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भारतीय इततहास में 1857 की क्ाांतत एक महत्वपूर्ण घटनाक्म है । इसे “आज़ादी की प्रथम
लड़ाई” भी कहा जाता है । प्रततयोगी पररक्षाओां के पपछले वर्ण के प्रश्नपत्रों में 1857 की क्ाांतत,
इसके कारर् और प्रमख
ु नेताओां से सांबांधित 1 से 2 प्रश्न पछ
ू े गए हैं।

इस लेख में , हम 1857 की क्ाांतत पर सांपूर्ण नोट्स हहन्दी भार्ा में प्रस्तुत कर रहे हैं। लेख की
समाप्तत पर, “1857 की क़्ाांति: क़ारण एवां नेि़ा” PDF हहन्दी और अांग्रेजी में डाउनलोड करने के
ललए डायरे क्ट ललांक हदया गया है ।

1857 की क़्ाांति : क़ारण एवां नेि़ा

क़्ाांति की प्रकृति

• 1857 की क्ाांतत की शुरुआत लसपाही पवद्रोह से हुई थी लेककन अांततः इसने लोगों को
भी जोड़ ललया।
• वी.डी. सावरकर ने 1857 की क्ाांतत को प्रथम स्वतांत्रता सांग्राम की सांज्ञा दी थी।
• डॉ. एस. एन. सेन ने इसका वर्णन “ऐसी लड़ाई जो िमण के ललए शुरु हुई थी लेककन
स्वतांत्रता के युद्ि पर जाकर समातत हुई” के रूप में ककया है ।
• डॉ. आर. सी. मजम
ू दार ने इसे न तो प्रथम, न ही राष्ट्रीय और न ही स्वतांत्रता का
यद्
ु ि माना है ।
• कुछ ब्रिहटश इततहासकारों के अनस
ु ार, यह मात्र एक ककसान लसपाही बगावत था।

क़्ाांति क़ा क़ारण

(i) आर्थिक क़ारण

1. अत्यधिक अपप्रय राजस्व व्यवस्था


2. अधिक करािान – इसके कारर् ककसानों को अत्यधिक ब्याज दरों पर साहूकारों से िन
उिार लेना पड़ता था।
3. ब्रिहटश नीततयों ने भारतीय हथकरघा उद्योग को नुकसान पहुांचाया प्जन्हें आितु नक
उद्योगों के साथ-साथ पवकलसत नहीां ककया गया था।
4. अांग्रेजों का अत्यधिक हस्तक्षेप : जमीांदारों की घटती प्स्थतत

(ii) ऱाजनैतिक क़ारण:

1. सहायक सांधि – लॉडण वेलेजली


2. व्यगपत लसद्िाांत – लॉडण डलहौजी

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3. िालमणक अयोग्यता अधितनयम, 1856 – िमण पररवतणन बच्चे को सांपपि का वाररस बनने
से नहीां रोकेगा।

(iii) प्रश़ासतनक क़ारण:

1. कांपनी के प्रशासन में भयांकर भ्रष्ट्टाचार – खासकर तनचले स्तर (पलु लस, तनचले
अधिकाररयों) में ।
2. भारतीय पवकास पर कोई ध्यान नहीां।

(iv) स़ाम़ाजजक आर्थिक क़ारण:

1. अांग्रेजों के स्वयां को श्रेष्ट्ठ मानने का रवैया।


2. इसाई लमशनररयों की गततपवधियाां।
3. सामाप्जक-िालमणक सुिारों जैसे सतत प्रथा का अांत, पविवा पुनपवणवाह का प्रयास,
महहलाओँ की लशक्षा का प्रयास आहद।
4. मप्स्जदों और मांहदरों की भूलम पर कर।

(v) ि़ात्क़ाललक क़ारण:

1. सामान्य सेवा प्रवतणन अधितनयम – भपवष्ट्य की भततणयों को कहीां भी कायण करने यहाां
तक की समुद्र पार कायण करने का आदे श।
2. ब्रिहटश समकक्षों की तुलना में भारतीयों को तनम्न वेतन
3. गें हू के आटे में हड्डी का चरू ा लमलाने की ख़बर
4. एनफील्ड राइफल की काहटण ज गाय और सुअर की चबी से बनी थी।

समक़ाललक घटऩाओां क़ा प्रभ़ाव

1. प्रथम अफ़गान युद्ि (सन ् 1838-42)


2. पांजाब युद्ि (सन ् 1845-49)
3. क्ीलमया का युद्ि (सन ् 1854-46)
4. सांथाल पवद्रोह (सन ् 1855-57)

