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Truth of Life

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अ ूबर 10, 2018



कृ के ित कृत ता की अिभ भाग- 31 Search this site...
कृत ता की अिभ No comments
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Expression of Gratitude Towards


लोकि य पो
Krishna
शरद् पूिणमा त
और मा ता ा है
का ा यह जो तूम मुझसे कागज पर कागज What is Sharad

िन काले करवाया करते हो िज पढ़ने और Purnima Vrat


and Validation
समझने वाले की बात तो ा ही कर जो ढ़ूंढने शरद पूिणमा िह दू पंचां ग के अनुसार
पर भी नही ं िमलते ह ा ऐसा करना मेरे आि न मास की पूिणमा को कहते ह
इस साल 2018 म शरद...
अहम् की अिभ ही तो नही ं है ? यिद
दूर-दूर तक भी मेरी यह धारणा ठीक है तो म आशा या िनराशा
ों आती है
तेरे हाथ जोड़ती ँ मेरे इस पागलपन को Hope or
समा कर दो-इन पं यों को िलखते- Disappointmen
िलखते मेरा मन मुझसे कहता है िक म िकतनी t हमारा जीवन
संबंधों पर िनभर है परं तु संबंध ही हम
हीन इं सान ं जो तेरी पावन कृपा मे भी दोष सबसे ादा दु ख और पीड़ा ों दे ते
ढू ं ढ रही ं इस अमृत क़ो िवष समझ रही ं ह? संबंधों म जब अपे...

यह जो िनिध तूने अपनी क णा प मुझे ा मौन धारण से


दी ह जो अमू ह, अपार ह, अिमट ह- आपका जीवन बदल
उसको म समझ नही ं पा रही ं केवल इसिलये सकता है

िक इसका कोई पारखी नही ं है -हीरा भी तो Can you


Change your
अनंतकाल तक केवल पृ ी मे प र के प Llife With Silence अगर आप

म दबा पड़ा रहता ह और वह हीरा तब अपनी इ ा से कुछ समय के िलए


बोलना छोड़ द और मौन धारण कर
कहलाता है जब उसका पारखी उसे खोज ल तो इससे आपको ब त फायदे
िनकालता है -तू तो बस मुझे धैय दान कर दे हो...

और यह अव मेव ही है एक न एक िदन ा आप भी उपवास कर रहे ह


आकाश म बैठा मेरा "म" इसकी चमक
े े औ औ े ी ी
दे खेगा और तब तू मुझ पर और मेरी नादानी What is Fast
नवरा चल रहे है
पर हं सेगा- और अिधकतर लोग
इस नवरा म त या
उपवास रखते है
परं तु त या उपवास का सही अथ
िवरले ही िकसी को पता ...

जीवन की मूल
आ -िज ासाय व
स ािवत समाधान
Basic self-
Curiosity and
Possible Solutions of Life
मानव ज बार-बार नहीं िमलता है
कई योिनयों म हम अपने कम का
भोग-भोगकर जब बारबार...

परम िपता परमे र


कौन है
Who is the
Supreme
जो आनंद बालक बने रहने मे ह वह बडे बनने मे नही ं है मां Father यह
िवचारणीय है िक ान से कोई मनु
अपने ब े की ेक आव कता को समझती ह यिद हम
कैसे समझेगा िक परमा ा ा है ?
ई र को सरल भाव से ले तो िनि त ही ई र को हमे मां मनु का  म तो छोटा सा है
जैसा ार दे ना ही होगा और हमारी ेक आव कता को और...
उसे समझना ही होगा-जरा सोिचए िफर जीवन िकतना सुगम
हम अपनी अंदर की
हो जाएगा- कमजो रयों स हारते

