Abhimanyu Puri PDF

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI

24 अ ू बर 1995 * 10:50:00 घंटे *Kuchaman City, India

सौज

Ramesh Menon
56-D,Krishna Residency,Shiv Colony, Sodala,
Jaipur,Rajashthan-302019
9828420881
annuramesh2003@gmail.com

िदनां क: 30 िदस र 2019


ABHIMANYU PURI GOSWAMI

ज कािलक पंचांगािद िववरण
वेद सव ों म आ ह। जगत के सब शा ों की उ ि का आधार वेद ही ह। वेद श की उ ि िवद्
धातु से ई है िजसका अथ है , ान। ोितष शा ारा जीवा ा के ान के साथ-साथ परमा ा का ान भी सहज
ा हो सकता है । इसीिलये ोितष को वेद के च ु कहते ह। ि काल महिषय ने हजारों वष पूव अपने तपोबल
व योगबल ारा हों के गुण, धम, रं ग, प, भाव आिद का चराचर जगत पर पड़ने वाले शुभाशुभ प रणामों का
वणन ोितष फिलत शा ों म िव ार पूवक िकया है । ेक के ज के थान, िदन व समय के अनुसार
उस ण ा म ह-रािश-न ों की थित के िच ण को 'ज कु ली' कहा जाता है । ज के समय पूव
ि ितज म जो रािश उिदत होती है उसे 'ल ' कहते ह। च िजस रािश म होता है उसे 'ज रािश' और िजस
न म होता है उसे 'ज न ' कहा जाता है । आपके ज के समय पंचां ग के िविभ अंगों का िववरण नीचे
िदया गया है ।

अवकहडा च

ल : धनु
च रािश : तु ला
च रािश ामी : शु
ज कालीन न : ाित
न चरण : 1
नामा र :
रािश पाया : सुवण
न पाया : चाँ दी
वण : शू
व : मानव
नाड़ी : अ
योिन : मिहष
गण : दे व

ज कालीन पंचांगािद घात च

िव म संवत् : 2052 घात मास : माघ


मास : काितक घात ितिथ : 4/9/14
ज कालीन ितिथ : शु ितपदा घात वार : गु वार
ज कालीन योग : ीित घात न : शततारका
घात योग : शु
ज कालीन करण : िकं ु
घात करण : तै ितल
आधुिनक ज वार : मंगलवार घात हर : 4
ोितिषय ज वार : मंगलवार घात च : धनु

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI
ज िववरण ज कालीन पंचां गािद
िलंग : पु ष चै ािद िविध
ज िदन : 24 अ ू बर 1995 िव म संवत् : 2052
ज वार : मंगलवार मास : काितक
ज समय : 10:50:00 घंटे
काितकािद िविध
इ काल : 10:27:57 घटी
Kuchaman City िव म संवत् : 2051
ज थान :
India
मास : आि न
दे श :
शक संवत् : 1917
अ ां श : 27उ03'00 सूय अयन/गोल : दि णायण/दि ण
रे खां श : 74पू 51'00 ऋतु : हे म
समय े : -05:30:00 घंटे प : शु
समय संशोधन : 00:00:00 घंटे ोितिषय वार : मंगलवार
जी.एम.टी. समय : 05:20:00 घंटे
थानीय समय सं ार : -00:30:36 घंटे सूय दयी ितिथ : कृ अमाव ा
थानीय समय : 10:19:24 घंटे ितिथ समा काल : 10:06:12 घंटे
सां पाितक काल : 12:28:00 घंटे : 8:38:27 घटी
सनसाइन (सायन सूय) : वृि क ज कालीन ितिथ : शु ितपदा
ल रािश : धनु 00:56:31
सूय दयी न : िच ा
न समा काल : 10:23:43 घंटे
: 9:22:13 घटी
पा रवा रक िववरण ज कालीन न : ाित

दादा का नाम : सूय दयी योग : िव ुं भ


िपता का नाम : योग समा काल : 10:38:55 घंटे
माता का नाम : : 10:0:15 घटी
जाित : ज कालीन योग : ीित
गो :
सूय दयी करण : नाग
करण समा काल : 10:06:12 घंटे
अवकहडा च : 8:38:27 घटी
ज कालीन करण : िकं ु
1. वण : शू
2. व : मानव
सूय दय समय : 06:38:49 घंटे
3. न - चरण : ाित - 1 अंश : तुला 06:21:00
4. योिन : मिहष सूया समय : 17:50:36 घंटे
5. च रािश ामी : शु अंश : तुला 06:48:42
6. गण : दे व आगामी सूय दय : बुधवार 06:39:26 घंटे
7. च रािश : तुला
8. नाड़ी : अ च का न वेश : 24 अ ू बर 95 10:23:43
वग : मृग च का न िनकास : 25 अ ू बर 95 08:41:27
यु ा : म भयात : 1:5:43 घटी
हं सक (त ) : वायु भभोग : 55:44:21 घटी
नामा र : ज कालीन दशा : रा -रा -रा
रािश पाया : सुवण दशा भो काल : रा 17व.-7मा.-23िद.
न पाया : चाँदी अयनां श : -23:48:01 लहरी

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI ज कु ली

24 अ ू बर 1995 * मंगलवार * 10:50:00 घंटे

गु 20:41
मं 08:35
10 8 शु 23:29
श(व) 24:53 11 ल 00:56 7 चं 06:55
सू 06:31
रा 02:16
9
12 6 बु 19:02
3

के 02:16 1 5
2 4

चं कु ली नवांश कु ली
मं गु बु शु श(व)
8 रा सू 6 2 12
ल 9 5 बु 3 ल के 11
चं शु
7 1
10 4 4 10 गु
1 7

श(व) 11 के 3 5 रा 9 चं
12 2 6 8
मं सू

ह व/अ रािश अंश गित न पद रा. न. उप उप उप शुभा- षड् बल


ा. ा. ा. ा. शुभ
ल धनु 00:56:31 मूल 1 गु के शु शु
सूय तुला 06:31:26 00:59:47 िच ा 4 शु मं चं शु नीच 1.20
च तुला 06:55:36 14:14:37 ाित 1 शु रा रा रा श ु 0.74
मंगल वृि क 08:35:55 00:43:08 अनुराधा 2 मं श शु चं रािश 1.38
बुध क ा 19:02:51 01:19:47 ह 3 बु चं बु रा मूलि क. 1.22
गु वृि क 20:41:27 00:11:28 े ा 2 मं बु शु गु सम 0.97
शु तुला 23:29:46 01:14:41 िवशाखा 2 शु गु श रा रािश 0.97
शिन (व) कुंभ 24:53:36 -00:02:50 पू वाभा पद 2 श गु बु मं रािश 1.18
रा तुला 02:16:42 -00:03:11 िच ा 3 शु मं के रा सम
केतु मेष 02:16:42 -00:03:11 अि नी 1 मं के शु श सम

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI रािश, नवां श व भाव कु ली

च कु ली नवां श
मं गु बु शु श(व)
8 रा सू 6 2 12
ल 9 5 बु 3 ल के 11
चं शु
7 1
10 4 4 10 गु
1 7

श(व)11 के 3 5 रा 9 चं
12 2 6 8
मं सू

भाव ( ीपित)
मं शु
10 8 चं
श(व) 11 ल गु 7
रा सू
9
12 6 बु
3

के 1 5
2 4

भाव - ीपित िविध


भाव भाव आर भाव म भाव अ
थम भाव वृि क 18:05:18 धनु 00:56:31 धनु 18:05:18
ि तीय भाव धनु 18:05:18 मकर 05:14:05 मकर 22:22:52
तृतीय भाव मकर 22:22:52 कुंभ 09:31:38 कुंभ 26:40:25
चतुथ भाव कुंभ 26:40:25 मीन 13:49:12 मीन 26:40:25
पं चम भाव मीन 26:40:25 मेष 09:31:38 मेष 22:22:52
ष भाव मेष 22:22:52 वृष 05:14:05 वृष 18:05:18
स म भाव वृष 18:05:18 िमथु न 00:56:31 िमथु न 18:05:18
अ म भाव िमथु न 18:05:18 कक 05:14:05 कक 22:22:52
नवम भाव कक 22:22:52 िसंह 09:31:38 िसंह 26:40:25
दशम भाव िसंह 26:40:25 क ा 13:49:12 क ा 26:40:25
एकादश भाव क ा 26:40:25 तुला 09:31:38 तुला 22:22:52
ादश भाव तुला 22:22:52 वृि क 05:14:05 वृि क 18:05:18

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI सुदशन च

सुदशन च

बा वृत : सूय कु ली
म वृत : च कु ली
आ रक वृत : ज कु ली

शु चं सू रा
मं 7
बु
गु 8 शु चं सू रा 6
मं
7 बु
गु 8 6

गु
ल 9 मं
9 10 8 5
ल शु
9 चं 5
श(व)
11 7 सू
रा

10 10 12 ॐ 6 बु 4 4

1 5
के
11 3
श(व)
11 2 4 3
श(व) 3
12 2
1
12 के 2

1
के

सुदशन च के बा वृत म सूय कु ली, म वृत म च कु ली व आ रक वृत म


ज कु ली बना कर तीनों कु िलयों के िविभ भावों म थत
हों का एक साथ िव ेषन िकया जाता है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI वग कु िलयां -1

ज कु ली होरा (धन-स ि )
मं गु शु मं श(व)
10 8 चं शु 6 ल रा के बु 4
श(व) 11 ल 7 7 3
रा सू गु सू चं

9 5
12 6 बु 8 2
3 11

के 1 5 9 1
2 4 10 12

े ाण (भाई-बहन) चतु थाश (भा )


बु मं श(व)
10 8 सू चं 10 8 चं
11 ल 7 मं 11 ल 7
रा श(व) रा सू
9 9
12 6 बु 12 6
3 3

के 1 शु 5 के 1 5
2 4 2 4
गु गु शु

स ां श (संतान) नवां श (जीवनसाथी)


सू चं शु श(व)
10 8 2 12
11 ल 7 रा बु 3 ल के 11

9 1
शु 12 6 गु 4 10 गु
3 7

के 1 5 5 रा 9 चं
2 4 6 8
मं बु श(व) मं सू

दशां श (कमफल) ादशां श (माता-िपता)


गु बु श(व)
10 सू चं 8 रा 10 ल सू 8
11 7 मं 11 7 रा
ल श(व) चं
9 9
12 6 मं 12 6
3 3
बु
के 1 5 1 5
2 4 के 2 4
शु गु शु

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI वग कु िलयां -2

षोडशां श (वाहन) िवंशां श (उपासना)
शु
10 8 6 सू चं 4
11 ल मं 7 बु 7 3
ल बु
9 5 मं
12 6 श(व) 8 2
3 11 रा के

शु 1 5 9 1 श(व)
2 4 10 12
रा के गु सू चं गु

चतु िवशां श (िव ा) स िवंशां श (बलाबल)


रा के सू
6 4 2 12
बु 7 ल 3 के 3 चं ल 11

5 1
गु 8 2 शु गु 4 10
11 7
श(व) बु
9 शु 1 5 9
10 12 मं 6 8 रा
सू चं मं श(व)

ि ंशां श (अ र ) खवेदां श (शुभ-अशुभफल)


बु
शु 2 ल रा 12 चं रा 3 1
3 11 4 ल 12
श(व) के सू के
1 2
4 10 गु 5 11
7 8
गु
5 9 मं 6 शु बु 10
6 8 7 9 श(व) चं
मं सू

अ वेदां श (सभी े ) ष ां श (सभी े )


चं रा
गु 11 9 11 9 चं
12 ल सू 8 श(व) 12 ल 8
शु सू बु
10 10
बु 1 7 मं गु 1 7
4 4

2 रा के 6 श(व) 2 6
3 5 3 5
मं के शु

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI ह मै ी

नैसिगक मै ी च
सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु
िम च सूय सूय सूय सूय बुध बुध गु मंगल
मंगल बुध च शु च शिन शु शु शु
गु गु मंगल रा रा शिन
केतु केतु
श ु शु रा बुध च बुध सूय सूय सूय सूय
शिन केतु रा शु च च च च
रा मंगल मंगल शिन
केतु केतु केतु केतु
सम बुध मंगल शु मंगल शिन मंगल गु बुध गु
गु शिन गु रा गु बुध
शु शिन केतु
शिन रा

ता ािलक मै ी च
सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु
िम मंगल बुध मंगल बुध सूय चं सूय चं सूय चं मंगल बुध मंगल गु मंगल बुध शिन
गु गु बुध शु मंगल गु बुध शु गु केतु गु
शिन रा शु रा शिन रा

श ु चं शु सूय शु गु केतु शिन केतु मंगल केतु सूय चं सूय चं सूय चं सूय चं
शिन रा शिन रा शिन रा बुध शु शु शिन मंगल बुध
केतु केतु केतु रा केतु गु शु
रा

पंचधा मै ी च
सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु
अितिम मंगल गु बुध सूय चं सूय शु सूय चं बुध गु

िम बुध मंगल गु शु शिन मंगल गु शिन रा मंगल गु गु बुध


रा

सम चं सूय बुध गु चं मंगल बुध शिन रा मंगल बुध मंगल शु मंगल शु


रा केतु शु केतु शु रा शिन शिन
केतु

श ु शु शिन शिन केतु केतु बुध गु

अितश ु शु शिन रा केतु सूय चं सूय चं सूय चं सूय चं


रा केतु केतु रा

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI षोडशवग सारणी

षोडशवग सारणी
षोडशवग म रािशयों म ह
ल सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु
ज धनु तुला तुला वृि क क ा वृि क तुला कुंभ तुला मेष
होरा िसंह िसंह िसंह कक िसंह िसंह कक कक िसंह िसंह
े ाण धनु तुला तुला वृि क मकर कक िमथुन तुला तुला मेष
चतुथाश धनु तुला तुला कुंभ मीन वृष कक वृि क तुला मेष
स ां श धनु वृि क वृि क कक कक क ा मीन कक तुला मेष
नवां श मेष वृि क धनु क ा िमथुन मकर वृष वृष तुला मेष
दशां श धनु धनु धनु क ा वृि क मकर वृष तुला तुला मेष
ादशां श धनु धनु धनु कुंभ मेष कक कक वृि क तुला मेष
षोडशां श धनु कक कक धनु तुला कक मेष क ा वृष वृष
िवंशां श िसंह िसंह िसंह वृष िसंह मकर कक मेष वृष वृष
चतुिवशां श िसंह मकर मकर मकर तुला वृि क कुंभ मीन क ा क ा
स िवंशां श मेष मीन मेष िसंह धनु कक कक िसंह धनु िमथुन
ि ंशां श मेष कुंभ कुंभ क ा मीन मकर िमथुन िमथुन मेष मेष
खवेदां श वृष धनु मकर क ा वृि क मकर वृि क मकर कक कक
अ वेदां श मकर मकर कुंभ िसंह मेष मीन मीन क ा कक कक
ष ां श मकर वृि क वृि क मेष वृि क मेष िसंह मीन कुंभ िसंह

षोडशवग म शुभाशुभ
सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु

ज नीच श ु रािश मूलि क. सम रािश रािश सम सम


होरा मूलि क. सम नीच सम सम सम सम सम सम
े ाण नीच श ु रािश िम उ सम उ सम सम
चतुथाश नीच िम िम नीच सम सम सम सम सम
स ां श सम नीच नीच अितश ु सम उ अितश ु सम सम
नवां श अितिम िम सम रािश नीच रािश सम सम सम
दशां श अितिम िम सम िम नीच रािश उ सम सम
ादशां श सम श ु िम िम उ अितश ु सम सम सम
षोडशां श सम रािश सम सम उ श ु अितिम उ नीच
िवंशां श मूलि क. सम िम सम नीच सम नीच उ नीच
चतुिवशां श सम िम उ सम अितिम अितिम श ु रािश सम
स िवंशां श सम श ु सम श ु उ कक अितश ु सम सम
ि ंशां श अितश ु श ु अितश ु नीच नीच अितिम अितिम अितिम सम
खवेदां श अितिम श ु सम िम नीच िम रािश सम सम
अ वेदां श अितश ु श ु सम श ु रािश उ सम सम सम
ष ां श सम नीच मूलि क. श ु सम सम िम रािश सम

िवंशोपक बल
सूय च मंगल बुध गु शु शिन रा केतु
षड् वग 11 10 16 16 15 17 13 10 10
स वग 12 11 16 16 15 14 12 10 10
दशवग 14 13 16 16 14 13 12 10 8
षोडशवग 13 12 16 17 14 13 13 10 8

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI जैिमनी प ित

जैिमनी प ित

चर कारक नवां श
आ अमा ातृ मातृ िपतृ ाित ी शु श(व)
शिन शु गु बुध मंगल चं सूय 2 12
बु 3 ल के 11
24:53 23:29 20:41 19:02 08:35 06:55 06:31
1
4 10 गु
ज कु ली 24 अ ू बर 1995 10:50:00Kuchaman
घंटे City, Rajasthan, India 7

5 रा 9 चं
मं गु 6 8
मं सू
10 8 चं शु
श(व) 11 ल 7
रा सू पद कु ली
3प
9 10 8 8प
12 6 बु 11 9प ल 7
3 1प
9
2प 6प 12 6 7प
3
के 1 5
2 4 1 5प 10प 5 12प
2 4
4प 11प

कारकां श (ज कु ली म) ां श (कारकां श नवां श म) उपपद ल कु ली


के बु ल के बु
3 1 3 1 रा सू 6 4
4 12 4 शु श(व) 12 7 3
चं शु
2 2 5
5 11 श(व) 5 11 मं गु 8 2
8 8 11

बु 6 मं गु 10 मं 6 सू 10 गु ल 9 श(व) 1 के
7 9 7 9 10 12
रा सू चं शु ल रा चं

जैिमनी ि यां िवशे ष गणनाएं


चर व थर रािशयों म थत हों म ि याँ सू-श, जैिमनी होरा ल : कुंभ 11:56:28
चं-श, शु -श, रा-श, के-मं, के-गु, के-श वणद ल : तुला
ाणपद ल : मेष 02:25:59
आ ढ़ल : तुला
उपपद : िसंह
द रािश : तुला,मकर
ा : मंगल
महे र : शिन
: बुध

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI षड् बल व भावबल

हों का षड् बल
सूय च मंगल बुध गु शु शिन
उ बल 1.16 8.69 33.53 58.65 14.77 8.83 18.37
स वग य बल 103.13 63.75 135.00 138.75 112.50 123.75 63.75
ओज-यु बल 15.00 0.00 0.00 15.00 0.00 15.00 15.00
के ािद बल 30.00 30.00 15.00 60.00 15.00 30.00 15.00
े ाण बल 15.00 0.00 15.00 15.00 0.00 15.00 0.00
1. थान बल 164.28 102.44 198.53 287.40 142.27 192.58 112.12
2. िद ल 52.43 7.70 41.74 36.04 56.58 13.23 27.98
नतो त बल 52.78 7.22 7.22 60.00 52.78 52.78 7.22
प बल 59.87 0.13 59.87 0.13 0.13 0.13 59.87
ि भाग बल 60.00 0.00 0.00 0.00 60.00 0.00 0.00
वष बल 0.00 0.00 15.00 0.00 0.00 0.00 0.00
मास बल 0.00 0.00 0.00 30.00 0.00 0.00 0.00
वार बल 0.00 0.00 45.00 0.00 0.00 0.00 0.00
होरा बल 0.00 60.00 0.00 0.00 0.00 0.00 0.00
आयन बल 14.85 45.33 3.41 36.67 1.09 7.95 35.88
यु बल 0.00 0.00 0.00 0.00 0.00 0.00 0.00
3. काल बल 187.50 112.69 130.50 126.81 114.00 60.87 102.97
4. चे ा बल 14.85 0.13 27.86 46.37 27.51 15.15 47.43
5. नैसिगक बल 60.00 51.42 17.16 25.74 34.26 42.84 8.58
6. क् बल -9.80 -9.75 -1.20 -11.16 2.64 -5.45 55.12
कुल षड् बल 469.27 264.64 414.59 511.19 377.27 319.21 354.20
षड् बल ( प म) 7.82 4.41 6.91 8.52 6.29 5.32 5.90
ूनतम वां छनीय 390 360 300 420 390 330 300
वांछनीय का अंश 1.20 0.74 1.38 1.22 0.97 0.97 1.18
थान बल वां िछत का अं श 1.00 0.77 2.07 1.74 0.86 1.45 1.17
िद ल वां िछत का अं श 1.50 0.15 1.39 1.03 1.62 0.26 0.93
काल बल वां िछत का अं श 1.67 1.13 1.95 1.13 1.02 0.61 1.54
चे ा बल वां िछत का अं श 0.30 0.00 0.70 0.93 0.55 0.51 1.19
बल वां िछत का अं श 0.50 1.13 0.17 1.22 0.04 0.20 1.79
तुलना क थित 3 7 1 2 5 6 4
इ फल 10.53 4.41 30.69 52.51 21.14 11.99 32.90
क फल 49.47 55.59 29.31 7.49 38.86 48.01 27.10

भावबल
I II III IV V VI VII VIII IX X XI XII
भावम रािश ध म कु मी मे वृ िम क िसं क तु वृ
भावम अंश 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0
भावािधपित बल 377 354 354 377 414 319 511 264 469 511 319 414
भाव िद ल 59 20 40 60 10 20 0 50 50 30 40 10
भाव ि बल 15 46 41 70 102 48 63 50 44 -5 -10 -3
ह 0 0 -60 0 0 0 0 0 0 60 -60 0
िदन-राि 0 0 15 0 0 0 15 0 15 15 15 15
कुल भावबल 453 421 391 508 527 387 590 365 579 611 304 437

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री महा व अ र दशाएं

िवंशो री महा व अ र दशाएं
भो दशा : रा 17वष-7मास-23िदन
ज कालीन दशा : रा-रा-रा-चं-मं

रा (18व) 0 वष से17व7म गु (16व) 17व7म से 33व7म शिन (19व) 33व7म से 52व7म

अ र आर अ अ र आर अ अ र आर अ

रा 24-10-1995 - 28-02-1998 गु 17-06-2013 - 05-08-2015 शिन 17-06-2029 - 20-06-2032


गु 28-02-1998 - 23-07-2000 शिन 05-08-2015 - 16-02-2018 बुध 20-06-2032 - 28-02-2035
शिन 23-07-2000 - 30-05-2003 बुध 16-02-2018 - 23-05-2020 केतु 28-02-2035 - 08-04-2036
बुध 30-05-2003 - 17-12-2005 केतु 23-05-2020 - 29-04-2021 शु 08-04-2036 - 08-06-2039
केतु 17-12-2005 - 04-01-2007 शु 29-04-2021 - 29-12-2023 सूय 08-06-2039 - 20-05-2040
शु 04-01-2007 - 04-01-2010 सूय 29-12-2023 - 17-10-2024 च 20-05-2040 - 20-12-2041
सूय 04-01-2010 - 29-11-2010 च 17-10-2024 - 16-02-2026 मंगल 20-12-2041 - 28-01-2043
च 29-11-2010 - 30-05-2012 मंगल 16-02-2026 - 22-01-2027 रा 28-01-2043 - 04-12-2045
मंगल 30-05-2012 - 17-06-2013 रा 22-01-2027 - 17-06-2029 गु 04-12-2045 - 17-06-2048

बुध (17व) 52व7म से 69व7म केतु (7व) 69व7म से 76व7म शु (20व) 76व7म से 96व7म

अ र आर अ अ र आर अ अ र आर अ

बुध 17-06-2048 13-11-2050 केतु 17-06-2065 - 13-11-2065 शु 16-06-2072 - 17-10-2075


केतु 13-11-2050 - 10-11-2051 शु 13-11-2065 - 13-01-2067 सूय 17-10-2075 - 16-10-2076
शु 10-11-2051 - 10-09-2054 सूय 13-01-2067 - 21-05-2067 च 16-10-2076 - 17-06-2078
सूय 10-09-2054 - 18-07-2055 च 21-05-2067 - 20-12-2067 मंगल 17-06-2078 - 17-08-2079
च 18-07-2055 - 16-12-2056 मंगल 20-12-2067 - 17-05-2068 रा 17-08-2079 - 17-08-2082
मंगल 16-12-2056 - 13-12-2057 रा 17-05-2068 - 04-06-2069 गु 17-08-2082 - 17-04-2085
रा 13-12-2057 - 02-07-2060 गु 04-06-2069 - 11-05-2070 शिन 17-04-2085 - 16-06-2088
गु 02-07-2060 - 08-10-2062 शिन 11-05-2070 - 20-06-2071 बुध 16-06-2088 - 17-04-2091
शिन 08-10-2062 - 17-06-2065 बुध 20-06-2071 - 16-06-2072 केतु 17-04-2091 - 16-06-2092

सूय (6व) 96व7म से 102व7म च (10व) 102व7म से 112व7म मंगल (7व) 112व7म से 119व7म
अ र आर अ अ र आर अ अ र आर अ

सूय 16-06-2092 - 04-10-2092 च 17-06-2098 - 17-04-2099 मंगल 17-06-2108 - 13-11-2108


च 04-10-2092 - 04-04-2093 मंगल 17-04-2099 - 16-11-2099 रा 13-11-2108 - 02-12-2109
मंगल 04-04-2093 - 10-08-2093 रा 16-11-2099 - 18-05-2101 गु 02-12-2109 - 08-11-2110
रा 10-08-2093 - 05-07-2094 गु 18-05-2101 - 17-09-2102 शिन 08-11-2110 - 17-12-2111
गु 05-07-2094 - 23-04-2095 शिन 17-09-2102 - 17-04-2104 बुध 17-12-2111 - 14-12-2112
शिन 23-04-2095 - 04-04-2096 बुध 17-04-2104 - 17-09-2105 केतु 14-12-2112 - 12-05-2113
बुध 04-04-2096 - 09-02-2097 केतु 17-09-2105 - 18-04-2106 शु 12-05-2113 - 12-07-2114
केतु 09-02-2097 - 16-06-2097 शु 18-04-2106 - 17-12-2107 सूय 12-07-2114 - 17-11-2114
शु 16-06-2097 - 17-06-2098 सूय 17-12-2107 - 17-06-2108 च 17-11-2114 - 18-06-2115

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 1

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
रा महादशा : 24-10-1995 से 17-06-2013
आयु : 0व 0म से 17व 7म

रा -रा रा -गु 2व4म रा -शिन 4व8म

ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

रा 24-10-1995 - 13-11-1995 गु 28-02-1998 - 25-06-1998 शिन 23-07-2000 - 04-01-2001


गु 13-11-1995 - 23-03-1996 शिन 25-06-1998 - 11-11-1998 बुध 04-01-2001 - 01-06-2001
शिन 23-03-1996 - 26-08-1996 बुध 11-11-1998 - 15-03-1999 केतु 01-06-2001 - 31-07-2001
बुध 26-08-1996 - 13-01-1997 केतु 15-03-1999 - 05-05-1999 शु 31-07-2001 - 21-01-2002
केतु 13-01-1997 - 12-03-1997 शु 05-05-1999 - 28-09-1999 सूय 21-01-2002 - 14-03-2002
शु 12-03-1997 - 23-08-1997 सूय 28-09-1999 - 11-11-1999 च 14-03-2002 - 09-06-2002
सूय 23-08-1997 - 11-10-1997 च 11-11-1999 - 23-01-2000 मंगल 09-06-2002 - 08-08-2002
च 11-10-1997 - 01-01-1998 मंगल 23-01-2000 - 14-03-2000 रा 08-08-2002 - 12-01-2003
मंगल 01-01-1998 - 28-02-1998 रा 14-03-2000 - 23-07-2000 गु 12-01-2003 - 30-05-2003

रा -बुध 7व7म रा -केतु 10व1म रा -शु 11व2म

ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

बुध 30-05-2003 - 09-10-2003 केतु 17-12-2005 - 08-01-2006 शु 04-01-2007 - 06-07-2007


केतु 09-10-2003 - 03-12-2003 शु 08-01-2006 - 13-03-2006 सूय 06-07-2007 - 30-08-2007
शु 03-12-2003 - 06-05-2004 सूय 13-03-2006 - 01-04-2006 च 30-08-2007 - 29-11-2007
सूय 06-05-2004 - 21-06-2004 च 01-04-2006 - 03-05-2006 मंगल 29-11-2007 - 01-02-2008
च 21-06-2004 - 07-09-2004 मंगल 03-05-2006 - 26-05-2006 रा 01-02-2008 - 14-07-2008
मंगल 07-09-2004 - 31-10-2004 रा 26-05-2006 - 22-07-2006 गु 14-07-2008 - 07-12-2008
रा 31-10-2004 - 20-03-2005 गु 22-07-2006 - 11-09-2006 शिन 07-12-2008 - 30-05-2009
गु 20-03-2005 - 22-07-2005 शिन 11-09-2006 - 11-11-2006 बुध 30-05-2009 - 01-11-2009
शिन 22-07-2005 - 17-12-2005 बुध 11-11-2006 - 04-01-2007 केतु 01-11-2009 - 04-01-2010

रा -सूय 14व2म रा -च 15व1म रा -मंगल 16व7म

ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

सूय 04-01-2010 - 20-01-2010 च 29-11-2010 - 13-01-2011 मंगल 30-05-2012 - 21-06-2012


च 20-01-2010 - 17-02-2010 मंगल 13-01-2011 - 14-02-2011 रा 21-06-2012 - 18-08-2012
मंगल 17-02-2010 - 08-03-2010 रा 14-02-2011 - 08-05-2011 गु 18-08-2012 - 08-10-2012
रा 08-03-2010 - 26-04-2010 गु 08-05-2011 - 20-07-2011 शिन 08-10-2012 - 07-12-2012
गु 26-04-2010 - 09-06-2010 शिन 20-07-2011 - 14-10-2011 बुध 07-12-2012 - 31-01-2013
शिन 09-06-2010 - 31-07-2010 बुध 14-10-2011 - 31-12-2011 केतु 31-01-2013 - 22-02-2013
बुध 31-07-2010 - 16-09-2010 केतु 31-12-2011 - 01-02-2012 शु 22-02-2013 - 27-04-2013
केतु 16-09-2010 - 05-10-2010 शु 01-02-2012 - 02-05-2012 सूय 27-04-2013 - 16-05-2013
शु 05-10-2010 - 29-11-2010 सूय 02-05-2012 - 30-05-2012 च 16-05-2013 - 17-06-2013
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 2

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
गु महादशा : 17-06-2013 से 17-06-2029
आयु : 17व 7म से 33व 7म

गु -गु 17व7म* गु -शिन 19व9म गु -बुध 22व3म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

गु 17-06-2013 - 29-09-2013 शिन 05-08-2015 - 30-12-2015 बुध 16-02-2018 - 13-06-2018


शिन 29-09-2013 - 30-01-2014 बुध 30-12-2015 - 09-05-2016 केतु 13-06-2018 - 31-07-2018
बुध 30-01-2014 - 21-05-2014 केतु 09-05-2016 - 02-07-2016 शु 31-07-2018 - 16-12-2018
केतु 21-05-2014 - 05-07-2014 शु 02-07-2016 - 03-12-2016 सूय 16-12-2018 - 27-01-2019
शु 05-07-2014 - 12-11-2014 सूय 03-12-2016 - 18-01-2017 च 27-01-2019 - 06-04-2019
सूय 12-11-2014 - 21-12-2014 च 18-01-2017 - 05-04-2017 मंगल 06-04-2019 - 24-05-2019
च 21-12-2014 - 24-02-2015 मंगल 05-04-2017 - 29-05-2017 रा 24-05-2019 - 25-09-2019
मंगल 24-02-2015 - 10-04-2015 रा 29-05-2017 - 15-10-2017 गु 25-09-2019 - 13-01-2020
रा 10-04-2015 - 05-08-2015 गु 15-10-2017 - 16-02-2018 शिन 13-01-2020 - 23-05-2020

गु -केतु 24व6म गु -शु 25व6म गु -सूय 28व2म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

केतु 23-05-2020 - 12-06-2020 शु 29-04-2021 - 09-10-2021 सूय 29-12-2023 - 13-01-2024


शु 12-06-2020 - 08-08-2020 सूय 09-10-2021 - 26-11-2021 च 13-01-2024 - 06-02-2024
सूय 08-08-2020 - 25-08-2020 च 26-11-2021 - 16-02-2022 मंगल 06-02-2024 - 23-02-2024
च 25-08-2020 - 23-09-2020 मंगल 16-02-2022 - 13-04-2022 रा 23-02-2024 - 07-04-2024
मंगल 23-09-2020 - 12-10-2020 रा 13-04-2022 - 06-09-2022 गु 07-04-2024 - 16-05-2024
रा 12-10-2020 - 03-12-2020 गु 06-09-2022 - 14-01-2023 शिन 16-05-2024 - 01-07-2024
गु 03-12-2020 - 17-01-2021 शिन 14-01-2023 - 18-06-2023 बुध 01-07-2024 - 12-08-2024
शिन 17-01-2021 - 12-03-2021 बुध 18-06-2023 - 03-11-2023 केतु 12-08-2024 - 29-08-2024
बुध 12-03-2021 - 29-04-2021 केतु 03-11-2023 - 29-12-2023 शु 29-08-2024 - 17-10-2024

गु -च 28व11म गु -मंगल 30व3म गु -रा 31व2म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

च 17-10-2024 - 26-11-2024 मंगल 16-02-2026 - 07-03-2026 रा 22-01-2027 - 03-06-2027


मंगल 26-11-2024 - 25-12-2024 रा 07-03-2026 - 28-04-2026 गु 03-06-2027 - 28-09-2027
रा 25-12-2024 - 08-03-2025 गु 28-04-2026 - 12-06-2026 शिन 28-09-2027 - 14-02-2028
गु 08-03-2025 - 11-05-2025 शिन 12-06-2026 - 05-08-2026 बुध 14-02-2028 - 17-06-2028
शिन 11-05-2025 - 28-07-2025 बुध 05-08-2026 - 22-09-2026 केतु 17-06-2028 - 07-08-2028
बुध 28-07-2025 - 05-10-2025 केतु 22-09-2026 - 12-10-2026 शु 07-08-2028 - 31-12-2028
केतु 05-10-2025 - 02-11-2025 शु 12-10-2026 - 08-12-2026 सूय 31-12-2028 - 13-02-2029
शु 02-11-2025 - 22-01-2026 सूय 08-12-2026 - 25-12-2026 च 13-02-2029 - 27-04-2029
सूय 22-01-2026 - 16-02-2026 च 25-12-2026 - 22-01-2027 मंगल 27-04-2029 - 17-06-2029
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 3

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
शिन महादशा : 17-06-2029 से 17-06-2048
आयु : 33व 7म से 52व 7म

शिन-शिन 33व7म* शिन-बुध 36व7म शिन-केतु 39व4म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शिन 17-06-2029 - 08-12-2029 बुध 20-06-2032 - 06-11-2032 केतु 28-02-2035 - 23-03-2035


बुध 08-12-2029 - 13-05-2030 केतु 06-11-2032 - 02-01-2033 शु 23-03-2035 - 30-05-2035
केतु 13-05-2030 - 16-07-2030 शु 02-01-2033 - 15-06-2033 सूय 30-05-2035 - 19-06-2035
शु 16-07-2030 - 15-01-2031 सूय 15-06-2033 - 03-08-2033 च 19-06-2035 - 23-07-2035
सूय 15-01-2031 - 11-03-2031 च 03-08-2033 - 24-10-2033 मंगल 23-07-2035 - 16-08-2035
च 11-03-2031 - 10-06-2031 मंगल 24-10-2033 - 21-12-2033 रा 16-08-2035 - 15-10-2035
मंगल 10-06-2031 - 13-08-2031 रा 21-12-2033 - 17-05-2034 गु 15-10-2035 - 08-12-2035
रा 13-08-2031 - 25-01-2032 गु 17-05-2034 - 25-09-2034 शिन 08-12-2035 - 10-02-2036
गु 25-01-2032 - 20-06-2032 शिन 25-09-2034 - 28-02-2035 बुध 10-02-2036 - 08-04-2036

शिन-शु 40व5म शिन-सूय 43व7म शिन-च 44व6म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शु 08-04-2036 - 17-10-2036 सूय 08-06-2039 - 26-06-2039 च 20-05-2040 - 07-07-2040


सूय 17-10-2036 - 14-12-2036 च 26-06-2039 - 25-07-2039 मंगल 07-07-2040 - 10-08-2040
च 14-12-2036 - 21-03-2037 मंगल 25-07-2039 - 14-08-2039 रा 10-08-2040 - 05-11-2040
मंगल 21-03-2037 - 27-05-2037 रा 14-08-2039 - 05-10-2039 गु 05-11-2040 - 21-01-2041
रा 27-05-2037 - 17-11-2037 गु 05-10-2039 - 20-11-2039 शिन 21-01-2041 - 23-04-2041
गु 17-11-2037 - 20-04-2038 शिन 20-11-2039 - 14-01-2040 बुध 23-04-2041 - 14-07-2041
शिन 20-04-2038 - 20-10-2038 बुध 14-01-2040 - 03-03-2040 केतु 14-07-2041 - 16-08-2041
बुध 20-10-2038 - 02-04-2039 केतु 03-03-2040 - 23-03-2040 शु 16-08-2041 - 21-11-2041
केतु 02-04-2039 - 08-06-2039 शु 23-03-2040 - 20-05-2040 सूय 21-11-2041 - 20-12-2041

शिन-मंगल 46व1म शिन-रा 47व3म शिन-गु 50व1म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

मंगल 20-12-2041 - 12-01-2042 रा 28-01-2043 - 04-07-2043 गु 04-12-2045 - 07-04-2046


रा 12-01-2042 - 14-03-2042 गु 04-07-2043 - 19-11-2043 शिन 07-04-2046 - 31-08-2046
गु 14-03-2042 - 07-05-2042 शिन 19-11-2043 - 02-05-2044 बुध 31-08-2046 - 09-01-2047
शिन 07-05-2042 - 10-07-2042 बुध 02-05-2044 - 27-09-2044 केतु 09-01-2047 - 04-03-2047
बुध 10-07-2042 - 05-09-2042 केतु 27-09-2044 - 26-11-2044 शु 04-03-2047 - 05-08-2047
केतु 05-09-2042 - 29-09-2042 शु 26-11-2044 - 19-05-2045 सूय 05-08-2047 - 21-09-2047
शु 29-09-2042 - 05-12-2042 सूय 19-05-2045 - 10-07-2045 च 21-09-2047 - 07-12-2047
सूय 05-12-2042 - 26-12-2042 च 10-07-2045 - 05-10-2045 मंगल 07-12-2047 - 30-01-2048
च 26-12-2042 - 28-01-2043 मंगल 05-10-2045 - 04-12-2045 रा 30-01-2048 - 17-06-2048
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 4

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
बुध महादशा : 17-06-2048 से 17-06-2065
आयु : 52व 7म से 69व 7म

बुध-बुध 52व7म* बुध-केतु 55व0म बुध-शु 56व0म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

बुध 17-06-2048 - 19-10-2048 केतु 13-11-2050 - 04-12-2050 शु 10-11-2051 - 01-05-2052


केतु 19-10-2048 - 10-12-2048 शु 04-12-2050 - 03-02-2051 सूय 01-05-2052 - 22-06-2052
शु 10-12-2048 - 05-05-2049 सूय 03-02-2051 - 21-02-2051 च 22-06-2052 - 16-09-2052
सूय 05-05-2049 - 18-06-2049 च 21-02-2051 - 23-03-2051 मंगल 16-09-2052 - 15-11-2052
च 18-06-2049 - 30-08-2049 मंगल 23-03-2051 - 13-04-2051 रा 15-11-2052 - 19-04-2053
मंगल 30-08-2049 - 21-10-2049 रा 13-04-2051 - 06-06-2051 गु 19-04-2053 - 04-09-2053
रा 21-10-2049 - 02-03-2050 गु 06-06-2051 - 25-07-2051 शिन 04-09-2053 - 15-02-2054
गु 02-03-2050 - 27-06-2050 शिन 25-07-2051 - 20-09-2051 बुध 15-02-2054 - 12-07-2054
शिन 27-06-2050 - 13-11-2050 बुध 20-09-2051 - 10-11-2051 केतु 12-07-2054 - 10-09-2054

बुध-सूय 58व10म बुध-च 59व8म बुध-मंगल 61व1म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

सूय 10-09-2054 - 26-09-2054 च 18-07-2055 - 30-08-2055 मंगल 16-12-2056 - 06-01-2057


च 26-09-2054 - 22-10-2054 मंगल 30-08-2055 - 29-09-2055 रा 06-01-2057 - 02-03-2057
मंगल 22-10-2054 - 09-11-2054 रा 29-09-2055 - 16-12-2055 गु 02-03-2057 - 19-04-2057
रा 09-11-2054 - 25-12-2054 गु 16-12-2055 - 23-02-2056 शिन 19-04-2057 - 15-06-2057
गु 25-12-2054 - 05-02-2055 शिन 23-02-2056 - 15-05-2056 बुध 15-06-2057 - 06-08-2057
शिन 05-02-2055 - 26-03-2055 बुध 15-05-2056 - 27-07-2056 केतु 06-08-2057 - 27-08-2057
बुध 26-03-2055 - 09-05-2055 केतु 27-07-2056 - 26-08-2056 शु 27-08-2057 - 26-10-2057
केतु 09-05-2055 - 27-05-2055 शु 26-08-2056 - 20-11-2056 सूय 26-10-2057 - 13-11-2057
शु 27-05-2055 - 18-07-2055 सूय 20-11-2056 - 16-12-2056 च 13-11-2057 - 13-12-2057

बुध-रा 62व1म बुध-गु 64व8म बुध-शिन 66व11म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

रा 13-12-2057 - 02-05-2058 गु 02-07-2060 - 20-10-2060 शिन 08-10-2062 - 12-03-2063


गु 02-05-2058 - 03-09-2058 शिन 20-10-2060 - 28-02-2061 बुध 12-03-2063 - 30-07-2063
शिन 03-09-2058 - 29-01-2059 बुध 28-02-2061 - 25-06-2061 केतु 30-07-2063 - 25-09-2063
बुध 29-01-2059 - 10-06-2059 केतु 25-06-2061 - 13-08-2061 शु 25-09-2063 - 07-03-2064
केतु 10-06-2059 - 03-08-2059 शु 13-08-2061 - 29-12-2061 सूय 07-03-2064 - 25-04-2064
शु 03-08-2059 - 05-01-2060 सूय 29-12-2061 - 08-02-2062 च 25-04-2064 - 16-07-2064
सूय 05-01-2060 - 21-02-2060 च 08-02-2062 - 18-04-2062 मंगल 16-07-2064 - 11-09-2064
च 21-02-2060 - 08-05-2060 मंगल 18-04-2062 - 05-06-2062 रा 11-09-2064 - 06-02-2065
मंगल 08-05-2060 - 02-07-2060 रा 05-06-2062 - 08-10-2062 गु 06-02-2065 - 17-06-2065
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 5

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
केतु महादशा : 17-06-2065 से 16-06-2072
आयु : 69व 7म से 76व 7म

केतु-केतु 69व7म* केतु-शु 70व0म केतु-सूय 71व2म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

केतु 17-06-2065 - 25-06-2065 शु 13-11-2065 - 23-01-2066 सूय 13-01-2067 - 19-01-2067


शु 25-06-2065 - 20-07-2065 सूय 23-01-2066 - 13-02-2066 च 19-01-2067 - 30-01-2067
सूय 20-07-2065 - 28-07-2065 च 13-02-2066 - 21-03-2066 मंगल 30-01-2067 - 06-02-2067
च 28-07-2065 - 09-08-2065 मंगल 21-03-2066 - 15-04-2066 रा 06-02-2067 - 26-02-2067
मंगल 09-08-2065 - 18-08-2065 रा 15-04-2066 - 17-06-2066 गु 26-02-2067 - 15-03-2067
रा 18-08-2065 - 09-09-2065 गु 17-06-2066 - 13-08-2066 शिन 15-03-2067 - 04-04-2067
गु 09-09-2065 - 29-09-2065 शिन 13-08-2066 - 20-10-2066 बुध 04-04-2067 - 22-04-2067
शिन 29-09-2065 - 23-10-2065 बुध 20-10-2066 - 19-12-2066 केतु 22-04-2067 - 29-04-2067
बुध 23-10-2065 - 13-11-2065 केतु 19-12-2066 - 13-01-2067 शु 29-04-2067 - 21-05-2067

