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ी सदा शव यानम्

ॐ ड ड डकत ड ब ड ब डम ,पाणौ सदा य य वै ।


फुं फुं फुंकत सपजाल दयं,घं घं च घ टा रवम् ॥
वं वं वंकत व ब व ब वहनं,का य पु यात् परम्॥
भं भं भंकत भ ब भ ब नयनं, यायेत् शवं शंकरम्॥
यावत् तोय धरा धरा धर धरा ,धारा धरा भूधरा।।
यावत् चा सुचा चा चमरं, चामीकरं चामरं।।
यावत् रावण राम राम रमणं, रामायणे य
ु ताम्।
तावत् भोग वभोग भोगमतुलम् यो गायते न यस:॥
य या े ाट ाट ट ट ममलं ,टं ट टं ट टं टटम् ।
तैलं तैलं तु तैलं खुखु खुखु खुखम
ु ं ,खंख खंख सखंखम्॥
डंस डंस डु डंस डु ह च कतं, भूपकं भूय नालम्।।
याय ते व गाहे सवस त सवलः पातु वः चं चूडः॥
गा ं भ म सतं सतं च ह सतं ह ते कपालं सतम्।।
खट् वांग च सतं सत भृषभः, कण सते कु डले।।
गंगाफने सता जटापशुपते न ः सतो मुधनी॥
सोऽयं सव सतो ददातु वभवं, पाप यं सवदा॥

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