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वैदिक भजन। मंडला एक्स, भजन 121. अष्टक आठव ,ं अदिष्ठाता 7, वर्ाा 3-4 । . 1.

शुरुआत में र्ोल्डन चाइल्ड (दिरण्य-र्रभा 1); जन्म


लेते ि वि अकेला ि सब का स्वाम था। उसने पृथ्व और इस स्वर्ा को स्थथर कर दिया: -वि भर्वान कौन िै दजसे िम बदलिान िें र्े? 2.
वि जो सां स िे ता िै , वि शस्ि िे ता िै , दजसके 1 आिे श सभ चमक ले िे वता आिर करते िैं, दजनक छाया 2 अमरता िै , दजसक छाया
मृत्यु िै : - वि भर्वान कौन िै दजसे िम बदलिान िें र्े? 3. वि जो अपन शस्ि के माध्यम से श्वास और दिमदिमाते 1 संसार का एकमात्र
राजा बन र्या, जो यि सब, मनुष्य और जानवर को दनयंदत्रत करता िै : - वि परमेश्वर कौन िै दजसके दलए िम बदलिान क पेशकश
करें र्े? 4. वि दकसके माध्यम से िो सकता िै 1 इन बर्फीले पिाडों रिे िैं , और समुद्र, वे किते िैं , िू र नि (Rasâ 2) के साथ, वि दजनमें से
इन क्षेत्रों वास्तव में िो िदथयार िैं :-भर्वान िै दजसे िम बदलिान क पेशकश करे र्ा? 5. वि दजसके माध्यम से भयानक स्वर्ा और पृथ्व
को तेज से बनाया र्या था, वि दजसके माध्यम से ईथर को स्थथर दकया र्या था, और दृढ़ता; वि...

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