केतु-च 71व6म केतु-मंगल 72व1म केतु-रा 72व6म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

च 21-05-2067 - 08-06-2067 मंगल 20-12-2067 - 29-12-2067 रा 17-05-2068 - 14-07-2068


मंगल 08-06-2067 - 20-06-2067 रा 29-12-2067 - 20-01-2068 गु 14-07-2068 - 03-09-2068
रा 20-06-2067 - 22-07-2067 गु 20-01-2068 - 09-02-2068 शिन 03-09-2068 - 02-11-2068
गु 22-07-2067 - 19-08-2067 शिन 09-02-2068 - 03-03-2068 बुध 02-11-2068 - 27-12-2068
शिन 19-08-2067 - 22-09-2067 बुध 03-03-2068 - 25-03-2068 केतु 27-12-2068 - 18-01-2069
बुध 22-09-2067 - 22-10-2067 केतु 25-03-2068 - 02-04-2068 शु 18-01-2069 - 23-03-2069
केतु 22-10-2067 - 04-11-2067 शु 02-04-2068 - 27-04-2068 सूय 23-03-2069 - 11-04-2069
शु 04-11-2067 - 09-12-2067 सूय 27-04-2068 - 05-05-2068 च 11-04-2069 - 13-05-2069
सूय 09-12-2067 - 20-12-2067 च 05-05-2068 - 17-05-2068 मंगल 13-05-2069 - 04-06-2069

केतु-गु 73व7म केतु-शिन 74व6म केतु-बुध 75व7म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

गु 04-06-2069 - 20-07-2069 शिन 11-05-2070 - 14-07-2070 बुध 20-06-2071 - 11-08-2071


शिन 20-07-2069 - 12-09-2069 बुध 14-07-2070 - 10-09-2070 केतु 11-08-2071 - 01-09-2071
बुध 12-09-2069 - 30-10-2069 केतु 10-09-2070 - 03-10-2070 शु 01-09-2071 - 31-10-2071
केतु 30-10-2069 - 19-11-2069 शु 03-10-2070 - 10-12-2070 सूय 31-10-2071 - 18-11-2071
शु 19-11-2069 - 15-01-2070 सूय 10-12-2070 - 30-12-2070 च 18-11-2071 - 18-12-2071
सूय 15-01-2070 - 01-02-2070 च 30-12-2070 - 02-02-2071 मंगल 18-12-2071 - 08-01-2072
च 01-02-2070 - 01-03-2070 मंगल 02-02-2071 - 26-02-2071 रा 08-01-2072 - 03-03-2072
मंगल 01-03-2070 - 21-03-2070 रा 26-02-2071 - 27-04-2071 गु 03-03-2072 - 20-04-2072
रा 21-03-2070 - 11-05-2070 गु 27-04-2071 - 20-06-2071 शिन 20-04-2072 - 16-06-2072
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 6

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
शु महादशा : 16-06-2072 से 16-06-2092
आयु : 76व 7म से 96व 7म

शु -शु 76व7म* शु -सूय 79व11म शु -च 80व11म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शु 16-06-2072 - 05-01-2073 सूय 17-10-2075 - 04-11-2075 च 16-10-2076 - 06-12-2076


सूय 05-01-2073 - 07-03-2073 च 04-11-2075 - 05-12-2075 मंगल 06-12-2076 - 10-01-2077
च 07-03-2073 - 17-06-2073 मंगल 05-12-2075 - 26-12-2075 रा 10-01-2077 - 12-04-2077
मंगल 17-06-2073 - 27-08-2073 रा 26-12-2075 - 19-02-2076 गु 12-04-2077 - 02-07-2077
रा 27-08-2073 - 25-02-2074 गु 19-02-2076 - 07-04-2076 शिन 02-07-2077 - 06-10-2077
गु 25-02-2074 - 07-08-2074 शिन 07-04-2076 - 04-06-2076 बुध 06-10-2077 - 31-12-2077
शिन 07-08-2074 - 15-02-2075 बुध 04-06-2076 - 26-07-2076 केतु 31-12-2077 - 05-02-2078
बुध 15-02-2075 - 07-08-2075 केतु 26-07-2076 - 16-08-2076 शु 05-02-2078 - 17-05-2078
केतु 07-08-2075 - 17-10-2075 शु 16-08-2076 - 16-10-2076 सूय 17-05-2078 - 17-06-2078

शु -मंगल 82व7म शु -रा 83व9म शु -गु 86व9म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

मंगल 17-06-2078 - 12-07-2078 रा 17-08-2079 - 28-01-2080 गु 17-08-2082 - 25-12-2082


रा 12-07-2078 - 14-09-2078 गु 28-01-2080 - 22-06-2080 शिन 25-12-2082 - 28-05-2083
गु 14-09-2078 - 09-11-2078 शिन 22-06-2080 - 13-12-2080 बुध 28-05-2083 - 13-10-2083
शिन 09-11-2078 - 16-01-2079 बुध 13-12-2080 - 17-05-2081 केतु 13-10-2083 - 09-12-2083
बुध 16-01-2079 - 17-03-2079 केतु 17-05-2081 - 20-07-2081 शु 09-12-2083 - 19-05-2084
केतु 17-03-2079 - 11-04-2079 शु 20-07-2081 - 19-01-2082 सूय 19-05-2084 - 07-07-2084
शु 11-04-2079 - 21-06-2079 सूय 19-01-2082 - 14-03-2082 च 07-07-2084 - 26-09-2084
सूय 21-06-2079 - 12-07-2079 च 14-03-2082 - 14-06-2082 मंगल 26-09-2084 - 22-11-2084
च 12-07-2079 - 17-08-2079 मंगल 14-06-2082 - 17-08-2082 रा 22-11-2084 - 17-04-2085

शु -शिन 89व5म शु -बुध 92व7म शु -केतु 95व5म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शिन 17-04-2085 - 17-10-2085 बुध 16-06-2088 - 10-11-2088 केतु 17-04-2091 - 12-05-2091


बुध 17-10-2085 - 30-03-2086 केतु 10-11-2088 - 09-01-2089 शु 12-05-2091 - 22-07-2091
केतु 30-03-2086 - 05-06-2086 शु 09-01-2089 - 01-07-2089 सूय 22-07-2091 - 12-08-2091
शु 05-06-2086 - 15-12-2086 सूय 01-07-2089 - 21-08-2089 च 12-08-2091 - 17-09-2091
सूय 15-12-2086 - 11-02-2087 च 21-08-2089 - 16-11-2089 मंगल 17-09-2091 - 12-10-2091
च 11-02-2087 - 18-05-2087 मंगल 16-11-2089 - 15-01-2090 रा 12-10-2091 - 15-12-2091
मंगल 18-05-2087 - 25-07-2087 रा 15-01-2090 - 19-06-2090 गु 15-12-2091 - 09-02-2092
रा 25-07-2087 - 14-01-2088 गु 19-06-2090 - 04-11-2090 शिन 09-02-2092 - 17-04-2092
गु 14-01-2088 - 16-06-2088 शिन 04-11-2090 - 17-04-2091 बुध 17-04-2092 - 16-06-2092
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 7

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
सूय महादशा : 16-06-2092 से 17-06-2098
आयु : 96व 7म से 102व 7म

सूय-सूय 96व7म* सूय-च 96व11म सूय-मंगल 97व5म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

सूय 16-06-2092 - 22-06-2092 च 04-10-2092 - 19-10-2092 मंगल 04-04-2093 - 12-04-2093


च 22-06-2092 - 01-07-2092 मंगल 19-10-2092 - 30-10-2092 रा 12-04-2093 - 01-05-2093
मंगल 01-07-2092 - 07-07-2092 रा 30-10-2092 - 26-11-2092 गु 01-05-2093 - 18-05-2093
रा 07-07-2092 - 24-07-2092 गु 26-11-2092 - 20-12-2092 शिन 18-05-2093 - 07-06-2093
गु 24-07-2092 - 07-08-2092 शिन 20-12-2092 - 18-01-2093 बुध 07-06-2093 - 25-06-2093
शिन 07-08-2092 - 25-08-2092 बुध 18-01-2093 - 13-02-2093 केतु 25-06-2093 - 03-07-2093
बुध 25-08-2092 - 09-09-2092 केतु 13-02-2093 - 24-02-2093 शु 03-07-2093 - 24-07-2093
केतु 09-09-2092 - 16-09-2092 शु 24-02-2093 - 26-03-2093 सूय 24-07-2093 - 31-07-2093
शु 16-09-2092 - 04-10-2092 सूय 26-03-2093 - 04-04-2093 च 31-07-2093 - 10-08-2093

सूय-रा 97व9म सूय-गु 98व8म सूय-शिन 99व5म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

रा 10-08-2093 - 29-09-2093 गु 05-07-2094 - 13-08-2094 शिन 23-04-2095 - 17-06-2095


गु 29-09-2093 - 11-11-2093 शिन 13-08-2094 - 28-09-2094 बुध 17-06-2095 - 05-08-2095
शिन 11-11-2093 - 02-01-2094 बुध 28-09-2094 - 09-11-2094 केतु 05-08-2095 - 26-08-2095
बुध 02-01-2094 - 18-02-2094 केतु 09-11-2094 - 26-11-2094 शु 26-08-2095 - 22-10-2095
केतु 18-02-2094 - 09-03-2094 शु 26-11-2094 - 13-01-2095 सूय 22-10-2095 - 09-11-2095
शु 09-03-2094 - 03-05-2094 सूय 13-01-2095 - 28-01-2095 च 09-11-2095 - 08-12-2095
सूय 03-05-2094 - 19-05-2094 च 28-01-2095 - 21-02-2095 मंगल 08-12-2095 - 28-12-2095
च 19-05-2094 - 16-06-2094 मंगल 21-02-2095 - 10-03-2095 रा 28-12-2095 - 18-02-2096
मंगल 16-06-2094 - 05-07-2094 रा 10-03-2095 - 23-04-2095 गु 18-02-2096 - 04-04-2096

सूय-बुध 100व5म सूय-केतु 101व3म सूय-शु 101व7म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

बुध 04-04-2096 - 18-05-2096 केतु 09-02-2097 - 16-02-2097 शु 16-06-2097 - 16-08-2097


केतु 18-05-2096 - 05-06-2096 शु 16-02-2097 - 09-03-2097 सूय 16-08-2097 - 04-09-2097
शु 05-06-2096 - 27-07-2096 सूय 09-03-2097 - 16-03-2097 च 04-09-2097 - 04-10-2097
सूय 27-07-2096 - 12-08-2096 च 16-03-2097 - 26-03-2097 मंगल 04-10-2097 - 25-10-2097
च 12-08-2096 - 06-09-2096 मंगल 26-03-2097 - 03-04-2097 रा 25-10-2097 - 19-12-2097
मंगल 06-09-2096 - 25-09-2096 रा 03-04-2097 - 22-04-2097 गु 19-12-2097 - 06-02-2098
रा 25-09-2096 - 10-11-2096 गु 22-04-2097 - 09-05-2097 शिन 06-02-2098 - 05-04-2098
गु 10-11-2096 - 21-12-2096 शिन 09-05-2097 - 29-05-2097 दि ण 05-04-2098 - 26-05-2098
शिन 21-12-2096 - 09-02-2097 बुध 29-05-2097 - 16-06-2097 केतु 26-05-2098 - 17-06-2098
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 8

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
च महादशा : 17-06-2098 से 17-06-2108
आयु : 102व 7म से 112व 7म

च -च 102व7म* च -मंगल 103व5म च -रा 104व0म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

च 17-06-2098 - 12-07-2098 मंगल 17-04-2099 - 29-04-2099 रा 16-11-2099 - 06-02-2100


मंगल 12-07-2098 - 30-07-2098 रा 29-04-2099 - 31-05-2099 गु 06-02-2100 - 20-04-2100
रा 30-07-2098 - 13-09-2098 गु 31-05-2099 - 29-06-2099 शिन 20-04-2100 - 16-07-2100
गु 13-09-2098 - 24-10-2098 शिन 29-06-2099 - 02-08-2099 बुध 16-07-2100 - 02-10-2100
शिन 24-10-2098 - 11-12-2098 बुध 02-08-2099 - 01-09-2099 केतु 02-10-2100 - 03-11-2100
बुध 11-12-2098 - 23-01-2099 केतु 01-09-2099 - 13-09-2099 शु 03-11-2100 - 02-02-2101
केतु 23-01-2099 - 10-02-2099 शु 13-09-2099 - 19-10-2099 सूय 02-02-2101 - 01-03-2101
शु 10-02-2099 - 02-04-2099 सूय 19-10-2099 - 29-10-2099 च 01-03-2101 - 16-04-2101
सूय 02-04-2099 - 17-04-2099 च 29-10-2099 - 16-11-2099 मंगल 16-04-2101 - 18-05-2101

च -गु 105व6म च -शिन 106व10म च -बुध 108व5म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

गु 18-05-2101 - 22-07-2101 शिन 17-09-2102 - 18-12-2102 बुध 17-04-2104 - 30-06-2104


शिन 22-07-2101 - 07-10-2101 बुध 18-12-2102 - 09-03-2103 केतु 30-06-2104 - 30-07-2104
बुध 07-10-2101 - 15-12-2101 केतु 09-03-2103 - 12-04-2103 शु 30-07-2104 - 24-10-2104
केतु 15-12-2101 - 12-01-2102 शु 12-04-2103 - 18-07-2103 सूय 24-10-2104 - 19-11-2104
शु 12-01-2102 - 04-04-2102 सूय 18-07-2103 - 15-08-2103 च 19-11-2104 - 01-01-2105
सूय 04-04-2102 - 28-04-2102 च 15-08-2103 - 03-10-2103 मंगल 01-01-2105 - 31-01-2105
च 28-04-2102 - 08-06-2102 मंगल 03-10-2103 - 05-11-2103 रा 31-01-2105 - 19-04-2105
मंगल 08-06-2102 - 06-07-2102 रा 05-11-2103 - 31-01-2104 गु 19-04-2105 - 27-06-2105
रा 06-07-2102 - 17-09-2102 गु 31-01-2104 - 17-04-2104 शिन 27-06-2105 - 17-09-2105

च -केतु 109व10म च -शु 110व5म च -सूय 112व1म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

केतु 17-09-2105 - 29-09-2105 शु 18-04-2106 - 28-07-2106 सूय 17-12-2107 - 27-12-2107


शु 29-09-2105 - 04-11-2105 सूय 28-07-2106 - 28-08-2106 च 27-12-2107 - 11-01-2108
सूय 04-11-2105 - 14-11-2105 च 28-08-2106 - 17-10-2106 मंगल 11-01-2108 - 22-01-2108
च 14-11-2105 - 02-12-2105 मंगल 17-10-2106 - 22-11-2106 रा 22-01-2108 - 18-02-2108
मंगल 02-12-2105 - 14-12-2105 रा 22-11-2106 - 21-02-2107 गु 18-02-2108 - 13-03-2108
रा 14-12-2105 - 15-01-2106 गु 21-02-2107 - 13-05-2107 शिन 13-03-2108 - 11-04-2108
गु 15-01-2106 - 13-02-2106 शिन 13-05-2107 - 18-08-2107 बुध 11-04-2108 - 07-05-2108
शिन 13-02-2106 - 19-03-2106 बुध 18-08-2107 - 12-11-2107 केतु 07-05-2108 - 18-05-2108
बुध 19-03-2106 - 18-04-2106 केतु 12-11-2107 - 17-12-2107 शु 18-05-2108 - 17-06-2108
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI िवंशो री अ र व ं तर दशाएं 9

िवंशो री अ र व ं तर दशाएं
मंगल महादशा : 17-06-2108 से 18-06-2115
आयु : 112व 7म से 119व 7म

मंगल-मंगल 112व7म* मंगल-रा 113व0म मंगल-गु 114व1म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

मंगल 17-06-2108 - 26-06-2108 रा 13-11-2108 - 10-01-2109 गु 02-12-2109 - 16-01-2110


रा 26-06-2108 - 18-07-2108 गु 10-01-2109 - 02-03-2109 शिन 16-01-2110 - 11-03-2110
गु 18-07-2108 - 07-08-2108 शिन 02-03-2109 - 02-05-2109 बुध 11-03-2110 - 28-04-2110
शिन 07-08-2108 - 31-08-2108 बुध 02-05-2109 - 25-06-2109 केतु 28-04-2110 - 18-05-2110
बुध 31-08-2108 - 21-09-2108 केतु 25-06-2109 - 17-07-2109 शु 18-05-2110 - 14-07-2110
केतु 21-09-2108 - 30-09-2108 शु 17-07-2109 - 19-09-2109 सूय 14-07-2110 - 31-07-2110
शु 30-09-2108 - 24-10-2108 सूय 19-09-2109 - 08-10-2109 च 31-07-2110 - 29-08-2110
सूय 24-10-2108 - 01-11-2108 च 08-10-2109 - 09-11-2109 मंगल 29-08-2110 - 18-09-2110
च 01-11-2108 - 13-11-2108 मंगल 09-11-2109 - 02-12-2109 रा 18-09-2110 - 08-11-2110

मंगल-शिन 115व0म मंगल-बुध 116व1म मंगल-केतु 117व1म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शिन 08-11-2110 - 11-01-2111 बुध 17-12-2111 - 07-02-2112 केतु 14-12-2112 - 22-12-2112


बुध 11-01-2111 - 09-03-2111 केतु 07-02-2112 - 28-02-2112 शु 22-12-2112 - 16-01-2113
केतु 09-03-2111 - 02-04-2111 शु 28-02-2112 - 28-04-2112 सूय 16-01-2113 - 24-01-2113
शु 02-04-2111 - 08-06-2111 सूय 28-04-2112 - 16-05-2112 च 24-01-2113 - 05-02-2113
सूय 08-06-2111 - 28-06-2111 च 16-05-2112 - 16-06-2112 मंगल 05-02-2113 - 14-02-2113
च 28-06-2111 - 01-08-2111 मंगल 16-06-2112 - 07-07-2112 रा 14-02-2113 - 08-03-2113
मंगल 01-08-2111 - 25-08-2111 रा 07-07-2112 - 30-08-2112 गु 08-03-2113 - 28-03-2113
रा 25-08-2111 - 24-10-2111 गु 30-08-2112 - 17-10-2112 शिन 28-03-2113 - 21-04-2113
गु 24-10-2111 - 17-12-2111 शिन 17-10-2112 - 14-12-2112 बुध 21-04-2113 - 12-05-2113

मंगल-शु 117व6म मंगल-सूय 118व8म मंगल-च 119व0म


ं तर आर अ ं तर आर अ ं तर आर अ

शु 12-05-2113 - 22-07-2113 सूय 12-07-2114 - 18-07-2114 च 17-11-2114 - 05-12-2114


सूय 22-07-2113 - 12-08-2113 च 18-07-2114 - 29-07-2114 मंगल 05-12-2114 - 17-12-2114
च 12-08-2113 - 17-09-2113 मंगल 29-07-2114 - 05-08-2114 रा 17-12-2114 - 18-01-2115
मंगल 17-09-2113 - 11-10-2113 रा 05-08-2114 - 25-08-2114 गु 18-01-2115 - 15-02-2115
रा 11-10-2113 - 14-12-2113 गु 25-08-2114 - 11-09-2114 शिन 15-02-2115 - 21-03-2115
गु 14-12-2113 - 09-02-2114 शिन 11-09-2114 - 01-10-2114 बुध 21-03-2115 - 20-04-2115
शिन 09-02-2114 - 18-04-2114 बुध 01-10-2114 - 19-10-2114 केतु 20-04-2115 - 03-05-2115
बुध 18-04-2114 - 17-06-2114 केतु 19-10-2114 - 26-10-2114 शु 03-05-2115 - 07-06-2115
केतु 17-06-2114 - 12-07-2114 शु 26-10-2114 - 17-11-2114 सूय 07-06-2115 - 18-06-2115
आयु दशा आर काल की दी गई है ।

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कु ली फल
ोितष शा के ान से मनु को े लाभ यह है िक उसे पूवज के शुभाशुभ कम का ान, वतमान ज म
शुभकम करने की आव कता, मानवीय ज का उ े , ई रीय व मानवीय श म अ र, कम और भोग की
मयादा, ार और य की सीमा व दोनों का पर र स , अनुकूल व ितकूल समय का ान व संकट समय मन
म धैय रख उस पर िवजय ा करने की श ा होती है । इस श से मन म स ोष, स ोष से िच ा का नाश,
िच ा-नाश से धम की ा , धम से धैय व श की ा और श से ई र के ित भ व िव ास मश: ा
करते ए व संसा रक आपि यों को सहष ीकार करने की मता ा होती है ।

कृित एवं भाव


1 - आप के भाव म गित की अ िधक भावना होगी। गित की तीन िदशाय हो सकती ह - भौितेक, बौ क और
आ ा क। आप ल की ा के िलये सदै व चे ाकुल रहगे।
2 - ान संबधी िवषयों, गहन मनन-िचंतन और जीवन की सा कता - आदशवािदता तथा साथक स म िवशेष
अिभ िच होगी।
3 - ई र म आप की पूण आ था होगी। दशन, िव ान, कानून, सािह एवं अ कलाओं म िच होगी।
4 - आप की बु तािकक तथा सरल व ती िज ासा से यु होगी।
5 - आप म गुणा क िवचार बड़ी तेजी से उठगे तथा रचना क काय म रहे गा।
6 - आप म धािमकता का अंश औरों से अिधक होगा, आपकी चेतना नैितकता यु होगी। आप समरसता और
सदाशयता के प पाती होंगे।
7 - आप स , शां ित और ाय के प धर होंगे। ाय पाने, िदलाने के िलये अथक प र म करगे।
8 - आप की ोितष म भी िच होगी तथा भिव को समझने-परखने की अिनवचनीय श होगी।
9 - आप खुले िदल के और वादी होंगे, कभी-कभी वहार म मुँहफट भी होंगे।
10 - आप उदार, उदा , दयालु तथा संवेदनशील ाणी होंगे। दू सरों के दु ख को दू र करने के िलये अपने सुख का ाग
करने वाले होंगे।
11 - आप नये िवचारों के ित उदार ि कोण रखगे, पर नये िवचारों के ित इतने आकृ नहीं होंगे िक पुराने िवचारों
को ितलां जिल दे द। अत: कुछ हद तक पुरानी पर राओं कं पोषक होंगे।
12 - आप आड र रिहत जीवन के समथक तथा बनावटी बातों से दू र रहने वाले होंगे।
13 - धनु उभय रािश है , अत: आप अंितम िनणय ले ने के पहले गुणों एवं अवगुणों को भली-भाँ ित िवचार करगे।
14 - आप तं ता-ि य, आ -िव ासी, मह ाकां ी तथा ािभमानी होंगे। छोटी-छोटी बातों से ही आपकी भावनाओं
को ठे स लग जायेगी।
15 - आप अपने िम ों म हास-प रहास, तक कुशलता के िलये तथा एक भले के प म जाने जायगे।
16 - भाव म प रवतन आव क ह - वहार कौशल िवकिसत करे , अितशयो और लगातार संभाषण से बच, आप
सही हों तो भी अपने िवचार करके औरों को अपमािनत या दु खत न कर, म माग बन।

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शा ों के अनुसार फल
आप का शरीर सुगिठत, उँ ची नाक, अ े ने , िशिथल अंग, ा साधारण है । सवमानि य, बु मान,
कला-कुशल, परा मी, दे वी-दे वताओं और ा णों म भ , दान-पु म अनुर , परा म और यु बल से
स ि और ित ा का अजन, चंचल और धैयवान दोनों का िमि त गुण, ायि य, स भाषी, चतुर, उ म नेतृ श ,
पु संतान का सुख कम, अ स ान, भा ोदय िवल से, य-िव य म होिशयार, दे ववाचक दो नामों से यु (दो
नामों से िव ात) मण म अिधक िच, धािमक काय के ित यशील, इ िम ों के बीच शंिसत, भा की अपे ा
कम का अिधक सुख, आराम पस , िवलासी वृि , सरस भोजन एवं ािद खान-पान का शौक, िपतृ सेवी,
संगीत-किवता म िच, ब ु ि य, वासी, ब ों से िवशेष ेह, प रवार के िहत म सदै व सचे , दू रदश , हाथी-घोड़ा
(वाहन, उपवाहन) के सुख से यु होता है । यों से ेहपूण स , ीवग के ेमी, ाय: दो िववाहों का योग, ी के
अधीन, ब ी भोगी, ीवशी, ी पित ता होती है ।
िसर, उदर और चमरोग स व है । नािभ के नीचे के अंगों मू जनन तं स ी क स व है । जल भय होता है ।

आधुिनक मत से फल
आप दे खने म सुंदर, चेहरे या गदन पर ितल होने की संभावना होती है । प और सौंदय की साधना आप का मूल गुण
है । मनोरम कृित, सुंदर िच , मनोहारी गीत से आकिषत होते ह। आप संतुिलत म के ह तथा आप िकसी त के
गुण और अवगुण को तौल कर स िवचार रखते ह। आप ायि य, हर बात को तक की कसौटी पर कसने वाले तथा
अपनी बात िबना िकसी भूिमका के सारगिभत प म कहने म कुशल ह। आप नरम भाव के, मृदुभाषी ह िकंतु ण
म ोिधत और ण म शां त होते ह। मन म कपट नहीं होता है । आप म थता का काय करने म िनपुण ह। आप स ाई
से अिधक मह आदशवािदता को दे ते ह। आप म एक िवशेष गुण यह है िक आप असाधारण मानवतावादी ह। वहार
म स े एवं स दय तथा अ िधक शां िति य ह। आप शां ित के िलये कुछ भी मू चुकाने को तैयार रहते ह।
िववादों-झगड़ों से यथा संभव दू र रहे ते ह। िम ों म लोकि य होते ह ोंिक आप दू सरों का साथ दे ने म त र रहते ह।
आप के िम िति त एवं उ क ा के ह। संगी-सािथयों की िवशेष ज रत रहती है । आप के भाव म आल
नहीं होता हालां िक कहा यही जायेगा िक आप चु नहीं ह। आप ार वादी, ई र म आ था रखने वाले , गु भ तथा
बौ क काय म अिभ िच रखते ह। भाव म प रवतन आव क है - भावनाओं पर िनय ण रख, िकसी ी को
अपना िनजी सहायक न बनाय, मा कर ले िकन भूल नहीं, सौ य साधनों पर अिधक य न कर, शी िनणय ले ने का
यास कर।

शारी रक ल ण
1 - आप म म-ल े कद के होते ह। हि याँ बिल व पूण िवकिसत होती ह। शरीर म गु और मज़बूती रहती है ।
2 - नािसका सुगिठत और नोकदार तथा ठोड़ी गोल और आकषक होती है ।
3 - श ललाट, घनी भौंह, आँ ख बड़ी तथा दाँ त सफेद, पं ब तथा आकषक होते ह।
4 - धनु ल म चेहरा चौरस या कुछ ल ा होता है । कभी-कभी बड़े -बड़े कान, मोटे होंठ होने की संभावना होती है ।
5 - आप भ , आ िव ासी, भावशाली तथा ग ीर के ामी होते ह।

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मह वपूण जानकारी

आपका मूल वा है
म दे खता ूँ ।

सबसे बड़ा गुण है


स का अिवचिलत आ ह।

सबसे बड़ी कमी है


भाषा का तीखापन।

मह ाकां ा है
िव ापी ाित।

शुभ िदन
बृह ितवार तथा रिववार।

शुभ रं ग
गहरा पीला, नारं गी ीम तथा हरा रं ग शुभ ह। नीला रं ग ठीक नहीं ह।

शुभ अंक
3,6,5 सवािधक शुभ ह।

शुभ र
पीला पुखराज।

शुभ उपर
टोपाज़।

अशुभ मास तारीख


ितवष अ ैल मास, ित मास 4, 14, 19, 24 तारीख, गु वार का िदन, और लाल रं ग के व ािद पदाथ आपके िलये ठीक नहीे ह।

अशुभ ितिथ
चतुथ , नवमी एवं चतुदशी ितिथ जातक के िलए अिन कर होता है ।

शुभ रािश
िमथुन, क ा, मकर और कु रािश वाले िम होते ह। कक एवं िसंह रािश वाले श ु होते ह।

शुभ िदवस
रिववार

अ र समय
वैशाख मास, शु प , अ मी ितिथ, शु वार, अ े षा न और थम हर जातक के िलए अिन कारी होता है ।

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न का फल

आपका ज ाती न के थम चरण म आ है अत: आपकी ज रािश तुला तथा रािश ामी शु होगा।
अवकहड़ा च के अनुसार -
वण - शू
व - नर
योिन - मिहष
गण - दे व
नाड़ी - अ य
ज नाम का ार अ र से होना चािहये।

शा ों के अनुसार
ाती न म ज होने से िन वत् फल ा होंगे -
1. बृह ातक के अनुसार -
दा ो विण ृ पालु: ि यवा माि त: ातौ।
2. जातक पा रजात के अनुसार -
ा ां दे वमहीसुरि यकरो भोगी धनी म धी।
3. मानसागरी के अनुसार -
िवद ो धािमक ैव कृपण: ि यव भ:।
सुशीलो दे वभ ातौ जातो भवे र:।।
4. जातकाभरण के अनुसार -
कंदप प: भया समेत: कांतापर ीितरित स :।
ाती भूतौ मनुज य महीपित ा िवभूितयु :।।
ाती न मे ज होने से जातक चतुर, धमा ा, कृपण, लोकि य, सुशील, तप ी, ापारी, कृपालु , मधुरभाषी
तथा दे वताओं और ा णों का भ होता है । मता र से ऐसा जातक पवान्, अ ंत स , यों मे अनुर तथा
राजा के समान वैभवशाली होता है ।
आधुिनक मत से
आधुिनक मत से ाित न मे ज होने से जातक संवेदनशील, दयालु , ायि य, वादी, बु मान, क- क
कर बोलने वाला, पूवानुमान लगाने मे कुशल, अद् ु भत रण श , ा मता से पूण अंत:करण, िववेकी, तुलना क
तक करने की श से यु , उ ािभलाषी, िवन , भावुक, मधुर भाव, मानवतापूण अथवा मानवोपयोगी काय मे रत,
दोहरे वसाय े मे िवि , संगी-सािथयों का ेमी, मिदरा आिद नशीली व ुओं का उपभोगी होता है । जातक
भा शाली, तं िवचार वाला, ोध तथा आवेश मे यं की तथा घर की हािन करने वाला तथा उ ित मे कई बार
बाधाओं का िशकार होता है । ऐसा जातक अपनी बात पर हठपूवक अड़ने वाला तथा शरीर म एक बार भयंकर चोट
पाने वाला होता है ।
पाद (पाया) फल
ाित न का ज चाँ दी के पाये म कहा जाता है , जो शुभ एवं े माना है ।

ाित न का अिधकार चा, गुरदे , उ ु कपु शोथ, हािनया, मू ाशय तथा व पर है , अत: पापा ां त होने पर
इन अंगो से संबिधत रोग की संभावना रहती है ।
उपाय
ाित न के ामी वायु दे वता होते ह। वायु दे वता के ी थ घृ त-पायस की बिल द। च न, गंध, दमनक-पु ,

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अगर-गु ुल धूप, घृ तदीपक और घृ त-पायस नैवे ारा वायु दे वता अथवा िशवजी या हनुमान जी का पूजन कर। भुजा
म या दय पर जाित-मूल धारण कर। हवन साम ी मे ितल-यव-घृ त िमला कर िन िल खत मं से 108 बार हवन कर -
ॐ वायो ये सह णे रथा स े िचरागिह िनयु ाम सोम पीतये ॐ वायवे नम:।।
शू वण का फल
िन ठुर: पटु वा ाय िव ािवनयविजत:।
शु ूषणरतोऽशील: शू वणसमु व।। (जातको म)
शू वण म ज होने से जातक िनठु र, काय म चतुरभाषी, िव ा व िवनय से रिहत खुशामदी वृि वाला और हठी
होता है ।
दे वगण फल
सु रो दानशील मितमान् सरल: सदा।
अ भोगी महा ा ो नरो दे वगणे भवेत्।। (मानसागरी)
दे वगण म ज आ है अत: जातक दानी, बु मान्, सरल दय, अ ाहारी, िव ानों म े होगा।
मिहष योिन फल
सं ामे िवजयी यो ा सकाम ु ब ज:।
वातािधको म मित-नरो मिहषयोिनज: ।। (मानसागरी)
मिहषयोिन म ज आ है अत: जातक सं ाम म जयी, यो ा, कामी, ब त स ान-वाला, वातरोगी और म बु
होगा।
िववाह, मै ी एवं साझेदारी
भरणी, पु , पूवाफा ुनी, उ राफा ुनी- थम चरण, िच ा-तृतीय,चतुथ चरण, पूवाषाढ़, धिन ा- थम, ि तीय चरण
आिद न ों मे ज े यों से सव े रहती है ।

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जीवन फलादे श

आपने अपने को ग रमा यु व उ ृ बनाया है । आपका मृदु एवं शा है । आप तेज ी


तथा िज ािदल ह। आपको बाहर रहना पसंद है । आप आमोद मोद ि य तथा िवन हं । आप
फु त लोगों का साथ पसंद करते ह और ज ी ही अपने िम बना लेते ह। आप ाभािवक प से लोगों से
जुड़ना चाहते ह। आप आन त व स वदन ह।

आप उदार ह। आप दू सरों के अवगुणों को सहन करने वाले तथा उदार ह। आप अपने ि या कलापों के
प रणाम, तथा िवचारों का दू सरों पर पड़ने वाले भाव का मनन करते ह। आपम मानवता है । आपकी परोपकारी
वृित है । आप ऐसा काम करना चाहते ह िजसका िन ादन ब त मु ल से होता है और आप को उससे कोई
लाभ भी नहीं िमलता। िकसी अवगुण के कारण आपकी दयालुता कम हो जाती है । आप आ संतु ह।
आप संतु ह और जीवन को िच के साथ जीते ह।

आप सहजता से िज ेदा रयां ले लेते ह। आप कोमल भाव वाले, वहार कुशल तथा सभी को उपकृत
करने वाले ह। आपका भाव शा ि य है । आप मौन रहने वाले ह। आप गंभीर ह। आप
ाियक मामलों के ित िवशे षत: समझौते आिद के द ावेजो पर ह ा र करने म चौकस ह।

आप झूठ बोलने और िकसी को नुकसान प ँ चाने वाले कदािप नहीं हो सकते ह। यिद आप झूठ बोल भी लेते ह
तो दु बारा उस से आपके िमलने पर, उस झूठ पर पदा डालने के च र म आपका झूठ पकड़ा जाता है ।
आप ाय की पालना करने वाले तथा िन ह। आप अनुभूित म है तथा ायी ह, और आपके पास तुलना क
अ यन की गहरी समझ है । आप तािकक ह, तथा आपम खर मेघा श है । आप वहा रक ह। काय करने
म आप सु व थत है । आप सदै व संतुलन बनाए रखते ह तथा अपना भाव भी सम रखते ह।

आप ऊजावान ह। आप आ िव ासी ह। आप हठधम (िन यता क) ह। आपको सरलता से े रत नहीं


िकया जा सकता, पर ु आप जब भी काय करते ह, बड़ी बहादु री से करते ह। आप िनडर ह। जीवन म आपके
ल बड़े यथाथ होते ह। सफल यासों की पहल करने म आप िहचिकचाते नहीं ह, तथा आप पहल करने के
िलये े रत होते ह। आप आ िनभर सोच वाले ह।

आप िनरं कुश हो सकते ह। आप अहं कारी हो सकते ह। आप िकसी भी चुनौती का सामना कर सकते ह। अगर
आपको लाभ की संभावना नजर आती है तो आप कोई भी जो खम उठाने को तैयार हो जाते ह।

आपके िवषय म पहले से कुछ भी कहना किठन है । आपके जीवन जीने का तरीका अनूठा है । आप ऐसे
एका ि य हो सकते ह िजसके वहार के बारे म िनि त तौर पर पहले से कुछ भी नहीं कहा जा सकता
है ।

आप ाथ हो सकते ह। जब आप उ होते ह तो ाथ हो जाते ह। आप भौितक संसाधनों का रसा ादन


करते ह। आपको भौितकता की अिधक चाहत नहीं है । आप कुछ कठोर और ढ़ कृित के ह। आपम

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िछपे ए दु न या दू सरों की ई ा से बचने की समझदारी की कमी है ।

आप राज़ रखना जानते ह। दू सरों के िवरोध से बचने के िलए आप गु प से काय करना पसंद करते ह। आप बदला लेने
वाले होंगे। कभी - कभी आप ् रभावशाली काय करने म अयो िदखाई दे ते ह।

आप ोध के ित उ त ह। आप अपने ोध पर िनयं ण रखते ह - पर जब थित शोचनीय र तक बन जाए तो आपका


ोध नाटकीय दशन का कारण बन सकता है । आप एक ह।

आपकी श का र कभी - कभी कम जो जाएगा एवं िन या कता का अभाव आपको उस प र थित म फँसे रहने को
िववश कर सकता है , िजसम आप नहीं रहना चाहते ह। य िप आपने उ म योजना बनायी ई है , आप अपया ता एवं
मानिसक हतो ाहन अनुभव करने की वृि रख सकते ह। जब आपको वा व कुछ हो जाने का अित उ म अवसर दान
िकया जाता है तब आप भय एवं असुर ा का अनुभव कर सकते ह। आप उदासीन हो सकते ह। आप कभी - कभी दू सरों को
अपने िवचार पू णत: समझाने म असमथ रहते ह। जब तक आप ान, योग या िवदे िशयों के साथ नहीं रहते तब तक आपम
आ - िव ास एवं आ ीकृित का अभाव होता है ।

अकम ता एवं िन चे ता आपके कमजोर पहलू हो सकते ह। जब प र थितयाँ खराब हों तो आप अपने माग से पू णत: हट
सकते ह।

अपने ल ों को पू ण करने के िलए िनि त व के त प से अपनी श को िदशा दान करना चुनौतीपू ण हो सकता ह।

आप म िज ासा एवं स ता है । दू सरों को स करना आपको आराम तथा संतोष दान करता है । आप के िलए स ता
एवं आ रक संतुि पाने के सव म मा म उन लोगों की िन: ाथ सेवा करना है , िजनको इसकी आव कता हो सकती ह।

आप आकषक ह। आपका डील-डौल बड़ा है । आप सम वत: -पु ह। आपके कंध चौड़े ह। आप छोटे से म म कद
-काठी के ह। आपका शरीर माँ सल है । आपके घुँघराले केश होने की संभावना है । आप केश मुलायम ह। आपका चहरा भरा
आ है । आपका मुखम ल लाल ह। आपका मुखम ल ामल है । आपकी भुजाएँ , कँधे तथा हाथ बल ह।

सुनहरा तथा पीला रं ग आपके िलए शं सा सूचक ह।

आप एक भावशाली व ा ह तथा अ ास के साथ सुधरते ह। आप मंजे ए व ा ह, आप अिधकार के साथ बोल सकते ह।

आप भरोसा िदलाने वाले सूचक ह। अपनी द ता या िकसी कला प के ज़ रए, अपनी अिभ करना आपको पसंद है ।

आप लोगों को िकस तरह जीना चािहए, ऐसे कई िवषयों पर भाषण दे ते ह।

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आपके भाषण म वा टु ता का अभाव हो सकता है । यं की अिभ आप बोलने की अपे ाकृत िलखकर करते ह।

आपका कटा पू ण वचन बोल सकते ह। आप कटु या ितिहं सक वाणी का योग करते ह।

आप अिधकां शत: िकताब या अखबार म खोये रहे ते ह। आपके िवचार वहा रक तथा उपयोिगता के आधार पर तौले जाते
है ।

आप सुतुिलत सोच के है । पे रशान या अ - म के बाद भी गिणत व वैधािनक िववादों म ितभा रखते ह।


आपका िदमाग उ ु क होगा। आप अित संवेदी व जीवन के छु पे कोनों को खोजकर हण करने वाले ह। आप धूत वृित के
हो सकते है तथा आपकी सफलता दु िनयां म हो रहे घटनाओं व आपकी आ रक मनोवृित के साम ज पर िनभर करती ह
आप िकसी भी दबाव की थित म अिनणय की थित म आ जाते ह तथा िनणय लेने के डर से किठन प र थितयों भाग
उठते है । आपका िदमाग ल ा को लेकर िनधा रत ह। आप हाथ म िलये काय को ानपू वक करते ह। आप मानिसक
प से अनुशािसत ह व ानपू वक योजना बनाते ह। एक बार ल पर ान के त करने के बाद आप इसे पू रा करते ह।

आप ज ी या दे री से ही सही, अपनी उ ीदों को पहचान लेते ह।

आप उन चीजों/बातों का मानिसक अवलोकन कर सकते ह िज दू सरे समझ नहीं पाते। आप दू सरों म किमयाँ ढ़ूंढ़ते ए खुद
की सीमाऐं भूल जाते ह। आपकी मानिसक यो ता दू सरों से छु पी है अत: आपकी ितभा को पहचानने म किठनाई होती है ।
आप कभी-कभी ऐसे िवचार दे ते ह जो व आने पर सही िस होते ह।

आप असंवेदनशील तरीके से सोच सकते ह तथा आप अपने ोताओं की भावनाओं का ान नहीं रखते ह। आप कई बार
अवणनीय प से घबरा जाते ह।

आपके िलए मानिसक चुनौितयाँ अित आव क ह।

आप अपनी आलोचनाओं के ित अित संवेदनशील ह। आप खुद के को िव ृ त भाग का एक िह ा मानने म


परे शनी महसूस करते ह।

आप अपनी िश ा म सफल होने के िलए उ ु क ह। आप शायद महसूस कर की आप जो कहते ह उसे लोग न सुनते ह और
न ान दे ते ह।

आप अवनित के भँवर म िगर सकते ह।

आप एक बु मान िदमाग के ामी ह। आपकी बु म ा आपके ल ों की ा म उपयोगी िस होगी।

आपका िदमाग अ तेज हो सकता है । आपकी बु िवल ण प से ती है ।

आप अपनी बु के साथ िकसी भी ान को हण कर सकते ह।

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आप अपना भिव , िश ा व दू सरे स त े ों, को सावधानी से िनयोिजत करते ह।

आपके िश क, पथ- दशक अ े व ा, चतुर व िव ृ त कायशै ली वाले ह। आप अपने से बड़ों व िश कों के ित आदर
भाव रखते ह।

ा ाय व शोध आपकी ाभािवक ि याऐं ह। आप ाचीन इितहास, सं ृ ित व धम म झान रखते ह। िश ा आपकी


जीिवका का उ म आधार बनेगी।

आप चाह कर भी अपनी पढ़ाई को पू रा करने म किठनाई महसूस करगं। िश ा ा के यास आपके जीवन म थ
जायगे और यिद इसे पाना ही चाहते ह, तो आपको दू र या ा करनी पड़े गी।

आपके िव ालय के सामा पा म से ब त मह पू ण ान ा होता है ।

आपम समाज और वािण की िव ृ त चचा का भाव है ।

आप सदै व िश ा की चाह िलए ए ह। आप चीजों को धीरे पर ु गहराई से सीखते ह।

जब िकसी काय म आप अपनी बु लगाते ह तो अित द िस होते ह। आप िबना िकसी सहयोग के साधारणत: काय कर
लेते ह। आप अपनी मह ाकाँ ा से अपने ल को पहचानने म कुशल ह।

जड़ से बाहर आते ही आप सम ाओं का समाधान खोज सकते ह। आप ल ा के िलये ान व समझौतों के तरीकों


