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Adesh Sir, Stri Script
Adesh Sir, Stri Script
Womanhood
स्त्रीत्व
Scene : 1 Road Ext Day
Ch: Priya, Abhinav And Others
scene भागते हुए अभभनव और भिया से open होता है ... अभभनव और भिया बार-
बार पीछे मुड़कर दे खते हैं , भागते भागते भिया भगरती है तो अभभनव उसको उठाता है ,
भिया काां पते हुए स्वर में कहती है ..
भिया : अभभनव, अब मैं भाग नहीां सकती...मेरे
पाां व ही नहीां पाज़ेब भी थक चुके हैं ...
अभभनव : नहीां भिया, रुकना मौत है हमारे भिए...
हमे भागना होगा...please भहम्मत करो, run भिया,
run...भिया, मैं नहीां चाहूँ गा भक तुम पर कोई आां च आये ,
क्ोांभक मेरी भज़न्दगी तु मसे जुडी हुयी है , तु म हो तो मैं
हूँ ...
भिया डबडबायी नज़रोां से दे खती है , और अभभनव उसको भिपटा िेता है ...भिया बोिती
है ....
भिया : मैं भी तु म्हारे भबना जी नहीां सकती
अभभनव... i love you...
तभी उसे शोर सुनाई दे ता है , वह भिया को उठाकर पास की झाभड़योां के पीछे िे जाता
है ...
Cut to-
अभभनव और भिया दोनोां एक दू सरे से भिपटे हुए हैं , भिया बुदबुदाती है ...
भिया : अभभ... उन िोगोां ने हमें दे ख तो नहीां
भिया...?
अभभनव : (चुप रहने का इशारा करते हुए) कोई
फ़कक नहीां पड़ता, दे खने दो...हम उनसे आगे हैं , पीछे हैं
वो हमारे ...
inter cut
सारे बांदूकधारी उसी चौधरी के पास खड़े हैं , चौधरी भचल्लाते हुए बोिता है ...
चौधरी : ये कि की िौांभडया...हमारे सभदयोां पुराने
रस्मो- ररवाज़ोां की धज्जियाूँ उड़ाएगी...? हम अपने काूँ धे से
सर को भगरते दे ख सकते हैं , िेभकन सर से पगड़ी भगरते
नहीां दे ख सकते ...अगर इसकी वजह से हमारी पगड़ी भगरी,
तो हम इसका सर उतार िेंगे...
सब भसर झुकाकर खड़े हैं , चौधरी सबकी तरफ़ नज़रें घुमाता है , भिर अपने बेटे से
बोिता है ...
चौधरी : सरना, वो ससुरा अभभनव, जैसे आूँ खोां के
सामने आये , बेटा अपनी रायिि के दोनोां कारतूस
उसकी छाती में उतार भदयो... एक बेटा कम भी हो
जायेगा, तो कोई फ़कक नहीां पड़े गा, चार बचोगे,
हमारी अथी को कान्धा दे ने के भिए...और सुन! उस
िड़की के शरीर पर न खरोांच आये , न वस्त्र पर
भसिवट....वो ससुरी हमें भज़न्दा चाभहए, उसे कैसी
और भकतनी ददक नाक सज़ा दे नी है , ये मैं सोचूांगा...
सरना : ठीक है बाबू जी, मैं उसे उठाकर िाऊांगा,
और आपके क़दमोां में डाि दू ां गा...
िोग जीप की तरफ़ बढ़ते हैं , तभी भिर चौधरी बोिता है ...
चौधरी : ससुरोां... तुम िोगोां के खोपड़ी मा भूसा
भरा है ..? कुांद हो गए हो क्ा...?
भिया बहुत डरी हुयी है , जबभक अभभनव उसको अपनी बाहोां में कसे है ..
दो तीन बांदूकधारी पास की झाभड़योां में दे खते हैं , और कहते हैं ...
एक आदमी : अरे हम यहाूँ अपनी क्ोां ठु का रहे
हैं ..? वो ससुरे यहाूँ क्ा घास भछि रहे होांगे...? ढोर और
मवेशी चरा रहे होांगे...? वो भाग रहे हैं , चिो यहाूँ से ,
शहर जाने वािे रास्ते पर चिते हैं ...
दू सरा आदमी : ससुरे गधे के सर के सीांग हो गए
हैं , कहीां भदखाई ही नहीां दे रहे हैं ...
तीनोां आदमी वापस रास्ते की तरफ़ मुड़ जाते हैं , अभभनव और भिया की जान में जान
आती है ... हम अभभनव और भिया के point of view से उन आदभमयोां को जाते
हुए भदखाते हैं .. अभभनव भिया के बािोां में अपनी उूँ गभियाूँ भिराता है , भिया डबडबाई
आूँ खोां से अभभनव को दे खती है ... अभभनव उसके आां सू पोांछता है ...
flash back
स्वागत है ....जो भवद्याथी नए हैं , मैं उन्हें अपने बारे में बता
दे ता हूँ ...
reactions of students
बेनीराम : मैं बेनीराम पाण्डे य...भहां दी का िोफ़ेसर
और आपका कक्षा अध्यापक हूँ ...मांगि पाण्डे य हमारे पूवकज
थे..भजन्होांने 1857 में आज़ादी की भबगुि बजाई थी, और
अांग्रेजोां से भििाफ़, भहन्दु स्ताभनयोां से सीने में क्ाां भत की मशाि
जिाई थी...
reactions of students
खन्ना : िानत है , पूवकजोां ने आज़ादी की पाठ पढ़ाई
थी, और वांशज भहां दी पढ़ा रहा है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , और खन्ना को दे खते हैं , खन्ना proudly look दे ता है ,
जबभक बेनीराम खन्ना को look दे ते हुए बोिता है ...
बेनीराम : भिय भवद्याभथकयोां..! इससे पहिे की नए
भवद्याथी अपना पररचय दें , मैं अपने इस मुझ पर व्यांगबाण
चिाने वािे, मेधावी छात्र के बारे में बताता हूँ ... (खन्ना,
मेवा, दे वा की तरफ़ दे खकर) ये दीपक खन्ना हैं , इस
दीपक से इनके घर को रौशनी भमिी है या नहीां, मैं नहीां
जानता, िेभकन भपछिे पाां च सािोां से , ये इसी डे स्क पर
जिते हुए, इस कक्षा को उजािा बाूँ ट रहे हैं ....ये पहिे
दीपक हैं , भजनका वतकमान और भभवष्य दोनोां अांधकार में
भदखाई दे रहा है ...और इनके ये दो और सांगी दे वा-मेवा,
जो इनके आसपास बैठे हैं , उनके पास भी अपने भभवष्य को
दे खने के भिए, अपनी खुद की रौशनी नहीां है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , खन्ना भी हूँ सते हुए कहता है .,...
खन्ना : अध्यापक महोदय...! पास तो मैं कभी हो
सकता हूँ , िेभकन नक़ि करके पास होने वािोां में से हूँ ...
बेनीराम : तो बेटा अक्ल िगाकर कर पास हो
जा...तू डे स्क छोड़े गा, तो कोई दू सरा आएगा..क्ोां दू सरे
की भशक्षा का अभधकार खा रहा है ...?
सारे स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं ... इतने में classroom के दरवाज़े पर भिया नज़र आती
है , और वो बेनीराम की तरफ़ दे खकर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
बेनीराम के साथ साथ सभी स्टू डें ट्स और खन्ना पिटकर दे खते हैं , हुस्न की जीती जागती
मज्जल्लका भिया ररयेक्ट करके भिर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
5
भिया दे वा और मेवा को एक hard look दे ती है , दोनोां हडबडा जाते हैं , अभभनव भबना
हाथ भमिाये ही वहाां से उठकर पीछे वािी सीट पर जाता है , भिया ररयेक्ट करती है ,
बेनीराम कहता है ..
बेनीराम: भिया, तुम्हारा पररचय भमिन बड़ा मधुर और
सराहनीय िगा... दे री से आने की वजह मैं तुम्हे बेंच पर
खड़े होने की सज़ा दे ने वािा था, िेभकन अब क्षमा करता
हूँ ...बैठ सकती हो...
भिया : thank you sir...(मन ही मन में)
खडूस... भिया को सज़ा दें गे...?
