िनकले आते ह तब उन पर चढ़ाई कर के उ मार िलया।
44 अबीमे लेक अपने संग के दलों समेत आगे दौड़कर नगर के फाटक पर खड़ा हो गया, और दो दलों ने उन सब लोगों पर धावा कर के जो मैदान म थे उ मार डाला।
45 उसी िदन अबीमेलेक ने नगर से िदन भर लड़कर उसको ले िदया, और उसके लोगों को घात कर के नगर को ढा िदया, और उस पर नमक िछड़कवा िदया।।
46 यह सु नकर शकेम के गु ट के सब रहने वाले एलबरीत के म र के गढ़ म जा घु से।
47 जब अबीमे लेक को यह समाचार िमला िक शकेम के गु ट के सब मनु इक े ए ह,
48 तब वह अपने सब संिगयों समेत सलमोन नाम पहाड़ पर चढ़ गया; और हाथ म कु ाड़ी ले पे ड़ों म से एक डाली काटी, ओर उसे उठा कर अपने क े पर रख ली। और अपने सं ग
वालों से कहा िक जैसा तुम ने मुझे करते दे खा वैसा ही तुम भी झटपट करो।
49 तब उन सब लोगों ने भी एक एक डाली काट ली, और अबीमेलेक के पीछे हो उन को गढ़ पर डालकर गढ़ म आग लगाई; तब शकेम के गु ट के सब ी पु ष जो अटकल एक
हजार थे मर गए।।
50 तब अबीमेलेक ने तेबेस को जा कर उसके सा ने डे रे खड़े कर के उसको ले िलया।
51 पर ु एक नगर के बीच एक ढ़ गु ट था, सो ा ी पु ष, नगर के सब लोग भागकर उस म घुसे; और उसे ब कर के गु ट की छत पर चढ़ गए।
52 तब अबीमेलेक गु ट के िनकट जा कर उसके िव लड़ने लगा, और गु ट के ार तक गया िक उस म आग लगाए।
53 तब िकसी ी ने चली के ऊपर का पाट अबीमेलेक के िसर पर डाल िदया, और उसकी खोपड़ी फट गई।
54 तब उसने फट अपने हिथयारों के ढोने वाले जवान को बुलाकर कहा, अपनी तलवार खी ंचकर मु झे मार डाल, ऐसा न हो िक लोग मेरे िवषय म कहने पाएं , िक उसको एक ी ने घात
िकया। तब उसके जवान ने तलवार भोंक दी, और वह मर गया।
55 यह दे खकर िक अबीमेलेक मर गया है इ ाएली अपने अपने थान को चले गए।
56 इस कार जो दु काम अबीमेलेक ने अपने स र भाइयों को घात कर के अपने िपता के साथ िकया था, उसको परमे र ने उसके िसर पर लौटा िदया;
57 और शकेम के पु षों के भी सब दु काम परमे र ने उनके िसर पर लौटा िदए, और य ाल के पु योताम का शाप उन पर घट गया।।
ािययों 10
1 अबीमेलेक के बाद इ ाएल के छु ड़ाने के िलये तोला नाम एक इ ाकारी उठा, वह दोदो का पोता और पूआ का पु था; और ए ैम के पहाड़ी दे श के शामीर नगर म रहता था।
2 वह तेईस वष तक इ ाएल का ाय करता रहा। तब मर गया, और उसको शामीर म िम ी दी गई।।
3 उसके बाद िगलादी याईर उठा, वह बाईस वष तक इ ाएल का ाय करता रहा।
4 और उसके तीस पु थे जो गदिहयों के तीस ब ों पर सवार आ करते थे; और उनके तीस नगर भी थे जो िगलाद दे श म ह, और आज तक ह ो ाईर कहलाते ह।
5 और याईर मर गया, और उसको कामोन म िम ी दी गई।।
6 तब इ ाएिलयों ने िफर यहोवा की ि म बुरा िकया, अथात बाल दे वताओं और अ ोरे त दे िवयों और आराम, सीदोन, मोआब, अ ोिनयों, और पिल यों के दे वताओं की उपासना
करने लगे; और यहोवा को ाग िदया, और उसकी उपासना न की।
7 तब यहोवा का ोध इ ाएल पर भड़का, और उसने उ पिल यों और अ ोिनयों के आधीन कर िदया,
8 और उस वष ये इ ाएिलयों को सताते और पीसते रहे। वरन यरदन पार एमो रयों के दे श िगलाद म रहने वाले सब इ ाएिलयों पर अठारह वष तक अ ेर करते रहे।
9 अ ोनी य दा और िब ामीन से और ए ैम के घराने से लड़ने को यरदन पार जाते थे , यहां तक िक इ ाएल बड़े सं कट म पड़ गया।
10 तब इ ाएिलयों ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, िक हम ने जो अपने परमे र को ागकर बाल दे वताओं की उपासना की है, यह हम ने तेरे िव महा पाप िकया है ।
11 यहोवा ने इ ाएिलयों से कहा, ा म ने तुम को िमि यों, एमो रयों, अ ोिनयों, और पिल यों के हाथ से न छु ड़ाया था?
12 िफर जब सीदोनी, और अमालेकी, और माओनी लोगों ने तुम पर अ ेर िकया; और तु म ने मे री दोहाई दी, तब म ने तुम को उनके हाथ से भी न छु ड़ाया?
13 तौभी तुम ने मुझे ागकर पराये दे वताओं की उपासना की है; इसिलये म िफर तु म को न छु ड़ाऊंगा।
14 जाओ, अपने माने ए दे वताओं की दोहाई दो; तु ारे सं कट के समय वे ही तु छु ड़ाएं ।
15 इ ाएिलयों ने यहोवा से कहा, हम ने पाप िकया है; इसिलये जो कुछ ते री ि म भला हो वही हम से कर; पर ु अभी हम छु ड़ा।
16 तब वे पराए दे वताओं को अपने म म से दू र कर के यहोवा की उपासना करने लगे ; और वह इ ाएिलयों के क के कारण खेिदत आ।।
17 तब अ ोिनयोंने इक े हो कर िगलाद म अपने डे रे डाले; और इ ाएिलयों ने भी इक े हो कर िम ा म अपने डे रे डाले।
18 तब िगलाद के हािकम एक दू सरे से कहने लगे, कौन पु ष अ ोिनयों से सं ाम आर करे गा? वही िगलाद के सब िनवािसयों का धान ठहरे गा।।
ािययों 11
1 िय ह नाम िगलादी बड़ा शूरवीर था, और वह वे ा का बेटा था; और िगलाद से िय ह उ आ था।
2 िगलाद की ी के भी बेटे उ ए; और जब वे बड़े हो गए तब िय ह को यह कहकर िनकाल िदया, िक तू तो पराई ी का बेटा है; इस कारण हमारे िपता के घराने म कोई भाग
न पाएगा।
3 तब िय ह अपने भाइयों के पास से भागकर तोब दे श म रहने लगा; और िय ह के पास लु े मनु इक े हो गए; और उसके संग िफरने लगे।।
4 और कुछ िदनों के बाद अ ोनी इ ाएल से लड़ने लगे ।
5 जब अ ोनी इ ाएल से लड़ते थे, तब िगलाद के वृ लोग िय ह को तोब दे श से ले आने को गए;
6 और िय ह से कहा, चलकर हमारा धान हो जा, िक हम अ ोिनयों से लड़ सक।
7 िय ह ने िगलाद के वृ लोगों से कहा, ा तुम ने मुझ से बै र कर के मुझे मे रे िपता के घर से िनकाल न िदया था? िफर अब संकट म पड़कर मेरे पास ों आए हो?
8 िगलाद के वृ लोगों ने िय ह से कहा, इस कारण हम अब तेरी ओर िफरे ह, िक तू हमारे संग चलकर अ ोिनयों से लड़े ; तब तू हमारी ओर से िगलाद के सब िनवािसयों का धान
ठहरे गा।
9 िय ह ने िगलाद के वृ लोगों से पू छा, यिद तुम मुझे अ ोिनयों से लड़ने को िफर मेरे घर ले चलो, और यहोवा उ मे रे हाथ कर दे , तो ा म तु ारा धान ठह ं गा?
10 िगलाद के वृ लोगों ने िय ह से कहा, िन य हम ते री इस बाते के अनुसार करगे ; यहोवा हमारे और तेरे बीच म इन वचनों का सुननेवाला है।
11 तब िय ह िगलाद के वृ लोगों के सं ग चला, और लोगों ने उसको अपने ऊपर मु खया और धान ठहराया; और िय ह ने अपनी सब बात िम ा म यहोवा के स ु ख कह सु नाईं।।
12 तब िय ह ने अ ोिनयों के राजा के पास दू तों से यह कहला भेजा, िक तुझे मुझ से ा काम, िक तू मे रे दे श म लड़ने को आया है?
13 अ ोिनयों के राजा ने िय ह के दू तों से कहा, कारण यह है, िक जब इ ाएली िम से आए, तब अन न से य ोक और यरदन तक जो मेरा दे श था उसको उ ोंने छीन िलया;
इसिलये अब उसको िबना झगड़ा िकए फेर दे ।
14 तब िय ह ने िफर अ ोिनयों के राजा के पास यह कहने को दू त भेजे,
15 िक िय ह तुझ से यों कहता है, िक इ ाएल ने न तो मोआब का दे श ले िलया और न अ ोिनयों का,
16 वरन जब वे िम से िनकले, और इ ाएली जंगल म होते ए लाल समु तक चले, और कादे श को आए,
17 तब इ ाएल ने एदोम के राजा के पास दू तों से यह कहला भेजा, िक मुझे अपने दे श म हो कर जाने दे ; और एदोम के राजा ने उनकी न मानी। इसी रीित उसने मोआब के राजा से भी
कहला भेजा, और उसने भी न माना। इसिलये इ ाएल कादे श म रह गया।
18 तब उसने जंगल म चलते चलते एदोम और मोआब दोनों दे शों के बाहर बाहर घूमकर मोआब दे श की पू व ओर से आकर अन न के इसी पार अपने डे रे डाले; और मोआब के िसवाने
के भीतर न गया, ोंिक मोआब का िसवाना अन न था।
19 िफर इ ाएल ने एमो रयों के राजा सीहोन के पास जो हे बोन का राजा था दू तों से यह कहला भेजा, िक हम अपने दे श म से हो कर हमारे थान को जाने दे ।
20 पर ु सीहोन ने इ ाएल का इतना िव ास न िकया िक उसे अपने दे श म से हो कर जाने दे ता; वरन अपनी सारी जा को इक ी कर अपने डे रे यहस म खड़े कर के इ ाएल से
लड़ा।
21 और इ ाएल के परमे र यहोवा ने सीहोन को सारी जा समेत इ ाएल के हाथ म कर िदया, और उ ोंने उन को मार िलया; इसिलये इ ाएल उस दे श के िनवासी एमो रयों के सारे
दे श का अिधकारी हो गया।
22 अथात वह अनौन से य ोक तक और जंगल से ले यरदन तक एमो रयों के सारे दे श का अिधकारी हो गया।
23 इसिलये अब इ ाएल के परमे र यहोवा ने अपनी इ ाएली जा के सा ने से एमो रयों को उनके दे श से िनकाल िदया है; िफर ा तू उसका अिधकारी होने पाएगा?
24 ा तू उसका अिधकारी न होगा, िजसका तेरा कमोश दे वता तुझे अिधकारी कर दे ? इसी कार से िजन लोगों को हमारा परमे र यहोवा हमारे सा ने से िनकाले, उनके दे श के
अिधकारी हम होंगे।
25 िफर ा तू मोआब के राजा िस ोर के पु बालाक से कुछ अ ा है ? ा उसने कभी इ ाएिलयों से कुछ भी झगड़ा िकया? ा वह उन से कभी लड़ा?
26 जब िक इ ाएल हे बोन और उसके गावों म, और अरोएल और उसके गावों म, और अन न के िकनारे के सब नगरों म तीन सौ वष से बसा है , तो इतने िदनों म तुम लोगों ने उसको
ों नही ं छु ड़ा िलया?
27 म ने तेरा अपराध नही ं िकया; तू ही मुझ से यु छे ड़कर बुरा वहार करता है ; इसिलये यहोवा जो ायी है, वह इ ाएिलयों और अ ोिनयों के बीच म आज ाय करे ।
28 तौभी अ ोिनयों के राजा ने िय ह की ये बात न मानी ं िजन को उसने कहला भेजा था।।
29 तब यहोवा का आ ा िय ह म समा गया, और वह िगलाद और मन े से हो कर िगलाद के िम े म आया, और िगलाद के िम े से हो कर अ ोिनयों की ओर चला।
30 और िय ह ने यह कहकर यहोवा की म त मानी, िक यिद तू िन:स े ह अ ोिनयों को मे रे हाथ म कर दे ,
31 तो जब म कुशल के साथ अ ोिनयों के पास से लौट आऊं तब जो कोई मेरे भट के िलये मे रे घर के ार से िनकले वह यहोवा का ठहरे गा, और म उसे होमबिल कर के चढ़ाऊंगा।
32 तब िय ह अ ोिनयों से लड़ने को उनकी ओर गया; और यहोवा ने उन को उसके हाथ म कर िदया।
33 और वह अरोएर से ले िम ीत तक, जो बीस नगर ह, वरन आबे लकरामीम तक जीतते जीतते उ ब त बड़ी मार से मारता गया। और अ ोनी इ ाएिलयों से हार गए।।
34 जब िय ह िम ा को अपने घर आया, तब उसकी बेटी डफ बजाती और नाचती ई उसकी भट के िलये िनकल आई; वह उसकी एकलौती थी; उसको छोड़ उसके न तो कोई बेटा
था और कोई न बेटी।
35 उसको दे खते ही उसने अपने कपड़े फाड़कर कहा, हाथ, मेरी बेटी! तू ने कमर तोड़ दी, और तू भी मे रे क दे ने वालों म हो गई है; ोंिक मने यहोवा को वचन िदया है , और उसे
टाल नही ं सकता।
36 उसने उस से कहा, हे मेरे िपता, तू ने जो यहोवा को वचन िदया है, तो जो बात ते रे मुंह से िनकली है उसी के अनु सार मु झ से बताव कर, ोंिक यहोवा ने ते रे अ ोनी श ुओं से ते रा
पलटा िलया है।
37 िफर उसने अपने िपता से कहा, मेरे िलये यह िकया जाए, िक दो महीने तक मुझे छोड़े रह, िक म अपनी सहे िलयों सिहत जा कर पहाड़ों पर िफरती ई अपनी कुंवारीपन पर रोती
र ं।
38 उसने कहा, जा। तब उसने उसे दो मिहने की छु ी दी; इसिलये वह अपनी सहेिलयों सिहत चली गई, और पहाड़ों पर अपनी कुंवारीपन पर रोती रही।
39 दो महीने के बीतने पर वह अपने िपता के पास लौट आई, और उसने उसके िवषय म अपनी मानी इ म त को पू री िकया। और उस क ा ने पु ष का मुंह कभी न दे खा था।
इसिलये इ ाएिलयों म यह रीित चली
40 िक इ ाएली यां ितवष िय ह िगलादी की बेटी का यश गाने को वष म चार िदन तक जाया करती थी ं।।
ािययों 12
1 तब ए ै मी पु ष इक े हो कर सापोन को जा कर िय ह से कहने लगे, िक जब तू अ ोिनयों से लड़ने को गया तब हम संग चलने को ों नही ं बु लवाया? हम तेरा घर तुझ समेत
जला दगे।
2 िय ह ने उन से कहा, मेरा और मेरे लोगों का अ ोिनयों से बड़ा झगड़ा आ था; और जब म ने तुम से सहायता मांगी, तब तुम ने मुझे उनके हाथ से नहीं बचाया।
3 तब यह दे खकर िक तुम मुझे नही ं बचाते म अपने ाणों को हथे ली पर रखकर अ ोिनयों के िव चला, और यहोवा ने उन को मेरे हाथ म कर िदया; िफर तुम अब मुझ से लड़ने को
ों चढ़ आए हो?
4 तब िय ह िगलाद के सब पु षों को इक ा कर के ए ै म से लड़ा और ए ै म जो कहता था, िक हे िगलािदयो, तु म तो ए ैम और मन े के बीच रहने वाले ए ै िमयों के भगोड़े हो, और
िगलािदयों ने उन को मार िलया।
5 और िगलािदयों ने यरदन का घाट उन से पिहले अपने वश म कर िलया। और जब कोई ए ै मी भगोड़ा कहता, िक मु झे पार जाने दो, तब िगलाद के पु ष उस से पूछते थे, ा तू
ए ैमी है? और यिद वह कहता नही ं,
6 तो वह उस से कहते, अ ा, िश ोलेत कह, और वह कहता िस ोलेत, ोंिक उस से वह ठीक बोला नही ं जाता था; तब वे उसको पकड़ कर यरदन के घाट पर मार डालते थे । इस
कार उस समय बयालीस हजार ए ैमी मारे गए।।
7 िय ह छ: वष तक इ ाएल का ाय करता रहा। तब िय ह िगलादी मर गया, और उसको िगलाद के िकसी नगर म िम ी दी गई।।
8 उसके बाद बेतलेहेम का िनवासी इबसान इ ाएल का ाय करने लगा।
9 और उसके तीस बेटे ए; और उसने अपनी तीस बेिटयां बाहर ाह दी ं, और बाहर से अपने बेटों का ाह कर के तीस ब ले आया। और वह इ ाएल का ाय सात वष तक करता
रहा।
10 तब इबसान मर गया, और उसको बेतलेहेम म िम ी दी गई।।
11 उसके बाद जबू लूनी एलोन इ ाएल का ाय करने लगा; और वह इ ाएल का ाय दस वष तक करता रहा।
12 तब एलोन जबूलूनी मर गया, और उसको जबूलून के दे श के अ ालोन म िम ी दी गई।।
13 उसके बाद िह ेल का पु िपरातोनी अ ोन इ ाएल का ाय करने लगा।
14 और उसके चालीस बेटे और तीस पोते ए, जो गदिहयों के स र ब ों पर सवार आ करते थे। वह आठ वष तक इ ाएल का ाय करता रहा।
15 तब िह ेल का पु िपरातोनी अ ोन मर गया, और उसको ए ैम के दे श के िपरातोन म, जो अमाले िकयों के पहाड़ी दे श म है, िम ी दी गई।।
ािययों 13
1 और इ ाएिलयों ने िफर यहोवा की ि म बुरा िकया; इसिलये यहोवा ने उन को पिल यों के वश म चालीस वष के िलये रखा।।
2 दािनयों के कुल का सोरावासी मानोह नाम एक पु ष था, िजसकी प ी के बां झ होने के कारण कोई पु न था।
3 इस ी को यहोवा के दू त ने दशन दे कर कहा, सुन, बां झ होने के कारण तेरे ब ा नही ं; पर ु अब तू गभवती होगी और तेरे बेटा होगा।
4 इसिलये अब सावधान रह, िक न तो तू दाखमधु वा और िकसी भांित की मिदरा पीए, और न कोई अशु व ु खाए,
5 ोंिक तू गभवती होगी और तेरे एक बेटा उ होगा। और उसके िसर पर छूरा न िफरे , ोंिक वह ज ही से परमे र का नाजीर रहेगा; और इ ाएिलयों को पिल यों के हाथ से
छु ड़ाने म वही हाथ लगाएगा।
6 उस ी ने अपने पित के पास जा कर कहा, परमे र का एक जन मेरे पास आया था िजसका प परमे र के दू त का सा अित भययो था; और म ने उस से न पूछा िक तू कहां का
है ? और न उसने मुझे अपना नाम बताया;
7 पर ु उसने मुझ से कहा, सुन तू गभवती होगी और तेरे एक बे टा होगा; इसिलये अब न तो दाखमधु वा और िकसी भां ित की मिदरा पीना, और न कोई अशु व ु खाना, ोंिक वह
लड़का ज से मरण के िदन तक परमे र का नाजीर रहेगा।
8 तब मानोह ने यहोवा से यह िबनती की, िक हे भु, िबनती सुन, परमे र का वह जन िजसे तू ने भे जा था िफर हमारे पास आए, और हम िसखलाए िक जो बालक उ होने वाला है
उस से हम ा ा कर।
9 मानोह की यह बात परमे र ने सुन ली, इसिलये जब वह ी मैदान म बै ठी थी, और उसका पित मानोह उसके सं ग न था, तब परमे र का वही दू त उसके पास आया।
10 तब उस ी ने झट दौड़कर अपने पित को यह समाचार िदया, िक जो पु ष उस िदन मे रे पास आया था उसी ने मुझे दशन िदया है।
11 यह सु नते ही मानोह उठ कर अपनी प ी के पीछे चला, और उस पु ष के पास आकर पू छा, िक ा तू वही पु ष है िजसने इस ी से बात की थी ं? उसने कहा, म वही ं ।
12 मानोह ने कहा, जब तेरे वचन पूरे हो जाएं तो, उस बालक का कैसा ढं ग और उसका ा काम होगा?
13 यहोवा के दू त ने मानोह से कहा, िजतनी व ुओं की चचा म ने इस ी से की थी उन सब से यह परे रहे ।
14 यह कोई व ु जो दाखलता से उ होती है न खाए, और न दाखमधु वा और िकसी भां ित की मिदरा पीए, और न कोई अशु व ु खाए; जो जो आ ा म ने इस को दी थी उसी को
माने।
15 मानोह ने यहोवा के दू त से कहा, हम तुझ को रोक ल, िक ते रे िलये बकरी का एक ब ा पकाकर तैयार कर।
16 यहोवा के दू त ने मानोह से कहा, चाहे तू मुझे रोक रखे , पर ु म तेरे भोजन म से कुछ न खाऊंगा; और यिद तू होमबिल करना चाहे तो यहोवा ही के िलये कर। (मानोह तो न जानता
था, िक यह यहोवा का दू त है।)
17 मानोह ने यहोवा के दू त से कहा, अपना नाम बता, इसिलये िक जब तेरी बात पूरी हों तब हम तेरा आदरमान कर सक।
18 यहोवा के दू त ने उस से कहा, मेरा नाम तो अद् भुत है, इसिलये तू उसे ों पूछता है?
19 तब मानोह ने अ बिल समेत बकरी का एक ब ा ले कर च ान पर यहोवा के िलये चढ़ाया तब उस दू त ने मानोह और उसकी प ी के दे खते दे खते एक अद् भुत काम िकया।
20 अथात जब लौ उस वेदी पर से आकाश की ओर उठ रही थी, तब यहोवा का दू त उस वेदी की लौ म हो कर मानोह और उसकी प ी के दे खते दे खते चढ़ गया; तब वे भू िम पर मुं ह के
बल िगरे ।
21 पर ु यहोवा के दू त ने मानोह और उसकी प ी को िफर कभी दशन न िदया। तब मानोह ने जान िलया िक वह यहोवा का दू त था।
22 तब मानोह ने अपनी प ी से कहा, हम िन य मर जाएं गे , ोंिक हम ने परमे र का दशन पाया है ।
23 उसकी प ी ने उस से कहा, यिद यहोवा हम मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबिल और अ बिल हण न करता, और न वह ऐसी सब बात हम को िदखाता, और न वह इस
समय हम ऐसी बात सुनाता।
24 और उस ी के एक बेटा उ आ, और उसका नाम िशमशोन रखा; और वह बालक बढ़ता गया, और यहोवा उसको आशीष दे ता रहा।
25 और यहोवा का आ ा सोरा और एशताओल के बीच महनदान म उसको उभारने लगा।।
ािययों 14
1 िशमशोन ित ा को गया, और ित ा म एक पिल ी ी को दे खा।
2 तब उसने जा कर अपने माता िपता से कहा, ित ा म म ने एक पिल ी ी को दे खा है , सो अब तुम उस से मेरा ाह करा दो।
3 उसके माता िपता ने उस से कहा, ा ते रे धाइयों की बेिटयों म, वा हमारे सब लोगों म कोई ी नही ं है, िक तू खतनाहीन पिल यों म से ी ाहने चाहता है? िशमशोन ने अपने
िपता से कहा, उसी से मेरा ाह करा दे ; ोंिक मुझे वही अ ी लगती है ।
4 उसके माता िपता न जानते थे िक यह बात यहोवा की ओर से होती है , िक वह पिल यों के िव दांव ढू ं ढता है । उस समय तो पिल ी इ ाएल पर भुता करते थे ।।
5 तब िशमशोन अपने माता िपता को संग ले ित ा को चलकर ित ा की दाख की बारी के पास प ं चा, वहां उसके सा ने एक जवान िसंह गरजने लगा।
6 तब यहोवा का आ ा उस पर बल से उतरा, और य िप उसके हाथ म कुछ न था, तौभी उसने उसको ऐसा फाड़ डाला जैसा कोई बकरी का ब ा फाड़े । अपना यह काम उसने
अपने िपता वा माता को न बतलाया।
7 तब उसने जा कर उस ी से बातचीत की; और वह िशमशोन को अ ी लगी।
8 कुछ िदनों के बीतने पर वह उसे लाने को लौट चला; और उस िसं ह की लोथ दे खने के िलये माग से मु ड़ गया? तो ा दे खा िक िसंह की लोथ म मधुम यों का एक झु और मधु
भी है।
9 तब वह उस म से कुछ हाथ म ले कर खाते खाते अपने माता िपता के पास गया, और उन को यह िबना बताए, िक म ने इस को िसंह की लोथ म से िनकाला है, कुछ िदया, और उ ोंने
भी उसे खाया।
10 तब उसका िपता उस ी के यहां गया, और िशमशोन न जवानों की रीित के अनुसार वहां जे वनार की।
11 उसको दे खकर वे उसके संग रहने के िलये तीस संिगयों को ले आए।
12 िशमशोन ने उसने कहा, म तुम से एक पहेली कहता ं; यिद तुम इस जेवनार के सातों िदनों के भीतर उसे बूझकर अथ बता दो, तो म तुम को तीस कुरते और तीस जोड़े कपड़े दू ं गा;
13 और यिद तुम उसे न बता सको, तो तुम को मुझे तीस कुत और तीस जोड़े कपड़े दे ने पड़गे । उ ोंने उस से कहा, अपनी पहेली कह, िक हम उसे सुन।
14 उसने उन से कहा, खाने वाले म से खाना, और बलव म से मीठी व ु िनकली। इस पहे ली का अथ वे तीन िदन के भीतर न बता सके।
15 सातव िदन उ ोंने िशमशोन की प ी से कहा, अपने पित को फुसला िक वह हम पहे ली का अथ बताए, नही ं तो हम तुझे तेरे िपता के घर समेत आग म जलाएं गे। ा तु म लोगों ने
हमारा धन लेने के िलये हमारा नेवता िकया है? ा यही बात नही ं है?
16 तब िशमशोन की प ी यह कहकर उसके सा ने रोने लगी, िक तू तो मु झ से े म नही ं, बै र ही रखता है; िक तू ने एक पहेली मेरी जाित के लोगों से तो कही है , पर ु मु झ को उसका
अथ भी नही ं बताया। उसने कहा, म ने उसे अपनी माता वा िपता को भी नही ं बताया, िफर ा म तुझ को बता दू ं ?
17 और जे वनार के सातों िदनों म वह ी उसके सा ने रोती रही; और सातव िदन जब उसने उसको ब त तं ग िकया; तब उसने उसको पहेली का अथ बता िदया। तब उसने उसे
अपनी जाित के लोगों को बता िदया।
18 तब सातव िदन सूय डूबने न पाया िक उस नगर के मनु ों ने िशमशोन से कहा, मधु से अिधक ा मीठा? और िसंह से अिधक ा बलव है? उसने उन से कहा, यिद तु म मे री
कलोर को हल म न जोतते, तो मेरी पहेली को कभी न बूझते।।
19 तब यहोवा का आ ा उस पर बल से उतरा, और उसने अ लोन को जा कर वहां के तीस पु षों को मार डाला, और उनका धन लूटकर तीस जोड़े कपड़ों को पकेली के बताने
वालों को दे िदया। तब उसका ोध भड़का, और वह अपने िपता के घर गया।
20 और िशमशोन की प ी उसके एक संगी को िजस से उसने िम का सा बताव िकया था ाह दी गई।।
ािययों 15
1 पर ु कुछ िदनों बाद, गे ं की कटनी के िदनों म, िशमशोन ने बकरी का एक ब ा ले कर अपनी ससु राल म जा कर कहा, म अपनी प ी के पास कोठरी म जाऊंगा। पर ु उसके
ससु र ने उसे भीतर जाने से रोका।
2 और उसके ससुर ने कहा, म सचमुच यह जानता था िक तू उस से बैर ही रखता है, इसिलये म ने उसे तेरे सं गी को ाह िदया। ा उसकी छोटी बिहन उस से सु र नही ं है ? उसके
बदले उसी को ाह ले।
3 िशमशोन ने उन लोगों से कहा, अब चाहे म पिल यों की हािन भी क ं , तौभी उनके िवषय म िनद ष ही ठह ं गा।
4 तब िशमशोन ने जा कर तीन सौ लोमिडय़ां पकड़ी,ं और मशाल ले कर दो दो लोमिडय़ों की पूं छ एक साथ बा ी, और उनके बीच एक एक मशाल बा ा।
5 तब मशालों म आग लगाकर उसने लोमिडय़ों को पिल यों के खड़े खे तों म छोड़ िदया; और पूिलयों के ढे र वरन खड़े खेत और जलपाई की बा रयां भी जल गईं।
6 तब पिल ी पूछने लगे , यह िकस ने िकया है? लोगों ने कहा, उस ित ी के दामाद िशमशोन ने यह इसिलये िकया, िक उसके ससुर ने उसकी प ी उसे संगी को ाह दी। तब
पिल यों ने जा कर उस प ी और उसके िपता दोनों को आग म जला िदया।
7 िशमशोन ने उन से कहा, तुम जो ऐसा काम करते हो, इसिलये म तुम से पलटा ले कर ही चु प र ं गा।
8 तब उसने उन को अित िनठु रता के साथ बड़ी मार से मार डाला; तब जा कर एताम नाम च ान की एक दरार म रहने लगा।।
9 तब पिल यों ने चढ़ाई कर के य दा दे श म डे रे खड़े िकए, और लही म फैल गए।
10 तब य दी मनु ों ने उन से पू छा, तुम हम पर ों चढ़ाई करते हो? उ ोंने उ र िदया, िशमशोन को बा ने के िलये चढ़ाई करते ह, िक जैसे उसने हम से िकया वैसे ही हम भी उस
से कर।
11 तब तीन हजार य दी पु ष ऐताम नाम च ान की दरार म जा कर िशमशोन से कहने लगे , ा तू नहीं जानता िक पिल ी हम पर भुता करते ह? िफर तू ने हम से ऐसा ों िकया
है ? उसने उन से कहा, जैसा उ ोंने मुझ से िकया था, वैसा ही म ने भी उन से िकया है ।
12 उ ोंने उस से कहा, हम तुझे बा कर पिल यों के हाथ म कर दे ने के िलये आए ह। िशमशोन ने उन से कहा, मु झ से यह शपथ खाओ िक तुम मुझ पर हार न करोगे ।
13 उ ोंने कहा, ऐसा न होगा; हम तुझे कसकर उनके हाथ म कर दगे ; पर ु तु झे िकसी रीित मार न डालगे। तब वे उसको दो नई र यों बा कर उस च ान पर ले गए।
14 वह लही तक आ गया था, िक पिल ी उसको दे खकर ललकारने लगे ; तब यहोवा का आ ा उस पर बल से उतरा, और उसकी बांहों की र यां आग म जले ए सन के समान हो
गईं, और उसके हाथों के ब न मानों गलकर टू ट पड़े ।
15 तब उसको गदहे के जबड़े की एक नई ह ी िमली, और उसने हाथ बढ़ा उसे ले कर एक हजार पु षों को मार डाला।
16 तब िशमशोन ने कहा, गदहे के जबड़े की ह ी से ढे र के ढे र लग गए, गदहे के जबड़े की ह ी ही से म ने हजार पु षों को मार डाला।।
17 जब वह ऐसा कह चुका, तब उसने जबड़े की ह ी फक दी और उस थान का नाम रामत-लही रखा गया।
18 तब उसको बड़ी ास लगी, और उसने यहोवा को पु कार के कहा तू ने अपने दास से यह बड़ा छु टकारा कराया है ; िफर ा म अब ासों मरके उन खतनाहीन लोगों के हाथ म
पडूं?
19 तब परमे र ने लही म ओखली सा गढ़हा कर िदया, और उस म से पानी िनकलने लगा; और जब िशमशोन ने पीया, तब उसके जी म जी आया, और वह िफर ताजा दम हो गया। इस
कारण उस सोते का नाम एनह ोरे रखा गया, वह आज के िदन तक लही म ह।
20 िशमशोन तो पिल यों के िदनों म बीस वष तक इ ाएल का ाय करता रहा।।
ािययों 16
1 तब िशमशोन अ ा को गया, और वहां एक वे ा को दे खकर उसके पास गया।
2 जब अ यों को इसका समाचार िमला िक िशमशोन यहां आया है, तब उ ोंने उसको घे र िलया, और रात भर नगर के फाटक पर उसकी घात म लगे रहे; और यह कहकर रात भर
चु पचाप रहे, िक िबहान को भोर होते ही हम उसको घात करगे।
3 पर ु िशमशोन आधी रात तक पड़ा रह कर, आधी रात को उठ कर, उसने नगर के फाटक के दोनों प ों और दोनों बाजु ओं को पकड़कर बड़ों समेत उखाड़ िलया, और अपने
क घों पर रखकर उ उस पहाड़ की चोटी पर ले गया, जो हे ोन के सा ने है ।।
4 इसके बाद वह सोरे क नाम नाले म रहनेवाली दलीला नाम एक ी से ीित करने लगा।
5 तब पिल यों के सरदारों ने उस ी के पास जाके कहा, तू उसको फुसलाकर बू झ ले िक उसके महाबल का भे द ा है, और कौन उपाय कर के हम उस पर ऐसे बल हों, िक
उसे बा कर दबा रख; तब हम तुझे ारह ारह सौ टु कड़े चा ी दगे।
6 तब दलीला ने िशमशोन से कहा, मुझे बता दे िक तेरे बड़े बल का भेद ा है , और िकसी रीित से कोई तुझे बा कर दबा रख सके।
7 िशमशोन ने उस से कहा, यिद म सात ऐसी नई नई तातों से बा ा जाऊं जो सु खाई न गई हों, तो मेरा बल घट जायेगा, और म साधारण मनु सा हो जाऊंगा।
8 तब पिल यों के सरदार दलीला के पास ऐसी नई नई सात तात ले गए जो सु खाई न गई थी ं, और उन से उसने िशमशोन को बा ा।
9 उसके पास तो कुछ मनु कोठरी म घात लगाए बैठे थे । तब उसने उस से कहा, हे िशमशोन, पिल ी ते री घात म ह! तब उसने तां तों को ऐसा तोड़ा जैसा सन का सूत आग म छूते ही
टू ट जाता है। और उसके बल का भेद न खुला।
10 तब दलीला ने िशमशोन से कहा, सुन, तू ने तो मुझ से छल िकया, और झूठ कहा है ; अब मु झे बता दे िक तू िकस व ु से ब सकता है।
11 उसने उस से कहा, यिद म ऐसी नई नई र यों जो िकसी काम म न आई हों कसकर बा ा जाऊं, तो मे रा बल घट जाएगा, और म साधारण मनु के समान हो जाऊंगा।
12 तब दलीला ने नई नई र यां ले कर और उसको बा कर कहा, हे िशमशोन, पिल ी तेरी घात म ह! िकतने मनु तो उस कोठरी म घात लगाए ए थे। तब उसने उन को सूत की
नाईं अपनी भु जाओं पर से तोड़ डाला।
13 तब दलीला ने िशमशोन से कहा, अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है ; अब मु झे बता दे िक तू काहे से ब सकता है ? उसने कहा यिद तू मेरे िसर की सातों लट
ताने म बु ने तो ब सकूंगा।
14 सो उसने उसे खूंटी से जकड़ा। तब उस से कहा, हे िशमशोन, पिल ी तेरी घात म ह! तब वह नी ंद से चौंक उठा, और खूंटी को धरन म से उखाड़कर उसे ताने समेत ले गया।
15 तब दलीला ने उस से कहा, तेरा मन तो मुझ से नहीं लगा, िफर तू ों कहता है , िक म तुझ से ीित रखता ं ? तू ने ये तीनों बार मुझ से छल िकया, और मुझे नहीं बताया िक ते रे बड़े
बल का भे द ा है।
16 सो जब उसने हर िदन बात करते करते उसको तंग िकया, और यहां तक हठ िकया, िक उसके नाकों म दम आ गया,
17 तब उसने अपने मन का सारा भेद खोल कर उस से कहा, मेरे िसर पर छु रा कभी नही ं िफरा, ोंिक म मां के पे ट ही से परमे र का नाजीर ं, यिद म मूड़ा जाऊं, तो मे रा बल इतना
घट जाएगा, िक म साधारण मनु सा हो जाऊंगा।
18 यह दे खकर, िक उसने अपने मन का सारा भेद मुझ से कह िदया है, दलीला ने पिल यों के सरदारों के पास कहला भेजा, िक अब की बार िफर आओ, ोंिक उसने अपने मन का
सब भेद मु झे बता िदया है। तब पिल यों के सरदार हाथ म पया िलये ए उसके पास गए।
19 तब उसने उसको अपने घुटनों पर सुला रखा; और एक मनु बुलवाकर उसके िसर की सातों लट मु वा डालीं। और वह उसको दबाने लगी, और वह िनबल हो गया।
20 तब उसने कहा, हे िशमशोन, पिल ी तेरी घात म ह! तब वह चौंककर सोचने लगा, िक म पिहले की नाईं बाहर जा कर झटकूंगा। वह तो न जानता था, िक यहोवा उसके पास से
चला गया है।
21 तब पिल यों ने उसको पकड़कर उसकी आं ख फोड़ डाली ं, और उसे अ ा को ले जाके पीतल की बेिडय़ों से जकड़ िदया; और वह ब ीगृह म च ी पीसने लगा।
22 उसके िसर के बाल मु जाने के बाद िफर बढ़ने लगे।।
23 तब पिल यों के सरदार अपने दागोन नाम दे वता के िलये बड़ा य , और आन करने को यह कहकर इक े ए, िक हमारे दे वता ने हमारे श ु िशमशोन को हमारे हाथ म कर
िदया है।
24 और जब लोगों ने उसे दे खा, तब यह कहकर अपने दे वता की ुित की, िक हमारे दे वता ने हमारे श ु और हमारे दे श के नाश करने वाले को, िजसने हम म से ब तों को मार भी
डाला, हमारे हाथ म कर िदया है।
25 जब उनका मन मगन हो गया, तब उ ोंने कहा, िशमशोन को बुलवा लो, िक वह हमारे िलये तमाशा करे । इसिलये िशमशोन ब ीगृह म से बुलवाया गया, और उनके िलये तमाशा
करने लगा, और ख ों के बीच खड़ा कर िदया गया।
26 तब िशमशोन ने उस लड़के से जो उसका हाथ पकड़े था कहा, मु झे उन ख ों को िजन से घर स ला आ है छूने दे , िक म उस पर टे क लगाऊं।
27 वह घर तो ी पु षों से भरा आ था; पिल यों के सब सरदार भी वहां थे, और छत पर कोई तीन हजार स ी पु ष थे, जो िशमशोन को तमाशा करते ए दे ख रहे थे।
28 तब िशमशोन ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, िक हे भु यहोवा, मेरी सु िध ले; हे परमे र, अब की बार मु झे बल दे , िक म पिल यों से अपनी दोनों आं खों का एक ही पलटा लूं।
29 तब िशमशोन ने उन दोनों बीच वाले ख ों को िजन से घर स ला आ था पकड़कर एक पर तो दािहने हाथ से और दू सरे पर बाएं हाथ से बल लगा िदया।
30 और िशमशोन ने कहा, पिल यों के संग मे रा ाण भी जाए। और वह अपना सारा बल लगाकर झुका; तब वह घर सब सरदारों और उस म से सारे लोगों पर िगर पड़ा। सो िजन को
उसने मरते समय मार डाला वे उन से भी अिधक थे िज उसने अपने जीवन म मार डाला था।
31 तब उसके भाई और उसके िपता के सारे घराने के लोग आए, और उसे उठा कर ले गए, और सोरा और एशताओल के म अपने िपता मानोह की कबर म िम ी दी। उसने इ ाएल
का ाय बीस वष तक िकया था।
ािययों 17
1 ए ैम के पहाड़ी दे श म मीका नाम एक पु ष था।
2 उसने अपनी माता से कहा, जो ारह सौ टु कड़े चा ी तुझ से ले िलये गए थे , िजनके िवषय म तू ने मे रे सु नते भी शाप िदया था, वे मेरे पास ह; म ने ही उन को ले िलया था। उसकी
माता ने कहा, मेरे बेटे पर यहोवा की ओर से आशीष होए।
3 जब उसने वे ारह सौ टु कड़े चा ी अपनी माता को फेर िदए; तब माता ने कहा, म अपनी ओर से अपने बे टे के िलये यह पया यहोवा को िन य अपण करती ं तािक उस से एक
मूरत खोदकर, और दू सरी ढालकर बनाईं जाए, सो अब म उसे तुझ को फेर दे ती ं ।
4 जब उसने वह पया अपनी माता को फेर िदया, तब माता ने दो सौ टु कड़े ढलवैयों को िदए, और उसने उन से एक मूित खोदकर, और दू सरी ढालकर बनाईं; और वे मीका के घर म
रही ं।
5 मीका के पास एक दे व थान था, तब उसने एक एपोद, और कई एक गृहदे वता बनवाए; और अपने एक बे टे का सं ार कर के उसे अपना पुरोिहत ठहरा िलया
6 उन िदनों म इ ाएिलयों का कोई राजा न था; िजस को जो ठीक सूझ पड़ता था वही वह करता था।।
7 य दा के कुल का एक जवान लेवीय य दा के बेतलेहेम म परदे शी हो कर रहता था।
8 वह य दा के बेतले हेम नगर से इिसिलये िनकला, िक जहां कहीं थान िमले वहां जा रहे । चलते चलते वह ए ै म के पहाड़ी दे श म मीका के घर पर आ िनकला।
9 मीका ने उस से पूछा, तू कहां से आता है? उसने कहा, म तो य दा के बे तले हेम से आया आ एक ले वीय ं, और इसिलये चला जाता ं , िक जहां कहीं िठकाना मुझे िमले वहीं र ं।
10 मीका ने उस से कहा, मेरे संग रहकर मेरे िलये िपता और पु रोिहत बन, और म तु झे ित वष दस टु कड़े पे , और एक जोडा कपड़ा, और भोजनव ु िदया क ं गा; तब वह लेवीय
भीतर गया।
11 और वह लेवीय उस पु ष के संग रहने को स आ; और वह जवान उसके साथ बे टा सा बना रहा।
12 तब मीका ने उस लेवीय का सं ार िकया, और वह जवान उसका पु रोिहत हो कर मीका के घर म रहने लगा।
13 और मीका सोचता था, िक अब म जानता ं िक यहोवा मेरा भला करे गा, ोंिक म ने एक ले वीय को अपना पुरोिहत कर रखा है।।
ािययों 18
1 उन िदनों म इ ाएिलयों का कोई राजा न था। और उ ी ं िदनों म दािनयों के गो के लोग रहने के िलये कोई भाग ढूंढ़ रहे थे; ोंिक इ ाएली गो ों के बीच उनका भाग उस समय
तक न िमला था।
2 तब दािनयों ने अपने सब कुल म से पांच शूरवीरों को सोरा और एशताओल से दे श का भेद लेने और उस म दे ख भाल करने के िलये यह कहकर भेज िदया, िक जा कर दे श म दे ख
भाल करो। इसिलये वे ए ैम के पहाड़ी दे श म मीका के घर तक जा कर वहां िटक गए।
3 जब वे मीका के घर के पास आए, तब उस जवान लेवीय का बोल पहचाना; इसिलये वहां मु ड़कर उस से पू छा, तु झे यहां कौन ले आया? और तू यहां ा करता है? और यहां तेरे पास
ा है ?
4 उसने उन से कहा, मीका ने मुझ से ऐसा ऐसा वहार िकया है , और मु झे नौकर रखा है , और म उसका पुरोिहत हो गया ं।
5 उ ोंने उस से कहा, परमे र से सलाह ले, िक हम जान ल िक जो या ा हम करते ह वह सफल होगी वा नही ं।
6 पु रोिहत ने उन से कहा, कुशल से चले जाओ। जो या ा तुम करते हो वह ठीक यहोवा के सा ने है ।
7 तब वे पां च मनु चल िनकले , और लैश को जा कर वहां के लोगों को दे खा िक सीदोिनयों की नाईं िनडर, बे खटके, और शा से रहते ह; और इस दे श का कोई अिधकारी नहीं है,
जो उ िकसी काम म रोके, और ये सीदोिनयों से दू र रहते ह, और दू सरे मनु ों से कुछ वहार नही ं रखते ।
8 तब वे सोरा और ए ाओल को अपने भाइयों के पास गए, और उनके भाइयों ने उन से पू छा, तु म ा समाचार ले आए हो?
9 उ ोंने कहा, आओ, हम उन लोगों पर चढ़ाई कर; ोंिक हम ने उस दे श को दे खा िक वह ब त अ ा है । तु म ों चु पचाप रहते हो? वहां चलकर उस दे श को अपने वंश म कर लेने
म आलस न करो।
10 वहां प ंचकर तुम िनडर रहते ए लोगों को, और ल ा चौड़ा दे श पाओगे; और परमे र ने उसे तु ारे हाथ म दे िदया है। वह ऐसा थान है िजस म पृ ी भर के िकसी पदाथ की
घटी नहीं है ।।
11 तब वहां से अथात सोरा और एशताओल से दािनयों के कुल के छ: सौ पु षों ने यु के हिथयार बा कर थान िकया।
12 उ ोंने जा कर य दा दे श के िक ारीम नगर म डे रे खड़े िकए। इस कारण उस थान का नाम महने दान आज तक पड़ा है, वह तो िक ारीम के पि म की ओर है।
13 वहां से वे आगे बढ़कर ए ैम के पहाड़ी दे श म मीका के घर के पास आए।
14 तब जो पांच मनु लै श के दे श का भेद लेने गए थे, वे अपने भाइयों से कहने लगे, ा तुम जानते हो िक इन घरों म एक एपोद, कई एक गृहदे वता, एक खुदी और एक ढली ई
मूरत है ? इसिलये अब सोचो, िक ा करना चािहये।
15 वे उधर मुड़कर उस जवान लेवीय के घर गए, जो मीका का घर था, और उसका कुशल ेम पू छा।
16 और वे छ: सौ दानी पु ष फाटक म हिथयार बा े ए खड़े रहे ।
17 और जो पांच मनु दे श का भेद लेने गए थे, उ ोंने वहां घु सकर उस खुदी ई मू रत, और एपोद, और गृहदे वताओं, और ढली ई मूरत को ले िलया, और वह पुरोिहत फाटक म उन
हिथयार बा े ए छ: सौ पु षों के संग खड़ा था।
18 जब वे पांच मनु मीका के घर म घुसकर खुदी ई मू रत, एपोद, गृहदे वता, और ढली ई मू रत को ले आए थे , तब पुरोिहत ने उन से पूछा, यह तुम ा करते हो?
19 उ ोंने उस से कहा, चुप रह, अपने मुंह को हाथ से ब कर, और हम लोगों के संग चलकर, हमारे िलये िपता और पुरोिहत बन। ते रे िलये ा अ ा है? यह, िक एक ही मनु के
घराने का पु रोिहत हो, वा यह, िक इ ाएिलयों के एक गो और कुल का पुरोिहत हो?
20 तब पु रोिहत स आ, सो वह एपोद, गृहदे वता, और खु दी ई मू रत को ले कर उन लोगों के संग चला गया।
21 तब वे मुड़े, और बाल-ब ों, पशुओ,ं और सामान को अपने आगे कर के चल िदए।
22 जब वे मीका के घर से दू र िनकल गए थे, तब जो मनु मीका के घर के पास वाले घरों म रहते थे उ ोंने इक े हो कर दािनयों को जा िलया।
23 और दािनयों को पुकारा, तब उ ोंने मुंह फेर के मीका से कहा, तुझे ा आ िक तू इतना बड़ा दल िलये आता है ?
24 उसने कहा, तुम तो मेरे बनवाए ए दे वताओं और पुरोिहत को ले चले हो; िफर मेरे पास ा रह गया? तो तुम मु झ से ों पूछते हो? िक तुझे ा आ है?
25 दािनयों ने उस से कहा, तेरा बोल हम लोगों म सु नाईं न दे , कही ं ऐसा न हो िक ोधी जन तु म लोगों पर हार कर? और तू अपना और अपने घर के लोगों के भी ाण को खो दे ।
26 तब दािनयों ने अपना माग िलया; और मीका यह दे खकर िक वे मुझ से अिधक बलव ह िफर के अपने घर लौट गया।
27 और वे मीका के बनवाए ए पदाथ और उसके पुरोिहत को साथ ले लैश के पास आए, िजसके लोग शा से और िबना खटके रहते थे, और उ ोंने उन को तलवार से मार डाला,
और नगर को आग लगाकर फूंक िदया।
28 और कोई बचाने वाला न था, ोंिक वह सीदोन से दू र था, और वे और मनु ों से कुछ वहार न रखते थे । और वह बे होब की तराई म था। तब उ ोंने नगर को ढ़ िकया, और
उस म रहने लगे।
29 और उ ोंने उस नगर का नाम इ ाएल के एक पु अपने मूलपु ष दान के नाम पर दान रखा; पर ु पिहले तो उस नगर का नाम लैश था।
30 तब दािनयों ने उस खुदी ई मूरत को खड़ा कर िलया; और दे श की ब ु आई के समय वह योनातान जो गे श म का पु और मूसा का पोता था, वह और उसके वंश के लोग दान गो
के पु रोिहत बने रहे।
31 और जब तक परमे र का भवन शीलो म बना रहा, तब तक वे मीका की खु दवाई ई मू रत को थािपत िकए रहे ।।
ािययों 19
1 उन िदनों म जब इ ाएिलयों का कोई राजा न था, तब एक लेवीय पु ष ए ै म के पहाड़ी दे श की परली ओर परदे शी हो कर रहता था, िजसने य दा के बेतलेहेम म की एक सु रैितन
रख ली थी।
2 उसकी सु रैितन िभचार कर के य दा के बेतले हेम को अपने िपता के घर चली गई, और चार महीने वही ं रही।
3 तब उसका पित अपने साथ एक सेवक और दो गदहे ले कर चला, और उसके यहां गया, िक उसे समझा बुझाकर ले आए। वह उसे अपने िपता के घर ले गई, और उस जवान ी का
िपता उसे दे खकर उसकी भट से आन त आ।
4 तब उसके ससु र अथात उस ी के िपता ने िबनती कर के उसे रोक िलया, और वह तीन िदन तक उसके पास रहा; सो वे वहां खाते िपते िटके रहे।
5 चौथे िदन जब वे भोर को सबेरे उठे , और वह चलने को आ; तब ी के िपता ने अपने दामाद से कहा, एक टु कड़ा रोटी खाकर अपना जी ठ ा कर, तब तुम लोग चले जाना।
6 तब उन दोनों ने बैठकर संग संग खाया िपया; िफर ी के िपता ने उस पु ष से कहा, और एक रात िटके रहने को स हो और आन कर।
7 वह पु ष िवदा होने को उठा, पर ु उसके सुसर ने िबनती कर के उसे दबाया, इसिलये उसने िफर उसके यहां रात िबताई।
8 पांचव िदन भोर को वह तो िवदा होने को सवेरे उठा; पर ु ी के िपता ने कहा, अपना जी ठ ा कर, और तु म दोनों िदन ढलने तक के रहो। तब उन दोनों ने रोटी खाई।
9 जब वह पु ष अपनी सुरैितन और सेवक समेत िवदा होने को उठा, तब उसके ससु र अथात ी के िपता ने उस से कहा, दे ख िदन तो ढला चला है, और सांझ होने पर है ; इसिलये तुम
लोग रात भर िटके रहो। दे ख, िदन तो डूबने पर है; सो यही ं आन करता आ रात िबता, और िबहान को सवेरे उठ कर अपना माग लेना, और अपने डे रे को चले जाना।
10 पर ु उस पु ष ने उस रात को िटकना न चाहा, इसिलये वह उठ कर िवदा आ, और काठी बा े ए दो गदहे और अपनी सुरैितन संग िलये ए यबूस के सा ने तक (जो
य शले म कहलाता है) प ंचा।
11 वे यबूस के पास थे, और िदन ब त ढल गया था, िक सेवक ने अपने ामी से कहा, आ, हम यबूिसयों के इस नगर म मुड़कर िटक।
12 उसके ामी ने उस से कहा, हम पराए नगर म जहां कोई इ ाएली नहीं रहता, न उतरगे; िगबा तक बढ़ जाएं गे ।
13 िफर उसने अपने सेवक से कहा, आ, हम उधर के थानों म से िकसी के पास जाएं , हम िगबा वा रामा म रात िबताएं ।
14 और वे आगे की ओर चले; और उनके िब ामीन के िगबा के िनकट प ंचते प ंचते सूय अ हो गया,
15 इसिलये वे िगबा म िटकने के िलये उसकी ओर मुड़ गए। और वह भीतर जा कर उस नगर के चौक म बै ठ गया, ोंिक िकसी ने उन को अपने घर म न िटकाया।
16 तब एक बूढ़ा अपने खेत के काम को िनपटाकर सांझ को चला आया; वह तो ए ै म के पहाड़ी दे श का था, और िगबा म परदे शी हो कर रहता था; पर ु उस थान के लोग िब ामीनी
थे ।
17 उसने आं ख उठा कर उस या ी को नगर के चौक म बै ठे दे खा; और उस बूढ़े ने पू छा, तू िकधर जाता, और कहां से आता है?
18 उसने उस से कहा, हम लोग तो य दा के बेतलेहम से आकर ए ैम के पहाड़ी दे श की परली ओर जाते ह, म तो वही ं का ं; और य दा के बेतलेहेम तक गया था, और यहोवा के
भवन को जाता ं , पर ु कोई मुझे अपने घर म नहीं िटकाता।
19 हमारे पास तो गदहों के िलये पुआल और चारा भी है, और मेरे और ते री इस दासी और इस जवान के िलये भी जो ते रे दासों के संग है रोटी और दाखमधु भी है; हम िकसी व ु की
घटी नहीं है ।
20 बूढ़े ने कहा, तेरा क ाण हो; तेरे योजन की सब व ुएं मेरे िसर हों; पर ु रात को चौक म न िबता।
21 तब वह उसको अपने घर ले चला, और गदहों को चारा िदया; तब वे पां व धोकर खाने पीने लगे ।
22 वे आन कर रहे थे, िक नगर के लु ों ने घर को घे र िलया, और ार को खटखटा-खटखटाकर घर के उस बू ढ़े ामी से कहने लगे, जो पु ष तेरे घर म आया, उसे बाहर ले आ,
िक हम उस से भोग कर।
23 घर का ामी उनके पास बाहर जा कर उन से कहने लगा, नहीं, नही ं, हे मेरे भाइयों, ऐसी बु राई न करो; यह पु ष जो मेरे घर पर आया है, इस से ऐसी मूढ़ता का काम मत करो।
24 दे खा, यहां मेरी कुंवारी बेटी है, और इस पु ष की सु रैितन भी है; उन को म बाहर ले आऊंगा। और उनका पत-पानी लो तो लो, और उन से तो जो चाहो सो करो; पर ु इस पु ष से
ऐसी मू ढ़ता का काम मत करो।
25 पर ु उन मनु ों ने उसकी न मानी। तब उस पु ष ने अपनी सुरैितन को पकड़कर उनके पास बाहर कर िदया; और उ ोंने उस से कुकम िकया, और रात भर ा भोर तक उस
से लीला ीड़ा करते रहे। और पह फटते ही उसे छोड़ िदया।
26 तब वह ी पह फटते ए जाके उस मनु के घर के ार पर िजस म उसका पित था िगर गई, और उिजयाले के होने तक वही ं पड़ी रही।
27 सवेरे जब उसका पित उठ, घर का ार खोल, अपना माग ले ने को बाहर गया, तो ा दे खा, िक मे री सुरैितन घर के ार के पास डे वढ़ी पर हाथ फैलाए ए पड़ी है।
28 उसने उस से कहा, उठ हम चल। जब कोई न बोला, तब वह उसको गदहे पर लादकर अपने थान को गया।
29 जब वह अपने घर प ंचा, तब छूरी ले सुरैितन को अंग अंग कर के काटा; और उसे बारह टु कड़े कर के इ ाएल के दे श म भेज िदया।
30 िजतनोंने उसे दे खा, वे सब आपस म कहने लगे, इ ाएिलयों के िम दे श मे चले आने के समय से ले कर आज के िदन तक ऐसा कुछ कभी नहीं आ, और न दे खा गया; सो इस को
सोचकर स ित करो, और बताओ।।
ािययों 20
1 तब दान से ले कर बशबा तक के सब इ ाएली और िगलाद के लोग भी िनकले, और उनकी म ली एक मत हो कर िम ा म यहोवा के पास इक ी ई।
2 और सारी जा के धान लोग, वरन सब इ ाएली गो ों के लोग जो चार लाख तलवार चलाने वाले ादे थे , परमे र की जा की सभा म उप थत ए।
3 (िब ामीिनयों ने तो सु ना िक इ ाएली िम ा को आए ह।) और इ ाएली पू छने लगे, हम से कहो, यह बुराई कैसे ई?
4 उस मार डाली ई ी के लेवीय पित ने उ र िदया, म अपनी सु रैितन समेत िब ामीन के िगबा म िटकने को गया था।
5 तब िगबा के पु षों ने मुझ पर चढ़ाई की, और रात के समय घर को घेर के मुझे घात करना चाहा; और मे री सु रैितन से इतना कुकम िकया िक वह मर गई।
6 तब म ने अपनी सु रैितन को ले कर टु कड़े टु कड़े िकया, और इ ाएिलयों के भाग के सारे दे श म भेज िदया, उ ोंने तो इ ाएल म महापाप और मूढ़ता का काम िकया है ।
7 सुनो, हे इ ाएिलयों, सब के सब दे खो, और यही ं अपनी स ित दो।
8 तब सब लोग एक मन हो, उठ कर कहने लगे, न तो हम म से कोई अपने डे रे जाएगा, और न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा।
9 पर ु अब हम िगबा से यह करगे, अथात हम िच ी डाल डालकर उस पर चढ़ाई करगे ,
10 और हम सब इ ाएली गो ों म सौ पु षों म से दस, और हजार पु षों म से एक सौ, और दस हजार म से एक हजार पु षों को ठहराएं , िक वे सेना के िलये भोजनव ु प ंचाएं ;
इसिलये िक हम िब ामीन के िगबा म प ंचकर उसको उस मू ढ़ता का पू रा फल भु गता सक जो उ ोंने इ ाएल म की है।
11 तब सब इ ाएली पु ष उस नगर के िव एक पु ष की नाईं जु टे ए इक े हो गए।।
12 और इ ाएली गोि यों म िकतने मनु यह पूछने को भे जे, िक यह ा बुराई है जो तु म लोगों म की गई है ?
13 अब उन िगबावासी लु ों को हमारे हाथ कर दो, िक हम उन को जान से मार के इ ाएल म से बुराई नाश कर। पर ु िब ामीिनयों ने अपने भाई इ ाएिलयों की मानने से इ ार
िकया।
14 और िब ामीनी अपने अपने नगर म से आकर िगबा म इसिलये इक े ए, िक इ ाएिलयों से लड़ने को िनकल।
15 और उसी िदन िगबावासी पु षों को छोड़, िजनकी िगनती सात सौ चुने ए पु ष ठहरी, और और नगरों से आए ए तलवार चलाने वाले िब ामीिनयों की िगनती छ ीस हजार
पु ष ठहरी।
16 इन सब लोगों म से सात सौ बह े चुने ए पु ष थे, जो सब के सब ऐसे थे िक गोफन से प र मारने म बाल भर भी न चूकते थे।
17 और िब ामीिनयों को छोड़ इ ाएली पु ष चार लाख तलवार चलाने वाले थे ; ये सब के सब यो ा थे ।।
18 सब इ ाएली उठ कर बेतेल को गए, और यह कहकर परमे र से सलाह ली, और इ ाएिलयों ने पू छा, िक हम म से कौन िब ामीिनयों से लड़ने को पिहले चढ़ाई करे ? यहोवा ने
कहा, य दा पिहले चढ़ाई करे ।
19 तब इ ाएिलयों ने िबहान को उठ कर िगबा के सा ने डे रे डाले।
20 और इ ाएली पु ष िब ामीिनयों से लड़ने को िनकल गए; और इ ाएली पु षों ने उस से लड़ने को िगबा के िव पांित बा ी।
21 तब िब ामीिनयों ने िगबा से िनकल उसी िदन बाईस हजार इ ाएली पु षों को मार के िम ी म िमला िदया।
22 तौभी इ ाएली पु ष लोगों ने िहयाव बा कर उसी थान म जहां उ ोंने पिहले िदन पांित बा ी थी, िफर पां ती बा ी।
23 और इ ाएली जा कर सांझ तक यहोवा के सा ने राते रहे; और यह कहकर यहोवा से पू छा, िक ा हम अपने भाई िब ामीिनयों से लड़ने को िफर पास जाएं ? यहोवा ने कहा, हां,
उन पर चढ़ाई करो।
24 तब दू सरे िदन इ ाएली िब ामीिनयों के िनकट प ंचे।
25 तब िब ामीिनयों ने दू सरे िदन उनका सा ना करने को िगबा से िनकलकर िफर अठारह हजार इ ाएली पु षों को मार के, जो सब के सब तलवार चलाने वाले थे, िम ी म िमला
िदया।
26 तब सब इ ाएली, वरन सब लोग बेतेल को गए; और रोते ए यहोवा के सा ने बै ठे रहे , और उस िदन सां झ तक उपवास िकए रहे, और यहोवा को होमबिल और मे लबिल चढ़ाए।
27 और इ ाएिलयों ने यहोवा से सलाह ली (उस समय तो परमे र का वाचा का स दू क वही ं था,
28 और पीनहास, जो हा न का पोता, और एलीआजर का पु था उन िदनों म उसके सा ने हािजर रहा करता था।) उ ोंने पूछा, ा म एक और बार अपने भाई िब ामीिनयों से
लड़ने को िनकल जाऊं, वा उन को छोड़ूं? यहोवा ने कहा, चढ़ाई कर; ोंिक कल म उन को ते रे हाथ म कर दू ं गा।
29 तब इ ाएिलयों ने िगबा के चारों ओर लोगों को घात म बैठाया।
30 तीसरे िदन इ ाएिलयों ने िब ामीिनयों पर िफर चढ़ाई की, और पिहले की नाईं िगबा के िव पां ित बा ी।
31 तब िब ामीनी उन लोगों का सा ना करने को िनकले, और नगर के पास से खी ंचे गए; और जो दो सड़क, एक बे तेल को और दू सरी िगबा को गई है , उन म लोगों को पिहले की नाईं
मारने लगे , और मै दान म कोई तीस इ ाएली मारे गए।
32 िब ामीनी कहने लगे, वे पिहले की नाईं हम से मारे जाते ह। पर ु इ ाएिलयों ने कहा, हम भागकर उन को नगर म से सड़कों म खी ंच ले आएं ।
33 तब सब इ ाएली पु षों ने अपने थान म उठ कर बालतामार म पां ित बा ी; और घात म बै ठे ए इ ाएली अपने थान से, अथात मारे गेवा से अचानक िनकले।
34 तब सब इ ाएिलयों म से छांटे ए दास हजार पु ष िगबा के सा ने आए, और घोर लड़ाई होने लगी; पर ु वे न जानते थे िक हम पर िवपि अभी पड़ा चाहती है।
35 तब यहोवा ने िब ामीिनयों को इ ाएल से हरवा िदया, और उस िदन इ ाएिलयों ने प ीस हजार एक सौ िब ामीनी पु षों को नाश िकया, जो सब के सब तलवार चलाने वाले थे।।
36 तब िब ामीिनयों ने दे खा िक हम हार गए। और इ ाएली पु ष उन घातकों पर भरोसा कर के िज उ ोंने िगबा के साथ बैठाया था िब ामीिनयों के सा ने से चले गए।
37 पर ु घातक लोग फुत कर के िगबा पर झपट गए; और घातकों ने आगे बढ़कर कुल नगर को तलवार से मारा।
38 इ ाएली पु षोंऔर घातकों के बीच तो यह िच ठहराया गया था, िक वे नगर म से ब त बड़ा धूएं का ख ा उठाएं ।
39 इ ाएली पु ष तो लड़ाई म हटने लगे, और िब ामीिनयों ने यह कहकर िक िन य वे पिहली लड़ाई की नाईं हम से हारे जाते ह, इ ाएिलयों को मार डालने लगे, और तीस एक
पु षों को घात िकया।
40 पर ु जब वह धूएं का ख ा नगर म से उठने लगा, तब िब ामीिनयों ने अपने पीछे जो ि की तो ा दे खा, िक नगर का नगर धूंआ हो कर आकाश की ओर उड़ रहा है।
41 तब इ ाएली पु ष घूमे, और िब ामीनी पु ष यह दे खकर घबरा गए, िक हम पर िवपि आ पड़ी है ।
42 इसिलये उ ोंने इ ाएली पु षों को पीठ िदखाकर जंगल का माग िलया; पर ु लड़ाई उन से होती ही रह, और जो और नगरों म से आए थे उन को इ ाएली रा े म नाश करते
गए।
43 उ ोंने िब ामीिनयों को घे र िलया, और उ खदे ड़ा, वे मनू हा म वरन िगबा के पू व की ओर तक उ लताड़ते गए।
44 और िब ामीिनयों म से अठारह हजार पु ष जो सब के सब शूरवीर थे मारे गए।
45 तब वे घू मकर जं गल म की र ोन नाम च ान की ओर तो भाग गए; पर ु इ ाएिलयों ने उन से पांच हजार को बीनकर सड़कों म मार डाला; िफर िगदोम तक उनके पीछे पड़के
उन म से दो हजार पु ष मार डाले।
46 तब िब ामीिनयों म से जो उस िदन मारे गए वे प ीस हजार तलवार चलाने वाले पु ष थे , और थे सब शूरवीर थे ।
47 पर ु छ: सौ पु ष घूमकर जंगल की ओर भागे, और र ोन नाम च ान म प ं च गए, और चार महीने वही ं रहे।
48 तब इ ाएली पु ष लौटकर िब ािमिनयों पर लपके और नगरों म ा मनु , ा पशु, ा जो कुछ िमला, सब को तलवार से नाश कर डाला। और िजतने नगर उ िमले उन
सभों को आग लगाकर फूंक िदया।।
ािययों 21
1 इ ाएली पु षों ने तो िम ा म शपथ खाकर कहा था, िक हम म कोई अपनी बे टी िकसी िब ामीनी को न ाह दे गा।
2 वे बेतेल को जा कर सांझ तक परमे र के सा ने बैठे रहे, और फूट फूटकर ब त रोते रहे।
3 और कहते थे, हे इ ाएल के परमे र यहोवा, इ ाएल म ऐसा ों होने पाया, िक आज इ ाएल म एक गो की घटी ई है?
4 िफर दू सरे िदन उ ोंने सवेरे उठ वहां वेदी बनाकर होमबिल और मेलबिल चढ़ाए।
5 तब इ ाएली पू छने लगे, इ ाएल के सारे गो ों म से कौन है जो यहोवा के पास सभा म न आया था? उ ोंने तो भारी शपथ खाकर कहा था, िक जो कोई िम ा को यहोवा के पास न
आए वह िन य मार डाला जाएगा।
6 तब इ ाएली अपने भाई िब ामीन के िवषय म यह कहकर पछताने लगे , िक आज इ ाएल म से एक गो कट गया है।
7 हम ने जो यहोवा की शपथ खाकर कहा है, िक हम उ अपनी िकसी बे टी को न ाह दगे , इसिलये बचे ओं को यां िमलने के िलये ा कर?
8 जब उ ोंने यह पू छा, िक इ ाएल के गो ों म से कौन है जो िम ा को यहोवा के पास न आया था? तब यह मालू म आ, िक िगलादी यावेश से कोई छावनी म सभा को न आया था।
9 अथात जब लोगों की िगनती की गई, तब यह जाना गया िक िगलादी यावेश के िनवािसयों म से कोई यहां नहीं है।
10 इसिलये म ली ने बारह हजार शूरवीरों को वहां यह आ ा दे कर भे ज िदया, िक तु म जा कर यों और बाल-ब ों समेत िगलादी यावेश को तलवार से नाश करो।
11 और तु जो करना होगा वह यह है, िक सब पु षों को और िजतनी यों ने पु ष का मुंह दे खा हो उन को स ानाश कर डालना।
12 और उ िगलादी यावेश के िनवािसयों म से चार सौ जवान कुमा रयां िमली ं िज ोंने पु ष का मुंह नही ं दे खा था; और उ वे शीलो को जो कनान दे श म है छावनी म ले आए।।
13 तब सारी म ली ने उन िब ामीिनयों के पास जो र ोन नाम च ान पर थे कहला भेजा, और उन से सं िध का चार कराया।
14 तब िब ामीन उसी समय लौट गए; और उन को वे यां दी गईं जो िगलादी यावेश की यों म से जीिवत छोड़ी गईं थी;ं तौभी वे उनके िलये थोड़ी थी।ं
15 तब लोग िब ामीन के िवषय िफर यह कहके पछताथे, िक यहोवा ने इ ाएल के गो ों म घटी की है ।
16 तब म ली के वृ गो ों ने कहा, िक िब ामीनी यां जो नाश ई ह, तो बचे ए पु षों के िलये ी पाने का हम ा उपाय कर?
17 िफर उ ोंने कहा, बचे ए िब ामीिनयों के िलये कोई भाग चािहये, ऐसा न हो िक इ ाएल म से एक गो िमट जाए।
18 पर ु हम तो अपनी िकसी बेटी को उ ाह नही ं दे सकते , ोंिक इ ाएिलयों ने यह कहकर शपथ खाई है िक शािपत हो वह जो िकसी िब ामीनी को अपनी लड़की ाह दे ।
19 िफर उ ोंने कहा, सु नो, शीलो जो बेतेल की उ र ओर, और उस सड़क की पू व ओर है जो बेतेल से शकेन को चली गई है, और लाबोना की द न ओर है, उस म ित वष यहोवा
का एक पव माना जाता है।
20 इसिलये उ ोंने िब ामीिनयों को यह आ ा दी, िक तुम जा कर दाख की बा रयों के बीच घात लगाए बैठे रहो,
21 और दे खते रहो; और यिद शीलो की लड़िकयां नाचने को िनकल, तो तुम दाख की बा रयों से िनकलकर शीलो की लड़िकयों म से अपनी अपनी ी को पकड़कर िब ामीन के दे श
को चले जाना।
22 और जब उनके िपता वा भाई हमारे पास झगड़ने को आएं गे , तब हम उन से कहगे , िक अनु ह कर के उन को हम दे दो, ोंिक लड़ाई के समय हम ने उन म से एक एक के िलये
ी नही ं बचाई; और तुम लोगों ने तो उन को ाह नही ं िदया, नही ं तो तुम अब दोषी ठहरते।
23 तब िब ामीिनयों ने ऐसा ही िकया, अथात उ ोंने अपनी िगनती के अनुसार उन नाचने वािलयों म से पकड़कर यां ले ली ं; तब अपने भाग को लौट गए, और नगरों को बसाकर
उन म रहने लगे।
24 उसी समय इ ाएली वहां से चलकर अपने अपने गो और अपने अपने घराने को गए, और वहां से वे अपने अपने िनज भाग को गए।
25 उन िदनों म इ ाएिलयों का कोई राजा न था; िजस को जो ठीक सूझ पड़ता था वही वह करता था।।
त1
1 िजन िदनों म ायी लोग ाय करते थे उन िदनों म दे श म अकाल पड़ा, तब य दा के बे तले हेम का एक पु ष अपनी ी और दोनों पु ों को संग ले कर मोआब के दे श म परदे शी
हो कर रहने के िलये चला।
2 उस पु ष का नाम एलीमेलेक, और उसकी पि का नाम नाओमी, और उसके दो बेटों के नाम महलोन और िक ोन थे; ये ए ाती अथात य दा के बेतलेहेम के रहने वाले थे । और
मोआब के दे श म आकर वहां रहे।
3 और नाओमी का पित एलीमेलेक मर गया, और नाओमी और उसके दोनों पु रह गए।
4 और इ ोंने एक एक मोआिबन ाह ली; एक ी का नाम ओपा और दू सरी का नाम त था। िफर वे वहां कोई दस वष रहे।
5 जब महलोन और िक ोन दोनों मर गए, तब नाआमी अपने दोनों पु ों और पित से रिहत हो गई।
6 तब वह मोआब के दे श म यह सुनकर, िक यहोवा ने अपनी जा के लोगों की सुिध लेके उ भोजनव ु दी है, उस दे श से अपनी दोनों ब ओं समेत लौट जाने को चली।
7 तब वह अपनी दोनों ब ओं समेत उस थान से जहां रहती थी िनकली, और उ ोने य दा दे श को लौट जाने का माग िलया।
8 तब नाओमी ने अपनी दोनों ब ओं से कहा, तु म अपने अपने मैके लौट जाओ। और जैसे तुम ने उन से जो मर गए ह और मुझ से भी ीित की है, वैसे ही यहोवा तु ारे ऊपर कृपा करे ।
9 यहोवा ऐसा करे िक तुम िफर पित कर के उनके घरों म िव ाम पाओ। तब उसने उन को चू मा, और वे िच ा िच ाकर रोने लगी ं,
10 और उस से कहा, िन य हम ते रे सं ग तेरे लोगों के पास चलगी।
11 नाओमी ने कहा, हे मेरी बेिटयों, लौट जाओ, तुम ों मे रे संग चलोगी? ा मे री कोख म और पु ह जो तु ारे पित हों?
12 हे मेरी बे िटयों, लौटकर चली जाओ, ोंिक म पित करने को बू ढ़ी ं। और चाहे म कहती भी, िक मु झे आशा है, और आज की रात मेरे पित होता भी, और मेरे पु भी होते,
13 तौभी ा तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके िनिम पित करने से की रहतीं? हे मे री बेिटयों, ऐसा न हो, ोंिक मे रा दु :ख तु ारे दु :ख से ब त
बढ़कर है ; दे खो, यहोवा का हाथ मेरे िव उठा है।
14 तब वे िफर से उठी ं; और ओपा ने तो अपनी सास को चूमा, पर ु त उस से अलग न ई।
15 तब उसने कहा, दे ख, तेरी िजठानी तो अपने लोगों और अपने दे वता के पास लौट गई है ; इसिलये तू अपनी िजठानी के पीछे लौट जा।
16 त बोली, तू मुझ से यह िबनती न कर, िक मुझे ाग वा छोड़कर लौट जा; ोंिक िजधर तू जाए उधर म भी जाऊंगी; जहां तू िटके वहां म भी िटकूंगी; ते रे लोग मेरे लोग होंगे, और
तेरा परमे र मेरा परमे र होगा;
17 जहां तू मरे गी वहां म भी म ं गी, और वही ं मुझे िम ी दी जाएगी। यिद मृ ु छोड़ और िकसी कारण म तुझ से अलग होऊं, तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अिधक करे ।
18 जब उसने यह दे खा िक वह मेरे संग चलने को थर है , तब उसने उस से और बात न कही।
19 सो वे दोनों चल िनकली ं और बेतलेहेम को प ंची। और उनके बेतले हेम म प ंचने पर कुल नगर म उनके कारण धूम मची; और यां कहने लगीं, ा यह नाओमी है?
20 उसने उन से कहा, मुझे नाओमी न कहो, मुझे मारा कहो, ोंिक सवश मान् ने मुझ को बड़ा दु :ख िदया है।
21 म भरी पूरी चली गई थी, पर ु यहोवा ने मुझे छूछी कर के लौटाया है। सो जब िक यहोवा ही ने मे रे िव सा ी दी, और सवश मान ने मुझे दु :ख िदया है, िफर तुम मुझे ों
नाओमी कहती हो?
22 इस कार नाओमी अपनी मोआिबन ब त के साथ लौटी, जो मोआब के दे श से आई थी। और वे जौ कटने के आर के समय बेतलेहेम म प ंची।।
त2
1 नाओमी के पित एलीमेलेक के कुल म उसका एक बड़ा धनी कुटु ी था, िजसका नाम बोअज था।
2 और मोआिबन त ने नाओमी से कहा, मुझे िकसी खेत म जाने दे , िक जो मु झ पर अनु ह की ि करे , उसके पीछे पीछे म िसला बीनती जाऊं। उसने कहा, चली जा, बे टी।
3 सो वह जा कर एक खेत म लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और िजस खेत म वह संयोग से गई थी वह एलीमे लेक के कुटु ी बोअज का था।
4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तु ारे सं ग रहे, और वे उस से बोले , यहोवा तुझे आशीष दे ।
5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पू छा, वह िकस की क ा है ।
6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उसने उ र िदया, वह मोआिबन क ा है , जो नाओमी के सं ग मोआब दे श से लौट आई है।
7 उसने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बाल बटोरने दे । तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी दे र तक घर म रही थी।
8 तब बोअज ने त से कहा, हे मेरी बेटी, ा तू सुनती है ? िकसी दू सरे के खे त म बीनने को न जाना, मेरी ही दािसयों के संग यहीं रहना।
9 िजस खे त को वे लवती ं हों उसी पर तेरा ान ब ा रहे , और उ ी ं के पीछे पीछे चला करना। ा म ने जवानों को आ ा नही ं दी, िक तु झ से न बोल? और जब जब तुझे ास लगे, तब
तब तू बरतनों के पास जा कर जवानों का भरा आ पानी पीना।
10 तब वह भूिम तक झुककर मुंह के बल िगरी, और उस से कहने लगी, ा कारण है िक तू ने मु झ परदे िशन पर अनु ह की ि कर के मेरी सुिध ली है?
11 बोअज ने उ र िदया, जो कुछ तू ने पित मरने के पीछे अपनी सास से िकया है , और तू िकस रीित अपने माता िपता और ज भू िम को छोड़कर ऐसे लोगों म आई है िजन को पिहले तू
ने जानती थी, यह सब मुझे िव ार के साथ बताया गया है।
12 यहोवा तेरी करनी का फल दे , और इ ाएल का परमे र यहोवा िजसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे
13 उसने कहा, हे मेरे भु, तेरे अनु ह की ि मुझ पर बनी रहे, ोंिक य िप म तेरी दािसयों म से िकसी के भी बराबर नही ं ं, तौभी तू ने अपनी दासी के मन म पैठने वाली बात
कहकर मु झे शा दी है।
14 िफर खाने के समय बोअज ने उस से कहा, यही ं आकर रोटी खा, और अपना कौर िसरके म बोर। तो वह लवने वालों के पास बैठ गई; और उसने उसको भुनी ई बाल दी; और वह
खाकर तृ ई, वरन कुछ बचा भी रखा।
15 जब वह बीनने को उठी, तब बोअज ने अपने जवानों को आ ा दी, िक उसको पूलों के बीच बीच म भी बीनने दो, और दोष मत लगाओ।
16 वरन मु ी भर जाने पर कुछ कुछ िनकाल कर िगरा भी िदया करो, और उसके बीनने के िलये छोड़ दो, और उसे घु ड़ को मत।
17 सो वह सांझ तक खेत म बीनती रही; तब जो कुछ बीन चुकी उसे फटका, और वह कोई एपा भर जौ िनकला।
18 तब वह उसे उठा कर नगर म गई, और उसकी सास ने उसका बीना आ दे खा, और जो कुछ उसने तृ हो कर बचाया था उसको उसने िनकाल कर अपनी सास को िदया।
19 उसकी सास ने उस से पूछा, आज तू कहां बीनती, और कहां काम करती थी? ध वह हो िजसने ते री सुिध ली है । तब उसने अपनी सास को बता िदया, िक म ने िकस के पास काम
िकया, और कहा, िक िजस पु ष के पास म ने आज काम िकया उसका नाम बोअज है।
20 नाओमी ने अपनी ब से कहा, वह यहोवा की ओर से आशीष पाए, ोंिक उसने न तो जीिवत पर से और न मरे ओं पर से अपनी क णा हटाई! िफर नाओमी ने उस से कहा, वह
पु ष तो हमारा कुटु ी है, वरन उन म से है िजन को हमारी भूिम छु ड़ाने का अिधकार है।
21 िफर त मोआिबन बोली, उसने मुझ से यह भी कहा, िक जब तक मे रे सेवक मे री कटनी पूरी न कर चुक तब तक उ ी ं के संग सं ग लगी रह।
22 नाओमी ने अपनी ब त से कहा, मेरी बेटी यह अ ा भी है, िक तू उसी की दािसयों के साथ साथ जाया करे , और वे तुझ को दू सरे के खे त म न िमल।
23 इसिलये त जौ और गे ं दोनों की कटनी के अ तक बीनने के िलये बोअज की दािसयों के साथ साथ लगी रही; और अपनी सास के यहां रहती थी।।
त3
1 उसकी सास नाओमी ने उस से कहा, हे मेरी बेटी, ा म तेरे िलये ठां व न ढू ं ढू ं िक ते रा भला हो?
2 अब िजसकी दािसयों के पास तू थी, ा वह बोअज हमारा कुटु ी नही ं है? वह तो आज रात को खिलहान म जौ फटकेगा।
3 तू ान कर तेल लगा, व पिहनकर खिलहान को जा; पर ु जब तक वह पु ष खा पी न चु के तब तक अपने को उस पर गट न करना।
4 और जब वह लेट जाए, तब तू उस के लेटने के थान को दे ख ले ना; िफर भीतर जा उसके पां व उघार के ले ट जाना; तब वही तुझे बताएगा िक तुझे ा करना चािहये।
5 उसने उस से कहा, जो कुछ तू कहती है वह सब म क ं गी।
6 तब वह खिलहान को गई और अपनी सास की आ ा के अनु सार ही िकया।
7 जब बोअज खा पी चु का, और उसका मन आन त आ, तब जा कर रािश के एक िसरे पर ले ट गया। तब वह चु पचाप गई, और उसके पांव उघार के लेट गई।
8 आधी रात को वह पु ष चौंक पड़ा, और आगे की ओर झुककर ा पाया, िक मे रे पांवों के पास कोई ी ले टी है ।
9 उसने पू छा, तू कौन है? तब वह बोली, म तो तेरी दासी त ं ; तू अपनी दासी को अपनी च र ओढ़ा दे , ोंिक तू हमारी भू िम छु ड़ाने वाला कुटु ी है।
10 उसने कहा, हे बे टी, यहोवा की ओर से तुझ पर आशीष हो; ोंिक तू ने अपनी िपछली ीित पिहली से अिधक िदखाई, ोंिक तू, ा धनी, ा कंगाल, िकसी जवान के पीछे नही ं
लगी।
11 इसिलये अब, हे मेरी बेटी, मत डर, जो कुछ तू कहेगी म तुझ से क ं गा; ोंिक मे रे नगर के सब लोग जानते ह िक तू भली ी है।
12 और अब सच तो है िक म छु ड़ाने वाला कुटु ी ं, तौभी एक और है िजसे मु झ से पिहले ही छु ड़ाने का अिधकार है ।
13 सो रात भर ठहरी रह, और सबेरे यिद वह तेरे िलये छु ड़ाने वाले का काम करना चाहे ; तो अ ा, वही ऐसा करे ; पर ु यिद वह तेरे िलये छु ड़ाने वाले का काम करने को स न हो,
तो यहोवा के जीवन की शपथ म ही वह काम क ं गा। भोर तक ले टी रह।
14 तब वह उसके पांवों के पास भोर तक लेटी रही, और उस से पिहले िक कोई दू सरे को ची सके वह उठी; और बोअज ने कहा, कोई जानने न पाए िक खिलहान म कोई ी आई
थी।
15 तब बोअज ने कहा, जो च र तू ओढ़े है उसे फैलाकर था ले । और जब उसने उसे था ा तब उसने छ: नपु ए जौ नापकर उसको उठा िदया; िफर वह नगर म चली गई।
16 जब त अपनी सास के पास आई तब उसने पूछा, हे बे टी, ा आ? तब जो कुछ उस पु ष ने उस से िकया था वह सब उसने उसे कह सुनाया।
17 िफर उसने कहा, यह छ: नपुए जौ उसने यह कहकर मु झे िदया, िक अपनी सास के पास छूछे हाथ मत जा।
18 उसने कहा, हे मेरी बेटी, जब तक तू न जाने िक इस बात का कैसा फल िनकले गा, तब तक चु पचाप बै ठी रह, ोंिक आज उस पु ष को यह काम िबना िनपटाए चै न न पड़े गा।।
त4
1 तब बोअज फाटक के पास जा कर बैठ गया; और िजस छु ड़ाने वाले कुटु ी की चचा बोअज ने की थी, वह भी आ गया। तब बोअज ने कहा, हे फुलाने, इघर आकर यहीं बै ठ जा; तो
वह उधर जा कर बैठ गया।
2 तब उसने नगर के दस वृ लोगों को बु लाकर कहा, यही ं बैठ जाओ; वे भी बैठ गए।
3 तब वह छु ड़ाने वाले कुटु ी से कहने लगा, नाओमी जो मोआब दे श से लौट आई है वह हमारे भाई एलीमे लेक की एक टु कड़ा भूिम बेचना चाहती है।
4 इसिलये म ने सोचा िक यह बात तुझ को जताकर क ंगा, िक तू उसको इन बै ठे ओं के सा ने और मे रे लोगों के इन वृ लोगों के सा ने मोल ले। और यिद तू उसको छु ड़ाना चाहे ,
तो छु ड़ा; और यिद तू छु ड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे , िक म समझ लूं; ोंिक तुझे छोड़ उसके छु ड़ाने का अिधकार और िकसी को नहीं है, और ते रे बाद म ं। उसने कहा, म
उसे छु ड़ाऊंगा।
5 िफर बोअज ने कहा, जब तू उस भूिम को नाओमी के हाथ से मोल ले, तब उसे त मोआिबन के हाथ से भी जो मरे ए की ी है इस मनसा से मोल लेना पड़े गा, िक मरे ए का नाम
उसके भाग म थर कर दे ।
6 उस छु ड़ाने वाले कुटु ी ने कहा, म उसको छु ड़ा नही ं सकता, ऐसा न हो िक मेरा िनज भाग िबगड़ जाए। इसिलये मे रा छु ड़ाने का अिधकार तू ले ले , ोंिक मु झ से वह छु ड़ाया नहीं
जाता।
7 अगले समय म इ ाएल म छु ड़ाने के बदलने के िवषय म सब प ा करने के िलये यह वहार था, िक मनु अपनी जू ती उतार के दू सरे को दे ता था। इ ाएल म गवाही इसी रीित
होती थी।
8 इसिलये उस छु ड़ाने वाले कुटु ी ने बोअज से यह कहकर; िक तू उसे मोल ले , अपनी जू ती उतारी।
9 तब बोअज ने वृ लोगों और सब लोगों से कहा, तुम आज इस बात के सा ी हो िक जो कुछ एलीमे लेक का और जो कुछ िक ोन और महलोन का था, वह सब म नाओमी के हाथ से
मोल लेता ं।
10 िफर महलोन की ी त मोआिबन को भी म अपनी प ी करने के िलये इस मनसा से मोल ले ता ं, िक मरे ए का नाम उसके िनज भाग पर थर क ं , कहीं ऐसा न हो िक मरे
ए का नाम उसके भाइयों म से और उसके थान के फाटक से िमट जाए; तुम लोग आज सा ी ठहरे हो।
11 तब फाटक के पास िजतने लोग थे उ ोंने और वृ लोगों ने कहा, हम सा ी ह। यह जो ी ते रे घर म आती है उसको यहोवा इ ाएल के घराने की दो उपजानेवाली राहेल और
िलआ: के समान करे । और तू ए ाता म वीरता करे , और बे तले हेम म तेरा बड़ा नाम हो;
12 और जो स ान यहोवा इस जवान ी के ारा तुझे दे उसके कारण से तेरा घराना पेरेस का सा हो जाए, जो तामार से य दा के ारा उ आ।
13 तब बोअज ने त को ाह िलया, और वह उसकी प ी हो गई; और जब वह उसके पास गया तब यहोवा की दया से उसको गभ रहा, और उसके एक बेटा उ आ।
14 तब यों ने नाओमी से कहा, यहोवा ध है, िजसने तुझे आज छु ड़ाने वाले कुटु ी के िबना नही ं छोड़ा; इ ाएल म इसका बड़ा नाम हो।
15 और यह तेरे जी म जी ले आनेवाला और तेरा बुढ़ापे म पालने वाला हो, ोंिक तेरी ब जो तु झ से े म रखती और सात बेटों से भी तेरे िलये े है उसी का यह बेटा है।
16 िफर नाओमी उस ब े को अपनी गोद म रखकर उसकी धाई का काम करने लगी।
17 और उसकी पड़ोिसनों ने यह कहकर, िक नाओमी के एक बेटा उ आ है , लड़के का नाम ओबेद रखा। ियशै का िपता और दाऊद का दादा वही आ।।
18 पेरेस की यह वंशावली है, अथात पेरेस से हे ोन,
19 और हे ोन से राम, और राम से अ ीनादाब,
20 और अ ीनादाब से नहशोन, और नहशोन से स ोन
21 और स ोन से बोअज, और बोअज से ओबेद,
22 और ओबेद से ियशै, और ियशै से दाऊद उ आ।।
1 शमू एल 1
1 ए ैम के पहाड़ी दे श के रामतैम सोपीम नाम नगर का िनवासी ए ाना नाम पु ष था, वह ए े मी था, और सू प के पु तो का परपोता, एली का पोता, और यरोहाम का पु था।
2 और उसके दो पि यां थी ं; एक का तो नाम ह ा और दू सरी का पिन ा था। और पिन ा के तो बालक ए, पर ु ह ा के कोई बालक न आ।
3 वह पु ष ित वष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को द वत करने और मे लबिल चढ़ाने के िलये शीलो म जाता था; और वहां हो ी और पीनहास नाम एली के दोनों पु रहते थे, जो
यहोवा के याजक थे।
4 और जब जब ए ाना मेलबिल चढ़ाता था तब तब वह अपनी प ी पिन ा को और उसके सब बेटे-बेिटयों को दान िदया करता था;
5 पर ु ह ा को वह दू ना दान िदया करता था, ोंिक वह ह ा से ीित रखता था; तौभी यहोवा ने उसकी कोख ब कर रखी थी।
6 पर ु उसकी सौत इस कारण से, िक यहोवा ने उसकी कोख ब कर रखी थी, उसे अ िचढ़ाकर कुढ़ाती रहती थी ं।
7 और वह तो ित वष ऐसा ही करता था; और जब ह ा यहोवा के भवन को जाती थी तब पिन ा उसको िचढ़ाती थी। इसिलये वह रोती और खाना न खाती थी।
8 इसिलये उसके पित ए ाना ने उस से कहा, हे ह ा, तू ों रोती है? और खाना ों नही ं खाती? और मेरा मन ों उदास है ? ा तेरे िलये म दस बेटों से भी अ ा नही ं ं ?
9 तब शीलो म खाने और पीने के बाद ह ा उठी। और यहोवा के म र के चौखट के एक अलं ग के पास एली याजक कुस पर बैठा आ था।
10 और यह मन म ाकुल हो कर यहोवा से ाथना करने और िबलख िबलखकर रोने लगी।
11 और उसने यह म त मानी, िक हे सेनाओं के यहोवा, यिद तू अपनी दासी के दु :ख पर सचमु च ि करे , और मेरी सु िध ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को
पु दे , तो म उसे उसके जीवन भर के िलये यहोवा को अपण क ं गी, और उसके िसर पर छु रा िफरने न पाएगा।
12 जब वह यहोवा के सा ने ऐसी ाथना कर रही थी, तब एली उसके मुंह की ओर ताक रहा था।
13 ह ा मन ही मन कह रही थी; उसके होंठ तो िहलते थे पर ु उसका श न सु न पड़ता था; इसिलये एली ने समझा िक वह नशे म है।
14 तब एली ने उस से कहा, तू कब तक नशे म रहेगी? अपना नशा उतार।
15 ह ा ने कहा, नही ं, हे मेरे भु, म तो दु : खया ं; म ने न तो दाखमधु िपया है और न मिदरा, म ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है।
16 अपनी दासी को ओछी ी न जान जो कुछ म ने अब तक कहा है, वह ब त ही शोिकत होने और िचढ़ाई जाने के कारण कहा है।
17 एली ने कहा, कुशल से चली जा; इ ाएल का परमे र तुझे मन चाहा वर दे ।
18 उसे ने कहा, ते री दासी तेरी ि म अनु ह पाए। तब वह ी चली गई और खाना खाया, और उसका मुं ह िफर उदास न रहा।
19 िबहान को वे सवेरे उठ यहोवा को द वत कर के रामा म अपने घर लौट गए। और एलकाना अपनी ी ह ा के पास गया, और यहोवा ने उसकी सुिध ली;
20 तब ह ा गभवती ई और समय पर उसके एक पु आ, और उसका नाम शमू एल रखा, ोंिक वह कहने लगी, म ने यहोवा से मांगकर इसे पाया है।
21 िफर ए ाना अपने पूरे घराने समेत यहोवा के सा ने ित वष की मे लबिल चढ़ाने और अपनी म त पू री करने के िलये गया।
22 पर ु ह ा अपने पित से यह कहकर घर म रह गई, िक जब बालक का दू ध छूट जाएगा तब म उसको ले जाऊंगी, िक वह यहोवा को मुंह िदखाए, और वहां सदा बना रहे।
23 उसके पित एलकाना ने उस से कहा, जो तुझे भला लगे वही कर, जब तक तू उसका दू ध न छु ड़ाए तब तक यही ं ठहरी रह; केवल इतना हो िक यहोवा अपना वचन पूरा करे । इसिलये
वह ी वहीं घर पर रह गई और अपने पु के दू ध छु टने के समय तक उसको िपलाती रही।
24 जब उसने उसका दू ध छु ड़ाया तब वह उसको संग ले गई, और तीन बछड़े , और एपा भर आटा, और कु ी भर दाखमधु भी ले गई, और उस लड़के को शीलो म यहोवा के भवन म
प ंचा िदया; उस समय वह लड़का ही था।
25 और उ ोंने बछड़ा बिल कर के बालक को एली के पास प ंचा िदया।
26 तब ह ा ने कहा, हे मेरे भु, तेरे जीवन की शपथ, हे मे रे भु , म वही ी ं जो तेरे पास यही ं खड़ी हो कर यहोवा से ाथना करती थी।
27 यह वही बालक है िजसके िलये म ने ाथना की थी; और यहोवा ने मु झे मुंह मां गा वर िदया है ।
28 इसी िलये म भी उसे यहोवा को अपण कर दे ती ं; िक यह अपने जीवन भर यहोवा ही का बना रहे। तब उसने वही ं यहोवा को द वत िकया।।
1 शमू एल 2
1 और ह ा ने ाथना कर के कहा, मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सी ंग यहोवा के कारण ऊंचा, आ है । मे रा मुं ह मेरे श ुओ ं के िव खुल गया, ोंिक म तेरे िकए ए उ ार
से आन त ं।
2 यहोवा के तु कोई पिव नहीं, ोंिक तुझ को छोड़ और कोई है ही नही ं; और हमारे परमे र के समान कोई च ान नही ं है ।।
3 फूलकर अहंकार की ओर बात मत करो, और अ ेर की बात तु ारे मुंह से न िनकल; ोंिक यहोवा ानी ई र है , और कामों को तौलने वाला है।।
4 शूरवीरों के धनुष टू ट गए, और ठोकर खाने वालों की किट म बल का फटा कसा गया।।
5 जो पे ट भरते थे उ रोटी के िलये मजदू री करनी पड़ी, जो भू खे थे वे िफर ऐसे न रहे । वरन जो बांझ थी उसके सात ए, और अने क बालकों की माता घुलती जाती है।
6 यहोवा मारता है और िजलाता भी है; वही अधोलोक म उतारता और उस से िनकालता भी है ।।
7 यहोवा िनधन करता है और धनी भी बनाता है, वही नीचा करता और ऊंचा भी करता है ।
8 वह कंगाल को धूिल म से उठाता; और द र को घूरे म से िनकाल खड़ा करता है, तािक उन को अिधपितयों के संग िबठाए, और मिहमायु िसंहासन के अिधकारी बनाए। ोंिक
पृ ी के ख े यहोवा के ह, और उसने उन पर जगत को धरा है ।
9 वह अपने भ ों के पावों को स ाले रहेगा, पर ु दु अ यारे म चु पचाप पड़े रहगे ; ोंिक कोई मनु अपने बल के कारण बल न होगा।।
10 जो यहोवा से झगड़ते ह वे चकनाचू र होंगे; वह उनके िव आकाश म गरजे गा। यहोवा पृ ी की छोर तक ाय करे गा; और अपने राजा को बल दे गा, और अपने अिभिष के
सींग को ऊंचा करे गा।।
11 तब ए ाना रामा को अपने घर चला गया। और वह बालक एली याजक के सा ने यहोवा की सेवा टहल करने लगा।।
12 एली के पु तो लु े थे; उ ोंने यहोवा को न पिहचाना।
13 और याजकों की रीित लोगों के साथ यह थी, िक जब कोई मनु मेलबिल चढ़ाता था तब याजक का से वक मां स पकाने के समय एक ि शूली कांटा हाथ म िलये ए आकर,
14 उसे कड़ाही, वा हांडी, वा हंडे, वा तसले के भीतर डालता था; और िजतना मां स कां टे म लग जाता था उतना याजक आप लेता था। यों ही वे शीलो म सारे इ ाएिलयों से िकया करते
थे जो वहां आते थे।
15 और चब जलाने से पिहले भी याजक का सेवक आकर मे लबिल चढ़ाने वाले से कहता था, िक कबाब के िलये याजक को मांस दे ; वह तुझ से पका आ नही ं, क ा ही मांस लेगा।
16 और जब कोई उस से कहता, िक िन य चब अभी जलाई जाएगी, तब िजतना तेरा जी चाहे उतना ले लेना, तब वह कहता था, नही ं, अभी दे ; नहीं तो म छीन लूंगा।
17 इसिलये उन जवानों का पाप यहोवा की ि म ब त भारी आ; ोंिक वे मनु यहोवा की भट का ितर ार करते थे।।
18 पर ु शमू एल जो बालक था सनी का एपोद पिहने ए यहोवा के सा ने से वा टहल िकया करता था।
19 और उसकी माता ित वष उसके िलये एक छोटा सा बागा बनाकर जब अपने पित के सं ग ित वष की मे लबिल चढ़ाने आती थी तब बागे को उसके पास लाया करती थी।
20 और एली ने ए ाना और उसकी प ी को आशीवाद दे कर कहा, यहोवा इस अपण िकए ए बालक की स ी जो उसको अपण िकया गया है तुझ को इस प ी से वंश दे ; तब वे
अपने यहां चले गए।
21 और यहोवा ने ह ा की सुिध ली, और वह गभवती ई ओर उसके तीन बेटे और दो बेिटयां उ ई। और शमूएल बालक यहोवा के संग रहता आ बढ़ता गया।
22 और एली तो अित बूढ़ा हो गया था, और उसने सुना िक मे रे पु सारे इ ाएल से कैसा कैसा वहार करते ह, वरन िमलापवाले त ू के ार पर सेवा करने वाली यों के संग कुकम
भी करते ह।
23 तब उसने उन से कहा, तुम ऐसे ऐसे काम ों करते हो? म तो इन सब लोगों से तु ारे कुकम की चचा सु ना करता ं ।
24 हे मेरे बे टों, ऐसा न करो, ोंिक जो समाचार मेरे सुनने म आता है वह अ ा नही ं; तु म तो यहोवा की जा से अपराध कराते हो।
25 यिद एक मनु दू सरे मनु का अपराध करे , तब तो परमे र उसका ाय करे गा; पर ु यिद कोई मनु यहोवा के िव पाप करे , तो उसके िलये कौन िबनती करे गा? तौभी
उ ोंने अपने िपता की बात न मानी; ोंिक यहोवा की इ ा उ मार डालने की थी।
26 पर ु शमू एल बालक बढ़ता गया और यहोवा और मनु दोनों उस से स रहते थे ।।
27 और परमे र का एक जन एली के पास जा कर उस से कहने लगा, यहोवा यों कहता है , िक जब ते रे मू लपु ष का घराना िम म िफरौन के घराने के वश म था, तब ा म उस पर
िन य गट न आ था?
28 और ा म ने उसे इ ाएल के सब गो ों म से इसिलये चु न नहीं िलया था, िक मेरा याजक हो कर मेरी वेदी के ऊपर चढ़ावे चढ़ाए, और धूप जलाए, और मे रे सा ने एपोद पिहना
करे ? और ा म ने तेरे मूलपु ष के घराने को इ ाएिलयों के कुल ह न िदए थे ?
29 इसिलये मेरे मेलबिल और अ बिल िजन को म ने अपने धाम म चढ़ाने की आ ा दी है , उ तुम लोग ों पां व तले रौंदते हो? और तू ोंअपने पु ों का आदर मे रे आदर से अिधक
करता है, िक तु म लोग मेरी इ ाएली जा की अ ी से अ ी भट खा खाके मोटे हो जाओ?
30 इसिलये इ ाएल के परमे र यहोवा की यह वाणी है, िक म ने कहा तो था, िक ते रा घराना और ते रे मू लपु ष का घराना मेरे सा ने सदै व चला करे गा; पर ु अब यहोवा की वाणी
यह है , िक यह बात मुझ से दू र हो; ोंिक जो मे रा आदर कर म उनका आदर क ं गा, और जो मुझे तु जान वे छोटे समझे जाएं गे।
31 सु न, वे िदन आते ह, िक म तेरा भुजबल और तेरे मूलपु ष के घराने का भु जबल ऐसा तोड़ डालूं गा, िक ते रे घराने म कोई बूढ़ा होने न पाएगा।
32 इ ाएल का िकतना ही क ाण ों न हो, तौभी तु झे मेरे धाम का दु :ख दे ख पड़े गा, और तेरे घराने म कोई कभी बू ढ़ा न होने पाएगा।
33 म तेरे कुल के सब िकसी से तो अपनी वेदी की सेवा न छीनूं गा, पर ु तौभी ते री आं ख दे खती रह जाएं गी, और ते रा मन शोिकत होगा, और तेरे घर की बढ़ती सब अपनी पूरी जवानी
ही म मर िमटग।
34 और मे री इस बात का िच वह िवपि होगी जो हो ी और पीनहास नाम तेरे दोनों पु ों पर पड़े गी; अथात वे दोनों के दोनों एक ही िदन मर जाएं गे।
35 और म अपने िलये एक िव ासयो याजक ठहराऊंगा, जो मेरे दय और मन की इ ा के अनुसार िकया करे गा, और म उसका घर बसाऊंगा और थर क ं गा, और वह मेरे
अिभिष के आगे सब िदन चला िफरा करे गा।
36 और ऐसा होगा िक जो कोई तेरे घराने म बचा रहेगा वह उसी के पास जा कर एक छोटे से टु कड़े चा ी के वा एक रोटी के िलये द वत कर के कहेगा, याजक के िकसी काम म
मुझे लगा, िजस से मु झे एक टु कड़ा रोटी िमले।।
1 शमू एल 3
1 और वह बालक शमू एल एली के सा ने यहोवा की से वा टहल करता था। और उन िदनों म यहोवा का वचन दु लभ था; और दशन कम िमलता था।
2 और उस समय ऐसा आ िक (एली की आं खे तो धुंघली होने लगी थी ं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने थान म लेटा आ था,
3 और परमे र का दीपक अब तक बुझा नही ं था, और शमूएल यहोवा के म र म जहाँ परमे र का स दू क था लेटा था;
4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, ा आ ा!
5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, ा आ ा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, म ने नही ं पु कारा; िफर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया।
6 तब यहोवा ने िफर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, ा आ ा, तू ने तो मुझे पु कारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, म ने नही ं पु कारा; िफर जा
ले ट रह।
7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नही ं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर गट आ था।
8 िफर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठके एली के पास गया, और कहा, ा आ ा, तू ने तो मुझे पु कारा है। तब एली ने समझ िलया िक इस बालक को यहोवा ने
पु कारा है।
9 इसिलये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यिद वह तुझे िफर पुकारे , तो तू कहना, िक हे यहोवा, कह, ोंिक तेरा दास सु न रहा है तब शमूएल अपने थान पर जा कर लेट
गया।
10 तब यहोवा आ खड़ा आ, और पिहले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, ोंिक तेरा दास सु न रहा है।
11 यहोवा ने शमूएल से कहा, सुन, म इ ाएल म एक काम करने पर ं, िजससे सब सु नने वालों पर बड़ा स ाटा छा जाएगा।
12 उस िदन म एली के िव वह सब कुछ पूरा क ं गा जो म ने उसके घराने के िवषय म कहा, उसे आर से अ तक पूरा क ं गा।
13 ोंिक म तो उसको यह कहकर जता चुका ं, िक म उस अधम का द िजसे वह जानता है सदा के िलये उसके घर का ाय क ं गा, ोंिक उसके पु आप शािपत ए ह, और
उसने उ नहीं रोका।
14 इस कारण म ने एली के घराने के िवषय यह शपथ खाई, िक एली के घराने के अधम का ायि त न तो मेलबिल से कभी होगा, और न अ बिल से।
15 और शमू एल भोर तक लेटा रहा; तब उसने यहोवा के भवन के िकवाड़ों को खोला। और शमू एल एली को उस दशन की बात बताने से डरा।
16 तब एली ने शमूएल को पुकारकर कहा, हे मेरे बेटे, शमू एल! वह बोला, ा आ ा।
17 तब उसने पूछा, वह कौन सी बात है जो यहोवा ने तुझ से कही है? उसे मु झ से न िछपा। जो कुछ उसने तु झ से कहा हो यिद तू उस म से कुछ भी मुझ से िछपाए, तो परमे र तुझ से
वैसा ही वरन उस से भी अिधक करे ।
18 तब शमू एल ने उसको र ी र ी बात कह सुनाईं, और कुछ भी न िछपा रखा। वह बोला, वह तो यहोवा है ; जो कुछ वह भला जाने वही कर।
19 और शमूएल बड़ा होता गया, और यहोवा उसके संग रहा, और उसने उसकी कोई भी बात िन ल होने नही ं दी।
20 और दान से बेशबा तक के रहने वाले सारे इ ाएिलयों ने जान िलया िक शमूएल यहोवा का नबी होने के िलये िनयु िकया गया है।
21 और यहोवा ने शीलो म िफर दशन िदया, ोंिक यहोवा ने अपने आप को शीलो म शमू एल पर अपने वचन के ारा गट िकया।।
1 शमू एल 4
1 और शमू एल का वचन सारे इ ाएल के पास प ंचा। और इ ाएली पिल यों से यु करने को िनकले ; और उ ोंने तो एबे नेजेर के आस-पास छावनी डाली, और पिल यों ने अपे क
म छावनी डाली।
2 तब पिल यों ने इ ाएल के िव पांित बा ी, और जब घमासान यु होने लगा तब इ ाएली पिल यों से हार गए, और उ ोंने कोई चार हजार इ ाएली सेना के पु षों को
मैदान ही म मार डाला।
3 और जब वे लोग छावनी म लौट आए, तब इ ाएल के वृ लोग कहने लगे, िक यहोवा ने आज हम पिल यों से ों हरवा िदया है ? आओ, हम यहोवा की वाचा का स दू क शीलो से
मांग ले आएं , िक वह हमारे बीच म आकर हम श ुओं के हाथ से बचाए।
4 तब उन लोगों ने शीलो म भेज कर वहां से क बों के ऊपर िवराजने वाले सेनाओं के यहोवा की वाचा का स दू क मं गा िलया; और परमे र की वाचा के स दू क के साथ एली के दोनों
पु , हो ी और िपनहास भी वहां थे।
5 जब यहोवा की वाचा का स दू क छावनी म प ंचा, तब सारे इ ाएली इतने बल से ललकार उठे , िक भू िम गूं ज उठी।
6 इस ललकार का श सुनकर पिल यों ने पूछा, इि यों की छावनी म ऐसी बड़ी ललकार का ा कारण है ? तब उ ोंने जान िलया, िक यहोवा का स दू क छावनी म आया है ।
7 तब पिल ी डरकर कहने लगे, उस छावनी म परमे र आ गया है। िफर उ ोंने कहा, हाय! हम पर ऐसी बात पिहले नहीं ई थी।
8 हाय! ऐसे महा तापी दे वताओं के हाथ से हम को कौन बचाएगा? ये तो वे ही दे वता ह िज ोंने िमि यों पर जं गल म सब कार की िवपि यां डाली थी ं।
9 हे पिल यों, तुम िहयाव बा ो, और पु षाथ जगाओ, कहीं ऐसा न हो िक जैसे इ ी तु ारे आधीन हो गए वैसे तु म भी उनके आधीन हो जाओ; पु षाथ कर के सं ाम करो।
10 तब पिल ी लड़ाई के मैदान म टू ट पड़े , और इ ाएली हार कर अपने अपने डे रे को भागने लगे ; और ऐसा अ सं हार आ, िक तीस हजार इ ाएली पैदल खेत आए।
11 और परमे र का स दू क छीन िलया गया; और एली के दोनों पु , हो ी और पीनहास, भी मारे गए।
12 तब एक िब ामीनी मनु ने सेना म से दौड़कर उसी िदन अपने व फाड़े और िसर पर िम ी डाले ए शीलो म प ंचा।
13 वह जब प ंचा उस समय एली, िजसका मन परमे र के स दू क की िच ा से थरथरा रहा था, वह माग के िकनारे कुस पर बैठा बाट जोह रहा था। और ोंही उस मनु ने नगर म
प ंचकर वह समाचार िदया ोंही सारा नगर िच ा उठा।
14 िच ाने का श सुनकर एली ने पूछा, ऐसे ड़ और हाहाकार मचने का ा कारण है? और उस मनु ने जट जा कर एली को पूरा हाल सुनाया।
15 एली तो अ ानवे वष का था, और उसकी आं ख धु ली पड़ गई थी ं, और उसे कुछ सूझता न था।
16 उस मनु ने एली से कहा, म वही ं जो सेना म से आया ं ; और म से ना से आज ही भाग आया। वह बोला, हे मेरे बे टे, ा समाचार है?
17 उस समाचार दे ने वाले ने उ र िदया, िक इ ाएली पिल यों के सा ने से भाग गए ह, और लोगों का बड़ा भयानक संहार भी आ है, और ते रे दोनों पु हो ी और पीनहास भी मारे
गए, और परमे र का स दू क भी छीन िलया गया है।
18 ोंही उसने परमे र के स दू क का नाम िलया ोंही एली फाटक के पास कुस पर से पछाड़ खाकर िगर पड़ा; और बूढ़े और भारी होने के कारण उसकी गदन टू ट गई, और वह
मर गया। उसने तो इ ाएिलयों का ाय चालीस वष तक िकया था।
19 उसकी ब पीनहास की ी गभवती थी, और उसका समय समीप था। और जब उसने परमे र के स दू क के छीन िलये जाने, और अपने ससुर और पित के मरने का समाचार सु ना,
तब उसको ज ा का दद उठा, और वह दु हर गई, और उसके एक पु उ आ।
20 उसके मरते मरते उन यों ने जो उसके आस पास खड़ी थी ं उस से कहा, मत डर, ोंिक तेरे पु उ आ है । पर ु उसने कुछ उ र न िदया, और न कुछ ान िदया।
21 और परमे र के स दू क के छीन िलये जाने और अपने ससु र और पित के कारण उसने यह कहकर उस बालक का नाम ईकाबोद रखा, िक इ ाएल म से मिहमा उठ गई!
22 िफर उसने कहा, इ ाएल म से मिहमा उठ गई है, ोंिक परमे र का स दू क छीन िलया गया है ।।
1 शमू एल 5
1 और पिल यों ने परमे र का स दू क एबनेज़ेर से उठा कर अशदोद म प ं चा िदया;
2 िफर पिल यों ने परमे र के स दू क को उठा कर दागोन के म र म प ंचाकर दागोन के पास धर िदया।
3 िबहान को अशदोिदयों ने तड़के उठ कर ा दे खा, िक दागोन यहोवा के स दू क के सा ने औंधे मूं ह भू िम पर िगरा पड़ा है। तब उ ोंने दागोन को उठा कर उसी के थान पर िफर
खड़ा िकया।
4 िफर िबहान को जब वे तड़के उठे , तब ा दे खा, िक दागोन यहोवा के स दू क के सा ने औंधे मुं ह भू िम पर िगरा पड़ा है; और दागोन का िसर और दोनों हथे िलयां डे वढ़ी पर कटी ई
पड़ी ह; िनदान दागोन का केवल धड़ समूचा रह गया।
5 इस कारण आज के िदन तक भी दागोन के पुजारी और िजतने दागोन के म र म जाते ह, वे अशदोद म दागोन की डे वढ़ी पर पांव नही ं धरते।।
6 तब यहोवा का हाथ अशदोिदयों के ऊपर भारी पड़ा, और वह उ नाश करने लगा; और उसने अशदोद और उसके आस पास के लोगों के िगलिटयां िनकाली ं।
7 यह हाल दे खकर अशदोद के लोगों ने कहा, इ ाएल के दे वता का स दू क हमारे म रहने नही ं पाएगा; ोंिक उसका हाथ हम पर और हमारे दे वता दागोन पर कठोरता के साथ
पड़ा है।
8 तब उ ोंने पिल यों के सब सरदारों को बुलवा भेजा, और उन से पूछा, हम इ ाएल के दे वता के स दू क से ा कर? वे बोले, इ ाएल के परमे र के स दू क को घूमाकर गत म
प ंचाया जाए। तो उ ोंने इ ाएल के परमे र के स दू क को घु माकर गत म प ं चा िदया।
9 जब वे उसको घुमाकर वहां प ंचे, तो यूं आ िक यहोवा का हाथ उस नगर के िव ऐसा उठा िक उस म अ हलचल मच गई; ओर उसने छोटे से बड़े तब उस नगर के सब
लोगों को मारा, और उनके िगलिटयां िनकलने लगी ं।
10 तब उ ोंने परमे र का स दू क ए ोन को भेजा और ोंही परमे र का स दू क ए ोन म प ंचा ोंही ए ोनी यह कहकर िच ाने लगे, िक इ ाएल के दे वता का स दू क घुमाकर
हमारे पास इसिलये प ंचाया गया है , िक हम और हमारे लोगों को मरवा डाले।
11 तब उ ोंने पिल यों के सब सरदारों को इक ा िकया, और उन से कहा, इ ाएल के दे वता के स दू क को िनकाल दो, िक वह अपने थान पर लौट जाए, और हम को और हमारे
लोगों को मार डालने न पाए। उस सम नगर म तो मृ ु के भय की हलचल मच रही थी, और परमे र का हाथ वहां ब त भारी पड़ा था।
12 और जो मनु न मरे वे भी िगलिटयों के मारे पड़े रहे; और नगर की िच ाहट आकाश तक प ं ची।।
1 शमू एल 6
1 यहोवा का स दू क पिल यों के दे श म सात महीने तक रहा।
2 तब पिल यों ने याजकों और भावी करने वालों को बुलाकर पूछा, िक यहोवा के स दू क से हम ा कर? हम बताओ की ा ायि त दे कर हम उसे उसके थान पर भे ज?
3 वे बोले , यिद तुम इ ाएल के दे वता का स दू क वहां भेजा, जो उसे वैसे ही न भे जना; उसकी हािन भरने के िलये अव ही दोषबिल दे ना। तब तुम चंगे हो जाओगे, और तु म जान लोगे
िक उसका हाथ तुम पर से ों नही ं उठाया गया।
4 उ ोंने पूछा, हम उसकी हािन भरने के िलये कौन सा दोषबिल द? वे बोले , पिल ी सरदारों की िगनती के अनुसार सोने की पांच िगलिटयां, और सोने के पां च चू हे; ोंिक तुम सब
और तु ारे सरदार दोनों एक ही रोग से िसत हो।
5 तो तुम अपनी िगलिटयों और अपने दे श के नाश करने वाले चूहों की भी मू रत बनाकर इ ाएल के दे वता की मिहमा मानो; स व है वह अपना हाथ तुम पर से और तु ारे दे वताओं
और दे श पर से उठा ले।
6 तुम अपने मन ों ऐसे हठीले करते हो जैसे िमि यों और िफरौन ने अपने मन हठीले कर िदए थे? जब उसने उनके म म अच त काम िकए, तब ा उ ोंने उन लोगों को जाने
न िदया, और ा वे चले न गए?
7 सो अब तुम एक नई गाड़ी बनाओ, और ऐसी दो दु धार गाय लो जो सु ए तले न आई हों, और उन गायों को उस गाड़ी म जोतकर उनके ब ों को उनके पास से ले कर घर को लौटा
दो।
8 तब यहोवा का स दू क ले कर उस गाड़ी पर धर दो, और साने की जो व ुएं तु म उसकी हािन भरने के िलये दोषबिल की रीित से दोगे उ दू सरे स दू क म धर के उसके पास रख दो।
िफर उसे रवाना कर दो िक चली जाए।
9 और दे खते रहना; यिद वह अपने दे श के माग से हो कर बे तशेमेश को चले, तो जानो िक हमारी यह बड़ी हािन उसी की ओर से ई: और यिद नही ं, तो हम को िन य होगा िक यह
मार हम पर उसकी ओर से नही ं, पर ु संयोग ही से ई।
10 उन मनु ों ने वैसा ही िकया; अथात दो दु धार गाय ले कर उस गाड़ी म जोतीं, और उनके ब ों को घर म ब कर िदया।
11 और यहोवा का स दू क, और दू सरा स दू क, और सोने के चूहों और अपनी िगलिटयों की मूरतों को गाड़ी पर रख िदया।
12 तब गायों ने बेतशमेश को सीधा माग िलया; वे सड़क ही सड़क ब ाती ई चली गईं, और न दािहने मुड़ी और न बाय; और पिल यों के सरदार उनके पीछे पीछे बेतशेमेश के
िसवाने तक गए।
13 और बेतशेमेश के लोग तराई म गे ं काट रहे थे; और जब उ ोंने आं ख उठा कर स दू क को दे खा, तब उसके दे खने से आन त ए।
14 और गाड़ी यहोशू नाम एक बेतशेमेशी के खेत म जा कर वहां ठहर गई, जहां एक बड़ा प र था। तब उ ोंने गाड़ी की लकड़ी को चीरा और गायों को होमबिल कर के यहोवा के
िलये चढ़ाया।
15 और ले वीयों ने यहोवा के स दू क को उस स दू क के समे त जो साथ था, िजस म सोने की व ु एं थी, उतार के उस बड़े प र पर धर िदया; और बेतशेमेश के लोगों ने उसी िदन यहोवा
के िलये होमबिल और मेलबिल चढ़ाए।
16 यह दे खकर पिल यों के पां चों सरदार उसी िदन ए ोन को लौट गए।।
17 सोने की िगलिटयां जो पिल यों ने यहोवा की हािन भरने के िलये दोषबिल कर के दे दी ं थी उन म से एक तो अशदोद की ओर से, एक अ ा, एक अ लोन, एक गत, और एक
ए ोन की ओर से दी गई थी।
18 और वह सोने के चूहे, ा शहरपनाह वाले नगर, ा िबना शहरपनाह के गां व, वरन िजस बड़े प र पर यहोवा का स दू क धरा गया था वहां पिल यों के पां चों सरदारों के
अिधकार तक की सब ब यों की िगनती के अनुसार िदए गए। वह प र तो आज तक बे तशेमेशी यहोशू के खेत म है।
19 िफर इस कारण से िक बेतशेमेश के लोगों ने यहोवा के स दू क के भीतर झां का था उसने उन म से स र मनु , और िफर पचास हजार मनु मार डाले ; और वहां के लोगों ने
इसिलये िवलाप िकया िक यहोवा ने लोगों का बड़ा ही संहार िकया था।
20 तब बेतशेमेश के लोग कहने लगे, इस पिव परमे र यहोवा के सा ने कौन खड़ा रह सकता है ? और वह हमारे पास से िकस के पास चला जाए?
21 तब उ ोंने िकय ारीम के िनवािसयों के पास यों कहने को दू त भेजे, िक पिल यों ने यहोवा का स दू क लौटा िदया है ; इसिलये तुम आकर उसे अपने यहां ले जाओ।।
1 शमू एल 7
1 तब िकय ारीम के लोगों ने जा कर यहोवा के स दू क को उठाया, और अबीनादाब के घर म जो टीले पर बना था रखा, और यहोवा के स दू क की र ा करने के िलये अबीनादाब के
पु एलीआजार को पिव िकया।।
2 िकय ारीम म रहते रहते स दू क को ब त िदन ए, अथात बीस वष बीत गए, और इ ाएल का सारा घराना िवलाप करता आ यहोवा के पीछे चलने लगा।
3 तब शमू एल ने इ ाएल के सारे घराने से कहा, यिद तुम अपने पूण मन से यहोवा की ओर िफरे हो, तो पराए दे वताओं और अ ोरे त दे िवयों को अपने बीच म से दू र करो, और यहोवा
की ओर अपना मन लगाकर केवल उसी की उपासना करो, तब वह तु पिल यों के हाथ से छु ड़ाएगा।
4 तब इ ाएिलयों ने बाल दे वताओं और अशतोरे त दे िवयों को दू र िकया, और केवल यहोवा ही की उपासना करने लगे ।।
5 िफर शमूएल ने कहा, सब इ ाएिलयों को िम ा म इक ा करो, और म तु ारे िलये यहोवा से ाथना क ं गा।
6 तब वे िम ा म इक े ए, और जल भरके यहोवा के सा ने उं डेल िदया, और उस िदन उपवास िकया, और वहां कहने लगे, िक हम ने यहोवा के िव पाप िकया है। और शमूएल
ने िम ा म इ ाएिलयों का ाय िकया।
7 जब पिल यों ने सुना िक इ ाएली िम ा म इक े ए ह, तब उनके सरदारों ने इ ाएिलयों पर चढ़ाई की। यह सुनकर इ ाएली पिल यों से भयभीत ए।
8 और इ ाएिलयों ने शमू एल से कहा, हमारे िलये हमारे परमे र यहोवा की दोहाई दे ना न छोड़, िजस से वह हम को पिल यों के हाथ से बचाए।
9 तब शमू एल ने एक दू धिपउवा मे ा ले सवाग होमबिल कर के यहोवा को चढ़ाया; और शमू एल ने इ ाएिलयों के िलये यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसकी सुन ली।
10 और िजस समय शमूएल होमबिल हो चढ़ा रहा था उस समय पिल ी इ ाएिलयों के सं ग यु करने के िलये िनकट आ गए, तब उसी िदन यहोवा ने पिल यों के ऊपर बादल को
बड़े कड़क के साथ गरजाकर उ घबरा िदया; और वे इ ाएिलयों से हार गए।
11 तब इ ाएली पु षों ने िम ा से िनकलकर पिल यों को खदे ड़ा, और उ बे तकर के नीचे तक मारते चले गए।
12 तब शमू एल ने एक प र ले कर िम ा और शेन के बीच म खड़ा िकया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेज़ेर रखा, िक यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।
13 तब पिल ी दब गए, और इ ाएिलयों के दे श म िफर न आए, और शमूएल के जीवन भर यहोवा का हाथ पिल यों के िव बना रहा।
14 और ए ोन और गत तक िजतने नगर पिल यों ने इ ाएिलयों के हाथ से छीन िलये थे, वे िफर इ ाएिलयों के वश म आ गए; और उनका दे श भी इ ाएिलयों ने पिल यों के हाथ
से छु ड़ाया। और इ ाएिलयों और एमो रयों के बीच भी स हो गई।
15 और शमूएल जीवन भर इ ाएिलयों का ाय करता रहा।
16 वह ित वष बेतेल और िगलगाल और िम ा म घूम-घूमकर उन सब थानों म इ ाएिलयों का ाय करता था।
17 तब वह रामा म जहां उसका घर था लौट आया, और वहां भी इ ाएिलयों का ाय करता था, और वहां उसने यहोवा के िलये एक वेदी बनाई।।
1 शमू एल 8
1 जब शमू एल बू ढ़ा आ, तब उसने अपने पु ों को इ ाएिलयों पर ायी ठहराया।
2 उसके जेठे पु का नाम योएल, और दू सरे का नाम अिब ाह था; थे बेशबा म ाय करते थे ।
3 पर ु उसके पु उसकी राह पर न चले, अथात लालच म आकर घूस लेते और ाय िबगाड़ते थे ।।
4 तब सब इ ाएली वृ लोग इक े हो कर रामा म शमूएल के पास जा कर
5 उस से कहने लगे, सुन, तू तो अब बूढ़ा हो गया, और ते रे पु तेरी राह पर नही ं चलते; अब हम पर ाय करने के िलये सब जाितयों की रीित के अनुसार हमारे िलये एक राजा िनयु
कर दे ।
6 पर ु जो बात उ ोंने कही, िक हम पर ाय करने के िलये हमारे ऊपर राजा िनयु कर दे , यह बात शमूएल को बुरी लगी। और शमूएल ने यहोवा से ाथना की।
7 और यहोवा ने शमूएल से कहा, वे लोग जो कुछ तुझ से कह उसे मान ले ; ोंिक उ ोंने तुझ को नही ं पर ु मु झी को िनक ा जाना है, िक म उनका राजा न र ं।
8 जै से जै से काम वे उस िदन से, जब से म उ िम से िनकाल लाया, आज के िदन तक करते आए ह, िक मु झ को ागकर पराए, दे वताओं की उपासना करते आए ह, वैसे ही वे तुझ
से भी करते ह।
9 इसिलये अब तू उनकी बात मान; तौभी तू ग ीरता से उन को भली भांित समझा दे , और उन को बतला भी दे िक जो राजा उन पर रा करे गा उसका वहार िकस कार होगा।।
10 और शमू एल ने उन लोगों को जो उस से राजा चाहते थे यहोवा की सब बात कह सु नाईं।
11 और उसने कहा जो राजा तुम पर रा करे गा उसकी यह चाल होगी, अथात वह तु ारे पु ों को ले कर अपने रथों और घोड़ों के काम पर नौकर रखेगा, और वे उसके रथों के आगे
आगे दौड़ा करगे;
12 िफर वह उन को हजार हजार और पचास पचास के ऊपर धान बनाएगा, और िकतनों से वह अपने हल जुतवाएगा, और अपने खे त कटवाएगा, और अपने िलये यु के हिथयार
और रथों के साज बनवाएगा।
13 िफर वह तु ारी बेिटयों को ले कर उन से सुग और रसोई और रोिटयां बनवाएगा।
14 िफर वह तु ारे खेतों और दाख और जलपाई की बा रयों म से जो अ ी से अ ी होंगे उ ले ले कर अपने कमचा रयों को दे गा।
15 िफर वह तु ारे बीज और दाख की बा रयों का दसवां अंश ले ले कर अपने हािकमों और कमचा रयों को दे गा।
16 िफर वह तु ारे दास-दािसयों, और तु ारे अ े से अ े जवानों को, और तु ारे गदहों को भी ले कर अपने काम म लगाएगा।
17 वह तु ारी भेड़-बक रयों का भी दसवां अंश लेगा; िनदान तुम लोग उस के दास बन जाओगे ।
18 और उस िदन तुम अपने उस चुने ए राजा के कारण दोहाई दोगे , पर ु यहोवा उस समय तु ारी न सु नेगा।
19 तौभी उन लोगों ने शमूएल की बात न सुनी; और कहने लगे, नही ं! हम िन य अपने िलये राजा चाहते ह,
20 िजस से हम भी और सब जाितयों के समान हो जाएं , और हमारा राजा हमारा ाय करे , और हमारे आगे आगे चलकर हमारी ओर से यु िकया करे ।
21 लोगों की ये सब बात सु नकर शमू एल ने यहोवा के कानों तक प ं चाया।
22 यहोवा ने शमूएल से कहा, उनकी बात मानकर उनके िलये राजा ठहरा दे । तब शमू एल ने इ ाएली मनु ों से कहा, तु म अब अपने अपने नगर को चले जाओ।।
1 शमू एल 9
1 िब ामीन के गो म कीश नाम का एक पु ष था, जो अपनीह के पु बकोरत का परपोता, और सरोर का पोता, और अबीएल का पु था; वह एक िब ामीनी पु ष का पु और
बड़ा श शाली सूरमा था।
2 उसके शाऊल नाम एक जवान पु था, जो सु र था, और इ ाएिलयों म कोई उस से बढ़कर सु र न था; वह इतना ल ा था िक दू सरे लोग उसके का े ही तक आते थे ।
3 जब शाऊल के िपता कीश की गदिहयां खो गईं, तब कीश ने अपने पु शाऊल से कहा, एक सेवक को अपने साथ ले जा और गदिहयों को ढू ं ढ ला।
4 तब वह ए ैम के पहाड़ी दे श और शलीशा दे श होते ए गया, पर ु उ न पाया। तब वे शालीम नाम दे श भी हो कर गए, और वहां भी न पाया। िफर िब ामीन के दे श म गए, पर ु
गदिहयां न िमली ं।
5 जब वे सूफ नाम दे श म आए, तब शाऊल ने अपने साथ के से वक से कहा, आ, हम लौट चल, ऐसा न हो िक मेरा िपता गदिहयों की िच ा छोड़कर हमारी िच ा करने लगे ।
6 उसने उस से कहा, सुन, इस नगर म परमे र का एक जन है िजसका बड़ा आदरमान होता है ; और जो कुछ वह कहता है वह िबना पूरा ए नही ं रहता। अब हम उधर चल, स व है
वह हम को हमार माग बताए िक िकधर जाएं ।
7 शाऊल ने अपने सेवक से कहा, सुन, यिद हम उस पु ष के पास चल तो उसके िलये ा ले चल? दे ख, हमारी थै िलयों म की रोटी चुक गई है और भट के यो कोई व ु है ही नही ं,
जो हम परमे र के उस जन को द। हमारे पास ा है?
8 सेवक ने िफर शाऊल से कहा, िक मेरे पास तो एक शेकेल चा ी की चौथाई है, वही म परमे र के जन को दू ं गा, िक वह हम को बताए िक िकधर जाएं ।
9 पू वकाल म तो इ ाएल म जब कोई परमे र से करने जाता तब ऐसा कहता था, िक चलो, हम दश के पास चल; ोंिक जो आज कल नबी कहलाता है वह पूवकाल म दश
कहलाता था।
10 तब शाऊल ने अपने सेवक से कहा, तू ने भला कहा है; हम चल। सो वे उस नगर को चले जहां परमे र का जन था।
11 उस नगर की चढ़ाई पर चढ़ते समय उ कई एक लड़िकयां िमली ं जो पानी भरने को िनकली थी;ं उ ोंने उन से पू छा, ा दश यहां है?
12 उ ोंने उ र िदया, िक है; दे खो, वह तु ारे आगे है। अब फुत करो; आज ऊंचे थान पर लोगों का य है , इसिलये वह आज नगर म आया आ है।
13 ोंही तुम नगर म प ंचो ोंही वह तु म को ऊंचे थान पर खाना खाने को जाने से पिहले िमले गा; ोंिक जब तक वह न प ंचे तब तक लोग भोजन करगे, इसिलये िक य के िवषय
म वही ध वाद करता; तब उसके पीछे ही ोतहरी भोजन करते ह। इसिलये तुम अभी चढ़ जाओ, इसी समय वह तु िमलेगा।
14 वे नगर म चढ़ गए और ोंही नगर के भीतर प ंचे ोंही शमूएल ऊंचे थान पर चढ़ने की मनसा से उनके सा ने आ रहा था।।
15 शाऊल के आने से एक िदन पिहले यहोवा ने शमूएल को यह िचता रखा था,
16 िक कल इसी समय म तेरे पास िब ामीन के दे श से एक पु श को भे जूंगा, उसी को तू मेरी इ ाएली जा के ऊपर धान होने के िलये अिभषेक करना। और वह मेरी जा को
पिल यों के हाथ से छु ड़ाएगा; ोंिक म ने अपनी जा पर कृपा ि की है , इसिलये िक उनकी िच ाहट मे रे पास पं ची है।
17 िफर जब शमूएल को शाऊल दे ख पड़ा, तब यहोवा ने उस से कहा, िजस पु ष की चचा म ने तुझ से की थी वह यही है; मेरी जा पर यही अिधकार करे गा।
18 तब शाऊल फाटक म शमूएल के िनकट जा कर कहने लगा, मु झे बता िक दश का घर कहां है ?
19 उसने कहा, दश तो म ं; मेरे आगे आगे ऊंचे थान पर चढ़ जा, ोंिक आज के िदन तुम मेरे साथ भोजन खाओगे, और िबहान को जो कुछ ते रे मन म हो सब कुछ म तुझे बता कर
िवदा क ं गा।
20 और ते री गदिहयां जो तीन िदन तुए खो गई थी ं उनकी कुछ भी िच ा न कर, ोंिक वे िमल गईं। और इ ाएल म जो कुछ मनभाऊ है वह िकस का है? ा वह तेरा और ते रे िपता
के सारे घराने का नहीं है?
21 शाऊल ने उ र दे कर कहा, ा म िब ामीनी, अथात सब इ ाएली गो ों म से छोटे गो का नहीं ं ? और ा मे रा कुल िब ामीनी के गो के सारे कुलों म से छोटा नहीं है ?
इसिलये तू मुझ से ऐसी बात ों कहता है ?
22 तब शमू एल ने शाऊल और उसके सेवक को कोठरी म प ंचाकर ोताहारी, जो लगभग तीस जन थे , उनके साथ मु थान पर बैठा िदया।
23 िफर शमूएल ने रसोइथे से कहा, जो टु कड़ा म ने तुझे दे कर, अपने पास रख छोड़ने को कहा था, उसे ले आ।
24 तो रसोइये ने जांघ को मांस समेत उठा कर शाऊल के आगे धर िदया; तब शमू एल ने कहा, जो रखा गया था उसे दे ख, और अपने सा ने धरके खा; ोंिक वह ते रे िलये इसी िनयत
समय तक, िजसकी चचा कर के म ने लोगों को ोता िदया, रखा आ है । और शाऊल ने उस िदन शमू एल के साथ भोजन िकया।
25 तब वे ऊंचे थान से उतरकर नगर म आए, और उसने घर की छत पर शाऊल से बात की ं।
26 िबहान को वे तड़के उठे , और पह फटते फटते शमूएल ने शाऊल को छत पर बुलाकर कहा, उठ, म तुम को िवदा क ं गा। तब शाऊल उठा, और वह और शमूएल दोनों बाहर
िनकल गए।
27 और नगर के िसरे की उतराई पर चलते चलते शमूएल ने शाऊल से कहा, अपने से वक को हम से आगे बढ़ने की आ ा दे , (वह आगे बढ़ गया,) पर ु तू अभी खड़ा रह िक म तु झे
परमे र का वचन सुनाऊं।।
1 शमू एल 10
1 तब शमू एल ने एक कु ी तेल ले कर उसके िसर पर उं डेला, और उसे चू मकर कहा, ा इसका कारण यह नही ं िक यहोवा ने अपने िनज भाग के ऊपर धान होने को ते रा अिभषेक
िकया है ?
2 आज जब तू मेरे पास से चला जाएगा, तब राहेल की क के पास जो िब ामीन के दे श के िसवाने पर सेलसह म है दो जन तुझे िमलगे, और कहगे, िक िजन गिदिहयों को तू ढूंढने गया
था वे िमली ह; और सु न, ते रा िपता गदिहयों की िच ा छोड़कर तु ारे कारण कुढ़ता आ कहता है , िक म अपने पु के िलये ा क ं ?
3 िफर वहां से आगे बढ़कर जब तू ताबोर के बांजवृ के पास प ंचेगा, तब वहां तीन जन परमे र के पास बेतेल को जाते ए तुझे िमलगे, िजन म से एक तो बकरी के तीन ब े, और
दू सरा तीन रोटी, और तीसरा एक कु ी दाखमधु िलये ए होगा।
4 और वे ते रा कुशल पूछगे, और तुझे दो रोटी दगे, और तू उ उनके हाथ से ले ले ना।
5 तब तू परमे र के पहाड़ पर प ंचेगा जहां पिल यों की चौकी है ; और जब तू वहां नगर म वेश करे , तब निबयों का एक दल ऊंचे थान से उतरता आ तुझे िमलेगा; और उनके
आगे िसतार, डफ, बांसुली, और वीणा होंगे; और वे नबूवत करते होंगे।
6 तब यहोवा का आ ा तुझ पर बल से उतरे गा, और तू उनके साथ हो कर नबू वत करने लगे गा, और तू प रवितत हो कर और ही मनु हो जाएगा।
7 और जब ये िच तुझे दे ख पड़गे, तब जो काम करने का अवसर तुझे िमले उस म लग जाना; ोंिक परमे र तेरे सं ग रहेगा।
8 और तू मु झ से पिहले िगलगाल को जाना; और म होमबिल और मेलबिल चढ़ाने के िलये तेरे पास आऊंगा। तू सात िदन तक मेरी बाट जोहते रहना, तब म तेरे पास प ं चकर तुझे
बताऊंगा िक तुझ को ा ा करना है।
9 ोंही उसने शमू एल के पास से जाने को पीठ फेरी ोंही परमे र ने उसके मन को प रवतन िकया; और वे सब िच उसी िदन गट ए।।
10 जब वे उधर उस पहाड़ के पास आए, तब निबयों का एक दल उसको िमला; और परमे र का आ ा उस पर बल से उतरा, और वह उसके बीच म नबूवत करने लगा।
11 जब उन सभों ने जो उसे पिहले से जानते थे यह दे खा िक वह निबयों के बीच म नबूवत कर रहा है , तब आपस म कहने लगे, िक कीश के पु को यह ा आ? ा शाऊल भी
निबयों म का है ?
12 वहां के एक मनु ने उ र िदया, भला, उनका बाप कौन है ? इस पर यह कहावत चलने लगी, िक ा शाऊल भी निबयों म का है?
13 जब वह नबूवत कर चुका, तब ऊंचे थान पर चढ़ गया।।
14 तब शाऊल के चचा ने उस से और उसके सेवक से पूछा, िक तु म कहां गए थे ? उसने कहा, हम तो गदिहयों को ढू ं ढ़ने गए थे ; और जब हम ने दे खा िक वे कही ं नही ं िमलती ं, तब
शमूएल के पास गए।
15 शाऊल के चचा ने कहा, मुझे बतला दे िक शमूएल ने तु म से ा कहा।
16 शाऊल ने अपने चचा से कहा, िक उसने हम िन य कर के बतया िक गदिहयां िमल गईं। पर ु जो बात शमू एल ने रा के िवषय म कही थी वह उसने उसको न बताई।।
17 तब शमू एल ने जा के लोगों को िम ा म यहोवा के पास बु लवाया;
18 तब उसने इ ाएिलयों से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक म तो इ ाएल को िम दे श से िनकाल लाया, और तुम को िमि यों के हाथ से , और न सब रा ों के
हाथ से जो तुम पर अ ेर करते थे छु ड़ाया है।
19 पर ु तु म ने आज अपने परमे र को जो सब िवपि यों और क ों से तु ारा छु ड़ाने वाला है तु जाना; और उस से कहा है, िक हम पर राजा िनयु कर दे । इसिलये अब तुम गो
गो और हजार हजार कर के यहोवा के सा ने खड़े हो जाओ।
20 तब शमू एल सारे इ ाएली गोि यों को समीप लाया, और िच ी िब ामीन के नाम पर िनकली।
21 तब वह िब ामीन के गो के कुल कुल कर के समीप लाया, और िच ी म ी के कुल के नाम पर िनकली; िफर िच ी कीश के पु शाऊल के नाम पर िनकली। और जब वह ढू ं ढ़ा
गया, तब न िमला।
22 तब उ ोंने िफर यहोवा से पूछा, ा यहां कोई और आनेवाला है? यहोवा ने कहा, हां , सु नो, वह सामान के बीच म िछपा आ है।
23 तब वे दौड़कर उसे वहां से लाए; और वह लोगों के बीच म खड़ा आ, और वह का े से िसर तक सब लोगों से ल ा था।
24 शमूएल ने सब लोगों से कहा, ा तुम ने यहोवा के चुने ए को दे खा है िक सारे लोगों म कोई उसके बराबर नहीं? तब सक लोग ललकार के बोल उठे , राजा िचरं जीव रहे ।।
25 तब शमू एल ने लोगों से राजनीित का वणन िकया, और उसे पु क म िलखकर यहोवा के आगे रख िदया। और शमूएल ने सब लोगों को अपने अपने घर जान को िवदा िकया।
26 और शाऊल िगबा को अपने घर चला गया, और उसके साथ एक दल भी गया िजनके मन को परमे र ने उभारा था।
27 पर ु कई लु े लोगों ने कहा, यह जन हमारा ा उ ार करे गा? और उ ोंने उसको तु जाना, और उसके पास भट न लाए। तौभी वह सुनी अनसुनी कर के चुप रहा।।
1 शमू एल 11
1 तब अ ोनी नाहाश ने चढ़ाई कर के िगलाद के याबेश के िव छावनी डाली; और याबे श के सब पु षों ने नाहाश से कहा, हम से वाचा बा , और हम तेरी आधीनता मान लगे ।
2 अ ोनी नाहाश ने उन से कहा, म तुम से वाचा इस शत पर बा ूं गा, िक म तु म सभों की दािहनी आं ख फोड़कर इसे सारे इ ाएल की नामधराई का कारण कर दू ं ।
3 याबे श के वृ लोगों ने उस से कहा, हम सात िदन का अवकाश दे तब तक हम इ ाएल के सारे दे श म दू त भे जगे। और यिद हम को कोई बचाने वाला न िमलेगा, तो हम तेरे ही पास
िनकल आऐंगे।
4 दू तों ने शाऊल वाले िगबा म आकर लोगों को यह स े श सुनाया, और सब लोग िच ा िच ाकर रोने लगे ।
5 और शाऊल बैलों के पीछे पीछे मैदान से चला आता था; और शाऊल ने पू छा, लोगों को ा आ िक वे रोते ह? उ ोंने याबेश के लोगों का स े श उसे सुनाया।
6 यह स े श सुनते ही शाऊल पर परमे र का आ ा बल से उतरा, और उसका कोप ब त भड़क उठा।
7 और उसने एक जोड़ी बैल ले कर उसके टु कड़े टु कड़े काटे , और यह कहकर दू तों के हाथ से इ ाएल के सारे दे श म कहला भेजा, िक जो कोई आकर शाऊल और शमू एल के पीछे
न हो लेगा उसके बैलों से ऐसा ही िकया जाएगा। तब यहोवा का भय लोगों म ऐसा समाया िक वे एक मन हो कर िनकल आए।
8 तब उसने उ बेजेक म िगन िलया, और इ ाएिलयों के तीन लाख, और य िदयों के तीस हजार ठहरे ।
9 और उ ोंने उन दू तों से जो आए थे कहा, तुम िगलाद म के याबेश के लोगों से यों कहो, िक कल धूप तेज होने की घड़ी तक तु म छु टकारा पाओगे । तब दू तों ने जा कर याबे श के लोगों
को स े श िदया, और वे आन त ए।
10 तब याबे श के लोगों ने कहा, कल हम तु ारे पास िनकल आएं गे, और जो कुछ तु म को अ ा लगे वही हम से करना।
11 दू सरे िदन शाऊल ने लोगों के तीन दल िकए; और उ ोंने रात के िपछले पहर म छावनी के बीच म आकर अ ोिनयों को मारा; और घाम के कड़े होने के समय तक ऐसे मारते रहे
िक जो बच िनकले वह यहां तक िततर िबतर ए िक दो जन भी एक संग कहीं न रहे।
12 तब लोग शमूएल से कहने लगे, िजन मनु ों ने कहा था, िक ा शाऊल हम पर रा करे गा? उन को लाओ िक हम उ मार डाल।
13 शाऊल ने कहा, आज के िदन कोई मार डाला न जाएगा; ोंिक आज यहोवा ने इ ाएिलयों को छु टकारा िदया है।।
14 तब शमू एल ने इ ाएिलयों से कहा, आओ, हम िगलगाल को चल, और वहां रा को नये िसरे से थािपत कर।
15 तब सब लोग िगलगाल को चले, और वहां उ ोंने िगलगाल म यहोवा के सा ने शाऊल को राजा बनाया; और वहीं उ ोंने यहोवा को मे लबिल चढ़ाए; और वही ं शाऊल और सब
इ ाएली लोगों ने अ आन मनाया।।
1 शमू एल 12
1 तब शमू एल ने सारे इ ाएिलयों से कहा, सुनो, जो कुछ तुम ने मुझ से कहा था उसे मानकर म ने एक राजा तु ारे ऊपर ठहराया है।
2 और अब दे खो, वह राजा तु ारे आगे आगे चलता है; और अब म बू ढ़ा ं , और मे रे बाल उजले हो गए ह, और मे रे पु तु ारे पास ह; और म लड़कपन से ले कर आज तक तु ारे
सा ने काम करता रहा ं।
3 म उप थत ं; इसिलये तुम यहोवा के सा ने, और उसके अिभिष के सामने मु झ पर सा ी दो, िक म ने िकस का बै ल ले िलया? वा िकस का गदहा ले िलयो? वा िकस पर अ ेर
िकया? वा िकस को पीसा? वा िकस के हाथ से अपनी आं ख ब करने के िलये घू स िलया? बताओ, और म वह तुम को फेर दू ं गा?
4 वे बोले , तू ने न तो हम पर अ ेर िकया, न हम पीसा, और न िकसी के हाथ से कुछ िलया है।
5 उसने उन से कहा, आज के िदन यहोवा तु ारा सा ी, और उसका अिभिष इस बात का सा ी है, िक मे रे यहां कुछ नहीं िनकला। वे बोले, हां, वह सा ी है।
6 िफर शमू एल लोगों से कहने लगा, जो मूसा और हा न को ठहराकर तु ारे पू वजों को िम दे श से िनकाल लाया वह यहोवा ही है।
7 इसिलये अब तुम खड़े रहो, और म यहोवा के सा ने उसके सब धम के कामों के िवषय म, िज उसने तु ारे साथ और तु ारे पूवजों के साथ िकया है, तु ारे साथ िवचार क ं गा।
8 याकूब िम म गया, और तु ारे पूवजों ने यहोवा की दोहाई दी; तब यहोवा ने मूसा और हा न को भे जा, और उ ोंने तु ारे पूवजों को िम से िनकाला, और इस थान म बसाया।
9 िफर जब वे अपने परमे र यहोवा को भूल गए, तब उसने उ हासोर के सेनापित सीसरा, और पिल यों और मोआब के राजा के आधीन कर िदया; और वे उन से लड़े ।
10 तब उ ोंने यहोवा की दोहाई दे कर कहा, हम ने यहोवा को ागकर और बाल दे वताओं और अशतोरे त दे िवयों की उपासना कर के महा पाप िकया है ; पर ु अब तू हम को हमारे
श ुओं के हाथ से छु ड़ा तो हम तेरी उपासना करगे।
11 इसिलये यहोवा ने य ाल, बदान, िय ह, और शमू एल को भे ज कर तुम को तु ारे चारों ओर के श ुओ ं के हाथ से छु ड़ाया; और तुम िनडर रहने लगे।
12 और जब तु म ने दे खा िक अ ोिनयों का राजा नाहाश हम पर चढ़ाई करता है, तब य िप तु ारा परमे र यहोवा तु ारा राजा था तौभी तुम ने मुझ से कहा, नही ं, हम पर एक राजा
रा करे गा।
13 अब उस राजा को दे खो िजसे तुम ने चुन िलया, और िजसके िलये तुम ने ाथना की थी; दे खो, यहोवा ने एक राजा तु ारे ऊपर िनयु कर िदया है।
14 यिद तुम यहोवा का भय मानते, उसकी उपासना करते, और उसकी बात सुनते रहो, और यहोवा की आ ा को टालकर उस से बलवा न करो, और तुम और वह जो तुम पर राजा
आ है दोनों अपने परमे र यहोवा के पीछे पीछे चलने वाले बने रहो, तब तो भला होगा;
15 पर ु यिद तुम यहोवा की बात न मानो, और यहोवा की आ ा को टालकर उस से बलवा करो, तो यहोवा का हाथ जै से तु ारे पु रखाओं के िव आ वैसे ही तु ारे भी िव
उठे गा।
16 इसिलये अब तुम खड़े रहो, और इस बड़े काम को दे खो िजसे यहोवा तु ारे आं खों के सा ने करने पर है ।
17 आज ा गे ं की कटनी नहीं हो रही? म यहोवा को पुका ं गा, और वह मे घ गरजाएगा और मह बरसाएगा; तब तु म जान लोगे, और दे ख भी लोगे, िक तुम ने राजा मां गकर यहोवा
की ि म ब त बड़ी बुराई की है।
18 तब शमू एल ने यहोवा का पुकारा, और यहोवा ने उसी िदन मेघ गरजाया और मह बरसाया; और सब लोग यहोवा से और शमूएल से अ डर गए।
19 और सब लोगों ने शमूएल से कहा, अपने दासों के िनिम अपने परमे र यहोवा से ाथना कर, िक हम मर न जाएं ; ोंिक हम ने अपने सारे पापों से बढ़कर यह बुराई की है िक
राजा मां गा है।
20 शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है , पर ु अब यहोवा के पीछे चलने से िफर मत मु ड़ना; पर ु अपने स ूण मन से उस की उपासना करना;
21 और मत मु ड़ना; नहीं तो ऐसी थ व ुओं के पीछे चलने लगोगे िजन से न कुछ लाभ प ं चेगा, और न कुछ छु टकारा हो सकता है, ोंिक वे सब थ ही ह।
22 यहोवा तो अपने बड़े नाम के कारण अपनी जा को न तजेगा, ोंिक यहोवा ने तु अपनी ही इ ा से अपनी जा बनाया है।
23 िफर यह मु झ से दू र हो िक म तु ारे िलये ाथना करना छोड़कर यहोवा के िव पापी ठह ं ; म तो तु अ ा और सीधा माग िदखाता र ंगा।
24 केवल इतना हो िक तुम लोग यहोवा का भय मानो, और स ाई से अपने स ू ण मान के साथ उसकी उपासना करो; ोंिक यह तो सोचो िक उसने तु ारे िलये कैसे बड़े बड़े काम
िकए ह।
25 पर ु यिद तुम बुराई करते ही रहोगे, तो तुम और तु ारा राजा दोनों के दोनों िमट जाओगे।
1 शमू एल 13
1 शाऊल तीस वष का हो कर रा करने लगा, और उसने इ ाएिलयों पर दो वष तक रा िकया।
2 िफर शाऊल ने इ ाएिलयों म से तीन हजार पु षों को अपने िलये चुन िलया; और उन म से दो हजार शाऊल के साथ िमकमाश म और बेतेल के पहाड़ पर रहे, और एक हजार
योनातान के साथ िब ामीन के िगबा म रहे ; और दू सरे सब लोगों को उसने अपने अपने डे रे म जाने को िवदा िकया।
3 तब योनातान ने पिल यों की उस चौकी को जो िगबा म थी मार िलया; और इसका समाचार पिल यों के कानों म पड़ा। तब शाऊल ने सारे दे श म नरिसंगा फुंकवाकर यह कहला
भे जा, िक इ ी लोग सुन।
4 और सब इ ाएिलयों ने यह समाचार सुना िक शाऊल ने पिल यों की चौकी को मारा है, और यह भी िक पिल ी इ ाएल से घृणा करने लगे ह। तब लोग शाऊल के पीछे चलकर
िगलगाल म इक े हो गए।।
5 और पिल ी इ ाएल से यु करने के िलये इक े हो गए, अथात तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समु के तीर की बालू के िकनकों के समान ब त से लोग इक े ए;
और बेतावेन के पूव की ओर जा कर िमकमाश म छावनी डाली।
6 जब इ ाएली पु षों ने दे खा िक हम सकेती म पड़े ह (और सचमुच लोग सं कट म पड़े थे), तब वे लोग गुफाओं, झािड़यों, च ानों, गिढय़ों, और गढ़हों म जा िछपे।
7 और िकतने इ ी यरदन पार हो कर गाद और िगलाद के दे शों म चले गए; पर ु शाऊल िगलगाल ही म रहा, और सब लोग थरथराते ए उसके पीछे हो िलए।।
8 वह शमू एल के ठहराए ए समय, अथात सात िदन तक बाट जोहता रहा; पर ु शमू एल िगलगाल म न आया, और लोग उसके पास से इधर उधर होने लगे।
9 तब शाऊल ने कहा, होमबिल और मेलबिल मेरे पास लाओ। तब उसने होमबिल को चढ़ाया।
10 ोंही वह होमबिल को चढ़ा चुका, तो ा दे खता है िक शमूएल आ प ंचा; और शाऊल उस से िमलने और नम ार करने को िनकला।
11 शमू एल ने पू छा, तू ने ा िकया? शाऊल ने कहा, जब म ने दे खा िक लोग मे रे पास से इधर उधर हो चले ह, और तू ठहराए ए िदनों के भीतर नहीं आया, और पिल ी िमकपाश म
इक े ए ह,
12 तब म ने सोचा िक पिल ी िगलगाल म मुझ पर अभी आ पड़गे, और म ने यहोवा से िबनती भी नही ं की है; सो म ने अपनी इ ा न रहते भी होमबिल चढ़ाया।
13 शमू एल ने शाऊल से कहा, तू ने मूखता का काम िकया है ; तू ने अपने परमे र यहोवा की आ ा को नही ं माना; नही ं तो यहोवा तेरा रा इ ाएिलयों के ऊपर सदा थर रखता।
14 पर ु अब ते रा रा बना न रहेगा; यहोवा ने अपने िलये एक ऐसे पु ष को ढूंढ़ िलया है जो उसके मन के अनुसार है ; और यहोवा ने उसी को अपनी जा पर धान होने को ठहराया
है , ोंिक तू ने यहोवा की आ ा को नही ं माना।।
15 तब शमू एल चल िनकला, और िगलगाल से िब ामीन के िगबा को गया। और शाऊल ने अपने साथ के लोगों को िगनकर कोई छ: सौ पाए।
16 और शाऊल और उसका पु योनातान और जो लोग उनके साथ थे वे िब ामीन के िगबा म रहे ; और पिल ी िमकमाश म डे रे डाले पड़े रहे।
17 और पिल यों की छावनी से नाश करने वाले तीन दल बा कर िनकल; एक दल ने शूआल नाम दे श की ओर िफर के ओ ा का माग िलया,
18 एक और दल ने मुड़कर बेथोरोन का माग िलया, और एक और दल ने मुड़कर उस दे श का माग िलया जो सबोईम नाम तराई की ओर जंगल की तरफ है।।
19 और इ ाएल के पूरे दे श म लोहार कहीं नही ं िमलता था, ोंिक पिल यों ने कहा था, िक इ ी तलवार वा भाला बनाने न पांए;
20 इसिलये सब इ ाएली अपने अपने हल की फली, और भाले , और कु ाड़ी, और हं सुआ तेज करने के िलये पिल यों के पास जाते थे;
21 पर ु उनके हं सुओ,ं फालों, खेती के ि शूलों, और कु ािडय़ों की धार, और पै नों की नोक ठीक करने के िलये वे रे ती रखते थे।
22 सो यु के िदन शाऊल और योनातान के सािथयों म से िकसी के पास न तो तलवार थी और न भाला, वे केवल शाऊल और उसके पु योनातान के पास रहे।
23 और पिल यों की चौकी के िसपाही िनकलकर िमकमाश की घाटी को गए।।
1 शमू एल 14
1 एक िदन शाऊल के पु योनातान ने अपने िपता से िबना कुछ कहे अपने हिथयार ढोने वाले जवान से कहा, आ, हम उधर पिल यों की चौकी के पास चल।
2 शाऊल तो िगबा के िसरे पर िम ोन म के अनार के पेड़ के तले िटका आ था, और उसके सं ग के लोग कोई छ: सौ थे;
3 और एली जो शीलो म यहोवा का याजक था, उसके पु िपनहास का पोता, और ईकाबोद के भाई, अहीतू ब का पु अिह ाह भी एपोद पिहने ए संग था। पर ु उन लोगों को मालूम
न था िक योनातान चला गया है।
4 उन घािटयों के बीच म, िजन से हो कर योनातान पिल यों की चौकी को जाना चाहता था, दोनों अलंगों पर एक एक नोकीली च ान थी; एक च ान का नाम तो बोसेस, और दू सरी का
नाम सेने था।
5 एक च ान तो उ र की ओर िमकमाश के सा ने, और दू सरी द न की ओर गेबा के सा ने खड़ी है ।
6 तब योनातान ने अपने हिथयार ढोने वाले जवान से कहा, आ, हम उन खतनारिहत लोगों की चौकी के पास जाएं ; ा जाने यहोवा हमारी सहायता करे ; ोंिक यहोवा को कुछ रोक
नही ं, िक चाहे तो ब त लोगों के ारा चाहे थोड़े लोगों के ारा छु टकारा दे ।
7 उसके हिथयार ढोने वाले ने उस से कहा, जो कुछ तेरे मन म हो वही कर; उधर चल, म तेरी इ ा के अनु सार ते रे सं ग र ंगा।
8 योनातान ने कहा, सु न, हम उन मनु ों के पास जा कर अपने को उ िदखाएं ।
9 यिद वे हम से यों कह, हमारे आने तक ठहरे रहो, तब तो हम उसी थान पर खड़े रह, और उनके पास न चढ़।
10 पर ु यिद वे यह कह, िक हमारे पास चढ़ आओ, तो हम यह जानकर चढ़, िक यहोवा उ हमारे साथ कर दे गा। हमारे िलये यही िच हो।
11 तब उन दोनों ने अपने को पिल यों की चौकी पर गट िकया, तब पिल ी कहने लगे, दे खो, इ ी लोग उन िबलों म से जहां वे िछप रहे थे िनकले आते ह।
12 िफर चौकी के लोगों ने योनातान और उसके हिथयार ढोन वाले से पु कार के कहा, हमारे पास चढ़ आओ, तब हम तु म को कुछ िसखाएं गे। तब योनातान ने अपने हिथयार ढोन वाले से
कहा मे रे पीछे पीछे चढ़ आ; ोंिक यहोवा उ इ ाएिलयों के हाथ म कर दे गा।
13 और योनातान अपने हाथों और पावों के बल चढ़ गया, और उसका हिथयार ढोने वाला भी उसके पीछे पीछे चढ़ गया। और पिल ी योनातान के सा ने िगरते गए, और उसका
हिथयार ढोने वाला उसके पीछे पीछे उ मारता गया।
14 यह पिहला संहार जो योनातान और उसके हिथयार ढोने वाले से आ, उस म आधे बीघे भू िम म बीस एक पु ष मारे गए।
15 और छावनी म, और मै दान पर, और उन सब लोगों म थरथराहट ई; और चौकी वाले और नाश करने वाले भी थरथराने लगे; और भुईंडोल भी आ; और अ बड़ी थरथराहट
ई।
16 और िब ामीन के िगबा म शाऊल के पह ओं ने ि कर के दे खा िक वह भीड़ घटती जाती है , और वे लोग इधर उधर चले जाते ह।।
17 तब शाऊल ने अपने साथ के लोगों से कहा, अपनी िगनती कर के दे खो िक हमारे पास से कौन चला गया है । उ ोंने िगनकर दे खा, िक योनातान और उसका हिथयार ढोने वाला यहां
नही ं है।
18 तब शाऊल ने अिह ाह से कहा, परमे र का स दू क इधर ला। उस समय तो परमे र का स दू क इ ाएिलयों के साथ था।
19 शाऊल याजक से बात कर रहा था, िक पिल यों की छावनी म ड़ अिधक होता गया; तब शाऊल ने याजक से कहा, अपना हाथ खी ंच।
20 तब शाऊल और उसके संग के सब लोग इक े हो कर लड़ाई म गए; वहां उ ोंने ा दे खा, िक एक एक पु ष की तलवार अपने अपने साथी पर चल रही है, और ब त कोलाहल
मच रहा है।
21 और जो इ ी पिहले की नाईं पिल यों की ओर के थे, और उनके साथ चारों ओर से छावनी म गए थे, वे भी शाऊल और योनातान के संग के इ ाएिलयों म िमल गए।
22 और िजतने इ ाएली पु ष ए ैम के पहाड़ी दे श म िछप गए थे, वे भी यह सु नकर िक पिल ी भागे जाते ह, लड़ाई म आ उनका पीछा करने म लग गए।
23 तब यहोवा ने उस िदन इ ाएिलयों को छु टकार िदया; और लड़ने वाले बेतावेन की परली ओर तक चले गए।
24 पर ु इ ाएली पु ष उस िदन तंग ए, ोंिक शाऊल ने उन लोगों को शपथ धराकर कहा, शािपत हो वह, जो सां झ से पिहले कुछ खाए; इसी रीित म अपने श ुओ ं से पलटा ले
सकूंगा। तब उन लोगों म से िकसी ने कुछ भी भोजन न िकया।
25 और सब लोग िकसी वन म प ंचे, जहां भूिम पर मधु पड़ा आ था।
26 जब लोग वन म आए तब ा दे खा, िक मधु टपक रहा है , तौभी शपथ के डर के मारे कोई अपना हाथ अपने मुं ह तक न ले गया।
27 पर ु योनातान ने अपने िपता को लोगों को शपथ धराते न सुना था, इसिलये उसने अपने हाथ की छड़ी की नोक बढ़ाकर मधु के छ े म डु बाया, और अपना हाथ अपने मुं ह तक
लगाया; तब उसकी आं खों म ोित आई।
28 तब लोगों म से एक मनु ने कहा, ते रे िपता ने लोगों को ढ़ता से शपथ धरा के कहा, शािपत हो वह, जो आज कुछ खाए। और लोग थके मांदे थे।
29 योनातान ने कहा, मेरे िपता ने लोगों को क िदया है; दे खो, म ने इस मधु को थोड़ा सा चखा, और मुझे आं खों से कैसा सूझने लगा।
30 यिद आज लोग अपने श ुओं की लू ट से िजसे उ ोंने पाया मनमाना खाते, तो िकतना अ ा होता; अभी तो ब त पिल ी मारे नही ं गए।
31 उस िदन वे िमकमाश से ले कर अ ालोन तक पिल यों को मारते गए; और लोग ब त ही थक गए।
32 सो वे लूट पर टू टे , और भेड़-बकरी, और गाय-बैल, और बछड़े ले कर भू िम पर मार के उनका मांस लो समे त खाने लगे।
33 जब इसका समाचार शाऊल को िमला, िक लोग लो समेत मां स खाकर यहोवा के िव पाप करते ह। तब उसने उन से कहा; तुम ने तो िव ासघात िकया है; अभी एक बड़ा प र
मेरे पास लु ढ़का दो।
34 िफर शाऊल ने कहा, लोगों के बीच म इधर उधर िफरके उन से कहो, िक अपना अपना बैल और भेड़ शाऊल के पास ले जाओ, और वही ं बिल कर के खाओ; और लो समेत
खाकर यहोवा के िव पाप न करो। तब सब लोगों ने उसी रात अपना अपना बैल ले जा कर वही ं बिल िकया।
35 तब शाऊल ने यहोवा के िलये एक वेदी बनवाई; वह तो पिहली वेदी है जो उसने यहोवा के िलये बनवाई।।
36 िफर शाऊल ने कहा, हम इसी रात को पिल यों का पीछा कर के उ भोर तक लू टते रह; और उन म से एक मनु को भी जीिवत न छोड़। उ ोंने कहा, जो कुछ तुझे अ ा लगे
वही कर। पर ु याजक ने कहा, हम इधर परमे र के समीप आएं ।
37 तब शाऊल ने परमे र से पुछवाया, िक ा म पिल यों का पीछा क ं ? ा तू उ इ ाएल के हाथ म कर दे गा? पर ु उसे उस िदन कुछ उ र न िमला।
38 तब शाऊल ने कहा, हे जा के मु लोगों, इधर आकर बूझो; और दे खो िक आज पाप िकस कार से आ है ।
39 ोंिक इ ाएल के छु ड़ाने वाले यहोवा के जीवन की शपथ, यिद वह पाप मे रे पु योनातान से आ हो, तौभी िन य वह मार डाला जाएगा। पर ु लोगों म से िकसी ने उसे उ र न
िदया।
40 तब उसने सारे इ ाएिलयों से कहा, तुम एक ओर हो, और म और मेरा पु योनातान दू सरी और होंगे। लोगों ने शाऊल से कहा, जो कुछ तुझे अ ा लगे वही कर।
41 तब शाऊल ने यहोवा से कहा, हे इ ाएल के परमे र, स बात बता। तब िच ी योनातान और शाऊल के नाम पर िनकली, और जा बच गई।
42 िफर शाऊल ने कहा, मेरे और मेरे पु योनातान के नाम पर िच ी डालो। तब िच ी योनातान के नाम पर िनकली।
43 तब शाऊल ने योनातान से कहा, मुझे बता, िक तू ने ा िकया है। योनातान ने बताया, और उस से कहा, म ने अपने हाथ की छड़ी की नोक से थोड़ा सा मधु चख तो िलया है ; और
दे ख, मु झे मरना है।
44 शाऊल ने कहा, परमे र ऐसा ही करे , वरन इस से भी अिधक करे ; हे योनातान, तू िन य मारा जाएगा।
45 पर ु लोगों ने शाऊल से कहा, ा योनातान मारा जाए, िजसने इ ाएिलयों का ऐसा बड़ा छु टकारा िकया है? ऐसा न होगा! यहोवा के जीवन की शपथ, उसके िसर का एक बाल भी
भू िम पर िगरने न पाएगा; ोंिक आज के िदन उसने परमे र के साथ हो कर काम िकया है। तब जा के लोगों ने योनातान को बचा िलया, और वह मारा न गया।
46 तब शाऊल पिल यों का पीछा छोड़कर लौट गया; और पिल ी भी अपने थान को चले गए।।
47 जब शाऊल इ ाएिलयों के रा म थर हो गया, तब वह मोआबी, अ ोनी, एदोमी, और पिल ी, अपने चारों ओर के सब श ुओ ं से , और सोबा के राजाओं से लड़ा; और जहां जहां
वह जाता वहां जय पाता था।
48 िफर उसने वीरता कर के अमालेिकयों को जीता, और इ ाएिलयों को लू टने वालों के हाथ से छु ड़ाया।।
49 शाऊल के पु योनातान, ियशबी, और मलकीश थे; और उसकी दो बेिटयों के नाम ये थे , बड़ी का नाम तो मे रब और छोटी का नाम मीकल था।
50 और शाऊल की ी का नाम अहीनोअम था जो अहीमास की बेटी थी। और उसके धान से नापित का नाम अ े र था जो शाऊल के चचा नेर का पु था।
51 और शाऊल का िपता कीश था, और अ ेर का िपता नेर अबीएल का पु था।
52 और शाऊल जीवन भर पिल यों से सं ाम करता रहा; जब जब शाऊल को कोई वीर वा अ ा यो ा िदखाई पड़ा तब तब उसने उसे अपने पास रख िलया।।
1 शमू एल 15
1 शमू एल ने शाऊल से कहा, यहोवा ने अपनी जा इ ाएल पर रा करने के िलये ते रा अिभषे क करने को मु झे भेजा था; इसिलये अब यहोवा की बात सुन ले।
2 से नाओं का यहोवा यों कहता है, िक मुझे चेत आता है िक अमाले िकयों ने इ ाएिलयों से ा िकया; और जब इ ाएली िम से आ रहे थे, तब उ ोंने माग म उनका सा ना िकया।
3 इसिलये अब तू जा कर अमालेिकयों को मार, और जो कुछ उनका है उसे िबना कोमलता िकए स ानाश कर; ा पु ष, ा ी, ा ब ा, ा दू धिपउवा, ा गाय-बै ल, ा
भे ड़-बकरी, ा ऊंट, ा गदहा, सब को मार डाल।।
4 तब शाऊल ने लोगों को बुलाकर इक ा िकया, और उ तलाईम म िगना, और वे दो लाख ादे , और दस हजार य दी पु ष भी थे।
5 तब शाऊल ने अमालेक नगर के पास जा कर एक नाले म घातकों को िबठाया।
6 और शाऊल ने केिनयों से कहा, िक वहां से हटो, अमालेिकयों के म म से िनकल जाओ कहीं ऐसा न हो िक म उनके साथ तु ारा भी अ कर डालूं; ोंिक तुम ने सब इ ाएिलयों
पर उनके िम से आते समय ीित िदखाई थी। और केनी अमालेिकयों के म म से िनकल गए।
7 तब शाऊल ने हवीला से ले कर शूर तक जो िम के सा ने है अमाले िकयों को मारा।
8 और उनके राजा अगाग को जीिवत पकड़ा, और उसकी सब जा को तलवार से स ानाश कर डाला।
9 पर ु अगाग पर, और अ ी से अ ी भेड़-बक रयों, गाय-बै लों, मोटे पशुओ,ं और मे ों, और जो कुछ अ ा था, उन पर शाऊल और उसकी जा ने कोमलता की, और उ
स ानाश करना न चाहा; पर ु जो कुछ तु और िनक ा था उसको उ ोंने स ानाश िकया।।
10 तब यहोवा का यह वचन शमूएल के पास प ंचा,
11 िक म शाऊल को राजा बना के पछताता ं; ोंिक उसने मे रे पीछे चलना छोड़ िदया, और मेरी आ ाओं का पालन नहीं िकया। तब शमूएल का ोध भड़का; और वह रात भर
यहोवा की दोहाई दे ता रहा।
12 िबहान को जब शमूएल शाऊल से भट करने के िलये सवेरे उठा; तब शमूएल को यह बताया गया, िक शाऊल क ल को आया था, और अपने िलये एक िनशानी खड़ी की, और
घूमकर िगलगाल को चला गया है।
13 तब शमू एल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उस से कहा, तुझे यहोवा की ओर से आशीष िमले; म ने यहोवा की आ ा पूरी की है।
14 शमू एल ने कहा, िफर भेड़-बक रयों का यह िमिमयाना, और गय-बैलों का यह बंबाना जो मुझे सुनाई दे ता है , यह ों हो रहा है ?
15 शाऊल ने कहा, वे तो अमालेिकयों के यहां से आए ह; अथात जा के लोगों ने अ ी से अ ी भेड़-बक रयों और गाय-बैलों को तेरे परमे र यहोवा के िलये बिल करने को छोड़
िदया है; और बाकी सब को तो हम ने स ानाश कर िदया है ।
16 तब शमू एल ने शाऊल से कहा, ठहर जा! और जो बात यहोवा ने आज रात को मु झ से कही है वह म तु झ को बताता ं । उसने कहा, कह दे ।
17 शमू एल ने कहा, जब तू अपनी ि म छोटा था, तब ा तू इ ाएली गोि यों का धान न हो गया, और ा यहोवा ने इ ाएल पर रा करने को ते रा अिभषेक नही ं िकया?
18 और यहोवा ने तु झे या ा करने की आ ा दी, और कहा, जा कर उन पापी अमालेिकयों को स ानाश कर, और जब तक वे िमट न जाएं , तब तक उन से लड़ता रह।
19 िफर तू ने िकस िलये यहोवा की वह बात टालकर लूट पर टू ट के वह काम िकया जो यहोवा की ि म बु रा है ?
20 शाऊल ने शमूएल से कहा, िन:स े ह म ने यहोवा की बात मानकर िजधर यहोवा ने मुझे भेजा उधर चला, और अमाले िकयों को स ानाश िकया है।
21 पर ु जा के लोग लूट म से भेड़-बक रयों, और गाय-बैलों, अथात स ानाश होने की उ म उ म व ु ओं को िगलगाल म तेरे परमे र यहोवा के िलये बिल चढ़ाने को ले आए ह।
22 शमू एल ने कहा, ा यहोवा होमबिलयों, और मेलबिलयों से उतना स होता है, िजतना िक अपनी बात के माने जाने से स होता है? सुन मानना तो बिल चढ़ाने और कान लगाना
मेढ़ों की चब से उ म है।
23 दे ख बलवा करना और भावी कहने वालों से पूछना एक ही समान पाप है , और हठ करना मू रतों और गृ हदे वताओं की पू जा के तु है। तू ने जो यहोवा की बात को तु जाना,
इसिलये उसने तुझे राजा होने के िलये तु जाना है।
24 शाऊल ने शमूएल से कहा, म ने पाप िकया है; म ने तो अपनी जा के लोगों का भय मानकर और उनकी बात सुनकर यहोवा की आ ा और तेरी बातों का उ ंघन िकया है।
25 पर ु अब मेरे पाप को मा कर, और मेरे साथ लौट आ, िक म यहोवा को द वत क ं ।
26 शमू एल ने शाऊल से कहा, म तेरे साथ न लौटू ं गा; ोंिक तू ने यहोवा की बात को तु जाना है , और यहोवा ने तुझे इ ाएल का राजा होने के िलये तु जाना है।
27 तब शमू एल जाने के िलये घूमा, और शाऊल ने उसके बागे की छोर को पकड़ा, और वह फट गया।
28 तब शमू एल ने उस से कहा आज यहोवा ने इ ाएल के रा को फाड़कर तु झ से छीन िलया, और ते रे एक पड़ोसी को जो तुझ से अ ा है दे िदया है।
29 और जो इ ाएल का बलमू ल है वह न तो झूठ बोलता और न पछताता है; ोंिक वह मनु नहीं है, िक पछताए।
30 उसने कहा, म ने पाप तो िकया है; तौभी मेरी जा के पुरिनयों और इ ाएल के सा ने मे रा आदर कर, और मे रे साथ लौट, िक म तेरे परमे र यहोवा को द वत क ं ।
31 तब शमू एल लौटकर शाऊल के पीछे गया; और शाऊल ने यहोवा का द वत की।
32 तब शमू एल ने कहा, अमालेिकयों के राजा आगाग को मेरे पास ले आओ। तब आगाग आन के साथ यह कहता आ उसके पास गया, िक िन य मृ ु का दु :ख जाता रहा।
33 शमू एल ने कहा, जै से यां तेरी तलवार से िनवश ई ह, वैसे ही तेरी माता यों म िनवश होगी। तब शमू एल ने आगाग को िगलगाल म यहोवा के सा ने टु कड़े टु कड़े िकया।।
34 तब शमू एल रामा को चला गया; और शाऊल अपने नगर िगबा को अपने घर गया।
35 और शमूएल ने अपने जीवन भर शाऊल से िफर भट न की, ोंिक शमू एल शाऊल के िलये िवलाप करता रहा। और यहोवा शाऊल को इ ाएल का राजा बनाकर पछताता था।।
1 शमू एल 16
1 और यहोवा ने शमूएल से कहा, म ने शाऊल को इ ाएल पर रा करने के िलये तु जाना है , तू कब तक उसके िवषय िवलाप करता रहेगा? अपने सी ंग म तेल भर के चल; म तु झ
को बे तले हेमी ियशै के पास भेजता ं, ोंिक म ने उसके पु ों म से एक को राजा होने के िलये चुना है ।
2 शमू एल बोला, म ोंकर जा सकता ं? यिद शाऊल सु न लेगा, तो मु झे घात करे गा। यहोवा ने कहा, एक बिछया साथ ले जा कर कहना, िक म यहोवा के िलये य करने को आया ं ।
3 और य पर ियशै को ोता दे ना, तब म तुझे जता दू ं गा िक तुझ को ा करना है ; और िजस को म तु झे बताऊं उसी को मेरी ओर से अिभषेक करना।
4 तब शमू एल ने यहोवा के कहने के अनुसार िकया, और बे तलहे म को गया। उस नगर के पु रिनये थरथराते ए उस से िमलने को गए, और कहने लगे, ा तू िम भाव से आया है िक
नही ं?
5 उसने कहा, हां, िम भाव से आया ं; म यहोवा के िलये य करने को आया ं; तु म अपने अपने को पिव कर के मे रे साथ य म आओ। तब उसने ियशै और उसके पु ों को पिव
कर के य म आने का ोता िदया।
6 जब वे आए, तब उसने एलीआब पर ि कर के सोचा, िक िन य जो यहोवा के सा ने है वही उसका अिभिष होगा।
7 पर ु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके प पर ि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, ोंिक म ने उसे अयो जाना है; ोंिक यहोवा का दे खना मनु का सा नही ं है ;
मनु तो बाहर का प दे खता है, पर ु यहोवा की ि मन पर रहती है ।
8 तब ियशै ने अबीनादाब को बुलाकर शमूएल के सा ने भेजा। और उस से कहा, यहोवा ने इस को भी नही ं चुना।
9 िफर ियशै ने श ा को सा ने भेजा। और उसने कहा, यहोवा ने इस को भी नही ं चुना।
10 योंही ियशै ने अपने सात पु ों को शमू एल के सा ने भे जा। और शमू एल ियशै से कहता गया, यहोवा ने इ नहीं चुना।
11 तब शमू एल ने ियशै से कहा, ा सब लड़के आ गए? वह बोला, नही ं, ल रा तो रह गया, और वह भेड़-बक रयों को चरा रहा है। शमूएल ने ियशै से कहा, उसे बुलवा भेज; ोंिक
जब तक वह यहां न आए तब तक हम खाने को न बैठगे ।
12 तब वह उसे बुलाकर भीतर ले आया। उसके तो लाली झलकती थी, और उसकी आं ख सु र, और उसका प सुडौल था। तब यहोवा ने कहा, उठ कर इस का अिभषेक कर: यही
है ।
13 तब शमू एल ने अपना तेल का सीग ं ले कर उसके भाइयों के म म उसका अिभषेक िकया; और उस िदन से ले कर भिव को यहोवा का आ ा दाऊद पर बल से उतरता रहा।
तब शमू एल उठ कर रामा को चला गया।।
14 और यहोवा का आ ा शाऊल पर से उठ गया, और यहोवा की ओर से एक दु आ ा उसे घबराने लगा।
15 और शाऊल के कमचा रयों ने उस से कहा, सुन, परमे र की ओर से एक दु आ ा तुझे घबराता है ।
16 हमारा भु अपने कमचा रयों को जो उप थत ह आ ा दे , िक वे िकसी अ े वीणा बजाने वाले को ढू ं ढ़ ले आएं ; और जब जब परमे र की ओर से दु आ ा तुझ पर चढ़े , तब तब
वह अपने हाथ से बजाए, और तू अ ा हो जाए।
17 शाऊल ने अपने कमचा रयों से कहा, अ ा, एक उ म बजवैया दे खो, और उसे मेरे पास लाओ।
18 तब एक जवान ने उ र दे के कहा, सुन, म ने बेतलहमी ियशै के एक पु को दे खा जो वीणा बजाना जानता है , और वह वीर यो ा भी है, और बात करने म बु मान और पवान भी
है ; और यहोवा उसके साथ रहता है।
19 तब शाऊल ने दू तों के हाथ ियशै के पास कहला भेजा, िक अपने पु दाऊद को जो भेड़-बक रयों के साथ रहता है मेरे पास भेज दे ।
20 तब ियशै ने रोटी से लदा आ एक गदहा, और कु ा भर दाखमधु, और बकरी का एक ब ा ले कर अपने पु दाऊद के हाथ से शाऊल के पास भेज िदया।
21 और दाऊद शाऊल के पास जा कर उसके सा ने उप थत रहने लगा। और शाऊल उस से ब त ीित करने लगा, और वह उसका हिथयार ढोने वाला हो गया।
22 तब शाऊल ने ियशै के पास कहला भेजा, िक दाऊद को मेरे सा ने उप थत रहने दे , ोंिक म उस से ब त स ं।
23 और जब जब परमे र की ओर से वह आ ा शाऊल पर चढ़ता था, तब तब दाऊद वीणा ले कर बजाता; और शाऊल चैन पाकर अ ा हो जाता था, और वह दु आ ा उस म से
हट जाता था।।
1 शमू एल 17
1 अब पिल यों ने यु के िलये अपनी सेनाओं को इक ा िकया; और य दा दे श के सोको म एक साथ हो कर सोको और अजेका के बीच एपेसद ीम म डे रे डाले।
2 और शाऊल और इ ाएली पु षों ने भी इक े हो कर एला नाम तराई म डे रे डाले , और यु के िलये पिल यों के िव पांती बा ी।
3 पिल ी तो एक ओर के पहाड़ पर और इ ाएली दू सरी ओर के पहाड़ पर और इ ाएली दू सरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनों के बीच तराई थी।
4 तब पिल यों की छावनी म से एक वीर गोिलयत नाम िनकला, जो गत नगर का था, और उसके डील की ल ाई छ: हाथ एक िब ा थी।
5 उसके िसर पर पीतल का टोप था; और वह एक प र का िफलम पिहने ए था, िजसका तौल पां च हजार शेकेल पीतल का था।
6 उसकी टां गों पर पीतल के कवच थे, और उस से क ों के बीच बरछी ब ी थी।
7 उसके भाले की छड़ जुलाहे के डोंगी के समान थी, और उस भाले का फल छ: सौ शेकेल लोहे का था, और बड़ी ढाल िलये ए एक जन उसके आगे आगे चलता था
8 वह खड़ा हो कर इ ाएली पांितयों को ललकार के बोला, तुम ने यहां आकर लड़ाई के िलये ों पां ित बा ी है ? ा म पिल ी नही ं ं , और तु म शाऊल के आधीन नहीं हो? अपने म
से एक पु ष चुना, िक वह मेरे पास उ र आए।
9 यिद वह मु झ से लड़कर मुझे मार सके, तब तो हम तु ारे आधीन हो जाएं गे; पर ु यिद म उस पर बल हो कर मां , तो तुम को हमारे आधीन हो कर हमारी सेवा करनी पड़े गी।
10 िफर वह पिल ी बोला, म आज के िदन इ ाएली पांितयों को ललकारता ं , िकसी पु ष को मे रे पास भे जो, िक हम एक दू सरे से लड़।
11 उस पिल ी की इन बातों को सुनकर शाऊल और सम इ ाएिलयों का मन क ा हो गया, और वे अ डर गए।।
12 दाऊद तो य दा के बेतलेहेम के उस ए ाती पु ष को पु था, िजसका नाम ियशै था, और उसके आठ पु थे और वह पु ष शाऊल के िदनों म बूढ़ा और िनबल हो गया था।
13 ियशै के तीन बड़े पु शाऊल के पीछे हो कर लड़ने को गए थे ; और उसके तीन पु ों के नाम जो लड़ने को गए थे ये थे, अथात े का नाम एलीआब, दू सरे का अबीनादाब, और
तीसरे का श ा था।
14 और सब से छोटा दाऊद था; और तीनों बड़े पु शाऊल के पीछे हो कर गए थे,
15 और दाऊद बेतलहेम म अपने िपता की भेड़ बक रयां चराने को शाऊल के पास से आया जाया करता था।।
16 वह पिल ी तो चालीस िदन तक सवेरे और सांझ को िनकट आकर खड़ा आ करता था।
17 और ियशै ने अपने पु दाऊद से कहा, यह एपा भर चबैना, और ये दस रोिटयां ले कर छावनी म अपने भाइयों के पास दौड़ जा;
18 और पनीर की ये दस िटिकयां उनके सह पित के िलये ले जा। और अपने भाइयों का कुशल दे खकर उन की कोई िच ानी ले आना।
19 शाऊल, और वे भाई, और सम इ ाएली पु ष एला नाम तराई म पिल यों से लड़ रहे थे ।
20 और दाऊद िबहान को सबेरे उठ, भेड़ बक रयों को िकसी रखवाले के हाथ म छोड़कर, उन व ु ओं को ले कर चला; और जब सेना रणभूिम को जा रही, और सं ाम के िलये
ललकार रही थी, उसी समय वह गािडय़ों के पड़ाव पर प ं चा।
21 तब इ ाएिलयों और पिल यों ने अपनी अपनी सेना आ ने सा ने कर के पांित बां ी।
22 औ दाऊद अपनी सम ी सामान के रखवाले के हाथ म छोड़कर रणभू िम को दौड़ा, और अपने भाइयों के पास जा कर उनका कुशल ेम पूछा।
23 वह उनके साथ बात कर ही रहा था, िक पिल यों की पां ितयों म से वह वीर, अथात गतवासी गोिलयत नाम वह पिल ी यो ा चढ़ आया, और पिहले की सी बात कहने लगा। और
दाऊद ने उ सुना।
24 उस पु ष को दे खकर सब इ ाएली अ भय खाकर उसके सा ने से भागे।
25 िफर इ ाएली पु ष कहने लगे, ा तुम ने उस पु ष को दे खा है जो चढ़ा आ रहा है ? िन य वह इ ाएिलयों को ललकारने को चढ़ा आता है; और जो कोई उसे मार डाले गा उसको
राजा ब त धन दे गा, और अपनी बेटी ाह दे गा, और उसके िपता के घराने को इ ाएल म त कर दे गा।
26 तब दाऊद ने उन पु षों से जो उसके आस पास खड़े थे पूछा, िक जो उस पिल ी को मार के इ ाएिलयों की नामधराई दू र करे गा उसके िलये ा िकया जाएगा? वह खतनारिहत
पिल ी तो ा है िक जीिवत परमे र की सेना को ललकारे ?
27 तब लोगों ने उस से वही बात कही ं, अथात यह, िक जो कोई उसे मारे गा उस से ऐसा ऐसा िकया जाएगा।
28 जब दाऊद उन मनु ों से बात कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सु न रहा था; और एलीआब दाऊद से ब त ोिधत हो कर कहने लगा, तू यहां ा आया है ? और जं गल
म उन थोड़ी सी भे ड़ बक रयों को तू िकस के पास छोड़ आया है? तेरा अिभमान और तेरे मन की बु राई मु झे मालू म है ; तू तो लड़ाई दे खने के िलये यहां आया है।
29 दाऊद ने कहा, म ने अब ा िकया है, वह तो िनरी बात थी?
30 तब उसने उसके पास से मुंह फेरके दू सरे के स ुख हो कर वैसी ही बात कही; और लोगों ने उसे पिहले की नाईं उ र िदया।
31 जब दाऊद की बातों की चचा ई, तब शाऊल को भी सुनाईं गई; और उसने उसे बुलवा भेजा।
32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, िकसी मनु का मन उसके कारण क ा न हो; ते रा दास जा कर उस पिल ी से लड़े गा।
33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जा कर उस पिल ी के िव नहीं यु कर सकता; ोंिक तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से यो ा है।
34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने िपता की भे ड़ बक रयां चराता था; और जब कोई िसंह वा भालू झुंड म से मे ा उठा ले गया,
35 तब म ने उसका पीछा कर के उसे मारा, और मे े को उसके मुंह से छु ड़ाया; और जब उसने मुझ पर चढ़ाई की, तब म ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
36 तेरे दास ने िसंह और भालू दोनों को मार डाला; और वह खतनारिहत पिल ी उनके समान हो जाएगा, ोंिक उसने जीिवत परमे र की सेना को ललकारा है।
37 िफर दाऊद ने कहा, यहोवा िजसने मुझ िसंह और भालू दोनों के पं जे से बचाया है , वह मु झे उस पिल ी के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा ते रे साथ रहे ।
38 तब शाऊल ने अपने व दाऊद को पिहनाए, और पीतल का टोप उसके िसर पर रख िदया, और िझलम उसको पिहनाया।
39 और दाऊद ने उसकी तलवार व के ऊपर कसी, और चलने का य िकया; उसने तो उन को न परखा था। इसिलये दाऊद ने शाऊल से कहा, इ पिहने ए मुझ से चला नहीं
जाता, ोंिक म ने नही ं परखा। और दाऊद ने उ उतार िदया।
40 तब उसने अपनी लाठी हाथ म ले नाले म से पांच िचकने प र छांटकर अपनी चरवाही की थैली, अथात अपने झोले म रखे; और अपना गोफन हाथ म ले कर पिल ी के िनकट
चला।
41 और पिल ी चलते चलते दाऊद के िनकट प ंचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल िलये था वह उसके आगे आगे चला।
42 जब पिल ी ने ि कर के दाऊद को दे खा, तब उसे तु जाना; ोंिक वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सु र था।
43 तब पिल ी ने दाऊद से कहा, ा म कु ा ं, िक तू लाठी ले कर मे रे पास आता है? तब पिल ी अपने दे वताओं के नाम ले कर दाऊद को कोसने लगा।
44 िफर पिल ी ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, म तेरा मांस आकाश के पि यों और वनपशुओ ं को दे दू ं गा।
45 दाऊद ने पिल ी से कहा, तू तो तलवार और भाला और सां ग िलये ए मे रे पास आता है ; पर ु म से नाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता ं, जो इ ाएली सेना का परमे र है ,
और उसी को तू ने ललकारा है।
46 आज के िदन यहोवा तुझ को मेरे हाथ म कर दे गा, और म तुझ को मा ं गा, और ते रा िसर ते रे धड़ से अलग क ं गा; और म आज के िदन पिल ी सेना की लोथ आकाश के पि यों
और पृ ी के जीव ज ुओं को दे दू ं गा; तब सम पृ ी के लोग जान लगे िक इ ाएल म एक परमे र है ।
47 और यह सम म ली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के ारा जयव नहीं करता, इसिलये िक सं ाम तो यहोवा का है, और वही तु हमारे हाथ म कर दे गा।
48 जब पिल ी उठ कर दाऊद का सा ना करने के िलये िनकट आया, तब दाऊद से ना की ओर पिल ी का सा ना करने के िलये फुत से दौड़ा।
49 िफर दाऊद ने अपनी थैली म हाथ डालकर उस म से एक प र िनकाला, और उसे गोफन म रखकर पिल ी के माथे पर ऐसा मारा िक प र उसके माथे के भीतर घु स गया, और
वह भूिम पर मुंह के बल िगर पड़ा।
50 यों दाऊद ने पिल ी पर गोफन और एक ही प र के ारा बल हो कर उसे मार डाला; पर ु दाऊद के हाथ म तलवार न थी।
51 तब दाऊद दौड़कर पिल ी के ऊपर खड़ा आ, और उसकी तलवार पकड़कर िमयान से खींची, और उसको घात िकया, और उसका िसर उसी तलवार से काट डाला। यह
दे खकर िक हमारा वीर मर गया पिल ी भाग गए।
52 इस पर इ ाएली और य द पु ष ललकार उठे , और गत और ए ोन से फाटकों तक पिल यों का पीछा करते गए, और घायल पिल ी शारै म के माग म और गत और ए ोन
तक िगरते गए।
53 तब इ ाएली पिल यों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डे रों को लूट िलया।
54 और दाऊद पिल ी का िसर य शलेम म ले गया; और उसके हिथयार अपने डे रे म धर िलए।।
55 जब शाऊल ने दाऊद को उस पिल ी का सा ना करने के िलये जाते दे खा, तब उसने अपने से नापित अ ेर से पू छा, हे अ ेर, वह जवान िकस का पु है? अ ेर ने कहा, हे राजा,
तेरे जीवन की शपथ, म नहीं जानता।
56 राजा ने कहा, तू पू छ ले िक वह जवान िकस का पु है ।
57 जब दाऊद पिल ी को मारकर लौटा, तब अ ेर ने उसे पिल ी का िसर हाथ म िलये ए शाऊल के सा ने प ं चाया।
58 शाऊल ने उस से पूछा, हे जवान, तू िकस का पु है? दाऊद ने कहा, म तो ते रे दास बे तले हेमी ियशै का पु ं।।
1 शमू एल 18
1 जब वह शाऊल से बात कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, िक योनातान उसे अपने ाण के बराबर ार करने लगा।
2 और उस िदन से शाऊल ने उसे अपने पास रखा, और िपता के घर को िफर लौटने न िदया।
3 तब योनातान ने दाऊद से वाचा बा ी, ोंिक वह उसको अपने ाण के बराबर ार करता था।
4 और योनातान ने अपना बागा जो वह यं पिहने था उतारकर अपने व समे त दाऊद को दे िदया, वरन अपनी तलवार और धनुष और किटब भी उसको दे िदए।
5 और जहां कहीं शाऊल दाऊद को भेजता था वहां वह जा कर बु मानी के साथ काम करता था; और शाऊल ने उसे यो ाओं का धान िनयु िकया। और सम जा के लोग
और शाऊल के कमचारी उस से स थे।।
6 जब दाऊद उस पिल ी को मारकर लौटा आता था, और वे सब लोग भी आ रहे थे , तब सब इ ाएली नगरों से यों ने िनकलकर डफ और ितकोने बाजे िलये ए, आन के साथ
गाती और नाचती ई, शाऊल राजा के ागत म िनकली ं।
7 और वे यां नाचती इ एक दू सरी के साथ यह गाती गईं, िक शाऊल ने तो हजारों को, पर ु दाऊद ने लाखों को मारा है।।
8 तब शाऊल अित ोिधत आ, और यह बात उसको बु री लगी; और वह कहने लगा, उ ोंने दाऊद के िलये तो लाखों और मेरे िलये हजारों को ठहराया; इसिलये अब रा को छोड़
उसको अब ा िमलना बाकी है?
9 तब उस िदन से भिव म शाऊल दाऊद की ताक म लगा रहा।।
10 दू सरे िदन परमे र की ओर से एक आ ा शाऊल पर बल से उतरा, और वह अपने घर के भीतर नबू वत करने लगा; दाऊद ित िदवस की नाईं अपने हाथ से बजा रहा था। और
शाऊल अपने हाथ म अपना भाला िलये ए था;
11 तब शाऊल ने यह सोचकर, िक म ऐसा मा ं गा िक भाला दाऊद को बे धकर भीत म धंस जाए, भाले को चलाया, पर ु दाऊद उसके सा ने से दो बार हट गया।
12 और शाऊल दाऊद से डरा करता था, ोंिक यहोवा दाऊद के साथ था और शाऊल के पास से अलग हो गया था।
13 शाऊल ने उसको अपने पास से अलग कर के सह पित िकया, और वह जा के सा ने आया जाया करता था।
14 और दाऊद अपनी सम चाल म बु मानी िदखाता था; और यहोवा उसके साथ साथ था।
15 और जब शाऊल ने दे खा िक वह ब त बु मान है, तब वह उस से डर गया।
16 पर ु इ ाएल और य दा के सम लोग दाऊद से ेम रखते थे ; ोंिक वह उनके दे खते आया जाया करता था।।
17 और शाऊल ने यह सोचकर, िक मेरा हाथ नहीं, वरन पिल यों ही का हाथ दाऊद पर पड़े , उस से कहा, सुन, म अपनी बड़ी बेटी मेरब को तुझे ाह दू ं गा; इतना कर, िक तू मेरे
िलये वीरता के साथ यहोवा की ओर से यु कर।
18 दाऊद ने शाऊल से कहा, म ा ं, और मेरा जीवन ा है, और इ ाएल म मे रे िपता का कुल ा है, िक म राजा का दामाद हो जाऊं?
19 जब समय आ गया िक शाऊल की बेटी मेरब दाऊद से ाही जाए, तब वह महोलाई अ ीएल से ाही गई।
20 और शाऊल की बेटी मीकल दाऊद से ीित रखने लगी; और जब इस बात का समाचार शाऊल को िमला, तब वह स आ।
21 शाऊल तो सोचता था, िक वह उसके िलये फ ा हो, और पिल यों का हाथ उस पर पड़े । और शाऊल ने दाऊद से कहा, अब की बार तो तू अव ही मेरा दामाद हो जाएगा।
22 िफर शाऊल ने अपने कमचा रयों को आ ा दी, िक दाऊद से िछपकर ऐसी बात करो, िक सु न, राजा तुझ से स है , और उसके सब कमचारी भी तुझ से ेम रखते ह; इसिलये अब
तू राजा का दामाद हो जा।
23 तब शाऊल के कमचा रयों ने दाऊद से ऐसी ही बात कही।ं पर ु दाऊद ने कहा, म तो िनधन और तु मनु ं , िफर ा तु ारी ि म राजा का दामाद होना छोटी बात है?
24 जब शाऊल के कमचा रयों ने उसे बताया, िक दाऊद ने ऐसी ऐसी बात कही ं।
25 तब शाऊल ने कहा, तुम दाऊद से यों कहो, िक राजा क ा का मोल तो कुछ नही ं चाहता, केवल पिल यों की एक सौ खलिडय़ां चाहता है, िक वह अपने श ुओ ं से पलटा ले ।
शाऊल की मनसा यह थी, िक पिल यों से दाऊद को मरवा डाले।
26 जब उसके कमचा रयों ने दाऊद से यह बात बताईं, तब वह राजा का दामाद होने को स आ। जब ाह के िदन कुछ रह गए,
27 तब दाऊद अपने जनों को संग ले कर चला, और पिल यों के दो सौ पु षों को मारा; तब दाऊद उनकी खलिडय़ों को ले आया, और वे राजा को िगन िगन कर दी गईं, इसिलये
िक वह राजा का दामाद हो जाए। और शाऊल ने अपनी बे टी मीकल को उसे ाह िदया।
28 जब शाऊल ने दे खा, और िन य िकया िक यहोवा दाऊद के साथ है, और मे री बे टी मीकल उस से े म रखती है ,
29 तब शाऊल दाऊद से और भी डर गया। और शाऊल सदा के िलये दाऊद का बै री बन गया।।
30 िफर पिल यों के धान िनकल आए, और जब जब वे िनकल आए तब तब दाऊद ने शाऊल के और सब कमचा रयों से अिधक बु मानी िदखाई; इस से उसका नाम ब त बड़ा
हो गया।।
1 शमू एल 19
1 और शाऊल ने अपने पु योनातन और अपने सब कमचा रयों से दाऊद को मार डालने की चचा की। पर ु शाऊल का पु योनातन दाऊद से ब त स था।
2 और योनातन ने दाऊद को बताया, िक मेरा िपता तुझे मरवा डालना चाहता है ; इसिलये तू िबहान को सावधान रहना, और िकसी गु थान म बैठा आ िछपा रहना;
3 और म मै दान म जहां तू होगा वहां जा कर अपने िपता के पास खड़ा हो कर उस से तेरी चचा क ं गा; और यिद मु झे कुछ मालूम हो तो तुझे बताऊंगा।
4 और योनातन ने अपने िपता शाऊल से दाऊद की शंसा कर के उस से कहा, िक हे राजा, अपने दास दाऊद का अपराधी न हो; ोंिक उसने ते रा कुछ अपराध नही ं िकया, वरन
उसके सब काम ते रे ब त िहत के ह;
5 उसने अपने ाण पर खेलकर उस पिल ी को मार डाला, और यहोवा ने सम इ ाएिलयों की बड़ी जय कराई। इसे दे खकर तू आन त आ था; और तू दाऊद को अकारण
मारकर िनद ष के खून का पापी ों बने?
6 तब शाऊल ने योनातन की बात मानकर यह शपथ खाई, िक यहोवा के जीवन की शपथ, दाऊद मार डाला न जाएगा।
7 तब योनातन ने दाऊद को बुलाकर ये सम बात उसको बताई। िफर योनातन दाऊद को शाऊल के पास ले गया, और वह पिहले की नाईं उसके सा ने रहने लगा।।
8 तब िफर लड़ाई होने लगी; और दाऊद जा कर पिल यों से लड़ा, और उ बड़ी मार से मारा, और वे उसके सा ने से भाग गए।
9 और जब शाऊल हाथ म भाला िलये ए घर म बैठा था; और दाऊद हाथ से बजा रहा था, तब यहोवा की ओर से एक दु आ ा शाऊल पर चढ़ा।
10 और शाऊल ने चाहा, िक दाऊद को ऐसा मारे िक भाला उसे बेधते ए भीत म धंस जाए; पर ु दाऊद शाऊल के सा ने से ऐसा हट गया िक भाला जा कर भीत ही म धंस गया।
और दाऊद भागा, और उस रात को बच गया।
11 और शाऊल ने दाऊद के घर पर दू त इसिलये भेजे िक वे उसकी घात म रह, और िबहान को उसे मार डाल, तब दाऊद की ी मीकल ने उसे यह कहकर जताया, िक यिद तू इस
रात को अपना ाण न बचाए, तो िबहान को मारा जाएगा।
12 तब मीकल ने दाऊद को खड़की से उतार िदया; और वह भाग कर बच िनकला।
13 तब मीकल ने गृहदे वताओं को ले चारपाई पर िलटाया, और बक रयों के रोएं की तिकया उसके िसरहाने पर रखकर उन को व ओढ़ा िदए।
14 जब शाऊल ने दाऊद को पकड़ लाने के िलये दू त भे जे, तब वह बोली, वह तो बीमार है।
15 तब शाऊल ने दू तों को दाऊद के दे खने के िलये भेजा, और कहा, उसे चारपाई समे त मे रे पास लाओ िक म उसे मार डालूं।
16 जब दू त भीतर गए, तब ा दे खते ह िक चारपाई पर गृहदे वता पड़े ह, और िसरहाने पर बक रयों के रोएं की तिकया है।
17 सो शाऊल ने मीकल से कहा, तू ने मुझे ऐसा धोखा ोंिदया? तू ने मे रे श ु को ऐसा ों जाने िदया िक वह बच िनकला है? मीकल ने शाऊल से कहा, उसने मु झ से कहा, िक मु झे
जाने दे ; म तुझे ों मार डालूं ।।
18 और दाऊद भागकर बच िनकला, और रामा म शमूएल के पास प ं चकर जो कुछ शाऊल ने उस से िकया था सब उसे कह सुनाया। तब वह और शमूएल जा कर नबायोत म रहने
लगे।
19 जब शाऊल को इसका समाचार िमला िक दाऊद रामा के नबायोत म है
20 तब शाऊल ने दाऊद के पकड़ लाने के िलये दू त भेजे; और जब शाऊल के दू तों ने निबयों के दल को नबू वत करते ए, और शमूएल को उनकी धानता करते ए दे खा, तब
परमे र का आ ा उन पर चढ़ा, और वे भी नबूवत करने लगे।
21 इसका समाचार पाकर शाऊल ने और दू त भेजे, और वे भी नबू वत करने लगे। िफर शाऊल ने तीसरी बार दू त भे जे, और वे भी नबूवत करने लगे।
22 तब वह आप ही रामा को चला, और उस बड़े गड़हे पर जो सेकू म है प ं चकर पू छने लगा, िक शमू एल और दाऊद कहां है? िकसी ने कहा, वे तो रामा के नबायोत म ह।
23 तब वह उधर, अथात रामा के नबायोत को चला; और परमे र का आ ा उस पर भी चढ़ा, और वह रामा के नबायोत को प ंचने तक नबूवत करता आ चला गया।
24 और उसने भी अपने व उतारे , और शमूएल के सा ने नबू वत करने लगा, और भू िम पर िगरकर िदन और रात नं गा पड़ा रहा। इस कारण से यह कहावत चली, िक ा शाऊल
भी निबयों म से है ?
1 शमू एल 20
1 िफर दाऊद रामा के नबायोत से भागा, और योनातन के पास जा कर कहने लगा, म ने ा िकया है? मु झ से ा पाप आ? म ने तेरे िपता की ि म ऐसा कौन सा अपराध िकया है,
िक वह मे रे ाण की खोज म रहता है?
2 उसने उस से कहा, ऐसी बात नहीं है; तू मारा न जाएगा। सुन, मेरा िपता मु झ को िबना जताए न तो कोई बड़ा काम करता है और न कोई छोटा; िफर वह ऐसी बात को मुझ से ों
िछपाएगा? ऐसी कोई बात नही ं है।
3 िफर दाऊद ने शपथ खाकर कहा, तेरा िपता िन य जानता है िक तेरे अनु ह की ि मु झ पर है ; और वह सोचता होगा, िक योनातन इस बात को न जानने पाए, ऐसा न हो िक वह
खे िदत हो जाए। पर ु यहोवा के जीवन की शपथ और तेरे जीवन की शपथ, िन:स े ह, मे रे और मृ ु के बीच डग ही भर का अ र है।
4 योनातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरा जी चाहे वही म तेरे िलये क ं गा।
5 दाऊद ने योनातान से कहा, सुन कल नया चाँद होगा, और मुझे उिचत है िक राजा के साथ बै ठकर भोजन क ं ; पर ु तू मुझे िवदा कर, और म परसों सां झ तक मैदान म िछपा
र ं गा।
6 यिद तेरा िपता मेरी कुछ िच ा करे , तो कहना, िक दाऊद ने अपने नगर बेतलेहेम को शी जाने के िलये मु झ से िबनती कर के छु ी मांगी है; ोंिक वहां उसके सम कुल के िलये
वािषक य है।
7 यिद वह यों कहे, िक अ ा! तब तो तेरे दास के िलये कुशल होगा; पर ु यिद उसका कोप ब त भड़क उठे , तो जान ले ना िक उसने बुराई ठानी है।
8 और तू अपने दास से कृपा का वहार करना, ोंिक तू ने यहोवा की शपथ खलाकर अपने दास को अपने साथ वाचा ब ाई है। पर ु यिद मुझ से कुछ अपराध आ हो, तो तू आप
मुझे मार डाल; तू मु झे अपने िपता के पास ों प ंचाए?
9 योनातन ने कहा, ऐसी बात कभी न होगी! यिद म िन य जानता िक मेरे िपता ने तु झ से बु राई करनी ठानी है , तो ा म तुझ को न बताता?
10 दाऊद ने योनातन से कहा, यिद तेरा िपता तुझ को कठोर उ र दे , तो कौन मु झे बताएगा?
11 योनातन ने दाऊद से कहा, चल हम मैदान को िनकल जाएं । और वे दोनों मै दान की ओर चले गए।।
12 तब योनातन दाऊद से कहने लगा; इ ाएल के परमे र यहोवा की शपथ, जब म कल वा परसों इसी समय अपने िपता का भेद पांऊ, तब यिद दाऊद की भलाई दे खूं, तो ा म
उसी समय तेरे पास दू त भेज कर तुझे न बताऊंगा?
13 यिद मे रे िपता का मन तेरी बुराई करने का हो, और म तुझ पर यह गट कर के तु झे िवदा न क ँ िक तू कुशल के साथ चला जाए, तो यहोवा योनातन से ऐसा ही वरन इस से भी
अिधक करे । और यहोवा तेरे साथ वैसा ही रहे जैसा वह मेरे िपता के साथ रहा।
14 और न केवल जब तक म जीिवत र ं, तब तक मुझ पर यहोवा की सी कृपा ऐसा करना, िक म न म ं ;
15 पर ु मेरे घराने पर से भी अपनी कृपा ि कभी न हटाना! वरन जब यहोवा दाऊद के हर एक श ु को पृ ी पर से नाश कर चुकेगा, तब भी ऐसा न करना।
16 इस कार योनातन ने दाऊद के घराने से यह कहकर वाचा ब ाई, िक यहोवा दाऊद के श ुओ ं से पलटा ले ।
17 और योनातन दाऊद से ेम रखता था, और उसने उसको िफर शपथ खलाई; ोंिक वह उसने अपने ाण के बारबर ेम रखता था।
18 तब योनातन ने उस से कहा, कल नया चाँद होगा; और तेरी िच ा की जाएगी, ोंिक तेरी कुस खाली रहेगी।
19 और तू तीन िदन के बीतने पर तुर आना, और उस थान पर जा कर जहां तू उस काम के िदन िछपा था, अथात एजे ल नाम प र के पास रहना।
20 तब म उसकी अलंग, मानो अपने िकसी ठहराए ए िच पर तीन तीर चलाऊंगा।
21 िफर म अपने टहलु ए छोकरे को यह कहकर भेजूंगा, िक जा कर तीरों को ढू ं ढ ले आ। यिद म उस छोकरे से साफ साफ क ं, िक दे ख तीर इधर तेरी इस अलंग पर ह, तो तू उसे ले
आ, ोंिक यहोवा के जीवन की शपथ, तेरे िलये कुशल को छोड़ और कुछ न होगा।
22 पर ु यिद म छोकरे से यों क ं, िक सुन, तीर उधर तेरे उस अलंग पर है , तो तू चला जाना, ोंिक यहोवा ने तु झे िवदा िकया है।
23 और उस बात के िवषय िजसकी चचा म ने और तू ने आपस म की है, यहोवा मेरे और तेरे म म सदा रहे ।।
24 इसिलये दाऊद मैदान म जा िछपा; और जब नया चाँ द आ, तक राजा भोजन करने को बै ठा।
25 राजा तो पिहले की नाईं अपने उस आसन पर बैठा जो भीत के पास था; और योनातन खड़ा आ, और अ े र शाऊल के िनकट बैठा, पर ु दाऊद का थान खाली रहा।
26 उस िदन तो शाऊल यह सोचकर चुप रहा, िक इसका कोई न कोई कारण होगा; वह अशु होगा, िन:स े ह शु न होगा।
27 िफर नये चाँ द के दू सरे िदन को दाऊद का थान खाली रहा। और शाऊल ने अपने पु योनातन से पू छा, ा कारण है िक ियशै का पु न तो कल भोजन पर आया था, और न आज
ही आया है ?
28 योनातन ने शाऊल से कहा, दाऊद ने बेतलेहेम जाने के िलये मु झ से िबनती कर के छु ी मां गी;
29 और कहा, मुझे जाने दे ; ोंिक उस नगर म हमारे कुल का य है , और मेरे भाई ने मु झ को वहां उप थत होने की आ ा दी है। और अब यिद मुझ पर तेरे अनु ह की ि हो, तो
मुझे जाने दे िक म अपने भाइयों से भट कर आऊं। इसी कारण वह राजा की मेज पर नही ं आया।
30 तब शाऊल का कोप योनातन पर भड़क उठा, और उसने उस से कहा, हे कुिटला राज ोही के पु , ा म नहीं जानता िक तेरा मन तो ियशै के पु पर लगा है? इसी से ते री आशा
का टू टना और तेरी माता का अनादर ही होगा।
31 ोंिक जब तक ियशै का पु भूिम पर जीिवत रहेगा, तब तक न तो तू और न ते रा रा थर रहे गा। इसिलये अभी भे ज कर उसे मेरे पास ला, ोंिक िन य वह मार डाला जाएगा।
32 योनातन ने अपने िपता शाऊल को उ र दे कर उस से कहा, वह ों मारा जाए? उसने ा िकया है?
33 तब शाऊल ने उसको मारने के िलये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान िलया, िक मे रे िपता ने दाऊद को मार डालना ठान िलया है।
34 तब योनातन ोध से जलता आ मेज पर से उठ गया, और महीने के दू सरे िदन को भोजन न िकया, ोंिक वह ब त खेिदत था, इसिलये िक उसके िपता ने दाऊद का अनादर
िकया था।।
35 िबहान को योनातन एक छोटा लड़का संग िलये ए मै दान म दाऊद के साथ ठहराए ए थान को गया।
36 तब उसने अपने छोकरे से कहा, दौड़कर जो जो तीर म चलाऊं उ ढूंढ़ ले आ। छोकरा दौड़ता ही था, िक उसने एक तीर उसके परे चलाया।
37 जब छोकरा योनातन के चलाए तीर के थान पर प ंचा, तब योनातन ने उसके पीछे से पु कार के कहा, तीर तो ते री परली ओर है।
38 िफर योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकारकर कहा, बड़ी फुत कर, ठहर मत। और योनातन ने छोकरे के पीछे से पु कार के कहा, बड़ी फुत कर, ठहर मत! और योनातन का
छोकरा तीरों को बटोर के अपने ामी के पास ल आया।
39 इसका भेद छोकरा तो कुछ न जानता था; केवल योनातन और दाऊद इस बात को जानते थे ।
40 और योनातन ने अपने हिथयार अपने छोकरे को दे कर कहा, जा, इ नगर को प ं चा।
41 ोंही छोकरा चला गया, ोंही दाऊद द न िदशा की अलं ग से िनकला, और भूिम पर औंधे मुंह िगरके तीन बार द वत की; तब उ ोंने एक दू सरे को चूमा, और एक दू सरे के
साथ रोए, पर ु दाऊद को रोना अिधक था।
42 तब योनातन ने दाऊद से कहा, कुशल से चला जा; ोंिक हम दोनों ने एक दू सरे से यह कहके यहोवा के नाम की शपथ खाई है , िक यहोवा मे रे और ते रे म , और मे रे और ते रे वंश
के म म सदा रहे । तब वह उठ कर चला गया; और योनातन नगर म गया।।
1 शमू एल 21
1 और दाऊद नोब को अहीमेलेक याजक के पास आया; और अहीमेलेक दाऊद से भट करने को थरथराता आ िनकला, और उस से पूछा, ा कारण है िक तू अकेला है, और ते रे
साथ कोई नही ं?
2 दाऊद ने अहीमेलेक याजक से कहा, राजा ने मुझे एक काम करने की आ ा दे कर मु झ से कहा, िजस काम को म तु झे भेजता, और जो आ ा म तुझे दे ता ं, वह िकसी पर कट न
होने पाए; और म ने जवानों को फलाने थान पर जाने को समझाया है ।
3 अब तेरे हाथ म ा है? पांच रोटी, वा जो कुछ िमले उसे मे रे हाथ म दे ।
4 याजक ने दाऊद से कहा, मेरे पास साधारण रोटी तो कुछ नहीं है , केवल पिव रोटी है ; इतना हो िक वे जवान यों से अलग रहे हों।
5 दाऊद ने याजक को उ र दे कर उस से कहा, सच है िक हम तीन िदन से यों से अलग ह; िफर जब म िनकल आया, तब तो जवानों के बतन पिव थे; य िप या ा साधारण है तो
आज उनके बतन अव ही पिव होंगे।
6 तब याजक ने उसको पिव रोटी दी; ोंिक दू सरी रोटी वहां न थी, केवल भट की रोटी थी जो यहोवा के स ुख से उठाई गई थी, िक उसके उठा लेने के िदन गरम रोटी रखी जाए।
7 उसी िदन वहां दोएग नाम शाऊल का एक कमचारी यहोवा के आगे का आ था; वह एदोमी और शाऊल के चरवाहों का मु खया था।
8 िफर दाऊद ने अहीमेलेक से पूछा, ा यहां ते रे पास कोई भाला व तलवार नही ं है? ोंिक मु झे राजा के काम की ऐसी ज ी थी िक म न तो तलवार साथ लाया ं, और न अपना कोई
हिथयार ही लाया।
9 याजक ने कहा, हां, पिल ी गोिलयत िजसे तू ने एला तराई म घात िकया उसकी तलवार कपड़े म लपे टी ई एपोद के पीदे धरी है; यिद तू उसे लेना चाहे, तो ले ले, उसे छोड़ और कोई
यहां नही ं है । दाऊद बोला, उसके तु कोई नहीं; वही मुझे दे ।।
10 तब दाऊद चला, और उसी िदन शाऊल के डर के मारे भागकर गत के राजा आकीश के पास गया।
11 और आकीश के कमचा रयों ने आकीश से कहा, ा वह उस दे श का राजा दाऊद नही ं है? ा लोगों ने उसी के िवषय नाचते नाचते एक दू सरे के साथ यह गाना न गया था, िक
शाऊल ने हजारों को, और दाऊद ने लाखों को मारा है?
12 दाऊद ने ये बात अपने मन म रखी ं, और गत के राजा आकीश से अ डर गया।
13 तब वह उनके सा ने दू सरी चाल चली, और उनके हाथ म पड़कर बौड़हा, अथात पागल बन गया; और फाटक के िकवाडों पर लकीर खी ंचते, और अपनी लार अपनी दाढ़ी पर
बहाने लगा।
14 तब आकीश ने अपने कमचा रयों से कहा, दे खो, वह जन तो बावला है; तुम उसे मेरे पास ों लाए हो?
15 ा मेरे पास बावलों की कुछ घटी है, िक तुम उसको मेरे सा ने बावलापन करने के िलये लाए हो? ा ऐसा जन मेरे भवन म आने पाएगा?
1 शमू एल 22
1 और दाऊद वहां से चला, और अदु ाम की गुफा म प ं चकर बच गया; और यह सु नकर उसके भाई, वरन उसके िपता का सम घराना वहां उसके पास गया।
2 और िजतने संकट म पड़े थे, और िजतने ऋणी थे, और िजतने उदास थे, वे एक उसके पास इक े ए; और वह उनका धान आ। और कोई चार सौ पु ष उसके साथ हो गए।।
3 वहां से दाऊद ने मोआब के िमसपे को जा कर मोआब के राजा से कहा, मे रे िपता को अपने पास तब तक आकर रहने दो, जब तक िक म न जानूं िक परमे र मेरे िलये ा करे गा।
4 और वह उन को मोआब के राजा के स ुख ले गया, और जब तक दाऊद उस गढ़ म रहा, तब तक वे उसके पास रहे।
5 िफर गाद नाम एक नबी ने दाऊद से कहा, इस गढ़ म मत रह; चल, य दा के दे श म जा। और दाऊद चलकर हे रेत के बन म गया।।
6 तब शाऊल ने सुना िक दाऊद और उसके संिगयों का पता लग गया ह उस समय शाऊल िगबा के ऊंचे थान पर, एक झाऊ के पेड़ के तले, हाथ म अपना भाला िलये ए बै ठा था,
और उसके कमचारी उसके आसपास खड़े थे।
7 तब शाऊल अपने कमचा रयों से जो उसके आसपास खड़े थे कहने लगा, हे िब ामीिनयों, सु नो; ा ियशै का पु तुम सभों को खेत और दाख की बा रयां दे गा? ा वह तुम सभों को
सह पित और शतपित करे गा?
8 तुम सभों ने मे रे िव ों राज ोह की गो ी की है? और जब मेरे पु ने ियशै के पु से वाचा बा ी, तब िकसी ने मु झ पर गट नही ं िकया; और तुम म से िकसी ने मे रे िलये शोिकत
हो कर मुझ पर गट नही ं िकया, िक मेरे पु ने मेरे कमचारी को मेरे िव ऐसा घात लगाने को उभारा है , जै सा आज के िदन है।
9 तब एदोमी दोएग ने, जो शाऊल के सेवकों के ऊपर ठहराया गया था, उ र दे कर कहा, म ने तो ियशै के पु को नोब म अहीतूब के पु अहीमेलेक के पास आते दे खा,
10 और उसने उसके िलये यहोवा से पूछा, और उसे भोजन व ु दी, और पिल ी गोिलयत की तलवार भी दी।
11 और राजा ने अहीतू ब के पु अहीमेलेक याजक को और उसके िपता के सम घराने को, बु लवा भे जा; और जब वे सब के सब शाऊल राज के पास आए,
12 तब शाऊल ने कहा, हे अहीतूब के पु , सुन, वह बोला, हे भु, ा आ ा?
13 शाऊल ने उस से पुछा, ा कारण है िक तू और ियशै के पु दोनों ने मे रे िव राज ोह की गो ी की है ? तू ने उसे रोटी और तलवार दी, और उसके िलये परमे र से पू छा भी,
िजस से वह मेरे िव उठे , और ऐसा घात लगाए जैसा आज के िदन है ?
14 अहीमे लेक ने राजा को उ र दे कर कहा, तेरे सम कमचा रयों म दाऊद के तु िव ासयो कौन है ? वह तो राजा का दामाद है, और तेरी राजसभा म उप थत आ करता, और
तेरे प रवार म िति त है।
15 ा म ने आज ही उसके िलये परमे र से पूछना आर िकया है ? वह मुझ से दू र रहे ! राजा न तो अपने दास पर ऐसा कोई दोष लगाए, न मेरे िपता के सम घराने पर, ोंिक तेरा
दास इन सब बखेड़ों के िवषय कुछ भी नही ं जानता।
16 राजा ने कहा, हे अहीमेलेक, तू और तेरे िपता का सम घराना िन य मार डाला जाएगा।
17 िफर राजा ने उन पह ओं से जो उसके आसपास खड़े थे आ ा दी, िक मु ड़ो और यहोवा के याजकों को मार डालो; ोंिक उ ोंने भी दाऊद की सहायता की है, और उसका भागना
जानने पर भी मुझ पर गट नही ं िकया। पर ु राजा के से वक यहोवा के याजकों को मारने के िलये हाथ बढ़ाना न चाहते थे ।
18 तब राजा ने दोएग से कहा, तू मुड़कर याजकों को मार डाल। तब एदोमी दोएग ने मु ड़कर याजकों को मारा, और उस िदन सनीवाला एपोद पिहने ए पचासी पु षों को घात िकया।
19 और याजकों के नगर नोब को उसने यों-पु षों, और बाल-ब ों, और दू धिपउवों, और बैलों, गदहों, और भेड़-बक रयों समे त तलवार से मारा।
20 पर ु अहीतू ब के पु अहीमेलेक का ए ातार नाम एक पु बच िनकला, और दाऊद के पास भाग गया।
21 तब ए ातार ने दाऊद को बताया, िक शाऊल ने यहोवा के याजकों को बध िकया है ।
22 और दाऊद ने ए ातार से कहा, िजस िदन एदोमी दोएग वहां था, उसी िदन म ने जान िलया, िक वह िन य शाऊल को बताएगा। तेरे िपता के सम घराने के मारे जाने का कारण
म ही आ।
23 इसिलये तू मेरे साथ िनडर रह; जो मेरे ाण का ाहक है वही तेरे ाण का भी ाहक है ; पर ु मे रे साथ रहने से तेरी र ा होगी।।
1 शमू एल 23
1 और दाऊद को यह समाचार िमला िक पिल ी लोग कीला नगर से यु कर रहे ह, और खिलहानों को लूट रहे ह।
2 तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, िक ा म जा कर पिल यों को मा ं ? यहोवा ने दाऊद से कहा, जा, और पिल यों को मार के कीला को बचा।
3 पर ु दाऊद के जनों ने उस से कहा, हम तो इस य दा दे श म भी डरते रहते ह, यिद हम कीला जा कर पिल यों की से ना का सा ना कर, तो ा ब त अिधक डर म न पड़गे ?
4 तब दाऊद ने यहोवा से िफर पूछा, और यहोवा ने उसे उ र दे कर कहा, कमर बा कर कीला को जा; ोंिक म पिल यों को ते रे हाथ म कर दू ं गा।
5 इसिलये दाऊद अपने जनों को संग ले कर कीला को गया, और पिल यों से लड़कर उनके पशुओं को हांक लाया, और उ बड़ी मार से मारा। यों दाऊद ने कीला के िनवािसयों
बचाया।
6 जब अहीमेलेक का पु ए ातार दाऊद के पास कीला को भाग गया था, तब हाथ म एपोद िलये ए गया था।।
7 तब शाऊल को यह समाचार िमला िक दाऊद कीला को गया है। और शाऊल ने कहा, परमे र ने उसे मे रे हाथ म कर िदया है; वह तो फाटक और बड़े वले नगर म घुस कर ब हो
गया है।
8 तब शाऊल ने अपनी सारी सेना को लड़ाई के िलये बुलवाया, िक कीला को जा कर दाऊद और उसके जनों को घे र ले ।
9 तब दाऊद ने जान िलया िक शाऊल मेरी हािन िक यु कर रहा है; इसिलये उसने ए ातार याजक से कहा, एपोद को िनकट ले आ।
10 तब दाऊद ने कहा, हे इ ाएल के परमे र यहोवा, तेरे दास ने िन य सुना है िक शाऊल मे रे कारण कीला नगर नाश करने को आना चाहता है।
11 ा कीला के लोग मुझे उसके वश म कर दगे? ा जैसे तेरे दास ने सु ना है , वैसे ही शाऊल आएगा? हे इ ाएल के परमे र यहोवा, अपने दास को यह बता। यहोवा ने कहा, हां , वह
आएगा।
12 िफर दाऊद ने पूछा, ा कीला के लोग मुझे और मेरे जनों को शाऊल के वश म कर दगे ? यहोवा ने कहा, हां, वे कर दगे।
13 तब दाऊद और उसके जन जो कोई छ: सौ थे कीला से िनकल गए, और इधर उधर जहां कहीं जा सके वहां गए। और जब शाऊल को यह बताया गया िक दाऊद कीला से िनकला
भाग है, तब उसने वहां जाने की मनसा छोड़ दी।।
14 जब दाऊद जो जंगल के गढ़ों म रहने लगा, और पहाड़ी दे श के जीप नाम जं गल म रहा। और शाऊल उसे ित िदन ढूंढ़ता रहा, पर ु परमे र ने उसे उसके हाथ म न पड़ने िदया।
15 और दाऊद ने जान िलया िक शाऊल मेरे ाण की खोज म िनकला है। और दाऊद जीप नाम जं गल के होरे श नाम थान म था;
16 िक शाऊल का पु योनातन उठ कर उसके पास होरे श म गया, और परमे र की चचा कर के उसको ढाढ़स िदलाया।
17 उसने उस से कहा, मत डर; ोंिक तू मे रे िपता शाऊल के हाथ म न पड़े गा; और तू ही इ ाएल का राजा होगा, और म तेरे नीचे ंगा; और इस बात को मेरा िपता शाऊल भी जानता
है ।
18 तब उन दोनों ने यहोवा की शपथ खाकर आपस म वाचा बा ी; तब दाऊद होरे श म रह गया, और योनातन अपने घर चला गया।
19 तब जीपी लोग िगबा म शाऊल के पास जा कर कहने लगे, दाऊद तो हमारे पास होरे श के गढ़ों म, अथात उस हकीला नाम पहाड़ी पर िछपा रहता है, जो यशीमोन के द न की
ओर है ।
20 इसिलये अब, हे राजा, तेरी जो इ ा आने की है, तो आ; और उसको राजा के हाथ म पकड़वा दे ना हमारा काम होगा।
21 शाऊल ने कहा, यहोवा की आशीष तुम पर हो, ोंिक तुम ने मु झ पर दया की है।
22 तुम चलकर और भी िन य कर लो; और दे ख भाल कर जान लो, और उसके अ े का पता लगा लो, और बू झो िक उसको वहां िकसने दे खा है; ोंिक िकसी ने मु झ से कहा है, िक
वह बड़ी चतुराई से काम करता है।
23 इसिलये जहां कहीं वह िछपा करता है उन सब थानों को दे ख दे खकर पिहचानो, तब िन य कर के मे रे पास लौट आना। और म तु ारे साथ चलूंगा, और यिद वह उस दे श म कही ं
भी हो, तो म उसे य दा के हजारों म से ढूंढ़ िनकालूंगा।
24 तब वे चलकर शाऊल से पिहले जीप को गए। पर ु दाऊद अपने जनों समेत माओन नाम जंगल म चला गया था, जो अराबा म यशीमोन के द न की ओर है।
25 तब शाऊल अपने जनों को साथ ले कर उसकी खोज म गया। इसका समाचार पाकर दाऊद पवत पर से उतर के माओन जंगल म रहने लगा। यह सुन शाऊल ने माओन जं गल म
दाऊद का पीछा िकया।
26 शाऊल तो पहाड़ की एक ओर, और दाऊद अपेन जनों समेत पहाड़ की दू सरी ओर जा रहा था; और दाऊद शाऊल के डर के मारे ज ी जा रहा था, और शाऊल अपने जनों समेत
दाऊद और उसके जनों को पकड़ने के िलये घेरा बनाना चाहता था,
27 िक एक दू त ने शाऊल के पास आकर कहा, फुत से चला आ; ोंिक पिल यों ने दे श पर चढ़ाई की है।
28 यह सु न शाऊल दाऊद का पीछा छोड़कर पिल यों का सा ना करने को चला; इस कारण उस थान का नाम सेलाह हलकोत पड़ा।
29 वहां से दाऊद चढ़कर एनगदी के गढ़ों म रहने लगा।।
1 शमू एल 24
1 जब शाऊल पिल यों का पीछा कर के लौटा, तब उसको यह समाचार िमला, िक दाऊद एनगदी के जं गल म है।
2 तब शाऊल सम इ ाएिलयों म से तीन हजार को छांटकर दाऊद और उसके जनों को बनैले बकरों की च ानों पर खोजने गया।
3 जब वह माग पर के भे ड़शालों के पास प ंचा जहां एक गु फा थी, तब शाऊल िदशा िफरने को उसके भीतर गया। और उसी गु फा के कोनों म दाऊद और उसके जन बैठे ए थे।
4 तब दाऊद के जनों ने उस से कहा, सुन, आज वही िदन है िजसके िवषय यहोवा ने तु झ से कहा था, िक म तेरे श ु को ते रे हाथ म सौंप दू ं गा, िक तू उस से मनमाना बताव कर ले। तब
दाऊद ने उठ कर शाऊल के बागे की छोर को िछपकर काट िलया।
5 इसके पीछे दाऊद शाऊल के बागे की छोर काटने से पछताया।
6 और अपने जनों से कहने लगा, यहोवा न करे िक म अपने भु से जो यहोवा का अिभिष है ऐसा काम क ं , िक उस पर हाथ चलाऊं, ोंिक वह यहोवा का अिभिष है।
7 ऐसी बात कहकर दाऊद ने अपने जनों को घुड़की लगाई और उ शाऊल की हािन करने को उठने न िदया। िफर शाऊल उठ कर गुफा से िनकला और अपना माग िलया।
8 उसके पीछे दाऊद भी उठ कर गुफा से िनकला और शाऊल को पीछे से पु कार के बोला, हे मे रे भु , हे राजा। जब शाऊल ने िफर के दे खा, तब दाऊद ने भूिम की ओर िसर झुका
कर द वत की।
9 और दाऊद ने शाऊल से कहा, जो मनु कहते ह, िक दाऊद ते री हािन चाहता है उनकी तू ोंसुनता है ?
10 दे ख, आज तू ने अपनी आं खों से दे खा है िक यहोवा ने आज गुफा म तुझे मेरे हाथ सौंप िदया था; और िकसी िकसी ने तो मुझ से तुझे मारने को कहा था, पर ु मुझे तुझ पर तरस
आया; और म ने कहा, म अपने भु पर हाथ न चलाऊंगा; ोंिक वह यहोवा का अिभिष है ।
11 िफर, हे मेरे िपता, दे ख, अपने बागे की छोर मेरे हाथ म दे ख; म ने तेरे बागे की छोर तो काट ली, पर ु तुझे घात न िकया; इस से िन य कर के जान ले, िक मेरे मन म कोई बुराई वा
अपराध का सोच नहीं है। और म ने तेरा कुछ अपराध नही ं िकया, पर ु तू मेरे ाण लेने को मानो उसका अहेर करता रहता है।
12 यहोवा मे रा और तेरा ाय करे , और यहोवा तुझ से मेरा पलटा ले ; पर ु मे रा हाथ तु झ पर न उठे गा।
13 ाचीनों के नीित वचन के अनुसार दु ता दु ों से होती है ; पर ु मेरा हाथ तुझ पर न उठे गा।
14 इ ाएल का राजा िकस का पीछा करने को िनकला है? और िकस के पीछे पड़ा है ? एक मरे कु े के पीछे ! एक िप ू के पीछे !
15 इसिलये यहोवा ायी हो कर मेरा तेरा िवचार करे , और िवचार कर के मे रा मु क मा लड़े , और ाय कर के मु झे तेरे हाथ से बचाए।
16 दाऊद शाऊल से ये बात कह ही चुका था, िक शाऊल ने कहा, हे मे रे बेटे दाऊद, ा यह ते रा बोल है ? तब शाऊल िच ाकर रोने लगा।
17 िफर उसने दाऊद से कहा, तू मुझ से अिधक धम है; तू ने तो मे रे साथ भलाई की है, पर ु म ने तेरे साथ बु राई की।
18 और तू ने आज यह गट िकया है, िक तू ने मेरे साथ भलाई की है, िक जब यहोवा ने मु झे ते रे हाथ म कर िदया, तब तू ने मुझे घात न िकया।
19 भला! ा कोई मनु अपने श ु को पाकर कुशल से जाने दे ता है? इसिलये जो तू ने आज मेरे साथ िकया है , इसका अ ा बदला यहोवा तुझे दे ।
20 और अब, मुझे मालूम आ है िक तू िन य राजा को जाएगा, और इ ाएल का रा तेरे हाथ म थर होगा।
21 अब मु झ से यहोवा की शपथ खा, िक म तेरे वंश को ते रे पीछे नाश न क ं गा, और ते रे िपता के घराने म से तेरा नाम िमटा न डालूंगा।
22 तब दाऊद ने शाऊल से ऐसी ही शपथ खाई। तब शाऊल अपने घर चला गया; और दाऊद अपने जनों समेत गढ़ों म चला गया।
1 शमू एल 25
1 और शमू एल मर गया; और सम इ ाएिलयों ने इक े हो कर उसके िलये छाती पीटी, और उसके घर ही म जो रामा म था उसको िम ी दी। तब दाऊद उठ कर पारान जं गल को
चला गया।।
2 माओन म एक पु ष रहता था िजसका माल कमल म था। और वह पु ष ब त बड़ा था, और उसके तीन हजार भेड़, और एक हजार बक रयां थी ं; और वह अपनी भेड़ों का ऊन
कतर रहा था।
3 उस पु ष का नाम नाबाल, और उसकी प ी का नाम अबीगै ल था। ी तो बु मान और पवती थी, पर ु पु ष कठोर, और बुरे बुरे काम करने वाला था; वह तो काले बवंशी था।
4 जब दाऊद ने जं गल म समाचार पाया, िक नाबाल अपनी भेड़ों का ऊन कतर रहा है;
5 तब दाऊद ने दस जवानों को वहां भेज िदया, ओर दाऊद ने उन जवानों से कहा, िक कमल म नाबाल के पास जा कर मेरी ओर से उसका कुशल ेम पूछो।
6 और उस से यों कहो, िक तू िचरं जीव रहे, तेरा क ाण हो, और तेरा घराना क ाण से रहे , और जो कुछ तेरा है वह क ाण से रहे।
7 म ने सुना है , िक जो तू ऊन कतर रहा है; तेरे चरवाहे हम लोगों के पास रहे , और न तो हम ने उनकी कुछ हािन की, और न उनका कुछ खोया गया।
8 अपने जवानों से यह बात पूछ ले, और वे तुझ का बताएं गे। सो इन जवानों पर ते रे अनु ह की ि हो; हम तो आन के समय म आए ह, इसिलये जो कुछ तेरे हाथ लगे वह अपने
दासों और अपने बेटे दाऊद को दे ।
9 ऐसी ऐसी बात दाऊद के जवान जा कर उसके नाम से नाबाल को सु नाकर चु प रहे ।
10 नाबाल ने दाऊद के जनों को उ र दे कर उन से कहा, दाऊद कौन है? ियशै का पु कौन है ? आज कल ब त से दास अपने अपने ामी के पास से भाग जाते ह।
11 ा म अपनी रोटी-पानी और जो पशु म ने अपने कतरने वालों के िलये मारे ह ले कर ऐसे लोगों को दे दू ं , िजन को म नहीं जानता िक कहां के ह?
12 तब दाऊद के जवानों ने लौटकर अपना माग िलया, और लौटकर उसको ये सब बात ों की ों सुना दीं।
13 तब दाऊद ने अपने जनों से कहा, अपनी अपनी तलवार बा लो। तब उ ोंने अपनी अपनी तलवार बा ली; और दाऊद ने भी अपनी तलवार बा घ ली; और कोई चार सौ पु ष
दाऊद के पीछे पीछे चले, और दो सौ समान के पास रह गए।
14 पर ु एक से वक ने नाबाल की प ी अबीगैल को बताया, िक दाऊद ने जं गल से हमारे ामी को आशीवाद दे ने के िलये दू त भेजे थे; और उसने उ ललकार िदया।
15 पर ु वे मनु हम से ब त अ ा बताव रखते थे, और जब तक हम मैदान म रहते ए उनके पास आया जाया करते थे, तब तक न तो हमारी कुछ हािन ई, और न हमारा कुछ
खोया गया;
16 जब तक हम उन के साथ भेड़-बक रयां चराते रहे, तब तक वे रात िदन हमारी आड़ बने रहे ।
17 इसिलये अब सोच िवचार कर िक ा करना चािहए; ोंिक उ ोंने हमारे ामी की ओर उसके सम घराने की हािन ठानी होगी, वह तो ऐसा दु है िक उस से कोई बोल भी नहीं
सकता।
18 अब अबीगै ल ने फुत से दो सौ रोटी, और दो कु ी दाखमधु, और पांच भेिडय़ों का मांस, और पांच सआ भूना आ अनाज, और एक सौ गु े िकशिमश, और अंजीरोंकी दो सौ
िटिकयां ले कर गदहों पर लदवाई।
19 और उसने अपने जवानों से कहा, तुम मेरे आगे आगे चलो, म तु ारे पीछे पीछे आती ं ; पर ु उसने अपने पित नाबाल से कुछ न कहा।
20 वह गदहे पर चली ई पहाड़ की आड़ म उतरी जाती थी, और दाऊद अपने जनों समेत उसके सामहने उतरा आता था; और वह उन को िमली।
21 दाऊद ने तो सोचा था, िक म ने जो जंगल म उसके सब माल की ऐसी र ा की िक उसका कुछ भी न खोया, यह िन:स े ह थ आ; ोंिक उसने भलाई के बदले मुझ से बुराई ही
की है।
22 यिद िबहान को उिजयाला होने तक उस जन के सम लोगों म से एक लड़के को भी म जीिवत छोड़ूं, तो परमे र मेरे सब श ुओ ं से ऐसा ही, वरन इस से भी अिधक करे ।
23 दाऊद को दे ख अबीगैल फुत कर के गदहे पर से उतर पड़ी, और दाऊद के स ु ख मुं ह के बल भूिम पर िगरकर द वत की।
24 िफर वह उसके पांव पर िगरके कहने लगी, हे मेरे भु, यह अपराध मेरे ही िसर पर हो; तेरी दासी तुझ से कुछ कहना चाहती है , और तू अपनी दासी की बातों को सु न ले ।
25 मेरा भु उस दु नाबाल पर िच न लगाए; ोंिक जैसा उसका नाम है वैसा ही वह आप है; उसका नाम तो नाबाल है , और सचमु च उस म मूढ़ता पाई जाती है; पर ु मुझ ते री दासी
ने अपने भु के जवानों को िज तू ने भेजा था न दे खा था।
26 और अब, हे मेरे भु, यहोवा के जीवन की शपथ और तेरे जीवन की शपथ, िक यहोवा ने जो तुझे खू न से और अपने हाथ के ारा अपना पलटा लेने से रोक रखा है, इसिलये अब तेरे
श ु और मे रे भु की हािन के चाहने वाले नाबाल ही के समान ठहर।
27 और अब यह भट जो तेरी दासी अपने भु के पास लाई है, उन जवानों को दी जाए जो मेरे भु के साथ चालते ह।
28 अपनी दासी का अपराध मा कर; ोंिक यहोवा िन य मेरे भु का घर बसाएगा और थर करे गा, इसिलये िक मे रा भु यहोवा की ओर से लड़ता है; और ज भर तु झ म कोई
बुराई नही ं पाई जाएगी।
29 और य िप एक मनु तेरा पीछा करने और तेरे ाण का ाहक होने को उठा है , तौभी मेरे भु का ाण ते रे परमे र यहोवा की जीवन पी गठरी म ब ा रहेगा, और ते रे श ुओं के
ाणों को वह मानो गोफन म रखकर फक दे गा।
30 इसिलये जब यहोवा मेरे भु के िलये यह सम भलाई करे गा जो उसने तेरे िवषय म कही है , और तु झे इ ाएल पर धान कर के ठहराएगा,
31 तब तुझे इस कारण पछताना न होगा, वा मेरे भु का दय पीिड़त न होगा िक तू ने अकारण खू न िकया, और मे रे भु ने अपना पलटा आप िलया है। िफर जब यहोवा मेरे भु से
भलाई करे तब अपनी दासी को रण करना।
32 दाऊद ने अबीगै ल से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा ध है, िजसने आज के िदन मु झ से भट करने के िलये तु झे भे जा है।
33 और तेरा िववेक ध है, और तू आप भी ध है, िक तू ने मुझे आज के िदन खू न करने और अपना पलटा आप ले ने से रोक िलया है।
34 ोंिक सचमु च इ ाएल का परमे र यहोवा, िजसने मु झे तेरी हािन करने से रोका है , उसके जीवन की शपथ, यिद तू फुत कर के मुझ से भट करने को न आती, तो िन:स े ह िबहान
को उिजयाला होने तक नाबाल का कोई लड़का भी न बचता।
35 तब दाऊद ने उसे हण िकया जो वह उसके िलये लाई थी; िफर उस से उसने कहा, अपने घर कुशल से जा; सुन, म ने तेरी बात मानी है और तेरी िबनती हण कर ली है।
36 तब अबीगैल नाबाल के पास लौट गई; और ा दे खती है, िक वह घर म राजा की सी जे वनार कर रहा है। और नाबाल का मन मगन है, और वह नशे म अित चूर हो गया है ; इसिलये
उसने भोर के उिजयाले होने से पिहले उस से कुछ भी न कहा।
37 िबहान को जब नाबाल का नशा उतर गया, तब उसकी प ी ने उसे कुल हाल सु ना िदया, तब उसके मन का िहयाव जाता रहा, और वह प र सा सु हो गया।
38 और दस िदन के प ात यहोवा ने नाबाल को ऐसा मारा, िक वह मर गया।
39 नाबाल के मरने का हाल सुनकर दाऊद ने कहा, ध है यहोवा िजसने नाबाल के साथ मे री नामधराई का मु क मा लड़कर अपने दास को बुराई से रोक रखा; और यहोवा ने नाबाल
की बुराई को उसी के िसर पर लाद िदया है। तब दाऊद ने लोगों को अबीगै ल के पास इसिलये भे जा िक वे उस से उसकी प ी होने की बातचीत कर।
40 तो जब दाऊद के सेवक कमल को अबीगैल के पास प ंचे, तब उस से कहने लगे , िक दाऊद ने हम तेरे पास इसिलये भेजा है िक तू उसकी प ी बने।
41 तब वह उठी, और मुंह के बल भूिम पर िगर द वत कर के कहा, तेरी दासी अपने भु के सेवकों के चरण धोने के िलये लौंडी बने।
42 तब अबीगैल फुत से उठी, और गदहे पर चली, और उसकी पांच सहेिलयां उसके पीछे पीछे हो ली; और वह दाऊद के दू तों के पीछे पीछे गई; और उसकी प ी हो गई।
43 और दाऊद ने िच ैल नगर की अिहनोअम को भी ाह िलया, तो वे दोनोंउसकी पि यां ई।
44 पर ु शाऊल ने अपनी बेटी दाऊद की प ी मीकल को लै श के पु ग ीमवासी पलती को दे िदया था।।
1 शमू एल 26
1 िफर जीपी लोग िगबा म शाऊल के पास जा कर कहने लगे, ा दाऊद उस हकीला नाम पहाड़ी पर जो यशीमोन के सा ने है िछपा नहीं रहता?
2 तब शाऊल उठ कर इ ाएल के तीन हजार छांटे ए यो ा सं ग िलये ए गया िक दाऊद को जीप के जं गल म खोजे ।
3 और शाऊल ने अपनी छावनी माग के पास हकीला नाम पहाड़ी पर जो यशीमोन के सा ने है डाली। पर ु दाऊद जं गल म रहा; और उसने जान िलया, िक शाऊल मेरा पीछा करने
को जं गल म आया है;
4 तब दाऊद ने भेिदयों को भेज कर िन य कर िलया िक शाऊल सचमु च आ गया है ।
5 तब शाऊल उठ कर उस थान पर गया जहां शाऊल पड़ा था; और दाऊद ने उस थान को दे खा जहां शाऊल अपने सेनापित नेर के पु अ े र समेत पड़ा था; शाऊल तो गािड़यों की
आड़ म पड़ा था, और उसके लोग उसके चारों ओर डे रे डाले ए थे।
6 तब दाऊद ने िह ी अहीमेलेक और ज याह के पु योआब के भाई अबीशै से कहा, मे रे साथ उस छावनी म शाऊल के पास कौन चलेगा? अबीशै ने कहा, तेरे साथ म चलूं गा।
7 सो दाऊद और अबीशै रातों रात उन लोगों के पास गए, और ा दे खते ह, िक शाऊल गािडय़ों की आड़ म पड़ा सो रहा है, और उसका भाला उसके िसरहाने भूिम म गड़ा है; और
अ े र और यो ा लोग उसके चारों ओर पड़े ए ह।
8 तब अबीशै ने दाऊद से कहा, परमे र ने आज तेरे श ु को तेरे हाथ म कर िदया है ; इसिलये अब म उसको एक बार ऐसा मा ं िक भाला उसे बेधता आ भूिम म धंस जाए, और मु झ
को उसे दू सरी बार मारना न पड़े गा।
9 दाऊद ने अबीशै से कहा, उसे नाश न कर; ोंिक यहोवा के अिभिष पर हाथ चला कर कौन िनद ष ठहर सकता है ।
10 िफर दाऊद ने कहा, यहोवा के जीवन की शपथ यहोवा ही उसको मारे गा; वा वह अपनी मृ ु से मरे गा; वा वह लड़ाई म जा कर मर जाएगा।
11 यहोवा न करे िक म अपना हाथ यहोवा के अिभिष पर बढ़ाऊ; अब उसके िसरहाने से भाला और पानी की झारी उठा ले, और हम यहां से चले जाएं ।
12 तब दाऊद ने भाले और पानी की झारी को शाऊल के िसरहाने से उठा िलया; और वे चले गए। और िकसी ने इसे न दे खा, और न जाना, और न कोई जागा; ोंिक वे सब इस कारण
सोए ए थे , िक यहोवा की ओर से उन म भारी नी ंद समा गई थी।
13 तब दाऊद परली ओर जा कर दू र के पहाड़ की चोटी पर खड़ा आ, और दोनों के बीच बड़ा अ र था;
14 और दाऊद ने उन लोगों को, और नेर के पु अ ेर को पु कार के कहा, हे अ ेर ा तू नहीं सु नता? अ ेर ने उ र दे कर कहा, तू कौन है जो राजा को पुकारता है?
15 दाऊद ने अ ेर से कहा, ा तू पु ष नही ं है ? इ ाएल म तेरे तु कौन है ? तू ने अपने ामी राजा की चौकसी ों नही ं की? एक जन तो तेरे ामी राजा को नाश करने घुसा था
16 जो काम तू ने िकया है वह अ ा नही ं। यहोवा के जीवन की शपथ तुम लोग मारे जाने के यो हो, ोंिक तुम ने अपने ामी, यहोवा के अिभिष की चौकसी नही ं की। और अब
दे ख, राजा का भाला और पानी की झारी जो उसके िसरहाने थी वे कहां ह?
17 तब शाऊल ने दाऊद का बोल पिहचानकर कहा, हे मे रे बेटे दाऊद, ा यह ते रा बोल है , दाऊद ने कहा, हां , मे रे भु राजा, मेरा ही बोल है।
18 िफर उसने कहा, मेरा भु अपने दास का पीछा ोंकरता है ? म ने ा िकया है ? और मु झ से कौन सी बु राई ई है ?
19 अब मे रा भु राजा, अपने दास की बात सुन ले। यिद यहोवा ने तुझे मे रे िव उकसाया हो, तब तो वह भट हण करे ; पर ु यिद आदिमयों ने ऐसा िकया हो, तो वे यहोवा की ओर
से शािपत हों, ोंिक उ ोंने अब मु झे िनकाल िदया है िक म यहोवा के िनज भाग म न र ं, और उ ोंने कहा है , िक जा पराए दे वताओं की उपासना कर।
20 इसिलये अब मे रा लो यहोवा की आखों की ओट म भूिम पर न बहने पाए; इ ाएल का राजा तो एक िप ू ढू ं ढ़ने आया है , जैसा िक कोई पहाड़ों पर तीतर का अहेर करे ।
21 शाऊल ने कहा, म ने पाप िकया है, हे मेरे बेटे दाऊद लौट आ; मेरा ाण आज के िदन तेरी ि म अनमोल ठहरा, इस कारण म िफर तेरी कुछ हािन न क ं गा; सुन, म ने मूखता
की, और मुझ से बड़ी भूल ई है।
22 दाऊद ने उ र दे कर कहा, हे राजा, भाले को दे ख, कोई जवान इधर आकर इसे ले जाए।
23 यहोवा एक एक को अपने अपने धम और स ाई का फल दे गा; दे ख, आज यहोवा ने तुझ को मेरे हाथ म कर िदया था, पर ु म ने यहोवा के अिभिष पर अपना हाथ बढ़ाना उिचत
न समझा।
24 इसिलये जैसे तेरे ाण आज मेरी ि म ि य ठहरे , वैसे ही मेरे ाण भी यहोवा की ि म ि य ठहरे , और वह मु झे सम िवपि यों से छु ड़ाए।
25 शाऊल ने दाऊद से कहा, हे मेरे बेटे दाऊद तू ध है! तू बड़े बड़े काम करे गा और तेरे काम सफल होंगे। तब दाऊद ने अपना माग िलया, और शाऊल भी अपने थान को लौट
गया।।
1 शमू एल 27
1 और दाऊद सोचने लगा, अब म िकसी न िकसी िदन शाऊल के हाथ से नाश हो जाऊंगा; अब मे रे िलये उ म यह है िक म पिल यों के दे श म भाग जाऊं; तब शाऊल मेरे िवषय
िनराश होगा, और मुझे इ ाएल के दे श के िकसी भाग म िफर न ढूढ़े गा, यों म उसके हाथ से बच िनकलूं गा।
2 तब दाऊद अपने छ: सौ संगी पु षों को ले कर चला गया, और गत के राजा माओक के पु आकीश के पास गया।
3 और दाऊद और उसके जन अपने अपने प रवार समेत गत म आकीश के पास रहने लगे। दाऊद तो अपनी दो यों के साथ, अथात िय ेली अहीनोअम, और नाबाल की ी
कमली अबीगैल के साथ रहा।
4 जब शाऊल को यह समाचार िमला िक दाऊद गत को भाग गया है , तब उसने उसे िफर कभी न ढूंढ़ा
5 दाऊद ने आकीश से कहा, यिद मुझ पर तेरे अनु ह की ि हो, तो दे श की िकसी ब ी म मु झे थान िदला दे जहां म र ं; तेरा दास तेरे साथ राजधनी म ोंरहे?
6 जब आकीश ने उसे उसी िदन िसकलग ब ी दी; इस कारण से िसकलग आज के िदन तक य दा के राजाओं का बना है।।
7 पिल यों के दे श म रहते रहते दाऊद को एक वष चार महीने बीत गए।
8 और दाऊद ने अपने जनों समेत जा कर गशू रयों, िगिजय , और अमाले िकयों पर चढ़ाई की; ये जाितयां तो ाचीन काल से उस दे श म रहती थी ं जो शूर के माग म िम दे श तक है।
9 दाऊद ने उस दे श को नाश िकया, और ी पु ष िकसी को जीिवत न छोड़ा, और भे ड़-बकरी, गाय-बै ल, गदहे , ऊंट, और व ले कर लौटा, और आकीश के पास गया।
10 आकीश ने पूछा, आज तुम ने चढ़ाई तो नहीं की? दाऊद ने कहा, हां , य दा यरहमे िलयों और केिनयों की द न िदशा म।
11 दाऊद ने ी पु ष िकसी को जीिवत न छोड़ा िक उ गत म प ंचाए; उसने सोचा था, िक ऐसा न हो िक वे हमारा काम बताकर यह कह, िक दाऊद ने ऐसा ऐसा िकया है । वरन
जब से वह पिल यों के दे श म रहता है, तब से उसका काम ऐसा ही है।
12 तब आकीश ने दाऊद की बात सच मानकर कहा, यह अपने इ ाएली लागों की ि म अित घृ िणत आ है ; इसिलये यह सदा के िलये मेरा दास बना रहेगा।।
1 शमू एल 28
1 उन िदनों म पिल यों ने इ ाएल से लड़ने के िलये अपनी से ना इक ी की। और आकीश ने दाऊद से कहा, िन य जान िक तु झे अपने जनों समेत मेरे साथ सेना म जाना होगा।
2 दाऊद ने आकीश से कहा, इस कारण तू जान लेगा िक तेरा दास ा करे गा। आकीश ने दाऊद से कहा, इस कारण म तुझे अपने िसर का र क सदा के िलये ठहराऊंगा।।
3 शमू एल तो मर गया था, और सम इ ाएिलयों ने उसके िवषय छाती पीटी, और उसको उसके नगर रामा म िम ी दी थी। और शाऊल ने ओझों और भूतिस करने वालों को दे श
से िनकाल िदया था।।
4 जब पिल ी इक े ए और शूनेम म छावनी डाली, तो शाऊल ने सब इ ाएिलयों को इक ा िकया, और उ ोंने िगलबो म छावनी डाली।
5 पिल यों की से ना को दे खकर शाऊल डर गया, और उसका मन अ भयभीत हो कां प उठा।
6 और जब शाऊल ने यहोवा से पूछा, तब यहोवा ने न तो के ारा उस उ र िदया, और न ऊरीम के ारा, और न भिव ाओं के ारा।
7 तब शाऊल ने अपने कमचा रयों से कहा, मे रे िलये िकसी भूतिस करने वाली को ढू ं ढो, िक म उसके पास जा कर उस से पूछूं। उसके कमचा रयों ने उस से कहा, ए ोर म एक
भू तिस करने वाली रहती है।
8 तब शाऊल ने अपना भेष बदला, और दू सरे कपड़े पिहनकर, दो मनु सं ग ले कर, रातोंरात चलकर उस ी के पास गया; और कहा, अपने िस भूत से मेरे िलये भावी कहलवा,
और िजसका नाम म लूंगा उसे बुलवा दे ।
9 ी ने उस से कहा, तू जानता है िक शाऊल ने ा िकया है , िक उसने ओझों और भूतिस करने वालों को दे श से नाश िकया है। िफर तू मेरे ाण के िलये ों फंदा लगाता है िक
मुझे मरवा डाले।
10 शाऊल ने यहोवा की शपथ खाकर उस से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, इस बात के कारण तुझे द न िमले गा।
11 ी ने पूछा, म तेरे िलये िकस को बुलाऊ? उसने कहा, शमू एल को मे रे िलये बु ला।
12 जब ी ने शमूएल को दे खा, तब ऊंचे श से िच ाई; और शाऊल से कहा, तू ने मु झे ों धोखा िदया? तू तो शाऊल है।
13 राजा ने उससे कहा, मत डर; तुझे ा दे ख पड़ता है? ी ने शाऊल से कहा, मु झे एक दे वता पृ ी म से चढ़ता आ िदखाई पड़ता है।
14 उसने उस से पूछा उस का कैसा प है? उसने कहा, एक बूढ़ा पु ष बागा ओढ़े ए चढ़ा आता है । तब शाऊल ने िन य जानकर िक वह शमूएल है, औंधे मुंह भूिम पर िगर के
द वत िकया।
15 शमू एल ने शाऊल से पूछा, तू ने मुझे ऊपर बुलवाकर ों सताया है ? शाऊल ने कहा, म बड़े संकट म पड़ा ं ; ोंिक पिल ी मेरे साथ लड़ रहे ह और परमे र ने मु झे छोड़ िदया,
और अब मु झे न तो भिव ाओं के ारा उ र दे ता है , और न पनों के; इसिलये म ने तु झे बु लाया िक तू मु झे जता दे िक म ा क ं ।
16 शमू एल ने कहा, जब यहोवा तुझे छोड़कर तेरा श ु बन गया, तब तू मुझ से ों पूछता है?
17 यहोवा ने तो जैसे मुझ से कहलावाया था वैसा ही उसने वहार िकया है; अथात उसने तेरे हाथ से रा छीनकर तेरे पड़ोसी दाऊद को दे िदया है।
18 तू ने जो यहोवा की बात न मानी, और न अमालेिकयों को उसके भड़के ए कोप के अनुसार द िदया था, इस कारण यहोवा ने तुझ से आज ऐसा बताव िकया।
19 िफर यहोवा तुझ समेत इ ाएिलयों को पिल यों के हाथ म कर दे गा; और तू अपने बेटों समेत कल मेरे साथ होगा; और इ ाएली सेना को भी यहोवा पिल यों के हाथ म कर
दे गा।
20 तब शाऊल तुर मुं ह के बल भू िम पर िगर पड़ा, और शमूएल की बातों के कारण अ डर गया; उसने पू रे िदन और रात भोजन न िकया था, इस से उस म बल कुछ भी न रहा।
21 तब वह ी शाऊल के पास गई, और उसको अित ाकुल दे खकर उस से कहा, सु न, तेरी दासी ने तो ते री बात मानी; और म ने अपने ाण पर खे लकर तेरे वचनों को सुन िलया जो
तू ने मुझ से कहा।
22 तो अब तू भी अपनी दासी की बात मान; और म तेरे सा ने एक टु कड़ा रोटी रखूं ; तू उसे खा, िक जब तू अपना माग ले तब तुझे बल आ जाए।
23 उसने इनकार कर के कहा, म न खाऊंगा। पर ु उसके से वकों और ी ने िमलकर यहां तक उसे दबाया िक वह उनकी बात मानकर, भूिम पर से उठ कर खाट पर बैठ गया।
24 ी के घर म तो एक तैयार िकया आ बछड़ा था, उसने फुत कर के उसे मारा, िफर आटा ले कर गूं धा, और अखमीरी रोटी बनाकर
25 शाऊल और उसके सेवकों के आगे लाई; और उ ोंने खाया। तब वे उठ कर उसी रात चले गए।।
1 शमू एल 29
1 पिल यों ने अपनी सम सेना को अपेक म इक ा िकया; और इ ाएली िय े ल के िनकट के सोते के पास डे रे डाले ए थे।
2 तब पिल यों के सरदार अपने अपने सैकड़ोंऔर हजारों समेत आगे बढ़ गए, और से ना के पीछे पीछे आकीश के साथ दाऊद भी अपने जनों समेत बढ़ गया।
3 तब पिल ी हािकमों ने पू छा, इन इि यों का यहां ा काम है? आकीश ने पिल ी सरदारों से कहा, ा वह इ ाएल के राजा शाऊल का कमचारी दाऊद नहीं है, जो ा जाने
िकतने िदनों से वरन वष से मेरे साथ रहता है, और जब से वह भाग आया, तब से आज तक मै ने उस म कोई दोष नही ं पाया।
4 तब पिल ी हािकम उस से ोिधत ए; और उस से कहा, उस पु ष को लौटा दे , िक वह उस थान पर जाए जो तू ने उसके िलये ठहराया है; वह हमारे संग लड़ाई म न आने पाएगा,
कही ं ऐसा न हो िक वह लड़ाई म हमारा िवराधी बन जाए। िफर वह अपने ामी से िकस रीित से मे ल करे ? ा लोगों के िसर कटवाकर न करे गा?
5 ा यह वही दाऊद नहीं है, िजसके िवषय म लोग नाचते और गाते ए एक दू सरे से कहते थे, िक शाऊल ने हजारों को, पर दाऊद ने लाखों को मारा है ?
6 तब आकीश ने दाऊद को बुलाकर उस से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ तू तो सीधा है, और से ना म तेरा मे रे सं ग आना जाना भी मुझे भावता है; ोंिक जब से तू मे रे पास आया
तब से ले कर आज तक म ने तो तुझ म कोई बुराई नहीं पाई। तौभी सरदार लोग तुझे नही ं चाहते।
7 इसिलये अब तू कुशल से लौट जा; ऐसा न हो िक पिल ी सरदार तुझ से अ स हों।
8 दाऊद ने आकीश से कहा, म ने ा िकया है? और जब से म तेरे सा ने आया तब से आज तक तू ने अपने दास म ा पाया है िक अपने भु राजा के श ुओ ं से लड़ने न पाऊं?
9 आकीश ने दाऊद को उ र दे कर कहा, हां, यह मुझे मालू म है , तू मे री ि म तो परमे र के दू त के समान अ ा लगता है; तौभी पिल ी हािकमों ने कहा है, िक वह हमारे संग
लड़ाई म न जाने पाएगा।
10 इसिलये अब तू अपने भु के सेवकों को ले कर जो तेरे साथ आए ह िबहान को तड़के उठना; और तु म िबहान को तड़के उठ कर उिजयाला होते ही चले जाना।
11 इसिलये िबहान को दाऊद अपने जनों समेत तड़के उठ कर पिल यों के दे श को लौट गया। और पिल ी िय े ल को चढ़ गए।।
1 शमू एल 30
1 तीसरे िदन जब दाऊद अपने जनों समेत िसकलग प ंचा, तब उ ोंने ा दे खा, िक अमालेिकयों ने द न दे श और िसकलग पर चढ़ाई की। और िसकलग को मार के फूंक िदया,
2 और उस म की ी आिद छोटे बड़े िजतने थे, सब को ब ुआई म ले गए; उ ोंने िकसी को मार तो नहीं डाला, पर ु सभों को ले कर अपना माग िलया।
3 इसिलये जब दाऊद अपने जनों समेत उस नगर म प ंचा, तब नगर तो जला पड़ा था, और यां और बे टे-बे िटयां ब ुआई म चली गई थी ं।
4 तब दाऊद और वे लोग जो उसके साथ थे िच ाकर इतना रोए, िक िफर उन म रोने की श न रही।
5 और दाऊद की दो यां, िय ेली अहीनोअम, और कमली नाबाल की ी अबीगै ल, ब ुआई म गई थी ं।
6 और दाऊद बड़े संकट म पड़ा; ोंिक लोग अपने बेटे-बेिटयों के कारण ब त शोिकत हो कर उस पर प रवाह करने की चचा कर रहे थे। पर ु दाऊद ने अपने परमे र यहोवा को
रण कर के िहयाव बा ा।।
7 तब दाऊद ने अहीमेलेक के पु ए ातार याजक से कहा, एपोद को मेरे पास ला। तब ए ातार एपोद को दाऊद के पास ले आया।
8 और दाऊद ने यहोवा से पूछा, ा म इस दल का पीछा क ं ? ा उसको जा पकडूंगा? उसने उस से कहा, पीछा कर; ोंिक तू िन य उसको पकड़े गा, और िनस े ह सब कुछ
छु ड़ा लाएगा;
9 तब दाऊद अपने छ: सौ साथी जनों को ले कर बसोर नाम नाले तक प ं चा; वहां कुछ लोग छोड़े जा कर रह गए।
10 दाऊद तो चार सौ पु षों समेत पीछा िकए चला गया; पर ु दौ सौ जो ऐसे थक गए थे, िक बसोर नाले के पार न जा सके वहीं रहे ।
11 उन को एक िम ी पु ष मैदान म िमला, उ ोंने उसे दाऊद के पास ले जा कर रोटी दी; और उसने उसे खाया, तब उसे पानी िपलाया,
12 िफर उ ोंने उसको अं जीर की िटिकया का एक टु कड़ा और दो गु े िकशिमश िदए। और जब उसने खाया, तब उसके जी म जी आया; उसने तीन िदन और तीन रात से न तो रोटी
खाई थी और न पानी िपया था।
13 तब दाऊद ने उस से पूछा, तू िकस का जन है? और कहां का है? उसने कहा, म तो िम ी जवान और एक अमालेकी मनु का दास ँ; और तीन िदन ए िक म बीमार पड़ा, और
मेरा ामी मुझे छोड़ गया।
14 हम लोगों ने करे ितयों की द न िदशा म, और य दा के दे श म, और काले ब की द न िदशा म चढाई की; और िसकलग को आग लगाकर फूंक िदया था।
15 दाऊद ने उस से पू छा, ा तू मुझे उस दल के पास प ंचा दे गा? उसने कहा, मु झ से परमे र की यह शपथ खा, िक म तुझे न तो ाण से मा ं गा, और न तेरे ामी के हाथ कर दू ं गा,
तब म तु झे उस दल के पास प ंचा दू ं गा।
16 जब उसने उसे प ं चाया, तब दे खने म आया िक वे सब भूिम पर िछटके ए खाते पीते, और उस बडी लू ट के कारण, जो वे पिल यों के दे श और य दा दे श से लाए थे, नाच रहे ह।
17 इसिलये दाऊद उ रात के पिहले पहर से ले कर दू सरे िदन की सांझ तक मारता रहा; यहां तक िक चार सौ जवान को छोड़, जो ऊंटों पर चढ़कर भाग गए, उन म से एक भी मनु
न बचा।
18 और जो कुछ अमालेकी ले गए थे वह सब दाऊद ने छु ड़ाया; और दाऊद ने अपनी दोनों यों को भी छु ड़ा िलया।
19 वरन उनके ा छोटे , ा बड़े , ा बेटे, ा बेिटयां, ा लू ट का माल, सब कुछ जो अमाले की ले गए थे, उस म से कोई व ु न रही जो उन को न िमली हो; ोंिक दाऊद सब का
सब लौटा लाया।
20 और दाऊद ने सब भेड़-बक रयां, और गाय-बैल भी लू ट िलये; और इ लोग यह कहते ए अपने जानवरों के आगे हांकते गए, िक यह दाऊद की लूट है।
21 तब दाऊद उन दो सौ पु षों के पास आया, जो ऐसे थक गए थे िक दाऊद के पीछे पीछे न जा सके थे , और बसोर नाले के पास छोड़ िदए गए थे ; और वे दाऊद से और उसके संग
के लोगों से िमलने को चले; और दाऊद ने उनके पास प ंचकर उनका कुशल े म पूछा।
22 तब उन लोगों म से जो दाऊद के संग गए थे सब दु और ओछे लोगों ने कहा, ये लोग हमारे साथ नही ं चले थे, इस कारण हम उ अपने छु ड़ाए ए लूट के माल म से कुछ न दगे,
केवल एक एक मनु को उसकी ी और बाल ब े दगे, िक वे उ ले कर चले जाएं ।
23 पर ु दाऊद ने कहा, हे मेरे भाइयो, तुम उस माल के साथ ऐसा न करने पाओगे िजसे यहोवा ने हम िदया है ; और उसने हमारी र ा की, और उस दल को िजसने हमारे ऊपर चढाई
की थी हमारे हाथ म कर िदया है।
24 और इस िवषय म तु ारी कौन सुनेगा? लड़ाई म जाने वाले का जैसा भाग हो, सामान के पास बैठे हए का भी वैसा ही भाग होगा; दोनों एक ही समान भाग पाएं गे ।
25 और दाऊद ने इ ाएिलयों के िलये ऐसी ही िविध और िनयम ठहराया, और वह उस िदन से ले कर आगे को वरन आज लों बना है ।
26 िसकलग म प ंचकर दाऊद ने य दी पुरिनयों के पास जो उसके िम थे लूट के माल म से कुछ कुछ भे जा, और यह कहलाया, िक यहोवा के श ुओ ं से ली ई लूट म से तु ारे िलये
यह भट है।
27 अथात बेतेल के द न दे श के रामोत,य ीर,
28 अरोएर, िसपमोत, ए मो,
29 राकाल, यरहमेिलयों के नगरों, केिनयों के नगरों,
30 होमा, कोराशान, अताक,
31 हे ोन आिद िजतने थानों म दाऊद अपने जनों समेत िफरा करता था, उन सब के पुरिनयों के पास उसने कुछ कुछ भे जा।
1 शमू एल 31
1 पिल ी तो इ ाएिलयों से लड़े ; और इ ाएली पु ष पिल यों के सा ने से भागे, और िगलबो नाम पहाड़ पर मारे गए।
2 और पिल ी शाऊल और उसके पु ों के पीछे लगे रहे; और पिल यों ने शाऊल के पु योनातन, अबीनादाब, और म ीश को मार डाला।
3 और शाऊल के साथ धमासान यु हो रहा था, और धनु धा रयों ने उसे जा िलया, और वह उनके कारण अ ाकुल हो गया।
4 तब शाऊल ने अपने हिथयार ढोने वाले से कहा, अपनी तलवार खी ंच कर मु झे भोंक दे , ऐसा न हो िक वे खतनारिहत लोग आकर मुझे भोंक द, और मेरी ठ ा कर। पर ु उसके
हिथयार ढोने वाले ने अ भय खाकर ऐसा करने से इ ार िकया। तब शाऊल अपनी तलवार खड़ी कर के उस पर िगर पड़ा।
5 यह दे खकर िक शाऊल मर गया, उसका हिथयार ढोने वाला भी अपनी तलवार पर आप िगर कर उसके साथ मर गया।
6 यों शाऊल, और उसके तीनों पु , और उसका हिथयार ढोने वाला, और उसके सम जन उसी िदन एक सं ग मर गए।
7 यह दे खकर िक इ ाएली पु ष भाग गए, और शाऊल और उसके पु मर गए, उस तराई की परली ओर वाले और यरदन के पार रहने वाले भी इ ाएली मनु अपने अपने नगरों को
छोड़कर भाग गए; और पिल ी आकर उन म रहने लगे।
8 दू सरे िदन जब पिल ी मारे ओं के माल को लूटने आए, तब उन को शाऊल और उसके तीनों पु िगलबो पहाड़ पर पड़े ए िमले।
9 तब उ ोंने शाऊल का िसर काटा, और हिथयार लूट िलये, और पिल यों के दे श के सब थानों म दू तों को इसिलये भेजा, िक उनके दे वालयों और साघारण लोगों म यह शुभ
समाचार दे ते जाएं ।
10 तब उ ोंने उसके हिथयार तो आ ोरे त नाम दे िवयों के म र म रखे , और उसकी लोथ बे तशान की शहरपनाह म जड़दी।
11 जब िगलाद वाले याबेश के िनवािसयों ने सुना िक पिल यों ने शाऊल से ा ा िकया है ,
12 तब सब शूरवीर चले, और रातोंरात जा कर शाऊल और उसके पु ों की लोथ बे तशान की शहरपनाह पर से याबे श म ले आए, और वहीं फूंक दीं
13 तब उ ोंने उनकी हि यां ले कर याबे श के झाऊ के पेड़ के नीचे गाड़ दी ं, और सात िदन तक उपवास िकया।
2 शमू एल 1
1 शाऊल के मरने के बाद, जब दाऊद अमालेिकयों को मारकर लौटा, और दाऊद को िसकलग म रहते ए दो िदन हो गए,
2 तब तीसरे िदन ऐसा आ िक छावनी म से शाऊल के पास से एक पु ष कपड़े फाड़े िसर पर धूली डाले ए आया। और जब वह दाऊद के पास प ंचा, तब भूिम पर िगरा और
द वत् िकया।
3 दाऊद ने उस से पूछा, तू कहां से आया है? उसने उस से कहा, म इ ाएली छावनी म से बचकर आया ं ।
4 दाऊद ने उस से पूछा, वहां ा बात ई? मुझे बता। उसने कहा, यह, िक लोग रणभू िम छोड़कर भाग गए, और ब त लोग मारे गए; और शाऊल और उसका पु योनातन भी मारे
गए ह।
5 दाऊद ने उस समाचार दे ने वाले जवान से पूछा, िक तू कैसे जानता है िक शाऊल और उसका पु योनातन मर गए?
6 समाचार दे ने वाले जवान ने कहा, संयोग से म िगलबो पहाड़ पर था; तो ा दे खा, िक शाऊल अपने भाले की टे क लगाए ए है; िफर म ने यह भी दे खा िक उसका पीछा िकए ए रथ
और सवार बड़े वेग से दौड़े आ रहे ह।
7 उसने पीछे िफरकर मुझे दे खा, और मुझे पुकारा। म ने कहा, ा आ ा?
8 उसने मु झ से पूछा, तू कौन है? म ने उस से कहा, म तो अमाले की ँ ।
9 उसने मु झ से कहा, मेरे पास खड़ा हो कर मुझे मार डाल; ोंिक मेरा िसर तो घुमा जाता है, पर ु ाण नहीं िनकलता।
10 तब म ने यह िन य जान िलया, िक वह िगर जाने के पहचात् नही ं बच सकता, उसके पास खड़े हो कर उसे मार डाला; और म उसके िसर का मुकुट और उसके हाथ का कंगन ले
कर यहां अपने भु के पास आया ँ।
11 तब दाऊद ने अपने कपड़े पकड़कर फाड़े ; और िजतने पु ष उसके सं ग थे उ ोंने भी वैसा ही िकया;
12 और वे शाऊल, और उसके पु योनातन, और यहोवा की जा, और इ ाएल के घराने के िलये छाती पीटने और रोने लगे, और सांझ तक कुछ न खाया, इस कारण िक वे तलवार से
मारे गए थे।
13 िफर दाऊद ने उस समाचार दे ने वाले जवान से पूछा, तू कहां का है ? उसने कहा, म तो परदे शी का बे टा अथात अमाले की ँ।
14 दाऊद ने उस से कहा, तू यहोवा के अिभिष को नाश करने के िलये हाथ बढ़ाने से ों नही ं डरा?
15 तब दाऊद ने एक जवान को बुलाकर कहा, िनकट जा कर उस पर हार कर। तब उसने उसे ऐसा मारा िक वह मर गया।
16 और दाऊद ने उस से कहा, तेरा खून तेरे ही िसर पर पड़े ; ोंिक तू ने यह कहकर िक म ही ने यहोवा के अिभिष को मार डाला, अपने मुंह से अपने ही िव सा ी दी है ।
17 (शाऊल और योनातन के िलये दाऊद का बनाया आ िवलापगीत ) तब दाऊद ने शाऊल और उसके पु योनातन के िवषय यह िवलापगीत बनाया,
18 और य िदयों को यह धनुष नाम गीत िसखाने की आ ा दी; यह याशार नाम पु क म िलखा आ है ;
19 हे इ ाएल, ते रा िशरोमिण तेरे ऊंचे थान पर मारा गया। हाय, शूरवीर ोंकर िगर पड़े ह!
20 गत म यह न बताओ, और न अ लोन की सड़कों म चार करना; न हो िक पिल ी याँ आन त हों, न हो िक खतनारिहत लोगों की बेिटयां गव करने लग।
21 हे िगलबो पहाड़ो, तुम पर न ओस पड़े , और न वषा हो, और न भट के यो उपज वाले खे त पाए जाएं ! ोंिक वहां शूरवीरों की ढाल अशु हो गई। और शाऊल की ढाल िबना तेल
लगाए रह गई।
22 जूझे ओं के लो बहाने से , और शूरवीरों की चब खाने से , योनातन का धनु ष लौट न जाता था, और न शाऊल की तलवार छूछी िफर आती थी।
23 शाऊल और योनातन जीवनकाल म तो ि य और मनभाऊ थे, और अपनी मृ ु के समय अलग न ए; वे उकाब से भी वेग चलने वाले, और िसंह से भी अिधक परा मी थे ।
24 हे इ ाएली यो, शाऊल के िलये रोओ, वह तो तु लाल रं ग के व पिहनाकर सुख दे ता, और तु ारे व ों के ऊपर सोने के गहने पिहनाता था।
25 हाय, यु के बीच शूरवीर कैसे काम आए! हे योनातन, हे ऊंचे थानों पर जू झे ए,
26 हे मेरे भाई योनातन, म तेरे कारण दु : खत ँ; तू मुझे ब त मनभाऊ जान पड़ता था; तेरा ेम मुझ पर अद् भुत, वरन यों के ेम से भी बढ़कर था।
27 हाय, शूरवीर ोंकर िगर गए, और यु के हिथयार कैसे नाश हो गए ह!
2 शमू एल 2
1 इसके बाद दाऊद ने यहोवा से पूछा, िक ा म य दा के िकसी नगर म जाऊं? यहोवा ने उस से कहा, हां , जा। दाऊद ने िफर पूछा, िकस नगर म जाऊं? उसने कहा, हे ोन म।
2 तब दाऊद िय ेली अहीनोअम, और कमली नाबाल की ी अबीगैल नाम, अपनी दोनों पि यों समे त वहाँ गया।
3 और दाऊद अपने सािथयों को भी एक एक के घराने समेत वहां ले गया; और वे हे ोन के गां वों म रहने लगे ।
4 और य दी लोग गए, और वहां दाऊद का अिभषेक िकया िक वह य दा के घराने का राजा हो।
5 और दाऊद को यह समाचार िमला, िक िज ोंने शाऊल को िम ी दी वे िगलाद के याबेश नगर के लोग ह। तब दाऊद ने दू तों से िगलाद के याबेश के लोगों के पास यह कहला भे जा,
िक यहोवा की आिशष तुम पर हो, ोंिक तुम ने अपने भु शाऊल पर यह कृपा कर के उसको िम ी दी।
6 इसिलये अब यहोवा तुम से कृपा और स ाई का ब ाव करे ; और म भी तु ारी इस भलाई का बदला तु म को दू ं गा, ोंिक तुम ने यह काम िकया है।
7 और अब िहयाव बा ो, और पु षाथ करो; ोंिक तु ारा भु शाऊल मर गया, और य दा के घराने ने अपने ऊपर राजा होने को मेरा अिभषेक िकया है।
8 पर ु नेर का पु अ ेर जो शाऊल का धान सेनापित था, उसने शाऊल के पु ईशबोशेत को संग ले पार जा कर महनैम म प ंचाया;
9 और उसे िगलाद अशू रयों के दे श िय ेल, ए ैम, िब ामीन, वरन सम इ ाएल के दे श पर राजा िनयु िकया।
10 शाऊल का पु ईशबोशेत चालीस वष का था जब वह इ ाएल पर रा करने लगा, और दो वष तक रा करता रहा। पर ु य दा का घराना दाऊद के प म रहा।
11 और दाऊद के हे ोन म य दा के घराने पर रा करने का समय साढ़े सात वष था।
12 और नेर का पु अ ेर, और शाऊल के पु ईशबोशेत के जन, महनै म से िगबोन को आए।
13 तब स याह का पु योआब, और दाऊद के जन, हे ोन से िनकलकर उन से िगबोन के पोखरे के पास िमले; और दोनों दल उस पोखरे की एक एक ओर बै ठ गए।
14 तब अ ेर ने योआब से कहा, जवान लोग उठ कर हमारे सा ने खेल। योआब ने कहा, वे उठ।
15 तब वे उठे , और िब ामीन, अथात शाऊल के पु ईशबोशेत के प के िलये बारह जन िगनकर िनकले, और दाऊद के जनों म से भी बारह िनकले।
16 और उ ोंने एक दू सरे का िसर पकड़कर अपनी अपनी तलवार एक दू सरे के पां जर म भोंक दी; और वे एक ही संग मरे । इस से उस थान का नाम हे थ ूरीम पड़ा, वह िगबोन
म है।
17 और उस िदन बड़ा घोर से यु आ; और अ ेर और इ ाएल के पु ष दाऊद के जनों से हार गए।
18 वहां तो योआब, अबीशै, और असाहेल नाम स याह के तीनों पु थे। और असाहे ल बनै ले िचकारे के समान वेग दौड़नेवाला था।
19 तब असाहेल अ ेर का पीछा करने लगा, और उसका पीछा करते ए न तो दािहनी ओर मु ड़ा न बाई ओर।
20 अ ेर ने पीछे िफरके पूछा, ा तू असाहेल है? उसने कहा, हां म वही ँ ।
21 अ ेर ने उस से कहा, चाहे दािहनी, चाहे बाई ओर मुड़, िकसी जवान को पकड़कर उसका बकतर ले ले। पर ु असाहे ल ने उसका पीछा न छोड़ा।
22 अ ेर ने असाहेल से िफर कहा, मेरा पीछा छोड़ दे ; मु झ को ों तु झे मार के िम ी म िमला दे ना पड़े ? ऐसा कर के म ते रे भाई योआब को अपना मुख कैसे िदखाऊंगा?