का इ े माल करगे। आप लोगो से वहार करने म कुशल ह। आपका भावशाली सामािजक जीवन, ल की ा म
सहायक होगा। आप अ लोगों को सहज बनाने म व समूह म काम करवाने की यो ता रखते ह। आप म उ ृ संपक
यो ता है िजसका आप वसाय म उपयोग करते ह। आप संपक कला व ती हणशीलना म द ह।

आप म अ ा संगठन कौशल है ।

आप नये अवसरों को खोजनं व उ योग करने के कौशल म िनपु ण ह। आप गिणत, िव ान व क ूटर म द ह।

आप कुशल ह व बजट को अ े से स ुिलत कर लेते ह। आप सभी के साथ वसाय कर सकते ह। आप अपनी कुशलता व
यासों ारा अपने िलये संसाधन ही जुटा पायगे। आप जीवन म मुनाफा कमाने व आगे बढ़ने का कोई न कोई रा ा ढ़ूंढ़ लेते

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ह। आप को पै सा बचाना आता है ।

आपम आपनी स ूण मता तक काय करने की इ ा नही।ह। आप एक कुशल िश कार ह पर ु आप का ान भंग हो


जाता है ।

आपकी कुशलता व िनपु णता कला व िश का रता म आपके दू सरे भाव की तरह ह।

आप कला क है तथा सु रता का ान रखते ह। आप अतीव रचना क है तथा शानदार कलाकार बन सकते ह। आप
संगीत व कला के े म कुछ ितभाएँ रखते ह। आपका का लेखन व प रवतनशील िवचार लगातार िव ृ त होता जाता है ।

आप िफटनेस टे िनंग से अपनी ताकत को िवकिसत करगे। आप बाएँ हाथ से काय करते ह।

आप धातु से बने चीजे जैसे चाकू, गन, माइ ो ोप व इले ोिनक व ु एँ पस करगे।

आप औरों के ित थ व सकारा क उ् देद रखते ह। आप अपने ि या-कलापों म अित सावधान तथा कभी-कभी
िहचिकचाहट भरे हो सकते ह। आप े ा से कदम उठाते है तथा यह शं सनीय होता ह।

आप ज जात असामािजक ह व अपने सहभागी के र ों म उ ु कता नहीं िदखाते। आपको अपनी ि यािविध गु रखने
के िलये अथाह परी म करना होगा।

आप नजर म आने वाले व अलग कार के कई काय करगे िजससे अ स ान ा करगे। आपको नीितशा का
अ ा ान है और आप अपने से कम भा शाली लोगों की मदद के िलये त र रहते ह। आप ज रतमंदों की मदद और
सहायता करने के िलए अपने समय और यासों का आसानी से ाग कर सकते ह। आप दू सरों से बदले म कुछ भी न चाहने
की अपे ा करते ए उनको आसानी से सहयोग दान करते ह। आप समाज के भले के िलए परोपकारी काय करने म अपनी
उजा का सदु पयोग करते ह। आप दू सरों के भले के िलए पू णत: समिपत ह।

आपम स को तोड़-मरोड़ करके स का िदखावा करने की वृित ह।

आप अ र ऐसी गितिविधयों म संल हो जाते है िजनसे न तो आपको लाभ होता है न दू सरों को आप इस कारण कभी-2
आलोचना का िशकार भी होते ह। आप लोगों के बारे म नकारा क सोच रखते ह और िजन यों को आप वा व म पसंद
करते है उनसे आपके अंतरं ग संबंध नहीं बन पाते। आप ब दा सच-झूंठ की परवाह नहीं करते ह। आप अपने काय म उ
नैितकताओं को हमेशा अ भूिम म नही रख सकते और प रणाम प आप ऐसे ि या-कलाप म िल हो सकते ह िक कोई
आपको अनैितक या गैर-कानेनी समझे।

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आपको हर कीमत पर शां ती चािहए। आप अपनी जमीन से जुड़कर जीना पसंद करते ह। आप सरल जीवन पसंद सकते ह
और िदखावटी व ु ओ से दू र रहते ह। आप म भूिम और कृित की शं सा करते ह। आप समारोह और आनंद चाहते ह।

आप पू ण ा आचार संिहता को पालन करने की अपे ा नैितक प र थितयों म िव ास करते ह। आप सु रता जैसे - सुंदर
व ु एं, ाकृितक सुंदरता, ह ा ारा संगीत या जो कुछ भी आपकी भावनाओं को आनंद दे सके, के शं सक ह।

आपको पानी पसंद है । आपको मछिलयां और मछली पकड़ना पसंद है । आप अ ताल, जेल, आवासगृहों, आ म, अ ात
थान या दू रदराज के दे शों के ित आकृिषत हो सकते ह। आप वै ािनक ान का स ान करते ह और दाशिनक िवचारों को
तोलने का यास करते ह। आपको लाभ-जीत और अपनी इ ापू ित पसंद है ।

आप समाज म ादा मुखर होना पसंद नही करते है कम से कम खुले तौर पर न होकर संभवतया छु पकर काय करना पसंद
करते ह। आप अपने काय को गोपनीय रखना चाहते ह और अिधकां श तं होकर काय करना पसंद करते ह। आपको
एका म आन आता है , आपम आ ा क िवकास के ित ललक हो सकती है । आपको सपने दे खना पसंद है । आपको
रत प रणाम पसंद है ।

आपको कला और सौ य आकिषत करते है और आप कला संबंधी व ु ओं के सं ह म िच रखते ह। आप आदशवादी और


दाशिनक वृित के है और दू सरों को यं के उ ान हे तु े रत करते ह। आपको नृ , नाटक, नृ नािटका, लिलत कला,
सौ य धान व ु एं, सु र व , आभूषण, सुगंिधत पदाथ और अ े खा पदाथ िवशे षकर िम ान और शीतल पे य पसंद ह।

आपकी अ िधक िच भौितक आव कताओं की पू ित म है और आप ब त सा धन अिजत करना चाहते ह। आप जीवन म


सुख ा करग। आपको उन ाथनाओं और आ ा क तकनीकों को अपनाना पसंद है िजनसे मानिसक शां ित और
आं त रक मौन की अनुभूित होती है । आपका झान सं ास, धािमक काय और उन सं थाओं की ओर हो सकता है जो
आदशवादी काय करती ह। आपके मन म क र धम के ित शं काये हो सकती है ।

आपकों पशु ओं िवशे षकर बड़े पशु ओं से े म ह। आपके ित जो पशु े म भाव रखते है उनसे आप भी े म दिशत करते ह।

आपको म धान काय पसंद नहीं है । आप दू सरों से आ ा लेना पसंद नही करते ह।

शारी रक ायाम और खुली हवा आपके िलए आ यजनक प से ा वधक है । आप ा के बारे म ब त सतक
रहते ह। आपके शरीर को अ िधक ान िदये जाने की आव कता है । आप यं का ान कम रख पाने के कारण थकान

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ज ी महसूस करते ह। आपकी शारी रक सम ाएँ आपकी खुिशयों म बाधक हो सकती ह।

आपको अपने सौर ायुतं और जंघा पर ान दे ना चािहए। सौर ायुतं आ अनुर ण का मुख थान है । कभी-कभी
आपको हॉरमोन असंतुलन के कारण मानिसक या भावना क सम ा, यकृत संबंधी सम ा, पीठ संबंधी सम ा, योने ा
म कमी या बढ़ोतरी या सनािद की सम ा हो सकती है । आपके पावों के िनचले भाग म कमजोर प रसंचरण के कारण
उ कों और नसों की सूजन की सम ा हो सकती है । आपके उदर म िकसी िछपे ए रोग की आशं का है । भोजन एवं यौन
वृि यों के ित आपका अिधक झान आपके ा पर दु भाव डाल सकता है । आपको बाँ ये ने , कान या नाक संबंधी रोग
हो सकते ह। आपके दाँ त पीले और ध ेदार हो सकते ह। आपके दाँ ये कान म सम ा हो सकती है । आप वृ ाव था म बहरे
हो सकते ह या आपको कानों से संबंिधत अ सम ाएँ हो सकती ह।

आपकी आयु िकसी न िकसी चीज़ से भािवत हो सकती है ।

आप शराब पीकर वाहन नहीं चलाय।

आपके और अिभभावकों के म कुछ दू री हो सकती है या उ असामा परे शािनयों का सामना करना पड़ सकता ह।

आपकी माता सेवा े म द है वे बीमार और कानूनी मामलों मे फसे यों की सहायता करती ह। वे जानती है िक जब
शरीर सही प म काय न करे तो इसे कैसे चलायमान िकया जाए। वे व ु ओं और घटनाओं के उ रवत प रणाम पर ि
रखती ह। आपकी माता समाज म घल िमल जाती है और िव ीय मामलो म उनके िवचार सु ह। वे जीवन को संतुिलत
तरीके से जीती ह। वे लोगों को सुकून दे ने मे स ंम ह वे ब त सकारा क सोच वाली मिहला ह। वे ेक के योगदान
को मह दान करती ह। वे आ ा क वृित की ह और िनदान संबंधी काय या िवदे श म काय कर सकती है । वे त: ही
ाित ा कर लेती ह। वे तीथाटन के िलए समय िनकाल लेती ह। आपकी माता सुषु समाज म जागृित ला सकती है । वे
धन लाभ के िलए या प रवार के उ ान के िलए थानीय िवरोध उदभूत कर सकती ह। कुछ सन उ पथ से िवचिलत कर
सकते है । उ आ ा का सहारा लेना चािहय। नैसिगक प से बु मान आपकी माता धन, िस और कामनाओं से ब त
दू र रहती ह। अपने सादगीपू ण जीवन से वे दू सरों के िलए एक उदाहरण हो सकती ह उनकी बु मता के कारण सेवा े म
उनकी मां ग सदै व बनी रहती है । वे िव ीय प पर ान नहीं दे ती इसिलए ऋण के जाल म फंस सकती है पर िम ों की
सहायता से वे इस मुसीबत से छु टकारा पा लगी। वे दू सरों की स ता ओर उ रदािय भावना का स ान करती ह। आपकी
माताजी उ ु क, मह ाकां ी और पू णतया ऊजावान होते ए कई बार अिव ासी हो सकती है । आपकी माताजी िकसी
योजना म भाग लेते ए हमेशा तीत होती ह। आपकी माता की िवचार श इतनी अ ी है िक कभी-कभी वे िवचार
िकये गये और वा िवक म अंतर नहीं कर पाती।

आपकी माता म िनणय को टालने या िलये गये िनणय को काय प म लेने को टालने की वृित हो सकती है । आपकी माता
सहानुभूित ा करने के यास म अपनी परे शािनयों को ादा ही परवान कर सकती है ।

आपकी माता की क ना श ब त अ ी है परं तु अपने सपनों को दावे के प म मानकर काय करना उसका मजबूत
प नहीं है । आपकी माता िचंतनशील और संवेदनशील या तो भावुक या मनोरोगी हो सकती है । आपकी माता को आ य
थल, आ य सेवा सदन िनक जेल या ऐसे अ थान पसंद है । आपकी माता िम ों की सलाह सुनती है पर अमल नहीं
करती है । आपकी माता का प रवार आपकी सहायता करता है और उसके अ े काय की वे लोग शं सा करते है । आपम
आपनी माता के ित भावनाएं है , पर आपका ान दे ना चािहए िक वे सदै व नहीं करती जो उनके िहत म हो। आपका लगाव
माता के बजाय िपता की ओर अिधक है । आपकी माता और उनके प रवार जन कभी-कभी यह नहीं समझ पाते िक आपके

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वहार के ित वे ा िति या कर।

आपके िपता म दू सरों को ा करना चािहये यह बताने की द ता है वे एक ती और अ े िवाचरक है िजनके पास बेहतरीन
योजनाएं है । वे खलेकूद बु मान योंए बालकों और आ ा क उ ान म िच रखते है । वे प रवार और स ित का
ान रखते है । कोई आधा उ अपनी थित बनाय रखने के िलए छोटा रा ा अपनाने पर बा कर सकती है । उ आराम
और आमोद- मोद हे तु समय िनकालने की आव कता है । आपके िपता यं के िलए और दू सरों कल िलए मान स ान
चाहते है । उनके आस पास उनके सु िचपू ण तरीके से िकये गये काय की शं सा करने वालों की भीड़ रहती है । वे तकनीकी
का बेहतरीन उपयोग करते है । वे अपनी मताओं के बलबूते पर उ ित करते है । वे अपने ज थान से दू र रहकर काय कर
रहे है । जब आपके िपता िवचार करते है तो काय त: ही हो जाते है । उनम अ िधक बौ क मता है उ अपने िश कों
या िपता से अलग होना पड़ा है । उनकी नौक रयां ब आयामी रही है । िनयो ा ारा ान न िदये जाने पर आपके िपता यं
को उसके स ुख नहीं लाते है । आपके िपता की िव ेषणा क मता म वृ हो रही है । आपके िपता साहसी हो सकते है ।
आपके िपता एक यो ा है तथा उनम तिनक भी यों जैसे गुण नहीं है । आपके िपता को दू सरों ारा िदये गये आदे शों के
पालन की बा ता दु :खी कर दे ती है । चरम थती म आपके िपता गरीबी व अुसिवधा चुनना पस करगे बजाय िक लोगों के
अहसान ीकार करन के िजससे िक उ आदे शों की पालना करनी पड़े ।

आपके िपता ये िव ास करते है िक मानवीय वहार को आ ातिमक िस ां तों का पालन करना चािहए। आपके िपता
कभी-कभी आलस के वाह से गुजर सकते है तथा अपने काय को अधूरा छोड़ सकते है । आपके िपता आ ामक हो सकते
है ।

आपके िपता उन लोगों से ोिधत हो सकते है जो उनके समाज सेवा के ाथ रिहत काय म िव डालते हों।

आपके िपता से अनुभव पर आपके मधुर स ंध है । आपका िकसी शु भिचंतक या िपता जैसी छिव वाले के ित
अ िधक स ान है । आप अपने िपता को स करने की भरपू र कोिशश करते है पर ु ये लगता है िक वे आपको समझ
नहीं पाते।

आप अपने प रवार म स वत: सबसे बड़े ब े है । आप अपने प रवार की प रस ित है ।

आप के दादा-दादी अपनी बातों से आपका समथन करने वाले है । जो आपके कौशल की तारीफ करते है वे आपको गोद
िलये ब े की तरह मानगे। आप अपने पा रवा रक जीवन म अपने आपको कुछ अनदे खा महसूस कर सकते है आपको लग
सकता है िक हर िकसी को आप से ादा ार िमलता है । आप अपने प रवार व सािथयों पर कठोरता से िनयं ण करने वाले
हो सकते है ।

आपके और आपके भाईयों के बीच मधुर संबंध है । आपके भाई-बिहन आपके धन उपाजन की ि याओं म शािमल हो सकते
है ।

आपके भाई-बिहन व िम परे शानी उ कर सकते है । जीवन म उनके र म ापक प रवतन की संभावना है िजससे
आपका रोजगार भािवत होगा। आपका अगर कोई बड़ा भाई या बिहन है तो उसको जीवन म कुछ परे शानी हो सकती है ।
आपके कोई छोटा भाई या बिहन नहीं होगा लेिकन अगर कोई है तो उसके जीवन म कुछ किठनाई हो सकती है । अपने
भाइयों िम ों अथवा मां के साथ ापार करने से बच। अपने भाइयों व िम ों के साथ ापार न कर। आप के अनेक भाई-बिहन
हो सकते है । आपके कोई छोटा भाई बिहन नहीं होगा अगर कोई होगा तो वह गंभीर कृित का हो सकता है । आप अपने भाई
बिहनों की परवाह करते है ।

आपके भाई/बिहन आपको जीवन के मह पू ण सबक िसखा सकते है । बड़े भाई/बिहन या िम जो आपसे बड़े व बु मान
होंगे आपके कामों म आपकी मदद करगे। आपका एक भाई या बिहन आपको ब त पस कर सकता है लेिकन बड़े
भाई/बिहन के साथ आपके संबंधों म कुछ परे शािनयां हो सकती है । आपके िकसी बड़े भाई/बिहन से आपके संबंधों म कटु ता
हो सकती है । आपका बड़ा भाई या बिहन तथा आपके बीच ित ं ता हो सकती है । आपम बड़े भाई को लेकर कभी-कभी

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अिधकार जमाने के मु े उठ सकते है । आप अपने बड़े भाई बिहन या पू व थािपत सािथयों के ित कटु हो सकते हो। आपका
बड़ा भाई/बिहन अ थाई सफलता ा करे गा/करे गी। आपका बड़ा भाई/बिहन लू ,बूखार, सूजन, कटना जैसी बीमा रयों से
पीि़डत हो सकते है ।

आपके अपने छोटे भाई/बिहन से मधुर संबंध रहगे अगर वो सं ा म एक है । आपको छोटे भाई-बिहन उनकी गितिविधयों
म शािमल होने से रोक सकते है । आपके छोटे भाई/बिहन के साथ कुछ असामा थित हो सकती है । आपका छोटा
भाई/बिहन जीवन म खूब सफल होंगे।

आप िवपरीत िलंग की संगित पाने के िलये धन व ऊजा खच कर सकते है तथा आश के कारण धन व स ान खो सकते
है । आपके अनेक छोटे -छोटे रोमां िटक स बन सकते है । आपकी एक सि य का िनक दु िनया है तथा आप अपने
बनाये कहािनयों व सपनों के संसार म रहना पस करते है ।

आप अपने जीवनसाथी को पू ण तं ता दे ते है तथा बदले म आप भी उससे यही आशा करते है ।

आपके िववाह म कुछ बड़ी सम ाएं हो सकती है । आपका िववाह जीवन म ज ी हो सकता है । आपके भा का िसतारा
िववाह के बाद चमकेगा। आपके वैवािहक जीवन म अनेक स वधान पै दा कर सकते है । आप कभी-कभी अपने
अ िधक करीबी िवशे ष प से आपके जीवन साथी को हतो ािहत कर दे ते है । आप अपने जीवनसाथी पर िनयं ण का यास
करके उसके ित अपना ार दिशत करते है । आपके अपने जीवनसाथी के प रवार से घिन बने रहने की संभावना है ।

आपका जीवनसाथी या साझेदार आपकी आिथक समृ म सहायक होगा। आपका जीवनसाथी आपके पै से म शािमल हो
सकता है । आपको आपका जीवनसाथी शायद आपकी काय थली पर िमल सकता है तथा आपका िववाह आपके काय ित ा
व सफलता से जुड़ा हो सकता है ।

आपके वैवािहक जीवन म आपके वसाय की उ ित सव मुख मु ा है ।

आपकी प ी कुशरल वाताकार व मौकों का लाभ तुर उठाने वाली है वे थोड़ी भौितकवादी है तथा पहले से काय योजना
बनाकर काय करती है । उनकी िच ा तकनीकी म हो सकती है तथा व छु पे ए मु ों का भी वृहत वणन कर सकती है ।
आपकी प ी म मानिसक काय की यो ता अ िधक है तथा वे एक साथ कई जिटल िवचारों को सोच सकती है । वे वतमान
की ज रतों पर एका िच रहती है तथा वे सम ा का तुर हल िनकाल लेती है उनम हा का िविच ढ़ं ग है तथा उनकी
िम मंडली म िवदे शी व िव ान लोग है ।

आपकी प ी चलते व अपने क े झुका लेती है तथा कभी कभी वे चलते व िवचारों म म रहती है । आपको एक
आकषक जीवनसाथी िमलेगा। आपका जीवनसाथी ारा है । आपकी प ी के लोगों से िमलना या ा करना मनोरं जन के साधन
है । आपकी प ी गितिविधयों का िव ेषण करती है तथा उ तािकक किडयों म िवभािजत करती है । आपकी प ी के खोजी व
िव ेषक भाव के कारण वे चीजों की गहराई म जाने की कोिशश करती है जैसे मानों यह शोध का िवषय हो। आपका

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जीवन साथी बु मान होगा। आपकी प ी म ाकृितक बु म ा है , िजसका वह वै ािनक एवं तकसंगत उपयोग करती है ।
आपकी प ी तक म उ है और एै सा लगता होता है िक वह अपने मूल िवषय से हट गये है , पर ु वा व म एै सा नही है , यह
केवल वह अपने ित ं दी को िमत करने के िलए करती ह। आपकी प ी बोलने म संकोच कर सकती है , ोिक वह
समझती है िक उनके िवचार अित मह पू ण है । आपकी प ी को गम वायु से चिलत गु ारे , सरकस, ीड़ा एवं अ मनोरं जन
ि य ह। आपके प ी की िज ासा एवं िच का िवषय संदूक, िपटा रयाँ एवं व ु ओं से भरा कोई भी पा या उपकरण ह।
आपकी प ी को टी.वी., कं ूटर अथवा अ संचार मा मों का सन हो सकता है । आपकी प ी की श ों, पठन, लेखन,
भाषण, मीिडया, कं ूटर एवं संचार म िच है ।

आपकी प ी की क ना अतीत के गौरव अथवा भिव की आशा के ारा िहत है जो उनके दय को कहीं और रखती
है । आपकी प ी मानिसक जगत म रहने के कारण शारी रक संपक एवं ित से डरती ह एवं िहं सा के दशन ारा भयभीत
की जा सकती ह। आपकी प ी को अनुभव होने वाले संघष का वा ा िविभ लोगों ारा अपने िवकास के र अनुसार िलए
गए िविभ बौ क िनणयों से है । आपके जीवन-साथी का वसाय आपके वसाय को िदशा दान कर सकता है ।

आपकी प ी का आ ा क जीवन भावना-यु भ पू ण न होकर अिधक दाशिनक है । आपकी प ी के िलए एक िवषय


पर अिधक समय तक ान के त करना किठन हो सकता है । आपकी प ी के िवपरीत िवचारधाराओं एवं ाथ ,
अिभलाषाओं एवं आकां ाओं का पर र संघष एक काय-योजना म ढ़ता से लगे रहने म बाधक हो जाता है िजसके
प रणाम प लोग उ अ थर एवं लापरवाह समझते ह। आपकी प ी के िलए शी ता से अंितम िनणय लेना एक वा िवक
चुनौती हो सकती है ।

आपकी प ी का आ -िव ेषण िनरथक आ -आलोचना की सीमाओं तक बढ़ जाता है । आपके जीवन-साथी िवचारशील
है परं तु आपके ब ों से संभवत: इतनी सरलता से आदान- दान नही कर पाते। आपकी प ी म पहला काय पू ण िकए िबना
नया काय ार करने की वृि है । आपका जीवन-साथी एक कार का अिभनेता एवं कुछ-कुछ अ थर हो सकता है ।

आपको संभवत: एक समिपत प ी अथवा पित िमलेगी/िमलेगा िजसके रोज़गार से पा रवा रक आय म योगदान होगा।

आपके अिधकां श िम िवपरीत िलंग के सद ह। आपको उनकी िम ता से ब त आनंद ा होता है । आपकी िवपरीत िलंग
के सद ों से िम ता है । आप ऐसी सं थाओं से जुड़े ह जो संभवत: िस एवं सफल ह। आप ऐसे लोगों का संग रहते ह
िजनकी िच उ म है एवं जो सुिवधाओं को मह दे ते ह। आप िजन यों का संग रहते ह उनम से अनेक कला क
ितभाओं के धनी हो सकते ह। आपको अवचेतन प से लगता है जैसे आप अपने िम ों से ित धा म ह। आपको कुछ
िम ताएँ , िवशे षकर आपसे अिधक आयु वाली मिहलाओं के संग, ब त महं गी पड़ सकती ह। आपके िम ों म से कुछ ा
एवं अ गंभीर सम ाओं से होकर गुज़रते ह िजनम आप उन सम ाओं पर पार पाने म सहायक हो सकते ह एवं अंतत: वे
ाय: अपनी किठनाईयों से िनकल आते ह। आपको सहयोिगयों का एवं सहायकों का अभाव हो सकता है । आप अपने िम ों
से दू री बनाए रखगे ऐसा संभव है ।

आपको िम ों एवं सामािजक संपक के संग से ा लाभ के ारा सफलता ा होगी। आप दीघ-कालीन िम ताएँ बनाते ह।
आपकी लोगों से िम ता यो ताओं के ान पर अथवा िश ण के समान तरीकों पर आधा रत है । आपका ान िम ता एवं
धनोपाजन पर कि त है । आपको श शाली एवं वसायो ु ख यों से लगाव है । आप अपने समुदाय म काफी
भावशाली ह तथा आपके श शाली िम ह जो आपके उ मों का समथन करते ह। आप ि या-कलापों म अपने ब त से
िम ों से अिधक समय तक िटके रह सकते ह ोंिक आपम धैय एवं थर रहने की श है । आप अ ंत होने के कारण

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िम ों पर अपनी इ ानुसार समय तीत नहीं कर पाते। आपका अपने िम ों पर ज़ोरदार भाव है परं तु कभी-कभी आप
उनके साथ संपक म खे होते ह।

आपके श ु अथवा ित ी ा सम ाओं से पीि़डत रहते ह अथवा वैधािनक-िववादों म उलझे रहते ह िजससे वे आप
का िवरोध नहीं कर पाते। आपको ऐसा लग सकता है िक संसाधनों को ा करने के ब त से अवसर आपके िवरोिधयों
अथवा ित यों के मा म से ा होंगे। यह आ यजनक हो सकता है परं तु आपकी इन उपायों से अथ पाजन की अ ी
संभावना है । आपके चारों ओर के नकारा क लोग आपको नीचे घसीट सकते ह एवं आपके स ान की ित प ँ चा सकते ह।

आपके शरीर म कुछ ऐसी िभ ता है जो आपके ित लोगों की िति या का आं िशक प म कारण है । ऐसा लगता है िक आप
कभी-कभी ान का क बन जाते ह। कभी-कभी लोग आप पर िदवा- दश होने का अथवा मानिसक प से पू णत:
उप थत न होने का आरोप लगाते ह। आप अ ंत लोकि य होंगे।

आप िवपरीत समयाविध से गुज़र सकते ह जो आपकी ाित को ित प ँ चाता है ।

आप लोगों म भाषण, लेखन अथवा काशन के ारा िवचारों का संचार कर सकते ह।

एक ी क मा म स आपके जीवन की मह पू ण अिभलाषा पू ण होगी। आपके मह पू ण संगठनों से संपक ह जो आपके


ल ों को आगे बढ़ाने म सहायक ह।

िवदे िशयों के साथ स क आपके िलए लाभदायक होगा व आपके ि ितज को िव ृ त करे गा।

आपके सपने अित िवशाल ह। आप िवकास चाहते ह। आप द ता से काय करते ह। आप अपने काय को लगन से करते ह।
आप अपने पे शे म प र म को पू ण ईमानदारी से कर सफलता ा करगे। आप सेवा मु होने तक अपना पे शा सावधानी
से चलाते ह।

िव ृ त ौरों के साथ काय कुशलता आपके काय के िलए मह पू ण है । आपका कौशल आपके पे शे म काय आयेगा। आप
अपने काय म उपकरणों का इ े माल करते ह। आपकी यो ताएं ब मुखी ह व इनके साथ आप सृजना क काय म
रहगे। आप कई कार की योजनाओं म भाग लगे तथा हर बार कुछ नया सीखगे। आप अपनी जीिवका के सभी पहलुओं म
कुशल ह और अपनी सफलता को बढ़ाने के िलए नए आयाम खोजने से तिनक भी नहीं िहचिकचाते। आप ब त सारे काम एक
ही समय म ब त अ े से करगे जैसे िलखने के साथ चुइंगम खाने व फोन पर बात करने का काय। आप छाटे समकालीन
काय व ठे कों को लेना पस करगे। आपका पे शा प रवतनशील भाव का होगा व इसम आपकी कौशल आव क होगा।
आप एक तं िवचारों के िश क होंगे।

आप वसाय म अपने व परायों को अ े से जानते ह। आप सही िदशा म ापा रक िनणय लेते ह।

ापा रक साझेदारी आपके िलए फायदे मंद रहे गी। यिद आपकी शं सा हो तो साझेदारी फलदायक होगी। आप केैसे भी
के साथ भागीदारी कर सकते ह, अत: धोखे से व अनाव क ेह से बच। आपकी गलितयों के कारण भागीदार चले
जायगे।

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आपका मािलक आपको अि तीय समझता है । आप अपने िनरी णकता या अिधकारी से अ े स बनायगे।

कई लोग आपके िलए काय करगे।

आपके भाई/बिहन या सहयोगी आपके पे शे के िलए मददगार होंगे। सावधानी पू ण सोच आपको सभी काय म मदद करती
है व शासन की श दान करती है । आप थ कारणों म समय िफजू़ल न करके एक ही मु िब दु पर के त रहते ह।
अपने वसाियक मामलों म आप अ कठोर ह। िकसी भी काय की शु आत से पू व उसके प रणामों से वािकफ होना
आव क है । आप हाथ म िलये काय को सफलतापू वक पू ण करते ह। आपका काय आपको समूह और सं थाओं के स क
म लाता है जहाँ पर आपको िविभ नाटकीय एवं परी णों के दौर से गुजरना पड़ता है ।

आपको जीवन म ब त उतार-चढ़ाव दे खने को िमलगे। यह कहने की आव कता नहीं है िक आपके जीवन म मह वपू ण
भूिमका सामािजक ित ा एवं िति त पद की रहगी, और आप इसके िलए शासन चलाने वाली श के साथ भावशाली
स ा करगे। श शाली यों ारा आप शं सनीय ह। आप ाित ा और स लोगों से जुड़ेग। आप ब त
लोकि य होंगे, संप लोगों से आपका संपक आपके यासों म सहायक होगा। आपका कै रयर सफल होगा और आप चुने ए
वसाय म ब त स ािनत होंगे। आप सामा त: प रणाम ा करने मे भा शाली ह। आप कै रयर की ि से समया राल
म सफल हो सकते ह। आप िजस िकसी भी प रयोजना का िन य करते ह वह सफल होती है । आपके अपने यास अ े
प रणाम दे ते ह और बाधाओं को पार करने मे आपकी सहायता करते है ,◌ं व आप सफल होते ह। आप ापार म, िवशे षकर
वृहत कारपोरे शन िनगमों म सफलता ा कर सकते ह।

आपकी उ ित अ थायी है । आपके म म िव मान ल ों को संभवत: आप ा नहीं करगे। आप िवदे श से गु अथवा


सटीक सहायता ा कर सकते है ।

आप अपने ित यों और ऐसे ई ालु यों से जो कपट करते ह, सताये जा सकते ह।

आप ब त समृ ह। आप ढ़ िन य के साथ अपनी आय बढ़ाने के िलए काम करते ह। आप तकनीक या िवशे ष तकनीक
का योग अपनी आय बढ़ाने के िलए करगे। आपके संपक आपको अ ी आय और सफलता िदलायगे। आपको श शाली
स ासीन यों से धन ा हो सकता है , या आप यं ऐसी िनयं क थित म हो सकते ह। आपकी आय म आपके
भाई-बहन या अ सहायक होंगे। आप अपने ित यों, ितयोिगयों और श ुओं से धन ा करते ह।

आप अनेक समृ कारक अवसर ा करगे। आपकी िव ीय समझ अ ी है । आप अ े समृ कारक अवसरों को
पहचानने मे सतक ह और आप अ ी आय अिजत करगे। आपके िव ीय संसाधनों के िलए सदै व एक ोत होगा। आप
समृ ता की वृ के िलए ेक अवसर का उपयोग करगे और सुरि त आय का आनंद भोगगे। आप कुछ बाधाएं पार
करने के प ात वाहन, व , धन, स ता और स ान ा करगे। आप आसानी से लाभ ा करगे। आपका अवसरों के
ित खुलापन आपको लाभ और समृ दान करता है । आप सदै व और अिधक धन अिजत करने के उपाय ढ़ूढ़ते रहते ह।

आप गत यासों से अ ी आय अिजत करगे। आप किठन प र म से आय और प रणाम ा करगे।

आपके िलए धन संभालना किठन हो सकता है ।

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आप उन व ु ओं को सरलता से ा करते ह जो आपको सुिवधायु बनाते है ।

आपको लेखन, प का रता, या़ ा व छोटे उ ोगों से आय ा हो सकती है । कला या सुिवधाएं दान करने वाली व ु ओं के
ापार से धनोपाजन िकया जा सकता है ।

आप अपनी आय को थािय दान करने के िलए किठन काय का उ रदािय लेते ह।

आप आ ा क उ े ों के ित उदार हो सकते ह। आपके सं ारों म उ िमता है और आपको कुछ भी य िव य


करना चािहए। गाड़ी, उपकरण आिद म यां ि क सम ाओं के कारण अ िधक िनराश हो सकते ह, और अनाव क य कर
सकते ह। आप या आपका जीवन साथी ान और िश ा पर य करते ह। आप लाभ द िनवेश करने म कुशल ह, िक ु
आपको य आिध के ित सजग रहना होगा।

आप अपने साधनों से अिधक य करत ह। आप यं को बार ार ऋण पायगे अथवा अनुिचत िनणय और काय के
कारण सुअवसरों को खो दगे। आप जुआं खेलने की ओर आकिषत होते ह। आप धन सुरि त रखने म किठनाई अनुभव
करगे। आप धन य कर सरलता से सम ाओं के िनदान का यास कर सकते ह जबिक मा पू व म उपल संसाधनों का
भावी उपयोग ही आव क है ।

आप दै वीय े म एवं लािल म िव ास करते ह। आप सरलता से दै वीय आन एवं समािध की थित ा कर सकते ह।

आप आ रक शा ा करने के िलए उ तम िस ा ों के अनुसार काय करने म स म ह। आपका अमूत दशन अथवा


आ ा क ान के ित भी झुकाव हो सकता है । आप आ ा क िवषयों संबंिधत ान से प रपू ण है ।

आप आ ा क ान के िवशे ष े ों तक वेश ा कर सकते ह। आपको ब ों से आ ा क िश ा सीखनी है । आप


भौितक व ु ओं के ित अिधक आस नहीं रहते ह। हािन एवं मृ ु ाय: सकारा क व आ ा क संदभ म दे खी जाती है ।
आप यं भी अपने अ र की पू णता की सावभौिमक चेतना को बाहर िनकाल कर उससे सामंज थािपत करने हे तु समाज
से ाहार की इ ा रख सकते है ।

िवशे ष प से भ ता अथवा धािमक भ दशन म, आपकी अवा िवक अथवा पाख पू ण वृित हो सकती है ।

आप अ भ भाव पू ण है । आप एका म एवं गु प से आराधना करते है ।

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आपके आस पास का वातावरण और सु र रहता है । आपको घर के सबसे ऊँचे कमरे म रहना पसंद है । आपको
िकसी ओर के घर म िनवास करना पड़ सकता है ।

आप कभी भी या ा के िलए तैयार हो जाते है । आपको घर छोड़ कर िव त या ाएं करनी पड़ सकती है । आपके िलए या ा
लाभदायक है । आप अशा रह सकते ह। आपको दू र की या ाएं पसंद है । आपको िवदे शों से बुलावा आ सकता है और
संभवतया चले भी जाएं । आप समय-2 पर या ाएं और िवदे श म िनवास कर सकते है । आपके िलए खोज और अ े षण हे तु
या ा सदै व सफलतादायक होती है । आप उ तर ान हे तु या ाएं करगे। आपके िलए या ा थकान दे ने वाली होती है ।

आपकी यं की ताकत और संसाधन िवपु लता पर आप यकीन कर सकते है ।

आप बड़े होने के साथ-साथ अपले ल ों को बेहतर ढ़ं ग से पहचान पाऐंगे व अिधक खुश होंगे। आप मृ ु प ात एक बेहतर
दु िनया म प ं चगे। आपके जुड़वा ब े हो सकते है जो अ िधक क नाशील होंगे। आपका बचपन जिटल रहा होगा तथा आप
प रप होने म धीमे है । समय के साथ-साथ सफलता म वृ होगी। तीस वष की उ के पहले आप व थत हो जाएग तथा
तीस की उ का दसक ख होते होते अ िधक उ ित कर लगे।

अपने सपनों व आशाओं को पू रा करने म किठनाइया उठानी पड़ सकती है । आपको जीवन म सफलता ा करने से पहले
असफल होना पड़े गा लेिकन कुछ ही हसय म धैय व िह त के कारण आप सफलता ा कर लगे।

आप एक भा शाली है । आपकी इ ाऐं अ र पू री हो जाती है तथा आप दू सरों के िलए भी भा शाली है । आपको


ब त से फायदे िमलगे। आप िवषम प र थितयों से बच जाएगे।

ावसाियक साझेदारी म भा आपके साथ है । अगर आपको कोई बड़ी सफलता िमलती है तो वह आपके दे श म न होकर
िवदे श म िमलेगी। आप अपने माग म आए कई मौकों का लाभ उठाकर अपने ल ों को ा करगे।

आपको खेल-खेल म नशीले पदाथ का सेवन, िभचार, अप ियता या उ ता इ ािद जैसे पाप के रा े पर धकेल सकने
वाले िम ों से सावधान रहना चािहये।

आपको िन षा क िब दु तक तुलना नहीं करनी चािहये, यह आपके िलये परे शािनयां ला सकता है । आपके िलए शारी रक
ायाम म पया समय दे ना लाभदायक है ।

हीरे आपके िलए िहतकर नही है इसके बजाय मािण धारण कर।

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ह फल
a सूय a
सूय एकादश भाव म
शुभ फल : शुभ फल का अनुभव ी रािशयों म िमलता है । सा क कृित धान, धािमक कामों को
करनेवाला, ानी, गीतशा का ाता, सु र आँ खों वाला और मनोहर होता है । धनी, बलवान्, सुखी,
ािभमानी, िमतभाषी िकंतु वा टु , तप ी, योगी, तथा सदाचारी होता है । राजा की कृपा से उ ािधकारी
होता है और राजस ा िमलती है िजससे िन ह-अनु ह कर सकता है । ारहव भवन का सूय धन- ा के
साधन जुटाता है , साधन अनायास या रा ारा धन- ा कराते ह। जातक को सवारी और सेवकों का सुख
िमलता है । सुवण र ािद की ा होती है , अ े व िमलते ह। ीसुख तथा पु सुख ा होता है ।
सविवध सां सा रक ऐ य और सुख ा रहता है । एकादशभाव म सूय हो तो यह धन संचय करने म लगा
रहता है । िजस काम को करता है उसम सफलता िमलती है । अथात् िस ार होता है । िनगुण तथा
गुणवान् की परी ा करनेवाला होता है । अथात् यं गुणी होता है , अत: दू सरे के गुणों की कदर करनेवाला
होता है । एकादशभाव म सूय होने से जातक दीघायु होता है । प ीस वष की आयु म सवारी का सुख
िमलता है । थर और िव ास यो िम होते ह।
सूय बलवान हो तो िम मदद करते ह, िक ु दू िषत या िनबल होने से मदद के थान पर बोझ बन जाते
ह।
तुला रािश म सूय होने से धन, स ान, कीित, सभी कुछ िमलता है ।

अशुभ फल : जातक शरीर से दु बला-पतला होता है । लोग े ष और िवरोध करते ह। िकसी ि य का िवयोग
सहना होता है । स ान थोड़ी होती है तथा इसे स ानप से सदै व दु :ख ा होता रहता है । पु सुख म
बाधा उ होती है । रिव बड़े भाई के िलए अ ा नहीं है । पेट की बीमा रयों से पीि़डत रहता ह।
रिव िकसी भी पु षरािश म हो तो बड़े भाई को घातक बनता है । यिद िकसी संयोगवश मृ ु न हो तो
पर र झगड़े होते ह। प रणामत: िवभाजन होता है , पृथक िनवास होता है ।
पु ष रािश म रिव हो तो संपि िमलती है अव , िक ु मेहनत से िमलती है ।
एकादश रिव का स िकसी पापी ह से होने से जातक का धन य होता है । सवारी का सुख नहीं
रहता है । एकादश सूय से कोई न कोई दु :ख पीछे लगा ही रहता है । कभी संपि का अभाव तो कभी संतित
का अभाव होता है । दोनों का एक साथ सुख तभी िमलता है जब सूय के साथ अ पाप ह शुभयोग करते
हों अ था नहीं।

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b च b
च एकादश भाव म

शुभ फल : एकादश च मा म िदन को ज होने से जातक धनी, यश ी, लोकरं जक, सावजिनक


कायकुशल होता है । एकाद थ च से संतान (पु )-भाई या बिहन, इनम से कोई एक ासदाता, दु राचारी वा
िन पयोगी होता है । अथवा िकसी ंग के कारण उसे सारा जीवन घर म ही तीत करना पड़ता है ।
एकादश च हो तो संतित, भाई-बहने ब त नहीं होती, अिधक से अिधक सं ा चार-पाँ च तक होती है ।
ारहव भाव म च दीघायुता का सूचक है । जातक सु र, े माग पर चलनेवाला, ल ाशील, तापी
और भा वान् होता है । जातक बोलने म िनभय तथा चतुर होता है । सदै व स मूित रहता है । मन ी,
बु मान्, ा , मधुरभाषी और िनद षकाम करनेवाला होता है । जातक चंचल बु , क नाशील होता है ।
उदारिच , पवान्, ब गुणी, म , दाता होता है । जातक ब ुत होता है अथात् वण ारा ब त से
शा ों का ान होता है । ब त-सी िव ाओं का ाता होता है । दू सरों पर उपकार करनेवाला होता है । ब त
से लोगों का पालन करनेवाला होता है । जातक राजा का धना (खजां ची या टै जरी आिफसर) होता है ।
रा कायद होता है । राजा के ारा भु ा होता है । रा ारा स ािनत होने का अवसर आता है ।
राजदरवार से ित ा-अिधकार और ब मू वान् व का लाभ होता है । जातक के घर म मुिदता
( स मना:) ल ी तथा उ म सु र ी िनवास करती है । कई कार के भोग भोगने को ा होते ह।
जातक की ित ा (कीित) िदग ािपनी, थर होती है । जातक सव लोकि य, िस होता है । यश ी
और कीितमान होता है । े -आ जनों से आदर और मान ा होता है । जातक शुभकम करता है और
जनिहत के काम करता है िजससे लोग इसका गुणगान करते ह। जातक को सभी तरह का लाभ होता रहता
है । धनवान् होता है । जातक को नाना कार के पदाथ के ापार से लाभ होता है ।जातक धन से यु होता
है । धनाढ़्य, और धिनक होता है । कई कार से धन की ा होती है -और धनोपल सुखों का भोग ा
होता है । यथालाभ स ु रहनेवाला होता है । चाँ दी आिद मू वान् धातुएँ ा होती ह। लाभभाव म च मा
के होने से पृ ी म गाड़ी ई-छु पी ई व ुओं का लाभ होता है । भूिम के अ र गु रखे ए पये-हीरे ,
मोती, जवाहरात की ा हो सकती है । जातक उ म िम ों से यु होता है । जातक के पास सवारी के
िलए सु र-सु र वाहन-घोड़ा-गाड़ी-मोटर आिद होते ह। अथात वाहनसुख िमलता है । उ म-उ म भोगों
का भो ा होता है । नौकर का भी सुख ा होता है । ारहवे थान का च मा जातक के क ा स ान
अिधक होने का सूचक है । पु संतित होती है । पचास वष की आयु म पु - ा होती है -िजससे िपतरों के
ऋण से मु पा ले ता है । ब त से पु ों के होने का सौभा िमलता है । ान ा के िलए मु साधन तीन
ह- वण-मनन और िनिद ासन। शा ब त ह सभी का अ यन गु मुख से नहीं हो सकता है वण
करने से मनु ब त से शा ों का ाता हो सकता है -अत: वण साधन को ाथिमकता और मु ता दी
गई है । खेती-बाड़ी का ामी होता है । ससां र सुख अ ा िमलता है । सावजिनक सं था म यह नेता होता
है ।
च मा के पु ष रािशयों म होने पर उपर िदये शुभ फल अिधक अनुभव म आते ह।
शु की युित होने से सवारी का िवषेश सुख िमकलता है ।

अशुभ फल : जातक के िकए ए काम िवगड़ जाते ह। अथात् िकया आ उ म और य िवफल रहता है ।
क ा स ित होती है ।
एकादशभाव थत च मा हीनबली होने से, नीचरािश म, पाप ह की रािश म तथा श ु ह की रािश म
होने से जातक सुखों से वंिचत रहता है । रोगी, मूख और अ ानी होता है ।