बेनीराम : (भिया से ) बेटा तुम्हारे चेहरे के भाव से
िगा, भक तु मने कुछ कहा...? शब्द नहीां थे , इसभिए
श्रवण नहीां कर सका...
भिया : no sir...मेरा face expressionless
है ...
भिया बोिते हुए बैठ जाती है और पीछे गया हुआ अभभनव अपना पररचय दे ते हुए कहता
है ...
अभभनव : सर...मैं भी अपना पररचय दे दू ां ...?
बेनीराम : अवश्य...
अभभनव : मेरा नाम अभभनव कुमार, मेरे भपताजी
का राजकुमार...
अभभनव आगे कुछ बोिे इससे पहिे खन्ना उसकी बात काटते हुए कहता है ...
6
मनीषा हाथ में कुछ भकताबें िेकर भिया के पास आती है और कहती है ...
मनीषा : ये िे, ये तेरी चार भकताबें भमि गयी, कोई और भकताब चाभहए, तो बता, मैं
उसे भी ढूांढ कर िे आती हूँ ...
भिया मुस्कुरा कर कहती है ...
भिया : thank you मनीषा, इतना बस है ...तुमने अपने भिए कोई भकताब नहीां
िी...?
मनीषा : मुझे भकताबें पढ़ने में बहुत बोररयत होती है , हाूँ , lecture बड़े ध्यान से
सुनती हूँ ....
दोनोां वहाां से चिने िगती हैं .. तभी मनीषा पूछती है ..
मनीषा : भिया, if you don’t mind, may i ask you a question...?
भिया : हाूँ -हाूँ पूछ न...?
मनीषा : तुझे क्ा िगता है ...? अभभनव ने तुझसे दोस्ती करने से क्ोां मना भकया
होगा...? और तुमने भसिक दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, कौन सा propose कर रही
थी...?
भिया : ओये, what do you mean..? तुम्हारा मतिब है , मैं अगर भकसी को
propose करुूँगी तो, वो मुझे मना कर दे गा...? मैं ऐसी भदखती हूँ ...? पता नहीां
उसे भकस बात का घमांड है ... वरना ये भिया अगर भकसी को सैंडि भी ऑिर करे ,
तो उसे िेने के भिए भी िाइन िग जाती है ...
तभी वहाां पर बेनीराम आता है , मनीषा एक बुक उिटने पिटने िगती है , दोनोां को
books पढ़ते दे खकर बेनीराम बोिता है ....
बेनीराम : बहुत सुन्दर...क्लास नहीां तो िायब्रेरी...अच्छा िगा तु म दोनोां को यहाूँ
दे खकर, वरना यहाूँ 90% भवद्याथी ऐसे हैं जो, अगर क्लास में नहीां होते तो भसनेमा हॉि
में होते हैं ... keep it up...इसे जारी रखना...बेटा भकताबोां से भमत्रता करोगी, तो
माक्सक बढ़ें गे, और बािकोां से भमत्रता करोगी, तो माक्सक घटें गे, अब िैसिा तुम्हे करना
है , भक दोस्ती का हाथ भकसकी तरफ़ बढ़ाना है ...
बेनीराम मुस्कुराता हुआ, वहाां से चिा जाता है , कैमरा भिया और मनीषा पर चाजक होता
है ...
cut to -
scene : 7 Campus ext day
ch : खन्ना, अभभनव, दे वा , भिया , मनीषा , माधवी, अन्य
कॉिेज के campus में स्टाइि से चिते हुए खन्ना आता है , दे वा मेवा उसकी तारीफ़
करते हुए कहते हैं ....
दे वा : बॉस...आप वैसे भदखते तो नहीां हो, िेभकन आपके अन्दर टै िेंट भबिकुि उनके
जैसा ही है ...
खन्ना : अबे भकसके जै सा...?
11
मेवा : अरे वही भजनकी गाड़ी को िड़भकयाां गाि की तरह चूमती थी, अपने होठोां की
िािी से उनकी गाड़ी िाि कर दे ती थी, और टायर के नीचे से धूि उठाकर अपनी माां ग
भर िेती थीां...
खन्ना : अबे भकसकी बात कर रहा है तू ...? क्ा कभी ऐसा कामदे व भी अपनी कॉिेज
में था...?
दे वा : कॉिेज में नहीां भाई, अपने बॉिीवुड में...
खन्ना अपना सर खुजाते हुए है रत से सोचकर कहता है ...
खन्ना : भकसकी बात कर रहा है तू ...? थोडा Hint को दो-चार इां च और बढ़ाकर
बता...
मेवा : अरे भाई, भजसके आप सरनेम हो...
खन्ना : राजेश...?
खन्ना िाउड िीि करता है , तभी खन्ना की नज़र आती हुयी भिया और मनीषा पर पड़ती
है , वो उनको घूरता है , दे वा मेवा भी उसी भदशा में दे खते हैं , उनके खुिे हुए मुांह को
खन्ना हाथ से बांद करके बोिता है ...
खन्ना : control ह्यभमनाइज़रोां control...सािोां तुम िोगो की आूँ खोां में इतनी
कामुकता भरी हुयी है , भक तुम िािी िड़भकयोां दे ख ही िो, तो भी बेचाररयोां को
ipils िेना पड़ जाये ...
मेवा : बॉस, ग़िती क्ा हमारी आूँ खोां की ही है ...? कुछ क़सूर उनकी beauti का
भी तो है ...हमारी आूँ खोां को भकताब और black board से खीांच कर अपनी ओर िे
िेती हैं ...और भिया तो पेटरोि है ...हम अपनी वासना का एक चुटकी रख भी उसकी
तरफ़ िेंक दें , तो भी आग िग जाये...
खन्ना : अबे अपने मुांह का ये गटर बांद रख, वो तेरी होने वािी भाभी माूँ है ...
दे वा : बॉस, भकतनी भाभी माूँ आयीां और चिी गयीां... िेभकन आप भाई, बाप नहीां
बन पाए...
खन्ना : अबे चुप, इस बार िाइनि है ...
मेवा : अच्छा तो हम, भाभी माूँ जी के साथ आने वािी, सािी, मौभसयोां को तो िाइन
मार सकते हैं न...
खन्ना : वो तुम दोनोां जानो, भकस गटर में भगरना है ...
दे वा मेवा एक- दू सरे को look दे ते हैं , और चि दे ते हैं , दोनोां जाती हुयी भिय और
मनीषा के थोड़े करीब जाकर सीटी बजाते हैं , भिया पिट कर दे खने िगती है , मनीषा
कहती है ...
मनीषा : अरे जाने दे , वही दोनोां सैडिसोि हैं ...
भिया : नहीां, इन िोगोां को बताना तो पड़े गा, भाई जब सैडिसोि हो तो, सैंडि के
नीचे पड़े रहो, हमारी तरफ़ क्ोां उछि रहे हो...?
12
वीर भसांह : कौन तेरे पीछे पडा है ...? मुझे बता, सािे को क्लास रूम से भनकाि के
िॉक up में डाि दे ता हूँ ...
भिया : नहीां भैया, मैं दे ख िूांगी, इां स्पेक्टर की बहन हूँ ...
वीर भसांह अपना यूभनिामक पहनकर बाहर आता है , और कहता है ...
वीर भसांह : चि मैं ड्यूटी पर जा रहा हूँ , बाय...
भिया : बाय भैया...
cut to-
cut to-
अभभनव : भहस्टर ी हमेशा हमें गिभतयोां के भिए सबक ही नहीां भसखाती, बज्जि हमे उन
महान पुरुषोां से सीखने के भिए भी िेररत करती है ...
कैमरा भिया पर close होता है ... वो ररयेक्ट करती है ...
माधवी : भिर तो तु म्हारे भहसाब से ताजमहि भी एक ग़िती है ...?
all laugh
अभभनव : हाूँ ... ताजमहि भिे ही हमारे दे श का गौरव है , िेभकन शाहजहाूँ की एक
बहुत बड़ी ग़िती है ...
reaction of all
दे वा : भाई, मोहब्बत की इससे बड़ी भमसाि नहीां भमिती....
अभभनव : सरकारी िजाने को जनता पर िचक भकया जाता है दे वा, अपनी मोहब्बत पर
नहीां...
सभी है रानी से अभभनव को दे खते हैं , अभनि तािी बजाता है , और पीछे बैठी भिया
बोिती है ...
भिया : ये कुछ ज़्यादा ही झाड़ रहा है ...
