Download as docx, pdf, or txt
Download as docx, pdf, or txt
You are on page 1of 59

1

Womanhood
स्त्रीत्व
Scene : 1 Road Ext Day
Ch: Priya, Abhinav And Others
scene भागते हुए अभभनव और भिया से open होता है ... अभभनव और भिया बार-
बार पीछे मुड़कर दे खते हैं , भागते भागते भिया भगरती है तो अभभनव उसको उठाता है ,
भिया काां पते हुए स्वर में कहती है ..
भिया : अभभनव, अब मैं भाग नहीां सकती...मेरे
पाां व ही नहीां पाज़ेब भी थक चुके हैं ...
अभभनव : नहीां भिया, रुकना मौत है हमारे भिए...
हमे भागना होगा...please भहम्मत करो, run भिया,
run...भिया, मैं नहीां चाहूँ गा भक तुम पर कोई आां च आये ,
क्ोांभक मेरी भज़न्दगी तु मसे जुडी हुयी है , तु म हो तो मैं
हूँ ...
भिया डबडबायी नज़रोां से दे खती है , और अभभनव उसको भिपटा िेता है ...भिया बोिती
है ....
भिया : मैं भी तु म्हारे भबना जी नहीां सकती
अभभनव... i love you...
तभी उसे शोर सुनाई दे ता है , वह भिया को उठाकर पास की झाभड़योां के पीछे िे जाता
है ...
Cut to-

scene : 2 Road Ext Day


ch: Abhinav’s father , three brothers, Abhinav, Priya, some
Gunman
scene तेज़ी से आती दो तीन जीपोां पर open होता है , जीपें ठीक उसी स्थान पर
रूकती हैं , जहाूँ अभभनव और भिया भछपे हुए हैं , जीपोां से अभभनव के घरवािे और अन्य
सभी बांदूकधारी तेज़ी से उतरते हैं ...
Inter Cut
2

अभभनव और भिया दोनोां एक दू सरे से भिपटे हुए हैं , भिया बुदबुदाती है ...
भिया : अभभ... उन िोगोां ने हमें दे ख तो नहीां
भिया...?
अभभनव : (चुप रहने का इशारा करते हुए) कोई
फ़कक नहीां पड़ता, दे खने दो...हम उनसे आगे हैं , पीछे हैं
वो हमारे ...
inter cut
सारे बांदूकधारी उसी चौधरी के पास खड़े हैं , चौधरी भचल्लाते हुए बोिता है ...
चौधरी : ये कि की िौांभडया...हमारे सभदयोां पुराने
रस्मो- ररवाज़ोां की धज्जियाूँ उड़ाएगी...? हम अपने काूँ धे से
सर को भगरते दे ख सकते हैं , िेभकन सर से पगड़ी भगरते
नहीां दे ख सकते ...अगर इसकी वजह से हमारी पगड़ी भगरी,
तो हम इसका सर उतार िेंगे...
सब भसर झुकाकर खड़े हैं , चौधरी सबकी तरफ़ नज़रें घुमाता है , भिर अपने बेटे से
बोिता है ...
चौधरी : सरना, वो ससुरा अभभनव, जैसे आूँ खोां के
सामने आये , बेटा अपनी रायिि के दोनोां कारतूस
उसकी छाती में उतार भदयो... एक बेटा कम भी हो
जायेगा, तो कोई फ़कक नहीां पड़े गा, चार बचोगे,
हमारी अथी को कान्धा दे ने के भिए...और सुन! उस
िड़की के शरीर पर न खरोांच आये , न वस्त्र पर
भसिवट....वो ससुरी हमें भज़न्दा चाभहए, उसे कैसी
और भकतनी ददक नाक सज़ा दे नी है , ये मैं सोचूांगा...
सरना : ठीक है बाबू जी, मैं उसे उठाकर िाऊांगा,
और आपके क़दमोां में डाि दू ां गा...

िोग जीप की तरफ़ बढ़ते हैं , तभी भिर चौधरी बोिता है ...
चौधरी : ससुरोां... तुम िोगोां के खोपड़ी मा भूसा
भरा है ..? कुांद हो गए हो क्ा...?

सभी है रानी से दे खते हैं ..


चौधरी : आधे घात िगा के पैदि जाओ, दे खो कहीां
झाभड़योां में न भछपे होां, और आधे मेरे साथ जीप में
चिो...
सारे िोग चौधरी की बात को follow करते हैं , जीपें और आदमी इधर-उधर जाते हैं
जबभक एक दो आदमी आस पास की झाभड़योां में दे खते हैं ...
inter cut
3

भिया बहुत डरी हुयी है , जबभक अभभनव उसको अपनी बाहोां में कसे है ..
दो तीन बांदूकधारी पास की झाभड़योां में दे खते हैं , और कहते हैं ...
एक आदमी : अरे हम यहाूँ अपनी क्ोां ठु का रहे
हैं ..? वो ससुरे यहाूँ क्ा घास भछि रहे होांगे...? ढोर और
मवेशी चरा रहे होांगे...? वो भाग रहे हैं , चिो यहाूँ से ,
शहर जाने वािे रास्ते पर चिते हैं ...
दू सरा आदमी : ससुरे गधे के सर के सीांग हो गए
हैं , कहीां भदखाई ही नहीां दे रहे हैं ...
तीनोां आदमी वापस रास्ते की तरफ़ मुड़ जाते हैं , अभभनव और भिया की जान में जान
आती है ... हम अभभनव और भिया के point of view से उन आदभमयोां को जाते
हुए भदखाते हैं .. अभभनव भिया के बािोां में अपनी उूँ गभियाूँ भिराता है , भिया डबडबाई
आूँ खोां से अभभनव को दे खती है ... अभभनव उसके आां सू पोांछता है ...
flash back

scene : 4 classroom Int.


Day
ch : professer Beniram Pandey / Abhinav , Khanna , Deva ,
Meva, Priya and students
scene classroom से open होता है , कैमरा स्टू डें ट्स को कवर करते हुए अब टीचर
पर close होता है , टीचर अपना चश्मा पहनते हुए स्टू डें ट्स को दे खकर बोिते हैं ...
बेनीराम : आज आप सबका क्लास में पहिा भदन
है , मैं दे ख रहा हूँ , कुछ नए भवधाथी हैं , और कुछ वही ूँ
हैं , जो पास होकर कॉिेज छोड़ना नहीां चाहते ...आप सबका
4

स्वागत है ....जो भवद्याथी नए हैं , मैं उन्हें अपने बारे में बता
दे ता हूँ ...
reactions of students
बेनीराम : मैं बेनीराम पाण्डे य...भहां दी का िोफ़ेसर
और आपका कक्षा अध्यापक हूँ ...मांगि पाण्डे य हमारे पूवकज
थे..भजन्होांने 1857 में आज़ादी की भबगुि बजाई थी, और
अांग्रेजोां से भििाफ़, भहन्दु स्ताभनयोां से सीने में क्ाां भत की मशाि
जिाई थी...
reactions of students
खन्ना : िानत है , पूवकजोां ने आज़ादी की पाठ पढ़ाई
थी, और वांशज भहां दी पढ़ा रहा है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , और खन्ना को दे खते हैं , खन्ना proudly look दे ता है ,
जबभक बेनीराम खन्ना को look दे ते हुए बोिता है ...
बेनीराम : भिय भवद्याभथकयोां..! इससे पहिे की नए
भवद्याथी अपना पररचय दें , मैं अपने इस मुझ पर व्यांगबाण
चिाने वािे, मेधावी छात्र के बारे में बताता हूँ ... (खन्ना,
मेवा, दे वा की तरफ़ दे खकर) ये दीपक खन्ना हैं , इस
दीपक से इनके घर को रौशनी भमिी है या नहीां, मैं नहीां
जानता, िेभकन भपछिे पाां च सािोां से , ये इसी डे स्क पर
जिते हुए, इस कक्षा को उजािा बाूँ ट रहे हैं ....ये पहिे
दीपक हैं , भजनका वतकमान और भभवष्य दोनोां अांधकार में
भदखाई दे रहा है ...और इनके ये दो और सांगी दे वा-मेवा,
जो इनके आसपास बैठे हैं , उनके पास भी अपने भभवष्य को
दे खने के भिए, अपनी खुद की रौशनी नहीां है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , खन्ना भी हूँ सते हुए कहता है .,...
खन्ना : अध्यापक महोदय...! पास तो मैं कभी हो
सकता हूँ , िेभकन नक़ि करके पास होने वािोां में से हूँ ...
बेनीराम : तो बेटा अक्ल िगाकर कर पास हो
जा...तू डे स्क छोड़े गा, तो कोई दू सरा आएगा..क्ोां दू सरे
की भशक्षा का अभधकार खा रहा है ...?

सारे स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं ... इतने में classroom के दरवाज़े पर भिया नज़र आती
है , और वो बेनीराम की तरफ़ दे खकर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
बेनीराम के साथ साथ सभी स्टू डें ट्स और खन्ना पिटकर दे खते हैं , हुस्न की जीती जागती
मज्जल्लका भिया ररयेक्ट करके भिर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
5

बेनीराम : yes.. come in...पधारो...


भिया बिखाते हुए अन्दर आती है , तमाम स्टू डें ट्स आहें भरते हैं ... कैमरा खन्ना पर
close करते हैं , भजसका मुांह खुिा का खुिा रह जाता है , भिया classroom में नज़रें
दौडाती है , तो उसको सबसे पीछे एक सीट िािी भदखाई दे ती है , वो उधर बढ़ने िगती
है , तो अभभनव अपनी सीट से खड़ा होकर कहता है ...
अभभनव : excuse me, आप चाहें तो यहाूँ बैठ
सकती हैं , मैं वहाां बैठ जाता हूँ ...
भिया उनको deep look दे ते हुए कहती है ...
भिया : thank you... thank you very much
(अभभनव की तरफ़ हाथ बढ़ाते हुए)...i am भिया....
अभभनव हाथ भमिाते हुए भझझकता है , तो सारे स्टू डें ट्स शोर मचाते हैं ..
दे वा-मेवा : अरे अभभनव, हाथ वो हाथ दे रही है ,
िे िे...

भिया दे वा और मेवा को एक hard look दे ती है , दोनोां हडबडा जाते हैं , अभभनव भबना
हाथ भमिाये ही वहाां से उठकर पीछे वािी सीट पर जाता है , भिया ररयेक्ट करती है ,
बेनीराम कहता है ..
बेनीराम: भिया, तुम्हारा पररचय भमिन बड़ा मधुर और
सराहनीय िगा... दे री से आने की वजह मैं तुम्हे बेंच पर
खड़े होने की सज़ा दे ने वािा था, िेभकन अब क्षमा करता
हूँ ...बैठ सकती हो...
भिया : thank you sir...(मन ही मन में)
खडूस... भिया को सज़ा दें गे...?
बेनीराम : (भिया से ) बेटा तुम्हारे चेहरे के भाव से
िगा, भक तु मने कुछ कहा...? शब्द नहीां थे , इसभिए
श्रवण नहीां कर सका...
भिया : no sir...मेरा face expressionless
है ...
भिया बोिते हुए बैठ जाती है और पीछे गया हुआ अभभनव अपना पररचय दे ते हुए कहता
है ...
अभभनव : सर...मैं भी अपना पररचय दे दू ां ...?
बेनीराम : अवश्य...
अभभनव : मेरा नाम अभभनव कुमार, मेरे भपताजी
का राजकुमार...
अभभनव आगे कुछ बोिे इससे पहिे खन्ना उसकी बात काटते हुए कहता है ...
6

खन्ना : महोदय, ये तो राजघराने का िगता है , भाई


माूँ का नाम राजकुमारी तो नहीां है ...?
स्टू डें ट्स हूँ सते हैं ...

अभभनव : हाूँ , अरे , तुम्हे कैसे मािूम...? सर ये


खन्ना सही बोि रहा है , मेरी माूँ का नाम राजकुमारी ही
है ...अरे खन्ना तु म ज्योभतषी तो नहीां हो...?
astrologer...?
खन्ना कांफ्यूज सा अभभनव को दे खता है , सभी आश्चयक से अभभनव को दे खते हैं , भिया भी
अभभनव को चांचिता से दे खती है , बेनीराम भी है रान है ...
भिया अभभनव को thumbs up करती है , खन्ना झेंप जाता है ...
अभभनव बैठ जाता है , अब हम भदखाते हैं , voice cut में स्टू डें ट्स खड़े होकर अपना
अपना पररचय दे ते हैं ... भिर हम भदखाते हैं भक पररचय समाप्त हो गया है , तभी घांटा
बजता है , और बेनीराम क्लास से बाहर जाता है , सारे स्टू डें ट्स बाहर भनकिने के भिए
खड़े होते हैं ...तभी मनीषा अपनी सहे भियोां के साथ भिया को घेर िेती है ...और कहती
है ...
मनीषा : hi भिया...i am मनीषा पटे ि, she is
कावेरी, and माधवी, we are a bunch of
friends...वैसे तुम भगरोह भी कह सकती हो, मनीषा
पटे ि भगरोह... अपनी पटे िगीरी यहाूँ चिती है ...
मनीषा आूँ ख मारती है , भजसे खन्ना दे खता है और मनीषा की तरफ़ हाथ बढ़ाकर कहता
है ...
खन्ना : hi miss पटे ि, my self दीपक
खन्ना...िोफ़ेसर पाण्डे य से मेरी तारीफ़ तो सुन ही चुकी
हो...वैसे उन्होांने भसफ़क synopsis बतायी है , story
िम्बी है ...कभी चाहो तो अपनी भगरोह के साथ सुन
िेना...
खन्ना मनीषा को आूँ ख मारता है , मनीषा ररयेक्ट करती है , अब खन्ना भिया की तरफ़ हाथ
बढ़ाते हुए कहता है ....
खन्ना : hi भिया...! दीपक खन्ना...
भिया खन्ना की तरफ़ हाथ नहीां बढ़ाती है , तो खन्ना है रत से कहता है ...
खन्ना : अरे तुमने तो अभभनव की तरफ़ हाथ बढ़ाया
था, तो मुझे िगा, तुम सबसे भमिाती हो...
भिया : नहीां... मैं सबसे नहीां भमिाती, पहिे दे खती
हूँ , भक भजसे हाथ दे रही हूँ , उसके हाथ कैसे हैं ...?
खन्ना झेंप जाता है तो दे वा-मेवा उसके कान में कहते हैं ...
7

दे वा-मेवा : बॉस तुम कहीां ग़ित प्लेट में चम्मच डाि


रहे हो, ये कॉिेज के time की परवाह नहीां करती, तो
तुम्हारी बात ही क्ा है ...? अपना हाथ जगन्नाथ, ज़ेब में
डािो...
पीछे की सीट पर बैठा अभभनव चुपचाप ये सब दे ख रहा है , भिया की नज़र उसकी
तरफ़ जाती है , अभभनव भिया से नज़रें चुराता है , अब खन्ना भिर से भिया की तरफ़ हाथ
बढ़ाते हुए कहता है ...
खन्ना : अरे छोरी पकड़ के दे ख िे अफ़सोस नहीां
होगा, साफ़ भी है , कड़क भी है ...
भिया खन्ना को look दे ती है , इससे पहिे खन्ना कुछ और बोिे भिया अभभनव के पास
जाती है और कहती है ...
भिया : अभभनव, मुझसे दोस्ती करोगे..?
reaction of all.. khanna shocked...अभभनव पि भर भिया को दे खता है
और कहता है ...
अभभनव : no..not, never....thank
you...
भिया shocked रह जाती है .. अभभनव अपना बुक पिटता है ...
cut to-

scene : 5 college Canteen day


ch: माधवी, खन्ना, दे वा- मेवा, अभनि, अभभनव, बेयरा, अन्य
scene कैंटीन से open होता है , कैमरा कैंटीन में चाय-नाश्ता करते हुए स्टू डें ट्स को
कवर करता हुआ एक कानकर पर रुकता है , वहाां पर हूँ सते हुए अभनि पर open होता
है ,
अभनि: (दे वा से ) एक बात बता, दे व होता है , तो
तू अपना नाम दे वा क्ोां भिखता है ...?
दे वा : जैसे राम को रामा, योग
को योगा... ठीक वैसे ही दे व को दे वा...
मेवा : मेरे नाम के बारे में नहीां पूछेगा...?
8

अभनि : नहीां तेरे में गड़बड़ नहीां है , मेवा तो मेवा


ही होता है , मतिब डराई फ्रूट...
सभी हूँ सते हैं ... तभी अभनि की नज़र कैंटीन में enter करते हुए अभभनव पर पड़ती
है , अभनि सभी को इशारा करता है , सब अभभनव को दे खते हैं , अभभनव वहाां िािी
पड़ी एक चेयर पर बैठता है , दे वा अभनि से कहता है ...
दे वा : यार... एक बात बता, भिया इतनी खूसूरत
िड़की, इससे कहती है , मुझसे दोस्ती करोगे ...? और ये
कमीना कहता है - no , not, never...
अभनि : हो सकता है , उसके पास िड़भकयोां का
स्टॉक ज्यादा हो...
मेवा : या भिर वो same जेंडर में interested
हो..आजकि बहुत सारे िड़के, िडको में भी इां टरे स्ट िेते
हैं ......?
दे वा : चि, इससे पू छते हैं , इसके refuse करने
की वजह क्ा है ...?
दे वा-मेवा अभभनव की टे बि पर जाते हैं , खन्ना एक बेयरे को आवाज़ दे ते हुए...
खन्ना : ओये हीरो....! कुछ पूछेगा...? कुछ
दे गा...? भाई हम यहाूँ क्लास अटें ड करने नहीां बैठे हैं ,
class attend करके के भिए कुछ खाने आये हैं ...
बेयरा खन्ना के पास आता है ...
वेटर : बोिो...
खन्ना : तेरा नाम क्ा है भाई...? बेयरा: जी...!
बेयरा : जी गांगाराम पटे ि...
खन्ना : पटे ि साहब, एक चाय िाओ...
गांगाराम चिा जाता है
खन्ना अभनि को look दे ता है ,
खन्ना : अभनि, यार ये भिया भटभिन नहीां िेती
क्ा...? ब्रेक हो गया और कैंटीन में आई नहीां...?
माधवी : खन्ना जब वो तेरे को घास नहीां डािी, तो
अब तू क्ोां उसके खाने की भिक् में मरा जा रहा है ....?
खन्ना : माधवी तू िड़की है , िेभकन ये मैं जानता हूँ
की िड़भकयाां कैसी होती हैं ...? िड़भकयाां थोडा time िेती
हैं , िेभकन एक भदन time भी दे ती हैं ... मैंने अपनी जेबोां
में बहुत घास भर रखे हैं , डािता रहूँ गा, एक भदन इसी
कैंटीन में सबके सामने ज्जखिाऊांगा,...
(आूँ ख मारता है ... सभी ररयेक्ट करते हैं ..)
9

माधवी : खन्ना तू घास भिे न ज्जखिा पाए, िेभकन


तेरा िड़भकयोां की जानने की किा, और confidence
कमाि का है ...
सभी हूँ सते हैं , अभनि कहता है ...
अभनि : कॉज्जिडें स कमाि का कैसे नहीां
रहे गा,...? पाां च साि से ये यहाूँ कॉज्जिडें स ही तो build
कर रहा है ...
वेटर : चाय...
वेटर चाय रखता है ,
खन्ना : (दू र बैठे अभभनव की तरि दे खकर)
अभभनव...! चाय...? मेरी तरफ़ से .... (वेटर से ) ये
एक उसे दे दे ....
अभभनव के पास दे वा और मेवा भी आकर बैठते हैं , दे वा कहता है ...
दे वा : बॉस हम दोनोां भी हैं ...
खन्ना : भाई खुद ही माूँ गा िो, मेरी पॉकेट मनी पूरे क्लास को अिोडक नहीां कर
सकती...
मेवा : (अभभनव से ) भाई, एक बात बता, तूने भिया का ऑिर क्ोां ठु करा भदया...?
ऐसा कर अभी एक्सेप्ट कर िे, बाद में तुझे नहीां चाभहए, तो हमे दे दे ना...
अभभनव मेवा को look दे ता है और भिर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता है ... मेवा
shocked है ... all shocked...
cut to -

scene : 6 िाइब्रेरी Int. day


ch: भिया , मनीषा , बेनीराम, अन्य
10

मनीषा हाथ में कुछ भकताबें िेकर भिया के पास आती है और कहती है ...
मनीषा : ये िे, ये तेरी चार भकताबें भमि गयी, कोई और भकताब चाभहए, तो बता, मैं
उसे भी ढूांढ कर िे आती हूँ ...
भिया मुस्कुरा कर कहती है ...
भिया : thank you मनीषा, इतना बस है ...तुमने अपने भिए कोई भकताब नहीां
िी...?
मनीषा : मुझे भकताबें पढ़ने में बहुत बोररयत होती है , हाूँ , lecture बड़े ध्यान से
सुनती हूँ ....
दोनोां वहाां से चिने िगती हैं .. तभी मनीषा पूछती है ..
मनीषा : भिया, if you don’t mind, may i ask you a question...?
भिया : हाूँ -हाूँ पूछ न...?
मनीषा : तुझे क्ा िगता है ...? अभभनव ने तुझसे दोस्ती करने से क्ोां मना भकया
होगा...? और तुमने भसिक दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, कौन सा propose कर रही
थी...?
भिया : ओये, what do you mean..? तुम्हारा मतिब है , मैं अगर भकसी को
propose करुूँगी तो, वो मुझे मना कर दे गा...? मैं ऐसी भदखती हूँ ...? पता नहीां
उसे भकस बात का घमांड है ... वरना ये भिया अगर भकसी को सैंडि भी ऑिर करे ,
तो उसे िेने के भिए भी िाइन िग जाती है ...
तभी वहाां पर बेनीराम आता है , मनीषा एक बुक उिटने पिटने िगती है , दोनोां को
books पढ़ते दे खकर बेनीराम बोिता है ....
बेनीराम : बहुत सुन्दर...क्लास नहीां तो िायब्रेरी...अच्छा िगा तु म दोनोां को यहाूँ
दे खकर, वरना यहाूँ 90% भवद्याथी ऐसे हैं जो, अगर क्लास में नहीां होते तो भसनेमा हॉि
में होते हैं ... keep it up...इसे जारी रखना...बेटा भकताबोां से भमत्रता करोगी, तो
माक्सक बढ़ें गे, और बािकोां से भमत्रता करोगी, तो माक्सक घटें गे, अब िैसिा तुम्हे करना
है , भक दोस्ती का हाथ भकसकी तरफ़ बढ़ाना है ...
बेनीराम मुस्कुराता हुआ, वहाां से चिा जाता है , कैमरा भिया और मनीषा पर चाजक होता
है ...
cut to -
scene : 7 Campus ext day
ch : खन्ना, अभभनव, दे वा , भिया , मनीषा , माधवी, अन्य
कॉिेज के campus में स्टाइि से चिते हुए खन्ना आता है , दे वा मेवा उसकी तारीफ़
करते हुए कहते हैं ....
दे वा : बॉस...आप वैसे भदखते तो नहीां हो, िेभकन आपके अन्दर टै िेंट भबिकुि उनके
जैसा ही है ...
खन्ना : अबे भकसके जै सा...?
11

मेवा : अरे वही भजनकी गाड़ी को िड़भकयाां गाि की तरह चूमती थी, अपने होठोां की
िािी से उनकी गाड़ी िाि कर दे ती थी, और टायर के नीचे से धूि उठाकर अपनी माां ग
भर िेती थीां...
खन्ना : अबे भकसकी बात कर रहा है तू ...? क्ा कभी ऐसा कामदे व भी अपनी कॉिेज
में था...?
दे वा : कॉिेज में नहीां भाई, अपने बॉिीवुड में...
खन्ना अपना सर खुजाते हुए है रत से सोचकर कहता है ...
खन्ना : भकसकी बात कर रहा है तू ...? थोडा Hint को दो-चार इां च और बढ़ाकर
बता...
मेवा : अरे भाई, भजसके आप सरनेम हो...
खन्ना : राजेश...?