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c मंगल c
मंगल ादश भाव म

शुभ फल : जातक साहसी, हं समुख, ढ़शरीर, होता है । आँ ख चंचल, बु चपल, और इ ा घू मने-िफरने


की होती है । गवाही दे नेवाला और कामों को पूरा करनेवाला होता है । जातक, स वादी, उदार, व ा
और ागी होता है । दानी होता है । िकसी सं था का सं थापक होता है । 26 व वष िस योग बनता है ।
सदा िवदे श जानेवाला होता है ।

अशुभफल : जातक कुिटल, उ , ोधी, झगड़ालू , मूख, यशील एवं नीच कृित का पापी होता है । मंगल
ादशभाव म होने से े जातक अपने कुटु यों को कठोर वचन कहकर दु :खदे नेवाला, िवशेष जु
करनेवाला और सदा परे शान रहनेवाला होता है । चुगुल और अधम होता है । वाणी कड़वी होती है । ना क,
िनठु र-शठ और बकवासी होता है । अंगहीन, अंग (शरीर) म िवकलता, अवयवों म हीनता, तेज की हािन
होती है । जातक ोधी, कामुक, आचारहीन, धम होता है । िह त, िहं सकवृि , अनैितकता, और
राज ोही वृि के कारण जातक अपराध करने की वृि होती है । जातक को श या अ िकसी व ु
से चोट लग सकती है । शरीर म भी ण या िच हो जाते ह। िगरपड़ना, िवषबाधा होना, अपघात होना आिद
का डर रहता है । बारहव भाव म मंगल होने से ने रोगी, आँ खों म अिधक पीड़ा, उ ता से आँ खों का नाश,
मोितयािव होना इस मंगल के फल है । ने ािध से यु बनाता है । िसरदद, र िवकार, गु रोग,
बुढ़ापे म अपचन आिद िवकार होते ह। कान और गले म तथा खून िबगड़ने से ब त पीड़ा होती है । बारहव
भाव का मंगल को अपयश का भागी बनाता है । असफल होने के कारण कु त होना और
मुखतावश धूत के ारा छले जाना जातक की िनयित होती है । जातक अपने अहं कार की तृ के िलये
अस ाय म खच करने वाला होता है । जातक बुरे कामों म खच करता है । ादशभाव का मंगल धनहािन
करता है । का नाश होता है । ऋणी, यशील होता है । जातक को दू सरों के धन अपहरण करने की
इ ा होती है । चोरों से भय होता है । चोरों, डकैतों से हािन होती है । धनसं ह नहीं होता। कभी कोई
पैसा उठा ले जाता है , कभी कोई उधार ले जाता है अथवा पया कहीं गुम हो जाता है । झगड़े हो जाते ह,
पर र कलह वा वैमन हो जाता है । चोरी आिद का झूठा अपवाद लगता है । चुगुल झूठे कलं क लगाते ह
और झूठी अफवाह फैलाते रहते ह। जातक को कारावास म जाने का भय होता है । श ु ह के साथ होने से
कैद होती है । कारगृहवास होता है । पराधीनताज दु :ख होता है । बारहव भाव म मंगल हो तो ीनाशक,
प ी घातक, ीहीन होता है । जातक पर ी से स रखनेवाला होता है । परयुवितगामी होता है । ादश
भावगत मंगल का जातक ाय: ब भोजी तथा कामुक होता है िक ु ीसुख कम िमलता है । एक प ी की
मृ ु होती है और दू सरी से िववाह करना होता है । ी के बॉई ओर से िकसी अवयव को आँ ख, काँ न, पैर,
या हाथ को अपघात होता है । ादश भावगत मंगल भाई और संतित के िलए मारक है । संतित कम होती है ।
ाय: पु संतित नहीं होती। कहीं-कहीं वंश यकारक भी होता है । भृगुसू के अनुसार 28 व वष माता की
मृ ु होती है , तथा भाई को क होता है । जातक नौकरों के कारण दु :ख होता है । अपने िम ों से बैर होता है ।
जातक िम ों और बधुओं के साथ े ष करता है । जातक के चाचा की और फूफा की मृ ु ज ी होती है ।
लोगों म मा ता नहीं िमलती। गु श ुओं से भय होता है ।
मेष, िसंह, धनु, कक तथा मीन म अशुभफल िमलते ह।

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d बुध d
बुध दशम भाव म

शुभ फल : दसव थान म बुध की थित उ म मानी जाती है । ाय: सभी शा कारों ने दशमभावगत बुध
के फल िवशेष अ े कहे ह। दसव थान म बुध के होने से जातक ायि य और नीितिनपुण होता है ।
िववेकी, गुणवान्, गुणनुरागी, स वादी, घै यवान्, िवन होता है । जातक बु म े - घािमक, सा क
बु वाला, मन ी होता है । जातक ानी, मघु रभाषी, संग के अनुकूल बोलने का कौश होता है । शु
तथा सदाचारी, स म करनेवाला, े काय करनेवाला, स पर ढ़ रहनेवाला होता है । ित ायु ,
आदरणीय और वहारकुशल, सामािजक तथा कीितमान् होता है । दसव थान म बुध के होने से
जातक लोकमा और परम तापी होता है । पवान्, बलवान्, शूर और परा मी होता है । दसव भाव म
हो तो मातृ-िपतृ-भ एवं गु जनों का भ होता है । बुध बल होने से मातृसौ चुरमा ा म होता है ।
रण श अ ी होती है । गिणत और भाषाशा म वीण होता है । जातक िव ान, का म कुशल
होता है । अपने भुजबल से घनोपाजन करनेवाला होता है । नानािवघ संपि यु , नाना भूषण भूिषत, घनाढ़्य,
होता है । िवलासी होता है । आिथक ि से स होता है । िविवघ भूषणों से यु और सुखी होता है । पैतृक
स ि भी िमलती है । िविवघ वैभव से स , राजमा होता है । रा के सहयोग से अथ लाभ करता है
अथवा रा म उ म पद ा करता है । राजकीय अिघकार के ा हो जाने के कारण, और इस राजकीय
अिघकार से िन ह-अनु ह साम यु हो जाने के कारण जातक का संसार म िवशेष आदर मान होता है ,
सवसाघारण लोगों की ि म जातक एक मा और पूजनीय होता है ।किवता करने से, िश कला
से, ले खन से, ापार से, ीवों के साहा से और साहस से घन िमलता है । जातक को वाहन का सुख
ा करता है । दशमभाव का बुध जातक को सवथा सभी पदाथ से प रपूण कर दे ता है । िजस काय को
ार करता है उसम ार म ही सफलता ा होती है । ापार म यश ी होता है । ापार से लाभ
कमाता है । दलाली, ले खन और सा कारी म अ ा यश िकलता है । उपजीिवका िश कला से होती है ।
वृष-क ा-मकर म बुध होने से ापारी, कमीशनएजे , टै विलं गएजे आिद वसाय होगा।

अशुभ फल : 28 व वष म ने म रोग होता है । बुध श ु के घर म या पाप ह के साथ होने से मूढ़, कम


करने म िव करने वाला होता है । नीचकम करता है और आचार होता है ।
अशुभ फल बुध के ीरािशयों म होने से अिघक होते ह।

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e बृह ित e
बृह ित ादश भाव म

शुभ फल : बारहव थान म बृह ित के थत होने से जातक संसार म पू , धािमक आचरण करने वाला
होता है । जातक िमतभाषी, योगा ासी, परोपकारी, उदार, शा , सदाचारी, िवर भाव का होता है ।
आ ा और गूढ़शा ों म िच होती है । पुरानी रीितयों के बारे म आदर होता है । िनभ क कृित का और
सुखी होता है । ादश थान का स परोपकार तथा िव ेम से ह। अत: बड़े -बड़े दान दे ने की वृि भी
होती है । मरणा र स ित ा करने वाला होता है । गलोक ा होता है । िमत यी, यअ े
कामों म,धम म खच करता है । वै , धमगु , वेद ानी, लोकसेवक, स ादक आिद के िलए यह गु शुभ है ।
दे श ाग, अ ातवास तथा दू र दे शों म वास से कीित तथा लाभ ा होते ह। श ु ारा लाभ होता है ।
आयु का म तथा उ राध अ ा जाता है । अ की कमी नहीं होती। व , गौएँ , धन, सोना और स ि
ा होते ह। सेवा करने म चतुर होता है । मणशील ( वासी) होता है । िवदे श-या ा तथा वास संभव है ।
िपता के धन से धनी होता है । िपता के भाई सुखी रहते ह। गिणत जाननेवाला होता है । पु संतित थोड़ी होती
है । गु से िवपुल धन ा होता है । गु िवजय ा कराता है ।

अशुभफल : बारहव भाव का बृह ित शुभ नहीं होता। जातक दु बला पतला और पीड़ा यु होता है ।
जातक उ े ग, िचंता, पाप और कोप से यु होता है । िनल , मानहीन और अपमािनत होता है । िच
उि रहने से ोध ब त आता है । दु बु , दु तथा दु ों की सहायता करनेवाला होता है । अिधक
अहं कारी होता है । गु तथा बंधुजनों का उपकार करने म िशिथलता होती है । थ ही खच की अिधकता
और सदा दू सरे के धन का अपहरण करने म बु रहती है । भाई-बंधुओं का वैरी, और गु जनों से े ष
करने वाला होता है । िकसी सावजिनक सं था के आ य से जीवन िबतानेवाला होता है । जातक से दू सरे लोग
े ष करते ह। लोगों के साथ े ष करने वाला होता है । बुरे श बोलनेवाला, संतानहीन, पापी, आलसी और
सेवक (नौकर) होता है । अपने कुल का प र ाग करके अ कुल म जाने वाला होता है । जातक ने रोगी
होता है । दयरोग, गु रोग, यरोग होता है । ंिथ ण होता है । जातक का धन चोर ले जाते ह। जातक
नीचों की सेवा करने वाला, लोगों से झगड़ने वाला होता है । जातक को वाहन, भूषण, व , घोड़े , चामर
आिद की िच ा होती है । जातक बढ़-चढ़कर खच करता है । ा णी और गिभणी ी से सहवास और संगम
करता है । अपने लोगों से झगड़े होते ह, दु :ख होता है । चावाकमतानुयायी होता है । चावाकमत सं ेप म 'खाओ
पीओ मौज उड़ाओ' है । परलोक को नहीं मानता है । राजा से (सरकार से) भय होता है । बोलने म अ ड़,
सेवक और भा हीन होता है । उिचत दान नहीं करनेवाला होता है । जातक के श ु ब त होते ह। क ाण
और पृ ी पर यश नहीं होता है ।
गु पीि़डत या अशुभ स म होने से िववाह म कुछ गड़बड़ होती है ।
पाप ह से यु होने से नरक म जाता है ।
बारहव भाव का बृह ित शुभ नहीं होता। क ा, मकर तथा वृि क म गु ब त अशुभ होता है ।
गु पीि़डत होने से जातक सनी, लोभी, मूख, आलसी, िववेकहीन, शा ों और दे वताओं की िन ा
करने वाला होता है ।

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f शु f
शु एकादश भाव म
शुभ फल : ारहव भाव मे शु अ शुभ फल दे ता है । लाभभाव म शु होने से जातक का शरीर
नीरोग, तथा पअ दे दी मान, आकषक होता है । जातक गुणवान्-अ े भाव का, अ
सुशील, परोपकारी, उदार, सदाचारस होता है । जातक उ म गुणों से यु , हा ि य, स भाषण
करनेवाला होता है । भृगु पु शु लाभभव म होने से जातक की िच गायन िव ा, नृ आिद कलाओं म
होती है । जातक संगीत और नृ का आदर करनेवाला होता है । जातक के घर मे संगीत का वातावरण
रहता है । जातक की िचतवृि सदा शुभकम की ओर लगी रहती है , तथा आचरण शा ानुकूल, धािमक
होता है । जातक ानवान् होने से ई रभ होता है । सभा म वचनचातुरी से कीितयु होता है । िकसी
कार का शोक नहीं होता है । उसकी इ ाय पूरी होती ह। एकादश भाव म थत शु के भाव से सभी
कार की समृ और स ता रहती है । ितिदन धनागम होता रहता है , अथात् जातक की धनवृ
ितिदन िदन-दू नी रात-चौगुनी होती रहती है । सविविध भोग भोगने वाला, ऐ यवान्, भु साम वान्
राजा के समान साम यु , एक कार से राजा ही होता है । ारहव भाव म शु होने से िवलासी,
वाहनसुखी, थरल ीवान्, लोकि य, जौहरी, धनवान् होता है । एकादश भाव म थत शु से
ापार से लाभ कमाता है । राजकीय यों से लाभ होने की अिधक संभावना रहती है । यों के
स से, घू मने-िफरने के वसाय से मोती-चाँ दी आिद के ापार से काफी धन िमलता है । एकादश थान
का शु शुभ होता है । अत: ेक कार ने अ ा फल ले खनीिव िकया है । गाँ व या शहर के स
से और इमारत बनवाने के कामों से धन का लाभ होता है । एकादशभाव का शु अ े िम ों की मदद से
गित करता है । िव ाित और यश दे ने वाले काम करने की यो ता ा होती है । िववाह से भी धनलाभ
होता है । यों के आ य से भ ोदय होता है । िम ों के प रवारों से िववाह स होते ह। जातक र पा
उ म ी तथा र ों से यु होता है । लाभभाव म शु के होने से जातक को यों का सुख िवपुलमा ा म
िमलता है । जातक को ब त कार के वाहन, घोड़ा-हाथी-गाड़ी- ू टर मोटर आिद ा होता है । वह
नौकरों से यु होता है । जातक के दास और भृ आ ा के अधीन चलने वाले होते ह। पु एवं पुि यों का
सुख होता है । श ुगण सतत भयभीत रहते है । आसमु ा िनमलकीित िनर र ा होती है ।
रिव से शुभयोग होने से यों से अ ा लाभ होता है ।
च से शुभयोग होने से मनोरं जक खेलों से अ ा लाभ होता है ।

अशुभ फल : यिद जातक का ज नीच वग का हो तो भा ोदय 22 वष से स ािवत होता है । यिद जातक


उ वग से हो तो भा ोदय की स ावना 32 व वष से होती है । जातक को सदै व मानिसक िच ाएँ लगी
रहती है । पर ी रितलो ुप, परां गना म आस होता है ।
शु पाप हों से यु होने से बुरे कामों से धन का लाभ होता है ।
एकादश थ शु यिद पु षरािश म होता है तो पु सं ा म कम और क ाएँ अिधक होती है ।

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g शिन g
शिन तृतीय भाव म

शुभ फल : शिन के मुख शुभ ल ण ायी, ामािणक, चतुर होना-जातक म पाए जाते ह। जातक की
बु गहरी और सलाह अ ी होती है । ोितष आिद गूढ़ शा ों म िच होती है । तृतीय भाव म शिन होने
से जातक नीरोगी, योगी, िमतभाषी, िव ान, शी कायकता, म , सभाचतुर, िववेकी, तापी, श ुह ा,
भा वान् एवं चंचल होता है । धनवान्, कुलीन तथा गुणवान् होता है । जातक श और शा , बु और बल
म अि तीय होता है । तीसरे भाव म शिन के रहने से जातक िवजयी, धनी, धािमक िवचारवाला होता है । जातक
को अजेय साम ा होती है । जातक अपनी कीित से चारों िदशाओं को धविलत कर दे ता है अथात्
जातक िदगंत कीित होता है । िबना िकसी भेदभाव के सभी का पालन-पोषण करता है । जातक राजमा ,
उ मवाहनयु , गाँ व का मु खया होता है । तृतीयभाव म शिन होने से िम बढ़ते ह धन का लाभ होता है ।
जातक यों को ि य होता है । ीसुख िमलता है । शिन उ या े म होने से भाइयों की वृ होती
है । जातक कम खाता है ।
शिन शुभ स म बलवान् होने से जातक का मन ग ीर, थर, शा , िववेकी सौ तथा िवचारशील
होता है । िच की एका ता शी होती है ।

अशुभ फल : तृतीयभाव म शिन होने से जातक ामवण होता है । शरीर ग ा रहता है । आलसी और
दु :खी होता है । जातक स ान तथा स ार करनेवालों से भी दु ता तथा कृत ता का ही वहार करता है ।
जातक की आशाएं तृ ाएँ अतृ रहती ह। िजसके कारण कभी भी पूणतया सुखी नहीं रहता है । जातक
अटू ट प र म तथा उ ोग करता है िक ु मन अशा ही रहता है ोंिक उ ोगी होने पर भी सफलता
ा नहीं होती है । िव ों के बाद ही जातक का भा ोदय होता है -अथात् ऐ य-धन-आिद की ा के पूव
ब त ही िव ों का सामना करना पड़ता है । शिन तृतीयभाव म हो उसे धन ारा िकए गए ापार से अिधक
आन नहीं होता है , अथात् ापार से यथे पूण धन नहीं िमलता है । िश ा पूरी नहीं होती है । वास से
लाभ नहीं होता है । ले खन, ों के काशन आिद म कावट आती ह। वास म बरसात या ठं डे मौसम के
कारण अ थता होती है । जातक के शरीर म दोषज पीड़ा रहती है । जातक के हाथ कमजोर रहते ह
अथवा उनम िकसी कार की चोट लगने की संभावना बन जाती है । जातक को अपने सहोदर भाई-बहनों
का सुख नही िमलता है । भाई-ब ुओं से मनमुटाव होने से िच अशा तथा अ थ रहता है । तृतीय शिन
भाइयों के िलए मारक होता है । छोटे भाई की मृ ु होती है । भाई -बिहनों तथा संतित का नाश होता है ।
शिन से भाइयों म बँटवारा होता है । एक रहना नहीं होता है , एक रह तो भा ोदय म कावट आती ह।
आिथक थित सोचनीय हो जाती है ।
पु षरािश का शिन भाइयों के िलए अशुभ है -ऐसा अनुभव है । बड़े और एक छोटे भाई की मृ ु होती
है । बिहन िवधवा होती ह, अथवा इनका गृह थ जीवचन कंटकमय होने से ये भाई के साथ रहने म बा
होती ह।शिन के साथ पाप ह होने से भाइयों म े ष होता है ।
शिन पीि़डत या िनबल होने से र ेदार, भाई व , पड़ोसी आिद से बनती नहीं, अत: उनसे सुख नहीं
िमलता है ।
शिन का मंगल से अशुभयोग होने से िव ासघात, वचना, ठगों के काम म कुशलता का कारण होता है ।

अशुभ फल वृष, क ा, तुला-मकर तथा कु रािशयों अनुभव म आते ह।

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h रा h
रा एकादश भाव म

शुभ फल : एकादश भाव म रा अ र नाशक होता है ।(3-6-11 थानों म रा अ र दू र करता है ) रा


लाभभाव म होने से जातक का शरीर पु होता है और दीघायु होता है । लाभभाव म रा होने से जातक
प र मी, िवलासी, किव दय, धनवान् और भोगी होता है । एकादशभाव म रा होने से जातक इ यों का
दमन करने वाला होता है । जातक साँ वले रं ग का, सु र-िमतभाषी, शा ों का ाता, िव ान्, िवनोदी चपल
होता है । िजस भी िकसी समाज म रहे उसी का अ णी बनता है । दे श म ित ा होती है । यश ा करता
है । चतुर पु षों के साथ िम ता थािपत करता है । ारहव भाव म रा के रहने से जातक को अनेक कार
के लाभ के अवसर िमलते ह। अपने लाभ और लोभ के ित जातक अ िधक सावधान होता है । धन तथा
धा की समृ ा होती है । ारहव थान पर रा जातक को धनलाभ कराता है िक ु धनलाभ के
तरीके अनैितक ही रहते ह। एकादश थान म रा से े ों से धन का लाभ होता है । िवदे िशयों से धन या
कीित िमलती है । व ा होकर धन ा करता है । स ू ण धन का लाभ होता है । िविवध व ों की ा ,
चौपायों का लाभ और कां चन का लाभ ा करता है । िवदे िशयों और पिततों से हाथी, घोड़े , रथ आिद की
ा होती है । सेवकों को साथ ले कर चलता है । पु स ित होती है । पु ज का सुख िमलता है ।पु
स ान अ ी होती है । जातक को राजाओं से मान और सुख ा होता है । जातक की िवजय होती है ।
मनोरथ पूरे होते ह। जातक के श ु न होते ह। ताप से श ुओं को स करनेवाला होता है । श ु भी
न होते ह। जातक के िम अ े होते ह तथा उनकी सहायता से जातक का जीवन अ ा होता है । िम
ोितषी या मं शा वे ा होते ह। जातक अिधकारी होकर र त खाता है िक ु कानून की िगर म नहीं
आता है । वसाय करे वा नौकरी करे -दोनों ही सफल होते ह। बड़े भाई की मृ ु-या इसकी वेकारी से
कुटु का बोझा यं उठाना होता है । 42 व वष म सहसा धन ा स ािवत होती है । 28 व वष जीिवका
का आर होना स ािवत है । 27 व वष म िववाह स ािवत होता है ।

अशुभ फल : ारहव भाव म रा होने से जातक म मित, लाभहीन, िनल और एक अिभमानी


होता है । जातक बेकार समय िबतानेवाला, कजा ले नेवाला और झगड़ा करने वाला होता है । धूत का िम
तथा अनथ करनेवाला होता है । रों के साथ िम ता रखता है । जातक की बु दू सरे का धन अपहरण
करने म लगी रहती है । दू सरे के धन को ठगी से हिथया ले ता है । रे स, स ा, लाटरी म लाभ नहीं होता है ।
जातक का वसाय ठीक-नहीं चलता, कज रहता है । जातक को पु तथा कुटु की िच ा म क होता है ।
रा एकादश भाव म होने से जातक बहरा (विधर) होता है । कान के रोग से यु होता है । सहसा ीमान् हो
जाऊँ-इस अिभलाषा से एकादशभावगत रा का जातक रे स, स ा-लाटरी-जूआ आिद म धन का खच
करता है । इसी आकां ा से, अिधकारी होने से अ ाधु र त ले ता है और कानून के िशक जे म आ जाता
है । इसी कारण जातक लोभी पर ापहारी और बरताव अिनयिमत होता है - िम ों से हािन, भा ोदय म
कावट आती ह।
पु षरािश म एकादश रा होने से पु स ित म बाधा पड़ती है और इसका कारण पूवज का शाप
होता है । इस शाप का अनुभव कई कार से होता है -जैसे पु मरण, गभपात, ी को स ित ितब क रोग
का होना आिद।
अशुभफल पु षरािशयों म अनुभव म आते ह।

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i केतु i
केतु पंचम भाव म

शुभ फल : पाँ चवे थान म केतु होने से जातक वीयवान् अथात् बलवान् होता है । अ -स ित होता है -एक
या दो पु होते ह। पु थोड़े और क ाएँ अिधक होती ह। जातक की स ित जातक के बा वों को ारी
होती है । गाय आिद पशुओं का लाभ होता है अथात् इसे पशुधन ा रहता है । तीथया ा या िवदे श म रहने
की वृि होती है । जातक बड़ा परा मी होकर भी दू सरों का नौकर बनकर रहता है । नौकरों से यु होता
है । कपट से लाभ होता है । ब ु सुखी होते ह। जातक के उपदे श भावी होते ह। िवदे श जाने का इ ु क
होता है ।

अशुभ फल : पंचम म केतु होने से जातक शठ, कपटी, म री, दु बल, डरपोक और धैयहीन होता है ।
पंचमभाव म केतु से जातक खल कृित, कुचाली और दु बु होता है । जातक मूखता भरे काय करता है और
पछताता है । जातक की बु दू िषत होती है इससे मानिसक था या शरी रक क होता है । अपने ही
मा क ान से-अपनी ही गलती से शरीर म े श होता है । अ ािधक पीड़ा भी होती है । सदै व दु :खी और
पानी से डरने वाला होता है । जातक िव ा और ान से वंिचत रहता है । पाँ चव थान म केतु होने से जातक
के सगे भाइयों को श से अथवा वायुरोग से क होता है । पंचमभाव म केतु होने से सहोदरों म झगड़ा और
वाद-िववाद से क होता है । भाई-ब ुओं से पीि़डत जातक मं -तं से भाइयों का घात करता है । पंचम भाव
म केतु से स ितहािन होती है अथात् या तो स ित होती नहीं और यिद होती है तो न हो जाती है । िनर र
पु के साथ कलह होने के कारण पु सुख नहीं होता है । पंचम म केतु होने से पु न होते ह। वात रोगों से
पीि़डत रहता है । िजसके पंचमभाव म केतु हाने से अपने शरीर (पेट आिद) पर श घात से अथवा ऊँचे
थान पर से िगर पड़ने के कारण क होता है । पंचम म केतु होने से जातक के पेट म वातरोग से क होता
है । पेट म रोग तथा िवशाच से पीड़ा होती है ।

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भावेश फल
ल ेश - ादश भाव म
लोमेश संिहता के अनुसार -
ल ेश यगे चा े िश िव ािवशारद: ।
द्ू यती चौरो महा ोधी परभायाितभोगकृत।।
मानसागरी के अनुसार -
ादशगे मूितपतौ कटु कव मपरोऽशुभो नीच:।
मानो सहगो ीिभिवदे श गो द भू नर:।।
गग संिहता के अनुसार -
ादशगे ल पतौ पटु वाग वाचं करोित कणिहतम्।
सहगो कैरिमिलतं िवदे शगं िव भो ारम।
ल ेश ादश थान म होने से जातक िश िव ा म िनपुण, जुआरी, चोर, ब त ोधी, पर यों म
ब त आस होता है । जातक बुरे काम करनेवाला, अशुभ, नीच, अिभमानी, संबंिधयों के साथ िवदे श
जानेवाला तथा द क पु के प म उपभोग करनेवाला होता है । वह बोलने म चतुर, सुनने म िहतकारी
बात बोलनेवाला, संबिधयों से न िमलनेवाला, िवदे श जानेवाला तथा धनका उपभोग करनेवाला होता है ।
उसके सब वहार उलझे होते ह, धन हाथ म नहीं रहता, कज चुकाना मु ल होता है , कई कार के
संकट आते ह। बुरे माग पर जानेवाला होता है ।
अनुभव : ल ेश गु होने के कारण अशुभ फल अनुभव म आते ह।

धनेश - तृतीय थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
धनेशे तृतीये तुय िव मी मितमान् गुणी।
पर दारािभगामी च िन लो दे वभ युक्।।
मानसागरी के अनुसार -
धनपे सहजगते ब ोभदो न विजते ू रे ।
सौ े राजिवरोधी भूतनये त र: पु ष।।
यवन जातक के अनुसार -
धनािधपे ातृगते खल: ात् सो े गयुग् ातृसुखेन हीन:।
सूय दवे ातृगते िवरोधी चौर: कुजे चाकसुते िवब ु:।।
धनेश तृतीय थान म होने से जातक परा मी, गुणवान, बु मान, थर, ई रभ िक ु पर यों से
संबंध रखनेवाला होता है । धनेश ू र ह हो (रिव, मंगल तथा शिन) तो ब ुओं से िवरोध नहीं होता, यह शुभ
ह हो तो राजा से िवरोध होता है तथा मंगल हो तो वह मनु चोर होता है । दु , घबरानेवाला, भाइयों के सुख
से रिहत होता है , इस थान म सूय हो तो भाइयों से िवरोध होता है , मंगल हो तो वह चोर होता है तथा शिन
हो तो ब ुरिहत होता है । ापारी, झगड़ालू , कला न जाननेवाला, चोर, धन म थरता न रहनेवाला, उ त
तथा अ ायी होता है । अपने प र म से धन कमाता हे , प रवार के पालन का बोझ उठाता है , धन ा के
िलए ब त मेहनत करता है ।
अनुभव : धनेश शिन होने के कारण जातक परा मी, गुणवान, झगड़ालू होता है तथा भाइयों से सुख नहीं
िमलता है ।

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तृतीयेश - तृतीय थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
तृतीयेशे तृतीय थे िव मीभृ संयुत:।
धनयु ो महा ो भुन सुखम ं तम।।
यवन जातक के अनुसार -
सहजगते सहजपतौ पृपम ी सौ दे ितिनपुण ।
गु पूजनिनरतो वै नृपतौ लाभं परं नरं कु ते।।
मानसागरी के अनुसार -
यवनजातक का ही ोक िदया गया है ।
तृतीयेश तृतीय म होने से जातक परा मी, नौकरों से यु धनवान, अद् ु भत सुख ा करनेवाला होता
है । राजा का मं ी, िम ता जोड़ने म कुशल, बड़े लोगों का आदर करनेवाला तथा राजा से लाभ ा
करनेवाला होता है । साहसी, परा मी, आ ही, िसपाही जैसी वृि वाला, उ ोगी, त वसाय
करनेवाला तथा कुल की इ त बढ़ानेवाला होता है । धनवान होता है ।
अनुभव : तृतीयेश शिन होने के कारण ऊपर विणत फल सही िस होते ह।

चतुथश - ादश थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
सुखेशे यर थे सुखहीनो भवे र:।
िपतृसौ ं भवेद दीघायुजायते धुरवम्् ।।
यवन जातक के अनुसार -
यगते सुखपे िपतृनाशको यिद िवदे शगतो जनको भवेत्।
भवित दु खगैयुतजातक: शुभखगै: िपतृसौ कर: सदा:।।
चतुथश य म होने से जातक को सुख नहीं िमलता, िपता का सौ कम िमलता है , यह दीघायु होता
है । पाप ह (रिव, मंगल तथा शिन) हो तो िपता का नाश होता है अथवा वह जीिवत रहा हो तो िवदे श म
रहता है , शुभ ह (च , बुध, शु तथा गु ) हो तो िपता का सुख िमलता है । िपता की मृ ु होती है या इसे
िवदे श म रहना पड़ता है । पाप ह हो तो जातक की िभचारी स ित होती है । घरबार, खेतीबाड़ी म ब त
धन खच करता है । क भोगता है ।

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पंचमेश - य थान म
लोमेश संिहता के अनुसार -
सुतेशं ष र:फ थे पु श ु मा ुयात्।
मृ ुतो ा पु ोवा धनपु ोथवाभवेत्।।
यवन जातक के अनुसार -
यगतो पकृत् सुतनायको िवगतपु सुखं खचरै : खलै:।
सुतयुत च शुभै: कु ते नरं परदे शगमागमनो ुकम्।।
गग जातक के अनुसार -
पंचमेशे ादशगे कू्ररे सुतरिहत: शुभे ससुत:।
सुतसंतापकृ ो िवदे शगमनो तो मनुज:।।
पंचमेश य थान म होने से जातक के पु मर जाते ह, द क पु ले ना पड़ता है या कोई लड़का
खरीदकर पाला जाता है , या पु से श ुता होती है । पाप ह हो तो पु हीन तथा शुभ ह हो तो पु यु होता
है , अपने दे श और िवदे श म जाने आने की उ ुकता रहती है । पु ों के क से िवदे श म जाना चाहता है ।
बु के दु पयोग से आपि व द र ता से क होता है ।
अनुभव : पंचमेश मंगल होने के कारण ऊपर विणत अशुभ फल अनुभव होते ह।

ष ेश - लाभ थान म
लोमेश संिहता के अनुसार -
ष ेशे स म लाभे ल े वा पशुमान् भवेत्।
धनवान् गु ान् मानी साहसी पु विजत:।।
यवन जातक के अनुसार -
भवगतेऽ रपतौ खलसंगमो रपुजना रणं खलुजायते।
नृपितचौरजना नहािनकृत् शुभखगै: सततं शुभकृद भवेत्।।
गग जातक और मानसागरी के अनुसार -
यवनजातक जैसा वणन है , िसफ
चतु दा ाभवान् मनुज: इतना अिधक बतलाया है ।
ष े श लाभ म होने होने से जातक धनवान, गुणवान, अिभमानी, साहसी, पशु पालनेवाला, िक ु पु हीन
होता है । ष े श पाप ह (रिव, मंगल तथा शिन) लाभ म हो तो जातक दु ों की संगित म रहता है , श ु से
उसकी मृ ु होती है , राजा तथा चोरों से धनहािन होती है , शुभ ह हो तो हमेशा शुभ फल िमलता है । चौपाये
पशुओं से लाभ होता है । जातक को बड़े लाभ नहीं होते, िम ों से श ुता होती है ।
अनुभव : ष े श शु होने के कारण ऊपर विणत शुभ फल अनुभव होते ह।

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स मेश - दशम थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
द्ू यनेशेदशमेतुय त जाया पित ता।
धमा ा स संयु : केवल वातरोगवान्ं।।
यवन जातक के अनुसार -
दशमगे मदपे नृपदोषद: कुवचन: कपटी चपलो नर:।।
शुरदु जनानुचर: खलैिनजवधूजनयोनिह हषकृत्।।
गग जातक के अनुसार -
गृिहणीपे दशम थे नृपदोषी ल ट: पुमान् ू र:।
ू रे दु : शुर: ात सवतो िद ु।।
स मेश दशम थान म होने से जातक की प ी पित ता होती है , जातक धमा ा तथा स ि य होता है ,
इसे वातरोग होते ह। दीघ उ ोग करनेवाला तथा तं वसाय करनेवाला होता है । पाप ह (रिव, मंगल
तथा शिन) हो तो राजा को दोष दे नेवाला, कामुक, कपटी होता है , दु :खी व सास के प म रहता है । बुरी
बात कहनेवाला, चंचल होता है , ससुर व दु लोगों का अनुसरण करता है तथा प ी के स ी संतु नहीं
होते। कामुक, ू र होता है , ससुर दु व ब त िस होता है ।
अनुभव : स मेश बुध होने के कारण ऊपर विणत शुभ फल अनुभव होते ह।

अ मेश - लाभ थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
अ मेशे सुते लाभे कृते वृ : जायते।
ं न थीयते गेहे िसथरवृ भवे न।।
यवन जातक के अनुसार -
भवगतोऽ मप खलु चा तो भवित पुि युत: परत: सुखी।
शुभगैब जीवित युक् खलैभवित नीचजनै सम :।।
गग जातक व मानसागरी के अनुसार -
लाभ े चा मपे बा े दु :खी सुखी प ात्।
दीघायु सौ खगे पापेऽ ायुनरो भवित।।
अ मेश लाभ म होने से जातक की गित होती है िक ु उस म थरता नहीं रहती, धन घर म नहीं
िटकता। शुभ ह (च , बुध, शु तथा गु ) हो तो थोड़े प र म से संप , दू सरों से सुख ा करनेवाला
होता है , दीघायु होता है । जातक को एकदम ब त धन िमल सकता है , लोगों से पुर ार, िम ों से धन की
सहायता िमल सकती है । पाप ह (रिव, मंगल तथा शिन) हो तो नीच लोगों से यु होता है । बचपन म दु :ख
सहन कर बाद म सुखी होता है पर ु अ ायु होता है ।

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नवमेश - लाभ थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
भा ेशे पंचम लाभे भा वान् जनव भ:।
गु भ रतो मानी धीरोदारगुणैयुत:।।
यवन जातक के अनुसार -
भवित कमकरो ब नायक: सुकृतवान् ब दानपर: पुमान्।
धनपितनृपतेब िव भुक् सुकृतपे भवगेहगते सदा।।
गग जातक के अनुसार -
दीघायुधमपरो धने र: ेहलो नृपितलाभी।
सुकृतै: ात: सततं सुकृतपतौ लाभभवन थे।।
नवमेश लाभ थान म होने से जातक भा वान, लोकि य, बड़े लोगों का आदर करनेवाला, मानी, धैय,
उदारता आिद गुणों से यु होता है । ब त लोगों का नेता, पु वान, ब त दान करने वाला, धनी, राजा से
धन ा करनेवाला तथा काम करनेवाला होता है । दीघायु, धािमक, धनी, ेहशील, राजा से लाभ ा
करनेवाला तथा अ े काय से िस होता है । जातक पु यु होता है । जातक गरीब से अमीर होगा,
हमेशा इसके पास संपि का वाह आता रहे गा। जातक दानी अथवा उदार नहीं होता।

दशमेश - दशम थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
दशमेशे सुखे कम ानवान् सहिव मी।
गृ दे वाचनरतो धमा ा स संयुत:।।
यवन जातक के अनुसार -
जनिनसौ कर: शुभद: मातृकुलेषु रत: सुधी:।
अितपटु : बलो दशमािधपे गृहगे नृपमानधना त:।।
गग जातक व मानसागरी के अनुसार -
गगनपितगगनगतो जनयित जननी सुख दं पु षम्।
जननीकुलिवपुलसुखं कटघटीनां पटीयांसम्।।
दशमेश दशम म हो तो वह मनु ानी, परा मी, धमा ा, स परायण, गु प से िकसी दे वता की
पूजा करनेवाला होता है । माता को सुख दे ता है , शुभ काय करता है , माता के घराने पर ेम करता है ,
बु मान, कुशल, बलवान, तथा राजा से स ान व धन पानेवाला होता है । माता के कुल से अिधक सुखी,
घटनाओं मे चतुर होता है । जातक बड़े पद का अिधकारी होता है , स ान पाता है , लोगों म िस व
राजमा होता है ।

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लाभेश - लाभ थान म


लोमेश संिहता के अनुसार -
लाभेशे सं थते लाभे स वा ी जायते धुरवम्
् ।
पांिड ं किवता चैव वधते च िदने िदने।।
यवन जातक के अनुसार -
ब लजीिवत मु जना त: शुीावपु: खलु पुि युत: सदा।
अितसु पसुवाहनव युक् गृहगे भवभावपतौ नर:।।
गग जातक व मानसागरी के अनुसार -
यवनजातक जैसा वणन है ,
िसफ ब त पु ंदकपौ होना इतना फल अिधक बताया है ।
लाभेश लाभ थान म होने से जातक बोलने म िनपुण होता है , इसका पां िड व किव िदनों िदन बढ़ता
है । दीघायु, सु र व बिल , अ े लोगों व वाहनों-व ों से यु होता है । िनर र लाभ होगा, ीमान होकर
सुख पायेगा।

येश - य थान म
लोमेश संिहता के अनुसार -
येशेऽ र ये पापी मातृमृ ुिविच क:।
ोधी स ानदु :खी च परजायासु ल ट:।।
यवन जातक के अनुसार -
भवित बु युत: कृपण: खल: परिनवासरत: थरकायकृत्।
पशुजनै रतो ब भोजनो यपतौ यगे सित मानव:।।
गग जातक व मानसागरी के अनुसार -
िवभूितमान् ामिनवासिचत: काप बु : पशुसं ही च।
चे ीवित ामयुत: सदा ात् यािधनाथे यगेहलीने।।
येश य म होने से जातक पापी, ोधी, पर यों म आस , स ान के कारण दु :खी व माता की
मृ ु चाहनेवाला होता है । जातक बु मान, कंजूस, दु , दू सरों के घर रहनेवाला, पशुओं को चाहनेवाला, खूब
खानेवाला होता है । वह धनवान, गां व म रहना चाहनेवाला, कंजूस, पशुओं का सं ह करनेवाला, जीिवत रहा
तो हमेशा गां व म रहता है । ीसुख के िलए धन ब त खच होगा, बुरी आदतों से या मूखता से द र ता
आयेगी।
अनुभव : येश मंगल होने के कारण ऊपर विणत अशुभ फल अनुभव होते ह।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI साढ़े साती का िवचार

शिन की साढ़े साती का िवचार

ोितष त काश के अनुसार -


ादशे ज गे राशौ ि तीये च शनै र:।
साधािन स वषािण तथा दु :खैयुतो भवेत्।।

ज रािश (च रािश) से गोचर म जब शिन ादश, थम एवं ि तीय थानों म मण करता है , तो


साढ़े -सात वष के समय को शिन की साढ़े साती कहते ह।

आपकी ज रािश तुला है , अत: शिन जब क ा, तुला व वृि क रािश म मण करे गा तो शिन की
साढ़े साती कहलायेगी।

एक साढ़े साती तीन ढ़ै या से िमलकर बनती है । ोंिक शिन एक रािश म लगभग ढ़ाई वष तक चलता है ।

ाय: जीवन म तीन बार साढ़े साती आती है ।

िन िल खत सारणी म ेक साढ़े ़साती के ार और समा का समय दशाया जा रहा है ।

साढ़े साती च शिन का ार ितिथ समा ितिथ अंतराल अ कवग


गोचर वष-मास-िदन शिन सव

थम च की साढ़े साती
थम ढ़ै या (ज रािश से ादश) क ा 09-09-2009 15-11-2011 2-2-6 4 33
क ा (व) 16-05-2012 04-08-2012 0-2-18
ि तीय ढ़ै या (ज रािश पर) तुला 15-11-2011 16-05-2012 0-6-1 4 24
तुला (व) 04-08-2012 02-11-2014 2-2-28
तृतीय ढ़ै या (ज रािश से ि तीय) वृि क 02-11-2014 26-01-2017 2-2-24 1 25
वृि क (व) 20-06-2017 26-10-2017 0-4-6

ि तीय च की साढ़े साती


थम ढ़ै या (ज रािश से ादश) क ा 22-10-2038 05-04-2039 0-5-13 4 33
क ा (व) 12-07-2039 27-01-2041 1-6-15
ि तीय ढ़ै या (ज रािश पर) तुला 27-01-2041 06-02-2041 0-0-9 4 24
तुला (व) 26-09-2041 11-12-2043 2-2-15
तृतीय ढ़ै या (ज रािश से ि तीय) वृि क 11-12-2043 23-06-2044 0-6-12 1 25
वृि क (व) 30-08-2044 07-12-2046 2-3-7

तृतीय च की साढ़े साती


थम ढ़ै या (ज रािश से ादश) क ा 30-08-2068 04-11-2070 2-2-4 4 33
क ा (व) --
ि तीय ढ़ै या (ज रािश पर) तुला 04-11-2070 05-02-2073 2-3-1 4 24
तुला (व) 31-03-2073 23-10-2073 0-6-22
तृतीय ढ़ै या (ज रािश से ि तीय) वृि क 05-02-2073 31-03-2073 0-1-26 1 25
वृि क (व) 23-10-2073 16-01-2076 2-2-23

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI शिन की साढ़े साती तथा ढ़ै या के उपाय

शिन की साढ़े साती तथा ढ़ै या के उपाय
शिन की साढ़े साती या ढ़ै या के अशुभ भावों को कम करने के िलए िन िल खत उपाय कर -
1. म
(क) महामृ ुंजय मं का सवा लाख जप (िन 10 माला, 125 िदन) कर -
ॐ य कम् यजामहे सुग ं पुि व नं उवा किमव ब ना ृ ोमु ीय मामृतात्।
(ख) शिन के िन द मं का 21 िदन म 23 हजार जप कर -
ॐ श ोदे वीरिभ य आपो भव ु पीतये । शंयोरिभ व ु न:। ॐ शं शनै राय नम:।
(ग) पौरािणक शिन मं -
ॐ नीलांजनसमाभासं रिवपु ं यमा जम्। छायामात स ूतं तं नमािम शनै रम्।।

2. ो - शिन के िन िल खत ो का 11 बार पाठ कर या दशरथ कृत शिन ो का पाठ कर।


कोण थ: िपंगलो ब :ु कृ ो रौ ोऽ को यम:। सौ र: शनै रो म : िप लादे न सं ुत:।।
तािन शिन-नामािन जपेद सि धौ। शनै रकृता पीडा न कदािचद् भिव ित।।

साढ़े साती पीडानाशक ो - िप लाद उवाच -


नम े कोणसं थय िपं लाय नमो ुते। नम ेब ु पाय कृ ाय च नमो ु ते।।
नम े रौ ् रदे हाय नम े चा काय च। नम े यमसं ाय नम े सौरये िवभो।।
नम े यमदसं ाय शनै र नमो ुते। सादं कु दे वेश दीन णत च।।
3. र / धातु
शिनवार के िदन काले घोड़े की नाल या नाव की सतह की कील का बना छ ा म मा म धारण कर।