23 तौभी उसने हट जाने को नकारा; तब अ ेर ने अपने भाले की िपछाड़ी उसके पे ट म ऐसे मारी, िक भाला आरपार हो कर पीछे िनकला; और वह वहीं िगर के मर गया। और िजतने
लोग उस थान पर आए जहां असाहेल िगर के मर गया, वहां वे सब खढ़े रहे ।
24 पर ु योआब और अबीशै अ ेर का पीछा करते रहे; और सूय डूबते डूबते वे अ ा नाम उस पहाड़ी तक प ं चे, जो िगबोन के जंगल के माग म गीह के सा ने है।
25 और िब ामीनी अब ेर के पीछे हो कर एक दल हो गए, और एक पहाड़ी की चोटी पर खड़े ए।
26 तब अ ेर योआब को पुकार के कहने लगा, ा तलवार सदा मारती रहे? ा तू नहीं जानता िक इसका फल दु :खदाई होगा? तू कब तक अपने लोगों को आ ा न दे गा, िक अपने
भाइयों का पीछा छोड़ कर लौटो?
27 योआब ने कहा, परमे र के जीवन की शपथ, िक यिद तू न बोला होता, तो िन:स े ह लोग सवेरे ही चले जाते, और अपने अपने भाई का पीछा न करते।
28 तब योआब ने नरिसंगा फूंका; और सब लोग ठहर गए, और िफर इ ाएिलयों का पीछा न िकया, और लड़ाई िफर न की।
29 और अ ेर अपने जनों समेत उसी िदन रातोंरात अराबा से हो कर गया; और यरदन के पार हो सम िब ोन दे श म हो कर महनैम म प ंचा।
30 और योआब अ ेर का पीछा छोड़कर लौटा; और जब उसने सब लोगों को इक ा िकया, तब ा दे खा, िक दाऊद के जनों म से उ ीस पु ष और असाहे ल भी नही ं ह।
31 पर ु दाऊद के जनों ने िब ामीिनयों और अ ेर के जनों को ऐसा मारा िक उन म से तीन सौ साठ जन मर गए।
32 और उ ोंने असाहे ल को उठा कर उसके िपता के क़ि ान म, जो बे तले हेम म था, िम ी दी। तब योआब अपने जनों समेत रात भर चलकर पह फटते हे ोन म प ंचा।
2 शमू एल 3
1 शाऊल के घराने और दाऊद के घराने के म ब त िदन तक लड़ाई होती रही; पर ु दाऊद बल होता गया, और शाऊल का घराना िनबल पड़ता गया।
2 और हे ोन म दाऊद के पु उ ए; उसका जेठा बे टा अ ोन था, जो िय ेली अहीनोअम से उ आ था;
3 और उसका दू सरा िकलाव था, िजसकी मां कमली नाबाल की ी अबीगैल थी; तीसरा अबशालोम, जो गशूर के राजा त ै की बेटी माका से उ आ था;
4 चौथा अदोिन ाह, जो ह ीत से उ आ था; पांचवां शप ाह, िजसकी मां अबीतल थी;
5 छठवां िय ाम, जो ऐ ा नाम दाऊद की ी से उ आ। हे ोन म दाऊद से थे ही स ान उ ए।
6 जब शाऊल और दाऊद दोनों के घरानों के म लड़ाई हो रही थी, तब अ े र शाऊल के घराने की सहायता म बल बढ़ाता गया।
7 शाऊल की एक रखे ली थी िजसका नाम र ा था, वह अ ा की बेटी थी; और ईशबोशेत ने अ े र से पूछा, तू मेरे िपता की रखेली के पास ों गया?
8 ईशबोशेत की बातों के कारण अ ेर अित ोिधत हो कर कहने लगा, ा म य दा के कु े का िसर ँ ? आज तक म तेरे िपता शाऊल के घराने और उसके भाइयों और िम ों को ीित
िदखाता आया ँ, और तु झे दाऊद के हाथ पड़ने नही ं िदया; िफर तू अब मुझ पर उस ी के िवषय म दोष लगाता है?
9 यिद म दाऊद के साथ ई र की शपथ के अनुसार बताव न क ं , तो परमे शवर अ ेर से वैसा ही, वरन उस से भी अिधक करे ;
10 अथात म रा को शाऊल के घराने से छीनूंगा, और दाऊद की राजग ी दान से ले कर बेशबा तक इ ाएल और य दा के ऊपर थर क ं गा।
11 और वह अ ेर को कोई उ र न दे सका, इसिलये िक वह उस से डरता था।
12 तब अ ेर ने उसके नाम से दाऊद के पास दू तों से कहला भेजा, िक दे श िकस का है ? और यह भी कहला भे जा, िक तू मे रे साथ वाचा बा , और म तेरी सहायता क ं गा िक सम
इ ाएल के मन तेरी ओर फेर दू ं ।
13 दाऊद ने कहा, भला, म तेरे साथ वाचा तो बा ूंगा पर ु एक बात म तुझ से चाहता ँ ; िक जब तू मुझ से भट करने आए, तब यिद तू पिहले शाऊल की बेटी मीकल को न ले आए, तो
मुझ से भट न होगी।
14 िफर दाऊद ने शाऊल के पु ईशबोशेत के पास दू तों से यह कहला भेजा, िक मेरी प ी मीकल, िजसे म ने एक सौ पिल यों की खलिडय़ां दे कर अपनी कर िलया था, उसको मुझे
दे दे ।
15 तब ईशबोशेत ने लोगों को भेज कर उसे लैश के पु पलतीएल के पास से छीन िलया।
16 और उसका पित उसके साथ चला, और ब रीम तक उसके पीछे रोता आ चला गया। तब अ े र ने उस से कहा, लौट जा; और वह लौट गया।
17 और अ ेर ने इ ाएल के पु रिनयों के संग इस कार की बातचीत की, िक पिहले तो तु म लोग चाहते थे िक दाऊद हमारे ऊपर राजा हो।
18 अब वैसा करो; ोंिक यहोवा ने दाऊद के िवषय म यह कहा है, िक अपने दास दाऊद के ारा म अपनी जा इ ाएल को पिल यों, वरन उनके सब श ुओ ं के हाथ से
छु ड़ाऊंगा।
19 िफर अ े र ने िब ामीन से भी बात की ं; तब अ ेर हे ोन को चला गया, िक इ ाएल और िब ामीन के सम घराने को जो कुछ अ ा लगा, वह दाऊद को सुनाए।
20 तब अ ेर बीस पु ष संग ले कर हे ोन म आया, और दाऊद ने उसके और उसके संगी पु षों के िलये जे वनार की।
21 तब अ ेर ने दाऊद से कहा, म उठ कर जाऊंगा, और अपने भु राजा के पास सब इ ाएल को इक ा क ं गा, िक वे तेरे साथ वाचा बा , और तू अपनी इ ा के अनुसार रा कर
सके। तब दाऊद ने अ ेर को िवदा िकया, और वह कुशल से चला गया।
22 तब दाऊद के कई एक जन योआब समेत कहीं चढ़ाई कर के ब त सी लू ट िलये ए आ गए। और अ ेर दाऊद के पास हे ोन म न था, ोंिक उसने उसको िवदा कर िदया था,
और वह कुशल से चला गया था।
23 जब योआब और उसके साथ की सम से ना आई, तब लागों ने योआब को बताया, िक नेर का पु अ े र राजा के पास आया था, और उसने उसको िबदा कर िदया, और वह कुशल
से चला गया।
24 तब योआब ने राजा के पास जा कर कहा, तू ने यह ा िकया है? अ ेर जो ते रे पास आया था, तो ा कारण है िक तू ने उसको जाने िदया, और वह चला गया है?
25 तू नेर के पु अ ेर को जानता होगा िक वह तुझे धोखा दे ने, और तेरे आने जाने , और कुल काम का भे द ले ने आया था।
26 योआब ने दाऊद के पास से िनकलकर दाऊद के अनजाने अ ेर के पीछे दू त भे जे, और वे उसको सीरा नाम कु से लौटा ले आए।
27 जब अ े र हे ोन को लौट आया, तब योआब उस से एका म बात करने के िलये उसको फाटक के भीतर अलग ले गया, और वहां अपने भाई असाहेल के खून के पलटे म उसके
पे ट म ऐसा मारा िक वह मर गया।
28 इसके बाद जब दाऊद ने यह सुना, तो कहा, नेर के पु अ ेर के खू न के िवषय म अपनी जा समे त यहोवा की ि म सदै व िनद ष र ंगा।
29 वह योआब और उसके िपता के सम घराने को लगे ; और योआब के वंश म कोई न कोई मे ह का रोगी, और कोढ़ी, और बैसाखी का लगाने वाला, और तलवार से खेत आने वाला,
और भूख मरने वाला सदा होता रहे।
30 योआब और उसके भाई अबीशै ने अ ेर को इस कारण घात िकया, िक उसने उनके भाई असाहे ल को िगबोन म लड़ाई के समय मार डाला था।
31 तब दाऊद ने योआब और अपने सब संगी लागों से कहा, अपने व फाड़ो, और कमर म टाट बा कर अ े र के आगे आगे चलो। और दाऊद राजा यं अथी ं के पीछे पीछे चला।
32 अ ेर को हे ोन म िम ी दी गई; और राजा अ ेर की क के पास फूट फूटकर रोया; और सब लोग भी रोए।
33 तब दाऊद ने अ ेर के िवषय यह िवलापगीत बनाया िक, ा उिचत था िक अ े र मूढ़ की नाईं मरे ?
34 न तो ते रे हाथ बा े गए, और न ते रे पांवों म बेिडय़ां डाली गई; जै से कोई कुिटल मनु ों से मारा जाए, वैसे ही तू मारा गया।
35 तब सब लोग उसके िवषय िफर रो उठे । तब सब लोग कुछ िदन रहते दाऊद को रोटी खलाने आए; पर ु दाऊद ने शपथ खाकर कहा, यिद म सूय के अ होने से पिहले रोटी वा
और कोई व ु खाऊं, तो परमे र मुझ से ऐसा ही, वरन इस से भी अिधक करे ।
36 और सब लोगों ने इस पर िवचार िकया और इस से स ए, वैसे ही जो कुछ राजा करता था उस से सब लोग स होते थे।
37 तब उन सब लोगों ने, वरन सम इ ाएल ने भी, उसी िदन जान िलया िक नेर के पु अ े र का घात िकया जाना राजा की और से नहीं आ।
38 और राजा ने अपने कमचा रयों से कहा, ा तुम लोग नही ं जानते िक इ ाएल म आज के िदन एक धान और तापी मनु मरा है?
39 और य िप म अिभिष राजा ँ तौभी आज िनबल ँ; और वे स याह के पु मु झ से अिधक च ह। पर ु यहोवा बुराई करने वाले को उसकी बुराई के अनुसार ही पलटा दे ।
2 शमू एल 4
1 जब शाऊल के पु ने सुना, िक अ ेर हे ोन म मारा गया, तब उसके हाथ ढीले पड़ गए, और सब इ ाएली भी घबरा गए।
2 शाऊल के पु के दो जन थे जो दलों के धान थे; एक का नाम बाना, और दू सरे का नाम रे काब था, ये दोनों बे रोतवासी िब ामीनी र ोन के पु थे, ( ोंिक बे रोत भी िब ामीन के
भाग म िगना जाता है;
3 और बे रोती लोग िगतैम को भाग गए, और आज के िदन तक वही ं परदे शी हो कर रहते ह।)
4 शाऊल के पु योनातन के एक लंगड़ा बेटा था। जब िय े ल से शाऊल और योनातन का समाचार आया तब वह पां च वष का था; उस समय उसकी धाई उसे उठा कर भागी; और
उसके उतावली से भागने के कारण वह िगर के लंगड़ा हो गया। और उसका नाम मपीबोशेत था।
5 उस बे रोती र ोन के पु रे काब और बाना कड़े घाम के समय ईशबोशेत के घर म जब वह दोपहर को िव ाम कर रहा था आए।
6 और गे ं ले जाने के बहाने मे घर म घुस गए; और उसके पेट म मारा; तब रे काब और उसका भाई बाना भाग िनकले।
7 जब वे घर म घुसे, और वह सोने की कोठरी म चारपाई पर सोता था, तब अ ोंने उसे मार डाला, और उसका िसर काट िलया, और उसका िसर ले कर रातोंरात अराबा के माग से
चले।
8 और वे ईशबोशेत का िसर हे ोन म दाऊद के पास ले जा कर राजा से कहने लगे , दे ख, शाऊल जो तेरा श ु और तेरे ाणों का ाहक था, उसके पु ईशबोशेत का यह िसर है; तो
आज के िदन यहोवा ने शाऊल और उसके वंश से मेरे भु राजा का पलटा िलया है ।
9 दाऊद ने बेरोती र ोन के पु रे काब और उसके भाई बाना को उ र दे कर उन से कहा, यहोवा जो मे रे ाण को सब िवपि यों से छु ड़ाता आया है, उसके जीवन की शपथ,
10 जब िकसी ने यह जानकर, िक म शुभ समाचार दे ता ं, िसकलग म मु झ को शाऊल के मरने का समाचार िदया, तब म ने उसको पकड़कर घात कराया; अथात उसको समाचार का
यही बदला िमला।
11 िफर जब दु मनु ों ने एक िनद ष मनु को उसी के घर म, वरन उसकी चारपाई ही पर घात िकया, तो म अब अव ही उसके खून का पलटा तुम से लूंगा, और तु धरती पर से
न कर डालूंगा।
12 तब दाऊद ने जवानों को आ ा दी, और उ ोंने उन को घात कर के उनके हाथ पांव काट िदए, और उनकी लोथों को हे ोन के पोखरे के पास टांग िदया। तब ईशबोशेत के िसर को
उठा कर हे ोन म अ ेर की क म गाड़ िदया।
2 शमू एल 5
1 ( दाऊद के य शलेम म रा करने का आर ) तब इ ाएल के सब गो दाऊद के पास हे ोन म आकर कहने लगे, सुन, हम लोग और तू एक ही हाड़ मांस ह।
2 िफर भूतकाल म जब शाऊल हमारा राजा था, तब भी इ ाएल का अगुवा तू ही था; और यहोवा ने तुझ से कहा, िक मेरी जा इ ाएल का चरवाहा, और इ ाएल का धान तू ही होगा।
3 सो सब इ ाएली पुरिनये हे ोन म राजा के पास आए; और दाऊद राजा ने उनके साथ हे ोन म यहोवा के सा ने वाचा बा ी, और उ ोंने इ ाएल का राजा होने के िलये दाऊद का
अिभषेक िकया।
4 दाऊद तीस वष का हो कर रा करने लगा, और चालीस वष तक रा करता रहा।
5 साढ़े सात वष तक तो उसने हे ोन म य दा पर रा िकया, और ततीस वष तक य शले म म सम इ ाएल और य दा पर रा िकया।
6 तब राजा ने अपने जनों को साथ िलये ए य शले म को जा कर यबूिसयों पर चढ़ाई की, जो उस दे श के िनवासी थे । उ ोंने यह समझकर, िक दाऊद यहां पैठ न सकेगा, उस से
कहा, जब तक तू अ े और लंगड़ों को दू र न करे , तब तक यहां पैठने न पाएगा।
7 तौभी दाऊद ने िस ोन नाम गढ़ को ले िलया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है ।
8 उस िदन दाऊद ने कहा, जो कोई यबूिसयों मारना चाहे, उसे चािहये िक नाले से हो कर चढ़े , और अ े और लंगड़े िजन से दाऊद मन से िघन करता है उ मारे । इस से यह कहावत
चली, िक अ े और लगड़े भवन म आने न पाएं गे।
9 और दाऊद उस गढ़ म रहने लगा, और उसका नाम दाऊदपुर रखा। और दाऊद ने चारों ओर िम ो से ले कर भीतर की ओर शहरपनाह बनवाई।
10 और दाऊद की बड़ाई अिधक होती गई, और सेनाओं का परमे र यहोवा उसके सं ग रहता था।
11 और सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दू त, और दे वदा की लकड़ी, और बढ़ई, और राजिम ी भेजे, और उ ोंने दाऊद के िलये एक भवन बनाया।
12 और दाऊद को िन य हो गया िक यहोवा ने मुझे इ ाएल का राजा कर के थर िकया, और अपनी इ ाएली जा के िनिम मेरा रा बढ़ाया है।
13 जब दाऊद हे ोन से आया तब उसके बाद उसने य शले म की और और रखेिलयां रख ली ं, और पि यां बना लीं; और उसके और बेटे बेिटयां उ ई।
14 उसके जो स ान य शलेम म उ ए, उनके ये नाम ह, अथात श ू , शोबाब, नातान, सु लैमान,
15 ियभार, एलोशू, नेपेग, यापी,
16 एलीशामा, ए ादा, और एलीपेलेत।
17 जब पिल यों ने यह सु ना िक इ ाएल का राजा होने के िलये दाऊद का अिभषे क आ, तब सब पिल ी दाऊद की खोज म िनकले; यह सुनकर दाऊद गढ़ म चला गया।
18 तब पिल ी आकर रपाईम नाम तराई म फैल गए।
19 तब दाऊद ने यहावा से पूछा, ा म पिल यों पर चढ़ाई क ं ? ा तू उ मे रे हाथ कर दे गा? यहोवा ने दाऊद से कहा, चढ़ाई कर; ोंिक म िन य पिल यों को ते रे हाथ कर
दू ं गा।
20 तब दाऊद बालपरासीम को गया, और दाऊद ने उ वही ं मारा; तब उसने कहा, यहोवा मेरे सा ने हो कर मेरे श ुओ ं पर जल की धारा की नाईं टू ट पड़ा है। इस कारण उसने
उसका नाम बालपरासीम रखा।
21 वहां उ ोंने अपनी मू रतों को छोड़ िदया, और दाऊद और उसके जन उ उठा ले गए।
22 िफर दू सरी बार पिल ी चढ़ाई कर के रपाईम नाम तराई म फैल गए।
23 जब दाऊद ने यहोवा से पूछा, तब उसने कहा, चढ़ाई न कर; उनके पीछे से घू मकर तू त वृ ों के सा ने से उन पर छापा मार।
24 और जब तू त वृ ों की फुनिगयों म से सेना के चलने की सी आहट तुझे सुनाईं पड़े , तब यह जानकर फुत करना, िक यहोवा पिल यों की से ना को मारने को मेरे आगे अभी पधारा
है ।
25 यहोवा की इस आ ा के अनुसार दाऊद गेबा से ले कर गेजेर तक पिल यों को मारता गया।
2 शमू एल 6
1 ( पिव स दू क का य शलेम म प ंचाया जाना ) िफर दाऊद ने एक और बार इ ाएल म से सब बड़े वीरों को, जो तीस हजार थे, इक ा िकया।
2 तब दाऊद और िजतने लोग उसके संग थे, वे सब उठ कर य दा के बाले नाम थान से चले, िक परमे र का वह स दू क ले आएं , जो क बों पर िवराजने वाले सेनाओं के यहोवा का
कहलाता है।
3 तब उ ोंने परमे र का स दू क एक नई गाड़ी पर चढ़ाकर टीले पर रहने वाले अबीनादाब के घर से िनकाला; और अबीनादाब के उ ा और अह ो नाम दो पु उस नई गाड़ी को
हां कने लगे।
4 और उ ोंने उसको परमे र के स दू क समेत टीले पर रहने वाले अबीनादाब के घर से बाहर िनकाला; और अह ो स दू क के आगे आगे चला।
5 और दाऊद और इ ाएल का सम घराना यहोवा के आगे सनौवर की लकड़ी के बने ए सब कार के बाजे और वीणा, सारं िगयां, डफ, डम , झांझ बजाते रहे।
6 जब वे नाकोन के खिलहान तक आए, तब उ ा ने अपना हाथ परमे र के स दू क की ओर बढ़ाकर उसे थाम िलया, ोंिक बै लों ने ठोकर खाई।
7 तब यहोवा का कोप उ ा पर भड़क उठा; और परमे र ने उसके दोष के कारण उसको वहां ऐसा मारा, िक वह वहां परमे र के स दू क के पास मर गया।
8 तब दाऊद अ स आ, इसिलये िक यहोवा उ ा पर टू ट पड़ा था; और उसने उस थान का नाम पे रेसु ा रखा, यह नाम आज के िदन तक वतमान है।
9 और उस िदन दाऊद यहोवा से डरकर कहने लगा, यहोवा का स दू क मेरे यहां ोंकर आए?
10 इसिलये दाऊद ने यहोवा के स दू क को अपने यहां दाऊदपु र म प ंचाना न चाहा; पर ु गतवासी ओबे देदोम के यहां प ंचाया।
11 और यहोवा का स दू क गती ओबेदेदोम के घर म तीन महीने रहा; और यहोवा ने ओबे देदोम और उसके सम घराने को आिशष दी।
12 तब दाऊद राजा को यह बताया गया, िक यहोवा ने ओबेदेदोम के घराने पर, और जो कुछ उसका है , उस पर भी परमे र के स दू क के कारण आिशष दी है। तब दाऊद ने जा कर
परमे र के स दू क को ओबेदेदोम के घर से दाऊदपुर म आन के साथ प ं चा िदया।
13 जब यहोवा के स दू क के उठाने वाले छ: कदम चल चु के, तब दाऊद ने एक बै ल और एक पाला पोसा आ बछड़ा बिल कराया।
14 और दाऊद सनी का एपोद कमर म कसे ए यहोवा के स ुख तन मन से नाचता रहा।
15 यों दाऊद और इ ाएल का सम घराना यहोवा के स दू क को जयजयकार करते और नरिसं गा फूंकते ए ले चला।
16 जब यहोवा का स दू क दाऊदपुर म आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खड़की म से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के स ुख नाचते कूदते दे खा, और उसे मन ही मन
तु जाना।
17 और लोग यहोवा का स दू क भीतर ले आए, और उसके थान म, अथात उस त ू म रखा, जो दाऊद ने उसके िलये खड़ा कराया था; और दाऊद ने यहोवा के स ुख होमबिल और
मेलबिल चढ़ाए।
18 जब दाऊद होमबिल और मेलबिल चढ़ा चुका, तब उसने सेनाओं के यहोवा के नाम से जा को आशीवाद िदया।
19 तब उसने सम जा को, अथात, ा ी ा पु ष, सम इ ाएली भीड़ के लोगों को एक एक रोटी, और एक एक टु कड़ा मांस, और िकशिमश की एक एक िटिकया बं टवा दी।
तब जा के सब लोग अपने अपने घर चले गए।
20 तब दाऊद अपने घराने को आशीवाद दे ने के िलये लौटा। और शाऊल की बे टी मीकल दाऊद से िमलने को िनकली, और कहने लगी, आज इ ाएल का राजा जब अपना शरीर
अपने कमचा रयों की लौंिडयों के सा ने ऐसा उघाड़े ए था, जैसा कोई िनक ा अपना तन उघाढ़े रहता है , तब ा ही तापी दे ख पड़ता था!
21 दाऊद ने मीकल से कहा, यहोवा, िजसने तेरे िपता और उसके सम घराने की स ी मु झ को चु नकर अपनी जा इ ाएल का धान होने को ठहरा िदया है, उसके स ु ख म ने
ऐसा खे ला--और म यहोवा के स ुख इसी कार खेला क ं गा।
22 और इस से भी म अिधक तु बनूंगा, और अपने लेखे नीच ठह ं गा; और िजन लौंिडयों की तू ने चचा की वे भी मेरा आदरमान करगी।
23 और शाऊल की बेटी मीकल के मरने के िदन तक उसके कोई स ान न आ।
2 शमू एल 7
1 जब राजा अपने भवन म रहता था, और यहोवा ने उसको उसके चारों ओर के सब श ुओ ं से िव ाम िदया था,
2 तब राजा नातान नाम भिव ा से कहने लगा, दे ख, म तो दे वदा के बने ए घर म रहता ँ , पर ु परमे र का स दू क त ू म रहता है।
3 नातान ने राजा से कहा, जो कुछ तेरे मन म हो उसे कर; ोंिक यहोवा ते रे संग है।
4 उसी िदन रात को यहोवा का यह वचन नातान के पास प ंचा,
5 िक जा कर मे रे दास दाऊद से कह, यहोवा यों कहता है, िक ा तू मेरे िनवास के िलये घर बनवाएगा?
6 िजस िदन से म इ ािलएयों को िम से िनकाल लाया आज के िदन तक म कभी घर म नहीं रहा, त ू के िनवास म आया जाया करता ँ।
7 जहां जहां म सम इ ाएिलयों के बीच िफरता रहा, ा म ने कही ं इ ाएल के िकसी गो से, िजसे म ने अपनी जा इ ाएल की चरवाही करने को ठहराया हो, ऐसी बात कभी कही,
िक तु म ने मेरे िलऐ दे वदा का घर ों नही ं बनवाया?
8 इसिलये अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, िक सेनाओं का यहोवा यों कहता है , िक म ने तो तु झे भे ड़शाला से , और भे ड़-बक रयों के पीछे पीछे िफरने से, इस मनसा से बुला िलया
िक तू मेरी जा इ ाएल का धान हो जाए।
9 और जहां कहीं तू आया गया, वहां वहां म तेरे संग रहा, और तेरे सम श ुओ ं को ते रे सा ने से नाश िकया है ; िफर म तेरे नाम को पृ ी पर के बड़े बड़े लोगों के नामों के समान
महान कर दू ं गा।
10 और म अपनी जा इ ाएल के िलये एक थान ठहराऊंगा, और उसको थर क ं गा, िक वह अपने ही थान म बसी रहेगी, और कभी चलायमान न होगी; और कुिटल लोग उसे
िफर दु :ख न दे ने पाएं गे, जैसे िक पिहले िदनों म करते थे,
11 वरन उस समय से भी जब म अपनी जा इ ाएल के ऊपर ायी ठहराता था; और म तुझे तेरे सम श ुओ ं से िव ाम दू ं गा। और यहोवा तुझे यह भी बताता है िक यहोवा तेरा घर
बनाए रखेगा।
12 जब ते री आयु पूरी हो जाएगी, और तू अपने पुरखाओं के संग सो जाएगा, तब म ते रे िनज वंश को ते रे पीछे खड़ा कर के उसके रा को थर क ं गा।
13 मेरे नाम का घर वही बनवाएगा, और म उसकी राजग ी को सदै व थर रखूं गा।
14 म उसका िपता ठह ं गा, और वह मेरा पु ठहरे गा। यिद वह अधम करे , तो म उसे मनु ों के यो द से , और आदिमयों के यो मार से ताड़ना दू ं गा।
15 पर ु मेरी क णा उस पर से ऐसे न हटे गी, जैसे म ने शाऊल पर से हटाकर उसको तेरे आगे से दू र िकया।
16 वरन ते रा घराना और तेरा रा मेरे सा ने सदा अटल बना रहेगा; तेरी ग ी सदै व बनी रहेगी।
17 इन सब बातों और इस दशन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा िदया।
18 तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के स ुख बैठा, और कहने लगा, हे भु यहोवा, ा क ं, और मे रा घराना ा है, िक तू ने मुझे यहां तक प ंचा िदया है?
19 पर ु तौभी, हे भु यहोवा, यह तेरी ी म छोटी सी बात ई; ोंिक तु ने अपने दास के घराने के िवषय आगे के ब त िदनों तक की चचा की है, और हे भु यहोवा, यह तो मनु
का िनयम है!
20 दाऊद तु झ से और ा कह सकता है? हे भु यहोवा, तू तो अपने दास को जानता है !
21 तू ने अपने वचन के िनिम , और अपने ही मन के अनु सार, यह सब बड़ा काम िकया है , िक ते रा दास उसको जान ले ।
22 इस कारण, हे यहोवा परमे र, तू महान् है; ोंिक जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तु कोई नहीं, और न तुझे छोड़ कोई और परमे र है।
23 िफर तेरी जा इ ाएल के भी तु कौन है? वह तो पृ ी भर म एक ही जाित है िजसे परमे र ने जा कर अपनी िनज जा करने को छु ड़ाया, इसिलये िक वह अपना नाम करे , ( और
तु ारे िलये बड़े बड़े काम करे ) और तू अपनी जा के सा ने , िजसे तू ने िम ी आिद जाित जाित के लोगों और उनके दे वताओं से छु ड़ा िलया, अपने दे श के िलये भयानक काम करे ।
24 और तू ने अपनी जा इ ाएल को अपनी सदा की जा होने के िलये ठहराया; और हे यहोवा, तू आप उसका परमे र है।
25 अब हे यहोवा परमे र, तू ने जो वचन अपने दास के और उसके घराने के िवषय िदया है , उसे सदा के िलये थर कर, और अपने कहने के अनूसार ही कर;
26 और यह कर िक लोग तेरे नाम की मिहमा सदा िकया कर, िक सेनाओं का यहोवा इ ाएल के ऊपर परमे र है ; और तेरे दास दाऊद का घराना तेरे सा ने अटल रहे ।
27 ोंिक, हे से नाओं के यहोवा, हे इ ाएल के परमे र, तू ने यह कहकर अपने दास पर गट िकया है , िक म तेरा घर बनाए रखूंगा; इस कारण तेरे दास को तुझ से यह ाथना करने
का िहयाव आ है।
28 और अब हे भु यहोवा, तू ही परमे र है, और तेरे वचन स ह, और तू ने अपने दास को यह भलाई करने का वचन िदया है;
29 तो अब स हो कर अपने दास के घराने पर ऐसी आशीष दे , िक वह तेरे स ु ख सदै व बना रहे ; ोंिक, हे भु यहोवा, तू ने ऐसा ही कहा है, और तेरे दास का घराना तु झ से आशीष
पाकर सदै व ध रहे।
2 शमू एल 8
1 इसके बाद दाऊद ने पिल यों को जीतकर अपने आधीन कर िलया, और दाऊद ने पिल यों की राजधानी की भु ता उनके हाथ से छीन ली।
2 िफर उसने मोआिबयों को भी जीता, और इन को भूिम पर िलटाकर डोरी से मापा; तब दो डोरी से लोगों को मापकर घात िकया, और डोरी भर के लोगों को जीिवत छोड़ िदया। तब
मोआबी दाऊद के आधीन हो कर भट ले आने लगे।
3 िफर जब सोबा का राजा रहोब का पु हददे जेर महानद के पास अपना रा िफर ों का ों करने को जा रहा था, तब दाऊद ने उसको जीत िलया।
4 और दाऊद ने उस से एक हजार सात सौ सवार, और बीस हजार ादे छीन िलये ; और सब रथ वाले घोड़ों के सुम की नस कटवाई, पर ु एक सौ रथ वाले घोड़े बचा रखे।
5 और जब दिम के अरामी सोबा के राजा हददे जेर की सहायता करने को आए, तब दाऊद ने आरािमयों म से बाईस हज़ार पु ष मारे ।
6 तब दाऊद ने दिम म अराम के िसपािहयों की चौिकयां बैठाई; इस कार अरामी दाऊद के आधीन हो कर भट ले आने लगे। और जहां जहां दाऊद जाता था वहां वहां यहोवा
उसको जयव करता था।
7 और हददे जेर के कमचा रयों के पास सोने की जो ढाल थी ं उ दाऊद ले कर य शले म को आया।
8 और बे तह और बरौतै नाम हददे जेर के नगरों से दाऊद राजा ब त सा पीतल ले आया।
9 और जब हमात के राजा तोई ने सुना िक दाऊद ने हददे जेर की सम सेना को जीत िलया है ,
10 तब तोई ने योराम नाम अपने पु को दाऊद राजा के पास उसका कुशल े म पू छने , और उसे इसिलये बधाई दे ने को भेजा, िक उसने हददे जेर से लड़ कर उसको जीत िलया था;
ोंिक हददे जेर तोई से लड़ा करता था। और योराम चांदी, सोने और पीतल के पा िलये ए आया।
11 इन को दाऊद राजा ने यहोवा के िलये पिव कर के रखा; और वैसा ही अपने जीती ई सब जाितयों के सोने चांदी से भी िकया,
12 अथात अरािमयों, मोआिबयों, अ ािनयों, पिल यों, और अमाले िकयों के सोने चांदी को, और रहोब के पु सोबा के राजा हददे जेर की लूट को भी रखा।
13 और जब दाऊद लोमवाली तराई म अठारह हजार अरािमयों को मार के लौट आया, तब उसका बड़ा नाम हो गया।
14 िफर उसने एदोम म िसपािहयों की चौिकयां बैठाई; पूरे एदोम म उसने िसपािहयों की चौिकयां। बैठाई, और सब एदोमी दाऊद के आधीन हो गए। और दाऊद जहां जहां जाता था
वहां वहां यहोवा उसको जयव करता था।
15 ( दाऊद के कमचा रयों की नामावली ) दाऊद तो सम इ ाएल पर रा करता था, और दाऊद अपनी सम जा के साथ ाय और धम के काम करता था।
16 और धान सेनापित स याह का पु योआब था; इितहास का िलखने वाला अहीलू द का पु यहोशापात था;
17 धान याजक अहीतूब का पु सादोक और ए ातर का पु अहीमे लेक थे ; मं ी सरायाह था;
18 करे ितयो और पकेितयों का धान यहोयादा का पु बनायाह था; और दाऊद के पु भी मं ी थे।
2 शमू एल 9
1 दाऊद ने पूछा, ा शाऊल के घराने म से कोई अब तक बचा है, िजस को म योनातन के कारण ीित िदखाऊं?
2 शाऊल के घराने का सीबा नाम एक कमचारी था, वह दाऊद के पास बुलाया गया; और जब राजा ने उस से पू छा, ा तू सीबा है? तब उसने कहा, हां, तेरा दास वही है ।
3 राजा ने पू छा, ा शाऊल के घराने म से कोई अब तक बचा है, िजस को म परमे र की सी ीित िदखाऊं? सीबा ने राजा से कहा, हां, योनातन का एक बेटा तो है, जो लंगड़ा है।
4 राजा ने उस से पूछा, वह कहां है? सीबा ने राजा से कहा, वह तो लोदबार नगर म, अ ीएल के पु माकीर के घर म रहता है।
5 तब राजा दाऊद ने दू त भेज कर उसको लोदबार से, अ ीएल के पु माकीर के घर से बु लवा िलया।
6 जब मपीबोशेत, जो योनातन का पु और शाऊल का पोता था, दाऊद के पास आया, तब मुह के बल िगर के द वत् िकया। दाऊद ने कहा, हे मपीबोशेत! उसने कहा, तेरे दास को
ा आ ा?
7 दाऊद ने उस से कहा, मत डर; तेरे िपता योनातन के कारण म िन य तुझ को ीित िदखाऊंगा, और ते रे दादा शाऊल की सारी भूिम तुझे फेर दू ं गा; और तू मेरी मेज पर िन भोजन
िकया कर।
8 उसने द वत् कर के कहा, तेरा दास ा है, िक तू मुझे ऐसे मरे कु े की ओर ि करे ?
9 तब राजा ने शाऊल के कमचारी सीबा को बुलवाकर उस से कहा, जो कुछ शाऊल और उसके सम घराने का था वह म ने तेरे ामी के पोते को दे िदया है।
10 अब से तू अपने बेटों और सेवकों समेत उसकी भूिम पर खेती कर के उसकी उपज ले आया करना, िक ते रे ामी के पोते को भोजन िमला करे ; पर ु तेरे ामी का पोता मपीबोशेत
मेरी मेज पर िन भोजन िकया करे गा। और सीबा के तो प ह पु और बीस सेवक थे ।
11 सीबा ने राजा से कहा, मेरा भु राजा अपने दास को जो जो आ ा दे , उन सभों के अनुसार तेरा दास करे गा। दाऊद ने कहा, मपीबोशेत राजकुमारों की नाईं मे री मे ज पर भोजन
िकया करे ।
12 मपीबोशेत के भी मीका नाम एक छोटा बेटा था। और सीबा के घर म िजतने रहते थे वे सब मपीबोशेत की से वा करते थे।
13 और मपीबोशेत य शलेम म रहता था; ोंिक वह राजा की मेज पर िन भोजन िकया करता था। और वह दोनों पांवों का पंगुला था।
2 शमू एल 10
1 इसके बाद अ ोिनयों का राजा मर गया, और उसका हानून नाम पु उसके थान पर राजा आ।
2 तब दाऊद ने यह सोचा, िक जैसे हानून के िपता नाहाश ने मुझ को ीित िदखाई थी, वैसे ही म भी हानून को ीित िदखाऊंगा। तब दाऊद ने अपने कई कमचा रयों को उसके पास
उसके िपता के िवषय शा दे ने के िलये भेज िदया। और दाऊद के कमचारी अ ोिनयों के दे श म आए।
3 पर ु अ ोिनयों के हािकम अपने ामी हानून से कहने लगे, दाऊद ने जो ते रे पास शा दे ने वाले भे जे ह, वह ा तेरी समझ म तेरे िपता का आदर करने की मनसा मे भे जे ह?
ा दाऊद ने अपने कमचा रयों को ते रे पास इसी मनसा मे नहीं भेजा िक इस नगर म ढूंढ़ ढां ढ़ कर के और इसका भे द ले कर इस को उलट द?
4 इसिलये हानून ने दाऊद के कमचा रयों को पकडा, और उनकी आधी-आधी डाढ़ी मुड़वाकर और आधे व , अथात िनत तक कटवाकर, उन को जाने िदया।
5 इसका समाचार पाकर दाऊद ने लोगों को उन से िमलने के िलये भे जा, ोंिक वे ब त लजाते थे । और राजा ने यह कहा, िक जब तक तु ारी डािढय़ां बढ़ न जाएं तब तक यरीहो म
ठहरे रहो, तब लौट आना।
6 जब अ ािनयों ने दे खा िक हम से दाऊद अ स ह, तब अ ोिनयों ने बे होब और सोबा के बीस हजार अरामी ादों को, और हजार पु षों समेत माका के राजा को, और बारह
हज़ार तोबी पु षों को, वेतन पर बुलवाया।
7 यह सु नकर दाऊद ने योआब और शूरवीरों की सम सेना को भे जा।
8 तब अ ोनी िनकले और फाटक ही के पास पांती बा ी; और सोबा और रहोब के अरामी और तोब और माका के पू ष उन से ारे मैदान म थे।
9 यह दे खकर िक आगे पीछे दोनोंओर हमारे िव पांित ब ी है, योआब ने सब बड़े बढ़े इ ाएली वीरोंम से ब तों को छां टकर अरािमयोंके सा ने उनकी पांित ब ाई,
10 और और लोगों को अपने भाई अबीशै के हाथ सौंप िदया, और उसने अ ोिनयों के सा ने उनकी पां ित ब ाई।
11 िफर उसने कहा, यिद अरामी मुझ पर बल होने लग, तो तू मेरी सहायता करना; और यिद अ ोनी तु झ पर बल होने लगोंगे, तो म आकर तेरी सहायता क ं गा।
12 तू िहयाव बा , और हम अपने लोगों और अपने परमे र के नगरों के िनिम पु षाथ कर; और यहोवा जैसा उसको अ ा लगे वैसा करे ।
13 तब योआब और जो लोग उसके साथ थे अरािमयों से यु करने को िनकट गए; और वे उसके सा ने से भागे।
14 यह दे खकर िक अरामी भाग गए ह अ ोनी भी अबीशै के सा ने से भागकर नगर के भीतर घुसे। तब योआब अ ोिनयों के पास से लौटकर य शलेम को आया।
15 िफर यह दे खकर िक हम इ ाएिलयों से हार गए अरामी इक े ए।
16 और हददे जेर ने दू त भेज कर महानद के पार के अरािमयों को बुलवाया; और वे हददे जेर के से नापित शोवक को अपना धान बनाकर हेलाम को आए।
17 इसका समाचार पाकर दाऊद ने सम इ ाएिलयों को इक ा िकया, और यरदन के पार हो कर हे लाम म प ं चा। तब अराम दाऊद के िव पांित बा कर उस से लड़ा।
18 पर ु अरामी इ ाएिलयों से भागे , और दाऊद ने अरािमयों म से सात सौ रिथयों और चालीस हजार सवारों को मार डाला, और उनके से नापित शोबक को ऐसा घायल िकया िक वह
वही ं मर गया।
19 यह दे खकर िक हम इ ाएल से हार गए ह, िजतने राजा हददे जेर के आधीन थे उन सभों ने इ ाएल के साथ सं िध की, और उसके आधीन हो गए। और अरामी अ ोिनयों की और
सहायता करने से डर गए।
2 शमू एल 11
1 िफर िजस समय राजा लोग यु करने को िनकला करते ह, उस समय, अथात वष के आर म दाऊद ने योआब को, और उसके संग अपने सेवकों और सम इ ाएिलयों को भे जा;
और उ ोंने अ ोिनयों को नाश िकया, और र ा नगर को घे र िलया। पर ु दाऊद स शले म म रह गया।
2 सां झ के समय दाऊद पलंग पर से उठ कर राजभवन की छत पर टहल रहा था, और छत पर से उसको एक ी, जो अित सु र थी, नहाती ई दे ख पड़ी।
3 जब दाऊद ने भेज कर उस ी को पुछवाया, तब िकसी ने कहा, ा यह एलीआम की बे टी, और िह ी ऊ र ाह की प ी बतशेबा नहीं है?
4 तब दाऊद ने दू त भेज कर उसे बुलवा िलया; और वह दाऊद के पास आई, और वह उसके साथ सोया। ( वह तो ऋतु से शु हो गई थी ) तब वह अपने घर लौट गई।
5 और वह ी गभवती ई, तब दाऊद के पास कहला भे जा, िक मु झे गभ है।
6 तब दाऊद ने योआब के पास कहला भेजा, िक िह ी ऊ र ाह को मेरे पास भे ज, तब योआब ने ऊ र ाह को दाऊद के पास भेज िदया।
7 जब ऊ र ाह उसके पास आया, तब दाऊद ने उस से योआब और सेना का कुशल े म और यु का हाल पू छा।
8 तब दाऊद ने ऊ र ाह से कहा, अपने घर जा कर अपने पां व धो। और ऊ र ाह राजभवन से िनकला, और उसके पीछे राजा के पास से कुछ इनाम भेजा गया।
9 पर ु ऊ र ाह अपने ामी के सब से वकों के संग राजभवन के ार म लेट गया, और अपने घर न गया।
10 जब दाऊद को यह समाचार िमला, िक ऊ र ाह अपने घर नहीं गया, तब दाऊद ने ऊ र ाह से कहा, ा तू या ा कर के नही ं आया? तो अपने घर ों नही ं गया?
11 ऊ र ाह ने दाऊद से कहा, जब स दू क और इ ाएल और य दा झोंपिडय़ों म रहते ह, और मे रा ामी योआब और मेरे ामी के सेवक खुले मैदान पर डे रे डाले ए ह, तो ा म
घर जा कर खाऊं, पीऊं, और अपनी प ी के साथ सोऊं? तेरे जीवन की शपथ, और ते रे ाण की शपथ, िक म ऐसा काम नहीं करने का।
12 दाऊद ने ऊ र ाह से कहा, आज यहीं रह, और कल म तुझे िवदा क ं गा। इसिलये ऊ र ाह उस िदन और दू सरे िदन भी य शलेम म रहा।
13 तब दाऊद ने उसे नेवता िदया, और उसने उसके सा ने खाया िपया, और उसी ने उसे मतवाला िकया; और सांझ को वह अपने ामी के से वकों के संग अपनी चारपाई पर सोने को
िनकला, पर ु अपने घर न गया।
14 िबहान को दाऊद ने योआब के नाम पर एक िच ी िलखकर ऊ र ाह के हाथ से भे जदी।
15 उस िच ी म यह िलखा था, िक सब से घोर यु के सा ने ऊ र ाह को रखना, तब उसे छोडकर लौट आओ, िक वह घायल हो कर मर जाए।
16 और योआब ने नगर को अ ी रीित से दे ख भालकर िजस थान म वह जानता था िक वीर ह, उसी म ऊ र ाह को ठहरा िदया।
17 तब नगर के पु षों ने िनकलकर योआब से यु िकया, और लोगों म से , अथात दाऊद के से वकों म से िकतने खे त आए; और उन म िह ी ऊ र ह भी मर गया।
18 तब योआब ने भे ज कर दाऊद को यु का पूरा हाल बताया;
19 और दू त को आ ा दी, िक जब तू यु का पूरा हाल राजा को बता चुके,
20 तब यिद राजा जलकर कहने लगे, िक तुम लोग लड़ने को नगर के ऐसे िनकट ों गए? ा तु म न जानते थे िक वे शहरपनाह पर से तीर छोड़गे?
21 य ेशेत के पु अबीमेलेक को िकसने मार डाला? ा एक ी ने शहरपनाह पर से च ी का उपरला पाट उस पर ऐसा न डाला िक वह तेबेस म मर गया? िफर तु म शहरपनाह
के एसे िनकट ों गए? तो तू यों कहना, िक तेरा दास ऊ र ाह िह ी भी मर गया।
22 तब दू त चल िदया, और जा कर दाऊद से योआब की सब बात वणन की ं।
23 दू त ने दाऊद से कहा, िक वे लोग हम पर बल हो कर मैदान म हमारे पास िनकल आए, िफर हम ने उ फाटक तक खदे ड़ा।
24 तब धनुधा रयों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े ; और राजा के िकतने जन मर गए, और ते रा दास ऊ र ाह िह ी भी मर गया।
25 दाऊद ने दू त से कहा, योआब से यों कहना, िक इस बात के कारण उदास न हो, ोंिक तलवार जै से इस को वैसे उसको नाश करती है; तो तू नगर के िव अिधक ढ़ता से
लड़कर उसे उलट दे । और तू उसे िहयाव ब ा।
26 जब ऊ र ाह की ी ने सुना िक मेरा पित मर गया, तब वह अपने पित के िलये रोने पीटने लगी।
27 और जब उसके िवलाप के िदन बीत चुके, तब दाऊद ने उसे बु लवाकर अपने घर म रख िलया, और वह उसकी प ी हो गई, और उसके पु उ आ। पर ु उस काम से जो
दाऊद ने िकया था यहोवा ोिधत आ।
2 शमू एल 12
1 तब यहोवा ने दाऊद के पास नातान को भेजा, और वह उसके पास जा कर कहने लगा, एक नगर म दो मनु रहते थे, िजन म से एक धनी और एक िनधन था।
2 धनी के पास तो ब त सी भेड़-बक रयां और गाय बैल थे;
3 पर ु िनधन के पास भेड़ की एक छोटी ब ी को छोड़ और कुछ भी न था, और उसको उसने मोल ले कर िजलाया था। और वह उसके यहां उसके बाल-ब ों के साथ ही बढ़ी थी;
वह उसके टु कड़े म से खाती, और उसके कटोरे म से पीती, और उसकी गोद मे सोती थी, और वह उसकी बे टी के समान थी।
4 और धनी के पास एक बटोही आया, और उसने उस बटोही के िलये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाने को अपनी भेड़-बक रयों वा गाय बै लों म से कुछ न िलया, पर ु उस
िनधन मनु की भेड़ की ब ी ले कर उस जन के िलये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाया।
5 तब दाऊद का कोप उस मनु पर ब त भड़का; और उसने नातान से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, िजस मनु ने ऐसा काम िकया वह ाण द के यो है;
6 और उसको वह भेड़ की ब ी का औगुणा भर दे ना होगा, ोंिक उसने ऐसा काम िकया, और कुछ दया नही ं की।
7 तब नातान ने दाऊद से कहा, तू ही वह मनु है। इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक म ने तेरा अिभशेक कराके तुझे इ ाएल का राजा ठहराया, और म ने तु झे शाऊल के
हाथ से बचाया;
8 िफर म ने तेरे ामी का भवन तुझे िदया, और तेरे ामी की पि यां तेरे भोग के िलये दीं; और म ने इ ाएल और य दा का घराना तुझे िदया था; और यिद यह थोड़ा था, तो म तुझे
और भी ब त कुछ दे ने वाला था।
9 तू ने यहोवा की आ ा तु जान कर ों वह काम िकया, जो उसकी ि म बु रा है ? िह ी ऊ र ाह को तू ने तलवार से घात िकया, और उसकी प ी को अपनी कर िलया है, और
ऊ र ाह को अ ोिनयों की तलवार से मरवा डाला है।
10 इसिलये अब तलवार तेरे घर से कभी दू र न होगी, ोंिक तू ने मु झे तु जानकर िह ी ऊ र ाह की प ी को अपनी प ी कर िलया है।
11 यहोवा यों कहता है, िक सुन, म तेरे घर म से िवपि उठा कर तुझ पर डालूं गा; और ते री पि यों को ते रे सा ने ले कर दू सरे को दू ं गा, और वह िदन दु पहरी म तेरी पि यों से कुकम
करे गा।
12 तू ने तो वह काम िछपाकर िकया; पर म यह काम सब इ ाएिलयों के सा ने िदन दु पहरी कराऊंगा।
13 तब दाऊद ने नातान से कहा, म ने यहोवा के िव पाप िकया है। नातान ने दाऊद से कहा, यहोवा ने तेरे पाप को दू र िकया है; तू न मरे गा।
14 तौभी तू ने जो इस काम के ारा यहोवा के श ुओं को ितर ार करने का बड़ा अवसर िदया है , इस कारण तेरा जो बे टा उ आ है वह अव ही मरे गा।
15 तब नातान अपने घर चला गया। और जो ब ा ऊ र ाह की प ी से दाऊद के ारा उ था, वह यहोवा का मारा ब त रोगी हो गया।
16 और दाऊद उस लड़के के िलये परमे र से िबनती करने लगा; और उपवास िकया, और भीतर जा कर रात भर भू िम पर पड़ा रहा।
17 तब उसके घराने के पुरिनये उठ कर उसे भूिम पर से उठाने के िलये उसके पास गए; पर ु उसने न चाहा, और उनके संग रोटी न खाई।
18 सातव िदन ब ा मर गया, और दाऊद के कमचारी उसको ब े के मरने का समाचार दे ने से डरे ; उ ोंने तो कहा था, िक जब तक ब ा जीिवत रहा, तब तक उसने हमारे समझाने
पर मन न लगाया; यिद हम उसको ब े के मर जाने का हाल सु नाएं तो वह ब त ही अिधक दु :खी होगा।
19 अपने कमचा रयों को आपस म फुसफुसाते दे खकर दाऊद ने जान िलया िक ब ा मर गया; तो दाऊद ने अपने कमचा रयों से पू छा, ा ब ा मर गया? उ ोंने कहा, हां , मर गया
है ।
20 तब दाऊद भूिम पर से उठा, और नहाकर तेल लगाया, और व बदला; तब यहोवा के भवन म जा कर द वत् की; िफर अपने भवन म आया; और उसकी आ ा पर रोटी उसको
परोसी गई, और उसने भोजन िकया।
21 तब उसके कमचा रयों ने उस से पू छा, तू ने यह ा काम िकया है? जब तक ब ा जीिवत रहा, तब तक तू उपवास करता आ रोता रहा; पर ु ोंही ब ा मर गया, ोंही तू उठ
कर भोजन करने लगा।
22 उसने उ र िदया, िक जब तक ब ा जीिवत रहा तब तक तो म यह सोचकर उपवास करता और रोता रहा, िक ा जाने यहोवा मुझ पर ऐसा अनु ह करे िक ब ा जीिवत रहे।
23 पर ु अब वह मर गया, िफर म उपवास ों क ं ? ा म उसे लौटा ला सकता ं? म तो उसके पास जाऊंगा, पर ु वह मेरे पास लौट न आएगा।
24 तब दाऊद ने अपनी प ी बतशेबा को शा दी, और वह उसके पास गया; और असके एक पु उ आ, और उसने उसका नाम सुलैमान रखा। और वह यहोवा का ि य आ।
25 और उसने नातान भिव ा के ारा स े श भेज िदया; और उसने यहोवा के कारण उसका नाम यदी ाह रखा।
26 और योआब ने अ ोिनयों के र ा नगर से लड़कर राजनगर को ले िलया।
27 तब योआब ने दू तों से दाऊद के पास यह कहला भेजा, िक म र ा से लड़ा और जल वाले नगर को ले िलया है ।
28 सो अब रहे ए लोगों को इक ा कर के नगर के िव छावनी डालकर उसे भी ले ले ; ऐसा न हो िक म उसे ले लूं , और वह मेरे नाम पर कहलाए।
29 तब दाऊद सब लोगों को इक ा कर के र ा को गया, और उस से यु कर के उसे ले िलया।
30 तब उसने उनके राजा का मुकुट, जो तौल म िक ार भर सोने का था, और उस म मिण जड़े थे , उसको उसके िसर पर से उतारा, और वह दाऊद के िसर पर रखा गया। िफर
उसने उस नगर की ब त ही लूट पाई।
31 और उसने उसके रहने वालों को िनकाल कर आरों से दो दो टु कड़े कराया, और लोहे के हगे उन पर िफरवाए, और लोहे की कु ािडय़ों से उ कटवाया, और ईट के पजावे म से
चलवाया; और अ ोिनयों के सब नगरों से भी उसने ऐसा ही िकया। तब दाऊद सम लोगों समे त य शलेम को लौट आया।
2 शमू एल 13
1 इसके बाद तामार नाम एक सु री जो दाऊद के पु अबशालोम की बिहन थी, उस पर दाऊद का पु अ ोन मोिहत आ।
2 और अ ोन अपनी बिहन तामार के कारण ऐसा िवकल हो गया िक बीमार पड़ गया; ोंिक वह कुमारी थी, और उसके साथ कुछ करना अ ोन को किठन जान पड़ता था।
3 अ ोन के योनादाब नाम एक िम था, जो दाऊद के भाई िशमा का बेटा था; और वह बड़ा चतुर था।
4 और उसने अ ोन से कहा, हे राजकुमार, ा कारण है िक तू ित िदन ऐसा दु बला होता जाता है ा तू मु झे न बताएगा? अ ोन ने उस से कहा, म तो अपने भाई अबशालोम की
बिहन तामार पर मोिहत ं।
5 योनादाब ने उस से कहा, अपने पलंग पर लेटकर बीमार बन जा; और जब ते रा िपता तु झे दे खने को आए, तब उस से कहना, मेरी बिहन तामार आकर मुझे रोटी खलाए, और भोजन
को मेरे सा ने बनाए, िक म उसको दे खकर उसके हाथ से खाऊं।
6 और अ ोन ले टकर बीमार बना; और जब राजा उसे दे खने आया, तब अ ोन ने राजा से कहा, मे री बिहन तामार आकर मेरे दे खते दो पूरी बनाए, िक म उसके हाथ से खाऊं।
7 और दाऊद ने अपने घर तामार के पास यह कहला भे जा, िक अपने भाई अ ोन के घर जा कर उसके िलये भोजन बना।
8 तब तामार अपने भाई अ ोन के घर गई, और वह पड़ा आ था। तब उसने आटा ले कर गूंधा, और उसके दे खते पू रयां । पकाईं।
9 तब उसने थाल ले कर उन को उसके िलये परोसा, पर ु उसने खाने से इनकार िकया। तब अ ोन ने कहा, मे रे आस पास से सब लोगों को िनकाल दो, तब सब लोग उसके पास से
िनकल गए।
10 तब अ ोन ने तामार से कहा, भोजन को कोठरी म ले आ, िक म तेरे हाथ से खाऊं। तो तामार अपनी बनाई ई पू रयों को उठा कर अपने भाई अ ोन के पास कोठरी म ले गई।
11 जब वह उन को उसके खाने के िलये िनकट ले गई, तब उसने उसे पकड़कर कहा, हे मे री बिहन, आ, मु झ से िमल।
12 उसने कहा, हे मेरे भाई, ऐसा नहीं, मुझे न कर; ोंिक इ ाएल म ऐसा काम होना नही ं चािहये; ऐसी मूढ़ता का काम न कर।
13 और िफर म अपनी नामधराई िलये ए कहां जाऊंगी? और तू इ ाएिलयों म एक मूढ़ िगना जाएगा। तू राजा से बातचीत कर, वह मुझ को तुझे ाह दे ने के िलये मना न करे गा।
14 पर ु उसने उसकी न सुनी; और उस से बलवान होने के कारण उसके साथ कुकम कर के उसे िकया।
15 तब अ ोन उस से अ बैर रखने लगा; यहां तक िक यह बै र उसके पिहले मोह से बढ़कर आ। तब अ ोन ने उस से कहा, उठ कर चली जा।
16 उसने कहा, ऐसा नही ं, ोंिक यह बढ़ा उप व, अथात मु झे िनकाल दे ना उस पिहले से बढ़कर है जो तू ने मु झ से िकया है। पर ु उसने उसकी न सुनी।
17 तब उसने अपने टहलुए जवान को बुलाकर कहा, इस ी को मे रे पास से बाहर िनकाल दे , और उसके पीछे िकवाड़ म िचटकनी लगा दे ।
18 वह तो रं गिबरं गी कुतीं पिहने थी; ोंिक जो राजकुमा रयां कुंवारी रहती थी ं वे ऐसे ही व पिहनती थी ं। सो अ ोन के टहलुए ने उसे बाहर िनकाल कर उसके पीछे िकवाड़ म
िचटकनी लगा दी।
19 तब तामार ने अपने िसर पर राख डाली, और अपनी रं गिबरं गी कुती ं को फाढ़ डाला; और िसर पर हाथ रखे िच ाती ई चली गई।
20 उसके भाई अबशालोम ने उस से पूछा, ा तेरा भाई अ ोन ते रे साथ रहा है ? पर ु अब, हे मे री बिहन, चुप रह, वह तो तेरा भाई है; इस बात की िच ा न कर। तब तामार अपने
भाई अबशालोम के घर म मन मारे बैठी रही।
21 जब ये सब बात दाऊद राजा के कान म पडी,ं तब वह ब त झुंझला उठा।
22 और अबशालोम ने अ ोन से भला-बुरा कुछ न कहा, ोंिक अ ोन ने उसकी बिहन तामार को िकया था, इस कारण अबशालोम उस से घृणा रखता था।
23 दो वष के बाद अबशालोम ने ए ैम के िनकट के बा ासोर म अपनी भे ड़ों का ऊन कतरवाया और अबशालोम ने सब राजकुमारों को ने वता िदया।
24 वह राजा के पास जा कर कहनलगा, िबनती यह है, िक तेरे दास की भे ड़ों का ऊन कतरा जाता है , इसिलये राजा अपने कमचा रयो समेत अपने दास के संग चले।
25 राजा ने अबशालोम से कहा, हे मेरे बेटे, ऐसा नही ं; हम सब न चलगे , ऐसा न हो िक तुझे अिधक क हो। तब अबशालोम ने उसे िबनती कर के दबाया, पर ु उसने जाने से इनकार
िकया, तौभी उसे आशीवाद िदया।
26 तब अबशालोम ने कहा, यिद तू नही ं तो मेरे भाई अ ोन को हमारे संग जाने दे । राजा ने उस से पू छा, वह ते रे संग ों चले?
27 पर ु अबशालोम ने उसे ऐसा दबाया िक उसने अ ोन और सब राजकुमारों को उसके साथ जाने िदया।
28 और अबशालोम ने अपने सेवकों को आ ा दी, िक सावधान रहो और जब अ ोन दाखमधु पीकर नशे म आ जाए, और म तुम से क ं, अ ोन को मार डालना। ा इस आ ा का
दे नेवाला म नहीं ं? िहयाव बा कर पु षाथ करना।
29 तो अबशालोम के सेवकों ने अ ोन के साथ अबशालोम की आ ा के अनुसार िकया। तब सब राजकुमार उठ खड़े ए, और अपने अपने ख र पर चढ़कर भाग गए।
30 वे माग ही म थे, िक दाऊद को यह समाचार िमला िक अबशालोम ने सब राजकुमारों को मार डाला, और उन म से एक भी नही ं बचा।
31 तब दाऊद ने उठ कर अपने व फाड़े , और भूिम पर िगर पड़ा, और उसके सब कमचारी व फाड़े ए उसके पास खड़े रहे।
32 तब दाऊद के भाई िशमा के पु योनादाब ने कहा, मेरा भु यह न समझे िक सब जवान, अथात राजकुमार मार डाले गए ह, केवल अ ोन मारा गया है; ोंिक िजस िदन उसने
अबशालोम की बिहन तामार को िकया, उसी िदन से अबशालोम की आ ा से ऐसी ही बात ठनी थी।
33 इसिलये अब मे रा भु राजा अपने मन म यह समझकर िक सब राजकुमार मर गए उदास न हो; ोंिक केवल अ ोन ही मर गया है।
34 इतने म अबशालोम भाग गया। और जो जवान पहरा दे ता था उसने आं ख उठा कर दे खा, िक पीछे की ओर से पहाड़ के पास के माग से ब त लोग चले आ रहे ह।
35 तब योनादाब ने राजा से कहा, दे ख, राजकुमार तो आ गए ह; जैसा तेरे दास ने कहा था वैसा ही आ।
36 वह कह ही चुका था, िक राजकुमार प ंच गए, और िच ा िच ाकर रोने लगे; और राजा भी अपने सब कमचा रयों समे त िबलख िबलख कर रोने लगा।
37 अबशालोम तो भागकर गशूर के राजा अ ी र के पु त ै के पास गया। और दाऊद अपने पु के िलये िदन िदन िवलाप करता रहा।
38 जब अबशालोम भागकर गशूर को गया, तब वहां तीन वष तक रहा।
39 और दाऊद के मन म अबशालोम के पास जाने की बड़ी लालसा रही; ोंिक अ ोन जो मर गया था, इस कारण उसने उसके िवषय म शा पाई।
2 शमू एल 14
1 और स याह का पु योआब ताड़ गया िक राजा का मन अबशालोम की ओर लगा है।
2 इसिलये योआब ने तको नगर म दू त भेज कर वहां से एक बु मान ी को बु लवाया, और उस से कहा, शोक करने वाली बन, अथात शोक का पिहरावा पिहन, और तेल न लगा; पर ु
ऐसी ी बन जो ब त िदन से मुए के िलये िवलाप करती रही हो।
3 तब राजा के पास जा कर ऐसी ऐसी बात कहना। और योआब ने उसको जो कुछ कहना था वह िसखा िदया।
4 जब वह तकोइन राजा से बात करने लगी, तब मुंह के बल भूिम पर िगर द वत् कर के कहने लगी, राजा की दोहाई
5 राजा ने उस से पूछा, तुझे ा चािहये? उसने कहा, सचमु च मे रा पित मर गया, और म िवधवा हो गई।
6 और ते री दासी के दो बेटे थे, और उन दोनों ने मैदान म मार पीट की; और उन को छु ड़ाने वाला कोई न था, इसिलये एक ने दू सरे को ऐसा मारा िक वह मर गया।
7 और यह सुन सब कुल के लोग तेरी दासी के िव उठ कर यह कहते ह, िक िजसने अपने भाई को घात िकया उसको हम सौंप दे , िक उसके मारे ए भाई के ाण के पलटे म
उसको ाण द द; और वा रस को भी नाश कर। इस तरह वे मे रे अं गारे को जो बच गया है बु झाएं गे, और मे रे पित का ताम और स ान धरती पर से िमटा डालगे।
8 राजा ने ी से कहा, अपने घर जा, और म तेरे िवषय आ ा दू ं गा।
9 तकोइन ने राजा से कहा, हे मेरे भु, हे राजा, दोष मुझी को और मेरे िपता के घराने ही को लगे ; और राजा अपनी ग ी समेत िनद ष ठहरे ।
10 राजा ने कहा, जो कोई तुझ से कुछ बोले उसको मेरे पास ला, तब वह िफर तु झे छूने न पाएगा।
11 उसने कहा, राजा अपने परमे र यहोवा को रण करे , िक खू न का पलटा ले ने वाला और नाश करने न पाए, और मे रे बेटे का नाश न होने पाए। उसने कहा, यहोवा के जीवन की
शपथ, ते रे बेटे का एक बाल भी भूिम पर िगरने न पाएगा।
12 ी बोली, तेरी दासी अपने भु राजा से एक बात कहने पाए।
13 उसने कहा, कहे जा। ी कहने लगी, िफर तू ने परमे र की जा की हािन के िलये ऐसी ही यु ों की है? राजा ने जो यह वचन कहा है, इस से वह दोषी सा ठहरता है , ोंिक
राजा अपने िनकाले ए को लौटा नहीं लाता।
14 हम को तो मरना ही है, और भूिम पर िगरे ए जल के समान ठहरगे, जो िफर उठाया नही ं जाता; तौभी परमे र ाण नहीं ले ता, वरन ऐसी यु करता है िक िनकाला आ उसके
पास से िनकाला आ न रहे।
15 और अब म जो अपने भु राजा से यह बात कहने को आई ं, इसका कारण यह है, िक लोगों ने मुझे डरा िदया था; इसिलये तेरी दासी ने सोचा, िक म राजा से बोलूंगी, कदािचत राजा
अपनी दासी की िबनती को पूरी करे ।
16 िन:स े ह राजा सुनकर अव अपनी दासी को उस मनु के हाथ से बचाएगा जो मुझे और मेरे बेटे दोनों को परमे र के भाग म से नाश करना चाहता है।
17 सो ते री दासी ने सोचा, िक मेरे भु राजा के वचन से शा िमले ; ोंिक मेरा भु राजा परमे र के िकसी दू त की नाईं भले-बुरे म भेद कर सकता है; इसिलये तेरा परमे र यहोवा
तेरे संग रहे ।
18 राजा ने उ र दे कर उस ी से कहा, जो बात म तुझ से पूछता ं उसे मुझ से न िछपा। ी ने कहा, मे रा भु राजा कहे जाए।
19 राजा ने पूछा, इस बात म ा योआब तेरा संगी है? ी ने उ र दे कर कहा, हे मेरे भु , हे राजा, ते रे ाण की शपथ, जो कुछ मेरे भु राजा ने कहा है, उस से कोई न दािहनी ओर
मुड़ सकता है और न बाईं। तेरे दास योआब ही ने मुझे आ ा दी, और ये सब बात उसी ने ते री दासी को िसखाईं ह।
20 तेरे दास योआब ने यह काम इसिलये िकया िक बात का रं ग बदले । और मे रा भु परमे र के एक दू त के तु बु मान है, यहां तक िक धरती पर जो कुछ होता है उन सब को वह
जानता है।
21 तब राजा ने योआब से कहा, सुन, म ने यह बात मानी है ; तू जा कर अबशालोम जवान को लौटा ला।
22 तब योआब ने भूिम पर मुंह के बल िगर द वत् कर राजा को आशीवाद िदया; और योआब कहने लगा, हे मेरे भु, हे राजा, आज तेरा दास जान गया िक मुझ पर तेरी अन ह की
ि है, ोंिक राजा ने अपने दास की िबनती सुनी है।
23 और योआब उठ कर गशूर को गया, और अबशालोम को य शलेम ले आया।
24 तब राजा ने कहा, वह अपने घर जा कर रहे; और मेरा दशन न पाए। तब अबशालोम अपने घर जा रहा, और राजा का दशन न पाया।
25 सम इ ाएल म सु रता के कारण ब त शंसा यो अबशालोम के तु और कोई न था; वरन उस म नख से िसख तक कुछ दोष न था।
26 और वह वष के अ म अपना िसर मुंढ़वाता था ( उसके बाल उसको भारी जान पड़ते थे , इस कारण वह उसे मुं ड़ाता था ); और जब जब वह उसे मुंड़ाता तब तब अपने िसर के बाल
तौलकर राजा के तौल के अनुसार दो सौ शेकेल भर पाता था।
27 और अबशालोम के तीन बेटे, और तामार नाम एक बेटी उ ई थी; और यह पवती ी थी।
28 और अबशालोम राजा का दशन िबना पाए य शलेम म दो वष रहा।
29 तब अबशालोम ने योआब को बुलवा भेजा िक उसे राजा के पास भेजे; पर ु योआब ने उसके पास आने से इनकार िकया। और उसने उसे दू सरी बार बुलवा भेजा, पर ु तब भी
उसने आने से इनकार िकया।
30 तब उसने अपने सेवकों से कहा, सुनो, योआब का एक खेत मेरी भू िम के िनकट है , और उस म उसका जव खड़ा है ; तु म जा कर उस म आग लगाओ। और अबशालोम के सेवकों ने
उस खे त म आग लगा दी।
31 तब योआब उठा, और अबशालोम के घर म उसके पास जा कर उस से पूछने लगा, तेरे सेवकों ने मेरे खेत म ों आग लगाई है ?
32 अबशालोम ने योआब से कहा, म ने तो तेरे पास यह कहला भेजा था, िक यहां आना िक म तुझे राजा के पास यह कहने को भेजूं, िक म गशूर से ों आया? म अब तक वहां रहता तो
अ ा होता। इसिलये अब राजा मुझे दशन दे ; और यिद म दोषी ं, तो वह मु झे मार डाले ।
33 तो योआब ने राजा के पास जा कर उसको यह बात सुनाईं; और राजा ने अबशालोम को बु लवाया। और वह उसके पास गया, और उसके स ुख भूिम पर मुंह के बल िगरके
द वत् की; और राजा ने अबशालोम को चूमा।
2 शमू एल 15
1 इसके बाद अबशालोम ने रथ और घोड़े , और अपने आगे आगे दौड़ने वाले पचास मनु रख िलए।
2 और अबशालोम सवेरे उठ कर फाटक के माग के पास ड़ा हाआ करता था; और जब जब कोई मु ई राजा के पास ाय के िलये आता, तब तब अबशालोम उसको पु कार के पू छता
था, तू िकस नगर से आता है?
3 और वह कहता था, िक तेरा दास इ ाएल के फुलाने गो का है। तब अबशालोम उस से कहता था, िक सु न, तेरा प तो ठीक और ाय का है; पर ु राजा की ओर से ते री सु नने
वाला कोई नही ं है।
4 िफर अबशालोम यह भी कहा करता था, िक भला होता िक म इस दे श म ायी ठहराया जाता! िक िजतने मु क मा वाले होते वे सब मेरे ही पास आते, और म उनका ाय चु काता।
5 िफर जब कोई उसे द वत् करने को िनकट आता, तब वह हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ के चूम लेता था।
6 और िजतने इ ाएली राजा के पास अपना मुक मा तै करने को आते उन सभों से अबशालोम ऐसा ही वहार िकया करता था; इस कार अबशालोम ने इ ाएली मनु ों के मन को
हर िलया।
7 चार वष के बीतने पर अबशालोम ने राजा से कहा, मुझे हे ोन जा कर अपनी उस म त को पू री करने दे , जो म ने यहोवा की मानी है।
8 तेरा दास तो जब आराम के गशूर म रहता था, तब यह कहकर यहोवा की म त मानी, िक यिद यहोवा मु झे सचमु च य शलेम को लौटा ले जाए, तो म यहोवा की उपासना क ं गा।
9 राजा ने उस से कहा, कुशल ेम से जा। और वह चलकर हे ोन को गया।
10 तब अबशालोम ने इ ाएल के सम गो ों म यह कहने के िलये भे िदए भेजे, िक जब नरिसंगे का श तुम को सु न पड़े , तब कहना, िक अबशालोम हे ोन म राजा आ!
11 और अबशालोम के संग दो सौ नेवतहारी य शलेम से गए; वे सीधे मन से उसका भेद िबना जाने गए।
12 िफर जब अबशालोम का य आ, तब उसने गीलोवासी अहीतोपेल को, जो दाऊद का मं ी था, बु लवा भे जा िक वह अपने नगर गीलो से आए। और राज ोह की गो ी ने बल
पकड़ा, ोंिक अबशालोम के प के लोग बराबर बढ़ते गए।
13 तब िकसी ने दाऊद के पास जा कर यह समाचार िदया, िक इ ाएली मनु ों के मन अबशालोम की ओर हो गए ह।
14 तब दाऊद ने अपने सब कमचा रयों से जो य शलेम म उसके संग थे कहा, आओ, हम भाग चल; नहीं तो हम म से कोई भी अबशालोम से न बचेगा; इसिलये फुती ं करते चले चलो,
ऐसा न हो िक वह फुती ं कर के हम आ घेरे, और हमारी हािन करे , और इस नगर को तलवार से मार ले ।
15 राजा के कमचा रयों ने उस से कहा, जैसा हमारे भु राजा को अ ा जान पड़े , वैसा ही करने के िलये तेरे दास तैयार ह।
16 तब राजा िनकल गया, और उसके पीछे उसका सम घराना िनकला। और राजा दस रखेिलयों को भवन की चौकसी करने के िलये छोड़ गया।
17 और राजा िनकल गया, और उसके पीछे सब लोग िनकले ; और वे बेतमे हक म ठहर गए।
18 और उसके सब कमचारी उसके पास से हो कर आगे गए; और सब करे ती, और सब पकेती, और सब गती, अथात जो छ: सौ पु ष गत से उसके पीछे हो िलये थे वे सब राजा के
सा ने से हो कर आगे चले।
19 तब राजा ने गती इ ै से पूछा, हमारे संग तू ों चलता है ? लौटकर राजा के पास रह; ोंिक तू परदे शी और अपने दे श से दू र है, इसिलये अपने थान को लौट जा।
20 तू तो कल ही आया है, ा म आज तुझे अपने साथ मारा मारा िफराऊं? म तो जहां जा सकूंगा वहां जाऊंगा। तू लौट जा, और अपने भाइयों को भी लौटा दे ; ई र की क णा और
स ाई तेरे संग रहे।
21 इ ै ने राजा को उ र दे कर कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, और मे रे भु राजा के जीवन की शपथ, िजस िकसी थान म मेरा भु राजा रहेगा, चाहे मरने के िलये हो चाहे जीिवत
रहने के िलये , उसी थान म तेरा दास भी रहेगा।
22 तब दाऊद ने इ ै से कहा, पार चल। सो गती इ ै अपने सम जनों और अपने साथ के सब बाल-ब ों समेत पार हो गया।
23 सब रहने वाले िच ा िच ाकर रोए; और सब लोग पार ए, और राजा भी िक ोन नाम नाले के पार आ, और सब लोग नाले के पार जंगल के माग की ओर पार हो कर चल पड़े ।
24 तब ा दे खने म आया, िक सादोक भी और उसके संग सब लेवीय परमे र की वाचा का स दू क उठाए ए ह; और उ ोंने परमे र के स दू क को धर िदया, तब ए ातार चढ़ा, और
जब तक सब लोग नगर से न िनकले तब तक वही ं रहा।
25 तब राजा ने सादोक से कहा, परमे र के स दू क को नगर म लौटा ले जा। यिद यहोवा के अनु ह की ि मु झ पर हो, तो वह मुझे लौटाकर उसको और अपने वास थान को भी
िदखाएगा;
26 पर ु यिद वह मुझ से ऐसा कहे, िक म तुझ से स नहीं, तौभी म हािजर ं , जैसा उसको भाए वैसा ही वह मे रे साथ ब ाव करे ।
27 िफर राजा ने सादोक याजक से कहा, ा तू दशीं नहीं है ? सो कुशल े म से नगर म लौट जा, और तेरा पु अहीमास, और ए ातार का पु योनातन, दोनों तु ारे सं ग लौट।
28 सु नो, म जंगल के घाट के पास तब तक ठहरा र ंगा, जब तक तु म लोगों से मुझे हाल का समाचार न िमले।
29 तब सादोक और ए ातार ने परमे र के स दू क को य शलेम म लौटा िदया; और आप वही ं रहे।
30 तब दाऊद जलपाइयों के पहाड़ की चढ़ाई पर िसर ढांपे, नंगे पां व, रोता आ चढ़ने लगा; और िजतने लोग उसके संग थे, वे भी िसर ढांपे रोते ए चढ़ गए।
31 तब दाऊद को यह समाचार िमला, िक अबशालोम के सं गी राज ोिहयों के साथ अहीतोपेल है। दाऊद ने कहा, हे यहोवा, अहीतोपेल की स ित को मूखता बना दे ।
32 जब दाऊद चोटी तक प ंचा, जहां परमे र को द वत् िकया करते थे, तब एरे की शै अंगरखा फाड़े , िसर पर िम ी डाले ए उस से िमलने को आया।
33 दाऊद ने उस से कहा, यिद तू मेरे संग आगे जाए, तब तो मे रे िलये भार ठहरे गा।
34 पर ु यिद तू नगर को लौटकर अबशालोम से कहने लगे, हे राजा, म तेरा कमचारी ं गा; जै सा म ब त िदन तेरे िपता का कमचारी रहा, वैसा ही अब तेरा र ंगा, तो तू मे रे िहत के
िलये अहीतोपेल की स ित को िन ल कर सकेगा।
35 और ा वहां तेरे संग सादोक और ए ातार याजक न रहगे? इसिलये राजभवन म से जो हाल तु झे सु न पड़े , उसे सादोक और ए ातार याजकों को बताया करना।
36 उनके साथ तो उनके दो पु , अथात सादोक का पु अहीमास, और ए ातार का पु योनातन, वहां रहगे; तो जो समाचार तुम लोगों को िमले उसे मेरे पास उ ी ं के हाथ भे जा
करना।
37 और दाऊद का िम , शै, नगर को गया, और अबशालोम भी य शलेम म प ंच गया।
2 शमू एल 16
1 दाऊद चोटी पर से थोड़ी दू र बढ़ गया था, िक मपीबोशेत का कमचारी सीबा एक जोड़ी, जीन बा े ए गदहों पर दो सौ रोटी, िकशिमश की एक सौ िटिकया, धूपकाल के फल की एक
सौ िटिकया, और कु ी भर दाखमधु, लादे ए उस से आ िमला।
2 राजा ने सीबा से पूछा, इन से तेरा ा योजन है? सीबा ने कहा, गदहे तो राजा के घराने की सवारी के िलये ह, और रोटी और धूपकाल के फल जवानों के खाने के िलये ह, और
दाखमधु इसिलये है िक जो कोई जंगल म थक जाए वह उसे पीए।
3 राजा ने पू छा, िफर ते रे ामी का बेटा कहां है? सीबा ने राजा से कहा, वह तो यह कहकर य शले म म रह गया, िक अब इ ाएल का घराना मुझे मेरे िपता का रा फेर दे गा।
4 राजा ने सीबा से कहा, जो कुछ मपीबोशेत का था वह सब तुझे िमल गया। सीबा ने कहा, णाम; हे मे रे भु , हे राजा, मु झ पर तेरे अनु ह की ि बनी रहे।
5 जब दाऊद राजा ब रीम तक प ंचा, तब शाऊल का एक कुटु ी वहां से िनकला, वह गेरा का पु िशमी नाम का था; और वह कोसता आ चला आया।
6 और दाऊद पर, और दाऊद राजा के सब कमचा रयों पर प र फकने लगा; और शूरवीरों समेत सब लोग उसकी दािहनी बाई दोनों ओर थे ।
7 और िशमी कोसता आ यों बकता गया, िक दू र हो खूनी, दू र हो ओछे , िनकल जा, िनकल जा!
8 यहोवा ने तुझ से शाऊल के घराने के खून का पूरा पलटा िलया है, िजसके थान पर तू राजा बना है ; यहोवा ने रा को तेरे पु अबशालोम के हाथ कर िदया है। और इसिलये िक तू
खू नी है , तू अपनी बुराई म आप फंस गया।
9 तब स याह के पु अबीशै ने राजा से कहा, यह मरा आ कु ा मे रे भु राजा को ों शाप दे ने पाए? मुझे उधर जा कर उसका िसर काटने दे ।
10 राजा ने कहा, स याह के बेटो, मुझे तुम से ा काम? वह जो कोसता है, और यहोवा ने जो उस से कहा है, िक दाऊद को शाप दे , तो उस से कौन पूछ सकता, िक तू ने ऐसा ों
िकया?
11 िफर दाऊद ने अबीशै और अपने सब कमचा रयों से कहा, जब मेरा िनज पु भी मे रे ाण का खोजी है , तो यह िब ामीनी अब ऐसा ों न कर? उसको रहने दो, और शाप दे ने दो;
ोंिक यहोवा ने उस से कहा है।
12 कदािचत यहोवा इस उप व पर, जो मुझ पर हो रहा है , ि कर के आज के शाप की स ी मु झे भला बदला दे ।
13 तब दाऊद अपने जनों समेत अपना माग चला गया, और िशमी उसके सा ने के पहाड़ की अलं ग पर से शाप दे ता, और उस पर प र और धूिल फकता आ चला गया।
14 िनदान राजा अपने संग के सब लोगों समेत अपने िठकाने पर थका आ प ं चा; और वहां िव ाम िकया।
15 अबशालोम सब इ ाएली लोगों समे त य शलेम को आया, और उसके सं ग अहीतोपे ल भी आया।
16 जब दाऊद का िम एरे की शै अबशालोम के पास प ं चा, तब शै ने अबशालोम से कहा, राजा िचरं जीव रहे! राजा िचरं जीव रहे!
17 अबशालोम ने उस से कहा, ा यह तेरी ीित है जो तू अपने िम से रखता है? तू अपने िम के सं ग ों नही ं गया?
18 शै ने अबशालोम से कहा, ऐसा नही ं; िजस को यहोवा और वे लोग, ा वरन सब इ ाएली लोग चाह, उसी का म ं , और उसी के संग म र ंगा।
19 और िफर म िकसकी सेवा क ं ? ा उसके पु के सा ने रहकर से वा न क ं ? जै सा म ते रे िपता के सा ने रहकर सेवा करता था, वैसा ही तेरे सा ने रहकर से वा क ं गा।
20 तब अबशालोम ने अहीतोपेल से कहा, तुम लोग अपनी स ित दो, िक ा करना चािहये ?
21 अहीतोपे ल ने अबशालोम से कहा, िजन रखेिलयों को तेरा िपता भवन की चौकसी करने को छोड़ गया, उनके पास तू जा; और जब सब इ ाएली यह सुनगे, िक अबशालोम का िपता
उस से िघन करता है, तब तेरे सब संगी िहयाव बा गे।
22 सो उसके िलये भवन की छत के ऊपर एक त ू खड़ा िकया गया, और अबशालोम सम इ ाएल के दे खते अपने िपता की रखेिलयों के पास गया।
23 उन िदनों जो स ित अहीतोपेल दे ता था, वह ऐसी होती थी िक मानो कोई परमे र का वचन पूछ ले ता हो; अहीतोपेल चाहे दाऊद को चाहे अबशलोम को, जो जो स ित दे ता वह
ऐसी ही होती थी।
2 शमू एल 17
1 िफर अहीतोपेल ने अबशालोम से कहा, मुझे बारह हजार पु ष छां टने दे , और म उठ कर आज ही रात को दाऊद का पीछा क ं गा।
2 और जब वह थिकत और िनबल होगा, तब म उसे पकड़ूंगा, और डराऊंगा; और िजतने लोग उसके साथ ह सब भागगे । और म राजा ही को मा ं गा,
3 और म सब लोगों को ते रे पास लौटा लाऊंगा; िजस मनु का तू खोजी है उसके िमलने से सम जा का िमलना हो जाएगा, और सम जा कुशल ेम से रहेगी।
4 यह बात अबशालोम और सब इ ाएली पुरिनयों को उिचत मालूम पड़ी।
5 िफर अबशालोम ने कहा, एरे की शै को भी बुला ला, और जो वह कहे गा हम उसे भी सु न।
6 जब शै अबशालोम के पास आया, तब अबशालोम ने उस से कहा, अहीतोपे ल ने तो इस कार की बात कही है ; ा हम उसकी बात मान िक नहीं? यिद नही ं, तो तू कह दे ।
7 शै ने अबशालोम से कहा, जो स ित अहीतोपेल ने इस बार दी वह अ ी नही ं।
8 िफर शै ने कहा, तू तो अपने िपता और उसके जनों को जानता है िक वे शूरवीर ह, और ब ा छीनी ई रीछनी के समान ोिधत होंगे। और तेरा िपता यो ा है; और और लोगो के
साथ रात नही ं िबताता।
9 इस समय तो वह िकसी गढ़हे, वा िकसी दू सरे थान म िछपा होगा। जब इन म से पिहले पिहले कोई कोई मारे जाएं , तब इसके सब सुनने वाले कहने लगगे, िक अबशालोम के प
वाले हार गए।
10 तब वीर का दय, जो िसंह का सा होता है, उसका भी िहयाव छूट जाएगा, सम इ ाएल तो जानता है िक तेरा िपता वीर है, और उसके संगी बड़े यो ा ह।
11 इसिलये मेरी स ित यह है िक दान से ले कर बेशबा तक रहने वाले सम इ ाएली तेरे पास समु तीर की बालू के िकनकों के समान इक े िकए जाए, और तू आप ही यु को
जाए।
12 और जब हम उसको िकसी न िकसी थान म जहां वह िमले जा पकड़गे, तब जैसे ओस भू िम पर िगरती है वैसे ही हम उस पर टू ट पड़गे; तब न तो वह बचेगा, और न उसके संिगयों
म से कोई बचेगा।
13 और यिद वह िकसी नगर म घुसा हो, तो सब इ ाएली उस नगर के पास र यां ले आएं गे, और हम उसे नाले म खी ंचगे, यहां तक िक उसका एक छोटा सा प र भी न रह जाएगा।
14 तब अबशालोम और सब इ ाएली पु षों ने कहा, एरे की शै की स ित अहीतोपे ल की स ित से उ म है। यहोवा ने तो अहीतोपेल की अ ी स ित को िन ल करने के िलये
ठाना था, िक यह अबशालोम ही पर िवपि डाले।
15 तब शै ने सादोक और ए ातार याजकों से कहा, अहीतोपेल ने तो अबशालोम और इ ाएली पुरिनयों को इस इस कार की स ित दी; और म ने इस इस कार की स ित दी है ।
16 इसिलये अब फुती ं कर दाऊद के पास कहला भेजो, िक आज रात जं गली घाट के पास न ठहरना, अव पार ही हो जाना; ऐसा न हो िक राजा और िजतने लोग उसके संग हों, सब
नाश हो जाएं ।
17 योनातन और अहीमास एनरोगेल के पास ठहरे रहे; और एक लौंडी जा कर उ स े शा दे आती थी, और वे जा कर राजा दाऊद को स े शा दे ते थे; ोंिक वे िकसी के दे खते नगर
म नहीं जा सकते थे।
18 एक छोकरे ने तो उ दे ख कर अबशालोम को बताया; पर ु वे दोनों फुती ं से चले गए, और एक बहरीमवासी मनु के घर प ंच कर िजसके आं गन म कुंआ था उस म उतर गए।
19 तब उसकी ी ने कपड़ा ले कर कुंए के मुंह पर िबछाया, और उसके ऊपर दला आ अ फैला िदया; इसिलये कुछ मालूम न पड़ा।
20 तब अबशालोम के सेवक उस घर म उस ी के पास जा कर कहने लगे, अहीमास और योनातन कहां ह? ी ने उन से कहा, वे तो उस छोटी नदी के पार गए। तब उ ोंने उ
ढू ं ढा, और न पाकर य शलेम को लौटे ।
21 जब वे चले गए, तब थे कुंए म से िनकले , और जा कर दाऊद राजा को समाचार िदया; और दाऊद से कहा, तु म लोग चलो, फुती ं कर के नदी के पार हो जाओ; ोंिक अहीतोपे ल ने
तु ारी हािन की ऐसी ऐसी स ित दी है।
22 तब दाऊद अपने सब संिगयों समेत उठ कर यरदन पार हो गया; और पह फटने तक उन म से एक भी न रह गया जो यरदन के पार न हो गया हो।
23 जब अहीतोपेल ने दे खा िक मेरी स ित के अनु सार काम नहीं आ, तब उसने अपने गदहे पर काठी कसी, और अपने नगर म जा कर अपने घर म गया। और अपने घराने के िवषय
जो जो आ ा दे नी थी वह दे कर अपने को फांसी लगा ली; और वह मर गया, और उसके िपता के कि ान म उसे िम ी दे दी गई।
24 दाऊद तो महनैम म प ंचा। और अबशालोम सब इ ाएली पु षों समेत यरदन के पार गया।
25 और अबशालोम ने अमासा को योआब के थान पर धान सेनापित ठहराया। यह अमासा एक पु ष का पु था िजसका नाम इ ाएली िय ो था, और वह योआब की माता, स याह
की बिहन, अबीगल नाम नाहाश की बेटी के संग सोया था।
26 और इ ाएिलयों ने और अबशालोम ने िगलाद दे श म छावनी डाली।
27 जब दाऊद महनै म म आया, तब अ ोिनयों के र ा के िनवासी नाहाश का पु शोबी, और लोदबरवासी अ ीएल का पु माकीर, और रोगलीमवासी िगलादी बिज ,
28 चारपाइयां, तसले िम ी के बतन, गे ं, जव, मैदा, लोिबया, मसू र, चबेना,
29 मधु, म न, भेड़-बक रयां, और गाय के दही का प ीर, दाऊद और उसके संिगयों के खाने को यह सोचकर ले आए, िक जं गल म वे लोग भूखे ासे और थके मां दे होंगे।
2 शमू एल 18
1 तब दाऊद ने अपने संग के लोगों की िगनती ली, और उन पर सह पित और शतपित ठहराए।
2 िफर दाऊद ने लोगों की एक ितहाई तो योआब के, और एक ितहाई स याह के पु योआब के भाई अबीशै के, और एक ितहाई गती इ ै के, अिधकार म कर के यु म भेज िदया।
और राजा ने लोगों से कहा, म भी अव तु ारे साथ चलूं गा।
3 लोगों ने कहा, तू जाने न पाएगा। ोंिक चाहे हम भाग जाएं , तौभी वे हमारी िच ा न करगे; वरन चाहे हम म से आधे मारे भी जाएं , तौभी वे हमारी िच ा न करगे। ोंिक हमारे सरीखे
दस हज़ार पु ष ह; इसिलये अ ा यह है िक तू नगर म से हमारी सहायता करने को तैयार रहे ।
4 राजा ने उन से कहा, जो कुछ तु भाए वही म क ं गा। और राजा फाटक की एक ओर खड़ा रहा, और सब लोग सौ सौ, और हज़ार, हज़ार कर के िनकलने लगे।
5 और राजा ने योआब, अबीशै, और इ ै को आ ा दी, िक मे रे िनिम उस जवान, अथात अबशालोम से कोमलता करना। यह आ ा राजा ने अबशालोम के िवषय सब धानों को सब
लोगों के सु नते दी।
6 सो लोग इ ाएल का सा ला करने को मैदान म िनकले; और ए ैम नाम वन म यु आ।
7 वहां इ ाएली लोग दाऊद के जनों से हार गए, और उस िदन ऐसा बड़ा संहार आ िक बीस हजार खे त आए।
8 और यु उस सम दे श म फैल गया; और उस िदन िजतने लोग तलवार से मारे गए, उन से भी अिधक वन के कारण मर गए।
9 सं योग से अबशालोम और दाऊद के जनों की भट हो गई। अबशालोम तो एक ख र पर चढ़ा आ जा रहा था, िक र एक बड़े बांज वृ की घनी डािलयों के नीचे से गया, और
उसका िसर उस बांज वृ म अटक गया, और वह अधर म लटका रह गया, और उसका र िनकल गया।
10 इस को दे खकर िकसी मनु ने योआब को बताया, िक म ने अबशालोम को बां ज वृ म टं गा आ दे खा।
11 योआब ने बताने वाले से कहा, तू ने यह दे खा! िफर ों उसे वहीं मार के भूिम पर न िगरा िदया? तो म तु झे दस टु कड़े चांदी और एक किटब दे ता।
12 उस मनु ने योआब से कहा, चाहे मेरे हाथ म हज़ार टु कड़े चां दी तौलकर िदए जाएं , तौभी राजकुमार के िव हाथ न बढ़ाऊंगा; ोंिक हम लोगों के सुनते राजा ने तुझे और
अबीशै और इ ै को यह आ ा दी, िक तुम म से कोई ों न हो उस जवान अथात अबशालोम को न छूए।
13 यिद म धोखा दे कर उसका ाण लेता, तो तू आप मेरा िवरोधी हो जाता, ोंिक राजा से कोई बात िछपी नही ं रहती।
14 योआब ने कहा, म तेरे संग यों ही ठहरा नहीं रह सकता! सो उसने तीन लकड़ी हाथ म ले कर अबशालोम के दय म, जो बांज वृ म जीवित लटका था, छे द डाला।
15 तब योआब के दस हिथयार ढोने वाले जवानों ने अबशालोम को घे र के ऐसा मारा िक वह मर गया।
16 िफर योआब ने नरिसंगा फूंका, और लोग इ ाएल का पीछा करने से लौटे ; ोंिक योआब जा को बचाना चाहता था।
17 तब लोगों ने अबशालोम को उतार के उस वन के एक बड़े गड़हे म डाल िदया, और उस पर प रों का एक ब त बड़ा ढे र लगा िदया; और सब इ ाएली अपने अपने डे रे को भाग
गए।
18 अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर िक मेरे नाम का रण कराने वाला कोई पु मे रे नहीं है , अपने िलये वह लाठ खड़ी कराई थी जो राजा की तराई म है; और लाठ का
अपना ही नाम रखा, जो आज के िदन तक अबशालोम की लाठ कहलाती है ।
19 और सादोक के पु अहीमास ने कहा, मुझे दौड़कर राजा को यह समाचार दे ने दे , िक यहोवा ने ाय कर के तु झे तेरे श ुओ ं के हाथ से बचाया है।
20 योआब ने उस से कहा, तू आज के िदन समाचार न दे ; दू सरे िदन समाचार दे ने पाएगा, पर ु आज समाचार न दे , इसिलये िक राजकुमार मर गया है।
21 तब योआब ने एक कूशी से कहा जो कुछ तू ने दे खा है वह जा कर राजा को बता दे । तो वह कूशी योआब को द वत् कर के दौड़ गया।
22 िफर सादोक के पु अहीमास ने दू सरी बार योआब से कहा, जो हो सो हो, पर ु मु झे भी कूशी के पीछे दौड़ जाने दे । योआब ने कहा, हे मेरे बेटे, तेरे समाचार का कुछ बदला न
िमले गा, िफर तू ों दौड़ जाना चाहता है?
23 उसने यह कहा, जो हो सो हो, पर ु मुझे दौड़ जाने दे । उसने उस से कहा, दौड़। तब अहीमास दौड़ा, और तराई से हो कर कूशी के आगे बढ़ गया।
24 दाऊद तो दो फाटकों के बीच बैठा था, िक पह आ जो फाटक की छत से हो कर शहरपनाह पर चढ़ गया था, उसने आं ख उठा कर ा दे खा, िक एक मनु अकेला दौड़ा आता
है ।
25 जब पह ए ने पुकार के राजा को यह बता िदया, तब राजा ने कहा, यिद अकेला आता हो, तो स े शा लाता होगा। वह दौड़ते दौड़ते िनकल आया।
26 िफर पह ए ने एक और मनु को दौड़ते ए दे ख फाटक के रख वाले को पुकार के कहा, सु न, एक और मनु अकेला दौड़ा आता है। राजा ने कहा, वह भी स े शा लाता होगा।
27 पह ए ने कहा, मुझे तो ऐसा दे ख पड़ता है िक पहले का दौड़ना सादोक के पु अहीमास का सा है । राजा ने कहा, वह तो भला मनु है, तो भला स े श लाता होगा।
28 तब अहीमास ने पुकार के राजा से कहा, क ाण। िफर उसने भूिम पर मुंह के बल िगर राजा को द वत् कर के कहा, तेरा परमे र यहोवा ध है, िजसने मेरे भु राजा के िव
हाथ उठाने वाले मनु ों को तेरे वश म कर िदया है!
29 राजा ने पूछा, ा उस जवान अबशालोम का क ाण है ? अहीमास ने कहा, जब योआब ने राजा के कमचारी को और तेरे दास को भेज िदया, तब मुझे बड़ी भीड़ दे ख पड़ी, पर ु
मालू म न आ िक ा आ था।
30 राजा ने कहा; हटकर यहीं खड़ा रह। और वह हटकर खड़ा रहा।
31 तब कूशी भी आ गया; और कूशी कहने लगा, मेरे भु राजा के िलये समाचार है । यहोवा ने आज ाय कर के तु झे उन सभों के हाथ से बचाया है जो तेरे िव उठे थे ।
32 राजा ने कूशी से पूछा, ा वह जवान अथात अबशालोम क ाण से है ? कूशी ने कहा, मे रे भु राजा के श ु, और िजतने तेरी हािन के िलये उठे ह, उनकी दशा उस जवान की सी
हो।
33 तब राजा ब त घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता आ चढ़ने लगा; और चलते चलते यों कहता गया, िक हाय मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बे टे, हाय! मे रे बे टे
अबशालोम! भला होता िक म आप तेरी स ी मरता, हाय! अबशालोम! मेरे बे टे, मे रे बे टे!!
2 शमू एल 19
1 तब योआब को यह समाचार िमला, िक राजा अबशालोम के िलये रो रहा है और िवलाप कर रहा है ।
2 इसिलये उस िदन का िवजय सब लोगों की समझ म िवलाप ही का कारण बन गया; ोंिक लोगों ने उस िदन सुना, िक राजा अपने बेटे के िलये खेिदत है।
3 और उस िदन लोग ऐसा मुंह चुराकर नगर म घुसे, जैसा लोग यु से भाग आने से ल त हो कर मुंह चु राते ह।
4 और राजा मुंह ढां पे ए िच ा िच ाकर पुकारता रहा, िक हाय मेरे बे टे अबशालोम! हाय अबशालोम, मे रे बे टे, मे रे बे टे!
5 तब योआब घर म राजा के पास जा कर कहने लगा, ते रे कमचा रयों ने आज के िदन तेरा, और तेरे बेटे-बेिटयों का और तेरी पि यों और रखे िलयों का ाण तो बचाया है, पर ु तू ते
आज के िदन उन सभों का मुंह काला िकया है;
6 इसिलये िक तू अपने बै रयों से ेम और अपने ेिमयों से बै र रखता है। तू ने आज यह गट िकया िक तु झे हािकमों और कमचा रयों की कुछ िच ा नही ं; वरन म ने आज जान िलया,
िक यिद हम सब आज मारे जाते और अबशालोम जीिवत रहता, तो तू ब त स होता।
7 इसिलये अब उठ कर बाहर जा, और अपने कमचा रयों को शा दे ; तही ं तो म यहोवा की शपथ खाकर कहता ँ , िक यिद तू बाहर न जाएगा, तो आज रात को एक मनु भी ते रे
सं ग न रहेगा; और तेरे बचपन से ले कर अब तक िजतनी िवपि यां तुझ पर पड़ी ह उन सब से यह िवपि बड़ी होगी।
8 तब राजा उठ कर फाटक म जा बैठा। और जब सब लोगों को यह बताया गया, िक राजा फाटक म बै ठा है ; तब सब लोग राजा के सा ने आए। और इ ाएली अपने अपने डे रे को
भाग गए थे ।
9 और इ ाएल के सब गो म सब लोग आपस म यह कहकर झगड़ते थे , िक राजा ने हम हमारे श ुओ ं के हाथ से बचाया था, और पिल यों के हाथ से उसी ने हम छु ड़ाया; पर ु अब
वह अबशालोम के डर के मारे दे श छोड़कर भाग गया।
10 और अबशालोम िजस को हम ने अपना राजा होने को अिभषे क िकया था, वह यु म मर गया है । तो अब तु म ों चु प रहते ? और राजा को लौटा ले अपने की चचा ों नही ं करते ?
11 तब राजा दाऊद ने सादोक और ए ातार याजकों के पास कहला भेजा, िक य दी पुरिनयों से कहो, िक तुम लोग राजा को भवन प ंचाने के िलये सब से पीछे ों होते हो जब िक
सम इ ाएल की बातचीत राजा के सुनने म आई है, िक उसको भवन म प ंचाए?
12 तुम लोग तो मेरे भाई, वरन मेरी ही ह ी और मांस हो; तो तुम राजा को लौटाने म सब के पीछे ों होते हो?
13 िफर अमासा से यह कहो, िक ा तू मेरी ह ी और मां स नही ं है? और यिद तू योआब के थान पर सदा के िलये से नापित न ठहरे , तो परमे र मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अिधक
करे ।
14 इस कार उसने सब य दी पु षों के मन ऐसे अपनी ओर खी ंच िलया िक मानों एक ही पु ष था; और उ ोंने राजा के पास कहला भेजा, िक तू अपने सब कमचा रयों को सं ग ले कर
लौट आ।
15 तब राजा लौटकर यरदन तक आ गया; और य दी लोग िगलगाल तक गए िक उस से िमलकर उसे यरदन पार ले आए।
16 य िदयों के सं ग गे रा का पु िब ामीनी िशमी भी जो ब रीमी था फुती ं कर के राजा दाऊद से भट करने को गया;
17 उसके संग हज़ार िब ामीनी पु ष थे। और शाऊल के घराने का कमचारी सीबा अपने प ह पु ों और बीस दासों समेत था, और वे राजा के सा ने यरदन के पार पां व पै दल उतर
गए।
18 और एक बेड़ा राजा के प रवार को पार ले आने, और िजस काम म वह उसे लगाने चाहे उसी म लगने के िलये पार गया। और जब राजा यरदन पार जाने पर था, तब गे रा का पु
िशमी उसके पावों पर िगरके,
19 राजा से कहने लगा, मेरा भु मेरे दोष का लेखा न करे , और िजस िदन मे रा भु राजा य शले म को छोड़ आया, उस िदन तेरे दास ने जो कुिटल काम िकया, उसे ऐसा रण न कर
िक राजा उसे अपने ान म रखे।
20 ोंिक तेरा दास जानता है िक म ने पाप िकया; दे ख, आज अपने भु राजा से भट करने के िलये यूसुफ के सम घराने म से म ही पिहला आया ँ।
21 तब स याह के पु अबीशै ने कहा, िशमी ने जो यहोवा के अिभिष को शाप िदया था, इस कारण ा उसको वध करना न चािहये?
22 दाऊद ने कहा, हे स याह के बे टों, मु झे तुम से ा काम, िक तुम आज मे रे िवरोधी ठहरे हो? आज ा इ ाएल म िकसी को ाण द िमलेगा? ा म नहीं जानता िक आज म
इ ाएल का राजा आ ँ?
23 िफर राजा ने िशमी से कहा, तुझे ाण द न िमलेगा। और राजा ने उस से शपथ भी खाई।
24 तब शाऊल का पोता मपीबोशेत राजा से भट करने को आया; उसने राजा के चले जाने के िदन से उसके कुशल े म से िफर आने के िदन तक न अपने पावों के नाखून काटे , और न
अपनी दाढी बनवाई, और न अपने कपड़े धुलवाए थे।
25 तो जब य शलेमी राजा से िमलने को गए, तब राजा ने उस से पू छा, हे मपीबोशेत, तू मे रे सं ग ों नही ं गया था?
26 उसने कहा, हे मेरे भु, हे राजा, मेरे कमचारी ने मुझे धोखा िदया था; तेरा दास जो पं गु है; इसिलये तेरे दास ने सोचा, िक म गदहे पर काठी कसवाकर उस पर चढ़ राजा के साथ चला
जाऊंगा।
27 और मे रे कमचारी ने मेरे भु राजा के सा ने मेरी चुगली खाई। पर ु मे रा भु राजा परमे र के दू त के समान है ; और जो कुछ तुझे भाए वही कर।
28 मेरे िपता का सम घराना तेरी ओर से ाण द के यो था; पर ु तू ने अपने दास को अपनी मेज पर खाने वालों म िगना है। मुझे ा हक है िक म राजा की ओर दोहाई दू ं ?
29 राजा ने उस से कहा, तू अपनी बात की चचा ों करता रहता है ? मेरी आ ा यह है, िक उस भूिम को तुम और सीबा दोनों आपस म बांट लो।
30 मपीबोशेत ने राजा से कहा, मेरे भु राजा जो कुशल े म से अपने घर आया है , इसिलये सीबा ही सब कुछ ले ले ।
31 तब िगलादी बिज ै रोगलीम से आया, और राजा के साथ यरदन पार गया, िक उसको यरदन के पार प ं चाए।
32 बिज ै तो वृ पु ष था, अथात अ ी पष की आयु का था जब तक राजा महनैम म रहता था तब तक वह उसका पालन पोषण करता रहा; ोंिक वह ब त धनी था।
33 तब राजा ने बिज ै से कहा, मेरे संग पार चल, और म तुझे य शलेम म अपने पास रखकर ते रा पालन पोषण क ं गा।
34 बिज ै ने राजा से कहा, मुझे िकतने िदन जीिवत रहना है, िक म राजा के सं ग य शले म को जाऊं?
35 आज म अ ी वष का ँ; ा म भले-बुरे का िववेक कर सकता ँ? ा ते रा दास जो कुछ खाता पीता है उसका ाद पिहचान सकता है? ा मुझे गवै ों वा गाियकाओं का श
अब सु न पड़ता है? तेरा दास अब अपने भु राजा के िलये ों बोझ का कारण हो?
36 तेरे दास राजा के सं ग यरदन पार ही तक जाएगा। राजा इसका ऐसा बड़ा बदला मुझे ों दे ?
37 अपने दास को लौटने दे , िक म अपने ही नगर म अपने माता िपता के कि ान के पास म ं । पर ु तेरा दास िक ाम उप थत है; मेरे भु राजा के संग वह पार जाए; और जैसा
तुझे भाए वैसा ही उस से वहार करना।
38 राजा ने कहा, हां, िक ान मेरे संग पार चलेगा, और जै सा तुझे भाए वैसा ही म उस से वहार क ं गा वरन जो कुछ तू मुझ से चाहेगा वह म तेरे िलये क ं गा।
39 तब सब लोग यरदन पार गए, और राजा भी पार आ; तब राजा ने बिज ै को चू मकर आशीवाद िदया, और वह अपने थान को लौट गया।
40 तब राजा िग ाल की ओर पार गया, और उसके संग िक ाम पार आ; और सब स दी लोगों ने और आधे इ ाएली लोगों ने राजा को पार प ंचाया।
41 तब सब इ ाएली पु ष राजा के पास आए, और राजा से कहने लगे , ा कारण है िक हमारे य दी भाई तुझे चोरी से ले आए, और प रवार समे त राजा को और उसके सब जनों को
भी यरदन पार ले आए ह?
42 सब य दी पु षों ने इ ाएली पु षों को उ र िदया, िक कारण यह है िक राजा हमारे गो का है । तो तु म लोग इस बात से ों ठ गए हो? ा हम ने राजा का िदया आ कुछ
खाया है? वा उसने हम कुछ दान िदया है?
43 इ ाएली पु षों ने य दी पु षों को उ र िदया, राजा म दस अं श हमारे ह; और दाऊद म हमारा भाग तु ारे भाग से बड़ा है। तो िफर तुम ने हम ोंतु जाना? ा अपने राजा के
लौटा ले आने की चचा पिहले हम ही ने न की थी? और य दी पु षों ने इ ाएली पु षों से अिधक कड़ी बात कही ं।
2 शमू एल 20
1 वहां संयोग से शेबा नाम एक िब ामीनी था, वह ओछा पु ष िब ी का पु था; वह नरिसंगा फूंक कर कहने लगा, दाऊद म हमारा कुछ अं श नहीं, और न ियशै के पु म हमारा कोई
भाग है; हे इ ाएिलयो, अपने अपने डे रे को चले जाओ!
2 इसिलये सब इ ाएली पु ष दाऊद के पीछे चलना छोड़कर िब ी के पु शेबा के पीछे हो िलये ; पर ु सब य दी पु ष यरदन से य शलेम तक अपने राजा के संग लगे रहे ।
3 तब दाऊद य शलेम को अपने भवन म आया; और राजा ने उन दस रखेिलयों को, िज वह भवन की चौकसी करने को छोड़ गया था, अलग एक घर म रखा, और उनका पालन
पोषण करता रहा, पर ु उन से सहवास न िकया। इसिलये वे अपनी अपनी मृ ु के िदन तक िवधवापन की सी दशा म जीिवत ही ब रही।
4 तब राजा ने अमासा से कहा, य दी पु षों को तीन िदन के भीतर मेरे पास बुला ला, और तू भी यहां उप थत रहना।
5 तब अमासा य िदयों को बु लाने गया; पर ु उसके ठहराए ए समय से अिधक रह गया।
6 तब दाऊद ने अबीशै से कहा, अब िब ी का पु शेबा अबशालोम से भी हमारी अिधक हािन करे गा; इसिलये तू अपने भु के लोगों को ले कर उसका पीछा कर, ऐसा न हो िक वह
गढ़ वाले नगर पाकर हमारी ि से िछप जाए।
7 तब योआब के जन, और करे ती और पकेती लोग, और सब शूरवीर उसके पीछे हो िलये ; और िब ी के पु शेबा का पीछे करने को य शलेम से िनकले।
8 वे िगबोन म उस भारी प र के पास प ंचे ही थे, िक अमासा उन से आ िमला। योआब तो यो ा का व फेटे से कसे ए था, और उस फेटे म एक तलवार उसकी कमर पर अपनी
ान म ब ी ई थी; और जब वह चला, तब वह िनकलकर िगर पड़ी।
9 तो योआब ने अमासा से पूछा, हे मेरे भाई, ा तू कुशल से है? तब योआब ने अपना दािहना हाथ बढ़ाकर अमासा को चूमने के िलये उसकी दाढ़ी पकड़ी।
10 पर ु अमासा ने उस तलवार की कुछ िच ा न की जो याआब के हाथ म थी; और उसने उसे अमासा के पे ट म भोंक दी, िजस से उसकी अ िडय़ां िनकलकर धरती पर िगर पड़ी,
और उसने उसको दू सरी बार न मारा; और वह मर गया। तब योआब और उसका भाई अबीशै िब ी के पु शेबा का पीछा करने को चले।
11 और उसके पास योआब का एक जवान खड़ा हो कर कहने लगा, जो कोई योआब के प और दाऊद की ओर का हो वह योआब के पीछे हो ले।
12 अमासा तो सड़क के म अपने लो म लोट रहा था। तो जब उस मनु ने दे खा िक सब लोग खड़े हो गए ह, तब अमासा को सड़क पर से मैदान म उठा ले गया, और जब दे खा
िक िजतने उसके पास आते ह वे खड़े हो जाते ह, तब उसने उसके ऊपर एक कपड़ा डाल िदया।
13 उसके सड़क पर से सरकाए जाने पर, सब लोग िब ी के पु शेबा का पीछे करने को योआब के पीछे हो िलए।
14 और वह सब इ ाएली गो म हो कर आबेल और बेतमाका और बे रयों के दे श तक प ं चा; और वे भी इक े हो कर उसके पीछे हो िलए।
15 तब उ ोंने उसको बे तमाका के आबेल म घेर िलया; और नगर के सा ने ऐसा दमदमा बा ा िक वह शहरपनाह से सट गया; और योआब के संग के सब लोग शहरपनाह को िगराने
के िलये ध ा दे ने लगे ।
16 तब एक बु मान ी ने नगर म से पुकारा, सुनो! सुनो! योआब से कहो, िक यहां आए, तािक म उस से कुछ बात क ं ।
17 जब योआब उसके िनकट गया, तब ी ने पूछा, ा तू योआब है ? उसने कहा, हां , म वही ँ। िफर उसने उस से कहा, अपनी दासी के वचन सुन। उसने कहा, म तो सुन रहा ँ।
18 वह कहने लगी, ाचीनकाल म तो लोग कहा करते थे, िक आबे ल म पू छा जाए; और इस रीित झगड़े को िनपटा दे ते थे ।
19 म तो मेलिमलाप वाले और िव ासयो इ ाएिलयों म से ँ ; पर ु तू एक धान नगर नाश करने का य करता है; तू यहोवा के भाग को ों िनगल जाएगा?
20 योआब ने उ र दे कर कहा, यह मुझ से दू र हो, दू र, िक म िनगल जाऊं वा नाश क ं !
21 बात ऐसी नहीं है। शेबा नाम ए ैम के पहाड़ी दे श का एक पु ष जो िब ी का पु है , उसने दाऊद राजा के िव हाथ उठाया है ; तो तुम लोग केवल उसी को सौंप दो, तब म नगर
को छोड़कर चला जाऊंगा। ी ने योआब से कहा, उसका िसर शहरपनाह पर से तेरे पास फक िदया जाएगा।
22 तब ी अपनी बु मानी से सब लोगों के पास गई। तब उ ोंने िब ी के पु शेबा का िसर काट कर योआब के पास फक िदया। तब योआब ने नरिसंगा फूंका, और सब लोग नगर
के पास से अलग अलग हो कर अपने अपने डे रे को गए। और योआब य शले म को राजा के पास लौट गया।
23 योआब तो सम इ ाएली सेना के ऊपर धान रहा; और यहोयादा का मु बनायाह करे ितयों और पकेितयों के ऊपर था;
24 और अदोराम बेगारों के ऊपर था; और अहीलूद का पु यहोशापात इितहास का ले खक था;
25 और शया मं ी था; और सादोक और ए ातार याजक थे;
26 और याईरी ईरा भी दाऊद का एक मं ी था।
2 शमू एल 21
1 दाऊद के िदनों म लगातार तीन बरस तक अकाल पड़ा; तो दाऊद ने यहोवा से ाथना की। यहोवा ने कहा, यह शाऊल और उसके खूनी घराने के कारण आ, ोंिक उसने
िगबोिनयों को मरवा डाला था।
2 तब राजा ने िगबोिनयो को बुलाकर उन से बात की ं। िगबोनी लोग तो इ ाएिलयों म से नहीं थे , वे बचे ए एमो रयो म से थे; और इ ाएिलयों ने उनके साथ शपथ खाई थी, पर ु शाऊल
को जो इ ाएिलयों और य िदयों के िलये जलन ई थी, इस से उसने उ मार डालने के िलये य िकया था।
3 तब दाऊद ने िगबोिनयों से पूछा, म तु ारे िलये ा क ं ? और ा कर के ऐसा ायि त क ं , िक तु म यहोवा के िनज भाग को आशीवाद दे सको?
4 िगबोिनयों ने उस से कहा, हमारे और शाऊल वा उसके घराने के म पये पैसे का कुछ झगड़ा नही;ं और न हमारा काम है िक िकसी इ ाएली को मार डाल। उसने कहा, जो कुछ
तुम कहो, वही म तु ारे िलये क ं गा।
5 उ ोंने राजा से कहा, िजस पु ष ने हम को नाश कर िदया, और हमारे िव ऐसी यु दी िक हम ऐसे स ानाश हो जाएं , िक इ ाएल के दे श म आगे को न रह सक,
6 उसके वंश के सात जन हम सौंप िदए जाएं , और हम उ यहोवा के िलये यहोवा के चु ने ए शाऊल की िगबा नाम ब ी म फांसी दगे। राजा ने कहा, म उन को सौंप दू ं गा।
7 पर ु दाऊद ने और शाऊल के पु योनातन ने आपस म यहोवा की शपथ खाई थी, इस कारण राजा ने योनातन के पु मपीबोशेत को जो शाऊल का पोता था बचा रखा।
8 पर ु अम नी और मपीबोशेत नाम, अ ा की बेटी र ा के दोनों पु जो शाऊल से उ ए थे ; और शाऊल की बेटी मीकल के पांचों बेटे, जो वह महोलवासी बिज ै के पु
अ ीएल की ओर से थे, इन को राजा ने पकड़वाकर
9 िगबोिनयों के हाथ सौंप िदया, और उ ोंने उ पहाड़ पर यहोवा के सा ने फां सी दी, और सातों एक साथ नाश ए। उनका मार डाला जाना तो कटनी के पिहले िदनों म, अथात जब
की कटनी के आर म आ।
10 तब अ ा की बे टी र ा ने टाट ले कर, कटनी के आर से ले कर जब तक आकाश से उन पर अ वृि न पड़ी, तब तक च ान पर उसे अपने नीचे िबछाये रही; और न तो
िदन म आकाश के पि यों को, और न रात म बनैले पशुओं को उ छूने िदया।
11 जब अ ा की बेटी शाऊल की रखेली र ा के इस काम का समाचार आऊद को िमला,
12 तब दाऊद ने जा कर शाऊल और उसके पु योनातन की हि यों को िगलादी याबेश के लोगों से ले िलया, िज ोंने उ बेतशान के उस चौक से चुरा िलया था, जहां पिल यों ने
उ उस िदन टांगा था, जब उ ोंने शाऊल को िग ो पहाड़ पर मार डाला था;
13 तो वह वहां से शाऊल और उसके पु योनातन की हि यों को ले आया; और फांसी पाए ओं की हि यां भी इक ी की गई।
14 और शाऊल और उसके पु योनातन की हि यां िब ामीन के दे श के जेला म शाऊल के िपता कीश के क़ि ान गाड़ी गई; और दाऊद की सब आ ाओं के अनु सार काम आ।
और उसके बाद परमे र ने दे श के िलये ाथना सुन ली।
15 पिल यों ने इ ाएल से िफर यु िकया, और दाऊद अपने जनों समेत जा कर पिल यों से लड़ने लगा; पर ु दाऊद थक गया।
16 तब ियशबोबनोब, जो रपाई के वंश का था, और उसके भाले का फल तौल म तीन सौ शेकेल पीतल का था, और वह नई तलवार बा े ए था, उसने दाऊद को मारने को ठाना।
17 पर ु स याह के पु अबीशै ने दाऊद की सहायता कर के उस पिल ी को ऐसा मारा िक वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उस से कहा, तू िफर हमारे सं ग यु
को जाने न पाएगा, ऐसा न हो िक तेरे मरने से इ ाएल का िदया बुझ जाए।
18 इसके बाद पिल यों के साथ गोब म िफर यु आ; उस समय शाई िस कै ने रपाईवंशी सप को मारा।
19 और गोब म पिल यों के साथ िफर यु आ; उस म बे तले हेम वासी यारयोरगीम के पु ए नान ने गती गो त को मार डाला, िजसके बछ की छड़ जोलाहे की डोंगी के समान
थी।
20 िफर गत म भी यु आ, और वहां एक बड़ी डील का रपाईवंशी पु ष था, िजसके एक एक हाथ पां व म, छ: छ: उं गली, अथात िगनती म चौबीस उं गिलयां थी ं।
21 जब उसने इ ाएल को ललकारा, तब दाऊद के भाई िशमा के पु यहोनातान ने उसे मारा।
22 ये ही चार गत म उस रपाई से उ ए थे; और वे दाऊद और उसके जनों से मार डाले गए।
2 शमू एल 22
1 और िजस समय यहोवा ने दाऊद को उसके सब श ुओं और शाऊल के हाथ से बचाया था, तब उसने यहोवा के िलये इस गीत के वचन गाए;
2 उसने कहा, यहोवा मेरी च ान, और मेरा गढ़, मेरा छु ड़ाने वाला,
3 मे रा च ान पी परमे र है, िजसका म शरणागत ँ, मेरी ढाल, मे रा बचाने वाला सी ंग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरण थान है, हे मेरे उ ार क ा, तू उप व से मेरा उ ार िकया
करता है।
4 म यहोवा को जो ुित के यो है पुका ं गा, और अपने श ुओं से बचाया जाऊंगा।
5 मृ ु के तरं गों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, ना कपन की धाराओं ने मुझ को घबड़ा िदया था;
6 अधोलोक की र यां मेरे चारों ओर थी,ं मृ ु के फ े मे रे सा ने थे ।
7 अपने सं कट म म ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमे र के स ु ख िच ाया। और उसने मे री बात को अपने म र म से सुन िलया, और मेरी दोहाई उसके कानों म प ं ची।
8 तब पृ ी िहल गई और डोल उठी; और आकाश की ने व कां पकर ब त ही िहल गई, ोंिक वह अित ोिधत आ था।
9 उसके नथनों से धुंआ िनकला, और उसके मुंह से आग िनकल कर भ करने लगी; िजस से कोयले दहक उठे ।
10 और वह ग को झुका कर नीचे उतर आया; और उसके पांवों के तले घोर अंधकार छाया था।
11 और वह क ब पर सवार हो कर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर िदखाई िदया।
12 और उसने अपने चारों ओर के अंिधयारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना म प बनाया।
13 उसके स ु ख की झलक तो उसके आगे आगे थी, आग के कोयले दहक उठे ।
14 यहोवा आकाश म से गरजा, और परम धान ने अपनी वाणी सु नाई।
15 उसने तीर चला चला कर मेरे श ुओं को िततर िबतर कर िदया, और िबजली िगरा िगराकर उसको परा कर िदया।
16 तब समु की थाह िदखाई दे ने लगी, और जगत की नेव खुल गई, यह तो यहोवा की डांट से, और उसके नथनों की सांस की झोंक से आ।
17 उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम िलया, और मुझे गहरे जल म से खी ंचकर बाहर िनकाला।
18 उसने मु झे मेरे बलव श ु से, और मेरे बै रयों से, जो मु झ से अिधक सामथी ं थे, मुझे छु ड़ा िलया।
19 उ ोंने मेरी िवपि के िदन मेरा सा ना तो िकया; पर ु यहोवा मे रा आ य था।
20 और उसने मुझे िनकाल कर चौड़े थान म प ंचाया; उसने मु झ को छु ड़ाया, ोंिक वह मु झ से स था।
21 यहोवा ने मुझ से मेरे धम के अनुसार वहार िकया; मे रे कामों की शु ता के अनु सार उसने मु झे बदला िदया।
22 ोंिक म यहोवा के माग पर चलता रहा, और अपने परमे र से मुं ह मोड़ कर दु न बना।
23 उसके सब िनयम तो मेरे सा ने बने रहे, और म उसकी िविधयों से हट न गया।
24 और म उसके साथ खरा बना रहा, और अधम से अपने को बचाए रहा, िजस म मे रे फंसने का डर था।
25 इसिलये यहोवा ने मुझे मेरे धम के अनुसार बदला िदया, मेरी उस शु ता के अनु सार िजसे वह दे खता था।
26 दयाव के साथ तू अपने को दयाव िदखाता; खरे पु ष के साथ तू अपने को खरा िदखाता है;
27 शु के साथ तू अपने को शु िदखाता; और टे ढ़े के साथ तू ितरछा बनता है ।
28 और दीन लोगों को तो तू बचाता है, पर ु अिभमािनयों पर ि कर के उ नीचा करता है ।
29 हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अ यारे को दू र कर के उिजयाला कर दे ता है ।
30 तेरी सहायता से म दल पर धावा करता, अपने परमे र की सहायता से म शहरपनाह को फां द जाता ँ ।
31 ई र की गित खरी है; यहोवा का वचन ताया आ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।
32 यहोवा को छोड़ ा कोई ई र है? हमारे परमे र को छोड़ ा और कोई च ान है ?
33 यह वही ई र है , जो मेरा अित ढ़ िक़ला है, वह खरे मनु को अपने माग म िलये चलता है ।
34 वह मे रे पै रों को ह रिणयों के से बना दे ता है, और मुझे ऊंचे थानों पर खड़ा करता है।
35 वह मे रे हाथों को यु करना िसखाता है, यहां तक िक मे री बांह पीतल के धनु ष को झुका दे ती ह।
36 और तू ने मु झ को अपने उ ार की ढाल दी है, और तेरी न ता मुझे बढ़ाती है ।
37 तू मेरे पै रों के िलये थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नही ं िफसले।
38 म ने अपने श ुओं का पीछा कर के उ स ानाश कर िदया, और जब तक उनका अ न िकया तब तक न लौटा।
39 और म ने उनका अ िकया; और उ ऐसा छे द डाला है िक वे उठ नही ं सकते; वरन वे तो मेरे पांवों के नीचे िगरे पड़े ह।
40 और तू ने यु के िलये मेरी कमर बलव की; और मे रे िवरोिधयों को मेरे ही सा ने परा कर िदया।
41 और तू ने मे रे श ुओं की पीठ मु झे िदखाई, तािक म अपने बै रयों को काट डालूं।
42 उ ोंने बाट तो जोही, पर ु कोई बचाने वाला न िमला; उ ोंने यहोवा की भी बाट जोही, पर ु उसने उन को कोई उ र न िदया।
43 तब म ने उन को कूट कूटकर भूिम की धूिल के समान कर िदया, म ने उ सड़कों और गली कूचों की कीचड़ के समान पटक कर चारों ओर फैला िदया।
44 िफर तू ने मु झे जा के झगड़ों से छु ड़ाकर अ जाितयों का धान होने के िलये मे री र ा की; िजन लोगों को म न जानता था वे भी मेरे आधीन हो जाएं गे।
45 परदे शी मेरी चापलूसी करगे; वे मेरा नाम सुनते ही मेरे वश म आएं गे ।
46 परदे शी मुझाएं गे , और अपने कोठों म से थरथराते ए िनकलगे।
47 यहोवा जीिवत है; मेरी च ान ध है, और परमे र जो मे रे उ ार की च ान है , उसकी मिहमा हो।
48 ध है मे रा पलटा लेनेवाला ई र, जो दे श दे श के लोगों को मेरे वश म कर दे ता है ,
49 और मु झे मेरे श ुओं के बीच से िनकालता है; हां, तू मुझे मेरे िवरोिधयों से ऊंचा करता है , और उप वी पु ष से बचाता है।
50 इस कारण, हे यहोवा, म जाित जाित के सा ने तेरा ध वाद क ं गा, और ते रे नाम का भजन गाऊंगा।
51 वह अपने ठहराए ए राजा का बड़ा उ ार करता है, वह अपने अिभिष दाऊद, और उसके वंश पर यु गानु युग क णा करता रहेगा।
2 शमू एल 23
1 दाऊद के अ म वचन ये ह: ियशै के पु की यह वाणी है, उस पु ष की वाणी है जो ऊंचे पर खड़ा िकया गया, और याकूब के परमे र का अिभिष , और इ ाएल का मधुर भजन
गाने वाला है:
2 यहोवा का आ ा मुझ म हो कर बोला, और उसी का वचन मेरे मुं ह म आया।
3 इ ाएल के परमे र ने कहा है, इ ाएल की च ान ने मु झ से बात की है, िक मनु ों म भु ता करने वाला एक धमी ं होगा, जो परमे र का भय मानता आ भुता करे गा,
4 वह मानो भोर का काश होगा जब सूय िनकलता है, ऐसा भोर िजस म बादल न हों, जै सा वषा के बाद िनमल काश के कारण भूिम से हरी हरी घास उगती है।
5 ा मेरा घराना ई र की ि म ऐसा नहीं है ? उसने तो मेरे साथ सदा की एक ऐसी वाचा बा ी है, जो सब बातों म ठीक की ई और अटल भी है। ोंिक चाहे वह उसको गट न
करे , तौभी मे रा पू ण उ ार और पूण अिभलाषा का िवषय वही है ।
6 पर ु ओछे लोग सब के सब िनक ी झािड़यों के समान ह जो हाथ से पकड़ी नही ं जातीं;
7 और जो पु ष उन को छूए उसे लोहे और भाले की छड़ से सुस त होना चािहये । इसिलये वे अपने ही थान म आग से भ कर िदए जाएं गे।
8 दाऊद के शूरवीरों के नाम ये ह: अथात तहकमोनी यो े ेबेत, जो सरदारों म मु था; वह ए ी अदीनो भी कहलाता था; िजसने एक ही समय म आठ सौ पु ष मार डाले।
9 उसके बाद अहोही दोदै का पु एलीआज़र था। वह उस समय दाऊद के संग के तीनों वीरों म से था, जब िक उ ोंने यु के िलये एकि त ए पिल यों को ललकारा, और इ ाएली
पु ष चले गए थे।
10 वह कमर बा कर पिल यों को तब तक मारता रहा जब तक उसका हाथ थक न गया, और तलवार हाथ से िचपट न गई; और उस िदन यहोवा ने बड़ी िवजय कराई; और जो लोग
उसके पीछे हो िलये वे केवल लूटने ही के िलये उसके पीछे हो िलए।
11 उसके बाद आगे नाम एक पहाड़ी का पु श ा था। पिल यों ने इक े हो कर एक थान म दल बा ा, जहां मसू र का एक खेत था; और लोग उनके डर के मारे भागे।
12 तब उसने खेत के म म खड़े हो कर उसे बचाया, और पिल यों को मार िलया; और यहोवा ने बड़ी िवजय िदलाई।
13 िफर तीसों मु सरदारों म से तीन जन कटनी के िदनों म दाऊद के पास अदु ाम नाम गु फ़ा म आए, और पिल यों का दल रपाईम नाम तराई म छावनी िकए ए था।
14 उस समय दाऊद गढ़ म था; और उस समय पिल यों की चौकी बे तलेहेम म थी।
15 तब दाऊद ने बड़ी अिभलाषा के साथ कहा, कौन मुझे बे तले हेम के फाटक के पास के कुएं का पानी िपलाएगा?
16 तो वे तीनों वीर पिल यों की छावनी म टू ट पड़े , और बेतले हेम के फाटक के कुंए से पानी भर के दाऊद के पास ले आए। पर ु उसने पीने से इनकार िकया, और यहोवा के
सा ने अघ कर के उ े ला,
17 और कहा, हे यहोवा, मुझ से ऐसा काम दू र रहे। ा म उन मनु ों का लो पीऊं जो अपने ाणों पर खे ल कर गए थे? इसिलये उसने उस पानी को पीने से इनकार िकया। इन तीन
वीरों ने तो ये ही काम िकए।
18 और अबीशै जो स याह के पु योआब का भाई था, वह तीनों से मु था। उसने अपना भाला चला कर तीन सौ को मार डाला, और तीनों म नामी हो गया।
19 ा वह तीनों से अिधक िति त न था? और इसी से वह उनका धान हो गया; पर ु मु तीनों के पद को न प ं चा।
20 िफर यहोयादा का पु बनायाह था, जो कबसेलवासी एक बड़े काम करने वाले वीर का पु था; उसने िसं ह सरीखे दो मोआिबयों को मार डाला। और बफ के समय उसने एक गड़हे
म उतर के एक िसं ह को मार डाला।
21 िफर उसने एक पवान् िम ी पु ष को मार डाला। िम ी तो हाथ म भाला िलये ए था; पर ु बनायाह एक लाठी ही िलये ए उसके पास गया, और िम ी के हाथ से भाला को
छीनकर उसी के भाले से उसे घात िकया।
22 ऐसे ऐसे काम कर के यहोयादा का पु बनायाह उन तीनों वीरों म नामी हो गया।
23 वह तीसों से अिधक िति त तो था, पर ु मु तीनों के पद को न प ंचा। उसको दाऊद ने अपनी िनज सभा का सभासद िनयु िकया।
24 िफर तीसों म योआब का भाई असाहेल; बेतलेहेमी दोदो का पु ए ानान,
25 हेरोदी श ा, और एलीका, पेलेती हेलेस,
26 तकोई इ े श का पु ईरा,
27 अनातोती अबीएज़ेर, शाई मबु े,
28 अहोही स ोन, नतोपाही महरै ,
29 एक और नतोपाही बाना का पु हेलेब, िब ामीिनयों के िगबा नगर के रीबै का पु ै,
30 िपरातोनी, बनायाह, गाश के नालों के पास रहने वाला िह ै ,
31 अराबा का अबीअ ोन, ब रीमी अजमावेत,
32 शालबोनी ए हबा, याशेन के वंश म से योनातन,
33 पहाड़ी श ा, अरारी शारार का पु अहीआम,
34 अहसबै का पु एलीपेले माका दे श का, गीलोई अहीतोपेल का पु एलीआम,
35 क ली हे ो, अराबी पारै
36 सोबाई नातान का पु ियगाल, गादी बानी,
37 अ ोनी से लेक, बेरोती नहरै को स याह के पु योआब का हिथयार ढोने वाला था,
38 येतेरी ईरा, और गारे ब,
39 और िह ी ऊ र ाह था: सब िमलाकर सतीस थे।
2 शमू एल 24
1 और यहोवा का कोप इ ाएिलयों पर िफर भड़का, और उसने दाऊद को इनकी हािन के िलये यह कहकर उभारा, िक इ ाएल और य दा की िगनती ले।
2 सो राजा ने योआब सेनापित से जो उसके पास था कहा, तू दान से बे शबा तक रहने वाले सब इ ाएली गो म इधर उधर घूम, और तुम लोग जा की िगनती लो, तािक म जान लूं िक
जा की िकतनी िगनती है।
3 योआब ने राजा से कहा, जा के लोग िकतने ही ों न हों, ते रा परमे र यहोवा उन को सौगु णा बढ़ा दे , और मेरा भु राजा इसे अपनी आं खों से दे खने भी पाए; पर ु , हे मेरे भु , हे
राजा, यह बात तू ों चाहता है ?
4 तौभी राजा की आ ा योआब और से नापितयों पर बल ई। सो योआब और सेनापित राजा के स ु ख से इ ाएली जा की िगनती लेने को िनकल गए।
5 उ ोंने यरदन पार जा कर अरोएर नगर की दािहनी ओर डे रे खड़े िकए, जो गाद के नाले के म म और याजे र की ओर है।
6 तब वे िगलाद म और तहती ोदशी नाम दे श म गए, िफर दा ान को गए, और च र लगाकर सीदोन म प ं चे;
7 तब वे सोर नाम ढ़ गढ़, और िह यों और कनािनयों के सब नगरों म गए; और उ ोंने य दा दे श की द न िदशा म बेशबा म दौरा िनपटाया।
8 और सब दे श म इधर उधर घूम घूमकर वे नौ महीने और बीस िदन के बीतने पर य शले म को आए।
9 तब योआब ने जा की िगनती का जोड़ राजा को सुनाया; और तलवार चलाने वाले यो ा इ ाएल के तो आठ लाख, और य दा के पांच लाख िनकले।
10 जा की गणना करने के बाद दाऊद का मन ाकुल आ। और दाऊद ने यहोवा से कहा, यह काम जो म ने िकया वह महापाप है। तो अब, हे यहोवा, अपने दास का अधम दू र
कर; ोंिक मुझ से बड़ी मूखता ई है।
11 िबहान को जब दाऊद उठा, तब यहोवा का यह वचन गाद नाम नबी के पास जो दाऊद का दशीं था प ं चा,
12 िक जा कर दाऊद से कह, िक यहोवा यों कहता है, िक म तुझ को तीन िवपि यां िदखाता ँ; उन म से एक को चु न ले , िक म उसे तुझ पर डालूं।
13 सो गाद ने दाऊद के पास जा कर इसका समाचार िदया, और उस से पू छा, ा ते रे दे श म सात वष का अकाल पड़े ? वा तीन महीने तक तेरे श ु तेरा पीछा करते रह और तू उन से
भागता रहे? वा तेरे दे श म तीन िदन तक मरी फैली रहे? अब सोच िवचार कर, िक म अपने भेजने वाले को ा उ र दू ं ।
14 दाऊद ने गाद से कहा, म बड़े संकट म ँ; हम यहोवा के हाथ म पड़, ोंिक उसकी दया बड़ी है; पर ु मनु के हाथ म म न पडूंगा।
15 तब यहोवा इ ाएिलयों म िबहान से ले ठहराए ए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से ले कर बे शबा तक रहने वाली जा म से स र हज़ार पु ष मर गए।
16 पर ु जब दू त ने य शलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह िवपि डालकर शोिकत आ, और जा के नाश करने वाले दू त से कहा, बस कर; अब
अपना हाथ खीच ं । और यहोवा का दू त उस समय अरौना नाम एक यबू सी के खिलहान के पास था।
17 तो जब जा का नाश करने वाला दू त दाऊद को िदखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, दे ख, पाप तो म ही ने िकया, और कुिटलता म ही ने की है; पर ु इन भेड़ों ने ा िकया है ?
सो तेरा हाथ मेरे और मेरे िपता के घराने के िव हो।
18 उसी िदन गाद ने दाऊद के पास आकर उस से कहा, जा कर अरौना यबू सी के खिलहान म यहोवा की एक वेदी बनवा।
19 सो दाऊद यहोवा की आ ा के अनुसार गाद का वह वचन मान कर वहां गया।
20 जब अरौना ने ि कर दाऊद को कमचा रयों समेत अपनी ओर आते दे खा, तब अरौना ने िनकलकर भूिम पर मुह के बल िगर राजा को द वत् की।
21 और अरौना ने कहा, मेरा भु राजा अपने दास के पास ों पधारा है ? दाऊद ने कहा, तुझ से यह खिलहान मोल लेने आया ँ, िक यहोवा की एक वेदी बनवाऊं, इसिलये िक यह
ािध जा पर से दू र की जाए।
22 अरौना ने दाऊद से कहा, मेरा भु राजा जो कुछ उसे अ ा लगे सो ले कर चढ़ाए; दे ख, होमबिल के िलये तो बै ल ह, और दां वने के हिथयार, और बैलों का सामान ईधन का काम
दगे ।
23 यह सब अरौना ने राजा को दे िदया। िफर अरौना ने राजा से कहा, तेरा परमे र यहोवा तु झ से स होए।
24 राजा ने अरौना से कहा, ऐसा नही,ं म ये व ुएं तुझ से अव दाम दे कर लूं गा; म अपने परमे र यहोवा को सतमत के होमबिल नही ं चढ़ाने का। सो दाऊद ने खिलहान और बैलों को
चां दी के पचास शेकेल म मोल िलया।
25 और दाऊद ने वहां यहोवा की एक वेदी बनवा कर होमबिल और मे लबिल चढ़ाए। और यहोवा ने दे श के िनिम िबनती सुन ली, तब वह ािध इ ाएल पर से दू र हो गई।
1 राजा 1
1 दाऊद राजा बूढ़ा वरन ब त पुरिनया आ; और य िप उसको कपड़े ओढ़ाये जाते थे, तौभी वह गम न होता था।
2 सो उसके कमचा रयों ने उस से कहा, हमारे भु राजा के िलये कोई जवान कुंवारी ढू ं ढ़ी जाए, जो राजा के स ु ख रहकर उसकी सेवा िकया करे और तेरे पास लेटा करे , िक हमारे भु
राजा को गमीं प ंचे।
3 तब उ ोंने सम इ ाएली दे श म सु र कुंवारी ढूंढ़ते ढूंढ़ते अबीशग नाम एक शूनेिमन को पाया, और राजा के पास ले आए।
4 वह क ा ब त ही सु र थी; और वह राजा की दासी हो कर उसकी सेवा करती रही; पर ु राजा उस से सहबास न आ।
5 तब ह ीत का पु अदोिन ाह िसर ऊंचा कर के कहने लगा िक म राजा ंगा; सो उसने रथ और सवार और अपने आगे आगे दौड़ने को पचास पु ष रख िलए।
6 उसके िपता ने तो ज से ले कर उसे कभी यह कहकर उदास न िकया था िक तू ने ऐसा ों िकया। वह ब त पवान था, और अबशालोम के पीछे उसका ज आ था।
7 और उसने स याह के पु योआब से और ए ातार याजक से बातचीत की, और उ ोंने उसके पीछे हो कर उसकी सहायता की।
8 पर ु सादोक याजक यहोयादा का पु बनायाह, नातान नबी, िशमी रे ई, और दाऊद के शूरवीरों ने अदोिन ाह का साथ न िदया।
9 और अदोिन ाह ने जोहेलेत नाम प र के पास जो एनरोगेल के िनकट है , भे ड़-बै ल और तैयार िकए ए पशू बिल िकए, और अपने भाई सब राजकुमारों को, और राजा के सब य दी
कमचा रयों को बु ला िलया।
10 पर ु नातान नबी, और बनायाह और शूरवीरों को और अपने भाई सुलैमान को उसने न बु लाया।
11 तब नातान ने सु लैमान की माता बतशेबा से कहा, ा तू ने सुना है िक ह ीत का पु अदोिन ाह राजा बन बैठा है और हमारा भु दाऊद हसे नही ं जानता?
12 इसिलये अब आ, म तुझे ऐसी स ित दे ता ँ, िजस से तू अपना और अपने पु सु लैमान का ाण बचाए।
13 तू दाऊद राजा के पास जा कर, उस से यों पूछ, िक हे मेरे भु! हे राजा! ा तू ने शपथ खाकर अपनी दासी से नही ं कहा, िक तेरा पु सुलैमान मेरे पीछे राजा होगा, और वह मे री
राजग ी पर िवराजेगा? िफर अदोिन ाह ों राजा बन बै ठा है?
14 और जब तू वहां राजा से ऐसी बात करती रहेगी, तब म तेरे पीछे आकर, तेरी बातों को पु क ं गा।
15 तब बतशेबा राजा के पास कोठरी म गई; राजा तो ब त बू ढ़ा था, और उसकी से वा टहल शूनेिमन अबीशग करती थी।
16 और बतशेबा ने झुककर राजा को द वत् की, और राजा ने पूछा, तू ा चाहती है?
17 उसने उ र िदया, हे मेरे भु, तू ने तो अपने परमे र यहोवा की शपथ खाकर अपनी दासी से कहा था िक ते रा पु सु लैमान मेरे पीछे राजा होगा और वह मेरी ग ी पर िवराजेगा।
18 अब दे ख अदोिन ाह राजा बन बैठा है, और अब तक मे रा भु राजा इसे नही ं जानता।
19 और उसने ब त से बैल तैयार िकए, पशु और भेड़ बिल कीं, और सब राजकुमारों को और ए ातार याजक और योआब सेनापित को बुलाया है, पर ु तेरे दास सु लैमान को नही ं
बुलाया।
20 और हे मे रे भु! हे राजा! सब इसाएली तुझे ताक रहे ह िक तू उन से कहे, िक हमारे भु राजा की ग ी पर उसके पीछे कौन बैठेगा।
21 नही ं तो जब हमारा भु राजा, अपने पुरखाओं के संग सोएगा, तब म और मेरा पु सु लैमान दोनों अपराधी िगने जाएं गे।
22 यों बतशेबा राजा से बात कर ही रही थी, िक नातान नबी भी आ गया।
23 और राजा से कहा गया िक नातान नबी हािज़र है; तब वह राजा के स ुख आया, और मुह के बल िगरकर राजा को द वत् की।
24 और नातान कहने लगा, हे मेरे पभु, हे राजा! ा तू ने कहा है, िक अदोिन ाह मे रे पीछे राजा होगा और वह मेरी ग ी पर िवराजेगा?
25 दे ख उसने आज नीचे जा कर ब त से बैल, तैयार िकए ए पशु और भेड़ बिल की ह, और सब राजकुमारों और सेनापितयों को और ए ातार याजक को भी बुला िलया है; और वे
उसके स ु ख खाते पीते ए कह रहे ह िक अदोिन ाह राजा जीिवत रहे।
26 पर ु मुझ तेरे दास को, और सादोक याजक और यहोयादा के पु बनायाह, और तेरे दास सुलैमान को उसने नही ं बुलाया।
27 ा यह मेरे भु राजा की ओर से आ? तू ने तो अपने दास को यह नही ं जताया है, िक भु राजा की ग ी पर कौन उसके पीछे िवराजेगा।
28 दाऊद राजा ने कहा, बतशेबा को मेरे पास बुला लाओ। तब वह राजा के पास आकर उसके सा ने खड़ी ई।
29 राजा ने शपथ खाकर कहा, यहोवा जो मेरा ाण सब जो खमों से बचाता आया है,
30 उसके जीवन की शपथ, जैसा म ने तुझ से इ ाएल के परमे र यहोवा की शपथ खाकर कहा था, िक ते रा पु सुलैमान मेरे पीछे राजा होगा, और वह मेरे बदले मेरी ग ी पर िवराजेगा,
वैसा ही म िन य आज के िदन क ं गा।
31 तब बतशेबा ने भूिम पर मुंह के बल िगर राजा को द वत् कर के कहा, मेरा भु राजा दाऊद सदा तक जीिवत रहे!
32 तब दाऊद राजा ने कहा, मेरे पास सादोक याजक नातान नबी, अहोयादा के पु बनायाह को बु ला लाओ। सो वे राजा के सा ने आए।
33 राजा ने उन से कहा, अपने भु के कमचा रयो को साथ ले कर मे रे पु सुलैमान को मेरे िनज ख र पर चढ़ाओ; और गीहोन को ले जाओ;
34 और वहां सादोक याजक और नातान नबी इ ाएल का राजा होने को उसका अिभषे क कर; तु ब तु म सब नरिसं गा फूंककर कहना, राजा सुलैमान जीिवत रहे।
35 और तुम उसके पीछे पीछे इधर आना, और वह आकर मेरे िसं हासन पर िवराजे , ोंिक मे रे बदले म वही राजा होगा; और उसी को म ने इ ाएल और य दा का धान होने को
ठहराया है ।
36 तब यहोयादा के पु बनायाह ने कहा, आमीन! मेरे भु राजा का परमे र यहोवा भी ऐसा ही कहे ।
37 िजस रीित यहोवा मेरे भु राजा के संग रहा, उसी रीित वह सुलैमान के भी संग रहे, और उसका रा मे रे भु दाऊद राजा के रा से भी अिधक बढ़ाए।
38 तब सादोक याजक और नातान नबी और यहोयादा का पु बनायाह करे ितयों और पलेितयों को संग िलये ए नीचे गए, और सुलैमान को राजा दाऊद के ख र पर चढ़ाकर गीहोन
को ले चले।
39 तब सादोक याजक ने यहोवा के त ू म से तेल भरा आ सींग िनकाला, और सुलैमान का रा ािभषे क िकया। और वे नरिसंगे फूंकने लगे; और सब लोग बोल उठे , राजा सुलैमान
जीिवन रहे।
40 तब सब लोग उसके पीछे पीछे बांसुली बजाते और इतना बड़ा आन करते ए ऊपर गए, िक उनकी िन से पृ ी डोल उठी।
41 जब अदोिन ाह और उसके सब नेवतहरी खा चुके थे, तब यह िन उन को सु नाईं पड़ी। और योआब ने नरिसंगे का श सुनकर पूछा, नगर म हलचल और िच ाहट का श
ों हो रहा है ?
42 वह यह कहता ही था, िक ए ातार याजक का पु योनातन आया और अदोिन ाह ने उस से कहा, भीतर आ; तू तो भला मनु है, और भला समाचार भी लाया होगा।
43 योनातन ने अदोिन ाह से कहा, सचमुच हमारे भु राजा दाऊद ने सुलैमान को राजा बना िदया।
44 और राजा ने सादोक याजक, नातान नबी और यहोयादा के पु बनायाह और करे ितयों और पलेितयों को उसके संग भेज िदया, और उ ोंने उसको राजा के ख र पर चढ़ाया है ।
45 और सादोक याजक, और नातान नबी ने गीहोन म उसका रा ािभषेक िकया है ; और वे वहां से ऐसा आन करते ए ऊपर गए ह िक नगर म हलचल मच गई, और जो श तु म
को सुनाईं पड़ रहा है वही है।
46 सु लैमान राजग ी पर िवराज भी रहा है।
47 िफर राजा के कमचारी हमारे भु दाऊद राजा को यह कहकर ध कहने आए, िक तेरा परमे र, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे , और उसका रा ते रे रा से भी
अिधक बढ़ाए; और राजा ने अपने पलंग पर द वत् की।
48 िफर राजा ने यह भी कहा, िक इ ाएल का परमे र यहोवा ध है, िजसने आज मे रे दे खते एक को मेरी ग ी पर िवराजमान िकया है।
49 तब िजतने नेवतहरी अदोिन ाह के संग थे वे सब थरथरा गए, और उठ कर अपना अपना माग िलया।
50 और अदोिन ाह सुलैमान से डर कर अठा, और जा कर वेदी के सीग ं ों को पकड़ िलया।
51 तब सु लैमान को यह समाचार िमला िक अदोिन ाह सुलैमान राजा से ऐसा डर गया है िक उसने वेदी के सीग ं ों को यह कहकर पकड़ िलया है , िक आज राजा सु लैमान शपथ खाए िक
अपने दास को तलवार से न मार डालेगा।
52 सु लैमान ने कहा, यिद वह भलमनसी िदखाए तो उसका एक बाल भी भू िम पर िगरने न पाएगा, पर ु यिद उस म दु ता पाई जाए, तो वह मारा जाएगा।
53 तब राजा सुलैमान ने लोगों को भेज िदया जो उसको वेदी के पास से उतार ले आए तब उसने आकर राजा सुलैमान को द वत् की और सुलैमान ने उस से कहा, अपने घर चला
जा।
1 राजा 2
1 जब दाऊद के मरने का समय िनकट आया, तब उसने अपने पु सु लैमान से कहा,
2 िक म लोक की रीित पर कूच करने वाला ँ इसिलये तू िहयाव बांधकर पु षाथ िदखा।
3 और जो कुछ तेरे परमे र यहोवा ने तु झे सौंपा है, उसकी र ा कर के उसके माग पर चला करना और जैसा मूसा की व था म िलखा है , वैसा ही उसकी िविधयों तथा आ ाओं, और
िनयमों, और िचतौिनयों का पालन करते रहना; िजस से जो कुछ तू करे और जहां कही ं तू जाए, उस म तू सफल होए;
4 और यहोवा अपना वह वचन पूरा करे जो उसने मेरे िवषय म कहा था, िक यिद ते री स ान अपनी चाल के िवषय म ऐसे सावधान रह, िक अपने स ूण दय और स ू ण ाण से
स ाई के साथ िनत मेरे स ुख चलते रह तब तो इ ाएल की राजग ी पर िवराजने वाले की, ते रे कुल प रवार म घटी कभी न होगी।
5 िफर तू यं जानता है, िक स याह के पु योआब ने मु झ से ा ा िकया! अथात उसने ने र के पु अ े र, और ये तेर के पु अमासा, इ ाएल के इन दो सेनापितयों से ा ा
िकया। उसने उन दोनों को घात िकया, और मेल के समय यु का लो बहाकर उस से अपनी कमर का कमरब और अपने पावों की जूितयां िभगो दीं।
6 इसिलये तू अपनी बु से काम लेना और उस प े बाल वाले को अधोलोक म शांित से उतरने न दे ना।
7 िफर िगलादी बिज ै के पु ों पर कृपा रखना, और वे तेरी मेज पर खाने वालों म रह, ोंिक जब म तेरे भाई अबशालोम के सा ने से भागा जा रहा था, तब उ ोंने मेरे पास आकर
वैसा ही िकया था।
8 िफर सुन, तेरे पास िब ामीनी गेरा का पु ब रीमी िशमी रहता है , िजस िदन म महनै म को जाता था उस िदन उसने मु झे कड़ाई से शाप िदया था पर जब वह मेरी भट के िलये यरदन
को आया, तब म ने उस से यहोवा की यह शपथ खाई, िक म तुझे तलवार से न मार डालूं गा।
9 पर ु अब तू इसे िनद ष न ठहराना, तू तो बु मान पु ष है; तुझे मालू म होगा िक उसके साथ ा करना चािहये , और उस प े बाल वाले का लो बहाकर उसे अधोलोक म उतार
दे ना।
10 तब दाऊद अपने पुरखाओं के संग सो गया और दाऊदमुर म उसे िम ी दी गई।
11 दाऊद ने इ ाएल पर चालीस वष रा िकया, सात वष तो उसने ह ोन म और ततीस वष य शले म म रा िकया था।
12 तब सु लैमान अपने िपता दाऊद की ग ी पर िवराजमान आ और उसका रा ब त ढ़ आ।
13 और ह ीत का पु अदोिन ाह, सुलैमान की माता बतशेबा के पास आया, और बतशेबा ने पूछा, ा तू िम भाव से आता है?
14 उसने उ र िदया, हां, िम भाव से! िफर वह कहने लगा, मु झे तुझ से एक बात कहनी है । उसने कहा, कह!
15 उसने कहा, तुझे तो मालूम है िक रा मेरा हो गया था, और सम इ ाएली मे री ओर मुं ह िकए थे , िक म रा क ं ; पर ु अब रा पलटकर मेरे भाई का हो गया है , ोंिक वह
यहोवा की ओर से उसको िमला है।
16 इसिलये अब म तुझ से एक बात मांगता ँ, मुझ से नाही न करना उसने कहा, कहे जा।
17 उसने कहा, राजा सुलैमान तुझ से नाही न करे गा; इसिलये उस से कह, िक वह मु झे शूनेिमन अबीशग को ाह दे ।
18 बतशेबा ने कहा, अ ा, म तेरे िलये राजा से क ंगी।
19 तब बतशेबा अदोिन ाह के िलये राजा सुलैमान से बातचीत करने को उसके पास गई, और राजा उसकी भट के िलये उठा, और उसे द वत् कर के अपने िसंहासन पर बैठ गया:
िफर राजा ने अपनी माता के िलये एक िसंहासन रख िदया, और वह उसकी दािहनी ओर बै ठ गई।
20 तब वह कहने लगी, म तुझ से एक छोटा सा वरदान मांगती ँ इसिलये मु झ से नाही न करना, राजा ने कहा, हे माता मां ग; म तुझ से नाही न क ं गा।
21 उसने कहा, वह शूनेिमन अबीशग तेरे भाई अदोिन ाह को ाह दी जाए।
22 राजा सुलैमान ने अपनी माता को उ र िदया, तू अदोिन ाह के िलये शूनेिमन अबीशग ही को ो मांगती है ? उसके िलये रा भी मांग, ोंिक वह तो मे रा बड़ा भाई है, और उसी
के िलये ा! ए ातार याजक और स याह के पु योआब के िलये भी मां ग।
23 और राजा सुलैमान ने यहोवा की शपथ खाकर कहा, यिद अदोिन ाह ने यह बात अपने ाण पर खेलकर न कही हो तो परमे र मुझ से वैसा ही ा वरन उस से भी अिधक करे ।
24 अब यहोवा िजसने मुझे थर िकया, और मेरे िपता दाऊद की राजग ी पर िवराजमान िकया है और अपने वचन के अनुसार मेरे घर बसाया है, उसके जीपन की शपथ आज ही
अदोिन ाह मार डाला जाएगा।
25 और राजा सुलैमान ने यहोयादा के पु बनायाह को भे ज िदया और उसने जा कर, उसको ऐसा मारा िक वह मर गया।
26 और ए ातार याजक से राजा ने कहा, अनातोत म अपनी भू िम को जा; ोंिक तू भी ाणद के यो है । आज के िदन तो म तुझे न मार डालूंगा, ोंिक तू मे रे िपता दाऊद के
सा ने भु यहोवा का स दू क उठाया करता था; और उन सब दु :खों म जो मेरे िपता पर पड़े थे तू भी दु :खी था।
27 और सु लैमान ने ए ातार को यहोवा के याजक होने के पद से उतार िदया, इसिलये िक जो वचन यहोवा ने एली के वंश के िवषय म शीलो म कहा था, वह पूरा हो जाए।
28 इसका समाचार योआब तक प ंचा; योआब अबशालोम के पीछे तो नही ं हो िलया था, पर ु अदोिन ाह के पीछे हो िलया था। तब योआब यहोवा के त ू को भाग गया, और वेदी के
सींगों को पकड़ िलया।
29 जब राजा सुलैमान को यह समाचार िमला, िक योआब यहोवा के त ू को भाग गया है , और वह वेदी के पास है , तब सु लैमान ने यहोयादा के पु बनायाह को यह कहकर भेज िदया,
िक तू जा कर उसे मार डाल।
30 तब बनायाह ने यहोवा के त ू के पास जा कर उस से कहा, राजा की यह आ ा है, िक िनकल आ। उसने कहा, नही ं, म यहीं मर जाऊंगा। तब बनायाह ने लौटकर यह स े श राजा
को िदया िक योआब ने मुझे यह उ र िदया।
31 राजा ने उस से कहा, उसके कहने के अनुसार उसको मार डाल, और उसे िम ी दे ; ऐसा कर के िनद षों का जो खू न योआब ने िकया है, उसका दोष तू मुझ पर से और मे रे िपता के
घराने पर से दू र करे गा।
32 और यहोवा उसके िसर वह खून लौटा दे गा ोंिक उसने मे रे िपता दाऊद के िबना जाने अपने से अिधक धमीं और भले दो पु षों पर, अथात इ ाएल के धान सेनापित ने र के पु
अ े र और य दा के धान सेनापित येतेर के पु अमासा पर टू टकर उन को तलवार से मार डाला था।
33 यों योआब के िसर पर और उसकी स ान के िसर पर खू न सदा तक रहे गा, पर ु दाऊद और उसके वंश और उसके घराने और उसके रा पर यहोवा की ओर से शां ित सदै व
तक रहे गी।
34 तब यहोयादा के पु बनायाह ने जा कर योआब को मार डाला; और उसको जं गल म उसी के घर म िम ी दी गई।
35 तब राजा ने उसके थान पर यहोयादा के पु बनायाह को धान सेनापित ठहराया; और ए ातार के थान पर सादोक याजक को ठहराया।
36 और राजा ने िशमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, तू य शलेम म अपना एक घर बनाकर वहीं रहना: और नगर से बाहर कहीं न जाना।
37 तू िन य जान रख िक िजस िदन तू िनकल कर िक ोन नाले के पार उतरे , उसी िदन तू िन:स े ह मार डाला जाएगा, और तेरा लो तेरे ही िसर पर पड़े गा।
38 िशमी ने राजा से कहा, बात अ ी है; जैसा मेरे भु राजा ने कहा है , वैसा ही ते रा दास करे गा। तब िशमी ब त िदन य शलेम म रहा।
39 पर ु तीन वष के तीत होने पर िशमी के दो दास, गत नगर के राजा माका के पु आकीश के पास भाग गए, और िशमी को यह समाचार िमला, िक तेरे दास गत म ह।
40 तब िशमी उठ कर अपने गदहे पर काठी कसकर, अपने दास को ढूंढ़ने के िलये गत को आकीश के पास गया, और अपने दासों को गत से ले आया।
41 जब सुलैमान राजा को इसका समाचार िमला, िक िशमी य शलेम से गत को गया, और िफर लौट आया है ,
42 तब उसने िशमी को बुलवा भेजा, और उस से कहा, ा म ने तुझे यहोवा की शपथ न खलाई थी? और तु झ से िचता कर न कहा था, िक यह िन य जान रख िक िजस िदन तू िनकल
कर कही ं चला जाए, उसी िदन तू िन:स े ह मार डाला जाएगा? और ा तू ने मु झ से न कहा था, िक जो बात म ने सु नी, वह अ ी है?
43 िफर तू ने यहोवा की शपथ और मेरी ढ़ आ ा ों नही ं मानी?
44 और राजा ने िशमी से कहा, िक तू आप ही अपने मन म उस सब दु ता को जानता है , जो तू ने मे रे िपता दाऊद से की थी? इसिलये यहोवा तेरे िसर पर तेरी दु ता लौटा दे गा।
45 पर ु राजा सु लैमान ध रहेगा, और दाऊद का रा यहोवा के सा ने सदै व ढ़ रहे गा।
46 तब राजा ने यहोयादा के पु बनायाह को आ ा दी, और उसने बाहर जा कर, उसको ऐसा मारा िक वह भी मर गया। और सुलैमान के हाथ म रा ढ़ हो गया।
1 राजा 3
1 िफर राजा सुलैमान िम के राजा िफ़रौन की बेटी को ाह कर उसका दामाद बन गया, और उसको दाऊदपु र म लाकर जब तक अपना भवन और यहोवा का भवन और य शलेम
के चारों ओर की शहरपनाह न बनवा चुका, तब तक उसको वहीं रखा।
2 ोंिक जा के लोग तो ऊंचे थानों पर बिल चढ़ाते थे और उन िदनों तक यहोवा के नाम का कोई भवन नही ं बना था।
3 सुलैमान यहोवा से ेम रखता था और अपने िपता दाऊद की िविधयों पर चलता तो रहा, पर ु वह ऊंचे थानों पर भी बिल चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
4 और राजा िगबोन को बिल चढ़ाने गया, ोंिक मु ऊंचा थान वही था, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबिल चढ़ाए।
5 िगबोन म यहोवा ने रात को के ारा सुलैमान को दशन दे कर कहा, जो कुछ तू चाहे िक म तुझे दू ं , वह मांग।
6 सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे िपता दाऊद पर बड़ी क णा करता रहा, ोंिक वह अपने को तेरे स ु ख जानकर तेरे साथ स ाई और धम और मन की सीधाई से चलता रहा;
और तू ने यहां तक उस पर क णा की थी िक उसे उसकी ग ी पर िबराजने वाला एक पु िदया है, जै सा िक आज वतमान है।
7 और अब हे मेरे परमे र यहोवा! तूने अपने दास को मे रे िपता दाऊद के थान पर राजा िकया है , पर ु म छोटा लड़का सा ँ जो भीतर बाहर आना जाना नही ं जानता।
8 िफर ते रा दास तेरी चुनी ई जा के ब त से लोगों के म म है, िजनकी िगनती ब तायत के मारे नहीं हो सकती।
9 तू अपने दास को अपनी जा का ाय करने के िलये समझने की ऐसी श दे , िक म भले बु रे को परख सकूं; ोंिक कौन ऐसा है िक तेरी इतनी बड़ी जा का ाय कर सके?
10 इस बात से भु स आ, िक सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है ।
11 तब परमे र ने उस से कहा, इसिलये िक तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीघायु और न धन और न अपने श ुओ ं का नाश मां गा है, पर ु समझने के िववेक का वरदान मांगा है
इसिलये सु न,
12 म तेरे वचन के अनुसार करता ँ, तुझे बु और िववेक से भरा मन दे ता ँ, यहां तक िक तेरे समान न तो तु झ से पिहले कोई कभी आ, और न बाद म कोई कभी होगा।
13 िफर जो तू ने नही ं मांगा, अथात धन और मिहमा, वह भी म तुझे यहां तक दे ता ँ , िक तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तु न होगा।
14 िफर यिद तू अपने िपता दाऊद की नाईं मेरे माग म चलता आ, मेरी िविधयों और आ ाओं को मानता रहेगा तो म तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।
15 तब सु लैमान जाग उठा; और दे खा िक यह था; िफर वह य शले म को गया, और यहोवा की वाचा के स दू क के सा ने खड़ा हो कर, होमबिल और मेलबिल चढ़ाए, और अपने
सब कमचा रयों के िलये जे वनार की।
16 उस समय दो वे ाएं राजा के पास आकर उसके स ुख खड़ी ईं।
17 उन म से एक ी कहने लगी, हे मेरे भु! म और यह ी दोनों एक ही घर म रहती ह; और इसके सं ग घर म रहते ए मेरे एक ब ा आ।
18 िफर मे रे ज़ ा के तीन िदन के बाद ऐसा आ िक यह ी भी ज ा हो गई; हम तो संग ही संग थी ं, हम दोनों को छोड़कर घर म और कोई भी न था।
19 और रात म इस ी का बालक इसके नीचे दबकर मर गया।
20 तब इस ने आधी रात को उठ कर, जब तेरी दासी सो ही रही थी, तब मेरा लड़का मेरे पास से ले कर अपनी छाती म रखा, और अपना मरा आ बालक मेरी छाती म िलटा िदया।
21 भोर को जब म अपना बालक दू ध िपलाने को उठी, तब उसे मरा आ पाया; पर ु भोर को म ने ान से यह दे खा, िक वह मेरा पु नहीं है।
22 तब दू सरी ी ने कहा, नही ं जीिवत पु मेरा है, और मरा पु तेरा है । पर ु वह कहती रही, नही ं मरा आ तेरा पु है और जीिवत मेरा पु है, योंवे राजा के सा ने बात करती रही।
23 राजा ने कहा, एक तो कहती है जो जीिवत है, वही मेरा पु है , और मरा आ ते रा पु है; और दू सरी कहती है, नही,ं जो मरा है वही तेरा पु है, और जो जीिवत है, वह मेरा पु है।
24 िफर राजा ने कहा, मेरे पास तलवार ले आओ; सो एक तलवार राजा के सा ने लाई गई।
25 तब राजा बोला, जीिवते बालक को दो टु कड़े कर के आधा इस को और आधा उसको दो।
26 तब जीिवत बालक की माता का मन अपने बेटे के ेह से भर आया, और उसने राजा से कहा, हे मे रे भु! जीिवत बालक उसी को दे ; पर ु उसको िकसी भांित न मार। दू सरी ी ने
कहा, वह न तो मेरा हो और न तेरा, वह दो टु कड़े िकया जाए।
27 तब राजा ने कहा, पिहली को जीिवत बालक दो; िकसी भां ित उसको न पारो; ोंिक उसकी माता वही है।
28 जो ाय राजा ने चु काया था, उसका समाचार सम इ ाएल को िमला, और उ ोंने राजा का भय माना, ोंिक उ ोंने यह दे खा, िक उसके मन म ाय करने के िलये परमे र की
बु है।
1 राजा 4
1 राजा सु लैमान तो सम इ ाएल के ऊपर राजा िनयु आ था।
2 और उसके हािकम ये थे, अथात सादोक का पु अजयाह याजक, और शीशा के पु एलीहोरोप और अिह ाह धान मं ी थे।
3 अहीलू द का पु यहोशापात, इितहास का लेखक था।
4 िफर यहोयादा का पु बनायाह धान सेनापित था, और सादोक और ए ातार याजक थे!
5 और नातान का पु अजयाह भणडा रयों के ऊपर था, और नातान का पु जाबूद याजक, और राजा का िम भी था।
6 और अहीशार राजप रवार के ऊपर था, और अ ा का पु अदोनीराम बे गारों के ऊपर मु खया था।
7 और सु लैमान के बारह भणडारी थे, जो सम इ ाएिलयों के अिधकारी हो कर राजा और उसके घराने के िलये भोजन का ब करते थे। एक एक पु ष ित वष अपने अपने
िनयु महीने म ब करता था।
8 और उनके नाम ये थे, अथात ए ैम के पहाड़ी दे श म बे र।
9 और माकस, शा ीम बेतशेमेश और एलोनबेथानान म बे े केर था।
10 अ ोत म बे े सेद िजसके अिधकार म सौको और हे पेर का सम दे श था।
11 दोर के सम ऊंचे दे श म बेनबीनादाब िजसकी ी सु लैमान की बे टी नापत थी।
12 और अहीलूद का पु बाना िजसके अिधकार म तानाक, मिग ो और बे तशान का वह सब दे श था, जो सारतान के पास और िय ेल के नीचे और ेतशान से ले आबे लमहोला तक
अथात योकमाम की परली ओर तक है।
13 और िगला के रामोत म बेनगेबेर था, िजसके अिधकार म मन ेई याईर के िगलाद के गां व थे , अथात इसी के अिधकार म बाशान के अग ब का दे श था, िजस म शहरपनाह और
पीतल के बेड़े वाले साठ बड़े बड़े नगर थे।
14 और इ ा के पु अहीनादाब के हाथ म महनैम था।
15 न ाली म अहीमास था, िजसने सुलैमान की बासमत नाम बे टी को ाह िलया था।
16 और आशेर और आलोत म शै का पु बाना,
17 इ ाकार म पा ह का पु यहोशापात,
18 और िब ामीन म एला का पु िशमी था।
19 ऊरी का पु गे बेर िगलाद म अथात एमो रयों के राजा सीहान और बाशान के राजा ओग के दे श म था, इस सम दे श म वही भणडारी था।
20 य दा और इ ाएल के लोग ब त थे, वे समु के तीर पर की बालू के िकनकों के समान ब त थे , और खाते -पीते और आन करते रहे।
21 सु लैमान तो महानद से ले कर पिल यों के दे श, और िम के िसवाने तक के सब रा ों के ऊपर भु ता करता था और अनके लोग सुलैमान के जीवत भर भट लाते , और उसके
आधीन रहते थे ।
22 और सु लैमान की एक िदन की रसोई म इतना उठता था, अथात तीस कोर मै दा,
23 साठ कोर आटा, दस तैयार िकए ए बै ल और चराइयों म से बीस बै ल और सौ भेड़-बकरी और इन को छोड़
24 ह रन, िचकारे , यखमूर और तैयार िकए ए प ी ोंिक महानद के इस पार के सम दे श पर अथात ित ह से ले कर अ ा तक िजतने राजा थे, उन सभों पर सुलैमान भुता
करता, और अपने चारों ओर के सब रहने वालों से मेल रखता था।
25 और दान से बेशबा तक के सब य दी और इ ाएली अपनी अपनी दाखलता और अं जीर के वृ तले सु लैमान के जीवन भर िनडर रहते थे।
26 िफर उसके रथ के घोड़ों के िलये सुलैमान के चालीस हज़ार थान थे , और उसके बारह हज़ार सवार थे ।
27 और वे भणडारी अपने अपने महीने म राजा सु लैमान के िलये और िजतने उसकी मेज़ पर आते थे, उन सभों के िलये भोजन का ब करते थे, िकसी व ु की घटी होने नही ं पाती
थी।
28 और घोड़ों और वेग चलने वाले घोड़ों के िलये जव और पुआल जहां योजन पड़ता था वहां आ ा के अनुसार एक एक जन प ंचाया करता था।
29 और परमे र ने सुलैमान को बु दी, और उसकी समझ ब त ही बढ़ाई, और उसके दय म समु तट की बालू के िकनकों के तु अनिगिनत गुण िदए।
30 और सु लैमान की बु पूव दे श के सब िनवािसयों और िमि यों की भी बु से बढ़कर बु थी।
31 वह तो और सब मनु ों से वरन एतान, ए ेही और हेमान, और माहोल के पु कलकोल, और ददा से भी अिधक बु मान था: और उसकी कीित चारों ओर की सब जाितयों म फैल
गई।
32 उसने तीन हज़ार नीितवचन कहे, और उसके एक हज़ार पां च गीत भी है ।
33 िफर उसने लबानोन के दे वदा ओं से ले कर भीत म से उगते ए जूफा तक के सब पेड़ों की चचा और पशुओं पि यों और रगने वाले ज ु ओं और मछिलयों की चचा की।
34 और दे श दे श के लोग पृ ी के सब राजाओं की ओर से िज ोंने सुलैमान की बु की कीित सु नी थी, उसकी बु की बात सुनने को आया करते थे।
1 राजा 5
1 और सोर नगर के हीराम राजा ने अपने दू त सुलैमान के पास भेजे, ोंिक उसने सु ना था, िक वह अिभिष हो कर अपने िपता के थान पर राजा आ है: और दाऊद के जीवन भर
हीराम उसका िम बना रहा।
2 और सु लैमान ने हीराम के पास यों कहला भेजा, िक तुझे मालूम है ,
3 िक मेरा िपता दाऊद अपने परमे र यहोवा के नाम का एक भवन इसिलये न बनवा सका िक वह चारों ओर लड़ाइयों म तब तक बझा रहा, जब नक यहोवा ने उसके श ुओं को
उसके पांव तल न कर िदया।
4 पर ु अब मे रे परमे र यहोवा ने मु झे चारों ओर से िव ाम िदया है और न तो कोई िवरोधी है, और न कुछ िवपि दे ख पड़ती है।
5 म ने अपने परमे र यहोवा के नाम का एक भवन बनवाने को ठाना है अथात उस बात के अनु सार जो यहोवा ने मे रे िपता दाऊद से कही थी; िक तेरा पु िजसे म तेरे थान म ग ी पर
बैठाऊंगा, वही मेरे नाम का भवन बनवाएगा।
6 इसिलये अब तू मेरे िलये लबानोन पर से दे वदा काटने की आ ा दे , और मे रे दास तेरे दासों के संग रहगे , और जो कुछ मज़दू री तू ठहराए, वही म तुझे तेरे दासों के िलये दू ं गा, तुझे
मालूम तो है , िक सीदोिनयों के बराबर लकड़ी काटने का भेद हम लोगों म से कोई भी नही ं जानता।
7 सुलैमान की ये बात सुनकर, हीराम ब त आन त आ, और कहा, आज यहोवा ध है , िजसने दाऊद को उस बड़ी जाित पर रा करने के िलये एक बु मान पु िदया है ।
8 तब हीराम ने सुलैमान के पास यों कहला भेजा िक जो तू ने मेरे पास कहला भे जा है वह मे री समझ म आ गया, दे वदा और सनोवर की लकड़ी के िवषय जो कुछ तू चाहे , वही म
क ं गा।
9 मे रे दास लकड़ी को लबानोन से समु तक प ंचाएं गे, िफर म उनके बेड़े बनवा कर, जो थान तू मे रे िलये ठहराए, वहीं पर समु के माग से उन को प ंचवा दू ं गा: वहां म उन को खोल
कर डलवा दू ं गा, और तू उ ले लेना: और तू मेरे प रवार के िलये भोजन दे कर, मे री भी इ ा पूरी करना।
10 इस कार हीराम सुलैमान की इ ा के अनुसार उसको दे वदा और सनोवर की लकड़ी दे ने लगा।
11 और सु लैमान ने हीराम के प रवार के खाने के िलये उसे बीस हज़ार कोर गे ं और बीस कोर पेरा आ ते ल िदया; इस कार सुलैमान हीराम को ित वष िदया करता था।
12 और यहोवा ने सुलैमान को अपने वचन के अनुसार बु दी, और हीराम और सुलैमान के बीच मेल बना रहा वरन उन दोनों ने आपस म वाचा भी बा ली।
13 और राजा सुलैमान ने पूरे इ ाएल म से तीन हज़ार पु ष बे गार लगाए,
14 और उ लबानोन पहाड़ पर पारी पारी कर के, महीने महीने दस हज़ार भे ज िदया करता था और एक महीना तो वे लबानोन पर, और दो महीने घर पर रहा करते थे ; और बे गा रयों
के ऊपर अदोनीराम ठहराया गया।
15 और सु लैमान के स र हज़ार बोझ ढोने वाले और पहाड़ पर अ ी हज़ार वृ काटने वाले और प र िनकालने वाले थे।
16 इन को छोड़ सुलैमान के तीन हज़ार तीन सौ मु खये थे, जो काम करने वालों के ऊपर थे।
17 िफर राजा की आ ा से बड़े बड़े अनमोल प र इसिलये खोदकर िनकाले गए िक भवन की ने व, गढ़े ए प रों से डाली जाए।
18 और सु लैमान के कारीगरों और हीराम के कारीगरों और गबािलयों ने उन को गढ़ा, और भवन के बनाने के िलये लकड़ी और प र तैयार िकए।
1 राजा 6
1 इ ाएिलयों के िम दे श से िनकलने के चार सौ अ ीव वष के बाद जो सु लैमान के इ ाएल पर रा करने का चौथा वष था, उसके जीव नाम दू सरे महीने म वह यहोवा का भवन
बनाने लगा।
2 और जो भवन राजा सुलैमान ने यहोवा के िलये बनाया उसकी ल ाई साठ हाथ, चौड़ाई बीस हाथ और ऊंचाई तीस हाथ की थी।
3 और भवन के म र के सा ने के ओसारे की ल ाई बीस हाथ की थी, अथात भवन की चौड़ाई के बराबर थी, और ओसारे की चौड़ाई जो भवन के सा ने थी, वह दस हाथ की थी।
4 िफर उसने भवन म थर िझलिमलीदार खड़िकयां बनाईं।
5 और उसने भवन के आसपास की भीतों से सटे ए अथात म र और दशन- थान दोनों भीतों के आसपास उसने मंिजल और कोठ रयां बनाईं।
6 सब से नीचे वाली मं िजल की चौड़ाई पांच हाथ, और बीच वाली की छ: हाथ, और ऊपर वाली की सात हाथ की थी, ोंिक उसने भवन के आसपास भीत को बाहर की ओर कुसी ंदार
बनाया था इसिलये िक किडय़ां भवन की भीतों को पकड़े ए न हों।
7 और बनते समय भवन ऐसे प रों का बनाया गया, जो वहां ले आने से पिहले गढ़कर ठीक िकए गए थे , और भवन के बनते समय हथौड़े वसू ली वा और िकसी कार के लोहे के
औजार का श कभी सु नाईं नही ं पड़ा।
8 बाहर की बीचवाली कोठ रयों का ार भवन की दािहनी अलंग म था, और लोग च रदार सीिढय़ों पर हो कर बीचवाली कोठ रयों म जाते, और उन से ऊपर वाली कोठ रयों पर
जाया करते थे।
9 उसने भवन को बनाकर पूरा िकया, और उसकी छत दे वदा की किडय़ों और त ों से बनी थी।
10 और पू रे भवन से लगी ई जो मंिज़ल उसने बनाईं वह पांच हाथ ऊंची थी,ं और वे दे वदा की किड़यों ारा भवन से िमलाई गई थी।ं
11 तब यहोवा का यह वचन सुलैमान के पास प ंचा, िक यह भवन जो तू बना रहा है ,
12 यिद तू मे री िविधयों पर चलेगा, और मेरे िनयमों को मानेगा, और मे री सब आ ाओं पर चलता आ उनका पालन करता रहेगा, तो जो वचन म ने तेरे िवषय म तेरे िपता दाऊद को
िदया था उसको म पूरा क ं गा।
13 और म इ ाएिलयों के म म िनवास क ं गा, और अपनी इ ाएली जा को न तजूं गा।
14 सो सुलैमान ने भवन को बनाकर पूरा िकया।
15 और उसने भवन की भीतों पर भीतरवार दे वदा की त ाबं दी की; और भवन के फ़श से छत तक भीतों म भीतरवार लकड़ी की त ाबंदी की, और भवन के फ़श को उसने
सनोवर के त ों से बनाया।
16 और भवन की िपछली अलंग म भी उसने बीस हाथ की दू री पर फ़श से ले भीतों के ऊपर तक दे वदा की त ाबं दी की; इस कार उसने परमपिव थान के िलये भवन की एक
भीतरी कोठरी बनाईं।
17 उसके सा ने का भवन अथात म र की ल ाई चालीस हाथ की थी।
18 और भवन की भीतों पर भीतरवार दे वदा की लकड़ी की त ाबं दी थी, और उस म इ ायन और खले ए फूल खु दे थे, सब दे वदा ही था: प भर कुछ नही ं िदखाई पड़ता था।
19 भवन के भीतर उस ने एक दशन थान यहोवा की वाचा का स दू क रखने के िलये तै यार िकया।
20 और उस दशन- थान की ल ाई चौड़ाई और ऊंचाई बीस बीस हाथ की थी; और उसने उस पर चोखा सोना मढ़वाया और वेदी की त ाबंदी दे वदा से की।
21 िफर सु लैमान ने भवन को भीतर भीतर चोखे सोने से मढ़वाया, और दशन- थान के सा ने सोने की सां कल लगाई; और उसको भी सोने से मढ़वाया।
22 और उसने पूरे भवन को सोने से मढ़वाकर उसका पूरा काम िनपटा िदया। और दशन- थान की पू री वेदी को भी उसने सोने से मढ़वाया।
23 दशन- थान म उसने दस दस हाथ ऊंचे जलपाई की लकड़ी के दो क ब बना रखे।
24 एक क ब का एक पंख पांच हाथ का था, और उसका दू सरा पं ख भी पां च हाथ का था, एक पंख के िसरे से , दू सरे पं ख के िसरे तक दस हाथ थे।
25 और दू सरा क ब भी दस हाथ का था; दोनों क ब एक ही नाप और एक ही आकार के थे ।
26 एक क ब की ऊंचाई दस हाथ की, और दू सरे की भी इतनी ही थी।
27 और उसने क बों को भीतर वाले थान म धरवा िदया; और क बोंके पंख ऐसे फैले थे, िक एक क ब का एक पं ख, एक भीत से, और दू सरे का दू सरा पंख, दू सरी भीत से लगा
आ था, िफर उनके दू सरे दो पंख भवन के म म एक दू सरे से लगे ए थे।
28 और क बों को उसने सोने से मढ़वाया।
29 और उसने भवन की भीतों म बाहर और भीतर चारों ओर क ब, खजू र और खले ए फूल खुदवाए।
30 और भवन के भीतर और बाहर वाले फश उसने सोने से मढ़वाए।
31 और दशन- थान के ार पर उसने जलपाई की लकड़ी के िकवाड़ लगाए और चौखट के िसरहाने और बाजु ओं की लं बाई भवन की चौड़ाई का पां चवां भाग थी।
32 दोनों िकवाड़ जलपाई की लकड़ी के थे, और उसने उन म क ब, खजूर के वृ और खले ए फूल खुदवाए और सोने से मढ़ा और क बों और खजू रों के ऊपर सोना मढ़वा िदया
गया।
33 इसी की रीित उसने म र के ार के िलये भी जलपाई की लकड़ी के चौखट के बाजू बनाए और वह भवन की चौड़ाई की चौथाई थी।
34 दोनों िकवाड़ सनोवर की लकड़ी के थे, िजन म से एक िकवाड़ के दो प े थे; और दू सरे िकवाड़ के दो प े थे जो पलटकर दु हर जाते थे।
35 और उन पर भी उसने क ब और खजूर के वृ और खले ए फूल खुदवाए और खुदे ए काम पर उसने सोना मढ़वाया।
36 और उसने भीतर वाले आं गन के घेरे को गढ़े ए प रों के तीन र े , और एक परत दे वदा की किडय़ां लगा कर बनाया।
37 चौथे वष के जीव नाम महीने म यहोवा के भवन की ने व डाली गई।
38 और ारहव वष के बूल नाम आठव महीने म, वह भवन उस सब समे त जो उस म उिचत समझा गया बन चु का: इस रीित सुलैमान को उसके बनाने म सात वष लगे ।
1 राजा 7
1 और सु लैमान ने अपने महल को बनाया, और उसके पूरा करने म तेरह वष लगे ।
2 और उसने लबानोनी वन नाम महल बनाया िजसकी ल ाई सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ और ऊंचाई तीस हाथ की थी; वह तो दे वदा के ख ों की चार पां ित पर बना और ख ों पर
दे वदा की किडय़ां धरी गईं।
3 और ख ों के ऊपर दे वदा की छत वाली पतालीस कोठ रयां अथात एक एक महल म प ह कोठ रयां बनी ं।
4 तीनों महलों म किडय़ां धरी गई, और तीनों म खड़िकयां आ ने सा ने बनी ं।
5 और सब ार और बाजु ओं की किडय़ां भी चौकोर थी, और तीनों महलों म खड़िकयां आ ने सा ने बनी ं।
6 और उसने एक ख ेवाला ओसारा भी बनाया िजसकी ल ाई पचास हाथ और चौड़ाई तीस हाथ की थी, और इन ख ों के सा ने एक ख े वाला ओसारा और उसके सा ने डे वढ़ी
बनाई।
7 िफर उसने ाय के िसंहासन के िलये भी एक ओसारा बनाया, जो ाय का ओसारा कहलाया; और उस म ऐक फ़श से दू सरे फ़श तक दे वदा की त ाब ी थी।
8 और उसी के रहने का भवन जो उस ओसारे के भीतर के एक और आं गन म बना, वह भी उसी ढब से बना। िफर उसी ओसारे के ढब से सुलैमान ने िफ़रौन की बेटी के िलये िजस को
उसने ाह िलया था, एक और भवन बनाया।
9 ये सब घर बाहर भीतर नेव से मुंढेर तक ऐसे अनमोल और गढ़े ए प रों के बने जो नापकर, और आरों से चीरकर तैयार िकये गए थे और बाहर के आं गन से ले बड़े आं गन तक
लगाए गए।
10 उसकी नेव तो बड़े मोल के बड़े बड़े अथात दस दस और आठ आठ हाथ के प रों की डाली गई थी।
11 और ऊपर भी बड़े मोल के प र थे, जो नाप से गढ़े ए थे , और दे वदा की लकड़ी भी थी।
12 और बड़े आं गन के चारों ओर के घेरे म गढ़े ए प रों के तीन र े , और दे वदा की किडय़ों का एक परत था, जैसे िक यहोवा के भवन के भीतर वाले आं गन और भवन के ओसारे म
लगे थे।
13 िफर राजा सुलैमान ने सोर से हीराम को बुलवा भेजा।
14 वह न ाली के गो की िकसी िवधवा का बेटा था, और उसका िपता एक सोरवासी ठठे रा था, और वह पीतल की सब कार की कारीगरी म पूरी बु , िनपुणता और समझ रखता
था। सो वह राजा सुलैमान के पास आकर उसका सब काम करने लगा।
15 उसने पीतल ढालकर अठारह अठारह हाथ ऊंचे दो ख े बनाए, और एक एक का घे रा बारह हाथ के सू त का था।
16 और उसने ख ों के िसरों पर लगाने को पीतल ढालकर दो कंगनी बनाईं; एक एक कंगनी की ऊंचाई, पां च पां च हाथ की थी।
17 और ख ों के िसरों पर की कंगिनयों के िलये चारखाने की सात सात जािलयां , और सां कलों की सात सात झालर बनी ं।
18 और उसने ख ों को भी इस कार बनाया; िक ख ों के िसरों पर की एक एक कंगनी के ढांपने को चारों ओर जािलयों की एक एक पां ित पर अनारों की दो पां ितयां हों।
19 और जो कंगिनयां ओसारों म ख ो के िसरों पर बनी ं, उन म चार चार हाथ ऊंचे सोसन के फूल बने ए थे ।
20 और एक एक ख े के िसरे पर, उस गोलाई के पास जो जाली से लगी थी, एक और कंगनी बनी, और एक एक कंगनी पर जो अनार चारों ओर पां ित पां ित कर के बने थे वह दो सौ
थे ।
21 उन ख ों को उसने म र के ओसारे के पास खड़ा िकया, और दािहनी ओर के ख े को खड़ा कर के उसका नाम याकीन रखा; िफर बाईं ओर के ख े को खड़ा कर के उसका
नाम बोआज़ रखा।
22 और ख ों के िसरों पर सोसन के फूल का काम बना था ख ों का काम इसी रीित आ।
23 िफर उसने एक ढाला आ एक बड़ा हौज़ बनाया, जो एक छोर से दू सरी छोर तक दस हाथ चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊंचाई पांच हाथ की थी, और उसके चारों
ओर का घे रा तीस हाथ के सूत के बराबर था।
24 और उसके चारों ओर मोहड़े के नीचे एक एक हाथ म दस दस इ ायन बने , जो हौज को घेरे थी;ं जब वह ढाला गया; तब ये इ ायन भी दो पांित कर के ढाले गए।
25 और वह बारह बने ए बै लों पर रखा गया िजन म से तीन उ र, तीन पि म, तीन द न, और तीन पू व की ओर मुंह िकए ए थे ; और उन ही के ऊपर हौज था, और उन सभों का
िपछला अंग भीतर की ओर था।
26 और उसका दल चौबा भर का था, और उसका मोहड़ा कटोरे के मोहड़े की नाईं सोसन के फूलों के काम से बना था, और उस म दो हज़ार बत की समाई थी।
27 िफर उसने पीतल के दस पाये बनाए, एक एक पाये की ल ाई चार हाथ, चौड़ाई भी चार हाथ और ऊंचाई तीन हाथ की थी।
28 उन पायों की बनावट इस कार थी; उनके पट रयां थी ं, और पट रयों के बीचोंबीच जोड़ भी थे।
29 और जोड़ों के बीचों बीच की पट रयों पर िसं ह, बै ल, और क ब बने थे और जोड़ों के ऊपर भी एक एक और पाया बना और िसंहों और बै लों के नीचे लटकते ए हार बने थे ।
30 और एक एक पाये के िलये पीतल के चार पिहये और पीतल की धु रयां बनी; और एक एक के चारों कोनों से लगे ए कंधे भी ढाल कर बनाए गए जो हौदी के नीचे तक प ं चते थे ,
और एक एक कंधे के पास हार बने ए थे।
31 और हौदी का मोहड़ा जो पाये की कंगनी के भीतर और ऊपर भी था वह एक हाथ ऊंचा था, और पाये का मोहड़ा िजसकी चौड़ाई डे ढ़ हाथ की थी, वह पाये की बनावट के समान
गोल बना; और पाये के उसी मोहड़े पर भी कुछ खुदा आ काम था और उनकी पट रयां गोल नही ं, चौकोर थी।ं
32 और चारों पिहये, पट रयो के नीचे थे , और एक एक पाये के पिहयों म धु रयां भी थी ं; और एक एक पिहये की ऊंचाई डे ढ़ हाथ की थी।
33 पिहयों की बनावट, रथ के पिहये की सी थी, और उनकी धु रयां , पुि यां , आरे , और नाभ सब ढाली ई थी ं।
34 और एक एक पाये के चारों कोनों पर चार कंधे थे, और कंधे और पाये दोनों एक ही टु कड़े के बने थे ।
35 और एक एक पाये के िसरे पर आध हाथ ऊंची चारों ओर गोलाई थी, और पाये के िसरे पर की टे क और पट रयां पाये से जुड़े ए एक ही टु कड़े के बने थे।
36 और टे कों के पाटों और पट रयों पर िजतनी जगह िजस पर थी, उस म उसने क ब, और िसंह, और खजूर के वृ खोद कर भर िदये, और चारों ओर हार भी बनाए।
37 इसी कार से उसने दसों पायों को बनाया; सभों का एक ही सांचा और एक ही नाप, और एक ही आकार था।
38 और उसने पीतल की दस हौदी बनाईं। एक एक हौदी म चालीस चालीस बत की समाई थी; और एक एक, चार चार हाथ चौड़ी थी, और दसों पायों म से एक एक पर, एक एक हौदी
थी।
39 और उसने पांच हौदी भवन की द न की ओर, और पांच उसकी उ र की ओर रख दी;ं और हौज़ को भवन की दािहनी ओर अथात पूव की ओर, और द न के सा ने धर
िदया।
40 और हीराम ने हौिदयों, फाविडय़ों, और कटोरों को भी बनाया। सो हीराम ने राजा सु लैमान के िलये यहोवा के भवन म िजतना काम करना था, वह सब िनपटा िदया,
41 अथात दो ख े, और उन कंगिनयों की गोलाइयां जो दोनों ख ों के िसरे पर थी ं, और दोनों ख ों के िसरों पर की गोलाइयों के ढांपने को दो दो जािलयां, और दोनों जािलयों के िलय
चार चार सौ अनार,
42 अथात ख ों के िसरों पर जो गोलाइयां थीं, उनके ढांपने के िलये अथात एक एक जाली के िलये अनारों की दो दो पांित;
43 दस पाये और इन पर की दस हौदी,
44 एक हौज़ और उसके नीचे के बारह बैल, और हंडे, फाविडय़ां,
45 और कटोरे बने। ये सब पा िज हीराम ने यहोवा के भवन के िनिम राजा सुलैमान के िलये बनाया, वह झलकाये ए पीतल के बने।
46 राजा ने उन को यरदन की तराई म अथात सु ोत और सारतान के म की िचकनी िम ी वाली भू िम म ढाला।
47 और सु लैमान ने सब पा ों को ब त अिधक होने के कारण िबना तौले छोड़ िदया, पीतल के तौल का वज़न मालू म न हो सका।
48 यहोवा के भवन के िजतने पा थे सुलैमान ने सब बनाए, अथात सोने की वेदी, और सोने की वह मेज़ िजस पर भट की रोटी रखी जाती थी,
49 और चोखे सोने की दीवट जो भीतरी कोठरी के आगे पांच तो द न की ओर, और पांच उ र की ओर रखी गई; और सोने के फूल,
50 दीपक और िचमटे , और चोखे सोने के तसले, किचयां , कटोरे , धूपदान, और करछे और भीतर वाला भवन जो परमपिव थान कहलाता है, और भवन जो म र कहलाता है , दोनों
के िकवाड़ों के िलये सोने के क े बने।
51 िनदान जो जो काम राजा सुलैमान ने यहोवा के भवन के िलये िकया, वह सब पू रा िकया गया। तब सु लैमान ने अपने िपता दाऊद के पिव िकए ए सोने चांदी और पा ों को भीतर
प ंचा कर यहोवा के भवन के भणडारों म रख िदया।
1 राजा 8
1 तब सुलैमान ने इ ाएली पुरिनयों को और गो ों के सब मु पु ष जो इ ाएिलयों के पू वजों के घरानों के धान थे ,उन को भी य शलेम म अपने पास इस मनसा से इक ा िकया, िक
वे यहोवा की वाचा का स दू क दाऊदपुर अथात िसयोन से ऊपर ले आएं ।
2 सो सब इ ाएली पु ष एतानीम नाम सातव महीने क पव के समय राजा सुलैमान के पास इक े ए।
3 जब सब इ ाएली पुरिनये आए, तब याजकों ने स दू क को उठा िलया।
4 और यहोवा का स दू क, और िमलाप का त ू, और िजतने पिव पा उस त ू म थे, उन सभों को याजक और लेवीय लोग ऊपर ले गए।
5 और राजा सु लैमान और सम इ ाएली मंडली, जो उसके पास इक ी ई थी, वे सब स दू क के सा ने इतनी भे ड़ और बैल बिल कर रहे थे, िजनकी िगनती िकसी रीित से नहीं हो
सकती थी।
6 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का स दू क उसके थान को अथात भवन के दशन- थान म, जो परमपिव थान है , प ंचाकर क बों के पं खों के तले रख िदया।
7 क ब तो स दू क के थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए ए थे, िक वे ऊपर से स दू क और उसके डं डों को ढांके थे।
8 डं डे तो ऐसे ल े थे, िक उनके िसरे उस पिव थान से जो दशन- थान के सा ने था िदखाई पड़ते थे पर ु बाहर से वे िदखाई नहीं पड़ते थे। वे आज के िदन तक यही ं वतमान ह।
9 स दू क म कुछ नहीं था, उन दो पट रयों को छोड़ जो मूसा ने होरे ब म उसके भीतर उस समय रखी ं, जब यहोवा ने इ ाएिलयों के िम से िनकलने पर उनके साथ वाचा बा ी थी।
10 जब याजक पिव थान से िनकले, तब यहोवा के भवन म बादल भर आया।
11 और बादल के कारण याजक सेवा टहल करने को खड़े न रह सके, ोंिक यहोवा का तेज यहोवा के भवन म भर गया था।
12 तब सु लैमान कहने लगा, यहोवा ने कहा था, िक म घोर अं धकार म वास िकए र ं गा।
13 सचमु च म ने तेरे िलये एक वास थान, वरन ऐसा ढ़ थान बनाया है, िजस म तू यु गानु युग बना रहे।
14 और राजा ने इ ाएल की पूरी सभा की ओर मुंह फेरकर उसको आशीवाद िदया; और पू री सभा खड़ी रही।
15 और उसने कहा, ध है इ ाएल का परमे र यहोवा! िजसने अपने मुं ह से मे रे िपता दाऊद को यह वचन िदया था, और अपने हाथ से उसे पूरा िकया है,
16 िक िजस िदन से म अपनी जा इ ाएल को िम से िनकाल लाया, तब से म ने िकसी इ ाएली गो का कोई नगर नहीं चुना, िजस म मेरे नाम के िनवास के िलये भवन बनाया जाए;
पर ु म ने दाऊद को चुन िलया, िक वह मेरी जा इ ाएल का अिधकारी हो।
17 मेरे िपता दाऊद की यह मनसा तो थी िक इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम का एक भवन बनाए।
18 पर ु यहोवा ने मेरे िपता दाऊद से कहा, यह जो तेरी मनसा है, िक यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी मनसा कर के तू ने भला तो िकया;
19 तौभी तू उस भवन को न बनाएगा; तेरा जो िनज पु होगा, वही मे रे नाम का भवन बनाएगा।
20 यह जो वचन यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी िकया है, और म अपने िपता दाऊद के थान पर उठ कर, यहोवा के वचन के अनुसार इ ाएल की ग ी पर िवराजमान ँ, और
इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है।
21 और इस म म ने एक थान उस स दू क के िलये ठहराया है , िजस म यहोवा की वह वाचा है, जो उसने हमारे पुरखाओं को िम दे श से िनकालने के समय उन से बा ी थी।
22 तब सु लैमान इ ाएल की पूरी सभा के दे खते यहोवा की वेदी के सा ने खड़ा आ, और अपने हाथ ग की ओर फैलाकर कहा, हे यहोवा!
23 हे इ ाएल के परमे र! तेरे समान न तो ऊपर ग म, और न नीचे पृ ी पर कोई ई र है : ते रे जो दास अपने स ू ण मन से अपने को तेरे स ुख जानकर चलते ह, उनके िलये तू
अपनी वाचा पूरी करता, और क णा करता रहता है।
24 जो वचन तू ने मे रे िपता दाऊद को िदया था, उसका तू ने पालन िकया है , जैसा तू ने अपने मुं ह से कहा था, वैसा ही अपने हाथ से उसको पूरा िकया है, जैसा आज है।
25 इसिलये अब हे इ ाएल के परमे र यहोवा! इस वचन को भी पू रा कर, जो तू ने अपने दास मे रे िपता दाऊद को िदया था, िक तेरे कुल म, मेरे सा ने इ ाएल की ग ी पर िवराजने
वाले सदै व बने रहगे: इतना हो िक जैसे तू यं मुझे स ु ख जानकर चलता रहा, वैसे ही तेरे वंश के लोग अपनी चालचलन म ऐसी ही चौकसी कर।
26 इसिलये अब हे इ ाएल के परमे र अपना जो वचन तू ने अपने दास मेरे िपता दाऊद को िदया था उसे स ा िस कर।
27 ा परमे र सचमुच पृ ी पर वास करे गा, ग म वरन सब से ऊंचे ग म भी तू नहीं समाता, िफर मेरे बनाए ए इस भवन म ोंकर समाएगा।
28 तौभी हे मेरे परमे र यहोवा! अपने दास की ाथना और िगड़िगड़ाहट की ओर कान लगाकर, मे री िच ाहट और यह ाथना सुन! जो म आज तेरे सा ने कर रहा ँ;
29 िक तेरी आं ख इस भवन की ओर अथात इसी थान की ओर िजसके िवषय तू ने कहा है , िक मे रा नाम वहां रहेगा, रात िदन खुली रह: और जो ाथना तेरा दास इस थान की ओर
करे , उसे तू सुन ले।
30 और तू अपने दास, और अपनी जा इ ाएल की ाथना िजस को वे इस थान की ओर िगड़िगड़ा के कर उसे सु नना, वरन ग म से जो तेरा िनवास थान है सुन ले ना, और सुनकर
मा करना।
31 जब कोई िकसी दू सरे का अपराध करे , और उसको शपथ खलाई जाए, और वह आकर इस भवन म ते री वेदी के सा ने शपथ खाए,
32 तब तू ग म सुन कर, अथात अपने दासों का ाय कर के दु को दु ठहरा और उसकी चाल उसी के िसर लौटा दे , और िनद ष को िनद ष ठहराकर, उसके धम के अनु सार
उसको फल दे ना।
33 िफर जब तेरी जा इ ाएल तेरे िव पाप करने के कारण अपने श ुओं से हार जाए, और तेरी ओर िफर कर तेरा नाम ले और इस भवन म तुझ से िगड़िगड़ाहट के साथ ाथना
करे ,
34 तब तू ग म से सुनकर अपनी जा इ ाएल का पाप मा करना: और उ इस दे श म लौटा ले आना, जो तू ने उनके पु खाओं को िदया था।
35 जब वे तेरे िव पाप कर, और इस कारण आकाश ब हो जाए, िक वषा न होए, ऐसे समय यिद वे इस थान की ओर ाथना कर के तेरे नाम को मान जब तू उ दु :ख दे ता है ,
और अपने पाप से िफर, तो तू ग म से सुनकर मा करना,
36 और अपने दासों, अपनी जा इ ाएल के पाप को मा करना; तू जो उन को वह भला माग िदखाता है , िजस पर उ चलना चािहये, इसिलये अपने इस दे श पर, जो तू ने अपनी जा
का भाग कर िदया है, पानी बरसा दे ना।
37 जब इस दे श म काल वा मरी वा झुलस हो वा गे ई वा िटि यां वा कीड़े लग वा उनके श ु उनके दे श के फाटकों म उ घेर रख, अथवा कोई िवपि वा रोग ों न हों,
38 तब यिद कोई मनु वा तेरी जा इ ाएल अपने अपने मन का दु :ख जान ल, और िगड़िगड़ाहट के साथ ाथना कर के अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएं ;
39 तो तू अपने गी ंय िनवास थान म से सुनकर मा करना, और ऐसा करना, िक एक एक के मन को जानकर उसकी सम चाल के अनुसार उसको फल दे ना: तू ही तो सब
आदिमयों के मन के भेदों का जानने वाला है।
40 तब वे िजतने िदन इस दे श म रह, जो तू ने उनके पुरखाओं को िदया था, उतने िदन तक तेरा भय मानते रह।
41 िफर परदे शी भी जो तेरी जा इ ाएल का न हो, जब वह तेरा नाम सु नकर, दू र दे श से आए,
42 वह तो तेरे बड़े नाम और बलव हाथ और बढ़ाई ई भु जा का समाचार पाए; इसिलये जब ऐसा कोई आकर इस भवन की ओर ाथना कर,
43 तब तू अपने गी ंय िनवास थान म से सुन, और िजस बात के िलये ऐसा परदे शी तु झे पु कारे , उसी के अनु सार वहार करना िजस से पृ ी के सब दे शों के लोग तेरा नाम जानकर
तेरी जा इ ाएल की नाईं ते रा भय मान, और िन य जान, िक यह भवन िजसे म ने बनाया है , वह ते रा ही कहलाता है ।
44 जब ते री जा के लोग जहां कही ं तू उ भेजे, वहां अपने श ुओं से लड़ाई करने को िनकल जाएं , और इस नगर की ओर िजसे तू ने चु ना है , और इस भवन की ओर िजसे म ने तेरे
नाम पर बनाया है, यहोवा से ाथना कर,
45 तब तू ग म से उनकी ाथना और िगड़िगड़ाहट सुनकर उनका ाय कर।
46 िन ाप तो कोई मनु नहीं है: यिद ये भी तेरे िव पाप कर, और तू उन पर कोप कर के उ श ओं के हाथ कर दे , और वे उन को ब ुआ कर के अपने दे श को चाहे वह दू र
हो, चाहे िनकट ले जाएं ,
47 तो यिद वे ब ुआई के दे श म सोच िवचार कर, और िफर कर अपने ब ुआ करने वालों के दे श म तु झ से िगड़िगड़ाकर कह िक हम ने पाप िकया, और कुिटलता ओर दु ता की है ;
48 और यिद वे अपने उन श ुओं के दे श म जो उ ब ुआ कर के ले गए हों, अपने स ू ण मन और स ू ण ाण से तेरी ओर िफर और अपने इस दे श की ओर जो तू ने उनके
पु खाओं को िदया था, और इस नगर की ओर िजसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर िजसे म ने तेरे नाम का बनाया है , तुझ से ाथना कर,
49 तो तू अपने गी ंय िनवास थान म से उनकी ाथना और िगड़िगड़ाहट सु नना; और उनका ाय करना,
50 और जो पाप तेरी जा के लोग तेरे िव करगे, और िजतने अपराध वे तेरे िव करगे , सब को मा कर के, उनके ब ु आ करने वालों के मन म ऐसी दया उपजाना िक वे उन पर
दया कर।
51 ोंिक वे तो ते री जा और तेरा िनज भाग ह िज तू लोहे के भ े के म म से अथात िम से िनकाल लाया है ।
52 इसिलये तेरी आं ख तेरे दास की िगड़िगड़ाहट और तेरी जा इ ाएल की िगड़िगड़ाहट की ओर ऐसी खुली रह, िक जब जब वे तुझे पुकार, तब तब तू उनकी सुन ले;
53 ोंिक हे भु यहोवा अपने उस वचन के अनुसार, जो तू ने हमारे पुरखाओं को िम से िनकालने के समय अपने दास मूसा के ारा िदया था, तू ने इन लोगों को अपना िनज भाग
होने के िलये पृ ी की सब जाितयों से अलग िकया है।
54 जब सुलैमान यहोवा से यह सब ाथना िगड़िगड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टे के और आकाश की ओर हाथ फैलाए ए था, सो यहोवा की वेदी के सा ने से उठा,
55 और खड़ा हो, सम इ ाएली सभा को ऊंचे र से यह कहकर आशीवाद िदया, िक ध है यहोवा,
56 िजसने ठीक अपने कयन के अनुसार अपनी जा इ ाएल को िव ाम िदया है , िजतनी भलाई की बात उसने अपने दास मूसा के ारा कही थी ं,उन म से एक भी िबना पूरी ए नही ं
रही।
57 हमारा परमे र यहोवा जै से हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही हमारे संग भी रहे , वह हम को ाग न दे और न हम को छोड़ दे ।
58 वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा िफराए रखे, िक हम उसके सब माग पर चला कर, और उसकी आ ाएं और िविधयां और िनयम िज उसने हमारे पु रखाओं को िदया था, िनत माना
कर।
59 और मे री ये बात िजनकी म ने यहोवा के सा ने िबनती की है, वह िदन और रात हमारे परमे र यहोवा के मन म बनी रह, और जैसा िदन िदन योजन हो वैसा ही वह अपने दास का
और अपनी जा इ ाएल का भी ाय िकया करे ,
60 और इस से पृ ी की सब जाितयां यह जान ल, िक यहोवा ही परमे र है ; और कोई दू सरा नही।ं
61 तो तु ारा मन हमारे परमे र यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीित से लगा रहे, िक आज की नाईं उसकी िविधयों पर चलते और उसकी आ ाएं मानते रहो।
62 तब राजा सम इ ाएल समेत यहोवा के स ुख मेलबिल चढ़ाने लगा।
63 और जो पशु सुलैमान ने मेलबिल म यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भे ड़ थी ं। इस रीित राजा ने सब इ ाएिलयों समे त यहोवा के भवन की ित ा
की।
64 उस िदन राजा ने यहोवा के भवन के सा ने वाले आं गन के म भी एक थान पिव िकया और होमबिल, और अ बिल और मे लबिलयों की चरबी वहीं चढ़ाई; ोंिक जो पीतल की
वेदी यहोवा के सा ने थी, वह उनके िलये छोटी थी।
65 और सु लैमान ने और उसके संग सम इ ाएल की एक बड़ी सभा ने जो हमात की घाटी से ले कर िम के नाले तक के सब दे शों से इक ी ई थी, दो स ाह तक अथात चौदह
िदन तक हमारे परमे र यहोवा के सा ने पव को माना। िफर आठव िदन उसने जा के लोगों को िवदा िकया।
66 और वे राजा को ध , ध , कहकर उस सब भलाई के कारण जो यहोवा ने अपने दास दाऊद और अपनी जा इ ाएल से की थी, आन त और मगन हो कर अपने अपने डे रे को
चले गए।
1 राजा 9
1 जब सु लैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उसने करना चाहा था, उसे कर चु का,
2 तब यहोवा ने जैसे िगबोन म उसको दशन िदया था, वैसे ही दू सरी बार भी उसे दशन िदया।
3 और यहोवा ने उस से कहा, जो ाथना िगड़िगड़ाहट के साथ तू ने मु झ से की है , उसको म ने सु ना है , यह जो भवन तू ने बनाया है, उस म म ने अपना नाम सदा के िलये रख कर उसे
पिव िकया है ; और मेरी आं ख और मेरा मन िन वही ं लगे रहगे।
4 और यादे तू अपने िपता दाऊद की नाईं मन की खराई और िसधाई से अपने को मे रे सा ने जान कर चलता रहे , और मेरी सब आ ाओं के अनु सार िकया करे , और मेरी िविधयों और
िनयमों को मानता रहे, तो म तेरा रा इ ाएल के ऊपर सदा के िलये थर क ं गा;
5 जै से िक म ने ते रे िपता दाऊद को वचन िदया था, िक तेरे कुल म इ ाएल की ग ी पर िवराजने वाले सदा बने रहगे ।
6 पर ु यिद तुम लोग वा तु ारे वंश के लोग मेरे पीछे चलना छोड़ द; और मे री उन आ ाओं और िविधयों को जो म ने तुम को दी ह, न मान, और जा कर पराये दे वताओं की उपासना
करे और उ द वत करने लग,
7 तो म इ ाएल को इस दे श म से जो म ने उन को िदया है, काट डालूंगा और इस भवन को जो म ने अपने नाम के िलये पिव िकया है, अपनी ि से उतार दू ं गा; और सब दे शों के
लोगों म इ ाएल की उपमा दी जायेगी और उसका ा चले गा।
8 और यह भवन जो ऊंचे पर रहेगा, तो जो कोई इसके पास हो कर चले गा, वह चिकत होगा, और ताली बजाएगा और वे पूछगे, िक यहोवा ने इस दे श और इस भवन के साथ ों ऐसा
िकया है ;
9 तब लोग कहगे, िक उ ोंने अपने परमे र यहोवा को जो उनके पुरखाओं को िम दे श से िनकाल लाया था। तजकर पराये दे वताओं को पकड़ िलया, और उन को द वत की और
उनकी उपासना की इस कारण यहोवा ने यह सब िवपि उन पर डाल दी।
10 सु लैमान को तो यहोवा के भवन और राजभवन दोनों के बनाने म बीस वष लग गए।
11 तब सु लैमान ने सोर के राजा हीराम को िजसने उसके मनमाने दे वदा और सनोवर की लकड़ी और सोना िदया था, गलील दे श के बीस नगर िदए।
12 जब हीराम ने सोर से जा कर उन नगरों को दे खा, जो सुलैमान ने उसको िदए थे , तब वे उसको अ े न लगे ।
13 तब उसने कहा, हे मेरे भाई, ये नगर ा तू ने मुझे िदए ह? और उसने उनका नाम कबूल दे श रखा।
14 और यही नाम आज के िदन तक पड़ा है। िफर हीराम ने राजा के पास साठ िक ार सोना भेज िदया।
15 राजा सु लैमान ने लोगों को जो बेगारी म रखा, इसका योजन यह था, िक यहोवा का और अपना भवन बनाए, और िम ो और य शलेम की शहरपनाह और हासोर, मिग ो और
गेजेर नगरों को ढ़ करे ।
16 गेजेर पर तो िम के राजा िफ़रौन ने चढ़ाई कर के उसे ले िलया और आग लगा कर फूंक िदया, और उस नगर म रहने वाले कनािनयों को मार डालकर, उसे अपनी बेटी सुलैमान
की रानी का िनज भाग कर के िदया था,
17 सो सुलैमान ने गे जेर और नीचे वाले बथोरे न,
18 बालात और तामार को जो जंगल म ह, ढ़ िकया, ये तो दे श म ह।
19 िफर सु लैमान के िजतने भणडार के नगर थे, और उसके रथों और सवारों के नगर, उन को वरन जो कुछ सु लैमान ने य शलेम, लबानोन और अपने रा के सब दे शों म बनाना
चाहा, उन सब को उसने ढ़ िकया।
20 एमोरी, िह ी, प र ी, िह ी और यबूसी जो रह गए थे , जो इ ाएिलयों म के न थे ,
21 उनके वंश जो उनके बाद दे श म रह गए, और उन को इ ाएली स ानाश न कर सके, उन को तो सु लैमान ने दास कर के बेगारी म रखा, और आज तक उन की वही दशा है ।
22 पर ु इ ाएिलयों म से सुलैमान ने िकसी को दास न बनाया; वे तो यो ा और उसके कमचारी, उसके हािकम, उसके सरदार, और उसके रथों, और सवारोंके धान ए।
23 जो मु हािकम सु लैमान के कामों के ऊपर ठहर के काम करने वालों पर भुता करते थे , ये पां च सौ पचास थे ।
24 जब िफ़रौन की बेटी दाऊदपुर म से अपने उस भवन को आ गई, जो उसने उसके िलये बनाया था तब उसने िम ो को बनाया।
25 और सु लैमान उस वेदी पर जो उसने यहोवा के िलये बनाईं थी, ित वष म तीन बार होमबिल और मे लबिल चढ़ाया करता था और साथ ही उस वेदी पर जो यहोवा के स ु ख थी, धूप
जलाया करता था, इस कार उसने उस भवन को तैयार कर िदया।
26 िफर राजा सुलैमान ने ए ोनगेबेर म जो एदोम दे श मे लाल समु के तीर एलोत के पास है, जहाज बनाए।
27 और जहाजोंम हीराम ने अपने अिधकार के म ाहों को, जो समु से जानकारी रखते थे, सुलैमान के सेवकोंके संग भेज िदया।
28 उ ोंने ओपोर को जा कर वहां से चार सौ बीस िक ार सोना, राजा सु लैमान को लाकर िदया।
1 राजा 10
1 जब शीबा की रानी ने यहोवा के नाम के िवषय सुलैमान की कीित सु नी, तब वह किठन किठन ों से उसकी परी ा करने को चल पड़ी।
2 वह तो ब त भारी दल, और मसालों, और ब त सोने, और मिण से लदे ऊंट साथ िलये ए य शले म को आई; और सुलैमान के पास प ं च कर अपने मन की सब बातों के िवषय म
उस से बात करने लगी।
3 सुलैमान ने उसके सब ों का उ र िदया, कोई बात राजा की बु से ऐसी बाहर न रही िक वह उसको न बता सका।
4 जब शीबा की रानी ने सुलैमान की सब बु मानी और उसका बनाया आ भवन, और उसकी मे ज पर का भोजन दे खा,
5 और उसके कमचारी िकस रीित बैठते, और उसके टहलु ए िकस रीित खड़े रहते , और कैसे कैसे कपड़े पिहने रहते ह, और उसके िपलाने वाले कैसे ह, और वह कैसी चढ़ाई है , िजस
से वह यहोवा के भवन को जाया करता है, यह सब जब उसने दे खा, तब वह चिकत हो गई।
6 तब उसने राजा से कहा, तेरे कामों और बु मानी की जो कीित म ने अपने दे श म सु नी थी वह सच ही है ।
7 पर ु जब तक म ने आप ही आकर अपनी आं खों से यह न दे खा, तब तक म ने उन बातों की तीत न की, पर ु इसका आधा भी मुझे न बताया गया था; तेरी बु मानी और क ाण
उस कीित से भी बढ़कर है, जो म ने सुनी थी।
8 ध ह तेरे जन! ध ह तेरे ये सेवक! जो िन तेरे स ु ख उप थत रहकर ते री बु की बात सु नते ह।
9 ध है ते रा परमे र यहोवा! जो तुझ से ऐसा स आ िक तुझे इ ाएल की राजग ी पर िवराजमान िकया: यहोवा इ ाएल से सदा ेम रखता है, इस कारण उसने तु झे ाय और धम
करने को राजा बना िदया है।
10 और उसने राजा को एक सौ बीस िक ार सोना, ब त सा सुग , और मिण िदया; िजतना सु ग शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को िदया, उतना िफर कभी नही ं आया।
11 िफर हीराम के जहाज भी जो ओपीर से सोना लाते थे, वह ब त सी च न की लकड़ी और मिण भी लाए।
12 और राजा ने च न की लकड़ी से यहोवा के भवन और राजभवन के िलये जंगले और गवैयों के िलये वीणा और सारं िगयां बनवाई ; ऐसी च न की लकड़ी आज तक िफर नही ं आई,
और न िदखाई पड़ी है।
13 और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा, वही राजा सुलैमान ने उसकी इ ा के अनुसार उसको िदया, िफर राजा सु लैमान ने उसको अपनी उदारता से ब त कुछ िदया, तब वह अपने
जनों समे त अपने दे श को लौट गई।
14 जो सोना ित वष सुलैमान के पास प ंचा करता था, उसका तौल छ:सौ िछयासठ िक ार था।
15 इस से अिधक सौदागरों से, और ोपा रयों के ले न दे न से, और दोगली जाितयों के सब राजाओं, और अपने दे श के गवनरो से भी ब त कुछ िमलता था।
16 और राजा सुलैमान ने सोना गढ़वाकर दो सौ बड़ी बड़ी ढाल बनवाई; एक एक ढाल म छ: छ: सौ शेकेल सोना लगा।
17 िफर उसने सोना गढ़वाकर तीन सौ छोटी ढाल भी बनवाई; एक एक छोटी ढाल म, तीन माने सोना लगा; और राजा ने उन को लबानोनी वन नाम भवन म रखवा िदया।
18 और राजा ने हाथीदांत का एक बड़ा िसंहासन बनवाया, और उ म कु न से मढ़वाया।
19 उस िसंहासन म छ: सीिढय़ां थी;ं और िसंहासन का िसरहाना िपछाड़ी की ओर गोल था, और बै ठने के थान की दोनों अलंग टे क लगी थी ं, और दोनों टे कों के पास एक एक िसं ह खड़ा
आ बना था।
20 और छहों सीिढय़ों की दोनोंअलंग एक एक िसंह खड़ा आ बना था, कुल बारह ए। िकसी रा म ऐसा कभी नहीं बना;
21 और राजा सुलैमान के पीने के सब पा सोने के बने थे , और लबानोनी बन नाम भवन के सब पा भी चोखे सोने के थे, चांदी का कोई भी न था। सुलैमान के िदनों म उसका कुछ
ले खा न था।
22 ोंिक समु पर हीराम के जहाजों के साथ राजा भी तशीश ं के जहाज रखता था, ओर तीन तीन वष पर तशींश के जहाज सोना, चांदी, हाथीदांत, ब र और मयूर ले आते थे ।
23 इस कार राजा सुलैमान, धन और बु म पृ ी के सब राजाओं से बढ़कर हो गया।
24 और सम पृ ी के लोग उसकी बु की बात सुनने को जो परमे र ने मन म उ की थी ं, सु लैमान का दशन पाना चाहते थे।
25 और वे ित वष अपनी अपनी भट, अथात चांदी और सोने के पा , व , श , सुग , घोड़े , और ख र ले आते थे।
26 और सु लैमान ने रथ और सवार इक े कर िलये, तो उसके चौदह सौ रथ, और बारह हजार सवार ए, और उन को उसने रथों के नगरों म, और य शलेम म राजा के पास ठहरा
रखा।
27 और राजा ने ब तायत के कारण, य शलेम म चांदी को तो ऐसा कर िदया जैसे प र और दे वदा को जै से नीचे के दे श के गूलर।
28 और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे िम से आते थे, और राजा के ोपारी उ झु झु कर के ठहराए ए दाम पर िलया करते थे।
29 एक रथ तो छ: सौ शेकेल चांदी पर, और एक घोड़ा डे ढ़ सौ शेकेल पर, िम से आता था, और इसी दाम पर वे िहि यों और अराम के सब राजाओं के िलये भी ोपा रयों के ारा
आते थे ।
1 राजा 11
1 पर ु राजा सुलैमान िफ़रौन की बेटी, और ब तेरी और पराये यों से, जो मोआबी, अ ोनी, एदोमी, सीदोनी, और िह ी थी ं, ीित करने लगा।
2 वे उन जाितयों की थी,ं िजनके िवषय म यहोवा ने इ ाएिलयों से कहा था, िक तुम उनके म म न जाना, और न वे तु ारे म म आने पाएं , वे तु ारा मन अपने दे वताओं की ओर
िन:स े ह फेरगी; उ ी ं की ीित म सुलैमान िल हो गया।
3 और उसके सात सौ रािनयां, और तीन सौ रखेिलयां हो गई थी ं और उसकी इन यों ने उसका मन बहका िदया।
4 सो जब सु लैमान बूढ़ा आ, तब उसकी यों ने उसका मन पराये दे वताओं की ओर बहका िदया, और उसका मन अपने िपता दाऊद की नाईं अपने परमे र यहोवा पर पूरी रीित से
लगा न रहा।
5 सु लैमान तो सीदोिनयों की अशतोरे त नाम दे वी, और अ ोिनयों के िम ोम नाम घृ िणत दे वता के पीछे चला।
6 और सु लैमान ने वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा है, और यहोवा के पीछे अपने िपता दाऊद की नाईं पूरी रीित से न चला।
7 उन िदनों सुलैमान ने य शलेम के सा ने के पहाड़ पर मोआिबयों के कमोश नाम घृिणत दे वता के िलये और अ ोिनयों के मोले क नाम घृिणत दे वता के िलये एक एक ऊंचा थान
बनाया।
8 और अपनी सब पराये यों के िलये भी जो अपने अपने दे वताओं को धूप जलातीं और बिलदान करती थीं, उसने ऐसा ही िकया।
9 तब यहोवा ने सुलैमान पर ोध िकया, ोंिक उसका मन इ ाएल के परमे र यहोवा से िफर गया था िजसने दो बार उसको दशन िदया था।
10 और उसने इसी बात के िवषय म आ ा दी थी, िक पराये दे वताओं के पीछे न हो लेना, तौभी उसने यहोवा की आ ा न मानी।
11 और यहोवा ने सुलैमान से कहा, तुझ से जो ऐसा काम आ है, और मे री ब ाई ई वाचा और दी ई वीिध तू ने पू री नहीं की, इस कारण म रा को िन य तूझ से छीन कर ते रे एक
कमचारी को दे दू ं गा।
12 तौभी तेरे िपता दाऊद के कारण तेरे िदनो म तो ऐसा न क ं गा; पर ु तेरे पु के हाथ से रा छीन लूंगा।
13 िफर भी म पू ण रा तो न छीन लूंगा, पर ु अपने दास दाऊद के कारण, और अपने चु ने ए य शले म के कारण, म तेरे पु के हाथ म एक गो छोड़ दू ं गा।
14 सो यहोवा ने एदोमी हदद को जो एदोमी राजवंश का था, सु लैमान का श ु बना िदया।
15 ोंिक जब दाऊद एदोम म था, और योआब सेनापित मारे ओं को िम ी दे ने गया,
16 ( योआब तो सम इ ाएल समेत वहां छ: महीने रहा, जब तक िक उसने एदोम के सब पु षों को नाश न कर िदया)
17 तब हदद जो छोटा लड़का था, अपने िपता के कई एक एदोमी से वकों के सं ग िम को जाने की मनसा से भागा।
18 और वे िम ान से हो कर परान को आए, और परान म से कई पु षों को सं ग ले कर िम म िफ़रौन राजा के पास गए, और िफ़रौन ने उसको घर िदया, और उसको भोजन िमलने
की आ ा दी और कुछ भूिम भी दी।
19 और हदद पर िफ़रौन की बड़े अनु ह की ि ई, और उसने उसको अपनी साली अथात तहपने स रानी की बिहन ाह दी।
20 और तहपनेस की बिहन से गनूबत उ आ और इसका दू ध तहपनेस ने िफ़रौन के भवन म छु ड़ाया; तब गनू बत िफ़रौन के भवन म उसी के पु ों के साथ रहता था।
21 जब हदद ने िम म रहते यह सु ना, िक दाऊद अपने पुरखाओं के संग सो गया, और योआब से नापित भी मर गया है , तब उसने िफ़रौन से कहा, मु झे आ ा दे िक म अपने दे श को
जाऊं!
22 िफ़रौन ने उस से कहा, ों? मेरे यहां तु झे ा घटी ई िक तू अपने दे श को जला जाना चाहता है ? उसने उ र िदया, कुछ नहीं ई, तौभी मुझे अव जाने दे ।
23 िफर परमे र ने उसका एक और श ु कर िदया, अथात ए ादा के पु रजोन को, वह तो अपने ामी सोबा के राजा हददे जेर के पास से भागा था;
24 और जब दाऊद ने सोबा के जनों को घात िकया, तब रजोन अपने पास कई पु षों को इक े कर के, एक दल का धान हो गया, और वह दिम को जा कर वहीं रहने और रा
करने लगा।
25 और उस हािन को छोड़ जो हदद ने की, रजोन भी, सु लैमान के जीवन भर इ ाएल का श ु बना रहा; और वह इ ाएल से घृणा रखता आ अराम पर रा करता था
26 िफर नबात का और स आह नाम एक िवधवा का पु यारोबाम नाम एक ए ै मी सरे दाबासी जो सु लैमान का कमचारी था, उसने भी राजा के िव िसर उठाया।
27 उसका राजा के िव िसर अठाने का यह कारण आ, िक सुलैमान िम ो को बना रहा था ओर अपने िपता दाऊद के नगर के दरार ब कर रहा था।
28 यारोबाम बड़ा शूरवीर था, और जब सुलैमान ने जवान को दे खा, िक यह प र मी है ; तब उसने उसको यू सुफ के घराने के सब काम पर मु खया ठहराया।
29 उ ी ं िदनों म यारोबाम य शलेम से िनकलकर जा रहा था, िक शीलोबासी अिह ाह नबी, नई च र ओढ़े ए माग पर उस से िमला; और केवल वे ही दोनों मैदान म थे।
30 और अिह ाह ने अपनी उस नई च र को ले िलया, और उसे फाड़कर बारह टु कड़े कर िदए।
31 तब उसने यारोबाम से कहा, दस टु कड़े ले ले; ोंिक, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक सुन, म रा को सुलैमान के हाथ से छीन कर दस गो तेरे हाथ म कर दू ं गा।
32 पर ु मेरे दास दाऊद के कारण और य शलेम के कारण जो म ने इ ाएल के सब गो ों म से चु ना है , उसका एक गो बना रहेगा।
33 इसका कारण यह है िक उ ोंने मुझे ाग कर सीदोिनयों की दे वी अ ोरे त और मोआिबयों के दे वता कमोश, और अ ोिनयों के दे वता िम ोम को द वत की, और मे रे माग पर
नही ं चले : और जो मेरी ि म ठीक है, वह नही ं िकया, और मेरी िविधयों और िनयमों को नहीं माना जै सा िक उसके िपता दाऊद ने िकया।
34 तौभी म उसके हाथ से पूण रा न ले लूंगा, पर ु मेरा चुना आ दास दाऊद जो मे री आ ाएं और िविधयां मानता रहा, उसके कारण म उसको जीवन भर धान ठहराए रखूंगा।
35 पर ु उसके पु के हाथ से म रा अथात दस गो ले कर तुझे दे दू ं गा।
36 और उसके पु को म एक गो दू ं गा, इसिलये िक य शले म अथात उस नगर म िजसे अपना नाम रखने को म ने चु ना है, मेरे दास दाऊद का दीपक मेरे सा ने सदै व बना रहे।
37 पर ु तु झे म ठहरा लूंगा, और तू अपनी इ ा भर इ ाएल पर रा करे गा।
38 और यिद तू मेरे दास दाऊद की नाईं मेरी सब आ ाएं , और मे रे माग पर चले , और जो काम मे री ि म ठीक है, वही करे , और मेरी िविधयां और आा ाएं मानता रहे , तो म ते रे सं ग
र ं गा, और िजस तरह म ने दाऊद का घराना बनाए रखा है , वैसे ही तेरा भी घराना बनाए रखूं गा, और ते रे हाथ इ ाएल को दू ं गा।
39 इस पाप के कारण म दाऊद के वंश को दु :ख दू ं गा, तौभी सदा तक नही ं।
40 और सु लैमान ने यारोबाम को मार डालना चाहा, पर ु यारोबाम िम के राजा शीशक के पास भाग गया, और सुलैमान के मरने तक वहीं रहा।
41 सु लैमान की और सब बात और उसके सब काम और उसकी बु मानी का वणन, ा सुलैमान के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
42 सु लैमान को य शलेम म सब इ ाएल पर रा करते ए चालीस वष बीते ।
43 और सु लैमान अपने पुरखाओं के संग सोया, और उसको उसके िपता दाऊद के नगर म िम ी दी गई, और उसका पु र िबयाम उसके थान पर राजा आ।
1 राजा 12
1 र िबयाम तो शकेम को गया, ोंिक सब इ ाएली उसको राजा बनाने के िलये वहीं गए थे।
2 और जब नबात के पु यारोबाम ने यह सुना, ( जो अब तक िम म रहता था, ोंिक यारोबाम सु लैमान राजा के डर के मारे भगकर िम म रहता था।
3 सो उन लोगों ने उसको बुलवा भेजा ) तब यारोबाम और इ ाएल की सम सभा र िबयाम के पास जा कर यों कहने लगी,
4 िक तेरे िपता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, तो अब तू अपने िपता की किठन से वा को, और उस भारी जू ए को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हलका कर; तब हम
तेरे आधीन रहगे।
5 उसने कहा, उभी तो जाओ, और तीन िदन के बाद मेरे पास िफर आना। तब वे चले गए।
6 तब राजा र िबयाम ने उन बू ढ़ों से जो उसके िपता सुलैमान के जीवन भर उसके सा ने उप थत रहा करते थे स ित ली, िक इस जा को कैसा उ र दे ना उिचत है , इस म तु म ा
स ित दे ते हो?
7 उ ोंने उसको यह उ र िदया, िक यिद तू अभी जा के लोगों का दास बनकर उनके आधीन हो और उन से मधुर बात कहे, तो वे सदै व तेरे आधीन बने रहगे।
8 र िबयाम ने उस स ित को छोड़ िदया, जो बूढ़ों ने उसको दी थी,और उन जवानों से स ित ली, जो उसके सं ग बड़े ए थे, और उसके स ुख उप थत रहा करते थे।
9 उन से उसने पूछा, म जा के लोगों को कैसा उ र दू ं ? उस म तुम ा स ित दे ते हो? उ ो ने तो मुझ से कहा है , िक जो जूआ तेरे िपता ने हम पर डाल रखा है, उसे तू हलका कर।
10 जवानों ने जो उसके संग बड़े ए थे उसको यह उ र िदया, िक उन लोगों ने तुझ से कहा है, िक तेरे िपता ने हमारा जूआ भारी िकया था, पर ु तू उसे हमारे िलऐ हलका कर; तू उन
से यों कहना, िक मेरी िछं गुिलया मेरे िपता की कमर से भी मोटी है।
11 मेरे िपता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था, उसे म और भी भारी क ं गा; मेरा िपता तो तुम को कोड़ों से ताड़ना दे ता था, पर ु म िब ु ओं से दू ं गा।
12 तीसरे िदन, जै से राजा ने ठहराया था, िक तीसरे िदन मे रे पास िफर आना, वैसे ही यारोबाम और सम जागण र िबयाम के पास उप थत ए।
13 तब राजा ने जा से कड़ी बात की ं,
14 और बू ढ़ों की दी ई स ित छोड़कर, जवानों की स ित के अनु सार उन से कहा, िक मे रे िपता ने तो तु ारा जू आ भारी कर िदया, पर ु म उसे और भी भारी कर दू ं गा: मेरे िपता ने
तो कोड़ों से तु म को ताड़ना दी, पर ु म तुम को िब ु ओं से ताड़ना दू ं गा।
15 सो राजा ने जा की बात नही ं मानी, इसका कारण यह है, िक जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अिह ाह के ारा नबात के पु यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के िलये उसने
ऐसा ही ठहराया था।
16 जब सब इ ाएल ने दे खा िक राजा हमारी नही ं सुनता, तब वे बोले, िक दाऊद के साथ हमारा ा अं श? हमारा तो ियशै के पु म कोई भाग नहीं! हे इ ाएल अपने अपने डे रे को चले
जाओ: अब हे दाऊद, अपने ही घराने की िच ा कर।
17 सो इ ाएल अपने अपने डे रे को चले गए। केवल िजतने इ ाएली य दा के नगरों म बसे ए थे उन पर र िबयाम रा करता रहा।
18 तब राजा र िबयाम ने अदोराम को जो सब बेगारों पर अिधकारी था, भेज िदया, और सब इ ाएिलयों ने उस को प वाह िकया, और वह मर गया: तब र िबयाम फुती ं से अपने रथ
पर चढ़ कर य शलेम को भाग गया।
19 और इ ाएल दाऊद के घराने से िफर गया, और आज तक िफरा जु आ है।
20 यह सु नकर िक यारोबाम लौट आया है, सम इ ाएल ने उसको म ली म बु लवा भेज कर, पू ण इ ाएल के ऊपर राजा िनयु िकया, और य दा के गो को छोड़ कर दाऊद के
घाराने से कोई िमला न रहा।
21 जब र िबयाम य शलेम को आया, तब उसने य दा के पूण घराने को, और िब ामीन के गो को, जो िमलकर एक लाख अ ी हजार अ े यो ा थे, इक ा िकया, िक वे इ ाएल
के घराने के साथ लड़ कर सुलैमान के पु र िबयाम के वश म िफर रा कर द।
22 तब परमे र का यह वचन परमे र के जन शमायाह के पास प ं चा िक य दा के राजा सुलैमान के पु र िबयाम से ,
23 और य दा और िब ामीन के सब घराने से, और सब लोगों से कह, यहोवा यों कहता है,
24 िक अपने भाई इ ाएिलयों पर चढ़ाई कर के यु न करो; तुम अपने अपने घर लौट जाओ, ोंिक यह बात मे री ही ओर से ई है। यहोवा का यह वचन मान कर उ ोंने उसके
अनु सार लौट जाने को अपना अपना माग िलया।
25 तब यारोबाम ए ैम के पहाड़ी दे श के शकेम नगर को ढ़ कर के उस म रहने लगा; िफर वहां से िनकल कर पनू एल को भी ढ़ िकया।
26 तब यारोबाम सोचने लगा, िक अब रा दाऊद के घराने का हो जाएगा।
27 यिद जा के लोग य शलेम म बिल करने को जाएं , तो उनका मन अपने ामी य दा के राजा र िबयाम की ओर िफरे गा, और वे मुझे घात कर के य दा के राजा र िबयाम के हो
जाएं गे ।
28 तो राजा ने स ित ले कर सोने के दो बछड़े बनाए और लोगों से कहा, य शले म को जाना तु ारी श से बाहर है इसिलये हे इ ाएल अपने दे वताओं को दे खो, जो तु िम दे श
से िनकाल लाए ह।
29 तो उसने एक बछड़े को बेतेल, और दू सरे को दान म थािपत िकया।
30 और यह बात पाप का कारण ई; ोंिक लोग उस एक के सा ने द वत करने को दान तक जाने लगे ।
31 और उसने ऊंचे थानों के भवन बनाए, और सब कार के लोगों म से जो ले वीवंशी न थे , याजक ठहराए।
32 िफर यारोबाम ने आठव महीने के प हव िदन य दा के पव के समान एक पव ठहरा िदया, और वेदी पर बिल चढ़ाने लगा; इस रीित उसने बेतेल म अपने बनाए ए बछड़ों के िलये
वेदी पर, बिल िकया, और अपने बनाए ए ऊंचे थानों के याजकों को बेतेल म ठहरा िदया।
33 और िजस महीने की उसने अपने मन म क ना की थी अथात आठव महीने के प हव िदन को वह बे तेल म अपनी बनाई ई वेदी के पास चढ़ गया। उसने इ ाएिलयों के िलये एक
प ठहरा िदया, और धूप जलाने को वेदी के पास चढ़ गया।
1 राजा 13
1 तब यहोवा से वचन पाकर परमे र का एक जन य दा से बेतेल को आया, और यारोबाम धूप जलाने के िलये वेदी के पास खड़ा था।
2 उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के िव यों पुकारा, िक वेदी, हे वेदी! यहोवा यों कहता है, िक सुन, दाऊद के कुल म योिश ाह नाम एक लड़का उ होगा, वह उन ऊंचे
थानों के याजकों को जो तुझ पर धूप जलाते ह, तुझ पर बिल कर दे गा; और तु झ पर मनु ों की हि यां जलाई जाएं गी।
3 और उसने, उसी िदन यह कहकर उस बात का एक िच भी बताया, िक यह वचन जो यहोवा ने कहा है , इसका िच यह है िक यह वेदी फट जाएगी, और इस पर की राख िगर
जाएगी।
4 तब ऐसा आ िक परमे र के जन का यह वचन सुनकर जो उसने बेतेल के िव पु कार कर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, उसको पकड़ लो: तब उसका हाथ
जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खी ंच न सका।
5 और वेदी फट गई, और उस पर की राख िगर गई; सो वह िच पूरा आ, जो परमे र के जन ने यहोवा से वचन पाकर कहा था।
6 तब राजा ने परमे र के जन से कहा, अपने परमे र यहोवा को मना और मेरे िलये ाथना कर, िक मेरा हाथ ों का ो हो जाए: तब परमे र के जन ने यहोवा को मनाया और राजा
का हाथ िफर ों का ों हो गया।
7 तब राजा ने परमे र के जन से कहा, मेरे संग घर चलकर अपना ाण ठं डा कर, और म तुझे दान भी दू ं गा।
8 परमे र के जन ने राजा से कहा, चाहे तू मुझे अपना आधा घर भी दे , तौभी तेरे घर न चलूं गा; और इस थान म म न तो रोटी खाऊंगा और न पानी पीऊंगा।
9 ोंिक यहोवा के वचन के ारा मुझे यों आ ा िमली है, िक न तो रोटी खाना, और न पानी पीना, और न उस माग से लौटना िजस से तू जाएगा।
10 इसिलये वह उस माग से िजसे बेतेल को गया था न लौटकर, दू सरे माग से चला गया।
11 बेतेल म एक बूढ़ा नबी रहता था, और उसके एक बेटे ने आकर उस से उन सब कामों का वणन िकया जो परमे र के जन ने उस िदन बेतेल म िकए थे; और जो बात उसने राजा से
कही थी,ं उन को भी उसने अपने िपता से कह सुनाया।
12 उसके बे टों ने तो यह दे खा था, िक परमे र का वह जन जो य दा से आया था, िकस माग से चला गया, सो उनके िपता ने उन से पूछा, वह िकस माग से चला गया?
13 और उसने अपने बेटों से कहा, मेरे िलये गदहे पर काठी बा ो; तब उ ोंने गदहे पर काठी बा ी, और वह उस पर चढ़ा,
14 और परमे र के जन के पीछे जा कर उसे एक बांजवृझ के तले बैठा आ पाया; और उस से मू छा, परमे र का जो जन य दा से आया था, ा तू वही है?
15 उसने कहा हां, वही ँ। उसने उस से कहा, मेरे संग घर चलकर भोजन कर।
16 उसने उस से कहा, म न तो तेरे संग लौट सकता, और न तेरे सं ग घर म जा सकता ँ और न म इस थान म तेरे सं ग रोटी खाऊंगा, वा पानी पीऊंगा।
17 ोंिक यहोवा के वचन के ारा मुझे यह आ ा िमली है , िक वहां न तो रोटी खाना और न पानी पीना, और िजस माग से तू जाएगा उस से न लौटना।
18 उसने कहा, जैसा तू नबी है वैसा ही म भी नबी ँ; और मु झ से एक दू त ने यहोवा से वचन पाकर कहा, िक उस पु ष को अपने संग अपने घर लौटा ले आ, िक वह रोटी खाए, और
पानी पीए। यह उसने उस से झूठ कहा।
19 अतएव वह उसके संग लौट गया और उसके घर म रोटी खाई और पानी पीया।
20 और जब वे मेज पर बैठे ही थे, िक यहोवा का वचन उस नबी के पास प ं चा, जो दू सरे को लौटा ले आया था।
21 और उसने परमे र के उस जन को जो य दा से आया था, पुकार के कहा, यहोवा यों कहता है इसिलये िक तू ने यहोवा का वचन न माना, और जो आ ा तेरे परमे र यहोवा ने तु झे
दी थी उसे भी नही ं माना;
22 पर ु िजस थान के िवषय उसने तुझ से कहा था, िक उस म न तो रोटी खाना और न पानी पीना, उसी म तू ने लौट कर रोटी खाई, और पानी भी िपया है इस कारण तुझे अपने
पुरखाओं के कि ान म िम ी नही ं दी जाएगी।
23 जब यह खा पी चु का, तब उसने परमे र के उस जन के िलये िजस को वह लौटा ले आया था गदहे पर काठी ब ाई।
24 जब वह माग म चल रहा था, तो एक िसंह उसे िमला, और उसको मार डाला, और उसकी लोथ माग पर पड़ी रही, और गदहा उसके पास खड़ा रहा और िसंह भी लोथ के पास खड़ा
रहा।
25 जो लोग उधर से चले आ रहे थे उ ोंने यह दे ख कर िक माग पर एक लोथ पड़ी है, और उसके पास िसं ह खड़ा है, उस नगर म जा कर जहां वह बूढ़ा नबी रहता था यह समाचार
सु नाया।
26 यह सु नकर उस नबी ने जो उसको माग पर से लौटा ले आया था, कहा, परमे र का वही जन होगा, िजसने यहोवा के वचन के िव िकया था, इस कारण यहोवा ने उसको िसंह के
पं जे म पड़ने िदया; और यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने उस से कहा था, िसंह ने उसे फाड़कर मार डाला होगा।
27 तब उसने अपने बेटों से कहा, मेरे िलये गदहे पर काठी बा ो; जब उ ोंने काठी बा ी,
28 तब उसने जा कर उस जन की लोथ माग पर पड़ी ई, और गदहे , और िसंह दोनों को लोथ के पास खड़े ए पाया, और यह भी िक िसंह ने न तो लोथ को खाया, और न गदहे को
फाड़ा है।
29 तब उस बूढ़े नबी ने परमे र के जन की लोथ उठा कर गदहे पर लाद ली, और उसके िलये छाती पीटने लगा, और उसे िम ी दे ने को अपने नगर म लौटा ले गया।
30 और उसने उसकी लोथ को अपने कि ान म रखा, और लोग हाय, मे रे भाई! यह कह कर छाती पीटने लगे।
31 िफर उसे िम ी दे कर उसने अपने बेटों से कहा, जब म मर जाऊंगा तब मुझे इसी कि ान म रखना, िजस म परमे र का यह जन रखा गया है, और मेरी हि यां उसी की हि यों के
पास धर दे ना।
32 ोंिक जो वचन उसने यहोवा से पाकर बेतेल की वेदी और शोमरोन के नगरों के सब ऊंचे थानों के भवनों के िव पुकार के कहा है, वह िन य पूरा हो जाएगा।
33 इसके बाद यारोबाम अपनी बुरी चाल से न िफरा। उसने िफर सब कार के लोगो म से ऊंचे थानों के याजक बनाए, वरन जो कोई चाहता था, उसका सं ार कर के, वह उसको
ऊंचे थानों का याजक होने को ठहरा दे ता था।
34 और यह बात यारोबाम के घराने का पाप ठहरी, इस कारण उसका िवनाश आ, और वह धरती पर से नाश िकया गया।
1 राजा 14
1 उस समय यारोबाम का बेटा अिब ाह रोगी आ।
2 तब यारोबाम ने अपनी ी से कहा, ऐसा भेष बना िक कोई तुझे पिहचान न सके िक यह यारोबाम की ी है , और शीलो को चली जा, वहां तो अिह ाह नबी रहता है िजसने मु झ से
कहा था िक तू इस जा का राजा हो जाएगा।
3 उसके पास तू दस रोटी, और पपिडय़ां और एक कु ी मधु िलये ए जा, और वह तु झे बताएगा िक लड़के को ा होगा।
4 यारोबाम की ी ने वैसा ही िकया, और चलकर शीलो को प ंची और अिह ाह के घर पर आई: अिह ाह को तो कुछ सूझ न पड़ता था, ोंिक बु ढ़ापे के कारण उसकी आं ख
धु ली पड़ गई थी ं।
5 और यहोवा ने अिह ाह से कहा, सुन यारोबाम की ी तुझ से अपने बेटे के िवषय म जो रोगी है कुछ पू छने को आती है, तू उस से ये ये बात कहना; वह तो आकर अपने को दू सरी
औरत बनाएगी।
6 जब अिह ाह ने ार म आते ए उसके पांव की आहट सु नी तब कहा, हे यारोबाम की ी! भीतर आ; तू अपने को ों दू सरी ी बनाती है? मुझे तेरे िलये भारी स े शा िमला है ।
7 तू जा कर यारोबाम से कह िक इ ाएल का परमे र यहोवा तु झ से यों कहता है, िक म ने तो तु झ को जा म से बढ़ाकर अपनी जा इ ाएल पर धान िकया,
8 और दाऊद के घराने से रा छीनकर तुझ को िदया, पर ु तू मेरे दास दाऊद के समान न आ जो मे री आ ाओं को मानता, और अपने पूण मन से मेरे पीछे पीछे चलता, और केवल
वही करता था जो मेरी ि म ठीक है।
9 तू ने उन सभों से बढ़कर जो तुझ से पिहले थे बुराई, की है, और जा कर पराये दे वता की उपासना की और मू रत ढालकर बनाईं, िजस से मुझे ोिधत कर िदया और मु झे तो पीठ के
पीछे फक िदया है।
10 इस कारण म यारोबाम के घराने पर िवपि डालूंगा, वरन म यारोबाम के कुल म से हर एक लड़के को ओर ा ब ु ए, ा ाधीन इ ाएल के म हर एक रहने वाले को भी न
कर डालूं गा: और जैसा कोई गोबर को तब तक उठाता रहता है जब तक वह सब उठा तहीं िलया जाता, वैसे ही म यारोबाम के घराने की सफाई कर दू ं गा।
11 यारोबाम के घराने का जो कोई नगर म मर जाए, उसको कु े खाएं गे; और जो मै दान म मरे , उसको आकाश के पड़ी खा जाएं गे; ोंिक यहोवा ने यह कहा है!
12 इसिलये तू उठ और अपने घर जा, और नगर के भीतर तेरे पां व पड़ते ही वह बालक मर जाएगा।
13 उसे तो सम इ ाएली छाती पीटकर िम ी दगे; यारोबाम के स ानों म से केवल उसी को कबर िमले गी, ोंिक यारोबाम के घराने म से उसी म कुछ पाया जाता है जो यहोवा
इ ाएल के भु की ि म भला है।
14 िफर यहोवा इ ाएल के िलये एक ऐसा राजा खड़ा करे गा जो उसी िदन यारोबाम के घराने को नाश कर डालेगा, पर ु कब?
15 यह अभी होगा। ोंिक यहोवा इ ाएल को ऐसा मारे गा, जै सा जल की धारा से नरकट िहलाया जाता है , और वह उन को इस अ ी भूिम म से जो उसने उनके पुरखाओं को दी थी
उखाड़ कर महानद के पार ित र-िब र करे गा; ोंिक उ ोंने अशेरा ताम मूरत अपने िलये बनाकर यहोवा को ोध िदलाया है।
16 और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने िकए और इ ाएल से कराए थे, यहोवा इ ाएल को ाग दे गा।
17 तब यारोबाम की ी िबदा हो कर चली और ितरज़ा को आई, और वह भवन की डे वढ़ी पर जैसे ही प ंची िक वह बालक मर गया।
18 तब यहोवा के वचन के अनुसार जो उसने अपने दास अिह ाह नबी से कहलाया था, सम इ ाएल ने उसको िम ी दे कर उसके िलये शोक मनाया।
19 यारोबाम के और काम अथात उसने कैसा कैसा यु िकया, और कैसा रा िकया, यह सब इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखा है।
20 यारोबाम बाईस वष तक रा कर के अपने पु रखाओं के साथ सो गया और नादाब नाम उसका पु उसके थान पर राजा आ।
21 और सु लैमान का पु र िबयाम य दा म रा करने लगा। र िबयाम इकतालीस वष का हो कर रा करने लगा; और य शलेम िजस को यहोवा ने सारे इ ाएली गो ों म से
अपना नाम रखने के िलये चुन िलया था, उस नगर म वह स ह वष तक रा करता रहा; और उसकी माता का नाम नामा था जो अ ोनी ी थी।
22 और य दी लोग वह करने लगे जो यहोवा की ि म बुरा है, और अपने पुरखाओं से भी अिधक पाप कर के उसकी जलन भड़काई।
23 उ ोंने तो सब ऊंचे टीलों पर, और सब हरे वृ ों के तले, ऊंचे थान, और लाठ, और अशेरा नाम मू रत बना लीं।
24 और उनके दे श म पु षगामी भी थे ; िनदान वे उन जाितयों के से सब िघनौने काम करते थे िज यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से िनकाल िदया था।
25 राजा र िबयाम के पांचव वष म िम का राजा शीशक, य शले म पर चढ़ाई कर के,
26 यहोवा के भवन की अनमोल व ुएं और राजभवन की अनमोल व ुएं, सब की सब उठा ले गया; और सोने की जो ढाल सु लैमान ने बनाईं थी ं सब को वह ले गया।
27 इसिलये राजा र िबयाम ने उनके बदले पीतल की ढाल बनवाई और उ पह ओं के धानों के हाथ सौंप िदया जो राजभवन के ार की रखवाली करते थे।
28 और जब जब राजा यहोवा के भवन म जाता था तब तब पह ए उ उठा ले चलते , और िफर अपनी कोठरी म लौटा कर रख दे ते थे।
29 र िबयाम के और सब काम जो उसने िकए वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
30 र िबयाम और यारोबाम म तो सदा लड़ाई होती रही।
31 और र िबयाम िजसकी माता नामा नाम एक अ ोिनन थी, अपने पुरखाओं के साथ सो गया; और उ ी ं के पास दाऊदपुर म उसको िम ी दी गई: और उसका पु अिब ाम उसके
थान पर रा करने लगा।
1 राजा 15
1 नाबात के पु यारोबाम के रा के अठारहव वष म अिब ाम य दा पर रा करने लगा।
2 और वह तीन वष तक य शलेम म रा करता रहा। उसकी माता का नाम माका था जो अबशालोम की पु ी थी:
3 वह वैसे ही पापों की लीक पर चलता रहा जैसे उसके िपता ने उस से पिहले िकए थे और उसका मन अपने परमे र यहोवा की ओर अपने परदादा दाऊद की नाईं पूरी रीित से िस न
था;
4 तौभी दाऊद के कारण उसके परमे र यहोवा ने य शलेम म उसे एक दीपक िदया अथात उसके पु को उसके बाद ठहराया और य शलेम को बनाए रखा।
5 ोंिक दाऊद वह िकया करता था जो यहोवा की ि म ठीक था और िह ी ऊ र ाह की बात के िसवाय और िकसी बात म यहोवा की िकसी आ ा से जीवन भर कभी न मुड़ा।
6 र िबयाम के जीवन भर तो उसके और यारोबाम के बीच लड़ाई होती रही।
7 अिब ाम के और सब काम जो उसने िकए, ा वे य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह? और अिब ाम की यारोबाम के साथ लड़ाई होती रही।
8 िनदान अिब ाम अपने पु रखाओं के संग सोया, और उसको दाऊदपुर म िम ी दी गई, और उसका पु आसा उसके थान पर रा करने लगा।
9 इ ाएल के राजा यारोबाम के बीसव वष म आसा य दा पर रा करने लगा;
10 और य शलेम म इकतालीस वष तक रा करता रहा, और उसकी माता अबशालोम की पु ी माका थी।
11 और आसा ने अपने मूलपु ष दाऊद की नाईं वही िकया जो यहोवा की ि म ठीक था।
12 उसने तो पु षगािमयों को दे श से िनकाल िदया, और िजतनी मूरत उसके पु रखाओं ने बनाईं थी उन सभों को उसने दू र कर िदया।
13 वरन उसकी माता माका िजसने अशेरा के िलये एक िघनौनी मूरत बनाई थी उसको उसने राजमाता के पद से उतार िदया, और आसा ने उसकी मूरत को काट डाला और िक ोन के
नाले म फूंक िदया।
14 पर ु ऊंचे थान तो ढाए न गए; तौभी आसा का मन जीवन भर यहोवा की ओर पू री रीित से लगा रहा।
15 और जो सोना चांदी और पा उसके िपता ने अपण िकए थे , और जो उसने यं अपण िकए थे , उन सभों को उसने यहोवा के भवन म प ंचा िदया।
16 और आसा और इ ाएल के राजा बाशा के बीच उनके जीवन भर यु होता रहा
17 और इ ाएल के राजा बाशा ने य दा पर चढ़ाई की, और रामा को इसिलये ढ़ िकया िक कोई य दा के राजा आसा के पास आने जाने न पाए।
18 तब आसा ने िजतना सोना चांदी यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों म रह गया था उस सब को िनकाल अपने कमचा रयों के हाथ सौंपकर, दिम वासी अराम के राजा
बे दद के पास जो हे ोन का पोता और ति ोन का पु था भे ज कर यह कहा, िक जैसा मे रे और तेरे िपता के म म वैसा ही मेरे और तेरे म भी वाचा बा ी जाए:
19 दे ख, म तेरे पास चां दी सोने की भट भेजता ँ, इसिलये आ, इ ाएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को टाल दे , िक वह मेरे पास से चला जाए।
20 राजा आसा की यह बात मानकर बे दद ने अपने दलों के धानों से इ ाएली नगरों पर चढ़ाई करवा कर इ ोन, दान, आबे े ाका और सम िक ेरेत को और न ाली के
सम दे श को पूरा जीत िलया।
21 यह सु नकर बाशा ने रामा को ढ़ करना छोड़ िदया, और ितसा म रहने लगा।
22 तब राजा आसा ने सारे य दा म चार करवाया और कोई अनसुना न रहा, तब वे रामा के प रों और लकड़ी को िजन से बासा उसे ढ़ करता था उठा ले गए, और उन से राजा
आसा ने िब ामीन के गेबा और िम ा को ढ़ िकया।
23 आसा के और काम और उसकी वीरता और जो कुछ उसने िकया, और जो नगर उसने ढ़ िकए, यह सब ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
24 पर ु उसके बुढ़ापे म तो उसे पां वों का रोग लग गया। िनदान आसा अपने पुरखाओं के सं ग सो गया, और उसे उसके मू लपु ष दाऊद के नगर म उ ी ं के पास िप ी दी गई और
उसका पु यहोशापात उसके थान पर रा करने लगा।
25 य दा के राजा आसा के दू सरे वष म यारोबाम का पु नादाब इ ाएल पर रा करने लगा; और दो वष तक रा करता रहा।
26 उसने वह काम िकया जो यहोवा की ि म बुरा था और अपने िपता के माग पर वही पाप करता आ चलता रहा जो उसने इ ाएल से करवाया था।
27 नादाब सब इ ाएल समेत पिल यों के दे श के िग तोन नगर को घेरे था। और उ ाकार के गो के अिह ाह के पु बाशा ने उसके िव राज ोह की गो ी कर के िग तोन
के पास उसको मार डाला।
28 और य दा के राजा आसा के तीसरे वष म बाशा ने नादाब को मार डाला, और उसके थान पर राजा बन गया।
29 राजा होते ही बाशा ने यारोबाम के सम घराने को मार डाला; उसने यारोबाम के वंश को यहां तक न िकया िक एक भी जीिवत न रहा। यह सब यहोवा के उस वचन के अनु सार
आ जो उसने अपने दास शीलोवासी अिह ाह से कहवाया था।
30 यह इस कारण आ िक यारोबाम ने यं पाप िकए, और इ ाएल से भी करवाए थे , और उसने इ ाएल के परमे र यहोवा को ोिधत िकया था।
31 नादाब के और सब काम जो उसने िकए, वह ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
32 आसा और इ ाएल के राजा बाशा के म म तो उनके जीवन भर यु होता रहा।
33 य दा के राजा आसा के तीसरे वष म अिह ाह का पु बाशा, ितसा म सम इ ाएल पर रा करने लगा, और चौबीस वष तक रा करता रहा।
34 और उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था, और यारोबाम के माग पर वही पाप करता रहा िजसे उसने इ ाएल से करवाया था।
1 राजा 16
1 और बाशा के िवषय यहोवा का यह वचन हनानी के पु ये के पास प ंचा,
2 िक म ने तुझ को िम ी पर से उठा कर अपनी जा इ ाएल का धान िकया, पर ु तू यारोबाम की सी चाल चलता और मेरी जा इ ाएल से ऐसे पाप कराता आया है िजन से वे मुझे
ोध िदलाते ह।
3 सुन, म बाशा और उसके घराने की पूरी रीित से सफाई कर दू ं गा और ते रे घराने को नबात के पु यारोबाम के समान कर दू ं गा।
4 बाशा के घर का जो कोई नगर म मर जाए, उसको कु े खा डालगे , और उसका जो कोई मैदान म मर जाए, उसको आकाश के प ी खा डालगे।
5 बाशा के और सब काम जो उसने िकए, और उसकी वीरता यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
6 िनदान बाशा अपने पुरखाओं के संग सो गया और ितसा म उसे िम ी दी गई, और उसका पु एला उसके थान पर रा करने लगा।
7 यहोवा का जो वचन हनानी के पु ये के ारा बाशा और उसके घराने के िव आया, वह न केवल उन सब बुराइयों के कारण आया जो उसने यारोबाम के घराने के समान हो कर
यहोवा की ि म िकया था और अपने कामों से उसको ोिधत िकया, वरन इस कारण भी आया, िक उसने उसको मार डाला था।
8 य दा के राजा आसा के छ ीसव वष म बाशा का पु एला ितसा म इ ाएल पर रा करने लगा, और दो वष तक रा करता रहा।
9 जब वह ितसा म असा नाम भणडारी के घर म जो उसके ितसा वाले भवन का धान था, दा पीकर मतवाला हो गया था, तब उसके िज ी नाम एक कमचारी ने जो उसके आधे रथों
का धान था,
10 राज ोह की गो ी की और भीतर जा कर उसको मार डाला, और उसके थान पर राजा बन गया। यह य दा के राजा आसा के स ाइसव वष म आ।
11 और जब वह रा करने लगा, तब ग ी पर बैठते ही उसने बाशा के पूरे घराने को मार डाला, वरन उसने न तो उसके कुटु यों और न उसके िम ों म से एक लड़के को भी जीिवत
छोड़ा।
12 इस रीित यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने ये नबी के ारा बाशा के िव कहा था, िज ी ने बाशा का सम घराना न कर िदया।
13 इसका कारण बाशा के सब पाप और उसके पु एला के भी पाप थे , जो उ ोंने यं आप कर के और इ ाएल से भी करवा के इ ाएल के परमे र यहोवा को थ बातों से ोध
िदलाया था।
14 एला के और सब काम जो उसने िकए, वह ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह।
15 य दा के राजा आसा के स ाईसव वष म िज ी ितसा म रा करने लगा, और ितसा म सात िदन तक रा करता रहा। उस समय लोग पिल यों के दे श िग तोन के िव डे रे
िकए ए थे।
16 तो जब उन डे रे लगाए ए लोगों ने सु ना, िक िज ी ने राज ोह की गो ी कर के राजा को मार डाला, तब उसी िदन सम इ ाएल ने ओ ी नाम धान सेनापित को छावनी म
इ ाएल का राजा बनाया।
17 तब ओ ी ने सम इ ाएल को संग ले िग तोन को छोड़कर ितसा को घे र िलया।
18 जब िज ी ने दे खा, िक नगर ले िलया गया है, तब राजभवन के गु ट म जा कर राजभवन म आग लगा दी, और उसी म यं जल मरा।
19 यह उसके पापों के कारण आ ोंिक उसने वह िकया जो यहोवा की ि म बु रा था, ोिक वह यारोबाम की सी चाल और उसके िकए ए और इ ाएल से करवाए ए पाप की
लीक पर चला।
20 िज ी के और काम और जो राज ोह की गो ी उसने की, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
21 तब इ ाएली जा के दो भाग िकए गए, जा के आधे लोग तो ित ी नाम गीनत के पु को राजा करने के िलये उसी के पीछे हो िलये, और आधे ओ ी के पीछे हो िलए।
22 अ म जो लोग ओ ी के पीछे ए थे वे उन पर बल ए जो गीनत के पु ित ी के पीछे हो िलये थे , इसिलये ित ी मारा गया और ओ ी राजा बन गया।
23 य दा के राजा आशा के इकतीसव वष म ओ ी इ ाएल पर रा करने लगा, और बारह वष तक रा करता रहा; उसने छ:वष तो ितसा म रा िकया।
24 और उसने शमेर से शोमरोन पहाड़ को दो िक ार चां दी म मोल ले कर, उस पर एक नगर बसाया; और अपने बसाए ए नगर का नाम पहाड़ के मािलक शेमेर के नाम पर
शोमरोन रखा।
25 और उो ी ने वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा था वरन उन सभों से भी जो उस से पिहले थे अिधक बुराई की।
26 वह नबात के पु यारोबाम की सी सब चाल चला, और उसके सब पापों के अनुसार जो उसने इ ाएल से करवाए थे िजसके कारण इ ाएल के परमे र यहोवा को उ ोंने अपने थ
कम से ोध िदलाया था।
27 ओ ी के और काम जो उसने िकए, और जो वीरता उसने िदखाई, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
28 िनदान ओ ी अपने पु रखाओं के संग सो गया और शोमरोन म उसको िम ी दी गई, और उसका पु अहाब उसके थान पर रा करने लगा।
29 य दा के राजा आसा के अड़तीसव वष म ओ ी का पु अहाब इ ाएल पर रा करने लगा, और इ ाएल पर शोमरोन म बाईस वष तक रा करता रहा।
30 और ओ ी के पु अहाब ने उन सब से अिधक जो उस से पिहले थे, वह कम िकए जो यहोवा की ि म बुरे थे।
31 उसने तो नबात के पु यारोबाम के पापों म चलना हलकी सी बात जानकर, सीदोिनयों के राजा एतबाल की बे टी ईजे बेल को ाह कर बाल दे वता की उपासना की और उसको
द वत िकया।
32 और उसने बाल का एक भवन शोमरोन म बनाकर उस म बाल की एक वेदी बनाईं।
33 और अहाब ने एक अशेरा भी बनाया, वरन उसने उन सब इ ाएली राजाओं से बढ़ कर जो उस से पिहले थे इ ाएल के परमे र यहोवा को ोध िदलाने के काम िकए।
34 उसके िदनों म बेतेलवासी हीएल ने यरीहो को िफर बसाया; जब उसने उसकी ने व डाली तब उसका जे ठा पु अबीराम मर गया, और जब उसने उसके फाटक खड़े िकए तब उसका
ल रा पु सगूब मर गया, यह यहोवा के उस वचन के अनु सार आ, जो उसने नू न के पु यहोशू के ारा कहलवाया था।
1 राजा 17
1 और ितशबी एिल ाह जो िगलाद के परदे िसयों म से था उसने अहाब से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा िजसके स ु ख म उप थत रहता ँ, उसके जीवन की शपथ इन वष म मे रे
िबना कहे , न तो मह बरसेगा, और न ओस पड़े गी।
2 तब यहोवा का यह वचन उसके पास प ंचा,
3 िक यहां से चलकर पूरब ओर मुख कर के करीत नाम नाले म जो यरदन के सा ने है िछप जा।
4 उसी नाले का पानी तू िपया कर, और म ने कौवों को आ ा दी है िक वे तूझे वहां खलाएं ।
5 यहोवा का यह वचन मान कर वह यरदन के सा ने के करीत नाम नाले म जा कर िछपा रहा।
6 और सवेरे और सांझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे और वह नाले का पानी िपया करता था।
7 कुछ िदनों के बाद उस दे श म वषा न होने के कारण नाला सूख गया।
8 तब यहोवा का यह वचन उसके पास प ंचा,
9 िक चलकर सीदोन के सारपत नगर म जा कर वही ं रह: सुन, म ने वहां की एक िवधवा को ते रे खलाने की आ ा दी है।
10 सो वह वहां से चल िदया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास प ंच कर उसने ा दे खा िक, एक िवधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उसने कहा, िकसी पा म
मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।
11 जब वह लेने जा रही थी, तो उसने उसे पुकार के कहा अपने हाथ म एक टु कड़ा रोटी भी मेरे पास लेती आ।
12 उसने कहा, तेरे परमे र यहोवा के जीवन की शपथ मेरे पास एक भी रोटी नही ं है केवल घड़े म मु ी भर मैदा और कु ी म थोड़ा सा तेल है, और म दो एक लकड़ी बीनकर िलये
जाती ँ िक अपने और अपने बेटे के िलये उसे पकाऊं, और हम उसे खाएं , िफर मर जाएं ।
13 एिल ाह ने उस से कहा, मत डर; जा कर अपनी बात के अनुसार कर, पर ु पिहले मे रे िलये एक छोटी सी रोटी बना कर मेरे पास ले आ, िफर इसके बाद अपने और अपने बे टे के
िलये बनाना।
14 ोंिक इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक जब तक यहोवा भूिम पर मह न बरसाएगा तब तक न तो उस घड़े का मैदा चुकेगा, और न उस कु ी का तेल घटे गा।
15 तब वह चली गई, और एिल ाह के वचन के अनुसार िकया, तब से वह और ी और उसका घराना ब त िदन तक खाते रहे।
16 यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने एिल ाह के ारा कहा था, न तो उस घड़े का मैदा चु का, और न उस कु ी का तेल घट गया।
17 इन बातों के बाद उस ी का बेटा जो घर की ािमनी थी, रोगी आ, और उसका रोग यहां तक बढ़ा िक उसका सां स लेना ब हो गया।
18 तब वह एिल ाह से कहने लगी, हे परमे र के जन! मेरा तुझ से ा काम? ा तू इसिलये मेरे यहां आया है िक मे रे बेटे की मृ ु का कारण हो और मेरे पाप का रण िदलाए?
19 उसने उस से कहा अपना बेटा मुझे दे ; तब वह उसे उसकी गोद से ले कर उस अटारी पर ले गया जहां वह यं रहता था, और अपनी खाट पर िलटा िदया।
20 तब उसने यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमे र यहोवा! ा तू इस िवधवा का बे टा मार डाल कर िजसके यहां म िटका ं, इस पर भी िवपि ले आया है?
21 तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पु कार कर कहा, हे मे रे परमे र यहोवा! इस बालक का ाण इस म िफर डाल दे ।
22 एिल ाह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का ाण उस म िफर आ गया और वह जी उठा।
23 तब एिल ाह बालक को अटारी पर से नीचे घर म ले गया, और एिल ाह ने यह कहकर उसकी माता के हाथ म सौंप िदया, िक दे ख तेरा बेटा जीिवत है।
24 ी ने एिल ाह से कहा, अब मुझे िन य हो गया है िक तू परमे र का जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुं ह से िनकलता है, वह सच होता है।
1 राजा 18
1 ब त िदनों के बाद, तीसरे वष म यहोवा का यह वचन एिल ाह के पास प ंचा, िक जा कर अपने अपप को अहाब को िदखा, और म भूिम पर मह बरसा दू ं गा।
2 तब एिल ाह अपने आप को अहाब को िदखाने गया। उस समय शोमरोन म अकाल भारी था।
3 इसिलये अहाब ने ओब ाह को जो उसके घराने का दीवान था बुलवाया।
4 ओब ाह तो यहोवा का भय यहां तक मानता था िक जब ईज़ेबेल यहोवा के निबयों को नाश करती थी, तब ओब ाह ने एक सौ निबयों को ले कर पचास-पचास कर के गुफाओं म
िछपा रखा; और अ जल दे कर उनका पालन-पोषण करता रहा।
5 और अहाब ने ओब ाह से कहा, िक दे श म जल के सब सोतों और सब निदयों के पास जा, कदािचत इतनी घास िमले िक हम घोड़ों और ख रों को जीिवत बचा सक,
6 और हमारे सब पशु न मर जाएं । और उ ोंने आपस म दे श बांटा िक उस म हो कर चल; एक ओर अहाब और दू सरी ओर ओब ाह चला।
7 ओब ाह माग म था, िक एिल ाह उसको िमला; उसे ची कर वह मुंह के बल िगरा, और कहा, हे मे रे भु एिल ह, ा तू है?
8 उसने कहा हां म ही ँ: जा कर अपने ामी से कह, िक एिल ाह िमला है।
9 उसने कहा, म ने ऐसा ा पाप िकया है िक तू मुझे मरवा डालने के िलये अहाब के हाथ करना चाहता है ?
10 तेरे परमे र यहोवा के जीवन की शपथ कोई ऐसी जाित वा रा नहीं, िजस म मे रे ामी ने तुझे ढूंढ़ने को न भेजा हो, और जब उन लोगों ने कहा, िक वह यहां नहीं है , तब उसने उस
रा वा जाित को इसकी शपथ खलाई िक एिल ाह नही ं िमला।
11 और अब तू कहता है िक जा कर अपने ामी से कह, िक एिल ाह िमला!
12 िफर ोंही म ते रे पास से चला जाऊंगा, ोंही यहोवा का आ ा तुझे न जाने कहां उठा ले जाएगा, सो जब म जा कर अहाब को बताऊंगा, और तू उसे न िमलेगा, तब वह मु झे मार
डाले गा: पर ु म तेरा दास अपने लड़कपन से यहोवा का भय मानता आया ँ!
13 ा मे रे भु को यह नही ं बताया गया, िक जब ईज़ेबेल यहोवा के निबयों को घात करती थी तब म ने ा िकया? िक यहोवा के निबयों म से एक सौ ले कर पचास-पचास कर के
गुफाओं म िछपा रखा, और उ अ जल दे कर पालता रहा।
14 िफर अब तू कहता है, जा कर अपने ामी से कह, िक एिल ाह िमला है ! तब वह मु झे घात करे गा।
15 एिल ाह ने कहा, से नाओं का यहोवा िजसके सा ने म रहता ँ, उसके जीवन की शपथ आज म अपने आप को उसे िदखाऊंगा।
16 तब ओब ाह अहाब से िमलने गया, और उसको बता िदया, सो अहाब एिल ाह से िमलने चला।
17 एिल ाह को दे खते ही अहाब ने कहा, हे इ ाएल के सताने वाले ा तू ही है ?
18 उसने कहा, म ने इ ाएल को क नहीं िदया, पर ु तू ही ने और तेरे िपता के घराने ने िदया है ; ोंिक तुम यहोवा की आ ाओं को टाल कर बाल दे वताओं की उपासना करने लगे।
19 अब दू त भेज कर सारे इ ाएल को और बाल के साढ़े चार सौ निबयों और अशेरा के चार सौ निबयों को जो ईज़े बेल की मे ज पर खाते ह, मेरे पास क ल पवत पर इक ा कर ले ।
20 तब अहाब ने सारे इ ाएिलयों को बु ला भेजा और निबयों को क ल पवत पर इक ा िकया।
21 और एिल ाह सब लोगों के पास आकर कहने लगा, तुम कब तक दो िवचारों म लटके रहोगे, यिद यहोवा परमे र हो, तो उसके पीछे हो लो; और यिद बाल हो, तो उसके पीछे हो
लो। लोगों ने उसके उ र म एक भी बात न कही।
22 तब एिल ाह ने लोगों से कहा, यहोवा के निबयों म से केवल म ही रह गया ँ; और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनु ह।
23 इसिलये दो बछड़े लाकर हम िदए जाएं , और वे एक अपने िलये चुनकर उसे टु कड़े टु कड़े काट कर लकड़ी पर रख द, और कुछ आग न लगाएं ; और म दू सरे बछड़े को तै यार कर
के लकड़ी पर रखूंगा, और कुछ आग न लगाऊंगा।
24 तब तुम तो अपने दवता से ाथना करना, और म यहोवा से ाथना क ं गा, और जो आग िगराकर उ र दे वही परमे र ठहरे । तब सब लोग बोल उठे , अ ी बात।
25 और एिल ाह ने बाल के निबयों से कहा, पिहले तुम एक बछड़ा चुनकर तैयार कर लो, ोंिक तुम तो ब त हो; तब अपने दे वता से ाथना करना, पर ु आग न लगाना।
26 तब उ ोंने उस बछड़े को जो उ िदया गया था ले कर तैयार िकया, और भोर से ले कर दोपहर तक वह यह कह कर बाल से ाथना करते रहे, िक हे बाल हमारी सु न, हे बाल
हमारी सु न! पर ु न कोई श और न कोई उ र दे ने वाला आ। तब वे अपनी बनाई ई वेदी पर उछलने कूदने लगे ।
27 दोपहर को एिल ाह ने यह कहकर उनका ठ ा िकया, िक ऊंचे श से पु कारो, वह तो दे वता है ; वह तो ान लगाए होगा, वा कही ं गया होगा वा या ा म होगा, वा हो सकता है िक
सोता हो और उसे जगाना चािहए।
28 और उ ोंने बड़े श से पुकार पुकार के अपनी रीित के अनु सार छु रयों और बिछय से अपने अपने को यहां तक घायल िकया िक लो लुहान हो गए।
29 वे दोपहर भर ही ा, वरन भट चढ़ाने के समय तक नबू वत करते रहे, पर ु कोई श सुन न पड़ा; और न तो िकसी ने उ र िदया और न कान लगाया।
30 तब एिल ाह ने सब लोगों से कहा, मेरे िनकट आओ; और सब लोग उसके िनकट आए। तब उसने यहोवा की वेदी की जो िगराई गई थी मर त की।
31 िफर एिल ाह ने याकूब के पु ों की िगनती के अनुसार िजसके पास यहोवा का यह वचन आया था,
32 िक तेरा नाम इ ाएल होगा, बारह प र छांटे, और उन प रों से यहोवा के नाम की एक वेदी बनाई; और उसके चारों ओर इतना बड़ा एक गड़हा खोद िदया, िक उस म दो सआ
बीज समा सके।
33 तब उसने वेदी पर लकड़ी को सजाया, और बछड़े को टु कड़े टु कड़े काटकर लकड़ी पर धर िदया, और कहा, चार घड़े पानी भर के होमबिल, पशु और लकड़ी पर उ े ल दो।
34 तब उसने कहा, दू सरी बार वैसा ही करो; तब लोगों ने दू सरी बार वैसा ही िकया। िफर उसने कहा, तीसरी बार करो; तब लोगों ने तीसरी बार भी वैसा ही िकया।
35 और जल वेदी के चारों ओर बह गया, और गड़हे को भी उसने जल से भर िदया।
36 िफर भट चढ़ाने के समय एिल ाह नबी समीप जा कर कहने लगा, हे इ ाहीम, इसहाक और इ ाएल के परमे र यहोवा! आज यह गट कर िक इ ाएल म तू ही परमे र है, और
म ते रा दास ँ, और म ने ये सब काम तुझ से वचन पाकर िकए ह।
37 हे यहावा! मेरी सु न, मेरी सुन, िक ये लोग जान ल िक हे यहोवा, तू ही परमे र है , और तू ही उनका मन लौटा ले ता है ।
38 तब यहोवा की आग आकाश से गट ई और होमबिल को लकड़ी और प रों और धूिल समेत भ कर िदया, और गड़हे म का जल भी सुखा िदया।
39 यह दे ख सब लोग मुंह के बल िगरकर बोल उठे , यहोवा ही परमे र है, यहोवा ही परमे र है ;
40 एिल ाह ने उन से कहा, बाल के निबयों को पकड़ लो, उन म से एक भी छूटने न पाए; तब उ ोंने उन को पकड़ िलया, और एिल ाह ने उ नीचे िकशोन के नाले म ले जा कर
मार डाला।
41 िफर एिल ाह ने अहाब से कहा, उठ कर खा पी, ोंिक भारी वषा की सनसनाहट सु न पडती है ।
42 तब अहाब खाने पीने चला गया, और एिल ाह क ल की चोटी पर चढ़ गया, और भूिम पर िगर कर अपना मुंह घुटनों के बीच िकया।
43 और उसने अपने सेवक से कहा, चढ़कर समु की ओर ि कर दे ख, तब उसने चढ़ कर दे खा और लौट कर कहा, कुछ नही ं दीखता। एिल ाह ने कहा, िफर सात बार जा।
44 सातवी ं बार उसने कहा, दे ख समु म से मनु का हाथ सा एक छोटा बादल उठ रहा है । एिल ाह ने कहा, अहाब के पास जा कर कह, िक रथ जुतवा कर नीचे जा, कही ं ऐसा न हो
िक तू वषा के कारण क जाए।
45 थोड़ी ही दे र म आकाश वायु से उड़ाई ई घटाओं, और आ ी से काला हो गया और भारी वषा होने लगी; और अहाब सवार हो कर िय ेल को चला।
46 तब यहोवा की श एिल ाह पर ऐसी ई; िक वह कमर बा कर अहाब के आगे आगे िय े ल तक दौड़ता चला गया।
1 राजा 19
1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एिल ाह के सब काम िव ार से बताए िक उसने सब निबयों को तलवार से िकस कार मार डाला।
2 तब ईज़ेबेल ने एिल ाह के पास एक दू त के ारा कहला भेजा, िक यिद म कल इसी समय तक ते रा ाण उनका सा न कर डालूं तो दे वता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अिधक
कर।
3 यह दे ख एिल ाह अपना ाण ले कर भागा, और य दा के बेशबा को प ंच कर अपने से वक को वहीं छोड़ िदया।
4 और आप जंगल म एक िदन के माग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बै ठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृ ु मांगी िक हे यहोवा बस है, अब मेरा ाण ले ले , ोंिक म
अपने पुरखाओं से अ ा नही ं ँ।
5 चह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और दे खो एक दू त ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।
6 उसने ि कर के ा दे खा िक मेरे िसरहाने प रों पर पकी ई एक रोटी, और एक सु राही पानी धरा है ; तब उसने खाया और िपया और िफर लेट गया।
7 दू सरी बार यहोवा का दू त आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, ोंिक तुझे ब त भारी या ा करनी है ।
8 तब उसने उठ कर खाया िपया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस िदन रात चलते चलते परमे र के पवत होरे ब को प ंचा।
9 वहां वह एक गु फा म जा कर िटका और यहोवा का यह वचन उसके पास प ं चा, िक हे एिल ाह तेरा यहां ा काम?
10 उन ने उ र िदया से नाओं के परमे र यहोवा के िनिम मुझे बड़ी जलन ई है , ोिक इ ाएिलयों ने ते री वाचा टाल दी, तेरी वेिदयों को िगरा िदया, और तेरे निबयों को तलवार से
घात िकया है , और म ही अकेला रह गया ँ; और वे मेरे ाणों के भी खोजी ह।
11 उसने कहा, िनकलकर यहोवा के स ुख पवत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के सा ने एक बड़ी च आ ी से पहाड़ फटने और च ान टू टने लगी ं,
तौभी यहोवा उस आ ी म न था; िफर आ ी के बाद भूंईडोल आ, तौभी यहोवा उस भूं ईडोल म न था।
12 िफर भूं ईडोल के बाद आग िदखाई दी, तौभी यहोवा उस आग म न था; िफर आग के बाद एक दबा आ धीमा श सु नाईं िदया।
13 यह सु नते ही एिल ाह ने अपना मुंह च र से ढांपा, और बाहर जा कर गुफा के ार पर खड़ा आ। िफर एक श उसे सुनाईं िदया, िक हे एिल ाह तेरा यहां ा काम?
14 उसने कहा, मुझे सेनाओं के परमे र यहोवा के िनिम बड़ी जलन ई, ोंिक इ ाएिलयों ने ते री वाचा टाल दी, और तेरी वेिदयों को िगरा िदया है और ते रे निबयों को तलवार से घात
िकया है ; और म ही अकेला रह गया ँ; और वे मेरे ाणों के भी खोजी ह।
15 यहोवा ने उस से कहा, लौटकर दिम के जंगल को जा, और वहां प ंचकर अराम का राजा होने के िलये हजाएल का,
16 और इ ाएल का राजा होने को िनमशी के पोते ये का, और अपने थान पर नबी होने के िलये आबे लमहोला के शापात के पु एलीशा का अिभषेक करना।
17 और हजाएल की तलवार से जो कोई बच जाए उसको ये मार डाले गा; और जो कोई ये की तलवार से बच जाए उसको एलीशा मार डालेगा।
18 तौभी म सात हजार इ ाएिलयों को बचा रखूंगा। ये तो वे सब ह, िज ोंने न तो बाल के आगे घुटने टे के, और न मुंह से उसे चूमा है।
19 तब वह वहां से चल िदया, और शापात का पु एलीशा उसे िमला जो बारह जोड़ी बै ल अपने आगे िकए ए आप बारहवीं के साथ हो कर हल जोत रहा था। उसके पास जा कर
एिल ाह ने अपनी च र उस पर डाल दी।
20 तब वह बै लों को छोड़ कर एिल ाह के पीछे दौड़ा, और कहने लगा, मु झे अपने माता-िपता को चू मने दे , तब म तेरे पीछे चलूंगा। उसने कहा, लौट जा, म ने तुझ से ा िकया है ?