खन्ना िाउड िीि करता है , तभी खन्ना की नज़र आती हुयी भिया और मनीषा पर पड़ती
है , वो उनको घूरता है , दे वा मेवा भी उसी भदशा में दे खते हैं , उनके खुिे हुए मुांह को
खन्ना हाथ से बांद करके बोिता है ...
खन्ना : control ह्यभमनाइज़रोां control...सािोां तुम िोगो की आूँ खोां में इतनी
कामुकता भरी हुयी है , भक तुम िािी िड़भकयोां दे ख ही िो, तो भी बेचाररयोां को
ipils िेना पड़ जाये ...
मेवा : बॉस, ग़िती क्ा हमारी आूँ खोां की ही है ...? कुछ क़सूर उनकी beauti का
भी तो है ...हमारी आूँ खोां को भकताब और black board से खीांच कर अपनी ओर िे
िेती हैं ...और भिया तो पेटरोि है ...हम अपनी वासना का एक चुटकी रख भी उसकी
तरफ़ िेंक दें , तो भी आग िग जाये...
खन्ना : अबे अपने मुांह का ये गटर बांद रख, वो तेरी होने वािी भाभी माूँ है ...
दे वा : बॉस, भकतनी भाभी माूँ आयीां और चिी गयीां... िेभकन आप भाई, बाप नहीां
बन पाए...
खन्ना : अबे चुप, इस बार िाइनि है ...
मेवा : अच्छा तो हम, भाभी माूँ जी के साथ आने वािी, सािी, मौभसयोां को तो िाइन
मार सकते हैं न...
खन्ना : वो तुम दोनोां जानो, भकस गटर में भगरना है ...
दे वा मेवा एक- दू सरे को look दे ते हैं , और चि दे ते हैं , दोनोां जाती हुयी भिय और
मनीषा के थोड़े करीब जाकर सीटी बजाते हैं , भिया पिट कर दे खने िगती है , मनीषा
कहती है ...
मनीषा : अरे जाने दे , वही दोनोां सैडिसोि हैं ...
भिया : नहीां, इन िोगोां को बताना तो पड़े गा, भाई जब सैडिसोि हो तो, सैंडि के
नीचे पड़े रहो, हमारी तरफ़ क्ोां उछि रहे हो...?
12

भिया तेज़ी से दे वा मेवा के पास पहुूँ चती है , और दे वा और मेवा के गाि पर एक


ज़ोरदार तमाचा मारती है , दे वा ररयेक्ट करता है , मेवा अपना गाि सहिाता है , खन्ना
आता है और पूछता है ...
खन्ना : क्ा हुआ...? इन दोनोां ने छे ड़ा क्ा...?
भिया : साथी तो तुम्हारे हैं , तुम्हे नहीां मािूम कैसे हैं ...? सुधर जाओ, नहीां तो घसीट
कर भिांभसपि के रूम में िे जाउां गी सबको...
भिया और मनीषा जाने िगती हैं , तभी खन्ना दे वा मेवा को एक ज़ोरदार थप्पड़ मारते हुए
कहता है .
खन्ना : सािोां तुम िोग अपनी गन्दी हरक़तोां से मेरा भी कैरे क्टर गन्दा कर रहे हो...?
आज से तुम िोग मुझसे भमिोगे, मगर दू र से ...
cut

scene : 8 bedroom day int


ch : भिया, वीर भसांह, डम्पी
भिया dining table पर बैठकर नाश्ता कर रही है , उसकी भाभी डम्पी उसे नाश्ता
सवक कर रही है , भिया का भाई वीर भसांह पुभिस की वदी पहन रहा है , और भिया से
पूछता है ....
वीर भसांह : भिया कॉिेज का तेरा कैसा अज्जम्बअांस है ..? क्लासमेट कैसे हैं ...?
भिया : भैया, कॉिेज तो अच्छा है , िेभकन स्टू डें ट्स कुछ अजीब से हैं , भजनके पास
जाओ, वो दू र भागते हैं , और भजनसे दू र भागो, वो पीछे पड़ जाते हैं ....
13

वीर भसांह : कौन तेरे पीछे पडा है ...? मुझे बता, सािे को क्लास रूम से भनकाि के
िॉक up में डाि दे ता हूँ ...
भिया : नहीां भैया, मैं दे ख िूांगी, इां स्पेक्टर की बहन हूँ ...
वीर भसांह अपना यूभनिामक पहनकर बाहर आता है , और कहता है ...
वीर भसांह : चि मैं ड्यूटी पर जा रहा हूँ , बाय...
भिया : बाय भैया...
cut to-

scene : 9 / campus / ext/ day


ch : खन्ना, दे वा, मेवा
campus में दे वा मेवा बैठे हुए हैं ... तभी वहाां पर खन्ना आता है , दोनोां खन्ना को
दे खकर मुांह बनाते हैं ... खन्ना मुस्कुरा कर कहता है .
खन्ना : अबे तुम दोनोां यहाूँ ...? ( दे वा से ) मैं तेरे घर गया था बाइक िेकर...
दे वा : ( गुस्से से) क्ोां...? यहाूँ पहिी बार आये हैं क्ा...?
खन्ना : ( मुस्कुरा कर) नहीां मेरी जान,. तू यहाूँ पाां च साि से झक मार रहा है ...
दे वा मेवा एक दू सरे से look exchange करते हैं ...
मेवा : तू तो ऐसे बोि रहा है , जैसे तू पहिी बार कॉिेज आया है ...
खन्ना : अब तक नाराज़ हो तुम दोनोां...? यार उस िड़की पर इम्प्रैशन डािने के भिए,
मैं तुम दोनोां के साथ थोडा रूड हो गया था...sorry...
14

दे वा खन्ना से कहता है ...


दे वा : हम भी समझ गए थे , िेभकन थप्पड़ तो िगी न...
खन्ना: चि चाय पीते हैं ...

cut to-

scene : 10 classroom int


day
ch : अभभनव, माधवी, मनीषा, दे वा, भिया, अभनि
classroom में अभभनव अकेिा बैठा हुआ है , वो अपनी भकताबोां में तल्लीन है , तभी
वहाां पर माधवी, मनीषा और अभनि आते हैं , सभी अभभनव के पास जाते हैं ...
अभनि : hello अभभनव...! क्ा बात है , यहाूँ अकेिे...? कैंटीन में आ जाते ...
अभभनव : तो आप िोग कैंटीन से आ रहे हो...?
अभनि : हाूँ यार, क्ा करें ...? क्लास अटे ण्ड करने के बाद, अपना भेजा black हो
जाता है ...भिर कैंटीन की black coffee मेमोरी ररकवर करती है ...
सभी हूँ सते हैं , अभभनव सबको दे खकर मुस्कुराता है , मनीषा बोिती है ...
मनीषा : अपना तो भेजा फ्राई हो जाता है ...
सभी हूँ सते हैं , भिया भपछिे दरवाज़े से enter होती है , और चुपचाप बैठ जाती है ...
मनीषा : बार बार वही भघसी भपटी बातें ...एक था औरां गजेब. एक था शाहजहाूँ ...
(भिर स्टाइि से ) अरे यार था, अब तो नहीां है , बुिभशट...
सब हूँ सते हैं िेभकन अभभनव बोिता है ...
15

अभभनव : भहस्टर ी हमेशा हमें गिभतयोां के भिए सबक ही नहीां भसखाती, बज्जि हमे उन
महान पुरुषोां से सीखने के भिए भी िेररत करती है ...
कैमरा भिया पर close होता है ... वो ररयेक्ट करती है ...
माधवी : भिर तो तु म्हारे भहसाब से ताजमहि भी एक ग़िती है ...?
all laugh
अभभनव : हाूँ ... ताजमहि भिे ही हमारे दे श का गौरव है , िेभकन शाहजहाूँ की एक
बहुत बड़ी ग़िती है ...
reaction of all
दे वा : भाई, मोहब्बत की इससे बड़ी भमसाि नहीां भमिती....
अभभनव : सरकारी िजाने को जनता पर िचक भकया जाता है दे वा, अपनी मोहब्बत पर
नहीां...
सभी है रानी से अभभनव को दे खते हैं , अभनि तािी बजाता है , और पीछे बैठी भिया
बोिती है ...
भिया : ये कुछ ज़्यादा ही झाड़ रहा है ...
अभनि : वाह अभभनव वाह... तुमने हमने आइना भदखा भदया..
अभभनव : नहीां यार, मेरे अपने भवचार हैं ... काश हमारे दे श के नेता, ये सब सोच
पाते, तो डॉिर हमारे रुपये का गुिाम होता...
सभी ताभियाूँ बजाते हैं , अभभनव मुस्कुराता है , अपनी जगह से उठता है ...
अभनि : अरे कहाूँ जा रहे हो...? क्लास शुरू होने वािी है ...
अभभनव : (मुस्कुरा कर) coffee पीने ..
दे वा : क्ा...???
सभी हूँ सते हैं , अभभनव क्लास से बाहर जाता है , सब एक-दू सरे को दे खकर ररयेक्ट
करते हैं , भिया सीट से उठकर आगे आती है ...
भिया को दे खकर सब भिर आश्चयक करते हैं , भिया सभी को दे खकर hi करती है ,
िड़भकयाां भी जवाब दे ती हैं , जबभक मनीषा कहती है ....
मनीषा : अरे भिया तू कब आई...?
भिया : तब...(look दे कर) जब यहाूँ शाहजहाूँ का भजक् चि रहा था, (भिर पोज़
िेकर) और तुम िोग उस िल्लू की बातोां से इम्प्रेस हो गए...
सभी भिया को है रानी से दे खते हैं ...
अभनि : एक इां टेभिजेंट को दू सरे इां टेभिजेंट का रे स्पेक्ट करना चाभहए...
सभी हूँ सते हैं , दे वा ररये क्ट करता है , भिया कहती है ...
भिया : दे खो, मुझे उस िल्लू को सबक भसखाना है , तुम सब मेरी तरफ़ हो या उसकी
तरफ़...?
अभनि : अब हम इतने पागि भी नहीां हो गए हैं भक अभभनव का साथ दें , हम सब
तुम्हारी तरफ़ हैं ...(सभी से ) क्ोां दोस्तोां...?
सभी अभनि का समथकन करते हैं , भिया मुस्कुरा कर सभी को हाथ दे ती है , और कहती
है ...
16

भिया : तो कोई प्लान सोचो...


सभी एक दू सरे को दे खते हैं ...
भिया : प्लान मैंने सोच भिया है , िेभकन तुम सबको मेरा साथ दे ना होगा...
भिया मनीषा का हाथ पकड़ कर िे जाती है , अभनि कहता है ...
अभनि : कुछ तो िोचा है ...
reaction of all
cut to -
scene : 11 college campus ext
day
ch : भिया , मनीषा
campus में भिया मनीषा का हाथ पकड़ कर चि रही है तभी मनीषा उसे रोकते हुए
बोिती है ...
मनीषा : कहाूँ भिए जा रही है मुझे...?
भिया : अभभनव के बच्चे को सबक भसखाना है ...
मनीषा : जाने दे यार, छोटी सी बात के पीछे ....
भिया : ( बात काटते हुए) छोटी सी बात...? उसने क्लास में सबके सामने मेरी
insult की... तुझे ये छोटी सी बात िगती है ...? और आज भी वो जान बूझ कर
भििोसिी झाड रहा था...
मनीषा : तू अभभनव में कुछ ज़्यादा ही इां टरे स्ट िे रही है ...( कुछ सोचती है भिर
चुटकी बजाते हुए) आईभडया...!
भिया : तेरा आईभडया तेरे पास रख... मेरा आईभडया उसकी दु भनया बदि दे गा, तू बस
खन्ना को बुिा िा...
charge on manisha
cut to-
scene : 12 canteen int day
ch : अभभनव, गांगाराम, कैंटीन मेनेजर भकटी, खन्ना, दे वा-मेवा
कैंटीन में बैठा अभभनव इधर उधर दे ख रहा है , तभी उसके पास गांगाराम आता है ...
गांगाराम : सर मैं गांगाराम पटे ि,.. कभहये आपकी क्ा सेवा करू
ूँ ..?
अभभनव : coffee भपिा दो पटे ि जी...
गांगाराम( भावुकता से ) िाता हूँ साहब...
अभभनव : (गांगाराम को भावुक दे खकर) िेभकन आपको क्ा हुआ...?
गांगाराम : साहब,.. मैं तो सारा भदन िोगोां का मुांह मीठा कराता रहता हूँ , भिर भी
सब अपनी कडवाहट मुझ पर भनकािते हैं , मैं अनपढ़ हूँ , कोई प्यार से नहीां बोिता...
पहिी बार आपने इतने प्यार से बोिा है , आपको ऐसी कड़क coffee भपिाऊांगा,
आपका भदि िुश हो जायेगा...
अभभनव : (गांगाराम को look दे ते हुए) अनपढ़ होना ग़ित बात हो सकती है , िेभकन
ये कोई पाप तो नहीां है न.... और भिर पढ़ाई तो हुनर ही भसखाती है , और वो तो
तुम्हारे पास है ही...
17

अभभनव मुस्कुराता है , गांगाराम उसे salute करता है , तभी खन्ना और दे वा-मेवा कैंटीन
में आते हैं , और बड़ी स्टाइि से कैंटीन के मेनेजर को दे खते हैं , खन्ना कहता है ...
खन्ना : और भकांटी...सब ठीक है न...? कोई िॉब्लम हो तो हमे याद करना...
भकांटी : (look दे कर) आप हैं न...
खन्ना मुस्कुरा कर आगे बढ़ने िगता है तभी दे वा कहता है ...
दे वा : बॉस.. आपका टॉप floor िािी है क्ा...?
खन्ना : (घूरकर) क्ा बोिा तू ...?
दे वा : (घबराकर) अरे बॉस... आप भी न... उस मेनेजर के बच्चे भकांटी ने आपको
ही िॉब्लम बोिा...
खन्ना : तू किमक है ...?
दे वा : (मेवा से) मेवा, तू ही बॉस को समझा...
मेवा : हाूँ बॉस, िेभकन जाने दो, हम उसका bill कहाूँ चुकाते हैं ...
खन्ना : बात तो तू सही कह रहा है ...
खन्ना अभभनव की तरफ़ दे खता है , खन्ना उसे इशारे से अपने पीछे आने को कहता है ,
तीनो अभभनव की टे बि की तरफ़ बढ़ते हैं , भकांटी उन्हें दे खकर ररयेक्ट करता है ...
अभभनव coffee पी रहा है , तभी खन्ना और दे वा मेवा उसकी टे बि के पास बैठते हैं ,
अभभनव उनको दे खता है , िेभकन कोई reaction नहीां दे ता, और अपनी coffee पी
रहा है , खन्ना दे वा, मेवा से कहता है ...
खन्ना : अरे ये तो अपने को भाव नहीां दे रहा है ...
मेवा : भचांता मत करो बॉस मैं कुछ करता हूँ ...
खन्ना उसको हाथ से चुप रहने का इशारा करता है , और गांगा राम से कहता है .
खन्ना : ओये गांगू... साहब की तरफ़ से तीन coffee...
गांगाराम ररयेक्ट करता है .
दे वा : ऐ भमस्टर... आप बॉस को नहीां जानते ...
अभभनव : अरे बॉस को कौन नहीां जानता...?
दे वा : जब आप बॉस को जानते हो तो, हाय hello क्ूूँ नहीां भकया...?
अभभनव दे वा को एक थप्पड़ मारता है , मेवा गाि सहिाता है , एक कोने में खड़ी भिया,
मनीषा ये सब दे खकर अपना भसर पीट िेती हैं ...
अभभनव : (खड़ा होकर) अबे... मैं भसफ़क सु भाष चन्द्र बोस को जानता हूँ ..
आस पास बैठे िोग और भकांटी ररयेक्ट करते हैं , तीनो झेंपते हैं , अभभनव coffee से
भरा कप भसप करते हुए टे बि छोड़ता है ...
अभभनव : पटे ि जी...चारो coffee का bill िे आना...
खन्ना : भाई तूने इसको थप्पड़ मारा, समझ में आया... िेभकन coffee का भबि तू
क्ूूँ चुकाएगा...?
अभभनव : अब coffee का bill आप चुकाओगे...
अभभनव दे वा को look दे ता है ...
18

मेवा : आप जाओ बॉस भबि भर दें गे...आप जाओ...