4. त
शिनवार का त रख। त के िदन शिनदे व की पूजा (कवच, ो , म जप) कर। शिनवार तकथा पढ़ना भी लाभकारी रहता है ।
त म िदन म दू ध, ल ी तथा फलों के रस हण कर, सां यकाल हनुमान जी या भैरव जी का दशन कर। काले उड़द की खचड़ी
(काला नमक िमला सकते ह) या उड़द की दाल का मीठा हलवा हण कर।
5. औषिध
ित शिनवार सुरमा, काले ितल, सौंफ, नागरमोथा और लोध िमले ए जल से ान कर।
6. दान
शिन की स ता के िलये उड़द, तेल, इ नील (नीलम), ितल, कुलथी, भस, लोह, दि णा और ाम व दान कर।
7. अ उपाय
(क) शिनवार को सां यकाल पीपल वृ के चारों ओर 7 बार क ा सूत लपेट, इस समय शिन के िकसी मं का जपे करते रह। िफर
पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक िलत कर, तथा ात-अ ात अपराधों के िलए मा माँ ग। (ख) शिनवार को अपने हाथ की
नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहन। (ग) टोटका - शिनवार के िदन उड़द, ितल, तेल, गुड़ िमलाकर लड्ू ड बना ल और
जहाँ हल न चला हो वहां गाड़ द। (घ) शिन की शा के िलए िब ू की जड़ शिनवार को काले डोरे म लपेट कर धारण कर।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI साढ़े साती फल

साढ़े साती फल

ाचीन काल से सामा भारतीय जनमानस म यह धारणा चिलत है िक शिन की साढ़े साती ब धा मानिसक, शारी रक और आिथक
ि से दु खदायी एवं क द होती है । शिन की साढ़े साती सुनते ही लोग िच त और भयभीत हो जाते ह। साढ़े साती म अस ोष, िनराशा,
आल , मानिसक तनाव, िववाद, रोग- रपु-ऋण से क , चोरों व अि से हािन और घर-प रवार म बड़ों-बुजुग की मृ ु जैसे अशुभ फल
होते ह। शा शिन की साढ़े साती का फल इस कार बतलाते ह-
क ाणं खलु य ित रिवसुतो राशौ चतुथ म ािध ब ुिवरोधदे शगमनं ेशंच िच ािधकम्।।
राशौ ादशशीषज दये पादौ ि तीये शिननाना ेशकरोऽिप दु जनभयं पु ान् पशून् पीडनम्।।
हािन: ा रणं िवदे शगमनं सौ ं च साधारणम् रामा र िवनाशनं कु ते तुया मे वाथवा।।
अथात् च रािश से चौथे या आठव थान म शिन आने पर रोग, भाइयों से लडाई िवदे श म वास, क ,िच ा ये फल िमलते ह। च रािश
से बारहव, पहले या दू सरे थान म गोचर के शिन से (साढ़े साती म)िसर, दय, पैर म पीड़ा होती हे , दु ों से भय होता है , पु ों और पशुओं
को क होता है ।

अनुभव म पाया गया है िक स ूण साढ़े -सात साल पीड़ा दायक नहीं होते। ब साढ़े साती के समय म कई लोगों को अ िधक शुभ फल
जैसे िववाह, स ान का ज , नौकरी- वसाय म उ ित, चु नाव म िवजय, िवदे श या ा, इ ािदभी िमलते ह।

थम च की साढ़े साती का फल
(09-09-2009 से 26-01-2017 तक)
शिन के साढ़े साती का थम च अ बल होता है इस अविध म आपको शारी रक क , अवरोध एवं अनेक कार से ित उठानी पड़
सकती है । माता-िपता को भी शिन पीि़डत करता है ।

ि तीय च की साढ़े साती का फल


(22-10-2038 से 23-06-2044 तक)
ि तीय आवृि म शिन अपे ाकृत म म भाव डालता है । इस अविध म आपकी अपने म व संघष से उ ितहोगी। मानिसक अशा
अव बनी रह सकती है िक ु भौितक उ ित िनि त होगी। माता-िपता या अ बुजुग का िवयोग सहन करना पड़ सकता है ।

तृतीय च की साढ़े साती का फल


(30-08-2068 से 31-03-2073 तक)तृतीय आवृि म शिन अनेक कठोर फल दे ता है । इस अविध म मारक का भाव अिधक होने के
कारण आपको बल शारी रक क हो सकता है । इस आ मण से सौभा शाली ही सुरि त रह पाते ह।

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साढ़े साती की थम, ि तीय व तृतीय ढ़ै या का फल
यह सामा त: पाया गया है िक साढ़े साती की तीन ढ़ै या म से एक शु भ, एक म म तथा एक अशु भ फलदायी होती है । इसका िनणय शिन के अ क
वग तथा सवा क वग म ा शु भ रे खाओं की सं ा के आधार पर िकया जाता है । यिद शिन अ क वग म चार रे खाय तथा सवा क वग म 28
रे खाय ह तो शिन िमि त फलदायी होता है । इससे कम है तो अशु भ तथा अिधक होने पर शु भ फल ा होते ह। यिद ज कु ली म शिन बलवान
(उ , े ीय आिद) या योगकारक हो या च रािश का ामी हो तो जातक के िलए शिन का दु भाव औरों की अपे ा ब त कम होता है ।

साढ़े साती की थम ढ़ै या का फल
थम च 09-09-2009 से 15-11-2011 तक व 16-05-2012 से 04-08-2012 तक
ि तीय च 22-10-2038 से 05-04-2039 तक व 12-07-2039 से 27-01-2041 तक
तृतीय च 30-08-2068 से 04-11-2070 तक व से तक
इस अविध म शिन च रािश से बारहव मण करता है तथा दू सरे , छठ, नव भावों पर पूण ि होती है । थम ढ़ै या म शिन का िनवास िसर पर रहता
है । मानिसक-शारी रक सुख म कमी आती है । ने ों की ािध, च आिद का योग स व है । अचानक आिथक हािन होती है । अवां ि त
अित र य, अप य होता है । जातक आिथक प से िथत रहता है आय की अपे ा य अिधक होता है । कुटु से िवयोग हो सकता है ।
प रवार म अशा रहती है । िपता को क होता है । िपता से तनाव होता है । भा पतन का भय रहता है । काय म परे शािनयाँ एवं िवल होता है ।
यासों के सुफल नहीं िमलते। लोगों से सहयोग नहीं िमलता। राजकीय लोगों से पीड़ा स व है । आ ा कता म िच जा त होती है । दु घटनाओं
का भय होता है । थ मण होता है । दू र की या ा करनी पड़ती ह, िजसम क उठाना पड़ता है । यह शिन पंचम से अ म होता है , अत: स ान के
िलए भी यह समय क द होता है ।

साढ़े साती की ि तीय ढ़ै या का फल


थम च 15-11-2011 से 16-05-2012 तक व 04-08-2012 से 02-11-2014 तक
ि तीय च 27-01-2041 से 06-02-2041 तक व 26-09-2041 से 11-12-2043 तक
तृतीय च 04-11-2070 से 05-02-2073 तक व 31-03-2073 से 23-10-2073 तक
इस अविध म शिन च रािश पर मण करता है तथा तीसरे , सातव, दसव भावों पर पूण ि होती है । शिन इस ढ़ै या म उदर भाग म रहता है । अत:
शरीर के स ूण म भाग म रोग ािध स व होती है । शारी रक तेज भािवत होता है । बु काम नहीं करती, गलत िनणय होते ह।भाईयों से तथा
ापार म साीदार से िववाद होता है । प ी को शारी रक क अथवा प ी से गड़ा होता है । आिथक िच ाएँ िनर र रहती ह। मानिसक र पर बल
उ े लन रहता है । थ का भय िथत करता है । कोई काय मनोनुकूल नहीं होता, अपूण काय दु :खी करते ह, वधान बल रहते ह। पा रवा रक
तथा वसाियक जीवन अ - रहता है । िकसी स ी को मारक क होता है । दू र थानों की या ाएँ , श ु ओं से क , आ य जनों से अलगाव
ािध, स ि ित व सामािजक पतन, िम ों का अभाव एवं काय म अवरोध इस चरण के फल ह।

साढ़े साती की तृतीय ढ़ै या का फल


थम च 02-11-2014 से 02-11-2014 तक व 20-06-2017 से 26-10-2017 तकझ
ि तीय च 11-12-2043 से 23-06-2044 तक व 30-08-2044 से 07-12-2046 तक
तृतीय च 05-02-2073 से 31-03-2073 तक व 23-10-2073 से 16-01-2076 तक
इस अविध म शिन च रािश से दू सरे मण करता है तथा चौथे, आठव, ारहव भावों पर पूण ि होती है । उतरती साढ़े साती म शिन पैरों पर रहता
है , अत: इस अविध म पैरों म क होता है । शारी रक ि से िनबलता आती है । दै िहक प से जड़ता का अनुभव होता है , शरीर म आल रहता है ।
आन बािधत होता है । थ के िववाद उ होते ह। आ यों से अकारण संघष होता है उ ग ीर ािध अथवा िकसी को मरण तु क होता
है । सुखों का नाश होता है , पदािधकार पर संकट आता है । य अ िधक होता है । पैसा आता है िक ु उसी गित से य भी होता है । िन े णी के
लोगों से क िमलता है । अ म पर ि होने से आयु भािवत होती है । चतुथ पर ि होने से गृह सुख, मातृसुख, वाहन सुख आिद तथा भौितक
सुख-सुिवधाओं म बाधा आती है ।

HINDI • 60
ABHIMANYU PURI GOSWAMI ढ़ै या व कंटक शिन का फल

लघु क ाणी ढ़ै या व कंटक शिन का फल
शिन की चतुथ थान की ढ़ै या (कंटक शिन) का फल
थम च से तक व से तक
ि तीय च 24-01-2020 से 29-04-2022 तक व 12-07-2022 से 17-01-2023 तक
तृतीय च 06-03-2049 से 09-07-2049 तक व 04-12-2049 से 24-02-2052 तक
च रािश से शिन चतुथ थान म मण करता है तो छठे , दसव एवं च ल पर पूण ि रहती है । थान प रवतन या थाना रण होता
है । आवासीय सुख की ित होती है । दय स ी क या अिनयिमत र चाप स व होता है । स यों से िवयोग होता है । पा रवा रक
सुख म कमी आती है । जनता एवं रा दोनों ारा िवरोध होता है । शिन की पूण ि छठे भाव पर रहती है । अत: श ु ओं एवं रोगों से क
होता है । शिन की पूण ि दशम पर रहती है । अत: काय े म अवरोध आता है । शिन की दशम ि च ल पर रहती है । अत: मन
म घबड़ाहट रहती है ।

शिन के स म थान की ढ़ै या (कंटक शिन) का फल


थम च 17-04-1998 से 06-06-2000 तक व से तक
तीय च 02-06-2027 से 20-10-2027 तक व 23-02-2028 से 08-08-2029 तक
तृतीय च 07-04-2057 से 27-05-2059 तक व से तक
ज रािश से शिन स म थान म मण करता है तो नवम, च ल एवं चतुथ पर पूण ि रहती है । प ी को शारी रक क होता है
अथवा प ी या ापार के भागीदारी से ग ीर मतभेद होते ह। जातक मू -जनन त स ी रोगों से क पाता है । मानिसक िच ाएं
बढ़ती ह। नवम पर ि होने से भा म गितरोध आता है , िपता को क होता है , मान स ान पर आं च आती है तथा काय े म उथल
पुथल होती है । चतुथ पर ि होने से माता का ा भािवत होता है । वाहन स ी क होते ह। घर छोड़ना पड़ता है , दीघ वास
होता है , या ाय होती ह और या ा म क होता है ।

शिन के अ म थान की ढ़ै या का फल
थम च 06-06-2000 से 23-07-2002 तक व 08-01-2003 से 07-04-2003 तक
ि तीय च 08-08-2029 से 05-10-2029 तक व 17-04-2030 से 30-05-2032 तक
तृतीय च 27-05-2059 से 10-07-2061 तक व 13-02-2062 से 06-03-2062 तक
ज रािश से शिन अ म थान म मण करता है तो दसव, दू सरे एवं पंचम भाव पर पूण ि रहती है । आयु बल भािवत होता है ।
दीघाविध की बीमारी या दु घटना की संभावना रहती है । अपमािनत होने का भय रहता है । राजकीय लोगों से पीड़ा का भय रहता है ।
काय े म प रवतन का योग बनता है । काय ापार पर आघात लगता है । धन स ि की हािन होती है । स ान को क होता है या
स ान िवयोग की संभावना बनती है ।

शिन के दशम थान की ढ़ै या (कंटक शिन) का फल


थम च 05-09-2004 से 13-01-2005 तक व 26-05-2005 से 01-11-2006 तक
ि तीय च 12-07-2034 से 27-08-2036 तक व से तक
तृतीय च 24-08-2063 से 05-02-2064 तक व 09-05-2064 से 12-10-2065 तक
शिन रािश से दसव मण करता है तो बारहव, चतुथ एवं स म भावों को भी अपनी पूण ि से भािवत करता है । काय े म अवरोध
आता है । आजीिवका े म उ ान पतन या ित म होता है । िकसी ऐसे काय ( ापार) म वृि हो िजसम असफलता हो या ऐसा दु
कम बन जाए िजसके कारण अ ित ा हो, स ान भंग हो। अनाव क आिथक य के संग आते ह। प ी से मतभेद या अलगाव संभव
है । घर स ि के बारे म िच ा उ होती है ।

HINDI • 61
ABHIMANYU PURI GOSWAMI ढ़ै या व कंटक शिन

शिन की लघु क ाणी ढ़ै या व कंटक शिन

ज रािश (च रािश) से चतुथ एवं अ म् थान म शिन का मण लघु क ाणी ढ़ै या कहलाता है -


क ाणी ं ददाित वै रिवसुतो राशे तुथा मे ।
आपकी ज रािश तुला है , जब शिन चतुथ अथात् मकर रािश म तथा अ म् अथात् वृष रािश म मण
करे गा तो शिन की लघु क ाणी ढ़ै या कहलायेगी।

च ल से गोचर म शिन चतुथ, स म, दशम थान म हो तो कंटक शिन कहलाता है ।


आपकी ज रािश तुला है अत: जब शिन मकर, मेष और कक म मण करे गा तो कंटक शिन कहा जायेगा।

आपके जीवन म लघु क ाणी ढ़ै या व कंटक शिन कब-कब चलेगा इसकी जानकारी िन तािलका से कर -

शिन का ार ितिथ समा ितिथ अंतराल अ कवग


गोचर वष-मास-िदन शिन सव

ढ़ै या की थम आवृि
चतुथ थान थ कंटक शिन व मकर -- 2 22
लघु क ाणी ढ़ै या मकर (व) --

स म थान थ कंटक शिन मेष 17-04-1998 06-06-2000 2-1-19 5 23


मेष (व) --

अ म् थान थ लघु क ाणी ढ़ै या वृष 06-06-2000 23-07-2002 2-1-17 3 31


वृष (व) 08-01-2003 07-04-2003 0-2-29

दशम थान थ कंटक शिन कक 05-09-2004 13-01-2005 0-4-8 3 29


कक (व) 26-05-2005 01-11-2006 1-5-5
ढ़ै या की ि तीय आवृि
चतुथ थान थ कंटक शिन व मकर 24-01-2020 29-04-2022 2-3-5 2 22
लघु क ाणी ढ़ै या मकर (व) 12-07-2022 17-01-2023 0-6-5

स म थान थ कंटक शिन मेष 02-06-2027 20-10-2027 0-4-18 5 23


मेष (व) 23-02-2028 08-08-2029 1-5-15

अ म् थान थ लघु क ाणी ढ़ै या वृष 08-08-2029 05-10-2029 0-1-27 3 31


वृष (व) 17-04-2030 30-05-2032 2-1-13

दशम थान थ कंटक शिन कक 12-07-2034 27-08-2036 2-1-15 3 29


कक (व) --
ढ़ै या की तृतीय आवृि
चतुथ थान थ कंटक शिन व मकर 06-03-2049 09-07-2049 0-4-3 2 22
लघु क ाणी ढ़ै या मकर (व) 04-12-2049 24-02-2052 2-2-20

स म थान थ कंटक शिन मेष 07-04-2057 27-05-2059 2-1-20 5 23


मेष (व) --

अ म् थान थ लघु क ाणी ढ़ै या वृष 27-05-2059 10-07-2061 2-1-13 3 31


वृष (व) 13-02-2062 06-03-2062 0-0-23

दशम थान थ कंटक शिन कक 24-08-2063 05-02-2064 0-5-11 3 29


कक (व) 09-05-2064 12-10-2065 1-5-3

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI मंगली-दोष िवचार

मंगली-दोष िवचार
1. अग संिहता के अनुसार -

धने ये च पाताले जािम े चा मे कुजे।


भाया भतु िवनाशाय भतु ी िवनाशनम्।।
2. मानसागरी के अनुसार -

धने ये च पाताले जािम े चा मे कुजे।


क ा भतुिवनाशाय भतु: क ा िवन ित।।
3. बृहत् ोितषसार के अनुसार -

ल े ये चतुथ च स मे वा अ मे कुज:।
भतारं नाशयेद् भाया भताभाया िवना ेत्।।
4. भावदीिपका के अनुसार -

ल े ये च पाताले जािम े चा मे कुजे।


ीणां भतु िवनाश: ात् पुंसां भाया िवन ित।।
5. बृहत् पाराशर होरा के अनुसार -

ल े ये सुखे वािप स मे वा अ मे कुजे।


शुभ ग् योग हीने च पितं ह न संशयम्।।
उपरो ोकों का भावाथ यह है िक ज ल से थम, ि तीय, चतुथ, स म, अ म या ादश थान
म मंगल थत होने पर मंगल दोष या कुज दोष होता है ।

कुछ आचाय के अनुसार ल के अित र च ल , शु या स मेश से इ ीं थानो म मंगल


थत होने पर भी मंगली दोष होता है ।

शा ो है -
ल े दु शु ाद् दु : थाने य ि ित संभव:।
त शापाक समये दोषमा मनीिषण:।।
यिद मंगल ल , चं मा या शु से दु : थान म थत हो तो उसकी दशा म अशुभ फल ा होते ह।

सामा त: मंगल दोष को ल व च से दे खा जाता है ।

ABHIMANYU PURI GOSWAMI की कु ली म मंगल ल से ादश भाव म थत है और च ल से ि तीय


भाव म थत है ।
अत: ABHIMANYU PURI GOSWAMI ज ल से मां गिलक ह मगर च ल से नहीं।

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ABHIMANYU PURI GOSWAMI मंगली दोष का फल

मंगली दोष का फल

मंगली दोष वैवािहक जीवन को िविभ कार से भािवत करता है - िववाह म िव , िवल ,
वधान या धोखा, िववाहोपरा द ित म से िकसी एक अथवा दोनों को शारी रक, मानिसक अथवा
आिथक क , पार रक मन-मुटाव, आरोप- ारोप तथा िववाह-िव े द। अगर दोष अ िधक बल
आ तो दोनों अथवा िकसी एक की मृ ु हो सकती है ।

िफर भी मंगली दोष से भयभीत या आतंिकत नहीं होना चािहये। यास यह करना चािहये िक मंगली का
िववाह मंगली से ही हो ोंिक मंगल-दोष सा होने से वह भावहीन हो जाता है तथा दोनों सुखी
रहते ह।

द ोज काले यधनिहबुके स मे ल र े। ल ा ा शु ादिप भवित यदा भूिमपु ो योव।।


त ा ा ु िम चुरधनपतां दं पती दीघ-काला। जीवेतामेकहा न भवित म रित ा र ाि मु ा:।।

अथात यिद वर और क ा के ज ां ग म मंगल ि तीय, ादश, चतुथ, स म अथवा अ म भाव म ल ,


चं मा अथवा शु से समभाव म थत हो तो समता का मंगल दोष होने के कारण वह भावहीन हो
जाता है । पर र सुख, धनधा , संतित, ा एवं िम ािद की उपल रहती है ।
कुज दोष व ी दे या कुजदोषवते िकल। ना दोषो न चािन ं द ो सुखवधनम्।।
मंगल दोष वाली क ा का िववाह मंगल दोष वाले वर के साथ करने से मंगल का अिन दोष नहीं होता
तथा वर-वधू के म दा -सुख बढ़ता है ।

मंगली दोष प रहार के उपाय

मंगली दोष की शा के िलये मुख उपाय ह -

* मंगलवार का त रख। िदन म नमक के िबना तरल भो पदाथ (चाय, काफी, दू ध, ल ी, फलों
के रस) ल। सायंकाल थाली म रोली से ि कोण बनाएँ तथा पंचोपचार (लाल चंदन, लाल पु , धूप,
दीप तथा नैवे ) से पूजन कर। त ात् सूया से पूव ही गे ँ की रोटी, घी, गुड़ हण कर।

* मंगल दोष अिधक बल हो तो मंगल चंिडका ो का 108 िदन तक िन ित 21 बार जप कर।


ात: काल पूवािभमुख होकर बैठ व पंचमुखी दीप िलत करके अपने इ तथा मंगल ह का
पंचोपचार से पूजन कर, िफर िन िल खत जप कर -

र र जग ातदिव मंगलचंिडके ।
हा रके िवपदां राशे हषमंगलका रके ।।
हषमंगलद े च हषमंगलदाियके ।
शुभे मंगलद े च शुभे मंगलचंिडके ।।
मंगले मंगलाह च सवमंगलमंगले ।
सदा मंगलदे दे िव सवषां मंगलालये ।।

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र परामश
र घारण करने से जीवन के िविभ े ों म संभािवत प रवतन िकए जा सकते ह। यह एक चीन िव ा है । मिण
माला नामक म र ों के बारे म कहा गया है -
मािण ं तरणे: सुजा ममलं मु ाफलं शीतगोमाहे य च िव ुमो िनगिदत: सौ गा तं ।
दे वे च पु रागमसुराचा यसय व ं शनेन लं िन लम यो गिदते गोमेदवैदू के ।।
" हों के िवपरीत होने पर उ शा करने के िलए र पहने जाते ह। सूय के िवपरीत होने पर िनद ष मािणक, च के िवपरीत होने पर उ म
मोती, मंगल के िलए मूंगा, बुध के िलए प ा, बृह ित के िलए पुखराज, शु ् र के िलए हीरा, शिन को शा करने के िलए नीलम, रा के िलए
गोमेद एं व केतु के िवपरीत होने पर लसुिनया घारण करना चािहए।"- मिण माला भाग 2, 79
ध ंय मायु ं ीमद् सनसूदनं । हषणं का मोज ं र ाभरणधारणं ।।
ह ि हरं पुि करं दु :ख णाशनं । पापदौभा शमनं र ाभरणधारणं ।।
"र जि़डत आभूषण को घारण करने पर स ान, यश, ल ी आयु, धन, सुख और धन म वृ होती है तथा सभी कार की अिभलाषाओं की
पूित होती है । ऐसा करने से ह के िवपरीत भाव कम होते ह, शरीर पु होता है तथा दु :ख, पाप एं व दु भा का नाश होता है ।" - मिण माला,
भाग 2, 121-122

जीवन र

ल ेश का र धारण करना सदा शुभफल दे ने वाला होता है । यह ा , ाणश , काय म िस तथा


कुशलता दान करता है । यह जीवन के बाकी े ों म भी सहायता दान करता है । आपका ल ेश बृह ित है
अत: बृह ित का र धारण करना आपके िलए शुभकारी होगा। बृह ित के िलए र ह - पुखराज, येलो टोपाज़,
िसटराइन।

"पुखराज ख ा, शीतल, वायु का नाश करने वाला, जठराि की वृ करने वाला तथा घारण करने पर यश, घन
तथा बु की वृ करने वाला होता है ।" - मिण माला, भाग 2, 65

धारण करने की िविध - बृह ित के र को ण म जि़डत िकया जाना चािहए। र जि़डत अंगूठी को तजनी
म गु वार को सूय दय से एक घ ा पहले धारण कर।
बृह ित के र को शु तथा बल करने के िलए मं - ॐ बृं बृह तये नम:।

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पु र

पंचमेश का र पु दान करता है तथा यह सृजना क श तथा स ान के िलए भी शुभकारी है । आपका


पंचमेश मंगल है , अत: मंगल का र आपके िलए लाभकारी होगा। मंगल के िलए र है मूंगा।
" , कोमल, शीतल तथा िविश लाल रं ग का मूंगा शुभ, िहतकारी घनघा दान करने वाला तथा िवष का
नाश करने वाला होता है ।" - मिण माला, भाग 1, 356
"मूंगा ख ा तथा मधुर, कफ-िप दोष का नाश करने वाला, बलकारी, शरीर को शोभा दे ने वाला तथा घारण
करने वाली यों का मंगल करने वाला होता है ।" - मिण माला, भाग 2, 66
धारण करने की िविध - मंगल के र को चां दी म जि़डत िकया जाना चािहए। िक ु यिद इसे साहस, बल, तथा
शारी रक उ ता बढ़ाने के िलए धारण करने के िलए इसे ण म भी जि़डत िकया जा सकता है । र जि़डत
अंगूठी को अनािमका अथवा किन ा म मंगलवार को सूय दय के एक घं टे प ात धारण कर।
मंगल के र को शु तथा बल करने के िलए मं - ॐ अं अंगारकाय नम:।

भा र

नवमेश के िलए र भा दान करता है । आपका नवमेश सूय है , अत: सूय का र आपके िलए लाभकारी होगा।
सूय के िलए र है मािणक, रे ड ाइनल, लाल गारनेट।
"पूणतया शु और दोषरिहत मिण घर म रखने का भाव अ मे य के आयोजन के समान शुभ फल दान
करने वाला तथा घन उ और सफलता दान करने वाला होता है ।" - मिण माला, भाग 1, 219
"जो अपने मकान म शु मिण रखता है , यिद वह सदा श ु से िघरे ए घर म रहे अथवा बुरा भा उस पर
हमला करे , उस पर कोई भाव नहीं पड़े गा।" - मिण माला, भाग 1, 199
"मिणक मधुर, शीतल, वायुिप का नाश करने वाला तथा रासायिनक काय म ब त उपयोगी है ।" - मिण माला,
भाग 2, 62
धारण करने की िविध - सूय के र ों को ण म जि़डत करना चािहए, इसे तां बे म भी जि़डत िकया जा सकता
है । र जि़डत अंगूठी को अनािमका म रिववार को सूय दय के समय धारण कर।
सूय के र को शु तथा बल करने के िलए मं - ॐ घृिण: सूयाय नम:।
सामा िनदश

साधारणतया सदा उ कोिट के र धारण िकए जाने चािहएं । उप र व कम श के र कम मंहगे होते ए


भी अ े फल दे ते ह मगर फलदायक होने के िलए इनका बड़ा आकार का होना आव क है । र को
भावकारी करने के िलए, धारण करने से पहले उसे क े दू ध और शु जल से धोना चािहए। इसके प ात इसे
हाथ म ले कर ान के त करते ए िदए गए मं का 108 बार जाप कर। पु षों को र दाएं हाथ पर तथा
यों का बाएं हाथ पर धारण करना चािहए। र को अंगूठी म अथवा बाजू म पहनना चािहए। इ गले म भी
पहना जा सकता है पर इससे लगातार शरीर से स क नहीं रहता। र का शरीर से स क अित आव क है ।

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कु ली म शुभ योग

सं ा - केदार योग
सब ह जब चार थानों म होते ह, तब 'केदार' योग बनता है ।
फल : केदारयोगज जातक ब तों का उपकारक, िकसान, स वादी, सुखी, चंचल भाव वाला तथा धनी
होता है । बृह ाराशर होराशा म् (अ ाय 36, ोक 17, 47) मता र से धनवान, कृिष से लाभ, सु ,
बु मान, उपकारी, नौकरी से लाभा त, पू व आयु म क बाद म क , रिहत जीवन, माता-िपता का सुख
ब धा दीघजीवी होते ह।

भ - महापु ष योग
यिद बुध अपनी उ रािश या रािश म थत होकर ल से के म हो तो 'भ ' योग होता है ।
फल : भ योग म उ जातक का िसंह के समान चेहरा, हाथी के समान गित, पु ऊ , उ त व थल
तथा बा ल े, गोल और पु होते ह। जातक मानी, ब ुजनों के उपकार म िनपु ण, िवपु ल ा, यश, धन
वाला राजा के समान होता है और 80 वष की आयु होती है । योगजनक ह: बुध

दु धरा योग
जब च मा से ि तीय तथा ादश म सूय के अित र कोई न कोई ह हो तो दु धरा नाम का योग होता
है ।
फल : दु धरो मनु धनी, वाहनयु , दानी, सुखी, नौकरों से यु तथा श ुह ा होता है ।
दु धरो मनु वाणी बु परा म व गुणों से भूिम (संसार) म ाित ा करने वाला, त सुख
ल ी वाहन सवारी आिद के सुख को भोगने वाला, दानी, पा रवा रक पालन से दु :ख ा करने वाला,
अ े वहार वाला व धान होता है । योगजनक ह : मंगल, बुध, बृह ित, शु , शिन।

दु धरा योग (बुध गु )


जब च मा से ि तीय तथा ादश बुध गु ह हों तो दु धरा नाम का योग होता है ।
फल : बुध गु से दु धरा योग हो तो जातक धमपरायण, शा ाता, वाचाल, सु र किव, धनी, ागी
और िस होता है । सारावली (अ ाय 13, ोक 24)

उभयचर योग
सूय से ि तीय, ादश दोनों म च मा के अित र अ हों के रहने से उभयचर योग होता है ।
फल : फल : (1) 'पाप' उभयचरो जातक रोग , द र ी, अ त कम करने वाला होता है । 'शु भ'
उभयचरो जातक राजा तु धनी, ऐ यशाली, बलवान्, सुखी, सुशील, दयावान् बनाते ह। (2) जातक
सम कायभार को सहन करने वाला, क ाण से युत (पाठा र से सु र सम ि वाला), समान शरीर
वाला, अिधक बलवान्, अिधक ऊँची दे ह से रिहत, सम व ु व साधनों से पू ण, िव ावान्, सु र ऐ य
से युत, अिधक नौकर व धन से युत, अपने ब ु बा वों का र क, राजा के स श, पू ण उ ाही, स
िच व सुख भोग करने वाला होता है । योगजनक ह : सूय, मंगल, बुध, बृह ित, शु , शिन।

सफल अमल कीितयोग


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ल से दशम थान म शुभ ह थित हो तो 'अमल योग' बनता है ।


फल : फल : इसम उ जातक राजपू , भोगे , दानी, ब ुजनि य, परोपकारी तथा गुणवान् होता है ।। जो अमला योग म
पै दा होता है , वह आचारवान् धम म मित रखने वाला, स , सौभा वान्, राजा ारा स ािनत, मृदु भाव का, मु राकर
बोलने वाला और धनी होता है । फलदीिपका (अ ाय 6, ोक 12) (3) अमला योग म ज लेने वाला मनु िनमल कीित
वाला तथा थायी धनवान् होता है । योगजनक ह : च मा और बुध शु बृह ित।

पवतयोग
◌ाठा म थान हरिहत या शुभ हयु हो और के थान शुभ हयुत हो तो पवतयोग होता है ।
फल : पवतयोगो जातक यश ी, तेज ी, भा वान्, दानी, व ा, िवनोदी, पु रनायक, शा वे ा तथा
कामी होता है । बृह ाराशर होराशा म् (अ ाय 37, ोक 7, 8) योगजनक ह : सूय च मा मंगल बुध
बृह ित शु शिन

महाभा योग
यिद पु ष का िदन म ज हो और ल , सूय व च तीनों िवषम रािशयों म थत हों तो 'महाभा ' योग
बनता है ।
फल : जातक सच र , दू सरों के िलये सुख का ोत, उदार, िस , शासक या शासक के समक तथा
दीघायु होता है । जो महाभा योग म उ होता है वह सबके ने ों को आन दे ने वाला, उदार,
िव ात, िनमल च र का, भूिम का ामी राजा के समान ऐ य शाली होता है ।

नीचभंग राजयोग
नीच थ ह अपने रािश ामी से यु या हो तो नीचभंग राजयोग होता है ।
फल : नीच ह की नीचता (िनबलता) िनर हो जाती है तथा वह ह शु भ फल व राजयोग दे ता है ।

के ि कोण राज योग


ल ेश का स के (4, 7, 10) या ि कोण (5, 9) भावों के ािमयों से हो तो 'राजयोग' बनता है ।
फल : हों के योग चार कार से बनते ह - 1. जब दो ह पर र दे खते हों। 2. जब एक ह दू सरे को
दे खता हो। 3. जब दो हों म रािश प रवतन हो। 4. जब दो ह एक ही रािश म हों। राजसी भाव,
स ान तथा सभी कार के वैभव से यु होता है । योगजनक ह: के ामी सूय, मंगल, बुध, बृह ित,
शु , शिन, च मा।

के ि कोण राज योग


यिद चतुथश (के ) का स पंचमेश या नवमेश (ि कोण) से हो तो राजयोग होता है ।
फल : सफलता, स ान तथा ित ा म वृ होती है ।

राज योग
सुखेश व कमश, पंचमेश या नवमेश के साथ संयु हो तो राज योग होता है । (बृह ाराशर होराशा ,

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अ ाय 40, ोक 37)
फल : राजा या राजसी पद ा होता है । सफलता, स ान तथा ित ा म वृ होती है । आधुिनक संदभ म उ राजकीय पद
िमलता है ।

िवमल योग
यिद 12 व घर का मािलक दु : थान (6, 8 या 12) म हो तो िवमल योग होता है ।
फल : जातक य थोड़ा करता है । उसके धन की अिधक वृ होती है । ऐसा मनु सुखी, त ,
अपने सद् ु गणों के िलये िव ात, उ म काय करने वाला होता है और सब यों के अनुकूल आचरण
करता है । फलदीिपका (अ ाय 6, ोक 69)

राजयोग
एक ह जो दु बल हो, पर उिदत हो या उसका अंश अिधक हो या व ी हो तथा अनुकूल भाव म बैठा हो
तो राजयोग होता है । (फलदीिपका 7/3)
फल : जातक की शासक के समान ित ा होती है तथा वह सम राजकीय िच ों को धारण करता है ।

राजयोग
च अथवा ल से के म े ी या उ ह के साथ यिद दु बल ह की युित हो तो राजयोग होता है ।
(सवाथ िच ामिण 9/13)
फल : जातक राजा होता है अथवा राजा के समान उ पद ा करता है ।

जैिमनी राजयोग
च और शु की युित हो या च शु से हो तो राजयोग होता है । (के- एन-राव)
फल : जातक को िस , ित ा तथा सफलता िमलती है ।

धन योग
ल के ामी का यिद ि तीय या पंचम या नवम् या एकादश भाव के ामी से स हो तो धन योग
होता है । (डॉ- के- एस- चरक)
फल : जातक धनवान होगा !

धन योग
यिद ि तीय थान के ामी का यिद पंचम या नवम् या एकादश भाव के ामी से स हो तो धन योग
होता है । (डॉ- के- एस- चरक)
फल : जातक धनवान होता है ।

धन योग
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यिद नवम् थान के ामी का एकादश भाव के ामी से स हो तो धन योग होता है । (डॉ- के- एस- चरक)
फल : जातक धनवान होता है ।

वीय धन योग
ि तीयेश ल ेश से के अथवा ि कोण म हो या ाभािवक शुभ ह (िम ह) ि तीयेश उ का हो या
उ के ह के साथ हो तो यह योग होता है । (सवाथ िच ामिण 3)
फल : जातक यं के परा म से अथ अिजत करता है ।

कमजीव योग
यिद सूय या ल से दशम थान का ामी च हो तो यह योग होता है । (बृहत् जातक )
फल : जातक के िलए हों की यह थित च से स त वसायों के िलए होती है तथा कृिष स त
- जल स त मूंगा, मोती, सीप स त वसायों के िलए भी सहायक होती है । जातक मिहला पर
िनभर होता है ।

कमजीव योग
नवमां श का ामी दशम थान पर हो और दशमेश बुध हो तो कमजीव योग होता है । (बृहत् जातक
10/2)
फल : जातक की स दा और जीिवका लेखन, गिणत, का और लिलत कलाओं ारा होती है । जातक
अिभया क, िच कार, मूि कार, वा ु कार, न ाश या सुग त व बनाने वाला होता है । जातक को
िम से धनाजन हो सकता है । (बुध)

कमजीव योग
ल या च से दशम थान पर बुध हो तो कमजीव योग होता है । (बृहत् जातक)
फल : जातक का वसाय और सामािजक ित ा लेखन, गिणत, का एवं लिलत कला ारा होती है ।
जातक लेखक, िच कार, मूि कार, न ाश, वा ु कार, अिभया क या इ बनाने वाला हो सकता है ।
जातक को अपने िम से धनाजन हो सकता है । (बुध)

कमजीव योग
ल , सूय या च से दशम थान के ामी बुध हों तो यह योग होता है । (बृहत् जातक) (अ कमजीव
योग से यह योग कम अंश का है )
फल : यह योग बुध से स त वसाय जैसे मैकेिनक, िच कार, मूि कार, न ाश, वा ु कार एवं
इ िनमाता आिद के िलए सहायक होता है ।

कमजीव योग
ल , च या सूय से दशमेश शु से हो या युत हो तो यह योग होता है । (बृहत् जातक) (अ
कमजीव योग से यह योग कम अंश का होता है )

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फल : हों की थित शु से स त वसायों म सहायक होती है । जैसे र , चां दी, गाय, भस, मू वान व ु , आन त
करने वाला या सौंदय स ी काय ।

कमजीव योग
दशमेश यिद ि भाव राशी म हो और नवमां श म हो तो कमजीव योग होता है । (शंभु होरा काशन
15/15)
फल : जातक को धन व सुख िवदे श तथा दे श, दोनों म ा होते ह ।

कमजीव योग
ल से दसव भाव म यिद बिल बुध हो तथा अिन कर ि रिहत हों तो कमजीव योग होता है । (शंभु
होरा काशन 15/17)
फल : जातक की ित ा म हर ओर से वृ होती है ।

ातृवृ योग
तृतीयेश या मंगल या तृतीय थान शुभ हों से हो या युत हो और श शाली हो तो यह योग होता है
।(सवाथ िच ामिण 4/16)
फल : जातक भाईयों या आि तों ारा अ ा भा बनेगा जो िक बेहद स होंगे ।

बंधु पू योग
चतुथ भाव या चतुथश (बृह ित) गु से युत हों या गु से हों तो यह योग होता है । (सवाथ
िच ामिण 4/65)
फल : जातक प रवार एवं िम जनों से आदर ा करता है ।

मातृदीघायुर योग
नवमां श का ामी रािश का ामी चतुथश के साथ बली होकर ल या च च से के म हो तो
मातृदीघायुर योग होता है । (सवाथ िच ामिण 4/132)
फल : जातक की माता दीघजीवी होगी ।

मातृ ेह योग
ल ेश और चतुथश यिद एक हो या ल ेश और चतुथश लौिकक हो या नैसिगक िम हो या शुभ हों से
हो तो मातृ ेह योग होता है । (सवाथ िच ामिण 4/148)
फल : जातक और उसका अपनी माता के साथ स अ मधुर रहे गा ।

औरसपु योग
पंचम भाव म शुभ ह हों या इस भाव म शुभ रािश थत हो या यह भाव शुभ हों ारा हो तो

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औरसपु योग होता है । (सारावली 34/25)
फल : जातक को यं भी वै प ी से वै संतान होगी ।

स ीि योग
दशमेश शुभ ह हो उ रािश म, े ी या िम रािश म हो तथा शुभ षि मां श म हो तो यह योग होता
है । (सवाथ िच ामिण 8/22)
फल : जातक को जीवन म िस िमलती है ।

अ र भंग योग
बली बुध, बृह ित या शु के म िकसी भी भाव म थत हों तो अ र भंग योग होता है । (डा. के. एस.
चरक)
फल : यह योग बाला र योग को जो नवजात िशशु भी मौत का संकेत दे ता है , को भंग करता है ।

अ र भंग योग
रा ल से तृतीय भाव म हो या ष म भाव म हो या एकादश भाव म हो तो अ र भंग योग होता है ।
(डा. के. एस. चरक)
फल : यह योग बाला र योग, जो िक नवजात िशशु की मौत का संकेत दे ता है , को िनर या भंग करता
है ।

अ र भंग योग
सभी ह शीष दय रािशयों (रािशयाँ 3, 5, 6, 7, 8 और 11) म थत हों तो यह योग होता है । (डा. के.
एस. चरक)
फल : नवजात िशशु को बाला र योग से जो जीवन का संकट उ है उसे यह योग न या भंग करता
है ।

पूणायु योग
ल और होरा ल दोनों चर रािश म हो या एक ि भाव रािश म और दू सरी रािश म हों तो यह योग
होता है । (डा. के. एस. चरक)
फल : यह योग जातक की पू णायु 100 वष तक की दशाता है ।

पूणायु योग
ष मेश या ादशेश ष म भाव म हों या ादश भाव म या अ म भाव म या ल म हों तो यह योग होता
है । (डा. के. एस. चरक)
फल : यह योग जातक की पू णायु 100 वष तक की दशाता है ।

च बुध योग
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च तथा बुध िकसी भाव म युत हो तो यह योग होता है । (डॉ. के. एस. चरक)
फल : जातक खरीदने व बेचने के काय म चतुर, दज के काय म िसलने व लेन-दे न म द , लड़ाकू, इ व फूलों का शौकीन,
आलसी, किव तथा पापी होता है ।

मंगल गु योग
मंगल तथा गु की युित िकसी भाव म हो तो यह योग होता है । (डॉ. के. एस. चरक)
फल : जातक ानी, धनवान, बेहद चतुर, द , ा ाता, िश कार, शा ों के योग म द , केवल
सुनने मा से याद कर लेने वाला, नेता तथा आदर ा करने वाला होता है ।

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दशा फल

रा महादशा: 18 जून 1995 से 17 जून 2013 तक

रा महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से रा की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- साधारण प से मित म, शारी रक क तथा अनेक कार के दु :ख हो सकते ह।
- राजा से, चोर से, िवष से तथा श से भय संभव है ।
- सुख, स ि और सां सा रक थित िच ाजनक रहे गी।
- संतान को क , कल -पु आिद के िवयोग, ि य-िवयोग का दु :ख हो सकता है ।
- िन लोगों से अपमान तथा अपयश का भय रहे गा।
- कोई ऐसा दु म हो सकता है िजसके कारण बदनामी िमल सकती है ।
- अपना थान (मकान या नौकरी) म प रवतन संभव है । परदे श वास हो सकता है ।
- रोगों से पीड़ा और झ्◌ागड़े की ओर अिभ िच रहे गी।
- रा आपको उ म फल दे गा। रा की उ ृ महादशा म ल ी की ा , धम और अथ का आगमन
तथा पु का उदय होगा।
- रा की दशा अठारह वष की होती है िजसम से ब धा ष और अ म वष ब त क -दायी होते ह।
- रा वृष रािश म उ (मता र से िमथुन म), कक (कु ) म मूलि कोण और मेष म िम गृही होता
है ।
िवशेषफल
रा ज कु ली म िविभ अव थाओं के अनुसार अपनी महादशा के फल म
िन िल खत प रवतन करता है -

- शरीर म कृशता, मेह, य, कास- ास और मू थली जिनत रोगों का भय रहे गा।


- कुल के लोगों का नाश, राज-भय, चोरों से ठगे जाने का भय रहे गा।
- रा की महादशा म नीच वृि (िन ेणी के वसाय या नौकरी) से जीवन यापन होगा।
- अ ा भोजन नहीं िमले गा। ी तथा पु दु तापूण आचरण कर सकते ह।
- राजा से भय एवं उ ोग म उप व अथात् नौकरी वसाय इ ािद छूट सकती है ।
- धम कम की हािन और रोग, चोर तथा अि से भय संभव है ।
- रा की महादशा म दु बलता, कुल को े श, राजा, श ु और ठग से भय, खां सी, य या मू कृ रोग
हो सकता है ।
- रा की महादशा म राजा से स ान, आक क धन का लाभ होगा।
- ी, अ , गृह, भूिम और नाना कार के सुख की ा होगी।
- कीित, यश तथा िस बढ़े गी।
- रा की महादशा म धन, यश एवं ित ा म वृ होगी।
- आक क क , झंझट एवं ब ु-बा वों से े श संभव है ।