क़्ाांति के महत्वपूणि िथ्य

• मेरठ घटना – 19वीां बैरकपुर नेहटव इन्रैंटरी ने नई शालमल की गई एनफील्ड राइफल


उपयोग करने से मना कर हदया, बगावत फरवरी 1857 में फैल गयी, जोकक माचण 1857
में भांग हो गयी।

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• 34वीां नेहटव इन्फैंटरी के एक युवा लसपाही ने बैरकपुर में अपनी यूतनट के साजेन्ट
मेजर पर गोली चला दी।
• 7वीां अवि रे जीमें ट को भी भांग कर हदया गया।
• मेरठ में 10 मई को पवद्रोह हो गया, पवद्रोहहयों ने अपने बांदी साधथयों को आजाद ककया,
उनके अधिकाररयों को मार हदया और सय
ू ाणस्त के बाद हदल्ली कूच कर गए।
• हदल्ली – महान क्ाांतत का केन्द्र

क़्ाांति के नेि़ा :

• ददल्ली में क्ाांतत के प्रतीकात्मक नेता मुगल शासक बहादरु शाह जफ़र थे, लेककन
वास्तपवक शप्क्त सेनापतत बख्त खाां के हाथों में थी।
• क़ानपुर में नाना साहे ब, तात्या टोपे, अप्जमुल्लाह खान के नेतत्ृ व में पवद्रोह हुआ। सर
हुग व्हीलर स्टे शन कांनाडर थे, इन्होंने समपणर् ककया। नाना साहे ब ने खद ु को पेशवा
और बहादरु शाह को भारत का सम्राट घोपर्त ककया।
• लखनऊ में बेगम हजरत महल ने मोचाण सांभाला और अपने पुत्र ब्रबरप्जस काहदर को
नबाव घोपर्त कर हदया। अांग्रेज नागररक हे नरी लारें स की हत्या कर दी गई। शेर्
यूरोपीय नागररकों को नए कमाांडर-इन-चीफ़ सर कोललन कैम्पबेल ने सुरक्षक्षत तनकाला।
• बरे ली में खान बहादरु , बबह़ार में कांु वर लसांह, जगदीशपुर के जमीांदार और फैज़ाब़ाद के
मौलवी अहमदल्
ु लाह ने अपने क्षेत्रों में क्ाांतत का नेतत्ृ व ककया।
• ऱानी लक्ष्मीब़ाई, जोकक क्ाांतत की सबसे असािारर् नेता थीां, को गवनणर लॉडण डलहौडी के
व्यगपत लसद्िाांत के कारर् झाांसी से बेदखल कर हदया गया था, क्योंकक जनरल ने
उनके दिक पुत्र को लसांहासन का उिराधिकारी स्वीकारने से मना कर हदया था।

क़्ाांति क़ा दमन

• 20 लसतम्बर 1857 को अांग्रेजों ने हदल्ली पर कब्जा कर ललया। जॉन तनकोलसन इस


घेरेबांदी के नेता थे, बाद में वे चोहटल हो गए थे।
• बाहदरु शाह को बांदी बनाकर रां गून भेज हदया गया जहाां सन ् 1962 में उनकी मौत हो
गयी। लेप्टटनेंट हडसन द्वारा शाही राजकुमारी की माथे पर गोली मारकर हत्या कर
दी गई। हदल्ली के हारने के बाद, सभी स्थानीय क्ाांततयों का दमन होता चला गया।
• सर कोललन कैम्पबेल ने कानपरु और लखनऊ पर दब
ु ारा कब्जा कर ललया।
• बनारस में , कनणल नील द्वारा पवद्रोह का तनदण यतापूवक
ण दमन ककया गया।

क़्ाांति के असफल होने के क़ारण

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• बाहदरु शाह जफ़र वद्


ृ ि और कमजोर हो चक
ु े थे, इसललए क्ाांतत का नेतत्ृ व करने में
असमथण थे।
• सीलमत क्षेत्रीय पवस्तार था।
• भारत का अधिकाांश भाग लगभग अप्रभापवत रहा।
• कई बड़े जमीांदारों ने अांग्रेजों का समथणन ककया।
• आितु नक लशक्षक्षत भारतीयों ने क्ाांतत को पवरोि के रूप में दे खा।
• भारतीय लसपाहहयों के पास हधथयार खराब थे।
• ककसी केन्द्रीय नेतत्ृ व अथवा सम्नव्य के अभाव में क्ाांतत को खराब रूप से सांगहठत
ककया गया था।
• क्ाांतत में अांग्रेजी शासन तांत्र की स्पष्ट्ट समझ का अभाव था और क्ाांतत की तैयाररयाां
भी अिरू ी थी।

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