21 तब वह उसके पीछे से लौट गया, और एक जोड़ी बैल ले कर बिल िकए, और बै लों का सामान जलाकर उनका मां स पका के अपने लोगों को दे िदया, और उ ोंने खाया; तब वह
कमर बा कर एिल ाह के पीछे चला, और उसकी सेवा टहल करने लगा।
1 राजा 20
1 और अराम के राजा बे दद ने अपनी सारी सेना इक ी की, और उसके साथ ब ीस राजा और घोड़े और रथ थे ; उ संग ले कर उसने शोमरोन पर चढ़ाई की, और उसे घेर के
उसके िव लड़ा।
2 और उसने नगर म इ ाएल के राजा अहाब के पास दू तों को यह कहने के िलये भेजा, िक बे दद तुझ से यों कहता है,
3 िक तेरा चा ी सोना मेरा है, और तेरी यों और लड़के-बालों म जो जो उ म ह वह भी सब मे रे ह।
4 इ ाएल के राजा ने उसके पास कहला भेजा, हे मेरे भु ! हे राजा! ते रे वचन के अनुसार म और मे रा जो कुछ है , सब ते रा है।
5 उ ी ं दू तों ने िफर आकर कहा बे दद तुझ से यों कहता है, िक म ने तेरे पास यह कहला भे जा था िक तु झे अपनी चा ी सोना और यां और बालक भी मुझे दे ने पड़गे ।
6 पर ु कल इसी समय म अपने कमचा रयों को ते रे पास भेजूंगा और वे तेरे और तेरे कमचा रयों के घरों म ढूंढ़-ढां ढ़ करगे, और तेरी जो जो मनभावनी व ुएं िनकाल उ वे अपने
अपने हाथ म ले कर आएं गे।
7 तब इ ाएल के राजा ने अपने दे श के सब पुरिनयों को बुलवा कर कहा, सोच िवचार करो, िक वह मनु हमारी हािन ही का अिभलाषी है; उसने मुझ से मेरी यां, बालक, चा ी
सोना मंगा भेजा है, और म ने इ ार न िकया।
8 तब सब पु रिनयों ने और सब साधारण लोगों ने उस से कहा, उसकी न सु नना; और न मानना।
9 तब राजा ने बे दद के दू तों से कहा, मेरे भु राजा से मेरी ओर से कहो, जो कुछ तू ने पिहले अपने दास से चाहा था वह तो म क ं गा, पर ु यह मुझ से न होगा। तब बे दद के दू तों
ने जा कर उसे यह उ र सुना िदया।
10 तब बे दद ने अहाब के पास कहला भेजा, यिद शोमरोन म इतनी धूिल िनकले िक मेरे सब पीछे चलने हारों की मु ी भर कर अट जाए तो दे वता मेरे साथ ऐसा ही वरन इस से भी
अिधक कर।
11 इ ाएल के राजा ने उ र दे कर कहा, उस से कहो, िक जो हिथयार बा ता हो वह उसकी नाईं न फूले जो उ उतारता हो।
12 यह वचन सु नते ही वह जो और राजाओं समेत डे रों म पी रहा था, उसने अपने कमचा रयों से कहा, पां ित बा ो, तब उ ोंने नगर के िव पांित बा ी।
13 तब एक नबी ने इ ाएल के राजा अहाब के पास जा कर कहा, यहोवा तुझ से यों कहता है , यह बड़ी भीड़ जो तू ने दे खी है , उस सब को म आज तेरे हाथ म कर दू ं गा, इस से तू जान
ले गा, िक म यहोवा ँ।
14 अहाब ने पूछा, िकस के ारा? उसने कहा यहोवा यों कहता है, िक दे शों के हािकमों के सेवकों के ारा! िफर उसने पूछा, यु को कौन आर करे ? उसने उ र िदया, तू ही।
15 तब उसने दे शों के हािकमों के सेवकों की िगनती ली, और वे दो सौ ब ीस िनकले; और उनके बाद उसने सब इ ाएली लोगों की िगनती ली, और वे सात हजार िनकले।
16 ये दोपहर को िनकल गए, उस समय बे दद अपने सहायक ब ीसों राजाओं समे त डे रों म दा पीकर मतवाला हो रहा था।
17 दे शों के हािकमों के सेवक पिहले िनकले। तब बे दद ने दू त भे जे, और उ ोंने उस से कहा, शोमरोन से कुछ मनु िनकले आते ह।
18 उसने कहा, चाहे वे मेल करने को िनकले हों, चाहे लड़ने को, तौभी उ जीिवत ही पकड़ लाओ।
19 तब दे शों के हािकमों के सेवक और उनके पीछे की सेना के िसपाही नगर से िनकले ।
20 तौर वे अपने अपने सा ने के पु ष को मारने लगे; और अरामी भागे, और इ ाएल ने उनका पीछा िकया, और अराम का राजा बे दद, सवारों के संग घोड़े पर चढ़ा, और भाग कर
बच गया।
21 तब इ ाएल के राजा ने भी िनकल कर घोड़ों और रथों को मारा, और अरािमयों को बड़ी मार से मारा।
22 तब उस नबी ने इ ाएल के राजा के पास जा कर कहा, जा कर लड़ाई के िलये अपने को ढ़ कर, और सचे त हो कर सोच, िक ा करना है, ोंिक नये वष के लगते ही अराम का
राजा िफर तुझ पर चढ़ाई करे गा।
23 तब अराम के राजा के कमचा रयों ने उस से कहा, उन लोगों का दे वता पहाड़ी दे वता है, इस कारण वे हम पर बल ए; इसिलये हम उन से चौरस भूिम पर लड़ तो िन य हम उन
पर बल हो जाएं गे ।
24 और यह भी काम कर, अथात सब राजाओं का पद ले ले, और उनके थान पर से नापितयों को ठहरा दे ।
25 िफर एक और से ना जो तेरी उस सेना के बराबर हो जो न हो गई है, घोड़े के बदले घोड़ा, और रथ के बदले रथ, अपने िलये िगन ले; तब हम चौरस भूिम पर उन से लड़, और िन य
उन पर बल हो जाएं गे। उनकी यह स ित मानकर बे दद ने वैसा ही िकया।
26 और नये वष के लगते ही बे दद ने अरािमयों को इक ा िकया, और इ ाएल से लड़ने के िलये अपेक को गया।
27 और इ ाएली भी इक े िकए गए, और उनके भोजन की तैयारी ई; तब वे उनका सा ना करने को गए, और इ ाएली उनके सा ने डे रे डालकर बक रयों के दो छोटे झु से
दे ख पड़े , पर ु अरािमयों से दे श भर गया।
28 तब परमे र के उसी जन ने इ ाएल के राजा के पास जा कर कहा, यहोवा यों कहता है, अरािमयों ने यह कहा है , िक यहोवा पहाड़ी दे वता है , पर ु नीची भू िम का नहीं है; इस कारण
म उस बड़ी भीड़ को ते रे हाथ म कर दू ं गा, तब तु बोध हो जाएगा िक म यहोवा ँ।
29 और वे सात िदन आ ने सा ने डे रे डाले पड़े रहे; तब सातव िदन यु िछड़ गया; और एक िदन म इ ाएिलयों ने एक लाख अरामी िपयादे मार डाले।
30 जो बच गए, वह अपेक को भागकर नगर म घुसे, और वहां उन बचे ए लोगों म से स ाईस हजार पु ष हरपनाह की दीवाल के िगरने से दब कर मर गए। बे दद भी भाग गया
और नगर की एक भीतरी कोठरी म गया।
31 तब उसके कमचा रयों ने उस से कहा, सुन, हम ने तो सुना है, िक इ ाएल के घराने के राजा दयालु राजा होते ह, इसिलये हम कमर म टाट और िसर पर र यां बा े ए इ ाएल
के राजा के पास जाने दे , स व है िक वह तेरा ाण बचा ले।
32 तब वे कमर म टाट और िसर पर र यां बा कर इ ाएल के राजा के पास जा कर कहने लगे, ते रा दास बे दद तु झ से कहता है, कृपा कर के मुझे जीिवत रहने दे । राजा ने उ र
िदया, ा वह अब तक जीिवत है? वह तो मेरा भाई है।
33 उन लोगों ने इसे शुभ शकुन जानकर, फुती ं से बूझ लेने का य िकया िक यह उसके मन की बात है िक नही,ं और कहा, हां तेरा भाई बे दद। राजा ने कहा, जा कर उसको ले
आओ। तब बे दद उसके पास िनकल आया, और उसने उसे अपने रथ पर चढ़ा िलया।
34 तब बे दद ने उस से कहा, जो नगर मेरे िपता ने तेरे िपता से ले िलये थे , उन को म फेर दू ं गा; और जै से मे रे िपता ने शोमरोन म अपने िलये सड़क बनवाई, वैसे ही तू दिम म
सड़क बनवाना। अहाब ने कहा, म इसी वाचा पर तुझे छोड़ दे ता ँ, तब उसने बे दद से वाचा बा कर, उसे त कर िदया।
35 इसके बाद निबयों के चेलों म से एक जन ने यहोवा से वचन पाकर अपने संगी से कहा, मु झे मार, जब उस मनु ने उसे मारने से इनकार िकया,
36 तब उसने उस से कहा, तू ने यहोवा का वचन नहीं माना, इस कारण सु न, ोंही तू मेरे पास से चला जाएगा, ोंही िसंह से मार डाला जाएगा। तब ोंही वह उसके पास से चला गया,
ोंही उसे एक िसं ह िमला, और उसको मार डाला।
37 िफर उसको दू सरा मनु िमला, और उस से भी उसने कहा, मुझे मार। और उसने उसको ऐसा मारा िक वह घायल आ।
38 तब वह नबी चला गया, और आं खों को पगड़ी से ढांपकर राजा की बाट जोहता आ माग पर खड़ा रहा।
39 जब राजा पास हो कर जा रहा था, तब उसने उसकी दोहाई दे कर कहा, िक जब ते रा दास यु े म गया था तब कोई मनु मेरी ओर मुड़कर िकसी मनु को मे रे पास ले आया,
और मुझ से कहा, इस मनु की चौकसी कर; यिद यह िकसी रीित छूट जाए, तो उसके ाण के बदले तु झे अपना ाण दे ना होगा; नही ं तो िक ार भर चा ी दे ना पड़े गा।
40 उसके बाद तेरा दास इधर उधर काम म फंस गया, िफर वह न िमला। इ ाएल के राजा ने उस से कहा, तेरा ऐसा ही ाय होगा; तू ने आप अपना ाय िकया है।
41 नबी ने झट अपनी आं खों से पगड़ी उठाई, तब इ ाएल के राजा ने उसे पिहचान िलया, िक वह कोई नबी है ।
42 तब उसने राजा से कहा, यहोवा तुझ से यों कहता है, इसिलये िक तू ने अपने हाथ से ऐसे एक मनु को जाने िदया, िजसे म ने स ानाश हो जाने को ठहराया था, तुझे उसके ाण की
स ी अपना ाण और उसकी जा की स ी, अपनी जा दे नी पकेगी।
43 तब इ ाएल का राजा उदास और अ स हो कर घर की ओर जला, और शोमरोन को आया।
1 राजा 21
1 नाबोत नाम एक िय ेली की एक दाख की बारी शोमरोन के राजा अहाब के राजम र के पास िय े ल म थी।
2 इन बातों के बाद अहाब ने नाबोत से कहा, तेरी दाख की बारी मे रे घर के पास है , तू उसे मु झे दे िक म उस म साग पात की बारी लगाऊं; और म उसके बदले तुझे उस से अ ी एक
वािटका दू ं गा, नहीं तो तेरी इ ा हो तो म तुझे उसका मू दे दू ं गा।
3 नाबोत ने यहाब से कहा, यहोवा न करे िक म अपने पु रखाओं का िनज भाग तुझे दू ं !
4 िय े ली नाबोत के इस वचन के कारण िक म तुझे अपने पु रखाओं का िनज भाग न दू ं गा, अहाब उदास और अ स हो कर अपने घर गया, और िबछौने पर लेट गया और मुंह फेर
िलया, और कुछ भोजन न िकया।
5 तब उसकी प ी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, तेरा मन ों ऐसा उदास है िक तू कुछ भोजन नही ं करता?
6 उसने कहा, कारण यह है, िक म ने िय ेली नाबोत से कहा िक पया ले कर मु झे अपनी दाख की बारी दे , नही ं तो यिद तू चाहे तो म उसकी स ी दू सरी दाख की बारी दू ं गा; और
उसने कहा, म अपनी दाख की बारी तुझे न दू ं गा।
7 उसकी प ी ईज़े बेल ने उस से कहा, ा तू इ ाएल पर रा करता है िक नहीं? उठ कर भोजन कर; और तेरा मन आन त हो; िय ेली नाबोत की दाख की बारी म तु झे िदलवा
दू ं गी।
8 तब उसने अहाब के नाम से िच ी िलखकर उसकी अंगूठी की छाप लगाकर, उन पुरिनयों और रईसों के पास भे ज दी जो उसी नगर म नाबोत के पड़ोस म रहते थे।
9 उस िच ी म उसने यों िलखा, िक उपवास का चार करो, और नाबोत को लोगों के सा ने ऊंचे थान पर बै ठाना।
10 तब दो नीच जनों को उसके सा ने बैठाना जो सा ी दे कर उस से कह, तू ने परमे र और राजा दोनों की िन ा की। तब तुम लोग उसे बाहर ले जा कर उसको प रवाह करना, िक
वह मर जाए।
11 ईज़े बेल की िच ी म की आ ा के अनुसार नगर म रहने वाले पु रिनयों और रईसों ने उपवास का चार िकया,
12 और नाबोत को लोगों के सा ने ऊंचे थान पर बैठाया।
13 तब दो नीच जन आकर उसके स ुख बैठ गए; और उन नीच जनों ने लोगों लोगों के सा ने नाबोत के िव यह सा ी दी, िक नाबोत ने परमे र और राजा दोनों की िन ा की।
इस पर उ ोंने उसे नगर से बाहर ले जा कर उसको प रवाह िकया, और वह मर गया।
14 तब उ ोंने ईज़ेबेल के पास यह कहला भेजा िक नाबोत प रवाह कर के मार डाला गया है।
15 यह सु नते ही िक नाबोत प रवाह कर के मार डाला गया है, ईज़ेबेल ने अहाब से कहा, उठ कर िय े ली नाबोत की दाख की बारी को िजसे उसने तुझे पया ले कर दे ने से भी
इनकार िकया था अपने अिधकार म ले, ोंिक नाबोत जीिवत नहीं पर ु वह मर गया है ।
16 िय े ली नाबोत की मृ ु का समाचार पाते ही अहाब उसकी दाख की बारी अपने अिधकार म लेने के िलये वहां जाने को उठ खड़ा आ।
17 तब यहोवा का यह वचन ितशबी एिल ह के पास प ंचा, िक चल,
18 शोमरोन म रहने वाले इ ाएल के राजा अहाब से िमलने को जा; वह तो नाबोत की दाख की बारी म है , उसे अपने अिधकार म लेने को वह वहां गया है।
19 और उस से यह कहना, िक यहोवा यों कहता है, िक ा तू ने घात िकया, और अिधकारी भी बन बैठा? िफर तू उस से यह भी कहना, िक यहोवा यों कहता है , िक िजस थान पर
कु ों ने नाबोत का लो चाटा, उसी थान पर कु े तेरा भी लो चाटगे ।
20 एिल ाह को दे ख कर अहाब ने कहा, हे मेरे श ु! ा तू ने मेरा पता लगाया है ? उसने कहा हां, लगाया तो है ; और इसका कारण यह है, िक जो यहोवा की ि म बु रा है , उसे करने
के िलये तू ने अपने को बेच डाला है।
21 म तुझ पर ऐसी िवपि डालूंगा, िक तुझे पूरी रीित से िमटा डालूं गा; और अहाब के घर के एक एक लड़के को उौर ा ब ुए, ा ाधीन इ ाएल म हर एक रहने वाले को भी नाश
कर डालूं गा।
22 और म तेरा घराना नबात के पु यारोबाम, और अिह ाह के पु बाशा का सा कर दू ं गा; इसिलये िक तू ने मु झे ोिधत िकया है, और इ ाएल से पाप करवाया है।
23 और ईज़ेबेल के िवषय म यहोवा यह कहता है, िक िय ेल के िकले के पास कु े ईज़े बेल को खा डालगे।
24 अहाब का जो कोई नगर म मर जाएगा उसको कु े खा लगे ; उौर जो कोई मै दान म मर जाएगा उसको आकाश के प ी खा जाएं गे।
25 सचमु च अहाब के तु और कोई न था िजसने अपनी प ी ईज़े बेल के उकसाने पर वह काम करने को जो यहोवा की ि म बुरा है, अपने को बेच डाला था।
26 वह तो उन एमो रयों की नाईं िजन को यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से दे श से िनकाला था ब त ही िघनौने काम करता था, अथात मूरतों की उपासना करने लगा था।
27 एिल ाह के ये वचन सुनकर अहाब ने अपने व फाड़े , और अपनी दे ह पर टाट लपेट कर उपवास करने और टाट ही ओढ़े पड़ा रहने लगा, और दबे पां वों चलने लगा।
28 और यहोवा का यह वचन ितशबी एिल ाह के पास प ं चा,
29 िक ा तू ने दे खा है िक अहाब मेरे सा ने न बन गया है ? इस कारण िक वह मेरे सा ने न बन गया है म वह िवपि उसके जीते जी उस पर न डालूंगा पर ू उसके पु के
िदनों म म उसके घराने पर वह िपपि भेजूंगा।
1 राजा 22
1 और तीन वष तक अरामी और इ ाएली िबना यु रहे।
2 तीसरे वष म य दा का राजा यहोशापात इ ाएल के राजा के पास गया।
3 तब इ ाएल के राजा ने अपने कमचा रयों से कहा, ा तुम को मालूम है, िक िगलाद का रामोत हमारा है? िफर हम ों चु पचाप रहते और उसे अराम के राजा के हाथ से ों नही ं
छीन ले ते ह?
4 और उसने यहोशापात से पूछा, ा तू मेरे संग िगलाद के रामोत से लड़ने के िलये जाएगा? यहोशापात ने इ ाएल के राजा को उ र िदया, जैसा तू है वैसा म भी ँ। जैसी तेरी जा है
वैसी ही मेरी भी जा है, और जैसे तेरे घोड़े ह वैसे ही मेरे भी घोड़े ह।
5 िफर यहोशापात ने इ ाएल के राजा से कहा,
6 िक आज यहोवा की इ ा मालूम कर ले, तब इ ाएल के राजा ने निबयों को जो कोई चार सौ पु ष थे इक ा कर के उन से पूछा, ा म िगलाद के रामोत से यु करने के िलये
चढ़ाई क ं , वा का र ं? उ ोंने उ र िदया, चढ़ाई कर: ोंिक भु उसको राजा के हाथ म कर दे गा।
7 पर ु यहोशापात ने पूछा, ा यहां यहोवा का और भी कोई नबी नहीं है िजस से हम पूछ ल?
8 इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, हां, िय ा का पु मीकायाह एक पु ष और है िजसके ारा हम यहोवा से पू छ सकते ह? पर ु म उस से घृणा रखता ँ, ोंिक वह मे रे िव
क ाण की नहीं वरन हािन ही की भिव ाणी करता है ।
9 यहोशापात ने कहा, राजा ऐसा न कहे। तब इ ाएल के राजा ने एक हािकम को बु लवा कर कहा, िय ा के पु मीकायाह को फुती ं से ले आ।
10 इ ाएल का राजा और य दा का राजा यहोशापात, अपने अपने राजव पिहने ए शोमरोन के फाटक म एक खुले थान म अपने अपने िसंहासन पर िवराजमान थे और सब
भिव ा उनके स ुख भिव ाणी कर रहे थे।
11 तब कनाना के पु िसदिक ाह ने लोहे के सी ंग बना कर कहा, यहोवा यों कहता है, िक इन से तू अरािमयों को मारते मारते नाश कर डाले गा।
12 और सब निबयों ने इसी आशय की भिव ाणी कर के कहा, िगलाद के रामोत पर चढ़ाई कर और तू कृताथ हो; ोंिक यहोवा उसे राजा के हाथ म कर दे गा।
13 और जो दू त मीकायाह को बुलाने गया था उसने उस से कहा, सु न, भिव ा एक ही मुंह से राजा के िवषय शुभ वचन कहते ह तो तेरी बात उनकी सी हों; तू भी शुभ वचन कहना।
14 मीकायाह ने कहा, यहोवा के जीवन की शपथ जो कुछ यहोवा मु झ से कहे , वही म क ं गा।
15 जब वह राजा के पास आया, तब राजा ने उस से पूछा, हे मीकायाह! ा हम िगलाद के रामोत से यु करने के िलये चढ़ाई कर वा के रह? उसने उसको उ र िदया हां, चढ़ाई कर
और तू कृताथ हो; और यहोवा उसको राजा के हाथ म कर दे ।
16 राजा ने उस से कहा, मुझे िकतनी बार तुझे शपथ धराकर िचताना होगा, िक तू यहोवा का रण कर के मु झ से सच ही कह।
17 मीकायाह ने कहा मुझे सम इ ाएल िबना चरवाहे की भे ड़ बक रयों की नाईं पहाड़ों पर ; ित र िब र दे ख पड़ा, और यहोवा का यह वचन आया, िक वे तो अनाथ ह; अतएव वे
अपने अपने घर कुशल ेम से लौट जाएं ।
18 तब इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, ा म ने तुझ से न कहा था, िक वह मेरे िवषय क ाण की नहीं हािन ही की भिव ाणी करे गा।
19 मीकायाह ने कहा इस कारण तू यहोवा का यह वचन सुन! मु झे िसं हासन पर िवराजमान यहोवा और उसके पास दािहने बांय खड़ी ई ग की सम सेना िदखाई दी है ।
20 तब यहोवा ने पूछा, अहाब को कौन ऐसा बहकाएगा, िक वह िगलाद के रामो पर चढ़ाई कर के खे त आए तब िकसी ते कुछ, और िकसी ने कुछ कहा।
21 िनदान एक आ ा पास आकर यहोवा के स ुख खड़ी ई, और कहने लगी, म उसको बहकाऊंगी: यहोवा ने पू छा, िकस उपाय से?
22 उसने कहा, म जा कर उसके सब भिव ाओं म पैठकर उन से झूठ बुलवाऊंगी। यहोवा ने कहा, तेरा उसको बहकाना सफल होगा, जा कर ऐसा ही कर।
23 तो अब सुन यहोवा ने तेरे इन सब भिव ाओं के मुं ह म एक झूठ बोलने वाली आ ा पै ठाई है , और यहोवा ने ते रे िव हािन की बात कही है।
24 तब कनाना के पु िसदिक ाह ने मीकायाह के िनकट जा, उसके गाल पर थपे ड़ा मार कर पू छा, यहोवा का आ ा मु झे छोड़कर तूझ से बात करने को िकधर गया?
25 मीकायाह ने कहा, िजस िदन तू िछपने के िलये कोठरी से कोठरी म भागे गा, तब तु झे बोध होगा।
26 तब इ ाएल के राजा ने कहा, मीकायाह को नगर के हािकम आमोन और योआश राजकुमार के पास ले जा;
27 और उन से कह, राजा यों कहता है, िक इस को ब ीगृ ह म डालो, और जब तक म कुशल से न आऊं, तब तक इसे दु :ख की रोटी और पानी िदया करो।
28 और मीकायाह ने कहा, यिद तू कभी कुशल से लौटे , तो जान िक यहोवा ने मेरे ारा नहीं कहा। िफर उसने कहा, हे लोगो तुम सब के सब सुन लो।
29 तब इ ाएल के राजा और य दा के राजा यहोशापात दोनों ने िगलाद के रामोत पर चढ़ाई की।
30 और इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, म तो भे ष बदल कर यु े म जाऊंगा, पर ु तू अपने ही व पिहने रहना। तब इ ाएल का राजा भेष बदल कर यु े म गया।
31 और अराम के राजा ने तो अपने रथों के ब ीसों धानों को आ ा दी थी, िक न तो छोटे से लड़ो और न बड़े से , केवल इ ाएल के राजा से यु करो।
32 तो जब रथों के धानों ने यहोशापात को दे खा, तब कहा, िन य इ ाएल का राजा वही है। और वे उसी से यु करने को मुड़े; तब यहोशपात िच ा उठा।
33 यह दे ख कर िक वह इ ाएल का राजा नहीं है, रथों के धान उसका पीछा छोड़ कर लौट गए।
34 तब िकसी ने अटकल से एक तीर चलाया और वह इ ाएल के राजा के िझलम और िनचले व के बीच छे दकर लगा; तब उसने अपने सारथी से कहा, म घायल हो गया ँ इसिलये
बागडोर फेर कर मुझे सेना म से बाहर िनकाल ले चल।
35 और उस िदन यु बढ़ता गया और राजा अपने रथ म औरों के सहारे अरािमयों के स ु ख खड़ा रहा, और सां झ को मर गया; और उसके घाव का लो बह कर रथ के पौदान म भर
गया।
36 सू य डूबते ए सेना म यह पुकार ई, िक हर एक अपने नगर और अपने दे श को लौट जाए।
37 जब राजा मर गया, तब शोमरोन को प ंचाया गया और शोमरोन म उसे िम ी दी गई।
38 और यहोवा के वचन के अनुसार जब उसका रथ शोमरोन के पोखरे म धोया गया, तब कु ों ने उसका लो चाट िलया, और वे ाएं यहीं ान करती थी ं।
39 अहाब के और सब काम जो उसने िकए, और हाथी दांत का जो भवन उसने बनाया, और जो जो नगर उसने बसाए थे , यह सब ा इ ाएली राजाओं के इितहास की पु क म नहीं
िलखा है?
40 िनदान अहाब अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पु अह ाह उसके थान पर रा करने लगा।
41 इ ाएल के राजा अहाब के चौथे वष म आसा का पु यहोशापात य दा पर रा करने लगा।
42 जब यहोशापात रा करने लगा, तब वह पतीस वष का था। और प ीस पष तक य शलेम म रा करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा था, जो िश ी की बेटी थी।
43 और उसकी चाल सब कार से उसके िपता आसा की सी थी, अथात जो यहोवा की ि म ठीक है वही वह करता रहा, और उस से कुछ न मुड़ा। तौभी ऊंचे थान ढाए न गए, जा
के लोग ऊंचे थानों पर उस समय भी बिल िकया करते थे और धूप भी जलाया करते थे ।
44 यहोशापात ने इ ाएल के राजा से मेल िकया।
45 और यहोशापात के काम और जो वीरता उसने िदखाई, और उसने जो जो लड़ाइयां की ं, यह सब ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
46 पु षगािमयों म से जो उसके िपता आसा के िदनों म रह गए थे , उन को उसने दे श म से नाश िकया।
47 उस समय एदोम म कोई राजा न था; एक नायब राजकाज का काम करता था।
48 िफर यहोशापात ने तशींश के जहाज सोना लाने के िलये ओपीर जाने को बनवा िलये , पर ु वे ए ोनगे बेर म टू ट गए, इसिलये वहां न जा सके।
49 तब अहाब के पु अह ाह ने यहोशापात से कहा, मेरे जहािजयों को अपने जहािजयों के सं ग, जहाजों म जाने दे , पर ु यहोशापात ने इनकार िकया।
50 िनदान यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको उसके पु रखाओं के साथ उसके मू लपु ष दाऊद के नगर म िम ी दी गई। और उसका पु यहोराम उसके थान पर
रा करने लगा।
51 य दा के राजा यहोशापत के स हव वष म अहाब का पु अह ाह शोमरोन म इ ाएल पर रा करने लगा और दो वष तक इ ाएल पर रा करता रहा।
52 और उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था। और उसकी चाल उसके माता िपता, और नबात के पु यारोबाम की सी थी िजसने इ ाएल से पाप करवाया था।
53 जैसे उसका िपता बाल की उपासना और उसे द वत करने से इ ाएल के परमे र यहोवा को ोिधत करता रहा वैसे ही अह ाह भी करता रहा।
2 राजा 1
1 अहाब के मरने के बाद मोआब इ ाएल के िव हो गया।
2 और अह ाह एक िझलिमलीदार खड़की म से, जो शोमरोन म उसकी अटारी म थी, िगर पड़ा, और बीमार हो गया। तब उसने दू तों को यह कह कर भे जा, िक तु म जा कर ए ोन के
बालजबू ब नाम दे वता से यह पूछ आओ, िक ा म इस बीमारी से बचूंगा िक नही?ं
3 तब यहोवा के दू त ने ितशबी एिल ाह से कहा, उठ कर शोमरोन के राजा के दू तों से िमलने को जा, और उन से कह, ा इ ाएल म कोई परमे र नही ं जो तु म ए ोन के बालजबू ब
दे वता से पूछने जाते हो?
4 इसिलये अब यहोवा तुझ से यों कहता है, िक िजस पलंग पर तू पड़ा है , उस पर से कभी न उठे गा, पर ु मर ही जाएगा। तब एिल ाह चला गया।
5 जब अह ाह के दू त उसके पास लौट आए, तब उसने उन से पूछा, तुम ों लौट आए हो?
6 उ ोंने उस से कहा, िक एक मनु हम से िमलने को आया, और कहा, िक िजस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, यहोवा यों कहता है , िक ा इ ाएल म कोई
परमे र नही ं जो तू ए ोन के बालजबूब दे वता से पूछने को भेजता है ? इस कारण िजस पलंग पर तू पड़ा है , उस पर से कभी न उठे गा, पर ु मर ही जाएगा।
7 उसने उन से पूछा, जो मनु तुम से िमलने को आया, और तुम से ये बात कही ं, उसका कैसा रं ग- प था?
8 उ ोंने उसको उ र िदया, वह तो रोंआर मनु था और अपनी कमर म चमड़े का फटा बा े ए था। उसने कहा, वह ितशबी एिल ाह होगा।
9 तब उसने उसके पास पचास िसपािहयों के एक धान को उसके पचासों िसपािहयों समेत भेजा। धान ने उसके पास जा कर ा दे खा िक वह पहाड़ की चोटी पर बै ठा है। और उसने
उस से कहा, हे परमे र के भ राजा ने कहा है, िक तू उतर आ।
10 एिल ाह ने उस पचास िसपािहयों के धान से कहा, यिद म परमे र का भ ँ तो आकाश से आग िगरकर तुझे तेरे पचासों समेत भ कर डाले। तब आकाश से आग उतरी और
उसे उसके पचासों समेत भ कर िदया।
11 िफर राजा ने उसके पास पचास िसपािहयों के एक और धान को, पचासों िसपािहयों समेत भेज िदया। धान ने उस से कहा हे परमे र के भ राजा ने कहा है , िक फुती ं से तू उतर
आ।
12 एिल ाह ने उ र दे कर उन से कहा, यिद म परमे र का भ ँ तो आकाश से आग िगरकर तुझे, तेरे पचासों समेत भ कर डाले; तब आकाश से परमे र की आग उतरी और
उसे उसके पचासों समेत भ कर िदया।
13 िफर राजा ने तीसरी बार पचास िसपािहयों के एक और धान को, पचासों िसपािहयों समेत भेज िदया, और पचास का वह तीसरा धान चढ़ कर, एिल ाह के सा ने घुटनों के बल
िगरा, और िगड़िगड़ा कर उस से कहने लगा, हे परमे र के भ मे रा ाण और ते रे इन पचास दासों के ाण ते री ि म अनमोल ठहर।
14 पचास पचास िसपािहयों के जो दो धान अपने अपने पचासों समेत पिहले आए थे, उन को तो आग ने आकाश से िगरकर भ कर डाला, पर ु अब मेरा ाण तेरी ि म अनमोल
ठहरे ।
15 तब यहोवा के दू त ने उिल ाह से कहा, उसके संग नीचे जा, उस से पत डर। तब एिल ाह उठ कर उसके सं ग राजा के पास नीचे गया।
16 और उस से कहा, यहोवा यों कहता है, िक तू ने तो ए ोन के बालजबूब दे वता से पूछने को दू त भे जे थे तो ा इ ाएल म कोई परमे र नही ं िक िजस से तू पूछ सके? इस कारण तू
िजस पलं ग पर पड़ा है, उस पर से कभी न उठे गा, पर ु मर ही जाएगा।
17 यहोवा के इस वचन के अनुसार जो एिल ाह ने कहा था, वह मर गया। और उसके स ान न होने के कारण यहोराम उसके थान पर य दा के राजा यहोशापात के पु यहोराम के
दू सरे वष म रा करने लगा।
18 अह ाह के और काम जो उसने िकए वह ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
2 राजा 2
1 जब यहोवा एिल ाह को बवंडर के ारा ग म उठा लेने को था, तब एिल ाह और एलीशा दोनों संग संग िगलगाल से चले।
2 एिल ाह ने एलीशा से कहा, यहोवा मुझे बेतेल तक भेजता है इसिलये तू यही ं ठहरा रह। एलीशा ने कहा, यहोवा के और ते रे जीवन की शपथ म तुझे नही ं छोड़ने का; इसिलये वे बेतेल
को चले गए।
3 और बेतेलवासी भिव ाओं के चे ले एलीशा के पास आकर कहने लगे, ा तु झे मालू म है िक आज यहोवा तेरे ामी को तेरे ऊपर से उठा लेने पर है? उसने कहा, हां , मुझे भी यह
मालू म है , तु म चुप रहो।
4 और एिल ाह ने उस से कहा, हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसिलये तू यहीं ठहरा रह: उसने कहा, यहोवा के और ते रे जीवन की शपथ म तुझे नही ं छोड़ने का; सो वे
यरीहो को आए।
5 और यरीहोवासी भिव ाओं के चे ले एलीशा के पास आकर कहने लगे, ा तु झे मालू म है िक आज यहोवा तेरे ामी को तेरे ऊपर से उठा लेने पर है? उसने उ र िदया, हां मु झे
भी मालू म है, तुम चुप रहो।
6 िफर एिल ाह ने उस से कहा, यहोवा मुझे यरदन तक भेजता है, सो तू यहीं ठहरा रह; उसने कहा, यहोवा के और ते रे जीवन की शपथ म तुझे नही ं छोड़ने का; सो वे दोनों आगे चले।
7 और भिव ाओं के चे लों म से पचास जन जा कर उनके सा ने दू र खड़े ए, और वे दोनों यरदन के तीर खड़े ए।
8 तब एिल ाह ने अपनी च र पकड़ कर ऐंठ ली, और जल पर मारा, तब वह इधर उधर दो भाग हो गया; और वे दोनों थल ही थल पार उतर गए।
9 उनके पार प ं चने पर एिल ाह ने एलीशा से कहा, उस से पिहले िक म तेरे पास से उठा िलये जाऊं जो कुछ तू चाहे िक म तेरे िलये क ं वह मांग; एलीशा ने कहा, तुझ म जो आ ा
है , उसका दू ना भाग मुझे िमल जाए।
10 एिल ाह ने कहा, तू ने किठन बात मांगी है, तौभी यिद तू मुझे उठा िलये जाने के बाद दे खने पाए तो ते रे िलये ऐसा ही होगा; नही ं तो न होगा।
11 वे चलते चलते बात कर रहे थे, िक अचानक एक अि मय रथ और अि मय घोड़ों ने उन को अलग अलग िकया, और एिल ाह बवंडर म हो कर ग पर चढ़ गया।
12 और उसे एलीशा दे खता और पुकारता रहा, हाय मेरे िपता! हाय मेरे िपता! हाय इ ाएल के रथ और सवारो! जब वह उसको िफर दे ख न पड़ा, तब उसने अपने व पाड़े और
फाड़कर दो भाग कर िदए।
13 िफर उसने एिल ाह की च र उठाई जो उस पर से िगरी थी, और वह लौट गया, और यरदन के तीर पर खड़ा आ।
14 और उसने एिल ाह की वह च र जो उस पर से िगरी थी, पकड़ कर जल पर मारी और कहा, एिल ाह का परमे र यहोवा कहां है? जब उसने जल पर मारा, तब वह इधर उधर दो
भाग हो गया और एलीशा पार हो गया।
15 उसे दे खकर भिव ाओं के चे ले जो यरीहो म उसके सा ने थे , कहने लगे , एिल ाह म जो आ ा थी, वही एलीशा पर ठहर गई है; सो वे उस से िमलने को आए और उसके
सा ने भूिम तक झुक कर द वत की।
16 तब उ ोंने उस से कहा, सुन, तेरे दासों के पास पचास बलवान पु ष ह, वे जा कर ते रे ामी को ढूढ, स व है िक ा जाने यहोवा के आ ा ने उसको उठा कर िकसी पहाड़ पर
वा िकसी तराई म डाल िदया हो; उसने कहा, मत भेजो।
17 जब उ ोंने उसको यहां तक दबाया िक वह ल त हो गया, तब उसने कहा, भे ज दो; सो उ ोंने पचास पु ष भे ज िदए, और वे उसे तीन िदन तक ढूंढ़ते रहे पर ु न पाया।
18 उस समय तक वह यरीहो म ठहरा रहा, सो जब वे उसके पास लौट आए, तब उसने उन से कहा, ा म ने तु म से न कहा था, िक मत जाओ?
19 उस नगर के िनवािसयों ने एलीशा से कहा, दे ख, यह नगर मनभावने थान पर बसा है , जैसा मे रा भु दे खता है पर ु पानी बुरा है; और भूिम गभ िगरानेवाली है।
20 उसने कहा, एक नये ाले म नमक डालकर मेरे पास ले आओ; वे उसे उसके पास ले आए।
21 तब वह जल के सोते के पास िनकल गया, और उस म नमक डालकर कहा, यहोवा यों कहता है, िक म यह पानी ठीक कर दे ता ँ, िजस से वह िफर कभी मृ ु वा गभ िगरने का
कारण न होगा।
22 एलीशा के इस वचन के अनुसार पानी ठीक हो गया, और आज तक ऐसा ही है ।
23 वहां से वह बेतेल को चला, और माग की चढ़ाई म चल रहा था िक नगर से छोटे लड़के िनकलकर उसका ठ ा कर के कहने लगे, हे च दु ए चढ़ जा, हे च दु ए चढ़ जा।
24 तब उसने पीछे की ओर िफर कर उन पर ि की और यहोवा के नाम से उन को शाप िदया, तब जंगल म से दो रीिछिनयों ने िनकल कर उन म से बयालीस लड़के फाड़ डाले ।
25 वहां से वह क ल को गया, और िफर वहां से शोमरोन को लौट गया।
2 राजा 3
1 य दा के राजा यहोशापात के अठारहव वष म अहाब का पु यहोराम िशमरोन म रा करने लगा, और बारह पष तक रा करता रहा।
2 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा है तौभी उसने अपने माता-िपता के बराबर नही ं िकया वरन अपने िपता की बनवाई ई बाल की लाठ को दू र िकया।
3 तौभी वह नबात के पु यारोबाम के ऐसे पापों म जैसे उसने इ ाएल से भी कराए िलपटा रहा और उन से न िफरा।
4 मोआब का राजा मेशा ब त सी भेड़-बक रयां रखता था, और इ ाएल के राजा को एक लाख ब े और एक लाख मेढ़ों का ऊन कर की रीित से िदया करता था।
5 जब अहाब मर गया, तब मोआब के राजा ने इ ाएल के राजा से बलवा िकया।
6 उस समय राजा यहोराम ने शोमरोन से िनकल कर सारे इ ाएल की िगनती ली।
7 और उसने जा कर य दा के राजा यहोशापात के पास यों कहला भेजा, िक मोआब के राजा ने मु झ से बलवा िकया है , ा तू मेरे संग मोआब से लड़ने को चलेगा? उसने कहा, हां म
चलूंगा, जैसा तू वैसा म, जैसी तेरी जा वैसी मेरी जा, और जैसे तेरे घोड़े वैसे मे रे भी घोड़े ह।
8 िफर उसने पू छा, हम िकस माग से जाएं ? उसने उ र िदया, एदोम के जंगल से होकर।
9 तब इ ाएल का राजा, और य दा का राजा, और एदोम का राजा चले और जब सात िदन तक घूमकर चल चु के, तब से ना और उसके पीछे पीछे चलने वाले पशुओ ं के िलये कुछ पानी
न िमला।
10 और इ ाएल के राजा ने कहा, हाय! यहोवा ने इन तीन राजाओं को इसिलये इक ा िकया, िक उन को मोआब के हाथ म कर दे ।
11 पर ु यहोशापात ने कहा, ा यहां यहोवा का कोई नबी नहीं है, िजसके ारा हम यहोवा से पू छ? इ ाएल के राजा के िकसी कमचारी ने उ र दे कर कहा, हां, शापात का पु
एलीशा जो एिल ाह के हाथों को धुलाया करता था वह तो यहां है।
12 तब यहोशापात ने कहा, उसके पास यहोवा का वचन प ंचा करता है । तब इ ाएल का राजा और यहोशापात और एदोम का राजा उसके पास गए।
13 तब एलीशा ने इ ाएल के राजा से कहा, मेरा तुझ से ा काम है ? अपने िपता के भिव ाओं और अपनी माता के निबयों के पास जा। इ ाएल के राजा ने उस से कहा, ऐसा न
कह, ोंिक यहोवा ने इन तीनों राजाओं को इसिलये इक ा िकया, िक इन को मोआब के हाथ म कर दे ।
14 एलीशा ने कहा, सेनाओं का यहोवा िजसके स ुख म उप थत रहा करता ँ , उसके जीवन की शपथ यिद म य दा के राजा यहोशापात का आदर मान न करता, तो म न तो तेरी
ओर मुंह करता और न तुझ पर ि करता।
15 अब कोई बजवै ा मेरे पास ले आओ। जब बजवै ा बजाने लगा, तब यहोवा की श एलीशा पर ई।
16 और उसने कहा, इस नाले म तुम लोग इतना खोदो, िक इस म गड़हे ही गड़हे हो जाएं ।
17 ोंिक यहोवा यों कहता है, िक तु ारे सा ने न तो वायु चले गी, और न वषा होगी; तौभी यह नाला पानी से भर जाएगा; और अपने गाय बैलों और पशुओं समे त तु म पीने पाओगे ।
18 और इस को हलकी सी बात जान कर यहोवा मोआब को भी तु ारे हाथ म कर दे गा।
19 तब तुम सब गढ़ वाले और उ म नगरों को नाश करना, और सब अ े वृ ों को काट डालना, और जल के सब खेतों को भर दे ना, और सब अ े खे तों म प र फक कर उ
िबगाड़ दे ना।
20 िवहान को अ बिल चढ़ाने के समय एदोम की ओर से जल बह आया, और दे श जल से भर गया।
21 यह सु न कर िक राजाओं ने हम से यु करने के िलये चढ़ाई की है, िजतने मोआिबयों की अव था हिथयार बा ने यो थी, वे सब बुला कर इक े िकए गए, और िसवाने पर खड़े
ए।
22 िबहान को जब वे उठे उस समय सूय की िकरणों उस जल पर ऐसी पड़ी ं िक वह मोआिबयों की परली ओर से लो सा लाल िदखाई पड़ा।
23 तो वे कहने लगे वह तो लो होगा, िन:स े ह वे राजा एक दू सरे को मार कर नाश हो गए ह, इसिलये अब हे मोआिबयो लूट लेने को जाओ;
24 और जब वे इ ाएल की छावनी के पास आए ही थे, िक इ ाएली उठ कर मोआिबयों को मारने लगे और वे उनके सा ने से भाग गए; और वे मोआब को मारते मारते उनके दे श म
प ंच गए।
25 और उ ोंने नगरों को ढा िदया, और सब अ े खेतों म एक एक पु ष ने अपना अपना प र डाल कर उ भर िदया; और जल के सब सोतों को भर िदया; और सब अ े अ े
वृ ों को काट डाला, यहां तक िक कीहरे शेत के प र तो रह गए, पर ु उसको भी चारों ओर गोफन चलाने वालों ने जा कर मारा।
26 यह दे खकर िक हम यु म हार चले, मोआब के राजा ने सात सौ तलवार रखने वाले पु ष सं ग ले कर एदोम के राजा तक पांित चीर कर प ंचने का य िकया पर ु प ं च न सका।
27 तब उसने अपने जेठे पु को जो उसके थान म रा करने वाला था पकड़ कर शहरपनाह पर होमबिल चढ़ाया। इस कारण इ ाएल पर बड़ा ही ोध आ, सो वे उसे छोड़ कर
अपने दे श को लौट गए।
2 राजा 4
1 भिव ाओं के चे लों की पि यों म से एक ी ने एलीशा की दोहाई दे कर कहा, ते रा दास मे रा पित मर गया, और तू जानता है िक वह यहोवा का भय माननेवाला था, और िजसका
वह कजदार था वह आया है िक मेरे दोनों पु ों को अपने दास बनाने के िलये ले जाए।
2 एलीशा ने उस से पूछा, म तेरे िलये ा क ं ? मुझ से कह, िक तेरे घर म ा है ? उसने कहा, ते री दासी के घर म एक हांड़ी ते ल को छोड़ और कुछ तही ं है।
3 उसने कहा, तू बाहर जा कर अपनी सब पड़ोिसयों खाली बरतन मां ग ले आ, और थोड़े बरतन न लाना।
4 िफर तू अपने बेटों समेत अपने घर म जा, और ार ब कर के उन सब बरतनों म ते ल उ े ल दे ना, और जो भर जाए उ अलग रखना।
5 तब वह उसके पास से चली गई, और अपने बेटों समेत अपने घर जा कर ार ब िकया; तब वे तो उसके पास बरतन लाते गए और वह उ े लती गई।
6 जब बरतन भर गए, तब उसने अपने बेटे से कहा, मेरे पास एक और भी ले आ, उसने उस से कहा, और बरतन तो नहीं रहा। तब तेल थम गया।
7 तब उसने जा कर परमे र के भ को यह बता िदया। ओर उसने कहा, जा तेल बे च कर ऋण भर दे ; और जो रह जाए, उस से तू अपने पु ों सिहत अपना िनवाह करना।
8 िफर एक िदन की बात है िक एलीशा शूनेम को गया, जहां एक कुलीन ी थी, और उसने उसे रोटी खाने के िलये िबनती कर के िववश िकया। और जब जब वह उधर से जाता, तब
तब वह वहां रोटी खाने को उतरता था।
9 और उस ी ने अपने पित से कहा, सुन यह जो बार बार हमारे यहां से हो कर जाया करता है वह मु झे परमे र का कोई पिव भ जान पड़ता है।
10 तो हम भीत पर एक छोटी उपरौठी कोठरी बनाएं , और उस म उसके िलये एक खाट, एक मेज, एक कुसीं और एक दीवट रख, िक जब जब वह हमारे यहां आए, तब तब उसी म
िटका करे ।
11 एक िदन की बात है, िक वह वहां जा कर उस उपरौठी कोठरी म िटका और उसी म लेट गया।
12 और उसने अपने सेवक गेहजी से कहा, उस शुनेिमन को बुला ले। उसके बु लाने से वह उसके सा ने खड़ी ई।
13 तब उसने गे हजी से कहा, इस से कह, िक तू ने हमारे िलये ऐसी बड़ी िच ा की है , तो ते रे िलये ा िकया जाए? ा तेरी चचा राजा, वा धान सेनापित से की जाए? उसने उ र िदया
म तो अपने ही लोगों म रहती ँ।
14 िफर उसने कहा, तो इसके िलये ा िकया जाए? गेहजी ने उ र िदया, िन य उसके कोई लड़का नहीं, और उसका पित बूढ़ा है।
15 उसने कहा, उसको बुला ले। और जब उसने उसे बुलाया, तब वह ार म खड़ी ई।
16 तब उसने कहा, बस ऋतु म िदन पूरे होने पर तू एक बेटा छाती से लगाएगी। ी ने कहा, हे मे रे भु! हे परमे र के भ ऐसा नहीं, अपनी दासी को धोखा न दे ।
17 और ी को गभ रहा, और वस ऋतु का जो समय एलीशा ने उस से कहा था, उसी समय जब िदन पू रे ए, तब उसके पु उ आ।
18 और जब लड़का बड़ा हो गया, तब एक िदन वह अपने िपता के पास लवने वालों के िनकट िनकल गया।
19 और उसने अपने िपता से कहा, आह! मेरा िसर, आह! मेरा िसर। तब िपता ने अपने से वक से कहा, इस को इसकी माता के पास ले जा।
20 वह उसे उठा कर उसकी माता के पास ले गया, िफर वह दोपहर तक उसके घु टनों पर बै ठा रहा, तब मर गया।
21 तब उसने चढ़ कर उसको परमे र के भ की खाट पर िलटा िदया, और िनकल कर िकवाड़ ब िकया, तब उतर गई।
22 और उसने अपने पित से पुकार कर कहा, मेरे पास एक से वक और एक गदही तु र भे ज दे िक म परमे र के भ के यहां झट पट हो आऊं।
23 उसने कहा, आज तू उसके यहां ोंजाएगी? आज न तो नये चांद का, और न िव ाम का िदन है; उसने कहा, क ाण होगा।
24 तब उस ी ने गदही पर काठी बा कर अपने सेवक से कहा, हांके चल; और मे रे कहे िबना हां कने म िढलाई न करना।
25 तो वह चलते चलते कमल पवत को परमे र के भ के िनकट प ं ची। उसे दू र से दे खकर परमे र के भ ने अपने सेवक गेहजी से कहा, दे ख, उधर तो वह शूनेिमन है ।
26 अब उस से िमलने को दौड़ जा, और उस से पूछ, िक तू कुशल से है? तेरा पित भी कुशल से है? और लड़का भी कुशल से है? पूछने पर ी ने उ र िदया, हां, कुशल से ह।
27 वह पहाड़ पर परमे र के भ के पास प ंची, और उसके पांव पकड़ने लगी, तब गे हजी उसके पास गया, िक उसे ध ा दे कर हटाए, पर ु परमे र के भ ने कहा, उसे छोड़ दे ,
उसका मन ाकुल है; पर ु यहोवा ने मु झ को नहीं बताया, िछपा ही रखा है।
28 तब वह कहने लगी, ा म ने अपने भु से पु का वर मां गा था? ा म ने न कहा था मु झे धोखा न दे ?
29 तब एलीशा ने गे हजी से कहा, अपनी कमर बा , और मेरी छड़ी हाथ म ले कर चला जा, माग म यिद कोई तुझे िमले तो उसका कुशल न पूछना, और कोई तेरा कुशल पू छे, तो
उसको उ र न दे ना, और मेरी यह छड़ी उस लड़के के मुं ह पर धर दे ना।
30 तब लड़के की मां ने एलीशा से कहा, यहोवा के और ते रे जीवन की शपथ म तुझे न छोड़ूंगी। तो वह उठ कर उसके पीछे पीछे चला।
31 उन से पिहले प ंच कर गेहजी ने छड़ी को उस लड़के के मुं ह पर रखा, पर ु कोई श न सु न पड़ा, और न उसने कान लगाया, तब वह एलीशा से िमलने को लौट आया, और
उसको बतला िदया, िक लड़का नहीं जागा।
32 जब एलीशा घर म आया, तब ा दे खा, िक लड़का मरा आ उसकी खाट पर पड़ा है ।
33 तब उसने अकेला भीतर जा कर िकवाड़ ब िकया, और यहोवा से ाथना की।
34 तब वह चढ़कर लड़के पर इस रीित से लेट गया िक अपना मुं ह उसके मुंह से और अपनी आं ख उसकी आं खों से और अपने हाथ उसके हाथों से िमला िदये और वह लड़के पर पसर
गया, तब लड़के की दे ह गम होने लगी।
35 और वह उसे छोड़कर घर म इधर उधर टहलने लगा, और िफर चढ़ कर लड़के पर पसर गया; तब लड़के ने सात बार छींका, और अपनी आं ख खोली ं।
36 तब एलीशा ने गे हजी को बुला कर कहा, शूनेिमन को बु ला ले । जब उसके बु लाने से वह उसके पास आई, तब उसने कहा, अपने बेटे को उठा ले।
37 वह भीतर गई, और उसके पावों पर िगर भूिम तक झुककर द वत िकया; िफर अपने बेटे को उठा कर िनकल गई।
38 तब एलीशा िगलगाल को लौट गया। उस समय दे श म अकाल था, और भिव ाओं के चे ले उसके सा ने बै टे ए थे, और उसने अपने सेवक से कहा, ह ा चढ़ा कर
भिव ाओं के चे लों के िलये कुछ पका।
39 तब कोई मैदान म साग तोड़ने गया, और कोई जंगली लता पाकर अपनी अं कवार भर इ ायण तोड़ ले आया, और फां क फांक कर के पकने के िलये ह े म डाल िदया, और वे
उसको न पिहचानते थे ।
40 तब उ ोंने उन मनु ों के खाने के िलये ह े म से परोसा। खाते समय वे िच ाकर बोल उठे , हे परमे र के भ ह े म मा र है, और वे उस म से खा न सके।
41 तब एलीशा ने कहा, अ ा, कुछ मैदा ले आओ, तब उसने उसे ह े म डाल कर कहा, उन लोगों के खाने के िलये परोस दे , िफर ह े म कुछ हािन की व ु न रही।
42 और कोई मतु बालशालीशा से, पिहले उपजे ए जव की बीस रोिटयां, और अपनी बोरी म हरी बाल परमे र के भ के पास ले आया; तो एलीशा ने कहा, उन लोगों को खाने के
िलये दे ।
43 उसके टहलुए ने कहा, ा म सौ मनु ों के सा ने इतना ही रख दू ं ? उसने कहा, लोगों को दे दे िक खएं , ोंिक यहोवा यों कहता है, उनके खाने के बाद कुछ बच भी जाएगा।
44 तब उसने उनके आगे धर िदया, और यहोवा के वचन के अनु सार उनके खाने के बाद कुछ बच भी गया।
2 राजा 5
1 अराम के राजा का नामान नाम सेनापित अपने ामी की ि म बड़ा और िति त पु ष था, ोंिक यहोवा ने उसके ारा अरािमयों को िवजयी िकया था, और यह शूरवीर था, पर ु
कोढ़ी था।
2 अरामी लोग दल बा कर इ ाएल के दे श म जा कर वहां से एक छोटी लड़की ब ुवाई म ले आए थे और वह नामान की प ी की सेवा करती थी।
3 उसने अपनी ािमन से कहा, जो मेरा ामी शोमरोन के भिव ा के पास होता, तो ा ही अ ा होता! ोंिक वह उसको कोढ़ से चंगा कर दे ता।
4 तो िकसी ने उसके भु के पास जा कर कह िदया, िक इ ाएली लड़की इस कार कहती है ।
5 अराम के राजा ने कहा, तू जा, म इ ाएल के राजा के पास एक प भेजूंगा; तब वह दस िक ार चा ी और छ:हजार टु कड़े सोना, और दस जोड़े कपड़े साथ ले कर रवाना हो गया।
6 और वह इ ाएल के राजा के पास वह प ले गया िजस म यह िलखा था, िक जब यह प तुझे िमले , तब जानना िक म ने नामान नाम अपने एक कमचारी को तेरे पास इसिलये भे जा है ,
िक तू उसका कोढ़ दू र कर दे ।
7 इस प के पढ़ने पर इ ाएल का राजा अपने व फाड़ कर बोला, ा म मारने वाला और िजलाने वाला परमे र ँ िक उस पु ष ने मेरे पास िकसी को इसिलये भेजा है िक म
उसका कोढ़ दू र क ं ? सोच िवचार तो करो, वह मुझ से झगड़े का कारण ढूंढ़ता होगा।
8 यह सुनकर िक इ ाएल के राजा ने अपने व फाड़े ह, परमे र के भ एलीशा ने राजा के पास कहला भे जा, तू ने ों अपने व फाड़े ह? वह मेरे पास आए, तब जान लेगा, िक
इ ाएल म भिव ा तो है।
9 तब नामान घोड़ों और रथों समेत एलीशा के ार पर आकर खड़ा आ।
10 तब एलीशा ने एक दू त से उसके पास यह कहला भेजा, िक तू जा कर यरदन म सात बार डु बकी मार, तब ते रा शरीर ों का ों हो जाएगा, और तू शु होगा।
11 पर ु नामान ोिधत हो यह कहता आ चला गया, िक म ने तो सोचा था, िक अव वह मे रे पास बाहर आएगा, और खड़ा हो कर अपने परमे र यहोवा से ाथना कर के कोढ़ के
थान पर अपना हाथ फेर कर कोढ़ को दू र करे गा!
12 ा दिम की अबाना और पपर निदयां इ ाएल के सब जलाशयों से अ म नही ं ह? ा म उन म ान कर के शु नहीं हो सकता ँ? इसिलये वह जलजलाहट से भरा आ लौट
कर चला गया।
13 तब उसके सेवक पास आकर कहने लगे, हे हमारे िपता यिद भिव ा तु झे कोई भारी काम करने की आ ा दे ता, तो ा तू उसे न करता? िफर जब वह कहता है , िक ान कर
के शु हो जा, तो िकतना अिधक इसे मानना चािहये।
14 तब उसने परमे र के भ के वचन के अनुसार यरदन को जा कर उस म सात बार डु बकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; उौर वह शु हो गया।
15 तब वह अपने सब दल बल समेत परमे र के भ के यहां लौट आया, और उसके स ु ख खड़ा हो कर कहने लगा सुन, अब म ने जान िलया है, िक सम पृ ी म इ ाएल को
छोड़ और कही ं परमे र नही ं है । इसिलये अब अपने दास की भट हण कर।
16 एलीशा ने कहा, यहोवा िजसके स ुख म उप थत रहता ँ उसके जीवन की शपथ म कुछ भट न लूंगा, और जब उसने उसको ब त िववश िकया िक भट को हण करे , तब भी वह
इनकार ही करता रहा।
17 तब नामान ने कहा, अ ा, तो तेरे दास को दो ख र िम ी िमले , ोंिक आगे को ते रा दास यहोवा को छोड़ और िकसी ई र को होमबिल वा मेलबिल न चढ़ाएगा।
18 एक बात तो यहोवा तेरे दास के िलये मा करे , िक जब मे रा ामी र ोन के भवन म द वत करने को जाए, और वह मेरे हाथ का सहारा ले, और यों मुझे भी र ोन के भवन म
द वत करनी पड़े , तब यहोवा तेरे दास का यह काम मा करे िक म र ोन के भवन म द वत क ं ।
19 उसने उस से कहा, कुशल से िबदा हो।
20 वह उसके यहां से थोड़ी दू र जला गया था, िक परमे र के भ एलीशा का से वक गे हजी सोचने लगा, िक मे रे ामी ने तो उस अरामी नामान को ऐसा ही छोड़ िदया है िक जो वह ले
आया था उसको उसने न िलया, पर ु यहोवा के जीवन की शपथ म उसके पीछे दौड़कर उस से कुछ न कुछ ले लूंगा।
21 तब गेहजी नामान के पीछे दौड़ा, और नामान िकसी को अपने पीछे दौड़ता आ दे ख कर, उस से िमलने को रथ से उतर पड़ा, और पूछा, सब कुशल ेम तो है?
22 उसने कहा, हां, सब कुशल है; पर ु मेरे ामी ने मुझे यह कहने को भेजा है , िक ए ैम के पहाड़ी दे श से भिव ाओं के चे लों म से दो जवान मेरे यहां अभी आए ह, इसिदये
उनके िलये एक िक ार चा ी और दो जोड़े व दे ।
23 नामान ने कहा, दो िक ार लेने को स हो, तब उसने उस से ब त िबनती कर के दो िक ार चा ी अलग थै िलयों म बा कर, दो जोड़े व समेत अपने दो सेवकों पर लाद
िदया, और वे उ उसके आगे आगे ले चले।
24 जब वह टीले के पास प ंचा, तब उसने उन व ुओं को उन से ले कर घर म रख िदया, और उन मनु ों को िबदा िकया, और वे चले गए।
25 और वह भीतर जा कर, अपने ामी के सा ने खड़ा आ। एलीशा ने उस से पूछा, हे गेहजी तू कहां से आता है? उसने कहा, ते रा दास तो कही ं नही ं गया,
26 उसने उस से कहा, जब वह पु ष इधर मुंह फेर कर तुझ से िमलने को अपने रथ पर से उतरा, तब वह पू रा हाल मु झे मालूम था; ा यह समय चा ी वा व वा जलपाई वा दाख
की बा रयां , भेड़-बक रयां, गायबैल और दास-दासी लेने का है ?
27 इस कारण से नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश को सदा लगा रहेगा। तब वह िहम सा ेत कोढ़ी हो कर उसके सा ने से चला गया।
2 राजा 6
1 और भिव ाओं के चे लों म से िकसी ने एलीशा से कहा, यह थान िजस म हम ते रे सा ने रहते ह, वह हमारे िलये सकेत है।
2 इसिलये हम यरदन तक जाएं , और वहां से एक एक ब ी ले कर, यहां अपने रहने के िलये एक थान बना ल; उसने कहा, अ ा जाओ।
3 तब िकसी ने कहा, अपने दासों के संग चलने को स हो, उसने कहा, चलता ँ ।
4 तो वह उनके संग चला और वे यरदन के तीर प ंच कर लकड़ी काटने लगे।
5 पर ु जब एक जन ब ी काट रहा था, तो कु ाड़ी बट से िनकल कर जल म िगर गई; सो वह िच ा कर कहने लगा, हाय! मेरे भु, वह तो मंगनी की थी।
6 परमे र के भ ने पूछा, वह कहां िगरी? जब उसने थान िदखाया, तब उसने एक लकड़ी काट कर वहां डाल दी, और वह लोहा पानी पर तैरने लगा।
7 उसने कहा, उसे उठा ले, तब उसने हाथ बढ़ा कर उसे ले िलया।
8 ओैर अराम का जाजा इ ाएल से यु कर रहा था, और स ित कर के अपने कमचा रयों से कहा, िक अमुक थान पर मेरी छावनी होगी।
9 तब परमे र के भ ने इ ाएल के राजा के पास कहला भेजा, िक चौकसी कर और अमु क थान से हो कर न जाना ोंिक वहां अरामी चढ़ाई करने वाले ह।
10 तब इ ाएल के राजा ने उस थान को, िजसकी चचा कर के परमे र के भ ने उसे िचताया था, भे ज कर, अपनी र ा की; और उस कार एक दो बार नही ं वरन ब त बार आ।
11 इस कारण अराम के राजा का मन ब त घबरा गया; सो उसने अपने कमचा रयों को बु ला कर उन से पूछा, ा तुम मु झे न बताओगे िक हम लोगों म से कौन इ ाएल के राजा की
ओर का है? उसके एक कमचारी ने कहा, हे मेरे भु! हे राजा! ऐसा नहीं,
12 एलीशा जो इ ाएल म भिव ा है, वह इ ाएल के राजा को वे बात भी बताया करता है , जो तू शयन की कोठरी म बोलता है।
13 राजा ने कहा, जा कर दे खो िक वह कहां है, तब म भे ज कर उसे पकड़वा मं गाऊंगा। और उसको यह समाचार िमला िक वह दोतान म है।
14 तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उ ोंने रात को आकर नगर को घेर िलया।
15 भोर को परमे र के भ का टहलुआ उठा और िनकल कर ा दे खता है िक घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे ए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मे रे
ामी, हम ा कर?
16 उसने कहा, मत डर; ोंिक जो हमारी ओर ह, वह उन से अिधक ह, जो उनकी ओर ह।
17 तब एलीशा ने यह ाथना की, हे यहोवा, इसकी आं ख खोल दे िक यह दे ख सके। तब यहोवा ने से वक की आं ख खोल दी ं, और जब वह दे ख सका, तब ा दे खा, िक एलीशा के चारों
ओर का पहाड़ अि मय घोड़ों और रथों से भरा आ है।
18 जब अरामी उसके पास आए, तब एलीशा ने यहोवा से ाथना की िक इस दल को अ ा कर डाल। एलीशा के इस वचन के अनुसार उसने उ अ ा कर िदया।
19 तब एलीशा ने उन से कहा, यह तो माग नहीं है, और न यह नगर है, मेरे पीछे हो लो; म तु उस मनु के पास िजसे तुम ढू ं ढ़ रहे हो प ंचाऊंगा। तब उसने उ शोमरोन को प ं चा
िदया।
20 जब वे शोमरोन म आ गए, तब एलीशा ने कहा, हे यहोवा, इन लोगों की आं ख खोल िक दे ख सक। तब यहोवा ने उनकी आं ख खोली ं, और जब वे दे खने लगे तब ा दे खा िक हम
शोमरोन के म म ह।
21 उन को दे खकर इ ाएल के राजा ने एलीशा से कहा, हे मे रे िपता, ा म इन को मार लूं ? म उन को मार लूं?
22 उसने उ र िदया, मत मार। ा तू उन को मार िदया करता है , िजन को तू तलवार और धनु ष से ब ु आ बना लेता है ? तू उन को अ जल दे , िक खा पीकर अपने ामी के पास
चले जाएं ।
23 तब उसने उनके िलये बड़ी जेवनार की, और जब वे खा पी चुके, तब उसने उ िबदा िकया, और वे अपने ामी के पास चले गए। इसके बाद अराम के दल इ ाएल के दे श म िफर
न आए।
24 पर ु इसके बाद अराम के राजा बे दद ने अपनी सम सेना इक ी कर के, शोमरोन पर चढ़ाई कर दी और उसको घेर िलया।
25 तब शोमरोन म बड़ा अकाल पड़ा और वह ऐसा िघरा रहा, िक अ म एक गदहे का िसर चा ी के अ ी टु कड़ों म और कब की चौथाई भर कबूतर की बीट पांच टु कड़े चा ी तक
िबकने लगी।
26 और इ ाएल का राजा शहरपनाह पर टहल रहा था, िक एक ी ने पुकार के उस से कहा, हे भु, हे राजा, बचा।
27 उसने कहा, यिद यहोवा तुझे न बचाए, तो म कहां से तुझे बचाऊं? ा खिलहान म से , वा दाखरस के कु म से ?
28 िफर राजा ने उस से पूछा, तुझे ा आ? उसने उ र िदया, इस ी ने मुझ से कहा था, मु झे अपना बेटा दे , िक हम आज उसे खा ल, िफर कल म अपना बेटा दू ं गी, और हम उसे भी
खाएं गी।
29 तब मे रे बेटे को पका कर हम ने खा िलया, िफर दू सरे िदन जब म ने इस से कहा िक अपना बे टा दे िक हम उसे खा ल, तब इस ने अपने बेटे को िछपा रखा।
30 उस ी की ये बात सुनते ही, राजा ने अपने व फाड़े ( वह तो शहरपनाह पर टहल रहा था ), जब लोगों ने दे खा, तब उन को यह दे ख पड़ा िक वह भीतर अपनी दे ह पर टाट पिहने
है ।
31 तब वह बोल उठा, यिद म शापात के वु एलीशा का िसर आज उसके धड़ पर रहने दू ं , तो परमे र मे रे साथ ऐसा ही वरन इस से भी अिधक करे ।
32 एलीशा अपने घर म बैठा आ था, और पुरिनये भी उसके संग बै ठे थे । सो जब राजा ने अपने पास से एक जन भे जा, तब उस दू त के प ं चने से पिहले उसने पुरिनयों से कहा, दे खो,
इस खू नी के बेटे ने िकसी को मेरा िसर काटने को भेजा है; इसिलये जब वह दू त आए, तब िकवाड़ ब कर के रोके रहना। ा उसके ामी के पांव की आहट उसके पीछे नही ं सुन
पड़ती?
33 वह उन से यों बात कर ही रहा था िक दू त उसके पास आ प ंचा। और राजा कहने लगा, यह िवपि यहोवा की ओर से है, अब म आगे को यहोवा की बाट ों जोहता र ं?
2 राजा 7
1 तब एलीशा ने कहा, यहोवा का वचन सुनो, यहोवा यों कहता है, िक कल इसी समय शोमरोन के फाटक म सआ भर मैदा एक शेकेल म और दो सआ जव भी एक शेकेल म िबकेगा।
2 तब उस सरदार ने िजसके हाथ पर राजा तिकया करता था, परमे र के भ को उ र दे कर कहा, सु न, चाहे यहोवा आकाश के झरोखे खोले, तौभी ा ऐसी बात हो सकेगी? उसने
कहा, सुन, तू यह अपनी आं खों से तो दे खेगा, पर ु उस अ म से कुछ खाने न पाएगा।
3 और चार कोढ़ी फाटक के बाहर थे; वे आपस म कहने लगे, हम ों यहां बैठे बै ठे मर जाएं ?
4 यिद हम कह, िक नगर म जाएं , तो वहां मर जाएं गे; ोंिक वहां मं हगी पड़ी है, और जो हम यही ं बैठे रह, तौभी मर ही जाएं गे। तो आओ हम अराम की सेना म पकड़े जाएं ; यिद वे हम
को िजलाए रख तो हम जीिवत रहगे, और यिद वे हम को मार डाल, तौभी हम को मरना ही है ।
5 तब वे सां झ को अराम की छावनी म जाने को चले, और अराम की छावनी की छोर पर प ंच कर ा दे खा, िक वहां कोई नही ं है।
6 ोंिक भु ने अराम की सेना को रथों और घोड़ों की और भारी सेना की सी आहट सु नाई थी, और वे आपस म कहने लगे थे िक, सुनो, इ ाएल के राजा ने िह ी और िम ी राजाओं
को वेतन पर बु लवाया है िक हम पर चढ़ाई कर।
7 इसिलये वे सांझ को उठ कर ऐसे भाग गए, िक अपने डे रे, घोड़े , गदहे , और छावनी जै सी की तैसी छोड़-छाड़ अपना अपना ाण ले कर भाग गए।
8 तो जब वे कोढ़ी छावनी की छोर के डे रों के पास प ंचे, तब एक डे रे म घु स कर खाया िपया, और उस म से चा ी, सोना और व ले जा कर िछपा रखा; िफर लौट कर दू सरे डे रे म
घुस गए और उस म से भी ले जा कर िछपा रखा।
9 तब वे आपस म कहने लगे, जो हम कर रहे ह वह अ ा काम नही ं है , यह आन के समाचार का िदन है , पर ु हम िकसी को नहीं बताते। जो हम पह फटने तक ठहरे रह तो हम
को द िमलेगा; सो अब आओ हम राजा के घराने के पास जा कर यह बात बतला द।
10 तब वे चले और नगर के चौकीदारों को बुलाकर बताया, िक हम जो अराम की छावनी म गए, तो ा दे खा, िक वहां कोई नही ं है, और मनु की कुछ आहट नहीं है, केवल ब े ए
घोड़े और गदहे ह, और डे रे जैसे के तैसे ह।
11 तब चौकीदारों ने पुकार के राजभवन के भीतर समाचार िदया।
12 और राजा रात ही को उठा, और अपने कमचा रयों से कहा, म तु बताता ँ िक अरािमयों ने हम से ा िकया है? वे जानते ह, िक हम लोग भूखे ह इस कारण वे छावनी म से मैदान
म िछपके को यह कहकर गए ह, िक जब वे नगर से िनकलगे , तब हम उन को जीिवत ही पकड़ कर नगर म घु सने पाएं गे ।
13 पर ु राजा के िकसी कमचारी ने उ र दे कर कहा, िक जो घोड़े नगर म बच रहे ह उन म से लोग पां च घोड़े ल, और उन को भेज कर हम हाल जान ल। ( वे तो इ ाएल की सब भीड़
के समान ह जो नगर म रह गए ह वरन इ ाएल की जो भीड़ मर िमट गई है वे उसी के समान ह। )
14 सो उ ोंने दो रथ और उनके घोड़े िलये, और राजा ने उन को अराम की से ना के पीछे भे जा; और कहा, जाओ, दे खो।
15 तब वे यरदन तक उनके पीछे चले गए, और ा दे खा, िक पूरा माग व ों और पा ों से भरा पड़ा है , िज अरािमयों ने उतावली के मारे फक िदया था; तब दू त लौट आए, और राजा
से यह कह सुनाया।
16 तब लोगों ने िनकल कर अराम के डे रों को लूट िलया; और यहोवा के वचन के अनु सार एक सआ मै दा एक शेकेल म, और दो सआ जव एक शेकेल म िबकने लगा।
17 और राजा ने उस सरदार को िजसके हाथ पर वह तिकया करता था फाटक का अिधकारी ठहराया; तब वह फाटक म लोगों के पावों के नीचे दब कर मर गया। यह परमे र के भ
के उस वचन के अनु सार आ जो उसने राजा से उसके यहां आने के समय कहा था।
18 परमे र के भ ने जैसा राजा से यह कहा था, िक कल इसी समय शोमरोन के फाटक म दो सआ जव एक शेकेल म, और एक सआ मैदा एक शेकेल म िबकेगा, वैसा ही आ।
19 और उस सरदार ने परमे र के भ को, उ र दे कर कहा था, िक सु न चाहे यहोवा आकाश म झरोखे खोले तौभी ा ऐसी बात हो सकेगी? और उसने कहा था, सु न, तू यह अपनी
आं खों से तो दे खेगा, पर ु उस अ म से खाने न पाएगा।
20 सो उसके साथ ठीक वैसा ही आ, अतएव वह फाटक म लोगों के पां वों के नीचे दब कर मर गया।
2 राजा 8
1 िजस ी के बेटे को एलीशा ने िजलाया था, उस से उसने कहा था िक अपने घराने समे त यहां से जा कर जहां कही ं तू रह सके वहां रह; ोंिक यहोवा की इ ा है िक अकाल पड़े ,
और वह इस दे श म सात वष तक बना रहेगा।
2 परमे र के भ के इस वचन के अनुसार वह ी अपने घराने समे त पिल यों के दे श म जा कर सात वष रही।
3 सात वष के बीतने पर वह पिल यों के दे श से लौट आई, और अपने घर और भूिम के िलये दोहाई दे ने को राजा के पास गई।
4 राजा परमे र के भ के सेवक गेहजी से बात कर रहा था, और उसने कहा िक जो बड़े बड़े काम एलीशा ने िकये ह उ मुझ से वणन कर।
5 जब वह राजा से यह वणन कर ही रहा था िक एलीशा ने एक मु द को िजलाया, तब िजस ी के बेटे को उसने िजलाया था वही आकर अपने घर और भूिम के िलये दोहाई दे ने लगी।
तब गेहजी ने कहा, हे मेरे भु! हे राजा! यह वही ी है और यही उसका बे टा है िजसे एलीशा ने िजलाया था।
6 जब राजा ने ी से पूछा, तब उसने उस से सब कह िदया। तब राजा ने एक हािकम को यह कह कर उसके साथ कर िदया िक जो कुछ इसका था वरन जब से इस ने दे श को छोड़
िदया तब से इसके खेत की िजतनी आमदनी अब तक ई हो सब इसे फेर दे ।
7 और एलीशा दिमशक को गया। और जब अराम के राजा बे दद को जो रोगी था यह समाचार िमला, िक परमे र का भ यहां भी आया है,
8 तब उसने हजाएल से कहा, भट ले कर परमे र के भ से िमलने को जा, और उसके ारा यहोवा से यह पू छ, िक ा बे दद जो रोगी है वह बचेगा िक नही ं?
9 तब हजाएल भट के िलये दिम की सब उ म उ म व ुओं से चालीस ऊंट लदवा कर, उस से िमलने को चला, और उसके स ुख खड़ा हो कर कहने लगा, तेरे पु अराम के
राजा बे दद ने मु झे तुझ से यह पूछने को भेजा है, िक ा म जो रोगी ँ तो बचूंगा िक नहीं?
10 एलीशा ने उस से कहा, जा कर कह, तू िन य बच सकता, तौभी यहोवा ने मुझ पर गट िकया है , िक तू िन:स े ह मर जाएगा।
11 और वह उसकी ओर टकटकी बा कर दे खता रहा, यहां तक िक वह ल त आ। और परमे र का भ रोने लगा।
12 तब हजाएल ने पूछा, मेरा भु ों रोता है? उसने उ र िदया, इसिलये िक मु झे मालूम है िक तू इ ाएिलयों पर ा ा उप व करे गा; उनके गढ़ वाले नगरों को तू फूंक दे गा; उनके
जवानों को तू तलवार से घात करे गा, उनके बाल-ब ों को तू पटक दे गा, और उनकी गभवती यों को तू चीर डालेगा।
13 हजाएल ने कहा, तेरा दास जो कु े सरीखा है, वह ा है िक ऐसा बड़ा काम करे ? एलीशा ने कहा, यहोवा ने मु झ पर यह गट िकया है िक तू अराम का राजा हो जाएगा।
14 तब वह एलीशा से िबदा हो कर अपने ामी के पास गया, और उसने उस से पूछा, एलीशा ने तुझ से ा कहा? उसने उ र िदया, उसने मुझ से कहा िक बे दद िन:स े ह बचेगा।
15 दू सरे िदन उसने राजाई को ले कर जल से िभगो िदया, और उसको उसके मुंह पर ऐसा ओढ़ा िदया िक वह मर गया। तब हजाएल उसके थान पर रा करने लगा।
16 इ ाएल के राजा अहाब के पु योराम के पांचव वष म, जब य दा का राजा यहोशापात जीिवत था, तब यहोशापात का पु यहोराम य दा पर रा करने लगा।
17 जब वह राजा आ, तब ब ीस वष का था, और आठ वष तक य शले म म रा करता रहा।
18 वह इ ाएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, ोंिक उसकी ी अहाब की बेटी थी; और वह उस काम को करता था जो यहोवा की ि म बुरा है ।
19 तौभी यहोवा ने य दा को नाश करना न चाहा, यह उसके दास दाऊद के कारण आ, ोंिक उसने उसको वचन िदया था, िक तेरे वंश के िनिम म सदा तेरे िलये एक दीपक
जलता आ रखूंगा।
20 उसके िदनों म एदोम ने य दा की आधीनता छोड़कर अपना एक राजा बना िलया।
21 तब योराम अपने सब रथ साथ िलये ए साईर को गया, ओर रात को उठ कर उन एदोिमयों को जो उसे घे रे ए थे , और रथों के धानों को भी मारा; और लोग अपने अपने डे रे को
भाग गए।
22 यों एदोम य दा के वश से छूट गया, और आज तक वैसा ही है। उस समय िल ा ने भी य दा की आधीनता छोड़ दी।
23 योराम के और सब काम और जो कुछ उसने िकया, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
24 िनदान योराम अपने पुरखाओं के संग सो गया और उनके बीच दाऊदपु र म उसे िम ी दी गई; और उसका पु अह ाह उसके थान पर रा करने लगा।
25 अहाब के पु इ ाएल के राजा योराम के बारहव वष म य दा के राजा यहोराम का पु अह ाह रा करने लगा।
26 जब अह ाह राजा बना, तब बाईस वष का था, और य शलेम म एक ही वष रा िकया। और उसकी माता का नाम अत ाह था, जो इ ाएल के राजा ओ ी की पोती थी।
27 वह अहाब के घराने की सी चाल चला, और अहाब के घराने की नाईं वह काम करता था, जो यहोवा की ि म बु रा है , ोंिक वह अहाब के घराने का दामाद था।
28 और वह अहाब के पु योराम के संग िगलाद के रामोत म अराम के राजा हजाएल से लड़ने को गया, और अरािमयों ने योराम को घायल िकया।
29 सो राजा योराम इसिलये लौट गया, िक िय ैल म उन घावों का इलाज कराए, जो उसको अरािमयों के हाथ से उस समय लगे , जब वह हजाएल के साथ लड़ रहा था। और अहाब का
पु योराम तो िय ै ल म रोगी रहा, इस कारण य दा के राजा यहोराम का पु अहजयाह उसको दे खने गया।
2 राजा 9
1 तब एलीशा भिव ा ने भिव ाओं के चे लों म से एक को बु ला कर उस से कहा, कमर बा , और हाथ म तेल की यह कु ी ले कर िगलाद के रामोत को जा।
2 और वहां प ंचकर ये को जो यहोशापात का पु और िनमशी का पोता है, ढू ं ढ़ लेना; तब भीतर जा, उसकी खड़ा करा कर उसके भाइयों से अलग एक भीतरी कोठरी म ले जाना।
3 तब तेल की यह कु ी ले कर ते ल को उसके िसर पर यह कह कर डालना, यहोवा यों कहता है , िक म इ ाएल का राजा होने के िलये तेरा अिभषेक कर दे ता ँ। तब ार खोल कर
भागना, िवल न करना।
4 तब वह जवान भिव ा िगलाद के रामोत को गया।
5 वहां प ं चकर उसने ा दे खा, िक सेनापित बैठे हए ह; तब उसने कहा, हे से नापित, मुझे तुझ से कुछ कहना है । ये ने पूछा, हम सभों म िकस से? उसने कहा हे सेनापित, तु झी से !
6 तब वह उठ कर घर म गया; और उसने यह कह कर उसके िसर पर तेल डाला िक इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, म अपनी जा इ ाएल पर राजा होने के िलये तेरा
अिभषेक कर दे ता ँ।
7 तो तू अपने ामी अहाब के घराने को मार डालना, िजस से मु झे अपने दास भिव ाओं के वरन अपने सब दासों के खून का जो ईज़ेबेल ने बहाया, पलटा िमले ।
8 ोंिक अहाब का सम घराना नाश हो जाएगा, और म अहाब के वंश के हर एक लड़के को और इ ाएल म के ा ब ुए, ा ाधीन, हर एक को नाश कर डालूंगा।
9 और म अहाब का घराना नबात के पु यारोबाम का सा, और अिह ाह के पु बाशा का सा कर दू ं गा।
10 और ईज़ेबेल को िय ैल की भूिम म कु े खाएं गे, और उसको िम ी दे ने वाला कोई न होगा। तब वह ार खोल कर भाग गया।
11 तब ये अपने ामी के कमचा रयों के पास िनकल आया, और एक ने उस से पूछा, ा कुशल है , वह बावला ों ते रे पास आया था? उसने उन से कहा, तुम को मालूम होगा िक
वह कौन है और उस से ा बातचीत ई।
12 उ ोंने कहा झूठ है , हम बता दे । उसने कहा, उसने मुझ से कहा तो ब त, पर ु मतलब यह है िक यहोवा यों कहता है िक म इ ाएल का राजा होने के िलये तेरा अिभषे क कर दे ता
ँ।
13 तब उ ोंने झट अपना अपना व उतार कर उसके नीचे सीढ़ी ही पर िबछाया, और नरिसं गे फूंक कर कहने लगे , ये राजा है।
14 यों ये जो िनमशी का पोता और यहोशापात का पु था, उसने योराम से राज ोह की गो ी की। ( योराम तो सब इ ाएल समेत अराम के राजा हजाएल के कराण िगलाद के रामोत
की र ा कर रहा था;
15 पर ु राजा योराम आप अपने घाव का जो अराम के राजा हजाएल से यु करने के समय उसको अरािमयों से लगे थे, उनका इलाज कराने के िलये िय ैल को लौठ गया था। ) तब
ये ने कहा, यिद तु ारा ऐसा मन हो, तो इस नगर म से कोई िनकल कर िय ैल म सु नाने को न जाने पाए।
16 तब ये रथ पर चढ़कर, िय ैल को चला जहां योराम पड़ा आ था; और य दा का राजा अह ाह योराम के दे खने को वहां आया था।
17 िय ै ल के गु ट पर, जो पह आ खड़ा था, उसने ये के संग आते ए दल को दे ख कर कहा, मुझे एक दल दीखता है; योराम ने कहा, एक सवार को बु ला कर उन लोगों से िमलने
को भेज और वह उन से पूछे, ा कुशल है?
18 तब एक सवार उस से िमलने को गया, और उस से कहा, राजा पू छता है , ा कुशल है ? ये ने कहा, कुशल से तेरा ा काम? हट कर मेरे पीछे चल। तब पह ए ने कहा, वह दू त
उनके पास प ंचा तो था, पर ु लौट कर नही ं आया।
19 तब उसने दू सरा सवार भेजा, और उसने उनके पास प ंच कर कहा, राजा पू छता है , ा कुशल है ? ये ने कहा, कुशल से तेरा ा काम? हट कर मेरे पीछे चल।
20 तब पह ए ने कहा, वह भी उनके पास प ंचा तो था, पर ु लौट कर नही ं आया। हांकना िनमशी के पोते ये का सा है ; वह तो बौड़हे की नाईं हांकता है।
21 योराम ने कहा, मेरा रथ जुतवा। जब उसका रथ जुत गया, तब इ ाएल का राजा योराम और य दा का राजा अह ाह, दोनों अपने अपने रथ पर चढ़ कर िनकल गए, और ये से
िमलने को बाहर जा कर िय ैल नाबोत की भूिम म उस से भट की।
22 ये को दे खते ही योराम ने पूछा, हे ये ा कुशल है ? ये ने उ र िदया, जब तक ते री माता ईज़े बेल िछनालपन और टोना करती रहे, तब तक कुशल कहां?
23 तब योराम रास फेर के, और अह ाह से यह कहकर िक हे अह ाह िव ासघात है , भाग चल।
24 तब ये ने धनुष को कान तक खी ंच कर योराम के पखौड़ों के बीच ऐसा तीर मारा, िक वह उसका दय फोड़ कर िनकल गया, और वह अपने रथ म झुक कर िगर पड़ा।
25 तब ये ने िबदकर नाम अपने एक सरदार से कहा, उसे उठा कर िय ैली नाबोत की भूिम म फक दे ; रण तो कर, िक जब म और तू, हम दोनों एक संग सवार हो कर उसके िपता
अहाब के पीछे पीछे चल रहे थे तब यहोवा ने उस से यह भरी वचन कहवाया था, िक यहोवा की यह वाणी है,
26 िक नाबोत और उसके पु ों का जो खू न आ, उसे म ने दे खा है , और यहोवा की यह वाणी है , िक म उसी भूिम म तुझे बदला दू ं गा। तो अब यहोवा के उस वचन के अनु सार इसे उठा
कर उसी भूिम म फक दे ।
27 यह दे खकर य दा का राजा अह ाह बारी के भवन के माग से भाग चला। और ये ने उसका पीछा कर के कहा, उसे भी रथ ही पर मारो; तो वह भी ियबलाम के पास की गू र की
चढ़ाई पर मारा गया, और मिग ो तक भाग कर मर गया।
28 तब उसके कमचा रयों ने उसे रथ पर य शलेम को प ंचा कर दाऊदपुर म उसके पु रखाओं के बीच िम ी दी।
29 अह ाह तो अहाब के पु योराम के ारहव वष म य दा पर रा करने लगा था।
30 जब ये िय ैल को आया, तब ईज़ेबेल यह सुन अपनी आं खों म सुमा लगा, अपना िसर सं वार कर, खड़की म से झांकने लगी।
31 जब ये फाटक म हो कर आ रहा था तब उसने कहा, हे अपने ामी के घात करने वाले िज ी, ा कुशल है ?
32 तब उसने खड़की की ओर मुंह उठा कर पूछा, मेरी ओर कौन है? कौन? इस पर दो तीन खोजों ने उसकी ओर झां का।
33 तब उसने कहा, उसे नीचे िगरा दो। सो उ ोंने उसको नीचे िगरा िदया, और उसके लो के कुछ छींटे भीत पर और कुछ घोड़ों पर पड़े , और उ ोंने उसको पां व से लताड़ िदया।
34 तब वह भीतर जा कर खाने पीने लगा; और कहा, जाओ उस ािपत ी को दे ख लो, और उसे िम ी दो; वह तो राजा की बेटी है।
35 जब वे उसे िम ी दे ने गए, तब उसकी खोपड़ी पांवों और हथेिलयों को छोड़ कर उसका और कुछ न पाया।
36 सो उ ोंने लौट कर उस से कह िदया; तब उसने कहा, यह यहोवा का वह वचन है , जो उसने अपने दास ितशबी एिल ाह से कहलवाया था, िक ईज़ेबेल का मांस िय ैल की भूिम म
कु ों से खाया जाएगा।
37 और ईज़ेबेल की लोथ िय ैल की भू िम पर खाद की नाईं पड़ी रहेगी, यहां तक िक कोई न कहेगा, यह ईज़े बेल है ।
2 राजा 10
1 अहाब के तो स र बेटे, पोते, शोमरोन म रहते थे। सो ये ने शोमरोन म उन पुरिनयों के पास, और जो िय ै ल के हािकम थे , और जो अहाब के लड़के-बालों के पालने वाले थे, उनके
पास प िलख कर भेजे,
2 िक तु ारे ामी के बेटे, पोते तो तु ारे पास रहते ह, और तु ारे रथ, और घोड़े भी ह, और तु ारे एक गढ़वाला नगर, और हिथयार भी ह; तो इस प के हाथ लगते ही,
3 अपने ामी के बे टों म से जो सब से अ ा और यो हो, उसको छां ट कर, उसके िपता की ग ी पर बै ठाओ, और अपने ामी के घराने के िलये लड़ो।
4 परं तु वे िनपट डर गए, और कहने लगे, उसके सा ने दो राजा भी ठहर न सके, िफर हम कहां ठहर सकगे?
5 तब जो राज घराने के काम पर था, और जो नगर के ऊपर था, उ ोंने और पु रिनयों और लड़के-बालों के पालने वालों ने ये के पास यों कहला भेजा, िक हम तेरे दास ह, जो कुछ तू
हम से कहे , उसे हम करगे; हम िकसी को राजा न बनाएं गे, जो तुझे भाए वही ं कर।
6 तब उसने दू सरा प िलख कर उनके पास भेजा, िक यिद तुम मे री ओर के हो और मे री मानो, तो अपने ामी के बे टों-पोतों के िसर कटवाकर कल इसी समय तक मेरे पास िय ै ल म
हािजर होना। राजपु तो जो स र मतु थे, वे उस नगर के रईसों के पास पलते थे।
7 यह प उनके हाथ लगते ही, उ ोंने उन स रों राजपु ों को पकड़ कर मार डाला, और उनके िसर टोक रयों म रख कर िय ैल को उसके पास भेज िदए।
8 और एक दू त ने उसके पास जा कर बता िदया, िक राजकुमारों के िसर आ गए ह। तब उसने कहा, उ फाटक म दो ढे र कर के िबहान तक रखो।
9 िबहान को उसने बाहर जा खड़े हो कर सब लोगों से कहा, तुम तो िनद ष हो, म ने अपने ामी से राज ोह की गो ी कर के उसे घात िकया, पर ु इन सभों को िकस ने मार डाला?
10 अब जान लो िक जो वचन यहोवा ने अपने दास एिल ाह के ारा कहा था, उसे उसने पू रा िकया है ; जो वचन यहोवा ने अहाब के घराने के िवषय कहा, उस म से एक भी बात िबना
पू री ए न रहेगी।
11 तब अहाब के घराने के िजतने लोग िय ैल म रह गए, उन सभों को और उसके िजतने धान पु ष और िम और याजक थे, उन सभों को ये ने मार डाला, यहां तक िक उसने
िकसी को जीिवत न छोड़ा।
12 तब वह वहां से चलकर शोमरोन को गया। और माग म चरवाहों के ऊन कतरने के थान पर प ं चा ही था,
13 िक य दा के राजा अह ाह के भाई ये से िमले और जब उसने पूछा, तुम कौन हो? तब उ ोंने उ र िदया, हम अह ाह के भाई ह, और राजपु ों और राजमाता के बेटों का
कुशल े म पूछने को जाते ह।
14 तब उसने कहा, इ जीिवत पकड़ो। सो उ ोंने उन को जो बयालीस पु ष थे , जीिवत पकड़ा, और ऊन कतरने के थान की बावली पर मार डाला, उसने उन म से िकसी को न
छोड़ा।
15 जब वह वहां से चला, तब रे काब का पु यहोनादाब सा ने से आता आ उसको िमला। उसका कुशल उस ने पूछ कर कहा, मेरा मन तो तेरी ओर िन पट है सो ा तेरा मन भी
वैसा ही है? यहोनादाब ने कहा, हां, ऐसा ही है। िफर उसने कहा, ऐसा हो, तो अपना हाथ मु झे दे । उसने अपना हाथ उसे िदया, और वह यह कह कर उसे अपने पास रथ पर चढ़ाने लगा,
िक मे रे सं ग चल।
16 और दे ख, िक मुझे यहोवा के िनिम कैसी जलन रहती है। तब वह उसके रथ पर चढ़ा िदया गया।
17 शोमरोन को प ंच कर उसने यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने एिल ाह से कहा था, अहाब के िजतने शोमरोन म बचे रहे, उन सभों को मार के िवनाश िकया।
18 तब ये ने सब लोगों को इक ा कर के कहा, अहाब ने तो बाल की थोड़ी ही उपासना की थी, अब ये उसकी अपासना बढ़के करे गा।
19 इसिलये अब बाल के सब निबयों, सब उपासकों और सब याजकों को मे रे पास बु ला लाओ, उन म से कोई भी न रह जाए; ोंिक बाल के िलये मेरा एक बड़ा य होने वाला है; जो
कोई न आए वह जीिवत न बचेगा। ये ने यह काम कपट कर के बाल के सब उपासकों को नाश करने के िलये िकया।
20 तब ये ने कहा, बाल की एक पिव महासभा का चार करो। और लोगों ने चार िकया।
21 और ये ने सारे इ ाएल म दू त भेजे; तब बाल के सब उपासक आए, यहां तक िक ऐसा कोई न रह गया जो न आया हो। और वे बाल के भवन म इतने आए, िक वह एक िसरे से
दू सरे िसरे तक भर गया।
22 तब उसने उस मनु से जो व के घर का अिधकारी था, कहा, बाल के सब उपासकों के िलये व िनकाल ले आ; सो वह उनके िलये व िनकाल ले आया।
23 तब ये रे काब के पु यहोनादाब को संग ले कर बाल के भवन म गया, और बाल के उपासकों से कहा, ढू ं ढ़ कर दे खो, िक यहां तु ारे संग यहोवा का कोई उपासक तो नही ं है,
केवल बाल ही के उपासक ह। तब वे मेलबिल और होमबिल चढ़ाने को भीतर गए।
24 ये ने तो अ ी पु ष बाहर ठहरा कर उन से कहा था, यिद उन मनु ों म से िज म तु ारे हाथ कर दू ं , कोई भी बचने पाए, तो जो उसे जाने दे गा उसका ाण, उसके ाण की
स ी जाएगा।
25 िफर जब होमबिल चढ़ चुका, तब ये ने पह ओं उौर सरदारों से कहा, भीतर जा कर उ मार डालो; कोई िनकलने न पाए। तब उ ोंने उ तलवार से मारा और पह ए और
सरदार उन को बाहर फक कर बाल के भवन के नगर को गए।
26 और उ ोंने बाल के भवन म की लाठ िनकाल कर फूंक दी ं।
27 और बाल की लाठ को उ ोंने तोड़ डाला; और बाल के भवन को ढाकर पायखाना बना िदया; और वह आज तक ऐसा ही है ।
28 यों ये ने बाल को इ ाएल म से नाश कर के दू र िकया।
29 तौभी नबात के पु यारोबाम, िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार करने, अथात बे तेल और दान म के सोने के बछड़ों की पूजा, उस से ये अलग न आ।
30 और यहोवा ने ये से कहा, इसिलये िक नू ने वह िकया, जो मेरी ि म ठीक है, और अहाब के घराने से मे री इ ा के अनुसार बताव िकया है, तेरे पर पोते के पु तक ते री स ान
इ ाएल की ग ी पर िवराजती रहेगी।
31 पर ु ये ने इ ाएल के परमे र यहोवा की व था पर पू ण मन से चलने की चौकसी न की, वरन यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार करने से वह
अलग न आ।
32 उन िदनों यहोवा इ ाएल को घटाने लगा, इसिलये हजाएल ने इ ाएल के उन सारे दे शों म उन को मारा:
33 यरदन से पूरब की ओर िगलाद का सारा दे श, और गादी और बेनी और मन ेई का दे श अथात अरोएर से ले कर जो अन न की तराई के पास है, िगलाद और बाशान तक।
34 ये के और सब काम और जो कुछ उसने िकया, और उसकी पू ण वीरता, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
35 िनदान ये अपने पु रखाओं के संग सो गया, और शोमरोन म उसको िम ी दी गई, और उसका पु यहोआहाज उसके थान पर राजा बन गया।
36 ये के शोमरोन म इ ाएल पर रा करने का समय तो अ ाईस वष का था।
2 राजा 11
1 जब अह ाह की माता अत ाह ने दे खा, िक मेरा पु मर गया, तब उसने पू रे राजवंश को नाश कर डाला।
2 पर ु यहोशेबा जो राजा योराम की बेटी, और अह ाह की बिहन थी, उसने अह ाह के पु योआश को घात होने वाले राजकुमारों के बीच म से चुराकर धाई समेत िबछौने रखने की
कोठरी म िछपा िदया। और उ ोंने उसे अत ाह से ऐसा िछपा रखा, िक वह मारा न गया।
3 और वह उसके पास यहोवा के भवन म छ:वष िछपा रहा, और अत ाह दे श पर रा करती रही।
4 सातव वष म यहोयादा ने ज ादों और पह ओं के शतपितयों को बुला भेजा, और उन को यहोवा के भवन म अपने पास ले आया; और उन से वाचा बा ी और यहोवा के भवन म उन
को शपथ खला कर, उन को राजपु िदखाया।
5 और उसने उ आ ा दी, िक एक काम करो: अथात तुम म से एक ितहाई लोग जो िव ामिदन को आने वाले हों, वह राजभवन के पहरे की चौकसी कर।
6 और एक ितहाई लोग सूर नाम फाटक म ठहरे रह, और एक ितहाई लोग पह ओं के पीछे के फाटक म रह; यों तुम भवन की चौकसी कर के लोगों को रोके रहना।
7 और तु ारे दो दल अथात िजतने िव ाम िदन को बाहर जाने वाले हों वह राजा के आसपास हो कर यहोवा के भवन की चौकसी कर।
8 और तुम अपने अपने हाथ म हिथयार िलये ए राजा के चारों ओर रहना, और जो कोई पांितयों के भीतर घुसना चाहे वह मार डाला जाए, और तु म राजा के आते -जाते समय उसके
सं ग रहना।
9 यहोयादा याजक की इन सब आ ाओं के अनु सार शतपितयों ने िकया। वे िव ामिदन को आने वाले और जाने वाले दोनों दलों के अपने अपने जनों को सं ग ले कर यहोयादा याजक के
पास गए।
10 तब याजक ने शतपितयों को राजा दाऊद के बछ, और ढाल जो यहोवा के भवन म थी ं दे दी ं।
11 इसिलये वे पह ए अपने अपने हाथ म हिथयार िलये ए भवन के द नी कोने से ले कर उ री कोने तक वेदी और भवन के पास राजा के चारों ओर उसकी आड़ कर के खड़े ए।
12 तब उसने राजकुमार को बाहर ला कर उसके िसर पर मु कुट, और सा ीप धर िदया; तब लोगों ने उसका अिभषेक कर के उसको राजा बनाया; िफर ताली बजा बजा कर बोल
उठे , राजा जीिवत रहे।
13 जब अत ाह को पह ओं और लोगों का हलचल सुन पड़ा, तब वह उनके पास यहोवा के भवन म गई।
14 और उसने ा दे खा िक राजा रीित के अनुसार ख े के पास खड़ा है , और राजा के पास धान और तु रही बजाने वाले खड़े ह। और लोग आन करते और तुरिहयां बजा रहे ह।
तब अत ाह अपने व फाड़कर राज ोह राज ोह यों पुकारने लगी।
15 तब यहोयादा याजक ने दल के अिधकारी शतपितयों को आ ा दी िक उसे अपनी पांितयों के बीच से िनकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले उसे तलवार से मार डालो।
ोंिक याजक ने कहा, िक वह यहोवा के भवन म न मार डाली जाए।
16 इसिलये उ ोंने दोनों ओर से उसको जगह दी, और वह उस माग के बीच से चली गई, िजस से घोड़े राजभवन म जाया करते थे; और वहां वह मार डाली गई।
17 तब यहोयादा ने यहोवा के, और राजा- जा के बीच यहोवा की जा होने की वाचा ब ाई, और उसने राजा और जा के म भी वाचा ब ाई।
18 तब सब लोगों ने बाल के भवन को जा कर ढा िदया, और उसकी वेिदयां और मू रत भली भं ित तोड़ दीं; और मतान नाम बाल के याजक को वेिदयों के सा ने ही घात िकया। और
याजक ने यहोवा के भवन पर अिधकारी ठहरा िदए।
19 तब वह शतपितयों, ज ादों और पह ओं और सब लोगों को साथ ले कर राजा को यहोवा के भवन से नीचे ले गया, और पह ओं के फाटक के माग से राजभवन को प ंचा िदया।
और राजा राजग ी पर िवराजमान आ।
20 तब सब लोग आन त ए, और नगर म शा ई। अत ाह तो राजभवन के पास तलवार से मार डाली गई थी।
21 जब योआश राजा आ, उस समय वह सात पष का था।
2 राजा 12
1 ये के सातव वष म योआश रा करने लगा, और य शलेम म चालीस वष तक रा करता रहा। उसकी माता का नाम िस ा था जो बेशबा की थी।
2 और जब तक यहोयादा याजक योआश को िश ा दे ता रहा, तब तक वह वही काम करता रहा जो यहोवा की ि म ठीक है।
3 तौभी ऊंचे थान िगराए न गए; जा के लोग तब भी ऊंचे थान पर बिल चढ़ाते और धूप जलाते रहे।
4 और योआश ने याजकों से कहा, पिव की ई व ुओं का िजतना पया यहोवा के भवन म प ंचाया जाए, अथात िगने ए लोगों का पया और िजतने पये के जो कोई यो
ठहराया जाए, और िजतना पया िजसकी इ ा यहोवा के भवन म ले आने की हो,
5 इन सब को याजक लोग अपनी जान पहचान के लोगों से िलया कर और भवन म जो कुछ टू टा फूटा हो उसको सुधार द।
6 तौभी याजकों ने भवन म जो टू टा फूटा था, उसे योआश राजा के तेईसव वष तक नही ं सु धारा था।
7 इसिलये राजा योआश ने यहोयादा याजक, और और याजकों को बु लवा कर पू छा, भवन म जो कुछ टू टा फूटा है, उसे तु म ों नही ं सु धारते ? अब से अपनी जान पहचान के लोगों से
और पया न ले ना, और जो तु िमले, उसे भवन के सुधारने के िलये दे दे ना।
8 तब याजकों ने मानिलया िक न तो हम जा से और पया ल और न भवन को सु धार।
9 तब यहोयादा याजक ने एक स दू क ले, उस के ढकने म छे द कर के उसको यहोवा के भवन म आने वालों के दािहने हाथ पर वेदी के पास धर िदया; और ार की रखवाली करने वाले
याजक उस म वह सब पया डालते लगे जो यहोवा के भवन म लाया जाता था।
10 जब उ ोंने दे खा, िक स दू क म ब त पया है, तब राजा के धान और महायाजक ने आकर उसे थैिलयों म बा िदया, और यहोवा के भवन म पाए ए पये को िगन िलया।
11 तब उ ोंने उस तौले ए पये को उन काम कराने वालों के हाथ म िदया, जो यहोवा के भवन म अिधकारी थे ; और इ ोंने उसे यहोवा के भवन के बनाने वाले बढ़इयों, राजों, और
संगतराशों को िदये।
12 और लकड़ी और गढ़े ए प र मोल लेने म, वरन जो कुछ भवन के टू टे फूटे की मर त म खच होता था, उस म लगाया।
13 पर ु जो पया यहोवा के भवन म आता था, उस से चा ी के तसले , िचमटे , कटोरे , तुरिहयां आिद सोने वा चा ी के िकसी कार के पा न बने।
14 पर ु वह काम करने वाले को िदया गया, और उ ोंने उसे ले कर यहोवा के भवन की मर त की।
15 और िजनके हाथ म काम करने वालों को दे ने के िलये पया िदया जाता था, उन से कुछ िहसाब न िलया जाता था, ोंिक वे स ाई से काम करते थे।
16 जो पया दोषबिलयों और पापबिलयों के िलये िदया जाता था, यह तो यहोवा के भवन म न लगाया गया, वह याजकों को िमलता था।
17 तब अराम के राजा हजाएल ने गत नगर पर चढ़ाई की, और उस से लड़ाई कर के उसे ले िलया। तब उसने य शले म पर भी चढ़ाई करने को अपना मुंह िकया।
18 तब य दा के राजा योआश ने उन सब पिव व ुओं को िज उसके पुरखा यहोशापात यहोराम और अह ाह नाम य दा के राजाओं ने पिव िकया था, और अपनी पिव की ई
व ुओं को भी और िजतना सोना यहोवा के भवन के भणडारों म और राजभवन म िमला, उस सब को ले कर अराम के राजा हजाएल के पास भेज िदया; और वह य शले म के पास से
चला गया।
19 योआश के और सब काम जो उसने िकया, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
20 योआश के कमचा रयों ने राज ोह की गो ी कर के, उसको िम ो के भवन म जो िस ा की उतराई पर था, मार डाला।
21 अथात िशमात का पु योजाकार और शोमेर का पु यहोजाबाद, जो उसके कमचारी थे, उ ोंने उसे ऐसा मारा, िक वह मर गया। तब उसे उसके पुरखाओं के बीच दाऊदपु र म
िम ी दी, और उसका पु अम ाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 13
1 अह ाह के पु य दा के राजा योआश के तेईसव वष म ये का पु यहोआहाज शोमरोन म इ ाएल पर रा करने लगा, और स ह वष तक रा करता रहा।
2 और उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था अथात नबात के पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन को छोड़ न
िदया।
3 इसिलये यहोवा का ोध इ ाएिलयों के िव भड़क उठा, और उसने उन को अराम के राजा हजाएल, और उसके पु बे दद के आधीन कर िदया।
4 तब यहोआहाज यहोवा के सा ने िगड़िगड़ाया और यहोवा ने उसकी सुन ली; ोंिक उसने इ ाएल पर अ े र दे खा िक अराम का राजा उन पर कैसा अ ेर करता था।
5 इसिलये यहोवा ने इ ाएल को एक छु ड़ाने वाला िदया और वे अराम के वश से छूट गए; और इ ाएली अगले िदनों की नाईं िफर अपने अपने डे रे म रहने लगे।
6 तौभी वे ऐसे पापों से न िफरे , जैसे यारोबाम के घराने ने िकया, और िजनके अनु सार उसने इ ाएल से पाप कराए थे : पर ु उन म चलते रहे, और शोमरोन म अशेरा भी खड़ी रही।
7 अराम के राजा ने तो यहोआहाज की सेना म से केवल पचास सवार, दस रथ, और दस हजार ादे छोड़ िदए थे ; ोंिक उसने उन को नाश िकया, और रौंद रौंद कर के धूिल म िमला
िदया था।
8 यहोआहाज के और सब काम जो उसने िकए, और उसकी वीरता, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
9 िनदान यहोआहाज अपने पुरखाओं के संग सो गया और शोमरोन म उसे िम ी दी गई; और उसका पु योआश उसके थान पर रा करने लगा।
10 य दा के राजा योआश के रा के सतीसव वष म यहोआहाज का पु यहोआश शोमरोन म इ ाएल पर रा करने लगा, और सोलह वष तक रा करता रहा।
11 और उसने वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा था, अथात नबात का पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन से अलग न
आ।
12 योआश के और सब काम जो उसने िकए, और िजस वीरता से वह य दा के राजा अम ाह से लड़ा, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
13 िनदान योआश अपने पुरखाओं के संग सो गया और यारोबाम उसकी ग ी पर िवराजमान आ; और योआश को शोमरोन म इ ा एल के राजाओं के बीच िम ी दी गई।
14 और एलीशा को वह रोग लग गया िजस से वह मरने पर था, तब इ ाएल का राजा योआश उसके पास गया, और उस के ऊपर रोकर कहने लगा, हाय मेरे िपता! हाय मेरे िपता! हाय
इ ाएल के रथ और सवारो! एलीश ने उस से कहा, धनुष और तीर ले आ।
15 वह उसके पास धनुष और तीर ले आया।
16 तब उसने इ ाएल के राजा से कहा, धनुष पर अपना हाथ लगा। जब उसने अपना हाथ लगाया, तब एलीशा ने अपने हाथ राजा के हाथों पर धर िदए।
17 तब उसने कहा, पू व की खड़की खोल। जब उसने उसे खोल िदया, तब एलीशा ने कहा, तीर छोड़ दे ; उसने तीर छोड़ा। और एलीशा ने कहा, यह तीर यहोवा की ओर से छु टकारे
अथात अराम से छु टकारे का िच है, इसिलये तू अपेक म अराम को यहां तक मार ले गा िक उनका अ कर डाले गा।
18 िफर उसने कहा, तीरों को ले; और जब उसने उ िलया, तब उसने इ ाएल के राजा से कहा, भू िम पर मार; तब वह तीन बार मार कर ठहर गया।
19 और परमे र के जन ने उस पर ोिधत हो कर कहा, तुझे तो पां च छ: बार मारना चािहये था। ऐसा करने से तो तू अराम को यहां तक मारता िक उनका अ कर डालता, पर ु अब
तू उ तीन ही बार मारे गा।
20 तब एलीशा मर गया, और उसे िम ी दी गई। एक वष के बाद मोआब के दल दे श म आए।
21 लोग िकसी मनु को िम ी दे रहे थे, िक एक दल उ दे ख पड़ा तब उ ोंने उस लोथ को एलीशा की कबर म डाल िदया, और एलीशा की हि यों के छूते ही वह जी उठा, और
अपने पावों के बल खड़ा हो गया।
22 यहोआहाज के जीवन भर अराम का राजा हजाएल इ ाएल पर अ े र ही करता रहा।
23 पर ु यहोवा ने उन पर अनु ह िकया, और उन पर दया कर के अपनी उस वाचा के कारण जो उसने इ ाहीम, इसहाक और याकूब से बा ी थी, उन पर कृपा ि की, और न तो
उ नाश िकया, और न अपने सा ने से िनकाल िदया।
24 तब अराम का राजा हजाएल मर गया, और उसका पु बे दद उसके थान पर राजा बन गया।
25 और यहोआहाज के पु यहोआश ने हजाएल के पु बे दद के हाथ से वे नगर िफर ले िलये , िज उसने यु कर के उसके िपता यहोआहाज के हाथ से छीन िलया था। योआश ने
उसको तीन बार जीत कर इ ाएल के नगर िफर ले िलए।
2 राजा 14
1 इ ाएल के राजा यहोआहाज के पु योआश के दू सरे वष म य दा के राजा योआश का पु अस ाह राजा आ।
2 जब वह रा करने लगा। तब वह प ीस वष का था, और य शलेम म उनतीस वष रा करता रहा। और उसकी माता का नाम यहोअ ीन था, जो य शलेम की थी।
3 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म ठीक था तौभी अपने मूल पु ष दाऊद की नाईं न िकया; उसने ठीक अपने िपता योआश के से काम िकए।
4 उसके िदनों म ऊंचे थान िगराए न गए; लोग तब भी उन पर बिल चढ़ाते, और धूप जलाते रहे।
5 जब रा उसके हाथ म थर हो गया, तब उसने अपने उन कमचा रयों को मार डाला, िज ोंने उसके िपता राजा को मार डाला था।
6 पर ु उन खूिनयों के लड़के-बालों को उसने न मार डाला, ोंिक यहोवा की यह आ ा मू सा की व था की पु क म िलखी है, िक पु के कारण िपता न मार डाला जाए, और िपता
के कारण पु न मार डाला जाए: िजसने पाप िकया हो, वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।
7 उसी अम ाह ने लोन की तराई म दस हजार एदोमी पु ष मार डाले, और सेला नगर से यु कर के उसे ले िलया, और उसका नाम यो ेल रखा, और वह नाम आज तक चलता है ।
8 तब अम ाह ने इ ाएल के राजा योआश के पास जो ये का पोता और यहोआहाज का पु था दू तों से कहला भेजा, िक आ हम एक दू सरे का सा ना कर।
9 इ ाएल के राजा योआश ने य दा के राजा अम ाह के पास यों कहला भेजा, िक लबानोन पर की एक झड़बेरी ने लबानोन के एक दे वदा के पास कहला भेजा, िक अपनी बेटी मे रे
बेटे को ाह दे ; इतने म लबानोन म का एक बनपशु पास से चला गया और उस झड़बेरी को रौंद डाला।
10 तू ने एदोिमयों को जीता तो है इसिलये तू फूल उठा है। उसी पर बड़ाई मारता आ घर रह जा; तू अपनी हािन के िलये यहां ों हाथ उठाता है , िजस से तू ा वरन य दा भी नीचा
खाएगा?
11 पर ु अम ाह ने न माना। तब इ ाएल के राजा योआश ने चढाई की, और उसने और य दा के राजा अम ाह ने य दा दे श के बेतशेमेश म एक दू सरे का सामहना िकया।
12 और य दा इ ाएल से हार गया, और एक एक अपने अपने डे रे को भागा।
13 तब इ ाएल के राजा योआश ने य दा के राजा अम ाह को जो अह ाह का पोता, और योआश का पु था, बेतशेमेश म पकड़ िलया, और य शलेम को गया, और य शलेम की
शहरपनाह म से ए ैमी फाटक से कोने वाले फाटक तक चार सौ हाथ िगरा िदए।
14 और िजतना सोना, चा ी और िजतने पा यहोवा के भवन म और राजभवन के भणडारों म िमले , उन सब को और ब क लोगों को भी ले कर वह शोमरोन को लौट गया।
15 योआश के और काम जो उसने िकए, ओर उसकी वीरता और उसने िकस रीित य दा के राजा अम ाह से यु िकया, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म
नही ं िलखा है ?
16 िनदान योआश अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसे इ ाएल के राजाओं के बीच शोमरोन म िम ी दी गई; और उसका पु यारोबाम उसके थान पर रा करने लगा।
17 यहोआहाज के पु इ ाएल के राजा यहोआश के मरने के बाद योआश का पु य दा का राजा अम ाह प ह वष जीिवत रहा।
18 अम ाह के और काम ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
19 जब य शलेम म उसके िव राज ोह की गो ी की गई, तब वह लाकीश को भाग गया। सो उ ोंने लाकीश तक उसका पीछा कर के उसको वहां मार डाला।
20 तब वह घोड़ों पर रख कर य शलेम म प ंचाया गया, और वहां उसके पुरखाओं के बीच उसको दाऊदपुर म िम ी दी गई।
21 तब सारी य दी जा ने अजयाह को ले कर, जो सोलह वष का था, उसके िपता अम ाह के थान पर राजा िनयु कर िदया।
22 जब राजा अम ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया, उसके बाद अजयाह ने एलत को ढ़ कर के य दा के वश म िफर कर िलया।
23 य दा के राजा योआश के पु अम ाह के रा के प हव वष म इ ाएल के राजा योआश का पु यारोबाम शोमरोन म रा करने लगा, और एकतालीस वष रा करता रहा।
24 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था; अथात नबात के पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन से वह अलग न
आ।
25 उसने इ ाएल का िसवाना हमात की घाटी से ले अराबा के ताल तक ों का ों कर िदया, जै सा िक इ ाएल के परमे र यहोवा ने अिम ै के पु अपने दास गथेपेरवासी योना
भिव ा के ारा कहा था।
26 ोंिक यहोवा ने इ ाएल का दु :ख दे खा िक ब त ही किठन है , वरन ा ब ुआ ा ाधीन कोई भी बचा न रहा, और न इ ाएल के िलये कोई सहायक था।
27 यहोवा ने नहीं कहा था, िक म इ ाएल का नाम घरती पर से िमटा डालूं गा। सो उसने योआश के पु यारोबाम के ारा उन को छूटकारा िदया।
28 यारोबाम के और सब काम जो उसने िकए, और कैसे परा म के साथ उसने यु िकया, और दिम और हमात को जो पहले य दा के रा म थे इ ाएल के वश म िफर िमला
िलया, यह सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
29 िनदान यारोबाम अपने पुरखाओं के संग जो इ ाएल के राजा थे सो गया, और उसका पु जकयाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 15
1 इ ाएल के राजा यारोबाम के सताईसव वष म य दा के राजा अम ाह का पु अजयाह राजा आ।
2 जब वह रा करने लगा, तब सोलह वष का था, और य शलेम म बावन वष रा करता रहा। उसकी माता का नाम यको ाह था, जो य शलेम की थी।
3 जै से उसका िपता अम ाह िकया करता था जो यहोवा की ि म ठीक था, वैसे ही वह भी करता था।
4 तौभी ऊंचे थान िगराए न गए; जा के लोग उस समय भी उन पर बिल चढ़ाते , और धूप जलाते रहे।
5 और यहोवा ने उस राजा को ऐसा मारा, िक वह मरने के िदन तक कोढ़ी रहा, और अलग एक घर म रहता था। और योताम नाम राजपु उसके घराने के काम पर अिधकारी हो कर
दे श के लोगों का ाय करता था।
6 अजयाह के और सब काम जो उसने िकए, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म तही ं िलखे ह?
7 िनदान अजयाह अपने पु रखाओं के संग सो गया और उस को दाऊदपुर म उसके पु रखाओं के बीच िम ी दी गई, और उसका पु योताम उसके थान पर रा करने लगा।
8 य दा के राजा अजयाह के अड़तीसव वष म यारोबाम का पु जकयाह इ ाएल पर शोमरोन म रा करने लगा, और छ: महीने रा िकया।
9 उसने अपने पुरखाओं की नाईं वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा है, अथात नबात के पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और
उन से वह अलग न आ।
10 और याबेश के पु श ूम ने उस से राज ोह की गो ी कर के उसको जा के सा ने मारा, और उसका घात कर के उसके थान पर राजा आ।
11 जकयाह के और काम इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखे ह।
12 यों यहोवा का वह वचन पूरा आ, जो उसने ये से कहा था, िक तेरे परपोते के पु तक तेरी स ान इ ाएल की ग ी पर बैठती जाएगी। और वैसा ही आ।
13 य दा के राजा उ ाह के उनतालीसव वष म याबेश का पु श ूम रा करने लगा, और महीने भर शोमरोन म रा करता रहा।
14 ोंिक गादी के पु मनहेम ने, ितसा से शोमरोन को जा कर याबे श के पु श ू म को वही ं मारा, और उसे घात कर के उसके थान पर राजा आ।
15 श ूम के और काम और उसने राज ोह की जो गो ी की, यह सब इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखा है।
16 तब मनहेम ने ितसा से जा कर, सब िनवािसयों और आस पास के दे श समेत ित ह को इस कारण मार िलया, िक ित िहयों ने उसके िलये फाटक न खेले थे, इस कारण उसने उ
मार िलया, और उस म िजतनी गभवती यां थी ं, उस सभों को चीर डाला।
17 य दा के राजा अजयाह के उनतालीसव वष म गादी का पु मनहेम इ ाएल पर रा करने लगा, और दस वष शोमरोन म रा करता रहा।
18 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था, अथात नबात के पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन से वह जीवन भर
अलग न आ।
19 अ ू र के राजा पूल ने दे श पर चढ़ाई की, और मनहेम ने उसको हजार िक ार चा ी इस इ ा से दी, िक वह उसका सहायक हो कर रा को उसके हाथ म थर रखे।
20 यह चा ी अ ूर के राजा को दे ने के िलये मनहेम ने बड़े बड़े धनवान इ ाएिलयों से ले ली, एक एक पु ष को पचास पचास शेकेल चा ी दे नी पड़ी; तब अ ूर का राजा दे श को
छोड़ कर लौट गया।
21 मनहे म के उौर काम जो उसने िकए, वे सब ा इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
22 िनदान मनहे म अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पु पकहयाह उसके थान पर रा करने लगा।
23 य दा के राजा अजयाह के पचासव वष म मनहेम का पु पक ाह शोमरोन म इ ाएल पर रा करने लगा, और दो वष तक रा करता रहा।
24 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा था, अथात नबात के पु यारोबाम िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन से वह अलग न
आ।
25 उसके सरदार रम ाह के पु पेकह ने उस से राज ोह की गो ी कर के, शोमरोन के राजभवन के गु ट म उसको और उसके संग अग ब और अय को मारा; और पेकह के संग
पचास िगलादी पु ष थे, और वह उसका घात कर के उसके थान पर राजा बन गया।
26 पक ाह के और सब काम जो उसने िकए, वह इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखे ह।
27 य दा के राजा अजयाह के बावनव वष म रम ाह का पु पेकह शोमरोन म इ ाएल पर रा करने लगा, और बीस वष तक रा करता रहा।
28 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था, अथात नबात के पु यारोबाम, िजसने इ ाऐल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उन से वह अलग न
आ।
29 इ ाएल के राजा पे कह के िदनों म अ ूर के राजा ित लेसेर ने आकर इ ोन, अबे े ाका, यानोह, केदे श और हासोर नाम नगरों को और िगलाद और गालील, वरन न ाली
के पूरे दे श को भी ले िलया, और उनके लोगों को ब ुआ कर के अ ूर को ले गया।
30 उिज ाह के पु योताम के बीसव वष म एला के पु होशे ने रम ाह के पु पे कह से राज ोह की गो ी कर के उसे मारा, और उसे घात कर के उसके थान पर राजा बन गया।
31 पेकह के और सब काम जो उसने िकए वह इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखे ह।
32 रम ाह के पु इ ाएल के राजा पेकह के दू सरे वष म य दा के राजा उिज ाह का पु योताम राजा आ।
33 जब वह रा करने लगा, तब प ीस वष का था, और य शलेम म सोलह वष तक रा करता रहा। और उसकी पाता का नाम य शा था जो सादोक की बेटी थी।
34 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म ठीक था, अथात जैसा उसके िपता उिज ाह ने िकया था, ठीक वैसा ही उसने भी िकया।
35 तौभी ऊंचे थान िगराए न गए, जा के लोग उन पर उस समय भी बिल चढ़ाते और धूप जलाते रहे। यहोवा के भवन के ऊंचे फाटक को इसी ने बनाया था।
36 योताम के और सब काम जो उसने िकए, वे ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
37 उन िदनों म यहोवा अराम के राजा रसीन को, और रम ाह के पु पे कह को, य दा के िव भेजने लगा।
38 िनदान योताम अपने पुरखाओं के संग सो गया और अपने मुलपु ष दाऊद के नगर म अपने पु रखाओं के बीच उसको िम ी दी गई, और उसका पु आहाज उसके थान पर रा
करने लगा।
2 राजा 16
1 रम ाह के पु पे कह के स हव वष म य दा के राजा योताम का पु आहाज रा करने लगा।
2 जब आहाज रा करने लगा, तब वह बीस पष का था, और सोलह वष तक य शले म म रा करता रहा। और उसने अपने मूलपु ष दाऊद का सा काम नही ं िकया, जो उसके
परमे र यहोवा की ि म ठीक था।
3 पर ु वह इ ाएल के राजाओं की सी चाल चला, वरन उन जाितयों के िघनौने कामों के अनु सार, िज यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से दे श से िनकाल िदया था, उसने अपने बे टे को
भी आग म होम कर िदया।
4 और ऊंचे थानों पर, और पहािडय़ों पर, और सब हरे वृ ों के तले, वह बिल चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
5 तब अराम के राजा रसीन, और रम ाह के पु इ ाएल के राजा पे कह ने लड़ने के िलये य शले म पर चढ़ाई की, और उ ोंने आहाज को घेर िलया, पर ु यु कर के उन से कुछ
बन न पड़ा।
6 उस समय अराम के राजा रसीन ने, एलत को अराम के वश म कर के, य िदयों को वहां से िनकाल िदया; तब अरामी लोग एलत को गए, और आज के िदन तक वहां रहते ह।
7 और आहाज ने दू त भेज कर अ ूर के राजा ित ले सेर के पास कहला भे जा िक मु झे अपना दास, वरन बे टा जान कर चढ़ाई कर, और मुझे अराम के राजा और इ ाएल के राजा
के हाथ से बचा जो मेरे िव उठे ह।
8 और आहाज ने यहोवा के भवन म और राजभवन के भणडारों म िजतना सोना-चा ी िमला उसे अ ू र के राजा के पास भट कर के भेज िदया।
9 उसकी मान कर अ ूर के राजा ने दिम पर चढ़ाई की, और उसे ले कर उसके लोगों को ब ु आ कर के, कीर को ले गया, और रसीन को मार डाला।
10 तब राजा आहाज अ ूर के राजा ित लेसेर से भट करने के िलये दिम को गया, और वहां की वेदी दे ख कर उसकी सब बनावट के अनुसार उसका नकशा ऊ र ाह याजक
के पास नमू ना कर के भेज िदया।
11 और ठीक इसी नमूने के अनुसार िजसे राजा आहाज ने दिम से भेजा था, ऊ र ाह याजक ने राजा आहाज के दिम से आने तक एक वेदी बना दी।
12 जब राजा दिम से आया तब उसने उस वेदी को दे खा, और उसके िनकट जा कर उस पर बिल चढ़ाए।
13 उसी वेदी पर उसने अपना होमबिल और अ बिल जलाया, और अघ िदया और मे लबिलयों का लो िछड़क िदया।
14 और पीतल की जो वेदी यहोवा के सा ने रहती थी उसको उसने भवन के सा ने से अथात अपनी वेदी और यहोवा के भवन के बीच से हटा कर, उस वेदी की उ र ओर रख िदया।
15 तब राजा आहाज ने ऊ र ाह याजक को यह आ ा दी, िक भोर के होमबिल और सां झ के अ बिल, राजा के होमबिल और उसके अ बिल, और सब साधारण लोगों के होमबिल
और अघ बड़ी वेदी पर चढ़ाया कर, और होमबिलयों और मेलबिलयों का सब लो उस पर िछड़क; और पीतल की वेदी के िवषय म िवचार क ं गा।
16 राजा आहाज की इस आ ा के अनुसार ऊ र ाह याजक ने िकया।
17 िफर राजा आहाज ने कुिसय की पट रयों को काट डाला, और हौिदयों को उन पर से उतार िदया, और बड़े हौद को उन पीतल के बै लों पर से जो उसके तले थे उतारकर, प रों के
फश पर धर िदया।
18 और िव ाम के िदन के िलये जो छाया आ थान भवन म बना था, और राजा के बाहर के वेश करने का फाटक, उन को उसने अ ूर के राजा के कारण यहोवा के भवन से
अलग कर िदया।
19 आहाज के और काम जो उसने िकए, वे ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
20 िनदान आहाज अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसे उसके पु रखाओं के बीच दाऊदपु र म िम ी दी गई, और उसका पु िहजिक ाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 17
1 य दा के राजा आहाज के बारहव वष म एला का पु होशे शोमरोन म, इ ाएल पर रा करने लगा, और नौ वष तक रा करता रहा।
2 उसने वही िकया जो यहोवा की ि म बुरा था, पर ु इ ाएल के उन राजाओं के बराबर नही ं जो उस से पिहले थे।
3 उस पर अ ू र के राजा श नेसेर ने चढ़ाई की, और होशे उसके आधीन हो कर, उसको भट दे ने लगा।
4 पर ु अ ूर के राजा ने होशे को राज ोह की गो ी करने वाला जान िलया, ोंिक उसने “सो” नाम िम के राजा के पास दू त भेजे, और अ ूर के राजा के पास सािलयाना भट
भे जनी छोड़ दी; इस कारण अ ूर के राजा ने उसको ब िकया, और बेड़ी डालकर ब ीगृ ह म डाल िदया।
5 तब अ ू र के राजा ने पूरे दे श पर चढ़ाई की, और शोमरोन को जा कर तीन वष तक उसे घे रे रहा।
6 होशे के नौव वष म अ ूर के राजा ने शोमरोन को ले िलया, और इ ाएल को अ ूर म ले जा कर, हलह म और गोजान की नदी हाबोर के पास और मािदयों के नगरों म बसाया।
7 इसका यह कारण है, िक य िप इ ाएिलयों का परमे र यहोवा उन को िम के राजा िफ़रौन के हाथ से छु ड़ा कर िम दे श से िनकाल लाया था, तौभी उ ोंने उसके िव पाप
िकया, और पराये दे वताओं का भय माना।
8 और िजन जाितयों को यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से दे श से िनकाला था, उनकी रीित पर, और अपने राजाओं की चलाई ई रीितयों पर चलते थे।
9 और इ ाएिलयों ने कपट कर के अपने परमे र यहोवा के िव अनुिचत काम िकए, अथात पह ओं के गु ट से ले कर गढ़ वाले नगर तक अपनी सारी ब यों म ऊंचे थान बना
िलये;
10 और सब ऊंची पहािडय़ों पर, और सब हरे वृ ों के तले लाठ और अशेरा खड़े कर िलए।
11 और ऐसे ऊंचे थानों म उन जाितयों की नाईं िजन को यहोवा ने उनके सा ने से िनकाल िदया था, धूप जलाया, और यहोवा को ोध िदलाने के यो बुरे काम िकए।
12 और मू रतों की उपासना की, िजसके िवषय यहोवा ने उन से कहा था िक तु म यह काम न करना।
13 तौभी यहोवा ने सब भिव ाओं और सब दिशय के ारा इ ाएल और य दा को यह कह कर िचताया था, िक अपनी बुरी चाल छोड़ कर उस सारी व था के अनु सार जो म ने
तु ारे पु रखाओं को दी थी, और अपने दास भिव ाओं के हाथ तु ारे पास प ं चाई है, मे री आ ाओं और िविधयों को माना करो।
14 पर ु उ ोंने न माना, वरन अपने उन पुरखाओं की नाईं, िज ोंने अपने परमे र यहोवा का िव ास न िकया था, वे भी हठीले बन गए।
15 और वे उसकी िविधयों और अपने पुरखाओं के साथ उसकी वाचा, और जो िचतौिनयां उसने उ दी थी ं, उन को तु जान कर, िनक ी बातों के पीछे हो िलये; िजस से वे आप
िनक े हो गए, और अपने चारों ओर की उन जाितयों के पीछे भी हो िलये िजनके िवषय यहोवा ने उ आ ा दी थी िक उनके से काम न करना।
16 वरन उ ोंने अपने परमे र यहोवा की सब आ ाओं को ाग िदया, और दो बछड़ों की मूरत ढाल कर बनाईं, और अशेरा भी बनाईं; और आकाश के सारे गणों को द वत की,
और बाल की उपासना की।
17 और अपने बेटे-बेिटयों को आग म होम कर के चढाया; और भावी कहने वालों से पूछने, और टोना करने लगे ; और जो यहोवा की ि म बुरा था िजस से वह ोिधत भी होता है ,
उसके करने को अपनी इ ा से िबक गए।
18 इस कारण यहोवा इ ाएल से अित ोिधत आ, और उ अपने सा ने से दू र कर िदया; य दा का गो छोड़ और कोई बचा न रहा।
19 य दा ने भी अपने परमे र यहोवा की आ ाएं न मानी ं, वरन जो िविधयां इ ाएल ने चलाई थी ं, उन पर चलने लगे।
20 तब यहोवा ने इ ाएल की सारी स ान को छोड़ कर, उन को दु :ख िदया, और लूटने वालों के हाथ कर िदया, और अ म उ अपने सा ने से िनकाल िदया।
21 उसने इ ाएल को तो दाऊद के घराने के हाथ से छीन िलया, और उ ोंने नबात के पु यारोबाम को अपना राजा बनाया; और यारोबाम ने इ ाएल को यहोवा के पीछे चलने से दू र
खीच ं कर उन से बड़ा पाप कराया।
22 सो जैसे पाप यारोबाम ने िकए थे, वैसे ही पाप इ ाएली भी करते रहे, और उन से अलग न ए।
23 अ म यहोवा ने इ ाएल को अपने सा ने से दू र कर िदया, जैसे िक उसने अपने सब दास भिव ाओं के ारा कहा था। इस कार इ ाएल अपने दे श से िनकाल कर अ ूर
को प ं चाया गया, जहां वह आज के िदन तक रहता है।
24 और अ ू र के राजा ने बाबेल, कूता, अ ा हमात और सपवम नगरों से लोगों को लाकर, इ ाएिलयों के थान पर शोमरोन के नगरों म बसाया; सो वे शोमरोन के अिधकारी हो कर
उसके नगरों म रहने लगे।
25 जब वे वहां पिहले पिहले रहने लगे, तब यहोवा का भय न मानते थे , इस कारण यहोवा ने उनके बीच िसंह भेजे, जो उन को मार डालने लगे।
26 इस कारण उ ोंने अ ूर के राजा के पास कहला भेजा िक जो जाितयां तू ने उनके दे शों से िनकाल कर शोमरोन के नगरों म बसा दी ह, वे उस दे श के दे वता की रीित नही ं जानती ं,
उस से उसने उसके म िसंह भेजे ह जो उन को इसिलये मार डालते ह िक वे उस दे श के दे वता की रीित नही ं जानते।
27 तब अ ूर के राजा ने आ ा दी, िक िजन याजकों को तुम उस दे श से ले आए, उन म से एक को वहां प ं चा दो; और वह वहां जा कर रहे, और वह उन को उस दे श के दे वता की
रीित िसखाए।
28 तब जो याजक शोमरोन से िनकाले गए थे, उन म से एक जा कर बे तेल म रहने लगा, और उन को िसखाने लगा िक यहोवा का भय िकस रीित से मानना चािहये।
29 तौभी एक एक जाित के लोगों ने अपने अपने िनज दे वता बना कर, अपने अपने बसाए ए नगर म उन ऊंचे थानों के भवनों म रखा जो शोमरोिनयों ने बसाए थे।
30 बाबे ल के मनु ों ने तो सु ोतबनोत को, कूत के मनु ों ने नेगल को, हमात के मनु ों ने अशीमा को,
31 और अ यों ने िनभज, और त ाक को थािपत िकया; और सपवमी लोग अपने बेटों को अ े लेक और अन े लेक नाम सपवम के दे वताओं के िलये होम कर के चढ़ाने लगे।
32 यों वे यहावा का भय मानते तो थे, पर ु सब कार के लोगों म से ऊंचे थानों के याजक भी ठहरा दे ते थे, जो ऊंचे थानों के भवनों म उनके िलये बिल करते थे।
33 वे यहोवा का भय मानते तो थे, पर ु उन जाितयों की रीित पर, िजनके बीच से वे िनकाले गए थे, अपने अपने दे वताओं की भी उपासना करते रहे ।
34 आज के िदन तक वे अपनी पिहली रीितयों पर चलते ह, वे यहोवा का भय नही ं मानते।
35 न तो उपनी िविधयों और िनयमों पर और न उस व था और आ ा के अनु सार चलते ह, जो यहोवा ने याकूब की स ान को दी थी, िजसका नाम उसने इ ाएल रखा था। उन से
यहोवा ने वाचा बा कर उ यह आ ा दी थी, िक तु म पाराये दे वताओं का भय न मानना और न उ द वत करना और न उनकी उपासना करना और न उन को बिल चढ़ाना।
36 पर ु यहोवा जो तुम को बड़े बल और बढ़ाई ई भुजा के ारा िम दे श से िनकाल ले आया, तु म उसी का भय मानना, उसी को द वत करना और उसी को बिल चढ़ाना।
37 और उसने जो जो िविधयां और िनयम और जो व था और आ ाएं तु ारे िलये िलखी ं, उ तुम सदा चौकसी से मानते रहो; और पराये दे वताओं का भय न मानना।
38 और जो वाचा म ने तु ारे साथ बा ी है, उसे न भू लना और पराये दे वताओं का भय न मानना।
39 केवल अपने परमे र यहोवा का भय पानना, वही तुम को तु ारे सब श ुओ ं के हाथ से बचाएगा।
40 तौभी उ ोंने न माना, पर ु वे अपनी पिहली रीित के अनु सार करते रहे।
41 अतएव वे जाितयां यहोवा का भय मानती तो थी,ं पर ु अपनी खुदी ई मू रतों की उपासना भी करती रही,ं और जैसे वे करते थे वैसे ही उनके बे टे पोते भी आज के िदन तक करते ह।
2 राजा 18
1 एला के पु इ ाएल के राजा होशे के तीसरे वष म य दा के राजा आहाज का पु िहजिक ाह राजा आ।
2 जब वह रा करने लगा तब प ीस वष का था, और उनतीस वष तक य शलेम म रा करता रहा। और उसकी माता का नाम अबी था, जो जकयाह की बेटी थी।
3 जै से उसके मूलपु ष दाऊद ने िकया था जो यहोवा की ि म ठीक है वैसा ही उसने भी िकया।
4 उसने ऊंचे थान िगरा िदए, लाठों को तोड़ िदया, अशेरा को काट डाला। और पीतल का जो सां प मूसा ने बनाया था, उसको उसने इस कारण चू र चूर कर िदया, िक उन िदनों तक
इ ाएली उसके िलये धूप जलाते थे; और उसने उसका नाम न शतान रखा।
5 वह इ ाएल के परमे र यहोवा पर भरोसा रखता था, और उसके बाद य दा के सब राजाओं म कोई उसके बराबर न आ, और न उस से पिहले भी ऐसा कोई आ था।
6 और वह यहोवा से िलपटा रहा और उसके पीछे चलना न छोड़ा; और जो आ ाएं यहोवा ने मू सा को दी थी ं, उनका वह पालन करता रहा।
7 इसिलये यहोवा उसके संग रहा; और जहां कही ं वह जाता था, वहां उसका काम सफल होता था। और उसने अ ू र के राजा से बलवा कर के, उसकी आधीनता छोड़ दी।
8 उसने पिल यों को गा ा और उसके िसवानों तक, पह ओं के गु ट और गढ़ वाले नगर तक मारा।
9 राजा िहजिक ाह के चौथे वष म जो एला के पु इ ाएल के राजा होशे का सातवां वष था, अ ू र के राजा श ने सेर ने शोमरोन पर चढ़ाई कर के उसे घेर िलया।
10 और तीन वष के बीतने पर उ ोंने उसको ले िलया। इस कार िहजिक ाह के छठव वष म जो इ ाएल के राजा होशे का नौवां वष था, शोमरोन ले िलया गया।
11 तब अ ूर का राजा इ ाएल को ब ुआ कर के अ ूर म ले गया, और हलह म ओर गोजान की नदी हाबोर के पास और मािदयों के नगरों म उसे बसा िदया।
12 इसका कारण यह था, िक उ ोंने अपने परमे र यहोवा की बात न मानी, वरन उसकी वाचा को तोड़ा, और िजतनी आ ाएं यहोवा के दास मूसा ने दी थी ं, उन को टाल िदया और न
उन को सु ना और न उनके अनुसार िकया।
13 िहजिक ाह राजा के चौदहव वष म अ ूर के राजा स े रीब ने य दा के सब गढ़ वाले नगरों पर चढ़ाई कर के उन को ले िलया।
14 तब य दा के राजा िहजिक ाह ने अ ूर के राजा के पास लाकीश को कहला भे जा, िक मु झ से अपराध आ, मे रे पास से लौट जा; और जो भार तू मुझ पर डालेगा उसको म
उठाऊंगा। तो अ ू र के राजा ने य दा के राजा िहजिक ाह के िलये तीन सौ िक ार चा ी और तीस िक ार सोना ठहरा िदया।
15 तब िजतनी चा ी यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों म िमली, उस सब को िहजिक ाह ने उसे दे िदया।
16 उस समय िहजिक ाह ने यहोवा के म र के िकवाड़ों से और उन ख ों से भी िजन पर य दा के राजा िहजिक ाह ने सोना मढ़ा था, सोने को छीलकर अ ूर के राजा को दे
िदया।
17 तौभी अ ू र के राजा ने त ान, रबसारीस और रबशाके को बड़ी से ना दे कर, लाकीश से य शले म के पास िहजिक ाह राजा के िव भेज िदया। सो वे य शलेम को गए और
वहां प ंच कर ऊपर के पोखरे की नाली के पास धोिबयों के खेत की सड़क पर जा कर खड़े ए।
18 और जब उ ोंने राजा को पु कारा, तब िहलिक ाह का पु ए ाकीम जो राजघराने के काम पर था, और शे ा जो म ी था और आसाप का पु योआह जो इितहास का
िलखने वाला था, ये तीनों उनके पास बाहर िनकल गए।
19 रबशाके ने उन से कहा, िहजिक ाह से कहो, िक महाराजािधराज अथात अ ू र का राजा यों कहता है, िक तू िकस पर भरोसा करता है?
20 तू जो कहता है , िक मेरे यहां यु के िलये यु और परा म है, सो तो केवल बात ही बात है । तू िकस पर भरोसा रखता है िक तू ने मुझ से बलवा िकया है?
21 सु न, तू तो उस कुचले ए नरकट अथात िम पर भरोसा रखता है , उस पर यिद कोई टे क लगाए, तो वह उसके हाथ म चुभकर छे दे गा। िम का राजा िफ़रौन अपने सब भरोसा
रखने वालों के िलये ऐसा ही है।
22 िफर यिद तुम मु झ से कहो, िक हमारा भरोसा अपने परमे र यहोवा पर है, तो ा यह वही नही ं है िजसके ऊंचे थानों और वेिदयों को िहजिक ाह ने दू र कर के य दा और
य शले म से कहा, िक तुम इसी वेदी के सा ने जो य शलेम म है द वत करना?
23 तो अब मे रे ामी अ ूर के राजा के पास कुछ ब क रख, तब म तुझे दो हजार घोड़े दू ं गा, ा तू उन पर सवार चढ़ा सकेगा िक नहीं?
24 िफर तू मेरे ामी के छोटे से छोटे कमचारी का भी कहा न मान कर ों रथों और सवारों के िलये िम पर भरोसा रखता है?
25 ा म ने यहोवा के िबना कहे, इस थान को उजाड़ने के िलये चढ़ाई की है ? यहोवा ने मु झ से कहा है , िक उस दे श पर चढ़ाई कर के उसे उजाड़ दे ।
26 तब िहलिक ाह के पु ए ाकीम और शे ा योआह ने रबशाके से कहा, अपने दासों से अरामी भाषा म बात कर, ोंिक हम उसे समझते ह; और हम से य दी भाषा म शहरपनाह
पर बैठे ए लोगों के सु नते बात न कर।
27 रबशाके ने उन से कहा, ा मेरे ामी ने मुझे तु ारे ामी ही के, वा तु ारे ही पास ये बात कहने को भेजा है ? ा उसने मु झे उन लोगों के पास नही ं भेजा, जो शहरपनाह पर बैठे
ह, तािक तु ारे संग उन को भी अपनी िब ा खाना और अपना मू पीना पड़े ?
28 तब रबशाके ने खड़े हो, य दी भाषा म ऊंचे श से कहा, महाराजािधराज अथात अ ू र के राजा की बात सु नो।
29 राजा यों कहता है, िक िहजिक ाह तुम को भुलाने न पाए, ोंिक वह तु मेरे हाथ से बचा न सकेगा।
30 और वह तुम से यह कह कर यहोवा पर भरोसा कराने न पाए, िक यहोवा िन य हम को बचाएगा और यह नगर अ ूर के राजा के वश म न पड़े गा।
31 िहजिक ाह की मत सुनो। अ ूर का राजा कहता है िक भट भेज कर मु झे स करो और मेरे पास िनकल आओ, और ेक अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृ के फल
खाता और अपने अपने कु का पानी पीता रहे।
32 तब म आकर तु म को ऐसे दे श म ले जाऊंगा, जो तु ारे दे श के समान अनाज और नये दाखमधु का दे श, रोटी और दा बा रयों का दे श, जलपाइयों और मधु का दे श है, वहां तुम
मरोगे नही ं, जीिवत रहोगे; तो जब िहजिक ाह यह कह कर तुम को बहकाए, िक यहोवा हम को बचाएगा, तब उसकी न सुनना।
33 ा और जाितयों के दे वताओं ने अपने अपने दे श को अ ू र के राजा के हाथ से कभी बचाया है ?
34 हमात और अपाद के दे वता कहां रहे? सपवम, हेना और इ ा के दे वता कहां रहे ? ा उ ोंने शोमरोन को मेरे हाथ से बचाया है,
35 दे श दे श के सब दे वताओं म से ऐसा कौन है, िजसने अपने दे श को मेरे हाथ से बचाया हो? िफर ा यहोवा य शले म को मेरे हाथ से बचाएगा।
36 पर ु सब लोग चुप रहे और उसके उ र म एक बात भी न कही, ोंिक राजा की ऐसी आ ा थी, िक उसको उ र न दे ना।
37 तब िहलिक ाह का पु ए ाकीम जो राजघराने के काम पर था, और शे ा जो म ी था, और आसाप का पु योआह जो इितहास का िलखने वाला था, अपने व फाड़े ए,
िहजिक ाह के पास जा कर रबशाके की बात कह सुनाईं।
2 राजा 19
1 जब िहजिक ाह राजा ने यह सुना, तब वह अपने व फाड़, टाट ओढ़कर यहोवा के भवन म गया।
2 और उसने ए ाकीम को जो राजघराने के काम पर था, और शे ा म ी को, और याजकों के पुरिनयों को, जो सब टाट ओढ़े ए थे, आमोस के पु यशायाह भिव ा के पास भे ज
िदया।
3 उ ोंने उस से कहा, िहजिक ाह यों कहता है , आज का िदन संकट, और उलहने, और िन ा का िदन है; ब े ज ने पर ए पर ज ा को ज दे ने का बल न रहा।
4 कदािचत तेरा परमे र यहोवा रबशाके की सब बात सुने, िजसे उसके ामी अ ू र के राजा ने जीवते परमे र की िन ा करने को भेजा है, और जो बात तेरे परमे र यहावा ने सु नी ह
उ डपटे ; इसिलये तू इन बचे ओं के िलये जो रह गए ह ाथना कर।
5 जब िहजिक ाह राजा के कमचारी यशायाह के पास आए,
6 तब यशायाह ने उन से कहा, अपने ामी से कहो, यहे वा यों कहता है, िक जो वचन तू ने सुने ह, िजनके ारा अ ू र के राजा के जनों ने मेरी िन ा की है, उनके कारण मत डर।
7 सुन, म उसके मन म ेरणा क ं गा, िक वह कुछ समाचार सु न कर अपने दे श को लौट जाए, और म उसको उसी के दे श म तलवार से मरवा डालूंगा।
8 तब रबशाके ने लौटकर अ ूर के राजा को िल ा नगर से यु करते पाया, ोंिक उसने सु ना था िक वह लाकीश के पास से उठ गया है।
9 और जब उसने कूश के राजा ितहाका के िव यह सुना, िक वह मु झ से लड़ने को िनकला है , तब उसने िहजिक ाह के पास दू तों को यह कह कर भेजा,
10 तुम य दा के राजा िहजिक ाह से यों कहना: तेरा परमे र िजसका तू भरोसा करता है , यह कह कर तु झे धोखा न दे ने पाए, िक य शलेम अ ूर के राजा के वश म न पड़े गा।
11 दे ख, तू ने तो सु ना है अ ूर के राजाओं ने सब दे शों से कैसा वहार िकया है उ स ानाश कर िदया है । िफर ा तू बचेगा?
12 गोजान और हारान और रे सेप और तल ार म रहने वाले एदे नी, िजन जाितयों को मेरे पुरखाओं ने नाश िकया, ा उन म से िकसी जाित के दे वताओं ने उसको बचा िलया?
13 हमात का राजा, और अपाद का राजा, और समवम नगर का राजा, और हेना और इ ा के राजा ये सब कहां रहे ? इस प ी को िहजिक ाह ने दू तों के हाथ से ले कर पढ़ा।
14 तब यहोवा के भवन म जा कर उसको यहोवा के सा ने फैला िदया।
15 और यहोवा से यह ाथना की, िक हे इ ाएल के परमे र यहोवा! हे क बों पर िवराजने वाले ! पृ ी के सब रा ों के ऊपर केवल तू ही परमे र है। आकाश और पृ ी को तू ही ने
बनाया है ।
16 हे यहोवा! कान लगाकर सुन, हे यहोवा आं ख खोल कर दे ख, और स ेरीब के वचनों को सुन ले, जो उसने जीवते परमे र की िन ा करने को कहला भेजे ह।
17 हे यहोवा, सच तो है, िक अ ूर के राजाओं ने जाितयों को और उनके दे शों को उजाड़ा है।
18 और उनके दे वताओं को आग म झोंका है , ोंिक वे ई र न थे ; वे मनु ों के बनाए ए काठ और प र ही के थे ; इस कारण वे उन को नाश कर सके।
19 इसिलये अब हे हमारे परमे र यहोवा तू हम उसके हाथ से बचा, िक पृ ी के रा रा के लोग जान ल िक केवल तू ही यहोवा है।
20 तब आमोस के पु यशायाह ने िहजिक ाह के पास यह कहला भे जा, िक इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक जो ाथना तू ने अ ूर के राजा स ेरीब के िवषय मुझ से
की, उसे म ने सुना है।
21 उसके िवषय म यहोवा ने यह वचन कहा है, िक िस ोन की कुमारी क ा तु झे तु जानती और तुझे ठ ों म उड़ाती है, य शलेम की पु ी, तुझ पर िसर िहलाती है।
22 तू ने जो नामधराई और िन ा की है, वह िकसकी की है ? और तू ने जो बड़ा बोल बोला और घम िकया है वह िकसके िव िकया है? इ ाएल के पिव के िव तू ने िकया है !
23 अपने दू तों के ारा तू ने भु की िन ा कर के कहा है, िक ब त से रथ ले कर म पवतों की चोिटयों पर, वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया ँ, और म उसके ऊंचे ऊंचे दे वदा ओं
और अ े अ े सनोवरों को काट डालूंगा; और उस म जो सब से ऊंचा िटकने का थान होगा उस म और उसके वन की फलदाई बा रयों म वेश क ं गा।
24 म ने तो खुदवा कर परदे श का पानी िपया; और िम की नहरों म पां व धरते ही उ सु खा डालूं गा।
25 ा तू ने नही ं सु ना, िक ाचीनकाल से म ने यही ठहराया? और अगले िदनों से इसकी तैयारी की थी, उ अब म ने पूरा भी िकया है, िक तू गढ़ वाले नगरों को ख हर ही ख हर
कर दे ,
26 इसी कारण उनके रहने वालों का बल घट गया; वे िव त और ल त ए; वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास, और ऐसे अनाज के समान हो गए, जो
बढ़ने से पिहले सूख जाता है।
27 म तो ते रा बैठा रहना, और कूच करना, और लौट आना जानता ँ, और यह भी िक तू मु झ पर अपना ोध भड़काता है ।
28 इस कारण िक तू मुझ पर अपना ोध भड़काता और तेरे अिभमान की बात मे रे कानों म पड़ी ह; म तेरी नाक म अपनी नकेल डाल कर और तेरे मुंह म अपना लगाम लगा कर, िजस
माग से तू आया है, उसी से तुझे लोटा दू ं गा।
29 और तेरे िलये यह िच होगा, िक इस वष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे , और दू सरे वष उसे जो उ हो वह खाओगे; और तीसरे वष बीज बोने और उसे लवने पाओगे ,
और दाख की बा रयां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।
30 और य दा के घराने के बचे ए लोग िफर जड़ पकड़गे, और फलगे भी।
31 ोंिक य शलेम म से बचे ए और िस ोन पवत के भागे ए लोग िनकलगे । यहोवा यह काम अपनी जलन के कारण करे गा।
32 इसिलये यहोवा अ ूर के राजा के िवषय म यों कहता है िक वह इस नगर म वेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा, और न वह ढाल ले कर इसके सा ने आने, वा
इसके िव दमदमा बनाने पाएगा।
33 िजस माग से वह आया, उसी से वह लौट भी जाएगा, और इस नगर म वेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है ।
34 और म अपने िनिम और अपने दास दाऊद के िनिम इस नगर की र ा कर के इसे बचाऊंगा।
35 उसी रात म ा आ, िक यहोवा के दू त ने िनकल कर अ ू रयों की छावनी म एक लाख पचासी हजार पु षों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे , तब दे खा, िक लोथ ही
लोथ पड़ी है ।
36 तब अ ूर का राजा स ेरीब चल िदया, और लौट कर नीनवे म रहने लगा।
37 वहां वह अपने दे वता िन ोक के म र म द वत कर रहा था, िक अदे े लेक और सरे सेर ने उसको तलवार से मारा, और अरारात दे श म भाग गए। और उसी का पु एसह ोन
उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 20
1 उन िदनों म िहजिक ाह ऐसा रोगी आ िक मरने पर था, और आमोस के पु यशायाह भिव ा ने उसके पास जा कर कहा, यहोवा यों कहता है, िक अपने घराने के िवषय जो
आ ा दे नी हो वह दे ; ोंिक तू नही ं बचे गा, मर जाएगा।
2 तब उसने भीत की ओर मुंह फेर, यहोवा से ाथना कर के कहा, हे यहोवा!
3 म िब ी करता ँ, रण कर, िक म स ाई और खरे मन से अपने को तेरे स ु ख जान कर चलता आया ँ ; और जो तु झे अ ा तगता है वही म करता आया ँ। तब िहजिक ाह
िबलक िबलक कर रोया।
4 और ऐसा आ िक यशायाह नगर के बीच तक जाने भी न पाया था िक यहोवा का यह वचन उसके पास प ं चा,
5 िक लौटकर मेरी जा के धान िहजिक ाह से कह, िक तेरे मू लपु ष दाऊद का परमे र यहोवा यों कहता है, िक म ने तेरी ाथना सुनी और तेरे आं सू दे खे ह; दे ख, म तु झे चंगा
करता ँ; परसों तू यहोवा के भवन म जा सकेगा।
6 और म तेरी आयु प ह वष और बढ़ा दू ं गा। और अ ूर के राजा के हाथ से तु झे और इस नगर को बचाऊंगा, और म अपने िनिम और अपने दास दाऊद के िनिम इस नगर की
र ा क ं गा।
7 तब यशायाह ने कहा, अंजीरों की एक िटिकया लो। जब उ ोंने उसे ले कर फोड़े पर बा ा, तब वह चं गा हो गया।
8 िहजिक ाह ने यशायाह से पूछा, यहोवा जो मुझे चंगा करे गा और म परसों यहोवा के भवन को जा सकूंगा, इसका ा िच होगा?
9 यशायाह ने कहा, यहोवा जो अपने कहे ए वचन को पू रा करे गा, इस बात का यहोवा की ओर से ते रे िलये यह िच होगा, िक धूपघड़ी की छाया दस अंश आगे बढ़ जाएगी, व दस
अंश घट जाएगी।
10 िहजिक ाह ने कहा, छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है, इसिलये ऐसा हो िक छाया दस अं श पीछे लौट जाए।
11 तब यशायाह भिव ा ने यहोवा को पुकारा, और आहाज की घूपघड़ी की छाया, जो दस अं श ढल चु की थी, यहोवा ने उसको पीछे की ओर लौटा िदया।
12 उस समय बलदान का पु बरोदकबलदान जो बाबेल का राजा था, उसने िहजिक ाह के रोगी होने की चचा सु न कर, उसके पास प ी और भट भेजी।
13 उनके लाने वालों की मान कर िहजिक ाह ने उन को अपने अनमोल पदाथ का सब भ ार, और चा ी और सोना और सुग और उ म तेल और अपने हिथयारों का पूरा
घर और अपने भ ारों म जो जो व ुएं थी ं, वे सब िदखाई; िहजिक ाह के भवन और रा भर म कोई ऐसी व ु न रही, जो उसने उ न िदखाई हो।
14 तब यशायाह भिव ा ने िहजिक ाह राजा के पास जा कर पुछा, वे मनु ा कह गए? और कहां से ते रे पास आए थे? िहजिक ाह ने कहा, वे तो दू र दे श से अथात बाबे ल से
आए थे।
15 िफर उसने पूछा, तेरे भवन म उ ोंने ा ा दे खा है ? िहजिक ाह ने कहा, जो कुछ मेरे भवन म है , वह सब उ ोंने दे खा। मे रे भ ारों म कोई ऐसी व ु नहीं, जो म ने उ न
िदखाई हो।
16 यशायाह ने िहजिक ाह से कहा, यहोवा का वचन सु न ले।
17 ऐसे िदन आने वाले है, िजन म जो कुछ तेरे भवन म ह, और जो कुछ तेरे पुरखाओं का रखा आ आज के िदन तक भ ारों म है वह सब बाबेल को उठ जाएगा; यहोवा यह कहता है,
िक कोई व ु न बचेगी।
18 और जो पु ते रे वंश म उ हों, उन म से भी िकतनों को वे ब ुआई म ले जाएं गे ; और वे खोजे बन कर बाबे ल के राजभवन म रहगे।
19 िहजिक ाह ने यशायाह से कहा, यहोवा का वचन जो तू ने कहा है , वह भला ही है , िफर उसने कहा, ा मे रे िदनों म शांित और स ाई बनी न रहगी?
20 िहजिक ाह के और सब काम और उसकी सारी वीरता और िकस रीित उसने एक पोखरा और नाली खुदवा कर नगर म पानी प ंचा िदया, यह सब ा य दा के राजाओं के
इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
21 िनदान िहजिक ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया और उसका पु मन े उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 21
1 जब मन े रा करने लगा, तब वह बारह वष का था, और य शले म म पचपन वष तक रा करता रहा; और उसकी माता का नाम हे ीबा था।
2 उसने उन जाितयों के िघनौने कामों के अनुसार, िजन को यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने दे श से िनकाल िदया था, वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था।
3 उसने उन ऊंचे थानों को िजन को उसके िपता िहजिक ाह ने नाश िकया था, िफर बनाया, और इ ाएल के राजा अहाब की नाईं बाल के िलये वेिदयां और एक अशेरा बनवाई, और
आकाश के कुल गण को द वत और उनकी उपासना करता रहा।
4 और उसने यहोवा के उस भवन म वेिदयां बनाईं िजसके िवषय यहोवा ने कहा था, िक य शले म म म अपना नाम रखूं गा।
5 वरन यहोवा के भवन के दोनों आं गनों म भी उसने आकाश के कुल गण के िलये वेिदयां बनाईं।
6 िफर उसने अपने बेटे को आग म होम कर के चढ़ाया; और शुभ-अशुभ मु त को मानता, और टोना करता, और ओझों और भूत िस वालों से वहार करता था; वरन उसने ऐसे
ब त से काम िकए जो यहोवा की ि म बुरे ह, और िजन से वह ोिधत होता है ।
7 और अशेरा की जो मूरत उसने खुदवाई, उसको उसने उस भवन म थािपत िकया, िजसके िवषय यहोवा ने दाऊद और उसके पु सुलैमान से कहा था, िक इस भवन म और
य शले म म, िजस को म ने इ ाएल के सब गो ों म से चु न िलया है, म सदै व अपना नाम रखूंगा।
8 और यिद वे मेरी सब आ ाओं के और मे रे दास मूसा की दी ई पूरी व था के अनु सार करने की चौकसी कर, तो म ऐसा न क ं गा िक जो दे श म ने इ ाएल के पु रखओं को िदया
था, उस से वे िफर िनकल कर मारे मारे िफर।
9 पर ु उ ोंने न माना, वरन मन े ने उन को यहां तक भटका िदया िक उ ोंने उन जाितयों से भी बढ़ कर बुराई की िज यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से िवनाश िकया था।
10 इसिलये यहोवा ने अपने दास भिव ाओं के ारा कहा,
11 िक य दा के राजा मन े ने जो ये घृिणत काम िकए, और िजतनी बुराइयां एमो रयों ने जो उस से पिहले थे की थी,ं उन से भी अिधक बुराइयां की ं; और य िदयों से अपनी बनाई ई
मूरतों की पू जा करवा के उ पाप म फंसाया है।
12 इस कारण इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है िक सुनो, म य शले म और य दा पर ऐसी िवपि डालना चाहता ँ िक जो कोई उसका समाचार सुनेगा वह बड़े स ाटे म आ
जाएगा।
13 और जो मापने की डोरी म ने शोमरोन पर डाली है और जो सा ल म ने अहाब के घराने पर लटकाया है वही य शलेम पर डालूंगा। और म य शलेम को ऐसा पोछूंगा जैसे कोई
थाली को पोंछता है और उसे पोंछ कर उलट दे ता है।
14 और म अपने िनज भाग के बचे ओं को ाग कर श ुओं के हाथ कर दू ं गा और वे अपने सब श ुओ ं के िलये लू ट और धन बन जाएं गे।
15 इसका कारण यह है, िक जब से उनके पुरखा िम से िनकले तब से आज के िदन तक वे वह काम कर के जो मे री ि म बुरा है, मुझे रस िदलाते आ रहे ह।
16 मन े ने तो न केवल वह काम करा के य िदयोंसे पाप कराया, जो यहोवा की ि म बु रा है , वरन िनद षों का खू न ब त बहाया, यहां तक िक उसने य शलेम को एक िसरे से
दू सरे िसरे तक खून से भर िदया।
17 मन े के और सब काम जो उसने िकए, और जो पाप उसने िकए, वह सब ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखा है ?
18 िनदान मन े अपने पु रखाओं के संग सो गया और उसे उसके भवन की बारी म जो उ र की बारी कहलाती थी िम ी दी गई; और उसका पु आमोन उसके थान पर राजा आ।
19 जब आमोन रा करने लगा, तब वह बाईस पष का था, और य शलेम म दो वष तक रा करता रहा; और उसकी माता का नाम मशु ेमेत था जो यो बावासी हा म की बे टी
थी।
20 और उसने अपने िपता मन े की नाईं वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा है ।
21 और वह अपने िपता के समान पूरी चाल चला, और िजन मूरतों की उपासना उसका िपता करता था, उनकी वह भी उपासना करता, और उ द वत करता था।
22 और उसने अपने िपतरों के परमे र यहोवा को ाग िदया, और यहोवा के माग पर न चला।
23 और आमोन के कमचा रयों ने ोह की गो ी कर के राजा को उसी के भवन म मार डाला।
24 तब साधारण लोगों ने उन सभों को मार डाला, िज ोंने राजा आमोन से ोह की गो ी की थी, और लोगों ने उसके पु योिश ाह को उसके थान पर राजा िकया।
25 आमोन के और काम जो उसने िकए, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह।
26 उसे भी उ र की बारी म उसकी िनज कबर म िम ी दी गई; और उसका पु योिश ाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 राजा 22
1 जब योिश ाह रा करने लगा, तब वह आठ वष का था, और य शले म म एकतीस वष तक रा करता रहा। और उसकी माता का नाम यदीदा था जो बो तवासी अदाया की
बेटी थी।
2 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म ठीक है और िजस माग पर उसका मू लपु ष दाऊद चला ठीक उसी पर वह भी चला, और उस से न तो दािहनी ओर और न बाईं ओर मु ड़ा।
3 अपने रा के अठारहव वष म राजा योिश ाह ने अस ाह के पु शापान मं ी को जो मशु ाम का पोता था, यहोवा के भवन म यह कह कर भेजा, िक िहलिक ाह महायाजक के
पास जा कर कह,
4 िक जो चा ी यहोवा के भवन म लाई गई है, और ारपालों ने जा से इक ी की है ,
5 उसको जोड़ कर, उन काम कराने वालों को सौंप दे , जो यहोवा के भवन के काम पर मु खये ह; िफर वे उसको यहोवा के भवन म काम करने वाले कारीगरों को द, इसिलये िक उस म
जो कुछ टू टा फूटा हो उसकी वे मर त कर।
6 अथात बढ़इयों, राजों और संगतराशों को द, और भवन की मर त के िलये लकड़ी और गढ़े ए प र मोल ले ने म लगाएं ।
7 पर ु िजनके हाथ म वह चा ी सौंपी गई, उन से िहसाब न िलया गया, ोंिक वे स ाई से काम करते थे ।
8 और िहलिक ाह महायाजक ने शापान मं ी से कहा, मुझे यहोवा के भवन म व था की पु क िमली है; तब िहलिक ाह ने शापान को वह पु क दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
9 तब शापान मं ी ने राजा के पास लौट कर यह स े श िदया, िक जो चानदी भवन म िमली, उसे तेरे कमचा रयो ने थै िलयों म डाल कर, उन को सौंप िदया जो यहोवा के भवन म काम
कराने वाले ह।
10 िफर शपान मं ी ने राजा को यह भी बता िदया, िक िहलिक ाह याजक ने उसे एक पु क दी है । तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
11 व था की उस पु क की बात सुन कर राजा ने अपने व फाड़े ।
12 िफर उसने िहलिक ाह याजक, शापान के पु अहीकाम, मीकायाह के पु अकबोर, शापान मं ी और असाया नाम अपने एक कमचारी को आ ा दी,
13 िक यह पु क जो िमली है , उसकी बातों के िव तुम जा कर मेरी और जा की और सब य िदयों की ओर से यहोवा से पूछो, ोंिक यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस
कारण भड़की है, िक हमारे पुरखाओं ने इस पु क की बात न मानी िक कुछ हमारे िलये िलखा है, उसके अनु सार करते ।
14 िहलिक ाह याजक और अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने ा निबया के पास जा कर उस से बात की, वह उस श ूम की प ी थी जो ितकवा का पु और हहस का
पोता और व ों का रखवाला था, ( और वह ी य शले म के नये टोले म रहती थी )।
15 उसने उन से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक िजस पु ष ने तु म को मे रे पास भे जा, उस से यह कहो,
16 यहोवा यों कहता है, िक सुन, िजस पु क को य दा के राजा ने पढ़ा है, उसकी सब बातों के अनुसार म इस थान और इसके िनवािसयों पर िवपि डाला चाहता ँ।
17 उन लोगों ने मुझे ाग कर पराये दे वताओं के िलये धूप जलाया और अपनी बनाई ई सब व ु ओं के ारा मु झे ोध िदलाया है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस थान पर भड़केगी
और िफर शांत न होगी।
18 पर ु य दा का राजा िजसने तु यहोवा से पू छने को भेजा है उस से तुम यों कहो, िक इ ाएल का परमे र यहोवा कहता है।
19 इसिलये िक तू वे बात सुन कर दीन आ, और मेरी वे बात सुन कर िक इस थान और इसके िनवािसयों दे ख कर लोग चिकत होंगे, और शाप िदया करगे, तू ने यहोवा के सा ने
अपना िसर नवाया, और अपने व फाड़ कर मेरे सा ने रोया है, इस कारण म ने ते री सुनी है , यहोवा की यही वाणी है ।
20 इसिलये दे ख, म ऐसा क ं गा, िक तू अपने पुरखाओं के संग िमल जाएगा, और तू शांित से अपनी कबर को प ंचाया जाएगा, और जो िवपि म इस थान पर डाला चाहता ँ, उस म
से तुझे अपनी आं खों से कुछ भी दे खना न पड़े गा। तब उ ोंने लौट कर राजा को यही स े श िदया।
2 राजा 23
1 राजा ने य दा और य शले म के सब पु रिनयों को अपने पास इक ा बुलवाया।
2 और राजा, य दा के सब लोगों और य शले म के सब िनवािसयों और याजकों और निबयों वरन छोटे बड़े सारी जा के लोगों को संग ले कर यहोवा के भवन म गया। तब उसने जो
वाचा की मु क यहोवा के भवन म िमली थी, उसकी सब बात उन को पढ़ कर सुनाईं।
3 तब राजा ने ख े के पास खड़ा हो कर यहोवा से इस आशय की वाचा बा ी, िक म यहोवा के पीछे पीछे चलूं गा, और अपने सारे मन और सारे ाण से उसकी आ ाएं , िचतौिनयां और
िविधयों का िनत पालन िकया क ं गा, और इस वाचा की बातों को जो इस पु क म िलखी है पू री क ं गा। और सब जा वाचा म स ागी ई।
4 तब राजा ने िहलिक ाह महायाजक और उसके नीचे के याजकों और ारपालों को आ ा दी िक िजतने पा बाल और अशेरा और आकाश के सब गण के िलये बने ह, उन सभों को
यहोवा के म र म से िनकाल ले आओ। तब उसने उन को य शले म के बाहर िक ोन के खे तों म फूंक कर उनकी राख बेतेल को प ंचा दी।
5 और िजन पुजा रयों को य दा के राजाओं ने य दा के नगरों के ऊंचे थानों म और य शले म के आस पास के थानों म धूप जलाने के िलये ठहराया था, उन को और जो बाल और
सू य-च मा, रािशच और आकाश के कुल गण को धूप जलाते थे , उन को भी राजा ने दू र कर िदया।
6 और वह अशेरा को यहोवा के भवन म से िनकाल कर य शलेम के बाहर िक ोन नाले म िलवा ले गया और वहीं उसको फूंक िदया, और पीस कर बुकनी कर िदया। तब वह बु कनी
साधारण लोगों की कबरों पर फक दी।
7 िफर पु षगािमयों के घर जो यहोवा के भवन म थे, जहां यां अशेरा के िलये पद बु ना करती थी,ं उन को उसने ढा िदया।
8 और उसने य दा के सब नगरों से याजकों को बुलवाकर गेबा से बेशबा तक के उन ऊंचे थानों को, जहां उन याजकों ने धूप जलाया था, अशु कर िदया; और फाटकों के ऊंचे थान
अथात जो थान नगर के यहोशू नाम हािकम के फाटक पर थे, और नगर के फाटक के भीतर जाने वाले की बाई ओर थे, उन को उसने ढा िदया।
9 तौभी ऊंचे थानों के याजक य शलेम म यहोवा की वेदी के पास न आए, वे अखमीरी रोटी अपने भाइयों के साथ खाते थे ।
10 िफर उसने तोपेत को जो िह ोमवंिशयों की तराई म था, अशु कर िदया, तािक कोई अपने बे ठे वा बे टी को मोलोक के िलये आग म होम कर के न चढ़ाए।
11 और जो घोड़े य दा के राजाओं ने सूय को अपण कर के, यहोवा के भवन के ार पर नत ेलेक नाम खोजे की बाहर की कोठरी म रखे थे, उन को उसने दू र िकया, और सूय के रथों
को आग म फूंक िदया।
12 और आहाज की अटारी की छत पर जो वेिदयां य दा के राजाओं की बनाईं ई थी ं, और जो वेिदयां मन े ने यहोवा के भवन के दोनों आं गनों म बनाईं थी ं, उन को राजा ने ढाकर
पीस डाला और उनकी बुकनी िक ोन नाले म फक दी।
13 और जो ऊंचे थान इ ाएल के राजा सुलैमान ने य शलेम की पू व ओर और िवकारी नाम पहाड़ी की द न अलं ग, अ ोरे त नाम सीदोिनयों की िघनौनी दे वी, और कमोश नाम
मोआिबयों के िघनौने दे वता, और िम ोम नाम अ ोिनयों के िघनौने दे वता के िलये बनवाए थे, उन को राजा ने अशु कर िदया।
14 और उसने लाठों को तोड़ िदया और अशेरों को काट डाला, और उनके थान मनु ों की हि यों से भर िदए।
15 िफर बे तेल म जो वेदी थी, और जो ऊंचा थान नबात के पु यारोबाम ने बनाया था, िजसने इ ाएल से पाप कराया था, उस वेदी और उस ऊंचे थान को उसने ढा िदया, और ऊंचे
थान को फूंक कर बुकनी कर िदया और अशेरा को फूंक िदया।
16 और योिश ाह ने िफर कर वहां के पहाड़ की कबरों को दे खा, और लोगों को भे ज कर उन कबरों से हि यां िनकलवा दी ं और वेदी पर जलवाकर उसको अशु िकया। यह यहोवा
के उस वचन के अनु सार आ, जो परमे र के उस भ ने पु कार कर कहा था िजसने इ ी ं बातों की चचा की थी।
17 तब उसने पूछा, जो ख ा मुझे िदखाई पड़ता है, वह ा है? तब नगर के लोगों ने उस से कहा, वह परमे र के उस भ जन की कबर है, िजसने य दा से आकर इसी काम की
चचा पुकार कर की जो तू ने बेतेल की वेदी से िकया है।
18 तब उसने कहा, उसको छोड़ दो; उसकी हि यों को कोई न हटाए। तब उ ोंने उसकी हि यां उस नबी की हि यों के संग जो शोमरोन से आया था, रहने दी।
19 िफर ऊंचे थान के िजतने भवन शोमरोन के नगरों म थे , िजन को इ ाएल के राजाओं ने बना कर यहोवा को रस िदलाई थी, उन सभों को योिश ाह ने िगरा िदया; और जै सा जै सा
उसने बेतेल म िकया था, वैसा वैसा उन से भी िकया।
20 और उन ऊंचे थानों के िजतने याजक वहां थे उन सभों को उसने उ ी वेिदयों पर बिल िकया और उन पर मनु ों की हि यां जला कर य शलेम को लौट गया।
21 और राजा ने सारी जा के लोगों को आ ा दी, िक इस वाचा की पु क म जो कुछ िलखा है , उसके अनु सार अपने परमे र यहोवा के िलये फसह का पव मानो।
22 िन य ऐसा फसह न तो ािययों के िदनों म माना गया था जो इ ाएल का ाय करते थे , और न इ ाएल वा य दा के राजाओं के िदनों म माना गया था।
23 राजा योिश ाह के अठारहव वष म यहोवा के िलये य शलेम म यह फसह माना गया।
24 िफर ओझे, भूतिस वाले, गृहदे वता, मूरत और िजतनी िघनौनी व ुएं य दा दे श और य शले म म जहां कही ं िदखाई पड़ी,ं उन सभों को योिश ाह ने उस मनसा से नाश िकया,
िक व था की जो बात उस पु क म िलखी थी ं जो िहलिक ाह याजक को यहोवा के भवन म िमली थी, उन को वह पू री करे ।
25 और उसके तु न तो उस से पिहले कोई ऐसा राजा आ और न उसके बाद ऐसा कोई राजा उठा, जो मू सा की पू री व था के अनुसार अपने पूण मन और मूण ाण और पूण
श से यहोवा की ओर िफरा हो।
26 तौभी यहोवा का भड़का आ बड़ा कोप शा न आ, जो इस कारण से य दा पर भड़का था, िक मन े ने यहोवा को ोध पर ोध िदलाया था।
27 और यहोवा ने कहा था जेसे म ने इ ाएल को अपने सा ने से दू र िकया, वैसे ही य दा को भी दू र क ं गा; और इस य शलेम नगर से िजसे म ने चुना और इस भवन से िजसके
िवषय म ने कहा, िक यह मेरे नाम का िनवास होगा, म हाथ उठाऊंगा।
28 योिश ाह के और सब काम जो उसने िकए, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
29 उसके िदनों म िफ़रौन-नको नाम िम का राजा अ ूर के राजा के िव परात महानद तक गया तो योिश ाह राजा भी उसका सा ना करने को गया, और उसने उसको दे खते
ही मिग ो म मार डाला।
30 तब उसके कमचा रयों ने उसकी लोथ एक रथ पर रख मिग ो से ले जा कर य शले म को प ंचाई और उसकी िनज कबर म रख दी। तब साधारण लोगों ने योिश ाह के पु
यहोआहाज को ले कर उसका अिभषेक कर के, उसके िपता के थान पर राजा िनयु िकया।
31 जब यहोआहाज रा करने लगा, तब वह तेईस वष का था, और तीन महीने तक य शलेम म रा करता रहा; और उसकी माता का नाम हमूतल था, जो िल ावासी ियमयाह की
बेटी थी।
32 उसने ठीक अपने पुरखाओं की नाईं वही िकया, जो यहोवा की ि म बुरा है ।
33 उसको िफ़रौन-नको ने हमात दे श के रबला नगर म बा रखा, तािक वह य शले म म रा न करने पाए, िफर उसने दे श पर सौ िक ार चा ी और िक ार भर सोना जुरमाना
िकया।
34 तब िफरौन-नको ने योिश ाह के पु ए ाकीम को उसके िपता योिश ाह के थान पर राजा िनयु िकया, और उसका नाम बदल कर यहोयाकीम रखा; और यहोआहाज को ले
गया। सो यहोआहाज िम म जा कर वही ं मर गया।
35 यहोयाकीम ने िफ़रौन को वह चा ी और सोना तो िदया पर ु दे श पर इसिलये कर लगाया िक िफ़रौन की अ ा के अनुसार उसे दे सके, अथात दे श के सब लोगों से िजतना िजस पर
लगान लगा, उतनी चा ी और सोना उस से िफ़रौन-नको को दे ने के िलये ले िलया।
36 जब यहोयाकीम रा करने लगा, तब वह प ीस पष का था, और ारह वष तक य शले म म रा करता रहा; और उसकी माता का नाम जबीदा था जो मावासी अदायाह की
बेटी थी।
37 उसने ठीक अपने पुरखाओं की नाईं वह िकया जो यहोवा की ि म बुरा है ।
2 राजा 24
1 उसके िदनों म बाबेल के राजा नबूकदने र ने चढाई की और यहोयाकीम तीन वष तक उसके आधीन रहा; तब उसने िफर कर उस से बलवा िकया।
2 तब यहावा ने उसके िव और य दा को नाश करने के िलये कसिदयों, अरािमयों, मोआिबयों और अ ोिनयों के दल भे जे, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार आ, जो उसने
अपने दास भिव ाओं के ारा कहा था।
3 िन:स े ह यह य दा पर यहोवा की आ ा से आ, तािक वह उन को अपने सा ने से दू र करे । यह मन े के सब पापों के कारण आ।
4 और िनद षों के उस खू न के कारण जो उसने िकया था; ोंिक उसने य शलेम को िनद षों के खू न से भर िदया था, िजस को यहोवा ने मा करना न चाहा।
5 यहोयाकीम के और सब काम जो उसने िकए, वह ा य दा के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
6 िनदान यहोयाकीम अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पु यहोयाकीन उसके थान पर राजा आ।
7 और िम का राजा अपने दे श से बाहर िफर कभी न आया, ोंिक बाबे ल के राजा ने िम के नाले से ले कर परात महानद तक िजतना दे श िम के राजा का था, सब को अपने वश
म कर िलया था।
8 जब यहोयाकीन रा करने लगा, तब वह अठारह वष का था, और तीन महीने तक य शलेम म रा करता रहा; और उसकी माता का नाम न ा था, जो य शलेम के एलनातान
की बे टी थी।
9 उसने ठीक अपने िपता की नाईं वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा है।
10 उसके िदनों म बाबेल के राजा नबूकदने र के कमचा रयों ने य शलेम पर चढ़ाई कर के नगर को घे र िलया।
11 और जब बाबेल के राजा नबूकदने र के कमचारी नगर को घेरे ए थे, तब वह आप वहां आ गया।
12 और य दा का राजा यहोयाकीन अपनी माता और कमचा रयों, हािकमों और खोजों को संग ले कर बाबेल के राजा के पास गया, और बाबे ल के राजा ने अपने रा के आठव वष मे
उन को पकड़ िलया।
13 तब उसने यहोवा के भवन म और राजभवन म रखा आ पूरा धन वहां से िनकाल िलया और सोने के जो पा इ ाएल के राजा सुलैमान ने बना कर यहोवा के म र म रखे थे , उन
सभों को उसने टु कड़े टु कड़े कर डाला, जैसा िक यहोवा ने कहा था।
14 िफर वह पू रे य शलेम को अथात सब हािकमों और सब धनवानों को जो िमल कर दस हजार थे, और सब कारीगरों और लोहारों को ब ुआ कर के ले गया, यहां तक िक साधारण
लोगों म से कंगालों को छोड़ और कोई न रह गया।
15 और वह यहोयाकीन को बाबेल म ले गया और उसकी माता और यों और खोजों को और दे श के बड़े लोगों को वह ब ुआ कर के य शलेम से बाबेल को ले गया।
16 और सब धनवान जो सात हजार थे, और कारीगर और लोहार जो िमल कर एक हजार थे, और वे सब वीर और यु के यो थे, उ बाबेल का राजा ब ुआ कर के बाबेल को ले
गया।
17 और बाबे ल के राजा ने उसके थान पर उसके चाचा म ाह को राजा िनयु िकया और उसका नाम बदलकर िसदिक ाह रखा।
18 जब िसदिक ाह रा करने लगा, तब वह इ ीस वष का था, और य शले म म ारह वष तक रा करता रहा; और उसकी माता का नाम हमूतल था, जो िल ावासी ियमयाह
की बे टी थी।
19 उसने ठीक यहोयाकीम की लीक पर चलकर वही िकया जो यहोवा की ि म बुरा है।
20 ोंिक यहोवा के कोप के कारण य शलेम और य दा को ऐसी दशा ई, िक अ म उसने उन को अपने सा ने से दू र िकया।
2 राजा 25
1 और िसदिक ाह ने बाबेल के राजा से बलवा िकया। उसके रा के नौव वष के दसव महीने के दसव िदन को बाबे ल के राजा नबूकदने र ने अपनी पूरी सेना ले कर य शलेम पर
चढ़ाई की, और उसके पास छावनी कर के उसके चारों ओर कोट बनाए।
2 और नगर िसदिक ाह राजा के ारहव वष तक िघरा आ रहा।
3 चौथे महीने के नौव िदन से नगर म महंगी यहां तक बढ़ गई, िक दे श के लोगों के िलये कुछ खाने को न रहा।
4 तब नगर की शहरपनाह म दरार की गई, और दोनों भीतों के बीच जो फाटक राजा की बारी के िनकट था उस माग से सब यो ा रात ही रात िनकल भागे। कसदी तो नगर को घेरे ए
थे , पर ु राजा ने अराबा का माग िलया।
5 तब कसिदयों की सेना ने राजा का पीछा िकया, और उसको यरीहो के पास के अराबा म जा िलया, और उसकी पू री से ना उसके पास से िततर िबतर हो गई।
6 तब वे राजा को पकड़ कर रबला म बाबेल के राजा के पास ले गए, और उसे द की आ ा दी गई।
7 और उ ोंने िसदिक ाह के पु ों को उसके सा ने घात िकया और िसदिक ाह की आं ख फोड़ डाली ं और उसे पीतल की बेिडय़ों से जकड़ कर बाबेल को ले गए।
8 बाबेल के राजा नबू कदने र के उ ीसव वष के पांचव महीने के सातव िदन को ज ादों का धान नबू जरदान जो बाबे ल के राजा का एक कमचारी था, य शलेम म आया।
9 और उसने यहोवा के भवन और राजभवन और य शले म के सब घरों को अथात हर एक बड़े घर को आग लगा कर फूंक िदया।
10 और य शले म के चारों ओर की सब शहरपनाह को कसिदयो की पूरी सेना ने जो ज ादों के धान के सं ग थी ढा िदया।
11 और जो लोग नगर म रह गए थे , और जो लोग बाबेल के राजा के पास भाग गए थे, और साधारण लोग जो रह गए थे , इन सभों को ज ादों का धान नबूजरदान ब ुआ कर के ले
गया।
12 पर ु ज ादों के धान ने दे श के कंगालों म से िकतनों को दाख की बा रयों की से वा और का कारी करने को छोड़ िदया।
13 और यहोवा के भवन म जो पीतल के ख े थे और कुिसया और पीतल का हौद जो यहोवा के भवन म था, इन को कसदी तोड़ कर उनका पीतल बाबेल को ले गए।
14 और ह यों, फाविडय़ों, िचमटों, धूपदानों और पीतल के सब पा ों को िजन से से वा टहल होती थी, वे ले गए।
15 और करछे और कटो रयां जो सोने की थी,ं और जो कुछ चा ी का था, वह सब सोना, चा ी, ज ादों का धान ले गया।
16 दोनों ख े, एक हौद और जो कुिसया सुलैमान ने यहोवा के भवन के िलये बनाए थे , इन सब व ु ओं का पीतल तौल से बाहर था।
17 एक एक ख े की ऊंचाई अठारह अठारह हाथ की थी और एक एक ख े के ऊपर तीन तीन हाथ ऊंची पीतल की एक एक कंगनी थी, और एक एक कंगनी पर चारों ओर जो
जाली और अनार बने थे, वे सब पीतल के थे।
18 और ज ादों के धान ने सरायाह महायाजक और उस के नीचे के याजक सप ाह और तीनों ारपालों को पकड़ िलया।
19 और नगर म से उसने एक हािकम को पकड़ा जो यो ाओं के ऊपर था, और जो पु ष राजा के स ु ख रहा करते थे , उन म से पांच जन जो नगर म िमले, और सेनापित का मु शी जो
लोगों को से ना म भरती िकया करता था; और लोगों म से साठ पु ष जो नगर म िमले ।
20 इन को ज ादों का धान नबूजरदान पकड़ कर रबला के राजा के पास ले गया।
21 तब बाबेल के राजा ने उ हमात दे श के रबला म ऐसा मारा िक वे मर गए। यों य दी ब ु आ बन के अपने दे श से िनकाल िदए गए।
22 और जो लोग य दा दे श म रह गए, िजन को बाबेल के राजा नबूकदने र ने छोड़ िदया, उन पर उसने अहीकाम के पु गद ाह को जो शापान का पोता था अिधकारी ठहराया।
23 जब दलों के सब धानों ने अथात नत ाह के पु इ ाएल कारे के पु योहानान, नतोपाई, त मे त के पु सरायाह और िकसी माकाई के पु याज ाह ने और उनके जनों ने यह
सु ना, िक बाबेल के राजा ने गद ाह को अिधकारी ठहराया है, तब वे अपने अपने जनों समेत िम ा म गद ाह के पास आए।
24 और गद ाह ने उन से और उन के जनों से शपथ खा कर कहा, कसिदयों के िसपािहयों से न डरो, दे श म रहते ए बाबेल के राजा के आधीन रहो, तब तु ारा भला होगा।
25 पर ु सातव महीने म नत ाह का पु इ ाएल, जो एलीशामा का पोता और राजवंश का था, उसने दस जन सं ग ले गद ाह के पास जा कर उसे ऐसा मारा िक वह मर गया, और
जो य दी और कसदी उसके संग िम ा म रहते थे, उन को भी मार डाला।
26 तब ा छोटे ा बड़े सारी जा के लोग और दलों के धान कसिदयों के डर के मारे उठ कर िम म जा कर रहने लगे।
27 िफर य दा के राजा यहोयाकीन की ब ुआई के ततीसव वष म अथात िजस वष म बाबे ल का राजा एवी रोदक राजग ी पर िवराजमान आ, उसी के बारहव महीने के स ाईसव
िदन को उसने य दा के राजा यहोयाकीन को ब ीगृह से िनकाल कर बड़ा पद िदया।
28 और उस से मधुर मधुर वचन कह कर जो राजा उसके सं ग बाबेल म ब ुए थे उनके िसं हासनों से उस के िसंहासन को अिधक ऊंचा िकया,
29 और उसके ब ीगृ ह के व बदल िदए और उसने जीवन भर िन राजा के स ु ख भोजन िकया।
30 और ितिदन के खच के िलये राजा के यहां से िन का खच ठहराया गया जो उसके जीवन भर लगातार उसे िमलता रहा।
1 इितहास 1
1 आदम,शेत, एनोश;
2 केनान, महललेल, येरेद;
3 हनोक, मतूशेलह, लेमेक;
4 नूह, शेम, हाम और येपेत।
5 ये पेत के पु : गोमेर, मागोग, मादै , यावान, तूबल, मेशेक और तीरास ह।
6 और गोमे र के पु : अशकनज, दीपत और तोगमा ह।
7 और यावान के पु : एलीशा, तशी ंश, और िक ी और रोदानी लोग ह।
8 हाम के पु : कुश, िम , पूत और कनान ह।
9 और कूश के पु : सबा, हबीला, सबाता, रामा और स का ह; और रामा के पु : शबा और ददान ह।
10 और कूश से िन ोद उ आ; पृ वी पर पिहला वीर वही आ।
11 और िम से लूदी, अनामी, लहावी, न ही।
12 प ूसी, कसलू ही ( वहां से पिल ी िनकले ) और क ोरी उ ए।
13 कनान से उसका जेठा सीदोन और िह ।
14 और यबूसी, एमोरी, िगगाशी।
15 िह ी, अक , सीनी।
16 अवदी, समारी और हमाती उ ए।
17 शेम के पु : एलाम, अ ूर, अप द, लूद, अराम, ऊस, ल, गेतेर और मेशेक ह।
18 और अप द से शेलह और शेलह से एबेर उ आ।
19 और एबेर के दो पु उ ए: एक का नाम पेलेग इस कारण रखा गया िक उसके िदनों म पृ ी बां टी गई; और उसके भाई का नाम यो ान था।
20 और यो ान से अ ोदाद, शुलेप, हसमावेत, येरह।
21 हदोराम, ऊजाल, िद ा।
22 एबाल, अबीमाएल, शबा,
23 ओपीर, हवीला और सोबाब उ ए; ये ही सब यो ान के पु ह।
24 शेम, अप द, शेलह।
25 एबेर, पे लेग, ।
26 स ग, नाहोर, ते रह,
27 अ ाम, वही इ ाहीम भी कहलाता है।
28 इ ाहीम के पु इसहाक और इ ाएल ह।
29 इनकी वंशाविलयां ये ह। इ ाएल का जेठा नवायोत, िफर केदार, अदवेल, िमबसाम।
30 िम ा, दू मा, म ा, हदद, तेमा।
31 यतूर, नापीश, केदमा। ये इ ाएल के पु ए।
32 िफर कतूरा जो इ ाहीम की रखेली थी, उसके ये पु उ ए, अथात उस से िज ान, यो ान, मदान, िम ान, ियशबाक और शूह उ ए। यो ान के पु : शबा और ददान।
33 और िम ान के पु : एपा, एपेर, हनोक, अबीदा और एलदा, ये सब कतूरा के पु ह।
34 इ ाहीम से इसहाक उ आ। इसहाक के पु : ऐसाव और इ ाएल।
35 ऐसाव के पु : एलीपज, एल, यूश, यालाम और कोरह ह।
36 एलीपज के ये पु ह: तेमान, ओमार, सपी, गाताम, कनज, ित ा और अमाले क।
37 एल के पु : नहत, जेरह, श ा और िम ा।
38 िफर से ईर के पु : लोतान, शोबाल, िसबोन, अना, दीशोन, एसे र और दीशान ह।
39 और लोतान के पु : होरी और होमाम, और लोतान की बिहन ित ा थी।
40 शोबाल के पु : अ ान, मानहत, एबाल, शपी और ओनाम।
41 और िसबोन के पु : अ ा, और अना। अना का पु : दीशोन। और दीशोन के पु : ह ान, एशबान, िय ान और करान।
42 एसेर के पु िब ान, जाचान और याकान। और दीशान के पु : ऊस और अरान ह।
43 जब िकसी राजा ने इ ाएिलयों पर रा न िकया था, तब एदोम के दे श म ये राजा ए: अथात बोर का पु बे ला और उसकी राजधानी का नाम िद ाबा था।
44 बेला के मरने पर, बो ाई जेरह का पु योबाब, उसके थान पर राजा आ।
45 और योबाब के मरने पर, तेमािनयों के दे श का शाम उसके थान पर राजा आ।
46 िफर शाम के मरने पर, बदद का पु हदद, उसके थान पर राजा आ: यह वही है, िजसने िम ािनयों को मोआब के दे श म मार िलया; और उसकी राजधानी का नाम अबीत था।
47 और हदद के मरने पर, म ेकाई स ा उसके थान पर राजा आ।
48 िफर स ा के मरने पर शाऊल, जो महानद के तट पर के रहोबोत नगर का था, वह उसके थान पर राजा आ।
49 और शाऊल के मरने पर अकबोर का पु बा ानान उसके थान पर राजा आ।
50 और ब ानान के मरने पर, हदद उसके थान पर राजा आ; और उसकी राजधानी का नाम पाई था। और उसकी प ी का नाम महेतबेल था जो मेज़ाहाब की नाितनी और म ेद की
बेटी थी। और हदद मर गया।
51 िफर एदोम के अिधपित ये थे: अथात अिधपित ित ा, अिधपित अ ा, अिधपित यते त, अिधपित ओहोलीवामा,
52 अिधपित एला, अिधपित पीनोन, अिधपित कनज,
53 अिधपित ते मान, अिधपित िमबसार, अिधपित म ीएल, अिधपित ईराम।
54 एदोम के ये अिधपित ए।
1 इितहास 2
1 इ ाएल के ये पु ए; बेन, िशमोन, लेवी, य दा, इ ाकार, जबू लून, दान।
2 यू सुफ, िब ामीन, न ाली, गाद और आशेर।
3 य दा के ये पु ए: एर, ओनान और शेला, उसके ये तीनों पु , बतशू नाम एक कनानी ी से उ ए। और य दा का जेठा एर, यहोवा की ि म बुरा था, इस कारण उसने
उसको मार डाला।
4 य दा की ब तामार से पेरेस और जेरह उ ए। य दा के सब पु पांच ए।
5 पे रेस के पु : हे ोन और हामूल।
6 और जे रेह के पु : िज ी, एतान, हेमान, कलकोल और दारा सब िमल कर पां च।
7 िफर कमी ं का पु : आकान जो अपण की ई प ु के िवषय म िव ासघात कर के इ ाएिलयों का क दे ने वाला आ।
8 और एतान का पु : अजयाह।
9 हे ोन के जो पु उ ए: यर ेल, राम और कलूबै।
10 और राम से अ ीनादाब और अ ीनादाब से नहशोन उ आ जो य िदयों का धान बना।
11 और नहशोन से स ा और स ा से बोअज,
12 और बोअज से ओबेद और ओबेद से ियशै उ आ।
13 और ियशै से उसका जेठा एलीआब और दू सरा अबीनादाब तीसरा िशमा।
14 चौथा नतनेल और पांचवां र । छठा ओसेम और सातवां दाऊद उ आ।
15 इनकी बिहन स याह ओर अबीगै ल थी ं।
16 और स याह के पु अबीशै, योआब और असाहेल थे तीन थे।
17 और अबीगैल से अमासा उ आ, और अमासा का िपता इ ाएली येतेर था।
18 हे ोन के पु कालेब के अजूबा नाम एक ी से, और यरीओत से , बे टे उ ए; और इसके पु ये ए अथात ये शेर, शेबाब और अद न।
19 जब अजू बा मर गई, सब कालेब ने ए ात को ाह िलया; और िजससे र उ आ।
20 और र से ऊरी और ऊरी से बसलेल उ आ।
21 इसके बाद हे ोन िगलाद के िपता माकीर की बेटी के पास गया, िजसे उसने तब ाह िलया, जब वह साठ वष का था; और उस से सगूब उ आ।
22 और सगूब से याईर ज ा, िजसके िगलाद दे श म तेईस नगर थे।
23 और गशूर और अराम ने याईर की ब यों को और गां वों समेत कनत को, उन से ले िलया; ये सब नगर िमलकर साठ थे । ये सब िगलाद के िपता माकीर के पु ए।
24 और जब हे ोन कालेबे ाता म मर गया, तब उसकी अिब ाह नाम ी से अश र उ आ जो तको का िपता आ।
25 और हे ोन के जे ठे यर ेल के थे पु ए: अथात राम जो उसका जेठा था; और बू ना, ओरे न, ओसे म और यिह ाह।
26 और यर ेल की एक और प ी थी, िजसका नाम अतारा था; वह ओनाम की माता थी।
27 और यर ेल के जेठे राम के ये पु ए, अथात मास, यामीन और एकेर।
28 और ओनाम के पु श ै और यादा ए। और श ै के पु नादाब और अबीशूर ए।
29 और अबीशूर की प ी का नाम अबीहैल था, और उस से अहबान और मोलीद उ ए।
30 और नादाब के पु सेलेद और अ ैम ए; सेलेद तो िन:स ान मर गया। और अ ैम का पु ियशी।
31 और ियशी का पु शेशान और शेशान का पु : अहलै ।
32 िफर श ै के भाई यादा के पु : येतेर और योनातान ए; ये तेर तो िन:स ान मर गया।
33 योनातान के पु पेलेत और जाजा; यर ेल के पु ये ए।
34 शेशान के तो बे टा न आ, केवल बेिटयां ई। शेशान के पास यहा नाम एक िम ी दास था।
35 और शेशान ने उसको अपनी बेटी ाह दी, और उस से अ ै उ आ।
36 और अ ै से नातान, नातान से जाबाद।
37 जाबाद से एपलाल, एपलाल से ओबेद।
38 ओबेद से ये , ये से अजयाह।
39 अजयाह से हेलैस, हेलैस से एलासा।
40 एलासा से िस ै, िस ै से श ूम।
41 श ूम से यक ाह और यक ाह से एलीशामा उ ए।
42 िफर यर ेल के भाई कालेब के ये पु ए: अथात उसका जे ठा मे शा जो जीप का िपता आ। और मारे शा का पु हे ोन भी उसी के वंश म आ।
43 और हे ोन के पु कोरह, त ूह, रे केम और शेमा।
44 और शेमा से योकाम का िपता रहम और रे केम से श ै उ आ था।
45 और श ै का पु माओन आ; और माओन बे ूर का िपता आ।
46 िफर एपा जो कालेब की रखेली थी, उस से हारान, मोसा और गाजे ज उ ए; और हारान से गाजेज उ आ।
47 िफर याहदै के पु रे गेम, योताम, गेशान, पेलेत, एपा और शाप।
48 और माका जो कालेब की रखेली थी, उस से शेबेर और ितहाना उ ए।
49 िफर उस से मदम ा का िपता शाप और मकबेना और िगबा का िपता शबा उ ए। और काले ब की बे टी अकसा थी। कालेब के पु ये ए।
50 ए ाता के जेठे र का पु िकय ारीम का िपता शोबाल।
51 बेतले हेम का िपता स ा और बेतगादे र का िपता हारे प।
52 और िकय ारीम के िपता शोबाल के वंश म हारोए आधे मनु होतवासी,
53 और िकय ारीम के कुल अथात िय ी, पूती, शूमाती और िम ाई और इन से सोराई और ए ाओली िनकले ।
54 िफर स ा के वंश म बेतलेहेम और नतोपाई, अ ोतबे ोआब और आधे मानहती, सोरी।
55 िफर याबे स म रहने वाले ले खकों के कुल अथात ितराती, िशमाती और सूकाती ए। ये रे काब के घराने के मू लपु ष ह न के वंश वाले केनी ह।
1 इितहास 3
1 दाऊद के पु जो हे ोन म उस से उ ए वे ये ह: जेठा अ ोन जो िय ेली अहीनोआम से , दू सरा दािन े ल जो कमली अबीगैल से उ आ।
2 तीसरा अबशालोम जो गशूर के राजा त ै की बेटी माका का पु था, चौथा ओदािन ाह जो हरगीत का पु था।
3 पांचवां शप ाह जो अबीतल से, और छठवां िय ाम जो उसकी ी ए ा से उ आ।
4 दाऊद से हे ोन म छ: पु उ ए, और वहां उसने साढ़े सात वष रा िकया; और य शलेम म ततीस वष रा िकया।
5 और य शले म म उसके ये पु उ ए अथात िशमा, शोबाब, नातान और सुलैमान, ये चारों अ ीएल की बे टी बतशू से उ ए।
6 और ियभार, एलीशामा एलीपेलेत।
7 नेगाह, ने पेग, यापी।
8 एलीशामा, ए ादा और एलीमेलेत, ये नौ पु थे, ये सब दाऊद के पु थे ।
9 और इन को छोड़ रखेिलयों के भी पु थे, और इनकी बिहन तामार थी।
10 िफर सु लैमान का पु रहबाम उ आ; रहबाम का अिब ाह का आसा, आसा का यहोशापात।
11 यहोशपात का योराम, योराम का अह ाह, अह ाह का योआश।
12 योआश का अम ाह, अम ाह का अजयाह, अजयाह का योताम।
13 योताम का आहाज, आहाज का िहजिक ाह, िहजिक ाह का मन े।
14 मन े का आमोन, और आमोन का योिश ाह पु आ।
15 और योिश ाह के पु उसका जेठा योहानान, दू सरा यहोयाकीम; तीसरा िसदिक ाह, चौथा श ूम।
16 और यहोयाकीम का पु यको ाह, इसका पु िसदिक ाह।
17 ओर यको ाह का पु अ ीर, उसका पु शालतीएल।
18 और म ीराम, पदायाह, शेन र, यक ाह, होशामा और नद ाह।
19 और पदायाह के पु ज ाबेल और िशमी ए; और ज ाबे ल के पु मशु ाम और हन ाह, िजनकी बहीन शलोमीत थी।
20 और हशूबा, ओहेल, बेरे ाह, हस ाह और यूशमेसेद, पां च।
21 और हन ाह के पु पल ाह और यशायाह। और रपायाह के पु अनान के पु ओब ाह के पु और शक ाह के पु ।
22 और तक ाह का पु शमायाह। और शमायाह के पु ह ूश और ियगाल, बारीह, नायाह और शपात, छ:।
23 और नायाह के पु ए ोएनै, िहजिक ाह और अ ीकाम, तीन।
24 और ए ोएनै के पु होद ाह, ए ाशीब, पलायाह, अककूब, योहानान, दलायाह और अनानी, सात।
1 इितहास 4
1 य दा के पु : पे रेस, हे ोन, कमी ं, र और शोबाल।
2 और शोबाल के पु : रायाह से यहत और यहत से अ मै और लहद उ ए, ये सोराई कुल ह।
3 और एताम के िपता के ये पु ए: अथात िय ेल, िय ा और िय ाश, िजनकी बिहन का नाम ह ले लपोनी था।
4 और गदोर का िपता पनूएल, और शा का िपता एजेर। ये ए ाता के जेठे र के स ान ह, जो बे तले हेम का िपता आ।
5 और तको के िपता अश र के हेबा और नारा नाम दो यां थी ं।
6 और नारा से अ ाम, हेपेर, तेमनी और हाहशतारी उ ए, नारा के ये ही पु , ए।
7 और हे ला के पु , सेरेत, ियसहर और ए ान।
8 िफर कोस से आनूब और सोबेबा उ ए और उसके वंश म हा न के पु अहहल के कुल भी उ ए।
9 और याबे स अपने भाइयों से अिधक िति त आ, और उसकी माता ने यह कहकर उसका नाम याबे स रखा, िक म ने इसे पीिड़त हो कर उ िकया।
10 और याबेस ने इ ाएल के परमे र को यह कह कर पु कारा, िक भला होता, िक तू मुझे सचमु च आशीष दे ता, और मे रा दे श बढाता, और तेरा हाथ मेरे साथ रहता, और तू मु झे बुराई
से ऐसा बचा रखता िक म उस से पीिड़त न होता! और जो कुछ उसने मांगा, वह परमे र ने उसे िदया।
11 िफर शूहा के भाई कलूब से एशतोन का िपता महीर उ आ।
12 और एशतोन के वंश म रामा का घराना, और पासेह और ईनाहाश का िपता तिह ा उ ए, रे का के लोग ये ही ह।
13 और कनज के पु , ओ ीएल और सरायाह, और ओ ीएल का पु हतत।
14 मोनोतै से ओ ा और सरायाह से योआब जो गेहराशीम का िपता आ; वे कारीगर थे ।
15 और यपु े के पु कालेब के पु एला और नाम, और एला के पु कनज।
16 और यह ेल के पु , जीप, जीपा, तीरया और असरे ल।
17 और ए ा के पु येतेर, मेरेद, एपेर और यालोन, और उसकी ी से िम ाम, श ै और एशतमो का िपता ियशबह उ ए।
18 और उसकी य िदन ी से गदोर का िपता येरेद, सोको के िपता हे बेर और जानोह के िपता यकूतीएल उ ए, ये िफ़रौन की बेटी िब ा के पु थे िजसे मेरेद ने ाह िलया था।
19 और होिद ाह की ी जो नहम की बिहन थी, उसके पु कीला का िपता एक गे रेमी और एशतमो का िपता एक माकाई।
20 और शीमोन के पु अ ोन, र ा, बे ानान और तोलोन और ियशी के पु जोहेत और बे नजोहे त।
21 य दा के पु शेला के पु लेका का िपता एर, मारे शा का िपता लादा और अशबे के घराने के कुल िजस म सन के कपड़े का काम होता था।
22 और योकीम और कोजबा के मनु और योआश और साराप जो मोआब म भु ता करते थे और याशूब, ले हेम इनका वृ ा ाचीन है।
23 ये कु ार थे , और नताईम और गदे रा म रहते थे जहां वे राजा का कामकाज करते ए उसके पास रहते थे ।
24 िशमोन के पु नमू एल, यामीन, यारीब, जेरह और शाऊल।
25 और शाऊल का पु श ूम, श ूम का पु िमबसाम और िमबसाम का िम ा आ।
26 और िम ा का पु ह ूएल, उसका पु ज ू र, और उसका पु िशमी।
27 िशमी के सोलह बेटे और छ: बेिटयां ई पर ु उसके भाइयों के ब त बे टे न ए; और उनका सारा कुल य िदयों के बराबर न बढ़ा।
28 वे बेशबा, मोलादा, हसशूआल।
29 िब ा, एसेम, तोलाद।
30 बतू एल, होमा, िस ग,
31 बेतमकाबोत, हससूसीम, बेतिबरी और शारै म म बस गए; दाऊद के राजय के समय तक उनके ये ही नगर रहे।
32 और उनके गां व एताम, ऐन, र ोन, तोकेन और आशान नाम पांच नगर।
33 और बाल तक िजतने गांव इन नगरों के आसपास थे, उनके बसने के थान ये ही थे, और यह उनकी वंशावली ह।
34 िफर मशोबाब और य ेक और अप ाह का पु योशा।
35 और योएल और योिश ाह का पु ये , जो सरायाह का पोता, और असीएल का परपोता था।
36 और ए ोएनै और याकोबा, यशोहायाह और असायाह और अदीएल और यसीमीएल और बनायाह।
37 और िशपी का पु ज़ीज़ा जो अ ोन का पु , यह यदायाह का पु , यह िश ी का पु , यह शमायाह का पु था।
38 ये िजनके नाम िलखे ए ह, अपने अपने कुल म धान थे; और उनके िपतरों के घराने ब त बढ़ गए।
39 ये अपनी भेड़-बक रयों के िलये चराई ढू ं ढ़ने को गदोर की घाटी की तराई की पूव ओर तक गए।
40 और उन को उ म से उ म चराई िमली, और दे श ल ा-चौड़ा, चैन और शां ित का था; ोंिक वहां के पिहले रहने वाले हाम के वंश के थे।
41 और िजनके नाम ऊपर िलखे ह, उ ोंने य दा के राजा िहजिक ाह के िदनों म वहां आकर जो मूनी वहां िमले, उन को डे रों समेत मार कर ऐसा स ानाश कर डाला िक आज तक
उनका पता नही ं है, और वे उनके थान म रहने लगे, ोंिक वहां उनकी भेड़-बक रयों के िलये चराई थी।
42 और उन म से अथात िशमोिनयों म से पांच सौ पु ष अपने ऊपर पल ाह, नायाह, रपायाह और उ ीएल नाम ियशी के पु ों को अपने धान ठहराया;
43 तब वे सेईद पहाड़ को गए, और जो अमेलेकी बच कर रह गए थे उन को मारा, और आज के िदन तब वहां रहते ह।
1 इितहास 5
1 इ ाएल का जेठा तो बेन था, पर ु उसने जो अपने िपता के िबछौने को अशु िकया, इस कारण जे ठे का अिधकार इ ाएल के पु यूसुफ के पु ों को िदया गया। वंशावली जेठे के
अिधकार के अनुसार नहीं ठहरी।
2 ोिक य दा अपने भाइयों पर बल हो गया, और धान उसके वंश से आ पर ु जे ठे का अिधकार यूसुफ का था।
3 इ ाएल के जेठे पु बेन के पु ये ए, अथात हनोक, प ू , हे ोन और कमी ं।
4 और योएल के पु शमायाह, शमायाह का गोग, गोग का िशमी।
5 िशमी का मीका, मीका का रायाह, रायाह का बाल।
6 और बाल का पु बे रा, इस को अ ूर का राजा ितलगतिपलनेसेर ब ुआई म ले गया; और वह बे िनयो का धान था।
7 और उसके भाइयों की वंशवली के िलखते समय वे अपने अपने कुल के अनु सार ये ठहरे , अथात मु तो यीएल, िफर जकयाह।
8 और अजाज का पु बेला जो शेमा का पोता और योएल का परपोता था, वह अरोएर म और नबो और बा ोन तक रहता था।
9 और पू व ओर वह उस जंगल के िसवाने तक रहा जो परात महानद तक म ंचाता है, ोंिक उनके पशु िगलाद दे श म बढ़ गए थे।
10 और शऊल के िदनों म उ ोंने हि यों से यु िकया, और ह ी उनके हाथ से मारे गए; तब वे िगलाद की सारी पूरबी अलंग म अपने डे रों म रहने लगे।
11 गादी उनके सा ने स ा तक बाशान दे श म रहते थे ।
12 अथात मु तो योएल और दू सरा शापाम िफर यानै और शापात, ये बाशान म रहते थे ।
13 और उनके भाई अपने अपने िपतरों के घरानों के अनुसार मीकाएल, मशु ाम, शेबा, योरै , याकान, जी और एबे र, सात थे।
14 ये अबीहै ल के पु थे, जो री का पु था, यह योराह का पु , यह िगलाद का पु , यह िमकाएल का पु , यह यशीशै का पु , यह यहदो का पु , यह बूज का पु था।
15 इनके िपतरों के घरानों का मु पू ष अ ीएल का पु , और गू नी का पोता अही था।
16 ये लोग बाशान म, िगलाद और उसके गांवों म, और शारोन की सब चराइयों म उसकी परली ओर तक रहते थे ।
17 इन सभों की वंशावली य दा के राजा योनातन के िदनों और इ ाएल के राजा यारोबाम के िदनों म िलखी गई।
18 बेिनयों, गािदयों और मन े के आधे गो के यो ा जो ढाल बा ने , तलवार चलाने , और धनुष के तीर छोड़ने के यो और यु करना सीखे ए थे, वे चौवालीस हजार सात सौ
साठ थे, जो यु म जाने के यो थे।
19 इ ोंने हि यों और यतू र नापीश और नोदाब से यु िकया था।
20 उनके िव इन को सहायता िमली, और अ ी उन सब समेत जो उनके साथ थे उनके हाथ म कर िदए गए, ोंिक यु म इ ोंने परमे र की दोहाई दी थी और उसने उनकी
िबनती इस कारण सुनी, िक इ ोंने उस पर भरोसा रखा था।
21 और इ ोंने उनके पशु हर िलये, अथात ऊंट तो पचास हजार, भेड़-बकरी अढ़ाई लाख, गदहे दो हजार, और मनु एक लाख ब ुए कर के ले गए।
22 और ब त से मरे पड़े थे ोंिक वह लड़ाई परमे र की ओर से ई। और ये उनके थान म ब ुआई के समय तक बसे रहे।
23 िफर मन े के आधे गो की स ान उस दे श म बसे, और वे बाशान से ले बा े म न, और सनीर और हेम न पवत तक फैल गए।
24 और उनके िपतरों के घरानों के मु पु ष ये थे, अथात एपे र, ियशी, एलीएल, अ ीएल, ियमयाह, होद ाह और यहदीएल, ये बड़े वीर और नामी और अपने िपतरों के घरानों के
मु पु ष थे।
25 और उ ोंने अपने िपतरों के परमे र से िव ासघात िकया, और उस दे श के लोग िजन को परमे र ने उनके सा ने से िवनाश िकया था, उनके दे वताओं के पीछे िभचा रन की
नाईं हो िलए।
26 इसिलये इ ाएल के परमे र ने अ ूर के राजा पूल और अ ूर के राजा ितलग लने सेर का मन उभारा, और इ ोंने उ अथात बेिनयों, गािदयों और मन े के आधे गो के
लोगों को ब ुआ कर के हलह, हाबोर और हारा और गोजान नदी के पास प ंचा िदया; और वे आज के िदन तक वही ं रहते ह।
1 इितहास 6
1 लेवी के पु गेश न, कहात और मरारी।
2 और कहात के पु , अ ाम, ियसहार, हे ोन और उ ीएल।
3 और अ ाम की स ान हा न, मूसा और म रयम, और हा न के पु , नादाब, अबी , एलीआज़र और ईतामार।
4 एलीआज़र से पीनहास, पीनहास से अबीशू।
5 अबीशू से बु ी, बु ी से उ ी।
6 उ ी से जर ाह, जर ाह से मरायोत।
7 मरायोत से अमयाह, अमयाह से अहीतूब।
8 अहीतू ब से सादोक, सादोक से अहीमास।
9 अहीमास से अजयाह, अजयाह से योहानान।
10 और योहानान से अजयाह, उ आ ( जो सुलैमान के य शलेम म बनाए ए भवन म याजक का काम करता था )
11 िफर अजयाह से अमयाह, अमयाह से यहीतूब।
12 यहीतू ब से सादोक, सादोक से श ूम।
13 श ूम से िहलिक ाह, िहलिक ाह से अजयाह।
14 अजयाह से सरायाह, और सरायाह से यहोसादाक उ आ।
15 और जब यहोवा, य दा और य शलेम को नबूकदने र के ारा ब ु आ कर के ले गया, तब यहोसादाक भी ब ु आ हो कर गया।
16 ले वी के पु गेश म, कहात और मरारी।
17 और गेश म के पु ों के नाम ये थे, अथात िल ी और िशमी।
18 और कहात के पु अ ाम, ियसहार, हे ोन और उ ीएल।
19 और मरारी के पु महली और मू शी और अपने अपने िपतरों के घरानों के अनुसार ले िवयों के कुल ये ए।
20 अथात, गे श न का पु िल ी आ, िल ी का यहत, यहत का िज ा।
21 िज ा का योआह, योआह का इ ो, इ ो का जेरह, और जेरह का पु यातरै आ।
22 िफर कहात का पु अ ीनादाब आ, अ ीनादाब का कोरह, कोरह का अ ीर।
23 अ ीर का ए ाना, ए ाना का ए ासाप, ए ासाप का अ ीर।
24 अ ीर का तहत, तहत का ऊरीएल, ऊरीएल का उ ाह और उ ाह का पु शाऊल आ।
25 िफर ए ाना के पु अमासै और अहीमोत।
26 ए ाना का पु सोपै, सोपै का नहत।
27 नहत का एलीआब, एलीआब का यरोहाम, और यरोहाम का पु ए ाना आ।
28 और शमूएल के पु , उसका जेठा योएल और दू सरा अिब ाह आ।
29 िफर मरारी का पु महली, महली का िल ी, िल ी का िशमी, िशमी का उ ा।
30 उ ा का िशमा; िशमा का ह ाह और ह ाह का पु असायाह आ।
31 िफर िजन को दाऊद ने स दू क के िठकाना पाने के बाद यहोवा के भवन म गाने के अिधकारी ठहरा िदया वे ये ह।
32 जब तक सु लैमान य शलेम म यहोवा के भवन को बनवा न चु का, तब तक वे िमलापवाले त ू के िनवास के सा ने गाने के ारा सेवा करते थे; और इस सेवा म िनयम के अनु सार
उप थत आ करते थे।
33 जो अपने अपने पु ों समेत उप थत आ करते थे वे ये ह, अथात कहाितयों म से हेमान गवैया जो योएल का पु था, और योएल शमुएल का।
34 शमू एल ए ाना का, ए ाना यरोहाम का, यरोहाम एलीएल का, एलीएल तोह का।
35 तोह सूप का, सूप ए ाना का, ए ाना महत का, महत अमासै का।
36 अमासै ए ाना का, ए ाना योएल का, योएल अजयाह का, अजयाह सप ाह का।
37 सप ाह तहत का, तहत अ ीर का, अ ीर ए ासाप का, एबयासाप कोरह का।
38 कोरह ियसहार का, ियसहार कहात का, कहात लेवी का और ले वी इ ाएल का पु था।
39 और उसका भाई असाप जो उसके दािहने खड़ा आ करता था वह बेरे ाह का पु था, और बे रे ाह िशमा का।
40 िशमा मीकाएल का, मीकाएल बासेयाह का, बासेयाह म ाह का।
41 म ाह ए ी का, ए ी जेरह का, जेरह अदायाह का।
42 अदायाह एतान का, एतान िज ा का, िज ा िशमी का।
43 िशमी यहत का, यहत गेश म का, गेश म लेवी का पु था।
44 और बाईं ओर उनके भाई मरारी खड़े होते थे, अथात एताव जो कीशी का पु था, और कीशी अ ी का, अ ी म ू क का।
45 म ूक हश ाह का, हश ाह अम ाह का, अम ाह िहलिक ाह का।
46 िहलिक ाह अमसी का, अमसी बानी का, बानी शेमेर का।
47 शेमेर महली का, महली मूशी का, मूशी मरारी का, और मरारी ले वी का पु था।
48 और इनके भाई जो लेवीय थे वह परमे र के भवन के िनवास की सब कार की से वा के िलये अपण िकए ए थे ।
49 पर ु हा न और उसके पु होमबिल की वेदी, और धूप की वेदी दोनों पर बिलदान चढ़ाते, और परम पिव थान का सब काम करते, और इ ाएिलयों के िलये ायि त करते थे ,
जैसे िक परमे र के दास मूसा ने आ ाएं दी थी ं।
50 और हा न के वंश म ये ए, अथात उसका पु एलीआजर आ, और एलीआजर का पीनहास, पीनहास का अबीशू।
51 अबीशू का बु ी, बु ी का उ ी, उ ी का जर ाह।
52 जर ाह का मरायोत, मरायोत का अमयाह, अमयाह का अहीतूब।
53 अहीतूब का सादोक और सादोक का अहीमास पु आ।
54 और उनके भागों म उनकी छाविनयों के अनुसार उनकी ब यां ये ह, अथात कहात के कुलों म से पिहली िच ी जो हा न की स ान के नाम पर िनकली।
55 अथात चारों ओर की चराइयों समेत य दा दे श का हे ोन उ िमला।
56 पर ु उस नगर के खेत और गांव यपु े के पु कालेब को िदए गए।
57 और हा न की स ान को शरणनगर हे ोन, और चराइयों समेत िल ा,
58 और य ीर और अपनी अपनी चराइयों समेत एशतमो। हीलेन, दबीर।
59 आशान और बे तशेमेश।
60 और िब ामीन के गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत गेबा, अ ेमेत और अनातोत िदए गए। उनके घरानों के सब नगर तेरह थे।
61 और शेष कहाितयों के गो के कुल, अथात मन े के आधे गो म से िच ी डाल कर दस नगर िदए गए।
62 और गेश िमयों के कुलों के अनुसार उ इ ाकार, आशेर और न ाली के गो , और बाशान म रहने वाले मन े के गो म से तेरह नगर िमले।
63 मरा रयों के कुलों के अनुसार उ बेन, गाद और जबूलून के गो म से िच ी डाल कर बारह नगर िदए गए।
64 और इ ाएिलयों ने ले िवयों को ये नगर चराइयों समेत िदए।
65 और उ ोंने य िदयों, िशमोिनयों और िब ामीिनयों के गो ों म से वे नगर िदए, िजनके नाम ऊपर िदए गए ह।
66 और कहाितयों के कई कुलों को उनके भाग के नगर ए ैम के गो म से िमले ।
67 सो उन को अपनी अपनी चराइयों समेत ए ैम के पहाड़ी दे श का शकेम जो शरण नगर था, िफर गे जेर।
68 योकमाम, बेथेरोन।
69 अ ालोन और गि ोन।
70 और मन े के आधे गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत आनेर और िबलाम शेष कहाितयों के कुल को िमले ।
71 िफर गे श िमयों को मन े के आधे गो के कुल म से तो अपनी अपनी चराइयों समेत बाशान का गोलान और अशतारोत।
72 और इ ाकार के गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत केदे श, दाबरात।
73 रामोत और आनेम,
74 और आशेर के गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत माशाल, अ ोन।
75 कोक और रहोब।
76 और न ाली के गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत गालील का केदे श ह ोन और िकयातै म िमले ।
77 िफर शेष ले िवयों अथात मरा रयों को जबू लून के गो म से तो अपनी अपनी चराइयों समेत िश ोन और ताबोर।
78 और यरीहो के पास की यरदन नदी की पूव और बेन के गो म से तो अपनी अपनी चराइयों समेत जंगल का बेसेर, यहसा।
79 कदे मोत और मे पाता।
80 और गाद के गो म से अपनी अपनी चराइयों समेत िगलाद का रामोत महनैम,
81 हेशोबोन और याजेर िदए गए।
1 इितहास 7
1 इ ाकार के पु तोला, पूआ, याशूब और िश ोन, चार थे ।
2 और तोला के पु उ ी, रपायाह, यरीएल, यहमै, ियबसाम और शमूएल, ये अपने अपने िपतरों के घरानों अथात तोला की स ान के मु पु ष और बड़े वीर थे, और दाऊद के िदनों
म उनके वंश की िगनती बाईस हजार छ: सौ थी।
3 और उ ी का पु िय ाह, और िय ाह के पु मीकाएल, ओब ाह, योएल और िय ह पां च थे ; ये सब मु पु ष थे।
4 और उनके साथ उनकी वंशाविलयों और िपतरों के घरानों के अनु सार से ना के दलों के छ ीस हजार यो ा थे ; ोंिक उनके ब त यां और पु थे।
5 और उनके भाई जो इ ाकार के सब कुलों म से थे, वे स ासी हजार बड़े वीर थे , जो अपनी अपनी वंशावली के अनुसार िगने गए।
6 िब ामीन के पु बेला, बेकेर और यदीएल ये तीन थे।
7 बे ला के पु : एसबोन, उ ी, उ ीएल, यरीमोत और ईरी ये पांच थे। ये अपने अपने िपतरों के घरानों के मु पु ष और बड़े वीर थे, और अपनी अपनी वंशावली के अनु सार उनकी
िगनती बाईस हजार चौंतीस थी।
8 और बेकेर के पु : जमीरा, योआश, बलीएजेर, ए ोएनै, ओ ी, यरे मोत, अिब ाह, अनातोत और आले मेत ये सब बे केर के पु थे।
9 ये जो अपने अपने िपतरों के घरानों के मु पु ष और बड़े वीर थे, इनके वंश की िगनती अपनी अपनी वंशावली के अनुसार बीस हजार दो सौ थी।
10 और यदीएल का पु िब ान, और िब ान के पु , यू श, िब ामीन, ए द, कनाना, जे तान, तशी ंश और अहीशहर थे।
11 ये सब जो यदीएल की स ान और अपने अपने िपतरों के घरानों म मु पु ष और बड़े वीर थे , इनके वंश से से ना म यु करने के यो स ह हजार दो सौ पु ष थे।
12 और ईर के पु शु ीम और ीम और अहेर के पु शी थे।
13 न ाली के पु , एहसीएल, गूनी, येसेर और श ूम थे, ये िब ा के पोते थे ।
14 मन े के पु , अ ीएल जो उसकी अरामी रखेली ी से उ आ था; और उस अरामी ी ने िगलाद के िपता माकीर को भी ज िदया।
15 और माकीर ( िजसकी बिहन का नाम माका था ) उसने ीम और शु ीम के िलये यां ाह लीं, और दू सरे का नाम सलोफाद था, और सलोफाद के बेिटयां ईं।
16 िफर माकीर की ी माका के एक पु उ आ और उसका नाम पेरेश रखा; और उसके भाई का नाम शेरेश था; और इसके पु ऊलाम और राकेम थे।
17 और ऊलाम का पु बदान। ये िगलाद की स ान थे जो माकीर का पु और मन े का पोता था।
18 िफर उसकी बिहन ह ोलेकेत ने ईशहोद, अबीएजेर और महला को ज िदया।
19 और शमीदा के पु अ ान, शेकेम, िलखी और अनीआम थे।
20 और ए ै म के पु शूतेलह और शूतेलह का बेरेद, बेरेद का तहत, तहत का एलादा, एलादा का तहत।
21 तहत का जाबाद और जाबाद का पु शूतेलह आ, और येजेर और एलाद भी िज गत के मनु ों ने जो उस दे श म उ ए थे इसिलये घात िकया, िक वे उनके पशु हर लेने को
उतर आए थे।
22 सो उनका िपता ए ैम उनके िलये ब त िदन शोक करता रहा, और उसके भाई उसे शां ित दे ने को आए।
23 और वह अपनी प ी के पास गया, और उसने गभवती हो कर एक पु को ज िदया और ए ैम ने उसका नाम इस कारण बरीआ रखा, िक उसके घराने म िवपि पड़ी थी।
24 (और उसकी पु ी शेरा थी, िजसने िनचले और ऊपर वाले दोनों बेथोरान नाम नगरों को और उ े नशेरा को ढ कराया। )
25 उौर उसका पु रे पा था, और रे शेप भी, और उसका पु तेलह, तेलह का तहन, तहन का लादान,
26 लादान का अ ी द, अ ी द का एलीशामा।
27 एलीशमा का नून, और नून का पु यहोशू था।
28 और उनकी िनज भूिम और ब यां गांवों समे त बेतेल और पूव की ओर नारान और पि म की ओर गां वों समेत गेजेर, िफर गांवों समेत शकेम, और गांवों समे त अ ा थी ं।
29 और मन ेइयों के िसवाने के पास अपने अपने गांवों समेत बेतशान, तानाक, मिग ो और दोर। इन म इ ाएल के पु युसुफ की स ान के लोग रहते थे।
30 आशेर के पु , िय ा, िय ा, िय ी और बरीआ, और उनकी बिहन सेरह ई।
31 और बरीआ के पु , हेबेर और म ीएल और यह िबज त का िपता आ।
32 और हे बेर ने यपलेत, शोमेर, होताम और उनकी बिहन शूआ को ज िदया।
33 और यपलेत के पु पासक िब ाल और अ ात। यपलेत के ये ही पु थे।
34 और शेमेर के पु , अही, रोहगा, य ा और अराम थे।
35 और उसके भाई हेलेम के पु सोपह, िय ा, शेलेश और आमाल थे ।
36 और सोपह के पु , सूह, हनपेर, शूआल, वेरी, इ ा।
37 बेसेर, होद, श ा, िशलसा, िय ान और बेरा थे।।
38 और येतेर के पु , यपु े, िप ा और अरा।
39 और उ ा के पु , आरह, ह ीएल और र ा।
40 ये सब आशेर के वंश म ए, और अपने अपने िपतरों के घरानों म मु पु ष और बड़े से बड़े वीर थे और धानों म मु थे। और थे जो अपनी अपनी वंशावली के अनु सार सेना म
यु करने के िलये िगने गए, इनकी िगनती छ ीस हजार थी।
1 इितहास 8
1 िब ामीन से उसका जेठा बेला, दू सरा अशबेल, तीसरा अ ह,
2 चौथा नोहा और पांचवां रापा उ आ।
3 और बेला के पु , अ ार, गेरा, अबी द।
4 अबीशू, नामान, अहोह,
5 गे रा, शपूपान और राम थे।
6 और ए द के पु ये ए ( गेबा के िनवािसयों के िपतरों के घरानों म मु पु ष ये थे, िज ब ु आई म मानहत को ले गए थे )।
7 और नामान, अिह ाह और गेरा ( इ भी ब ुआ कर के मानहत को ले गए थे ), और उसने उ ा और अिहलू द को ज िदया।
8 और शहरै म से हशीम और बारा नाम अपनी यों को छोड़ दे ने के बाद मोआब दे श म लड़के उ ए।
9 और उसकी अपनी ी होदे श से योआब, िस ा, मेशा, म ाम, यू स, सो ा,
10 और िममा उ ए उसके ये पु अपने अपने िपतरों के घरानों म मु पु ष थे ।
11 और शीम से अबीतूब और ए ाल का ज आ।
12 ए ाल के पु एबे र, िमशाम और शेमेर, इसी ने ओनो और गांवों समेत लोद को बसाया।
13 िफर बरीआ और शेमा जो अ ालोन के िनवािसयों के िपतरों के घरानों म मु पु ष थे, और िज ोंने गत के िनवािसयों भगा िदया।
14 और अ ो,शासक, यरमोत।
15 जब ाह, अराद, एदे र।
16 मीकाएल, िय ा, योहा, जो बरीआ के पु थे।
17 जब ाह, मशु ाम, िहजकी, हेबर।
18 ियशमरै , ियजलीआ, योबाब, जो ए ाल के पु थे।
19 और याकीम, िज ी, ज ी।
20 एलीएनै, िस तै , एलीएल।
21 अदायाह, बरायाह और िश ात जो िशमी के पु थे।
22 और ियशपान, यबे र, एलीएल।
23 अ ोन, िज ी,हानान।
24 हन ाह, एलाम, अ ोित ाह।
25 ियपदयाह और पनूएल जो शाशक के पु थे।
26 और शमशरै , शहयाह, अत ाह।
27 योरे ाह, एिल ाह और िज जो यरोहाम के पु थे।
28 ये अपनी अपनी पीढ़ी म अपने अपने िपतरों के घरानों म मु पु ष और धान थे , ये य शले म म रहते थे ।
29 और िगबोन म िगबोन का िपता रहता था, िजसकी प ी का ताम माका था।
30 और उसका जेठा पु अ ोन था, िफर शूर, कीश, बाल, नादाब।
31 गदोर; अ ो और जेकेर ए।
32 और िमकोत से िशमा उ आ। और ये भी अपने भाइयों के सा ने य शलेम म रहते थे, अपने भाइयों ही के साथ।
33 और नेर से कीश उ आ, कीश से शाऊल, और शाऊल से योनातान, मलकीश, अबीनादाब, और एशबाल उ आ।
34 और योनातन का पु मरी ाल आ, और मरी ाल से मीका उ आ।
35 और मीका के पु पीतोन, मेलेक, तारे और आहाज।
36 और आहाज से यहोअ ा उ आ। और यहोअ ा से आले मेत, अजमावेत और िज ी; और िज ी से मोसा।
37 मोसा से िबना उ आ। और इसका पु रापा आ, रापा का एलासा और एलासा का पु आसे ल आ।
38 और आसेल के छ: पु ए िजनके ये नाम थे, अथात अ ीकाम, बोक , िय ाएल, शायाह, ओब ाह, और हानान। ये ही सब आसेल के पु थे।
39 ओर उसके भाई एशेक के ये पु ए, अथात उसका जे ठा ऊलाम, दू सरा यू शा, तीसरा एलीपे लेत।
40 और ऊलाम के पु शूरवीर और धनुधारी ए, और उनके ब त बे टे-पोते अथात डे ढ़ सौ ए। ये ही सब िब ामीन के वंश के थे।
1 इितहास 9
1 इस कार सब इ ाएली अपनी अपनी वंशावली के अनु सार, जो इ ाएल के राजाओं के वृ ा की पु क म िलखी ह, िगने गए। और य दी अपने िव ासघात के कारण ब ु आई म
बाबु ल को प ं चाए गए।
2 जो लोग अपनी अपनी िनज भूिम अथात अपने नगरों म रहते थे, वह इ ाएली, याजक, ले वीय और नतीन थे।
3 और य शले म म कुछ य दी; कुछ िब ामीन, और कुछ ए ै मी, और मन े ई, रहते थे :
4 अथात य दा के पु पेरेस के वंश म से अ ी द का पु ऊतै, जो ओ ी का पु , और इ ी का पोता, और बानी का परपोता था।
5 और शीलोइयों म से उसका जेठा पु असायाह और उसके पु ।
6 और जे रह के वंश म से यूएल, और इनके भाई, ये छ: सौ न े ए।
7 िफर िब ामीन के वंश म से स ू जो मशु ाम का पु , होद ाह का पोता, और ह नू आ का परपोता था।
8 और ियि ाह जो यरोहाम का पु था, एला जो उ ी का पु , और िम ी का पोता था, और मशु ाम जो शप ाह का पु , एल का पोता, और ियि ाह का परपोता था;
9 और इनके भाई जो अपनी अपनी वंशावली के अनुसार िमलकर नौ सौ छ न। ये सब पु ष अपने अपने िपतरों के घरानों के अनुसार िपतरों के घरानों म मु थे।
10 और याजकों म से यदायाह, यहोयारीब और याकीन,
11 और अजयाह जो परमे र के भवन का धान और िहलिक ाह का पु था, यह पशु ाम का पु , यह सादोक का पु , यह मरायोत का पु , यह अहीतूब का पु था।
12 और अदायाह जो यरोहाम का पु था, यह पश र का पु , यह म याह का पु , यह मासै का पु , यह अदोएल का पु , यह जेरा का पु , यह पशु ाम का पु , यह मिश ीत का
पु , यह इ ेर का पु था।
13 और उनके भाई थे, जो अपने अपने िपतरों के घरानों म स ह सौ साठ मु पु ष थे , वे परमे र के भवन की सेवा के काम म ब त िनपुण पु ष थे।
14 िफर ले िवयों म से मरारी के वंश म से शमायाह जो ह ूव का पु , अ ीकाम का पोता, और हश ाह का परपोता था।
15 और बकब र, हेरेश और गालाल और आसाप के वंश म से म ाह जो मीका का पु , और िज ी का पोता था।
16 और ओब ाह जो शमायाह का पु , गालाल का पोता और यदू तून का परपोता था, और बे रे ाह जो आसा का पु , और ए ाना का पोता था, जो नतोपाइयों के गांवों म रहता था।
17 ओर ारपालों म से अपने अपने भाइयों सिहत श ूम, अ ू ब, त ोन और अहीमान, उन म से मु तो श ू म था।
18 और वह अब तक पूव ओर राजा के फाटक के पास ारपाली करता था। लेिवयों की छावनी के ारपाल ये ही थे ।
19 और श ूम जो कोरे का पु , ए ासाप का पोता, और कोरह का परपोता था, और उसके भाई जो उसके मू लपु ष के घराने के अथात कोरही थे, वह इस काम के अिधकारी थे, िक
वे त ू के ारपाल हों। उनके पुरखा तो यहोवा की छावनी के अिधकारी, और पै ठाव के रखवाले थे ।
20 और अगले समय म एलीआज़र का पु पीनहास िजसके सं ग यहोवा रहता था वह उनका धान था।
21 मेशेले ाह का पु जकयाह िमलापवाले त ू का ारपाल था।
22 ये सब जो ारपाल होने को चुने गए, वह दो सौ बारह थे। ये िजनके पुरखाओं को दाऊद और शमू एल दशी ं ने िव ासयो जान कर ठहराया था, वह अपने अपने गांव म अपनी
अपनी वंशावली के अनुसार िगने गए।
23 सो वे और उनकी स ान यहोवा के भवन अथात त ू के भवन के फाटकों का अिधकार बारी बारी रखते थे।
24 ारपाल पू व, पि म, उ र, द न, चारों िदशा की ओर चौकी दे ते थे।
25 ओर उनके भाई जो गांवों म रहते थे, उन को सात सात िदन के बाद बारी बारी से उनके सं ग रहने के िलये आना पड़ता था।
26 ोंिक चारों धान ारपाल जो लेवीय थे, वे िव ासयो जान कर परमे र के भवन की कोठ रयों और भ ारों के अिधकारी ठहराए गए थे।
27 और वे परमे र के भवन के आसपास इसिलये रात िबताते थे, िक उसकी र ा उ सौंपी गई थी, और भोर-भोर को उसे खोलना उ ी ं का काम था।
28 और उन म से कुछ उपासना के पा ों के अिधकारी थे, ोंिक ये िगन कर भीतर प ं चाए, और िगन कर बाहर िनकाले भी जाते थे।
29 और उन म से कुछ सामान के, और पिव थान के पा ों के, और मै दे, दाखमधु, तेल, लोबान और सुग ों के अिधकारी ठहराए गए थे।
30 और याजकों के पु ों म से कुछ सुग ों म गंधी का काम करते थे ।
31 और मित ाह नाम एक लेवीय जो कोरही श ूम का जेठा था उसे िव ासयो जानकर तवों पर बनाईं ई व ु ओं का अिधकारी िनयु िकया था।
32 और उसके भाइयों अथात कहाितयों म से कुछ तो भटवाली रोटी के अिधकारी थे , िक हर एक िव ामिदन को उसे तै यार िकया कर।
33 और ये गवैथे थे जो लेवीय िपतरों के घरानों म मु थे, और कोठ रयों म रहते , और और काम से छूटे थे; ोंिक वे रात-िदन अपने काम म लगे रहते थे।
34 ये ही अपनी अपनी पीढ़ी म ले िवयों के िपतरों के घरानों म मु पु ष थे , ये य शले म म रहते थे ।
35 और िगबोन म िगबोन का िपता यीएल रहता था, िजसकी प ी का नाम माका था।
36 उसका जे ठा पु अ ोन आ, िफर सुर, कीश, बाल, नेर, नादाब।
37 गदोर, अ ो, जकयाह और िम ोत।
38 और िम ोत से िशमाम उ आ और ये भी अपने भाइयों के सा ने अपने भाइयों के संग य शले म म रहते थे ।
39 और नेर से कीश, कीश से शाऊल, और शाऊल से योनातान, म ीश, अबीनादाब और एशबाल उ ए।
40 और योनातान का पु मरी ाल आ, और मरी ाल से मीका उ आ।
41 और मीका के पु पीतोन, मेलेक, त े और अहाज थे।
42 और अहाज से यारा और यारा से आलेमेत, अजमावेत और िज ी, और िज ी से मोसा।
43 और मोसा से िबना उ आ और िबना का पु रपायाह आ, रपायाह का एलासा, और एलासा का पु आसे ल आ।
44 और आसेल के छ: पु ए िजनके ये नाम थे, अथात अ ीकाम, बोक , िय ाएल, शायाह, ओब ाह और हतान; आसेल के ये ही पु ए।
1 इितहास 10
1 पिल ी इ ाएिलयों से लड़े ; और इ ाएली पिल यों के सा ने से भागे, और िगलबो नाम पहाड़ पर मारे गए।
2 और पिल ी शाऊल और उसके पु ों के पीछे लगे रहे, और पिल यों ने शाऊल के पु योनातान, अबीनादाब और म ीशू को मार डाला।
3 और शाऊल के साथ घमासान यु होता रहा और धनु धा रयों ने उसे जा िलया, और वह उनके कारण ाकुल हो गया।
4 तब शाऊल ने अपने हिथयार ढोने वाले से कहा, अपनी तलवार खी ंचकर मु झे भोंक दे , कही ं ऐसा न हो िक वे खतनारिहत लोग आकर मेरी ठ ा कर, पर ु उसके हिथयार ढोने वाले ने
भयभीत हो कर ऐसा करने से इनकार िकया, तब शाऊल अपनी तलवार खड़ी कर के उस पर िगर पड़ा।
5 यह दे खकर िक शाऊल मर गया है उसका हिथयार ढोने वाला भी अपनी तलवार पर आप िगरकर मर गया।
6 यों शाऊल और उसके तीनों पु , और उसके घराने के सब लोग एक संग मर गए।
7 यह दे खकर िक वे भाग गए, और शाऊल और उसके पु मर गए, उस तराई म रहने वाले सब इ ाएली मनु अपने अपने नगर को छोड़कर भाग गए; और पिल ी आकर उन म
रहने लगे।
8 दू सरे िदन जब पिल ी मारे ओं के माल को लूटने आए, तब उन को शाऊल और उसके पु िगलबो पहाड़ पर पड़े ए िमले।
9 तब उ ोंने उसके व को उतार उसका िसर और हिथयार ले िलया और पिल यों के दे श के सब थानों म दू तों को इसिलये भेजा िक उनके दे वताओं और साधारण लोगों म यह
शुभ समाचार दे ते जाएं ।
10 तब उ ोंने उसके हिथयार अपने दे वालय म रखे, और उसकी खोपड़ी को दागोन के म र म लटका िदया।
11 जब िगलाद के याबेश के सब लोगों ने सुना िक पिल यों ने शाऊल से ा ा िकया है ।
12 तब सब शूरवीर चले और शाऊल और उसके पु ों की लोथ उठा कर याबेश म ले आए, और उनकी हि यों को याबे श म एक बांज वृ के तले गाड़ िदया और सात िदन तक
अनशन िकया।
13 यों शाऊल उस िव ासघात के कारण मर गया, जो उसने यहोवा से िकया था; ोंिक उसने यहोवा का वचन टाल िदया था, िफर उसने भूतिस करने वाली से पूछकर स ित ली
थी।
14 उसने यहोवा से न पूछा था, इसिलये यहोवा ने उसे मार कर रा को ियशै के पु दाऊद को दे िदया।
1 इितहास 11
1 तब सब इ ाएली दाऊद के पास हे ोन म इक े हो कर कहने लगे , सुन, हम लोग और तू एक ही ह ी और मां स ह।
2 अगले िदनों म जब शाऊल राजा था, तब भी इ ाएिलयों का अगु आ तू ही था, और तेरे परमे र यहोवा ने तु झ से कहा, िक मेरी जा इ ाएल का चरवाहा, और मेरी जा इ ाएल का
धान, तू ही होगा।
3 इसिलये सब इ ाएली पुरिनये हे ोन म राजा के पास आए, और दाऊद ने उनके साथ हे ोन म यहोवा के सा ने वाचा बा ी; और उ ोंने यहोवा के वचन के अनुसार, जो उसने
शमूएल से कहा था, इ ाएल का राजा होने के िलये दाऊद का अिभषेक िकया।
4 तब सब इ ाएिलयों समे त दाऊद य शलेम गया, जो यबूस भी कहलाता था, और वहां यबू सी नाम उस दे श के िनवासी रहते थे।
5 तब यबू स के िनवािसयों ने दाऊद से कहा, तू यहां आने नहीं पाएगा। तौभी दाऊद ने िस ोन नाम गढ़ को ले िलया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है।
6 और दाऊद ने कहा, जो कोई यबूिसयों को सब से पिहले मारे गा, वह मु से नापित होगा, तब स याह का पु योआब सब से पिहले चढ़ गया, और सेनापित बन गया।
7 और दाऊद उस गढ़ म रहने लगा, इसिलये उसका नाम दाऊदपु र पड़ा।
8 और उसने नगर के चारों ओर, अथात िम ो से ले कर चारों ओर शहरपनाह बनवाई, और योआब ने शेष नगर के ख डहरों को िफर बसाया।
9 और दाऊद की ित ा अिधक बढ़ती गई और सेनाओं का यहोवा उसके संग था।
10 यहोवा ने इ ाएल के िव जो वचन कहा था, उसके अनुसार दाऊद के िजन शूरवीरों ने सब इ ाएिलयों समे त उसके रा म उसके प म हो कर, उसे राजा बनाने को ज़ोर िदया,
उन म से मु पु ष थे ह।
11 दाऊद के शूरवीरों की नामावली यह है, अथात िकसी ह ोनी का पु याशोबाम जो तीसों म मु खय था, उसने तीन सौ पु षों पर भाला चला कर, उ एक ही समय म मार डाला।
12 उसके बाद अहोही दोदो का पु एलीआज़र जो तीनों महान वीरों म से एक था।
13 वह पसद ीम म जहां जव का एक खेत था, दाऊद के सं ग रहा जब पिल ी वहां यु करने को इक े ए थे , और लोग पिल यों के सा ने से भाग गए।
14 तब उ ोंने उस खे त के बीच म खड़े हो कर उसकी र ा की, और पिल यों को मारा, और यहोवा ने उनका बड़ा उ ार िकया।
15 और तीसों मु पु षों म से तीन दाऊद के पास च ान को, अथात अदु ाम नाम गुफा म गए, और पिल यों की छावनी रपाईम नाम तराई म पड़ी ई थी।
16 उस समय दाऊद गढ़ म था, और उस समय पिल यों की एक चौकी बेतलेहेम म थी।
17 तब दाऊद ने बड़ी अिभलाषा के साथ कहा, कौन मुझे बे तले हेम के फाटक के पास के कुएं का पानी िपलाएगा।
18 तब वे तीनोंजन पिल यों की छावनी म टू ट पड़े और बेतले हेम के फाटक के कुएं से पानी भर कर दाऊद के पास ले आए; पर ु दाऊद ने पीने से इनकार िकया और यहोवा के
सा ने अघ कर के उ े ला।
19 और उसने कहा, मेरा परमे र मुझ से ऐसा करना दू र रखे ; ा म इन मनु ों का लो पीऊं िज ोंने अपने ाणों पर खे ला है ? ये तो अपने ाण पर खेल कर उसे ले आए ह। इसिलये
उसने वह पानी पीने से इनकार िकया। इन तीन वीरों ने ये ही काम िकए।
20 और अबीशै जो योआब का भाई था, वह तीनों म मु था। और उसने अपना भाला चला कर तीन सौ को मार डाला और तीनों म नामी हो गया।
21 दू सरी ेणी के तीनों म वह अिधक िति त था, और उनका धान हो गया, पर ु मु तीनों का पद को न प ं चा।
22 यहोयादा का पु बनायाह था, जो कबजेल के एक वीर का पु था, िजसने बड़े बड़े काम िकए थे, उसने िसंह समान दो मोआिबयों को मार डाला, और िहमऋतु म उसने एक गड़हे म
उतर के एक िसंह को मार डाला।
23 िफर उसने एक डील वाले अथात पांच हाथ ल े िम ी पु ष को मार डाला, वह िम ी हाथ म जु लाहों का ढे का का एक भाला िलये ए था, पर ु बनायाह एक लाठी ही िलये ए
उसके पास गया, और िम ी के हाथ से भाले को छीन कर उसी के भाले से उसे घात िकया।
24 ऐसे ऐसे काम कर के यहोयादा का पु बनायाह उन तीनों वीरों म नामी हो गया।
25 वह तो तीसों से अिधक िति त था, पर ु मु तीनों के पद को न प ंचा। उसको दाऊद ने अपनी िनज सभा म सभासद िकया।
26 िफर दलों के वीर ये थे, अथात योआब का भाई असाहे ल, बे तले हेमी दोदो का पु ए ानान।
27 हरोरी श ोत, पलोनी हेलेस।
28 तकोई इ े श का पु ईरा, अनातोती अबीएजेर।
29 िस के होसाती, अहोही ईलै।
30 महरै नतोपाई, एक और नतोपाई बाना का पु हेलेद।
31 िब ामीिनयों के िगबा नगरवासी रीबै का पु इतै, िपरातोनी बनायाह।
32 गाश के नालों के पास रहने वाला रै , अराबावासी अबीएल।
33 ब रीमी अजमावेत, श ोनी ए हबा।
34 गीजोई हाशेम के पु , िफर हरारी शागे का पु योनातान।
35 हरारी सकार का पु अहीआम, ऊर का पु एलीपाल।
36 मकेराई हेपेर, पलोनी अिह ाह।
37 कमली हे ो, ए ै का पु नारै ।
38 नातान का भाई योएल, ह ी का पु िमभार।
39 अ ोनी से लेक, बेरोती नहरै जो स याह के पु योआब का हिथयार ढोने वाला था।
40 येतेरी ईरा और गारे ब।
41 िह ी ऊ र ाह, अहलै का पु जाबाद।
42 तीस पु षों समेत बेनी शीजा का पु अदीना जो बेिनयों का मु खया था।
43 माका का पु हानान, मेतेनी योशापात।
44 अशतारोती उ ाह, अरोएरी होताम के पु शामा और यीएल।
45 िश ी का पु यदीएल और उसका भाई तीसी, योहा।
46 महवीमी एलीएल, एलनाम के पु यरीबै और योश ाह,
47 मोआबी िय ा, एलीएल, ओबेद और मसोबाई यासीएल।
1 इितहास 12
1 जब दाऊद िसकलग म कीश के पु शाऊल के डर के मारे िछपा रहता था, तब ये उसके पास वहां आए, और ये उन वीरोंम से थे जो यु म उसके सहायक थे।
2 ये धनुधारी थे, जो दािहने-बाय, दोनों हाथों से गोफन के प र और धनु ष के तीर चला सकते थे; और ये शाऊल के भाइयों म से िब ामीनी थे।
3 मु तो अहीएजेर और दू सरा योआश था जो िगबावासी शमाआ का पु था; िफर अजमावेत के पु यजीएल और पे लेत, िफर बराका और अनातोती ये ।
4 और िगबोनी ियशमायाह जो तीसों म से एक वीर और उनके ऊपर भी था; िफर ियमयाह, यहजीएल, योहानान, गदे रावासी योजाबाद।
5 एलूजै, यरीमोत, बा ाह, शमयाह, हा पी शप ाह।
6 ए ाना, ियिश ाह, अजरे ल, योएजेर, याशोबाम, जो सब कोरहवंशी थे ।
7 और गदोरवासी यरोहाम के पु योएला और जब ाह।
8 िफर जब दाऊद जं गल के गढ़ म रहता था, तब ये गादी जो शूरवीर थे , और यु िव ा सीखे ए और ढाल और भाला काम म लाने वाले थे, और उनके मुह िसंह के से और वे पहाड़ी
मृग के समान वेग से दौड़ने वाले थे, ये और गािदयों से अलग हो कर उसके पास आए।
9 अथात मु तो एजेर, दू सरा ओब ाह, तीसरा एलीआब।
10 चौथा िम ा, पां चवां ियमयाह।
11 छठा अ ै , सातवां एलीएल।
12 आठवां योहानान, नौवां एलजाबाद।
13 दसवां ियमयाह और ारहवां मकब ै था।
14 ये गादी मु यो ा थे, उन म से जो सब से छोटा था वह तो एक सौ के ऊपर, और जो सब से बड़ा था, वह हजार के ऊपर था।
15 ये ही वे ह, जो पिहले महीने म जब यरदन नदी सब कड़ाड़ों के ऊपर ऊपर बहती थी, तब उसके पार उतरे ; और पू व और पि म दानों ओर के सब तराई के रहने वालों को भगा
िदया।
16 और कई एक िब ामीनी और य दी भी दाऊद के पास गढ़ म आए।
17 उन से िमलने को दाऊद िनकला और उन से कहा, यिद तुम मे रे पास िम भाव से मेरी सहायता करने को आए हो, तब तो मेरा मन तुम से लगा रहेगा; पर ु जो तुम मु झे धोखा दे कर
मेरे श ुओ ं के हाथ पकड़वाने आए हो, तो हमारे िपतरों का परमे र इस पर ि कर के डां टे, ोंिक मे रे हाथ से कोई उप व नहीं आ।
18 अब आ ा अमासै म समाया, जो तीसों वीरों म मु था, और उसने कहा, हे दाऊद! हम ते रे ह; हे ियशै के पु ! हम तेरी ओर के ह, तेरा कुशल ही कुशल हो और तेरे सहायकों का
कुशल हो, ोंिक तेरा परमे र तेरी सहायता िकया करता है । इसिलये दाऊद ने उन को रख िलया, और अपने दल के मु खये ठहरा िदए।
19 िफर कुछ मन ेई भी उस समय दाऊद के पास भाग गए, जब वह पिल यों के साथ हो कर शाऊल से लड़ने को गया, पर ु उसकी कुछ सहायता न की, ोंिक पिल यों के
सरदारों ने स ित लेने पर यह कह कर उसे िबदा िकया, िक वह हमारे िसर कटवा कर अपने ामी शाऊल से िफर िमल जाएगा।
20 जब वह िस ग को जा रहा था, तब ये मन ेई उसके पास भाग गए; अथात अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एली और िस तै जो मन े के हजारों के मु खये
थे ।
21 इ ोंने लुटेरों के दल के िव दाऊद की सहायता की, ोंिक ये सब शूरवीर थे, और सेना के धान भी बन गए।
22 वरन ितिदन लोग दाऊद की सहायता करने को उसके पास आते रहे, यहां तक िक परमे र की सेना के समान एक बड़ी सेना बन गई।
23 िफर लोग लड़ने के िलये हिथयार बा े ए हो ोन म दाऊद के पास इसिलये आए िक यहोवा के वचन के अनु सार शाऊल का रा उसके हाथ म कर द: उनके मु खयों की िगनती
यह है ।
24 य दा के ढाल और भाला िलये ए छ: हजार आठ सौ हिथयार ब लड़ने को आए।
25 िशमोनी सात हजार एक सौ तैयार शूरवीर लड़ने को आए।
26 ले वीय चार हजार छ: सौ आए।
27 और हा न के घराने का धान यहोयादा था, और उसके साथ तीन हजार सात सौ आए।
28 और सादोक नाम एक जवान वीर भी आया, और उसके िपता के घराने के बाईस धान आए।
29 और शाऊल के भाई िब ामीिनयों म से तीन हजार आए, ोंिक उस समय तक आधे िब ामीिनयों से अिधक शाऊल के घराने का प करते रहे।
30 िफर ए ैिमयों म से बड़े वीर और अपने अपने िपतरों के घरानों म नामी पु ष बीस हजार आठ सौ आए।
31 और मन े के आधे गो म से दाऊद को राजा बनाने के िलये अठारह हजार आए, िजनके नाम बताए गए थे ।
32 और इ ाका रयों म से जो समय को पहचानते थे, िक इ ाएल को ा करना उिचत है , उनके धान दो सौ थे; और उनके सब भाई उनकी आ ा म रहते थे।
33 िफर जबूलून म से यु के सब कार के हिथयार िलये ए लड़ने को पांित बा ने वाले यो ा पचास हजार आए, वे पां ित बा े वाले थे: और चंचल न थे।
34 िफर न ाली म से धान तो एक हजार, और उनके सं ग ढाल और भाला िलये सतीस हजार आए।
35 और दािनयों म से लड़ने के िलये पांित बा ने वाले अठाईस हजार छ: सौ आए।
36 और आशेर म से लड़ने को पांित बा ने वाले चालीस हजार यो ा आए।
37 और यरदन पार रहने वाले बेनी, गादी और मन े के आधे गोि यों म से यु के सब कार के हिथयार िलये ए एक लाख बीस हजार आए।
38 ये सब यु के िलये पांित बा ने वाले दाऊद को सारे इ ाएल का राजा बनाने के िलये हे ोन म स े मन से आए, और और सब इ ाएली भी दाऊद को राजा बनाने के िलये सहमत
थे ।
39 और वे वहां तीन िदन दाऊद के संग खाते पीते रहे, ोंिक उनके भाइयों ने उनके िलये तैयारी की थी।
40 और जो उनके िनकट वरन इ ाकार, जबूलून और न ाली तक रहते थे , वे भी गदहों, ऊंटों, ख रों और बै लों पर मैदा, अंजीरों और िकशिमश की िटिकयां, दाखमधु और ते ल
आिद भोजनव ु लादकर लाए, और बैल और भेड़-बक रयां ब तायत से लाए; ोंिक इ ाएल म आन मनाया जा रहा था।
1 इितहास 13
1 और दाऊद ने सह पितयों, शतपितयों और सब धानों से स ित ली।
2 तब दाऊद ने इ ाएल की सारी म ली से कहा, यिद यह तुम को अ ा लगे और हमारे परमे र की इ ा हो, तो इ ाएल के सब दे शों म जो हमारे भाई रह गए ह और उनके साथ
जो याजक और लेवीय अपने अपने चराई वाले नगरों म रहते ह, उनके पास भी यह कहला भे ज िक हमारे पास इक े हो जाओ।
3 और हम अपने परमे र के स दू क को अपने यहां ले आएं ; ोंिक शाऊल के िदनों म हम उसके समीप नही ं जाते थे।
4 और सम म ली ने कहा, हम ऐसा ही करगे, ोंिक यह बात उन सब लोगों की ि म उिचत मालूम ई।
5 तब दाऊद ने िम के शीहोर से ले हमात की घाटी तब के सब इ ाएिलयों को इसिलये इक ा िकया, िक परमे र के स दू क को िकय ारीम से ले आए।
6 तब दाऊद सब इ ाएिलयों को सं ग ले कर बाला को गया, जो िकय ारीम भी कहलाता और य दा के भाग म था, िक परमे र यहोवा का स दू क वहां से ले आए; वह तो क बों पर
िवराजने वाला है, और उसका नाम भी यही िलया जाता है।
7 तब उ ोंने परमे र का स दू क एक नई गाड़ी पर चढ़ा कर, अबीनादाब के घर से िनकाला, और उ ा और अ ो उस गाड़ी को हांकने लगे।
8 और दाऊद और सारे इ ाएली परमे र के सा ने तन मन से गीत गाते और वीणा, सारं गी, डफ, झांझ और तुरिहयां बजाते थे।
9 जब वे कीदोन के खिलहान तक आए, तब उ ा ने अपना हाथ स दू क थामने को बढ़ाया, ोंिक बै लों ने ठोकर खाई थी।
10 तब यहोवा का कोप उ ा पर भड़क उठा; और उसने उसको मारा ोंिक उसने स दू क पर हाथ लगाया था; वह वही ं परमे र के सा ने मर गया।
11 तब दाऊद अ स आ, इसिलये िक यहोवा उ ा पर टू ट पड़ा था; और उसने उस थान का नाम पे रेसु ा रखा, यह नाम आज तक बना है।
12 और उस िदन दाऊद परमे र से डर कर कहने लगा, म परमे र के स दू क को अपने यहां कैसे ले आऊं?
13 तब दाऊद ने स दू क को अपने यहां दाऊदपुर म न लाया, पर ु ओबेदेदोम नाम गती के यहां ले गया।
14 और परमे र का स दू क ओबेदेदोम के यहां उसके घराने के पास तीन महीने तक रहा, और यहोवा ने ओबे देदोम के घराने पर और जो कुछ उसका था उस पर भी आशीष दी।
1 इितहास 14
1 और सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दू त भेजे, और उसका भवन बनाने को दे वदा की लकड़ी और राज और बढ़ई भेजे।
2 और दाऊद को िन य हो गया िक यहोवा ने मुझे इ ाएल का राजा कर के थर िकया, ोंिक उसकी जा इ ाएल के िनिम उसका रा अ बढ़ गया था।
3 और य शले म म दाऊद ने और यां ाह लीं, और उन से और बेटे-बेिटयां उ ईं।
4 उसके जो स ान य शलेम म उ ए, उनके नाम ये ह: अथात श ू , शोबाब, नातान, सु लैमान;
5 ियभार, एलीशू, एलपे लेत;
6 नोगह, ने पेग, यापी, एलीशामा,
7 बे ादा और एलीपेलेद।
8 जब पिल यों ने सुना िक पू रे इ ाएल का राजा होने के िलये दाऊद का अिभषे क आ, तब सब पिल यों ने दाऊद की खोज म चढ़ाई की; यह सुन कर दाऊद उनका सा ना
करने को िनकल गया।
9 और पिल ी आए और रपाईम नाम तराई म धावा मारा।
10 तब दाऊद ने परमे र से पूछा, ा म पिल यों पर चढ़ाई क ं ? और कया तू उ मे रे हाथ म कर दे गा? यहोवा ने उस से कहा, चढ़ाई कर, ोंिक म उ तेरे हाथ म कर दू ं गा।
11 इसिलये जब वे बालपरासीम को आए, तब दाऊद ने उन को वहीं मार िलया; तब दाऊद ने कहा, परमे र मे रे ारा मे रे श ुओ ं पर जल की धारा की नाईं टू ट पड़ा है। इस कारण उस
थान का नाम बालपरासीम रखा गया।
12 वहां वे अपने दे वताओं को छोड़ गए, और दाऊद की आ ा से वे आग लगाकर फूंक िदए गए।
13 िफर दू सरी बार पिल यों ने उसी तराई म धावा मारा।
14 तब दाऊद ने परमे र से िफर पूछा, और परमे र ने उस से कहा, उनका पीछा मत कर; उन से मु ड़कर तूत के वृ ों के सा ने से उन पर छापा मार।
15 और जब तू त के वृ ों की फुनिगयों म से सेना के चलने की सी आहट तुझे सु न पड़े , तब यह जान कर यु करने को िनकल जाना िक परमे र पिल यों की से ना को मारने के िलये
तेरे आगे जा रहा है।
16 परमे र की इस आ ा के अनुसार दाऊद ने िकया, और इ ाएिलयों ने पिल यों की से ना को िगबोन से ले कर गेजेर तक मार िलया।
17 तब दाऊद की कीित सब दे शों म फैल गई, और यहोवा ने सब जाितयों के मन म उसका भय भर िदया।
1 इितहास 15
1 तब दाऊद ने दाऊदपुर म भवन बनवाए, और परमे र के स दू क के िलये एक थान तैयार कर के एक त ू खड़ा िकया।
2 तब दाऊद ने कहा, लेिवयों को छोड़ और िकसी को परमे र का स दू क उठाना नहीं चािहये, ोंिक यहोवा ने उन को इसी िलये चुना है िक वे परमे र का स दू क उठाएं और उसकी
से वा टहल सदा िकया कर।
3 तब दाऊद ने सब इ ाएिलयों को य शलेम म इसिलये इक ा िकया िक यहोवा का स दू क उस थान पर प ं चाएं , िजसे उसने उसके िलये तैयार िकया था।
4 इसिलये दाऊद ने हा न के स ानों और ले िवयों को इक ा िकया:
5 अथात कहाितयों म से ऊरीएल नाम धान को और उसके एक सौ बीस भाइयों को ;
6 मरा रयों म से असायाह नाम धान को और उसके दो सौ बीस भाइयों को ;
7 गे श िमयों म से योएल नाम धान को और उसके एक सौ तीस भाइयों को ;
8 एलीसापािनयों म से शमायाह नाम धान को और उसके दो सौ भाइयों को ;
9 हे ोिनयों म से एलीएल नाम धान को और उसके अ ी भाइयों को ;
10 और उ ीएिलयों म से अ ीनादाब नाम धान को और उसके एक सौ बारह भाइयों को।
11 तब दाऊद ने सादोक और ए ातार नाम याजकों को, और ऊरीएल, असायाह, योएल, शमायाह, एलीएल और अ ीनादाब नाम ले िवयों को बुलवा कर उन से कहा,
12 तुम तो ले वीय िपतरों के घरानों म मु पु ष हो; इसिलये अपने भाइयों समेत अपने अपने को पिव करो, िक तुम इ ाएल के परमे र यहोवा का स दू क उस थान पर प ं चा सको
िजस को म ने उसके िलये तैयार िकया है।
13 ोंिक पिहली बार तुम ने उसको न उठाया इस कारण हमारा परमे र यहोवा हम पर टू ट पड़ा, ोंिक हम उसकी खोज म िनयम के अनुसार न लगे थे।
14 तब याजकों और लेिवयों ने अपने अपने को पिव िकया, िक इ ाएल के परमे र यहोवा का स दू क ले जा सक।
15 तब उस आ ा के अनु सार जो मूसा ने यहोवा का वचन सुन कर दी थी, लेिवयों ने स दू क को डं डों के बल अपने कंधों पर उठा िलया।
16 और दाऊद ने धान लेिवयों को आ ा दी, िक अपने भाई गवैयों को बाजे अथात सारं गी, वीणा और झां झ दे कर बजाने और आन के साथ ऊंचे र से गाने के िलये िनयु कर।
17 तब ले िवयों ने योएल के पु हेमान को, और उसके भाइयों म से बेरे ाह के पु आसाप को, और अपने भाई मरा रयों म से कूशायाह के पु एतान को ठहराया।
18 और उनके साथ उ ोंने दू सरे पद के अपने भाइयों को अथात जकयाह, बे न, याजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उ ी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मि ाह, एलीपकेह, िमकनेयाह,
और ओबेदेदोम और पीएल को जो ारपाल थे ठहराया।
19 यों हे मान, आसाप और एतान नाम के गवैये तो पीतल की झांझ बजा बजाकर राग चलाने को ;
20 और जकयाह, अजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उ ी, एलीआब, मासेयाह, और बनायाह, अलामोत, नाम राग म सारं गी बजाने को;
21 और मि ाह, एलीपकेह, िमकनेयाह ओबेदेदोम, यीएल और अज ाह वीणा खज म छे ड़ने को ठहराए गए।
22 और राग उठाने का अिधकारी कन ाह नाम ले िवयों का धान था, वह राग उठाने के िवषय िश ा दे ता था, ोंिक वह िनपु ण था।
23 और बेरे ाह और एलकाना स दू क के ारपाल थे।
24 और शब ाह, योशापात, नतनेल, अमासै, जकयाह, बनायाह और एलीएजेर नाम याजक परमे र के स दू क के आगे आगे तुरिहयां बजाते ए चले, और ओबेदेदोम और यिह ाह
उसके ारपाल थे ।
25 और दाऊद और इ ाएिलयों के पु रिनये और सह पित सब िमल कर यहोवा की वाचा का स दू क ओबे देदोम के घर से आन के साथ ले आने के िलये गए।
26 जब परमे र ने लेिवयों की सहायता की जो यहोवा की वाचा का स दू क उठाने वाले थे , तब उ ोंने सात बै ल और सात मेढ़े बिल िकए।
27 दाऊद, और यहोवा की वाचा का स दू क उठाने वाले सब लेवीय और गाने वाले और गाने वालों के साथ राग उठाने वाले का धान कन ाह, ये सब तो सन के कपड़े के बागे पिहने
थे , और दाऊद सन के कपड़े का एपोद पिहने था।
28 इस कार सब इ ाएली यहोवा की वाचा के स दू क को जयजयकार करते , और नरिसंगे, तुरिहयां और झां झ बजाते और सारं िगयां और वीणा बजाते ए ले चले।
29 जब यहोवा की वाचा का स दू क दाऊदपुर म प ंचा तब शाऊल की बे टी मीकल ने खड़की म से झां क कर दाऊद राजा को कूदते और खेलते ए दे खा, और उसे मन ही मन तू
जाना।
1 इितहास 16
1 तब परमे र का स दू क ले आकर उस त ू म रखा गया जो दाऊद ने उसके िलये खड़ा कराया था; और परमे र के सा ने होमबिल और मेलबिल चढ़ाए गए।
2 जब दाऊद होमबिल और मेलबिल चढ़ा जूका, तब उसने यहोवा के नाम से जा को आशीवाद िदया।
3 और उसने ा पु ष, ा ी, सब इ ाएिलयों को एक एक रोटी और एक एक टु कड़ा मांस और िकशिमश की एक एक िटिकया बं टवा दी।
4 तब उसने कई लेिवयों को इसिलये ठहरा िदया, िक यहोवा के स दू क के सा ने से वा टहल िकया कर, और इ ाएल के परमे र यहोवा की चचा और उसका ध वाद और ुित
िकया कर।
5 उनका मु खया तो आसाप था, और उसके नीचे जकयाह था, िफर यीएल, शमीरामोत, यहीएल, मि ाह, एलीआब बनायाह, ओबेदेदोम और यीएल थे; ये तो सारं िगयां और वीणाएं
िलये ए थे , और आसाप झांझ पर राग बजाता था।
6 और बनायाह और यहजीएल नाम याजक परमे र की वाचा के स दू क के सा ने िन तुरिहयां बजाने के िलये िनयु िकए गए।
7 तब उसी िदन दाऊद ने यहोवा का ध वाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप िदया।
8 यहोवा का ध वाद करो, उस से ाथना करो; दे श दे श म उसके कामों का चार करो।
9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आ य-कम का ान करो।
10 उसके पिव नाम पर घमं ड करो; यहोवा के खोिजयों का दय आन त हो।
11 यहोवा और उसकी सामथ की खोज करो; उसके दशन के िलये लगातार खोज करो।
12 उसके िकए ए आ यकम, उसके चम ार और ायवचन रण करो।
13 हे उसके दास इ ाएल के वंश, हे याकूब की स ान तु म जो उसके चुने ए हो!
14 वही हमारा परमे र यहोवा है, उसके ाय के काम पृ ी भर म होते ह।
15 उसकी वाचा को सदा रण रखो, यह वही वचन है जो उसने हजार पीिढय़ों के िलये ठहरा िदया।
16 वह वाचा उसने इ ाहीम के साथ बा ी, उौर उसी के िवषय उसने इसहाक से शपथ खाई,
17 और उसी को उसने याकूब के िलये िविध कर के और इ ाएल के िलये सदा की वाचा बा कर यह कह कर ढ़ िकया, िक
18 म कनान दे श तुझी को दू ं गा, वह बांट म तु ारा िनज भाग होगा।
19 उस समय तो तुम िगनती म थोड़े थे, वरन ब त ही थोड़े और उस दे श म परदे शी थे।
20 और वे एक जाित से दू सरी जाित म, और एक रा से दू सरे म िफरते तो रहे,
21 पर ु उसने िकसी मनु को उन पर अ ेर करने न िदया; और वह राजाओं को उनके िनिम यह धमकी दे ता था, िक
22 मेरे अिभिष ों को मत छु ओ, और न मेरे निबयों की हािन करो।
23 हे सम पृ ी के लोगो यहोवा का गीत गाओ। ितिदन उसके िकए ए उ ार का शुभ समाचार सु नाते रहो।
24 अ जाितयों म उसकी मिहमा का, और दे श दे श के लोगों म उसके आ य-कम का वणन करो।
25 ोंिक यहोवा महान और ुित के अित यो है, वह तो सब दे वताओं से अिधक भययो है ।
26 ोंिक दे श दे श के सब दे वता मूितया ही ह; पर ु यहोवा ही ने ग को बनाया है ।
27 उसके चारों ओर वैभव और ऐ य है; उसके थान म सामथ और आन है ।
28 हे दे श दे श के कुलो, यहोवा का गुणानुवाद करो, ।
29 यहोवा की मिहमा और सामथ को मानो। यहोवा के नाम की मिहमा ऐसी मानो जो उसके नाम के यो है । भट ले कर उसके स ुख आाओ, पिव ता से शोभायमान हो कर यहोवा
को द वत करो।
30 हे सारी पृ ी के लोगो उसके सा ने थरथराओ! जगत ऐसा थर है, िक वह टलने का नहीं।
31 आकाश आन करे और पृ ी मगन हो, और जाित जाित म लोग कह, िक यहोवा राजा आ है।
32 समु और उस म की सब व ुएं गरज उठ, मैदान और जो कुछ उस म है सो फु त हों।
33 उसी समय वन के वृ यहोवा के सा ने जयजयकार कर, ोंिक वह पृ ी का ाय करने को आने वाला है ।
34 यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है ; उसकी क णा सदा की है।
35 और यह कहो, िक हे हमारे उ ार करने वाले परमे र हमारा उ ार कर, और हम को इक ा कर के अ जाितयों से छु ड़ा, िक हम तेरे पिव नाम का ध वाद कर, और तेरी ु ित
करते ए तेरे िवषय बड़ाई कर।
36 अनािदकाल से अन काल तक इ ाएल का परमे र यहोवा ध है। तब सब जा ने आमीन कहा: और यहोवा की ुित की।
37 तब उसने वहां अथात यहोवा की वाचा के स दू क के सा ने आसाप और उसके भाइयों को छोड़ िदया, िक ितिदन के योजन के अनुसार वे स दू क के सा ने िन सेवा टहल
िकया कर!
38 और अड़सठ भाइयों समेत ओबेदेदोम को, और ारपालों के िलये यदू तून के पु ओबे देदोम और होसा को छोड़ िदया।
39 िफर उसने सादोक याजक और उसके भाई याजकों को यहोवा के िनवास के सा ने , जो िगबोन के ऊंचे थान म था, ठहरा िदया,
40 िक वे िन सवेरे और सांझ को होमबिल की वेदी पर यहोवा को होमबिल चढ़ाया कर, और उन सब के अनुसार िकया कर, जो यहोवा की व था म िलखा है, िजसे उसने इ ाएल
को िदया था।
41 और उनके संग उसने हेमान और यदू तून और दू सरों को भी जो नाम ले कर चुने गए थे ठहरा िदया, िक यहोवा की सदा की क णा के कारण उसका ध वाद कर।
42 और उनके संग उसने हेमान और यदू तून को बजाने वालों के िलये तु रिहयां और झां झ और परमे र के गीत गाने के िलये बाजे िदए, और यदू तून के बेटों को फाटक की रखवाली
करने को ठहरा िदया।
43 िनदान जा के सब लोग अपने अपने घर चले गए, और दाऊद अपने घराने को आशीवाद दे ने लौट गया।
1 इितहास 17
1 जब दाऊद अपने भवन म रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, दे ख, म तो दे वदा के बने ए घर म रहता ँ , पर ु यहोवा की वाचा का स दू क त ू म रहता है ।
2 नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन म हो उसे कर, ोंिक परमे र ते रे सं ग है।
3 उसी िदन रात को परमे र का यह वचन नातान के पास प ंचा, जा कर मे रे दास दाऊद से कह,
4 यहोवा यों कहता है, िक मेरे िनवास के िलये तू घर बनवाने न पाएगा।
5 ोंिक िजस िदन से म इ ाएिलयों को िम से ले आया, आज के िदन तक म कभी घर म नहीं रहा; पर ु एक त ू से दू सरे त ू को ओर एक िनवास से दू सरे िनवास को आया जाया
करता ँ।
6 जहां जहां म ने सब इ ाएिलयों के बीच आना जाना िकया, ा म ने इ ाएल के ािययों म से िजन को म ने अपनी जा की चरवाही करने को ठहराया था, िकसी से ऐसी बात कभी
कही, िक तु म लोगों ने मेरे िलये दे वदा का घर ों नही ं बनवाया?
7 सो अब तू मे रे दास दाऊद से ऐसा कह, िक सेनाओं का यहोवा यों कहता है , िक म ने तो तु झ को भे ड़शाला से और भेड़-बक रयों के पीछे पीछे िफरने से इस मनसा से बुला िलया, िक
तू मेरी जा इ ाएल का धान हो जाए;
8 और जहां कहीं तू आया और गया, वहां म तेरे संग रहा, और तेरे सब श ुओं को ते रे सा ने से न िकया है । अब म तेरे नाम को पृ ी के बड़े बड़े लोगों के नामों के समान बड़ा कर
दू ं गा।
9 और म अपनी जा इ ाएल के िलये एक थान ठहराऊंगा, और उसको थर क ं गा िक वह अपने ही थान म बसी रहे और कभी चलायमान न हो; और कुिटल लोग उन को नाश न
करने पाएं गे , जै से िक पिहले िदनों म करते थे;
10 उस समय भी जब म अपनी जा इ ाएल के ऊपर ायी ठहराता था; सो म ते रे सब श ुओ ं को दबा दू ं गा। िफर म तु झे यह भी बताता ँ, िक यहोवा तेरा घर बनाये रखे गा।
11 जब ते री आयु पूरी हो जायेगी और तुझे अपने िपतरों के संग जाना पड़े गा, तब म ते रे बाद तेरे वंश को जो ते रे पु ों म से होगा, खड़ा कर के उसके रा को थर क ं गा।
12 मेरे िलये एक घर वही बनाएगा, और म उसकी राजग ी को सदै व थर रखूं गा।
13 म उसका िपता ठह ं गा और वह मेरा पु ठहरे गा; और जैसे म ने अपनी क णा उस पर से जो तु झ से पिहले था हटाई, वैसे म उस पर से न हटाऊंगा,
14 वरन म उसको अपने घर और अपने रा म सदै व थर रखूं गा और उसकी राजग ी सदै व अटल रहे गी।
15 इन सब बातों और इस दशन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा िदया।
16 तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के स ुख बैठा, और कहने लगा, हे यहोवा परमे र! म ा ँ ? और मेरा घराना ा है? िक तू ने मुझे यहां तक प ंचाया है?
17 और हे परमे र! यह तेरी ि म छोटी सी बात ई, ोंिक तू ने अपने दास के घराने के िवषय भिव के ब त िदनों तक की चचा की है, और हे यहोवा परमे र! तू ने मु झे ऊंचे पद
का मनु सा जाना है।
18 जो मिहमा तेरे दास पर िदखाई गई है, उसके िवषय दाऊद तुझ से और ा कह सकता है ? तू तो अपने दास को जानता है।
19 हे यहोवा! तू ने अपने दास के िनिम और अपने मन के अनुसार यह बड़ा काम िकया है , िक तेरा दास उसको जान ले।
20 हे यहोवा! जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार ते रे तु कोई नहीं, और न तुझे छोड़ और कोई परमे र है।
21 िफर तेरी जा इ ाएल के भी तु कौन है? वह तो पृ ी भर म एक ही जाित है , उसे परमे र ने जा कर अपनी िनज जा करने को छु ड़ाया, इसिलये िक तू बड़े और डरावने काम
कर के अपना नाम करे , और अपनी जा के सा ने से जो तू ने िम से छु ड़ा ली थी, जाित जाित के लोगों को िनकाल दे ।
22 ोंिक तू ने अपनी जा इ ाएल को अपनी सदा की जा होने के िलये ठहराया, और हे यहोवा! तू आप उसका परमे र ठहरा।
23 इसिलये, अब हे यहोवा, तू ने जो वचन अपने दास के और उसके घराने के िवषय िदया है, वह सदै व अटल रहे , और अपने वचन के अनुसार ही कर।
24 और ते रा नाम सदै व अटल रहे, और यह कह कर तेरी बड़ाई सदा की जाए, िक से नाओं का यहोवा इ ाएल का परमे र है, वरन वह इ ाएल ही के िलये परमे र है , और तेरा दास
दाऊद का घराना तेरे सा ने थर रहे।
25 ोंिक हे मे रे परमे र, तू ने यह कह कर अपने दास पर गट िकया है िक म ते रा घर बनाए रखूं गा, इस कारण ते रे दास को तेरे स ुख ाथना करने का िहयाव आ है ।
26 और अब हे यहोवा तू ही परमे र है, और तू ने अपने दास को यह भलाई करने का वचन िदया है ।
27 और अब तू ने स हो कर, अपने दास के घराने पर ऐसी आशीष दी है, िक वह ते रे स ु ख सदै व बना रहे, ोंिक हे यहोवा, तू आशीष दे चुका है, इसिलये वह सदै व आशीिषत बना
रहे ।
1 इितहास 18
1 इसके बाद दाऊद ने पिल यों को जीतकर अपने आधीन कर िलया, और गांवों समेत गत नगर को पिल यों के हाथ से छीन िलया।
2 िफर उसने मोआिबयों को भी जीत िलया, और मोआबी दाऊद के आधीन हो कर भट लाने लगे ।
3 िफर जब सोबा का राजा हदरे जेर परात महानद के पास अपने रा थर करने को जा रहा था, तब दाऊद ने उसको हमात के पास जीत िलया।
4 और दाऊद ने उस से एक हजार रथ, सात हजार सवार, और बीस हजार िपयादे हर िलये , और दाऊद ने सब रथ वाले घोड़ों के सुम की नस कटवाई, पर ु एक सौ रथ वाले घोड़े बचा
रखे ।
5 और जब दिम के अरामी, सोबा के राजा हदरे जेर की सहायता करने को आए, तब दाऊद ने अरािमयों म से बाईस हजार पु ष मारे ।
6 तब दाऊद ने दिम के अराम म िसपािहयों की चौिकयां बैठाईं; सो अरामी दाऊद के आधीन हो कर भट ले आने लगे । और जहां जहां दाऊद जाता, वहां वहां यहोवा उसको जय
िदलाता था।
7 और हदरे जे र के कमचा रयों के पास सोने की जो ढाल थी ं, उ दाऊद ले कर य शले म को आया।
8 और हदरे जे र के ितभत और कून नाम नगरों से दाऊद ब त सा पीतल ले आया; और उसी से सु लेमान ने पीतल के हौद और ख ों और पीतल के पा ों को बनवाया।
9 जब हमात के राजा तोऊ ने सुना, िक दाऊद ने सोबा के राजा हदरे जे र की सम सेना को जीत िलया है ,
10 तब उसने हदोराम नाम अपने पु को दाऊद राजा के पास उसका कुशल े म पू छने और उसे बधाई दे ने को भे जा, इसिलये िक उसने हदरे जेर से लड़ कर उसे जीत िलया था; (
ोंिक हदरे जे र तोऊ से लड़ा करता था ) और हदोराम सोने चांदी और पीतल के सब कार के पा िलये ए आया।
11 इन को दाऊद राजा ने यहोवा के िलये पिव कर के रखा, और वैसा ही उस सोने -चां दी से भी िकया िजसे सब जाितयो से, अथात एदोिमयों मोआिबयों, अ ोिनयों, पिल यों, और
अमाले िकयों से ा िकया था।
12 िफर स याह के पु अबीशै ने लोन की तराई म अठारह हजार एदोिमयों को मार िलया।
13 तब उसने एदोम म िसपािहयों की चौिकयां बैठाईं; और सब एदोमी दाऊद के आधीन हो गए। और दाऊद जहां जहां जाता था वहां वहां यहोवा उसको जय िदलाता था।
14 दाऊद तो सारे इ ाएल पर रा करता था, और वह अपनी सब जा के साथ ाय और धम के काम करता था।
15 और धान सेनापित स याह का पु योआब था; इितहास का िलखने वाला अहीलू द का पु यहोशापात था।
16 धान याजक, अहीतूब का पु सादोक और ए ातार का पु अबीमे लेक थे; मं ी शबशा था।
17 करे ितयों और पकेितयों का धान यहोयादा का पु बनायाह था; और दाऊद के पु राजा के पास मु खये हो कर रहते थे।
1 इितहास 19
1 इसके बाद अ ोिनयों का राजा नाहाश मर गया, और उसका पु उसके थान पर राजा आ।
2 तब दाऊद ने यह सोचा, िक हानून के िपता नाहाश ने जो मु झ पर ीित िदखाई थी, इसिलये म भी उस पर ीित िदखाऊंगा। तब दाऊद ने उसके िपता के िवषय शांित दे ने के िलये दू त
भे जे। और दाऊद के कमचारी अ ोिनयों के दे श म हानून के पास उसे शां ित दे ने को आए।
3 पर ु अ ोिनयों के हािकम हानून से कहने लगे, दाऊद ने जो तेरे पास शांित दे ने वाले भे जे ह, वह ा ते री समझ म ते रे िपता का आदर करने की मनसा से भेजे ह? ा उसके
कमचारी इसी मनसा से तेरे पास नही ं आए, िक ढूंढ़-ढांढ़ कर और न कर, और दे श का भे द ल?