रा -रा : 18 जून 1995 से 28 फरवरी 1998 तक

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रा की महादशा म रा की अ दशा का फल

रा की महादशा म रा की अ दशा म -
- मित म तथा मानिसक तनाव बढ़े गा।
- प रवार के सद ों (िपता, भाई) को अिन , प ी को रोग और कलह संभव है ।
- धन का य, दु :ख, रोग, िवष, और जहरीले ािणयों से भय एवं दु जनों से था होती है ।
- दू र-दे शाटन अथवा ज भूिम से दू र भा ोदय संभव है ।
- अ दशा काल म रा लाभ, महो ाह सुख द राज ीित, घर म
क ाण तथा स ि , तथा ी पु ों की अिभवृ होगी।

रा -रा -रा : 18 जून 1995 से 13 नव र 1995 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

रा -रा -गु : 13 नव र 1995 से 23 माच 1996 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन
की ा होगी।

रा -रा -शिन : 23 माच 1996 से 26 अग 1996 तक

रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

रा -रा -बुध : 26 अग 1996 से 13 जनवरी 1997 तक

रा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म बुध र म सब जगह अनेकिवध लाभ, ी के ारा िवशेष
प से लाभ, परदे श गमन से िस संभव है ।

रा -रा -केतु : 13 जनवरी 1997 से 12 माच 1997 तक

रा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म केतु र म बु नाश, भय, बाधाय, धन य, सव कलह

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तथा उ े ग संभव है ।

रा -रा -शु : 12 माच 1997 से 23 अग 1997 तक

रा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म शु र म योिगिनयों से भय, अ य, कद भोजन,
ीिवनाश, वंश म शोक संभव है ।

रा -रा -सूय : 23 अग 1997 से 11 अ ू बर 1997 तक

रा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म सूय रम ररोग, महाभय, पु पौ आिद को े श,
अपमृ ु तथा असावधानता संभव है ।

रा -रा -च : 11 अ ू बर 1997 से 1 जनवरी 1998 तक

रा की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म च र म उ े ग, कलह, िच ा, मानहािन, महाभय,
िपता के शरीर म क संभव है ।

रा -रा -मंगल : 1 जनवरी 1998 से 28 फरवरी 1998 तक

रा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म मंगल का र म भग र रोग से क , र िप ज रोगों
से क , धन य, महान् मानिसक उ े ग संभव है ।

रा -गु : 28 फरवरी 1998 से 23 जुलाई 2000 तक

रा की महादशा म बृह ित की अ दशा का फल

रा की महादशा म बृह ित की अ दशा म -


- ई राराधन म िच एवं उ म शा ों की ओर ीित होगी।
- तीथ या ा, साधु-संतों के दशन, पु कम तथा धमाचरण की वृि रहे गी।
- िव ा म यश, अिधकारी वग से मै ी, संतान सुख तथा यथे धन की ा होगी।
- रोग एवं श ु का नाश, आरो ा एवं उ ाह वृ होगी।
- भूिम तथा गृह की वृ , भोजन, व , प ािद का लाभ, दान, धम,
जप म वृि , अ दशा म राजकोप से दो महीनों तक शरीरक , बड़े भाई का नाश, माता
िपता को क संभव है ।

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रा -गु -गु : 28 फरवरी 1998 से 25 जून 1998 तक

गु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म गु के र म सुवण लाभ, धा वृ ,क ाण तथा
शुभफल का उदय होगा।

रा -गु -शिन : 25 जून 1998 से 11 नव र 1998 तक

गु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म शिन र म गाय, भूिम, तथा सुवण का लाभ, सव
सुखसाधन की साम ी, अ , पान, आिद का भी सं ह संभव है ।

रा -गु -बुध : 11 नव र 1998 से 15 माच 1999 तक

गु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म बुध र म िव ा, व , ान तथा मोती का लाभ, िम ों
के आगमन से ेह संभव है ।

रा -गु -केतु : 15 माच 1999 से 5 मई 1999 तक

गु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म केतु र म जलभय, चोरी, ब न, झगड़ा, अपमृ ुभय संभव है ।

रा -गु -शु : 5 मई 1999 से 28 िसत र 1999 तक

गु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म शु र म अनेक िव ाओं, तथा कमों की ा , सुवण, व ,
आभूषण का लाभ, क ाण यु स ोष संभव है ।

रा -गु -सूय : 28 िसत र 1999 से 11 नव र 1999 तक

गु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म सूय र म राजा, िम , िपता, माता से लाभ तथा सव आदर
ा होगा।

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रा -गु -च : 11 नव र 1999 से 23 जनवरी 2000 तक

गु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म च मा के र म सभी े शों का िवनाश, मोती तथा घोड़े का
लाभ, और सभी काय की िस होगी।

रा -गु -मंगल : 23 जनवरी 2000 से 14 माच 2000 तक

गु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म मंगल र म श भय, गुदा म पीड़ा, अि मा ,
अजीणरोग तथा श ुकृत पीड़ा हो सकती है ।

रा -गु -रा : 14 माच 2000 से 23 जुलाई 2000 तक

गु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म रा र म चा ाल से िवरोध, उनके ारा धननाश,
क , ािध, श ु, से भय संभव ह।

रा -शिन : 23 जुलाई 2000 से 30 मई 2003 तक

रा की महादशा म शिन की अ दशा का फल

रा की महादशा म शिन की अ दशा म -


- अिववेकपूण काय से हािन, राज कोप एवं पद से ुित संभव है ।
- जनों से कलह, ब ु और िम आिद को दु :ख, दू र दे श का िनवास हो सकता है ।
- शरीर के िकसी अंग पर चोट, वात िप एवं र -िप जिनत रोग से पीड़ा हो सकती है ।
- शिन अ दशा म राजा को स करनेवाली राजसेवा, िववाहो वािद पु काय, बगीचा,
तालाब का िनमाण, शू राजा ारा अभी लाभ, गोधनवृ , पि म िदशा म या ा, राजमूलक
धननाश, दे ह म आल , अ लाभ, पुन: दे श म आगमन होगा।

रा -शिन-शिन : 23 जुलाई 2000 से 4 जनवरी 2001 तक

शिन की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शिन र म शारी रक वेदना झगड़े का भय, तथा
अनेक िवध दु :ख, संभव है ।

रा -शिन-बुध : 4 जनवरी 2001 से 1 जून 2001 तक


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शिन की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म बुध र म बु नाश, झगडे़ का भय, अ , पान का िवनाश,
धन य, श ुभय संभव है ।

रा -शिन-केतु : 1 जून 2001 से 31 जुलाई 2001 तक

शिन की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म केतु र म श ु ारा ब न, वैव ( ानता) बुधािध ,
मानिसक िच ा, भय तथा ास हो सकता है ।

रा -शिन-शु : 31 जुलाई 2001 से 21 जनवरी 2002 तक

शिन की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शु र म िवचा रत व ु (मनोरथ) की िस , जन म
क ाण, यास म लाभ संभव है ।

रा -शिन-सूय : 21 जनवरी 2002 से 14 माच 2002 तक

शिन की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म सूय र म राजसतेज तथा अिधकार, अपने घर म झगड़ा, र,
ािधज पीड़ा संभव है ।

रा -शिन-च : 14 माच 2002 से 9 जून 2002 तक

शिन की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म च र म बु िवकाश, महान् काय का आर , तेजोमा , ब त
खच, अनेक यों के साथ संब संभव है ।

रा -शिन-मंगल : 9 जून 2002 से 8 अग 2002 तक

शिन की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म मंगल र म तेज की कमी, पु को आघात, अि तथा श ु से
भय, वात तथा िप ज क संभव है ।

रा -शिन-रा : 8 अग 2002 से 12 जनवरी 2003 तक


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शिन की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म रा र म धन य, व हािन, भूिमनाश, भय, िवदे शया ा
तथा मरण भय संभव है ।

रा -शिन-गु : 12 जनवरी 2003 से 30 मई 2003 तक

शिन की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म गु र म ी ाराकृत गृह , उनकी दे ख भाल करने म
अ मता, झगड़ा तथा मानिसक उ े ग संभव है ।

रा -बुध : 30 मई 2003 से 17 िदस र 2005 तक

रा की महादशा म बुध की अ दशा का फल

रा की महादशा म बुध की अ दशा म -


- आरो , बु तथा िववेक की वृ होगी।
- भाईयों तथा िम ों के ेह म वृ , िम ों से सहायता ा होगी।
- सां सा रक सुखों म वृ , धन का आगमन और काय वसाय म उ ित होगी।
- रा की दशा म बुधा दशा म राजयोग, घर म क ाणवृ ,
ापार से धन ा उ म िव ा, तथा उ म वाहन,
िववाहो वकाय, पशुलाभ, बुध के मास म पूणसुख, बुध िदन म राजदशन, सुग त पु की
या, ीसौ , महाराज- साद से धनलाभ एवं महान् यश ा होगा।

रा -बुध-बुध : 30 मई 2003 से 9 अ ू बर 2003 तक

बुध की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म बुध र म बु , िव ा, धन, व का लाभ, महासुख,
सुवणािद र लाभ, संभव है ।

रा -बुध-केतु : 9 अ ू बर 2003 से 3 िदस र 2003 तक

बुध की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म केतु र म कु ता (कुभोजन) पेट म रोग, ने ो म
कामला रोग तथा र िप जरोग संभव है ।

रा -बुध-शु : 3 िदस र 2003 से 6 मई 2004 तक

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बुध की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- बुध की अ दशा म शु र म उ र िदशा म लाभ, पशुओं से ित, राजदरबार
म अिधकार संभव है ।

रा -बुध-सूय : 6 मई 2004 से 21 जून 2004 तक

बुध की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म सूय र म तेज म कभी, रोग तथा शारी रक क , िच म
िवकलता संभव है ।

रा -बुध-च : 21 जून 2004 से 7 िसत र 2004 तक

बुध की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म च र म ी, धन एवं स ि का लाभ, क ो ि ,
महाधनलाभ, सविवध सौ की ा होगी।

रा -बुध-मंगल : 7 िसत र 2004 से 31 अ ू बर 2004 तक

बुध की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म मंगल के र म धम, बु , धन की ा , चोर अि
आिदयों से पीड़ा, र व ा , श से आघात संभव है ।

रा -बुध-रा : 31 अ ू बर 2004 से 20 माच 2005 तक

बुध की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म रा तय र म यों के साथ झगड़ा, एकाएक भयागम, राजा
तथा श कृत भय संभव है ।

रा -बुध-गु : 20 माच 2005 से 22 जुलाई 2005 तक

बुध की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म गु र म रा या रा ािधकार की ा , राजा के ारा
स ान, सद् ु ब तथा िव ा की वृ संभव है ।

रा -बुध-शिन : 22 जुलाई 2005 से 17 िदस र 2005 तक

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बुध की अ दशा म शिन की र दशा का फल -
- बुध की अ दशा म शिन र म शारी रक आघात के कारण वात िप जिनत
पीड़ा तथा अनेक प म धन का नाश हो सकता है ।

रा -केतु : 17 िदस र 2005 से 4 जनवरी 2007 तक

रा की महादशा म केतु की अ दशा का फल

रा की महादशा म केतु की अ दशा म -


- राजकोप, धन एवं मान की हािन संभव है ।
- ी तथा स ान को सामा क , पशुओं का मरण, नाना कार के उप वों का आ मण हो
सकता है ।
- चोर, अि , श , िवष से भय एवं र आिद रोगों से पीड़ा, तथा ण से दु :ख एवं कलह हो
सकता है ।
- मण, राजभय, वात रािदरोग, पशु य संभव है ।
- शारी रक सौ , धनागम, राजस ान, णािदभूषणा , तथा घर म शुभफल होंगे।
- पशुओं से लाभ संभव है ।

रा -केतु -केतु : 17 िदस र 2005 से 8 जनवरी 2006 तक

केतु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म केतु र म एकाएक आिप , दे शा र गमन,
नाश संभव है ।

रा -केतु -शु : 8 जनवरी 2006 से 13 माच 2006 तक

केतु की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शु र म े ों का भय, या उससे धन य,
ने रोग, िशरोवेदना, पशुओं की हािन संभव है ।

रा -केतु -सूय : 13 माच 2006 से 1 अ ैल 2006 तक

केतु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म सूय र म िम ों के साथ िवरोध, अपमृ ु, पराजय,
बु भंश तथा िववाद हो सकता है ।

रा -केतु -च : 1 अ ैल 2006 से 3 मई 2006 तक

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केतु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- केतु की अ दशा म च र म अ नाश, याश: य, शारी रक पीड़ा, बु म
आमवात की वृ संभव है ।

रा -केतु -मंगल : 3 मई 2006 से 26 मई 2006 तक

केतु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म भौम र म श ाघात से, िगरने से तथा अि से पीड़ा,
नीच से भय और श ु से अशंका संभव है ।

रा -केतु -रा : 26 मई 2006 से 22 जुलाई 2006 तक

केतु की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म रा रम यों से भय, श ुओं का ादु भाव, तथा ु जनों
से भी भय हो सकता है ।

रा -केतु -गु : 22 जुलाई 2006 से 11 िसत र 2006 तक

केतु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म गु र म धन य, महो ात, व तथा िम ों का िवनाश,
सव े श संभव है ।

रा -केतु -शिन : 11 िसत र 2006 से 11 नव र 2006 तक

केतु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शिन र म शारी रक पीड़ा, िम ों का बध, तथा
अ लाभ संभव है ।

रा -केतु -बुध : 11 नव र 2006 से 4 जनवरी 2007 तक

केतु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म बुध र म बु नाश, महान् उ े ग, िव ा य, महाभय तथा
सतत कायिस म िवकलता संभव है ।

रा -शु : 4 जनवरी 2007 से 4 जनवरी 2010 तक

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रा की महादशा म शु की अ दशा का फल

रा की महादशा म शु की अ दशा म -
- काय वसाय म अ ंत क से अ धन का लाभ होगा।
- ी सुख की ा तथा ी ारा धन लाभ होगा।
- िम के कारण संताप तथा कुटु से िवरोध का भय रहे गा।
- परदे श गमन तथा वहाँ पर अनेक कार के लाभ संभव है ।
- मू जनन त के रोग हो सकते ह।
- रा की दशा म शु ा दशा म ा ण ारा धन ा , पशुलाभ, पु ो व, घर म क ाण, लोगों से आदर,
राजस ान रा लाभ, महासुख होगा।
- अ दशाकाल म नवीन घर का िनमाण, िन िम ा भोजन, ीपु सौ , िम ों के साथ सुभोजन, िन अ दान,
दानधम आिद का िव ार, राजकृपा से वाहन, व , भूषण की ा , वसाय म अिधक लाभ, िववाह, उपनयन आिद
फल ा होगा।
- अपनी अ दशा म े पाल से सौ , सुग पूणव श ा, गानवा जसुख, छ , चामर, भूषण तथा अभी व ु
की ा होगी।

रा -शु -शु : 4 जनवरी 2007 से 6 जुलाई 2007 तक

शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

रा -शु -सूय : 6 जुलाई 2007 से 30 अग 2007 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

रा -शु -च : 30 अग 2007 से 29 नव र 2007 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

रा -शु -मंगल : 29 नव र 2007 से 1 फरवरी 2008 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

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रा -शु -रा : 1 फरवरी 2008 से 14 जुलाई 2008 तक

शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

रा -शु -गु : 14 जुलाई 2008 से 7 िदस र 2008 तक

शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

रा -शु -शिन : 7 िदस र 2008 से 30 मई 2009 तक

शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

रा -शु -बुध : 30 मई 2009 से 1 नव र 2009 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

रा -शु -केतु : 1 नव र 2009 से 4 जनवरी 2010 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

रा -सूय : 4 जनवरी 2010 से 29 नव र 2010 तक

रा की महादशा म सूय की अ दशा का फल

रा की महादशा म सूय की अ दशा म -

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- अनेक कार के उप वों का शमन होगा।
- धन-धा की वृ तथा दान-धमािद कम म िच बढ़े गी।
- श ुओं से था, राजा, िवष, अि एवं श का भय संभव है ।
- ने एवं दय और छूआछूत वाली बीमा रयों से पीि़डत होने की आशंका रहे गी।
- रा की दशा म सूया र म शुभकर राजपे्रम, धनधा समृ , सौ द स ान,
छोटे -छोटे ामों का आिधप , लाभ ा होगा।
- अ दशाकाल म र, अितसार रोग, राजा से िवरोध, दे शाटन,
श ुवृ , राजा, चोर, अि से पीड़ा संभव है ।
- रा की दशा म सूय के अ र म िवदे श म राजस ान और शुभ द क ाण होगा।

रा -सूय-सूय : 4 जनवरी 2010 से 20 जनवरी 2010 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

रा -सूय-च : 20 जनवरी 2010 से 17 फरवरी 2010 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

रा -सूय-मंगल : 17 फरवरी 2010 से 8 माच 2010 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

रा -सूय-रा : 8 माच 2010 से 26 अ ैल 2010 तक

सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

रा -सूय-गु : 26 अ ैल 2010 से 9 जून 2010 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,

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तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

रा -सूय-शिन : 9 जून 2010 से 31 जुलाई 2010 तक

सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

रा -सूय-बुध : 31 जुलाई 2010 से 16 िसत र 2010 तक

सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

रा -सूय-केतु : 16 िसत र 2010 से 5 अ ू बर 2010 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

रा -सूय-शु : 5 अ ू बर 2010 से 29 नव र 2010 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

रा -च : 29 नव र 2010 से 30 मई 2012 तक

रा की महादशा म च मा की अ दशा का फल

रा की महादशा म च मा की अ दशा म -
- िच ाजनक प र थितयाँ उ होंगी।
- जनों से कलह, िम िवरोध तथा श ुओं की सं ा म वृ होगी।
- किठनाई से धन का आगमन, अ की ा होगी।
- कलवधू का नाश, कलह से दु :ख एवं जल से भय हो सकता है ।
- च मा की अ दशा म यम् राज तथा राजा के ारा स ान, धनलाभ, आरो ,
भूषण, िम , ी-पु ों से सौ , अ , वाहन, का लाभ, गृह तथा े का िव ार, पूणच
होने से पूव फल पूण प से होंगे । अथात् ीणच म कुछ ू न प से फल हो सकता
है ।

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- च ा र म ल ीकृपा से िच , घर म क ाण, सवकायिस , [?--?: ]
धनधा ागम, शु यशोलाभ, स ान, तथा दे ाराधन होगा।

रा -च -च : 29 नव र 2010 से 13 जनवरी 2011 तक

च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

रा -च -मंगल : 13 जनवरी 2011 से 14 फरवरी 2011 तक

च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

रा -च -रा : 14 फरवरी 2011 से 8 मई 2011 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

रा -च -गु : 8 मई 2011 से 20 जुलाई 2011 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

रा -च -शिन : 20 जुलाई 2011 से 14 अ ू बर 2011 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

रा -च -बुध : 14 अ ू बर 2011 से 31 िदस र 2011 तक

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च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

रा -च -केतु : 31 िदस र 2011 से 1 फरवरी 2012 तक

च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

रा -च -शु : 1 फरवरी 2012 से 2 मई 2012 तक

च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

रा -च -सूय : 2 मई 2012 से 30 मई 2012 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

रा -मंगल : 30 मई 2012 से 17 जून 2013 तक

रा की महादशा म रा की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

रा की महादशा म मंगल की अ दशा म -


- अनेक कार के उप वों का आ मण हो सकता है ।
- शारी रक क , उ ाहहीनता तथा रण श का ास संभव है ।
- राजा, चोर, अि और श से भय एवं पद से ुित हो सकती है ।
- लोकोपवाद, दे शा रवास तथा ी व संतान को अ र संभव है ।
- मंगल की अ दशा म न रा एवं न धन की ा , े (खेत) तथा गेह की
समृ , इ दे व की कृपा से सुखव क स ान, भो से सौ , भूषण, घोड़ा तथा व की
ा ये सभी फल होंगे।
- शरीर म आल तथा महाभय होगा।
- शा के िलए वृषदान करना चािहए, िजससे आरो की ा हो।

रा -मंगल-मंगल : 30 मई 2012 से 21 जून 2012 तक

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मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

रा -मंगल-रा : 21 जून 2012 से 18 अग 2012 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,
कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

रा -मंगल-गु : 18 अग 2012 से 8 अ ू बर 2012 तक

मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

रा -मंगल-शिन : 8 अ ू बर 2012 से 7 िदस र 2012 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

रा -मंगल-बुध : 7 िदस र 2012 से 31 जनवरी 2013 तक

मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

रा -मंगल-केतु : 31 जनवरी 2013 से 22 फरवरी 2013 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

रा -मंगल-शु : 22 फरवरी 2013 से 27 अ ैल 2013 तक


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मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

रा -मंगल-सूय : 27 अ ैल 2013 से 16 मई 2013 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,
िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

रा -मंगल-च : 16 मई 2013 से 17 जून 2013 तक

मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

गु महादशा: 17 जून 2013 से 17 जून 2029 तक

बृह ित महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से बृह ित की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- बृह ित की महादशा म राजा से मनोवां िछत फल की ा होगी।
- दे वाचन, धम-यु , वेद पुराण शा ों आिद के अ यन तथा य ािद कम म िच रहे गी।
- साधु-स नों (उ म मनु ों) की संगित, गु जनों म भ तथा सत् कम करने की वृि रहे गी।
- कुल के लोगों म स ान, तथा भु की वृ होगी।
- भूत भिव िवचार म िनपुणता तथा सद् ु ब ा होगी।
- भूिम, व का लाभ और वाहनों का सुख ा होगा।
- धन का पूण लाभ होगा।
- बृह ित की महादशा म राजा से साधारण लाभ की ा , धन, कृिष और का सुख होगा।
- आभूषण एवं िविच व ािद से अलं कृत रहने की वृि रहे गी।
- बृह ित की महादशा म आन , िक त मा धैय, समय समय पर यश, कुछ धन का लाभ होगा।
- चोरों से हािन हो सकती है ।
- बृह ित की महादशा म राजा से भय, पद से ुित, ब ुवग से िवरोध हो सकता है ।
- चोर, अि और कुल के लोगों से भय तथा ीहा एवं चम-रोग संभव है ।
- बृह ित की महादशा अित शुभ होगी। वाहन की ा , ब ु जनों से आदर ा होगा।
- य ि या और िववाह आिद उ व से सुख िमले गा।
- बृह ित की महादशा म मानिसक िच ा, शारी रक क तथा अनेक कार की िवपि यों का सामना करना पड़
सकता है ।

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- श ु पीड़ा तथा अिधकार म कमी स व है । थान प रवतन का योग भी बनेगा।
- अचल स ि , भूिम, मकान, वाहन आिद का सुख रहे गा।
- धािमक काय म िच तथा वास होगा।
- बृह ित की महादशा म आरो लाभ तथा बु साम , ा, उ ाह एवं िवनय की वृ होगी।
- िव ा बु के काय ारा यश लाभ होगा।
- अचल स ि भवन भूिम आिद की ा होगी।
- धन लाभ, ऋण मु का योग बनेगा।
- पु ो व का सुख होगा।
- पर ु िनयम िवहीन अथात् अ व थत-िच हो सकता है ।

गु -गु : 17 जून 2013 से 5 अग 2015 तक

बृह ित की महादशा म बृह ित की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म बृह ित की अ दशा म -


- उ ाह, शारी रक का की वृ होगी।
- िव ा एवं िव ान की ा , िव ा ारा यश एवं पद का लाभ होगा।
- राजा का अनु ह, ऐ य, स ान, गुणों का उदय और भा वृ होगी।
- सब काय म सफलता, संतित सुख तथा अनेक कार से धन लाभ होगा।
- अ दशाकाल म नीचों का संग, महादु :ख, दायादों से झगड़ा,
अिववेकपूण कलह, अपने मािलक की अपमृ ु, पु ी का
िवयोग, धन-धा य संभव है ।

गु -गु -गु : 17 जून 2013 से 29 िसत र 2013 तक

गु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म गु के र म सुवण लाभ, धा वृ ,क ाण तथा
शुभफल का उदय होगा।

गु -गु -शिन : 29 िसत र 2013 से 30 जनवरी 2014 तक

गु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म शिन र म गाय, भूिम, तथा सुवण का लाभ, सव
सुखसाधन की साम ी, अ , पान, आिद का भी सं ह संभव है ।

गु -गु -बुध : 30 जनवरी 2014 से 21 मई 2014 तक

गु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म बुध र म िव ा, व , ान तथा मोती का लाभ, िम ों

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के आगमन से ेह संभव है ।

गु -गु -केतु : 21 मई 2014 से 5 जुलाई 2014 तक

गु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म केतु र म जलभय, चोरी, ब न, झगड़ा, अपमृ ुभय संभव है ।

गु -गु -शु : 5 जुलाई 2014 से 12 नव र 2014 तक

गु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म शु र म अनेक िव ाओं, तथा कमों की ा , सुवण, व ,
आभूषण का लाभ, क ाण यु स ोष संभव है ।

गु -गु -सूय : 12 नव र 2014 से 21 िदस र 2014 तक

गु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म सूय र म राजा, िम , िपता, माता से लाभ तथा सव आदर
ा होगा।

गु -गु -च : 21 िदस र 2014 से 24 फरवरी 2015 तक

गु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म च मा के र म सभी े शों का िवनाश, मोती तथा घोड़े का
लाभ, और सभी काय की िस होगी।

गु -गु -मंगल : 24 फरवरी 2015 से 10 अ ैल 2015 तक

गु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म मंगल र म श भय, गुदा म पीड़ा, अि मा ,
अजीणरोग तथा श ुकृत पीड़ा हो सकती है ।

गु -गु -रा : 10 अ ैल 2015 से 5 अग 2015 तक

गु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म रा र म चा ाल से िवरोध, उनके ारा धननाश,
क , ािध, श ु, से भय संभव ह।

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गु -शिन : 5 अग 2015 से 16 फरवरी 2018 तक

बृह ित की महादशा म शिन की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म शिन की अ दशा म -


- शरीर की दु बलता, े षपूण बु , मन म दु :ख संभव है ।
- कम वसाय म हािन, धन-धम एवं यश की हािन, सन तथा पर ीगमन म वृि रहे गी।
- र से क तथा धन का अिधक य हो सकता है ।
- बृह ित की दशा म शिन की अ दशा म रा लाभ, व , आभूषण
का महासौ , धनधा ािद लाभ, ीलाभ, चुरसुख, वाहन, व ,
पशु, आिद का लाभ, भूिम तथा थान का लाभ, पु िम का सुख,
नरवाहन (पालकी) का सुख, नीलव तथा नील घोड़े का लाभ होगा।
पि म िदशा की ओर या ा, राजदशन, अनेक सवा रयों का लाभ भी संभव है ।
- भूिम, अथ, पु , गाय, भस आिद पशुओं का लाभ, शू मूलक धनागम ा होगा।
जातक की अपमृ ु संभव है ।
दोष शा के िलए िव ुसह नाम का पाठ काली गाय, तथा भस का दान कर िजससे आरो
ा होगा।

गु -शिन-शिन : 5 अग 2015 से 30 िदस र 2015 तक

शिन की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शिन र म शारी रक वेदना झगड़े का भय, तथा
अनेक िवध दु :ख, संभव है ।

गु -शिन-बुध : 30 िदस र 2015 से 9 मई 2016 तक

शिन की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म बुध र म बु नाश, झगडे़ का भय, अ , पान का िवनाश,
धन य, श ुभय संभव है ।

गु -शिन-केतु : 9 मई 2016 से 2 जुलाई 2016 तक

शिन की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म केतु र म श ु ारा ब न, वैव ( ानता) बुधािध ,
मानिसक िच ा, भय तथा ास हो सकता है ।

गु -शिन-शु : 2 जुलाई 2016 से 3 िदस र 2016 तक

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शिन की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शु र म िवचा रत व ु (मनोरथ) की िस , जन म
क ाण, यास म लाभ संभव है ।

गु -शिन-सूय : 3 िदस र 2016 से 18 जनवरी 2017 तक

शिन की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म सूय र म राजसतेज तथा अिधकार, अपने घर म झगड़ा, र,
ािधज पीड़ा संभव है ।

गु -शिन-च : 18 जनवरी 2017 से 5 अ ैल 2017 तक

शिन की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म च र म बु िवकाश, महान् काय का आर , तेजोमा , ब त
खच, अनेक यों के साथ संब संभव है ।

गु -शिन-मंगल : 5 अ ैल 2017 से 29 मई 2017 तक

शिन की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म मंगल र म तेज की कमी, पु को आघात, अि तथा श ु से
भय, वात तथा िप ज क संभव है ।

गु -शिन-रा : 29 मई 2017 से 15 अ ू बर 2017 तक

शिन की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म रा र म धन य, व हािन, भूिमनाश, भय, िवदे शया ा
तथा मरण भय संभव है ।

गु -शिन-गु : 15 अ ू बर 2017 से 16 फरवरी 2018 तक

शिन की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म गु र म ी ाराकृत गृह , उनकी दे ख भाल करने म
अ मता, झगड़ा तथा मानिसक उ े ग संभव है ।

गु -बुध : 16 फरवरी 2018 से 23 मई 2020 तक


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बृह ित की महादशा म बुध की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म बुध की अ दशा म -


- दे वताओं म भ , योग ान की उपल होगी।
- िव ानों ारा स ान तथा स ाय म अिभ िच व काय कुशलता की वृ होगी।
- राजानु ह से सुख की वृ , ी और वसाय से धन की ा होगी।
- वाहन, म र, िम तथा ी-पु आिद से सुख ा होगा।
- ल ी-या ा, िच म चंचलता और िशर म पीड़ा अथवा उ ाद का भय हो सकता है ।
- बृह ित की दशा म बुधा र आनेपर अथनाश,
दे हसुख, रा लाभ, महासुख, राजा की कृपा से अभी िस , वाहन,
व , तथा गवािद पशुओं से पूण घर होगा।
- जातक को अपमृ ु भय होगा।
दोष िनवारण के िलए िव ुसह नाम का पाठ करना चािहये।

गु -बुध-बुध : 16 फरवरी 2018 से 13 जून 2018 तक

बुध की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म बुध र म बु , िव ा, धन, व का लाभ, महासुख,
सुवणािद र लाभ, संभव है ।

गु -बुध-केतु : 13 जून 2018 से 31 जुलाई 2018 तक

बुध की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म केतु र म कु ता (कुभोजन) पेट म रोग, ने ो म
कामला रोग तथा र िप जरोग संभव है ।

गु -बुध-शु : 31 जुलाई 2018 से 16 िदस र 2018 तक

बुध की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शु र म उ र िदशा म लाभ, पशुओं से ित, राजदरबार
म अिधकार संभव है ।

गु -बुध-सूय : 16 िदस र 2018 से 27 जनवरी 2019 तक

बुध की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म सूय र म तेज म कभी, रोग तथा शारी रक क , िच म
िवकलता संभव है ।

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गु -बुध-च : 27 जनवरी 2019 से 6 अ ैल 2019 तक

बुध की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म च र म ी, धन एवं स ि का लाभ, क ो ि ,
महाधनलाभ, सविवध सौ की ा होगी।

गु -बुध-मंगल : 6 अ ैल 2019 से 24 मई 2019 तक

बुध की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म मंगल के र म धम, बु , धन की ा , चोर अि
आिदयों से पीड़ा, र व ा , श से आघात संभव है ।

गु -बुध-रा : 24 मई 2019 से 25 िसत र 2019 तक

बुध की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म रा तय र म यों के साथ झगड़ा, एकाएक भयागम, राजा
तथा श कृत भय संभव है ।

गु -बुध-गु : 25 िसत र 2019 से 13 जनवरी 2020 तक

बुध की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म गु र म रा या रा ािधकार की ा , राजा के ारा
स ान, सद् ु ब तथा िव ा की वृ संभव है ।

गु -बुध-शिन : 13 जनवरी 2020 से 23 मई 2020 तक

बुध की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शिन र म शारी रक आघात के कारण वात िप जिनत
पीड़ा तथा अनेक प म धन का नाश हो सकता है ।

गु -केतु : 23 मई 2020 से 29 अ ैल 2021 तक

बृह ित की महादशा म केतु की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म केतु की अ दशा म -


- थान हािन, मण, अ थरता संभव है ।

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- जनों से मतभेद, पु तथा भाइयों को क , लोकमत से िवरोध हो सकता है ।
- गु जनों को े श, राजकोप, धन नाश तथा रोग आिद फल संभव है ।
- चोट एवं ण का भय, नौकरों से हािन और िच म था हो सकती है ।

गु -केतु -केतु : 23 मई 2020 से 12 जून 2020 तक

केतु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म केतु र म एकाएक आिप , दे शा र गमन,
नाश संभव है ।

गु -केतु -शु : 12 जून 2020 से 8 अग 2020 तक

केतु की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शु र म े ों का भय, या उससे धन य,
ने रोग, िशरोवेदना, पशुओं की हािन संभव है ।

गु -केतु -सूय : 8 अग 2020 से 25 अग 2020 तक

केतु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म सूय र म िम ों के साथ िवरोध, अपमृ ु, पराजय,
बु भंश तथा िववाद हो सकता है ।

गु -केतु -च : 25 अग 2020 से 23 िसत र 2020 तक

केतु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म च र म अ नाश, याश: य, शारी रक पीड़ा, बु म
आमवात की वृ संभव है ।

गु -केतु -मंगल : 23 िसत र 2020 से 12 अ ू बर 2020 तक

केतु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म भौम र म श ाघात से, िगरने से तथा अि से पीड़ा,
नीच से भय और श ु से अशंका संभव है ।

गु -केतु -रा : 12 अ ू बर 2020 से 3 िदस र 2020 तक

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केतु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- केतु की अ दशा म रा रम यों से भय, श ुओं का ादु भाव, तथा ु जनों
से भी भय हो सकता है ।

गु -केतु -गु : 3 िदस र 2020 से 17 जनवरी 2021 तक

केतु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म गु र म धन य, महो ात, व तथा िम ों का िवनाश,
सव े श संभव है ।

गु -केतु -शिन : 17 जनवरी 2021 से 12 माच 2021 तक

केतु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शिन र म शारी रक पीड़ा, िम ों का बध, तथा
अ लाभ संभव है ।

गु -केतु -बुध : 12 माच 2021 से 29 अ ैल 2021 तक

केतु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म बुध र म बु नाश, महान् उ े ग, िव ा य, महाभय तथा
सतत कायिस म िवकलता संभव है ।

गु -शु : 29 अ ैल 2021 से 29 िदस र 2023 तक

बृह ित की महादशा म शु की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म शु की अ दशा म -


- धम-कम तथा स नों की सेवा म वृि होगी।
- उ म िव ा और िव ानों की संगित का सुख ा होगा।
- धन, वाहन और राज िच ों की ा अथात राजकीय अनुकूलता रहे गी।
- यों से पीड़ा, ी स से धन हािन, जनता से े ष, िम ों से िवयोग तथा सनों
म िच बढ़े गी।
- वायु तथा का ू जिनत रोग और कलह एवं मानिसक िच ा संभव है ।
- बृह ित की दशा म शु की अ दशा म नरवाहन योग (खड़ख रया पालकी
पर चलना) हाथी घोड़े तथा व ों की भरमार, राजा की कृपा से धनािध ,
महासुख, पूविदशा की या ा से धनलाभ, क ाण, िपता माता को सुख दे नेवाला ेम,
दे वता बृह ित म भ , अ दान, तालाब, गोशाला का िनमाण, तथा अनेक पु काय होंगे।
- शु ा दशा म झगड़ा, ब ुओं म िवरोध, ी पु आिद को क ,
वही शु शिन, रा से यु होने से कलह, तथा राजा का अितभय, ीमूलक

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कलह तथा शुर से कलह सोदर से िववाद, तथा धनधा य संभव है ।
- अ दशा काल म धन य, ीमूलक औषधािदयों के ारा अपमृ ु का भय संभव है ।
- शा थ शा कम, ेत गाय, तथा भस का दान कर िजससे आयुरारो की ा होगी।

गु -शु -शु : 29 अ ैल 2021 से 9 अ ू बर 2021 तक

शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

गु -शु -सूय : 9 अ ू बर 2021 से 26 नव र 2021 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

गु -शु -च : 26 नव र 2021 से 16 फरवरी 2022 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

गु -शु -मंगल : 16 फरवरी 2022 से 13 अ ैल 2022 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

गु -शु -रा : 13 अ ैल 2022 से 6 िसत र 2022 तक

शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

गु -शु -गु : 6 िसत र 2022 से 14 जनवरी 2023 तक

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शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

गु -शु -शिन : 14 जनवरी 2023 से 18 जून 2023 तक

शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

गु -शु -बुध : 18 जून 2023 से 3 नव र 2023 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

गु -शु -केतु : 3 नव र 2023 से 29 िदस र 2023 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

गु -सूय : 29 िदस र 2023 से 17 अ ू बर 2024 तक

बृह ित की महादशा म सूय की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म सूय की अ दशा म -


- राजा से अिधकार एवं मान का लाभ तथा िकसी पदवी के िमलने का भी सौभा ा हो सकता
है ।
- ीमानों से मै ी, तेज तथा परा म की वृ , दे श अथवा जन समूह पर आिधप ा होगा।
- संतान सुख एवं संतान की उ ित, पु तीथ की या ा तथा यश वृ होगी।
- धन तथा अनेक कार के पदाथ व ुओं की ा , उ ाह एवं सुख की वृ होगी।
- श ुओं पर िवजय, आरो लाभ होगा।
- अ दशाकाल म धनलाभ, राजस ान- यु -ऐ य, वाहन, व , पशु, भूषण
की ा , पु सुख, िम तथा भु के ारा सवकायिस होगी।
- िशरोवेदना, रपीड़ा, स म से दू रता, पापकम म रित, सव लोगों से िव े ष, आ ब ुओं
से िवयोग, एकाएक झगड़ा संभव है ।

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गु -सूय-सूय : 29 िदस र 2023 से 13 जनवरी 2024 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

गु -सूय-च : 13 जनवरी 2024 से 6 फरवरी 2024 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

गु -सूय-मंगल : 6 फरवरी 2024 से 23 फरवरी 2024 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

गु -सूय-रा : 23 फरवरी 2024 से 7 अ ैल 2024 तक

सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

गु -सूय-गु : 7 अ ैल 2024 से 16 मई 2024 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,
तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

गु -सूय-शिन : 16 मई 2024 से 1 जुलाई 2024 तक

सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

गु -सूय-बुध : 1 जुलाई 2024 से 12 अग 2024 तक


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सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

गु -सूय-केतु : 12 अग 2024 से 29 अग 2024 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

गु -सूय-शु : 29 अग 2024 से 17 अ ू बर 2024 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

गु -च : 17 अ ू बर 2024 से 16 फरवरी 2026 तक

बृह ित की महादशा म च मा की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म च मा की अ दशा म -


- राज िच की ा , राजा के अनु ह से सुखों की वृ होगी।
- राजा अथात उ अिधका रयों से मै ी, मान ित ा की ा होगी।
- ी सुख, यों ारा ऐ य की ा , आभूषण और उ म व आिद का सुख िमले गा।
- उ म िव ा ारा धन एवं यश म वृ होगी।
- भू-स ि का सुख, गृह सुख, वाहन सुख का योग बनेगा।
- बृह ित की दशा म च मा की अ दशा म मान,
धन, तथा ब ुओं की हािन, िवदे शाटन, राजा, चोर, आिदयों से क ,
दायादों से कलह, मामा का िवयोग तथा माता को क संभव है ।

गु -च -च : 17 अ ू बर 2024 से 26 नव र 2024 तक

च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

गु -च -मंगल : 26 नव र 2024 से 25 िदस र 2024 तक

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च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -
- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

गु -च -रा : 25 िदस र 2024 से 8 माच 2025 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

गु -च -गु : 8 माच 2025 से 11 मई 2025 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

गु -च -शिन : 11 मई 2025 से 28 जुलाई 2025 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

गु -च -बुध : 28 जुलाई 2025 से 5 अ ू बर 2025 तक

च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

गु -च -केतु : 5 अ ू बर 2025 से 2 नव र 2025 तक

च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

गु -च -शु : 2 नव र 2025 से 22 जनवरी 2026 तक

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च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

गु -च -सूय : 22 जनवरी 2026 से 16 फरवरी 2026 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

गु -मंगल : 16 फरवरी 2026 से 22 जनवरी 2027 तक

बृह ित की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म मंगल की अ दशा म -


- ताप का उदय, िववाद म िवजय की ा होगी।
- काय े मे यश की ा , ी संतान से सुख िमले गा।
- शारी रक बल का य, उ ाह-हीनता, र से पीड़ा, िशर और गु रोग तथा श ुओं से भी भय
हो सकता है ।
- बृह ित की दशा म मंगल की अ दशा म िव ा,
िववाहकाय, ाम तथा भूिम का लाभ होगा। ऐसे समय म
सवकायिस द लोकबल ा होगा।
अ दशाकाल म धनधा तथा अ स ि यों की ा , िम ा दान, ऐ य, शुभ द-राजपे्रम,
ीसुख, पु ा ा , तथा पु तीथफलोदय ये सभी फल होंगे।

गु -मंगल-मंगल : 16 फरवरी 2026 से 7 माच 2026 तक

मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

गु -मंगल-रा : 7 माच 2026 से 28 अ ैल 2026 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,
कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

गु -मंगल-गु : 28 अ ैल 2026 से 12 जून 2026 तक

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मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

गु -मंगल-शिन : 12 जून 2026 से 5 अग 2026 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

गु -मंगल-बुध : 5 अग 2026 से 22 िसत र 2026 तक

मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

गु -मंगल-केतु : 22 िसत र 2026 से 12 अ ू बर 2026 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

गु -मंगल-शु : 12 अ ू बर 2026 से 8 िदस र 2026 तक

मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

गु -मंगल-सूय : 8 िदस र 2026 से 25 िदस र 2026 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,
िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

गु -मंगल-च : 25 िदस र 2026 से 22 जनवरी 2027 तक


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मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

गु -रा : 22 जनवरी 2027 से 17 जून 2029 तक

बृह ित की महादशा म रा की अ दशा का फल

बृह ित की महादशा म रा अ दशा म -


- लोगों से अकारण श ुता, भाई-ब ुओं से िवरोध संभव है ।
- अनेक कार के े श से भय, सब कार के उप वों के उदय की संभावना है ।
- संतान को क , थाना रण, दू र की या ा का योग बनेगा।
- धन की अवनित और अ र या मृ ु भय हो सकता है ।
- अ दशाकाल म चोर, सप, तथा ण का भय, राजा से िवरोध,
घर म कायािध से ाकुलता, सोदर से िवरोध, दायादों के साथ भी झगड़ा,
घर म अशुभकाय, दु : का भय, एकाएक कलह, ु शू ािदक रोग संभव है ।

गु -रा -रा : 22 जनवरी 2027 से 3 जून 2027 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

गु -रा -गु : 3 जून 2027 से 28 िसत र 2027 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन
की ा होगी।

गु -रा -शिन : 28 िसत र 2027 से 14 फरवरी 2028 तक

रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

गु -रा -बुध : 14 फरवरी 2028 से 17 जून 2028 तक

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रा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म बुध र म सब जगह अनेकिवध लाभ, ी के ारा िवशेष
प से लाभ, परदे श गमन से िस संभव है ।

गु -रा -केतु : 17 जून 2028 से 7 अग 2028 तक

रा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म केतु र म बु नाश, भय, बाधाय, धन य, सव कलह
तथा उ े ग संभव है ।

गु -रा -शु : 7 अग 2028 से 31 िदस र 2028 तक

रा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म शु र म योिगिनयों से भय, अ य, कद भोजन,
ीिवनाश, वंश म शोक संभव है ।

