छत्तीसगढ़ के प्रमुख पकवान 1

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छत्तीसगढ़ के प्रमुख पकवान

चकोली - चावल से
मुरकू - चावल से
काांकड़ा - चावल की पूरी
तसमई - खीर
चैसेला - चावल की पूरी
हां डफोडवा - नटो चावल की ततलतिहीन रोटी
खपुरी - ससिंकी हुई रोटी
कथिला - कनकी की कढ़ी
अांगाकार - अांगार में पकायी गयी गेंहू, चावल की मोटी रोटी
मोहनभोग - दध
ू में िना हलुवा
िटकर - मसूर की कढ़ी
िोिरा - आटे और गुड़ की पूडी (सतनाथमयों में लोकतप्रय)
इांडहर - कोचई पत्ते और कढ़ीयुक्त भजिया
दे रहोरी - दही चावल की थमठाई
तीखुर - िगांली कांद का आटा
पूरनपूरी - दाल भरी मीठी पूड़ी
ठे ठरी - िेसन की नमकीन
खडैल - िेसन की कढ़ी
िफौरी - भाप में पका िडा/कढी सब्जी
रसाि - िेसन के कतरे की कढी
तििौरी - पेठे के िीि, ततल की टटककया
तपकडहा - छे ना चावल, घी, शक्कर की थमठाई
डुिकी - कढी में डुिाया उड़द का भजिया
धारी - कढी में डुिाई िेसन की रोटी
अइरसा - चावल और गुड़ से िना व्यां िन
नुनछुर - नमकीन
सलौनी - एक नमकीन व्यां िन/आां ख की पलक की फांु सी
गुना - नमक आटे से िना व्यांिन
अईपन - चावल, आटा और हरदी का घोल
ृ तत का व्यांिन है।
खुरमी - गेहूां तिा चावल के आटे के थमश्रण से कनर्ममत मीठी प्रक
पपची - गेहूां-चावल के आटे से िनी पपची िालूशाही को भी मात कर सकती है।
अइरसा - चावल आटा और गुड़ की चाशनी से
दे हरौरी - दरदरे चाांवल और चाशनी में भीिंगी दे हरौरी को रसगुल्ले का दे सी रूप कह सकते हैं।
फरा - फरा पके हुए चावल का िनाया िाता है मीठा फरा में गुड़ का घोल प्रयुक्त होता है और
दस
ू रा भाप में पकाया हुआ जिसको िघार लगाकर अथधक स्वाटदष्ट ककया िाता है।
ृ तत वाला यह नमकीन व्यां िन िेसन से िनता है।
ठे ठरी - लम्िी या गोल आक

करी - करी, िेसन का मोटा सेव है , इसे नमक डालकर नमकीन करी िनाते हैं तिा तिना नमक
के करी से गुड़ वाला मीठा लड्डू िनता है। दुःु ख-सुख के अवसरों में करी का गुरहा लड्डू िनाया
िाता है।

सोहारी - शाटद-ब्याह और भोि में पतली और िड़ी पूरी-सोहारी िनायी िाती है।

िरा - उड़द दाल से िने इस व्यांिन का शाटद-ब्याह तिा तपतर में कवशेष चलन है।

गुलगुला – ये मीठा व्यां िन है जिसे गेहूूँ आटे में गुड़ डाल कर िनाया िाता है ।

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