4 तब हानू न ने दाऊद के कमचा रयों को पकड़ा, और उनके बाल मुड़वाए, और आधे व अथात िनत तक कटवा कर उन को जाने िदया।
5 तब िकतनों ने जा कर दाऊद को बता िदया, िक उन पु षों के साथ कैसा बताव िकया गया, सो उसने लोगों को उन से िमलने के िलये भेजा ोंिक वे पु ष ब त लजाते थे। और राजा
ने कहा, जब तक तु ारी दािढय़ां बढ़ न जाएं , तब तक यरीहो म ठहरे रहो, और बाद को लौट आना।
6 जब अ ोिनयों ने दे खा, िक हम दाऊद को िघनौने लगते ह, तब हानून और अ ोिनयों ने एक हजार िक ार चां दी, अर हरै म और अर ाका और सोबा को भेजी, िक रथ और
सवार िकराये पर बुलाएं ।
7 सो उ ोंने ब ीस हजार रथ, और माका के राजा और उसकी से ना को िकराये पर बु लाया, और इ ोंने आकर मे दबा के सा ने, अपने डे रे खड़े िकए। और अ ोनी अपने अपने नगर
म से इक े हो कर लड़ने को आए।
8 यह सु न कर दाऊद ने योआब और शूरवीरों की पूरी सेना को भेजा।
9 तब अ ोनी िनकले और नगर के फाटक के पास पांित बा ी, और जो राजा आए थे , वे उन से अलग मै दान म थे ।
10 यह दे ख कर िक आगे पीछे दोनों ओर हमारे िव पां ित ब ी ह, योआब ने सब बड़े बड़े इ ाएली वीरों म से िकतनों को छांटकर अरािमयों के सा ने उनकी पांित ब ाई;
11 और शेष लोगों को अपने भाई अबीशै के हाथ सौंप िदया, और उ ोंने अ ोिनयों के सा ने पां ित बा ी।
12 और उसने कहा, यिद अरामी मुझ पर बल होने लग, तो तू मेरी सहायता करना; और यिद अ ोनी तु झ पर बल होने लग, तो म तेरी सहायता क ं गा।
13 तू िहयाव बा और हम सब अपने लोगों और अपने परमे र के नगरों के िनिम पु षाथ कर; और यहोवा जै सा उसको अ ा लगे, वैसा ही करे गा।
14 तब योआब और जो लोग उसके साथ थे, अरािमयों से यु करने को उनके सा ने गए, और वे उसके सा ने से भागे।
15 यह दे ख कर िक अरामी भाग गए ह, अ ोनी भी उसके भाई अबीशै के सा ने से भाग कर नगर के भीतर घु से। तब योआब य शलेम को लौट आया।
16 िफर यह दे ख कर िक वे इ ाएिलयों से हार गए ह अरािमयों ने दू त भेज कर महानद के पार के अरािमयों को बुलवाया, और हदरे जे र के से नापित शोपक को अपना धान बनाया।
17 इसका समाचार पाकर दाऊद ने सब इ ाएिलयों को इक ा िकया, और यरदन पार हो कर उन पर चढ़ाई की और उनके िव पांित ब ाई, तब वे उस से लड़ने लगे।
18 पर ु अरामी इ ाएिलयों से भागे , और दाऊद ने उन म से सात हजार रिथयों और चालीस हजार ादों को मार डाला, और शोपक सेनापित को भी मार डाला।
19 यह दे खकर िक वे इ ाएिलयों से हार गए ह, हदरे जेर के कमचा रयों ने दाऊद से संिध की और उसके आधीन हो गए; और अरािमयों ने अ ोिनयों की सहायता िफर करनी न चाही।
1 इितहास 20
1 िफर नये वष के आर म जब राजा लोग यु करने को िनकला करते ह, तब योआब ने भारी से ना सं ग ले जा कर अ ोिनयों का दे श उजाड़ िदया और आकर र ा को घे र िलया;
पर ु दाऊद य शले म म रह गया; और योआब ने र ा को जीत कर ढा िदया।
2 तब दाऊद ने उनके राजा का मुकुट उसके िसर से उतारकर ा दे खा, िक उसका तौल िक ार भर सोने का है , और उस म मिण भी जड़े थे; और वह दाऊद के िसर पर रखा गया।
िफर उसने उस नगर से ब त सामान लूट म पाया।
3 और उसने उसके रहने वालों को िनकाल कर आरों और लोहे के हगों और कु ािडय़ों से कटवाया; और अ ोिनयों के सब नगरों के साथ भी दाऊद ने वैसा ही िकया। तब दाऊद सब
लोगों समे त य शलेम को लौट गया।
4 इसके बाद गेजेर म पिल यों के साथ यु आ; उस समय शाई िस कै ने िस ै को, जो रापा की स ान था, मार डाला; और वे दब गए।
5 और पिल यों के साथ िफर यु आ; उस म याईर के पु ए ानान ने गती गो त के भाई लहमी को मार डाला, िजसके बछ की छड़, जु लाहे की डोंगी के समान थी।
6 िफर गत म भी यु आ, और वहां एक बड़े डील का पु ष था, जो रापा की स ान था, और उसके एक एक हाथ पां व म छ: छ: उं गिलयां अथात सब िमला कर चौबीस उं गिलयां थीं।
7 जब उसने इ ाएिलयों को ललकारा, तब दाऊद के भाई िशमा के पु योनातान ने उसको मारा।
8 ये ही गत म रापा से उ ए थे, और वे दाऊद और उसके सेवकों के हाथ से मार डाले गए।
1 इितहास 21
1 और शैतान ने इ ाएल के िव उठ कर, दाऊद को उकसाया िक इ ाएिलयों की िगनती ले।
2 तब दाऊद ने योआब और जा के हािकमों से कहा, तुम जा कर बशबा से ले दान तक के इ ाएल की िगनती ले कर मु झे बताओ, िक म जान लूं िक वे िकतने ह।
3 योआब ने कहा, यहोवा की जा के िकतने ही ों न हों, वह उन को सौ गुना बढ़ा दे ; पर ु हे मे रे भु! हे राजा! ा वे सब राजा के आधीन नही ं ह? मेरा भु ऐसी बात ों चाहता है ?
वह इ ाएल पर दोष लगने का कारण ों बने?
4 तौभी राजा की आ ा योआब पर बल ई। तब योआब िवदा हो कर सारे इ ाएल म घूम कर य शले म को लौट आया।
5 तब योआब ने जा की िगनती का जोड़, दाऊद को सुनाया और सब तलवा रये पु ष इ ाएल के तो ारह लाख, और य दा के चार लाख स र हजार ठहरे ।
6 पर ु उन म योआब ने लेवी और िब ामीन को न िगना, ोंिक वह राजा की आ ा से घृ णा करता था
7 और यह बात परमे र को बुरी लगी, इसिलये उसने इ ाएल को मारा।
8 और दाऊद ने परमे र से कहा, यह काम जो म ने िकया, वह महापाप है। पर ु अब अपने दास का अधम दू र कर; मुझ से तो बड़ी मूखता ई है।
9 तब यहोवा ने दाऊद के दशी ं गाद से कहा,
10 जा कर दाऊद से कह, िक यहोवा यों कहता है, िक म तुझ को तीन िवपि यां िदखाता ँ, उन म से एक को चु न ले , िक म उसे तुझ पर डालूं।
11 तब गाद ने दाऊद के पास जा कर उस से कहा, यहोवा यों कहता है , िक िजस को तू चाहे उसे चु न ले :
12 या तो तीन वष का काल पड़े ; वा तीन महीने तक तेरे िवरोधी तुझे नाश करते रह, और तेरे श ुओ ं की तलवार तुझ पर चलती रहे; वा तीन िदन तक यहोवा की तलवार चले , अथात
मरी दे श म फैले और यहोवा का दू त इ ाएली दे श म चारों ओर िवनाश करता रहे। अब सोच, िक म अपने भेजने वाले को ा उ र दू ं ।
13 दाऊद ने गाद से कहा, म बड़े संकट म पड़ा ँ; म यहोवा के हाथ म पड़ूं, ोंिक उसकी दया ब त बड़ी है ; पर ु मनु के हाथ म मुझे पड़ना न पड़े ।
14 तब यहोवा ने इ ाएल म मरी फैलाई, और इ ाएल म स र हजार पु ष मर िमटे ।
15 िफर परमे र ने एक दू त य शलेम को भी उसे नाश करने को भेजा; और वह नाश करने ही पर था, िक यहोवा दु :ख दे ने से खेिदत आ, और नाश करने वाले दू त से कहा, बस कर;
अब अपना हाथ खी ंच ले। और यहोवा का दू त यबूसी ओनान के खिलहान के पास खड़ा था।
16 और दाऊद ने आं ख उठा कर दे खा, िक यहोवा का दू त हाथ म खी ंची ई और य शले म के ऊपर बढ़ाई ई एक तलवार िलये ए आकाश के बीच खड़ा है, तब दाऊद और
पु रिनये टाट पिहने ए मुंह के बल िगरे ।
17 तब दाऊद ने परमे र से कहा, िजसने जा की िगनती लेने की आ ा दी थी, वह ा म नहीं ँ ? हां, िजसने पाप िकया और ब त बुराई की है, वह तो म ही ँ। पर ु इन
भे ड़-बक रयों ने ा िकया है? इसिलये हे मेरे परमे र यहोवा! ते रा हाथ मे रे िपता के घराने के िव हो, पर ु तेरी जा के िव न हो, िक वे मारे जाएं ।
18 तब यहोवा के दू त ने गाद को दाऊद से यह कहने की आ ा दी, िक दाऊद चढ़ कर यबू सी ओनान के खिलहान म यहोवा की एक वेदी बनाए।
19 गाद के इस वचन के अनुसार जो उसने यहोवा के नाम से कहा था, दाऊद चढ़ गया।
20 तब ओनान ने पीछे िफर के दू त को दे खा, और उसके चारों बेटे जो उसके सं ग थे िछप गए, ओनान तो गे ं दां वता था।
21 जब दाऊद ओनान के पास आया, तब ओनान ने ि कर के दाऊद को दे खा और खिलहान से बाहर जा कर भूिम तक झुक कर दाऊद को द वत िकया।
22 तब दाऊद ने ओनान से कहा, उस खिलहान का थान मुझे दे दे , िक म उस पर यहोवा को एक वेदी बनाऊं, उसका पू रा दाम ले कर उसे मुझ को दे , िक यह िविप जा पर से दू र
की जाए।
23 ओनान ने दाऊद से कहा, इसे ले ले, और मेरे भु राजा को जो कुछ भाए वह वही करे ; सु न, म तुझे होमबिल के िलये बैल और ईधन के िलये दांवने के हिथयार और अ बिल के िलये
गे ं, यह सब म दे ता ँ।
24 राजा दाऊद ने ओनान से कहा, सो नहीं, म अव इसका पू रा दाम ही दे कर इसे मोल लूं गा; जो ते रा है, उसे म यहोवा के िलये नही ं लूंगा, और न सतमत का होमबिल चढ़ाऊंगा।
25 तब दाऊद ने उस थान के िलये ओनान को छ: सौ शेकेल सोना तौल कर िदया।
26 तब दाऊद ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाईं और होमबिल और मे लबिल चढ़ा कर यहोवा से ाथना की, और उसने होमबिल की वेदी पर ग से आग िगरा कर उसकी सु न ली।
27 तब यहोवा ने दू त को आ ा दी; और उसने अपनी तलवार िफर ान म कर ली।
28 यह दे ख कर िक यहोवा ने यबूसी ओनान के खिलहान म मे री सुन ली है , दाऊद ने उसी समय वहां बिलदान िकया।
29 यहोवा का िनवास जो मूसा ने जंगल म बनाया था, और होमबिल की वेदी, थे दोनों उस समय िगबोन के ऊंचे थान पर थे।
30 पर ु दाऊद परमे र के पास उसके सा ने न जा सका, ोंिक वह यहोवा के दू त की तलवार से डर गया था।
1 इितहास 22
1 तब दाऊद कहने लगा, यहोवा परमे र का भवन यही है , और इ ाएल के िलये होमबिल की वेदी यही है ।
2 तब दाऊद ने इ ाएल के दे श म जो परदे शी थे उन को इक ा करने की आ ा दी, और परमे र का भवन बनाने को प र गढ़ने के िलये राज ठहरा िदए।
3 िफर दाऊद ने फाटकों के िकवाड़ों की कीलों और जोड़ों के िलये ब त सा लोहा, और तौल से बाहर ब त पीतल,
4 और िगनती से बाहर दे वदार के पेड़ इक े िकए; ोंिक सीदोन और सोर के लोग दाऊद के पास ब त से दे वदार के पे ड़ लाए थे।
5 और दाऊद ने कहा, मेरा पु सुलैमान सुकुमार और लड़का है , और जो भवन यहोवा के िलये बनाना है, उसे अ तेजोमय और सब दे शों म िस और शोभायमान होना चािहये;
इसिलये म उसके िलये तैयारी क ं गा। सो दाऊद ने मरने से पिहले ब त तैयारी की।
6 िफर उसने अपने पु सुलैमान को बुला कर इ ाएल के परमे र यहोवा के िलये भवन बनाने की आ ा दी।
7 दाऊद ने अपने पु सुलैमान से कहा, मेरी मनसा तो थी, िक अपने परमे र यहोवा के नाम का एक भवन बनाऊं।
8 पर ु यहोवा का यह वचन मेरे पास प ंचा, िक तू ने लो ब त बहाया और बड़े बड़े यु िकए ह, सो तू मे रे नाम का भवन न बनाने पाएगा, ोंिक तू ने भू िम पर मेरी ि म ब त लो
बहाया है।
9 दे ख, तु झ से एक पु उ होगा, जो शा पु ष होगा; और म उसको चारों ओर के श ुओ ं से शा दू ं गा; उसका नाम तो सुलैमान होगा, और उसके िदनों म म इ ाएल को शा
और चैन दू ं गा।
10 वही मेरे नाम का भवन बनाएगा। और वही मेरा पु ठहरे गा और म उसका िपता ठह ं गा, और उसकी राजग ी को म इ ाएल के ऊपर सदा के िलये थर रखूंगा।
11 अब हे मेरे पु , यहोवा तेरे संग रहे, और तू कृताथ हो कर उस वचन के अनु सार जो तेरे परमे र यहोवा ने ते रे िवषय कहा है, उसका भवन बनाना।
12 अब यहोवा तु झे बु और समझ दे और इ ाएल का अिधकारी ठहरा दे , और तू अपने परमे र यहोवा की व था को मानता रहे।
13 तू तब ही कृताथ होगा जब उन िविधयों और िनयमों पर चलने की चौकसी करे गा, िजनकी आ ा यहोवा ने इ ाएल के िलये मूसा को दी थी। िहयाव बा और ढ़ हो। मत डर; और
तेरा मन क ा न हो।
14 सु न, म ने अपने ेश के समय यहोवा के भवन के िलये एक लाख िक ार सोना, और दस लाख िक ार चा ी, और पीतल और लोहा इतना इक ा िकया है, िक ब तायत के
कारण तौल से बाहर है; और लकड़ी और प र म ने इक े िकए ह, और तू उन को बढ़ा सकेगा।
15 और तेरे पास ब त कारीगर ह, अथात प र और लकड़ी के काटने और गढ़ने वाले वरन सब भांित के काम के िलये सब कार के वीण पु ष ह।
16 सोना, चा ी, पीतल और लोहे की तो कुछ िगनती नही ं है, सो तू उस काम म लग जा! यहोवा ते रे संग िनत रहे ।
17 िफर दाऊद ने इ ाएल के सब हािकमों को अपने पु सु लैमान की सहायता करने की आ ा यह कह कर दी,
18 िक ा तु ारा परमे र यहोवा तु ारे संग नही ं है ? ा उसने तु चारों ओर से िव ाम नही ं िदया? उसने तो दे श के िनवािसयों मेरे वश म कर िदया है; और दे श यहोवा और उसकी
जा के सा ने दबा आ है।
19 अब तन मन से अपने परमे र यहोवा के पास जाया करो, और जी लगा कर यहोवा परमे र का पिव थान बनाना, िक तुम यहोवा की वाचा का स दू क और परमे र के पिव पा
उस भवन म लाओ जो यहोवा के नाम का बनने वाला है।
1 इितहास 23
1 दाऊद तो बूढ़ा वरन ब त बूढा हो गया था, इसिलये उसने अपने पु सु लैमान को इ ाएल पर राजा िनयु कर िदया।
2 तब उसने इ ाएल के सब हािकमों और याजकों और लेिवयों को इक ा िकया।
3 और िजतने लेवीय तीस वष के और उस से अिधक अव था के थे , वे िगने एए, और एक एक पु ष के िगनने से उनकी िगनती अड़तीस हजार ई।
4 इन म से चौबीस हजार तो यहोवा के भवन का काम चलाने के िलये िनयु ए, और छ: हजार सरदार और ायी।
5 और चार हजार ारपाल िनयु ए, और चार हजार उन बाजों से यहोवा की ु ित करने के िलये ठहराए गए जो दाऊद ने ुित करने के िलये बनाए थे।
6 िफर दाऊद ने उन को गेश न, कहात और मरारी नाम ले वी के पु ों के अनु सार दलों म अलग अलग कर िदया।
7 गे श िनयों म से तो लादान और िशमी थे।
8 और लादान के पु : सरदार यहीएल, िफर जेताम और योएल ये तीन थे।
9 और िशमी के पु : शलेमीत, हजीएल और हारान से तीन थे। लादान के कुल के पूवजों के घरानों के मु पु ष ये ही थे ।
10 िफर िशमी के पु : यहत, जीना, यूश, और वरीआ के पु िशमी यही चार थे।
11 यहत मु था, और जीजा दू सरा; यूश और बरीआ के ब त बे टे न ए, इस कारण वे सब िमलकर िपतरों का एक ही घराना ठहरे ।
12 कहात के पु : अ ाम, ियसहार, हे ोन और उ ीएल चार। अ ाम के पु : हा न और मू सा।
13 हा न तो इसिलये अलग िकया गया, िक वह और उसके स ान सदा परमपिव व ु ओं को पिव ठहराएं , और सदा यहोवा के स ुख धूप जलाया कर और उसकी से वा टहल
कर, और उसके नाम से आशीवाद िदया कर।
14 पर ु परमे र के भ मूसा के पु ों के नाम ले वी के गो के बीच िगने गए।
15 मूसा के पु , गेश म और एलीएजेर।
16 और गेश म का पु शबूएल मु था।
17 और एलीएजे र के पु : रह ाह मु ; और एलीएजेर के और कोई पु न आ, पर ु रह ाह के ब त से बे टे ए।
18 ियसहार के पु म से शलोमीत मु ठहरा।
19 हे ोन के पु : यरी ाह मु , दू सरा अमयाह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम था।
20 उ ीएल के पु म से मु तो मीका और दू सरा िय ाह था।
21 मरारी के पु : महली और मूशी। महली के पु : एलीआजर और कीश थे ।
22 एलीआजर पु हीन मर गया, उसके केवल बेिटयां ई; सो कीश के पु ों ने जो उनके भाई थे उ ाह िलया।
23 मूशी के पु : महली; एदोर और यरे मोत यह तीन थे।
24 ले वीय िपतरों के घरानों के मु पु ष ये ही थे, ये नाम ले ले कर, एक एक पु ष कर के िगने गए, और बीस वष की वा उस से अिधक अव था के थे और यहोवा के भवन म से वा
टहल करते थे।
25 ोंिक दाऊद ने कहा, इ ाएल के परमे र यहोवा ने अपनी जा को िव ाम िदया है , और वह तो य शलेम म सदा के िलये बस गया है।
26 और ले िवयों को िनवास और उस की उपासना का सामान िफर उठाना न पड़े गा।
27 ोंिक दाऊद की िपछली आ ाओं के अनु सार बीस वष वा उस से अिधक अव था के ले वीय िगने गए।
28 ोंिक उनका काम तो हा न की स ान की सेवा टहल करना था, अथात यह िक वे आं गनों और कोठ रयों म, और सब पिव व ु ओं के शु करने म और परमे र के भवन की
उपासना के सब कामों म सेवा टहल कर।
29 और भट की रोटी का, अ बिलयों के मै दे का, और अखमीरी पपिडय़ों का, और तवे पर बनाए ए और सने ए का, और मापने और तौलने के सब कार का काम कर।
30 और ित भोर और ित सांझ को यहोवा का ध वाद और उसकी ु ित करने के िलये खड़े रहा कर।
31 और िव ाम िदनोंऔर नये चा के िदनों, और िनयत प म िगनती के िनयम के अनु सार िन यहोवा के सब होमबिलयों को चढ़ाएं ।
32 और यहोवा के भवन की उपासना के िवषय िमलापवाले न ू और पिव थान की र ा कर, और अपने भाई हा िनयोंके सौंपे ए काम को चौकसी से कर।
1 इितहास 24
1 िफर हा न की स ान के दल ये थे। हा न के पु तो नादाब, अबी , एलीआजर और ईतामार थे।
2 पर ु नादाब और अबी अपने िपता के सा ने पु हीन मर गए, इस िलये याजक का काम एलीआजर और ईतामार करते थे।
3 और दाऊद ने एलीआजर के वंश के सादोक और ईतामार के वंश के अहांमेलेक की सहायता से उन को अपनी अपनी सेवा के अनुसार दल दल कर के बांट िदया।
4 और एलीआजर के वंश के मु पु ष, ईतामार के वंश के मु पु षों से अिधक थे , और वे यों बांटे गए अथात एलीआजर के वंश के िपतरों के घरानों के सोलह, और ईतामार के वंश
के िपतरों के घरानों के आठ मु पु ष थे।
5 तब वे िच ी डाल कर बराबर बराबर बांटे गए, ोंिक एलीआजर और ईतामार दोनों के वंशों म पिव थान के हािकम और परमे र के हािकम िनयु ए थे।
6 और नतने ल के पु शमायाह ने जो लेवीय था, उनके नाम राजा और हािकमों और सादोक याजक, और ए ातार के पु अहीमेलेक और याजकों और लेिवयों के िपतरों के घरानों के
मु पु षों के सा ने िलखे; अथात िपतरों का एक घराना तो एलीआजर के वंश म से और एक ईतामार के वंश म से िलया गया।
7 पिहली िच ी तो यहोयारीब के, और दू सरी यदायाह,
8 तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के,
9 पांचवी ं म ाह के, छठवी ं िम ामीन के,
10 सातवी ं ह ोस के, आठवी ं अिब ाह के,
11 नौवी ं ये शू के, दसवी ं शक ाह के,
12 ारहवी ं ए ाशीब के, बारहवी ं याकीम के,
13 तेरहवी ं ा के, चौदहवी ं ये सेबाब के,
14 प हवी ं िब ा के, सोलहवीं इ ेर के,
15 सतरहवी ं हे जीर के, अठारहवी ं ह ेस के,
16 उ ीसवी ं पत ाह के, बीसवी ं यहेजकेल के,
17 इ ीसवी ं याकीन के, बाईसवी ं गामूल के,
18 तेईसवी ं दलायाह के, और चौबीसवी ं सा ाह के नाम पर िनकली ं।
19 उनकी से वकाई के िलये उनका यही िनयम ठहराया गया िक वे अपने उस िनयम के अनु सार जो इ ाएल के परमे र यहोवा की आ ा के अनुसार उनके मूलपु ष हा न ने चलाया
था, यहोवा के भवन म जाया कर।
20 बचे ए लेिवयों म से अ ाम के वंश म से शूबाएल, शूबाएल के वंश म से ये हदयाह।
21 बचा रह ाह, सोरह ाह, के वंश म से िय ाह मु था।
22 इसहा रयों म से शलोमोत और हालोमोत के वंश म से यहत।
23 और हे ोन के वंश म से मु तो य र ाह, दू सरा अमयाह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम।
24 उ ीएल के वंश म से मीका और मीका के वंश म से शामीर।
25 मीका का भाई िय ाह, िय ाह के वंश म से जकयाह।
26 मरारी के पु महली और मूशी और यािज ाह का पु िबनो था।
27 मरारी के पु : यािज ाह से िबनो और शोहम, ज ू और इ ी थे ।
28 महली से, एलीआजर िजसके कोई पु न था।
29 कीश से कीश के वंश म यर ोल।
30 और मू शी के पु , महली, एदे र और यरीमोत। अपने अपने िपतरो के घरानों के अनु सार ये ही ले वीय स ान के थे ।
31 इ ोंने भी अपने भाई हा न की स ानों की नाईं दाऊद राजा और सादोक और अहीमेलेक और याजकों और ले िवयों के िपतरों के घरानों के मु पु षों के सा ने िचि यां डाली ं,
अथात मु पु ष के िपतरों का घराना उसके छोटे भाई के िपतरों के घराने के बराबर ठहरा।
1 इितहास 25
1 िफर दाऊद और सेनापितयों ने आसाप, हेमान और यदू तून के िकतने पु ों को से वकाई के िलये अलग िकया िक वे वीणा, सारं गी और झांझ बजा बजाकर नबू वत कर। और इस
से वकाई के काम करने वाले मनु ों की िगनती यह थी:
2 अथात आसाप के पु ों म से तो ज ू र, योसेप, नत ाह और अशरे ला, आसाप के ये पु आसाप ही की आ ा म थे , जो राजा की आ ा के अनुसार नबूवत करता था।
3 िफर यदू तून के पु ों म से गद ाह, सरीयशायाह, हस ाह, मि ाह, ये ही छ: अपने िपता यदू तू न की आ ा म हो कर जो यहोवा का ध वाद और ुित कर कर के नबू वत करता
था, वीणा बजाते थे ।
4 और हे मान के पु ों म से, मु ाह, म ाह, ल ीएल, शबू एल, यरीमोत, हन ाह, हनानी, एलीआता, िग लती, रोममतीएजेर, योशबकाशा, म ोती, होतीर और महजीओत।
5 परमे र की ित ानुकूल जो उसका नाम बढ़ाने की थी, ये सब हेमान के पु थे जो राजा का दशी ं था; ोंिक परमे र ने हेमान को चौदह बेटे और तीन बेिटयां दी ं थीं।
6 ये सब यहोवा के भवन म गाने के िलये अपने अपने िपता के आधीन रह कर, परमे र के भवन, की से वकाई म झां झ, सारं गी और वीणा बजाते थे। और आसाप, यदू तून और हे मान
राजा के आधीन रहते थे।
7 इन सभों की िगनती भाइयों समेत जो यहोवा के गीत सीखे ए और सब कार से िनपुण थे, दो सौ अठासी थी।
8 और उ ोंने ा बड़ा, ा छोटा, ा गु , ा चेला, अपनी अपनी बारी के िलये िच ी डाली।
9 और पिहली िच ी आसाप के बे टों म से योसेप के नाम पर िनकली, दू सरी गद ाह के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे।
10 तीसरी ज ू र के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
11 चौथी िय ी के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे।
12 पांचवी ं नत ाह के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
13 छठी ं बु ाह के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
14 सातवी ं यसरे ला के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
15 आठवी ं यशायाह के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
16 नौवी ं मत ाह के नाम पर िनकली, िजसके पु और भाई समेत बारह थे।
17 दसवी ं िशमी के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे।
18 ारहवी ं अजरे ल के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
19 बारहवी ं हश ाह के नाम पर िनकली, िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
20 तेरहवी शूबाएल के नाम पर िनकली, िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
21 चौदहवी ं मि ाह के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
22 प हवी ं यरे मोत के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
23 सोलहवी ं हन ाह के नाम पर िनकली, िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
24 स हवी ं योशबकाशा के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
25 अठारहवी ं हरानी के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
26 उ ीसवी ं म ोती के नाम पर िनकली, िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
27 बीसवी ं इिल ाता के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
28 इ ीसवी ं होतीर के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
29 बाईसवी ं िग लती के नाम पर ितकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
30 तेईसवी ं महजीओत के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समेत बारह थे ।
31 और चौबीसवी ं िच ी रोममतीएजेर के नाम पर िनकली िजसके पु और भाई उस समे त बारह थे ।
1 इितहास 26
1 िफर ारपालों के दल ये थे: कोरिहयों म से तो मशेले ाह, जो कोरे का पु और आसाप के स ानों म से था।
2 और मशेले ाह के पु ए, अथात उसका जेठा जकयाह दू सरा यदीएल, तीसरा जव ाह,
3 चौथा यतीएल, पांचवां एलाम, छठवां यहोहानान और सातवां ए होएनै ।
4 िफर ओबे देदोम के भी पु ए, उसका जेठा शमायाह, दू सरा यहोजाबाद, तीसरा योआह, चौथा साकार, पांचवां नतने ल,
5 छठवां अ ीएल, सातवां इ ाकार और आठवां पु तै, ोंिक परमे र ने उसे आशीष दी थी।
6 और उसके पु शमायाह के भी पु उ ए, जो शूरवीर होने के कारण अपने िपता के घराने पर भु ता करते थे ।
7 शमायाह के पु ये थे , अथात ओती, रपाएल, ओबेद, एलजाबाद और उनके भाई एली और सम ाह बलवान पु ष थे ।
8 ये सब आबे देदोम की स ान म से थे, वे और उनके पु और भाई इस से वकाई के िलये बलवान और श मान थे ; ये ओबेदेदोमी बासठ थे।
9 और मशेले ाह के पु और भाई अठारह थे, जो बलवान थे।
10 िफर मरारी के वंश म से होसा के भी पु थे, अथात मु तो िश ी ( िजस को जे ठा न होने पर भी उसके िपता ने मु ठहराया ),
11 दू सरा िह ाह, तीसरा तब ाह और चौथा जकयाह था; होसा के सब पु और भाई िमलकर तेरह थे।
12 ारपालों के दल इन मु पु षों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन म सेवा टहल करते थे ।
13 इ ोंने ा छोटे , ा बड़े , अपने अपने िपतरों के घरानों के अनुसार एक एक फाटक के िलये िच ी डाली।
14 पूव की ओर की िच ी शेले ाह के नाम पर िनकली। तब उ ोंने उसके पु जकयाह के नाम की िच ी डाली ( वह बु मान मं ी था ) और िच ी उ र की ओर के िलये िनकली।
15 द न की ओर के िलये ओबोदे दोम के नाम पर िच ी िनकली, और उसके बेटों के नाम पर खजाने की कोठरी के िलये।
16 िफर शु ीम और होसा के नामों की िच ी पि म की ओर के िलये िनकली, िक वे श ेकेत नाम फाटक के पास चढ़ाई की सड़क पर आ ने सा ने चौकीदारी िकया कर।
17 पूव ओर जो छ: लेवीय थे, उ र की ओर ितिदन चार, द न की ओर ितिदन चार, और खजाने की कोठरी के पास दो ठहरे ।
18 पि म ओर के पबार नाम थान पर ऊंची सड़क के पास तो चार और पबार के पास दो रहे।
19 ये ारपालों के दल थे, िजन म से िकतने तो कोरह के थे और िकतने मरारी के वंश के थे ।
20 िफर ले िवयों म से अिह ाह परमे र के भवन और पिव की ई व ुओ,ं दोनों के भ ारों का अिधकारी िनयु आ।
21 ये लादान की स ान के थे, अथात गेशिनयोंकी स ान जो लादान के कुल के थे , अथात लादान और गे शनी के िपतरों के घरानों के मु पु ष थे, अथात यहोएली।
22 यहोएली के पु ये थे, अथात जेताम और उसका भाई योएल जो यहोवा के भवन के खजाने के अिधकारी थे ।
23 अ ािमयों, ियसहा रयों, हे ोिनयों और उ ीएिलयों म से ।
24 और शबूएल जो मूसा के पु गेशम के वंश का था, वह खजानों का मु अिधकारी था।
25 और उसके भाइयों का वृ ा यह है: एलीआजर के कुल म उसका पु रह ाह, रह ाह का पु यशायाह, यशायाह का पु योराम, योराम का पु िज ी, और िज ी का पु
शलोमोत था।
26 यही शलोमोत अपने भाइयों समेत उन सब पिव की ई प ुओं के भ ारों का अिधकारी था, जो राजा दाऊद और िपतरों के घरानों के मु मु पु षों और सह पितयों और
शतपितयों और मु से नापितयों ने पिव की थी ं।
27 जो लू ट लड़ाइयों म िमलती थी, उस म से उ ोंने यहोवा का भवन ढ़ करने के िलये कुछ पिव िकया।
28 वरन िजतना शमूएल दशी,ं कीश के पु शाऊल, नेर के पु अ ेर, और स याह के पु योआब ने पिव िकया था, और जो कुछ िजस िकसी ने पिव कर रखा था, वह सब शलोमोत
और उसके भाइयों के अिधकार म था।
29 ियसहा रयों म से कन ाह और उसके पु , इ ाएल के दे श का काम अथात सरदार और ायी का काम करने के िलये िनयु ए।
30 और हे ोिनयों म से हश ाह और उसके भाई जो स ह सौ बलवान पु ष थे , वे यहोवा के सब काम और राजा की से वा के िवषय यरदन की पि म ओर रहने वाले इ ाएिलयों के
अिधकारी ठहरे ।
31 हे ोिनयों म से य र ाह मु था, अथात हे ोिनयों की पीढ़ी पीढ़ी के िपतरों के घरानों के अनुसार दाऊद के रा के चालीसव वष म वे ढूंढ़े गए, और उन म से कई शूरवीर िगलाद
के याजे र म िमले।
32 और उसके भाई जो वीर थे, िपतरों के घरानों के दो हाजार सात सौ मु पु ष थे , इन को दाऊद राजा ने परमे र के सब िवषयों और राजा के िवषय म बेिनयों, गािदयों और
मन े के आधे गो का अिधकारी ठहराया।
1 इितहास 27
1 इ ाएिलयो की िगनती, अथात िपतरों के घरानों के मु मु पु षों और यह पितयों और शतपितयों और उनके सरदारों की िगनती जो वष भर के महीने महीने उप थत होने और
छु ी पाने वाले दलों के सब िवषयों म राजा की सेवा टहल करते थे , एक एक दल म चौबीस हजार थे ।
2 पिहले महीने के िलये पिहले दल का अिधकारी ज ीएल का पु याशोबाम िनयु आ; और उसके दल म चौबीस हजार थे।
3 वह पे रेस के वंश का था और पिहले महीने म सब सेनापितयों का अिधकारी था।
4 और दू सरे महीने के दल का अिधकारी दोदै नाम एक अहोही था, और उसके दल का धान िम ोत था, और उसके दल म चौबीस हजार थे।
5 तीसरे महीने के िलये तीसरा सेनापित यहोयादा याजक का पु बनायाह था और उसके दल म चौबीस हजार थे ।
6 यह वही बनायाह है, जो तीसों शूरों म वीर, और तीसों म े भी था; और उसके दल म उसका पु अ ीजाबाद था।
7 चौथे महीने के िलये चौथा सेनापित योआब का भाई असाहेल था, और उसके बाद उसका पु जब ाह था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
8 पांचव महीने के िलये पांचवां सेनापित िय ाही श त था और उसके दल म चौबीस हजार थे ।
9 छठव महीने के िलये छठवां सेनापित तकोई इ े श का पु ईरा था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
10 सातव महीने के िलये सातवां सेनापित ए ैम के वंश का हे लेस पलोनी था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
11 आठव महीने के िलये आठवां सेनापित जेरह के वंश म से शाई िस कै था और उसके दल म चौबीस हजार थे ।
12 नौव महीने के िलये नौवां सेनापित िब ामीनी अबीएजेर अनातोतवासी था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
13 दसव महीने के िलये दसवां सेनापित जेरही महरै नतोपावासी था और उसके दल म चौबीस हजार थे ।
14 ारहव महीने के िलये ारहवां सेनापित ए ैम के वंश का बनायाह िपरातोनवासी था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
15 बारहव महीने के िलये बारहवां सेनापित ओ ीएल के वंश का हे ै नतोपावासी था और उसके दल म चौबीस हजार थे।
16 िफर इ ाएली गो के ये अिधकारी थे: अथात बेिनयों का धान िज ी का पु एलीआज़र; िशमोिनयों से माका का पु शप ाह।
17 ले वी से कमूएल का पु हश ाह; हा न की स ान का सादोक।
18 य दा का एली नाम दाऊद का एक भाई, इ ाकार से मीकाएल का पु ओ ी।
19 जबू लून से ओब ाह का पु ियशमायाह, न ाली से अ ीएल का पु यरीमोत।
20 ए ै म से अज ाह का पु होशे, मन े से आधे गो का, फ़दायाह का पु योएल।
21 िगलाद म आधे गो मन े से जकयाह का पु इ ो, िब ामीन से अ ेर का पु यासीएल,
22 और दान से यारोहाम का पु अजरे ल, ठहरा। ये ही इ ाएल के गो ों के हािकम थे ।
23 पर ु दाऊद ने उनकी िगनती बीस वष की अव था के नीचे न की, ोंिक यहोवा ने इ ाएल की िगनती आकाश के तारों के बराबर बढ़ाने के िलये कहा था।
24 स याह का पु योआब िगनती लेने लगा, पर िनपटा न सका ोंिक ई र का ोध इ ाएल पर भड़का, और यह िगनती राजा दाऊद के इितहास म नहीं िलखी गई।
25 िफर अदीएल का पु अजमावेत राज भ ारों का अिधकारी था, और दे हात और नगरों और गांवों और गढ़ों के भ ारों का अिधकारी उ ाह का पु यहोनातान था।
26 और जो भूिम को जोतकर बोकर खेती करते थे, उनका अिधकारी कलू ब का पु ए ी था।
27 और दाख की बा रयों का अिधकारी रामाई िशमी और दाख की बा रयों की उपज जो दाखमधु के भ ारों म रखने के िलये थी, उसका अिधकारी शापामी ज ी था।
28 ओर नीचे के दे श के जलपाई और गूलर के वृ ों का अिधकारी गदे री बा ानान था और ते ल के भ ारों का अिधकारी योआश था।
29 और शारोन म चरने वाले गाय-बैलों का अिधकारी शारोनी िश ै था और तराइयों के गाय-बैलों का अिधकारी अदलै का पु शापात था।
30 और ऊंटों का अिधकारी इ ाएली ओबील और गदिहयों का अिधकारी मेरोनोतवासी येहदयाह।
31 और भै ड़-बक रयों का अिधकारी ह ी याजीज था। ये ही सब राजा दाऊद के धन स ि के अिधकारी थे।
32 और दाऊद का भतीजा योनातान एक समझदार मं ी और शा ी था, और िकसी ह ोनी का पु एहीएल राजपु ों के संग रहा करता था।
33 और अहीतोपे ल राजा का मं ी था, और एरे की शै राजा का िम था।
34 और यहीतोपे ल के बाद बनायाह का पु यहोयादा और ए ातार मं ी ठहराए गए। और राजा का धान सेनापित योआब था।
1 इितहास 28
1 और दाऊद ने इ ाएल के सब हािकमों को अथात गो ों के हािकमों और राजा की सेवा टहल करने वाले दलों के हािकमों को और सह पितयों और शतपितयों और राजा और उसके
पु ों के पशु आिद सब धन स ि के अिधका रयों, सरदारों और वीरों और सब शूरवीरों को य शले म म बुलवाया।
2 तब दाऊद राजा खड़ा हो कर कहने लगा, हे मेरे भाइयों! और हे मे री जा के लोगो! मेरी सु नो, मे री मनसा तो थी िक यहोवा की वाचा के स दू क के िलये और हम लोगों के परमे र के
चरणों की पीढ़ी के िलये िव ाम का एक भवन बनाऊं, और म ने उसके बनाने की तै यारी की थी।
3 पर ु परमे र ने मुझ से कहा, तू मेरे नाम का भवन बनाने न पाएगा, ोंिक तू यु करने वाला है और तू ने लो बहाया है।
4 तौभी इ ाएल के परमे र यहोवा ने मेरे िपता के सारे घराने म से मु झी को चुन िलया, िक इ ाएल का राजा सदा बना र ं : अथात उसने य दा को धान होने के िलये और य दा के
घराने म से मेरे िपता के घराने को चुन िलया और मेरे िपता के पु ों म से वह मुझी को सारे इ ाएल का राजा बनाने के िलये स आ।
5 और मे रे सब पु ों म से ( यहोवा ने तो मुझे ब त पु िदए ह ) उसने मेरे पु सुलैमान को चु न िलया है , िक वह इ ाएल के ऊपर यहोवा के रा की ग ी पर िवराजे।
6 और उसने मुझ से कहा, िक तेरा पु सु लैमान ही मे रे भवन और आं गनों को बनाएगा, ोंिक म ने उसको चु न िलया है िक मेरा पु ठहरे , और म उसका िपता ठह ं गा।
7 और यिद वह मे री आ ाओं और िनयमों के मानने म आज कल की नाईं ढ़ रहे , तो म उसका रा सदा थर रखूं गा।
8 इसिलये अब इ ाएल के दे खते अथात यहोवा की म ली के दे खते , और अपने परमे र के सा ने , अपने परमे र यहोवा की सब आ ाओं को मानो और उन पर ान करते रहो;
तािक तुम इस अ े दे श के अिधकारी बने रहो, और इसे अपने बाद अपने वंश का सदा का भाग होने के िलये छोड़ जाओ।
9 और हे मेरे पु सु लैमान! तू अपने िपता के परमे र का ान रख, और खरे मन और स जीव से उसकी सेवा करता रह; ोंिक यहोवा मन को जांचता और िवचार म जो कुछ उ
होता है उसे समझता है । यिद तू उसकी खोज म रहे, तो वह तुझ को िमलेगा; पर ु यिद तू उसको ाग दे तो वह सदा के िलये तुझ को छोड़ दे गा।
10 अब चौकस रह, यहोवा ने तुझे एक ऐसा भवन बनाने को चुन िलया है, जो पिव थान ठहरे गा, िहयाव बा कर इस काम म लग जा।
11 तब दाऊद ने अपने पु सुलैमान को म र के ओसारे , कोठ रयों, भ ारों अटा रयों, भीतरी कोठ रयों, और ायि त के ढकने से थान का नमूना,
12 और यहोवा के भवन के आं गनों और चारों ओर की कोठ रयों, और परमे र के भवन के भ ारों और पिव की ई व ु ओं के भ ारों के, जो जो नमूने ई र के आ ा की े रणा से
उसको िमले थे, वे सब दे िदए।
13 िफर याजकों और लेिवयों के दलों, और यहोवा के भवन की सेवा के सब कामों, और यहोवा के भवन की से वा के सब सामान,
14 अथात सब कार की सेवा के िलये सोने के पा ों के िनिम सोना तौलकर, और सब कार की सेवा के िलये चा ी के पा के िनिम चा ी तौलकर,
15 और सोने की दीवटों के िलये, और उनके दीपकों के िलये ित एक एक दीवट, और उसके दीपकों का सोना तौलकर और चा ी के दीवटों के िलये एक एक दीवट, और उसके
दीपक की चा ी, ित एक एक दीवट के काम के अनुसार तौलकर,
16 ओर भट की रोटी की मेजों के िलये एक एक मेज का सोना तौलकर, और चा ी की मेजों के िलये चा ी,
17 और चोखे सोने के कांटों, कटोरों और ालों और सोने की कटो रयों के िलये एक एक कटोरी का सोना तौलकर, और चा ी की कटो रयों के िलये एक एक कटोरी की चा ी
तौलकर,
18 और धूप की वेदी के िलये तपाया आ सोना तौलकर, और रथ अथात यहोवा की वाचा का स दू क ढां कने वाले और पं ख फैलाए ए क बों के नमू ने के िलये सोना दे िदया।
19 म ने यहोवा की श से जो मुझ को िमली, यह सब कुछ बूझ कर िलख िदया है ।
20 िफर दाऊद ने अपने पु सुलैमान से कहा, िहयाव बा और ढ़ हो कर इस काम म लग जा। मत डर, और तेरा मन क ा न हो, ोंिक यहोवा परमे र जो मेरा परमे र है, वह तेरे
सं ग है; और जब तक यहोवा के भवन म िजतना काम करना हो वह न हो चु के, तब तक वह न तो तु झे धोखा दे गा और न तुझे ागेगा।
21 और दे ख परमे र के भवन के सब काम के िलये याजकों और लेिवयों के दल ठहराए गए ह, और सब कार की से वा के िलये सब कार के काम स ता से करने वाले बु मान
पु ष भी तेरा साथ दगे; और हािकम और सारी जा के लोग भी जो कुछ तू कहे गा वही करगे।
1 इितहास 29
1 िफर राजा दाऊद ने सारी सभा से कहा, मेरा पु सुलैमान सुकुमार लड़का है , और केवल उसी को परमे र ने चु ना है ; काम तो भारी है, ोंिक यह भवन मनु के िलये नहीं, यहोवा
परमे र के िलये बनेगा।
2 म ने तो अपनी श भर, अपने परमे र के भवन के िनिम सोने की व ुओं के िलये सोना, चा ी की व ु ओं के िलये चा ी, पीतल की व ु ओं के िलये पीतल, लोहे की व ु ओं के
िलये लोहा, और लकड़ी की व ुओं के िलये लकड़ी, और सुलैमानी प र, और जड़ने के यो मिण, और प ी के काम के िलये रं ग रं ग के नग, और सब भांित के मिण और ब त
सं गममर इक ा िकया है।
3 िफर मेरा मन अपने परमे र के भवन म लगा है, इस कारण जो कुछ म ने पिव भवन के िलये इक ा िकया है , उस सब से अिधक म अपना िनज धन भी जो सोना चा ी के पम
मेरे पास है, अपने परमे र के भवन के िलये दे दे ता ँ।
4 अथात तीन हजार िक ार ओपीर का सोना, और सात हजार िक ार तपाई ई चा ी, िजस से कोठ रयों की भीत मढ़ी जाएं ।
5 और सोने की व ुओं के िलये सोना, और चा ी की व ुओं के िलये चा ी, और कारीगरों से बनाने वाले सब कार के काम के िलये म उसे दे ता ँ। और कौन अपनी इ ा से यहोवा
के िलये अपने को अपण कर दे ता है?
6 तब िपतरों के घरानों के धानों और इ ाएल के गो ों के हािकमों और सह पितयों और शतपितयों और राजा के काम के अिधका रयों ने अपनी अपनी इ ा से,
7 परमे र के भवन के काम के िलये पांच हजार िक ार और दस हजार दकनोन सोना, दस हजार िक ार चा ी, अठारह हजार िक ार पीतल, और एक लाख िक ार लोहा दे
िदया।
8 और िजनके पास मिण थे, उ ोंने उ यहोवा के भवन के खजाने के िलये गे श नी यहीएल के हाथ म दे िदया।
9 तब जा के लोग आन त ए, ोंिक हािकमों ने स हो कर खरे मन और अपनी अपनी इ ा से यहोवा के िलये भट दी थी; और दाऊद राजा ब त ही आन त आ।
10 तब दाऊद ने सारी सभा के स ुख यहोवा का ध वाद िकया, और दाऊद ने कहा, हे यहोवा! हे हमारे मूल पु ष इ ाएल के परमे र! अनािदकाल से अन काल तक तू ध है।
11 हे यहोवा! मिहमा, परा म, शोभा, साम और वैभव, ते रा ही है ; ोंिक आकाश और पृ ी म जो कुछ है , वह तेरा ही है; हे यहोवा! रा तेरा है, और तू सभों के ऊपर मु और
महान ठहरा है।
12 धन और मिहमा तेरी ओर से िमलती ह, और तू सभों के ऊपर भु ता करता है । साम और परा म तेरे ही हाथ म ह, और सब लोगों को बढ़ाना और बल दे ना तेरे हाथ म है ।
13 इसिलये अब हे हमारे परमे र! हम तेरा वाद और तेरे मिहमायु नाम की ु ित करते ह।
14 म ा ँ? और मे री जा ा है? िक हम को इस रीित से अपनी इ ा से तु झे भट दे ने की श िमले ? तुझी से तो सब कुछ िमलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे िदया है।
15 तेरी ि म हम तो अपने सब पुरखाओं की नाईं पराए और परदे शी ह; पृ ी पर हमारे िदन छाया की नाईं बीते जाते ह, और हमारा कुछ िठकाना नहीं।
16 हे हमारे परमे र यहोवा! वह जो बड़ा संचय हम ने तेरे पिव नाम का एक भवन बनाने के िलये िकया है , वह ते रे ही हाथ से हमे िमला था, और सब तेरा ही है।
17 और हे मे रे परमे र! म जानता ँ िक तू मन को जांचता है और िसधाई से स रहता है ; म ने तो यह सब कुछ मन की िसधाई और अपनी इ ा से िदया है; और अब म ने आन से
दे खा है , िक तेरी जा के लोग जो यहां उप थत ह, वह अपनी इ ा से तेरे िलये भट दे ते ह।
18 हे यहोवा! हे हमारे पुरखा इ ाहीम, इसहाक और इ ाएल के परमे र! अपनी जा के मन के िवचारों म यह बात बनाए रख और उनके मन अपनी ओर लगाए रख।
19 और मे रे पु सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे िक वह तेरी आ ाओं िचतौिनयों और िविधयों को मानता रहे और यह सब कुछ करे , और उस भवन को बनाए, िजसकी तै यारी म ने
की है।
20 तब दाऊद ने सारी सभा से कहा, तुम अपने परमे र यहोवा का ध वाद करो। तब सभा के सब लोगों ने अपने िपतरों के परमे र यहोवा का ध वाद िकया, और अपना अपना िसर
झुका कर यहोवा को और राजा को द वत िकया।
21 और दू सरे िदन उ ोंने यहोवा के िलये बिलदान िकए, अथात अघ समेत एक हजार बै ल, एक हजार मे ढ़े और एक हजार भेड़ के ब े होमबिल कर के चढ़ाए, और सब इ ाएल के
िलये ब त से मे लबिल चढ़ाए। उसी िदन यहोवा के सा ने उ ोंने बड़े आन से खाया और िपया।
22 िफर उ ोंने दाऊद के पु सुलैमान को दू सरी बार राजा ठहरा कर यहोवा की ओर से धान होने के िलये उसका और याजक होने के िलये सादोक का अिभषेक िकया।
23 तब सु लैमान अपने िपता दाऊद के थान पर राजा हो कर यहोवा के िसं हासन पर िवराजने लगा और भा वान आ, और इ ाएल उसके आधीन आ।
24 और सब हािकमों और शूरवीरों और राजा दाऊद के सब पु ों ने सुलैमान राजा की आधीनता अंगीकार की।
25 और यहोवा ने सुलैमान को सब इ ाएल के दे खते ब त बढ़ाया, और उसे ऐसा राजकीय ऐ य िदया, जै सा उस से पिहले इ ाएल के िकसी राजा का न आ था।
26 इस कार ियशै के पु दाऊद ने सारे इ ाएल के ऊपर रा िकया।
27 और उसके इ ाएल पर रा करने का समय चालीस वष का था; उसने सात वष तो हे ोन म और ततीस वष य शलेम म रा िकया।
28 और वह पूरे बू ढ़ापे की अव था म दीघायु हो कर और धन और वैभव, मनमाना भोग कर मर गया; और उसका पु सु लैमान उसके थान पर राजा आ।
29 आािद से अ तक राजा दाऊद के सब कामों का वृ ा ,
30 और उसके सब रा और परा म का, और उस पर और इ ाएल पर, वरन दे श दे श के सब रा ों पर जो कुछ बीता, इसका भी वृ ा शमूएल दशीं और नातान नबी और गाद
दशी ं की पु कों म िलखा आ है।
2 इितहास 1
1 दाऊद का पु सुलैमान रा म थर हो गया, और उसका परमे र यहोवा उसके सं ग रहा और उसको ब त ही बढ़ाया।
2 और सु लैमान ने सारे इ ाएल से, अथात सह पितयों, शतपितयों, ािययों और इ ाएल के सब रईसों से जो िपतरों के घरानों के मु मु पु ष थे, बात की ं।
3 और सु लैमान पूरी म ली समेत िगबोन के ऊंचे थान पर गया, ोंिक परमे र का िमलापवाला त ू, िजसे यहोवा के दास मूसा ने जंगल म बनाया था, वह वहीं पर था।
4 पर ु परमे र के स दू क को दाऊद िकय ारीम से उस थान पर ले आया था िजसे उसने उसके िलये तै यार िकया था, उसने तो उसके िलये य शलेम म एक त ू खड़ा कराया था।
5 और पीतल की जो वेदी ऊरी के पु बसलेल ने, जो र का पोता था, बनाईं थी, वह िगबोन म यहोवा के िनवास के सा ने थी। इसिलये सुलैमान म ली समेत उसके पास गया।
6 और सु लैमान ने वहीं उस पीतल की वेदी के पास जा कर, जो यहोवा के सा ने िमलापवाले त ू के पास थी, उस पर एक हजार होमबिल चड़ाए।
7 उसी िदन रात को परमे र ने सुलैमान को दशन दे कर उस से कहा, जो कुछ तू चाहे िक म तुझे दू ं , वह मांग।
8 सुलैमान ने परमे र से कहा, तू मेरे िपता दाऊद पर बड़ी क णा करता रहा और मु झ को उसके थान पर राजा बनाया है।
9 अब हे यहोवा परमे र! जो वचन तू ने मेरे िपता दाऊद को िदया था, वह पूरा हो; तू ने तो मु झे ऐसी जा का राजा बनाया है जो भूिम की धूिल के िकनकों के समान ब त है।
10 अब मु झे ऐसी बु और ान दे , िक म इस जा के सा ने अ र- बाहर आना-जाना कर सकूं, ोंिक कौन ऐसा है िक तेरी इतनी बड़ी जा का ाय कर सके?
11 परमे र ने सुलैमान से कहा, तेरी जो ऐसी ही मनसा ई, अथात तू ने न तो धन स ि मां गी है , न ऐ य और न अपने बै रयों का ाण और न अपनी दीघायु मांगी, केवल बु और
ान का वर मांगा है , िजस से तू मेरी जा का िजसके ऊपर म ने तुझे राजा िनयु िकया है , ाय कर सके,
12 इस कारण बु और ान तुझे िदया जाता है। और म तुझे इतना धन स ि और ऐ य दू ं गा, िजतना न तो तुझ से पिहले िकसी राजा को, िमला और न तेरे बाद िकसी राजा को
िमले गा।
13 तब सु लैमान िगबोन के ऊंचे थान से, अथात िमलापवाले त ू के सा ने से य शले म को आया और वहां इ ाएल पर रा करने लगा।
14 िफर सु लैमान ने रथ और सवार इक े कर िलये ; और उसके चौदह सौ रथ और बारह हजार सवार थे, और उन को उसने रथों के नगरों म, और य शलेम म राजा के पास ठहरा
रखा।
15 और राजा ने ऐसा िकया, िक य शलेम म सोने-चा ी का मू ब तायत के कारण प रों का सा, और दे वदारों का मू नीचे के दे श के गूलरों का सा बना िदया।
16 और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे िम से आते थे, और राजा के ापारी उ झु के झु ठहराए ए दाम पर िलया करते थे।
17 एक रथ तो छ: सौ शेकेल चा ी पर, और एक घोड़ा डे ढ़ सौ शेकेल पर िम से आता था; और इसी दाम पर वे िहि यों के सब राजाओं और अराम के राजाओं के िलये उ ी ं के ारा
लाया करते थे।
2 इितहास 2
1 और सु लैमान ने यहोवा के नाम का एक भवन और अपना राजभवन बनाने का िवचार िकया।
2 इसिलये सुलैमान ने स र हजार बोिझये और अ ी हजार पहाड़ से प र काटने वाले और वृ काटने वाले , और इन पर तीन हजार छ: सौ मु खये िगनती कर के ठहराए।
3 तब सुलैमान ने सोर के राजा राम के पास कहला भेजा, िक जैसा तू ने मे रे िपता दाऊद से ब ाव िकया, अथात उसके रहने का भवन बनाने को दे वदार भेजे थे, वैसा ही अब मु झ से
भी ब ाव कर।
4 दे ख, म अपने परमे र यहोवा के नाम का एक भवन बनाने पर ँ, िक उसे उसके िलये पिव क ं और उसके स ु ख सुग त धूप जलाऊं, और िन भट की रोटी उस म रखी जाए;
और ितिदन सबेरे और सांझ को, और िव ाम और नये चां द के िदनों म और हमारे परमे र यहोवा के सब िनयत प म होमबिल चढ़ाया जाए। इ ाएल के िलये ऐसी ही सदा की िविध
है ।
5 और जो भवन म बनाने पर ं, वह महान होगा; ोंिक हमारा परमे र सब दे वताओं म महान है।
6 पर ु िकस की इतनी श है, िक उसके िलये भवन बनाए, वह तो ग म वरन सब से ऊंचे ग म भी नही ं समाता? म ा ँ िक उसके सा ने धूप जलाने को छोड़ और िकसी
मनसा से उसका भवन बनाऊं?
7 सो अब तू मे रे पास एक ऐसा मनु भेज दे , जो सोने, चा ी, पीतल, लोहे और बजनी, लाल और नीले कपड़े की कारीगरी म िनपुण हो और न ाशी भी जानता हो, िक वह मेरे िपता
दाऊद के ठहराए ए िनपुण मनु ों के साथ हो कर जो मेरे पास य दा और य शलेम म रहते ह, काम करे ।
8 िफर लबानोन से मे रे पास दे वदार, सनोवर और चंदन की लकड़ी भे जना, ोंिक म जानता ँ िक तेरे दास लबानोन म वृ काटना जानते ह, और तेरे दासों के संग मेरे दास भी रहकर,
9 मे रे िलये ब त सी लकड़ी तैयार करगे, ोंिक जो भवन म बनाना चाहता ँ , वह बड़ा और अच े के यो होगा।
10 और तेरे दास जो लकड़ी काटगे, उन को म बीस हजार कोर कूटा आ गे ं , बीस हजार कोर जव, बीस हजार बत दाखमधु और बीस हजार बत तेल दू ं गा।
11 तब सोर के राजा राम ने िच ी िलख कर सुलैमान के पास भे जी, िक यहोवा अपनी जा से े म रखता है , इस से उसने तुझे उनका राजा कर िदया।
12 िफर राम ने यह भी िलखा िक ध है इ ाएल का परमे र यहोवा, जो आकाश और पृ ी का सृ जनहार है , और उसने दाऊद राजा को एक बु मान, चतुर और समझदार पु
िदया है, तािक वह यहोवा का एक भवन और अपना राजभवन भी बनाए।
13 इसिलये अब म एक बु मान और समझदार पु ष को, अथात राम-अबी को भे जता ँ ,
14 जो एक दानी ी का बेटा है, और उसका िपता सोर का था। और वह सोने , चा ी, पीतल, लोहे, प र, लकड़ी, बजनी और नीले और लाल और सू सन के कपड़े का काम, और
सब कार की न ाशी को जानता और सब भांित की कारीगरी बना सकता है: सो ते रे चतु र मनु ों के संग, और मे रे भु तेरे िपता दाऊद के चतुर मनु ों के संग, उसको भी काम
िमले ।
15 और मे रे भु ने जो गे ं, जव, तेल और दाखमधु भेजने की चचा की है, उसे अपने दासों के पास िभजवा दे ।
16 और हम लोग िजतनी लकड़ी का तुझे योजन हो उतनी लबानोन पर से काटगे , और बेड़े बनवा कर समु के माग से जापा को प चाएं गे, और तू उसे य शलेम को ले जाना।
17 तब सु लैमान ने इ ाएली दे श के सब परदे िशयों की िगनती ली, यह उस िगनती के बाद ई जो उसके िपता दाऊद ने ली थी; और वे डे ढ़ लाख तीन हजार छ: सौ पु ष िनकले ।
18 उन म से उसने स र हजार बोिझये, अ ी हजार पहाड़ पर प र काटने वाले और वृ काटने वाले और तीन हजार छ: सौ उन लोगों से काम कराने वाले मु खये िनयु िकए।
2 इितहास 3
1 तब सुलैमान ने य शलेम म मो र ाह नाम पहाड़ पर उसी थान म यहोवा का भवन बनाना आर िकया, िजसे उसके िपता दाऊद ने दशन पाकर यबूसी ओनान के खिलहान म
तैयार िकया था:
2 उसने अपने रा के चौथे वष के दू सरे महीने के, दू सरे िदन को बनाना आर िकया।
3 परमे र का जो भवन सुलैमान ने बनाया, उसका यह ढब है, अथात उसकी ल ाई तो ाचीन काल की नाप के अनुसार साठ हाथ, और उसकी चौड़ाई बीस हाथ की थी।
4 और भवन के सा ने के ओसारे की ल ाई तो भवन की चौड़ाई के बराबर बीस हाथ की; और उसकी ऊंचाई एक सौ बीस हाथ की थी। सुलैमान ने उसको भीतर चोखे सोने से
मढ़वाया।
5 और भवन के बड़े भाग की छत उसने सनोवर की लकड़ी से पटवाई, और उसको अ े सोने से मढ़वाया, और उस पर खजूर के वृ की और सां कलों की न ाशी कराई।
6 िफर शोभा दे ने के िलये उसने भवन म मिण जड़वाए। और यह सोना पवम का था।
7 और उसने भवन को, अथात उसकी किडय़ों, डे विढय़ों, भीतों और िकवाडों को सोने से मढ़वाया, और भीतों पर क ब खुदवाए।
8 िफर उसने भवन के परमपिव थान को बनाया; उसकी ल ाई तो भवन की चौड़ाई के बराबर बीस हाथ की थी, और उसकी चौड़ाई बीस हाथ की थी; और उसने उसे छ: सौ
िक ार चोखे सोने से मढ़वाया।
9 और सोने की कीलों का तौल पचास शेकेल था। और उसने अटा रयों को भी सोने से मढ़वाया।
10 िफर भवन के परमपिव थान म उसने न ाशी के काम के दो क ब बनवाए और वे सोने से मढ़वाए गए।
11 क बों के पं ख तो सब िमलकर बीस हाथ ल े थे, अथात एक क ब का एक पं ख पां च हाथ का और भवन की भीत तक प ंचा आ था; और उसका दू सरा पंख पांच हाथ का था
और दू सरे क ब के पंख से िमला आ था।
12 और दू सरे क ब का भी एक पंख पांच हाथ का और भवन की दू सरी भीत तक प ं चा था, और दू सरा पंख पां च हाथ का और पिहले क ब के पंख से सटा आ था।
13 इन क बों के पंख बीस हाथ फैले ए थे; और वे अपने अपने पांवों के बल खड़े थे, और अपना अपना मु ख भीतर की ओर िकए ए थे।
14 िफर उसने बीच वाले पद को नीले, बजनी और लाल रं ग के सन के कपड़े का बनवाया, और उस पर क ब कढ़वाए।
15 और भवन के सा ने उसने पतीस पतीस हाथ ऊंचे दो ख े बनवाए, और जो कंगनी एक एक के ऊपर थी वह पांच पांच हाथ की थी।
16 िफर उसने भीतरी कोठरी म सांकल बनवा कर ख ों के ऊपर लगाईं, और एक सौ अनार भी बना कर सांकलों पर लटकाए।
17 उसने इन ों को म र के सा ने, एक तो उसकी दािहनी ओर और दू सरा बाईं ओर खड़ा कराया; और दािहने ख े का नाम याकीन और बाय ख े का नाम बोअज़ रखा।
2 इितहास 4
1 िफर उसने पीतल की एक वेदी बनाई, उसकी ल ाई और चौड़ाई बीस बीस हाथ की और ऊंचाई दस हाथ की थी।
2 िफर उसने एक ढाला आ हौद बनवाया; जो छोर से छोर तक दस हाथ तक चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊंचाई पां च हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेर
तीस हाथ के नाप का था।
3 और उसके तले, उसके चारों ओर, एक एक हाथ म दस दस बै लों की ितमाएं बनी थी ं, जो हौद को घेरे थी ं; जब वह ढाला गया, तब ये बैल भी दो पां ित कर के ढाले गए।
4 और वह बारह बने ए बै लों पर धरा गया, िजन म से तीन उ र, तीन पि म, तीन द न और तीन पू व की ओर मुं ह िकए ए थे ; और इनके ऊपर हौद घरा था, और उन सभों के
िपछले अंग भीतरी भाग म पड़ते थे।
5 और हौद की मोटाई चौवा भर की थी, और उसका मोहड़ा कटोरे के मोहड़े की नाईं, सोसन के फूलों के काम से बना था, और उस म तीन हजार बत भरकर समाता था।
6 िफर उसने धोने के िलये दस हौदी बनवा कर, पांच दािहनी और पां च बाई ओर रख दी ं। उन म होमबिल की व ु एं धोई जाती थी ं, पर ु याजकों के धोने के िलये बड़ा हौद था।
7 िफर उसने सोने की दस दीवट िविध के अनुसार बनवाई, और पां च दािहनी ओर और पां च बाई ओर म र म रखवा दी ं।
8 िफर उसने दस मेज बनवा कर पांच दािहनी ओर और पाच बाईं ओर म र म रखवा दी ं। और उसने सोने के एक सौ कटोरे बनवाए।
9 िफर उसने याजकों के आं गन और बड़े आं गन को बनवाया, और इस आं गन म फाटक बनवा कर उनके िकवाड़ों पर पीतल मढ़वाया।
10 और उसने हौद को भवन की दािहनी ओर अथात पूव और द न के कोने की ओर रखवा िदया।
11 और राम ने ह ों, फाविडय़ों, और कटोरों को बनाया। और राम ने राजा सु लैमान के िलये परमे र के भवन म जो काम करना था उसे िनपटा िदया:
12 अथात दो ख े और गोलों समे त वे कंगिनयां जो ख ों के िसरों पर थी ं, और ख ों के िसरों पर के गोलों को ढांपने के िलये जािलयों की दो दो पांित;
13 और दोनों जािलयों के िलये चार सौ अनार और जो गोले ख ों के िसरों पर थे , उन को ढांपनेवाली एक एक जाली के िलये अनारों की दो दो पां ित बनाईं।
14 िफर उस न कुिसया और कुिसय पर की हौिदयां,
15 और उनके नीचे के बारह बैल बनाए।
16 िफर राम-अबी ने ह ों, फाविडय़ों, कां टों और इनके सब सामान को यहोवा के भवन के िलये राजा सु लैमान की आ ा से झलकाए ए पीतल के बनवाए।
17 राजा ने उसको यरदन की तराई म अथात सु ोत और सरे दा के बीच की िचकनी िम ीवाली भू िम म ढलवाया।
18 सु लैमान ने ये सब पा ब त बनवाए, यहां तक िक पीतल के तौल का िहसाब न था।
19 और सु लैमान ने परमे र के भवन के सब पा , सोने की वेदी, और वे मे ज िजन पर भट की रोटी रखी जाती थी,ं
20 और दीपकों समेत चोखे सोने की दीवट, जो िविध के अनुसार भीतरी कोठरी के सा ने जला करतीं थी।ं
21 और सोने वरन िनरे सोने के फूल, दीपक और िचमटे ;
22 और चोखे सोने की किचयां, कटोरे , धूपदान और करछे बनवाए। िफर भवन के ार और परम पिव थान के भीतरी िकवाड़ और भवन अथात म र के िकवाड़ सोने के बने ।
2 इितहास 5
1 इस कार सुलैमान ने यहोवा के भवन के िलये जो जो काम बनवाया वह सब िनपट गया। तब सु लैमान ने अपने िपता दाऊद के पिव िकए ए सोने, चा ी और सब पा ों को भीतर
प ंचा कर परमे र के भवन के भ ारों म रखवा िदया।
2 तब सुलैमान ने इ ाएल के पु रिनयों को और गो ों के सब मु खय पु ष, जो इ ाएिलयों के िपतरों के घरानों के धान थे , उन को भी य शलेम म इस मनसा से इक ा िकया, िक वे
यहोवा की वाचा का स दू क दाऊदपुर से अथात िस ोन से ऊपर िलवा ले आएं ।
3 सब इ ाएली पु ष सातव महीने के पव के समय राजा के पास इक े ए।
4 जब इ ाएल के सब पु रिनये आए, तब लेिवयों ने स दू क को उठा िलया।
5 और ले वीय याजक स दू क और िमलाप का त ू और िजतने पिव पा उस त ू म थे उन सभों को ऊपर ले गए।
6 और राजा सु लैमान और सब इ ाएली म ली के लोग जो उसके पास इक े ए थे , उ ोंने स दू क के सा ने इतनी भे ड़ और बैल बिल िकए, िजनकी िगनती और िहसाब ब तायत के
कारण न हो सकती थी।
7 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सनदू क उसके थान म, अथात भवन की भीतरी कोठरी म जो परमपिव थान है , प ंचा कर, क बों के पं खों के तले रख िदया।
8 स दू क के थान के ऊपर क ब तो पंख फैलाए ए थे, िजससे वे ऊपर से स दू क और उसके डणडों को ढांपे थे।
9 डणडे तो इतने ल े थे, िक उनके िसरे स दू क से िनकले ए भीतरी कोठरी के सा ने दे ख पड़ते थे, पर ु बाहर से वे िदखाई न पड़ते थे। वे आज के िदन तक वही ं ह।
10 स दू क म प र की उन दो पिटयाओं को छोड़ कुछ न था, िज मू सा ने होरे ब म उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इ ाएिलयों के िम से िनकलने के बाद उनके साथ
वाचा बा ी थी।
11 जब याजक पिव थान से िनकले ( िजतने याजक उप थत थे, उन सभों ने तो अपने अपने को पिव िकया था, और अलग अलग दलों म हो कर सेवा न करते थे;
12 और िजतने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अथात पु ों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदू तून सन के व पिहने झांझ, सारं िगयां और वीणाएं िलये ए, वेदी के पूव अलं ग म
खड़े थे , और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरिहयां बजा रहे थे ।)
13 तो जब तुरिहयां बजाने वाले और गाने वाले एक र से यहोवा की ु ित और ध वाद करने लगे , और तु रिहयां , झां झ आिद बाजे बजाते ए यहोवा की यह ुित ऊंचे श से करने
लगे, िक वह भला है और उसकी क णा सदा की है, तब यहोवा के भवन मे बादल छा गया,
14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, ोंिक यहोवा का तेज परमे र के भवन म भर गया था।
2 इितहास 6
1 तब सुलैमान कहने लगा, यहोवा ने कहा था, िक म घोर अं धकार म वास िकए र ं गा।
2 पर ु म ने ते रे िलये एक वास थान वरन ऐसा ढ़ थान बनाया है , िजस म तू यु ग यु ग रहे ।
3 और राजा ने इ ाएल की पूरी सभा की ओर मुंह फेर कर उसको आशीवाद िदया, और इ ाएल की पू री सभा खड़ी रही।
4 और उसने कहा, ध है इ ाएल का परमे र यहोवा, िजसने अपने मुंह से मेरे िपता दाऊद को यह वचन िदया था, और अपने हाथों से इसे पू रा िकया है ,
5 िक िजस िदन से म अपनी जा को िम दे श से िनकाल लाया, तब से म ने न तो इ ाएल के िकसी गो का कोई नगर चुना िजस म मेरे नाम के िनवास के िलये भवन बनाया जाए, और
न कोई मनु चुना िक वह मेरी जा इ ाएल पर धान हो।
6 पर ु म ने य शलेम को इसिलये चुना है, िक मेरा नाम वहां हो, और दाऊद को चु न िलया है िक वह मे री जा इ ाएल पर धान हो।
7 मे रे िपता दाऊद की यह मनसा थी िक इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम का एक भवन बनवाए।
8 पर ु यहोवा ने मेरे िपता दाऊद से कहा, तेरी जो मनसा है िक यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी मनसा कर के नू ने भला तो िकया;
9 तौभी तू उस भवन को बनाने न पाएगा: तेरा जो िनज पु होगा, वही मेरे नाम का भवन बनाएगा।
10 यह वचन जो यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी िकया है; ओर म अपने िपता दाऊद के थान पर उठ कर यहोवा के वचन के अनुसार इ ाएल की ग ी पर िवराजमान ँ, और
इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम के इस भवन को बनाया है ।
11 और इस म म ने उस स दू क को रख िदया है, िजस म यहोवा की वह वाचा है, जो उसने इ ाएिलयों से बा ी थी।
12 तब वह इ ाएल की सारी सभा के दे खते यहोवा की वेदी के सा ने खड़ा आ और अपने हाथ फैलाए।
13 सु लैमान ने पांच हाथ ल ी, पांच हाथ चौड़ी और तीन हाथ ऊंची पीतल की एक चौकी बनाकर आं गन के बीच रखवाई थी; उसी पर खड़े हो कर उसने सारे इ ाएल की सभा के
सामने घुटने टे क कर ग की ओर हाथ फैलाए ए कहा,
14 हे यहोवा, हे इ ाएल के परमे र, तेरे समान न तो ग म और न पृ ी पर कोई ई र है : तेरे जो दास अपने सारे मन से अपने को तेरे स ुख जान कर चलते ह, उनके िलये तू अपनी
वाचा पूरी करता और क णा करता रहता है।
15 तू ने जो वचन मेरे िपता दाऊद को िदया था, उसका तू ने पालन िकया है ; जै सा तू ने अपने मुं ह से कहा था, वैसा ही अपने हाथ से उसको हमारी आं खों के सा ने पूरा भी िकया है ।
16 इसिलये अब हे इ ाएल के परमे र यहोवा इस वचन को भी पूरा कर, जो तू ने अपने दास मे रे िपता दाऊद को िदया था, िक तेरे कुल म मेरे सा ने इ ाएल की ग ी पर िवराजने
वाले सदा बने रहगे , यह हो िक जैसे तू अपने को मेरे स ुख जानकर चलता रहा, वैसे ही तेरे वंश के लोग अपनी चाल चलन म ऐसी चौकसी कर, िक मेरी व था पर चल।
17 अब हे इ ाएल के परमे र यहोवा जो वचन तू ने अपने दास दाऊद को िदया था, वह स ा िकया जाए।
18 पर ु ा परमे र सचमुच मनु ों के संग पृ ी पर वास करे गा? ग म वरन सब से ऊंचे ग म भी तू नहीं समाता, िफर मेरे बनाए ए इस भवन म तू ोंकर समाएगा?
19 तौभी हे मेरे परमे र यहोवा, अपने दास की ाथना और िगड़िगड़ाहट की ओर ान दे और मे री पु कार और यह ाथना सुन, जो म तेरे सा ने कर रहा ँ।
20 वह यह है िक तेरी आं ख इस भवन की ओर, अतात इसी थान की ओर िजसके िवषय म तू ने कहा है िक म उस म अपना नाम रखूंगा, रात िदन खुली रह, और जो ाथना ते रा दास
इस थान की ओर करे , उसे तू सुन ले।
21 और अपने दास, और अपनी जा इ ाएल की ाथना िजस को वे इस थान की ओर मुं ह िकए ए िगड़िगड़ाकर कर, उसे सुन लेना; ग म से जो तेरा िनवास थान है , सुन ले ना;
और सुन कर मा करना।
22 जब कोई िकसी दू सरे का अपराध करे और उसको शपथ खलाई जाए, और वह आकर इस भवन म ते री वेदी के सा ने शपथ खाए,
23 तब तू ग म से सुनना और मानना, और अपने दासों का ाय कर के दु को बदला दे ना, और उसकी चाल उसी के िसर लैटा दे ना, और िनद ष को िनद ष ठहराकर, उसके धम
के अनुसार उसको फल दे ना।
24 िफर यिद तेरी जा इ ाएल तेरे िव पाप करने के कारण अपने श ुओं से हार जाएं , और तेरी ओर िफरकर तेरा नाम मान, और इस भवन म तुझ से ाथना और िगड़िगड़ाहट
कर,
25 तो तू ग म से सुनना; और अपनी जा इ ाएल का पाप मा करना, और उ इस दे श म लौटा ले आना िजसे तू ने उन को और उनके पुरखाओं को िदया है ।
26 जब वे तेरे िव पाप कर, और इस कारण आकाश इतना ब हो जाए िक वषा न हो, ऐसे समय यिद वे इस थान की ओर ाथना कर के तेरे नाम को मान, और तू जो उ दु :ख
दे ता है , इस कारण वे अपने पाप से िफर,
27 तो तू ग म से सुनना, और अपने दासों और अपनी जा इ ाएल के पाप को मा करना; तू जो उन को वह भला माग िदखाता है िजस पर उ चलना चािहये, इसिलये अपने इस
दे श पर िजसे तू ने अपनी जा का भाग कर के िदया है, पानी बरसा दे ना।
28 जब इस दे श म काल वा मरी वा झुलस हो वा गे ई वा िटि यां वा कीड़े लग, वा उनके श ु उनके दे श के फाटकों म उ घेर रख, वा कोई िवपि वा रोग हो;
29 तब यिद कोई मनु वा तेरी सारी जा इ ाएल जो अपना अपना दु :ख और अपना अपना खेद जान कर और िगड़िगड़ाहट के साथ ाथना कर के अपने हाथ इस भवन की ओर
फैलाए;
30 तो तू अपने गी ंय िनवास थान से सुन कर मा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल दे ना; (तू ही तो आदिमयों के मन का जानने वाला है );
31 िक वे िजतने िदन इस दे श म रह, िजसे तू ने उनके पुरखाओं को िदया था, उतने िदन तक तेरा भय मानते ए तेरे माग पर चलते रह।
32 िफर परदे शी भी जो तेरी जा इ ाएल का न हो, जब वह तेरे बड़े नाम और बलव हाथ और बढ़ाई ई भुजा के कारण दू र दे श से आए, और आकर इस भवन की ओर मुंह िकए
ए ाथना करे ,
33 तब तू अपने गी ंय िनवास थान म से सुने, और िजस बात के िलये ऐसा परदे शी तु झे पुकारे , उसके अनुसार करना; िजस से पृ ी के सब दे शों के लोग तेरा नाम जान कर, तेरी जा
इ ाएल की नाईं ते रा भय मान; और िन य कर, िक यह भवन जो म ने बनाया है , वह ते रा ही कहलाता ह।
34 जब ते री जा के लोग जहां कही ं तू उ भेजे वहां अपने श ुओं से लड़ाई करने को िनकल जाएं , और इस नगर की ओर िजसे तू ने चु ना है , और इस भवन की ओर िजसे म ने तेरे
नाम का बनाया है, मुंह िकए ए तुझ से ाथना कर,
35 तब तू ग म से उनकी ाथना और िगड़िगड़ाहट सुनना, और उनका ाय करना।
36 िन ाप तो कोई मनु नहीं है, यिद वे भी तेरे िव पाप कर और तू उन पर कोप कर के उ श ुओ ं के हाथ कर दे , और वे उ ब ुआ कर के िकसी दे श को, चाहे वह दू र हो,
चाहे िनकट, ले जाएं ,
37 तो यिद वे ब ुआई के दे श म सोच िवचार कर, और िफर कर अपनी ब ुआई करने वालों के दे श म तुझ से िगड़िगड़ाकर कह, िक हम ने पाप िकया, और कुिटलता और दु ता की
है ;
38 सो यिद वे अपनी ब ुआई के दे श म जहां वे उ ब ुआ कर के ले गए हों अपने पूरे मन और सारे जीव से तेरी ओर िफर, और अपने इस दे श की ओर जो तू ने उनके पुरखाओं को
िदया था, और इस नगर की ओर िजसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर िजसे म ने ते रे नाम का बनाया है , मुं ह िकए ए तुझ से ाथना कर,
39 तो तू अपने गी ंय िनवास थान म से उनकी ाथना और िगड़िगड़ाहट सु नना, और उनका ाय करना और जो पाप तेरी जा के लोग तेरे िव कर, उ मा करना।
40 और हे मे रे परमे र! जो ाथना इस थान म की जाए उसकी ओर अपनी आं ख खोले रह और अपने कान लगाए रख।
41 अब हे यहोवा परमे र, उठ कर अपने साम के स दू क समे त अपने िव ाम थान म आ, हे यहोवा परमे र तेरे याजक उ ार पी व पिहने रह, और तेरे भ लोग भलाई के
कारण आन करते रह।
42 हे यहोवा परमे र, अपने अिभिष की ाथना को अनसुनी न कर, तू अपने दास दाऊद पर की गई क णा के काम रण रख।
2 इितहास 7
1 जब सु लैमान यह ाथना कर चुका, तब ग से आग ने िगर कर होमबिलयों तथा और बिलयों को भ िकया, और यहोवा का तेज भवन म भर गया।
2 और याजक यहोवा के भवन म वेश न कर सके, ोंिक यहोवा का तेज यहोवा के भवन म भर गया था।
3 और जब आग िगरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इ ाएली दे खते रहे, और फश पर झुक कर अपना अपना मुंह भूिम की ओर िकए ए द वत िकया, और यों कह
कर यहोवा का ध वाद िकया िक, वह भला है, उसकी क णा सदा की है।
4 तब सब जा समे त राजा ने यहोवा को बिल चढ़ाई।
5 और राजा सु लैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भे ड़ -बक रयां चढ़ाई। यों पूरी जा समे त राजा ने यहोवा के भवन की ित ा की।
6 और याजक अपना अपना काय करने को खड़े रहे, और ले वीय भी यहोवा के गीत के गाने के िलये बाजे िलये ए खड़े थे , िज दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की क णा के कारण
उसका ध वाद करने को बनाकर उनके ारा ुित कराई थी; और इनके सा ने याजक लोग तुरिहयां बजाते रहे ; और सब इ ाएली खड़े रहे।
7 िफर सुलैमान ने यहोवा के भवन के सा ने आं गन के बीच एक थान पिव कर के होमबिल और मेलबिलयों की चब वही ं चढ़ाई, ोंिक सु लैमान की बनाईं ई पीतल की वेदी
होमबिल और अ बिल और चब के िलये छोटी थी।
8 उसी समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से ले कर िम के नाले तक के सारे इ ाएल की एक ब त बड़ी सभा ने सात िदन तक पव को माना।
9 और आठव िदन को उ ोंने महासभा की, उ ोंने वेदी की ित ा सात िदन की; और पव को भी सात िदन माना।
10 िनदान सातव महीने के तेइसव िदन को उसने जा के लोगों को िवदा िकया, िक वे अपने अपने डे रे को जाएं , और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सु लैमान और
अपनी जा इ ाएल पर की थी आन त थे।
11 यों सु लैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन म और अपने भवन म जो कुछ उसने बनाना चाहा, उस म उसका मनोरथ पूरा आ।
12 तब यहोवा ने रात म उसको दशन दे कर उस से कहा, म ने तेरी ाथना सु नी और इस थान को य के भवन के िलये अपनाया है।
13 यिद म आकाश को ऐसा ब क ं , िक वषा न हो, वा िटिडयों को दे श उजाड़ने की आ ा दू ं , वा अपनी जा म मरी फैलाऊं,
14 तब यिद मेरी जा के लोग जो मेरे कहलाते ह, दीन हो कर ाथना कर और मे रे दशन के खोजी हो कर अपनी बु री चाल से िफर, तो म ग म से सुन कर उनका पाप मा क ं गा
और उनके दे श को ों का ों कर दू ं गा।
15 अब से जो ाथना इस थान म की जाएगी, उस पर मे री आं ख खुली और मे रे कान लगे रहगे ।
16 और अब म ने इस भवन को अपनाया और पिव िकया है िक मे रा नाम सदा के िलये इस म बना रहे ; मे री आं ख और मेरा मन दोनों िन यहीं लगे रहगे।
17 और यिद तू अपने िपता दाऊद की नाईं अपने को मेरे स ु ख जान कर चलता रहे और मेरी सब आ ाओं के अनु सार िकया करे , और मेरी िविधयों और िनयमों को मानता रहे ,
18 तो म ते री राजग ी को थर रखूंगा; जैसे िक म ने तेरे िपता दाऊद के साथ वाचा बा ी थी, िक ते रे कुल म इ ाएल पर भुता करने वाला सदा बना रहेगा।
19 पर ु यिद तुम लोग िफरो, और मेरी िविधयों और आ ाओं को जो म ने तुम को दी ह ागो, और जा कर पराये दे वताओं की उपासना करो और उ द वत करो,
20 तो म उन को अपने दे श म से जो म ने उन को िदया है, जड़ से उखाडूंगा; और इस भवन को जो म ने अपने नाम के िलये पिव िकया है, अपनी ि से दू र क ं गा; और ऐसा
क ं गा िक दे श दे श के लोगों के बीच उसकी उपमा और नामधराई चले गी।
21 और यह भवन जो इतना िवशाल है, उसके पास से आने जाने वाले चिकत हो कर पू छगे िक यहोवा ने इस दे श और इस भवन से ऐसा ों िकया है ।
22 तब लोग कहगे, िक उन लोगों ने अपने िपतरों के परमे र यहोवा को जो उन को िम दे श से िनकाल लाया था, ाग कर पराये दे वताओं को हण िकया, और उ द वत की
और उनकी उपासना की, इस कारण उसने यह सब िवपि उन पर डाली है।
2 इितहास 8
1 सुलैमान को यहोवा के भवन और अपने भवन के बनाने म बीस वष लगे ।
2 तब जो नगर राम ने सुलैमान को िदए थे, उ सुलैमान ने ढ़ कर के उन म इ ाएिलयों को बसाया।
3 तब सुलैमान सोबा के हमात को जा कर, उस पर जयव आ।
4 और उसने तदमोर को जो जंगल म है, और हमात के सब भणडार नगरों को ढ़ िकया।
5 िफर उसने ऊपर वाले और नीचे वाले दोनों बेथोरोन को शहरपनाह और फाटकों और बे ड़ों से ढ़ िकया।
6 और उसने बालात को और सुलैमान के िजतने भणडार नगर थे और उसके रथों और सवारों के िजतने नगर थे उन को, और जो कुछ सुलैमान ने य शलेम, लबानोन और अपने रा
के सब दे श म बनाना चाहा, उन सब को बनाया।
7 िहि यों, एमो रयों, प र यों, िह यों और यबू िसयों के बचे ए लोग जो इ ाएल के न थे,
8 उनके वंश जो उनके बाद दे श म रह गए, और िजनका इ ाएिलयों ने अ न िकया था, उन म से तो िकतनों को सुलैमान ने बेगार म रखा और आज तक उनकी वही दशा है ।
9 पर ु इ ाएिलयों म से सुलैमान ने अपने काम के िलये िकसी को दास न बनाया, वे तो यो ा और उसके हािकम, उसके सरदार और उसके रथों और सवारों के धान ए।
10 और सु लैमान के सरदारों के धान जो जा के लोगों पर भुता करने वाले थे , वे अढ़ाई सौ थे ।
11 िफर सु लैमान िफ़रौन की बेटी को दाऊदपुर म से उस भवन म ले आया जो उसने उसके िलये बनाया था, ोंिक उसने कहा, िक िजस िजस थान म यहोवा का स दू क आया है , वह
पिव है , इसिलये मे री रानी इ ाएल के राजा दाऊद के भवन म न रहने पाएगी।
12 तब सु लैमान ने यहोवा की उस वेदी पर जो उसने ओसारे के आगे बनाईं थी, यहोवा को होमबिल चढ़ाई।
13 वह मू सा की आ ा के और िदन िदन के योजन के अनु सार, अथात िव ाम और नये चां द और ित वष तीन बार ठहराए ए पव अथात अखमीरी रोटी के पव, और अठवारों के
पव, और झोंपिडय़ों के पव म बिल चढ़ाया करता था।
14 और उसने अपने िपता दाऊद के िनयम के अनुसार याजकों की से वकाई के िलये उनके दल ठहराए, और ले िवयों को उनके कामों पर ठहराया, िक हर एक िदन के योजन के
अनु सार वे यहोवा की ुित और याजकों के सा ने सेवा-टहल िकया कर, और एक एक फाटक के पास ारपालों को दल दल कर के ठहरा िदया; ोंिक परमे र के भ दाऊद ने
ऐसी आ ा दी थी।
15 और राजा ने भ ारों या िकसी और बात म याजकों और ले िवयों के िलये जो जो आ ा दी थी, उनको न टाला।
16 और सु लैमान का सब काम जो उसने यहोवा के भवन की ने व डालने से ले कर उसके पू रा करने तक िकया वह ठीक आ। िनदान यहोवा का भवन पूरा आ।
17 तब सु लैमान ए ोनगेबेर और एलोत को गया, जो एदोम के दे श म समु के तीर पर ह।
18 और राम ने उसके पास अपने जहािजयों के ारा जहाज और समु के जान कार म ाह भे ज िदए, और उ ोंने सु लैमान के जहािजयों के संग ओपीर को जा कर वहां से साढ़े चार
सौ िक ार सोना राजा सुलैमान को ला िदया।
2 इितहास 9
1 जब शीबा की रानी ने सुलैमान की कीित सुनी, तब वह किठन किठन ों से उसकी परी ा करने के िलये य शले म को चली। वह ब त भारी दल और मसालों और ब त सोने और
मिण से लदे ऊंट साथ िलये ए आई, और सुलैमान के पास प ंच कर उस से अपने मन की सब बातों के िवषय बात की ं।
2 सुलैमान ने उसके सब ों का उ र िदया, कोई बात सु लैमान की बु से ऐसी बाहर न रही िक वह उसे न बता सके।
3 जब शीबा की रानी ने सुलैमान की बु मानी और उसका बनाया आ भवन
4 और उसकी मेज पर का भोजन दे खा, और उसके कमचारी िकस रीित बै ठते और उसके ठहलु ए िकस रीित खड़े रहते और कैसे कैसे कपड़े पिहने रहते ह, और उसके िपलाने वाले
कैसे ह, और वे कैसे कपड़े पिहने ह, और वह कैसी चढ़ाई है िजस से वह यहोवा के भवन को जाया करता है , जब उसने यह सब दे खा, तब वह चिकत हो गई।
5 तब उसने राजा से कहा, म ने तेरे कामों और बु मानी की जो कीित अपने दे श म सु नी वह सच ही है ।
6 पर ु जब तक म ने आप ही आ कर अपनी आं खों से यह न दे खा, तब तक म ने उनकी तीित न की; पर ु ते री बु की आधी बड़ाई भी मुझे न बताई गई थी; तू उस कीित से बढ़
कर है जो म ने सु नी थी।
7 ध ह तेरे जन, ध ह तेरे ये सेवक, जो िन तेरे स ु ख उप थत रहकर ते री बु की बात सु नते ह।
8 ध है ते रा परमे र यहोवा, जो तुझ से ऐसा स आ, िक तुझे अपनी राजग ी पर इसिलये िवराजमान िकया िक तू अपने परमे र यहोवा की ओर से रा करे ; तेरा परमे र जो
इ ाएल से ेम कर के उ सदा के िलये थर करना चाहता था, उसी कारण उसने तु झे ाय और धम करने को उनका राजा बना िदया।
9 और उसने राजा को एक सौ बीस िक ार सोना, ब त सा सुग , और मिण िदए; जै से सु ग शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को िदए, वैसे दे खने म नहीं आए।
10 िफर राम और सु लैमान दोनों के जहाजी जो ओपीर से सोना लाते थे, वे च न की लकड़ी और मिण भी लाते थे ।
11 और राजा ने च न की लकड़ी से यहोवा के भवन और राजभवन के िलये चबूतरे और गवैयों के िलये वीणाएं और सारं िगयां बनवाई; ऐसी व ुएं उस से पिहले य दा दे श म न दे ख
पड़ी थीं
12 और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा वही राजा सुलैमान ने उसको उसकी इ ा के अनु सार िदया; यह उस से अिधक था, जो वह राजा के पास ले आई थी। तब वह अपने जनों समे त
अपने दे श को लौट गई।
13 जो सोना ित वष सुलैमान के पास प ंचा करता था, उसका तौल छ: सौ िछयासठ िक ार था।
14 यह उस से अिधक था जो सौदागर और ापारी लाते थे ; और अरब दे श के सब राजा और दे श के अिधपित भी सु लैमान के पास सोना चा ी लाते थे।
15 और राजा सुलैमान ने सोना गढ़ाकर दो सौ बड़ी बड़ी ढाल बनवाई; एक एक ढाल म छ:छ:सौ शेकेल गढ़ा आ सोना लगा।
16 िफर उसने सोना गढ़ाकर तीन सौ छोटी ढाल और भी बनवाई; एक एक छोटी ढाल मे तीन सौ शेकेल सोना लगा, और राजा ने उन को लबानोनी बन नामक भवन म रखा िदया।
17 और राजा ने हाथीदांत का एक बड़ा िसंहासन बनाया और चोखे सोने से मढ़ाया।
18 उस िसंहासन म छ: सीिढयां और सोने का एक पावदान था; ये सब िसंहासन से जु ड़े थे, और बै ठने के थान की दोनों अलंग टे क लगी थी और दोनों टे कों के पास एक एक िसं ह खड़ा
आ बना था।
19 और छहों सीिढय़ों की दोनों अलंग म एक एक िसंह खड़ा आ बना था, वे सब बारह ए। िकसी रा म ऐसा कभी न बना।
20 और रजा सुलैमान के पीने के सब पा सोने के थे, और लबानोनी बन नामक भवन के सब पा भी चोखे सोने के थे; सुलैमान के िदनों म चा ी का कुछ िहसाब न था।
21 ोंिक राम के जहािजयों के संग राजा के तशीश ं को जाने वाले जहाज थे, और तीन तीन वष के बाद वे तशीशं के जहाज सोना, चा ी, हाथीदांत, ब र और मोर ले आते थे ।
22 यों राजा सु लैमान धन और बु म पृ ी के सब राजाओं से बढ़ कर हो गया।
23 और पृ ी के सब राजा सुलैमान की उस बु की बात सु नने को जो परमे र ने उसके मन म उपजाई थी ं उसका दशन करना चाहते थे।
24 और वे ित वष अपनी अपनी भट अथात चा ी और सोने के पा , व -श , सु ग , घोड़े और ख र ले आते थे ।
25 और अपने घोड़ों और रथों के िलये सुलैमान के चार हजार थान और बारह हजार सवार भी थे , िजन को उसने रथों के नगरों म और य शलेम म राजा के पास ठहरा रखा।
26 और वह महानद से ले पिल यों के दे श और िम के िसवाने तक के सब राजाओं पर भु ता करता था।
27 और राजा ने ऐसा िकया, िक ब तायत के कारण य शलेम म चा ी का मू प रों का और दे वदार का मू नीचे के दे श के गूलरों का सा हो गया।
28 और लोग िम से और और सब दे शों से सुलैमान के िलये घोड़े लाते थे।
29 आिद से अ तक सुलैमान के और सब काम ा नातान नबी की पु क म, और शीलोवासी अिह ाह की नबू वत की पु क म, और नबात के पु यारोबाम के िवषय इ ो दशी ं के
दशन की पु क म नहीं िलखे ह?
30 सु लैमान ने य शलेम म सारे इ ाएल पर चालीस वष तक रा िकया।
31 और सु लैमान अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको उसके िपता दाऊद के नगर म िम ी दी गई; और उसका पु र िबयाम उसके थान पर राजा आ।
2 इितहास 10
1 र िबयाम शकेम को गया, ोंिक सारे इ ाएली उसको राजा बनाने के िलये वहीं गए थे।
2 और नबात के पु यारोबाम ने यह सुना (वह तो िम म रहता था, जहां वह सुलैमान राजा के डर के मारे भाग गया था), और यारोबाम िम से लौट आया।
3 तब उ ोंने उसको बु लवा भेजा; सो यारोबाम और सब इ ाएली आकर र िबयाम से कहने लगे ,
4 तेरे िपता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, इसिलये अब तू अपने िपता की किठन से वा को और उस भारी जू ए को िजसे उसने हम पर डाल रखा है कुछ हलका कर, तब
हम ते रे आधीन रहगे।
5 उसने उन से कहा, तीन िदन के उपरा मेरे पास िफर आना, तो वे चले गए।
6 तब राजा र िबयाम ने उन बू ढ़ों से जो उसके िपता सुलैमान के जीवन भर उसके सा ने अप थत रहा करते थे , यह कहकर स ित ली, िक इस जा को कैसा उ र दे ना उिचत है,
इस म तुम ा स ित दे ते हो?
7 उ ोंने उसको यह उ र िदया, िक यिद तू इस जा के लोगों से अ ा ब ाव कर के उ स करे और उन से मधुर बात कहे, तो वे सदा तेरे आधीन बने रहगे।
8 पर ु उसने उस स ित को जो बू ढ़ों ने उसको दी थी छोड़ िदया और उन जवानों से स ित ली, जो उसके सं ग बड़े ए थे और उसके स ुख उप थत रहा करते थे।
9 उन से उसने पूछा, म जा के लोगों को कैसा उ र दू ं , इस म तुम ा स ित दे ते हो? उ ोंने तो मुझ से कहा है, िक जो जूआ तेरे िपता ने हम पर डाल रखा है , उसे तू हलका कर।
10 जवानों ने जो उस के संग बड़े ए थे उसको यह उ र िदया, िक उन लोगों ने तुझ से कहा है, िक तेरे िपता ने हमारा जूआ भारी िकया था, पर ु उसे हमारे िलये हलका कर; तू उन से
यों कहना, िक मेरी िछं गुिलया मेरे िपता की किट से भी मोटी ठहरे गी।
11 मेरे िमता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था, उसे म और भी भारी क ं गा; मेरा िपता तो तूम को कोड़ों से ताड़ना दे ता था, पर ु म िब ु ओं से दू ं गा।
12 तीसरे िदन जै से राजा ने ठहराया था, िक तीसरे िदन मे रे पास िफर आना, वैसे ही यारोबाम और सारी जा र िबयाम के पास उप थत ई।
13 तब राजा ने उस से कड़ी बात की ं, और र िबयाम राजा ने बूढ़ों की दी ई स ित छोड़ कर
14 जवानों की स ित के अनुसार उन से कहा, मेरे िपता ने तो तु ारा जूआ भारी कर िदया, पर ु म उसे और भी किठन कर दू ं गा; मेरे िपता ने तो तुम को कोड़ों से ताड़ना दी, पर ु म
िब ु ओं से ताड़ना दू ं गा।
15 इस कार राजा ने जा की िबनती न मानी; इसका कारण यह है, िक जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अिह ाह के ारा नबात के पु यारोबाम से कहा था, उसको पू रा करने के िलये
परमे र ने ऐसा ही ठहराया था।
16 जब सब इ ाएिलयों ने दे खा िक राजा हमारी नहीं सुनता, तब वे बोले िक दाऊद के साथ हमारा ा अं श? हमारा तो ियशै के पु म कोई भाग नहीं है। हे इ ाएिलयो, अपने अपने
डे रे को चले जाओ। अब हे दाऊद, अपने ही घराने की िच ा कर।
17 तब सब इ ाएली अपने डे रे को चले गए। केवल िजतने इ ाएली य दा के नगरों म बसे ए थे, उ ी ं पर र िबयाम रा करता रहा।
18 तब राजा र िबयाम ने हदोराम को जो सब बेगारों पर अिधकारी था भेज िदया, और इ ाएिलयों ने उसको प वाह िकया और वह मर गया। तब र िबयाम फुती ं से अपने रथ पर चढ़
कर, य शलेम को भाग गया।
19 यों इ ाएल दाऊद के घराने से िफर गया और आज तक िफरा आ है ।
2 इितहास 11
1 जब र िबयाम य शलेम को आया, तब उसने य दा और िब ामीन के घराने को जो िमल कर एक लाख अ ी हजार अ े यो ा थे इक ा िकया, िक इ ाएल के साथ यु कर
िजस से रा र िबयाम के वश म िफर आ जाए।
2 तब यहोवा का यह वचन परमे र के भ शमायाह के पास प ंचा,
3 िक य दा के राजा सुलैमान के पु र िबयाम से और य दा और िब ामीन के सब इ ाएिलयों से कह,
4 यहोवा यों कहता है, िक अपने भाइयों पर चढ़ाई कर के यु न करो। तुम अपने अपने घर लौट जाओ, ोंिक यह बात मे री ही ओर से ई है। यहोवा के ये वचन मान कर, वे यारोबाम
पर िबना चढ़ाई िकए लौट गए।
5 सो र िबयाम य शलेम म रहने लगा, और य दा म बचाव के िलये ये नगर ढ़ िकए,
6 अथात बेतलेहेम, एताम, तकोआ,
7 बे ू र, सोको, अदु ाम।
8 गत, मारे शा, जीप।
9 अदोरै म, लाकीश, अजेका।
10 सोरा, अ ालोन और हे ोन जो य दा और िब ामीन म ह, ढ़ िकया।
11 और उसने ढ़ नगरों को और भी ढ़ कर के उन म धान ठहराए, और भोजन व ु और तेल और दाखमधु के भणडार रखवा िदए।
12 िफर एक एक नगर म उसने ढाल और भाले रखवा कर उन को अ ढ़ कर िदया। य दा और िब ामीन तो उसके थे।
13 और सारे इ ाएल के याजक और लेवीय भी अपने सब दे श से उठ कर उसके पास गए।
14 यों ले वीय अपनी चराइयों और िनज भूिम छोड़ कर, य दा और य शलेम म आए, ोंिक यारोबाम और उसके पु ों ने उन को िनकाल िदया था िक वे यहोवा के िलये याजक का
काम न कर।
15 और उसने ऊंचे थानों और बकरों और अपने बनाए ए बछड़ों के िलये, अपनी ओर से याजक ठहरा िलए।
16 और ले िवयों के बाद इ ाएल के सब गो ों म से िजतने मन लगा कर इ ाएल के परमे र यहोवा के खोजी थे वे अपने िपतरों के परमे र यहोवा को बिल चढ़ाने के िलये य शले म को
आए।
17 और उ ोंने य दा का रा थर िकया और सुलैमान के पु र िबयाम को तीन वष तक ढ़ कराया, ोंिक तीन वष तक वे दाऊद और सुलैमान की लीक पर चलते रहे।
18 और र िबयाम ने एक ी को ाह िलया, अथात महलत को िजसका िपता दाऊद का पु यरीमोत और माता ियशै के पु एलीआब की बेटी अबीहैल थी।
19 और उस से यूश, शमयाह और जाहम नाम पु उ ए।
20 और उसके बाद उसने अबशलोम की बेटी माका को ाह िलया, और उस से अिब ाह, अ े , जीजा और शलोमीत उ ए।
21 र िबयाम ने अठारह रािनयां ाह लीं और साठ रखेिलयां रखी ं, और उसके अठाईस बेटे और साठ बे िटयां उ ई। अबशलोम की बेटी माका से वह अपनी सब रािनयों और
रखेिलयों से अिधक ेम रखता था;
22 सो र िबयाम ने माका के बेटे अिब ाह को मु और सब भाइयों म धान इस मनसा से ठहरा िदया, िक उसे राजा बनाए।
23 और वह समझ बूझकर काम करता था, और उसने अपने सब पु ों को अलग अलग कर के य दा और िब ामीन के सब दे शों के सब गढ़ वाले नगरों म ठहरा िदया; और उ
भोजन व ु ब तायत से दी, और उनके िलये ब त सी यां ढूंढ़ी।
2 इितहास 12
1 पर ु जब र िबयाम का रा ढ़ हो गया, और वह आप थर हो गया, तब उसने और उसके साथ सारे इ ाएल ने यहोवा की व था को ाग िदया।
2 उ ोंने जो यहोवा से िव ासघात िकया, उस कारण राजा र िबयाम के पां चव वष म िम के राजा शीशक ने ,
3 बारह सौ रथ और साठ हजार सवार िलये ए य शले म पर चढ़ाई की, और जो लोग उसके सं ग िम से आए, अथात लूबी, सु ी, कूशी, ये अनिगनत थे।
4 और उसने य दा के गढ़ वाले नगरों को ले िलया, और य शलेम तक आया।
5 तब शमायाह नबी र िबयाम और य दा के हािकमों के पास जो शीशक के डर के मारे य शलेम म इक े ए थे , आ कर कहने लगा, यहोवा यों कहता है, िक तुम ने मुझ को छोड़
िदया है, इसिलये म ने तुम को छोड़ कर शीशक के हाथ म कर िदया है।
6 तब इ ाएल के हािकम और राजा दीन हो गए, और कहा, यहोवा धमीं है।
7 जब यहोवा ने दे खा िक वे दीन ए ह, तब यहोवा का यह वचन शमायाह के पास प ंचा िक वे दीन हो गए ह, म उन को न न क ं गा; म उनका कुछ बचाव क ं गा, और मे री
जलजलाहट शीशक के ारा य शलेम पर न भड़केगी।
8 तौभी वे उसके आधीन तो रहगे, तािक वे मेरी और दे श दे श के रा ों की भी से वा जान ल।
9 तब िम का राजा शीशक य शलेम पर चढ़ाई कर के यहोवा के भवन की अनमोल व ुएं और राजभवन की अनमोल व ुएं उठा ले गया। वह सब कुछ उठा ले गया, और सोने की
जो फ रयां सुलैमान ने बनाईं थी,ं उन को भी वह ले गया।
10 तब राजा र िबयाम ने उनके बदले पीतल की ढाल बनावाई और उ पह ओं के धानों के हाथ सौंप िदया, जो राजभवन के ार की रखवाली करते थे।
11 और जब जब राजा यहोवा के भवन म जाता, तब तब पह ए आकर उ उठा ले चलते, और िफर पह ओं की कोठरी म लौटा कर रख दे ते थे।
12 जब र िबयाम दीन आ, तब यहोवा का ोध उस पर से उतर गया, और उसने उसका पूरा िवनाश न िकया; और य दा म अ े गुण भी थे।
13 सो राजा र िबयाम य शलेम म ढ़ हो कर रा करता रहा। जब र िबयाम रा करने लगा, तब एकतालीस वष की आयु का था, और य शलेम म अथात उस नगर म, िजसे
यहोवा ने अपना नाम बनाए रखने के िलये इ ाएल के सारे गो म से चु न िलया था, स ह वष तक रा करता रहा। उसकी माता का नाम नामा था, जो अ ोनी ी थी।
14 उसने वह कम िकया जो बुरा है, अथात उसने अपने मन को यहोवा की खोज म न लगाया।
15 आािद से अ तक र िबयाम के काम ा शमायाह नबी और इ ो दशी ं की पु कों म वंशाविलयों की रीित पर नही ं िलखे ह? र िबयाम और यारोबाम के बीच तो लड़ाई सदा होती
रही।
16 और र िबयाम अपने पु रखाओं के संग सो गया और दाऊदपुर म उसको िम ी दी गई। और उसका पु अिब ाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 इितहास 13
1 यारोबाम के अठारहव वष म अिब ाह य दा पर रा करने लगा।
2 वह तीन वष तक य शलेम म रा करता रहा, और उसकी माता का नाम मीकायाह था; जो िगबावासी ऊरीएल की बे टी थी। और अिब ाह और यारोबाम के बीच म लड़ाई हई।
3 अिब ाह ने तो बड़े यो ाओं का दल, अथात चार लाख छं टे ए पु ष ले कर लड़ने के िलये पां ित ब ाई, और यारोबाम ने आठ लाख छं टे ए पु ष जो बड़े शूरवीर थे, ले कर उसके
िव पांित ब ाई।
4 तब अिब ाह समारै म नाम पहाड़ पर, जो ए ैम के पहाड़ी दे श म है, खड़ा हो कर कहने लगा, हे यारोबाम, हे सब इ ाएिलयो, मेरी सुनो।
5 ा तु म को न जानना चािहए, िक इ ाएल के परमे र यहोवा ने लोनवाली वाचा बा कर दाऊद को और उसके वंश को इ ाएल का रा सदा के िलये दे िदया है।
6 तौभी नबात का पु यारोबाम जो दाऊद के पु सुलैमान का कमचारी था, वह अपने ामी के िव उठा है।
7 और उसके पास हलके और ओछे मनु इक ा हो गए ह और जब सुलैमान का पु र िबयाम लड़का और अ ड़ मन का था और उनका सा ना न कर सकता था, तब वे उसके
िव सामथी ं हो गए।
8 और अब तुम सोचते हो िक हम यहोवा के रा का सा ना करगे, जो दाऊद की स ान के हाथ म है , ोंिक तुम सब िमल कर बड़ा समाज बन गए हो और तु ारे पास वे सोने के
बछड़े भी ह िज यारोबाम ने तु ारे दे वता होने के िलये बनवाया।
9 ा तु म ने यहोवा के याजकों को, अथात हा न की स ान और ले िवयों को िनकाल कर दे श दे श के लोगों की नाईं याजक िनयु नहीं कर िलये ? जो कोई एक बछड़ा और सात मेढ़े
अपना सं ार कराने को ले आता, तो उनका याजक हो जाता है जो ई र नही ं है ।
10 पर ु हम लोगों का परमे र यहोवा है और हम ने उसको नहीं ागा, और हमारे पास यहोवा की से वा टहल करने वाले याजक हा न की स ान और अपने अपने काम म लगे ए
ले वीय ह।
11 और वे िन सवेरे और सांझ को यहोवा के िलये होमबिल और सु ग का धूप जलाते ह, और शू मे ज पर भट की रोटी सजाते और सोने की दीवट और उसके दीपक
सां झ-सां झ को जलाते ह; हम तो अपने परमे र यहोवा की आ ाओं को मानते रहते ह, पर ु तु म ने उसको ाग िदया है ।
12 और दे खो, हमारे संग हमारा धान परमे र है, और उसके याजक तु ारे िव सां स बा कर फूंकने को तुरिहयां िलये ए भी हमारे साथ ह। हे इ ाएिलयो अपने पूवजों के
परमे र यहोवा से मत लड़ो, ोंिक तुम कृताथ न होगे।
13 पर ु यारोबाम ने घातकों को उनके पीछे भेज िदया, वे तो य दा के सा ने थे, और घातक उनके पीछे थे ।
14 और जब य िदयों ने पीछे को मुंह फेरा, तो दे खा िक हमारे आगे और पीछे दोनों ओर से लड़ाई होने वाली है ; तब उ ोंने यहोवा की दोहाई दी, और याजक तुरिहयों को फूंकने लगे।
15 तब य दी पु षों ने जयजयकार िकया, और जब य दी पु षों ने जयजयकार िकया, तब परमे र ने अिब ाह और य दा के सा ने, यारोबाम और सारे इ ाएिलयों को मारा।
16 और इ ाएली य दा के सा ने से भागे, और परमे र ने उ उनके हाथ म कर िदया।
17 और अिब ाह और उसकी जा ने उ बड़ी मार से मारा, यहां तक िक इ ाएल म से पां च लाख छं टे ए पु ष मारे गए।
18 उस समय तो इ ाएली दब गए, और य दी इस कारण बल ए िक उ ोंने अपने िपतरों के परमे र यहोवा पर भरोसा रखा था।
19 तब अिब ाह ने यारोबाम का पीछा कर के उस से बेतेल, यशाना और ए ोन नगरों और उनके गांवों को ले िलया।
20 और अिब ाह के जीवन भर यारोबाम िफर सामथी ं न आ; िनदान यहोवा ने उसको ऐसा मारा िक वह मर गया।
21 पर ु अिब ाह और भी सामथी ं हो गया और चौदह यां ाह लीं िजन से बाइस बेटे और सोलह बेिटयां उ ई।
22 और अिब ाह के काम और उसकी चाल चलन, और उसके वचन, इ ो नबी की कथा म िलखे ह।
2 इितहास 14
1 िनदान अिब ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया, और उसको दाऊदपुर म िम ी दी गई; और उसका पु आसा उसके थान पर रा करने लगा। इसके िदनों म दस वष तक दे श म
चै न रहा।
2 और आसा ने वही िकया जो उसके परमे र यहोवा की ि म अ ा और ठीक था।
3 उसने तो पराई वेिदयों को और ऊंचे थानों को दू र िकया, और लाठों को तुड़वा डाला, और अशेरा नाम मू रतों को तोड़ डाला।
4 और य िदयों को आ ा दी िक अपने पूवजों के परमे र यहोवा की खोज कर और व था और आ ा को मानों।
5 और उसने ऊंचे थानों और सूय की ितमाओं को य दा के सब नगरों म से दू र िकया, और उसके सा ने रा म चै न रहा।
6 और उसने य दा म गढ़ वाले नगर बसाए, ोंिक दे श म चै न रहा। और उन बरसों म उसे िकसी से लड़ाई न करनी पड़ी ोंिक यहोवा ने उसे िव ाम िदया था।
7 उसने य िदयों से कहा, आओ हम इन नगरों को बसाएं और उनके चारों ओर शहरपनाह, गढ़ और फाटकों के प े और बेड़े बनाएं ; दे श अब तक हमारे सा ने पड़ा है, ोंिक हम
ने, अपने परमे र यहोवा की खोज की है हमने उसकी खोज की और उसने हम को चारों ओर से िव ाम िदया है । तब उ ोंने उन नगरों को बसाया और कृताथ ए।
8 िफर आसा के पास ढाल और बछी ं रखने वालों की एक सेना थी, अथात य दा म से तो तीन लाख पु ष और िब ामीन म से फरी रखने वाले और धनुधारी दो लाख अ ी हजार ये
सब शूरवीर थे ।
9 और उनके िव दस लाख पु षों की से ना और तीन सौ रथ िलये ए जे रह नाम एक कूशी िनकला और मारे शा तक आ गया।
10 तब आसा उसका सा ना करने को चला और मारे शा के िनकट सापता नाम तराई म यु की पां ित बा ी गई।
11 तब आसा ने अपने परमे र यहोवा की यों दोहाई दी, िक हे यहोवा! जैसे तू सामथी ं की सहायता कर सकता है , वैसे ही श हीन की भी; हे हमारे परमे र यहोवा! हमारी सहायता
कर, ोंिक हमारा भरोसा तुझी पर है और तेरे नाम का भरोसा कर के हम इस भीड़ के िव आए ह। हे यहोवा, तू हमारा परमे र है; मनु तुझ पर बल न होने पाएगा।
12 तब यहोवा ने कूिशयों को आसा और य िदयों के सा ने मारा और कूशी भाग गए।
13 और आसा और उसके संग के लोगों ने उनका पीछा गरार तक िकया, और इतने कूशी मारे गए, िक वे िफर िसर न उठा सके ोंिक वे यहोवा और उसकी सेना से हार गए, और
य दी ब त सा लूट ले गए।
14 और उ ोंने गरार के आस पास के सब नगरों को मार िलया, ोंिक यहोवा का भय उनके रहने वालों के मन म समा गया और उ ोंने उन नगरों को लूट िलया, ोंिक उन म ब त
सा धन था।
15 िफर पशु-शालाओं को जीत कर ब त सी भेड़-बक रयां और ऊंट लू ट कर य शले म को लौटे ।
2 इितहास 15
1 तब परमे र का आ ा ओदे द के पु अजयाह म समा गया,
2 और वह आसा से भट करने िनकला, और उस से कहा, हे आसा, और हे सारे य दा और िब ामीन मे री सु नो, जब तक तुम यहोवा के संग रहोगे तब तक वह तु ारे संग रहे गा; और
यिद तुम उसकी खोज म लगे रहो, तब तो वह तुम से िमला करे गा, पर ु यिद तु म उसको ाग दोगे तो वह भी तुम को ाग दे गा।
3 ब त िदन इ ाएल िबना स परमे र के और िबना िसखाने वाले याजक के और िबना व था के रहा।
4 पर ु जब जब वे संकट म पड़ कर इ ाएल के परमे र यहोवा की ओर िफरे और उसको ढू ं ढ़ा, तब तब वह उन को िमला।
5 उस समय न तो जाने वाले को कुछ शांित होती थी, और न आने वाले को, वरन सारे दे श के सब िनवािसयों म बड़ा ही कोलाहल होता था।
6 और जाित से जाित और नगर से नगर चूर िकए जाते थे, ोंिक परमे र नाना कार का क दे कर उ घबरा दे ता था।
7 पर ु तुम लोग िहयाव बा ो और तु ारे हाथ ढीले न पड़, ोंिक तु ारे काम का बदला िमले गा।
8 जब आसा ने ये वचन और ओदे द नबी की नबूवत सुनी, तब उसने िहयाव बा कर य दा और िब ामीन के सारे दे श म से , और उन नगरों म से भी जो उसने ए ैम के पहाड़ी दे श म
ले िलये थे, सब िघनौनी व ुएं दू र की ं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के सा ने थी, उसको नये िसरे से बनाया।
9 और उसने सारे य दा और िब ामीन को, और ए ैम, मन े और िशमोन म से जो लोग उसके सं ग रहते थे , उन को इक ा िकया, ोंिक वे यह दे ख कर िक उसका परमे र यहोवा
उसके सं ग रहता है, इ ाएल म से उसके पास ब त से चले आए थे ।
10 आसा के रा के प हव वष के तीसरे महीने म वे य शले म म इक े ए।
11 और उसी समय उ ोंने उस लू ट म से जो वे ले आए थे , सात सौ बै ल और सात हजार भे ड़-बक रयां , यहोवा को बिल कर के चढ़ाई।
12 और उ ोंने वाचा बा ी िक हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पू वजों के परमे र यहोवा की खोज करगे ।
13 और ा बड़ा, ा छोटा, ा ी, ा पु ष, जो कोई इ ाएल के परमे र यहोवा की खोज न करे , वह मार डाला जाएगा।
14 और उ ोंने जयजयकार के साथ तुरिहयां और नरिसंगे बजाते ए ऊंचे श से यहोवा की शपथ खाई।
15 और यह शपथ खाकर सब य दी आन त ए, ोंिक उ ोंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बडी अिभलाषा से उसको ढूंढ़ा और वह उन को िमला, और यहोवा ने चारों ओर से
उ िव ाम िदया।
16 वरन आसा राजा की माता माका िजसने अशेरा के पास रखने के िलये एक िघनौनी मूरत बनाई, उसको उसने राजमाता के पद से उतार िदया, और आसा ने उसकी मूरत काट कर
पीस डाली और िक ोन नाले म फूंक दी।
17 ऊंचे थान तो इ ाएिलयों म से न ढाए गए, तौभी आसा का मन जीवन भर िन पट रहा।
18 और उसने जो सोना चा ी, और पा उसके िपता ने अपण िकए थे , और जो उसने आप अपण िकए थे , उन को परमे र के भवन म पहंचा िदया।
19 और राजा आसा के रा के पतीसव वष तक िफर लड़ाई न ई।
2 इितहास 16
1 आसा के रा के छ ीसव वष म इ ाएल के राजा बाशा ने य दा पर चढ़ाई की और रामा को इसिलये ढ़ िकया, िक य दा के राजा आसा के पास कोई आने जाने न पाए।
2 तब आसा ने यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों म से चा ी-सोना िनकाल दिम वासी अराम के राजा बे दद के पास दू त भेज कर यह कहा,
3 िक जैसे मेरे-तेरे िपता के बीच वैसे ही मेरे-तेरे बीच भी वाचा ब े; दे ख म तेरे पास चा ी-सोना भे जता ं , इसिलये आ, इ ाएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को तोड़ दे ,
तािक वह मुझ से दू र हो।
4 बे दद ने राजा आसा की यह बात मान कर, अपने दलों के धानों से इ ाएली नगरों पर चढ़ाई करवा कर इ ोन, दान, आबे ैम और न ाली के सब भणडार वाले नगरों को जीत
िलया।
5 यह सुनकर बाशा ने रामा को ढ़ करना छोड़ िदया, और अपना वह काम ब करा िदया।
6 तब राजा आसा ने पूरे य दा दे श को साथ िलया और रामा के प रों और लकड़ी को, िजन से बासा काम करता था, उठा ले गया, और उन से उसने गे वा, और िम ा को ढ़ िकया।
7 उस समय हनानी दश य दा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमे र यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है , इस कारण
अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है।
8 ा कूिशयों और लूिबयों की सेना बड़ी न थी, और ा उस म ब त ही रथ, और सवार न थे ? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ म कर िदया।
9 दे ख, यहोवा की ि सारी पृ ी पर इसिलये िफरती रहती है िक िजनका मन उसकी ओर िन पट रहता है , उनकी सहायता म वह अपना सामथ िदखाए। तूने यह काम मू खता से
िकया है, इसिलये अब से तू लड़ाइयों म फंसा रहेगा।
10 तब आसा दशी ं पर ोिधत आ और उसे काठ म ठोंकवा िदया, ोंिक वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर ोिधत था। और उसी समय से आसा जा के कुछ लोगों को पीसने
भी लगा।
11 आिद से ले कर अ तक आसा के काम य दा और इ ाएल के राजाओं के वृ ा म िलखे ह।
12 अपने रा के उनतीसव वष म आसा को पांव का रोग आ, और वह रोग अ बढ़ गया, तौभी उसने रोगी हो कर यहोवा की नही ं वै ों ही की शरण ली।
13 िनदान आसा अपने रा के एकतालीसव वष म मर के अपने पु रखाओं के साथ सो गया।
14 तब उसको उसी की क म जो उसने दाऊदपुर म खु दवा ली थी, िम ी दी गई; और वह सु ग ों और गंधी के काम के भांित भांित के मसालों से भरे ए एक िबछौने पर िलटा
िदया गया, और ब त सा सुग उसके िलये जलाया गया।
2 इितहास 17
1 और उसका पु यहोशापात उसके थान पर रा करने लगा, और इ ाएल के िव अपना बल बढ़ाया।
2 और उसने य दा के सब गढ़ वाले नगरों म िसपािहयों के दल ठहरा िदए, और य दा के दे श म और ए ै म के उन नगरों म भी जो उसके िपता आसा ने ले िलये थे, िसपािहयों की
चौिकयां बै ठा दीं।
3 और यहोवा यहोशापात के संग रहा, ोंिक वह अपने मूलपु ष दाऊद की ाचीन चाल सी चाल चला और बाल दे वताओं की खोज म न लगा।
4 वरन वह अपने िपता के परमे र की खोज म लगा रहता था और उसी की आ ाओं पर चलता था, और इ ाएल के से काम नही ं करता था।
5 इस कारण यहोवा ने र को उसके हाथ म ढ़ िकया, और सारे य दी उसके पास भट लाया करते थे , और उसके पास ब त धन और उसका वैभव बढ़ गया।
6 और यहोवा के माग पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया; िफर उसने य दा से ऊंचे थान और अशेरा नाम मूरत दू र कर दी ं।
7 और उसने अपने रा के तीसरे वष म बे ैल, ओब ाह, जकयाह, नतनेल और मीकायाह नामक अपने हािकमों को य दा के नगरों म िश ा दे ने को भेज िदया।
8 और उनके साथ शमायाह, नत ाह, जब ाह, असाहेल, शमीरामोत, यहोनातान, अदोिन ाह, तोिब ाह और तोबदोिन ाह, नाम लेवीय और उनके संग एलीशामा और यहोराम
नामक याजक थे।
9 सो उ ोंने यहोवा की व था की पु क अपने साथ िलये ए य दा म िश ा दी, वरन वे य दा के सब नगरों म जा को िसखाते ए घूमे।
10 और य दा के आस पास के दे शों के रा रा म यहोवा का ऐसा डर समा गया, िक उ ोंने यहोशापात से यु न िकया।
11 वरन िकतने पिल ी यहोशपात के पास भट और कर समझ कर चा ी लाए; और अरबी लोग भी सात हजार सात सौ मेढ़े और सात हजार सात सौ बकरे ले आए।
12 और यहोशापात ब त ही बढ़ता गया और उसने य दा म िकले और भ ार के नगर तै यार िकए।
13 और य दा के नगरों म उसका ब त काम होता था, और य शले म म उसके यो ा अथात शूरवीर रहते थे ।
14 और इनके िपतरों के घरानों के अनुसार इनकी यह िगनती थी, अथात य दी सह पित तो ये थे , धान अदना िजसके साथ तीन लाख शूरवीर थे,
15 और उसके बाद धान यहोहानान िजसके साथ दो लाख अ ी हजार पु ष थे ।
16 और इसके बाद िज ी का पु अम ाह, िजसने अपने को अपनी ही इ ा से यहोवा को अपण िकया था, उसके साथ दो लाख शूरवीर थे।
17 िफर िब ामीन म से ए ादा नामक एक शूरवीर िजसके साथ ढाल रखने वाले दो लाख धनु धारी थे।
18 और उसके नीचे यहोजाबाद िजसके साथ यु के हिथयार बा े ए एक लाख अ ी हजार पु ष थे ।
19 वे ये ह, जो राजा की सेवा म लवलीन थे। और ये उन से अलग थे िज राजा ने सारे य दा के गढ़ वाले नगरों म ठहरा िदया।
2 इितहास 18
1 यहोशपात बड़ा धनवान और ऐ यवान हो गया; और उसने अहाब के साथ समिधयाना िकया।
2 कुछ वष के बाद वह शोमरोन म अहाब के पास गया, तब अहाब ने उसके और उसके संिगयों के िलये ब त सी भे ड़-बक रयां और गाय-बैल काटकर, उसे िगलाद के रामोत पर
चढ़ाई करने को उकसाया।
3 और इ ाएल के राजा अहाब ने य दा के राजा यहोशापात से कहा, ा तू मे रे साथ िगलाद के रामोत पर चढ़ाई करे गा? उसने उसे उ र िदया, जैसा तू वैसा म भी ँ , और जैसी ते री
जा, वैसी मेरी भी जा है। हम लोग यु म तेरा साथ दगे।
4 िफर यहोशापात ते इ ाएल के राजा से कहा, आज यहोवा की आ ा ले ।
5 तब इ ाएल के राजा ने निबयों को जो चार सौ पु ष थे, इक ा कर के उन से पू छा, ा हम िगलाद के रामोत पर यु करने को चढ़ाई कर, अथवा म का र ं? उ ोंने उ र िदया
चढ़ाई कर, ोंिक परमे र उसको राजा के हाथ कर दे गा।
6 पर ु यहोशापात ने पूछा, ा यहां यहोवा का और भी कोई नबी नहीं है िजस से हम पूछ ल?
7 इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, हां, एक पु ष और है , िजसके ारा हम यहोवा से पू छ सकते ह; पर ु म उस से घृणा करता ँ; ोंिक वह मे रे िव कभी क ाण की नहीं,
सदा हािन ही की नबूवत करता है। वह िय ा का पु मीकायाह है । यहोशापात ने कहा, राजा ऐसा न कहे।
8 तब इ ाएल के राजा ने एक हािकम को बुलवा कर कहा, िय ा के पु मीकायाह को फुत से ले आ।
9 इ ाएल का राजा और य दा का राजा यहोशापात अपने अपने राजव पिहने ए, अपने अपने िसंहासन पर बै ठे ए थे ; वे शोमरोन के फाटक म एक खुले थान म बै ठे थे और सब
नबी उनके सा ने नबूवत कर रहे थे।
10 तब कनाना के पु िसदिक ाह ने लोहे के सी ंग बनवा कर कहा, यहोवा यों कहता है, िक इन से तू अरािमयों को मारते मारते नाश कर डाले गा।
11 और सब निबयों ने इसी आशय की नबूवत कर के कहा, िक िगलाद के रामोत पर चढ़ाई कर और तू कृताथ होवे; ोंिक यहोवा उसे राजा के हाथ कर दे गा।
12 और जो दू त मीकायाह को बुलाने गया था, उसने उस से कहा, सुन, नबी लोग एक ही मुं ह से राजा के िवषय शुभ वचन कहते ह; सो तेरी बात उनकी सी हो, तू भी शुभ वचन कहना।
13 मीकायाह ने कहा, यहोवा के जीवन की सौंह, जो कुछ मेरा परमे र कहे वही म भी क ं गा।
14 जब वह राजा के पास आया, तब राजा ने उस से पूछा, हे मीकायाह, ा हम िगलाद के रामोत पर यु करने को चढ़ाई कर अथवा म का र ं? उसने कहा, हां, तु म लोग चढ़ाई
करो, और कृताथ होओ; और वे तु ारे हाथ म कर िदए जाएं गे।
15 राजा ने उस से कहा, मुझे िकतनी बार तुझे शपथ धरा कर िचताना होगा, िक तू यहोवा का रण कर के मुझ से सच ही कह।
16 मीकायाह ने कहा, मुझे सारा इ ाएल िबना चरवाहे की भड़-बक रयों की नाईं पहाड़ों पर िततर िबतर िदखाई पड़ा, और यहोवा का वचन आया िक वे तो अनाथ ह, इसिलये हर एक
अपने अपने घर कुशल ेम से लौट जाएं ।
17 तब इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, ा म ने तुझ से न कहा था, िक वह मेरे िवषय क ाण की नहीं, हािन ही की नबूवत करे गा?
18 मीकायाह ने कहा, इस कारण तुम लोग यहोवा का यह वचन सु नो: मुझे िसं हासन पर िवराजमान यहोवा और उसके दािहने बाएं खड़ी ई ग की सारी सेना िदखाई पड़ी।
19 तब यहोवा ने पूछा, इ ाएल के राजा अहाब को कौन ऐसा बहकाएगा, िक वह िगलाद के रामोत पर चढ़ाई कर के खेत आए, तब िकसी ने कुछ और िकसी ने कुछ कहा।
20 िनदान एक आ ा पास आकर यहोवा के स ुख खड़ी ई, और कहने लगी, म उसको बहकाऊंगी।
21 यहोवा ने पू छा, िकस उपाय से? उसने कहा, म जा कर उसके सब निबयों म पैठ के उन से झूठ बुलवाऊंगी। यहोवा ने कहा, तेरा उसको बहकाना सफल होगा, जा कर ऐसा ही कर।
22 इसिलये सु न अब यहोवा ने तेरे इन निबयों के मुंह म एक झूठ बोलने वाली आ ा पै ठाई है , और यहोवा ने ते रे िवषय हािन की बात कही है।
23 तब कनाना के पु िसदिक ाह ने िनकट जा, मीकायाह के गाल पर थ ड़ मार कर पू छा, यहोवा का आ ा मु झे छोड़ कर तुझ से बात करने को िकधर गया।
24 उसने कहा, िजस िदन तू िछपने के िलये कोठरी से कोठरी म भागेगा, तब जान ले गा।
25 इस पर इ ाएल के राजा ने कहा, िक मीकायाह को नगर के हािकम आमोन और राजकुमार योआश के पास लौटा कर,
26 उन से कहो, राजा यों कहता है, िक इस को ब ीगृह म डालो, और जब तक म कुशल से न आऊं, तब तक इसे दु :ख की रोटी और पानी िदया करो।
27 तब मीकायाह ने कहा, यिद तू कभी कुशल से लौटे , तो जान, िक यहोवा ने मे रे ारा नहीं कहा। िफर उसने कहा, हे लोगो, तुम सब के सब सुन लो।
28 तब इ ाएल के राजा और य दा के राजा यहोशापात दोनों ने िगलाद के रामोत पर चढ़ाई की।
29 और इ ाएल के राजा ने यहोशापात से कहा, म तो भे ष बदल कर यु म जाऊंगा, पर ु तू अपने ही व पिहने रह। इ ाएल के राजा ने भेष बदला और वे दोनों यु म गए।
30 अराम के राजा ने तो अपने रथों के धानों को आ ा दी थी, िक न तो छोटे से लड़ो और न बड़े से , केवल इ ाएल के राजा से लड़ो।
31 सो जब रथों के धानों ने यहोशापात को दे खा, तब कहा इ ाएल का राजा वही है , और वे उसी से लड़ने को मु ड़े। इस पर यहोशापात िच ा उठा, तब यहोवा ने उसकी सहायता
की। और परमे र ने उन को उसके पास से िफर जाने की े रणा की।
32 सो यह दे खकर िक वह इ ाएल का राजा नहीं है, रथों के धान उसका पीछा छोड़ के लौट गए।
33 तब िकसी ने अटकल से एक तीर चलाया, और वह इ ाएल के राजा के िझलम और िनचले व के बीच छे द कर लगा; तब उसने अपने सारथी से कहा, म घायल आ, इसिलये
लगाम फेर के मुझे सेना म से बाहर ले चल।
34 और उस िदन यु बढ़ता गया और इ ाएल का राजा अपने रथ म अरािमयों के स ु ख सां झ तक खड़ा रहा, पर ु सू य अ होते-होते वह मर गया।
2 इितहास 19
1 और य दा का राजा यहोशापात य शलेम को अपने भवन म कुशल से लौट गया।
2 तब हनानी नाम दशी ं का पु ये यहोशापात राजा से भट करने को िनकला और उस से कहने लगा, ा दु ों की सहायता करनी और यहोवा के बै रयों से ेम रखना चािहये ? इस
काम के कारण यहोवा की ओर से तुझ पर ोध भड़का है ।
3 तौभी तुझ म कुछ अ ी बात पाई जाती ह। तू ने तो दे श म से अशेरों को नाश िकया और उपने मन को परमे र की खोज म लगाया है।
4 यहोशापात य शलेम म रहता था, और उसने बेशबा से ले कर ए ैम के पहाड़ी दे श तक अपनी जा म िफर दौरा कर के, उन को उनके िपतरों के परमे र यहोवा की ओर फेर
िदया।
5 िफर उसने य दा के एक एक गढ़ वाले नगर म ायी ठहराया।
6 और उसने ािययों से कहा, सोचो िक ा करते हो, ोंिक तुम जो ाय करोगे , वह मनु के िलये नहीं, यहोवा के िलये करोगे; और वह ाय करते समय तु ारे साथ रहेगा।
7 अब यहोवा का भय तुम म बना रहे; चौकसी से काम करना, ोंिक हमारे परमे र यहोवा म कुछ कुिटलता नहीं है, और न वह िकसी का प करता और न घूस लेता है।
8 और य शले म म भी यहोशापात ने लेिवयों और याजकों और इ ाएल के िपतरों के घरानों के कुछ मु पु षों को यहोवा की ओर से ाय करने और मुक मों को जां चने के िलये
ठहराया।
9 और वे य शले म को लौटे । और उसने उन को आ ा दी, िक यहोवा का भय मान कर, स ाई और िन पट मन से ऐसा करना।
10 तु ारे भाई जो अपने अपने नगर म रहते ह, उन म से िजसका कोई मु क मा तु ारे सा ने आए, चाहे वह खू न का हो, चाहे व था, अथवा िकसी आ ा या िविध वा िनयम के िवषय
हो, उन को िचता दे ना, िक यहोवा के िवषय दोषी न होओ। बे सा न हो िक तुम पर और तु ारे भाइयों पर उसका ोध भड़के। ऐसा करो तो तुम दोषी न ठहरोगे।
11 और दे खो, यहोवा के िव के सब मुक मों म तो अमयाह महायाजक और राजा के िवषय के सब मु क मों म य दा के घराने का धान इ ाएल का पु जब ाह तु ारे ऊपर
अिधकारी है; और ले वीय तु ारे सा ने सरदारों का काम करगे। इसिलये िहयाव बा कर काम करो और भले मनु के साथ यहोवा रहेगा।
2 इितहास 20
1 इसके बाद मोआिबयों और अ ोिनयों ने और उनके साथ कई मूिनयों ने यु करने के िलये यहोशापात पर चढ़ाई की।
2 तब लोगों ने आकर यहोशापात को बता िदया, िक ताल के पार से एदोम दे श की ओर से एक बड़ी भीड़ तु झ पर चढ़ाई कर रही है ; और दे ख, वह हसासो ामार तक जो एनगदी भी
कहलाता है, प ंच गई है।
3 तब यहोशपात डर गया और यहोवा की खोज म लग गया, और पू रे य दा म उपवास का चार करवाया।
4 सो य दी यहोवा से सहायता मांगने के िलये इक े ए, वरन वे य दा के सब नगरों से यहोवा से भट करने को आए।
5 तब यहोशपात यहोवा के भवन म नये आं गन के सा ने य िदयों और य शले िमयों की म ली म खड़ा हो कर
6 यह कहने लगा, िक हे हमारे िपतरों के परमे र यहोवा! ा तू ग म परमे र नही ं है ? और ा तू जाित जाित के सब रा ों के ऊपर भु ता नहीं करता? और ा तेरे हाथ म ऐसा
बल और परा म नही ं है िक ते रा सा ना कोई नहीं कर सकता?
7 हे हमारे परमे र! ा तू ने इस दे श के िनवािसयों अपनी जा इ ाएल के सा ने से िनकाल कर इ अपने िम इ ाहीम के वंश को सदा के िलये नही ं दे िदया?
8 वे इस म बस गए और इस म तेरे नाम का एक पिव थान बना कर कहा,
9 िक यिद तलवार या मरी अथवा अकाल वा और कोई िवपि हम पर पड़े , तौभी हम इसी भवन के सा ने और तेरे सा ने (तेरा नाम तो इस भवन म बसा है) खड़े हो कर, अपने ेश
के कारण तेरी दोहाई दगे और तू सुन कर बचाएगा।
10 और अब अ ोनी और मोआबी और सेईर के पहाड़ी दे श के लोग िजन पर तू ने इ ाएल को िम दे श से आते समय चढ़ाई करने न िदया, और वे उनकी ओर से मुड़ गए और उन
को िवनाश न िकया,
11 दे ख, वे ही लोग तेरे िदए ए अिधकार के इस दे श म से िजसका अिधकार तू ने हम िदया है , हम को िनकाल कर कैसा बदला हम दे रहे ह।
12 हे हमारे परमे र, ा तू उनका ाय न करे गा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है , उसके सा ने हमारा तो बस नहीं चलता और हम छ सूझता नही ं िक ा करना
चािहये ? पर ु हमारी आं ख तेरी ओर लगी ह।
13 और सब य दी अपने अपने बाल-ब ों, ीयों और पु ों समेत यहोवा के स ु ख खड़े रहे ।
14 तब आसाप के वंश म से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकयाह का पु और बनायाह का पोता और म ाह के पु यीएल का परपोता था, उस म म ली के बीच यहोवा का
आ ा समाया।
15 और वह कहने लगा, हे सब य िदयो, हे य शलेम के रहने वालो, हे राजा यहोशापात, तु म सब ान दो; यहोवा तु म से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तु ारा मन
क ा न हो; ोंिक यु तु ारा नहीं, परमे र का है।
16 कल उनका सा ना करने को जाना। दे खो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते ह और य एल नाम जंगल के सा ने नाले के िसरे पर तु िमलगे।
17 इस लड़ाई म तु लड़ना न होगा; हे य दा, और हे य शलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव दे खना। मत डरो, और तु ारा मन क ा न हो; कल
उनका सा ना करने को चलना और यहोवा तु ारे साथ रहे गा।
18 तब यहोशापात भूिम की ओर मुंह कर के झुका और सब य िदयों और य शले म के िनवािसयों ने यहोवा के सा ने िगर के यहोवा को द वत िकया।
19 और कहाितयों और कोरिहयों म से कुछ लेवीय खड़े हो कर इ ाएल के परमे र यहोवा की ु ित अ ऊंचे र से करने लगे।
20 िबहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर िनकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे य िदयो, हे य शलेम के िनवािसयो, मेरी सुनो, अपने
परमे र यहोवा पर िव ास रखो, तब तुम थर रहोगे ; उसके निबयों की तीत करो, तब तु म कृताथ हो जाओगे।
21 तब उसने जा के साथ स ित कर के िकतनों को ठहराया, जो िक पिव ता से शोभायमान हो कर हिथयारब ों के आगे आगे चलते ए यहोवा के गीत गाएं , और यह कहते ए
उसकी ुित कर, िक यहोवा का ध वाद करो, ोंिक उसकी क णा सदा की है।
22 िजस समय वे गाकर ुित करने लगे, उसी समय यहोवा ने अ ोिनयों, मोआिबयों और सेईर के पहाड़ी दे श के लोगों पर जो य दा के िव आ रहे थे , घातकों को बैठा िदया और
वे मारे गए।
23 ोंिक अ ोिनयों और मोआिबयों ने सेईर के पहाड़ी दे श के िनवािसयों डराने और स ानाश करने के िलये उन पर चढ़ाई की, और जब वे सेईर के पहाड़ी दे श के िनवािसयों का
अ कर चु के, तब उन सभों ने एक दू सरे के नाश करने म हाथ लगाया।
24 सो जब य िदयों ने जं गल की चौकी पर प ंच कर उस भीड़ की ओर ि की, तब ा दे ख िक वे भू िम पर पड़ी ई लोथ ह; और कोई नही ं बचा।
25 तब यहोशापात और उसकी जा लूट ले ने को गए और लोथों के बीच ब त सी स ि और मनभावने गहने िमले ; उ ोंने इतने गहने उतार िलये िक उन को न ले जा सके, वरन लूट
इतनी िमली, िक बटोरते बटोरते तीन िदन बीत गए।
26 चौथे िदन वे बराका नाम तराई म इक े ए और वहां यहोवा का ध वाद िकया; इस कारण उस थान का नाम बराका की ताराई पड़ा, जो आज तक है।
27 तब वे, अथात य दा और य शलेम नगर के सब पु ष और उनके आगे आगे यहोशापात, आन के साथ य शले म लौटे ोंिक यहोवा ने उ श ुओ ं पर आन त िकया था।
28 सो वे सारं िगयां, वीणाएं और तुरिहयां बजाते ए य शले म म यहोवा के भवन को आए।
29 और जब दे श दे श के सब रा ों के लोगों ने सु ना िक इ ाएल के श ुओं से यहोवा लड़ा, तब उनके मन म परमे र का डर समा गया।
30 और यहोशापात के रा को चैन िमला, ोंिक उसके परमे र ने उसको चारों ओर से िव ाम िदया।
31 यों यहोशापात ने य दा पर रा िकया। जब वह रा करने लगा तब वह पतीस वष का था, और प ीस वष तक य शलेम म रा करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा
था, जो िश ी की बेटी थी।
32 और वह अपने िपता आसा की लीक पर चला ओर उस से न मु ड़ा, अथात जो यहोवा की ि म ठीक है वही वह करता रहा।
33 तौभी ऊंचे थान ढाए न गए, वरन अब तक जा के लोगों ने अपना मन अपने िपतरों के परमे र की ओर न लगाया था।
34 और आिद से अ तक यहोशापात के और काम, हनानी के पु ये के िवषय उस वृ ा म िलखे ह, जो इ ाएल के राजाओं के वृ ा म पाया जाता ह।
35 इसके बाद य द के राजा यहोशापात ने इ ाएल का राजा अह ाह से जो बड़ी दु ता करता था, मेल िकया।
36 अथात उसने उसके साथ इसिलये मेल िकया िक तशीश ं जाने को जहाज बनवाए, और उ ोंने ऐसे जहाज ए ोनगेबेर म बनवाए।
37 तब दोदावाह के पु मारे शावासी एलीआजर ने यहोशापात के िव यह नबू वत कही, िक तू ने जो अह ाह से मेल िकया, इस कारण यहोवा तेरी बनवाई ई व ु ओं को तोड़
डालेगा। सो जहाज टू ट गए और तशीश ं को न जा सके।
2 इितहास 21
1 िनदान यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया, और उसको उसके पु रखाओं के बीच दाऊदपु र म िम ी दी गई; और उसका पु यहोराम उसके थान पर रा करने लगा।
2 इसके भाई जो यहोशापात के पु थे, ये थे, अथात अजयाह, यहीएल, जकयाह, अजयाह, मीकाएल और शप ाह; ये सब इ ाएल के राजा यहोशापात के पु थे।
3 और उनके िपता ने उ े चा ी सोना और अनमोल व ुएं और बड़े बड़े दान और य दा म गढ़ वाले नगर िदए थे, पर ु यहोराम को उसने रा दे िदया, ोंिक वह जे ठा था।
4 जब यहोराम अपने िपता के रा पर िनयु आ और बलव भी हो गया, तब उसने अपने सब भाइयों को और इ ाएल के कुछ हािकमों को भी तलवार से घात िकया।
5 जब यहोराम राजा आ, तब वह ब ीस वष का था, और वह आठ वष तक य शले म म रा करता रहा।
6 वह इ ाएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, ोंिक उसकी प ी अहाब की बे टी थी। और वह उस काम को करता था, जो यहोवा की ि म बु रा है।
7 तौभी यहोवा ने दाऊद के घराने को नाश करना न चाहा, यह उस वाचा के कारण था, जो उसने दाऊद से बा ी थी। और उस वचन के अनुसार था, जो उसने उसको िदया था, िक म
ऐसा क ं गा िक तेरा और तेरे वंश का दीपक कभी न बुझेगा।
8 उसके िदनों म एदोम ने य दा की आधीनता छोड़ कर अपने ऊपर एक राजा बना िलया।
9 सो यहोराम अपने हािकमों और अपने सब रथों को साथ ले कर उधर गया, और रथों के धानों को मारा।
10 यों एदोम य दा के वश से छूट गया और आज तक वैसा ही है। उसी समय िल ा ने भी उसकी आधीनता छोड़ दी, यह इस कारण आ, िक उसने अपने िपतरों के परमे र यहोवा
को ाग िदया था।
11 और उसने य दा के पहाड़ों पर ऊंचे थान बनाए और य शले म के िनवािसयों िभचार कराया, और य दा को बहका िदया।
12 तब एिल ाह नबी का एक प उसके पास आया, िक तेरे मू लपु ष दाऊद का परमे र यहोवा यों कहता है, िक तू जो न तो अपने िपता यहोशापात की लीक पर चला है और न
य दा के राजा आसा की लीक पर,
13 वरन इ ाएल के राजाओं की लीक पर चला है, और अहाब के घराने की नाईं य िदयों और य शले म के िनवािसयों िभचार कराया है और अपने िपता के घराने म से अपने भाइयों
को जो तु झ से अ े थे, घात िकया है,
14 इस कारण यहोवा तेरी जा, पु ों, यों और सारी स ि को बड़ी मार से मारे गा।
15 और तू अं तिडय़ों के रोग से ब त पीिड़त हो जाएगा, यहां तक िक उस रोग के कारण तेरी अं तिडय़ां ितिदन िनकलती जाएं गी।
16 और यहोवा ने पिल यों को और कूिशयों के पास रहने वाले अरिबयों को, यहोराम के िव उभारा।
17 और वे य दा पर चढ़ाई कर के उस पर टू ट पड़े , और राजभवन म िजतनी स ि िमली, उस सब को और राजा के पु ों और यों को भी ले गए, यहां तक िक उसके ल रे बे टे
यहोआहाज को छोड़, उसके पास कोई भी पु न रहा।
18 इन सब के बाद यहोवा ने उसे अंतिडय़ों के असा रोग से पीिड़त कर िदया।
19 और कुछ समय के बाद अथात दो वष के अ म उस रोग के कारण उसकी अंतिडय़ां िनकल पड़ी,ं ओर वह अ पीिड़त हो कर मर गया। और उसकी जा ने जैसे उसके
पुरखाओं के िलये सुग जलाया था, वैसा उसके िलये कुछ न जलाया।
20 वह जब रा करने लगा, तब ब ीस वष का था, और य शलेम म आठ वष तक रा करता रहा; और सब को अि य हो कर जाता रहा। और उसको दाऊदपुर म िम ी दी गई,
पर ु राजाओं के कि ान म नहीं।
2 इितहास 22
1 तब य शले म के िनवािसयों ने उसके ल रे पु अह ाह को उसके थान पर राजा बनाया; ोंिक जो दल अरिबयों के संग छावनी म आया था, उसने उसके सब बड़े बड़े बेटों को
घात िकया था सो य दा के राजा यहोराम का पु अह ाह राजा आ।
2 जब अह ाह राजा आ, तब वह बयालीस वष का था, और य शलेम म एक ही वष रा िकया, और उसकी माता का ताम अत ाह था, जो ओ ी की पोती थी।
3 वह अहाब के घराने की सी चाल चला, ोंिक उसकी माता उसे दु ता करने की स ित दे ती थी।
4 और वह अहाब के घराने की नाईं वह काम करता था जो यहोवा की ि म बुरा है, ोंिक उसके िपता की मृ ु के बाद वे उसको ऐसी स ित दे ते थे, िजस से उसका िवनाश आ।
5 और वह उनकी स ित के अनुसार चलता था, और इ ाएल के राजा अहाब के पु यहोराम के संग िगलाद के रामोत म अराम के राजा हजाएल से लड़ने को गया और अरािमयों ने
यहोराम को घायल िकया।
6 सो राजा यहोराम इसिलये लौट गया िक िय ेल म उन घावों का इलाज कराए जो उसको अरािमयों के हाथ से उस समय लगे थे जब वह हजाएल के साथ लड़ रहा था। और अहाब का
पु यहोराम जो िय ेल म रोगी था, इस कारण से य दा के राजा यहोराम का पु अह ाह उसको दे खने गया।
7 और अह ाह का िवनाश यहोवा की ओर से आ, ोंिक वह यहोराम के पास गया था। और जब वह वहां प ंचा, तब यहोराम के संग िनमशी के पु ये का सा ना करने को
िनकल गया, िजसका अिभषेक यहोवा ने इसिलये कराया था िक वह अहाब के घराने को नाश करे ।
8 और जब ये अहाब के घराने को द दे रहा था, तब उसको य दा के हािकम और अह ाह के भतीजे जो अह ाह के टहलुए थे, िमले, और उसने उन को घात िकया।
9 तब उसने अह ाह को ढूंढ़ा। वह शोमरोन म िछपा था, सो लोगों ने उसको पकड़ िलया और ये के पास प ं चा कर उसको मार डाला। तब यह कह कर उसको िम ी दी, िक यह
यहोशपात का पोता है, जो अपने पूरे मन से यहोवा की खोज करता था। और अह ाह के घराने म रा करने के यो कोई न रहा।
10 जब अह ाह की माता अत ाह ने दे ख िक मेरा पु मर गया, तब उसने उठ कर य दा के घराने के सारे राजवंश को नाश िकया।
11 पर ु यहोशवत जो राजा की बेटी थी, उसने अह ाह के पु योआश को घात होने वाले राजकुमारों के बीच से चुरा कर धाई समे त िबछौने रखने की कोठरी म िछपा िदया। इस
कार राजा यहोराम की बेटी यहोशवत जो यहोयादा याजक की ी और अह ाह की बिहन थी, उसने योआश को अत ाह से ऐसा िछपा रखा िक वह उसे मार डालने न पाई।
12 और वह उसके पास परमे र के भवन म छ: वष िछपा रहा, इतने िदनों तक अत ाह दे श पर रा करती रही।
2 इितहास 23
1 सातव वष म यहोयादा ने िहयाव बा कर यरोहाम के पु अजयाह, यहोहानान के पु इ ाएल, ओबेद के पु अजयाह, अदायाह के पु मासेयाह और िज ी के पु बलीशपात, इन
शतपितयोंसे वाचा बा ी।
2 तब वे य दा म घू म कर य दा के सब नगरों म से लेिवयों को और इ ाएल के िपतरों के घरानों के मु मु पु षों को इक ा कर के य शलेम को ले आए।
3 और उस सारी मएडली ने परमे र के भवन म राजा के साथ वाचा बा ी, और यहोयादा ने उन से कहा, सु नो, यह राजकुमार रा करे गा जैसे िक यहोवा ने दाऊद के वंश के िवषय
कहा है।
4 तो तुम एक काम करो, अथात तुम याजकों और लेिवयों की एक ितहाई लोग जो िव ामिदन को आने वाले हो, वे ारपाली कर,
5 और एक ितहाई लोग राजभवन म रह और एक ितहाई लोग नेव के फाटक के पास रह; और सब लोग यहोवा के भवन के आं गनों म रह।
6 पर ु याजकों और से वा टहल करने वाले लेिवयों को छोड़ और कोई यहोवा के भवन के भीतर न आने पाए; वे तो भीतर आएं , ोंिक वे पिव ह पर ु सब लोग यहोवा के भवन की
चौकसी कर।
7 और ले वीय लोग अपने अपने हाथ म हिथयार िलये ए राजा के चारों ओर रह और जो कोई भवन के भीतर घु से, वह मार डाला जाए। और तुम राजा के आते जाते उसके साथ रहना।
8 यहोयादा याजक की इन सब आ ाओं के अनु सार लेिवयों और सब य िदयों ने िकया। उ ोंने िव ामिदन को आने वाले और िव ामिदन को जाने वाले दोनों दलों के, अपने अपने जनों
को अपने साथ कर िलया, ोंिक यहोयादा याजक ने िकसी दल के लेिवयों को िवदा न िकया था।
9 तब यहोयादा याजक ने शतपितयों को राजा दाऊद के बछ और भाले और ढाल जो परमे र के भवन म थी ं, दे दी ं।
10 िफर उसने उन सब लोगों को अपने अपने हाथ म हिथयार िलये ए भवन के द नी कोने से ले कर, उ री कोने तक वेदी और भवन के पास राजा के चारों ओर उसकी आड़ कर
के खड़ा कर िदया।
11 तब उ ोंने राजकुमार को बाहर ला, उसके िसर पर मुकुट रखा और सा ीप दे कर उसे राजा बनाया; और यहोयादा और उसके पु ों ने उसका अिभषेक िकया, और लोग बोल उठे ,
राजा जीिवत रहे।
12 जब अत ाह को उन लोगों का ह ा, जो दौड़ते और राजा को सराहते थे सुन पड़ा, तब वह लोगों के पास यहोवा के भवन म गई।
13 और उसने ा दे खा, िक राजा ार के िनकट ख े के पास खड़ा है और राजा के पास धान और तुरही बजाने वाले खड़े ह, और सब लोग आन कर रहे ह और तु रिहयां बजा रहे
ह और गाने बजाने वाले बाजे बजाते और ुित करते ह। तब अत ाह अपने व फाड़ कर पु कारने लगी, राज ोह, राज ोह!
14 तब यहोयादा याजक ने दल के अिधकारी शतपितयों को बाहर लाकर उन से कहा, िक उसे अपनी पां ितयों के बीच से िनकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले, वह तलवार
से मार डाला जाए। याजक ने कहा, िक उसे यहोवा के भवन म न मार डालो।
15 तब उ ोंने दोनों ओर से उसको जगह दी, और वह राजभवन के घोड़ाफाटक के ार तक गई, और वहां उ ोंने उसको मार डाला।
16 तब यहोयादा ने अपने और सारी जा के और राजा के बीच यहोवा की जा होने की वाचा ब वाई।
17 तब सब लोगों ने बाल के भवन को जा कर ढा िदया; और उसकी वेिदयों और मू रतों को टु कड़े टु कड़े िकया, और म ान नाम बाल के याजक को वेिदयों के सा ने ही घात िकया।
18 तब यहोयादा ने यहोवा के भवन की सेवा के िलये उन लेवीय याजकों को ठहरा िदया, िज दाऊद ने यहोवा के भवन पर दल दल कर के इसिलये ठहराया था, िक जै से मूसा की
व था म िलखा है, वैसे ही वे यहोवा को होमबिल चढ़ाया कर, और दाऊद की चलाई ई िविध के अनुसार आन कर और गाएं ।
19 और उसने यहोवा के भवन के फाटकों पर ारपालों को इसिलये खड़ा िकया, िक जो िकसी रीित से अशु हो, वह भीतर जाने न पाए।
20 और वह शतपितयों और रईसों और जा पर भुता करने वालों और दे श के सब लोगों को साथ कर के राजा को यहोवा के भवन से नीचे ले गया और ऊंचे फाटक से हो कर
राजभवन म आया, और राजा को राजग ी पर बैठाया।
21 तब सब लोग आन त ए और नगर म शा ई। अत ाह तो तलवार से मार ही डाली गई थी।
2 इितहास 24
1 जब योआश राजा आ, तब वह सात वष का था, और य शलेम म चालीस वष तक रा करता रहा; उसकी माता का नाम िस ा था, जो बेशबा की थी।
2 और जब तक यहोयादा याजक जीिवत रहा, तब तक योआश वह काम करता रहा जो यहोवा की ि म ठीक है।
3 और यहोयादा ने उसके दो ाह कराए और उस से बे टे-बेिटयां उ ई।
4 इसके बाद योआश के मन म यहोवा के भवन की मर त करने की मनसा उपजी।
5 तब उसने याजकों और लेिवयों को इक ा कर के कहा, ित वष य दा के नगरों म जा जा कर सब इ ाएिलयों से पये िलया करो िजस से तु ारे परमे र के भवन की मर त हो;
दे खो इस काम म फुती ं करो। तौभी लेिवयों ने कुछ फुती ं न की।
6 तब राजा ने यहोयादा महायाजक को बुलवा कर पूछा, ा कारण है िक तू ने लेिवयों को ढ़ आ ा नही ं दी िक वे य दा और य शलेम से उस च े के पए ले आएं िजसका िनयम
यहोवा के दास मू सा और इ ाएल की म ली ने सा ीप के त ू के िनिम चलाया था।
7 उस दु ी अत ाह के बेटों ने तो परमे र के भवन को तोड़ िदया और यहोवा के भवन की सब पिव की ई व ु एं बाल दे वताओं को दे दी थीं।
8 और राजा ने एक स दू क बनाने की आ ा दी और वह यहोवा के भवन के फाटक के पास बाहर रखा गया।
9 तब य दा और य शलेम म यह चार िकया गया िक िजस च े का िनयम परमे र के दास मू सा ने जंगल म इ ाएल म चलाया था, उसके पए यहोवा के िनिम ले आओ।
10 तो सब हािकम और जा के सब लोग आन त हो पए लाकर जब तक च ा पूरा न आ तब तक स दू क म डालते गए।
11 और जब जब वह स दू क लेिवयों के हाथ से राजा के धानों के पास प ं चाया जाता और यह जान पड़ता था िक उस म पए ब त ह, तब तब राजा के धान और महायाजक का
नाइब आकर स दू क को खाली करते और तब उसे िफर उसके थान पर रख दे ते थे । उ ोंने ितिदन ऐसा िकया और ब त पए इक ा िकए।
12 तब राजा और यहोयादा ने वह पए यहोवा के भवन म काम करने वालों को दे िदए, और उ ोंने राजों और बढ़इयों को यहोवा के भवन के सुधारने के िलये, और लोहारों और ठठे रों
को यहोवा के भवन की मर त करने के िलये मजदू री पर रखा।
13 और कारीगर काम करते गए और काम पूरा होता गया और उ ोंने परमे र का भवन जै सा का तैसा बना कर ढ़ कर िदया।
14 जब उ ोंने वह काम िनपटा िदया, तब वे शेष पए राजा और यहोयादा के पास ले गए, और उन से यहोवा के भवन के िलये पा बनाए गए, अथात सेवा टहल करने और होमबिल
चढ़ाने के पा और धूपदान आिद सोने चा ी के पा । और जब तक यहोयादा जीिवत रहा, तब तक यहोवा के भवन म होमबिल िन चढ़ाए जाते थे।
15 पर ु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीघायु हो कर मर गया। जब वह मर गया तब एक सौ तीस वष का था।
16 और दाऊदपुर म राजाओं के बीच उसको िम ी दी गई, ोंिक उसने इ ाएल म और परमे र के और उसके भवन के िवषय म भला िकया था।
17 यहोयादा के मरने के बाद य दा के हािकमों ने राजा के पास जा कर उसे द वत की, और राजा ने उनकी मानी।
18 तब वे अपने िपतरों के परमे र यहोवा का भवन छोड़कर अशेरों और मूरतों की उपासना करने लगे । सो उनके ऐसे दोषी होने के कारण परमे र का ोध य दा और य शले म पर
भड़का।
19 तौभी उसने उनके पास नबी भेजे िक उन को यहोवा के पास फेर लाएं ; और इ ोंने उ िचता िदया, पर ु उ ोंने कान न लगाया।
20 और परमे र का आ ा यहोयादा याजक के पु जकयाह म समा गया, और वह ऊंचे थान पर खड़ा हो कर लोगों से कहने लगा, परमे र यों कहता है , िक तुम यहोवा की आ ाओं
को ों टालते हो? ऐसा कर के तुम भा वान नहीं हो सकते, दे खो, तुम ने तो यहोवा को ाग िदया है, इस कारण उसने भी तुम को ाग िदया।
21 तब लोगों ने उस से ोह की गो ी कर के, राजा की आ ा से यहोवा के भवन के आं गन म उसको प रवाह िकया।
22 यों राजा योआश ने वह ीित भूल कर जो यहोयादा ने उस से की थी, उसके पु को घात िकया। और मरते समय उसने कहा यहोवा इस पर ि कर के इसका लेखा ले।
23 नए वष के लगते अरािमयों की सेना ने उस पर चढ़ाई की, और य दा ओर य शले म आकर जा म से सब हािकमों को नाश िकया और उनका सब धन लूट कर दिम के राजा
के पास भे जा।
24 अरािमयों की सेना थोड़े ही पु षों की तो आई, प ु यहोवा ने एक ब त बड़ी सेना उनके हाथ कर दी, ोंिक उ ोंने अपने िपतरो के परमे र को ाग िदया था। और योआश को
भी उ ोंने द िदया।
25 और जब वे उसे ब त ही रोगी छोड़ गए, तब उसके कमचा रयों ने यहोयादा याजक के पु ों के खून के कारण उस से ोह की गो ी कर के, उसे उसके िबछौने पर ही ऐसा मारा, िक
वह मर गया; और उ ोंने उसको दाऊद पुर म िम ी दी, पर ु राजाओं के कि ान म नहीं।
26 िज ोंने उस से राज ोह की गो ी की, वे ये थे, अथात अ ोिनन, िशमात का पु जाबाद और िशि त, मोआिबन का पु यहोजाबाद।
27 उसके बे टों के िवषय और उसके िव , जो बड़े द की नबू वत ई, उसके और परमे र के भवन के बनने के िवषय ये सब बात राजाओं के वृ ा की पु क म िलखी ह। और
उसका पु अम ाह उसके थान पर राजा आ।
2 इितहास 25
1 जब अम ाह रा करने लगा तब वह प ीस वष का था, और य शलेम म उनतीस वष तक रा करता रहा; और उसकी माता का नाम यहोअ ान था, जो य शले म की थी।
2 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म ठीक है, पर ु खरे मन से न िकया।
3 जब रा उसके हाथ म थर हो गया, तब उसने अपने उन कमचा रयों को मार डाला िज ोंने उसके िपता राजा को मार डाला था।
4 पर ु उसने उनके लड़के वालों को न मारा ोंिक उसने यहोवा की उस आ ा के अनु सार िकया, जो मू सा की व था की पु क म िलखी है, िक पु के कारण िपता न मार डाला
जाए, और न िपता के कारण पु मार डाला जाए, िजसने पाप िकया हो वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।
5 और अम ाह ने य दा को वरन सारे य िदयों और िब ामीिनयों को इक ा कर के उन को, िपतरों के घरानों के अनुसार सह पितयों और शतपितयों के अिधकार म ठहराया; और
उन म से िजतनों की अव था बीस वष की अथवा उस से अिधक थी, उनकी िगनती कर के तीन लाख भाला चलाने वाले और ढाल उठाने वाले बड़े बड़े यो ा पाए।
6 िफर उसने एक लाख इ ाएली शूरवीरों को भी एक सौ िक ार चा ी दे कर बु लवा रखा।
7 पर ु परमे र के एक जन ने उसके पास आकर कहा, हे राजा इ ाएल की से ना ते रे साथ जाने न पाए; ोंिक यहोवा इ ाएल अथात ए ैम की कुल स ान के संग नही ं रहता।
8 यिद तू जा कर पु षाथ करे ; और यु के िलये िहयाव वा े, तौभी परमे र तु झे श ुओ ं के सा ने िगराएगा, ोंिक सहायता करने और िगरा दे ने दोनों म परमे र सामथी ं है ।
9 अम ाह ने परमे र के भ से पूछा, िफर जो सौ िक ार चा ी म इ ाएली दल को दे चु का ँ , उसके िवषय ा क ं ? परमे र के भ ने उ र िदया, यहोवा तुझे इस से भी
ब त अिधक दे सकता है।
10 तब अम ाह ने उ अथात उस दल को जो ए ैम की ओर से उसके पास आया था, अलग कर िदया, िक वे अपने थान को लौट जाएं । तब उनका ोध य िदयो पर ब त भड़क
उठा, और वे अ ोिधत हो कर अपने थान को लौट गए।
11 पर ु अम ाह िहयाव बा कर अपने लोगों को ले चला, और लोन की तराई म जा कर, दस हजार से ई रयों को मार डाला।
12 और य िदयों ने दस हजार को ब ुआ कर के च ान की चोटी पर ले गए, और च ान की चोटी पर से िगरा िदया, सो वे सब चूर चूर हो गए।
13 पर ु उस दल के पु ष िजसे अम ाह ने लौटा िदया िक वे उसके साथ यु करने को न जाएं , शेमरोन से बेथोरोन तक य दा के सब नगरों पर टू ट पड़े , और उनके तीन हजार
िनवासी मार डाले और ब त लूट ले ली।
14 जब अम ाह एदोिनयों का संहार कर के लौट आया, तब उसने सेई रयों के दे वताओं को ले आकर अपने दे वता कर के खड़ा िकया, और उ ी ं के सा ने द वत करने, और उ ी ं
के िलये धूप जलाने लगा।
15 तब यहोवा का ोध अम ाह पर भड़क उठा और उसने उसके पास एक नबी भेजा िजसने उस से कहा, जो दे वता अपने लोगों को ते रे हाथ से बचा न सके, उनकी खोज म तू ों
लगा है?
16 वह उस से कह ही रहा था िक उसने उस से पूछा, ा हम ने तुझे राजम ी ठहरा िदया है ? चु प रह! ा तू मार खाना चाहता है? तब वह नबी यह कह कर चुप हो गया, िक मुझे
मालू म है िक परमे र ने तुझे नाश करने को ठाना है, ोंिक तू ने ऐसा िकया है और मेरी स ित नही ं मानी।
17 तब य दा के राजा अम ाह ने स ित ले कर, इ ाएल के राजा योआश के पास, जो ये का पोता और यहोआहाज का पु था, यों कहला भेजा, िक आ हम एक दू सरे का सा ना
कर।
18 इ ाएल के राजा योआश ने य दा के राजा अम ाह के पास यों कहला भेजा, िक लबानोन पर की एक झड़बेरी ने लबानोन के एक दे वदार के पास कहला भे जा, िक अपनी बे टी मे रे
बेटे को ाह दे ; इतने म लबानोन का कोई वन पशु पास से चला गया और उस झड़बेरी को रौंद डाला।
19 तू कहता है, िक म ने एदोिमयों को जीत िलया है; इस कारण तू फूल उठा और बड़ाई मारता है ! अपने घर म रह जा; तू अपनी हािन के िलये यहां ों हाथ डालता है , इस से तू ा,
वरन य दा भी नीचा खाएगा।
20 पर ु अम ाह ने न माना। यह तो परमे र की ओर से आ, िक वह उ उनके श ुओ ं के हाथ कर दे , ोंिक वे एदोम के दे वताओं की खोज म लग गए थे।
21 तब इ ाएल के राजा योआश ने चढ़ाई की और उसने और य दा के राजा अम ाह ने य दा दे श के बे तशेमेश म एक दू सरे का सा ना िकया।
22 और य दा इ ाएल से हार गया, और हर एक अपने अपने डे रे को भागा।
23 तब इ ाएल के राजा योआश ने य दा के राजा अम ाह को, जो यहोआहाज का पोता और योआश का पु था, बे तशेमेश म पकड़ा और य शलेम को ले गया और य शलेम की
शहरपनाह म से ए ैमी फाटक से कोने वाले फाटक तक चार सौ हाथ िगरा िदए।
24 और िजतना सोना चा ी और िजतने पा परमे र के भवन म ओबे देदोम के पास िमले, और राजभवन म िजतना खजाना था, उस सब को और ब क लोगों को भी ले कर वह
शोमरोन को लौट गया।
25 यहोआहाज के पु इ ाएल के राजा योआश के मरने के बाद योआश का पु य दा का राजा अम ाह प ह वष तक जीिवत रहा।
26 आिद से अ तक अम ाह के और काम, ा य दा और इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म नहीं िलखे ह?
27 िजस समय अम ाह यहोवा के पीछे चलना छोड़ कर िफर गया था उस समय से य शले म म उसके िव ोह की गो ी होने लगी, और वह लाकीश को भाग गया। सो दू तों ने
लाकीश तक उसका पीछा कर के, उसको वही ं मार डाला।
28 तब वह घोड़ों पर रख कर प ंचाया गया और उसे उसके पुरखाओं के बीच य दा के नगर म िम ी दी गई।
2 इितहास 26
1 तब सब य दी जा ने उ ाह को ले कर जो सोलह वष का था, उसके िपता अम ाह के थान पर राजा बनाया।
2 जब राजा अम ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया तब उ ाह ने एलोत नगर को ढ़ कर के य दा म िफर िमला िलया।
3 जब उ ाह रा करने लगा, तब वह सोलह वष का था। और य शलेम म बावन वष तक रा करता रहा, और उसकी माता का नाम यकी ाह था, जो य शलेम की थी।
4 जै से उसका िपता अम ाह, िकया करता था वैसा ही उसने भी िकया जो यहोवा की ि म ठीक था।
5 और जकयाह के िदनों म जो परमे र के दशन के िवषय समझ रखता था, वह परमे र की खोज म लगा रहता था; और जब तक वह यहोवा की खोज म लगा रहा, तब तक परमे र
उसको भा वान िकए रहा।
6 तब उसने जा कर पिल यों से यु िकया, और गत, य े और अशदोद की शहरपनाह िगरा दी ं, और अशदोद के आसपास और पिल यों के बीच म नगर बसाए।
7 और परमे र ने पिल यों और गू बालवासी, अरिबयों और मूिनयों के िव उसकी सहायता की।
8 और अ ोनी उ ाह को भट दे ने लगे, वरन उसकी कीित िम के िसवाने तक भी फैल गई, ोंिक वह अ सामथी ं हो गया था।
9 िफर उ ाह ने य शलेम म कोने के फाटक और तराई के फाटक और शहरपनाह के मोड़ पर गु ट बनवा कर ढ़ िकए।
10 और उसके ब त जानवर थे इसिलये उसने जंगल म और नीचे के दे श और चौरस दे श म गु ट बनवाए और ब त से हौद खु दवाए, और पहाड़ों पर और क ल म उसके िकसान
और दाख की बा रयों के माली थे , ोंिक वह खे ती िकसानी करने वाला था।
11 िफर उ ाह के यो ाओं की एक से ना थी िजनकी िगनती यीएल मुंशी और मासेयाह सरदार, हन ाह नामक राजा के एक हािकम की आ ा से करते थे, और उसके अनु सार वह
दल बा कर लड़ने को जाती थी।
12 िपतरों के घरानों के मु मु पु ष जो शूरवीर थे, उनकी पू री िगनती दो हजार छ: सौ थी।
13 और उनके अिधकार म तीन लाख साढ़े सात हजार की एक बड़ी बड़ी से ना थी, जो श ुओ ं के िव राजा की सहायता करने को बड़े बल से यु करने वाले थे।
14 इनके िलये अथात पूरी सेना के िलये उ ाह ने ढाल, भाले, टोप, िझलम, धनु ष और गोफन के प र तै यार िकए।
15 िफर उसने य शलेम म गु टों और कंगू रों पर रखने को चतुर पु षों के िनकाले ए य भी बनवाए िजनके ारा तीर और बड़े बड़े प र फके जाते थे। और उसकी कीित दू र दू र
तक फैल गई, ोंिक उसे अदभु त सहायता यहां तक िमली िक वह सामथी ं हो गया।
16 पर ु जब वह सामथी ं हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उसने िबगड़ कर अपने परमे र यहोवा का िव ासघात िकया, अथात वह धूप की वेदी पर धूप जलाने को यहोवा के
म र म घु स गया।
17 और अजयाह याजक उसके बाद भीतर गया, और उसके सं ग यहोवा के अ ी याजक भी जो वीर थे गए।
18 और उ ोंने उ ाह राजा का सा ना कर के उस से कहा, हे उ ाह यहोवा के िलये धूप जलाना तेरा काम नही,ं हा न की स ान अथात उन याजकों ही का काम है, जो धूप
जलाने को पिव िकए गए ह। तू पिव थान से िनकल जा; तू ने िव ासघात िकया है , यहोवा परमे र की ओर से यह ते री मिहमा का कारण न होगा।
19 तब उ ाह धूप जलाने को धूपदान हाथ म िलये ए झंुझला उठा। और वह याजकों पर झंुझला रहा था, िक याजकों के दे खते दे खते यहोवा के भवन म धूप की वेदी के पास ही
उसके माथे पर कोढ़ गट आ।
20 और अजयाह महायाजक और सब याजकों ने उस पर ि की, और ा दे खा िक उसके माथे पर कोढ़ िनकला है ! तब उ ोंने उसको वहां से झटपट िनकाल िदया, वरन यह जान
कर िक यहोवा ने मुझे कोढ़ी कर िदया है, उसने आप बाहर जाने को उतावली की।
21 और उ ाह राजा मरने के िदन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर म रहता था, वह तो यहोवा के भवन म जाने न पाता था। और उसका पु योताम राजघराने के
काम पर िनयु िकया गया और वह लोगों का ाय भी करता था।
22 आिद से अ तक उ ाह के और कामों का वणन तो आमोस के पु यशायाह नबी ने िलखा है।
23 िनदान उ ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया, और उसको उसके पुरखाओं के िनकट राजाओं के िम ी दे ने के खे त म िम ी दी गई ोंिक उ ोंने कहा, िक वह कोढ़ी है। और
उसका पु योताम उसके थान पर रा करने लगा।
2 इितहास 27
1 जब योताम रा करने लगा तब वह प ीस वष का था, और य शलेम म सोलह वष तक रा करता रहा। और उसकी माता का नाम य शा था, जो सादोक की बेठी थी।
2 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म ठीक है, अथात जै सा उसके िपता उ ाह ने िकया था, ठीक वैसा ही उसने भी िकया: तौभी वह यहोवा के म र म न घुसा। और जा के
लोग तब भी िबगड़ी चाल चलते थे।
3 उसी ने यहोवा के भवन के ऊपर वाले फाटक को बनाया, और ओपे ल की शहरपनाह पर ब त कुछ बनवाया।
4 िफर उसने य दा के पहाड़ी दे श म कई नगर ढ़ िकए, और जं गलों म गढ़ और गु ट बनाए।
5 और वह अ ोिनयों के राजा से यु कर के उन पर बल हो गया। उसी वष अ ोिनयों ने उसको सौ िक ार चां दी, और दस दस हजार कोर गे ं और जव िदया। और िफर दू सरे
और तीसरे वष म भी उ ोंने उसे उतना ही िदया।
6 यों योताम सामथी ं हो गया, ोंिक वह अपने आप को अपने परमे र यहोवा के स ु ख जान कर सीधी चाल चलता था।
7 योताम के और काम और उसके सब यु और उसकी चाल चलन, इन सब बातों का वणन इ ाएल और य दा के राजाओं के इितहास म िलखा है।
8 जब वह राजा आ, तब प ीस वष का था; और वह य शलेम म सोलह वष तक रा करता रहा।
9 िनदान योताम अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसे दाऊदपु र म िम ी दी गई। और उसका पु आहाज उसके थान पर रा करने लगा।
2 इितहास 28
1 जब आहाज रा करने लगा तब वह बीस वष का था, और सोलह वष तक य शले म म रा करता रहा। और अपने मूलपु ष दाऊद के समान काम नही ं िकया, जो यहोवा की ि
म ठीक था,
2 पर ु वह इ ाएल के राजाओं की सी चाल चला, और बाल दे वताओं की मूितया ढलवा कर बनाईं;
3 और िह ोम के बेटे की तराई म धूप जलाया, और उन जाितयों के िघनौने कामों के अनुसार िज यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से दे श से िनकाल िदया था, अपने लड़के-बालों को
आग म होम कर िदया।
4 और ऊंचे थानों पर, और पहािडय़ों पर, और सब हरे वृ ों के तले वह बिल चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
5 इसिलये उसके परमे र यहोवा ने उसको अरािमयों के राजा के हाथ कर िदया, और वे उसको जीत कर, उसके ब त से लोगों को ब ुआ बना के दिम को ले गए। और वह
इ ाएल के राजा के वश म कर िदया गया, िजसने उसे बड़ी मार से मारा।
6 और रम ाह के पु पेकह ने, य दा म एक ही िदन म एक लाख बीस हजार लोगों को जो सब के सब वीर थे, घात िकया, ोंिक उ ोंने अपने िपतरों के परमे र यहोवा को ाग
िदया था।
7 और िज ी नामक एक ए ैमी वीर ने मासेयाह नामक एक राजपु को, और राजभवन के धान अ ीकाम को, और एलकाना को, जो राजा का मं ी था, मार डाला।
8 और इ ाएली अपने भाइयों म से यों, बेटों और बे िटयों को िमला कर दो लाख लोगों को ब ुआ बना के, और उनकी ब त लूट भी छीन कर शोमरोन की ओर ले चले।
9 पर ु वहां ओदे द नामक यहोवा का एक नबी था; वह शोमरोन को आने वाली सेना से िमल कर उन से कहने लगा, सु नो, तु ारे िपतरों के परमे र यहोवा ने य िदयों पर झुंझला कर
उन को तु ारे हाथ कर िदया है, और तुम ने उन को ऐसा ोध कर के घात िकया िजसकी िच ाहट ग को प ं च गई है।
10 और अब तुम ने ठाना है िक य िदयों और य शले िमयों को अपने दास-दासी बना कर दबाए रखो। ा तुम भी अपने परमे र यहोवा के यहां दाषी नहीं हो?
11 इसिलये अब मे री सुनो और इन ब ुओं को िज तुम अपने भाइयों म से ब ु आ बना के ले आए हो, लौटा दो, यहोवा का ोध तो तुम पर भड़का है।
12 तब ए ैिमयों के िकतने मु पु ष अथात योहानान का पु अजयाह, मिश े मोत का पु बे रे ाह, श ूम का पु यिहजिक ाह, और हदलै का पु अमासा, लड़ाई से आने वालों
का सा ना कर के, उन से कहने लगे।
13 तुम इन ब ुओं को यहां मत लाओ; ोंिक तुम ने वह बात ठानी है िजसके कारण हम यहोवा के यहां दोषी हो जाएं गे , और उस से हमारा पाप और दोष बढ़ जाएगा, हमारा दोष तो
बड़ा है और इ ाएल पर ब त ोध भड़का है।
14 तब उन हिथयार ब ों ने ब ुओं और लू ट को हािकमों और सारी सभा के सा ने छोड़ िदया।
15 तब िजन पु षों के नाम ऊपर िलखे ह, उ ोंने उठ कर ब ुओं को ले िलया, और लूट म से सब नं गे लोगों को कपड़े , और जूितयां पिहनाईं; और खाना खलाया, और पानी िपलाया,
और ते ल मला; और तब िनबल लोगों को गदहों पर चढ़ा कर, यरीहो को जो खजूर का नगर कहलाता है , उनके भाइयों के पास प ंचा िदया। तब वे शोमरोन को लौट आए।
16 उस समय राजा आहाज ने अ ूर के राजाओं के पास दू त भेज कर सहायता मांगी।
17 ोंिक एदोिमयों ने य दा म आकर उसको मारा, और ब ुओं को ले गए थे ।
18 और पिल यों ने नीचे के दे श और य दा के द न दे श के नगरों पर चढ़ाई कर के, बेतशेमेश, अ ालोन और गदे रोत को, और अपने अपने गांवों समेत सोको, ित ा, और िगमजो
को ले िलया; और उन म रहने लगे थे।
19 यों यहोवा ने इ ाएल के राजा आहाज के कारण य दा को दबा िदया, ोंिक वह िनरं कुश हो कर चला, और यहोवा से बड़ा िव ासघात िकया।
20 तब अ ूर का राजा ितलगतिपलनेसेर उसके िव आया, और उसको क िदया; ढ़ नहीं िकया।
21 आहाज ने तो यहोवा के भवन और राजभवन और हािकमों के घरों म से धन िनकाल कर अ ू र के राजा को िदया, पर ु इससे उसकी कुछ सहायता न ई।
22 और े श के समय राजा आहाज ने यहोवा से और भी िव ासघात िकया।
23 और उसने दिम के दे वताओं के िलये िज ोंने उसको मारा था, बिल चढ़ाया; ोंिक उसने यह सोचा, िक आरामी राजाओं के दे वताओं ने उनकी सहायता की, तो म उनके िलये
बिल चढ़ाऊंगा िक वे मेरी सहायता कर। पर ु वे उसके और सारे इ ाएल के पतन का कारण ए।
24 िफर आहाज ने परमे र के भवन के पा बटोर कर तुड़वा डाले , और यहोवा के भवन के ारों को ब कर िदया; और य शले म के सब कोनों म वेिदयां बनाईं।
25 और य दा के एक एक नगर म उसने पराये दे वताओं को धूप जलाने के िलये ऊंचे थान बनाए, और अपने िपतरों के परमे र यहोवा को रस िदलाई।
26 और उसके और कामों, और आिद से अ तक उसकी पूरी चाल चलन का वणन य दा और इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखा है।
27 िनदान आहाज अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको य शलेम नगर म िम ी दी गई, पर ु वह इ ाएल के राजाओं के कि ान म प ंचाया न गया। और उसका पु
िहजिक ाह उसके थान पर रा करने लगा।
2 इितहास 29
1 जब िहजिक ाह रा करने लगा तब वह प ीस वष का था, और उनतीस वष तक य शले म म रा करता रहा। और उसकी माता का ताम अिब ाह था, जो जकयाह की बे टी
थी।
2 जै से उसके मूलपु ष दाऊद ने िकया था अथात जो यहोवा की ि म ठीक था वैसा ही उसने भी िकया।
3 अपने रा के पिहले वष के पिहले महीने म उसने यहोवा के भवन के ार खु लवा िदए, और उनकी मर त भी कराई।
4 तब उसने याजकों और लेिवयों को ले आ कर पूव के चौक म इक ा िकया।
5 और उन से कहने लगा, हे लेिवयो मेरी सुनो! अब अपने अपने को पिव करो, और अपने पूवजों के परमे र यहोवा के भवन को पिव करो, और पिव थान म से मैल िनकालो।
6 दे खो हमारे पु रखाओं ने िव ासघात कर के वह कम िकया था, जो हमारे परमे र यहोवा की ि म बु रा है और उसको तज कर के यहोवा के िनवास से मुंह फेर कर उसको पीठ
िदखाई थी।
7 िफर उ ोंने ओसारे के ार ब िकए, और दीपकों को बुझा िदया था; और पिव थान म इ ाएल के परमे र के िलये न तो धूप जलाया और न होमबिल चढ़ाया था।
8 इसिलये यहोवा का ोध य दा और य शलेम पर भड़का है , और उसने ऐसा िकया, िक वे मारे मारे िफर और चिकत होने और ताली बजाने का कारण हो जाएं , जैसे िक तुम अपनी
आं खों से दे ख रहे हो।
9 दे खो, इस कारण हमारे बाप तलवार से मारे गए, और हमारे बे टे-बेिटयां और यां ब ु आई म चली गई ह।
10 अब मे रे मन ने यह िनणय िकया है िक इ ाएल के परमे र यहोवा से वाचा बा ूं, इसिलये िक उसका भड़का आ ोध हम पर से दू र हो जाए।
11 हे मे रे बे टो, िढलाई न करो दे खो, यहोवा ने अपने स ुख खड़े रहने, और अपनी से वा टहल करने, और अपने टहलुए और धूप जलाने वाले का काम करने के िलये तु ी ं को चुन िलया
है ।
12 तब ले वीय उठ खड़े ए, अथात कहाितयों म से अमासै का पु महत, और अजयाह का पु योएल, और मरा रयों म से अ ी का पु कीश, और यह ेलेल का पु अजयाह, और
गेश िनयों म से िज ा का पु योआह, और योआह का पु एदे न।
13 और एलीसापान की स ान म से िश ी, और यूएल और आसाप की स ान म से जकयाह और म ाह।
14 और हे मान की स ान म से य एल और िशमी, और यदू तून की स ान म से शमायाह और उ ीएल।
15 इ ोंने अपने भाइयों को इक ा िकया और अपने अपने को पिव कर के राजा की उस आ ा के अनु सार जो उसने यहोवा से वचन पाकर दी थी, यहोवा के भवन के शु करने के
िलये भीतर गए।
16 तब याजक यहोवा के भवन के भीतरी भाग को शु करने के िलये उस म जा कर यहोवा के म र म िजतनी अशु व ु एं िमलीं उन सब को िनकाल कर यहोवा के भवन के आं गन
म ले गए, और ले िवयों ने उ उठा कर बाहर िक ोन के नाले म प ं चा िदया।
17 पिहले महीने के पिहले िदन को उ ोंने पिव करने का काम आर िकया, और उसी महीने के आठव िदन को वे यहोवा के ओसारे तक आ गए। इस कार उ ोंने यहोवा के भवन
को आठ िदन म पिव िकया, और पिहले महीने के सोलहव िदन को उ ोंने उस काम को पूरा िकया।
18 तब उ ोंने राजा िहजिक ाह के पास भीतर जा कर कहा, हम यहोवा के पू रे भवन को और पा ों समेत होमबिल की वेदी और भट की रोटी की मेज को भी शु कर चु के।
19 और िजतने पा राजा आहाज ने अपने रा म िव ासघात कर के फक िदए थे , उन को भी हम ने ठीक कर के पिव िकया है; और वे यहोवा की वेदी के सा ने रखे ए ह।
20 तब राजा िहजिक ाह सबे रे उठ कर नगर के हािकमों को इक ा कर के, यहोवा के भवन को गया।
21 तब वे रा और पिव थान और य दा के िनिम सात बछड़े , सात मे ढ़े, सात भे ड़ के ब े, और पापबिल के िलये सात बकरे ले आए, और उसने हा न की स ान के लेिवयों को
आ ा दी िक इन सब को यहोवा की वेदी पर चढ़ाएं ।
22 तब उ ोंने बछड़े बिल िकए, और याजकों ने उनका लो ले कर वेदी पर िछड़क िदया; तब उ ोंने मेढ़े बिल िकए, और उनका लो भी वेदी पर िछड़क िदया। और भे ड़ के ब े
बिल िकए, और उनका भी लो वेदी पर िछडक िदया।
23 तब वे पापबिल के बकरों को राजा और म ली के समीप ले आए और उन पर अपने अपने हाथ रखे ।
24 तब याजकों ने उन को बिल कर के, उनका लो वेदी पर िछड़क कर पापबिल िकया, िजस से सारे इ ाएल के िलये ायि िकया जाए। ोंिक राजा ने सारे इ ाएल के िलये
होमबिल और पापबिल िकए जाने की आ ा दी थी।
25 िफर उसने दाऊद और राजा के दशी ं गाद, और नातान नबी की आ ा के अनु सार जो यहोवा की ओर से उसके निबयों के ारा आई थी, झांझ, सारं िगयां और वीणाएं िलये ए ले िवयों
को यहोवा के भवन म खड़ा िकया।
26 तब ले वीय दाऊद के चलाए बाजे िलये ए, और याजक तुरिहयां िलये ए खड़े ए।
27 तब िहजिक ाह ने वेदी पर होमबिल चढ़ाने की आ ा दी, और जब होमबिल चढ़ने लगी, तब यहोवा का गीत आर आ, और तुरिहयां और इ ाएल के राजा दाऊद के बाजे बजने
लगे।
28 और म ली के सब लोग द वत करते और गाने वाले गाते और तुरही फूंकने वाले फूंकते रहे ; यह सब तब तक होता रहा, जब तक होमबिल चढ़ न चुकी।
29 और जब बिल चढ़ चुकी, तब राजा और िजतने उसके संग वहां थे , उन सभों ने िसर झुका कर द वत िकया।
30 और राजा िहजिक ाह और हािकमों ने लेिवयों को आ ा दी, िक दाऊद और आसाप दशी ं के भजन गाकर यहोवा की ुित कर। और उ ोंने आन के साथ ुित की और िसर
नवाकर द वत िकया।
31 तब िहजिक ाह कहने लगा, अब तुम ने यहोवा के िनिम अपना अपण िकया है ; इसिलये समीप आ कर यहोवा के भवन म मेलबिल और ध वादबिल प ंचाओ। तब म ली के
लोगों ने मे लबिल और ध वादबिल प ंचा िदए, और िजतने अपनी इ ा से दे ना चाहते थे उ ोंने भी होमबिल प ंचाए।
32 जो होमबिल पशु म ली के लोग ले आए, उनकी िगनती यह थी; स र बैल, एक सौ मे ढ़े, और दो सौ भेड़ के ब े; थे सब यहोवा के िनिम होमबिल के काम म आए।
33 और पिव िकए ए पशु, छ: सौ बैल और तीन हजार भे ड़-बक रयां थी।
34 पर ु याजक ऐसे थोड़े थे, िक वे सब होमबिल पशुओं की खाल न उतार सके, तब उनके भाई ले वीय उस समय तक उनकी सहायता करते रहे जब तक वह काम िनपट न गया, और
याजकों ने अपने को पिव न िकया; ोंिक लेवीय अपने को पिव करने के िलये पिव याजकों से अिधक सीधे मन के थे।
35 और िफर होमबिल पशु ब त थे, और मे लबिल पशुओं की चब भी ब त थी, और एक एक होमबिल के साथ अघ भी दे ना पड़ा। यों यहोवा के भवन म की उपासना ठीक की गई।
36 तब िहजिक ाह और सारी जा के लोग उस काम के कारण आन त ए, जो यहोवा ने अपनी जा के िलये तैयार िकया था; ोंिक वह काम एकाएक हो गया था।
2 इितहास 30
1 िफर िहजिक ाह ने सारे इ ाएल और य दा म कहला भे जा, और ए ै म और मन े के पास इस आशय के प िलख भेजे, िक तुम य शलेम को यहोवा के भवन म इ ाएल के
परमे र यहोवा के िलये फसह मनाने को आओ।
2 राजा और उसके हािकमों और य शलेम की म ली ने स ित की थी िक फसह को दू सरे महीने म मनाएं ।
3 वे उसे उस समय इस कारण न मना सकते थे, ोंिक थोड़े ही याजकों ने अपने अपने को पिव िकया था, और जा के लोग य शलेम म इक े न ए थे।
4 और यह बात राजा और सारी म ली को अ ी लगी।
5 तब उ ोंने यह ठहरा िदया, िक बेशबा से ले कर दान के सारे इ ाएिलयों म यह चार िकया जाय, िक य शले म म इ ाएल के परमे र यहोवा के िलये फसह मनाने को चले आओ;
6 ोंिक उ ोंने इतनी बड़ी सं ा म उसको इस कार न मनाया था जैसा िक िलखा है। इसिलये हरकारे राजा और उसके हािकमों से िचि यां ले कर, राजा की आ ा के अनु सार सारे
इ ाएल और य दा म घूमे, और यह कहते गए, िक हे इ ाएिलयो! इ ाहीम, इसहाक और इ ाएल के परमे र यहोवा की ओर िफरो, िक वह अ ू र के राजाओं के हाथ से बचे ए तु म
लोगों की ओर िफरे ।
7 और अपने पु रखाओं और भाइयों के समान मत बनो, िज ोंने अपने पू वजों के परमे र यहोवा से िव ासघात िकया था, और उसने उ चिकत होने का कारण कर िदया, जै सा िक तुम
यं दे ख रहे हो।
8 अब अपने पु रखाओं की नाईं हठ न करो, वरन यहोवा के आधीन हो कर उसके उस पिव थान म आओ िजसे उसने सदा के िलये पिव िकया है, और अपने परमे र यहोवा की
उपासना करो, िक उसका भड़का आ ोध तुम पर से दू र हो जाए।
9 यिद तुम यहोवा की ओर िफरोगे तो जो तु ारे भाइयों और लड़के-बालों को ब ु आ बना के ले गए ह, वे उन पर दया करगे, और वे इस दे श म लौट सकगे ोंिक तु ारा परमे र
यहोवा अनु हकारी और दयालु है, और यिद तुम उसकी ओर िफरोगे तो वह अपना मुंह तु म से न मोड़े गा।
10 इस कार हरकारे ए ैम और मन े के दे श म नगर नगर होते ए जबूलून तक गए; पर ु उ ोंने उनकी हं सी की, और उ ठ ों म उड़ाया।
11 तौभी आशेर, मन े और जबूलून म से कुछ लोग दीन हो कर य शले म को आए।
12 और य दा म भी परमे र की ऐसी श ई, िक वे एक मन हो कर, जो आ ा राजा और हािकमों ने यहोवा के वचन के अनुसार दी थी, उसे मानने को तै यार ए।
13 इस कार अिधक लोग य शलेम म इसिलये इक े ए, िक दू सरे महीने म अखमीरी रोटी का प मान। और ब त बड़ी सभा इक ी हो गई।
14 और उ ोंने उठ कर, य शले म की वेिदयों और धूप जलाने के सब थानों को उठा कर िक ोन नाले म फक िदया।
15 तब दू सरे महीने के चौदहव िदन को उ ोंने फसह के पशु बिल िकए तब याजक और लेवीय ल त ए और अपने को पिव कर के होमबिलयों को यहोवा के भवन म ले आए।
16 और वे अपने िनयम के अनुसार, अथात परमे र के जन मूसा की व था के अनुसार, अपने अपने थान पर खड़े ए, और याजकों ने र को ले िवयों के हाथ से ले कर िछड़क
िदया।
17 ोंिक सभा म ब ते ऐसे थे िज ोंने अपने को पिव न िकया था; इसिलये सब अशु लोगों के फसह के पशुओं को बिल करने का अिधकार लेिवयों को िदया गया, िक उन को
यहोवा के िलये पिव कर।
18 ब त से लोगों ने अथात ए ैम, मन े, इ ाकार और जबू लून म से ब तों ने अपने को शु नहीं िकया था, तौभी वे फसह के पशु का मांस िलखी ई िविध के िव खाते थे।
ोंिक िहजिक ाह ने उनके िलये यह ाथना की थी, िक यहोवा जो भला है, वह उन सभों के पाप ढांप दे ;
19 जो परमे र की अथात अपने पूवजों के परमे र यहोवा की खोज म मन लगाए ए ह, चाहे वे पिव थान की िविध के अनुसार शु न भी हों।
20 और यहोवा ने िहजिक ाह की यह ाथना सुन कर लोगों को चंगा िकया।
21 और जो इ ाएली य शलेम म उप थत थे, वे सात िदन तक अखमीरी रोटी का प बड़े आन से मनाते रहे ; और ितिदन लेवीय और याजक ऊंचे श के बाजे यहोवा के िलये
बजा कर यहोवा की ुित करते रहे।
22 और िजतने लेवीय यहोवा का भजन बु मानी के साथ करते थे , उन को िहजिक ाह ने शा के वचन कहे। इस कार वे मेलबिल चढ़ा कर और अपने पुवजों के परमे र यहोवा
के स ु ख पापांगीकार करते रहे और उस िनयत प के सातों िदन तक खाते रहे।
23 तब सारी सभा ने स ित की िक हम और सात िदन प मानगे; सो उ ोंने और सात िदन आन से प मनाया।
24 ोंिक य दा के राजा िहजिक ाह ने सभा को एक हजार बछड़े और सात हजार भेड़-बक रयां दे दी ं, और हािकमों ने सभा को एक हजार बछड़े और दस हजार भे ड़-बक रयां दीं,
और ब त से याजकों ने अपने को पिव िकया।
25 तब याजकों और लेिवयों समेत य दा की सारी सभा, और इ ाएल से आए ओं की सभा, और इ ाएल के दे श से आए ए, और य दा म रहने वाले परदे शी, इन सभों ने आन
िकया।
26 सो य शलेम म बड़ा आन आ, ोंिक दाऊद के पु इ ाएल के राजा सु लैमान के िदनों से ऐसी बात य शले म म न ई थी।
27 अ म ले वीय याजकों ने खड़े हो कर जा को आशीवाद िदया, और उनकी सु नी गई, और उनकी ाथना उसके पिप धाम तक अथात ग तक प ंची।
2 इितहास 31
1 जब यह सब हो चुका, तब िजतने इ ाएली अप थत थे, उन सभों ने य दा के नगरों म जा कर, सारे य दा और िब ामीन और ए ेम और मन े म िक लाठों को तोड़ िदया, अशेरों
को काट डाला, और ऊंचे थानों और वेिदयों को िगरा िदया; और उ ोंने उन सब का अ कर िदया। तब सब इ ाएली अपने अपने नगर को लौट कर, अपनी अपनी िनज भूिम म
प ंचे।
2 और िहजिक ाह ने याजकों के दलों को और लेिवयों को वरन याजकों और लेिवयों दोनों को, ित दल के अनुसार और एक एक मनु को उसकी सेवकाई के अनुसार इसिलये
ठहरा िदया, िक वे यहोवा की छावनी के ारों के भीतर होमबिल, मेलबिल, सेवा टहल, ध वाद और ु ित िकया कर।
3 िफर उसने अपनी स ि म से राजभाषा को होमबिलयों के िलये ठहरा िदया; अथात सवेरे और सां झ की होमबिल और िव ाम और नये चां द के िदनों और िनयत समयों की होमबिल
के िलये जै सा िक यहोवा की व था म िलखा है।
4 और उसने य शलेम म रहने वालों को याजकों और लेिवयों को उनका भाग दे ने की आ ा दी, तािक वे यहोवा की व था के काम मन लगा कर कर सक।
5 यह आ ा सुनते ही इ ाएली अ , नया दाखमधु, टटका तेल, मधु आािद खे ती की सब भां ित की पिहली उपज ब तायत से दे ने, और सब व ु ओं का दशमां श अिधक मा ा म लाने
लगे।
6 और जो इ ाएली और य दी, य दा के नगरों म रहते थे, वे भी बैलों और भेड़-बक रयों का दशमां श, और उन पिव व ु ओं का दशमां श, जो उनके परमे र यहोवा के िनिम पिव
की गई थी ं, लाकर ढे र ढे र कर के रखने लगे।
7 इस कार ढे र का लगाना उ ोंने तीसरे महीने म आर िकया और सातव महीने म पू रा िकया।
8 जब िहजिक ाह और हािकमों ने आ कर उन ढे रों को दे खा, तब यहोवा को और उसकी जा इ ाएल को ध ध कहा।
9 तब िहजिक ाह ने याजकों और लेिवयों से उन ढे रों के िवषय पूछा।
10 और अजयाह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उस से कहा, जब से लोग यहोवा के भवन म उठाई ई भट लाने लगे ह, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते ह, वरन
ब त बचा भी करता है; ोंिक यहोवा ने अपनी जा को आशीष दी है , और जो शेष रह गया है , उसी का यह बड़ा ढे र है ।
11 तब िहजिक ाह ने यहोवा के भवन म कोठ रयां तैयार करने की आ ा दी, और वे तै यार की गई।
12 तब लोगों ने उठाई ई भट, दशमांश और पिव की ई व ु एं, स ाई से प ंचाई और उनके मु अिधकारी तो कोन ाह नाम एक लेवीय और दू सरा उसका भाई िशमी नायब
था।
13 और कोन ाह और उसके भाई िशमी के नीचे, िहजिक ाह राजा और परमे र के भवन के धान अजयाह दोनों की आ ा से अहीएल, अज ाह, नहत, असाहेल, यरीमे त,
योजाबाद, एलीएल, िय ाह, महत और बनायाह अिधकारी थे ।
14 और परमे र के िलये े ाबिलयों का अिधकारी िय ा ले वीय का पु कोरे था, जो पू व फाटक का ारापाल था, िक वह यहोवा की उठाई ई भट, और परमपिव व ु एं बां टा करे ।
15 और उसके अिधकार म एदे न, िम ामीन, येशू, शमायाह, अमयाह और शक ाह याजकों के नगरों म रहते थे, िक वे ा बड़े , ा छोटे , अपने भाइयों को उनके दलों के अनुसार
स ाई से िदया कर,
16 और उनके अलावा उन को भी द, जो पु षों की वंशावली के अनुसार िगने जा कर तीन वष की अव था के वा उस से अिधक आयु के थे, और अपने अपने दल के अनु सार अपनी
अपनी सेवकाई िनबाहने को िदन िदन के काम के अनुसार यहोवा के भवन म जाया करते थे ।
17 और उन याजकों को भी द, िजनकी वंशावली उनके िपतरों के घरानों के अनुसार की गई, और उन ले िवयों को भी जो बीस वष की अव था से ले आगे को अपने अपने दल के
अनु सार, अपने अपने काम िनबाहते थे।
18 और सारी सभा म उनके बाल-ब ों, यों, बेटों और बे िटयों को भी द, िजनकी वंशवली थी, ोंिक वे स ाई से अपने को पिव करते थे।
19 िफर हा न की स ान के याजकों को भी जो अपने अपने नगरों के चराई वाले मैदान म रहते थे , दे ने के िलये वे पु ष िनयु िकए गए थे िजनके नाम ऊपर िलखे ए थे िक वे
याजकों के सब पु षों और उन सब लेिवयों को भी उनका भाग िदया कर िजनकी वंशावली थी।
20 और सारे य दा म भी िहजिक ाह ने ऐसा ही ब िकया, और जो कुछ उसके परमे र यहोवा की ि म भला ओर ठीक और स ाई का था, उसे वह करता था।
21 और जो जो काम उसने परमे र के भवन की उपासना और व था और आ ा के िवषय अपने परमे र की खोज म िकया, वह उसने अपना सारा मन लगाकर िकया और उस म
कृताथ भी आ।
2 इितहास 32
1 इन बातों और ऐसे ब के बाद अ ूर का राजा स ेरीब ने आकर य दा म वेश कर ओर गढ़ वाले नगरों के िव डे रे डाल कर उन को अपने लाभ के िलये लेना चाहा।
2 यह दे ख कर िक स ेरीब िनकट आया है और य शलेम से लड़ने की मनसा करता है,
3 िहजिक ाह ने अपने हािकमों और वीरों के साथ यह स ित की, िक नगर के बाहर के सोतों को पठवा द; और उ ोंने उसकी सहायता की।
4 इस पर ब त से लोग इक े ए, और यह कह कर, िक अ ूर के राजा ों यहां आएं , और आ कर ब त पानी पाएं , उ ोंने सब सोतों को पाट िदया और उस नदी को सुखा िदया जो
दे श के म हो कर बहती थी।
5 िफर िहजिक ाह ने िहयाव बा कर शहरपनाह जहां कही ं टू टी थी, वहां वहां उसको बनवाया, और उसे गु टों के बराबर ऊंचा िकया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, और
दाऊदपु र म िम ो को ढ़ िकया। और ब त से तीर और ढाल भी बनवाई।
6 तब उसने जा के ऊपर सेनापित िनयु िकए और उन को नगर के फाटक के चौक म इक ा िकया, और यह कह कर उन को धीरज िदया,
7 िक िहयाव बा ो और ढ हो तुम न तो अ ूर के राजा से डरो और न उसके सं ग की सारी भीड़ से, और न तु ारा मन क ा हो; ोंिक जो हमारे साथ है, वह उसके संिगयों से बड़ा
है ।
8 अथात उसका सहारा तो मनु ही है पर ु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से यु करने को हमारा परमे र यहोवा है। इसिलये जा के लोग य दा के राजा
िहजिक ाह की बातों पर भरोसा िकए रहे।
9 इसके बाद अ ू र का राजा स ेरीब जो सारी सेना समेत लाकीश के सा ने पड़ा था, उसने अपने कमचा रयों को य शलेम म य दा के राजा िहजिक ाह और उन सब य िदयों से
जो य शले म म थे यों कहने के िलये भेजा,
10 िक अ ूर का राजा स ेरीब कहता है, िक तु िकस का भरोसा है िजससे िक तु म घे रे ए य शले म म बै ठे हो?
11 ा िहजिक ाह तु म से यह कहकर िक हमारा परमे र यहोवा हम को अ ू र के राजा के पंजे से बचाएगा तु नहीं भरमाता है िक तुम को भूखों ासों मारे ?
12 ा उसी िहजिक ाह ने उसके ऊंचे थान और वेिदयां दू र कर के य दा और य शले म को आ ा नही ं दी, िक तु म एक ही वेदी के सा ने द वत करना और उसी पर धूप
जलाना?
13 ा तु म को मालू म नहीं, िक म ने और मे रे पु रखाओं ने दे श दे श के सब लोगों से ा ा िकया है ? ा उन दे श की जाितयों के दे वता िकसी भी उपाय से अपने दे श को मेरे हाथ से
बचा सके?
14 िजतनी जाितयों का मेरे पुरखाओं ने स ानाश िकया है उनके सब दे वताओं म से ऐसा कौन था जो अपनी जा को मे रे हाथ से बचा सका हो? िफर तु ारा दे वता तुम को मे रे हाथ से
कैसे बचा सकेगा?
15 अब िहजिक ाह तु म को इस रीित भुलाने अथवा बहकाने न पाए, और तुम उसकी तीित न करो, ोंिक िकसी जाित था रा का कोई दे वता अपनी जा को न तो मेरे हाथ से और
न मेरे पुरखाओं के हाथ से बचा सका। यह िन य है िक तु ारा दे वता तु म को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।
16 इस से भी अिधक उसके कमचा रयों ने यहोवा परमे र की, और उसके दास िहजिक ाह की िन ा की।
17 िफर उसने ऐसा एक प भेजा, िजस म इ ाएल के परमे र यहोवा की िन ा की थे बात िलखी थी ं, िक जैसे दे श दे श की जाितयों के दे वताओं ने अपनी अपनी जा को मेरे हाथ से
नही ं बचाया वैसे ही िहजिक ाह का दे वता भी अपनी जा को मे रे हाथ से नहीं बचा सकेगा।
18 और उ ोंने ऊंचे श से उन य शले िमयों को जो शहरपनाह पर बैठे थे, य दी बोली म पु कारा, िक उन को डरा कर घबराहट म डाल द िजस से नगर को ले ल।
19 और उ ोंने य शलेम के परमे र की ऐसी चचा की, िक मानो पृ ी के दे श दे श के लोगों के दे वताओं के बराबर हो, जो मनु ों के बनाए ए ह।
20 तब इन घटनाओं के कारण राजा िहजिक ाह और आमोस के पु यशायाह नबी दोनों ने ाथना की और ग की ओर दोहाई दी।
21 तब यहोवा ने एक दू त भेज िदया, िजसने अ ूर के राजा की छावनी म सब शूरवीरों, धानों और से नापितयों को नाश िकया। और वह ल त हो कर, अपने दे श को लौट गया। और
जब वह अपने दे वता के भवन म था, तब उसके िनज पु ों ने वहीं उसे तलवार से मार डाला।
22 यों यहोवा ने िहजिक ाह और य शले म के िनवािसयों अ ू र के राजा स ेरीब और अपने सब श ुओ ं के हाथ से बचाया, और चारों ओर उनकी अगुवाई की।
23 और ब त लोग य शलेम को यहोवा के िलये भट और य दा के राजा िहजिक ाह के िलये अनमोल व ु एं ले आने लगे , और उस समय से वह सब जाितयों की ि म महान
ठहरा।
24 उन िदनों िहजिक ाह ऐसा रोगी आ, िक वह मरा चाहता था, तब उसने यहोवा से ाथना की; और उसने उस से बात कर के उसके िलये एक चम ार िदखाया।
25 पर ु िहजिक ाह ने उस उपकार का बदला न िदया, ोंिक उसका मन फूल उठा था। इस कारण उसका कोप उस पर और य दा और य शलेम पर भड़का।
26 तब िहजिक ाह य शले म के िनवािसयों समेत अपने मन के फूलने के कारण दीन हो गया, इसिलये यहोवा का ोध उन पर िहजिक ाह के िदनों म न भड़का।
27 और िहजिक ाह को ब त ही धन और वैभव िमला; और उसने चा ी, सोने, मिणयों, सुग , ढालों और सब कार के मनभावने पा ों के िलये भणडार बनवाए।
28 िफर उसने अ , नया दाखमधु, और टटका तेल के िलये भणडार, और सब भांित के पशुओं के िलये थान, और भे ड़-बक रयों के िलये भे ड़शालाएं बनवाई।
29 और उसने नगर बसाए, और ब त ही भेड़-बक रयों और गाय-बैलों की स ि इक ा कर ली, ोंिक परमे र ने उसे ब त ही धन िदया था।
30 उसी िहजिक ाह ने गीहोन नाम नदी के ऊपर के सोते को पाट कर उस नदी को नीचे की ओर दाऊदपु र की प म अलंग को सीधा प ंचाया, और िहजिक ाह अपने सब कामों
म कृताथ होता था।
31 तौभी जब बाबेल के हािकमों ने उसके पास उसके दे श म िकए ए चम ार के िवषय पू छने को दू त भे जे तब परमे र ने उसको इसिलये छोड़ िदया, िक उसको परख कर उसके
मन का सारा भेद जान ले।
32 िहजिक ाह के और काम, ओर उसके भ के काम आमोस के पु यशायाह नबी के दशन नाम पु क म, और य दा और इ ाएल के राजाओं के इितहास की पु क म िलखे
ह।
33 अ म िहजिक ाह अपने पु रखाओं के संग सो गया और उसको दाऊद की स ान के कि ान की चढ़ाई पर िम ी दी गई, और सब य िदयों और य शले म के िनवािसयों ने
उसकी मृ ु पर उसका आदरमान िकया। और उसका पु मन े उसके थान पर रा करने लगा।
2 इितहास 33
1 जब मन े रा करने लगा तब वह बारह वष का था, और य शलेम म पचपन वष तक रा करता रहा।
2 उसने वह िकया, जो यहोवा की ि म बुरा था, अथात उन जाितयों के िघनौने कामों के अनुसार िजन को यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से दे श से िनकाल िदया था।
3 उसने उन ऊंचे थानों को िज उसके िपता िहजिक ाह ने तोड़ िदया था, िफर बनाया, और बाल नाम दे वताओं के िलये वेिदयां ओर अशेरा नाम मू रत बनाईं, और आकाश के सारे
गण को द वत करता, और उनकी उपासना करता रहा।
4 और उसने यहोवा के उस भवन मे वेिदयां बनाईं िजसके िवषय यहोवा ने कहा था िक य शले म म मे रा नाम सदा बना रहेगा।
5 वरन यहोवा के भवन के दोनों आं गनों म भी उसने आकाश के सारे गण के िलये वेिदयां बनाईं।
6 िफर उसने िह ोम के बेटे की तराई म अपने लड़के-बालों को होम कर के चढ़ाया, और शुभ-अशुभ मु त को मानता, और टोना और तं -मं करता, और ओझों और भूतिस वालों
से वहार करता था। वरन उसने ऐसे ब त से काम िकए, जो यहोवा की ि म बुरे ह और िजन से वह अ स होता है ।
7 और उसने अपनी खुदवाई ई मूित परमे र के उस भवन म थापन की िजसके िवषय परमे र ने दाऊद और उसके पु सुलैमान से कहा था, िक इस भवन म, और य शले म म,
िजस को म ने इ ाएल के सब गो ों म से चुन िलया है म अपना नाम सवदा रखूं गा,
8 और म ऐसा न क ं गा िक जो दे श म ने तु ारे पुरखाओं को िदया था, उस म से इ ाएल िफर मारा मारा िफरे ; इतना अव हो िक वे मेरी सब आ ाओं को अथात मूसा की दी ई
सारी व था और िविधयों और िनयमों को पालन करने की चौकसी कर।
9 और मन े ने य दा और य शले म के िनवािसयों यहां तक भटका िदया िक उ ोंने उन जाितयों से भी बढ़ कर बुराई की, िज यहोवा ने इ ाएिलयों के सा ने से िवनाश िकया था।
10 और यहोवा ने मन े और उसकी जा से बात की ं, पर ु उ ोंने कुछ ान नही ं िदया।
11 तब यहोवा ने उन पर अ ूर के सेनापितयों से चढ़ाई कराई, और ये मन े को नकेल डाल कर, और पीतल की बे िडय़ां जकड़ कर, उसे बाबेल को ले गए।
12 तब सं कट म पड़ कर वह अपने परमे र यहोवा को मानने लगा, और अपने पू वजों के परमे र के सा ने ब त दीन आ, और उस से ाथना की।
13 तब उसने स हो कर उसकी िवनती सुनी, और उसको य शलेम म प ं चा कर उसका रा लौटा िदया। तब मन े को िन य हो गया िक यहोवा ही परमे र है।
14 इसके बाद उसने दाऊदपुर से बाहर गीहोन के पि म की ओर नाले म म ली फाटक तक एक शहरपनाह बनवाई, िफर ओपेल को घेर कर ब त ऊंचा कर िदया; और य दा के
सब गढ़ वाले नगरों म सेनापित ठहरा िदए।
15 िफर उसने पराये दे वताओं को और यहोवा के भवन म की मू ित को, और िजतनी वेिदयां उसने यहोवा के भवन के पवत पर, और य शलेम म बनवाई थी ं, उन सब को दू र कर के
नगर से बाहर फकवा िदया।
16 तब उसने यहोवा की वेदी की मर त की, और उस पर मे लबिल और ध वादबिल चढ़ाने लगा, और य िदयों को इ ाएल के परमे र यहोवा की उपासना करने की आ ा दी।
17 तौभी जा के लोग ऊंचे थानों पर बिलदान करते रहे, पर ु केवल अपने परमे र यहोवा के िलये ।
18 मन े के ओर काम, और उसने जो ाथना अपने परमे र से की, और उन दिशय के वचन जो इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम से उस से बात करते थे, यह सब इ ाएल के
राजाओं के इितहास म िलखा आ है।
19 और उसकी ाथना और वह कैसे सुनी गई, और उसका सारा पाप और िव ासघात और उसने दीन होने से पिहले कहां कहां ऊंचे थान बनवाए, और अशेरा नाम और खुदी ई
मूि या खड़ी कराई, यह सब होशे के वचनों म िजखा है।
20 िनदान मन े अपने पु रखाओं के संग सो गया और उसे उसी के घर म िम ी दी गई; और उसका पु आमोन उसके थान पर रा करने लगा।
21 जब आमोन रा करने लगा, तब वह बाईस वष का था, और य शले म म दो वष तक रा करता रहा।
22 और उसने अपने िपता मन े की नाईं वह िकया जो यहोवा की ि म बु रा है । और िजतनी मू ि या उसके िपता मन े ने खोद कर बनवाई थी,ं वह भी उन सभों के सा ने बिलदान
करता और उन सभों की उपासना भी करता था।
23 और जै से उसका िपता मन े यहोवा के सा ने दीन आ, वैसे वह दीन न आ, वरन आमोन अिधक दोषी होता गया।
24 और उसके कमचा रयों ने ोह की गो ी कर के, उसको उसी के भवन म मार डाला।
25 तब साधारण लोगों ने उन सभों को मार डाला, िज ोंने राजा आमोन से ोह की गो ी की थी; और लोगों ने उसके पु योिश ाह को उसके थान पर राजा बनाया।
2 इितहास 34
1 जब योिश ाह रा करने लगा तब वह आठ वष का था, और य शलेम म इकतीस वष तक रा करता रहा।
2 उसने वह िकया जो यहोवा की ि म ठीक है, और िजन माग पर उसका मूलपु ष दाऊद चलता रहा, उ ी ं पर वह भी चला करता था और उस से न तो दािहनी ओर मुड़ा, और न
बाईं ओर।
3 वह लड़का ही था, अथात उसको ग ी पर बैठे आठ वष पू रे भी न ए थे िक अपने मू लपु ष दाऊद के परमे र की खोज करने लगा, और बारहव वष म वह ऊंचे थानों और अशेरा
नाम मूरतों को और खुदी और ढली ई मू रतों को दू र कर के, य दा और य शले म को शु करने लगा।
4 और बाल दे वताओं की वेिदयां उसके सा ने तोड़ डाली गई, और सू य की ितमाय जो उनके ऊपर ऊंचे पर थी, उसने काट डाली,ं और अशेरा नाम, और खु दी और ढली ई मूरतों
को उसने तोड़ कर पीस डाला, और उनकी बुकनी उन लोगों की कबरों पर िछतरा दी, जो उन को बिल चढ़ाते थे ।
5 और पु जा रयों की हि यां उसने उ ी ं की वेिदयों पर जलाईं। यों उसने य दा और य शले म को शु िकया।
6 िफर मन े , ए ैम और िशमोन के वरन न ाली तक के नगरों के ख हरों म, उसने वेिदयों को तोड़ डाला,
7 और अशेरा नाम और खुदी ई मूरतों को पीस कर बुकनी कर डाला, और इ ाएल के सारे दे श की सू य की सब ितमाओं को काट कर य शलेम को लौट गया।
8 िफर अपने रा के अठारहव वष म जब वह दे श और भवन दोनों को शु कर चु का, तब उसने अस ाह के पु शापान और नगर के हािकम मासेयाह और योआहाज के पु
इितहास के लेखक योआह को अपने परमे र यहोवा के भवन की मर त कराने के िलये भे ज िदया।
9 सो उ ोंने िह ाह महायाजक के पास जा कर जो पया परमे र के भवन म लाया गया था, अथात जो ले वीय दरबानों ने मन यों, ए ै िमयों और सब बचे ए इ ाएिलयों से और
सब य िदयों और िब ामीिनयों से और य शले म के िनवािसयों के हाथ से ले कर इक ा िकया था, उसको सौंप िदया।
10 अथात उ ोंने उसे उन काम करने वालों के हाथ सौंप िदया जो यहोवा के भवन के काम पर मु खये थे , और यहोवा के भवन के उन काम करने वालों ने उसे भवन म जो कुछ टू टा
फूटा था, उसकी मर त करने म लगाया।
11 अथात उ ोंने उसे बढ़इयों और राजों को िदया िक वे गढ़े ए प र और जोड़ों के िलये लकड़ी मोल ल, और उन घरों को पाट जो य दा के राजाओं ने नाश कर िदए थे।
12 और वे मनु स ाई से काम करते थे, और उनके अिधकारी मरारीय, यहत और ओब ाह, लेवीय और कहाती, जकयाह और मशु ाम काम चलाने वाले और गाने -बजाने का भे द
सब जानने वाले लेवीय भी थे।
13 िफर वे बोिझयों के अिधकारी थे और भांित भांित की सेवकाई और काम चलाने वाले थे , और कुछ ले वीय मुं शी सरदार और दरबान थे।
14 जब वे उस पये को जो यहोवा के भवन म प ंचाया गया था, िनकाल रहे थे, तब िह ाह याजक को मूसा के ारा दी ई यहोवा की व था की पु क िमली।
15 तब िह ाह ने शापान मं ी से कहा, मुझे यहोवा के भवन म व था की पु क िमली है ; तब िह ाह ने शापान को वह पु क दी।
16 तब शापान उस पु क को राजा के पास ले गया, और यह स े श िदया, िक जो जो काम तेरे कमचा रयों को सौंपा गया था उसे वे कर रहे ह।
17 और जो पया यहोवा के भवन म िमला, उसको उ ोंने उ े ल कर मु खयों और कारीगरों के हाथों म सौंप िदया है ।
18 िफर शापान मं ी ने राजा को यह भी बता िदया िक िह ाह याजक ने मु झे एक पु क दी है तब शपान ने उस म से राजा को पढ़ कर सुनाया।
19 व था की वे बात सुन कर राजा ने अपने व फाढ़े ।
20 िफर राजा ने िह ाह शापान के पु अहीकाम, मीका के पु अ ोन, शापान मं ी और असायाह नाम अपने कमचारी को आ ा दी,
21 िक तुम जा कर मेरी ओर से और इ ाएल और य दा म रहने वालों की ओर से इस पाई ई पु क के वचनों के िव यहोवा से पूछो; ोंिक यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर
इसिलये भड़की है िक हमारे पुरखाओं ने यहोवा का वचन नहीं माना, और इस पु क म िलखी ई सब आ ाओं का पालन नहीं िकया।
22 तब िह ाह ने राजा के और और दू तों समेत ा निबया के पास जा कर उस से उसी बात के अनु सार बात की, वह तो उस श ूम की ी थी जो तोखत का पु और ह ा का
पोता और व ालय का रखवाला था: और वह ी य शले म के नये टोले म रहती थी।
23 उसने उन से कहा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, िक िजस पु ष ने तु म को मे रे पास भे जा, उस से यह कहो,
24 िक यहोवा यों कहता है, िक सुन, म इस थान और इस के िनवािसयों पर िवपि डाल कर य दा के राजा के सा ने जो पु क पड़ी गई, उस म िजतने शाप िलखे ह उन सभों को
पू रा क ं गा।
25 उन लोगों ने मुझे ाग कर पराये दे वताओं के िलये धूप जलाया है और अपनी बनाईं ई सब व ु ओं के ारा मु झे रस िदलाई है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस थान पर भड़क
उठी है , और शा न होगी।
26 पर ु य दा का राजा िजसने तु यहोवा के पू छने को भेज िदया है उस से तुम यों कहो, िक इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है,
27 िक इसिलये िक तू वे बात सुन कर दीन आ, और परमे र के सा ने अपना िसर नवाया, और उसकी बात सु न कर जो उसने इस थान और इस के िनवािसयों के िव कही ं, तू ने
मेरे सा ने अपना िसर नवाया, और व फाड़ कर मेरे सा ने रोया है , इस कारण म ने ते री सु नी है ; यहोवा की यही वाणी है।
28 सु न, म तुझे तेरे पु रखाओं के संग ऐसा िमलाऊंगा िक तू शांित से अपनी क को प ंचाया जायगा; और जो िवपि म इस थान पर, और इसके िनवािसयों पर डालना चाहता ँ, उस म
से तुझे अपनी आं खों से कुछ भी दे खना न पड़े गा। तब उन लोगों ने लौट कर राजा को यही स े श िदया।
29 तब राजा ने य दा और य शले म के सब पु रिनयों को इक े होने को बुलवा भे जा।
30 और राजा य दा के सब लोगों और य शले म के सब िनवािसयों और याजकों और लेिवयों वरन छोटे बड़े सारी जा के लोगों को संग ले कर यहोवा के भवन को गया; तब उस न जो
वाचा की पु क यहोवा के भवन म िमली थी उस म की सारी बात उन को पढ़ कर सुनाईं।
31 तब राजा ने अपने थान पर खड़ा हो कर, यहोवा से इस आशय की वाचा बा ी िक म यहोवा के पीछे पीछे चलूं गा, और अपने पूण मन और पूण जीव से उसकी आ ाएं , िचतौिनयों
और िविधयों का पालन क ं गा, और इन वाचा की बातों को जो इस पु क म िलखी ह, पूरी क ं गा।
32 और उसने उन सभों से जो य शलेम म और िब ामीन म थे वैसी ही वाचा ब ाई। और य शले म के िनवासी, परमे र जो उनके िपतरों का परमे र था, उसकी वाचा के अनु सार
करने लगे।
33 और योिश ाह ने इ ाएिलयों के सब दे शों म से सब िघनौनी व ुओं को दू र कर के िजतने इ ाएल म िमले , उन सभों से उपासना कराई; अथात उनके परमे र यहोवा की उपासना
कराई। और उसके जीवन भर उ ोंने अपने पू वजों के परमे र यहोवा के पीछे चलना न छोड़ा।
2 इितहास 35
1 और योिश ाह ने य शलेम म यहोवा के िलये फसह पव माना और पिहले महीने के चौदहव िदन को फसह का पशु बिल िकया गया।
2 और उसने याजकों को अपने अपने काम म ठहराया, और यहोवा के भवन म की से वा करने को उनका िहयाव ब ाया।
3 िफर लेवीय जो सब इ ाएिलयों को िसखाते और यहोवा के िलये पिव ठहरे थे, उन से उसने कहा, तु म पिव स दू क को उस भवन म रखो जो दाऊद के पु इ ाएल के राजा
सु लैमान ने बनवाया था; अब तुम को क ों पर बोझ उठाना न होगा। अब अपने परमे र यहोवा की और उसकी जा इ ाएल की सेवा करो।
4 और इ ाएल के राजा दाऊद और उसके पु सु लैमान दोनों की िलखी ई िविधयों के अनुसार, अपने अपने िपतरों के अनुसार, अपने अपने दल म तैयार रहो।
5 और तु ारे भाई लोगों के िपतरों के घरानों के भागों के अनुसार पिव थान म खड़े रहो, अथात उनके एक भाग के िलये लेिवयों के एक एक िपतर के घराने का एक भाग हो।
6 और फसह के पशुओं को बिल करो, और अपने अपने को पिव कर के अपने भाइयों के िलये तैयारी करो िक वे यहोवा के उस वचन के अनु सार कर सक, जो उसने मूसा के ारा
कहा था।
7 िफर योिश ाह ने सब लोगों को जो वहां उप थत थे, तीस हजार भेड़ों और बक रयों के ब े और तीन हजार बैल िदए थे; ये सब फसह के बिलदानों के िलये राजा की स ि म से
िदए गए थे ।
8 और उस के हािकमों ने जा के लोगों, याजकों और लेिवयों को े ाबिलयों के िलये पशु िदए। और िह ाह, जकयाह और यहीएल नाम परमे र के भवन के धानों ने याजकों
को दो हजार छ:सौ भेड़-बक रयां । और तीन सौ बैल फसह के बिलदानों के िलये िदए।
9 और कोन ाह ने और शमायाह और नतनेल जो उसके भाई थे, और हस ाह, यीएल और योजाबाद नामक लेिवयों के धानों ने ले िवयों को पांच हजार भेड़-बक रयां , और पां च सौ
बैल फसह के बिलदानों के िलये िदए।
10 इस कार उपासना की तैयारी हो गई, और राजा की आ ा के अनुसार याजक अपने अपने थान पर, और ले वीय अपने अपने दल म खड़े ऐ।
11 तब फसह के पशु बिल िकए गए, और याजक बिल करने वालों के हाथ से लो को ले कर िछड़क दे ते और ले वीय उनकी खाल उतारते गए।
12 तब उ ोंने होमबिल के पशु इसिलये अलग िकए िक उ लोगों के िपतरों के घरानों के भागों के अनुसार द, िक वे उ यहोवा के िलये चढ़वा द जैसा िक मूसा की पु क म िलखा
है; और बै लों को भी उ ोंने वैसा ही िकया।
13 तब उ ोंने फसह के पशुओं का मांस िविध के अनुसार आग म भूं जा, और पिव व ु एं, हंिडयों और हंडों और थािलयों म िसझा कर फुतीं से लोगों को प ंचा िदया।
14 तब उ ोंने अपने िलये और याजकों के िलये तैयारी की, ोंिक हा न की स ान के याजक होमबिल के पशु और चरबी रात तक चढ़ाते रहे, इस कारण ले िवयों ने अपने िलये और
हा न की स ान के याजकों के िलये तैयारी की।
15 और आसाप के वंश के गवैये, दाऊद, आसाप, हेमान और राजा के दशीं यदू तू न की आ ा के अनु सार अपने अपने थान पर रहे, और ारपाल एक एक फाटक पर रहे । उ अपना
अपना काम छोड़ना न पड़ा, ोंिक उनके भई लेिवयों ने उनके िलये तैयारी की।
16 यों उसी िदन राजा योिश ाह की आ ा के अनुसार फसह मनाने और यहोवा की वेदी पर होमबिल चढ़ाने के िलये यहोवा की सारी अपासना की तैयारी की गई।
17 जो इ ाएली वहां उप थत थे उ ोंने फसह को उसी समय और अखमीरी रोटी के पव को सात िदन तक माना।
18 इस फसह के बराबर शमूएल नबी के िदनों से इ ाएल म कोई फसह मनाया न गया था, और न इ ाएल के िकसी राजा ने ऐसा मनाया, जैसा योिश ाह और याजकों, लेिवयों और
िजतने य दी और इ ाएली उप थत थे, उनहोंने और य शले म के िनवािसयों ने मनाया।
19 यह फसह योिश ाह के रा के अठारहव वष म मनाया गया।
20 इसके बाद जब योिश ाह भवन को तैयार कर चुका, तब िम के राजा नको ने परात के पास के कुकमीश नगर से लड़ने को चढ़ाई की और योिश ाह उसका सा ना करने को
गया।
21 पर ु उसने उस के पास दू तों से कहला भेजा, िक हे य दा के राजा मेरा तुझ से ा काम! आज म तुझ पर नही ं उसी कुल पर चढ़ाई कर रहा ँ, िजसके साथ म यु करता ँ; िफर
परमे र ने मुझ से फुती ं करने को कहा है। इसिलये परमे र जो मेरे सं ग है , उस से अलग रह, कही ं ऐसा न हो िक वह तुझे नाश करे ।
22 पर ु योिश ाह ने उस से मुं ह न मोड़ा, वरन उस से लड़ने के िलये भेष बदला, और नको के उन वचनों को न माना जो उसने परमे र की ओर से कहे थे, और मिग ो की तराई म
उस से यु करने को गया।
23 तब धनुधा रयों ने राजा योिश ाह की ओर तीर छोड़े ; और राजा ने अपने सेवकों से कहा, म तो ब त घायल आ, इसिलये मुझे यहां से ले जाओ।
24 तब उसके सेवकों ने उसको रथ पर से उतार कर उसके दू सरे रथ पर चढ़ाया, और य शले म ले गये । और वह मर गया और उसके पुरखाओं के कि ान म उसको िम ी दी गई।
और य िदयों और य शले िमयों ने योिश ाह के िलये िवलाप िकया।
25 और ियमयाह ने योिश ाह के िलये िवलाप का गीत बनाया और सब गाने वाले और गाने वािलयां अपने िवलाप के गीतों म योिश ाह की चचा आज तक करती ह। और इनका गाना
इ ाएल म एक िविध के तु ठहराया गया और ये बात िवलापगीतों म िलखी ई ह।
26 योिश ाह के और काम और भ के जो काम उसने उसी के अनु सार िकए जो यहोवा की व था म िलखा आ है।
27 और आिद से अ तक उसके सब काम इ ाएल और य दा के राजाओं के इितहास की पु क म िलखे ए ह।
2 इितहास 36
1 तब दे श के लोगों ने योिश ाह के पु यहोआहाज को ले कर उसके िपता के थान पर य शलेम म राजा बनाया।
2 जब यहोआहाज रा करने लगा, तब वह तेईस वष का था, और तीन महीने तक य शलेम म रा करता रहा।
3 तब िम के राजा ने उसको य शलेम म राजग ी से उनार िदया, और दे श पर सौ िक ार चा ी और िक ार भर लोना जुरमाने म द लगाया।
4 तब िम के राजा ने उसके भाई ए ाकीम को य दा और य शले म का राजा बनाया और उसका नाम बदल कर यहोयाकीम रखा। और नको उसके भाई यहोआहाज को िम म ले
गया।
5 जब यहोयाकीम रा करने लगा, तब वह प ीस वष का था, और ारह वष तक य शले म म रा करता रहा। और उसने वह काम िकया, जो उसके परमे र यहोवा की ि म
बुरा है।
6 उस पर बाबेल के राजा नबूकदने र ने चढ़ाई की, और बाबेल ले जाने के िलये उसको बेिडय़ां पहना दी ं।
7 िफर नबूकदने र ने यहोवा के भवन के कुछ पा बाबे ल ले जा कर, अपने म र म जो बाबेल म था, रख िदए।
8 यहोयाकीम के और काम और उसने जो जो िघनौने काम िकए, और उस म जो जो बु राइयां पाई गई, वह इ ाएल और य दा के राजाओं के इितहास की पु क म िलखी ह। और
उसका पु यहोयाकीन उसके थान पर रा करने लगा।
9 जब यहोयाकीन रा करने लगा, तब वह आठ वष का था, और तीन महीने और दस िदन तक य शलेम म रा करता रहा। और उसने वह िकया, जो परमे र यहोवा की दु ि म
बुरा है।
10 नये वष के लगते ही नबूकदने र ने लोगों को भे ज कर, उसे और यहोवा के भवन के मनभावने पा ों को बाबे ल म मं गवा िलया, और उसके भाई िसदिक ाह को य दा और
य शले म पर राजा िनयु िकया।
11 जब िसदिक ाह रा करने लगा, तब वह इ ीस वष का था, और य शले म म ारह वष तक रा करता रहा।
12 और उसने वही िकया, जो उसके परमे र यहोवा की ि म बु रा है । य ािप ियमयाह नबी यहोवा की ओर से बात कहता था, तौभी वह उसके सा ने दीन न आ।
13 िफर नबूकदने र िजसने उसे परमे र की शपथ खलाई थी, उस से उस ने बलवा िकया, और उस ने हठ िकया और अपना मन कठोर िकया, िक वह इ ाएल के परमे र यहोवा
की ओर न िफरे ।
14 वरन सब धान याजकों ने और लोगों ने भी अ जाितयों के से िघनौने काम कर के ब त बड़ा िव ासघात िकया, और यहोवा के भवन को जो उसने य शलेम म पिव िकया था,
अशु कर डाला।
15 और उनके पूवजों के परमे र यहोवा ने बड़ा य कर के अपने दू तों से उन के पास कहला भेजा, ोंिक वह अपनी जा और अपने धाम पर तरस खाता था;
16 पर ु वे परमे र के दू तों को ठ ों म उड़ाते, उस के वचनों को तु जानते , और उसके निबयों की हंसी करते थे। िनदान यहोवा अपनी जा पर ऐसा झुंझला उठा, िक बचने का कोई
उपाय न रहा।
17 तब उसने उन पर कसिदयों के राजा से चढ़ाई करवाई, और इस ने उनके जवानों को उनके पिव भवन ही म तलवार से मार डाला। और ा जवान, ा कुंवारी, ा बू ढ़े, ा
प े बाल वाले , िकसी पर भी कोमलता न की; यहोवा ने सभों को उसके हाथ म कर िदया।
18 और ा छोटे , ा बड़े , परमे र के भवन के सब पा और यहोवा के भवन, और राजा, और उसके हािकमों के खजाने, इन सभों को वह बाबे ल म ले गया।
19 और कसिदयो ने परमे र का भवन फूंक िदया, और य शले म की शहरपनाह को तोड़ ड़ाला, और आग लगा कर उसके सब भवनों को जलाया, और उस म का सारा ब मू
सामान न कर िदया।
20 और जो तलवार से बच गए, उ वह बाबेल को ले गया, और फारस के रा के बल होने तक वे उसके और उसके बेटों-पोतों के आधीन रहे।
21 यह सब इसिलये आ िक यहोवा का जो वचन ियमयाह के मुं ह से िनकला था, वह पूरा हो, िक दे श अपने िव ाम कालों म सुख भोगता रहे। इसिलये जब तक वह सू ना पड़ा रहा तब
तक अथात स र वष के पूरे होने तक उसको िव ाम िमला।
22 फारस के राजा कू ू के पिहले वष म यहोवा ने उसके मन को उभारा िक जो वचन ियमयाह के मुं ह से िनकला था, वह पूरा हो। इसिलये उसने अपने सम रा म यह चार
करवाया, और इस आशय की िचि यां िलखवाईं,
23 िक फारस का राजा कू् ू कहता है, िक ग के परमे र यहोवा ने पृ ी भर का रा मु झे िदया है , और उसी ने मु झे आ ा दी है िक य शलेम जो य दा म है उस म मे रा एक भवन
बनवा; इसिलये हे उसकी जा के सब लोगो, तुम म से जो कोई चाहे िक उसका परमे र यहोवा उसके साथ रहे, तो वह वहां रवाना हो जाए।
ए ा1
1 फारस के राजा कु ू के पिहले वष म यहोवा ने फारस के राजा कु ू का मन उभारा िक यहोवा का जो वचन ियमयाह के मुंह से िनकला था वह पूरा हो जाए, इसिलये उसने अपने
सम रा म यह चार करवाया और िलखवा भी िदया:
2 िक फारस का राजा कु ू यों कहता है : िक ग के परमे र यहोवा ने पृ ी भर का रा मु झे िदया है , और उसने मुझे आ ा दी, िक य दा के य शलेम म मेरा एक भवन बनवा।
3 उसकी सम जा के लोगों म से तु ारे म जो कोई हो, उसका परमे र उसके साथ रहे, और वह य दा के य शले म को जा कर इ ाएल के परमे र यहोवा का भवन बनाए -
जो य शले म म है वही परमे र है।
4 और जो कोई िकसी थान म रह गया हो, जहां वह रहता हो, उस थान के मनु चा ी, सोना, धन और पशु दे कर उसकी सहायता कर और इस से अिधक परमे र के य शले म के
भवन के िलये अपनी अपनी इ ा से भी भट चढ़ाएं ।।
5 तब य दा और िब ामीन के िजतने िपतरों के घरानों के मु पु षों और याजकों और लेिवयों का मन परमे र ने उभारा था िक जा कर य शलेम म यहोवा के भवन को बनाएं , वे
सब उठ खड़े ए;
6 और उनके आसपास सब रहने वालों ने चा ी के पा , सोना, धन, पशु और अनमोल व ु एं दे कर, उनकी सहायता की; यह उन सब से अिधक था, जो लोगों ने अपनी अपनी इ ा से
िदया।
7 िफर यहोवा ने भवन के जो पा नबूकदने र ने य शले म से िनकाल कर अपने दे वता के भवन म रखे थे ,
8 उन को कु ू राजा ने , िमथूदात खजांची से िनकलवा कर, य िदयों के शेशब र नाम धान को िगन कर सौंप िदया।
9 उनकी िगनती यह थी, अथात सोने के तीस और चा ी के एक हजार परात और उनतीस छु री,
10 सोने के तीस और म म कार के चा ी के चार सौ दस कटोरे तथा और कार के पा एक हजार।
11 सोने चा ी के पा सब िमल कर पांच हजार चार सौ थे। इन सभों को शेशब र उस समय ले आया जब ब ु ए बाबे ल से य शलेम को आए।।
ए ा2
1 िजन को बाबेल का राजा नबूकदने र बाबेल को ब ु आ कर के ले गया था, उन म से ा के जो लोग ब ुआई से छूट कर य शलेम और य दा को अपने अपने नगर म लौटे वे ये
ह।
2 ये ज ाबे ल, येशू, नहे ाह, सरायाह, रे लायाह, मौदकै, िबलशान, िम ार, िबगवै, र म और बाना के साथ आए। इ ाएली जा के मनु ों की िगनती यह है, अथात
3 परोश की स ान दो हजार एक सौ बह र,
4 शप ाह की स ान तीन सौ बह र,
5 आरह की स ान सात सौ पछह र,
6 पह ोआब की स ान येशू और योआब की स ान म से दो हजार आठ सौ बारह,
7 एलाम की स ान बारह सौ चौवन,
8 ज ू की स ान नौ सौ पतालीस,
9 ज ै की स ान सात सौ साठ,
10 बानी की स ान छ: सौ बयालीस
11 बेबै की स ान छ: सौ तेईस,
12 अजगाद की स ान बारह सौ बाईस,
13 अदोनीकाम की स ान छ: सौ िछयासठ,
14 िब ै की स ान दो हजार छ न,
15 आदीन की स ान चार सौ चौवन,
16 यिहजिक ाह की स ान आतेर की स ान म से अ ानवे,
17 बेसै की स ान तीन सौ तेईस,
18 योरा के लोग एक सौ बारह,
19 हाशूम के लोग दो सौ तेईस,
20 िग ार के लोग पंचानवे,
21 बेतले हेम के लोग एक सौ तेईस,
22 नतोपा के मनु छ न;
23 अनातोत के मनु एक सौ अ ाईस,
24 अ ावेत के लोग बयालीस,
25 िकयतारीम कपीरा और बेरोत के लोग सात सौ तैतालीस,
26 रामा और गेबा के लोग छ: सौ इ ीस,
27 िमकमास के मनु एक सौ बाईस,
28 बेतेल और ऐ के मनु दो सौ तेईस,
29 नबो के लोग बावन,
30 म ीस की स ान एक सौ छ न,
31 दू सरे एलाम की स ान बारह सौ चौवन,
32 हारीम की स ान तीन सौ बीस,
33 लोद, हादीद और ओनो के लोग सात सौ प ीस,
34 यरीहो के लोग तीन सौ पतालीस,
35 सना के लोग तीन हजार छ: सौ तीस।।
36 िफर याजकों अथात येशू के घराने म से यदायाह की स ान नौ सौ ितह र,
37 इ ेर की स ान एक हजार बावन,
38 पश र की स ान बारह सौ सतालीस,
39 हारीम की स ान एक हजार सतरह।
40 िफर ले वीय, अथात येशू की स ान और कदिमएल की स ान होद ाह की स ान म से चौह र।
41 िफर गवैयों म से आसाप की स ान एक सौ अ ाईस।
42 िफर दरबानों की स ान, श ूम की स ान, आतेर की स ान, त ोन की स ान, अ ू ब की स ान, हतीता की स ान, और शोबै की स ान, ये सब िमल कर एक सौ
उनतालीस ए।
43 िफर नतीन की स ान, सीहा की स ान, हसूपा की स ान, त ाओत की स ान।
44 केरोस की स ान, सीअहा की स ान, पादोन की स ान,
45 लवाना की स ान, हगबा की स ान, अ ू ब की स ान,
46 हागाब की स ान, शमलै की स ान, हानान की स ान,
47 िग ल की स ान, गहर की स ान, रायाह की स ान,
48 रसीन की स ान, नकोदा की स ान, ग ाम की स ान,
49 उ ा की स ान, पासेह की स ान, बेसै की स ान,
50 अ ा की स ान, मूनीम की स ान, नपीसीम की स ान,
51 बकबूक की स ान, हकूपा की स ान, ह र की स ान।
52 बसलू त की स ान, महीदा की स ान, हशा की स ान,
53 बक स की स ान, सीसरा की स ान, तेमह की स ान,
54 नसीह की स ान, और हतीपा की स ान।।
55 िफर सु लैमान के दासों की स ान, सोतै की स ान, ह ोपेरेत की स ान, प दा की स ान,
56 याला की स ान, दक न की स ान, िग े ल की स ान,
57 शप ाह की स ान, ह ील की स ान, पोकरे तसबायीम की स ान, और आमी की स ान।
58 सब नतीन और सुलैमान के दासों की स ान, तीन सौ बानवे थे ।।
59 िफर जो ते ेलह, तेलहशा, क ब, अ ान और इ ेर से आए, पर ु वे अपने अपने िपतरों के घराने और वंशावली न बता सके िक वे इ ाएल के ह, वे ये ह:
60 अथात दलायाह की स ान, तोिब ाह की स ान और नकोदा की स ान, जो िमलकर छ: सौ बावन थे ।
61 और याजकों की स ान म से हबायाह की स ान, ह ोस की स ान और बिज की स ान, िजसने िगलादी बिज की एक बेटी को ाह िलया और उसी का नाम रख िलया
था।
62 इन सभों ने अपनी अपनी वंशावली का प औरों की वंशावली की पोिथयों म ढूंढ़ा, पर ु वे न िमले , इसिलये वे अशु ठहरा कर याजक पद से िनकाले गए।
63 और अिधपित ने उन से कहा, िक जब तक ऊरीम और तु ीम धारण करने वाला कोई याजक न हो, तब तक कोई परमपिव व ु खाने न पाए।।
64 सम म ली िमलकर बयालीस हजार तीन सौ साठ की थी।
65 इन को छोड़ इनके सात हजार तीन सौ सतीस दास-दािसयां और दो सौ गान वाले और गाने वािलयां थी ं।
66 उन के घोड़े सात सौ छ ीस, ख र दो सौ पतालीस, ऊंट चार सौ पतीस,
67 और गदहे छ: हजार सात सौ बीस थे।
68 और िपतरों के घरानों के कुछ मु मु पु षों ने जब यहोवा के भवन को जो य शले म म है, आए, तब परमे र के भवन को उसी के थान पर खड़ा करने के िलये अपनी अपनी
इ ा से कुछ िदया।
69 उ ोंने अपनी अपनी पूंजी के अनुसार इकसठ हजार दकमोन सोना और पां च हजार माने चा ी और याजकों के यो एक सौ अंगरखे अपनी अपनी इ ा से उस काम के खजाने म
दे िदए।
70 तब याजक और लेवीय और लोगों म से कुछ और गवैये और ारपाल और नतीन लोग अपने नगर म और सब इ ाएली अपने अपने नगर म िफर बस गए।।
ए ा3
1 जब सातवां महीना आया, और इ ाएली अपने अपने नगर म बस गए, तो लोग य शले म म एक मन हो कर इक े ए।
2 तब योसादाक के पु येशू ने अपने भाई याजकों समेत और शालतीएल के पु ज ाबे ल ने अपने भाइयों समेत कमर बा कर इ ाएल के परमे र की वेदी को बनाया िक उस पर
होमबिल चढ़ाएं , जै से िक परमे र के भ मूसा की व था म िलखा है ।
3 तब उ ोंने वेदी को उसके थान पर खड़ा िकया ोंिक उ उस ओर के दे शों के लोगों का भय रहा, और वे उस पर यहोवा के िलये होमबिल अथात ितिदन सबेरे और सां झ के
होमबिल चढ़ाने लगे।
4 और उ ोंने झोंपिडय़ों के पव को माना, जैसे िक िलखा है, और ितिदन के होमबिल एक एक िदन की िगनती और िनयम के अनुसार चढ़ाए।
5 और उसके बाद िन होमबिल और नये नये चा और यहोवा के पिव िकए ए सब िनयत पव के बिल और अपनी अपनी इ ा से यहोवा के िलये सब े ाबिल हर एक के िलये
बिल चढ़ाए।
6 सातव महीने के पिहले िदन से वे यहोवा को होमबिल चढ़ाने लगे । पर ु यहोवा के म र की ने व तब तक न डाली गई थी।
7 तब उ ोंने प र गढ़ने वालों और कारीगरों को पया, और सीदोनी और सोरी लोगों को खाने-पीने की व ुएं और ते ल िदया, िक वे फारस के राजा कु ू के प के अनुसार दे वदार
की लकड़ी लबानोन से जापा के पास के समु म प ंचाएं ।
8 उनके परमे र के भवन म, जो य शलेम म है, आने के दू सरे वष के दू सरे महीने म, शालतीएल के पु ज ाबे ल ने और योसादाक के पु ये शू ने और उनके और भाइयों ने जो
याजक और लेवीय थे , और िजतने ब ुआई से य शलेम म आए थे उ ोंने भी काम को आर िकया, और बीस वष अथवा उस से अिधक अव था के ले िवयों को यहोवा के भवन का
काम चलाने के िलये िनयु िकया।
9 तो ये शू और उसके बेटे और भाई और कदमीएल और उसके बेटे, जो य दा की स ान थे, और हेनादाद की स ान और उनके बेटे परमे र के भवन म कारीगरों का काम चलाने को
खड़े ए।
10 और जब राजों ने यहोवा के म र की नेव डाली तब अपने व पिहने ए, और तु रिहयां िलये ए याजक, और झांझ िलये ए आसाप के वंश के लेवीय इसिलये िनयु िकए गए
िक इ ाएिलयों के राजा दाऊद की चलाई ई रीित के अनुसार यहोवा की ु ित कर।
11 सो वे यह गा गाकर यहोवा की ुित और ध वाद करने लगे, िक वह भला है , और उसकी क णा इ ाएल पर सदै व बनी है। और जब वे यहोवा की ु ित करने लगे तब सब लोगों
ने यह जान कर िक यहोवा के भवन की नेव अब पड़ रही है, ऊंचे श से जयजयकार िकया।
12 पर ु ब तेरे याजक और लेवीय और पूवजों के घरानों के मु पु ष, अथात वे बू ढ़े िज ोंने पिहला भवन दे खा था, जब इस भवन की नेव उनकी आं खों के सा ने पड़ी तब फूट
फूटकर रोने लगे, और ब तेरे आन के मारे ऊंचे श से जयजयकार कर रहे थे।
13 इसिलये लोग, आन के जयजयकार का श , लोगों के रोने के श से अलग पिहचान न सके, ोंिक लोग ऊंचे श से जयजयकार कर रहे थे, और वह श दू र तक सुनाई
दे ता था।
ए ा4
1 जब य दा और िब ामीन के श ुओं ने यह सु ना िक ब ु आई से छूटे ए लोग इ ाएल के परमे र यहोवा के िलये म र बना रहे ह,
2 तब वे ज ाबेल और पूवजों के घरानों के मु मु पु षों के पास आकर उन से कहने लगे, हम भी अपने संग बनाने दो; ोंिक तु ारी नाईं हम भी तु ारे परमे र की खोज म
लगे ए ह, और अ ूर का राजा एसह ोन िजसने हम यहां प ंचाया, उसके िदनों से हम उसी को बिल चढ़ाते भी ह।
3ज ाबेल, येशू और इ ाएल के िपतरों के घरानों के मु पु षों ने उन से कहा, हमारे परमे र के िलये भवन बनाने म तुम को हम से कुछ काम नहीं; हम ही लोग एक संग िमल
कर फारस के राजा कु ू की आ ा के अनुसार इ ाएल के परमे र यहोवा के िलये उसे बनाएं गे ।
4 तब उस दे श के लोग य िदयों के हाथ ढीला करने और उ डरा कर म र बनाने म कावट डालने लगे ।
5 और फारस के राजा कु ू के जीवन भर वरन फारस के राजा ारा के रा के समय तक उनके मनोरथ को िन ल करने के िलये वकीलों को पया दे ते रहे।
6 यष के रा के पिहले िदनों म उ ोंने य दा और य शले म के िनवािसयों का दोषप उसे िलख भे जा।
7 िफर अत के िदनों म िबशलाम, िमयदात और ताबेल ने और उसके सहच रयों ने फारस के राजा अत को िच ी िलखी, और िच ी अरामी अ रों और अरामी भाषा म िलखी गई।
8 अथात र म राजमं ी और िशलशै मं ी ने य शलेम के िव राजा अत को इस आशय की िच ी िलखी।
9 उस समय र म राजमं ी और िशमशै मं ी और उनके और सहच रयों ने, अथात दीनी, अपसतकी, तप ी, अफ़ारसी, एरे की, बाबेली, शूशनी, दे हवी, एलामी,
10 आिद जाितयों ने िज महान और धान ओ र ने पार ले आकर शोमरोन नगर म और महानद के इस पार के शेष दे श म बसाया था, एक िच ी िलखी।
11 जो िच ी उ ोंने अत राजा को िलखी, उसकी यह नकल है---तेरे दास जो महानद के पार के मनु ह, इ ािद।
12 राजा को यह िविदत हो, िक जो य दी तेरे पास से चले आए, वे हमारे पास य शलेम को प ं चे ह। वे उस दं गैत और िघनौने नगर को बसा रहे ह; वरन उसकी शहरपनाह को खड़ा
कर चुके ह और उसकी नेव को जोड़ चुके ह।
13 अब राजा को िविदत हो िक यिद वह नगर बस गया और उसकी शहरपनाह बन चुकी, तब तो वे लोग कर, चुंगी और राहदारी िफर न दगे, और अ म राजाओं की हािन होगी।
14 हम लोग तो राजम र का नमक खाते ह और उिचत नहीं िक राजा का अनादर हमारे दे खते हो, इस कारण हम यह िच ी भेज कर राजा को िचता दे ते ह।
15 तेरे पु रखाओं के इितहास की पु क म खोज की जाए; तब इितहास की पु क म तू यह पाकर जान लेगा िक वह नगर बलवा करने वाला और राजाओं और ा ों की हािन करने
वाला है , और ाचीन काल से उस म बलवा मचता आया है । और इसी कारण वह नगर न भी िकया गया था।
16 हम राजा को िन य करा दे ते ह िक यिद वह नगर बसाया जाए और उसकी शहरपनाह बन चु के, तब इसके कारण महानद के इस पार तेरा कोई भाग न रह जाएगा।
17 तब राजा ने र म राजमं ी और िशमशै मं ी और शोमरोन और महानद के इस पार रहने वाले उनके और सहच रयों के पास यह उ र भेजा, कुशल, इ ािद।
18 जो िच ी तुम लोगों ने हमारे पास भेजी वह मेरे सा ने पढ़ कर साफ साफ सुनाई गई।
19 और मे री आ ा से खोज िकये जाने पर जान पड़ा है, िक वह नगर ाचीनकाल से राजाओं के िव िसर उठाता आया है और उसम दं गा और बलवा होता आया है।
20 य शले म के सामथी ं राजा भी ए जो महानद के पार से सम दे श पर रा करते थे , और कर, चुं गी और राहदारी उन को दी जाती थी।
21 इसिलये अब इस आ ा का चार कर िक वे मनु रोके जाएं और जब तक मे री ओर से आ ा न िमले , तब तक वह नगर बनाया न जाए।
22 और चौकस रहो, िक इस बात म ढीले न होना; राजाओं की हािन करने वाली वह बुराई ों बढ़ने पाए?
23 जब राजा अत की यह िच ी र म और िशमशै मं ी और उनके सहच रयों को पढ़ कर सुनाई गई, तब वे उतावली कर के य शलेम को य िदयों के पास गए और भुजबल और
ब रयाई से उन को रोक िदया।
24 तब परमे र के भवन का काम जो य शलेम म है, क गया; और फारस के राजा दारा के रा के दू सरे वष तक का रहा।
ए ा5
1 तब हा ै नामक नबी और इ ो का पोता जकयाह य दा और य शलेम के य िदयों से नबू वत करने लगे, उ ोंने इ ाएल के परमे र के नाम से उन से नबूवत की।
2 तब शालतीएल का पु ज ाबेल और योसादाक का पु येशू, कमर बा कर परमे र के भवन को जो य शले म म है बनाने लगे; और परमे र के वे नबी उनका साथ दे ते रहे।
3 उसी समय महानद के इस पार का त नै नाम अिधपित और शतब जनै अपने सहच रयों समे त उनके पास जा कर यों पूछने लगे, िक इस भवन के बनाने और इस शहरपनाह के खड़े
करने की िकस ने तुम को आ ा दी है?
4 तब हम लोगों से यह कहा, िक इस भवन के बनाने वालों के ा ा नाम ह?
5 पर ु य िदयों के पु रिनयों के परमे र की ि उन पर रही, इसिलये जब तक इस बात की चचा दारा से न की गई और इसके िवषय िच ी के ारा उ र न िमला, तब तक उ ोंने इन
को न रोका।
6 जो िच ी महानद के इस पार के अिधपित त नै और शतब जनै और महानद के इस पार के उनके सहचरी अपासिकयों ने राजा दाना के पास भेजी उसकी नकल यह है;
7 उ ोंने उसको एक िच ी िलखी, िजस म यह िलखा था: िक राजा दारा का कुशल ेम सब कार से हो।
8 राजा को िविदत हो, िक हम लोग य दा नाम ा म महान परमे र के भवन के पास गए थे, वह बड़े बड़े प रों से बन रहा है , और उसकी भीतों म किडय़ां जुड़ रही ह; और यह
काम उन लोगों से फुती ं के साथ हो रहा है, और सफल भी होता जाता है ।
9 इसिलये हम ने उन पुरिनयों से यों पूछा, िक यह भवन बनवाने, और यह शहरपनाह खड़ी करने की आा ा िकस ने तु दी?
10 और हम ने उनके नाम भी पूछे, िक हम उनके मु पु षों के नाम िलख कर तुझ को जता सक।
11 और उ ोंने हम यों उ र िदया, िक हम तो आकाश और पृ ी के परमे र के दास ह, और िजस भवन को ब त वष ए इ ाएिलयों के एक बड़े राजा ने बना कर तैयार िकया था,
उसी को हम बना रहे ह।
12 जब हमारे पु रखाओं ने ग के परमे र को रस िदलाई थी, तब उसने उ बाबेल के कसदी राजा नबूकदने र के हाथ म कर िदया था, और उसने इस भवन को नाश िकया और
लोगों को ब ुआ कर के बाबेल को ले गया।
13 पर ु बाबेल के राजा कु ू के पिहले वष म उसी कु ू राजा ने परमे र के इस भवन के बनाने की आ ा दी
14 और परमे र के भवन के जो सोने और चा ी के पा नबूकदने र य शले म के म र म से िनकलवा कर बाबे ल के म र म ले गया था, उन को राजा कु ू ने बाबेल के म र म
से िनकलवा कर शेशब र नामक एक पु ष को िजसे उसने अिधपित ठहरा िदया था, सौंप िदया।
15 और उसने उस से कहा, ये पा ले जा कर य शलेम के म र म रख, और परमे र का वह भवन अपने थान पर बनाया जाए।
16 तब उसी शेशब र ने आकर परमे र के भवन की जो य शलेम म है ने व डाली; और तब से अब तक यह बन रहा है, पर ु अब तक नही ं बन पाया।
17 अब यिद राजा को अ ा लगे तो बाबेल के राजभणडार म इस बात की खोज की जाए, िक राजा कु ू ने सचमु च परमे र के भवन के जो य शलेम म है बनवाने की आ ा दी थी, था
नही ं। तब राजा इस िवषय म अपनी इ ा हम को बताए।
ए ा6
1 तब राजा दारा की आ ा से बाबेल के पु कालय म जहां खजाना भी रहता था, खोज की गई।
2 और मादे नाम ा के अहमता नगर के राजगढ़ म एक पु क िमली, िजस म यह वृ ा िलखा था:
3 िक राजा कु ू के पिहले वष म उसी कु ू राजा ने यह आ ा दी, िक परमे र के भवन के िव जो य शलेम म है , अथात वह भवन िजस म बिलदान िकए जाते थे, वह बनाया जाए
और उसकी नेव ढ़ता से डाली जाए, उसकी ऊंचाई और चौड़ाई साठ साठ हाथ की हों;
4 उस म तीन र े भारी भारी प रों के हों, और एक परत नई लकड़ी का हो; और इनकी लागत राजभवन म से दी जाए।
5 और परमे र के भवन के जो सोने ओर चा ी के पा नबूकदने र ने य शलेम के म र म से िनकलवा कर बाबेल को प ंचा िदए थे वह लौटा कर य शलेम के म र म अपने
अपने थान पर प ं चाए जाएं , और तू उ परमे र के भवन म रख दे ना।
6 अब हे महानद के पार के अिधपित त नै! हे शतब जनै ! तुम अपने सहचरी महानद के पार के अपासिकयों समे त वहां से अलग रहो;
7 परमे र के उस भवन के काम को रहने दो; य िदयों का अिधपित और य िदयों के पु रिनये परमे र के उस भवन को उसी के थान पर बनाएं ।
8 वरन म आ ा दे ता ं िक तु य िदयों के उन पु रिनयों से ऐसा बताव करना होगा, िक परमे र का वह भवन बनाया जाए; अथात राजा के धन म से, महानद के पार के कर म से , उन
पु षों को फुतीं के साथ खचा िदया जाए; ऐसा न हो िक उन को कना पड़े ।
9 और ा बछड़े ! ा मेढ़े! ा मे े! ग के परमे र के होमबिलयों के िलये िजस िजस व ु का उ योजन हो, और िजतना गे ं, नमक, दाखमधु और तेल य शले म के याजक
कह, वह सब उ िबना भूल चूक ितिदन िदया जाए,
10 इसिलये िक वे ग के परमे र को सुखदायक सुग वाले बिल चढ़ा कर, राजा और राजकुमारों के दीघायु के िलये ाथना िकया कर।
11 िफर म ने आ ा दी है, िक जो कोई यह आ ा टाले, उसके घर म से कड़ी िनकाली जाए, और उस पर वह यं चढ़ा कर जकड़ा जाए, और उसका घर इस अपराध के कारण घूरा
बनाया जाए।
12 और परमे र िजसने वहां अपने नाम का िनवास ठहराया है, वह ा राजा ा जा, उन सभों को जो यह आ ा टालने और परमे र के भवन को जो य शलेम म है नाश करने के
िलये हाथ बढ़ाएं , न कर। मुझ दारा ने यह आ ा दी है फुती ं से ऐसा ही करना।
13 तब महानद के इस पार के अिधपित त नै और शतब जनै और उनके सहच रयों ने दारा राजा के िच ी भे जने के कारण, उसी के अनुसार फुती ं से काम िकया।
14 तब य दी पुरिनये, हा ै नबी और इ ो के पोते जकयाह के नबूवत करने से म र को बनाते रहे , और कृताथ भी ए। ओर इ ाएल के परमे र की आ ा के अनुसार और फारस के
राजा कु ू, दारा और अत की आ ाओं के अनु सार बनाते बनाते उसे पूरा कर िलया।
15 इस कार वह भवन राजा दारा के रा के छठव वष म अदार महीने के तीसरे िदन को बनकर समा आ।
16 इ ाएली, अथात याजक लेवीय और और िजतने ब ुआई से आए थे उ ोंने परमे र के उस भवन की ित ा उ व के साथ की।
17 और उस भवन की ित ा म उ ोंने एक सौ बै ल और दो सौ मेढ़े और चार सौ मे े और िफर सब इ ाएल के िनिम पापबिल कर के इ ाएल के गो की िगनती के अनुसार बारह
बकरे चढ़ाए।
18 तब जै से मूसा की पु क म िलखा है, वैसे ही उ ोंने परमे र की आराधना के िलये जो य शलेम म है, बारी बारी से याजकों और दल दल के लेिवयों को िनयु कर िदया।
19 िफर पिहले महीने के चौदहव िदन को ब ुआई से आए ए लोगों ने फसह माना।
20 ोंिक याजकों और लेिवयों ने एक मन हो कर, अपने अपने को शु िकया था; इसिलये वे सब के सब शु थे। और उ ोंने ब ुआई से आए ए सब लोगों और अपने भाई याजकों
के िलये और अपने अपने िलये फसह के पशु बिल िकए।
21 तब ब ुआई से लौटे ए इ ाएली और िजतने और दे श की अ जाितयों की अशु ता से इसिलये अलग हो गए थे िक इ ाएल के परमे र यहोवा की खोज कर, उन सभों ने भोजन
िकया।
22 और अखमीरी रोटी का पव सात िदन तक आन के साथ मनाते रहे; ोंिक यहोवा ने उ आन त िकया था, और अ ूर के राजा का मन उनकी ओर ऐसा फेर िदया िक वह
परमे र अथात इ ाएल के परमे र के भवन के काम म उनकी सहायता करे ।
ए ा7
1 इन बातों के बाद अथात फारस के राजा अत के िदनों म, ए ा बाबे ल से य शले म को गया। वह सरायाह का पु था। और सरायाह अजयाह का पु था, अजयाह िह ाह का,
2 िह ाह श ूम का, श ूम सादोक का, शदोक अहीतूब का, अहीतूब अमयाह का, अमयाह अजयाह का,
3 अजयाह मरायोत का,
4 मरायोत जर ाह का, जर ाह उ ी का, उ ी बु ी का,
5 बु ी अबीशू का, अबीशू पीनहास का, पीनहास एलीआज़र का और एलीआज़र हा न महायाजक का पु था।
6 यही ए ा मूसा की व था के िव िजसे इ ाएल के परमे र यहोवा ने दी थी, िनपुण शा ी था। और उसके परमे र यहोवा की कृपा ि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने
उसका मुं ह मांगा वर दे िदया।
7 और िकतने इ ाएली, और याजक लेवीय, गवैये, और ारपाल और नतीन के कुछ लोग अत राजा के सातव वष म य शलेम को ले गए।
8 और वह राजा के सातव वष के पांचव महीने म य शले म को प ं चा।
9 पिहले महीने के पिहले िदन को वह बाबेल से चल िदया, और उसके परमे र की कृपा ि उस पर रही, इस कारएा पां चव महीने के पिहले िदन वह य शलेम को प ंचा।
10 ोंिक ए ा ने यहोवा की व था का अथ बूझ लेने, और उसके अनुसार चलने , और इ ाएल म िविध और िनयम िसखाने के िलये अपना मन लगाया था।
11 जो िच ी राजा अत ने ए ा याजक और शा ी को दी थी जो यहोवा की आ ाओं के वचनों का, और उसकी इ ाएिलयों म चलाई ई िविधयों का शा ी था, उसकी नकल यह है;
12 अथात, ए ा याजक जो ग के परमे र की व था का पू ण शा ी है, उसको अत महाराजािधराज की ओर से, इ ािद।
13 म यह आ ा दे ता ँ, िक मेरे रा म िजतने इ ाएली और उनके याजक और लेवीय अपनी इ ा से य शले म जाना चाह, वे तेरे साथ जाने पाएं ।
14 तू तो राजा और उसके सातों मंि यों की ओर से इसिलये भेजा जाता है, िक अपने परमे र की व था के िवषय जो तेरे पास है, य दा और य शलेम की दशा बूझ ले,
15 और जो चा ी-सोना, राजा और उसके मि यों ने इ ाएल के परमे र को िजसका िनवास य शले म म है , अपनी इ ा से िदया है,
16 और िजतना चा ी-सोना कुल बाबेल ा म तुझे िमले गा, और जो कुछ लोग और याजक अपनी इ ा से अपने परमे र के भवन के िलये जो य शलेम म ह दगे, उसको ले जाए।
17 इस कारण तू उस पये से फुतीं के साथ बैल, मेढ़े और मे े उनके यो अ बिल और अघ की व ु ओं समे त मोल लेना और उस वेदी पर चढ़ाना, जो तु ारे परमे र के य शले म
वाले भवन म है।
18 और जो चा ी-सोना बचा रहे , उस से जो कुछ तुझे और तेरे भाइयों को उिचत जान पड़े , वही अपने परमे र की इ ा के अनुसार करना।
19 और तेरे परमे र के भवन की उपासना के िलये जो पा तुझे सौपे जाते ह, उ य शले म के परमे र के सा ने दे दे ना।
20 और इन से अिधक जो कुछ तुझे अपने परमे र के भवन के िलये आव क जान कर दे ना पड़े , वह राजखजाने म से दे दे ना।
21 म अत राजा यह आ ा दे ता ँ, िक तुम महानद के पार के सब खजांिचयों से जो कुछ ए ा याजक, जो ग के परमे र की व था का शा ी है, तुम लोगों से चाहे, वह फुती ं के
साथ िकया जाए।
22 अथात सौ िक ार तक चा ी, सौ कोर तक गे ं, सौ बत तक दाखमधु, सौ बत तक तेल और नमक िजतना चािहये उतना िदया जाए।
23 जो जो आ ा ग के परमे र की ओर से िमले, ठीक उसी के अनु सार ग के परमे र के भवन के िलये िकया जाय, राजा और राजकुमारों के रा पर परमे र का ोध ों
भड़कने पाए।
24 िफर हम तुम को िचता दे ते ह, िक परमे र के उस भवन के िकसी याजक, ले वीय, गवैये, ारपाल, नतीन था और िकसी सेवक से कर, चुंगी, अथवा राहदारी लेने की आ ा नही ं है।
25 िफर हे ए ा! तेरे परमे र से िमली ई बु के अनुसार जो तुझ म है, ािययों और िवचार करने वालों को िनयु कर जो महानद के पार रहने वाले उन सब लोगों म जो तेरे
परमे र की व था जानते हों ाय िकया कर; और जो जो उ न जानते हों, उन को तुम िसखाया करो।
26 और जो कोई तेरे परमे र की व था और राजा की व था न माने , उसको फुती ं से द िदया जाए, चाहे ाणद , चाहे दे श िनकाला, चाहे माल ज िकया जाना, चाहे कैद
करना।
27 ध है हमारे िपतरों का परमे र यहोवा, िजसने ऐसी मनसा राजा के मन म उ की है , िक यहोवा के य शलेम के भवन को संवारे ,
28 और मू झ पर राजा और उसके मंि यों और राजा के सब बड़े हािकमों को दयालु िकया। मेरे परमे र यहोवा की कृपा ि जो मुझ पर ई, इसके अनुसार म ने िहयाव बा ा, और
इ ाएल म से मु पु षों को इक ा िकया, िक वे मेरे संग चल।
ए ा8
1 उनके पू वजों के घरानों के मु मु पु ष ये ह, और जो लोग राजा अत के रा म बाबे ल से मे रे संग य शले म को गए उनकी वंशावली यह है:
2 अथात पीनहास के वंश म से गेश म, ईतामार के वंश म से दािन ेल, दाऊद के वंश म से ह ू स।
3 शक ाह के वंश के परोश के गो म से जकयाह, िजसके सं ग डे ढ़ सौ पु ष की वंशावली ई।
4 पह ोआब के वंश म से जर ाह का पु ए होएनै, िजसके सं ग दो सौ पु ष थे ।
5 शक ाह के वंश म से यहजीएल का पु , िजसके संग तीन सौ पु ष थे ।
6 आदीन के वंश म से योनातान का पु एबेद, िजसके सं ग पचास पु ष थे ।
7 एलाम के वंश म से अत ाह का पु यशायाह, िजसके सं ग स र पु ष थे।
8 शप ाह के वंश म से मीकाएल का पु जब ाह, िजसके संग अ ी पु ष थे ।
9 योआब के वंश म से यहीएल का पु ओब ाह, िजसके संग दो सौ अठारह पु ष थे।
10 शलोमीत के वंश म से योिस ाह का पु , िजसके संग एक सौ साठ पु ष थे।
11 बेबै के वंश म से बेबै का पु जकयाह, िजसके संग अ ाईस पु ष थे।
12 अजगाद के वंश म से ह ातान का पु योहानान, िजसके सं ग एक सौ दस पु ष थे ।
13 अदोनीकाम के वंश म से जो पीछे गएं उनके ये नाम ह: अथात एलीपे लेत, यीएल, और समायाह, और उनके संग साठ पु ष थे।
14 और िबगवै के वंश म से ऊतै और ज ूद थे, और उनके संग स र पु ष थे ।
15 इन को म ने उस नदी के पास जो अहवा की ओर बहती है इक ा कर िलया, और वहां हम लोग तीन िदन डे रे डाले रहे , और म ने वहां लोगों और याजकों को दे ख िलया पर ु िकसी
ले वीय को न पाया।
16 म ने एलीएजेर, अरीएल, शमायाह, एलनातान, यारीब, एलनातान, नातान, जकयाह और मशू ाम को जो मु पु ष थे, और योयारीब और एलनातान को जो बु मान थे
17 बुलवाकर, इ ो के पास जो कािस ा नाम थान का धान था, भेज िदया; और उन को समझा िदया, िक कािस ा थान म इ ो और उसके भाई नतीन लोगों से ा ा कहना, िक
वे हमारे पास हमारे परमे र के भवन के िलये सेवा टहल करने वालों को ले आएं ।
18 और हमारे परमे र की कृपा ि जो हम पर ई इसके अनुसार वे हमारे पास ई े केल के जो इ ाएल के परपोता और लेवी के पोता महली के वंश म से था, और शेरे ाह को, और
उसके पु ों और भाइयों को, अथात अठारह जनों को ;
19 और हश ाह को, और उसके संग मरारी के वंश म से यशायाह को, और उसके पु ों और भाइयों को, अथात बीस जनों को ;
20 और नतीन लोगों म से िज दाऊद और हािकमों ने लेिवयों की सेवा करने को ठहराया था दो सौ बीस नितनों को ले आए। इन सभों के नाम िलखे ए थे।
21 तब म ने वहां अथात अहवा नदी के तीर पर उपवास का चार इस आशय से िकया, िक हम परमे र के सा ने दीन हों; और उस से अपने और अपने बाल-ब ों और अपनी सम
स ि के िलये सरल या ा मांग।
22 ोंिक म माग के श ुओं से बचने के िलये िसपािहयों का दल और सवार राजा से मांगने से लजाता था, ोंिक हम राजा से यह कह चुके थे िक हमारा परमे र अपने सब खोिजयों
पर, भलाई के िलये कृपा ि रखता है और जो उसे ाग दे ते ह, उसका बल और कोप उनके िव है।
23 इसी िवषय पर हम ने उपवास कर के अपने परमे र से ाथना की, और उसने हमारी सु नी।
24 तब म ने मु याजकों म से बारह पु षों को, अथात शेरे ाह, हश ाह और इनके दस भाइयों को अलग कर के, जो चा ी, सोना और पा ,
25 राजा और उसके मंि यों और उसके हािकमों और िजतने इ ाएली उप थत थे उ ोंने हमारे परमे र के भवन के िलये भट िदए थे, उ तौल कर उन को िदया।
26 अथात म ने उनके हाथ म साढ़े छ: सौ िक ार चा ी, सौ िक ार चा ी के पा ,
27 सौ िक ार सोना, हजार दकमोन के सोने के बीस कटोरे , और सोने सरीखे अनमोल चोखे चमकने वाले पीतल के दो पा तौल कर दे िदये।
28 और म ने उन से कहा, तुम तो यहोवा के िलये पिव हो, और ये पा भी पिव ह; और यह चा ी और सोना भट का है, जो तु ारे िपतरों के परमे र यहोवा के िलये स ता से दी
गई।
29 इसिलये जागते रहो, और जब तक तुम इ य शलेम म धान याजकों और लेिवयों और इ ाएल के िपतरों के घरानों के धानों के सा ने यहोवा के भवन की कोठ रयों म तौल
कर न दो, तब तक इनकी र ा करते रहो।
30 तब याजकों और लेिवयों ने चा ी, सोने और पा ों को तौल कर ले िलया िक उ य शलेम को हमारे परमे र के भवन म प ंचाएं ।
31 पिहले महीने के बारहव िदन को हम ने अहवा नदी से कूच कर के य शले म का माग िलया, और हमारे परमे र की कृपा ि हम पर रही; और उसने हम को श ुओं और माग पर
घात लगाने वालों के हाथ से बचाया।
32 िनदान हम य शलेम को प ंचे और वहां तीन िदन रहे।
33 िफर चौथे िदन वह चा ी-सोना और पा हमारे परमे र के भवन म ऊरीयाह के पु मरे मोत याजक के हाथ म तौल कर िदए गए। और उसके संग पीनहास का पु एलीआजर था,
और उनके साथ येशू का पु योजाबाद लेवीय और िब नू ई का पु नोअ ाह लेवीय थे ।
34 वे सब व ु एं िगनी और तौली गई, और उनका तौल उसी समय िलखा गया।
35 जो ब ु आई से आए थे, उ ोंने इ ाएल के परमे र के िलये होमबिल चढ़ाए; अथात सम इ ाएल के िनिम बारह बछड़े , िछयानवे मेढ़े और सतह र मे े और पापबिल के िलये
बारह बकरे ; यह सब यहोवा के िलये होमबिल था।
36 तब उ ोंने राजा की आ ाएं महानद के इस पार के अिधका रयों और अिधपितयों को दी; और उ ोंने इ ाएली लोगों और परमे र के भवन के काम म सहायता की।
ए ा9
1 जब ये काम हो चुके, तब हािकम मेरे पास आकर कहने लगे , न तो इ ाएली लोग, न याजक, न लेवीय इस ओर के दे शों के लोगों से अलग ए; वरन उनके से, अथात कनािनयों,
िहि यों, प र यों, यबूिसयों, अ ोिनयों, मोआिबयों, िमि यों और एमो रयों के से िघनौने काम करते ह।
2 ोंिक उ ोंने उनकी बे िटयों म से अपने और अपने बेटों के िलये यां कर ली ह; और पिव वंश इस ओर के दे शों के लोगों म िमल गया है। वरन हािकम और सरदार इस
िव ासघात म मु ए ह।
3 यह बात सु न कर म ने अपने व और बागे को फाड़ा, और अपने िसर और दाढ़ी के बाल नोचे, और िव त हो कर बै ठा रहा।
4 तब िजतने लोग इ ाएल के परमे र के वचन सुनकर ब ुआई से आए ए लोगों के िव ासघात के कारण थरथराते थे , सब मेरे पास इक े ए, और म सांझ की भट के समय तक
िव त हो कर बै ठा रहा।
5 पर ु सांझ की भट के समय म व और बागा फाड़े ए उपवास की दशा म उठा, िफर घु टनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमे र यहोवा की ओर फैला कर कहा,
6 हे मे रे परमे र! मु झे तेरी ओर अपना मुंह उठाते लाज आती है , और हे मे रे परमे र! मेरा मुं ह काला है ; ोंिक हम लोगों के अधम के काम हमारे िसर पर बढ़ गए ह, और हमारा दोष
बढ़ते बढ़ते आकाश तक प ंचा है
7 अपने पु रखाओं के िदनों से ले कर आज के िदन तक हम बड़े दोषी ह, और अपने अधम के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत दे श दे श के राजाओं के हाथ म
िकए गए िक तलवार, ब ुआई, लूटे जाने, और मुंह काला हो जाने की िवपि यों म पड़ जै से िक आज हमारी दशा है ।
8 और अब थोड़े िदन से हमारे परमे र यहोवा का अनु ह हम पर आ है, िक हम म से कोई कोई बच िनकले , और हम को उसके पिव थान म एक खूंटी िमले, और हमारा परमे र
हमारी आं खों म जयोित आने दे , और दास म हम को कुछ िव ा िमले ।
9 हम दास तो ह ही, पर ु हमारे दास म हमारे परमे र ने हम को नहीं छोड़ िदया, वरन फारस के राजाओं को हम पर ऐसे कृपालु िकया, िक हम नया जीवन पाकर अपने परमे र के
भवन को उठाने, और इसके खंडहरों को सुधारने पाए, और हम य दा और य शले म म आड़ िमली।
10 और अब हे हमारे परमे र इसके बाद हम ा कह, यही िक हम ने तेरी उन आ ाओं को तोड़ िदया है,
11 जो तू ने यह कह कर अपने दास निबयों के ारा दी ं, िक िजस दे श के अिधकारी होने को तुम जाने पर हो, वह तो दे श दे श के लोगों की अशु ता के कारण और उनके िघनौने कामों
के कारण अशु दे श है, उ ोंने उसे एक िसवाने से दू सरे िसवाने तक अपनी अशु ता से भर िदया है ।
12 इसिलये अब तू न तो अपनी बेिठयां उनके बेटों को ाह दे ना और न उनकी बेिटयों से अपने बेटों का ाह करना, और न कभी उनका कुशल ेम चाहना, इसिलये िक तु म बलवान
बनो और उस दे श के अ े अ े पदाथ खाने पाओ, और उसे ऐसा छोड़ जाओ, िक वह तु ारे वंश के अिधकार म सदै व बना रहे।
13 और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है , जब िक हे हमारे परमे र तू ने हमारे अधम के बराबर हम द नहीं िदया, वरन हम म से िकतनों
को बचा रखा है,
14 तो ा हम तेरी आ ाओं को िफर से उ ंघन कर के इन िघनौने काम करने वाले लोगों से समिधयाना का स कर? ा तू हम पर यहां तक कोप न करे गा िजस से हम िमट
जाएं और न तो कोई बचे और न कोई रह जाए?