अभनि : वाह अभभनव वाह... तुमने हमने आइना भदखा भदया..
अभभनव : नहीां यार, मेरे अपने भवचार हैं ... काश हमारे दे श के नेता, ये सब सोच
पाते, तो डॉिर हमारे रुपये का गुिाम होता...
सभी ताभियाूँ बजाते हैं , अभभनव मुस्कुराता है , अपनी जगह से उठता है ...
अभनि : अरे कहाूँ जा रहे हो...? क्लास शुरू होने वािी है ...
अभभनव : (मुस्कुरा कर) coffee पीने ..
दे वा : क्ा...???
सभी हूँ सते हैं , अभभनव क्लास से बाहर जाता है , सब एक-दू सरे को दे खकर ररयेक्ट
करते हैं , भिया सीट से उठकर आगे आती है ...
भिया को दे खकर सब भिर आश्चयक करते हैं , भिया सभी को दे खकर hi करती है ,
िड़भकयाां भी जवाब दे ती हैं , जबभक मनीषा कहती है ....
मनीषा : अरे भिया तू कब आई...?
भिया : तब...(look दे कर) जब यहाूँ शाहजहाूँ का भजक् चि रहा था, (भिर पोज़
िेकर) और तुम िोग उस िल्लू की बातोां से इम्प्रेस हो गए...
सभी भिया को है रानी से दे खते हैं ...
अभनि : एक इां टेभिजेंट को दू सरे इां टेभिजेंट का रे स्पेक्ट करना चाभहए...
सभी हूँ सते हैं , दे वा ररये क्ट करता है , भिया कहती है ...
भिया : दे खो, मुझे उस िल्लू को सबक भसखाना है , तुम सब मेरी तरफ़ हो या उसकी
तरफ़...?
अभनि : अब हम इतने पागि भी नहीां हो गए हैं भक अभभनव का साथ दें , हम सब
तुम्हारी तरफ़ हैं ...(सभी से ) क्ोां दोस्तोां...?
सभी अभनि का समथकन करते हैं , भिया मुस्कुरा कर सभी को हाथ दे ती है , और कहती
है ...
16
अभभनव मुस्कुराता है , गांगाराम उसे salute करता है , तभी खन्ना और दे वा-मेवा कैंटीन
में आते हैं , और बड़ी स्टाइि से कैंटीन के मेनेजर को दे खते हैं , खन्ना कहता है ...
खन्ना : और भकांटी...सब ठीक है न...? कोई िॉब्लम हो तो हमे याद करना...
भकांटी : (look दे कर) आप हैं न...
खन्ना मुस्कुरा कर आगे बढ़ने िगता है तभी दे वा कहता है ...
दे वा : बॉस.. आपका टॉप floor िािी है क्ा...?
खन्ना : (घूरकर) क्ा बोिा तू ...?
दे वा : (घबराकर) अरे बॉस... आप भी न... उस मेनेजर के बच्चे भकांटी ने आपको
ही िॉब्लम बोिा...
खन्ना : तू किमक है ...?
दे वा : (मेवा से) मेवा, तू ही बॉस को समझा...
मेवा : हाूँ बॉस, िेभकन जाने दो, हम उसका bill कहाूँ चुकाते हैं ...
खन्ना : बात तो तू सही कह रहा है ...
खन्ना अभभनव की तरफ़ दे खता है , खन्ना उसे इशारे से अपने पीछे आने को कहता है ,
तीनो अभभनव की टे बि की तरफ़ बढ़ते हैं , भकांटी उन्हें दे खकर ररयेक्ट करता है ...
अभभनव coffee पी रहा है , तभी खन्ना और दे वा मेवा उसकी टे बि के पास बैठते हैं ,
अभभनव उनको दे खता है , िेभकन कोई reaction नहीां दे ता, और अपनी coffee पी
रहा है , खन्ना दे वा, मेवा से कहता है ...
खन्ना : अरे ये तो अपने को भाव नहीां दे रहा है ...
मेवा : भचांता मत करो बॉस मैं कुछ करता हूँ ...
खन्ना उसको हाथ से चुप रहने का इशारा करता है , और गांगा राम से कहता है .
खन्ना : ओये गांगू... साहब की तरफ़ से तीन coffee...
गांगाराम ररयेक्ट करता है .
दे वा : ऐ भमस्टर... आप बॉस को नहीां जानते ...
अभभनव : अरे बॉस को कौन नहीां जानता...?
दे वा : जब आप बॉस को जानते हो तो, हाय hello क्ूूँ नहीां भकया...?
अभभनव दे वा को एक थप्पड़ मारता है , मेवा गाि सहिाता है , एक कोने में खड़ी भिया,
मनीषा ये सब दे खकर अपना भसर पीट िेती हैं ...
अभभनव : (खड़ा होकर) अबे... मैं भसफ़क सु भाष चन्द्र बोस को जानता हूँ ..
आस पास बैठे िोग और भकांटी ररयेक्ट करते हैं , तीनो झेंपते हैं , अभभनव coffee से
भरा कप भसप करते हुए टे बि छोड़ता है ...
अभभनव : पटे ि जी...चारो coffee का bill िे आना...
खन्ना : भाई तूने इसको थप्पड़ मारा, समझ में आया... िेभकन coffee का भबि तू
क्ूूँ चुकाएगा...?
अभभनव : अब coffee का bill आप चुकाओगे...
अभभनव दे वा को look दे ता है ...
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classroom के बाहर बेंच पर माधवी, भिया और मनीषा बैठी बातें कर रही हैं ...
माधवी : अरे इतनी उदास मत हो, अभी तो एक ही प्लान िेि हुआ है ...
भिया look दे ती है ...
माधवी : don’t worry, मेरे भदमाग़ में एक बम्पर आईभडया है .
मनीषा : ओ बम्पर आईभडया की दू कान, sale का सामान वैसे भी अच्छा नहीां
होता...
भिया हूँ स पड़ती है
माधवी : यार मैं तो फ्री में ऑिर कर रही थी.
भिया : कमाि है यार, मैं facebook की िोटो हूँ क्ा...?
अभी अभभनव और अभनि सामने से भनकि कर क्लास में जाते हैं , उसको दे खकर भिया
ररयेक्ट करती है , और कहती है .
भिया : आज इसकी स्टाइि का पांचनामा करना है ..
भिया उठकर क्लास की तरफ़ जाती है , दोनोां िड़भकयाां उसके पीछे जाती हैं ...
cut -
भिांभसपि ऑभिस में कृपाि भसांह यादव बैठा िाइि पिट रहा है , तभी वहाां पर बेनीराम,
अभभनव और भिया के साथ आता है , बेनीराम को दे खकर भिांभसपि कहता है ...
भिांभसपि : आएये पाण्डे य जी...
बेनीराम : सर ये भिया है , और ये भमस्टर अभभनव...
भिांभसपि : ओके िेभकन स्टू डें ट्स भिांभसपि रूम में तभी आते हैं , जब एडभमशन िेना हो
या कोई िॉब्लम creat हुयी हो...
भिया अभभनव को look दे ती है , अभभनव नज़रें झुका िेता है , बेनीराम कहता है ...
बेनीराम : आपने सही कहा सर...इस अभभनव ने एक बहुत बड़ी घटना को अांजाम दे ने
की कोभशश की...
भिांभसपि : क्ा हुआ...?
बेनीराम: भिया बेटी सर को सारी बात बताओ...?
भिया : (अभभनव की तरफ़ दे खकर) मुझे तो शमक आती है ..
भिांभसपि : क्ोां...? तु म दोनोां को love हो गया है क्ा...?
अभभनव ररयेक्ट करके तेज़ी से बोिता है ...
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अभभनव : जी... हम दोनोां एक-दू सरे से बहुत प्यार करते हैं ,...
बेनीराम और भिया ररये क्ट करते हैं ... भिया कहती है ...
भिया : मैं और तु मसे प्यार करुूँगी...पागि हो गए हो...? सर इसने मेरे साथ
ज़बरदस्ती करने की कोभशश की...
बेनीराम : सर, ये बहुत बदतमीज़ िड़का है , इसे कॉिेज से तुरांत भनकाि दीभजये , मैं
तो कहता हूँ , इसे पुभिस के हवािे कर दीभजये , एक गन्दा स्टू डें ट पूरे कॉिेज को गन्दा
कर दे गा...