भिया मनीषा को दे खकर ररयेक्ट करती है , गांगाराम coffee के साथ bill िाता है ,
खन्ना जेब से पैसे भनकाि कर दे ता है , गांगाराम coffee के पैसे काटकर बाकी वापस
करने िगता है तो अभभनव कहता है ...
अभभनव : रख िो पटे ि जी, ये हमारे बॉस की तरफ़ से भटप है ...
अभभनव तीनो को look दे कर वहाां से जाता है ..
मेवा : बॉस आपने उसे जाने क्ोां भदया...?
खन्ना : अबे ढक्कन... उसने कहा न, भक वो सुभाष चन्द्र बॉस को जानता है ...
दे वा : अरे , तो क्ा हुआ...? उन्हें तो हम भी जानते हैं ...
खन्ना : अबे पेप्सी की िािी बोति, तू बॉस साहब के बारे में नहीां जानता... वो हमेशा
कहते थे , तुम मुझे खून दो,... और तुम जानते हो, मैं गाूँ धी जी का समथकक हूँ ...
दे वा मेवा है रानी से खन्ना को दे खते हैं , िोग हूँ सते हैं ...
दे वा : बॉस, वो हम तीनो की बजा के गया...
खन्ना : अपना भी time आने दे , हम भी उसकी बजायेंगे,,..
मेवा : िेभकन बॉस आप तो महात्मा गाूँ धी के समथकक हैं ...
खन्ना : अबे मैं गाूँ धी खानदान का समथकक हूँ , महात्मा गाूँ धी का नहीां....
आस पास के िोग हूँ सते हैं , तीनो ररयेक्ट करते हैं , तभी वहाां मनीषा के साथ भिया आती
है ...
भिया : भमस्टर खन्ना... तुम तो अभभनव को सबक भसखाने वािे थे ...
खन्ना : तुम अभी खन्ना को नहीां जानती...खन्ना पहिे भिफ्ट दे ता है , भिर भगफ्ट दे ता है
और बाद में भशफ्ट कर दे ता है ...
खन्ना गेट की तरि खड़े िड़के को बुिाता है , और उससे कहता है ...
खन्ना : भिया जी को भवभडयो ररकॉभडिं ग भदखा...
िड़का : खन्ना जी, वो... वो मेरा मोबाइि अभभनव कुमार िे गया...
खन्ना : (अपना भसर पीटते हुए) बहुत शाभतर है ये िौांडा...
मेवा : आप भचांता मत करो भिया जी...ये भी अपने बॉस का स्टाइि है , सामने वािे
को पूरा मौका दे ते हैं , और मौका भमिते ही, चौका मार दे ते हैं ...
भिया : छक्के...
दे वा मेवा ररयेक्ट करते हैं , खन्ना कहता है ...
खन्ना : क्ा...?
मनीषा : अरे खन्ना जी... हमारी भिया को छक्के पसांद है ... आप छक्का मारो, वो
भी युवराज भसांह वािा...
भिया और मनीषा जाती हैं , तीनोां उनको जाते हुए दे खते हैं , खन्ना भी उठकर जाने
िगता है , मेवा कहता है ...
मेवा : बॉस coffee...
19

खन्ना दोनोां को look दे ता है और भिर exit हो जाता है , दोनोां coffee छोड़कर


खन्ना के पीछे exit होते हैं ...
cut to -
scene : 13 campus ext
day
ch : अभभनव, अभनि
अभभनव अभनि को तािी दे ते हुए कहता है ...
अभभनव : thanks अभनि...
अभनि : दोस्ती का पहिा उसूि, no thanks , no sorry...
दोनोां हूँ सते हैं , अभनि घड़ी में time दे खता है , और कहता है .
अभनि : time हो गया चिता हूँ ...
अभभनव : oh, इस time तो हमको क्लास में होना चाभहए था...
अभनि : अरे यार, मैं क्लास की नहीां, भसनेमा की बात कर रहा हूँ ...
अभभनव : भसनेमा...? वो भी क्लास छोड़कर...?
अभनि : यही तो गोल्डन िाइि है , बाद में मौका नहीां भमिता, वैसे भी मेरे माता- भपता
पुराने ख्यािोां के हैं ...जनरे शन गैप... वो हम िोगोां को नहीां समझ सकते ...
अभभनव : ग़ित... समझ तो हम िोग नहीां रहे हैं उनको... अरे वो तो हमें बेहतर
फ्यूचर दे ने की कोभशश कर रहे हैं , और हम बदिे में उनको क्ा दे रहे
हैं ...धोखा...?
अभनि है रानी से अभभनव को दे खता है .
अभनि : धोखा...? कैसे ...?
अभभनव : (मुस्कुरा कर) हाूँ धोखा... अब तू अपने आपको ही िे िे, क्लास छोड़कर
भसनेमा जाना अच्छी बात है क्ा...?
अभनि : अरे यार, मेरा मन कॉिेज में नहीां िगता... और भिर यही तो age है मौज
मस्ती की...
अभभनव : ये है जनरे शन गैप.... अरे भपछड़े हमारे माूँ - बाप नहीां, हम हैं ...अगर
तुझे पढ़ना नहीां है , तो अपने माूँ - बाप को बोि दे , क्ोां उनका पै सा बबाक द कर रहा
है ...
अभनि है रानी से अभभनव को दे ख रहा है ...
अभभनव : तू जा भफ़ल्म दे खने , तेरी िाइि है , बबाक द कर... मुझे क्ा करना है , अब
यहाूँ एक भमनट भी रुका तो मैं तेरे जनरे शन गैप को नांगा कर दू ां गा...
अभनि : यार तू सच्चा स्टू डें ट ही नहीां, सच्चा दोस्त भी है , तुझे salute है ...
अभभनव : (मुस्कुरा कर ) तो भिर क्लास में चिें...?
अभनि मुस्कुरा कर उसके साथ जाता है ...
cut to-
scene : 14 classroom ext day
ch : भिया, माधवी , मनीषा
20

classroom के बाहर बेंच पर माधवी, भिया और मनीषा बैठी बातें कर रही हैं ...
माधवी : अरे इतनी उदास मत हो, अभी तो एक ही प्लान िेि हुआ है ...
भिया look दे ती है ...
माधवी : don’t worry, मेरे भदमाग़ में एक बम्पर आईभडया है .
मनीषा : ओ बम्पर आईभडया की दू कान, sale का सामान वैसे भी अच्छा नहीां
होता...
भिया हूँ स पड़ती है
माधवी : यार मैं तो फ्री में ऑिर कर रही थी.
भिया : कमाि है यार, मैं facebook की िोटो हूँ क्ा...?
अभी अभभनव और अभनि सामने से भनकि कर क्लास में जाते हैं , उसको दे खकर भिया
ररयेक्ट करती है , और कहती है .
भिया : आज इसकी स्टाइि का पांचनामा करना है ..
भिया उठकर क्लास की तरफ़ जाती है , दोनोां िड़भकयाां उसके पीछे जाती हैं ...
cut -

scene : 15 classroom Int. Day


Ch : बेनीराम, माधवी, भिया, मनीषा , दे वा-मेवा , खन्ना, ढपािी, अभनि , अभभनव ,
स्टू डें ट्स
classroom में बेनीराम िािी सीट दे खकर कहता है ...
बेनीराम : आज भिर स्टू डें ट्स बहुत कम हैं , पता नहीां आजकि के बच्चोां को क्ा हो
गया है , क्लास से ज़्यादा भसनेमा हॉि में चिे जाते हैं ...
खन्ना और ढपािी को दे खकर बेनीराम कहता है ..
बेनीराम : अरे खन्ना तुम ...? ये अच्छे भदन कैसे आ गए...?
सारे स्टू डें ट्स और माधवी और मनीषा हूँ सते हैं , बेनीराम उनको दे खता है , तभी भिया
अचानक रोने िगती है , सभी है रानी से उसे दे खते हैं ...बेनीराम भिया के पास आकर
कहता है ...
बेनीराम : क्ा हुआ भिया...? are you okay ...?
भिया रोते हुए अपनी सहे भियोां को आूँ ख मारकर कहती है ....
भिया : सर इसने मेरे साथ...
अभभनव भिया को look दे ता है ...
बेनीराम : ( है रानी से ) क्ा भकया तूने...?
मनीषा : सर, एक िड़की इससे ज़्यादा क्ा बोि सकती है ...? अगर हम सब आज
time पर नहीां आते तो...तो बेचारी का तो काम िग गया था...
बेनीराम : (भड़क कर) ओह... तो तू यहाूँ बिात्कार करने आया है ...?
अभभनव : जी...जी....ये...ये ...
बेनीराम : झूठ बोि रही है ...मैं जानता था तू यही कहे गा..
खन्ना : आज अभभनव के बच्चे का तो बैंड बाजा बरात हो गया...
21

बेनीराम : कौन कौन था उस समय...? जब ये बिात्कार करने की कोभशश कर रहा


था...?
खन्ना : मैं था सर, मैंने बचा भिया, वरना ये तो गयी थी, (दे वा मेवा की तरफ़
दे खकर) ये दोनोां गवाह हैं ..
बेनीराम : आज पहिी बार तुमने कोई अच्छा काम भकया है , (अभभनव से) तू तो अब
गया बेटा... तुझे अब भकसी कॉिेज में एडभमशन नहीां भमिेगा...
अभभनव : सर आप मेरा यक़ीन कीभजये ...
बेनीराम : (गुस्से से ) चुप ... वरना टां गड़ी तोड़ दू ां गा..
अभभनव नवकस हो जाता है , भिया की तरफ़ दे खता है , भिया अभभमान से उसे दे खती है ,
खन्ना भिया को सपोटक करता है , िेभकन अभनि एकदम िामोश है , बेनीराम अभभनव को
भिांभसपि ऑभिस में चिने को कहता है , अभभनव कुछ कहना चाहता है िेभकन बेनीराम
उसको चुप करा दे ता है , और चिने का इशारा करता है , अभभनव बेनीराम के पीछे
जाता है , सब एक- दू सरे को तािी दे ते हैं , बेनीराम के पीछे भिया भी जाती है , अभनि
कहता है ..
अभनि : भिया ने ये अच्छा नहीां भकया...इतना बड़ा आरोप िगा भदया..
खन्ना : भबिकुि ठीक भकया, अब दे खना अपना खडूस भिांभसपि अभभनव का डब्बा गोि
कर दे गा , और स्माटक बॉय अभभनव सारी भज़न्दगी गोि-गोि घूमेगा...
सभी हूँ सते हैं अभनि look दे ता है ...
cut -
scene : 16 Principal’s office int
day
ch: भिांभसपि कृपाि भसां ह यादव , बेनीराम, अभभनव , भिया

भिांभसपि ऑभिस में कृपाि भसांह यादव बैठा िाइि पिट रहा है , तभी वहाां पर बेनीराम,
अभभनव और भिया के साथ आता है , बेनीराम को दे खकर भिांभसपि कहता है ...
भिांभसपि : आएये पाण्डे य जी...
बेनीराम : सर ये भिया है , और ये भमस्टर अभभनव...
भिांभसपि : ओके िेभकन स्टू डें ट्स भिांभसपि रूम में तभी आते हैं , जब एडभमशन िेना हो
या कोई िॉब्लम creat हुयी हो...
भिया अभभनव को look दे ती है , अभभनव नज़रें झुका िेता है , बेनीराम कहता है ...
बेनीराम : आपने सही कहा सर...इस अभभनव ने एक बहुत बड़ी घटना को अांजाम दे ने
की कोभशश की...
भिांभसपि : क्ा हुआ...?
बेनीराम: भिया बेटी सर को सारी बात बताओ...?
भिया : (अभभनव की तरफ़ दे खकर) मुझे तो शमक आती है ..
भिांभसपि : क्ोां...? तु म दोनोां को love हो गया है क्ा...?
अभभनव ररयेक्ट करके तेज़ी से बोिता है ...
22

अभभनव : जी... हम दोनोां एक-दू सरे से बहुत प्यार करते हैं ,...
बेनीराम और भिया ररये क्ट करते हैं ... भिया कहती है ...
भिया : मैं और तु मसे प्यार करुूँगी...पागि हो गए हो...? सर इसने मेरे साथ
ज़बरदस्ती करने की कोभशश की...
बेनीराम : सर, ये बहुत बदतमीज़ िड़का है , इसे कॉिेज से तुरांत भनकाि दीभजये , मैं
तो कहता हूँ , इसे पुभिस के हवािे कर दीभजये , एक गन्दा स्टू डें ट पूरे कॉिेज को गन्दा
कर दे गा...
भिांभसपि : (भिया को दे खते हुए) अच्छा, तो मामिा बिात्कार का है ...?
अभभनव : जी नहीां, मामिा प्यार का है ...
भिया ररयेक्ट करती है , िेभकन भिांभसपि उसको चुप रहने का इशारा करता है और कहता
है ...
भिांभसपि : मेरे कॉिेज में प्यार का ये पहिा मामिा है , मेरी तो समझ में नहीां आ रहा
है , भक इसके भिए मैं अवाडक दू ां या punishment...?
बेनीराम : सर, आप इसकी बातोां में मत आएये , इसने भिया के साथ बिात्कार करने
की कोभशश की...
भिांभसपि : पाण्डे य जी... आप जाएये मैं इसको punishment दे ता हूँ , ये सारी
भज़न्दगी याद करे गा... भिया बेटी तु म भचांता मत करो...कृपाि भसां ह यादव भकसी के
साथ कभी अन्याय नहीां करता... इसको सज़ा भमिेगी...
बेनीराम वहाां से जाने िगता है , भिया भी वहाां से उठकर जाने िगती है , भिांभसपि भिर
कहता है ....
भिांभसपि : भिया तु म रुको...
बेनीराम अभभनव को look दे कर वहाां से जाता है , भिांभसपि भिया से कहता है ...
भिांभसपि : अब तु म बताओ इसको क्ा सज़ा दू ां ..?
भिया : सर ये तो आप ही decide कीभजये ...
भिांभसपि : अभभनव तुम अपना बोररया भबस्तर बाूँ ध िो, कि से कॉिेज में नज़र मत
आना, और हाूँ भिया तुम इसके कपडे िाड़ोगी, वो भी पूरे कॉिेज के सामने ....
अभभनव : सर मैं कॉिेज छोड़ कर चिा जाऊांगा...
भिांभसपि : अरे ऐसे कैसे चिे जाओगे...? मेरे भिए कॉिेज की हर िड़की, बेटी के
समान है , अपनी बेभटयोां की इज्ज़त के भिए कृपाि भसांह यादव कुछ भी करे गा...
अभभनव : सर मैं सच कहता हूँ , मैंने ऐसा कुछ भी नहीां भकया...
भिांभसपि : अभी तो कह रहे थे , तुम इससे प्यार करते हो...
अभभनव : सर वो तो मैंने ऐसे ही कह भदया, मैं यहाूँ पढ़ने आया हूँ ...
भिांभसपि : तो भिर भिया को क्ोां छे ड़ा,...?
अभभनव नवकस हो जाता है , भिया को दे खता है , भिया ररयेक्ट करती है , और मन ही मन
कहती है ...
23

भिया : बच्चू, सारी हे रोभगरी भनकि गई, दे ख भिया भिया की दोस्ती ठु कराने का
नतीजा...
अभभनव : सर मैं भनदोष हूँ .
भिया : अच्छा तो मैं झूठ बोि रही हूँ ...?
भिांभसपि : (look दे कर) हाूँ तुम झूठ बोि रही हो..
दोनोां भिांभसपि को है रानी से दे खते हैं ...
भिांभसपि : भिया तु म्हारे क्लास से मुझे फ़ोन आ चुका है , अभभनव ने तुम्हारी दोस्ती
ठु कराई, इसभिए तुम अभभनव को नीचा भदखाना चाहती हो... पर तुम इतना भगर
जाओगी, ये मैंने सोचा भी नहीां... सांस्कारहीन िड़के होते हैं , सुना था, िेभकन एक
िड़की होकर तुम इतना सांस्कारहीन हो जाओगी....मैं...
अभभनव : (बात काटते हुए) नहीां सर, भिया जी सांस्कारहीन नहीां हैं , ग़िती मेरी है ...
मैंने भिया को अहम् चोट पहुां चाई है , यकीन मानो भिया मेरा मक़सद आपका भदि दु खाना
नहीां था, मैं डरता था, भक कहीां मुझे आपसे प्यार न हो जाए....
भिया अभभनव को दे खती रह जाती है , भिांभसपि तािी बजाता है ...
भिांभसपि : ठीक है भिया, मैं तुम्हारे कहने से अभभनव को कॉिेज से भनकाि दे ता हूँ ...
भिया : नहीां सर... i am sorry, मैंने अभभनव को ग़ित समझा...
भिया अभभनव को दे खकर नज़रें झुका िेती है ...
भिांभसपि : good... अब तुम दोनोां दोस्त बनकर रहना... कॉिेज भशक्षा का मांभदर
होता है , पढ़ाई करो, ब्लेम िगाना आसान है , िेभकन ब्लेम के side iffect कभी-
कभी बहुत ितरनाक होते हैं , जाओ क्लास अटे ण्ड करो...
दोनोां : thank you sir
दोनोां वहाां से जाते हैं ... कैमरा भिांभसपि पर चाजक होता है ....
cut to -
scene : 17 classroom int day
ch : खन्ना, दे वा , मेवा , माधवी, मनीषा , भिया, अभभनव , अभनि, बेनीराम ,
स्टू डें ट्स
क्लास में सभी स्टू डें ट्स अपनी अपनी जगह बैठे हुए हैं ..खन्ना कहता है ...
खन्ना : बेचारा अभभनव...आज के बाद कभी इस क्लास में भदखेगा ही नहीां.... दे खा
मेरा चौका...िे भिया न तेरे थप्पड़ का भहसाब...
दे वा : आप सचमुच हमारे बॉस हैं ...
अभनि मुस्कुराता है , खन्ना को सभी look दे ते हैं , तभी क्लास में भिया enter होती
है , अभनि को छोड़कर सभी ताभियाूँ बजाते हैं , भिया सबको हाथ से इशारा करती है
और कहती है ...
भिया : thank you... thank you...
all : वेिकम...
भिया : my dear friends.. आज मैं आप सबको अपने बेस्ट फ्रेंड से भमिवाती
हूँ ...
24

सभी ररयेक्ट करते हैं , दे वा मेवा कहते हैं ...


दे वा-मेवा : बॉस इसका बेस्ट फ्रेंड भी है ...? अब आपका क्ा होगा...?
खन्ना : ( डाां टते हुए ) चुप बे, बेस्ट फ्रेंड है lover नहीां...
भिया सभी को दे खकर मुस्कुराती है , और क्लास से बाहर भनकि जाती है और भिर
अभभनव का हाथ पकड़कर अन्दर आती है , सभी है रानी से दे खते हैं , खन्ना तो सीट से
ही नीचे भगर जाता है , भिया मुस्कुरा कर कहती है ,...
भिया : सरिाइज....
दे वा: बॉस इसने तो आपको क्लीन बोल्ड कर भदया...
सब ठहाका िगाते हैं , भिया अभभनव के साथ एक सीट आर बैठ जाती है , तभी बेनीराम
enter होता है , वो अभभनव और भिया को साथ दे खकर अपनी आूँ खे मीांचने िगता है ,
भिर कहता है ...
बेनीराम : तुम दोनोां एक साथ...?
अभभनव : सर कभी कभी ऐसा भी होता है ....
बेनीराम : ओके ओके मुझे क्ा िेना दे ना...(क्लास में दे खकर) आजकि स्टू डें ट्स को
क्लास से ज़्यादा भसनेमा में आनांद आता है ...
खन्ना : सर जाने दीभजये , हम तो हैं ...
बेनीराम : (अभभनव की तरफ़ दे खकर) very good, सीखो इनसे सीखो...
अभभनव : सर सीखने तो आया हूँ , पर इनसे नहीां... आपसे , िेभकन आप हैं भक कुछ
पढ़ाना ही नहीां चाहते ...
सभी हूँ सते हैं , बेनीराम भतिभमिा जाता है , भिया अभभनव को बड़े गौर से दे खती है , उसे
माधवी और मनीषा दे खती हैं ...
बेनीराम : क्ा कहा तु मने ...? मैं कुछ पढ़ाता नहीां...? तुम्हारा मतिब है मैं time
पास करता हूँ ...?
अभभनव : हाूँ सर, यही कहा मैंने, सर स्टू डें ट्स को मािूम है क्लास में पढ़ाई नहीां
होती, क्ोांभक उनकी पढ़ाई तो कोभचांग क्लास में ही अच्छी होगी, और वहाां पर आप ही
उनको पढ़ाएां गे, इसभिए वे नयी भिल्म दे खने गए हैं ....
सभी हूँ सते हैं , बेनीराम झेंप जाता है , भिया गवक से अभभनव को दे खती है ...
बेनीराम : मैं क्ा सबको ज़बरदस्ती पढ़ाऊ.../ भजसे पढ़ना हो पढ़े ... तुम सब
बैकवडक हो अभी पढ़ोगे नहीां... बाद में आरक्षण के भिए आन्दोिन करोगे...
अभभनव : सर बैकवडक स्टू डें ट्स नहीां, आप जैसे टीचर हैं , जो अपना काम ठीक नहीां
करते , कॉिेज में पढ़ाने के नाम पर भसफ़क खानापूभतक करते हैं , बाहर अपनी कोभचांग की
दु कान चिाते हैं ., आरक्षण के भिए बैकवडक नहीां आप भसस्टम दोषी है , जो आप िोगोां
पर कायकवाही नहीां करता, बैकवडक और िॉरवडक का ज़हर आप जैसे िोग भरते
हैं ...दरअसि आप गुरु नहीां सरकारी नौकर हैं ... वैसे भी नौकर हमेशा हीन भावना से
ग्रस्त रहता है ...
बेनीराम : shut up. तू मुझे भसखाने चिा है ...
25

अभभनव : सर मैं आपको क्ा भसखाऊांगा, पर teachers को सीखने की ज़रुरत है ,


जबभक आप िोग वणक व्यवस्था को भडिाइन नहीां करते बज्जि उस पर रोभटयाां सेंकने की
कोभशश करते हैं ... आप गुरु हो ही नहीां सकते ... राजनीभत आपके भिए सही जगह
है , भजतना ज़्यादा ज़हर घोिेंगे, उतने बड़े ने ता बनेंगे, वैसे भी कई गुरु घांटाि बड़े
राजनेता बन चुके हैं , ये ऊूँच नीच का धांधा छोभडये , एक िोफ़ेसर को ये शोभा नहीां
दे ता...
बेनीराम : तो तू भहन्दू धमक की व्यवस्था पर उां गिी उठा रहा है ...?
अभभनव : मैं भहन्दू धमक की व्यवस्था पर ऊूँगिी नहीां उठा रहा हूँ , मैं धमक के धांधेबाजोां
पर उां गिी उठा रहा हूँ , आप ब्राह्मण, क्षभत्रय, वैश्य, शूद्र का मतिब तो जानते हैं
न... ?
बेनीराम : ना ना मैं तो कुछ नहीां जानता... ज़रा मुझे भी तो समझा इसका
मतिब...?
अभभनव : राम, िक्षमण, भरत , शत्रुघ्न...

सभी ताभियाूँ बजाते हैं ...