15 हे इ ाएल के परमे र यहोवा! तू तो धमी ं है, हम बचकर मु ए ह जै से िक आज वतमान ह। दे ख, हम तेरे सा ने दोषी ह, इस कारण कोई तेरे सा ने खड़ा नही ं रह सकता।
ए ा 10
1 जब ए ा परमे र के भवन के सा ने पड़ा, रोता आ ाथना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इ ाएल म से पु षों, यों और लड़के वालों की एक ब त बड़ी म ली उसके
पास इक ी ई; और लोग िबलक िबलक कर रो रहे थे।
2 तब यहीएल का पु शक ाह जो एलाम के वंश म का था, ए ा से कहने लगा, हम लोगों ने इस दे श के लोगों म से अ जाित यां ाह कर अपने परमे र का िव ासघात तो िकया
है , पर ु इस दशा म भी इ ाएल के िलये आशा है।
3 अब हम अपने परमे र से यह वाचा बा , िक हम अपने भु की स ित और अपने परमे र की आ ा सु न कर थरथराने वालों की स ित के अनुसार ऐसी सब यों को और उनके
लड़के बालों को दू र कर; और व था के अनुसार काम िकया जाए।
4 तू उठ, ोंिक यह काम ते रा ही है, और हम तेरे साथ है; इसिलये िहयाव बा कर इस काम म लग जा।
5 तब ए ा उठा, और याजकों, लेिवयों और सब इ ाएिलयों के धानों को यह शपथ खलाई िक हम इसी वचन के अनु सार करगे; और उ ोंने वैसी ही शपथ खाई।
6 तब ए ा परमे र के भवन के सा ने से उठा, और ए ाशीब के पु योहानान की कोठरी म गया, और वहां प ंच कर न तो रोटी खाई, न पानी िपया, ोंिक वह ब ु आई म से िनकल
आए ओं के िव ासघात के कारण शोक करता रहा।
7 तब उ ोंने य दा और य शलेम म रहने वाले ब ुआई म से आए ए सब लोगों म यह चार कराया, िक तु म य शले म म इक े हो;
8 और जो कोई हािकमों और पुरिनयों की स ित न मानेगा और तीन िदन के भीतर न आए तो उसकी सम धन-स ि न की जाएगी और वह आप ब ुआई से आए ओं की सभा
से अलग िकया जाएगा।
9 तब य दा और िब ामीन के सब मनु तीन िदन के भीतर य शले म म इक े ए; यह नौव महीने के बीसव िदन म आ; और सब लोग परमे र के भवन के चौक म उस िवषय के
कारण और झड़ी के मारे कांपते ए बैठे रहे।
10 तब ए ा याजक खड़ा हो कर उन से कहने लगा, तुम लोगों ने िव ासघात कर के अ जाित- यां ाह लीं, और इस से इ ाएल का दोष बढ़ गया है।
11 सो अब अपने िपतरों के परमे र यहोवा के सा ने अपना पाप मान लो, और उसकी इ ा पूरी करो, और इस दे श के लोगों से और अ जाित यों से ारे हो जाओ।
12 तब पू री म ली के लोगों ने ऊंचे श से कहा, जैसा तू ने कहा है, वैसा ही हम करना उिचत है ।
13 पर ु लोग ब त ह, और झड़ी का समय है, और हम बाहर खड़े नही ं रह सकते, और यह दो एक िदन का काम नही ं है , ोंिक हम ने इस बात म बड़ा अपराध िकया है।
14 सम म ली की ओर से हमारे हािकम िनयु िकए जाएं ; और जब तक हमारे परमे र का भड़का आ कोप हम से दू र न हो, और यह काम िनपट न जाए, तब तक हमारे नगरों
के िजतने िनवािसयों ने अ जाित- यां ाह ली हों, वे िनयत समयों पर आया कर, और उनके सं ग एक नगर के पु रिनये और ायी आएं ।
15 इसके िव केवल असाहेल के पु योनातान और ितकवा के पु यहजयाह खड़े ए, और मशु ाम और श तै लेिवयों ने उनकी सहायता की।
16 पर ु ब ुआई से आए ए लोगों ने वैसा ही िकया। तब ए ा याजक और िपतरों के घरानों के िकतने मु पु ष अपने अपने िपतरों के घराने के अनुसार अपने सब नाम िलखा कर
अलग िकए गए, और दसव महीने के पिहले िदन को इस बात की तहकीकात के िलये बैठे।
17 और पिहले महीने के पिहले िदन तक उ ोंने उन सब पु षों की बात िनपटा दी, िज ोंने अ जाित- यों को ाह िलया था।
18 और याजकों की स ान म से; ये जन पाए गए िज ोंने अ जाित- यों को ाह िलया था, अथात ये शू के पु , योसादाक के पु , और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और
गद ाह।
19 इ ोंने हाथ मारकर वचन िदया, िक हम अपनी यों को िनकाल दगे , और उ ोंने दोषी ठहरकर, अपने अपने दोष के कारण एक एक मेढ़ा बिल िकया।
20 और इ ेर की स ान म से; हनानी और जब ाह,
21 और हारीम की स ान म से; मासेयाह, एलीयाह, शमायाह, यहीएल और उ याह।
22 और पश र की स ान म से; उ ोएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतने ल, योजाबाद और एलासा।
23 िफर ले िवयों म से ; योजाबाद, िशमी, केलायाह जो कलीता कहलाता है , पत ाह, य दा और एलीआज़र।
24 और गवैयों म से ; ए ाशीव और ारपालों म से श ूम, तेलेम और ऊरी।
25 और इ ाएल म से ; परोश की स ान म र ाह, िय याह, म याह, िमयामीन, एलीआज़र, म याह और बनायाह।
26 और एलाम की स ान म से; म ाह, जकयाह, यहीएल अ ी, यरे मोत और एिलयाह।
27 और जतू की स ान म से; ए ोएनै, ए ाशीब, स ाह, यरे मोत, जाबाद और अज़ीज़ा।
28 और बेबै की स ान म से; यहोहानान, हन ाह, ज ै और अतलै ।
29 और बानी की स ान म से; मशु ाम, म ूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत।
30 और पहतमोआब की स ान म से; अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, म ाह, बसले ल, िब ू ई और मन े ।
31 और हारीम की स ान म से; एलीआज़र, िय याह, म याह, शमायाह, िशमोन;
32 िब ामीन, म ूक और शमयाह।
33 और हाशूम की स ान म से; म नै, म ा, जाबाद, एलीपेलेत, यरे मै, मन े और िशमी।
34 और बानी की स ान म से; मादै , अ ाम, ऊएल;
35 बनायाह, बेदयाह, कलूही;
36 व ाह, मरे मोत, ए ाशीब;
37 म ाह, म नै, यासू;
38 बानी, िव ू ई, िशमी;
39 शेले ाह, नातान, अदायाह;
40 म दबै, शाशै, शारै ;
41 अजरे ल, शेले ाह, शेमयाह;
42 श ूम, अमयाह और योसेफ।
43 और नबो की स ान म से; यीएल, मि ाह, जाबाद, जबीना, य ो, योएल और बनायाह।
44 इन सभों ने अ जाित- यां ाह ली थी ं, और िकतनों की यों से लड़के भी उ ए थे ।
नहे ाह 1
1 हक ाह के पु नहेमायाह के वचन। बीसव वष के िकसलवे नाम महीने म, जब म शूशन नाम राजगढ़ म रहता था,
2 तब हनानी नाम मेरा एक भाई और य दा से आए ए कई एक पु ष आए; तब म ने उन से उन बचे ए य िदयों के िवषय जो ब ुआई से छूट गए थे, और य शले म के िव म
पू छा।
3 उ ोंने मुझ से कहा, जो बचे ए लोग ब ुआई से छूटकर उस ा म रहते ह, वे बड़ी दु दशा म पड़े ह, और उनकी िन ा होती है; ोंिक य शलेम की शहरपनाह टू टी ई, और
उसके फाटक जले ए ह।
4 ये बात सु नते ही म बै ठकर रोने लगा और िकतने िदन तक िवलाप करता; और ग के परमे र के स ु ख उपवास करता और यह कह कर ाथना करता रहा।
5 हे ग के परमे र यहोवा, हे महान और भययो ई र! तू जो अपने े म रखने वाले और आ ा मानने वाले के िव अपनी वाचा पालता और उन पर क णा करता है;
6 तू कान लगाए और आं ख खोले रह, िक जो ाथना म तेरा दास इस समय तेरे दास इ ाएिलयों के िलये िदन रात करता रहता ँ, उसे तू सुन ले। म इ ाएिलयों के पापों को जो हम
लोगों ने ते रे िव िकए ह, मान लेता ँ। म और मेरे िपता के घराने दोनों ने पाप िकया है।
7 हम ने तेरे सा ने ब त बुराई की है, और जो आ ाएं , िविधयां और िनयम तू ने अपने दास मूसा को िदए थे, उन को हम ने नही ं माना।
8 उस वचन की सुिध ले, जो तू ने अपने दास मूसा से कहा था, िक यिद तुम लोग िव ासघात करो, तो म तुम को दे श दे श के लोगों म िततर िबतर क ं गा।
9 पर ु यिद तुम मे री ओर िफरो, और मेरी आ ाएं मानो, और उन पर चलो, तो चाहे तु म म से िनकाले ए लोग आकाश की छोर म भी हों, तौभी म उन को वहां से इक ा कर के उस
थान म प ंचाऊंगा, िजसे म ने अपने नाम के िनवास के िलये चुन िलया है।
10 अब वे तेरे दास और तेरी जा के लोग ह िजन को तू ने अपनी बड़ी सामथ और बलव हाथ के ारा छु ड़ा िलया है ।
11 हे भु िबनती यह है, िक तू अपने दास की ाथना पर, और अपने उन दासों की ाथना पर, जो तेरे नाम का भय मानना चाहते ह, कान लगा, और आज अपने दास का काम सफल
कर, और उस पु ष को उस पर दयालु कर। (म तो राजा का िपयाऊ था।)
नहे ाह 2
1 अत राजा के बीसव वष के नीसान नाम महीने म, जब उसके सा ने दाखमधु था, तब म ने दाखमधु उठा कर राजा को िदया। इस से पिहले म उसके सा ने कभी उदास न आ
था।
2 तब राजा ने मु झ से पूछा, तू तो रोगी नही ं है, िफर तेरा मुंह ों उतरा है ? यह तो मन ही की उदासी होगी।
3 तब म अ डर गया। और राजा से कहा, राजा सदा जीिवत रहे ! जब वह नगर िजस म मे रे पुरखाओं की कबर ह, उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले ए ह, तो मे रा मुं ह ों न
उतरे ?
4 राजा ने मुझ से पूछा, िफर तू ा मांगता है? तब म ने ग के परमे र से ाथना कर के, राजा से कहा;
5 यिद राजा को भाए, और तू अपने दास से स हो, तो मुझे य दा और मे रे पु रखाओं की कबरों के नगर को भेज, तािक म उसे बनाऊं।
6 तब राजा ने िजसके पास रानी भी बैठी थी, मुझ से पूछा, तू िकतने िदन तक या ा म रहे गा? और कब लै टेगा? सो राजा मु झे भेजने को स आ; और म ने उसके िलये एक समय
िनयु िकया।
7 िफर म ने राजा से कहा, यिद राजा को भाए, तो महानद के पार के अिधपितयों के िलये इस आशय की िचि यां मु झे दी जाएं िक जब तक म य दा को न प ंचूं, तब तक वे मु झे अपने
अपने दे श म से हो कर जाने द।
8 और सरकारी जंगल के रख वाले आसाप के िलये भी इस आशय की िच ी मुझे दी जाए तािक वह मु झे भवन से लगे ए राजगढ़ की किडय़ों के िलये, और शहरपनाह के, और उस घर
के िलये, िजस म म जा कर र ंगा, लकड़ी दे । मेरे परमे र की कृपा ि मुझ पर थी, इसिलये राजा ने यह िबनती हण िकया।
9 तब म ने महानद के पार के अिधपितयों के पास जा कर उ राजा की िचि यां दी ं। राजा ने मेरे संग सेनापित और सवार भी भेजे थे।
10 यह सु न कर िक एक मनु इ ाएिलयों के क ाण का उपाय करने को आया है , होरोनी स त और तोिबयाह नाम कमचारी जो अ ोनी था, उन दोनों को ब त बु रा लगा।
11 जब म य शलेम प ंच गया, तब वहां तीन िदन रहा।
12 तब म थोड़े पु षों को ले कर रात को उठा; म ने िकसी को नही ं बताया िक मेरे परमे र ने य शलेम के िहत के िलये मेरे मन म ा उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को
छोड़ कोई पशु मेरे संग न था।
13 म रात को तराई के फाटक म हो कर िनकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ाफाटक के पास गया, और य शलेम की टू टी पड़ी ई शहरपनाह और जले फाटकों को
दे खा।
14 तब म आगे बढ़ कर सोते के फाटक और राजा के कु के पास गया; पर ु मे री सवारी के पशु के िलये आगे जाने को थान न था।
15 तब म रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को दे खता आ चढ़ गया; िफर घू म कर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस कार लौट आया।
16 और हािकम न जानते थे िक म कहां गया और ा करता था; वरन म ने तब तक न तो य िदयों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हािकमों और न दू सरे काम
करने वालों को।
17 तब म ने उन से कहा, तुम तो आप दे खते हो िक हम कैसी दु दशा म ह, िक य शले म उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले ए ह। तो आओ, हम य शलेम की शहरपनाह को
बनाएं , िक भिव म हमारी नामधराई न रहे।
18 िफर म ने उन को बतलाया, िक मेरे परमे र की कृपा ि मु झ पर कैसी ई और राजा ने मु झ से ा ा बात कही थी ं। तब उ ोंने कहा, आओ हम कमर बा कर बनाने लग।
और उ ोंने इस भले काम को करने के िलये िहयाव बा िलया।
19 यह सु नकर होरोनी स त और तोिबयाह नाम कमचारी जो अ ोनी था, और गेशेम नाम एक अरबी, हम ठ ों म उड़ाने लगे; और हम तु जान कर कहने लगे , यह तुम ा
काम करते हो।
20 ा तुम राजा के िव बलवा करोगे? तब म ने उन को उ र दे कर उन से कहा, ग का परमे र हमारा काम सफल करे गा, इसिलये हम उसके दास कमर बा कर बनाएं गे ;
पर ु य शलेम म तु ारा न तो कोई भाग, न ह , न ारक है ।
नहे ाह 3
1 तब ए ाशीब महायाजक ने अपने भाई याजकों समेत कमर बा कर भेड़फाटक को बनाया। उ ोंने उसकी ित ा की, और उसके प ों को भी लगाया; और ह ेआ नाम गु ट
तक वरन हनने ल के गु ट के पास तक उ ोंने शहरपनाह की ित ा की।
2 उस से आगे यरीहो के मनु ों ने बनाया। और इन से आगे इ ी के पु ज ू र ने बनाया।
3 िफर मछलीफाटक को ह ना के बे टों ने बनाया; उ ोंने उसकी किडय़ां लगाई, और उसके प े , ताले और बड़े लगाए।
4 और उन से आगे मरे मोत ने जो ह ोस का पोता और ऊ रयाह का पु था, मर त की। और इन से आगे मशु ाम ने जो मशेजबेल का पोता, और बरे ाह का पु था, मर त की।
और इस से आगे बाना के पु सादोक ने मर त की।
5 और इन से आगे तकोइयों ने मर त की; पर ु उनके रईसों ने अपने भु की से वा का जूआ अपनी गदन पर न िलया।
6 िफर पुराने फाटक की मर त पासेह के पु योयादा और बसोदयाह के पु मशु ाम ने की; उ ोंने उसकी किडय़ां लगाई, और उसके प े, ताले और बड़े लगाए।
7 और उन से आगे िगबोनी मल ाह और मेरोनोती यादोन ने और िगबोन और िम ा के मनु ों ने महानद के पार के अिधपित के िसंहासन की ओर से मर त की।
8 उन से आगे हहयाह के पु उजीएल ने और और सुनारों ने मर त की। और इस से आगे हन ाह ने , जो ग यों के समाज का था, मर त की; और उ ोंने चौड़ी शहरपनाह तक
य शले म को ढ़ िकया।
9 और उन से आगे र के पु रपायाह ने, जो य शलेम के आधे िजले का हािकम था, मर त की।
10 और उन से आगे ह मप के पु यदायाह ने अपने ही घर के सा ने मर त की; और इस से आगे हश याह के पु ह ूश ने मर त की।
11 हारीम के पु म याह और पह ोआब के पु ह ू ब ने एक और भाग की, और भ ों के गु ट की मर त की।
12 इस से आगे य शलेम के आधे िजले के हािकम ह ोहेश के पु श ूम ने अपनी बेिटयों समेत मर त की।
13 तराई के फाटक की मर त हानून और जानोह के िनवािसयों ने की; उ ोंने उसको बनाया, और उसके ताले, बड़े और प े लगाए, और हजार हाथ की शहरपनाह को भी अथात
कूड़ाफाटक तक बनाया।
14 और कूड़ाफाटक की मर त रे काब के पु म याह ने की, जो बे थ े रे म के िजले का हािकम था; उसी ने उसको बनाया, और उसके ताले, बड़े और प े लगाए।
15 और सोताफाटक की मर त को ोजे के पु श ूम ने की, जो िम ा के िजले का हािकम था; उसी ने उसको बनाया और पाटा, और उसके ताले, बड़े और प े लगाए; और उसी
ने राजा की बारी के पास के शेलह नाम कु की शहरपनाह को भी दाऊदपु र से उतरने वाली सीढ़ी तक बनाया।
16 उसके बाद अजबूक के पु नहेमायाह ने जो बेतसूर के आधे िजले का हािकम था, दाऊद के कि ान के सा ने तक और बनाए ए पोखरे तक, वरन वीरों के घर तक भी मर त
की।
17 इसके बाद बानी के पु र म ने िकतने ले िवयों समेत मर त की। इस से आगे कीला के आधे िजले के हािकम हश ाह ने अपने िजले की ओर से मर त की।
18 उसके बाद उनके भाइयों समेत कीला के आधे िजले के हािकम हे नादाद के पु ब ै ने मर त की।
19 उस से आगे एक और भाग की मर त जो शहरपनाह के मोड़ के पास श के घर की चढ़ाई के सा ने है, येशु के पु एज़ेर ने की, जो िम ा का हािकम था।
20 िफर एक और भाग की अथात उसी मोड़ से ले ए ाशीब महायाजक के घर के ार तक की मर त ज ै के पु बा क ने तन मन से की।
21 इसके बाद एक और भाग की अथात ए ाशीब के घर के ार से ले उसी घर के िसरे तक की मर त, मरे मोत ने की, जो ह ोस का पोता और ऊ रयाह का पु था।
22 उसके बाद उन याजकों ने मर त की जो तराई के मनु थे ।
23 उनके बाद िब ामीन और ह ूब ने अपने घर के सा ने मर त की; और इनके पीछे अजयाह ने जो मासे याह का पु और अन ाह का पोता था अपने घर के पास मर त की।
24 तब एक और भाग की, अथात अजयाह के घर से ले कर शहरपनाह के मोड़ तक वरन उसके कोने तक की मर त हे नादाद के पु िब ूई ने की।
25 िफर उसी मोड़ के सा ने जो ऊंचा गु ट राजभवन से बाहर िनकला आ ब ीगृ ह के आं गन के पास है , उसके सा ने ऊजै के पु पालाल ने मर त की। इसके बाद परोश के
पु पदायाह ने मर त की।
26 नतीन लोग तो ओपेल म पूरब की ओर जलफाटक के सा ने तक और बाहर िनकले ए गु ट तक रहते थे।
27 पदायाह के बाद तकोइयों ने एक और भाग की मर त की, जो बाहर िनकले ए बड़े गु ट के सा ने और ओबे ल की शहरपनाह तक है।
28 िफर घोड़ाफाटक के ऊपर याजकों ने अपने अपने घर के सा ने मर त की।
29 इनके बाद इ ेर के पु सादोक ने अपने घर के सा ने मर त की; और तब पूरवी फाटक के रखवाले शक ाह के पु समयाह ने मर त की।
30 इसके बाद शेले ाह के पु हन ाह और सालाप के छठव पु हानू न ने एक और भाग की मर त की। तब बे रे ाह के पु मशु ाम ने अपनी कोठरी के सा ने मर त की।
31 उसके बाद म याह ने जो सु नार था नितनों और ापा रयों के थान तक ठहराए ए थान के फाटक के सा ने और कोने के कोठे तक मर त की।
32 और कोने वाले कोठे से ले कर भेड़फाटक तक सुनारों और ापा रयों ने मर त की।
नहे ाह 4
1 जब स त ने सुना िक य दी लोग शहरपनाह को बना रहे ह, तब उसने बु रा माना, और ब त रिसयाकर य िदयों को ठ ों म उड़ाने लगा।
2 वह अपने भाइयों के और शोमरोन की सेना के सा ने यों कहने लगा, वे िनबल य दी ा िकया चाहते ह? ा वे वह काम अपने बल से करगे? ा वे अपना थान ढ़ करगे ? ा
वे य करगे? ा वे आज ही सब काम िनपटा डालगे? ा वे िम ी के ढे रों म के जले ए प रों को िफर नये िसरे से बनाएं गे?
3 उसके पास तो अ ोनी तोिबयाह था, और वह कहने लगा, जो कुछ वे बना रहे ह, यिद कोई गीदड़ भी उस पर चढ़े , तो वह उनकी बनाई ई प र की शहरपनाह को तोड़ दे गा।
4 हे हमारे परमे र सुन ले, िक हमारा अपमान हो रहा है; और उनका िकया आ अपमान उ ी ं के िसर पर लौटा दे , और उ ब ुआई के दे श म लुटवा दे ।
5 और उनका अधम तू न ढांप, और न उनका पाप तेरे स ुख से िमटाया जाए; ोंिक उ ोंने तुझे शहरपनाह बनाने वालों के सा ने ोध िदलाया है।
6 और हम लोगों ने शहरपनाह को बनाया; और सारी शहरपनाह आधी ऊंचाई तक जु ड़ गई। ोंिक लोगों का मन उस काम म िनत लगा रहा।
7 जब स त और तोिबयाह और अरिबयों, अ ोिनयों और अशदोिदयों ने सुना, िक य शलेम की शहरपनाह की मर त होती जाती है, और उस म के नाके ब होने लगे ह, तब
उ ोंने ब त ही बुरा माना;
8 और सभों ने एक मन से गो ी की, िक जा कर य शलेम से लड़, और उस म गड़बड़ी डाल।
9 पर ु हम लोगों ने अपने परमे र से ाथना की, और उनके डर के मारे उनके िव िदन रात के पह ए ठहरा िदए।
10 और य दी कहने लगे , ढोने वालों का बल घट गया, और िम ी ब त पड़ी है , इसिलये शहरपनाह हम से नही ं बन सकती।
11 और हमारे श ु कहने लगे, िक जब तक हम उनके बीच म न प ंचे, और उ घात कर के वह काम ब न कर, तब तक उन को न कुछ मालूम होगा, और न कुछ िदखाई पड़े गा।
12 िफर जो य दी उनके आस पास रहते थे, उ ोंने सब थानों से दस बार आ आकर, हम लोगों से कहा, तुम को हमारे पास लौट आना चािहये ।
13 इस कारण म ने लोगों को तलवार, बिछया और धनुष दे कर शहरपनाह के पीछे सब से नीचे के खु ले थानों म घराने घराने के अनुसार बैठा िदया।
14 तब म दे खकर उठा, और रईसों और हािकमों और और सब लोगों से कहा, उन से मत डरो; भु जो महान और भययो है, उसी को रण कर के, अपने भाइयों, बेटों, बेिटयों,
यों और घरों के िलये यु करना।
15 जब हमारे श ुओं ने सुना, िक यह बात हम को मालूम हो गई है और परमे र ने उनकी यु िन ल की है , तब हम सब के सब शहरपनाह के पास अपने अपने काम पर लौट गए।
16 और उस िदन से मे रे आधे सेवक तो उस काम मे लगे रहे और आधे बिछय , तलवारों, धनु षों और िझलमों को धारण िकए रहते थे; और य दा के सारे घराने के पीछे हािकम रहा
करते थे।
17 शहरपनाह के बनाने वाले और बोझ के ढोने वाले दोनों भार उठाते थे , अथात एक हाथ से काम करते थे और दू सरे हाथ से हिथयार पकड़े रहते थे।
18 और राज अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटकाए ए बनाते थे । और नरिसं गे का फूंकने वाला मे रे पास रहता था।
19 इसिलये म ने रईसों, हािकमों और सब लोगों से कहा, काम तो बड़ा और फैला आ है, और हम लोग शहरपनाह पर अलग अलग एक दू सरे से दू र रहते ह।
20 इसिलये िजधर से नरिसंगा तु सु नाईं दे , उधर ही हमारे पास इक े हो जाना। हमारा परमे र हमारी ओर से लड़े गा।
21 यों हम काम म लगे रहे, और उन म आधे, पौ फटने से तारों के िनकलने तक बिछया िलये रहते थे ।
22 िफर उसी समय म ने लोगों से यह भी कहा, िक एक एक मनु अपने दास समे त य शलेम के भीतर रात िबताया करे , िक वे रात को तो हमारी रखवाली कर, और िदन को काम म
लगे रह।
23 और न तो म अपने कपड़े उतारता था, और न मेरे भाई, न मेरे से वक, न वे पह ए जो मेरे अनुचर थे , अपने कपड़े उतारते थे; सब कोई पानी के पास हिथयार िलये ए जागते थे ।
नहे ाह 5
1 तब लोग और उनकी यों की ओर से उनके भाई य िदयों के िक बड़ी िच ाहट मची।
2 िकतने तो कहते थे, हम अपने बेटे-बेिटयों समेत ब त ाणी ह, इसिलये हम अ िमलना चािहये िक उसे खाकर जीिवत रह।
3 और िकतने कहते थे, िक हम अपने अपने खेतों, दाख की बा रयों और घरों को महंगी के कारण ब क रखते ह, िक हम अ िमले।
4 िफर िकतने यह कहते थे, िक हम ने राजा के कर के िलये अपने अपने खे तों और दाख की बा रयों पर पया उधार िलया।
5 पर ु हमारा और हमारे भाइयों का शरीर और हमारे और उनके लड़के-बाले एक ही समान ह, तौभी हम अपने बेटे-बेिटयों को दास बनाते ह; वरन हमारी कोई कोई बेटी दासी भी हो
चु की ह; और हमारा कुछ बस नहीं जलता, ोंिक हमारे खे त और दाख की बा रयां औरों के हाथ पड़ी ह।
6 यह िच ाहट ओर ये बात सुन कर म ब त ोिधत आ।
7 तब अपने मन म सोच िवचार कर के म ने रईसों और हािकमों को घुड़क कर कहा, तुम अपने अपने भाई से ाज ले ते हो। तब म ने उनके िव एक बड़ी सभा की।
8 और म ने उन से कहा, हम लोगों ने तो अपनी श भर अपने य दी भाइयों को जो अ जाितयों के हाथ िबक गए थे, दाम दे कर छु ड़ाया है, िफर ा तुम अपने भाइयों को बेचोगे?
ा वे हमारे हाथ िबकगे? तब वे चुप रहे और कुछ न कह सके।
9 िफर म कहता गया, जो काम तुम करते हो वह अ ा नही ं है; ा तुम को इस कारण हमारे परमे र का भय मानकर चलना न चािहये िक हमारे श ु जो अ जाित ह, वे हमारी
नामधराई न कर?
10 म भी और मेरे भाई और सेवक उन को पया और अनाज उधार दे ते ह, पर ु हम इसका ाज छोड़ द।
11 आज ही उन को उन के खेत, और दाख, और जलपाई की बा रयां , और घर फेर दो; और जो पया, अ , नया दाखमधु, और टटका तेल तुम उन से ले लेते हो, उसका सौवां भाग
फेर दो?
12 उ ोंने कहा, हम उ फेर दगे, और उन से कुछ न लगे ; जैसा तू कहता है , वैसा ही हम करगे। तब म ने याजकों को बुला कर उन लोगों को यह शपथ खलाई, िक वे इसी वचन के
अनु सार करगे ।
13 िफर म ने अपने कपड़े की छोर झाड़ कर कहा, इसी रीित से जो कोई इस वचन को पू रा न करे , उसको परमे र झाड़ कर, उसका घर और कमाई उस से छु ड़ाए, और इसी रीित से
वह झाड़ा जाए, और छूछा हो जाए। तब सारी सभा ने कहा, आमे न! और यहोवा की ु ित की। और लोगों ने इस वचन के अनुसार काम िकया।
14 िफर जब से म य दा दे श म उनका अिधपित ठहराया गया, अथात राजा अत के बीसव वष से ले उसके ब ीसव वष तक, अथात बारह वष तक म और मेरे भाई अिधपित के हक
का भोजन खाते रहे ।
15 पर ु पिहले अिधपित जो मुझ से आगे थे, वह जा पर भार डालते थे , और उन से रोटी, और दाखमधु, और इस से अिधक चालीस शेकेल चा ी लेते थे, वरन उनके सेवक भी जा
के ऊपर अिधकार जताते थे; पर ु म ऐसा नहीं करता था, ोंिक म यहोवा का भय मानता था।
16 िफर म शहरपनाह के काम म िलपटा रहा, और हम लोगों ने कुछ भूिम मोल न ली; और मेरे सब से वक काम करने के िलये वहां इक े रहते थे।
17 िफर मे री मेज पर खाने वाले एक सौ पचास य दी और हािकम और वे भी थे, जो चारों ओर की अ जाितयों म से हमारे पास आए थे।
18 और जो ितिदन के िलये तैयार िकया जाता था वह एक बै ल, छ: अ ी अ ी भे ड़ व बक रयां थी ं, और मे रे िलये िचिड़य भी तैयार की जाती थी ं; दस दस िदन के बाद भांित भांित का
ब त दाखमधु भी तैयार िकया जाता था; पर ु तौभी म ने अिधपित के हक का भोज नहीं िलया,
19 ोंिक काम का भार जा पर भारी था। हे मेरे परमे र! जो कुछ म ने इस जा के िलये िकया है , उसे तू मेरे िहत के िलये रण रख।
नहे ाह 6
1 जब स त, तोिबयाह और अरबी गेशेम और हमारे और श ुओं को यह समाचार िमला, िक म शहरपनाह को बनवा चुका; और य िप उस समय तक भी म फाटकों म प े न
लगा चु का था, तौभी शहरपनाह म कोई दरार न रह गया था।
2 तब स त और गे शेम ने मेरे पास यों कहला भेजा, िक आ, हम ओनो के मैदान के िकसी गां व म एक दू सरे से भट कर। पर ु वे मेरी हािन करने की इ ा करते थे।
3 पर ु म ने उनके पास दू तों से कहला भेजा, िक म तो भारी काम म लगा ँ, वहां नही ं जा सकता; मेरे इसे छोड़ कर तु ारे पास जाने से वह काम ों ब रहे?
4 िफर उ ोंने चार बार मे रे पास वैसी ही बात कहला भेजी, और म ने उन को वैसा ही उ र िदया।
5 तब पां चवी बार स त ने अपने सेवक को खुली ई िच ी दे कर मेरे पास भेजा,
6 िजस म यों िलखा था, िक जाित जाित के लोगों म यह कहा जाता है , और गेशेम भी यही बात कहता है , िक तु ारी और य िदयों की मनसा बलवा करने की है, और इस कारण तू उस
शहरपनाह को बनवाता है; और तू इन बातों के अनुसार उनका राजा बनना चाहता है ।
7 और तू ने य शलेम म नबी ठहराए ह, जो यह कह कर तेरे िवषय चार कर, िक य िदयों म एक राजा है। अब ऐसा ही समाचार राजा को िदया जाएगा। इसिलये अब आ, हम एक
साथ स ित कर।
8 तब म ने उसके पास कहला भेजा िक जैसा तू कहता है, वैसा तो कुछ भी नही ं आ, तू ये बात अपने मन से गढ़ता है ।
9 वे सब लोग यह सोच कर हम डराना चाहते थे, िक उनके हाथ ढीले पड़, और काम ब हो जाए। पर ु अब हे परमे र तू मुझे िहयाव दे ।
10 और म शमायाह के घर म गया, जो दलायाह का पु और महेतबे ल का पोता था, वह तो ब घर म था; उसने कहा, आ, हम परमे र के भवन अथात म र के भीतर आपस म भट
कर, और म र के ार ब कर; ोंिक वे लोग तु झे घात करने आएं गे, रात ही को वे तुझे घात करने आएं गे ।
11 पर ु म ने कहा, ा मुझ ऐसा मनु भागे? और तुझ ऐसा कौन है जो अपना ाण बचाने को म र म घुसे? म नहीं जाने का।
12 िफर म ने जान िलया िक वह परमे र का भेजा नही ं है पर ु उसने हर बात ई र का वचन कहकर मे री हािन के िलये कही, ोंिक तोिबयाह और स त ने उसे पया दे रखा
था।
13 उ ोंने उसे इस कारण पया दे रखा था िक म डर जाऊं, और वैसा ही काम कर के पापी ठह ं , और उन को अपवाद लगाने का अवसर िमले और वे मेरी नामधराई कर सक।
14 हे मे रे परमे र! तोिबयाह, स त, और नोअ ाह, निबया और और िजतने नबी मुझे डराना चाहते थे, उन सब के ऐसे ऐसे कामों की सु िध रख।
15 एलूल महीने के प ीसव िदन को अथात बावन िदन के भीतर शहरपनाह बन चुकी।
16 जब हमारे सब श ुओं ने यह सु ना, तब हमारे चारों ओर रहने वाले सब अ जाित डर गए, और ब त ल त ए; ोंिक उ ोंने जान िलया िक यह काम हमारे परमे र की ओर से
आ।
17 उन िदनों म भी य दी रईसों और तोिबयाह के बीच िच ी ब त आया जाया करती थी।
18 ोंिक वह आरह के पु शक ाह का दामाद था, और उसके पु यहोहानान ने बे रे ाह के पु मशु ाम की बेटी की ाह िलया था; इस कारण ब त से य दी उसका प करने
की शपथ खाए ए थे।
19 और वे मे रे सुनते उसके भले कामों की चचा िकया करते, और मेरी बात भी उसको सु नाया करते थे । और तोिबयाह मु झे डराने के िलये िचि यां भेजा करता था।
नहे ाह 7
1 जब शहरपनाह बन गई, और म ने उसके फाटक खड़े िकए, और ारपाल, और गवैये, और ले वीय लोग ठहराये गए,
2 तब म ने अपने भाई हनानी और राजगढ़ के हािकम हन ाह को य शलेम का अिधकारी ठहराया, ोंिक यह स ा पु ष और ब ते रों से अिधक परमे र का भय मानने वाला था।
3 और म ने उन से कहा, जब तक घाम कड़ा न हो, तब तक य शलेम के फाटक न खोले जाएं और जब पह ए पहरा दे ते रह, तब ही फाटक ब िकए जाएं और बेड़े लगाए जाएं ।
िफर य शले म के िनवािसयों म से तू रखवाले ठहरा जो अपना अपना पहरा अपने अपने घर के सा ने िदया कर।
4 नगर तो ल ा चौड़ा था, पर ु उस म लोग थोड़े थे , और घर नही ं बने थे।
5 तब मे रे परमे र ने मेरे मन म यह उपजाया िक रईसों, हािकमों और जा के लोगों को इसिलये इक े क ं , िक वे अपनी अपनी वंशावली के अनुसार िगने जाएं । और मुझे पिहले
पिहल य शलेम को आए ओं का वंशावलीप िमला, और उस म म ने यों िलख आ पाया:
6 िजन को बाबेल का राजा, नबूकदने र ब ुआ कर के ले गया था, उन म से ा के जो लोग ब ुआई से छूट कर, य शलेम और य दा के अपने अपने नगर को आए।
7 वे ज ाबे ल, येशू, नहेमायाह, अजयाह, रा ाह, नहमानी, मोदकै, िबलशान, िम ेरेत, िव ै , न म और बाना के सं ग आए।
8 इ ाएली जा के लोगों की िगनती यह है: अथात परोश की स ान दो हजार एक सौ बह र,
9 सप ाह की स ान तीन सौ बह र, आाह की स ान छ: सौ बावन।
10 पह ोआब की स ान याने येशू और योआब की स ान,
11 दो हजार आठ सौ अठारह।
12 एलाम की स ान बारह सौ चौवन,
13 ज ू की स ान आठ सौ पतालीस।
14 जवकै की स ान सात सौ साठ।
15 िब ू ई की स ान छ:सौ अड़तालीस।
16 बेबै की स ान छ:सौ अ ाईस।
17 अजगाद की स ान दो हजार तीन सौ बाईस।
18 अदोनीकाम की स ान छ:सौ सड़सठ।
19 िब ै की स ान दो हजार सड़सठ।
20 आदीन की स ान छ:सौ पचपन।
21 िहचिक ाह की स ान आतेर के वंश म से अ ानवे।
22 हाशम की स ान तीन सौ अ ाईस।
23 बैसै की स ान तीन सौ चौबीस।
24 हारीप की स ान एक सौ बारह।
25 िगबोन के लोग पचानवे।
26 बेतले हेम और नतोपा के मनु एक सौ अ ासी।
27 अनातोत के मनु एक सौ अ ाईस।
28 बेतजमावत के मनु बयालीस।
29 िकय ारीम, कपीर, और बेरोत के मनु सात सौ ततालीस।
30 रामा और गेबा के मनु छ: सौ इ ीस।
31 िमकपास के मनु एक सौ बाईस।
32 बेतेल और ऐ के मनु एक सौ तेईस।
33 दू सरे नबो के मनु बावन।
34 दू सरे एलाम की स ान बारह सौ चौवन।
35 हारीम की स ान तीन सौ बीस।
36 यरीहो के लोग तीन सौ पतालीस।
37 लोद हादीद और ओनोंके लोग सात सौ इ ीस।
38 सना के लोग तीन हजार नौ सौ तीस।
39 िफर याजक अथात येशू के घराने म से यदायाह की स ान नौ सौ ितह र।
40 इ ेर की स ान एक हजार बावन।
41 पश र की स ान बारह सौ सतालीस।
42 हारीम की स ान एक हजार स ह।
43 िफर ले वीय ये थे: अथात होदवा के दं श म से कदमीएल की स ान ये शू की स ान चौह र।
44 िफर गवैथे ये थे : अथात आसाप की स ान एक सौ अड़तालीस।
45 िफर ारपाल ये थे: अथात श ूम की स ान, आतेर की स ान, त ोन की स ान, अ ू ब की स ान, हतीता की स ान, और शोबै की स ान, जो सब िमलकर एक सौ
अड़तीस ए।
46 िफर नतीन अथात सीहा की स ान, हसूपा की स ान, त ाओत की स ान,
47 केरोस की स ान, सीआ की स ान, पादोन की स ान,
48 लबाना की स ान, हगावा की स ान, श ै की स ान।
49 हानान की स ान, िग े ल की स ान, गहर की स ान,
50 राया की स ान, रसीन की स ान, नकोदा की स ान,
51 ग ाम की स ान, उ ा की स ान, पासेह की स ान,
52 बेसै की स ान, मूनीम की स ान, नमूशस की स ान,
53 बकबूक की स ान, हकूपा की स ान, ह र की स ान,
54 बसलीत की स ान, महीदा की स ान, हशा की स ान,
55 बक स की स ान, सीसरा की स ान, तेमेह की स ान,
56 नसीह की स ान, और हतीपा की स ान।
57 िफर सु लैमान के दासों की स ान, अथात सोतै की स ान, सोपे रेत की स ान, परीदा की स ान,
58 याला की स ान, दक न की स ान, िग े ल की स ान,
59 शप ाह की स ान, ह ील की स ान, पोकेरे त सवायीम की स ान, और आमोन की स ान।
60 नतीन और सुलैमान के दासों की स ान िमलकर तीन सौ बानवे थे ।
61 और ये वे ह, जो तेलमेलह, तेलहशा, क ब, अ ोन, और इ े र से य शले म को गए, पर ु अपने अपने िपतरों के घराने और वंशावली न बता सके, िक इ ाएल के ह, वा नहीं:
62 अथात दलायाह की स ान, तोिब ाह की स ान, और दकोदा की स ान, जो सब िमलकर छ: सौ बयालीस थे ।
63 और याजकों म से होबायाह की स ान, ह ोस की स ान, और बिज ै की स ान, िजसने िगलादी बिज ै की बेिटयों म से एक को ाह िलया, और उ ी ं का नाम रख िलया
था।
64 इ ोंने अपना अपना वंशावली प और और वंशावली प ों म दू ं ढ़ा, पर ु न पाया, इसिलये वे अशु ठहर कर याजकपद से िनकालेगए।
65 और अिधपित ने उन से कहा, िक जब तक ऊरीम और तु ीम धारण करने वाला कोई याजक न उठे , तब तक तुम कोई परमपिव व ु खाने न पाओगे।
66 पूरी म ली के लोग िमल कर बयालीस हजार तीन सौ साठ ठहरे ।
67 इन को छोड़ उनके सात हजार तीन सौ सतीस दास-दािसयां, और दो सौ पतालीस गाने वाले और गानेवािलयां थीं।
68 उनके घोड़े सात सौ छ ीस, र दो सौ पतालीस,
69 ऊंट चार सौ पतीस और गदहे छ: हजार सात सौ बीस थे ।
70 और िपतरों के घरानों के कई एक मु पु षों ने काम के िलये िदया। अिधपित ने तो च े म हजार दकमोन सोना, पचास कटोरे और पांच सौ तीस याजकों के अंगरखे िदए।
71 और िपतरों के घरानों के कई मु मु पु षों ने उस काम के च े म बीस हजार दकमोन सोना और दो हजार दो सौ माने चा ी दी।
72 और शेष जा ने जो िदया, वह बीस हजार दकमोन सोना, दो हजार माने चा ी और सड़सठ याजकों के अंगरखे ए।
73 इस कार याजक, लेवीय, ारपाल, गवैये, जा के कुछ लोग और नतीन और सब इ ाएली अपने अपने नगर म बस गए।
नहे ाह 8
1 जब सातवां महीना िनकट आया, उस समय सब इ ाएली अपने अपने नगर म थे। तब उन सब लोगों ने एक मन हो कर, जलफाटक के सा ने के चौक म इक े हो कर, ए ा शा ी
से कहा, िक मूसा की जो व था यहोवा ने इ ाएल को दी थी, उसकी पु क ले आ।
2 तब ए ा याजक सातव महीने के पिहले िदन को ा ी, ा पु ष, िजतने सु नकर समझ सकते थे, उन सभों के सा ने व था को ले आया।
3 और वह उसकी बात भोर से दो पहर तक उस चौक के सा ने जो जलफाटक के सा ने था, ा ी, ा पु ष और सब समझने वालों को पढ़कर सुनाता रहा; और लोग व था
की पु क पर कान लगाए रहे।
4 ए ा शा ी, काठ के एक मचान पर जो इसी काम के िलये बना था, ड़ा हो गयां ; और उसकी दािहनी अलं ग मि ाह, शेमा, अनायाह, ऊ र ाह, िह ाह और मासेयाह; और
बाई अलंग, पदायाह, मीशाएल, म ाह, हाशूम, ह ब ाना,जकयाह और मशु ाम खड़े ए।
5 तब ए ा ने जो सब लोगों से ऊंचे पर था, सभों के दे खते उस पु क को खोल िदया; और जब उसने उसको खोला, तब सब लोग उठ खड़े ए।
6 तब ए ा ने महान परमे र यहोवा को ध कहा; और सब लोगों ने अपने अपने हाथ उठा कर आमेन, आमेन, कहा; और िसर झुका कर अपना अपना माथा भू िम पर टे क कर यहोवा
को द वत िकया।
7 और येशू, बानी, शेरे ाह, यामीन, अ ू ब, श तै, होिद ाह, मासेयाह, कलीता, अजयाह, योजाबाद, हानान और पलायाह नाम लेवीय, लोगों को व था समझाते गए, और लोग
अपने अपने थान पर खड़े रहे।
8 और उ ोंने परमे र की व था की पु क से पढ़कर अथ समझा िदया; और लोगों ने पाठ को समझ िलया।
9 तब नहेमायाह जो अिधपित था, और ए ा जो याजक और शा ी था, और जो ले वीय लोगों को समझा रहे थे, उ ोंने सब लोगों से कहा, आज का िदन तु ारे परमे र यहोवा के िलये
पिव है ; इसिलये िवलाप न करो और न रोओ। ोंिक सब लोग व था के वचन सु नकर रोते रहे ।
10 िफर उसने उन से कहा, िक जा कर िचकना िचकना भोजन करो और मीठा मीठा रस िपयो, और िजनके िलये कुछ तै यार नही ं आ उनके पास बैना भेजो; ोंिक आज का िदन
हमारे भु के िलये पिव है; और उदास मत रहो, ोंिक यहोवा का आन तु ारा ढ़ गढ़ है ।
11 यों ले िवयों ने सब लोगों को यह कहकर चुप करा िदया, िक चुप रहो ोंिक आज का िदन पिव है ; और उदास मत रहो।
12 तब सब लोग खाने, पीने, बैना भेजने और बड़ा आन मनाने को चले गए, ोंिक जो वचन उन को समझाए गए थे, उ वे समझ गए थे।
13 और दू सरे िदन को भी सम जा के िपतरों के घराने के मु मु पु ष और याजक और लेवीय लोग, ए ा शा ी के पास व था के वचन ान से सुनने के िलये इक े ए।
14 और उ व था म यह िलखा आ िमला, िक यहोवा ने मू सा से यह आ ा िदलाई थी, िक इ ाएली सातव महीने के पव के समय झोंपिडय़ों म रहा कर,
15 और अपने सब नगरों और य शलेम म यह सुनाया और चार िकया जाए, िक पहाड़ पर जा कर जलपाई, तैलवृझ, महदी, खजूर और घने घने वृ ों की डािलयां ले आकर झोंपिडय़ां
बनाओ, जै से िक िलखा है।
16 सो सब लोग बाहर जा कर डािलयां ले आए, और अपने अपने घर की छत पर, और अपने आं गनों म, और परमे र के भवन के आं गनों म, और जलफाटक के चौक म, और ए ैम के
फाटक के चौक म, झोंपिडय़ां बना ली ं।
17 वरन सब म ली के लोग िजतने ब ुआई से छूटकर लौट आए थे, झोंपिडय़ां बना कर उन म िटके। नू न के पु यहोशू के िदनों से ले कर उस िदन तक इ ाएिलयों ने ऐसा नही ं
िकया था। और उस समय ब त बड़ा आन आ।
18 िफर पिहले िदन से िपछले िदन तक ए ा ने ितिदन परमे र की व था की पु क म से पढ़ पढ़कर सुनाया। योंवे सात िदन तक पव को मानते रहे, और साठव िदन िनयम के
अनु सार महासभा ई।
नहे ाह 9
1 िफर उसी महीने के चौबीसव िदन को इ ाएली उपवास का टाट पिहने और िसर पर धूल डाले ए, इक े हो गए।
2 तब इ ाएल के वंश के लोग सब अ जाित लोगों से अलग हो गए, और खड़े हो कर, अपने अपने पापों और अपने पु रखाओं के अधम के कामों को मान िलया।
3 तब उ ोंने अपने अपने थान पर खड़े हो कर िदन के एक पहर तक अपने परमे र यहोवा की व था की पु क पढ़ते, और एक और पहर अपने पापों को मानते, और अपने
परमे र यहोवा को द वत करते रहे।
4 और येशू, बानी, कदमीएल, शब ाह, बु ी, शेरे ाह, बानी और कनानी ने लेिवयों की सीढ़ी पर खड़े हो कर ऊंचे र से अपने परमे र यहोवा की दोहाई दी।
5 िफर येशू, कदमीएल, बानी, हश याह, शेरे ाह, होिद ाह, शब ाह, और पत ाह नाम ले िवयों ने कहा, खड़े हो; अपने परमे र यहोवा को अनािदकाल से अन काल तक ध
कहो। तेरा मिहमायु नाम ध कहा जाए, जो सब ध वाद और ुित से परे है ।
6 तू ही अकेला यहोवा है; ग वरन सब से ऊंचे ग और उसके सब गण, और पृ ी और जो कुछ उस म है , और समु और जो कुछ उस म है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों
की र ा तू ही करता है ; और ग की सम सेना तुझी को द वत करती ह।
7 हे यहोवा! तू वही परमे र है, जो अ ाहाम को चु नकर कसिदयों के ऊर नगर म से िनकाल लाया, और उसका नाम इ ाहीम रखा;
8 और उसके मन को अपने साथ स ा पाकर, उस से वाचा बा ी, िक म तेरे वंश को कनािनयों, िहि यों, एमो रयों, प र यों, यबूिसयों, और िगगािशयों का दे श दू ं गा; और तू ने अपना
वह वचन पूरा भी िकया, ोंिक तू धमीं है ।
9 िफर तू ने िम म हमारे पु रखाओं के दु :ख पर ि की; और लाल समु के तट पर उनकी दोहाई सु नी।
10 और िफ़रौन और उसके सब कमचारी वरन उसके दे श के सब लोगों को द दे ने के िलये िच और चम ार िदखाए; ोंिक तू जानता था िक वे उन से अिभमान करते ह; और तू
ने अपना ऐसा बड़ा नाम िकया, जैसा आज तक वतमान है।
11 और तू ने उनके आगे समु को ऐसा दो भाग िकया, िक वे समु के बीच थल ही थल चलकर पार हो गए; और जो उनके पीछे पड़े थे, उन को तू ने गिहरे थानों म ऐसा डाल िदया,
जैसा प र महाजलरािश म डाला जाए।
12 िफर तू ने िदन को बादल के ख े म हो कर और रात को आग के ख े म हो कर उनकी अगु आई की, िक िजस माग पर उ चलना था, उस म उन को उिजयाला िमले ।
13 िफर तू ने सीनै पवत पर उतर कर आकाश म से उनके साथ बात की, और उन को सीधे िनयम, स ी व था, और अ ी िविधयां, और आ ाएं दी ं।
14 और उ अपने पिव िव ाम िदन का ान िदया, और अपने दास मू सा के ारा आ ाएं और िविधयां और व था दी ं।
15 और उनकी भूख िमटाने को आकाश से उ भोजन िदया और उनकी ास बु झाने को च ान म से उनके िलये पानी िनकाला, और उ आ ा दी िक िजस दे श को तु दे ने की म ने
शपथ खाई है उसके अिधकारी होने को तुम उस म जाओ।
16 पर ु उ ोंने और हमारे पु रखाओं ने अिभमान िकया, और हठीले बने और ते री आ ाएं न मानी;
17 और आ ा मनने से इनकार िकया, और जो आ यकम तू ने उनके बीच िकए थे , उनका रण न िकया, वरन हठ करके यहां तक बलवा करने वाले बने, िक एक धान ठहराया, िक
अपने दास की दशा म लौटे । पर ु तू मा करने वाला अनु हकारी और दयालु , िवल से कोप करने वाला, और अितक णामय ई र है, तू ने उन को न ागा।
18 वरन जब उ ोंने बछड़ा ढालकर कहा, िक तु ारा परमे र जो तु िम दे श से छु ड़ा लाया है , वह यही है , और तेरा ब त ितर ार िकया,
19 तब भी तू जो अित दयालु है, उन को जंगल म न ागा; न तो िदन को अगुआई करने वाला बादल का ख ा उन पर से हटा, और न रात को उिजयाला दे ने वाला और उनका माग
िदखाने वाला आग का ख ा।
20 वरन तू ने उ समझाने के िलये अपने आ ा को जो भला है िदया, और अपना म ा उ खलाना न छोड़ा, और उनकी ास बुझाने को पानी दे ता रहा।
21 चालीस वष तक तू जंगल म उनका ऐसा पालन पोषण करता रहा, िक उन को कुछ घटी न ई; न तो उनके व पु राने ए और न उनके पांव म सूजन ई।
22 िफर तू ने रा रा और दे श दे श के लोगों को उनके वश म कर िदया, और िदशा िदशा म उन को बां ट िदया; यों वे हेशबोन के राजा सीहोन और बाशान के राजा ओग दोनों के
दे शों के अिधकारी हो गए।
23 िफर तू ने उनकी स ान को आकाश के तारों के समान बढ़ा कर उ उस दे श म प ं चा िदया, िजसके िवषय तू ने उनके पूवजों से कहा था; िक वे उस म जा कर उसके अिधकारी
हो जाएं गे ।
24 सो यह स ान जा कर उसकी अिधका रन हो गई, और तू ने उनके ारा दे श के िनवासी कनािनयों को दबाया, और राजाओं और दे श के लोगों समे त उन को, उनके हाथ म कर
िदया, िक वे उन से जो चाह सो कर।
25 और उ ोंने गढ़ वाले नगर और उपजाऊ भूिम ले ली, और सब भांित की अ ी व ु ओं से भरे ए घरों के, और खुदे ए हौदों के, और दाख और जलपाई बा रयों के, और खाने के
फल वाले ब त से वृ ों के अिधकारी हो गए; वे उसे खा खाकर तृ ए, और -पु हो गए, और ते री बड़ी भलाई के कारण सुख भोगते रहे।
26 पर ु वे तुझ से िफरकर बलवा करने वाले बन गए और तेरी व था को ाग िदया, और तेरे जो नबी ते री ओर उ फेरने के िलये उन को िचताते रहे उन को उ ोंने घात िकया,
और ते रा ब त ितर ार िकया।
27 इस कारण तू ने उन को उनके श ुओं के हाथ म कर िदया, और उ ोंने उन को सं कट म डाल िदया; तौभी जब जब वे संकट म पड़कर तेरी दोहाई दे ते रहे तब तब तू ग से
उनकी सु नता रहा; और तू जो अितदयालु है, इसिलये उनके छु ड़ाने वाले को भे जता रहा जो उन को श ुओ ं के हाथ से छु ड़ाते थे।
28 पर ु जब जब उन को चैन िमला, तब तब वे िफर तेरे सा ने बुराई करते थे, इस कारण तू उन को श ुओ ं के हाथ म कर दे ता था, और वे उन पर भुता करते थे; तौभी जब वे
िफरकर ते री दोहाई दे ते, तब तू ग से उनकी सुनता और तू जो दयालु है , इसिलये बार बार उन को छु ड़ाता,
29 और उन को िचताता था िक उन को िफर अपनी व था के आधीन कर दे । पर ु वे अिभमान करते रहे और तेरी आ ाएं नहीं मानते थे , और तेरे िनयम, िजन को यिद मनु माने,
तो उनके कारण जीिवत रहे, उनके िव पाप करते, और हठ कर के अपना क ा हटाते और न सु नते थे ।
30 तू तो ब त वष तक उनकी सहता रहा, और अपने आ ा से निबयों के ारा उ िचताता रहा, पर ु वे कान नहीं लगाते थे, इसिलये तू ने उ दे श दे श के लोगों के हाथ म कर
िदया।
31 तौभी तू ने जो अितदयालु है, उनका अ नहीं कर डाला और न उन को ाग िदया, ोंिक तू अनु हकारी और दयालु ई र है।
32 अब तो हे हमारे परमे र! हे महान परा मी और भययो ई र! जो अपनी वाचा पालता और क णा करता रहा है , जो बड़ा क , अ ू र के राजाओं के िदनों से ले आज के िदन
तक हम और हमारे राजाओं, हािकमों, याजकों, निबयों, पुरखाओं, वरन तेरी सम जा को भोगना पड़ा है , वह ते री ि म थोड़ा न ठहरे ।
33 तौभी जो कुछ हम पर बीता है उसके िव तू तो धमी ं है ; तू ने तो स ाई से काम िकया है , पर ु हम ने दु ता की है ।
34 और हमारे राजाओं और हािकमों, याजकों और पुरखाओं ने, न तो ते री व था को माना है और न तेरी आ ाओं और िचतौिनयों की ओर ान िदया है िजन से तू ने उन को िचताया
था।
35 उ ोंने अपने रा म, और उस बड़े क ाण के समय जो तू ने उ िदया था, और इस ल े चौड़े और उपजाऊ दे श म तेरी सेवा नहीं की; और न अपने बुरे कामों से प ाताप
िकया।
36 दे ख, हम आज कल दास ह; जो दे श तू ने हमारे िपतरों को िदया था िक उसकी उ म उपज खाएं , इसी म हम दास ह।
37 इसकी उपज से उन राजाओं को िज तू ने हमारे पापों के कारण हमारे ऊपर ठहराया है, ब त धन िमलता है ; और वे हमारे शरीरों और हमारे पशुओं पर अपनी अपनी इ ा के
अनु सार भुता जताते ह, इसिलये हम बड़े संकट म पड़े ह।
38 इस सब के कारण, हम स ई के साथ वाचा बा ते, और िलख भी दे ते ह, और हमारे हािकम, लेवीय और याजक उस पर छाप लगाते ह।
नहे ाह 10
1 िज ोंने छाप लगाई वे ये ह, अथात हक ाह का पु नहे मायाह जो अिधपित था, और िसदिक ाह;
2 सरायाह, अजयाह, ियमयाह;
3 पश र, अमयाह, म ाह;
4 ह ू श, शब ाह, म ूक;
5 हारीम, मरे योत, ओब ाह;
6 दािन े ल, िग तोन, बा क;
7 मशु ाम, अिब ाह, िम ामीन;
8 मा ाह, िबलगै और शमायाह; ये ही तो याजक थे।
9 और ले वी ये थे : आज ाह का पु येशू, हेनादाद की स ान म से िब ई और कदमीएल;
10 और उनके भाई शब ाह, होिद ाह, कलीता, पलायाह, हानान;
11 मीका, रहोब, हश ाह;
12 ज ू र, शेरे ाह, शब ाह।
13 होिद ाह, बानी और बनीन;
14 िफर जा के धान ये थे: परोश, पह ोआब, एलाम, ज ू, बानी;
15 बुनी, अजगाद, बेबै;
16 अदोिन ाह, िब ै, आदीन;
17 आतेर, िहजिक ाह, म ूर;
18 होिद ाह, हाशूम, बेसै;
19 हारीफ, अनातोत, नोबै;
20 म पीआश, मशु ाम, हेजीर;
21 मशेजबे ल, सादोक, यद् दू ;
22 पल ाह, हानान, अनायाह;
23 होशे, हन ाह, ह ूब;
24 ह ोहेश, िप ा, शोबेक;
25 र म, हश ा, माशेयाह;
26 अिह ाह, हानान, आनान;
27 म ूक, हारीम और बाना।
28 शेष लोग अथात याजक, लेवीय, ारपाल, गवैये और नतीन लोग, िनदान िजतने परमे र की व था मानने के िलये दे श दे श के लोगों से अलग ए थे, उन सभ ने अपनी यों और
उन बे ट-बेिटयों समे त जो समझने वाले थे,
29 अपने भाई रईसों से िमलकर शपथ खाई, िक हम परमे र की उस व था पर चलगे जो उसके दास मू सा के ारा दी गई है, और अपने भु यहोवा की सब आ ाएं , िनयम और
िविधयां मानने म चौकसी करगे।
30 और हम न तो अपनी बेिटयां इस दे श के लोगों को ाह दगे, और न अपने बेटों के िलये उनकी बेिटयां ाह लगे ।
31 और जब इस दे श के लोग िव ामिदन को अ वा और िबकाऊ व ु एं बे चने को ले आयगे तब हम उन से न तो िव ामिदन को न िकसी पिव िदन को कुछ लगे; और सातव वष म
भू िम पड़ी रहने दगे, और अपने अपने ॠण की वसूली छोड़ दगे ।
32 िफर हम लोगों ने ऐसा िनयम बा िलया िजस से हम को अपने परमे र के भवन की उपासना के िलये एक एक ितहाई शेकेल दे ना पड़े गा:
33 अथात भट की रोटी और िन अ बिल और िन होमबिल के िलये , और िव ामिदनों और नये चा और िनयत प के बिलदानों और और पिव भटों और इ ाएल के ायि
के िनिम पाप बिलयों के िलये, िनदान अपने परमे र के भवन के सारे काम के िलये ।
34 िफर ा याजक, ा लेवीय, ा साधारण लोग, हम सभों ने इस बात के ठहराने के िलये िचि यां डाली ं, िक अपने िपतरों के घरानों के अनुसार ित वष म ठहराए ए समयों पर
लकड़ी की भट व था म िलखी ई बात के अनुसार हम अपने परमे र यहोवा की वेदी पर जलाने के िलये अपने परमे र के भवन म लाया करगे।
35 और अपनी अपनी भूिम की पिहली उपज और सब भांित के वृ ों के पिहले फल ित वष यहोवा के भवन म ले आएं गे ।
36 और व था म िलखी ई बात के अनु सार, अपने अपने पिहलौठे बेटों और पशुओ,ं अथात पिहलौठे बछड़ों और मे ों को अपने परमे र के भवन म उन याजकों के पास लाया
करगे , जो हमारे परमे र के भवन म सेवा टहल करते ह।
37 और अपना पिहला गूंधा आ आटा, और उठाई ई भटे , और सब कार के वृ ों के फल, और नया दाखमधु, और टटका तेल, अपने परमे र के भवन की कोठ रयों म याजकों के
पास, और अपनी अपनी भूिम की उपज का दशमांश लेिवयों के पास लाया करगे; ोंिक वे ले वीय ह, जो हमारी खे ती के सब नगरों म दशमांश लेते ह।
38 और जब जब ले वीय दशमांश ल, तब तब उनके संग हा न की स ान का कोई याजक रहा करे ; और लेवीय दशमांशों का दशमांश हमारे परमे र के भवन की कोठ रयों म अथात
भणडार म प ंचाया करगे।
39 ोंिक िजन कोठ रयों म पिव थान के पा और से वा टहल करने वाले याजक और ारपाल और गवैये रहते ह, उन म इ ाएली और लेवीय, अनाज, नये दाखपधु, और टटके ते ल
की उठाई ई भटे प ंचाएं गे। िनदान हम अपने परमे र के भवन को न छोड़गे ।
नहे ाह 11
1 जा के हािकम तो य शलेम म रहते थे, और शेष लोगों ने यह ठहराने के िलये िचि यां डाली ं, िक दस म से एक मनु य शलेम म, जो पिव नगर है, बस जाएं ; और नौ मनु और
और नगरों म बस।
2 और िज ोंने अपनी ही इ ा से य शलेम म वास करना चाहा उन सभों को लोगों ने आिशवाद िदया।
3 उस ा के मु मु पु ष जो य शलेम म रहते थे, वे ये ह; ( पर ु य दा के नगरों म एक एक मनु अपनी िनज भूिम म रहता था; अथात इ ाएली, याजक, लेवीय, नतीन और
सुलैमान के दासों के स ान )
4 य शले म म तो कुछ य दी और िब ामीनी रहते थे। य िदयों म से तो येरेस के वंश का अतायाह जो अ ाह का पु था, यह जकयाह का पु , यह अमयाह का पु , यह शप ाह
का पु , यह महलले ल का पु था।
5 और मासे याह जो बा क का पु था, यह कोलहोजे का पु , यह हजायाह का पु , यह अदायाह का पु , यह योयारीब का पु , यह जकयाह का पु , यह और यह शीलोई का पु था।
6 पे रेस के वंश के जो य शलेम म रहते थे, वह सब िमलाकर चार सौ अड़सठ शूरवीर थे ।
7 और िब ामीिनयों म से स ू जो मशु ाम का पु था, यह योएद का पु , यह पदायाह का पु था, यह कोलायाह का पु यह मासेयाह का पु , यह इतीएह का पु , यह यशायाह का
पु था।
8 और उसके बाद ग ै स ै िजनके साथ नौ सौ अ ाईस पु ष थे।
9 इनका रखवाल िज ी का पु योएल था, और ह नूआ का पु य दा नगर के धान का नायब था।
10 िफर याजकों म से योयारीब का पु यदायाह और याकीन।
11 और सरायाह जो परमे र के भवन का धान और िह ाह का पु था, यह मशु ाम का पु , यह सादोक का पु , यह मरायोत का पु , यह अहीतूब का पु था।
12 और इनके आठ सौ बाईस भाई जो उस भवन का काम करते थे ; और अदायाह, जो यरोहाम का पु था, यह पल ाह का पु , यह अ ी का पु , यह जकयाह का पु , यह पश र
का पु , यह म ाह का पु था।
13 और इसके दो सौ बयालीस भाई जो िपतरों के घरानों के धान थे ; और अमशै जो अजरे ल का पु था, यह अहजै का पु , यह मिश ेमोत का पु , यह इ ेर का पु था।
14 और इनके एक सौ अ ाईस शूरवीर भाई थे और इनका रखवाल ह दोलीम का पु ज ीएल था।
15 िफर ले िवयों म से शमायाह जो ह ूब का पु था, यह अ ीकाम का पु , यह श ाह का पु , यह बु ी का पु था।
16 ओर श त और योजाबाद मु ले िवयों म से परमे र के भवन के बाहरी काम पर ठहरे थे ।
17 और म ाह जो मीका का पु और ज ी का पोता, और आसाप का परपोता था; वह ाथना म ध वाद करने वालों का मु खया था, और बकबु ाह अपने भाइयों म दू सरा पद
रखता था; और अ ा जो श ू का पु , और गालाल का पोता, और यदू तून का परपोता था।
18 जो ले वीय पिव नगर म रहते थे, वह सब िमलाकर दो सौ चौरासी थे ।
19 और अ ू ब और त ोन नाम ारपाल और उनके भाई जो फाटकों के रख वाले थे, एक सौ बह र थे ।
20 और शेष इ ाएली याजक और लेवीय, य दा के सब नगरों म अपने अपने भाग पर रहते थे ।
21 और नतीन लोग ओपेल म रहते; और नितनों के ऊपर सीहा, और िग पा ठहराए गए थे ।
22 और जो लेवीय य शलेम म रहकर परमे र के भवन के काम म लगे रहते थे , उनका मु खया आसाप के वंश के गवैयों म का उ ी था, जो बानी का पु था, यह हश ाह का पु ,
यह म ाह का पु और यह हश ाह का पु था।
23 ोंिक उनके िवषय राजा की आ ा थी, और गवैयों के ितिदन के योजन के अनुसार ठीक ब था।
24 और जा के सब काम के िलये मशेजबेल का पु पत ाह जो य दा के पु जे रह के वंश म था, वह राजा के पास रहता था।
25 बच गए गांव और उनके खेत, सो कुछ य दी िकयतबा, और उनके गां व म, कुछ दीबोन, और उसके गांवों म, कुछ यक े ल और उसके गांवों म रहते थे।
26 िफर येशू, मोलादा, बे ेलेत;
27 हसशूआल, और बेशबा और और उसके गांवों म;
28 और िसकलग और मकोना और उनके गांवों म;
29 एि ोन, सोरा, यमू त,
30 जानोह और अदू ाम और उनके गांवों म, लाकीश, और उसके खेतों म अजेका, और उसके गांवों म वे बे शबा से ले िह ोम की तराई तक डे रे डाले ए रहते थे।
31 और िब ामीनी गेबा से ले कर िमकमश, अ ा और बेतेल और उसके गांवों म;
32 अनातोत, नोब, अन ाह,
33 हासोर, रामा, िग ैम,
34 हादीद, सबोईम, नब त,
35 लोद, ओनो और कारीगरों की तराई तक रहते थे।
36 और िकतने लेिवयों के दल य दा और िब ामीन के ा ों म बस गए।
नहे ाह 12
1 जो याजक और लेवीय शालतीएल के पु ज ाबेल और ये शू के सं ग य शलेम को गए थे , वे ये थे : अथात सरायाह, ियमयाह, ए ा,
2 अमयाह, म ूक, ह ूश,
3 शक ाह, र म, मरे मोत,
4 इ ो, िग तोई, अिब ाह,
5 मी ामीन, मा ाह, िबलगा,
6 शमायाह, योआरीब, यदायाह,
7 स ू, आमोक, िह ाह और यदायाह। येशू के िदनों म याजकों और उनके भाइयों के मु मु पु ष, ये ही थे ।
8 िफर ये ले वीय गए: अथात येशू, िब ूई, कदमीएल, शेरे ाह, य दा और वह म ाह जो अपने भाइयों समेत ध वाद के काम पर ठहराया गया था।
9 और उनके भाई बकबु ाह और उ ो उनके सा ने अपनी अपनी से वकाई म लगे रहते थे ।
10 और येशू से योयाकीम उ आ और योयाकीम से ए ाशीब और ए ाशीब से योयादा,
11 और योयादा से योनातान और योनातान से य उ आ।
12 और योयाकीम के िदनों म ये याजक अपने अपने िपतरों के घराने के मु पु ष थे , अथात शरायाह का तो मरायाह; ियमयाह का हन ाह।
13 ए ा का मशु ाम; अमयाह का यहोहानान।
14 म ूकी का योनातान; शब ाह का योसेप।
15 हारीम का अदना; मरायोत का हेलकै।
16 इ ो का जकयाह; िग तोन का मशु ाम।
17 अिब ाह का िज ी; िम ामीन के मोअ ाह का िपलतै।
18 िबलगा का श ू; शामायह का यहोनातान।
19 योयारीब का म नै ; यदायाह का उ ी।
20 स ै का क ै; आमोक का एबेर।
21 िह ाह का हश ाह; और यदायाह का नतनेल।
22 ए ाशीब, योयादा, योहानान और य के िदनों म ले वीय िपतरों के घरानों के मु पु षों के नाम िलखे जाते थे, और दारा फारसी के रा म याजकों के भी नाम िलखे जाते थे।
23 जो ले वीय िपतरों के घरानों के मु पु ष थे, उनके नाम ए ाशीब के पु योहानान के िदनों तक इितहास की पु क म िलखे जाते थे।
24 और ले िवयों के मु पु ष ये थे: अथात हस ाह, शेरे ाह और कदमीएल का पु ये शू; और उनके सा ने उनके भाई परमे र के भ दाऊद की आ ा के अनु सार
आ ने -सा ने ुित और ध वाद करने पर िनयु थे।
25 म ाह, बकबु ाह, ओब ाह, मशु ाम, त ोन और अ ू ब फाटकों के पास के भणडारों का पहरा दे ने वाले ारपाल थे।
26 योयाकीम के िदनों म जो योसादाक का पोता और येशू का पु था, और नहेमायाह अिधपित और ए ा याजक और शा ी के िदनों म ये ही थे।
27 और य शलेम की शहरपनाह की ित ा के समय ले वीय अपने सब थानों म ढूंढ़े गए, िक य शले म को प ं चाए जाएं , िजस से आन और ध वाद कर के और झां झ, सारं गी और
वीणा बजाकर, और गाकर उसकी ित ा कर।
28 तो गवैयों के स ान य शले म के चारों ओर के दे श से और नतोपाितयों के गांवों से,
29 और बेतिगलगाल से, और गेबा और अ ाबेत के खे तों से इक े ए; ोंिक गवैयों ने य शलेम के आस-पास गां व बसा िलये थे।
30 तब याजकों और लेिवयों ने अपने अपने को शु िकया; और उ ोंने जा को, और फाटकों और शहरपनाह को भी शु िकया।
31 तब म ने य दी हािकमों को शहरपनाह पर चढ़ाकर दो बड़े दल ठहराए, जो ध वाद करते ए धूमधाम के साथ चलते थे। इनम से एक दल तो द न ओर, अथात कूड़ाफाटक की
ओर शहरपनाह के ऊपर ऊपर से चला;
32 और उसके पीछे पीछे ये चले, अथात होशयाह और य दा के आधे हािकम,
33 और अजयाह, ए ा, मशु ाम,
34 य दा, िब ामीन, शमायाह, और ियमयाह,
35 और याजकों के िकतने पु तुरिहयां िलये ए: अथात जकयाह जो योहानान का पु था, यह शमायाह का पु , यह म ाह का पु , यह मीकायाह का पु , यह ज ू र का पु , यह
आसाप का पु था।
36 और उसके भाई शमायाह, अजरे ल, िमललै, िगललै, माऐ, नतने ल, य दा और हनानी परमे र के भ दाऊद के बाजे िलये ए थे; और उनके आगे आगे ए ा शा ी चला।
37 ये सोताफाटक से हो सीधे दाऊदपुर की सीढ़ी पर चढ़, शहरपनाह की ऊंचाई पर से चलकर, दाऊद के भवन के ऊपर से हो कर, पूरब की ओर जलफाटक तक प ं चे।
38 और ध वाद करने और धूमधाम से चलने वालों का दू सरा दल, और उनके पीछे पीछे म, और आधे लोग उन से िमलने को शहरपनाह के ऊपर ऊपर से भ ों के गु ट के पास से
चौड़ी शहरपनाह तक।
39 और ए ै म के फाटक और पुराने फाटक, और मछलीफाटक, और हननेल के गु ट, और ह े आ नाम गु ट के पास से हो कर भेड़ फाटक तक चले, और पह ओं के फाटक के
पास खड़े हो गए।
40 तब ध वाद करने वालों के दोनों दल और म और मे रे साथ आधे हािकम परमे र के भवन म खड़े हो गए।
41 और ए ाकीम, मासेयाह, िम ामीन, मीकायाह, ए ोएनै, जकयाह और हन ाह नाम याजक तु रिहयां िलये ए थे ।
42 और मासेयाह, शमायाह, एलीआजर, उ ी, यहोहानान, म ाह, एलाम, ओर एजे र (खड़े ए थे) और गवैये िजनका मु खया िय ाह था, वह ऊंचे र से गाते बजाते रहे ।
43 उसी िदन लोगों ने बड़े बड़े मेलबिल चढ़ाए, और आन िलया; ोंिक परमे र ने उन को ब त ही आन त िकया था; यों ने और बाल-ब ों ने भी आन िकया। और
य शले म के आन की िन दू र दू र तक फैल गई।
44 उसी िदन खज़ानों के, उठाई ई भटों के, पिहली पिहली उपज के, और दशमांशों की कोठ रयों के अिधकारी ठहराए गए, िक उन म नगर नगर के खेतों के अनुसार उन व ु ओं को
जमा कर, जो व था के अनु सार याजकों और लेिवयों के भाग म की थी ं; ोंिक य दी उप थत याजकों और लेिवयों के कारण आन त थे।
45 इसिलये वे अपने परमे र के काम और शु ता के िवषय चौकसी करते रहे ; और गवैये ओर ारपाल भी दाऊद और उसके पु सुलैमान की आ ा के अनुसार वैसा ही करते रहे।
46 ाचीनकाल, अथात दाऊद और आसाप के िदनों म तो गवैयों के धान थे, और परमे र की ुित और ध वाद के गीत गाए जाते थे।
47 और ज ाबेल और नहे मायाह के िदनों म सारे इ ाएली, गवैयों और ारपालों के ितिदन का भाग दे ते रहे; और वे लेिवयों के अंश पिव कर के दे ते थे; और लेवीय हा न की
स ान के अंश पिव कर के दे ते थे।
नहे ाह 13
1 उसी िदन मूसा की पु क लोगों को पढ़कर सुनाई गई; और उस म यह िलखा आ िमला, िक कोई अ ोनी वा मोआबी परमे र की सभा म कभी न आने पाए;
2 ोंिक उ ोंने अ जल ले कर इ ाएिलयों से भट नही ं की, वरन िबलाम को उ शाप दे ने के िलये दि णा दे कर बुलवाया था--तौभी हमारे परमे र ने उस शाप को आशीष से बदल
िदया।
3 यह व था सुनकर, उ ोंने इ ाएल म से िमली जुली भीड़ को अलग अलग कर िदया।
4 इस से पिहले ए ाशीब याजक जो हमारे परमे र के भवन की कोठ रयों का अिधकारी और तोिब ाह का स ी था।
5 उसने तोिब ाह के िलये एक बड़ी कोठरी तैयार की थी िजस म पिहले अ बिल का सामान और लोबान और पा और अनाज, नये दाखमधु और टटके तेल के दशमां श, िज ले िवयों,
गवैयों और ारपालों को दे ने की आ ा थी, रखी ई थी; और याजकों के िलये उठाई ई भट भी रखी जाती थी ं।
6 पर ु म इस समय य शलेम म नहीं था, ोंिक बाबे ल के राजा अत के ब ीसव वष म म राजा के पास चला गया। िफर िकतने िदनों के बाद राजा से छु ी मांगी,
7 और म य शलेम को आया, तब म ने जान िलया, िक ए ाशीब ने तोिब ाह के िलये परमे र के भवन के आं गनों म एक कोठरी तैयार कर, ा ही बुराई की है।
8 इसे म ने ब त बु रा माना, और तोिब ाह का सारा घरे लू सामान उस कोठरी म से फक िदया।
9 तब मे री आ ा से वे कोठ रयां शु की गई, और म ने परमे र के भवन के पा और अ बिल का सामान और लोबान उन म िफर से रखवा िदया।
10 िफर मु झे मालूम आ िक ले िवयों का भाग उ नहीं िदया गया है; और इस कारण काम करने वाले लेवीय और गवैये अपने अपने खे त को भाग गए ह।
11 तब म ने हािकमों को डांटकर कहा, परमे र का भवन ों ागा गया है? िफर म ने उन को इक ा कर के, एक एक को उसके थान पर िनयु िकया।
12 तब से सब य दी अनाज, नये दाखमधु और टटके तेल के दशमांश भणडारों म लाने लगे ।
13 और म ने भणडारों के अिधकारी शेले ाह याजक और सादोक मुंशी को, और लेिवयों म से पदायाह को, और उनके नीचे हानान को, जो म ाह का पोता और ज ू र का पु था,
िनयु िकया; वे तो िव ासयो िगने जाते थे , और अपने भाइयों के म बां टना उनका काम था।
14 हे मे रे परमे र! मे रा यह काम मेरे िहत के िलये रण रख, और जो जो सुकम म ने अपने परमे र के भवन और उस म की आराधना के िवषय िकए ह उ े िमटा न डाल।
15 उ ी ं िदनों म म ने य दा म िकतनों को दे खा जो िव ामिदन को हौदों म दाख रौंदते , और पूिलयों को ले आते, और गदहों पर लादते थे; वैसे ही वे दाखमधु, दाख, अं जीर और भां ित
भांित के बोझ िव ामिदन को य शलेम म लाते थे; तब िजस िदन वे भोजनव ु बे चते थे , उसी िदन म ने उन को िचता िदया।
16 िफर उस म सोरी लोग रहकर मछली और भांित भांित का सौदा ले आकर, य िदयों के हाथ य शले म म िव ामिदन को बेचा करते थे।
17 तब म ने य दा के रईसों को डांट कर कहा, तुम लोग यह ा बुराई करते हो, जो िव ामिदन को अपिव करते हो?
18 ा तु ारे पुरखा ऐसा नहीं करते थे? और ा हमारे परमे र ने यह सब िवपि हम पर और इस नगर पर न डाली? तौभी तुम िव ामिदन को अपिव करने से इ ाएल पर परमे र
का ोध और भी भड़काते जाते हो।
19 सो जब िव ामवार के पिहले िदन को य शले म के फाटकों के आस-पास अ े रा होने लगा, तब म ने आ ा दी, िक उनके प े ब िकए जाएं , और यह भी आ ा दी, िक वे
िव ामवार के पूरे होने तक खोले न जाएं । तब म ने अपने िकतने सेवकों को फाटकों का अिधकारी ठहरा िदया, िक िव ामवार को कोई बोझ भीतर आने न पाए।
20 इसिलये ोपारी और भांित भांित के सौदे के बेचने वाले य शलेम के बाहर दो एक बे र िटके।
21 तब म ने उन को िचताकर कहा, तुम लोग शहरपनाह के सा ने ों िटकते हो? यिद तुम िफर ऐसा करोगे तो म तुम पर हाथ बढ़ाऊंगा। इसिलये उस समय से वे िफर िव ामवार
को नहीं आए।
22 तब म ने लेिवयों को आ ा दी, िक अपने अपने को शु कर के फाटकों की रखवाली करने के िलये आया करो, तािक िव ामिदन पिव माना जाए। हे मेरे परमे र! मेरे िहत के िलये
यह भी रण रख और अपनी बड़ी क णा के अनुसार मु झ पर तरस खा।
23 िफर उ ी ं िदनों म मुझ को ऐसे य दी िदखाई पड़े , िज ोंने अशदोदी, अ ोनी और मोआबी यां ाह ली थी ं।
24 और उनके लड़के-बालों की आधी बोली अशदोदी थी, और वे य दी बोली न बोल सकते थे, दोनों जाित की बोली बोलते थे।
25 तब म ने उन को डांटा और कोसा, और उन म से िकतनों को िपटवा िदया और उनके बाल नुचवाए; और उन को परमे र की यह शपथ खलाई, िक हम अपनी बेिटयां उनके बेटों
के साथ ाह म न दगे और न अपने िलये वा अपने बेटों के िलये उनकी बेिटयां ाह म लगे ।
26 ा इ ाएल का राजा सुलैमान इसी कार के पाप म न फंसा था? ब तेरी जाितयों म उसके तु कोई राजा नही ं आ, और वह अपने परमे र का ि य भी था, और परमे र ने उसे
सारे इ ाएल के ऊपर राजा िनयु िकया; पर ु उसको भी अ जाित यों ने पाप म फंसाया।
27 तो ा हम तु ारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई कर िक अ जाित की यां ाह कर अपने परमे र के िव पाप कर?
28 और ए ाशीब महायाजक के पु योयादा का एक पु , होरोनी स त का दामाद था, इसिलये म ने उसको अपने पास से भगा िदया।
29 हे मे रे परमे र उनकी हािन के िलये याजकपद और याजकों ओर लेिवयों की वाचा का तोड़ा जाना रण रख।
30 इस कार म ने उन को सब अ जाितयों से शु िकया, और एक एक याजक और ले वीय की बारी और काम ठहरा िदया।
31 िफर म ने लकड़ी की भट ले आने के िवशेष समय ठहरा िदए, और पिहली पिहली उपज के दे ने का ब भी िकया। हे मेरे परमे र! मेरे िहत के िलये मुझे रण कर।
ए ेर 1
1 यष नाम राजा के िदनों म ये बात ईं: यह वही यष है, जो एक सौ सताईस ा ों पर, अथात िह दु ान से ले कर कूश दे श तक रा करता था।
2 उ ी ं िदनों म जब यष राजा अपनी उस राजग ी पर िवराजमान था जो शूशन नाम राजगढ़ म थी।
3 वहां उसने अपने रा के तीसरे वष म अपने सब हािकमों और कमचा रयों की जे वनार की। फ़ारस और मादै के सेनापित और ा - ा के धान और हािकम उसके स ुख आ
गए।
4 और वह उ ब त िदन वरन एक सौ अ ी िदन तक अपने राजिवभव का धन और अपने माहा के अनमोल पदाथ िदखाता रहा।
5 इतने िदनों के बीतने पर राजा ने ा छोटे ा बड़े उन सभों की भी जो शूशन नाम राजगढ़ म इक े ए थे, राजभवन की बारी के आं गन म सात िदन तक जेवनार की।
6 वहां के पद ेत और नीले सूत के थे, और सन और बजनी रं ग की डो रयों से चा ी के छ ों म, सं गममर के ख ों से लगे ए थे; और वहां की चौिकयां सोने-चा ी की थी ं; और लाल
और ेत और पीले और काले संगममर के बने ए फ़श पर धरी ई थी ं।
7 उस जेवनार म राजा के यो दाखमधु िभ िभ प के सोने के पा म डाल कर राजा की उदारता से ब तायत के साथ िपलाया जाता था।
8 पीना तो िनयम के अनुसार होता था, िकसी को बरबस नही ं िपलाया जाता था; ोंिक राजा ने तो अपने भवन के सब भणडा रयों को आ ा दी थी, िक जो पा न जैसा चाहे उसके साथ
वैसा ही बताव करना।
9 रानी वशती ने भी राजा यष के भवन म यों की जे वनार की।
10 सातव िदन, जब राजा का मन दाखमधु म म था, तब उसने म मान, िबजता, हब ना, िबगता, अबगता, जे तेर और ककस नाम सातों खोजों को जो यष राजा के स ुख से वा टहल
िकया करते थे , आा ा दी,
11 िक रानी वशती को राजमुकुट धारण िकए ए राजा के स ुख ले आओ; िजस से िक दे श दे श के लोगों और हािकमों पर उसकी सु रता गट हो जाए; ोंिक वह दे खने म सु र
थी।
12 खोजों के ारा राजा की यह आ ा पाकर रानी वशती ने आने से इनकार िकया। इस पर राजा बड़े ोध से जलने लगा।
13 तब राजा ने समय समय का भेद जानने वाले पिणडतों से पुछा (राजा तो नीित और ाय के सब ािनयों से ऐसा ही िकया करता था।
14 और उसके पास कशना, शेतार, अदमाता, तश श, मेरेस, मसना, और ममू कान नाम फ़ारस, और मादै के सातों खोजे थे, जो राजा का दशन करते, और रा म मु मु पदों पर
िनयु िकए गए थे । )
15 राजा ने पूछा िक रानी वशती ने राजा यष की खोजों ारा िदलाई ई आ ा का उलं घन िकया, तो नीित के अनु सार उसके साथ ा िकया जाए?
16 तब ममू कान ने राजा और हािकमों की उप थित म उ र िदया, रानी वशती ने जो अनु िचत काम िकया है, वह न केवल राजा से पर ु सब हािकमों से और उन सब दे शों के लोगों से
भी जो राजा यष के सब ा ों म रहते ह।
17 ोंिक रानी के इस काम की चचा सब यों म होगी और जब यह कहा जाएगा, िक राजा यष ने रानी वशती को अपने सा ने ले आने की आ ा दी पर ु वह न आई, तब वे भी
अपने अपने पित को तु जानने लगगी।
18 और आज के िदन फ़ारसी और मादी हािकमों की यां िज ोंने रानी की यह बात सुनी है तो वे भी राजा के सब हािकमों से ऐसा ही कहने लगगी; इस कार ब त ही घृणा और
ोध उ होगा।
19 यिद राजा को ीकार हो, तो यह आ ा िनकाले, और फािसय और मािदयों के कानून म िलखी भी जाए, िजस से कभी बदल न सके, िक रानी वशती राजा यष के स ु ख िफर
कभी आने न पाए, और राजा पटरानी का पद िकसी दू सरी को दे दे जो उस से अ ी हो।
20 और जब राजा की यह आ ा उसके सारे रा म सु नाईं जाएगी, तब सब पि यां छोटे , बड़े , अपने अपने पित का आदरमान करती रहगी।
21 यह बात राजा और हािकमों को पस आई और राजा ने ममूकान की स ित मान ली और अपने रा म,
22 अथात ेक ा के अ रों म और ेक जाित की भाषा म िचि यां भेजी ं, िक सब पु ष अपने अपने घर म अिधकार चलाएं , और अपनी जाित की भाषा बोला कर।
ए ेर 2
1 इन बातों के बाद जब राजा यष की जलजलाहट ठं डी हो गई, तब उसने रानी वशती की, और जो काम उसने िकया था, और जो उसके िवषय म आ ा िनकली थी उसकी भी सु िध
ली।
2 तब राजा के सेवक जो उसके टहलुए थे, कहने लगे, राजा के िलये सु र तथा यु वती कुंवा रयां ढू ं ढी जाएं ।
3 और राजा ने अपने रा के सब ा ों म लोगों को इसिलये िनयु िकया िक वे सब सु र यु वती कुंवा रयों को शूशन गढ़ के रनवास म इक ा कर और यों के रखवाले हेगे को जो
राजा का खोजा था सौप द; और शु करने के यो व ुएं उ दी जाएं ।
4 तब उन म से जो कुंवारी राजा की ि म उ म ठहरे , वह रानी वशती के थान पर पटरानी बनाई जाए। यह बात राजा को पस आई और उसने ऐसा ही िकया।
5 शूशन गढ़ म मोदकै नाम एक य दी रहता था, जो कीश नाम के एक िब ामीनी का परपोता, िशमी का पोता, और याईर का पु था।
6 वह उन ब ुओं के साथ य शलेम से ब ुआई म गया था, िज बाबे ल का राजा नबू कदने र, य दा के राजा यको ाह के संग ब ुआ कर के ले गया था।
7 उसने हद ा नाम अपनी चचेरी बिहन को, जो ए ेर भी कहलाती थी, पाला-पोसा था; ोंिक उसके माता-िमता कोई न थे, और वह लड़की सु र और पवती थी, और जब उसके
माता-िपता मर गए, तब मोदकै ने उसको अपनी बेटी कर के पाला।
8 जब राजा की आ ा और िनयम सुनाए गए, और ब त सी युवती यां , शूशन गढ़ म हे गे के अिधकार म इक ी की गई, तब ए ेर भी राजभवन म यों के रखवाले हेगे के अिधकार
म सौंपी गई।
9 और वह यु वती ी उसकी ि म अ ी लगी; और वह उस से स आ, तब उसने िबना िवल उसे राजभवन म से शु करने की व ुएं, और उसका भोजन, और उसके िलये
चु नी ई सात सहे िलयां भी दी ं, और उसको और उसकी सहेिलयों को रनवास म सब से अ ा रहने का थान िदया।
10 ए े र ने न अपनी जाित बताई थी, न अपना कुल; ोंिक मोदकै ने उसको आ ा दी थी, िक उसे न बताना।
11 मोदकै तो ितिदन रनवास के आं गन के सा ने टहलता था तािक जाने की ए े र कैसी है और उसके साथ ा होगा?
12 जब एक एक क ा की बारी ई, िक वह यष राजा के पास जाए, ( और यह उस समय उा जब उसके साथ यों के िलये ठहराए ए िनयम के अनुसार बारह माह तक वहार
िकया गया था; अथात उनके शु करने के िदन इस रीित से बीत गए, िक छ: माह तक ग रस का तेल लगाया जाता था, और छ: माह तक सुग द , और यों के शु करने का
और और सामान लगाया जाता था )।
13 इस कार से वह क ा जब राजा के पास जाती थी, तब जो कुछ वह चाहती िक रनवास से राजभवन म ले जाए, वह उसको िदया जाता था।
14 सांझ को तो वह जाती थी और िबहान को वह लौट कर रनवास के दू सरे घर म जा कर रखे िलयों के रखवाले राजा के खोजे शाशगज के अिधकार म हो जाती थी, और राजा के पास
िफर नही ं जाती थी। और यिद राजा उस से स हो जाता था, तब वह नाम ले कर बु लाई जाती थी।
15 जब मोदकै के चाचा अबीहैल की बेटी ए ेर, िजस को मोदकै ने बे टी मान कर रखा था, उसकी बारी आई िक राजा के पास जाए, तब जो कुछ यों के रखवाले राजा के खोजे हेगे
ने उसके िलये ठहराया था, उस से अिधक उसने और कुछ न मांगा। और िजतनों ने ए े र को दे खा, वे सब उस से स ए।
16 यों ए े र राजभवन म राजा यष के पास उसके रा के सातव वष के तेबेत नाम दसव महीने म प ंचाई गई।
17 और राजा ने ए ेर को और सब यों से अिधक ार िकया, और और सब कुंवा रयों से अिधक उसके अनु ह और कृपा की ि उसी पर ई, इस कारण उसने उसके िसर पर
राजमुकुट रखा और उसको वशती के थान पर रानी बनाया।
18 तब राजा ने अपने सब हािकमों और कमचा रयों की बड़ी जे वनार कर के, उसे ए े र की जे वनार कहा; और ा ोंम छु ी िदलाई, और अपनी उदारता के यो इनाम भी बां टे।
19 जब कुंवा रयां दू सरी बार इक ी की गई, तब मोदकै राजभवन के फाटक म बै ठा था।
20 और ए ेर ने अपनी जाित और कुल का पता नही ं िदया था, ोंिक मोदकै ने उसको ऐसी आ ा दी थी िक न बताए; और ए ेर मोदकै की बात ऐसी मानती थी जैसे िक उसके यहां
अपने पालन पोषण के समय मानती थी।
21 उ ी ं िदनों म जब मोदकै राजा के राजभवन के फाटक म बैठा करता था, तब राजा के खोजे जो ारपाल भी थे , उन म से िबकतान और तेरेश नाम दो जनों ने राजा यष से ठकर
उस पर हाथ चलाने की यु की।
22 यह बात मोदकै को मालूम ई, और उसने ए ेर रानी को यह बात बताई, और ए े र ने मोदकै का नाम ले कर राजा को िचतौनी दी।
23 तब जां च पड़ताल होने पर यह बात सच िनकली और वे दोनों वृ पर लटका िदए गए, और यह वृ ा राजा के सा ने इितहास की पु क म िलख िलया गया।
ए ेर 3
1 इन बातों के बाद राजा यष ने अगामी ह दाता के पु हामान को उ पद िदया, और उसको मह दे कर उसके िलये उसके साथी हािकमों के िसंहासनों से ऊंचा िसंहासन
ठहराया।
2 और राजा के सब कमचारी जो राजभवन के फाटक म रहा करते थे , वे हामान के सा ने झुककर द वत िकया करते थे ोंिक राजा ने उसके िवषय ऐसी ही आ ा दी थी; पर ु
मोदकै न तो झुकता था और न उसको द वत करता था।
3 तब राजा के कमचारी जो राजभवन के फाटक म रहा करते थे , उ ोंने मोदकै से पू छा,
4 तू राजा की आ ा ों उलंघन करता है? जब वे उस से ितिदन ऐसा ही कहते रहे , और उसने उनकी एक न मानी, तब उ ोंने यह दे खने की इ ा से िक मोदकै की यह बात चले गी
िक नहीं, हामान को बता िदया; उसने तो उन को बता िदया था िक म य दी ँ।
5 जब हामान ने दे खा, िक मोदकै नही ं झुकता, और न मुझ को द वत करता है , तब हामान ब त ही ोिधत आ।
6 उसने केवल मोदकै पर हाथ चलाना अपनी मयादा के नीचे जाना। ोंिक उ ोंने हामान को यह बता िदया था, िक मोदकै िकस जाित का है, इसिलये हामान ने यष के सा ा म
रहने वाले सारे य िदयों को भी मोदकै की जाित जानकर, िवनाश कर डालने की यु िनकाली।
7 राजा यष के बारहव वष के नीसान नाम पिहले महीने म, हामान ने अदार नाम बारहव महीने तक के एक एक िदन और एक एक महीने के िलये “पूर” अथात िच ी अपने सा ने
डलवाई।
8 और हामान ने राजा यष से कहा, तेरे रा के सब ा ों म रहने वाले दे श दे श के लोगों के म म िततर िबतर और िछटकी ई एक जाित है , िजसके िनयम और सब लोगों के
िनयमों से िभ ह; और वे राजा के कानून पर नहीं चलते, इसिलये उ रहने दे ना राजा को लाभदायक नही ं है।
9 यिद राजा को ीकार हो तो उ न करने की आ ा िलखी जाए, और म राज के भणडा रयों के हाथ म राजभणडार म प ंचाने के िलये, दस हजार िक ार चा ी दू ं गा।
10 तब राजा ने अपनी अंगूठी अपने हाथ से उतार कर अगागी ह दाता के पु हामान को, जो य िदयों का वैरी था दे दी।
11 और राजा ने हामान से कहा, वह चा ी तुझे दी गई है, और वे लोग भी, तािक तू उन से जैसा तेरा जी चाहे वैसा ही वहार करे ।
12 यों उसी पिहले महीने के तेरहव िदन को राजा के लेखक बुलाए गए, और हामान की आ ा के अनु सार राजा के सब अिधपितयों, और सब ा ों के धानों, और दे श दे श के लोगों के
हािकमों के िलये िचि यां, एक एक ा के अ रों म, और एक एक दे श के लोगों की भाषा म राजा यष के नाम से िलखी गई; और उन म राजा की अंगूठी की छाप लगाई गई।
13 और रा के सब ा ों म इस आशय की िचि यां हर डािकयों के ारा भे जी गई िक एक ही िदन म, अथात अदार नाम बारहव महीने के तेरहव िदन को, ा जवान, ा बूढ़ा, ा
ी, ा बालक, सब य दी िव ंसघात और नाश िकए जाएं ; और उनकी धन स ि लू ट ली जाए।
14 उस आ ा के ले ख की नकल सब ा ों म खुली ई भेजी गई िक सब दे शों के लोग उस िदन के िलये तैयार हो जाएं ।
15 यह आ ा शूशन गढ़ म दी गई, और डािकए राजा की आ ा से तुर िनकल गए। और राजा और हामान तो जे वनार म बैठ गए; पर ु शूशन नगर म घबराहट फैल गई।
ए ेर 4
1 जब मोदकै ने जान िलया िक ा ा िकया गया है तब मोदकै व फाड़, टाट पिहन, राख डालकर, नगर के म जा कर ऊंचे और दु खभरे श से िच ाने लगा;
2 और वह राजभवन के फाटक के सा ने प ंचा, पर ु टाट पिहने ए राजभवन के फाटक के भीतर तो िकसी के जाने की आ ा न थी।
3 और एक एक ा म, जहां जहां राजा की आ ा और िनयम प ं चा, वहां वहां य दी बड़ा िवलाप करने और उपवास करने और रोने पीटने लगे; वरन ब तेरे टाट पिहने और राख डाले
ए पड़े रहे।
4 और ए ेर रानी की सहे िलयों और खोजों ने जा कर उसको बता िदया, तब रानी शोक से भर गई; और मोदकै के पास व भेज कर यह कहलाया िक टाट उतारकर इ पिहन ले ,
पर ु उसने उ न िलया।
5 तब ए ेर ने राजा के खोजों म से हताक को िजसे राजा ने उसके पास रहने को ठहराया था, बुलवा कर आ ा दी, िक मोदकै के पास जा कर मालूम कर ले, िक ा बात है और
इसका ा कारण है।
6 तब हताक नगर के उस चौक म, जो राजभवन के फाटक के सा ने था, मोदकै के पास िनकल गया।
7 मोदकै ने उसको सब कुछ बता िदया िक मेरे ऊपर ा ा बीता है , और हामान ने य िदयों के नाश करने की अनुमित पाने के िलये राजभणडार म िकतनी चा ी भर दे ने का वचन
िदया है, यह भी ठीक ठीक बतला िदया।
8 िफर य िदयों को िवनाश करने की जो आ ा शूशन म दी गई थी, उसकी एक नकल भी उसने हताक के हाथ म, ए े र को िदखाने के िलये दी, और उसे सब हाल बताने, और यह
आ ा दे ने को कहा, िक भीतर राजा के पास जा कर अपने लोगों के िलये िगड़िगड़ाकर िबनती करे ।
9 तब हताक ने ए ेर के पास जा कर मोदकै की बात कह सुनाईं।
10 तब ए े र ने हताक को मोदकै से यह कहने की आ ा दी,
11 िक राजा के सब कमचा रयों, वरन राजा के ा ों के सब लोगों को भी मालूम है, िक ा पु ष ा ी कोई ों न हो, जो आ ा िबना पाए भीतरी आं गन म राजा के पास जाएगा
उसके मार डालने ही की आ ा है; केवल िजसकी ओर राजा सोने का राजद बढ़ाए वही बचता है । पर ु म अब तीस िदन से राजा के पास नही ं बुलाई गई ँ।
12 ए े र की ये बात मोदकै को सु नाईं गई।
13 तब मोदकै ने ए ेर के पास यह कहला भेजा, िक तू मन ही मन यह िवचार न कर, िक म ही राजभवन म रहने के कारण और सब य िदयों म से बची र ंगी।
14 ोंिक जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और िकसी न िकसी उपाय से य िदयों का छु टकारा और उ ार हो जाएगा, पर ु तू अपने िपता के घराने समेत नाश होगी। िफर ा जाने
तुझे ऐसे ही किठन समय के िलये राजपद िमल गया हो?
15 तब ए े र ने मोदकै के पास यह कहला भेजा,
16 िक तू जा कर शूशन के सब य िदयों को इक ा कर, और तुम सब िमलकर मे रे िनिम उपवास करो, तीन िदन रात न तो कुछ खाओ, और न कुछ पीओ। और म भी अपनी
सहे िलयों सिहत उसी रीित उपवास क ं गी। और ऐसी ही दशा म म िनयम के िव राजा के पास भीतर जाऊंगी; और यिद नाश हो गई तो हो गई।
17 तब मोदकै चला गया और ए ेर की आ ा के अनुसार ही उसने िकया।
ए ेर 5
1 तीसरे िदन ए ेर अपने राजकीय व पिहनकर राजभवन के भीतरी आं गन म जा कर, राजभवन के सा ने खड़ी हो गई। राजा तो राजभवन म राजग ी पर भवन के ार के सा ने
िवराजमान था;
2 और जब राजा ने ए ेर रानी को आं गन म खड़ी ई दे खा, तब उस से स हो कर सोने का राजद जो उसके हाथ म था उसकी ओर बढ़ाया। तब ए ेर ने िनकट जा कर राजद
की लोक छु ई।
3 तब राजा ने उस से पूछा, हे एसतेर रानी, तुझे ा चािहये? और तू ा मांगती है ? मां ग और तु झे आधा रा तक िदया जाएगा।
4 ए े र ने कहा, यिद राजा को ीकार हो, तो आज हामान को साथ ले कर उस जे वनार म आए, जो म ने राजा के िलये तै यार की है।
5 तब राजा ने आ ा दी िक हामान को तुर ले आओ, िक ए ेर का िनमं ण हण िकया जाए। सो राजा और हामान ए ेर की तैयार की ई जेवनार म आए।
6 जे वनार के समय जब दाखमधु िपया जाता था, तब राजा ने ए े र से कहा, तेरा ा िनवेदन है ? वह पू रा िकया जाएगा। और तू ा मांगती है? मांग, ओर आधा रा तक तुझे िदया
जाएगा।
7 ए े र ने उ र िदया, मेरा िनवेदन और जो म मांगती ँ वह यह है ,
8 िक यिद राजा मुझ पर स है और मेरा िनवेदन सुनना और जो वरदान म मां गूं वही दे ना राजा को ीकार हो, तो राजा और हामान कल उस जेवनार म आएं िजसे म उनके िलये
क ं गी, और कल म राजा के इस वचन के अनुसार क ं गी।
9 उस िदन हामान आन त ओर मन म स हो कर बाहर गया। पर ु जब उसने मोदकै को राजभवन के फाटक म दे खा, िक वह उसके सा ने न तो खड़ा आ, और न हटा, तब
वह मोदकै के िव ोध से भर गया।
10 तौभी वह अपने को रोककर अपने घर गया; और अपने िम ों और अपनी ी जे रेश को बु लवा भे जा।
11 तब हामान ने, उन से अपने धन का वैभव, और अपने लड़के-बालों की बढ़ती और राजा ने उसको कैसे कैसे बढ़ाया, और और सब हािकमों और अपने और सब कमचा रयों से ऊंचा
पद िदया था, इन सब का वणन िकया।
12 हामान ने यह भी कहा, िक ए ेर रानी ने भी मुझे छोड़ और िकसी को राजा के सं ग, अपनी की ई जे वनार म आने न िदया; और कल के िलये भी राजा के संग उसने मु झी को नेवता
िदया है।
13 तौभी जब जब मुझे वह य दी मोदकै राजभवन के फाटक म बैठा आ िदखाई पड़ता है , तब तब यह सब मेरी ि म थ है।
14 उसकी प ी जे रेश और उसके सब िम ों ने उस से कहा, पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक ख ा, बनाया जाए, और िबहान को राजा से कहना, िक उस पर मोदकै लटका िदया जाए;
तब राजा के संग आन से जेवनार म जाना। इस बात से स हो कर हामान ने बै सा ही फां सी का एक ख ा बनवाया।
ए ेर 6
1 उस रात राजा को नीद ं नही ं आई, इसिलये उसकी आ ा से इितहास की पु क लाई गई, और पढ़कर राजा को सु नाई गई।
2 और यह िलखा आ िमला, िक जब राजा यष के हािकम जो ारपाल भी थे , उन म से िबगताना और तेरेश नाम दो जनों ने उस पर हाथ चलाने की यु की थी उसे मोदकै ने गट
िकया था।
3 तब राजा ने पूछा, इसके बदले मोदकै की ा ित ा और बड़ाई की गई? राजा के जो से वक उसकी से वा टहल कर रहे थे, उ ोंने उसको उ र िदया, उसके िलये कुछ भी नही ं िकया
गया।
4 राजा ने पू छा, आं गन म कौन है? उसी समय तो हामान राजा के भवन से बाहरी आं गन म इस मनसा से आया था, िक जो ख ा उसने मोदकै के िलये तैयार कराया था, उस पर उसको
लटका दे ने की चचा राजा से करे ।
5 तब राजा के सेवकों ने उस से कहा, आं गन म तो हामान खड़ा है । राजा ने कहा, उसे भीतर बु लवा लाओ।
6 जब हामान भीतर आया, तब राजा ने उस से पूछा, िजस मनु की ित ा राजा करना चाहता हो तो उसके िलये ा करना उिचत होगा? हामान ने यह सोच कर, िक मु झ से अिधक
राजा िकस की ित ा करना चाहता होगा?
7 राजा को उ र िदया, िजस मनु की ित ा राजा करना चाहे ,
8 तो उसके िलये राजकीय व लाया जाए, जो राजा पिहनता है , और एक घोड़ा भी, िजस पर राजा सवार होता है , ओर उसके िसर पर जो राजकीय मुकुट धरा जाता है वह भी लाया
जाए।
9 िफर वह व , और वह घोड़ा राजा के िकसी बड़े हािकम को सौंपा जाए, और िजसकी ित ा राजा करना चाहता हो, उसको वह व पिहनाया जाए, और उस घोड़े पर सवार कर के,
नगर के चौक म उसे िफराया जाए; और उसके आगे आगे यह चार िकया जाए, िक िजसकी ित ा राजा करना चाहता है , उसके साथ ऐसा ही िकया जाएगा।
10 राजा ने हामान से कहा, फुतीं कर के अपने कहने के अनुसार उस व और उस घोड़े को ले कर, उस य दी मोदकै से जो राजभवन के फाटक म बैठा करता है, वैसा ही कर। जैसा
तू ने कहा है उस म कुछ भी कमी होने न पाए।
11 तब हामान ने उस व , और उस घोड़े को ले कर, मोदकै को पिहनाया, और उसे घोड़े पर चढ़ा कर, नगर के चौक म इस कार पुकारता आ घुमाया िक िजसकी ित ा राजा
करना चाहता है उसके साथ ऐसा ही िकया जाएगा।
12 तब मोदकै तो राजभवन के फाटक म लौट गया पर ु हामान शोक करता आ और िसर ढां पे ए फट अपने घर को गया।
13 और हामान ने अपनी प ी जेरेश और अपने सब िम ों से सब कुछ जो उस पर बीता था वणन िकया।
14 तब उसके बु मान िम ों और उसकी प ी जेरेश ने उस से कहा, मोदकै िजसे तू नीचा िदखना चाहता है , यिद वह य िदयों के वंश म का है, तो तू उस पर बल न होने पाएगा उस
से पू री रीित नीचा ही खएगा। वे उस से बात कर ही रहे थे, िक राजा के खोजे आकर, हामान को ए ेर की की ई जे वनार म फुती ं से िलवा ले गए।
ए ेर 7
1 सो राजा और हामान ए ेर रानी की जेवनार म आगए।
2 और राजा ने दू सरे िदन दाखमधु पीते-पीते ए ेर से िफर पू छा, हे ए े र रानी! ते रा ा िनवेदन है ? वह पूरा िकया जाएगा। और तू ा मांगती है? मांग, और आधा रा तक तुझे िदया
जाएगा।
3 ए े र रानी ने उ र िदया, हे राजा! यिद तू मुझ पर स है, और राजा को यह ीकार हो, तो मे रे िनवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को ाणदान िमले।
4 ोंिक म और मे री जाित के लोग बेच डाले गए ह, और हम सब िव ंसघात और नाश िकए जाने वाले ह। यिद हम केवल दास-दासी हो जाने के िलये बेच डाले जाते , तो म चुप रहती;
चाहे उस दशा म भी वह िवरोधी राजा की हािन भर न सकता।
5 तब राजा यष ने ए ेर रानी से पूछा, वह कौन है? और कहां है िजसने ऐसा करने की मनसा की है ?
6 ए े र ने उ र िदया है िक वह िवरोधी और श ु यही दु हामान है। तब हामान राजा-रानी के सा ने भयभीत हो गया।
7 राजा तो जलजलाहट म आ, मधु पीने से उठ कर, राजभवन की बारी म िनकल गया; और हामान यह दे खकर िक राजा ने मेरी हािन ठानी होगी, ए ेर रानी से ाणदान मांगने को
खड़ा आ।
8 जब राजा राजभवन की बारी से दाखमधु पीने के थान म लौट आया तब ा दे खा, िक हामान उसी चौकी पर िजस पर ए ेर बैठी है पड़ा है; और राजा ने कहा, ा यह घर ही म मे रे
सा ने ही रानी से बरबस करना चाहता है? राजा के मुंह से यह वचन िनकला ही था, िक से वकों ने हामान का मुं ह ढां प िदया।
9 तब राजा के सा ने उप थत रहने वाले खोजों म से हव ना नाम एक ने राजा से कहा, हामान को यहां पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक ख ा खड़ा है, जो उसने मोदकै के िलये
बनवाया है, िजसने राजा के िहत की बात कही थी। राजा ने कहा, उसको उसी पर लटका दो।
10 तब हामान उसी ख े पर जो उसने मोदकै के िलये तैयार कराया था, लटका िदया गया। इस पर राजा की जलजलाहट ठं डी हो गई।
ए ेर 8
1 उसी िदन राजा यष ने य िदयों के िवरोधी हामान का घरबार ए ेर रानी को दे िदया। और मोदकै राजा के सा ने आया, ोंिक ए ेर ने राजा को बताया था, िक उस से उसका
ा नाता था
2 तब राजा ने अपनी वह अंगूठी जो उसने हामान से ले ली थी, उतार कर, मोदकै को दे दी। और एसते र ने मोदकै को हामान के घरबार पर अिधकारी िनयु कर िदया।
3 िफर ए ेर दू सरी बार राजा से बोली; और उसके पांव पर िगर, आं सू बहा बहाकर उस से िगड़िगड़ाकर िब ी की, िक अगागी हामान की बुराई और य िदयों की हािन की उसकी
यु िन ल की जाए।
4 तब राजा ने ए े र की ओर सोने का राजद बढ़ाया।
5 तब ए ेर उठ कर राजा के सा ने खड़ी ई; और कहने लगी िक यिद राजा को ीकार हो और वह मुझ से स है और यह बात उसको ठीक जान पड़े , और म भी उसको अ ी
लगती ँ , तो जो िचि यां ह दाता अगागी के पु हामान ने राजा के सब ा ों के य िदयों को नाश करने की यु कर के िलखाई थी,ं उन को पलटने के िलये िलखा जाए।
6 ोंिक म अपने जाित के लोगों पर पड़ने वाली उस िवपि को िकस रीित से दे ख सकूंगी? और म अपने भाइयों के िवनाश को ोंकर दे ख सकूंगी?
7 तब राजा यष ने ए ेर रानी से और मोदकै य दी से कहा, म हामान का घरबार तो ए े र को दे चु का ँ , और वह फांसी के ख े पर लटका िदया गया है, इसिलये िक उसने
य िदयों पर हाथ बढ़ाया था।
8 सो तुम अपनी समझ के अनुसार राजा के नाम से य िदयों के नाम पर िलखो, और राजा की अंगूठी की छाप भी लगाओ; ोंिक जो िच ी राजा के नाम से िलखी जाए, और उस पर
उसकी अं गूठी की छाप लगाई जाए, उसको कोई भी पलट नही ं सकता।
9 सो उसी समय अथात सीवान नाम तीसरे महीने के तेईसव िदन को राजा के ले खक बुलवाए गए और िजस िजस बात की आ ा मोदकै ने उ दी थी उसे य िदयों और अिधपितयोंऔर
िह दु ान से ले कर कूश तक, जो एक सौ स ाईस ा ह, उन सभों के अिधपितयों और हािकमों को एक एक ा के अ रों म और एक एक दे श के लोगों की भाषा म, और
य िदयों को उनके अ रों और भाषा म िलखी गई।
10 मोदकै ने राजा यष के नाम से िचि यां िलखा कर, और उन पर राजा की अंगूठी की छाप लगाकर, वेग चलने वाले सरकारी घोड़ों, ख रोंऔर सां ड़िनयों की डाक लगा कर,
हरकारों के हाथ भेज दी ं।
11 इन िचि यों म सब नगरों के य िदयों को राजा की ओर से अनुमित दी गई, िक वे इक े हों और अपना अपना ाण बचाने के िलये तैयार हो कर, िजस जाित वा ा से लोग अ ाय
कर के उन को वा उनकी यों और बाल-ब ों को दु :ख दे ना चाह, उन को िव ं सघात और नाश कर, और उनकी धन स ि लूट ल।
12 और यह राजा यष के सब ा ों म एक ही िदन म िकया जाए, अथात अदार नाम बारहव महीने के तेरहव िदन को।
13 इस आ ा के लेख की नकल, सम ा ों म सब दे श के लोगों के पास खुली ई भेजी गईं; तािक य दी उस िदन अपने श ुओ ं से पलटा ले ने को तैयार रह।
14 सो हरकारे वेग चलने वाले सरकारी घोड़ों पर सवार हो कर, राजा की आ ा से फुतीं कर के ज ी चले गए, और यह आ ा शूशन राजगढ़ म दी गई थी।
15 तब मोदकै नीले और ेत रं ग के राजकीय व पिहने और िसर पर सोने का बड़ा मु मुट धरे ए और सू सन और बजनी रं ग का बागा पिहने ए, राजा के स ुख से िनकला, और
शूशन नगर के लोग आन के मारे ललकार उठे ।
16 और य िदयों को आन और हष आ और उनकी बड़ी ित ा ई।
17 और िजस िजस ा , और िजस िजस नगर म, जहां कही ं राजा की आ ा और िनयम प ंचे, वहां वहां य िदयों को आन और हष आ, और उ ोंने जेवनार कर के उस िदन को
खुशी का िदन माना। और उस दे श के लोगों म से ब त लोग य दी बन गए, ोंिक उनके मन म य िदयों का डर समा गया था।
ए ेर 9
1 अदार नाम बारहव महीने के तेरहव िदन को, िजस िदन राजा की आ ा और िनयम पू रे होने को थे, और य िदयों के श ु उन पर बल होने की आशा रखते थे, पर ु इसके उलटे
य दी अपने बै रयों पर बल ए, उस िदन,
2 य दी लोग राजा यष के सब ा ों म अपने अपने नगर म इक े ए, िक जो उनकी हािन करने का य करे , उन पर हाथ चलाए। और कोई उनका सा ना न कर सका, ोंिक
उनका भय दे श दे श के सब लोगों के मन म समा गया था।
3 वरन ा ों के सब हािकमों और अिधपितयों और धानों और राजा के कमचा रयों ने य िदयों की सहायता की, ोंिक उनके मन म मोदकै का भय समा गया था।
4 मोदकै तो राजा के यहां ब त िति त था, और उसकी कीित सब ा ों म फैल गई; वरन उस पु ष मोदकै की मिहमा बढ़ती चली गई।
5 और य िदयों ने अपने सब श ुओं को तलवार से मार कर और घात कर के नाश कर डाला, और अपने बै रयों से अपनी इ ा के अनुसार बताव िकया।
6 और शूशन राजगढ़ म य िदयों ने पां च सौ मनु ों को घात कर के नाश िकया।
7 और उ ोंने पश ाता, द ोन, अ ाता,
8 पोराता, अद ा, अरीदाता,
9 पमशता, अरीसै , अरीदै और वैजाता,
10 अथात ह दाता के पु य िदयों के िवरोधी हामान के दसों पु ों को भी घात िकया; पर ु उनके धन को न लू टा।
11 उसी िदन शूशन राजगढ़ म घात िकए ओं की िगनती राजा को सुनाई गई।
12 तब राजा ने ए ेर रानी से कहा, य िदयों ने शूशन राजगढ़ ही म पां च सौ मनु और हामान के दसों पु ों को भी घात कर के नाश िकया है; िफर रा के और और ा ों म उ ोंने
न जाने ा ा िकया होगा! अब इस से अिधक तेरा िनवेदन ा है ? वह भी पूरा िकया जाएगा। और तू ा मां गती है ? वह भी तुझे िदया जाएगा।
13 ए े र ने कहा, यिद राजा को ीकार हो तो शूशन के य िदयों को आज की नाईं कल भी करने की आ ा दी जाए, और हामान के दसों पु फांसी के ख पर लटकाए जाएं ।
14 राजा ने कहा, ऐसा िकया जाए; यह आ ा शूशन म दी गई, और हामान के दसों पु लटकाए गए।
15 और शूशन के य िदयों ने अदार महीने के चौदहव िदन को भी इक े हो कर शूशन म तीन सौ पु षों को घात िकया, पर ु धन को न लूटा।
16 रा के और और ा ों के य दी इक े हो कर अपना अपना ाण बचाने के िलये खड़े ए, और अपने बै रयों म से पचह र हजार मनु ों को घात कर के अपने श ुओं से िव ाम
पाया; पर ु धन को न लूटा।
17 यह अदार महीने के तेरहव िदन को िकया गया, और चौदहव िदन को उ ोंने िव ाम कर के जे वनार की और आन का िदन ठहराया।
18 पर ु शूशन के य दी अदार महीने के तेरहव िदन को, और उसी महीने के चौदहव िदन को इक े ए, और उसी महीने के प हव िदन को उ ोंने िव ाम कर के जे वनार का और
आन का िदन ठहराया।
19 इस कारण दे हाती य दी जो िबना शहरपनाह की ब यों म रहते ह, वे अदार महीने के चौदहव िदन को आन ओर जेवनार और खुशी और आपस म बैना भेजने का िदन िनयु
कर के मानते ह।
20 इन बातों का वृ ा िलखकर, मोदकै ने राजा यष के सब ा ों म, ा िनकट ा दू र रहने वाले सारे य िदयों के पास िचि यां भे जी ं,
21 और यह आ ा दी, िक अदार महीने के चौदहव और उसी महीने के प हव िदन को ित वष माना कर।
22 िजन म य िदयों ने अपने श ुओं से िव ाम पाया, और यह महीना िजस म शोक आन से, और िवलाप खु शी से बदला गया; (माना कर) और उन को जेवनार और आन और एक
दू सरे के पास बै ना भेजने ओर कंगालों को दान दे ने के िदन मान।
23 और य िदयों ने जै सा आर िकया था, और जैसा मोदकै ने उ िलखा, वैसा ही करने का िन य कर िलया।
24 ोंिक ह दाता अगागी का पु हामान जो सब य िदयों का िवरोधी था, उसने य िदयों के नाश करने की यु की, और उ िमटा डालने और नाश करने के िलये पू र अथात िच ी
डाली थी।
25 पर ु जब राजा ने यह जान िलया, तब उसने आ ा दी और िलखवाई िक जो दु यु हामान ने य िदयों के िव की थी वह उसी के िसर पर पलट आए, तब वह और उसके पु
फां सी के ख ों पर लटकाए गए।
26 इस कारण उन िदनों का नाम पूर श से पूरीम रखा गया। इस िच ी की सब बातों के कारण, और जो कुछ उ ोंने इस िवषय म दे खा और जो कुछ उन पर बीता था, उसके कारण
भी
27 य िदयों ने अपने अपने िलये और अपनी स ान के िलये , और उन सभों के िलये भी जो उन म िमल गए थे यह अटल ण िकया, िक उस लेख के अनुसार ित वष उसके ठहराए ए
समय म वे ये दो िदन मान।
28 और पीढ़ी पीढ़ी, कुल कुल, ा ा , नगर नगर म ये िदन रण िकए और माने जाएं गे । और पू रीम नाम के िदन य िदयों म कभी न िमटगे और उनका रण उनके वंश से जाता
न रहेगा।
29 िफर अबीहैल की बेटी ए ेर रानी, और मोदकै य दी ने, पूरीम के िवषय यह दू सरी िच ी बड़े अिधकार के साथ िलखी।
30 इसकी नकल मोदकै ने यष के रा के, एक सौ स ाईसों ा ों के सब य िदयों के पास शा दे ने वाली और स ी बातों के साथ इस आशय से भेजी ं,
31 िक पू रीम के उन िदनों के िवशेष ठहराए ए समयों म मोदकै य दी और ए े र रानी की आ ा के अनु सार, और जो य िदयों ने अपने और अपनी स ान के िलये ठान िलया था,
उसके अनुसार भी उपवास और िवलाप िकए जाएं ।
32 और पू रीम के िव का यह िनयम ए ेर की आ ा से भी थर िकया गया, और उनकी चचा पु क म िलखी गई।
ए ेर 10
1 और राजा यष ने दे श और समु के टापू दोनों पर कर लगाया।
2 और उसके माहा और परा म के कामों, और मोदकै की उस बड़ाई का पूरा ोरा, जो राजा ने उसकी की थी, ा वह मादै और फारस के राजाओं के इितहास की पु क म
नही ं िलखा है ?
3 िनदान य दी मोदकै, यष राजा ही के नीचे था, और य िदयों की ि म बड़ा था, और उसके सब भाई उस से स थे , ोंिक वह अपने लोगों की भलाई की खोज म रहा करता था
और अपने सब लोगों से शा की बात कहा करता था।
अ ुब 1
1 ऊज़ दे श म अ ूब नाम एक पु ष था; वह खरा और सीधा था और परमे र का भय मानता और बु राई से परे रहता था।
2 उसके सात बे टे और तीन बेिटयां उ ई।
3 िफर उसके सात हजार भेड़-बक रयां, तीन हजार ऊंट, पां च सौ जोड़ी बै ल, और पां च सौ गदिहयां , और ब त ही दास-दािसयां थी;ं वरन उसके इतनी स ि थी, िक पू रिबयों म वह
सब से बड़ा था।
4 उसके बे टे उपने अपने िदन पर एक दू सरे के घर म खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बिहनों को अपने सं ग खाने -पीने के िलये बु लवा भे जते थे ।
5 और जब जब जे वनार के िदन पूरे हो जाते, तब तब अ ूब उ बु लवा कर पिव करता, और बड़ी भोर उठ कर उनकी िगनती के अनुसार होमबिल चढ़ाता था; ोंिक अ ू ब सोचता
था, िक कदािचत मेरे लड़कों ने पाप कर के परमे र को छोड़ िदया हो। इसी रीित अ ू ब सदै व िकया करता था।
6 एक िदन यहोवा परमे र के पु उसके सा ने उप थत ए, और उनके बीच शैतान भी आया।
7 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उ र िदया, िक पृ ी पर इधर-उधर घू मते-िफरते और डोलते-डालते आया ँ।
8 यहोवा ने शैतान से पूछा, ा तू ने मेरे दास अ ूब पर ान िदया है? ोंिक उसके तु खरा और सीधा और मे रा भय मानने वाला और बुराई से दू र रहने वाला मनु और कोई
नही ं है।
9 शैतान ने यहोवा को उ र िदया, ा अ ूब परमे र का भय िबना लाभ के मानता है ?
10 ा तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नही ं बा ा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है,
11 और उसकी स ि दे श भर म फैल गई है। पर ु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है , उसे छू; तब वह तेरे मुं ह पर तेरी िन ा करे गा।
12 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, जो कुछ उसका है, वह सब ते रे हाथ म है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना। तब शैतान यहोवा के सा ने से चला गया।
13 एक िदन अ ूब के बेटे-बेिटयां बड़े भाई के घर म खाते और दाखमधु पी रहे थे;
14 तब एक दू त अ ूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदिहयां उनके पास चर रही थी,
15 िक शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से ते रे से वकों को मार डाला; और म ही अकेला बचकर तुझे समाचार दे ने को आया ँ।
16 वह अभी यह कह ही रहा था िक दू सरा भी आकर कहने लगा, िक परमे र की आग आकाश से िगरी और उस से भे ड़-बक रयां और सेवक जलकर भ हो गए; और म ही अकेला
बचकर तु झे समाचार दे ने को आया ँ।
17 वह अभी यह कह ही रहा था, िक एक और भी आकर कहने लगा, िक कसदी लोग तीन गोल बा कर ऊंटों पर धावा कर के उ ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला;
और म ही अकेला बचकर तुझे समाचार दे ने को आया ँ।
18 वह अभी यह कह ही रहा था, िक एक और भी आकर कहने लगा, ते रे बेटे-बे िटयां बड़े भाई के घर म खाते और दाखमधु पीते थे,
19 िक जं गल की ओर से बड़ी च वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, िक वह जवानों पर िगर पड़ा और वे मर गए; और म ही अकेला बचकर तु झे समाचार दे ने
को आया ँ।
20 तब अ ूब उठा, और बागा फाड़, िसर मुंड़ाकर भूिम पर िगरा और द वत् कर के कहा,
21 म अपनी मां के पे ट से नंगा िनकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने िदया और यहोवा ही ने िलया; यहोवा का नाम ध है।
22 इन सब बातों म भी अ ूब ने न तो पाप िकया, और न परमे र पर मूखता से दोष लगाया।
अ ुब 2
1 िफर एक और िदन यहोवा परमे र के पु उसके सा ने उप थत ए, और उनके बीच शैतान भी उसके सा ने उप थत आ।
2 यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उ र िदया, िक इधर-उधर घूमते-िफरते और डोलते-डालते आया ँ।
3 यहोवा ने शैतान से पूछा, ा तू ने मेरे दास अ ूब पर ान िदया है िक पृ ी पर उसके तु खरा और सीधा और मे रा भय मानने वाला और बुराई से दू र रहने वाला मनु और कोई
नही ं है? और य ािप तू ने मुझे उसको िबना कारण स ानाश करते को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है।
4 शैतान ने यहोवा को उ र िदया, खाल के बदले खाल, पर ु ाण के बदले मनु अपना सब कुछ दे दे ता है ।
5 सो केवल अपना हाथ बढ़ाकर उसकी हि यां और मांस छू, तब वह तेरे मुं ह पर ते री िन ा करे गा।
6 यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, वह तेरे हाथ म है, केवल उसका ाण छोड़ दे ना।
7 तब शैतान यहोवा के सा ने से िनकला, और अ ूब को पां व के तलवे से ले िसर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीिड़त िकया।
8 तब अ ू ब खु जलाने के िलये एक ठीकरा ले कर राख पर बै ठ गया।
9 तब उसकी ी उस से कहने लगी, ा तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमे र की िन ा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा।
10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ ी की सी बात करती है , ा हम जो परमे र के हाथ से सु ख ले ते ह, दु :ख न ल? इन सब बातों म भी अ ू ब ने अपने मुं ह से कोई पाप नही ं िकया।
11 जब ते मानी एलीपज, और शूही िबलदद, और नामाती सोपर, अ ूब के इन तीन िम ों ने इस सब िवपि का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थी,ं तब वे आपस म यह ठान कर िक हम
अ ूब के पास जा कर उसके संग िवलाप करगे, और उसको शा दगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।
12 जब उ ोंने दू र से आं ख उठा कर अ ूब को दे खा और उसे न ची सके, तब िच ाकर रो उठे ; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूिल उड़ाकर अपने अपने
िसर पर डाली।
13 तब वे सात िदन और सात रात उसके संग भूिम पर बै ठे रहे , पर ु उसका दु :ख ब त ही बड़ा जान कर िकसी ने उस से एक भी बात न कही।
अ ुब 3
1 इसके बाद अ ूब मुंह खोल कर अपने ज िदन को िध ारने
2 और कहने लगा,
3 वह िदन जल जाए िजस म म उ आ, और वह रात भी िजस म कहा गया, िक बे टे का गभ रहा।
4 वह िदन अ यारा हो जाए! ऊपर से ई र उसकी सुिध न ले , और न उस म काश होए।
5 अ यारा और मृ ु की छाया उस पर रहे। बादल उस पर छाए रह; और िदन को अ े रा कर दे ने वाली चीज़ उसे डराएं ।
6 घोर अ कार उस रात को पकड़े ; वष के िदनों के बीच वह आन न करने पाए, और न महीनों म उसकी िगनती की जाए।
7 सुनो, वह रात बांझ हो जाए; उस म गाने का श न सुन पड़े
8 जो लोग िकसी िदन को िध ारते ह, और िल ातान को छे ड़ने म िनपु ण ह, उसे िध ार।
9 उसकी सं ा के तारे काश न द; वह उिजयाले की बाट जोहे पर वह उसे न िमले, वह भोर की पलकों को भी दे खने न पाए;
10 ोंिक उसने मे री माता की कोख को ब न िकया और क को मे री ि से न िछपाया।
11 म गभ ही म ों न मर गया? पे ट से िनकलते ही मेरा ाण ों न छूटा?
12 म घुटनों पर ों िलया गया? म छाितयों को ों पीने पाया?
13 ऐसा न होता तो म चुपचाप पड़ा रहता, म सोता रहता और िव ाम करता,
14 और म पृ ी के उन राजाओं और म यों के साथ होता िज ोंने अपने िलये सुनसान थान बनवा िलये,
15 वा म उन राजकुमारों के साथ होता िजनके पास सोना था िज ोंने अपने घरों को चा ी से भर िलया था;
16 वा म असमय िगरे ए गभ की नाईं आ होता, वा ऐसे ब ों के समान होता िज ोंने उिजयाले को कभी दे खा ही न हो।
17 उस दशा म दु लोग िफर दु :ख नहीं दे ते, और थके मांदे िव ाम पाते ह।
18 उस म ब ुए एक संग सुख से रहते ह; और प र म कराने वाले का श नहीं सु नते ।
19 उस म छोटे बड़े सब रहते ह, और दास अपने ामी से त रहता है ।
20 दु : खयों को उिजयाला, और उदास मन वालों को जीवन ों िदया जाता है ?
21 वे मृ ु की बाट जोहते ह पर वह आती नहीं; और गड़े ए धन से अिधक उसकी खोज करते ह;
22 वे क़ को प ंचकर आन त और अ मगन होते ह।
23 उिजयाला उस पु ष को ों िमलता है िजसका माग िछपा है , िजसके चारों ओर ई र ने घे रा बा िदया है?
24 मुझे तो रोटी खाने की स ी ल ी ल ी सांस आती ह, और मे रा िवलाप धारा की नाईं बहता रहता है।
25 ोंिक िजस डरावनी बात से म डरता ँ, वही मुझ पर आ पड़ती है, और िजस बात से म भय खाता ँ वही मु झ पर आ जाती है।
26 मुझे न तो चैन, न शा , न िव ाम िमलता है; पर ु दु :ख ही आता है ।
अ ुब 4
1 तब तेमानी एलीपज ने कहा,
2 यिद कोई तुझ से कुछ कहने लगे, तो ा तुझे बुरा लगे गा? पर ु बोले िबना कौन रह सकता है ?
3 सुन, तू ने ब तों को िश ा दी है, और िनबल लोगों को बलव िकया है।
4 िगरते ओं को तू ने अपनी बातों से स ाल िलया, और लड़खड़ाते ए लोगों को तू ने बलव िकया।
5 पर ु अब िवपि तो तुझी पर आ पड़ी, और तू िनराश आ जाता है; उसने तु झे छु आ और तू घबरा उठा।
6 ा परमे र का भय ही ते रा आसरा नहीं? और ा ते री चालचलन जो खरी है तेरी आशा नही ं?
7 ा तु झे मालूम है िक कोई िनद ष भी कभी नाश आ है? या कही ं स न भी काट डाले गए?
8 मे रे दे खने म तो जो पाप को जोतते और दु :ख बोते ह, वही उसको काटते ह।
9 वे तो ई र की ास से नाश होते, और उसके ोध के झोंके से भ होते ह।
10 िसंह का गरजना और िहंसक िसंह का दहाड़ना ब हो आता है । और जवान िसंहों के दांत तोड़े जाते ह।
11 िशकार न पाकर बूढ़ा िसंह मर जाता है, और िसंहनी के ब े िततर िबतर हो जाते ह।
12 एक बात चुपके से मेरे पास प ंचाई गई, और उसकी कुछ भनक मे रे कान म पड़ी।
13 रात के ों की िच ाओं के बीच जब मनु गहरी िन ा म रहते ह,
14 मुझे ऐसी थरथराहट और कंपकंपी लगी िक मेरी सब हि यां तक िहल उठी ं।
15 तब एक आ ा मे रे सा ने से हो कर चली; और मेरी दे ह के रोएं खड़े हो गए।
16 वह चु पचाप ठहर गई और म उसकी आकृित को पिहचान न सका। पर ु मे री आं खों के सा ने कोई प था; पिहले स ाटा छाया रहा, िफर मुझे एक श सुन पड़ा,
17 ा नाशमान मनु ई र से अिधक ायी होगा? ा मनु अपने सृजनहार से अिधक पिव हो सकता है ?
18 दे ख, वह अपने सेवकों पर भरोसा नहीं रखता, और अपने गदू तों को मू ख ठहराता है ;
19 िफर जो िम ी के घरों म रहते ह, और िजनकी नेव िम ी म डाली गई है , और जो पतंगे की नाईं िपस जाते ह, उनकी ा गणना।
20 वे भोर से सांझ तक नाश िकए जाते ह, वे सदा के िलये िमट जाते ह, और कोई उनका िवचार भी नही ं करता।
21 ा उनके डे रे की डोरी उनके अ र ही अ र नही ं कट जाती? वे िबना बु के ही मर जाते ह!
अ ुब 5
1 पु कार कर दे ख; ा कोई है जो तुझे उ र दे गा? और पिव ों म से तू िकस की ओर िफरे गा?
2 ोंिक मूढ़ तो खे द करते करते नाश हो जाता है, और भोला जलते जलते मर िमटता है ।
3 म ने मूढ़ को जड़ पकड़ते दे खा है; पर ु अचानक म ने उसके वास थान को िध ारा।
4 उसके लड़के-बाले उ ार से दू र ह, और वे फाटक म पीसे जाते ह, और कोई नही ं है जो उ छु ड़ाए।
5 उसके खेत की उपज भूखे लोग खा लेते ह, वरन कटीली बाड़ म से भी िनकाल ले ते ह; और ासा उनके धन के िलये फ ा लगाता है।
6 ोंिक िवपि धूल से उ नहीं होती, और न क भू िम म से उगता है ;
7 पर ु जै से िचं गा रयां ऊपर ही ऊपर को उड़ जाती ह,वैसे ही मनु क ही भोगने के िलये उ आ है ।
8 पर ु म तो ई र ही को खोजता र ंगा और अपना मुक़ मा परमे र पर छोड़ दू ं गा।
9 वह तो एसे बड़े काम करता है िजनकी थाह नहीं लगती, और इतने आ यकम करता है , जो िगने नहीं जाते।
10 वही पृ ी के ऊपर वषा करता, और खे तों पर जल बरसाता है।
11 इसी रीित वह न लोगों को ऊंचे थान पर िबठाता है, और शोक का पिहरावा पिहने ए लोग ऊंचे पर प ँ चकर बचते ह।
12 वह तो धू लोगों की क नाएं थ कर दे ता है , और उनके हाथों से कुछ भी बन नही ं पड़ता।
13 वह बु मानों को उनकी धू ता ही म फंसाता है ; और कुिटल लोगों की यु दू र की जाती है ।
14 उन पर िदन को अ ेरा छा जाता है, और िदन दु पहरी म वे रात की नाईं टटोलते िफरते ह।
15 पर ु वह द र ों को उनके वचन पी तलवार से और बलवानों के हाथ से बचाता है।
16 इसिलये कंगालों को आशा होती है, और कुिटल मनु ों का मुंह ब हो जाता है ।
17 दे ख, ा ही ध वह मनु , िजस को ई र ताड़ना दे ता है; इसिलये तू सवश मान की ताड़ना को तु मत जान।
18 ोंिक वही घायल करता, और वही प ी भी बा ता है; वही मारता है, और वही अपने हाथों से चंगा भी करता है।
19 वह तुझे छ: िवपि यों से छु ड़ाएगा; वरन सात से भी तेरी कुछ हािन न होने पाएगी।
20 अकाल म वह तु झे मु ु से, और यु म तलवार की धार से बचा लेगा।
21 तू वचन पी कोड़े से बचा रहेगा और जब िवनाश आए, तब भी तु झे भय न होगा।
22 तू उजाड़ और अकाल के िदनों म हँसमुख रहेगा, और तुझे बनै ले ज ुओं से डर न लगेगा।
23 वरन मैदान के प र भी तुझ से वाचा बा े रहगे, और वनपशु तुझ से मे ल रखगे।
24 और तुझे िन य होगा, िक तेरा डे रा कुशल से है, और जब तू अपने िनवास म दे खे तब कोई व ु खोई न होगी।
25 तुझे यह भी िनि त होगा, िक मेरे ब त वंश होंगे। और मेरे स ान पृ ी की घास के तु ब त होंगे।
26 जैसे पू िलयों का ढे र समय पर खिलहान म रखा जाता है , वैसे ही तू पू री अव था का हो कर क़ को प ं चेगा।
27 दे ख, हम ने खोज खोजकर ऐसा ही पाया है; इसे तू सुन, और अपने लाभ के िलये ान म रख।
अ ुब 6
1 िफर अ ूब ने कहा,
2 भला होता िक मेरा खेद तौला जाता, और मेरी सारी िवपि तुला म धरी जाती!
3 ोंिक वह समु की बालू से भी भारी ठहरती; इसी कारण मेरी बात उतावली से ई ह।
4 ोंिक सवश मान के तीर मेरे अ र चुभे ह; और उनका िवष मे री आ ा म पैठ गया है ; ई र की भयं कर बात मे रे िव पांित बा े है।
5 जब बनै ले गदहे को घास िमलती, तब ा वह रकता है? और बै ल चारा पाकर ा डकारता है ?
6 जो फीका है वह ा िबना नमक खाया जाता है? ा अ े की सफेदी म भी कुछ ाद होता है ?
7 िजन व ुओं को म छूना भी नहीं चाहता वही मानो मेरे िलये िघनौना आहार ठहरी ह।
8 भला होता िक मुझे मुंह मांगा वर िमलता और िजस बात की म आशा करता ँ वह ई र मुझे दे दे ता!
9 िक ई र स हो कर मुझे कुचल डालता, और हाथ बढ़ा कर मुझे काट डालता!
10 यही मेरी शा का कारण; वरन भारी पीड़ा म भी म इस कारण से उछल पड़ता; ोंिक म ने उस पिव के वचनों का कभी इनकार नही ं िकया।
11 मुझ म बल ही ा है िक म आशा रखूं? और मेरा अ ही ा होगा, िक म धीरज ध ं ?
12 ा मे री ढ़ता प रों की सी है ? ा मेरा शरीर पीतल का है ?
13 ा म िनराधार नहीं ँ? ा काम करने की श मु झ से दू र नही ं हो गई?
14 जो पड़ोसी पर कृपा नही ं करता वह सवश मान का भय मानना छोड़ दे ता है ।
15 मेरे भाई नाले के समान िव ासघाती हो गए ह, वरन उन नालों के समान िजनकी धार सूख जाती है;
16 और वे बरफ के कारण काले से हो जाते ह, और उन म िहम िछपा रहता है।
17 पर ु जब गरमी होने लगती तब उनकी धाराएं लोप हो जाती ह, और जब कड़ी धूप पड़ती है तब वे अपनी जगह से उड़ जाते ह
18 वे घूमते घू मते सूख जाती ं, और सुनसान थान म बहकर नाश होती ह।
19 तेमा के बनजारे दे खते रहे और शबा के कािफले वालों ने उनका रा ा दे खा।
20 वे ल त ए ोंिक उ ोंने भरोसा रखा था और वहां प ँचकर उनके मुंह सू ख गए।
21 उसी कार अब तु म भी कुछ न रहे; मेरी िवपि दे खकर तुम डर गए हो।
22 ा म ने तुम से कहा था, िक मुझे कुछ दो? वा अपनी स ि म से मे रे िलये घू स दो?
23 वा मुझे सताने वाले के हाथ से बचाओ? वा उप व करने वालों के वश से छु ड़ा लो?
24 मुझे िश ा दो और म चुप र ंगा; और मुझे समझाओ, िक म ने िकस बान म चू क की है ।
25 स ाई के वचनों म िकतना भाव होता है, पर ु तु ारे िववाद से ा लाभ होता है?
26 ा तुम बात पकड़ने की क ना करते हो? िनराश जन की बात तो वायु की सी ह।
27 तुम अनाथों पर िच ी डालते, और अपने िम को बेचकर लाभ उठाने वाले हो।
28 इसिलये अब कृपा कर के मुझे दे खो; िन य म तु ारे सा ने कदािप झूठ न बोलूंगा।
29 िफर कुछ अ ाय न होने पाए; िफर इस मुक़ मे म मेरा धम ों का ों बना है, म स पर ँ ।
30 ा मेरे वचनों म कुछ कुिटलता है? ा म दु ता नही ं पहचान सकता?
अ ुब 7
1 ा मनु को पृ ी पर किठन से वा करनी नहीं पड़ती? ा उसके िदन मजदू र के से नही ं होते?
2 जै सा कोई दास छाया की अिभलाषा करे , वा मजदू र अपनी मजदू री की आशा रखे;
3 वैसा ही म अनथ के महीनों का ामी बनाया गया ँ, और मेरे िलये ेश से भरी रात ठहराई गई ह।
4 जब म ले ट लाता, तब कहता ँ, म कब उठूंगा? और रात कब बीतेगी? और पौ फटने तक छटपटाते छटपटाते उकता जाता ँ।
5 मेरी दे ह कीड़ों और िम ी के ढे लों से ढकी ई है; मेरा चमड़ा िसमट जाता, और िफर गल जाता है ।
6 मेरे िदन जु लाहे की धड़की से अिधक फुती ं से चलने वाले ह और िनराशा म बीते जाते ह।
7 याद कर िक मेरा जीवन वायु ही है; और म अपनी आं खों से क ाण िफर न दे खूंगा।
8 जो मुझे अब दे खता है उसे म िफर िदखाई न दू ं गा; तेरी आं ख मे री ओर होंगी पर ु म न िमलूं गा।
9 जै से बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक म उतरने वाला िफर वहां से नही ं लौट सकता;
10 वह अपने घर को िफर लौट न आएगा, और न अपने थान म िफर िमलेगा।
11 इसिलये म अपना मुंह ब न रखूंगा; अपने मन का खेद खोल कर क ंगा; और अपने जीव की कड़ुवाहट के कारण कुड़कुड़ाता र ंगा।
12 ा म समु ँ, वा मगरम ँ, िक तू मुझ पर पहरा बैठाता है ?
13 जब जब म सोचता ं िक मुझे खाट पर शा िमलेगी, और िबछौने पर मे रा खे द कुछ हलका होगा;
14 तब तब तू मुझे ों से घबरा दे ता, और दशनों से भयभीत कर दे ता है;
15 यहां तक िक मेरा जी फांसी को, और जीवन से मृ ु को अिधक चाहता है ।
16 मुझे अपने जीवन से घृणा आती है; म सवदा जीिवत रहना नही ं चाहता। मेरा जीवनकाल सांस सा है, इसिलये मु झे छोड़ दे ।
17 मनु ा है, िक तू उसे मह दे , और अपना मन उस पर लगाए,
18 और ित भोर को उसकी सुिध ले, और ित ण उसे जांचता रहे?
19 तू कब तक मेरी ओर आं ख लगाए रहेगा, और इतनी दे र के िलये भी मु झे न छोड़े गा िक म अपना थू क िनगल लूं?
20 हे मनु ों के ताकने वाले , म ने पाप तो िकया होगा, तो म ने तेरा ा िबगाड़ा? तू ने ों मु झ को अपना िनशाना बना िलया है, यहां तक िक म अपने ऊपर आप ही बोझ आ ँ ?
21 और तू ों मे रा अपराध मा नहीं करता? और मेरा अधम ों दू र नही ं करता? अब तो म िम ी म सो जाऊंगा, और तू मुझे य से ढूंढ़े गा पर मे रा पता नही ं िमलेगा।
अ ुब 8
1 तब शूही िबलदद ने कहा,
2 तू कब तक ऐसी ऐसी बात करता रहेगा? और तेरे मुंह की बात कब तक च वायु सी रहगी?
3 ा ई र अ ाय करता है? और ा सवश मान धम को उलटा करता है ?
4 यिद तेरे लड़के-बालों ने उसके िव पाप िकया है, तो उसने उन को उनके अपराध का फल भु गताया है ।
5 तौभी यिद तू आप ई र को य से ढूंढ़ता, और सवश मान से िगड़िगड़ाकर िबनती करता,
6 और यिद तू िनमल और धमी ं रहता, तो िन य वह तेरे िलये जागता; और तेरी धिमकता का िनवास िफर ों का ों कर दे ता।
7 चाहे ते रा भाग पिहले छोटा ही रहा हो पर ु अ म तेरी ब त बढती होती।
8 अगली पीढ़ी के लोगों से तो पूछ, और जो कुछ उनके पुरखाओं ने जां च पड़ताल की है उस पर ान दे ।
9 ोंिक हम तो कल ही के ह, और कुछ नही ं जानते; और पृ ी पर हमारे िदन छाया की नाईं बीतते जाते ह।
10 ा वे लोग तु झ से िश ा की बात न कहगे? ा वे अपने मन से बात न िनकालगे ?
11 ा कछार की घास पानी िबना बढ़ सकती है? ा सरकणडा कीच िबना बढ़ता है?
12 चाहे वह हरी हो, और काटी भी न गई हो, तौभी वह और सब भां ित की घास से पिहले ही सू ख जाती है ।
13 ई र के सब िबसराने वालों की गित ऐसी ही होती है और भ हीन की आशा टू ट जाती है ।
14 उसकी आश का मूल कट जाता है; और िजसका वह भरोसा करता है , वह मकड़ी का जाला ठहराता है।
15 चाहे वह अपने घर पर टे क लगाए पर ु वह न ठहरे गा; वह उसे ढ़ता से थांभेगा पर ु वह थर न रहे गा।
16 वह घाम पाकर हरा भरा हो जाता है, और उसकी डािलयां बगीचे म चारों ओर फैलती ह।
17 उसकी जड़ कंकरों के ढे र म िलपटी ई रहती है, और वह प र के थान को दे ख ले ता है ।
18 पर ु जब वह अपने थान पर से नाश िकया जाए, तब वह थान उस से यह कह कर मुं ह मोड़ ले गा िक म ने उसे कभी दे खा ही नही ं।
19 दे ख, उसकी आन भरी चाल यही है; िफर उसी िम ी म से दू सरे उगगे।
20 दे ख, ई र न तो खरे मनु को िनक ा जान कर छोड़ दे ता है, और न बुराई करने वालों को संभालता है।
21 वह तो तुझे हं समुख करे गा; और तुझ से जयजयकार कराएगा।
22 तेरे बैरी ल ा का व पिहनगे, और दु ों का डे रा कही ं रहने न पाएगा।
अ ुब 9
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 म िन य जानता ं, िक बात ऐसी ही है; पर ु मनु ई र की ि म ोंकर धमीं ठहर सकता है?
3 चाहे वह उस से मु क़ मा लड़ना भी चाहे तौभी मनु हजार बातों म से एक का भी उ र न दे सकेगा।
4 वह बु मान और अित सामथी ं है: उसके िवरोध म हठ कर के कौन कभी बल आ है ?
5 वह तो पवतों को अचानक हटा दे ता है और उ पता भी नही ं लगता, वह ोध म आकर उ उलट पु लट कर दे ता है ।
6 वह पृ ी को िहला कर उसके थान से अलग करता है , और उसके ख े कां पने लगते ह।
7 उसकी आ ा िबना सूय उदय होता ही नही;ं और वह तारों पर मुहर लगाता है;
8 वह आकाशम ल को अकेला ही फैलाता है, और समु की ऊंची ऊंची लहरों पर चलता है;
9 वह स िष, मृ गिशरा और कचपिचया और द न के न ों का बनाने वाला है।
10 वह तो ऐसे बड़े कम करता है , िजनकी थाह नही ं लगती; और इतने आ यकम करता है , जो िगने नहीं जा सकते।
11 दे खो, वह मेरे सा ने से हो कर तो चलता है पर ु मुझ को नही ं िदखाई पड़ता; और आगे को बढ़ जाता है, पर ु मु झे सूझ ही नही ं पड़ता है।
12 दे खो, जब वह छीनने लगे, तब उसको कौन रोकेगा? कौन उस से कह सकता है िक तू यह ा करता है ?
13 ई र अपना ोध ठं डा नही ं करता। अिभमानी के सहायकों को उसके पांव तले झुकना पड़ता है ।
14 िफर म ा ं, जो उसे उ र दू ं , और बात छांट छांटकर उस से िववाद क ं ?
15 चाहे म िनद ष भी होता पर ु उसको उ र न दे सकता; म अपने मु ई से िगड़िगड़ाकर िबनती करता।
16 चाहे मेरे पुकारने से वह उ र भी दे ता, तौभी म इस बात की तीित न करता, िक वह मे री बात सु नता है ।
17 वह तो आं धी चला कर मुझे तोड़ डालता है, और िबना कारण मे रे चोट पर चोट लगाता है ।
18 वह मु झे सां स भी लेने नहीं दे ता है, और मुझे कड़वाहट से भरता है ।
19 जो साम की चचा हो, तो दे खो, वह बलवान है: और यिद ाय की चचा हो, तो वह कहे गा मु झ से कौन मुक़ मा लड़े गा?
20 चाहे म िनद ष ही ों न ँ, पर ु अपने ही मुंह से दोषी ठह ं गा; खरा होने पर भी वह मुझे कुिटल ठहराएगा।
21 म खरा तो ँ, पर ु अपना भे द नही ं जानता; अपने जीवन से मुझे घृण आती है।
22 बात तो एक ही है, इस से म यह कहता ँ िक ई र खरे और दु दोनों को नाश करता है।
23 जब लोग िवपि से अचानक मरने लगते ह तब वह िनद ष लोगों के जां चे जाने पर हंसता है।
24 दे श दु ों के हाथ म िदया गया है। वह उसके ािययों की आं खों को मू दे ता है ; इसका करने वाला वही न हो तो कौन है?
25 मेरे िदन हरकारे से भी अिधक वेग से चले जाते ह; वे भागे जाते ह और उन को क ाण कुछ भी िदखाई नहीं दे ता।
26 वे वेग चाल से नावों की नाईं चले जाते ह, वा अहेर पर झपटते ए उक़ाब की नाईं।
27 जो म क ं, िक िवलाप करना फूल जाऊंगा, और उदासी छोड़कर अपना मन फु त कर दू ं गा,
28 तब म अपने सब दु खों से डरता ँ। म तो जानता ँ, िक तू मुझे िनद ष न ठहराएगा।
29 म तो दोषी ठह ं गा; िफर थ ों प र म क ं ?
30 चाहे म िहम के जल म ान क ं , और अपने हाथ खार से िनमल क ं ,
31 तौभी तू मुझे गड़हे म डाल ही दे गा, और मेरे व भी मुझ से िघनाएं गे।
32 ोंिक वह मे रे तु मनु नहीं है िक म उस से वादिववाद कर सकूं, और हम दोनों एक दू सरे से मुक़ मा लड़ सक।
33 हम दोनों के बीच कोई िबचवई नहीं है, जो हम दोंनों पर अपना हाथ रखे । वह अपना सोंटा मु झ पर से दू र करे
34 और उसकी भय दे नेवाली बात मुझे न घबराए।
35 तब म उस से िनडर हो कर कुछ कह सकूंगा, ोंिक म अपनी ि म ऐसा नहीं ँ ।
अ ुब 10
1 मे रा ाण जीिवत रहने से उकताता है; म तं ता पूवक कुड़कुड़ाऊंगा; और म अपने मन की कड़वाहट के मारे बात क ं गा।
2 म ई र से क ंगा, मुझे दोषी न ठहरा; मुझे बता दे , िक तू िकस कारण मुझ से मु क़ मा लड़ता है?
3 ा तु झे अ ेर करना, और दु ों की यु को सफल कर के अपने हाथों के बनाए ए को िनक ा जानना भला लगता है?
4 ा ते री दे हधा रयों की सी आं ख है? और ा तेरा दे खना मनु का सा है?
5 ा ते रे िदन मनु के िदन के समान ह, वा तेरे वष पु ष के समयों के तु ह,
6 िक तू मेरा अधम ढूंढ़ता, और मेरा पाप पूछता है?
7 तुझे तो मालूम ही है, िक म दु नहीं ँ, और तेरे हाथ से कोई छु ड़ाने वाला नहीं!
8 तू ने अपने हाथों से मुझे ठीक रचा है और जोड़कर बनाया है; तौभी मु झे नाश िकए डालता है ।
9 रण कर, िक तू ने मुझ को गू ी ई िम ी की नाईं बनाया, ा तू मुझे िफर धूल म िमलाएगा?
10 ा तू ने मुझे दू ध की नाईं उं डेलकर, और दही के समान जमाकर नही ं बनाया?
11 िफर तू ने मु झ पर चमड़ा और मांस चढ़ाया और हि यां और नस गूं थकर मुझे बनाया है ।
12 तू ने मु झे जीवन िदया, और मुझ पर क णा की है; और तेरी चौकसी से मेरे ाण की र ा हई है ।
13 तौभी तू ने ऐसी बातों को अपने मन म िछपा रखा; म तो जान गया, िक तू ने ऐसा ही करने को ठाना था।
14 जो म पाप क ं , तो तू उसका लेखा लेगा; और अधम करने पर मुझे िनद ष न ठहराएगा।
15 जो म दु ता क ं तो मुझ पर हाय! और जो म धमी ं बनूं तौभी म िसर न उठाऊंगा, ोंिक म अपमान से भरा आ ं और अपने दु :ख पर ान रखता ँ।
16 और चाहे िसर उठाऊं तौभी तू िसंह की नाईं मेरा अहेर करता है , और िफर मे रे िव आ यकम करता है।
17 तू मे रे सा ने अपने नये नये सा ी ले आता है, और मु झ पर अपना ोध बढ़ाता है ; और मु झ पर सेना पर सेना चढ़ाई करती है।
18 तू ने मु झे गभ से ों िनकाला? नहीं तो म वही ं ाण छोड़ता, और कोई मु झे दे खने भी न पाता।
19 मेरा होना न होने के समान होता, और पेट ही से क़ को प ंचाया जाता।
20 ा मेरे िदन थोड़े नहीं? मुझे छोड़ दे , और मेरी ओर से मुंह फेर ले, िक मे रा मन थोड़ा शा हो जाए
21 इस से पिहले िक म वहां जाऊं, जहां से िफर न लौटू ं गा, अथात अ यारे और घोर अ कार के दे श म, जहां अ कार ही अ कार है;
22 और मृ ु के अ कार का दे श िजस म सब कुछ गड़बड़ है; और जहां काश भी ऐसा है जै सा अ कार।
अ ुब 11
1 तब नामाती सोपर ने कहा:
2 ब त सी बात जो कही गई ह, ा उनका उ र दे ना न चािहये? ा बकवादी मनु धमी ं ठहराया जाए?
3 ा ते रे बड़े बोल के कारण लोग चुप रह? और जब तू ठ ा करता है , तो ा कोई तु झे ल त न करे ?
4 तू तो यह कहता है िक मेरा िस ा शु है और म ई र की ि म पिव ँ ।
5 पर ु भला हो, िक ई र यं बात कर, और तेरे िव मुंह खोले,
6 और तुझ पर बु की गु बात गट करे , िक उनका मम तेरी बु से बढ़कर है । इसिलये जान ले , िक ई र तेरे अधम म से ब त कुछ भूल जाता है।
7 ा तू ई र का गूढ़ भेद पा सकता है? और ा तू सवश मान का मम पू री रीित से जां च सकता है ?
8 वह आकाश सा ऊंचा है; तू ा कर सकता है? वह अधोलोक से गिहरा है, तू कहां समझ सकता है ?
9 उसकी माप पृ ी से भी ल ी है और समु से चौड़ी है ।
10 जब ई र बीच से गुजरकर ब कर दे और अदालत (कचहरी) म बुलाए, तो कौन उसको रोक सकता है ।
11 ोंिक वह पाख ी मनु ों का भेद जानता है, और अनथ काम को िबना सोच िवचार िकए भी जान ले ता है ।
12 पर ु मनु छूछा और िनबु होता है; ोंिक मनु ज ही से जं गली गदहे के ब े के समान होता है ।
13 यिद तू अपना मन शु करे , और ई र की ओर अपने हाथ फैलाए,
14 और जो कोई अनथ काम तु झ से होता हो उसे दू र करे , और अपने डे रों म कोई कुिटलता न रहने दे ,
15 तब तो तू िन य अपना मुंह िन लंक िदखा सकेगा; और तू थर हो कर कभी न डरे गा।
16 तब तू अपना दु :ख भूल जाएगा, तू उसे उस पानी के समान रण करे गा जो बह गया हो।
17 और तेरा जीवन दोपहर से भी अिधक काशमान होगा; और चाहे अ ेरा भी हो तौभी वह भोर सा हो जाएगा।
18 और तुझे आशा होगी, इस कारण तू िनभय रहेगा; और अपने चारों ओर दे ख दे खकर तू िनभय िव ाम कर सकेगा।
19 और जब तू लेटेगा, तब कोई तुझे डराएगा नहीं; और ब तेरे तुझे स करने का य करगे ।
20 पर ु दु लोगों की आं ख रह जाएं गी, और उ कोई श ण थान न िमलेगा और उनकी आशा यही होगी िक ाण िनकल जाए।
अ ुब 12
1 तब अ ू ब ने कहा;
2 िन:स े ह मनु तो तुम ही हो और जब तुम मरोगे तब बु भी जाती रहेगी।
3 पर ु तु ारी नाईं मु झ म भी समझ है, म तुम लोगों से कुछ नीचा नही ं ँ कौन ऐसा है जो ऐसी बात न जानता हो?
4 म ई र से ाथना करता था, और वह मेरी सुन िलया करता था; पर ु अब मे रे पड़ोसी मु झ पर हं सते ह; जो धमीं और खरा मनु है, वह हंसी का कारण हो गया है।
5 दु :खी लोग तो सु खयों की समझ म तु जाने जाते ह; और िजनके पांव िफसला चाहते ह उनका अपमान अव ही होता है।
6 डाकुओं के डे रे कुशल ेम से रहते ह, और जो ई र को ोध िदलाते ह, वह ब त ही िनडर रहते ह; और उनके हाथ म ई र ब त दे ता है।
7 पशुओं से तो पूछ और वे तुझे िदखाएं गे; और आकाश के पि यों से, और वे तु झे बता दगे ।
8 पृ ी पर ान दे , तब उस से तुझे िश ा िमलेगी; ओर समु की मछिलयां भी तु झ से वणन करगी।
9 कौन इन बातों को नहीं जानता, िक यहोवा ही ने अपने हाथ से इस सं सार को बनाया है ।
10 उसके हाथ म एक एक जीवधारी का ाण, और एक एक दे हधारी मनु की आ ा भी रहती है ।
11 जैसे जीभ से भोजन चखा जाता है, ा वैसे ही कान से वचन नही ं परखे जाते?
12 बूढ़ों म बु पाई जाती है, और ल ी आयु वालों म समझ होती तो है ।
13 ई र म पूरी बु और परा म पाए जाते ह; यु और समझ उसी म ह।
14 दे खो, िजस को वह ढा दे , वह िफर बनाया नहीं जाता; िजस मनु को वह ब करे , वह िफर खोला नहीं जाता।
15 दे खो, जब वह वषा को रोक रखता है तो जल सूख जाता है; िफर जब वह जल छोड़ दे ता है तब पृ ी उलट जाती है ।
16 उस म साम और खरी बु पाई जाती है ; धोख दे ने वाला और धोखा खाने वाला दोनों उसी के ह।
17 वह मं ि यों को लू टकर ब ुआई म ले जाता, और ािययों को मू ख बना दे ता है।
18 वह राजाओं का अिधकार तोड़ दे ता है; और उनकी कमर पर ब न ब वाता है।
19 वह याजकों को लूटकर ब ुआई म ले जाता और सामिथयों को उलट दे ता है।
20 वह िव ासयो पु षों से बोलने की श और पुरिनयों से िववेक की श हर ले ता है ।
21 वह हािकमों को अपमान से लादता, और बलवानों के हाथ ढीले कर दे ता है ।
22 वह अ यारे की गहरी बात गट करता, और मृ ु की छाया को भी काश म ले आता है।
23 वह जाितयों को बढ़ाता, और उन को नाश करता है; वह उन को फैलाता, और ब ु आई म ले जाता है ।
24 वह पृ ी के मु लोगों की बु उड़ा दे ता, और उन को िनजन थानों म जहां रा ा नही ं है, भटकाता है।
25 वे िबन उिजयाले के अ ेरे म टटोलते िफरते ह; और वह उ ऐसा बना दे ता है िक वे मतवाले की नाईं डगमगाते ए चलते ह।
अ ुब 13
1 सुनो, म यह सब कुछ अपनी आं ख से दे ख चुका, और अपने कान से सु न चु का, और समझ भी चु का ँ ।
2 जो कुछ तु म जानते हो वह म भी जानता ँ; म तुम लोगों से कुछ कम नही ं ँ।
3 म तो सवश मान से बात क ं गा, और मेरी अिभलाषा ई र से वादिववाद करने की है ।
4 पर ु तुम लोग झूठी बात के गढ़ने वाले हो; तुम सबके सब िनक े वै हो।
5 भला होता, िक तुम िबलकुल चुप रहते, और इस से तुम बु मान ठहरते।
6 मेरा िववाद सु नो, और मेरी बहस की बातों पर कान लगाओ।
7 ा तु म ई र के िनिम टे ढ़ी बात कहोगे, और उसके प म कपट से बोलोगे?
8 ा तु म उसका प पात करोगे? और ई र के िलये मुक मा चलाओगे।
9 ा यह भला होगा, िक वह तुम को जांचे? ा जैसा कोई मनु को धोखा दे , वैसा ही तुम ा उसको भी धेखा दोगे?
10 जो तुम िछपकर प पात करो, तो वह िन य तुम को डांटेगा।
11 ा तुम उसके माहा से भय न खाओगे? ा उसका डर तु ारे मन म न समाएगा?
12 तु ारे रणयो नीितवचन राख के समान ह; तु ारे कोट िम ी ही के ठहरे ह:
13 मुझ से बात करना छोड़ो, िक म भी कुछ कहने पाऊं; िफर मु झ पर जो चाहे वह आ पड़े ।
14 म ों अपना मां स अपने दांतों से चबाऊं? और ों अपना ाण हथे ली पर रखूं?
15 वह मु झे घात करे गा, मुझे कुछ आशा नही;ं तौभी म अपनी चाल चलन का प लूं गा।
16 और यह भी मे रे बचाव का कारण होगा, िक भ हीन जन उसके सा ने नहीं जा सकता।
17 िच लगाकर मे री बात सुनो, और मेरी िबनती तु ारे कान म पड़े ।
18 दे खो, म ने अपने बहस की पूरी तैयारी की है; मुझे िन य है िक म िनद ष ठह ं गा।
19 कौन है जो मुझ से मुक मा लड़ सकेगा? ऐसा कोई पाया जाए, तो म चु प हो कर ाण छोडूंगा।
20 दो ही काम मु झ से न कर, तब म तुझ से नहीं िछपूंगा:
21 अपनी ताड़ना मुझ से दू र कर ले, और अपने भय से मुझे भयभीत न कर।
22 तब तेरे बु लाने पर म बोलूंगा; नही ं तो म क ं गा, और तू मुझे उ र दे ।
23 मुझ से िकतने अधम के काम और पाप ए ह? मेरे अपराध और पाप मुझे जता दे ।
24 तू िकस कारण अपना मुंह फेर लेता है, और मुझे अपना श ु िगनता है ?
25 ा तू उड़ते ए प े को भी कंपाएगा? और सूखे डं ठल के पीछे पड़े गा?
26 तू मेरे िलये किठन दु :खों की आ ा दे ता है, और मेरी जवानी के अधम का फल मुझे भुगता दे ता है ।
27 और मे रे पां वों को काठ म ठोंकता, और मे री सारी चाल चलन दे खता रहता है; और मेरे पांवों की चारों ओर सीमा बा लेता है।
28 और म सड़ी गली व ु के तु ं जो नाश हो जाती है, और कीड़ा खाए कपड़े के तु ँ।
अ ुब 14
1 मनु जो ी से उ होता है , वह थोड़े िदनों का और दु ख से भरा रहता है।
2 वह फूल की नाईं खलता, िफर तोड़ा जाता हे; वह छाया की रीित पर ढल जाता, और कहीं ठहरता नहीं।
3 िफर ा तू ऐसे पर ि लगाता है? ा तू मुझे अपने साथ कचहरी म घसीटता है?
4 अशु व ु से शु व ु को कौन िनकाल सकता है? कोई नहीं।
5 मनु के िदन िनयु िकए गए ह, और उसके महीनों की िगनती तेरे पास िलखी है, और तू ने उसके िलये ऐसा िसवाना बा ा है िजसे वह पार नहीं कर सकता,
6 इस कारण उस से अपना मुंह फेर ले, िक वह आराम करे , जब तक िक वह मजदू र की नाईं अपना िदन पू रा न कर ले ।
7 वृ की तो आशा रहती है, िक चाहे वह काट डाला भी जाए, तौभी िफर पनपे गा और उस से नम नम डािलयां िनकलती ही रहगी।
8 चाहे उसकी जड़ भूिम म पुरानी भी हो जाए, और उसका ठूंठ िम ी म सूख भी जाए,
9 तौभी वषा की ग पाकर वह िफर पनपेगा, और पौधे की नाईं उस से शाखाएं फूटगी।
10 पर ु पु ष मर जाता, और पड़ा रहता है; जब उसका ाण छूट गया, तब वह कहां रहा?
11 जैसे नील नदी का जल घट जाता है, और जैसे महानद का जल सूखते सू खते सू ख जाता है ,
12 वैसे ही मनु ले ट जाता और िफर नही ं उठता; जब तक आकाश बना रहेगा तब तक वह न जागे गा, और न उसकी नी ंद टू टे गी।
13 भला होता िक तू मुझे अधोलोक म िछपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठं ढा न हो जाए तब तक मु झे िछपाए रखता, और मेरे िलये समय िनयु कर के िफर मेरी सु िध लेता।
14 यिद मनु मर जाए तो ा वह िफर जीिवत होगा? जब तक मे रा छूटकारा न होता तब तक म अपनी किठन से वा के सारे िदन आशा लगाए रहता।
15 तू मु झे बुलाता, और म बोलता; तुझे अपने हाथ के बनाए ए काम की अिभलाषा होती।
16 पर ु अब तू मे रे पग पग को िगनता है, ा तू मेरे पाप की ताक म लगा नही ं रहता?
17 मेरे अपराध छाप लगी ई थैली म ह, और तू ने मेरे अधम को सी रखा है ।
18 और िन य पहाड़ भी िगरते िगरते नाश हो जाता है, और च ान अपने थान से हट जाती है ;
19 और प र जल से िघस जाते ह, और भूिम की धूिल उसकी बाढ़ से बहाई जाती है; उसी कार तू मनु की आशा को िमटा दे ता है।
20 तू सदा उस पर बल होता, और वह जाता रहता है; तू उसका िचहरा िबगाड़कर उसे िनकाल दे ता है।
21 उसके पु ों की बड़ाई होती है, और यह उसे नहीं सूझता; और उनकी घटी होती है , पर ु वह उनका हाल नहीं जानता।
22 केवल अपने ही कारण उसकी दे ह को दु :ख होता है; और अपने ही कारण उसका ाण अ र ही अ र शोिकत रहता है।
अ ुब 15
1 तब तेमानी एलीपज ने कहा,
2 ा बु मान को उिचत है िक अ ानता के साथ उ र दे , वा अपने अ :करण को पूरबी पवन से भरे ?
3 ा वह िन ल वचनों से , वा थ बातों से वादिववाद करे ?
4 वरन तू भय मानना छोड़ दे ता, और ई र का ान करना औरों से छु ड़ाता है।
5 तू अपने मुं ह से अपना अधम गट करता है, और धू लोगों के बोलने की रीित पर बोलता है।
6 म तो नही ं पर ु ते रा मुंह ही तुझे दोषी ठहराता है; और तेरे ही वचन तेरे िव सा ी दे ते ह।
7 ा पिहला मनु तू ही उ आ? ा तेरी उ ि पहाड़ों से भी पिहले ई?
8 ा तू ई र की सभा म बैठा सुनता था? ा बु का ठे का तू ही ने ले रखा है ?
9 तू ऐसा ा जानता है िजसे हम नही ं जानते? तुझ म ऐसी कौन सी समझ है जो हम म नहीं?
10 हम लोगों म तो प े बाल वाले और अित पुरिनये मनु ह, जो ते रे िपता से भी ब त आयु के ह।
11 ई र की शा दायक बात, और जो वचन तेरे िलये कोमल ह, ा ये ते री ि म तु ह?
12 तेरा मन ों तु झे खी ंच ले जाता है? और तू आं ख से ों सैन करता है ?
13 तू भी अपनी आ ा ई र के िव करता है, और अपने मुंह से थ बात िनकलने दे ता है ।
14 मनु है ा िक वह िन लंक हो? और जो ी से उ आ वह है ा िक िनद ष हो सके?
15 दे ख, वह अपने पिव ों पर भी िव ास नहीं करता, और ग भी उसकी ि म िनमल नही ं है ।
16 िफर मनु अिधक िघनौना और मलीन है जो कुिटलता को पानी की नाईं पीता है ।
17 म तुझे समझा दू ं गा, इसिलये मेरी सुन ले, जो म ने दे खा है, उसी का वणन म करता ँ ।
18 (वे ही बात जो बु मानों ने अपने पु रखाओं से सुन कर िबना िछपाए बताया है।
19 केवल उ ी ं को दे श िदया गया था, और उनके म म कोई िवदे शी आता जाता नहीं था।)
20 दु जन जीवन भर पीड़ा से तड़पता है, और बला ारी के वष की िगनती ठहराई ई है ।
21 उसके कान म डरावना श गूंजता रहता है, कुशल के समय भी नाशक उस पर आ पड़ता है ।
22 उसे अ यारे म से िफर िनकलने की कुछ आशा नहीं होती, और तलवार उसकी घात म रहती है ।
23 वह रोटी के िलये मारा मारा िफरता है, िक कहां िमलेगी। उसे िन य रहता है , िक अ कार का िदन मे रे पास ही है ।
24 सं कट और दु घटना से उस को डर लगता रहता है, ऐसे राजा की नाईं जो यु के िलये तै यार हो, वे उस पर बल होते ह।
25 उसने तो ई र के िव हाथ बढ़ाया है, और सवश मान के िव वह ताल ठोंकता है,
26 और िसर उठा कर और अपनी मोटी मोटी ढाल िदखाता आ घम से उस पर धावा करता है ;
27 इसिलये िक उसके मुंह पर िचकनाईं छा गई है, और उसकी कमर म चब जमी है ।
28 और वह उजाड़े ए नगरों म बस गया है, और जो घर रहने यो नहीं, और ख हर होने को छोड़े गए ह, उन म बस गया है।
29 वह धनी न रहेगा, और न उसकी स ि बनी रहे गी, और ऐसे लोगों के खेत की उपज भूिम की ओर न झुकने पाएगी।
30 वह अ यारे से कभी न िनकलेगा, और उसकी डािलयां आग की लपट से झुलस जाएं गी, और ई र के मुं ह की ास से वह उड़ जाएगा।
31 वह अपने को धोखा दे कर थ बातों का भरोसा न करे , ोंिक उसका बदला धोखा ही होगा।
32 वह उसके िनयत िदन से पिहले पूरा हो जाएगा; उसकी डािलयां हरी न रहगी।
33 दाख की नाईं उसके क े फल झड़ जाएं गे, और उसके फूल जलपाई के वृ के से िगरगे ।
34 ोंिक भ हीन के प रवार से कुछ बन न पड़े गा, और जो घूस ले ते ह, उनके त ू आग से जल जाएं गे।
35 उनके उप व का पेट रहता, और अनथ उ होता है : और वे अपने अ :करण म छल की बात गढ़ते ह।
अ ुब 16
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 ऐसी ब त सी बात म सुन चुका ँ, तुम सब के सब िनक े शा दाता हो। ा थ बातों का अ कभी होगा?
3 तू कौन सी बात से िझड़ककर उ र दे ता।
4 जो तु ारी दशा मेरी सी होती, तो म भी तु ारी सी बात कर सकता; म भी तु ारे िव बात जोड़ सकता, और तु ारे िव िसर िहला सकता।
5 वरन म अपने वचनों से तुम को िहयाव िदलाता, और बातों से शा दे कर तु ारा शोक घटा दे ता।
6 चाहे म बोलूं तौभी मे रा शोक न घटे गा, चाहे म चुप र ं, तौभी मेरा दु :ख कुछ कम न होगा।
7 पर ु अब उसने मुझे उकता िदया है; उसने मेरे सारे प रवार को उजाड़ डाला है।
8 और उसने जो मेरे शरीर को सुखा डाला है, वह मेरे िव सा ी ठहरा है , और मे रा दु बलापन मे रे िव खड़ा हो कर मेरे सा ने सा ी दे ता है।
9 उसने ोध म आकर मुझ को फाड़ा और मेरे पीछे पड़ा है; वह मे रे िव दां त पीसता; और मे रा बै री मु झ को आं ख िदखाता है।
10 अब लोग मुझ पर मुंह पसारते ह, और मेरी नामधराई कर के मेरे गाल पर थपेड़ा मारते , और मे रे िव भीड़ लगाते ह।
11 ई र ने मु झे कुिटलों के वश म कर िदया, और दु लोगों के हाथ म फक िदया है ।
12 म सु ख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूर कर डाला; उसने मेरी गदन पकड़ कर मुझे टु कड़े टु कड़े कर िदया; िफर उसने मुझे अपना िनशाना बनाकर खड़ा िकया है ।
13 उसके तीर मेरे चारों ओर उड़ रहे ह, वह िनदय हो कर मे रे गुद को बेधता है , और मेरा िप भू िम पर बहाता है ।
14 वह शूर की नाईं मुझ पर धावा कर के मुझे चोट पर चोट प ंचा कर घायल करता है ।
15 म ने अपनी खाल पर टाट को सी िलया है, और अपना सी ंग िम ी म मैला कर िदया है।
16 रोते रोते मे रा मुंह सूज गया है, और मेरी आं खों पर घोर अ कार छा गया है;
17 तौभी मु झ से कोई उप व नहीं आ है, और मेरी ाथना पिव है।
18 हे पृ ी, तू मेरे लो को न ढां पना, और मेरी दोहाई कही ं न के।
19 अब भी ग म मेरा सा ी है, और मेरा गवाह ऊपर है ।
20 मेरे िम मु झ से घृणा करते ह, पर ु म ई र के सा ने आं सू बहाता ँ ,
21 िक कोई ई र के िव स न का, और आदमी का मु क़ मा उसके पड़ोसी के िव लड़े ।
22 ोंिक थोड़े ही वष के बीतने पर म उस माग से चला जाऊंगा, िजस से म िफर वािपस न लौटू ं गा।
अ ुब 17
1 मे रा ाण नाश आ चाहता है, मेरे िदन पूरे हो चुके ह; मेरे िलये क तैयार है ।
2 िन य जो मेरे संग ह वह ठ ा करने वाले ह, और उनका झगड़ा रगड़ा मु झे लगातार िदखाई दे ता है ।
3 जमानत दे अपने और मेरे बीच म तू ही जािमन हो; कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे ?
4 तू ने इनका मन समझने से रोका है, इस कारण तू इन को बल न करे गा।
5 जो अपने िम ों को चुगली खाकर लुटा दे ता, उसके लड़कों की आं ख रह जाएं गी।
6 उसने ऐसा िकया िक सब लोग मेरी उपमा दे ते ह; और लोग मे रे मुंह पर थूकते ह।
7 खेद के मारे मेरी आं खों म घुंघलापन छा गया है, और मेरे सब अंग छाया की नाईं हो गए ह।
8 इसे दे खकर सीधे लोग चिकत होते ह, और जो िनद ष ह, वह भ हीन के िव उभरते ह।
9 तौभी धमीं लोग अपना माग पकड़े रहगे, और शु काम करने वाले साम पर साम पाते जाएं गे ।
10 तुम सब के सब मेरे पास आओ तो आओ, पर ु मुझे तुम लोगों म एक भी बु मान न िमले गा।
11 मेरे िदन तो बीत चु के, और मेरी मनसाएं िमट गई, और जो मे रे मन म था, वह नाश आ है ।
12 वे रात को िदन ठहराते; वे कहते ह, अ यारे के िनकट उिजयाला है।
13 यिद मे री आशा यह हो िक अधोलोक मेरा धाम होगा, यिद म ने अ यारे म अपना िबछौना िबछा िलया है ,
14 यिद म ने सड़ाहट से कहा िक तू मेरा िपता है, और कीड़े से, िक तू मेरी मां , और मे री बिहन है,
15 तो मे री आशा कहां रही? और मेरी आशा िकस के दे खने म आएगी?
16 वह तो अधोलोक म उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी िम ी म िव ाम िमले गा।
अ ुब 18
1 तब शूही िब द ने कहा,
2 तुम कब तक फ े लगा लगाकर वचन पकड़ते रहोगे? िच लगाओ, तब हम बोलगे ।
3 हम लोग तु ारी ि म ों पशु के तु समझे जाते, और अशु ठहरे ह।
4 हे अपने को ोध म फाड़ने वाले ा तेरे िनिम पृ ी उजड़ जाएगी, और च ान अपने थान से हट जाएगी?
5 तौभी दु ों का दीपक बु झ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी।
6 उसके डे रे म का उिजयाला अ ेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का िदया बु झ जाएगा।
7 उसके बड़े बड़े फाल छोटे हो जाएं गे और वह अपनी ही यु के ारा िगरे गा।
8 वह अपना ही पां व जाल म फंसाएगा, वह फ ों पर चलता है ।
9 उसकी एड़ी फ े म फंस जाएगी, और वह जाल म पकड़ा जाएगा।
10 फ े की र यां उसके िलये भूिम म, और जाल रा े म िछपा िदया गया है।
11 चारों ओर से डरावनी व ुएं उसे डराएं गी और उसके पीछे पड़कर उसको भगाएं गी।
12 उसका बल दु :ख से घट जाएगा, और िवपि उसके पास ही तैयार रहे गी।
13 वह उसके अंग को खा जाएगी, वरन काल का पिहलौठा उसके अं गों को खा ले गा।
14 अपने िजस डे रे का भरोसा वह करता है, उस से वह छीन िलया जाएगा; और वह भयं करता के राजा के पास प ं चाया जाएगा।
15 जो उसके यहां का नही ं है वह उसके डे रे म वास करे गा, और उसके घर पर ग क िछतराई जाएगी।
16 उसकी जड़ तो सूख जाएगी, और डािलयां कट जाएं गी।
17 पृ ी पर से उसका रण िमट जाएगा, और बाज़ार म उसका नाम कभी न सुन पड़े गा।
18 वह उिजयाले से अ यारे म ढकेल िदया जाएगा, और जगत म से भी भगाया जाएगा।
19 उसके कुटु यों म उसके कोई पु -पौ न रहेगा, और जहां वह रहता था, वहां कोई बचा न रहे गा।
20 उसका िदन दे खकर पूरबी लोग चिकत होंगे, और पि म के िनवािसयों के रोएं खड़े हो जाएं गे।
21 िन:स े ह कुिटल लोगों के िनवास ऐसे हो जाते ह, और िजस को ई र का ान नही ं रहता उसका थान ऐसा ही हो जाता है।
अ ुब 19
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 तुम कब तक मेरे ाण को दु :ख दे ते रहोगे; और बातों से मुझे चूर चूर करोगे?
3 इन दसों बार तुम लोग मेरी िन ा ही करते रहे, तु ल ा नही ं आती, िक तुम मेरे साथ कठोरता का बरताव करते हो?
4 मान िलया िक मु झ से भूल ई, तौभी वह भूल तो मेरे ही िसर पर रहेगी।
5 यिद तुम सचमुच मे रे िव अपनी बड़ाई करते हो और माण दे कर मे री िन ा करते हो,
6 तो यह जान लो िक ई र ने मुझे िगरा िदया है, और मुझे अपने जाल म फंसा िलया है ।
7 दे खो, म उप व! उप व! यों िच ाता रहता ँ, पर ु कोई नहीं सु नता; म सहायता के िलये दोहाई दे ता रहता ँ , पर ु कोई ाय नहीं करता।
8 उसने मे रे माग को ऐसा ं धा है िक म आगे चल नही ं सकता, और मेरी डगर अ े री कर दी ह।
9 मे रा वैभव उसने हर िलया है, और मेरे िसर पर से मुकुट उतार िदया है ।
10 उसने चारों ओर से मुझे तोड़ िदया, बस म जाता रहा, और मे रा आसरा उसने वृ की नाईं उखाड़ डाला है।
11 उसने मु झ पर अपना ोध भड़काया है और अपने श ुओं म मु झे िगनता है।
12 उसके दल इक े हो कर मेरे िव मोचा बा ते ह, और मे रे डे रे के चारों ओर छावनी डालते ह।
13 उसने मे रे भाइयों को मुझ से दू र िकया है, और जो मेरी जान पहचान के थे , वे िबलकुल अनजान हो गए ह।
14 मेरे कुटुं बी मुझे छोड़ गए ह, और जो मुझे जानते थे वह मु झे भूल गए ह।
15 जो मे रे घर म रहा करते थे , वे, वरन मेरी दािसयां भी मुझे अनजाना िगनने लगी ं ह; उनकी ि म म परदे शी हो गया ँ ।
16 जब म अपने दास को बुलाता ँ, तब वह नही ं बोलता; मुझे उस से िगड़िगड़ाना पड़ता है।
17 मेरी सां स मेरी ी को और मेरी ग मे रे भाइयों की ि म िघनौनी लगती है।
18 लड़के भी मु झे तु जानते ह; और जब म उठने लगता, तब वे मे रे िव बोलते ह।
19 मेरे सब परम िम मुझ से े ष रखते ह, और िजन से म ने े म िकया सो पलटकर मे रे िवरोधी हो गए ह।
20 मेरी खाल और मांस मेरी हि यों से सट गए ह, और म बाल बाल बच गया ं ।
21 हे मे रे िम ो! मुझ पर दया करो, दया, ोंिक ई र ने मुझे मारा है।
22 तुम ई र की नाईं ों मे रे पीछे पड़े हो? और मेरे मांस से ों तृ नहीं ए?
23 भला होता, िक मे री बात िलखी जातीं; भला होता, िक वे पु क म िलखी जातीं,
24 और लोहे की टां की और शीशे से वे सदा के िलये च ान पर खोदी जाती ं।
25 मुझे तो िन य है , िक मेरा छु ड़ाने वाला जीिवत है, और वह अ म पृ ी पर खड़ा होगा।
26 और अपनी खाल के इस कार नाश हो जाने के बाद भी, म शरीर म हो कर ई र का दशन पाऊंगा।
27 उसका दशन म आप अपनी आं खों से अपने िलये क ं गा, और न कोई दू सरा। य िप मे रा दय अ र ही अ र चू र चूर भी हो जाए, तौभी मुझ म तो धम का मूल पाया जाता है !
28 और तुम जो कहते हो हम इस को ोंकर सताएं !
29 तो तुम तलवार से डरो, ोंिक जलजलाहट से तलवार का द िमलता है , िजस से तु म जान लो िक ाय होता है ।
अ ुब 20
1 तब नामाती सोपर ने कहा,
2 मे रा जी चाहता है िक उ र दू ं , और इसिलये बोलने म फुती ं करता ँ ।
3 म ने ऐसी िचतौनी सुनी िजस से मेरी िन ा ई, और मेरी आ ा अपनी समझ के अनुसार तु झे उ र दे ती है ।
4 ा तू यह िनयम नही ं जानता जो ाचीन और उस समय का है , जब मनु पृ ी पर बसाया गया,
5 िक दु ों का ताली बजाना ज ी ब हो जाता और भ हीनों का आन पल भर का होता है ?
6 चाहे ऐसे मनु का माहा आकाश तक प ंच जाए, और उसका िसर बादलों तक प ं चे,
7 तौभी वह अपनी िव ा की नाईं सदा के िलये नाश हो जाएगा; और जो उसको दे खते थे वे पू छगे िक वह कहां रहा?
8 वह की नाईं लोप हो जाएगा और िकसी को िफर न िमलेगा; रात म दे खे ए प की नाईं वह रहने न पाएगा।
9 िजसने उसको दे खा हो िफर उसे न दे खेगा, और अपने थान पर उसका कुछ पता न रहे गा।
10 उसके लड़के-बाले कंगालों से भी िबनती करगे, और वह अपना छीना आ माल फेर दे गा।
11 उसकी हि यों म जवानी का बल भरा आ है पर ु वह उसी के साथ िम ी म िमल जाएगा।
12 चाहे बुराई उसको मीठी लगे, और वह उसे अपनी जीभ के नीचे िछपा रखे ,
13 और वह उसे बचा रखे और न छोड़े , वरन उसे अपने तालू के बीच दबा रखे ,
14 तौभी उसका भोजन उसके पेट म पलटे गा, वह उसके अ र नाग का सा िवष बन जाएगा।
15 उसने जो धन िनगल िलया है उसे वह िफर उगल दे गा; ई र उसे उसके पेट म से िनकाल दे गा।
16 वह नागों का िवष चूस लेगा, वह करै त के डसने से मर जाएगा।
17 वह निदयों अथात मधु और दही की निदयों को दे खने न पाएगा।
18 िजसके िलये उसने प र म िकया, उसको उसे लौटा दे ना पड़े गा, और वह उसे िनगलने न पाएगा; उसकी मोल ली ई व ु ओं से िजतना आन होना चािहये, उतना तो उसे न
िमले गा।
19 ोंिक उसने कंगालों को पीस कर छोड़ िदया, उसने घर को छीन िलया, उसको वह बढ़ाने न पाएगा।
20 लालसा के मारे उसको कभी शा नहीं िमलती थी, इसिलये वह अपनी कोई मनभावनी व ु बचा न सकेगा।
21 कोई व ु उसका कौर िबना ए न बचती थी; इसिलये उसका कुशल बना न रहेगा
22 पूरी स ि रहते भी वह सकेती म पड़े गा; तब सब दु : खयों के हाथ उस पर उठगे ।
23 ऐसा होगा, िक उसका पेट भरने के िलये ई र अपना ोध उस पर भड़काएगा, और रोटी खाने के समय वह उस पर पड़े गा।
24 वह लोहे के हिथयार से भागेगा, और पीतल के धनुष से मारा जाएगा।
25 वह उस तीर को खीच ं कर अपने पेट से िनकालेगा, उसकी चमकीली नोंक उसके िप े से हो कर िनकलेगी, भय उस म समाएगा।
26 उसके गड़े ए धन पर घोर अ कार छा जाएगा। वह ऐसी आग से भ होगा, जो मनु की फूंकी ई न हो; और उसी से उसके डे रे म जो बचा हो वह भी भ हो जाएगा।
27 आकाश उसका अधम गट करे गा, और पृ ी उसके िव खड़ी होगी।
28 उसके घर की बढ़ती जाती रहेगी, वह उसके ोध के िदन बह जाएगी।
29 परमे र की ओर से दु मनु का अंश, और उसके िलये ई र का ठहराया आ भाग यही है ।
अ ुब 21
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 िच लगाकर मेरी बात सुनो; और तु ारी शा यही ठहरे ।
3 मे री कुछ तो सहो, िक म भी बात क ं ; और जब म बात कर चुकूं, तब पीछे ठ ा करना।
4 ा म िकसी मनु की दोहाई दे ता ँ? िफर म अधीर ों न होऊं?
5 मे री ओर िच लगाकर चिकत हो, और अपनी अपनी उं गली दांत तले दबाओ।
6 जब म रण करता तब म घबरा जाता ँ, और मेरी दे ह म कंपकंपी लगती है ।
7 ा कारण है िक दु लोग जीिवत रहते ह, वरन बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है ?
8 उनकी स ान उनके संग, और उनके बाल-ब े उनकी आं खों के सा ने बने रहते ह।
9 उनके घर म भयरिहत कुशल रहता है, और ई र की छड़ी उन पर नही ं पड़ती।
10 उनका सां ड़ गािभन करता और चूकता नहीं, उनकी गाय िबयाती ह और ब ा कभी नही ं िगराती ं।
11 वे अपने लड़कों को झु के झु बाहर जाने दे ते ह, और उनके ब े नाचते ह।
12 वे डफ और वीणा बजाते ए गाते, और बांसुरी के श से आन त होते ह।
13 वे अपने िदन सुख से िबताते, और पल भर ही म अधोलोक म उतर जाते ह।
14 तौभी वे ई र से कहते थे, िक हम से दू र हो! तेरी गित जानने की हम को इ ा नही ं रहती।
15 सवश मान ा है, िक हम उसकी सेवा कर? और जो हम उस से िबनती भी कर तो हम ा लाभ होगा?
16 दे खो, उनका कुशल उनके हाथ म नहीं रहता, दु लोगों का िवचार मुझ से दू र रहे।
17 िकतनी बार दु ों का दीपक बु झ जाता है, और उन पर िवपि आ पड़ती है ; और ई र ोध कर के उनके बांट म शोक दे ता है,
18 और वे वायु से उड़ाए ए भूसे की, और बव र से उड़ाई ई भूसी की नाईं होते ह।
19 ई र उसके अधम का द उसके लड़के-बालों के िलये रख छोड़ता है, वह उसका बदला उसी को दे , तािक वह जान ले ।
20 दु अपना नाश अपनी ही आं खों से दे खे, और सवश मान की जलजलाहट म से आप पी ले।
21 ोंिक जब उसके महीनों की िगनती कट चुकी, तो अपने बाद वाले घराने से उसका ा काम रहा।
22 ा ई र को कोई ान िसखाएगा? वह तो ऊंचे पद पर रहने वालों का भी ाय करता है ।
23 कोई तो अपने पूरे बल म बड़े चैन और सुख से रहता आ मर जाता है ।
24 उसकी दोहिनयां दू ध से और उसकी हि यां गूदे से भरी रहती ह।
25 और कोई अपने जीव म कुढ़ कुढ़कर िबना सुख भोगे मर जाता है ।
26 वे दोनोंबराबर िम ी म िमल जाते ह, और कीड़े उ ढांक लेते ह।
27 दे खो, म तु ारी क नाएं जानता ँ, और उन यु यों को भी, जो तु म मेरे िवषय म अ ाय से करते हो।
28 तुम कहते तो हो िक रईस का घर कहां रहा? दु ों के िनवास के डे रे कहां रहे?
29 पर ु ा तुम ने बटोिहयों से कभी नही ं पूछा? ा तुम उनके इस िवषय के माणों से अनजान हो,
30 िक िवपि के िदन के िलये दु जन रखा जाता है; और महा लय के समय के िलये ऐसे लोग बचाए जाते ह?
31 उसकी चाल उसके मुंह पर कौन कहेगा? और उसने जो िकया है, उसका पलटा कौन दे गा?
32 तौभी वह क़ को प ंचाया जाता है, और लोग उस क़ की रखवाली करते रहते ह।
33 नाले के ढे ले उसको सुखदायक लगते ह; और जैसे पू वकाल के लोग अनिगिनत जा चु के, वैसे ही सब मनु उसके बाद भी चले जाएं गे।
34 तु ारे उ रों म तो झूठ ही पाया जाता है, इसिलये तुम ों मु झे थ शा दे ते हो?
अ ुब 22
1 तब तेमानी एलीपज ने कहा,
2 ा पु ष से ई र को लाभ प ंच सकता है? जो बु मान है , वह अपने ही लाभ का कारण होता है ।
3 ा ते रे धमीं होने से सवश मान सुख पा सकता है? तेरी चाल की खराई से ा उसे कुछ लाभ हो सकता है ?
4 वह तो तु झे डांटता है, और तुझ से मुक मा लड़ता है, तो ा इस दशा म तेरी भ हो सकती है ?
5 ा ते री बुराई ब त नहीं? ते रे अधम के कामों का कुछ अ नहीं।
6 तू ने तो अपने भाई का ब क अकारण रख िलया है, और नंगे के व उतार िलये ह।
7 थके ए को तू ने पानी न िपलाया, और भूखे को रोटी दे ने से इनकार िकया।
8 जो बलवान था उसी को भूिम िमली, और िजस पु ष की ित ा ई थी, वही उस म बस गया।
9 तू ने िवधवाओं को छूछे हाथ लौटा िदया। और अनाथों की बाह तोड़ डाली गईं।
10 इस कारण तेरे चारों ओर फ े लगे ह, और अचानक डर के मारे तू घबरा रहा है।
11 ा तू अ यारे को नही ं दे खता, और उस बाढ़ को िजस म तू डूब रहा है?
12 ा ई र ग के ऊंचे थान म नहीं है? ऊंचे से ऊंचे तारों को दे ख िक वे िकतने ऊंचे ह।।
13 िफर तू कहता है िक ई र ा जानता है? ा वह घोर अ कार की आड़ म हो कर ाय करे गा?
14 काली घटाओं से वह ऐसा िछपा रहता है िक वह कुछ नही ं दे ख सकता, वह तो आकाशम ल ही के ऊपर चलता िफरता है।
15 ा तू उस पुराने रा े को पकड़े रहेगा, िजस पर वे अनथ करने वाले चलते ह?
16 वे अपने समय से पहले उठा िलये गए और उनके घर की ने व नदी बहा ले गई।
17 उ ोंने ई र से कहा था, हम से दू र हो जा; और यह िक सवश मान हमारा ा कर सकता है ?
18 तौभी उसने उनके घर अ े अ े पदाथ से भर िदए-- पर ु दु लोगों का िवचार मुझ से दू र रहे।
19 धमीं ले ग दे खकर आन त होते ह; और िनद ष लोग उनकी हं सी करते ह, िक
20 जो हमारे िव उठे थे, िन:स े ह िमट गए और उनका बड़ा धन आग का कौर हो गया है ।
21 उस से मेलिमलाप कर तब तुझे शा िमलेगी; और इस से तेरी भलाई होगी।
22 उसके मुंह से िश ा सुन ले, और उसके वचन अपने मन म रख।
23 यिद तू सवश मान की ओर िफर के समीप जाए, और अपने डे रे से कुिटल काम दू र करे , तो तू बन जाएगा।
24 तू अपनी अनमोल व ुओं को धूिल पर, वरन ओपीर का कु न भी नालों के प रों म डाल दे ,
25 तब सवश मान आप तेरी अनमोल व ु और तेरे िलये चमकीली चा ी होगा।
26 तब तू सवश मान से सुख पाएगा, और ई र की ओर अपना मुं ह बे खटके उठा सकेगा।
27 और तू उस से ाथना करे गा, और वह तेरी सुनेगा; और तू अपनी म तों को पू री करे गा।
28 जो बात तू ठाने वह तुझ से बन भी पड़े गी, और तेरे माग पर काश रहेगा।
29 चाहे दु भा हो तौभी तू कहेगा िक सुभा होगा, ोंिक वह न मनु को बचाता है ।
30 वरन जो िनद ष न हो उसको भी वह बचाता है; तेरे शु कामों के कारण तू छु ड़ाया जाएगा।
अ ुब 23
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 मेरी कुड़कुड़ाहट अब भी नही ं क सकती, मेरी मार मेरे कराहने से भारी है ।
3 भला होता, िक म जानता िक वह कहां िमल सकता है, तब म उसके िवराजने के थान तक जा सकता!
4 म उसके सा ने अपना मुक़ मा पेश करता, और ब त से माण दे ता।
5 म जान ले ता िक वह मुझ से उ र म ा कह सकता है, और जो कुछ वह मु झ से कहता वह म समझ ले ता।
6 ा वह अपना बड़ा बल िदखा कर मुझ से मुक़ मा लड़ता? नही ं, वह मुझ पर ान दे ता।
7 स न उस से िववाद कर सकते, और इस रीित म अपने ायी के हाथ से सदा के िलये छूट जाता।
8 दे खो, म आगे जाता ँ पर ु वह नही ं िमलता; म पीछे हटता ँ , पर ु वह िदखाई नही ं पड़ता;
9 जब वह बाईं ओर काम करता है तब वह मुझे िदखाई नही ं दे ता; वह तो दािहनी ओर ऐसा िछप जाता है , िक मु झे वह िदखाई ही नही ं पड़ता।
10 पर ु वह जानता है, िक म कैसी चाल चला ँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब म सोने के समान िनकलूं गा।
11 मेरे पै र उसके माग म थर रहे; और म उसी का माग िबना मु ड़े थामे रहा।
12 उसकी आ ा का पालन करने से म न हटा, और म ने उसके वचन अपनी इ ा से कही ं अिधक काम के जान कर सुरि त रखे।
13 पर ु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उस से िफरा सकता है ? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है।
14 जो कुछ मेरे िलये उसने ठाना है, उसी को वह पूरा करता है; और उसके मन म ऐसी ऐसी ब त सी बात ह।
15 इस कारण म उसके स ुख घबरा जाता ँ; जब म सोचता ँ तब उस से थरथरा उठता ँ ।
16 ोंिक मेरा मन ई र ही ने क ा कर िदया, और सवश मान ही ने मु झ को असमंजस म डाल िदया है ।
17 इसिलये िक म इस अ यारे से पिहले काट डाला न गया, और उसने घोर अ कार को मे रे सा ने से न िछपाया।
अ ुब 24
1 सवश मान ने समय ों नही ं ठहराया, और जो लोग उसका ान रखते ह वे उसके िदन ों दे खने नही ं पाते?
2 कुछ लोग भूिम की सीमा को बढ़ाते, और भेड़ बक रयां छीन कर चराते ह।
3 वे अनाथों का गदहा हांक ले जाते, और िवधवा का बैल ब क कर रखते ह।
4 वे द र लोगों को माग से हटा दे ते, और दे श के दीनों को इक े िछपना पड़ता है ।
5 दे खो, वे जं गली गदहों की नाईं अपने काम को और कुछ भोजन य से ढूंढ़ने को िनकल जाते ह; उनके लड़के-बालों का भोजन उन को जंगल से िमलता है।
6 उन को खेत म चारा काटना, और दु ों की बची बचाई दाख बटोरना पड़ता है।
7 रात को उ िबना व नंगे पड़े रहना और जाड़े के समय िबना ओढ़े पड़े रहना पड़ता है ।
8 वे पहाड़ों पर की झिडय़ों से भीगे रहते, और शरण न पाकर च ान से िलपट जाते ह।
9 कुछ लोग अनाथ बालक को माँ की छाती पर से छीन लेते ह, और दीन लोगों से ब क ले ते ह।
10 िजस से वे िबना व नंगे िफरते ह; और भूख के मारे , पू िलयां ढोते ह।
11 वे उनकी भीतों के भीतर तेल पेरते और उनके कुणडों म दाख रौंदते ए भी ासे रहते ह।
12 वे बड़े नगर म कराहते ह, और घायल िकए ओं का जी दोहाई दे ता है; पर ु ई र मू खता का िहसाब नही ं लेता।
13 िफर कुछ लोग उिजयाले से बैर रखते, वे उसके माग को नहीं पहचानते, और न उसके माग म बने रहते ह।
14 खू नी, पह फटते ही उठ कर दीन द र मनु को घात करता, और रात को चोर बन जाता है ।
15 िभचारी यह सोच कर िक कोई मुझ को दे खने न पाए, िदन डूबने की राह दे खता रहता है , और वह अपना मुं ह िछपाए भी रखता है।
16 वे अ यारे के समय घरों म सध मारते और िदन को िछपे रहते ह; वे उिजयाले को जानते भी नही।ं
17 इसिलये उन सभों को भोर का काश घोर अ कार सा जान पड़ता है , ोंिक घोर अ कार का भय वे जानते ह।
18 वे जल के ऊपर हलकी व ु के सरीखे ह, उनके भाग को पृ ी के रहने वाले कोसते ह, और वे अपनी दाख की बा रयों म लौटने नहीं पाते ।
19 जैसे सूखे और घाम से िहम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक म सू ख जाते ह।
20 माता भी उसको भूल जाती, और कीड़े उसे चूसते ह, भवी म उसका रण न रहे गा; इस रीित टे ढ़ा काम करने वाला वृ की नाईं कट जाता है।
21 वह बां ज ी को जो कभी नही ं जनी लूटता, और िवधवा से भलाई करना नहीं चाहता है ।
22 बला ा रयों को भी ई र अपनी श से खी ंच ले ता है , जो जीिवत रहने की आशा नहीं रखता, वह भी िफर उठ बै ठता है ।
23 उ ऐसे बेखटके कर दे ता है, िक वे स ले रहते ह; उौर उसकी कृपा ि उनकी चाल पर लगी रहती है ।
24 वे बढ़ते ह, तब थोड़ी बेर म जाते रहते ह, वे दबाए जाते और सभोंनकी नाईं रख िलये जाते ह, और अनाज की बाल की नाईं काटे जाते ह।
25 ा यह सब सच नही ं! कौन मुझे झुठलाएगा? कौन मेरी बात िनक ी ठहराएगा?
अ ुब 25
1 तब शूही िब द ने कहा,
2 भु ता करना और डराना यह उसी का काम है; वह अपने ऊंचे ऊंचे थानों म शा रखता है ।
3 ा उसकी से नाओं की िगनती हो सकती? और कौन है िजस पर उसका काश नही ं पड़ता?
4 िफर मनु ई र की ि म धमी ं ोंकर ठहर सकता है? और जो ी से उ आ है वह ोंकर िनमल हो सकता है?
5 दे ख, उसकी ि म च मा भी अ ेरा ठहरता, और तारे भी िनमल नही ं ठहरते ।
6 िफर मनु की ा िगनती जो कीड़ा है, और आदमी कहां रहा जो कचु आ है !
अ ुब 26
1 तब अ ू ब ने कहा,
2 िनबल जन की तू ने ा ही बड़ी सहायता की, और िजसकी बां ह म साम नहीं, उसको तू ने कैसे स ाला है ?
3 िनबु मनु को तू ने ा ही अ ी स ित दी, और अपनी खरी बु कैसी भली भां ित गट की है?
4 तू ने िकसके िहत के िलये बात कही? और िकसके मन की बात तेरे मुंह से िनकली ं?
5 ब त िदन के मरे ए लोग भी जलिनिध और उसके िनवािसयों के तले तड़पते ह।
6 अधोलोक उसके सा ने उघड़ा रहता है, और िवनाश का थान ढं प नही ं सकता।
7 वह उ र िदशा को िनराधार फैलाए रहता है, और िबना टे क पृ ी को लटकाए रखता है ।
8 वह जल को अपनी काली घटाओं म बा रखता, और बादल उसके बोझ से नहीं फटता।
9 वह अपने िसंहासन के सा ने बादल फैला कर उसको िछपाए रखता है ।
10 उिजयाले और अ यारे के बीच जहां िसवाना बंधा है, वहां तक उसने जलिनिध का िसवाना ठहरा रखा है।
11 उसकी घुड़की से आकाश के ख े थरथरा कर चिकत होते ह।
12 वह अपने बल से समु को उछालता, और अपनी बु से घप को छे द दे ता है।
13 उसकी आ ा से आकाशम ल हो जाता है, वह अपने हाथ से वेग भागने वाले नाग को मार दे ता है ।
14 दे खो, ये तो उसकी गित के िकनारे ही ह; और उसकी आहट फुसफुसाहट ही सी तो सु न पड़ती है , िफर उसके परा म के गरजने का भेद कौन समझ सकता है?
अ ुब 27
1 अ ू ब ने और भी अपनी गूढ़ बात उठाई और कहा,
2 म ई र के जीवन की शपथ खाता ँ िजसने मेरा ाय िबगाड़ िदया, अथात उस सवश मान के जीवन की िजसने मे रा ाण कड़ुआ कर िदया।
3 ोंिक अब तक मे री सांस बराबर आती है, और ई र का आ ा मेरे नथु नों म बना है ।
4 म यह कहता ँ िक मेरे मुंह से कोई कुिटल बात न िनकले गी, और न म कपट की बात बोलूं गा।
5 ई र न करे िक म तुम लोगों को स ा ठहराऊं, जब तक मेरा ाण न छूटे तब तक म अपनी खराई से न हटू ं गा।
6 म अपना धम पकड़े ए ँ और उसको हाथ से जाने न दू ं गा; ोंिक मेरा मन जीवन भर मुझे दोषी नही ं ठहराएगा।
7 मे रा श ु दु ों के समान, और जो मेरे िव उठता है वह कुिटलों के तु ठहरे ।
8 जब ई र भ हीन मनु का ाण ले ले, तब य िप उसने धन भी ा िकया हो, तौभी उसकी ा आशा रहे गी?
9 जब वह सं कट म पड़े , तब ा ई र उसकी दोहाई सुनेगा?
10 ा वह सवश मान म सुख पा सकेगा, और हर समय ई र को पु कार सकेगा?
11 म तु ई र के काम के िवषय िश ा दू ं गा, और सवश मान की बात म न िछपाऊंगा
12 दे खो, तु म लोग सब के सब उसे यं दे ख चुके हो, िफर तुम थ िवचार ों पकड़े रहते हो?
13 दु मनु का भाग ई र की ओर से यह है, और बला ा रयों का अं श जो वे सवश मान के हाथ से पाते ह, वह यह है, िक
14 चाहे उसके लड़के-बाले िगनती म बढ़ भी जाएं , तौभी तलवार ही के िलये बढ़गे , और उसकी स ान पे ट भर रोटी न खाने पाएगी।
15 उसके जो लोग बच जाएं वे मरकर क़ को प ंचगे; और उसके यहां की िवधवाएं न रोएं गी।
16 चाहे वह पया धूिल के समान बटोर रखे और व िम ी के िकनकों के तु अनिगिनत तै यार कराए,
17 वह उ तैयार कराए तो सही, पर ु धमी ं उ पिहन लेगा, और उसका पया िनद ष लोग आपस म बां टगे ।
18 उसने अपना घर कीड़े का सा बनाया, और खेत के रख वाले को झोंपड़ी की नाईं बनाया।
19 वह धनी हो कर ले ट जाए पर ु वह गाड़ा न जाएगा; आं ख खोलते ही वह जाता रहेगा।
20 भय की धाराएं उसे बहा ले जाएं गी, रात को बव र उसको उड़ा ले जाएगा।
21 पुरवाई उसे ऐसा उड़ा ले जाएगी, और वह जाता रहेगा और उसको उसके थान से उड़ा ले जाएगी।
22 ोंिक ई र उस पर िवपि यां िबना तरस खाए डाल दे गा, उसके हाथ से वह भाग जाने चाहे गा। लोग उस पर ताली बजाएं गे,
23 और उस पर ऐसी सुसका रयां भरगे िक वह अपने थान पर न रह सकेगा।
अ ुब 28
1 चां दी की खािन तो होती है, और सोने के िलये भी थान होता है जहां लोग ताते ह।
2 लोहा िम ी म से िनकाला जाता और प र िपघलाकर पीतल बनाया जाता है
3 मनु अ यारे को दू र कर, दू र दू र तक खोद खोद कर, अ यारे ओर घोर अ कार म प र ढू ं ढ़ते ह।
4 जहां लोग रहते ह वहां से दू र वे खािन खोदते ह वहां पृ ी पर चलने वालों के भूले िबसरे ए वे मनु ों से दू र लटके ए झूलते रहते ह।
5 यह भूिम जो है , इस से रोटी तो िमलती है, पर ु उसके नीचे के थान मानो आग से उलट िदए जाते ह।
6 उसके प र नीलमिण का थान ह, और उसी म सोने की धूिल भी है ।
7 उसका माग कोई मां साहारी प ी नही ं जानता, और िकसी िग की ि उस पर नही ं पड़ी।
8 उस पर अिभमानी पशुओं ने पांव नहीं धरा, और न उस से हो कर कोई िसं ह कभी गया है ।
9 वह चकमक के प र पर हाथ लगाता, और पहाड़ों को जड़ ही से उलट दे ता है।
10 वह च ान खोद कर नािलयां बनाता, और उसकी आं खों को हर एक अनमोल व ु िदखाई पड़ती है ।
11 वह निदयों को ऐसा रोक दे ता है, िक उन से एक बूंद भी पानी नहीं टपकता और जो कुछ िछपा है उसे वह उिजयाले म िनकालता है।
12 पर ु बु कहां िमल सकती है? और समझ का थान कहां है?
13 उसका मोल मनु को मालू म नही ं, जीवनलोक म वह कहीं नही ं िमलती!
14 अथाह सागर कहता है, वह मुझ म नहीं है, और समु भी कहता है , वह मेरे पास नही ं है।
15 चोखे सोने से वह मोल िलया नही ं जाता। और न उसके दाम के िलये चा ी तौली जाती है ।
16 न तो उसके साथ ओपीर के कु न की बराबरी हो सकती है ; और न अनमोल सु लैमानी प र वा नीलमिण की।
17 न सोना, न कांच उसके बराबर ठहर सकता है, कु न के गहने के बदले भी वह नही ं िमलती।
18 मूंगे उौर िटकमिण की उसके आगे ा चचा! बु का मोल मािणक से भी अिधक है ।
19 कूश दे श के प राग उसके तु नहीं ठहर सकते; और न उस से चोखे कु न की बराबरी हो सकती है ।
20 िफर बु कहां िमल सकती है? और समझ का थान कहां?
21 वह सब ािणयों की आं खों से िछपी है, और आकाश के पि यों के दे खने म नहीं आती।
22 िवनाश ओर मृ ु कहती ह, िक हमने उसकी चचा सुनी है।
23 पर ु परमे र उसका माग समझता है, और उसका थान उसको मालू म है ।
24 वह तो पृ ी की छोर तक ताकता रहता है, और सारे आकाशम ल के तले दे खता भालता है ।
25 जब उसने वायु का तौल ठहराया, और जल को नपुए म नापा,
26 और मह के िलये िविध और गजन और िबजली के िलये माग ठहराया,
27 तब उसने बु को दे खकर उसका बखान भी िकया, और उसको िस कर के उसका पू रा भेद बू झ िलया।
28 तब उस न मनु से कहा, दे ख, भु का भय मानना यही बु है: और बु राई से दू र रहना यही समझ है ।
अ ुब 29
1 अ ू ब ने और भी अपनी गूढ़ बात उठाई और कहा,
2 भला होता, िक मे री दशा बीते ए महीनों की सी होती, िजन िदनों म ई र मे री र ा करता था,
3 जब उसके दीपक का काश मेरे िसर पर रहता था, और उस से उिजयाला पाकर म अ े रे म चलता था।
4 वे तो मे री जवानी के िदन थे, जब ई र की िम ता मेरे डे रे पर गट होती थी।
5 उस समय तक तो सवश मान मेरे सं ग रहता था, और मेरे लड़के-बाले मेरे चारों ओर रहते थे ।
6 तब म अपने पगों को मलाई से धोता था और मेरे पास की च ानों से तेल की धाराएं बहा करती थी ं।
7 जब जब म नगर के फाटक की ओर चलकर खुले थान म अपने बै ठने का थान तै यार करता था,
8 तब तब जवान मुझे दे खकर िछप जाते, और पुरिनये उठ कर खड़े हो जाते थे ।
9 हािकम लोग भी बोलने से क जाते, और हाथ से मुंह मूं दे रहते थे।
10 धान लोग चु प रहते थे और उनकी जीभ तालू से सट जाती थी।
11 ोंिक जब कोई मे रा समाचार सुनता, तब वह मुझे ध कहता था, और जब कोई मु झे दे खता, तब मे रे िवषय सा ी दे ता था;
12 ोंिक म दोहाई दे ने वाले दीन जन को, और असहाय अनाथ को भी छु ड़ाता था।
13 जो नाश होने पर था मुझे आशीवाद दे ता था, और मेरे कारण िवधवा आन के मारे गाती थी।
14 म धम को पिहने रहा, और वह मुझे ढांके रहा; मेरा ाय का काम मेरे िलये बागे और सु र पगड़ी का काम दे ता था।
15 म अ ों के िलये आं ख, और लं गड़ों के िलये पांव ठहरता था।
16 द र लोगों का म िपता ठहरता था, और जो मेरी पिहचान का न था उसके मुक़ मे का हाल म पू छताछ कर के जान लेता था।
17 म कुिटल मनु ों की डाढ़ तोड़ डालता, और उनका िशकार उनके मुंह से छीनकर बचा ले ता था।
18 तब म सोचता था, िक मेरे िदन बालू के िकनकों के समान अनिगनत होंगे, और अपने ही बसे रे म मे रा ाण छूटे गा।
19 मेरी जड़ जल की ओर फैली, और मेरी डाली पर ओस रात भर पड़ी,
20 मेरी मिहमा ों की ों बनी रहे गी, और मेरा धनुष मेरे हाथ म सदा नया होता जाएगा।
21 लोग मे री ही ओर कान लगाकर ठहरे रहते थे और मेरी स ित सु नकर चु प रहते थे।
22 जब म बोल चुकता था, तब वे और कुछ न बोलते थे, मे री बात उन पर मह की नाईं बरसा करती थी ं।
23 जैसे लोग बरसात की वैसे ही मेरी भी बाट दे खते थे; और जैसे बरसात के अ की वषा के िलये वैसे ही वे मुंह पसारे रहते थे।
24 जब उन को कुछ आशा न रहती थी तब म हंस कर उन को स करता था; और कोई मे रे मुं ह को िबगाड़ न सकता था।
25 म उनका माग चु न लेता, और उन म मु ठहर कर बैठा करता था, और जै सा से ना म राजा वा िवलाप करने वालों के बीच शा दाता, वैसा ही म रहता था।
अ ुब 30
1 पर ु अब िजनकी अव था मुझ से कम है, वे मेरी हंसी करते ह, वे िजनके िपताओं को म अपनी भे ड़ बक रयों के कु ों के काम के यो भी न जानता था।
2 उनके भु जबल से मुझे ा लाभ हो सकता था? उनका पौ ष तो जाता रहा।
3 वे द र ता और काल के मारे दु बले पड़े ए ह, वे अ ेरे और सुनसान थानों म सूखी धूल फां कते ह।
4 वे झाड़ी के आसपास का लोिनया साग तोड़ लेते, और झाऊ की जड़ खाते ह।
5 वे मनु ों के बीच म से िनकाले जाते ह, उनके पीछे ऐसी पुकार होती है , जैसी चोर के पीछे ।
6 डरावने नालों म, भू िम के िबलों म, और च ानों म, उ रहना पड़ता है ।
7 वे झािड़यों के बीच रकते, और िब ू पौधों के नीचे इक े पड़े रहते ह।
8 वे मूढ़ों और नीच लोगों के वंश ह जो मार मार के इस दे श से िनकाले गए थे।
9 ऐसे ही लोग अब मुझ पर लगते गीत गाते, और मुझ पर ताना मारते ह।
10 वे मुझ से िघन खाकर दू र रहते, वा मेरे मुंह पर थूकने से भी नही ं डरते ।
11 ई र ने जो मेरी र ी खोल कर मुझे द:ख िदया है, इसिलये वे मे रे सा ने मुंह म लगाम नही ं रखते।
12 मेरी दािहनी अलं ग पर बजा लोग उठ खड़े होते ह, वे मे रे पां व सरका दे ते ह, और मेरे नाश के िलये अपने उपाय बा ते ह।
13 िजनके कोई सहायक नही ं, वे भी मेरे रा ों को िबगाड़ते , और मेरी िवपि को बढ़ाते ह।
14 मानो बड़े नाके से घुसकर वे आ पड़ते ह, और उजाड़ के बीच म हो कर मु झ पर धावा करते ह।
15 मुझ म घबराहट छा गई है, और मेरा रईसपन मानो वायु से उड़ाया गया है , और मे रा कुशल बादल की नाईं जाता रहा।
16 और अब म शोकसागर म डूबा जाता ँ; दु :ख के िदनों ने मुझे जकड़ िलया है।
17 रात को मे री हि यां मेरे अ र िछद जाती ह और मेरी नसोंम चै न नहीं पड़ती
18 मेरी बीमारी की ब तायत से मेरे व का प बदल गया है ; वह मेरे कुत के गले की नाईं मुझ से िलपटी ई है ।
19 उसने मु झ को कीचड़ म फक िदया है, और म िम ी और राख के तु हो गया ँ।
20 म तेरी दोहाई दे ता ँ, पर ु तू नही ं सु नता; म खड़ा होता ँ पर ु तू मेरी ओर घू रने लगता है ।
21 तू बदलकर मुझ पर कठोर हो गया है; और अपने बली हाथ से मु झे सताता है।
22 तू मु झे वायु पर सवार कर के उड़ाता है, और आं धी के पानी म मुझे गला दे ता है ।
23 हां , मु झे िन य है , िक तू मुझे मृ ु के वश म कर दे गा, और उस घर म प ंचाएगा, जो सब जीिवत ािणयों के िलये ठहराया गया है।
24 तौभी ा कोई िगरते समय हाथ न बढ़ाएगा? और ा कोई िवपि के समय दोहाई न दे गा?
25 ा म उसके िलये रोता नही ं था, िजसके दु िदन आते थे? और ा द र जन के कारण म ाण म दु खत न होता था?
26 जब म कुशल का माग जोहता था, तब िवपि आ पड़ी; और जब म उिजयाले का आसरा लगाए था, तब अ कार छा गया।
27 मेरी अ िडय़ां िनर र उबलती रहती ह और आराम नही ं पाती ं; मेरे दु :ख के िदन आ गए ह।
28 म शोक का पिहरावा पिहने ए मानो िबना सूय की गमी ं के काला हो गया ँ। और सभा म खड़ा हो कर सहायता के िलये दोहाई दे ता ँ।
29 म गीदड़ों का भाई और शुतुमुग का संगी हो गया ँ।
30 मेरा चमड़ा काला हो कर मुझ पर से िगरता जाता है, और तप के मारे मे री हि यां जल गई ह।
31 इस कारण मेरी वीणा से िवलाप और मेरी बांसुरी से रोने की िन िनकलती है ।
अ ुब 31
1 म ने अपनी आं खों के िवषय वाचा बा ी है, िफर म िकसी कुंवारी पर ोंकर आं ख लगाऊं?
2 ोंिक ई र ग से कौन सा अंश और सवश मान ऊपर से कौन सी स ि बां टता है ?
3 ा वह कुिटल मनु ों के िलये िवपि और अनथ काम करने वालों के िलये स ानाश का कारण नहीं है?
4 ा वह मेरी गित नही ं दे खता और ा वह मेरे पग पग नही ं िगनता?
5 यिद म थ चाल चालता ं, वा कपट करने के िलये मेरे पैर दौड़े हों;
6 (तो म धम के तराजू म तौला जाऊं, तािक ई र मेरी खराई को जान ले )।
7 यिद मे रे पग माग से बहक गए हों, और मेरा मन मेरी आं खो की दे खी चाल चला हो, वा मे रे हाथों को कुछ कलं क लगा हो;
8 तो म बीज बोऊं, पर ु दू सरा खाए; वरन मेरे खेत की उपज उखाड़ डाली जाए।
9 यिद मे रा दय िकसी ी पर मोिहत हो गया है, और म अपने पड़ोसी के ार पर घात म बै ठा ँ ;
10 तो मे री ी दू सरे के िलये पीसे, और पराए पु ष उसको कर।
11 ोंिक वह तो महापाप होता; और ािययों से द पाने के यो अधम का काम होता;
12 ोंिक वह ऐसी आग है जो जला कर भ कर दे ती है , और वह मे री सारी उपज को जड़ से नाश कर दे ती है ।
13 जब मेरे दास वा दासी ने मुझ से झगड़ा िकया, तब यिद म ने उनका हक मार िदया हो;
14 तो जब ई र उठ खड़ा होगा, तब म ा क ं गा? और जब वह आएगा तब म ा उ र दू ं गा?
15 ा वह उसका बनाने वाला नहीं िजसने मुझे गभ म बनाया? ा एक ही ने हम दोनों की सूरत गभ म न रची थी?
16 यिद म ने कंगालों की इ ा पूरी न की हो, वा मेरे कारण िवधवा की आं ख कभी रह गई हों,
17 वा म ने अपना टु कड़ा अकेला खाया हो, और उस म से अनाथ न खाने पाए हों,
18 ( पर ु वह मेरे लड़कपन ही से मेरे साथ इस कार पला िजस कार िपता के साथ, और म ज ही से िवधवा को पालता आया ँ);
19 यिद म ने िकसी को व हीन मरते ए दे खा, वा िकसी द र को िजसके पास ओढ़ने को न था
20 और उसको अपनी भेड़ों की ऊन के कपड़े न िदए हों, और उसने गम हो कर मु झे आशीवाद न िदया हो;
21 वा यिद म ने फाटक म अपने सहायक दे ख कर अनाथों के मारने को अपना हाथ उठाया हो,
22 तो मे री बां ह पखौड़े से उखड़ कर िगर पड़े , और मेरी भुजा की ह ी टू ट जाए।
23 ोंिक ई र के ताप के कारण म ऐसा नहीं कर सकता था, ोंिक उसकी ओर की िवपि के कारण म भयभीत हो कर थरथराता था।
24 यिद म ने सोने का भरोसा िकया होता, वा कु न को अपना आसरा कहा होता,
25 वा अपने ब त से धन वा अपनी बड़ी कमाई के कारण आन िकया होता,
26 वा सूय को चमकते वा च मा को महाशोभा से चलते ए दे खकर
27 म मन ही मन मोिहत हो गया होता, और अपने मुंह से अपना हाथ चू म िलया होता;
28 तो यह भी ािययों से द पाने के यो अधम का काम होता; ोंिक ऐसा कर के म ने सव े ई र का इनकार िकया होता।
29 यिद म अपने बैरी के नाश से आन त होता, वा जब उस पर िवपि पड़ी तब उस पर हं सा होता;
30 ( पर ु म ने न तो उसकी शाप दे ते ए, और न उसके ाणद की ाथना करते ए अपने मुंह से पाप िकया है );
31 यिद मे रे डे रे के रहने वालों ने यह न कहा होता, िक ऐसा कोई कहां िमले गा, जो इसके यहां का मां स खाकर तृ न आ हो?
32 (परदे शी को सड़क पर िटकना न पड़ता था; म बटोही के िलये अपना ार खु ला रखता था);
33 यिद म ने आदम की नाईं अपना अपराध िछपाकर अपने अधम को ढां प िलया हो,
34 इस कारण िक म बड़ी भीड़ से भय खाता था, वा कुलीनों से तु िकए जाने से डर गया यहां तक िक म ार से बाहर न िनकला---
35 भला होता िक मेरा कोई सुनने वाला होता! (सवश मान अभी मे रा ाय चुकाए! दे खो मेरा द खत यही है )। भला होता िक जो िशकायतनामा मेरे मु ई ने िलखा है वह मे रे पास
होता!
36 िन य म उसको अपने क े पर उठाए िफरता; और सु र पगड़ी जान कर अपने िसर म बा े रहता।
37 म उसको अपने पग पग का िहसाब दे ता; म उसके िनकट धान की नाईं िनडर जाता।
38 यिद मे री भूिम मेरे िव दोहाई दे ती हो, और उसकी रे घा रयां िमल कर रोती हों;
39 यिद म ने अपनी भूिम की उपज िबना मजूरी िदए खाई, वा उसके मािलक का ाण िलया हो;
40 तो गे ं के बदले झड़बेड़ी, और जव के बदले जंगली घास उग! अ ू ब के वचन पू रे ए ह।
अ ुब 32
1 तब उन तीनों पु षों ने यह दे ख कर िक अ ूब अपनी ि म िनद ष है उसको उ र दे ना छोड़ िदया।
2 और बूजी बारकेल का पु एली जो राम के कुल का था, उसका ोध भड़क उठा। अ ू ब पर उसका ोध इसिलये भड़क उठा, िक उसने परमे र को नही ं, अपने ही को िनद ष
ठहराया।
3 िफर अ ूब के तीनों िम ों के िव भी उसका ोध इस कारण भड़का, िक वे अ ू ब को उ र न दे सके, तौभी उसको दोषी ठहराया।
4 एली तो अपने को उन से छोटा जानकर अ ूब की बातों के अ की बाट जोहता रहा।
5 पर ु जब एली ने दे खा िक ये तीनों पु ष कुछ उ र नही ं दे ते, तब उसका ोध भड़क उठा।
6 तब बू जी बारकेल का पु एली कहने लगा, िक म तो जवान ँ, और तुम ब त बूढ़े हो; इस कारण म का रहा, और अपना िवचार तुम को बताने से डरता था।
7 म सोचता था, िक जो आयु म बड़े ह वे ही बात कर, और जो ब त वष के ह, वे ही बु िसखाएं ।
8 पर ु मनु म आ ा तो है ही, और सवश मान अपनी दी ई सांस से उ समझने की श दे ता है ।
9 जो बु मान ह वे बड़े बड़े लोग ही नही ं और ाय के समझने वाले बूढ़े ही नही ं होते।
10 इसिलये म कहता ं, िक मेरी भी सुनो; म भी अपना िवचार बताऊंगा।
11 म तो तु ारी बात सुनने को ठहरा रहा, म तु ारे माण सुनने के िलये ठहरा रहा; जब िक तु म कहने के िलये श ढूंढ़ते रहे।
12 म िच लगा कर तु ारी सुनता रहा। पर ु िकसी ने अ ूब के प का ख न नही ं िकया, और न उसकी बातों का उ र िदया।
13 तुम लोग मत समझो िक हम को ऐसी बु िमली है, िक उसका ख न मनु नहीं ई र ही कर सकता है ।
14 जो बात उसने कही ं वह मेरे िव तो नही ं कहीं, और न म तु ारी सी बातों से उसको उ र दू ं गा।
15 वे िव त ए, और िफर कुछ उ र नही ं िदया; उ ोंने बात करना छोड़ िदया।
16 इसिलये िक वे कुछ नही ं बोलते और चुपचाप खड़े ह, ा इस कारण म ठहरा र ं ?
17 पर ु अब म भी कुछ क ंगा म भी अपना िवचार गट क ं गा।
18 ोंिक मेरे मन म बात भरी ह, और मेरी आ ा मुझे उभार रही है ।
19 मेरा मन उस दाखमधु के समान है, जो खोला न गया हो; वह नई कु यों की नाईं फटा चाहता है।
20 शा पाने के िलये म बोलूंगा; म मुंह खोल कर उ र दू ं गा।
21 न म िकसी आदमी का प क ं गा, और न म िकसी मनु को चापलूसी की पदवी दू ं गा।
22 ोंिक मुझे तो चापलूसी करना आता ही नही ं नही ं तो मेरा िसरजनहार झण भर म मु झे उठा लेता।
अ ुब 33
1 तौभी हे अ ूब! मेरी बात सु न ले, और मे रे सब वचनों पर कान लगा।
2 म ने तो अपना मुंह खोला है, और मेरी जीभ मुंह म चुलबुला रही है ।
3 मे री बात मेरे मन की िसधाई गट करगी; जो ान म रखता ं उसे खराई के साथ क ंगा।
4 मु झे ई र की आ ा ने बनाया है, और सवश मान की सां स से मुझे जीवन िमलता है।
5 यिद तू मु झे उ र दे सके, तो दे ; मेरे सा ने अपनी बात म से रच कर खड़ा हो जा।
6 दे ख म ई र के स ुख तेरे तु ँ; म भी िम ी का बना आ ँ।
7 सुन, तुझे मेरे डर के मारे घबराना न पड़े गा, और न तू मेरे बोझ से दबेगा।
8 िन:स े ह तेरी ऐसी बात मेरे कानों म पड़ी है और म ने तेरे वचन सुने ह, िक
9 म तो पिव और िनरपराध और िन लंक ँ; और मुझ म अ नहीं है।
10 दे ख, वह मु झ से झगड़ने के दांव ढूंढ़ता है, और मुझे अपना श ु समझता है;
11 वह मे रे दोनों पांवों को काठ म ठोंक दे ता है , और मेरी सारी चाल की दे खभाल करता है।
12 दे ख, म तुझे उ र दे ता ँ, इस बात म तू स ा नही ं है। ोंिक ई र मनु से बड़ा है ।
13 तू उस से ों झगड़ता है ? ोंिक वह अपनी िकसी बात का लेखा नहीं दे ता।
14 ोंिक ई र तो एक ा वरन दो बार बोलता है, पर ु लोग उस पर िच नहीं लगाते ।
15 म, वा रात को िदए ए दशन म, जब मनु घोर िन ा म पड़े रहते ह, वा िबछौने पर सोते समय,
16 तब वह मनु ों के कान खोलता है, और उनकी िश ा पर मुहर लगाता है,
17 िजस से वह मनु को उसके संक से रोके और गव को मनु म से दू र करे ।
18 वह उसके ाण को गढ़हे से बचाता है, और उसके जीवन को खड़ग की मार से बचाता है ।
19 उसे ताड़ना भी होती है, िक वह अपने िबछौने पर पड़ा पड़ा तड़पता है , और उसकी ह ी ह ी म लगातार झगड़ा होता है
20 यहां तक िक उसका ाण रोटी से, और उसका मन ािद भोजन से घृणा करने लगता है ।
21 उसका मां स ऐसा सूख जाता है िक िदखाई नहीं दे ता; और उसकी हि यां जो पिहले िदखाई नहीं दे ती थी ं िनकल आती ह।
22 िनदान वह कबर के िनकट प ंचता है, और उसका जीवन नाश करने वालों के वश म हो जाता है ।
23 यिद उसके िलये कोई िबचवई ग दू त िमले, जो हजार म से एक ही हो, जो भावी कहे। और जो मनु को बताए िक उसके िलये ा ठीक है।
24 तो वह उस पर अनु ह कर के कहता है, िक उसे गढ़हे म जाने से बचा ले , मु झे छु ड़ौती िमली है ।
25 तब उस मनु की दे ह बालक की दे ह से अिधक थ और कोमल हो जाएगी; उसकी जवानी के िदन िफर लौट आएं गे।
26 वह ई र से िबनती करे गा, और वह उस से स होगा, वह आन से ई र का दशन करे गा, और ई र मनु को ों का ों धमीं कर दे गा।
27 वह मनु ों के सा ने गाने और कहने लगता है, िक म ने पाप िकया, और स ाई को उलट पु लट कर िदया, पर ु उसका बदला मुझे िदया नहीं गया।
28 उसने मे रे ाण क़ म पड़ने से बचाया है, मेरा जीवन उिजयाले को दे खेगा।
29 दे ख, ऐसे ऐसे सब काम ई र पु ष के साथ दो बार ा वरन तीन बार भी करता है ,
30 िजस से उसको क़ से बचाए, और वह जीवनलोक के उिजयाले का काश पाए।
31 हे अ ूब! कान लगा कर मेरी सुन; चुप रह, म और बोलूंगा।
32 यिद तुझे बात कहनी हो, तो मुझे उ र दे ; बोल, ोंिक म तुझे िनद ष ठहराना चाहता ँ ।
33 यिद नही ं, तो तु मेरी सुन; चुप रह, म तुझे बु की बात िसखाऊंगा।
अ ुब 34
1 िफर एली यों कहता गया;
2 हे बु मानो! मेरी बात सुनो, और हे ािनयो! मे री बातों पर कान लगाओ;
3 ोंिक जैसे जीभ से चखा जाता है, वैसे ही वचन कान से परखे जाते ह।
4 जो कुछ ठीक है, हम अपने िलये चुन ल; जो भला है, हम आपस म समझ बूझ ल।
5 ोंिक अ ूब ने कहा है, िक म िनद ष ँ, और ई र ने मे रा हक़ मार िदया है ।
6 य िप म स ाई पर ं, तौभी झूठा ठहरता ँ, म िनरपराध ँ, पर ु मेरा घाव असा है ।
7 अ ू ब के तु कौन शूरवीर है, जो ई र की िन ा पानी की नाईं पीता है,
8 जो अनथ करने वालों का साथ दे ता, और दु मनु ों की संगित रखता है?
9 उसने तो कहा है, िक मनु को इस से कुछ लाभ नहीं िक वह आन से परमे र की संगित रखे ।
10 इसिलऐ हे समझवालो! मेरी सुनो, यह स व नहीं िक ई र दु ता का काम करे , और सवशिकतमान बुराई करे ।
11 वह मनु की करनी का फल दे ता है, और ेक को अपनी अपनी चाल का फल भु गताता है ।
12 िन:स े ह ई र दु ता नही ं करता और न सवश मान अ ाय करता है ।
13 िकस ने पृ ी को उसके हाथ म सौंप िदया? वा िकस ने सारे जगत का ब िकया?
14 यिद वह मनु से अपना मन हटाये और अपना आ ा और ास अपने ही म समे ट ले ,
15 तो सब दे हधारी एक संग नाश हो जाएं गे, और मनु िफर िम ी म िमल जाएगा।
16 इसिलये इस को सुन कर समझ रख, और मेरी इन बातों पर कान लगा।
17 जो ाय का बैरी हो, ा वह शासन करे ? जो पूण धमी ं है, ा तू उसे दु ठहराएगा?
18 वह राजा से कहता है िक तू नीच है; और धानों से, िक तु म दु हो।
19 ई र तो हािकमों का प नहीं करता और धनी और कंगाल दोनों को अपने बनाए ए जान कर उन म कुछ भेद नही ं करता।
20 आधी रात को पल भर म वे मर जाते ह, और जा के लोग िहलाए जाते और जाते रहते ह। और तापी लोग िबना हाथ लगाए उठा िलये जाते ह।
21 ोंिक ई र की आं ख मनु की चालचलन पर लगी रहती ह, और वह उसकी सारी चाल को दे खता रहता है ।
22 ऐसा अ यारा वा घोर अ कार कहीं नही ं है िजस म अनथ करने वाले िछप सक।
23 ोंिक उसने मनु का कुछ समय नही ं ठहराया तािक वह ई र के स ुख अदालत म जाए।
24 वह बड़े बड़े बलवानों को िबना पूछपाछ के चूर चूर करता है, और उनके थान पर औरों को खड़ा कर दे ता है।
25 इसिलये िक वह उनके कामों को भली भांित जानता है, वह उ रात म ऐसा उलट दे ता है िक वे चू र चूर हो जाते ह।
26 वह उ दु जान कर सभों के दे खते मारता है,
27 ोंिक उ ोंने उसके पीछे चलना छोड़ िदया है, और उसके िकसी माग पर िच न लगाया,
28 यहां तक िक उनके कारण कंगालों की दोहाई उस तक प ंची और उसने दीन लोगों की दोहाई सुनी।
29 जब वह चैन दे ता तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? और जब वह मुं ह फेर ले , तब कौन उसका दशन पा सकता है ? जाित भर के साथ और अकेले मनु , दोनों के साथ उसका
बराबर वहार है
30 तािक भ हीन रा करता न रहे, और जा फ े म फंसाई न जाए।
31 ा िकसी ने कभी ई र से कहा, िक म ने द सहा, अब म भिव म बु राई न क ं गा,
32 जो कुछ मु झे नहीं सूज पड़ता, वह तू मुझे िसखा दे ; और यिद म ने टे ढ़ा काम िकया हो, तो भिव म वैसा न क ं गा?
33 ा वह तेरे ही मन के अनुसार बदला पाए ोंिक तू उस से अ स है ? ोंिक तुझे िनणय करना है , न िक मु झे; इस कारण जो कुछ तुझे समझ पड़ता है, वह कह दे ।
34 सब ानी पु ष वरन िजतने बु मान मेरी सुनते ह वे मु झ से कहगे, िक
35 अ ूब ान की बात नहीं कहता, और न उसके वचन समझ के साथ होते ह।
36 भला होता, िक अ ूब अ तक परी ा म रहता, ोंिक उसने अनिथयों के से उ र िदए ह।
37 और वह अपने पाप म िवरोध बढ़ाता है; ओर हमारे बीच ताली बजाता है , और ई र के िव ब त सी बात बनाता है ।
अ ुब 35
1 िफर एली इस कार और भी कहता गया,
2 िक ा तू इसे अपना हक़ समझता है? ा तू दावा करता है िक ते रा धम ई र के धम से अिधक है ?
3 जो तू कहता है िक मुझे इस से ा लाभ? और मुझे पापी होने म और न होने म कौन सा अिधक अ र है ?
4 म तु झे और ते रे सािथयों को भी एक संग उ र दे ता ँ।
5 आकाश की ओर ि कर के दे ख; और आकाशम ल को ताक, जो तु झ से ऊंचा है ।
6 यिद तू ने पाप िकया है तो ई र का ा िबगड़ता है? यिद तेरे अपराध ब त ही बढ़ जाएं तौभी तू उसके साथ ा करता है?
7 यिद तू धमी ं है तो उसको ा दे दे ता है; वा उसे तेरे हाथ से ा िमल जाता है ?
8 तेरी दु ता का फल तुझ ऐसे ही पु ष के िलये है, और तेरे धम का फल भी मनु मा के िलये है।
9 ब त अ ेर होने के कारण वे िच ाते ह; और बलवान के बा बल के कारण वे दोहाई दे ते ह।
10 तौभी कोई यह नही ं कहता, िक मेरा सृजने वाला ई र कहां है , जो रात म भी गीत गवाता है ,
11 और हम पृ ी के पशुओं से अिधक िश ा दे ता, और आकाश के पि यों से अिधक बु दे ता है ?
12 वे दोहाई दे ते ह पर ु कोई उ र नही ं दे ता, यह बुरे लोगों के घम के कारण होता है ।
13 िन य ई र थ बात कभी नही ं सु नता, और न सवश मान उन पर िच लगाता है।
14 तो तू ों कहता है , िक वह मुझे दशन नही ं दे ता, िक यह मुक़ मा उसके सा ने है , और तू उसकी बाट जोहता आ ठहरा है?
15 पर ु अभी तो उसने ोध कर के द नहीं िदया है , और अिभमान पर िच ब त नहीं लगाया;
16 इस कारण अ ूब थ मुंह खोल कर अ ानता की बात ब त बनाता है ।
अ ुब 36
1 िफर एली ने यह भी कहा,
2 कुछ ठहरा रह, और म तुझ को समझाऊंगा, ोंिक ई र के प म मुझे कुछ और भी कहना है ।
3 म अपने ान की बात दू र से ले आऊंगा, और अपने िसरजनहार को धमी ं ठहराऊंगा।
4 िन य मेरी बात झूठी न होंगी, वह जो तेरे संग है वह पूरा ानी है।
5 दे ख, ई र सामथी ं है , और िकसी को तु नहीं जानता; वह समझने की श म समथ है।
6 वह दु ों को िजलाए नहीं रखता, और दीनों को उनका हक दे ता है।
7 वह धिमयों से अपनी आं ख नहीं फेरता, वरन उन को राजाओं के संग सदा के िलये िसंहासन पर बैठाता है , और वे ऊंचे पद को ा करते ह।
8 ओर चाहे वे बे िडय़ों म जकड़े जाएं और दु :ख की र यों से बा े जाएं ,
9 तौभी ई र उन पर उनके काम, और उनका यह अपराध गट करता है , िक उ ोंने गव िकया है ।
10 वह उनके कान िश ा सुनने के िलये खोलता है, और आ ा दे ता है िक वे बुराई से परे रह।
11 यिद वे सुन कर उसकी सेवा कर, तो वे अपने िदन क ाण से, और अपने वष सु ख से पू रे करते ह।
12 पर ु यिद वे न सु न, तो वे खड़ग से नाश हो जाते ह, और अ ानता म मरते ह।
13 पर ु वे जो मन ही मन भ हीन हो कर ोध बढ़ाते , और जब वह उन को बा ता है, तब भी दोहाई नही ं दे ते,
14 वे जवानी म मर जाते ह और उनका जीवन लू ों के बीच म नाश होता है ।
15 वह दु खयों को उनके दु :ख से छु ड़ाता है, और उप व म उनका कान खोलता है ।
16 पर ु वह तु झ को भी ेश के मुंह म से िनकाल कर ऐसे चौड़े थान म जहां सकेती नहीं है, प ं चा दे ता है, और िचकना िचकना भोजन तेरी मेज पर परोसता है।
17 पर ु तू ने दु ों का सा िनणय िकया है इसिलये िनणय और ाय तुझ से िलपटे रहते है ।
18 दे ख, तू जलजलाहट से उभर के ठ ा मत कर, और न ायि को अिधक बड़ा जान कर माग से मु ड़।
19 ा तेरा रोना वा ते रा बल तुझे दु :ख से छु टकारा दे गा?
20 उस रात की अिभलाषा न कर, िजस म दे श दे श के लोग अपने अपने थान से िमटाए जाते ह।
21 चौकस रह, अनथ काम की ओर मत िफर, तू ने तो दु :ख से अिधक इसी को चुन िलया है ।
22 दे ख, ई र अपने साम से बड़े बड़े काम करता है, उसके समान िश क कौन है ?
23 िकस ने उसके चलने का माग ठहराया है? और कौन उस से कह सकता है, िक तू ने अनु िचत काम िकया है ?
24 उसके कामों की मिहमा और शंसा करने को रण रख, िजसकी शंसा का गीत मनु गाते चले आए ह।
25 सब मनु उसको ान से दे खते आए ह, और मनु उसे दू र दू र से दे खता है।
26 दे ख, ई र महान और हमारे ान से कही ं परे है, और उसके वष की िगनती अन है ।
27 ोंिक वह तो जल की बूंद ऊपर को खी ंच लेता है वे कुहरे से मह हो कर टपकती ह,
28 वे ऊंचे ऊंचे बादल उं डेलते ह और मनु ों के ऊपर ब तायत से बरसाते ह।
29 िफर ा कोई बादलों का फैलना और उसके म ल म का गरजना समझ सकता है ?
30 दे ख, वह अपने उिजयाले को च ँ ओर फैलाता है, और समु की थाह को ढांपता है ।
31 ोंिक वह दे श दे श के लोगों का ाय इ ी ं से करता है , और भोजन व ु एं ब तायत से दे ता है ।
32 वह िबजली को अपने हाथ म ले कर उसे आ ा दे ता है िक दु न पर िगरे ।
33 इसकी कड़क उसी का समाचार दे ती है पशु भी गट करते ह िक अ ड़ चढ़ा आता है।
अ ुब 37
1 िफर इस बात पर भी मेरा दय कांपता है, और अपने थान से उछल पड़ता है ।
2 उसके बोलने का श तो सुनो, और उस श को जो उसके मुं ह से िनकलता है सु नो।
3 वह उसको सारे आकाश के तले, और अपनी िबजली को पृ ी की छोर तक भेजता है ।
4 उसके पीछे गरजने का श होता है; वह अपने तापी श से गरजता है, और जब उसका श सु नाईं दे ता है तब िबजली लगातार चमकने लगती है।
5 ई र गरज कर अपना श अद् भूत रीित से सुनाता है, और बड़े बड़े काम करता है िजन को हम नही ं समझते ।
6 वह तो िहम से कहता है, पृ ी पर िगर, और इसी कार मह को भी और मू सलाधार वषा को भी ऐसी ही आ ा दे ता है ।
7 वह सब मनु ों के हाथ पर मु हर कर दे ता है, िजस से उसके बनाए ए सब मनु उसको पहचान।
8 तब वनपशु गु फाओं म घुस जाते , और अपनी अपनी मांदों म रहते ह।
9द न िदशा से बव र और उतरिहया से जाड़ा आता है ।
10 ई र की ास की फूंक से बरफ पड़ता है, तब जलाशयों का पाट जम जाता है ।
11 िफर वह घटाओं को भाफ़ से लादता, और अपनी िबजली से भरे ए उिजयाले का बादल दू र तक फैलाता है।
12 वे उसकी बु की यु से इधर उधर िफराए जाते ह, इसिलये िक जो आ ा वह उन को दे , उसी को वे बसाई ई पृ ी के ऊपर पूरी कर।
13 चाहे ताड़ना दे ने के िलये, चाहे अपनी पृ ी की भलाई के िलये वा मनु ों पर क णा करने के िलये वह उसे भेजे।
14 हे अ ूब! इस पर कान लगा और सुन ले; चुपचाप खड़ा रह, और ई र के आ यकम का िवचार कर।
15 ा तू जानता है, िक ई र ोंकर अपने बादलों को आ ा दे ता, और अपने बादल की िबजली को चमकाता है ?
16 ा तू घटाओं का तौलना, वा सव ानी के आ यकम जानता है ?
17 जब पृ ी पर द नी हवा ही के कारण से स ाटा रहता है तब ते रे व ों गम हो जाते ह?
18 िफर ा तू उसके साथ आकाशम ल को तान सकता है , जो ढाले ए दपण के तु ढ़ है ?
19 तू हम यह िसखा िक उस से ा कहना चािहये? ोंिक हम अ यारे के कारण अपना ा ान ठीक नहीं रच सकते।
20 ा उसको बताया जाए िक म बोलना चाहता ँ? ा कोई अपना स ानाश चाहता है ?
21 अभी तो आकाशम ल म का बड़ा काश दे खा नही ं जाता जब वायु चलकर उसको शु करती है ।
22 उ र िदशा से सुनहली ोित आती है ई र भययो तेज से आभू िषत है।
23 सवश मान जो अित सामथी ं है, और िजसका भेद हम पा नही ं सकते, वह ाय और पू ण धम को छोड़ अ ाचार नही ं कर सकता।
24 इसी कारण स न उसका भय मानते ह, और जो अपनी ि म बु मान ह, उन पर वह ि नहीं करता।
अ ुब 38
1 तब यहोवा ने अ ूब को आँ धी म से यूं उ र िदया,
2 यह कौन है जो अ ानता की बात कहकर यु को िबगाड़ना चाहता है ?
3 पु ष की नाईं अपनी कमर बा ले, ोंिक म तुझ से करता ँ, और तू मु झे उ र दे ।
4 जब म ने पृ ी की ने व डाली, तब तू कहां था? यिद तू समझदार हो तो उ र दे ।
5 उसकी नाप िकस ने ठहराई, ा तू जानता है उस पर िकस ने सूत खी ंचा?
6 उसकी नेव कौन सी व ु पर रखी गई, वा िकस ने उसके कोने का प र िबठाया,
7 जब िक भोर के तारे एक संग आन से गाते थे और परमे र के सब पु जयजयकार करते थे?
8 िफर जब समु ऐसा फूट िनकला मानो वह गभ से फूट िनकला, तब िकस ने ार मूं दकर उसको रोक िदया;
9 जब िक म ने उसको बादल पिहनाया और घोर अ कार म लपेट िदया,
10 और उसके िलये िसवाना बा ा और यह कहकर बड़े और िकवाड़े लगा िदए, िक
11 यही ं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहर यहीं थम जाएं ?
12 ा तू ने जीवन भर म कभी भोर को आ ा दी, और पौ को उसका थान जताया है,
13 तािक वह पृ ी की छोरों को वश म करे , और दु लोग उस म से झाड़ िदए जाएं ?
14 वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे िचकनी िम ी बदलती है , और सब व ु एं मानो व पिहने ए िदखाई दे ती ह।
15 दु ों से उनका उिजयाला रोक िलया जाता है, और उनकी बढ़ाई ई बांह तोड़ी जाती है ।
16 ा तू कभी समु के सोतों तक प ंचा है, वा गिहरे सागर की थाह म कभी चला िफरा है ?
17 ा मृ ु के फाटक तुझ पर गट ए, ा तू घोर अ कार के फाटकों को कभी दे खन पाया है?
18 ा तू ने पृ ी की चौड़ाई को पूरी रीित से समझ िलया है? यिद तू यह सब जानता है , तो बतला दे ।
19 उिजयाले के िनवास का माग कहां है, और अ यारे का थान कहां है ?
20 ा तू उसे उसके िसवाने तक हटा सकता है, और उसके घर की डगर पिहचान सकता है ?
21 िन:स े ह तू यह सब कुछ जानता होगा! ोंिक तू तो उस समय उ आ था, और तू ब त आयु का है ।
22 िफर ा तू कभी िहम के भणडार म पैठा, वा कभी ओलों के भणडार को तू ने दे खा है,
23 िजस को म ने संकट के समय और यु और लड़ाई के िदन के िलये रख छोड़ा है ?
24 िकस माग से उिजयाला फैलाया जाता है, ओर पुरवाई पृ ी पर बहाई जाती है ?
25 महावृि के िलये िकस ने नाला काटा, और कड़कने वाली िबजली के िलये माग बनाया है ,
26 िक िनजन दे श म और जंगल म जहां कोई मनु नहीं रहता मह बरसाकर,
27 उजाड़ ही उजाड़ दे श को सी ंचे, और हरी घास उगाए?
28 ा मह का कोई िपता है, और ओस की बूंद िकस ने उ की?
29 िकस के गभ से बफ िनकला है, और आकाश से िगरे ए पाले को कौन उ करता है ?
30 जल प र के समान जम जाता है, और गिहरे पानी के ऊपर जमावट होती है ।
31 ा तू कचपिचया का गु ा गूंथ सकता वा मृगिशरा के ब न खोल सकता है?
32 ा तू रािशयों को ठीक ठीक समय पर उदय कर सकता, वा स िष को सािथयों समेत िलये चल सकता है?
33 ा तू आकाशम ल की िविधयां जानता और पृ ी पर उनका अिधकार ठहरा सकता है ?
34 ा तू बादलों तक अपनी वाणी प ंचा सकता है तािक ब त जल बरस कर तु झे िछपा ले ?
35 ा तू िबजली को आ ा दे सकता है, िक वह जाए, और तुझ से कहे, म उप थत ँ ?
36 िकस ने अ :करण म बु उपजाई, और मन म समझने की श िकस ने दी है?
37 कौन बु से बादलों को िगन सकता है? और कौन आकाश के कु ों को उ े ल सकता है ,
38 जब धूिल जम जाती है, और ढे ले एक दू सरे से सट जाते ह?
39 ा तू िसंहनी के िलये अहेर पकड़ सकता, और जवान िसंहों का पेट भर सकता है ,
40 जब वे मांद म बैठे हों और आड़ म घात लगाए दबक कर बैठे हों?
41 िफर जब कौवे के ब े ई र की दोहाई दे ते ए िनराहार उड़ते िफरते ह, तब उन को आहार कौन दे ता है ?
अ ुब 39
1 ा तू जानता है िक पहाड़ पर की जंगली बक रयां कब ब े दे ती ह? वा जब ह रिणयां िबयाती ह, तब ा तू दे खता रहता है?
2 ा तू उनके महीने िगन सकता है, ा तू उनके िबयाने का समय जानता है ?
3 जब वे बै ठ कर अपने ब ों को जनती ं, वे अपनी पीड़ों से छूट जाती ह?
4 उनके ब े पु हो कर मैदान म बढ़ जाते ह; वे िनकल जाते और िफर नहीं लौटते।
5 िकस ने बनै ले गदहे को ाधीन कर के छोड़ िदया है? िकस ने उसके ब न खोले ह?
6 उसका घर म ने िनजल दे श को, और उसका िनवास लोिनया भूिम को ठहराया है ।
7 वह नगर के कोलाहल पर हंसता, और हांकने वाले की हांक सुनता भी नही ं।
8 पहाड़ों पर जो कुछ िमलता है उसे वह चरता वह सब भांित की ह रयाली ढू ं ढ़ता िफरता है ।
9 ा जंगली सांढ़ तेरा काम करने को स होगा? ा वह ते री चरनी के पास रहेगा?
10 ा तू जंगली सां ढ़ को र े से बा कर रे घा रयों म चला सकता है ? ा वह नालों म तेरे पीछे पीछे हगा फेरे गा?
11 ा तू उसके बड़े बल के कारण उस पर भरोसा करे गा? वा जो प र म का काम तेरा हो, ा तू उसे उस पर छोड़े गा?
12 ा तू उसका िव ास करे गा, िक वह तेरा अनाज घर ले आए, और ते रे खिलहान का अ इक ा करे ?
13 िफर शुतुरमु गी ं अपने पंखों को आन से फुलाती है, पर ु ा ये पंख और पर े ह को गट करते ह?
14 ोंिक वह तो अपने अ े भूिम पर छोड़ दे ती और धूिल म उ गम करती है ;
15 और इसकी सुिध नही ं रखती, िक वे पांव से कुचले जाएं गे, वा कोई वनपशु उन को कुचल डाले गा।
16 वह अपने ब ों से ऐसी कठोरता करती है िक मानो उसके नही ं ह; य िप उसका क अकारथ होता है , तौभी वह िनि रहती है;
17 ोंिक ई र ने उसको बु रिहत बनाया, और उसे समझने की श नहीं दी।
18 िजस समय वह सीधी हो कर अपने पंख फैलाती है, तब घोड़े और उसके सवार दोनों को कुछ नही ं समझती है ।
19 ा तू ने घोड़े को उसका बल िदया है? ा तू ने उसकी गदन म फहराती ई अयाल जमाई है?
20 ा उसको िट ी की सी उछलने की श तू दे ता है? उसके फुं ारने का श डरावना होता है ।
21 वह तराई म टाप मारता है और अपने बल से हिषत रहता है , वह हिथयारब ों का सा ना करने को िनकल पड़ता है ।
22 वह डर की बात पर हंसता, और नही ं घबराता; और तलवार से पीछे नही ं हटता।
23 तकश और चमकता आ सांग ओर भाला उस पर खड़खड़ाता है ।
24 वह रस और ोध के मारे भूिम को िनगलता है; जब नरिसंगे का श सु नाई दे ता है तब वह कता नहीं।
25 जब जब नरिसंगा बजता तब तब वह िहन िहन करता है, और लड़ाई और अफसरों की ललकार और जय-जयकार को दू र से सूं घ लेता है।
26 ा तेरे समझाने से बाज़ उड़ता है, और द न की ओर उड़ने को अपने पंख फैलाता है ?
27 ा उकाब तेरी आ ा से ऊपर चढ़ जाता है, और ऊंचे थान पर अपना घोंसला बनाता है?
28 वह च ान पर रहता और च ान की चोटी और ढ़ थान पर बसेरा करता है ।
29 वह अपनी आं खों से दू र तक दे खता है, वहां से वह अपने अहेर को ताक ले ता है ।
30 उसके ब े भी लो चूसते ह; और जहां घात िकए ए लोग होते वहां वह भी होता है।
अ ुब 40
1 िफर यहोवा ने अ ू ब से यह भी कहा:
2 ा जो बकवास करता है वह सवश मान से झगड़ा करे ? जो ई र से िववाद करता है वह इसका उ र दे ।
3 तब अ ू ब ने यहोवा को उ र िदया:
4 दे ख, म तो तु ँ , म तुझे ा उ र दू ं ? म अपनी अंगुली दांत तले दबाता ँ ।
5 एक बार तो म कह चुका, पर ु और कुछ न क ंगा: हां दो बार भी म कह चु का, पर ु अब कुछ और आगे न बढ़ूंगा।
6 तब यहोवा ने अ ूब को आँ धी म से यह उ र िदया:
7 पु ष की नाईं अपनी कमर बा ले, म तुझ से करता ँ, और तू मुझे बता।
8 ा तू मेरा ाय भी थ ठहराएगा? ा तू आप िनद ष ठहरने की मनसा से मु झ को दोषी ठहराएगा?
9 ा ते रा बा बल ई र के तु है? ा तू उसके समान श से गरज सकता है?
10 अब अपने को मिहमा और ताप से संवार और ऐ और तेज के व पिहन ले ।
11 अपने अित ोध की बाढ़ को बहा दे , और एक एक घम ी को दे खते ही उसे नीचा कर।
12 हर एक घम ी को दे ख कर झुका दे , और दु लोगों को जहां खड़े हों वहां से िगरा दे ।
13 उन को एक सं ग िम ी म िमला दे , और उस गु थान म उनके मुंह बा दे ।
14 तब म भी ते रे िवषय म मान लूंगा, िक तेरा ही दिहना हाथ तेरा उ ार कर सकता है ।
15 उस जलगज को दे ख, िजस को म ने तेरे साथ बनाया है, वह बैल की नाईं घास खाता है।
16 दे ख उसकी किट म बल है, और उसके पेट के प ों म उसकी साम रहती है ।
17 वह अपनी पूं छ को दे वदार की नाईं िहलाता है; उसकी जांघों की नस एक दू सरे से िमली ई ह।
18 उसकी हि यां मानो पीतल की निलयां ह, उसकी पसु िलयां मानो लोहे के बड़े ह।
19 वह ई र का मु काय है; जो उसका िसरजनहार हो उसके िनकट तलवार ले कर आए!
20 िन य पहाड़ों पर उसका चारा िमलता है, जहां और सब वनपशु कालोल करते ह।
21 वह छतनार वृ ों के तले नरकटों की आड़ म और कीच पर ले टा करता है
22 छतनार वृ उस पर छाया करते ह, वह नाले के बत के वृ ों से िघरा रहता है।
23 चाहे नदी की बाढ़ भी हो तौभी वह न घबराएगा, चाहे यरदन भी बढ़ कर उसके मुं ह तक आए पर ु वह िनभय रहे गा।
24 जब वह चौकस हो तब ा कोई उसको पकड़ सकेगा, वा फ े लगा कर उसको नाथ सकेगा?
अ ुब 41
1 िफर ा तू िल ातान अथवा मगर को बंसी के ारा खी ंच सकता है, वा डोरी से उसकी जीभ दबा सकता है?
2 ा तू उसकी नाक म नकेल लगा सकता वा उसका जबड़ा कील से बेध सकता है?
3 ा वह तुझ से ब त िगड़िगड़ाहट करे गा, वा तुझ से मीठी बात बोले गा?
4 ा वह तुझ से वाचा बा ेगा िक वह सदा तेरा दास रहे ?
5 ा तू उस से ऐसे खेलेगा जैसे िचिडय़ा से, वा अपनी लड़िकयों का जी बहलाने को उसे बा रखे गा?
6 ा मछु ओं के दल उसे िबकाऊ माल समझगे? ा वह उसे ोपा रयों म बां ट दगे ?
7 ा तू उसका चमड़ा भाले से, वा उसका िसर मछु वे के ितरशूलों से भर सकता है ?
8 तू उस पर अपना हाथ ही धरे , तो लड़ाई को कभी न भू लेगा, और भिव म कभी ऐसा न करे गा।
9 दे ख, उसे पकड़ने की आशा िन ल रहती है; उसके दे खने ही से मन क ा पड़ जाता है ।
10 कोई ऐसा साहसी नही ं, जो उसको भड़काए; िफर ऐसा कौन है जो मे रे सा ने ठहर सके?
11 िकस ने मुझे पिहले िदया है, िजसका बदला मुझे दे ना पड़े ! दे ख, जो कुछ सारी धरती पर है सो मे रा है।
12 म उसके अं गों के िवषय, और उसके बड़े बल और उसकी बनावट की शोभा के िवषय चु प न र ं गा।
13 उसके ऊपर के पिहरावे को कौन उतार सकता है? उसके दांतों की दोनों पां ितयों के अथात जबड़ों के बीच कौन आएगा?
14 उसके मु ख के दोनों िकवाड़ कौन खोल सकता है? उसके दांत चारों ओर से डरावने ह।
15 उसके िछलकों की रे खाएं घम का कारण ह; वे मानो कड़ी छाप से ब िकए ए ह।
16 वे एक दू सरे से ऐसे जुड़े ए ह, िक उन म कुछ वायु भी नही ं पैठ सकती।
17 वे आपस म िमले ए और ऐसे सटे ए ह, िक अलग अलग नही ं हो सकते।
18 िफर उसके छीक ं ने से उिजयाला चमक उठता है, और उसकी आं ख भोर की पलकों के समान ह।
19 उसके मुंह से जलते ए पलीते िनकलते ह, और आग की िचनगा रयां छूटती ह।
20 उसके नथु नों से ऐसा धुआं िनकलता है, जैसा खौलती ई हांड़ी और जलते ए नरकटों से ।
21 उसकी सांस से कोयले सुलगते, और उसके मुंह से आग की लौ िनकलती है ।
22 उसकी गदन म साम बनी रहती है, और उसके सा ने डर नाचता रहता है।
23 उसके मांस पर मांस चढ़ा आ है, और ऐसा आपस म सटा आ है जो िहल नही ं सकता।
24 उसका दय प र सा ढ़ है, वरन च ी के िनचले पाट के समान ढ़ है ।
25 जब वह उठने लगता है, तब सामथी ं भी डर जाते ह, और डर के मारे उनकी सु ध बु ध लोप हो जाती है ।
26 यिद कोई उस पर तलवार चलाए, तो उस से कुछ न बन पड़े गा; और न भाले और न बछ और न तीर से ।
27 वह लोहे को पु आल सा, और पीतल को सड़ी लकड़ी सा जानता है।
28 वह तीर से भगाया नही ं जाता, गोफन के प र उसके िलये भू से से ठहरते ह।
29 लािठयां भी भू से के समान िगनी जाती ह; वह बछ के चलने पर हंसता है ।
30 उसके िनचले भाग पैने ठीकरे के समान ह, कीच पर मानो वह हगा फेरता है।
31 वह गिहरे जल को हंडे की नाईं मथता है: उसके कारण नील नदी मरहम की हां डी के समान होती है ।
32 वह अपने पीछे चमकीली लीक छोड़ता जाता है। गिहरा जल मानो ेत िदखाई दे ने लगता है ।
33 धरती पर उसके तु और कोई नही ं है, जो ऐसा िनभय बनाया गया है।
34 जो कुछ ऊंचा है, उसे वह ताकता ही रहता है, वह सब घमिणडयों के ऊपर राजा है ।
अ ुब 42
1 तब अ ू ब ने यहोवा को उ र िदया;
2 म जानता ँ िक तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी यु यों म से कोई क नही ं सकती।
3 तू कौन है जो ान रिहत हो कर यु पर परदा डालता है? पर ु म ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अथात जो बात मे रे िलये अिधक किठन और मेरी समझ से बाहर थी ं िजन को
म जानता भी नही ं था।
4 म िनवेदन करता ं सुन, म कुछ क ंगा, म तुझ से करता ँ, तू मुझे बता दे ।
5 म कानों से ते रा समाचार सुना था, पर ु अब मेरी आं ख तुझे दे खती ह;
6 इसिलये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और म धूिल और राख म प ा ाप करता ँ ।
7 और ऐसा आ िक जब यहोवा ये बात अ ूब से कह चु का, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, मेरा ोध ते रे और ते रे दोनों िम ों पर भड़का है , ोंिक जैसी ठीक बात मेरे दास अ ू ब
ने मेरे िवषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नही ं कही।
8 इसिलये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छांट कर मेरे दास अ ूब के पास जा कर अपने िनिम होमबिल चढ़ाओ, तब मेरा दास अ ूब तु ारे िलये ाथना करे गा, ोंिक उसी की
म हण क ं गा; और नहीं, तो म तुम से तु ारी मूढ़ता के यो बताव क ं गा, ोंिक तुम लोगों ने मेरे िवषय मेरे दास अ ू ब की सी ठीक बात नही ं कही।
9 यह सुन ते मानी एलीपज, शूही िब द और नामाती सोपर ने जा कर यहोवा की आा ा के अनु सार िकया, और यहोवा ने अ ूब की ाथना हण की।
10 जब अ ूब ने अपने िम ों के िलये ाथना की, तब यहोरवा ने उसका सारा दु :ख दू र िकया, और िजतना अ ू ब का पिहले था, उसका दु गना यहोवा ने उसे दे िदया।
11 तब उसके सब भाई, और सब बिहन, और िजतने पिहले उसको जानते पिहचानते थे, उन सभों ने आकर उसके यहां उसके सं ग भोजन िकया; और िजतनी िवपि यहोवा ने उस पर
डाली थी, उस सब के िवषय उ ोंने िवलाप िकया, और उसे शा दी; और उसे एक एक िस ा ओर सोने की एक एक बाली दी।
12 और यहोवा ने अ ूब के िपछले िदनों म उसको अगले िदनों से अिधक आशीष दी; और उसके चौदह हजार भड़ बक रयां, छ: हजार ऊंट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदिहयां हो
गई।
13 और उसके सात बेटे ओर तीन बेिटयां भी उ ई।
14 इन म से उसने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दू सरी का कसीआ और तीसरी का केरे ूक रखा।
15 और उस सारे दे श म ऐसी यां कही ं न थी ं, जो अ ूब की बेिटयों के समान सु र हों, और उनके िपता ने उन को उनके भाइयों के संग ही स ि दी।
16 इसके बाद अ ूब एक सौ चालीस वष जीिवत रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश दे खने पाया।
17 िनदान अ ू ब वृ ाव था म दीघायु हो कर मर गया।
भजन सं िहता 1
1 ा ही ध है वह पु ष जो दु ों की यु पर नही ं चलता, और न पािपयों के माग म खड़ा होता; और न ठ ा करने वालों की म ली म बैठता है!
2 पर ु वह तो यहोवा की व था से स रहता; और उसकी व था पर रात िदन ान करता रहता है ।
3 वह उस वृ के समान है , जो बहती नािलयों के िकनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु म फलता है , और िजसके प े कभी मु रझाते नही ं। इसिलये जो कुछ वह पु ष करे वह सफल
होता है।।
4 दु लोग ऐसे नही ं होते, वे उस भूसी के समान होते ह, जो पवन से उड़ाई जाती है।
5 इस कारण दु लोग अदालत म थर न रह सकगे, और न पापी धिमयों की म ली म ठहरगे;
6 ोंिक यहोवा धिमयों का माग जानता है, पर ु दु ों का माग नाश हो जाएगा।।
भजन सं िहता 2
1 जाित जाित के लोग ों ड़ मचाते ह, और दे श दे श के लोग थ बात ों सोच रहे ह?
2 यहोवा के और उसके अिभिष के िव पृ ी के राजा िमलकर, और हािकम आपस म स ित कर के कहते ह, िक
3 आओ, हम उनके ब न तोड़ डाल, और उनकी र यों अपने ऊपर से उतार फके।।
4 वह जो ग म िवराजमान है, हंसेगा, भु उन को ठ ों म उड़ाएगा।
5 तब वह उन से ोध कर के बात करे गा, और ोध म कहकर उ घबरा दे गा, िक
6 म तो अपने ठहराए ए राजा को अपने पिव पवत िस ोन की राजग ी पर बै ठा चु का ं ।
7 म उस वचन का चार क ं गा: जो यहोवा ने मुझ से कहा, तू मेरा पु है , आज तू मु झ से उ आ।
8 मु झ से मांग, और म जाित जाित के लोगों को तेरी स ि होने के िलये , और दू र दू र के दे शों को तेरी िनज भूिम बनने के िलये दे दू ं गा।
9 तू उ लोहे के ड े से टु कड़े टु कड़े करे गा। तू कु ार के बतन की नाईं उ चकना चू र कर डाले गा।।
10 इसिलये अब, हे राजाओं, बु मान बनो; हे पृ ी के ािययों, यह उपदे श हण करो।
11 डरते ए यहोवा की उपासना करो, और कांपते ए मगन हो।
12 पु को चूमो ऐसा न हो िक वह ोध करे , और तुम माग ही म नाश हो जाओ; ोंिक ण भर म उसका ोध भड़कने को है।। ध ह वे िजनका भरोसा उस पर है।।
भजन सं िहता 3
1 हे यहोवा मे रे सताने वाले िकतने बढ़ गए ह! वह जो मेरे िव उठते ह ब त ह।
2 ब त से मे रे ाण के िवषय म कहते ह, िक उसका बचाव परमे र की ओर से नही ं हो सकता।
3 पर ु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढ़ाल है, तू मेरी मिहमा और मेरे म का ऊंचा करने वाला है ।
4 म ऊंचे श से यहोवा को पुकारता ं, और वह अपने पिव पवत पर से मुझे उ र दे ता है ।
5 म ले टकर सो गया; िफर जाग उठा, ोंिक यहोवा मु झे स ालता है।
6 म उन दस हजार मनु ों से नही ं डरता, जो मेरे िव चारों ओर पां ित बा े खड़े ह।।
7 उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमे र मुझे बचा ले! ोंिक तू ने मे रे सब श ुओं के जबड़ों पर मारा है और तू ने दु ों के दांत तोड़ डाले ह।।
8 उ ार यहोवा ही की ओर से होता है; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी जा पर हो।।
भजन सं िहता 4
1 हे मे रे धममय परमे र, जब म पुका ं तब तू मुझे उ र दे ; जब म सकेती म पड़ा तब तू ने मुझे िव ार िदया। मु झ पर अनु ह कर और मेरी ाथना सुन ले।।
2 हे मनु ों के पु ों, कब तक मे री मिहमा के बदले अनादर होता रहेगा? तुम कब तक थ बातों से ीित रखोगे और झूठी यु की खोज म रहोगे?
3 यह जान रखो िक यहोवा ने भ को अपने िलये अलग कर रखा है; जब म यहोवा को पु का ं गा तब वह सु न ले गा।।
4 कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने िबछौने पर मन ही मन सोचो और चु पचाप रहो।
5 धम के बिलदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो।।
6 ब त से ह जो कहते ह, िक कौन हम को कुछ भलाई िदखाएगा? हे यहोवा तू अपने मु ख का काश हम पर चमका!
7 तू ने मेरे मन म उस से कही ं अिधक आन भर िदया है, जो उन को अ और दाखमधु की बढ़ती से होता था।
8 म शा से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; ोंिक, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एका म िनि रहने दे ता है ।।
भजन सं िहता 5
1 हे यहोवा, मे रे वचनों पर कान लगा; मेरे ान करने की ओर मन लगा।
2 हे मे रे राजा, हे मेरे परमे र, मेरी दोहाई पर ान दे , ोंिक म तुझी से ाथना करता ं।
3 हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई दे गी, म भोर को ाथना कर के तेरी बाट जो ं गा।
4 ोंिक तू ऐसा ई र नही ं जो दु ता से स हो; बुराई ते रे साथ नहीं रह सकती।
5 घमं डी तेरे स ुख खड़े होने न पांएगे; तुझे सब अनथका रयों से घृ णा है ।
6 तू उन को जो झूठ बोलते ह नाश करे गा; यहोवा तो ह ारे और छली मनु से घृ णा करता है ।
7 पर ु म तो तेरी अपार क णा के कारण तेरे भवन म आऊंगा, म तेरा भय मानकर ते रे पिव म र की ओर द वत क ं गा।
8 हे यहोवा, मेरे श ुओं के कारण अपने धम के माग म मे री अगुवाई कर; मे रे आगे आगे अपने सीधे माग को िदखा।
9 ोंिक उनके मुं ह म कोई स ाई नही ं; उनके मन म िनरी दु ता है। उनका गला खु ली ई क है, वे अपनी जीभ से िचकनी चुपड़ी बात करते ह।
10 हे परमे र तू उन को दोषी ठहरा; वे अपनी ही यु यों से आप ही िगर जाएं ; उन को उनके अपराधों की अिधकाई के कारण िनकाल बाहर कर, ोंिक उ ोंने तुझ से बलवा िकया
है ।।
11 पर ु िजतने तु झ पर भरोसा रखते ह वे सब आन कर, वे सवदा ऊंचे र से गाते रह; ोंिक तू उनकी र ा करता है, और जो तेरे नाम के ेमी ह तुझ म फु त हों।
12 ोंिक तू धम को आिशष दे गा; हे यहोवा, तू उसको अपने अनु ह पी ढाल से घे रे रहे गा।।
भजन सं िहता 6
1 हे यहोवा, तू मुझे अपने ोध म न डांट, और न झुंझलाहट म मुझे ताड़ना दे ।
2 हे यहोवा, मुझ पर अनु ह कर, ोंिक म कु ला गया ं; हे यहोवा, मु झे चंगा कर, ोंिक मे री हिड् डयों म बेचैनी है ।
3 मे रा ाण भी ब त खेिदत है। और तू, हे यहोवा, कब तक?
4 लौट आ, हे यहोवा, और मेरे ाण बचा अपनी क णा के िनिम मे रा उ ार कर।
5 ोंिक मृ ु के बाद तेरा रण नहीं होता; अधोलोक म कौन तेरा ध वाद करे गा?
6 म कराहते कराहते थक गया; म अपनी खाट आं सुओं से िभगोता ं ; ित रात मे रा िबछौना भीगता है ।
7 मे री आं ख शोक से बैठी जाती ह, और मे रे सब सताने वालों के कारण वे धु ला गई ह।।
8 हे सब अनथका रयों मे रे पास से दू र हो; ोंिक यहोवा ने मे रे रोने का श सु न िलया है ।
9 यहोवा ने मे रा िगड़िगड़ाना सुना है; यहोवा मेरी ाथना को हण भी करे गा।
10 मेरे सब श ु ल त होंगे और ब त घबराएं गे; वे लौट जाएं गे , और एकाएक ल त होंगे।।
भजन सं िहता 7
1 हे मे रे परमे र यहोवा, मे रा भरोसा तुझ पर है; सब पीछा करने वालों से मुझे बचा और छु टकारा दे ,
2 ऐसा न हो िक वे मुझ को िसंह की नाईं फाड़कर टु कड़े टु कड़े कर डाल; और कोई मेरा छु ड़ाने वाला न हो।।
3 हे मे रे परमे र यहोवा, यिद म ने यह िकया हो, यिद मेरे हाथों से कुिटल काम आ हो,
4 यिद म ने अपने मे ल रखने वालों से भलाई के बदले बुराई की हो, (वरन म ने उसको जो अकारण मे रा बैरी था बचाया है )
5 तो श ु मे रे ाण का पीछा कर के मुझे आ पकड़े , वरन मेरे ाण को भू िम पर रौंदे, और मेरी मिहमा को िम ी म िमला दे ।।
6 हे यहोवा ोध कर के उठ; मेरे ोध भरे सताने वाले के िव तू खड़ा हो जा; मे रे िलये जाग! तू ने ाय की आ ा तो दे दी है।
7 दे श दे श के लोगों की म ली तेरे चारों ओर हो; और तू उनके ऊपर से हो कर ऊंचे थानों पर लौट जा।
8 यहोवा समाज समाज का ाय करता है; यहोवा मेरे धम और खराई के अनुसार मे रा ाय चु का दे ।।
9 भला हो िक दु ों की बुराई का अ हो जाए, पर ु धम को तू थर कर; ोंिक धम परमे र मन और मम का ाता है ।
10 मेरी ढाल परमे र के हाथ म है, वह सीधे मन वालों को बचाता है।।
11 परमे र धम और ायी है, वरन ऐसा ई र है जो ित िदन ोध करता है ।।
12 यिद मनु न िफरे तो वह अपनी तलवार पर सान चढ़ाएगा; वह अपना धनु ष चढ़ाकर तीर स ान चुका है ।
13 और उस मनु के िलये उसने मृ ु के हिथयार तैयार कर िलये ह: वह अपने तीरों को अि बाण बनाता है ।
14 दे ख दु को अनथ काम की पीड़ाएं हो रही ह, उसको उ ात का गभ है, और उस से झूठ उ आ। उसने गड़हा खोदकर उसे गिहरा िकया,
15 और जो खाई उसने बनाई थी उस म वह आप ही िगरा।
16 उसका उ ात पलट कर उसी के िसर पर पड़े गा; और उसका उप व उसी के माथे पर पड़े गा।।
17 म यहोवा के धम के अनुसार उसका ध वाद क ं गा, और परम धान यहोवा के नाम का भजन गाऊंगा।।
भजन सं िहता 8
1 हे यहोवा हमारे भु, तेरा नाम सारी पृ ी पर ा ही तापमय है ! तू ने अपना वैभव ग पर िदखाया है ।
2 तू ने अपने बै रयों के कारण ब ोंऔर दू ध िपउवों के ारा साम की ने व डाली है , तािक तू श ु और पलटा ले ने वालों को रोक रखे।
3 जब म आकाश को, जो तेरे हाथों का काय है, और चं मा और तरागण को जो तू ने िनयु िकए ह, दे खता ं ;
4 तो िफर मनु ा है िक तू उसका रण रखे, और आदमी ा है िक तू उसकी सु िध ले ?
5 ोंिक तू ने उसको परमे र से थोड़ा ही कम बनाया है, और मिहमा और ताप का मु कुट उसके िसर पर रखा है ।
6 तू ने उसे अपने हाथों के काय पर भुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर िदया है ।
7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और िजतने वनपशु ह,
8 आकाश के प ी और समु की मछिलयां, और िजतने जीव- ज ु समु ों म चलते िफरते ह।
9 हे यहोवा, हे हमारे भु, तेरा नाम सारी पृ ी पर ा ही तापमय है ।।
भजन सं िहता 9
1 हे यहोवा परमे र म अपने पूण मन से तेरा ध वाद क ं गा; म तेरे सब आ य कम का वणन क ं गा।
2 म तेरे कारण आन त और फु त होऊंगा, हे परम धान, म तेरे नाम का भजन गाऊंगा।।
3 जब मेरे श ु पीछे हटते ह, तो वे तेरे सा ने से ठोकर खाकर नाश होते ह।
4 ोंिक तू ने मे रा ाय और मुक मा चुकाया है; तू ने िसं हासन पर िवराजमान हो कर धम से ाय िकया।
5 तू ने अ जाितयों को िझड़का और दु को नाश िकया है; तू ने उनका नाम अन काल के िलये िमटा िदया है ।
6 श ु जो है, वह मर गए, वे अन काल के िलये उजड़ गए ह; और िजन नगरों को तू ने ढा िदया, उनका नाम वा िनशान भी िमट गया है ।
7 पर ु यहोवा सदै व िसंहासन पर िवराजमान है, उसने अपना िसंहासन ाय के िलये िस िकया है ;
8 और वह आप ही जगत का ाय धम से करे गा, वह दे श दे श के लोगों का मुक मा खराई से िनपटाएगा।।
9 यहोवा िपसे ओं के िलये ऊंचा गढ़ ठहरे गा, वह संकट के समय के िलये भी ऊंचा गढ़ ठहरे गा।
10 और तेरे नाम के जानने वाले तुझ पर भरोसा रखगे, ोंिक हे यहोवा तू ने अपने खोिजयों को ाग नहीं िदया।।
11 यहोवा जो िस ोन म िवराजमान है , उसका भजन गाओ! जाित जाित के लोगों के बीच म उसके महाकम का चार करो!
12 ोंिक खून का पलटा लेनेवाला उन को रण करता है ; वह दीन लोगों की दोहाई को नही ं भूलता।।
13 हे यहोवा, मुझ पर अनु ह कर। तू जो मुझे मृ ु के फाटकों के पास से उठाता है, मेरे दु :ख को दे ख जो मेरे बैरी मु झे दे रहे ह;
14 तािक म िस ोन के फाटकों के पास तेरे सब गुणों का वणन क ं , और ते रे िकए ए उ ार से मगन होऊं।।
15 अ जाित वालों ने जो गड़हा खोदा था, उसी म वे आप िगर पड़े ; जो जाल उ ोंने लगाया था, उस म उ ी ं का पांव फंस गया।
16 यहोवा ने अपने को गट िकया, उसने ाय िकया है; दु अपने िकए ए कामों म फंस जाता है ।
17 दु अधोलोक म लौट जाएं गे, तथा वे सब जाितयां भी जा परमे र को भूल जाती है ।
18 ोंिक द र लोग अन काल तक िबसरे ए न रहगे , और न तो न लोगों की आशा सवदा के िलये नाश होगी।
19 उठ, हे परमे र, मनु बल न होने पाए! जाितयों का ाय तेरे स ुख िकया जाए।
20 हे परमे र, उन को भय िदला! जाितयां अपने को मनु मा ही जान।
भजन सं िहता 10
1 हे यहोवा तू ों दू र खड़ा रहता है? संकट के समय म ों िछपा रहता है ?
2 दु ों के अहं कार के कारण दीन मनु खदे ड़े जाते ह; वे अपनी ही िनकाली ई यु यों म फंस जाएं ।।
3 ोंिक दु अपनी अिभलाषा पर घम करता है, और लोभी परमे र को ाग दे ता है और उसका ितर ार करता है ।।
4 दु अपने अिभमान के कारण कहता है िक वह लेखा नही ं लेने का; उसका पू रा िवचार यही है िक कोई परमे र है ही नही ं।।
5 वह अपने माग पर ढ़ता से बना रहता है; तेरे ाय के िवचार ऐसे ऊंचे पर होते ह, िक उसकी ि वहां तक नहीं प ंचती; िजतने उसके िवरोधी ह उन पर वह फुंकारता है।
6 वह अपने मन म कहता है िक म कभी टलने का नही ं: म पीढ़ी से पीढ़ी तक दु :ख से बचा र ं गा।।
7 उसका मुं ह शाप और छल और अ ेर से भरा है; उ ात और अनथ की बात उसके मुं ह म ह।
8 वह गां वों म घात लगाकर बैठा करता है, और गु थानों म िनद ष को घात करता है, उसकी आं खे लाचार की घात म लगी रहती है।
9 जै सा िसंह अपनी झाड़ी म वैसा ही वह भी िछपकर घात म बै ठा करता है ; वह दीन को पकड़ने के िलये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल म फंसाकर घसीट लाता है, तब
उसे पकड़ लेता है।
10 वह झुक जाता है और वह दु बक कर बैठता है; और लाचार लोग उसके महाबली हाथों से पटके जाते ह।
11 वह अपने मन म सोचता है, िक ई र भूल गया, वह अपना मुंह िछपाता है; वह कभी नही ं दे खेगा।।
12 उठ, हे यहोवा; हे ई र, अपना हाथ बढ़ा; और दीनों को न भूल।
13 परमे र को दु ों तु जानता है, और अपने मन म कहता है िक तू लेखा न लेगा?
14 तू ने दे ख िलया है, ोंिक तू उ ात और कलपाने पर दु ि रखता है , तािक उसका पलटा अपने हाथ म रखे ; लाचार अपने को तेरे हाथ म सौंपता है ; अनाथों का तू ही सहायक रहा
है ।
15 दु की भुजा को तोड़ डाल; और दु जन की दु ता को ढू ँ ढ़ ढूँढ़ कर िनकाल जब तक िक सब उसम से दू र न हो जाए
16 यहोवा अन काल के िलये महाराज है; उसके दे श म से अ जाित लोग नाश हो गए ह।।
17 हे यहोवा, तू ने न लोगों की अिभलाषा सुनी है; तू उनका मन तैयार करे गा, तू कान लगाकर सु नेगा
18 िक अनाथ और िपसे ए का ाय करे , तािक मनु जो िम ी से बना है िफर भय िदखाने न पाए।।
भजन सं िहता 11
1 मे रा भरोसा परमे र पर है; तुम ोंकर मेरे ाण से कह सकते हो िक प ी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा?