भिांभसपि : (भिया को दे खते हुए) अच्छा, तो मामिा बिात्कार का है ...?
अभभनव : जी नहीां, मामिा प्यार का है ...
भिया ररयेक्ट करती है , िेभकन भिांभसपि उसको चुप रहने का इशारा करता है और कहता
है ...
भिांभसपि : मेरे कॉिेज में प्यार का ये पहिा मामिा है , मेरी तो समझ में नहीां आ रहा
है , भक इसके भिए मैं अवाडक दू ां या punishment...?
बेनीराम : सर, आप इसकी बातोां में मत आएये , इसने भिया के साथ बिात्कार करने
की कोभशश की...
भिांभसपि : पाण्डे य जी... आप जाएये मैं इसको punishment दे ता हूँ , ये सारी
भज़न्दगी याद करे गा... भिया बेटी तु म भचांता मत करो...कृपाि भसां ह यादव भकसी के
साथ कभी अन्याय नहीां करता... इसको सज़ा भमिेगी...
बेनीराम वहाां से जाने िगता है , भिया भी वहाां से उठकर जाने िगती है , भिांभसपि भिर
कहता है ....
भिांभसपि : भिया तु म रुको...
बेनीराम अभभनव को look दे कर वहाां से जाता है , भिांभसपि भिया से कहता है ...
भिांभसपि : अब तु म बताओ इसको क्ा सज़ा दू ां ..?
भिया : सर ये तो आप ही decide कीभजये ...
भिांभसपि : अभभनव तुम अपना बोररया भबस्तर बाूँ ध िो, कि से कॉिेज में नज़र मत
आना, और हाूँ भिया तुम इसके कपडे िाड़ोगी, वो भी पूरे कॉिेज के सामने ....
अभभनव : सर मैं कॉिेज छोड़ कर चिा जाऊांगा...
भिांभसपि : अरे ऐसे कैसे चिे जाओगे...? मेरे भिए कॉिेज की हर िड़की, बेटी के
समान है , अपनी बेभटयोां की इज्ज़त के भिए कृपाि भसांह यादव कुछ भी करे गा...
अभभनव : सर मैं सच कहता हूँ , मैंने ऐसा कुछ भी नहीां भकया...
भिांभसपि : अभी तो कह रहे थे , तुम इससे प्यार करते हो...
अभभनव : सर वो तो मैंने ऐसे ही कह भदया, मैं यहाूँ पढ़ने आया हूँ ...
भिांभसपि : तो भिर भिया को क्ोां छे ड़ा,...?
अभभनव नवकस हो जाता है , भिया को दे खता है , भिया ररयेक्ट करती है , और मन ही मन
कहती है ...
23
भिया : बच्चू, सारी हे रोभगरी भनकि गई, दे ख भिया भिया की दोस्ती ठु कराने का
नतीजा...
अभभनव : सर मैं भनदोष हूँ .
भिया : अच्छा तो मैं झूठ बोि रही हूँ ...?
भिांभसपि : (look दे कर) हाूँ तुम झूठ बोि रही हो..
दोनोां भिांभसपि को है रानी से दे खते हैं ...
भिांभसपि : भिया तु म्हारे क्लास से मुझे फ़ोन आ चुका है , अभभनव ने तुम्हारी दोस्ती
ठु कराई, इसभिए तुम अभभनव को नीचा भदखाना चाहती हो... पर तुम इतना भगर
जाओगी, ये मैंने सोचा भी नहीां... सांस्कारहीन िड़के होते हैं , सुना था, िेभकन एक
िड़की होकर तुम इतना सांस्कारहीन हो जाओगी....मैं...
अभभनव : (बात काटते हुए) नहीां सर, भिया जी सांस्कारहीन नहीां हैं , ग़िती मेरी है ...
मैंने भिया को अहम् चोट पहुां चाई है , यकीन मानो भिया मेरा मक़सद आपका भदि दु खाना
नहीां था, मैं डरता था, भक कहीां मुझे आपसे प्यार न हो जाए....
भिया अभभनव को दे खती रह जाती है , भिांभसपि तािी बजाता है ...
भिांभसपि : ठीक है भिया, मैं तुम्हारे कहने से अभभनव को कॉिेज से भनकाि दे ता हूँ ...
भिया : नहीां सर... i am sorry, मैंने अभभनव को ग़ित समझा...
भिया अभभनव को दे खकर नज़रें झुका िेती है ...
भिांभसपि : good... अब तुम दोनोां दोस्त बनकर रहना... कॉिेज भशक्षा का मांभदर
होता है , पढ़ाई करो, ब्लेम िगाना आसान है , िेभकन ब्लेम के side iffect कभी-
कभी बहुत ितरनाक होते हैं , जाओ क्लास अटे ण्ड करो...
दोनोां : thank you sir
दोनोां वहाां से जाते हैं ... कैमरा भिांभसपि पर चाजक होता है ....
cut to -
scene : 17 classroom int day
ch : खन्ना, दे वा , मेवा , माधवी, मनीषा , भिया, अभभनव , अभनि, बेनीराम ,
स्टू डें ट्स
क्लास में सभी स्टू डें ट्स अपनी अपनी जगह बैठे हुए हैं ..खन्ना कहता है ...
खन्ना : बेचारा अभभनव...आज के बाद कभी इस क्लास में भदखेगा ही नहीां.... दे खा
मेरा चौका...िे भिया न तेरे थप्पड़ का भहसाब...
दे वा : आप सचमुच हमारे बॉस हैं ...
अभनि मुस्कुराता है , खन्ना को सभी look दे ते हैं , तभी क्लास में भिया enter होती
है , अभनि को छोड़कर सभी ताभियाूँ बजाते हैं , भिया सबको हाथ से इशारा करती है
और कहती है ...
भिया : thank you... thank you...
all : वेिकम...
भिया : my dear friends.. आज मैं आप सबको अपने बेस्ट फ्रेंड से भमिवाती
हूँ ...
24
बेनीराम : बस बस... ये भज़न्दाबाद बांद करो, अभी तो मैं तुम्हारा गुरु बना हूँ ... और
आज के बाद मैं भकसी भी कोभचांग क्लास में नहीां पढ़ाऊांगा...
सभी ताभियाूँ बजाते हैं , अभभनव और भिया भी तािी बजाते हैं ...
cut to -
अभभनव : अरे बड़े कमाि के हो तु म... सौ रुपए में आपने िड़के की दु आ दे दी...
अगर भगवान् ने तुम्हारी सुनी तो भकसी को िड़की ही नहीां होगी... तुम शायद नहीां
जानते , हमारे दे श में िड़भकयोां की भकतनी कमी है ...
भहजड़ा : मेरे पूत... आज बेटी कौन चाहता है ...? सब चाहते हैं भक बेटा हो और
खानदान का नाम रोशन हो...
अभभनव : बेटा तो एक खानदान का नाम रोशन करता है , िेभकन बेटी तो दोनोां
खानदानो का नाम रोशन करती है , बेटी है तो कि है ...
भहजड़ा बड़े गौर से अभभनव को दे खता है , और भिया के पास आता है , और सौ रूपये
वापस करते हुए कहता है ...
भहजड़ा : बेटी.. ये वापस िे िे... तेरा जोड़ा हमेशा अमर रहे ... और हाूँ इसको
कभी छोड़ना नहीां, ऐसा िड़का तुझे कभी नहीां भमिेगा...
भिया : इसमें आपकी क्ा ग़िती, जो आपने शास्त्रोां में पढ़ा... वही आशीवाक द भदया..
ये आप रखो, आपका तो यही काम है ...
अभभनव : नहीां, इनका भी काम ये नहीां है ... (भहजड़े से ) क्ा आपने कभी ये सोचा
भक िोग आपकी दु आएां तो िेते हैं , पर आपको बराबरी का दज़ाक नहीां दे ते... आशीवाक द
दे ने वािा तो बड़ा होता है , पर हमारे समाज में आपके साथ उल्टा है ...
भिया : कुछ भी मत बोिो, िोग इनको शुभ मानते हैं ...
अभभनव : तो इनके साथ बैठकर खाना क्ोां नहीां खाते ...? इनको दोयम दजे का मानते
हैं ...
भिया : बस करो अभी... अब पांभडत और मौिवी भी तो दु आएां दे ते हैं , िोग उनके
आगे झुकते हैं न...