अभभनव : ब्राह्मण का मतिब राम, क्षभत्रय का मतिब िक्ष्मण, जो हर तरह से राम की
रक्षा के भिए तैनात, वैश्य का मतिब भरत राज्य की व्यापाररक व्यवस्था का भार सांभािने
वािे, और शूद्र का मतिब शत्रुघ्न, यानी भक राज्य के कामो को इमानदारी से करने
वािे... इसमें उां च से नीच कहाूँ से आ गया, िेभकन चांद धोखेबाजोां ने पररवार और
समाज को बाूँ ट भदया... उन्होांने बाूँ ट भदया समझ में आता है , पर आप तो गुरु हैं ,
आपको तो इस भेदभाव को ित्म करना चाभहए, जब तक टीचर धोखेबाज़ रहे गा, तब
तक स्टू डें ट्स ज़हर ही उगिेगा... भिर इस क्लास में तो सभी भबरादरी के िोग हैं , हम
िोग तो नहीां िड़ते आपस में...
तभी भिांभसपि पीछे से तािी बजाता हुआ आता है म सभी दे खते हैं , भिांभसपि कहता
है ...
भिांभसपि : शाबाश अभभनव... तुमने सही कहा, हम teachers ग़ित हैं इसभिए
स्टू डें ट्स के चररत्र का भवकास नहीां हो रहा है , पाण्डे य जी आप अपना अहम् छोभडये ,
मेरा दावा है स्टू डें ट्स आपका सम्मान ज़रूर करें गे...
बेनीराम : (है रानी से भिांभसपि को दे खकर) sorry...
भिांभसपि : दे खो बच्चोां! अब तुम्हारे गुरु ने sorry बोि भदया है , इसभिए अब तुम िोग
भी ईमानदारी से पढ़ोगे, अब भकसी की भशक़ायत नहीां आनी चाभहए...
अभी एक साथ भचल्लाते हैं ...
all : no सर
भिांभसपि वहाां से जाता है , अब मेवा भचल्लाता है ...
मेवा : बेनीराम पाण्डे य सर...
all : भजांदाबाद...
26

बेनीराम : बस बस... ये भज़न्दाबाद बांद करो, अभी तो मैं तुम्हारा गुरु बना हूँ ... और
आज के बाद मैं भकसी भी कोभचांग क्लास में नहीां पढ़ाऊांगा...
सभी ताभियाूँ बजाते हैं , अभभनव और भिया भी तािी बजाते हैं ...
cut to -

scene : 18 campus ext day


ch : मुश्ताक खान, दो हविदार, अभभनव, भिया , खन्ना, दे वा, मेवा
campus में एक जीप आकर रूकती है , उसमे से मुश्ताक़ खान नीचे उतरता है , तभी
उसे सामने से आते हुए खन्ना, दे वा और मेवा भदखाई दे ते हैं ... मुश्ताक़ उनको इशारे से
अपनी तरफ़ बुिाता है , तीनो घबरा जाते हैं और एक-दू सरे को look दे ते हैं , मेवा
कहता है ...
मेवा : बॉस, आपने कुछ िोचा भकया है क्ा...?
खन्ना : मैं भक्भमनि हूँ क्ा...?
दे वा : नहीां बॉस. पर कोई पुभिस वािा अपने को बुिाये , तो अपनी insult है
न...?
खन्ना : अबे insult की छोड़, जा के दे ख, कहीां ये हमें ही बजाने तो नहीां आये ...?
मेवा : आप हमारे बॉस हैं , पहिे आपका स्वागत होना चाभहए...
खन्ना दोनोां को look दे ता है भिर मुश्ताक खान की तरफ़ बढ़ जाता है ...
मुश्ताक़: (खन्ना से) इसी कॉिेज में पढ़ते हो...?
दे वा : जी सर, भपछिे पाां च साि से...
मेवा: आप चाहें तो भिांभसपि सर से पता कर सकते हैं , वे हमको अच्छे से पहचानते हैं ,
और सारे स्टू डें ट्स भी...
मुश्ताक़ मुस्कुराता है .
मुश्ताक़ : भिया को जानते हो... ?
खन्ना : जी वो मेरे क्लास में पढ़ती है , मेरी फ्रेंड है , पर आपको उससे क्ा काम
है ...?
मुश्ताक़ : तुम्हारा क्लास कौन सा है ...?
खन्ना : बी ए सेक्शन बी...
दे वा : (इशारा करते हुए) उधर...
मुश्ताक़ उधर बढ़ जाता है , तीनो भी मुश्ताक के पीछे exit होते हैं ...
cut to –
scene : 19 classroom int day
ch : अभनि, दे वा , है री, मनीषा , माधवी, मोना , मुश्ताक , खन्ना , दे वा, मेवा
classroom में सभी बैठे हैं , अभनि मनीषा से कहता है ...
अभनि : हादसा होता है तो इश्क़ होता है ...
मनीषा : मतिब ...?
27

अभनि : अब दे खो न , अभभनव और भिया को थोड़ी दे र पहिे दोनोां एक दू सरे के


दु श्मन थे, अब िेम के पांक्षी बनकर ग़ायब हैं ...
सभी हूँ सते हैं ...
मोना : प्यार अचानक होता है ...
दे वा : अभनि तू सीख...
मनीषा हां सती है , तभी वहाां पर मुश्ताक आता है , सब चुप हो जाते हैं , मुश्ताक कहता
है .
मुश्ताक : भिया इसी क्लास में है ...?
माधवी : सर थी, अभी अभी अपनी फ्रेंड के साथ बाहर गयी है ...
मुश्ताक : कोई बात नहीां, जब वापस आये तो बता दे ना, उसका भाई मुश्ताक आया
था, sorry आप िोगोां को भडस्टबक भकया...
सभी ररयेक्ट करते हैं , खन्ना तो भगरते भगरते बचता है , दे वा मेवा उसको सांभािते हैं ,
मुश्ताक उनको दे खते हुए जाने िगता है तो खन्ना कहता है ...
खन्ना : सर आपकी बहन को इस कॉिेज का एक िड़का बहुत परे शान करता है , आप
तो पुभिस वािे हैं , उसको अन्दर क्ोां नहीां कर दे ते...? जब इस दे श में पुभिस वािोां
की बहने सुरभक्षत नहीां रहें गी तो, आम िोगोां की बहनोां का क्ा होगा...?
मुश्ताक खन्ना के पास आता है और एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता है , और कहता है ...
मुश्ताक : तू कौन है ...?
खन्ना : स्टू डें ट...
मुश्ताक : मुझे तो तू खबरीिाि िगता है , तेरी ज़रुरत पुभिस थाने में है , चि मेरे
साथ...
दे वा : सर, बॉस को माफ़ कर दो,, डर के मारे इनकी जुबान भिसि गयी...
मुश्ताक : काबू रख, दु बारा भदखा तो...
मेवा : नहीां भदखेगा सर, हमारे बॉस का आभिरी साि है इस कॉिेज में...
सभभयो हूँ सते हैं ,. मुश्ताक exit होता है ...
cut to -
Scene : 20 Road Side Ext Day
ch : अभभनव , भिया
अभभनव और भिया एक सड़क के भकनारे बने पाकक में एक साथ बैठे हैं , तभी वहाां एक
भहजड़ा आता है दोनोां को दु आएां दे ते हुए कहता है ..
भहजड़ा : क्ा जोड़ी है , हमेशा खुश रहो. िा दे बेटा...
अभभनव ररयेक्ट करता है तो भिया उसे सौ का नोट दे ते हुए कहती है ...
भिया : िो.. और दु आ करो भक जल्दी से हमारी शादी हो जाये ...
भहजड़ा : बेबी, तुम्हारी शादी भी होगी और एक िूि सा िड़का भी...
भिया मुस्कुराती है , भहजड़ा जाने िगता है अभभनव कहता है ...
28

अभभनव : अरे बड़े कमाि के हो तु म... सौ रुपए में आपने िड़के की दु आ दे दी...
अगर भगवान् ने तुम्हारी सुनी तो भकसी को िड़की ही नहीां होगी... तुम शायद नहीां
जानते , हमारे दे श में िड़भकयोां की भकतनी कमी है ...
भहजड़ा : मेरे पूत... आज बेटी कौन चाहता है ...? सब चाहते हैं भक बेटा हो और
खानदान का नाम रोशन हो...
अभभनव : बेटा तो एक खानदान का नाम रोशन करता है , िेभकन बेटी तो दोनोां
खानदानो का नाम रोशन करती है , बेटी है तो कि है ...
भहजड़ा बड़े गौर से अभभनव को दे खता है , और भिया के पास आता है , और सौ रूपये
वापस करते हुए कहता है ...
भहजड़ा : बेटी.. ये वापस िे िे... तेरा जोड़ा हमेशा अमर रहे ... और हाूँ इसको
कभी छोड़ना नहीां, ऐसा िड़का तुझे कभी नहीां भमिेगा...
भिया : इसमें आपकी क्ा ग़िती, जो आपने शास्त्रोां में पढ़ा... वही आशीवाक द भदया..
ये आप रखो, आपका तो यही काम है ...
अभभनव : नहीां, इनका भी काम ये नहीां है ... (भहजड़े से ) क्ा आपने कभी ये सोचा
भक िोग आपकी दु आएां तो िेते हैं , पर आपको बराबरी का दज़ाक नहीां दे ते... आशीवाक द
दे ने वािा तो बड़ा होता है , पर हमारे समाज में आपके साथ उल्टा है ...
भिया : कुछ भी मत बोिो, िोग इनको शुभ मानते हैं ...
अभभनव : तो इनके साथ बैठकर खाना क्ोां नहीां खाते ...? इनको दोयम दजे का मानते
हैं ...
भिया : बस करो अभी... अब पांभडत और मौिवी भी तो दु आएां दे ते हैं , िोग उनके
आगे झुकते हैं न...
अभभनव : सब माकेभटां ग का कमाि है .. दे ज्जखये न तो मैं आपके भििाफ़ हूँ , न ही पांडा
और मौिवी के....
भिया : जाने दो अभी... बेचारे का भदि क्ोां िराब करते हो...?
भहजड़ा : नहीां बेटी... ये सही कह रहा है , ये पैसे वापस िे िो... मैं भी आज से ये
काम बांद कर रहा हूँ , आज के बाद मैं िजी दु आओां का कारोबार नहीां करना
चाहता... इतना तो मैं भी जानता हूँ , भक दु आए भसफ़क अच्छे कामो से भमिती हैं ,
thank you बेटा, तुमने मेरी आूँ खें खोि दीां...
भहजड़ा की आूँ खें भर आती हैं , वो जाता है वहाां से .. भिया अभभनव को दे खकर कहती
है ...
भिया: तुम्हें दू सरोां के आां सू दे खकर बहुत िुशी भमिती है ...?
अभभनव : तुमने भिर ग़ित समझा मुझे... तुमने आां सुओां में उसकी िु शी नहीां दे खी...
भिया : दे खी है , तभी तो तुम्हारी दीवानी हो गई हूँ , please अभी... अब love पर
lecture मत दे ना...
अभभनव मुस्कुराता है , भिया उसको गौर से दे खती है , अभभनव उसको बाहोां में भर िेता
है ...
cut
29

play back song 1


हम दोनोां के love moments भदखाते हैं , गाना ित्म होता है , दोनोां की तन्द्रा भांग होती
है ... चारो तरफ़ अभनि, मोना, माधवी , मनीषा और दे वा-मेवा नज़र आते हैं , दोनोां
झेंप जाते हैं ... भिया ते ज़ी से भागती है , अभनि कहता है ...
अभनि : इनका तो बैंड-बाजा बरात हो गया, पता नहीां मेरा बैंड कब बजेगा...?
सर पर हाथ मारता है ...
cut-

Scene : 21 House Int Evening


ch : सुमेर भसांह , रमा , मुश्ताक , भिया
सुमेर भसांह अपने घर में बैठा हुआ, वो हां स रहा है , रमा और मुश्ताक मुस्कुरा रहे हैं ,
तभी भिया वहाां पर enter करती है , और है रानी से सभी को दे खती है , सभी चुप हो
जाते हैं तो भिया कहती है ...
भिया: कोई िास बात है क्ा भैया...?
सुमेर भसांह : नहीां बेटी, हम िोग तो हां सने की िैज्जक्टस कर रहे हैं ... आओ तुम भी
हां सो...
भिया ररयेक्ट करके अन्दर जाने िगती है , तो सभी ररयेक्ट करते हैं , जबभक मुश्ताक
कहता है ...
मुश्ताक : भिया, भकसी फ्रेंड के यहाूँ गयी थी...
भिया : नहीां भैया... ( look दे कर) कोई बात...?
रमा : तुम्हारे भैया कॉिेज गए थे ...
भिया : तो भिर आप मुझसे भमिे नहीां...
सुमेर भसांह : तुम कॉिेज में थी ही कहाूँ ...?
भिया : मैं तो कॉिेज में ही थी, अपनी सहे िी के साथ...
सुमेर भसांह ज़ोरदार ठहाका िगाते हैं , सभी हूँ सते हैं , भिया झेंप जाती है , और कहती
है ...
भिया : वो... वो मैं थोड़ी दे र के भिए अपनी friends के साथ coffee house
गयी थी...
रमा : friends के साथ या अभभनव के साथ...?
भिया है रानी से अपनी माूँ को दे खती है , सुमेर भसांह बोिता है ...
सुमेर भसांह : तू अभभनव के साथ गयी थी कोई िॉब्लम नहीां, पर तू झूठ बोिी, तो इधर
दु ुःख हुआ...(अपने सीने पर हाथ रखते हुए)
भिया : sorry पापा...
रमा : तो तू अभभनव को सबक भसखा आयी...?
भिया : (नज़रें झुका कर) i am sorry मम्मी... वो सचमुच बहुत अच्छा िड़का है ,
मैं उसको समझ नहीां पायी...
30

सभी ठहाका िगाते हैं , भिया भागकर अांदर जाती है ... मुश्ताक भी भिया के पीछे जाता
है , रमा सुमेर से कहती है ...
रमा : बस करो. भकतना हां सोगे...?
सुमेर भसांह : मेरी जाने जहाूँ , शादी के बाद आज हूँ स रहा हूँ ...
रमा : क्ा ....??
सुमेर अपने दोनोां हाथ अपने दोनोां कान पर िगाते हुए ररयेक्ट करता है ...
cut to -
Scene : 22 Bedroom Int Night
ch : भिया , मुश्ताक
बेडरूम में भिया अपने भबस्तर पर िेटी हुयी है , तभी मुश्ताक आता है , और प्यार से
कहता है ...
मुश्ताक : मेरी बहन, अभभनव से इतना इम्प्रेस हो गयी...? आभिर ये चमत्कार हुआ
कैसे ...?
भिया : भैया, अभी सबसे अिग है ... उसने मुझसे दोस्ती इसभिए नहीां की , क्ोांभक
वो पढ़ना चाहता था...
मुश्ताक : हैं ...? अब ये अभी कौन है ...?
भिया : (प्यार से) ओह भैया, अभभनव का short name...
मुश्ताक : o my God... बात यहाूँ तक पहुूँ च गयी...?
भिया : हाूँ भैया...
मुश्ताक : कच्ची सड़क इतनी जल्दी high way बन गयी...? मैं उसे छोडूांगा नहीां...
भिया है रानी से दे खती है , मुश्ताक exit होता है , भिया light off करती है ...
cut to -
Scene : 23 Road Day
ch : अभभनव, भिया
scene open with sunrise... सूरज के साथ साथ हम कैमरे की तरफ़ भागकर
आती दो भगरती पड़ती परछाईांयोां को भदखाते हैं , धीरे धीरे दोनोां के चेहरे भदखाते हैं , ये
अभभनव और भिया हैं , भिया भिर भगरती है , अभभनव उसे उठाते हुए कहता है ...
अभभनव : भहम्मत मत हारो भिया, अब high way आने ही वािा है ... हम उन िोगोां
की पहुूँ च से बहुत दू र भनकि जायेंगे...
भिया अभभनव को कातर नज़रोां से दे खती है , और कहती है ...
भिया : (हाां िते हुए) नहीां, अब मैं एक क़दम भी नहीां चि सकती... तुम भाग
जाओ...
अभभनव उसके पास बैठता है और उसके बािोां में हाथ िेरते हुए प्यार से कहता है .
अभभनव : शरीर से आत्मा जुदा हो जाये तो शरीर बेजान हो जाता है , तू तो मेरी आत्मा
है पगिी... तेरे भबना मेरा वजूद ही क्ा है ...?
भिया बड़े प्यार से अभभनव को दे खती है , और अपनी बाहें िैिाती है , अभभनव उससे
भिपट जाता है , अचानक अभभनव को कुछ आवाजें सुनाई दे ती हैं , अभभनव भिया को
31

बाहोां में उठाकर वहाां से भागता है , अचानक अभभनव को एक खांडहरनुमा घर भदखाई


दे ता है , वह तेज़ी से उधर बढ़ता है और घर में घुस जाता है , अब हम भदखाते हैं भक
चौधरी अपने िव िश्कर के साथ उधर आता है , और घर के आगे भनकि जाता है ,
अभभनव दरवाज़ा खोिता है और जाते हुए िशकर को दे खता है , वह तेज़ी से पिटता
है , अन्दर जाता है , भिर एक तािा िेकर बाहर आता है , और दरवाज़े पर तािा िगा
कर road क्ॉस करता है ...
cut to -
Scene : 24 Road Day
ch : चौधरी, उसके दो बेटे , कुछ साथी
चौधरी जीप में है अचानक अपने डराईवर को बोिता है ...
चौधरी : बाां के.. गाड़ी रोक..
बाां के गाड़ी रोकता है , उसके पीछे चिती गाभड़याूँ भी झटके से रुकती हैं , पीछे गाड़ी में
बैठा चौधरी का बेटा सरना कहता है ...
सरना : का बात है बापू ...गाड़ी काहे रोक दी..?
चौधरी : अांधे हो का ससुरोां...? जल्दी वापस चिो, (एक घर की तरफ़ इशारा करके)
हमे िगता है , हरामजादे वही ूँ छु पे होांगे...
सारे िोग गाभड़याूँ back करते हैं , और उसी घर की तरफ़ बढ़ते हैं ...
cut to-
Scene : 25 Road near by house Ext Day
ch : अभभनव , चौधाक री , सरना , बाां के , साथी
अभभनव road पर भकसी गाडी का इां तजार कर रहा है , तभी सामने से उसे कुछ गाभड़याूँ
आती भदखाई दे ती हैं ... अभभनव एक पेड़ के पीछे भछप जाता है , गाभड़याूँ ठीक उसी
घर के सामने रूकती हैं , िोग तेज़ी से उतरते हैं , सरना और बाां के घर की तरफ़ बढ़ते
हैं , पेड़ के पीछे छु पे अभभनव का भदि धड़क उठता है , वो पास में पड़ा एक पत्थर
उठता है , सरना और बाां के दरवाज़े पर िगा तािा दे खकर आपस में बात करते हैं ...
बाां के : अपनोां बापू भी न सभठया गयो है ... अरे दोनोां बहुत चािू हैं , िगता है गाड़ी
पकड़ के उड़न छू हो गए हैं ...
सरना : तेरे भदमाग़ मा घूसा भरो है का ...? अभी वो दू र न गए होांगे, चि...
अभी गाड़ी में बैठा चौधरी भचल्ला कर पूछता है ...
चौधरी : का भौ...?
बाां के : बापू यहाूँ तो तािा िटको है ...
चौधरी : तो तुम वहाां का घांटा उखाड़ रहे हो...?
दोनोां तेज़ी से गाभड़योां की तरफ़ बढ़ते हैं और गाडी में बैठकर वापस जाते हैं , अभभनव
राहत की साां स िेता है , और वो पत्थर को िेंकता है , और पेड़ के तने के पास बैठता
है और अपने माथे का पसीना पोांछता है ...
cut to-
Scene : 26 Room Int Day
32

ch: भिया, डबरा , अभभनव


एक कमरे में कािी कबाड़ का सामान पड़ा हुआ है , कैमरा इन सब चीज़ोां को कवर
करता हुआ एक कोने पर जाता है जहाूँ पर भिया बेसुध पड़ी हुयी है ... तभी दरवाज़ा
पीटने की आवाज़ पर भिया घबराकर उठ जाती है , वो डरते हुए दरवाज़े से झाां कती है ,
और भिर घबराकर पीछे हट जाती है , िगातार हो रही आवाज़ से भिया बुरी तरह डर
जाती है , वो इधर उधर दे खती है , तभी उसे एक डां डा भदखाई दे ता है , वो झट से डां डा
उठाती है और सावधानी से दरवाजे पर खड़ी हो जाती है , तभी उसे दरवाज़े का तािा
टू टने की आवाज़ आती है , वो और भी सावधान हो जाती है , दरवाज़ा खुिता नहीां है ,
भिया झाां कती है , वो दरवाज़े के पास आती है , तभी अचानक से दरवाज़ा खुिता है ,
डबरा नाम का एक व्यज्जि हाथ में कुल्हाड़ी भिए अन्दर िवेश करता है , तभी वो भिया
को दे खकर है रान हो जाताहै भिया डर से घबरा कर भगर जाती है , डबरा उसे उठाने के
भिए आगे बढ़ता है , भिया दहाड़ती है , डबरा डर जाता है ...
भिया : िबरदार... अगर आगे बढ़ा तो जान से मार दू ां गी...
डबरा : (कुल्हाड़ी एक तरफ़ रखकर) तू कौन है बेटी...?
डबरा के मुांह से बेटी शब्द सुनकर भिया थोडा नामकि होती है और बड़ी तेज़ी से कुल्हाड़ी
उठाकर बोिती है ...
भिया : तू क्ा समझता है , मुझे बेटी बोिकर झाां सा दे गा...? मैं तेरे झाां से में नहीां आने
वािी... (कुल्हाड़ी भदखाते हुए) अगर पास आया तो िाड़ के रख दू ां गी...
डबरा : कमाि है , एक तो तू मेरे घर पर कब्ज़ा जमाये बैठी है , और मुझे ही धमका
रही है ... कौन है तू ...? कहाूँ से आई है ...? (बैठते हुए) तेरे कपडे दे खकर यही
िगता है भक तू भाग कर आई है ...डर मत बेटी मैं तेरे भपता जैसा हूँ ...
भिया कुल्हाड़ी side में रख दे ती है और कहती है ...
भिया : माफ़ करना काका, मैंने आपको बुरा-भिा कहा... क्ोांभक आदमी के ईमान का
पता नहीां चिता. न जाने कब अपने ही इज्ज़त िूट िें...
डबरा : ठीक कहा बेटी, िेभकन हम गाूँ व वािे जैसे भदखते हैं , वैसे ही होते हैं , हम
मुखौटा नहीां पहनते ....
भिया : (ररयेक्ट करके) काका... बड़े ज़ोरोां की प्यास िगी है , थोडा पानी भमिेगा...?
डबरा : पीछे नि है , जा के हाथ मुांह भी धो िे, थोड़ी ताज़गी भी आ जाएगी...
भिया दरवाज़े से भनकि कर जाने िगती है तभी डबरा भिर कहती है ...
भिया : तू अकेिी है बेटी...?
भिया : (पिटकर) नहीां, मेरे पभत भी हैं , वो खाना िेने गए हैं ...
भिया पीछे जाती है तो नि भदखाई दे ता है , वो नि चिाकर पानी से पाना चेहरा साफ़
करती है , और भिर वही ूँ पास में बैठ जाती है और चारो तरफ़ िैिी हररयािी को दे खती
है , डबरा भी वहाां आ जाता है , वो खेतोां की हररयािी को दे खती हुयी भिया को दे खता
है और कहता है ...
डबरा : क्ा दे ख रही हो भबभटया...?
33

भिया : (चौांक कर पिटते हुए) हररयािी... भकतनी शाां भत है यहाूँ ...