2 ोंिक दे खो, दु अपना धनुष चढ़ाते ह, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते ह, िक सीधे मन वालों पर अ यारे म तीर चलाएं ।
3 यिद नेव ढ़ा दी जाएं तो धम ा कर सकता है?
4 परमे र अपने पिव भवन म है; परमे र का िसंहासन ग म है; उसकी आं ख मनु की स ान को िनत दे खती रहती ह और उसकी पलक उन को जांचती ह।
5 यहोवा धम को परखता है, पर ु वह उन से जो दु ह और उप व से ीित रखते ह अपनी आ ा म घृणा करता है ।
6 वह दु ों पर फ े बरसाएगा; आग और ग क और च लू ह उनके कटोरों म बां ट दी जाएं गी।
7 ोंिक यहोवा धम है, वह धम के ही कामों से स रहता है ; धम जन उसका दशन पाएं गे।।
भजन सं िहता 12
1 हे परमे र बचा ले , ोंिक एक भी भ नहीं रहा; मनु ों म से िव ास यो लोग मर िमटे ह।
2 उन म से ेक अपने पड़ोसी से झूठी बात कहता है ; वे चापलूसी के ओठों से दो रं गी बात करते ह।।
3 भु सब चापलू स ओठों को और उस जीभ को िजस से बड़ा बोल िनकलता है काट डाले गा।
4 वे कहते ह िक हम अपनी जीभ ही से जीतगे, हमारे ओंठ हमारे ही वश म ह; हमारा भु कौन है ?
5 दीन लोगों के लुट जाने, और द र ों के कराहने के कारण, परमे र कहता है , अब म उठूंगा, िजस पर वे फुंकारते ह उसे म चैन िव ाम दू ं गा।
6 परमे र का वचन पिव है, उस चा के समान जो भ ी म िम ी पर ताई गई, और सात बार िनमल की गई हो।।
7 तू ही हे परमे र उनकी र ा करे गा, उन को इस काल के लोगों से सवदा के िलये बचाए रखे गा।
8 जब मनु ों म नीचपन का आदर होता है, तब दु लोग चारों ओर अकड़ते िफरते ह।।
भजन सं िहता 13
1 हे परमे र तू कब तक? ा सदै व मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मु खड़ा मु झ से िछपाए रहे गा?
2 म कब तक अपने मन ही मन म यु यां करता र ं, और िदन भर अपने दय म दु खत रहा क ं , कब तक मे रा श ु मुझ पर बल रहेगा?
3 हे मे रे परमे र यहोवा मेरी ओर ान दे और मुझे उ र दे , मेरी आं खों म ोित आने दे , नहीं तो मुझे मृ ु की नी ंद आ जाएगी;
4 ऐसा न हो िक मेरा श ु कहे, िक म उस पर बल हो गया; और ऐसा न हो िक जब म डगमगाने लगूं तो मे रे श ु मगन हों।।
5 पर ु म ने तो तेरी क णा पर भरोसा रखा है; मेरा दय तेरे उ ार से मगन होगा।
6 म परमे र के नाम का भजन गाऊंगा, ोंिक उसने मे री भलाई की है।।
भजन सं िहता 14
1 मू ख ने अपने मन म कहा है, कोई परमे र है ही नही ं। वे िबगड़ गए, उ ोंने िघनौने काम िकए ह, कोई सुकम नहीं।
2 परमे र ने ग म से मनु ों पर ि की है, िक दे खे िक कोई बु मान, कोई परमे र का खोजी है या नही ं।
3 वे सब के सब भटक गए, वे सब हो गए; कोई सुकम नहीं, एक भी नही ं।
4 ा िकसी अनथकारी को कुछ भी ान नही ं रहता, जो मेरे लोगों को ऐसे खा जाते ह जै से रोटी, और परमे र का नाम नही ं लेते?
5 वहां उन पर भय छा गया, ोंिक परमे र धम लोगों के बीच म िनर र रहता है ।
6 तुम तो दीन की यु की हंसी उड़ाते हो इसिलये िक यहोवा उसका शरण थान है ।
7 भला हो िक इ ाएल का उ ार िस ोन से गट होता! जब यहोवा अपनी जा को दास से लौटा ले आएगा, तब याकूब मगन और इ ाएल आन त होगा।।
भजन सं िहता 15
1 हे परमे र ते रे त ू म कौन रहेगा? तेरे पिव पवत पर कौन बसने पाएगा?
2 वह जो खराई से चलता और धम के काम करता है, और दय से सच बोलता है;
3 जो अपनी जीभ से िन ा नही ं करता, और न अपने िम की बु राई करता, और न अपने पड़ोसी की िन ा सु नता है ;
4 वह िजसकी ि म िनक ा मनु तु है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हािन उठानी पड़े ;
5 जो अपना पया ाज पर नही ं दे ता, और िनद ष की हािन करने के िलये घूस नही ं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।।
भजन सं िहता 17
1 हे यहोवा परमे र स ाई के वचन सुन, मेरी पुकार की ओर ान दे । मे री ाथना की ओर जो िन पट मुं ह से िनकलती है कान लगा।
2 मे रे मु क मे का िनणय तेरे स ुख हो! तेरी आं ख ाय पर लगी रह!
3 तू ने मेरे दय को जांचा है; तू ने रात को मेरी दे खभाल की, तू ने मुझे परखा पर ु कुछ भी खोटापन नही ं पाया; म ने ठान िलया है िक मेरे मुंह से अपराध की बात नही ं िनकलेगी।
4 मानवी कामों म म तेरे मुंह के वचन के ारा ू रों की सी चाल से अपने को बचाए रहा।
5 मेरे पां व ते रे पथों म थर रहे, िफसले नहीं।।
6 हे ई र, म ने तु झ से ाथना की है, ोंिक तू मु झे उ र दे गा। अपना कान मे री ओर लगाकर मेरी िबनती सु न ले ।
7 तू जो अपने दािहने हाथ के ारा अपने शरणगतों को उनके िवरोिधयों से बचाता है, अपनी अद् भु त क णा िदखा।
8 अपने आं खो की पुतली की नाईं सुरि त रख; अपने पं खों के तले मुझे िछपा रख,
9 उन दु ों से जो मु झ पर अ ाचार करते ह, मेरे ाण के श ुओं से जो मु झे घे रे ए ह।।
10 उ ोंने अपने दयों को कठोर िकया है; उनके मुंह से घमंड की बात िनकलती ह।
11 उ ोंने पग पग पर हम को घेरा है; वे हम को भूिम पर पटक दे ने के िलये घात लगाए ए ह।
12 वह उस िसं ह की नाईं है जो अपने िशकार की लालसा करता है , और जवान िसं ह की नाईं घात लगाने के थानों म बै ठा रहता है।।
13 उठ, हे यहोवा उसका सामना कर और उसे पटक दे ! अपनी तलवार के बल से मे रे ाण को दु से बचा ले ।
14 अपना हाथ बढ़ाकर हे यहोवा, मुझे मनु ों से बचा, अथात सं सारी मनु ों से िजनका भाग इसी जीवन म है , और िजनका पेट तू अपने भ ार से भरता है। वे बाल-ब ों से स ु ह;
और शेष स ित अपने ब ों के िलये छोड़ जाते ह।।
15 पर ु म तो धम हो कर तेरे मुख का दशन क ं गा जब म जानूंगा तब ते रे प से स ु ं गा।।
भजन सं िहता 18
1 हे परमे र, हे मेरे बल, म तुझ से ेम करता ं।
2 यहोवा मेरी च ान, और मेरा गढ़ और मेरा छु ड़ाने वाला है; मेरा ई र, मेरी च ान है , िजसका म शरणागत ं , वह मे री ढ़ाल और मेरी मु का सी ंग, और मेरा ऊँचा गढ़ है।
3 म यहोवा को जो ुित के यो है पुका ं गा; इस कार म अपने श ुओं से बचाया जाऊंगा।।
4 मृ ु की र यों से म चारो ओर से िघर गया ं, और अधम की बाढ़ ने मु झ को भयभीत कर िदया;
5 पाताल की र यां मेरे चारो ओर थी ं, और मृ ु के फ े मु झ पर आए थे ।
6 अपने सं कट म म ने यहोवा परमे र को पुकारा; म ने अपने परमे र की दोहाई दी। और उसने अपने म र म से मेरी बात सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास प ं चकर उसके कानों
म पड़ी।।
7 तब पृ ी िहल गई, और कांप उठी और पहाड़ों की नेवे कंिपत हो कर िहल गई ोंिक वह अित ोिधत आ था।
8 उसके नथनों से धुआं िनकला, और उसके मुंह से आग िनकलकर भ करने लगी; िजस से कोएले दहक उठे ।
9 और वह ग को नीचे झुका कर उतर आया; और उसके पांवों तले घोर अ कार था।
10 और वह क ब पर सवार हो कर उड़ा, वरन पवन के पंखों पर सवारी कर के वेग से उड़ा।
11 उसने अ यारे को अपने िछपने का थान और अपने चारों ओर मेघों के अ कार और आकाश की काली घटाओं का म प बनाया।
12 उसकी उप थित की झलक से उसकी काली घटाएं फट गई; ओले और अंगारे ।
13 तब यहोवा आकाश म गरजा, और परम धान ने अपनी वाणी सु नाई, ओले ओर अं गारे ।।
14 उसने अपने तीर चला चला कर उन को िततर िबतर िकया; वरन िबजिलयां िगरा िगराकर उन को परा िकया।
15 तब जल के नाले दे ख पड़े , और जगत की नेव गट ई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से आ।।
16 उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम िलया, और गिहरे जल म से खी ंच िलया।
17 उसने मे रे बलव श ु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मु झे छु ड़ाया; ोंिक वे अिधक सामथ थे।
18 मेरी िवपि के िदन वे मुझ पर आ पड़े । पर ु यहोवा मेरा आ य था।
19 और उसने मुझे िनकाल कर चौड़े थान म प ंचाया, उसने मु झ को छु ड़ाया, ोंिक वह मु झ से स था।
20 यहोवा ने मुझ से मेरे धम के अनुसार वहार िकया; और मेरे हाथों की शु ता के अनुसार उसने मु झे बदला िदया।
21 ोंिक म यहोवा के माग पर चलता रहा, और दु ता के कारण अपने परमे र से दू र न आ।
22 ोंिक उसके सारे िनणय मेरे स ुख बने रहे और म ने उसकी िविधयों को न ागा।
23 और म उसके स ुख िस बना रहा, और अधम से अपने को बचाए रहा।
24 यहोवा ने मुझे मे रे धम के अनुसार बदला िदया, और मेरे हाथों की उस शु ता के अनु सार िजसे वह दे खता था।।
25 दयाव के साथ तू अपने को दयाव िदखाता; और खरे पु ष के साथ तू अपने को खरा िदखाता है।
26 शु के साथ तू अपने को शु िदखाता, और टे ढ़े के साथ तू ितछा बनता है ।
27 ोंिक तू दीन लोगों को तो बचाता है; पर ु घम भरी आं खों को नीची करता है।
28 हां , तू ही मे रे दीपक को जलाता है; मेरा परमे र यहोवा मे रे अ यारे को उिजयाला कर दे ता है ।
29 ोंिक तेरी सहायता से म सेना पर धावा करता ं; और अपने परमे र की सहायता से शहरपनाह को लां घ जाता ं।
30 ई र का माग स ाई; यहोवा का वचन ताया आ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।।
31 यहोवा को छोड़ ा कोई ई र है? हमारे परमे र को छोड़ ा और कोई च ान है ?
32 यह वही ई र है , जो सामथ से मेरा किटब बा ता है , और मे रे माग को िस करता है ।
33 वही मे रे पै रों को ह रिणयों के पै रों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे थानों पर खड़ा करता है।
34 वह मे रे हाथों को यु करना िसखाता है, इसिलये मेरी बाहों से पीतल का धनुष झुक जाता है ।
35 तू ने मु झ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दािहने हाथ से मुझे स ाले ए है, और मेरी न ता ने मह िदया है ।
36 तू ने मे रे पै रों के िलये थान चौड़ा कर िदया, और मेरे पैर नही ं िफसले।
37 म अपने श ुओं का पीछा कर के उ पकड़ लूंगा; और जब तक उनका अ न क ं तब तक न लौटू ं गा।
38 म उ ऐसा बेधूंगा िक वे उठ न सकगे; वे मेरे पां वों के नीचे िगर पड़गे।
39 ोंिक तू ने यु के िलये मेरी कमर म श का पटु का बा ा है; और मे रे िवरोिधयों को मेरे स ुख नीचा कर िदया।
40 तू ने मे रे श ुओं की पीठ मे री ओर फेर दी, तािक म उन को काट डालूं जो मु झ से े ष रखते ह।
41 उ ोंने दोहाई तो दी पर ु उ कोई भी बचाने वाला न िमला, उ ोंने यहोवा की भी दोहाई दी, पर ु उसने भी उन को उ र न िदया।
42 तब म ने उन को कूट कूटकर पवन से उड़ाई ई धूिल के समान कर िदया; म ने उन को गली कूचों की कीचड़ के समान िनकाल फका।।
43 तू ने मु झे जा के झगड़ों से भी छु ड़ाया; तू ने मुझे अ जाितयों का धान बनाया है ; िजन लोगों को म जानता भी न था वे मेरे आधीन हो गये।
44 मेरा नाम सुनते ही वे मेरी आ ा का पालन करगे; परदे शी मे रे वश म हो जाएं गे ।
45 परदे शी मुझा जाएं गे, और अपने िकलों म से थरथराते ए िनकलगे।।
46 यहोवा परमे र जीिवत है; मेरी च ान ध है; और मेरे मु दाता परमे र की बड़ाई हो।
47 ध है मे रा पलटा लेने वाला ई र! िजसने दे श दे श के लोगों को मेरे वश म कर िदया है ;
48 और मु झे मेरे श ुओं से छु ड़ाया है ; तू मुझ को मेरे िवरोिधयों से ऊंचा करता, और उप वी पु ष से बचाता है ।।
49 इस कारण म जाित जाित के सा ने तेरा ध वाद क ं गा, और तेरे नाम का भजन गाऊंगा।
50 वह अपने ठहराए ए राजा का बड़ा उ ार करता है, वह अपने अिभिष दाऊद पर और उसके वंश पर यु गानु युग क णा करता रहेगा।।
भजन सं िहता 19
1 आकाश ई र की मिहमा वणन कर रहा है; और आकशम ल उसकी ह कला को गट कर रहा है ।
2 िदन से िदन बात करता है, और रात को रात ान िसखाती है ।
3 न तोकोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका श सु नाई नहीं दे ता है।
4 उनका र सारी पृ ी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक प ं च गए ह। उन म उसने सू य के िलये एक म प खड़ा िकया है,
5 जो दु े के समान अपने महल से िनकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हिषत होता है ।
6 वह आकाश की एक छोर से िनकलता है, और वह उसकी दू सरी छोर तक च र मारता है ; और उसकी गम सब को प ंचती है।।
7 यहोवा की व था खरी है, वह ाण को बहाल कर दे ती है; यहोवा के िनयम िव ासयो ह, साधारण लोगों को बु मान बना दे ते ह;
8 यहोवा के उपदे श िस ह, दय को आन त कर दे ते ह; यहोवा की आ ा िनमल है, वह आं खों म ोित ले आती है ;
9 यहोवा का भय पिव है, वह अन काल तक थर रहता है; यहोवा के िनयम स और पू री रीित से धममय ह।
10 वे तो सोने से और ब त कु न से भी बढ़कर मनोहर ह; वे मधु से और टपकने वाले छ े से भी बढ़कर मधुर ह।
11 और उ ी ं से तेरा दास िचताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही ितफल िमलता है ।
12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गु पापों से तू मु झे पिव कर।
13 तू अपने दास को िढठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर भुता करने न पाएं ! तब म िस हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा र ंगा।।
14 मेरे मुं ह के वचन और मेरे दय का ान तेरे स ुख हण यो हों, हे यहोवा परमे र, मेरी च ान और मे रे उ ार करने वाले!
भजन सं िहता 20
1 संकट के िदन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमे र का नाम तु झे ऊंचे थान पर िनयु करे !
2 वह पिव थान से तेरी सहायता करे , और िस ोन से तुझे स ाल ले !
3 वह तेरे सब अ बिलयों को रण करे , और तेरे होमबिल को हण करे ।
4 वह तेरे मन की इ ा को पूरी करे , और तेरी सारी यु को सफल करे !
5 तब हम ते रे उ ार के कारण ऊंचे र से हिषत हो कर गाएं गे, और अपने परमे र के नाम से झ े खड़े करगे। यहोवा तु झे मुंह मांगा वरदान दे्
6 अब म जान गया िक यहोवा अपने अिभिष का उ ार करता है ; वह अपने दािहने हाथ के उ ार करने वाले परा म से अपने पिव ग पर से सुनकर उसे उ र दे गा।
7 िकसी को रथों को, और िकसी को घोड़ों का भरोसा है, पर ु हम तो अपने परमे र यहोवा ही का नाम लगे ।
8 वे तो झुक गए और िगर पड़े पर ु हम उठे और सीधे खड़े ह।।
9 हे यहोवा, बचा ले; िजस िदन हम पुकार तो महाराजा हम उ र दे ।।
भजन सं िहता 21
1 हे यहोवा तेरी साम से राजा आन त होगा; और तेरे िकए ए उ ार से वह अित मगन होगा।
2 तू ने उसके मनोरथ को पूरा िकया है, और उसके मुंह की िबनती को तू ने अ ीकार नही ं िकया।
3 ोंिक तू उ म आशीष दे ता आ उस से िमलता है और तू उसके िसर पर कु न का मुकुट पिहनाता है ।
4 उसने तुझ से जीवन मांगा, ओर तू ने जीवन दान िदया; तू ने उसको युगानुयुग का जीवन िदया है।
5 तेरे उ ार के कारण उसकी मिहमा अिधक है; तू उसको वैभव और ऐ य से आभूिषत कर दे ता है ।
6 ोंिक तू ने उसको सवदा के िलये आशीिषत िकया है; तू अपने स ु ख उसको हष और आन से भर दे ता है ।
7 ोंिक राजा का भरोसा यहोवा के ऊपर है; और परम धान की क णा से वह कभी नही ं टलने का।।
8 तेरा हाथ तेरे सब श ुओं को ढू ं ढ़ िनकालेगा, तेरा दिहना हाथ तेरे सब बै रयों का पता लगा लेगा।
9 तू अपने मु ख के स ुख उ जलते ए भ े की नाईं जलाएगा। यहोवा अपने ोध म उ िनगल जाएगा, और आग उन को भ कर डालेगी।
10 तू उनके फलों को पृ ी पर से, और उनके वंश को मनु ों म से न करे गा।
11 ोंिक उ ोंने तेरी हािन ठानी है, उ ोंने ऐसी यु िनकाली है िजसे वे पूरी न कर सकगे ।
12 ोंिक तू अपना धुनष उनके िव चढ़ाएगा, और वे पीठ िदखाकर भागगे ।।
13 हे यहोवा, अपनी साम म महान हो! और हम गा गाकर तेरे परा म का भजन सुनाएं गे ।।
भजन सं िहता 22
1 हे मे रे परमे र, हे मेरे परमे र, तू ने मुझे ों छोड़ िदया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से ों दू र रहता है ? मेरा उ ार कहां है?
2 हे मे रे परमे र, म िदन को पुकारता ं पर ु तू उ र नही ं दे ता; और रात को भी म चु प नही ं रहता।
3 पर ु हे तू जो इ ाएल की ुित के िसहांसन पर िवराजमान है, तू तो पिव है।
4 हमारे पुरखा तु झी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उ छु ड़ाता था।
5 उ ोंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छु ड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी ल त न ए।।
6 पर ु म तो कीड़ा ं, मनु नहीं; मनु ों म मे री नामधराई है, और लोगों म मेरा अपमान होता है ।
7 वह सब जो मु झे दे खते ह मेरा ठ ा करते ह, और ओंठ िबचकाते और यह कहते ए िसर िहलाते ह,
8 िक अपने को यहोवा के वश म कर दे वही उसको छु ड़ाए, वह उसको उबारे ोंिक वह उस से स है ।
9 पर ु तू ही ने मुझे गभ से िनकाला; जब म दू धिपउवा ब था, तब ही से तू ने मु झे भरोसा रखना िसखलाया।
10 म ज ते ही तुझी पर छोड़ िदया गया, माता के गभ ही से तू मेरा ई र है ।
11 मुझ से दू र न हो ोंिक संकट िनकट है, और कोई सहायक नहीं।
12 ब त से सांढ़ों ने मु झे घेर िलया है, बाशान के बलव सांढ़ मेरे चारों ओर मुझे घेरे ए ह।
13 वह फाड़ने और गरजने वाले िसंह की नाईं मुझ पर अपना मुंह पसारे ए है ।।
14 म जल की नाईं बह गया, और मेरी सब हिड् डयों के जोड़ उखड़ गए: मे रा दय मोम हो गया, वह मे री दे ह के भीतर िपघल गया।
15 मेरा बल टू ट गया, म ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से िचपक गई; और तू मुझे मारकर िम ी म िमला दे ता है ।
16 ोंिक कु ों ने मुझे घे र िलया है; कुकिमयों की म ली मेरी चारों ओर मुझे घेरे ए है ; वह मे रे हाथ और मे रे पै र छे दते ह।
17 म अपनी सब हिड् डयां िगन सकता ं; वे मुझे दे खते और िनहारते ह;
18 वे मे रे व आपस म बांटते ह, और मेरे पिहरावे पर िच ी डालते ह।
19 पर ु हे यहोवा तू दू र न रह! हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के िलये फुत कर!
20 मेरे ाण को तलवार से बचा, मेरे ाण को कु े के पंजे से बचा ले!
21 मुझे िसं ह के मुंह से बचा, हां, जंगली सांढ़ों के सींगो म से तू ने मुझे बचा िलया है ।।
22 म अपने भाइयों के सा ने तेरे नाम का चार क ं गा; सभा के बीच म तेरी शंसा क ं गा।
23 हे यहोवा के डरवैयों उसकी ुित करो! हे याकूब के वंश, तुम सब उसकी मिहमा करो! हे इ ाएल के वंश, तु म उसका भय मानो!
24 ोंिक उसने दु :खी को तु नहीं जाना और न उस से घृणा करता है, ओर न उस से अपना मुख िछपाता है ; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सु न ली।।
25 बड़ी सभा म मेरा ुित करना तेरी ही ओर से होता है ; म अपने ण को उस से भय रखने वालों के सा ने पू रा क ं गा
26 न लोग भोजन कर के तृ होंगे; जो यहोवा के खोजी ह, वे उसकी ु ित करगे। तु ारे ाण सवदा जीिवत रह!
27 पृ ी के सब दू र दू र दे शों के लोग उसको रण करगे और उसकी ओर िफरगे ; और जाित जाित के सब कुल तेरे सा ने द वत करगे।
28 ोंिक रा यहोवा की का है, और सब जाितयों पर वही भु ता करता है।।
29 पृ ी के सब पु लोग भोजन कर के द वत करगे; वह सब िजतने िम ी म िमल जाते ह और अपना अपना ाण नहीं बचा सकते, वे सब उसी के सा ने घुटने टे कगे।
30 एक वंश उसकी सेवा करे गा; दू सरा पीढ़ी से भु का वणन िकया जाएगा।
31 वह आएं गे और उसके धम के कामों को एक वंश पर जो उ होगा यह कहकर गट करगे िक उसने ऐसे ऐसे अद् भुत काम िकए।।
भजन सं िहता 23
1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।
2 वह मुझे हरी हरी चराइयों म बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है ;
3 वह मे रे जी म जी ले आता है। धम के माग म वह अपने नाम के िनिम मे री अगु वाई करता है ।
4 चाहे म घोर अ कार से भरी ई तराई म हो कर चलूं, तौभी हािन से न ड ं गा, ोंिक तू मे रे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शा िमलती है।।
5 तू मेरे सताने वालों के सा ने मेरे िलये मेज िबछाता है; तू ने मेरे िसर पर तेल मला है , मे रा कटोरा उम रहा है ।
6 िन य भलाई और क णा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहगी; और म यहोवा के धाम म सवदा वास क ं गा।।
भजन सं िहता 24
1 पृ ी और जो कुछ उस म है यहोवा ही का है; जगत और उस म िनवास करने वाले भी।
2 ोंिक उसी ने उसकी नी ंव समु ों के ऊपर ढ़ कर के रखी, और महानदों के ऊपर थर िकया है।।
3 यहोवा के पवत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पिव थान म कौन खड़ा हो सकता है ?
4 िजसके काम िनद ष और दय शु है, िजसने अपने मन को थ बात की ओर नही ं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।
5 वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उ ार करने वाले परमे र की ओर से धम ठहरे गा।
6 ऐसे ही लोग उसके खोजी ह, वे तेरे दशन के खोजी याकूब वंशी ह।।
7 हे फाटकों, अपने िसर ऊंचे करो। हे सनातन के ारों, ऊंचे हो जाओ। ोंिक तापी राजा वेश करे गा।
8 वह तापी राजा कौन है? परमे र जो सामथ और परा मी है, परमे र जो यु म परा मी है!
9 हे फाटकों, अपने िसर ऊंचे करो हे सनातन के ारों तुम भी खु ल जाओ! ोंिक तापी राजा वेश करे गा!
10 वह तापी राजा कौन है? सेनाओं का यहोवा, वही तापी राजा है।।
भजन सं िहता 25
1 हे यहोवा म अपने मन को तेरी ओर उठाता ं।
2 हे मे रे परमे र, म ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे ल त होने न दे ; मे रे श ु मु झ पर जयजयकार करने न पाएं ।
3 वरन िजतने तेरी बाट जोहते ह उन म से कोई ल त न होगा; पर ु जो अकारण िव ासघाती ह वे ही ल त होंगे।।
4 हे यहोवा अपने माग मुझ को िदखला; अपना पथ मुझे बता दे ।
5 मु झे अपने स पर चला और िश ा दे , ोंिक तू मे रा उ ार करने वाला परमे र है ; म िदन भर ते री ही बाट जोहता रहता ं।
6 हे यहोवा अपनी दया और क णा के कामों को रण कर; ोंिक वे तो अन काल से होते आए ह।
7 हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को रण न कर; अपनी क णा ही के अनु सार तू मुझे रण कर।।
8 यहोवा भला और सीधा है; इसिलये वह पािपयों को अपना माग िदखलाएगा।
9 वह न लोगों को ाय की िश ा दे गा, हां वह न लोगों को अपना माग िदखलाएगा।
10 जो यहोवा की वाचा और िचतौिनयों को मानते ह, उनके िलये उसके सब माग क णा और स ाई ह।।
11 हे यहोवा अपने नाम के िनिम मेरे अधम को जो ब त ह मा कर।।
12 वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी माग पर िजस से वह स होता है चलाएगा।
13 वह कुशल से िटका रहेगा, और उसका वंश पृ ी पर अिधकारी होगा।
14 यहोवा के भे द को वही जानते ह जो उस से डरते ह, और वह अपनी वाचा उन पर गट करे गा।
15 मेरी आं खे सदै व यहोवा पर टकटकी लगाए रहती ह, ोंिक वही मे रे पां वों को जाल म से छु ड़ाएगा।।
16 हे यहोवा मे री ओर िफरकर मुझ पर अनु ह कर; ोंिक म अकेला और दीन ं ।
17 मेरे दय का ेश बढ़ गया है , तू मुझ को मेरे दु :खों से छु ड़ा ले।
18 तू मे रे दु :ख और क पर ि कर, और मे रे सब पापों को मा कर।।
19 मेरे श ुओं को दे ख िक वे कैसे बढ़ गए ह, और मुझ से बड़ा बै र रखते ह।
20 मेरे ाण की र ा कर, और मुझे छु ड़ा; मुझे ल त न होने दे , ोंिक म तेरा शरणागत ं।
21 खराई और सीधाई मुझे सुरि त रख, ोंिक मुझे ते रे ही आशा है।।
22 हे परमे र इ ाएल को उसके सारे संकटों से छु ड़ा ले।।
भजन सं िहता 26
1 हे यहोवा, मेरा ाय कर, ोंिक म खराई से चलता रहा ं , और मे रा भरोसा यहोवा पर अटल बना है ।
2 हे यहोवा, मुझ को जांच और परख; मेरे मन और दय को परख।
3 ोंिक तेरी क णा तो मेरी आं खों के सा ने है, और म तेरे स माग पर चलता रहा ं।।
4 म िनक ी चाल चलने वालों के संग नही ं बैठा, और न म कपिटयों के साथ कहीं जाऊंगा;
5 म कुकिमयों की सं गित से घृणा रखता ं, और दु ों के संग न बै ठूंगा।।
6 म अपने हाथों को िनद षता के जल से धोऊंगा, तब हे यहोवा म तेरी वेदी की दि णा क ं गा,
7 तािक तेरा ध वाद ऊंचे श से क ं ,
8 और तेरे सब आ यकम का वणन क ं ।। हे यहोवा, म तेरे धाम से तेरी मिहमा के िनवास थान से ीित रखता ं ।
9 मे रे ाण को पािपयों के साथ, और मेरे जीवन को ह ारों के साथ न िमला।
10 वे तो ओछापन करने म लगे रहते ह, और उनका दािहना हाथ घूस से भरा रहता है ।।
11 पर ु म तो खराई से चलता र ंगा। तू मुझे छु ड़ा ले, और मु झ पर अनु ह कर।
12 मेरे पांव चौरस थान म थर है ; सभाओं म म यहोवा को ध कहा क ं गा।।
भजन सं िहता 27
1 यहोवा परमे र मेरी ोित और मेरा उ ार है; म िकस से ड ं ? यहोवा मे रे जीवन का ढ़ गढ़ ठहरा है , म िकस का भय खाऊं?
2 जब कुकिमयों ने जो मु झे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के िलये मु झ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर िगर पड़े ।।
3 चाहे सेना भी मेरे िव छावनी डाले, तौभी म न ड ं गा; चाहे मेरे िव लड़ाई ठन जाए, उस दशा म भी म िहयाव बा े िनशिचंत र ंगा।।
4 एक वर म ने यहोवा से मांगा है, उसी के य म लगा र ं गा; िक म जीवन भर यहोवा के भवन म रहने पाऊं, िजस से यहोवा की मनोहरता पर ि लगाए र ं, और उसके म रम
ान िकया क ं ।।
5 ोंिक वह तो मु झे िवपि के िदन म अपने म प म िछपा रखे गा; अपने त ू के गु थान म वह मु झे िछपा ले गा, और च ान पर चढ़ाएगा।
6 अब मे रा िसर मेरे चारों ओर के श ुओं से ऊंचा होगा; और म यहोवा के त ू म जयजयकार के साथ बिलदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।।
7 हे यहोवा, मेरा श सुन, म पुकारता ं, तू मुझ पर अनु ह कर और मु झे उ र दे ।
8 तू ने कहा है, िक मे रे दशन के खोजी हो। इसिलये मेरा मन तुझ से कहता है , िक हे यहोवा, तेरे दशन का म खोजी र ंगा।
9 अपना मुख मुझ से न िछपा।। अपने दास को ोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है । हे मे रे उ ार करने वाले परमे र मुझे ाग न दे , और मुझे छोड़ न दे !
10 मेरे माता िपता ने तो मुझे छोड़ िदया है, पर ु यहोवा मुझे स ाल लेगा।।
11 हे यहोवा, अपने माग म मेरी अगुवाई कर, और मेरे ोिहयों के कारण मुझ को चौरस रा े पर ले चल।
12 मुझ को मे रे सताने वालों की इ ा पर न छोड़, ोंिक झूठे सा ी जो उप व करने की धुन म ह मे रे िव उठे ह।।
13 यिद मु झे िव ास न होता िक जीिवतों की पृ ी पर यहोवा की भलाई को दे खूंगा, तो म मू त हो जाता।
14 यहोवा की बाट जोहता रह; िहयाव बा और तेरा दय ढ़ रहे; हां , यहोवा ही की बाट जोहता रह!
भजन सं िहता 28
1 हे यहोवा, म तुझी को पुका ं गा; हे मेरी च ान, मेरी सुनी अनसु नी न कर, ऐसा न हो िक ते रे चु प रहने से म क म पड़े ओं के समान हो जाऊं जो पाताल म चले जाते ह।
2 जब म तेरी दोहाई दू ं , और तेरे पिव थान की भीतरी कोठरी की ओर अपने हाथ उठाऊं, तब मे री िगड़िगड़ाहट की बात सुन ले।
3 उन दु ों और अनथका रयों के सं ग मु झे न घसीट; जो अपने पड़ोिसयों बात तो मेल की बोलते ह पर ु दय म बुराई रखते ह।
4 उनके कामों के और उनकी करनी की बुराई के अनुसार उन से बताव कर, उनके हाथों के काम के अनुसार उ बदला दे ; उनके कामों का पलटा उ दे ।
5 वे यहोवा के कामों पर और उसके हाथों के कामों पर ान नही ं करते , इसिलये वह उ पछाड़े गा और िफर न उठाएगा।।
6 यहोवा ध है; ोंिक उसने मे री िगड़िगड़ाहट को सुना है।
7 यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता िमली है ; इसिलये मेरा दय फु त है; और म गीत गाकर उसका ध वाद क ं गा।
8 यहोवा उनका बल है, वह अपने अिभिष के िलये उ ार का ढ़ गढ़ है ।
9 हे यहोवा अपनी जा का उ ार कर, और अपने िनज भाग के लोगों को आशीष दे ; और उनकी चरवाही कर और सदै व उ स ाले रह।।
भजन सं िहता 29
1 हे परमे र के पु ों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की मिहमा और सामथ को सराहो।
2 यहोवा के नाम की मिहमा करो; पिव ता से शोभायमान हो कर यहोवा को द वत करो।
3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है; तापी ई र गरजता है , यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है।
4 यहोवा की वाणी श शाली है, यहोवा की वाणी तापमय है।
5 यहोवा की वाणी दे वदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के दे वदारों को भी तोड़ डालता है ।
6 वह उ बछड़े की नाईं और लबानोन और िशय न को जं गली बछड़े के समान उछालता है ।।
7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
8 यहोवा की वाणी वन को िहला दे ती है, यहोवा कादे श के वन को भी कंपाता है।।
9 यहोवा की वाणी से ह रिणयों का गभपात हो जाता है। और अर म पतझड़ होती है; और उसके म र म सब कोई मिहमा ही मिहमा बोलता रहता है।।
10 जल लय के समय यहोवा िवराजमान था; और यहोवा सवदा के िलये राजा हो कर िवराजमान रहता है ।
11 यहोवा अपनी जा को बल दे गा; यहोवा अपनी जा को शा की आशीष दे गा।।
भजन सं िहता 30
1 हे यहोवा म तु झे सरा ंगा, ोंिक तू ने मु झे खी ंचकर िनकाला है, और मेरे श ुओ ं को मु झ पर आन करने नही ं िदया।
2 हे मे रे परमे र यहोवा, म ने तेरी दोहाई दी और तू ने मु झे चंगा िकया है ।
3 हे यहोवा, तू ने मेरा ाण अधोलोक म से िनकाला है, तू ने मुझ को जीिवत रखा और क म पड़ने से बचाया है ।।
4 हे यहोवा के भ ों, उसका भजन गाओ, और िजस पिव नाम से उसका रण होता है , उसका ध वाद करो।
5 ोंिक उसका ोध, तो ण भर का होता है, पर ु उसकी स ता जीवन भर की होती है । कदािचत् रात को रोना पड़े , पर ु सबेरे आन प ंचेगा।।
6 म ने तो अपने चै न के समय कहा था, िक म कभी नही ं टलने का।
7 हे यहोवा अपनी स ता से तू ने मेरे पहाड़ को ढ़ और थर िकया था; जब तू ने अपना मु ख फेर िलया तब म घबरा गया।।
8 हे यहोवा म ने तु झी को पुकारा; और यहोवा से िगड़िगड़ाकर यह िबनती की, िक
9 जब म क म चला जाऊंगा तब मेरे लो से ा लाभ होगा? ा िम ी तेरा ध वाद कर सकती है ? ा वह ते री स ाई का चार कर सकती है?
10 हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनु ह कर; हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।।
11 तू ने मे रे िलये िवलाप को नृ म बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर म आन का पटु का बा ा है;
12 तािक मे री आ ा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मे रे परमे र यहोवा, म सवदा तेरा ध वाद करता र ंगा।।
भजन सं िहता 31
1 हे यहोवा मे रा भरोसा तुझ पर है; मुझे कभी ल त होना न पड़े ; तू अपने धम होने के कारण मुझे छु ड़ा ले !
2 अपना कान मेरी ओर लगाकर तुर मुझे छु ड़ा ले!
3 ोंिक तू मे रे िलये च ान और मेरा गढ़ है; इसिलये अपने नाम के िनिम मेरी अगु वाई कर, और मुझे आगे ले चल।
4 जो जाल उ ोंने मेरे िलये िबछाया है उस से तू मुझ को छु ड़ा ले, ोंिक तू ही मे रा ढ़ गढ़ है ।
5 म अपनी आ ा को तेरे ही हाथ म सौंप दे ता ं; हे यहोवा, हे स वादी ई र, तू ने मु झे मोल ले कर मु िकया है।।
6 जो थ व ुओं पर मन लगाते ह, उन से म घृणा करता ं; पर ु मेरा भरोसा यहोवा ही पर है ।
7 म तेरी क णा से मगन और आन त ं, ोंिक तू ने मे रे दु :ख पर ि की है, मे रे क के समय तू ने मेरी सुिध ली है ,
8 और तू ने मुझे श ु के हाथ म पड़ने नही ं िदया; तू ने मेरे पांवों को चौड़े थान म खड़ा िकया है ।।
9 हे यहोवा, मुझ पर अनु ह कर ोंिक म संकट म ं; मे री आं खे वरन मेरा ाण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते ह।
10 मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अव था कराहते कराहते घट चली है ; मे रा बल मे रे अधम के कारण जाता रह, और मेरी हिड् डयां घुल गई।।
11 अपने सब िवरोिधयों के कारण मेरे पड़ोिसयों म मेरी नामधराई ई है , अपने जान पिहचान वालों के िलये डर का कारण ं; जो मुझ को सड़क पर दे खते है वह मुझ से दू र भाग जाते
ह।
12 म मृ तक की नाईं लोगों के मन से िबसर गया; म टू टे बतन के समान हो गया ं।
13 म ने ब तों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उ ोंने मेरे िव आपस म स ित की तब मेरे ाण लेने की यु की।।
14 पर ु हे यहोवा म ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, म ने कहा, तू मेरा परमे र है ।
15 मेरे िदन तेरे हाथ म है; तू मुझे मेरे श ुओं और मे रे सताने वालों के हाथ से छु ड़ा।
16 अपने दास पर अपने मुंह का काश चमका; अपनी क णा से मेरा उ ार कर।।
17 हे यहोवा, मुझे ल त न होने दे ोंिक म ने तुझ को पु कारा है ; दु ल त हों और वे पाताल म चु पचाप पड़े रह।
18 जो अंहकार और अपमान से धम की िन ा करते ह, उनके झूठ बोलने वाले मुंह ब िकए जाएं ।।
19 आहा, ते री भलाई ा ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के िलये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के िलये मनु ों के सा ने गट भी की है!
20 तू उ दशन दे ने के गु थान म मनु ों की बुरी गो ी से गु रखे गा; तू उन को अपने म प म झगड़े -रगड़े से िछपा रखेगा।।
21 यहोवा ध है , ोंिक उसने मु झे गढ़ वाले नगर म रखकर मुझ पर अ भुत क णा की है ।
22 म ने तो घबराकर कहा था िक म यहोवा की ि से दू र हो गया। तौभी जब म ने ते री दोहाई दी, तब तू ने मेरी िगड़िगड़ाहट को सुन िलया।।
23 हे यहोवा के सब भ ों उस से ेम रखो! यहोवा स े लोगों की तो र ा करता है, पर ु जो अहं कार करता है , उसको वह भली भांित बदला दे ता है।
24 हे यहोवा परआशा रखने वालों िहयाव बा ो और तु ारे दय ढ़ रह!
भजन सं िहता 32
1 ा ही ध है वह िजसका अपराध मा िकया गया, और िजसका पाप ढ़ाँ पा गया हो।
2 ा ही ध है वह मनु िजसके अधम का यहोवा लेखा न ले, और िजसकी आ ा म कपट न हो।।
3 जब म चुप रहा तब िदन भर कराहते कराहते मेरी हिड् डयां िपघल गई।
4 ोंिक रात िदन म तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुराहट बनती गई।।
5 जब म ने अपना पाप तुझ पर गट िकया और अपना अधम न िछपाया, और कहा, म यहोवा के सा ने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधम और पाप को मा कर
िदया।।
6 इस कारण हर एक भ तुझ से ऐसे समय म ाथना करे जब िक तू िमल सकता है । िन य जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भ के पास न प ंचेगी।
7 तू मे रे िछपने का थान है; तू संकट से मेरी र ा करे गा; तू मु झे चारों ओर से छु टकारे के गीतों से घेर लेगा।।
8 म तुझे बु दू ं गा, और िजस माग म तुझे चलना होगा उस म तेरी अगु वाई क ं गा; म तु झ पर कृपा ि रखूं गा और स ि िदया क ं गा।
9 तुम घोड़े और ख र के समान न बनो जो समझ नही ं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है , नही ं तो वे ते रे वश म नहीं आने के।।
10 दु को तो ब त पीड़ा होगी; पर ु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह क णा से िघरा रहेगा।
11 हे धिमयों यहोवा के कारण आन त और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आन से जयजयकार करो!
भजन सं िहता 33
1 हे धिमयों यहोवा के कारण जयजयकार करो ोंिक धम लोगों को ुित करनी सोहती है ।
2 वीणा बजा बजाकर यहोवा का ध वाद करो, दस तार वाली सारं गी बजा बजाकर उसका भजन गाओ।
3 उसके िलये नया गीत गाओ, जयजयकार के साथ भली भां ित बजाओ।।
4 ोंिक यहोवा का वचन सीधा है; और उसका सब काम स ाई से होता है ।
5 वह धम और ाय से ीित रखता है; यहोवा की क णा से पृ ी भरपू र है ।।
6 आकाशम ल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुं ह ही ास से बने।
7 वह समु का जल ढे र की नाईं इक ा करता; वह गिहरे सागर को अपने भ ार म रखता है ।।
8 सारी पृ ी के लोग यहोवा से डर, जगत के सब िनवासी उसका भय मान!
9 ोंिक जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आ ा दी, तब वा व म वैसा ही हो गया।।
10 यहोवा अ अ जाितयों की यु को थ कर दे ता है ; वह दे श दे श के लोगों की क नाओं को िन ल करता है ।
11 यहोवा की यु सवदा थर रहेगी, उसके मन की क नाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहगी।
12 ा ही ध है वह जाित िजसका परमे र यहोवा है, और वह समाज िजसे उसने अपना िनज भाग होने के िलये चु न िलया हो!
13 यहोवा ग से ि करता है, वह सब मनु ों को िनहारता है ;
14 अपने िनवास के थान से वह पृ ी के सब रहने वालों को दे खता है,
15 वही जो उन सभों के दयों को गढ़ता, और उनके सब कामों का िवचार करता है।
16 कोई ऐसा राजा नही ं, जो सेना की ब तायत के कारण बच सके; वीर अपनी बड़ी श के कारण छूट नही ं जाता।
17 बच िनकलने के िलये घोड़ा थ है, वह अपने बड़े बल के ारा िकसी को नहीं बचा सकता है।।
18 दे खो, यहोवा की ि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी क णा की आशा रखते ह बनी रहती है ,
19 िक वह उनके ाण को मृ ु से बचाए, और अकाल के समय उन को जीिवत रखे ।।
20 हम यहोवा का आसरा दे खते आए ह; वह हमारा सहायक और हमारी ढाल ठहरा है।
21 हमारा दय उसके कारण आन त होगा, ोंिक हम ने उसके पिव नाम का भरोसा रखा है ।
22 हे यहोवा जैसी तुझ पर हमारी आशा है, वैसी ही तेरी क णा भी हम पर हो।।
भजन सं िहता 34
1 म हर समय यहोवा को ध कहा क ं गा; उसकी ुित िनर र मेरे मु ख से होती रहे गी।
2 म यहोवा पर घम क ं गा; न लोग यह सुनकर आन त होंगे।
3 मे रे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम िमलकर उसके नाम की ु ित कर।
4 म यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पू री रीित से िनभय िकया।
5 िज ोंने उसकी ओर ि की उ ोंने ोित पाई; और उनका मुं ह कभी काला न होने पाया।
6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन िलया, और उसको उसके सब क ों से छु ड़ा िलया।।
7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दू त छावनी िकए ए उन को बचाता है।
8 परखकर दे खो िक यहोवा कैसा भला है! ा ही ध है वह पु ष जो उसकी शरण ले ता है।
9 हे यहोवा के पिव लोगो, उसका भय मानो, ोंिक उसके डरवैयों को िकसी बात की घटी नही ं होती!
10 जवान िसं हों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते ह; पर ु यहोवा के खोिजयों को िकसी भली व ु की घटी न होवेगी।।
11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, म तुम को यहोवा का भय मानना िसखाऊंगा।
12 वह कौन मनु है जो जीवन की इ ा रखता, और दीघायु चाहता है तािक भलाई दे खे?
13 अपनी जीभ को बु राई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर िक उस से छल की बात न िनकले ।
14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर।।
15 यहोवा की आं खे धिमयों पर लगी रहती ह, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते ह।
16 यहोवा बु राई करने वालों के िवमुख रहता है, तािक उनका रण पृ ी पर से िमटा डाले ।
17 धम दोहाई दे ते ह और यहोवा सुनता है, और उन को सब िवपि यों से छु ड़ाता है ।
18 यहोवा टू टे मन वालों के समीप रहता है, और िपसे ओं का उ ार करता है।।
19 धम पर ब त सी िवपि यां पड़ती तो ह, पर ु यहोवा उसको उन सब से मु करता है ।
20 वह उसकी ह ी ह ी की र ा करता है; और उन म से एक भी टू टने नही ं पाती।
21 दु अपनी बुराई के ारा मारा जाएगा; और धम के बैरी दोषी ठहरगे ।
22 यहोवा अपने दासों का ाण मोल ले कर बचा लेता है; और िजतने उसके शरणागत ह उन म से कोई भी दोषी न ठहरे गा।।
भजन सं िहता 35
1 हे यहोवा जो मेरे साथ मुक मा लड़ते ह, उनके साथ तू भी मु क मा लड़; जो मुझ से यु करते ह, उन से तू यु कर।
2 ढाल और भाला ले कर मेरी सहायता करने को खड़ा हो।
3 बछ को खी ंच और मेरा पीछा करने वालों के सा ने आकर उन को रोक; और मु झ से कह, िक म तेरा उ ार ं ।।
4 जो मेरे ाण के ाहक ह वे ल त और िनरादर हों! जो मेरी हािन की क ना करते ह, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
5 वे वायु से उड़ जाने वाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दू त उ हां कता जाए!
6 उनका माग अ यारा और िफसलन भरा हो, और यहोवा का दू त उन को खदे ड़ता जाए।।
7 ोंिक अकारण उ ोंने मेरे िलये अपना जाल गड़हे म िबछाया; अकारण ही उ ोंने मेरा ाण ले ने के िलये गड़हा खोदा है।
8 अचानक उन पर िवपि आ पड़े ! और जो जाल उ ोंने िबछाया है उसी म वे आप ही फंसे ; और उसी िवपि म वे आप ही पड़!
9 पर ु म यहोवा के कारण अपने मन म मगन होऊंगा, म उसके िकए ए उ ार से हिषत होऊंगा।
10 मेरी ह ी ह ी कहेगी, हे यहोवा तेरे तु कौन है, जो दीन को बड़े बड़े बलव ों से बचाता है , और लुटेरों से दीन द र लोगों की र ा करता है?
11 झूठे सा ी खड़े होते ह; और जो बात म नहीं जानता, वही मुझ से पूछते ह।
12 वे मु झ से भलाई के बदले बुराई करते ह; यहां तक िक मे रा ाण ऊब जाता है।
13 जब वे रोगी थे तब तो म टाट पिहने रहा, और उपवास कर कर के दु :ख उठाता रहा; और मे री ाथना का फल मेरी गोद म लौट आया।
14 म ऐसा भाव रखता था िक मानो वे मेरे संगी वा भाई ह; जैसा कोई माता के िलये िवलाप करता हो, वैसा ही म ने शोक का पिहरावा पिहने ए िसर झुका कर शोक िकया।।
15 पर ु जब म लंगड़ाने लगा तब वे लोग आन त हो कर इक े ए, नीच लोग और िज म जानता भी न था वे मे रे िव इक े ए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;
16 उन पाख ी भांड़ों की नाईं जो पेट के िलये उपहास करते ह, वे भी मु झ पर दां त पीसते ह।।
17 हे भु तू कब तक दे खता रहेगा? इस िवपि से, िजस म उ ोंने मुझे डाला है मुझ को छु ड़ा! जवान िसंहों से मेरे ाण को बचा ले!
18 म बड़ी सभा म तेरा ध वाद क ं गा; ब तेरे लोगों के बीच म तेरी ु ित क ं गा।।
19 मेरे झूठ बोलने वाले श ु मेरे िव आन न करने पाएं , जो अकारण मे रे बै री ह, वे आपस म नै न से सै न न करने पां ए।
20 ोंिक वे मे ल की बात नहीं बोलते , पर ु दे श म जो चुपचाप रहते ह, उनके िव छल की क नाएं करते ह।
21 और उ ोंने मेरे िव मुं ह पसार के कहा; आहा, आहा, हम ने अपनी आं खों से दे खा है!
22 हे यहोवा, तू ने तो दे खा है; चुप न रह! हे भु, मुझ से दू र न रह!
23 उठ, मेरे ाय के िलये जाग, हे मेरे परमे र, हे मेरे भु , मे रे मुक मा िनपटाने के िलये आ!
24 हे मे रे परमे र यहोवा, तू अपने धम के अनुसार मेरा ाय चुका; और उ मे रे िव आन करने न दे !
25 वे मन म न कहने पाएं , िक आहा! हमारी तो इ ा पूरी ई! वह यह न कह िक हम उसे िनगल गए ह।।
26 जो मे री हािन से आन त होते ह उनके मुंह ल ा के मारे एक साथ काले हों! जो मेरे िव बड़ाई मारते ह वह ल ा और अनादर से ढ़ं प जाएं !
27 जो मे रे धम से स रहते ह, वह जयजयकार और आन कर, और िनर र कहते रह, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से स होता है!
28 तब मे रे मुं ह से तेरे धम की चचा होगी, और िदन भर ते री ु ित िनकले गी।।
भजन सं िहता 36
1 दु जन का अपराध मेरे दय के भीतर यह कहता है िक परमे र का भय उसकी ि म नहीं है।
2 वह अपने अधम के गट होने और घृिणत ठहरने के िवषय अपने मन म िचकनी चुपड़ी बात िवचारता है।
3 उसकी बात अनथ और छल की ह; उसने बु और भलाई के काम करने से हाथ उठाया है ।
4 वह अपने िबछौने पर पड़े पड़े अनथ की क ना करता है; वह अपने कुमाग पर ढ़ता से बना रहता है; बुराई से वह हाथ नही ं उठाता।।
5 हे यहोवा तेरी क णा ग म है, तेरी स ाई आकाश म ल तक प ं ची है ।
6 तेरा धम ऊंचे पवतों के समान है , तेरे िनयम अथाह सागर ठहरे ह; हे यहोवा तू मनु और पशु दोनों की र ा करता है ।।
7 हे परमे र ते री क णा, कैसी अनमोल है! मनु तेरे पं खो के तले शरण लेते ह।
8 वे तेरे भवन के िचकने भोजन से तृ होंगे, और तू अपनी सुख की नदी म से उ िपलाएगा।
9 ोंिक जीवन का सोता तेरे ही पास है; तेरे काश के ारा हम काश पाएं गे।।
10 अपने जानने वालों पर क णा करता रह, और अपने धम के काम सीधे मन वालों म करता रह!
11 अहं कारी मु झ पर लात उठाने न पाए, और न दु अपने हाथ के बल से मुझे भगाने पाए।
12 वहां अनथकारी िगर पड़े ह; वे ढकेल िदए गए, और िफर उठ न सकगे ।।
भजन सं िहता 37
1 कुकिमयों के कारण मत कुढ़, कुिटल काम करने वालों के िवषय डाह न कर!
2 ोंिक वे घास की नाईं झट कट जाएं गे, और हरी घास की नाईं मुझा जाएं गे ।
3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; दे श म बसा रह, और स ाई म मन लगाए रह।
4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करे गा।।
5 अपने माग की िच ा यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पू रा करे गा।
6 और वह ते रा धम ोित की नाईं, और तेरा ाय दोपहर के उिजयाले की नाईं गट करे गा।।
7 यहोवा के सा ने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनु के कारण न कुढ़, िजसके काम सफल होते ह, और वह बुरी यु यों को िनकालता है!
8 ोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे ! मत कुढ़, उस से बु राई ही िनकले गी।
9 ोंिक कुकम लोग काट डाले जाएं गे; और जो यहोवा की बाट जोहते ह, वही पृ ी के अिधकारी होंगे।
10 थोड़े िदन के बीतने पर दु रहे गा ही नही ं; और तू उसके थान को भली ं भांित दे खने पर भी उसको न पाएगा।
11 पर ु न लोग पृ ी के अिधकारी होंगे, और बड़ी शा के कारण आन मनाएं गे।
12 दु धम के िव बुरी यु िनकालता है, और उस पर दांत पीसता है ;
13 पर ु भु उस पर हंसेगा, ोंिक वह दे खता है िक उसका िदन आने वाला है।।
14 दु लोग तलवार खी ंचे और धनुष बढ़ाए ए ह, तािक दीन द र को िगरा द, और सीधी चाल चलने वालों को वध कर।
15 उनकी तलवारों से उ ी ं के दय िछदगे, और उनके धनु ष तोड़े जाएं गे।।
16 धम का थोड़ा से माल दु ों के ब त से धन से उ म है ।
17 ोंिक दु ोंकी भुजाएं तो तोड़ी जाएं गी; पर ु यहोवा धिमयों को स ालता है ।।
18 यहोवा खरे लोगों की आयु की सुिध रखता है, और उनका भाग सदै व बना रहे गा।
19 िवपि के समय, उनकी आशा न टू टे गी और न वे ल त होंगे, और अकाल के िदनों म वे तृ रहगे।।
20 दु लोग नाश हो जाएं गे; और यहोवा के श ु खेत की सु थरी घास की नाईं नाश होंगे, वे धूएं की नाईं िबलाय जाएं गे ।।
21 दु ऋण लेता है , और भरता नहीं पर ु धम अनु ह कर के दान दे ता है ;
22 ोंिक जो उस से आशीष पाते ह वे तो पृ ी के अिधकारी होंगे, पर ु जो उस से शािपत होते ह, वे नाश को जाएं गे ।।
23 मनु की गित यहोवा की ओर से ढ़ होती है, और उसके चलन से वह स रहता है ;
24 चाहे वह िगरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, ोंिक यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।।
25 म लड़कपन से ले कर बुढ़ापे तक दे खता आया ं; पर ु न तो कभी धम को ागा आ, और न उसके वंश को टु कड़े मांगते दे खा है।
26 वह तो िदन भर अनु ह कर कर के ऋण दे ता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है ।।
27 बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सवदा बना रहेगा।
28 ोंिक यहोवा ाय से ीित रखता; और अपने भ ों को न तजे गा। उनकी तो र ा सदा होती है , पर ु दु ों का वंश काट डाला जाएगा।
29 धम लोग पृ ी के अिधकारी होंगे, और उस म सदा बसे रहगे।।
30 धम अपने मुंह से बु की बात करता, और ाय का वचन कहता है ।
31 उसके परमे र की व था उसके दय म बनी रहती है , उसके पैर नहीं िफसलते।।
32 दु धम की ताक म रहता है। और उसके मार डालने का य करता है।
33 यहोवा उसको उसके हाथ म न छोड़े गा, और जब उसका िवचार िकया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।।
34 यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके माग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृ ी का अिधकारी कर दे गा; जब दु काट डाले जाएं गे, तब तू दे खेगा।।
35 म ने दु को बड़ा परा मी और ऐसा फैलता ए दे खा, जै सा कोई हरा पेड़ अपने िनज भू िम म फैलता है ।
36 पर ु जब कोई उधर से गया तो दे खा िक वह वहां है ही नही ं; और म ने भी उसे ढूंढ़ा, पर ु कही ं न पाया।।
37 खरे मनु पर ि कर और धम को दे ख, ोंिक मेल से रहने वाले पु ष का अ फल अ ा है ।
38 पर ु अपराधी एक साथ स ानाश िकए जाएं गे; दु ों का अ फल सवनाश है।।
39 धिमयों की मु यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका ढ़ गढ़ है।
40 और यहोवा उनकी सहायता कर के उन को बचाता है ; वह उन को दु ों से छु ड़ाकर उनका उ ार करता है , इसिलये िक उ ोंने उस म अपनी शरण ली है।।
भजन सं िहता 38
1 हे यहोवा ोध म आकर मुझे िझड़क न दे , और न जलजलाहट म आकर मे री ताड़ना कर!
2 ोंिक तेरे तीर मु झ म लगे ह, और म तेरे हाथ के नीचे दबा ं ।
3 तेरे ोध के कारण मेरे शरीर म कुछ भी आरो ता नही ं; और मे रे पाप के कारण मेरी हिड् डयों म कुछ भी चै न नहीं।
4 ोंिक मेरे अधम के कामों म मे रा िसर डूब गया, और वे भारी बोझ की नाईं मेरे सहने से बाहर हो गए ह।।
5 मे री मू ढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते ह और सड़ गए ह।
6 म ब त दु खी ं और झुक गया ं; िदन भर म शोक का पिहरावा पिहने ए चलता िफरता ं ।
7 ोंिक मेरी कमर म जलन है, और मेरे शरीर म आरो ता नही ं।
8 म िनबल और ब त ही चूर हो गया ं; म अपने मन की घबराहट से कराहता ं।।
9 हे भु मेरी सारी अिभलाषा तेरे स ुख है, और मे रा कराहना तुझ से िछपा नही ं।
10 मेरा दय धड़कता है , मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आं खों की ोित भी मु झ से जाती रही।
11 मेरे िम और मेरे संगी मेरी िवपि म अलग हो गए, और मेरे कुटु ी भी दू र जा खड़े ए।।
12 मेरे ाण के ाहक मेरे िलये जाल िबछाते ह, और मेरी हािन के य करने वाले दु ता की बात बोलते , और िदन भर छल की यु सोचते ह।
13 पर ु म बिहरे की नाईं सुनता ही नही ं, और म गूंगे के समान मूंह नही ं खोलता।
14 वरन म ऐसे मनु के तु ं जो कुछ नही ं सु नता, और िजसके मुंह से िववाद की कोई बात नही ं िनकलती।।
15 पर ु हे यहोवा, म ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे भु, मेरे परमे र, तू ही उ र दे गा।
16 ोंिक म ने कहा, ऐसा न हो िक वे मुझ पर आन कर; जब मे रा पां व िफसल जाता है , तब मु झ पर अपनी बड़ाई मारते ह।।
17 ोंिक म तो अब िगरने ही पर ं, और मेरा शोक िनर र मे रे सा ने है।
18 इसिलये िक म तो अपने अधम को गट क ं गा, और अपने पाप के कारण खे िदत र ं गा।
19 पर ु मेरे श ु फुत ले और सामथ ह, और मेरे िवरोधी बै री ब त हो गए ह।
20 जो भलाई के बदले म बुराई करते ह, वह भी मेरे भलाई के पीछे चलने के कारण मु झ से िवरोध करते ह।।
21 हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे ! हे मेरे परमे र, मुझ से दू र न हो!
22 हे यहोवा, हे मे रे उ ारक ा, मेरी सहायता के िलये फुत कर!
भजन सं िहता 39
1 म ने कहा, म अपनी चाल चलन म चौकसी क ं गा, तािक मे री जीभ से पाप न हो; जब तक दु मे रे सा ने है , तब तक म लगाम लगाए अपना मुंह ब िकए र ंगा।
2 म मौन धारण कर गूंगा बन गया, और भलाई की ओर से भी चु ी साधे रहा; और मे री पीड़ा बढ़ गई,
3 मे रा दय अ र ही अ र जल रहा था। सोचते सोचते आग भड़क उठी; तब म अपनी जीभ से बोल उठा;
4 हे यहोवा ऐसा कर िक मेरा अ मुझे मालुम हो जाए, और यह भी िक मेरी आयु के िदन िकतने ह; िजस से म जान लूं िक कैसा अिन ं!
5 दे ख, तू ने मेरे आयु बािल भर की रखी है, और मेरी अव था तेरी ि म कुछ है ही नही ं। सचमुच सब मनु कैसे ही थर ों न हों तौभी थ ठहरे ह।
6 सचमुच मनु छाया सा चलता िफरता है; सचमुच वे थ घबराते ह; वह धन का सं चय तो करता है पर ु नहीं जानता िक उसे कौन लेगा!
7 और अब हे भु, म िकस बात की बाट जो ं? मेरी आशा तो तेरी ओर लगी है ।
8 मुझे मे रे सब अपराधों के ब न से छु ड़ा ले। मूढ़ मेरी िन ा न करने पाए।
9 म गूंगा बन गया और मुंह न खोला; ोंिक यह काम तू ही ने िकया है।
10 तू ने जो िवपि मुझ पर डाली है उसे मुझ से दू र कर दे , ोंिक म तो तरे हाथ की मार से भ आ जाता ं ।
11 जब तू मनु को अधम के कारण डाँट डपटकर ताड़ना दे ता है ; तब तू उसकी सु रता को पतं गे की नाईं नाश करता है; सचमुच सब मनु थअिभमान करते ह।।
12 हे यहोवा, मेरी ाथना सुन, और मेरी दोहाई पर कान लगा; मे रा रोना सु नकर शां त न रह! ोंिक म ते रे सं ग एक परदे शी या ी की नाईं रहता ं , और अपने सब पुरखाओं के समान
परदे शी ं।
13 आह! इस से पिहले िक म यहां से चला जाऊं और न रह जाऊं, मुझे बचा ले िजस से म दी जीवन ा क ं !
भजन सं िहता 40
1 म धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मे री दोहाई सु नी।
2 उसने मु झे स ानाश के गड़हे और दलदल की कीच म से उबारा, और मुझ को च ान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को ढ़ िकया है।
3 और उसने मुझे एक नया गीत िसखाया जो हमारे परमे र की ु ित का है। ब ते रे यह दे खकर डरगे , और यहोवा पर भरोसा रखगे।।
4 ा ही ध है वह पु ष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अिभमािनयों और िम ा की ओर मु ड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो।
5 हे मे रे परमे र यहोवा, तू ने ब त से काम िकए ह! जो आ यकम और क नाएं तू हमारे िलये करता है वह ब त सी ह; तेरे तु कोई नहीं! म तो चाहता ं की खोल कर उनकी चचा
क ं , पर ु उनकी िगनती नही ं हो सकती।।
6 मे लबिल और अ बिल से तू स नहीं होता तू ने मेरे कान खोदकर खोले ह। होमबिल और पापबिल तू ने नही ं चाहा।
7 तब म ने कहा, दे ख, म आया ं; ोंिक पु क म मेरे िवषय ऐसा ही िलखा आ है ।
8 हे मे रे परमे र म तेरी इ ा पूरी करने से स ं; और तेरी व था मेरे अ :करण म बनी है ।।
9 म ने बड़ी सभा म धम के शुभ समाचार का चार िकया है; दे ख, म ने अपना मुं ह ब नहीं िकया हे यहोवा, तू इसे जानता है।
10 म ने तेरा धम मन ही म नहीं रखा; म ने तेरी स ाई और ते रे िकए ए उधार की चचा की है ; म ने ते री क णा और स ता बड़ी सभा से गु नहीं रखी।।
11 हे यहोवा, तू भी अपनी बड़ी दया मुझ पर से न हटा ले , तेरी क णा और स ता से िनर र मेरी र ा होती रहे !
12 ोंिक म अनिगनत बु राइयों से िघरा आ ं; मेरे अधम के कामों ने मु झे आ पकड़ा और म ि नहीं उठा सकता; वे िगनती म मे रे िसर के बालों से भी अिधक ह; इसिलये मे रा दय
टू ट गया।।
13 हे यहोवा, कृपा कर के मुझे छु ड़ा ले! हे यहोवा, मेरी सहायता के िलये फुत कर!
14 जो मे रे ाण की खोज म ह, वे सब ल त हों; और उनके मुंह काले हों और वे पीछे हटाए और िनरादर िकए जाएं जो मे री हािन से स होते ह।
15 जो मु झ से आहा, आहा, कहते ह, वे अपनी ल ा के मारे िव त हों।।
16 पर ु िजतने तु झे ढू ं ढ़ते ह, वह सब तेरे कारण हिषत और आन त हों; जो ते रा िकया आ उ ार चाहते ह, वे िनर र कहते रह, यहोवा की बड़ाई हो!
17 म तो दीन और द र ं, तौभी भु मेरी िच ा करता है । तू मेरा सहायक और छु ड़ाने वाला है ; हे मेरे परमे र िवल न कर।।
भजन सं िहता 41
1 ा ही ध है वह, जो कंगाल की सुिध रखता है! िवपि के िदन यहोवा उसको बचाएगा।
2 यहोवा उसकी र ा कर के उसको जीिवत रखेगा, और वह पृ ी पर भा वान होगा। तू उसको श ुओ ं की इ ा पर न छोड़।
3 जब वह ािध के मारे सेज पर पड़ा हो, तब यहोवा उसे स ाले गा; तू रोग म उसके पू रे िबछौने को उलटकर ठीक करे गा।।
4 म ने कहा, हे यहोवा, मुझ पर अनु ह कर; मुझ को चंगा कर, ोंिक म ने तो ते रे िव पाप िकया है !
5 मे रे श ु यह कहकर मेरी बुराई करते ह: वह कब मरे गा, और उसका नाम कब िमटे गा?
6 और जब वह मुझ से िमलने को आता है, तब वह थ बात बकता है, जब िक उसका मन अपने अ र अधम की बात संचय करता है; और बाहर जा कर उनकी चचा करता है ।
7 मे रे सब बै री िमलकर मेरे िव कानाफूसी करते ह; वे मे रे िव हो कर मेरी हािन की क ना करते ह।।
8 वे कहते ह िक इसे तो कोई बुरा रोग लग गया है; अब जो यह पड़ा है, तो िफर कभी उठने का नही ं।
9 मे रा परम िम िजस पर म भरोसा रखता था, जो मेरी रोटी खाता था, उसने भी मे रे िव लात उठाई है ।
10 पर ु हे यहोवा, तु मुझ पर अनु ह कर के मुझ को उठा ले िक म उन को बदला दू ं !
11 मेरा श ु जो मुझ पर जयव नहीं हो पाता, इस से म ने जान िलया है िक तू मु झ से स है ।
12 और मु झे तो तू खराई से स ालता, और सवदा के िलये अपने स ु ख थर करता है।।
13 इ ाएल का परमे र यहोवा आिद से अन काल तक ध है आमीन, िफर आमीन।।
भजन सं िहता 42
1 जै से ह रणी नदी के जल के िलये हांफती है, वैसे ही, हे परमे र, म तेरे िलये हां फता ं।
2 जीवते ई र परमे र का म ासा ं, म कब जा कर परमे र को अपना मुंह िदखाऊंगा?
3 मे रे आं सू िदन और रात मेरा आहार ए ह; और लोग िदन भर मुझ से कहते रहते ह, ते रा परमे र कहां है ?
4 म भीड़ के सं ग जाया करता था, म जयजयकार और ध वाद के साथ उ व करने वाली भीड़ के बीच म परमे र के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह रण कर के मेरा ाण
शोिकत हो जाता है।
5 हे मे रे ाण, तू ों िगरा जाता है ? और तू अ र ही अ र ों ाकुल है ? परमे र पर आशा लगाए रह; ोंिक म उसके दशन से उ ार पाकर िफर उसका ध वाद क ं गा।।
6 हे मे रे परमे र; मेरा ाण मेरे भीतर िगरा जाता है, इसिलये म यदन के पास के दे श से और हम न के पहाड़ों और िमसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे रण करता ं ।
7 तेरी जलधाराओं का श सु नकर जल, जल को पुकारता है; तेरी सारी तरं गों और लहरों म म डूब गया ं ।
8 तौभी िदन को यहोवा अपनी श और क णा गट करे गा; और रात को भी म उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवन दाता ई र से ाथना क ं गा।।
9 म ई र से जो मेरी च ान है क ंगा, तू मुझे ों भूल गया? म श ु के अ े र के मारे ों शोक का पिहरावा पिहने ए चलता िफरता ं?
10 मेरे सताने वाले जो मेरी िन ा करते ह मानो उस म मेरी हिड् डयां चूर चूर होती ह, मानो कटार से िछदी जाती ह, ोंिक वे िदन भर मुझ से कहते रहते ह, तेरा परमे र कहां है ?
11 हे मे रे ाण तू ों िगरा जाता है ? तू अ र ही अ र ों ाकुल है ? परमे र पर भरोसा रख; ोंिक वह मे रे मु ख की चमक और मेरा परमे र है, म िफर उसका ध वाद
क ं गा।।
भजन सं िहता 43
1 हे परमे र, मेरा ाय चुका और िवधम जाित से मेरा मुक मा लड़; मुझ को छली और कुिटल पु ष से बचा।
2 ोंिक हे परमे र, तू ही मेरी शरण है, तू ने ों मु झे ाग िदया है? म श ु के अ े र के मारे शोक का पिहरावा पिहने ए ों िफरता र ं?
3 अपने काश और अपनी स ाई को भेज; वे मेरी अगुवाई कर, वे ही मु झ को ते रे पिव पवत पर और ते रे िनवास थान म प ंचाएँ !
4 तब म परमे र की वेदी के पास जाऊंगा, उस ई र के पास जो मेरे अित आन का कु है; और हे परमे र, हे मे रे परमे र म वीणा बजा बजाकर तेरा ध वाद क ं गा।।
5 हे मे रे ाण तू ों िगरा जाता है ? तू अ र ही अ र ों ाकुल है ? परमे र पर भरोसा रख, ोंिक वह मे रे मु ख की चमक और मेरा परमे र है; म िफर उसका ध वाद क ं गा।।
भजन सं िहता 44
1 हे परमे र हम ने अपने कानों से सुना, हमारे बापदादों ने हम से वणन िकया है , िक तू ने उनके िदनों म और ाचीनकाल म ा ा काम िकए ह।
2 तू ने अपने हाथ से जाितयों को िनकाल िदया, और इन को बसाया; तू ने दे श दे श के लोगों को दु :ख िदया, और इन को चारों ओर फैला िदया;
3 ोंिक वे न तो अपनी तलवार के बल से इस दे श के अिधकारी ए, और न अपने बा बल से; पर ु ते रे दािहने हाथ और तेरी भुजा और तेरे स मुख के कारण जयव ए; ोंिक
तू उन को चाहता था।।
4 हे परमे र, तू ही हमारा महाराजा है, तू याकूब के उ ार की आ ा दे ता है ।
5 तेरे सहारे से हम अपने ोिहयों को ढकेलकर िगरा दगे ; तेरे नाम के ताप से हम अपने िवरोिधयों को रौंदगे।
6 ोंिक म अपने धनु ष पर भरोसा न रखूंगा, और न अपनी तलवार के बल से बचूं गा।
7 पर ु तू ही ने हम को ोिहयों से बचाया है, और हमारे बै रयों को िनराश और ल त िकया है ।
8 हम परमे र की बड़ाई िदन भर करते रहते ह, और सदै व तेरे नाम का ध वाद करते रहगे ।।
9 तौभी तू ने अब हम को ाग िदया और हमारा अनादर िकया है, और हमारे दलों के साथ आगे नही ं जाता।
10 तू हम को श ु के सा ने से हटा दे ता है, और हमारे बै री मनमाने लू ट मार करते ह।
11 तू ने हम कसाई की भे डों के समान कर िदया है, और हम को अ जाितयों म ित र िब र िकया है ।
12 तू अपनी जा को सत मत बेच डालता है, पर ु उनके मोल से तू धनी नही ं होता।।
13 तू हमारे पड़ोिसयों म हमारी नामधराई कराता है, और हमारे चारों ओर से रहने वाले हम से हं सी ठ ा करते ह।
14 तू हम को अ जाितयों के बीच म उपमा ठहराता है, और दे श दे श के लोग हमारे कारण िसर िहलाते ह। िदन भर हम ितर ार सहना पड़ता है,
15 और कलं क लगाने और िन ा करने वाले के बोल से,
16 और श ु और बदला ले ने वालों के कारण, बुरा- भला कहने वालों और िन ा करने वालों के कारण।
17 यह सब कुछ हम पर बीता तौभी हम तुझे नही ं भूले, न तेरी वाचा के िवषय िव ासघात िकया है ।
18 हमारे मन न बहके, न हमारे पैर तरी बाट से मुड़े;
19 तौभी तू ने हम गीदड़ों के थान म पीस डाला, और हम को घोर अ कार म िछपा िदया है।।
20 यिद हम अपने परमे र का नाम भूल जाते, वा िकसी पराए दे वता की ओर अपने हाथ फैलाते ,
21 तो ा परमे र इसका िवचार न करता? ोंिक वह तो मन की गु बातों को जानता है।
22 पर ु हम िदन भर तेरे िनिम मार डाले जाते ह, और उन भे ड़ों के समान समझे जाते ह जो वध होने पर ह।।
23 हे भु, जाग! तू ों सोता है ? उठ! हम को सदा के िलये ाग न दे !
24 तू ों अपना मुं ह िछपा लेता है? और हमारा दु :ख और सताया जाना भूल जाता है ?
25 हमारा ाण िम ी से लग गया; हमारा पेट भूिम से सट गया है ।
26 हमारी सहायता के िलये उठ खड़ा हो! और अपनी क णा के िनिम हम को छु ड़ा ले।।
भजन सं िहता 45
1 मे रा दय एक सु र िवषय की उमंग से उम रहा है, जो बात म ने राजा के िवषय रची है उसको सु नाता ं ; मे री जीभ िनपुण लेखक की लेखनी बनी है।
2 तू मनु की स ानों म परम सु र है ; तेरे ओठों म अनु ह भरा आ है ; इसिलये परमे र ने तु झे सदा के िलये आशीष दी है।
3 हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और ताप है अपनी किट पर बा !
4 स ता, न ता और धम के िनिम अपने ऐ य और ताप पर सफलता से सवार हो; ते रा दिहना हाथ तु झे भयानक काम िसखलाए!
5 तेरे तीर तो ते ज ह, तेरे सा ने दे श दे श के लोग िगरगे; राजा के श ुओं के दय उन से िछदगे ।।
6 हे परमे र, तेरा िसंहासन सदा सवदा बना रहेगा; तेरा राजद ाय का है।
7 तू ने धम से ीित और दु ता से बैर रखा है। इस कारण परमे र ने हां ते रे परमे र ने तुझ को ते रे सािथयों से अिधक हष के तेल से अिभषेक िकया है।
8 तेरे सारे व , ग रस, अगर, और तेल से सुग त ह, तू हाथीदां त के म रों म तार वाले बाजों के कारण आन त आ है।
9 तेरी िति त यों म राजकुमा रयां भी ह; तेरी दािहनी ओर पटरानी, ओपीर के कु न से िवभू िषत खड़ी है।।
10 हे राजकुमारी सुन, और कान लगाकर ान दे ; अपने लोगों और अपने िपता के घर को भूल जा;
11 और राजा ते रे प की चाह करे गा। ोंिक वह तो ते रा भु है, तू उसे द वत कर।
12 सोर की राजकुमारी भी भट करने के िलये उप थत होगी, जा के धनवान लोग तु झे स करने का य करगे ।।
13 राजकुमारी महल म अित शोभायमान है, उसके व म सु नहले बू टे कढ़े ए ह;
14 वह बूटेदार व पिहने ए राजा के पास प ंचाई जाएगी। जो कुमा रयां उसकी सहे िलयां ह, वे उसके पीछे पीछे चलती ई तेरे पास प ंचाई जाएं गी।
15 वे आन त और मगन हो कर प ंचाई जाएं गी, और वे राजा के महल म वेश करगी।।
16 तेरे िपतरों के थान पर तेरे पु होंगे; िजन को तू सारी पृ ी पर हािकम ठहराएगा।
17 म ऐसा क ं गा, िक तेरी नाम की चचा पीढ़ी से पीढ़ी तक होती रहेगी; इस कारण दे श दे श के लोग सदा सवदा ते रा ध वाद करते रहगे।।
भजन सं िहता 46
1 परमे र हमारा शरण थान और बल है, संकट म अित सहज से िमलने वाला सहायक।
2 इस कारण हम को कोई भय नही ं चाहे पृ ी उलट जाए, और पहाड़ समु के बीच म डाल िदए जाएं ;
3 चाहे समु गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठ।।
4 एक नदी है िजसकी नहरों से परमे र के नगर म अथात परम धान के पिव िनवास भवन म आन होता है ।
5 परमे र उस नगर के बीच म है , वह कभी टलने का नही ं; पौ फटते ही परमे र उसकी सहायता करता है ।
6 जाित जाित के लोग झ ा उठे , रा रा के लोग डगमगाने लगे ; वह बोल उठा, और पृ ी िपघल गई।
7 से नाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमे र हमारा ऊंचा गढ़ है ।।
8 आओ, यहोवा के महाकम दे खो, िक उसने पृ ी पर कैसा कैसा उजाड़ िकया है।
9 वह पृ ी की छोर तक लड़ाइयों को िमटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टु कड़े कर डालता है , और रथों को आग म झोंक दे ता है !
10 चुप हो जाओ, और जान लो, िक म ही परमे र ं। म जाितयों म महान ं, म पृ ी भर म महान ं!
11 से नाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमे र हमारा ऊंचा गढ़ है।।
भजन सं िहता 47
1 हे दे श दे श के सब लोगों, तािलयां बजाओ! ऊंचे श से परमे र के िलये जयजयकार करो!
2 ोंिक यहोवा परम धान और भययो है, वह सारी पृ ी के ऊपर महाराजा है ।
3 वह दे श के लोगों को हमारे स ुख नीचा करता, और अ जाितयों को हमारे पांवों के नीचे कर दे ता है।
4 वह हमारे िलये उ म भाग चुन लेगा, जो उसके ि य याकूब के घम का कारण है।।
5 परमे र जयजयकार सिहत, यहोवा नरिसंगे के श के साथ ऊपर गया है।
6 परमे र का भजन गाओ, भजन गाओ! हमारे महाराजा का भजन गाओ, भजन गाओ!
7 ोंिक परमे र सारी पृ ी का महाराजा है; समझ बूझकर बु से भजन गाओ
8 परमे र जाित जाित पर रा करता है; परमे र अपने पिव िसंहासन पर िवराजमान है ।
9 रा रा के रईस इ ाहीम के परमे र की जा होने के िलये इक े ए ह। ोंिक पृ ी की ढाल परमे र के वश म ह, वह तो िशरोमिण है!
भजन सं िहता 48
1 हमारे परमे र के नगर म, और अपने पिव पवत पर यहोवा महान और अित ुित के यो है !
2 िस ोन पवत ऊंचाई म सु र और सारी पृ ी के हष का कारण है, राजािधराज का नगर उ री िसरे पर है ।
3 उसके महलों म परमे र ऊंचा गढ़ माना गया है।
4 ोंिक दे खो, राजा लोग इक े ए, वे एक संग आगे बढ़ गए।
5 उ ोंने आप ही दे खा और दे खते ही िव त ए, वे घबराकर भाग गए।
6 वहां कपकपी ने उन को आ पकड़ा, और ज ा की सी पीड़ाएं उ होने लगी ं।
7 तू पू व वायु से तश श के जहाजों को तोड़ डालता है।
8 से नाओं के यहोवा के नगर म, अपने परमे र के नगर म, जैसा हम ने सु ना था, वैसा दे खा भी है ; परमे र उसको सदा ढ़ और थर रखेगा।।
9 हे परमे र हम ने ते रे म र के भीतर तेरी क णा पर ान िकया है।
10 हे परमे र ते रे नाम के यो तेरी ुित पृ ी की छोर तक होती है । तेरा दािहना हाथ धम से भरा है ;
11 तेरे ाय के कामों के कारण िस ोन पवत आन करे , और य दा के नगर की पु ि यां मगन हों!
12 िस ोन के चारों ओर चलो, और उसकी प र मा करो, उसके गु टों को िगन लो,
13 उसकी शहरपनाह पर ि लगाओ, उसके महलों को ान से दे खो; िजस से िक तुम आने वाली पीढ़ी के लोगों से इस बात का वणन कर सको।
14 ोंिक वह परमे र सदा सवदा हमारा परमे र है, वह मृ ु तक हमारी अगु वाई करे गा।।
भजन सं िहता 49
1 हे दे श दे श के सब लोगों यह सुनो! हे संसार के सब िनवािसयों, कान लगाओ!
2 ा ऊंच, ा नीच ा धनी, ा द र , कान लगाओ!
3 मे रे मुं ह से बु की बात िनकलगी; और मेरे दय की बात समझ की होंगी।
4 म नीितवचन की ओर अपना कान लगाऊंगा, म वीणा बजाते ए अपनी गु बात कािशत क ं गा।।
5 िवपि के िदनों म जब म अपने अड़ं गा मारने वालों की बुराइयों से िघ ं , तब म ों ड ं ?
6 जो अपनी स ि पर भरोसा रखते, और अपने धन की ब तायत पर फूलते ह,
7 उन म से कोई अपने भाई को िकसी भांित छु ड़ा नही ं सकता है; और न परमे र को उसकी स ी ायि म कुछ दे सकता है,
8 ( ोंिक उनके ाण की छु ड़ौती भारी है वह अ तक कभी न चु का सकगे )।
9 कोई ऐसा नहीं जो सदै व जीिवत रहे, और क को न दे खे।।
10 ोंिक दे खने म आता है, िक बु मान भी मरते ह, और मूख और पशु सरीखे मनु भी दोनोंनाश होते ह, और अपनी स ि औरों के िलये छोड़ जाते ह।
11 वे मन ही मन यह सोचते ह, िक उनका घर सदा थर रहेगा, और उनके िनवास पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहगे ; इसिलये वे अपनी अपनी भूिम का नाम अपने अपने नाम पर रखते ह।
12 पर ु मनु ित ा पाकर भी थर नही ं रहता, वह पशुओं के समान होता है, जो मर िमटते ह।।
13 उनकी यह चाल उनकी मूखता है, तौभी उनके बाद लोग उनकी बातों से स होते ह।
14 वे अधोलोक की मानों भेड़- बक रयां ठहराए गए ह; मृ ु उनका गड़े रया ठहरी; और िबहान को सीधे लोग उन पर भुता करगे; और उनका सु र प अधोलोक का कौर हो
जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा।
15 पर ु परमे र मे रे ाण को अधोलोक के वश से छु ड़ा लेगा, ोंिक वही मु झे हण कर अपनाएगा।।
16 जब कोई धनी हो जाए और उसके घर का वैभव बढ़ जाए, तब तू भय न खाना।
17 ोंिक वह मर कर कुछ भी साथ न ले जाएगा; न उसका वैभव उसके साथ क म जाएगा।
18 चाहे वह जीते जी अपने आप को ध कहता रहे, (जब तू अपनी भलाई करता है , तब वे लोग तेरी शंसा करते ह)
19 तौभी वह अपने पुरखाओं के समाज म िमलाया जाएगा, जो कभी उिजयाला न दे खगे ।
20 मनु चाहे िति त भी हों पर ु यिद वे समझ नही ं रखते, तो वे पशुओं के समान ह जो मर िमटते ह।।
भजन सं िहता 50
1 ई र परमे र यहोवा ने कहा है, और उदयाचल से ले कर अ ाचल तक पृ ी के लोगों को बु लाया है।
2 िस ोन से, जो परम सु र है, परमे र ने अपना तेज िदखाया है।
3 हमारा परमे र आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भ करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आं धी चलेगी।
4 वह अपनी जा का ाय करने के िलये ऊपर से आकाश को और पृ ी को भी पु कारे गा:
5 मे रे भ ों को मेरे पास इक ा करो, िज ोंने बिलदान चढ़ाकर मुझ से वाचा बा ी है !
6 और ग उसके धम होने का चार करे गा ोंिक परमे र तो आप ही ायी है ।।
7 हे मे री जा, सुन, म बोलता ं, और हे इ ाएल, म तेरे िवषय सा ी दे ता ं । परमे र ते रा परमे र म ही ं ।
8 म तु झ पर ते रे मे ल बिलयों के िवषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबिल तो िन मे रे िलये चढ़ते ह।
9 म न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालों से बकरे ले लूंगा।
10 ोंिक वन के सारे जीवज ु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही ह।
11 पहाड़ों के सब पि यों को म जानता ं, और मैदान पर चलने िफरने वाले जानवार मे रे ही ह।।
12 यिद म भूखा होता तो तुझ से न कहता; ोंिक जगत और जो कुछ उस म है वह मे रा है ।
13 ा म बैल का मां स खाऊं, वा बकरों का लो पीऊं?
14 परमे र को ध वाद ही का बिलदान चढ़ा, और परम धान के िलये अपनी म त पू री कर;
15 और सं कट के िदन मुझे पुकार; म तुझे छु ड़ाऊंगा, और तू मेरी मिहमा करने पाएगा।।
16 पर ु दु से परमे र कहता है : तु झे मेरी िविधयों का वणन करने से ा काम? तू मे री वाचा की चचा ों करता है ?
17 तू तो िश ा से बैर करता, और मेरे वचनों को तु जानता है ।
18 जब तू ने चोर को दे खा, तब उसकी संगित से स आ; और पर ीगािमयों के साथ भागी आ।।
19 तू ने अपना मुंह बु राई करने के िलये खोला, और तेरी जीभ छल की बात गढ़ती है।
20 तू बैठा आ अपने भाई के िव बोलता; और अपने सगे भाई की चुगली खाता है।
21 यह काम तू ने िकया, और म चुप रहा; इसिलये तू ने समझ िलया िक परमे र िबलकुल मे रे समान है । पर ु म तुझे समझाऊंगा, और तेरी आं खों के सा ने सब कुछ अलग अलग
िदखाऊंगा।।
22 हे ई र को भूलने वालों यह बात भली भांित समझ लो, कहीं ऐसा न हो िक म तु फाड़ डालूं , और कोई छु ड़ाने वाला न हो!
23 ध वाद के बिलदान का चढ़ाने वाला मेरी मिहमा करता है; और जो अपना च र उ म रखता है उसको म परमे र का िकया आ उ ार िदखाऊंगा!
भजन सं िहता 51
1 हे परमे र, अपनी क णा के अनुसार मुझ पर अनु ह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को िमटा दे ।
2 मुझे भली ं भां ित धोकर मेरा अधम दू र कर, और मेरा पाप छु ड़ाकर मु झे शु कर!
3 म तो अपने अपराधों को जानता ं, और मेरा पाप िनर र मेरी ि म रहता है।
4 म ने केवल ते रे ही िव पाप िकया, और जो तेरी ि म बुरा है, वही िकया है , तािक तू बोलने म धम और ाय करने म िन लंक ठहरे ।
5 दे ख, म अधम के साथ उ आ, और पाप के साथ अपनी माता के गभ म पड़ा।।
6 दे ख, तू दय की स ाई से स होता है; और मेरे मन ही म ान िसखाएगा।
7 जू फा से मुझे शु कर, तो म पिव हो जाऊंगा; मुझे धो, और म िहम से भी अिधक े त बनूं गा।
8 मु झे हष और आन की बात सुना, िजस से जो हिड् डयां तू ने तोड़ डाली ह वह मगन हो जाएं ।
9 अपना मु ख मे रे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधम के कामों को िमटा डाल।।
10 हे परमे र, मेरे अ र शु मन उ कर, और मेरे भीतर थर आ ा नये िसरे से उ कर।
11 मुझे अपने सा ने से िनकाल न दे , और अपने पिव आ ा को मु झ से अलग न कर।
12 अपने िकए ए उ ार का हष मुझे िफर से दे , और उदार आ ा दे कर मु झे स ाल।।
13 तब म अपरािधयों को तेरा माग िसखाऊंगा, और पापी तेरी ओर िफरगे ।
14 हे परमे र, हे मेरे उ ारकता परमे र, मुझे ह ा के अपराध से छु ड़ा ले, तब म ते रे धम का जयजयकार करने पाऊंगा।।
15 हे भु, मेरा मुंह खोल दे तब म तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
16 ोंिक तू मे लबिल से स नहीं होता, नही ं तो म दे ता; होमबिल से भी तू स नहीं होता।
17 टू टा मन परमे र के यो बिलदान है; हे परमे र, तू टू टे और िपसे ए मन को तु नहीं जानता।।
18 स हो कर िस ोन की भलाई कर, य शलेम की शहरपनाह को तू बना,
19 तब तू धम के बिलदानों से अथात सवाग पशुओं के होमबिल से स होगा; तब लोग तेरी वेदी पर बै ल चढ़ाएं गे ।।
भजन सं िहता 52
1 हे वीर, तू बुराई करने पर ों घम करता है? ई र की क णा तो अन है ।
2 तेरी जीभ केवल दु ता गढ़ती है; सान धरे ए अ ुरे की नाईं वह छल का काम करती है।
3 तू भलाई से बढ़कर बुराई म और धम की बात से बढ़कर झूठ से ीित रखता है।
4 हे छली जीभ तू सब िवनाश करने वाली बातों से स रहती है ।।
5 हे ई र तु झे सदा के िलये नाश कर दे गा; वह तुझे पकड़ कर तेरे डे रे से िनकाल दे गा; और जीवतों के लोक म से तु झे उखाड़ डालेगा।
6 तब धम लोग इस घटना को दे खकर डर जाएं गे, और यह कहकर उस पर हं सगे , िक
7 दे खो, यह वही पु ष है िजसने परमे र को अपनी शरण नहीं माना, पर ु अपने धन की ब तायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दु ता म ढ़ करता रहा!
8 पर ु म तो परमे र के भवन म हरे जलपाई के वृ के समान ं। म ने परमे र की क णा पर सदा सवदा के िलये भरोसा रखा है।
9 म तेरा ध वाद सवदा करता र ंगा, ोंिक तू ही ने यह काम िकया है। म ते रे ही नाम की बाट जोहता र ं गा, ोंिक यह तेरे पिव भ ों के सा ने उ म है।।
भजन सं िहता 53
1 मू ढ़ ने अपने मन म कहा है, िक कोई परमे र है ही नही ं। वे िबगड़ गए, उ ोंने कुिटलता के िघनौने काम िकए ह; कोई सुकम नहीं।।
2 परमे र ने ग पर से मनु ों के ऊपर ि की तािक दे खे िक कोई बु से चलने वाला वा परमे र को पूछने वाला है िक नहीं।।
3 वे सब के सब हट गए; सब एक साथ िबगड़ गए; कोई सुकम नहीं, एक भी नही ं।। ा उन सब अनथका रयों को कुछ भी ान नही ं?
4 जो मेरे लोगों को ऐसे खाते ह जैसे रोटी और परमे र का नाम नही ं लेते?
5 वहां उन पर भय छा गया जहां भय का कोई कारण न था। ोंिक यहोवा ने उनकी हिड् डयों को, जो तेरे िव छावनी डाले पड़े थे, िततर िबतर कर िदया; तू ने तो उ ल त कर
िदया इसिलये िक परमे र ने उन को िनक ा ठहराया है ।।
6 भला होता िक इ ाएल का पूरा उ ार िस ोन से िनकलता! जब परमे र अपनी जा को ब ु वाई से लौटा ले आएगा तब याकूब मगन और इ ाएल आन त होगा।।
भजन सं िहता 54
1 हे परमे र अपने नाम के ारा मेरा उ ार कर, और अपने परा म से मेरा ाय कर।
2 हे परमे र, मेरी ाथना सुन ले ; मे रे मुंह के वचनों की ओर कान लगा।।
3 ोंिक परदे शी मे रे िव उठे ह, और बला ारी मेरे ाण के ाहक ए ह; उ ोंने परमे र को अपने स ु ख नही ं जाना।।
4 दे खो, परमे र मेरा सहायक है; भु मेरे ाण के स ालने वालों के सं ग है।
5 वह मे रे ोिहयों की बु राई को उ ी ं पर लौटा दे गा; हे परमे र, अपनी स ाई के कारण उ िवनाश कर।।
6 म तुझे े ाबिल चढ़ाऊंगा; हे यहोवा, म तेरे नाम का ध वाद क ं गा, ोंिक यह उ म है ।
7 ोंिक तू ने मु झे सब दु खों से छु ड़ाया है, और म अपने श ुओं पर ि कर के स ु आ ं ।।
भजन सं िहता 55
1 हे परमे र, मेरी ाथना की ओर कान लगा; और मेरी िगड़िगड़ाहट से मुंह न मोड़!
2 मे री ओर ान दे कर, मुझे उ र दे ; म िच ा के मारे छटपटाता ं और ाकुल रहता ं ।
3 ोंिक श ु कोलाहल और दु उप व कर रह ह; वे मु झ पर दोषारोपण करते ह, और ोध म आकर मु झे सताते ह।।
4 मे रा मन भीतर ही भीतर संकट म है, और मृ ु का भय मु झ म समा गया है।
5 भय और कंपकपी ने मुझे पकड़ िलया है, और भय के कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए ह।
6 और म ने कहा, भला होता िक मेरे कबूतर के से पंख होते तो म उड़ जाता और िव ाम पाता!
7 दे खो, िफर तो म उड़ते उड़ते दू र िनकल जाता और जं गल म बसेरा ले ता,
8 म च बयार और आ ी के झोंके से बचकर िकसी शरण थान म भाग जाता।।
9 हे भु , उन को स ानाश कर, और उनकी भाषा म गड़बड़ी डाल दे ; ोंिक म ने नगर म उप व और झगड़ा दे खा है ।
10 रात िदन वे उसकी शहरपनाह पर चढ़कर चारों ओर घूमते ह; और उसके भीतर दु ता और उ ात होता है ।
11 उसके भीतर दु ता ने बसेरा डाला है; और अ ेर, अ ाचार और छल उसके चौक से दू र नही ं होते।।
12 जो मे री नामधराई करता है वह श ु नही ं था, नहीं तो म उसको सह लेता; जो मे रे िव बड़ाई मारता है वह मेरा बैरी नहीं है, नही ं तो म उस से िछप जाता।
13 पर ु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनु मेरा परमिम और मे री जान पहचान का था।
14 हम दोनों आपस म कैसी मीठी मीठी बात करते थे; हम भीड़ के साथ परमे र के भवन को जाते थे ।
15 उन को मृ ु अचानक आ दबाए; वे जीिवत ही अधोलोक म उतर जाएं ; ोंिक उनके घर और मन दोनों म बु राइयां और उ ात भरा है।।
16 पर ु म तो परमे र को पुका ं गा; और यहोवा मुझे बचा ले गा।
17 सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर म दोहाई दू ं गा और कराहता र ंगा। और वह मे रा श सु न ले गा।
18 जो लड़ाई मेरे िव मची थी उस से उसने मुझे कुशल के साथ बचा िलया है । उ ोंने तो ब तों को सं ग ले कर मेरा सा ना िकया था।
19 ई र जो आिद से िवराजमान है यह सुनकर उन को उ र दे गा। ये वे ह िजन म कोई प रवतन नही ं और उन म परमे र का भय है ही नही ं।।
20 उसने अपने मेल रखने वालों पर भी हाथ छोड़ा है, उसने अपनी वाचा को तोड़ िदया है ।
21 उसके मुंह की बात तो म न सी िचकनी थी पर ु उसके मन म लड़ाई की बात थी ं; उसके वचन तेल से अिधक नरम तो थे पर ु नंगी तलवार थी ं।।
22 अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे स ालेगा; वह धम को कभी टलने न दे गा।।
23 पर ु हे परमे र, तू उन लोगों को िवनाश के गड़हे म िगरा दे गा; ह ारे और छली मनु अपनी आधी आयु तक भी जीिवत न रहगे। पर ु म तुझ पर भरोसा रखे र ंगा।।
भजन सं िहता 56
1 हे परमे र, मुझ पर अनु ह कर, ोंिक मनु मुझे िनगलना चाहते ह। वे िदन भर लड़कर मु झे सताते ह।
2 मे रे ोही िदन भर मुझे िनगलना चाहते ह, ोंिक जो लोग अिभमान कर के मुझ से लड़ते ह वे ब त ह।
3 िजस समय मुझे डर लगेगा, म तुझ पर भरोसा रखूंगा।
4 परमे र की सहायता से म उसके वचन की शंसा क ं गा, परमे र पर म ने भरोसा रखा है , म नहीं ड ं गा। कोई ाणी मेरा ा कर सकता है?
5 वे िदन भर मे रे वचनों को, उलटा अथ लगा लगाकर मरोड़ते रहते ह उनकी सारी क नाएं मे री ही बुराई करने की होती है।
6 वे सब िमलकर इक े होते ह और िछपकर बैठते ह; वे मेरे कदमों को दे खते भालते ह मानों वे मे रे ाणों की घात म ताक लगाए बैठ हों।
7 ा वे बुराई कर के भी बच जाएं गे? हे परमे र, अपने ोध से दे श दे श के लोगों को िगरा दे !
8 तू मेरे मारे मारे िफरने का िहसाब रखता है; तू मेरे आं सुओं को अपनी कु ी म रख ले! ा उनकी चचा तेरी पु क म नहीं है?
9 जब िजस समय म पुका ं गा, उसी समय मेरे श ु उलटे िफरगे । यह म जानता ं , िक परमे र मेरी ओर है ।
10 परमे र की सहायता से म उसके वचन की शंसा क ं गा, यहोवा की सहायता से म उसके वचन की शंसा क ं गा।
11 म ने परमे र पर भरोसा रखा है, म न ड ं गा। मनु मेरा ा कर सकता है ?
12 हे परमे र, तेरी म तों का भार मु झ पर बना है; म तुझ को ध वाद बिल चढ़ाऊंगा।
13 ोंिक तू ने मु झ को मृ ु से बचाया है ; तू ने मेरे पैरों को भी िफसलने से बचाया है, तािक म ई र के सा ने जीवतों के उिजयाले म चलूं िफ ं ?
भजन सं िहता 57
1 हे परमे र, मुझ पर अनु ह कर, मुझ पर अनु ह कर, ोंिक म तेरा शरणागत ं ; और जब तक ये आपि यां िनकल न जाएं , तब तक म तेरे पंखों के तले शरण िलये र ंगा।
2 म परम धान परमे र को पुका ं गा, ई र को जो मेरे िलये सब कुछ िस करता है ।
3 ई र ग से भेज कर मुझे बचा लेगा, जब मेरा िनगलने वाला िन ा कर रहा हो। परमे र अपनी क णा और स ाई गट करे गा।।
4 मे रा ाण िसंहों के बीच म है, मुझे जलते ओं के बीच म लेटना पड़ता है , अथात ऐसे मनु ों के बीच म िजन के दां त बछ और तीर ह, और िजनकी जीभ तेज तलवार है।।
5 हे परमे र तू ग के ऊपर अित महान और तेजोमय है, ते री मिहमा सारी पृ ी के ऊपर फैल जाए!
6 उ ोंने मेरे पै रों के िलये जाल लगाया है; मेरा ाण ढला जाता है । उ ोंने मेरे आगे गड़हा खोदा, पर ु आप ही उस म िगर पड़े ।।
7 हे परमे र, मेरा मन थर है, मेरा मन थर है; म गाऊंगा वरन भजन कीतन क ं गा।
8 हे मे री आ ा जाग जा! हे सारं गी और वीणा जाग जाओ। म भी पौ फटते ही जाग उठूंगा।
9 हे भु , म दे श के लोगों के बीच तेरा ध वाद क ं गा; म रा रा के लोगों के बीच म तेरा भजन गाऊंगा।
10 ोंिक तेरी क णा ग तक बड़ी है, और तेरी स ाई आकाशम ल तक प ं चती है ।।
11 हे परमे र, तू ग के ऊपर अित महान है! तेरी मिहमा सारी पृ ी के ऊपर फैल जाए!
भजन सं िहता 58
1 हे मनु ों, ा तुम सचमुच धम की बात बोलते हो? और हे मनु वंिशयों ा तु म सीधाई से ाय करते हो?
2 नही ं, तु म मन ही मन म कुिटल काम करते हो; तुम दे श भर म उप व करते जाते हो।।
3 दु लोग ज ते ही पराए हो जाते ह, वे पेट से िनकलते ही झूठ बोलते ए भटक जाते ह।
4 उन म सप का सा िवष है; वे उस नाम के समान ह, जो सुनना नहीं चाहता;
5 और सपे रा कैसी ही िनपुणता से ों न मं पढ़े , तौभी उसकी नहीं सुनता।।
6 हे परमे र, उनके मुं ह म से दांतों को तोड़ दे ; हे यहोवा उन जवान िसंहों की दाढ़ों को उखाड़ डाल!
7 वे घु लकर बहते ए पानी के समान हो जाएं ; जब वे अपने तीर चढ़ाएं , तब तीर मानों दो टु कड़े हो जाएं ।
8 वे घोंघे के समान हो जाएं जो घुलकर नाश हो जाता है, और ी के िगरे ए गभ के समान हो िजसने सूरज को दे खा ही नही ं।
9 उस से पिहले िक तु ारी हांिडयों म कांटों की आं च लगे, हरे व जले, दोनों को वह बवंडर से उड़ा ले जाएगा।।
10 धम ऐसा पलटा दे खकर आन त होगा; वह अपने पां व दु के लो म धोएगा।।
11 तब मनु कहने लगगे, िन य धम के िलये फल है; िन य परमे र है , जो पृ ी पर ाय करता है ।।
भजन सं िहता 59
1 हे मे रे परमे र, मुझ को श ुओं से बचा, मु झे ऊंचे थान पर रखकर मेरे िवरोिधयों से बचा,
2 मुझ को बु राई करने वालों के हाथ से बचा, और ह ारों से मेरा उ ार कर।।
3 ोंिक दे ख, वे मे री घात म लगे ह; हे यहोवा, मे रा कोई दोष वा पाप नही ं है, तौभी बलव लोग मे रे िव इक े होते ह।
4 वह मु झ िनद ष पर दौड़, दौड़कर लड़ने को तैयार हो जाते ह।। मु झ से िमलने के िलये जाग उठ, और यह दे ख!
5 हे सेनाओं के परमे र यहोवा, हे इ ाएल के परमे र सब अ जाित वालों को द दे ने के िलये जाग; िकसी िव ासघाती अ ाचारी पर अनु ह न कर।।
6 वे लोग सां झ को लौटकर कु े की नाईं गु राते ह, और नगर के चारों ओर घूमते ह। दे ख वे डकारते ह,
7 उनके मुं ह के भीतर तलवार ह, ोंिक वे कहते ह, कौन सु नता है ?
8 पर ु हे यहोवा, तू उन पर हंसेगा; तू सब अ जाितयों को ठ ों म उड़ाएगा।
9 हे मे रे बल, मुझे ते री ही आस होगी; ोंिक परमे र मेरा ऊंचा गढ़ है ।।
10 परमे र क णा करता आ मुझ से िमलेगा; परमे र मे रे ोिहयों के िवषय मेरी इ ा पू री कर दे गा।।
11 उ घात न कर, न हो िक मेरी जा भूल जाए; हे भु , हे हमारी ढाल! अपनी श से उ िततर िबतर कर, उ दबा दे ।
12 वह अपने मुं ह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप दे ने, और झूठ बोलने के कारण, अिभमान म फंसे ए पकड़े जाएं ।
13 जलजलाहट म आकर उनका अ कर, उनका अ कर दे तािक वे न हो जाएं तब लोग जानगे िक परमे र याकूब पर, वरन पृ ी की छोर तक भुता करता है।।
14 वे सां झ को लौटकर कु े की नाईं गु राएं , और नगर के चारों ओर घूम।
15 वे टु कड़े के िलये मारे मारे िफर, और तृ न होने पर रात भर वही ं ठहरे रह।।
16 पर ु म तेरी साम का यश गाऊंगा, और भोर को ते री क णा का जयजयकार क ं गा। ोंिक तू मे रा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरण थान ठहरा है।
17 हे मे रे बल, म ते रा भजन गाऊंगा, ोंिक हे परमे र, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा क णामय परमे र है।।
भजन सं िहता 60
1 हे परमे र तू ने हम को ाग िदया, और हम को तोड़ डाला है; तू ोिधत आ; िफर हम को ों का ों कर दे ।
2 तू ने भू िम को कंपाया और फाड़ डाला है; उसकी दरारों को भर दे , ोंिक वह डगमगा रही है।
3 तू ने अपनी जा को किठन दु :ख भुगताया; तू ने हम लड़खड़ा दे ने वाला दाखमधु िपलाया है ।।
4 तू ने अपने डरवैयों को झ ा िदया है, िक वह स ाई के कारण फहराया जाए।
5 तू अपने दािहने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले िक तेरे ि य छु ड़ाए जाएं ।।
6 परमे र पिव ता के साथ बोला है म फु त ंगा; म शकेम को बांट लूं गा, और सु ोत की तराई को नपवाऊंगा।
7 िगलाद मे रा है; मन े भी मेरा है; और ए ैम मेरे िसर का टोप, य दा मेरा राजद है ।
8 मोआब मे रे धोने का पा ा है; म एदोम पर अपना जूता फकूंगा; हे पिल ीन मेरे ही कारण जयजयकार कर।।
9 मु झे गढ़ वाले नगर म कौन प ंचाएगा? एदोम तक मेरी अगु वाई िकस ने की है ?
10 हे परमे र, ा तू ने हम को ाग नहीं िदया? हे परमे र, तू हमारी से ना के साथ नहीं जाता।
11 ोही के िव हमारी सहायता कर, ोंिक मनु का िकया आ छु टकारा थ होता है ।
12 परमे र की सहायता से हम वीरता िदखाएं गे, ोंिक हमारे ोिहयों को वही रौंदेगा।।
भजन सं िहता 61
1 हे परमे र, मेरा िच ाना सुन, मेरी ाथना की ओर ान दे ।
2 मू छा खाते समय म पृ ी की छोर से भी तुझे पुका ं गा, जो च ान मे रे िलये ऊंची है , उस पर मुझ को ले चला;
3 ोंिक तू मे रा शरण थान है, और श ु से बचने के िलये ऊंचा गढ़ है।।
4 म तेरे त ू म युगानुयुग बना र ंगा। म तेरे पंखों की ओट म शरण िलये र ं गा
5 ोंिक हे परमे र, तू ने मेरी म त सु नी ं, जो ते रे नाम के डरवैये ह, उनका सा भाग तू ने मुझे िदया है ।।
6 तू राजा की आयु को ब त बढ़ाएगा; उसके वष पीढ़ी पीढ़ी के बराबर होंगे।
7 वह परमे र के स ुख सदा बना रहेगा; तू अपनी क णा और स ाई को उसकी र ा के िलये ठहरा रख।
8 और म सवदा ते रे नाम का भजन गा गाकर अपनी म त हर िदन पू री िकया क ं गा।।
भजन सं िहता 62
1 सचमुच म चुपचाप हो कर परमेर र की ओर मन लगाए ं ; मे रा उ ार उसी से होता है।
2 सचमुच वही, मे री च ान और मेरा उ ार है, वह मेरा गढ़ है ; म ब त न िडगूं गा।।
3 तुम कब तक एक पु ष पर धावा करते रहोगे, िक सब िमलकर उसका घात करो? वह तो झुकी ई भीत वा िगरते ए बाड़े के समान है।
4 सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से िगराने की स ित करते ह; वे झूठ से स रहते ह। मुं ह से तो वे आशीवाद दे ते पर मन म कोसते ह।।
5 हे मे रे मन, परमे र के सा ने चुपचाप रह, ोंिक मेरी आशा उसी से है।
6 सचमुच वही मेरी च ान, और मेरा उ ार है, वह मेरा गढ़ है ; इसिलये म न िडगूं गा।
7 मे रा उ ार और मेरी मिहमा का आधार परमे र है; मेरी ढ़ च ान, और मे रा शरण थान परमे र है ।
8 हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बात खोल कर कहो; परमे र हमारा शरण थान है ।
9 सचमुच नीच लोग तो अ थाई, और बड़े लोग िम ा ही ह; तौल म वे हलके िनकलते ह; वे सब के सब सां स से भी हलके ह।
10 अ ेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन स ित बढ़े , तौभी उस पर मन न लगाना।।
11 परमे र ने एक बार कहा है; और दो बार म ने यह सु ना है: िक साम परमे र का है ।
12 और हे भु, क णा भी तेरी है। ोंिक तू एक एक जन को उसके काम के अनुसार फल दे ता है।।
भजन सं िहता 63
1 हे परमे र, तू मेरा ई र है, म तुझे य से ढूंढू ं गा; सूखी और िनजल ऊसर भू िम पर, मेरा मन ते रा ासा है , मे रा शरीर तेरा अित अिभलाषी है।
2 इस कार से म ने पिव ा थान म तुझ पर ि की, िक ते री साम और मिहमा को दे खूं।
3 ोंिक तेरी क णा जीवन से भी उ म है म तेरी शंसा क ं गा।
4 इसी कार म जीवन भर तुझे ध कहता र ंगा; और तेरा नाम ले कर अपने हाथ उठाऊंगा।।
5 मे रा जीव मानो चब और िचकने भोजन से तृ होगा, और म जयजयकार कर के तेरी ु ित क ं गा।
6 जब म िबछौने पर पड़ा तेरा रण क ं गा, तब रात के एक एक पहर म तुझ पर ान क ं गा;
7 ोंिक तू मे रा सहायक बना है, इसिलये म तेरे पंखों की छाया म जयजयकार क ं गा।
8 मे रा मन तेरे पीछे पीछे लगा चलता है; और मुझे तो तू अपने दािहने हाथ से थाम रखता है।।
9 पर ु जो मेरे ाण के खोजी ह, वे पृ ी के नीचे थानों म जा पड़गे;
10 वे तलवार से मारे जाएं गे, और गीदड़ों का आहार हो जाएं गे।
11 पर ु राजा परमे र के कारण आन त होगा; जो कोई ई र की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; पर ु झूठ बोलने वालों का मुंह ब िकया जाएगा।।
भजन सं िहता 64
1 हे परमे र, जब म तेरी दोहाई दू ं , तब मेरी सुन; श ु के उपजाए ए भय के समय मेरे ाण की र ा कर।
2 कुकिमयों की गो ी से, और अनथका रयों के ड़ से मेरी आड़ हो।
3 उ ोंने अपनी जीभ को तलवार की नाईं तेज िकया है, और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है ;
4 तािक िछपकर खरे मनु को मार; वे िनडर हो कर उसको अचानक मारते भी ह।
5 वे बुरे काम करने को िहयाव बा ते ह; वे फ े लगाने के िवषय बातचीत करते ह; और कहते ह, िक हम को कौन दे खेगा?
6 वे कुिटलता की यु िनकालते ह; और कहते ह, िक हम ने प ी यु खोजकर िनकाली है । ोंिक मनु का मन और दय अथाह ह!
7 पर ु परमे र उन पर तीर चलाएगा; वे अचानक घायल हो जाएं गे।
8 वे अपने ही वचनों के कारण ठोकर खाकर िगर पड़गे; िजतने उन पर ि करगे वे सब अपने अपने िसर िहलाएं गे
9 तब सारे लोग डर जाएं गे; और परमे र के कामों का बखान करगे , और उसके काय म को भली भांित समझगे ।।
10 धम तो यहोवा के कारण आन त हो कर उसका शरणागत होगा, और सब सीधे मन वाले बड़ाई करगे।।
भजन सं िहता 65
1 हे परमे र, िस ोन म ुित तेरी बाट जोहती है; और तेरे िलये म त पू री की जाएं गी।
2 हे ाथना के सुनने वाले! सब ाणी तेरे ही पास आएं गे।
3 अधम के काम मुझ पर बल ए ह; हमारे अपराधों को तू ढांप दे गा।
4 ा ही ध है वह; िजस को तू चुनकर अपने समीप आने दे ता है, िक वह तेरे आं गनों म बास करे ! हम ते रे भवन के, अथात तेरे पिव म र के उ म उ म पदाथ से तृ होंगे।।
5 हे हमारे उ ारकता परमे र, हे पृ ी के सब दू र दू र दे शों के और दू र के समु पर के रहने वालों के आधार, तू धम से िकए ए भयानक कामों के ारा हमारा मुंह मां गा वर दे गा;
6 तू जो परा म का फटा कसे ए, अपनी साम के पवतों को थर करता है ;
7 तू जो समु का महाश , उसकी तरं गो का महाश , और दे श दे श के लोगों का कोलाहल श करता है ;
8 इसिलये दू र दू र दे शों के रहने वाले तेरे िच दे खकर डर गए ह; तू उदयाचल और अ ाचल दोनों से जयजयकार कराता है।।
9 तू भू िम की सु िध ले कर उसको सीच ं ता ह, तू उसको ब त फलदायक करता है ; परमे र की नहर जल से भरी रहती है ; तू पृ ी को तैयार कर के मनु ों के िलये अ को तैयार करता
है ।
10 तू रे घा रयों को भली भां ित सीचं ता है, और उनके बीच की िम ी को बैठाता है, तू भू िम को मह से नरम करता है , और उसकी उपज पर आशीष दे ता है।
11 अपनी भलाई से भरे ए वष पर तू ने मानो मुकुट धर िदया है ; तेरे माग म उ म उ म पदाथ पाए जाते ह।
12 वे जंगल की चराइयों म पाए जाते ह; और पहािड़यां हष का फटा बा े ए है ।।
13 चराइयां भेड़- बक रयों से भरी ई ह; और तराइयां अ से ढं पी ई ह, वे जयजयकार करती ं और गाती भी ह।।
भजन सं िहता 66
1 हे सारी पृ ी के लोगों, परमे र के िलये जयजयकार करो;
2 उसके नाम की मिहमा का भजन गाओ; उसकी ुित करते ए, उसकी मिहमा करो।
3 परमे र से कहो, िक तेरे काम ा ही भयानक ह! तेरी महासाम के कारण ते रे श ु तेरी चापलू सी करगे।
4 सारी पृ ी के लोग तुझे द वत करगे, और तेरा भजन गाएं गे ; वे तेरे नाम का भजन गाएं गे ।।
5 आओ परमे र के कामों को दे खो; वह अपने काय के कारण मनु ों को भय यो दे ख पड़ता है ।
6 उसने समु को सूखी भूिम कर डाला; वे महानद म से पांव पावं पार उतरे । वहां हम उसके कारण आन त ए,
7 जो परा म से सवदा भुता करता है , और अपनी आं खों से जाित जाित को ताकता है। हठीले अपने िसर न उठाएं ।।
8 हे दे श दे श के लोगो, हमारे परमे र को ध कहो, और उसकी ु ित म राग उठाओ,
9 जो हम को जीिवत रखता है; और हमारे पांव को टलने नहीं दे ता।
10 ोंिक हे परमे र तू ने हम को जांचा; तू ने हम चा ी की नाईं ताया था।
11 तू ने हम को जाल म फंसाया; और हमारी किट पर भारी बोझ बा ा था;
12 तू ने घु ड़चढ़ों को हमारे िसरों के ऊपर से चलाया, हम आग और जल से हो कर गए; पर ु तू ने हम को उबार के सु ख से भर िदया है।।
13 म होमबिल ले कर तेरे भवन म आऊंगा म उन म तों को ते रे िलये पूरी क ं गा,
14 जो म ने मुंह खोल कर मानी,ं और संकट के समय कही थी।ं
15 म तु झे मोटे पशुओं के होमबिल, मढ़ों की चब के धूप समे त चढ़ऊंगा; म बकरों समे त बै ल चढ़ाऊंगा।।
16 हे परमे र के सब डरवैयों आकर सुनो, म बताऊंगा िक उसने मे रे िलये ा ा िकया है ।
17 म ने उसको पुकारा, और उसी का गुणानुवाद मुझ से आ।
18 यिद म मन म अनथ बात सोचता तो भु मेरी न सुनता।
19 पर ु परमे र ने तो सुना है; उसने मेरी ाथना की ओर ान िदया है।।
20 ध है परमे र, िजसने न तो मेरी ाथना अनसुनी की, और न मु झ से अपनी क णा दू र कर दी है !
भजन सं िहता 67
1 परमे र हम पर अनु ह करे और हम को आशीष दे ; वह हम पर अपने मुख का काश चमकाए
2 िजस से तेरी गित पृ ी पर, और तेरा िकया आ उ ार सारी जाितयों म जाना जाए।
3 हे परमे र, दे श दे श के लोग तेरा ध वाद कर; दे श दे श के सब लोग तेरा ध वाद कर।।
4 रा रा के लोग आन कर, और जयजयकार कर, ोंिक तू दे श दे श के लोंगों का ाय धम से करे गा, और पृ ी के रा रा के लोगों की अगुवाई करे गा।।
5 हे परमे र, दे श दे श के लोग तेरा ध वाद कर; दे श दे श के सब लोग तेरा ध वाद कर।।
6 भूिम ने अपनी उपज दी है, परमे र जो हमारा परमे र है, उसने हम आशीष दी है ।
7 परमे र हम को आशीष दे गा; और पृ ी के दू र दू र दे शों के सब लोग उसका भय मानगे ।।
भजन सं िहता 68
1 परमे र उठे , उसके श ु ित र िबतर हों; और उसके बैरी उसके सा ने से भाग जाएं ।
2 जै से धुआं उड़ जाता है, वैसे ही तू उन को उड़ा दे ; जैसे मोम आग की आं च से िपघल जाता है , वैसे ही दु लोग परमे र की उप थित से नाश हों।
3 पर ु धम आन त हों; वे परमे र के सा ने फु त हों; वे आन से मगन हों!
4 परमे र का गीत गाओ, उसके नाम का भजन गाओ; जो िनजल दे शों म सवार हो कर चलता है , उसके िलये सड़क बनाओ; उसका नाम याह है, इसिलये तुम उसके सा ने फु त
हो!
5 परमे र अपने पिव धाम म, अनाथों का िपता और िवधवाओं का ायी है।
6 परमे र अनाथों का घर बसाता है; और ब ुओं को छु ड़ाकर भा वान करता है; पर ु हठीलों को सू खी भूिम पर रहना पड़ता है।।
7 हे परमे र, जब तू अपनी जा के आगे आगे चलता था, जब तू िनजल भूिम म सेना समे त चला,
8 तब पृ ी कांप उठी, और आकाश भी परमे र के सा ने टपकने लगा, उधर सीनै पवत परमे र, हां इ ाएल के परमे र के सा ने कांप उठा।
9 हे परमे र, तू ने ब त से वरदान बरसाए; तेरा िनज भाग तो ब त सू खा था, पर ु तू ने उसको हरा भरा िकया है;
10 तेरा झु उस म बसने लगा; हे परमे र तू ने अपनी भलाई से दीन जन के िलये तै यारी की है ।
11 भु आ ा दे ता है, तब शुभ समाचार सुनाने वािलयों की बड़ी सेना हो जाती है ।
12 अपनी अपनी से ना समेत राजा भागे चले जाते ह, और गृ ह थन लू ट को बां ट ले ती है ।
13 ा तु म भेड़शालों के बीच लेट जाओगे? और ऐसी कबूतरी के समान होगे िजसके पं ख चा ी से और िजसके पर पीले सोने से मढ़े ए हों?
14 जब सवश मान ने उस म राजाओं को ित र िबतर िकया, तब मानो स ोन पवत पर िहम पड़ा।।
15 बाशान का पहाड़ परमे र का पहाड़ है; बाशान का पहाड़ ब त िशखरवाला पहाड़ है।
16 पर ु हे िशखर वाले पहाड़ों, तुम ों उस पवत को घू रते हो, िजसे परमे र ने अपने वास के िलये चाहा है , और जहां यहोवा सदा वास िकए रहेगा?
17 परमे र के रथ बीस हजार, वरन हजारों हजार ह; भु उनके बीच म है, जै से वह सीनै पिव थान म है ।
18 तू ऊंचे पर चढ़ा, तू लोगों को ब ुवाई म ले गया; तू ने मनु ों से, वरन हठीले मनु ों से भी भट लीं, िजस से याह परमे र उन म वास करे ।।
19 ध है भु , जो ित िदन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उ ारकता ई र है ।
20 वही हमारे िलये बचाने वाला ई र ठहरा; यहोवा भु मृ ु से भी बचाता है ।।
21 िन य परमे र अपने श ुओं के िसर पर, और जो अधम के माग पर चलता रहता है, उसके बाल भरी खोपड़ी पर मार मार के उसे चूर करे गा।
22 भु ने कहा है, िक म उ बाशान से िनकाल लाऊंगा, म उन को गिहरे सागर के तल से भी फेर ले आऊंगा,
23 िक तू अपने पांव को लो म डु बोए, और तेरे श ु तेरे कु ों का भाग ठहर।।
24 हे परमे र ते री गित दे खी गई, मेरे ई र, मेरे राजा की गित पिव थान म िदखाई दी है ;
25 गाने वाले आगे आगे और तार वाले बाजों के बजाने वाले पीछे पीछे गए, चारों ओर कुमा रयां डफ बजाती थी।ं
26 सभाओं म परमे र का, हे इ ाएल के सोते से िनकले ए लोगों, भु का ध वाद करो।
27 वहां उनका अ छोटा िब ामीन है, वहां य दा के हािकम अपने अनुचरों समेत ह, वहां जबूलून और न ाली के भी हािकम ह।।
28 तेरे परमे र ने आ ा दी, िक तुझे साम िमले; हे परमे र जो कुछ तू ने हमारे िलये िकया है , उसे ढ़ कर।
29 तेरे म र के कारण जो य शलेम म ह, राजा तेरे िलये भट ले आएं गे ।
30 नरकटों म रहने वाले बनै ले पशुओं को, सांड़ों के झु को और दे श दे श के बछड़ों को िझड़क दे । वे चा ी के टु कड़े िलये ए णाम करगे; जो लोगे यु से स रहते ह, उन को
उसने िततर िबतर िकया है।
31 िम से रईस आएं गे ; कूशी अपने हाथों को परमे र की ओर फुत से फैलाएं गे ।।
32 हे पृ ी पर के रा रा के लोगों परमे र का गीत गाओ; भु का भजन गाओ,
33 जो सब से ऊंचे सनातन ग म सवार हो कर चलता है ; दे खो वह अपनी वाणी सु नाता है , वह ग ीर वाणी श शाली है।
34 परमे र की साम की ुित करो, उसका ताप इ ाएल पर छाया आ है , और उसकी साम आकाशम ल म है ।
35 हे परमे र, तू अपने पिव थानों म भय यो है, इ ाएल का ई र ही अपनी जा को साम और श का दे ने वाला है। परमे र ध है।।
भजन सं िहता 69
1 हे परमे र, मेरा उ ार कर, म जल म डूबा जाता ं।
2 म बड़े दलदल म धसा जाता ं, और मे रे पै र कही ं नही ं कते; म गिहरे जल म आ गया, और धारा म डूबा जाता ं।
3 म पुकारते पुकारते थक गया, मेरा गला सूख गया है; अपने परमे र की बाट जोहते जोहते, मेरी आं खे रह गई ह।।
4 जो अकारण मेरे बैरी ह, वे िगनती म मे रे िसर के बालों से अिधक ह; मेरे िवनाश करने वाले जो थ मे रे श ु ह, वे सामथ ह, इसिलये जो म ने लू टा नही ं वह भी मुझ को दे ना पड़ा है।
5 हे परमे र, तू तो मे री मू ढ़ता को जानता है, और मेरे दोष तुझ से िछपे नही ं ह।।
6 हे भु , हे सेनाओं के यहोवा, जो तेरी बाट जोहते ह, उनकी आशा मेरे कारण न टू टे ; हे इ ाएल के परमे र, जो तुझे ढूंढते ह उनका मुंह मेरे कारण काला न हो।
7 तेरे ही कारण मेरी िन ा ई है, और मेरा मुंह ल ा से ढं पा है।
8 म अपने भाइयों के सा ने अजनबी आ, और अपने सगे भाइयों की ि म परदे शी ठहरा ं ।।
9 ोंिक म तेरे भवन के िनिम जलते जलते भ आ, और जो िन ा वे तेरी करते ह, वही िन ा मुझ को सहनी पड़ी है ।
10 जब म रोकर और उपवास कर के दु :ख उठाता था, तब उस से भी मेरी नामधराई ही ई।
11 और जब म टाट का व पिहने था, तब मेरा ा उन म चलता था।
12 फाटक के पास बैठने वाले मेरे िवषय बातचीत करते ह, और मिदरा पीने वाले मु झ पर लगता आ गीत गाते ह।
13 पर ु हे यहोवा, मेरी ाथना तो तेरी स ता के समय म हो रही है; हे परमे र अपनी क णा की ब तायात से , और बचाने की अपनी स ी ित ा के अनुसार मेरी सुन ले ।
14 मुझ को दलदल म से उबार, िक म धंस न जाऊं; म अपने बै रयों से, और गिहरे जल म से बच जाऊं।
15 म धारा म डूब न जाऊं, और न म गिहरे जल म डूब म ं , और न पाताल का मुं ह मे रे ऊपर ब हो।।
16 हे यहोवा, मेरी सुन ले, ोंिक तेरी क णा उ म है; अपनी दया की ब तायत के अनु सार मे री ओर ान दे ।
17 अपने दास से अपना मुंह न मोड़; ोंिक म संकट म ं, फुत से मे री सु न ले ।
18 मेरे िनकट आकर मुझे छु ड़ा ले, मेरे श ुओं से मु झ को छु टकारा दे ।।
19 मेरी नामधराई और ल ा और अनादर को तू जानता है : मे रे सब ोही तेरे सा ने ह।
20 मेरा दय नामधराई के कारण फट गया, और म ब त उदास ं। म ने िकसी तरस खाने वाले की आशा तो की, पर ु िकसी को न पाया, और शा दे ने वाले ढूंढ़ता तो रहा, पर ु
कोई न िमला।
21 और लोगों ने मेरे खाने के िलये इ ायन िदया, और मेरी ास बु झाने के िलये मु झे िसरका िपलाया।।
22 उनका भोजन उनके िलये फ ा हो जाए; और उनके सु ख के समय जाल बन जाए।
23 उनकी आं खों पर अ ेरा छा जाए, तािक वे दे ख न सक; और तू उनकी किट को िनर र कंपाता रह।
24 उनके ऊपर अपना रोष भड़का, और तेरे ोध की आं च उन को लगे ।
25 उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डे रों म कोई न रहे।
26 ोंिक िजस को तू ने मारा, वे उसके पीछे पड़े ह, और िजन को तू ने घायल िकया, वे उनकी पीड़ा की चचा करते ह।
27 उनके अधम पर अधम बढ़ा; और वे तेरे धम को ा न कर।
28 उनका नाम जीवन की पु क म से काटा जाए, और धिमयों के संग िलखा न जाए।।
29 पर ु म तो दु :खी और पीिड़त ं, इसिलये हे परमे र तू मेरा उ ार कर के मु झे ऊंचे थान पर बै ठा।
30 म गीत गाकर तेरे नाम की ुित क ं गा, और ध वाद करता आ तेरी बड़ाई क ं गा।
31 यह यहोवा को बैल से अिधक, वरन सी ंग और खुर वाले बैल से भी अिधक भाएगा।
32 न लोग इसे दे ख कर आन त होंगे, हे परमे र के खोिजयों तु ारा मन हरा हो जाए।
33 ोंिक यहोवा द र ों की ओर कान लगाता है, और अपने लोगों को जो ब ु ए ह तु नहीं जानता।।
34 ग और पृ ी उसकी ुित कर, और समु अपने सब जीव ज ुओं समेत उसकी ुित करे ।
35 ोंिक परमे र िस ोन का उ ार करे गा, और य दा के नगरों को िफर बसाएगा; और लोग िफर वहां बस कर उसके अिधकारी हो जाएं गे ।
36 उसके दासों को वंश उसको अपने भाग म पाएगा, और उसके नाम के े मी उस म वास करगे ।।
भजन सं िहता 70
1 हे परमे र मु झे छु ड़ाने के िलये, हे यहोवा मेरी सहायता करने के िलये फुत कर!
2 जो मेरे ाण के खोजी ह, उनकी आशा टू टे , और मुंह काला हो जाए! जो मे री हािन से स होते ह, वे पीछे हटाए और िनरादर िकए जाएं ।
3 जो कहते ह, आहा, आहा, वे अपनी ल ा के मारे उलटे फेरे जाएं ।।
4 िजतने तु झे ढू ं ढ़ते ह, वे सब तेरे कारण हिषत और आन त हों! और जो तेरा उ ार चाहते ह, वे िनर र कहते रह, िक परमे र की बड़ाई हो।
5 म तो दीन और द र ं; हे परमे र मेरे िलये फुत कर! तू मेरा सहायक और छु ड़ाने वाला है; हे यहोवा िवल न कर!
भजन सं िहता 71
1 हे यहोवा म ते रा शरणागत ं; मेरी आशा कभी टू टने न पाए!
2 तू तो धम है, मुझे छु ड़ा और मेरा उ ार कर; मेरी ओर कान लगा, और मे रा उ ार कर!
3 मे रे िलये सनातन काल की च ान का धाम बन, िजस म म िन जा सकूं; तू ने मे रे उ ार की आ ा तो दी है , ोंिक तू मे री च ान और मेरा गढ़ ठहरा है।।
4 हे मे रे परमे र दु के, और कुिटल और ू र मनु के हाथ से मे री र ा कर।
5 ोंिक हे भु यहोवा, म तेरी ही बाट जोहता आया ं; बचपन से मेरा आधार तू है।
6 म गभ से िनकलते ही, तुझ से स ाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने िनकाला; इसिलये म िन तेरी ु ित करता र ं गा।।
7 म ब तों के िलये चम ार बना ं; पर ु तू मेरा ढ़ शरण थान है ।
8 मे रे मुं ह से तेरे गुणानुवाद, और िदन भर तेरी शोभा का वणन ब त आ करे ।
9 बु ढ़ापे के समय मेरा ाग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे ।
10 ोंिक मेरे श ु मेरे िवषय बात करते ह, और जो मेरे ाण की ताक म ह, वे आपस म यह स ित करते ह, िक
11 परमे र ने उसको छोड़ िदया है; उसका पीछा कर के उसे पकड़ लो, ोंिक उसका कोई छु ड़ाने वाला नहीं।।
12 हे परमे र, मुझ से दू र न रह; हे मेरे परमे र, मेरी सहायता के िलये फुत कर!
13 जो मे रे ाण के िवरोधी ह, उनकी आशा टू टे और उनका अ हो जाए; जो मे री हािन के अिभलाषी ह, वे नामधराई और अनादर म गड़ जाएं ।
14 म तो िनर र आशा लगाए र ंगा, और तेरी ुित अिधक अिधक करता जाऊंगा।
15 म अपने मुंह से ते रे धम का, और तेरे िकए ए उ ार का वणन िदन भर करता र ं गा, पर ु उनका पू रा ोरा जाना भी नही ं जाता।
16 म भु यहोवा के परा म के कामों का वणन करता आ आऊंगा, म केवल ते रे ही धम की चचा िकया क ं गा।।
17 हे परमे र, तू तो मुझ को बचपन ही से िसखाता आया है, और अब तक म ते रे आ य कम का चार करता आया ं।
18 इसिलये हे परमे र जब म बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं , तब भी तू मु झे न छोड़, जब तक म आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बा बल और सब उ होने वालों को तेरा
परा म सुनाऊं।
19 और हे परमे र, तेरा धम अित महान है।। तू िजसने महाकाय िकए ह, हे परमे र ते रे तु कौन है?
20 तू ने तो हम को ब त से किठन क िदखाए ह पर ु अब तू िफर से हम को िजलाएगा; और पृ ी के गिहरे गड़हे म से उबार लेगा।
21 तू मे री बड़ाई को बढ़ाएगा, और िफर कर मुझे शा दे गा।।
22 हे मे रे परमे र, म भी तेरी स ाई का ध वाद सारं गी बजाकर गाऊंगा; हे इ ाएल के पिव म वीणा बजा कर ते रा भजन गाऊंगा।
23 जब म ते रा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने ाण से भी जो तू ने बचा िलया है , जयजयकार क ं गा।
24 और म तेरे धम की चचा िदन भर करता र ंगा; ोंिक जो मे री हािन के अिभलाषी थे, उनकी आशा टू ट गई और मुंह काले हो गए ह।।
भजन सं िहता 72
1 हे परमे र, राजा को अपना िनयम बता, राजपु को अपना धम िसखला!
2 वह तेरी जा का ाय धम से , और ते रे दीन लोगों का ाय ठीक ठीक चुकाएगा।
3 पहाडों और पहािड़यों से जा के िलये, धम के ारा शा िमला करे गी
4 वह जा के दीन लोगों का ाय करे गा, और द र लोगों को बचाएगा; और अ े र करने वालों को चूर करे गा।।
5 जब तक सू य और च मा बने रहगे तब तक लोग पीढ़ी- पीढ़ी तेरा भय मानते रहगे।
6 वह घास की खूंटी पर बरसने वाले मह, और भू िम सी ंचने वाली झािड़यों के समान होगा।
7 उसके िदनों म धम फूले फलगे, और जब तक च मा बना रहे गा, तब तक शा ब त रहे गी।।
8 वह समु से समु तक और महानद से पृ ी की छोर तक भु ता करे गा।
9 उसके सा ने जंगल के रहने वाले घुटने टे कगे, और उसके श ु िम ी चाटगे ।
10 तश श और ीप ीप के राजा भट ले आएं गे , शेबा और सबा दोनों के राजा प ं चाएं गे।
11 सब राजा द वत करगे, जाित जाित के लोग उसके आधीन हो जाएं गे ।।
12 ोंिक वह दोहाई दे ने वाले द र को, और दु :खी और असहाय मनु का उ ार करे गा।
13 वह कंगाल और द र पर तरस खाएगा, और द र ों के ाणो को बचाएगा।
14 वह उनके ाणों को अ ेर और उप व से छु ड़ा लेगा; और उनका लो उसकी ि म अनमोल ठहरे गा।।
15 वह तो जीिवत रहेगा और शेबा के सोने म से उसको िदया जाएगा। लोग उसके िलये िन ाथना करगे ; और िदन भर उसको ध कहते रहगे।
16 दे श म पहाड़ों की चोिटयों पर ब त सा अ होगा; िजसकी बाल लबानोन के दे वदारों की नाईं झूमगी; और नगर के लोग घास की नाईं लहलहाएं गे।
17 उसका नाम सदा सवदा बना रहेगा; जब तक सूय बना रहेगा, तब तक उसका नाम िन नया होता रहे गा, और लोग अपने को उसके कारण ध िगनगे, सारी जाितयां उसको
भा वान कहगी।।
18 ध है , यहोवा परमे र जो इ ाएल का परमे र है; आ य कम केवल वही करता है ।
19 उसका मिहमायु नाम सवदा ध रहेगा; और सारी पृ ी उसकी मिहमा से प रपू ण होगी। आमीन िफर आमीन।।
20 ियशै के पु दाऊद की ाथना समा ई।।
भजन सं िहता 73
1 सचमुच इ ाएल के िलये अथात शु मन वालों के िलये परमे र भला है।
2 मे रे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग िफसलने ही पर थे ।
3 ोंिक जब म दु ों का कुशल दे खता था, तब उन घम यों के िवषय डाह करता था।।
4 ोंिक उनकी मृ ु म वेदनाएं नही ं होती ं, पर ु उनका बल अटू ट रहता है।
5 उन को दू सरे मनु ों की नाईं क नहीं होता; और और मनु ों के समान उन पर िवपि नहीं पड़ती।
6 इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उप व है ।
7 उनकी आं ख चब से झलकती ह, उनके मन की भवनाएं उम ती ह।
8 वे ठ ा मारते ह, और दु ता से अ ेर की बात बोलते ह;
9 वे डी ंग मारते ह। वे मानों ग म बैठे ए बोलते ह, और वे पृ ी म बोलते िफरते ह।।
10 तौभी उसकी जा इधर लौट आएगी, और उन को भरे ए ाले का जल िमले गा।
11 िफर वे कहते ह, ई र कैसे जानता है? ा परम धान को कुछ ान है?
12 दे खो, ये तो दु लोग ह; तौभी सदा सुभागी रहकर, धन स ि बटोरते रहते ह।
13 िन य, म ने अपने दय को थ शु िकया और अपने हाथों को िनद षता म धोया है;
14 ोंिक म िदन भर मार खाता आया ं और ित भोर को मेरी ताड़ना होती आई है ।।
15 यिद म ने कहा होता िक म ऐसा ही क ंगा, तो दे ख म तेरे लड़कों की स ान के साथ ू रता का वहार करता,
16 जब म सोचने लगा िक इसे म कैसे समझूं, तो यह मेरी ि म अित किठन सम ा थी,
17 जब तक िक म ने ई र के पिव थान म जा कर उन लोगों के प रणाम को न सोचा।
18 िन य तू उ िफसलने वाले थानों म रखता है; और िगराकर स ानाश कर दे ता है।
19 अहा, वे ण भर म कैसे उजड़ गए ह! वे िमट गए, वे घबराते घबराते नाश हो गए ह।
20 जैसे जागने हारा को तु जानता है, वैसे ही हे भु जब तू उठे गा, तब उन को छाया सा समझ कर तु जानेगा।।
21 मेरा मन तो िचड़िचड़ा हो गया, मेरा अ :करण िछद गया था,
22 म तो पशु सरीखा था, और समझता न था, म तेरे संग रह कर भी, पशु बन गया था।
23 तौभी म िनर र तेरे संग ही था; तू ने मेरे दािहने हाथ को पकड़ रखा।
24 तू स ित दे ता आ, मेरी अगुवाई करे गा, और तब मे री मिहमा कर के मु झ को अपने पास रखेगा।
25 ग म मे रा और कौन है? तेरे संग रहते ए म पृ ी पर और कुछ नहीं चाहता।
26 मेरे दय और मन दोनों तो हार गए ह, पर ु परमे र सवदा के िलये मे रा भाग और मेरे दय की च ान बना है।।
27 जो तुझ से दू र रहते ह वे तो नाश होंगे; जो कोई तेरे िव िभचार करता है , उसको तू िवनाश करता है ।
28 पर ु परमे र के समीप रहना, यही मेरे िलये भला है; म ने भु यहोवा को अपना शरण थान माना है , िजस से म तेरे सब कामों का वणन क ं ।।
भजन सं िहता 74
1 हे परमे र, तू ने हम ों सदा के िलये छोड़ िदया है? तेरी कोपाि का धुआं ते री चराई की भड़ों के िव ों उठ रहा है ?
2 अपनी म ली को िजसे तू ने ाचीन काल म मोल िलया था, और अपने िनज भाग का गो होने के िलये छु ड़ा िलया था, और इस िस ोन पवत को भी, िजस पर तू ने वास िकया था,
ारण कर!
3 अपने डग सनातन की खंडहर की ओर बढ़ा; अथात उन सब बु राइयों की ओर जो श ु ने पिव थान म िकए ह।।
4 तेरे ोही तेरे सभा थान के बीच गरजते रहे ह; उ ोंने अपनी ही जाओं को िच ठहराया है । वे उन मनु ों के समान थे
5 जो घने वन के पेड़ों पर कु ाड़े चलाते ह।
6 और अब वे उस भवन की न ाशी को, कु ािडयों और हथौड़ों से िबलकुल तोड़े डालते ह।
7 उ ोंने तेरे पिव थान को आग म झोंक िदया है , और तेरे नाम के िनवास को िगरा कर अशु कर डाला है।
8 उ ोंने मन म कहा है िक हम इन को एकदम दबा द; उ ोंने इस दे श म ई र के सब सभा थानों को फूंक िदया है।।
9 हम को हमारे िनशान नही ं दे ख पड़ते; अब कोई नबी नही ं रहा, न हमारे बीच कोई जानता है िक कब तक यह दशा रहे गी।
10 हे परमे र ोही कब तक नामधराई करता रहेगा? ा श ु, तेरे नाम की िन ा सदा करता रहे गा?
11 तू अपना दिहना हाथ ों रोके रहता है ? उसे अपने पांजर से िनकाल कर उनका अ कर दे ।।
12 परमे र तो ाचीन काल से मेरा राजा है, वह पृ ी पर उ ार के काम करता आया है ।
13 तू ने अपनी श से समु को दो भाग कर िदया; तू ने जल म मगरम ों के िसरों को फोड़ िदया।
14 तू ने तो िल ातानों के िसर टु कड़े टु कड़े कर के जंगली ज ुओं को खला िदए।
15 तू ने तो सोता खोल कर जल की धारा बहाई, तू ने तो बारहमासी निदयों को सु खा डाला।
16 िदन ते रा है रात भी तेरी है; सूय और च मा को तू ने थर िकया है ।
17 तू ने तो पृ ी के सब िसवानों को ठहराया; धूपकाल और जाड़ा दोनों तू ने ठहराए ह।।
18 हे यहोवा रण कर, िक श ु ने नामधराई की है, और मूढ़ लोगों ने तेरे नाम की िन ा की है।
19 अपनी िप ु की के ाण को वनपशु के वश म न कर; अपने दीन जनों को सदा के िलये न भूल
20 अपनी वाचा की सुिध ले; ोंिक दे श के अ ेरे थान अ ाचार के घरों से भरपूर ह।
21 िपसे ए जन को िनरादर हो कर लौटना न पड़े ; दीन द र लोग तेरे नाम की ुित करने पाएं ।।
22 हे परमे र उठ, अपना मुक मा आप ही लड़; तेरी जो नामधराई मू ढ़ से िदन भर होती रहती है , उसे रण कर।
23 अपने ोिहयों का बड़ा बोल न भूल, तेरे िवरोिधयों का कोलाहल तो िनर र उठता रहता है ।
भजन सं िहता 75
1 हे परमे र हम तेरा ध वाद करते, हम तेरा नाम का ध वाद करते ह; ोंिक तेरा नाम गट आ है , ते रे आ यकम का वणन हो रहा है।।
2 जब ठीक समय आएगा तब म आप ही ठीक ठीक ाय क ं गा।
3 पृ ी अपने सब रहने वालों समेत डोल रही है, म ने उसके ख ों को थर कर िदया है ।
4 म ने घमं िडयों से कहा, घमंड मत करो, और दु ों से, िक सी ंग ऊंचा मत करो;
5 अपना सी ंग ब त ऊंचा मत करो, न िसर उठा कर िढठाई की बात बोलो।।
6 ोंिक बढ़ती न तो पूरब से न प म से, और न जंगल की ओर से आती है ;
7 पर ु परमे र ही ायी है, वह एक को घटाता और दू सरे को बढ़ाता है।
8 यहोवा के हाथ म एक कटोरा है, िजस म का दाखमधु झाग वाला है; उस म मसाला िमला है , और वह उस म से उं डेलता है, िन य उसकी तलछट तक पृ ी के सब लोग पी
जाएं गे ।।
9 पर ु म तो सदा चार करता र ंगा, म याकूब के परमे र का भजन गां ऊगा।
10 दु ों के सब सी ंगों को म काट डालूंगा, पर ु धम के सी ंग ऊंचे िकए जाएं गे।
भजन सं िहता 76
1 परमे र य दा म जाना गया है, उसका नाम इ ाएल म महान आ है ।
2 और उसका म प शालेम म, और उसका धाम िस ोन म है ।
3 वहां उसने चमचमाते तीरों को, और ढाल और तलवार को तोड़कर, िनदान लड़ाई ही को तोड़ डाला है ।।
4 हे परमे र तू तो ोितमय है; तू अहेर से भरे ए पहाड़ों से अिधक उ म और महान है ।
5 ढ़ मन वाले लु ट गए, और भरी नी ंद म पड़े ह;
6 और शूरवीरों म से िकसी का हाथ न चला। हे याकूब के परमे र, तेरी घु ड़की से, रथों समेत घोड़े भारी नींद म पड़े ह।
7 केवल तू ही भय यो है; और जब तू ोध करने लगे, तब तेरे सा ने कौन खड़ा रह सकेगा?
8 तू ने ग से िनणय सुनाया है; पृ ी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही,
9 जब परमे र ाय करने को, और पृ ी के सब न लोगों का उ ार करने को उठा।।
10 िन य मनु की जलजलाहट तेरी ुित का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
11 अपने परमे र यहोवा की म त मानो, और पूरी भी करो; वह जो भय के यो है , उसके आस पास के सब उसके िलये भट ले आएं ।
12 वह तो धानों का अिभमान िमटा दे गा; वह पृ ी के राजाओं को भय यो जान पड़ता है ।।
भजन सं िहता 77
1 म परमे र की दोहाई िच ा िच ाकर दू ं गा, म परमे र की दोहाई दू ं गा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा।
2 संकट के िदन म भु की खोज म लगा रहा; रात को मे रा हाथ फैला रहा, और ढीला न आ, मु झ म शां ित आई ही नही ं।
3 म परमे र का रण कर कर के करहाता ं; म िच ा करते करते मूिछत हो चला ं । (से ला)
4 तू मु झे झप ी लगने नहीं दे ता; म ऐसा घबराया ं िक मेरे मुं ह से बात नहीं िनकलती।।
5 मने ाचीन काल के िदनों को, और युग युग के वष को सोचा है।
6 म रात के समय अपने गीत को रण करता; और मन म ान करता ं , और मन म भली भांित िवचार करता ं:
7 ा भु यु ग युग के िलये छोड़ दे गा; और िफर कभी स न होगा?
8 ा उसकी क णा सदा के िलये जाती रही? ा उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के िलये िन ल हो गया है ?
9 ा ई र अनु ह करना भूल गया? ा उसने ोध कर के अपनी सब दया को रोक रखा है ? (से ला)
10 मैने कहा यह तो मेरी दु बलता ही है, पर ु म परम धान के दािहने हाथ के वष को िवचारता ं।।
11 म याह के बड़े कामों की चचा क ं गा; िन य म तेरे ाचीन काल वाले अद् भुत कामों को रण क ं गा।
12 म ते रे सब कामों पर ान क ं गा, और ते रे बड़े कामों को सोचूंगा।
13 हे परमे र ते री गित पिव ता की है। कौन सा दे वता परमे र के तु बड़ा है ?
14 अद् भु त काम करने वाला ई र तू ही है , तू ने अपने दे श दे श के लोगों पर अपनी श गट की है।
15 तू ने अपने भुजबल से अपनी जा, याकूब और यूसुफ के वंश को छु ड़ा िलया है।। (से ला)
16 हे परमे र समु ने तुझे दे खा, समु तुझे दे ख कर ड़र गया, गिहरा सागर भी कांप उठा।
17 मेघों से बड़ी वषा ई; आकाश से श आ; िफर तेरे तीर इधर उधर चले।
18 बव र म तेरे गरजने का श सुन पड़ा था; जगत िबजली से कािशत आ; पृ ी कां पी और िहल गई।
19 तेरे माग समु म है, और तेरा रा ा गिहरे जल म आ; और ते रे पां वों के िच मालू म नहीं होते।
20 तू ने मू सा और हा न के ारा, अपनी जा की अगु वाई भेड़ों की सी की।।
भजन सं िहता 78
1 हे मे रे लोगों, मेरी िश ा सुनो; मे रे वचनों की ओर कान लगाओ!
2 म अपना मूंह नीितवचन कहने के िलये खोलूंगा; म ाचीन काल की गु बात क ं गा,
3 िजन बातों को हम ने सुना, ओर जान िलया, और हमारे बाप दादों ने हम से वणन िकया है ।
4 उ े हम उनकी स ान से गु न रखग, पर ु होनहार पीढ़ी के लोगों से, यहोवा का गुणानुवाद और उसकी सामथ और आ यकम का वणन करग।।
5 उसने तो याकूब म एक िचतौनी ठहराई, और इ ाएल म एक व था चलाई, िजसके िवषय उसने हमारे िपतरों को आ ा दी, िक तुम इ े अपने अपने लड़के बालों को बताना;
6 िक आने वाली पीढ़ी के लोग, अथात जो लड़के बाले उ होने वाले ह, वे इ े जान; और अपने अपने लड़के बालों से इनका बखान करने म उ त हों, िजस से वे परमे र का आसरा
रख,
7 और ई र के बड़े कामों को भूल न जाएं , पर ु उसकी आ ाओं का पालन करते रह;
8 और अपने िपतरों के समान न हों, ोंिक उस पीढ़ी के लोग तो हठीले और झगड़ालू थे, और उ ोंने अपना मन थर न िकया था, और न उनकी आ ा ई र की ओर स ी रही।।
9 ए ेमयों ने तो श ाधारी और धनुधारी होने पर भी, यु के समय पीठ िदखा दी।
10 उ ोंने परमे र की वाचा पू री नहीं की, और उसकी व था पर चलने से इनकार िकया।
11 उ ोंने उसके बड़े कामों को और जो आ यकम उसने उनके सा ने िकए थे , उन को भु ला िदया।
12 उसने तो उनके बाप दादों के स ुख िम दे श के सोअन के मैदान म अद् भु त कम िकए थे ।
13 उसने समु को दो भाग कर के उ े पार कर िदया, और जल को ढ़े र की नाईं खड़ा कर िदया।
14 और उसने िदन को बादल के ख ों से और रात भर अि के काश के ारा उनकी अगु वाई की।
15 वह जं गल म च ान फाड़कर, उन को मानो गिहरे जलाशयों से मनमाने िपलाता था।
16 उसने च ान से भी धाराएं िनकाली ं और निदयों का सा जल बहाया।।
17 तौभी वे िफर उसके िव अिधक पाप करते गए, और िनजल दे श म परम धान के िव उठते रहे।
18 और अपनी चाह के अनुसार भोजन मांग कर मन ही मन ई र की परी ा की।
19 वे परमे र के िव बोले, और कहने लगे, ा ई र जंगल म मेज लगा सकता है ?
20 उसने च ान पर मार के जल बहा तो िदया, और धाराएं उम ड़ चली, पर ु ा वह रोटी भी दे सकता है ? ा वह अपनी जा के िलये मांस भी तैयार कर सकता?
21 यहोवा सुनकर ोध से भर गया, तब याकूब के बीच आग लगी, और इ ाएल के िव ोध भड़का;
22 इसिलये िक उ ोंने परमे र पर िव ास नहीं रखा था, न उसकी उ ार करने की श पर भरोसा िकया।
23 तौभी उसने आकाश को आ ा दी, और ग के ारों को खोला;
24 और उनके िलये खाने को म ा बरसाया, और उ े ग का अ िदया।
25 उन को शूरवीरों की सी रोटी िमली; उसने उन को मनमाना भोजन िदया।
26 उसने आकाश म पुरवाई को चलाया, और अपनी श से द नी बहाई;
27 और उनके िलये मांस धूिल की नाईं ब त बरसाया, और समु के बालू के समान अनिगिनत प ी भेजे;
28 और उनकी छावनी के बीच म, उनके िनवासों के चारों ओर िगराए।
29 और वे खाकर अित तृ ए, और उसने उनकी कामना पूरी की।
30 उनकी कामना बनी ही रही, उनका भोजन उनके मुंह ही म था,
31 िक परमे र का ोध उन पर भड़का, और उसने उनके पु ों को घात िकया, और इ ाएल के जवानों को िगरा िदया।।
32 इतने पर भी वे और अिधक पाप करते गए; और परमे र के आ यकम की तीित न की।
33 तब उसने उनके िदनों को थ म म, और उनके वष को घबराहट म कटवाया।
34 जब जब वह उ े घात करने लगता, तब तब वे उसको पू छते थे ; और िफरकर ई र को य से खोजते थे ।
35 और उन को रण होता था िक परमे र हमारी च ान है, और परम धान ई र हमारा छु ड़ाने वाला है ।
36 तौभी उ ोंने उस से चापलूसी की; वे उस से झूठ बोले।
37 ोंिक उनका दय उसकी ओर ढ़ न था; न वे उसकी वाचा के िवषय स े थे ।
38 पर ु वह जो दयालु है, वह अधम को ढांपता, और नाश नही ं करता; वह बारबार अपने ोध को ठ ा करता है , और अपनी जलजलाहट को पूरी रीित से भड़कने नहीं दे ता।
39 उसको रण आ िक ये नाशमान ह, ये वायु के समान ह जो चली जाती और लौट नहीं आती।
40 उ ोंने िकतनी ही बार जंगल म उस से बलवा िकया, और िनजल दे श म उसको उदास िकया!
41 वे बारबार ई र की परी ा करते थे, और इ ाएल के पिव को खेिदत करते थे।
42 उ ोने न तो उसका भुजबल रण िकया, न वह िदन जब उसने उन को ोही के वश से छु ड़ाया था;
43 िक उसने ोंकर अपने िच िम म, और अपने चम ार सोअन के मैदान म िकए थे ।
44 उसने तो िम यों की नहरों को लो बना डाला, और वे अपनी निदयों का जल पी न सके।
45 उसने उनके बीच म डांस भेजे िज ोंने उ े काट खाया, और मढक भी भे जे, िज ोंने उनका िबगाड़ िकया।
46 उसने उनकी भूिम की उपज कीड़ों को, और उनकी खेतीबारी िट यों को खला दी थी।
47 उसने उनकी दाखलताओं को ओेलों से, और उनके गूलर के पे ड़ों को बड़े बड़े प र बरसा कर नाश िकया।
48 उसने उनके पशुओं को ओलों से, और उनके ढोरों को िबजिलयों से िमटा िदया।
49 उसने उनके ऊपर अपना च ोध और रोष भड़काया, और उ े सं कट म डाला, और दु खदाई दू तों का दल भेजा।
50 उसने अपने ोध का माग खोला, और उनके ाणों को मृ ु से न बचाया, पर ु उन को मरी के वश म कर िदया।
51 उसने िम के सब पिहलौठों को मारा, जो हाम के डे रों म पौ ष के पिहले फल थे;
52 पर ु अपनी जा को भेड़- बक रयों की नाईं थान कराया, और जंगल म उनकी अगु वाई पशुओं के झु की सी की।
53 तब वे उसके चलाने से बेखटके चले और उन को कुछ भय न आ, पर ु उनके श ु समु म डूब गए।
54 और उसने उन को अपने पिव दे श के िसवाने तक, इसी पहाड़ी दे श म प ंचाया, जो उसने अपने दािहने हाथ से ा िकया था।
55 उसने उनके सा ने से अ जाितयों को भगा िदया; और उनकी भूिम को डोरी से माप माप कर बां ट िदया; और इ ाएल के गो ों को उनके डे रों म बसाया।।
56 तौभी उ ोने परम धान परमे र की परी ा की और उस से बलवा िकया, और उसकी िचतौिनयों को न माना,
57 और मु ड़ कर अपने पुरखाओं की नाईं िव ासघात िकया; उ ोंने िनक े धनु ष की नाईं धोखा िदया।
58 ोंिक उ ोंने ऊंचे थान बनाकर उसको रस िदलाई, और खु दी ई मुितयों के ारा उस म जलन उपजाई।
59 परमे र सुनकर रोष से भर गया, और उसने इ ाएल को िबलकुल तज िदया।
60 उसने शीलो के िनवास, अथात उस त ु को जो उसने मनु ों के बीच खडा िकया था, ाग िदया,
61 और अपनी सामथ को ब ुआई म जाने िदया, और अपनी शोभा को ोही के वश म कर िदया।
62 उसने अपनी जा को तलवार से मरवा िदया, और अपने िनज भाग के लोगों पर रोष से भर गया।
63 उन के जवान आग से भ ए, और उनकी कुमा रयों के िववाह के गीत न गाए गए।
64 उनके याजक तलवार से मारे गए, और उनकी िवधवाएं रोने न पाईं।
65 तब भु मानो नीद ं से चौंक उठा, और ऐसे वीर के समान उठा जो दाखमधु पीकर ललकारता हो।
66 और उसने अपने ोिहयों को मार कर पीछे हटा िदया; और उनकी सदा की नामधराई कराई।।
67 िफर उसने यूसुफ के त ू को तज िदया; और ए ैम के गो ा को न चुना;
68 पर ु य दा ही के गो को, और अपने ि य िस ोन पवत को चुन िलया।
69 उसने अपने पिव थान को ब त ऊंचा बना िदया, और पृ ी के समान थर बनाया, िजसकी ने व उसने सदा के िलये डाली है।
70 िफर उसने अपने दास दाऊद को चुन कर भेड़शालाओं म से ले िलया;
71 वह उसको ब े वाली भे ड़ों के पीछे पीछे िफरने से ले आया िक वह उसकी जा याकूब की अथात उसके िनज भाग इ ाएल की चरवाही करे ।
72 तब उसने खरे मन से उनकी चरवाही की, और अपने हाथ की कुशलता से उनकी अगु वाई की।।
भजन सं िहता 79
1 हे परमे र अ जाितयां तेरे िनज भग म घुस आई; उ ोंने तेरे पिव म र को अशु िकया; और य शलेम को खंडहर कर िदया है।
2 उ ोंने तेरे दासों की लोथों को आकाश के पि यों का आहार कर िदया, और तेरे भ ों का मांस वनपशुओ को खला िदया है।
3 उ ोंने उनका लो य शले म के चारों ओर जल की नाईं बहाया, और उन को िम ी दे ने वाला कोई न था।
4 पड़ोिसयों के बीच हमारी नामधराई ई; चारों ओर के रहने वाले हम पर हंसते, और ठ ा करते ह।।
5 हे यहोवा, तू कब तक लगातार ोध करता रहेगा? तुझ म आग की सी जलन कब तक भड़कती रहे गी?
6 जो जाितयां तु झ को नहीं जानती, और िजन रा ों के लोग तु झ से ाथना नही ं करते , उ ी पर अपनी सब जलजलाहट भड़का!
7 ोंिक उ ोंने याकूब को िनगल िलया, और उसके वास थान को उजाड़ िदया है ।
8 हमारी हािन के िलये हमारे पुरखाओं के अधम के कामों को रण न कर; ते री दया हम पर शी हो, ोंिक हम बड़ी दु दशा म पड़े ह।
9 हे हमारे उ ारकता परमे र, अपने नाम की मिहमा के िनिमत हमारी सहायता कर; और अपने नाम के िनिमत हम को छु ड़ा कर हमारे पापों को ढां प दे ।
10 अनयजाितयां ों कहने पाएं िक उनका परमे र कहां रहा? अ जाितयों के बीच तेरे दासों के खून का पलटा लेना हमारे दे खते उ मालूम हो जाए।।
11 ब ुओं का कराहना तेरे कान तक प ंचे; घात होने वालों को अपने भुजबल के ारा बचा।
12 और हे भु, हमारे पड़ोिसयों ने जो तेरी िन ा की है, उसका सातगु णा बदला उन को दे !
13 तब हम जो तेरी जा और तेरी चराई की भेड़ ह, तेरा ध वाद सदा करते रहगे ; और पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा गु णानु वाद करते रहग।।
भजन सं िहता 80
1 हे इ ाएल के चरवाहे , तू जो यूसुफ की अगुवाई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो क बों पर िवराजमान है, अपना तेज िदखा!
2 ए ैम, िब ामीन, और मन े के सा ने अपना परा म िदखा कर, हमारा उ ार करने को आ!
3 हे परमे र, हम को ों का ों कर दे ; और अपने मुख का काश चमका, तब हमारा उ ार हो जाएगा!
4 हे सेनाओं के परमे र यहोवा, तू कब तक अपनी जा की ाथना पर ोिधत रहेगा?
5 तू ने आं सुओं को उनका आहार कर िदया, और मटके भर भर के उ आं सु िपलाए ह।
6 तू हम हमारे पड़ोिसयों के झगड़ने का कारण कर दे ता है; और हमारे श ु मनमाने ठ ा करते ह।।
7 हे सेनाओं के परमे र, हम को ों का ों कर दे ; और अपने मुख का काश हम पर चमका, तब हमारा उ ार हो जाएगा।।
8 तू िम से एक दाखलता ले आया; और अ जाितयों को िनकाल कर उसे लगा िदया।
9 तू ने उसके िलये थान तैयार िकया है; और उसने जड़ पकड़ी और फैल कर दे श को भर िदया।
10 उसकी छाया पहाड़ों पर फैल गई, और उसकी डािलयां ई र के दे वदारों के समान ईं;
11 उसकी शाखाएं समु तक बढ़ गई, और उसके अंकुर महानद तक फैल गए।
12 िफर तू ने उसके बाड़ों को ों िगरा िदया, िक सब बटोही उसके फलों को तोड़ते ह?
13 जंगली सूअर उसको नाश िकए डालता है, और मैदान के सब पशु उसे चर जाते ह।।
14 हे सेनाओं के परमे र, िफर आ! ग से ान दे कर दे ख, और इस दाखलता की सुिध ले,
15 ये पौधा तू ने अपने दािहने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तू ने अपने िलये ढ़ की है ।
16 वह जल गई, वह कट गई है; तेरी घुड़की से वे नाश होते ह।
17 तेरे दािहने हाथ के स ाले अ पु ष पर तेरा हाथ रखा रहे, उस आदमी पर, िजसे तू ने अपने िलये ढ़ िकया है ।
18 तब हम लोग तुझ से न मुड़गे: तू हम को िजला, और हम तुझ से ाथना कर सकगे ।
19 हे सेनाओं के परमे र यहोवा, हम को ों का ों कर दे ! और अपने मुख का काश हम पर चमका, तब हमारा उ ार हो जाएगा!
भजन सं िहता 81
1 परमे र जो हमारा बल है, उसका गीत आन से गाओ; याकूब के परमे र का जयजयकार करो!
2 भजन उठाओ, डफ और मधुर बजने वाली वीणा और सारं गी को ले आओ।
3 नये चाँद के िदन, और पूणमासी को हमारे पव के िदन नरिसं गा फूंको।
4 ोंिक यह इ ाएल के िलये िविध, और याकूब के परमे र का ठहराया आ िनयम है ।
5 इस को उसने यूसुफ म िचतौनी की रीित पर उस समय चलाया, जब वह िम दे श के िव चला।। वहां म ने एक अनजानी भाषा सुनी;
6 म ने उनके क ों पर से बोझ को उतार िदया; उनका टोकरी ढोना छु ट गया।
7 तू ने संकट म पड़ कर पुकारा, तब म ने तुझे छु ड़ाया; बादल गरजने के गु थान म से म ने तेरी सुनी, और मरीबा नाम सोते के पास तेरी परी ा की। (सेला)
8 हे मे री जा, सुन, म तुझे िचता दे ता ं! हे इ ाएल भला हो िक तू मेरी सु ने!
9 तेरे बीच म पराया ई र न हो; और न तू िकसी पराए दे वता को द वत करना!
10 तेरा परमे र यहोवा म ं, जो तुझे िम दे श से िनकाल लाया है। तू अपना मुं ह पसार, म उसे भर दू ं गा।।
11 पर ु मेरी जा ने मेरी न सुनी; इ ाएल ने मुझ को न चाहा।
12 इसिलये म ने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ िदया, िक वह अपनी ही यु यों के अनु सार चले।
13 यिद मे री जा मेरी सुने, यिद इ ाएल मेरे माग पर चले,
14 तो ण भर म उनके श ुओं को दबाऊं, और अपना हाथ उनके ोिहयों के िव चलाऊं।
15 यहोवा के बैरी तो उस के वश म हो जाते, और उनका अ सदाकाल तक बना रहता ह।
16 और उनको उ म से उ म गे ं खलाता, और म च ान म के मधु से उन को तृ क ं ।।
भजन सं िहता 82
1 परमे र की सभा म परमे र ही खड़ा है; वह ई रों के बीच म ाय करता है ।
2 तुम लोग कब तक टे ढ़ा ाय करते और दु ों का प ले ते रहोगे ?
3 कंगाल और अनाथों का ाय चुकाओ, दीन द र का िवचार धम से करो।
4 कंगाल और िनधन को बचा लो; दु ों के हाथ से उ छु ड़ाओ।।
5 वे न तो कुछ समझते और न कुछ बूझते ह, पर ु अ ेरे म चलते िफरते रहते ह; पृ ी की पू री नीव िहल जाती है ।।
6 म ने कहा था िक तुम ई र हो, और सब के सब परम धान के पु हो;
7 तौभी तुम मनु ों की नाईं मरोगे , और िकसी धान के समान िगर जाओगे ।।
8 हे परमे र उठ, पृ ी का ाय कर; ोंिक तू ही सब जाितयों को अपने भाग म ले गा!
भजन सं िहता 83
1 हे परमे र मौन न रह; हे ई र चुप न रह, और न शांत रह!
2 ोंिक दे ख ते रे श ु धूम मचा रहे ह; और तेरे बै रयों ने िसर उठाया है।
3 वे चतुराई से तेरी जा की हािन की स ित करते, और तेरे रि त लोगों के िव यु यां िनकालते ह।
4 उ ोंने कहा, आओ, हम उन को ऐसा नाश कर िक रा भी िमट जाए; और इ ाएल का नाम आगे को रण न रहे।
5 उ ोंने एक मन हो कर यु िनकाली है, और तेरे ही िव वाचा बा ी है ।
6 ये तो एदोम के त ू वाले और इ ाइली, मोआबी और ी,
7 गबाली, अ ोनी, अमालेकी, और सोर समेत पिल ी ह।
8 इनके सं ग अ ू री भी िमल गए ह; उन से भी लू तवंिशयों को सहारा िमला है।
9 इन से ऐसा कर जैसा िम ािनयों से , और कीशोन नाले म सीसरा और याबीन से िकया था, जो ए ोर म नाश ए,
10 और भू िम के िलये खाद बन गए।
11 इनके रईसों को ओरे ब और जाएब सरीखे, और इनके सब धानों को जे बह और स ु ा के समान कर दे ,
12 िज ोंने कहा था, िक हम परमे र की चराइयों के अिधकारी आप ही हो जाएं ।।
13 हे मे रे परमे र इन को बव र की धूिल, वा पवन से उड़ाए ए भूसे के समान कर दे ।
14 उस आग की नाईं जो वन को भ करती है , और उस लौ की नाईं जो पहाड़ों को जला दे ती है,
15 तू इ े अपनी आं धी से भाग दे , और अपने बव र से घबरा दे !
16 इनके मुंह को अित ल त कर, िक हे यहोवा ये तेरे नाम को ढू ं ढ़।
17 ये सदा के िलये ल त और घबराए रह इनके मुं ह काले हों, और इनका नाश हो जाए,
18 िजस से यह जान िक केवल तू िजसका नाम यहोवा है, सारी पृ ी के ऊपर परम धान है।।
भजन सं िहता 84
1 हे सेनाओं के यहोवा, तेरे िनवास ा ही ि य ह!
2 मे रा ाण यहोवा के आं गनों की अिभलाषा करते करते मूिछत हो चला; मे रा तन मन दोनों जीवते ई र को पु कार रहे ।।
3 हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमे र, तेरी वेिदयों मे गौरै या ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला बना िलया है िजस म वह अपने ब े रखे।
4 ा ही ध ह वे, जो तेरे भवन म रहते ह; वे तेरी ुित िनर र करते रहगे ।।
5 ा ही ध है , वह मनु जो तुझ से श पाता है, और वे िजन को िस ोन की सड़क की सु िध रहती है ।
6 वे रोने की तराई म जाते ए उसको सोतों का थान बनाते ह; िफर बरसात की अगली वृि उसम आशीष ही आशीष उपजाती है।
7 वे बल पर बल पाते जाते ह; उन म से हर एक जन िस ोन म परमे र को अपना मुं ह िदखाएगा।।
8 हे सेनाओं के परमे र यहोवा, मेरी ाथना सुन, हे याकूब के परमे र, कान लगा!
9 हे परमे र, हे हमारी ढ़ाल, ि कर; और अपने अिभिष का मु ख दे ख!
10 ोंिक तेरे आं गनों म का एक िदन और कही ं के हजार िदन से उ म है । दु ों के डे रों म वास करने से अपने परमे र के भवन की डे वढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अिधक भावता है ।
11 ोंिक यहोवा परमे र सूय और ढाल है; यहोवा अनु ह करे गा, और मिहमा दे गा; और जो लोग खरी चाल चलते ह; उन से वह कोई अ ा पदाथ रख न छोड़े गा।
12 हे सेनाओं के यहोवा, ा ही ध वह मनु है, जो तु झ पर भरोसा रखता है!
भजन सं िहता 85
1 हे यहोवा, तू अपने दे श पर स आ, याकूब को ब ुआई से लौटा ले आया है।
2 तू ने अपनी जा के अधम को मा िकया है ; और उसके सब पापों को ढांप िदया है।
3 तू ने अपने रोष को शा िकया है; और अपने भड़के ए कोप को दू र िकया है ।।
4 हे हमारे उ ारकता परमे र हम को फेर, और अपना ोध हम पर से दू र कर!
5 ा तू हम पर सदा कोिपत रहेगा? ा तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहे गा?
6 ा तू हम को िफर न िजलाएगा, िक तेरी जा तुझ म आन करे ?
7 हे यहोवा अपनी क णा हम िदखा, और तू हमारा उ ार कर।।
8 म कान लगाए र ंगा, िक ई र यहोवा ा कहता है, वह तो अपनी जा से जो उसके भ है, शा की बात कहेगा; पर ु वे िफर के मूखता न करने लग।
9 िन य उसके डरवैयों के उ ार का समय िनकट है, तब हमारे दे श म मिहमा का िनवास होगा।।
10 क णा और स ाई आपस म िमल गई ह; धम और मे ल ने आपस म चु न िकया है।
11 पृ ी म से स ाई उगती और ग से धम झुकता है ।
12 िफर यहोवा उ म पदाथ दे गा, और हमारी भूिम अपनी उपज दे गी।
13 धम उसके आगे आगे चलेगा, और उसके पांवों के िच ों को हमारे िलये माग बनाएगा।।
भजन सं िहता 86
1 हे यहोवा कान लगा कर मेरी सुन ले, ोंिक म दीन और द र ं ।
2 मे रे ाण की र ा कर, ोंिक म भ ं; तू मेरा परमे र है , इसिलये अपने दास का, िजसका भरोसा तुझ पर है , उ ार कर।
3 हे भु मुझ पर अनु ह कर, ोंिक म तुझी को लगातार पु कारता रहता ं।
4 अपने दास के मन को आन त कर, ोंिक हे भु, म अपना मन तेरी ही ओर लगाता ं।
5 ोंिक हे भु, तू भला और मा करने वाला है, और िजतने तुझे पुकारते ह उन सभों के िलये तू अित क णामय है ।
6 हे यहोवा मे री ाथना की ओर कान लगा, और मेरे िगड़िगड़ाने को ान से सुन।
7 संकट के िदन म तु झ को पुका ं गा, ोंिक तू मे री सु न लेगा।।
8 हे भु दे वताओं म से कोई भी तेरे तु नहीं, और ने िकसी के काम तेरे कामों के बराबर ह।
9 हे भु िजतनी जाितयों को तू ने बनाया है, सब आकर तेरे सा ने द वत करगी, और ते रे नाम की मिहमा करगी।
10 ोंिक तू महान और आ य कम करने वाला है, केवल तू ही परमे र है।
11 हे यहोवा अपना माग मुझे िदखा, तब म तेरे स माग पर चलूं गा, मु झ को एक िच कर िक म ते रे नाम का भय मानूं।
12 हे भु हे मे रे परमे र म अपने स ूण मन से तेरा ध वाद क ं गा, और तेरे नाम की मिहमा सदा करता र ं गा।
13 ोंिक तेरी क णा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह म जाने से बचा िलया है ।।
14 हे परमे र अिभमानी लोग तो मेरे िव उठे ह, और बला ा रयों का समाज मेरे ाण का खोजी आ है, और वे ते रा कुछ िवचार नहीं रखते।
15 पर ु भु तू दयालु और अनु हकारी ई र है, तू िवल से कोप करने वाला और अित क णामय है ।
16 मेरी ओर िफर कर मुझ पर अनु ह कर; अपने दास को तू श दे , और अपनी दासी के पु का उ ार कर।।
17 मुझे भलाई का कोई ल ण िदखा, िजसे दे ख कर मेरे बैरी िनराश हों, ोंिक हे यहोवा तू ने आप मेरी सहायता की और मुझे शा दी है।।
भजन सं िहता 87
1 उसकी नेव पिव पवतों म है;
2 और यहोवा िस ोन के फाटकों को याकूब के सारे िनवासों से बढ़ कर ीित रखता है।
3 हे परमे र के नगर, तेरे िवषय मिहमा की बात कही गई ह।
4 म अपने जान- पहचान वालों से रहब और बाबेल की भी चचा क ं गा; पिल , सोर और कूश को दे खो, यह वहां उ आ था।
5 और िस ोन के िवषय म यह कहा जाएगा, िक अमुक अमुक मनु उस म उ आ था; और परम धान आप ही उसको थर रखेगा।
6 यहोवा जब दे श दे श के लोगों के नाम िलख कर िगन लेगा, तब यह कहे गा, िक यह वहां उ आ था।।
7 गवैये और नृ तक दोनों कहगे िक हमारे सब सोते तुझी म पाए जाते ह।।
भजन सं िहता 88
1 हे मे रे उ ारकता परमे र यहोवा, म िदन को और रात को तेरे आगे िच ाता आया ं ।
2 मे री ाथना तुझ तक प ंचे, मेरे िच ाने की ओर कान लगा!
3 ोंिक मेरा ाण ेश म भरा आ है, और मेरा ाण अधोलोक के िनकट प ं चा है ।
4 म कबर म पड़ने वालों म िगना गया ं; म बलहीन पु ष के समान हो गया ं ।
5 म मुद के बीच छोड़ा गया ं, और जो घात हो कर कबर म पड़े ह, िजन को तू िफर रण नहीं करता और वे तेरी सहायता रिहत ह, उनके समान म हो गया ं।
6 तू ने मुझे गड़हे के तल ही म, अ ेरे और गिहरे थान म रखा है ।
7 तेरी जलजलाहट मुझी पर बनी ई है , और तू ने अपने सब तरं गों से मुझे दु :ख िदया है;
8 तू ने मे रे पिहचान वालों को मुझ से दू र िकया है; और मुझ को उनकी ि म िघनौना िकया है । म ब ी ं और िनकल नही ं सकता;
9 दु :ख भोगते भोगते मेरी आं खे धु ला गई। हे यहोवा म लगातार तुझे पुकारता और अपने हाथ ते री ओर फैलाता आया ं ।
10 ा तू मुद के िलये अदभुत काम करे गा? ा मरे लोग उठ कर तेरा ध वाद करगे?
11 ा कबर म तेरी क णा का, और िवनाश की दशा म तेरी स ाई का वणन िकया जाएगा?
12 ा तेरे अदभु त काम अ कार म, वा तेरा धम िव ासघात की दशा म जाना जाएगा?
13 पर ु हे यहोवा, म ने तेरी दोहाई दी है; और भोर को मे री ाथना तुझ तक प ं चेगी।
14 हे यहोवा, तू मुझ को ों छोड़ता है ? तू अपना मुख मुझ से ों िछपाता रहता है?
15 म बचपन ही से दु :खी वरन अधमुआ ं, तुझ से भय खाते म अित ाकुल हो गया ं ।
16 तेरा ोध मुझ पर पड़ा है; उस भय से म िमट गया ं ।
17 वह िदन भर जल की नाईं मुझे घेरे रहता है; वह मेरे चारों ओर िदखाई दे ता है ।
18 तू ने िम और भाईब ु दोनों को मु झ से दू र िकया है; और मेरे जान-पिहचान वालों को अ कार म डाल िदया है ।।
भजन सं िहता 89
1 म यहोवा की सारी क णा के िवषय सदा गाता र ंगा; म तेरी स ाई पीढ़ी पीढ़ी तक जताता र ं गा।
2 ोंिक म ने कहा है, तेरी क णा सदा बनी रहेगी, तू ग म अपनी स ाई को थर रखे गा।
3 म ने अपने चुने ए से वाचा बा ी है, म ने अपने दास दाऊद से शपथ खाई है ,
4 िक म तेरे वंश को सदा थर रखूंगा; और तेरी राजग ी को पीढ़ी पीढ़ी तक बनाए रखूं गा।
5 हे यहोवा, ग म तेरे अद् भुत काम की, और पिव ों की सभा म तेरी स ाई की शंसा होगी।
6 ोंिक आकाश म ल म यहोवा के तु कौन ठहरे गा? बलव ों के पु ों म से कौन है िजसके साथ यहोवा की उपमा दी जाएगी?
7 ई र पिव ों की गो ी म अ ित ा के यो , और अपने चारों ओर सब रहने वालों से अिधक भय यो है ।
8 हे सेनाओं के परमे र यहोवा, हे याह, तेरे तु कौन सामथ है? तेरी स ाई तो तेरे चारों ओर है!
9 समु के गव को तू ही तोड़ता है; जब उसके तरं ग उठते ह, तब तू उन को शा कर दे ता है ।
10 तू ने रहब को घात िकए ए के समान कुचल डाला, और अपने श ुओं को अपने बा बल से िततर िबतर िकया है ।
11 आकाश ते रा है , पृ ी भी तेरी है; जगत और जो कुछ उस म है, उसे तू ही ने थर िकया है ।
12 उ र और द न को तू ही ने िसरजा; ताबोर और हे म न तेरे नाम का जयजयकार करते ह।
13 तेरी भुजा बलव है; तेरा हाथ श मान और तेरा दिहना हाथ बल है ।
14 तेरे िसं हासन का मू ल, धम और ाय है; क णा और स ाई तेरे आगे आगे चलती है ।
15 ा ही ध है वह समाज जो आन के ललकार को पिहचानता है ; हे यहोवा, वे लोग ते रे मु ख के काश म चलते ह,
16 वे तेरे नाम के हेतु िदन भर मगन रहते ह, और तेरे धम के कारण महान हो जाते ह।
17 ोंिक तू उनके बल की शोभा है, और अपनी स ता से हमारे सी ंग को ऊंचा करे गा।
18 ोंिक हमारी ढाल यहोवा की ओर से है हमारा राजा इ ाएल के पिव की ओर से है ।।
19 एक समय तू ने अपने भ को दशन दे कर बात की; और कहा, म ने सहायता करने का भार एक वीर पर रखा है , और जा म से एक को चुन कर बढ़ाया है।
20 म ने अपने दास दाऊद को ले कर, अपने पिव तेल से उसका अिभषेक िकया है।
21 मेरा हाथ उसके साथ बना रहेगा, और मेरी भुजा उसे ढ़ रखेगी।
22 श ु उसको तंग करने न पाएगा, और न कुिटल जन उसको दु :ख दे ने पाएगा।
23 म उसके ोिहयों को उसके सा ने से नाश क ं गा, और उसके बै रयों पर िवपि डालूं गा।
24 पर ु मेरी स ाई और क णा उस पर बनी रहगी, और मेरे नाम के ारा उसका सींग ऊंचा हो जाएगा।
25 म समु को उसके हाथ के नीचे और महानदों को उसके दािहने हाथ के नीचे कर दू ं गा।
26 वह मु झे पुकार के कहेगा, िक तू मेरा िपता है, मेरा ई र और मे रे बचने की च ान है ।
27 िफर म उसको अपना पिहलौठा, और पृ ी के राजाओं पर धान ठहराऊंगा।
28 म अपनी क णा उस पर सदा बनाए र ंगा, और मेरी वाचा उसके िलये अटल रहे गी।
29 म उसके वंश को सदा बनाए रखूंगा, और उसकी राजग ी ग के समान सवदा बनी रहे गी।
30 यिद उसके वंश के लोग मेरी व था को छोड़ और मेरे िनयमों के अनुसार न चल,
31 यिद वे मे री िविधयों का उ ंघन कर, और मेरी आ ाओं को न मान,
32 तो म उनके अपराध का द सोंट से, और उनके अधम का द कोड़ों से दू ं गा।
33 पर ु म अपनी क णा उस पर से न हटाऊंगा, और न स ाई ाग कर झूठा ठह ं गा।
34 म अपनी वाचा न तोडूंगा, और जो मेरे मुंह से िनकल चुका है, उसे न बदलूं गा।
35 एक बार म अपनी पिव ाता की शपथ खा चुका ं; म दाऊद को कभी धोखा न दू ं गा।
36 उसका वंश सवदा रहेगा, और उसकी राजग ी सूय की नाईं मे रे स ु ख ठहरी रहेगी।
37 वह च मा की नाईं, और आकाश म ल के िव ास यो सा ी की नाईं सदा बना रहेगा।
38 तौभी तू ने अपने अिभिष को छोड़ा और उसे तज िदया, और उस पर अित ोध िकया है ।
39 तू अपने दास के साथ की वाचा से िघनाया, और उसके मु कुट को भूिम पर िगरा कर अशु िकया है ।
40 तू ने उसके सब बाड़ों को तोड़ डाला है, और उसके गढ़ों को उजाड़ िदया है ।
41 सब बटोही उसको लूट लेते ह, और उसके पड़ोिसयों म उसकी नामधराई होती है।
42 तू ने उसके ोिहयों को बल िकया; और उसके सब श ुओं को आन त िकया है।
43 िफर तू उसकी तलवार की धार को मोड़ दे ता है, और यु म उसके पां व जमने नहीं दे ता।
44 तू ने उसका तेज हर िलया है और उसके िसंहासन को भू िम पर पटक िदया है ।
45 तू ने उसकी जवानी को घटाया, और उसको ल ा से ढां प िदया है ।।
46 हे यहोवा तू कब तक लगातार मूंह फेरे रहेगा, तेरी जलजलाहट कब तक आग की नाईं भड़की रहे गी।।
47 मेरा रण कर, िक म कैसा अिन ं, तू ने सब मनु ों को ों थ िसरजा है ?
48 कौन पु ष सदा अमर रहेगा? ा कोई अपने ाण को अधोलोक से बचा सकता है ?
49 हे भु तेरी ाचीनकाल की क णा कहां रही, िजसके िवषय म तू ने अपनी स ाई की शपथ दाऊद से खाई थी?
50 हे भु अपने दासों की नामधराई की सुिध कर; म तो सब सामथ जाितयों का बोझ िलये रहता ं।
51 तेरे उन श ुओं ने तो हे यहोवा तेरे अिभिष के पीछे पड़ कर उसकी नामधराई की है ।।
52 यहोवा सवदा ध रहेगा! आमीन िफर आमीन।।
भजन सं िहता 90
1 हे भु , तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे िलये धाम बना है।
2 इस से पिहले िक पहाड़ उ ए, वा तू ने पृ ी और जगत की रचना की, वरन अनािदकाल से अन काल तक तू ही ई र है।।
3 तू मनु को लौटा कर चूर करता है, और कहता है, िक हे आदिमयों, लौट आओ!
4 ोंिक हजार वष ते री ि म ऐसे ह, जैसा कल का िदन जो बीत गया, वा रात का एक पहर।।
5 तू मनु ों को धारा म बहा दे ता है; वे से ठहरते ह, वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते ह।
6 वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और सांझ तक कट कर मुझा जाती है ।।
7 ोंिक हम ते रे ोध से नाश ए ह; और तेरी जलजलाहट से घबरा गए ह।
8 तू ने हमारे अधम के कामों से अपने स ुख, और हमारे िछपे ए पापों को अपने मुख की ोित म रखा है ।।
9 ोंिक हमारे सब िदन तेरे ोध म बीत जाते ह, हम अपने वष श की नाईं िबताते ह।
10 हमारी आयु के वष स र तो होते ह, और चाहे बल के कारण अ ी वष के भी हो जाएं , तौभी उनका घम केवल न और शोक ही शोक है; ोंिक वह ज ी कट जाती है, और
हम जाते रहते ह।
11 तेरे ोध की श को और तेरे भय के यो तेरे रोष को कौन समझता है ?
12 हम को अपने िदन िगनने की समझ दे िक हम बु मान हो जाएं ।।
13 हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा!
14 भोर को हम अपनी क णा से तृ कर, िक हम जीवन भर जयजयकार और आन करते रह।
15 िजतने िदन तू हम दु :ख दे ता आया, और िजतने वष हम ेश भोगते आए ह उतने ही वष हम को आन दे ।
16 तेरा काम ते रे दासों को, और तेरा ताप उनकी स ान पर गट हो।
17 और हमारे परमे र यहोवा की मनोहरता हम पर गट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे िलये ढ़ कर, हमारे हाथों के काम को ढ़ कर।।
भजन सं िहता 91
1 जो परम धान के छाए ए थान म बैठा रहे, वह सवश मान की छाया म िठकाना पाएगा।
2 म यहोवा के िवषय क ंगा, िक वह मेरा शरण थान और गढ़ है; वह मे रा परमे र है , म उस पर भरोसा रखूं गा।
3 वह तो तु झे बहेिलये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;
4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ म ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी स ाई ते रे िलये ढाल और िझलम ठहरे गी।
5 तू न रात के भय से डरे गा, और न उस तीर से जो िदन को उड़ता है ,
6 न उस मरी से जो अ ेरे म फैलती है, और न उस महारोग से जो िदन दु पहरी म उजाड़ता है ।।
7 तेरे िनकट हजार, और तेरी दािहनी ओर दस हजार िगरगे; पर ु वह तेरे पास न आएगा।
8 पर ु तू अपनी आं खों की ि करे गा और दु ों के अ को दे खेगा।।
9 हे यहोवा, तू मेरा शरण थान ठहरा है। तू ने जो परम धान को अपना धाम मान िलया है ,
10 इसिलये कोई िवपि तुझ पर न पड़े गी, न कोई दु :ख तेरे डे रे के िनकट आएगा।।
11 ोंिक वह अपने दू तों को तेरे िनिम आ ा दे गा, िक जहां कही ं तू जाए वे तेरी र ा कर।
12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लगे, ऐसा न हो िक तेरे पांवों म प र से ठे स लगे।
13 तू िसंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान िसंह और अजगर को लताड़े गा।
14 उसने जो मुझ से े ह िकया है, इसिलये म उसको छु ड़ाऊंगा; म उसको ऊंचे थान पर रखूंगा, ोंिक उसने मे रे नाम को जान िलया है।
15 जब वह मुझ को पु कारे , तब म उसकी सुनूंगा; संकट म म उसके संग र ंगा, म उसको बचा कर उसकी मिहमा बढ़ाऊंगा।
16 म उसको दीघायु से तृ क ं गा, और अपने िकए ए उ ार का दशन िदखाऊंगा।।
भजन सं िहता 92
1 यहोवा का ध वाद करना भला है, हे परम धान, तेरे नाम का भजन गाना;
2 ात:काल को ते री क णा, और ित रात तेरी स ाई का चार करना,
3 दस तार वाले बाजे और सारं गी पर, और वीणा पर ग ीर र से गाना भला है ।
4 ोंिक, हे यहोवा, तू ने मुझ को अपने काम से आन त िकया है ; और म तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार क ं गा।।
5 हे यहोवा, तेरे काम ा ही बड़े ह! तेरी क नाएं ब त ग ीर ह!
6 पशु समान मनु इस को नहीं समझता, और मूख इसका िवचार नही ं करता:
7 िक दु जो घास की नाईं फूलते- फलते ह, और सब अनथकारी जो फु त होते ह, यह इसिलये होता है , िक वे सवदा के िलये नाश हो जाएं ,
8 पर ु हे यहोवा, तू सदा िवराजमान रहेगा।
9 ोंिक हे यहोवा, ते रे श ु, हां तेरे श ु नाश होंगे; सब अनथकारी िततर िबतर होंगे।।
10 पर ु मेरा सी ंग तू ने जंगली सांढ़ का सा ऊंचा िकया है; म टटके तेल से चु पड़ा गया ं ।
11 और म अपने ोिहयों पर ि कर के, और उन कुकिमयों का हाल मे रे िव उठे थे , सु नकर स ु आ ं ।।
12 धम लोग खजू र की नाईं फूले फलगे, और लबानोन के दे वदार की नाईं बढ़ते रहगे।
13 वे यहोवा के भवन म रोपे जा कर, हमारे परमे र के आं गनों म फूले फलगे ।
14 वे पु राने होने पर भी फलते रहगे, और रस भरे और लहलहाते रहगे,
15 िजस से यह गट हो, िक यहोवा सीधा है; वह मेरी च ान है , और उस म कुिटलता कुछ भी नही ं।।
भजन सं िहता 93
1 यहोवा राजा है ; उसने माहा का पिहरावा पिहना है; यहोवा पिहरावा पिहने ए, और साम का फेटा बा े है । इस कारण जगत थर है , वह नही ं टलने का।
2 हे यहोवा, तेरी राजग ी अनािदकाल से थर है, तू सवदा से है ।।
3 हे यहोवा, महानदों का कोलाहल हो रहा है, महानदों का बड़ा श हो रहा है , महानद गरजते ह।
4 महासागर के श से, और समु की महातरं गों से, िवराजमान यहोवा अिधक महान है।।
5 तेरी िचतौिनयां अित िव ासयो ह; हे यहोवा तेरे भवन को यु ग युग पिव ता ही शोभा दे ती है।।
भजन सं िहता 94
1 हे यहोवा, हे पलटा लेने वाले ई र, हे पलटा लेने वाले ई र, अपना तेज िदखा!
2 हे पृ ी के ायी उठ; और घम ड़यों को बदला दे !
3 हे यहोवा, दु लोग कब तक, दु लोग कब तक डीग ं मारते रहगे?
4 वे बकते और िढ़ठाई की बात बोलते ह, सब अनथकारी बड़ाई मारते ह।
5 हे यहोवा, वे तेरी जा को पीस डालते ह, वे तेरे िनज भाग को दु :ख दे ते ह।
6 वे िवधवा और परदे शी का घात करते, और अनाथों को मार डालते ह;
7 और कहते ह, िक याह न दे खेगा, याकूब का परमे र िवचार न करे गा।।
8 तुम जो जा म पशु सरीखे हो, िवचार करो; और हे मूख तुम कब तक बु मान हो जाओगे ?
9 िजसने कान िदया, ा वह आप नही ं सुनता? िजसने आं ख रची, ा वह आप नही ं दे खता?
10 जो जाित जाित को ताड़ना दे ता, और मनु को ान िसखाता है , ा वह न समझाएगा?
11 यहोवा मनु की क नाओं को तो जानता है िक वे िम ा ह।।
12 हे याह, ा ही ध है वह पु ष िजस को तू ताड़ना दे ता है, और अपनी व था िसखाता है ,
13 ोंिक तू उसको िवपि के िदनों म उस समय तक चैन दे ता रहता है , जब तक दु ों के िलये गड़हा नहीं खोदा जाता।
14 ोंिक यहोवा अपनी जा को न तजेगा, वह अपने िनज भाग को न छोड़े गा;
15 पर ु ाय िफर धम के अनुसार िकया जाएगा, और सारे सीधे मन वाले उसके पीछे पीछे हो लगे।।
16 कुकिमयों के िव मेरी ओर कौन खड़ा होगा? मेरी ओर से अनथका रयों का कौन सा ना करे गा?
17 यिद यहोवा मेरा सहायक न होता, तो ण भर म मुझे चु पचाप हो कर रहना पड़ता।
18 जब म ने कहा, िक मेरा पांव िफसलने लगा है, तब हे यहोवा, तेरी क णा ने मु झे थाम िलया।
19 जब मेरे मन म ब त सी िच ाएं होती ह, तब हे यहोवा, तेरी दी ई शा से मुझ को सु ख होता है ।
20 ा तेरे और दु ों के िसंसाहन के बीच स होगी, जो कानून की आड़ म उ ात मचाते ह?
21 वे धम का ाण लेने को दल बा ते ह, और िनद ष को ाणद दे ते ह।
22 पर ु यहोवा मेरा गढ़, और मेरा परमे र मेरी शरण की च ान ठहरा है।
23 और उसने उनका अनथ काम उ ी ं पर लौटाया है , और वह उ उ ी ं की बु राई के ारा स ानाश करे गा; हमारा परमे र यहोवा उन को स ानाश करे गा।।
भजन सं िहता 95
1 आओ हम यहोवा के िलये ऊंचे र से गाएं , अपने उ ार की च ान का जयजयकार कर!
2 हम ध वाद करते ए उसके स ुख आएं , और भजन गाते ए उसका जयजयकार कर!
3 ोंिक यहोवा महान ई र है , और सब दे वताओं के ऊपर महान राजा है।
4 पृ ी के गिहरे थान उसी के हाथ म ह; और पहाड़ों की चोिटयां भी उसी की ह।
5 समु उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और थल भी उसी के हाथ का रचा है ।।
6 आओ हम झुक कर द वत कर, और अपने कता यहोवा के सा ने घु टने टे क!
7 ोंिक वही हमारा परमे र है, और हम उसकी चराई की जा, और उसके हाथ की भे ड़ ह।। भला होता, िक आज तु म उसकी बात सुनते!
8 अपना अपना दय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा म, वा म ा के िदन जंगल म आ था,
9 जब तु ारे पुरखाओं ने मुझे परखा, उ ोंने मुझ को जां चा और मेरे काम को भी दे खा।
10 चालीस वष तक म उस पीढ़ी के लोगों से ठा रहा, और म ने कहा, ये तो भरमाने वाले मन के ह, और इ ोंने मेरे माग को नहीं पिहचाना।
11 इस कारण म ने ोध म आकर शपथ खाई िक ये मेरे िव ाम थान म कभी वेश न करने पाएं गे ।।
भजन सं िहता 96
1 यहोवा के िलये एक नया गीत गाओ, हे सारी पृ ी के लोगों यहोवा के िलये गाओ!
2 यहोवा के िलये गाओ, उसके नाम को ध कहो; िदन िदन उसके िकए ए उ ार का शुभ समाचार सु नाते रहो।
3 अ जाितयों म उसकी मिहमा का, और दे श दे श के लोगों म उसके आ यकम का वणन करो।
4 ोंिक यहोवा महान और अित ुित के यो है; वह तो सब दे वताओं से अिधक भय यो है।
5 ोंिक दे श दे श के सब दे वता तो मूरत ही ह; पर ु यहोवा ही ने ग को बनाया है ।
6 उसके चारों और वैभव और ऐ य है; उसके पिव थान म साम और शोभा है ।
7 हे दे श दे श के कुलों, यहोवा का गुणानुवाद करो, यहोवा की मिहमा और साम को मानो!
8 यहोवा के नाम की ऐसी मिहमा करो जो उसके यो है; भट ले कर उसके आं गनों म आओ!
9 पिव ता से शोभायमान हो कर यहोवा को द वत करो; हे सारी पृ ी के लोगों उसके सा ने कां पते रहो!
10 जाित जाित म कहो, यहोवा राजा आ है! और जगत ऐसा थर है, िक वह टलने का नहीं; वह दे श दे श के लोगों का ाय सीधाई से करे गा।।
11 आकाश आन करे , और पृ ी मगन हो; समु और उस म की सब व ु एं गरज उठ;
12 मैदान और जो कुछ उस म है, वह फु त हो; उसी समय वन के सारे वृ जयजयकार करगे।
13 यह यहोवा के सा ने हो, ोंिक वह आने वाला है। वह पृ ी का ाय करने को आने वाला है , वह धम से जगत का, और स ाई से दे श दे श के लोगों का ाय करे गा।।
भजन सं िहता 97
1 यहोवा राजा आ है, पृ ी मगन हो; और ीप जो ब तेरे ह, वह भी आन कर!
2 बादल और अ कार उसके चारों ओर ह; उसके िसंहासन का मू ल धम और ाय है।
3 उसके आगे आगे आग चलती ई उसके ोिहयों को चारों ओर भ करती है ।
4 उसकी िबजिलयों से जगत कािशत आ, पृ ी दे खकर थरथरा गई है !
5 पहाड़ यहोवा के सा ने, मोम की नाईं िपघल गए, अथात सारी पृ ी के परमे र के सा ने ।।
6 आकाश ने उसके धम की सा ी दी; और दे श दे श के सब लोगों ने उसकी मिहमा दे खी है।
7 िजतने खुदी ई मूितयों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते ह, वे ल त हों; हे सब दे वताओं तुम उसी को द वत करो।
8 िस ोन सुन कर आन त ई, और य दा की बेिटयां मगन ईं; हे यहोवा, यह तेरे िनयमों के कारण आ।
9 ोंिक हे यहोवा, तू सारी पृ ी के ऊपर परम धान है; तू सारे दे वताओं से अिधक महान ठहरा है।
10 हे यहोवा के ेिमयों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भ ों के ाणो की र ा करता, और उ दु ों के हाथ से बचाता है।
11 धम के िलये ोित, और सीधे मन वालों के िलये आन बोया गया है।
12 हे धिमयों यहोवा के कारण आन त हो; और िजस पिव नाम से उसका रण होता है , उसका ध वाद करो!
भजन सं िहता 98
1 यहोवा के िलये एक नया गीत गाओ, ोंिक उसने आ यकम िकए है ! उसके दािहने हाथ और पिव भु जा ने उसके िलये उ ार िकया है!
2 यहोवा ने अपना िकया आ उ ार कािशत िकया, उसने अ जाितयों की ि म अपना धम गट िकया है।
3 उसने इ ाएल के घराने पर की अपनी क णा और स ाई की सु िध ली, और पृ ी के सब दू र दू र दे शों ने हमारे परमे र का िकया आ उ ार दे खा है।।
4 हे सारी पृ ी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उ ाहपू वक जयजयकार करो, और भजन गाओ!
5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का र सुनाओ।
6 तुरिहयां और नरिसंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।।
7 समु और उस म की सब व ुएं गरज उठ; जगत और उसके िनवासी महाश कर!
8 निदयां तािलयां बजाएं ; पहाड़ िमलकर जयजयकार कर।
9 यह यहोवा के सा ने हो, ोंिक वह पृ ी का ाय करने को आने वाला है। वह धम से जगत का, और सीधाई से दे श दे श के लोगों का ाय करे गा।।
भजन सं िहता 99
1 यहोवा राजा आ है; दे श दे श के लोग कांप उठ! वह क बों पर िवराजमान है; पृ ी डोल उठे !
2 यहोवा िस ोन म महान है ; और वह दे श दे श के लोगों के ऊपर धान है ।
3 वे तेरे महान और भययो नाम का ध वाद कर! वह तो पिव है ।
4 राजा की साम ाय से मेल रखती है, तू ही ने सीधाई को थािपत िकया; ाय और धम को याकूब म तू ही ने चालू िकया है।
5 हमारे परमे र यहोवा को सराहो; और उसके चरणों की चौकी के सा ने द वत करो! वह पिव है !
6 उसके याजकों म मू सा और हा न, और उसके ाथना करने वालों म से शमू एल यहोवा को पु कारते थे , और वह उनकी सुन लेता था।
7 वह बादल के ख े म हो कर उन से बात करता था; और वे उसकी िचतौिनयों और उसकी दी ई िविधयों पर चलते थे।।
8 हे हमारे परमे र यहोवा तू उनकी सुन लेता था; तू उनके कामों का पलटा तो लेता था तौभी उनके िलये मा करने वाला ई र था।
9 हमारे परमे र यहोवा को सराहो, और उसके पिव पवत पर द वत करो; ोंिक हमारा परमे र यहोवा पिव है !
भजन सं िहता 100
1 हे सारी पृ ी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!
2 आन से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके स ुख आओ!
3 िन य जानो, िक यहोवा ही परमे र है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के ह; हम उसकी जा, और उसकी चराई की भेड़ ह।।
4 उसके फाटकों से ध वाद, और उसके आं गनों म ुित करते ए वेश करो, उसका ध वाद करो, और उसके नाम को ध कहो!
5 ोंिक यहोवा भला है, उसकी क णा सदा के िलये, और उसकी स ाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है ।।
भजन सं िहता 101
1 म क णा और ाय के िवषय गाऊंगा; हे यहोवा, म ते रा ही भजन गाऊंगा।
2 म बु मानी से खरे माग म चलूंगा। तू मेरे पास कब आएगा! म अपने घर म मन की खराई के साथ अपनी चाल चलूं गा;
3 म िकसी ओछे काम पर िच न लगाऊंगा।। म कुमाग पर चलने वालों के काम से िघन रखता ं ; ऐसे काम म म न लगूंगा।
4 टे ढ़ा भाव मुझ से दू र रहेगा; म बुराई को जानूं गा भी नही ं।।
5 जो िछप कर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसको म स ानाश क ं गा; िजसकी आं ख चढ़ी हों और िजसका मन घम ी है, उसकी म न स ंगा।।
6 मे री आं ख दे श के िव ासयो लोगों पर लगी रहगी िक वे मे रे संग रह; जो खरे माग पर चलता है वही मेरा टहलु आ होगा।।
7 जो छल करता है वह मेरे घर के भीतर न रहने पाएगा; जो झूठ बोलता है वह मे रे सा ने बना न रहे गा।।
8 भोर ही भोर को म दे श के सब दु ों को स ानाश िकया क ं गा, इसिलये िक यहोवा के नगर के सब अनथका रयों को नाश क ं ।।
भजन सं िहता 102
1 हे यहोवा, मेरी ाथना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक प ंचे!
2 मे रे संकट के िदन अपना मुख मुझ से न िछपा ले; अपना कान मे री ओर लगा; िजस समय म पु का ं , उसी समय फुत से मेरी सुन ले!
3 ोंिक मेरे िदन धुएं की नाईं उड़े जाते ह, और मेरी हिड् डयां लु कटी के समान जल गई ह।
4 मेरा मन झुलसी ई घास की नाईं सूख गया है; और म अपनी रोटी खाना भूल जाता ं ।
5 कराहते कराहते मेरा चमड़ा हिड् डयों म सट गया है।
6 म जं गल के धनेश के समान हो गया ं, म उजड़े थानों के उ ू के समान बन गया ं ।
7 म पड़ा पड़ा जागता रहता ं और गौरे के समान हो गया ं जो छत के ऊपर अकेला बै ठता है।
8 मे रे श ु लगातार मे री नामधराई करते ह, जो मेरे िवराध की धुन म बावले हो रहे ह, वे मे रा नाम ले कर शपथ खाते ह।
9 ोंिक म ने रोटी की नाईं राख खाई और आं सू िमला कर पानी पीता ं।
10 यह तेरे ोध और कोप के कारण आ है, ोंिक तू ने मु झे उठाया, और िफर फक िदया है ।
11 मेरी आयु ढलती ई छाया के समान है; और म आप घास की नाईं सूख चला ं।।
12 पर ु हे यहोवा, तू सदै व िवराजमान रहेगा; और िजस नाम से तेरा रण होता है, वह पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहे गा।
13 तू उठ कर िस ोन पर दया करे गा; ोंिक उस पर अनु ह करने का ठहराया आ समय आ प ं चा है ।
14 ोंिक तेरे दास उसके प रों को चाहते ह, और उसकी धूिल पर तरस खाते ह।
15 इसिलये अ जाितयां यहोवा के नाम का भय मानगी, और पृ ी के सब राजा ते रे ताप से डरगे ।
16 ोंिक यहोवा ने िस ोन को िफर बसाया है, और वह अपनी मिहमा के साथ िदखाई दे ता है ;
17 वह लाचार की ाथना की ओर मुंह करता है, और उनकी ाथना को तु नहीं जानता।
18 यह बात आने वाली पीढ़ी के िलये िलखी जाएगी, और एक जाित जो िसरजी जाएगी वही याह की ु ित करे गी।
19 ोंिक यहोवा ने अपने ऊंचे और पिव थान से ि कर के ग से पृ ी की ओर दे खा है ,
20 तािक ब ुओं का कराहना सुने, और घात होन वालों के ब न खोले;
21 और िस ोन म यहोवा के नाम का वणन िकया जाए, और य शले म म उसकी ु ित की जाए;
22 यह उस समय होगा जब दे श दे श, और रा रा के लोग यहोवा की उपासना करने को इक े होंगे।।
23 उसने मु झे जीवन या ा म दु :ख दे कर, मेरे बल और आयु को घटाया।
24 म ने कहा, हे मे रे ई र, मुझे आधी आयु म न उठा ले, मेरे वष पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहगे!
25 आिद म तू ने पृ ी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया आ है ।
26 वह तो नाश होगा, पर ु तू बना रहेगा; और वह सब कपड़े के समान पु राना हो जाएगा। तू उसको व की नाईं बदले गा, और वह तो बदल जाएगा;
27 पर ु तू वही ं है , और तेरे वष का अ नहीं होने का।
28 तेरे दासों की स ान बनी रहेगी; और उनका वंश तेरे सा ने थर रहेगा।।
भजन सं िहता 103
1 हे मे रे मन, यहोवा को ध कह; और जो कुछ मुझ म है , वह उसके पिव नाम को ध कहे !
2 हे मे रे मन, यहोवा को ध कह, और उसके िकसी उपकार को न भू लना।
3 वही तो ते रे सब अधम को मा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
4 वही तो ते रे ाण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे िसर पर क णा और दया का मुकुट बा ता है,
5 वही तो ते री लालसा को उ म पदाथ से तृ करता है , िजस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।।
6 यहोवा सब िपसे ओं के िलये धम और ाय के काम करता है।
7 उसने मू सा को अपनी गित, और इ ाएिलयों पर अपने काम गट िकए।
8 यहोवा दयालु और अनु हकरी, िवल से कोप करने वाला और अित क णामय है ।
9 वह सवदा वादिववाद करता न रहेगा, न उसका ोध सदा के िलये भड़का रहे गा।
10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से वहार नही ं िकया, और न हमारे अधम के कामों के अनुसार हम को बदला िदया है।
11 जैसे आकाश पृ ी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी क णा उसके डरवैयों के ऊपर बल है ।
12 उदयाचल अ ाचल से िजतनी दू र है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दू र कर िदया है ।
13 जैसे िपता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है ।
14 ोंिक वह हमारी सृि जानता है; और उसको रण रहता है िक मनु िम ी ही है ।।
15 मनु की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है ,
16 जो पवन लगते ही ठहर नही ं सकता, और न वह अपने थान म िफर िमलता है।
17 पर ु यहोवा की क णा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धम उनके नाती- पोतों पर भी गट होता रहता है ,
18 अथात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदे शों को रण कर के उन पर चलते ह।।
19 यहोवा ने तो अपना िसंहासन ग म थर िकया है, और उसका रा पू री सृ ि पर है ।
20 हे यहोवा के दू तों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पू रा करते हो उसको ध कहो!
21 हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओ,ं तुम जो उसकी इ ा पू री करते हो, उसको ध कहो!
22 हे यहोवा की सारी सृि , उसके रा के सब थानों म उसको ध कहो। हे मे रे मन, तू यहोवा को ध कह!
भजन सं िहता 104
1 हे मे रे मन, तू यहोवा को ध कह! हे मेरे परमे र यहोवा, तू अ महान है ! तू वैभव और ऐ य का व पिहने ए है ,
2 जो उिजयाले को चादर की नाईं ओढ़े रहता है, और आकाश को त ू के समान ताने रहता है ,
3 जो अपनी अटा रयों की किड़यां जल म धरता है , और मेघों को अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चलता है ,
4 जो पवनों को अपने दू त, और धधकती आग को अपने टहलुए बनाता है ।।
5 तू ने पृ ी को उसकी नीव पर थर िकया है, तािक वह कभी न डगमगाए।
6 तू ने उसको गिहरे सागर से ढांप िदया है जैसे व से ; जल पहाड़ों के ऊपर ठहर गया।
7 तेरी घु ड़की से वह भाग गया; तेरे गरजने का श सुनते ही, वह उतावली कर के बह गया।
8 वह पहाड़ों पर चढ़ गया, और तराईयों के माग से उस थान म उतर गया िजसे तू ने उसके िलये तै यार िकया था।
9 तू ने एक िसवाना ठहराया िजस को वह नही ं लांघ सकता है, और न िफरकर थल को ढां प सकता है ।।
10 तू नालों म सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते ह,
11 उन से मैदान के सब जीव- ज ु जल पीते ह; जंगली गदहे भी अपनी ास बु झा ले ते ह।
12 उनके पास आकाश के प ी बसेरा करते , और डािलयों के बीच म से बोलते ह।
13 तू अपनी अटा रयों म से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृ ी तृ रहती है ।।
14 तू पशुओं के िलये घास, और मनु ों के काम के िलये अ आिद उपजाता है, और इस रीित भू िम से वह भोजन- व ुएं उ करता है,
15 और दाखमधु िजस से मनु का मन आन त होता है , और तेल िजस से उसका मु ख चमकता है , और अ िजस से वह स ल जाता है।
16 यहोवा के वृ तृ रहते ह, अथात लबानोन के दे वदार जो उसी के लगाए ए ह।
17 उन म िचिड़यां अपने घोंसले बनाती ह; लगलग का बसेरा सनौवर के वृ ों म होता है ।
18 ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के िलये ह; और च ान शापानों के शरण थान ह।
19 उसने िनयत समयों के िलये च मा को बनाया है; सूय अपने अ होने का समय जानता है ।
20 तू अ कार करता है, तब रात हो जाती है; िजस म वन के सब जीव ज ु घू मते िफरते ह।
21 जवान िसंह अहे र के िलये गरजते ह, और ई र से अपना आहार मांगते ह।
22 सू य उदय होते ही वे चले जाते ह और अपनी मां दों म जा बैठते ह।
23 तब मनु अपने काम के िलये और स ा तक प र म करने के िलये िनकलता है।
24 हे यहोवा तेरे काम अनिगिनत ह! इन सब व ुओं को तू ने बु से बनाया है ; पृ ी ते री स ि से प रपू ण है ।
25 इसी कार समु बड़ा और ब त ही चौड़ा है, और उस म अनिगिनत जलचर जीव- ज ु, ा छोटे , ा बड़े भरे पड़े ह।
26 उस म जहाज भी आते जाते ह, और िल ातान भी िजसे तू ने वहां खे लने के िलये बनाया है ।।
27 इन सब को तेरा ही आसरा है, िक तू उनका आहार समय पर िदया करे ।
28 तू उ दे ता हे , वे चुन लेते ह; तू अपनी मु ी खोलता है और वे उ म पदाथ से तृ होते ह।
29 तू मु ख फेर ले ता है , और वे घबरा जाते ह; तू उनकी सांस ले ले ता है , और उनके ाण छूट जाते ह और िम ी म िफर िमल जाते ह।
30 िफर तू अपनी ओर से सांस भेजता है, और वे िसरजे जाते ह; और तू धरती को नया कर दे ता है ।।
31 यहोवा की मिहमा सदा काल बनी रहे, यहोवा अपने कामों से आ त होवे!
32 उसकी ि ही से पृ ी कांप उठती है , और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं िनकलता है।
33 म जीवन भर यहोवा का गीत गाता र ंगा; जब तक म बना र ंगा तब तक अपने परमे र का भजन गाता र ं गा।
34 मेरा ान करना, उसको ि य लगे, ोंिक म तो यहोवा के कारण आन त र ं गा।
35 पापी लोग पृ ी पर से िमट जाएं , और दु लोग आगे को न रह! हे मेरे मन यहोवा को ध कह! याह की ु ित करो!
भजन सं िहता 105
1 यहोवा का ध वाद करो, उस से ाथना करो, दे श दे श के लोगों म उसके कामों का चार करो!
2 उसके िलये गीत गाओ, उसके िलये भजन गाओ, उसके सब आ यकम पर ान करो!
3 उसके पिव नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोिजयों का दय आन त हो!
4 यहोवा और उसकी सामथ को खोजो, उसके दशन के लगातार खोजी बने रहो!
5 उसके िकए ए आ यकम रण करो, उसके चम ार और िनणय रण करो!
6 हे उसके दास इ ाहीम के वंश, हे याकूब की स ान, तुम तो उसके चु ने ए हो!
7 वही हमारा परमे र यहोवा है; पृ ी भर म उसके िनणय होते ह।
8 वह अपनी वाचा को सदा रण रखता आया है, यह वही वचन है जो उसने हजार पीढ़ीयों के िलये ठहराया है ;
9 वही वाचा जो उसने इ ाहीम के साथ बा ी, और उसके िवषय म उसने इसहाक से शपथ खाई,
10 और उसी को उसने याकूब के िलये िविध कर के, और इ ाएल के िलये यह कह कर सदा की वाचा कर के ढ़ िकया,
11 िक म कनान दे श को तुझी को दू ं गा, वह बांट म तु ारा िनज भाग होगा।।
12 उस समय तो वे िगनती म थोड़े थे, वरन ब त ही थोड़े , और उस दे श म परदे शी थे ।
13 वे एक जाित से दू सरी जाित म, और एक रा से दू सरे रा म िफरते रहे;
14 पर ु उसने िकसी मनु को उन पर अ ेर करने न िदया; और वह राजाओं को उनके िनिम यह धमकी दे ता था,
15 िक मे रे अिभिष ों को मत छु ओ, और न मेरे निबयों की हािन करो!
16 िफर उसने उस दे श म अकाल भेजा, और अ के सब आधार को दू र कर िदया।
17 उसने यूसुफ नाम एक पु ष को उन से पिहले भेजा था, जो दास होने के िलये बे चा गया था।
18 लोगों ने उसके पैरों म बेिड़यां डाल कर उसे दु :ख िदया; वह लोहे की सांकलों से जकड़ा गया;
19 जब तक िक उसकी बात पूरी न ई तब तक यहोवा का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा।
20 तब राजा ने दू त भेज कर उसे िनकलवा िलया, और दे श दे श के लोगों के ामी ने उसके ब न खु लवाए;
21 उसने उसको अपने भवन का धान और अपनी पूरी स ि का अिधकारी ठहराया,
22 िक वह उसके हािकमों को अपनी इ ा के अनु सार कैद करे और पुरिनयों को ान िसखाए।।
23 िफर इ ाएल िम म आया; और याकूब हाम के दे श म परदे शी रहा।
24 तब उसने अपनी जा को िगनती म ब त बढ़ाया, और उसके ोिहयों से अिधक बलव िकया।
25 उसने िम यों के मन को ऐसा फेर िदया, िक वे उसकी जा से बैर रखने , और उसके दासों से छल करने लगे।।
26 उसने अपने दास मूसा को, और अपने चुने ए हा न को भे जा।
27 उ ोंने उनके बीच उसकी ओर से भांित भांित के िच , और हाम के दे श म चम ार िदखाए।
28 उसने अ कार कर िदया, और अ यारा हो गया; और उ ोंने उसकी बातों को न टाला।
29 उसने िम यों के जल को लो कर डाला, और मछिलयों को मार डाला।
30 मढक उनकी भू िम म वरन उनके राजा की कोठ रयों म भी भर गए।
31 उसने आ ा दी, तब डांस आ गए, और उनके सारे दे श म कुटिकयां आ गईं।
32 उसने उनके िलये जलवृि की स ी ओले, और उनके दे श म धधकती आग बरसाई।
33 और उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृ ों को वरन उनके दे श के सब पेड़ों को तोड़ डाला।
34 उसने आ ा दी तब अनिगनत िटिड् डयां, और कीड़े आए,
35 और उ ोंने उनके दे श के सब अ आिद को खा डाला; और उनकी भूिम के सब फलों को चट कर गए।
36 उसने उनके दे श के सब पिहलौठों को, उनके पौ ष के सब पिहले फल को नाश िकया।।
37 तब वह अपने गोि यों को सोना चां दी िदला कर िनकाल लाया, और उन म से कोई िनबल न था।
38 उनके जाने से िम ी आन त ए, ोंिक उनका डर उन म समा गया था।
39 उसने छाया के िलये बादल फैलाया, और रात को काश दे ने के िलये आग गट की।
40 उ ोंने मांगा तब उसने बटे र प ंचाई, और उन को ग य भोजन से तृ िकया।
41 उसने च ान झाड़ी तब पानी बह िनकला; और िनजल भू िम पर नदी बहने लगी।
42 ोंिक उसने अपने पिव वचन और अपने दास इ ाहीम को रण िकया।।
43 वह अपनी जा को हिषत कर के और अपने चुने ओं से जयजयकार कराके िनकाल लाया।
44 और उन को अ जाितयों के दे श िदए; और वे और लोगों के म के फल के अिधकारी िकए गए,
45 िक वे उसकी िविधयों को मान, और उसकी व था को पूरी कर। याह की ु ित करो!
भजन सं िहता 106
1 याह की ुित करो! यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है ; और उसकी क णा सदा की है!
2 यहोवा के परा म के कामों का वणन कौन कर सकता है , या उसका पू रा गु णानु वाद कौन सुना सकता?
3 ा ही ध ह वे जो ाय पर चलते, और हर समय धम के काम करते ह!
4 हे यहोवा, अपनी जा पर की स ता के अनुसार मुझे रण कर, मे रे उ ार के िलये मेरी सु िध ले,
5 िक म तेरे चुने ओं का क ाण दे खूं, और तेरी जा के आन म आन त हो जाऊं; और तेरे िनज भाग के सं ग बड़ाई करने पाऊं।।
6 हम ने तो अपने पुरखाओं की नाईं पाप िकया है; हम ने कुिटलता की, हम ने दु ता की है !
7 िम म हमारे पु रखाओं ने तेरे आ यकम पर मन नही ं लगाया, न तेरी अपार क णा को रण रखा; उ ोंने समु के तीर पर, अथात लाल समु के तीर पर बलवा िकया।
8 तौभी उसने अपने नाम के िनिम उनका उ ार िकया, िजस से वह अपने परा म को गट करे ।
9 तब उसने लाल समु को घुड़का और वह सूख गया; और वह उ गिहरे जल के बीच से मानों जंगल म से िनकाल ले गया।
10 उसने उ बैरी के हाथ से उबारा, और श ु के हाथ से छु ड़ा िलया।
11 और उन के ोही जल म डूब गए; उन म से एक भी न बचा।
12 तब उ ों ने उसके वचनों का िव ास िकया; और उसकी ुित गाने लगे ।।
13 पर ु वे झट उसके कामों को भूल गए; और उसकी यु के िलये न ठहरे ।
14 उ ोंने जंगल म अित लालसा की और िनजल थान म ई र की परी ा की।
15 तब उसने उ मुंह मांगा वर तो िदया, पर ु उनके ाण को सु खा िदया।।
16 उ ोंने छावनी म मूसा के, और यहोवा के पिव जन हा न के िवषय म डाह की,
17 भू िम फट कर दातान को िनगल गई, और अबीराम के झु को स िलया।
18 और उन के झु म आग भड़क उठी; और दु लोग लौ से भ हो गए।।
19 उ ोंने होरब म बछड़ा बनाया, और ढली ई मूित को द वत की।
20 यों उ ोंने अपनी मिहमा अथात ई र को घास खाने वाले बै ल की ितमा से बदल डाला।
21 वे अपने उ ारकता ई र को भूल गए, िजसने िम म बड़े बड़े काम िकए थे।
22 उसने तो हाम के दे श म आ यकम और लाल समु के तीर पर भयंकर काम िकए थे ।
23 इसिलये उसने कहा, िक म इ स ानाश कर डालता यिद मेरा चु ना आ मूसा जो खम के थान म उनके िलये खड़ा न होता तािक मेरी जलजलाहट को ठ ा करे कहीं ऐसा न हो
िक म उ नाश कर डालूं।।
24 उ ोंने मनभावने दे श को िनक ा जाना, और उसके वचन की तीित न की।
25 वे अपने त ुओं म कुड़कुड़ाए, और यहोवा का कहा न माना।
26 तब उसने उनके िवषय म शपथ खाई िक म इन को जंगल म नाश क ं गा,
27 और इनके वंश को अ जाितयों के स ुख िगरा दू ं गा, और दे श दे श म िततर िबतर क ं गा।।
28 वे पोर वाले बाल दे वता को पूजने लगे और मुद को चढ़ाए ए पशुओं का मां स खाने लगे।
29 यों उ ोंने अपने कामों से उसको ोध िदलाया और मरी उन म फूट पड़ी।
30 तब पीनहास ने उठ कर ायद िदया, िजस से मरी थम गई।
31 और यह उसके लेखे पीढ़ी से पीढ़ी तक सवदा के िलये धम िगना गया।।
32 उ ोंने मरीबा के सोते के पास भी यहोवा का ोध भड़काया, और उनके कारण मू सा की हािन ई;
33 ोंिक उ ोंने उसकी आ ा से बलवा िकया, तब मूसा िबन सोचे बोल उठा।
34 िजन लोगों के िवषय यहोवा ने उ आ ा दी थी, उन को उ ोंने स ानाश न िकया,
35 वरन उ ी ं जाितयों से िहलिमल गए और उनके वहारों को सीख िलया;
36 और उनकी मू ितयों की पू जा करने लगे, और वे उनके िलये फ ा बन गईं।
37 वरन उ ोंने अपने बे टे- बे िटयों को िपशाचों के िलये बिलदान िकया;
38 और अपने िनद ष बेटे- बे िटयों का लो बहाया िज उ ोंने कनान की मू ितयों पर बिल िकया, इसिलये दे श खून से अपिव हो गया।
39 और वे आप अपने कामों के ारा अशु हो गए, और अपने काय के ारा िभचारी भी बन गए।।
40 तब यहोवा का ोध अपनी जा पर भड़का, और उसको अपने िनज भाग से घृणा आई;
41 तब उसने उन को अ जाितयों के वश म कर िदया, और उनके बै रयों ने उन पर भु ता की।
42 उन के श ुओं ने उन पर अ ेर िकया, और वे उनके हाथ तले दब गए।
43 बार ार उसने उ छु ड़ाया, पर ु वे उसके िव यु करते गए, और अपने अधम के कारण दबते गए।
44 तौभी जब जब उनका िच ाना उसके कान म पड़ा, तब तब उसने उनके सं कट पर ि की!
45 और उनके िहत अपनी वाचा को रण कर के अपनी अपार क णा के अनुसार तरस खाया,
46 और जो उ ब ु ए कर के ले गए थे उन सब से उन पर दया कराई।।
47 हे हमारे परमे र यहोवा, हमारा उ ार कर, और हम अ जाितयों म से इक ा कर ले, िक हम ते रे पिव नाम का ध वाद कर, और तेरी ुित करते ए तेरे िवषय म बड़ाई कर।।
48 इ ाएल का परमे र यहोवा अनािदकाल से अन काल तक ध है! और सारी जा कहे आमीन! याह की ु ित करो।।
भजन सं िहता 107
1 यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है ; और उसकी क णा सदा की है !
2 यहोवा के छु ड़ाए ए ऐसा ही कह, िज उसने ोही के हाथ से दाम दे कर छु ड़ा िलया है ,
3 और उ दे श दे श से पूरब- पि म, उ र और द न से इक ा िकया है ।।
4 वे जंगल म म भू िम के माग पर भटकते िफरे , और कोई बसा आ नगर न पाया;
5 भूख और ास के मारे , वे िवकल हो गए।
6 तब उ ोंने संकट म यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छु ड़ाया;
7 और उन को ठीक माग पर चलाया, तािक वे बसने के िलये िकसी नगर को जा प ं चे।
8 लोग यहोवा की क णा के कारण, और उन आ यकम के कारण, जो वह मनु ों के िलये करता है, उसका ध वाद कर!
9 ोंिक वह अिभलाषी जीव को स ु करता है, और भू खे को उ म पदाथ से तृ करता है ।।
10 जो अ यारे और मृ ु की छाया म बैठे, और दु :ख म पड़े और बे िड़यों से जकड़े ए थे ,
11 इसिलये िक वे ई र के वचनों के िव चले, और परम धान की स ित को तु जाना।
12 तब उसने उन को क के ारा दबाया; वे ठोकर खाकर िगर पड़े , और उन को कोई सहायक न िमला।
13 तब उ ोंने संकट म यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उ ार िकया;
14 उसने उन को अ यारे और मृ ु की छाया म से िनकाल िलया; और उन के ब नों को तोड़ डाला।
15 लोग यहोवा की क णा के कारण, और उन आ यकम के कारण जो वह मनु ों के िलये करता है, उसका ध वाद कर!
16 ोंिक उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बे ों को टु कड़े टु कड़े िकया।।
17 मूढ़ अपनी कुचाल, और अधम के कामों के कारण अित दु : खत होते ह।
18 उनका जी सब भांित के भोजन से िमचलाता है, और वे मृ ु के फाटक तक प ं चते ह।
19 तब वे संकट म यहोवा की दोहाई दे ते ह, और व सकेती से उनका उ ार करता है ;
20 वह अपने वचन के ारा उन को चंगा करता और िजस गड़हे म वे पड़े ह, उस से िनकालता है ।
21 लोग यहोवा की क णा के कारण और उन आ यकम के कारण जो वह मनु ों के िलये करता है, उसका ध वाद कर!
22 और वे ध वाद बिल चढ़ाएं , और जयजयकार करते ए, उसके कामों का वणन कर।।
23 जो लोग जहाजों म समु पर चलते ह, और महासागर पर हो कर ापार करते ह;
24 वे यहोवा के कामों को, और उन आ यकम को जो वह गिहरे समु म करता है , दे खते ह।
25 ोंिक वह आ ा दे ता है, वह च बयार उठ कर तरं गों को उठाती है।
26 वे आकाश तक चढ़ जाते, िफर गहराई म उतर आते ह; और े श के मारे उनके जी म जी नही ं रहता;
27 वे च र खाते, और मत वाले की नाईं लड़खड़ाते ह, और उनकी सारी बु मारी जाती है ।
28 तब वे संकट म यहोवा की दोहाई दे ते ह, और वह उन को सकेती से िनकालता है।
29 वह आं धी को थाम दे ता है और तरं ग बैठ जाती ह।
30 तब वे उनके बैठने से आन त होते ह, और वह उन को मन चाहे ब र थान म प ं चा दे ता है ।
31 लोग यहोवा की क णा के कारण, और उन आ यकम के कारण जो वह मनु ों के िलये करता है, उसका ध वाद कर।
32 और सभा म उसको सराह, और पुरिनयों के बैठक म उसकी ुित कर।।
33 वह निदयों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भू िम कर दे ता है ।
34 वह फलव भू िम को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दु ता के कारण होता है ।
35 वह जं गल को जल का ताल, और िनजल दे श को जल के सोते कर दे ता है ।
36 और वहां वह भूखों को बसाता है, िक वे बसने के िलये नगर तैयार कर;
37 और खे ती कर, और दाख की बा रयां लगाएं , और भांित भांित के फल उपजा ल।
38 और वह उन को ऐसी आशीष दे ता है िक वे ब त बढ़ जाते ह, और उनके पशुओं को भी वह घटने नही ं दे ता।।
39 िफर अ ेर, िवपि और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते ह।
40 और वह हािकमों को अपमान से लाद कर माग रिहत जंगल म भटकाता है;
41 वह द र ों को दु :ख से छु ड़ा कर ऊंचे पर रखता है, और उन को भेड़ों के झुंड सा प रवार दे ता है ।
42 सीधे लोग दे ख कर आन त होते ह; और सब कुिटल लोग अपने मुं ह ब करते ह।
43 जो कोई बु मान हो, वह इन बातों पर ान करे गा; और यहोवा की क णा के कामों पर ान करे गा।।
भजन सं िहता 108
1 हे परमे र, मेरा दय थर है; म गाऊंगा, म अपनी आ ा से भी भजन गाऊंगा।
2 हे सारं गी और वीणा जागो! म आप पौ फटते जाग उठूंगा!
3 हे यहोवा, म दे श दे श के लोगों के म म तेरा ध वाद क ं गा, और रा रा के लोगों के म म ते रा भजन गाऊंगा।
4 ोंिक तेरी क णा आकाश से भी ऊंची है, और तेरी स ाई आकाशम ल तक है ।।
5 हे परमे र, तू ग के ऊपर हो! और तेरी मिहमा सारी पृ ी के ऊपर हो!
6 इसिलये िक ते रे ि य छु ड़ाए जाएं , तू अपने दािहने हाथ से बचा ले और हमारी िबनती सु न ले !
7 परमे र ने अपनी पिव ता म हो कर कहा है, म फु त हो कर शेकेम को बांट लूं गा, और सु ोत की तराई को नपवाऊंगा।
8 िगलाद मे रा है, मन े भी मेरा है; और ए ैम मेरे िसर का टोप है ; य दा मेरा राजद है।
9 मोआब मे रे धोने का पा है, म एदोम पर अपना जूता फकूंगा, पिल पर म जयजयकार क ं गा।।
10 मुझे गढ़ वाले नगर म कौन प ंचाएगा? ऐदोम तक मे री अगुवाई िकस ने की है ?
11 हे परमे र, ा तू ने हम को नही ं ाग िदया, और हे परमे र, तू हमारी से ना के साथ पलायन नही ं करता।
12 ोिहयों के िव हमारी सहायता कर, ोंिक मनु का िकया आ छु टकारा थ है!
13 परमे र की सहायता से हम वीरता िदखाएं गे, हमारे ोिहयों को वही रौंदेगा।।
भजन सं िहता 109
1 हे परमे र तू िजसकी म ुित करता ं, चुप न रह।
2 ोंिक दु और कपटी मनु ों ने मेरे िव मुंह खोला है , वे मेरे िवषय म झूठ बोलते ह।
3 और उ ोंने बै र के वचनों से मुझे चारों ओर घेर िलया है, और थ मु झ से लड़ते ह।
4 मे रे ेम के बदले म वे मुझ से िवरोध करते ह, पर ु म तो ाथना म लवलीन रहता ं।
5 उ ोंने भलाई के पलटे म मुझ से बुराई की और मेरे ेम के बदले मु झ से बै र िकया है ।।
6 तू उसको िकसी दु के अिधकार म रख, और कोई िवरोधी उसकी दािहनी ओर खड़ा रहे ।
7 जब उसका ाय िकया जाए, तब वह दोषी िनकले, और उसकी ाथना पाप िगनी जाए!
8 उसके िदन थोड़े हों, और उसके पद को दू सरा ले!
9 उसक लड़के बाले अनाथ हो जाएं और उसकी ी िवधवा हो जाए!
10 और उसके लड़के मारे मारे िफर, और भीख मांगा करे ; उन को उनके उजड़े ए घर से दू र जा कर टु कड़े मां गना पड़े !
11 महाजन फ ा लगा कर, उसका सव ले ले; और परदे शी उसकी कमाई को लू ट ल!
12 कोई न हो जो उस पर क णा करता रहे , और उसके अनाथ बालकों पर कोई अनु ह न करे !
13 उसका वंश नाश हो जाए, दू सरी पीढ़ी म उसका नाम िमट जाए!
14 उसके िपतरों का अधम यहोवा को रण रहे, और उसकी माता का पाप न िमटे !
15 वह िनर र यहोवा के स ुख रहे, िक वह उनका नाम पृ ी पर से िमटा डाले!
16 ोंिक वह दु , कृपा करना भूल गया वरन दीन और द र को सताता था और मार डालने की इ ा से खेिदत मन वालों के पीछे पड़ा रहता था।।
17 वह शाप दे ने म ीित रखता था, और शाप उस पर आ पड़ा; वह आशीवाद दे ने से स न होता था, सो आश वाद उस से दू र रहा।
18 वह शाप दे ना व की नाईं पिहनता था, और वह उसके पेट म जल की नाईं और उसकी हिड् डयों म तेल की नाईं समा गया।
19 वह उसके िलये ओढ़ने का काम दे , और फटे की नाईं उसकी किट म िन कसा रहे ।।
20 यहोवा की ओर से मेरे िवरोिधयों को, और मेरे िव बुरा कहने वालों को यही बदला िमले!
21 पर ु मुझ से हे यहोवा भु, तू अपने नाम के िनिम बताव कर; तेरी क णा तो बड़ी है , सो तू मुझे छु टकारा दे !
22 ोंिक म दीन और द र ं, और मेरा दय घायल आ है।
23 म ढलती ई छाया की नाईं जाता रहा ं; म िट ी के समान उड़ा िदया गया ं ।
24 उपवास करते करते मेरे घुटने िनबल हो गए; और मुझ म चब न रहने से म सूख गया ं।
25 मेरी तो उन लोगों से नामधराई होती है; जब वे मुझे दे खते, तब िसर िहलाते ह।।
26 हे मे रे परमे र यहोवा, मेरी सहायता कर! अपनी क णा के अनुसार मेरा उ ार कर!
27 िजस से वे जाने िक यह तेरा काम है, और हे यहोवा, तू ही ने यह िकया है !
28 वे कोसते तो रह, पर ु तू आशीष दे ! वे तो उठते ही ल त हों, पर ु तेरा दास आन त हो!
29 मेरे िवरोिधयों को अनादर पी व पिहनाया जाए, और वे अपनी ल ा को क ल की नाईं ओढ़!
30 म यहोवा का ब त ध वाद क ं गा, और ब त लोगों के बीच म उसकी ु ित क ं गा।
31 ोंिक वह द र की दािहनी ओर खड़ा रहेगा, िक उसको घात करने वाले ािययों से बचाए।।
भजन सं िहता 110
1 मे रे भु से यहोवा की वाणी यह है, िक तू मेरे दािहने हाथ बैठ, जब तक म तेरे श ुओ ं को ते रे चरणों की चौकी न कर दू ं ।।
2 तेरे परा म का राजद यहोवा िस ोन से बढ़ाएगा। तू अपने श ुओं के बीच म शासन कर।
3 तेरी जा के लोग ते रे परा म के िदन े ाबिल बनते ह; तेरे जवान लोग पिव ता से शोभायमान, और भोर के गभ से ज ी ई ओस के समान तेरे पास ह।
4 यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा, िक तू मे ीसे देक की रीित पर सवदा का याजक है ।।
5 भु तेरी दािहनी ओर हो कर अपने ोध के िदन राजाओं को चूर कर दे गा।
6 वह जाित जाित म ाय चुकाएगा, रणभूिम लोथों से भर जाएगी; वह ल े चौड़े दे श के धान को चू र चू र कर दे गा।
7 वह माग म चलता आ नदी का जल पीएगा इस कारण वह िसर को ऊंचा करे गा।।
भजन सं िहता 111
1 याह की ुित करो। म सीधे लोगों की गो ी म और म ली म भी स ू ण मन से यहोवा का ध वाद क ं गा।
2 यहोवा के काम बड़े ह, िजतने उन से स रहते ह, वे उन पर ान लगाते ह।
3 उसके काम का वैभवमय और ऐ रयमय होते ह, और उसका धम सदा तक बना रहे गा।
4 उसने अपने आ यकम का रण कराया है; यहोवा अनु हकारी और दयाव है।
5 उसने अपने डरवैयों को आहार िदया है; वह अपनी वाचा को सदा तक रण रखे गा।
6 उसने अपनी जा को अ जाितयों का भाग दे ने के िलये, अपने कामों का ताप िदखाया है ।
7 स ाई और ाय उसके हाथों के काम ह; उसके सब उपदे श िव ासयो ह,
8 वे सदा सवदा अटल रहगे, वे स ाई और िसधाई से िकए ए ह।
9 उसने अपनी जा का उ ार िकया है; उसने अपनी वाचा को सदा के िलये ठहराया है । उसका नाम पिव और भय यो है।
10 बु का मूल यहोवा का भय है; िजतने उसकी आ ाओं को मानते ह, उनकी बु अ ी होती है । उसकी ु ित सदा बनी रहेगी।।
भजन सं िहता 112
1 याह की ुित करो। ा ही ध है वह पु ष जो यहोवा का भय मानता है , और उसकी आ ाओं से अित स रहता है!
2 उसका वंश पृ ी पर परा मी होगा; सीधे लोगों की स ान आशीष पाएगी।
3 उसके घर म धन स ि रहती है; और उसका धम सदा बना रहेगा।
4 सीधे लोगों के िलये अ कार के बीच म ोित उदय होती है ; वह अनु हकारी, दयाव और धम होता है ।
5 जो पु ष अनु ह करता और उधार दे ता है, उसका क ाण होता है , वह ाय म अपने मुक म को जीतेगा।
6 वह तो सदा तक अटल रहेगा; धम का रण सदा तक बना रहेगा।
7 वह बुरे समाचार से नही ं डरता; उसका दय यहोवा पर भरोसा रखने से थर रहता है।
8 उसका दय स ला आ है, इसिलये वह न डरे गा, वरन अपने ोिहयों पर ि कर के स ु होगा।
9 उसने उदारता से द र ों को दान िदया, उसका धम सदा बना रहे गा और उसका सी ंग मिहमा के साथ ऊंचा िकया जाएगा।
10 दु उसे दे ख कर कुढे गा; वह दांत पीस- पीसकर गल जाएगा; दु ों की लालसा पू री न होगी।।
भजन सं िहता 113
1 याह की ुित करो हे यहोवा के दासों ुित करो, यहोवा के नाम की ु ित करो!
2 यहोवा का नाम अब से ले कर सवदा तक ध कहा जाय!
3 उदयाचल से ले कर अ ाचल तक, यहोवा का नाम ुित के यो है।
4 यहोवा सारी जाितयों के ऊपर महान है, और उसकी मिहमा आकाश से भी ऊंची है ।।
5 हमारे परमे र यहोवा के तु कौन है? वह तो ऊंचे पर िवराजमान है,
6 और आकाश और पृ ी पर भी, ि करने के िलये झुकता है।
7 वह कंगाल को िम ी पर से, और द र को घूरे पर से उठा कर ऊंचा करता है ,
8 िक उसको धानों के सं ग, अथात अपनी जा के धानों के सं ग बै ठाए।
9 वह बां झ को घर म लड़कों की आन करने वाली माता बनाता है । याह की ु ित करो!
भजन सं िहता 114
1 जब इ ाएल ने िम से, अथात याकूब के घराने ने अ भाषा वालों के बीच म कूच िकया,
2 तब य दा यहोवा का पिव थान और इ ाएल उसके रा के लोग हो गए।।
3 समु दे खकर भागा, यदन नदी उलटी बही।
4 पहाड़ मे ढ़ों की नाईं उछलने लगे, और पहािड़यां भेड़- बक रयों के ब ों की नाईं उछलने लगीं।।
5 हे समु , तु झे ा आ, िक तू भागा? और हे यदन तुझे ा आ, िक तू उलटी बही?
6 हे पहाड़ों तु ा आ, िक तु म भे ड़ों की नाईं, और हे पहािड़यों तु ा आ, िक तु म भेड़- बक रयों के ब ों की नाईं उछली ं?
7 हे पृ ी भु के सा ने, हां याकूब के परमे र के सा ने थरथरा।
8 वह च ान को जल का ताल, चकमक के प र को जल का सोता बना डालता है ।।
भजन सं िहता 115
1 हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन अपने ही नाम की मिहमा, अपनी क णा और स ाई के िनिम कर।
2 जाित जाित के लोग ों कहने पां ए, िक उनका परमे र कहां रहा?
3 हमारा परमे र तो ग म ह; उसने जो चाहा वही िकया है।
4 उन लोगों की मूरत सोने चा ी ही की तो ह, वे मनु ों के हाथ की बनाईं ई ह।
5 उनका मुंह तो रहता है पर ु वे बोल नही ं सकती; उनके आं ख तो रहती ह पर ु वे दे ख नही ं सकती ं।
6 उनके कान तो रहते ह, पर ु वे सुन नहीं सकती ं; उनके नाक तो रहती ह, पर ु वे सूं घ नही ं सकती ं।
7 उनके हाथ तो रहते ह, पर ु वे श नहीं कर सकती ं; उनके पांव तो रहते ह, पर ु वे चल नहीं सकती ं; और अपने क से कुछ भी श नहीं िनकाल सकती ं।
8 जै सी वे ह वैसे ही उनके बनाने वाले ह; और उन पर भरोसा रखने वाले भी वैसे ही हो जाएं गे ।।
9 हे इ ाएल यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है ।
10 हे हा न के घराने यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है ।
11 हे यहोवा के डरवैयो, यहोवा पर भरोसा रखो! तु ारा सहायक और ढाल वही है ।।
12 यहोवा ने हम को रण िकया है; वह आशीष दे गा; वह इ ाएल के घराने को आशीष दे गा; वह हा न के घराने को आशीष दे गा।
13 ा छोटे ा बड़े िजतने यहोवा के डरवैये ह, वह उ आशीष दे गा।।
14 यहोवा तुम को और तु ारे लड़कों को भी अिधक बढ़ाता जाए!
15 यहोवा जो आकाश और पृ ी का कता है, उसकी ओर से तु म अशीष पाए हो।।
16 ग तो यहोवा का है, पर ु पृ ी उसने मनु ों को दी है ।
17 मृतक िजतने चुपचाप पड़े ह, वे तो याह की ुित नही ं कर सकते,
18 पर ु हम लोग याह को अब से ले कर सवदा तक ध कहते रहगे । याह की ुित करो!
भजन सं िहता 116
1 म ेम रखता ं , इसिलये िक यहोवा ने मेरे िगड़िगड़ाने को सुना है।
2 उसने जो मेरी ओर कान लगाया है, इसिलये म जीवन भर उसको पु कारा क ं गा।
3 मृ ु की र यां मेरे चारों ओर थी;ं म अधोलोक की सकेती म पड़ा था; मुझे सं कट और शोक भोगना पड़ा।
4 तब म ने यहोवा से ाथना की, िक हे यहोवा िबनती सुन कर मे रे ाण को बचा ले !
5 यहोवा अनु हकारी और धम है; और हमारा परमे र दया करने वाला है।
6 यहोवा भोलों की र ा करता है; जब म बलहीन हो गया था, उसने मेरा उ ार िकया।
7 हे मे रे ाण तू अपने िव ाम थान म लौट आ; ोंिक यहोवा ने ते रा उपकार िकया है।।
8 तू ने तो मे रे ाण को मृ ु से, मेरी आं ख को आं सू बहाने से , और मेरे पांव को ठोकर खाने से बचाया है ।
9 म जीिवत रहते ए, अपने को यहोवा के सा ने जान कर िनत चलता र ंगा।
10 म ने जो ऐसा कहा है, इसे िव ास की कसौटी पर कस कर कहा है, िक म तो ब त ही दु : खत आ;
11 म ने उतावली से कहा, िक सब मनु झूठे ह।।
12 यहोवा ने मेरे िजतने उपकार िकए ह, उनका बदला म उसको ा दू ं ?
13 म उ ार का कटोरा उठा कर, यहोवा से ाथना क ं गा,
14 म यहोवा के िलये अपनी म त सभों की ि म गट प म उसकी सारी जा के सा ने पू री क ं गा।
15 यहोवा के भ ों की मृ ु, उसकी ि म अनमोल है।
16 हे यहोवा, सुन, म तो तेरा दास ं; म तेरा दास, और तेरी दासी का पु ं। तू ने मे रे ब न खोल िदए ह।
17 म तुझ को ध वाद बिल चढ़ाऊंगा, और यहोवा से ाथना क ं गा।
18 म यहोवा के िलये अपनी म त, गट म उसकी सारी जा के सा ने
19 यहोवा के भवन के आं गनों म, हे य शलेम, तेरे भीतर पू री क ं गा। याह की ुित करो!
भजन सं िहता 117
1 हे जाित जाित के सब लोगों यहोवा की ुित करो! हे रा रा के सब लोगो, उसकी शंसा करो!
2 ोंिक उसकी क णा हमारे ऊपर बल ई है; और यहोवा की स ाई सदा की है याह की ुित करो!
भजन सं िहता 118
1 यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है ; और उसकी क णा सदा की है !
2 इ ाएल कहे, उसकी क णा सदा की है।
3 हा न का घराना कहे, उसकी क णा सदा की है।
4 यहोवा के डरवैये कह, उसकी क णा सदा की है।
5 म ने सकेती म परमे र को पुकारा, परमे र ने मेरी सुन कर, मु झे चौड़े थान म प ंचाया।
6 यहोवा मेरी ओर है , म न ड ं गा। मनु मेरा ा कर सकता है ?
7 यहोवा मे री ओर मेरे सहायकों म है; म अपने बै रयों पर ि कर स ु ं गा।
8 यहोवा की शरण लेनी, मनु पर भरोसा रखने से उ म है ।
9 यहोवा की शरण लेनी, धानों पर भी भरोसा रखने से उ म है।।
10 सब जाितयों ने मुझ को घेर िलया है; पर ु यहोवा के नाम से म िन य उ नाश कर डालूंगा!
11 उ ोंने मुझ को घे र िलया है, िन:स े ह घेर िलया है; पर ु यहोवा के नाम से म िन य उ नाश कर डालूं गा!
12 उ ोंने मुझे मधुम यों की नाईं घे र िलया है, पर ु कां टों की आग की नाईं वे बुझ गए; यहोवा के नाम से म िन य उ नाश कर डालूंगा!
13 तू ने मु झे बड़ा ध ा िदया तो था, िक म िगर पडूं पर ु यहोवा ने मे री सहायता की।
14 परमे र मे रा बल और भजन का िवषय है; वह मेरा उ ार ठहरा है।।
15 धिमयों के त ुओं म जयजयकार और उ ार की िन हो रही है , यहोवा के दािहने हाथ से परा म का काम होता है ,
16 यहोवा का दिहना हाथ महान आ है, यहोवा के दािहने हाथ से परा म का काम होता है !
17 म न म ं गा वरन जीिवत र ंगा, और परमे र के कामों का वणन करता र ं गा।
18 परमे र ने मेरी बड़ी ताड़ना तो की है पर ु मुझे मृ ु के वश म नहीं िकया।।
19 मेरे िलये धम के ार खोलो, म उन से वेश कर के याह का ध वाद क ं गा।।
20 यहोवा का ार यही है, इस से धम वेश करने पाएं गे।।
21 हे यहोवा म तेरा ध वाद क ं गा, ोंिक तू ने मे री सु न ली है और मेरा उ ार ठहर गया है ।
22 राजिम यों ने िजस प र को िनक ा ठहराया था वही कोने का िसरा हो गया है।
23 यह तो यहोवा की ओर से आ है, यह हमारी ि म अद् भु त है।
24 आज वह िदन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस म मगन और आन त हों।
25 हे यहोवा, िबनती सुन, उ ार कर! हे यहोवा, िबनती सु न, सफलता दे !
26 ध है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हम ने तुम को यहोवा के घर से आशीवाद िदया है ।
27 यहोवा ई र है, और उसने हम को काश िदया है। य पशु को वेदी के सी ंगों से र यों बा ो!
28 हे यहोवा, तू मेरा ई र है, म तेरा ध वाद क ं गा; तू मेरा परमे र है , म तुझ को सरा ंगा।।
29 यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है ; और उसकी क णा सदा बनी रहे गी!
भजन सं िहता 119
1 ा ही ध ह वे जो चाल के खरे ह, और यहोवा की व था पर चलते ह!
2 ा ही ध ह वे जो उसकी िचतौिनयों को मानते ह, और पू ण मन से उसके पास आते ह!
3 िफर वे कुिटलता का काम नहीं करते, वे उसके माग म चलते ह।
4 तू ने अपने उपदे श इसिलये िदए ह, िक वे य से माने जाएं ।
5 भला होता िक तेरी िविधयों के मानने के िलये मेरी चालचलन ढ़ हो जाए!
6 तब म ते री सब आ ाओं की ओर िच लगाए र ंगा, और मे री आशा न टू टे गी।
7 जब म तेरे धममय िनयमों को सीखूंगा, तब तेरा ध वाद सीधे मन से क ं गा।
8 म ते री िविधयों को मानूंगा: मुझे पूरी रीित से न तज!
9 जवान अपनी चाल को िकस उपाय से शु रखे? तेरे वचन के अनु सार सावधान रहने से ।
10 म पू रे मन से ते री खोज मे लगा ं; मुझे तेरी आ ाओं की बाट से भटकने न दे !
11 म ने तेरे वचन को अपने दय म रख छोड़ा है, िक तेरे िव पाप न क ं ।
12 हे यहोवा, तू ध है; मुझे अपनी िविधयां िसखा!
13 तेरे सब कहे ए िनयमों का वणन, म ने अपने मुंह से िकया है ।
14 म ते री िचतौिनयों के माग से , मानों सब कार के धन से हिषत आ ं ।
15 म ते रे उपदे शों पर ान क ं गा, और तेरे माग की ओर ि रखूं गा।
16 म ते री िविधयों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।।
17 अपने दास का उपकार कर, िक म जीिवत र ं, और तेरे वचन पर चलता र ं।
18 मेरी आं ख खोल दे , िक म तेरी व था की अद् भुत बात दे ख सकूं।
19 म तो पृ ी पर परदे शी ं; अपनी आ ाओं को मु झ से िछपाए न रख!
20 मेरा मन ते रे िनयमों की अिभलाषा के कारण हर समय खेिदत रहता है ।
21 तू ने अिभमािनयों को, जो शािपत ह, घुड़का है, वे तेरी आ ाओं की बाट से भटके ए ह।
22 मेरी नामधराई और अपमान दू र कर, ोंिक म तेरी िचतौिनयों को पकड़े ं ।
23 हािकम भी बैठे ए आपास म मेरे िव बात करते थे, पर ु तेरा दास ते री िविधयों पर ान करता रहा।
24 तेरी िचतौिनयां मेरा सुखमूल और मेरे म ी ह।।
25 म धूल म पड़ा ं; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को िजला!
26 म ने अपनी चालचलन का तुझ से वणन िकया है और तू ने मेरी बात मान ली है ; तू मु झ को अपनी िविधयां िसखा!
27 अपने उपदे शों का माग मुझे बता, तब म तेरे आ चकम पर ान क ं गा।
28 मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मु झे स ल!
29 मुझ को झूठ के माग से दू र कर; और क णा कर के अपनी व था मुझे दे ।
30 म ने स ाई का माग चु न िलया है , ते रे िनयमों की ओर म िच लगाए रहता ं।
31 म ते री िचतौिनयों म लौलीन ं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!
32 जब तू मे रा िहयाव बढ़ाएगा, तब म तेरी आ ाओं के माग म दौडूंगा।।
33 हे यहोवा, मु झे अपनी िविधयों का माग िदखा दे ; तब म उसे अ तक पकड़े र ं गा।
34 मुझे समझ दे , तब म तेरी व था को पकड़े र ंगा और पू ण मन से उस पर चलूं गा।
35 अपनी आ ाओं के पथ म मुझ को चला, ोंिक म उसी से स ं।
36 मेरे मन को लोभ की ओर नही ं, अपनी िचतौिनयों ही की ओर फेर दे ।
37 मेरी आं खों को थ व ुओं की ओर से फेर दे ; तू अपने माग म मु झे िजला।
38 तेरा वचन जो तेरे भय मानने वालों के िलये है, उसको अपने दास के िनिम भी पू रा कर।
39 िजस नामधराई से म डरता ं, उसे दू र कर; ोंिक तेरे िनयम उ म ह।
40 दे ख, म तेरे उपदे शों का अिभलाषी ं; अपने धम के कारण मु झ को िजला।
41 हे यहोवा, तेरी क णा और तेरा िकया आ उ ार, तेरे वचन के अनुसार, मु झ को भी िमले ;
42 तब म अपनी नामधराई करने वालों को कुछ उ र दे सकूंगा, ोंिक मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
43 मुझे अपने स वचन कहने से न रोक ोंिक मेरी आशा तेरे िनयमों पर ह।
44 तब म ते री व था पर लगातार, सदा सवदा चलता र ं गा;
45 और म चोड़े थान म चला िफरा क ं गा, ोंिक म ने तेरे उपदे शों की सुिध रखी है।
46 और म तेरी िचतौिनयों की चचा राजाओं के सा ने भी क ं गा, और संकोच न क ं गा;
47 ोंिक म तेरी आ ाओं के कारण सुखी ं, और म उन से ीित रखता ं ।
48 म तेरी आ ाओं की ओर िजन म म ीित रखता ं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी िविधयों पर ान क ं गा।।
49 जो वचन तू ने अपने दास को िदया है, उसे रण कर, ोंिक तू ने मु झे आशा दी है।
50 मेरे दु :ख म मुझे शा उसी से ई है, ोंिक तेरे वचन के ारा म ने जीवन पाया है।
51 अिभमािनयों ने मुझे अ ठ े म उड़ाया है, तौभी म तेरी व था से नहीं हटा।
52 हे यहोवा, म ने तेरे ाचीन िनयमों को रण कर के शा पाई है ।
53 जो दु तेरी व था को छोड़े ए ह, उनके कारण म स ाप से जलता ं।
54 जहां म परदे शी हो कर रहता ं, वहां तेरी िविधयां, मेरे गीत गाने का िवषय बनी ह।
55 हे यहोवा, म ने रात को तेरा नाम रण िकया और तेरी व था पर चला ं ।
56 यह मु झ से इस कारण आ, िक म तेरे उपदे शों को पकड़े ए था।।
57 यहोवा मे रा भाग है; म ने तेरे वचनों के अनुसार चलने का िन य िकया है ।
58 म ने पू रे मन से तुझे मनाया है; इसिलये अपने वचन के अनुसार मु झ पर अनु ह कर।
59 म ने अपनी चालचलन को सोचा, और तेरी िचतौिनयों का माग िलया।
60 म ने तेरी आ ाओं के मानने म िवल नहीं, फुत की है।
61 म दु ों की र यों ब गया ं, तौभी म तेरी व था को नहीं भू ला।
62 तेरे धममय िनयमों के कारण म आधी रात को तेरा ध वाद करने को उठूंगा।
63 िजतने ते रा भय मानते और ते रे उपदे शों पर चलते ह, उनका म सं गी ं।
64 हे यहोवा, तेरी क णा पृ ी म भरी ई है; तू मुझे अपनी िविधयां िसखा!
65 हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।
66 मुझे भली िववेक- श और ान दे , ोंिक म ने तेरी आ ाओं का िव ास िकया है।
67 उस से पिहले िक म दु : खत आ, म भटकता था; पर ु अब म तेरे वचन को मानता ं ।
68 तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी िविधयां िसखा।
69 अिभमािनयों ने तो मेरे िव झूठ बात गढ़ी है, पर ु म तेरे उपदे शों को पूरे मन से पकड़े र ं गा।
70 उनका मन मोटा हो गया है, पर ु म तेरी व था के कारण सुखी ं।
71 मुझे जो दु :ख आ वह मेरे िलये भला ही आ है, िजस से म तेरी िविधयों को सीख सकूं।
72 तेरी दी ई व था मेरे िलये हजारों पयों और मु हरों से भी उ म है ।।
73 तेरे हाथों से म बनाया और रचा गया ं; मुझे समझ दे िक म तेरी आ ाओं को सीखूं ।
74 तेरे डरवैये मुझे दे ख कर आन त होंगे, ोंिक म ने तेरे वचन पर आशा लगाई है।
75 हे यहोवा, म जान गया िक तेरे िनयम धममय ह, और तू ने अपने स ाई के अनु सार मु झे दु :ख िदया है ।
76 मुझे अपनी क णा से शा दे , ोंिक तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन िदया है।
77 तेरी दया मुझ पर हो, तब म जीिवत र ंगा; ोंिक म तेरी व था से सु खी ं ।
78 अिभमािनयों की आशा टू टे , ोंिक उ ोंने मुझे झूठ के ारा िगरा िदया है ; पर ु म तेरे उपदे शों पर ान क ं गा।
79 जो तेरा भय मानते ह, वह मेरी ओर िफर, तब वे ते री िचतौिनयों को समझ लगे ।
80 मेरा मन ते री िविधयों के मानने म िस हो, ऐसा न हो िक मु झे ल त होना पड़े ।।
81 मेरा ाण तेरे उ ार के िलये बैचेन है; पर ु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।
82 मेरी आं ख तेरे वचन के पू रे होने की बाट जोहते जोहते रह गईं है; और म कहता ं िक तू मु झे कब शा दे गा?
83 ोंिक म धूएं म की कु ी के समान हो गया ं, तौभी ते री िविधयों को नहीं भूला।
84 तेरे दास के िकतने िदन रह गए ह? तू मेरे पीछे पड़े ओं को द कब दे गा?
85 अिभमानी जो तरी व था के अनु सार नहीं चलते, उ ोंने मेरे िलये गड़हे खोदे ह।
86 तेरी सब आ ाएं िव ासयो ह; वे लोग झूठ बोलते ए मेरे पीछे पड़े ह; तू मे री सहायता कर!
87 वे मु झ को पृ ी पर से िमटा डालने ही पर थे, पर ु म ने तेरे उपदे शों को नहीं छोड़ा।
88 अपनी क णा के अनुसार मुझ को िजला, तब म तेरी दी ई िचतौनी को मानूं गा।।
89 हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश म सदा तक थर रहता है।
90 तेरी स ाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृ ी को थर िकया, इसिलये वह बनी है ।
91 वे आज के िदन तक तेरे िनयमों के अनुसार ठहरे ह; ोंिक सारी सृ ि तेरे आधीन है ।
92 यिद म ते री व था से सुखी न होता, तो म दु :ख के समय नाश हो जाता।
93 म ते रे उपदे शों को कभी न भूलूंगा; ोंिक उ ी ं के ारा तू ने मुझे िजलाया है ।
94 म तेरा ही ं, तू मेरा उ ार कर; ोंिक म तेरे उपदे शों की सुिध रखता ं।
95 दु मे रा नाश करने के िलये मेरी घात म लगे ह; पर ु म तेरी िचतौिनयों पर ान करता ं ।
96 िजतनी बात पूरी जान पड़ती ह, उन सब को तो म ने अधूरी पाया है , पर ु ते री आ ा का िव ार बड़ा है ।।
97 अहा! म तेरी व था म कैसी ीित रखता ं! िदन भर मे रा ान उसी पर लगा रहता है ।
98 तू अपनी आ ाओं के ारा मुझे अपने श ुओं से अिधक बु मान करता है , ोंिक वे सदा मे रे मन म रहती ह।
99 म अपने सब िश कों से भी अिधक समझ रखता ं, ोंिक मेरा ान तेरी िचतौिनयों पर लगा है।
100 म पुरिनयों से भी समझदार ं, ोंिक म तेरे उपदे शों को पकड़े ए ं।
101 म ने अपने पां वों को हर एक बुरे रा े से रोक रखा है , िजस से म तेरे वचन के अनु सार चलूं।
102 म ते रे िनयमों से नही ं हटा, ोंिक तू ही ने मुझे िश ा दी है।
103 ते रे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते ह, वे मेरे मुंह म मधु से भी मीठे ह!
104 तेरे उपदे शों के कारण म समझदार हो जाता ं, इसिलये म सब िम ा माग से बै र रखता ं ।।
105 ते रा वचन मेरे पांव के िलये दीपक, और मेरे माग के िलये उिजयाला है ।
106 म ने शपथ खाई, और ठाना भी है िक म तेरे धममय िनयमों के अनुसार चलूंगा।
107 म अ दु :ख म पड़ा ं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे िजला।
108 हे यहोवा, मेरे वचनों को े ाबिल जान कर हण कर, और अपने िनयमों को मुझे िसखा।
109 मेरा ाण िनर र मेरी हथेली पर रहता है, तौभी म तेरी व था को भू ल नही ं गया।
110 दु ों ने मेरे िलये फ ा लगाया है, पर ु म तेरे उपदे शों के माग से नहीं भटका।
111 म ने तेरी िचतौिनयों को सदा के िलये अपना िनज भाग कर िलया है, ोंिक वे मे रे दय के हष का कारण ह।
112 म ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, िक अ तक तेरी िविधयों पर सदा चलता र ं।
113 म दु िच ों से तो बै र रखता ं, पर ु तेरी व था से ीित रखता ं ।
114 तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है ।
115 हे कुकिमयों, मुझ से दू र हो जाओ, िक म अपने परमे र की आ ाओं को पकड़े र ं ।
116 हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे स ाल, िक म जीिवत र ं, और मे री आशा को न तोड़!
117 मुझे थाम रख, तब म बचा र ंगा, और िनर र तेरी िविधयों की ओर िच लगाए र ं गा!
118 िजतने ते री िविधयों के माग से भटक जाते ह, उन सब को तू तु जानता है , ोंिक उनकी चतु राई झूठ है।
119 तू ने पृ ी के सब दु ों को धातु के मै ल के समान दू र िकया है; इस कारण म तेरी िचतौिनयों से ीित रखता ं ।
120 ते रे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और म तेरे िनयमों से डरता ं।।
121 म ने तो ाय और धम का काम िकया है; तू मुझे अ ेर करने वालों के हाथ म न छोड़।
122 अपने दास की भलाई के िलये जािमन हो, तािक अिभमानी मुझ पर अ े र न करने पां ए।
123 मेरी आं ख तुझ से उ ार पाने, और तेरे धममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई ह।
124 अपने दास के संग अपनी क णा के अनुसार बताव कर, और अपनी िविधयां मु झे िसखा।
125 म तेरा दास ं, तू मुझे समझ दे िक म तेरी िचतौिनयों को समझूं।
126 वह समय आया है, िक यहोवा काम करे , ोंिक लोगों ने ते री व था को तोड़ िदया है ।
127 इस कारण म ते री आ ाओं को सोने से वरन कु न से भी अिधक ि य मानता ं ।
128 इसी कारण म तेरे सब उपदे शों को सब िवषयों म ठीक जानता ं ; और सब िम ा माग से बैर रखता ं ।।
129 ते री िचतौिनयां अनूप ह, इस कारण म उ अपने जी से पकड़े ए ं ।
130 तेरी बातों के खुलने से काश होता है; उस से भोले लोग समझ ा करते ह।
131 म मुं ह खोल कर हांफने लगा, ोंिक म तेरी आ ाओं का ासा था।
132 जैसी तेरी रीित अपने नाम की ीित रखने वालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी िफर कर मुझ पर अनु ह कर।
133 मेरे पै रों को अपने वचन के माग पर थर कर, और िकसी अनथ बात को मु झ पर भु ता न करने दे ।
134 मुझे मनु ों के अ ेर से छु ड़ा ले, तब म तेरे उपदे शों को मानूंगा।
135 अपने दास पर अपने मुख का काश चमका दे , और अपनी िविधयां मुझे िसखा।
136 मेरी आं खों से जल की धारा बहती रहती है, ोंिक लोग ते री व था को नहीं मानते।।
137 हे यहोवा तू धम है, और तेरे िनयम सीधे ह।
138 तू ने अपनी िचतौिनयों को धम और पूरी स ता से कहा है।
139 म तेरी धुन म भ हो रहा ं, ोंिक मेरे सताने वाले तेरे वचनों को भूल गए ह।
140 ते रा वचन पूरी रीित से ताया आ है, इसिलये तेरा दास उस म ीित रखता है।
141 म छोटा और तु ं, तौभी म तेरे उपदे शों को नहीं भूलता।
142 ते रा धम सदा का धम है, और तेरी व था स है।
143 म सं कट और सकेती म फंसा ं, पर ु म तेरी आ ाओं से सु खी ं।
144 ते री िचतौिनयां सदा धममय ह; तू मुझ को समझ दे िक म जीिवत र ं।।
145 म ने सारे मन से ाथना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! म तेरी िविधयों को पकड़े र ं गा।
146 म ने तुझ से ाथना की है, तू मेरा उ ार कर, और म तेरी िचतौिनयों को माना क ं गा।
147 म ने पौ फटने से पिहले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।
148 मेरी आं ख रात के एक एक पहर से पिहले खुल गईं, िक म तेरे वचन पर ान क ं ।
149 अपनी क णा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीित के अनु सार मु झे जीिवत कर।
150 जो दु ता म धुन लगाते ह, वे िनकट आ गए ह; वे तेरी व था से दू र ह।
151 हे यहोवा, तू िनकट है, और तेरी सब आ ाएं स ह।
152 ब त काल से म तेरी िचतौिनयों को जानता ं, िक तू ने उनकी नेव सदा के िलये डाली है ।।
153 मेरे दु :ख को दे ख कर मुझे छु ड़ा ले, ोंिक म तेरी व था को भू ल नही ं गया।
154 मेरा मुक मा लड़, और मुझे छु ड़ा ले; अपने वचन के अनुसार मुझ को िजला।
155 दु ों को उ ार िमलना किठन है, ोंिक वे ते री िविधयों की सुिध नही ं रखते।
156 हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसिलये अपने िनयमों के अनुसार मु झे िजला।
157 मेरा पीछा करने वाले और मेरे सताने वाले ब त ह, पर ु म तेरी िचतौिनयों से नहीं हटता।
158 म िव ासघाितयों को दे ख कर उदास आ, ोंिक वे ते रे वचन को नहीं मानते।
159 दे ख, म तेरे िनयमों से कैसी ीित रखता ं! हे यहोवा, अपनी क णा के अनु सार मु झ को िजला।
160 ते रा सारा वचन स ही है; और तेरा एक एक धममय िनयम सदा काल तक अटल है ।।
161 हािकम थ मे रे पीछे पड़े ह, पर ु मेरा दय तेरे वचनों का भय मानता है।
162 जैसे कोई बड़ी लूट पा कर हिषत होता है, वैसे ही म तेरे वचन के कारण हिषत ं।
163 झूठ से तो म बैर और घृणा रखता ं, पर ु तेरी व था से ीित रखता ं ।
164 ते रे धममय िनयमों के कारण म ितिदन सात बेर तेरी ु ित करता ं ।
165 ते री व था से ीित रखने वालों को बड़ी शा होती है; और उन को कुछ ठोकर नहीं लगती।
166 हे यहोवा, म तुझ से उ ार पाने की आशा रखता ं; और तेरी आ ाओं पर चलता आया ं ।
167 म ते री िचतौिनयों को जी से मानता ं, और उन से ब त ीित रखता आया ं।
168 म ते रे उपदे शों और िचतौिनयों को मानता आया ं, ोंिक मेरी सारी चालचलन तेरे स ुख गट है।।
169 हे यहोवा, मेरी दोहाई तुझ तक प ंचे; तू अपने वचन के अनुसार मु झे समझ दे !
170 मेरा िगड़िगड़ाना तुझ तक प ंचे; तू अपने वचन के अनुसार मु झे छु ड़ा ले।
171 मेरे मुं ह से ुित िनकला करे , ोंिक तू मु झे अपनी िविधयां िसखाता है।
172 म तेरे वचन का गीत गाऊंगा, ोंिक तेरी सब आ ाएं धममय ह।
173 ते रा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, ोंिक म ने तेरे उपदे शों को अपनाया है।
174 हे यहोवा, म तुझ से उ ार पाने की अिभलाषा करता ं, म तेरी व था से सु खी ं।
175 मुझे िजला, और म तेरी ुित क ं गा, तेरे िनयमों से मेरी सहायता हो।
176 म खोई ई भेड़ की नाईं भटका ं; तू अपने दास को ढूंढ़ ले , ोंिक म तेरी आ ाओं को भू ल नहीं गया।।
भजन सं िहता 120
1 संकट के समय म ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।
2 हे यहोवा, झूठ बोलने वाले मुंह से और छली जीभ से मेरी र ा कर।।
3 हे छली जीभ, तुझ को ा िमले? और तेरे साथ और ा अिधक िकया जाए?
4 वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे !
5 हाय, हाय, ोंिक मुझे मे शेक म परदे शी हो कर रहना पड़ा और केदार के त ु ओं म बसना पड़ा है !
6 ब त काल से मु झ को मेल के बै रयों के साथ बसना पड़ा है।
7 म तो मेल चाहता ं ; पर ु मेरे बोलते ही, वे लड़ना चाहते ह!
भजन सं िहता 121
1 म अपनी आं ख पवतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से िमलेगी?
2 मु झे सहायता यहोवा की ओर से िमलती है, जो आकाश और पृ ी का कता है ।।
3 वह तेरे पांव को टलने न दे गा, तेरा र क कभी न ऊंघेगा।
4 सुन, इ ाएल का र क, न ऊंघेगा और न सोएगा।।
5 यहोवा ते रा र क है; यहोवा तेरी दािहनी ओर तेरी आड़ है।
6 न तो िदन को धूप से , और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हािन होगी।।
7 यहोवा सारी िवपि से तेरी र ा करे गा; वह तेरे ाण की र ा करे गा।
8 यहोवा ते रे आने जाने म तेरी र ा अब से ले कर सदा तक करता रहे गा।।
भजन सं िहता 122
1 जब लोगों ने मुझ से कहा, िक हम यहोवा के भवन को चल, तब म आन त आ।
2 हे य शले म, ते रे फाटकों के भीतर, हम खड़े हो गए ह!
3 हे य शलेम, तू ऐसे नगर के समान बना है, िजसके घर एक दू सरे से िमले ए ह।
4 वहां याह के गो गो के लोग यहोवा के नाम का ध वाद करने को जाते ह; यह इ ाएल के िलये सा ी है ।
5 वहां तो ाय के िसंहासन, दाऊद के घराने के िलये धरे ए ह।।
6 य शले म की शा का वरदान मांगो, तेरे ेमी कुशल से रह!
7 तेरी शहरपनाह के भीतर शा , और तेरे महलों म कुशल होवे!
8 अपने भाइयों और संिगयों के िनिम , म क ंगा िक तुझ म शा होवे!
9 अपने परमे र यहोवा के भवन के िनिम , म तेरी भलाई का य क ं गा।।
भजन सं िहता 123
1 हे ग म िवराजमान म अपनी आं ख तेरी ओर लगाता ं !
2 दे ख, जै से दासों की आं ख अपने ािमयों के हाथ की ओर, और जैसे दािसयों की आं ख अपनी ािमनी के हाथ की ओर लगी रहती है, वैसे ही हमारी आं ख हमारे परमे र यहोवा की
ओर उस समय तक लगी रहगी, जब तक वह हम पर अनु ह न करे ।।
3 हम पर अनु ह कर, हे यहोवा, हम पर अनु ह कर, ोंिक हम अपमान से ब त ही भर गए ह।
4 हमारा जीव सु खी लोगों के ठ ों से, और अहं का रयों के अपमान से ब त ही भर गया है।।
भजन सं िहता 124
1 इ ाएल यह कहे, िक यिद हमारी ओर यहोवा न होता,
2 यिद यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनु ों ने हम पर चढ़ाई की,
3 तो वे हम को उसी समय जीिवत िनगल जाते, जब उनका ोध हम पर भड़का था,
4 हम उसी समय जल म डूब जाते और धारा म बह जाते;
5 उमड़ते जल म हम उसी समय ही बह जाते।।
6 ध है यहोवा, िजसने हम को उनके दातों तले जाने न िदया!
7 हमार जीव प ी की नाईं िचड़ीमार के जाल से छूट गया; जाल फट गया, हम बच िनकले !
8 यहोवा जो आकाश और पृ ी का कता है, हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।
भजन सं िहता 125
1 जो यहोवा पर भरोसा रखते ह, वे िस ोन पवत के समान ह, जो टलता नहीं, वरन सदा बना रहता है।
2 िजस कार य शले म के चारों ओर पहाड़ ह, उसी कार यहोवा अपनी जा के चारों ओर अब से ले कर सवदा तक बना रहेगा।
3 ोंिक दु ों का राजद धिमयों के भाग पर बना न रहेगा, ऐसा न हो िक धम अपने हाथ कुिटल काम की ओर बढ़ाएं ।।
4 हे यहोवा, भलों का, और सीधे मन वालों का भला कर!
5 पर ु जो मुड़ कर टे ढ़े माग म चलते ह, उन को यहोवा अनथका रयों के सं ग िनकाल दे गा! इ ाएल को शा िमले!
भजन सं िहता 126
1 जब यहोवा िस ोन से लौटने वालों को लौटा ले आया, तब हम दे खने वाले से हो गए।
2 तब हम आन से हं सने और जयजयकार करने लगे; तब जाित जाित के बीच म कहा जाता था, िक यहोवा ने , इनके साथ बड़े बड़े काम िकए ह।
3 यहोवा ने हमारे साथ बड़े बड़े काम िकए ह; और इस से हम आन त ह।।
4 हे यहोवा, द न दे श के नालों की नाईं, हमारे ब ुओं को लौटा ले आ!
5 जो आं सू बहाते ए बोते ह, वे जयजयकार करते ए लवने पाएं गे ।
6 चाहे बोने वाला बीज ले कर रोता आ चला जाए, पर ु वह िफर पूिलयां िलये जयजयकार करता आ िन य लौट आएगा।।
भजन सं िहता 127
1 यिद घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनाने वालों को प र म थ होगा। यिद नगर की र ा यहोवा न करे , तो रखवाले का जागना थ ही होगा।
2 तुम जो सवेरे उठते और दे र कर के िव ाम करते और दु :ख भरी रोटी खाते हो, यह सब तु ारे िलये थ ही है ; ोंिक वह अपने ि यों को यों ही नी ंद दान करता है।।
3 दे खे, लड़के यहोवा के िदए ए भाग ह, गभ का फल उसकी ओर से ितफल है।
4 जै से वीर के हाथ म तीर, वैसे ही जवानी के लड़के होते ह।
5 ा ही ध है वह पु ष िजसने अपने तकश को उन से भर िलया हो! वह फाटक के पास श ुओ ं से बात करते सं कोच न करे गा।।
भजन सं िहता 128
1 ा ही ध है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके माग पर चलता है !
2 तू अपनी कमाई को िन य खाने पाएगा; तू ध होगा, और तेरा भला ही होगा।।
3 तेरे घर के भीतर तेरी ी फलव दाखलता सी होगी; तेरी मेज के चारों ओर तेरे बालक जलपाई के पौधे से होंगे।
4 सुन, जो पु ष यहोवा का भय मानता हो, वह ऐसी ही आशीष पाएगा।।
5 यहोवा तु झे िस ोन से आशीष दे वे, और तू जीवन भर य शलेम का कुशल दे खता रहे !
6 वरन तू अपने नाती- पोतों को भी दे खने पाए! इ ाएल को शा िमले !
भजन सं िहता 130
1 हे यहोवा, म ने गिहरे थानों म से तुझ को पुकारा है!
2 हे भु , मेरी सुन! तेरे कान मेरे िगड़िगड़ाने की ओर ान से लगे रह!
3 हे याह, यिद तू अधम के कामों का ले खा ले, तो हे भु कौन खड़ा रह सकेगा?
4 पर ु तू मा करने वाला है? िजस से तेरा भय माना जाए।
5 म यहोवा की बाट जोहता ं, म जी से उसकी बाट जोहता ं , और मे री आशा उसके वचन पर है ;
6 पह ए िजतना भोर को चाहते ह, हां, पह ए िजतना भोर को चाहते ह, उस से भी अिधक म यहोवा को अपने ाणों से चाहता ं।।
7 इ ाएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! ोंिक यहोवा क णा करने वाला और पू रा छु टकारा दे ने वाला है ।
8 इ ाएल को उसके सारे अधम के कामों से वही छु टकारा दे गा।।
भजन सं िहता 131
1 हे यहोवा, न तो मेरा मन गव से और न मेरी ि घम से भरी है ; और जो बात बड़ी और मे रे िलये अिधक किठन ह, उन से म काम नहीं रखता।
2 िन य म ने अपने मन को शा और चुप कर िदया है, जैसे दू ध छु ड़ाया आ लड़का अपनी मां की गोद म रहता है , वैसे ही दू ध छु ड़ाए ए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है ।।
3 हे इ ाएल, अब से ले कर सदा सवदा यहोवा ही पर आशा लगाए रह!
भजन सं िहता 132
1 हे यहोवा, दाऊद के िलये उसकी सारी दु दशा को रण कर;
2 उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सवश मान की म त मानी है,
3 िक िन य म उस समय तक अपने घर म वेश न क ं गा, और ने अपने पलंग पर चढू ं गा;
4 न अपनी आं खों म नी ंद, और न अपनी पलकों म झपकी आने दू ं गा,
5 जब तक म यहोवा के िलये एक थान, अथात याकूब के सवश मान के िलये िनवास थान न पाऊं।।
6 दे खो, हम ने ए ाता म इसकी चचा सु नी है, हम ने इस को वन के खेतों म पाया है ।
7 आओ, हम उसके िनवास म वेश कर, हम उसके चरणों की चौकी के आगे द वत कर!
8 हे यहोवा, उठ कर अपने िव ाम थान म अपनी साम के स दू क समे त आ।
9 तेरे याजक धम के व पिहने रह, और तेरे भ लोग जयजयकार कर।
10 अपने दास दाऊद के िलये अपने अिभिष की ाथना की अनसु नी न कर।।
11 यहोवा ने दाऊद से स ी शपथ खाई है और वह उस से न मु करे गा: िक म ते री ग ी पर ते रे एक िनज पु को बैठाऊंगा।
12 यिद तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन कर और जो िचतौनी म उ िसखाऊंगा, उस पर चल, तो उनके वंश के लोग भी तेरी ग ी पर युग युग बैठते चले जाएं गे।
13 ोंिक यहोवा ने िस ोन को अपनाया है, और उसे अपने िनवास के िलये चाहा है ।।
14 यह तो युग युग के िलये मेरा िव ाम थान ह; यहीं म र ंगा, ोंिक म ने इसको चाहा है ।
15 म इस म की भोजन व ुओं पर अित आशीष दू ं गा; और इसके द र ों को रोटी से तृ क ं गा।
16 इसके याजकों को म उ ार का व पिहनाऊंगा, और इसके भ लोग ऊंचे र से जयजयकार करगे ।
17 वहां म दाऊद के एक सी ंग उगाऊंगा; म ने अपने अिभिष के िलये एक दीपक तै यार कर रखा है ।
18 म उसके श ुओं को तो ल ा का व पिहनाऊंगा, पर ु उस के िसर पर उसका मु कुट शोभायमान रहे गा।।
भजन सं िहता 133
1 दे खो, यह ा ही भली और मनोहर बात है िक भाई लोग आपस म िमले रह!
2 यह तो उस उ म तेल के समान है, जो हा न के िसर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी पर बह कर, उसके व की छोर तक प ंच गया।
3 वह हे म न की उस ओस के समान है, जो िस ोन के पहाड़ों पर िगरती है! यहोवा ने तो वही ं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है ।।
भजन सं िहता 134
1 हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात रात को यहोवा के भवन म खड़े रहते हो, यहोवा को ध कहो।
2 अपने हाथ पिव थान म उठा कर, यहोवा को ध कहो।
3 यहोवा जो आकाश और पृ ी का कता है, वह िस ोन म से तुझे आशीष दे वे।।
भजन सं िहता 135
1 याह की ुित करो, यहोवा के नाम की ुित करो, हे यहोवा के सेवकों तुम ुित करो,
2 तुम जो यहोवा के भवन म, अथात हमारे परमे र के भवन के आं गनों म खड़े रहते हो!
3 याह की ुित करो, ोंिक यहोवा भला है; उसके नाम का भजन गाओ, ोंिक यह मन भाऊ है!
4 याह ने तो याकूब को अपने िलये चुना है, अथात इ ाएल को अपने िनज धन होने के िलये चु न िलया है ।
5 म तो जानता ं िक हमारा भु यहोवा सब दे वताओं से महान है।
6 जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उसने आकाश और पृ ी और समु और सब गिहरे थानों म िकया है ।
7 वह पृ ी की छोर से कुहरे उठाता है, और वषा के िलये िबजली बनाता है , और पवन को अपने भ ार म से िनकालता है।
8 उसने िम म ा मनु ा पशु, सब के पिहलौठों को मार डाला!
