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वंदेमातरम ्

भारत दश का आधार आददकाल स गोमाता ही ह | ऐसा हमको हमार राचीन रंथो स पता
चलता ह | गोमाता की दद
ु द शा पपछल ३००-४०० वषो स काफी बढ़ी ह | मुगलं क समय भी गाय
की इतनी ्यादा अ्छी ्थथतत नही थी फफर अंरजो क आन क बाद तो गाय की ्थथतत
बबलकुल गगर गयी |और अब पपछल ७० वषो स तो ............दयनीय ्थथतत हो गयी गाय की |
ऐसी ्थथतत होन क बावजद
ू कोई दया नही करता इस गोमाता पर |

दयनीय ्थथतत अथादत ् गाय पर भांतत भांतत क अ्याचार हो रह ह गोमाता पर, जस उसकी
ह्या करक उसको न्ट करना, खाना उसको ऐसा खखलाना ्जसस वह तनरं तर बीमार ही होती
रह मान ज्दी-ज्दी बीमार हो | मतलब उसकी रोगरततकारक षमता मं कमी लाना आदद और
बीमार होन क बाद भी उस एलोपथी की वो दवाईयां दना जो ए्सपायर हो चक
ु ी हो मतलब
कोरा जहर उस दवाई क मा्यम स दना |

इसी अ्याचार को ्यान मं रखकर मंन री तनरं जन वमाद जी को सन


ु कर य मन संक्प फकया
की अब तो गोमाता को इस अ्याचार स मु््त ददलान क ललए एक ऐसी पुथतक बनानी पड़गी
जो गोमाता क ललए वरदान साबबत हो | लमरो ्जतना तनरं जन भाई न गोमाता को पढ़ा समझा
ह उतना शायद मर बस की बात नही फफर भी मं लगा हुआ हु उसी ददशा मं मंन अब तक
्जतना पढ़ा ह गो पालन क बार मं उसका कुछ ज री दहथसा मंन इस पुतक मं डाल ददया ह |
कवल गचफक्सा और गोपालन क बार मं |

गोमाता की गचफक्सा क आयुवेददक, हो्योपथीक तथा जीवन ्यवहार क सरलतम नुथख हं


इसमं ताफक हमारी गाय बच जाए| मार ३० पlनो की य फकताब ह | अंततम और मह्वप्
ू द बात
यह ह फक पुथतक मं जो नुथख तथा इलाज हं व कवल और कवल भारतीय दसी गाय क ही
अनुकूल हं, जसी आदद पवदशी काऊ का हमको मालुम नही ह ्योफक वह हमार दश की नही ह
मतलब उसका भूगोल पूरी तरह स अलग ह|

ग सेवक

आ्य ग री शंकर

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आपक पास होलमयोपथी की कुछ ओषध (बछड़ क ललए २०० और बड़ी गोमाता क ललए १०००
पॉवर की) होनी चादहए | आपातकाल क ललए लाकर रखं |

ओषगध दन क तनयम --- नीचं दी गयी ओषगध को आधा कप पानी मं डाल और गोमाता क
मुख को खोलकर मुख मं डाल द या कल मं डालकर भी खखला सकत हं |

 ््कररया काबोतनका
 म्नीलशयम फोथफोररका
 काबो वजटबल
 न्स वोलमका
 नाजा
 ल््सस
 रयोतनया
 बलाडोना
 फरम फोस
 हपररकम
 रशर्स
 स्फर
गोशाला मं आपातकाल क ललए कुछ ज री वथतुए रखनी चादहए जस ---
दहंग, अजवायन, अमत
ृ धारा, मथी, ई, बांधन क ललए कपड़ा, ह्दी च्
ू ,द तनम ् तल, शुध
कपरू |
गोशाला मं आपातकाल क ललए कुछ ज री वनथपतत रखनी चादहए जस –
 तुलसी
 दव
ू ाद
 तनगl
ुद डी
 कटहल का पड़
 बांस का पोधा
 काला भंग
ृ राज

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अगधक जानकारी क ललए आप मुझ फोन भी कर सकत हं या मल भी भज सकत हं

म .-९४१६४७८१८७ , ७३५७०७७४०६, ७९०००३१२१३

इमल- arya.gori999@g ai .co

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ु ा सेवा संघ र हतक

अमर ्ांततकारी राजीव दीषितजी

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वंदेमातरम ्

भारत माता की ज्

ग माता की ज्

राजीव भाई अमर रहे

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