डबरा : हाूँ भबभटया, तु म्हारे भिए तो शाां भत है पर, हमारे भिए तो मरघटी सन्नाटा है ...
भिया है रानी से दे खकर पूछती है ..
भिया : ऐसा क्ोां काका...?
डबरा : हमारा पूरा पररवार यहाूँ दफ़न है ...
भिया : मुझे माफ़ करना काका...
डबरा : कोई बात नहीां भबभटया, पर तू बड़ी बहादु र है ...
भिया : (है रानी से ) मैं समझी नहीां काका...?
डबरा : तेरे सर पर मुसीबत घूम रही है , तुझे डर नहीां िगता ...?
भिया : डर िगता काका, िेभकन डर के पीछे मौत है ...
डबरा : (look दे कर) िेभकन तेरे पीछे पड़ा कौन है ...?
भिया : चौधरी और उसका बेटा सरना...
डबरा : ( है रानी से खड़ा होकर) चौधरी और सरना...?
भिया : क्ा हुआ काका..?
डबरा : बेटी तू जल्दी से अन्दर चि, वो बहुत ितरनाक आदमी है ...
डबरा भिया का हाथ पकड़ कर उसे अन्दर िे जाता है .. दरवाज़ा बांद करता है ...
cut -
Scene : 27 Chaupal Ext Day
ch : चौधरी, सरना, बाां के, मटरू अन्य
गाूँ व में एक चौपाि, जहाूँ पर एक गाूँ व का मुज्जखया व अन्य चौपाि के कुछ अन्य सदस्य
बैठे हुए हैं , आस पास औरतोां और आदभमयोां का जमावड़ा िगा हुआ है , अब हम कैमरे
को भीड़ के अन्दर िे जाते हैं , जहाूँ एक 30 साि का आदमी मुज्जखया के सामने हाथ
जोड़े खडा है और भगडभगडा रहा है ...
आदमी : मुज्जखया जी, हमें माफ़ी बख्श दे व... अब हमसे दु बारा कभी ग़िती न
होई...
मुज्जखया : दे ख छोरे , तूने पराई से छे ड़खानी करर है , पांचायत तुमका माफ़ न करे गी, हाूँ
अगर रामििी तुम्हें माफ़ कर दे तो, पांचायत अपना िैसिा बदि सकती है ...
पास में ही एक औरत घूांघट भनकािे खड़ी है , िोग उसकी तरफ़ दे खते हैं , और वो
िड़का भी उस औरत की तरफ़ हाथ जोड़कर माफ़ी का इशारा करता है , मुज्जखया उस
औरत की तरफ़ दे खकर कहता है ...
मुज्जखया : तुम्हारा मन क्ा कह रहा है रामििी...? या पांचायत तु म्हारे भदि की बात
जानना चाहती है ...
रामििी अपने घूांघट को थोडा उठाकर, उस िड़के को दे खती है , जो हाथ जोड़कर
उससे माफ़ी की दु हाई दे रहा है ... भिर वो मुज्जखया की तरफ़ दे खकर कहती है ...
रामििी : मुज्जखया जी... वैसे भी ग़रीब की बीवी सबकी भाभी िागे... जान दे व
मुज्जखया जी, इस बार इसे माफ़ कर दे व...
34

िड़का ज़मीन पर हाथ जोड़कर िेट जाता है , िोग ररयेक्ट करते हैं , उसकी ऐसी हाित
दे खकर कुछ िोग मुांह दबाकर हूँ सते हैं , मुज्जखया सबकी तरफ़ दे खकर कहता है ...
मुज्जखया: भाइयोां जे छोरे की पहिी भूि है , इसभिए पांचायत इसे माफ़ करती है ...
िड़का मुज्जखया जी को हाथ जोड़कर दु हाई दे ता है , तभी वहाां पर एक जीप आकर
रूकती है ,, उसमे से बन्दू क भिए सरना और उसके दो भाई उतरते हैं , चौधरी भी साथ
में बड़ी स्टाइि से उतरता है , मटरू और बाां के के हाथ में िूिोां की मािाएां हैं . वे
चौपाि की तरफ़ बढ़ते हैं , िोग उनको दे खकर side में हो जाते हैं मुज्जखया उनको
दे खता है , सरना सबको look दे ते हुए ताभियाूँ बजाता है और कहता है ...
सरना : (ताभियाूँ बजाकर) वाह.. का िैसिा करो है मुज्जखया जी... आपने साभबत कर
भदयो, पाप को ित्म करो पापी को नहीां...
िोग ररयेक्ट करते हैं , मटरू और बाां के खीशे भनपोरते हैं , मुज्जखया कहता है ...
मुज्जखया: सरना... यो िैसिा रामििी को है , और पांचायत तो वही िैसिा करो है जा
मा जनता का भिो होय...वैसे भी बेटा ये घाभसया की पहिी भू ि है ...
सरना : (ररयेक्ट करके) हमारी भूि गुिाब का िूि... अरे मटरूआ... दे ख के
रहा... मुज्जखया जी का स्वागत कर...
मुज्जखया अपनी कुसी चौधरी को दे ता है , चौधरी बड़ी स्टाइि से बैठता है , और मटरू को
हाथ भदखाता है , मटरू आगे बढ़कर मुज्जखया जी को मािा पहनाता है , मुज्जखया ररयेक्ट
करके कहता है ...
मुज्जखया : चौधरी साहब, या सबकी का ज़रुरत है ...?
चौधरी : ज़रुरत काहे नहीां मुज्जखया जी... आपने कमाि को िैसिोां करो है ... आज
आपने गाां धी बापू की याद भदिाय दी... रामिीिा भदखाय के बापू को सपनो साकार कर
दो...
मुज्जखया है रानी से चौधरी को दे खता है और वहाां खड़े िोग ररयेक्ट करते हैं , जबभक सरना
उस घाभसया के पास जाता है , घाभसया डर कर काां पते हुए सरना के आगे हाथ जोड़ता
है , सरना उसको उठाकर कहता है ...
सरना : अरे ... काहे िटिटाय रहा है घाभसया...? अब तो मुज्जखया जी ने तुमको
माफ़ कर भदयो है , (भिर मटरू से) अरे मटरूआ, खड़ो खड़ो मुांह का दे ज्जख रहो
है ... िा मािा दे ...
मटरू सरना को आगे बढ़कर मािा दे ता है . सब है रानी से दे खते हैं , जबभक सरना
मटरू से मािा िेकर उस िड़के को पहनाता है , घाभसया के चेहरे पर िुशी के भाव
आते हैं अब सरना बाां के से कहता है ...
सरना : बाां के...!
बाां के : हाूँ भैया जी...
सरना : जा एक बाल्टी पानी िेके आ...
िोग ररयेक्ट करते हैं , बाां के एक बाल्टी पानी िेकर आता है , िड़का बोिता है ...
घाभसया: (हाथ जोड़कर) हम जाए सरकार...?
35

सरना : अरे जल्दी काहे की है ...? अभी तो तुम्हरो स्वागत बाकी है ..


मुज्जखया सभहत सब है रानी से सरना को दे खते हैं ,, सरना बाां के से बाल्टी िेकर ज़मीन पर
रखता है और कहता है ..
सरना : (रामििी से ) ज़रा इहाूँ आओ भौजी,..
रामििी घूांघट उठाकर मुज्जखया की तरफ़ दे खती है , मुज्जखया नज़रें नीची कर िेता है ,
रामििी सरना के पास जाती है , सरना कहता है ...
सरना : भौजी... इस बाल्टी में थूको..
रामििी है रानी से सरना को दे खती है , भिर वहाां खड़े िोगोां को, अब मुज्जखया कहता है
मुज्जखया : का बात है बेटा..?
सरना : कुछ नाभह मुज्जखया जी... (रामििी से ) अरे भौजी थू कौ न..
रामििी बाल्टी में थूकती है , सरना ररयेक्ट करके कहता है ....
सरना : भौजी ठीक से थूकौ...
रामििी सरना को दे खती है , सरना हाथ से इशारा करता है थूकने का, रामििी
थूकती है , सब है रानी से दे खते हैं , अब सरना भीड़ की औरतोां से मुखाभतब होता है ,
और कहता है ...
सरना : अम्मा, काकी, ताई और भाभभयोां सब िोग बारी – बारी से इस बाल्टी में
थूको...
सभी है रानी से एक-दू सरे को दे खते हैं , मुज्जखया कुछ बोिना चाहता है िेभकन सरना उसे
इशारे से चुप करा दे ता है , सारी औरतें भझझकते हुए आती हैं और बाल्टी में थूकती
हैं ... सब सरना घाभसया को भी उस बाल्टी में थूकने को कहता है ...
सरना : घाभसया... अब तू भी थूक...
घाभसया : मा... माभिक मैं...?
सरना : अबे माभिक के नौकर... मैंने कहा थूक...
घाभसया बाल्टी में थूकता है , सरना चौधरी की तरफ़ दे खता है , चौधरी इशारा करता है ,
सरना घाभसया से कहता है ...
सरना : घाभसया,... बाल्टी का सारा पानी गटक जा फ़टाफ़ट... चि जल्दी कर....
सभी है रानी से दे खते हैं ... घाभसया ररयेक्ट करता है , सरना उसके मुांह में बन्दू क की
नाि िगाकर कहता है ...
सरना : मैं मुज्जखया नहीां हूँ , जो तुझे माफ़ कर दू ां ... चुपचाप कुत्ते की तरह चाट...
वरना तेरा भेजा उड़ा दू ां गा...
सभी है रान हैं , घाभसया मजबूर होकर बाल्टी का पानी पीता है , सरना ने बन्दू क तान रखी
है ... घाभसया को उल्टी होने िगती है , चौधरी अब मुज्जखया से सख्त स्वर में कहता है .
चौधरी : मुज्जखया जी, अगिी बार सोच समझ कर िैसिा कररयो...(अपने बेटोां से )
चिो रे ...
सभी वहाां से उठते हैं और अपनी जीप में बैठते हैं , घाभसया अभी भी उज्जल्टयाूँ कर रहा
है ... चौधरी की जीप वहाां से जाती है ... मुज्जखया अपने आदभमयोां से कहता है ...
36

मुज्जखया : मैं तो बस नाम का मुज्जखया हूँ , तुम िोगोां को चौधरी को दे खकर साां प सूांघ
जाता है ...
एक आदमी : क्ा करें मुज्जखया जी... हमे अपने बीवी बच्चे भी दे खने हैं ...हम मजबूर
हो जाते हैं ..
मुज्जखया उनको दे खता है , सभी वहाां से एक एक करके चिे जाते हैं ,,.. मुज्जखया घाभसया
के पास आता है बाल्टी उठता है और दू र िेंकता है ...
cut
Scene : 28 A house Ext Day
ch : अभभनव
अभभनव जहाूँ भिया को छोड़कर गया था उस घर की तरफ़ आता है , उसके हाथ में खाने
की थैिी है , अभभनव दरवाज़े के पास जाता है तो दे खता है की दरवाज़े का तािा टू टा
हुआ है , अभभनव दां ग रह जाता है , उसके हाथ से खाना नीचे भगर जाता है , वो घबरा
जाता है भिया के बारे में सोचकर.. अभभनव दरवाज़े से अन्दर झाूँ कने की कोभशश करता
है ...
cut
Scene : 29 A house Ext/Int day
ch : अभभनव, डबरा , भिया
हम अभभनव के point of view से भदखाते हैं . घर के अन्दर भिया और हाथ में
कुल्हाड़ी भिए डबरा हैं ... अभभनव बेचैनी से इधर उधर दे खता है , उसे एक पत्थर
भदखाई दे ता है , वो पत्थर उठाकर दरवाज़े पर पटकता है , डबरा चौांक कर दरवाज़ा
खोिता है , दे खता है सामने हाथ में पत्थर भिए अभभनव खड़ा है ...
अभभनव : कौन है तू ... यहाूँ क्ोां आया है ...?
डबरा : (हूँ सते हुए) आये तो तुम िोग हो, ये घर मेरे है ...
अभभनव ररयेक्ट करता है , भिया अभभनव को दे खकर डबरा से कहती है ...
भिया : काका, ये हैं मेरे पभत अभभनव...
अभभनव : भिया तुम जल्दी इधर आओ...
भिया : भचांता मत करो, काका बहुत अच्छे हैं ... तुम खाना िाये...?
अभभनव : िाया था, तािा टू टा हुआ दे खा तो घबराहट से मेरे हाथ से नीचे भगर गया..
अभभनव अब हाथ में भिया हुआ पत्थर िेंक दे ता है , डबरा कहता है ....
डबरा : कोई बात नहीां बेटा, खाना मैं िे आऊांगा.. बस तुम िोग घर से बाहर मत
भनकिना, वरना तुम्हारे साथ साथ मैं मारा जाऊांगा...
डबरा वहाां से जाता है , भिया दरवाज़ा बांद करती है , अभभनव का हाथ पकड़कर बैठती
है और कहती है ...
भिया : बहुत थक गए हो गए हो न...?
अभभनव भिया को दे खता है , भिया उसे अपनी गोद में भबठाकर उसके बािोां को सहिाती
है , अभभनव कहती है ...
अभभनव : काश तुम िोभमस न करती...
37

भिया अभभनव के होठोां पर ऊूँगिी रख दे ती है ...


cut to-
Scene : 30 Park Day
ch: अभभनव , भिया
एक पाकक में अभभनव और भिया बैठे हुए हैं ... भिया अभभनव से कहती है ...
भिया : तुम मुझसे शादी कब करोगे..?
अभभनव : थोडा time तो दो मुझे सोचने के भिए...
भिया : अच्छा... तो तु मने अभी तक शादी के बारे सोचा ही नहीां...how sweet...
अभभनव : अब मैं भसफ़क तुम्हारे ही बारे में सोचता हूँ ...
भिया : तो भिर दे र भकस बात की...मेरे भैया से कब भमि रहे हो...?
अभभनव : तुम कहो तो अभी चिता हूँ ..
भिया : मैंने कि का time दे भदया है भैया को...
अभभनव : बहुत जल्दी शहीद करवाने का प्लान है तुम्हारा...
भिया मुस्कुराती है और अभभनव को kiss करती है , और वहाां से चिी जाती है ,
अभभनव है रानी से उसे दे खता है , भिया जाते हुए बाय करती है ,.. अभभनव उसके
kiss को महसूस करते हुए अपने आपसे कहता है ...
अभभनव : i never forgate this magic moment.. i love you भिया...
अभभनव भिया को उसकी आूँ खोां से ओझि होने तक दे खता रहता है ...
cut -
Scene : 31 A Room Int. Day
Ch : अभभनव, मुश्ताक
अभभनव अपने रूम में भिया का हाथ माां गने के भिए िैज्जक्टस कर रहा है , वो आईने के
सामने खड़ा होकर कहता है ...
अभभनव : भाई साहब... बस आप भिया का हाथ मुझे दे दीभजये ... हैं ...? मैं िािी
हाथ िेकर क्ा करू
ूँ गा...? नहीां नहीां... मुझे तो पूरी भज़न्दगी भिया चाभहए...आप
यकीन कीभजये, मैं उसे पिकोां पर भबठा कर रखूूँगा... नहीां-नहीां, पिकोां के अांदर भबठा
के रखूूँगा,...
तभी डोर bellबजती है , अभभनव बुरा सा मुांह बनाकर कहता है ...
अभभनव : कौन है भाई...इसी समय मरना था क्ा...?
दरवाजा खोिता है , अिबार वािा अिबार दे कर जाता है . अभभनव भिर दरवाज़ा बांद
करता है और िैज्जक्टस शुरू करता है ...
अभभनव : भाई साहब... भिया भी मुझसे प्यार करती है , हम दोनोां एक-दू सरे को प्यार
करते हैं , हम दोनोां एक-दू सरे का ख्याि रखेंगे, प्लीज मना मत कीभजयेगा, वरना
मैं....मैं कूद जाऊांगा... िाां द जाऊांगा...(ररयेक्ट करके) अबे अभभनव तू पगिा गया
है क्ा...? (आईने में दे खकर) अबे तू बोि क्ा रहा है ...? ऐसे में भिया का
भाई... भिया का हाथ नहीां, अपने हाथ ज़रूर थमा दे गा...
हूँ सता है अपने आपको भनहारता है भिर बाि सां वारते हुए कहता है ...
38

अभभनव : यार first time है न, नवकस हो रहा हूँ ... ज़रा सपोटक करो...
तभी भिर से door bellबजती है , अभभनव बुरा सा मुांह बनाता है ...और बेमन से
दरवाज़ा खोिता है ...दू धवािा आता है , अभभनव उससे कहता है ...
अभभनव : भैया जी आज बहुत जल्दी आ गए...?
दू ध वािा : काहे मज़ाक़ कर रहे हो साहब...आज तो हम दो घांटे late आये हैं ...
उ का हुआ हमारी घरवािी भबगड़ गयी. उसको मनाने में ही बहुत time भनकि
गया...
अभभनव : हैं ...? दो घांटे late...? (दू ध िेते हुए) एक बात कहें भैया जी...
दू ध वािा : कहो न साहब...
अभभनव : तुम्हारी घरवािी बहुत ितरनाक है ...
दू धवािा : (हूँ सते हुए) एक बात कहें साहब...?
अभभनव : एक नहीां दो कहो...
दू ध वािा : घरवािी सभी की बहुत ितरनाक होती है ...
दू धवािा ठहाका िगाता है , अभभनव है रानी से उसे दे खता है
अभभनव : अब डराओ मत...
अभभनव दू ध िेकर अन्दर जाता है और घडी दे खकर ररयेक्ट करता है , दू ध भफ्रज में
रखता है ,. पानी की बोति भनकाि कर पानी पीता है , और आईने के सामने आकर
कहता है ...
अभभनव : दो घांटे बीत गए और मैं अभी तक दो िाइन भी नहीां बोि पाया, (सर पर
हाथ मार कर) िानत है , िानत है मुझ पर...
तभी भिर से door bellबजती है , अभभनव irritate हो जाता है ,
अभभनव : अरे यार, ये door bellहै या मांभदर की घांटी... बार बार कोई भी बजा
दे ता है ...
अभभनव दरवाज़ा खोिता है , सामने मुश्ताक खड़ा है
अभभनव : जी आप कौन...?
मुश्ताक : पहिे तुम बताओ, तुम कौन हो..?
अभभनव : बड़े बदतमीज़ आदमी हो, मेरे घर पर आकर मुझसे ही पूछते हो, मैं कौन
हूँ ...?
मुश्ताक : oh.. i am sorry... मैं ये बात तो भूि ही गया था, वैसे आपके घर
की तिाशी िेनी है , मेरे पास आपके भििाफ़ वारां ट है ...
अभभनव : (है रानी से ) वारां ट...? पर मैं तो स्टू डें ट हूँ ...
मुश्ताक : you mean, स्टू डें ट कोई ग़ित काम नहीां करते ...?
अभभनव : जी मेरे भहसाब से तो नहीां करते ...
मुश्ताक : पर तुमने भकया है ... अन्दर चिो...
अभभनव ररयेक्ट करता है , मुश्ताक के साथ अन्दर जाता है , मुश्ताक कमरे का मुआयना
करता है , कमरे में भिया की तस्वीर िगी दे खकर ररयेक्ट करते हुए कहता है ...
39