9 हे िम , उसने तेरे बीच म िफरौन और उसके सब कमचा रयों के बीच िच और चम ार िकए।
10 उसने ब त सी जाितयां नाश की, और सामथ राजाओं को,
11 अथात एमो रयों के राजा सीहोन को, और बाशान के राजा ओग को, और कनान के सब राजाओं को घात िकया;
12 और उनके दे श को बांट कर, अपनी जा इ ाएल के भाग होने के िलये दे िदया।।
13 हे यहोवा, तेरा नाम सदा थर है, हे यहोवा िजस नाम से तेरा रण होता है, वह पीढ़ी- पीढ़ी बना रहे गा।
14 यहोवा तो अपनी जा का ाय चुकाएगा, और अपने दासों की दु दशा दे ख कर तरस खाएगा।
15 अ जाितयों की मू रत सोना- चा ी ही ह, वे मनु ों की बनाईं ई ह।
16 उनके मुं ह तो रहता है, पर ु वे बोल नही ं सकती ं, उनके आं ख तो रहती ह, पर ु वे दे ख नही ं सकती ं,
17 उनके कान तो रहते ह, पर ु वे सुन नहीं सकती ं, न उनके कुछ भी सांस चलती है।
18 जैसी वे ह वैसे ही उनके बनाने वाले भी ह; और उन पर सब भरोसा रखने वाले भी वैसे ही हो जाएं गे!
19 हे इ ाएल के घराने यहोवा को ध कह! हे हा न के घराने यहोवा को ध कह!
20 हे ले वी के घराने यहोवा को ध कह! हे यहोवा के डरवैयो यहोवा को ध कहो!
21 यहोवा जो य शलेम म वास करता है, उसे िस ोन म ध कहा जावे! याह की ु ित करो!
भजन सं िहता 136
1 यहोवा का ध वाद करो, ोंिक वह भला है , और उसकी क णा सदा की है ।
2 जो ई रों का परमे र है, उसका ध वाद करो, उसकी क णा सदा की है ।
3 जो भु ओं का भु है, उसका ध वाद करो, उसकी क णा सदा की है।।
4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचयकम नहीं करता, उसकी क णा सदा की है ।
5 उसने अपनी बु से आकाश बनाया, उसकी क णा सदा की है।
6 उसने पृ ी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी क णा सदा की है।
7 उसने बड़ी बड़ी ोितयों बनाईं, उसकी क णा सदा की है ।
8 िदन पर भु ता करने के िलये सूय को बनाया, उसकी क णा सदा की है।
9 और रात पर भु ता करने के िलये च मा और तारागण को बनाया, उसकी क णा सदा की है ।
10 उसने िम यों के पिहलौठों को मारा, उसकी क णा सदा की है।।
11 और उनके बीच से इ ाएिलयों को िनकाला, उसकी क णा सदा की है ।
12 बलव हाथ और बढ़ाई ई भुजा से िनकाल लाया, उसकी क णा सदा की है ।
13 उसने लाल समु को ख ख कर िदया, उसकी क णा सदा की है।
14 और इ ाएल को उसके बीच से पार कर िदया, उसकी क णा सदा की है।
15 और िफरौन को सेना समेत लाल समु म डाल िदया, उसकी क णा सदा की है ।
16 वह अपनी जा को जंगल म ले चला, उसकी क णा सदा की है ।
17 उसने बड़े बड़े राजा मारे , उसकी क णा सदा की है ।
18 उसने तापी राजाओं को भी मारा, उसकी क णा सदा की है।
19 एमो रयों के राजा सीहोन को, उसकी क णा सदा की है ।
20 और बाशान के राजा ओग को घात िकया, उसकी क णा सदा की है ।
21 और उनके दे श को भाग होने के िलये, उसकी क णा सदा की है ।
22 अपने दास इ ाएिलयों के भाग होने के िलये दे िदया, उसकी क णा सदा की है ।
23 उसने हमारी दु दशा म हमारी सुिध ली, उसकी क णा सदा की है ।
24 और हम को ोिहयों से छु ड़ाया है, उसकी क णा सदा की है ।
25 वह सब ािणयों को आहार दे ता है, उसकी क णा सदा की है।
26 ग के परमे र का ध वाद करो, उसकी क णा सदा की है ।
भजन सं िहता 137
1 बाबुल की नहरों के िकनारे हम लोग बैठ गए, और िस ोन को रण कर के रो पड़े !
2 उसके बीच के मजनू व पर हम ने अपनी वीणाओं को टांग िदया;
3 ोंिक जो हम को ब ुए कर के ले गए थे, उ ोंने वहां हम से गीत गवाना चाहा, और हमारे लाने वालों ने हम से आन चाह कर कहा, िस ोन के गीतों म से हमारे िलये कोई गीत
गाओ!
4 हम यहोवा के गीत को, पराए दे श म ोंकर गाएं ?
5 हे य शलेम, यिद म तुझे भूल जाऊं, तो मेरा दिहना हाथ झूठा हो जाए!
6 यिद म तु झे रण न रखूं, यिद म य शलेम को अपने सब आन से े न जानूं, तो मे री जीभ तालू से िचपट जाए!
7 हे यहोवा, य शले म के िदन को एदोिमयों के िव रण कर, िक वे ोंकर कहते थे , ढाओ! उसको नेव से ढा दो।
8 हे बाबु ल तू जो उजड़ने वाली है, ा ही ध वह होगा, जो तुझ से ऐसा बताव करे गा जै सा तू ने हम से िकया है !
9 ा ही ध वह होगा, जो तेरे ब ों को पकड़ कर, च ान पर पटक दे गा!
भजन सं िहता 138
1 म पूरे मन से ते रा ध वाद क ँ गा; दे वताओं के सामने भी म तेरा भजन गाऊँगा।
2 म तेरे पिव म र की ओर द वत क ँ गा, और तेरी क णा और स ाई के कारण ते रे नाम का ध वाद क ँ गा, ोंिक तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अिधक मह
िदया है।
3 िजस िदन मने पुकारा, उसी िदन तू ने मेरी सुन ली, और मुझ म बल दे कर मु झे िहयाव ब ाया।
4 हे यहोवा, पृ ी के सब राजा तेरा ध वाद करगे, ोंिक उ ोंने तेरे वचन सु ने ह;
5 और वे यहोवा की गित के िवषय म गाएं गे, ोंिक यहोवा की मिहमा बड़ी है।
6 य िप यहोवा महान है, तौभी वह न मनु की ओर ि करता है; पर ु अहं कारी को दू र ही से पिहचानता है ।
7 चाहे म सं कट के बीच म र ं तौभी तू मुझे िजलाएगा, तू मेरे ोिधत श ुओं के िव हाथ बढ़ाएगा, और अपने दािहने हाथ से मेरा उ ार करे गा।
8 यहोवा मेरे िलये सब कुछ पूरा करे गा; हे यहोवा तेरी क णा सदा की है । तू अपने हाथों के काय को ाग न दे ।
भजन सं िहता 139
1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान िलया है।।
2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे िवचारों को दू र ही से समझ ले ता है ।
3 मे रे चलने और ले टने की तू भली भांित छानबीन करता है, और मे री पू री चालचलन का भे द जानता है ।
4 हे यहोवा, मेरे मुं ह म ऐसी कोई बात नही ं िजसे तू पूरी रीित से न जानता हो।
5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है ।
6 यह ान मेरे िलये ब त किठन है; यह ग ीर और मेरी समझ से बाहर है ।।
7 म तेरे आ ा से भाग कर िकधर जाऊं? वा तेरे सा ने से िकधर भागूं ?
8 यिद म आकाश पर चढू ं , तो तू वहां है! यिद म अपना िबछौना अधोलोक म िबछाऊं तो वहां भी तू है !
9 यिद म भोर की िकरणों पर चढ़ कर समु के पार जा बसूं ,
10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करे गा, और अपने दािहने हाथ से मु झे पकड़े रहे गा।
11 यिद म क ं िक अ कार म तो म िछप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उिजयाला रात का अ े रा हो जाएगा,
12 तौभी अ कार तु झ से न िछपाएगा, रात तो िदन के तु काश दे गी; ोंिक तेरे िलये अ यारा और उिजयाला दोनों एक समान ह।।
13 मेरे मन का ामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गभ म रचा।
14 म तेरा ध वाद क ं गा, इसिलये िक म भयानक और अद् भुत रीित से रचा गया ं । तेरे काम तो आ य के ह, और म इसे भली भांित जानता ं।
15 जब म गु म बनाया जाता, और पृ ी के नीचे थानों म रचा जाता था, तब मेरी हिड् डयां तुझ से िछपी न थी।ं
16 तेरी आं खों ने मेरे बेडौल त को दे खा; और मेरे सब अं ग जो िदन िदन बनते जाते थे वे रचे जाने से पिहले तेरी पु क म िलखे ए थे।
17 और मे रे िलये तो हे ई र, तेरे िवचार ा ही ब मू ह! उनकी सं ा का जोड़ कैसा बड़ा है ।।
18 यिद म उन को िगनता तो वे बालू के िकनकों से भी अिधक ठहरते। जब म जाग उठता ं, तब भी ते रे सं ग रहता ं ।।
19 हे ई र िन य तू दु को घात करे गा! हे ह ारों, मुझ से दू र हो जाओ।
20 ोंिक वे ते री चचा चतुराई से करते ह; तेरे ोही तेरा नाम झूठी बात पर लेते ह।
21 हे यहोवा, ा म तेरे बै रयों से बै र न रखूं, और तेरे िवरोिधयों से ठ न जाऊं?
22 हां , म उन से पूण बैर रखता ं; म उन को अपना श ु समझता ं ।
23 हे ई र, मु झे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी िच ाओं को जान ले !
24 और दे ख िक मुझ म कोई बुरी चाल है िक नही,ं और अन के माग म मे री अगु वाई कर!
भजन सं िहता 140
1 हे यहोवा, मुझ को बु रे मनु से बचा ले; उप वी पु ष से मे री र ा कर,
2 ोंिक उ ोंने मन म बुरी क नाएं की ह; वे लगातार लड़ाइयां मचाते ह।
3 उनका बोलना सांप का काटना सा है, उनके मुंह म नाग का सा िवष रहता है।।
4 हे यहोवा, मुझे दु के हाथों से बचा ले; उप वी पु ष से मेरी र ा कर, ोंिक उ ोंने मेरे पै रों के उखाड़ने की यु की है।
5 घम यों ने मेरे िलये फ ा और पासे लगाए, और पथ के िकनारे जाल िबछाया है ; उ ोंने मेरे िलये फ े लगा रखे ह।।
6 हे यहोवा, म ने तुझ से कहा है िक तू मेरा ई र है; हे यहोवा, मे रे िगड़गड़ाने की ओर कान लगा!
7 हे यहोवा भु, हे मेरे सामथ उ ारकता, तू ने यु के िदन मे रे िसर की र ा की है ।
8 हे यहोवा दु की इ ा को पूरी न होने दे , उसकी बुरी यु को सफल न कर, नहीं तो वह घम करे गा।।
9 मेरे घेरने वालों के िसर पर उ ी ं का िवचारा आ उ ात पड़े !
10 उन पर अंगारे डाले जाएं ! वे आग म िगरा िदए जाएं ! और ऐसे गड़हों म िगर, िक वे िफर उठ न सक!
11 बकवादी पृ ी पर थर नही ं होने का; उप वी पु ष को िगराने के िलये बु राई उसका पीछा करे गी।।
12 हे यहोवा, मुझे िन य है िक तू दीन जन का और द र ों का ाय चुकाएगा।
13 िन:स े ह धम तेरे नाम का ध वाद करने पाएं गे; सीधे लोग ते रे स ुख वास करगे ।।
भजन सं िहता 141
1 हे यहोवा, म ने तुझे पुकारा है; मेरे िलये फुत कर! जब म तुझ को पु का ं , तब मे री ओर कान लगा!
2 मे री ाथना तेरे सा ने सुग धूप, और मेरा हाथ फैलाना, सं ा काल का अ बिल ठहरे !
3 हे यहोवा, मे रे मुख का पहरा बैठा, मेरे हाठों के ार पर रखवाली कर!
4 मे रा मन िकसी बुरी बात की ओर िफरने न दे ; म अनथकारी पु षों के संग, दु कामों म न लगूं, और म उनके ािद भोजन व ु ओं म से कुछ न खाऊं!
5 धम मु झ को मारे तो यह कृपा मानी जाएगी, और वह मुझे ताड़ना दे , तो यह मेरे िसर पर का ते ल ठहरे गा; मे रा िसर उस से इ ार न करे गा।। लोगों के बुरे काम करने पर भी म
ाथना म लवलीन र ंगा।
6 जब उनके ायी च ान के पास िगराए गए, तब उ ोंने मेरे वचन सु न िलये; ोंिक वे मधुर ह।
7 जै से भूिम म हल चलने से ढे ले फूटते ह, वैसे ही हमारी हिड् डयां अधोलोक के मुं ह पर िछतराई ई ह।।
8 पर ु हे यहोवा, भु , मेरी आं खे तेरी ही ओर लगी ह; म तेरा शरणागत ं ; तू मे रे ाण जाने न दे !
9 मु झे उस फ े से, जो उ ोंने मेरे िलये लगाया है, और अनथका रयों के जाल से मेरी र ा कर!
10 दु लोग अपने जालों म आप ही फंस, और म बच िनकलूं।।
भजन सं िहता 142
1 म यहोवा की दोहाई दे ता, म यहोवा से िगड़िगड़ाता ं,
2 म अपने शोक की बात उस से खोल कर कहता, म अपना सं कट उस के आगे गट करता ं ।
3 जब मेरी आ ा मेरे भीतर से ाकुल हो रही थी, तब तू मे री दशा को जानता था! िजस रा े से म जाने वाला था, उसी म उ ोंने मेरे िलये फ ा लगाया।
4 म ने दािहनी ओर दे खा, पर ु कोई मुझे नहीं दे खता है। मेरे िलये शरण कही ं नहीं रही, न मुझ को कोई पू छता है ।।
5 हे यहोवा, म ने तेरी दोहाई दी है; म ने कहा, तू मेरा शरण थान है , मे रे जीते जी तू मे रा भाग है ।
6 मे री िच ाहट को ान दे कर सुन, ोंिक मेरी बड़ी दु दशा हो गई है! जो मे रे पीछे पड़े ह, उन से मु झे बचा ले ; ोंिक वे मु झ से अिधक सामथ ह।
7 मु झ को ब ीगृह से िनकाल िक म तेरे नाम का ध वाद क ं ! धम लोग मेरे चारों ओर आएं गे; ोंिक तू मे रा उपकार करे गा।।
भजन सं िहता 143
1 हे यहोवा मे री ाथना सुन; मेरे िगड़िगड़ाने की ओर कान लगा! तू जो स ा और धम है , सो मे री सु न ले ,
2 और अपने दास से मुक मा न चला! ोंिक कोई ाणी तेरी ि म िनद ष नही ं ठहर सकता।।
3 श ु तो मेरे ाण का ाहक आ है; उसने मुझे चूर कर के िम ी म िमलाया है , और मु झे ढे र िदन के मरे ओं के समान अ ेरे थान म डाल िदया है।
4 मे री आ ा भीतर से ाकुल हो रही है मेरा मन िवकल है ।।
5 मु झे ाचीन काल के िदन रण आते ह, म तेरे सब अद् भु त कामों पर ान करता ं , और ते रे काम को सोचता ं ।
6 म तेरी ओर अपने हाथ फैलाए ए ं; सूखी भू िम की नाईं म तेरा ासा ं।।
7 हे यहोवा, फुत कर के मेरी सुन ले; ोंिक मेरे ाण िनकलने ही पर ह मुझ से अपना मुं ह न िछपा, ऐसा न हो िक म कबर म पड़े ओं के समान हो जाऊं।
8 अपनी क णा की बात मुझे शी सुना, ोंिक म ने तुझी पर भरोसा रखा है । िजस माग से मुझे चलना है , वह मु झ को बता दे , ोंिक म अपना मन तेरी ही ओर लगाता ं ।।
9 हे यहोवा, मुझे श ुओं से बचा ले ; म तेरी ही आड़ म आ िछपा ं।
10 मुझ को यह िसखा, िक म तेरी इ ा ोंकर पूरी क ं , ोंिक मेरा परमे र तू ही है ! ते रा भला आ ा मुझ को धम के माग म ले चले!
11 हे यहोवा, मुझे अपने नाम के िनिम िजला! तू जो धम है, मुझ को संकट से छु ड़ा ले !
12 और क णा कर के मेरे श ुओं को स ानाश कर, और मेरे सब सताने वालों का नाश कर डाल, ोंिक म ते रा दास ं।।
भजन सं िहता 144
1 ध है यहोवा, जो मेरी च ान है, वह मे रे हाथों को लड़ने, और यु करने के िलये तै यार करता है।
2 वह मे रे िलये क णािनधान और गढ़, ऊंचा थान और छु ड़ाने वाला है, वह मे री ढ़ाल और शरण थान है , जो मेरी जा को मेरे वश म कर दे ता है।।
3 हे यहोवा, मनु ा है िक तू उसकी सुिध लेता है, या आदमी ा है , िक तू उसकी कुछ िच ा करता है ?
4 मनु तो सांस के समान है; उसके िदन ढलती ई छाया के समान ह।।
5 हे यहोवा, अपने ग को नीचा कर के उतर आ! पहाड़ों को छू तब उन से धुंआं उठे गा!
6 िबजली कड़का कर उन को िततर िबतर कर दे , अपने तीर चला कर उन को घबरा दे !
7 अपने हाथ ऊपर से बढ़ा कर मुझे महासागर से उबार, अथात परदे िशयों के वश से छु ड़ा।
8 उनके मुं ह से तो थ बात िनकलती ह, और उनके दािहने हाथ से धोखे के काम होते ह।।
9 हे परमे र, म ते री ुित का नया गीत गाऊंगा; म दस तार वाली सारं गी बजा कर ते रा भजन गाऊंगा।
10 तू राजाओं का उ ार करता है, और अपने दास दाऊद को तलवार की मार से बचाता है ।
11 तू मुझ को उबार और परदे िशयों के वश से छु ड़ा ले, िजन के मुं ह से थ बात िनकलती ह, और िजनका दािहना हाथ झूठ का दािहना हाथ है।।
12 जब हमारे बे टे जवानी के समय पौधों की नाईं बढ़े ए हों, और हमारी बेिटयां उन कोने वाले प रों के समान हों, जो म र के प रों की नाईं बनाए जाएं ;
13 जब हमारे ख े भरे रह, और उन म भांित भांित का अ धरा जाए, और हमारी भे ड़- बक रयां हमारे मैदानों म हजारों हजार ब े जन;
14 जब हमारे बैल खूब लदे ए हों; जब हम न िव हो और न हमारा कही ं जाना हो, और न हमारे चौकों म रोना- पीटना हो,
15 तो इस दशा म जो रा हो वह ा ही ध होगा! िजस रा का परमे र यहोवा है , वह ा ही ध है !
भजन सं िहता 145
1 हे मे रे परमे र, हे राजा, म तुझे सरा ंगा, और तेरे नाम को सदा सवदा ध कहता र ंगा।
2 ित िदन म तु झ को ध कहा क ं गा, और तेरे नाम की ुित सदा सवदा करता र ंगा।
3 यहोवा महान और अित ुित के यो है, और उसकी बड़ाई अगम है।।
4 तेरे कामों की शंसा और तेरे परा म के कामों का वणन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा।
5 म तेरे ऐ य की मिहमा के ताप पर और तेरे भांित भांित के आ यकम पर ान क ं गा।
6 लोग ते रे भयानक कामों की श की चचा करगे, और म तेरे बड़े बड़े कामों का वणन क ं गा।
7 लोग तेरी बड़ी भलाई का रण कर के उसकी चचा करगे , और ते रे धम का जयजयकार करगे ।।
8 यहोवा अनु हकारी और दयालु, िवल से ोध करने वाला और अित क णामय है।
9 यहोवा सभों के िलये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृि पर है।।
10 हे यहोवा, तेरी सारी सृि तेरा ध वाद करे गी, और ते रे भ लोग तुझे ध कहा करगे !
11 वे तेरे रा की मिहमा की चचा करगे, और तेरे परा म के िवषय म बात करगे;
12 िक वे आदिमयों पर तेरे परा म के काम और तेरे रा के ताप की मिहमा गट कर।
13 तेरा रा युग युग का और तेरी भुता सब पीिढ़यों तक बनी रहेगी।।
14 यहोवा सब िगरते ओं को सं भालता है, और सब झुके ओं को सीधा खड़ा करता है।
15 सभों की आं ख तेरी ओर लगी रहती ह, और तू उन को आहार समय पर दे ता है ।
16 तू अपनी मु ी खोल कर, सब ािणयों को आहार से तृ करता है।
17 यहोवा अपनी सब गित म धम और अपने सब कामों म क णामय है।
18 िजतने यहोवा को पुकारते ह, अथात िजतने उसको स ाई से पुकारते ह; उन सभों के वह िनकट रहता है।
19 वह अपने डरवैयों की इ ा पूरी करता है, ओर उनकी दोहाई सु न कर उनका उ ार करता है ।
20 यहोवा अपने सब ेिमयों की तो र ा करता, पर ु सब दु ों को स ानाश करता है ।।
21 म यहोवा की ुित क ं गा, और सारे ाणी उसके पिव नाम को सदा सवदा ध कहते रह।।
भजन सं िहता 146
1 याह की ुित करो। हे मेरे मन यहोवा की ुित कर!
2 म जीवन भर यहोवा की ुित करता र ंगा; जब तक म बना र ंगा, तब तक म अपने परमे र का भजन गाता र ं गा।।
3 तुम धानों पर भरोसा न रखना, न िकसी आदमी पर, ोंिक उस म उ ार करने की भी श नहीं।
4 उसका भी ाण िनकलेगा, वही भी िम ी म िमल जाएगा; उसी िदन उसकी सब क नाएं नाश हो जाएं गी।।
5 ा ही ध वह है , िजसका सहायक याकूब का ई र है, और िजसका भरोसा अपने परमे र यहोवा पर है ।
6 वह आकाश और पृ ी और समु और उन म जो कुछ है , सब का कता है ; और वह अपना वचन सदा के िलये पू रा करता रहेगा।
7 वह िपसे ओं का ाय चुकाता है ; और भूखों को रोटी दे ता है।। यहोवा ब ुओं को छु ड़ाता है;
8 यहोवा अ ों को आं ख दे ता है। यहोवा झुके ओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धिमयों से े म रखता है ।
9 यहोवा परदे िशयों की र ा करता है ; और अनाथों और िवधवा को तो स ालता है ; पर ु दु ों के माग को टे ढ़ा मे ढ़ा करता है।।
10 हे िस ोन, यहोवा सदा के िलये, तेरा परमे र पीढ़ी पीढ़ी रा करता रहेगा। याह की ुित करो!
भजन सं िहता 147
1 याह की ुित करो! ोंिक अपने परमे र का भजन गाना अ ा है ; ोंिक वह मन भावना है, उसकी ु ित करनी मन भावनी है।
2 यहोवा य शले म को बसा रहा है; वह िनकाले ए इ ाएिलयों को इक ा कर रहा है ।
3 वह खे िदत मन वालों को चंगा करता है, और उनके शोक पर मरहम- प ी बा ता है ।
4 वह तारों को िगनता, और उन म से एक एक का नाम रखता है ।
5 हमारा भु महान और अित सामथ है; उसकी बु अपर ार है ।
6 यहोवा न लोगों को स लता है, और दु ों को भूिम पर िगरा दे ता है।।
7 ध वाद करते ए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते ए हमारे परमे र का भजन गाओ।
8 वह आकाश को मेघों से छा दे ता है, और पृ ी के िलये मह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है।
9 वह पशुओं को और कौवे के ब ों को जो पु कारते ह, आहार दे ता है ।
10 न तो वह घोड़े के बल को चाहता है, और न पु ष के पैरों से स होता है ;
11 यहोवा अपने डरवैयों ही से स होता है, अथात उन से जो उसकी क णा की आशा लगाए रहते ह।।
12 हे य शले म, यहोवा की शंसा कर! हे िस ोन, अपने परमे र की ुित कर!
13 ोंिक उसने ते रे फाटकों के ख ों को ढ़ िकया है ; और तेरे लड़के बालों को आशीष दी है।
14 और ते रे िसवानों म शा दे ता है, और तुझ को उ म से उ म गे ं से तृ करता है ।
15 वह पृ ी पर अपनी आ ा का चार करता है, उसका वचन अित वेग से दौड़ता है ।
16 वह ऊन के समान िहम को िगराता है, और राख की नाईं पाला िबखे रता है ।
17 वह बफ के टु कड़े िगराता है, उसकी की ई ठ को कौन सह सकता है ?
18 वह आ ा दे कर उ गलाता है; वह वायु बहाता है, तब जल बहने लगता है ।
19 वह याकूब को अपना वचन, और इ ाएल को अपनी िविधयां और िनयम बताता है ।
20 िकसी और जाित से उसने ऐसा बताव नहीं िकया; और उसके िनयमों को औरों ने नहीं जाना।। याह की ुित करो।
भजन सं िहता 148
1 याह की ुित करो! यहोवा की ुित ग म से करो, उसकी ुित ऊंचे थानों म करो!
2 हे उसके सब दू तों, उसकी ुित करो: हे उसकी सब सेना उसकी ुित कर!
3 हे सू य और च मा उसकी ुित करो, हे सब ोितमय तारागण उसकी ु ित करो!
4 हे सब से ऊंचे आकाश, और हे आकाश के ऊपर वाले जल, तुम दोनों उसकी ुित करो।
5 वे यहोवा के नाम की ुित कर, ोंिक उसी ने आ ा दी और ये िसरजे गए।
6 और उसने उन को सदा सवदा के िलये थर िकया है ; और ऐसी िविध ठहराई है, जो टलने की नहीं।।
7 पृ ी म से यहोवा की ुित करो, हे मगरम ों और गिहरे सागर,
8 हे अि और ओलो, हे िहम और कुहरे , हे उसका वचन मानने वाली च बयार!
9 हे पहाड़ों और सब टीलो, हे फलदाई वृ ों और सब दे वदारों!
10 हे वन- पशुओं और सब घरै लू पशुओ,ं हे रगने वाले ज ुओं और हे पि यों!
11 हे पृ ी के राजाओं, और रा रा के सब लोगों, हे हािकमों और पृ ी के सब ािययों!
12 हे जवानों और कुमा रयों, हे पु रिनयों और बालकों!
13 यहोवा के नाम की ुित करो, ोंिक केवल उसकी का नाम महान है; उसका ऐ य पृ ी और आकाश के ऊपर है ।
14 और उसने अपनी जा के िलये एक सी ंग ऊंचा िकया है; यह उसके सब भ ों के िलये अथात इ ाएिलयों के िलये और उसके समीप रहने वाली जा के िलये ुित करने का िवषय
है । याह की ुित करो।
भजन सं िहता 149
1 याह की ुित करो! यहोवा के िलये नया गीत गाओ, भ ों की सभा म उसकी ु ित गाओ!
2 इ ाएल अपने कता के कारण आन त हो, िस ोन के िनवासी अपने राजा के कारण मगन हों!
3 वे नाचते ए उसके नाम की ुित कर, और डफ और वीणा बजाते ए उसका भजन गाएं !
4 ोंिक यहोवा अपनी जा से स रहता है; वह न लोगों का उ ार कर के उ शोभायमान करे गा।
5 भ लोग मिहमा के कारण फु त हों; और अपने िबछौनों पर भी पड़े पड़े जयजयकार कर।
6 उनके क से ई र की शंसा हो, और उनके हाथों म दोधारी तलवार रह,
7 िक वे अ जाितयों से पलटा ले सक; और रा रा के लोगों को ताड़ना द,
8 और उनके राजाओं को सांकलों से, और उनके िति त पु षों को लोहे की बेिड़यों से जकड़ रख,
9 और उन को ठहराया आ द द! उसके सब भ ों की ऐसी ही ित ा होगी। याह की ु ित करो।
भजन सं िहता 150
1 याह की ुित करो! ई र के पिव थान म उसकी ु ित करो; उसकी साम से भरे ए आकाशम ल म उसी की ुित करो!
2 उसके परा म के कामों के कारण उसकी ुित करो; उसकी अ बड़ाई के अनुसार उसकी ुित करो!
3 नरिसं गा फूंकते ए उसकी ुित करो; सारं गी और वीणा बजाते ए उसकी ुित करो!
4 डफ बजाते और नाचते ए उसकी ुित करो; तार वाले बाजे और बांसुली बजाते ए उसकी ुित करो!
5 ऊंचे श वाली झांझ बजाते ए उसकी ुित करो; आन के महाश वाली झां झ बजाते ए उसकी ु ित करो!
6 िजतने ाणी ह सब के सब याह की ुित कर! याह की ुित करो!
नीितवचन 1
1 दाऊद के पु इ ाएल के राजा सुलैमान के नीितवचन:
2 इनके ारा पढ़ने वाला बु और िश ा ा करे , और समझ की बात समझे ,
3 और काम करने म वीणता, और धम, ाय और सीधाई की िश ा पाए;
4 िक भोलों को चतुराई, और जवान को ान और िववेक िमले;
5 िक बु मान सुन कर अपनी िव ा बढ़ाए, और समझदार बु का उपदे श पाए,
6 िजस से वे िनितवचन और ा को, और बु मानों के वचन और उनके रह ों को समझ।।
7 यहोवा का भय मानना बु का मूल है; बु और िश ा को मू ढ़ ही लोग तु जानते ह।।
8 हे मे रे पु , अपने िपता की िश ा पर कान लगा, और अपनी माता की िश ा को न तज;
9 ोंिक वे मानो ते रे िसर के िलये शोभायमान मुकुट, और तेरे गले के िलये क ठ माला होंगी।
10 हे मे रे पु , यिद पापी लोग तुझे फुसलाएँ , तो उनकी बात न मानना।
11 यिद वे कह, हमारे संग चल िक, हम ह ा करने के िलये घात लगाएं हम िनद षों की ताक म रह;
12 हम अधोलोक की नाईं उन को जीवता, कबर म पड़े ओं के समान समूचा िनगल जाएं ;
13 हम को सब कार के अनमोल पदाथ िमलगे, हम अपने घरों को लूट से भर लगे ;
14 तू हमारा साझी हो जा, हम सभों का एक ही बटु आ हो,
15 तो, हे मे रे पु तू उनके संग माग म न चलना, वरन उनकी डगर म पांव भी न धरना;
16 ोंिक वे बु राई की करने को दौड़ते ह, और ह ा करने को फुत करते ह।
17 ोंिक प ी के दे खते ए जाल फैलाना थ होता है;
18 और ये लोग तो अपनी ही ह ा करने के िलये घात लगाते ह, और अपने ही ाणों की घात की ताक म रहते ह।
19 सब लालिचयों की चाल ऐसी ही होती है; उनका ाण लालच ही के कारण नाश हो जाता है ।।
20 बु सड़क म ऊंचे र से बोलती है ; और चौकों म चार करती है;
21 वह बाजारों की भीड़ म पुकारती है ; वह फाटकों के बीच म और नगर के भीतर भी ये बात बोलती है :
22 हे भोले लोगो, तुम कब तक भोलेपन से ीित रखोगे? और हे ठ ा करने वालो, तु म कब तक ठ ा करने से स रहोगे? और हे मूख , तुम कब तक ान से बैर रखोगे ?
23 तुम मे री डांट सुन कर मन िफराओ; सुनो, म अपनी आ ा तु ारे िलये उ े ल दू ं गी; म तुम को अपने वचन बताऊंगी।
24 म ने तो पुकारा पर ु तुम ने इनकार िकया, और म ने हाथ फैलाया, पर ु िकसी ने ान न िदया,
25 वरन तु म ने मेरी सारी स ित को अनसुनी िकया, और मे री ताड़ना का मू न जाना;
26 इसिलये म भी तु ारी िवपि के समय हंसूंगी; और जब तु म पर भय आ पड़े गा,
27 वरन आं धी की नाईं तुम पर भय आ पड़े गा, और िवपि बव र के समान आ पड़े गी, और तुम सं कट और सकेती म फंसोगे, तब म ठ ा क ं गी।
28 उस समय वे मु झे पुकारगे, और म न सुनूंगी; वे मुझे य से तो ढूंढ़गे, पर ु न पाएं गे।
29 ोंिक उ ोंने ान से बैर िकया, और यहोवा का भय मानना उन को न भाया।
30 उ ोंने मेरी स ित न चाही वरन मेरी सब ताड़नाओं को तु जाना।
31 इसिलये वे अपनी करनी का फल आप भोगगे, और अपनी यु यों के फल से अघा जाएं गे।
32 ोंिक भोले लोगों का भटक जाना, उनके घात िकए जाने का कारण होगा, और िनि रहने के कारण मूढ़ लोग नाश होंगे;
33 पर ु जो मेरी सुनेगा, वह िनडर बसा रहेगा, और बेखटके सुख से रहेगा।।
नीितवचन 2
1 हे मे रे पु , यिद तू मेरे वचन हण करे , और मेरी आ ाओं को अपने दय म रख छोड़े ,
2 और बु की बात ान से सुने, और समझ की बात मन लगा कर सोचे;
3 और वीणता और समझ के िलये अित य से पुकारे ,
4 ओर उसको चा ी की नाईं ढू ं ढ़े , और गु धन के समान उसी खोज म लगा रहे ;
5 तो तू यहोवा के भय को समझेगा, और परमे र का ान तु झे ा होगा।
6 ोंिक बु यहोवा ही दे ता है; ान और समझ की बात उसी के मुं ह से िनकलती ह।
7 वह सीधे लोगों के िलये खरी बु रख छोड़ता है; जो खराई से चलते ह, उनके िलये वह ढाल ठहरता है ।
8 वह ाय के पथों की दे ख भाल करता, और अपने भ ों के माग की र ा करता है ।
9 तब तू धम और ाय, और सीधाई को, िनदान सब भली-भली चाल समझ सकेगा;
10 ोंिक बु तो तेरे दय म वेश करे गी, और ान तुझे मनभाऊ लगे गा;
11 िववेक तुझे सुरि त रखेगा; और समझ तेरी र क होगी;
12 तािक तुझे बुराई के माग से , और उलट फेर की बातों के कहने वालों से बचाए,
13 जो सीधाई के माग को छोड़ दे ते ह, तािक अ ेरे माग म चल;
14 जो बुराई करने से आन त होते ह, और दु जन की उलट फेर की बातों म मगन रहते ह;
15 िजनकी चालचलन टे ढ़ी मेढ़ी और िजनके माग िबगड़े ए ह।।
16 तब तू पराई ी से भी बचेगा, जो िचकनी चुपड़ी बात बोलती है ,
17 और अपनी जवानी के साथी को छोड़ दे ती, और जो अपने परमे र की वाचा को भू ल जाती है ।
18 उसका घर मृ ु की ढलान पर है, और उसी डगर मरे ओं के बीच प ंचाती ह;
19 जो उसके पास जाते ह, उन म से कोई भी लौट कर नही ं आता; और न वे जीवन का माग पाते ह।।
20 तू भले मनु ों के माग म चल, और धिमयों की बाट को पकड़े रह।
21 ोंिक धम लोग दे श म बसे रहगे, और खरे लोग ही उस म बने रहगे।
22 दु लोग दे श म से नाश होंगे, और िव ासघाती उस म से उखाड़े जाएं गे।।
नीितवचन 3
1 हे मे रे पु , मेरी िश ा को न भूलना; अपने दय म मेरी आ ाओं को रखे रहना;
2 ोंिक ऐसा करने से तेरी आयु बढ़े गी, और तू अिधक कुशल से रहेगा।
3 कृपा और स ाई तुझ से अलग न होने पाएं ; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी दय पी पिटया पर िलखना।
4 और तू परमे र और मनु दोनों का अनु ह पाएगा, तू अित बु मान होगा।।
5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन स ूण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।
6 उसी को रण कर के सब काम करना, तब वह तेरे िलये सीधा माग िनकालेगा।
7 अपनी ि म बु मान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना।
8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हि यां पु रहगी।
9 अपनी संपि के ारा और अपनी भूिम की पिहली उपज दे दे कर यहोवा की ित ा करना;
10 इस कार तेरे ख े भरे और पूरे रहगे, और तेरे रसकु ोंसे नया दाखमधु उम ता रहेगा।।
11 हे मे रे पु , यहोवा की िश ा से मुंह न मोड़ना, और जब वह तुझे डां टे, तब तू बुरा न मानना,
12 ोंिक यहोवा िजस से ेम रखता है उसको डांटता है, जै से िक बाप उस बे टे को िजसे वह अिधक चाहता है ।।
13 ा ही ध है वह मनु जो बु पाए, और वह मनु जो समझ ा करे ,
14 ोंिक बु की ा चा ी की ा से बड़ी, और उसका लाभ चोखे सोने के लाभ से भी उ म है ।
15 वह मूं गे से अिधक अनमोल है, और िजतनी व ुओं की तू लालसा करता है, उन म से कोई भी उसके तु न ठहरे गी।
16 उसके दािहने हाथ म दीघायु, और उसके बाएं हाथ म धन और मिहमा है।
17 उसके माग मनभाऊ ह, और उसके सब माग कुशल के ह।
18 जो बु को हण कर लेते ह, उनके िलये वह जीवन का वृ बनती है ; और जो उसको पकड़े रहते ह, वह ध ह।।
19 यहोवा ने पृ ी की नेव बु ही से डाली; और ग को समझ ही के ारा थर िकया।
20 उसी के ान के ारा गिहरे सागर फूट िनकले, और आकाशम ल से ओस टपकती है ।।
21 हे मे रे पु , ये बात तेरी ि की ओट न हाने पाएं ; खरी बु और िववेक की र ा कर,
22 तब इन से तु झे जीवन िमलेगा, और ये तेरे गले का हार बनगे।
23 और तू अपने माग पर िनडर चलेगा, और तेरे पांव म ठे स न लगेगी।
24 जब तू ले टेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नी ंद आएगी।
25 अचानक आने वाले भय से न डरना, और जब दु ों पर िवपि आ पड़े , तब न घबराना;
26 ोंिक यहोवा तु झे सहारा िदया करे गा, और तेरे पांव को फ े म फंसने न दे गा।
27 िजनका भला करना चािहये, यिद तुझ म श रहे, तो उनका भला करने से न कना।।
28 यिद तेरे पास दे ने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना िक जा कल िफर आना, कल म तुझे दू ं गा।
29 जब ते रा पड़ोसी ते रे पास बेखटके रहता है, तब उसके िव बुरी यु न बा ना।
30 िजस मनु ने तुझ से बुरा वहार न िकया हो, उस से अकारण मुक मा खड़ा न करना।
31 उप वी पु ष के िवषय म डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना;
32 ोंिक यहोवा कुिटल से घृणा करता है, पर ु वह अपना भे द सीधे लोगों पर खोलता है।।
33 दु के घर पर यहोवा का शाप और धिमयों के वास थान पर उसकी आशीष होती है।
34 ठ ा करने वालों से वह िन य ठ ा करता है और दीनों पर अनु ह करता है ।
35 बु मान मिहमा को पाएं गे, और मूख की बढ़ती अपमान ही की होगी।।
नीितवचन 4
1 हे मे रे पु ो, िपता की िश ा सुनो, और समझ ा करने म मन लगाओ।
2 ोंिक म ने तु म को उ म िश ा दी है; मेरी िश ा को न छोड़ो।
3 दे खो, म भी अपने िपता का पु था, और माता का अकेला दु लारा था,
4 और मे रा िपता मुझे यह कह कर िसखाता था, िक तेरा मन मे रे वचन पर लगा रहे; तू मे री आ ाओं का पालन कर, तब जीिवत रहेगा।
5 बु को ा कर, समझ को भी ा कर; उन को भू ल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना।
6 बु को न छोड़, वह तेरी र ा करे गी; उस से ीित रख, वह तेरा पहरा दे गी।
7 बु े है इसिलये उसकी ा के िलये य कर; जो कुछ तू ा करे उसे ा तो कर पर ु समझ की ा का य घटने न पाए।
8 उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी; जब तू उस से िलपट जाए, तब वह ते री मिहमा करे गी।
9 वह तेरे िसर पर शोभायमान भूषण बा ेगी; और तुझे सु र मु कुट दे गी।।
10 हे मे रे पु , मे री बात सुन कर हण कर, तब तू ब त वष तक जीिवत रहेगा।
11 म ने तुझे बु का माग बताया है; और सीधाई के पथ पर चलाया है।
12 चलने म तुझे रोक टोक न होगी, और चाहे तू दौड़े , तौभी ठोकर न खाएगा।
13 िश ा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे ; उसकी र ा कर, ोंिक वही ते रा जीवन है।
14 दु ों की बाट म पांव न धरना, और न बुरे लोगों के माग पर चलना।
15 उसे छोड़ दे , उसके पास से भी न चल, उसके िनकट से मु ड़ कर आगे बढ़ जा।
16 ोंिक दु लोग यिद बुराई न कर, तो उन को नी ंद नही ं आती; और जब तक वे िकसी को ठोकर न खलाएं , तब तक उ नी ंद नहीं िमलती।
17 वे तो दु ता से कमाई ई रोटी खाते, और उप व के ारा पाया आ दाखमधु पीते ह।
18 पर ु धिमयों की चाल उस चमकती ई ोित के समान है , िजसका काश दोपहर तक अिधक अिधक बढ़ता रहता है।
19 दु ों का माग घोर अ कारमय है ; वे नही ं जानते िक वे िकस से ठोकर खाते ह।।
20 हे मे रे पु मे रे वचन ान धरके सु न, और अपना कान मेरी बातों पर लगा।
21 इन को अपनी आं खों की ओट न होने दे ; वरन अपने मन म धारण कर।
22 ोंिक िजनको वे ा होती ह, वे उनके जीिवत रहने का, और उनके सारे शरीर के चं गे रहने का कारण होती ह।
23 सब से अिधक अपने मन की र ा कर; ोंिक जीवन का मूल ोत वही है ।
24 टे ढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बात कहना तुझ से दू र रहे ।
25 तेरी आं ख सा ने ही की ओर लगी रह, और तेरी पलक आगे की ओर खु ली रह।
26 अपने पांव धरने के िलये माग को समथर कर, और ते रे सब माग ठीक रह।
27 न तो दािहनी ओर मुढ़ना, और न बाईं ओर; अपने पांव को बुराई के माग पर चलने से हटा ले ।।
नीितवचन 5
1 हे मे रे पु , मेरी बु की बातों पर ान दे , मेरी समझ की ओर कान लगा;
2 िजस से तेरा िववेक सुरि त बना रहे, और तू ान के वचनों को थामे रहे।
3 ोंिक पराई ी के ओठों से मधु टपकता है, और उसकी बात तेल से भी अिधक िचकनी होती ह;
4 पर ु इसका प रणाम नागदौना सा कडु वा और दोधारी तलवार सा पैना होता है ।
5 उसके पां व मृ ु की ओर बढ़ते ह; और उसके पग अधोलोक तक प ं चते ह।।
6 इसिलये उसे जीवन का समथर पथ नहीं िमल पाता; उसके चालचलन म चंचलता है , पर ु उसे वह आप नही ं जानती।।
7 इसिलये अब हे मेरे पु ों, मेरी सु नो, और मेरी बातों से मुंह न मोड़ो।
8 ऐसी ी से दू र ही रह, और उसकी डे वढ़ी के पास भी न जाना;
9 कही ं ऐसा न हो िक तू अपना यश औरों के हाथ, और अपना जीवन ू र जन के वश म कर दे ;
10 या पराए ते री कमाई से अपना पेट भर, और परदे शी मनु तेरे प र म का फल अपने घर म रख;
11 और तू अपने अ म समय म जब िक तेरा शरीर ीण हो जाए तब यह कह कर हाय मारने लगे , िक
12 म ने िश ा से कैसा बैर िकया, और डांटने वाले का कैसा ितर ार िकया!
13 म ने अपने गु ओं की बात न मानी और अपने िसखाने वालों की ओर ान न लगाया।
14 म सभा और म ली के बीच म ाय: सब बु राइयों म जा पड़ा।।
15 तू अपने ही कु से पानी, और अपने ही कूंए से सोते का जल िपया करना।
16 ा ते रे सोतों का पानी सड़क म, और तेरे जल की धारा चौकों म बह जाने पाए?
17 यह केवल ते रे ही िलये रहे, और तेरे संग औरों के िलये न हो।
18 तेरा सोता ध रहे; और अपनी जवानी की प ी के साथ आन त रह,
19 ि य ह रणी वा सु र सांभरनी के समान उसके न सवदा तुझे सं तु रखे, और उसी का े म िन तु झे आकिषत करता रहे।
20 हे मे रे पु , तू अप रिचत ी पर ों मोिहत हो, और पराई को ों छाती से लगाए?
21 ोंिक मनु के माग यहोवा की ि से िछपे नही ं ह, और वह उसके सब माग पर ान करता है ।
22 दु अपने ही अधम के कम से फंसेगा, और अपने ही पाप के ब नों म ब ा रहे गा।
23 वह िश ा ा िकए िबना मर जाएगा, और अपनी ही मू खता के कारण भटकता रहे गा।।
नीितवचन 6
1 हे मे रे पु , यिद तू अपने पड़ोसी का उ रदायी आ हो, अथवा परदे शी के िलये हाथ पर हाथ मार कर उ रदायी आ हो,
2 तो तू अपने ही मूंह के वचनों से फंसा, और अपने ही मुंह की बातों से पकड़ा गया।
3 इसिलये हे मेरे पु , एक काम कर, अथात तू जो अपने पड़ोसी के हाथ म पड़ चु का है , तो जा, उसको सा ांग णाम कर के मना ले।
4 तू न तो अपनी आखों म नी ंद, और न अपनी पलकों म झपकी आने दे ;
5 और अपने आप को ह रणी के समान िशकारी के हाथ से , और िचिडय़ा के समान िचिडमार के हाथ से छु ड़ा।।
6 हे आलसी, ूंिटयों के पास जा; उनके काम पर ान दे , और बु मान हो।
7 उन के न तो कोई ायी होता है, न धान, और न भुता करने वाला,
8 तौभी वे अपना आहार धूपकाल म संचय करती ह, और कटनी के समय अपनी भोजन व ु बटोरती ह।
9 हे आलसी, तू कब तक सोता रहेगा? तेरी नींद कब टू टे गी?
10 कुछ और सो लेना, थोड़ी सी नीद ं , एक और झपकी, थोड़ा और छाती पर हाथ रखे ले टे रहना,
11 तब ते रा कंगालपन बटमार की नाईं और तेरी घटी हिथयारब के समान आ पड़े गी।।
12 ओछे और अनथकारी को दे खो, वह टे ढ़ी टे ढ़ी बात बकता िफरता है ,
13 वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंिलयों से सं केत करता है ,
14 उसके मन म उलट फेर की बात रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा-रगड़ा उ करता है।
15 इस कारण उस पर िवपि अचानक आ पड़े गी, वह पल भर म ऐसा नाश हो जाएगा, िक बचने का कोई उपाय न रहे गा।।
16 छ: व ुओं से यहोवा बै र रखता है, वरन सात ह िजन से उसको घृ णा है
17 अथात घम से चढ़ी ई आं ख, झूठ बोलने वाली जीभ, और िनद ष का लो बहाने वाले हाथ,
18 अनथ क ना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,
19 झूठ बोलने वाला सा ी और भाइयों के बीच म झगड़ा उ करने वाला मनु ।
20 हे मे रे पु , मे री आ ा को मान, और अपनी माता की िश ा का न तज।
21 इन को अपने दय म सदा गांठ बा े रख; और अपने गले का हार बना ले।
22 वह तेरे चलने म ते री अगुवाई, और सोते समय तेरी र ा, और जागते समय तु झ से बात करे गी।
23 आ ा तो दीपक है और िश ा ोित, और िसखाने वाले की डां ट जीवन का माग है ,
24 तािक तुझ को बु री ी से बचाए और पराई ी की िचकनी चु पड़ी बातों से बचाए।
25 उसकी सु रता दे ख कर अपने मन म उसकी अिभलाषा न कर; वह तुझे अपने कटा से फंसाने न पाए;
26 ोंिक वे ागमन के कारण मनु टु कड़ोंका िभखारी हो जाता है, पर ु िभचा रणी अनमोल जीवन का अहेर कर लेती है।
27 ा हो सकता है िक कोई अपनी छाती पर आग रख ले ; और उसके कपड़े न जल?
28 ा हो सकता है िक कोई अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलस?
29 जो पराई ी के पास जाता है, उसकी दशा ऐसी है; वरन जो कोई उसको छूएगा वह द से न बचे गा।
30 जो चोर भूख के मारे अपना पेट भरने के िलये चोरी करे , उसको तो लोग तु नहीं जानते ;
31 तौभी यिद वह पकड़ा जाए, तो उसको सातगुणा भर दे ना पडे गा; वरन अपने घर का सारा धन दे ना पड़े गा।
32 पर ु जो पर ीगमन करता है वह िनरा िनबु है; जो अपने ाणों को नाश करना चाहता है, वह ऐसा करता है।।
33 उसको घायल और अपमािनत होना पड़े गा, और उसकी नामधराई कभी न िमटे गी।
34 ोंिक जलन से पु ष ब त ही ोिधत हो जाता है , और पलटा लेने के िदन वह कुछ कोमलता नहीं िदखाता।
35 वह घूस पर ि न करे गा, और चाहे तू उसको ब त कुछ दे , तौभी वह न माने गा।।
नीितवचन 7
1 हे मे रे पु , मे री बातों को माना कर, और मेरी आ ाओं को अपने मन म रख छोड़।
2 मे री आ ाओं को मान, इस से तू जीिवत रहेगा, और मेरी िश ा को अपनी आं ख की पुतली जान;
3 उन को अपनी उं गिलयों म बा , और अपने दय की पिटया पर िलख ले ।
4 बु से कह िक, तू मेरी बिहन है, और समझ को अपनी सािथन बना;
5 तब तू पराई ी से बचेगा, जो िचकनी चुपड़ी बात बोलती है ।।
6 म ने एक िदन अपने घर की खड़की से, अथात अपने झरोखे से झांका,
7 तब म ने भोले लोगों म से एक िनबु जवान को दे खा;
8 वह उस ी के घर के कोने के पास की सड़क पर चला जाता था, और उसने उसके घर का माग िलया।
9 उस समय िदन ढल गया, और सं ाकाल आ गया था, वरन रात का घोर अ कार छा गया था।
10 और उस से एक ी िमली, िजस का भेष वे ा का सा था, और वह बड़ी धूत थी।
11 वह शा रिहत और चंचल थी, और अपने घर म न ठहरती थी;
12 कभी वह सड़क म, कभी चौक म पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी।
13 तब उसने उस जवान को पकड़ कर चूमा, और िनल ता की चे ा कर के उस से कहा,
14 मुझे मेलबिल चढ़ाने थे, और म ने अपनी म ते आज ही पू री की ह;
15 इसी कारण म तु झ से भट करने को िनकली, म तेरे दशन की खोजी थी, सो अभी पाया है ।
16 म ने अपने पलंग के िबछौने पर िम के बेलबूटे वाले कपड़े िबछाए ह;
17 म ने अपने िबछौने पर ग घरस, अगर और दालचीनी िछड़की है।
18 इसिलये अब चल हम ेम से भोर तक जी बहलाते रह; हम पर र की ीित से आन त रह।
19 ोंिक मेरा पित घर म नहीं है; वह दू र दे श को चला गया है;
20 वह चा ी की थैली ले गया है; और पूणमासी को लौट आएगा।।
21 ऐसी ही बात कह कह कर, उसने उसको अपनी बल माया म फंसा िलया; और अपनी िचकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश म कर िलया।
22 वह तुर उसके पीछे हो िलया, और जैसे बैल कसाई-खाने को, वा जैसे बे ड़ी पिहने ए कोई मूढ़ ताड़ना पाने को जाता है।
23 अ म उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस िचिडय़ा के समान है जो फ े की ओर वेग से उड़े और न जानती हो िक उस म मेरे ाण जाएं गे।।
24 अब हे मेरे पु ों, मेरी सु नो, और मेरी बातों पर मन लगाओ।
25 तेरा मन ऐसी ी के माग की ओर न िफरे , और उसकी डगरों म भूल कर न जाना;
26 ोंिक ब त से लोग उस के ारा मारे पड़े ह; उसके घात िकए ओं की एक बड़ी सं ा होगी।
27 उसका घर अधोलोक का माग है, वह मृ ु के घर म प ं चाता है ।।
नीितवचन 8
1 ा बु नहीं पुकारती है , ा समझ ऊंचे श से नहीं बोलती है?
2 वह तो ऊंचे थानों पर माग की एक ओर, और ितमु हािनयों म खड़ी होती है ;
3 फाटकों के पास नगर के पैठाव म, और ारों ही म वह ऊंचे र से कहती है ,
4 हे मनु ों, म तुम को पुकारती ं, और मे री बात सब आदिमयों के िलये है।
5 हे भोलो, चतुराई सीखो; और हे मूख , अपने मन म समझ लो
6 सुनो, ोंिक म उ म बात क ंगी, और जब मुंह खोलूं गी, तब उस से सीधी बात िनकलगी;
7 ोंिक मुझ से स ाई की बातों का वणन होगा; दु ता की बातों से मुझ को घृणा आती है।।
8 मे रे मुं ह की सब बात धम की होती ह, उन म से कोई टे ढ़ी वा उलट फेर की बात नही ं िनकलती है।
9 समझ वाले के िलये वे सब सहज, और ान के ा करने वालों के िलये अित सीधी ह।
10 चा ी नही ं, मे री िश ा ही को लो, और उ म कु न से बढ़ कर ान को हण करो।
11 ोंिक बु , मूंगे से भी अ ी है, और सारी मनभावनी व ुओं म कोई भी उसके तु नहीं है।
12 म जो बु ं, सो चतुराई म वास करती ं, और ान और िववेक को ा करती ं ।
13 यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घम , अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी म बै र रखती ं।
14 उ म यु , और खरी बु मेरी ही है, म तो समझ ं , और परा म भी मे रा है ।
15 मेरे ही ारा राजा रा करते ह, और अिधकारी धम से िवचार करते ह;
16 मेरे ही ारा राजा हािकम और रईस, और पृ ी के सब ायी शासन करते ह।
17 जो मु झ से ेम रखते ह, उन से म भी ेम रखती ं, और जो मु झ को य से तड़के उठ कर खोजते ह, वे मुझे पाते ह।
18 धन और ित ा मेरे पास है, वरन ठहरने वाला धन और धम भी ह।
19 मेरा फल चोखे सोने से, वरन कु न से भी उ म है, और मे री उपज उ म चा ी से अ ी है।
20 म धम की बाट म, और ाय की डगरों के बीच म चलती ं,
21 िजस से म अपने ेिमयों को परमाथ के भागी क ं , और उनके भ ारों को भर दू ं ।
22 यहोवा ने मुझे काम करने के आर म, वरन अपने ाचीनकाल के कामों से भी पिहले उ िकया।
23 म सदा से वरन आिद ही से पृ ी की सृि के पिहले ही से ठहराई गई ं।
24 जब न तो गिहरा सागर था, और न जल के सोते थे तब ही से म उ ई।
25 जब पहाड़ वा पहािड़यां थर न की गई थी,ं
26 जब यहोवा ने न तो पृ ी और न मैदान, न जगत की धूिल के परमाणु बनाए थे , इन से पिहले म उ ई।
27 जब उसने अकाश को थर िकया, तब म वहां थी, जब उसने गिहरे सागर के ऊपर आकाशम ल ठहराया,
28 जब उसने आकाशम ल को ऊपर से थर िकया, और गिहरे सागर के सोते फूटने लगे ,
29 जब उसने समु का िसवाना ठहराया, िक जल उसकी आ ा का उ ंघन न कर सके, और जब वह पृ ी की नेव की डोरी लगाता था,
30 तब म कारीगर सी उसके पास थी; और ित िदन म उसकी स ता थी, और हर समय उसके सा ने आन त रहती थी।
31 म उसकी बसाई ई पृ ी से स थी और मेरा सुख मनु ों की संगित से होता था।।
32 इसिलये अब हे मेरे पु ों, मेरी सु नो; ा ही ध ह वे जो मे रे माग को पकड़े रहते ह।
33 िश ा को सु नो, और बु मान हो जाओ, उसके िवषय म अनसु नी न करो।
34 ा ही ध है वह मनु जो मेरी सुनता, वरन मेरी डे वढ़ी पर ित िदन खड़ा रहता, और मे रे ारों के खं भों के पास ि लगाए रहता है।
35 ोंिक जो मु झे पाता है, वह जीवन को पाता है, और यहोवा उस से स होता है ।
36 पर ु जो मेरा अपराध करता है, वह अपने ही पर उप व करता है ; िजतने मुझ से बै र रखते वे मृ ु से ीित रखते ह।।
नीितवचन 9
1 बु ने अपना घर बनाया और उसके सातों खंभे गढ़े ए ह।
2 उसने अपने पशु वध कर के, अपने दाखमधु म मसाला िमलाया है, और अपनी मेज़ लगाई है।
3 उसने अपनी सहेिलयां, सब को बुलाने के िलये भेजी है ; वह नगर के ऊंचे थानों की चोटी पर पुकारती है,
4 जो कोई भोला हे वह मुड़ कर यही ं आए! और जो िनबु है , उस से वह कहती है ,
5 आओ, मे री रोटी खाओ, और मेरे मसाला िमलाए ए दाखमधु को पीओ।
6 भोलों का सं ग छोड़ो, और जीिवत रहो, समझ के माग म सीधे चलो।
7 जो ठ ा करने वाले को िश ा दे ता है, सो अपमािनत होता है , और जो दु जन को डां टता है वह कलं िकत होता है ।।
8 ठ ा करने वाले को न डांट ऐसा न हो िक वह तुझ से बैर रखे, बु मान को डांट, वह तो तु झ से े म रखे गा।
9 बु मान को िश ा दे , वह अिधक बु मान होगा; धम को िचता दे , वह अपनी िव ा बढ़ाएगा।
10 यहोवा का भय मानना बु का आर है, और परमपिव ई र को जानना ही समझ है ।
11 मेरे ारा तो तेरी आयु बढ़े गी, और तेरे जीवन के वष अिधक होंगे।
12 यिद तू बु मान हो, ते बु का फल तू ही भोगेगा; और यिद तू ठ ा करे , तो द केवल तू ही भोगेगा।।
13 मूखता पी ी हौरा मचाने वाली है; वह तो भोली है, और कुछ नहीं जानती।
14 वह अपने घर के ार म, और नगर के ऊंचे थानों म मिचया पर बैठी ई
15 जो बटोही अपना अपना माग पकड़े ए सीधे चले जाते ह, उन को यह कह कह कर पुकारती है ,
16 जो कोई भोला है, वह मुड़ कर यहीं आए; जो िनबु है , उस से वह कहती है,
17 चोरी का पानी मीठा होता है, और लुके िछपे की रोटी अ ी लगती है ।
18 और वह नही ं जानता है, िक वहां मरे ए पड़े ह, और उस ी के ने वतहारी अधोलोक के िनचले थानों म प ंचे ह।।
नीितवचन 10
1 सुलैमान के नीितवचन।। बु मान पु से िपता आन त होता है , पर ु मूख पु के कारण माता उदास रहती है ।
2 दु ों के रखे ए धन से लाभ नही ं होता, पर ु धम के कारण मृ ु से बचाव होता है।
3 धम को यहोवा भू खों मरने नही ं दे ता, पर ु दु ों की अिभलाषा वह पूरी होने नहीं दे ता।
4 जो काम म िढलाई करता है, वह िनधन हो जाता है, पर ु कामकाजी लोग अपने हाथों के ारा धनी होते ह।
5 जो बेटा धूपकाल म बटोरता है वह बु से काम करने वाला है, पर ु जो बे टा कटनी के समय भारी नी ंद म पड़ा रहता है, वह ल ा का कारण होता है।
6 धम पर ब त से आश वाद होते ह, पर ु उप व दु ों का मुंह छा ले ता है।
7 धम को रण कर के लोग आशीवाद दे ते ह, पर ु दु ों का नाम िमट जाता है।
8 जो बु मान है , वह आ ाओं को ीकार करता है, पर ु जो बकवादी और मू ढ़ है , वह पछाड़ खाता है ।
9 जो खराई से चलता है वह िनडर चलता है, पर ु जो टे ढ़ी चाल चलता है उसकी चाल गट हो जाती है ।
10 जो नै न से सै न करता है उस से औरों को दु ख िमलता है, और जो बकवादी और मू ढ़ है , वह पछाड़ खाता है ।
11 धम का मुंह तो जीवन का सोता है, पर ु उप व दु ों का मुंह छा ले ता है।
12 बैर से तो झगड़े उ होते ह, पर ु ेम से सब अपराध ढं प जाते ह।
13 समझ वालों के वचनों म बु पाई जाती है, पर ु िनबु की पीठ के िलये कोड़ा है ।
14 बु मान लोग ान को रख छोड़ते ह, पर ु मूढ़ के बोलने से िवनाश िनकट आता है।
15 धनी का धन उसका ढ़ नगर है, पर ु कंगाल लोग िनधन होने के कारण िवनाश होते ह।
16 धम का प र म जीवन के िलये होता है, पर ु दु के लाभ से पाप होता है ।
17 जो िश ा पर चलता वह जीवन के माग पर है, पर ु जो डांट से मुं ह मोड़ता, वह भटकता है ।
18 जो बै र को िछपा रखता है, वह झूठ बोलता है, और जो अपवाद फैलाता है , वह मू ख है ।
19 जहां ब त बात होती ह, वहां अपराध भी होता है, पर ु जो अपने मुंह को ब रखता है वह बु से काम करता है ।
20 धम के वचन तो उ म चा ी ह; पर ु दु ों का मन ब त हलका होता है ।
21 धम के वचनों से ब तों का पालन पोषण होता है, पर ु मूढ़ लोग िनबु होने के कारण मर जाते ह।
22 धन यहोवा की आशीष ही से िमलता है, और वह उसके साथ दु :ख नहीं िमलाता।
23 मूख को तो महापाप करना हंसी की बात जान पड़ती है, पर ु समझ वाले पु ष म बु रहती है ।
24 दु जन िजस िवपि से डरता है, वह उस पर आ पड़ती है , पर ु धिमयों की लालसा पूरी होती है।
25 बव र िनकल जाते ही दु जन लोप हो जाता है, पर ु धम सदा लों थर है ।
26 जैसे दां त को िसरका, और आं ख को धूंआ, वैसे आलसी उन को लगाता है जो उसको कहीं भे जते ह।
27 यहोवा के भय मानने से आयु बढ़ती है, पर ु दु ों का जीवन थोड़े ही िदनों का होता है।
28 धिमयों को आशा रखने म आन िमलता है, पर ु दु ों की आशा टू ट जाती है।
29 यहोवा खरे मनु का गढ़ ठहरता है, पर ु अनथका रयों का िवनाश होता है।
30 धम सदा अटल रहेगा, पर ु दु पृ ी पर बसने न पाएं गे।
31 धम के मुंह से बु टपकती है, पर उलट फेर की बात कहने वाले की जीभ काटी जायेगी।
32 धम हणयो बात समझ कर बोलता है, पर ु दु ों के मुंह से उलट फेर की बात िनकलती ह।।
नीितवचन 11
1 छल के तराजू से यहोवा को घृणा आती है, पर ु वह पूरे बटखरे से स होता है ।
2 जब अिभमान होता, तब अपमान भी होता है, पर ु न लोगों म बु होती है ।
3 सीधे लोग अपनी खराई से अगुवाई पाते ह, पर ु िव ासघाती अपने कपट से िवनाश होते ह।
4 कोप के िदन धन से तो कुछ लाभ नही ं होता, पर ु धम मृ ु से भी बचाता है ।
5 खरे मनु का माग धम के कारण सीधा होता है, पर ु दु अपनी दु ता के कारण िगर जाता है ।
6 सीधे लोगों को बचाव उनके धम के कारण होता है, पर ु िव ासघाती लोग अपनी ही दु ता म फंसते ह।
7 जब दु मरता, तब उसकी आशा टू ट जाती है, और अधम की आशा थ होती है।
8 धम िवपि से छूट जाता है, पर ु दु उसी िवपि म पड़ जाता है ।
9 भ हीन जन अपने पड़ोसी को अपने मुंह की बात से िबगाड़ता है , पर ु धम लोग ान के ारा बचते ह।
10 जब धिमयों का क ाण होता है, तब नगर के लोग स होते ह, पर ु जब दु नाश होते , तब जय-जयकार होता है ।
11 सीधे लोगों के आशीवाद से नगर की बढ़ती होती है, पर ु दु ों के मुंह की बात से वह ढाया जाता है।
12 जो अपने पड़ोसी को तु जानता है, वह िनबु है, पर ु समझदार पु ष चु पचाप रहता है।
13 जो लु तराई करता िफरता वह भेद गट करता है, पर ु िव ासयो मनु बात को िछपा रखता है ।
14 जहां बु की यु नहीं, वहां जा िवपि म पड़ती है; पर ु स ित दे ने वालों की ब तायत के कारण बचाव होता है ।
15 जो परदे शी का उ रदायी होता है, वह बड़ा दु :ख उठाता है , पर ु जो उ रदािय से घृ णा करता, वह िनडर रहता है ।
16 अनु ह करने वाली ी ित ा नही ं खोती है, और बला ारी लोग धन को नही ं खोते।
17 कृपालु मनु अपना ही भला करता है, पर ु जो ू र है , वह अपनी ही दे ह को दु :ख दे ता है ।
18 दु िम ा कमाई कमाता है, पर ु जो धम का बीज बोता, उसको िन य फल िमलता है ।
19 जो धम म ढ़ रहता, वह जीवन पाता है, पर ु जो बुराई का पीछा करता, वह मृ ु का कौर हो जाता है ।
20 जो मन के टे ढ़े है , उन से यहोवा को घृणा आती है, पर ु वह खरी चाल वालों से स रहता है ।
21 म ढ़ता के साथ कहता ं, बुरा मनु िनद ष न ठहरे गा, पर ु धम का वंश बचाया जाएगा।
22 जो सु र ी िववेक नही ं रखती, वह थूथन म सोने की नथ पिहने ए सूअर के समान है।
23 धिमयों की लालसा तो केवल भलाई की होती है; पर ु दु ों की आशा का फल ोध ही होता है ।
24 ऐसे ह, जो िछतरा दे ते ह, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है ; और ऐसे भी ह जो यथाथ से कम दे ते ह, और इस से उनकी घटती ही होती है।
25 उदार ाणी पु हो जाता है , और जो औरों की खेती सीचं ता है, उसकी भी सींची जाएगी।
26 जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप दे ते ह, पर ु जो उसे बे च दे ता है , उसको आशीवाद िदया जाता है ।
27 जो य से भलाई करता है वह औरों की स ता खोजता है , पर ु जो दू सरे की बुराई का खोजी होता है , उसी पर बुराई आ पड़ती है।
28 जो अपने धन पर भरोसा रखता है वह िगर जाता है, पर ु धम लोग नये प े की नाईं लहलहाते ह।
29 जो अपने घराने को दु :ख दे ता, उसका भाग वायु ही होगा, और मू ढ़ बु मान का दास हो जाता है ।
30 धम का ितफल जीवन का वृ होता है, और बु मान मनु लोगों के मन को मोह लेता है।
31 दे ख, धम को पृ ी पर फल िमलेगा, तो िन य है िक दु और पापी को भी िमले गा।।
नीितवचन 12
1 जो िश ा पाने म ीित रखता है वह ान से ीित रखता है , पर ु जो डांट से बैर रखता, वह पशु सरीखा है ।
2 भले मनु से तो यहोवा स होता है, पर ु बुरी यु करने वाले को वह दोषी ठहराता है ।
3 कोई मनु दु ता के कारण थर नही ं होता, पर ु धिमयों की जड़ उखड़ने की नही ं।
4 भली ी अपने पित का मुकुट है, पर ु जो ल ा के काम करती वह मानो उसकी हि यों के सड़ने का कारण होती है।
5 धिमयों की क नाएं ाय ही की होती ह, पर ु दु ों की यु यां छल की ह।
6 दु ों की बातचीत ह ा करने के िलये घात लगाने के िवषय म होती है , पर ु सीधे लोग अपने मुं ह की बात के ारा छु ड़ाने वाले होते ह।
7 जब दु लोग उलटे जाते ह तब वे रहते ही नही ं, पर ु धिमयों का घर थर रहता है।
8 मनु िक बु के अनुसार उसकी शंसा होती है, पर ु कुिटल तु जाना जाता है।
9 जो रोटी की आस लगाए रहता है, और बड़ाई मारता है , उस से दास रखने वाला तु मनु भी उ म है ।
10 धम अपने पशु के भी ाण की सुिध रखता है, पर ु दु ों की दया भी िनदयता है।
11 जो अपनी भूिम को जोतता, वह पेट भर खाता है, पर ु जो िनक ों की संगित करता, वह िनबु ठहरता है ।
12 दु जन बुरे लोगों के जाल की अिभलाषा करते ह, पर ु धिमयों की जड़ हरी भरी रहती है।
13 बुरा मनु अपने दु वचनों के कारण फ े म फंसता है , पर ु धम सं कट से िनकास पाता है ।
14 स न अपने वचनों के फल के ारा भलाई से तृ होता है , और जै सी िजसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है ।
15 मूढ़ को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, पर ु जो स ित मानता, वह बु मान है।
16 मूढ़ की रस उसी िदन गट हो जाती है, पर ु चतुर अपमान को िछपा रखता है।
17 जो सच बोलता है, वह धम गट करता है, पर ु जो झूठी सा ी दे ता, वह छल गट करता है ।
18 ऐसे लोग ह िजनका िबना सोच िवचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, पर ु बु मान के बोलने से लोग चं गे होते ह।
19 स ाई सदा बनी रहेगी, पर ु झूठ पल ही भर का होता है।
20 बुरी यु करने वालों के मन म छल रहता है, पर ु मे ल की यु करने वालों को आन होता है ।
21 धम को हािन नही ं होती है, पर ु दु लोग सारी िवपि म डूब जाते ह।
22 झूठों से यहोवा को घृणा आती है पर ु जो िव ास से काम करते ह, उन से वह स होता है ।
23 चतु र मनु ान को गट नही ं करता है, पर ु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊंचे श से चार करता है ।
24 कामकाजी लोग भुता करते ह, पर ु आलसी बेगारी म पकड़े जाते ह।
25 उदास मन दब जाता है, पर ु भली बात से वह आन त होता है ।
26 धम अपने पड़ोसी की अगुवाई करता है, पर ु दु लोग अपनी ही चाल के कारण भटक जाते ह।
27 आलसी अहे र का पीछा नही ं करता, पर ु कामकाजी को अनमोल व ु िमलती है।
28 धम की बाट म जीवन िमलता है, और उसके पथ म मृ ु का पता भी नहीं।।
नीितवचन 13
1 बु मान पु िपता की िश ा सुनता है, पर ु ठ ा करने वाला घु ड़की को भी नही ं सुनता।
2 स न अपनी बातों के कारण उ म व ु खाने पाता है, पर ु िव ासघाती लोगों का पेट उप व से भरता है ।
3 जो अपने मुं ह की चौकसी करता है, वह अपने ाण की र ा करता है , पर ु जो गाल बजाता है उसका िवनाश जो जाता है।
4 आलसी का ाण लालसा तो करता है, और उसको कुछ नहीं िमलता, पर ु कामकाजी पु हो जाते ह।
5 धम झूठे वचन से बै र रखता है, पर ु दु ल ा का कारण और ल त हो जाता है ।
6 धम खरी चाल चलने वाले की र ा करता है, पर ु पापी अपनी दु ता के कारण उलट जाता है ।
7 कोई तो धन बटोरता, पर ु उसके पास कुछ नही ं रहता, और कोई धन उड़ा दे ता, तौभी उसके पास ब त रहता है ।
8 ाण की छु ड़ौती मनु का धन है, पर ु िनधन घुड़की को सु नता भी नही ं।
9 धिमयों की ोित आन के साथ रहती है, पर ु दु ों का िदया बु झ जाता है।
10 झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते ह, पर ु जो लोग स ित मानते ह, उनके पास बु रहती है ।
11 िनधन के पास माल नही ं रहता, पर ु जो अपने प र म से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है ।
12 जब आशा पूरी होने म िवल होता है, तो मन िशिथल होता है , पर ु जब लालसा पूरी होती है , तब जीवन का वृ लगता है।
13 जो वचन को तु जानता, वह नाश हो जाता है, पर ु आ ा के डरवैये को अ ा फल िमलता है ।
14 बु मान की िश ा जीवन का सोता है, और उसके ारा लोग मृ ु के फ ों से बच सकते ह।
15 सु बु के कारण अनु ह होता है, पर ु िव ासघाितयों का माग कड़ा होता है ।
16 सब चतुर तो ान से काम करते ह, पर ु मूख अपनी मू ढ़ता फैलाता है ।
17 दु दू त बु राई म फंसता है, पर ु िव ासयो दू त से कुशल े म होता है ।
18 जो िश ा को सुनी- अनसुनी करता वह िनधन होता और अपमान पाता है , पर ु जो डां ट को मानता, उसकी मिहमा होती है।
19 लालसा का पूरा होना तो ाण को मीठा लगता है, पर ु बुराई से हटना, मू ख के ाण को बु रा लगता है ।
20 बु मानों की सं गित कर, तब तू भी बु मान हो जाएगा, पर ु मू ख का साथी नाश हो जाएगा।
21 बुराई पािपयों के पीछे पड़ती है, पर ु धिमयों को अ ा फल िमलता है ।
22 भला मनु अपने नाती- पोतों के िलये भाग छोड़ जाता है, पर ु पापी की स ि धम के िलये रखी जाती है ।
23 िनबल लोगों को खे ती बारी से ब त भोजनव ु िमलती है , पर ु ऐसे लोग भी ह जो अ ाय के कारण िमट जाते ह।
24 जो बे टे पर छड़ी नही ं चलाता वह उसका बैरी है, पर ु जो उस से े म रखता, वह य से उसको िश ा दे ता है ।
25 धम पे ट भर खाने पाता है, पर ु दु भूखे ही रहते ह।।
नीितवचन 14
1 हर बु मान ी अपने घर को बनाती है, पर मूढ़ ी उसको अपने ही हाथों से ढा दे ती है।
2 जो सीधाई से चलता वह यहोवा का भय मानने वाला है , पर ु जो टे ढ़ी चाल चलता वह उसको तु जानने वाला ठहरता है।
3 मू ढ़ के मुंह म गव का अंकुर है, पर ु बु मान लोग अपने वचनों के ारा र ा पाते ह।
4 जहां बै ल नही,ं वहां गौशाला िनमल तो रहती है, पर ु बैल के बल से अनाज की बढ़ती होती है ।
5 स ा सा ी झूठ नही ं बोलता, पर ु झूठा सा ी झूठी बात उड़ाता है ।
6 ठ ा करने वाला बु को ढूंढ़ता, पर ु नहीं पाता, पर ु समझ वाले को ान सहज से िमलता है ।
7 मू ख से अलग हो जा, तू उस से ान की बात न पाएगा।
8 चतु र की बु अपनी चाल का जानना है, पर ु मूख की मूढ़ता छल करना है।
9 मू ढ़ लोग दोषी होने को ठ ा जानते ह, पर ु सीधे लोगों के बीच अनु ह होता है ।
10 मन अपना ही दु :ख जानता है, और परदे शी उसके आन म हाथ नहीं डाल सकता।
11 दु ों का घर िवनाश हो जाता है, पर ु सीधे लोगों के त ू म आबादी होती है।
12 ऐसा माग है, जो मनु को ठीक दे ख पड़ता है, पर ु उसके अ म मृ ु ही िमलती है ।
13 हंसी के समय भी मन उदास होता है, और आन के अ म शोक होता है ।
14 िजसका मन ई र की ओर से हट जाता है, वह अपनी चाल चलन का फल भोगता है, पर ु भला मनु आप ही आप स ु होता है।
15 भोला तो हर एक बात को सच मानता है, पर ु चतुर मनु समझ बूझ कर चलता है ।
16 बु मान डर कर बुराई से हटता है, पर ु मूख ढीठ हो कर िनडर रहता है।
17 जो झट ोध करे , वह मूढ़ता का काम भी करे गा, और जो बु री यु यां िनकालता है, उस से लोग बै र रखते ह।
18 भोलों का भाग मूढ़ता ही होता है, पर ु चतुरों को ान पी मु कुट बा ा जाता है।
19 बुरे लोग भलों के स ुख, और दु लोग धम के फाटक पर द वत करते ह।
20 िनधन का पड़ोसी भी उस से घृणा करता है, पर ु धनी के ब तेरे ेमी होते ह।
21 जो अपने पड़ोसी को तु जानता, वह पाप करता है, पर ु जो दीन लोगों पर अनु ह करता, वह ध होता है ।
22 जो बुरी यु िनकालते ह, ा वे म म नहीं पड़ते ? पर ु भली यु िनकालने वालों से क णा और स ाई का वहार िकया जाता है।
23 प र म से सदा लाभ होता है, पर ु बकवाद करने से केवल घटती होती है ।
24 बु मानों का धन उन का मुकुट ठहरता है, पर ु मूख की मूढ़ता िनरी मूढ़ता है ।
25 स ा सा ी ब तों के ाण बचाता है, पर ु जो झूठी बात उड़ाया करता है उस से धोखा ही होता है ।
26 यहोवा के भय मानने से ढ़ भरोसा होता है, और उसके पु ों को शरण थान िमलता है ।
27 यहोवा का भय मानना, जीवन का सोता है, और उसके ारा लोग मृ ु के फ ों से बच जाते ह।
28 राजा की मिहमा जा की ब तायत से होती है, पर ु जहां जा नहीं, वहां हािकम नाश हो जाता है।
29 जो िवल से ोध करने वाला है वह बड़ा समझ वाला है , पर ु जो अधीर है , वह मू ढ़ता की बढ़ती करता है ।
30 शा मन, तन का जीवन है, पर ु मन के जलने से हि यां भी जल जाती ह।
31 जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कता की िन ा करता है , पर ु जो द र पर अनु ह करता, वह उसकी मिहमा करता है।
32 दु मनु बुराई करता आ नाश हो जाता है, पर ु धम को मृ ु के समय भी शरण िमलती है ।
33 समझ वाले के मन म बु वास िकए रहती है, पर ु मू ख के अ :काल म जो कुछ है वह गट हो जाता है ।
34 जाित की बढ़ती धम ही से होती है, पर ु पाप से दे श के लोगों का अपमान होता है।
35 जो कमचारी बु से काम करता है उस पर राजा स होता है , पर ु जो ल ा के काम करता, उस पर वह रोष करता है।।
नीितवचन 15
1 कोमल उ र सुनने से जलजलाहट ठ ी होती है, पर ु कटु वचन से ोध धधक उठता है ।
2 बु मान ान का ठीक बखान करते ह, पर ु मूख के मुं ह से मू ढ़ता उबल आती है ।
3 यहोवा की आं ख सब थानों म लगी रहती ह, वह बु रे भले दोनों को दे खती रहती ह।
4 शा दे ने वाली बात जीवन-वृ है, पर ु उलट फेर की बात से आ ा दु : खत होती है ।
5 मू ढ़ अपने िपता की िश ा का ितर ार करता है, पर ु जो डांट को मानता, वह चतुर हो जाता है ।
6 धम के घर म ब त धन रहता है, पर ु दु के उपाजन म दु :ख रहता है ।
7 बु मान लोग बात करने से ान को फैलाते ह, पर ु मू ख का मन ठीक नहीं रहता।
8 दु लोगों के बिलदान से यहोवा धृणा करता है, पर ु वह सीधे लोगों की ाथना से स होता है ।
9 दु के चाल चलन से यहोवा को घृणा आती है, पर ु जो धम का पीछा करता उस से वह े म रखता है ।
10 जो माग को छोड़ दे ता, उसको बड़ी ताड़ना िमलती है , और जो डांट से बै र रखता, वह अव मर जाता है ।
11 जब िक अधोलोक और िवनाशलोक यहोवा के सा ने खु ले रहते ह, तो िन य मनु ों के मन भी।
12 ठ ा करने वाला डांटे जाने से स नहीं होता, और न वह बु मानों के पास जाता है।
13 मन आन त होने से मुख पर भी स ता छा जाती है, पर ु मन के दु :ख से आ ा िनराश होती है ।
14 समझने वाले का मन ान की खोज म रहता है, पर ु मूख लोग मूढ़ता से पेट भरते ह।
15 दु खया के सब िदन दु :ख भरे रहते ह, पर ु िजसका मन स रहता है , वह मानो िन भोज म जाता है ।
16 घबराहट के साथ ब त रखे ए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उ म है,
17 ेम वाले घर म साग पात का भोजन, बैर वाले घर म पाले ए बै ल का मां स खाने से उ म है।
18 ोधी पु ष झगड़ा मचाता है, पर ु जो िवल से ोध करने वाला है , वह मु क मों को दबा दे ता है।
19 आलसी का माग कां टों से ा आ होता है, पर ु सीधे लोगों का माग राजमाग ठहरता है ।
20 बु मान पु से िपता आन त होता है, पर ु मूख अपनी माता को तु जानता है।
21 िनबु को मू ढ़ता से आन होता है, पर ु समझ वाला मनु सीधी चाल चलता है ।
22 िबना स ित की क नाएं िन ल आ करती ह, पर ु ब त से मं ि यों की स ि से बात ठहरती है ।
23 स न उ र दे ने से आन त होता है, और अवसर पर कहा आ वचन ा ही भला होता है !
24 बु मान के िलये जीवन का माग ऊपर की ओर जाता है , इस रीित से वह अधोलोक म पड़ने से बच जाता है ।
25 यहोवा अहंका रयों के घर को ढा दे ता है, पर ु िवधवा के िसवाने को अटल रखता है ।
26 बुरी क नाएं यहोवा को िघनौनी लगती ह, पर ु शु जन के वचन मनभावने ह।
27 लालची अपने घराने को दु :ख दे ता है, पर ु घूस से घृणा करने वाला जीिवत रहता है।
28 धम मन म सोचता है िक ा उ र दू ं , पर ु दु ों के मुंह से बु री बात उबल आती ह।
29 यहोवा दु ों से दू र रहता है , पर ु धिमयों की ाथना सु नता है ।
30 आं खों की चमक से मन को आन होता है, और अ े समाचार से हि यां पु होती ह।
31 जो जीवनदायी डां ट कान लगा कर सुनता है, वह बु मानों के सं ग िठकाना पाता है।
32 जो िश ा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने ाण को तु जानता है , पर ु जो डांट को सु नता, वह बु ा करता है।
33 यहोवा के भय मानने से िश ा ा होती है, और मिहमा से पिहले न ता होती है।।
नीितवचन 16
1 मन की यु मनु के वश म रहती है, पर ु मुंह से कहना यहोवा की ओर से होता है।
2 मनु का सारा चाल चलन अपनी ि म पिव ठहरता है, पर ु यहोवा मन को तौलता है ।
3 अपने कामों को यहोवा पर डाल दे , इस से तेरी क नाएं िस होंगी।
4 यहोवा ने सब व ुएं िवशेष उ े के िलये बनाईं ह, वरन दु को भी िवपि भोगने के िलये बनाया है ।
5 सब मन के घम यों से यहोवा घृ णा करता है करता है; म ढ़ता से कहता ं , ऐसे लोग िनद ष न ठहरगे ।
6 अधम का ायि त कृपा, और स ाई से होता है, और यहोवा के भय मानने के ारा मनु बु राई करने से बच जाते ह।
7 जब िकसी का चाल चलन यहोवा को भावता है, तब वह उसके श ुओं का भी उस से मेल कराता है।
8 अ ाय के बड़े लाभ से, ाय से थोड़ा ही ा करना उ म है ।
9 मनु मन म अपने माग पर िवचार करता है, पर ु यहोवा ही उसके पैरों को थर करता है ।
10 राजा के मुंह से दै वी वाणी िनकलती है, ाय करने म उस से चू क नही ं होती।
11 स ा तराजू और पलड़े यहोवा की ओर से होते ह, थैली म िजतने बटखरे ह, सब उसी के बनवाए ए ह।
12 दु ता करना राजाओं के िलये घृिणत काम है, ोंिक उनकी ग ी धम ही से थर रहती है।
13 धम की बात बोलने वालों से राजा स होता है, और जो सीधी बात बोलता है, उस से वह े म रखता है ।
14 राजा का ोध मृ ु के दू त के समान है, पर ु बु मान मनु उसको ठ ा करता है ।
15 राजा के मुख की चमक म जीवन रहता है, और उसकी स ता बरसात के अ की घटा के समान होती है ।
16 बु की ा चोखे सोने से ा ही उ म है! और समझ की ा चा ी से अित यो है ।
17 बुराई से हटना सीधे लोगों के िलये राजमाग है, जो अपने चाल चलन की चौकसी करता, वह अपने ाण की भी र ा करता है।
18 िवनाश से पिहले गव, और ठोकर खाने से पिहले घम होता है ।
19 घम यों के संग लू ट बांट लेने से, दीन लोगों के संग न भाव से रहना उ म है ।
20 जो वचन पर मन लगाता, वह क ाण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह ध होता है ।
21 िजसके दय म बु है, वह समझ वाला कहलाता है , और मधुर वाणी के ारा ान बढ़ता है ।
22 िजसके बु है, उसके िलये वह जीवन का सोता है, पर ु मूढ़ों को िश ा दे ना मू ढ़ता ही होती है ।
23 बु मान का मन उसके मुंह पर भी बु मानी गट करता है , और उसके वचन म िव ा रहती है ।
24 मन भावने वचन मधु भरे छते की नाईं ाणों को मीठे लगते, और हि यों को हरी-भरी करते ह।
25 ऐसा भी माग है, जो मनु को सीधा दे ख पड़ता है, पर ु उसके अ म मृ ु ही िमलती है ।
26 प र मी की लालसा उसके िलये प र म करती है, उसकी भूख तो उसको उभारती रहती है ।
27 अधम मनु बुराई की यु िनकालता है , और उसके वचनों से आग लग जाती है।
28 टे ढ़ा मनु ब त झगड़े को उठाता है, और कानाफूसी करने वाला परम िम ों म भी फूट करा दे ता है ।
29 उप वी मनु अपने पड़ोसी को फुसला कर कुमाग पर चलाता है ।
30 आं ख मूं दने वाला छल की क नाएं करता है , और ओंठ दबाने वाला बुराई करता है।
31 प े बाल शोभायमान मुकुट ठहरते ह; वे धम के माग पर चलने से ा होते ह।
32 िवल से ोध करना वीरता से, और अपने मन को वश म रखना, नगर के जीत लेने से उ म है।
33 िच ी डाली जाती तो है, पर ु उसका िनकलना यहोवा ही की ओर से होता है ।
नीितवचन 17
1 चै न के साथ सूखा टु कड़ा, उस घर की अपे ा उ म है जो मे लबिल-पशुओं से भरा हो, पर ु उस म झगड़े रगड़े हों।
2 बु से चलने वाला दास अपने ामी के उस पु पर जो ल ा का कारण होता है भु ता करे गा, और उस पु के भाइयों के बीच भागी होगा।
3 चा ी के िलये कुठाली, और सोने के िलये भ ी होती है , पर ु मनों को यहोवा जांचता है।
4 कुकम अनथ बात को ान दे कर सु नता है, और झूठा मनु दु ता की बात की ओर कान लगाता है।
5 जो िनधन को ठ ों म उड़ाता है, वह उसके क ा की िन ा करता है ; और जो िकसी की िवपि पर हंसता, वह िनद ष नही ं ठहरे गा।
6 बूढ़ों की शोभा उनके नाती पोते ह; और बाल-ब ों की शोभा उनके माता-िपता ह।
7 मू ढ़ के मुख से उ म बात फबती नही ं, और अिधक कर के धान को झूठी बात नहीं फबती।
8 दे ने वाले के हाथ म घूस मोह लेने वाले मिण का काम दे ता है; िजधर ऐसा पु ष िफरता, उधर ही उसका काम सफल होता है।
9 जो दू सरे के अपराध को ढांप दे ता, वह ेम का खोजी ठहरता है, पर ु जो बात की चचा बार बार करता है , वह परम िम ों म भी फूट करा दे ता है।
10 एक घु ड़की समझने वाले के मन म िजतनी गड़ जाती है, उतना सौ बार मार खाना मू ख के मन म नहीं गड़ता।
11 बुरा मनु दं गे ही का य करता है, इसिलये उसके पास ू र दू त भे जा जाएगा।
12 ब ा-छीनी- ई-रीछनी से िमलना तो भला है, पर ु मू ढ़ता म डूबे ए मू ख से िमलना भला नहीं।
13 जो कोई भलाई के बदले म बुराई करे , उसके घर से बुराई दू र न होगी।
14 झगड़े का आर बा के छे द के समान है, झगड़ा बढ़ने से पिहले उसको छोड़ दे ना उिचत है।
15 जो दोषी को िनद ष, और जो िनद ष को दोषी ठहराता है, उन दोनों से यहोवा घृणा करता है।
16 बु मोल लेने के िलये मूख अपने हाथ म दाम ों िलये है? वह उसे चाहता ही नही ं।
17 िम सब समयों म ेम रखता है, और िवपि के िदन भाई बन जाता है ।
18 िनबु मनु हाथ पर हाथ मारता है, और अपने पड़ोसी के सामने उ रदायी होता है ।
19 जो झगड़े -रगड़े म ीित रखता, वह अपराध करने म भी ीित रखता है , और जो अपने फाटक को बड़ा करता, वह अपने िवनाश के िलये य करता है।
20 जो मन का टे ढ़ा है , उसका क ाण नहीं होता, और उलट-फेर की बात करने वाला िवपि म पड़ता है ।
21 जो मू ख को ज ाता है वह उस से दु :ख ही पाता है; और मू ढ़ के िपता को आन नहीं होता।
22 मन का आन अ ी औषिध है, पर ु मन के टू टने से हि यां सूख जाती ह।
23 दु जन ाय िबगाड़ने के िलये, अपनी गांठ से घूस िनकालता है ।
24 बु समझने वाले के सा ने ही रहती है, पर ु मूख की आं खे पृ ी के दू र दू र दे शों म लगी रहती है ।
25 मूख पु से िपता उदास होता है, और जननी को शोक होता है ।
26 िफर धम से द लेना, और धानों को िसधाई के कारण िपटवाना, दोनों काम अ े नही ं ह।
27 जो सं भल कर बोलता है, वही ानी ठहरता है; और िजसकी आ ा शा रहती है , वही समझ वाला पु ष ठहरता है ।
28 मूढ़ भी जब चुप रहता है, तब बु मान िगना जाता है ; और जो अपना मुं ह ब रखता वह समझ वाला िगना जाता है ।।
नीितवचन 18
1 जो औरों से अलग हो जाता है, वह अपनी ही इ ा पूरी करने के िलये ऐसा करता है ,
2 और सब कार की खरी बु से बैर करता है। मूख का मन समझ की बातों म नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात गट करना चाहता है।
3 जहां दु आता, वहां अपमान भी आता है; और िन त काम के साथ नामधराई होती है ।
4 मनु के मुंह के वचन गिहरा जल, वा उम ने वाली नदी वा बु के सोते ह।
5 दु का प करना, और धम का हक मारना, अ ा नही ं है।
6 बात बढ़ाने से मूख मुक मा खड़ा करता है, और अपने को मार खाने के यो िदखाता है ।
7 मू ख का िवनाश उस की बातों से होता है, और उसके वचन उस के ाण के िलये फ े होते ह।
8 कानाफूसी करने वाले के वचन ािद भोजन की नाईं लगते ह; वे पे ट म पच जाते ह।
9 जो काम म आलस करता है, वह िबगाड़ने वाले का भाई ठहरता है ।
10 यहोवा का नाम ढ़ गढ़ है; धम उस म भाग कर सब दु घटनाओं से बचता है।
11 धनी का धन उसकी ि म गढ़ वाला नगर, और ऊंचे पर बनी ई शहरपनाह है।
12 नाश होने से पिहले मनु के मन म घम , और मिहमा पाने से पिहले न ता होती है।
13 जो िबना बात सुने उ र दे ता है, वह मूढ़ ठहरता है, और उसका अनादर होता है ।
14 रोग म मनु अपनी आ ा से स लता है; पर ु जब आ ा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है ?
15 समझ वाले का मन ान ा करता है; और बु मान ान की बात की खोज म रहते ह।
16 भट मनु के िलये माग खोल दे ती है , और उसे बड़े लोगों के सा ने प ं चाती है।
17 मुक मे म जो पिहले बोलता, वही धम जान पड़ता है, पर ु पीछे दू सरा प वाला आकर उसे खोज ले ता है ।
18 िच ी डालने से झगड़े ब होते ह, और बलव ों की लड़ाई का अ होता है।
19 िचढ़े ए भाई को मनाना ढ़ नगर के ले लेने से किठन होता है , और झगड़े राजभवन के बे ों के समान ह।
20 मनु का पेट मुं ह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ ा होता है उस से वह तृ होता है ।
21 जीभ के वश म मृ ु और जीवन दोनों होते ह, और जो उसे काम म लाना जानता है वह उसका फल भोगे गा।
22 िजसने ी ाह ली, उसने उ म पदाथ पाया, और यहोवा का अनु ह उस पर आ है ।
23 िनधन िगड़िगड़ा कर बोलता है, पर ु धनी कड़ा उ र दे ता है ।
24 िम ों के बढ़ाने से तो नाश होता है, पर ु ऐसा िम होता है , जो भाई से भी अिधक िमला रहता है ।
नीितवचन 19
1 जो िनधन खराई से चलता है, वह उस मूख से उ म है जो टे ढ़ी बात बोलता है।
2 मनु का ान रिहत रहना अ ा नही ं, और जो उतावली से दौड़ता है वह चूक जाता है।
3 मू ढ़ता के कारण मनु का माग टे ढ़ा होता है, और वह मन ही मन यहोवा से िचढ़ने लगता है ।
4 धनी के तो ब त िम हो जाते ह, पर ु कंगाल के िम उस से अलग हो जाते ह।
5 झूठा सा ी िनद ष नही ं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह न बचेगा।
6 उदार मनु को ब त से लोग मना लेते ह, और दानी पु ष का िम सब कोई बनता है ।
7 जब िनधन के सब भाई उस से बैर रखते ह, तो िन य है िक उसके िम उस से दू र हो जाएं । वह बात करते ए उनका पीछा करता है, पर ु उन को नही ं पाता।
8 जो बु ा करता, वह अपने ाण का ेमी ठहरता है ; और जो समझ को धरे रहता है उसका क ाण होता है ।
9 झूठा सा ी िनद ष नही ं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह नाश होता है।
10 जब सुख से रहना मूख को नहीं फबता, तो हािकमों पर दास का भुता करना कैसे फबे!
11 जो मनु बु से चलता है वह िवल से ोध करता है, और अपराध को भु लाना उसको सोहता है ।
12 राजा का ोध िसंह की गरजन के समान है, पर ु उसकी स ता घास पर की ओस के तु होती है ।
13 मूख पु िपता के िलये िवपि ठहरता है, और प ी के झगड़े -रगड़े सदा टपकने के समान है।
14 घर और धन पुरखाओं के भाग म, पर ु बु मती प ी यहोवा ही से िमलती है।
15 आलस से भारी नींद आ जाती है, और जो ाणी िढलाई से काम करता, वह भू खा ही रहता है ।
16 जो आ ा को मानता, वह अपने ाण की र ा करता है, पर ु जो अपने चाल चलन के िवषय म िनि रहता है , वह मर जाता है।
17 जो कंगाल पर अनु ह करता है, वह यहोवा को उधार दे ता है , और वह अपने इस काम का ितफल पाएगा।
18 जब तक आशा है तो अपने पु को ताड़ना कर, जान बू झ कर उसको मार न डाल।
19 जो बड़ा ोधी है, उसे द उठाने दे ; ोंिक यिद तू उसे बचाए, तो बार ार बचाना पड़े गा।
20 स ित को सुन ले, और िश ा को हण कर, िक तू अ काल म बु मान ठहरे ।
21 मनु के मन म ब त सी क नाएं होती ह, पर ु जो यु यहोवा करता है, वही थर रहती है।
22 मनु कृपा करने के अनुसार चाहने यो होता है, और िनधन जन झूठ बोलने वाले से उ म है ।
23 यहोवा का भय मानने से जीवन बढ़ता है; और उसका भय मानने वाला िठकाना पा कर सु खी रहता है ; उस पर िवप ी नही ं पड़ने की।
24 आलसी अपना हाथ थाली म डालता है, पर ु अपने मुं ह तक कौर नही ं उठाता।
25 ठ ा करने वाले को मार, इस से भोला मनु समझदार हो जाएगा; और समझ वाले को डां ट, तब वह अिधक ान पाएगा।
26 जो पु अपने बाप को उजाड़ता, और अपनी मां को भगा दे ता है , वह अपमान और ल ा का कारण होगा।
27 हे मे रे पु , यिद तू भटकना चाहता है, तो िश ा का सुनना छोड़ दे ।
28 अधम सा ी ाय को ठ ों म उड़ाता है, और दु लोग अनथ काम िनगल ले ते ह।
29 ठ ा करने वालों के िलये द ठहराया जाता है, और मू ख की पीठ के िलये कोड़े ह।
नीितवचन 20
1 दाखमधु ठ ा करने वाला और मिदरा ह ा मचाने वाली है; जो कोई उसके कारण चू क करता है , वह बु मान नहीं।
2 राजा का भय िदखाना, िसंह का गरजना है; जो उस पर रोष करता, वह अपने ाण का अपराधी होता है ।
3 मु क मे से हाथ उठाना, पु ष की मिहमा ठहरती है; पर ु सब मू ढ़ झगड़ने को तै यार होते ह।
4 आलसी मनु शीत के कारण हल नही ं जोतता; इसिलये कटनी के समय वह भीख मां गता, और कुछ नही ं पाता।
5 मनु के मन की यु अथाह तो है, तौभी समझ वाला मनु उसको िनकाल ले ता है ।
6 ब त से मनु अपनी कृपा का चार करते ह; पर ु स ा पु ष कौन पा सकता है ?
7 धम जो खराई से चलता रहता है, उसके पीछे उसके लड़के बाले ध होते ह।
8 राजा जो ाय के िसं हासन पर बैठा करता है, वह अपनी ि ही से सब बु राई को उड़ा दे ता है ।
9 कौन कह सकता है िक म ने अपने दय को पिव िकया; अथवा म पाप से शु आ ं?
10 घटती-बढ़ती बटखरे और घटते-बढ़ते नपुए इन दोनों से यहोवा घृ णा करता है ।
11 लड़का भी अपने कामों से पिहचाना जाता है, िक उसका काम पिव और सीधा है , वा नही ं।
12 सु नने के िलये कान और दे खने के िलये जो आं ख ह, उन दोनों को यहोवा ने बनाया है।
13 नी ंद से ीित न रख, नहीं तो द र हो जाएगा; आं ख खोल तब तू रोटी से तृ होगा।
14 मोल लेने के समय ाहक तु तु कहता है; पर ु चले जाने पर बड़ाई करता है।
15 सोना और ब त से मूंगे तो ह; पर ु ान की बात अनमोल मणी ठहरी ह।
16 जो अनजाने का उ रदायी आ उसका कपड़ा, और जो पराए का उ रदायी आ उस से बंधक की व ु ले रख।
17 चोरी-िछपे की रोटी मनु को मीठी तो लगती है, पर ु पीछे उसका मुंह कंकड़ से भर जाता है ।
18 सब क नाएं स ित ही से थर होती ह; और यु के साथ यु करना चािहये।
19 जो लु तराई करता िफरता है वह भेद गट करता है; इसिलये बकवादी से मे ल जोल न रखना।
20 जो अपने माता-िपता को कोसता, उसका िदया बुझ जाता, और घोर अ कार हो जाता है ।
21 जो भाग पिहले उतावली से िमलता है, अ म उस पर आशीष नही ं होती।
22 मत कह, िक म बु राई का पलटा लूंगा; वरन यहोवा की बाट जोहता रह, वह तु झ को छु ड़ाएगा।
23 घटती बढ़ती बटखरों से यहोवा घृणा करता है, और छल का तराजू अ ा नही ं।
24 मनु का माग यहोवा की ओर से ठहराया जाता है; आदमी ोंकर अपना चलना समझ सके?
25 जो मनु िबना िवचारे िकसी व ु को पिव ठहराए, और जो म त मान कर पू छ पाछ करने लगे , वह फ े म फंसे गा।
26 बु मान राजा दु ों को फटकता है, ओर उन पर दावने का पिहया चलवाता है।
27 मनु की आ ा यहोवा का दीपक है; वह मन की सब बातों की खोज करता है।
28 राजा की र ा कृपा और स ाई के कारण होती है, और कृपा करने से उसकी ग ी सं भलती है ।
29 जवानों का गौरव उनका बल है, पर ु बू ढ़ों की शोभा उनके प े बाल ह।
30 चोट लगने से जो घाव होते ह, वह बुराई दू र करते ह; और मार खाने से दय िनमल हो जाता है ।।
नीितवचन 21
1 राजा का मन नािलयों के जल की नाईं यहोवा के हाथ म रहता है , िजधर वह चाहता उधर उसको फेर दे ता है ।
2 मनु का सारा चाल चलन अपनी ि म तो ठीक होता है, पर ु यहोवा मन को जांचता है ,
3 धम और ाय करना, यहोवा को बिलदान से अिधक अ ा लगता है ।
4 चढ़ी आं ख, घम ी मन, और दु ों की खेती, तीनों पापमय ह।
5 कामकाजी की क नाओं से केवल लाभ होता है, पर ु उतावली करने वाले को केवल घटती होती है ।
6 जो धन झूठ के ारा ा हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कोहरा है, उसके ढूंढ़ने वाले मृ ु ही को ढू ं ढ़ते ह।
7 जो उप व दु लोग करते ह, उस से उ ी ं का नाश होता है, ोंिक वे ाय का काम करने से इनकार करते ह।
8 पाप से लदे ए मनु का माग ब त ही टे ढ़ा होता है, पर ु जो पिव है , उसका कम सीधा होता है ।
9 ल े -चौड़े घर म झगड़ालू प ी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उ म है ।
10 दु जन बुराई की लालसा जी से करता है, वह अपने पड़ोसी पर अनु ह की ि नहीं करता।
11 जब ठ ा करने वाले को द िदया जाता है, तब भोला बु मान हो जाता है ; और जब बु मान को उपदे श िदया जाता है, तब वह ान ा करता है।
12 धम जन दु ों के घराने पर बु मानी से िवचार करता है ; ई र दु ों को बुराइयों म उलट दे ता है ।
13 जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे , वह आप पुकारे गा और उसकी सुनी न जाएगी।
14 गु म दी ई भट से ोध ठ ा होता है, और चुपके से दी ई घूस से बड़ी जलजलाहट भी थमती है ।
15 ाय का काम, करना धम को तो आन , पर ु अनथका रयों को िवनाश ही का कारण जान पड़ता है।
16 जो मनु बु के माग से भटक जाए, उसका िठकाना मरे ओं के बीच म होगा।
17 जो रागरं ग से ीित रखता है, वह कंगाल होता है; और जो दाखमधु पीने और ते ल लगाने से ीित रखता है , वह धनी नही ं होता।
18 दु जन धम की छु डौती ठहरता है, और िव ासघाती सीधे लोगों की स ी द भोगते ह।
19 झगड़ालू और िचढ़ने वाली प ी के संग रहने से जंगल म रहना उ म है ।
20 बु मान के घर म उ म धन और तेल पाए जाते ह, पर ु मूख उन को उड़ा डालता है ।
21 जो धम और कृपा का पीछा पकड़ता है, वह जीवन, धम और मिहमा भी पाता है।
22 बु मान शूरवीरों के नगर पर चढ़ कर, उनके बल को िजस पर वे भरोसा करते ह, नाश करता है ।
23 जो अपने मुं ह को वश म रखता है वह अपने ाण को िवपि यों से बचाता है ।
24 जो अिभमन से रोष म आकर काम करता है, उसका नाम अिभमानी, और अं हकारी ठ ा करने वाला पड़ता है ।
25 आलसी अपनी लालसा ही म मर जाता है, ोंिक उसके हाथ काम करने से इ ार करते ह।
26 कोई ऐसा है , जो िदन भर लालसा ही िकया करता है, पर ु धम लगातार दान करता रहता है ।
27 दु ों का बिलदान घृ िणत लगता है; िवशेष कर के जब वह महापाप के िनिम चढ़ाता है।
28 झूठा सा ी नाश होता है, िजसने जो सुना है, वही कहता आ थर रहे गा।
29 दु मनु कठोर मुख का होता है, और जो सीधा है, वह अपनी चाल सीधी करता है ।
30 यहोवा के िव न तो कुछ बु , और न कुछ समझ, न कोई यु चलती है।
31 यु के िदन के िलये घोड़ा तैयार तो होता है, पर ु जय यहोवा ही से िमलती है।।
नीितवचन 22
1 बड़े धन से अ ा नाम अिधक चाहने यो है, और सोने चा ी से औरों की स ता उ म है ।
2 धनी और िनधन दोनों एक दू सरे से िमलते ह; यहोवा उन दोनों का क ा है।
3 चतु र मनु िवपि को आते दे ख कर िछप जाता है; पर ु भोले लोग आगे बढ़ कर द भोगते ह।
4 न ता और यहोवा के भय मानने का फल धन, मिहमा और जीवन होता है ।
5 टे ढ़े मनु के माग म कांटे और फ े रहते ह; पर ु जो अपने ाणों की र ा करता, वह उन से दू र रहता है।
6 लड़के को िश ा उसी माग की दे िजस म उसको चलना चािहये , और वह बु ढ़ापे म भी उस से न हटे गा।
7 धनी, िनधन लोगों पर भुता करता है, और उधार लेने वाला उधार दे ने वाले का दास होता है ।
8 जो कुिटलता का बीज बोता है, वह अनथ ही काटे गा, और उसके रोष का सोंटा टू टे गा।
9 दया करने वाले पर आशीष फलती है, ोंिक वह कंगाल को अपनी रोटी म से दे ता है ।
10 ठ ा करने वाले को िनकाल दे , तब झगड़ा िमट जाएगा, और वाद-िववाद और अपमान दोनों टू ट जाएं गे ।
11 जो मन की शु ता से ीित रखता है, और िजसके वचन मनोहर होते ह, राजा उसका िम होता है ।
12 यहोवा ानी पर ि कर के, उसकी र ा करता है, पर ु िव ासघाती की बात उलट दे ता है ।
13 आलसी कहता है , बाहर तो िसंह होगा! म चौक के बीच घात िकया जाऊंगा।
14 पराई यों का मुं ह गिहरा गड़हा है; िजस से यहोवा ोिधत होता, वही उस म िगरता है ।
15 लड़के के मन म मूढ़ता की गाँठ ब ी रहती है, पर ु छड़ी की ताड़ना के ारा वह उस से दू र की जाती है ।
16 जो अपने लाभ के िनिम कंगाल पर अ ेर करता है, और जो धनी को भट दे ता, वे दोनों केवल हािन ही उठाते ह।।
17 कान लगा कर बु मानों के वचन सुन, और मेरी ान की बातों की ओर मन लगा;
18 यिद तू उसको अपने मन म रखे, और वे सब तेरे मुंह से िनकला भी कर, तो यह मन भावनी बात होगी।
19 म आज इसिलये ये बात तुझ को जता दे ता ं, िक तेरा भरोसा यहोवा पर हो।
20 म ब त िदनों से ते रे िहत के उपदे श और ान की बात िलखता आया ं,
21 िक म तु झे स वचनों का िन य करा दू ं , िजस से जो तुझे काम म लगाएं , उन को स ा उ र दे सके।।
22 कंगाल पर इस कारण अ ेर न करना िक वह कंगाल है, और न दीन जन को कचहरी म पीसना;
23 ोंिक यहोवा उनका मुक मा लड़े गा, और जो लोग उनका धन हर लेते ह, उनका ाण भी वह हर ले गा।
24 ोधी मनु का िम न होना, और झट ोध करने वाले के संग न चलना,
25 कही ं ऐसा न हो िक तू उसकी चाल सीखे, और तेरा ाण फ े म फंस जाए।
26 जो लोग हाथ पर हाथ मारते, और ऋिणयों के उ रदायी होते ह, उन म तू न होना।
27 यिद भर दे ने के िलये तेरे पास कुछ न हो, तो वह ों ते रे नीचे से खाट खी ंच ले जाए?
28 जो िसवाना तेरे पुरखाओं ने बा ा हो, उस पुराने िसवाने को न बढ़ाना।
29 यिद तू ऐसा पु ष दे खे जो कामकाज म िनपुण हो, तो वह राजाओं के स ु ख खड़ा होगा; छोटे लोगों के स ु ख नही ं।।
नीितवचन 23
1 जब तू िकसी हािकम के संग भोजन करने को बैठे, तब इस बात को मन लगा कर सोचना िक मेरे सा ने कौन है?
2 और यिद तू खाऊ हो, तो थोड़ा खा कर भूखा उठ जाना।
3 उसकी ािद भोजन व ुओं की लालसा न करना, ोंिक वह धोखे का भोजन है।
4 धनी होने के िलये प र म न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना।
5 ा तू अपनी ि उस व ु पर लगाएगा, जो है ही नही ं? वह उकाब प ी की नाईं पं ख लगा कर, िन:स े ह आकाश की ओर उड़ जाता है।
6 जो डाह से दे खता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी ािद भोजन व ु ओं की लालसा करना;
7 ोंिक जैसा वह अपने मन म िवचार करता है, वैसा वह आप है । वह तुझ से कहता तो है , खा पी, पर ु उसका मन तु झ से लगा नही ं।
8 जो कौर तू ने खाया हो, उसे उगलना पड़े गा, और तू अपनी मीठी बातों का फल खोएगा।
9 मू ख के सा ने न बोलना, नही ं तो वह तेरे बु के वचनों को तु जानेगा।
10 पुराने िसवानों को न बढ़ाना, और न अनाथों के खेत म घुसना;
11 ोंिक उनका छु ड़ाने वाला सामथ है; उनका मुक मा तेरे सं ग वही लड़े गा।
12 अपना दय िश ा की ओर, और अपने कान ान की बातों की ओर लगाना।
13 लड़के की ताड़ना न छोड़ना; ोंिक यिद तू उसका छड़ी से मारे , तो वह न मरे गा।
14 तू उसका छड़ी से मार कर उसका ाण अधोलोक से बचाएगा।
15 हे मे रे पु , यिद तू बु मान हो, तो िवशेष कर के मेरा ही मन आन त होगा।
16 और जब तू सीधी बात बोले, तब मेरा मन स होगा।
17 तू पािपयों के िवषय मन म डाह न करना, िदन भर यहोवा का भय मानते रहना।
18 ोंिक अ म फल होगा, और तेरी आशा न टू टे गी।
19 हे मे रे पु , तू सु न कर बु मान हो, और अपना मन सु माग म सीधा चला।
20 दाखमधु के पीने वालों म न होना, न मां स के अिधक खाने वालों की संगित करना;
21 ोंिक िपय ड़ और खाऊ अपना भाग खोते ह, और पीनक वाले को िचथड़े पिहनने पड़ते ह।
22 अपने ज ाने वाले की सुनना, और जब तेरी माता बुिढय़ा हो जाए, तब भी उसे तु न जानना।
23 स ाई को मोल ले ना, बेचना नहीं; और बु और िश ा और समझ को भी मोल ले ना।
24 धम का िपता ब त मगन होता है; और बु मान का ज ाने वाला उसके कारण आन त होता है ।
25 तेरे कारण माता-िपता आन त और तेरी जननी मगन होए।।
26 हे मे रे पु , अपना मन मेरी ओर लगा, और तेरी ि मेरे चाल चलन पर लगी रहे ।
27 वे ा गिहरा गड़हा ठहरती है; और पराई ी सकेत कुंए के समान है ।
28 वह डाकू की नाईं घात लगाती है, और ब त से मनु ों को िव ासघाती कर दे ती है।।
29 कौन कहता है, हाय? कौन कहता है, हाय हाय? कौन झगड़े रगड़े म फंसता है? कौन बक बक करता है ? िकस के अकारण घाव होते ह? िकस की आं ख लाल हो जाती ह?
30 उन की जो दाखमधु दे र तक पीते ह, और जो मसाला िमला आ दाखमधु ढू ं ढ़ने को जाते ह।
31 जब दाखमधु लाल िदखाई दे ता है, और कटोरे म उसका सु र रं ग होता है , और जब वह धार के साथ उ े ला जाता है, तब उसको न दे खना।
32 ोंिक अ म वह सप की नाईं डसता है, और करै त के समान काटता है।
33 तू िविच व ु एं दे खेगा, और उ ी-सीधी बात बकता रहे गा।
34 और तू समु के बीच लेटने वाले वा म ूल के िसरे पर सोने वाले के समान रहे गा।
35 तू कहे गा िक म ने मार तो खाई, पर ु दु : खत न आ; म िपट तो गया, पर ु मुझे कुछ सु िध न थी। म होश म कब आऊं? म तो िफर मिदरा ढू ं ढू ं गा।।
नीितवचन 24
1 बुरे लोगों के िवषय म डाह न करना, और न उसकी सं गित की चाह रखना;
2 ोंिक वे उप व सोचते रहते ह, और उनके मुंह से दु ता की बात िनकलती है।
3 घर बु से बनता है , और समझ के ारा थर होता है।
4 ान के ारा कोठ रयां सब कार की ब मू और मनभाऊ व ुओं से भर जाती ह।
5 बु मान पु ष बलवान भी होता है, और ानी जन अिधक श मान होता है ।
6 इसिलये जब तू यु करे , तब यु के साथ करना, िवजय ब त से म यों के ारा ा होती है ।
7 बु इतने ऊंचे पर है िक मूढ़ उसे पा नही ं सकता; वह सभा म अपना मुं ह खोल नहीं सकता।।
8 जो सोच िवचार के बुराई करता है, उसको लोग दु कहते ह।
9 मू खता का िवचार भी पाप है, और ठ ा करने वाले से मनु घृणा करते ह।।
10 यिद तू िवपि के समय साहस छोड़ दे , तो तेरी श ब त कम है ।
11 जो मार डाले जाने के िलये घसीटे जाते ह उन को छु ड़ा; और जो घात िकए जाने को ह उ मत पकड़ा।
12 यिद तू कहे, िक दे ख म इस को जानता न था, तो ा मन का जां चने वाला इसे नहीं समझता? और ा ते रे ाणों का र क इसे नहीं जानता? और ा वह हर एक मनु के काम
का फल उसे न दे गा?
13 हे मे रे पु तू मधु खा, ोंिक वह अ ा है, और मधु का छ ा भी, ोंिक वह ते रे मुं ह म मीठा लगेगा।
14 इसी रीित बु भी तुझे वैसी ही मीठी लगेगी; यिद तू उसे पा जाए तो अ म उसका फल भी िमलेगा, और तेरी आशा न टू टे गी।।
15 हे दु , तू धम के िनवास को नाश करने के िलये घात को न बै ठ; ओर उस के िव ाम थान को मत उजाड़;
16 ोंिक धम चाहे सात बार िगरे तौभी उठ खड़ा होता है; पर ु दु लोग िवपि म िगर कर पड़े ही रहते ह।
17 जब ते रा श ु िगर जाए तब तू आन त न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब ते रा मन मगन न हो।
18 कही ं ऐसा न हो िक यहोवा यह दे ख कर अ स हो और अपना ोध उस पर से हटा ले ।।
19 कुकिमय के कारण मत कुढ़ दु लोगों के कारण डाह न कर;
20 ोंिक बु रे मनु को अ म कुछ फल न िमलेगा, दु ों का िदया बु झा िदया जाएगा।।
21 हे मे रे पु , यहोवा और राजा दोनों का भय मानना; और बलवा करने वालों के साथ न िमलना;
22 ोंिक उन पर िवपि अचानक आ पड़े गी, और दोनों की ओर से आने वाली आपि को कौन जानता है ?
23 बु मानों के वचन यह भी ह।। ाय म प पात करना, िकसी रीित भी अ ा नही ं।
24 जो दु से कहता है िक तू िनद ष है, उसको तो हर समाज के लोग शाप दे ते और जाित जाित के लोग धमकी दे ते ह;
25 पर ु जो लोग दु को डांटते ह उनका भला होता है, और उ म से उ म आशीवाद उन पर आता है ।
26 जो सीधा उ र दे ता है , वह होठों को चूमता है।।
27 अपना बाहर का काम काज ठीक करना, और खेत म उसे तैयार कर लेना; उसके बाद अपना घर बनाना।।
28 थ अपने पड़ोसी के िव सा ी न दे ना, और न उसको फुसलाना।
29 मत कह, िक जैसा उसने मेरे साथ िकया वैसा ही म भी उसके साथ क ं गा; और उसको उसके काम के अनुसार पलटा दू ं गा।।
30 म आलसी के खेत के पास से और िनबु मनु की दाख की बारी के पास हो कर जाता था,
31 तो ा दे खा, िक वहां सब कही ं कटीले पेड़ भर गए ह; और वह िब ू पे ड़ों से ढं प गई है, और उसके प र का बाड़ा िगर गया है।
32 तब म ने दे खा और उस पर ान पूवक िवचार िकया; हां म ने दे ख कर िश ा ा की।
33 छोटी सी नी ंद, एक और झपकी, थोड़ी दे र हाथ पर हाथ रख के और ले टे रहना,
34 तब ते रा कंगालपन डाकू की नाईं, और तेरी घटी हिथयारब के समान आ पड़े गी।।
नीितवचन 25
1 सुलैमान के नीितवचन ये भी ह; िज य दा के राजा िहजिक ाह के जनों ने नकल की थी।।
2 परमे र की मिहमा, गु रखने म है पर ु राजाओं की मिहमा गु बात के पता लगाने से होती है ।
3 ग की ऊंचाई और पृ ी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अ नहीं िमलता।
4 चा ी म से मैल दू र करने पर सुनार के िलये एक पा हो जाता है ।
5 राजा के सा ने से दु को िनकाल दे ने पर उसकी ग ी धम के कारण थर होगी।
6 राजा के सा ने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के थान म खड़ा न होना;
7 ोंिक िजस धान का तू ने दशन िकया हो उसके सा ने तेरा अपमान न हो, वरन तु झ से यह कहा जाए, आगे बढ़ कर िवराज।।
8 झगड़ा करने म ज ी न करना नहीं तो अ म जब ते रा पड़ोसी तेरा मुंह काला करे तब तू ा कर सकेगा?
9 अपने पडोसी के साथ वाद िववाद एका म करना और पराये का भे द न खोलना;
10 ऐसा न हो िक सुनने वाला तेरी भी िन ा करे , और तेरा अपवाद बना रहे ।।
11 जैसे चा ी की टोक रयों म सोनहले से ब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा आ वचन होता है ।
12 जैसे सोने का नथ और कु न का जेवर अ ा लगता है, वैसे ही मानने वाले के कान म बु मान की डां ट भी अ ी लगती है।
13 जैसे कटनी के समय बफ की ठ से, वैसे ही िव ासयो दू त से भी, भे जने वालों का जी ठ ा होता है ।
14 जैसे बादल और पवन िबना ि िनलाभ होते ह, वैसे ही झूठ-मू ठ दान दे ने वाले का बड़ाई मारना होता है।।
15 धीरज धरने से ायी मनाया जाता है, और कोमल वचन ह ी को भी तोड़ डालता है ।
16 ा तू ने मधु पाया? तो िजतना तेरे िलये ठीक हो उतना ही खाना, ऐसा न हो िक अिधक खा कर उसे उगल दे ।
17 अपने पड़ोसी के घर म बार ार जाने से अपने पांव को रोक ऐसा न हो िक वह ख हो कर घृ णा करने लगे।
18 जो िकसी के िव झूठी सा ी दे ता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पै ना तीर है ।
19 िवपि के समय िव ासघाती का भरोसा टू टे ए दांत वा उखड़े पां व के समान है।
20 जैसा जाड़े के िदनों म िकसी का व उतारना वा स ी पर िसरका डालना होता है , वैसा ही उदास मन वाले के सा ने गीत गाना होता है।
21 यिद तेरा बै री भूखा हो तो उसको रोटी खलाना; और यिद वह ासा हो तो उसे पानी िपलाना;
22 ोंिक इस रीित तू उसके िसर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल दे गा।
23 जैसे उ रीय वायु वषा को लाती है, वैसे ही चुगली करने से मुख पर ोध छा जाता है।
24 ल े चौड़े घर म झगड़ालू प ी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उ म है ।
25 जैसा थके मा े के ाणों के िलये ठ ा पानी होता है, वैसा ही दू र दे श से आया आ शुभ समाचार भी होता है ।
26 जो धम दु के कहने म आता है, वह गंदले सोते और िबगड़े ए कु के समान है ।
27 ब त मधु खाना अ ा नही ं, पर ु किठन बातों की पूछताछ मिहमा का कारण होता है।
28 िजसकी आ ा वश म नहीं वह ऐसे नगर के समान है िजसकी शहरपनाह नाका कर के तोड़ दी गई हो।।
नीितवचन 26
1 जै सा धूपकाल म िहम का, और कटनी के समय जल का पड़ना, वैसा ही मू ख की मिहमा भी ठीक नही ं होती।
2 जै से गौ रया घूमते घू मते और सूपाबेनी उड़ते-उड़ते नहीं बैठती, वैसे ही थ शाप नहीं पड़ता।
3 घोड़े के िलये कोड़ा, गदहे के िलये बाग, और मूख की पीठ के िलये छड़ी है ।
4 मू ख को उस की मूखता के अनुसार उ र न दे ना ऐसा न हो िक तू भी उसके तु ठहरे ।
5 मू ख को उसकी मूढ़ता के अनुसार उ र न दे ना, ऐसा न हो िक वह अपने ले खे बु मान ठहरे ।
6 जो मूख के हाथ से संदेशा भेजता है, वह मानो अपने पां व म कु ाड़ा मारता और िवष पीता है ।
7 जै से लं गड़े के पांव लड़खड़ाते ह, वैसे ही मूख के मुंह म नीितवचन होता है ।
8 जै से प रों के ढे र म मिणयों की थै ली, वैसे ही मूख को मिहमा दे नी होती है ।
9 जै से मतवाले के हाथ म कांटा गड़ता है, वैसे ही मूख का कहा आ नीितवचन भी दु :खदाई होता है ।
10 जैसा कोई तीर ाज जो अकारण सब को मारता हो, वैसा ही मूख वा बटोिहयों का मजदू री म लगाने वाला भी होता है ।
11 जैसे कु ा अपनी छाँट को चाटता है, वैसे ही मूख अपनी मू खता को दु हराता है ।
12 यिद तू ऐसा मनु दे खे जो अपनी ि म बु मान बनता हो, तो उस से अिधक आशा मू ख ही से है।
13 आलसी कहता है , िक माग म िसंह है, चौक म िसंह है!
14 जैसे िकवाड़ अपनी चूल पर घूमता है, वैसे ही आलसी अपनी खाट पर करवट ले ता है ।
15 आलसी अपना हाथ थाली म तो डालता है, पर ु आल के कारण कौर मुंह तक नहीं उठाता।
16 आलसी अपने को ठीक उ र दे ने वाले सात मनु ों से भी अिधक बु मान समझता है ।
17 जो माग पर चलते ए पराये झगड़े म िव डालता है, सो वह उसके समान है , जो कु े को कानों से पकड़ता है।
18 जैसा एक पागल जो जंगली लकिडय़ां और मृ ु के तीर फकता है ,
19 वैसा ही वह भी होता है जो अपने पड़ोसी को धोखा दे कर कहता है , िक म तो ठ ा कर रहा था।
20 जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी कार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा िमट जाता है।
21 जैसा अं गारों म कोयला और आग म लकड़ी होती है, वैसा ही झगड़े के बढ़ाने के िलये झगडालू होता है ।
22 कानाफूसी करने वाले के वचन, ािद भोजन के समान भीतर उतर जाते ह।
23 जैसा कोई चा ी का पानी चढ़ाया अ िम ी का बतन हो, वैसा ही बु रे मन वाले के ेम भरे वचन होते ह।
24 जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, पर ु अपने भीतर छल रखता है,
25 उसकी मीठी-मीठी बात तीित न करना, ोंिक उसके मन म सात िघनौनी व ु एं रहती ह;
26 चाहे उसका बै र छल के कारण िछप भी जाए, तौभी उसकी बुराई सभा के बीच गट हो जाएगी।
27 जो गड़हा खोदे , वही उसी म िगरे गा, और जो प र लुढ़काए, वह उलट कर उसी पर लु ढ़क आएगा।
28 िजसने िकसी को झूठी बातों से घायल िकया हो वह उस से बैर रखता है , और िचकनी चु पड़ी बात बोलने वाला िवनाश का कारण होता है।।
नीितवचन 27
1 कल के िदन के िवषय म मत फूल, ोंिक तू नही ं जानता िक िदन भर म ा होगा।
2 तेरी शंसा और लोग कर तो कर, पर ु तू आप न करना; दू सरा तूझे सराहे तो सराहे , पर ु तू अपनी सराहना न करना।
3 प र तो भारी है और बालू म बोझ है, पर ु मूढ का ोध उन दोनों से भी भारी है।
4 ोध तो ू र, और कोप धारा के समान होता है, पर ु जब कोई जल उठता है, तब कौन ठहर सकता है?
5 खुली ई डांट गु ेम से उ म है।
6 जो घाव िम के हाथ से लग वह िव ासयो है पर ु बै री अिधक चु न करता है।
7 स ु होने पर मधु का छ ा भी फीका लगता है, पर ु भूखे को सब कड़वी व ुएं भी मीठी जान पड़ती ह।
8 थान छोड़ कर घूमने वाला मनु उस िचिडय़ा के समान है, जो घोंसला छोड़ कर उड़ती िफरती है।
9 जै से ते ल और सुग से, वैसे ही िम के दय की मनोहर स ित से मन आन त होता है ।
10 जो तेरा और तेरे िपता का भी िम हो उसे न छोड़ना; और अपनी िवपि के िदन अपने भाई के घर न जाना। े म करने वाला पड़ोसी, दू र रहने वाले भाई से कही ं उ म है।
11 हे मे रे पु , बु मान हो कर मेरा मन आन त कर, तब म अपने िन ा करने वाले को उ र दे सकूंगा।
12 बु मान मनु िवपि को आती दे ख कर िछप जाता है ; पर ु भोले लोग आगे बढ़े चले जाते और हािन उठाते ह।
13 जो पराए का उ रदायी हो उसका कपड़ा, और जो अनजान का उ रदायी हो उस से ब क की व ु ले ले ।
14 जो भोर को उठ कर अपने पड़ोसी को ऊंचे श से आशीवाद दे ता है , उसके िलये यह शाप िगना जाता है ।
15 झड़ी के िदन पानी का लगातार टपकना, और झगडालू प ी दोनों एक से ह;
16 जो उसको रोक रखे, वह वायु को भी रोक रखेगा और दािहने हाथ से वह ते ल पकड़े गा।
17 जैसे लोहा लोहे को चमका दे ता है, वैसे ही मनु का मुख अपने िम की सं गित से चमकदार हो जाता है ।
18 जो अंजीर के पेड़ की र ा करता है वह उसका फल खाता है , इसी रीित से जो अपने ामी की से वा करता उसकी मिहमा होती है।
19 जैसे जल म मुख की परछाई सुख से िमलती है, वैसे ही एक मनु का मन दू सरे मनु के मन से िमलता है ।
20 जैसे अधोलोक और िवनाशलोक, वैसे ही मनु की आं ख भी तृ नहीं होती।
21 जैसे चा ी के िलये कुठाई और सोने के िलये भ ी ह, वैसे ही मनु के िलये उसकी शंसा है।
22 चाहे तू मूख को अनाज के बीच ओखली म डाल कर मू सल से कूटे , तौभी उसकी मू खता नही ं जाने की।
23 अपनी भेड़-बक रयों की दशा भली-भांित मन लगा कर जान ले, और अपने सब पशुओं के झु ों की दे खभाल उिचत रीित से कर;
24 ोंिक स ि सदा नहीं ठहरती; और ा राजमुकुट पीढ़ी-पीढ़ी चला जाता है ?
25 कटी ई घास उठ गई, नई घास िदखाई दे ती ह, पहाड़ों की ह रयाली काट कर इक ी की गई है ;
26 भे ड़ों के ब े तेरे व के िलये ह, और बकरों के ारा खेत का मू िदया जाएगा;
27 और बक रयों का इतना दू ध होगा िक तू अपने घराने समेत पेट भर के िपया करे गा, और ते री लौ यों का भी जीवन िनवाह होता रहेगा।।
नीितवचन 28
1 दु लोग जब कोई पीछा नहीं करता तब भी भागते ह, पर ु धम लोग जवान िसहों के समान िनडर रहते ह।
2 दे श म पाप होन के कारण उसके हािकम बदलते जाते ह; पर ु समझदार और ानी मनु के ारा सु ब ब त िदन के िलये बना रहेगा।
3 जो िनधन पु ष कंगालों पर अ ेर करता है, वह ऐसी भारी वषा के समान है। जो कुछ भोजन व ु नहीं छोड़ती।
4 जो लोग व था को छोड़ दे ते ह, वे दु की शंसा करते ह, पर ु व था पर चलने वाले उन से लड़ते ह।
5 बु रे लोग ाय को नहीं समझ सकते, पर ु यहोवा को ढू ं ढने वाले सब कुछ समझते ह।
6 टे ढ़ी चाल चलने वाले धनी मनु से खराई से चलने वाला िनधन पु ष ही उ म है ।
7 जो व था का पालन करता वह समझदार सुपूत होता है , पर ु उड़ाऊ का सं गी अपने िपता का मुं ह काला करता है ।
8 जो अपना धन ाज आिद बढ़ती से बढ़ाता है, वह उसके िलये बटोरता है जो कंगालों पर अनु ह करता है ।
9 जो अपना कान व था सुनने से फेर लेता है, उसकी ाथना घृिणत ठहरती है ।
10 जो सीधे लोगों को भटका कर कुमाग म ले जाता है वह अपने खोदे ए गड़हे म आप ही िगरता है; पर ु खरे लोग क ाण के भागी होते ह।
11 धनी पु ष अपनी ि म बु मान होता है, पर ु समझदार कंगाल उसका मम बू झ ले ता है ।
12 जब धम लोग जयव होते ह, तब बड़ी शोभा होती है; पर ु जब दु लोग बल होते ह, तब मनु अपने आप को िछपाता है।
13 जो अपने अपराध िछपा रखता है, उसका काय सफल नही ं होता, पर ु जो उन को मान ले ता और छोड़ भी दे ता है , उस पर दया की जायेगी।
14 जो मनु िनर र भु का भय मानता रहता है वह ध है ; पर ु जो अपना मन कठोर कर ले ता है वह िवपि म पड़ता है।
15 कंगाल जा पर भुता करने वाला दु गरजने वाले िसं ह और घू मने वाले रीछ के समान है ।
16 जो धान म बु का होता है, वही ब त अ ेर करता है ; और जो लालच का बै री होता है वह दीघायु होता है ।
17 जो िकसी ाणी की ह ा का अपराधी हो, वह भाग कर गड़हे म िगरे गा; कोई उसको न रोकेगा।
18 जो सीधाई से चलता है वह बचाया जाता है, पर ु जो टे ढ़ी चाल चलता है वह अचानक िगर पड़ता है ।
19 जो अपनी भूिम को जोता-बोया करता है, उसका तो पे ट भरता है , पर ु जो िनक े लोगों की सं गित करता है वह कंगालपन से िघरा रहता है।
20 स े मनु पर ब त आशीवाद होते रहते ह, पर ु जो धनी होने म उतावली करता है, वह िनद ष नही ं ठहरता।
21 प पात करना अ ा नही ं; और यह भी अ ा नही ं िक पु ष एक टु कड़े रोटी के िलये अपराध करे ।
22 लोभी जन धन ा करने म उतावली करता है, और नही ं जानता िक वह घटी म पड़े गा।
23 जो िकसी मनु को डांटता है वह अ म चापलूसी करने वाले से अिधक ारा हो जाता है ।
24 जो अपने मां -बाप को लूट कर कहता है िक कुछ अपराध नही ं, वह नाश करने वाले का सं गी ठहरता है ।
25 लालची मनु झगड़ा मचाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह पु हो जाता है ।
26 जो अपने ऊपर भरोसा रखता है, वह मूख है; और जो बु से चलता है, वह बचता है ।
27 जो िनधन को दान दे ता है उसे घटी नही ं होती, पर ु जो उस से ि फेर ले ता है वह शाप पर शाप पाता है ।
28 जब दु लोग बल होते ह तब तो मनु ढूंढ़े नही ं िमलते , पर ु जब वे नाश हो जाते ह, तब धम उ ित करते ह।।
नीितवचन 29
1 जो बार बार डांटे जाने पर भी हठ करता है, वह अचानक नाश हो जाएगा और उसका कोई भी उपाय काम न आएगा।
2 जब धम लोग िशरोमिण होते ह, तब जा आन त होती है ; पर ु जब दु भुता करता है तब जा हाय हाय करती है ।
3 जो पु ष बु से ीित रखता है, अपने िपता को आन त करता है, पर ु वे ाओं की सं गित करने वाला धन को उड़ा दे ता है।
4 राजा ाय से दे श को थर करता है, पर ु जो ब त घूस ले ता है उसको उलट दे ता है ।
5 जो पु ष िकसी से िचकनी चुपड़ी बात करता है , वह उसके पैरों के िलये जाल लगाता है।
6 बु रे मनु का अपराध फ ा होता है, पर ु धम आन त हो कर जयजयकार करता है।
7 धम पु ष कंगालों के मु क मे म मन लगाता है; पर ु दु जन उसे जानने की समझ नहीं रखता।
8 ठ ा करने वाले लोग नगर को फूंक दे ते ह, पर ु बु मान लोग ोध को ठ ा करते ह।
9 जब बु मान मूढ़ के साथ वाद िववाद करता है, तब वह मूढ़ ोिधत होता और ठ ा करता है , और वहां शा नहीं रहती।
10 ह ारे लोग खरे पु ष से बैर रखते ह, और सीधे लोगों के ाण की खोज करते ह।
11 मूख अपने सारे मन की बात खोल दे ता है, पर ु बु मान अपने मन को रोकता, और शा कर दे ता है ।
12 जब हािकम झूठी बात की ओर कान लगाता है, तब उसके सब से वक दु हो जाते ह।
13 िनधन और अ ेर करने वाला पु ष एक समान है ; और यहोवा दोनों की आं खों म ोित दे ता है।
14 जो राजा कंगालों का ाय स ाई से चुकाता है, उसकी ग ी सदै व थर रहती है।
15 छड़ी और डांट से बु ा होती है, पर ु जो लड़का यों ही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की ल ा का कारण होता है।
16 दु ों के बढ़ने से अपराध भी बढ़ता है; पर ु अ म धम लोग उनका िगरना दे ख लेते ह।
17 अपने बे टे की ताड़ना कर, तब उस से तुझे चैन िमलेगा; और तेरा मन सुखी हो जाएगा।
18 जहां दशन की बात नही ं होती, वहां लोग िनरं कुश हो जाते ह, और जो व था को मानता है वह ध होता है ।
19 दास बातों ही के ारा सुधारा नही ं जाता, ोंिक वह समझ कर भी नही ं मानता।
20 ा तू बात करने म उतावली करने वाले मनु को दे खता है ? उस से अिधक तो मूख ही से आशा है ।
21 जो अपने दास को उस के लड़कपन से सुकुमारपन म पालता है , वह दास अ म उसका बे टा बन बै ठता है ।
22 ोध करने वाला मनु झगड़ा मचाता है और अ ोध करने वाला अपराधी होता है ।
23 मनु को गव के कारण नीचा दे खना पड़ता है, पर ु न आ ा वाला मिहमा का अिधकारी होता है ।
24 जो चोर की संगित करता है वह अपने ाण का बैरी होता है ; शपथ खाने पर भी वह बात को गट नही ं करता।
25 मनु का भय खाना फ ा हो जाता है, पर ु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे थान पर चढ़ाया जाता है ।
26 हािकम से भट करना ब त लोग चाहते ह, पर ु मनु का ाय यहोवा की करता है।
27 धम लोग कुिटल मनु से घृणा करते ह और दु जन भी सीधी चाल चलने वाले से घृ णा करता है ।।
नीितवचन 30
1 याके के पु आगू र के भावशाली वचन।। उस पु ष ने ईतीएल और उ ाल से यह कहा,
2 िन य म पशु सरीखा ं, वरन मनु कहलाने के यो भी नही ं; और मनु की समझ मु झ म नहीं है।
3 न म ने बु ा की है, और न परमपिव का ान मुझे िमला है।
4 कौन ग म चढ़ कर िफर उतर आया? िकस ने वायु को अपनी मु ी म बटोर रखा है ? िकस ने महासागर को अपने व म बा िलया है? िकस ने पृ ी के िसवानों को ठहराया है?
उसका नाम ा है? और उसके पु का नाम ा है? यिद तू जानता हो तो बता!
5 ई र का एक एक वचन ताया आ है; वह अपने शरणागतों की ढाल ठहरा है।
6 उसके वचनों म कुछ मत बढ़ा, ऐसा न हो िक वह तुझे डांटे और तू झूठा ठहरे ।।
7 म ने तु झ से दो वर मांगे ह, इसिलये मेरे मरने से पिहले उ मु झे दे ने से मुंह न मोड़:
8 अथात थ और झूठी बात मुझ से दू र रख; मुझे न तो िनधन कर और न धनी बना; ितिदन की रोटी मु झे खलाया कर।
9 ऐसा न हो, िक जब मेरा पेट भर जाए, तब म इ ार कर के क ं िक यहोवा कौन है ? वा अपना भाग खो कर चोरी क ं , और अपने परमे र का नाम अनुिचत रीित से लूं ।
10 िकसी दास की, उसके ामी से चुगली न करना, ऐसा न हो िक वह तुझे शाप दे , और तू दोषी ठहराया जाए।।
11 ऐसे लोग ह, जो अपने िपता को शाप दे ते और अपनी माता को ध नहीं कहते ।
12 ऐसे लोग ह जो अपनी ि म शु ह, तौभी उनका मै ल धोया नही ं गया।
13 एक पीढ़ी के लोग ऐसे ह उनकी ि ा ही घम से भरी रहती है , और उनकी आं ख कैसी चढ़ी ई रहती ह।
14 एक पीढ़ी के लोग ऐसे ह, िजनके दांत तलवार और उनकी दाढ़ छु रयां ह, िजन से वे दीन लोगों को पृ ी पर से, और द र ों को मनु ों म से िमटा डाल।।
15 जैसे जोंक की दो बेिटयां होती ह, जो कहती ह दे , दे , वैसे ही तीन व ु एं ह, जो तृ नहीं होती ं; वरन चार ह, जो कभी नही ं कहती,ं बस।
16 अधोलोक और बांझ की कोख, भूिम जो जल पी पी कर तृ नहीं होती, और आग जो कभी नही ं कहती, बस।।
17 िजस आं ख से कोई अपने िपता पर अनादर की ि करे , और अपमान के साथ अपनी माता की आ ा न माने , उस आं ख को तराई के कौवे खोद खोद कर िनकालगे, और उकाब के
ब े खा डालगे।।
18 तीन बात मेरे िलये अिधक किठन है, वरन चार ह, जो मे री समझ से परे ह:
19 आकाश म उकाब प ी का माग, च ान पर सप की चाल, समु म जहाज की चाल, और क ा के सं ग पु ष की चाल।।
20 िभचा रणी की चाल भी वैसी ही है; वह भोजन कर के मुंह पोंछती, और कहती है , म ने कोई अनथ काम नहीं िकया।।
21 तीन बातों के कारण पृ ी कांपती है ; वरन चार है, जो उस से सही नहीं जाती ं:
22 दास का राजा हो जाना, मूढ़ का पेट भरना
23 िघनौनी ी का ाहा जाना, और दासी का अपनी ािमन की वा रस होना।।
24 पृ ी पर चार छोटे ज ु ह, जो अ बु मान ह:
25 ूिटयां िनबल जाित तो ह, पर ु धूप काल म अपनी भोजन व ु बटोरती ह;
26 शापान बली जाित नहीं, तौभी उनकी मा पहाड़ों पर होती ह;
27 िटि यों के राजा तो नही ं होता, तौभी वे सब की सब दल बा बा कर पलायन करती ह;
28 और िछपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तौभी राजभवनों म रहती है ।।
29 तीन सु र चलने वाले ाणी ह; वरन चार ह, िजन की चाल सु र है:
30 िसंह जो सब पशुओं म परा मी ह, और िकसी के डर से नही ं हटता;
31 िशकारी कु ा और बकरा, और अपनी सेना समेत राजा।
32 यिद तू ने अपनी बड़ाई करने की मूढ़ता की, वा कोई बुरी यु बा ी हो, तो अपने मुं ह पर हाथ धर।
33 ोंिक जैसे दू ध के मथने से म न और नाक के मरोड़ने से लो िनकलता है , वैसे ही ोध के भड़काने से झगड़ा उ होता है।।
नीितवचन 31
1 लमू एल राजा के भावशाली वचन, जो उसकी माता ने उसे िसखाए।।
2 हे मे रे पु , हे मेरे िनज पु ! हे मेरी म तों के पु !
3 अपना बल यों को न दे ना, न अपना जीवन उनके वश कर दे ना जो राजाओं का पौ ष का जाती ह।
4 हे लमू एल, राजाओं का दाखमधु पीना उन को शोभा नही ं दे ता, और मिदरा चाहना, रईसों को नहीं फबता;
5 ऐसा न हो िक वे पी कर व था को भूल जाएं और िकसी दु :खी के हक को मार।
6 मिदरा उसको िपलाओ जो मरने पर है, और दाखमधु उदास मन वालों को ही दे ना;
7 िजस से वे पी कर अपनी द र ता को भूल जाएं और अपने किठन म िफर रण न कर।
8 गूंगे के िलये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का ाय उिचत रीित से िकया कर।
9 अपना मुंह खोल और धम से ाय कर, और दीन द र ों का ाय कर।
10 भली प ी कौन पा सकता है? ोंिक उसका मू मूं गों से भी ब त अिधक है । उस के पित के मन म उस के ित िव ास है।
11 और उसे लाभ की घटी नही ं होती।
12 वह अपने जीवन के सारे िदनों म उस से बु रा नही,ं वरन भला ही वहार करती है।
13 वह ऊन और सन ढूंढ़ ढूंढ़ कर, अपने हाथों से स ता के साथ काम करती है ।
14 वह ापार के जहाजों की नाईं अपनी भोजन व ुएं दू र से मं गवाती ह।
15 वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को भोजन खलाती है और अपनी लौ यों को अलग अलग काम दे ती है।
16 वह िकसी खेत के िवषय म सोच िवचार करती है और उसे मोल ले ले ती है ; और अपने प र म के फल से दाख की बारी लगाती है।
17 वह अपनी किट को बल के फटे से कसती है , और अपनी बाहों को ढ़ बनाती है।
18 वह परख लेती है िक मेरा ापार लाभदायक है। रात को उसका िदया नही ं बुझता।
19 वह अटे रन म हाथ लगाती है, और चरखा पकड़ती है।
20 वह दीन के िलये मु ी खोलती है, और द र के संभालने को हाथ बढ़ाती है।
21 वह अपने घराने के िलये िहम से नहीं डरती, ोंिक उसके घर के सब लोग लाल कपड़े पिहनते ह।
22 वह तिकये बना ले ती है; उसके व सू सन और बजनी रं ग के होते ह।
23 जब उसका पित सभा म दे श के पु रिनयों के संग बैठता है , तब उसका स ान होता है ।
24 वह सन के व बनाकर बेचती है; और ोपारी को कमरब दे ती है ।
25 वह बल और ताप का पिहरावा पिहने रहती है, और आने वाले काल के िवषय पर हं सती है ।
26 वह बु की बात बोलती है, और उस के वचन कृपा की िश ा के अनु सार होते ह।
27 वह अपने घराने के चाल चलन को ान से दे खती है, और अपनी रोटी िबना प र म नही ं खाती।
28 उसके पु उठ उठ कर उसको ध कहते ह, उनका पित भी उठ कर उसकी ऐसी शंसा करता है :
29 ब त सी यों ने अ े अ े काम तो िकए ह पर ु तू उन सभों म े है ।
30 शोभा तो झूठी और सु रता थ है, पर ु जो ी यहोवा का भय मानती है, उसकी शंसा की जाएगी।
31 उसके हाथों के प र म का फल उसे दो, और उसके काय से सभा म उसकी शंसा होगी।।
सभोपदे शक 1
1 य शले म के राजा, दाऊद के पु और उपदे शक के वचन।
2 उपदे शक का यह वचन है, िक थ ही थ, थ ही थ! सब कुछ थ है ।
3 उस सब प र म से िजसे मनु धरती पर करता है, उसको ा लाभ ा होता है ?
4 एक पीढ़ी जाती है , और दू सरी पीढ़ी आती है, पर ु पृ ी सवदा बनी रहती है ।
5 सूय उदय हो कर अ भी होता है, और अपने उदय की िदशा को वेग से चला जाता है।
6 वायु द न की ओर बहती है, और उ र की ओर घूमती जाती है ; वह घू मती और बहती रहती है , और अपने च रों म लौट आती है।
7 सब निदयां समु म जा िमलती ह, तौभी समु भर नही ं जाता; िजस थान से निदयां िनकलती ह; उधर ही को वे िफर जाती ह।
8 सब बात प र म से भरी ह; मनु इसका वणन नही ं कर सकता; न तो आं ख दे खने से तृ होती ह, और न कान सु नने से भरते ह।
9 जो कुछ आ था, वही िफर होगा, और जो कुछ बन चु का है वही िफर बनाया जाएगा; और सू य के नीचे कोई बात नई नहीं है।
10 ा ऐसी कोई बात है िजसके िवषय म लोग कह सक िक दे ख यह नई है ? यह तो ाचीन यु गों म वतमान थी।
11 ाचीन बातों का कुछ रण नहीं रहा, और होने वाली बातों का भी रण उनके बाद होने वालों को न रहेगा।।
12 म उपदे शक य शलेम म इ ाएल का राजा था।
13 और म ने अपना मन लगाया िक जो कुछ सूय के नीचे िकया जाता है , उसका भे द बु से सोच सोचकर मालू म क ं ; यह बड़े दु :ख का काम है जो परमे र ने मनु ों के िलये
ठहराया है िक वे उस म लग।
14 म ने उन सब कामों को दे खा जो सूय के नीचे िकए जाते ह; दे खो वे सब थ और मानो वायु को पकड़ना है ।
15 जो टे ढ़ा है , वह सीधा नही ं हो सकता, और िजतनी व ुओं म घटी है, वे िगनी नही ं जाती।ं ।
16 म ने मन म कहा, दे ख, िजतने य शलेम म मु झ से पिहले थे, उन सभों से म ने ब त अिधक बु ा की है ; और मु झ को ब त बु और ान िमल गया है।
17 और म ने अपना मन लगाया िक बु का भेद लूं और बावले पन और मूखता को भी जान लूं । मु झे जान पड़ा िक यह भी वायु को पकड़ना है।।
18 ोंिक ब त बु के साथ ब त खेद भी होता है, और जो अपना ान बढ़ाता है वह अपना दु :ख भी बढ़ाता है ।।
सभोपदे शक 2
1 म ने अपने मन से कहा, चल, म तुझ को आन के ारा जां चूंगा; इसिलये आन त और मगन हो। पर ु दे खो, यह भी थ है।
2 म ने हंसी के िवषय म कहा, यह तो बावलापन है, और आन के िवषय म, उस से ा ा होता है ?
3 म ने मन म सोचा िक िकस कार से मेरी बु बनी रहे और म अपने ाण को दाखमधु पीने से ोंकर बहलाऊं और ोंकर मूखता को थामे र ं, जब तक मालूम न क ं िक वह
अ ा काम कौन सा है िजसे मनु जीवन भर करता रहे।
4 म ने बड़े बड़े काम िकए; म ने अपने िलये घर बनवा िलये और अपने िलये दाख की बा रयां लगवाईं;
5 म ने अपने िलये बा रयां और बाग लगावा िलये, और उन म भांित भांित के फलदाई वृ लगाए।
6 म ने अपने िलये कु खुदवा िलये िक उन से वह वन सी ंचा जाए िजस म पौधे लगाए जाते थे ।
7 म ने दास और दािसयां मोल लीं, और मेरे घर म दास भी उ ए; और िजतने मु झ से पिहले य शले म म थे उन से कहीं अिधक गाय-बैल और भेड़-बक रयों का म ामी था।
8 म ने चा ी और सोना और राजाओं और ा ों के ब मू पदाथ का भी सं ह िकया; म ने अपने िलये गवैयों और गानेवािलयों को रखा, और ब त सी कािमिनयां भी, िजन से मनु
सु ख पाते ह, अपनी कर लीं।।
9 इस कार म अपने से पिहले के सब य शले मवािसयों अिधक महान और धनाढय हो गया; तौभी मेरी बु िठकाने रही।
10 और िजतनी व ुओं के दे खने की म ने लालसा की, उन सभों को दे खने से म न का; म ने अपना मन िकसी कार का आन भोगने से न रोका ोंिक मे रा मन मे रे सब प र म
के कारण आन त आ; और मेरे सब प र म से मुझे यही भाग िमला।
11 तब म ने िफर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब प र म को दे खा, तो ा दे खा िक सब कुछ थ और वायु को पकड़ना है, और संसार म कोई लाभ नहीं।।
12 िफर म ने अपने मन को फेरा िक बु और बावलेपन और मूखता के काय को दे खूं; ोंिक जो मनु राजा के पीछे आएगा, वह ा करे गा? केवल वही जो होता चला आया है।
13 तब म ने दे खा िक उिजयाला अंिधयारे से िजतना उ म है, उतना बु भी मू खता से उ म है ।
14 जो बु मान है, उसके िसर म आं ख रहती ह, पर ु मू ख अंिधयारे म चलता है ; तौभी म ने जान िलया िक दोनों की दशा एक सी होती है।
15 तब म ने मन म कहा, जैसी मूख की दशा होगी, वैसी ही मे री भी होगी; िफर म ों अिधक बु मान आ? और म ने मन म कहा, यह भी थ ही है।
16 ोंिक न तो बु मान का और न मूख का रण सवदा बना रहेगा, पर ु भिव म सब कुछ िबसर जाएगा।
17 बु मान ोंकर मूख के समान मरता है! इसिलये म ने अपने जीवन से घृ णा की, ोंिक जो काम सं सार म िकया जाता है मुझे बुरा मालूम आ; ोंिक सब कुछ थ और वायु को
पकड़ना है ।
18 म ने अपने सारे प र म के ितफल से िजसे म ने धरती पर िकया था घृणा की, ोंिक अव है िक म उसका फल उस मनु के िलये छोड़ जाऊं जो मेरे बाद आएगा।
19 यह कौन जानता है िक वह मनु बु मान होगा वा मू ख? तौभी धरती पर िजतना प र म म ने िकया, और उसके िलये बु योग की उस सब का वही अिधकारी होगा। यह भी
थ ही है।
20 तब म अपने मन म उस सारे प र म के िवषय जो म ने धरती पर िकया था िनराश आ,
21 ोंिक ऐसा मनु भी है, िजसका काय प र म और बु और ान से होता है और सफल भी होता है , तौभी उसको ऐसे मनु के िलये छोड़ जाना पड़ता है, िजसने उस म कुछ भी
प र म न िकया हो। यह भी थ और ब त ही बुरा है।
22 मनु जो धरती पर मन लगा लगाकर प र म करता है उस से उसको ा लाभ होता है ?
23 उसके सब िदन तो दु :खों से भरे रहते ह, और उसका काम खेद के साथ होता है; रात को भी उसका मन चै न नही ं पाता। यह भी थ ही है।
24 मनु के िलये खाने-पीने और प र म करते ए अपने जीव को सुखी रखने के िसवाय और कुछ भी अ ा नही ं। म ने दे खा िक यह भी परमे र की ओर से िमलता है।
25 ोंिक खाने -पीने और सुख भोगने म मुझ से अिधक समथ कौन है ?
26 जो मनु परमे र की ि म अ ा है, उसको वह बु और ान और आन दे ता है ; पर ु पापी को वह दु :खभरा काम ही दे ता है िक वह उसका दे ने के िलये संचय कर के ढे र
लगाए जो परमे र की ि म अ ा हो। यह भी थ और वायु को पकड़ना है ।।
सभोपदे शक 3
1 हर एक बात का एक अवसर और ेक काम का, जो आकाश के नीचे होता है , एक समय है।
2 ज का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए ए को उखाड़ने का भी समय है ;
3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा दे ने का समय, और बनाने का भी समय है ;
4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है ;
5 प र फकने का समय, और प र बटोरने का भी समय; गल लगाने का समय, और गल लगाने से कने का भी समय है;
6 ढूंढ़ने का समय, और खो दे ने का भी समय; बचा रखने का समय, और फक दे ने का भी समय है;
7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है ;
8 ेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मे ल का भी समय है ।
9 काम करने वाले को अिधक प र म से ा लाभ होता है?
10 म ने उस दु :खभरे काम को दे खा है जो परमे र ने मनु ों के िलये ठहराया है िक वे उस म लगे रह।
11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया िक अपने अपने समय पर वे सु र होते है ; िफर उसने मनु ों के मन म अनािद-अन काल का ान उ िकया है, तौभी काल का ान उ िकया
है , वह आिद से अ तक मनु बूझ नही ं सकता।
12 म ने जान िलया है िक मनु ों के िलये आन करने और जीवन भर भलाई करने के िसवाय, और कुछ भी अ ा नही ं;
13 और यह भी परमे र का दान है िक मनु खाए-पीए और अपने सब प र म म सु खी रहे ।
14 म जानता ं िक जो कुछ परमे र करता है वह सदा थर रहेगा; न तो उस म कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमे र ऐसा इसिलये करता है िक लोग
उसका भय मान।
15 जो कुछ आ वह इस से पिहले भी हो चुका; जो होने वाला है, वह हो भी चु का है; और परमे र बीती ई बात को िफर पूछता है।
16 िफर म ने संसार म ा दे खा िक ाय के थान म दु ता होती है , और धम के थान म भी दु ता होती है ।
17 म ने मन म कहा, परमे र धम और दु दोनों का ाय करे गा, ोंिक उसके यहां एक एक िवषय और एक एक काम का समय है।
18 म ने मन म कहा िक यह इसिलये होता है िक परमे र मनु ों को जांचे और िक वे दे ख सक िक वे पशु-समान ह।
19 ोंिक जैसी मनु ों की वैसी ही पशुओं की भी दशा होती है; दोनों की वही दशा होती है , जै से एक मरता वैसे ही दू सरा भी मरता है । सभों की ांस एक सी है, और मनु पशु से
कुछ बढ़कर नहीं; सब कुछ थ ही है।
20 सब एक थान मे जाते ह; सब िम ी से बने ह, और सब िम ी म िफर िमल जाते ह।
21 ा मनु का ाण ऊपर की ओर चढ़ता है और पशुओं का ाण नीचे की ओर जा कर िम ी म िमल जाता है ? कौन जानता है?
22 सो म ने यह दे खा िक इस से अिधक कुछ अ ा नही ं िक मनु अपने कामों म आन त रहे , ोंिक उसका भा यही है; कौन उसके पीछे होने वाली बातों को दे खने के िलये
उसको लौटा लाएगा?
सभोपदे शक 4
1 तब म ने वह सब अ ेर दे खा जो संसार म होता है। और ा दे खा, िक अ े र सहने वालों के आं सू बह रहे ह, और उन को कोई शा दे ने वाला नही ं! अ े र करने वालों के हाथ म
श थी, पर ु उन को कोई शा दे ने वाला नही ं था।
2 इसिलये म ने मरे ओं को जो मर चुके ह, उन जीवतों से जो अब तक जीिवत ह अिधक सराहा;
3 वरन उन दोनों से अिधक सुभागी वह है जो अब तक आ ही नही ं, न ये बुरे काम दे खे जो संसार म होते ह।।
4 तब म ने सब प र म के काम और सब सफल कामों को दे खा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते ह। यह भी थ और मन का कुढ़ना है।।
5 मू ख छाती पर हाथ रखे रहता और अपना मांस खाता है।
6 चै न के साथ एक मु ी उन दो मुि यों से अ ा है, िजनके साथ प र म और मन का कुढ़ना हो।।
7 िफर म ने धरती पर यह भी थ बात दे खी।
8 कोई अकेला रहता और उसका कोई नही ं है; न उसके बेटा है, न भाई है , तौभी उसके प र म का अ नहीं होता; न उसकी आं ख धन से स ु होती ह, और न वह कहता है, म िकस
के िलये प र म करता और अपने जीवन को सुखरिहत रखता ं? यह भी थ और िनरा दु :खभरा काम है।
9 एक से दो अ े ह, ोंिक उनके प र म का अ ा फल िमलता है ।
10 ोंिक यिद उन म से एक िगरे , तो दू सरा उसको उठाएगा; पर ु हाय उस पर जो अकेला हो कर िगरे और उसका कोई उठाने वाला न हो।
11 िफर यिद दो जन एक संग सोए तो वे गम रहगे, पर ु कोई अकेला ोंकर गम हो सकता है ?
12 यिद कोई अकेले पर बल हो तो हो, पर ु दो उसका सा ना कर सकगे । जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह ज ी नही ं टू टती।।
13 बु मान लड़का द र होन पर भी ऐसे बूढ़े और मूख राजा से अिधक उ म है जो िफर स ित हण न करे ,
14 चाहे वह उसके रा म धनही ंन उ आ या ब ीगृ ह से िनकलकर राजा आ हो।
15 म ने सब जीवतों को जो धरती पर चलते िफरते ह दे खा िक वे उस दू सरे लड़के के संग हो िलये ह जो उनका थान ले ने के िलये खड़ा आ।
16 वे सब लोग अनिगिनत थे िजन पर वह धान आ था। तौभी भिव म होने वाले लोग उसके कारण आन त न होंगे। िन:स े ह यह भी थ और मन का कुढ़ना है ।।
सभोपदे शक 5
1 जब तू परमे र के भवन म जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के िलये समीप जाना मू ख के बिलदान चढ़ाने से अ ा है; ोंिक वे नही ं जानते िक बुरा करते ह।
2 बात करने म उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमे र के सा ने िनकालना, ोंिक परमे र ग म ह और तू पृ ी पर है; इसिलये ते रे वचन थोड़े ही
हों।।
3 ोंिक जैसे काय की अिधकता के कारण दे खा जाता है , वैसे ही ब त सी बातों का बोलने वाला मूख ठहरता है ।
4 जब तू परमे र के िलये म त माने, तब उसके पूरा करने म िवल न करना; ां िक वह मू ख से स नहीं होता। जो म त तू ने मानी हो उसे पूरी करना।
5 म त मान कर पूरी न करने से म त का न मानना ही अ ा है।
6 कोई वचन कहकर अपने को पाप म ने फंसाना, और न ई र के दू त के सा ने कहना िक यह भू ल से आ; परमे र ों ते रा बोल सु न कर अ स हो, और तेरे हाथ के काय को न
करे ?
7 ोंिक ों की अिधकता से थ बातों की ब तायत होती है : पर ु तू परमे र को भय मानना।।
8 यिद तू िकसी ा म िनधनों पर अ ेर और ाय और धम को िबगड़ता दे खे, तो इस से चिकत न होना; ोंिक एक अिधकारी से बड़ा दू सरा रहता है िजसे इन बातों की सुिध रहती
है , और उन से भी ओर अिधक बड़े रहते ह।
9 भूिम की उपज सब के िलये है, वरन खेती से राजा का भी काम िनकलता है ।
10 जो पये से ीित रखता है वह पये से तृ न होगा; और न जो ब त धन से ीित रखता है , लाभ से : यह भी थ है।
11 जब स ि बढ़ती है, तो उसके खाने वाले भी बढ़ते ह, तब उसके ामी को इसे छोड़ और ा लाभ होता है िक उस स ि को अपनी आं खों से दे खे?
12 प र म करने वाला चाहे थोड़ा खाए, था ब त, तौभी उसकी नी ंद सुखदाई होती है; पर ु धनी के धन के बढ़ने के कारण उसको नीद ं नही ं आती।
13 म ने धरती पर एक बड़ी बुरी बला दे खी है; अथात वह धन िजसे उसके मािलक ने अपनी ही हािन के िलये रखा हो,
14 और वह िकसी बुरे काम म उड़ जाता है; और उसके घर म बेटा उ होता है पर ु उसके हाथ मे कुछ नही ं रहता।
15 जैसा वह मां के पेट से िनकला वैसा ही लौट जाएगा; नंगा ही, जैसा आया था, और अपने प र म के बदले कुछ भी न पाएगा िजसे वह अपने हाथ म ले जा सके।
16 यह भी एक बड़ी बला है िक जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस थ प र म से और ा लाभ है ?
17 केवल इसके िक उसने जीवन भर बेचैनी से भोजन िकया, और ब त ही दु : खत और रोगी रहा और ोध भी करता रहा?
18 सु न, जो भली बात म ने दे खी है, वरन जो उिचत है, वह यह िक मनु खाए और पीए और अपने प र म से जो वह धरती पर करता है, अपनी सारी आयु भर जो परमे र ने उसे दी
है , सु खी रहे : ोंिक उसका भाग यही है।
19 वरन हर एक मनु िजसे परमे र ने धन स ि दी हो, और उन से आन भोगने और उस म से अपना भाग ले ने और प र म करते ए आन करने को श भी दी हो- यह
परमे र का वरदान है।
20 इस जीवन के िदन उसे ब त रण न रहगे, ोंिक परमे र उसकी सुन सु नकर उसके मन को आन मय रखता है ।।
सभोपदे शक 6
1 एक बुराई जो म ने धरती पर दे खी है, वह मनु ों को ब त भारी लगती है :
2 िकसी मनु को परमे र धन स ि और ित ा यहां तक दे ता है िक जो कुछ उसका मन चाहता है उसे उसकी कुछ भी घटी नही ं होती, तौभी परमे र उसको उस म से खाने नही ं
दे ता, कोई दू सरा की उसे खाता है; यह थ और भयानक दु :ख है।
3 यिद िकसी पु ष के सौ पु हों, और वह ब त वष जीिवत रहे और उसकी आयु बढ़ जाए, पर ु न उसका ाण स रहे और न उसकी अ म ि या की जाए, तो म कहता ं िक
ऐसे मनु से अधूरे समय का ज ा आ ब ा उ म है।
4 ोंिक वह थ ही आया और अ ेरे म चला गया, ओर उसका नाम भी अ े रे म िछप गया;
5 और न सू य को दे खा, न िकसी चीज को जानने पाया; तौभी इस को उस मनु से अिधक चै न िमला।
6 हां चाहे वह दो हजार वष जीिवत रहे, और कुछ सुख भोगने न पाए, तो उसे ा? ा सब के सब एक ही थान म नहीं जाते ?
7 मनु का सारा प र म उसके पे ट के िलये होता है तौभी उसका मन नही ं भरता।
8 जो बु मान है वह मूख से िकस बात म बढ़कर है? और कंगाल जो यह जानता है िक इस जीवन म िकस कार से चलना चािहये, वह भी उस से िकस बात म बढ़कर है?
9 आं खों से दे ख लेना मन की चंचलता से उ म है: यह भी थ और मन का कुढना है।
10 जो कुछ आ है उसका नाम युग के आर से रखा गया है, और यह गट है िक वह आदमी है , िक वह उस से जो उस से अिधक श मान है झगड़ा नही ं कर सकता है।
11 ब त सी ऐसी बात ह िजनके कारण जीवन और भी थ होता है तो िफर मनु को ा लाभ?
12 ोंिक मनु के िणक थ जीवन म जो वह परछाईं की नाईं िबताता है कौन जानता है िक उसके िलये अ ा ा है? ोंिक मनु को कौन बता सकता है िक उसके बाद
दु िनया म ा होगा?
सभोपदे शक 7
1 अ ा नाम अनमोल इ से और मृ ु का िदन ज के िदन से उ म है ।
2 जे वनार के घर जाने से शोक ही के घर जाना उ म है; ोंिक सब मनु ों का अ यही है , और जो जीिवत है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा।
3 हं सी से खे द उ म है, ोंिक मुं ह पर के शोक से मन सुधरता है।
4 बु मानों का मन शोक करने वालों के घर की ओर लगा रहता है पर ु मू ख का मन आन करने वालों के घर लगा रहता है।
5 मू ख के गीत सुनने से बु मान की घुड़की सुनना उ म है।
6 ोंिक मूख की हंसी हांडी के नीचे जलते ए कांटो ही चरचराहट के समान होती है; यह भी थ है।
7 िन य अ ेर से बु मान बावला हो जाता है; और घूस से बु नाश होती है ।
8 िकसी काम के आर से उसका अ उ म है; और धीरजव पु ष गव से उ म है ।
9 अपने मन म उतावली से ोिधत न हो, ोंिक ोध मू ख ही के दय म रहता है ।
10 यह न कहना, बीते िदन इन से ों उ म थे? ोंिक यह तू बु मानी से नहीं पू छता।
11 बु बपौती के साथ अ ी होती है , वरन जीिवत रहने वालों के िलये लाभकारी है।
12 ोंिक बु की आड़ पये की आड़ का काम दे ता है; पर ु ान की े ता यह है िक बु से उसके रखने वालों के ाण की र ा होती है।
13 परमे र के काम पर ि कर; िजस व ु को उसने टे ढ़ा िकया हो उसे कौन सीधा कर सकता है ?
14 सु ख के िदन सुख मान, और दु :ख के िदन सोच; ोंिक परमे र ने दोनों को एक ही संग रखा है , िजस से मनु अपने बाद होने वाली िकसी बात को न बूझ सके।
15 अपने थ जीवन म म ने यह सब कुछ दे खा है; कोई धम अपने धम का काम करते ए नाश हो जाता है , और दु बुराई करते ए दीघायु होता है।
16 अपने को ब त धम न बना, और न अपने को अिधक बु मान बना; तू ों अपने ही नाश का कारण हो?
17 अ दु भी न बन, और न मूख हो; तू ों अपने समय से पिहले मरे ?
18 यह अ ा है िक तू इस बात को पकड़े रहे; ओर उस बात पर से भी हाथ न उठाए; ोंिक जो परमे र का भय मानता है वह इन सब किठनाइयों से पार जो जाएगा।।
19 बु ही से नगर के दस हािकमों की अपे ा बु मान को अिधक सामथ ा होती है ।
20 िन:स े ह पृ ी पर कोई ऐसा धम मनु नहीं जो भलाई ही करे और िजस से पाप न आ हो।।
21 िजतनी बात कही जाएं सब पर कान न लगाना, ऐसा न हो िक तू सुने िक तेरा दास तु झी को शाप दे ता है ;
22 ोंिक तू आप जानता है िक तू ने भी ब त बे र औरों को शाप िदया है।।
23 यह सब म ने बु से जांच िलया है; म ने कहा, म बु मान हो जाऊंगा; पर ु यह मु झ से दू र रहा।
24 वह जो दू र और अ गिहरा है, उसका भेद कौन पा सकता है?
25 म ने अपना मन लगाया िक बु के िवषय म जान लूं; िक खोज िनकालूं और उसका भे द जानूं , और िक दु ता की मू खता और मूखता जो िनरा बावलापन है जानूं।
26 और म ने मृ ु से भी अिधक :खदाई एक व ु पाई, अथात वह ी िजसका मन फ ा और जाल है और िजसके हाथ हथकिडय़ां है; (िजस पु ष से परमे र स है वही उस से
बचे गा, पर ु पापी उसका िशकार होगा)
27 दे ख, उपदे शक कहता है, म ने ान के िलये अलग अलग बात िमला कर जां ची ं, और यह बात िनकाली,
28 िजसे मेरा मन अब तक ढूंढ़ रहा है, पर ु नहीं पाया। हजार म से म ने एक पु ष को पाया, पर ु उन म एक भी ी नही ं पाई।
29 दे खो, म ने केवल यह बात पाई है, िक परमे र ने मनु को सीधा बनाया, पर ु उ ोंने ब त सी यु यां िनकाली ह।।
सभोपदे शक 8
1 बु मान के तु कौन है? और िकसी बात का अथ कौन लगा सकता है? मनु की बु के कारण उसका मु ख चमकता, और उसके मुख की कठोरता दू र हो जाती है ।
2 म तुझे स ित दे ता ं िक परमे र की शपथ के कारण राजा की आ ा मान।
3 राजा के सा ने से उतावली के साथ न लौटना और न बु री बात पर हठ करना, ोंिक वह जो कुछ चाहता है करता है।
4 ोंिक राजा के वचन म तो साम रहती है, और कौन उस से कह सकता है िक तू ा करता है ?
5 जो आ ा को मानता है, वह जो खम से बचेगा, और बु मान का मन समय और ाय का भे द जानता है ।
6 ोंिक हर एक िवषय का समय और िनयम होता है, यि प मनु का दु :ख उसके िलये ब त भारी होता है ।
7 वह नहीं जानता िक ा होने वाला है, और कब होगा? यह उसको कौन बता सकता है?
8 ऐसा कोई मनु नहीं िजसका वश ाण पर चले िक वह उसे िनकलते समय रोक ले , और न कोई मृ ु के िदन पर अिधकारी होता है; और न उसे लड़ाई से छृ ी िमल सकती है , और
न दु लोग अपनी दु ता के कारण बच सकते ह।
9 िजतने काम धरती पर िकए जाते ह उन सब को ानपूवक दे खने म यह सब कुछ म ने दे खा, और यह भी दे खा िक एक मनु दू सरे मनु पर अिधकारी हो कर अपने ऊपर हािन
लाता है ।।
10 तब म ने दु ों को गाड़े जाते दे खा; अथात उनकी तो क बनी, पर ु िज ोंने ठीक काम िकया था वे पिव थान से िनकल गए और उनका रण भी नगर म न रहा; यह भी थ ही
है ।
11 बुरे काम के द की आ ा फुत से नहीं दी जाती; इस कारण मनु ों का मन बु रा काम करने की इ ा से भरा रहता है।
12 चाहे पापी सौ बार पाप करे अपने िदन भी बढ़ाए, तौभी मु झे िन य है िक जो परमे र से डरते ह और अपने तईं उसको स ुख जानकर भय से चलते ह, उनका भला ही होगा;
13 पर ु दु का भला नहीं होने का, और न उसकी जीवन पी छाया ल ी होने पाएगी, ोंिक वह परमे र का भय नही ं मानता।।
14 एक थ बात पृ ी पर होती है, अथात ऐसे धम ह िजनकी वह दशा होती है जो दु ों की होनी चािहये, और ऐसे दु ह िजनकी वह दशा होती है हो धिमयों की होनी चािहये। म ने
कह िक यह भी थ ही है।
15 तब म ने आन को सराहा, ोंिक सूय के नीचे मनु के िलये खाने-पीने और आन करने को छोड़ और कुछ भी अ ा नही ं, ोंिक यही उसके जीवन भर जो परमे र उसके
िलये धरती पर ठहराए, उसके प र म म उसके संग बना रहेगा।।
16 जब म ने बु ा करने और सब काम दे खने के िलये जो पृ ी पर िकए जाते ह अपना मन लगाया, िक कैसे मनु रात-िदन जागते रहते ह;
17 तब म ने परमे र का सारा काम दे खा जो सूय के नीचे िकया जाता है , उसकी थाह मनु नहीं पा सकता। चाहे मनु उसकी खोज म िकतना भी प र म करे , तौभी उसको न जान
पाएगा; और यि प बु मान कहे भी िक म उसे समझूंगा, तौभी वह उसे न पा सकेगा।।
सभोपदे शक 9
1 यह सब कुछ म ने मन लगाकर िवचारा िक इन सब बातों का भेद पाऊं, िक िकस कार धम और बु मान लोग और उनके काम परमे र के हाथ म ह; मनु के आगे सब कार
की बात ह पर ु वह नही ं जानता िक वह ेम है व बैर।
2 सब बात सभों को एक समान होती है, धम हो या दु , भले, शु या अशु , य करने और न करने वाले, सभों की दशा एक ही सी होती है। जैसी भले मनु की दशा, वैसी ही पापी
की दशा; जै सी शपथ खाने वाले की दशा, वैसी ही उसकी जो शपथ खाने से डरता है।
3 जो कुछ सूय के नीचे िकया जाता है उस म यह एक दोष है िक सब लोगों की एक सी दशा होती है; और मनु ों के मनों म बुराई भरी ई है, और जब तक वे जीिवत रहते ह उनके मन
म बावलापन रहता है, और उसके बाद वे मरे ओं म जा िमलते ह।
4 उसको पर ु जो सब जीवतों म है, उसे आशा है, ोंिक जीवता कु ा मरे ए िसं ह से बढ़कर है।
5 ोंिक जीवते तो इतना जानते ह िक वे मरगे, पर ु मरे ए कुछ भी नहीं जानते, और न उन को कुछ और बदला िमल सकता है , ोंिक उनका रण िमट गया है।
6 उनका ेम और उनका बैर और उनकी डाह नाश हो चु की, और अब जो कुछ सूय के नीचे िकया जाता है उस म सदा के िलये उनका और कोई भाग न होगा।।
7 अपने माग पर चला जा, अपनी रोटी आन से खाया कर, और मन म सुख मान कर अपना दाखमधु िपया कर; ोंिक परमे र तेरे कामों से स हो चुका है।।
8 तेरे व सदा उजले रह, और तेरे िसर पर तेल की घटी न हो।।
9 अपने थ जीवन के सारे िदन जो उसने सूय के नीचे ते रे िलये ठहराए ह अपनी ारी प ी के सं ग म िबताना, ोंिक तेरे जीवन और तेरे प र म म जो तू सूय के नीचे करता है तेरा
यही भाग है।
10 जो काम तुझे िमले उसे अपनी श भर करना, ोंिक अधोलोक म जहां तू जाने वाला है , न काम न यु न ान और न बु है।।
11 िफर म ने धरती पर दे खा िक न तो दौड़ म वेग दौड़ने वाले और न यु म शूरवीर जीतते; न बु मान लोग रोटी पाते न समझ वाले धन, और न वीणों पर अनु ह होता है , वे सब
समय और संयोग के वश म है।
12 ोंिक मनु अपना समय नही ं जानता। जैसे मछिलयां दु खदाई जाल म बझती ं और िचिडय़े फ े म फंसती ह, वैसे ही मनु दु खदाई समय म जो उन पर अचानक आ पड़ता है ,
फंस जाते ह।।
13 म ने सू य के नीचे इस कार की बु की बात भी दे खी है, जो मुझे बड़ी जान पड़ी।
14 एक छोटा सा नगर था, िजस म थोड़े ही लोग थे; और िकसी बड़े राजा ने उस पर चढ़ाई कर के उसे घे र िलया, और उसके िव बड़े बड़े धुस बनवाए।
15 पर ु उस म एक द र बु मान पु ष पाया गया, और उसने उस नगर को अपनी बु के ारा बचाया। तौभी िकसी ने उस द र का रण न रखा।
16 तब म ने कहा, य िप द र की बु तु समझी जाती है और उसका वचन कोई नही ं सुनता तौभी परा म से बु उ म है।
17 बु मानों के वचन जो धीमे धीमे कहे जाते ह वे मूख के बीच भुता करने वाले के िच ा िच ाकर कहने से अिधक सुने जाते ह।
18 लड़ाई के हिथयारों से बु उ म है, पर ु एक पापी ब त भलाई नाश करता है ।।
सभोपदे शक 10
1 मरी ई म यों के कारण ग ी का तेल सड़ने और बसाने लगता है ; और थोड़ी सी मू खता बु और ित ा को घटा दे ती है।
2 बु मान का मन उिचत बात की ओर रहता है पर ु मू ख का मन उसके िवपरीत रहता है ।
3 वरन जब मूख माग पर चलता है , तब उसकी समझ काम नहीं दे ती, अैर वह सब से कहता है , म मू ख ं ।।
4 यिद हािकम का ोध तुझ पर भड़के, तो अपना थान न छोड़ना, ोंिक धीरज धरने से बड़े बड़े पाप कते ह।।
5 एक बुराई है जो म ने सूय के नीचे दे खी, वह हािकम की भूल से होती है :
6 अथात मू ख बड़ी ित ा के थानों म ठहराए जाते ह, और धनवाल लोग नीचे बै ठते ह।
7 म ने दासों को घोड़ों पर चढ़े , और रईसों को दासों की नाईं भूिम पर चलते ए दे खा है ।।
8 जो गड़हा खोदे वह उस म िगरे गा और जो बाड़ा तोड़े उसको सप डसे गा।
9 जो प र फोड़े , वह उन से घायल होगा, और जो लकड़ी काटे , उसे उसी से डर होगा।
10 यिद कु ाड़ा थोथा हो और मनु उसकी धार को पै नी न करे , तो अिधक बल लगाना पड़े गा; पर ु सफल होने के िलये बु से लाभ होता है।
11 यिद मं से पिहले सप डसे, तो मं पढ़ने वाले को कुछ भी लाभ नही ं।।
12 बु मान के वचनों के कारण अनु ह होता है, पर ु मू ख अपने वचनों के ारा नाश होते ह।
13 उसकी बात का आर मूखता का, और उनका अ दु खदाई बावलापन होता है।
14 मूख ब त बात बढ़ा कर बोलता है, तौभी कोई मनु नहीं जानता िक ा होगा, और कौन बता सकता है िक उसके बाद ा होने वाला है?
15 मूख को प र म से थकावट ही होती है, यहां तक िक वह नहीं जानता िक नगर को कैसे जाए।।
16 हे दे श, तुझ पर हाय जब तेरा राजा लड़का है और तेरे हािकम ात:काल भोज करते ह!
17 हे दे श, तू ध है जब तेरा राजा कुलीन है; और तेरे हािकम समय पर भोज करते ह, और वह भी मतवाले होने को नही ं, वर बल बढ़ाने के िलये!
18 आल के कारण छत की किडय़ां दब जाती ह, और हाथों की सु ी से घर चू ता है।
19 भोज हंसी खुशी के िलये िकया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आन िमलता है ; और पयों से सब कुछ ा होता है।
20 राजा को मन म भी शाप न दे ना, न धनवान को अपने शयन की कोठरी म शाप दे ना; ोंिक कोई आकाश का प ी ते री वाणी को ले जाएगा, और कोई उड़ाने वाला ज ु उस बात
को गट कर दे गा।।
सभोपदे शक 11
1 अपनी रोटी जल के ऊपर डाल दे , ोंिक ब त िदन के बाद तू उसे िफर पाएगा।
2 सात वरन आठ जनों को भी भाग दे , ोंिक तू नही ं जानता िक पृ ी पर ा िवपि आ पकेगी।
3 यिद बादल जल भरे ह, तब उसको भूिम पर उ े ल दे ते ह; और वृ चाहे द न की ओर िगरे या उ र की ओर, तौभी िजस थान पर वृ िगरे गा, वही ं पड़ा रहेगा।
4 जो वायु को ताकता रहेगा वह बीज बोने न पाएगा; और जो बादलों को दे खता रहे गा वह लवने न पाएगा।
5 जै से तू वायु के चलने का माग नहीं जानता और िकस रीित से गभवती के पेट म हि यां बढ़ती ह, वैसे ही तू परमे र का काम नही ं जानता जो सब कुछ करता है।।
6 भोर को अपना बीज बो, और सांझ को भी अपना हाथ न रोक; ोंिक तू नही ं जानता िक कौन सफल होगा, यह वा वह वा दोनों के दोनों अ े िनकलगे।
7 उिजयाला मनभावना होता है, और धूप के दे खने से आं खों को सु ख होता है ।
8 यिद मनु ब त वष जीिवत रहे , तो उन सभों म आन त रहे ; पर ु यह रण रखे िक अ यारे से िदन भी ब त होंगे। जो कुछ होता है वह थ है।।
9 हे जवान, अपनी जवानी म आन कर, और अपनी जवानी के िदनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आं खों की ि के अनुसार चल। पर ु यह जान रख िक इन सब
बातों के िवषय म परमे र तेरा ाय करे गा।।
10 अपने मन से खे द और अपनी दे ह से दु :ख दू र कर, ोंिक लड़कपन और जवानी दोनों थ ह।
सभोपदे शक 12
1 अपनी जवानी के िदनों म अपने सृजनहार को रण रख, इस से पिहले िक िवपि के िदन और वे वष आएं , िजन म तू कहे िक मेरा मन इन म नहीं लगाता।
2 इस से पिहले िक सूय और काश और च मा और तारागण अंधेरे हो जाएं , और वषा होने के बादल िफर िघर जाएं ;
3 उस समय घर के पह ए कांपगे, और बलव झुक जायं गे, और पीसनहा रयां थोड़ी रहने के कारण काम छोड़ दगी, और झरोखों म से दे खने वािलयां अ ी हो जाएगी,
4 और सड़क की ओर के िकवाड़ ब होंगे, और च ी पीसने का श धीमा होगा, और तड़के िचिडय़ा बोलते ही एक उठ जाएगा, और सब गाने वािलयों का श धीमा हो जाएगा।
5 िफर जो ऊंचा हो उस से भय खाया जाएगा, और माग म डरावनी व ुएं मानी जाएं गी; और बादाम का पेड़ फूले गा, और िट ी भी भारी लगेगी, और भूख बढ़ाने वाला फल िफर काम न
दे गा; ोंिक मनु अपने सदा के घर को जायेगा, और रोने पीटने वाले सड़क सड़क िफरगे ।
6 उस समय चा ी का तार दो टु कड़े हो जाएगा और सोने का कटोरा टू टे गा; और सोते के पास घड़ा फूटे गा, और कु के पास रहट टू ट जाएगा,
7 जब िम ी ों की ों िम ी म िमल जाएगी, और आ ा परमे र के पास िजसने उसे िदया लौट जाएगी।
8 उपदे शक कहता है, सब थ ही थ; सब कुछ थ है।
9 उपदे शक जो बु मान था, वह जा को ान भी िसखाता रहा, और ान लगाकर और पू छपाछ कर के ब त से नीितवचन म से रखता था।
10 उपदे शक ने मनभावने श खोजे और सीधाई से ये स ी बात िलख दी ं।।
11 बु मानों के वचन पै नों के समान होते ह, और सभाओं के धानों के वचन गाड़ी ई कीलों के समान ह, ोंिक एक ही चरवाहे की ओर से िमलते ह।
12 हे मे रे पु , इ ी म चौकसी सीख। ब त पु कों की रचना का अ नहीं होता, और ब त पढ़ना दे ह को थका दे ता है ।।
13 सब कुछ सुना गया; अ की बात यह है िक परमे र का भय मान और उसकी आ ाओं का पालन कर; ोंिक मनु का स ूण क यही है।
14 ोंिक परमे र सब कामों और सब गु बातों का, चाहे वे भली हों या बुरी, ाय करे गा।।
े गीत 1
1 े गीत जो सुलैमान का है।।
2 वह अपने मुंह के चु नों से मुझे चू मे! ोंिक तेरा ेम दाखमधु से उ म है ,
3 तेरे भांित भांित के इ ों का सुग उ म है, तेरा नाम उं डेले ए इ के तु है ; इसीिलये कुमा रयां तुझ से ेम रखती ह
4 मुझे खींच ले ; हम तेरे पीछे दौड़गे राजा मुझे अपने महल म ले आया है । हम तु झ म मगन और आन त होंगे; हम दाखमधु से अिधक तेरे ेम की चचा करगे; वे ठीक ही तुझ से े म
रखती ह।।
5 हे य शलेम की पुि यों, म काली तो ं पर ु सु र ं, केदार के त ुओं के और सु लैमान के पद के तु ं।
6 मु झे इसिलये न घू र िक म साँवली ं, ोंिक म धूप से झुलस गई। मेरी माता के पु मुझ से अ स थे , उ ोंने मुझ को दाख की बा रयों की रखवािलन बनाया; पर ु म ने अपनी िनज
दाख की बारी की रखवाली नहीं की!
7 हे मे रे ाणि य मुझे बता, तू अपनी भेड़-बक रयां कहां चराता है , दोपहर को तू उ कहां बैठाता है ; म ों ते रे संिगयों की भेड़-बक रयों के पास घूं घट काढ़े ए भटकती िफ ं ?
8 हे यों म सु री, यिद तू यह न जानती हो तो भेड़-बक रयों के खु रों के िच ों पर चल और चरावाहों के त ु ओं के पास अपनी बक रयों के ब ों को चरा।।
9 हे मे री ि य म ने तेरी तु लना िफरौन के रथों म जुती ई घोड़ी से की है।
10 तेरे गाल केशों के लटों के बीच ा ही सु र ह, और तेरा क हीरों की लड़ों के बीच।
11 हम तेरे िलये चा ी के फूलदार सोने के आभूषण बनाएं गे।
12 जब राजा अपनी मेज के पास बैठा था मेरी जटामासी की सुग फैल रही थी।
13 मेरा ेमी मेरे िलये लोबान की थैली के समान है जो मेरी छाितयों के बीच म पड़ी रहती है ।।
14 मेरा मी मेरे िलये महदी के फूलों के गु े के समान है, जो एनगदी की दाख की बा रयों म होता है ।।
15 तू सु री है, हे मेरी ि य, तू सु री है; तेरी आं ख कबूतरी की सी ह।
16 हे मे री ि य तू सु र और मनभावनी है। और हमारा िबछौना भी हरा है;
17 हमारे घर के बरगे दे वदार ह और हमारी छत की किडय़ां सनौवर ह।।
े गीत 2
1 म शारोन दे श का गुलाब और तराइयों म का सोसन फूल ं।।
2 जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच वैसे ही मेरी ि य युवितयों के बीच म है ।।
3 जै से सेब के वृ जंगल के वृ ों के बीच म, वैसे ही मेरा ेमी जवानों के बीच म है। म उसकी छाया म हिषत हो कर बै ठ गई, और उसका फल मुझे खाने मे मीठा लगा।
4 वह मु झे भोज के घर म ले आया, और उसका जो झ ा मेरे ऊपर फहराता था वह े म था।
5 मुझे सू खी दाखों से संभालो, सेब खलाकर बल दो: ोंिक म ेम म रोगी ँ ।
6 काश, उसका बायां हाथ मेरे िसर के नीचे होता, और अपने दािहने हाथ से वह मे रा आिलं गन करता!
7 हे य शलेम की पुि यों, म तुम से िचका रयों और मै दान की ह रिणयों की शपथ धराकर कहती ं, िक जब तक े म आप से न उठे , तब तक उसको न उकसाओ न जगाओ।।
8 मे रे ेमी का श सु न पड़ता है ! दे खो, वह पहाड़ों पर कूदता अर पहािड़यों को फा ता आ आता है ।
9 मे रा ेमी िचकारे वा जवान ह रण के समान है। दे खो, वह हमारी भीत के पीछे खड़ा है , और खड़िकयों की ओर ताक रहा है, और झंझरी म से दे ख रहा है।
10 मेरा े मी मुझ से कह रहा है, हे मेरी ि य, हे मेरी सु री, उठ कर चली आ;
11 ोंिक दे ख, जाड़ा जाता रहा; वषा भी हो चुकी और जाती रही है ।
12 पृ ी पर फूल िदखाई दे ते ह, िचिडय़ों के गाने का समय आ प ंचा है, और हमारे दे श म िप ु क का श सु नाई दे ता है।
13 अंजीर पकने लगे ह, और दाखलताएं फूल रही ह; वे सुग दे रही ह। हे मे री ि य, हे मे री सु री, उठ कर चली आ।
14 हे मेरी कबू तरी, पहाड़ की दरारों म और टीलों के कु म तेरा मु ख मुझे दे खने दे , ते रा बोल मुझे सु नने दे , ोंिक तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अित सु र है।
15 जो छोटी लोमिडय़ां दाख की बा रयों को िबगाड़ती ह, उ पकड़ ले, ोंिक हमारी दाख की बा रयों म फूल लगे ह।।
16 मेरा मी मेरा है और म उसकी ं, वह अपनी भेड़-बक रयां सोसन फूलों के बीच म चराता है ।
17 जब तक िदन ठ ा न हो और छाया ल ी होते होते िमट न जाए, तब तक हे मे रे ेमी उस िचकारे वा जवान ह रण के समान बन जो बेतेर के पहाड़ों पर िफरता है।
े गीत 3
1 रात के समय म अपने पलंग पर अपने ाणि य को ढूंढ़ती रही; म उसे ढूंढ़ती तो रही, पर ु उसे न पाया; म ने कहा, म अब उठ कर नगर म,
2 और सड़कों और चौकों म घूमकर अपने ाणि य को ढूंढू ं गी। म उसे ढूंढती तो रही, पर ु उसे न पाया।
3 जो पह ए नगर म घूमते थे, वे मुझे िमले, म ने उन से पूछा, ा तुम ने मे रे ाणि य को दे खा है ?
4 मु झ को उनके पास से आगे बढ़े थोड़े ही दे र ई थी िक मेरा ाणि य मुझे िमल गया। म ने उसको पकड़ िलया, और उसको जाने न िदया जब तक उसे अपनी मात के घर अथात
अपनी जननी की कोठरी म न ले आई।।
5 हे य शलेम की पुि यों, म तुम से िचका रयों और मै दान की ह रिणयों की शपथ धराकर कहती ं, िक जब तक े म आप से न उठे , तब तक उसको न उकसाओ और न जगाओ।।
6 यह ा है जो धूएं के ख े के समान, ग रस और लोबान से सुग त, और ोपारी की सब भां ित की बुकनी लगाए ए जंगल से िनकला आता है?
7 दे खो, यह सु लैमान की पालकी है! उसके चारों ओर इ ाएल के शूरवीरों म के साठ वीर चल रहे ह।
8 वे सब के सब तलवार बा ने वाले और यु िव ा म िनपु ण ह। ेक पु ष रात के डर से जां घ पर तलवार लटकाए रहता है।
9 सुलैमान राजा ने अपने िलये लबानोन के काठ की एक बड़ी पालकी बनावा ली।
10 उसने उसके ख े चा ी के, उसका िसरहाना सोने का, और ग ी अगवानी रं ग की बनवाई हे; और उसके बीच का थान य शलेम की पुि यों की ओर से बड़े ेम से जड़ा गया है।
11 हे िस ोन की पु ि यों िनकल कर सुलैमान राजा पर ि डालो, दे खो, वह वही मुकुट पिहने ए है िजसे उसकी माता ने उसके िववाह के िदन और उसके मन के आन के िदन,
उसके िसर पर रखा था।।
े गीत 4
1 हे मे री ि य तू सु र है, तू सु र है! तेरी आं ख तेरी लटों के बीच म कबूतरों की सी िदखाई दे ती है। तेरे बाल उन बक रयों के झु के समान ह जो िगलाद पहाड़ के ढाल पर लेटी ई
हों।
2 तेरे दा उन ऊन कतरी ई भेड़ों के झु के समान ह, जो नहाकर ऊपर आईं हों, उन म हर एक के दो दो जु ड़वा ब े होते ह। और उन म से िकसी का सा ी नही ं मरा।
3 तेरे होंठ लाल रं ग की डोरी के समान ह, और तेरा मुं ह मनोहर है, तेरे कपोल तेरी लटों के नीचे अनार की फाँ क से दे ख पड़ते ह।
4 तेरा गला दाऊद के गु ट के समान है, जो अ -श के िलये बना हो, और िजस पर हजार ढाल टं गी ई हों, वे सब ढाल शूरवीरों की ह।
5 तेरी दोनों छाितयां मृग के दो जुड़वे ब ों के तु ह, जो सोसन फूलों के बीच म चरते हों।
6 जब तक िदन ठ ा न हो, और छाया ल ी होते होते िमट न जाए, तब तक म शी ता से ग रस के पहाड़ और लोबान की पहाड़ी पर चला जाऊंगा।
7 हे मे री ि य तू सवाग सु री है; तुझ म कोई दोष नही ं।
8 हे मे री दु न, तू मेरे संग लबानोन से, मेरे संग लबानोन से चली आ। तू आमाना की चोटी पर से , शनीर और हे म न की चोटी पर से, िसहों की गुफाओं से, िचतों के पहाड़ों पर से ि
कर।
9 हे मे री बिहन, हे मेरी दु न, तू ने मे रा मन मोह िलया है, तू ने अपनी आं खों की एक ही िचतवन से , और अपने गले के एक ही हीरे से मे रा दय मोह िलया है।
10 हे मे री बिहन, हे मेरी दु न, तेरा ेम ा ही मनोहर है! तेरा े म दाखमधु से ा ही उ म है , और तेरे इ ोंका सुग इस कार के मसालों के सुग से!
11 हे मे री दु न, तेरे होठों से मधु टपकता है; तेरी जीभ के नीचे मधु ओर दू ध रहता है ; ते री जीभ के नीचे मधु और दू ध रहता है ; ते रे व ों का सुग लबानोन का सा है।
12 मेरी बिहन, मेरी दु न, िकवाड़ लगाई ई बारी के समान, िकवाड़ ब िकया आ सोता, ओर छाप लगाया आ झरना है।
13 तेरे अं कुर उ म फलवाली अनार की बारी के तु है, िजस म महदी और सु ुल,
14 जटामासी और केसर, लोबान के सब भांित के पेड़, मु और दालचीनी, ग रस, अगर, आिद सब मु मु सु ग होते ह।
15 तू बा रयों का सोता है , फूटते ए जल का कुआँ , और लबानोन से बहती ई धाराएं ह।।
16 हे उ र वायु जाग, और हे द नी वायु चली आ! मेरी बारी पर बह, िजस से उसका सु ग फैले। मे रा े मी अपनी बारी म आये, और उसके उ म उ म फल खाए।।
े गीत 5
1 हे मे री बिहन, हे मेरी दु न, म अपनी बारी म आया ं, म ने अपना ग रस और बलसान चु न िलया; म ने मधु समे त छ ा खा िलया, म ने दू ध और दाखमधु भी िलया।। हे िम ों, तु म
भी खाओ, हे ारों, िपयो, मनमाना िपयो!
2 म सोती थी, पर ु मे रा मन जागता था। सुन! मेरा ेमी खटखटाता है , और कहता है , हे मेरी बिहन, हे मेरी ि य, हे मे री कबूतरी, हे मेरी िनमल, मेरे िलये ार खोल; ोंिक मेरा िसर
ओस से भरा है , और मेरी लट रात म िगरी ई बू ोंसे भीगी ह।
3 म अपना व उतार चुकी थी म उसे िफर कैसे पिहनूं? म तो अपने पां व धो चुकी थी अब उन को कैसे मै ला क ं ?
4 मे रे ेमी ने अपना हाथ िकवाड़ के छे द से भीतर डाल िदया, तब मे रा दय उसके िलये उभर उठा।
5 म अपने ेमी के िलये ार खोलने को उठी, और मेरे हाथों से ग रस टपका, और मेरी अंगुिलयों पर से टपकता आ ग रस बे े की मूठों पर पड़ा।
6 म ने अपने ेमी के िलये ार तो खोला पर ु मेरा ेमी मु ड़कर चला गया था। जब वह बोल रहा था, तब मे रा ाण घबरा गया था म ने उसको ढू ं ढ़ा, पर ु न पाया; म ने उसको पुकारा,
पर ु उसने कुछ उ र न िदया।
7 पहरे वाले जो नगर म घूमते थे, मुझे िमले, उ ोंने मुझे मारा और घायल िकया; शहरपनाह के पह ओं ने मेरी च र मु झ से छीन ली।
8 हे य शलेम की पुि यों, म तुम को शपथ धराकर कहती ं, यिद मेरा ेमी तु म को िमल जाए, तो उस से कह दे ना िक म ेम म रोगी ं।
9 हे यों म परम सु री तेरा ेमी और ेिमयों से िकस बात म उ म है ? तू ों हम को ऐसी शपथ धराती है?
10 मेरा े मी गोरा और लाल सा है, वह दस हजार म उ म है।
11 उसका िसर चोखा कु न है; उसकी लटकती ई लट कौवों की नाईं काली ह।
12 उसकी आं ख उन कबू तरों के समान ह जो दु ध म नहा कर नदी के िकनारे अपने झु म एक कतार से बैठे ए हों।
13 उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी ई ा रयां ह। उसके होंठ सोसन फूल ह िजन से िपघला आ ग रस टपकता है।।
14 उसके हाथ फीरोजा जड़े ए सोने के िकवाड़ ह। उसका शरीर नीलम के फूलों से जड़े ए हाथीदांत का काम है ।
15 उसके पांव कु न पर बैठाये ए संगममर के ख े ह। वह दे खने म लबानोन और सु रता म दे वदार के वृ ों के समान मनोहर है।
16 उसकी वाणी अित मधुर है, हां वह परम सु र है। हे य शलेम की पु ि यो, यही मे रा ेमी और यही मेरा िम है।।
े गीत 6
1 हे यों म परम सु री, तेरा ेमी कहां गया? तेरा ेमी कहां चला गया िक हम तेरे संग उसको ढूंढने िनकल?
2 मे रा ेमी अपनी बारी म अथात बलसान की ा रयों की ओर गया है, िक बारी म अपनी भे ड़-बक रयां चराए और सोसन फूल बटोरे ।
3 म अपने ेमी की ं और मेरा ेमी मेरा है, वह अपनी भे ड़-बक रयां सोसन फूलों के बीच चराता है।
4 हे मे री ि य, तू ितसा की नाईं सु री है तू य शलेम के समान पवान है , और पताका फहराती ई से ना के तु भयं कर है।
5 अपनी आं ख मे री ओर से फेर ले, ोंिक म उन से घबराता ं; तेरे बाल ऐसी बक रयों के झु के समान ह, जो िगलाद की ढलान पर लेटी ई दे ख पड़ती हों।
6 तेरे दां त ऐसी भेड़ों के झु के समान ह िज ान कराया गया हो, उन म े क दो दो जु ड़वा ब े दे ती ह, िजन म से िकसी का साथी नही ं मरा।
7 तेरे कपोल ते री लटों के नीचे अनार की फाँक से दे ख पड़ते ह।
8 वहां साठ रािनयां और अ ी रखेिलयां और असं कुमा रयां भी ह।
9 पर ु मे री कबूतरी, मेरी िनमल, अ ै त है अपनी माता की एकलौती अपनी जननी की दु लारी है । पु ि यों ने उसे दे खा और ध कहा; रािनयों और रखेिलयों ने दे खकर उसकी शंसा
की।
10 यह कौन है िजसकी शोभा भोर के तु है, जो सु रता म च मा और िनमलता म सू य और पताका फहराती ई से ना के तु भयंकर िदखाई पड़ती है?
11 म अखरोट की बारी म उ र गई, िक तराई के फूल दे खूं, और दे खूं की दाखलता म किलय लगी ं, और अनारों के फूल खले िक नही ं।
12 मुझे पता भी न था िक मेरी क ना ने मुझे अपने राजकुमार के रथ पर चढ़ा िदया।।
13 लौट आ, लौट आ, हे शूल न, लौट आ, लौट आ, िक हम तुझ पर ि कर।। ा तु म शूले न को इस कार दे खोगे जैसा महनैम के नृ को दे खते हो?
े गीत 7
1 हे कुलीन की पु ी, ते रे पांव जू ितयों म ा ही सु र ह! तेरी जां घों की गोलाई ऐसे गहनों के समान है, िजस को िकसी िनपु ण कारीगर ने रचा हो।
2 तेरी नािभ गोल कटोरा है, जो मसाला िमले ए दाखमधु से पू ण हो ते रा पेट गे ं के ढे र के समान है िजसके च ँ ओर सोसन फूल हों।
3 तेरी दोनों छाितयां मृगनी के दो जुड़वे ब ों के समान ह।
4 तेरा गला हाथीदांत का गु ट है। तेरी आं ख हेशबोन के उन कु ों के समान ह, जो ब ीम के फाटक के पास ह। तेरी नाक लबानोन के गु ट के तु है, िजसका मुख दिम की
ओर है ।
5 तेरा िसर तुझ पर कमल के समान शोभायमान है, और तेरे सर की लट अगवानी रं ग के व के तु है; राजा उन लटाओं म बंधुआ हो गया है।
6 हे ि य और मनभावनी कुमारी, तू कैसी सु र और कैसी मनोहर है !
7 तेरा डील डौल खजूर के समान शानदार है और तेरी छाितयां अंगूर के गु ों के समान ह।।
8 म ने कहा, म इस खजू र पर चढ़कर उसकी डािलयों को पकडूंगा। तेरी छाितयां अं गूर के गु े हो, और तेरी ास का सु ग से बों के समान हो,
9 और तेरे चु न उ म दाखमधु के समान ह जो सरलता से ओठों पर से धीरे धीरे बह जाती है।।
10 म अपनी ेमी की ं। और उसकी लालसा मेरी ओर िनत बनी रहती है ।
11 हे मे रे ेमी, आ, हम खे तों म िनकल जाएं और गांवों म रह;
12 िफर सबे रे उठ कर दाख की बा रयों म चल, और दे ख िक दाखलता म किलय लगी ह िक नहीं, िक दाख के फूल खल ह या नही ं, और अनार फूले ह वा नहीं वहां म तुझ को अपना
ेम िदखाऊंगी।
13 दोदाफलों से सुग आ रही है, और हमारे ारों पर सब भां ित के उ म फल ह, नये और पुराने भी, जो, हे मे रे ेमी, म ने तेरे िलये इक े कर रखे ह।।
े गीत 8
1 भला होता िक तू मेरे भाई के समान होता, िजसने मेरी माता की छाितयों से दू ध िपया! तब म तु झे बाहर पाकर ते रा चु न लेती, और कोई मेरी िन ा न करता।
2 म तुझ को अपनी माता के घर ले चलती, और वह मुझ को िसखाती, और म तु झे मसाला िमला आ दाखमघु , और अपने अनारों का रस िपलाती।
3 काश, उसका बायां हाथ मेरे िसर के नीचे होता, और अपने दािहने हाथ से वह मे रा आिलं गन करता!
4 हे य शलेम की पुि यों, म तुम को शपथ धराती ं, िक तुम मे रे े मी को न जगाना जब तक वह यं न उठना चाहे ।।
5 यह कौन है जो अपने ेमी पर टे क लगाये ए जंगल से चली आती है? सेब के पे ड़ के नीचे म ने तु झे जगया। वहां तेरी माता ने तुझे ज िदया वहां ते री माता को पीड़ाएं उठी।ं ।
6 मुझे नगीने की नाईं अपने दय पर लगा रख, और ताबीज की नाईं अपनी बांह पर रख; ोंिक े म मृ ु के तु सामथ है, और ईषा क के समान िनदयी है। उसकी ाला अि
की दमक है वरन परमे र ही की ाला है।
7 पानी की बाढ़ से भी ेम नही ं बु झ सकता, और न महानदों से डूब सकता है। यिद कोई अपने घर की सारी स ि े म की स ी दे दे तौभी वह अ तु ठहरे गी।।
8 हमारी एक छोटी बिहन है, िजसकी छाितयां अभी नही ं उभरी। िजस िदन हमारी बिहन के ाह की बात लगे , उस िदन हम उसके िलये ा कर?
9 यिद वह शहरपनाह हो तो हम उस पर चा ी का कंगूरा बनाएं गे ; और यिद वह फाटक का िकवाड़ हो, तो हम उस पर दे वदा की लकड़ी के पटरे लगाएं गे।।
10 म शहरपनाह थी और मेरी छाितयां उसके गु ट; तब म अपने ेमी की ि म शा लाने वाले के नाईं थी।।
11 बा ामोन म सु लैमान की एक दाख की बारी थी; उसने वह दाख की बारी रखवालों को सौंप दी; हर एक रखवाले को उसके फलों के िलये चा ी के हजार हजार टु कड़े दे ने थे।
12 मेरी िनज दाख की बारी मेरे ही िलये है; हे सुलैमान, हजार तुझी को और फल के रखवालों को दो सौ िमल।।
13 तू जो बा रयों म रहती है, मेरे िम तेरा बोल सुनना चाहते ह; उसे मु झे भी सु नने दे ।।
14 हे मे रे ेमी, शी ता कर, और सुग ों के पहाड़ों पर िचकारे वा जवान ह रण के नाईं बन जा।।
यशायाह 1
1 आमोस के पु यशायाह का दशन, िजस को उसने य दा और य शलेम के िवषय म उ याह, योताम, आहाज, और िहजिक ाह नाम य दा के राजाओं के िदनों म पाया।
2 हे ग सु न, और हे पृ ी कान लगा; ोंिक यहोवा कहता है: म ने बाल-ब ों का पालन पोषण िकया, और उन को बढ़ाया भी, पर ु उ ोंने मुझ से बलवा िकया।
3 बै ल तो अपने मािलक को और गदहा अपने ामी की चरनी को पिहचानता है , पर ु इ ाएल मु झ नहीं जानता, मे री जा िवचार नहीं करती।।
4 हाय, यह जाित पाप से कैसी भरी है! यह समाज अधम से कैसा लदा आ है! इस वंश के लोग कैसे कुकम ह, ये लड़के-बाले कैसे िबगड़े ए ह! उ ोंने यहोवा को छोड़ िदया, उ ोंने
इ ाएल के पिव को तु जाना है! वे पराए बनकर दू र हो गए ह।।
5 तुम बलवा कर कर के ों अिधक मार खाना चाहते हो? तु ारा िसर घावों से भर गया, और तु ारा दय दु :ख से भरा है।
6 नख से िसर तक कहीं भी कुछ आरो ता नही ं, केवल चोट और कोड़े की मार के िच और सड़े ए घाव ह जो न दबाये गए, न बा े गए, न तेल लगा कर नरमाये गए ह।।
7 तु ारा दे श उजड़ा पड़ा है, तु ारे नगर भ हो गए ह; तु ारे खेतों को परदे शी लोग तु ारे दे खते ही िनगल रहे ह; वह परदे िशयों से नाश िकए ए दे श के समान उजाड़ है।
8 और िस ोन की बे टी दाख की बारी म की झोंपड़ी की नाईं छोड़ दी गई है, वा ककड़ी के खेत म की छप रया या िघरे ए नगर के समान अकेली खड़ी है।
9 यिद से नाओं का यहोवा हमारे थोड़े से लोगों को न बचा रखता, तो हम सदोम के समान हो जाते , और अमोरा के समान ठहरते ।।
10 हे सदोम के ाइयों, यहोवा का वचन सुनो! हे अमोरा की जा, हमारे परमे र की िश ा पर कान लगा।
11 यहोवा यह कहता है, तु ारे ब त से मेलबिल मेरे िकस काम के ह? म तो मेढ़ों के होमबिलयों से और पाले ए पशुओं की चब से अघा गया ं;
12 म बछड़ों वा भे ड़ के ब ोंवा बकरों के लो से स नहीं होता।। तु म जब अपने मुंह मुझे िदखाने के िलये आते हो, तब यह कौन चाहता है िक तु म मे रे आं गनों को पां व से रौंदो?
13 थ अ बिल िफर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चां द और िव ामिदन का मानना, और सभाओं का चार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनथ
काम करना मु झ से सहा नहीं जाता।
14 तु ारे नये चां दों और िनयत पव के मानने से म जी से बै र रखता ं; वे सब मु झे बोझ से जान पड़ते ह, म उन को सहते सहते उकता गया ं।
15 जब तु म मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब म तुम से मुंह फेर लूं गा; तु म िकतनी ही ाथना ों न करो, तौभी म तु ारी न सु नूंगा; ोंिक तु ारे हाथ खून से भरे ह।
16 अपने को धोकर पिव करो: मे री आं खों के सा ने से अपने बु रे कामों को दू र करो; भिव म बु राई करना छोड़ दो,
17 भलाई करना सीखो; य से ाय करो, उप वी को सुधारो; अनाथ का ाय चु काओ, िवधवा का मु क मा लड़ो।।
18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस म वादिववाद कर: तु ारे पाप चाहे लाल रं ग के हों, तौभी वे िहम की नाईं उजले हो जाएं गे ; और चाहे अगवानी रं ग के हों, तौभी वे ऊन के समान
े त हो जाएं गे।
19 यिद तुम आ ाकारी हो कर मेरी मानो,
20 तो इस दे श के उ म से उ म पदाथ खाओगे; और यिद तुम ना मानो और बलवा करो, तो तलवार से मारे जाओगे ; यहोवा का यही वचन है।।
21 जो नगरी सती थी सो ोंकर िभचा रन हो गई! वह ाय से भरी थी और उस म धम पाया जाता था, पर ु अब उस म ह ारे ही पाए जाते ह। तेरी चा ी घातु का मै ल हो गई,
22 तेरे दाखमधु म पानी िमल गया है।
23 तेरे हािकम हठीले और चोरों से िमले ह। वे सब के सब घू स खाने वाले और भट के लालची ह। वे अनाथ का ाय नहीं करते , और न िवधवा का मुक मा अपने पास आने दे ते ह।
24 इस कारण भु सेनाओं के यहोवा, इ ाएल के श मान की यह वाणी है: सु नो, म अपने श ुओ ं को दू र कर के शा पाऊंगा, और अपने बै रयों से पलटा लूं गा।
25 और म तुम पर हाथ बढ़ाकर तु ारा धातु का मैल पूरी रीित से भ क ं गा, और तु ारा रां ग पू री रीित से दू र क ं गा।
26 और म तुम म पिहले की नाईं ायी और आिद काल के समान मं ी िफर िनयु क ं गा। उसके बाद तू धमपुरी और सती नगरी कहलाएगी।।
27 िस ोन ाय के ारा, और जो उस म िफरगे वे धम के ारा छु ड़ा िलये जाएं गे ।
28 पर ु बलवाइयों और पािपयों का एक संग नाश होगा, और िज ोंने यहोवा को ागा है , उनका अ हो जाएगा।
29 ोंिक िजन बां ज वृ ों से तुम ीित रखते थे, उन से वे ल त होंगे, और िजन बा रयों से तु म स रहते थे, उसके कारण तु ारे मुंह काले होंगे।
30 ोंिक तुम प े मुझाए ए बांजवृझ के, और िबना जल की बारी के समान हो जाओगे।
31 और बलवान तो सन और उसका काम िचंगारी बनेगा, और दोनों एक साथ जलगे , और कोई बु झाने वाला न होगा।।
यशायाह 2
1 आमोस के पु यशायाह का वचन, जो उसने य दा और य शलेम के िवषय म दशन म पाया।।
2 अ के िदनों म ऐसा होगा िक यहोवा के भवन का पवत सब पहाड़ों पर ढ़ िकया जाएगा, और सब पहािडय़ों से अिधक ऊंचा िकया जाएगा; और हर जाित के लागे धारा की नाईं
उसकी ओर चलग।
3 और ब त दे शों के लोग आएं गे, और आपस म कहगे: आओ, हम यहोवा के पवत पर चढ़कर, याकूब के परमे र के भवन म जाएं ; तब वह हम को अपने माग िसखाएगा, और हम
उसके पथों पर चलगे। ोंिक यहोवा की व था िस ोन से , और उसका वचन य शले म से िनकलेगा।
4 वह जाित जाित का ाय करे गा, और दे श दे श के लोगों के झगड़ों को िमटाएगा; और वे अपनी तलवार पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंिसया बनाएं गे; तब एक जाित
दू सरी जाित के िव िफर तलवार न चलाएगी, न लोग भिव म यु की िव ा सीखगे।।
5 हे याकूब के घराने, आ, हम यहोवा के काश म चल।।
6 तू ने अपनी जा याकूब के घराने को ाग िदया है, ोंिक वे पू िवय के वहार पर तन मन से चलते और पिल यों की नाईं टोना करते ह, और परदे िशयों के साथ हाथ िमलाते ह।
7 उनका दे श चा ी और सोने से भरपूर है, और उनके रखे ए धन की सीमा नहीं; उनका दे श घोड़ों से भरपूर है, और उनके रथ अनिगिनत ह।
8 उनका दे श मू रतों से भरा है; वे अपने हाथों की बनाईं ई व ुओं को िज उ ों ने अपनी उं गिलयों से संवारा है, द वत करते ह।
9 इस से मनु झुकते, और बड़े मनु णाम करते ह, इस कारण उन को मा न कर!
10 यहोवा के भय के कारण और उसके ताप के मारे च ान म घुस जा, और िम ी म िछप जा।
11 ोंिक आदिमयों की घम भरी आं ख नीची की जाएं गी और मनु ों का घम दू र िकया जाएगा; और उस िदन केवल यहोवा ही ऊंचे पर िवराजमान रहेगा।।
12 ोंिक से नाओं के यहोवा का िदन सब घम यों और ऊंची गदन वालों पर और उ ित से फूलने वालों पर आएगा; और वे झुकाए जाएं गे;
13 और लबानोन के सब दे वदारों पर जो ऊंचे और बड़ ह;
14 बासान के सब बांजवृ ों पर; और सब ऊंचे पहाड़ों और सब ऊंची पहािडय़ों पर ;
15 सब ऊंचे गु टों और सब ढ़ शहरपनाहों पर ;
16 तश श के सब जहाजों और सब सु र िच कारी पर वह िदन आता है ।
17 और मनु का गव िमटाया जाएगा, और मनु ों का घम नीचा िकया जाएगा; और उस िदन केवल यहोवा ही ऊंचे पर िवराजमान रहेगा।
18 और मू रत सब की सब न हो जाएं गी।
19 और जब यहोवा पृ ी के क त करने के िलये उठे गा, तब उसके भय के कारण और उसके ताप के मारे लोग च ानों की गु फाओं और भूिम के िबलों म जा घुसगे ।।
20 उस िदन लोग अपनी चा ी-सोने की मू रतों को िज उ ोंने द वत करने के िलये बनाया था, छछू रों और चमगीदड़ों के आगे फकगे,
21 और जब यहोवा पृ ी को क त करने के िलये उठे गा तब वे उसके भय के कारण और उसके ताप के मारे च ानों की दरारों ओर पहािडय़ों के छे दों म घुसगे।
22 सो तु म मनु से परे रहो िजसकी ास उसके नथनों म है, ोंिक उसका मू है ही ा?
यशायाह 3
1 सुनो, भु सेनाओं का यहोवा य शलेम और य दा का सब कार का सहारा और िसरहाना अथात अ का सारा आधार, और जल का सारा आधार दू र कर दे गा;
2 और वीर और यो ा को, ायी और नबी को, भावी व ा और वृ को, पचास िसपािहयों के सरदार और िति त पु ष को,
3 म ी और चतु र कारीगर को, और िनपुण टो े को भी दू र कर दे गा।
4 और म लड़कों को उनके हािकम कर दू ं गा, और ब े उन पर भुता करगे ।
5 और जा के लागे आपस म एक दू सरे पर, और हर एक अपने पड़ोसी पर अं धेर करगे ; और जवान वृ जनों से और नीच जन माननीय लोगों से अस ता का वहार करगे ।।
6 उस समय जब कोई पु ष अपने िपता के घर म अपने भाई को पकड़ कर कहे गा िक तेरे पास तो व है , आ हमारा ायी हो जा और इस उजड़े दे श को अपने वश म कर ले;
7 तब वह शपथ खाकर कहेगा, म चंगा करनेहारा न ंगा; ोंिक मेरे घर म न तो रोटी है और न कपड़े ; इसिलये तु म मु झे जा का ायी नही ं िनयु कर सकोगे।
8 य शले म तो डगमगाया और य दा िगर गया है; ोंिक उनके वचन और उनके काम यहोवा के िव ह, जो उसकी ते जोमय आं खों के सा ने बलवा करने वाले ठहरे ह।।
9 उनका िचहरा भी उनके िव सा ी दे ता है; वे सदोिमयों की नाईं अपने आप को आप ही बखानते और नहीं िछपाते ह। उन पर हाय! ोंिक उ ोंने अपनी हािन आप ही की है।
10 धिमयों से कहो िक उनका भला होगा, ोंिक उसके कामों का फल उसको िमलेगा।
11 दु पर हाय!उसका बुरा होगा, ोंिक उसके कामों का फल उसको िमलेगा।
12 मेरी जा पर ब े अंधेर करते और यां उन पर भु ता करती ह। हे मेरी जा, ते रे अगु वे तुझे भटकाते ह, और ते रे चलने का माग भुला दे ते ह।।
13 यहोवा दे श दे श के लोगों से मुक मा लड़ने और उनका ाय करने के िलये खड़ा है ।
14 यहोवा अपनी जा के वृ और हािकमों के साथ यह िववाद करता है, तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है , और दीन लोगों का धन लू टकर तु म ने अपने घरों म रखा है।
15 से नाओं के भु यहोवा की यह वाणी है, तुम ों मे री जा को दलते , और दीन लोगों को पीस डालते हो!
16 यहोवा ने यह भी कहा है, ोंिक िस ोन की यां घम करती ं और िसर ऊंचे िकये आं ख मटकातीं और घुंघु ओं को छमछमाती ई ठु मुक ठु मुक चलती ह,
17 इसिलये भु यहोवा उनके िसर को गंजा करे गा, और उनके तन को उघरवाएगा।।
18 उस समय भु घुंघु ओं, जािलयों,
19 चं हारों, झुमकों, कड़ों, घूंघटों,
20 पगिडय़ों, पै क रयों, पटु कों, सु ग पा ों, ग ों,
21 अंगूिठयों, न ों,
22 सु र व ों, कुि यों, च रों, बटु ओ,ं
23 दपणों, मलमल के व ों, बु यों, दु प ों इन सभों की शोभा को दू र करे गा।
24 और सु ग की स ी सड़ाहट, सु र कघनी की स ी ब न की र ी, गुंथ ए बालों की स ी गं जापन, सु र पटु के की स ी टाट की पेटी, और सु रता की स ी दाग होंगे।
25 तेरे पु ष तलवार से, और शूरवीर यु म मारे जाएं गे ।
26 और उसके फाटकों म सांस भरना और िवलाप करना होगा; और भूिम पर अकेली बै ठी रहे गी।
यशायाह 4
1 उस समय सात यां एक पु ष को पकड़कर कहगी िक रोटी तो हम अपनी ही खाएं गी, और व अपने ही पिहनगी, केवल हम तेरी कहलाएं ; हमारी नामधराई को दू र कर।।
2 उस समय इ ाएल के बचे ओं के िलये यहोवा का प व, भू षण और मिहमा ठहरे गा, और भूिम की उपज, बड़ाई और शोभा ठहरे गी।
3 और जो कोई िस ोन म बचा रहे, और य शलेम म रहे , अथात य शलेम म िजतनों के नाम जीवनप म िलखे हों, वे पिव कहलाएं गे।
4 यह तब होगा, जब भु ाय करने वाली और भ करने वाली आ ा के ारा िस ोन की यों के मल को धो चुकेगा और य शलेम के खून को दू र कर चुकेगा।
5 तब यहोवा िस ोन पवत के एक एक घर के ऊपर, और उसके सभा थानों के ऊपर, िदन को तो धूंए का बादल, और रात को धधकती आग का काश िसरजेगा, और सम वैभव के
ऊपर एक म प छाया रहेगा।
6 वह िदन को घाम से बचाने के िलये और आं धी-पानी और झड़ी म एक शरण और आड़ होगा।।
यशायाह 5
1 अब म अपने ि य के िलये और उसकी दाख की बारी के िवषय म गीत गाऊंगा: एक अित उपजाऊ टीले पर मे रे ि य की एक दाख की बरी थी।
2 उसने उसकी िम ी खोदी और उसके प र बीनकर उस म उ म जाित की एक दाखलता लगाई; उसके बीच म उसने एक गु ट बनाया, और दाखरस के िलये एक कु भी खोदा;
तब उसने दाख की आशा की, पर ु उस म िनक ी दाख ही लगी ं।।
3 अब हे य शले म के िनवािसयों और हे य दा के मनु ों, मेरे और मे री दाख की बारी के बीच ाय करो।
4 मे री दाख की बारी के िलये और ा करना रह गया जो म ने उसके िलये न िकया हो? िफर ा कारण है िक जब म ने दाख की आशा की तब उस म िनक ी दाख लगी ं?
5 अब म तुम को जताता ं िक अपनी दाख की बारी से ा क ं गा। म उसके कां टे वाले बाड़े को उखाड़ दू ं गा िक वह चट की जाए, और उसकी भीत को ढा दू ं गा िक वह रौंदी जाए।
6 म उसे उजाड़ दू ं गा; वह न तो िफर छांटी और न खोदी जाएगी और उस म भां ित भां ित के कटीले पे ड़ उगगे ; म मे घों को भी आ ा दू ं गा िक उस पर जल न बरसाएं ।।
7 ोंिक से नाओं के यहोवा की दाख की बारी इ ाएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा य दा के लोग है ; और उसने उन म ाय की आशा की पर ु अ ाय दे ख पड़ा; उसने
धम की आशा की, पर ु उसे िच ाहट ही सुन पड़ी!
8 हाय उन पर जो घर से घर, और खेत से खेत यहां तक िमलाते जाते ह िक कुछ थान नही ं बचता, िक तुम दे श के बीच अकेले रह जाओ।
9 से नाओं के यहोवा ने मेरे सुनते कहा है: िन य ब त से घर सुनसान हो जाएं गे , और बड़ बड़े और सु र घर िनजन हो जाएं गे।
10 ोंिक दस बीघे की दाख की बारी से एक ही बत दाखमधु िमलेगा, और होमे र भर के बीच से एक ही एपा अ उ होगा।।
11 हाय उन पर जो बड़े तड़के उठ कर मिदरा पीने लगते ह और बड़ी रात तक दाखमधु पीते रहते ह जब तक उन को गम न चढ़ जाए!
12 उनकी जे वनारों म वीणा, सारं गी, डफ, बांसली और दाखमधु, ये सब पाए जाते ह; पर ु वे यहोवा के काय की ओर ि नहीं करते , और उसके हाथों के काम को नहीं दे खते।।
13 इसिलये अ ानता के कारण मेरी जा बंधुआई म जाती है , उसके िति त पु ष भूखों मरते और साधारण लोग ास से ाकुल होते ह।
14 इसिलये अधोलोक ने अ लालसा कर के अपना मुं ह बेप रमाण पसारा है , और उनका वैभव और भीड़ भाड़ और आन करने वाले सब के सब उसके मुंह म जा पड़ते ह।
15 साधारण मनु दबाए जाते और बड़े मनु नीचे िकए जाते ह, और अिभमािनयों की आं ख नीची की जाती ह।
16 पर ु से नाओं का यहोवा ाय करने के कारण महान ठहरता, और पिव परमे र धम होने के कारण पिव ठहरता है!
17 तब भे ड़ों के ब े मानो अपने खेत म चरगे, पर ु पु ों के उजड़े थान परदे िशयों को चराई के िलये िमलगे ।।
18 हाय उन पर जो अधम को अनथ की र यों और पाप को मानो गाड़ी के र े से खींच ले आते ह,
19 जो कहते ह, वह फुत करे और अपने काम को शी करे िक हम उसको दे ख; और इ ाएल के पिव की यु गट हो, वह िनकट आए िक हम उसको समझ!
20 हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते , जो अं िधयारे को उिजयाला और उिजयाले को अं िधयारा ठहराते , और कडु वे को मीठा और मीठे को कड़वा कर के मानते ह!
21 हाय उन पर जो अपनी ि म ानी और अपने लेखे बु मान ह!
22 हाय उन पर जो दाखमधु पीने म वीर और मिदरा को ते ज बनाने म बहादु र ह,
23 जो घू स ले कर दु ों को िनद ष, और िनद षों को दोषी ठहराते ह!
24 इस कारण जैसे अि की लौ से खूंटी भ होती है और सू खी घास जल कर बै ठ जाती है , वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल हो कर उड़ जाएं गे; ोंिक उ ोंने
सेनाओं के यहोवा की व था को िनक ी जाना, और इ ाएल के पिव के वचन को तु जाना है ।
25 इस कारण यहोवा का ोध अपनी जा पर भड़का है, और उसने उनके िव हाथ बढ़ा कर उन को मारा है, और पहाड़ कांप उठे ; और लोगों की लोथ सड़कों के बीच कूड़ा सी
पड़ी ह। इतने पर भी उसका ोध शा नहीं आ और उसका हाथ अब तक बढ़ा आ है ।।
26 वह दू र दू र की जाितयों के िलये झ ा खड़ा करे गा, और सी ंटी बजाकर उन को पृ ी की छोर से बुलाएगा; दे खो, वे फुत कर के वेग से आएं गे!
27 उन म कोई थका नहीं न कोई ठोकर खाता है; कोई ऊंघने वा सोने वाला नहीं, िकसी का फटा नहीं खु ला, और िकसी के जूतों का ब न नही ं टू टा;
28 उनके तीर चोखे और धनुष चढ़ाए ए ह, उनके घोड़ों के खुर व के से और रथों के पिहये बव र सरीखे ह।
29 वे िसं ह वा जवान िसंह की नाईं गरजते ह; वे गुराकर अहे र को पकड़ ले ते और उसको ले भागते ह, और कोई उसे उन से नहीं छु ड़ा सकता।
30 उस समय वे उन पर समु के गजन की नाईं गजगे और यिद कोई दे श की ओर दे खे, तो उसे अ कार और सं कट दे ख पड़े गा और ोित मे घों से िछप जाएगी।।
यशायाह 6
1 िजस वष उ ाह राजा मरा, म ने भु को ब त ही ऊंचे िसंहासन पर िवराजमान दे खा; और उसके व के घे र से म र भर गया।
2 उस से ऊंचे पर साराप िदखाई िदए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुं ह को ढां पे थे और दो से अपने पां वों को, और दो से उड़ रहे थे।
3 और वे एक दू सरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पिव , पिव , पिव है; सारी पृ ी उसके तेज से भरपूर है।
4 और पु कारने वाले के श से डे विढय़ों की नेव डोल उठी ं, और भवन धूंए से भर गया।
5 तब म ने कहा, हाय! हाय! म नाश आ; ोंिक म अशु होंठ वाला मनु ं , और अशु होंठ वाले मनु ों के बीच म रहता ं; ोंिक म ने से नाओं के यहोवा महाराजािधराज को
अपनी आं खों से दे खा है!
6 तब एक साराप हाथ म अंगारा िलये ए, िजसे उसने िचमटे से वेदी पर से उठा िलया था, मे रे पास उड़ कर आया।
7 और उसने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, दे ख, इस ने तेरे होंठों को छू िलया है , इसिलये ते रा अधम दू र हो गया और तेरे पाप मा हो गए।
8 तब म ने भु का यह वचन सुना, म िकस को भजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा? तब म ने कहा, म यहां ं ! मुझे भे ज
9 उसने कहा, जा, और इन लोगों से कह, सुनते ही रहो, पर ु न समझो; दे खते ही रहो, पर ु न बू झो।
10 तू इन लोगों के मन को मोटे और उनके कानों को भारी कर, और उनकी आं खों को ब कर; ऐसा न हो िक वे आं खों से दे ख, और कानों से सुन, और मन से बूझ, और मन िफराव
और चंगे हो जाएं ।
11 तब म ने पू छा, हे भु कब तक? उसने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन म कोई रह न जाए, और घरों म कोई मनु न रह जाए, और दे श उजाड़ और सुनसान हो जाए,
12 और यहोवा मनु ों को उस म से दू र कर दे , और दे श के ब त से थान िनजन हो जाएं ।
13 चाहे उसके िनवािसयों का दसवां अंश भी रह जाए, तौभी वह नाश िकया जाएगा, पर ु जै से छोटे वा बड़े बांजवृझ को काट डालने पर भी उसका ठूंठ बना रहता है, वैसे ही पिव वंश
उसका ठूंठ ठहरे गा।।
यशायाह 7
1 य दा का राजा आहाज जो योताम का पु और उ ाह का पोता था, उसके िदनों म आराम के राजा रसीन और इ ाएल के राजा रम ाह के पु पेकह ने य शलेम से लड़ने के
िलये चढ़ाई की, पर ु यु कर के उन से कुछ बन न पड़ा
2 जब दाऊद के घराने को यह समाचार िमला िक अरािमयों ने ए ैिमयों से स की है , तब उसका और जा का भी मन ऐसा कांप उठा जैसे वन के वृ वायु चलने से कांप जाते ह।
3 तब यहोवा ने यशायाह से कहा, अपने पु शायाशूब को ले कर धोिबयों के खेत की सड़क से ऊपरली पोखरे की नाली के िसरे पर आहाज से भट करने के िलये जा,
4 और उस से कह, सावधान और शा हो; और उन दोनों धूंआं िनकलती लुकिटयों से अथात रसीन और अरािमयों के भड़के ए कोप से, और रम ाह के पु से मत डर, और न ते रा
मन क ा हो।
5 ांिक अरािमयों और रम ाह के पु समेत ए ैिमयों ने यह कह कर तेरे िव बु री यु ठानी है िक आओ,
6 हम य दा पर चढ़ाई कर के उसको घबरा द, और उसको अपने वश म लाकर ताबे ल के पु को राजा िनयु कर द।
7 इसिलये भु यहोवा ने यह कहा है िक यह यु न तो सफल होगी और न पू री।
8 ोंिक आराम का िसर दिम , ओर दिम का िसर रसीन है । िफर ए ै म का िसर शोमरोन और शोमरोन का िसर रम ाह का पु है।
9 पसठ वष के भीतर ए ैम का बल इतना टू ट जाएगा िक वह जाित बनी न रहेगी। यिद तु म लोग इस बात की तीित न करो; तो िन य तुम थर न रहोगे।।
10 िफर यहोवा ने आहाज से कहा,
11 अपने परमे र यहोवा से कोई िच मांग; चाहे वह गिहरे थान का हो, वा ऊपर आसमान का हो।
12 आहाज ने कहा, म नहीं मां गने का, और म यहोवा की परी ा नही ं क ं गा।
13 तब उसने कहा, हे दाऊद के घराने सुनो! ा तुम मनु ों को उकता दे ना छोटी बात समझकर अब मेरे परमे र को भी उकता दोगे?
14 इस कारण भु आप ही तुम को एक िच दे गा। सुनो, एक कुमारी गभवती होगी और पु जनेगी, और उसका नाम इ ानूएल रखेगी।
15 और जब तक वह बुरे को ागना और भले को हण करना न जाने तब तक वह म न और मधु खाएगा।
16 ोंिक उस से पिहले िक वह लड़का बुरे को ागना और भले को हण करना जाने , वह दे श िजसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है िनजन हो जाएगा।
17 यहोवा तुझ पर, ते री जा पर और ते रे िपता के घराने पर ऐसे िदनों को ले आएगा िक जब से ए ै म य दा से अलग हो गया, तब वे वैसे िदन कभी नही ं आए -- अथात अ ूर के राजा
के िदन।।
18 उस समय यहोवा उन म यों को जो िम की निदयों के िसरों पर रहती ह, और उन मधुम यों को जो अ ू र दे श म रहती ह, सीटी बजाकर बुलाएगा।
19 और वे सब की सब आकर इस दे श के पहाड़ी नालों म, और च ानों की दरारों म, और सब भटकटै यों और सब चराइयों पर बैठ जाएं गी।।
20 उसी समय भु महानद के पार वाले अ ूर के राजा पी भाड़े के छूरे से िसर और पांवों के रोंएं मूंड़ेगा, उस से दाढ़ी भी पू री मुं ड़ जाएगी।।
21 उस समय ऐसा होगा िक मनु केवल एक कलोर और दो भेड़ों को पालेगा;
22 और वे इतना दू ध दगी िक वह म न खाया करे गा; ोंिक िजतने इस दे श म रह जाएं गे वह सब म न और मधु खाया करगे।।
23 उस समय िजन िजन थानों म हजार टु कड़े चा ी की हजार दाखलताएं ह, उन सब थानों म कटीले ही कटीले पेड़ होंगे।
24 तीर और धनु ष ले कर लोग वहां जाया करगे, ोंिक सरे दे श म कटीले पेड़ हो जाएं गे ; और िजतने पहाड़ कुदाल से खोदे जाते ह,
25 और िजतने पहाड़ कुदाल से खोदे जाते ह, उन सभों पर कटीले पेड़ों के डर के मारे कोई न जाएगा, वे गाये बै लों के चरने के, और भे ड़ बक रयों के रौंदने के िलये होंगे।।
यशायाह 8
1 िफर यहोवा ने मुझ से कहा, एक बड़ी पिटया ले कर उस पर साधारण अ रों से यह िलख: महेशाला ाशबज के िलये ।
2 और म िव ासयो पु षों को अथात ऊ र ाह याजक और जेबेरे ाह के पु जकयाह को इस बात की सा ी क ं गा।
3 और म अपनी प ी के पास गया, और वह गभवती ई और उसके पु उ आ। तब यहोवा ने मु झ से कहा, उसका नाम महेशाला ाशबज रख;
4 ोंिक इस से पिहले िक वह लड़का बापू और माँ पुकारना जाने, दिम और शोमरोन दोनों की धन-स ि लू ट कर अ ूर का राजा अपने दे श को भेजेगा।।
5 यहोवा ने िफर मु झ से दू सरी बार कहा,
6 इसिलये िक लोग शीलोह के धीरे धीरे बहने वाले सोते को िनक ा जानते ह, और रसीन और रम ाह के पु के सं ग एका कर के आन करते ह,
7 इस कारण सुन, भु उन पर उस बल और गिहरे महानद को, अथात अ ू र के राजा को उसके सारे ताप के साथ चढ़ा लाएगा; और वह उनके सब नालों को भर दे गा और सारे
कड़ाड़ों से छलक कर बहेगा;
8 और वह य दा पर भी चढ़ आएगा, और बढ़ते बढ़ते उस पर चढ़े गा और गले तक प ंचेगा; और हे इ ानु एल, तेरा सम दे श उसके पं खों के फैलने से ढं प जाएगा।।
9 हे लोगों, ह ा करो तो करो, पर ु तु ारा स ानाश हो जाएगा। हे पृ ी के दू र दू र दे श के सब लोगों कान लगा कर सुनो, अपनी अपनी कमर कसो तो कसो, पर ु तु ारे टु कड़े
टु कड़े िकए जाएं गे; अपनी कमर कसो तो कसो, पर ु तु ारा स ानाश हो जाएगा।
10 तुम यु करो तो करो, पर ु वह िन ल हो जाएगी, तुम कुछ भी कहो, पर ु तु ारा कहा आ ठहरे गा नहीं, ोंिक परमे र हमारे संग है।।
11 ोंिक यहोवा ढ़ता के साथ मु झ से बोला और इन लोगों की सी चाल चलने को मुझे मना िकया,
12 और कहा, िजस बात को यह लोग राज ोह कह, उसको तु म राज ोह न कहना, और िजस बात से वे डरते ह उस से तुम न डरना और न भय खाना।
13 से नाओं के यहोवा ही को पिव जानना; उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना।
14 और वह शरण थान होगा, पर ु इ ाएल के दोनों घरानों के िलये ठोकर का प र और ठे स की च ान, और य शले म के िनवािसयों के िलये फ ा और जाल होगा।
15 और ब त से लोग ठोकर खाएं गे; वे िगरगे और चकनाचू र होंगे; वे फ े म फसगे और पकड़े जाएं गे ।
16 िचतौनी का प ब कर दो, मे रे चे लों के बीच िश ा पर छाप लगा दो।
17 म उस यहोवा की बाट जोहता र ंगा जो अपने मुंख को याकूब के घराने से िछपाये है , और म उसी पर आशा लगाए र ंगा।
18 दे ख, म और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे ह, उसी से नाओं के यहोवा की ओर से जो िस ोन पवत पर िनवास िकए रहता है इ ाएिलयों के िलये िच और चम ार ह।
19 जब लोग तुम से कह िक ओझाओं और टो ों के पास जा कर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते ह, तब तुम यह कहना िक ा जा को अपने परमे र ही के पास जा कर न
पू छना चािहये? ा जीवतों के िलये मुद से पूछना चािहये ?
20 व था और िचतौनी ही की चचा िकया करो! यिद वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोल तो िन य उनके िलये पौ न फटे गी
21 वे इस दे श म ेिशत और भूखे िफरते रहगे; और जब वे भूखे होंगे, तब वे ोध म आकर अपने राजा और अपने परमे र को शाप दगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर
उठाएं गे ;
22 तब वे पृ ी की ओर ि करगे पर ु उ सकेती और अ यारा अथात संकट भरा अ कार ही दे ख पड़े गा; और वे घोर अ कार म ढकेल िदए जाएं गे।।
यशायाह 9
1 तौभी सं कट-भरा अ कार जाता रहेगा। पिहले तो उसने जबूलून और न ाली के दे शों का अपमान िकया, पर ु अ म िदनों म ताल की ओर यरदन के पार की अ जाितयों के
गलील को मिहमा दे गा।
2 जो लोग अ यारे म चल रहे थे उ ोंने बड़ा उिजयाला दे खा; और जो लोग घोर अ कार से भरे ए मृ ु के दे श म रहते थे, उन पर ोित चमकी।
3 तू ने जाित को बढ़ाया, तू ने उसको ब त आन िदया; वे तेरे सा ने कटनी के समय का सा आन करते ह, और ऐसे मगन ह जैसे लोग लूट बांटने के समय मगन रहते ह।
4 ोंिक तू ने उसकी गदन पर के भारी जूए और उसके बहंगे के बांस, उस पर अंधेर करने वाले की लाठी, इन सभों को ऐसा तोड़ िदया है जे से िम ािनयों के िदन म िकया था।
5 ोंिक यु म लड़ने वाले िसपािहयों के जूते और लो म लथड़े ए कपड़े सब आग का कौर हो जाएं गे ।
6 ोंिक हमारे िलये एक बालक उ आ, हम एक पु िदया गया है; और भु ता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद् भुत, यु करने वाला, परा मी परमे र, अन काल
का िपता, और शा का राजकुमार रखा जाएगा।
7 उसकी भु ता सवदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शा का अ न होगा, इसिलये वे उसको दाऊद की राजग ी पर इस समय से ले कर सवदा के िलये ाय और धम के ारा थर
िकए ओर सं भाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के ारा यह हो जाएगा।।
8 भु ने याकूब के पास एक संदेश भेजा है, और वह इ ाएल पर गट आ है ;
9 और सारी जा को, ए ैिमयों और शोमरोनवािसयों मालूम हो जाएगा जो गव और कठोरता से बोलते ह: ईंट तो िगर गई ह,
10 पर ु हम गढ़े ए प रों से घर बनाएं गे; गूलर के वृ तो कट गए ह पर ु हम उनकी स ी दे वदारों से काम लगे ।
11 इस कारण यहोवा उन पर रसीन के बै रयों को बल करे गा,
12 और उनके श ुओं को अथात पिहले आराम को और तब पिल यों को उभारे गा, और वे मुंह खोल कर इ ाएिलयों को िनगल लगे। इतने पर भी उसका ोध शा नहीं आ और
उसका हाथ अब तक बढ़ा आ है।।
13 तौभी ये लोग अपने मारने वाले की ओर नहीं िफरे और न सेनाओं के यहोवा की खोज करते ह।
14 इस कारण यहोवा इ ाएल म से िसर और पूं छ को, खजूर की डािलयों और सरकंडे को, एक ही िदन म काट डाले गा।
15 पुरिनया और िति त पु ष तो िसर ह, और झूठी बात िसखाने वाला नबी पूंछ है ;
16 ोंिक जो इन लोगों की अगुवाई करते ह वे इन को भटका दे ते ह, और िजनकी अगु वाई होती है वे नाश हो जाते ह।
17 इस कारण भु न तो इनके जवानों से स होगा, और न इनके अनाथ बालकों और िवधवाओं पर दया करे गा; ोंिक हर एक भ हीन और कुकम है, और हर एक के मु ख से
मूखता की बात िनकलती ह। इतने पर भी उसका ोध शा नहीं आ और उसका हाथ अब तक बढ़ा आ है ।।
18 ोंिक दु ता आग की नाईं धधकती है, वह ऊंटकटारों और कांटों को भ करती है , वरन वह घने वन की झािड़यों म आग लगाती है और वह धुंआ म चकरा चकराकर ऊपर की
ओर उठती है।
19 से नाओं के यहोवा के रोष के मारे यह दे श जलाया गया है, और ये लोग आग की ईंधन के समान ह; वे आपस म एक दू सरे से दया का वहार नही ं करते ।
20 वे दािहनी ओर से भोजनव ु छीन कर भी भूखे रहते , और बाय ओर से खाकर भी तृ नहीं होते ; उन म से े क मनु अपनी अपनी बांहों का मांस खाता है,
21 मन े ए ैम को और ए ैम मन े को खाता है , और वे दोनों िमलकर य दा के िव ह इतने पर भी उसका ोध शा नहीं आ, और उसका हाथ अब तक बढ़ा आ है ।।
यशायाह 10
1 हाय उन पर जो दु ता से ाय करते, और उन पर जो उ ात करने की आ ा िलख दे ते ह,
2 िक वे कंगालों का ाय िबगाड़ और मेरी जा के दीन लोगों का हक मार, िक वे िवधवाओं को लूट और अनाथों का माल अपना ल!
3 तुम द के िदन और उस आपि के िदन जो दू र से आएगी ा करोगे? तुम सहायता के िलये िकसके पास भाग कर जाओगे?
4 और तु म अपने वैभव को कहां रख छोड़ोगे? वे केवल बंधुओं के पै रों के पास िगर पड़गे और मरे ओं के नीचे दबे पड़े रहगे। इतने पर भी उसका ोध शा नहीं आ और उसका
हाथ अब तक बढ़ा आ है।।
5 अ ूर पर हाय, जो मेरे ोध का लठ और मेरे हाथ म का सोंटा है ! वह मेरा ोध है।
6 म उसको एक भ हीन जाित के िव भे जूंगा, और िजन लोगों पर मेरा रोष भड़का है उनके िव उसको आ ा दू ं गा िक छीन छान करे और लूट ले, और उन को सड़कों की
कीच के समान लताड़े ।
7 पर ु उसकी ऐसी मनसा न होगी, न उसके मन म ऐसा िवचार है; ोंिक उसके मन म यही है िक म ब त सी जाितयों का नाश और अ कर डालूं।
8 ोंिक वह कहता है, ा मेरे सब हािकम राजा के तु नहीं है?
9 ा कलनो ककमीश के समान नही ं है? ा हमात अपद के और शोमरोन दिम के समान नही ं?
10 िजस कार मेरा हाथ मूरतों से भरे ए उन रा ों पर प ंचा िजनकी मूरत य शले म और शोमरोन की मूरतों से बढ़कर थी ं, और िजस कार म ने शोमरोन और उसकी मूरतों से
िकया,
11 ा उसी कार म य शले म से और उसकी मूरतों से भी न क ं ?
12 इस कारण जब भु िस ोन पवत पर और य शलेम म अपना सब काम कर चु केगा, तब म अ ू र के राजा के गव की बातों का, और उसकी घम भरी आं खों का पलटा दू ं गा।
13 उसने कहा है, अपने ही बा बल और बु से म ने यह काम िकया है , ोंिक म चतु र ं; म ने दे श दे श के िसवानों को हटा िदया, और उनके रखे ए धन को लूट िलया; म ने वीर की
नाईं ग ी पर िवराजने हारों को उतार िदया है।
14 दे श दे श के लोगों की धनस ि , िचिडय़ों के घोंसलों की नाईं, मेरे हाथ आई है, और जैसे कोई छोड़े ए अ ों को बटोर ले वैसे ही म ने सारी पृ ी को बटोर िलया है; और कोई पंख
फड़फड़ाने वा चोंच खोलने वा चीं ची ं करने वाला न था।।
15 ा कु ाड़ा उसके िव जो उस से काटता हो डीग ं मारे , वा आरी उसके िव जो उसे खी ंचता हो बड़ाई करे ? ा सोंटा अपने चलाने वाले को चलाए वा छड़ी उसे उठाए जो
काठ नही ं है !
16 इस कारण भु अथात सेनाओं का भु उस राजा के पु यो ाओं को दु बला कर दे गा, और उसके ऐ य के नीचे आग की सी जलन होगी।
17 इ ाएल की ोित तो आग ठहरे गी, और इ ाएल का पिव ाला ठहरे गा; और वह उसके झाड़ झं खार को एक ही दीन म भ करे गा।
18 और जै से रोगी के झीण हो जाने पर उसकी दशा होती है वैसी ही वह उसके वन और फलदाई बारी की शोभा पू री रीित से नाश करे गा।
19 उस वन के वृ इतने थोड़े रह जाएं गे िक लड़का भी उन को िगन कर िलख ले गा।।
20 उस समय इ ाएल के बचे ए लोग और याकूब के घराने के भागे ए, अपने मारने वाले पर िफर कभी भरोसा न रखगे, पर ु यहोवा जो इ ाएल का पिव है, उसी पर वे स ाई से
भरोसा रखगे।
21 याकूब म से बचे ए लोग परा मी परमे र की ओर िफरगे ।
22 ोंिक हे इ ाएल, चाहे तेरे लोग समु की बालू के िकनकों के समान भी ब त हों, तौभी िन य है िक उन म से केवल बचे लोग ही लौटगे। स ानाश तो पूरे ाय के साथ ठाना गया
है ।
23 ोंिक भु सेनाओं के यहोवा ने सारे दे श का स ानाश कर दे ना ठाना है ।।
24 इसिलये भु सेनाओं का यहोवा यों कहता है, हे िस ोन म रहने वालों मे री जा, अ ू र से मत डर; चाहे वह सोंट से तु झे मारे और िम की नाईं ते रे ऊपर छड़ी उठाएं ।
25 ोंिक अब थोड़ी ही दे र है िक मेरी जलन और ोध उनका स ानाश कर के शा होगा
26 और से नाओं का यहोवा उसके िव कोड़ा उठा कर उसको ऐसा मारे गा जै सा उसने ओरे ब नाम च ान पर िम ािनयों को मारा था; और जैसा उसने िमि यों के िव समु पर
लाठी बढ़ाई, वैसा ही उसकी ओर भी बढ़ाएगा।
27 उस समय ऐसा होगा िक उसका बोझ तेरे कंधे पर से और उसका जू आ ते री गदन पर से उठा िलया जाएगा, और अिभषेक के कारण वह जूआ तोड़ डाला जाएगा।।
28 वह अ ात् म आया है, और िम ोन म से हो कर आगे बढ़ गया है; िमकमाश म उसने अपना सामान रखा है।
29 वे घाटी से पार हो गए, उ ोंने गेबा म रात काटी; रामा थरथरा उठा है , शाऊल का िगबा भाग िनकला है।
30 हे ग ीम की बेटी िच ा! हे लैशा के लागों कान लगाओ! हाय बेचारा अनातोत!
31 मदमे ना मारा मारा िफरता है, गेबीम के िनवासी भागने के िलये अपना अपना समान इक ा कर रहे ह।
32 आज ही के िदन वह नोब म िटकेगा; तब वह िस ोन पहाड़ पर, और य शले म की पहाड़ी पर हाथ उठा कर घमाकएगा।
33 दे खो, भु सेनाओं का यहोवा पेड़ों को भयानक प से छांट डालेगा; ऊँचे ऊँचे वृ काटे जाएं गे , और जो ऊँचे ह सो नीचे िकए जाएं गे।
34 वह घने वन को लोहे से काट डालेगा और लबानोन एक तापी के हाथ से नाश िकया जाएगा।।
यशायाह 11
1 तब ियशै के ठूंठ म से एक डाली फूट िनकलेगी और उसकी जड़ म से एक शाखा िनकल कर फलव होगी।
2 और यहोवा की आ ा, बु और समझ की आ ा, यु और परा म की आ ा, और ान और यहोवा के भय की आ ा उस पर ठहरी रहेगी।
3 ओर उसको यहोवा का भय सुग सा भाएगा।। वह मुं ह दे खा ाय न करे गा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार िनणय करे गा;
4 पर ु वह कंगालों का ाय धम से, और पृ ी के न लोगों का िनणय खराई से करे गा; और वह पृ ी को अपने वचन के सोंटे से मारे गा, और अपने फूंक के झोंके से दु को िमटा
डाले गा।
5 उसकी किट का फटा धम और उसकी कमर का फटा स ाई होगी।।
6 तब भे िडय़ा भेड़ के ब े के संग रहा करे गा, और चीता बकरी के ब े के साथ बै ठा रहे गा, और बछड़ा और जवान िसं ह और पाला पोसा आ बैल तीनों इक े रहगे, और एक छोटा
लड़का उनकी अगुवाई करे गा।
7 गाय और रीछनी िमलकर चरगी, और उनके ब े इक े बै ठगे; और िसं ह बै ल की नाईं भूसा खाया करे गा।
8 दू धिपउवा ब ा करै त के िबल पर खेलेगा, और दू ध छु ड़ाया आ लड़का नाग के िबल म हाथ डाले गा।
9 मे रे सारे पिव पवत पर न तो कोई दु :ख दे गा और न हािन करे गा; ोंिक पृ ी यहोवा के ान से ऐसी भर जाएगी जै सा जल समु म भरा रहता है।।
10 उस समय ियशै की जड़ दे श दे श के लोगों के िलये एक झ ड़ा होगी; सब रा ों के लोग उसे ढूंढ़ग, और उसका िव ाम थान तेजोमय होगा।।
11 उस समय भु अपना हाथ दू सरी बार बढ़ा कर बचे ओं को, जो उसकी जा के रह गए ह, अ ू र से, िम से, प ोस से, कूश से, एलाम से, िशनार से, हमात से, और समु के ीपों
से मोल ले कर छु ड़ाएगा।
12 वह अ जाितयों के िलये ज ड़ा खड़ा कर के इ ाएल के सब िनकाले ओं को, और य दा के सब िबखरे ओं को पृ ी की चारों िदशाओं से इक ा करे गा।
13 ए ै म िफर डाह न करे गा और य दा के तंग करने वाले काट डाले जाएं गे; न तो ए ै म य दा से डाह करे गा और न य दा ए ैम को तंग करे गा।
14 पर ु वे पि म की ओर पिल यों के कंधे पर जप ा मारगे , और िमल कर पूिवय को लूटगे । वे एदोम और मोआब पर हाथ बढ़ाएं गे, और अ ोनी उनके आधीन हो जाएं गे ।
15 और यहोवा िम के समु की खाड़ी को सुखा डालेगा, और महानद पर अपना हाथ बढ़ाकर च लू से ऐसा सु खाएगा िक वह सात धार हो जाएगा, और लोग जूता पिहने ए भी
पार हो जाएं गे।
16 और उसकी जा के बचे ओं के िलये अ ूर से एक ऐसा राज-माग होगा जै सा िम दे श से चले आने के समय इ ाएल के िलये आ था।।
यशायाह 12
1 उस िदन तू कहेगा, हे यहोवा, म तेरा ध वाद करता ं, ोंिक यि प तू मु झ पर ोिधत आ था, पर ु अब ते रा ोध शा आ, और तू ने मुझे शा दी है।।
2 परमे र मेरा उ ार है, म भरोसा रखूंगा और न थरथराऊंगा; ोंिक भु यहोवा मे रा बल और मे रे भजन का िवषय है , और वह मेरा उ ारकता हो गया है।।
3 तुम आन पूवक उ ार के सोतों से जल भरोगे।
4 और उस िदन तु म कहोगे, यहोवा की ुित करो, उस से ाथना करो; सब जाितयों म उसके बड़े कामों का चार करो, और कहो िक उसका नाम महान है।।
5 यहोवा का भजन गाओ, ोंिक उसने तापमय काम िकए ह, इसे सारी पृ ी पर गट करो।
6 हे िस ोन म बसने वाली तू जयजयकार कर और ऊंचे र से गा, ोंिक इ ाएल का पिव तु झ म महान है ।।
यशायाह 13
1 बाबुल के िवषय की भारी भिव वाणी िजस को आमोस के पु यशायाह ने दशन म पाया।
2 मुं ड़े पहाड़ पर एक झंडा खड़ा करो, हाथ से सैन करो और और उन से ऊंचे र से पुकारो िक वे सरदारों के फाटकों म वेश कर।
3 म ने यं अपने पिव िकए ओं को आ ा दी है, म ने अपने ोध के िलये अपने वीरों को बुलाया है जो मेरे ताप के कारण स ह।।
4 पहाड़ों पर एक बड़ी भीड़ का सा कोलाहल हो रहा है, मानो एक बड़ी फौज की हलचल हो। रा राजय की इक ी की ई जाितयां हलचल मचा रही ह। से नाओं का यहोवा यु के
िलये अपनी से ना इक ी कर रहा है।
5 वे दू र दे श से, आकाश के छोर से आए ह, हाँ, यहोवा अपने ोध के हिथयारों समेत सारे दे श को नाश करने के िलये आया है।।
6 हाय-हाय करो, ोंिक यहोवा का िदन समीप है; वह सवश मान् की ओर से मानो स ानाश करने के िलये आता है।
7 इस कारण सब के हाथ ढ़ीले पड़गे, और हर एक मनु का दय िपघल जाएगा,
8 और वे घबरा जाएग। उन को पीड़ा और शोक होगा; उन को ज ा की सी पीड़ाएं उठगी। वे चिकत हो कर एक दू सरे को ताकगे; उनके मुंह जल जायगे।।
9 दे खो, यहोवा का वह िदन रोष और ोध और िनदयता के साथ आता है िक वह पृ ी को उजाड़ डाले और पािपयों को उस म से नाश करे ।
10 ोंिक आकाश के तारागण और बड़े बड़े न अपना काश न दगे, और सूय उदय होते होते अ े रा हो जाएगा, और च मा अपना काश न दे गा।
11 म जगत के लोगों को उनकी बुराई के कारण, और दु ों को उनके अधम का द दू ं गा; म अिभमािनयों के अिभमान को नाश क ं गा और उप व करने वालों के घम को
तोडूंगा।
12 म मनु को कु न से, और आदमी को ओपीर के सोने से भी अिधक महंगा क ं गा।
13 इसिलये म आकाश को कंपाऊंगा, और पृ ी अपने थान से टल जाएगी; यह सेनाओं के यहोवा के रोष के कारण और उसके भड़के ए ोध के िदन होगा।
14 और वे खदे ड़े ए ह रण, वा िबन चरवाहे की भेड़ों की नाईं अपने अपने लोगों की ओर िफरगे , और अपने अपने दे श को भाग जाएं गे।
15 जो कोई िमले सो बे धा जाएगा, और जो कोई पकड़ा जाए, वह तलवार से मार डाला जाएगा।
16 उनके बाल-ब े उनके सा ने पटक िदए जाएं गे; और उनके घर लू टे जाएं गे, और उनकी यां की जाएं गी।।
17 दे खो, म उनके िव मादी लोगों को उभा ं गा जो न तो चा ी का कुछ िवचार करगे और न सोने का लालच करगे ।
18 वे तीरों से जवानों को मारगे, और ब ों पर कुछ दया न करगे, वे लड़कों पर कुछ तरस न खाएं गे।
19 और बाबु ल जो सब रा ों का िशरोमिण है, और िजसकी शोभा पर कसदी लोग फूलते ह, वह ऐसा हो जाएगा जै से सदोम और अमोरा, जब परमे र ने उ उलट िदया था।
20 वह िफर कभी न बसेगा और युग युग उस म कोई वास न करे गा; अरबी लोग भी उस म डे रा खड़ा न करगे , और न चरवाहे उस म अपने पशु बैठाएं गे।
21 वहां जंगली ज ु बैठगे, और उ ू उनके घरों म भरे रहगे ; वहां शुतुमुग बसगे, और छगलमानस वहां नाचगे। उस नगर के राज-भवनों म ंडार,
22 और उसके सु ख-िवलास के म रों म गीदड़ बोला करगे; उसके नाश होने का समय िनकट आ गया है , और उसके िदन अब ब त नहीं रहे ।।
यशायाह 14
1 यहोवा याकूब पर दया करे गा, और इ ाएल को िफर अपनाकर, उ ी ं के दे श म बसाएगा, और परदे शी उन से िमल जाएं गे और अपने अपने को याकूब के घराने से िमला लगे।
2 और दे श दे श के लोग उन को उ ी ं के थान म प ंचाएं गे , और इ ाएल का घराना यहोवा की भूिम पर उनका अिधकारी हो कर उन को दास और दािसयां बनाएगा; ोंिक वे अपने
बंधुवाई म ले जाने वालों को बंधुआ करगे, और जो उन पर अ ाचार करते थे उन पर वे शासन करगे ।।
3 और िजस िदन यहोवा तुझे तेरे स ाप और घबराहट से , और उस किठन म से जो तु झ से िलया गया िव ाम दे गा,
4 उस िदन तू बाबुल के राजा पर ताना मार कर कहेगा िक प र म कराने वाला कैसा नाश हो गया है, सुनहले म रों से भरी नगरी कैसी नाश हो गई है!
5 यहोवा ने दु ों के सोंटे को और अ ाय से शासन करने वालों के लठ को तोड़ िदया है,
6 िजस से वे मनु ों को लगातार रोष से मारते रहते थे, और जाित जाित पर ोध से भु ता करते और लगातार उनके पीछे पड़े रहते थे।
7 अब सारी पृ ी को िव ाम िमला है, वह चैन से है; लोग ऊंचे र से गा उठे ह।
8 सनौवर और लबानोन के दे वदार भी तुझ पर आन कर के कहते ह, जब से तू िगराया गया तब से कोई हम काटने को नहीं आया।
9 पाताल के नीचे अधोलोक म तुझ से िमलने के िलये हलचल हो रही है; वह तेरे िलये मु द को अथात पृ ी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाित जाित से सब राजाओं को उनके
िसंहासन पर से उठा खड़ा करता है।
10 वे सब तु झ से कहगे, ा तू भी हमारी नाईं िनबल हो गया है? ा तू हमारे समान ही बन गया?
11 तेरा वैभव और तेरी सारं िगयों को श अधोलोक म उतारा गया है ; कीड़े ते रा िबछौना और कचु ए तेरा ओढ़ना ह।।
12 हे भोर के चमकने वाले तारे तू ोंकर आकाश से िगर पड़ा है? तू जो जाित जाित को हरा दे ता था, तू अब कैसे काट कर भू िम पर िगराया गया है ?
13 तू मन म कहता तो था िक म ग पर चढू ं गा; म अपने िसं हासन को ई र के तारागण से अिधक ऊंचा क ं गा; और उ र िदशा की छोर पर सभा के पवत पर िबराजूंगा;
14 म मे घों से भी ऊंचे ऊंचे थानों के ऊपर चढू ं गा, म परम धान के तु हो जाऊंगा।
15 पर ु तू अधोलोक म उस गड़हे की तह तक उतारा जाएगा।
16 जो तुझे दे खगे तु झ को ताकते ए तेरे िवषय म सोच सोचकर कहगे , ा यह वही पु ष है जो पृ ी को चै न से रहने न दे ता था और रा रा म घबराहट डाल दे ता था;
17 जो जगत को जंगल बनाता और उसके नगरों को ढा दे ता था, और अपने बं धुओ ं को घर जाने नही ं दे ता था?
18 जाित जाित के सब राजा अपने अपने घर पर मिहमा के साथ आराम से पड़े ह;
19 पर ु तू िनक ी शाख की नाईं अपनी कबर म से फका गया; तू उन मारे ओं की लोथों से िघरा है जो तलवार से िबधकर गड़हे म प रों के बीच म लताड़ी ई लोथ के समान पड़े
है ।
20 तू उनके साथ क म न गाड़ा जाएगा, ोंिक तू ने अपने दे श को उजाड़ िदया, और अपनी जा का घात िकया है । कुकिमय के वंश का नाम भी कभी न िलया जाएगा।
21 उनके पू वजों के अधम के कारण पु ों के घात की तै यारी करो, ऐसा न हो िक वे िफर उठ कर पृ ी के अिधकारी हो जाएं , और जगत म ब त से नगर बसाएं ।।
22 से नाओं के यहोवा की यह वाणी है िक म उनके िव उठूंगा, और बाबुल का नाम और िनशान िमटा डालूंगा, और बेटों-पोतों को काट डालूं गा, यहोवा की यही वाणी है ।
23 म उसको साही की मा और जल की झील कर दू ं गा, और म उसे स ानाश के झाडू से जाड़ डालूंगा, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।।
24 से नाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, िन:स े ह जैसा म ने ठाना है, वैसा ही हो जाएगा, और जै सी म ने यु की है , वैसी ही पूरी होगी,
25 िक म अ ूर को अपने ही दे श म तोड़ दू ं गा, और अपने पहाड़ों पर उसे कुचल डालूंगा; तब उसका जू आ उनकी गदनों पर से और उसका बोझ उनके कंधों पर से उतर जाएगा।
26 यही यु सारी पृ ी के िलये ठहराई गई है; और यह वही हाथ है जो सब जाितयों पर बढ़ा आ है।
27 ोंिक से नाओं के यहोवा ने यु की है और कौन उसका टाल सकता है ? उसका हाथ बढ़ाया गया है , उसे कौन रोक सकता है?
28 िजस वष म आहाज राजा मर गया उसी वष यह भारी भिव ाणी ई:
29 हे सारे पिल ीन तू इसिलये आन न कर, िक तेरे मारने वाले की लाठी टू ट गई, ोंिक सप की जड़ से एक काला नाग उ होगा, और उसका फल एक उड़ने वाला और ते ज
िवष वाला अि सप होगा।
30 तब कंगालों के जेठे खाएं गे और द र लोग िनडर बैठने पाएं गे , पर ु म तेरे वंश को भूख से मार डालूं गा, और ते रे बचे ए लोग घात िकए जाएं गे।
31 हे फाटक, तू हाय हाय कर; हे नगर, तू िच ा; हे पिल ीन तू सब का सब िपघल जा! ोंिक उ र से एक धूआं उठे गा और उसकी सेना म से कोई पीछे न रहेगा।।
32 तब अ जाितयों के दू तों को ा उ र िदया जाएगा? यह िक यहोवा ने िस ोन की नेव डाली है, और उसकी जा के दीन लोग उस म शरण लगे।।
यशायाह 15
1 मोआब के िवषय भारी भिव ाणी। िन य मोआब का आर नगर एक ही रात म उजाड़ और नाश हो गया है ; िन य मोआब का कीर नगर एक ही रात म उजाड़ और नाश हो गया है ।
2 बै त और दीबोन ऊंचे थानों पर रोने के िलये चढ़ गए ह; नबो और मे दबा के ऊपर मोआब हाय हाय करता है। उन सभों के िसर मु ड़े ए, और सभों की दािढय़ां मुंढ़ी ई ह;
3 सड़कों म लोग टाट पिहने ह; छतों पर और चौकों म सब कोई आं सू बहाते ए हाय हाय करते ह।
4 हे शबोन और एलाले िच ा रहे ह, उनका श यहस तक सु नाई पड़ता है; इस कारण मोआब के हिथयारब िच ा रहे ह; उसका जी अित उदास है।
5 मे रा मन मोआब के िलये दोहाई दे ता है; उसके रईस सोअर और ए तशलीिश ा तक भागे जाते ह। दे खो, लू हीत की चढ़ाई पर वे रोते ए चढ़ रहे ह; सुनो, होरीनैम के माग म वे नाश
होने की िच ाहट मचा रहे ह।
6 िन ीम का जल सूख गया; घास कु ला गई और ह रयाली मु झा गई, और नमी कुछ भी नही ं रही।
7 इसिलये जो धन उ ोंने बचा रखा, और जो कुछ उ ोंने इक ा िकया है , उस सब को वे उस नाले के पार िलये जा रहे ह िजस म मजनूवृ ह।
8 इस कारण मोआब के चारों ओर के िसवाने म िच ाहट हो रही है, उस म का हाहाकार एगलैम और बे रेलीम म भी सु न पड़ता है।
9 ोंिक दीमोन का सोता लो से भरा आ है; तौभी म दीमोन पर और दु :ख डालूं गा, म बचे ए मोआिबयों और उनके दे श से भागे ओं के िव िसंह भेजूंगा।।
यशायाह 16
1 जं गल की ओर से सेला नगर से िस ोन की बेटी के पवत पर दे श के हािकम के िलये भेड़ों के ब ों को भेजो।
2 मोआब की बेिटयां अन न के घाट पर उजाड़े ए घोंसले के प ी और उनके भटके ए ब ों के समान ह।
3 स ित करो, ाय चुकाओ; दोपहर ही म अपनी छाया को रात के समान करो; घर से िनकाले ओं को िछपा रखो, जो मारे मारे िफरते ह उन को मत पकड़वाओ।
4 मे रे लोग जो िनकाले ए ह वे तेरे बीच म रह; नाश करने वाले से मोआब को बचाओ। पीसने वाला नहीं रहा, लूट पाट िफर न होगी; ोंिक दे श म से अ ेर करने वाले नाश हो गए ह।
5 तब दया के साथ एक िसंहासन थर िकया जाएगा और उस पर दाऊद के त ू म स ाई के साथ एक िवराजमान होगा जो सोच िवचार कर स ा ाय करे गा और धम के काम पर
त र रहेगा।।
6 हम ने मोआब के गव के िवषय सुना है िक वह अ अिभमानी था; उसके अिभमान और गव और रोष के स म भी सुना है पर ु उसका बड़ा बोल थ है।
7 ोंिक मोआब हाय हाय करे गा; सब के सब मोआब के िलये हाहाकार करगे । कीरहरासत की दाख की िटिकयों के िलये वे अित िनराश हो कर ल ी ल ी सांस िलया करगे।।
8 ोंिक हेशबोन के खेत और िसबमा की दाख लताएं मुझा गईं; अ जाितयों के अिधका रयों ने उनकी उ म उ म लताओं को काट काटकर िगरा िदया है, ये याजेर तक प ंची और
जंगल म भी फैलती गईं; और बढ़ते बढ़ते ताल के पार दू र तक बढ़ गई थी ं।
9 म याजेर के साथ िसबमा की दाखलताओं के िलये भी रोऊंगा; हे हेशबोन और एलाले , म तु अपने आं सुओं से सी ंचूंगा; ोंिक तु ारे धूप काल के फलों के और अनाज की कटनी के
समय की ललकार सु नाई पड़ी है।
10 और फलदाई बा रयों म से आन और मगनता जाती रही; दाख की बा रयों म गीत न गाया जाएगा, न हष का श सु नाई दे गा; और दाखरस के कु ोंम कोई दाख न रौंदेगा,
ोंिक म उनके हष के श को ब क ं गा।
11 इसिलये मेरा मन मोआब के कारण और मेरा दय कीरहै रेस के कारण वीणा का सा न करता है ।।
12 और जब मोआब ऊंचे थान पर मुंह िदखाते िदखाते थक जाए, और ाथना करने को अपने पिव थान म आए, तो उसे कुछ लाभ न होगा।
13 यही वह बात है जो यहोवा ने इस से पिहले मोआब के िवषय म कही थी।
14 पर ु अब यहोवा ने यों कहा है िक मजदू रों के वष के समान तीन वष के भीतर मोआब का वैभव और उसकी भीड़-भाड़ सब तु ठहरे गी; और थोड़े जो बचगे उनका कोई बल न
होगा।।
यशायाह 17
1 दिम के िवषय भारी भिव वाणी। दे खो, दिम नगर न रहेगा, वह खं डहर ही खं डहर हो जाएगा।
2 अरोएर के नगर िनजन हो जाएं गे , वे पशुओं के झु ड़ोंकी चराई बनगे; पशु उन म बै ठगे और उनका कोई भगाने वाला न होगा।
3 ए ैम के गढ़ वाले नगर, और दिम का रा और बचे ए अरामी, तीनों भिव म न रहगे ; और जो दशा इ ाएिलयों के वैभव की ई वही उनकी होगी; सेनाओं के यहोवा की यही
वाणी है।।
4 और उस समय याकूब का वैभव घट जाएगा, और उसकी मोटी दे ह दु बली हो जाएगी।
5 और ऐसा होगा जैसा लवने वाला अनाज काट कर बालों को अपनी अं कवार म समे टे वा रपाईम नाम तराई म कोई िसला बीनता हो।
6 तौभी जै से जलपाई वृ के झाड़ते समय कुछ फल रह जाते ह, अथात फुनगी पर दो-तीन फल, और फलव डािलयों म कही ं कहीं चार-पांच फल रह जाते ह, वैसे ही उन म िसला
िबनाई होगी, इ ाएल के परमे र यहोवा की यही वाणी है।।
7 उस समय मनु अपने कता की ओर ि करे गा, और उसकी आं ख इ ाएल के पिव की ओर लगी रहगी;
8 वह अपनी बनाई ई वेिदयों की ओर ि न करे गा, और न अपनी बनाई ई अशेरा नाम मू रतों वा सूय की ितमाओं की ओर दे खेगा।
9 उस समय उनके गढ़ वाले नगर घने वन, और उनके िनजन थान पहाड़ों की चोिटयों के समान होंगे जो इ ाएिलयों के डर के मारे छोड़ िदए गए थे, और वे उजाड़ पड़े रहगे ।।
10 ोंिक तू अपने उ ारकता परमे र को भूल गया और अपनी ढ़ च ान का रण नहीं रखा; इस कारण चाहे तू मनभावने पौधे लगाए और िवदे शी कलम जमाए,
11 चाहे रोपने के िदन तू उनके चारों और बाड़ा बा े, और िबहान ही को उन म फूल खलने लग, तौभी स ाप और असा दु :ख के िदन उसका फल नाश हो जायेगा।।
12 हाय, हाय! दे श दे श के ब त से लोगों का कैसा नाद हो रहा है, वे समु की लहरों की नाईं गरजते ह। रा रा के लोगों का कैसा गजन हो रहा है, वे च धारा के समान नाद
करते ह!
13 रा रा के लोग बाढ़ के ब त से जल की नाईं नाद करते ह, पर ु वह उन को घु ड़केगा, और वे दू र भाग जाएं गे, और ऐसे उड़ाए जाएं गे जै से पहाड़ों पर की भू सी वायु से , और
धूिल बव र से घु माकर उड़ाई जाती है।
14 सांझ को, दे खो, घबराहट है! और भोर से पिहले, वे लोप हो गए ह! हमारे नाश करने वालों का भाग और हमारे लूटने वाले की यही दशा होगी।।
यशायाह 18
1 हाय, पं खों की फड़फड़ाहट से भरे ए दे श, तू जो कूश की निदयों के परे है;
2 और समु पर दू तों को नरकट की नावों म बैठा कर जल के माग से यह कहके भे जता है, हे फुत ले दू तो, उस जाित के पास जाओ िजसके लोग बिल और सु र ह, जो आिद से अब
तक डरावने ह, जो मापने और रौंदने वाला भी ह, और िजनका दे श निदयों से िवभािजत िकया आ है ।।
3 हे जगत के सब रहने वालों, और पृ ी के सब िनवािसयों, जब झंड़ा पहाड़ों पर खड़ा िकया जाए, उसे दे खो! जब नरिसं गा फूंका जाए, तब सु नो!
4 ोंिक यहोवा ने मु झ से यों कहा है, धूप की तेज गम वा कटनी के समय के ओस वाले बादल की नाईं म शा हो कर िनहा ं गा।
5 ोंिक दाख तोड़ने के समय से पिहले जब फूल फूल चुक, और दाख के गु े पकने लग, तब वह टहिनयों को हंसुओं से काट डालेगा, और फैली ई डािलयों को तोड़ तोड़कर अलग
फक दे गा।
6 वे पहाड़ों के मांसाहारी पि यों और वन-पशुओं के िलये इक े पड़े रहगे । और मां साहारी प ी तो उन को नोचते नोचते धूपकाल िबताएं गे, और सब भांित के वनपशु उन को खाते खाते
जाड़ा काटगे ।
7 उस समय िजस जाित के लोग बिल और सु र ह, और जो आिद ही से डरावने होते आए ह, और मापने और रौंदने वाले ह, और िजनका दे श निदयों से िवभािजत िकया आ है, उस
जाित से से नाओं के यहोवा के नाम के थान िस ोन पवत पर सेनाओं के यहोवा के पास भट प ं चाई जाएगी।।
यशायाह 19
1 िम के िवषय म भारी भिव वाणी। दे खो, यहोवा शी उड़ने वाले बादल पर सवार हो कर िम म आ रहा है;
2 और िम की मू रत उसके आने से थरथरा उठगी, और िमि यों का दय पानी-पानी हो जाएगा। और म िमि यों को एक दू सरे के िव उभा ं गा, और वे आपस म लड़गे, ेक
अपने भाई से और हर एक अपने पड़ोसी से लड़े गा, नगर नगर म और रा रा म यु िछड़गा;
3 और िमि यों की बु मारी जाएगी और म उनकी यु यों को थ कर दू ं गा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझों और फुसफुसाने वाले टो ों के पास जा जा कर उन से पूछगे;
4 पर ु म िमि यों को एक कठोर ामी के हाथ म कर दू ं गा; और एक ू र राजा उन पर भुता करे गा, भु से नाओं के यहोवा की यही वाणी है।।
5 और समु का जल सूख जाएगा, और महानदी सूख कर खाली हो जाएगी;
6 और नाले बसाने लगगे, और िम की नहर भी सूख जाएं गी, और नरकट और गले कु ला जाएं गे ।
7 नील नदी के तीर पर के कछार की घास, और जो कुछ नील नदी के पास बोया जाएगा वह सू खकर न हो जाएगा, और उसका पता तक न लगेगा।
8 सब मछु वे िजतने नील नदी म बंसी डालते ह िवलाप करगे और ल ी ल ी सास लगे, और जो जल के ऊपर जाल फकते ह वे िनबल हो जाएं गे।
9 िफर जो लोग धुने ए सन से काम करते ह और जो सूत से बु नते ह उनकी आशा टू ट जाएगी।
10 िम के रईस तो िनराश और उसके सब मजदू र उदास हो जाएं गे ।।
11 िन य सोअन के सब हािकम मूख ह; और िफरौन के बु मान म यों की यु पशु की सी ठहरी। िफर तु म िफरौन से कैसे कह सकते हो िक म बु मानों का पु और ाचीन
राजाओं की स ान ं?
12 अब तेरे बु मान कहां है ? से नाओं के यहोवा ने िम के िवषय जो यु की है, उसको यिद वे जानते हों तो तुझे बताएं ।
13 सोअन के हािकम मूढ़ बन गए ह, नोप के हािकमों ने धोखा खाया है; और िजन पर िम के गो ों के धान लोगों का भरोसा था उ ोंने िम को भरमा िदया है।
14 यहोवा ने उस म मता उ की है; उ ोंने िम को उसके सारे कामों म वमन करते ए मतवाले की नाईं डगमगा िदया है।
15 और िम के िलये कोई ऐसा काम न रहेगा जो िसर वा पूं छ से अथवा धान वा साधारण से हो सके।।
16 उस समय िम ी, यों के समान हो जाएं गे, और सेनाओं का यहोवा जो अपना हाथ उन पर बढ़ाएगा उसके डर के मारे वे थरथराएं गे और कां प उठगे।
17 ओर य दा का दे श िम के िलये यहां तक भय का कारण होगा िक जो कोई उसकी चचा सु नेगा वह थरथरा उठे गा; सेनाओं के यहोवा की उस यु का यही फल होगा जो वह िम
के िव करता है।।
18 उस समय िम दे श म पांच नगर होंगे िजनके लोग कनान की भाषा बोलगे और यहोवा की शपथ खायगे। उन म से एक का नाम नाशनगर रखा जाएगा।।
19 उस समय िम दे श के बीच म यहोवा के िलये एक वेदी होगी, और उसके िसवाने के पास यहोवा के िलये एक खंभा खड़ा होगा।
20 वह िम दे श म से नाओं के यहोवा के िलये िच और सा ी ठहरे गा; और जब वे अंधेर करने वाले के कारण यहोवा की दोहाई दगे, तब वह उनके पास एक उ ारकता और र क
भे जेगा, और उ मु करे गा।
21 तब यहोवा अपने आप को िमि यों पर गट करे गा; और िम ी उस समय यहोवा को पिहचानगे और मेलबिल और अ बिल चढ़ा कर उसकी उपासना करगे, और यहोवा के िलये
म त मान कर पूरी भी करगे।
22 और यहोवा िमि यों को मारे गा, वह मारे गा और चंगा भी करे गा, और वे यहोवा की ओर िफरगे और वह उनकी िबनती सुनकर उन को चंगा करे गा।।
23 उस समय िम से अ ूर जाने का एक राजमाग होगा, और अ ूरी िम म आएं गे और िम ी लोग अ ू र को जाएं गे, और िम ी अ ू रयों के सं ग िमलकर आराधना करगे ।।
24 उस समय इ ाएल, िम और अ ूर तीनों िमलकर पृ ी के िलये आशीष का कारण होंगे।
25 ोंिक से नाओं का यहोवा उन तीनों को यह कह कर आशीष दे गा, ध हो मेरी जा िम , और मे रा रचा आ अ ू र, और मेरा िनज भाग इ ाएल।।
यशायाह 20
1 िजस वष म अ ूर के राजा सग न की आ ा से ततान ने अशदोद आकर उस से यु िकया और उसको ले भी िलया,
2 उसी वष यहोवा ने आमोस के पु यशायाह से कहा, जा कर अपनी कमर का टाट खोल और अपनी जू ितयां उतार; सो उसने वैसा ही िकया, और वह नंगा और नंगे पांव घूमता िफरता
था।
3 और यहोवा ने कहा, िजस कार मेरा दास यशायाह तीन वष से उघाड़ा और नं गे पां व चलता आया है , िक िम और कूश के िलये िच और चम ार हो,
4 उसी कार अ ूर का राजा िम ी और कूश के लोगों को बंधुआ कर के दे श-िनकाल करे गा, ा लड़के ा बू ढ़े, सभों को बंधुए कर के उघाड़े और नंगे पांव और िनत खुले ले
जाएगा, िजस से िम ल त हो।
5 तब वे कूश के कारण िजस पर उनकी आशा थी, और िम के हेतु िजस पर वे फूलते थे ाकुल और ल त हो जाएं गे।
6 और समु के इस पार के बसने वाले उस समय यह कहगे , दे खो, िजन पर हम आशा रखते थे ओर िजनके पास हम अ ूर के राजा से बचने के िलये भागने को थे उनकी ऐसी दशा
हो गई है । तो िफर हम लोग कैसे बचगे?
यशायाह 21
1 समु के पास के जंगल के िवषय भारी वचन। जैसे द नी च बव र चला आता है , वह जं गल से अथात डरावने दे श से िनकट आ रहा है।
2 क की बातों का मु झे दशन िदखाया गया है; िव ासघाती िव ासघात करता है , और नाशक नाश करता है । हे एलाम, चढ़ाई कर, हे मादै , घेर ले; उसका सब कराहना म ब करता
ं।
3 इस कारण मेरी किट म किठन पीड़ा है; मुझ को मानो ज ा पीड हो रही है; म ऐसे सं कट म पड़ गया ं िक कुछ सु नाईं नही ं दे ता, म ऐसा घबरा गया ं िक कुछ िदखाई नहीं दे ता।
4 मे रा दय धड़कता है, म अ भयभीत ं, िजस सांझ की म बाट जोहता था उसे उसने मे री थरथराहट का कारण कर िदया है।
5 भोजन की तैयारी हो रही है, पह ए बैठाए जा रहे ह, खाना-पीना हो रहा है । हे हािकमो, उठो, ढाल म ते ल मलो!
