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BIHARI KE DOHE

1) भभावभारर - इन पपंककक्तियय मम बबिहभारर नन शश्रीककष्ण कन ससौंदयर कभा वणरन करक्तिन हहए कहक्तिन हह पश्रीलन वस्त पहनन शश्रीककष्ण ऐसन
सश
ह शोभभक्ति हशो रहन हह मभानशो नश्रीलमणण पवरक्ति पर पभाक्तितःकभालरन सय
स र कक ककरण पड़ रहर हशो।

2) भभावभारर - गश्रीष्म ऋक्तिस कक भयभानक क्तिभाप नन इस सपंसभार कशो जजैसन क्तिपशोवन बिनभा ददयभा हजै । इस भयपंकर गमर सन बिचनन कन
भलए एक-दस
स रन कन शतह सभासाँप, मशोर और भसपंह सभार-सभार रहनन लगन हह। ववपकतक्ति कक इस घडश्री मम सभश्री द्वनषय कशो भल
ह भाकर
जभानवर भश्री क्तिपकस्वयय जजैसभा व्यवहभार कर रहन हह।

3) भभावभारर - गशोवपयय नन शश्रीककष्ण सन बिभाक्ति करनन कक लभालसभा कन कभारण उनकक बिभासाँसहरर छहपभा दर हह। वन भसौंहय सन महरलर नभा
चहरभानन कभा कसम खभाक्तिश्रीपं हह। वन ककष्ण कशो उनकक बिभासाँसहरर दन नन सन इनकभार करक्तिश्री हह।

4) भभावभारर - इन पपंककक्तियय मम बबिहभारर नन लशोगय बिश्रीच मम भश्री दशो पनमश्री ककस क्तिरह अपनन पनम कशो जक्तिभाक्तिन हह इसन ददखयभा हजै । भरन
भवन मम नभायक अपनश्री नजैनय सन नभाययकभा सन भमलनन कशो कहक्तिभा हजै , कजसन नभाययकभा मनभा कर दन क्तिश्री हजै । उसकन मनभा करनन कन
इशभारन पर नभायक मशोदहक्ति हशो जभाक्तिभा हजै कजससन नभाययकभा खश्रीज जभाक्तिश्री हजै । बिभाद मम दशोनय भमलक्तिन हह और उनकन चनहरन णखल जभाक्तिन
हह क्तिरभा नभाययकभा शरमभा उठक्तिश्री हजै । यन सभारर बिभाक्तिम वन दशोनय भसौंहय कन इशभारय और नजैन द्वभारभा करक्तिन हह।

5) भभावभारर - इन पपंककक्तियय मम बबिहभारर नन जनठ मभास कक दशोपहरर कभा चचतण ककयभा हजै । इस समय धप
स इक्तिनश्री अचधक हशोक्तिश्री हजै
कक आरभाम कन भलए कहरपं छभायभा भश्री नहरपं भमलक्तिश्री। ऐसभा लगक्तिभा हजै मभानशो छभायभा भश्री छभासाँव कशो ढससाँढनन चलर गई हशो। गमर सन
बिचकर ववशभाम करनन कन भलए वह भश्री अपनन घनन भवन मम चलर गयश्री हजै ।

6) भभावभारर - इन पपंककक्तियय मम बबिहभारर उस नभाययकभा कन मनशोदशभा कशो ददखभा रहन हह कजसकभा वपयक्तिम उससन दरस हजै । नभाययकभा
कहक्तिश्री हजै कक उसन कभागज़ पन अपनभा सन्दन श भलखभा नहरपं जभा रहभा हजै । ककसश्री सपंदनशवभाहक कन द्वभारभा सन्दन श नहर भभजवभा
सकक्तिश्री कययकक उसन कहनन मम लज्जभा आ रहर हजै । इसभलए वह कहक्तिश्री हजै कक अबि क्तिहम्हरपं अपनन हृदय पर हभार रख महससस
करशो कक मनरभा हृदय मम कयभा हजै ।

7) भभावभारर - इन पपंककक्तियय मम बबिहभारर शश्रीककष्ण सन कह रहन हह कक आप चन्द्रवपंश मम पजैदभा हहए क्तिरभा अपनश्री इच्छभा सन ब्रज
आयन। आप मनरन वपक्तिभा कन समभान हह। आप मनरन सभारन कष्टय कशो दरस करम ।

8) भभावभारर - बबिहभारर कहक्तिन हह कक हभार मम जपमभालभा रभाम, यक्तिलक लगभा कर आडम्बिर करनन सन कशोई कभाम नहर हशोक्तिभा। मन
कभासाँच कक क्तिरह क्षणभपंगहर हशोक्तिभा हजै जशो व्यरर मम नभाचक्तिभा रहक्तिभा हजै । इन सबि ददखभावभा कशो छशोड़ अगर भगवभान कक सच्चन मन सन
आरभाधनभा कक जभाए क्तिभश्री कभाम बिनक्तिभा हजै ।

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