मुश्ताक : तो ये है आपकी पढ़ाई...? बड़ी मस्त िग रही है , कोई हे रोइन है


क्ा...?
अभभनव : ये मेरी भज़न्दगी है , पर आप कौन हैं ...?
मुश्ताक : डी सी पी भसटी क्ाइम ब्राां च... तु म्हारा आई काडक ...?
अभभनव : (आई काडक दे ते हुए) अभभनव हुकुम भसांह चौधरी...
मुश्ताक : तुम्हारे माता-भपता कहाूँ हैं ...? बुिाओ...
अभभनव : जी... जी वो तो अभी गाूँ व में हैं , वो अभी नहीां आ सकते ... आभिर आप
ये तो बताइए मैंने भकया क्ा है ...?
मुश्ताक: (भिया की तस्वीर के पास जाकर) इसी हे रोइन की तिाश में यहाूँ आया हूँ ,
कई भदनोां से िापता है ,...
अभभनव : जी...जी कि तो....
मुश्ताक : मतिब कि तुम इसके साथ थे...?
अभभनव : जी... िेभकन...
मुश्ताक : तुमने इसका भकडनैप...
अभभनव : (है रानी से ) भकडनैप...? क्ा बकते हैं आप...? मैं इसे प्यार करता हूँ ...
मुश्ताक : िांस गए बच्चू ...
अभभनव : जी क्ा मतिब...?
मुश्ताक : पुभिस और घरवािे भकडनैपर को खोज रहे हैं , और वो भकडनैपर तुम हो...
अभभनव : सर वो कि तो मुझे पाकक में भमिी थी, और आज मैं उसके भाई से भमिने
जा रहा हूँ , ज़रूर आपको कोई ग़ितफ़हमी हुयी है ...
मुश्ताक : तुम भिया के भाई को जानते हो..?
अभभनव : नहीां सर, उनसे भमिने की ही तो िै ज्जक्टस कर रहा था...
मुश्ताक : ठीक है , मैं तुम्हारा आई काडक िेकर जा रहा हूँ ...(भिया की तस्वीर िेते
हुए) िड़की के भाई को ये तस्वीर भदखाता हूँ , अगर ये वही हुयी, तो बेटा तुम तो
भज़न्दगी भर के भिए गए...
मुश्ताक इतना बोि के भनकि जाता है , अभभनव है रानी से उसे दे खता है , अभभनव
परे शान सा अपने घर की ज्जखड़की खोिता है ...
cut to-
Scene : 32 Priya’s house Int. Day
ch : सुमेर भसांह, रमा , भिया , मुश्ताक
रमा और सुमेर भसांह घर पर बैठे चाय पी रहे हैं ... भिया अन्दर आती है ...
भिया : भैया नहीां भदख रहे हैं ,...?
सुमेर भसांह : वो भकसी को भगरफ्तार करने गया है ...
भिया : (है रानी से ) भैया को मािूम था आज अभी आने वािा है , भिर भी...
भिया थोड़े गुस्से से अन्दर अपने कमरे में चिी जाती है , सुमेर भसांह और रमा हूँ सते हैं ,
तभी मुश्ताक enter होता है , दोनोां को हूँ सते दे खकर ररयेक्ट करता है , और कहता
है ...
40

मुश्ताक : कोई िास बात माूँ ...?


रमा : तेरी िाडिी नाराज़ हो गयी...
मुश्ताक : क्ोां...?
सुमेर भसांह : अभभनव उफ़क अभी आने वािा है , और तू नदारद है इसभिए...
मुश्ताक दोनोां के पास बैठते हुए उनको अभभनव के पास जाने की बात बताता है और
कुछ िोटो ग्राफ्स भदखाता है ,. सुमेर और रमा ठहाके िगाते हैं , भिया अन्दर से आती
है , तीनो को हूँ सते हुए दे खती है , ररयेक्ट करती है , तभी भिया मुश्ताक के हाथोां में
अपनी तस्वीर दे खकर है रानी से पूछती है ...
भिया: ये आपने कब भनकािी...?
मुश्ताक : (मुस्कुरा कर) भाई हम पुभिस वािे हैं ...
भिया : भैया आप िोटोग्राफ़र ज़्यादा अच्छे हो...
मुश्ताक : तुम तो ऐसे बोि रही हो, जैसे हम पुभिस वािोां को कोई टै िेंट होता ही
नहीां,...?
मुश्ताक िोटो सामने दीवार पर िगाता है और कहता है ...
मुश्ताक : भिया अपने अभी को call कर और पूछ कब तक आएगा...?
भिया : 12 बजे का time भदया था, आता ही होगा...
सुमेर भसांह : िेभकन तूने अपने 12 क्ोां बजा रखे हैं ...? time तो होने दे ...
भिया झेंप जाती है ...
मुश्ताक : जा आज इस िोटो वािी डरेस पहन...
भिया : मैं तो आप वािा सूट पहनूां गी...
मुश्ताक : पगिी...थोड़े भदन और अपने भाई की बात मान िे...
भिया : भैया, मैं तो हमेशा आपकी बात मानती हूँ ...
मुश्ताक की आूँ खें नाम हो जाती हैं ... सुमेर और रमा भी भाई बहन का िेम दे खकर
भावुक हो जाते हैं ... भिया अन्दर जाती है ...कैमरा मुश्ताक पर चाजक होता है ...
cut -
Scene : 32 Priya’s house Int
Day
ch : भिया, अभभनव , मुश्ताक , रमा , सुमेर भसांह , डम्पी
अभभनव भिया के घर के दरवाज़े पर पहुच कर door bellबजाता है , जबभक दरवाज़ा
खुिा हुआ है , सुमेर के साथ सभी घर के अन्दर मौजूद हैं ... अभभनव को door bell
बजाता दे ख सुमेर भसांह कहता है ...
सुमेर भसांह : अरे बेटा, bell क्ोां बजा रहे हो...? दरवाज़ा तो खुिा है ...
अभभनव : (झेंपते हुए) sorry अांकि, भिया है क्ा,..?
सुमेर भसांह : एडरेस चेक करो बेटा...
अभभनव अपने मोबाइि में एडरेस दे खता है , सुमेर भसांह हूँ सता है , अभभनव कहता है ...
अभभनव : जी यही है ,...
सुमेर भसांह : तो बाहर क्ोां खड़े हो, अन्दर आ जाओ...
41

अभभनव झेंपकर अन्दर जाता है , सबको नमस्ते करता है , रमा उसको बैठने का इशारा
करती है , अभभनव बैठ जाता है , डम्पी पानी िेकर आती है , अभभनव को पानी दे ते हुए
कहती है ...
डम्पी : मैं भिया की भाभी...
अभभनव हाथ जोड़ता है , डम्पी मुस्कुराती है , अचानक अभभनव की नज़र सामने दीवार पर
िगी भिया की तस्वीर पर जाती है , वो झटके से खड़ा हो जाता है , और िोटो को
है रानी से दे खता है ...
डम्पी : कोई िॉब्लम है क्ा...?
अभभनव : जी...जी नहीां... actully ये िोटो...
डम्पी : हमारी ननद की है ...
अभभनव : जी...
अभभनव कुछ बोिना चाहता है , तभी सामने से same डरेस में भिया आती है , अभभनव
भिया को है रानी से दे खता है , अभभनव को दे खकर भिया कहती है ...
भिया : इतना late...?
अभभनव कुछ बोिे इससे पहिे मुश्ताक नज़र आता है , अभभनव भिर खड़ा हो जाता है ,
और है रानी से कहता है ...
अभभनव : अ... आप...?
भिया :(look दे कर) अरे आप दोनोां एक-दू सरे को जानते हो..?
मुश्ताक : (मुस्कुरा कर) hello अभभनव... मैं ही भिया का भाई हूँ ...
अभभनव : तो वो भकडनैभपांग की बात...?
मुश्ताक : भकडनैप तो कर ही भिया तु मने हमारी बहन को...
भिया नज़रें नीची करती है , अभभनव भी अपने नज़रें झुका िेता है , भिया कहती है ...
भिया : तो आपने अपनी पूछताछ कर ही िी...
सभी मुस्कुराते हैं , मुश्ताक सोिे पर बैठते हुए कहता है ...
मुश्ताक : बहन का मामिा है , पूछताछ करनी ही पड़ती है ...
रमा: (ररयेक्ट करके) आप िोग बैठो मैं नाश्ता िेकर आती हूँ ...
भिया भी अन्दर जाने िगती है तो मुश्ताक कहता है ...
मुश्ताक : तुम कहाूँ जा रही हो...? यहीां बैठो...मुझे कुछ सवाि करने हैं ...
अभभनव मुय्श्श्तक को दे खता है , भिया दोनोां को दे खती है , भिर बैठ जाती है ...
मुश्ताक : मैं तुम्हारी पसांद से खुश नहीां...(भिया और अभभनव है रानी से मुश्ताक को
दे खते हैं ,) बहुत खुश हूँ ...
भिया मुश्ताक के गिे िग जाती है , मुश्ताक भिया के माथे पर kiss करता है , सुमेर
भसांह रमा को आवाज़ दे ता है ...
सुमेर भसांह : अरे भाई, आरती की तैयारी करो...
मुश्ताक : शादी से पहिे मैं तुम्हारे माता-भपता से भमिना चाहता हूँ ...
अभभनव भिया को दे खता है , मुश्ताक भिर कहता है ,..
42

मुश्ताक : कोई िॉब्लम...?


अभभनव : जी, दरअसि मैं घर में सबसे छोटा हूँ , मेरे चार बड़े भाई हैं , जो अभी तक
कुांवारे हैं ...
मुश्ताक ररयेक्ट करके कहता है ...
मुश्ताक : oh...
सुमेर भसांह : तुम्हारे घर वािे इस बात के भिए तैयार हैं ...?
अभभनव : मैं उनसे बात करू
ूँ गा... वे सब मुझे बहुत प्यार करते हैं , मान जायें गे...
डम्पी अन्दर से चाय िेकर आती है और टे बि पर रखते हुए कहती है ...
डम्पी : मतिब मामिा बहुत पेभचांदा है ...
मुश्ताक : हाूँ भाई, कभी तुम्हारा कोई भाई कुांवारा रह गया तो, तुम्हारी और भिया की
शादी का प्लान तो ठन्डे बस्ते में चिा जायेगा... हम कोई ररस्क नहीां िेना चाहते ,...
भिया : अरे भैया, इसमें ररस्क कैसा..? हम पहिे ही शादी कर िेंगे... क्ोां
अभी...?
अभभनव : नहीां भिया... मुझे पहिे अपने घरवािोां से बात करनी पड़े गी... अगर वो
मान गए तो ठीक... नहीां तो तुम जैसा कहोगी, वैसा करू
ूँ गा... बस मेरी एक शतक
है ...
सभी है रानी से अभभनव को दे खते हैं , अभभनव भिया को दे खता है , मुश्ताक पूछता है ...
मुश्ताक : कैसी शतक...?
भिया : भैया अगर अभी के घरवािे नहीां माने , तो हम दोनोां court marriege
करें गे...
रमा : अरे तुम दोनोां ने तो सारे िैसिे पहिे ही कर भिए... अब हम िोगोां से क्ा
पूछना...?
मुश्ताक : माूँ .. अभी हमारी बहन इतनी बड़ी नहीां हो गयी है भक...
भिया : भैया सही कह रहे हैं माूँ ...अगर आपको अभी पसांद नहीां है तो, मैं आपका
िैसिा ही मानूां गी...
सुमेर भसांह : sorry बेटा... आज के बच्चे अपने माता-भपता और बड़ोां को भपछड़ा
हुआ मानते हैं , इसभिए मुझे िगा तुम भी...
भिया : पापा, आप सब तो मेरे भिए आइकॉन हो...
रमा : िेभकन बेटी court marrige तो अभभनव के घर वािोां के भवरोध में ही
होगी... मैं ऐसा कभी नहीां चाहां गी... भक तू भजस पररवार की रौशनी होने जा रही है ,
उनकी सहमती न हो...
सभी है रानी से रमा को दे खते हैं , अभभनव कहता है ...
अभभनव : आपने ठीक कहा माूँ जी... मैं अपने घर वािोां को मनाऊांगा... आप मेरा
भवश्वास कीभजये , वे मान जायेंगे... उनकी हाूँ के भबना मैं आपकी दु भनया में कभी नहीां
आऊांगा...
43

सभी है रानी से अभभनव को दे खते हैं , अभभनव सबको हाथ जोड़कर नमस्कार करता है
और वहाां से चिा जाता है ... भिया सभी को look दे ती है , और वो भी अन्दर अपने
कमरे में चिी जाती है , सुमेर भसांह और रमा के साथ साथ मुश्ताक और डम्पी के चेहरे
पर भी है रानी के भाव हैं ...
cut -
intermission
Scene : 33 Priya’s house Int
Night
ch : मुश्ताक, सुमेर भसांह, भिया , रमा, डम्पी, अभभनव, अन्य
शादी के मांडप से भिया भवदा हो रही है ., सभी भावुक हैं .. िेभकन भिया सबको हूँ स
कर समझाते हुए कहती है /...
भिया : पापा... आप सब िोग रोयेंगे, तो मैं नहीां जाने वािी... मैं ससुराि जा रही
हूँ , पभकस्तान border पर नहीां...
सुमेर भसांह : बेटी.. जब किेजे का टु कड़ा अपने से दू र जाता है , तो आां सू भनकि ही
आते हैं ...
भिया : भैया... मम्मी पापा को समझाओ न... नहीां तो मैं...
मुश्ताक : हम जानते हैं , तू भी हमे बहुत भमस करे गी, पर भदखा नहीां रही है ... भदन
में भकतने फ़ोन करती है ...?
तभी भिया को एक कोने में डम्पी नज़र आती है , भजसकी आूँ खे नाम हैं , भिया भागकर
उसके पास जाती है , डम्पी भिया को गिे िगा िेती है , वो ििक कर रो पड़ती है ,
भिया की भी आूँ खें भर आती हैं ... सभी की आूँ खोां में नमी है , भिया अपने आां सू पोांछती
है , और डम्पी को रमा के पास िाती है और कहती है ...
भिया : दे खो माूँ ... अपनी बह को समझा दो, अगर ये रोएगी तो...
रमा : रो तो तू रही है , अन्दर ही अन्दर...
भिया माूँ के गिे िगती है दोनोां भससक उठती हैं ... सुमेर भसांह और मुश्ताक भी अपने
आां सू पोांछते हैं .. भिया उनके पास आती है ... मुश्ताक भिया को गिे िगाता है उसके
सर पर हाथ िेरता है , रमा और डम्पी भिया को कार तक िे जाती हैं , तभी भिया का
मोबाइि बजता है , भिया hello करती है िेभकन भिर मोबाइि मुश्ताक िे िेता है ...
भिया : अरे भैया मेरी सहे िी की call है ...
मुश्ताक : भकसी का भी call हो, दे ख एक हफ्ते तक तू भकसी का भी call नहीां
उठाएगी...
डम्पी : तुझे मेरी कसम... ससुराि पहुच कर केवि एक call हम िोगोां को करे गी,
भक तू सकुशि पहुच गयी है , उसके बाद मोबाइि से भसम भनकाि कर रख दे गी.. मेरे
सर पर हाथ रख और कसम खा...
भिया : भिर आप िोगोां से बात कैसे करुूँगी...?
मुश्ताक : ससुराि जा रही है , एक हफ्ते के भिए हम िोगोां को भूि जा...ताभक तेरी
ससुराि, तेरा घर बन जाये ...
44

भिया: कोभशश करुूँगी भैया...


मुश्ताक : कोभशश नहीां... िोभमस कर...
भिया : ओके िोभमस...
मुश्ताक अभभनव के पास आकर हाथ जोड़कर कहता है ..
मुश्ताक : मेरी बहन का ख्याि रखना, उसे दु भनयादारी नहीां आती, छोटी- मोटी गिभतयाूँ
माफ़ कर दे ना...
अभभनव : (हाथ जोड़कर) आपकी भिया को कभी भी प्यार की कमी महसूस नहीां
होगी...
भिया सभी के गिे िगती है , और भिर अभभनव के साथ कार में बैठती है , कार धीरे
धीरे आगे बढ़ती है , मुश्ताक कार के साथ चिता है , कार रूकती है , मुश्ताक भिया के
माथे पर kiss करता है , उसको भिर जाने का इशारा करता है , भिया मुस्कुराकर हाथ
भहिाती है , कार exit होती है ...
cut
Scene : 34 Chaudhari’s house Int. Day
ch: गोिा, सरना , बाां के , मटरू , चौधरी , बसांती , झुमकी , अभभनव
अपने घर के आूँ गन में मटरू, बाां के और सरना मौजूद हैं , सरना अपनी बन्दू क साफ़
कर रहा है ... तभी गोिा चौधरी के पाां व दबा रहा है , वो कहता है ...
गोिा : बापू मैं भी दम्बूक साफ़ करू...?
सरना : पहिे बन्दू क बोिना तो सीख िे...
सभी हूँ सते हैं , चौधरी भी हूँ सते हुए कहता है ...
चौधरी : अरे भाई इसे भी कुछ काम वाम दे भदया करो... भाई है तुम्हरा...
बाां के : बापू... है न इसके भिए काम....चि आजा... हम सबके जूते चमका...
सभी ठहाका िगाते हैं ...
गोिा : दम्बूक न दोगे, तो जूते भी न चमकाऊगा...
चौधरी : सरना... िा मुझे दे ...
सरना बन्दू क चौधरी को दे ता है , चौधरी बन्दू क में गोिी भरता है , सभी है रानी से दे खते
हैं , चौधरी गोिा से कहता है ...
चौधरी : िे. गोिी चिा के भदखा...
गोिा बन्दू क हाथ में िेता है , सभी भाई ररयेक्ट करते हैं ...
मटरू : टाइगर दबा...
सरना : अबे टाइगर नहीां, भटर गर...
मटरू : अरे भैया.. वही... हम कौन सा स्कूि मा पढ़े हैं , जो सीखा घर पे
सीखा...
बाां के : सही कहा... टाइगर और भटर गर... हमे का िरक पड़े ... ये बन्दु भकया पढ़े
और अनपढ़ मा भेदभाव न करे ... इधर थाय... उधर हाय....
सभी हूँ सते हैं ... गोिा बन्दू क िेकर गब्बर की स्टाइि में बन्दू क िेकर इधर उधर
round िगाता है ..सभी ररयेक्ट करते हैं , मज़े िेटे हैं ... तभी गोिा बन्दू क बाां के पर
45

तान दे ता है , बाां के की हाित खराब हो जाती है , सभी ररयेक्ट करते हैं , बाां के कहता
है ...
बाां के : अरे ...अरे ... गोिी चि जाएगी, बन्दू क हटा...
गोिा बड़ी स्टाइि से बन्दू क हटाता है , ऊपर की तरफ़ फ़ायर करता है , और कहता
है ..
गोिा : समझ गए न भक हम भी दम्बूक चिा सकते हैं ...
चौधरी : अरे ससुरोां मुांह बाए का दे ख रहे हो...? बन्दु भकया छीन िेव...
सभी बन्दू क छीनते हैं गोिा की भपटाई भी करते हैं , झुमकी और बसांती भागती हुयी घर
में enter करती हैं , बसांती कहती है ,...
बसांती : का भौ,.. ? काहे मार रहे हो बेचारे को...? (भिर चौधरी से ) तुम सबने
घर को अखाडा बनाय भदयो....
चौधरी : जानौ न बूझौ... और बरगद तरे जु झौ...मुांह मत िाड़ जादा... अभी एक
कम हो जात तो...?
तभी अभभनव enter होता है , सभी उसको दे खकर ररयेक्ट करते हैं , जबभक अभभनव
चौधरी और बसांती के पै र छूता है , भिर भाइयो के भी पैर छूता है , सभी को इस तरह
खड़े दे खकर कहता है ...
अभभनव : क्ा बात है अम्मा ...?
बसांती : पता नाय तेरे बापू जाने ... तेरी पढ़ाई पूरी हो गयी..?
अभभनव : नहीां अम्मा... घर की याद आ रही थी इसभिए आ गया...
चौधरी : अच्छा हुआ तू आ गया... शहर से मेरे भिए िाया है न...? (दारू का
इशारा करता है )
अभभनव : (मुस्कुराते हुए) हाूँ बाबूजी...
चौधरी : तो भिर भनकाि न...बहुत भदन हो गए अांग्रेजी को मुांह िगाए हुए...
बसांती : हाि न चाि, बस दारू भनकाि...
बसांती अन्दर जाती है , चौधरी मुस्कुराता है और झुमकी से कहता है ...
चौधरी : झुमकी... जा बसांती से बोि थोडा चखना वखना बनाय दे ...
झुमकी : बापू हमने टीवी मा दे खे हाउ, दारू अच्छी चीज़ न होवे ...
सरना : झुमकी,. जब कोई बीमार पड़े तो बड़े बूढ़े भी बोिें, दवा दारू
कराओ...मतिब दारू अच्छी चीज़ होवे ...
झुमकी : भाई... मन्ने ते इतना जानू , दारू घर और समाज की दु श्मन होवे ...
बाां के : अरे बाां वरी... तू जा और चखना िेके आ... तब तक हम इस समाज की
दु श्मन को ित्म करते हैं ...
अभभनव हूँ सता है , झुमकी जाती है , गोिा भी मुांह िुिाकर जाने िगता है , चौधरी कहता
है ...
चौधरी : अरे गोिा, तू कहाूँ मरने जाय रहे हो...? आज तू भी चख िे.. दरद भाग
जाएगा...
46

