एकादशी व्रत करने जा रहे हैं, तो जानिए ये 15 नियम... - Webdunia

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12/26/2019

दलाने, हजार य के अनु ान क तुलना करने वाले, चार पु षाथ को सहज ही दे ने वाले एकादशी
> एकादशी (Ekadashi) त-उपवास करने का ब त मह व होता है। साथ ही सभी धम के नयम भी
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खास कर ह धम के अनुसार एकादशी त करने क इ छा रखने वाले मनु य को दशमी के दन से ही क
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त करने पालन करना चा हए।
जा रहे ह, > ये ह एकादशी त-उपवास (/search?
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* दशमी के दन मांस, लहसुन, याज, मसूर क दाल आ द नषेध व तु का सेवन नह क

* रा को पूण चय का पालन करना चा हए तथा भोग- वलास से र रहना चा


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त करने
जा रहे ह, * एकादशी के दन ात: लकड़ी का दातुन न कर, न बू, जामुन या आम के प े लेकर चबा ल और अंग
तो जा नए
वृ से प ा तोड़ना भी व जत है। अत: वयं गरा आ प ा लेकर सेवन कर।
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* य द यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कु ले कर ल। फर नाना द कर मं दर म जाकर गीता प


गीता पाठ का वण कर।

* फर भु के सामने इस कार ण करना चा हए क 'आज म चोर, पाखंडी़ और राचारी मनु य से ब


कसी का दल खाऊंगा। रा को जागरण कर क तन क ं गा।'

* त प ात 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस ादश मं का जाप कर। राम, कृ ण, नारायण आ द व णु


भूषण बनाएं।

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* भगवान व णु का मरण कर ाथना कर और कहे क- हे लोक नाथ! मेरी लाज आपके हाथ है, अ
करने क श दान करना।

* य द भूलवश कसी नदक से बात कर भी ली तो भगवान सूयनारायण के दशन कर धूप-द प से ीह


लेना चा हए।

* एकादशी के दन घर म झाड नह लगाना चा हए, य क च ट आ द सू म जीव क मृ यु का भय र


कटवाना चा हए। न नही अ धक बोलना चा हए। अ धक बोलने से मुख से न बोलने वाले श द भ

* इस दन यथाश दान करना चा हए। कतु वयं कसी का दया आ अ न आ द कदा प हण न क


ई एकादशी वृ मानी जाती है।

वै णव को यो य ादशी मली ई एकादशी का त करना चा हए। योदशी आने से पूव त

* एकादशी ( यारस) के दन तधारी को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इ या द का सेवन

* केला, आम, अंगरू , बादाम, प ता इ या द अमृत फल का सेवन कर।

* येक व तु भु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर हण करना चा ह

* ादशी के दन ा ण को म ा न, द णा दे ना चा हए।

* ोध नह करते ए मधुर वचन बोलना चा हए।

इस त को करने वाला द फल ा त करता है और उसके जीवन के सारे क समा त

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