गु -रा -सूय : 31 िदस र 2028 से 13 फरवरी 2029 तक

रा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म सूय रम ररोग, महाभय, पु पौ आिद को े श,
अपमृ ु तथा असावधानता संभव है ।

गु -रा -च : 13 फरवरी 2029 से 27 अ ैल 2029 तक

रा की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म च र म उ े ग, कलह, िच ा, मानहािन, महाभय,
िपता के शरीर म क संभव है ।

गु -रा -मंगल : 27 अ ैल 2029 से 17 जून 2029 तक

रा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म मंगल का र म भग र रोग से क , र िप ज रोगों
से क , धन य, महान् मानिसक उ े ग संभव है ।

शिन महादशा: 17 जून 2029 से 17 जून 2048 तक

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शिन महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से शिन की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- शिन की महादशा मे िकसी ेणी के ाम, नगर के अिधकार अथवा समाज म धानता ा होगी। अथवा िकसी
िन जाित का आिधप िमल सकता है ।
- िवनय, बु एवं ान की वृ , दान दे ने म िच और कला-कुशलता होगी।
- िकसी ाचीन थान की ा से सुखी होंगे।
- धन, ण, व आिद से स तथा हाथी, घोड़े आिद चतु ादों (अथात वाहन) से शोिभत होंगे।
- दे वता आिद म भ और दे वालय आिद बनवाने की िच होगी।
- अपने कुल को उ वल करगे और कीि , यश की वृ होगी।
- प रवार का सुख, परा म की वृ , या ाएं होती रहगी।
- जानवर ऊंट, गदहा, बकरी, प ी, वृ ा ी, मोटा अ आिद से लाभ की ा होगी।
- शिन की महादशा म बल, पौ ष और कीि की वृ होगी तथा राजा से आ य िमले गा।
- भूिम और आभूषण आिद की ा तथा अपने गुण के अनुसार सुख ा होगा।
- शिन की महादशा म धन, ी, स ान, भाई और नौकर की हािन संभव है ।
- बुरे कार का भोजन तथा लां छना लग सकती है ।
- शिन की महादशा म ब त सुख, स ि और ी-पु आिद का लाभ तथा ब ु जनों से ित ा होगी।
- शिन की महादशा म सम काय और उ ोगों की हािन तथा दु :ख एवं भाइयों का िवनाश हो सकता है ।
- शिन की महादशा म परा म एवं साहस से काय म सफलता ा होगी।
- सामा धन लाभ और चतु ाद की ा , मन म उ ाह और सुख होगा।
- ब ु वग को अिन , संकट तथा मानिसक क हो सकता है ।
- शिन की महादशा म काय े म अिधकार एवं धानता की ा होगी।
- ी तथा पु का लाभ, स ान-सुख एवं गृह थ सुख की ा होगी।
- आिथक उ ित, िवजय, स ान और ित ा म वृ होगी।
- धन ा के उ म साधन तथा कृिष से लाभ एवं कृिष म धानता रहे गी।
- िव ा बु म यश तथा कुल म धानता ्रा होगी।

शिन-शिन : 17 जून 2029 से 20 जून 2032 तक

शिन की महादशा म शिन की अ दशा का फल

शिन की महादशा म शिन की अ दशा म -


- शरीर म आल तथा मानिसक उ ाह म कमी रहे गी।
- काय े म बाधा, धन की कमी, ऋण ता तथा वास संभव है ।
- वात िवकार, रोग से पीड़ा, द और ई ा के कारण ताप संभव है ।
- राजा और चोर से धन-धा का नाश हो सकता है ।
- ी के कारण बु म, संतान से कलह तथा अनेक कार के क संभव है ।
- रा लाभ, महान सुख, ी पु की अिभवृ , वाहन य का सुख,
हाथी-घोड़ा, व आिद की अिधकता, राजा की कृपा से सेनापित , पशु लाभ, ाम आिद का
लाभ होगा।
- अपमृ ु भय संभव है ।
- दोष प रहार के िलये मृ ु य जप करना चािहये, शंकर स , सभी क ों के हारक होंगे।

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शिन-शिन-शिन : 17 जून 2029 से 8 िदस र 2029 तक

शिन की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शिन र म शारी रक वेदना झगड़े का भय, तथा
अनेक िवध दु :ख, संभव है ।

शिन-शिन-बुध : 8 िदस र 2029 से 13 मई 2030 तक

शिन की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म बुध र म बु नाश, झगडे़ का भय, अ , पान का िवनाश,
धन य, श ुभय संभव है ।

शिन-शिन-केतु : 13 मई 2030 से 16 जुलाई 2030 तक

शिन की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म केतु र म श ु ारा ब न, वैव ( ानता) बुधािध ,
मानिसक िच ा, भय तथा ास हो सकता है ।

शिन-शिन-शु : 16 जुलाई 2030 से 15 जनवरी 2031 तक

शिन की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शु र म िवचा रत व ु (मनोरथ) की िस , जन म
क ाण, यास म लाभ संभव है ।

शिन-शिन-सूय : 15 जनवरी 2031 से 11 माच 2031 तक

शिन की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म सूय र म राजसतेज तथा अिधकार, अपने घर म झगड़ा, र,
ािधज पीड़ा संभव है ।

शिन-शिन-च : 11 माच 2031 से 10 जून 2031 तक

शिन की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म च र म बु िवकाश, महान् काय का आर , तेजोमा , ब त
खच, अनेक यों के साथ संब संभव है ।

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शिन-शिन-मंगल : 10 जून 2031 से 13 अग 2031 तक

शिन की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म मंगल र म तेज की कमी, पु को आघात, अि तथा श ु से
भय, वात तथा िप ज क संभव है ।

शिन-शिन-रा : 13 अग 2031 से 25 जनवरी 2032 तक

शिन की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म रा र म धन य, व हािन, भूिमनाश, भय, िवदे शया ा
तथा मरण भय संभव है ।

शिन-शिन-गु : 25 जनवरी 2032 से 20 जून 2032 तक

शिन की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म गु र म ी ाराकृत गृह , उनकी दे ख भाल करने म
अ मता, झगड़ा तथा मानिसक उ े ग संभव है ।

शिन-बुध : 20 जून 2032 से 28 फरवरी 2035 तक

शिन की महादशा म बुध की अ दशा का फल

शिन की महादशा म बुध की अ दशा म -


- राजदरबार म ित ा की ा व नौकरी म उ ष होगा।
- वसाय एवं वािण म सफलता, धन लाभ ा होगा।
- िव ानों की संगित म आन , िम ों से लाभ, स म म िच बढ़े गी।
- ी-पु ािद से सुख, वाहन सुख, यश, कीित तथा सौभा की वृ होगी।
- कफ कोप से शारी रक क संभव है ।
- स ान, अपार यश, िव ा लाभ, धनागम, वाहन आिद सुख,
य आिद काय की िस , राजयोग आिद संभव होंगे। शरीर सुख,
मानिसक उ ाह, घर म क ाण, तीथ या ा ारा समु ान, वािण से धन लाभ, पुराण
वण, अ दान, िन िम ा का भोजन होगा।
शारी रक बाधा संभव है ।

शिन-बुध-बुध : 20 जून 2032 से 6 नव र 2032 तक

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बुध की अ दशा म बुध की र दशा का फल -
- बुध की अ दशा म बुध र म बु , िव ा, धन, व का लाभ, महासुख,
सुवणािद र लाभ, संभव है ।

शिन-बुध-केतु : 6 नव र 2032 से 2 जनवरी 2033 तक

बुध की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म केतु र म कु ता (कुभोजन) पेट म रोग, ने ो म
कामला रोग तथा र िप जरोग संभव है ।

शिन-बुध-शु : 2 जनवरी 2033 से 15 जून 2033 तक

बुध की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शु र म उ र िदशा म लाभ, पशुओं से ित, राजदरबार
म अिधकार संभव है ।

शिन-बुध-सूय : 15 जून 2033 से 3 अग 2033 तक

बुध की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म सूय र म तेज म कभी, रोग तथा शारी रक क , िच म
िवकलता संभव है ।

शिन-बुध-च : 3 अग 2033 से 24 अ ू बर 2033 तक

बुध की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म च र म ी, धन एवं स ि का लाभ, क ो ि ,
महाधनलाभ, सविवध सौ की ा होगी।

शिन-बुध-मंगल : 24 अ ू बर 2033 से 21 िदस र 2033 तक

बुध की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म मंगल के र म धम, बु , धन की ा , चोर अि
आिदयों से पीड़ा, र व ा , श से आघात संभव है ।

शिन-बुध-रा : 21 िदस र 2033 से 17 मई 2034 तक

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बुध की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- बुध की अ दशा म रा तय र म यों के साथ झगड़ा, एकाएक भयागम, राजा
तथा श कृत भय संभव है ।

शिन-बुध-गु : 17 मई 2034 से 25 िसत र 2034 तक

बुध की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म गु र म रा या रा ािधकार की ा , राजा के ारा
स ान, सद् ु ब तथा िव ा की वृ संभव है ।

शिन-बुध-शिन : 25 िसत र 2034 से 28 फरवरी 2035 तक

बुध की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शिन र म शारी रक आघात के कारण वात िप जिनत
पीड़ा तथा अनेक प म धन का नाश हो सकता है ।

शिन-केतु : 28 फरवरी 2035 से 8 अ ैल 2036 तक

शिन की महादशा म केतु की अ दशा का फल

शिन की महादशा म केतु की अ दशा म -


- राजकीय ब न का भय, दु :खदायी प र थितयाँ संभव ह।
- नीच एवं दु :जन मनु ों से कलह, तथा ी-पु से िव ह हो सकता है ।
- धन हािन, दु : एवं वात-िप जिनत रोग से भय संभव है ।
- थान ंश, महाभय, दा र तथा ब न भय, ी पु का
नाश, अपने मािलक से महान े श, िवदे श या ा आिद फल ा होगा।
- अ दशा म साम , धािमक बु , सुख तथा राजा का समागम होगा।

शिन-केतु -केतु : 28 फरवरी 2035 से 23 माच 2035 तक

केतु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म केतु र म एकाएक आिप , दे शा र गमन,
नाश संभव है ।

शिन-केतु -शु : 23 माच 2035 से 30 मई 2035 तक

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केतु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- केतु की अ दशा म शु र म े ों का भय, या उससे धन य,
ने रोग, िशरोवेदना, पशुओं की हािन संभव है ।

शिन-केतु -सूय : 30 मई 2035 से 19 जून 2035 तक

केतु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म सूय र म िम ों के साथ िवरोध, अपमृ ु, पराजय,
बु भंश तथा िववाद हो सकता है ।

शिन-केतु -च : 19 जून 2035 से 23 जुलाई 2035 तक

केतु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म च र म अ नाश, याश: य, शारी रक पीड़ा, बु म
आमवात की वृ संभव है ।

शिन-केतु -मंगल : 23 जुलाई 2035 से 16 अग 2035 तक

केतु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म भौम र म श ाघात से, िगरने से तथा अि से पीड़ा,
नीच से भय और श ु से अशंका संभव है ।

शिन-केतु -रा : 16 अग 2035 से 15 अ ू बर 2035 तक

केतु की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म रा रम यों से भय, श ुओं का ादु भाव, तथा ु जनों
से भी भय हो सकता है ।

शिन-केतु -गु : 15 अ ू बर 2035 से 8 िदस र 2035 तक

केतु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म गु र म धन य, महो ात, व तथा िम ों का िवनाश,
सव े श संभव है ।

शिन-केतु -शिन : 8 िदस र 2035 से 10 फरवरी 2036 तक

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केतु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -
- केतु की अ दशा म शिन र म शारी रक पीड़ा, िम ों का बध, तथा
अ लाभ संभव है ।

शिन-केतु -बुध : 10 फरवरी 2036 से 8 अ ैल 2036 तक

केतु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म बुध र म बु नाश, महान् उ े ग, िव ा य, महाभय तथा
सतत कायिस म िवकलता संभव है ।

शिन-शु : 8 अ ैल 2036 से 8 जून 2039 तक

शिन की महादशा म शु की अ दशा का फल

शिन की महादशा म शु की अ दशा म -


- शुभ-अशुभ िमि त फल ा होंगे।
- ी संतान, आभूषण एवं धन की ा , ाम अथवा दे श म िस होगी।
- कृिष आिद से सुख, ब ुजनों से ेह, जनता से ीित, पु से सुख, यश का काश और श ुओं
का नाश होगा।
- ी पु , धन की ा , शारी रक आरो , महो व, घर म क ाण
तथा संपि , रा लाभ, महासुख, राजा की कृपा से सुख द अिभ
िस , जनादर तथा राजा से स ान, ि य व ों का लाभ, ीपा र से व , ेत अ ,
मिहषी का लाभ, संचारवश बृह ित की अनुकूलता से सुख, धन संपि , शिन की अनुकूलता से
योग कम की ा होगी।
- राजा की कृपा, मनोभी िस , दान, धम, दया से यु ,
तीथ या ा आिद फल, शा ाथ, का रचना, वेदा वण,
ी पु का सुख, छ तथा वाहन की ा होगी।

शिन-शु -शु : 8 अ ैल 2036 से 17 अ ू बर 2036 तक

शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

शिन-शु -सूय : 17 अ ू बर 2036 से 14 िदस र 2036 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

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शिन-शु -च : 14 िदस र 2036 से 21 माच 2037 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

शिन-शु -मंगल : 21 माच 2037 से 27 मई 2037 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

शिन-शु -रा : 27 मई 2037 से 17 नव र 2037 तक

शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

शिन-शु -गु : 17 नव र 2037 से 20 अ ैल 2038 तक

शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

शिन-शु -शिन : 20 अ ैल 2038 से 20 अ ू बर 2038 तक

शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

शिन-शु -बुध : 20 अ ू बर 2038 से 2 अ ैल 2039 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

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शिन-शु -केतु : 2 अ ैल 2039 से 8 जून 2039 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

शिन-सूय : 8 जून 2039 से 20 मई 2040 तक

शिन की महादशा म सूय की अ दशा का फल

शिन की महादशा म सूय की अ दशा म -


- शरीर को िवशेष क तथा मानिसक े श संभव है ।
- अिनि त प र थितयाँ , आक क घटनाएँ तथा लोकोपवाद, मानहािन हो सकती है ।
- ी-पु और ब ु को पीड़ा, श ुओं की उ ि एवं थ मण हो सकता है ।
- धन की हािन, चोर एवं राजा से पीड़ा, और जठराि , दय एवं ने का रोग हो सकता हे ।
- जातक को अपने ामी से महासुख, घर म क ाण, तथा स ि ,
पु ािदसुखवृ , सवारी, पशु, व , गोदु ग से प रपूण घर होगा।

शिन-सूय-सूय : 8 जून 2039 से 26 जून 2039 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

शिन-सूय-च : 26 जून 2039 से 25 जुलाई 2039 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

शिन-सूय-मंगल : 25 जुलाई 2039 से 14 अग 2039 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

शिन-सूय-रा : 14 अग 2039 से 5 अ ू बर 2039 तक


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सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

शिन-सूय-गु : 5 अ ू बर 2039 से 20 नव र 2039 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,
तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

शिन-सूय-शिन : 20 नव र 2039 से 14 जनवरी 2040 तक

सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

शिन-सूय-बुध : 14 जनवरी 2040 से 3 माच 2040 तक

सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

शिन-सूय-केतु : 3 माच 2040 से 23 माच 2040 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

शिन-सूय-शु : 23 माच 2040 से 20 मई 2040 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

शिन-च : 20 मई 2040 से 20 िदस र 2041 तक

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शिन की महादशा म च मा की अ दशा का फल

शिन की महादशा म च मा की अ दशा म -


- उ ाह की हािन, मानिसक िच ा, ोध, उ े ग की वृ होगी।
- व ुवग से मतभेद, िनर र कलह, संतान क एवं गु श ु से हािन संभव है ।
- ी को मृ ु तु क अथवा ी की मृ ु या िवयोग, सुख की हािन संभव है ।
- वात रोग व गु रोग आिद से पीड़ा हो सकती है ।
- जातक को राज ीित, राजकृपा से वाहन, व , भूषणकी ा , सौभा ोदय,
सुखवृ , सेवकों का पालन, िपतृमातृकुल म सुख, सुख द पशुवृ होगी।
- अ दशाकाल म जातक को महान् क , राजकोप, धननाश, िपतृमातृिवयोग, पु -पु ी को रोग,
उ ोग म हािन, अनेक प म धन य, असमय म भोजन, औषिध का सेवन संभव है ।
अ दशार म सुख तथा धनागम होगा।
- अपनी अ दशा म वाहन, व , पशु तथा ब ुओं का सुख,
मातृ, िपतृ, ी का सुख, धनागम, िम तथा भु के ारा
सवसौ होगी।

शिन-च -च : 20 मई 2040 से 7 जुलाई 2040 तक

च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

शिन-च -मंगल : 7 जुलाई 2040 से 10 अग 2040 तक

च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

शिन-च -रा : 10 अग 2040 से 5 नव र 2040 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

शिन-च -गु : 5 नव र 2040 से 21 जनवरी 2041 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

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शिन-च -शिन : 21 जनवरी 2041 से 23 अ ैल 2041 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

शिन-च -बुध : 23 अ ैल 2041 से 14 जुलाई 2041 तक

च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

शिन-च -केतु : 14 जुलाई 2041 से 16 अग 2041 तक

च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

शिन-च -शु : 16 अग 2041 से 21 नव र 2041 तक

च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

शिन-च -सूय : 21 नव र 2041 से 20 िदस र 2041 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

शिन-मंगल : 20 िदस र 2041 से 28 जनवरी 2043 तक

शिन की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

शिन की महादशा म मंगल की अ दशा म -

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- शरीर म िवकलता, कोई किठन रोग संभव है ।
- भाइयों को पीड़ा, ब ु े ष, ी-पु ािद का िवयोग, संतान क हो सकता है ।
- थान से ुित, अपने थान पर लौट कर आना, काय वसाय म हािन अथवा अ लाभ
रहे गा।
- अनेक कार का भय, िम एवं और ित ा की हािन हो सकती है ।
- सौ , धनागम, राज ेम, वाहन, व , भूषण की ा , सेनािधप ,
राजा का आदर, खेती, पशु तथा धा स ि यों की वृ , नवीन थान का
िनमाण, ातृवग से इ िस ा होगी।
- अ दशा म धनहािन होगी। चोर, सप, ण, श , गँिठया रोगािद की पीड़ा, भाई िपता को
क , दायादों के साथ झगड़ा, पशुहािन, कद भोजन, िवदे शया ा, अनेक तरह से धन य संभव
है ।

शिन-मंगल-मंगल : 20 िदस र 2041 से 12 जनवरी 2042 तक

मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

शिन-मंगल-रा : 12 जनवरी 2042 से 14 माच 2042 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,
कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

शिन-मंगल-गु : 14 माच 2042 से 7 मई 2042 तक

मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

शिन-मंगल-शिन : 7 मई 2042 से 10 जुलाई 2042 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

शिन-मंगल-बुध : 10 जुलाई 2042 से 5 िसत र 2042 तक

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मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

शिन-मंगल-केतु : 5 िसत र 2042 से 29 िसत र 2042 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

शिन-मंगल-शु : 29 िसत र 2042 से 5 िदस र 2042 तक

मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

शिन-मंगल-सूय : 5 िदस र 2042 से 26 िदस र 2042 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,
िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

शिन-मंगल-च : 26 िदस र 2042 से 28 जनवरी 2043 तक

मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

शिन-रा : 28 जनवरी 2043 से 4 िदस र 2045 तक

शिन की महादशा म रा की अ दशा का फल

शिन की महादशा म रा की अ दशा म -


- काय वसाय म अिधक प र म और क से अ लाभ होगा।
- मानिसक उ ाह म कमी तथा सां सा रक सुख स ी िच ा रहे गी।
- िम ों से कलह, श ुओं से पीड़ा तथा भाई-ब ुओं से दु :ख की ा संभव है ।

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- वात पीड़ा, र, अितसार आिद शारी रक रोग संभव ह।
- शिन की दशा म रा की अ दशा कलह, मानिसक क , शरीरपीड़ा, मन ाप, पु ों से े ष,
रोगभय, धन य, जनों से िवरोध, िवदे श-गमन, गृह, े ािद की िवनाशकारक होगी।
- अ दशा म आर म सौ , धनागम, गृह, स े तथा स दाएँ ,
दे व ा णभ , तीथया ा, पशुओं से लाभ, घर म क ाणवृ होगी। अ दशा के म म
राजभय, पु तथा िम ों से िवरोध संभव है ।

शिन-रा -रा : 28 जनवरी 2043 से 4 जुलाई 2043 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

शिन-रा -गु : 4 जुलाई 2043 से 19 नव र 2043 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन
की ा होगी।

शिन-रा -शिन : 19 नव र 2043 से 2 मई 2044 तक

रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

शिन-रा -बुध : 2 मई 2044 से 27 िसत र 2044 तक

रा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म बुध र म सब जगह अनेकिवध लाभ, ी के ारा िवशेष
प से लाभ, परदे श गमन से िस संभव है ।

शिन-रा -केतु : 27 िसत र 2044 से 26 नव र 2044 तक

रा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म केतु र म बु नाश, भय, बाधाय, धन य, सव कलह
तथा उ े ग संभव है ।

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शिन-रा -शु : 26 नव र 2044 से 19 मई 2045 तक

रा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म शु र म योिगिनयों से भय, अ य, कद भोजन,
ीिवनाश, वंश म शोक संभव है ।

शिन-रा -सूय : 19 मई 2045 से 10 जुलाई 2045 तक

रा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म सूय रम ररोग, महाभय, पु पौ आिद को े श,
अपमृ ु तथा असावधानता संभव है ।

शिन-रा -च : 10 जुलाई 2045 से 5 अ ू बर 2045 तक

रा की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म च र म उ े ग, कलह, िच ा, मानहािन, महाभय,
िपता के शरीर म क संभव है ।

शिन-रा -मंगल : 5 अ ू बर 2045 से 4 िदस र 2045 तक

रा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म मंगल का र म भग र रोग से क , र िप ज रोगों
से क , धन य, महान् मानिसक उ े ग संभव है ।

शिन-गु : 4 िदस र 2045 से 17 जून 2048 तक

शिन की महादशा म बृह ित की अ दशा का फल

शिन की महादशा म बृह ित की अ दशा म -


- दे वता, गु तथा स ु षों म भ बढ़े गी।
- राजा की कृपा से धन, भूिम, वाहन, सेवक आिद का सुख ा होगा।
- नवीन काय का ारं भ, संपि लाभ, यश म वृ होगी।
- ी संतान आिद का सुख, हास-िवलास तथा अनेक कार के सुख ा होंगे।
- गुणों म वृ तथा कलाओं म कुशलता ा होगी।
- अ दशाकाल म ऐ य, ीसौभा , राजल ी, धन-स ि
की ा , भोजन-व का सुख, दानधमाचरण, वेदा ान,
य कमफल, अ दान, महायश तथा वेदा वण ा होगा।

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शिन-गु -गु : 4 िदस र 2045 से 7 अ ैल 2046 तक

गु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म गु के र म सुवण लाभ, धा वृ ,क ाण तथा
शुभफल का उदय होगा।

शिन-गु -शिन : 7 अ ैल 2046 से 31 अग 2046 तक

गु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म शिन र म गाय, भूिम, तथा सुवण का लाभ, सव
सुखसाधन की साम ी, अ , पान, आिद का भी सं ह संभव है ।

शिन-गु -बुध : 31 अग 2046 से 9 जनवरी 2047 तक

गु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म बुध र म िव ा, व , ान तथा मोती का लाभ, िम ों
के आगमन से ेह संभव है ।

शिन-गु -केतु : 9 जनवरी 2047 से 4 माच 2047 तक

गु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म केतु र म जलभय, चोरी, ब न, झगड़ा, अपमृ ुभय संभव है ।

शिन-गु -शु : 4 माच 2047 से 5 अग 2047 तक

गु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म शु र म अनेक िव ाओं, तथा कमों की ा , सुवण, व ,
आभूषण का लाभ, क ाण यु स ोष संभव है ।

शिन-गु -सूय : 5 अग 2047 से 21 िसत र 2047 तक

गु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म सूय र म राजा, िम , िपता, माता से लाभ तथा सव आदर
ा होगा।

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शिन-गु -च : 21 िसत र 2047 से 7 िदस र 2047 तक

गु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म च मा के र म सभी े शों का िवनाश, मोती तथा घोड़े का
लाभ, और सभी काय की िस होगी।

शिन-गु -मंगल : 7 िदस र 2047 से 30 जनवरी 2048 तक

गु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म मंगल र म श भय, गुदा म पीड़ा, अि मा ,
अजीणरोग तथा श ुकृत पीड़ा हो सकती है ।

शिन-गु -रा : 30 जनवरी 2048 से 17 जून 2048 तक

गु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म रा र म चा ाल से िवरोध, उनके ारा धननाश,
क , ािध, श ु, से भय संभव ह।

बुध महादशा: 17 जून 2048 से 17 जून 2065 तक

बुध महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से बुध की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- बुध की महादशा म बड़े लोगों, अनेक उ मों से धनवान्, िम और कुटु ारा धन की ा होगी।
- िव ा म उ ष, भाषण म कुशलता, संगीत म ेम तथा िश कम म िनपुणता ा होगी।
- वसाय म उ ित, कृिष कम म भी अिभ िच होगी।
- आचाय, िव ान तथा गु जनों के ित पे्रम बढ़े गा।
- य आिद धािमक कृ ों म भाग ले ने का अवसर िमले गा।
- नवीन व ाभूषणों का लाभ तथा थान िनमाण करने म िच होगी।
- ण आिद के य-िव य से धन की ा हो सकती है ।
- म थता या दू त का काम करने का सौभा िमले गा।
- हा िवनोद, ीड़ा और सुख से जीवन तीत होगा।
- जनता म मह तथा कीित की वृ होगी।
- ी, संतान आिद से सुख ा होगा।
- वात रोग का भय होगा।
- बुध की महादशा म धन, सुख और कीित की ा होगी।
- धािमक पु क तथा पुराण आिद की ओर िच एवं स की डूँड़ने म िनम रहगे।
- बुध की महादशा म वािण म उ ित, धन-धा स ि का लाभ होगा।

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- गौ, भूिम, ी, स ान, सु र भोजन, आभूषण और व आिद की ा होगी।
- राजाओं से िम ता, धन-धा , कल और पु ािद का सुख, य ािद कम से यश, उ म भोजन तथा व भूषणािद की
ा होती है ।
- बुध की महादशा म े अिधकार की ा , वसाय तथा उ ोग म यश ा होगा।
- राज दरवार म मान स ान तथा धन का लाभ होगा।
- ले खन, पु क का काशन की स ावना रहे गी।
- जनों और गु जनों का आदर मान करे ग।
- बुध की महादशा म धनवान, भा वान तथा ऐ यवान बनगे।
- ई र भ , सदाचारी, नीितवान तथा े कम करने की वृि रहे गी।
- िववेकी, गुणी और बु मान् होकर ितभा का िवकास ा होगा।
- का कला, ले खन, िनमाण आिद म िच रहे गी।
- श ुओं पर िवजय ा होगी। कीित म वृ होगी।
- ल ीया ा और अपने वा से धन उपाजन करगे।

बुध-बुध : 17 जून 2048 से 13 नव र 2050 तक

बुध की महादशा म बुध की अ दशा का फल

बुध की महादशा म बुध की अ दशा म -


- कला-कौशल म िच, िव ा-बु तथा ान की वृ होगी।
- सु र व और धन-लाभ तथा सां सा रक सुखों की ा होगी।
- ब ु वग एवं ा णों से धन की ा तथा सब काय म अथ िस होगी।
- संतान सुख, िम तथा ब ु-बा वों से ेह की ा होगी।
- बुध की दशा म बुध की ही अ दशा आए तो मोती, मूँगा का लाभ, ान, कम, सुख की ा , िव ा
की मह ा, यश, नवीन राजा का दशन, ऐ य, ी, पु , िपता, माता का सुख ा होगा।
- जातक की ी को क , अपने स यों का मरण संभव है ।
- दोषप रहार के िलए िव ुसह नाम पाठ करना ेय र है ।

बुध-बुध-बुध : 17 जून 2048 से 19 अ ू बर 2048 तक

बुध की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म बुध र म बु , िव ा, धन, व का लाभ, महासुख,
सुवणािद र लाभ, संभव है ।

बुध-बुध-केतु : 19 अ ू बर 2048 से 10 िदस र 2048 तक

बुध की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म केतु र म कु ता (कुभोजन) पेट म रोग, ने ो म
कामला रोग तथा र िप जरोग संभव है ।

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बुध-बुध-शु : 10 िदस र 2048 से 5 मई 2049 तक

बुध की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शु र म उ र िदशा म लाभ, पशुओं से ित, राजदरबार
म अिधकार संभव है ।

बुध-बुध-सूय : 5 मई 2049 से 18 जून 2049 तक

बुध की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म सूय र म तेज म कभी, रोग तथा शारी रक क , िच म
िवकलता संभव है ।

बुध-बुध-च : 18 जून 2049 से 30 अग 2049 तक

बुध की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म च र म ी, धन एवं स ि का लाभ, क ो ि ,
महाधनलाभ, सविवध सौ की ा होगी।

बुध-बुध-मंगल : 30 अग 2049 से 21 अ ू बर 2049 तक

बुध की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म मंगल के र म धम, बु , धन की ा , चोर अि
आिदयों से पीड़ा, र व ा , श से आघात संभव है ।

बुध-बुध-रा : 21 अ ू बर 2049 से 2 माच 2050 तक

बुध की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म रा तय र म यों के साथ झगड़ा, एकाएक भयागम, राजा
तथा श कृत भय संभव है ।

बुध-बुध-गु : 2 माच 2050 से 27 जून 2050 तक

बुध की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म गु र म रा या रा ािधकार की ा , राजा के ारा
स ान, सद् ु ब तथा िव ा की वृ संभव है ।

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बुध-बुध-शिन : 27 जून 2050 से 13 नव र 2050 तक

बुध की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शिन र म शारी रक आघात के कारण वात िप जिनत
पीड़ा तथा अनेक प म धन का नाश हो सकता है ।

बुध-केतु : 13 नव र 2050 से 10 नव र 2051 तक

बुध की महादशा म केतु की अ दशा का फल

बुध की महादशा म केतु की अ दशा म -


- बु म, उ ाह म कमी, अनेक कार के दु ख संभव ह।
- उ ोग तथा परा म म हािन, धन म कमी तथा शारी रक क संभव ह।
- ब ु जनों से पीड़ा, मन म ताप, सुख की हािन, श ु से भय ओर काय म िव हो सकता है ।
- शरीरसुख, धनाढ़्यता, ब ु ेह, पशुलाभ, मण से धनलाभ, िव ालाभ, कीित का िव ार, मानसिहत
राजा का दशन, भोजन-व का सुख आिद फल अ दशा के आर तथा म म होंगे।

बुध-केतु -केतु : 13 नव र 2050 से 4 िदस र 2050 तक

केतु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म केतु र म एकाएक आिप , दे शा र गमन,
नाश संभव है ।

बुध-केतु -शु : 4 िदस र 2050 से 3 फरवरी 2051 तक

केतु की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शु र म े ों का भय, या उससे धन य,
ने रोग, िशरोवेदना, पशुओं की हािन संभव है ।

बुध-केतु -सूय : 3 फरवरी 2051 से 21 फरवरी 2051 तक

केतु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म सूय र म िम ों के साथ िवरोध, अपमृ ु, पराजय,
बु भंश तथा िववाद हो सकता है ।

बुध-केतु -च : 21 फरवरी 2051 से 23 माच 2051 तक

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केतु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म च र म अ नाश, याश: य, शारी रक पीड़ा, बु म
आमवात की वृ संभव है ।

बुध-केतु -मंगल : 23 माच 2051 से 13 अ ैल 2051 तक

केतु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म भौम र म श ाघात से, िगरने से तथा अि से पीड़ा,
नीच से भय और श ु से अशंका संभव है ।

बुध-केतु -रा : 13 अ ैल 2051 से 6 जून 2051 तक

केतु की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म रा रम यों से भय, श ुओं का ादु भाव, तथा ु जनों
से भी भय हो सकता है ।

बुध-केतु -गु : 6 जून 2051 से 25 जुलाई 2051 तक

केतु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म गु र म धन य, महो ात, व तथा िम ों का िवनाश,
सव े श संभव है ।

बुध-केतु -शिन : 25 जुलाई 2051 से 20 िसत र 2051 तक

केतु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शिन र म शारी रक पीड़ा, िम ों का बध, तथा
अ लाभ संभव है ।

बुध-केतु -बुध : 20 िसत र 2051 से 10 नव र 2051 तक

केतु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म बुध र म बु नाश, महान् उ े ग, िव ा य, महाभय तथा
सतत कायिस म िवकलता संभव है ।

बुध-शु : 10 नव र 2051 से 10 िसत र 2054 तक


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बुध की महादशा म शु की अ दशा का फल

बुध की महादशा म शु की अ दशा म -


- ई र, गु म भ , िव ान एवं अितिथ आिद का आदर-स ार करने का सौभा ा होगा।
- दान-धम आिद की ओर वृि रहे गी।
- िव ा ारा मान- ित ा एवं काय वसाय म धन लाभ होगा।
- अनेक कार के व तथा आभूषण आिद का लाभ, संतान सुख तथा यश की वृ होगी।
- िकसी आचाय का कथन है िक अनेक प र म ारा एवं िशर के रोग से दु :ख संभव है ।
- स था, पु , धम, आिद म वृि , िम तथा मािलक के ारा इ िस , े लाभ, तथा सुख होगा।
- जातक की अपमृ ु संभव है ।
- दोषप रहार के िलए दु गापाठ-म जप कर।

बुध-शु -शु : 10 नव र 2051 से 1 मई 2052 तक

शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

बुध-शु -सूय : 1 मई 2052 से 22 जून 2052 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

बुध-शु -च : 22 जून 2052 से 16 िसत र 2052 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

बुध-शु -मंगल : 16 िसत र 2052 से 15 नव र 2052 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

बुध-शु -रा : 15 नव र 2052 से 19 अ ैल 2053 तक


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शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

बुध-शु -गु : 19 अ ैल 2053 से 4 िसत र 2053 तक

शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

बुध-शु -शिन : 4 िसत र 2053 से 15 फरवरी 2054 तक

शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

बुध-शु -बुध : 15 फरवरी 2054 से 12 जुलाई 2054 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

बुध-शु -केतु : 12 जुलाई 2054 से 10 िसत र 2054 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

बुध-सूय : 10 िसत र 2054 से 18 जुलाई 2055 तक

बुध की महादशा म सूय की अ दशा का फल

बुध की महादशा म सूय की अ दशा म -


- राजकीय स ान तथा सरकारी कामों म सफलता िमले गी।
- हाथी, घोडे़ आिद (अथात सवारी) वाहनों से सुख, मिण-मािणक, आभूषण एवं व आिद का लाभ होगा।
- यश, धन एवं वैभव आिद की ा , सब कार के सुखों का लाभ ा होगा।

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- संतान ज का सुख, धम-काय म अिभ िच रहे गी।
- रोगो ि , ने रोग और थान प रवतन या वास हो सकता है ।
- बुध की दशा म सूय की अ दशा म राजा की कृपा से सौभा ोदय, िम तथा मािलक के ारा सुख ा
होगा। भूिमलाभ ा होगा। ब त सुख, धनागम, ाम-भूिम आिद का लाभ, भोजन व का सुख आिद
फल होंगे।

बुध-सूय-सूय : 10 िसत र 2054 से 26 िसत र 2054 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

बुध-सूय-च : 26 िसत र 2054 से 22 अ ू बर 2054 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

बुध-सूय-मंगल : 22 अ ू बर 2054 से 9 नव र 2054 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

बुध-सूय-रा : 9 नव र 2054 से 25 िदस र 2054 तक

सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

बुध-सूय-गु : 25 िदस र 2054 से 5 फरवरी 2055 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,
तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

बुध-सूय-शिन : 5 फरवरी 2055 से 26 माच 2055 तक

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सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

बुध-सूय-बुध : 26 माच 2055 से 9 मई 2055 तक

सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

बुध-सूय-केतु : 9 मई 2055 से 27 मई 2055 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

बुध-सूय-शु : 27 मई 2055 से 18 जुलाई 2055 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

बुध-च : 18 जुलाई 2055 से 16 िदस र 2056 तक

बुध की महादशा म च मा की अ दशा का फल

बुध की महादशा म च मा की अ दशा म -


- शारी रक पीड़ा, िप कोप एवं चा रोग(खुजली) संभव है ।
- सम काय की हािन, अनेक िववादों की उ ि , श ुओं से दु :ख ा हो सकता है ।
- वाहन एवं चतु दों से हािन, या ा म क और मृत स ान का ज या स ान से पीड़ा हो सकती है ।

बुध-च -च : 18 जुलाई 2055 से 30 अग 2055 तक

च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

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बुध-च -मंगल : 30 अग 2055 से 29 िसत र 2055 तक

च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

बुध-च -रा : 29 िसत र 2055 से 16 िदस र 2055 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

बुध-च -गु : 16 िदस र 2055 से 23 फरवरी 2056 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

बुध-च -शिन : 23 फरवरी 2056 से 15 मई 2056 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

बुध-च -बुध : 15 मई 2056 से 27 जुलाई 2056 तक

च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

बुध-च -केतु : 27 जुलाई 2056 से 26 अग 2056 तक

च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

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बुध-च -शु : 26 अग 2056 से 20 नव र 2056 तक

च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

बुध-च -सूय : 20 नव र 2056 से 16 िदस र 2056 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

बुध-मंगल : 16 िदस र 2056 से 13 िदस र 2057 तक

बुध की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

बुध की महादशा म मंगल की अ दशा म -


- ी पु आिद एवं ब ुजनों से क ा संभव है ।
- राजकीय काय म िव तथा धन का अिधक य होगा।
- मानिसक े श, सनों म आस तथा श ाघात, चोट आिद का भय रहे गा।
- र िवकार, गु रोग एवं ने अथवा वात रोग का भय रहे गा।
- बुध की दशा म मंगल के अ र म राजा की कृपा से सुखशा , घर म क ाण, ल ी के आगमन का
िच , न रा या न धन का लाभ, पु ो व, पशु-धनपूण घर, घर- े आिद का लाभ,
हाथी-घोड़े की भरमार, राज ीित, तथा ीसौ संभव है ।
- बुध की दशा म मंगल के अ र म दे हपीड़ा, मनो था, उ ोग का िगरना, दे श- ाम म धा य, गिठया,
श , ण आिदयों का भय, ताप, र की स ावना होगी।

बुध-मंगल-मंगल : 16 िदस र 2056 से 6 जनवरी 2057 तक

मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

बुध-मंगल-रा : 6 जनवरी 2057 से 2 माच 2057 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,
कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

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बुध-मंगल-गु : 2 माच 2057 से 19 अ ैल 2057 तक

मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

बुध-मंगल-शिन : 19 अ ैल 2057 से 15 जून 2057 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

बुध-मंगल-बुध : 15 जून 2057 से 6 अग 2057 तक

मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

बुध-मंगल-केतु : 6 अग 2057 से 27 अग 2057 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

बुध-मंगल-शु : 27 अग 2057 से 26 अ ू बर 2057 तक

मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

बुध-मंगल-सूय : 26 अ ू बर 2057 से 13 नव र 2057 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,
िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

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बुध-मंगल-च : 13 नव र 2057 से 13 िदस र 2057 तक

मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

बुध-रा : 13 िदस र 2057 से 2 जुलाई 2060 तक

बुध की महादशा म रा की अ दशा का फल

बुध की महादशा म रा की अ दशा म -


- बु ंश, आक क प से धन हािन संभव है ।
- जनों से कलह, आक क संकट तथा अस आचरण की वृि रहे गी।
- कभी कभी मान की हािन एवं ी ास हो सकता है ।
- अि , िवष और जल से भय तथा म क, पेट और ने रोग से पीड़ा संभव है ।
- बुध की दशा म रा के अ र म राजा से आदर, सुयश, चुर लाभ, पु तीथ म ान, दे वदशन, तड़ागािद
िनमाण, बड़ों से य म स ान, व लाभ, अ दशार म शारी रक क िक ु अ म सौ संभव है ।
- जातक को राजा के साथ संलाप से स ोष तथा नवीन भु का दशन होगा।

बुध-रा -रा : 13 िदस र 2057 से 2 मई 2058 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

बुध-रा -गु : 2 मई 2058 से 3 िसत र 2058 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन
की ा होगी।

बुध-रा -शिन : 3 िसत र 2058 से 29 जनवरी 2059 तक

रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

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बुध-रा -बुध : 29 जनवरी 2059 से 10 जून 2059 तक

रा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म बुध र म सब जगह अनेकिवध लाभ, ी के ारा िवशेष
प से लाभ, परदे श गमन से िस संभव है ।

बुध-रा -केतु : 10 जून 2059 से 3 अग 2059 तक

रा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म केतु र म बु नाश, भय, बाधाय, धन य, सव कलह
तथा उ े ग संभव है ।

बुध-रा -शु : 3 अग 2059 से 5 जनवरी 2060 तक

रा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म शु र म योिगिनयों से भय, अ य, कद भोजन,
ीिवनाश, वंश म शोक संभव है ।

बुध-रा -सूय : 5 जनवरी 2060 से 21 फरवरी 2060 तक

रा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म सूय रम ररोग, महाभय, पु पौ आिद को े श,
अपमृ ु तथा असावधानता संभव है ।

बुध-रा -च : 21 फरवरी 2060 से 8 मई 2060 तक

रा की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म च र म उ े ग, कलह, िच ा, मानहािन, महाभय,
िपता के शरीर म क संभव है ।

बुध-रा -मंगल : 8 मई 2060 से 2 जुलाई 2060 तक

रा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म मंगल का र म भग र रोग से क , र िप ज रोगों
से क , धन य, महान् मानिसक उ े ग संभव है ।

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बुध-गु : 2 जुलाई 2060 से 8 अ ू बर 2062 तक

बुध की महादशा म बृह ित की अ दशा का फल

बुध की महादशा म बृह ित की अ दशा म -


- उ म काय म अनुराग, आ ा ान की वृ होगी।
- पद ित ा का लाभ, राजा से स ान तथा िवनय, पिव ता आिद सद् ु गणों की वृ होगी।
- धन और स ान की वृ , ी पु आिद से सुख ा होगा।
- गु जन एवं ब ुजनों को क , माता िपता से े श संभव है ।

बुध-गु -गु : 2 जुलाई 2060 से 20 अ ू बर 2060 तक

गु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म गु के र म सुवण लाभ, धा वृ ,क ाण तथा
शुभफल का उदय होगा।

बुध-गु -शिन : 20 अ ू बर 2060 से 28 फरवरी 2061 तक

गु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म शिन र म गाय, भूिम, तथा सुवण का लाभ, सव
सुखसाधन की साम ी, अ , पान, आिद का भी सं ह संभव है ।

बुध-गु -बुध : 28 फरवरी 2061 से 25 जून 2061 तक

गु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म बुध र म िव ा, व , ान तथा मोती का लाभ, िम ों
के आगमन से ेह संभव है ।

बुध-गु -केतु : 25 जून 2061 से 13 अग 2061 तक

गु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म केतु र म जलभय, चोरी, ब न, झगड़ा, अपमृ ुभय संभव है ।

बुध-गु -शु : 13 अग 2061 से 29 िदस र 2061 तक

गु की अ दशा म शु की र दशा का फल -

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- गु की अ दशा म शु र म अनेक िव ाओं, तथा कमों की ा , सुवण, व ,
आभूषण का लाभ, क ाण यु स ोष संभव है ।

बुध-गु -सूय : 29 िदस र 2061 से 8 फरवरी 2062 तक

गु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म सूय र म राजा, िम , िपता, माता से लाभ तथा सव आदर
ा होगा।

बुध-गु -च : 8 फरवरी 2062 से 18 अ ैल 2062 तक

गु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म च मा के र म सभी े शों का िवनाश, मोती तथा घोड़े का
लाभ, और सभी काय की िस होगी।