गोिा : ना बापू... मैं ना भपयूूँगा... शराब और मूत तो जानवर भपए हैं ...
अभभनव ठहाका िगाता है , भिर बैग से शराब की दो बोति भनकाि कर दे ता है और
जाने िगता है , चौधरी कहता है ...
चौधरी : तू तो भपएगा...
अभभनव : नहीां बाबूजी.,.. मैंने अभी इसकी आदत नहीां डािी...
सरना : सही है छोटे ... तू मत पी... वैसे भी पढ़े भिखे वािोां को इससे दू र ही रहना
चाभहए...
गोिा : (भचल्लाकर) अम्मा.. भाई के भिए चा बना दे .,..
बसांती : (अन्दर से) तू कहे गा तो ही बनाउां गी का...? बेटा तू हाथ मुांह धो िे, मैं चा
िाती हूँ ...
अभभनव गोिा के कांधे पर हाथ रखकर exit होता है , मटरू शराब की बोति को
चूमता है ...
चौधरी : अरे मटरूआ...! दारू को मेहररया की तरह का चूम चाट रहा है , जा
इां तजाम कर... दे ख के रहा नहीां जा रहा... इधर िा... आज हुकुम भसांह इस पर
हुकूमत करे गा...
मटरू शराब की बोतिें चौधरी को दे ता है , बाां के को साथ चिने का इशारा करता है ,
चौधरी शराब का ढक्कन खोिकर उसकी खुश्बू का आनांद िेकर ररयेक्ट करता है , सरना
भी सूांघता है ...
cut
Scene : 35 Chaudhari’s house Int Day
ch : झुमकी, बसांती , अभभनव
घर के अन्दर अभभनव चाय पी रहा है ... बसांती और झुमकी उसके पास बैठी हैं ,
झुमकी कहती है ...
झुमकी : भैया मैं खाना बनाती हूँ , आपको बहुत भूख िगी होगी...
अभभनव : नहीां झुमकी... तू यहीां बैठ मुझे अम्मा से कुछ बात करनी है ...
बसांती : पैसा वैसा चाही का...?
अभभनव : उसके भिए तो बाबूजी हैं ...
बसांती : भिर का बात है ...?
अभभनव : अम्मा मैं शादी करना चाहता हूँ ...
झुमकी जोर का ठहाका िगाती है , अभभनव उसका मुांह बांद करते हुए कहता है ...
अभभनव : चुप झुमकी...बाबूजी को पता चिा तो...
बसांती : भबना तेरे बापू को पता चिे, तेरी शादी कैसे होगी...?
अभभनव : पहिे मेरी सुन तो िे अम्मा...
बसांती : सुना...
अभभनव : अम्मा, मैं अपने कॉिेज की एक िड़की से प्यार करता हूँ ...
बसांती और झुमकी है रानी से अभभनव को दे खती हैं ...
अभभनव : अम्मा..! आप बाबूजी से बात करो...
47

बसांती : पगिा गए हो का...? तेरे बापू न मानेंगे...घर समाज का रीभत ररवाज़ मािूम
है न..?
अभभनव : मािूम है अम्मा ... तभी तो बात करने आया हूँ , तू बात कर न अम्मा...
झुमकी : अम्मा बात करो न बापू से... घर मा पढ़ी भिखी भाभी आ जावेगी तो अच्छा
होवेगा...
बसांती अभभनव और झुमकी को look दे कर कहती है ...
बसांती : ठीक है आज रात मा बात करुूँगी,...
अभभनव : झुमकी, ज़रा तू बाहर जा...
झुमकी मुस्कुराते हुए बाहर जाती है ..
अभभनव : अम्मा, मेरी शादी के बाद सरना दद्दा की शादी...
बसांती : ये तू का बक रहा है ...?
voice cut में अभभनव और बसांती की बातचीत हो रही है ...
cut -
Scene : 36 Chaudhari’s house Evening
ch : चौधरी, सरना , बाां के , मटरू , गोिा
चौधरी और उसके बेटे सभी घर के दरवाज़े पर खड़े हैं , मटरू और बाां के पटाखोां में
आग िगाते हैं , सरना बन्दू क भिए बैठा है , गोिा चौधरी को हुक्का दे रहा है , चौधरी
हुक्का पीते हुए कहता है ..
चौधरी : का रे गोिा, तू आज बहुत खुश है ...
गोिा : (शमाक ते हुए) बापू मारी दु ल्हभनया कब िाओगे...?
चौधरी : अरे धीरज रख ससुरे... काहे मरे जात हो...
सरना : (हूँ सते हुए) जा पहिे नहा धो के आ...नहीां तो दु ल्हभनया वापस भाग
जावेगी..
चौधरी हूँ सता है –गोिा कहता है ...
गोिा : बड़े भैया, हम तो सूबा से नहा धो के बैठे हैं , दु ल्हभनया को भागन मत भदयो,
हम दु बारा नहा के आते हैं ..
गोिा भागते हुए जाता है , सरना और चौधरी हूँ सते हैं ,
चौधरी : नाम को पागिो है ससुरो... दु ल्हभनया के नाम पर ससुरो या भी िार टपकाय
रहा है ...
सरना मुस्कुराता है , मटरू और बाां के पटाखे छु ड़ाने में मस्त हैं , सरना उनसे कहता
है ...
सरना : बस कर मटरूआ... अभई दु ल्हभनया के आवे मा टै म है ...
मटरू : सरना भैया कम न पड़ें गे,...
बाां के : कम पड़ भी जाएगी तो और िे आवेंगे...
हुक्का पीते हुए चौधरी उनको िगे रहने का इशारा करता है , और भिर सरना से कहता
है ...
चौधरी : जब तक ये दु ल्हभनया दे ज्जख न िैहें, तब तक इनकी आग न बुझी...
48

सरना : (look दे कर) पर दोनोां रही कहाूँ गए...?


cut
Scene : 37 Road Evening
ch : अभभनव , भिया , डराईवर
एक चौराहा, जहाूँ पर एक सजी हुयी कार आकर रूकती है , कार के अन्दर भिया दु ल्हन
के भिबास में बैठी है , साथ में अभभनव है ,दोनोां कार से उतरते हैं ... भिया ढिते हुए
सूरज को दे खकर कहती है ...
भिया : wow...भकतना खूबसूरत नज़ारा है , िेभकन तुमने यहाूँ पर कार क्ोां रुकवा
दी...? अपना घर आ गया क्ा...?
अभभनव : अभी नहीां... (डराईवर से ) काका, आप यहाूँ से वापस चिे जाओ...
भिया : (है रानी से अभभनव को दे खकर) अरे काका को वापस क्ोां भे ज रहे हो...?
अभभनव : (हाथ पकड़ कर) इन खूबसूरत नजारोां में भकसी और की क्ा ज़रुरत...?
तभी सामने से एक बस आती भदखाई दे ती है , अभभनव बस को रोकने के भिए हाथ
उठाता है ...बस रूकती है , अभभनव काका से कुछ बात करता है , काका सर भहिाता
है , और बस में चढ़ जाता है , बस आगे बढ़ जाती है , अभभनव भिया के पास आता है ,
भिया कहती है ...
भिया : तुम तो बड़े romantic भनकिे... ओ हो अब मैं समझी...
अभभनव भिया का हाथ पकड़ कर उसको एक पत्थर पर बैठाते हुए कहता है ...
अभभनव : भिया, मैंने तुमसे अपने बारे में बहुत कुछ छु पाया है , मैं जब भी बताने की
कोभशश करता हूँ , तुम मुझे बताने नहीां दे ती हो... िेभकन आज तुमको सुनना पड़े गा...
भिया : दे खो अभी... मेरे ससुराल्नामे का romance ित्म मत करो... बस इतना बता
दो, तुम्हारे प्यार में िरे ब तो नहीां है न...?
अभभनव : (भिया का हाथ पकड़ कर) फ़रे ब की तो मैं पररभाषा भी नहीां जानता... मैं
तुमसे प्यार करता हूँ , बस...
भिया : तो भिर डर भकस बात का...?
अभभनव : मैं तुम्हे अपने रीभत ररवाज़ के बारे में बताना चाहता हूँ ...
भिया : (अभभनव के होठो पर ऊूँगिी रखकर) उम हो न.. मैं सारे रीभत ररवाज़ अपना
िुांगी, अब मुझे कुछ नहीां सुनना... अब घर चिो... मुझे िगा तुम रोमाां भटक मूड में
हो, इसभिए काका को जाने भदया... तुम भबना मतिब परे शान होते हो, हर घर में
महाभारत होती है , (मुस्कुराती है और आूँ खे मारकर) द्रोपदी आ गई है , सब सांभाि
िेगी...
अभभनव : (है रानी से दे खकर) ये तुम क्ा कह रही हो...?
भिया : o i am not that type lady... i am भिया,.,. dont worry...
i will manage...
अभभनव : भिर भी...
भिया उसका हाथ पकड़ कर कार की तरफ़ बढ़ती है और बड़ी स्टाइि से कार का
दरवाज़ा खोिकर कहती है ...
49

भिया : आइये मेरे life time डराईवर...


अभभनव भिया को मुस्कुरा कर दे खता है , और कार की डराइभवांग सीट पर बैठता है , भिया
उसके पास वािी सीट पर बैठती है , और चिने का इशारा करती है , अभभनव कार को
आगे बढ़ाता है , कार धुि उड़ाती हुयी आगे बढ़ती है , सूरज धीरे धीरे ढि रहा है ...
cut -
Scene : 38 Chaudhari’s house Int Night
ch : चौधरी, चौधरी का पूरा पररवार, गाूँ व की कुछ औरतें
चौधरी के घर भीड़ जमा है , बसांती आरती की थाि भिए खड़ी है , उसके साथ गाूँ व की
कुछ औरतें भी हैं , तभी वहाां चौधरी आता है ... चौधरी के आने पर वहाां की औरतें
घूांघट भनकाि िेती हैं , चौधरी कहता है ...
चौधरी : भकतना टै म और िगेगा...?
बसांती : हमारे काम का भिकर न करो, अपने मेहमानन को हुक्का पानी दे खौ...
चौधरी : मेहमान सब अपनी अपनी जगह भिट हैं , उनको खाना पानी सबै हुई गे है ...
बसांती : भकत्ते टै म मा दोनोां आवेंगे...?
चौधरी : बस आते ही होांगे...
तभी बाहर कार के हॉनक की आवाज़ आती है , गोिा के भचल्लाने की और पटाखोां की
आवाज़ सुनकर चौधरी कहता है ..
चौधरी : िो आ गए...
चौधरी अपनी पगड़ी ठीक करता हुआ वहाां से जाता है , बसांती औरतोां के साथ वहाां से
आगे बढ़ती है , तभी भागता हुआ गोिा आता है और कहता है ...
गोिा : अम्मा... अम्मा दु ल्हभनया आ गयी...
भिर वो तेज़ी से भागता है और बसांती कहती है ...
बसांती : तू कब बड़ो होवेगा...
एक औरत : काहे अरे शान होती हो चौधराईन...? शहर की मेहररया आय रही है घर
मा... जाको सब सीखाय दे गी...
बसांती के साथ सभी मुस्कुराती हैं .. और घूांघट भनकाि कर उसके साथ आगे बढ़ती
हैं ...
cut
Scene : 39 Chaudhari’s house Ext
Night
ch : चौधरी और उसका पूरा पररवार, अभभनव , भिया, गाूँ व की औरतें , बच्चे ,
अन्य
चौधरी के दरवाज़े पर एक सजी हुयी कार खड़ी है , उसे गाूँ व के बच्चोां ने घेर रखा है ,
गोिा भी कार के अगिे शीशे के पास खड़ा है , उसके चेहरे पर उत्सुकता और िुशी
साफ़ झिक रही है ...चौधरी और सरना एक साथ खड़े हैं और कुछ आसपास के िोग
भी दे ख रहे हैं .. बसां ती मभहिाओां के साथ आरती की थाि िेकर आती है तो गोिा
दौड़कर उसके पास आता है और कहता है ...
50

गोिा : अम्मा...अम्मा... मुझे दे न , आरती मैं उतारू


ां गा...
सभी हूँ सते हैं बसांती कहती है ...
बसांती : यहाूँ से जा अभी, ये तेरो काम न है ...
गोिा कार के पास जाता है , सरना और चौधरी हूँ सते हैं , बाां के और मटरू पटाखे छोड़
रहे हैं चौधरी उनसे कहता है ...
चौधरी : अरे बस करो रे ...
मटरू और बाां के अपने हाथ झाड़ते हुए चौधरी के पास खड़े होते हैं , सरना कार के पास
जाता है और अभभनव और भिया को कार से बाहर आने का इशारा करता है , दोनोां कार
से बाहर आते हैं , भिया घूांघट में है , बसांती और मभहिायें कार के पास आती हैं , भिया
घूांघट उठाकर अभभनव को दे खती है , और उसे आूँ ख मारती है , अभभनव ररये क्ट करता
है ... बसांती भिया से कहती है ...
बसांती : बह... इहाूँ खड़ी हो जाव....
भिया थोडा आगे बढ़कर खड़ी होती है बसांती और झुमकी आरती उतारती हैं .. िोटे के
जि से आचमन करती हैं और वही पानी भिया को पीने को दे ती है , भिया िोटे को मुांह
से िगाती है और भिर बसांती को वापस दे ती है , अब बसांती अभभनव की आरती उतारती
है , और इशारे से घर के अन्दर आने को कहती है , अभभनव और भिया बसांती के पीछे
चिते हैं ,. गोिा अभभनव को दे खकर कहता है ...
गोिा : छोटे भैया..मैं भी आऊ...?
गोिा की इस बात पर सभी हूँ सते हैं , भिया घूांघट उठाकर अभभनव को दे खती है ,
अभभनव इशारे से गोिा के मेंटि होने की बात बताता है , सभी वहाां से exit होते
हैं ...सरना चौधरी से कहता है ...
सरना : बापू ... अब आपको सामान तैयार कर दू ां ...?
चौधरी : आज हम बाप बेटे सब एक साथ खायेंगे-भपयेंगे...
बाां के, मटरू है रानी से चौधरी को दे खते हैं , सरना हूँ सता है और थोड़ी दू र खड़े गोिा
को इशारे से अपने पास बुिाता है , गोिा सरना के पास आता है , सरना उससे पूछता
है ..
सरना : कैसी िगी दु ल्हभनया...?
गोिा शमाक ता है , सर नीचे झुकता है , मटरू और बाां के हूँ सते हैं , चौधरी सरना से कहता
है ...
चौधरी : पुरोभहत से सुहागरात का मुहरत तो पू छी िेव...
सरना ज़ेब से मोबाइि भनकािता है और एक नां बर dail करता है ...
cut
scene : 40 / chaudhari’s house / int/ night
ch : भिया , बसां ती , डम्पी, मुश्ताक, गाूँ व की कुछ औरतें
भिया हिा घूांघट भनकािे औरतोां के बीच बैठी है .. उनमे से एक औरत कहती है ...
एक िेडी: बसांती तुम्हारे तो भाग्य खुि गयो, िाखोां में एक है तुम्हारी बह...
बसांती के चेहरे पर गवक भरी मुस्कान आती है , भिया भी खुश होती है ..
51

दू सरी िेडी : अपने गाूँ व मा तो एक भी छोरी ऐसी न है ...


तीसरी िेडी : बसांती अब तुझे रोज़ एक नीम्बू काटनी पड़े गी...
सभी हां सती हैं ...
बसांती : काहे भचांता करती हो.../ एक नहीां पाां च पाां च नीम्बू कटौांगी...
सभी हां सती हैं , भिया हैरानी से अपनी सास को दे खती है , तभी भिया का मोबाइि बजता
है , उस पर उसके भभया का call आ रहा है , भिया फ़ोन उठाने से पहिे अपनी सास
से पूछती है ...
भिया : अम्मा जी... भैया का फ़ोन है , बात कर िूां..?
बसांती : अरे बह. ये भी कोई पूछने की बात है ...?
भिया :(फ़ोन उठाकर) hello भैया... कैसे हो आप..? मम्मी पापा और भाभी कैसी
हैं ...?
मुश्ताक : हम सब अच्छे हैं , तू अब फ़ोन ऑि कर अगिे सात भदनोां तक, तेरा फ़ोन
ऑि रहना चाभहए... िे माूँ से बात कर...
रमा : बेटी... तू ठीक से पहुच गयी...?
भिया : हाूँ माूँ , यहाूँ सभी िोग बहुत अच्छे हैं ...
सुमेर भसांह : तेरी बहुत याद आ रही है बेटी...
रमा : (भावुकता से ) तुम्हे भी दु ख होता है ... आज नहीां तो कि उसे जाना ही था...
सुमेर भसांह : ( अपने आां सू पोांछकर) दे ख भिया अब तू अपना वादा भनभा, फ़ोन ऑि
कर, एक हफ्ते के भिए तू मोबाइि का भसम भनकािकर फ़ेंक दे ...
भिया : पापा अब आप भी न...
मुश्ताक :(फ़ोन िेकर) अभी का अभी, मैं दु बारा नांबर dail करू
ूँ तो फ़ोन ऑि
आना चाभहए...
अब हम inter cut में भदखाते हैं भिया अपने मोबाइि से भसम भनकािती है और फ़ोन
को पसक में वापस रखती है , बसांती कहती है ...
बसांती : अरे बह, फ़ोन क्ोां बांद कर रही है ...?
भिया : ताभक मैं आपको समझ सकू..
बसांती भिया का माथा चूमती है , तभी दो औरतें वहाां पर आती हैं ,
एक औरत : बहुरानी का कमरा चकाचक कर भदया है ..
वहाां पर बैठी हुई औरतें भिया को कोहनी से टच करती हैं , भिया झेंप जाती है ., औरतें
हां सती हैं , जबभक दोनोां औरतें डटी इशारा करते हुए exit होती हैं ...
बसांती : बह... जा हाथ मुांह धो िे, और खाना पानी कर िे, आज पहिोां भदन है ,
हर काम मुहरत से होवे ...
भिया कुछ समझ नहीां पाती है , और उठने िगती है ...
बसांती : (हाथ से इशारा करके) नि उधर है ...
भिया वहाां से जाने िगती है तो एक औरत कहती है ...
औरत : अब हम भी जाते हैं /...
52

बसांती : बैठो न, अब तुमरो कौनो मुहरत है का...?


सभी हां सती हैं ...
cut
scene : 41 bedroom / int / night
ch : भिया , सरना
बेडरूम पूरी तरह सजा हुआ है , भिया दु ल्हन के भिबास में बीएड पर बैठी हुयी है , उसे
सामने की दीवार में एक बड़ा सा शीशा नज़र आता है , वो खड़ी होती है और अपने
आपको शीशे में भनहारती है , और भिर अिग अिग अांदाज़ में खुद को दे खकर खुश
होती है ... इतराती है भिर अपने आपसे कहती है ...
भिया : (खुद से ) आज तो तू बहुत सेक्सी िग रही है ... अभी तू तो गया काम से ...
भिर भिया अपने घूांघट को कभी कम कभी ज़्यादा करके मुस्कुरा कर कहती है ...
भिया : ये घूांघट तो कमाि की चीज़ है , आज समझ में आया, शादी के बाद गाूँ व की
िड़भकयाां घूांघट क्ोां भनकािती हैं ./..(भिर शरारत से) घूांघट के पट खोि, तुझे भपया
भमिेंगे...आज तो तेरी हर चीज़ में ररदम है , music है मस्ती है ...
तभी दरवाज़ा नॉक होने की आवाज़ आती है , भिया बेड पर बैठ जाती है , घूांघट भनकाि
िेती है ... अब कमरे में सजा हुआ अभभनव का बड़ा भाई सरना enter करता है ,
िेभकन उसका चेहरा िूिोां से ढका हुआ है , भजसके कारण पता नहीां चि रहा है , की ये
कौन है , भिया बड़ी नज़ाकत से भसमटती है , सरना भबस्तर पर बैठता है , और भिया को
अपनी बाहोां में भरता है , भिया समझती है की अभभनव है , िेभकन बाद में वो थोडा
अजीब महसूस करने िगती है , वो सरना के हाथोां को छू कर महसू स करती है , और
झटके से अपना घूांघट उठाती है , भिर सरना का सेहरा उठाती है , वो सरना को दे खकर
झटके से अिग हो जाती है , और चीखती है , सरना उसको हाथ से चुप रहने का इशारा
करता है , भिया और जोर जोर से चीखने िगती है , और भागते हुए दरवाज़े से बाहर
जाती है , सरना भी उसके पीछे भागता है ...
cut
scene : 42 / chaudhari’s house / int/ day
ch : भिया, सरना , अभभनव , मटरू, बाां के , गोिा, चौधरी , बसांती , झुमकी
भिया भागती हुयी आती है , उसके पीछे सरना भी आता है , भिया भचल्लाती है ...
भिया : अभी...अभी...!!!
inter cut
हम भदखाते हैं की अभभनव अपने तीनो भाइयोां के साथ चौधरी के पास बैठा है , उसके
चेहरे पर भनराशा साफ़ झिक रही है ...सभी भाई और चौधरी ठहाके िगा रहे हैं , तभी
भिया की आवाज़ गूांजती है , अभभनव उधर भागने के भिए उठता है , तो उसका भाई बाां के
उसका हाथ पकड़ कर कहता है ...
बाां के : भाई तू कहाूँ चिा...? पहिी रात है , नाटक तो भदखायेगी ही...
अभभनव बाां के को झटके से अिग करता है , तभी भागती हुयी भिया अभभनव के पास
आती है और उससे भिपट जाती है ...
53

भिया : ये ..ये सब क्ा है ...?