6 ोंिक भु ने मुझ से यों कहा है, जा कर एक पह आ खड़ा कर दे , और वह जो कुछ दे खे उसे बताए।
7 जब वह सवार दे खे जो दो-दो कर के आते हों, और गदहों और ऊंटों के सवार, तब ब त ही ान दे कर सुने।
8 और उसने िसं ह के से श से पुकारा, हे भु म िदन भर खड़ा पहरा दे ता रहा और म ने पू री रात पहरे पर काटा।
9 और ा दे खता ं िक मनु ों का दल और दो-दो कर के सवार चले आ रहे ह! और वह बोल उठा, िगर पड़ा, बाबुल िगर पड़ा; और उसके दे वताओं के सब खु दी ई मूरत भूिम पर
चकनाचू र कर डाली गई ह।
10 हे मे रे दाएं ए, और मेरे खिलहान के अ , जो बात म ने इ ाएल के परमे र सेनाओं के यहोवा से सुनी है, उन को म ने तु जता िदया है।
11 दू मा के िवषय भारी वचन। सेईर म से कोई मुझे पुकार रहा है, हे पह ए, रात का ा समाचार है ? हे पह ए, रात की ा खबर है?
12 पह ए ने कहा, भोर होती है और रात भी। यिद तुम पूछना चाहते हो तो पू छो; िफर लौट कर आना।।
13 अरब के िव भारी वचन। हे ददानी बटोिहयों, तुम को अरब के जंगल म रात िबतानी पड़े गी।
14 वे ासे के पास जल लाए, तेमा दे श के रहने वाले रोटी ले कर भागने वाले से िमलने के िलये िनकल आ रहे ह।
15 ोंिक वे तलवारों के सा ने से वरन नंगी तलवार से और ताने ए धनु ष से और घोर यु से भागे ह।
16 ोंिक भु ने मुझ से यों कहा है, मजदू र के वष के अनुसार एक वष म केदार का सारा वैभव िमटाया जाएगा;
17 और केदार के धनु धारी शूरवीरों म से थोड़े ही रह जाएं गे ; ोंिक इ ाएल के परमे र यहोवा ने ऐसा कहा है ।।
यशायाह 22
1 दशन की तराई के िवषय म भारी वचन। तु ा आ िक तु म सब के सब छतों पर चढ़ गए हो,
2 हे कोलाहल और ऊधम से भरी स नगरी? तुझ म जो मारे गए ह वे न तो तलवार से और न लड़ाई म मारे गए ह।
3 तेरे सब ायी एक संग भाग गए और धनुधा रयों से बा े गए ह। और तेरे िजतने शेष पाए गए वे एक सं ग बा े गए, वे दू र भागे थे।
4 इस कारण म ने कहा, मेरी ओर से मुंह फेर लो िक म िबलक िबलककर रोऊं; मेरे नगर स नाश होने के शोक म मुझे शा दे ने का य मत करो।।
5 ोंिक से नाओं के भु यहोवा का ठहराया आ िदन होगा, जब दशन की तराई म कोलाहल और रौंदा जाना और बेचैनी होगी; शहरपनाह म सुरंग लगाई जाएगी और दोहाई का श
पहाड़ों तक प ंचेगा।
6 और एलाम पै दलों के दल और सवारों समेत तकश बा े ए है, और कीर ढाल खोले ए है।
7 तेरी उ म उ म तराइयां रथों से भरी ई होंगी और सवार फाटक के सा ने पांित बा गे । उसने य दा का घूंघट खोल िदया है।
8 उस िदन तू ने वन नाम भवन के अ -श का रण िकया,
9 और तू ने दाऊदपुर की शहरपनाह की दरारों को दे खा िक वे ब त ह, और तू ने िनचले पोखरे के जल को इक ा िकया।
10 और य शले म के घरों को िगन कर शहरपनाह के ढ़ करने के िलये घरों को ढा िदया।
11 तू ने दोनों भीतों के बीच पुराने पोखरे के जल के िलये एक कुंड खोदा। पर ु तू ने उसके कता को रण नहीं िकया, िजसने ाचीन काल से उसको ठहरा रखा था, और न उसकी
ओर तू ने ि की।।
12 उस समय सेनाओं के भु यहोवा ने रोने-पीटने, िसर मुं डाने और टाट पिहनने के िलये कहा था;
13 पर ु ा दे खा िक हष और आन मनाया जा रहा है , गाय-बैल का घात और भे ड़-बकरी का वध िकया जा रहा है , मांस खाया और दाखमधु पीया जा रहा है। और कहते ह, आओ
खाएं -पीएं , ोंिक कल तो हम मरना है।
14 से नाओं के यहोवा ने मेरे कान म कहा और अपने मन की बात गट की, िन य तु म लोगों के इस अधम का कुछ भी ायि तु ारी मृ ु तक न हो सकेगा, सेनाओं के भु यहोवा
का यही कहना है।
15 से नाओं का भु यहोवा यों कहता है, शेबना नाम उस भ ारी के पास जो राजघराने के काम पर िनयु है जा कर कह, यहां तू ा करता है?
16 और यहां तेरा कौन है िक तू ने अपनी कबर यहां खुदवाई है? तू अपनी कबर ऊंचे थान म खु दवाता और अपने रहने का थान च ान म खुदवाता है?
17 दे ख, यहोवा तुझ को बड़ी श से पकड़ कर ब त दू र फक दे गा।
18 वह तुझे मरोड़ कर गे की नाईं ल े चौड़े दे श म फक दे गा; हे अपने ामी के घराने को ल त करने वाले वहां तू मरे गा और तेरे वैभव के रथ वहीं रह जाएं गे।
19 म तुझ को तेरे थान पर से ढकेल दू ं गा, और तू अपने पद से उतार िदया जाये गा।
20 उस समय म िह याह के पु अपने दास ए ाकीम को बु लाकर, उसे तेरा अं गरखा पहनाऊंगा,
21 और उसकी कमर म तेरी पेटी कसकर बा ूंगा, और तेरी भुता उसके हाथ म दू ं गा। और वह य शले म के रहने वालों और य दा के घराने का िपता ठहरे गा।
22 और म दाऊद के घराने की कुंजी उसके कंधे पर रखूंगा, और वह खोलेगा और कोई ब न कर सकेगा; वह ब करे गा और कोई खोल न सकेगा।
23 और म उसको ढ़ थान म खूंटी की नाईं गाडूंगा, और वह अपने िपता के घराने के िलये वैभव का कारण होगा।
24 और उसके िपता से घराने का सारा वैभव, वंश और स ान, सब छोटे -छोटे पा , ा कटोरे ा सु रािहयां , सब उस पर टांगी जाएं गी।
25 से नाओं के यहोवा की यह वाणी है िक उस समय वह खूंटी जो ढ़ थान म गाड़ी गई थी, वह ढीली हो जाएगी, और काट कर िगराई जाएगी; और उस का बोझ िगर जाएगा, ोंिक
यहोवा ने यह कहा है ।
यशायाह 23
1 सोर के िवषय भारी वचन। हे तश श के जहाजों हाय, हाय, करो; ोंिक वह उजड़ गया; वहां न तो कोई घर और न कोई शरण का थान है! यह बात उन को िकि यों के दे श म से
गट की गई है।
2 हे समु के तीर के रहने वालों, िजन को समु के पार जाने वाले सीदोनी ापा रयों ने धन से भर िदया है, चुप रहो!
3 शीहोर का अ , और नील नदी के पास की उपज महासागर के माग से उसको िमलती थी, ोंिक वह और जाितयों के िलये ापार का थान था।
4 हे सीदोन, ल त हो, ोंिक समु ने अथात समु के ढ़ थान ने यह कहा है, म ने न तो कभी ज ाने की पीड़ा जानी और न बालक को ज िदया, और न बे टों को पाला और न
बेिटयों को पोसा है।
5 जब सोर का समाचार िम म प ंचे, तब वे सुन कर संकट म पड़गे।
6 हे समु के तीर के रहने वालों हाय, हाय, करो! पार हो कर तश श को जाओ।
7 ा यह तु ारी स ता से भरी ई नगरी है जो ाचीनकाल से बसी थी, िजसके पां व उसे बसने को दू र ले जाते थे ?
8 सोर जो राजाओं की ग ी पर बैठाती थी, िजसके ोपारी हािकम थे , और िजसके महाजन पृ ी भर म िति त थे, उसके िव िकस ने ऐसी यु की है?
9 से नाओं के यहोवा ही ने ऐसी यु की है िक सम गौरव के घम को तु कर दे और पृ ी के िति तों का अपमान करवाए।
10 हे तश श के िनवािसयों नील नदी की नाईं अपने दे श म फैल जाओ; अब कुछ ब न नही ं रहा।
11 उसने अपना हाथ समु पर बढ़ाकर रा ों को िहला िदया है; यहोवा ने कनान के ढ़ िकलों के नाश करने की आ ा दी है।
12 और उसने कहा है, हे सीदोन, हे की ई कुमारी, तू िफर स होने की नही ं; उठ, पार हो कर िकि यों के पास जा, पर ु वहां भी तुझे चैन न िमलेगा।।
13 कसिदयों के दे श को दे खो, वह जाित अब न रही; अ ूर ने उस दे श को जंगली ज ु ओं का थान बनाया। उ ोंने अपने गु ट उठाए और राजभवनों को ढ़ा िदया, और उसको
ख हर कर िदया।
14 हे तश श के जहाजों, हाय, हाय, करो, ोंिक तु ारा ढ़ थान उजड़ गया है।
15 उस समय एक राजा के िदनों के अनुसार स र वष तक सोर िबसरा आ रहेगा। स र वष के बीतने पर सोर वे ा की नाईं गीत गाने लगेगा।
16 हे िबसरी ई वे ा, वीणा ले कर नगर म घूम, भली भांित बजा, ब त गीत गा, िजस से लोग िफर तुझे याद कर।
17 स र वष के बीतने पर यहोवा सोर की सुिध लेगा, और वह िफर िछनाले की कमाई पर मन लगा कर धरती भर के सब रा ों के संग िछनाला करे गी।
18 उसके ापार की ा , और उसके िछनाले की कमाई, यहोवा के िलये पिव की जाएगी; वह न भ ार म रखी जाएगी न संचय की जाएगी, ोंिक उसके ापार की ा उ ी ं
के काम म आएगी जो यहोवा के सा ने रहा करगे, िक उन को भरपू र भोजन और चमकीला व िमले ।।
यशायाह 24
1 सुनो, यहोवा पृ ी को िनजन और सु नसान करने पर है, वह उसको उलटकर उसके रहने वालों को िततर िबतर करे ग।
2 और जै सी यजमान की वैसी याजक की; जैसी दास की वैसी ामी की; जै सी दासी की वैसी ािमनी की; जै सी ले ने वाले की वैसी बेचने वाले की; जैसी उधार दे ने वाले की वैसी उधार
ले ने वाले की; जैसी ाज लेने वाले की वैसी ाज दे ने वाले की; सभों की एक ही दशा होगी।
3 पृ ी शू और स ानाश हो जाएगी; ोंिक यहोवा ही ने यह कहा है।।
4 पृ ी िवलाप करे गी और मुझाएगी, जगत कु लाएगा और मु झा जाएगा; पृ ी के महान लोग भी कु ला जाएं गे ।
5 पृ ी अपने रहने वालों के कारण अशु हो गई है, ोंिक उ ोंने व था का उ ंघन िकया और िविध को पलट डाला, और सनातन वाचा को तोड़ िदया है।
6 इस कारण पृ ी को शाप सेगा और उस म रहने वाले दोषी ठहरगे; और इसी कारण पृ ी के िनवासी भ होंगे और थोड़े ही मनु रह जाएं गे।
7 नया दाखमधु जाता रहेगा, दाखलता मुझा जाएगी, और िजतने मन म आन करते ह सब ल ी ल ी सां स लगे ।
8 डफ का सुखदाई श ब हो जाएगा, स होने वालों का कोलाहल जाता रहेगा, वीणा का सुखदाई श शा हो जाएगा।
9 वे गाकर िफर दाखमधु न पीएं गे; पीने वाले को मिदरा कड़ुवी लगे गी।
10 गड़बड़ी मचाने वाली नगरी नाश होगी, उसका हर एक घर ऐसा ब िकया जाएगा िक कोई पैठ न सकेगा।
11 सड़कों म लोग दाखमधु के िलये िच ाएं गे; आन िमट जाएगा: दे श का सारा हष जाता रहे गा।
12 नगर उजाड़ ही उजाड़ रहेगा, और उसके फाटक तोड़ कर नाश िकए जाएं गे ।
13 ोंिक पृ ी पर दे श दे श के लोगों म ऐसा होगा जै सा िक जलपाइयों के झाड़ने के समय, वा दाख तोड़ने के बाद कोई कोई फल रह जाते ह।।
14 वे लोग गला खोल कर जयजयकार करगे, और यहोवा के महा को दे ख कर समु से ललकारगे ।
15 इस कारण पूव म यहोवा की मिहमा करो, और समु के ीपों म इ ाएल के परमे र यहोवा के नाम का गु णानु वाद करो।
16 पृ ी की छोर से हम ऐसे गीत की िन सुन पड़ती है, िक धम की मिहमा और बड़ाई हो। पर ु म ने कहा, हाय, हाय! म नाश हो गया, नाश! ोंिक िव ासघाती िव ासघात करते,
वे बड़ा ही िव ासघात करते ह।।
17 हे पृ ी के रहने वालों तु ारे िलये भय और गड़हा और फ ा है!
18 जो कोई भय के श से भागे वह गड़हे म िगरे गा, और जो कोई गड़हे म से िनकले वह फ े म फंसे गा। ोंिक आकाश के झरोखे खुल जाएं गे, और पृ ी की नेव डोल उठे गी। पृ ी
अ क ायमान होगी।
19 वह मतवाले की नाईं ब त डगमगाएगी
20 और मचान की नाईं डोलेगी; वह अपने पाप के बोझ से दब कर िगरे गी और िफर न उठे गी।।
21 उस समय ऐसा होगा िक यहोवा आकाश की सेना को आकाश म और पृ ी के राजाओं को पृ ी ही पर द दे गा।
22 वे बंधुओं की नाईं गड़हे म इक े िकए जाएं गे और ब ीगृ ह म ब िकए जाएं गे ; और ब त िदनों के बाद उनकी सुिध ली जाएगी।
23 तब च मा संकुिचत हो जाएगा और सूय ल त होगा; ोंिक सेनाओं का यहोवा िस ोन पवत पर और य शले म म अपनी जा के पुरिनयों के सा ने ताप के साथ रा
करे गा।।
यशायाह 25
1 हे यहोवा, तू मेरा परमे र है; म तुझे सरा ंगा, म तेरे नाम का ध वाद क ं गा; ोंिक तू ने आ यकम िकए ह, तू ने ाचीनकाल से पूरी स ाई के साथ यु यां की ह।
2 तू ने नगर को डीह, और उस गढ़ वाले नगर को ख हर कर डाला है ; तू ने परदे िशयों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा िक वह नगर नही ं रहा; वह िफर कभी बसाया न जाएगा।
3 इस कारण बलव रा के लोग तेरी मिहमा करगे; भयंकर अ जाितयों के नगरों म तेरा भय माना जाएगा।
4 ोंिक तू सं कट म दीनों के िलये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू द र ोंके िलये उनकी शरण, और तपन म छाया का थान आ।
5 जै से िनजल दे श म बादल की छाया से तपन ठ ी होती है वैसे ही तू परदे िशयों का कोलाहल और ू र लोगों को जयजयकार ब करता है।।
6 से नाओं का यहोवा इसी पवत पर सब दे शों के लोगों के िलये ऐसी जेवनार करे गा िजस म भांित भां ित का िचकना भोजन और िनथरा आ दाखमधु होगा; उ म से उ म िचकना भोजन
और ब त ही िनथरा आ दाखमधु होगा।
7 और जो पदा सब दे शों के लोगों पर पड़ा है, जो घूंघट सब अ जाितयों पर लटका आ है , उसे वह इसी पवत पर नाश करे गा।
8 वह मृ ु को सदा के िलये नाश करे गा, और भु यहोवा सभों के मुख पर से आं सू पोंछ डालेगा, और अपनी जा की नामधराई सारी पृ ी पर से दू र करे गा; ोंिक यहोवा ने ऐसा कहा
है ।।
9 और उस समय यह कहा जाएगा, दे खो, हमारा परमे र यही है ; हम इसी की बाट जोहते आए ह, िक वह हमारा उ ार करे । यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए ह। हम उस से
उ ार पाकर मगन और आन त होंगे।
10 ोंिक इस पवत पर यहोवा का हाथ सवदा बना रहेगा और मोआब अपने ही थान म ऐसा लताड़ा जाएगा जै सा घू रे म पुआल लताड़ा जाता है।
11 और वह उस म अपने हाथ इस कार फैलाएगा, जैसे कोई तैरते ए फैलाए; पर ु वह उसके गव को तोड़े गा; और उसकी चतुराई को िन ल कर दे गा।
12 और उसकी ऊंची ऊंची और ढ़ शहरपनाहों को वह झुकाएगा और नीचा करे गा, वरन भूिम पर िगराकर िम ी म िमला दे गा।।
यशायाह 26
1 उस समय य दा दे श म यह गीत गाया जाएगा, हमारा एक ढ़ नगर है; उ ार का काम दे ने के िलये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को िनयु करता है।
2 फाटकों को खोलो िक स ाई का पालन करने वाली एक धम जाित वेश करे ।
3 िजसका मन तु झ म धीरज धरे ए ह, उसकी तू पूण शा के साथ र ा करता है, ोंिक वह तु झ पर भरोसा रखता है।
4 यहोवा पर सदा भरोसा रख, ोंिक भु यहोवा सनातन च ान है।
5 वह ऊंचे पद वाले को झुका दे ता, जो नगर ऊंचे पर बसा है उसको वह नीचे कर दे ता। वह उसको भू िम पर िगराकर िम ी म िमला दे ता है।
6 वह पां वों से , वरन द र ों के पैरों से रौंदा जाएगा।।
7 धम का माग स ाई है; तू जो यं स ाई है, तू धम की अगु वाई करता है ।
8 हे यहोवा, तेरे ाय के माग म हम लोग तेरी बाट जोहते आए ह; तेरे नाम के रण की हमारे ाणों म लालसा बनी रहती है।
9 रात के समय म जी से तरी लालसा करता ं, मेरा स ू ण मन से य के साथ तु झे ढूंढ़ता है । ोंिक जब ते रे ाय के काम पृ ी पर गट होते ह, तब जगत के रहने वाले धम की
सीखते ह।
10 दु पर चाहे दया भी की जाए तौभी वह धम को न सीखे गा; धमरा म भी वह कुिटलता करे गा, और यहोवा को महा उसे सूझ न पड़े गा।।
11 हे यहोवा, तेरा हाथ बढ़ा आ है, पर वे नही ं दे खते। पर ु वे जानगे िक तुझे जा के िलये कैसी जलन है, और लजाएं गे ।
12 तेरे बैरी आग से भ होंगे। हे यहोवा, तू हमारे िलये शा ठहराएगा, हम ने जो कुछ िकया है उसे तू ही ने हमारे िलये िकया है।
13 हे हमारे परमे र यहोवा, तेरे िसवाय और ामी भी हम पर भु ता करते थे , पर ु ते री कृपा से हम केवल ते रे ही नाम का गुणानुवाद करगे।
14 वे मर गए ह, िफर कभी जीिवत नहीं होंगे; उन को मरे ब त िदन ए, वे िफर नही ं उठने के; तू ने उनका िवचार कर के उन को ऐसा नाश िकया िक वे िफर रण म न आएं गे।
15 पर ु तू ने जाित को बढ़ाया; हे यहोवा, तू ने जाित को बढ़ाया है; तू ने अपनी मिहमा िदखाई है और उस दे श के सब िसवानों को तू ने बढ़ाया है।।
16 हे यहोवा, दु :ख म वे तुझे रण करते थे, जब तू उ ताड़ना दे ता था तब वे दबे र से अपने मन की बात तु झ पर गट करते थे।
17 जैसे गभवती ी जनने के समय ऐंठती और पीड़ों के कारण िच ा उठती है, हम लोग भी, हे यहोवा, तेरे सा ने वैसे ही हो गए ह।
18 हम भी गभवती ए, हम भी ऐंठ, हम ने मानो वायु ही को ज िदया। हम ने दे श के िलये कोई उ ार का काम नही ं िकया, और न जगत के रहने वाले उ ए।
19 तेरे मरे ए लोग जीिवत होंगे, मुद उठ खड़े होंगे। हे िम ी म बसने वालो, जाग कर जयजयकार करो! ोंिक तेरी ओस ोित से उ होती है, और पृ ी मुद को लौटा दे गी।।
20 हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी म वेश कर के िकवाड़ों को ब करो; थोड़ी दे र तक जब तक ोध शा न हो तब तक अपने को िछपा रखो।
21 ोंिक दे खो, यहोवा पृ ी िनवािसयों अधम का द दे ने के िलये अपने थान से चला आता है, और पृ ी अपना खून गट करे गी और घात िकए ओं को और अिधक न िछपा
रखे गी।।
यशायाह 27
1 उस समय यहोवा अपनी कड़ी, बड़ी, और पोड़ तलवार से िल ातान नाम वेग और टे ढ़े चलने वाले सप को द दे गा, और जो अजगर समु म रहता है उसको भी घात करे गा।।
2 उस समय एक सु र दाख की बारी होगी, तुम उसका यश गाना!
3 म यहोवा उसकी र ा करता ं; म झण झण उसको सी ंचता र ंगा। ऐसा न हो िक कोई उसकी हािन करे ।
4 मे रे मन म जलजलाहट नही ं है। यिद कोई भांित भांित के कटीले पेड़ मुझ से लड़ने को खड़े करता, तो म उन पर पां व बढ़ाकर उन को पूरी रीित से भ कर दे ता।
5 वा मे रे साथ मेल करने को वे मेरी शरण ल, वे मेरे साथ मे ल कर ल।।
6 भिव म याकूब जड़ पकड़े गा, और इ ाएल फूले -फले गा, और उसके फलों से जगत भर जाएगा।।
7 ा उसने उसे मारा जैसा उसने उसके मारने वालों को मारा था? ा वह घात िकया गया जै से उसके घात िकए ए घात ए?
8 जब तू ने उसे िनकाला, तब सोच-िवचार कर उसको दु :ख िदया: उसे ने पु रवाई के िदन उसको च वायु से उड़ा िदया है।
9 इस से याकूब के अधम का ायि त िकया जाएगा और उसके पाप के दू र होने का ितफल यह होगा िक वे वेदी के सब प रों को चू ना बनाने के प रों के समान चकनाचूर करगे,
और अशेरा और सू य की ितमाएं िफर खड़ी न रहगी।
10 ोंिक गढ़वाला नगर िनजन आ है, वह छोड़ी ई ब ी के समान िनजन और जं गल हो गया है ; वहां बछड़े चरगे और वही ं बै ठगे, और पे ड़ों की डािलयों की फुनगी को खा लगे।
11 जब उसकी शाखाएं सूख जाएं तब तोड़ी जाएं गी; और यां आकर उन को तोड़ कर जला दगी। ोंिक ये लोग िनबु ह; इसिलये उनका कता उन पर दया न करे गा, और उनका
रचने वाला उन पर अनु ह न करे गा।।
12 उस समय यहोवा महानद से ले कर िम के नाले तक अपने अ को फटकेगा, और हे इ ाएिलयों तु म एक एक कर के इक े िकए जाओगे।
13 उस समय बड़ा नरिसंगा फूंका जाएगा, और जो अ ू र दे श म नाश हो रहे थे और जो िम दे श म बरबस बसाए ए थे वे य शलेम म आकर पिव पवत पर यहोवा को द वत
करगे ।।
यशायाह 28
1 घम के मुकुट पर हाय! जो ए ैम के मतवालों का है, और उनकी भड़कीली सु रता पर जो मुझाने वाला फूल है , जो अित उपजाऊ तराई के िसरे पर दाखमधु से मतवालों की है ।
2 दे खो, भु के पास एक बलव और सामथ है जो ओले की वषा वा उजाड़ने वाली आं धी या बाढ़ की च धार की नाईं है वह उसको कठोरता से भूिम पर िगरा दे गा।
3 ए ैमी मत वालों के घम का मुकुट पांव से लताड़ा जाएगा;
4 और उनकी भड़कीली सु रता का मुझानेवाला फूल जो अित उपजाऊ तराई के िसरे पर है , वह ी काल से पिहले पके अंजीर के समान होगा, िजसे दे खने वाला दे खते ही हाथ म ले
और िनगल जाए।।
5 उस समय से नाओं का यहोवा यं अपनी जा के बचे ओं के िलये सु र और तापी मुकुट ठहरे गा;
6 और जो ाय करने को बैठते ह उनके िलये ाय करने वाली आ ा और जो चढ़ाई करते ए श ुओ ं को नगर के फाटक से हटा दे ते ह, उनके िलये वह बल ठहरे गा।।
7 ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मिदरा से लड़खड़ाते ह; याजक और नबी भी मिदरा के कारण डगमगाते ह, दाखमधु ने उन को भुला िदया है, वे मिदरा के कारण लड़खड़ाते
और दशन पाते ए भटक जाते, और ाय म भूल करते ह।
8 ोंिक सब भोजन आसन वमन और मल से भरे ह, कोई शु थान नही ं बचा।।
9 वह िकस को ान िसखाएगा, और िकस को अपने समाचार का अथ समझाएगा? ा उन को जो दू ध छु ड़ाए ए और न से अलगाए ए ह? ोंिक आ ा पर आ ा, आ ा पर
आ ा,
10 िनयम पर िनयम, िनयम पर िनयम थोड़ा यहां, थोड़ा वहां ।।
11 वह तो इन लोगों से परदे शी होंठों और िवदे शी भाषा वालों के ारा बात करे गा;
12 िजन से उसने कहा, िव ाम इसी से िमलेगा; इसी के ारा थके ए को िव ाम दो; पर ु उ ोंने सु नना न चाहा।
13 इसिलये यहोवा का वचन उनके पास आ ा पर आ ा, आ ा पर आ ा, िनयम पर िनयम, िनयम पर िनयम है, थोड़ा यहां, थोड़ा वहां, िजस से वे ठोकर खाकर िच िगर और घायल हो
जाएं , और फंदे म फंस कर पकड़े जाएं ।।
14 इस कारण हे ठ ा करने वालो, य शलेमवासी जा के हािकमों, यहोवा का वचन सुनो!
15 तुम ने कहा है िक हम ने मृ ु से वाचा बा ी और अधोलोक से ित ा कराई है ; इस कारण िवपि जब बाढ़ की नाईं बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; ोंिक हम ने झूठ की
शरण ली और िम ा की आड़ म िछपे ए ह।
16 इसिलये भु यहोवा यों कहता है, दे खो, म ने िस ोन म ने व का प र रखा है , एक परखा आ प र, कोने का अनमोल और अित ढ़ नेव के यो प र: और जो कोई िव ास रखे
वह उतावली न करे गा।
17 और म ाय को डोरी और धम को सा ल ठहराऊंगा; और तु ारा झूठ का शरण थान ओलों से बह जाएगा, और तु ारे िछपने का थान जल से डूब जाएगा।
18 तब जो वाचा तुम ने मृ ु से बा ी है वह टू ट जाएगी, और जो ित ा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरे गी; जब िवपि बाढ़ की नाईं बढ़ आए, तब तुम उस म डूब ही जाओगे।
19 जब जब वह बढ़ आए, तब तब वह तुम को ले जाएगी; वह ित िदन वरन रात िदन बढ़ा करगी; और इस समाचार का सुनना ही ाकुल होने का कारण होगा।
20 ोंिक िबछौना टां ग फैलाने के िलये छोटा, और ओढ़ना ओढ़ने के िलये सकरा है ।।
21 ोंिक यहोवा ऐसा उठ खड़ा होगा जैसा वह पराजीम नाम पवत पर खड़ा आ और जै सा िगबोन की तराई म उसने ोध िदखाया था; वह अब िफर ोध िदखाएगा, िजस से वह
अपना काम करे , जो अच त काम है, और वह काय करे जो अनोखा है ।
22 इसिलये अब तुम ठ ा मत करो, नही ं तो तु ारे ब न कसे जाएं गे ; ोंिक म ने से नाओं के भु यहोवा से यह सु ना है िक सारे दे श का स ानाश ठाना गया है।।
23 कान लगाकर मे री सुनो, ान धरकर मेरा वचन सुनो।
24 ा हल जोतने वाला बीज बोने के िलये लगातार जोतता रहता है ? ा वह सदा धरती को चीरता और हगाता रहता है ?
25 ा वह उसको चौरस कर के सौंफ को नही ं िछतराता, जीरे को नहीं बखे रता और गे ं को पां ित पांित कर के और जव को उसके िनज थान पर, और किठये गे ं को खे त की छोर
पर नही ं बोता?
26 ोंिक उसका परमे र उसको ठीक ठीक काम करना िसखलाता और बतलाता है ।।
27 दांवने की गाड़ी से तो सौंफ दाई नही ं जाती, और गाड़ी का पिहया जीरे के ऊपर नही ं चलाया जाता; पर ु सौंफ छड़ी से , और जीरा सोंट से झाड़ा जाता है।
28 रोटी के अ पर दाय की जाती है, पर ु कोई उसको सदा दांवता नहीं रहता; और न गाड़ी के पिहये न घोड़े उस पर चलाता है , वह उसे चू र चू र नहीं करता।
29 यह भी सेनाओं के यहोवा की ओर से िनयु आ है , वह अद् भु त यु वाला और महाबु मान है।।
यशायाह 29
1 हाय, अरीएल, अरीएल, हाय उस नगर पर िजस म दाऊद छावनी िकए ए रहा! वष पर वष जाड़ते जाओ, उ व के पव अपने अपने समय पर मनाते जाओ।
2 तौभी म तो अरीएल को सकेती म डालूंगा, वहां रोना पीटना रहेगा, और वह मेरी ि म सचमुच अरीएल सा ठहरे गा।
3 और म चारों ओर ते रे िव छावनी कर के तुझे कोटों से घेर लूंगा, और तेरे िव गढ़ भी बनाऊंगा।
4 तब तू िगराकर भू िम म डाला जाएगा, और धूल पर से बोले गा, और तेरी बात भू िम से धीमी धीमी सु नाई दे गी; ते रा बोल भूिम पर से ेत का सा होगा, और तू धूल से गुनगुनाकर बोले गा।।
5 तब तेरे परदे शी बै रयों की भीड़ सू धूिल की नाईं, और उन भयानक लोगों की भीड़ भूसे की नाईं उड़ाईं जाएगी।
6 और से नाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूिम को क ाता, और महा िन करता, बव र और आं धी चलाता, और नाश करने वाली अि भड़काता आ उसके पास
आएगा।
7 और जाितयों की सारी भीड़ जो अरीएल से यु करे गी, ओर िजतने लोग उसके और उसके गढ़ के िव लड़गे और उसको सकेती म डालगे, वे सब रात के दे खे ए के समान
ठहरगे।
8 और जै सा कोई भूखा पन म तो दे खता है िक वह खा रहा है , पर ु जाग कर दे खता है िक उसका पेट भू खा ही है, वा कोई ासा पन म दे ख की वह पी रहा है, पर ु जाग कर
दे खता है िक उसका गला सूखा जाता है और वह ासा मर रहा है ; वैसी ही उन सब जाितयों की भीड़ की दशा होगी जो िस ोन पवत से यु करगी।।
9 ठहर जाओ और चिकत होओ! वे मतवाले तो ह, पर ु दाखमधु से नहीं, वे डगमगाते तो ह, पर ु मिदरा पीने से नहीं!
10 यहोवा ने तु म को भारी नीद ं म डाल िदया है और उसने तु ारी नबी पी आं खों को ब कर िदया है और तु ारे दश पी िसरों पर पदा डाला है।
11 इसिलये सारे दशन तु ारे िलये एक लपेटी और मुहर की ई पु क की बातों के समान ह, िजसे कोई पड़े -िलखे मनु को यह कहकर दे , इसे पढ़, और वह कहे, म नहीं पढ़
सकता ोंिक इस पर मु हर की ई है।
12 तब वही पु क अनपढ़े को यह कह कर दी जाए, इसे पढ़, और वह कहे , म तो अनपढ़ ं ।।
13 और भु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते ए समीप आते पर ु अपना मन मु झ से दू र रखते ह, और जो केवल मनु ों की आ ा सुन सुनकर मेरा भय मानते ह।
14 इस कारण सुन, म इनके साथ अद् भुत काम वरन अित अद् भुत और अच े का काम क ं गा; तब इनके बु मानों की बु न होगी, और इनके वीणों की वीणता जाती
रहे गी।।
15 हाय उन पर जो अपनी यु को यहोवा से िछपाने का बड़ा य करते, और अपने काम अ े रे म कर के कहते ह, हम को कौन दे खता है? हम को कौन जानता है?
16 तु ारी कैसी उलटी समझ है! ा कु ार िम ी के तु िगना जाएगा? ा बनाई ई व ु अपने क ा के िवषय कहे िक उसने मुझे नहीं बनाया, वा रची ई व ु अपने रचने वाले
के िवषय कहे , िक वह कुछ समझ नहीं रखता?
17 ा अब थोड़े ही िदनों के बीतने पर लबानोन िफर फलदाई बारी न बन जाएगा, और फलदाई बारी जं गल न िगनी जाएगी?
18 उस समय बिहरे पु क की बात सुनने लेगगे, और अ े िज अब कुछ नहीं सूझता, वे दे खने लेगगे ।
19 न लोग यहोवा के कारण िफर आन त होंगे, और द र मनु इ ाएल के पिव के कारण मगन होंगे।
20 ोंिक उप वी िफर न रहगे और ठ ा करने वालों का अ होगा, और जो अनथ करने के िलये जागते रहते ह, जो मनु ों को वचन म फंसाते ह,
21 और जो सभा म उलहना दे ते उनके िलये फंदा लगाते , और धम को थ बात के ारा िबगाड़ दे ते ह, वे सब िमट जाएं गे।।
22 इस कारण इ ाहीम का छु ड़ाने वाला यहोवा, याकूब के घराने के िवषय यों कहता है , याकूब को िफर ल त होना न पड़े गा, उसका मुख िफर नीचा न होगा।
23 ोंिक जब उसके स ान मेरा काम दे खगे, जो म उनके बीच म क ं गा, तब वे मे रे नाम को पिव मानगे , और इ ाएल के परमे र का अित भय मानगे।
24 उस समय िजनका मन भटका हो वे बु ा करगे , और जो कुड़कुड़ाते ह वह िश ा हण करगे ।।
यशायाह 30
1 यहोवा की यह वाणी है, हाय उन बलवा करने वाले लड़कों पर जो यु तो करते पर ु मे री ओर से नहीं; वाचा तो बा ते पर ु मेरे आ ा के िसखाये नही ं; और इस कार पाप पर
पाप बढ़ाते ह।
2 वे मु झ से िबन पू छे िम को जाते ह िक िफरौन की र ा म रहे और िम की छाया म शरण ल।
3 इसिलये िफरौन का शरण थान तु ारी ल ा का, और िम की छाया म शरण ले ना तु ारी िन ा का कारण होगा।
4 उसके हािकम सोअन म आए तो ह और उसके दू त अब हानेस म प ं चे ह।
5 वे सब एक ऐसी जाित के कारण ल त होंगे िजस से उनका कुछ लाभ न होगा, जो सहायता और लाभ के बदले ल ा और नामधराई का कारण होगी।।
6द न दे श के पशुओं के िवषय भारी वचन। वे अपनी धन स ित को जवान गदहों की पीठ पर, और अपने खजानों को ऊंटों के कूबड़ों पर लादे ए, संकट और सकेती के दे श म
हो कर, जहां िसंह और िसंहनी, नाग और उड़ने वाले तेज िवषधर सप रहते ह, उन लोगों के पास जा रहे ह िजन से उन को लाभ न होगा।
7 ोंिक िम की सहायता थ और िनक ी है, इस कारण म ने उसको बै ठी रहने वाली रहब कहा है ।।
8 अब जाकर इस को उनके सा ने प र पर खोद, और पु क म िलख, िक वह भिव के िलये वरन सदा के िलये सा ी बनी रहे।
9 ोंिक वे बलवा करने वाले लोग और झूठ बोलने वाले लड़के ह जो यहोवा की िश ा को सुनना नही ं चाहते।
10 वे दिशय से कहते ह, दश मत बनो; और निबयों से कहते ह, हमारे िलये ठीक नबूवत मत करो; हम से िचकनी चु पड़ी बात बोलो, धोखा दे ने वाली नबूवत करो।
11 माग से मु ड़ो, पथ से हटो, और इ ाएल के पिव को हमारे सा ने से दू र करो।
12 इस कारण इ ाएल का पिव यों कहता है , तु म लोग जो मेरे इस वचन को िनक ा जानते और अ ेर और कुिटलता पर भरोसा कर के उ ी ं पर टे क लगाते हो;
13 इस कारण यह अधम तु ारे िलये ऊंची भीत का टू टा आ भाग होगा जो फटकर िगरने पर हो, और वह अचानक पल भर म टू टकर िगर पड़े गा,
14 और कु ार के बतन की नाईं फूट कर ऐसा चकनाचूर होगा िक उसके टु कड़ों का एक ठीकरा भी न िमले गा िजस से अं गेठी म से आग ली जाए वा हौद म से जल िनकाला जाए।।
15 भु यहोवा, इ ाएल का पिव यों कहता है , लौट आने और शा रहने म तु ारा उ ार है ; शा रहते और भरोसा रखने म तु ारी वीरता है। पर ु तुम ने ऐसा नहीं िकया,
16 तुम ने कहा, नही ं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागगे, इसिलये तुम भागोगे ; और यह भी कहा िक हम तेज सवारी पर चलगे, सो तु ारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे।
17 एक ही की धमकी से एक हजार भागगे, और पांच की धमकी से तु म ऐसा भागोगे िक अ म तुम पहाड़ की चोटी के ड े वा टीले के ऊपर की जा के समान रह जाओगे जो िच
के िलये गाड़े जाते ह।
18 तौभी यहोवा इसिलये िवल करता है िक तुम पर अनु ह करे , और इसिलये ऊंचे उठे गा िक तु म पर दया करे । ोंिक यहोवा ायी परमे र है; ा ही ध ह वे जो उस पर आशा
लगाए रहते ह।।
19 हे िस ोन के लोगों तु म य शलेम म बसे रहो; तुम िफर कभी न रोओगे , वह तु ारी दोहाई सु नते ही तुम पर िन य अनु ह करे गा: वह सुनते ही तु ारी मानेगा।
20 और चाहे भु तु िवपि की रोटी और दु :ख का जल भी दे , तौभी तु ारे उपदे शक िफर न िछप, और तुम अपनी आं खों से अपने उपदे शकों को दे खते रहोगे।
21 और जब कभी तुम दािहनी वा बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तु ारे पीछे से यह वचन तु ारे कानों म पड़े गा, माग यही है , इसी पर चलो।
22 तब तुम वह चा ी िजस से तु ारी खुदी ई मूि यां मढ़ी ह, और वह सोना िजस से तु ारी ढली ई मू ि यां आभू िषत ह, अशु करोगे। तुम उन को मैले कुचैले व की नाईं फक
दोगे और कहोगे , दू र हो।
23 और वह तु ारे िलये जल बरसाएगा िक तुम खेत म बीज बो सको, और भू िम की उपज भी उ म और ब तायत से होगी। उस समय तु ारे जानवरों को ल ी-चौड़ी चराई िमलेगी।
24 और बैल और गदहे जो तु ारी खेती के काम म आएं गे, वे सू प और डिलया से फटका आ ािद चारा खाएं गे ।
25 और उस महासंहार के समय जब गु ट िगर पड़गे, सब ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और पहािडय़ों पर नािलयां और सोते पाए जाएं गे ।
26 उस समय यहोवा अपनी जा के लोगों का घाव बा े गा और उनकी चोट चं गा करे गा; तब च मा का काश सू य का सा, और सूय का काश सातगुना होगा, अथात अठवारे भर का
काश एक िदन म होगा।।
27 दे खो, यहोवा दू र से चला आता है, उसका कोप भड़क उठा है, और धूएं का बादल उठ रहा है; उसके होंठ ोध से भरे ए और उसकी जीभ भ करने वाली आग के समान है।
28 उसकी सांस ऐसी उम नेवाली नदी के समान है जो गले तक प ंचती है; वह सब जाितयों को नाश के सूप से फटकेगा, और दे श दे श के लोगों को भटकाने के िलये उनके जभड़ों म
लगाम लगाएगा।।
29 तब तुम पिव पव की रात का सा गीत गाओगे, और जैसा लोग यहोवा के पवत की ओर उस से िमलने को, जो इ ाएल की च ान है, बांसुली बजाते ए जाते ह, वैसे ही तु ारे मन म
भी आन होगा।
30 और यहोवा अपनी तापीवाणी सुनाएगा, और अपना ोध भड़काता और आग की लौ से भ करता आ, और च आ ी और अित वषा और ओलों के साथ अपना भुजबल
िदखाएगा।
31 अ ू र यहोवा के श की श से नाश हो जाएगा, वह उसे सोंटे से मारे गा।
32 और जब जब यहोवा उसको द दे गा, तब तब साथ ही डफ और वीणा बजगी; और वह हाथ बढ़ा कर उसको लगातार मारता रहेगा।
33 ब त काल से तोपेत तैयार िकया गया है, वह राजा ही के िलये ठहराया गया है, वह ल ा चौड़ा और गिहरा भी बनाया गया है, वहां की िचता म आग और ब त सी लकड़ी ह; यहोवा
की सां स जलती ई ग क की धारा की नाईं उसको सुलगाएगी।।
यशायाह 31
1 हाय उन पर जो सहायता पाने के िलये िम को जाते ह और घोड़ों का आसरा करते ह; जो रथों पर भरोसा रखते ोंिक वे ब त ह, और सवारों पर, ोंिक वे अित बलवान ह, पर
इ ाएल के पिव की ओर ि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते ह!
2 पर ु वह भी बु मान है और दु :ख दे गा, वह अपने वचन न टाले गा, पर ु उठ कर कुकिमय के घराने पर और अनथका रयों के सहायकों पर भी चढ़ाई करे गा।
3 िम ी लोग ई र नही ं, मनु ही ह; और उनके घोड़े आ ा नही ं, मां स ही ह। जब यहोवा हाथ बढ़ाएगा, तब सहायता करने वाले और सहायता चाहने वाले दोनों ठोकर खाकर िगरगे ,
और वे सब के सब एक संग न हो जाएं गे।
4 िफर यहोवा ने मुझ से यों कहा, िजस कार िसंह वा जवान िसंह जब अपने अहेर पर गु राता हो, और चरवाहे इक े हो कर उसके िव बड़ी भीड़ लगाएं , तौभी वह उनके बोल से न
घबराएगा और न उनके कोलाहल के कारण दबेगा, उसी कार सेनाओं का यहोवा, िस ोन पवत और य शले म की पहाड़ी पर, यु करने को उतरे गा।
5 पं ख फैलाई ई िचिडय़ों की नाईं सेनाओं का यहोवा य शले म की र ा करे गा; वह उसकी र ा कर के बचाएगा, और उसको िबन छूए ही उ ार करे गा।।
6 हे इ ाएिलयों, िजसके िव तुम ने भारी बलवा िकया है, उसी की ओर िफरो।
7 उस समय तु म लोग सोने चा ी की अपनी अपनी मूितय से िज तुम बनाकर पापी हो गए हो घृ णा करोगे ।
8 तब अ ू र उस तलवार से िगराया जाएगा जो मनु की नहीं; वह उस तलवार का कौर हो जाएगा जो आदमी की नही ं; और वह तलवार के सा ने से भागेगा और उसके जवान बे गार
म पकड़े जाएं गे।
9 वह भय के मारे अपने सु र भवन से जाता रहेगा, और उसके हािकम घबराहट के कारण जा ाग कर भाग जाएं गे , यहोवा िजस की अि िस ोन म और िजसका भ ा य शेलम
म ह, उसी की यह वाणी है।।
यशायाह 32
1 दे खो, एक राजा धम से रा करे गा, और राजकुमार ाय से कूमत करगे।
2 हर एक मानो आं धी से िछपने का थान, और बौछार से आड़ होगा; या िनजल दे श म जल के झरने , व त भू िम म बड़ी च ान की छाया।
3 उस समय दे खने वालों की आं ख धुंधली न होंगी, और सुनने वालों के कान लगे रहगे ।
4 उतावलों के मन ान की बात समझगे, और तु तलाने वालों की जीभ फुत से और साफ बोलेगी।
5 मू ढ़ िफर उदार न कहलाएगा और न कंजूस दानी कहा जाएगा।
6 ोंिक मूढ़ तो मू ढ़ता ही की बात बोलता और मन म अनथ ही गढ़ता रहता है िक वह िबन भ के काम करे और यहोवा के िव झूठ कहे , भू खे को भूखा ही रहने दे और ासे
का जल रोक रखे।
7 छली की चाल बु री होती ह, वह दु यु यां िनकालता है िक द र को भी झूठी बातों म लू टे जब िक वे ठीक और न ता से भी बोलते हों।
8 पर ु उदार मनु उदारता ही की यु यां िनकालता है, वह उदारता म थर भी रहे गा।।
9 हे सु खी यों, उठ कर मे री सुनो; हे िनि पुि यों, मेरे वचन की ओर कान लगाओ।
10 हे िनि यों, वष भर से कुछ ही अिधक समय म तुम िवकल हो जाओगी; ोंिक तोड़ने को दाख न होंगी और न िकसी भांित के फल हाथ लगगे।
11 हे सु खी यों, थरथराओ, हे िनि यों, िवकल हो; अपने अपने व उतार कर अपनी अपनी कमर म टाट कसो।
12 वे मनभाऊ खेतों और फलव दाखलताओं के िलये छाती पीटगी।
13 मेरे लोगों के वरन स नगर के सब हष भरे घरों म भी भांित भांित के कटीले पे ड़ उपजगे ।
14 ोंिक राजभवन ागा जाएगा, कोलाहल से भरा नगर सुनसान हो जाएगा और पहाड़ी और उन पर के पह ओं के घर सदा के िलये मांदे और जंगली गदहों को िवहार थान और
घरै लू पशुओं की चराई उस समय तक बने रहगे
15 जब तक आ ा ऊपर से हम पर उ े ला न जाए, और जंगल फलदायक बारी न बने , और फलदायक बारी िफर वन न िगनी जाए।
16 तब उस जं गल म ाय बसेगा, और उस फलदायक बारी म धम रहेगा।
17 और धम का फल शांित और उसका प रणाम सदा का चैन और िनि रहना होगा।
18 मेरे लोग शा के थानों म िनि रहगे, और िव ाम के थानों म सु ख से रहगे ।
19 और वन के िवनाश के समय ओले िगरगे, और नगर पूरी रीित से चौपट हो जाएगा।
20 ा ही ध हो तुम जो सब जलाशयों के पास बीज बोते, और बैलों और गदहों को त ता से चराते हो।।
यशायाह 33
1 हाथ तु झ नाश करने वाले पर जो नाश नहीं िकया गया था; हाथ तु झ िव ासघाती पर, िजसके साथ िव ासघात नही ं िकया गया! जब तू नाश कर चुके, तब तू नाश िकया जाएगा; और
जब तू िव ासघात कर चुके, तब तेरे साथ िव ासघात िकया जाएगा।।
2 हे यहोवा, हम लोगों पर अनु ह कर; हम तेरी ही बाट जोहते ह। भोर को तू उनका भु जबल, संकट के समय हमारा उ ारक ा ठहर।
3 ड़ सुनते ही दे श दे श के लोग भाग गए, तेरे उठने पर अ जाितयां ित र-िब र ई।
4 और जै से िटि यां चट करती ह वैसे ही तु ारी लूट चट की जाएगी, और जै से िटि यां टू ट पड़ती ह, वैसे ही वे उस पर टू ट पड़गे।।
5 यहोवा महान आ है, वह ऊंचे पर रहता है; उसने िस ोन को ाय और धम से प रपू ण िकया है ;
6 और उ ार, बु और ान की ब तायत ते रे िदनों का आधार होगी; यहोवा का भय उसका धन होगा।।
7 दे ख, उनके शूरवीर बाहर िच ा रहे ह; संिध के दू त िबलक िबलककर रो रहे ह।
8 राजमाग सु नसान पड़े ह, उन पर बटोही अब नहीं चलते। उसने वाचा को टाल िदया, नगरों को तु जाना, उसने मनु को कुछ न समझा।
9 पृ ी िवलाप करती और मुझा गई है; लबानोन कु ला गया और उस पर िसयाही छा गई है; शारोन म भू िम के समान हो गया; बाशान और कमल म पतझड़ हो रहा है ।।
10 यहोवा कहता है, अब म उठूंगा, म अपना ताप िदखाऊंगा; अब म महान ठह ं गा।
11 तुम म सूखी घास का गभ रहेगा, तुम से भूसी उ होगी; तु ारी सांस आग है जो तु भ करे गी।
12 दे श दे श के लोग फूंके ए चूने के सामान हो जाएं गे, और कटे ए कटीले पे ड़ों की नाईं आग म जलाए जाएं गे ।।
13 हे दू र दू र के लोगों, सुनो िक म ने ा िकया है? और तुम भी जो िनकट हो, मे रा परा म जान लो।
14 िस ोन के पापी थरथरा गए ह: भ हीनों को कंपकंपी लगी है: हम म से कौन च आग म रह सकता? हम म से कौन उस आग म बना रह सकता है जो कभी नही ं बुझेगी?
15 जो धम से चलता और सीधी बात बोलता; जो अ ेर के लाभ से घृ णा करता, जो घूस नही ं लेता; जो खून की बात सुनने से कान ब करता, और बुराई दे खने से आं ख मूं द ले ता है।
वही ऊंचे थानों म िनवास करे गा।
16 वह च ानों के गढ़ों म शरण िलये ए रहेगा; उसको रोटी िमलेगी और पानी की घटी कभी न होगी।।
17 तू अपनी आं खों से राजा को उसकी शोभा सिहत दे खेगा; और ल े चौड़े दे श पर ि करे गा।
18 तू भय के िदनों को रण करे गा: लेखा लेने वाला और कर तौल कर ले ने वाला कहां रहा? गु टों का िगनने वाला कहां रहा?
19 िजनकी किठन भाषा तू नही ं समझता, और िजनकी लड़बड़ाती जीभ की बात तू नही ं बू झ सकता उन िनदय लोगों को तू िफर न दे खेगा।
20 हमारे पव के नगर िस ोन पर ि कर! तू अपनी आं खों से य शेलम को दे खेगा, वह िव ाम का थान, और ऐसा त ू है जो कभी िगराया नही ं जाएगा, िजसका कोई खूंटा कभी
उखाड़ा न जाएगा, और न कोई र ी कभी टू टे गी।
21 वहां महा तापी यहोवा हमारे िलये रहेगा, वह ब त बड़ी बड़ी निदयों और नहरों का थान होगा, िजस म डांड़वाली नाव न चलेगी और न शोभायमान जहाज उस म हो कर जाएगा।
22 ोंिक यहोवा हमारा ायी, यहोवा हमारा हािकम, यहोवा हमारा राजा है ; वही हमारा उ ार करे गा।।
23 तेरी र यां ढीली हो गईं, वे म ूल की जड़ को ढ़ न रख सकी ं, और न पाल को तान सकी ं।। तब बड़ी लूट छीनकर बां टी गई, लं गड़े लोग भी लू ट के भागी ए।
24 कोई िनवासी न कहेगा िक म रोगी ं; और जो लाग उस म बसगे , उनका अधम मा िकया जाएगा।।
यशायाह 34
1 हे जाित जाित के लोगों, सुनने के िलये िनकट आओ, और हे रा रा के लोगों, ान से सु नो! पृ ी भी, और जो कुछ उस म है, जगत और जो कुछ उस म उ होता है, सब सु नो।
2 यहोवा सब जाितयों पर ोध कर रहा है, और उनकी सारी से ना पर उसकी जलजलाहट भड़की ई है , उसने उन को स ानाश होने, और संहार होने को छोड़ िदया है।
3 उनके मारे ए फक िदये जाएं गे , और उनकी लोथों की दु ग उठे गी; उनके लो से पहाड़ गल जाएं गे ।
4 आकाश के सारे गण जाते रहगे और आकाश कागज की नाईं लपेटा जाएगा। और जैसे दाखलता वा अं जीर के वृ के प े मुझाकर िगर जाते ह, वैसे ही उसके सारे गण धुंधले हो कर
जाते रहगे ।।
5 ोंिक मेरी तलवार आकाश म पीकर तृ ई है; दे खो, वह ाय करने को एदोम पर, और िजन पर मे रा शाप है उन पर पड़े गी।
6 यहोवा की तलवार लो से भर गई है, वह चब से और भे ड़ों के ब ों और बकरों के लो से , और मे ढ़ों के गुद की चब से तृ ई है। ोंिक बो ा नगर म यहोवा का एक य और
एदोम दे श म बड़ा सं हार आ है।
7 उनके सं ग जं गली सांढ़ और बछड़े और बैल वध होंगे, और उनकी भू िम लो से भीग जाएगी और वहां की िम ी चब से अघा जाएगी।।
8 ोंिक पलटा ले ने को यहोवा का एक िदन और िस ोन का मु क मा चु काने का एक वष िनयु है ।
9 और एदोम की निदयां राल से और उसकी िम ी ग क से बदल जाएगी; उसकी भूिम जलती ई राल बन जाएगी।
10 वह रात-िदन न बुझेगी; उसका धूंआ सदै व उठता रहे गा। युग युग वह उजाड़ पड़ा रहेगा; कोई उस म से हो कर कभी न चलेगा।
11 उस म धनेशप ी और साही पाए जाएं गे और वह उ ू और कौवे का बसेरा होगा। वह उस पर गड़बड़ की डोरी और सुनसानी का सा ल तानेगा।
12 वहां न तो रईस होंगे और न ऐसा कोई होगा जो रा करने को ठहराया जाए; उसके सब हािकमों का अ होगा।।
13 उसके महलों म कटीले पे ड़, गढ़ों म िब ू पौधे और झाड़ उगगे। वह गीदड़ों का वास थान और शुतुमुगों का आं गन हो जाएगा।
14 वहां िनजल दे श के ज ु िसयारों के सं ग िमलकर बसगे और रोंआर ज ु एक दू सरे को बु लाएं गे ; वहां लीलीत नाम ज ु वास थान पाकर चैन से रहेगा।।
15 वहां उड़ने वाली सांिपन का िबल होगा; वे अ े दे कर उ सेवगी और अपनी छाया म बटोर लगी; वहां िग अपनी सािथन के साथ इक े रहगे।
16 यहोवा की पु क से ढूंढ़कर पढ़ो इन म से एक भी बात िबना पू रा ए न रहे गी; कोई िबना जोड़ा न रहे गा। ोंिक म ने अपने मुंह से यह आ ा दी है और उसी की आ ा ने उ
इक ा िकया है।
17 उसी ने उनके िलये िच ी डाली, उसी ने अपने हाथ से डोरी डालकर उस दं श को उनके िलये बां ट िदया है ; वह सवदा उनका ही बना रहेगा और वे पीढ़ी से पीढ़ी तब उस म बसे
रहगे ।।
यशायाह 35
1 जं गल और िनजल दे श फु त होंगे, म भूिम मगन हो कर केसर की नाईं फूलेगी;
2 वह अ फु त होगी और आन के साथ जयजयकार करे गी। उसकी शोभा लबानोन की सी होगी और वह कमल और शारोन के तु तेजोमय हो जाएगी। वे यहोवा की शोभा
और हमारे परमे र का तेज दे खगे।।
3 ढीले हाथों को ढ़ करो और थरथराते ए घुटनों को थर करो।
4 घबराने वालों से कहो, िहयाव बा ो, मत डरो! दे खो, तु ारा परमे र पलटा ले ने और ितफल दे ने को आ रहा है । हां, परमे र आकर तु ारा उ ार करे गा।।
5 तब अ ों की आं खे खोली जाएं गी और बिहरों के कान भी खोले जाएं गे;
6 तब लंगड़ा ह रण की सी चौकिडय़ां भरे गा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करगे । ोंिक जंगल म जल के सोते फूट िनकलगे और म भूिम म निदयां बहने लगगी
7 मृ गतृ ा ताल बन जाएगी और सूखी भूिम म सोते फूटगे ; और िजस थान म िसयार बैठा करते ह उस म घास और नरकट और सरक े होंगे।।
8 और वहां एक सड़क अथात राजमाग होगा, उसका नाम पिव माग होगा; कोई अशु जन उस पर से न चलने पाएगा; वह तो उ ी ं के िलये रहे गा और उस माग पर जो चलगे वह
चाहे मूख भी हों तौभी कभी न भटकगे।
9 वहां िसं ह न होगा ओर न कोई िहंसक ज ु उस पर न चढ़े गा न वहां पाया जाएगा, पर ु छु ड़ाए ए उस म िनत चलगे ।
10 और यहोवा के छु ड़ाए ए लोग लौटकर जयजयकार करते ए िस ोन म आएं गे ; और उनके िसर पर सदा का आन होगा; वे हष और आन पाएं गे और शोक और ल ी सांस
का ले ना जाता रहेगा।।
यशायाह 36
1 िहजिक ाह राजा के चौदहव वष म, अ ूर के राजा स ेरीब ने य दा के सब गढ़ वाले नगरों पर चढ़ाई कर के उन को ले िलया।
2 और अ ूर के राजा ने रबशाके को बड़ी सेना दे कर लाकीश से य शले म के पास िहजिक ाह राजा के िव भेज िदया। और वह उ री पोखरे की नाली के पास धोिबयों के खेत
की सड़क पर जा कर खड़ा आ।
3 तब िह ाह का पु ए ाकीम जो राजघराने के काम पर िनयु था, और शे ा जो म ी था, और आसाप का पु योआह जो इितहास का लेखक था, ये तीनों उससे िमलने को
बाहर िनकल गए।।
4 रबशाके ने उन से कहा, िहजिक ाह से कहो, महाराजािधराज अ ूर का राजा यों कहता है िक तू िकसका भरोसा िकए बैठा है?
5 मे रा कहना है िक ा मुंह से बात बनाना ही यु के िलये परा म और यु है ? तू िकस पर भरोसा रखता है िक तू ने मुझ से बलवा िकया है?
6 सुन, तू तो उस कुचले ए नरकट अथात िम पर भरोसा रखता है ; उस पर यिद कोई टे क लगाए तो वह उसके हाथ म चुभकर छे द कर दे गा। िम का राजा िफरौन उन सब के साथ
ऐसा ही करता है जो उस पर भरोसा रखते ह।
7 िफर यिद तू मु झ से कहे, हमारा भरोसा अपने परमे र यहोवा पर है , तो ा वह वही नही ं है िजसके ऊंचे थानों और वेिदयों को ढा कर िहजिक ाह ने य दा और य शले म के
लोगों से कहा िक तुम इस वेदी के सा ने द वत िकया करो?
8 इसिलये अब मे रे ामी अ ूर के राजा के साथ वाचा बा तब म तुझे दो हजार घोड़े दू ं गा यिद तू उन पर सवार चढ़ा सके।
9 िफर तू रथों और सवारों के िलये िम पर भरोसा रखकर मे रे ामी के छोटे से छोटे कमचारी को भी कैसे हटा सकेगा?
10 ा म ने यहोवा के िबना कहे इस दे श को उजाड़ने के िलये चढ़ाई की है? यहोवा ने मु झ से कहा है , उस दे श पर चढ़ाई कर के उसे उजाड़ दे ।।
11 तब ए ाकीम, शे ा और योआह ने रबशाके से कहा, अपने दासों से अरामी भाषा म बात कर ोंिक हम उसे समझते ह; हम से य दी भाषा म शहरपनाह पर बैठे ए लोगों के
सु नते बात न कर।
12 रबशाके ने कहा, ा मेरे ामी ने मुझे तेरे ामी ही के वा तु ारे ही पास ये बात कहने को भे जा है? ा उसने मु झे उन लोगों के पास नही ं भेजा जो शहरपनाह पर बैठे ह िज
तु ारे सं ग अपनी िव ा खाना और अपना मू पीना पड़े गा?
13 तब रबशाके ने खड़े हो कर य दी भाषा म ऊंचे श से कहा, महाराजािधराज अ ू र के राजा की बात सु नो!
14 राजा यों कहता है, िहजिक ाह तुम को धोखा न दे , ोंिक वह तु बचा न सकेगा।
15 ऐसा न हो िक िहजिक ाह तुम से यह कहकर भुलवा दे िक यहोवा िन य हम को बचाएगा िक यह नगर अ ू र के राजा के वश म न पड़े गा।
16 िहजिक ाह की मत सुनो; अ ूर का राजा कहता है, भट भे ज कर मुझे स करो और मे रे पास िनकल आओ; तब तुम अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृ के फल खा
पाओगे , और अपने अपने कु का पानी िपया करोगे;
17 जब तक म आकर तुम को ऐसे दे श म न ले जाऊं जो तु ारे दे श के समान अनाज और नये दाखमधु का दे श और रोटी और दाख की बा रयों का दे श है ।
18 ऐसा न हो िक िहजिक ाह यह कहकर तुम को बहकाए िक यहोवा हम को बचाएगा। ा और जाितयों के दे वताओं ने अपने अपने दे श को अ ूर के राजा के हाथ से बचाया है?
19 हमात और अपाद के दे वता कहां रहे? सपवम के दे वता कहां रहे ? ा उ ोंने शोमरोन को मेरे हाथ से बचाया?
20 दे श दे श के दे वतओं म से ऐसा कौन है िजसने अपने दे श को मेरे हाथ से बचाया हो? िफर ा यहोवा य शले म को मेरे हाथ से बचाएगा?
21 पर ु वे चुप रहे और उसके उ र म एक बात भी न कही, ोंिक राजा की ऐसी आ ा थी िक उसको उ र न दे ना।
22 तब िह ाह का पु ए ाकीम जो राजघराने के काम पर िनयु था और शे ा जो म ी था और आसाप का पु योआह जो इितहास का लेखक था, इ ोंने िहजिक ाह के पास
व फाड़े ए जा कर रबशाके की बात कह सुनाईं।।
यशायाह 37
1 जब िहजिक ाह राजा ने यह सुना, तब वह अपने व फाड़ और टाट ओढ़ कर यहोवा के भवन म गया।
2 और उसने ए ाकीम को जो राजघराने के काम पर िनयु था और शे ा म ी को और याजकों के पुरिनयों को जो सब टाट ओढ़े ए थे, आमोस के पु यशायाह नबी के पास भेज
िदया।
3 उ ोंने उस से कहा, िहजिक ाह यों कहता है िक आज का िदन संकट और उलहने और िन ा का िदन है , ब े ज ने पर ए पर ज ा को जनने का बल न रहा।
4 स व है िक तेरे परमे र यहोवा ने रबशाके की बात सुनी िजसे उसके ामी अ ू र के राजा ने जीवते परमे र की िन ा करने को भेजा है, और जो बात तेरे परमे र यहोवा ने सुनी
ह उ दपटे ; सो तू इन बचे ओं के िलये जो रह गए ह, ाथना कर।।
5 जब िहजिक ाह राजा के कमचारी यशायाह के पास आए।
6 तब यशायाह ने उन से कहा, अपने ामी से कहो, यहोवा यों कहता है िक जो वचन तू ने सुने ह िजनके ारा अ ू र के राजा के जनों म मेरी िन ा की है, उनके कारण मत डर।
7 सुन, म उसके मन म ेरणा क ं गा िजस से वह कुछ समचार सुनकर अपने दे श को लौट जाए; और म उसको उसी दे श म तलवार से मरवा डालूंगा।।
8 तब रबशाके ने लौटकर अ ूर के राजा को िल ा नगर से यु करते पाया; ोंिक उसने सु ना था िक वह लाकीश के पास से उठ गया है।
9 उसने कूश के राजा ितहाका के िवषय यह सुना िक वह उस से लड़ने को िनकला है । तब उसने िहजिक ाह के पास दू तों को यह कहकर भेजा।
10 िक तुम य दा के राजा िहजिक ाह से यों कहना, तेरा परमे र िजस पर तू भरोसा करता है, यह कहकर तु झे धोखा न दे ने पाए िक य शलेम अ ूर के राजा के वश म न पड़े गा।
11 दे ख, तू ने सुना है िक अ ूर के राजाओं ने सब दे शों से कैसा वहार िकया िक उ स ानाश ही कर िदया।
12 िफर ा तू बच जाएगा? गोज़ान और हारान और रे से प म रहने वाली िजन जाितयों को और तल ार म रहने वाले एदे नी लोगों को मेरे पुरखाओं ने नाश िकया, ा उनके दे वताओं
ने उ बचा िलया?
13 हमात का राजा, अपाद का राजा, सपवम नगर का राजा, और हे ना और इ ा के राजा, ये सब कहां गए?
14 इस प ी को िहजिक ाह ने दू तों के हाथ से ले कर पढ़ा; तब उसने यहोवा के भवन म जा कर उस प ी को यहोवा के सा ने फैला िदया।
15 और यहोवा से यह ाथना की,
16 हे सेनाओं के यहोवा, हे क बों पर िवराजमान इ ाएल के परमे र, पृ ी के सब रा ों के ऊपर केवल तू ही परमे र है; आकाश और पृ ी को तू ही ने बनाया है।
17 हे यहोवा, कान लगाकर सुन; यहोवा आं ख खोल कर दे ख; और स ेरीब के सब वचनों को सुन ले, िजसने जीवते परमे र की िन ा करने को िलख भेजा है।
18 हे यहोवा, सच तो है िक अ ूर के राजाओं ने सब जाितयों के दे शों को उजाड़ा है
19 और उनके दे वताओं को आग म झोंका है ; ोंिक वे ई र न थे , वे केवल मनु ों की कारीगरी, काठ और प र ही थे ; इस कारण वे उन को नाश कर सके।
20 अब हे हमारे परमे र यहोवा, तू हम उसके हाथ से बचा िजस से पृ ी के रा रा के लोग जान ल िक केवल तू ही यहोवा है।।
21 तब आमोस के पु यशायाह ने िहजिक ाह के पास यह कहला भे जा, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, तू ने जो अ ूर के राजा स ेरीब के िवषय म मुझ से ाथना की है ,
22 उसके िवषय यहोवा ने यह वचन कहा है, िस ोन की कुमारी क ा तुझे तु जानती है और ठ ोंम उड़ाती है ; य शलेम की पु ी तुझ पर िसर िहलाती है।।
23 तू ने िकस की नामधराई और िन ा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घम िकया है, वह िकस के िव िकया है? इ ाएल के पिव के िव !
24 अपने कमचा रयों के ारा तू ने भु की िन ा कर के कहा है िक ब त से रथ ले कर म पवतों की चोिटयों पर वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया ं; म उसके ऊंचे ऊंचे दे वदारों
और अ े अ े सनौबरों को काट डालूंगा और उसके दू र दू र के ऊंचे थानों म और उसके वन की फलदाई बा रयों म वेश क ं गा।
25 म ने खु दवा कर पानी िपया और िम की नहरों म पांव धरते ही उ सुखा िदया।
26 ा तू ने नही ं सु ना िक ाचीनकाल से म ने यही ठाना और पूवकाल से इसकी तै यारी की थी? इसिलये अब म ने यह पूरा भी िकया है िक तू गढ़ वाले नगरों को ख हर की ख हर
कर दे ।
27 इसी कारण उनके रहने वालों का बल घट गया और वे िव त और ल त ए: वे मै दान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास और ऐसे अनाज के समान हो गए
जो बढ़ने से पिहले ही सूख जाता है।।
28 म तो ते रा बैठना, कूच करना और लौट आना जानता ं ; और यह भी िक तू मु झ पर अपना ोध भड़काता है ।
29 इस कारण िक तू मुझ पर अपना ोध भड़काता और तेरे अिभमान की बात मे रे कानों म पड़ी ह, म तेरी नाक म नकेल डालकर और तेरे मुंह म अपनी लगाम लगाकर िजस माग से
तू आया है उसी माग से तुझे लौटा दू ं गा।।
30 और तेरे िलये यह िच होगा िक इस वष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे, और दू सरे वष वह जो उस से उ हो, और तीसरे वष बीज बोकर उसे लवने पाओगे और दाख
की बा रयां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।
31 और य दा के घराने के बचे ए लोग िफर जड़ पकड़गे और फूल-फलगे;
32 ोंिक य शलेम से बचे ए और िस ोन पवत से भागे ए लोग िनकलगे। से नाओं का यहोवा अपनी जलन के कारण यह काम करे गा।।
33 इसिलये यहोवा अ ूर के राजा िक िवषय यों कहता है िक वह इस नगर म वेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा; और न वह ढाल ले कर इसके सा ने आने वा
इसके िव दमदमा बा ने पाएगा।
34 िजस माग से वह आया है उसी से वह लौट भी जाएगा और इस नगर म वेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है ।
35 ोंिक म अपने िनिम और अपने दास दाऊद के िनिम , इस नगर की र ा कर के उसे बचाऊंगा।।
36 तब यहोवा के दू त ने िनकलकर अ ू रयों की छावनी म एक लाख पचासी हजार पु षों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब ा दे खा िक लोथ ही लोथ पड़ी ह।
37 तब अ ूर का राजा स ेरीब चल िदया और लौटकर नीनवे म रहने लगा।
38 वहां वह अपने दे वता िन ोक के म र म द वत कर रहा था िक इतने म उसके पु अ े लेक और शरे सेन ने उसको तलवार से मारा और अरारात दे श म भाग गए। और
उसका पु एसह ोन उसके थान पर रा करने लगा।।
यशायाह 38
1 उन िदनों म िहजिक ाह ऐसा रोगी आ िक वह मरने पर था। और आमोस के पु यशायाह नबी ने उसके पास जा कर कहा, यहोवा यों कहता है, अपने घराने के िवषय जो आ ा दे नी
हो वह दे , ोंिक तू न बचे गा मर ही जाएगा।
2 तब िहजिक ाह ने भीत की ओर मुंह फेर कर यहोवा से ाथना कर के कहा;
3 हे यहोवा, म िबनती करता ं, रण कर िक म स ाई और खरे मन से अपने को ते रे स ुख जानकर चलता आया ं और जो तेरी ि म उिचत था वही करता आया ं । और
िहजिक ाह िबलक िबलककर रोने लगा।
4 तब यहोवा का यह वचन यशायाह के पास प ंचा,
5 जा कर िहजिक ाह से कह िक तेरे मूलपु ष दाऊद का परमे र यहोवा यों कहता है, म ने ते री ाथना सु नी और तेरे आं सू दे खे ह; सुन, म तेरी आयु प ह वष और बढ़ा दू ं गा।
6 अ ूर के राजा के हाथ से म तेरी और इस नगर की र ा कर के बचाऊंगा।।
7 यहोवा अपने इस कहे ए वचन को पूरा करे गा,
8 और यहोवा की ओर से इस बात का तेरे िलये यह िच होगा िक धूप की छाया जो आहाज की धूपघड़ी म ढल गई है , म दस अंश पीछे की ओर लौटा दू ं गा। सो वह छाया जो दस अं श
ढल चु की थी लौट गई।।
9 य दा के राजा िहजिक ाह का लेख जो उसने िलखा जब वह रोगी हो कर चं गा हो गया था, वह यह है :
10 म ने कहा, अपनी आयु के बीच ही म अधोलोक के फाटकों म वेश क ं गा; ोंिक मे री शेष आयु हर ली गई है।
11 म ने कहा, म याह को जीिवतों की भूिम म िफर न दे खने पाऊंगा; इस लोक के िनवािसयों म िफर न दे खूंगा।
12 मेरा घर चरवाहे के त ू की नाईं उठा िलया गया है; म ने जोलाहे की नाईं अपने जीवन को लपेट िदया है; वह मुझे तांत से काट ले गा; एक ही िदन म तू मेरा अ कर डालेगा।
13 म भोर तक अपने मन को शा करता रहा; वह िसंह की नाईं मेरी सब हि यों को तोड़ता है ; एक ही िदन म तू मे रा अ कर डालता है।
14 म सू पाबेने वा सारस की नाईं ूं ूं करता, म िप ु क की नाईं िवलाप करता ं । मे री आं ख ऊपर दे खते दे खते प रा गई ह। हे यहोवा, मुझ पर अ ेर हो रहा है; तू मेरा सहारा हो!
15 म ा क ं? उसी ने मुझ से ित ा की और पूरा भी िकया है। म जीवन भर कडु आहट के साथ धीरे धीरे चलता र ंगा।।
16 हे भु, इ ी ं बातों से लोग जीिवत ह, और इन सभों से मेरी आ ा को जीवन िमलता है । तू मु झे चं गा कर और मुझे जीिवत रख!
17 दे ख, शा ही के िलये मुझे बड़ी कडु आहट िमली; पर ु तू ने े ह कर के मु झे िवनाश के गड़हे से िनकाला है, ोंिक मे रे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फक िदया है ।
18 ोंिक अधोलोक तेरा ध वाद नहीं कर सकता, न मृ ु तेरी ुित कर सकती है ; जो कबर म पड़ वे तेरी स ाई की आशा नहीं रख सकते
19 जीिवत, हाँ जीिवत ही तेरा ध वाद करता है, जैसा म आज कर रहा ं ; िपता ते री स ाई का समाचार पु ों को दे ता है ।।
20 यहोवा मे रा उ ार करे गा, इसिलये हम जीवन भर यहोवा के भवन म तार वाले बाजों पर अपने रचे ए गीत गात रहगे ।।
21 यशायाह ने कहा था, अंजीरों की एक िटिकया बना कर िहजिक ाह के फोड़े पर बा ी जाए, तब वह बचे गा।
22 और िहजिक ाह ने पूछा था िक इसका ा िच है िक म यहोवा के भवन को िफर जाने पाऊंगा?
यशायाह 39
1 उस समय बलदान का पु मरोदक बलदान, जो बाबुल का राजा था, उसने िहजिक ाह के रोगी होने और िफर चं गे हो जाने की चचा सुनकर उसके पास प ी और भट भे जी।
2 इन से िहजिक ाह ने स हो कर अपने अनमोल पदाथ का भ ार और चा ी, सोना, सु ग , उ म तेल ओर भ ारों म जो जो व ु एं थी, वे सब उन को िदखलाईं।
िहजिक ाह के भवन और रा भर म कोई ऐसी व ु नहीं रह गई जो उसने उ न िदखाई हो।
3 तब यशायाह नबी ने िहजिक ाह राजा के पास जा कर पूछा, वे मनु ा कह गए? और वे कहां से तेरे पास आए थे? िहजिक ाह ने कहा, वे तो दू र दे श से अथात बाबुल से मे रे पास
आए थे।
4 िफर उसने पू छा, तेरे भवन म उ ोंने ा ा दे खा है? िहजिक ाह ने कहा, जो कुछ मे रे भवन म है वह सब उ ोंने दे खे है ; मे रे भ ारों म कोई ऐसी व ु नहीं जो म ने उ न
िदखाई हो।।
5 तब यशायाह ने िहजिक ाह से कहा, से नाओं के यहोवा का यह वचन सुन ले:
6 ऐसे िदन आने वाले ह, िजन म जो कुछ तेरे भवन म है और जो कुछ आज के िदन तक तेरे पुरखाओं का रखा आ तेरे भ ारों म ह, वह सब बाबुल को उठ जाएगा; यहोवा यह कहता
है िक कोई व ु न बचेगी।
7 और जो पु ते रे वंश म उ हों, उन म से भी िकतनों को वे बंधुआई म ले जाएं गे ; और वह खोजे बनकर बाबुल के राजभवन म रहगे।
8 िहजिक ाह ने यशायाह से कहा, यहोवा का वचन जो तू ने कहा है वह भला ही है । िफर उसने कहा, मे रे िदनों म तो शा और स ाई बनी रहेगी।।
यशायाह 40
1 तु ारा परमे र यह कहता है, मेरी जा को शा दो, शा !
2 य शले म से शा की बात कहो; और उस से पुकार कर कहो िक तेरी किठन से वा पू री ई है , ते रे अधम का द अं गीकार िकया गया है: यहोवा के हाथ से तू अपने सब पापों का
दू ना द पा चुका है ।।
3 िकसी की पुकार सु नाई दे ती है, जंगल म यहोवा का माग सु धारो, हमारे परमे र के िलये अराबा म एक राजमाग चौरस करो।
4 हर एक तराई भर दी जाए और हर एक पहाड़ और पहाड़ी िगरा दी जाए; जो टे ढ़ा है वह सीधा और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस िकया जाए।
5 तब यहोवा का तेज गट होगा और सब ाणी उसको एक संग दे खगे ; ोंिक यहोवा ने आप ही ऐसा कहा है।।
6 बोलने वाले का वचन सुनाई िदया, चार कर! म ने कहा, म ा चार क ं ? सब ाणी घास ह, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है।
7 जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है , और फूल मुझा जाता है; िन:स े ह जा घास है।
8 घास तो सूख जाती, और फूल मुझा जाता है; पर ु हमारे परमे र का वचन सदै व अटल रहेगा।।
9 हे िस ोन को शुभ समचार सुनाने वाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे य शले म को शुभ समाचार सु नाने वाली, ब त ऊंचे श से सुना, ऊंचे श से सुना, मत डर; य दा के नगरों से
कह, अपने परमे र को दे खो!
10 दे खो, भु यहोवा सामथ िदखाता आ रहा है, वह अपने भु जबल से भुता करे गा; दे खो, जो मजदू री दे ने की है वह उसके पास है और जो बदला दे ने का है वह उसके हाथ म है ।
11 वह चरवाहे की नाईं अपने झु को चराएगा, वह भेड़ों के ब ों को अंकवार म िलये रहे गा और दू ध िपलानेवािलयों को धीरे धीरे ले चलेगा।।
12 िकस ने महासागर को चु ू से मापा और िकस के िब े से आकाश का नाप आ, िकस ने पृ ी की िम ी को नपवे म भरा और पहाड़ों को तराजू म और पहािडय़ों को कांटे म तौला
है ?
13 िकस ने यहोवा की आ ा को माग बताया वा उसका म ी हो कर उसको ान िसखाया है?
14 उसने िकस से स ित ली और िकस ने उसे समझाकर ाय का पथ बता िदया और ान िसखा कर बु का माग जता िदया है?
15 दे खो, जाितयां तो डोल की एक बू वा पलड़ों पर की धूिल के तु ठहरी ं; दे खो, वह ीपों को धूिल के िकनकों सरीखे उठाता है।
16 लबानोन भी ईधन के िलये थोड़ा होगा और उस म के जीव-ज ु होमबिल के िलये बस न होंगे।
17 सारी जाितयां उसके सा ने कुछ नहीं ह, वे उसकी ि म लेश और शू से भी घट ठहरी ं ह।।
18 तुम ई र को िकस के समान बताओगे और उसकी उपमा िकस से दोगे ?
19 मूरत! कारीगर ढालता है, सोनार उसको सोने से मढ़ता और उसके िलये चा ी की सां कल ढाल कर बनाता है ।
20 जो कंगाल इतना अपण नही ं कर सकता, वह ऐसा वृ चु न लेता है जो न घुने; तब एक िनपु ण कारीगर ढूंढकर मूरत खुदवाता और उसे ऐसा थर कराता है िक वह िहल न सके।।
21 ा तु म नही ं जानते? ा तुम ने नही ं सु ना? ा तुम को आर ही से नहीं बताया गया? ा तु म ने पृ ी की ने व पड़ने के समय ही से िवचार नही ं िकया?
22 यह वह है जो पृ ी के घेरे के ऊपर आकाशम ल पर िवराजमान है; और पृ ी के रहने वाले िट ी के तु है; जो आकाश को मलमल की नाईं फैलाता और ऐसा तान दे ता है जै सा
रहने के िलये त ू ताना जाता है;
23 जो बड़े बड़े हािकमों को तु कर दे ता है, और पृ ी के अिधका रयों को शू के समान कर दे ता है ।।
24 वे रोपे ही जाते, वे बोए ही जाते, उनके ठूंठ भूिम म जड़ ही पकड़ पाते िक वह उन पर पवन बहाता और वे सूख जाते, और आं धी उ भू से की नाईं उड़ा ले जाती है।।
25 सो तु म मु झे िकस के समान बताओगे िक म उसके तु ठह ं ? उस पिव का यही वचन है ।
26 अपनी आं ख ऊपर उठा कर दे खो, िकस ने इन को िसरजा? वह इन गणों को िगन िगनकर िनकालता, उन सब को नाम ले ले कर बु लाता है ? वह ऐसा सामथ और अ बली है िक
उन म के कोई िबना आए नही ं रहता।।
27 हे याकूब, तू ों कहता है , हे इ ाएल तू ों बोलता है, मे रा माग यहोवा से िछपा आ है , मे रा परमे र मे रे ाय की कुछ िच ा नही ं करता?
28 ा तु म नही ं जानते? ा तुम ने नही ं सु ना? यहोवा जो सनातन परमे र और पृ ी भर का िसरजनहार है , वह न थकता, न िमत होता है, उसकी बु अगम है।
29 वह थके ए को बल दे ता है और श हीन को ब त सामथ दे ता है ।
30 त ण तो थकते और िमत हो जाते ह, और जवान ठोकर खाकर िगरते ह;
31 पर ु जो यहोवा की बाट जोहते ह, वे नया बल ा करते जाएं गे , वे उकाबों की नाईं उड़गे, वे दौड़गे और िमत न होंगे, चलगे और थिकत न होंगे।।
यशायाह 41
1 हे ीपों, मेरे सा ने चुप रहो; दे श दे श के लोग नया बल ा कर; वे समीप आकर बोल; हम आपस म ाय के िलये एक दू सरे के समीप आएं ।।
2 िकस ने पू व िदशा से एक को उभारा है, िजसे वह धम के साथ अपने पांव के पास बुलाता है? वह जाितयों को उसके वश म कर दे ता और उसको राजाओं पर अिधकारी ठहराता है;
उसकी तलवार वह उ धूल के समान, और उसके धनुष से उड़ाए ए भूसे के समान कर दे ता है ।
3 वह उ खदे ड़ता और ऐसे माग से, िजस पर वह कभी न चला था, िबना रोक टोक आगे बढ़ता है ।
4 िकस ने यह काम िकया है और आिद से पीिढय़ों को बुलाता आया है ? म यहोवा, जो सब से पिहला, और अ के समय र ंगा; म वही ं ं।।
5 ीप दे खकर डरते ह, पृ ी के दू र दे श कांप उठे और िनकट आ गए ह।
6 वे एक दू सरे की सहायता करते ह और उन म से एक अपने भाई से कहता है , िहयाव बा !
7 बढ़ई सोनार को और हथौड़े से बराबर करने वाला िनहाई पर मारने वाले को यह कहकर िहयाव ब ा रहा है , जोड़ तो अ ी है, सो वह कील ठोंक ठोंककर उसको ऐसा ढ़ करता है
िक वह थर रहे।।
8 हे मे रे दास इ ाएल, हे मेरे चुने ए याकूब, हे मेरे ेमी इ ाहीम के वंश;
9 तू िजसे म ने पृ ी के दू र दू र दे शों से िलया और पृ ी की छोर से बु ला कर यह कहा, तू मेरा दास है , म ने तुझे चु ना है और तजा नहीं;
10 मत डर, ोंिक म तेरे संग ं, इधर उधर मत ताक, ोंिक म तेरा परमे र ं ; म तु झे ढ़ क ं गा और ते री सहायता क ं गा, अपने धममय दािहने हाथ से म तुझे स ाले र ंगा।।
11 दे ख, जो तुझ से ोिधत ह, वे सब ल त होंगे; जो तु झ से झगड़ते ह उनके मुं ह काले होंगे और वे नाश हो कर िमट जाएं गे।
12 जो तुझ से लड़ते ह उ ढूंढने पर भी तू न पएगा; जो तुझ से यु करते ह वे नाश हो कर िमट जाएं गे।
13 ोंिक म तेरा परमे र यहोवा, तेरा दिहना हाथ पकड़कर क ं गा, मत डर, म ते री सहायता क ं गा।।
14 हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इ ाएल के मनु ों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, म ते री सहयता क ं गा; इ ाएल का पिव तेरा छु ड़ाने वाला है।
15 दे ख, म ने तुझे छु रीवाले दांवने का एक नया और चोखा य ठहराया है ; तू पहाड़ों को दांय दांयकर सू म धूिल कर दे गा, और पहािडय़ों को तू भूसे के समान कर दे गा।
16 तू उन को फटकेगा, और पवन उ उड़ा ले जाएगी, और आं धी उ िततर-िबतर कर दे गी। पर ु तू यहोवा के कारण मगन होगा; और इ ाएल के पिव के कारण बड़ाई मारे गा।।
17 जब दीन और द र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पाएं और उनका तालू ास के मारे सू ख जाए; म यहोवा उनकी िबनती सुनूंगा, म इ ाएल का परमे र उन को ाग न दू ं गां
18 म मु े टीलों से भी निदयां और मैदानों के बीच म सोते बहऊंगा; म जं गल को ताल और िनजल दे श को सोते ही सोते कर दू ं गा।
19 म जं गल म दे वदार, बबूल, महदी, और जलपाई उगाऊंगा; म अराबा म सनौवर, ितधार वृ , और सीधा सनौबर इक े लगाऊंगा;
20 िजस से लोग दे खकर जान ल, और सोचकर पूरी रीित से समझ ल िक यह यहोवा के हाथ का िकया आ और इ ाएल के पिव का सृजा आ है।।
21 यहोवा कहता है, अपना मुक मा लड़ो; याकूब का राजा कहता है , अपने माण दो।
22 वे उ दे कर हम को बताएं िक भिव म ा होगा? पू वकाल की घटनाएं बताओ िक आिद म ा ा आ, िजस से हम उ सोच कर जान सक िक भिव म उनका ा फल
होगा; वा होने वाली घटनाएं हम को सुना दो।
23 भिव म जो कुछ घटे गा वह बताओ, तब हम मानगे िक तुम ई र हो; भला वा बु रा; कुछ तो करो िक हम दे ख कर एक चिकत हो जाएं ।
24 दे खो, तु म कुछ नहीं हो, तुम से कुछ नहीं बनता; जो कोई तु चाहता है वह घृ िणत है ।।
25 म ने एक को उ र िदशा से उभारा, वह आ भी गया है; वह पूव िदशा से है और मे रा नाम ले ता है ; जै सा कु ार िगली िम ी को लताड़ता है , वैसा ही वह हािकमों को कीच के समान
लताड़ दे गा।
26 िकस ने इस बात को पिहले से बताया था, िजस से हम यह जानते ? िकस ने पू वकाल से यह गट िकया िजस से हम कह िक वह स ा है? कोई भी बताने वाला नही ं, कोई भी सुनाने
वाला नहीं, तु ारी बातों का कोई भी सुनाने वाला नही ं है।
27 म ही ने पिहले िस ोन से कहा, दे ख, उ दे ख, और म ने य शलेम को एक शुभ समाचार दे ने वाला भेजा।
28 म ने दे खने पर भी िकसी को न पाया; उन म से कोई म ी नही ं जो मे रे पू छने पर कुछ उ र दे सके।
29 सु नो, उन सभों के काम अनथ ह; उनके काम तु ह, और उनकी ढली ई मूितयां वायु और िम ा ह।।
यशायाह 42
1 मे रे दास को दे खो िजसे म संभाले ं, मेरे चुने ए को, िजस से मेरा जी स है ; म ने उस पर अपना आ ा रखा है , वह अ जाितयों के िलये ाय गट करे गा।
2 न वह िच ाएगा और न ऊंचे श से बोलेगा, न सड़क म अपनी वाणी सु नाये गा।
3 कुचले ए नरकट को वह न तोड़े गा और न िटमिटमाती ब ी को बुझाएगा; वह स ाई से ाय चु काएगा।
4 वह न थकेगा और न िहयाव छोड़े गा जब तक वह ाय को पृ ी पर थर न करे ; और ीपों के लोग उसकी व था की बाट जाहगे।।
5 ई र जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सिहत पृ ी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आ ा दे ने वाला यहावो है , वह
यों कहता है :
6 मु झ यहोवा ने तुझ को धम से बुला िलया है; म तेरा हाथ थाम कर तेरी र ा क ं गा; म तुझे जा के िलये वाचा और जाितयों के िलये काश ठहराऊंगा; िक तू अ ों की आं ख खोले ,
7 बंधुओं को ब ीगृह से िनकाले और जो अ यारे म बैठे ह उन को काल कोठरी से िनकाले।
8 म यहोवा ं, मे रा नाम यही है; अपनी मिहमा म दू सरे को न दू ं गा और जो ुित मेरे यो है वह खु दी ई मू रतों को न दू ं गा।
9 दे खो, पिहली बात तो हो चुकी ह, अब म नई बात बताता ं; उनके होने से पिहले म तु म को सु नाता ं ।।
10 हे समु पर चलने वालो, हे समु के सब रहने वालो, हे ीपो, तु म सब अपने रहने वालो समे त यहोवा के िलये नया गीत गाओ और पृ ी की छोर से उसकी ुित करो।
11 जंगल और उस म की ब यां और केदार के बसे ए गांव जयजयकार कर; सेला के रहने वाले जयजयकार कर, वे पहाड़ों की चोिटयों पर से ऊंचे श से ललकार।
12 वे यहोवा की मिहमा गट कर और ीपों म उसका गु णानुवाद कर।
13 यहोवा वीर की नाईं िनकलेगा और यो ा के समान अपनी जलन भड़काएगा, वह ऊंचे श से ललकारे गा और अपने श ुओ ं पर जयव होगा।।
14 ब त काल से तो म चुप रहा और मौन साधे अपने को रोकता रहा; पर ु अब ज ा की नाईं िच ाऊंगा म हां फ हांफकर सांस भ ं गा।
15 पहाड़ों और पहिडय़ों को म सुखा डालूंगा और उनकी सब ह रयाली झुलसा दू ं गा; म निदयों को ीप कर दू ं गा और तालों को सुखा डालूंगा।
16 म अ ों को एक माग से ले चलूंगा िजसे वे नही ं जानते और उन को ऐसे पथों से चलाऊंगा िज वे नही ं जानते । उनके आगे म अ यारे को उिजयाला क ं गा और टे ढ़े माग को
सीधा क ं गा। म ऐसे ऐसे काम क ं गा और उन को न ागूंगा।
17 जो लोग खुदी ई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली ई मू रतों से कहते ह िक तु म हमारे ई र हो, उन को पीछे हटना और अ ल त होना पड़े गा।।
18 हे बिहरो, सुनो; हे अ ो, आं ख खोलो िक तुम दे ख सको!
19 मेरे दास के िसवाय कौन अ ा है? और मेरे भेजे ए दू त के तु कौन बिहरा है? मेरे िम के समान कौन अ ा था यहोवा के दास के तु अ ा कौन है?
20 तू ब त सी बातों पर ि करता है पर ु उ दे खता नहीं है ; कान तो खुले ह पर ु सु नता नहीं है ।।
21 यहोवा को अपनी धािमकता के िनिम ही यह भाया है िक व था की बड़ाई अिधक करे ।
22 पर ु ये लोग लुट गए ह, ये सब के सब गड़िहयों म फंसे ए और काल कोठ रयों म ब िकए ए ह; ये पकड़े गए और कोई इ नहीं छु ड़ाता; ये लुट गए और कोई आ ा नही ं दे ता
िक फेर दो।
23 तुम म से कौन इस पर कान लगाएगा? कौन ान धर के होनहार के िलये सु नेगा?
24 िकस ने याकूब को लुटवाया और इ ाएल को लु टेरों के वश म कर िदया? ा यहोवा ने यह नही ं िकया िजसके िव हम ने पाप िकया, िजसके माग पर उ ोंने चलना न चाहा और
न उसकी व था को माना?
25 इस कारण उस पर उसने अपने ोध की आग भड़काई और यु का बल चलाना; और यि प आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा; वह जल भी गया, तौभी न चे ता।।
यशायाह 43
1 हे इ ाएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है , मत डर, ोंिक म ने तुझे छु ड़ा िलया है; म ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है ।
2 जब तू जल म हो कर जाए, म तेरे संग संग र ंगा और जब तू निदयों म हो कर चले , तब वे तु झे न डु बा सकगी; जब तू आग म चले तब तुझे आं च न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला
सकेगी।
3 ोंिक म यहोवा तेरा परमे र ं, इ ाएल का पिव म तेरा उ ारकता ं। ते री छु ड़ौती म म िम को और तेरी स ी कूश और सबा को दे ता ं।
4 मे री ि म तू अनमोल और िति त ठहरा है और म तुझ से े म रखता ं, इस कारण म ते री स ी मनु ों को और ते रे ाण के बदले म रा रा के लोगों को दे दू ं गा।
5 मत डर, ोंिक म ते रे साथ ं; म तेरे वंश को पूव से ले आऊंगा, और प म से भी इक ा क ं गा।
6 म उ र से क ंगा, दे दे , और द न से िक रोक मत रख; मे रे पु ों को दू र से और मेरी पुि यों को पृ ी की छोर से ले आओ;
7 हर एक को जो मेरा कहलाता है, िजस को म ने अपनी मिहमा के िलये सृ जा, िजस को म ने रचा और बनाया है।।
8 आं ख रहते ए अ ों को और कान रहते ए बिहरों को िनकाल ले आओ!
9 जाित जाित के लोग इक े िकए जाएं और रा रा के लोग एकि त हों। उन म से कौन यह बात बता सकता वा बीती ई बात हम सुना सकता है? वे अपने सा ी ले आएं िजस से वे
स े ठहर, वे सुन ल और कह, यह स है।
10 यहोवा की वाणी है िक तुम मेरे सा ी हो और मेरे दास हो, िज म ने इसिलये चु ना है िक समझ कर मे री तीित करो और यह जान लो िक म वही ं। मुझ से पिहले कोई ई र न
आ और न मेरे बाद कोई होगा।
11 म ही यहोवा ं और मुझे छोड़ कोई उ ारकता नहीं।
12 म ही ने समाचार िदया और उ ार िकया और वणन भी िकया, जब तु ारे बीच म कोई पराया दे वता न था; इसिलये तुम ही मेरे सा ी हो, यहोवा की यह वाणी है।
13 म ही ई र ं और भिव म भी म ही ं; मेरे हाथ से कोई छु ड़ा न सकेगा; जब म काम करना चा ं तब कौन मु झे रोक सकेगा।।
14 तु ारा छु ड़ाने वाला और इ ाएल का पिव यहोवा यों कहता है, तु ारे िनिम म ने बाबुल को भे जा है, और उसके सब रहने वालों को भगोड़ों की दशा म और कसिदयों को भी
उ ी ं के जहाजों पर चढ़ाकर ले आऊंगा िजन के िवषय वे बड़ा बोल बोलते ह।
15 म यहोवा तु ारा पिव , इ ाएल का सृजनहार, तु ारा राजा ं ।
16 यहोवा जो समु म माग और च धारा म पथ बनाता है ,
17 जो रथों और घोड़ों को और शूरवीरों समेत सेना को िनकाल लाता है , (वे तो एक सं ग वही ं रह गए और िफर नही ं उठ सकते , वे बु झ गए, वे सन की ब ी की नाईं बु झ गए ह।) वह यों
कहता है ,
18 अब बीती ई घटनाओं का रण मत करो, न ाचीनकाल की बातों पर मन लगाओ।
19 दे खो, म एक नई बात करता ं; वह अभी गट होगी, ा तुम उस से अनजान रहोगे ? म जं गल म एक माग बनाऊंगा और िनजल दे श म निदयां बहाऊंगा।
20 गीदड़ और शुतमुग आिद जंगली ज ु मेरी मिहमा करगे; ोंिक म अपनी चु नी ई जा के पीने के िलये जंगल म जल और िनजल दे श म निदयां बहाऊंगा।
21 इस जा को म ने अपने िलये बनाया है िक वे मेरा गुणानुवाद कर।।
22 तौभी हे याकूब, तू ने मुझ से ाथना नही ं की; वरन हे इ ाएल तू मुझ से उकता गया है !
23 मेरे िलये होमबिल करने को तू मे े नहीं लाया और न मेलबिल चढ़ा कर मेरी मिहमा की है। दे ख, म ने अ बिल चढ़ाने की किठन सेवा तुझ से नहीं कराई, न तुझ से धूप ले कर तु झे
थका िदया है ।
24 तू मे रे िलये सुग त नरकट पऐ से मोल नही ं लाया और न मेलबिलयों की चब से मु झे तृ िकया। पर ु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाट िदया है, और अपने अधम
के कामों से मु झे थका िदया है।।
25 म वही ं जो अपने नाम के िनिम तेरे अपराधों को िमटा दे ता ं और तेरे पापों को रण न क ं गा।
26 मुझे रण करो, हम आपस म िववाद कर; तू अपनी बात का वणन कर िजस से तू िनद ष ठहरे ।
27 तेरा मूलपु ष पापी आ और जो जो मेरे और तु ारे बीच िबचवई ए, वे मु झ से बलवा करते चले आए ह।
28 इस कारण म ने पिव थान के हािकमों को अपिव ठहराया, म ने याकूब को स ानाश और इ ाएल को िन त होने िदया है।।
यशायाह 44
1 पर ु अब हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने ए इ ाएल, सुन ले !
2 तेरा क ा यहोवा, जो तुझे गभ ही से बनाता आया और तेरी सहायता करे गा, यों कहता है, हे मेरे दास याकूब, हे मे रे चुने ए यशू न, मत डर!
3 ोंिक म ासी भूिम पर जल और सूखी भूिम पर धाराएं बहाऊंगा; म तेरे वंश पर अपनी आ ा और ते री स ान पर अपनी आशीष उ े लूंगा।
4 वे उन मजनु ओं की नाईं बढ़गे जो धाराओं के पास घास के बीच म होते ह।
5 कोई कहेगा, म यहोवा का ं, कोई अपना नाम याकूब रखे गा, कोई अपने हाथ पर िलखे गा, म यहोवा का ं , और अपना कुलनाम इ ाएली बताएगा।।
6 यहोवा, जो इ ाएल का राजा है, अथात सेनाओं का यहोवा जो उसका छु ड़ाने वाला है, वह यों कहता है, म सब से पिहला ं, और म ही अ तक र ंगा; मुझे छोड़ कोई परमे र है ही
नही ं।
7 और जब से म ने ाचीनकाल म मनु ों को ठहराया, तब से कौन आ जो मे री नाईं उसको चार करे , वा बताए वा मेरे िलये रचे अथवा होनहार बात पिहले ही से गट करे ?
8 मत डरो और न भयमान हो; ा म ने ाचीनकाल ही से ये बात तु नहीं सुनाईं और तुम पर गट नही ं कीं? तु म मेरे सा ी हो। ा मुझे छोड़ कोई और परमे र है ? नही ं, मु झे छोड़
कोई च ान नही ं; म िकसी और को नही ं जानता।।
9 जो मूरत खोदकर बनाते ह, वे सब के सब थ ह और िजन व ुओं म वे आन ढूंढते उन से कुछ लाभ न होगा; उसके सा ी, न तो आप कुछ दे खते और न कुछ जानते ह, इसिलये
उन को ल त होना पड़े गा।
10 िकस ने दे वता वा िन ल मूरत ढाली है?
11 दे ख, उसके सब संिगयों को तो ल त होना पड़े गा, कारीगर तो मनु ही है ; वे सब के सब इक े हो कर खड़े हों; वे डर जाएं गे; वे सब के सब ल त होंगे।
12 लोहार एक बसूला अंगारों म बनाता और हथौड़ों से गढ़कर तै यार करता है, अपने भुजबल से वह उसको बनाता है ; िफर वह भू खा हो जाता है और उसका बल घटता है, वह पानी
नही ं पीता और थक जाता है।
13 बढ़ई सू त लगाकर टांकी से रखा करता है और र नी से काम करता और परकार से रे खा खीच ं ता है, वह उसका आकार और मनु की सी सु रता बनाता है तािक लोग उस घर
म रख।
14 वह दे वदार को काटता वा वन के वृ ों म से जाित जाित के बां जवृ चुनकर से वता है, वह एक तू स का वृ लगाता है जो वषा का जल पाकर बढ़ता है।
15 तब वह मनु के ईंधन के काम म आता है; वह उस म से कुछ सु लगाकर तापता है, वह उसको जलाकर रोटी बनाता है; उसी से वह दे वता भी बनाकर उसको द वत करता है ;
वह मूरत खुदवाकर उसके सा ने णाम करता है।
16 उसका एक भाग तो वह आग म जलाता और दू सरे भाग से मां स पकाकर खाता है , वह मां स भू नकर तृ होता; िफर तपाकर कहता है, अहा, म गम हो गया, म ने आग दे खी है !
17 उसके बचे ए भाग को लेकर वह एक दे वता अथात एक मू रत खोदकर बनाता है; तब वह उसके सा ने णाम और द वत करता और उस से ाथना कर के कहता है , मु झे बचा
ले , ोंिक तू मे रा दे वता है। वे कुछ नहीं जानते, न कुछ समझ रखते ह;
18 ोंिक उनकी आं ख ऐसी मू ी गई ह िक वे दे ख नही ं सकते; और उनकी बु ऐसी िक वे बू झ नहीं सकते।
19 कोई इस पर ान नही ं करता, और न िकसी को इतना ान वा समझ रहती है िक कह सके, उसका एक भाग तो म ने जला िदया और उसके कोयलों पर रोटी बनाईं; और मांस
भू नकर खाया है; िफर ा म उसके बचे ए भाग को िघनौनी व ु बनाऊं? ा म काठ को णाम क ं ?
20 वह राख खाता है; भरमाई ई बु के कारण वह भटकाया गया है और वह न अपने को बचा सकता और न यह कह सकता है, ा मेरे दािहने हाथ म िम ा नही ं?
21 हे याकूब, हे इ ाएल, इन बातों को रण कर, तू मेरा दास है, म ने तुझे रचा है; हे इ ाएल, तू मे रा दास है , म तुझ को न िबसराऊंगा।
22 म ने तेरे अपराधों को काली घटा के समान और तेरे पापों को बादल के समान िमटा िदया है ; मे री ओर िफर लौट आ, ोंिक म ने तुझे छु ड़ा िलया है।।
23 हे आकाश, ऊंचे र से गा, ोंिक यहोवा ने यह काम िकया है; हे पृ ी के गिहरे थानों, जयजयकार करो; हे पहाड़ों, हे वन, हे वन के सब वृ ों, गला खोल कर ऊंचे र से गाओ!
ोंिक यहोवा ने याकूब को छु ड़ा िलया है और इ ाएल म मिहमावान होगा।।
24 यहोवा, तेरा उ ारक ा, जो तुझे गभ ही से बनाता आया है, यों कहता है, म यहोवा ही सब का बनाने वाला ं िजसने अकेले ही आकाश को ताना और पृ ी को अपनी ही श से
फैलाया है ।
25 म झूठे लोगों के कहे ए िच ों को थ कर दे ता और भावी कहने वालों को बावला कर दे ता ं ; जो बु मानों को पीछे हटा दे ता और उनकी प ताई को मूखता बनाता ं ;
26 और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दू तों की यु को सफल करता ं; जो य शले म के िवषय कहता है, वह िफर बसाई जाएगी और य दा के नगरों के िवषय, वे
िफर बनाए जाएं गे और म उनके ख हरों को सु धा ं गा;
27 जो गिहरे जल से कहता है, तू सूख जा, म तेरी निदयों को सुखाऊंगा;
28 जो कु ू के िवषय म कहता है, वह मेरा ठहराया आ चरवाहा है और मे री इ ा पू री करे गा; य शले म के िवषय कहता है, वह बसाई जाएगी और म र के िवषय िक तेरी नेव
डाली जाएगी।।
यशायाह 45
1 यहोवा अपने अिभिष कु ू के िवषय यों कहता है, म ने उस के दािहने हाथ को इसिलये थाम िलया है िक उसके सा ने जाितयों को दबा दू ं और राजाओं की कमर ढीली क ं ,
उसके सा ने फाटकों को ऐसा खोल दू ं िक वे फाटक ब न िकए जाएं ।
2 म तेरे आगे आगे चलूंगा और ऊंची ऊंची भूिम को चौरस क ं गा, म पीतल के िकवाड़ों को तोड़ डालूंगा और लोहे के बेड़ों को टु कड़े टु कड़े कर दू ं गा।
3 म तुझ को अ कार म िछपा आ और गु थानों म गड़ा आ धन दू ं गा, िजस से तू जाने िक म इ ाएल का परमे र यहोवा ं जो तुझे नाम ले कर बुलाता है।
4 अपने दास याकूब और अपने चुने ए इ ाएल के िनिम म ने नाम ले कर तु झे बु लाया है ; यि प तू मुझे नही ं जानता, तौभी म ने तुझे पदवी दी है।
5 म यहोवा ं और दू सरा कोई नहीं, मुझे छोड़ कोई परमे र नही ं; य िप तू मुझे नही ं जानता, तौभी म ते री कमर कसूं गा,
6 िजस से उदयाचल से ले कर अ ाचल तक लोग जान ल िक मुझ िबना कोई है ही नही ं है।
7 म उिजयाले का बनाने वाला और अ यारे का सृजनहार ं , म शा का दाता और िवपि को रचता ं , म यहोवा ही इन सभों का क ा ं।
8 हे आकाश, ऊपर से धम बरसा, आकाशम ल से धम की वषा हो; पृ ी खु ले िक उ ार उ हो; और धम भी उसके संग उगाए; म यहोवा ही ने उसे उ िकया है ।।
9 हाय उस पर जो अपने रचने वाले से झगड़ता है! वह तो िम ी के ठीकरों म से एक ठीकरा ही है! ा िम ी कु ार से कहेगी, तू यह ा करता है? ा कारीगर का बनाया आ काय
उसके िवषय कहेगा िक उसके हाथ नहीं है?
10 हाय उस पर जो अपने िपता से कहे, तू ा ज ाता है? और मां से कहे, तू िकस की माता है ?
11 यहोवा जो इ ाएल का पिव और उसका बनाने वाला है, वह यों कहता है, ा तु म आने वाली घटनाएं मुझ से पू छोगे? ा मेरे पु ोंऔ र मे रे कामों के िवषय मुझे आ ा दोगे ?
12 म ही ने पृ ी को बनाया और उसके ऊपर मनु ों को सृजा है ; म ने अपने ही हाथों से आकाश को ताना और उसके सारे गणों को आ ा दी है।
13 म ही ने उस पु ष को धािमकता से उभारा है और म उसके सब माग को सीधा क ं गा; वह मे रे नगर को िफर बसाएगा और मेरे बंधुओं को िबना दाम या बदला िलये छु ड़ा दे गा,
सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।
14 यहोवा यों कहता है, िमि यों की कमाई और कूिशयों के ोपार का लाभ और सबाई लोग जो डील-डौल वाले ह, तेरे पास चले आएं गे, और तेरे ही हो जाएं गे, वे तेरे पीछे पीछे चलगे ;
वे सांकलों म ब े ए चले आएं गे और तेरे सा ने द वत कर तुझ से िबनती कर के कहगे , िन य परमे र तेरे ही साथ है और दू सरा कोई नहीं; उसके िसवाय कोई और परमे र
नही ं।।
15 हे इ ाएल के परमे र, हे उ ारक ा! िन य तू ऐसा ई र है जो अपने को गु रखता है ।
16 मूितयों के गढ़ने वाले सब के सब ल त और चिकत होंगे, वे सब के सब ाकुल होंगे।
17 पर ु इ ाएल यहोवा के ारा युग युग का उ ार पाएगा; तुम यु ग यु ग वरन अन काल तक न तो कभी ल त और न कभी ाकुल होगे।।
18 ोंिक यहोवा जो आकाश का सृजनहार है, वही परमे र है ; उसी ने पृ ी को रचा और बनाया, उसी ने उसको थर भी िकया; उसने उसे सुनसान रहने के िलये नही ं पर ु बसने के
िलये उसे रचा है । वही यों कहता है, म यहोवा ं, मेरे िसवा दू सरा और कोई नही ं है।
19 म ने न िकसी गु थान म, न अ कार दे श के िकसी थान म बात की ं; म ने याकूब के वंश से नही ं कहा, मुझे थ म ढूंढ़ों। म यहोवा स ही कहता ं, म उिचत बात ही बताता
आया ं।।
20 हे अ जाितयों म से बचे ए लोगो, इक े हो कर आओ, एक सं ग िमलकर िनकट आओ! वह जो अपनी लकड़ी की खोदी ई मूरत िलये िफरते ह और ऐसे दे वता से िजस से उ ार
नही ं हो सकता, ाथना करते ह, वे अ ान ह।
21 तुम चार करो और उन को लाओ; हां, वे आपस म स ित कर िकस ने ाचीनकाल से यह गट िकया? िकस ने ाचीनकाल म इसकी सूचना पिहले ही से दी? ा म यहोवा ही ने
यह नही ं िकया? इसिलये मुझे छोड़ कोई और दू सरा परमे र नही ं है , धम और उ ारकता ई र मुझे छोड़ और कोई नही ं है।।
22 हे पृ ी के दू र दू र के दे श के रहने वालो, तुम मेरी ओर िफरो और उ ार पाओ! ोंिक म ही ई र ं और दू सरा कोई नहीं है।
23 म ने अपनी ही शपथ खाई, धम के अनुसार मे रे मुख से यह वचन िनकला है और वह नही ं टलेगा, ेक घु टना मेरे स ु ख झुकेगा और ेक के मुख से मेरी ही शपथ खाई
जाएगी।।
24 लोग मे रे िवषय म कहगे, केवल यहोवा ही म धम और श है । उसी के पास लोग आएं गे । और जो उस से ठे रहगे, उ ल त होना पड़े गा।
25 इ ाएल के सारे वंश के लोग यहोवा ही के कारण धम ठहरगे , और उसकी मिहमा करगे।।
यशायाह 46
1 बेल दे वता झुक गया, नबो दे वता नब गया है, उनकी ितमाएं पशुओं वरन घरै लू पशुओं पर लदी ह; िजन व ु ओं को तु म उठाए िफरते थे, वे अब भारी बोझ हो गईं और थिकत पशुओं
पर लदी ह।
2 वे नब गए, वे एक संग झुक गए, वे उस भार को छु ड़ा नही ं सके, और आप भी बं धुआई म चले गए ह।।
3 हे याकूब के घराने, हे इ ाएल के घराने के सब बचे ए लोगो, मेरी ओर कान लगाकर सु नो; तुम को म तु ारी उ ि ही से उठाए रहा और ज ही से िलये िफरता आया ं ।
4 तु ारे बु ढ़ापे म भी म वैसा ही बना र ंगा और तु ारे बाल पकने के समय तक तु उठाए र ंगा। म ने तु बनाया और तु िलये िफरता र ंगा;
5 म तु उठाए र ंगा और छु ड़ाता भी र ंगा।। तुम िकस से मे री उपमा दोगे और मु झे िकस के समान बताओगे , िकस से मेरा िमलान करोगे िक हम एक समान ठहर?
6 जो थै ली से सोना उ े लते वा कांटे म चा ी तौलते ह, जो सुनार को मजदु री दे कर उस से दे वता बनवाते ह, तब वे उसे णाम करते वरन द वत भी करते ह!
7 वे उसको क े पर उठा कर िलये िफरते ह, वे उसे उसके थान म रख दे ते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने थान से हट नहीं सकता; यिद कोई उसकी दोहाई भी दे , तौभी न
वह सुन सकता है और न िवपि से उसका उ ार कर सकता है ।।
8 हे अपरािधयों, इस बात को रण करो और ान दो, इस पर िफर मन लगाओ।
9 ाचीनकाल की बात रण करो जो आर ही से है; ोंिक ई र म ही ं, दू सरा कोई नही ं; म ही परमे र ं और मे रे तु कोई भी नही ं है ।
10 म तो अ की बात आिद से और ाचीनकाल से उस बात को बताता आया ं जो अब तक नहीं ई। म कहता ं , मे री यु थर रहेगी और म अपनी इ ा को पूरी क ं गा।
11 म पू व से एक उकाब प ी को अथात दू र दे श से अपनी यु के पूरा करने वाले पु ष को बुलाता ं। म ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी क ं गा; म ने यह िवचार बा ा है
और उसे सफल भी क ं गा।
12 हे कठोर मनवालो तुम जो धम से दू र हो, कान लगाकर मेरी सु नो।
13 म अपनी धािमकता को समीप ले आने पर ं वह दू र नहीं है , और मेरे उ ार करने म िवल न होगा; म िस ोन का उ ार क ं गा और इ ाएल को मिहमा दू ं गा।।
यशायाह 47
1 हे बाबु ल की कुमारी बेटी, उतर आ और धूिल पर बैठ; हे कसिदयों की बे टी तू िबना िसं हासन भू िम पर बै ठ! ोंिक तू अब िफर कोमल और सुकुमार न कहलाएगी।
2 च ी ले कर आटा पीस, अपना घूंघट हटा और घाघरा समट ले और उघारी टांगों से निदयों को पार कर।
3 तेरी न ता उघाड़ी जाएगी और तेरी ल ा गट होगी। म बदला लूंगा और िकसी मनु को हण न क ं गा।।
4 हमारा छु टकारा दे ने वाले का नाम सेनाओं का यहोवा और इ ाएल का पिव है ।।
5 हे कसिदयों की बेटी, चुपचाप बैठी रह और अ यारे म जा; ोंिक तू अब रा रा की ािमन न कहलाएगी।
6 म ने अपनी जा से ोिधत हो कर अपने िनज भाग को अपिव ठहराया और ते रे वश म कर िदया; तू ने उन पर कुछ दया न की; बूढ़ों पर तू ने अपना अ भारी जू आ रख िदया।
7 तू ने कहा, म सवदा ािमन बनी र ंगी, सो तू ने अपने मन म इन बातों पर िवचार न िकया और यह भी न सोचा िक उनका ा फल होगा।।
8 इसिलये सुन, तू जो राग-रं ग म उलझी ई िनडर बैठी रहती है और मन म कहती है िक म ही ं , और मु झे छोड़ कोई दू सरा नही ं; म िवधवा की नाईं न बैठूंगी और न मेरे लड़के-बोले
िमटगे।
9 सु न, ये दोनों दु :ख अथात लड़कों का जाता रहना और िवधवा हो जाना, अचानक एक ही िदन तु झ पर आ पड़गे । ते रे ब त से टोनों और तेरे भारी भारी त -म ों के रहते भी ये तुझ
पर अपने पूरे बल से आ पड़गे।।
10 तू ने अपनी दु ता पर भरोसा रखा, तू ने कहा, मुझे कोई नही ं दे खता; तेरी बु और ान ने तु झे बहकाया और तू ने अपने मन म कहा, म ही ं और मेरे िसवाय कोई दू सरा नही।ं
11 पर ु ते री ऐसी दु गती होगी िजसका म तू नही ं जानती, और तुझ पर ऐसी िवपि पड़े गी िक तू ायि त कर के उसका िनवारण न कर सकेगी; अचानक िवनाश तु झ पर आ पड़े गा
िजसका तु झे कुछ भी पता नही ं।।
12 अपने त म और ब त से टोनहों को, िजनका तू ने बा ाव था ही से अ ास िकया है उपयोग म ला, स व है तू उन से लाभ उठा सके या उनके बल से थर रह सके।
13 तू तो यु करते करते थक गई है; अब तेरे ोितषी जो न ों को ान से दे खते और नये नये चा को दे खकर होनहार बताते ह, वे खड़े हो कर तुझे उन बातों से बचाए जो तुझ
पर घटगी।।
14 दे ख; वे भूसे के समान हो कर आग से भ हो जाएं गे; वे अपने ाणों को ाला से न बचा सकगे। वह आग तापने के िलये नही ं, न ऐसी होगी िजसके सा ने कोई बै ठ सके!
15 िजनके िलये तू प र म करती आई है वे सब तेरे िलये वैसे ही होंगे, और जो तेरी युवाव था से ते रे सं ग ापार करते आए ह, उन म से ेक अपनी अपनी िदशा की ओर चले जाएं गे;
तेरा बचाने वाला कोई न रहेगा।।
यशायाह 48
1 हे याकूब के घराने, यह बात सुन, तुम जो इ ाएली कहलाते हो; जो यहोवा के नाम की शपथ खाते हो और इ ाएल के परमे र की चचा तो करते हो, पर ु स ाई और धम से नहीं
करते ।
2 ोंिक वे अपने को पिव नगर के बताते ह, और इ ाएल के परमे र पर िजसका नाम सेनाओं का यहोवा है भरोसा करते ह।।
3 होने वाली बातों को तो म ने ाचीनकाल ही से बताया है , और उनकी चचा मेरे मुं ह से िनकली, म ने अचानक उ गट िकया और वे बात सचमुच ईं।
4 म जानता था िक तू हठीला है और तेरी गदन लोहे की नस और तेरा माथा पीतल का है ।
5 इस कारण म ने इन बातों को ाचीनकाल ही से तुझे बताया उनके होने से पिहले ही म ने तुझे बता िदया, ऐसा न हो िक तू यह कह पाए िक यह मेरे दे वता का काम है , मे री खोदी और
ढली ई मूितयों की आ ा से यह आ।।
6 तू ने सु ना हे , सो अब इन सब बातों पर ान कर; और दे खो, ा तुम उसका चार न करोगे ? अब से म तुझे नई नई बात और एसी गु बात सुनाऊंगा िज तू नही ं जानता।
7 वे अभी अभी सृजी गई ह, ाचीनकाल से नहीं; पर ु आज से पिहले तू ने उ सुना भी न था, ऐसा न हो िक तू कहे िक दे ख म तो इ जानता था।
8 हां िन य तू ने उ न तो सुना, न जाना, न इस से पिहले तेरे कान ही खु ले थे। ोंिक म जानता था िक तू िन य िव ासघात करे गा, और गभ ही से तेरा नाम अपराधी पड़ा है ।।
9 अपने ही नाम के िनिम म ोध करने म िवल करता ं, ओर अपनी मिहमा के िनिम अपने तईं रोक रखता ं, ऐसा न हो िक म तुझे काट डालूं।
10 दे ख, म ने तुझे िनमल तो िकया, पर ु, चा ी की नाईं नही ं; म ने दु :ख की भ ी म परखकर तु झे चु न िलया है ।
11 अपने िनिम , हां अपने ही िनिम म ने यह िकया है, मेरा नाम ों अपिव ठहरे ? अपनी मिहमा म दू सरे को नहीं दू ं गा।।
12 हे याकूब, हे मेरे बुलाए ए इ ाएल, मेरी ओर कान लगाकर सुन! म वही ं , म ही आिद और म ही अ ं।
13 िन य मे रे ही हाथ ने पृ ी की नेव डाली, और मेरे ही दािहने हाथ ने आकाश फैलाया; जब म उन को बु लाता ं , वे एक साथ उप थत हो जाते ह।।
14 तुम सब के सब इक े हो कर सुनो! उन म से िकस ने कभी इन बातों का समाचार िदया? यहोवा उस से े म रखता है : वह बाबुल पर अपनी इ ा पूरी करे गा, और कसिदयों पर
उसका हाथ पड़े गा।
15 म ने, हां म ही ने कहा और उसको बुलाया है, म उसको ले आया ं , और, उसका काम सफल होगा।
16 मेरे िनकट आकर इस बात को सुनो: आिद से ले कर अब तक म ने कोई भी बात गु म नहीं कही; जब से वह आ तब से म वहां ं। और अब भु यहोवा ने और उसकी आ ा ने
मुझे भेज िदया है।।
17 यहोवा जो तेरा छु ड़ाने वाला और इ ाएल का पिव है, वह यों कहता है, म ही तेरा परमे र यहोवा ं जो तुझे ते रे लाभ के िलये िश ा दे ता ं, और िजस माग से तुझे जाना है उसी माग
पर तुझे ले चलता ं ।
18 भला होता िक तू ने मेरी आ ाओं को ान से सुना होता! तब तेरी शा नदी के समान और ते रा धम समु की लहरों के नाईं होता;
19 तेरा वंश बालू के िकनकों के तु होता, और तेरी िनज स ान उसके कणों के समान होती; उनका नाम मेरे स ु ख से न कभी काटा और न िमटाया जाता।।
20 बाबु ल म से िनकल जाओ, कसिदयों के बीच म से भाग जाओ; जयजयकार करते ए इस बात को चार कर के सु नाओ, पृ ी की छोर तक इसकी चचा फैलाओ; कहते जाओ िक
यहोवा ने अपने दास याकूब को छु ड़ा िलया है!
21 जब वह उ िनजल दे शों म ले गया, तब वे ासे न ए; उसने उनके िलये च ान म से पानी िनकाला; उसने च ान को चीरा और जल बह िनकला।
22 दु ों के िलये कुछ शा नहीं, यहोवा का यही वचन है।।
यशायाह 49
1 हे ीपो, मेरी और कान लगाकर सुनो; हे दू र दू र के रा ों के लोगों, ान लगा कर मे री सु नो! यहोवा ने मु झे गभ ही म से बुलाया, जब म माता के पेट म था, तब ही उसने मे रा नाम
बताया।
2 उसने मे रे मुंह को चोखी तलवार के समान बनाया और अपने हाथ की आड़ म मुझे िछपा रखा; उसने मु झ को चमिकला तीर बनाकर अपने तकश म गु रखा।
3 और मु झ से कहा, तू मेरा दास इ ाएल है, म तुझ म अपनी मिहमा गट क ं गा।
4 तब म ने कहा, म ने तो थ प र म िकया, म ने थ ही अपना बल खो िदया है ; तौभी िन य मेरा ाय यहोवा के पास है और मेरे प र म का फल मेरे परमे र के हाथ म है।।
5 और अब यहोवा िजसने मुझे ज ही से इसिलये रख िक म उसका दास हो कर याकूब को उसकी ओर फेर ले आऊं अथात इ ाएल को उसके पास इक ा क ं , ोंिक यहोवा की
ि म म आदरयो ं और मेरा परमे र मेरा बल है,
6 उसी ने मुझ से यह भी कहा है, यह तो हलकी सी बात है िक तू याकूब के गो ों का उ ार करने और इ ाएल के रि त लोगों को लौटा ले आने के िलये मेरा सेवक ठहरे ; म तुझे
अ जाितयों के िलये ोित ठहराऊंगा िक मेरा उ ार पृ ी की एक ओर से दू सरी ओर तक फैल जाए।।
7 जो मनु ों से तु जाना जाता, िजस से जाितयों को घृणा है, और, जो अपरािधयों का दास है , इ ाएल का छु ड़ाने वाला और उसका पिव अथात यहावो यों कहता है, िक राजा उसे
दे खकर खड़े हो जाएं गे और हािकम द वत करगे; यह यहोवा के िनिम होगा, जो स ा और इ ाएल का पिव है और िजसने तुझे चुन िलया है।।
8 यहोवा यों कहता है, अपनी स ता के समय म ने तेरी सु न ली, उ ार करने के िदन म ने ते री सहायता की है ; म ते री र ा कर के तु झे लोगों के िलये एक वाचा ठहराऊंगा, तािक दे श
को थर करे और उजड़े ए थानों को उनके अिधका रयों के हाथ म दे दे ; और बं धुओं से कहे, ब ीगृ ह से िनकल आओ;
9 और जो अ यारे म ह उन से कहे, अपने आप को िदखलाओ! वे माग के िकनारे िकनारे पे ट भरने पाएं गे , सब मु े टीलों पर भी उन को चराई िमलेगी।
10 वे भू खे और ासे होंगे, न लू ह और न घाम उ लगेगा, ोंिक, वह जो उन पर दया करता है, वही उनका अगुवा होगा, और जल के सोतों के पास उ ले चलेगा।
11 और, म अपने सब पहाड़ों को माग बना दू ं गा, और मेरे राजमाग ऊंचे िकए जाएं गे ।
12 दे खो, ये दू र से आएं गे, और, ये उ र और प म से और सीिनयों के दे श से आएं गे।
13 हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृ ी, मगन हो; हे पहाड़ों, गला खोल कर जयजयकार करो! ोंिक यहोवा ने अपनी जा को शा दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है।।
14 पर ु िस ोन ने कहा, यहोवा ने मुझे ाग िदया है, मेरा भु मुझे भू ल गया है ।
15 ा यह हो सकता है िक कोई माता अपने दू धिपउवे ब े को भूल जाए और अपने ज ाए ए लड़के पर दया न करे ? हां, वह तो भूल सकती है, पर ु म तुझे नही ं भू ल सकता।
16 दे ख, म ने तेरा िच हथेिलयों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदै व मेरी ि के सा ने बनी रहती है ।
17 तेरे लड़के फुत से आ रहे ह और ख हर बनाने वाले और उजाड़ने वाले ते रे बीच से िनकले जा रहे ह।
18 अपनी आं ख उठा कर चारों ओर दे ख, वे सब के सब इक े हो कर तेरे पास आ रहे ह। यहोवा की यह वाणी है िक मे रे जीवन की शपथ, तू िन य उन सभों को गहने के समान पिहल
ले गी, तू दु न की नाईं अपने शरीर म उन सब को बा लेगी।।
19 तेरे जो थान सुनसान और उजड़े ह, और तेरे जो दे श ख हर ही ख हर ह, उन म अब िनवासी न समाएं गे, और, तु झे न करने वाले दू र हो जाएं गे।
20 तेरे पु जो तु झ से ले िलये गए वे िफर तेरे कान म कहने पाएं गे िक यह थान हमारे िलये सकेत है, हम और थान दे िक उस म रह।
21 तब तू मन म कहेगी, िकस ने इन को मेरे िलये ज ाया? म तो पु हीन और बां झ हो गई थी, दास म और यहां वहां म घूमती रही, इन को िकस ने पाला? दे ख, म अकेली रह गई थी;
िफर ये कहां थे?
22 भु यहोवा यों कहता है, दे ख, म अपना हाथ जाित जाित के लोगों की ओर उठाऊंगा, और दे श दे श के लोगों के सा ने अपना झ ा खड़ा क ं गा; तब वे तेरे पु ों को अपनी गोद म
िलये आएं गे , और तेरी पुि यों को अपने क े पर चढ़ाकर तेरे पास प ं चाएं गे ।
23 राजा ते रे ब ों के िनज-से वक और उनकी रािनयां दू ध िपलाने के िलये तेरी धाइयां होंगी। वे अपनी नाक भू िम पर रगड़ कर तु झे द वत करगे और ते रे पां वों की धूिल चाटगे । तब तू
यह जान ले गी िक म ही यहोवा ं; मेरी बाट जोहने वाले कभी ल त न होंगे।।
24 ा वीर के हाथ से िशकार छीना जा सकता है? ा दु के बं धुए छु ड़ाए जा सकते ह?
25 तौभी यहोवा यों कहता है, हां, वीर के बंधुए उस से छीन िलये जां एगे , और बला ारी का िशकार उसके हाथ से छु ड़ा िलया जाएगा, ोंिक जो तु झ से लड़ते ह उन से म आप
मुक मा लडूंगा, और तेरे लड़के-बालों का म उ ार क ं गा।
26 जो तुझ पर अ ेर करते ह उन को म उ ी ं का मांस खलाऊंगा, और, वे अपना लो पीकर ऐसे मत वाले होंगे जैसे नये दाखमधु से होते ह। तब सब ाणी जान लगे िक ते रा
उ ारकता यहोवा और तेरा छु ड़ाने वाला, याकूब का श मान म ही ं ।।
यशायाह 50
1 तु ारी माता का ागप कहां है? िजसे म ने उसे ागते समय िदया था? या म ने िकस ोपारी के हाथ तु बे चा? यहोवा यों कहता है, सुनो, तुम अपने ही अधम के कामों के कारण
िबक गए, और तु ारे ही अपराधों के कारण तु ारी माता छोड़ दी गई।
2 इसका ा कारण है िक जब म आया तब कोई न िमला? और जब म ने पु कारा, तब कोई न बोला? ा मे रा हाथ ऐसा छोटा हो गया है िक छु ड़ा नही ं सकता? ा मु झ म उ ार
करने की श नहीं? दे खो, म एक धमकी से समु को सु खा दे ता ं, म महानदों को रे िग ान बना दे ता ं, उनकी मछिलयां जल िबना मर जाती और बसाती ह।
3 म आकाश को मानो शोक का काला कपड़ा पिहनाता, और टाट को उनका ओढ़ना बना दे ता ं ।।
4 भु यहोवा ने मु झे सीखने वालों की जीभ दी है िक म थके ए को अपने वचन के ारा संभालना जानूं । भोर को वह िनत मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है िक म िश के समान
सु नूं।
5 भु यहोवा ने मेरा कान खोला है, और म ने िवरोध न िकया, न पीछे हटा।
6 म ने मारने वालों को अपनी पीठ और गलमोछ नोचने वालों की ओर अपने गाल िकए; अपमािनत होने और थू कने से म ने मुंह न िछपाया।।
7 ोंिक भु यहोवा मेरी सहायता करता है, इस कारण म ने संकोच नहीं िकया; वरन अपना माथा चकमक की नाईं कड़ा िकया ोंिक मु झे िन य था िक मुझे ल त होना न पड़े गा।
8 जो मुझे धम ठहराता है वह मेरे िनकट है। मेरे साथ कौन मुक मा करे गा? हम आमने -सा ने खड़े हों। मे रा िवरोधी कौन है? वह मेरे िनकट आए।
9 सुनो, भु यहोवा मेरी सहायता करता है; मुझे कौन दोषी ठहरा सकेगा? दे खो, वे सब कपड़े के समान पु राने हो जाएं गे ; उन को कीड़े खा जाएं गे।।
10 तुम म से कौन है जो यहोवा का भय मानता और उसके दास की बात सु नता है , जो अ यारे म चलता हो और उसके पास ोित न हो? वह यहोवा के नाम का भरोसा रखे , और
अपने परमे र पर आशा लगाए रहे।
11 दे खो, तु म सब जो आग जलाते और अि बाणों को कमर म बा ते हो! तुम सब अपनी जलाई ई आग म और अपने जलाए ए अि बाणों के बीच आप ही चलो। तु ारी यह दशा
मेरी ही ओर से होगी, तुम स ाप म पड़े रहोगे।।
यशायाह 51
1 हे धम पर चलने वालो, हे यहोवा के ढूंढ़ने वालो, कान लगाकर मे री सु नो; िजस च ान म से तुम खोदे गए और िजस खािन म से तुम िनकाले गए, उस पर ान करो।
2 अपने मू लपु ष इ ाहीम और अपनी माता सारा पर ान करो; जब वह अकेला था, तब ही से म ने उसको बुलाया और आशीष दी और बढ़ा िदया।
3 यहोवा ने िस ोन को शा दी है, उसने उसके सब ख हरों को शा दी है ; वह उसके जं गल को अदन के समान और उस के िनजल दे श को यहोवा की बािटका के समान
बनाएगा; उस म हष और आन और ध वाद और भजन गाने का श सुनाई पड़े गा।।
4 हे मे री जा के लोगो, मेरी ओर ान धरो; हे मेरे लोगो, कान लगाकर मे री सु नो; ोंिक मे री ओर से व था दी जाएगी, और म अपना िनयम दे श दे श के लोगों की ोित होने के
िलये थर क ं गा।
5 मे रा छु टकारा िनकट है; मेरा उ ार गट आ है; म अपने भु जबल से दे श दे श के लोगों का ाय क ं गा। ीप मे री बाट जाहगे और मेरे भुजबल पर आशा रखगे।
6 आकाश की ओर अपनी आं ख उठाओ, और पृ ी को िनहारो; ोंिक आकाश धुंए ही नाईं लोप हो जाएगा, पृ ी कपड़े के समान पुरानी हो जाएगी, और उसके रहने वाले यों ही जाते
रहगे ; पर ु जो उ ार म क ं गा वह सवदा ठहरे गा, और मे रे धम का अ न होगा।।
7 हे धम के जानने वालो, िजनके मन म मेरी व था है, तुम कान लगाकर मेरी सु नो; मनु ों की नामधराई से मत डरो, और उनके िन ा करने से िव त न हो।
8 ोंिक घुन उ कपड़े की नाईं और कीड़ा उ ऊन की नाईं खाएगा; पर ु मे रा धम अन काल तक, और मे रा उ ार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
9 हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे ाचीनकाल म और बीते ए पीिढय़ों म, वैसे ही अब भी जाग। ा तू वही नही ं है िजसने रहब को टु कड़े टु कड़े िकया और
मगरम को छे दा?
10 ा तू वही नही ं िजसने समु को अथात गिहरे सागर के जल को सु खा डाला और उसकी गहराई म अपने छु ड़ाए ओं के पार जाने के िलये माग िनकाला था?
11 सो यहोवा के छु ड़ाए ए लोग लौटकर जयजयकार करते ए िस ोन म आएं गे , और उनके िसरों पर अन आन गूं जता रहेगा; वे हष और आन ा करगे, और शोक और
िससिकयों का अ हो जाएगा।।
12 म, म ही तेरा शा दाता ं; तू कौन है जो मरने वाले मनु से, और घास के समान मु झाने वाले आदमी से डरता है ,
13 और आकाश के तानने वाले और पृ ी की नेव डालने वाले अपने कता यहोवा को भू ल गया है , और जब ोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से िदन भर
लगातार थरथराता है? पर ु ोही की जलजलाहट कहां रही?
14 बंधुआ शी ही त ् िकया जाएगा; वह गड़हे म न मरे गा और न उसे रोटी की कमी होगी।
15 जो समु को उथल-पु थल करता िजस से उसकी लहरों म गरजन होती है , वह म ही ते रा परमे र यहोवा ं मे रा नाम से नाओं का यहोवा है। और म ने तेरे मुंह म अपने वचन डाले ,
16 और तुझे अपने हाथ की आड़ म िछपा रखा है; िक म आकाश को तानूं और पृ ी की ने व डालूं, और िस ोन से क ं , तुम मेरी जा हो।।
17 हे य शले म जाग! जाग उठ! खड़ी हो जा, तू ने यहोवा के हाथ से उसकी जलजलाहट के कटोरे म से िपया है , तू ने कटोरे का लड़खड़ा दे ने वाला मद पूरा पूरा ही पी िलया है ।
18 िजतने लड़कों ने उस से ज िलया उन म से कोई न रहा जो उसकी अगु वाई कर के ले चले; और िजतने लड़के उसने पाले-पोसे उन म से कोई न रहा जो उसके हाथ को थाम ले।
19 ये दो िवपि यां तु झ पर आ पड़ी ह; कौन तेरे संग िवलाप करे गा? उजाड़ और िवनाश और महं गी और तलवार आ पड़ी है; कौन तुझे शा दे गा?
20 तेरे लड़के मू त हो कर हर एक सड़क के िसरे पर, महाजाल म फंसे ए ह रण की नाईं पड़े ह; यहोवा की जलजलाहट और तेरे परमे र की धमकी के कारण वे अचे त पड़े ह।।
21 इस कारण हे दु खयारी सुन, तू मतवाली तो है, पर ु दाखमधु पीकर नही ं;
22 तेरा भु यहोवा जो अपनी जा का मुक मा लड़ने वाला तेरा परमे र है , वह यों कहता है, सुन म लड़खड़ा दे ने वाले मद के कटोरे को अथात अपनी जलजलाहट के कटोरे को तेरे
हाथ से ले लेता ं; तुझे उस म से िफर कभी पीना न पड़े गा।
23 और म उसे तेरे उन दु :ख दे ने वालों के हाथ म दू ं गा, िज ोंने तुझ से कहा, लेट जा, िक हम तुझ पर पांव धरकर आगे चल; और तू ने औंधे मुंह िगरकर अपनी पीठ को भूिम और आगे
चलने वालों के िलये सड़क बना िदया।।
यशायाह 52
1 हे िस ोन, जाग, जाग! अपना बल धारण कर; हे पिव नगर य शले म, अपने शोभायमान व पिहन ले; ोंिक तेरे बीच खतनारिहत और अशु लोग िफर कभी वेश न करने
पाएं गे ।
2 अपने ऊपर से धूल झाड़ दे , हे य शलेम, उठ; हे िस ोन की ब ी बेटी अपने गले के ब न को खोल दे ।।
3 ोंिक यहोवा यों कहता है, तुम जो सतमत िबक गए थे, इसिलये अब िबना पया िदए छु ड़ाए भी जाओगे ।
4 भु यहोवा यों कहता है, मेरी जा पिहले तो िम म परदे शी हो कर रहने को गई थी, और अ ू रयों ने भी िबना कारण उन पर अ ाचार िकया।
5 इसिलये यहोवा की यह वाणी है िक म अब यहां ा क ं जब िक मे री जा सतमत हर ली गई है ? यहोवा यह भी कहता है िक जो उन पर भुता करते ह वे उधम मचा रहे ह, और,
मेरे नाम िक िन ा लगातार िदन भर होती रहती है।
6 इस कारण मेरी जा मेरा नाम जान लेगी; वह उस समय जान ले गी िक जो बात करता है वह यहोवा ही है ; दे खो, म ही ं ।।
7 पहाड़ों पर उसके पांव ा ही सुहावने ह जो शुभ समाचार लाता है , जो शा की बात सु नाता है और क ाण का शुभ समाचार और उ ार का स े श दे ता है, जो िस ोन से कहता
हे , तेरा परमे र रा करता है।
8 सुन, तेरे पह ए पु कार रहे ह, वे एक साथ जयजयकार कर रह ह; ोंिक वे सा ात दे ख रहे ह िक यहोवा िस ोन को लौट रहा है।
9 हे य शलेम के ख हरों, एक सं ग उमंग म आकर जयजयकार करो; ोंिक यहोवा ने अपनी जा को शा दी है , उसने य शलेम को छु ड़ा िलया है।
10 यहोवा ने सारी जाितयों के सा ने अपनी पिव भुजा गट की है; और पृ ी के दू र दू र दे शों के सब लोग हमारे परमे र का िकया आ उ ार िन य दे ख लगे।।
11 दू र हो, दू र, वहां से िनकल जाओ, कोई अशु व ु मत छु ओ; उसके बीच से िनकल जाओ; हे यहोवा के पा ों के ढोने वालो, अपने को शु करो।
12 ोंिक तुम को उतावली से िनकलना नही ं, और न भागते ए चलना पड़े गा; ोंिक यहोवा तु ारे आगे आगे अगुवाई करता आ चलेगा, और, इ ाएल का परमे र तु ारे पीछे भी
र ा करता चलेगा।।
13 दे खो, मेरा दास बु से काम करे गा, वह ऊंचा, महान और अित महान हो जाएगा।
14 जैसे ब त से लोग उसे दे खकर चिकत ए ( ोंिक उसका प यहां तक िबगड़ा आ था िक मनु ा का सा न जान पड़ता था और उसकी सु रता भी आदिमयों की सी न रह गई
थी),
15 वैसे ही वह ब त सी जाितयों को पिव करे गा और उसको दे खकर राजा शा रहगे ; ोंिक वे ऐसी बात दे खगे िजसका वणन उनके सुनने म भी नही ं आया, और, ऐसी बात उनकी
समझ म आएगी जो उ ोंने अभी तक सु नी भी न थी।।
यशायाह 53
1 जो समाचार हम िदया गया, उसका िकस ने िव ास िकया? और यहोवा का भुजबल िकस पर गट आ?
2 ोंिक वह उसके सा ने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो िनजल भू िम म फूट िनकले ; उसकी न तो कुछ सु रता थी िक हम उसको दे खते, और न उसका प ही
हम ऐसा िदखाई पड़ा िक हम उसको चाहते।
3 वह तु जाना जाता और मनु ों का ागा आ था; वह दु :खी पु ष था, रोग से उसकी जान पिहचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तु जाना गया, और, हम ने उसका
मू न जाना।।
4 िन य उसने हमारे रोगों को सह िलया और हमारे ही दु :खों को उठा िलया; तौभी हम ने उसे परमे र का मारा-कूटा और दु दशा म पड़ा आ समझा।
5 पर ु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल िकया गया, वह हमारे अधम के कामों के हे तु कुचला गया; हमारी ही शा के िलये उस पर ताड़ना पड़ी िक उसके कोड़े खाने से हम
चं गे हो जाएं ।
6 हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम म से हर एक ने अपना अपना माग िलया; और यहोवा ने हम सभों के अधम का बोझ उसी पर लाद िदया।।
7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; िजस कार भे ड़ वध होने के समय वा भे ड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शा रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुं ह
न खोला।
8 अ ाचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों म से िकस ने इस पर ान िदया िक वह जीवतों के बीच म से उठा िलया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के
कारण उस पर मार पड़ी।
9 और उसकी क भी दु ों के संग ठहराई गई, और मृ ु के समय वह धनवान का सं गी आ, य िप उसने िकसी कार का अप व न िकया था और उसके मुंह से कभी छल की बात
नही ं िनकली थी।।
10 तौभी यहोवा को यही भाया िक उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर िदया; जब तू उसका ाण दोषबिल करे , तब वह अपना वंश दे खने पाएगा, वह ब त िदन जीिवत रहेगा; उसके
हाथ से यहोवा की इ ा पूरी हो जाएगी।
11 वह अपने ाणों का दु :ख उठा कर उसे दे खेगा और तृ होगा; अपने ान के ारा मेरा धम दास ब ते रों को धम ठहराएगा; और उनके अधम के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
12 इस कारण म उसे महान लोगों के संग भाग दू ं गा, और, वह सामिथयों के संग लू ट बांट लेगा; ोंिक उसने अपना ाण मृ ु के िलये उ े ल िदया, वह अपरािधयों के संग िगना गया;
तौभी उसने ब तों के पाप का बोझ उठ िलया, और, अपरािधयों के िलये िबनती करता है ।।
यशायाह 54
1 हे बांझ तू जो पु हीन है जयजयकार कर; तू िजसे ज ाने की पीड़े नही ं ई, गला खोल कर जयजयकार कर और पु कार! ोंिक ागी ई के लड़के सु हािगन के लड़कों से अिधक
होंगे, यहोवा का यही वचन है।
2 अपने त ू का थान चौड़ा कर, और तेरे डे रे के पट ल े िकए जाएं ; हाथ मत रोक, र यों को ल ी और खूंटों को ढ़ कर।
3 ोंिक तू दािहने -बाएं फैलेगी, और तेरा वंश जाित-जाित का अिधकारी होगा और उजड़े ए नगरों को िफर से बसाएगा।।
4 मत डर, ोंिक तेरी आशा िफर नही ं टू टे गी; मत घबरा, ोंिक तू िफर ल त न होगी और तुझ पर िसयाही न छाएगी; ोंिक तू अपनी जवानी की ल ा भूल जाएगी, और, अपने
िवधवापन की नामधराई को िफर रण न करे गी।
5 ोिक तेरा क ा तेरा पित है , उसका नाम सेनाओं का यहोवा है; और इ ाएल का पिव ते रा छु ड़ाने वाला है, वह सारी पृ ी का भी परमे र कहलाएगा।
6 ोंिक यहोवा ने तु झे ऐसा बुलाया है, मानो तू छोड़ी ई और मन की दु खया और जवानी की ागी ई ी हो, ते रे परमे र का यही वचन है।
7 ण भर ही के िलये म ने तुझे छोड़ िदया था, पर ु अब बड़ी दया कर के म िफर तु झे रख लूं गा।
8 ोध के झकोरे म आकर म ने पल भर के िलये तुझ से मुं ह िछपाया था, पर ु अब अन क णा से म तुझ पर दया क ं गा, तेरे छु ड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है।
9 यह मेरी ि म नूह के समय के जल लय के समान है ; ोंिक जैसे म ने शपथ खाई थी िक नू ह के समय के जल लय से पृ ी िफर न डूबेगी, वैसे ही म ने यह भी शपथ खाई है िक
िफर कभी तुझ पर ोध न क ं गा और न तुझ को धमकी दू ं गा।
10 चाहे पहाड़ हट जाएं और पहािडय़ां टल जाएं , तौभी मेरी क णा तुझ पर से कभी न हटे गी, और मे री शा दायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है , उसका यही
वचन है।।
11 हे दु : खयारी, तू जो आं धी की सताई है और िजस को शा नहीं िमली, सु न, म ते रे प रों की प ीकारी कर के बै ठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमिण से डालूंगा।
12 तेरे कलश म मािणकों, ते रे फाटक लालिडय़ोंसे और तेरे सब िसवानों को मनोहर र ों से बनाऊंगा।
13 तेरे सब लड़के यहोवा के िसखलाए ए होंगे, और उनको बड़ी शा िमले गी।
14 तू धािमकता के ारा थर होगी; तू अ ेर से बचेगी, ोंिक तुझे डरना न पड़े गा; और तू भयभीत होने से बचेगी, ोंिक भय का कारण तेरे पास न आएगा।
15 सु न, लोग भीड़ लगाएं गे, पर ु मेरी ओर से नहीं; िजतने तेरे िव भीड़ लगाएं गे वे ते रे कारण िगरगे ।
16 सु न, एक लोहार कोएले की आग धोंककर इसके िलये हिथयार बनाता है , वह मे रा ही सृ जा आ है । उजाड़ने के िलये भी मेरी ओर से एक नाश करने वाला सृजा गया है।
17 िजतने हिथयार तेरी हािन के िलये बनाए जाएं , उन म से कोई सफल न होगा, और, िजतने लोग मु ई हो कर तु झ पर नािलश कर उन सभों से तू जीत जाएगा। यहोवा के दासों का
यही भाग होगा, और वे मेरे ही कारण धम ठहरगे, यहोवा की यही वाणी है।।
यशायाह 55
1 अहो सब ासे लोगो, पानी के पास आओ; और िजनके पास पया न हो, तु म भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दू ध िबन पए और िबना दाम ही आकर ले लो।
2 जो भोजनव ु नहीं है, उसके िलये तुम ों पया लगाते हो, और, िजस से पेट नही ं भरता उसके िलये ों प र म करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उ म व ु एं खाने
पाओगे और िचकनी िचकनी व ुएं खाकर स ु हो जाओगे ।
3 कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीिवत रहोगे; और म तु ारे साथ सदा की वाचा बा ूं गा अथात दाऊद पर की अटल क णा की वाचा।
4 सुनो, म ने उसको रा रा के लोगों के िलये सा ी और धान और आ ा दे ने वाला ठहराया है ।
5 सु न, तू ऐसी जाित को िजसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और ऐसी जाितयां जो तु झे नही ं जानती ं ते रे पास दौड़ी आएं गी, वे ते रे परमे र यहोवा और इ ाएल के पिव के िनिम यह करगी,
ोंिक उसने तु झे शोभायमान िकया है।।
6 जब तक यहोवा िमल सकता है तब तक उसकी खोज म रहो, जब तक वह िनकट है तब तक उसे पु कारो;
7 दु अपनी चालचलन और अनथकारी अपने सोच िवचार छोड़कर यहोवा ही की ओर िफरे , वह उस पर दया करे गा, वह हमारे परमे र की ओर िफरे और वह पूरी रीित से उसको
मा करे गा।
8 ोंिक यहोवा कहता है, मेरे िवचार और तु ारे िवचार एक समान नही ं है, न तु ारी गित और मे री गित एक सी है।
9 ोंिक मेरी और तु ारी गित म और मेरे और तु ारे सोच िवचारों म, आकाश और पृ ी का अ र है ।।
10 िजस कार से वषा और िहम आकाश से िगरते ह और वहां यों ही लौट नही ं जाते, वरन भूिम पर पड़कर उपज उपजाते ह िजस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी िमलती
है ,
11 उसी कार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से िनकलता है ; वह थ ठहरकर मे रे पास न लौटे गा, पर ु , जो मे री इ ा है उसे वह पूरा करे गा, और िजस काम के िलये म ने
उसको भे जा है उसे वह सफल करे गा।।
12 ोंिक तुम आन के साथ िनकलोगे, और शा के साथ प ं चाए जाओगे ; तु ारे आगे आगे पहाड़ और पहािडय़ां गला खोल कर जयजयकार करगी, और मैदान के सब वृ
आन के मारे ताली बजाएं गे।
13 तब भटकटै यों की स ी सनौवर उगगे; और िब ु पे ड़ों की स ी महदी उगे गी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का िच होगा और कभी न िमटे गा।
यशायाह 56
1 यहोवा यों कहता है, ाय का पालन करो, और धम के काम करो; ोंिक म शी तु ारा उ ार क ं गा, और मे रा धम होना गट होगा।
2 ा ही ध है वह मनु जो ऐसा ही करता, और वह आदमी जो इस पर थर रहता है, जो िव ामिदन को पिव मानता और अपिव करने से बचा रहता है, और अपने हाथ को सब
भांित की बु राई करने से रोकता है।
3 जो परदे शी यहोवा से िमल गए ह, वे न कह िक यहोवा हम अपनी जा से िन य अलग करे गा; और खोजे भी न कह िक हम तो सूखे वृ ह।
4 ोंिक जो खोजे मे रे िव ामिदन को मानते और िजस बात से म स रहता ं उसी को अपनाते और मे री वाचा को पालते ह, उनके िवषय यहोवा यों कहता है
5 िक म अपने भवन और अपनी शहर-पनाह के भीतर उन को ऐसा नाम दू ं गा जो पु -पु ि यों से कहीं उ म होगा; म उनका नाम सदा बनाए रखूंगा और वह कभी न िमटाया जाएगा।
6 परदे शी भी जो यहोवा के साथ इस इ ा से िमले ए ह िक उसकी सेवा टहल कर और यहोवा के नाम से ीित रख और उसके दास हो जाएं , िजतने िव ामिदन को अपिव करने से
बचे रहते और मेरी वाचा को पालते ह,
7 उन को म अपने पिव पवत पर ले आकर अपने ाथना के भवन म आन त क ं गा; उनके होमबिल और मेलबिल मे री वेदी पर हण िकए जाएं गे; ोंिक मे रा भवन सब दे शों के
लोगों के िलये ाथना का घर कहलाएगा।
8 भु यहोवा, जो िनकाले ए इ ाएिलयों को इक े करने वाला है, उसकी यह वाणी है िक जो इक े िकए गए ह उनके साथ म औरों को भी इक े कर के िमला दू ं गा।।
9 हे मै दान के सब ज ुओ,ं हे वन के सब पशुओ,ं खाने के िलये आओ।
10 उसके पह ए अ े ह, वे सब के सब अ ानी ह, वे सब के सब गूंगे कु े ह जो भूंक नही ं सकते; वे दे खने वाले और लेटे रहकर सोते रहना चाहते ह।
11 वे मरभूखे कु े ह जो कभी तृ नहीं होते । वे चरवाहे ह िजन म समझ ही नही ं; उन सभों ने अपने अपने लाभ के िलये अपना अपना माग िलया है।
12 वे कहते ह िक आओ, हम दाखमधु ले आएं , आओ मिदरा पीकर छक जाएं ; कल का िदन भी तो आज ही के समान अ सुहावना होगा।।
यशायाह 57
1 धम जन नाश होता है, और कोई इस बात की िच ा नही ं करता; भ मनु उठा िलये जाते ह, पर ु कोई नहीं सोचता। धम जन इसिलये उठा िलया गया िक आने वाली आपि से
बच जाए,
2 वह शा को प ंचता है; जो सीधी चाल चलता है वह अपनी खाट पर िव ाम करता है।।
3 पर ु तुम, हे जादू गरनी के पु ों, हे िभचारी और िभचा रणी की स ान, यहां िनकट आओ।
4 तुम िकस पर हंसी करते हो? तुम िकस पर मुंह खोल कर जीभ िनकालते हो? ा तु म पाख ी और झूठे के वंश नही ं हो,
5 तुम, जो सब हरे वृ ों के तले दे वताओं के कारण कामातुर होते और नालों म और च ानों की दरारों के बीच बाल-ब ों को वध करते हो?
6 नालों के िचकने प र ही तेरा भाग और अंश ठहरे ; तू ने उनके िलये तपावन िदया और अ बिल चढ़ाया है । ा म इन बातों से शा हो जाऊं?
7 एक बड़े ऊंचे पहाड़ पर तू ने अपना िबछौना िबछाया है, वहीं तू बिल चढ़ाने को चढ़ गई।
8 तू ने अपनी िच ानी अपने ार के िकवाड़ और चौखट की आड़ ही म रखी; मु झे छोड़ कर तू औरों को अपने तईं िदखाने के िलये चली, तू ने अपनी खाट चौड़ी की और उन से वाचा
बा ली, तू ने उनकी खाट को जहां दे खा, पस िकया।
9 तू तेल िलये ए राजा के पास गई और ब त सुग त तेल अपने काम म लाई; अपने दू त तू ने दू र तक भे जे और अधोलोक तक अपने को नीचा िकया।
10 तू अपनी या ा की ल ाई के कारण थक गई, तौभी तू ने न कहा िक यह थ है; तेरा बल कुछ अिधक हो गया, इसी कारण तू नही ं थकी।।
11 तू ने िकस के डर से झूठ कहा, और िकसका भय मानकर ऐसा िकया िक मु झ को रण नहीं रखा न मुझ पर ान िदया? ा म ब त काल से चु प नहीं रहा? इस कारण तू मेरा
भय नही ं मानती।
12 म आप तेरे धम और कम का वणन क ं गा, पर ु, उन से तु झे कुछ लाभ न होगा।
13 जब तू दोहाई दे , तब िजन मूितयों को तू ने जमा िकया है वह ही तुझे छु ड़ाएं ! वे तो सब की सब वायु से वरन एक ही फूंक से उड़ जाएं गी। पर ु जो मेरी शरण लेगा वह दे श का
अिधकारी होगा, और मेरे पिव पवत को भी अिधकारी होगा।।
14 और यह कहा जाएगा, पांित बा बा कर राजमाग बनाओ, मेरी जा के माग म से हर एक ठोकर दू र करो।
15 ोंिक जो महान और उ म और सदै व थर रहता, और िजसका नाम पिव है, वह यों कहता है, म ऊंचे पर और पिव थान म िनवास करता ं, और उसके संग भी रहता ं, जो
खे िदत और न ह, िक, न लोगों के दय और खे िदत लोगों के मन को हिषत क ं ।
16 म सदा मु क मा न लड़ता र ंगा, न सवदा ोिधत र ं गा; ोंिक आ ा मे रे बनाए ए ह और जीव मे रे सा ने मू त हो जाते ह।
17 उसके लोभ के पाप के कारण म ने ोिधत हो कर उसको दु :ख िदया था, और ोध के मारे उस से मुं ह िछपाया था; पर ु वह अपने मनमाने माग म दू र भटकता चला गया था।
18 म उसकी चाल दे खता आया ं, तौभी अब उसको चंगा क ं गा; म उसे ले चलूं गा और िवशेष कर के उसके शोक करने वालों को शा दू ं गा।
19 म मुं ह के फल का सृजनहार ं; यहोवा ने कहा है, जो दू र और जो िनकट ह, दोनों को पू री शा िमले ; और म उसको चंगा क ं गा।
20 पर ु दु तो लहराते समु के समान है जो थर नही ं रह सकता; और उसका जल मैल और कीच उछालता है।
21 दु ों के िलये शा नहीं है, मे रे परमे र का यही वचन है ।।
यशायाह 58
1 गला खोल कर पुकार, कुछ न रख छोड़, नरिसंगे का सा ऊंचा श कर; मे री जा को उसका अपराध अथात याकूब के घराने को उसका पाप जता दे ।
2 वे ित िदन मेरे पास आते और मेरी गित बूझने की इ ा ऐसी रखते ह मानो वे धम लोगे ह िज ोंने अपने परमे र के िनयमों को नही ं टाला; वे मुझ से धम के िनयम पूछते और
परमे र के िनकट आने से स होते ह।
3 वे कहते ह, ा कारएा है िक हम ने तो उपवास रखा, पर ु तू ने इसकी सु िध नही ं ली? हम ने दु :ख उठाया, पर ु तू ने कुछ ान नही ं िदया? सुनो, उपवास के िदन तुम अपनी ही
इ ा पू री करते हो और अपने सेवकों से किठन कामों को कराते हो।
4 सुनो, तु ारे उपवास का फल यह होता है िक तुम आपस म लड़ते और झगड़ते और दु ता से घूं से मारते हो। जै सा उपवास तुम आजकल रखते हो, उस से तु ारी ाथना ऊपर नही ं
सु नाई दे गी।
5 िजस उपवास से म स होता ं अथात िजस म मनु यं को दीन करे , ा तु म इस कार करते हो? ा िसर को झाऊ की नाईं झुकाना, अपने नीचे टाट िबछाना, और राख
फैलाने ही को तु म उपवास और यहोवा को स करने का िदन कहते हो?
6 िजस उपवास से म स होता ं, वह ा यह नहीं, िक, अ ाय से बनाए ए दासों, और अ े र सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छु ड़ा लेना, और, सब जुओं को टू कड़े टू कड़े
कर दे ना?
7 ा वह यह नही ं है िक अपनी रोटी भूखों को बांट दे ना, अनाथ और मारे मारे िफरते ओं को अपने घर ले आना, िकसी को नंगा दे खकर व पिहनाना, और अपने जाितभाइयों से
अपने को न िछपाना?
8 तब तेरा काश पौ फटने की नाईं चमकेगा, और तू शी चंगा हो जाएगा; तेरा धम ते रे आगे आगे चले गा, यहोवा का ते ज तेरे पीछे र ा करते चलेगा।
9 तब तू पु कारे गा और यहोवा उ र दे गा; तू दोहाई दे गा और वह कहेगा, म यहां ं । यिद तू अ ेर करना और उं गली मटकाना, और, दु बात बोलना छोड़ दे ,
10 उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दु : खयों को स ु करे , तब अ यारे म तेरा काश चमकेगा, और तेरा घोर अ कार दोपहर का सा उिजयाला हो जाएगा।
11 और यहोवा तुझे लगातार िलये चलेगा, और काल के समय तुझे तृ और ते री हि यों को हरी भरी करे गा; और तू सी ंची ई बारी और ऐसे सोते के समान होगा िजसका जल कभी
नही ं सूखता।
12 और तेरे वंश के लोग ब त काल के उजड़े ए थानों को िफर बसाएं गे; तू पीढ़ी पीढ़ी की पड़ी ई ने व पर घर उठाएगा; तेरा नाम टू टे ए बाड़े का सु धारक और पथों का ठीक करने
वाला पड़े गा।।
13 यिद तू िव ामिदन को अशु न करे अथात मेरे उस पिव िदन म अपनी इ ा पू री करने का य न करे , और िव ामिदन को आन का िदन और यहोवा का पिव िकया आ िदन
समझ कर माने; यिद तू उसका स ान कर के उस िदन अपने माग पर न चले , अपनी इ ा पू री न करे , और अपनी ही बात न बोले,
14 तो तू यहोवा के कारण सुखी होगा, और म तुझे दे श के ऊंचे थानों पर चलने दू ं गा; म ते रे मू लपु ष याकूब के भाग की उपज म से तुझे खलाऊंगा, ोंिक यहोवा ही के मुख से यह
वचन िनकला है।।
यशायाह 59
1 सु नो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नही ं हो गया िक उ ार न कर सके, न वह ऐसा बिहरा हो गया है िक सु न न सके;
2 पर ु तु ारे अधम के कामों ने तु म को तु ारे परमे र से अलग कर िदया है , और तु ारे पापों के कारण उस का मुँह तु म से ऐसा िछपा है िक वह नही ं सु नता।
3 ोंिक तु ारे हाथ ह ा से और तु ारी अंगुिलयां अधम के कम से अपिव हो गईं ह; तु ारे मुंह से तो झूठ और तु ारी जीभ से कुिटल बात िनकलती ह।
4 कोई धम के साथ नािलश नही ं करता, न कोई स ाई से मुक मा लड़ता है; वे िम ा पर भरोसा रखते ह और झूठ बात बकते ह, उसको मानो उ ात का गभ रहता, और वे अनथ को
ज दे ते ह।
5 वे सां िपन के अ े सेते और मकड़ी के जाले बनाते ह; जो कोई उनके अ े खाता वह मर जाता है, और जब कोई एक को फोड़ता तब उस म से सपोला िनकलता है ।
6 उनके जाले कपड़े का काम न दगे, न वे अपने कामों से अपने को ढाप सकगे । ोंिक उनके काम अनथ ही के होते ह, और उनके हाथों से अप व का काम होता है ।
7 वे बुराई करने को दौड़ते ह, और िनद ष की ह ा करने को त र रहते ह; उनकी यु यां थ ह, उजाड़ और िवनाश ही उनके माग म ह।
8 शा का माग वे जानते ही नही ं और न उनके वहार म ाय है; उनके पथ टे ढ़े ह, जो कोई उन पर चले वह शा न पाएगा।।
9 इस कारण ाय हम से दू र है, और धम हमारे समीप ही नही ं आता हम उिजयाले की बाट तो जोहते ह, पर ु, दे खो अ यारा ही बना रहता है, हम काश की आशा तो लगाए ह,
पर ु, घोर अ कार ही म चलते ह।
10 हम अ ों के समान भीत टटोलते ह, हां, हम िबना आं ख के लोगों की नाईं टटोलते ह; हम िदन-दोपहर रात की नाईं ठोकर खाते ह, -पु ों के बीच हम मु द के समान ह।
11 हम सब के सब रीछों की नाईं िच ाते ह और प ु कों के समान ूं ूं करते ह; हम ाय की बाट तो जोहते ह, पर वह कही ं नहीं; और उ ार की बाट जोहते ह पर वह हम से दू र
ही रहता है।
12 ोंिक हमारे अपराध तेरे सा ने ब त ए ह, हमारे पाप हमारे िव सा ी दे रहे ह; हमारे अपराध हमारे सं ग ह और हम अपने अधम के काम जानते ह:
13 हम ने यहोवा का अपराध िकया है, हम उस से मुकर गए और अपने परमे र के पीछे चलना छोड़ िदया, हम अ े र करने लगे और उलट फेर की बात कही ं, हम ने झूठी बात मन म
गढ़ी ं और कही भी ह।
14 ाय तो पीछे हटाया गया और धम दू र खड़ा रह गया; स ाई बाजार म िगर पड़ी और िसधाई वेश नही ं करने पाती।
15 हां , स ाई खोई, और जो बुराई से भागता है सो िशकार हो जाता है ।। यह दे खकर यहोवा ने बु रा माना, ोंिक ाय जाता रहा,
16 उसने दे खा िक कोई भी पु ष नही ं, और इस से अच ा िकया िक कोई िबनती करने वाला नही ं; तब उसने अपने ही भुजबल से उ ार िकया, और अपने धम होने के कारण वह
स ल गया।
17 उसने धम को िझलम की नाईं पिहन िलया, और उसके िसर पर उ ार का टोप रखा गया; उसने पलटा ले ने का व धारण िकया, और जलजलाहट को बागे की नाईं पिहन िलया है।
18 उनके कम के अनुसार वह उन को फल दे गा, अपने ोिहयों पर वह अपना ोध भड़काएगा और अपने श ुओ ं को उनकी कमाई दे गा; वह ीप वािसयों को भी उनकी कमाई भर
दे गा।
19 तब पि म की ओर लोग यहोवा के नाम का, और पूव की ओर उसकी मिहमा का भय मानगे; ोंिक जब श ु महानद की नाईं चढ़ाई करगे तब यहोवा का आ ा उसके िव
झ ा खड़ा करे गा।।
20 और याकूब म जो अपराध से मन िफराते ह उनके िलये िस ोन म एक छु ड़ाने वाला आएगा, यहोवा की यही वाणी है ।
21 और यहोवा यह कहता है, जो वाचा म ने उन से बा ी है वह यह है, िक मे रा आ ा तु झ पर ठहरा है , और अपने वचन जो म ने तेरे मुंह म डाले ह अब से ले कर सवदा तक वे मे रे मुंह
से , और, ते रे पु ों और पोतों के मुंह से भी कभी न हटगे।।
यशायाह 60
1 उठ, काशमान हो; ोंिक तेरा काश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय आ है ।
2 दे ख, पृ ी पर तो अ यारा और रा रा के लोगों पर घोर अ कार छाया आ है; पर ु ते रे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर गट होगा।
3 और अ जाितयां तेरे पास काश के िलये और राजा तेरे आरोहण के ताप की ओर आएं गे ।।
4 अपनी आं ख चारो ओर उठा कर दे ख; वे सब के सब इक े हो कर तेरे पास आ रहे ह; तेरे पु दू र से आ रहे ह, और तेरी पुि यां हाथों-हाथ प ंचाई जा रही ह।
5 तब तू इसे दे खेगी और तेरा मुख चमकेगा, तेरा दय थरथराएगा और आन से भर जाएगा; ोंिक समु का सारा धन और अ जाितयों की धन-स ित तुझ को िमलेगी।
6 तेरे दे श म ऊंटों के झु और िम ान और एपादे शों की साड़िनयां इक ी होंगी; िशबा के सब लोग आकर सोना और लोबान भट लाएं गे और यहोवा का गुणानुवाद आन से सु नाएं गे।
7 केदार की सब भेड़-बक रयां इक ी हो कर तेरी हो जाएं गी, नबायोत के मेढ़े तेरी से वा टहल के काम म आएं गे ; मेरी वेदी पर वे हण िकए जाएं गे और म अपने शोभायमान भवन को
और भी तापी कर दू ं गा।।
8 ये कौन ह जो बादल की नाईं और दबाओं की ओर उड़ते ए कबूतरों की नाईं चले आते ह?
9 िन य ीप मेरी ही बाट दे खगे, पिहले तो तश श के जहाज आएं गे, िक, मेरे पु ों को सोने चा ी समे त तेरे परमे र यहोवा अथात इ ाएल के पिव के नाम के िनिम दू र से प ंचाए,
ोंिक उसने तु झे शोभायमान िकया है।।
10 परदे शी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएं गे, और उनके राजा तेरी सेवा टहल करगे ; ोंिक म ने ोध म आकर तु झे दु :ख िदया था, पर ु अब तुझ से स हो कर तु झ पर दया की
है ।
11 तेरे फाटक सदै व खुले रहगे; िदन और रात वे ब न िकए जाएं गे िजस से अ जाितयों की धन-स ि और उनके राजा बंधुए हो कर तेरे पास प ंचाए जाएं ।
12 ोंिक जो जाित और रा के लोग तेरी सेवा न कर वे न हो जाएं गे ; हां ऐसी जाितयां पू री रीित से स ानाश हो जाएं गी।
13 लबानोन का वैभव अथात सनौबर और दे वदार और सीधे सनौबर के पे ड़ एक साथ ते रे पास आएं गे िक मे रे पिव थान को सुशोिभत कर; और म अपने चरणों के थान को मिहमा
दू ं गा।
14 तेरे दु :ख दे ने वालों की स ान तेरे पास िसर झुकाए ए आं एग; और िज ोंने तेरा ितर ार िकया सब ते रे पांवों पर िगरकर द वत करगे; वे तेरा नाम यहोवा का नगर, इ ाएल के
पिव का िस ोन रखगे।।
15 तू जो ागी गई और घृिणत ठहरी, यहां तक िक कोई तुझ म से हो कर नही ं जाता था, इसकी स ी म तुझे सदा के घम का और पीढ़ी पीढ़ी के हष का कारण ठहराऊंगा।
16 तू अ जाितयों का दू ध पी लेगी, तू राजाओं की छाितयां चूसेगी; और तू जान ले गी िक म यहोवा तेरा उ ारक ा और ते रा छु ड़ाने वाला, याकूब का सवश मान ं।।
17 म पीतल की स ी सोना, लोहे की स ी चा ी, लकड़ी की स ी पीतल और प र की स ी लोहा लाऊंगा। म तेरे हािकमों को मेल-िमलाप और चौध रयों को धािमकता ठहराऊंगा।
18 तेरे दे श म िफर कभी उप व और ते रे िसवानों के भीतर उ ात वा अ े र की चचा न सुनाईं पड़े गी; पर ु तू अपनी शहरपनाह का नाम उ ार और अपने फाटकों का नाम यश
रखे गी।
19 िफर िदन को सूय तेरा उिजयाला न होगा, न चा नी के िलये च मा पर ु यहोवा ते रे िलये सदा का उिजयाला और तेरा परमे र तेरी शोभा ठहरे गा।
20 तेरा सूय िफर कभी अ न होगा और न तेरे च मा की ोित मिलन होगी; ोंिक यहोवा ते री सदै व की ोित होगा और तरे िवलाप के िदन समा हो जाएं गे।
21 और तेरे लोग सब के सब धम होंगे; वे सवदा दे श के अिधकारी रहगे, वे मेरे लगाए ए पौधे और मे रे हाथों का काम ठहरगे, िजस से मेरी मिहमा गट हो।
22 छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सब से दु बल एक सामथ जाित बन जाएगा। म यहोवा ं ; ठीक समय पर यह सब कुछ शी ता से पूरा क ं गा।।
यशायाह 61
1 भु यहोवा का आ ा मुझ पर है; ोंिक यहोवा ने सु समाचार सुनाने के िलये मेरा अिभषेक िकया और मु झे इसिलये भे जा है िक खे िदत मन के लोगों को शा दू ं ; िक बं धुओं के िलये
तं ता का और कैिदयों के िलये छु टकारे का चार क ं ;
2 िक यहोवा के स रहने के वष का और हमारे परमे र के पलटा ले ने के िदन का चार क ं ; िक सब िवलाप करने वालों को शा दू ं
3 और िस ोन के िवलाप करने वालों के िसर पर की राख दू र कर के सु र पगड़ी बा दू ं , िक उनका िवलाप दू र कर के हष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का
ओढ़ना ओढ़ाऊं; िजस से वे धम के बांजवृ और यहोवा के लगाए ए कहलाएं और िजस से उसकी मिहमा गट हो।
4 तब वे ब त काल के उजड़े ए थानों को िफर बसाएं गे, पूवकाल से पड़े ए ख हरों म वे िफर घर बनाएं गे ; उजड़े ए नगरों को जो पीढ़ी पीढ़ी म उजड़े ए हों वे िफर नये िसरे से
बसाएं गे।।
5 परदे शी आ खड़े होंगे और तु ारी भेड़-बक रयों को चराएं गे और िवदे शी लोग तु ारे चरवाहे और दाख की बारी के माली होंगे;
6 पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे, वे तुम को हमरो परमे र के से वक कहगे ; और तु म अ जाितयों की धन-स ि को खाओगे, उनके वैभव की व ुएं पाकर तुम बड़ाई करोगे।
7 तु ारी नामधराई की स ी दू ना भाग िमलेगा, अनादर की स ी तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे ; तुम अपने दे श म दू ने भाग के अिधकारी होगे; और सदा आन त बने
रहोगे ।।
8 ोंिक, म यहोवा ाय से ीित रखता ं, म अ ाय और डकैती से घृ णा करता ं ; इसिलये म उन को उनके साथ सदा की वाचा बा ूंगा।
9 उनका वंश अ जाितयों म और उनकी स ान दे श दे श के लोगों के बीच िस होगी; िजतने उन को दे खगे , पिहचान लगे िक यह वह वंश है िजस को परमे र ने आशीष दी है।।
10 म यहोवा के कारण अित आन त होऊंगा, मेरा ाण परमे र के कारण मगन रहे गा; ोंिक उसने मु झे उ ार के व पिहनाए, और धम की च र ऐसे ओढ़ा दी है जै से दू ा फूलों
की माला से अपने आप को सजाता और दु न अपने गहनों से अपना िसंगार करती है।
11 ोंिक जैसे भू िम अपनी उपज को उगाती, और बारी म जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है , वैसे ही भु यहोवा सब जाितयों के सा ने धािमकता और ध वाद को
बढ़ाएगा।।
यशायाह 62
1 िस ोन के िनिम म चुप न र ंगा, और य शलेम के िनिम म चै न न लूं गा, जब तक िक उसकी धािमकता काश की नाईं और उसका उ ार जलते ए पलीते के समान िदखाई न
दे ।
2 जब अ जाितयां तेरा धम और सब राजा तेरी मिहमा दे खगे; और ते रा एक नया नाम रखा जाएगा जो यहोवा के मु ख से िनकलेगा।
3 तू यहोवा के हाथ म एक शोभायमान मुकुट और अपने परमे र की हथे ली म राजमु कुट ठहरे गी।
4 तू िफर ागी ई न कहलाएगी, और तेरी भूिम िफर उजड़ी ई न कहलाएगी; पर ु तू हे ीबा और ते री भूिम ू ला कहलाएगी; ोंिक यहोवा तु झ से स है, और तेरी भू िम सुहागन
होगी।
5 ोंिक िजस कार जवान पु ष एक कुमारी को ाह लाता है , वैसे ही तेरे पु तु झे ाह लगे ; और, जै से दु ा अपनी दु न के कारण हिषत होता है, वैसे ही तेरा परमे र तेरे
कारण हिषत होगा।।
6 हे य शलेम, म ने तेरी शहरपनाह पर पह ए बैठाए ह; वे िदन-रात कभी चुप न रहगे। हे यहोवा को रण करने वालो, चुप न रहो,
7 और, जब तक वह य शलेम को थर कर के उसकी शंसा पृ ी पर न फैला दे , तब तक उसे भी चै न न ले ने दो।
8 यहोवा ने अपने दािहने हाथ की और अपनी बलव भुजा की शपथ खाई है: िन य म भिव म तेरा अ अब िफर ते रे श ुओ ं को खाने के िलये न दू ं गा, और परदे िशयों के पु ते रा
नया दाखमधु िजसके िलये तू ने प र म िकया है , नही ं पीने पाएं गे;
9 केवल वे ही, िज ोंने उसे ख े म रखा हो, उस से खाकर यहोवा की ु ित करगे , और िज ोंने दाखमधु भ ारों म रखा हो, वे ही उसे मेरे पिव थान के आं गनों म पीने पाएं गे ।।
10 जाओ, फाटकों म से िनकल जाओ, जा के िलये माग सुधारो; राजमाग सुधार कर ऊंचा करो, उस म के प र बीन बीनकर फक दो, दे श दे श के लोगों के िलये झ ा खड़ा करो।
11 दे खो, यहोवा ने पृ ी की छोर तक इस आ ा का चार िकया है: िस ोन की बे टी से कहो, दे ख, ते रा उ ारकता आता है, दे ख, जो मजदू री उसको दे नी है वह उसके पास है और
उसका काम उसके सामने है।
12 और लोग उन को पिव जा और यहोवा के छु ड़ाए ए कहगे ; और ते रा नाम हण की ई अथात न- ागी ई नगरी पड़े गा।।
यशायाह 63
1 यह कौन है जो एदोम दे श के बो ा नगर से बजनी व पिहने ए चला आता है , जो अित बलवान और भड़कीला पिहरावा पिहने ए झूमता चला आता है? यह म ही ं , जो धम से
बोलता और पूरा उ ार करने की श रखता ं।
2 तेरा पिहरावा ों लाल है ? और ा कारण है िक तेरे व हौद म दाख रौंदने वाले के समान ह?
3 म ने तो अकेले ही हौद म दाख रौंदी ह, और दे श के लोगों म से िकसी ने मे रा साथ नही ं िदया; हां, म ने अपने ोध म आकर उ रौंदा और जलकर उ लताड़ा; उनके लो के छींटे
मेरे व ों पर पड़े ह, इस से मेरा सारा पिहरावा ध ेदार हो गया है ।
4 ोंिक पलटा ले ने का िदन मेरे मन म था, और मेरी छु ड़ाई ई जा का वष आ प ंचा है ।
5 म ने खोजा, पर कोई सहायक न िदखाई पड़ा; म ने इस से अच ा भी िकया िक कोई स ालने वाला नही ं था; तब म ने अपने ही भुजबल से उ ार िकया, और मेरी जलजलाहट ही ने
मुझे स ाला।
6 हां, म ने अपने ोध म आकर दे श दे श के लोगों को लताड़ा, अपनी जलजलाहट से म ने उ मतवाला कर िदया, और उनके लो को भूिम पर बहा िदया।।
7 िजतना उपकार यहोवा ने हम लोगों का िकया अथात इ ाएल के घराने पर दया और अ क णा कर के उसने हम से िजतनी भलाई, िक उस सब के अनुसार म यहोवा के
क णामय कामों का वणन और उसका गुणानुवाद क ं गा।
8 ोंिक उसने कहा, िन:स े ह ये मेरी जा के लोग ह, ऐसे लड़के ह जो धोखा न दगे ; और वह उनका उ ारकता हो गया।
9 उनके सारे संकट म उसने भी क उठाया, और उसके स ुख रहने वाले दू त ने उनका उ ार िकया; े म और कोमलता से उसने आप ही उन को छु ड़ाया; उसने उ उठाया और
ाचीनकाल से सदा उ िलये िफरा।
10 तौभी उ ोंने बलवा िकया और उसके पिव आ ा को खे िदत िकया; इस कारण वह पलट कर उनका श ु हो गया, और यं उन से लड़ने लगा।
11 तब उसके लोगों को उनके ाचीन िदन अथात मूसा के िदन रण आए, वे कहने लगे िक जो अपनी भेड़ों को उनके चरवाहे समेत समु म से िनकाल लाया वह कहां है? िजसने
उनके बीच अपना पिव आ ा डाला, वह कहां है?
12 िजसने अपने तापी भुजबल को मूसा के दािहने हाथ के साथ कर िदया, िजसने उनके सा ने जल को दो भाग कर के अपना सदा का नाम कर िलया,
13 जो उन को गिहरे समु म से ले चला; जैसा घोड़े को जंगल म वैसे ही उन को भी ठोकर न लगी, वह कहां है ?
14 जैसे घरै लू पशु तराई म उतर जाता है, वैसे ही यहोवा के आ ा ने उन को िव ाम िदया। इसी कार से तू ने अपनी जा की अगुवाई की तािक अपना नाम मिहमायु बनाए।।
15 ग से, जो तेरा पिव और मिहमापूण वास थान है, ि कर। तेरी जलन और परा म कहां रहे? ते री दया और क णा मुझ पर से हट गई ह।
16 िन य तू हमारा िपता है, य िप इ ाहीम हम नहीं पिहचानता, और इ ाएल हम हण नहीं करता; तौभी, हे यहोवा, तू हमारा िपता और हमारा छु ड़ाने वाला है ; ाचीनकाल से यही तेरा
नाम है।
17 हे यहोवा, तू ों हम को अपने माग से भटका दे ता, और हमारे मन ऐसे कठोर करता है िक हम तेरा भय नहीं मानते ? अपने दास, अपने िनज भाग के गो ों के िनिम लौट आ।
18 तेरी पिव जा तो थोड़े ही काल तक तेरे पिव थान की अिधकारी रही; हमारे ोिहयों ने उसे लताड़ िदया है।
19 हम लोग तो ऐसे हो गए ह, मानो तू ने हम पर कभी भुता नहीं की, और उनके समान जो कभी तेरे न कहलाए।।
यशायाह 64
1 भला हो िक तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सा ने कां प उठे ।
2 जै से आग झाड़-झंखाड़ को जला दे ती वा जल को उबालती है, उसी रीित से तू अपने श ुओ ं पर अपना नाम ऐसा गट कर िक जाित जाित के लोग तेरे ताप से कांप उठ!
3 जब तू ने ऐसे भयानक काम िकए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे , तब तू उतर आया, पहाड़ ते रे ताप से कां प उठे ।
4 ोंिक ाचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमे र न तो कभी दे खा गया और न कान से उसकी चचा सु नी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के िलये काम करे ।
5 तू तो उ ी ं से िमलता है जो धम के काम हष के साथ करते, और तेरे माग पर चलते ए तुझे रण करते ह। दे ख, तू ोिधत आ था, ोंिक हम ने पाप िकया; हमारी यह दशा तो
ब त काल से है , ा हमारा उ ार हो सकता है?
6 हम तो सब के सब अशु मनु के से ह, और हमारे धम के काम सब के सब मैले िचथड़ों के समान ह। हम सब के सब प े की नाईं मु झा जाते ह, और हमारे अधम के कामों ने हम
वायु की नाईं उड़ा िदया है।
7 कोई भी तुझ से ाथना नही ं करता, न कोई तुझ से सहायता लेने के िलये चौकसी करता है िक तु झ से िलपटा रहे ; ोंिक हमारे अधम के कामों के कारण तू ने हम से अपना मुंह िछपा
िलया है , और हम हमारी बु राइयों के वश म छोड़ िदया है ।।
8 तौभी, हे यहोवा, तू हमार िपता है; दे ख, हम तो िम ी है, और तू हमारा कु ार है; हम सब के सब ते रे हाथ के काम ह।
9 इसिलये हे यहोवा, अ ोिधत न हो, और अन काल तक हमारे अधम को रण न रख। िवचार कर के दे ख, हम तेरी िबनती करते ह, हम सब तेरी जा ह।
10 दे ख, ते रे पिव नगर जंगल हो गए, िस ोन सुनसान हो गया है , य शले म उजड़ गया है ।
11 हमारा पिव और शोभायमान म र, िजस म हमारे पू वज तेरी ुित करते थे , आग से जलाया गया, और हमारी मनभावनी व ुएं सब न हो गई ह।
12 हे यहोवा, ा इन बातों के होते भी तू अपने को रोके रहेगा? ा तू हम लोगों को इस अ दु दशा म रहने दे गा?
यशायाह 65
1 जो मुझ को पूछते भी न थे वे मेरे खोजी ह; जो मुझे ढूंढ़ते भी न थे उ ोंने मुझे पा िलया, और जो जाित मेरी नही ं कहलाई थी, उस से भी म कहता ं, दे ख, म उप थत ं ।
2 म एक हठीली जाित के लोगों की ओर िदन भर हाथ फैलाए रहा, जो अपनी यु यों के अनु सार बुरे माग म चलते ह।
3 ऐसे लोग, जो मेरे सा ने ही बा रयों म बिल चढ़ा चढ़ाकर और ईंटों पर धूप जला जलाकर, मुझे लगातार ोध िदलाते ह।
4 ये क के बीच बैठते और िछपे ए थानों म रात िबताते; जो सूअर का मां स खाते , और घृ िणत व ु ओं का रस अपने बतनों म रखते;
5 जो कहते ह, हट जा, मेरे िनकट मत आ, ोंिक म तुझ से पिव ं। ये मे री नाक म धूंएं व उस आग के समान ह जो िदन भर जलती रहती है।
6 दे खो, यह बात मेरे सा ने िलखी ई है: म चुप न र ंगा, म िन य बदला दू ं गा वरन तु ारे और तु ारे पु रखाओं के भी अधम के कामों का बदला तु ारी गोद म भर दू ं गा।
7 ोंिक उ ोंने पहाड़ों पर धूप जलाया और पहािडय़ों पर मेरी िन ा की है, इसिलये म यहोवा कहता ं , िक, उनके िपछले कामों के बदले को म इनकी गोद म तौल कर दू ं गा।।
8 यहोवा यों कहता है, िजस भांित दाख के िकसी गु े म जब नया दाखमधु भर आता है , तब लोग कहते ह, उसे नाश मत कर, ोंिक उस म आशीष है; उसी भांित म अपने दासों के
िनिम ऐसा क ं गा िक सभों को नाश न क ं गा।
9 म याकूब म से एक वंश, और य दा म से अपने पवतों का एक वा रस उ क ं गा; मे रे चु ने ए उसके वा रस होंगे, और मे रे दास वहां िनवास करगे।
10 मेरी जा जो मुझे ढू ं ढ़ती है, उसकी भड़-बक रयां तो शारोन म चरगी, और उसके गाय-बै ल आकोर नाम तराई म िव ाम करगे।
11 पर ु तु म जो यहोवा को ाग दे ते और मेरे पिव पवत को भूल जाते हो, जो भा दे वता के िलये मे ज़ पर भोजन की व ुएं सजाते और भावी दे वी के िलये मसाला िमला आ
दाखमधु भर दे ते हो;
12 म तु िगन िगनकर तलवार का कौर बनाऊंगा, और तुम सब घात होने के िलये झुकोगे ; ोंिक, जब म ने तु बु लाया तुम ने उ र न िदया, जब म बोला, तब तुम ने मेरी न सुनी;
वरन जो मुझे बुरा लगता है वही तुम ने िनत िकया, और िजस से म अ स होता ं , उसी को तुम ने अपनाया।।
13 इस कारण भु यहोवा यों कहता है, दे खो, मेरे दास तो खाएं गे, पर तुम भूखे रहोगे ; मे रे दास पीएं गे , पर तु म ासे रहोगे ; मेरे दास आन करगे, पर तुम ल त होगे;
14 दे खो, मेरे दास हष के मारे जयजयकार करगे, पर ु तुम शोक से िच ाओगे और खे द के मारे हाय हाय, करोगे ।
15 मेरे चु ने ए लोग तु ारी उपमा दे दे कर शाप दगे, और भु यहोवा तुझ को नाश करे गा; पर ु अपने दासों का दू सरा नाम रखेगा।
16 तब सारे दे श म जो कोई अपने को ध कहेगा वह स े परमे र का नाम ले कर अपने को ध कहे गा, और जो कोई दे श म शपथ खाए वह स े परमे र के नाम से शपथ खाएगा;
ोंिक िपछला क दू र हो गया और वह मेरी आं खों से िछप गया है।।
17 ोंिक दे खो, म नया आकाश और नई पृ ी उ करने पर ं, और पिहली बात रण न रहगी और सोच िवचार म भी न आएं गी।
18 इसिलये जो म उ करने पर ं, उसके कारण तुम हिषत हो और सदा सवदा मगन रहो; ोंिक दे खो, म य शले म को मगन और उसकी जा को आन त बनाऊंगा।
19 म आप य शलेम के कारण मगन, और अपनी जा के हेतु हिषत ंगा; उस म िफर रोने वा िच ाने का श न सुनाई पड़े गा।
20 उस म िफर न तो थोड़े िदन का ब ा, और न ऐसा बूढ़ा जाता रहे गा िजसने अपनी आयु पूरी न की हो; ोंिक जो लड़कपन म मरने वाला है वह सौ वष का हो कर मरे गा, पर ु पापी
सौ वष का हो कर िपत ठहरे गा।
21 वे घर बनाकर उन म बसगे; वे दाख की बा रयां लगाकर उनका फल खाएं गे ।
22 ऐसा नही ं होगा िक वे बनाएं और दू सरा बसे; वा वे लगाएं , और दू सरा खाए; ोंिक मे री जा की आयु वृ ों की सी होगी, और मेरे चुने ए अपने कामों का पूरा लाभ उठाएं गे।
23 उनका प र म थ न होगा, न उनके बालक घबराहट के िलये उ होंगे; ोंिक वे यहोवा के ध लोगों का वंश ठहरगे, और उनके बाल-ब े उन से अलग न होंगे।
24 उनके पु कारने से पिहले ही म उन को उ र दू ं गा, और उनके मांगते ही म उनकी सुन लूं गा।
25 भे िडय़ा और मे ा एक संग चरा करगे, और िसं ह बै ल की नाईं भूसा खाएगा; और सप का आहार िम ी ही रहेगा। मे रे सारे पिव पवत पर न तो कोई िकसी को दु :ख दे गा और न कोई
िकसी की हािन करे गा, यहोवा का यही वचन है।।
यशायाह 66
1 यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा िसंहासन और पृ ी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे िलये कैसा भवन बनाओगे, और मे रे िव ाम का कौन सा थान होगा?
2 यहोवा की यह वाणी है, ये सब व ुएं मेरे ही हाथ की बनाई ई ह, सो ये सब मे री ही ह। पर ु म उसी की ओर ि क ं गा जो दीन और खेिदत मन का हो, और मेरा वचन सु नकर
थरथराता हो।।
3 बै ल का बिल करने वाला मनु के मार डालने वाले के समान है ; जो भे ड़ के चढ़ाने वाला है वह उसके समान है जो कु े का गला काटता है; जो अ बिल चढ़ाता है वह मानो सू अर का
लो चढ़ाने वाले के समान है; और, जो लोबान जलाता है, वह उसके समान है जो मूरत को ध कहता है । इन सभों ने अपना अपना माग चुन िलया है, और िघनौनी व ु ओं से उनके
मन स हाते ह।
4 इसिलये म भी उनके िलये दु :ख की बात िनकालूंगा, और िजन बातों से वे डरते ह उ ी ं को उन पर लाऊंगा; ोंिक जब म ने उ बुलाया, तब कोई न बोला, और जब म ने उन से बात
की, तब उ ोंने मेरी न सु नी; पर ु जो मेरी ि म बुरा था वही वे करते रहे , और िजस से म अ स होता था उसी को उ ोंने अपनाया।। तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो
यहोवा का यह वचन सुनो:
5 तु ारे भाई जो तुम से बैर रखते और मेरे नाम के िनिम तुम को अलग कर दे ते ह उ ोंने कहा है , यहोवा की मिहमा तो बढ़े , िजस से हम तु ारा आन दे खते पाएं ; पर ु उ ी ं को
ल त होना पड़े गा।।
6 सुनो, नगर से कोलाहल की धूम, म र से एक श , सु नाईं दे ता है! वह यहोवा का श है , वह अपने श ुओ ं को उनकी करनी का फल दे रहा है!
7 उसकी पीड़ाएं उठाने से पहले ही उसने ज ा िदया; उसको पीड़ाएं होने से पिहले ही उस से बे टा ज ा।
8 ऐसी बात िकस ने कभी सुनी? िकस ने कभी ऐसी बात दे खी? ा दे श एक ही िदन म उ हो सकता है ? ा एक जाित ण मा म ही उ हो सकती है? ोंिक िस ोन की
पीड़ाएं उठी ही थी ं िक उस से स ान उ हो गए।
9 यहोवा कहता है, ा म उसे ज ाने के समय तक प ंचाकर न ज ाऊं? तेरा परमे र कहता है , म जो गभ दे ता ं ा म कोख ब क ं ?
10 हे य शले म से सब ेम रखने वालो, उसके साथ आन करो और उसके कारण मगन हो; हे उसके िवषय सब िवलाप करने वालो उसके साथ हिषत हो!
11 िजस से तुम उसके शा पी न से दू ध पी पीकर तृ हो; और दू ध पीकर उसकी मिहमा की ब तायत से अ सुखी हो।।
12 ोंिक यहोवा यों कहता है, दे खो, म उसकी ओर शा को नदी की नाईं, और अ जाितयों के धन को नदी की बाढ़ के समान बहा दू ं गा; और तुम उस से पीओगे , तु म उसकी गोद
म उठाए जाओगे और उसके घुटनों पर कुदाए जाओगे।
13 िजस कार माता अपने पु को शा दे ती है, वैस ही म भी तु शा दुं गा; तुम को य शले म ही म शा िमले गी।
14 तुम यह दे खोगे और फु त होगे; तु ारी हि यां घास की नाईं हरी भरी होंगी; और यहोवा का हाथ उसके दासों के िलये गट होगा, और, उसके श ुओ ं के ऊपर उसका ोध
भड़केगा।।
15 ोंिक दे खो, यहोवा आग के साथ आएगा, और उसके रथ बव र के समान होंगे, िजस से वह अपने ोध को जलजलाहट के साथ और अपनी िचतौनी को भ करने वाली आग
की लपट म गट करे ।
16 ोंिक यहोवा सब ािणयों का ाय आग से और अपनी तलवार से करे गा; और यहोवा के मारे ए ब त होंगे।।
17 जो लोग अपने को इसिलये पिव और शु करते ह िक बा रयों म जाएं और िकसी के पीछे खड़े हो कर सू अर वा चू हे का मांस और और घृिणत व ुएं खाते ह, वे एक ही संग नाश
हो जाएं गे , यहोवा की यही वाणी है।।
18 ोंिक म उनके काम और उनकी क नाएं , दोनों अ ी रीित से जानता ं । और वह समय आता है जब म सारी जाितयों और िभ िभ भाषा बोलने वालों को इक ा क ं गा; और
वे आकर मेरी मिहमा दे खगे।
19 और म उन से एक िच गट क ं गा; और उनके बचे ओं को म उन अ जाितयों के पास भेजूंगा िज ोंने न तो मे रा समाचार सुना है और न मेरी मिहमा दे खी है, अथात तश िशयों
और धनु धारी पूिलयों और लूिदयों के पास, और तबिलयों और यूनािनयों और दू र ीपवािसयों के पास भी भेज दू ं गा और वे अ जाितयों म मेरी मिहमा का वणन करगे।
20 और जै से इ ाएली लोग अ बिल को शु पा म धरकर यहोवा के भवन म ले आते ह, वैसे ही वे तु ारे सब भाइयों को घोड़ों, रथों, पालिकयों, ख रों और साड़िनयों पर चढ़ा
चढ़ाकर मे रे पिव पवत य शलेम पर यहोवा की भट के िलये ले आएं गे, यहोवा का यही वचन है।
21 और उन म से म िकतने लोगों को याजक और लेवीय पद के िलये भी चुन लूंगा।।
22 ोंिक िजस कार नया आकाश और नई पृ ी, जो म बनाने पर ं , मे रे स ु ख बनी रहे गी, उसी कार तु ारा वंश और तु ारा नाम भी बना रहेगा; यहोवा की यही वाणी है ।
23 िफर ऐसा होगा िक एक नये चांद से दू सरे नये चांद के िदन तक और एक िव ाम िदन से दू सरे िव ाम िदन तक सम ाणी मेरे सा ने द वत करने को आया करगे ; यहोवा का
यही वचन है।।
24 तब वे िनकल कर उन लोगों की लोथों पर िज ोंने मुझ से बलवा िकया ि डालगे ; ोंिक उन म पड़े ए कीड़े कभी न मरगे, उनकी आस कभी न बुझेगी, और सारे मनु ों को उन
से अ घृणा होगी।।
ियमयाह 1
1 िह ाह का पु ियमयाह जो िब ामीन दे श के अनातोत म रहने वाले याजकों म से था, उसी के ये वचन ह।
2 यहोवा का वचन उसके पास आमोन के पु य दा के राजा योिश ाह के िदनों म उसके रा के तेरहव वष म प ंचा।
3 इसके बाद योिश ाह के पु य दा के राजा यहोयाकीम के िदनों म, और योिश ाह के पु य दा के राजा िसदिक ाह के रा के ारहव वष के अ तक भी गट होता रहा जब
तक उसी वष के पांचव महीने म य शलेम के िनवासी बं धुआई म न चले गए।
4 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास प ंचा,
5 गभ म रचने से पिहले ही म ने तुझ पर िच लगाया, और उ होने से पिहले ही म ने तु झे अिभषे क िकया; म ने तुझे जाितयों का भिव ा ठहराया।
6 तब म ने कहा, हाय, भु यहोवा! दे ख, म तो बोलना ही नही ं जानता, ोंिक म लड़का ही ँ ।
7 पर ु यहोवा ने मुझ से कहा, मत कह िक म लड़का ँ ; ोंिक िजस िकसी के पास म तुझे भे जूं वहां तू जाएगा, और जो कुछ म तुझे आजा दू ं वही तू कहेगा।
8 तू उनके मुख को दे खकर मत डर, ोंिक तुझे छु ड़ाने के िलये म तेरे साथ ँ , यहोवा की यही वाणी है।
9 तब यहोवा ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुंह को छु आ; और यहोवा ने मु झ से कहा, दे ख, म ने अपने वचन ते रे मुं ह म डाल िदये ह।
10 सु न, म ने आज के िदन तुझे जाितयों और रा ों पर अिधकारी ठहराया है; उ िगराने और ढा दे ने के िलये, नाश करने और काट डालने के िलये, या उ बनाने और रोपने के िलये ।
11 और यहोवा का यह वचन मेरे पास प ंचा, हे ियमयाह, तुझे ा िदखाई पड़ता है? म ने कहा, मु झे बादाम की एक टहनी िदखाई पड़ती है।
12 तब यहोवा ने मुझ से कहा, तुझे ठीक िदखाई पड़ता है , ोंिक म अपने वचन को पू रा करने के िलये जागृ त ँ ।
13 िफर यहोवा का वचन दू सरी बार मेरे पास पहंचा, और उसने पू छा, तुझे ा िदखाई पड़ता है ? म ने कहा, मुझे उबलता आ एक ह ा िदखाई पड़ता है िजसका मुं ह उ र िदशा की
ओर से है ।
14 तब यहोवा ने मुझ से कहा, इस दे श के सब रहने वालों पर उ र िदशा से िवपि आ पड़े गी।
15 यहोवा की यह वाणी है, म उ र िदशा के रा ों और कुलों को बुलाऊंगा; और वे आकर य शले म के फाटकों म और उसके चारों ओर की शहरपनाह, और य दा के और सब
नगरों के सा ने अपना अपना िसंहासन लगाएं गे।
16 और उनकी सारी बुराई के कारण म उन पर द की आ ा दू ं गा; ोंिक उ ोंने मुझे ागकर दू सरे दे वताओं के िलये धूप जलाया और अपनी बनाई ई व ु ओं को द वत िकया
है ।
17 इसिलये तू अपनी कमर कस कर उठ; और जो कुछ कहने की म तुझे आ ा दू ं वही उन से कह। तू उनके मु ख को दे ख कर न घबराना, ऐसा न हो िक म तुझे उनके सा ने घबरा दू ं ।
18 ोंिक सु न, म ने आज तुझे इस सारे दे श और य द के राजाओं, हािकमों, और याजकों और साधारण लोगों के िव गढ़वाला नगर, और लोहे का ख ा, और पीतल की
शहरपनाह बनाया है।
19 वे तुझ से लड़गे तो सही, पर ु तुझ पर बल न होंगे, ोंिक बचाने के िलये म ते रे साथ ँ, यहोवा की यही वाणी है ।
ियमयाह 2
1 यहोवा का वह वचन मेरे पास प ंचा,
2 और य शले म म पु कार कर यह सुना दे , यहोवा यह कहता है , तेरी जवानी का े ह और तेरे िववाह के समय का े म मुझे रण आता है िक तू कैसे जंगल म मेरे पीछे पीछे चली जहां
भू िम जोती-बोई न गई थी।
3 इ ाएल, यहोवा के िलये पिव और उसकी पहली अपज थी। उसे खाने वाले सब दोषी ठहरगे और िवपि म पड़गे, यहोवा की यही वाणी है।
4 हे याकूब के घराने, हे इ ाएल के घराने के कुलों के लोगो, यहोवा का वचन सुनो!
5 यहोवा यों कहता है, तु ारे पुरखाओं ने मुझ म कौन ऐसी कुिटलता पाई िक मु झ से दू र हट गए और िनक ी व ु ओं के पीछे हो कर यं िनक े हो गए?
6 उ ोंने इतना भी न कहा िक जो हम िम दे श से िनकाल ले आया वह यहोवा कहां है ? जो हम जं गल म से ओर रे त और गड़हों से भरे ए िनजल और घोर अ कार के दे श से िजस म
हो कर कोई नहीं चलता, और िजस म कोई मनु नहीं रहता, हम िनकाल ले आया।
7 और म तुम को इस उपजाऊ दे श म ले आया िक उसका फल और उ म उपज खाओ; पर ु मे रे इस दे श म आकर तु म ने इसे अशु िकया, और मेरे इस िनज भाग को घृिणत कर
िदया है।
8 याजकों ने भी नही ं पूछा िक यहोवा कहां है; जो व था िसखाते थे वे भी मुझ को न जानते थे; चरवाहों ने भी मुझ से बलवा िकया; भिव ाओं ने बाल दे वता के नाम से भिव ाणी
की और िन ल बातों के पीछे चले।
9 इस कारण यहोवा यह कहता है, म िफर तुम से िववाद, और तु ारे बेटे और पोतों से भी क ं गा।
10 िकि यों के ीपों म पार जा कर दे खो, या केदार म दू त भेज कर भली भांित िवचार करो और दे खो; दे खो, िक ऐसा काम कही ं और भी आ है? ा िकसी जाित ने अपने दे वताओं
को बदल िदया जो परमे र भी नहीं ह?
11 पर ु मेरी जा ने अपनी मिहमा को िनक ी व ु से बदल िदया है ।
12 हे आकाश, चिकत हो, ब त ही थरथरा और सुनसान हो जा, यहोवा की यह वाणी है।
13 ोंिक मेरी जा ने दो बुराइयां की ह: उ ोंने मुझ बहते जल के सोते को ाग िदया है, और, उ ोंने हौद बना िलये, वरन ऐसे हौद जो टू ट गए ह, और िजन म जल नही ं रह सकता।
14 ा इ ाएल दास है? ा वह घर म ज ा आ दास है? िफर वह ों िशकार बना?
15 जवान िसं हों ने उसके िव गरजकर नाद िकया। उ ोंने उसके दे श को उजाड़ िदया; उ ोंने उसके नगरों को ऐसा उजाड़ िदया िक उन म कोई बसने वाला ही न रहा।
16 और नोप और तहप हेस के िनवासी भी तेरे दे श की उपज चट कर गए ह।
17 ा यह तेरी ही करनी का फल नहीं, जो तू ने अपने परमे र यहोवा को छोड़ िदया जो तुझे माग म िलये चला?
18 और अब तुझे िम के माग से ा लाभ है िक तू सीहोर का जल पीए? अथवा अ ू र के माग से भी तु झे ा लाभ िक तू महानद का जल पीए?
19 तेरी बु राई ही ते री ताड़ना करे गी, और तेरा भटक जाना तुझे उलाहना दे गा। जान ले और दे ख िक अपने परमे र यहोवा को ागना, यह बुरी और कड़वी बात है; तुझे मेरा भय ही
नही ं रहा, भु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
20 ोंिक ब त समय पिहले म ने तेरा जूआ तोड़ डाला और तेरे ब न खोल िदए; पर ु तू ने कहा, म से वा न क ं गी। और सब ऊंचे-ऊंचे टीलों पर और सब हरे पेड़ों के नीचे तू
िभचा रण का सा काम करती रही।
21 म ने तो तुझे उ म जाित की दाखलता और उ म बीज कर के लगाया था, िफर तू ों मे रे िलये जं गली दाखलता बन गई?
22 चाहे तू अपने को स ी से धोए और ब त सा साबुन भी योग करे , तौभी तेरे अधम का ध ा मे रे सा ने बना रहे गा, भु यहोवा की यही वाणी है।
23 तू ोंकर कह सकती है िक म अशु नहीं, म बाल दे वताओं के पीछे नही ं चली? तराई म की अपनी चाल दे ख और जान ले िक तू ने ा िकया है? तू वेग से चलने वाली और इधर
उधर िफरने वाली सांड़नी है,
24 जंगल म पड़ी ई जंगली गदही जो कामातुर हो कर वायु सूंघती िफरती है तब कौन उसे वश म कर सकता है ? िजतने उसको ढू ं ढ़ते ह वे थ प र म न कर; ोंिक वे उसे उसकी
ॠतु म पाएं गे ।
25 अपने पांव नंगे और गला सुखाए न रह। पर ु तू ने कहा, नही ं, ऐसा नहीं हो सकता, ोंिक मे रा े म दू सरों से लग गया है और म उनके पीछे चलती र ंगी।
26 जैसे चोर पकड़े जाने पर ल त होता है, वैसे ही इ ाएल का घराना राजाओं, हािकमों, याजकों और भिव ाओं समेत ल त होगा।
27 वे काठ से कहते ह, तू मेरा बाप है, और प र से कहते ह, तू ने मुझे ज िदया है । इस कार उ ोंने मेरी ओर मुं ह नहीं पीठ ही फेरी है; पर ु िवपि के समय वे कहते ह, उठ कर
हम बचा!
28 पर ु जो दे वता तू ने बना िलये ह, वे कहां रहे? यिद वे तेरी िवपि के समय तु झे बचा सकते ह तो अभी उठ; ोंिक हे य दा, तेरे नगरों के बराबर तेरे दे वता भी ब त ह।
29 तुम ों मु झ से वादिववाद करते हो? तुम सभों ने मुझ से बलवा िकया है, यहोवा की यही वाणी है ।
30 म ने थ ही तु ारे बेटों की ताड़ना की, उ ोंने कुछ भी नही ं माना; तुम ने अपने भिव ाओं को अपनी ही तलवार से ऐसा काट डाला है जैसा िसंह फाड़ता है ।
31 हे लोगो, यहोवा के वचन पर ान दो! ा म इ ाएल के िलये जं गल वा घोर अ कार का दे श बना? तब मे री जा ों कहती है िक हम तो आजाद हो गए ह सो ते रे पास िफर न
आएं गे ?
32 ा कुमारी अपने िसंगार वा दु न अपनी सजावट भू ल सकती है? तौभी मे री जा ने युगों से मु झे िबसरा िदया है।
33 ेम लगाने के िलये तू कैसी सु र चाल चलती है! बुरी यों को भी तू ने अपनी सी चाल िसखाई है।
34 तेरे घाघरे म िनद ष और द र लोगों के लो का िच पाया जाता है; तू ने उ सध लगाते नही ं पकड़ा। पर ु इन सब के होते ए भी तू कहती है, म िनद ष ं;
35 िन य उसका ोध मुझ पर से हट जाएगा। दे ख, तू जो कहती है िक म ने पाप नही ं िकया, इसिलये म तेरा ाय कराऊंगा।
36 तू ों नया माग पकड़ने के िलये इतनी डांवाडोल िफरती है ? जैसे अ ू रयों से तू ल त ई वैसे ही िमि यों से भी होगी।
37 वहां से भी तू िसर पर हाथ रखे ए यों ही चली आएगी, ोंिक िजन पर तू ने भरोसा रखा है उन को यहोवा ने िनक ा ठहराया है, और उसके कारण तू सफल न होगी।
ियमयाह 3
1 वे कहते ह, यिद कोई अपनी प ी को ाग दे , और वह उसके पास से जा कर दू सरे पु ष की हो जाए, तो वह पिहला ा उसके पास िफर जाएगा? ा वह दे श अित अशु न हो
जाएगा? यहोवा की यह वाणी है िक तू ने ब त से ेिमयों के साथ िभचार िकया है , ा तू अब मे री ओर िफरे गी?
2 मु े टीलों की ओर आं ख उठा कर दे ख! ऐसा कौन सा थान है जहां तू ने कुकम न िकया हो? माग म तू ऐसी बैठी जै से एक अरबी जंगल म। तू ने दे श को अपने िभचार से अशु
कर िदया है।
3 इसी कारण झिडय़ां और बरसात की िपछली वषा नहीं होती; तौभी तेरा माथा वे ा का सा है , तू ल त होना ही नही ं जानती।
4 ा तू अब मुझे पुकार कर कहेगी, हे मेरे िपता, तू ही मे री जवानी का साथी है ?
5 ा वह मन म सदा ोध रखे रहेगा? ा वह उसको सदा बनाए रहे गा? तू ने ऐसा कहा तो है , पर ु तू ने बुरे काम बलता के साथ िकए ह।
6 िफर योिश ाह राजा के िदनों म यहोवा ने मुझ से यह भी कहा, ा तू ने दे खा िक भटकने वाली इ ाएल ने ा िकया है ? उसने सब ऊंचे पहाड़ों पर और सब हरे पेड़ों के तले जा जा
कर िभचार िकया है।
7 तब म ने सोचा, जब ये सब काम वह कर चुके तब मेरी ओर िफरे गी; पर ु वह न िफरी, और उसकी िव ासघाती बिहन य दा ने यह दे खा।
8 िफर म ने दे खा, जब म ने भटकने वाली इ ाएल को उसके िभचार करने के कारण ागकर उसे ागप दे िदया; तौभी उसकी िव ासघाती बिहन य दा न डरी, वरन जा कर वह
भी िभचा रणी बन गई।
9 उसके िनल - िभचा रणी होने के कारण दे श भी अशु हो गया, उसने प र और काठ के साथ भी िभचार िकया।
10 इतने पर भी उसकी िव ासघाती बिहन य दा पूण मन से मे री ओर नही ं िफरी, पर ु कपट से , यहोवा की यही वाणी है ।
11 और यहोवा ने मुझ से कहा, भटकने वाली इ ाएल, िव ासघाितन य दा से कम दोषी िनकली है ।
12 तू जा कर उ र िदशा म ये बात चार कर, यहोवा की यह वाणी है , हे भटकने वाली इ ाएल लौट आ, म तु झ पर ोध की ि न क ं गा; ोंिक यहोवा की यह वाणी है, म
क णामय ँ ; म सवदा ोध न रखे र ंगा।
13 केवल अपना यह अधम मान ले िक तू अपने परमे र यहोवा से िफर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर उधर दू सरों के पास गई, और मे री बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी
है ।
14 हे भटकने वाले लड़को लौट आओ, ोंिक म तु रा ामी ँ; यहोवा की यह वाणी है । तु ारे े क नगर पीछे एक, और ेक कुल पीछे दो को लेकर म िस ोन म प ंचा दू ं गा।
15 और म तु अपने मन के अनुकूल चरवाहे दू ं गा, जो ान और बु से तु चराएं गे ।
16 उन िदनों म जब तुम इस दे श म बढ़ो, और फूलो-फलो, तब लोग िफर ऐसा न कहगे , “यहोवा की वाचा का स दू क”; यहोवा की यह भी वाणी हे। उसका िवचार भी उनके मन म न
आएगा, न लोग उसके न रहने से िच ा करगे; और न उसकी मर त होगी।
17 उस समय स शलेम यहोवा का िसंहासन कहलाएगा, और सब जाितयां उसी य शले म म मे रे नाम के िनिम इक ी आ करगी, और, वे िफर अपने बुरे मन के हठ पर न चलगी।
18 उन िदनों म य दा का घराना इ ाएल के घराने के साथ चलेगा और वे दोनों िमल कर उ र के दे श से इस दे श म आएं गे िजसे म ने उनके पूवजों को िनज भाग कर के िदया था।
19 म ने सोचा था, म कैसे तुझे लड़कों म िगन कर वह मनभावना दे श दू ं जो सब जाितयों के दे शों का िशरोमिण है । और म ने सोचा िक तू मुझे िपता कहेगी, और मुझ से िफर न
भटकेगी।
20 इस म तो स े ह नही ं िक जै से िव ासघाती ी अपने ि य से मन फेर ले ती है, वैसे ही हे इ ाएल के घराने , तू मु झ से िफर गया है, यहोवा की यही वाणी है।
21 मु े टीलों पर से इ ाएिलयों के रोने और िगड़िगड़ाने का श सु नाई दे रहा है , ोंिक वे टे ढ़ी चाल चलते रहे ह और अपने परमे र यहोवा को भूल गए ह।
22 हे भटकने वाले लड़को, लौट आओ, म तु ारा भटकना सुधार दू ं गा। दे ख, हम ते रे पास आए ह; ोंिक तू ही हमारा परमे र यहोवा है।
23 िन य पहाड़ों और पहािडय़ों पर का कोलाहल थ ही है । इ ाएल का उ ार िन य हमारे परमे र यहोवा ही के ारा है।
24 पर ु हमारी जवानी ही से उस बदनामी की व ु ने हमारे पु रखाओं की कमाई अथात उनकी भे ड़-बकरी और गाय-बैल और उनके बेटे-बेिटयों को िनगल िलया है ।
25 हम ल त हो कर लेट जाएं , और हमारा संकोच हमारी ओढ़नी बन जाए; ोंिक हमारे पु रखा और हम भी युवा अव था से ले कर आज के िदन तक अपने परमे र यहोवा के
िव पाप करते आए ह; और हम ने अपने परमे र यहोवा की बातों को नही ं माना है।
ियमयाह 4
1 यहोवा की यह वाणी है, हे इ ाएल यिद तू लौट आए, तो मे रे पास लौट आ। यिद तू िघनौनी व ु ओं को मे रे सा ने से दू र करे , तो तुझे अवारा िफरना न पड़े गा,
2 और यिद तू स ाई और ाय और धम से यहोवा के जीवन की शपथ खाए, तो अ जाितयां उसके कारण अपने आप को ध कहगी, और उसी पर घम करगी।
3 ोंिक य दा और य शले म के लोगों से यहोवा ने यों कहा है, अपनी पड़ती भूिम को जोतो, और कटीले झाड़ों म बीज मत बोओ।
4 हे य दा के लोगो और य शले म के िनवािसयों, यहोवा के िलये अपना खतना करो; हां, अपने मन का खतना करो; नहीं तो तु ारे बुरे कामों के कारण मेरा ोध आग की नाईं
भड़केगा, और ऐसा होगा की कोई उसे बुझा न सकेगा।
5 य दा म चार करो और य शलेम म यह सुनाओ; पूरे दे श म नरिसं गा फूंको; गला खोल कर ललकारो और कहो, आओ, हम इक े हों ओर गढ़ वाले नगरों म जाएं !
6 िस ोन के माग म झ ा खड़ा करो, अपना सामान बटोर के भागो, खड़े मत रहो, ोंिक म उ र की िदशा से िवपि और स ानाश ले आया चाहता ँ।
7 एक िसं ह अपनी झाड़ी से िनकला, जाित जाित का नाश करने वाला चढ़ाई कर के आ रहा है; वह कूच कर के अपने थान से इसिलये िनकला है िक तु ारे दे श को उजाड़ दे और
तु ारे नगरों को ऐसा सुनसान कर दे िक उन म कोई बसने वाला न रहने पाए।
8 इसिलये कमर म टाट बा ो, िवलाप और हाय हाय करो; ोंिक यहोवा का भड़का आ कोप हम पर से टला नहीं है।
9 उस समय राजा और हािकमों का कलेजा कांप उठे गा; याजक चिकत होंगे और नबी अच त हो जाएं गे , यहोवा की यह वाणी है।
10 तब म ने कहा, हाय, भु यहोवा, तू ने तो यह कह कर िक तुम को शा िमलेगी िन य अपनी इस जा को और य शलेम को भी बड़ा धोखा िदया है; ोंिक तलवार ाणों को
िमटाने पर है।
11 उस समय तेरी इस जा से और य शलेम स भी कहा जाएगा, जंगल के मु े टीलों पर से जा के लोगों की ओर लू बह रही है, वह ऐसी वायु नहीं िजस से ओसाना वा फरछाना हो,
12 पर ु मेरी ओर से ऐसे कामों के िलये अिधक च वायु बहे गी। अब म उन को द की आ ा दू ं गा।
13 दे खो, वह बादलों की नाईं चढ़ाई कर के आ रहा है, उसके रथ बव र के समान और उसके घोड़े उकाबों से भी अिधक वेग से चलते ह। हम पर हाय, हम नाश ए!
14 हे य शले म, अपना दय बुराई से धो, िक, तु ारा उ ार हो जाए। तु म कब तक थ क नाएं करते रहोगे ?
15 ोंिक दान से श सुन पड़ रहा है और ए ैम के पहाड़ी दे श से िवपि का समाचार आ रहा है ।
16 अ जाितयों म सुना दो, य शलेम को भी इसका समाचार दो, पह ए दू र दे श से आकर य दा के नगरों के िव ललकार रहे ह।
17 वे खे त के रखवालों की नाईं उसको चारों ओर से घेर रहे ह, ोंिक उसने मु झ से बलवा िकया है, यहोवा की यही वाणी है।
18 यह ते री चाल और तेरे कामों ही का फल ह। यह तेरी दु ता है और अित दु खदाई है ; इस से ते रा दय िछद जाता है ।
19 हाय! हाय! मेरा दय भीतर ही भीतर तड़पता है! और मेरा मन घबराता है ! म चु प नही ं रह सकता; ोंिक हे मे रे ाण, नरिसंगे का श और यु की ललकार तुझ तक प ंची है।
20 नाश पर नाश का समाचार आ रहा है, सारा दे श लूट िलया गया है। मे रे डे रे अचानक और मे रे त ू एकाएक लू टे गए ह।
21 और िकतने िदन तक मुझे उनका झ ा दे खना और नरिसं गे का श सु नना पड़े गा?
22 ोंिक मेरी जा मूढ़ है , वे मु झे नही ं जानते; वे ऐसे मूख लड़के ह िजन म कुछ भी समझ नहीं। बुराई करने को तो वे बु मान ह, पर ु भलाई करना वे नही ं जानते।
23 म ने पृ ी पर दे खा, वह सूनी और सुनसान पड़ी थी; और आकाश को, और उस म कोई ोित नही ं थी।
24 म ने पहाड़ों को दे खा, वे िहल रहे थे, और सब पहािडय़ों को िक वे डोल रही थी ं।
25 िफर म ने ा दे खा िक कोई मनु भी न था और सब प ी भी उड़ गए थे ।
26 िफर म ा दे खता ँ िक यहोवा के ताप और उस भड़के ए कोप के कारण उपजाऊ दे श जं गल, और उसके सारे नगर ख हर हो गए थे।
27 ोंिक यहोवा ने यह बताया िक सारा दे श उजाड़ हो जाएगा; तौभी म उसका अ न कर डालूं गा।
28 इस कारण पृ ी िवलाप करे गी, और आकाश शोक का काला व पिहनेगा; ोंिक म ने ऐसा ही करने को ठाना और कहा भी है; म इस से नहीं पछताऊंगा और न अपने ण को
छोड़ूंगा।
29 नगर के सारे लोग सवारों और धनुधा रयों का कोलाहल सुनकर भागे जाते ह; वे झािड़यों म घुसते और च ानों पर चढ़े जाते ह; सब नगर िनजन हो गए, और उन म कोई बाकी न
रहा।
30 और तू जब उजड़े गी तब ा करे गी? चाहे तू लाल रं ग के व पिहने और सोने के आभूषण धारण करे और अपनी आं खों म अंजन लगाए, पर ु थ ही तू अपना ं गार करे गी।
ोंिक तेरे िम तु झे िनक ी जानते ह; वे तेरे ाणों के खोजी ह।
31 ोंिक म ने ज़ ा का श , पिहलौठा जनती ई ी की सी िच ाहट सु नी है , यह िस ोन की बेटी का श है , जो हांफती और हाथ फैलाए ए यों कहती है , हाय मुझ पर, म
ह ारों के हाथ पड़कर मूिछत हो चली ँ।
ियमयाह 5
1 य शले म की सड़कों म इधर उधर दौड़कर दे खो! उसके चौकों म ढूंढ़ो यिद कोई ऐसा िमल सके जो ाय से काम करे और स ाई का खोजी हो; तो म उसका पाप मा क ं गा।
2 य िप उसके िनवासी यहोवा के जीवन की शपथ भी खाएं , तौभी िन य वे झूठी शपथ खाते ह।
3 हे यहोवा, ा तेरी ि स ाई पर नही ं है ? तू ने उन को दु :ख िदया, पर ु वे शोिकत नहीं ए; तू ने उन को नाश िकया, पर ु उ ोंने ताड़ना से भी नही ं माना। उ ोंने अपना मन
च ान से भी अिधक कठोर िकया है; उ ोंने प ा ाप करने से इनकार िकया है ।
4 िफर म ने सोचा, ये लोग तो कंगाल और अबोध ही ह; ोंिक ये यहोवा का माग और अपने परमे र का िनयम नही ं जानते।
5 इसिलये म बड़े लोगों के पास जा कर उन को सुनाऊंगा; ोंिक वे तो यहोवा का माग और अपने परमे र का िनयम जानते ह। पर ु उन सभों ने िमलकर जूए को तोड़ िदया है और
ब नों को खोल डाला है।
6 इस कारण वन म से एक िसंह आकर उ मार डालेगा, िनजल दे श का एक भेिडय़ा उन को नाश करे गा। और एक चीता उनके नगरों के पास घात लगाए रहे गा, और जो कोई उन म
से िनकले वह फाड़ा जाएगा; ोंिक उनके अपराध ब त बढ़ गए ह और वे मुझ से ब त ही दू र हट गए ह।
7 म ोंकर तेरा पाप मा क ं ? तेरे लड़कों ने मुझ को छोड़ कर उनकी शपथ खाई है जो परमे र नही ं है । जब म ने उनका पेट भर िदया, तब उ ोंने िभचार िकया और वे ाओं
के घरों म भीड़ की भीड़ जाते थे।
8 वे खलाए-िपलाए बे-लगाम घेड़ों के समान हो गए, वे अपने अपने पड़ोसी की ी पर िहनिहनाने लगे ।
9 ा म ऐसे कामों का उ द न दू ं ? यहोवा की यह वाणी है; ा म ऐसी जाित से अपना पलटा न लूं ?
10 शहरपनाह पर चढ़ के उसका नाश तो करो, तौभी उसका अ मत कर डालो; उसकी जड़ रहने दो पर ु उसकी डािलयों को तोड़ कर फक दो, ोंिक वे यहोवा की नही ं ह।
11 यहोवा की यह वाणी है िक इ ाएल और य दा के घरानों ने मुझ से बड़ा िव ासघात िकया है।
12 उ ोंने यहोवा की बात झुठलाकर कहा, वह ऐसा नहीं है; िवपि हम पर न पड़े गी, न हम तलवार को और न महं गी को दे खगे।
13 भिव ा हवा हो जाएं गे; उन म ई र का वचन नहीं है। उनके साथ ऐसा ही िकया जाएगा!
14 इस कारण सेनाओं का परमे र यहोवा यों कहता है, ये लोग जो ऐसा कहते ह, इसिलये दे ख, म अपना वचन तेरे मुं ह म आग, और इस जा को काठ बनाऊंगा, और वह उन को
भ करे गी।
15 यहोवा की यह वाणी है, हे इ ाएल के घराने, दे ख, म तु ारे िव दू र से ऐसी जाित को चढ़ा लाऊंगा जो सामथी ं और ाचीन है, उसकी भाषा तुम न समझोगे, और न यह जानोगे िक
वे लोग ा कह रहे ह।
16 उनका तकश खुली क़ है और वे सब के सब शूरवीर ह।
17 तु ारे प े खेत और भोजनव ुएं जो तु ारे बेटे-बे िटयों के खाने के िलये ह उ वे खा जाएं गे । वे तु ारी भेड़-बक रयों और गाय-बैलों को खा डालगे; वे तु ारी दाखों और अंजीरों
को खा जाएं गे ; और िजन गढ़ वाले नगरों पर तुम भरोसा रखते हो उ वे तलवार के बल से नाश कर दगे ।
18 तौभी, यहोवा की यह वाणी है, उन िदनों म भी म तु ारा अ न कर डालूंगा।
19 और जब तु म पूछोगे िक हमारे परमे र यहोवा ने हम से ये सब काम िकस िलये िकए ह, तब तुम उन से कहना, िजस कार से तुम ने मुझ को ागकर अपने दे श म दू सरे दे वताओं
की सेवा की है , उसी कार से तुम को पराये दे श म परदे िशयों की सेवा करनी पड़े गी।
20 याकूब के घराने म यह चार करो, और य दा म यह सु नाओ:
21 हे मू ख और िनबु लोगो, तुम जो आं ख रहते ए नही ं दे खते , जो कान रहते ए नही ं सु नते , यह सुनो।
22 यहोवा की यह वाणी है, ा तुम लोग मे रा भय नहीं मानते? ा तुम मे रे स ु ख नही ं थरथराते? म ने बालू को समु का िसवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बा ठहराया िक वह
उसे लां घ न सके; और चाहे उसकी लहर भी उठ, तौभी वे बल न हो सक, था जब वे गरज तौभी उसको न लां घ सक।
23 पर इस जा का हठीला और बलवा करने वाला मन है; इ ोंने बलवा िकया और दू र हो गए ह।
24 वे मन म इतना भी नही ं सोचते िक हमारा परमे र यहोवा तो बरसात के आर और अ दोनों समयों का जल समय पर बरसाता है, और कटनी के िनयत स ाहों को हमारे िलये
रखता है, इसिलये हम उसका भय मान।
25 पर ु तु ारे अधम के कामों ही के कारण वे क गए, और तु ारे पापों ही के कारण तु ारी भलाई नहीं होती।
26 मेरी जा म दु लोग पाए जाते ह; जैसे िचड़ीमार ताक म रहते ह, वैसे ही वे भी घात लगाए रहते ह। वे फ ा लगाकर मनु ों को अपने वश म कर लेते ह।
27 जैसा िपं जड़ा िचिडय़ों से भरा हो, वैसे ही उनके घर छल से भरे रहते ह; इसी कार वे बढ़ गए और धनी हो गए ह।
28 वे मोटे और िचकने हो गए ह। बु रे कामों म वे सीमा को लां घ गए ह; वे ाय, िवशेष कर के अनाथों का ाय नहीं चु काते ; इस से उनका काम सफल नही ं होता: वे कंगालों का हक़ भी
नही ं िदलाते ।
29 इसिलये, यहोवा की यह वाणी है, ा म इन बातों का द न दू ं ? ा म ऐसी जाित से पलटा न लूं ?
30 दे श म ऐसा काम होता है िजस से चिकत और रोमांिचत होना चािहये ।
31 भिच ा झूठमूठ भिव ाणी करते ह; और याजक उनके सहारे से भुता करते ह; मेरी जा को यह भाता भी है, पर ु अ के समय तुम ा करोगे?
ियमयाह 6
1 हे िब ामीिनयो, य शलेम म से अपना अपना सामान ले कर भागो! तकोआ म नरिसं गा फूंको, और बे थ े रे म पर झ ा ऊंचा करो; ोंिक उ र की िदशा से आने वाली िवपि
बड़ी और िवनाश लाने वाली है।
2 िस ोन की सु र और सुकुमार बेटी को म नाश करने पर ँ ।
3 चरवाहे अपनी अपनी भेड़-बक रयां संग िलये ए उस पर चढ़ कर उसके चारों ओर अपने त ू खड़े करगे, वे अपने अपने पास की घास चरा लगे।
4 आओ, उसके िव यु की तैयारी करो; उठो, हम दो पहर को चढ़ाई कर! हाय, हाय, िदन ढलता जाता है, और सांझ की परछाईं ल ी हो चली है!
5 उठो, हम रात ही रात चढ़ाई कर और उसके महलों को ढा द।
6 से नाओं का यहोवा तुम से कहता है, वृ काट काटकर य शलेम के िव दमदमा बा ो! यह वही नगर है जो द के यो है; इस म अ ेर ही अनधेर भरा आ है।
7 जै सा कूएं म से िन नया जल िनकला करता है, वैसा ही इस नगर म से िन नई बु राई िनकलती है ; इस म उ ात और उप व का कोलाहल मचा रहता है; चोट और मारपीट मेरे
दे खने म िनर र आती है।
8 हे य शले म, ताड़ना से ही मान ले, नही ं तो तू मेरे मन से भी उतर जाएगी; और, म तु झ को उजाड़कर िनजन कर डालूंगा।
9 से नाओं का यहोवा यों कहता है, इ ाएल के सब बचे ए दाखलता की नाईं ढूंढ़ कर तोड़े जाएं गे; दाख के तोड़ने वाले की नाईं उस लता की डािलयों पर िफर अपना हाथ लगा।
10 म िकस से बोलूं और िकस को िचता कर क ं िक वे मान? दे ख, ये ऊंचा सुनते ह, वे ान भी नही ं दे सकते; दे ख, यहोवा के वचन की वे िन ा करते और उसे नही ं चाहते ह।
11 इस कारण यहोवा का कोप मेरे मन म भर गया हे; म उसे रोकते रोकते उकता गया ँ । बाज़ारों म ब ों पर और जवानों की सभा म भी उसे उं डेल दे ; ोंिक पित अपनी प ी के
साथ और अधेड़ बूढ़े के साथ पकड़ा जाएगा।
12 उन लोगों के घर और खेत और यां सब औरों को हो जाएं गीं; ोंिक म इस दे श के रहने वालों पर हाथ बढ़ाऊंगा, यहोवा की यही वाणी है ।
13 ोंिक उन म छोटे से ले कर बड़े तक सब के सब लालची ह; और ा भिव ा ा याजक सब के सब छल से काम करते ह।
14 वे, “शा है, शा ,” ऐसा कह कह कर मेरी जा के घाव को ऊपर ही ऊपर चं गा करते ह, पर ु शा कुछ भी नही ं।
15 ा वे कभी अपने घृिणत कामों के कारण ल त ए? नही ं, वे कुछ भी ल त नहीं ए; वे ल त होना जानते ही नहीं; इस कारण जब और लोग नीचे िगर, तब वे भी िगरगे , और
जब म उन को द दे ने लगूंगा, तब वे ठोकर खाकर िगरगे , यहोवा का यही वचन है ।
16 यहोवा यों भी कहता है, सड़कों पर खडे हो कर दे खो, और पूछो िक ाचीनकाल का अ ा माग कौन सा है , उसी म चलो, और तुम अपने अपने मन म चैन पाओगे । पर उ ोंने कहा,
हम उस पर न चलगे ।
17 म ने तु ारे िलये पह ए बैठा कर कहा, नरिसंगे का श ान से सु नना! पर उ ोंने कहा, हम न सुनगे ।
18 इसिलये, हे जाितयो, सुनो, और हे म ली, दे ख, िक इन लोगों म ा हो रहा है ।
19 हे पृ ी, सुन; दे ख, िक म इस जाित पर वह िवपि ले आऊंगा जो उनकी क नाओं का फल है, ोंिक इ ोंने मेरे वचनों पर ान नही ं लगाया, और मेरी िश ा को इ ोंने िनक ी
जाना है ।
20 मेरे िलये जो लोबान शबा से, और सुग त नरकट जो दू र दे श से आता है , इसका ा योजन है ? तु ारे होमबिलयों से म स नहीं ँ, और न तु ारे मेलबिल मुझे मीठे लगते ह।
21 इस कारण यहोवा ने यों कहा है, दे खो, म इस जा के आगे ठोकर खाऊंगा, और बाप और बेटा, पड़ोसी और िम , सब के सब ठोकर खाकर नाश होंगे।
22 यहोवा यों कहता है, दे खो, उ र से वरन पृ ी की छोर से एक बड़ी जाित के लोग इस दे श के िवरोध म उभारे जाएं गे ।
23 वे धनुष और बछ धारण िकए ए आएं गे, वे ू र और िनदय ह, और जब वे बोलते ह तब मानो समु गरजता है ; वे घोड़ों पर चढ़े ए आएं गे, हे िस ोन, वे वीर की नाईं सश हो
कर तुझ पर चढ़ाई करगे।
24 इसका समाचार सुनते ही हमारे हाथ ढीले पड़ गए ह; हम सं कट म पड़े ह; ज ा की सी पीड़ा हम को उठी है ।
25 मैदान म मत िनकलो, माग म भी न चलो; ोंिक वहां श ु की तलवार और चारों ओर भय दे ख पड़ता है।
26 हे मे री जा कमर म टाट बा , और राख म लोट; जै सा एकलौते पु के िलये िवलाप होता है वैसा ही बड़ा शोकमय िवलाप कर; ोंिक नाश करने वाला हम पर अचानक आ
पड़े गा।
27 म ने इसिलये तुझे अपनी जा के बीच गु ट वा गढ़ ठहरा िदया िक तू उनकी चाल परखे और जान ले ।
28 वे सब ब त ही हटी ह, वे लुतराई करते िफरते ह; उन सभों की चाल िबगड़ी है, वे िनरा ता ा और लोहा ही ह।
29 धौंकनी जल गई, शीशा आग म जल गया; ढालने वाले ने थ ही ढाला है; ोंिक बु रे लोग नही ं िनकाले गए।
30 उनका नाम खोटी चा ी पड़े गा, ोंिक यहोवा ने उन को खोटा पाया है।
ियमयाह 7
1 जो वचन यहोवा की ओर से ियमयाह के पास प ंचा वह यह है :
2 यहोवा के भवन के फाटक म खड़ा हो, और यह वचन चार कर, ओर कह, हे सब य िदयो, तु म जो यहोवा को द वत करने के िलये इन फाटकों से वेश करते हो, यहोवा का वचन
सु नो।
3 से नाओं का यहोवा जो इ ाएल का परमे र है , यों कहता है, अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, तब म तुम को इस थान म बसे रहने दू ं गा।
4 तुम लोग यह कह कर झूठी बातों पर भरोसा मत रखो, िक यही यहोवा का म र है ; यही यहोवा का म र, यहोवा का म र।
5 यिद तुम सचमुच अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, और सचमुच मनु -मनु के बीच ाय करो,
6 परदे शी और अनाथ और िवधवा पर अ ेर न करो; इस थान म िनद ष की ह ा न करो, और दू सरे दे वताओं के पीछे न चलो िजस से तु ारी हािन होती है,
7 तो म तु म को इस नगर म, और इस दे श म जो म ने तु ारे पू वजों को िदया था, युग युग के िलये रहने दू ं गा।
8 दे खो, तु म झूठी बातों पर भरोसा रखते हो िजन से कुछ लाभ नही ं हो सकता।
9 तुम जो चोरी, ह ा और िभचार करते , झूठी शपथ खाते, बाल दे वता के िलये धूप जलाते, और दू सरे दे वताओं के पीछे िज तुम पिहले नही ं जानते थे चलते हो,
10 तो ा यह उिचत है िक तुम इस भवन म आओ जो मे रा कहलाता है, और मेरे सा ने खड़े हो कर यह कहो िक हम इसिलये छूट गए ह िक ये सब घृिणत काम कर?
11 ा यह भवन जो मेरा कहलाता है, तु ारी ि म डाकुओं की गु फ़ा हो गया है? म ने यं यह दे खा है , यहोवा की यह वाणी है।
12 मेरा जो थान शीलो म था, जहां म ने पिहले अपने नाम का िनवास ठहराया था, वहां जा कर दे खो िक म ने अपनी जा इ ाएल की बुराई के कारण उसकी ा दशा कर दी है?
13 अब यहोवा की यह वाणी है, िक तुम जो ये सब काम करते आए हो, और य िप म तु म से बड़े य से बात करता रहा ँ , तौभी तु म ने नही ं सुना, और तु बुलाता आया पर ु तु म
नही ं बोले ,
14 इसिलये यह भवन जो मेरा कहलाता है, िजस पर तुम भरोसा रखते हो, और यह थान जो म ने तु म को और तु ारे पूवजों को िदया था, इसकी दशा म शीलो की सी कर दू ं गा।
15 और जै सा म ने तु ारे सब भाइयों को अथात सारे ए ैिमयों को अपने सा ने से दू र कर िदया है , वैसा ही तुम को भी दू र कर दू ं गा।
16 इस जा के िलये तू ाथना मत कर, न इन लोगों के िलये ऊंचे र से पुकार न मु झ से िबनती कर, ोंिक म तेरी नही ं सु नूंगा।
17 ा तू नहीं दे खता िक ये लोग य दा के नगरों और य शले म की सड़कों म ा कर रहे ह?
18 दे ख, लड़के बाले तो ईधन बटोरते, बाप आग सुलगाते और यां आटा गूंधती ह, िक ग की रानी के िलये रोिटयां चढ़ाएं ; और मुझे ोिधत करने के िलये दू सरे दे वताओं के िलये
तपावन द।
19 यहोवा की यह वाणी है, ा वे मुझी को ोध िदलाते ह? ा वे अपने ही को नहीं िजस से उनके मुंह पर िसयाही छाए?
20 सो भु यहोवा ने यों कहा है, ा मनु , ा पशु, ा मैदान के वृ , ा भू िम की उपज, उन सब पर जो इस थान म ह, मेरे कोप की आग भड़कने पर है; वह िन जलती रहेगी
और कभी न बुझेगी।
21 से नाओं का यहोवा जो इ ाएल का परमे र है , यों कहता है, अपने मेलबिलयों के साथ अपने होमबिल भी चढ़ाओ और मां स खाओ।
22 ोंिक िजस समय म ने तु ारे पूवजों को िम दे श म से िनकाला, उस समय म ने उ होमबिल और मे लबिल के िव कुछ आ ा न दी थी।
23 पर ु म ने तो उन को यह आ ा दी िक मेरे वचन को मानो, तब म तु ारा परमे र ं गा, और तुम मे री जा ठहरोगे ; और िजस माग की म तु आ ा दू ं उसी म चलो, तब तु ारा
भला होगा।
24 पर उ ोंने मेरी न सु नी और न मेरी बातों पर कान लगाया; वे अपनी ही यु यों और अपने बु रे मन के हठ पर चलते रहे और पीछे हट गए पर आगे न बढ़े ।
25 िजस िदन तु ारे पुरखा िम दे श से िनकले, उस िदन से आज तक म तो अपने सारे दासों, भिव ाओं को, तु ारे पास बड़े य से लगातार भेजता रहा;
26 पर ु उ ोंने मेरी नही ं सु नी, न अपना कान लगाया; उ ोंने हठ िकया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयां की ह।
27 तू सब बात उन से कहेगा पर वे तेरी न सुनगे; तू उन को बुलाएगा, पर वे न बोलगे।
28 तब तू उन से कह दे ना, यह वही जाित है जो अपने परमे र यहोवा की नही ं सुनती, और ताड़ना से भी नही ं मानती; स ाई नाश हो गई, और उनके मुंह से दू र हो गई है।
29 अपने बाल मुंड़ा कर फक दे ; मु े टीलों पर चढ़ कर िवलाप का गीत गा, ोंिक यहोवा ने इस समय के िनवािसयों पर ोध िकया और उ िनक ा जानकर ाग िदया है ।
30 यहोवा की यह वाणी है, इसका कारण यह है िक य िदयों ने वह काम िकया है, जो मेरी ि म बु रा है ; उ ोंने उस भवन म जो मेरा कहलाता है, अपनी घृिणत व ुएं रखकर उसे
अशु कर िदया है।
31 और उ ोंने िह ोमवंिशयों की तराई म तोपेत नाम ऊंचे थान बनाकर, अपने बेटे-बेिटयों को आग म जलाया है ; िजसकी आ ा म ने कभी नही ं दी और न मेरे मन म वह कभी आया।
32 यहोवा की यह वाणी है, इसिलये ऐसे िदन आते ह िक वह तराई िफर न तो तोपे त की और न िह ोमवंिशयों की कहलाएगी, वरन घात की तराई कहलाएगी; और तोपे त म इतनी क़
होंगी िक और थान न रहेगा।
33 इसिलये इन लोगों की लोथ आकाश के पि यों और पृ ी के पशुओं का आहार होंगी, और उन को भगाने वाला कोई न रहे गा।
34 उस समय म ऐसा क ं गा िक य दा के नगरों और य शले म की सड़कों म न तो हष और आन का श सुन पड़े गा, और न दु े वा दु न का; ोंिक दे श उजाड़ ही उजाड़
हो जाएगा।
ियमयाह 8
1 यहोवा की यह वाणी है, उस समय य दा के राजाओं, हािकमों, याजकों, भिव ाओं और य शले म के रहने वालों की हि यां क़ ों म से िनकाल कर,
2 सूय, च मा और आकाश के सारे गणों के सा ने फैलाई जाएं गी; ोंिक वे उ ी ं से े म रखते, उ ी ं की सेवा करते , उ ी ं के पीछे चलते , और उ ी ं के पास जाया करते और उ ी ं
को द वत करते थे; और न वे इक ी की जाएं गी न क़ म रखी जाएं गी; वे भू िम के ऊपर खाद के समान पड़ी रहगी।
3 तब इस बु रे कुल के बचे ए लोग उन सब थानों म िजस म म ने उ िनकाल िदया है , जीवन से मृ ु ही को अिधक चाहगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
4 तू उन से यह भी कह, यहोवा यों कहता है िक जब मनु िगरते ह तो ा िफर नहीं उठते?
5 जब कोई भटक जाता है तो ा वह लौट नहीं आता? िफर ा कारण है िक ये य शले मी सदा दू र ही दू र भटकते जाते ह? ये छल नही ं छोड़ते, और िफर लौटने से इनकार करते ह।
6 म ने ान दे कर सु ना, पर ु ये ठीक नहीं बोलते; इन म से िकसी ने अपनी बुराई से पछताकर नही ं कहा, हाय! म ने यह ा िकया है? जैसा घोड़ा लड़ाई म वेग से दौड़ता है, वैसे ही
इन म से हर एक जन अपनी ही दौड़ म दौड़ता है।
7 आकाश म लगलग भी अपने िनयत समयों को जानता है, और पणडु की, सूपाबे नी, और सारस भी अपने आने का समय रखते ह; पर ु मेरी जा यहोवा का िनयम नही ं जानती।
8 तुम ोंकर कह सकते हो िक हम बु मान ह, और यहोवा की दी ई व था हमारे साथ है ? पर ु उनके शा यों ने उसका झूठा िववरण िलख कर उसको झूठ बना िदया है।
9 बु मान ल त हो गए, वे िव त ए और पकड़े गए; दे खो, उ ोंने यहोवा के वचन को िनक ा जाना है , उन म बु कहां रही?
10 इस कारण म उनकी यों को दू सरे पु षों को और उनके खेत दू सरे अिधका रयों के वश म कर दू ं गा, ोंिक छोटे से ले कर बड़े तक वे सब के सब लालची ह; ा भिव ा
ा याजक, वे सब के छल से काम करते ह।
11 उ ोंने, “शा है, शा ” ऐसा कह कहकर मेरी जा के घाव को ऊपर ही ऊपर चं गा िकया, पर ु शा कुछ भी नही ं है ।
12 ा वे घृिणत काम कर के ल त ए? नही ं, वे कुछ भी ल त नहीं ए, वे ल त होना जानते ही नहीं। इस कारण जब और लोग नीचे िगर, तब वे भी िगरगे; जब उनके द का
समय आएगा, तब वे भी ठोकर खाकर िगरगे, यहोवा का यही वचन है ।
13 यहोवा की सह भी वाणी है, म उन सभों का अ कर दू ं गा। न तो उनकी दाखलताओं म दाख पाई जाएं गी, और न अं जीर के वृ ों म अंजीर वरन उनके प े भी सूख जाएं गे , और जो
कुछ म ने उ िदया है वह उनके पास से जाता रहेगा।
14 हम ोंचुप-चाप बै ठे ह? आओ, हम चलकर गढ़ वाले नगरों म इक े नाश हो जाएं ; ोंिक हमारा परमे र यहोवा हम को नाश करना चाहता है, और हम िवष पीने को िदया है;
ोंिक हम ने यहोवा के िव पाप िकया है।
15 हम शा की बाट जोहते थे, पर ु कुछ क ाण नहीं िमला, और चंगाई की आशा करते थे, पर ु घबराना ही पड़ा है ।
16 उनके घोड़ों का फुराना दान से सुन पड़ता है, और बलव घोड़ों के िहनिहनाने के श से सारा दे श कां प उठा है। उ ोंने आकर हमारे दे श को और जो कुछ उस म है, और हमारे
नगर को िनवािसयों समेत नाश िकया है।
17 ोंिक दे खो, म तु ारे बीच म ऐसे सांप और नाग भेजूंगा िजन पर मं न चले गा, और वे तु म को डसगे , यहोवा की यही वाणी है।
18 हाय! हाय! इस शोक की दशा म मुझे शा कहां से िमलेगी? मेरा दय भीतर ही भीतर तड़पता है !
19 मुझे अपने लोगों की िच ाहट दू र के दे श से सुनाई दे ती है : ा यहोवा िस ोन म नहीं ह? ा उसका राजा उस म नहीं? उ ोंने ों मु झ को अपनी खोदी ई मू रतों और परदे श
की थ व ुओं के ारा ों ोध िदलाया है?
20 कटनी का समय बीत गया, फल तोड़ने की ॠतु भी समा हो गई, और हमारा उ ार नही ं आ।
21 अपने लोगों के दु :ख से म भी दु : खत आ, म शोक का पिहरावा पिहने अित अच े म डूबा ँ।
22 ा िगलाद दे श म कुछ बलसान की औषिध नही ं? ा उस म कोई वै नहीं? यिद है , तो मेरे लोगों के घाव ों चं गे नहीं ए?
ियमयाह 9
1 भला होता, िक मे रा िसर जल ही जल, और मेरी आं ख आँ सुओं का सोता होती ं, िक म रात िदन अपने मारे ए लोगों के िलये रोता रहता।
2 भला होता िक मुझे जंगल म बटोिहयों का कोई िटकाव िमलता िक म अपने लोगों को छोड़कर वहीं चला जाता! ोंिक वे सब िभचारी ह, वे िव ासघाितयों का समाज ह।
3 अपनी अपनी जीभ को वे धनुष की नाईं झूठ बोलने के िलये तैयार करते ह, और दे श म बलव तो हो गए, पर ु स ाई के िलये नही ं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते ह, और वे मु झ
को जानते ही नही ं, यहोवा की यही वाणी है।
4 अपने अपने संगी से चौकस रहो, अपने भाई पर भी भरोसा न रखो; ोंिक सब भाई िन य अड़ं गा मारगे , और हर एक पड़ोसी लुतराई करते िफरगे।
5 वे एक दू सरे को ठगगे और सच नही ं बोलगे; उ ोंने झूठ ही बोलना सीखा है; और कुिटलता ही म प र म करते ह।
6 तेरा िनवास छल के बीच है; छल ही के कारण वे मेरा ान नही ं चाहते , यहोवा की यही वाणी है।
7 इसिलये से नाओं का यहोवा यों कहता है, दे ख, म उन को तपाकर परखूंगा, ोंिक अपनी जा के कारण म उन से और ा कर सकता ं?
8 उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधने वाली है, उस से छल की बात िनकलती ह; वे मुंह से तो एक दू सरे से मेल की बात बोलते ह पर मन ही मन एक दू सरे की घात म लगे रहते
ह।
9 ा म ऐसी बातों का द न दू ं ? यहोवा की सह वाणी है, ा म ऐसी जाित से अपना पलटा न लूं ?
10 म पहाड़ों के िलये रो उठूंगा और शोक का गीत गाऊंगा, और जंगल की चराइयों के िलये िवलाप का गीत गाऊंगा, ोंिक वे ऐसे जल गए ह िक कोई उन म से हो कर नही ं चलता,
और उन म ढोर का श भी नही ं सु नाई पड़ता; पशु-प ी सब भाग गए ह।
11 म य शले म को डीह ही डीह कर के गीदड़ों का थान बनाऊंगा; और य दा के नगरों को ऐसा उजाड़ दू ं गा िक उन म कोई न बसेगा।
12 जो बु मान पु ष हो वह इसका भेद समझ ले, और िजसने यहोवा के मुख से इसका कारण सु ना हो वह बता दे । दे श का नाश ों आ? ों वह जंगल की नाईं ऐसा जल गया िक
उस म से हो कर कोई नहीं चलता?
13 और यहोवा ने कहा, ोंिक उ ोंने मेरी व था को जो म ने उनके आगे रखी थी छोड़ िदया; और न मेरी बात मानी और न उसके अनुसार चले ह,
14 वरन वे उपने हठ पर बाल नाम दे वताओं के पीछे चले, जैसा उनके पु रखाओं ने उन को िसखलाया।
15 इस कारण, सेनाओं का यहोवा, इ ाएल का परमे र यों कहता है , सुन, म अपनी इस जा को कड़वी व ु खलाऊंगा और िवष िपलाऊंगा।
16 और म उन लोगों को ऐसी जाितयों म िततर िबतर क ं गा िज न तो वे न उनके पुरखा जानते थे ; और जब तक उनका अ न हो जाए तब तक मेरी ओर से तलवार उनके पीछे
पड़े गी।
17 से नाओं का यहोवा यों कहता है, सोचो, और िवलाप करने वािलयों को बु लाओ; बु मान यों को बु लवा भे जो;
18 वे फुतीं कर के हम लोगों के िलये शोक का गीत गाएं िक हमारी आं खों से आं सू बह चल और हमारी पलक जल बहाए।
19 िस ोन से शोक का यह गीत सुन पड़ता है, हम कैसे नाश हो गए! हम ों ल ा म पड़ गए ह, ोंिक हम को अपना दे श छोड़ना पड़ा और हमारे घर िगरा िदए गए ह।
20 इसिलये, हे यों, यहोवा का यह वचन सुनो, और उसकी यह आ ा मानो; तु म अपनी अपनी बेिटयों को शोक का गीत, और अपनी अपनी पड़ोिसयों को िवलाप का गीत िसखाओ।
21 ोंिक मृ ु हमारी खड़िकयों से हो कर हमारे महलों म घुस आई है , िक, हमारी सड़कों म ब ों को और चौकों म जवानों को िमटा दे ।
22 तू कह, यहोवा यों कहता है, मनु ों की लोथ ऐसी पड़ी रहगी जै सा खाद खेत के ऊपर, और पू िलयां काटने वाले के पीछे पड़ी रहती ह, और उनका कोई उठाने वाला न होगा।
23 यहोवा यों कहता है, बु मान अपनी बु पर घम न करे , न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घम करे ;
24 पर ु जो घम करे वह इसी बात पर घम करे , िक वह मुझे जानता और समझता हे , िक म ही वह यहोवा ँ , जो पृ ी पर क णा, ाय और धम के काम करता है; ोंिक म
इ ी ं बातों से स रहता ँ।
25 दे खो, यहोवा की यह वाणी है िक ऐसे िदन आने वाले ह िक िजनका खतना आ हो, उन को खतनारिहतों के समान द दू ं गा,
26 अथात िमि यों, य िदयों, एदोिमयों, अ ोिनयों, मोआिबयों को, और उन रे िग ान के िनवािसयों के समान जो अपने गाल के बालों को मुंड़ा डालते ह; ोंिक ये सब जाितय तो
खतनारिहत ह, और इ ाएल का सारा घराना भी मन म खतनारिहत है।
ियमयाह 10
1 यहोवा यों कहता है, हे इ ाएल के घराने जो वचन यहोवा तुम से कहता है उसे सु नो।
2 अ जाितयों को चाल मत सीखो, न उनकी नाईं आकाश के िच ों से िव त हो, इसिलये िक अ जाित लोग उन से िव त होते ह।
3 ोंिक दे शों के लोगों की रीितयां तो िनक ी ह। मूरत तो वन म से िकसी का काटा आ काठ है िजसे कारीगर ने बसू ले से बनाया है।
4 लोग उसको सोने-चा ी से सजाते और हयैड़े से कील ठोंक ठोंककर ढ़ करते ह िक वह िहल-डु ल न सके।
5 वे खरादकर ताड़ के पेड़ के समान गोल बनाईं जाती ह, पर बोल नहीं सकती ं; उ उठाए िफरना पड़ता है , ोंिक वे चल नहीं सकती ं। उन से मत डरो, ोंिक, न तो वे कुछ बुरा कर
सकती ह और न कुछ भला।
6 हे यहोवा, ते रे समान कोई नहीं है; तू महान है, और तेरा नाम परा म म बड़ा है ।
7 हे सब जाितयों के राजा, तुझ से कौन न डरे गा? ोंिक यह तेरे यो है; अ जाितयों के सारे बु मानों म, और उनके सारे रा ों म तेरे समान कोई नहीं है।
8 पर ु वे पशु सरीखे िनरे मूख ह; मूि यों से ा िश ा? वे तो काठ ही ह!
9 प र बनाईं ई चा ी तशीश ं से लाई जाती है, और उफाज से सोना। वे कारीगर और सु नार के हाथों की कारीगरी ह; उनके पिहरावे नीले और बजनी रं ग के व ह; उन म जो कुछ है
वह िनपुण कारीगरों की कारीगरी ही है।
10 पर ु यहोवा वा व म परमे र है; जीिवत परमे र और सदा का राजा वही है । उसके कोप से पृ ी कां पती है , और जाित जाित के लोग उसके ोध को सह नही ं सकते।
11 तुम उन से यह कहना, ये दे वता िज ोंने आकाश और पृ ी को नही ं बनाया वे पृ ी के ऊपर से और आकाश के नीचे से न हो जाएं गे।
12 उसी ने पृ ी को अपनी सामथ से बनाया, उसने जगत को अपनी बु से थर िकया, और आकाश को अपनी वीणता से तान िदया है।
13 जब वह बोलता है तब आकाश म जल का बड़ा श होता है , और पृ ी की छोर से वह कुहरे को उठाता है । वह वषा के िलये िबजली चमकाता, और अपने भणडार म से पवन
चलाता है ।
14 सब मनु पशु सरीखे ानरिहत ह; अपनी खोदी ई मू रतों के कारण सब सुनारों की आशा टू टती है; ोंिक उनकी ढाली ई मूरत झूठी ह, और उन म सां स ही नही ं है ।
15 वे थ और ठ े ही के यो ह; जब उनके द का समय आएगा तब वे नाश हो जाएं गी ं।
16 पर ु याकूब का िनज भाग उनके समान नही ं है, ोंिक वह तो सब का सृजनहार है, और इ ाएल उसके िनज भाग का गो है; से नाओं का यहोवा उसका नाम है।
17 हे घेरे ए नगर की रहने वाली, अपनी गठरी भूिम पर से उठा!
18 ोंिक यहोवा यों कहता है, म अब की बार इस दे श के रहने वालों को मानो गोफ़न म धर के फक दू ं गा, और उ ऐसे ऐसे संकट म डालूंगा िक उनकी समझ म भी नही ं आएगा।
19 मुझ पर हाय! मेरा घाव चंगा होने का नही।ं िफर म ने सोचा, यह तो रोग ही है , इसिलये मु झ को इसे सहना चािहये ।
20 मेरा त ू लूटा गया, और सब र यां टू ट गई ह; मे रे लड़के-बाले मेरे पास से चले गए, और नही ं ह; अब कोई नहीं रहा जो मेरे त ू को ताने और मेरी कनात खड़ी करे ।
21 ोंिक चरवाहे पशु सरीखे ह, और वे यहोवा को नहीं पुकारते; इसी कारण वे बु से नहीं चलते , और उनकी सब भेड़ िततर-िबतर हो गई ह।
22 सु न, एक श सु नाई दे ता है! दे ख, वह आ रहा है! उ र िदशा से बड़ा ड़ मच रहा है तािक य दा के नगरों को उजाड़ कर गीदड़ों का थान बना दे ।
23 हे यहोवा, म जान गया ँ, िक मनु का माग उसके वश म नहीं है, मनु चलता तो हे , पर ु उसके डग उसके आधीन नहीं ह।
24 हे यहोवा, मेरी ताड़ना कर, पर ाय से; ोध म आकर नही ं, कही ं ऐसा न हो िक म नाश हो जाऊं।
25 जो जाित तु झे नही ं जानती, और जो तुझ से ाथना नही ं करते , उ ी ं पर अपनी जलजलाहट उ े ल; ोंिक उ ोंने याकूब को िनगल िलया, वरन, उसे खाकर अ कर िदया है , और
उसके िनवास थान को उजाड़ िदया है।
ियमयाह 11
1 यहोवा का यह वचन ियमयाह के पास प ंचा:
2 इस वाचा के वचन सुनो, और य दा के पु षों और य शले म के रहने वालों से कहो।
3 उन से कहो, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, ािपत है वह मनु , जो इस वाचा के वचन न माने
4 िजसे म ने तु ारे पु रखाओं के साथ लोहे की भ ी अथात िम दे श म से िनकालने के समय, यह कहके बा ी थी, मेरी सुनो, और िजतनी आ ाएं म तु दे ता ँ उन सभों का पालन
करो। इस से तुम मेरी जा ठहरोगे, और म तु ारा परमे र ठह ं गा;
5 और जो शपथ म ने तु ारे िपतरों से खाई थी िक िजस दे श म दू ध और मधु की धाराएं बहती ह, उसे म तुम को दू ं गा, उसे पूरी क ं गा; और दे खो, वह पूरी ई है। यह सुन कर म ने
कहा, हे यहोवा, ऐसा ही हो।
6 तब यहोवा ने मुझ से कहा, ये सब वचन य द के नगरों और य शले म की सड़कों म चार कर के कह, इस वाचा के वचन सुनो और उसके अनुसार चलो।
7 ोंिक िजस समय से म तु ारे पुरखाओं को िम दे श से छु ड़ा ले आया तब से आज के िदन तक उन को ढ़ता से िचताता आया ँ, मेरी बात सुनो।
8 पर ु उ ोंने न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया, िक ु अपने अपने बु रे मन के हठ पर चलते रहे। इसिलये म ने उनके िवषय इस वाचा की सब बातों को पूण िकया है िजसके
मानने की म ने उ आ ा दी थी और उ ोंने न मानी।
9 िफर यहोवा ने मुझ से कहा, य िदयों और य शले म के िनवािसयों म िव ोह पाया गया है ।
10 जैसे इनके पुरखा मेरे वचन सुनने से इनकार करते थे, वेसे ही ये भी उनके अधम का अनु सरण कर के दू सरे दे वताओं के पीछे चलते और उनकी उपासना करते ह; इ ाएल और
य दा के घरानों ने उस वाचा को जो म ने उनके पूवजों से बा ी थी, तोड़ िदया है ।
11 इसिलये यहोवा यों कहता है, दे ख, म इन पर ऐसी िवपि डालने पर ँ िजस से ये बच न सकगे ; और चाहे ये मे री दोहाई द तौभी म इनकी न सुनूंगा।
12 उस समय य शलेम और य दा के नगरों के िनवासी उन दे वताओं की दोहाई दगे िजनके िलये वे धूप जलाते ह, पर ु वे उनकी िवपि के समय उन को कभी न बचा सकगे।
13 हे य दा, िजतने तेरे नगर ह उतने ही तेरे दे वता भी ह; और य शले म के िनवािसयों ने हर एक सड़क म उस ल ापूण बाल की वेिदयां बना बनाकर उसके िलये धूप जलाया है ।
14 इसिलये तू मेरी इस जा के िलये ाथना न करना, न कोई इन लोगों के िलये ऊंचे र से िबनती करे , ोंिक िजस समय ये अपनी िवपि के मारे मेरी दोहाई दगे, तब म उनकी न
सु नूंगा।
15 मेरी ि या को मेरे घर म ा काम है? उसने तो ब तों के साथ कुकम िकया, और ते री पिव ता पू री रीित से जाती रही है। जब तू बुराई करती है, तब स होती है।
16 यहोवा ने तुझ को हरी, मनोहर, सु र फल वाली जलपाई तो कहा था, पर ु उसने बड़े ड़ के श होते ही उस म आग लगाई गई, और उसकी डािलयां तोड़ डाली गई।
17 से नाओं का यहोवा, िजसने तुझे लगाया, उसने तुझ पर िवपि डालने के िलये कहा है; इसका कारण इ ाएल और य दा के घरानों की यह बुराई है िक उ ोंने मुझे रस िदलाने के
िलये बाल के िनिम धूप जलाया।
18 यहोवा ने मुझे बताया और यह बात मुझे मालूम हो गई; ोंिक यहोवा ही ने उनकी यु यां मु झ पर गट की ं।
19 म तो वध होने वाले भेड़ के ब े के समान अनजान था। म न जानता था िक वे लोग मेरी हािन की यु यां यह कहकर करते ह, आओ, हम फल समेत इस वृ को उखाड़ द, और
जीिवतों के बीच म से काट डाल, तब इसका नाम तक िफर रण न रहे।
20 पर ु, अब हे से नाओं के यहोवा, हे धमी ं ायी, हे अ :करण की बातों के ाता, तू उनका पलटा ले और मु झे िदखा, ोंिक म ने अपना मुक़ मा तेरे हाथ म छोड़ िदया है।
21 इसिलये यहोवा ने मुझ से कहा, अनातोत के लोग जो तेरे ाण के खोजी ह और यह कहते ह िक तू यहोवा का नाम ले कर भिव ाणी न कर, नही ं तो हमारे हाथों से मरे गा।
22 इसिलये से नाओं का यहोवा उनके िवषय यों कहता है, म उन को द दू ं गा; उनके जवान तलवार से, और उनके लड़के-लड़िकयां भूखों मरगे;
23 और उन म से कोई भी न बचेगा। म अनातोत के लोगों पर यह िवपि डालूं गा; उनके द का िदन आने वाला है ।
ियमयाह 12
1 हे यहोवा, यिद म तुझ से मुक़ मा लड़ूं, तौभी तू धमी ं है; मुझे अपने साथ इस िवषय पर वादिववाद करने दे । दु ों की चाल ों सफल होती है ? ा कारण है िक िव ासघाती ब त
सु ख से रहते ह?
2 तू उन को बोता और वे जड़ भी पकड़ते; वे बढ़ते और फलते भी ह; तू उनके मुं ह के िनकट है पर ु उन के मनों से दू र है।
3 हे यहोवा तू मुझे जानता है; तू मुझे दे खता है, और तू ने मे रे मन की परी ा कर के दे खा िक म तेरी ओर िकस कार रहता ँ। जैसे भेड़-बक रयां घात होने के िलये झु म से िनकाली
जाती ह, वैसे ही उन को भी िनकाल ले और वध के िदन के िलये तैयार कर।
4 कब तक दे श िवलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहे गी? दे श के िनवािसयों की बु राई के कारण पशु-प ी सब नाश हो गए ह, ोंिक उन लोगों ने कहा, वह हमारे
अ को न दे खेगा।
5 तू जो ादों ही के सं ग दौड़कर थक गया है तो घोड़ों के संग ोंकर बराबरी कर सकेगा? और य िप तू शा के इस दे श म िनडर है, पर ु यरदन के आसपास के घने जंगल म तू
ा करे गा?
6 ोंिक तेरे भाई और तेरे घराने के लोगों ने भी तेरा िव ासघात िकया है; वे ते रे पीछे ललकारते ह, यिद वे तुझ से मीठी बात भी कह, तौभी उनकी तीित न करना।
7 म ने अपना घर छोड़ िदया, अपना िनज भाग म ने ाग िदया है; म ने अपनी ाणि या को श ुओ ं के वश म कर िदया है।
8 ोंिक मेरा िनज भाग मेरे दे खने म वन के िसंह के समान हो गया और मेरे िव गरजा है ; इस कारण म ने उस से बै र िकया है।
9 ा मेरा िनज भाग मेरी ि म िच ी वाले िशकारी प ी के समान नहीं है? ा िशकारी प ी चारों ओर से उसे घेरे ए ह? जाओ सब जं गली पशुओं को इक ा करो; उन को लाओ िक
खा जाएं ।
10 ब त से चरवाहों ने मेरी दाख की बारी को िबगाड़ कर िदया, उ ोंने मेरे भाग को लताड़ा, वरन मेरे मनोहर भाग के खेत को सुनसान जं गल बना िदया है ।
11 उ ोंने उसको उजाड़ िदया; वह उजड़ कर मेरे सा ने िवलाप कर रहा है। सारा दे श उजड़ गया है, तौभी कोई नहीं सोचता।
12 जंगल के सब मुंडे टीलों पर नाशक चढ़ आए ह; ोंिक यहोवा की तलवार दे श के एक छोर से ले कर दू सरी छोर तक िनगलती जाती है ; िकसी मनु को शां नहीं िमलती।
13 उ ोंने गे ं तो बोया, पर ु कटीले पेड़ काटे , उ ोंने क तो उठाया, पर ु उस से कुछ लाभ न आ। यहोवा के ोध के भड़कने के कारण तुम अपने खेतों की उपज के िवषय म
ल त हो।
14 मेरे दु पड़ोसी उस भाग पर हाथ लगाते ह, िजसका भागी म ने अपनी जा इ ाएल को बनाया है । उनके िव यहोवा यों कहता है िक म उन को उनकी भूिम म से उखाड़ डालूंगा,
और य दा के घराने को भी उनके बीच म से उखड़ूंगा।
15 उ उखाड़ने के बाद म िफर उन पर दया क ं गा, और उन म से हर एक को उसके िनज़ भाग और भू िम म िफर से लगाऊंगा।
16 और यिद वे मेरी जा की चाल सीखकर मेरे ही नाम की सौग , यहोवा के जीवन की सौग , खाने लग, िजस कार से उ ोंने मेरी जा को बाल की सौग खाना िसखलाया था,
तब मेरी जा के बीच उनका भी वंश बढ़े गा।
17 पर ु यिद वे न मान, तो म उस जाित को ऐसा उखाड़ूंगा िक वह िफर कभी न पनंपेगी, यहोवा की यही वाणी है ।
ियमयाह 13
1 यहोवा ने मु झ से यों कहा, जा कर सनी की एक पेटी मोल ले, उसे कमर म बा और जल म मत भीगने दे ।
2 तब म ने एक पेटी मोल ले कर यहोवा के वचन के अनु सार अपनी कमर म बा ली।
3 तब तूसरी बार यहोवा का यह वचन मेरे पास प ंचा िक
4 जो पे टी तू ने मोल ले कर किट म कस ली है, उसे परात के तीर पर ले जा और वहां उसे कड़ाड़े पर की एक दरार म िछपा दे ।
5 यहोवा की इस आ ा के अनुसार म ने उसको परात के तीर पर ले जा कर िछपा िदया।
6 ब त िदनों के बाद यहोवा ने मुझ से कहा, उठ, िफर परात के पास जा, और िजस पे टी को म ने तुझे वहां िछपाने की आ ा दी उसे वहां से ले ले।
7 तब म परात के पास गया ओर खोद कर िजस थान म म ने पे टी को िछपाया था, वहां से उसको िनकाल िलया। और दे खो, पेटी िबगड़ गई थी; वह िकसी काम की न रही।
8 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास प चा, यहोवा यों कहता है,
9 इसी कार से म य िदयों का गव, और य शलेम का बड़ा गव न कर दू ं गा।
10 इस दु जाित के लोग जो मेरे वचन सुनने से इनकार करते ह जो अपने मन के हठ पर चलते, दू सरे दे वताओं के पीछे चल कर उनकी उपासना करते ओर उन को द वत करते ह,
वे इस पे टी के समान हो जाएं गे जो िकसी काम की नहीं रही।
11 यहोवा की यह वाणी है िक िजस कार से पेटी मनु की कमर म कसी जाती है, उसी कार से म ने इ ाएल के सारे घराने और य दा के सारे घराने को अपनी किट म बा िलया
था िक वे मे री जा बन और मेरे नाम और कीित और शोभा का कारण हों, पर ु उ ोंने न माना।
12 इसिलये तू उन से यह वचन कह, इ ाएल का परमे र यहोवा यों कहता है, दाखमधु के सब कु े दाखमधु से भर िदए जाएं गे। तब वे तुझ से कहगे, ा हम नही ं जानते िक दाखमधु
के सब कु े दाखमधु से भर िदए जाएं गे?
13 तब तू उन से कहना, यहोवा यों कहता है, दे खो, म इस दे श के सब रहने वालों को, िवशेष कर के दाऊदवंश की ग ी पर िवराजमान राजा और याजक और भिव ा आिद
य शले म के सब िनवािसयों को अपनी कोप पी मिदरा िपलाकर अचेत कर दू ं गा।
14 तब म उ एक दू सरे से टकरा दू ं गा; अथात बाप को बेटे से , और बेटे को बाप से , यहोवा की यह वाणी है । म उन पर कोमलता नहीं िदखाऊंगा, न तरस खऊंगा और न दया कर के
उन को न होने से बचाऊंगा।
15 दे खो, और कान लगाओ, गव मत करो, ोंिक यहोवा ने यों कहा है।
16 अपने परमे र यहोवा की बड़ाई करो, इस से पिहले िक वह अ कार लाए और तु ारे पां व अ े रे पहाड़ों पर ठोकर खाएं , और जब तुम काश का आसरा दे खो, तब वह उसको
मृ ु की छाया से बदल और उसे घोर अ कार बना दे ।
17 और यिद तुम इसे न सुनो, तो म अकेले म तु ारे गव के कारण रोऊंगा, और मेरी आं खों से आं सुओं की धारा बहती रहे गी, ोंिक यहोवा की भेड़ बंधुआ कर ली गई ह।
18 राजा और राजमाता से कह, नीचे बैठ जाओ, ोंिक तु ारे िसरों के शोभायमान मुकुट उतार िलये गए ह।
19 द न दे श के नगर घेरे गए ह, कोई उ बचा न सकेगा; स ूण य दी जाित ब ी हो गई है, वह पूरी रीित से बं धुआई म चली गई है।
20 अपनी ओख उठा कर उन को दे ख जो उ र िदशा से आ रहे ह। वह सु र झु जो तुझे सौंपा गया था कहां है?
21 जब वह ते रे उन िम ों को तेरे ऊपर धान ठहराएगा िज तू ने अपनी हािन करने की िश ा दी है , तब तू ा कहेगी? ा उस समय तुझे ज़ ा की सी पीड़ाएं न उठगी?
22 और यिद तू अपने मन म सोचे िक ये बात िकस कारण मु झ पर पड़ी ह, तो ते रे बड़े अधम के कारण ते रा आं चल उठाया गया है और तेरी एिडय़ां ब रयाई से नंगी की गई ह।
23 ा हबशी अपना चमड़ा, वा चीता अपने ध े बदल सकता है? यिद वे ऐसा कर सक, तो तू भी, जो बु राई करना सीख गई है, भलाई कर सकेगी।
24 इस कारण म उन को ऐसा िततर-िबतर क ं गा, जैसा भूसा जंगल के पवन से िततर-िबतर िकया जाता है ।
25 यहोवा की यह वाणी है, तेरा िह ा और मुझ से ठहराया आ तेरा भाग यही है , ोंिक तू ने मु झे भू ल कर झूठ पर भरोसा रखा है।
26 इसिलये म भी तेरा आं चल तेरे मुंह तक उठाऊंगा, तब तेरी लाज जानी जाएगी।
27 िभचार और चोचला और िछनालपन आिद तेरे िघनौने काम जो तू ने मै दान और टीलों पर िकए ह, वे सब म ने दे खे ह। हे य शलेम, तुझ पर हाय! तू अपने आप को कब तक शु
न करे गी? और िकतने िदन तक तू बनी रहेगी?
ियमयाह 14
1 यहोवा का वचन जो ियमयाह के पास सूखे वष के िवषय म प ंचा:
2 य दा िवलाप करता और फाटकों म लोग शोक का पिहरावा पिहने ए भूिम पर उदास बै ठे ह; और य शले म की िच ाहट आकाश तक प ंच गई है।
3 और उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के िलये भेजते ह; वे गड़हों पर आकर पानी नही ं पाते इसिलये छूछे बतन िलये ए घर लौट जाते ह; वे ल त और िनराश हो कर िसर
ढां प ले ते ह।
4 दे श म पानी न बरसने से भूिम म दरार पड़ गए ह, इस कारण िकसान लोग िनराश हो कर िसर ढांप लेते ह।
5 ह रणी भी मैदान म ब ा जन कर छोड़ जाती है ोंिक हरी घास नही ं िमलती।
6 जंगली गदहे भी मुंडे टीलों पर खड़े ए गीदड़ों की नाईं हांफते ह; उनकी आं ख धुंधला जाती ह ोंिक ह रयाली कुछ भी नही ं है।
7 हे यहोवा, हमारे अधम के काम हमारे िव सा ी दे रहे ह, हम तेरा सं ग छोड़ कर ब त दू र भटक गए ह, और हम ने तेरे िव पाप िकया है; तौभी, तू अपने नाम के िनिम कुछ
कर।
8 हे इ ाएल के आधार, संकट के समय उसका बचाने वाला तू ही है, तू ों इस दे श म परदे शी की नाईं है? तू ों उस बटोही के समान है जो रात भर रहने के िलये कहीं िटकता हो?
9 तू ों एक िव त पु ष या ऐसे वीर के समान है जो बचा न सके? तौभी हे यहोवा तू हमारे बीच म है , और हम ते रे कहलाते ह; इसिलये हम को न तज।
10 यहोवा ने इन लोगों के िवषय यों कहा: इन को ऐसा भटकना अ ा लगता है ; ये कुकम म चलने से नहीं के; इसिलये यहोवा इन से स नहीं है, वह इनका अधम रण करे गा और
उनके पाप का द दे गा।
11 िफर यहोवा ने मुझ से कहा, इस जा की भलाई के िलये ाथना मत कर।
12 चाहे वे उपवास भी कर, तौभी म इनकी दु हाई न सुनूंगा, और चाहे वे होमबिल और अ बिल चढ़ाएं , तौभी म उन से स न होऊंगा; म तलवार, महंगी और मरी के ारा इनका अ
कर डालूं गा।
13 तब म ने कहा, हाय, भु यहोवा, दे ख, भिव ा इन से कहते ह िक न तो तु म पर तलवार चले गी और न महं गी होगी, यहोवा तुम को इस थान म सदा की शा दे गा।
14 और यहोवा ने मुझ से कहा, ये भिव ा मेरा नाम ले कर झूठी भिव ाणी करते ह, म ने उन को न तो भे जा और न कुछ आ ा दी और न उन से कोई भी बात कही। वे तु म लोगों
से दशन का झूठा दावा कर के अपने ही मन से थ और धोखे की भिव ाणी करते ह।
15 इस कारण जो भिव ा मेरे िबना भेजे मेरा नाम ले कर भिव ाणी करते ह िक उस दे श म न तो तलवार चलेगी और न महंगी होगी, उनके िवषय यहोवा यों कहता है , िक, वे
भिव ा आप तलवार और महंगी के ारा नाश िकए जाएं गे।
16 और िजन लोगों से वे भिव ाणी कहते ह, वे महंगी और तलवार के ारा मर जाने पर इस कार य शले म की सड़कों म फक िदए जाएं गे, िक न तो उनका, न उनकी यों का
और न उनके बे टे-बेिटयों का कोई िम ी दे ने वाला रहेगा। ोंिक म उनकी बुराई उ ी ं के ऊपर उ े लूंगा।
17 तू उन से यह बात कह, मेरी आँ खों से िदन रात आं सू लगातार बहते रह, वे न क ोंिक मे रे लोगों की कुंवारी बेटी ब त ही कुचली गई और घायल ई है।
18 यिद म मैदान म जाऊं, तो दे खो, तलवार के मारे ए पड़े ह! और यिद म नगर के भीतर आऊं, तो दे खो, भू ख से अ ू ए पड़े ह! ोंिक भिव ा और याजक दे श म कमाई करते
िफरते और समझ नही ं रखते ह।
19 ा तू ने य दा से िबलकुल हाथ उठा िलया? ा तू िस ोन से िघन करता है? नहीं, तू ने ों हम को ऐसा मारा है िक हम चंगे हो ही नही ं सकते? हम शा की बाट जोहते रहे,
तौभी कुछ क ाण नहीं आ; और य िप हम अ े हो जाने की आशा करते रहे , तौभी घबराना ही पड़ा है।
20 हे यहोवा, हम अपनी दु ता और अपने पु रखाओं के अधम को भी मान लेते ह, ोंिक हम ने ते रे िव पाप िकया है।
21 अपने नाम के िनिम हम न ठु करा; अपने तेजोमय िसंहासन का अपमान न कर; जो वाचा तू ने हमारे साथ बा ी, उसे रण कर और उसे न तोड़।
22 ा अ जाितयों की मू रतों म से कोई वषा कर सकता है ? ा आकाश झिडय़ां लगा सकता है ? हे हमारे परमे र यहोवा, ा तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा
ही आसरा दे खते रहगे , ोंिक इन सारी व ुओं का सृ जनहार तू ही है।
ियमयाह 15
1 िफर यहोवा ने मुझ से कहा, यिद मूसा और शमूएल भी मेरे सा ने खड़े होते , तौभी मेरा मन इन लोगों की ओर न िफरता। इन को मे रे सा ने से िनकाल दो िक वे िनकल जाएं !
2 और यिद वे तुझ से पूछ िक हम कहां िनकल जाएं ? तो कहना िक यहोवा यों कहता है, जो मरने वाले ह, वे मरने को चले जाएं , जो तलवार से मरने वाले ह, वे तलवार से मरने को ; जो
आकाल से मरने वाले ह, वे आकाल से मरने को, और जो बं धुए होने वाले ह, वे बं धुआई म चले जाऐं।
3 म उनके िव चार कार के िवनाश ठहराऊंगा: मार डालने के िलये तलवार, फाड़ डालने के िलये कु े , नोच डालने के िलये आकाश के प ी, और फाड़ कर खाने के िलये मै दान
के िहं सक ज ु, यहोवा की यह वाणी है।
4 यह िहजिक ाह के पु , य दा के राजा मन े के उन कामों के कारण होगा जो उसने य शले म म िकए ह, और म उ ऐसा क ं गा िक वे पृ ी के रा रा म मारे मारे िफरगे ।
5 हे य शलेम, तुझ पर कौन तरस खाएगा, और कौन तेरे िलये शोक करे गा? कौन ते रा कुशल पू छने को ते री ओर मु ड़ेगा?
6 यहोवा की यह वाणी है िक तू मुझ को ागकर पीछे हट गई है, इसिलये म तु झ पर हाथ बढ़ाकर तेरा नाश क ं गा; ोंिक, म तरस खाते खाते उकता गया ँ।
7 म ने उन को दे श के फाटकों म सूप से फटक िदया है; उ ोंने कुमाग को नहीं छोड़ा, इस कारण म ने अपनी जा को िनवश कर िदया, और नाश भी िकया है।
8 उनकी िवधवाए मे रे दे खने म समु की बालू के िकनकों से अिधक हो गई ह; उनके जवानों की माताओं के िव दु पहरी ही को म ने लु टेरों को ठहराया है; म ने उन को अचानक
सं कट म डाल िदया और घबरा िदया है।
9 सात लड़कों की माता भी बेहाल हो गई और ाण भी छोड़ िदया; उसका सू य दोपहर ही को अ हो गया; उसकी आशा टू ट गई और उसका मुंह काला हो गया। और जो रह गए ह
उन को भी म श ुओं की तलवार से मरवा डालूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
10 हे मे री माता, मु झ पर हाथ, िक तू ने मुझ ऐसे मनु को उ िकया जो सं सार भर से झगड़ा और वादिववाद करने वाला ठहरा है! न तो म ने ाज के िलये पये िदए, और न िकसी
से उधार िलये ह, तौभी लोग मुझे कोसते ह।
11 यहोवा ने कहा, िन य म तेरी भलाई के िलये तुझे ढ़ क ं गा; िवपि और क के समय म श ु से भी तेरी िबनती कराऊंगा।
12 ा कोई पीतल वा लोहा, उ र िदशा का लोहा तोड़ सकता है?
13 तेरे सब पापों के कारण जो सव दे श म ए ह म तेरी धन-स ि और खजाने , िबना दाम िदए लु ट जाने दू ं गा।
14 म ऐसा क ं गा िक वह श ुओं के हाथ ऐसे दे श म चला जाएगा िजसे तू नही ं जानती है, ोंिक मे रे ोध की आग भड़क उठी है, और वह तुम को जलाएगी।
15 हे यहोवा, तू तो जानता है; मुझे रण कर और मे री सुिध ले कर मेरे सताने वालों से मेरा पलटा ले। तू धीरज के साथ ोध करने वाला है, इसिलये मुझे न उठा ले; तेरे ही िनिम मेरी
नामधराई ई है।
16 जब ते रे वचन मे रे पास प ंचे, तब म ने उ मानो खा िलया, और तेरे वचन मेरे मन के हष और आन का कारण ए; ोंिक, हे से नाओं के परमे र यहोवा, म तेरा कहलाता ँ ।
17 तेरी छाया मु झ पर इुई; म मन बहलाने वालों के बीच बैठकर स नहीं आ; ते रे हाथ के दबाव से म अकेला बै ठा, ोंिक तू ने मु झे ोध से भर िदया था।
18 मेरी पीड़ा ों लगातार बनी रहती है? मेरी चोट की ों कोई औषिध नही ं है? ा तू सचमु च मे रे िलये धोखा दे ने वाली नदी और सूखने वाले जल के समान होगा?
19 यह सु नकर यहोवा ने योंकहा, यिद तू िफरे , तो म िफर से तुझे अपने सा ने खड़ा क ं गा। यिद तू अनमोल को कहे और िनक े को न कहे, तब तू मेरे मुख के समान होगा। वे लोग
तेरी ओर िफरगे , पर ु तू उनकी ओर न िफरना।
20 और म तुझ को उन लोगों के सा ने पीतल की ढ़ शहरपनाह बनाऊंगा; वे तु झ से लड़गे , पर ु तु झ पर बल न होंगे, ोंिक म तुझे बचाने और तेरा उ ार करने के िलये ते रे साथ
ँ, यहोवा की यह वाणी है। म तुझे दु लोगों के हाथ से बचाऊंगा,
21 और उप वी लोगों के पं जे से छु ड़ा लूंगा।
ियमयाह 16
1 यहोवा का यह वचन मेरे पास प ंचा,
2 इस थान म िववाह कर के बेटे-बेिटयां मत ज ा।
3 ोंिक जो बे टे-बे िटयां इस थान म उ हों और जो माताएं उ जन और जो िपता उ इस दे श म ज ाएं ,
4 उनके िवषय यहोवा यों कहता है, वे बुरी बुरी बीमा रयों से मरगे। उनके िलये कोई छाती न पीटे गा, न उन को िम ी दे गा; वे भू िम के ऊपर खाद की नाईं पड़े रहगे। वे तलवार और
महंगी से मर िमटगे,

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