अभभनव : सब माकेभटां ग का कमाि है .. दे ज्जखये न तो मैं आपके भििाफ़ हूँ , न ही पांडा
और मौिवी के....
भिया : जाने दो अभी... बेचारे का भदि क्ोां िराब करते हो...?
भहजड़ा : नहीां बेटी... ये सही कह रहा है , ये पैसे वापस िे िो... मैं भी आज से ये
काम बांद कर रहा हूँ , आज के बाद मैं िजी दु आओां का कारोबार नहीां करना
चाहता... इतना तो मैं भी जानता हूँ , भक दु आए भसफ़क अच्छे कामो से भमिती हैं ,
thank you बेटा, तुमने मेरी आूँ खें खोि दीां...
भहजड़ा की आूँ खें भर आती हैं , वो जाता है वहाां से .. भिया अभभनव को दे खकर कहती
है ...
भिया: तुम्हें दू सरोां के आां सू दे खकर बहुत िुशी भमिती है ...?
अभभनव : तुमने भिर ग़ित समझा मुझे... तुमने आां सुओां में उसकी िु शी नहीां दे खी...
भिया : दे खी है , तभी तो तुम्हारी दीवानी हो गई हूँ , please अभी... अब love पर
lecture मत दे ना...
अभभनव मुस्कुराता है , भिया उसको गौर से दे खती है , अभभनव उसको बाहोां में भर िेता
है ...
cut
29
सभी ठहाका िगाते हैं , भिया भागकर अांदर जाती है ... मुश्ताक भी भिया के पीछे जाता
है , रमा सुमेर से कहती है ...
रमा : बस करो. भकतना हां सोगे...?
सुमेर भसांह : मेरी जाने जहाूँ , शादी के बाद आज हूँ स रहा हूँ ...
रमा : क्ा ....??
सुमेर अपने दोनोां हाथ अपने दोनोां कान पर िगाते हुए ररयेक्ट करता है ...
cut to -
Scene : 22 Bedroom Int Night
ch : भिया , मुश्ताक
बेडरूम में भिया अपने भबस्तर पर िेटी हुयी है , तभी मुश्ताक आता है , और प्यार से
कहता है ...
मुश्ताक : मेरी बहन, अभभनव से इतना इम्प्रेस हो गयी...? आभिर ये चमत्कार हुआ
कैसे ...?
भिया : भैया, अभी सबसे अिग है ... उसने मुझसे दोस्ती इसभिए नहीां की , क्ोांभक
वो पढ़ना चाहता था...
मुश्ताक : हैं ...? अब ये अभी कौन है ...?
भिया : (प्यार से) ओह भैया, अभभनव का short name...
मुश्ताक : o my God... बात यहाूँ तक पहुूँ च गयी...?
भिया : हाूँ भैया...
मुश्ताक : कच्ची सड़क इतनी जल्दी high way बन गयी...? मैं उसे छोडूांगा नहीां...
भिया है रानी से दे खती है , मुश्ताक exit होता है , भिया light off करती है ...
cut to -
Scene : 23 Road Day
ch : अभभनव, भिया
scene open with sunrise... सूरज के साथ साथ हम कैमरे की तरफ़ भागकर
आती दो भगरती पड़ती परछाईांयोां को भदखाते हैं , धीरे धीरे दोनोां के चेहरे भदखाते हैं , ये
अभभनव और भिया हैं , भिया भिर भगरती है , अभभनव उसे उठाते हुए कहता है ...
अभभनव : भहम्मत मत हारो भिया, अब high way आने ही वािा है ... हम उन िोगोां
की पहुूँ च से बहुत दू र भनकि जायेंगे...
भिया अभभनव को कातर नज़रोां से दे खती है , और कहती है ...
भिया : (हाां िते हुए) नहीां, अब मैं एक क़दम भी नहीां चि सकती... तुम भाग
जाओ...
अभभनव उसके पास बैठता है और उसके बािोां में हाथ िेरते हुए प्यार से कहता है .
अभभनव : शरीर से आत्मा जुदा हो जाये तो शरीर बेजान हो जाता है , तू तो मेरी आत्मा
है पगिी... तेरे भबना मेरा वजूद ही क्ा है ...?
भिया बड़े प्यार से अभभनव को दे खती है , और अपनी बाहें िैिाती है , अभभनव उससे
भिपट जाता है , अचानक अभभनव को कुछ आवाजें सुनाई दे ती हैं , अभभनव भिया को
31
िड़का ज़मीन पर हाथ जोड़कर िेट जाता है , िोग ररयेक्ट करते हैं , उसकी ऐसी हाित
दे खकर कुछ िोग मुांह दबाकर हूँ सते हैं , मुज्जखया सबकी तरफ़ दे खकर कहता है ...
मुज्जखया: भाइयोां जे छोरे की पहिी भूि है , इसभिए पांचायत इसे माफ़ करती है ...
िड़का मुज्जखया जी को हाथ जोड़कर दु हाई दे ता है , तभी वहाां पर एक जीप आकर
रूकती है ,, उसमे से बन्दू क भिए सरना और उसके दो भाई उतरते हैं , चौधरी भी साथ
में बड़ी स्टाइि से उतरता है , मटरू और बाां के के हाथ में िूिोां की मािाएां हैं . वे
चौपाि की तरफ़ बढ़ते हैं , िोग उनको दे खकर side में हो जाते हैं मुज्जखया उनको
दे खता है , सरना सबको look दे ते हुए ताभियाूँ बजाता है और कहता है ...
सरना : (ताभियाूँ बजाकर) वाह.. का िैसिा करो है मुज्जखया जी... आपने साभबत कर
भदयो, पाप को ित्म करो पापी को नहीां...
िोग ररयेक्ट करते हैं , मटरू और बाां के खीशे भनपोरते हैं , मुज्जखया कहता है ...
मुज्जखया: सरना... यो िैसिा रामििी को है , और पांचायत तो वही िैसिा करो है जा
मा जनता का भिो होय...वैसे भी बेटा ये घाभसया की पहिी भू ि है ...
सरना : (ररयेक्ट करके) हमारी भूि गुिाब का िूि... अरे मटरूआ... दे ख के
रहा... मुज्जखया जी का स्वागत कर...
मुज्जखया अपनी कुसी चौधरी को दे ता है , चौधरी बड़ी स्टाइि से बैठता है , और मटरू को
हाथ भदखाता है , मटरू आगे बढ़कर मुज्जखया जी को मािा पहनाता है , मुज्जखया ररयेक्ट
करके कहता है ...
मुज्जखया : चौधरी साहब, या सबकी का ज़रुरत है ...?
चौधरी : ज़रुरत काहे नहीां मुज्जखया जी... आपने कमाि को िैसिोां करो है ... आज
आपने गाां धी बापू की याद भदिाय दी... रामिीिा भदखाय के बापू को सपनो साकार कर
दो...
मुज्जखया है रानी से चौधरी को दे खता है और वहाां खड़े िोग ररयेक्ट करते हैं , जबभक सरना
उस घाभसया के पास जाता है , घाभसया डर कर काां पते हुए सरना के आगे हाथ जोड़ता
है , सरना उसको उठाकर कहता है ...
सरना : अरे ... काहे िटिटाय रहा है घाभसया...? अब तो मुज्जखया जी ने तुमको
माफ़ कर भदयो है , (भिर मटरू से) अरे मटरूआ, खड़ो खड़ो मुांह का दे ज्जख रहो
है ... िा मािा दे ...
मटरू सरना को आगे बढ़कर मािा दे ता है . सब है रानी से दे खते हैं , जबभक सरना
मटरू से मािा िेकर उस िड़के को पहनाता है , घाभसया के चेहरे पर िुशी के भाव
आते हैं अब सरना बाां के से कहता है ...
सरना : बाां के...!
बाां के : हाूँ भैया जी...
सरना : जा एक बाल्टी पानी िेके आ...
िोग ररयेक्ट करते हैं , बाां के एक बाल्टी पानी िेकर आता है , िड़का बोिता है ...
घाभसया: (हाथ जोड़कर) हम जाए सरकार...?
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मुज्जखया : मैं तो बस नाम का मुज्जखया हूँ , तुम िोगोां को चौधरी को दे खकर साां प सूांघ
जाता है ...
एक आदमी : क्ा करें मुज्जखया जी... हमे अपने बीवी बच्चे भी दे खने हैं ...हम मजबूर
हो जाते हैं ..