जब "म" था तो ई र नही ं था अब ई र है तो "म" नही ं ँ जो Our Own
भी कबीर के इस कथन को अपने अ ःकरण मे उतार ले Weakness इस
बात को आप सभी अ ी तरह से
और ई र को अपने आप को अपण कर दे इस कथन की
जानते ह िक रा े पर यिद कंकड़ ही
स ता कट होने मे समय नही ं लगेगा-अत; अपने कंकड़ हो तो भी-एक अ ा जूता
अ ःकरण को पूणयता शांत करके अपने अंदर टटोले- पहनकर उस पर चला जा सकता...
तु ारा ई र तु े अपने अ र मे ही िमल जायेगा िजसे आप
हमारी स ी पूंजी
बाहर खोज रहे ह जब अपने मन म "म" का ादु भाव बढता
ा है
ह तो हमारा ई र पीछे की राह से बाहर िनकल जाता ह और
What is our
आपको अकेला छोड़ दे ता है िफर आप िसफ माया-मोह तेरा- True Capital हम
मेरा म ही उलझ कर रह जाते हो समय बीत जाता है और अपने िलए अपनों के
अंितम समय आपका जाने का आ जाता है िफर जब िहसाब- िलए खून के र ों म उलझकर रह
जाते है इ ीं खून के र ों के िलए
िकताब का आं कलन करते हो तो पता चलता है अरे ! अपने
एक-एक पैसे जोड़ते ...
िलए तो कुछ ले जाने लायक बनाया ही नही ं है िसफ "मै" ही
पास था अंत समय तो वो भी नही ं है - स ी पूजा और
िन ाम कम

मने तो अपने ई र को ढू ं ढा ह अपने िलए मु का दरवाजा True worship


and Without
खोलने का एक छोटा सा यास कर रही ँ ितिदन मेरा यही
े ि े े ई े ी े ि ि ो
यास रहे गा िक मुझे मेरा ई र मुझे अपनी कृपा से िसंिचत Selfishness Work पूजा हो
या उपासना जो िबना ाथ के िकया
करता रहे तथा अंत समय मुझे अपने साथ मु धाम की ओर
जाए-िबना िकसी फल की इ ा से
ले चले इसे ही हम अपना सौभा समझेगी-मुझे अपनी िकया जाए और जो स े म...
मंिजल से मतलब है उसके पड़ाव से नही ं मुझे ई र कृपा िमले
यही मेरी अिभलाषा है - ा हमारे जीवन पर
ार ों का भाव
पड़ता है
का ा यहाँ तो हर चीज की कीमत ह िजसे कीमत चुकाने पर
Effect of our in
वह हम िमल जाती ह परं तु का ा हमारे सं ार ह जो खरीदे Life
नही ं जा सकते ह ई र का कथन है िक राजा हो या रं क, Predetermined Work मने कई
इं सान हो या है वान सब अपने अपने सं ार लेकर पैदा होते यों को दे खा िज ोने परमा ा
का अनुभव कर िलया पर ु ार
है जो उसको िवरासत म िमलते है और उसकी अपनी ज
के कारण जो परे श...
ज ांतर की कमाई होती ं ह-

ाणी चाहे िभ आकृित- कृित के हो-उनमे कोई बोल सकते लेबल


है और कोई मूक ह परं तु भूख सबकी एक स श ही है इसे कृत ता की अिभ (34)
तुम स जानो िक जो भूखे को भोजन कराता है -वह यथाथ भ - ान (11)
म मुझे ही भोजन कराता है यह एक अका स है -तु ारी मनन (Consideration) (29)
कोई िकतनी भी िनंदा ों न कर, तुम उसका ितकार न रमणमहािष के िवचार (15)
करो-यिद कोई शुभ काय करने की इ ा है तो सदव दू सरों
की भलाई करे -
ॉग आकाइव
जो दू सरों को पीड़ा प चाता ह वह मेरे दय को दु ख दे ता ह ▼ 2018 (90)

मुझे क प चाता ह इसके िवपरीत जो यं क सहन करते ► November (2)

है वह मुझे अिधक ि य ह तुम अपने अंदर कता पन की ▼ October (36)

भावना ों लाते हो ? कोई भी े या किन कम करते यं का आ ा क उ ान कर


आज इं सान प र िदल होता जा
समय अपने को कता न जानकर ब अिभमान तथा
रहा है
अहं कार से परे हो कर ही काय करो-तभी तु ारी ुतगित से
शरद् पूिणमा त और मा ता
गित होगी- ा है
हम संसार म है या संसार हमारे
ुती- िनमला िम ा अंदर है
महिष रमण के िवचार भाग- 14
सभी (पो ) जानकारी पढ़ने के िलए क कर 🔽 ेम दे ने की चीज है लेने की नहीं
हमारा जीवन का सफर कैसा हो

जीवन का स - बेईमान कभी ईमानदारों की ई ा


नहीं करते ह
Share This:    Facebook  Twitter  Google+ आज के युग मे इं सान सुखी ों
नहीं है
आज का इं सान अकेला ों है
महिष रमण के िवचार भाग- 13
कृ के ित कृत ता की
अिभ भाग-35
नवरा ी म हम यह कैसी पूजा कर
नई पो मु पृ पुरानी पो
रहे है

ि े ि

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