बुध-गु -मंगल : 18 अ ैल 2062 से 5 जून 2062 तक

गु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म मंगल र म श भय, गुदा म पीड़ा, अि मा ,
अजीणरोग तथा श ुकृत पीड़ा हो सकती है ।

बुध-गु -रा : 5 जून 2062 से 8 अ ू बर 2062 तक

गु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म रा र म चा ाल से िवरोध, उनके ारा धननाश,
क , ािध, श ु, से भय संभव ह।

बुध-शिन : 8 अ ू बर 2062 से 17 जून 2065 तक

बुध की महादशा म शिन की अ दशा का फल


- बुध की महादशा म शिन की अ दशा म परा म की वृ , कला-कौशल से लाभ ा होगा।
- िम ेम, धन, दया धम एवं स म की वृ होगी।
- ी लोलु पता, गु पाप कम की ओर वृि तथा आल की वृ संभव है ।
- साधारण लोगों से सुख की ा और कृिष की हािन एवं वात ािध से पीड़ा हो सकती है ।
- बुध की महादशा म शिन अ र आने पर रा लाभ, महा उ ाह, क ाण वृ , गोधनपूण, घर, सु र
थान की ा तथा तीथ ान आिद फल होंगे।
- अपमृ ुभय सं व है ।

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- दोषप रहार के िलये मृ ुंजय जप, काली गाय, भस का दान कर िजससे आयु, आरो की वृ होगी।

बुध-शिन-शिन : 8 अ ू बर 2062 से 12 माच 2063 तक

शिन की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शिन र म शारी रक वेदना झगड़े का भय, तथा
अनेक िवध दु :ख, संभव है ।

बुध-शिन-बुध : 12 माच 2063 से 30 जुलाई 2063 तक

शिन की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म बुध र म बु नाश, झगडे़ का भय, अ , पान का िवनाश,
धन य, श ुभय संभव है ।

बुध-शिन-केतु : 30 जुलाई 2063 से 25 िसत र 2063 तक

शिन की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म केतु र म श ु ारा ब न, वैव ( ानता) बुधािध ,
मानिसक िच ा, भय तथा ास हो सकता है ।

बुध-शिन-शु : 25 िसत र 2063 से 7 माच 2064 तक

शिन की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शु र म िवचा रत व ु (मनोरथ) की िस , जन म
क ाण, यास म लाभ संभव है ।

बुध-शिन-सूय : 7 माच 2064 से 25 अ ैल 2064 तक

शिन की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म सूय र म राजसतेज तथा अिधकार, अपने घर म झगड़ा, र,
ािधज पीड़ा संभव है ।

बुध-शिन-च : 25 अ ैल 2064 से 16 जुलाई 2064 तक

शिन की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म च र म बु िवकाश, महान् काय का आर , तेजोमा , ब त

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खच, अनेक यों के साथ संब संभव है ।

बुध-शिन-मंगल : 16 जुलाई 2064 से 11 िसत र 2064 तक

शिन की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म मंगल र म तेज की कमी, पु को आघात, अि तथा श ु से
भय, वात तथा िप ज क संभव है ।

बुध-शिन-रा : 11 िसत र 2064 से 6 फरवरी 2065 तक

शिन की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म रा र म धन य, व हािन, भूिमनाश, भय, िवदे शया ा
तथा मरण भय संभव है ।

बुध-शिन-गु : 6 फरवरी 2065 से 17 जून 2065 तक

शिन की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म गु र म ी ाराकृत गृह , उनकी दे ख भाल करने म
अ मता, झगड़ा तथा मानिसक उ े ग संभव है ।

केतु महादशा: 17 जून 2065 से 16 जून 2072 तक

केतु महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से बुध की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- केतु की महादशा म सुख की ब त ही कमी होगी।
- शारी रक क की वृ , और रोग- ता संभव है ।
- किल-जिनत पापों म अिभ िच, िववेक-हीनता और मन म स ाप रहे गा।
- राजा से पीड़ा, चोर, िवष, जल, अि , श और िम ों से भय हो सकता है ।
- ी पु के सुख की हािन, दु :खमय जीवन यापन होगा।
- िव ा तथा धन म आपि , वाहन आिद से पतन, परदे श वास, कृिष का नाश संभव है ।
िवशेषफल
केतु ज कु ली म िविभ अव थाओं के अनुसार अपनी महादशा के फल म िन िल खत
प रवतन करता है -

- केतु की महादशा म सुख, रा से अथ की ा , एवं राजा से अनुगृहीत होंगे।

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- गृह म शा का आिवभाव, िच म ड़ता रहे गी।
- केतु की महादशा म सुख और ब त धन की ा होगीै।
- केतु की महादशा म िव ा म अपयश, बु म म, तथा उतावलापन संभव है ।
- स ान की हािन, िम ों से हािन तथा लोक िवरोध हो सकता है ।
- राजकोप एवं राजा ारा धन की हािन हो सकती है ।
- केतु की महादशा म धन लाभ, यश लाभ, आरो तथा आक क लाभ ा होंगे।

केतु -केतु : 17 जून 2065 से 13 नव र 2065 तक

केतु की महादशा म केतु की अ दशा का फल

केतु की महादशा म केतु की अ दशा म -


- बु िववेक की हािन तथा लोक िनंदा संभव है ।
- दु यों से कलह, ी-पु को अ र या मरण का भय हो सकता है ।
- धन एवं सुख का िवनाश और अि व श ुओं से पीड़ा हो सकती है ।

केतु -केतु -केतु : 17 जून 2065 से 25 जून 2065 तक

केतु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म केतु र म एकाएक आिप , दे शा र गमन,
नाश संभव है ।

केतु -केतु -शु : 25 जून 2065 से 20 जुलाई 2065 तक

केतु की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शु र म े ों का भय, या उससे धन य,
ने रोग, िशरोवेदना, पशुओं की हािन संभव है ।

केतु -केतु -सूय : 20 जुलाई 2065 से 28 जुलाई 2065 तक

केतु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म सूय र म िम ों के साथ िवरोध, अपमृ ु, पराजय,
बु भंश तथा िववाद हो सकता है ।

केतु -केतु -च : 28 जुलाई 2065 से 9 अग 2065 तक

केतु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म च र म अ नाश, याश: य, शारी रक पीड़ा, बु म

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आमवात की वृ संभव है ।

केतु -केतु -मंगल : 9 अग 2065 से 18 अग 2065 तक

केतु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म भौम र म श ाघात से, िगरने से तथा अि से पीड़ा,
नीच से भय और श ु से अशंका संभव है ।

केतु -केतु -रा : 18 अग 2065 से 9 िसत र 2065 तक

केतु की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म रा रम यों से भय, श ुओं का ादु भाव, तथा ु जनों
से भी भय हो सकता है ।

केतु -केतु -गु : 9 िसत र 2065 से 29 िसत र 2065 तक

केतु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म गु र म धन य, महो ात, व तथा िम ों का िवनाश,
सव े श संभव है ।

केतु -केतु -शिन : 29 िसत र 2065 से 23 अ ू बर 2065 तक

केतु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म शिन र म शारी रक पीड़ा, िम ों का बध, तथा
अ लाभ संभव है ।

केतु -केतु -बुध : 23 अ ू बर 2065 से 13 नव र 2065 तक

केतु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- केतु की अ दशा म बुध र म बु नाश, महान् उ े ग, िव ा य, महाभय तथा
सतत कायिस म िवकलता संभव है ।

केतु -शु : 13 नव र 2065 से 13 जनवरी 2067 तक

केतु की महादशा म शु की अ दशा का फल

केतु की महादशा म शु की अ दशा म -


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- सामा धन का लाभ होगा।
- ी संतान को रोग अथवा उनसे कलह, ी सुख की हािन, ी िवयोग संभव है ।
- िम एवं जनों की हािन तथा उनसे मतभेद, मूल थित से पतन का भय रहे गा।
- उ िवकार, र और अितसार आिद की पीड़ा स व है ।
- शु की अ दशा म राजा की स ता, सौभा ोदय, राजा से व ा होगी।
- त ाल ल ी ा , न रा या न धन की ा , उ म वाहनसुख, समु ान,
दे वदशन, राजा की कृपा से ाम भूिम आिद का लाभ ा होगा।
- शरीर म आरो , घर म सविवध क ाण, भोजन,
व , भूषण की ा , तथा रथ और दोला की भी ा होगी।

केतु -शु -शु : 13 नव र 2065 से 23 जनवरी 2066 तक

शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

केतु -शु -सूय : 23 जनवरी 2066 से 13 फरवरी 2066 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

केतु -शु -च : 13 फरवरी 2066 से 21 माच 2066 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

केतु -शु -मंगल : 21 माच 2066 से 15 अ ैल 2066 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

केतु -शु -रा : 15 अ ैल 2066 से 17 जून 2066 तक

शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -

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- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

केतु -शु -गु : 17 जून 2066 से 13 अग 2066 तक

शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

केतु -शु -शिन : 13 अग 2066 से 20 अ ू बर 2066 तक

शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

केतु -शु -बुध : 20 अ ू बर 2066 से 19 िदस र 2066 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

केतु -शु -केतु : 19 िदस र 2066 से 13 जनवरी 2067 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

केतु -सूय : 13 जनवरी 2067 से 21 मई 2067 तक

केतु की महादशा म सूय की अ दशा का फल

केतु की महादशा म सूय की अ दशा म -


- राजकोप से पीड़ा अथात अिधकारी से श ुता संभव है ।
- काय वसाय म िव , स ता म कमी तथा वास हो सकता है ।
- िपता या िपता तु को अ र , जनों से िवरोध तथा आक क क आ सकते ह।
- शारी रक पीड़ा, र एवं कफ जिनत रोगों का आ मण संभव है ।
- दे हसुख, धनलाभ, पु लाभ, मन की ढ़ता, काय की िस छोटे गां वों का ािम होगा।

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केतु -सूय-सूय : 13 जनवरी 2067 से 19 जनवरी 2067 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

केतु -सूय-च : 19 जनवरी 2067 से 30 जनवरी 2067 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

केतु -सूय-मंगल : 30 जनवरी 2067 से 6 फरवरी 2067 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

केतु -सूय-रा : 6 फरवरी 2067 से 26 फरवरी 2067 तक

सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

केतु -सूय-गु : 26 फरवरी 2067 से 15 माच 2067 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,
तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

केतु -सूय-शिन : 15 माच 2067 से 4 अ ैल 2067 तक

सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

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केतु -सूय-बुध : 4 अ ैल 2067 से 22 अ ैल 2067 तक

सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

केतु -सूय-केतु : 22 अ ैल 2067 से 29 अ ैल 2067 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

केतु -सूय-शु : 29 अ ैल 2067 से 21 मई 2067 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

केतु -च : 21 मई 2067 से 20 िदस र 2067 तक

केतु की महादशा म च मा की अ दशा का फल

केतु की महादशा म च मा की अ दशा म -


- ब य से अ लाभ होगा।
- सुख-दु :ख की ा , धन की लाभ हािन आिद शुभ तथा अशुभ दोनों कार के फल होंगे।
- ी, स ान एवं नौकरों म आल का वा , पु को अ र और मन म संताप हो सकता
है ।
- च मा की अ दशा म राजा का ेम, महो ाह, क ाण, महासुख, राजा की कृपा से
घर, भूिम का लाभ, भोजन, व , पशु आिद के वसाय म अिधक लाभ, घोड़ा तथा अ ाय
वाहन का लाभ, व भूषण की ा , दे वालय, तालाब, पु काय, धम, आिद म वृि ,
पु ीसुख ा होगा। पूण च होने से ये फल िवशेष प से होंगे।
- अ दशा के समय कृिष, गो, भूिम का लाभ, इ िम
का शुभगमन, उससे कायिस , गोदु पूण घर, आर म आरो ,
म म राजा की कृपा, अ म राजभय, िवदे शया ा, दू र म या ा, स यों के ारा स ान
ये सब होंगे।
- अपमृ ु का भय संभव है ।
- आरो के िलए च मा को स करने वाली शा करनी चािहए।

केतु -च -च : 21 मई 2067 से 8 जून 2067 तक

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च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

केतु -च -मंगल : 8 जून 2067 से 20 जून 2067 तक

च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

केतु -च -रा : 20 जून 2067 से 22 जुलाई 2067 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

केतु -च -गु : 22 जुलाई 2067 से 19 अग 2067 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

केतु -च -शिन : 19 अग 2067 से 22 िसत र 2067 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

केतु -च -बुध : 22 िसत र 2067 से 22 अ ू बर 2067 तक

च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

केतु -च -केतु : 22 अ ू बर 2067 से 4 नव र 2067 तक

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च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

केतु -च -शु : 4 नव र 2067 से 9 िदस र 2067 तक

च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

केतु -च -सूय : 9 िदस र 2067 से 20 िदस र 2067 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

केतु -मंगल : 20 िदस र 2067 से 17 मई 2068 तक

केतु की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

केतु की महादशा म मंगल की अ दशा म -


- साहस के काय म अपयश तथा पड़ोिसयों से कलह संभव है ।
- काय वसाय म हािन, दु जनों की संगित से क िमल सकता है ।
- पु , ी, छोटे भाई एवं अपने कुल के लोगों से े ष-भाव की उ ि हो सकती है ।
- रोग, िवष और उ िवकार से शारी रक पीड़ा संभव है ।
- राजा से पीड़ा तथा ब ु का िवनाश हो सकता है ।
- मंगल की अ दशा म गां व, भूिम, धन, धा , पशु आिद का लाभ, गृह, वगीचा, खेत का
लाभ, राजा की कृपा से ऐ य, भा ेश या भा थान को कमश से स होने पर भूिमलाभ
तथा पूण सौ ा होगा।
- मरणीय, िवदे श म आपि , मेह, मू कृ रोग, चोर,
राजा के ारा पीड़ा, थायु कलह, तथा कुछ सुखवृ भी होगी।

केतु -मंगल-मंगल : 20 िदस र 2067 से 29 िदस र 2067 तक

मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

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केतु -मंगल-रा : 29 िदस र 2067 से 20 जनवरी 2068 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,
कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

केतु -मंगल-गु : 20 जनवरी 2068 से 9 फरवरी 2068 तक

मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

केतु -मंगल-शिन : 9 फरवरी 2068 से 3 माच 2068 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

केतु -मंगल-बुध : 3 माच 2068 से 25 माच 2068 तक

मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

केतु -मंगल-केतु : 25 माच 2068 से 2 अ ैल 2068 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

केतु -मंगल-शु : 2 अ ैल 2068 से 27 अ ैल 2068 तक

मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

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केतु -मंगल-सूय : 27 अ ैल 2068 से 5 मई 2068 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,
िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

केतु -मंगल-च : 5 मई 2068 से 17 मई 2068 तक

मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

केतु -रा : 17 मई 2068 से 4 जून 2069 तक

केतु की महादशा म रा की अ दशा का फल

केतु की महादशा म रा की अ दशा म -


- शारी रक रोग तथा दु घटना आिद की संभावना रहे गी।
- मानिसक क एवं सुख म अ िधक कमी रहे गी।
- राजा एवं चोर से भय, दु जनों से श ुता तथा सम काय म वधान हो सकता है ।
- त ाल धनलाभ, े भु (यवनािद) से सौ ा , धन, धा ,
पशु, ाम, भूिम का लाभ, अ दशा के आर म े श, म तथा अ
म सुख आिद फल होंगे।

केतु -रा -रा : 17 मई 2068 से 14 जुलाई 2068 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

केतु -रा -गु : 14 जुलाई 2068 से 3 िसत र 2068 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन
की ा होगी।

केतु -रा -शिन : 3 िसत र 2068 से 2 नव र 2068 तक

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रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

केतु -रा -बुध : 2 नव र 2068 से 27 िदस र 2068 तक

रा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म बुध र म सब जगह अनेकिवध लाभ, ी के ारा िवशेष
प से लाभ, परदे श गमन से िस संभव है ।

केतु -रा -केतु : 27 िदस र 2068 से 18 जनवरी 2069 तक

रा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म केतु र म बु नाश, भय, बाधाय, धन य, सव कलह
तथा उ े ग संभव है ।

केतु -रा -शु : 18 जनवरी 2069 से 23 माच 2069 तक

रा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म शु र म योिगिनयों से भय, अ य, कद भोजन,
ीिवनाश, वंश म शोक संभव है ।

केतु -रा -सूय : 23 माच 2069 से 11 अ ैल 2069 तक

रा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म सूय रम ररोग, महाभय, पु पौ आिद को े श,
अपमृ ु तथा असावधानता संभव है ।

केतु -रा -च : 11 अ ैल 2069 से 13 मई 2069 तक

रा की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म च र म उ े ग, कलह, िच ा, मानहािन, महाभय,
िपता के शरीर म क संभव है ।

केतु -रा -मंगल : 13 मई 2069 से 4 जून 2069 तक


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रा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म मंगल का र म भग र रोग से क , र िप ज रोगों
से क , धन य, महान् मानिसक उ े ग संभव है ।

केतु -गु : 4 जून 2069 से 11 मई 2070 तक

केतु की महादशा म बृह ित की अ दशा का फल

केतु की महादशा म बृह ित की अ दशा म -


- ई र और गु जनों म ीित रहे गी।
- राजा का अनु ह, राजमा लोगों से संपक तथा आिथक थित अ ी रहे गी।
- दयालु ता, परोपकार तथा शां ित वृि के कारण सुख समाधान रहे गा।
- उ म ा , यश तथा पु सुख एवं भूिम का लाभ होगा।

केतु -गु -गु : 4 जून 2069 से 20 जुलाई 2069 तक

गु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म गु के र म सुवण लाभ, धा वृ ,क ाण तथा
शुभफल का उदय होगा।

केतु -गु -शिन : 20 जुलाई 2069 से 12 िसत र 2069 तक

गु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म शिन र म गाय, भूिम, तथा सुवण का लाभ, सव
सुखसाधन की साम ी, अ , पान, आिद का भी सं ह संभव है ।

केतु -गु -बुध : 12 िसत र 2069 से 30 अ ू बर 2069 तक

गु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म बुध र म िव ा, व , ान तथा मोती का लाभ, िम ों
के आगमन से ेह संभव है ।

केतु -गु -केतु : 30 अ ू बर 2069 से 19 नव र 2069 तक

गु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म केतु र म जलभय, चोरी, ब न, झगड़ा, अपमृ ुभय संभव है ।

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केतु -गु -शु : 19 नव र 2069 से 15 जनवरी 2070 तक

गु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म शु र म अनेक िव ाओं, तथा कमों की ा , सुवण, व ,
आभूषण का लाभ, क ाण यु स ोष संभव है ।

केतु -गु -सूय : 15 जनवरी 2070 से 1 फरवरी 2070 तक

गु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म सूय र म राजा, िम , िपता, माता से लाभ तथा सव आदर
ा होगा।

केतु -गु -च : 1 फरवरी 2070 से 1 माच 2070 तक

गु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म च मा के र म सभी े शों का िवनाश, मोती तथा घोड़े का
लाभ, और सभी काय की िस होगी।

केतु -गु -मंगल : 1 माच 2070 से 21 माच 2070 तक

गु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- गु की अ दशा म मंगल र म श भय, गुदा म पीड़ा, अि मा ,
अजीणरोग तथा श ुकृत पीड़ा हो सकती है ।

केतु -गु -रा : 21 माच 2070 से 11 मई 2070 तक

गु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- गु की अ दशा म रा र म चा ाल से िवरोध, उनके ारा धननाश,
क , ािध, श ु, से भय संभव ह।

केतु -शिन : 11 मई 2070 से 20 जून 2071 तक

केतु की महादशा म शिन की अ दशा का फल

केतु की महादशा म शिन की अ दशा म -

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- आचार िवचार हीनता, मानिसक ता रहे गी।
- मन म संताप एवं भय, ब ुजनों से अनबन, दे श (ज थान) का ाग संभव है ।
- धन हािन, िच ा एवं पद से ुित हो सकती है ।
- अपमृ ुभय ा होगा।
- दोष प रहार के िलए ितलहोम, काली गाय, भैस का दान कर िजससे आयु तथा आरो की वृ
होगी।

केतु -शिन-शिन : 11 मई 2070 से 14 जुलाई 2070 तक

शिन की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शिन र म शारी रक वेदना झगड़े का भय, तथा
अनेक िवध दु :ख, संभव है ।

केतु -शिन-बुध : 14 जुलाई 2070 से 10 िसत र 2070 तक

शिन की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म बुध र म बु नाश, झगडे़ का भय, अ , पान का िवनाश,
धन य, श ुभय संभव है ।

केतु -शिन-केतु : 10 िसत र 2070 से 3 अ ू बर 2070 तक

शिन की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म केतु र म श ु ारा ब न, वैव ( ानता) बुधािध ,
मानिसक िच ा, भय तथा ास हो सकता है ।

केतु -शिन-शु : 3 अ ू बर 2070 से 10 िदस र 2070 तक

शिन की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म शु र म िवचा रत व ु (मनोरथ) की िस , जन म
क ाण, यास म लाभ संभव है ।

केतु -शिन-सूय : 10 िदस र 2070 से 30 िदस र 2070 तक

शिन की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म सूय र म राजसतेज तथा अिधकार, अपने घर म झगड़ा, र,
ािधज पीड़ा संभव है ।

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केतु -शिन-च : 30 िदस र 2070 से 2 फरवरी 2071 तक

शिन की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म च र म बु िवकाश, महान् काय का आर , तेजोमा , ब त
खच, अनेक यों के साथ संब संभव है ।

केतु -शिन-मंगल : 2 फरवरी 2071 से 26 फरवरी 2071 तक

शिन की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म मंगल र म तेज की कमी, पु को आघात, अि तथा श ु से
भय, वात तथा िप ज क संभव है ।

केतु -शिन-रा : 26 फरवरी 2071 से 27 अ ैल 2071 तक

शिन की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म रा र म धन य, व हािन, भूिमनाश, भय, िवदे शया ा
तथा मरण भय संभव है ।

केतु -शिन-गु : 27 अ ैल 2071 से 20 जून 2071 तक

शिन की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शिन की अ दशा म गु र म ी ाराकृत गृह , उनकी दे ख भाल करने म
अ मता, झगड़ा तथा मानिसक उ े ग संभव है ।

केतु -बुध : 20 जून 2071 से 16 जून 2072 तक

केतु की महादशा म बुध की अ दशा का फल

केतु की महादशा म बुध की अ दशा म -


- िववेक का उदय, िव ा से सुख ा होगा।
- नौकरी वसाय म सामा लाभ, आिथक थित म सुधार होगा।
- ब ु िम आिद से मेल-िमलाप तथा सहयोग ा होगा।
- दशा के अ म काय म िव , अप य तथा मानिसक क संभव है ।
- रा लाभ, महासुख, स था वण, दान, सुख द धमिस , भूिम, पु , का लाभ, स ंग,
धनागम, िवना य ही धमलाभ, िववाह तथा घर म अ भी शुभकृ तथा व , भूषण की
ा होगी।
- अपमृ ु संभव है ।
- दोषशा के िलए िव ुसह नाम का पाठ ेय र है ।

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केतु -बुध-बुध : 20 जून 2071 से 11 अग 2071 तक

बुध की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म बुध र म बु , िव ा, धन, व का लाभ, महासुख,
सुवणािद र लाभ, संभव है ।

केतु -बुध-केतु : 11 अग 2071 से 1 िसत र 2071 तक

बुध की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म केतु र म कु ता (कुभोजन) पेट म रोग, ने ो म
कामला रोग तथा र िप जरोग संभव है ।

केतु -बुध-शु : 1 िसत र 2071 से 31 अ ू बर 2071 तक

बुध की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शु र म उ र िदशा म लाभ, पशुओं से ित, राजदरबार
म अिधकार संभव है ।

केतु -बुध-सूय : 31 अ ू बर 2071 से 18 नव र 2071 तक

बुध की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म सूय र म तेज म कभी, रोग तथा शारी रक क , िच म
िवकलता संभव है ।

केतु -बुध-च : 18 नव र 2071 से 18 िदस र 2071 तक

बुध की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म च र म ी, धन एवं स ि का लाभ, क ो ि ,
महाधनलाभ, सविवध सौ की ा होगी।

केतु -बुध-मंगल : 18 िदस र 2071 से 8 जनवरी 2072 तक

बुध की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म मंगल के र म धम, बु , धन की ा , चोर अि
आिदयों से पीड़ा, र व ा , श से आघात संभव है ।

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केतु -बुध-रा : 8 जनवरी 2072 से 3 माच 2072 तक

बुध की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म रा तय र म यों के साथ झगड़ा, एकाएक भयागम, राजा
तथा श कृत भय संभव है ।

केतु -बुध-गु : 3 माच 2072 से 20 अ ैल 2072 तक

बुध की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म गु र म रा या रा ािधकार की ा , राजा के ारा
स ान, सद् ु ब तथा िव ा की वृ संभव है ।

केतु -बुध-शिन : 20 अ ैल 2072 से 16 जून 2072 तक

बुध की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- बुध की अ दशा म शिन र म शारी रक आघात के कारण वात िप जिनत
पीड़ा तथा अनेक प म धन का नाश हो सकता है ।

शु महादशा: 16 जून 2072 से 16 जून 2092 तक

शु महादशा फल
ाभािवक फल
सामा प से शु की महादशा म िन िल खत फल होते ह -
- शु की महादशा म र , आभूषण, व आिद से सुख ा होगा।
- ी, स ान, धन, समृ और राज ार से स ान की ा होगी।
- िव ा-लाभ, गान और नृ ािद म िच की वृ होगी।
- शुभ भाव तथा दान आिद करने की वृि रहे गी।
- य-िव य म द ता, काय- वसाय म लाभ तथा नवीन कायार का योग बनेगा।
- शु की दशा म वाहन, पु -पौ और पूवजों ारा उपािजत धन आिद से सुख िमले गा।
- िनबल शु की महादशा म घर म झ्◌ागड़ा, वात-कफ- कोप-जिनत-रोगों से िनबलता, िच -स ाप, नीच जनों से
कदािचत् मै ी तथा कभी िवरोध होगा।
िवशेषफल
शु के उ , नीच आिद थान म थत होने के कारण, नवमां शािद के भेदाभेद के कारण एवं
अ ा हों से युत या रहने से अव थाओं के अनुसार फल म िन िल खत प रवतन होते ह -

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- शु की महादशा म परोपकार म िच और ी, पु , धन, िम एवं ऐ य ा होगा।
- गौरव म वृ तथा सवदा सुख भोग िमले गा।
- शु की महादशा म मेह, गु और ने तथा गुदा माग के रोग से पीड़ा संभव है ।
- राजा, चोर और अि का भय संभव है ।
- थोड़ा सुख तथा अपने नाम से कोई पु कािद के काशन से यश संभव है ।
- शु की महादशा म धन, संतान और िम आिद से यु , राजा से पूिजत होंगे।
- ब त से हाथी-घोड़ों से सुस त (अथात वाहन) एवं र ािद से आभूिषत रहगे।
- शु की महादशा म आचार-िवचार-हीन, धम िव काय करने की वृि रहे गी।
- कलह, ब ुजनों का िवरोध, थान से ुत अथवा प रवतन और कृिष, भूिम से क संभव है ।
- ी एवं स ान आिद से दु ख हो सकता है ।
- शु की महादशा मे अनेक कार की आपि , तथा रोग के उ े ग से त रहगे।
- जीण एवं टू टे -फूटे मकानों म िनवास और ी एवं भाइयों को अ र संभव है ।
- शु की महादशा म सवदा दु :ख, मान एवं अथ की हािन संभव है ।
- कम-हीनता या पद ुित, वास, और यों से झ्◌ागड़ा हो सकता है ।
- शु की महादशा म कुआँ , तालाब और बगीचा इ ािद के िनमाण म वृि रहे गी।
- ई र पूजा म िच और ब त सुख होगा।
- शु की महादशा म राज स ान, वसाय म लाभ होगा।
- पु , धन, व एवं सुग पदाथ आिद की ा होगी।
- कृिष तथा वािण से सुख, दानशील एवं पु क की रचना संभव है ।
- शु की महादशा म वसाय से लाभ, कृिष कम की ओर िच रहे गी।
- ी, संतान, प रजनों से तथा धन एवं वाहन का सुख िमले गा।
- नेतृ , लोक म आदर तथा अपनी जाित म मान एं व ित ा ा होगी।

शु -शु : 16 जून 2072 से 17 अ ू बर 2075 तक

शु की महादशा म शु की अ दशा का फल

शु की महादशा म शु की अ दशा म -
- काय वसाय म यश तथा लाभ की ा होगी।
- कला-कौशल एवं संगीत म िच, यों से मै ी तथा ी सुख की ा होगी।
- धन की ा , सां सा रक सुखों की उपल तथा यश की वृ होगी।
- बल योग होगा। ा ण ारा धन ा , गो, मिहषी आिद का लाभ पु ो व, घर म क ाण, आदर
राजस ान, रा लाभ, महासुख ा होगा।
- अ दशाकाल म नवीनगृहिनमाण, िन िम ा भोजन,
ी-पु को ऐ य, िम के साथ भोजन, अ दान, दान, धम, राजा की
कृपा से वाहन, व , भूषण की ा , वसाय म फलािध , पशुलाभ, पि म िदशा म या ा
होगी।
- अ दशा म रा लाभ, महो ाह, सुखद राज ेम,
घर म क ाणािभवृ तथा ी-पु ािद की वृ होगी।
- चोर आिद तथा ण से भय, राज ार म
लोगों से े ष, इ ों का िवनाश, ी पु ािद को क , जनपीड़न संभव है ।

शु -शु -शु : 16 जून 2072 से 5 जनवरी 2073 तक

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शु की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म शु र म ेत घोड़ा, ेत व , मोती, सुवण, मािणक
आिद का सौ तथा सु र ी की ा हो सकती है ।

शु -शु -सूय : 5 जनवरी 2073 से 7 माच 2073 तक

शु की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म सूय र म वात र, िशरोवेदना, राजा तथा श ु के ारा
े श, और थोड़ा सा लाभ भी होगा।

शु -शु -च : 7 माच 2073 से 17 जून 2073 तक

शु की अ दशा म च मा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म च र म क ा की उ ि , राजा से लाभ, व आभूषणों
की ा , रा ािधकार संभव है ।

शु -शु -मंगल : 17 जून 2073 से 27 अग 2073 तक

शु की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म मंगल रमर िप स ी रोग, झगड़ा, मारपीट तथा
महा े श होगा।

शु -शु -रा : 27 अग 2073 से 25 फरवरी 2074 तक

शु की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- शु की अ दशा म रा रम यों के साथ झगड़ा, अक ात् भयागम, राजा तथा
श ु से क संभव है ।

शु -शु -गु : 25 फरवरी 2074 से 7 अग 2074 तक

शु की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म गु तय र म चुर रा ,व , मोती, भूषण, हाथी, घोड़ा तथा
थान की ा होती है ।

शु -शु -शिन : 7 अग 2074 से 15 फरवरी 2075 तक


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शु की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म शिन र म गदहा, ऊँट, बकरा, की ा , लोह, उड़द, ितल का
लाभ, तथा शरीर म थोड़ा क भी होता है ।

शु -शु -बुध : 15 फरवरी 2075 से 7 अग 2075 तक

शु की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म बुध र म धन ान का लाभ, राजा के यहां अिधकार ा ,
िन ेप से भी धनलाभ संभव है ।

शु -शु -केतु : 7 अग 2075 से 17 अ ू बर 2075 तक

शु की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- शु की अ दशा म केतु र म भयंकर अपमृ ु एक दे श से दू सरे दे श का मण,
बीच-बीच म कभी कुछ लाभ भी हो सकता है ।

शु -सूय : 17 अ ू बर 2075 से 16 अ ू बर 2076 तक

शु की महादशा म सूय की अ दशा का फल

शु की महादशा म सूय की अ दशा म -


- राजा से भय, राजकीय काय म बाधा संभव है ।
- शारी रक क , िसर, ने , छाती एवं उदर म रोग हो सकता है ।
- ब ुजनों से कलह, धन, कृिष और पशु आिद की हािन, श ु की वृ तथा दा र य संभव है ।
- िन:संतान ी ारा या कपटी मनु ारा पीड़ा तथा ब न का भय रहे गा।
- शु की महादशा म सूया र म स ाप, राजा तथा दायादों
से िवरोध संभव है ।
- अ दशा म धनलाभ, रा , ी, धन, स ि , का सुख, अपने
भु से महासुख, इ िम का शुभगम, माता-िपता को सुख ा , ातृसुख, सुयश, सुख सौभा ोदय,
- अ दशा म शरीर म र,मानिसक क , जन से े श, िन
िम ा ीभोजन, िपता को क , ब ु की हािन, राज ारा म िवरोध,
ण तथा सप से बाधा, घर म अनेक रोगों का भय, घर तथा खेत आिद का िवनाश संभव है ।

शु -सूय-सूय : 17 अ ू बर 2075 से 4 नव र 2075 तक

सूय की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- उ े ग, धन य, ीपीड़ा, िशरोवेदना, ा ण के साथ िववाद आिद अस ल संभव है ।

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शु -सूय-च : 4 नव र 2075 से 5 िदस र 2075 तक

सूय की अ दशा म च की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म च र म मानिसक उ े ग, झगड़ा, धन य, मनो था,
मिण-मु ािद र ों का िवनाश आिद संभव है ।

शु -सूय-मंगल : 5 िदस र 2075 से 26 िदस र 2075 तक

सूय की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- सूया दशा म भौम- र म राजा तथा श ु से भय, ब न, महासंकट, श ु तथा
अि से पीड़ा आिद संभव है ।

शु -सूय-रा : 26 िदस र 2075 से 19 फरवरी 2076 तक

सूय की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म रा - रम े यु रोग, श ुभय, धन य, महाभय, राजभंग
तथा मानिसक ास संभव है ।

शु -सूय-गु : 19 फरवरी 2076 से 7 अ ैल 2076 तक

सूय की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म गु - र म श ु य, िवजय, अिभवृ ,व सुवण आिद भूषण,
तथा रथ आिद वाहनों की ा का योग बनेगा।

शु -सूय-शिन : 7 अ ैल 2076 से 4 जून 2076 तक

सूय की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म शिन- र म धन य, पशुओं को क , मानिसक उ े ग, महारोग,
सभी े ों म अशुभ फल संभव है ।

शु -सूय-बुध : 4 जून 2076 से 26 जुलाई 2076 तक

सूय की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म बुध- र म िव ा ा , ब ु बा वों से िमलन, भो लाभ, धनागम,
धमलाभ तथा राजस ान ा होगा।

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शु -सूय-केतु : 26 जुलाई 2076 से 16 अग 2076 तक

सूय की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- सूय की अ दशा म केतु- र म ाणभय, महा ित, राजभय, कलह तथा श ु से
महािववाद संभव है ।

शु -सूय-शु : 16 अग 2076 से 16 अ ू बर 2076 तक

सूय की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- सूया रदशा म शु - रमम म प का समय, थोड़ा लाभ, अ सुखस ि ा होगा।

शु -च : 16 अ ू बर 2076 से 17 जून 2078 तक

शु की महादशा म च मा की अ दशा का फल

शु की महादशा म च मा की अ दशा म -
- ा हािन, िसर और नख म पीड़ा, िप कोप, सं हणी, गु एवं ी संगािद ारा रोग का
आ मण हो सकता है ।
- िववाद म िवजय, वसाय म यथे लाभ, ी प से धन लाभ होगा।
- दे वता आिद के पूजन म िच, अि हो ािद उ म कम करगे।
- श ुओं से पीड़ा, सुख की अ ता तथा ा आिद जीवों से भय हो सकता है ।
- वाहनसुख, घर म शुभलाभ, राजा की कृपा से गजा ऐ य की ा ,
महानदी (गंगािद) म ान, दे व ा ण की पूजा, गाने बजाने के संग से िव नों
से संगित, गो, मिहषी, आिद पशुओं की वृ , ापार म अिधक लाभ, भोजन
व का सौ , तथा ब ुओं के साथ भोजन ये सभी फल होंगे।
- धननाश, क , महाभय, शारी रक े श, मन ाप, राजदरबार म िवरोध, िवदे शया ा, तीथया ा,
ी-पु ािद को क , ब ुओं से िवयोग संभव है ।
- अ दशा म राजा की कृपा से दे श या गां व का ािम , धैय,
यश, सुख, वाहन व , भूषण, कूप, बगीचा-तालाब आिद का
िनमाण, धनसं ह, दशार म शरीरसुख और अ म महा े श होगा।

शु -च -च : 16 अ ू बर 2076 से 6 िदस र 2076 तक

च मा की अ दशा म च की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म च र म भूिम, सुभोजन तथा धन की ा राजस ान से
महासुख, अ भी महालाभ, ी-सुख ा होगा।

शु -च -मंगल : 6 िदस र 2076 से 10 जनवरी 2077 तक

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च मा की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- च ा दशा म कुज र म बु वृ , महास ान, ब ुओं के साथ सुख, धनागम,
श ुभय ा होगा।

शु -च -रा : 10 जनवरी 2077 से 12 अ ैल 2077 तक

च मा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म रा - र म क ाण तथा स ि , रा से धन ा , रा
अशुभ हों से युत- होने से अपमृ ु संभव है ।

शु -च -गु : 12 अ ैल 2077 से 2 जुलाई 2077 तक

च मा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बृह ित रमव लाभ, तेजोवृ , सद् ु ग से ान,
रा तथा भूषण की ा होगी।

शु -च -शिन : 2 जुलाई 2077 से 6 अ ू बर 2077 तक

च मा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


-च की अ दशा म शिन- र म दु िदन मे वात-िप यु िवशेष क , धन,
धा तथा यश की हािन संभव है ।

शु -च -बुध : 6 अ ू बर 2077 से 31 िदस र 2077 तक

च मा की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म बुध- र म पु ो ि , अ लाभ, िव ा ा , महा उ ित,
सफेद व तथा अ का लाभ ा होगा।

शु -च -केतु : 31 िदस र 2077 से 5 फरवरी 2078 तक

च मा की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म केतु- र म ा ण से संघष, अपमृ ु, सुखनाश तथा
सभी े ों म क संभव है ।

शु -च -शु : 5 फरवरी 2078 से 17 मई 2078 तक


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च मा की अ दशा म शु की र दशा का फल -
- च मा की अ दशा म शु - र म धनागम, महासुख, क ो ि , सुभोजन, सभी
से ेम, आिद शुभ फल होंगे।

शु -च -सूय : 17 मई 2078 से 17 जून 2078 तक

च मा की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- च मा की अ दशा म सूय- र म अ लाभ, व ा , श ु य, सुख ा , तथा
सव िवजय ा होगी।

शु -मंगल : 17 जून 2078 से 17 अग 2079 तक

शु की महादशा म मंगल की अ दशा का फल

शु की महादशा म मंगल की अ दशा म -


- उ ाह की वृ , साहस के कामों म िच रहे गी।
- भूिम की ा , धन का आगमन और मनोरथों की िस होगी।
- प ी को अ र संभव है ।
- र िवकार से शरीर क , िप रोग एवं ण आिद से िवकलता हो सकती है ।
- शु की दशा म मंगल की अ दशा म राजयोग यु िविश
स ि , वाहन, भूषण, तथा भूिम का लाभ, और सुख द अभी िस होगी।
- अ दशाकाल म िपता माता को भय दे नेवाले शीत र से क ,
अ भी रािधकरोग, थानभं◌श, मन: े श, ब ुओं की हािन, राजा से िवरोध,
राजदरबार म अिधका रयों से े ष, धन धा का य होगा। ापार म हािन, तथा भूिम आिद का
हािन होगी।
- शारी रक बाधा होगी।
दोष प रहार के िलए शा करनी चािहए।

शु -मंगल-मंगल : 17 जून 2078 से 12 जुलाई 2078 तक

मंगल की अ दशा म मंगल की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म मंगल का र म श ुभय, भयंकर िवरोध, र ाव तथा
मृ ुभय संभव है ।

शु -मंगल-रा : 12 जुलाई 2078 से 14 िसत र 2078 तक

मंगल की अ दशा म रा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म रा - र म ब न, राजा तथा धन का िवनाश,

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कद भोजन, झगड़ा, श ुभय संभव है ।

शु -मंगल-गु : 14 िसत र 2078 से 9 नव र 2078 तक

मंगल की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- यह फाइल म नहीं है ।

शु -मंगल-शिन : 9 नव र 2078 से 16 जनवरी 2079 तक

मंगल की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शिन- र म मािलक का नाश, क , धन य, महाभय,
िवकलता, झगड़ा तथा ास संभव है ।

शु -मंगल-बुध : 16 जनवरी 2079 से 17 माच 2079 तक

मंगल की अ दशा म बुध की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म बुध- र म सवथा बु नाश, धनहािन, शरीर म र,
व , अ , िम का िवनाश, संभव है ।

शु -मंगल-केतु : 17 माच 2079 से 11 अ ैल 2079 तक

मंगल की अ दशा म केतु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म केतु के र होने पर आल , िशरोवेदना, पापज रोग,
अपमृ ुभय, राजभय तथा श घात संभव है ।

शु -मंगल-शु : 11 अ ैल 2079 से 21 जून 2079 तक

मंगल की अ दशा म शु की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म शु र म चा ाल से संकट, ास, राजा तथा श का
भय, अितसार रोग, तथा वमन संभव है ।

शु -मंगल-सूय : 21 जून 2079 से 12 जुलाई 2079 तक

मंगल की अ दशा म सूय की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म सूय- र म भूिमलाभ, धन, स ि के आगमन, मन ोष,

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िम ों का संग तथा सभी े ों म सुख होगा।

शु -मंगल-च : 12 जुलाई 2079 से 17 अग 2079 तक

मंगल की अ दशा म च मा की र दशा का फल -


- मंगल की अ दशा म च र म द़ि ण िदशा म लाभ, सफेद व अलं करण
की ा तथा सभी काय म िस संभव है ।

शु -रा : 17 अग 2079 से 17 अग 2082 तक

शु की महादशा म रा की अ दशा का फल

शु की महादशा म रा की अ दशा म -
- आक क भय, धन हािन तथा अपमान संभव है ।
- ब ुजनों से े ष, िम ों से ित, चा ाल मनु ों से दु :ख की संभावना रहे गी।
- अि का भय और मू जनन त स ी रोग संभव ह।
- िकसी ऐसे काले पदाथ की ा हो सकती है जो लाभ-दायक िस होगी।
- परमसुख, धनधा का लाभ, इ
ब ुओं के साथ भोजन या ा म कायिस , पशु तथा े का लाभ होगा।
- अ दशाकाल शुभ द होगा। श ुनाश, महो ाह, राजा की स ता, आिद
शुभफल दशार म पां च महीनों तक होगा। अ दशा म
अजीण रोग तथा र कोप संभव है ।
- काय म िव , या ा म मनो था, िक ु राजा की तरह सौभा पूण सुख, नैऋ कोण म
या ा तथा राजदशन, या ा म कायिस , दे श पराव न, ा णों को उपकार तथा तीथया ा
होगी।
- माता िपता को अशुभ फल तथा सव जन े ष संभव है ।
- शरीर म आल संभव है ।
- दोष प रहार के िलए मृ ुंजय जप करना क ाणकारक होगा।

शु -रा -रा : 17 अग 2079 से 28 जनवरी 2080 तक

रा की अ दशा म रा की र दशा का फल -
- रा की अ दशा म रा र आने पर, ब न, रोगभय, ब िवध हार तथा
िम भय हो सकता है ।

शु -रा -गु : 28 जनवरी 2080 से 22 जून 2080 तक

रा की अ दशा म बृह ित की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म गु र म सव आदर, हाथी, घोड़ा (वाहन), तथा धन

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की ा होगी।

शु -रा -शिन : 22 जून 2080 से 13 िदस र 2080 तक

रा की अ दशा म शिन की र दशा का फल -


- रा की अ दशा म शिन र म भयंकर ब न, सुख य, महाभय, तथा ह
वातपीड़ा हो सकती है ।

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