सेवा सुरक्षा संस्कार

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सेवा सुरक्षा संस्क

या दे वी सववभूतेषु शक्ति-रूपेण संक्तथिता।


नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सादर प्रणाम बंधुवर

बड़े गौरव का ववषय है की हम सब सनातन वहन्दू संस्कृवत के संभाहक


एवं अनु यायी है इस गौरवशाली परं परा को समृ द्ध एवं ववश्वव्यापी बनाना हमारा कतवव्य है इस परं परा
को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्ज्ञान की जागृवत हे तु ववद्यादात्री दे वी मााँ सरस्वती जी के प्रकट महोत्सव (वसंत
पंचमी) को आनं द एवं उत्साह के साि मनाया जाये|
क्युकी मााँ सरस्वती की साधना ववद्याविव यों के वलए परम
आवश्यक है और यही साधना उनकी सफलता एवं उज्जवल भववष्य का आधार है |
अतः आप मााँ सरस्वती की साधना एवं प्रािव ना में अवश्य सहभागी बने इस हे तु आपकी उपक्तथिवत
ववशे षरूप से ववद्यािी से आग्रह है महोदय आपसे ववनम्र आग्रह है वक वशक्षण संथिान में आयोजन
अवश्य होवे |

जिला मंत्री जिला


महाजवद्यालय प्रमुख

बिरं ग दल
हररओम शमाा
अनु ि दु बे

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