मुज्जखया उनको दे खता है , सभी वहाां से एक एक करके चिे जाते हैं ,,.. मुज्जखया घाभसया
के पास आता है बाल्टी उठता है और दू र िेंकता है ...
cut
Scene : 28 A house Ext Day
ch : अभभनव
अभभनव जहाूँ भिया को छोड़कर गया था उस घर की तरफ़ आता है , उसके हाथ में खाने
की थैिी है , अभभनव दरवाज़े के पास जाता है तो दे खता है की दरवाज़े का तािा टू टा
हुआ है , अभभनव दां ग रह जाता है , उसके हाथ से खाना नीचे भगर जाता है , वो घबरा
जाता है भिया के बारे में सोचकर.. अभभनव दरवाज़े से अन्दर झाूँ कने की कोभशश करता
है ...
cut
Scene : 29 A house Ext/Int day
ch : अभभनव, डबरा , भिया
हम अभभनव के point of view से भदखाते हैं . घर के अन्दर भिया और हाथ में
कुल्हाड़ी भिए डबरा हैं ... अभभनव बेचैनी से इधर उधर दे खता है , उसे एक पत्थर
भदखाई दे ता है , वो पत्थर उठाकर दरवाज़े पर पटकता है , डबरा चौांक कर दरवाज़ा
खोिता है , दे खता है सामने हाथ में पत्थर भिए अभभनव खड़ा है ...
अभभनव : कौन है तू ... यहाूँ क्ोां आया है ...?
डबरा : (हूँ सते हुए) आये तो तुम िोग हो, ये घर मेरे है ...
अभभनव ररयेक्ट करता है , भिया अभभनव को दे खकर डबरा से कहती है ...
भिया : काका, ये हैं मेरे पभत अभभनव...
अभभनव : भिया तुम जल्दी इधर आओ...
भिया : भचांता मत करो, काका बहुत अच्छे हैं ... तुम खाना िाये...?
अभभनव : िाया था, तािा टू टा हुआ दे खा तो घबराहट से मेरे हाथ से नीचे भगर गया..
अभभनव अब हाथ में भिया हुआ पत्थर िेंक दे ता है , डबरा कहता है ....
डबरा : कोई बात नहीां बेटा, खाना मैं िे आऊांगा.. बस तुम िोग घर से बाहर मत
भनकिना, वरना तुम्हारे साथ साथ मैं मारा जाऊांगा...
डबरा वहाां से जाता है , भिया दरवाज़ा बांद करती है , अभभनव का हाथ पकड़कर बैठती
है और कहती है ...
भिया : बहुत थक गए हो गए हो न...?
अभभनव भिया को दे खता है , भिया उसे अपनी गोद में भबठाकर उसके बािोां को सहिाती
है , अभभनव कहती है ...
अभभनव : काश तुम िोभमस न करती...
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अभभनव : यार first time है न, नवकस हो रहा हूँ ... ज़रा सपोटक करो...
तभी भिर से door bellबजती है , अभभनव बुरा सा मुांह बनाता है ...और बेमन से
दरवाज़ा खोिता है ...दू धवािा आता है , अभभनव उससे कहता है ...
अभभनव : भैया जी आज बहुत जल्दी आ गए...?
दू ध वािा : काहे मज़ाक़ कर रहे हो साहब...आज तो हम दो घांटे late आये हैं ...
उ का हुआ हमारी घरवािी भबगड़ गयी. उसको मनाने में ही बहुत time भनकि
गया...
अभभनव : हैं ...? दो घांटे late...? (दू ध िेते हुए) एक बात कहें भैया जी...
दू ध वािा : कहो न साहब...
अभभनव : तुम्हारी घरवािी बहुत ितरनाक है ...
दू धवािा : (हूँ सते हुए) एक बात कहें साहब...?
अभभनव : एक नहीां दो कहो...
दू ध वािा : घरवािी सभी की बहुत ितरनाक होती है ...
दू धवािा ठहाका िगाता है , अभभनव है रानी से उसे दे खता है
अभभनव : अब डराओ मत...
अभभनव दू ध िेकर अन्दर जाता है और घडी दे खकर ररयेक्ट करता है , दू ध भफ्रज में
रखता है ,. पानी की बोति भनकाि कर पानी पीता है , और आईने के सामने आकर
कहता है ...
अभभनव : दो घांटे बीत गए और मैं अभी तक दो िाइन भी नहीां बोि पाया, (सर पर
हाथ मार कर) िानत है , िानत है मुझ पर...
तभी भिर से door bellबजती है , अभभनव irritate हो जाता है ,
अभभनव : अरे यार, ये door bellहै या मांभदर की घांटी... बार बार कोई भी बजा
दे ता है ...
अभभनव दरवाज़ा खोिता है , सामने मुश्ताक खड़ा है
अभभनव : जी आप कौन...?
मुश्ताक : पहिे तुम बताओ, तुम कौन हो..?
अभभनव : बड़े बदतमीज़ आदमी हो, मेरे घर पर आकर मुझसे ही पूछते हो, मैं कौन
हूँ ...?
मुश्ताक : oh.. i am sorry... मैं ये बात तो भूि ही गया था, वैसे आपके घर
की तिाशी िेनी है , मेरे पास आपके भििाफ़ वारां ट है ...
अभभनव : (है रानी से ) वारां ट...? पर मैं तो स्टू डें ट हूँ ...
मुश्ताक : you mean, स्टू डें ट कोई ग़ित काम नहीां करते ...?
अभभनव : जी मेरे भहसाब से तो नहीां करते ...
मुश्ताक : पर तुमने भकया है ... अन्दर चिो...
अभभनव ररयेक्ट करता है , मुश्ताक के साथ अन्दर जाता है , मुश्ताक कमरे का मुआयना
करता है , कमरे में भिया की तस्वीर िगी दे खकर ररयेक्ट करते हुए कहता है ...
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अभभनव झेंपकर अन्दर जाता है , सबको नमस्ते करता है , रमा उसको बैठने का इशारा
करती है , अभभनव बैठ जाता है , डम्पी पानी िेकर आती है , अभभनव को पानी दे ते हुए
कहती है ...
डम्पी : मैं भिया की भाभी...
अभभनव हाथ जोड़ता है , डम्पी मुस्कुराती है , अचानक अभभनव की नज़र सामने दीवार पर
िगी भिया की तस्वीर पर जाती है , वो झटके से खड़ा हो जाता है , और िोटो को
है रानी से दे खता है ...
डम्पी : कोई िॉब्लम है क्ा...?
अभभनव : जी...जी नहीां... actully ये िोटो...
डम्पी : हमारी ननद की है ...
अभभनव : जी...
अभभनव कुछ बोिना चाहता है , तभी सामने से same डरेस में भिया आती है , अभभनव
भिया को है रानी से दे खता है , अभभनव को दे खकर भिया कहती है ...
भिया : इतना late...?
अभभनव कुछ बोिे इससे पहिे मुश्ताक नज़र आता है , अभभनव भिर खड़ा हो जाता है ,
और है रानी से कहता है ...
अभभनव : अ... आप...?
भिया :(look दे कर) अरे आप दोनोां एक-दू सरे को जानते हो..?
मुश्ताक : (मुस्कुरा कर) hello अभभनव... मैं ही भिया का भाई हूँ ...
अभभनव : तो वो भकडनैभपांग की बात...?
मुश्ताक : भकडनैप तो कर ही भिया तु मने हमारी बहन को...
भिया नज़रें नीची करती है , अभभनव भी अपने नज़रें झुका िेता है , भिया कहती है ...
भिया : तो आपने अपनी पूछताछ कर ही िी...
सभी मुस्कुराते हैं , मुश्ताक सोिे पर बैठते हुए कहता है ...
मुश्ताक : बहन का मामिा है , पूछताछ करनी ही पड़ती है ...
रमा: (ररयेक्ट करके) आप िोग बैठो मैं नाश्ता िेकर आती हूँ ...
भिया भी अन्दर जाने िगती है तो मुश्ताक कहता है ...
मुश्ताक : तुम कहाूँ जा रही हो...? यहीां बैठो...मुझे कुछ सवाि करने हैं ...
अभभनव मुय्श्श्तक को दे खता है , भिया दोनोां को दे खती है , भिर बैठ जाती है ...