तभी सरना वहाां आता है और अभभनव से कहता है ...
सरना : भाई तूने इसे बताया नहीां, की ये हम सबकी दु ल्हभनया बनेगी...
भिया है रानी से अभभनव को दे खती है , अभभनव कहता है ...
अभभनव : भाई वो सारी बात तो पहिे ही हो गयी थी...
भिया shocked होकर भगरती है , अभभनव उसके पास बैठता है , उसका सर अपनी गोद
में िेकर भाइयोां के सामने हाथ जोड़ता है ... झुमकी अभभनव से कहती है ...
झुमकी : भैया, भाभी को अन्दर कमरे में िे चिो...
अभभनव भिया को उठाकर अन्दर िे जाता है , सरना अपना पैग बनाते हुए कहता है ...
सरना : ससुररया को हमरा पैग ित्म होने से पहिे कमरा मा पहुचाय भदयो... सारा
मज़ा भकरभकरा कर भदयो...
सभी मुस्कुराते हैं , अभभनव भिया को िेकर वहाां से जाता है , बसांती और झुमकी भी वहाां
से जाती हैं ...
cut
scene : 43 / A room / int / night
ch: भिया , अभभनव , झुमकी , बसांती
भिया कराहते हुए उठती है , अभभनव उसके माथे पर हाथ भिराता है , भिया उसका
हाथ झटकते हुए कहती है ...
भिया : don’t touch, i hate you... मैं अभी अपने घर जाउां गी और अपने भाई
से कहकर तुम सबको जेि करा दू ां गी...तु मने मुझे चीट भकया...
अभभनव : भिया...!
भिया : िबरदार...कुछ नहीां सुनना मुझे...
अभभनव :(force करके) सुनना होगा तुम्हे.,.धोखा मैंने नहीां भदया तुम्हे...धोका तो
मेरे भपता और भाइयोां ने भदया है ..
अभभनव भिया को musical montage के माध्यम से सारी बात बताता है , भिया दां ग
रह जाती है , झुमकी और बसांती को दे खकर रोने िगती है , झुमकी भिया को गिे िगाते
हुए कहती है ...
झुमकी : चुप हो जा भाभी, सब ठीक होवेगा, (अभभनव से ) तुम दोनोां आज रात मा ही
यहाूँ से भाग जाओ...
अभभनव बसांती को दे खता है , बसांती सहमती से सर भहिाती है ..तभी वहाां पर सरना
आता है और झूमते हुए कहता है ..
सरना : गुटुरगू बांद कर, अब रहा ना जाय...
झुमकी : भैया आप अपने कमरे में चिो, मैं भाभी को िेकर आती हूँ ...
सरना : जल्दी भेज...
सरना वहाां से जाता है , भिया अभभनव को deep look दे ती है , अभभनव सर झुकाता
है ...
cut
54

scene : 44 / bedroom /int/night


ch : सरना , झुमकी, मटरू , बाां के
सरना भबस्तर पर बैठता है , पास में रखा दू ध का भगिास दे खता है , ररयेक्ट करते हुए
कहता है ...
सरना : अच्छा खासा दू ध पीने जा रहा था, िुगाई के नखरा ने दारू पीिे भदया...
अभी भागती हुयी झुमकी आती है और कहती है ...
झुमकी : दद्दा...भैया और भाभी भाग गए...
सरना भबस्तर से भागता है और मटरू और बाां के को आवाज़ दे ता है और बन्दू क भनकाि
कर कहता है ...
सरना : ससुरे भाग गए...
सभी जल्दी में सरना के पीछे जाते हैं , अब अभभनव और भिया आते हैं तो बसांती उनसे
कहती है ...
बसांती : तुम दोनोां कच्ची पुभिया के रास्ते भनकि जाओ, कुिदे वी तुम्हारी रक्षा करें ...
भिया बसांती के पैर छूती है और झुमकी को गिे िगाती है , झुमकी कहती है ...
झुमकी : जाओ भाभी जल्दी जाओ...
अभभनव और भिया वहाां से तेज़ी से भनकि जाते हैं ...झुमकी और बसांती उनको दे खते
हैं ...
cut
scene : 45 / dabra’s house / ext/ day
ch : सरना , चौधरी , उसके भाई , डबरा , अभभनव , भिया, others
डबरा खाना िेकर आता है , दरवाज़ा knock करता है , अभभनव और भिया की तन्द्रा
भांग होती है , अभभनव दरवाज़े से झाां कता है , डबरा को दे खकर दरवाज़ा खोिता है ,
डबरा अन्दर आता है और कहता है ...
डबरा : िो, खाना खा िो, और मौका भमिते ही भनकि जाना...
अभभनव : काका, आपका अहसान कभी नहीां भूिेंगे...
डबरा मुस्कुराता है , दोनोां खाने की थैिी खोिते हैं , तभी दरवाज़े पर जीपोां के रुकने की
आवाज़ आती है , भिया और अभभनव आश्चयक से दे खते हैं , डबरा दरवाज़े की तरफ़ बढ़ता
है , तभी दरवाज़ा भड़ाक से खुिता है , सामने चौधरी और सरना के साथ उसके भाई
और कुछ आदमी नज़र आते हैं ...
चौधरी : पकड़ िो ससुरोां को...
भिया अभभनव से भिपट जाती है , सरना और बाां के दोनोां को अिग करते हैं , अभभनव
भवरोध करता है , तो सभी उसे मारते हैं , अभभनव बेहोश हो जाता है , सरना और उसके
आदमी अभभनव और भिया को जीप में डािते हैं , और वहाां से िे जाते हैं , चौधरी के
आदमी झोपड़े में आग िगा दे ते हैं ...
cut
scene : 46 / पांचायत का चबूतरा/ day
ch : चौधरी , उसका पूरा पररवार , गाूँ व वािे, पञ्च
55

पांचायत िगी हुयी है , गाूँ व वािे और चौधरी के घर के सभी सदस्य मौजूद है , भिया और
अभभनव भी हैं ... चौधरी कहता है ...
चौधरी : भाइयोां,.. ये तो मारे घर का मामिा है , िेभकन कि पां चायत ये न बोिे
चौधरी ने खुद ही िैसिा कर भियो, इन ससुरोां ने हमारे समाज को भनयम तोडा है ...
हमने दोनोां को बहुत समझाने की कोभशश की, पर दोनोां अपनी अपनी भजद पर अड़े
हैं ... म्हारी चिे तो दोनोां को गोिी मार दू ां ... िैसिा अब आप पर छोड़ दी है ...
सरपांच : चौधरी साहब... भनयम तो यही है , की याको सारे भाइयो की दु ल्हभनयाां बननी
पड़े गी, िेभकन जोर ज़बरदस्ती ठीक न है ...
सरना : सरपांच जी... आज इसने बग़ावत करी है , कि गाूँ व की दू सरी औरतें भी
इसकी दे खा दे खी भबगड़ जाएूँ गी.. ऐसे तो पूरा गाूँ व ही कुांवारापुर बन जावेगा...
सभी िोग ररयेक्ट करते हैं , सरपांच हाथ उठाकर सभी को शाां त रहने को कहता है ,
अभभनव से पूछते हैं ...
सरपांच : अभभनव तुमको कुछ कहना है ...?
सरना : इसको क्ा बोिना है ...? अरे हमने इसको शहर पढ़ने इसभिए थोड़े ही भेजा
था, भक ये अपनी मनमानी करे ... ससुरा हमारी रीभत-ररवाज़ पर ही ऊूँगिी उठावे ...
सरपांच : पांचायत का मतिब या न है , पांचायत अभभनव को बोल्लने का पूरा मौका
दे गी...
अभभनव : मुज्जखया जी... मैंने कोई रीभत-ररवाज़ नहीां तोड़े हैं ..
सरपांच : िेभकन तुम समाज के भहसाब से दोषी हो...
अभभनव : मैं केवि भिया का गुनाहगार हूँ , मैंने उसको अूँधेरे में रखा... िेभकन मैंने
अपने भाइयोां की जुबान पे ही भिया से शादी की..,मेरे भाइयोां और मेरे बाबु जी ने
भरोसा भदिाया था, भक वो मेरी पत्नी पर अपना हक़ नहीां भदखाएूँ गे... मैं तो शहर से
आने वािा ही नहीां था, पर इस बेचारी ने कहा, मुझे ससुराि चिना है , माता- भपता
और सबकी सेवा करनी है .. मुज्जखया जी, मुझे चाहे जो सज़ा दो, िेभकन भिया को जाने
दीभजये...
सरना : ( तािी बजाते हुए) ससुरे पे इस हरामजनी का जादू बोि रहा है , जिाय दो
दोनोां को भजांदा.. ये हमारा िैसिा है ...
सभी औरतोां के reaction.. झुमकी को अचानक flash आता है, हम भदखाते हैं ,
भिया ने झुमकी की िोटो खीांची थी, तभी भिया के घर से फ़ोन आया था, वो तेज़ी से
भागती है ...
सरपांच : सरना बेटा... हमारो काम िैसिा सुनाना है , जान िेना दे ना नहीां... (भिर
भिया से ) बेटी दे ख, हमारे रीभत-ररवाज़ ऐसे हैं , तुझे जान बचाने के भिए मानने पड़ें गे...
भिया : जान जाती है तो चिी जाए...मैंने भसफ़क अभभनव से शादी की है , और िेरे भी
अभभनव ने ही मेरे साथ भिए हैं , तो मैं इन सबकी पत्नी कैसे बन सकती हूँ ...?
चौधरी : िेरे तो हम यहाूँ भी डिवा दें गे.. अब तेरे पास दो ही रास्ते हैं , या हाूँ बोि,
या भिर मरन के भिए तैयार हो जा...
56

भिया : दरअसि, आप सब जानवर हो... भजन्होांने अपनी औरतोां को भसफ़क भोगने का


सामान बना रखा है , ये सब वही मजबूर औरतें हैं , जो भसफ़क आपके बच्चोां को पैदा
करके आप सबका वांश चिा रही हैं ... बदिे में आप उनको क्ा दे ते हैं , पीड़ा...
पीड़ा और भसफ़क पीड़ा... बड़ा अफ़सोस होता है , बच्चे माता-भपता का ददक समझते हैं ,
पर यहाूँ तो आपके बच्चे भसफ़क भपता का ही ददक समझते हैं , कोई मदक यहाूँ पर ऐसा
नहीां, जो अपने पेट में बच्चा पाि सके...
औरतें भिया की बात से ररयेक्ट करती हैं , बाां के कहता है ...
बाां के : वो िौांभडया... औरतें पाां व की जूती होवें ...
भिया : और तुम सब उस जूती की औिाद..
बाां के गुस्से से भिया को मारने के भिए दौड़ता है तो मुज्जखया उसे रोकते हुए कहता है ...
मुज्जखया : तुम अगर इस तरह बोिोगी तो पांचायत को कड़ा िैसिा िेना पड़े गा..
भिया : मुज्जखया जी, औरत को पाां व की जूती तो बाां के भैया ने ही बोिा.. जब औरत
पाां व की जूती है , तो उसकी औिाद भी तो जूती की औिाद ही होगी..,
मटरू : मुज्जखया जी... ये िौांभडया हमारी औरतन को भड़काय रही है , (भिर अभभनव
की तरफ़ दे खकर) बड़ी दू र की कौड़ी मारी थी, अरे ऐसोां का है इस मेहररया मा, जो
तू बागी बभनगो...? मान जा िल्ला.. हम तुझे माफ़ कर दें गे..
अभभनव : आप सबकी माफ़ी नहीां चाभहए मुझे.. और तुम िोग मुझे क्ा माफ़
करोगे...ग़िती तो आपकी है , जब उस भदन मैंने शादी की बात की थी, अगर तब
आप िोग मेरी शतक नहीां माने होते, तो मैं कभी भिया के साथ शादी नहीां करता ..
चौधरी : अरे नहीां मानता, तो तू भागकर शादी कर िेता...
भिया : बाबू जी, ऐसी बात नहीां है ... अरे इसने तो साफ़ साि कह भदया था, भक
अगर आप िोग नहीां मानोगे, तो ये मुझसे शादी नहीां करे गा... बाबूजी आभिर कब तक
आप िोग औरत की नाक में नकेि डाि के रखेंगे...?
चौधरी : मुज्जखया जी.. इनके कारण हम अपने रीभत-ररवाज़ न बदिेंगे... ऐसी िैसिोां
सुनाओ भक हमारी मूांछ ऊूँची रहे ...
भिया : बाबू जी, मैं दोषी हूँ , सज़ा मेरे अभभनव को नहीां, मुझे भमिनी चाभहए.. उसे
छोड़ दीभजये ...
अभबनव : ये क्ा कह रही हो... ? सज़ा मुझे ही भमिेगी...
भिया : तु म क्ा कर िोगे..? जब गाूँ व की औरतें ही घुटन में जीना चाहती हैं ...
औरतोां को यहाूँ कोई अभधकार नहीां है ...
अचानक बसांती हाथ में हभसया िेकर आगे बढ़ती है , सभी उसको दे खते हैं , बसांती एक
थप्पड़ भिया को मारती है ..
बसांती : ऐ छोरी, तू बड़ी आई हमे भसखाने वािी.. हम औरतें अपनी मज़ी से गुिाम
हैं ... बाां दी हैं अपने िसम की...
सभी ररयेक्ट करते हैं , भिया कहती है ...
भिया : अम्मा तुम भी...
57

बसांती : ( सभी औरतोां की तरफ़ दे खकर) सही कह रहे हैं न...


सभी औरतें सहमती से सर झुकाती हैं ... तभी चौधरी कहता है ..
चौधरी : अरे तू काहे हभसया िेकर आ गयी मैदान मा...? िैसिा तो मुज्जखया जी
सुनावेंगे...
सरना : अरे बापू, आज िैसिा मुज्जखया जी ना, अम्मा सुनावेंगी... क्ूूँ अम्मा...?
अभभनव: अब तू ये न बोिना की मैंने मनमानी की... मुज्जखया जी आपको कोई ऐतराज़
है ...?
मुज्जखया : हमे कोई ऐतराज़ न है ... जे तो और भी अच्छा होवे ... िेभकन एक बार
पांचोां की राय भी जान िेवें..क्ोां भाई पांचोां आपकी क्ा राय है ...?
एक पञ्च : सरपांच जी, हम का कहें ...? चौधरी साब ते पूछ िो... की िैसिा मानेंगे
की ना मानेंगे...
सरना : अरे क्ोां न मानेंगे...आभिर अम्मा भी तो हमारी ही है ....
अभभनव पागिोां सा ठहाका िगाता है , सभी दे खते हैं , ररयेक्ट करते हैं . बसांती अभभनव
के पास जाती है , अभभनव को एक ज़ोरदार थप्पड़ मारती है , अभभनव कहता है ...
अभभनव : अम्मा.. तू मुझको मार दे , पर उसको छोड़ दे ...
बसांती : छोड़ दू ां गी...छोड़ दू ां गी...
बाां के : अरे अम्मा. ये तू का बक रही है ...?
बसांती बाां के के पास जाती है और हभसया बाां के की गदक न पर रख दे ती है , बाां के
भघभघयाता है , बसां ती हभसया उठाते हुए कहती है ...
बसांती : अरे िल्ला... तुम तो डर गए... आज़ाद करने का मतिब है , इन दोनोां
मुओ को दु भनया से आज़ाद कर दू ां गी..
सरना : अम्मा, तू िैसिा सुना...
तभी झुमकी भागती हुयी आती है , उसे दे खकर बसांती कहती है ...
बसांती : तू कहाूँ मर गयी थी...?
झुमकी : घर गयी थी..
गोिा : अम्मा... अम्मा दोनोां को जाने दे , हम हाथ जोड़ दे ...
मटरू : अबे पगिेट.. तू का बक रहा है ,...? अम्मा िैसिा सुना.. हम समझेंगे,
चार ही भाई थे ...
बसांती भिया और अभभनव के हाथ खोिती है और कहती है ...
बसांती : जाओ तुम िोग...
सभी है रानी से दे खते हैं , चौधरी कहता है ....
चौधरी : ये िैसिा ना मानेंगे...
बसांती : तो ठीक है , आओ बहनोां...
सभी औरतें हभसया िेकर सामने आ जाती हैं , बांसती कहती है ...
बसांती : अगर अब मुकरे तो हम सभी का सर काट दें गे...
सभी ररयेक्ट करते हैं , जबभक सभी औरतें हवा में हभसया िहराने िगती हैं ..
58

सरना : अब क्ा तुम िोग हमारे सर काट कर राण बनोगी...?


बसांती : नहीां, हम अपने सर काट डािेंगी...
सभी िोगोां में खुसुर पुसुर बातें होने िगती हैं , मुज्जखया कहता है ...
मुज्जखया : चौधरी साब हमे इनकी बात मान िेनी चाभहए....
चौधरी और उसके बेटे भिया पर बन्दू क तान दे ते हैं , तभी पुभिस के सायरन की आवाज़
आती है , पुभिस की कई जीपें एक साथ आकर रूकती हैं , दोनोां तरफ़ बांदूकें तन जाती
हैं , तभी एक जीप से मुश्ताक उतरता है , वो सीधे भिया और अभभनव के पास जाता है ,
दोनोां के मुांह से भनकिते हुए खून को दे खकर आग बबूिा हो जाता है , और भिर सरना
और चौधरी पर ररवाल्वर तान दे ता है ,, तभी भागती हुयी भिया आती है ...
भिया : नहीां भैया... ये मेरे ससुर जी हैं ...और ये सब मेरे भाई जैसे...
मुश्ताक : तू हट जा भिया,... झुमकी ने मुझे सब बता भदया है , मैं सबको मार
डािूूँगा...
भिया : भैया, गोिी चिानी है तो मुझ पर चिाओ... इनका कोई कसूर नहीां है , जब
रीभत-ररवाज़ टू टते हैं , तो सभी को दु ुःख होता है ... (भिर चौधरी से हाथ जोड़कर) हमे
माफ़ कर दे ना ससुर जी...
भिया बसांती के पैर छूती है , झुमकी को गिे िगाती है , और वहाां से जाने िगती है ,
बसांती कहती है ...
बसांती : जा बेटी, सदा सुहाभगन रह...
बसांती भावुक होकर भिया को गिे िगाती है , अभभनव कहता है ...
अभभनव : बाबूजी.. तोड़ दो ऐसी िथा... भजसमे केवि हमारी माूँ बहन भपसती होां...
और बेभटयोां को भी अपनी सांतान मानो.. क्ोांभक बेभटयोां से ही कि है , ज़रा सोभचये ,
अगर हर घर में एक बेटी होगी, तो ये समस्या हमेशा के भिए ित्म हो जाएगी...
झुमकी तािी बजाती है , सभी औरतें ताभियाूँ बजाती हैं , सभी ररयेक्ट करते हैं , मुश्ताक
कहता है ...
मुश्ताक : और आप सबकी जान भी एक बेटी की ही वजह से बची है ...
चौधरी : दे ख दरोगा...हमे जान की परवाह ना है , बन्दू कन की ठाां य ठाां य मा भज़न्दगी
गुजरी है , िेभकन हमे िगता है भक हम िोग ग़ित हैं , तूने हमारी आूँ खें खोि दी
बेटी...
मुज्जखया : पांचायत का मुज्जखया होने के नाते , मैं एिान करता हूँ , भक अब हमारे गाूँ व मा
एक दु ल्हन का एक दू ल्हा ही होवेगा...
सभी ररयेक्ट करते हैं , मुश्ताक कहता है ...
मुश्ताक : चिो, तुम दोनोां का हनीमून तो जांग में बीत गया, अब तुम दोनोां ज्जस्वट् ज़रिैंड
जाओगे...
भिया : नहीां भैया, मैं यहीां रहां गी, मेरा ससुराि ही मेरा स्वगक है ...
अभभनव : ये.. ये तुम क्ा कह रही हो भिया...?
भिया : आज तो हमारे घर में सूरज भनकिा है ...
59

ताभियाूँ बजती हैं ...


the end

You might also like