मुश्ताक : मैं तुम्हारी पसांद से खुश नहीां...(भिया और अभभनव है रानी से मुश्ताक को
दे खते हैं ,) बहुत खुश हूँ ...
भिया मुश्ताक के गिे िग जाती है , मुश्ताक भिया के माथे पर kiss करता है , सुमेर
भसांह रमा को आवाज़ दे ता है ...
सुमेर भसांह : अरे भाई, आरती की तैयारी करो...
मुश्ताक : शादी से पहिे मैं तुम्हारे माता-भपता से भमिना चाहता हूँ ...
अभभनव भिया को दे खता है , मुश्ताक भिर कहता है ,..
42
सभी है रानी से अभभनव को दे खते हैं , अभभनव सबको हाथ जोड़कर नमस्कार करता है
और वहाां से चिा जाता है ... भिया सभी को look दे ती है , और वो भी अन्दर अपने
कमरे में चिी जाती है , सुमेर भसांह और रमा के साथ साथ मुश्ताक और डम्पी के चेहरे
पर भी है रानी के भाव हैं ...
cut -
intermission
Scene : 33 Priya’s house Int
Night
ch : मुश्ताक, सुमेर भसांह, भिया , रमा, डम्पी, अभभनव, अन्य
शादी के मांडप से भिया भवदा हो रही है ., सभी भावुक हैं .. िेभकन भिया सबको हूँ स
कर समझाते हुए कहती है /...
भिया : पापा... आप सब िोग रोयेंगे, तो मैं नहीां जाने वािी... मैं ससुराि जा रही
हूँ , पभकस्तान border पर नहीां...
सुमेर भसांह : बेटी.. जब किेजे का टु कड़ा अपने से दू र जाता है , तो आां सू भनकि ही
आते हैं ...
भिया : भैया... मम्मी पापा को समझाओ न... नहीां तो मैं...
मुश्ताक : हम जानते हैं , तू भी हमे बहुत भमस करे गी, पर भदखा नहीां रही है ... भदन
में भकतने फ़ोन करती है ...?
तभी भिया को एक कोने में डम्पी नज़र आती है , भजसकी आूँ खे नाम हैं , भिया भागकर
उसके पास जाती है , डम्पी भिया को गिे िगा िेती है , वो ििक कर रो पड़ती है ,
भिया की भी आूँ खें भर आती हैं ... सभी की आूँ खोां में नमी है , भिया अपने आां सू पोांछती
है , और डम्पी को रमा के पास िाती है और कहती है ...
भिया : दे खो माूँ ... अपनी बह को समझा दो, अगर ये रोएगी तो...
रमा : रो तो तू रही है , अन्दर ही अन्दर...
भिया माूँ के गिे िगती है दोनोां भससक उठती हैं ... सुमेर भसांह और मुश्ताक भी अपने
आां सू पोांछते हैं .. भिया उनके पास आती है ... मुश्ताक भिया को गिे िगाता है उसके
सर पर हाथ िेरता है , रमा और डम्पी भिया को कार तक िे जाती हैं , तभी भिया का
मोबाइि बजता है , भिया hello करती है िेभकन भिर मोबाइि मुश्ताक िे िेता है ...
भिया : अरे भैया मेरी सहे िी की call है ...
मुश्ताक : भकसी का भी call हो, दे ख एक हफ्ते तक तू भकसी का भी call नहीां
उठाएगी...
डम्पी : तुझे मेरी कसम... ससुराि पहुच कर केवि एक call हम िोगोां को करे गी,
भक तू सकुशि पहुच गयी है , उसके बाद मोबाइि से भसम भनकाि कर रख दे गी.. मेरे
सर पर हाथ रख और कसम खा...
भिया : भिर आप िोगोां से बात कैसे करुूँगी...?
मुश्ताक : ससुराि जा रही है , एक हफ्ते के भिए हम िोगोां को भूि जा...ताभक तेरी
ससुराि, तेरा घर बन जाये ...
44
तान दे ता है , बाां के की हाित खराब हो जाती है , सभी ररयेक्ट करते हैं , बाां के कहता
है ...
बाां के : अरे ...अरे ... गोिी चि जाएगी, बन्दू क हटा...
गोिा बड़ी स्टाइि से बन्दू क हटाता है , ऊपर की तरफ़ फ़ायर करता है , और कहता
है ..
गोिा : समझ गए न भक हम भी दम्बूक चिा सकते हैं ...
चौधरी : अरे ससुरोां मुांह बाए का दे ख रहे हो...? बन्दु भकया छीन िेव...
सभी बन्दू क छीनते हैं गोिा की भपटाई भी करते हैं , झुमकी और बसांती भागती हुयी घर
में enter करती हैं , बसांती कहती है ,...
बसांती : का भौ,.. ? काहे मार रहे हो बेचारे को...? (भिर चौधरी से ) तुम सबने
घर को अखाडा बनाय भदयो....
चौधरी : जानौ न बूझौ... और बरगद तरे जु झौ...मुांह मत िाड़ जादा... अभी एक
कम हो जात तो...?
तभी अभभनव enter होता है , सभी उसको दे खकर ररयेक्ट करते हैं , जबभक अभभनव
चौधरी और बसांती के पै र छूता है , भिर भाइयो के भी पैर छूता है , सभी को इस तरह
खड़े दे खकर कहता है ...
अभभनव : क्ा बात है अम्मा ...?
बसांती : पता नाय तेरे बापू जाने ... तेरी पढ़ाई पूरी हो गयी..?
अभभनव : नहीां अम्मा... घर की याद आ रही थी इसभिए आ गया...
चौधरी : अच्छा हुआ तू आ गया... शहर से मेरे भिए िाया है न...? (दारू का
इशारा करता है )
अभभनव : (मुस्कुराते हुए) हाूँ बाबूजी...
चौधरी : तो भिर भनकाि न...बहुत भदन हो गए अांग्रेजी को मुांह िगाए हुए...
बसांती : हाि न चाि, बस दारू भनकाि...
बसांती अन्दर जाती है , चौधरी मुस्कुराता है और झुमकी से कहता है ...
चौधरी : झुमकी... जा बसांती से बोि थोडा चखना वखना बनाय दे ...
झुमकी : बापू हमने टीवी मा दे खे हाउ, दारू अच्छी चीज़ न होवे ...
सरना : झुमकी,. जब कोई बीमार पड़े तो बड़े बूढ़े भी बोिें, दवा दारू
कराओ...मतिब दारू अच्छी चीज़ होवे ...
झुमकी : भाई... मन्ने ते इतना जानू , दारू घर और समाज की दु श्मन होवे ...
बाां के : अरे बाां वरी... तू जा और चखना िेके आ... तब तक हम इस समाज की
दु श्मन को ित्म करते हैं ...
अभभनव हूँ सता है , झुमकी जाती है , गोिा भी मुांह िुिाकर जाने िगता है , चौधरी कहता
है ...
चौधरी : अरे गोिा, तू कहाूँ मरने जाय रहे हो...? आज तू भी चख िे.. दरद भाग
जाएगा...
46
गोिा : ना बापू... मैं ना भपयूूँगा... शराब और मूत तो जानवर भपए हैं ...
अभभनव ठहाका िगाता है , भिर बैग से शराब की दो बोति भनकाि कर दे ता है और
जाने िगता है , चौधरी कहता है ...
चौधरी : तू तो भपएगा...
अभभनव : नहीां बाबूजी.,.. मैंने अभी इसकी आदत नहीां डािी...
सरना : सही है छोटे ... तू मत पी... वैसे भी पढ़े भिखे वािोां को इससे दू र ही रहना
चाभहए...
गोिा : (भचल्लाकर) अम्मा.. भाई के भिए चा बना दे .,..
बसांती : (अन्दर से) तू कहे गा तो ही बनाउां गी का...? बेटा तू हाथ मुांह धो िे, मैं चा
िाती हूँ ...
अभभनव गोिा के कांधे पर हाथ रखकर exit होता है , मटरू शराब की बोति को
चूमता है ...
चौधरी : अरे मटरूआ...! दारू को मेहररया की तरह का चूम चाट रहा है , जा
इां तजाम कर... दे ख के रहा नहीां जा रहा... इधर िा... आज हुकुम भसांह इस पर
हुकूमत करे गा...
मटरू शराब की बोतिें चौधरी को दे ता है , बाां के को साथ चिने का इशारा करता है ,
चौधरी शराब का ढक्कन खोिकर उसकी खुश्बू का आनांद िेकर ररयेक्ट करता है , सरना
भी सूांघता है ...
cut
Scene : 35 Chaudhari’s house Int Day
ch : झुमकी, बसांती , अभभनव
घर के अन्दर अभभनव चाय पी रहा है ... बसांती और झुमकी उसके पास बैठी हैं ,
झुमकी कहती है ...
झुमकी : भैया मैं खाना बनाती हूँ , आपको बहुत भूख िगी होगी...
अभभनव : नहीां झुमकी... तू यहीां बैठ मुझे अम्मा से कुछ बात करनी है ...
बसांती : पैसा वैसा चाही का...?
अभभनव : उसके भिए तो बाबूजी हैं ...
बसांती : भिर का बात है ...?
अभभनव : अम्मा मैं शादी करना चाहता हूँ ...
झुमकी जोर का ठहाका िगाती है , अभभनव उसका मुांह बांद करते हुए कहता है ...
अभभनव : चुप झुमकी...बाबूजी को पता चिा तो...
बसांती : भबना तेरे बापू को पता चिे, तेरी शादी कैसे होगी...?
अभभनव : पहिे मेरी सुन तो िे अम्मा...
बसांती : सुना...
अभभनव : अम्मा, मैं अपने कॉिेज की एक िड़की से प्यार करता हूँ ...
बसांती और झुमकी है रानी से अभभनव को दे खती हैं ...
अभभनव : अम्मा..! आप बाबूजी से बात करो...
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बसांती : पगिा गए हो का...? तेरे बापू न मानेंगे...घर समाज का रीभत ररवाज़ मािूम
है न..?
अभभनव : मािूम है अम्मा ... तभी तो बात करने आया हूँ , तू बात कर न अम्मा...
झुमकी : अम्मा बात करो न बापू से... घर मा पढ़ी भिखी भाभी आ जावेगी तो अच्छा
होवेगा...
बसांती अभभनव और झुमकी को look दे कर कहती है ...
बसांती : ठीक है आज रात मा बात करुूँगी,...
अभभनव : झुमकी, ज़रा तू बाहर जा...
झुमकी मुस्कुराते हुए बाहर जाती है ..
अभभनव : अम्मा, मेरी शादी के बाद सरना दद्दा की शादी...
बसांती : ये तू का बक रहा है ...?
voice cut में अभभनव और बसांती की बातचीत हो रही है ...
cut -
Scene : 36 Chaudhari’s house Evening
ch : चौधरी, सरना , बाां के , मटरू , गोिा
चौधरी और उसके बेटे सभी घर के दरवाज़े पर खड़े हैं , मटरू और बाां के पटाखोां में
आग िगाते हैं , सरना बन्दू क भिए बैठा है , गोिा चौधरी को हुक्का दे रहा है , चौधरी
हुक्का पीते हुए कहता है ..
चौधरी : का रे गोिा, तू आज बहुत खुश है ...
गोिा : (शमाक ते हुए) बापू मारी दु ल्हभनया कब िाओगे...?
चौधरी : अरे धीरज रख ससुरे... काहे मरे जात हो...
सरना : (हूँ सते हुए) जा पहिे नहा धो के आ...नहीां तो दु ल्हभनया वापस भाग
जावेगी..
चौधरी हूँ सता है –गोिा कहता है ...
गोिा : बड़े भैया, हम तो सूबा से नहा धो के बैठे हैं , दु ल्हभनया को भागन मत भदयो,
हम दु बारा नहा के आते हैं ..
गोिा भागते हुए जाता है , सरना और चौधरी हूँ सते हैं ,
चौधरी : नाम को पागिो है ससुरो... दु ल्हभनया के नाम पर ससुरो या भी िार टपकाय
रहा है ...
सरना मुस्कुराता है , मटरू और बाां के पटाखे छु ड़ाने में मस्त हैं , सरना उनसे कहता
है ...
सरना : बस कर मटरूआ... अभई दु ल्हभनया के आवे मा टै म है ...
मटरू : सरना भैया कम न पड़ें गे,...
बाां के : कम पड़ भी जाएगी तो और िे आवेंगे...
हुक्का पीते हुए चौधरी उनको िगे रहने का इशारा करता है , और भिर सरना से कहता
है ...
चौधरी : जब तक ये दु ल्हभनया दे ज्जख न िैहें, तब तक इनकी आग न बुझी...
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पांचायत िगी हुयी है , गाूँ व वािे और चौधरी के घर के सभी सदस्य मौजूद है , भिया और
अभभनव भी हैं ... चौधरी कहता है ...
चौधरी : भाइयोां,.. ये तो मारे घर का मामिा है , िेभकन कि पां चायत ये न बोिे
चौधरी ने खुद ही िैसिा कर भियो, इन ससुरोां ने हमारे समाज को भनयम तोडा है ...
हमने दोनोां को बहुत समझाने की कोभशश की, पर दोनोां अपनी अपनी भजद पर अड़े
हैं ... म्हारी चिे तो दोनोां को गोिी मार दू ां ... िैसिा अब आप पर छोड़ दी है ...
सरपांच : चौधरी साहब... भनयम तो यही है , की याको सारे भाइयो की दु ल्हभनयाां बननी
पड़े गी, िेभकन जोर ज़बरदस्ती ठीक न है ...
सरना : सरपांच जी... आज इसने बग़ावत करी है , कि गाूँ व की दू सरी औरतें भी
इसकी दे खा दे खी भबगड़ जाएूँ गी.. ऐसे तो पूरा गाूँ व ही कुांवारापुर बन जावेगा...
सभी िोग ररयेक्ट करते हैं , सरपांच हाथ उठाकर सभी को शाां त रहने को कहता है ,
अभभनव से पूछते हैं ...
सरपांच : अभभनव तुमको कुछ कहना है ...?
सरना : इसको क्ा बोिना है ...? अरे हमने इसको शहर पढ़ने इसभिए थोड़े ही भेजा
था, भक ये अपनी मनमानी करे ... ससुरा हमारी रीभत-ररवाज़ पर ही ऊूँगिी उठावे ...
सरपांच : पांचायत का मतिब या न है , पांचायत अभभनव को बोल्लने का पूरा मौका
दे गी...
अभभनव : मुज्जखया जी... मैंने कोई रीभत-ररवाज़ नहीां तोड़े हैं ..
सरपांच : िेभकन तुम समाज के भहसाब से दोषी हो...
अभभनव : मैं केवि भिया का गुनाहगार हूँ , मैंने उसको अूँधेरे में रखा... िेभकन मैंने
अपने भाइयोां की जुबान पे ही भिया से शादी की..,मेरे भाइयोां और मेरे बाबु जी ने
भरोसा भदिाया था, भक वो मेरी पत्नी पर अपना हक़ नहीां भदखाएूँ गे... मैं तो शहर से
आने वािा ही नहीां था, पर इस बेचारी ने कहा, मुझे ससुराि चिना है , माता- भपता
और सबकी सेवा करनी है .. मुज्जखया जी, मुझे चाहे जो सज़ा दो, िेभकन भिया को जाने
दीभजये...
सरना : ( तािी बजाते हुए) ससुरे पे इस हरामजनी का जादू बोि रहा है , जिाय दो
दोनोां को भजांदा.. ये हमारा िैसिा है ...
सभी औरतोां के reaction.. झुमकी को अचानक flash आता है, हम भदखाते हैं ,
भिया ने झुमकी की िोटो खीांची थी, तभी भिया के घर से फ़ोन आया था, वो तेज़ी से
भागती है ...
सरपांच : सरना बेटा... हमारो काम िैसिा सुनाना है , जान िेना दे ना नहीां... (भिर
भिया से ) बेटी दे ख, हमारे रीभत-ररवाज़ ऐसे हैं , तुझे जान बचाने के भिए मानने पड़ें गे...
भिया : जान जाती है तो चिी जाए...मैंने भसफ़क अभभनव से शादी की है , और िेरे भी
अभभनव ने ही मेरे साथ भिए हैं , तो मैं इन सबकी पत्नी कैसे बन सकती हूँ ...?
चौधरी : िेरे तो हम यहाूँ भी डिवा दें गे.. अब तेरे पास दो ही रास्ते हैं , या हाूँ बोि,
या भिर मरन के भिए तैयार हो जा...
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